मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
दिसम्‍बर, 2025 सत्र


शुक्रवार, दिनांक 05 दिसम्बर, 2025


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



ग्राम पंचायत उदयनगर का नगर परिषद में उन्नयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

1. ( *क्र. 15 ) श्री मुरली भँवरा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत उदयनगर को नगर परिषद में उन्नयन करने की कोई प्रक्रिया वर्तमान में संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो प्रक्रिया किस स्तर पर लंबित/संचालित है? अब तक कौन-कौन सी प्रशासनिक औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी है? (ग) क्या इस प्रकरण में जनसंख्या, राजस्व, नगरीय सुविधाएं एवं क्षेत्र सीमा निर्धारण संबंधी सर्वेक्षण किया गया है? (घ) क्या शासन इस प्रकरण को शीघ्र निर्णय हेतु किसी समय-सीमा में हल करने पर विचार कर रहा है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम पंचायत उदयनगर, जिला देवास को नगर परिषद के रूप में गठन करने के संबंध में कलेक्‍टर, जिला देवास से संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 19253, दिनांक 09.11.2022 एवं पत्र क्रमांक 21688, दिनांक 15.10.2025 द्वारा विधिवत प्रस्‍ताव चाहे गये हैं। कार्यवाही कलेक्‍टर स्‍तर पर प्रचलित है। (ग) जानकारी उत्‍तरांश '' अनुसार। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अवैध निर्माण कार्यों की शिकायतें

[नगरीय विकास एवं आवास]

2. ( *क्र. 1197 ) श्री कमलेश्‍वर डोडियार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 15.01.2024 को प्रमुख सचिव को भोपाल, नगर निगम क्षेत्र में प्रचलित अवैध निर्माण कार्यों के संबंध में पृथक-पृथक शिकायतें प्रस्तुत की गई थी? यदि हाँ, तो उन शिकायतों की प्राप्ति का विवरण (पत्र क्रमांक सहित) तथा उन पर की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी बतावें? (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा पूर्व में भी दिनांक 13.02.2024 को तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1567 के माध्यम से भोपाल, नगर निगम एवं जिला रतलाम में हो रहे अवैध निर्माणों की जानकारी मांगी गई थी? यदि हाँ, तो उस प्रश्‍न के उत्तर में विभाग द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर अब तक किन-किन अवैध निर्माणों पर कार्यवाही की गई, उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्‍नकर्ता विधायक के द्वारा दिनांक 15.01.2024 को प्रमुख सचिव को लिखे गये पत्र पर कार्यवाही नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा कार्यवाही की जायेगी तथा विधानसभा में पूर्व में प्रेषित तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1567, दिनांक 13.02.2024 प्रश्‍न पर विभाग द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है, सिर्फ कागजों में लीपापोती कर दी गई है? उसमें संबंधित दोषी अधिकारि‍यों के विरुद्ध विभागीय रूप से कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं?   

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, माननीय विधायक द्वारा पत्र क्रमांक 039, दिनांक 12.01.2024 एवं पत्र क्रमांक 040, दिनांक 12.01.2024 के द्वारा नगर निगम, भोपाल में प्रचलित अवैध निर्माण की शिकायत की गई थी। प्राप्‍त शिकायत पर आवश्‍यक कार्यवाही हेतु विभाग द्वारा आयुक्‍त, नगर पालिक निगम, भोपाल को पत्र के माध्‍यम से निर्देशित किया गया है। शिकायत प्राप्ति का विवरण एवं जारी पत्रों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जी हाँ। नगर निगम रतलाम में 124 अवैध निर्माणकर्ताओं को नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 302 के अंतर्गत सूचना पत्र जारी किया गया है। नगर निगम भोपाल से प्राप्‍त प्रतिवेदन अनुसार अवैध निर्माण की प्राप्‍त शिकायतों का एकजाई संधारण नहीं होने से विस्‍तृत जानकारी दिया जाना संभव नहीं है, परन्‍तु विभिन्‍न माध्‍यम से अवैध निर्माण की प्राप्‍त शिकायतों पर नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धाराओं के अंतर्गत सूचना पत्र जारी कर अवैध निर्माण के विरूद्ध सतत् कार्यवाही की जाती है। (ग) नगर निगम भोपाल द्वारा उत्‍तरांश '''' अनुसार कार्यवाही सतत् रूप से की जाती है, यद्यपि प्रश्‍नांश '''' में दर्शित पत्र पर नगर निगम द्वारा की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन प्राप्‍त नहीं हुआ। नगर निगम रतलाम एवं भोपाल द्वारा नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है। इसलिए सिर्फ कागजों में लीपापोती करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

डीजल भुगतान की शिकायत की जांच

[नगरीय विकास एवं आवास]

3. ( *क्र. 1031 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य नगरपालिका अधिकारी, धामनोद, जिला धार द्वारा दिनांक 01.04.2023 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी राशि‍ का डीजल भुगतान किया गया? उक्त भुगतान से संबंधित बिल, वाउचर, नोटशीट, डीजल लॉग बुक, आवक-जावक पंजी, स्टॉक पंजी सहित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति प्रदान करें? (ख) मुख्य नगरपालिका अधिकारी, धामनोद जिला के विरुद्ध चल रही डीजल भुगतानों की जांचों में से कितनी शिकायतें नस्तीबद्ध हुई? कितनी लम्बित हैं और लम्बित शिकायतों का कारण क्या है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : () मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद्, धामनोद द्वारा दिनांक 01.04.2023 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल राशि ₹ 84,48,429.00 डीजल के लिये भुगतान किया गया। उक्‍त भुगतान से संबंधित बिल, वाउचर, नोटशीट, डीजल लॉगबुक, आवक-जावक पंजी एवं स्‍टॉक पंजी की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। () मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद, धामनोद के विरूद्ध डीजल भुगतान की एक शिकायत नस्‍तीबद्ध हुई है एवं डीजल भुगतान से संबंधित कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विभागीय मद से विद्युतीकरण कराया जाना

[ऊर्जा]

4. ( *क्र. 876 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा के कई स्थानों पर विभागीय मद से विद्युतीकरण तथा ट्रांसफार्मर लगाये जाने के प्रस्ताव मान. मंत्री महोदय की ओर भेजे गये थे, जिसके संबंध में मान. मंत्री जी के पत्र क्र. 2197, दिनांक 07.11.2024 एवं पत्र क्र. 2552, दिनांक 27.12.2024 एवं अपर सचिव, ऊर्जा विभाग के पत्र क्र. 63, दिनांक 21.4.2025 में उल्लेख किया गया है कि तत्काल आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया गया है, परंतु प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई और कोई आदेश भी क्षेत्र में विद्युतीकरण कराये जाने का नहीं हुआ है, इसलिये जनहित में प्रेषित किये प्रस्तावों को कब तक स्वीकृत किया जावेगा? (ख) क्या पत्रों को दिये जाने के बाद विभाग द्वारा प्राक्कलन या क्षेत्र में जाकर जानकारी हासिल की है? क्या यदि हाँ, तो जानकारी स्‍पष्‍ट करें तथा विभागीय मद से विद्युतीकरण कराये जाने में क्या कठिनाई हो रही है तथा क्षेत्र की आम जनता परेशानी में है? क्या भेजे गये प्रस्तावों को स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ करा दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित माननीया प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के पत्र दिनांक 10.10.2024 एवं पत्र दिनांक 23.12.2024 प्राप्‍त हुए थे, जिनमें उल्‍लेखित प्रस्‍तावों का परीक्षण म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया गया है एवं परीक्षण उपरान्‍त की गई कार्यवाही का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍त पत्रों में उल्‍लेखित कार्यों में से वार्ड क्रमांक-11, नगर पंचायत पलेरा में विद्युत केबिल लगाये जाने का कार्य जमा योजना अन्‍तर्गत प्राक्‍कलित राशि प्राप्‍त होने के उपरान्‍त पूर्ण किया जा चुका है। वर्तमान में शेष कार्यों हेतु प्राक्‍कलित राशि अप्राप्‍त है। (ख) जी हाँ, उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित पत्रों में की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उल्‍लेखनीय है कि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत समय-समय पर प्राप्‍त विद्युतीकरण संबंधी मांगों/प्रस्‍तावों का परीक्षण कर, तकनीकी/वित्‍तीय साध्‍यता अनुरूप, कार्यों को कार्य योजना अथवा संचालित योजनाओं में निहित प्रावधानों के अनुसार प्रस्तावित कर पूर्ण करवाये जाते हैं। उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित पत्रों में वर्णित विद्युतीकरण कार्य वर्तमान में प्रचलित योजनाओं के दिशा-निर्देशों के अन्‍तर्गत नहीं आने के कारण स्‍वीकृत नहीं हैं। अत: इन कार्यों को विभागीय मद से करवाया जाना प्रस्‍तावित नहीं है। तथापि भविष्‍य में यदि कोई विद्युतीकरण की योजना प्रचलन में आती है, तो योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप शेष कार्यों को किया जा सकेगा। अत: वर्तमान में विद्युतीकरण कार्यों हेतु निश्चित            समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "एक"

ऑडिटोरियम भवन निर्माण एवं मोक्षधाम का उन्नयन कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

5. ( *क्र. 1218 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के नगर चांदामेटा में नगरवासियों की सुविधा के लिये ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य किये जाने हेतु 5 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत किये जाने एवं वार्ड क्र. 07 स्थित मोक्षधाम में सौंदर्यीकरण व उन्नयन कार्य हेतु 50 लाख रूपये की राशि स्वीकृत किये जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य हेतु                     मान. मुख्यमंत्री जी को अनुस्मरण 04 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/599, दिनांक 28.10.2025 एवं मान. विभागीय मंत्री जी को अनुस्मरण 01 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/597,                        दिनांक 28.10.2025 तथा वार्ड क्र. 07 स्थित मोक्षधाम में सौंदर्यीकरण व उन्नयन कार्य हेतु                   मान. मुख्यमंत्री जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/430, दिनांक 28.07.2025 एवं                    मान. विभागीय मंत्री महोदय को अनुस्मरण 02 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/598,                  दिनांक 28.10.2025 को पत्र प्रेषित किये गये थे, जिन पत्रों पर अभी तक स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ख) नगर चांदामेटा में ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य एवं वार्ड क्र. 07 स्थित मोक्षधाम में सौंदर्यीकरण व उन्नयन कार्य की स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही व विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य एवं मोक्षधाम में सौंदर्यीकरण व उन्नयन कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र., भोपाल के पत्र क्र. 11233, भोपाल दिनांक 27.09.2025 द्वारा समस्त नगरपालिका/नगर परिषद को ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य हेतु गीता भवन की स्थापना के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। (ख) नगर परिषद चांदामेटा में ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य के संबंध में उत्तरांश '' अनुसार कार्यवाही की गई है एवं वार्ड क्र. 07 स्थित मोक्षधाम में सौंदर्यीकरण व उन्नयन कार्य के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु निकाय को निर्देशित किया गया है।

प्रदेश में Defulat ग्राहक और ऊर्जा माँग की पूर्ति

[ऊर्जा]

6. ( *क्र. 1293 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) प्रदेश में प्रति वर्ष ऊर्जा की कुल कितनी (मेगा वाट) यूनिट की जरूरत/माँग रहती है? वर्ष 2020 से 2025 तक कितनी यूनिट प्रति वर्ष खपत हुई और इसकी पूर्ति हेतु अन्य निजी कंपनी और प्रदेश के बाहर से कितने मेगावाट बिजली प्रति वर्ष खरीदी जा रही है तथा प्रति यूनिट किस दर पर खरीदी जा रही है। (ख) प्रदेश में ऐसी कितने इंडस्ट्री/फैक्‍ट्री/बड़े Consumer हैं, जिनके बिजली के बिल बाकी हैं और कितने समय से कितनी वसूली बाकी है? जिलेवार नाम, पते के साथ जानकारी         दी जाये।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से वित्‍तीय वर्ष 2025-26 में माह सितम्‍बर-2025 तक ऊर्जा की कुल मांग (मेगावाट) एवं खपत (मिलि‍यन यूनिट) की वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परशिष्‍ट के प्रपत्र 'एवं 'अनुसार है। विद्युत मांग की पूर्ति हेतु अन्‍य निजी कंपनियों एवं प्रदेश के बाहर से क्रय की गई विद्युत एवं क्रय दर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ख) प्रदेश में कुल 2409 उच्‍च दाब संयोजित/विच्‍छेदित, इंडस्‍ट्री/फैक्‍ट्री/बडे़ उपभोक्‍ता हैं, जिनके कुल राशि रू. 1228.55 करोड़ के बिजली बिल बकाया हैं। उक्‍त उपभोक्‍ताओं के बकाया बिजली के बिलों की अवधि, जिले का नाम एवं पते संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है।

सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

7. ( *क्र. 25 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के विकासखण्ड मझौली एवं कुसमी में लोक निर्माण विभाग के द्वारा                              वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 में कितनी सड़कों की स्वीकृति दी गई थी? वर्षवार, सड़कवार स्वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत सड़कों में कितने सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? कितने सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? जानकारी उपलब्ध करायें। कितने सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? कारण बतायें। कब तक सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा? जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) सीधी जिले के अंतर्गत मझौली बायपास सड़क का निर्माण कार्य अभी तक पूर्ण नहीं कराया गया है? कारण बतायें। निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये कौन-कौन से अधिकारी/संविदाकार दोषी हैं? दोषी अधिकारियों/संविदाकार के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्ध करायें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कब तक दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बतायें। (घ) सीधी जिले के अंतर्गत सीधी-टिकरी-पथरौला फोरलेन सड़क, तिलवारी-जनकपुर (हर्दी) सड़क एवं माड़ा-मझौली मार्ग का वार्षिक बजट                       वर्ष 2025-26 में प्रावधानित किया गया था? क्या संबंधित मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है? जानकारी उपलब्ध करायें। यदि प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई तो कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जायेगी? समय-सीमा बतायें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक में विकासखण्ड मझौली में 16 नग एवं कुसमी में 04 नग मार्गों की स्वीकृति प्राप्त है? वर्षवार, सड़कवार, स्वीकृत राशि सहित विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है।                   (ख) विकासखण्ड मझौली अंतर्गत 12 नग सड़कें प्रारंभ एवं 04 नग सड़कें प्रारंभ नहीं हुई हैं तथा विकासखण्ड कुसमी अंतर्गत 02 नग सडकें प्रारंभ एवं 02 नग सड़कें प्रारंभ नहीं हुई हैं। समय-सीमा का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी हाँ, मझौली बायपास मार्ग लंबाई 1.60 कि.मी. के निर्माण कार्य प्रगतिरत है। भू-अर्जन की कार्यवाही होने के कारण कार्य में विलंब हुआ है, भू-अर्जन की धारा-11 का प्रकाशन हो चुका है एवं धारा-19 की कार्यवाही प्रचलन में है। विस्तृत विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सीधी टिकरी पथरौला फोरलेन मार्ग लंबाई 47.60 कि.मी. एवं माडा मझौली मार्ग लंबाई 9.40 कि.मी. का निर्माण कार्य एवं तिलवारी-हर्दी-जनकपुर मार्ग वार्षिक बजट वर्ष 2025-26 में प्रावधानित है। जी नहीं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

महेश्‍वर जल विद्युत परियोजना के कर्मचारियों को वेतन का भुगतान

[ऊर्जा]

8. ( *क्र. 1225 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महेश्‍वर जल विद्युत परियोजना के ऐसे कितने अधिकारी कर्मचारी हैं, जिन्हें विगत 2018 से वर्तमान तक मानदेय/वेतन भुगतान नहीं किया गया है? वर्षवार विवरण दें। इनको मानदेय कब तक भुगतान होगा? (ख) क्‍या विभाग द्वारा इन अधिकारी/कर्मचारियों को किसी अन्य विभाग में पदस्थ/स्थानांतरित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) परियोजना के डूब प्रभावित ग्रामों के पुनर्स्‍थापन और मूलभूत सुविधाओं के लिये परियोजना बंद होने से वर्तमान तक कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? वर्षवार विवरण दें।      (घ) परियोजना से प्रभावित ग्रामीणों के लिये शासन द्वारा किन-किन ग्रामों में आदर्श मापदण्डों के अनुरूप मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है? ऐसे कितने ग्राम इन सुविधाओं से वंचित हैं? वंचित ग्रामों में शासन द्वारा कब तक समस्त सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेगी? (ड.) क्‍या भू-अर्जन विभाग जिला कलेक्टर कार्यालय खरगोन में पुनर्वास मद में आवंटित राशि का मद परिवर्तन कर परियोजना के कर्मचारियों का बकाया वेतन भुगतान किया जाना संभव है? यदि हाँ, तो विलंब का कारण बतायें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) निजी विकासक, श्री महेश्‍वर हाईड्रो पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (S.M.H.P.C.L.) द्वारा महेश्‍वर जल विद्युत परियोजना में नियुक्‍त किये गये कुल 94 अधिकारियों/कर्मचारियों, जिनमें से 48 वर्कमेन स्‍टाफ एवं 46 अधिकारी हैं, का क्रमश: 44 माह (फरवरी-2019 से सितम्‍बर-2022 तक), 24 अधिकारियों को 51 माह (जनवरी-2016 से मई-2016 तथा अक्‍टूबर-2018 से सितम्‍बर-2022) तक (जुलाई-अगस्‍त-2019 का वेतन प्राप्‍त) तथा शेष 22 अधिकारियों को 47 माह (मई-2016 एवं अक्‍टूबर-2018 से सितम्‍बर-2022) (जुलाई एवं अगस्‍त 2019 की प्राप्‍त) का मानदेय/वेतन का भुगतान बकाया है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। उल्‍लेखनीय है कि वर्ष 2018 में एन.सी.एल.टी. के समक्ष दायर याचिका में एन.सी.एल.टी. द्वारा सितम्‍बर 2022 में जारी आदेश के माध्‍यम से उक्‍त परियोजना को दिवालिया घोषित करते हुए इनसॉल्‍वेंसी बैंकरप्‍सी कोड (I.B.C.) के तहत निराकरण हेतु स्‍वीकृत किया गया है। अत: उक्‍त परियोजना में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के बकाया वेतन एवं वेतन प्रदाय में लगने वाले समय संबंधी कार्यवाही माननीय एन.सी.एल.टी. न्‍यायालय के आदेश के अधीन है। (ख) महेश्‍वर जल विद्युत परियोजना में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन द्वारा नहीं किये जाने के दृष्टिगत उन्‍हें किसी अन्‍य विभाग में पदस्‍थ/स्‍थानान्‍तरित किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) कलेक्‍टर कार्यालय, जिला खरगोन से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार परियोजना के डूब प्रभावित ग्रामों के पुनर्स्‍थापन एवं मूलभूत सुविधाएं यथा-बिजली, पानी, कॉन्‍क्रीट रोड एवं सामुदायिक भवन इत्‍यादि प्रदाय किये गये हैं। तत्संबंध में परियोजना बन्‍द होने से वर्तमान तक की गई कार्यवाही की वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (घ) परियोजना में डूब प्रभावित कुल 22 ग्रामों में से 02 ग्रामों यथा सेजगाँव एवं मोरटक्‍का आबादी प्रभावित नहीं है तथा 02 ग्रामों यथा-रावेर एवं काकरिया के डूब प्रभावितों द्वारा प्‍लॉट के बदले नगद राशि ले ली गई है। अत: शेष वि‍कसित किये जाने वाले कुल 18 पुनर्वास स्‍थलों में से 11 पुनर्वास स्‍थल विकसित कर पुनर्वास नीति अनुसार मूलभूत सुविधाएँ प्रदान की गई हैं एवं प्‍लॉट आवंटित किया जा चुका है। 04 पुनर्वास स्‍थलों यथा-सुलगाँव, गोगावां, अमलाथा एवं नगाँवा के लिये प्‍लॉटों का विकास कार्य प्रगति पर था। 03 पुनर्वास स्‍थलों             यथा-पथराड़, भट्याण एवं मर्दाना की भूमि क्रय किया जाना शेष है। सितम्‍बर 2022 में राष्‍ट्रीय कंपनी कानून न्‍यायाधिकरण (एन.सी.एल.टी.) न्‍यायालय द्वारा उक्‍त परियोजना को दिवालिया घोषित करते हुए इनसॉल्‍वेंसी बैंकरप्‍सी कोड (I.B.C.) के तहत निराकरण हेतु आदेश जारी किये जाने के दृष्टिगत पुनर्वास से शेष रहे ग्रामों का शासन की पुनर्वास नीति अनुसार समस्‍त मूलभूत सुविधाओं के साथ पुनर्वास एवं पुनर्स्‍थापना संबंधी कार्य माननीय राष्‍ट्रीय कंपनी कानून न्‍यायाधिकरण (एन.सी.एल.टी.) न्‍यायालय के आदेश के अधीन है। (ड.) महेश्‍वर जल विद्युत परियोजना में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति निजी विकासक, श्री महेश्‍वर, हाईड्रो पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (S.M.H.P.C.L.) द्वारा किये जाने के दृष्टिगत परियोजना के कर्मचारियों का बकाया वेतन पुनर्वास मद में आवंटित राशि का मद परिवर्तन कर किये जाने के संबंध में प्रश्‍न नहीं              उठता है।

नियम विरूद्ध अवैध रूप से कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारियों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

9. ( *क्र. 1353 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह अक्टूबर 2025 में आयोजित नगर पालिक निगम भोपाल के सम्मेलन में परिषद के सदस्यों द्वारा नगर निगम में अन्य विभागों के कर्मचारियों/अधिकारियों की नियम विरुद्ध तैनाती/पदस्‍थगी/मूल विभागों द्वारा नगर निगम भोपाल में कार्य करने के आदेश को निरस्त करने के बावजूद भी कार्य कर रहे हैं, ऐसे मामलों को लेकर नगर निगम भोपाल से इन्हें हटाये जाने को लेकर निर्णय अथवा विरोध किया गया था? (ख) क्या नगर पालिक निगम भोपाल दूसरे विभागों से आए कर्मचारियों/अधिकारियों के मामले में मध्यप्रदेश शासन के नियम निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है? (ग) नगर पालिक निगम, भोपाल में कार्यरत किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रतिनियुक्ति या संलग्नीकरण/मूल विभाग के मूल कार्य के साथ-साथ नगर निगम भोपाल में अतिरिक्त कार्य करने के आदेश उनके मूल विभाग द्वारा निरस्त किये गये हैं? जानकारी दें और संबंधित आदेशों की प्रति भी उपलब्ध करावें। ऐसे कर्मचारी/अधिकारियों को कब तक नगर निगम भोपाल से हटाने की कार्यवाही की जावेगी? स्पष्ट समय-सीमा बतावें।                        (घ) क्या नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा प्रश्‍नांश (ग) उल्लेखित आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है क्यों? निगम द्वारा इस तरह पदस्‍थ कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों के मामले में उनके मूल विभाग की सहमति/अनापत्ति के बिना और मूल विभाग द्वारा नगर निगम में कार्य करने के आदेश निरस्त करने के बावजूद कार्य क्यों लिया जा रहा है व उनके द्वारा वित्तीय मामलों के बिल एवं नस्तियों में हस्ताक्षर किये जा रहे हैं? इसके लिये कौन उत्तरदायी है, क्‍या इन पर विभाग कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्‍नांश (ग) उल्लेखित ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा उनके मूल विभाग द्वारा आदेश निरस्त होने के उपरांत किन-किन बिल एवं नस्तियों और अन्य दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये गये हैं? ऐसे समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति भी उपलब्ध कराएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर निगम, भोपाल में सभी अधिकारी/कर्मचारी सक्षम स्‍वीकृति/आदेश से पदस्‍थ हैं। (ख) जी नहीं, नगर निगम भोपाल द्वारा शासन आदेश के परिपालन में ही संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों को कार्यभार ग्रहण/कार्यमुक्‍त करने की कार्यवाही की जाती है। (ग) नगर पालिक निगम, भोपाल में कार्यरत किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के प्रतिनियुक्ति या संलग्‍नीकरण/मूल विभाग के मूल कार्य के साथ-साथ नगर निगम भोपाल में अतिरिक्‍त कार्य करने के आदेश उनके मूल विभाग द्वारा निरस्‍त नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) एवं (ड.) उत्‍तरांश '''' अनुसार।

योजनाओं की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( *क्र. 134 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद सिराली में अमृत 2.0 योजनांतर्गत नल कनेक्शन लगवाये जाने एवं पाइप-लाइन बिछाये जाने हेतु कुल कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है? किस कंपनी को योजनांतर्गत कार्य पूर्ण कराये जाने हेतु किस आधार पर कार्यावंटन किया गया है? प्रचलित योजना का ड्रॉफ्ट, वार्डवार डी.पी.आर. की सत्यप्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित योजना के अंतर्गत प्रचलित कार्य का कब कब, किसके द्वारा निरीक्षण एवं परीक्षण किया गया है एवं रिपोर्ट में क्या-क्या पाया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन, गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट एवं अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन एवं इस पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही के संबंधित समस्त दस्तावेजों की सत्यापित प्रति एवं विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित योजना के अंतर्गत प्रचलित कार्य पूर्ण कराये जाने हेतु क्या लक्ष्य निर्धारित किया गया है? उक्त कार्य में विलंब किये जाने, निर्धारित गुणवत्ता के अनुसार कार्य पूर्ण न किये जाने पर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही के क्या प्रावधान है? शासन के नियमों की प्रति उपलब्ध कराई जावे। सिराली नगर परिषद में योजनांतर्गत गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं कराये जाने पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित योजना में कितनी राशि का भुगतान संबंधित ठेकेदार को किया जा चुका है एवं कितना भुगतान शेष है, शेष भुगतान कब कब कराये जाने का अनुबंध में लेख है, समस्त जानकारी अनुबंध की सत्यापित प्रति सहित उपलब्ध कराई जावे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) राशि रू. 732.64 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। मेसर्स गौतम गौरी कंस्ट्रक्‍शन को कार्य आवंटित किया गया है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रप्रत्र '' अनुसार है। (ख) प्रचलित कार्यों का निरीक्षण शासन द्वारा नियुक्त P.D.M.C. (परियोजना विकास और प्रबंधन सलाहकार) एजेंसी, निकाय एवं संभागीय कार्यालय के इंजीनियर द्वारा किया गया है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) संपादित अनुबंध अनुसार दिनांक 26.07.2026 तक कार्य पूर्ण होना लक्षित है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने अथवा गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं होने पर अनुबंध में संविदाकार पर पेनाल्टी अधिरोपित करने का प्रावधान है, साथ ही संबंधित यंत्रियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान है। नियमों की प्रति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) वित्तीय स्वीकृति के अनुसार राशि रूपये 116.88 लाख का भुगतान संविदाकार को किया गया है एवं राशि रूपये 615.76 लाख शेष है। अनुबंध में उल्लेखित भुगतान प्रकिया एवं अनुबंध की प्रति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

मध्‍यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड द्वारा निर्मित कॉलोनियां

[नगरीय विकास एवं आवास]

11. ( *क्र. 502 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विभाग मंडल द्वारा दतिया जिले में सुरइयन कॉलोनी, दतिया में कॉलोनी विकसित की गई थी तथा खसरा क्रमांक 2458/1, 2458/2 एवं 2460/1 कॉलोनी की स्‍थापना हेतु कलेक्‍टर दतिया द्वारा नजूल/1915/74/4 दिनांक 29.01.1981 को भूमि आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो संपूर्ण विवरण दें। (ख) क्‍या कलेक्‍टर, दतिया द्वारा आदेश क्र. नजूल/1915/74/4, दिनांक 28.01.1981 गृह निर्माण मंडल को स्‍थाई पट्टे पर 9 एकड़ भूमि आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो विवरण दें। क्‍या उक्‍त संबंध में कार्यालय अधिकारी द्वारा 28.07.2025 को पत्र भी लिखा गया है? यदि हाँ, तो राजस्‍व विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) नजूल निर्वतन नियम 2020 के अनुसार आवंटित भूमि को फ्री होल्‍ड किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्‍या नजूल विभाग कार्यालय कलेक्‍टर द्वारा बुंदेलखण्‍ड हॉस्‍पि‍टल सहित सोसायटियों में आवासीय एवं व्‍यवसायिक कॉलोनी को जनहित में फ्री होल्‍ड किया जायेगा? यदि हाँ, तो विवरण देते हुये बतायें कि वर्ष 1981 से आवांटित भूमि का मंडल द्वारा प्रति वर्ष लीज जमा करने के बावजूद नजूल विभाग द्वारा राजस्‍व पत्रक (खसरा) के भू-स्‍वामी कॉलम 5 में गृह विभाग निर्माण मंडल दर्ज क्‍यों नहीं किया गया है? कारण सहित बतायें की संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रकरण को लंबित क्‍यों रखा जा रहा है? क्‍या शासन जानबूझकर आदेशों की अवहेलना करने के दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्‍या म.प्र. शासन, राजस्‍व विभाग कॉलोनीवासियों से अवैध वसूली एवं भ्रष्‍टाचार किये बगैर खसरा के कॉलम नंबर 5 में दर्ज करने की कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर, जिला-दतिया ‌द्वारा मण्डल की आवासीय योजना हेतु भूमि के खसरा क्रमांक 2458/1, 2458/2, 2460/1 रकबा 9.00 एकड़ भूमि कलेक्टर, जिला दतिया के आदेश क्रमांक नजूल/19-15/74/4, दिनांक 29.01.1981 के द्वारा आवंटित की गई थी। मण्डल द्वारा उक्त भूमि पर 98 भवन/भूखण्ड विकसित कर विक्रय किये गये थे। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ख) जी हाँ, कलेक्टर, जिला-दतिया ‌द्वारा आदेश क्रमांक नजूल/19-15/74/4, दिनांक 29.01.1981 के द्वारा खसरा क्रमांक 2458/1, 2458/2, 2460/1 रकबा 9.00 एकड़ भूमि गृह निर्माण मण्डल को स्थायी पट्टे पर आवंटित की गई थी। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। जी हाँ। कार्यपालन यंत्री, म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल, ग्वालियर ने पत्र क्रमांक 1971, दिनांक 28.07.2025 द्वारा कलेक्टर, जिला दतिया को प्रश्‍नाधीन भूमि के खसरा के भूस्वामी कॉलम नम्बर-05 में दर्ज करने हेतु प्रेषित किया गया है। कलेक्टर दतिया को प्रेषित पत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 की कंडिका क्रमांक-137 के तहत आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर कलेक्टर द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) अंशतः जी हाँ। म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश-2020 के अध्याय-8 की कंडिका क्रमांक-137 (1) के अनुसार म.प्र. गृह निर्माण मण्डल को राज्य सरकार से प्राप्त स्थाई प‌ट्टे की भूमि में से आवासीय प्रयोजन हेतु किसी व्यक्ति के पक्ष में पट्टाधिकार दिया गया है, ऐसे व्यक्ति मण्डल से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के उपरान्त स्थाई प‌ट्टाधिकार को भूमिस्वामी अधिकार में संपरिवर्तन के लिये कलेक्टर को आवेदन किये जाने पर कलेक्टर द्वारा कार्यवाही की जाती है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "दो"

विद्युत-विहीन मजरेटोलों का विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

12. ( *क्र. 1410 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्या मुरैना विधानसभा क्षेत्र की कनेरा, रांचोली, दौरावली, सहित अनेक ग्राम पंचायतों के मजरे एवं टोले आज भी पूर्णतः विद्युत-विहीन हैं? विद्युत-विहीन मजरेटोलों की सूची दें तथा अब तक इन स्थानों तक विद्युत आपूर्ति क्यों नहीं पहुँचाई जा सकी? (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित क्षेत्रों के ग्रामीणों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा अनेक बार पत्राचार करने और शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद विद्युत विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई? क्या शासन ऐसे अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक या निलंबन की कार्रवाई करेगा?                          (ग) जब शासन यह घोषणा कर चुका है कि मध्यप्रदेश का कोई भी ग्राम अब विद्युत-विहीन नहीं है,” तो मुरैना क्षेत्र के दर्जनों मजरे-टोले आज भी अंधकार में क्यों हैं? (घ) मुरैना विधानसभा क्षेत्र के किसानों को उनकी 5 एच.पी. मोटरों पर 10 से 15 एच.पी. तक के बिल क्यों भेजे जा रहे हैं और हाल ही में ऊर्जा विभाग द्वारा एकतरफा एवं मनमाने तरीके से किसानों के कनेक्शन का लोड 5 एच.पी. से 7.5 एच.पी. एवं 10 एच.पी. तक क्यों बढ़ा दिया गया है? क्या शासन इस मनमानी लोड वृद्धि एवं बढ़े हुए बिलों की प्रदेश स्तर पर जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करेगा तथा वास्तविक लोड के अनुरूप बिल पुनः जारी करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। मुरैना विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत सभी राजस्‍व ग्राम एवं उनके संसूचित मजरे/टोले विद्युतीकृत हैं। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। तथापि समय-समय पर नये मजरे/टोले/फलिये का सृजन होना एक सतत् प्रक्रिया है। राज्‍य शासन के पत्र दिनांक 05.05.2025 एवं पत्र दिनांक 07.05.2025 के माध्यम से अविद्युतीकृत घरों/बसाहटों के विद्युतीकरण के लिये विस्तृत सर्वे हेतु दिशा-निर्देश दिए गये हैं, जिनमें 5 घरों से अधिक की अविद्युतीकृत एवं आंशिक रूप से विद्युतीकृत बसाहटों को विद्युतीकरण हेतु शामिल किया जाना है। (ख) जी नहीं। ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों तथा अन्‍य विद्युत उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत संबंधित समस्‍या के समाधान हेतु म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालयों में पत्र/आवेदन एवं केन्‍द्रीय कॉल सेन्‍टर 1912, सी.एम. हेल्‍पलाईन 181, वॉइस बॉट, चेट बॉट एवं एप के माध्‍यम से शिकायत दर्ज कराने पर म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियमानुसार शिकायत का परीक्षण कर आवश्‍यक सुधार किये जाते हैं। माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के प्राप्‍त पत्रों पर की गयी कार्यवाही का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है।                                           (ग) प्रदेश में समस्‍त राजस्‍व ग्राम विद्युतीकृत हैं। उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता है। (घ) जी नहीं। अपितु प्रश्‍नाधीन क्षेत्रांतर्गत नियमानुसार उपभोक्‍ता के कृषि पंप स्‍थल का निरीक्षण कर, उपयोग में लिये जा रहे कृषि पंप के भार का, उपकरण से मापन कर, पाया गया भार कृषि पंप के स्‍वीकृत भार से अधिक पाये जाने पर कनेक्‍शन के स्‍वीकृत भार में तद्नुसार वृद्धि की जाकर भार वृद्धि का विद्युत बिल प्रदाय किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है।

परिशिष्ट - "तीन"

लैंड पूलिंग स्कीम के तहत किसानों को उचित प्रतिकर (Fair Compensation) प्रदाय

[नगरीय विकास एवं आवास]

13. ( *क्र. 250 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार वर्तमान Land Pooling Scheme को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 (LARR Act, 2013)” के अधिग्रहण प्रावधानों से बाहर मानती है? यदि हाँ, तो किन कानूनी आधारों पर, जबकि यह योजना किसानों को उनकी पैतृक भूमि के संवैधानिक अधिकार से वंचित करती है?            (ख) क्या LARR Act की धारा 26 एवं 30 के अनुसार किसी भी अधिग्रहण में किसानों को नकद मुआवजा एवं पुनर्वास का लाभ मिलना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो उक्त प्रावधान के अनुसार क्या सरकार Land Pooling में किसानों के पुनर्वास हेतु विकसित भूखंड का 50 प्रतिशत भाग लौटाने के अतिरिक्त, शेष 50 प्रतिशत भूमि का जो अधिग्रहित कि गई है, उसका नकद मुआवजा बाजार मूल्य से दोगुना भू-स्वामी किसानों को दिया जायेगा? (ग) क्या सरकार Land Pooling के अंतर्गत भूमि लेते समय कलेक्टर गाइड-लाइन रेट या बाजार मूल्य में से जो अधिक हो, उसके दोगुने के सिद्धांत पर मुआवजा देने की घोषणा करेगी? यदि नहीं, तो यह नीति कल्याणकारी राज्य के सिद्धांतों के अनुकूल कैसे है? (घ) क्या सरकार के संज्ञान में है कि Land Pooling की घोषणा के बाद भूमाफिया किसानों की भूमि कम मूल्य पर खरीद लेते हैं, जिससे योजना का लाभ बिचौलियों को मिलता है? ऐसे प्रकरणों को रोकने हेतु मध्यप्रदेश नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के अंतर्गत कौन से सुरक्षात्मक उपनियम या प्रक्रियाएँ लागू की गई हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा-49 एवं 50 के प्रावधानों के अनुसार भू-स्‍वामियों को उनकी भूमि (मूल भूमि) का 50 प्रतिशत की सीमा तक विकसित अंतिम भूखण्‍ड वापिस किया जाता है। अत: उक्‍त नगर विकास योजना किसानों को उनकी पैतृक भूमि के संवैधानिक अधिकार से वंचित नहीं करती है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। लैंडपूलिंग में भूमि स्‍वामी को भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के अनुरूप होकर भूस्‍वामी को उनकी भूमि (मूल भूमि) का 50 प्रतिशत विकसित भाग के अतिरिक्‍त समुचित प्रतिकर दिया जाता है, अत: किसी प्रकार की घोषणा की आवश्‍यकता नहीं है।                                 (घ) जी नहीं। नगर विकास स्‍कीम की अधिसूचना जारी दिनांक पर योजना में विहित भूमियां जिन भूस्‍वामियों की है, उन्‍हीं भूस्‍वामियों को समुचित प्रतिकर के रूप में 50 प्रतिशत विकसित भूखण्‍ड दिया जाता है, अत: नगर विकास स्‍कीम की अधिसूचना के बाद योजना का लाभ बिचौलियों को मिलने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की            धारा-49, 50 एवं म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश नियम-2012 के नियम-19 के प्रावधान अनुसार है।

भिण्‍ड शहर के समुचित सौंदर्यीकरण हेतु विशेष बजट का प्रावधान

[नगरीय विकास एवं आवास]

14. ( *क्र. 1336 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भिण्ड शहर की आबादी का घनत्व व बढ़ते क्षेत्रफल के कारण मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, पानी, नाली, नाला के साथ-साथ शहर के मुख्य मार्गों पर स्ट्रीट लाईट, हाईमास्‍क लाईट की नितांत आवश्यकता है, शहर के प्रमुख स्थलों को सुसज्जित करना, उद्यानों को विकसित करना तथा शहर की निचली व पिछड़ी बस्तियों में सड़क, नाली, नालों का अभाव होने के कारण पानी का भराव रहता है? (ख) क्‍या भिण्ड नगरपालिका परिषद में वर्तमान की स्थिति में वर्ष 2011 के बराबर संसाधन हैं, वर्तमान में पोकलेन, स्ट्रीट क्लीनिंग मशीन, डम्फर, मड टैंक, वाटर टैंक, फायर ब्रिगेड, कचरा वाहन, बोलेरो पिकअप, स्वीपर के लिये आवश्‍यक संसाधन समेत अधिकारी व कर्मचारी के पास निरीक्षण हेतु आवश्यक वाहन समेत वर्तमान आधार संसाधन की नितांत आवश्यकता है?  (ग) क्‍या भिण्ड नगरपालिका परिषद परिक्षेत्र में सुभाष तिराहा से लहार चौराहा होते इंदिरा गाँधी चौराहे तक मुख्य मार्ग के दोनों ओर स्ट्रीट लाईट, इंदिरा गाँधी चौराहे से अटेर रोड, अग्रसेन चौराहे से बेटी बचाओ चौराहा से नवीन रेल्वे स्टेशन (अटेर रोड) भूत बाजार, पुस्तक बाजारस्टेशन रोड, बंगला बाजार, शास्त्री चौराहे से गौ सरोवर, गाँधी मार्केट से मीरा कॉलोनी तक स्ट्रीट लाईट की नितांत आवश्यकता है? (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) यदि हाँ, है तो क्‍या विभाग भिण्ड शहर के सौंदर्यीकरण मुख्‍य मार्गों में स्ट्रीट लाईट, हाई मास्‍क लाईटस्वच्छता हेतु आवश्यक आधुनिक उपकरण, उद्यान व मुख्य मार्गों के सजावट हेतु विशेष आर्थिक पैकेज स्‍वीकृत करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी नहीं।                             (ख) जी नहीं। निकाय में वर्तमान में 04 डम्फर, 01 मड टैंक, 02 वॉटर टैंक, 03 फायर बिग्रेड, 39 कचरा वाहन, 01 बोलेरो पिकअप वाहन हैं। नगरपालिका परिषद भिण्ड को स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) अन्तर्गत कुल 21 कचरा वाहन (टिपर) हेतु राशि रुपये 73.48 लाख स्वीकृत किये गये हैं। (ग) नगरपालिका परिषद भिण्ड के परिक्षेत्र में सुभाष तिराहे से लहार चुंगी से इंदिरा गांधी चौराहे तक लगभग 05 किलोमीटर का बाईपास रास्ता है, जो कि एम.पी.आर.डी.सी. के अंतर्गत आता है। इंदिरा गांधी चौराहे से अटेर रोड रेलवे स्टेशन को सीधा जोड़ता है, उक्त मार्ग पर भी विद्युत पोल स्ट्रीट लाइट की आवश्यकता है। प्रश्‍न में वर्णित स्थलों पर पुराने विद्युत पोल लगे हुए हैं, उन्हें नये विद्युत पोल एवं एल.ई.डी. लाइट में परिवर्तित करने हेतु निकाय के द्वारा प्रस्ताव तैयार किया गया है। (घ) वर्तमान में विभाग स्तर पर इस तरह की कोई योजना स्वीकृत नहीं है। नगरपालिका परिषद भिण्ड में बजट की उपलब्धता के आधार पर आवश्यकतानुसार विकास कार्य कराया जाता है।

संभाग कटनी अंतर्गत निर्माण कार्य

[लोक निर्माण]

15. ( *क्र. 1262 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1638, दिनांक 17.03.2025 के प्रश्‍नांश का उत्तर क्या था और क्या कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग (भ./स.) संभाग-कटनी को उच्च अधिकारियों द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र नहीं दिये जाने का उत्तर परिशिष्ट में दिया गया था?           (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, है तो क्यों? जबकि श्री अविप्रसाद तत्कालीन कलेक्टर, कटनी के पत्र दिनांक–25.06.2024 और श्री एस.सी. वर्मा, मुख्य अभियंता जबलपुर परिक्षेत्र के पत्र दिनांक 07.10.2024 से कार्यपालन यंत्री, संभाग-कटनी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सदन में असत्य जानकारी देने और माननीय सदस्यों को गुमराह करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या इसके जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही किस-किस पर कब तक की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) संभागकटनी के अंतर्गत विगत-03 वर्षों में किन-किन सड़कों का किन कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री के प्रभार में कितनी-कितनी लागत के कब-कब निर्माण किया गया? सड़कवार निर्माण के दौरान              किन-किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा निरीक्षण/पर्यवेक्षण कब-कब किया गया और क्या प्रतिवेदन दिये गये? (ड.) क्या प्रश्‍नांश (घ) सड़कों का निर्माण गुणवत्तापूर्ण किया गया? हाँ, तो कैसे जबकि      लगभग-64 करोड़ 19 लाख रुपये की लागत से पाली, बड़गाव, लालपुरा का 37 किलोमीटर लंबा मार्ग निर्माण के दौरान ही क्षतिग्रस्त हो गया था? (च) प्रश्‍नांश (क) से (ड.) के तहत तथा संभाग-कटनी की वर्तमान कार्यपालन यंत्री के कार्यकाल में अनियमितता एवं गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों को दृष्टिगत कर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? नहीं तो क्यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 1638, दिनांक 17.03.2025 के प्रश्‍नांश "घ" का उत्तर पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार दिया गया था। जी हाँ। (ख) कारण बताओ सूचना पत्र नहीं दिये जाने के प्रपत्र में मानवीय त्रुटिवश अंकित हुई है। जी हाँ। (ग) मानवीय त्रुटिवश अंकित हुई है। माननीय सदस्यों को जानबूझकर असत्य जानकारी एवं गुमराह करने का कोई आशय नहीं था। कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जी नहीं। कार्य तकनीकी मापदंड अनुसार कराया गया है। (च) मार्गों का निर्माण तकनीकी मापदंडों अनुसार कराया गया है। अतः कार्यवाही कराये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध कॉलोनियों का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

16. ( *क्र. 770 ) श्री सतीश मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (स्टैपल फाइबर डिवीजन), बिरलाग्राम, नागदा जिला उज्जैन के विरुद्ध बहुमंजिला अवैध कॉलोनियों के निर्माण के संबंध में संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग, उज्जैन द्वारा पत्र क्र. 853, दिनांक 12.02.2021 को अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन से उक्त शिकायत के संबंध में जांच प्रतिवेदन चाहा था? यदि हाँ, तो क्या संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन ने जांच के आदेश दिये थे? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में यदि जांच प्रस्तावित थी तो क्या जांच पूरी कर ली गयी है? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन सहित संपूर्ण विवरण देवें और यदि नहीं, तो लगभग 04 वर्ष तक जांच पूरी नहीं होने के क्या कारण हैं? (ग) नागदा नगरपालिका सीमा अंतर्गत बिना अनुमति अवैध कॉलोनी निर्माण के संबंध में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका नागदा द्वारा नागदा के मंडी/बिरलाग्राम थाना में लगभग 10 से कॉलोनाइज़रों के विरुद्ध F.I.R. दर्ज करवाई गई? यदि हाँ, तो क्या ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के प्रबंधक के विरुद्ध भी कोई वैधानिक कार्यवाही प्रस्तावित है अथवा की जाना है? विवरण देवें।                                         (घ) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में दोषियों को संरक्षण देने एवं इतने गंभीर मामले को दबाने में संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध विभाग द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्‍जैन संभाग द्वारा प्रश्‍नांकित पत्र अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्‍जैन संभाग को जारी किया गया था। (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार जांच वर्तमान में पूर्ण नहीं हुई है, परन्‍तु जांच के अनुक्रम में कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्‍जैन संभाग के पत्र दिनांक 25.02.2021 के पालन में नगरपालिका द्वारा प्रश्‍नांकित क्षेत्र का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करने के पश्‍चात बिना अनुमति अवैध निर्माण कार्य करने के संबंध में प्रबंधक ग्रेसिम इंण्‍डस्‍ट्रीज प्रा.लि. को म.प्र. नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 187 (8) के तहत सूचना पत्र दिनांक 09.03.2021 जारी कर निर्माण से संबंधित आवश्‍यक जानकारी एवं दस्‍तावेज चाहे गये थे, जिसके विरूद्ध ग्रेसिम इंण्‍डस्‍ट्रीज प्रा.लि. नागदा द्वारा माननीय न्‍यायालय द्वितीय व्‍यवहार न्‍यायाधीश कनिष्ठ खंड नागदा से दिनांक 27.09.2021 को स्‍थगन आदेश प्राप्‍त कर लिया गया, जिसकी अपील नगरपालिका नागदा द्वारा की गई एवं अपील का प्रकरण क्रमांक 40ए/2021 माननीय अपर जिला न्‍यायालय में प्रचलित है। उत्‍तरांश अनुसार प्रकरण में स्‍थगन आदेश प्रभावशील होने के कारण जांच पूरी नहीं की जा सकी है। (ग) जी हाँ, प्रश्‍नांकित अवधि में मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी, नागदा द्वारा अनधिकृत कॉलोनी बनाने वाले 11 व्‍यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई थी। उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में ग्रेसिम इंण्‍डस्‍ट्रीज प्रा.लि. के प्रबंधक के विरूद्ध कोई भी वैधानिक कार्यवाही अभी नहीं की जा सकती है। उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                     (घ) उत्‍तरांश '''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्‍य में स्‍थगन आदेश प्रभावशील होने एवं नगरपालिका द्वारा की गई अपील का प्रकरण माननीय न्‍यायालय में विचाराधीन होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पुल निर्माण की स्‍वीकृति

[लोक निर्माण]

17. ( *क्र. 127 ) श्री अरविन्द पटैरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्राम खजवा में कुटने नदी पर पुल निर्माण किये जाने की कोई योजना/प्रस्‍ताव विचाराधीन है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ है तो इस संबंध में शासन स्‍तर पर क्‍या कार्यवाही हो रही है? (ग) कब तक ग्राम खजवा में कुटने नदी पर पुल निर्माण कार्य स्‍वीकृत कर दिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '' एवं ''के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्वामित्व प्रमाण-पत्र के आधार पर वैध दस्तावेज

[नगरीय विकास एवं आवास]

18. ( *क्र. 656 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहरी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसे पैतृक मकान हैं, जिनके स्वामी के पास नगरपालिका द्वारा प्रदत स्वामित्व प्रमाण-पत्र तो है, परंतु भवन की रजिस्ट्री अथवा पट्टा उनके नाम नहीं है? (ख) क्या भवन स्वामियों को नगरपालिका द्वारा जारी स्वामित्व प्रमाण-पत्र के आधार पर भवन की रजिस्ट्री कर विक्रय की अनुमति दी जाती है? (ग) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में उक्त स्वामित्व प्रमाण-पत्र को वैध दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार किया जाता? यदि नहीं, तो क्यों?                  (घ) सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में ऐसे स्वामित्व प्रमाण पत्रों को मान्यता देने हेतु कोई प्रस्ताव या नीति पर विचार किया जायेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। नगरीय निकायों द्वारा भवन कर पंजी की प्रविष्टि के आधार पर उपभोक्‍ता (करदाता) के नाम से कर पंजी में भवन दर्ज होने का प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। यह भवन के स्‍वामित्‍व का आधार नहीं हो सकता। (ग) जी नहीं। योजना के बी.एल.सी. घटक के लाभ के संबंध में राज्‍य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश दिनांक 17.03.2025 की कंडिका 3.1.9 के प्रावधान अनुसार दस्‍तावेज ही मान्‍य है।                      (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बाईपास रिंग रोड की स्‍वीकृति

[लोक निर्माण]

19. ( *क्र. 679 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के मनावर में बाईपास रिंगरोड स्‍वीकृति बाबत प्रश्‍नकर्ता ने माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मंत्री, वित्त एवं लोक निर्माण विभाग, मुख्य सचिव, ए.सी.एस., वित्त, प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को कब-कब पत्र लिखा? उक्त पत्रों में प्रश्‍नकर्ता ने किन-किन विषयों/मामलों के तहत मनावर में बाईपास रिंगरोड स्‍वीकृति बाबत मांग की? उक्त पत्र पर प्रश्‍न-दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? समस्त कार्यवाही का ब्यौरा देवें। कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ख) मनावर में बाईपास रिंगरोड की प्रशासकीय स्वीकृति के लिये ए.सी.एस. वित्त की अध्यक्षता वाली सक्षम वित्तीय समिति के समक्ष किस दिनांक से तथा किन कारणों से लंबित हैं, ए.सी.एस. वित्त की अध्यक्षता वाली सक्षम वित्तीय समिति के किस-किस दिनांक की बैठक में मनावर में बाईपास रिंगरोड की प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में किसने क्या-क्या प्रस्ताव रखे और क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रस्ताव और समस्त कार्यवाही की प्रति सहित जानकारी देवें।                       (ग) क्या मनावर बाईपास रिंगरोड पुनः प्रस्तावित लंबाई 12.40 कि.मी. बजट 2024-25 एवं                    2025-26 में शामिल कर प्रशासकीय स्वीकृति दिया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं? यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) धार के सबसे व्यस्ततम शहरों में चार स्टेट हाईवे वाले मनावर तहसील में बड़ी संख्या में ट्राले-भारी वाहन एवं अन्य वाहनों से होने वाले प्राणघातक दुर्घटनाएं लोगों की जान-माल की नुकसान होते रहने देना चाहते हैं, बाईपास रिंग रोड कब तक स्वीकृत करेंगे।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) मनावर रिंग रोड मार्ग विभागीय वित्तीय व्यय समिति की 101वीं बैठक दिनांक 29.05.2023 को रखा गया था। कार्य को समिति के द्वारा बजट में प्रावधानित राशि रू. 6.00 करोड़ के विरूद्ध प्राक्कलनित राशि रू. 67.15 करोड़ का प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने तथा लागत वृद्धि के कारण कार्य अस्वीकृत किया गया। कार्यवाही विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' के सरल क्र. 3 में वर्णित अनुसार है। (ग) मनावर बायपास रिंग रोड का निर्माण कार्य वर्तमान में न ही प्रस्तावित है, न ही किसी योजना में स्वीकृत है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।                 (घ) राज्य बजट में सम्मिलित नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

ई-रिक्‍शा खरीदी में की गई अनियमितता की जांच

[नगरीय विकास एवं आवास]

20. ( *क्र. 115 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग अंतर्गत प्रदेश में कौन-कौन सी नगरपालिका एवं नगर परिषदों द्वारा ई-रिक्शा की खरीदी की गई? वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक जानकारी नगरपालिका/नगर परिषदवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगरपालिका एवं नगर परिषदों में ई-रिक्शा कौन-कौन सी फर्म/कंपनी द्वारा खरीदे गये तथा संबंधित नगरपालिका एवं नगर परिषद द्वारा कितनी राशि में खरीदे एवं कितनी राशि का भुगतान निकाय द्वारा एवं शासन द्वारा किया गया? सभी देयकों/बिल वाउचर की सत्यापित प्रति निकायवार एवं शासन द्वारा किये गये भुगतान की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या नगरपालिका एवं नगर परिषदों में ई-रिक्शा खरीदी हेतु वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कुछ विशेष फर्म/कंपनी से ही ई-रिक्शा खरीदने हेतु नगरपालिका/नगर परिषद से कहा गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि एक ही निश्चित फर्म/कंपनी से ई-रिक्शा अधिकांश नगरपालिका एवं नगर परिषद द्वारा खरीदे गये?                   (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा यदि एक निश्चित फर्म/कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ई-रिक्शा की खरीदी की जा रही है? क्या संपूर्ण खरीदी प्रक्रिया की उच्च स्तर पर जांच की जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगरीय निकायों में वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक नगरीय निकायों द्वारा खरीदे गये ई-रिक्शा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैशेष नगरीय निकायों की जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उत्पन्न नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है।

स्‍वीकृत सड़क निर्माण कार्य

[लोक निर्माण]

21. ( *क्र. 607 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला श्योपुर के गोरस से जिला शिवपुरी तक हाईवे रोड स्वीकृत किया गया है? सड़क स्वीकृत होने के बाद भी अभी तक सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया जा रहा है?                   (ख) गोरस से शिवपुरी तक सड़क रोड पूरी तरह खराब हो गया है? सड़क में जगह-जगह गहरे गड्ढे होने से 100 किलो मीटर की दूरी तय करने में 4 से 5 घण्टे का समय लगता है?                                     (ग) सड़क निर्माण कार्य क्यों प्रारंभ नहीं किया गया? देरी विलंब करने वाले कर्मचारी अधिकारी और ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी और सड़क कब तक बन जायेगी? समय-सीमा बताएं।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। शिवपुरी-पोहरी-कराहल-गोरस राज्‍य राजमार्ग क्र. 51ए का निर्माण कार्य दिनांक 21.05.2025 से प्रगतिरत है। (ख) शिवपुरी-गोरस मार्ग लंबाई 85.24 कि.मी. मार्ग म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत एन.डी.बी. योजना अंतर्गत स्‍वीकृत मार्ग है। अनुबंधानुसार ठेकेदार द्वारा मार्ग संधारण कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में शिवपुरी से गोरस जाने में लगभग 2 से 2.5 घण्‍टे का समय लग रहा है। मार्ग निर्माण उपरांत यह समय लगभग 1.5 घण्‍टे होगा। (ग) कार्य प्रगतिरत। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की समयावधि 02 वर्ष (दिनांक 20.05.2027) है। कार्य में कोई विलंब नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। कार्यपूर्णता की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

विद्युत लंबित कार्यों को पूर्ण किया जाना

[ऊर्जा]

22. ( *क्र. 815 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) विद्युत क्षेत्र बण्डा-संभाग अंतर्गत मॉर्डनाइजेशन एम-1, मेन्टेनेंस तथा रेक्टिफिकेशन सहित अन्य कार्यों की कौन-कौन सी निविदायें वर्तमान में प्रचलित हैं? (ख) प्रचलित निविदाओं अंतर्गत कार्य की अनुमानित लागत, कार्यादेश दिनांक एवं कार्य करने की निर्धारित अवधि क्या थी? कार्य आदेश की प्रति उपलब्ध करवायें। (ग) उक्त प्रचलित निविदाओं द्वारा विधानसभा क्षेत्र बण्डा अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों की सूची एवं उनका प्रगति प्रतिवेदन बतावें? (घ) उक्त प्रचलित निविदाओं अंतर्गत अन्य विधानसभाओं के कार्य सम्मिलित होने की दशा में विधानसभावार कार्यों का प्रगति प्रतिवदेन प्रस्तुत करें। (ड.) क्या प्रचलित निविदाओं में बण्डा विधानसभा अंतर्गत कार्यों की प्रगति तुलनात्मक रूप से कम है? अगर हाँ तो इसका कारण स्पष्ट करें। (च) लंबित निविदाओं अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र बण्डा के कार्य पूर्ण होने में विलंब हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है एवं उन पर की गई कार्यवाही की गई जानकारी उपलब्ध करवायें। (छ) अगर विलंब होने के लिये दोषि‍यों पर कार्यवाही नहीं की गई है तो स्पष्ट करें कि दोषियों पर क्या कार्यवाही होगी और वह कार्यवाही कब तक होगी? इसका प्रतिवदेन दें।                       (ज) निविदाओं अंतर्गत शेष कार्य कितनी समयावधि में पूर्ण करवाये जायेंगे? (झ) क्‍या उक्त निविदाओं में किये गये कार्यों की गुणवत्ता की जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध करवाया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) संचा./संधा. संभाग बंडा सहित जिला सागर में प्रचलित निविदाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित निविदाओं के अंतर्गत कार्य की अनुमानित लागत राशि, कार्यादेश दिनांक एवं कार्य करने की निर्धारित अवधि की प्रश्‍नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। कार्यादेशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है।                 (ग) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित प्रचलित निविदाओं के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र बण्‍डा में प्रस्‍तावित/स्‍वीकृत कार्यों एवं प्रगति से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है। (घ) आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत प्रचलित उक्‍त निविदाओं में जिला सागर की अन्‍य विधान सभा क्षेत्रों का प्रगति प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '4' अनुसार है।                         (ड.) जी नहीं, उक्‍त प्रचलित निविदाओं में बण्‍डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कार्यों की प्रगति तुलनात्‍मक रूप से कम नहीं है, तथापि निविदाकार द्वारा कार्य धीमी गति से संपादित किये जाने, स्‍थानीय स्‍तर पर व्‍यवधान होने, वन बाधा इत्‍यादि कारणों से प्रगति कम है। (च) उक्‍त प्रचलित निविदाओं के कार्यों में संबंधित निविदाकार द्वारा कार्य धीमी गति से संपादित किये जाने, स्‍थानीय स्‍तर पर व्‍यवधान होने, वन बाधा इत्‍यादि कारणों से कार्यों को पूर्ण किये जाने में विलंब हुआ है। निविदाकारों द्वारा कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं किये जाने के कारण कार्यादेश एवं निविदा शर्तों के अनुरूप तरलता क्षतिपूर्ति (लिक्विडेटेड डैमेज) राशि वसूली की गई है, जिनकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '5' अनुसार है। (छ) उत्‍तरांश (च) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता है।                      (ज) प्रश्‍नाधीन निविदाओं के शेष कार्य को पूर्ण किये जाने की समयावधि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '5' अनुसार है। (झ) आर.डी.एस.एस. योजना के प्रावधानों के अनुसार नियुक्‍त प्रोजेक्‍ट मॉनिटरिंग एजेंसी द्वारा गुणवत्‍ता सुनिश्चित किये जाने हेतु सभी कार्यों का सतत् निरीक्षण किया जाता है। कार्य की गुणवत्‍ता में कमी पाये जाने पर कार्य में तत्‍काल सुधार कार्य करवाया जाता है। उपरोक्‍त के अतिरिक्‍त मैदानी अधिकारियों द्वारा भी कार्य की गुणवत्‍ता सुनिश्चित किये जाने हेतु सतत् निरीक्षण किया जाता है तथा कार्य की गुणवत्‍ता में कमी पाये जाने/त्रुटि पाए जाने पर तत्‍काल सुधार कार्य करवाया जाता है। आर.डी.एस.एस. योजना के प्रावधानों के अनुसार योजना में प्रयुक्‍त होने वाली सामग्री का एन.ए.बी.एल. लैब में परीक्षण किया जाता है, परीक्षण में सही पाये जाने के उपरांत ही सामग्री का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में कार्यों में गुणवत्‍ता संबंधी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता है।

अपरीक्षित मद से कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी

[लोक निर्माण]

23. ( *क्र. 206 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत वर्ष 2024-25 के प्रथम अनुपूरक अनुमान बजट में 302, 50, 208 कार्यों को अपरीक्षित मद के रूप में शामिल किया जाना प्रस्तावित किया गया था? इन कार्यों हेतु राशि की व्यवस्था संबंधित योजना में उपलब्ध प्रावधानों से की जायेगी?                     (ख) यदि हाँ, तो इन कार्यों को अपरीक्षित मद में किस नियमावली/प्रावधानों के तहत रखा गया है? अपरीक्षित मद में रखे जाने का उद्देश्य एवं कारण सहित ब्यौरा दें। (ग) उक्त अपरीक्षित मद में किन-किन कार्यों हेतु राशि की व्यवस्था किस-किस योजना के अन्तर्गत उपलब्ध कराई गई है? यह राशि की व्यवस्था केन्द्रांश/राज्‍यांश मद से की गई है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) म.प्र. शासन, वित्‍त विभाग मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक 1242/आर 601/2012/ब-1/चार, दिनांक 30.09.2013, बिंदु-10 के अनुसार एवं म.प्र. शासन, वित्‍त विभाग का आदेश क्रमांक 495, दिनांक 31.03.2024, प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त होने पर संबंधित योजना में प्राप्‍त आवंटन से व्‍यय हेतु। (ग) अपरीक्षित मद में शामिल कार्यों हेतु राशि की व्‍यवस्‍था अंकित योजना अनुसार एवं प्राप्‍त प्रशासकीय स्‍वीकृति के आधार पर परियोजनाओं में आवंटन उपलब्‍ध होता है। राज्‍य बजट के कार्यों में आवंटन की व्‍यवस्‍था राज्‍यांश मद से की जाती है।

नगरपालिका परिषद, खुरई की सीमा वृद्धि

[नगरीय विकास एवं आवास]

24. ( *क्र. 630 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खुरई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगरपालिका परिषद खुरई की सीमा वृद्धि का प्रस्ताव विभाग के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इस संबंध में प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर सीमा वृद्धि की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ख) क्या सीमा वृद्धि में शामिल किया जाने वाला क्षेत्र मध्यप्रदेश शासन नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा तैयार की गई ''खुरई क्षेत्र विकास योजना वर्ष-2021'' में बाह्य वृद्धि क्षेत्र के रूप में शामिल है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

इन्डोर स्टेडियम एवं ऑडिटोरियम निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

25. ( *क्र. 741 ) श्री नितेन्‍द्र बृजेन्‍द्र सिंह राठौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 2283, दिनांक 02.02.2021 द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना (तृतीय चरण) अन्तर्गत नगर परिषद पृथ्वीपुर, जिला निवाड़ी के अमर सिंह राठौर स्टेडियम परिसर में इन्डोर स्टेडियम एवं ऑडिटोरियम स्वीकृत हुआ था? यदि हाँ, तो वर्षों बीत जाने के बाद भी आज दिनांक तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है? क्या कारण है। (ख) विधानसभा मार्च 2025 सत्र में प्रश्‍नकर्ता द्वारा इसी संदर्भ में विधानसभा में प्रश्‍न एवं ध्यानाकर्षण के माध्यम से सूचित किया गया, परन्तु अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है? क्या कारण है। मंत्री जी ने आश्‍वस्त किया था कि शीघ्र ही काम शुरू जो जाएगा, किन्तु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई? (ग) उक्त निर्माण कार्य पूर्ण न किये जाने में कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? क्या उन पर कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या                    कारण है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। स्टेडियम निर्माण कार्य के दौरान निविदाकार मेसर्स साध्या कंस्ट्रक्शन के प्रोपराईटर की असामयिक मृत्यु हो जाने के कारण कार्य में विलंब हुआ। वर्तमान में शेष कार्य हेतु नवीन कार्यादेश क्र. 4700180223, दिनांक 29.10.2025 को निविदाकार को दिया जा चुका है। इण्डोर स्टेडियम में स्ट्रक्चर का कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) पूर्व प्रश्‍न एवं ध्यानाकर्षण में मान. मंत्री द्वारा दिये गये आश्वासन के अनुसार नगर परिषद पृथ्वीपुर द्वारा कार्य प्रारंभ कराया जा चुका है। (ग) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

 

 

 






भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की योजना का क्रियान्वयन

[पशुपालन एवं डेयरी]

1. ( क्र. 31 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की योजना का क्रियान्वयन म.प्र. के किन-किन जिलों में किया गया (ख) इस योजना पर शासन का कितना व्यय हुआ (ग) प्रदेश के कितने पशु पालक लाभान्वित हुए तथा (घ) दुग्ध उत्पादन में कितनी वृद्धि हुई।

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) प्रदेश में दुग्‍ध उत्‍पादन बढ़ाने हेतु आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना, मुख्‍यमंत्री डेयरी प्‍लस एवं डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर कामधेनू योजना समस्‍त 55 जिलों में एवं मुख्‍यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना (विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, सहरिया, भारिया) 14 जिलों में यथा बैगा - मंडला, बालाघाट, डिण्‍डौरी, अनुपपुर, उमरिया एवं शहडोल, सहरिया-ग्‍वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्‍योपुरकलां तथा मुरैना एवं भारिया-छिन्‍दवाड़ा में संचालित हैं। (ख) आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजनांतर्गत वर्ष 2022-23 से नवम्‍बर 2025-26 तक राशि रू. 5418.98 लाख व्‍यय की गई। मुख्‍यमंत्री डेयरी प्‍लस योजनांतर्गत कुल राशि रू.37.05 करोड़, मुख्‍यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजनांतर्गत राशि रू.40.42 करोड़ व्‍यय अद्यतन स्थिति में किया जा चुका है। डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर कामधेनू योजनांतर्गत राशि रू.19.58 करोड़ नोडल बैंक (कैनरा बैंक) को अनुदान की राशि आंतरित की गई है। (ग) आचार्य विद्यासागर योजनांतर्गत वर्ष 2022-23 से नवम्‍बर 2025-26 तक 4798 हितग्राही, मुख्‍यमंत्री डेयरी प्‍लस योजनांतर्गत वर्ष 2022-23 से नवम्‍बर 2025-26 तक कुल 2253 हितग्राही एवं मुख्‍यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजनांतर्गत वर्ष  2022-23 से नवम्‍बर 2025-26 तक कुल 1426 हितग्राही एवं डॉ.भीमराव अम्‍बेडकर कामधेनू योजनांतर्गत 04 हितग्राहियों को बैंकों द्वारा स्‍वीकृति प्रदान की गई है। (घ) प्रदेश में वर्ष 2023-24 में दुग्‍ध उत्‍पादन 21326.38 हजार मैट्रिक टन एवं वर्ष 2024-25 में 22663.00 हजार मैट्रिक टन हुआ है। वृद्धि दर 6.27 है।

अनुसूचित जाति छात्रावास में अधीक्षक की नियुक्ति‍

[अनुसूचित जाति कल्याण]

2. ( क्र. 32 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति छात्रावास में केवल अनुसूचित जाति वर्ग के अधीक्षक को नियुक्त करने के नियम/निर्देश अथवा परिपत्र में आदेश हैं। (ख) यदि हाँ, तो क्या रतलाम जिले के सभी अजा अछात्रावास में अनुसूचित जाति वर्ग के अधीक्षक नियुक्त हैं। (ग) यदि नहीं, तो शासनादेश के अलावा कितने समय से अन्य वर्ग के अधीक्षक जिला स्तर के अधिकारी के आदेश से नियुक्त हैं। (घ) नियुक्ति‍ के नियम/निर्देश अथवा परिपत्र में आदेश का उल्लंघन कर किए गए छात्रावास अधीक्षकों की नियुक्ति रद्द करेंगे(ड.) क्या नियम/निर्देश अथवा परिपत्र में आदेश का उल्लंघन करने वाले अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार  है। (घ) एवं (ड.) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चार"

निलम्‍बन उपरांत बहाल कर पदस्‍थ किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

3. ( क्र. 35 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऐसे कितने मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी है जिन्‍हें निलम्‍बन के उपरांत बहाल कर जिला नर्मदापुरम के अन्‍तर्गत आने वाली नगर परिषद एवं नगर पालिकाओं में वर्ष 2024-25 में मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी के पद पर पदस्‍थ किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पदस्‍थ किये गये मुख्‍य नगरपालिका अधिकारियों के निलम्‍बन का क्‍या कारण था तथा निलम्‍बन के समय ये किस निकाय में पदस्‍थ थे? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जिन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारियों पर निलम्‍बन का प्रकरण शासन स्‍तर पर विचाराधीन है? क्‍या उन्‍हें पुन: सी.एम.ओ. के पद पर पदस्‍थ किया जाना नियमानुसार था? यदि हाँ, तो नियम बतायें। नहीं तो इसके लिये कौन उत्‍तरदायी है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) 02 मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी। क्रमश: 01 - श्री निशांत श्रीवास्तव सीएमओ को संचालनालय के आदेश क्रमांक 25407 दिनांक 02.12.2024 द्वारा निलंबन से बहाल कर नगर परिषद बनखेड़ी जिला नर्मदापुरम में पदस्‍थ किया गया है। पत्र की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -01  अनुसार है। 02- सुश्री रीना राठौर मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी को संचालनालय के आदेश क्रमांक 1415 दिनांक 07-01-2025 द्वारा निलंबन से बहाल कर नगर परिषद सुहागपुर जिला-नर्मदापुरम में पदस्थ किया गया था। उक्‍त आदेश को संशोधित करते हुए संचालनालय के आदेश क्रमांक 1564 दिनांक 17-01-2025 द्वारा सुश्री रीना राठौर को मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद सुहागपुर जिला नर्मदापुरम के स्थान पर मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद भैंसदेही जिला बैतूल पदस्थ किया गया है। पत्र की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- 02  अनुसार है। (ख) 01- श्री निशांत श्रीवास्तव मुख्य नगर पालिका अधिकारी को सी.एम. हेल्पलाइन प्रकरण एवं अन्य शासकीय कर्तव्‍यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के कारण संभागीय आयुक्त जबलपुर संभाग के आदेश क्रमांक 1172 दिनांक 22.10.2024 द्वारा निलंबित किया गया था। निलंबन के समय श्री निशांत श्रीवास्‍तव मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद बालाघाट में पदस्थ थे। 02- सुश्री रीना राठौर मुख्य नगर पालिका अधिकारी को संचालनालय के आदेश क्रमांक 20341 दिनांक 24.09.2024 द्वारा नामांतरण प्रकरणों की स्‍वीकृति, भवन निर्माण की अनुमति, ठेकेदारों के देयकों का भुगतान एवं सामग्री क्रय में भ्रष्‍टाचार किये जाने की शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ म.प्र. को की गयी थी। जिसके फलस्‍वरूप उन्‍हें निलंबित किया गया था। निलंबन के समय सुश्री रीना राठौर मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद चन्‍देरी जिला अशोकनगर में पदस्‍थ थी। (ग) प्रश्‍नांश ()  में उल्‍लेखित सीएमओ का निलंबन प्रकरण शासन स्‍तर पर विचाराधीन नहीं है। जी हाँ, म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9 के उपनियम (5) में प्रावधान वर्णित है। नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- 03 अनुसार  है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

टोल प्लाजा पर टोल टैक्स बंद किया जाना

[लोक निर्माण]

4. ( क्र. 45 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा मान. मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित पत्र क्रमांक/557 दिनांक 04.09.2025, पत्र क्रमांक/571 दिनांक 09.09.2025 एवं आयुक्त नर्मदापुरम, कलेक्टर जिला हरदा, क्षेत्रीय अधिकारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भोपाल एवं प्रबंधक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण हरदा को प्रेषित किए गए पत्र क्रमांक/657 दिनांक 11.10.2025 पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या निर्माणाधीन नेशनल हाईवे जिसका कार्य पूर्ण नहीं हुआ है पर टोल टैक्स वसूली का कार्य किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत, नियमावली की प्रति उपलब्ध करावे। (ग) यदि नहीं, तो नेशनल हाईवे फोर लेन सड़क मार्ग पर खातेगांव ननासा बरबईखेड़ा के पास टोल कम्पनी द्वारा किस नियम के तहत लोगों से टोल टैक्स वसूला जा रहा है? नियम विरूध टोल टैक्स वसूली करने वाले टोल प्लाजा एवं दोषी विभागीय अधिकारियों पर शासन स्तर से क्या कार्यवाही की जावेगी?                       (घ) NHAI हरदा के पत्र क्रमांक 7503, दिनांक 08.10.2025 अनुसार ट्रैक्टर कंबाइन हार्वेस्टरों को बिना कोई टोल लिए मुफ्त रास्ता दिया जाना चाहिए परन्तु खातेगांव ननासा बरबईखेड़ा के पास कम्पनी द्वारा नियम विरूध ट्रैक्टर कंबाइन हार्वेस्टरों से टोल वसूली की जा रही है। जिसकी शिकायत प्रश्‍नकर्ता द्वारा हरदा कलेक्टर सहित विभागीय अधिकारियों से की गई है। इस पर शासन द्वारा टोल कम्पनी पर क्या कार्यवाही की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :  (क) से (घ) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

निर्माण कार्यों के ई-भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

5. ( क्र. 65 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिका परिषदों एवं नगर निगमों में निर्माण कार्यों के भुगतान हेतु स्पर्श पोर्टल के माध्यम से ठेकेदारों को राशि का भुगतान किया जा रहा हैं यदि हाँ, तो किस नियम के तहत यह भुगतान हो रहे है? (ख) क्‍या वर्तमान में मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी एवं अध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से ही भुगतान का नियम है, यदि हाँ, तो क्‍या इस नियम में संशोधन किये बगैर स्पर्श पोर्टल के माध्‍यम से भुगतान किया जा रहा हैं? यह किस नियम के तहत चालू किया गया हैं? (ग) क्या लेखा नियम और नगर पालिका अधिनियम में स्पर्श पोर्टल से पेमेंट भुगतान का प्रावधान है यदि हाँ, तो इसकी सत्‍य प्रमाणित प्रति प्रदान करें एवं यदि नहीं, तो फिर बिना प्रावधान के इस प्रकार के भुगतान किये जाने हेतु कौन जिम्‍मेदार हैं, क्‍या संबंधित के उत्‍तरदायि‍त्व का निर्धारण किया जावेगा, यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों? (घ) क्‍या स्पर्श पोर्टल में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी एवं अध्‍यक्ष के अधिकारों को शिथिल करते हुये ज्‍वाइंट डायरेक्‍टर को DDO बनाया गया यदि हाँ, तो किस नियम के तहत?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल के परिपत्र क्रमांक 1508/आर- 2190396/2024/ब-1/चार, दिनांक 02.12.2024 के निर्देश के अनुक्रम में भारत सरकार की ऐसी योजनायें जो केन्द्र प्रवर्तित है, उनका भुगतान SNA Sparsh के माध्यम से किया जा रहा है। नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वित्तीय शक्ति संबंधी कोई भी अधिकार संशोधित नहीं किए गये है। SNA Portal पर भुगतान भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार किये जा रहे है। (ग) जी नहीं। भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरुप भुगतान की कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। केवल कोषालय के माध्यम से राशि आहरण करने हेतु संयुक्त संचालक को DDO बनाया गया है।

सीएम हेल्‍प लाइन की शिकायत नस्‍तीबद्ध करने की जांच

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( क्र. 88 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सी.एम. हेल्‍प लाइन की शिकायत क्र. 26129448 को बिना जांच नस्‍तीबद्ध करने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा की गई शिकायत के संबंध में मुख्‍य सचिव महोदय द्वारा अपने पत्र क्रमांक 12701/वि.क.अ./मु.स./2025 दिनांक 26.08.2025 से अपर मुख्‍य सचिव नगरीय विकास एवं आवास एवं अपर मुख्‍य सचिव, लोक सेवा प्रबंधन को लिखा गया था? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित शिकायत के संबंध में आयुक्‍त, नर्मदापुरम संभाग द्वारा कलेक्‍टर नर्मदापुरम एवं आयुक्‍त, नगरीय प्रशासन को जांच/कार्यवाही कर अवगत कराने हेतु लिखा गया था? (ग) सी.एम. हेल्‍पलाइन द्वारा सीमांकन के निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करावें। सीमांकन कब, किसके द्वारा कराया गया? सीमांकन में कौन से तथ्‍य प्रकाश में आयेप्रकाश में आये तथ्‍यों पर क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जी हाँ।            (ग) तहसीलदार नर्मदापुरम नगर द्वारा आदेश क्र./1895/प्रवा.1/तह./2025 दिनांक 17.11.2025 से सीमांकन के लिए दल गठित किया गया है। जिसकी प्रति  संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार  है। गठित दल का प्रतिवेदन अपेक्षित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पांच"

सोनासांवरी इटारसी में निर्माणाधीन ROB की डिजाइन

[लोक निर्माण]

7. ( क्र. 89 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनासांवरी इटारसी में निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज के किस डिजाइन का प्रस्‍ताव शासन द्वारा कब स्‍वीकृत किया गया। डिजाइन की फोटो प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या मूल डिजाइन को परिवर्तित किया एवं‍ परिवर्तित डिजाइन की मैनिट भोपाल से जांच कराई गयी थी? (ग) यदि हाँ, तो मैनिट भोपाल द्वारा की गई जांच रिपोर्ट उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित आर.ओ.बी. की तीसरी भुजा की डिजाइन कब तक दी जावेगी? इस भुजा का कार्य अभी तक प्रारंभ न होने के क्‍या कारण है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) आर.ओ.बी. एल.सी. क्र. 226 सोनासांवरी इटारसी मार्ग में निर्माणाधीन कार्य की डिजाइन (जी.ए.डी.) दिनांक 27.02.2023 को स्वीकृत हुई है। स्वीकृत ड्राईंग (जी.ए.डी.) की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) जी हाँ, मैनिट भोपाल की जांच रिपोर्ट पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) मूल प्रस्ताव अनुसार तीसरी भुजा में आर.ओ.बी. के ऊपर जंक्शन बनने के कारण उस पर दुर्घटनाओं की संभावना है। अन्य वैकल्पिक तीसरी भुजा में भी आर.ओ.बी. के ऊपर एवं सड़क के जंक्शन पर भी दुर्घटनाओं की संभावना है। अतः फिजिबिलिटी परीक्षण के उपरांत तीसरी भुजा के संबंध में निर्णय लिया जा सकेगा। निश्‍िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

निर्माण कार्यों की जानकारी

[लोक निर्माण]

8. ( क्र. 135 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा टिमरनी अंतर्गत विगत 02 वर्षों में लोक निर्माण विभाग द्वारा कितने नवीन सड़कें/भवन स्वीकृत किये है जितनों का कार्य पूर्ण हो चुका है  इसकी टी.एस. एवं डी.पी.आर. की प्रतियाँ भी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित सड़क/भवन के निर्माण में क्या कार्यादेश जारी किया गया है एवं राशि निर्माणकर्ता एजेंसी को जारी कर दी गई है? जानकारी दिनांक, राशि, फर्म का नाम, बिल नंबर, व्हाउचर नंबर सहित देवें? कार्यादेश एवं निर्माण एजेंसी के अनुबंध की सत्यप्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित सड़क/भवन के निर्माण में यदि ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया है, तो उससे कितना अर्थदण्ड वसूल किया गया है अथवा उसे जिले के अन्य निर्माण कार्यों हेतु ब्लैक लिस्टेड किया गया है? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) ठेकेदार द्वारा लापरवाही करने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि कोई कार्यवाही की गई है, तो किये गये पत्राचारों की छायाप्रति देवें। यदि नहीं, तो ऐसे अधिकारी के विरूद्ध विभाग मुख्यालय द्वारा क्या कार्यवाही की है, अवगत करावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। तकनीकी स्वीकृति एवं डी.पी.आर. की प्रतियाँ  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है एवं म.प्र. सड़क विकास निगम, संभाग-नर्मदापुरम अंतर्गत 01 मार्ग (नर्मदापुरम-टिमरनी मार्ग) हाईब्रिड एन्‍यूटी मॉडल (HAM) योजनांतर्गत स्‍वीकृत हुआ है, जिसकी निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्यादेश एवं अनुबंधों की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है एवं नर्मदापुरम टिमरनी मार्ग की निविदा दिनांक 09.09.2025 को जारी की जाकर वित्‍तीय निविदा खोली गई। निविदा स्‍वीकृत की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।           (घ) लापरवाही नहीं की गई है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निजी भूमि पर निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

9. ( क्र. 196 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 1679 दिनांक 17/03/2025 के प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर में जी नहीं। जी हाँ। दिनांक 09/02/2023 को रेल्वे द्वारा अपने स्वयं की भूमि 23765 वर्गमीटर निकाय को आधिपत्य में कितने वर्ष हेतु उपलब्ध करायी गई है? नगर पालिका के आधिपत्य रेल्वे ओव्हर ब्रिज पहुंच मार्ग की सम्पूर्ण रेल्वे भूमि का सर्वे नम्बर, रकबा सहित विवरण दें। (ख) क्या नगर पालिका अधिकारियों द्वारा राजस्व अधिकारियों को न बुलाते हुए सिर्फ रेल्वे अधिकारियों से                सांठ-गांठ करके ओव्हर ब्रिज पहुंच मार्ग पर अतिक्रमणकर्ताओं की भूमि को बचाते हुए निजी भूमि को रेल्वे की भूमि दर्शाकर कब्जा ले लिया है? (ग) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 1679 दिनांक 17/03/2025 के प्रश्‍नांश (घ) के उत्तर में बताया गया कि लैंक्सेस उद्योग द्वारा गार्डन में लगे 42 सोलर लाईट हेतु वर्ष 2023-24 में 89,12,818/- 2024-25 में 6,00,647/-  कुल 95,12,465/- रूपये खर्च बताया गया है? यदि हाँ, तो बिल की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए इसमें हुए भ्रष्टाचार की शासन जाँच करेगा? विवरण दें। (घ) रेल्वे की भूमि पर पार्क निर्माण हेतु नगर पालिका द्वारा आनंद बिल्डकॉन के 82,14,335/- व दिनांक 03/07/2023 के 78.49 लाख के स्वीकृत टेण्डर व अन्य टेण्डर कार्यादेश अनुसार क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के किए गए है? विवरण दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2026 तक लीज पर उपलब्‍ध कराई गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। गार्डन में लाईट लगाने का कार्य लैंक्‍सेस इंडिया प्रा.लि. द्वारा सी.एस.आर. के तहत करवाया गया है। नगर पालिका परिषद नागदा द्वारा इस कार्य का कोई भी भुगतान नहीं किया गया है। जिससे शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "छ:"

नगर निगम भोपाल की जन्‍म/मृत्‍यु शाखा में व्‍याप्‍त अनियमितताएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( क्र. 207 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल अन्तर्गत जन्म/मृत्यु शाखा में विगत 1 वर्ष से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कार्यरत  रजिस्ट्रार/उप रजिस्ट्रार/अधिकारियों/ कर्मचारियों नियमित/ विनियमित/दैनिक वेतन भोगियों के मूल पदों सहित सम्पूर्ण सूची उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या जन्म/मृत्यु शाखा में पदस्थ कई अधिकारियों/कर्मचारियों पर लोकायुक्त/न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के उपरान्त उनके द्वारा भी जन्म/मृत्यु शाखा में उच्च पदों पर पदस्थ होकर सेवायें दी जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या लोकायुक्त/माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन रहते हुये अधिकारियों/कर्मचारियों से शासकीय सेवायें लिये जाने का नियम/प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम/प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्या ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिये क्षेत्रीय पार्षद/वार्ड प्रभारी के प्रमाण पत्र लिये जाने संबंधी नियम है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने हेतु संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा क्षेत्रीय पार्षद या वार्ड प्रभारी के प्रमाण पत्र क्यों लिये जा रहे  है? स्‍पष्‍ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जन्म-मृत्यु शाखा में नगर निगम, भोपाल के जो कर्मचारी पदस्थ है  जानकारी पुस्‍तकालय में  रखे परिशिष्ट '''' अनुसार  है। (ख) उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर वर्तमान में श्री सत्य प्रकाश बड़गैया राजस्व निरीक्षक प्रभारी रजिस्ट्रार के पद पर पदस्थ है। यह सही है कि उनके विरूद्ध लोकायुक्त कार्यालय में प्रकरण विचाराधीन है। (ग) लोकायुक्त/माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन रहते हुए अधिकारियों/कर्मचारियों से शासकीय सेवायें न लिये जाने संबंधी कोई अवरोध नियमों में उल्लेखित नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) नगर निगम भोपाल क्षेत्र में जन्म एवं मृत्यु के पंजीकरण संबंधी कार्यवाही Registration of Births and Deaths Act 1969 तथा उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के प्रावधानों के अनुरूप की जाती है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  '''' अनुसार  है। कार्यालय नगर पालिक निगम, भोपाल के सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र 714/साप्रवि/2020 दिनांक 27.08.2020 के परिपालन में अभिलेखों में प्रविष्टियों की शुद्धता बनाए रखने एवं संभावित धोखाधड़ी/फर्जी पंजीकरण की रोकथाम के उद्देश्‍य से गार्ड प्रभारी द्वारा स्थानीय लोगों की गवाही वाला पंचनामा आवेदन के साथ प्रस्तुत कराए जाने की व्यवस्था की गई है एवं वर्तमान में नगर निगम परिषद कार्यकाल आरंभ होने की स्थिति में नवीन प्रणाली अंतर्गत पार्षद द्वारा जन्म एवं मृत्यु होने की स्थिति में प्रमाण पत्र लिया जाता है पृथक से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिये क्षेत्रीय वार्ड/पार्षद/वार्ड प्रभारी के प्रमाण पत्र लिये जाने संबंधी नियम उपलब्ध नहीं है। नगर निगम भोपाल द्वारा अपनाई गई उपरोक्त व्यवस्था का उद्देश्‍य केवल अभिलेखों की शुद्धता, पारदर्शिता एवं संभावित फर्जी प्रविष्टियां की रोकथाम सुनिश्‍िचत करना है, न की आम नागरिकों के लिए अनावश्यक बाधा उत्‍पन्‍न करना।

फर्जी देयक प्रस्‍तुत करने पर वैधानिक कार्यवाही

[लोक निर्माण]

11. ( क्र. 286 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल द्वारा अपने पत्र दिनांक 04.08.2025, 15.09.2025 एवं 14.10.2025 द्वारा अमानगंज-गुनौर के कि.मी. 5/10 से तुन्ना मेहदवा वाया टौराहा पुरवा मार्ग के संविदाकार द्वारा देयक प्रस्तुत करने के संबंध में संविदाकार के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करते हुए 3 दिवस के अन्दर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो पत्र दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश () में उल्लेखित पत्रों के परिपालन में मुख्य अभियंता, सागर परिक्षेत्र सागर के पत्र क्र. 3618 दिनांक 28.10.2025 द्वारा पन्ना में अमानगंज गुनौर मार्ग के कि.मी. 5/10 से तुन्ना मेहदवां वाया टौराह पुरवा मार्ग लंबाई 10.40 कि.मी. के छठवें चलित देयक राशि रु. 38,95,428.00 दिनांक 26.03.2024 की जांच हेतु श्री अनिल कुमार आठिया, अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग नौगांव मंडल नौगांव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय जांच समिति द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन से सहमत होते हुए मुख्य अभियंता, सागर परिक्षेत्र सागर पत्र क्र. 3781 दिनांक 13.11.2025 द्वारा प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किया गया है। उक्त प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है।

सड़क एवं पुल निर्माण की स्वीकृति

[लोक निर्माण]

12. ( क्र. 287 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना विधानसभा अन्तर्गत इटवाकलां-मडैयन स्वीकृत मार्ग के निर्माण की स्वीकृति वन विभाग से एनओसी प्राप्त न होने के कारण पुनः इटवाकला-मडैयन-बांधीकला नवीन एकरूपण मार्ग निर्माण स्वीकृति के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र क्रमांक 2465/सीएमएस/ एसडीके/2025 दिनांक 30.10.2025 को प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग भोपाल को प्रेषित किया गया था? (ख) क्या पन्ना विधानसभा अन्तर्गत बिलहरी घाट का पुल एवं खोरा भदैया पुल के पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति एवं बंधा बरियारपुर से बांध के नीचे पुल निर्माण तथा दसईपुरा से ललार के बीच केन नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति हेतु माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र क्रमांक 2412/सीएमएस/एसडीके/2025 दिनांक 28.10.2025 को प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग भोपाल को प्रेषित किया गया था? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि हाँ, है तो उक्त कार्यों की स्वीकृति प्रदाय किये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई? कब तक स्वीकृति प्रदाय की जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पुल आगामी सक्षम वित्तीय व्यय समिति में प्रस्‍तावित एवं प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित बधा बरियापुर से बांध के नीचे पुल निर्माण सक्षम वित्तीय व्यय समिति में बजट के परिक्षित मद में सम्मिलित किये जाने हेतु अनुमोदित है। दसईपुरा से ललार के बीच केन नदी पर पुल निर्माण राज्य बजट में सम्मिलित नहीं है। अतः वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

टिगरिया-रसलपुर एवं सिरोल्या-बांगरदा-कोकलाखेड़ी सड़क का निर्माण

[लोक निर्माण]

13. ( क्र. 341 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र हाटपिपल्या में टिगरिया-रसलपुर एवं सिरोल्या-बांगरदा-कोकलाखेड़ी सड़क कब स्वीकृत हुई थी? कब तक इनका निर्माण होना था एवं वर्तमान में इसकी क्या स्थिति है? पूर्व में टिगरिया-रसलपुर सड़क का निर्माण बहुत ही निम्न स्तर का होने से इसकी जांच भी की गई थी। उस जांच में क्या पाया गया? साथ ही उक्त दोनों सड़कों का निर्माण कब तक पूर्ण होगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जी नहीं, प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "सात"

मिनी स्टेडियम को नष्ट करने का प्रयास

[नगरीय विकास एवं आवास]

14. ( क्र. 380 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर निगम सीमा के अंतर्गत पेयजल संकट से निपटने के लिए अमृत 2.0  योजना में कितनी पानी की टंकी बनना प्रस्तावित हैं। (ख) जबलपुर शहर के किन-किन विधानसभा में कितनी पानी की टंकी बनना है? टंकियां बनने के लिए विधानसभावार कौन-कौन से स्थान चिह्नित किये गये है। (ग) क्या जबलपुर स्थित करिया पाथर श्मशान घाट के पास 4.21 लाख की लागत से स्मार्ट सिटी के अंतर्गत नव निर्मित मिनी स्टेडियम को पानी की टंकी के निर्माण के लिए खोद डाला गया है। (घ) यदि हाँ, तो 4.21 लाख रूपये की लागत से नव निर्मित स्टेडियम के स्वरूप को नष्ट करने की साजिश में कौन-कौन अधिकारी दोषी है। उक्त संबंध में की गयी शिकायत पर क्या कार्यवाही की गयी? (ड.) क्या इसी प्रकार लाल बहादुर शास्त्री वार्ड स्थित टेढ़ी नीम के पास चौधरी समाज (अनुसूचित जाति) के शिशु मुक्तिधाम के लिए हाई कोर्ट के निर्देश पर जिला प्रशासन के द्वारा चौधरी समाज को भूमि आवंटित की गई है। जिसे अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत पानी की टंकी के निर्माण के नाम पर खोद डाला गया है। (च) इसमें ठेकेदार और            कौन-कौन अधिकारी दोषी है। उक्त संबंध में की गयी शिकायत पर क्या कार्यवाही की गयी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अमृत 2.0 में नगर निगम जबलपुर सीमा के अंतर्गत 18 पानी की टंकियों का निर्माण प्रस्‍तावित है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, मिनी स्‍टेडियम की रिक्‍त भूमि पर टंकी निर्माण के लिये खुदाई की गई है। (घ) उत्‍तरांश ()  के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। शिकायत प्राप्‍त होने पर कार्य बंद कर दिया गया है। (ड.) अमृत 2.0 योजना अंतर्गत पानी की टंकी निर्माण हेतु कलेक्‍टर कार्यालय जिला जबलपुर के पत्र क्र. 2516/प्रवा.अपर.कले./01.05.2025 के अनुसार मौजा गोहलपुर खसरा नं. 371/1 रकवा 40.646 हेक्‍टेयर शासकीय में से 0.14 हेक्‍टेयर भूमि नगर पालिक निगम जबलपुर को भूमि आवंटन के उपरांत ही निर्धारित स्‍थान पर पानी की टंकी निर्माण के लिये खुदाई का कार्य प्रारंभ किया गया है। (च) उत्‍तरांश (ड.) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। शिकायत प्राप्‍त होने पर कार्य बंद कर दिया गया है।

परिशिष्ट - "आठ"

नगर निगम भोपाल द्वारा आयोजनों पर किए गए व्यय

[नगरीय विकास एवं आवास]

15. ( क्र. 477 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल ने 1 अप्रैल 2024 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक शासकीय आयोजनों पर कितनी राशि व्यय की है? आयोजन कार्य में होने वाले व्यय का भुगतान किन-किन संस्था/ठेकेदार को किया गया है राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में साज सज्जा, विद्युतीकरण एवं निर्माण कार्य में कितनी राशि व्यय की गई है कार्य का भुगतान किन संस्था/ठेकेदारों को किया गया है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।

वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए बनाए गए उम्मीद पोर्टल

[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]

16. ( क्र. 478 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारत सरकार द्वारा बनाये गए उम्मीद पोर्टल पर मध्य प्रदेश वक़्फ बोर्ड द्वारा दर्ज की गई कुल वक्‍फ  की गई संपत्तियों का ब्यौरा प्रदान करें। भारत सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए बनाए गए उम्मीद पोर्टल में आ रही परेशानियों को लेकर केंद्र सरकार या केंद्रीय वक्फ कौंसिल को मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा लिखे गए पत्रों की प्रमाणित प्रति प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में केंद्र सरकार या केंद्रीय वक्फ कौंसिल द्वारा दिए गए जवाबों की प्रमाणित प्रति प्रदान करें। (ग) मध्यप्रदेश अल्पसंख्यक व पिछड़ा विभाग के आयुक्त द्वारा केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए वक़्फ संपत्तियों को दर्ज करने के उम्मीद पोर्टल में मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ संपत्तियों को दर्ज करने में आ रही परेशानियों के संबंध में केंद्र सरकार को किए गए पत्राचार की प्रमाणित प्रति प्रदान करें। (घ) मध्य प्रदेश अल्पसंख्यक व पिछड़ा विभाग के आयुक्त द्वारा केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए वक़्फ संपत्तियों को दर्ज करने के उम्मीद पोर्टल में मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ संपत्तियों को दर्ज करने में आ रही परेशानियों के संबंध में किए गए पत्राचार पर केंद्र सरकार द्वारा दिए गए जवाबों की प्रमाणित प्रति प्रदान करें।

राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) भारत सरकार द्वारा बनाये गए उम्‍मीद पोर्टल पर मध्‍यप्रदेश वक्‍फ बोर्ड द्वारा दर्ज की गई कुल वक्‍फ की संपत्तियों का ब्‍यौरा  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- 1 अनुसार है। भारत सरकार द्वारा वक्‍फ संपत्तियों के रजिस्‍ट्रेशन के लिए बनाए गए उम्‍मीद पोर्टल में आ रही परेशानियों को लेकर केंद्र सरकार या केंद्रीय वक्‍फ कौंसिल की पत्रों की प्रमाणित प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- 2 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में केन्‍द्र सरकार या केन्‍द्रीय वक्‍फ कौंसिल द्वारा दिए गए जवाबों की प्रमाणित प्रति  पुस्‍तकालय में  रखे परिशिष्ट -3 अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक। पूरक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- 4 अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। पूरक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- 4 अनुसार ही है।

छात्रवृत्ति की अन्‍तर की राशि का भुगतान

[अनुसूचित जाति कल्याण]

17. ( क्र. 519 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर (जनजातीय कार्य विभाग तथा अनुसूचित जाति विकास) जिला इंदौर म.प्र. से एम.बी.बी.एस. कोर्स प्रवेशित वर्ष 2019 में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को राशि कम स्वीकृत होने के फलस्वरुप पूर्ण राशि स्वीकृत करने के संबंध में छात्रों की अंतर राशि का भुगतान किये जाने हेतु पोर्टल पर उचित प्रावधान करने अथवा जिला शिक्षा अधिकारी आफलाईन भुगतान की अनुमति के साथ बजट उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध विभाग से किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या जानबूझकर निर्धारित राशि से कम राशि स्वीकृत व भुगतान किये जाने पर अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र जो एम.बी.एस. कोर्स पूर्ण करने के बाद भी इन्डेक्स मेडिकल कॉलेज इंदौर द्वारा छात्रों को आई. सी.सी. और परमानेंट डिग्री संस्थानों द्वारा छात्रों को अभी तक प्रदाय नहीं की गई है? (ग) क्या समय पर छात्रवृत्ति/शिष्यवृत्ति भुगतान नहीं करने वाले दोषी अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध एक्ट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्यवाही किये जाने के शासन के निर्देश है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी तथा प्रश्‍नांश (क) के संबंध में कब तक सभी छात्रों की अंतर की राशि का भुगतान कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें।

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, पत्रों की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट  अनुसार  है। (ख) जी नहीं, पोर्टल पर गलत फीस अपलोड होने से भुगतान संभव नहीं हुआ है, ऑफलाइन भुगतान की अनुमति दी गई है। (ग) जी नहीं, उत्‍तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही किये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बायपास सड़क निर्माण कार्य की जांच

[लोक निर्माण]

18. ( क्र. 520 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर अंतर्गत मोजर-बेयर से अपशिष्ट पदार्थों राखड़ (डस्ट) की ढोने के लिये सॉधा अनूपपुर मार्ग से जैतहरी मोजर-बेयर तक भारी वाहनों का आवागमन होता है। जिससे शहर में आवागमन की असुविधा व आये दिन भारी वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिये कटनी गुमला NH-43 मुख्य मार्ग पसला वनबाँधा होते हुये भगतबाँध हर्री के पास अनूपपुर जैतहरी मुख्य मार्ग को जोड़ने के लिये बाय पास सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार बायपास सड़क की लागत राशि, कॉन्‍ट्रेक्टर का नाम कार्य स्वीकृत दिनांक, कार्य पूर्णता का समय-सीमा, गुणवत्ता नियंत्रण, परियोजना की मंजूरी, भूमि अधिग्रहण की जानकारी भुगतान सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या बायपास सड़क निर्माण कार्य शासन के निर्धारित मापदण्ड के अनुसार कॉन्ट्रेक्टर के द्वारा नहीं कराया जा रहा है तथा उसके द्वारा तानाशाही पूर्वक कार्य करने गुणवत्ताहीन अमानक सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है? जिसकी शिकायतें की गई है यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उच्च स्तरीय जाँच कमेटी गठित कर जाँच करायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार सड़क निर्माण कार्य की जाँच कराकर जानकारी उपलब्ध करावे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) अनूपपुर बायपास सड़क निर्माण में शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डानुसार कार्य कराया जा रहा है, समय-समय पर अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री द्वारा मार्ग निरीक्षण किया जाकर गुणवत्ता की जाँच की जाती है एवं शासन द्वारा निर्धारित मण्डल स्तरीय अनुसंधान प्रयोगशाला लोक निर्माण विभाग शहडोल एवं एन.ए.बी.एल. प्रयोगशाला से मटेरियल टेस्टिंग कराए जाने के उपरांत ही कार्य कराया जा रहा है। अतः जांच से संबंधित प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "नौ"

धार नगर के मास्टर प्लान

[नगरीय विकास एवं आवास]

19. ( क्र. 533 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार की अमृत योजना की उपयोजना अंतर्गत धार नगर की जी.आई.एस. आधारित पुनर्विलोकित विकास योजना तैयार किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जिला स्तर से इस मास्टर प्लान की बैठक कर अनुशंसा सहित प्रकरण राज्य शासन को प्रेषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो प्रकरण कब भिजवा दिया गया था तथा वर्तमान में किस स्तर पर विचाराधीन है? (ग) क्या धार मेडिकल कॉलेज तथा थोक सब्जी मण्डी जैसी प्रमुख विकासोमुखी योजनाएं, प्रचलित मास्टर प्लान में अधिकतर भूमियां कन्जर्वेशन में होने के कारण इन विकास कार्यों की अनुमति प्राप्त नहीं होने के कारण अटकी हुई है? क्या धार नगर के प्रचलित मास्टर प्लान में सर्वाधिक क्षेत्र कन्जर्वेशन में है जबकी अन्य आस-पास के नगरों के मास्टर प्लान में कन्जर्वेशन नाम से भूमियों को चिन्हांकित नहीं किया गया है? (घ) विभाग द्वारा धार नगर का नवीन मास्टर प्लान कब तक लागू किया जाएगा तथा नगर में कन्वर्जेशन क्षेत्र के कारण विकासोमुखी योजनाओं का काम रूका हुआ है, क्या उन योजनाओं और विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से कुछ कन्वर्जेशन क्षेत्र को मुक्त किया जावेगा? जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। क्षेत्रीय स्‍तर के प्रमुख विकासोमुखी परियोजनाओं के लिए म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा-23-क (1) (क) के तहत प्रचलित विकास योजना में उपांतरण के प्रावधान है। धार विकास योजना 2021 में 820 हेक्‍टेयर भूमि कन्‍जर्वेशन भूमि उपयोग हेतु निर्दिष्‍ट है। अन्‍य नगरों की विकास योजनाओं में जलाशय होने की स्थिति में जलाशयों को संरक्षित करने के उद्देश्‍य से इनके प्रभाव क्षेत्र को संरक्षित क्षेत्र के रूप में विकास योजना में आरक्षित ‍किया जाता है। (घ) धार विकास योजना-2041 का प्रारूप तैयार ‍किया जा रहा है, समय-सीमा बताई जाना सम्‍भव नहीं है। प्रमुख विकासोमुखी परियोजनाओं के लिए म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा-23-क (1) (क) के तहत प्रचलित विकास योजना में उपांतरण के प्रावधान है।

पीथमपुर क्षेत्र में निर्माणाधीन इण्डोरामा ब्रिज

[लोक निर्माण]

20. ( क्र. 535 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पीथमपुर क्षेत्र के इण्डोरामा में निर्मित हो रहे ब्रिज की सर्विस रोड नहीं होने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा पत्र लिखा गया है तथा क्या क्षेत्रीय जनता द्वारा भी जनसुनवाई में इस विषयक शिकायत दर्ज करवाई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या संभागीय प्रबंधक, म.प्र.स.वि.नि.लि. संभाग इन्दौर-2 के पत्रानुसार अनुबंध में प्रावधानित 857.50 मीटर लम्बी सर्विस रोड के विरूद्ध 271.76 मीटर लम्बाई में सर्विस लेन का निर्माण किया था जो औद्योगिक क्षेत्र के भारी वाहनों के दबाव में ध्वस्त हो गयी है। (ग) यदि हाँ, तो क्‍या 271.76 मीटर लम्बी यह सड़क इतनी स्तर हीन थी जो निर्माण के दौरान ही ध्वस्त हो गई? या उक्त 271 मीटर सर्विस लेन का निर्माण ही कभी नहीं किया गया? स्थिति स्पष्ट करें। (घ) क्या विभाग इस ओवर ब्रिज में निर्माण पश्‍चात औद्योगिक क्षेत्र के भारी यातायात को दृष्टिगत रखते हुए, ब्रिज व इसकी सर्विस रोड की गुणवत्ता की गारंटी देगा?                    (ङ) नवीन प्रस्ताव अनुसार जो सर्विस रोड निर्मित किया जावेगा वह औद्योगिक भारी यातायात के दबाव में लम्बे समय तक सेवा दे सके इसके लिये क्या तकनीकी मापदण्ड निर्धारित किये जा रहे है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। सर्विस मार्ग का निर्माण अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा था, परन्‍तु पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के भारी वाहनों के दवाब से डामरीकृत सर्विस मार्ग क्षतिग्रस्‍त हुआ। (घ) सर्विस मार्ग की डामरीकृत सतह के स्‍थान पर सीमेंट कांक्रीट का प्रावधान किया गया है। अनुबंध के प्रावधान अनुसार फ्लाय ओव्‍हर एवं सर्विस मार्ग कार्य की ठेकेदार की दोष दायित्‍व अवधि में 10 वर्ष तक है। (ड.) जी हाँ, निगम द्वारा डामरीकृत सतह के स्‍थान पर सीमेंट कांक्रीट सतह का पुन: प्रावधान किया गया है।

33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना

[ऊर्जा]

21. ( क्र. 628 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बरोदियाकलां में किसानों की सुविधा हेतु 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र की स्थापना एवं लोंगर में स्थापित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र में एक अतिरिक्त 5 एम.व्ही.ए. पॉवर ट्रांसफार्मर स्थापना हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा विभागीय अधिकारियों से पत्राचार के माध्यम से एवं विधानसभा के माध्यम से कब-कब की गई? क्या उक्त नवीन उपकेन्द्र एवं पॉवर ट्रांसफार्मर की आवश्यकता विगत कुछ वर्षों से सीजन के दौरान महसूस की जा रही है? (ख) प्रश्‍नांश () अनुसार यदि हाँ, तो बरोदियाकलां में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र एवं लोंगर में अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) खुरई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बरोदियाकलां में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र एवं लोंगर में स्‍थापित 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र में एक अतिरिक्‍त 5 एम.व्‍ही.ए क्षमता के पॉवर ट्रांसफार्मर की स्‍थापना संबंधी प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार  है। ग्राम बरोदियाकलां को 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र रजवांस से निर्गमित 11 के.व्‍ही. सेसई मिक्‍स फीडर (लंबाई 39.6 कि.मी., अधिकतम भार 130 एम्‍पीयर एवं अंतिम छोर पर वोल्‍टेज रेग्‍यूलेशन 4 प्रतिशत) से गुणवत्‍तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: ग्राम बरोदियाकलां में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं पाया गया है। 33/11 विद्युत उपकेन्‍द्र लोंगर में अतिरिक्‍त 3.15 एम.व्‍ही.ए पॉवर ट्रांसफार्मर को स्‍थापित किये जाने का कार्य तकनीकी रूप से साध्‍य पाया गया है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्‍त कार्य को कार्य-योजना वर्ष 2025-26 में सम्‍म‍िलित किया गया है एवं उक्‍त कार्य हेतु कार्यादेश जारी किया जा चुका है।

परिशिष्ट - "दस"

सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति

[लोक निर्माण]

22. ( क्र. 633 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एसएएफ बटालियन से नरवानी सड़क मार्ग एवं सानौधा से सिमरिया (मझगुवां) सड़क मार्ग की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या एसएएफ बटालियन से नरवानी सड़क मार्ग एवं सानौधा से सिमरिया (मझगुवां) सड़क मार्ग को बजट सत्र वित्तीय वर्ष-2023-24 एवं लो.नि.वि. की स्थाई वित्तीय समिति से प्रशासकीय स्वीकृति/अनुमोदन विभाग द्वारा प्रदान किया गया था? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में स्वीकृति उपरांत उपरोक्त सड़क मार्गां का निर्माण कार्य/निविदा प्रक्रिया प्रश्‍न दिनांक तक क्यों प्रारंभ नहीं की गई? (घ) क्या बजट सत्र एवं स्थाई वित्तीय स्वीकृति मिलने के उपरांत विभाग उपरोक्त सड़क मार्गों की स्वीकृति कब तक प्राप्त करेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) जी नहीं। (ख) एसएएफ बटालियन से नरवानी सड़क मार्ग कार्य वर्ष 2023-24 के प्रथम अनुपूरक बजट में सम्मिलित तथा एस.एफ.सी. की 292वीं बैठक दिनांक 12.08.2025 में अनुमोदित किया गया। सानौधा से सिमरिया (मझगुंवा) सड़क कार्य बजट में सम्मिलित नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।             (घ) उत्‍तरांश (ख) अनुसार। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

नरयावली में 132/33 उच्च दाब उपकेन्द्र की स्थापना

[ऊर्जा]

23. ( क्र. 634 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या नरयावली के ग्रामों में एक विद्युत केन्द्र स्थापित है। जिससे 33 केव्ही लाइन नरयावली जिला मुख्यालय के मकरोनिया 132/33 उच्च दाब उपकेन्द्र से निर्गमित है? यदि हाँ, तो उक्‍त लाइन से क्षेत्र के कृषि, घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत उपलब्ध कराई जा रही है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित विद्युत लाइन से क्षेत्र के नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया, नगर निगम, केन्ट व सेना क्षेत्र से गुजरती है? (ग) 33 केव्ही लाइन से ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ खुरई रोड स्थित गल्ला मण्डी एवं औद्योगिक क्षेत्र तथा सिंचाई परियोजना से सिंचित क्षेत्र का रकबा का विद्युत भार का भी दबाव/वोल्टेज बढ़ेगा तथा वर्तमान में विद्युत ओवर लोडिंग के कारण ट्रेपिंग अधिक होती है एवं 33 केव्ही लाइन सेना क्षेत्र में होने के कारण सेना से अनुमति लेने में समय लगता है? जिस कारण से विद्युत रख-रखाव कार्य में अधिक समय लगता है? विवरण देवें? (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) में वर्णित विद्युत समस्याओं एवं विद्युत उपभोक्ताओं को सुविधा की दृष्टि से क्या विभाग विद्यानसभा क्षेत्र नरयावली में 132/33 केव्ही उपकेन्द्र की स्थापना हेतु कोई कार्यवाही करेगा तथा विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? तो बतावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत विभिन्‍न ग्रामों के कृषि, घरेलू एवं अन्‍य उपभोक्‍ताओं को 132/33 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र मकरोनिया से निर्गमित 33 के.व्‍ही. नरयावली फीडर एवं 33 के.व्‍ही. मोठी फीडर तथा 132/33 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र राहतगढ़ से निर्गमित 33 के.व्‍ही. भैंसा फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित 33 के.व्‍ही. नरयावली फीडर, नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया, नगर निगम के कुछ क्षेत्रों, केन्‍ट एवं सेना क्षेत्र से होकर गुजरता है। (ग) 33 के.व्‍ही. नरयावली फीडर से ग्रामीण क्षेत्र के  साथ-साथ खुरई रोड स्थित गल्‍ला मंडी, औद्योगिक क्षेत्र एवं अन्‍य उपभोक्‍ता संबद्ध हैं। भविष्‍य में उक्‍त क्षेत्र में भार वृद्धि की संभावना के दृष्टिगत 132/33 के.व्‍ही. अति उच्‍च दाब विद्युत उपकेन्‍द्र सागर से निर्गमित 33 के.व्‍ही. सीहोरा फीडर से 33 के.व्‍ही. नरयावली फीडर के इंटर कनेक्‍शन का कार्य आर.डी.एस.एस. योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत किया गया है, जो कि प्रगतिरत है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित 33 के.व्‍ही. फीडर में ओवर लोडिंग के कारण नहीं, अपितु अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों एवं रख-रखाव जैसे-अति आवश्‍यक कार्यों के कारण विद्युत प्रदाय कुछ समय के लिये अवरूद्ध रहता है, जिसे यथासंभव अतिशीघ्र सुचारू किये जाने की कार्यवाही की जाती है। उल्‍लेखनीय है कि लाइन में फॉल्‍ट होने पर सेना क्षेत्र में कार्य करने की अनुमति की आवश्‍यकता होती है। (घ) उत्‍तरांश (ग) में उल्‍लेखानुसार प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में भविष्‍य में भार वृद्धि की संभावना के दृष्टिगत 132/33 के.व्‍ही. अति उच्‍चदाब विद्युत उपकेन्‍द्र सागर से निर्गमित 33 के.व्‍ही. सीहोरा फीडर से 33 के.व्‍ही. नरयावली फीडर के इंटर कनेक्‍शन का कार्य आर.डी.एस.एस. योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत किया गया है जो कि प्रगतिरत है। अत: वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र नरयावली अन्‍तर्गत नवीन 132/33 के.व्‍ही. अति उच्‍चदाब विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍थापना किया जाना विचाराधीन नहीं है।

गुनौर अमानगंज मार्ग के निर्माण कार्य में अनियमितताएं

[लोक निर्माण]

24. ( क्र. 655 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पन्‍ना जिले की गुनौर विधानसभा में विषयांकित मार्ग के निर्माण कार्य का कार्यादेश लोक निर्माण विभाग पन्‍ना द्वारा दिनांक 11.12.2020 को जारी कर कार्य अनुबंध अवधि दिनांक 10.02.2022 तक, कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो यह निर्माण कार्य अनुबंधित अवधि के 03 वर्ष बाद तक पूर्ण न कराने के लिये कौन दोषी है? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1405 के दिनांक 31.07.2025 उत्‍तर में यह लेख है कि प्रश्‍नांश (क) में उल्लिखित सड़क के गुणवत्‍ता पूर्ण कार्य संपादन में बरती गई लापरवाही हेतु संबंधित अधिकारियों का उत्‍तरदायित्‍व निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों का उत्‍तर दायित्‍व निर्धारित किया गया है, नाम एवं पदनाम सहित बतावे। जिन पर उत्‍तरदायित्‍व का निर्धारण किया गया है, उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है? जानकारी दे। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्लिखित मार्ग का निर्माण कार्य लगभग 1 वर्ष से बंद है? यदि हाँ, तो इस मार्ग का कार्य प्रारंभ कराया जाकर कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? क्‍या इस मार्ग का कार्यादेश 2020 में जारी हुआ था और 2025 की समाप्ति पर भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है, जिससे आवागमन में संबंधित क्षेत्र की जनता परेशान है? विभाग क्षेत्र की जनता को इस परेशानी से कब तक मुक्ति देगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्ग निर्माण कार्य की जाँच प्रचलन में होने के कारण निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं कराया जा सका। अनुबंधित कार्य 03 वर्ष बाद तक पूर्ण न कराने के लिए श्री ए.बी. साहू, श्री एस.के. पाण्डेय तत्कालीन कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग पन्ना, श्री बी.के. त्रिपाठी तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग उपसंभाग पन्ना द्वितीय एवं श्री मनोज कुमार रिछारिया, तत्कालीन उपयंत्री लोक निर्माण विभाग उपसंभाग पन्ना द्वितीय एवं ठेकेदार मेसर्स रतन बिल्डर्स जिला बांदा, उत्तर प्रदेश प्रथम दृष्टया दोषी है। (ख) जी हाँ, प्रश्‍नांश () उल्लेखित मार्ग के गुणवत्ता पूर्ण कार्य न कराये जाने हेतु श्री ए.बी. साहू, श्री एस.के. पाण्डेय तत्कालीन कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग पन्ना, श्री बी.के. त्रिपाठी तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग उपसंभाग पन्ना द्वितीय एवं श्री मनोज कुमार रिछारिया, तत्कालीन उपयंत्री लोक निर्माण विभाग उपसंभाग पन्ना द्वितीय का प्रथम दृष्टया उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग वल्लभ भवन भोपाल के पत्र   क्र. एफ-1/1/20-10/2024/स्था./19 दिनांक 22.01.2025 द्वारा उपरोक्त अधिकारियों एवं कर्मचारी को आरोप पत्र जारी किये गए है। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नांश () में उल्लेखित मार्ग निर्माण कार्य की जाँच प्रचलन में होने के कारण मार्ग का कार्य पूर्ण होने की समयावधि बताया जाना वर्तमान में संभव नहीं है। मिट्टी, सी.आर.एम., पुलियों एवं सी.सी. रोड का निर्माण कार्य हो जाने के कारण वर्तमान में कच्चा मार्ग क्षेत्रवासियों के लिए आवागमन हेतु उपलब्ध है। अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

आर.डी.एस.एस./एस.एस.टी.डी. योजना में भ्रष्‍टाचार

[ऊर्जा]

25. ( क्र. 669 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) आगर जिला अंतर्गत विद्युत विभाग में दिनांक 01.01.2023 से आज दिनांक तक आरडीएसएस/एसएसटीडी/ओव्हायटी/जमा/एनडी एवं प्रचलित अन्य समस्त योजना में कुल कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये है, कितने ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई गई है एवं भविष्य में किन ट्रांसफार्मर को बढ़ाया जाएगा? वरियता सूची  उपलब्ध कराएं साथ ही दिनांक 01.01.2023 से आज दिनांक तक आरडीएसएस/एसएसटीडी/ओव्हायटी/जमा/एनडी एवं प्रचलित अन्य समस्त योजना में कुल कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये है कि प्रत्येक तिमाही की विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) आगर जिला अंतर्गत कितने स्थानों पर आरडीएसएस एवं एमएसटीडी योजना अंतर्गत केबलीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है? कितने स्थानों पर केवल का कार्य किया जा चूका है? लगाई गई केबल में से कितनी केबल वर्तमान में सही से काम नहीं कर रही है अथवा केवल बार बार जल रही है? गोशवारा उपलब्ध कराएं? (ग) योजना अनुसार केबल/ट्रांसफार्मर एवं अन्य सामग्री की गारंटी अवधि कितनी है एवं कितनी सामग्री को गारंटी अवधि में ठेका कंपनी से बदलवाया गया है? (घ) क्या  ठेका कंपनि‍यों एवं ठेकेदारों द्वारा निम्न गुणवत्ता का कार्य किया जा रहा है? कार्यादेश के अनुसार ठेकेदार को प्रत्येक कार्य में क्या-क्या सामग्री किस-किस गुणवत्ता की इस्तेमाल किया जाना है? फर्म द्वारा उपयोग की जा रही प्रत्येक सामग्री की एनएबीएल रिपोर्ट उपलब्ध कराएं? मानकों अनुसार कार्य नहीं करने पर ठेका कंपनी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्‍िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के संचा/संधा वृत्‍त आगर अंतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित योजनाओं में कुल 1322 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गए है, जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-''-1 अनुसार  है। उक्‍त अवधि में कुल 177 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य किये गये हैं, जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-''-2 अनुसार  है। भविष्य में वितरण ट्रांसफार्मरों को क्षमता वृद्धि किये जाने के कार्यों की वरीयता सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-''-3 अनुसार  है। प्रश्‍नाधीन अवधि में स्‍थापित कुल 1322 वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्‍नाधीन चाही गई प्रत्येक तिमाहीवार, विधानसभावार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-''-4 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में एस.एस.टी.डी. योजना अंतर्गत केबलीकरण हेतु कोई भी कार्य प्रस्तावित नहीं है। आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत केबलीकरण का कार्य कुल 199 लोकेशन्‍स/स्थानों पर किया जाना प्रस्तावित है, जिनकी सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-''-1 अनुसार है। 99 लोकेशन्‍स/स्‍थानों पर केबलीकरण का कार्य किया जा चुका है, जिसकी सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-''-2 अनुसार है। लगाई गई केबल वर्तमान में सही से काम कर रही है एवं इस संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (ग) योजना अनुसार ट्रांसफार्मर की गारंटी 05 वर्ष एवं केबल की गारंटी 03 वर्ष की है। वर्तमान में लगायी गयी सामग्री में से 02 वितरण ट्रांसफार्मरों को गारंटी अवधि में ठेका कंपनी/ठेकेदार द्वारा बदला गया है, जिसकी सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'अनुसार  है। (घ) जी नहीं। आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत कार्यादेश के अनुसार प्रत्येक कार्य में प्रयुक्‍त सामग्री एवं सामग्री की गुणवत्ता संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'अनुसार  है। ठेका कंपनी/ठेकेदार द्वारा उपयोग की जा रही सामग्री की एन.ए.बी.एल. रिपोर्ट  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'अनुसार  है। ठेका कंपनियों एवं ठेकेदारों द्वारा निम्‍न गुणवत्ता के कार्य करने के संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कार्यादेश के अनुसार ठेकेदार द्वारा प्रत्येक कार्य स्वीकृत प्राक्कलन एवं जारी कार्यादेश के अनुसार किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्‍न नहीं उठता है।

ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को काम देना

[लोक निर्माण]

26. ( क्र. 691 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी को लोक निर्माण विभाग द्वारा 09.12.2015 को 5 वर्ष के लिये काली सूची में डाला गया था। जिसकी अपील भी प्रमुख अभियंता भोपाल 09.02.2016 को निरस्त कर दी गई थी। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कंपनी द्वारा ब्लैक लिस्टेड होने के बाद भी ठेकेदार के द्वारा झूठे शपथ पत्र देकर निविदायें डाली गई एवं अनुबंध भी कराये गये और ठेकेदार द्वारा काम कराकर भुगतान भी प्राप्त किया। (ग) ठेकेदार द्वारा गलत बिड देनेझूठे शपथ पत्र देने, गलत जानकारी देने से उसकी अमानत राशि जप्त कि‍ये  जाने  एवं अन्य विभागों को  ओम कि ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी के  ब्लैक लिस्टेड होने से निविदायें न दिये जाने संबंधी कुल कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्‍त हुई है एवं उस पर क्‍या कार्यवाही की गई है, जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित कार्यवाही न होने से ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी ने मिली भगत से पी.एम.जी.एस.बाई. के पैकिज नंबर एम.पी.4263 एवं पैकिज नंबर एम.पी. 42 एम.टी.एन. 039 स्वीकृतियां प्राप्त की गलत जानकारी देने झूठे शपथ पत्र देने की जांच कब तक की जावेगी ओर करोड़ों रूपया के कार्यों में धोखाधड़ी करने पर वैधानिक कार्यवाही कब तक की जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मेसर्स ओम कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी को लोक निर्माण विभाग द्वारा दिनांक 09.12.2015 द्वारा काली सूची में डाला गया था, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु संबंधित फर्म ने टीकमगढ़ संभाग के अंतर्गत वर्ष 2024 में आमंत्रित निविदा में भाग लिया। म.प्र. सड़क विकास निगम के द्वारा निविदा प्रक्रिया के दौरान लोक निर्माण विभाग के पोर्टल पर ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी का पंजीयन सक्रिय पाये जाने पर अनुबंध संपादित कराया गया। अनुबंधानुसार ही ठेकेदार को भुगतान किया गया है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।

विधायक निधि के कार्यों में परिवर्तन

[नगरीय विकास एवं आवास]

27. ( क्र. 692 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र के. एम.एल.ए./टी.के.जी./11-1176/2025 दिनांक 17.10.2025 मुख्य नगर पालिका अधिकारी टीकमगढ़ को लिखा था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई? क्योंकि वह पत्र कलेक्टर टीकमगढ़ को भी लेख किया था? (ख) क्या जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय जिला टीकमगढ़, म.प्र. ने अपने पत्र क्र.-2198/जि.यो.सां. का.वि.नि./2025 टीकमगढ़ दिनांक-29.10.2025 भी सी.एम.ओ. टीकमगढ़ को लिखा था। यदि हाँ, तो परिपालन क्यों नहीं किया इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता ने अपने पत्र क्र. क्यू-101/2025 निज सचिव द्वारा सी.एम.ओ. टीकमगढ़ को लिखा था फिर भी राशि का प्रयोजन एवं उपयोग बदल दिया गया है इसके लिए कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी दोषी है? (घ) प्रश्‍नांश "क", '''' एवं ''ग" में वर्णित अनियमितताओं की जांच कब तक कर दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, प्रश्‍नकर्ता द्वारा MLA/TKG/II-1177/2025 दिनांक 17.10.2025 कलेक्‍टर, जिला कार्यालय टीकमगढ़ को पत्र लिखा गया था, जिसकी प्रतिलिपि मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ को भी प्राप्‍त हुई थी। पत्र के संबंध में की गई कार्यवाही की  जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जी हाँ। सक्षम स्‍वीकृति उपरांत कार्य कराया गया है। नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ द्वारा  जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार कार्यवाही की गई है। जिससे किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ द्वारा जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्‍ट अनुसार कार्यवाही की गई है। प्रयोजन नहीं बदला गया है जिससे किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश '''', '''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

ग्राम गोरसरी से पतौल खोह मार्ग निर्माण

[लोक निर्माण]

28. ( क्र. 715 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मैहर जिले में अमरपाटन से रामनगर मुख्‍य मार्ग को कैमोर पहाड़ ‌की गोरसरी घाटी के स्थान पर पहाड़ तोड़ कर अथवा पतौल खोह का सुदृढ़ीकरण (परिवर्तन) कर मार्ग निर्माण कराये जाने की कार्य योजना क्या शासन स्तर में बनायी गयी है? यदि हाँ, तो जानकारी दी जावे? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में क्या यह सही है कि अभी घाटी चढ़कर आवागमन से दुर्घटनाएं एवं लूटपाट की घटनाये होने तथा 14 किलोमीटर दूरी को कम करने की दृष्टि से इस मार्ग को पहाड़ काटकर एवं खोह को सुदृढ़ीकरण कर मार्ग का निर्माण कराया जाना जनहित के लिये अति आवश्‍यक है यदि हाँ, तो इस मार्ग का निर्माण प्रश्‍नाधीन अनुरूप कब तक कराया जावेगा? जानकारी उपलब्‍ध करायी जावे। यदि नहीं, तो क्षेत्रीय-जनापेक्षाओं के अनुरूप मार्ग न बनवाने का क्‍या कारण है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में पहाड़ काटकर एवं खोह सुदृढ़ीकरण एवं परिवर्तन कर मार्ग निर्माण की योजना प्रस्‍तावित अथवा प्रचलित नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में पहाड़ काटकर एवं खोह सुदृढ़ीकरण के कार्य की कोई योजना प्रचलित नहीं है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

दिव्यांगजनों को प्रदाय किये जाने वाले दिव्यांग उपकरण

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

29. ( क्र. 722 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले की लहार विधानसभा क्षेत्र में उपलब्ध दिव्यांगों की संख्या के अनुपात में कम उपकरण प्रदाय किये गये है। यदि हाँ, तो क्यों एवं जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध  क्या कार्यवाही की गई? वर्ष 2023 से अब तक लहार विधानसभा क्षेत्र में कितने दिव्यांगजनों को उपकरण वितरण कराये गए दिव्यांजनों के नाम एवं उपकरण सहित सूची उपलब्ध करायें? (ख) विधानसभा क्षेत्र लहार में ग्राम परेछा के निवासी भालचन्द्र विकलांग आईडी MP0300619770304177   80 प्रतिशत विकलांग है। लेकिन शासन के अधिकारियों द्वारा  अभी तक श्री भालचन्द्र को विकलांग व्यक्तियों को दी जाने वाली सुविधाएं ई-रिक्शा आदि प्रदान नहीं की गई है। श्री भालचन्द्र को शासन की योजनाओं ई-रिक्शा एवं अन्य का लाभ कब तक दिया जावेगा? श्री भालचन्द्र को शासन की सुविधाओं से वंचित रखने के लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) भारत सरकार की एडिप योजनान्‍तर्गत भारत सरकार के उपक्रम एलिम्‍को द्वारा प्रदेश के जिलों में प्रथम चरण में दिव्‍यांगजनों का चिन्‍हांकन एवं परीक्षण शिविरों का आयोजन किया जाता है एवं चिन्‍हांकित दिव्‍यांगजनों के लिए कार्यक्रम निर्धारण कर सहायक उपकरण वितरण शिविर आयोजित किए जाते हैं। शिविर में उपस्थित दिव्यांगजनों के परीक्षण उपरांत एलिम्‍को द्वारा पात्रतानुसार उपकरण वितरण किए जाते हैं। एलिम्को द्वारा वर्ष 2023 से अब तक लहार विधानसभा क्षेत्र में दिव्‍यांगजन सहायक उपकरण चिन्हांकन एवं वितरण शिविर आयोजित कर कुल-55 पात्र दिव्यांगजनों को चिन्हांकन उपरांत कुल 78 सहायक उपकरण वितरण किए गए। दिव्‍यांगजन के नाम एवं उपकरण की  सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- '''' अनुसार। (ख) एलिम्को द्वारा दिनांक 19/10/2024 को शिविर आयोजित किया गया था, जिसके लिए समस्त सीईओ, जनपद पंचायत/सीएमओ, नगरपालिका/नगर परिषद् को निर्देशित किया गया था कि आप अपने क्षेत्रान्तर्गत समस्त दिव्यांगजनों को परीक्षण शिविर में उपस्थित कराने हेतु निर्देशित किया गया था। परन्तु दिव्यांग शिविर में दिव्यांग 80 प्रतिशत श्री भालचन्द्र, निवासी ग्राम रावतपुराखुर्द, ग्रामपंचायत देवरीकलां, जनपद पंचायत लहार, जिला भिण्ड (यूडीआईडी-MP0300619770304177) उपस्थित नहीं हुए इस कारण तत्समय उपकरण प्रदाय नहीं किया जा सका। वर्तमान में हितग्राही को दिनांक 19.11.2025 को प्रधानमंत्री दिव्‍याशा केन्‍द्र ग्‍वालियर से मोटराइज्‍ड साइकल प्रदान की गई है। साथ ही हितग्राही को विभाग अंतर्गत इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय दिव्‍यांग पेंशन स्‍वीकृति आदेश क्रमांक- 14288267/3/2017 दिनांक 19/01/2017 से स्‍वीकृत होकर निरंतर प्राप्‍त हो रही है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शहरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

30. ( क्र. 734 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत करने संबंधी नियम/आदेश की प्रति देवेंl वर्ष 2014 में नगरीय क्षेत्र में शामिल ग्राम पंचायतों में निवासरत परिवार जो गत कई वर्षों से कच्चे मकान में रह रहे हैं किन्तु निवासरत भवन/प्लॉट का मालिकाना अधिकार पट्टा/रजिस्ट्री नहीं होने से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं किया जा रहा है, यह परिवार नगर पलिका/नगर पंचायत को भवन/प्लॉट का टैक्स देते रहे हैं जबकि अन्य ग्रामों से नगरीय क्षेत्र में प्लॉट क्रय के रजिस्ट्रीधारी परिवारों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये जा रहे हैं (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्या वर्ष 2025 के पूर्व नगरीय क्षेत्र में कच्चे भवन/प्लॉट का टैक्स दे रहे पक्का भवन विहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गए? यदि हाँ, तो भारत सरकार के किस आदेश/नियम के अनुसार केवल रजिस्ट्री धारक परिवारों को ही आवास वर्ष 2025 से स्वीकृत किये जा रहे हैं सत्यापित प्रति देवें। यदि नहीं, तो पुनर्विचार कर कच्चे भवन/ प्लॉट पर नगरीय क्षेत्र में टैक्स दे रहे पक्का मकान विहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये जाने के आदेश कब तक जारी किये जायेंगे? यदि नहीं, तो ऐसे परिवारों को मालिकाना अधिकार पट्टा कब तक देकर इनके आवास स्वीकृत किये जायेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 का लाभ दिये जाने के संबंध में भारत सरकार के दिशा निर्देश वेब पोर्टल https://pmaymis.gov.in पर प्रदर्शित है तथा म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश दिनांक 17.03.2025 की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-"अ" पर है। जी हाँ, हितग्राहियों की पात्रता एवं प्रावधान अनुसार लाभ दिया जा रहा है। (ख) जी हाँ। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के संबंध में भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट "ब" में भूमि की उपलब्धता संबंधी विषय राज्य का होने से राज्य शासन के दिशा-निर्देश दिनांक 17.03.2025 पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार ही लाभ दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के अंतर्गत आवासीय भूमि के पट्टे एवं धारणाधिकार की कार्यवाही प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

डबरा नगर पालिका क्षेत्र में जल प्रदाय की स्थिति

[नगरीय विकास एवं आवास]

31. ( क्र. 735 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से नगर पालिका डबरा जिला ग्वालियर में शामिल ग्राम पंचायत के वार्ड में पेयजल हेतु किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि की कहाँ-कहाँ नल-जल योजना स्वीकृत की गई? जिसका कार्य पूर्ण करने की अवधि कब तक है? निर्माण एजेंसी का नाम एवं मूल्यांकनकर्ता उपयंत्री का नाम बताएं तथा प्रश्‍न दिनांक तक प्रत्येक योजना पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कार्य पूर्ण/अपूर्ण का कारण सहित बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार स्वीकृत नल-जल योजनाओं में से किस-किस वार्ड/स्थान की नल-जल योजना पूर्ण होने से किस दिनांक से जल प्रदाय किया जा रहा है? इन योजनाओं की पाइप-लाइन बिछाने हेतु खोदी गई आतंरिक सड़कों में से किस-किस स्थान/वार्ड की आंतरिक सड़क पर यथास्थिति हेतु सीसी कार्य करवाया गया? किस-किस वार्ड/स्थान पर यथास्थिति हेतु सीसी कार्य करवाया जाना शेष है? यह कब तक करवाया जायेगा? (ग) क्या भविष्य में नगर पालिका डबरा में सीवर लाइन डालने की वजह से क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण नहीं करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से नगर पालिका डबरा में शामिल ग्राम पंचायत क्षेत्रों में जहाँ सीवर नहीं डाली जानी है वहां की क्षतिग्रस्त सड़क का सीसी कार्य           कितनी-कितनी राशि का करवाया गया? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद, डबरा में नल-जल योजना प्रचलित नहीं है अपितु अमृत योजना स्वीकृत है, जिससे संबंधित जानकारी  पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-'अनुसार है। (ख) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-'अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2014 से निकाय में शामिल क्षतिग्रस्त सड़कों पर कराये गये सी.सी. कार्यों की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे   परिशिष्ट-'अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शॉपिंग कॉम्‍प्लेक्स को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

32. ( क्र. 743 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 208 (तारांकित), दिनांक 31/07/2025 के संबंध में माननीय मंत्री जी द्वारा आश्‍वासन दिया गया था की मंदसौर स्थित कालाखेत शॉपिंग कॉम्‍प्लेक्स पर किए गए अतिक्रमण को वर्षाकाल उपरांत हटा दिया जाएगा। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है की गई संपूर्ण कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) क्‍या मंदसौर स्थित कालाखेत शॉपिंग कॉम्‍प्लेक्स से अतिक्रमण को मुक्त कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जाएगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र., भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक या.प्र./07/2025/9788, भोपाल, दिनांक 28.08.2025 से कलेक्‍टर जिला मंदसौर को नगर पालिका परिषद मंदसौर के क्षेत्रांतर्गत स्थित कालाखेत शॉपिंग कॉम्‍पलेक्‍स जो स्‍कूल शिक्षा विभाग के स्‍वामित्‍व एवं अधिपत्‍य में है, इस शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में 145 दुकानों का निर्माण किया जाना प्रस्‍तावित है। जिसमें से वर्तमान में 93 दुकानें निर्मित है। शेष 52 दुकानों का निर्माण कराये जाने की कार्यवाही के लिए स्‍कूल शिक्षा विभाग को लिखा गया है। (ग) जी नहीं। शिक्षा विभाग के द्वारा प्रस्‍तावित शेष दुकानों का निर्माण कार्य पूर्ण कराने के पश्‍चात स्‍थल अतिक्रमण मुक्‍त हो जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

घट्टिया विधानसभा क्षेत्र का निर्माण कार्य

[लोक निर्माण]

33. ( क्र. 772 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग भवन उज्जैन अन्तर्गत घट्टिया विधानसभा में कितने निर्माण कार्य प्रगतिरत है/स्वीकृत है/कार्यवार स्थानवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में किन-किन निर्माण कार्यों पर कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया है। कार्यवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें एवं वर्तमान में कितने निर्माण कार्य आवंटन के अभाव में प्रभावित हो रहे हैं? (ग) जून 2025 से प्रश्‍न दिनांक तक घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत निर्माणाधीन कार्यों के गुणवत्ता के संबंध में कौन-कौन से परीक्षण किए गए हैं? कार्यवार परीक्षण की रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (घ) जून 2025 से प्रश्‍न दिनांक तक निर्माणाधीन कार्यों के कितने देयक पारित किए गए एवं उनका मूल्यांकन किन-किन अधिकारियों के द्वारा किया गया है। कार्यवार मूल्यांकन रिपोर्ट देयक की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं  1 अनुसार है।  (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं  2 अनुसार है।

भूमि अधिकार प्रमाण पत्र प्रदान किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

34. ( क्र. 776 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वार्ड 15 मोहनपुरा के निवासियों को मुख्य नगर पालिका अधिकारी को आवेदन देने तथा वर्ष 2020 से भूमि पर निवास करने के बाद भी भूमि अधिकार प्रमाण पत्र जारी नहीं किये गये हैं? (ख) वार्ड 15 मोहनपुरा में निवासरत लगभग 150-200 परिवारों को आवासीय भूमि अधिकार प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही की गई है?                  (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में दी गई जानकारी सही है, तो वार्ड 15 मोहनपुरा के निवासियों को भू-अधिकार प्रमाण-पत्र कब तक प्रदान कर दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। अपितु मोहनपुरा वार्ड क्रमांक 15 के निवासियों के 15 आवेदन निकाय को प्राप्‍त हुएजिनकी जांच हेतु तहसीलदार विजयपुर द्वारा जांच दल गठित किया गया जांच दल द्वारा केवल 04 आवेदन ही पात्र पाये गए जिन्‍हें पट्टा देने की कार्यवाही तहसील विजयपुर में प्रचलित हैं। भूमि अधिकार प्रमाण पत्र निकाय द्वारा जारी नहीं किया जाता हैं। (ख) स्‍थानीय स्‍तर पर की गई कार्यवाही की जानकारी उत्‍तरांश () अनुसार हैंयद्यपि वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 अंतर्गत वार्ड क्रमांक 15 के 105 आवेदन ऑनलाईन प्राप्‍त हुए हैं। जिनके पास भूमि के दस्‍तावेज उपलब्‍ध नहीं होने से उनके धारणाधिकार के लिए के लिए आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर आवेदन अपलोड कराये गये हैं। धारणाधिकार के अंतर्गत पट्टे स्‍वीकृत होने के पश्‍चात हितग्राहियों को प्राधानमंत्री आवास योजना 2.0 का लाभ दिया जायेगा। (ग) उत्‍तरांश '''' अनुसार, पट्टे स्‍वीकृत होने पर हितग्राहियों को पट्टे का लाभ प्रदान किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।

सड़क निर्माण की गुणवत्ता में लापरवाही

[लोक निर्माण]

35. ( क्र. 817 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर से कबरई फोरलाइन निर्माण प्रोजेक्ट में निर्माण की गुणवत्ता एवं निर्माण कार्य में लापरवाही के संबंध में प्रश्‍नकर्ता के दिनांक 21.03.2025 के तारांकित प्रश्‍न क्र.-753 के प्रश्‍नांशों अनुसार की गई जांचों के प्रतिवेदन उपलब्ध करवाये जायेंगे? (ख) उक्त प्रश्‍न में रखे गये बिन्दुओं अनुसार की गई जांच में पाई गई अनियमितताओं हेतु किन-किन की जवाबदेही तय की गई है?  (ग) जवाबदेहों पर क्या कार्यवाही गई जानकारी दें? (घ) अगर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो उसका कारण क्या है? (ड.) उक्त प्रोजेक्ट के प्रथम एवं द्वितीय-चरण अंतर्गत बंसल कंस्ट्रक्शन जीत-कंस्ट्रक्शन कम्पनी द्वारा निर्माण के दौरान यातायात बहाल रखने के उपायों एवं सुरक्षा-मानकों के पालन में लापरवाही बरतना अभी भी सड़क-दुर्घटनायें अधिक होने का प्रमुख कारण बना हुआ है? (च) क्या अभी भी प्रोजेक्ट की निर्माण कंपनियों द्वारा लापरवाही पूर्ण निर्माण करने से जगह-जगह दुर्घटनाओं की स्थिति है? (छ) क्या निर्माणाधीन सड़क में जगह-जगह पुल-पुलियों के पास एवं उपर डिप/ब्रेकर एवं गड्ढे होने तथा सड़क धसकने से लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं? ऐसे स्थान चिन्हित कर प्रतिवेदन दिया जाये। (ज) प्रश्‍नांश (छ) अनुसार खामियों को तत्काल प्रभाव से दूर करवाकर इस संबंध में कार्यवाही की जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (ज) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

संचालित योजनाओं की जानकारी

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

36. ( क्र. 826 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपसंचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्‍करण विभाग जिला पन्‍ना को राज्‍य एवं केन्‍द्र शासन से संचालित किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई। वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक की विधानसभावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश ()  में अनुसार किन-किन योजनान्‍तर्गत, सामग्री, खाद, बीज, पुष्‍प, फल, फूल आदि के पौधों का क्रय एवं रोपण कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक पन्‍ना जिले की विधानसभावार जानकारी देवें। (ग) पन्‍ना जिले में संचालित किन-किन नर्सरियों को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि सामग्री, बीज, खाद, पुष्‍प, फल, फूल के पौधों आदि का कब-कब प्रदाय किया गया? रोपणी कार्य नर्सरियों का रख-रखाव,सुरक्षा पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई। वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक पन्‍ना जिले की विधानसभावार जानकारी देवें।                (घ) हितग्राही मूलक संचालित किन-किन योजनाओं में लाभांवित कितने-कितने हितग्राहियों को, किस मान से अनुदान की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितने‍ हितग्राहियों को कब से कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया एवं क्‍यों? वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक पन्‍ना जिले की विधानसभावार जानकारी पृथक-पृथक योजनावार देवें। (ड.) किन-किन योजनान्‍तर्गत कितने-कितने दिवसीय कृषकों के भ्रमण कार्यक्रमों में किस-किस मद में              कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? कब-कब कितने-कितने दिवसीय कहां से कहां तक के आयोजित कृषक भ्रमण कार्यक्रमों में कितने-कितने कृषकों ने भाग लिया? वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक पन्‍ना जिले की विधानसभावार जानकारी पृथक-पृथक योजनावार देवें।

उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी संधारित न होने के कारण विकासखण्‍डवार  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-क अनुसार  है।                               (ख) जानकारी संधारित न होने के कारण विकासखण्‍डवार  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ख अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टग अनुसार  है। (घ) जानकारी संधारित न होने के कारण विकासखण्‍डवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-घ अनुसार  है।                          (ड.) जानकारी संधारित न होने के कारण विकासखण्‍डवार  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ड अनुसार  है।

प्रदेश में कामधेनु निवास बनाया जाना

[पशुपालन एवं डेयरी]

37. ( क्र. 831 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सरकार प्रदेश में गौ-अभ्‍यारण के स्‍थान पर कामधेनु निवास बनाने जा रही हैं? (ख) प्रत्‍येक कामधेनु निवास की प्रस्‍तावित क्षमता सुविधाएं एवं निगरानी के लिए बनाई गई व्‍यवस्‍था क्‍या होगी? (ग) राज्‍य में फिलहाल कितने गौ-आश्रय केन्‍द्र विद्यमान हैं एवं उनमें से कितनों का रूपांतरण कार्य प्रारंभ हो चुका हैं? (घ) नवगठित कामधेनु निवास के लिए राज्‍य सरकार द्वारा उपलब्‍ध कराई जा रही वार्षिक बजट/वित्‍तीय सहायता का ब्‍यौरा उपलब्‍ध कराए। (ड.) इन केन्‍द्रों के निगरानी तंत्र एवं पशुओं के रख-रखाव, चारा-भोजन, चिकित्‍सा आदि के लिए की गई व्‍यवस्‍थाओं का ब्‍यौरा उपलब्‍ध कराएं। (च) इस योजना का लाभ किस प्रकार और किन-किन वर्गों (एनजीओ, स्‍व-सहायता समूह, ग्राम पंचायत आदि) को मिलेगा?

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार। (ग) जी नहीं, प्रदेश में कोई भी गौ आश्रय केन्‍द्र विद्यमान नहीं है शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) ''मध्‍यप्रदेश राज्‍य में स्‍वावलंबी गौशालाओं (कामधेनू निवास) की स्‍थापना की नीति 2025'' में स्‍वावलंबी गौशाला स्‍थापना के लिए वार्षिक बजट/वित्‍तीय सहायता का प्रावधान नहीं है। गौशाला प्रारंभ होने पर, उसमें उपलब्‍ध गौवंश के भरण पोषण हेतु, निराश्रित गौवंश संख्‍या के आधार पर, प्रतिगौवंश प्रतिदिवस के मान से प्रस्‍ताव अनुमोदन की शर्तों अनुसार दिया जायेगा। (ड.) ''मध्‍यप्रदेश राज्‍य में स्‍वावलंबी गौशालाओं (कामधेनू निवास) की स्‍थापना की नीति 2025'' अंतर्गत स्‍थापित गौशालाओं में निगरानी तंत्र एवं पशुओं के रख-रखाव, चारा-भोजन, चिकित्‍सा आदि के लिए की गई व्‍यवस्‍थाओं आदि का विवरण जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट   अनुसार।            (च) ''मध्‍यप्रदेश राज्‍य में स्‍वावलंबी गौशालाओं (कामधेनू निवास) की स्‍थापना की नीति 2025'' की शर्तें पूरी करने वाली संस्‍थाएं जैसे कंपनी, ट्रस्‍ट, सोसायटी, सहकारी संस्‍थाएं, स्‍टार्ट-अप आदि पात्र है।

मार्ग का निर्माण

[लोक निर्माण]

38. ( क्र. 832 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान ग्राम खिमलाखेड़ी (विकासखंड-नागदा, जिला उज्‍जैन) के ग्रामीणों द्वारा सड़क की मांग पूरी न होने पर चुनाव का बहिष्‍कार करने पर तहसीलदार और निर्वाचन अधिकारी द्वारा सड़क निर्माण हेतु आश्‍वासन दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो वह अब तक पूर्ण क्‍यों नहीं हुआ? सड़क निर्माण का कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं होने के क्‍या कारण हैं?                        (ग) निर्माण कार्य प्रारंभ होने में हो रही देरी के लिए कौन अधिकारी जिम्‍मेदार हैं? (घ) सड़क निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू करवाने एवं ग्रामवासियों को राहत प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा क्‍या त्‍वरित कदम उठाए जाएंगे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, अपर कलेक्टर जिला उज्जैन का उत्तर संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) मार्ग लोक निर्माण विभाग की पुस्तिका पर अंकित नहीं है। उक्त कार्य वर्तमान में न तो किसी योजना में स्वीकृत है एवं न ही प्रस्तावित है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश '''' अनुसार।

परिशिष्ट - "बारह"

नगर निगम जबलपुर को हस्‍तांतरित राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

39. ( क्र. 837 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्‍डल महाराजपुर से नगर निगम जबलपुर को संभाग क्र. 15 के अंतर्गत विकास कार्य करने हेतु दिनांक 30-03-2017 को 12 करोड़ 80 लाख हस्‍तांतरित हुये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत क्‍या  उपरोक्‍त राशि में से मात्र 3 करोड़ 78 लाख रूपये के कार्य वर्ष 2023-24 में वार्ड क्र. 75 में किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो गत 8 वर्षों के दरम्‍यान जिस मद की राशि आई है वे कार्य क्‍यों नहीं किये गये? (घ) क्‍या शेष राशि नगर निगम संभाग क्र. 15 के अंतर्गत लंबित विकास कार्यों हेतु उपयोग की जायेगी? यदि हाँ, तो कब की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर पालिक निगम, जबलपुर द्वारा वार्ड क्रमांक 75 अंतर्गत वर्ष 2023-24 में राशि रूपये 56,51,177.00 के कार्य कराये गये है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार कार्य कराये गये है, उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। नगर पालिक निगम, जबलपुर द्वारा कार्य कराने का प्रस्‍ताव तैयार किया जा रहा है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तेरह"

नगर निगम जबलपुर के नये वार्डों के स्‍वीकृत निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

40. ( क्र. 838 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जोन क्र. 15 के अंतर्गत नये वार्डों में 65 निर्माण कार्यों के कार्य आदेश अप्रैल 2025 में जारी किये गये हैं? (ख) क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक 38 कार्य प्रारंभ नहीं किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, मात्र 03 कार्य अप्रारंभ है। (ग) उत्‍तरांश ()  के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। 03 कार्य अप्रारंभ का कारण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

पंजीकृत गौशालाओं एवं गौवंश की जानकारी

[पशुपालन एवं डेयरी]

41. ( क्र. 855 ) इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले की सभी पंजीकृत गौशालाओं में कितने-कितने पशु है तथा गौशालाओं को वार्षिक रूप से दी जाने वाली पशुवार सहायता एवं प्रत्येक गौशाला में अब तक कितने पशु मर चुके है कारण सहित बताने की कृपा करें एवं संचालकों की लापरवाही से हुई मृत्यु पर कितने गौशाला संचालकों पर कार्यवाही हुई है? (ख) जिले में जो गौशालाएं पंजीकृत है वह वार्षिक या प्रति माह शासन से सहायता प्रति पशु नग प्राप्त कर रहे है फिर भी हजारों की संख्या में पशु मुख्य सड़कों पर एवं गलियों में आवारा क्यों घूम रहे है क्या आवारा पशुओं से संबंधित कोई अधिकारिक जानकारी सरकार के पास है। अगर नहीं है तो इन आवारा पशुओं के लिए शासन की आगामी क्या योजना है? (ग) गौशालाओं को मिलने वाली सहायता पर भी विचार किया जाये क्योंकि संचालित गौशालाओं के पश्‍चात भी सड़कों पर हजारों की संख्या में पशु घूम रहे है जो कि जांच का विषय है। निवेदन है कि जांच क्‍या सरकार इस संबंध में करवायेगी यदि हाँ, तो कब तक?

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) अशोकनगर जिले में पंजीकृत गौशालाओं में उपलब्‍ध गौवंश संख्‍या, मृत गौवंशों की संख्‍या एवं कारण तथा की गई कार्यवाही की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। गौशालाओं को माह मार्च 2025 तक 20/- रूपये प्रतिगौवंश प्रतिदिन के हिसाब से 50 से ज्‍यादा गौवंश रखने वाली गौशालाओं को अनुदान दिया गया है एवं अप्रैल 2025 से 40/- रूपये प्रतिगौवंश प्रतिदिन के हिसाब से माह सितम्‍बर 2025 तक का अनुदान जारी किया जा चुका है। (ख) जी हाँ, समस्‍त पंजीकृत गौशालायें प्रति माह शासन से सहायता राशि प्राप्‍त कर रही है। निराश्रित गौवंश के व्‍यवस्‍थापन हेतु अशोकनगर जिले में शासकीय एवं अशासकीय कुल 94 गौशालायें क्रियाशील है। राज्‍य शासन द्वारा मंत्रि परिषद के निर्णय अनुसार पशुपालन एवं डेयरी विभाग अंतर्गत प्रदेश में निराश्रित गौवंश की समस्‍या के निराकरण के उपायों की पूर्ति के अनुक्रम में ''मध्‍यप्रदेश राज्‍य के स्‍वावलं‍बी गौशालाओं (कामधेनू निवास) की स्‍थापना की नीति 2025'' की स्‍वीकृति दिनांक 16 अप्रैल 2025 को प्रदान की गई है। इस नीति के तहत निजी निवेशकों को 5000 गौवंश की गौशालाओं की स्‍थापना हेतु 125 एकड़ भूमि गौशाला स्‍थापना एवं 5 एकड़ भूमि व्‍यवसायिक उपयोग के लिए यूजर राईट पर प्रदान करने के प्रावधान है। 20वीं पशुसंगणना के अनुसार अशोकनगर जिले में 19000 गौवंश निराश्रित थे। वर्तमान में 9406 निराश्रित गौवंश, जिले की विभिन्‍न गौशालाओं में आश्रित है। जिले के शेष निराश्रित गौवंश के व्‍यवस्‍थापन के लिये ''मध्‍यप्रदेश राज्‍य में स्‍वावलंबी गौशालाओं (कामधेनू निवास) की स्‍थापना की नीति 2025'' के पालन के क्रम में जिले के विकासखण्‍ड-ईसागढ़ के ग्राम इंदौर में 118 हेक्‍टेयर भूमि आवंटित की जा चुकी है। (ग) वर्तमान में 40/- रू. प्रतिगौवंश प्रतिदिन के मान से पंजीकृत, क्रियाशील गौशालाओं में उपलब्‍ध गौवंश की संख्‍या के आधार पर गौशाला समितियों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्‍यम से अनुदान प्रदाय के निर्देश है। प्रत्‍येक 5 वर्ष में पशुसंगणना की जाती है। 21वीं पशुसंगणना की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। पशुसंगणना के आंकडे़ प्राप्‍त होने पर निराश्रित गौवंश की संख्‍या प्राप्‍त हो जावेगी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पुनर्घनत्‍वीकरण योजना में शामिल कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

42. ( क्र. 864 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिला सहित म.प्र. के कितने जिलों में पुनर्घनत्वीकरण योजना अंतर्गत कितने जिलों में क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये है? उनकी अद्यतन स्थिति एवं शर्तें क्या है? योजना के नियम/निर्देश की प्रति प्रदाय करें। (ख) क्या उक्त योजना में मंदिर एवं लाड़लीदास/जुगलकिशोर मंदिर (धर्मस्य विभाग) एवं अन्य संस्थाओं के स्थल भी योजनाओं में शामिल हैं तथा उक्त स्थल अधिग्रहीत किया गया है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देते हुये बतायें कि उक्त योजना में दतिया शहर स्थित बग्गी खाना के अतिरिक्त और अन्य स्थान भी कार्य योजना में सम्मिलित है? यदि हाँ, तो डी.पी.आर एवं अनुबंध पत्र एवं शर्तों की प्रतियां उपलब्ध करायें।              (ग) क्या उक्त योजना अंतर्गत कौन-कौन से कार्य संबंधित एजेंसियों (समदड़िया ग्रुप) को किया जाना सम्मिलित है? जानकारी उपलब्ध कराये बग्गी खाना दतिया का वर्तमान बाजार मूल्य क्या है तथा निर्मित दुकानों एवं प्रतिष्ठानों से कितनी-कितनी आय समदड़‍िया ग्रुप को प्राप्त हो रही हैं तथा उसके संदर्भ में निर्माणाधीन एजेंसी द्वारा कितने-कितने निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत राशि के किये गये है तथा वर्तमान में कितने कार्य पूर्ण हो चुके है एवं अपूर्ण है? जानकारी प्रदाय करें।              (घ) उक्त योजना के क्रियान्यवयन हेतु कितनी समय-सीमा निश्‍िचत की गई है तथा योजना के क्रियान्यवयन से प्रभावित होने वाले दुकानों/मकानों का अधिग्रहण प्रक्रिया के अंतर्गत बाजार मूल्य से भुगतान किया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? यदि हाँ, तो क्या उक्त योजना से प्रभावित दुकानदारों/मकान मालिकों एवं अन्य व्यक्तियों को भू-अर्जन के अंतर्गत मुआवजा राशि देना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बताये कि क्या प्रभावितजनों को समदड़‍िया ग्रुप/शासन द्वारा व्यवस्थापन किया जायेगा? यदि हाँ, तो कृपया जानकारी प्रदान करें और यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) दतिया जिला सहित म.प्र. के 19 जिलों में पुनर्घनत्‍वीकरण योजना स्‍वीकृत है। पुनर्घनत्‍वीकरण योजनान्‍तर्गत 19 जिलों में स्‍वीकृत कार्य एवं उनकी अद्यतन स्थिति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। उक्‍त कार्य म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक 3-57/15/18-5 दिनांक 20 अप्रैल 2016 एवं परिपत्र क्रमांक 23-5/2015/18-6 दिनांक 18 अप्रैल 2022 के नियम/शर्तों के अंतर्गत स्‍वीकृत किये गये है। पुनर्घनत्‍वीकरण नीति-2016/2022 की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) जी नहीं, बग्‍गी खाना, दतिया की पुर्नघनत्‍वीकरण योजना में मंदिर एवं लाड़लीदास/जुगलकिशोर मंदिर (धर्मस्‍य विभाग) की भूमि अधिग्रहीत की गई है। दतिया शहर स्थित बग्‍गी खाना एवं अन्‍य 13 शासकीय स्‍थलों पर विभिन्‍न शासकीय परिसंपत्तियों का निर्माण साधिकार समिति के अनुमोदन अनुसार एवं अनुबंधानुसार योजनान्‍तर्गत किया जा रहा है। (ग) बग्‍गी खाना, दतिया की पुनर्घनत्‍वीकरण योजना के अंतर्गत 13 शासकीय परिसंपत्तियों का कार्य (राशि रूपये 43.91 करोड़) समदड़‍िया ग्रुप द्वारा अनुबंध के तहत किया जाना निर्धारित है, जो निम्‍नानुसार है

1.      बस स्‍टैंड का निर्माण एवं विकास कार्य,

  1. राजस्‍व निरीक्षक कार्यालय निर्माण कार्य पुलिस लाइन,
  2. किला चौक पर पुलिस चौकी का निर्माण कार्य,
  3. नवीन कलेक्‍टर कार्यालय परिसर में 48 स्‍टाफ क्‍वाटर्स का निर्माण कार्य,
  4. 36 एनजीओ आवासों (जी+2) का निर्माण पुलिस लाइन,
  5. टाउन हॉल,
  6. SDOP कार्यालय एवं महिला DSP पुलिस लाइन,
  7. DSP अजाक्‍स कार्यालय,
  8. सर्किट हाउस का निर्माण कार्य,
  9. दुकानें एवं यूथ सेन्‍टर,
  10. ठंडी सड़क का चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य,

12.  स्‍पोर्टस कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य

बग्‍गी खाना, दतिया की वर्तमान कलेक्‍टर गाइड-लाइन व्‍यवसायिक दर (2025-26) रूपये 72000.00 प्रति वर्गमीटर है, जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। समड़‍िया ग्रुप को निर्वर्तित बग्‍गी खाना दतिया की 0.7930 हेक्‍टेयर सी.एल.पी. (प्रतिपूरक) भूमि पर निर्मित दुकानों से प्राप्‍त होने वाली आय की जानकारी संधारित करने का दायित्‍व अनुबंध में नहीं है, इसलिए जानकारी उपलब्‍ध नहीं है। बग्‍गी खाना, दतिया की 0.7930 हेक्‍टेयर भूमि की साधिकार समिति द्वारा स्‍वीकृत पुनर्घनत्‍वीकरण योजना के अंतर्गत अनुबंधानुसार रूपये 43.91 करोड़ के 13 निर्माण कार्य किये जा रहे है, जिसमें से वर्तमान तक 5 निर्माण कार्य पूर्ण कर हस्‍तांतरित किये जा चुके है। शेष 8 कार्य प्रचलित है। पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। (घ) उक्‍त योजना की समयावधि निर्माण स्‍थल उपलब्‍ध कराने के दिनांक से 24 माह निर्धारित है। तदानुसार अलग-अलग कार्यों के स्‍थल अलग-अलग समय में उपलब्‍ध कराये गये, जिसके अनुसार हर कार्य की पूर्णता तिथि अलग-अलग है। साधिकार समिति की बैठक दिनांक 28/07/2021 में प्राप्‍त स्‍वीकृति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-इ अनुसार है। बग्‍गी खाना, दतिया की पुनर्घनत्‍वीकरण योजना के क्रियान्‍वयन से प्रभवित होने वाली दुकानों/मकानों के अधिग्रहण एवं मुआवजा का प्रावधान अनुबंध में नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। योजना से प्रभावित दुकानों (जो कि शासन द्वारा किराये पर संचालित थी) के विस्‍थापन के लिए इस योजना के अंतर्गत अन्‍य स्‍थान पर नया मार्केट बनाया गया है, जिसमें वर्तमान तक 14 दुकानें विस्‍थापित की गई है तथा 6 दुकानें विस्‍थापन हेतु शेष है।

RDSS योजना अंतर्गत स्वीकृत स्थलों अनुसार कार्यों की जानकारी

[ऊर्जा]

43. ( क्र. 865 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के ऊर्जा विभाग अंतर्गत केन्द्र शासन की RDSS योजना दतिया जिले में पायलट प्रोजेक्ट अंतर्गत लागू है? यदि हाँ, तो क्या योजना अंतर्गत दतिया जिले में उक्त योजनांतर्गत कार्य प्रारंभ करने हेतु G.I. सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो ग्राम एवं ग्राम में चयनित स्थल सर्वे की सूची सहित कितने स्थानों पर सर्वे अनुसार कार्य पूर्ण हो चुका है एवं कितना प्रचलन में है? इसकी पृथक-पृथक जानकारी/सूची प्रदान करें। (ख) क्या RDSS योजना अंतर्गत सर्वे अनुसार स्वीकृत स्थल पर ही विद्युत विभाग/म.क्षे.वि.वि.कं.लि. द्वारा कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो कार्य पूर्ण हो चुके कार्यों का सर्वे अनुसार ही कार्य संपन्न होने का भौतिक सत्यापन कराया गया है? यदि हाँ, तो योजनांतर्गत दतिया जिले में पूर्ण कार्यों के फर्मों के अनुबंध का भौतिक सत्यापन रिपोर्ट एवं सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम पद नाम एवं पदस्थापना स्थल सहित जानकारी उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 1821, 1822, 1823 एवं 1824 दिनांक 25.10.2025 ऊर्जा विभाग एवं विद्युत कंपनी के अधिकारियों को पत्र लिखकर RDSS योजना में स्वीकृत स्थलों में भ्रष्टाचार को लेकर परिवर्तन करने के संबंध में पत्र द्वारा शिकायत कर जानकारी चाही गई है? यदि हाँ, तो विभाग के समक्ष उक्त तथ्य प्रकाश में आने के पश्‍चात वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? अवगत करायें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या दतिया जिले में उपभोक्ताओं के कृषि पंप विद्युत कनेक्शन के स्वीकृत हार्सपावर को मनमाने तरीके से वृद्धि करके किसानों एवं उपभोक्ताओं को बिजली बिल दिये गये है? यदि हाँ, तो ग्राम कृषकवार पंप कनेक्शन की सूची प्रदाय करें। अवैध कार्य के संबंध में शिकायतें भी की गई? तो दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, प्रदेश में केन्‍द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना दतिया जिले में पायलट प्रोजेक्‍ट के रूप में नहीं, अपितु प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ वर्ष 2022 में लागू की गई है। उक्‍त योजनांतर्गत कार्य प्रारंभ करने हेतु दतिया जिले में जी.आई.एस. सर्वे किया गया था। योजनान्‍तर्गत कार्यों के क्रियान्‍वयन हेतु किये गये सर्वे की टास्‍क आई.डी.वार पूर्ण हो चुके कार्यों, प्रगतिरत कार्यों एवं अप्रारंभ कार्यों की स्‍थान सहित पृथक-पृथक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'',  'एवं 'अनुसार  है। (ख) जी हाँ, योजनातंर्गत सर्वे अनुसार ही कार्य पूर्ण कराये गये हैं। तथापि कतिपय प्रकरणों में आर.ओ.डब्‍लू. की समस्‍या के कारण नियमानुसार सक्षम स्‍वीकृति उपरांत परिवर्तित लोकेशन पर कार्य कराया गया है। योजनान्‍तर्गत क्रियान्वित कार्यों के भौतिक सत्‍यापन हेतु म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट एजेंसी मैसर्स वोयांटस सोल्‍यूशन प्रा.लि., गुडगॉव का चयन किया गया है, जिनके द्वारा कार्यों की प्रगति एवं पूर्ण हो चुके कार्यों का भौतिक सत्‍यापन क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों के साथ किया गया है। पूर्ण कार्यों की भौतिक सत्‍यापन रिपोर्ट (ई.एम.बी.) में सत्‍यापनकर्ता प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट एजेंसी के प्राधिकारी तथा म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित अधिकारी का नाम, पदनाम एवं पदस्‍थापना स्‍थल संबंधी जानकारी निहित है। सत्‍यापित कार्यों की सूची एवं पूर्ण कार्यों की भौतिक सत्‍यापन रिपोर्ट  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के              प्रपत्र-'अनुसार  है। (ग) जी हाँ, प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र क्रमांक 1821 दिनांक 25.10.2025 महाप्रबंधक, संचा./संधा., संभाग दतिया को प्राप्‍त हुआ है, जिसके परिप्रेक्ष्‍य में महाप्रबंधक, संचा./संधा. संभाग दतिया द्वारा पत्र क्रमांक महा.प्र./सं./सं./कार्य/25/3893 दिनांक 13.11.2025 से माननीय विधायक महोदय को वस्‍तुस्थिति/जानकारी से अवगत करा दिया गया है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित शेष पत्र संदर्भ यथा 1822, 1823 एवं 1824, पत्र क्रमांक 1821 की ही प्रतिलिपि है। अत: उक्‍त की गयी कार्यवाही एवं उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (घ) जी नहीं। अपितु प्रश्‍नाधीन क्षेत्रांतर्गत नियमानुसार उपभोक्‍ता के कृषि पंप स्‍थल का निरीक्षण कर, उपयोग में लिये जा रहे कृषि पंप के भार का, उपकरण से मापन कर, पाया गया भार कृषि पंप के स्‍वीकृत भार से अधिक पाये जाने पर कनेक्‍शन के स्‍वीकृत भार में तदनुसार वृद्धि की जाकर भार वृद्धि का विद्युत बिल प्रदाय किया जाता हैं। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है।

सड़कों एवं पुलों का निर्माण

[लोक निर्माण]

44. ( क्र. 875 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा-47 में कोटरा खेरा से खुमान गंज तक, मय पुल सहित, चंदेरी मुख्य मार्ग से टीला तक, मचौरा पथरीगढ़ से देवराहा तक, जतारा बायपास से बम्हौरी अब्‍दा तक, लारौन से टयरियन तक, सैपुरा से सतवारा तक, नयागॉव से गड़रयाना बखतपुरा तक, हनौता से गडरयाना मुहल्‍ला तक, डारगुंवा से हटा की सड़कों के निर्माण जनहित में स्‍वीकृत क्यों नहीं किये जा रहे है आवागमन में बहुत कठिनाइयां ग्रामीण जन उठा रहे है। इन सभी सड़‌कों  के निर्माण कराये जाने की स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी जानकारी स्‍पष्‍ट करें। (ख) क्या  देवपुर तिरौला से वनपुरा सांपौन तक सड़‌क निर्माण हेतु विचाराधीन टेंडर में सुधार किया जाना था वह कब पूर्ण कराकर सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ करा दिया जावेगा सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराये।         (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में  इन वर्णित सड़‌कों के निर्माण कराये जाने हेतु विभाग द्वारा नाप तौल का कार्य किया है या नहीं तथा बार-बार प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍नों के उत्तर में लेख कर दिया जाता है कि विभाग की पुस्तिका में यह सड़कें दर्ज नहीं है इ‌सलिये स्वीकृत नहीं की जा सकती है क्‍या विभाग अपनी पुस्तिका में दर्ज करते हुये इन सभी का निर्माण कराये जाने की स्‍वीकृति प्रदाय करते हुये क्षेत्र की आम जनता को कब तक आवागमन की सुविधा उपलब्‍ध करा दी जावेगी यदि हाँ, तो समयावधि बताये यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, राज्य बजट में स्वीकृत नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) देवपुर तिर्गला से वनपुरा सापौन तक सड़क निर्माण कार्य का कार्यादेश दिनांक 25.09.2025 को जारी किया गया है, अनुबंधानुसार कार्य दिनांक 24.03.2026 तक पूर्ण किया जाना प्रावधानित है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित मार्गों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है तथा प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित मार्ग का कार्यादेश जारी किया जा चुका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "चौदह"

विश्राम गृह का संचालन एवं प्रबंधन

[लोक निर्माण]

45. ( क्र. 904 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या लोक निर्माण विभाग ने उमरिया जिला अंतर्गत वर्ष 2016 से 2018 अवधि में नौरोजाबाद में विश्राम गृह का निर्माण पी.आई.यू. के माध्‍यम से कराया है? यदि हाँ, तो विश्राम गृह की लागत, निर्माण एजेन्सी संविदाकार का नाम, कार्य पूर्णता की तिथि सहित पूर्ण जानकारी देवें? (ख) विभाग ने प्रश्‍नांश (क) वर्णित इतनी धन राशि से निर्मित विश्राम गृह का अधिपत्‍य किस दिनांक को प्राप्‍त किया तथा प्रश्‍न दिनांक तक विश्राम गृह की भौतिक स्थिति, संचालन व प्रबंधन की पूर्ण जानकारी देवें? (ग) क्‍या विभाग द्वारा जिस उद्देश्‍य व कार्य के लिए शासकीय राशि व्‍यय कर विश्राम गृह का निर्माण किया है, क्‍या उसका संचालन एवं प्रबंधन न कर शासकीय राशि के दुरूपयोग व विभाग की लापरवाही की समय-सीमा में जांच कराकर दोषि‍यों को दण्डित करते हुए विश्राम गृह संचालन कराया जाएगा? यदि नहीं, तो राशि अपव्‍यय के लिए कौन जिम्‍मेदार हैं?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु वर्ष 2014-15 में, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) अधिपत्‍य की कार्यवाही प्रचलन में, विश्राम गृह मरम्‍मत योग्‍य है। विश्राम गृह का संचालन एवं प्रबंधन अधिपत्‍य पश्‍चात सुनिश्‍िचत होगा। (ग) विश्राम गृह का संचालन लोक निर्माण विभाग (भवन/सड़क) के द्वारा किया जाता है उक्‍त विश्राम गृह मरम्‍मत के बाद संचालन योग्‍य होगा। अत: राशि अपव्‍यय होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

अवैध भवन में विद्युत कनेक्‍शन का विच्‍छेद

[ऊर्जा]

46. ( क्र. 905 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत विद्युत वितरण केन्‍द्र जैतहरी में नगर परिषद जैतहरी के अवैध अनापत्ति प्रमाण पत्र लगाकर जालसाजी व कूट रचना कर शासकीय भूमि पर निर्मित अवैध भवन में विद्युत कनेक्‍शन नंबर 13280335025 एवं 13280335030 घरेलू व वाणिज्यिक कनेक्‍शन तथा घरेलू कनेक्‍शन क्रमांक 1328022456 के उपभोक्‍ताओं को नगर परिषद के वैधानिक आपत्ति तथा कूट रचना के शिकायत पर जैतहरी में पदस्‍थ सहायक अभियंता ने लीगल नोटिस जारी किया था? यदि हाँ, तो प्रत्‍येक नोटिस की प्रति उपलब्‍ध कराते हुए उत्‍तर दिनां‍क तक अवैध प्रक्रिया व दस्‍तावेज से प्राप्‍त विद्युत कनेक्‍शन विच्‍छेद किया गया हैं? यदि नहीं, तो विभाग ने उपभोक्‍ताओं से निजी आर्थिक हित लाभ लेकर अवैध कनेक्‍शन को संरक्षण दिया गया है? (ख) क्‍या विद्युत विभाग जैतहरी नगर में शासकीय भूमि व अवैध भूमि पर विद्युत कनेक्‍शन देकर शासन की भूमि पर अतिक्रमण को प्रोत्‍साहन कार्यक्रम संचालित किया है? यदि नहीं, तो विभाग ने वैधानिक नोटिस संबंधित उपभोक्‍ताओं को देकर कनेक्‍शन विच्‍छेद न करने का वैधानिक तथ्‍य सहित जानकारी व दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराएं? (ग) क्‍या नगरीय निकाय जैतहरी की लिखित शिकायत आपत्ति तथा वैधानिक कार्यवाही के लिए विद्युत वितरण केन्‍द्र जैतहरी तथा उच्‍च अधिकारियों को पत्र देने के बावजूद अवैध कनेक्‍शन को प्रोत्‍साहित कर प्रश्रय देना शासन हित में हैं? यदि नहीं, तो शासन हित में अवैध कूट रचित दस्‍तावेज के आधार पर प्रदाय कनेक्‍शन कब तक विच्‍छेद किया जाएगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) अनूपपुर जिले के वितरण केन्‍द्र जैतहरी अन्‍तर्गत घरेलू विद्युत कनेक्‍शन क्रमांक 1328035025 (13280335025 नहीं) श्री सुन्‍दरलाल राठौर, ग्राम पंचायत पाटन का है, जो नगर परिषद जैतहरी के क्षेत्र अंतर्गत नहीं है। प्रश्‍न में उल्‍लेखित कनेक्‍शन क्रमांक 1328022456 श्री नंदलाल सोनी के नाम से घरेलू विद्युत कनेक्‍शन है, जो कि दिनांक 14.11.1996 में नियमानुसार जारी हुआ है। कनेक्‍शन क्रमांक 1328035030 (13280335030 नहीं) श्री शाहिद हुसैन के नाम से गैर घरेलू विद्युत कनेक्‍शन है जो कि श्री शाहिद हुसैन द्वारा प्रेषित नगर परिषद जैतहरी द्वारा प्रदत्‍त अनापत्ति प्रमाण पत्र दिनांक 29.12.2022 एवं शपथ-पत्र के आधार पर दिया गया। संबंधित दस्‍तावेजों की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'एवं 'अनुसार  है। उक्‍त कनेक्‍शन दिये जाने के उपरान्‍त नगर परिषद जैतहरी के पत्र क्रमांक 589, दिनांक 23.05.2025 के द्वारा शिकायत प्राप्‍त हुई, जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार  है। उक्‍त शिकायत पर सहायक अभियंता वितरण केन्‍द्र जैतहरी के पत्र क्रमांक 207 दिनांक 30.06.2025 के माध्यम से उपभोक्‍ता श्री शाहिद हुसैन पिता श्री आबिद हुसैन को नोटिस जारी किया गया, जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार  है। उक्‍त पत्र के तारतम्‍य में विद्युत उपभोक्‍ता  श्री शाहिद हुसैन द्वारा आवेदन दिनांक 02.07.2025 से 15 दिवस में वैध दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने का लेख संबंधित कार्यालय को किया गया, जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार  है। तदुपरान्‍त उपभोक्‍ता से समय-सीमा में जवाब प्राप्‍त नहीं होने के कारण कनिष्ठ अभियंता वितरण केन्द्र जैतहरी द्वारा श्री शाहिद हुसैन को जारी विद्युत कनेक्शन क्रमांक 1328035030 को दिनांक 17.11.2025 को स्थाई रूप से विच्छेदित कर दिया गया है, जिससे संबंधित पत्र की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार  है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (ख) जी नहीं। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय द्वारा की गयी कार्यवाही का विवरण उत्‍तरांश (क) में समाहित है। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

आदर्श ग्राम बनाने के शासन के नियम

[अनुसूचित जाति कल्याण]

47. ( क्र. 914 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की विधानसभा क्षेत्र सेवड़ा में 1 जनवरी 2024 के उपरांत कुल कितनी बार कितने ग्रामों को किसकी अनुशंसा से आदर्श ग्राम बनाया गया है अनुशंसा पत्रों की छायाप्रति एवं आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाए। (ख) उक्त घोषित आदर्श ग्रामों में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के कब स्वीकृत हुए कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हो गए हैं उनका भूमि पूजन किन के द्वारा किया गया कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गए हैं उनका लोकार्पण किसके द्वारा किया गया समस्त कार्य की प्रगति सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) आदर्श ग्राम बनाये जाने हेतु सरकार के क्या नियम है क्या दतिया जिले में उन नियमों का पालन किया गया है अथवा नहीं, यदि नहीं, तो उसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं उनके नाम पद की जानकारी एवं नियम की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या जनप्रतिनिधियों की सहमति के बिना नियम विरुद्ध आदर्श ग्राम बनाने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की कृपा करेंगे यदि हाँ, तो कब तक?

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत 01 जनवरी 2024 से विधानसभा क्षेत्र सेवड़ा में चयनित ग्रामों की सूची  पुस्‍तकालय में  रखे  परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। योजनांतर्गत वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार ग्रामों का चयन भारत सरकार सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के द्वारा किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) चयनित ग्रामों की ग्राम विकास योजनाओं का निर्माण प्रक्रियाधीन होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट ''' अनुसार है। नियमों का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।             (घ) प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनांतर्गत ग्रामों का चयन भारत सरकार के द्वारा किये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जिला अशोकनगर में सेन समाज के लिए दुकानों का आवंटन

[नगरीय विकास एवं आवास]

48. ( क्र. 923 ) इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में सेन समाज के बेरोजगार युवाओं द्वारा वर्षों से पारंपरिक पेशे के रूप में सैलून का कार्य किया जा रहा है, परंतु इनके पास दुकानें न होने से वह अपने व्यवसाय को नहीं कर पा रहे है या जो कर रहे है उन्हें दुकानों का किराया बहुत ही अधिक देना पड़ रहा है, इससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। (ख) स्थानीय निकाय द्वारा स्थान चिन्हित कर दुकानें बनाकर सेन समाज को प्राथमिकता प्रदान करने के लिए आदेशित करें जिससे युवाओं को अपना काम मिल सकें। (ग) इस संबंध में स्थानीय निकाय द्वारा कोई योजना बनाई जा रही है या नहीं? अगर हाँ तो यह कब तक बन जायेगी? बताने की कृपा करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं  (ख) नगरीय निकायों की संपत्तियों के अंतरण के संबंध में प्रभावशील मध्‍यप्रदेश नगरपालिका (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम, 2016 के नियम 9 में विभिन्‍न सामाजिक वर्गों- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्‍य पिछड़ा वर्ग, अनारक्षित वर्ग की विधवाओं के लिये एवं विकलांग व्‍यक्तियों को आवंटन के लिये आरक्षण का प्रावधान है। उक्‍त प्रावधान में सेन समाज को पृथक से आरक्षण संबंधी प्रावधान नहीं है। उपरोक्‍त के अतिरिक्‍त नियम 2016 के नियम 3 में किसी वर्ग विशेष को संपत्ति बिना निविदा आमंत्रण किये आवंटित किये जाने का प्रावधान नहीं है। उक्‍त के प्रकाश में कोई आदेश दिये जाने की आवश्‍यकता नहीं है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

छात्रावासों में क्रय की गई सामग्री

[अनुसूचित जाति कल्याण]

49. ( क्र. 934 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी में विभाग द्वारा छात्रावासों में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी सामग्री क्रय की गई है? राशि की जानकारी वर्षवार एवं सामग्री की जानकारी नामवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश () में क्रय की गई सामग्री क्रय करनें में भंडार क्रय नियमों का पालन किया गया? यदि हाँ, तो क्रय करने हेतु जारी टेंडर की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश () में क्रय की गई सामग्री के स्‍टॉक रजिस्‍टर की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। साथ ही सामग्री का भौतिक सत्‍यापन हेतु गठित की गई समितियों के आदेशों की छायाप्रति एवं उनके द्वारा प्रस्‍तुत रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। सामग्री सप्‍लाई करने वाली एजेंसियों के नाम बतावें एवं उनको भुगतान की गई राशि की जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश ()  में क्रय की गई सामग्री के भुगतान के व्‍यय व्‍हाउचर्स की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। क्रय की गई सामग्री वर्तमान में भौतिक रूप से उपलब्‍ध नहीं है। यदि है, तो जिला संयोजक, आदिम जाति कल्‍याण विभाग, जिला सिवनी के काउंटर साईन से भौतिक रूप से उपलब्‍ध सामग्री की डिटेल बतावें। यदि नहीं, तो संबंधितों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी  पुस्‍तकालय में  रखे  परिशिष्‍ट  '' अनुसार  है। (ख) जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट  '' अनुसार  है।            (ग) जानकारी  पुस्‍तकालय में  रखे  परिशिष्‍ट  ''  अनुसार  है। (घ) जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट  ''  अनुसार  है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कृषकों के विद्युत पम्पों में क्षमता वृद्वि पर रोक

[ऊर्जा]

50. ( क्र. 983 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा में कृषि पम्पों के विद्युत कनेक्शन कितने हार्स पावर के है? कृषकवार संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) कृषकों के विद्युत पम्पों में मनमाने तरीके से क्षमता वृद्धि की जाती है? यदि नहीं, तो क्या नियम है? क्षमता वृद्धि करते समय संबंधित कृषक के समक्ष क्षमता वृद्धि की जाती है? यदि हाँ तो सप्रमाण सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या मांगीलाल सेन पुत्र              श्री प्रहलाद सेन निवासी रायपुरा का विद्युत कनेक्शन 8 एचपी होने के उपरांत मनमाने तरीके से 22 एचपी का बिल थमा दिया गया है? यदि हाँ तो क्यों और किस नियम के तहत? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार क्या संबंधित कृषक द्वारा आत्महत्या की धमकी देने के पश्‍चात विद्युत बिल संशोधन किया गया है? यदि हाँ तो इसी प्रकार अन्य कृषकों के मनमाने तरीके से बढ़ाये गये क्षमता वृद्धि के नाम पर विद्युत बिलों को संशोधन किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) श्‍योपुर विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत कृषि पंपों के विद्युत कनेक्‍शनों की हॉर्स पॉवरवार-कृषकवार संख्‍यात्‍मक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'अनुसार  है। (ख) जी नहीं, कृषकों के विद्युत कनेक्‍शन के भार में मनमाने तरीके से नहीं, अपितु उन कृषकों के पम्‍प कनेक्‍शनों की मौके पर की गई भार की जाँच में बढ़ा हुआ भार पाये जाने पर ही विद्युत कनेक्‍शन का भार बढ़ाये जाने की कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में निष्‍ठा एप्‍प के माध्‍यम से समस्‍त कृषकों के कनेक्‍शनों की, मौके पर विद्यमान मोटरों की क्षमता की जांच, भौतिक रूप से मापन उपकरण के माध्‍यम से, संबंधित कृषक अथवा उसके प्रतिनिधि की उपस्थिति में की जा रही है, जिसके आधार पर अधिक भार पाये जाने पर क्षमता वृद्धि की कार्यवाही की जाती है। उदाहरण के तौर पर 03 कृषकों के पंचनामा की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'' अनुसार  है। (ग) वितरण केन्‍द्र श्‍योपुर ग्रामीण के उपभोक्‍ता श्री मांगीलाल सेन पुत्र श्री प्रहलाद सेन, निवासी रायपुरा का नवीन कनेक्‍शन क्रमांक-2031007170, भार 10 एच.पी. दिनांक 17 अक्‍टूबर, 2014 को जारी किया गया था। तदोपरान्‍त उक्‍त उपभोक्‍ता के विद्युत कनेक्‍शन-क्रमांक 2031007170 में तत्‍कालीन अधिकारियों द्वारा माह फरवरी-2016 में 10 से 12 एच.पी., माह जुलाई-2020 में 12 से 15 एच.पी., माह नवम्‍बर-2020 में 15 से 18 एच.पी., माह अक्‍टूबर, 2021 में 18 से 20 एच.पी. एवं माह जनवरी, 2024 में 20 से 22 एच.पी. भारवृद्धि की गई एवं वृद्धि किये गये भार अनुसार बिल जारी किये गये। उक्‍त माहों में की गई भारवृद्धि के संबंध में स्‍थल निरीक्षण रिपोर्ट कार्यालयीन रिकार्ड में उपलब्‍ध नहीं पाये जाने पर तत्‍समय श्‍योपुर ग्रामीण वितरण केन्‍द्र पर पदस्‍थ रहे संबंधित 04 सहायक प्रबंधकों के विरूद्ध पत्र क्रमांक 439-40, 441-42, 443-444 एवं 445-446 दिनांक 24.11.2025 से एवं 01 लाइन कर्मचारी को पत्र क्रमांक 447-48 दिनांक 24.11.2025 से उपमहाप्रबंधक (संचा./संधा.), संभाग दक्षिण श्‍योपुर द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं। उपभोक्ता के कृषि पम्‍प कनेक्‍शन पर किये गये भार परिवर्तन के विरूद्ध उपभोक्ता की ओर से प्रश्‍न दिनांक तक कार्यालय में कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। उपभोक्ता द्वारा सी.एम. हेल्पलाइन पर शिकायत क्रमांक-34800453 दिनांक 08.10.2025 को 22 एच.पी. के अधिक भार के बिल आने के संबंध में शिकायत की गई थी। दिनांक 04.11.2025 को उपभोक्ता के बोर पर मोटर की जाँच की गई, जाँच में उपभोक्ता के बोर की मोटर की क्षमता 11 एच.पी. पाई गई। जिसके आधार पर दिनांक 04.11.2025 को पम्‍प कनेक्‍शन का भार 22 एच.पी से घटाकर 11 एच.पी. कर दिया गया है। कंपनी के निर्देशानुसार समय-समय पर कृषकों के बोरों में डली हुई विद्युत मोटरों की क्षमता की जांच की जाती है, जिसके आधार पर ही विद्युत कनेक्‍शनों के भार में वृद्धि/कमी की जाती है। (घ) जी नहीं। सी.एम.हेल्‍प लाइन पोर्टल पर शिकायत क्रमांक-34800453, दिनांक 08.10.2025 प्राप्‍त होने पर सहायक प्रबंधक, वितरण केन्‍द्र श्‍योपुर ग्रामीण से जांच कराई गई, जांचोपरान्‍त सहायक प्रबंधक द्वारा उपभोक्‍ता श्री मांगीलाल सेन पुत्र श्री प्रहलाद सेन, निवासी रायपुरा के खेत में लगे विद्युत कनेक्शन क्रमांक-2031007170 का दिनांक 04.11.2025 को निरीक्षण किया गया एवं मौके पर पाये गये भार के आधार पर दिनांक 04.11.2025 को पम्‍प कनेक्‍शन का भार 22 एच.पी. से घटाकर 11 एच.पी. कर दिया गया है एवं पाये गये भार अनुसार बिल में आवश्‍यक संशोधन दिनांक 25.11.2025 को कर दिया गया है।

जमीन अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

51. ( क्र. 1024 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन नगर सुधार न्यास कटनी (वर्तमान नगरपालिक निगम कटनी) द्वारा कटनी जिले के ग्राम अमकुही एवं ग्राम झिंझरी में निर्मित आवासीय योजना क्रमांक-15 में अधिग्रहीत भूमियों का अधिग्रहण से विमुक्त हुए बिना ही विक्रय हो गया है? किस-किस विक्रेता द्वारा किस-किस क्रेता को कब-कब विक्रय किया गया है? प्रति सहित बताएं। (ख) यदि नगर सुधार न्यास कटनी की आवासीय योजना क्रमांक-15 की अधिग्रहीत भूमियों का विक्रय अधिग्रहण से विमुक्त हुए बिना ही विक्रय हुआ है तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कब तक क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) नगर सुधार न्यास कटनी की आवासीय योजना क्रमांक-15 के लिए अधिग्रहीत भूमियों को सुरक्षित एवं संरक्षित करने बाबत् अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? कब तक क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) नगर निगम कटनी के पूर्व अध्यक्ष संतोष शुक्ला द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष प्रस्तुत जनहित याचिका रिट-पिटीशन नंबर 9003/2025 में पारित आदेश दिनांक-25/03/2025 के परिपालन में प्रश्‍न दिनांक तक क्या ठोस कार्यवाही की गई है? नहीं की गई तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? कब तक कार्यवाही की जाएगी? नगर सुधार न्यास कटनी की आवासीय योजना क्रमांक-15 की संपूर्ण जमीन अवैध कब्जे से कब तक मुक्त कराकर वापस नगरपालिक निगम कटनी के आधिपत्य में ली जाएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) तत्कालीन नगर सुधार न्यास वर्तमान नगरपालिक निगम कटनी की योजना क्र. 15 की प्रशासकीय स्वीकृति विभागीय पत्र दिनांक 09.08.1991 से ग्राम अमकुही के खसरा क्रमांक 823/1 रकवा 1.214 हे. खसरा नं. 285/1, 286/1,2,3 रकवा 7.039 हे. कुल रकवा 8.253 हे. निजी भूमि स्वामी की भूमियों का अधिग्रहण किया जाकर नगर सुधार न्यास अधिनियम की धारा 46, 47, 48 एवं धारा 71 (1) एवं 71 (2) का प्रकाशन राजपत्र में दिनांक 27.12.1991 को कराया गया था। जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट '''' अनुसार  है। तत्कालीन नगर सुधार न्यास के समय अनिवार्य अर्जन के तहत अर्जित की गई भूमि में से 1.26 हे. भूमि का अनापत्ति प्रमाण पत्र कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2290, दिनांक 08.11.1993 द्वारा भूमि स्वामी को जारी की गई थी, जिसे तत्कालीन आयुक्त, नगरपालिक निगम कटनी द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1061/ए/नगर निगम/99/2000, दिनांक 30.12.1999 द्वारा उक्त जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया है। जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट ''बी'' अनुसार है। अनापत्ति कार्यवाही नस्ती कार्यालय में उपलब्ध नहीं है, जिसकी सूचना पुलिस थाने में दी गई तदाशय की सूचना पत्र क्रमांक 1409 ए/लो.नि.वि./योजना/2000 दिनांक 13.12.2000 दी गई है। जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट ''सी'' अनुसार  है। योजना क्रमांक 15 की भूमि का क्रय/विक्रय संबंधी अभिलेख निगम में उपलब्ध नहीं है। योजनाओं की भूमि के क्रय/विक्रय एवं अनियमितताओं के संबंध में विभाग द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। जानकारी  पुस्‍तकालय में  रखे  परिशिष्‍ट  ''डी'' अनुसार है। (ख) तत्कालीन नगर सुधार न्यास की योजनाओं की भूमियों के क्रय/विक्रय एवं अनियमितताओं के संबंध में विभाग द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। गठित समिति के जांच निष्कर्षों की जानकारी अपेक्षित है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष  जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट '''' अनुसार  है। (ग) तत्कालीन नगर सुधार न्यास की आवासीय योजना क्रमांक-15 की भूमि को सुरक्षित एवं संरक्षित किये जाने बाबत् भूमि के नामांतरण हेतु तहसीलदार कटनी के समक्ष आवेदन दिनांक 06.10.2011 को प्रस्तुत किया गया। तत्कालीन तहसीलदार, कटनी द्वारा प्रकरण दिनांक 26.02.2013 को आदेश पारित करते हुए नगर निगम का आवेदन खारिज कर दिया गया। जानकारी  पुस्‍तकालय में  रखे  परिशिष्‍ट  ''एफ'' अनुसार  है। तहसीलदार कटनी द्वारा पारित आदेश दिनांक 26.02.2013 के विरूद्ध नगरपालिक निगम कटनी द्वारा वर्ष 2013 में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटनी के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई, जिसमें अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटनी के द्वारा नगर निगम का आवेदन पत्र दिनांक 31.08.2017 को खारिज किया गया। जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट  ''जी'' अनुसार  है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटनी द्वारा पारित आदेश दिनांक 31.08.2017 के विरूद्ध संभागीय आयुक्त, जबलपुर संभाग, जबलपुर के समकक्ष अपील प्रकरण क्रमांक 0197/22-23 प्रस्तुत की गई, जो वर्तमान में विचाराधीन है। जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट ''एच'' अनुसार  है। योजना क्रमांक 15 के अंतर्गत आने वाले खसरा क्रमांकों/रकबा की भूमि का कोई भी व्यक्ति/संस्था क्रय विक्रय न करने हेतु आम सूचना का प्रकाशन दैनिक समाचार पत्र में कराया गया है। जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट  ''आई'' अनुसार  है। उपरोक्त के साथ ही तत्कालीन नगर सुधार न्यास की योजनाओं की भूमियों की भूमि बिना नगर निगम कटनी के अनुमति के रजिस्ट्री आदि की कार्यवाही न किये जाने हेतु रजिस्ट्रार, रजिस्ट्रार कार्यालय, कटनी को सूचित किया गया। जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट ''जे'' अनुसार  है। (घ) नगर निगम कटनी के पूर्व अध्यक्ष श्री संतोष शुक्ला द्वारा माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर में याचिका रिट पिटीशन क्रमांक 9003/2025 में पारित आदेश दिनांक 25.03.2025 के पालन में विभागीय पत्र क्रमांक 1128/2025/18-03 भोपाल, दिनांक 28.03.2025 के द्वारा आयुक्त, नगर निगम कटनी को शिकायत के बिन्दुओं के साथ प्रतिवेदन सहित जांच समिति द्वारा समय-समय पर दिनांक 21.05.2025, दिनांक 04.06.2025 एवं दिनांक 17.06.2025 को बैठक आहूत की गई। इसी दौरान समिति के सदस्यों में से कुछ सदस्यों का कटनी जिला से स्थानांतरण हो जाने के कारण पुनः पत्र क्रमांक 574, दिनांक 29.10.2025 को विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया गया। छः सदस्यी जांच समिति के गठन का पुनः प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। जांच समिति की रिपोर्ट अपेक्षित हैं समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट  ''के'' अनुसार  है।

स्‍वीकृति सड़क एवं नवीन सड़क की जानकारी

[लोक निर्माण]

52. ( क्र. 1039 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) बालाघाट जिले में विगत 5 वर्षों में कुल कितनी सड़कों के निर्माण हेतु प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई तथा निर्माण कब पूर्ण हुआ? जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या बालाघाट से नैनपुर एवं लामता से परसवाड़ा से बैहर मार्ग अत्‍यंत क्षतिग्रस्‍त जीर्ण-शीर्ण हो चुके है? यदि हाँ, तो शासन के आगामी नवीन सड़क निर्माण या मरम्‍मत संबंधी जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित समस्‍त कार्यों में कितनी सड़कें या भवन क्षतिग्रस्‍त हो चुके हैं? उन्‍हें मरम्‍मत हेतु किये गए तिथियों को व्‍यय सहित कॉलमवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) विगत 5 वर्षों में जिला स्‍तर तथा संभाग स्‍तर पर विभिन्‍न प्रकार के कार्यों तथा अन्‍य व्‍यय राशि का आय व्‍यय का ब्‍यौरा बिल वाउचर तथा कार्य एजेंसी को भुगतान राशि की जानकारी उपलब्‍ध करावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) बालाघाट से नैनपुर मार्ग की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। बैहर लामता मार्ग की कुल लंबाई-50.89 कि.मी. है। उक्त मार्ग का निर्माण ए.डी.बी.-6 परियोजना के अंतर्गत किया गया। मार्ग वर्तमान में निवेशकर्ता के संचालन एवं संधारण में है। मार्ग पर 31.20 कि.मी. लंबाई के पुनर्निर्माण एवं मजबूतीकरण हेतु चेंज आफ स्कोप  प्रस्ताव विचाराधीन है। (ग) जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट के  प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित मार्ग में बैहर लामता  मार्ग यातायात योग्‍य है। मार्ग निवेशकर्ता के संचालन एवं संधारण में होने के कारण म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा कोई व्‍यय नहीं किया गया है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-स, स -1 एवं स -2  अनुसार है।

वित्‍तीय अनियमितता की शिकायतों पर कार्यवाही

[ऊर्जा]

53. ( क्र. 1040 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्‍त बालाघाट जिले में विगत 5 वर्षों में क्‍या-क्‍या कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गए? प्रशासकीय स्‍वीकृति एवं निविदा तथा क्रियान्‍वयन एजेंसी को किये गए राशि का भुगतान का विवरण उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा ध्‍यानाकर्षण एवं विगत सत्र में प्रश्‍न के माध्‍यम से RDSS के कार्यों में निम्‍न स्‍तर की सामग्री उपयोग करने तथा वित्‍तीय अनियमितता किये जाने के संबंध में शिकायत की गई थी? जांच तथा अधिकारी/कर्मचारियों पर की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्‍ध करावे? (ग) क्‍या चांगोटोला के आसपास आने वाले ग्रामों में विद्युत कनेक्टिविटी सिवनी जिले से होने के कारण तकनीकी समस्‍या बनी रहती है? इसे लालबर्रा फीडर से जोड़ने हेतु क्‍या प्रयास किये गए जबकि‍ जिला प्रशासन ने कई बार इस समस्‍या को हल किये जाने स‍हमति जताई? (घ) समस्‍त बालाघाट जिले में कार्यालय में प्राप्‍त आवेदनों अनुसार कितने उपभोक्‍ताओं को विद्युत कनेक्‍शन प्रदाय हेतु लंबित हैं। वितरण केन्‍द्रवार संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्‍ध करायें। विगत 5 वर्षों में समस्‍त कार्यालयों के आय-व्‍यय का ब्‍यौरा उपलब्‍ध करावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) बालाघाट जिले में विगत 5 वर्षों में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की विभागीय कार्य योजना एवं प्रचलित आर.डी.एस.एस. योजनान्‍तर्गत किये गये कार्यों तथा संबंधित प्रशासकीय स्‍वीकृति, निविदा का विवरण एवं क्रियान्‍वयन एजेंसी को किये गये भुगतान का विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'अनुसार  है। (ख) माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत कार्यों में उपयुक्‍त सामग्री की गुणवत्‍ता संबंधी प्रश्‍न पूछा गया था। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी स्‍तर पर मैदानी अधिकारियों के अतिरिक्त म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अधिकृत सुपरविजन एजेंसी मेसर्स एस.जी.एस. इंडिया प्रा.लि., भोपाल के द्वारा नियुक्‍त अधिकारी/कर्मचारियों के माध्‍यम से आर.डी.एस.एस. योजनान्‍तर्गत कार्यों की गुणवत्‍ता एवं क्रय की गई सामग्रियों का निरीक्षण समय-समय पर किया जा रहा है। कार्यों में यदि कमी परिलक्षित होती है, तो उसका निराकरण संबंधित निविदाकार कम्‍पनी के माध्‍यम से कराया जाता है। निविदा शर्तों के अनुसार सामग्रियों जैसे ट्रांसफार्मर, केबल, कंडक्‍टर, ब्रेकर, पेनल इत्‍यादि का परीक्षण एन.ए.बी.एल. प्रयोगशाला में करवाया जाता है एवं इसका समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। उक्‍त के तारतम्‍य में योजनांतर्गत किये जा रहे कार्यों में अनियमितता एवं वित्‍तीय अनियमितता संबंधी प्रकरण वर्तमान में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (ग) जी नहीं। 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र चांगोटोला को अति उच्‍चदाब उपकेन्‍द्र लालबर्रा से निर्गमित 33 के.व्‍ही. लामता फीडर से जोड़ा जा चुका है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (घ) बालाघाट जिलान्‍तर्गत कुल 49 आवेदन विद्युत प्रदाय हेतु लंबित है, जिनकी विद्युत वितरण केन्‍द्रवार संख्‍यात्‍मक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र–'अनुसार  है। विगत 5 वर्षों में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के समस्‍त कार्यालयों के आय एवं व्‍यय की समेकित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार  है।

विद्युत खरीदी का भुगतान

[ऊर्जा]

54. ( क्र. 1056 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) 2015-16 से अक्टूबर 2025 के बीच किस-किस कंपनी से, किस‌ दर से, कितनी मात्रा में, कितनी अवधि के लिए विद्युत खरीद अनुबंध (Power Purchase Agreements) किस‌ दिनांक को किए गए और क्यों किये गये? विद्युत विक्रेता कंपनी का नाम, पता, मलिक/भागीदार के नाम बताएं। अनुबंध की बाध्यता के कारण किस-किस विद्युत कंपनी को किस-किस आलोच्य वर्ष में बिना विद्युत खरीदे कितना-कितना भुगतान करना पड़ा। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अवधि में किस-किस कंपनी को कितनी राशि का भुगतान किया गया और उनसे कितनी विद्युत प्राप्त हुई तथा किस-किस कंपनी को बिना बिजली खरीदे कितनी राशि का भुगतान करना पड़ा और क्यों करना पड़ा। वर्षवार जानकारी दें। (ग) क्या प्रदेश विद्युत अधिशेष (Power Surplus) राज्य है। यदि हाँ, तो वर्षवार बताएं कि वर्ष 2020-21 से अक्टूबर 2025 तक राज्य से बाहर कितनी अधिशेष विद्युत, किस दर से, किन‌ राज्यों को बेची गई तथा कुल कितनी यूनिट विद्युत बेची गई और कुल कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कुल कितने यूनिट विद्युत खरीदी गई और कुल कितना भुगतान किया गया। (घ) वर्ष 2018-19 से अक्‍टूबर 2025 तक पावर बैकडाउन के कारण कितनी राशि का नुकसान हुआ। क्या "पावर बैकडाउन" का अर्थ विद्युत संयंत्रों के संदर्भ में यह होता है कि किसी उत्पादन इकाई को अपने बिजली उत्पादन को कम करने का निर्देश दिया जाय। यदि हाँ, तो बतावें कि किस-किस विद्युत संयंत्र में किस-किस अवधि के लिए पावर बैकडाउन हुआ। (ड.) पिछले 10 वर्षों में घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में‌ प्रति यूनिट कितनी-कितनी वृद्धि हुई? वर्षवार विवरण दें। घरेलू उपभोक्ता को 100 यूनिट, 200 यूनिट तथा 350 यूनिट और 500 यूनिट तथा औद्योगिक उपभोक्ता को 500 यूनिट,1000 यूनिट और 1500 युनिट और 3000 यूनिट के लिए अक्टूबर 2010, 2015, 2020 और 2025 को कितना-कितना भुगतान करना पड़ेगा।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) वर्ष 2015-16 से अक्‍टूबर, 2025 के बीच एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा किए गए विद्युत क्रय अनुबंधों (PPA) से संबंधित संपूर्ण जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'अनुसार  है। उक्‍त अवधि में विद्युत क्रय अनुबंधों की बाध्‍यता के कारण बिना बिजली खरीदे, किए गए भुगतान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशष्‍ट के प्रपत्र-'अनुसार  है। (ख) वर्ष 2015-16 से वर्ष 2025-26 (सितम्‍बर, 2025 तक) तक विद्युत क्रय एवं भुगतान संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार  है। उल्‍लेखनीय है कि पारंपरिक विद्युत उत्‍पादन इकाइयों से विद्युत क्रय अनुबंध होने की दशा में विद्युत क्रय न किए जाने पर स्‍थायी प्रभार (फिक्‍स्‍ड कॉस्‍ट) का भुगतान विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियमों के आधार पर किया जाना होता है। साथ ही बायोमास आधारित विद्युत उत्‍पादन संयंत्रों को माननीय विद्युत अपीलीय न्‍यायाधिकरण (APTEL) द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में भुगतान किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'अनुसार  है। (ग) प्रदेश में वार्षिक आधार पर विद्युत उपलब्‍धता, विद्युत मांग से अधिक है। रबी एवं खरीफ मौसम में विद्युत मांग में भिन्‍नता के दृष्टिगत खरीफ मौसम (अप्रैल-सितम्‍बर) में दूसरे प्रदेशों के साथ बैंकिंग की गई विद्युत को रबी मौसम (अक्‍टूबर-मार्च) में विद्युत मांग में हुई वृद्धि की पूर्ति हेतु वापस लिया जाता है। वर्ष 2020-21 से अक्‍टूबर-2025 तक अन्‍य राज्‍यों को क्रय/विक्रय नहीं, अपितु पॉवर एक्‍सचेंज के माध्‍यम से क्रय/विक्रय की गई अधिशेष विद्युत की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'अनुसार  है। (घ) विद्युत मांग की तुलना में उपलब्धता अधिक होने एवं विद्युत ग्रिड की सुरक्षा एवं विश्‍वसनीयता सुनिश्‍िचत करने हेतु ग्रिड कोड विनियमन में निहित प्रावधानों के अंतर्गत पावर बैकडाउन किया जाता है। अत: बैकडाउन से नुकसान होना कहा जाना उचित नहीं है। उल्‍लेखनीय है कि उच्च दर वाले संयंत्र का पावर बैकडाउन दिन के अलग-अलग समय पर, अधिशेष पॉवर की उपलब्धता होने पर यथानुपात आधार पर किया जाता है। अतः संयंत्रवार वर्ष 2018-19 से 31 अक्टूबर 2025 का पॉवर बेकडाउन का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'अनुसार  है। (ड.) पिछले 10 वर्षों में घरेलू एवं औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली की औसत दरों में प्रति यूनिट वृद्धि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'अनुसार  है। उल्लेखनीय है कि म.प्र. शासन द्वारा सितम्बर-2019 से प्रदेश के सभी घरेलू उपभोक्‍ताओं को 100 यूनिट तक खपत किये जाने के एवज में रु 100/- वसूल किये जाने का प्रावधान किया गया है तथा विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश की दरों पर गणना किये गये बिल के अंतर की राशि की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। अतः अक्टूबर, 2020 और अक्टूबर, 2025 में घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा 100 यूनिट तक की खपत करने पर मात्र रू. 100 का ही भुगतान करना पड़ा है। औद्योगिक उपभोक्ताओं का बिल विभिन्न घटकों यथा- स्वीकृत माँग, संविदा माँग, अधिकतम माँग, मीटर में दर्ज औसत पॉवर फैक्टर, ईंधन प्रभार समायोजन सरचार्ज तथा उपभोक्ता को दी जाने वाली विभिन्न छूट एवं अधिभारों पर निर्भर करता है, जो कि उपभोक्ता विशेष के लिए अलग-अलग रहता है। अतः प्रश्‍न में चाही गई खपत के लिए बिजली बिल की गणना 25 किलोवाट संविदा मांग, 15 किलोवाट अधिकतम मांग, 0.85 पॉवर फैक्टर के आधार पर की गई है। घरेलू उपभोक्ताओं (शहरी व ग्रमीण) द्वारा 100 यूनिट, 200 यूनिट, 350 यूनिट एवं 500 यूनिट की खपत होने पर किये जाने वाले भुगतान एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं (शहरी व ग्रामीण दोनों) के लिए 500 यूनिट, 1000 यूनिट, 1500 यूनिट एवं 3000 यूनिट के अक्टूबर-2010, 2015, 2020 एवं 2025 में भुगतान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'अनुसार  है।

भोपाल बायपास पर टोल वसूली

[लोक निर्माण]

55. ( क्र. 1057 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल बायपास पर टोल किस दिनांक से प्रारंभ हुआ तथा निवेशक द्वारा किस दिनांक तक कुल कितना टोल वसूला गया? निवेशक द्वारा प्रारंभ से आखरी तक‌ वसूले‌ गये टोल‌‌ तथा उस मार्ग से निकले सभी कैटेगरी के वाहन की संख्या तथा उन पर लिया गया टोल की माह अनुसार जानकारी दें? (ख) भोपाल बायपास टोल रोड कि निवेशक कंपनी का नाम तथा भागीदार के नाम की सूची दें तथा बतावे कि किस दिनांक को कंपनी को ब्लैक लिस्ट क्यों किया गया तथा किस दिनांक को अनुबंध निरस्त किया गया। इस संदर्भ में समस्त पत्राचार की प्रतियां देवें तथा विभाग द्वारा अधिकृत कंपनी के चार्टर्ड अकाउंटेंट की वार्षिक रिपोर्ट पत्रक सहित देवें? (ग) भोपाल बायपास पर शासन द्वारा टोल किस दिनांक से वसूला जा रहा है? उस‌ दिनांक से सितंबर/अक्टूबर 2025 तक शासन द्वारा वसूली गयी टोल राशि तथा उस मार्ग से निकले वाहन की कैटेगरी अनुसार संख्या तथा उन से वसूला गया टोल की माह अनुसार जानकारी दें? (घ) प्रदेश में अक्टूबर 2025 के अनुसार कुल कितनी सड़कों पर टोल वसूला जा रहा है? उनकी कुल लंबाई क्या है? अक्टूबर 2025 माह में सभी टोल सड़क मिलाकर कितना टोल वसूला गया? इन सड़कों में से किस-किस सड़क पर टोल शासन द्वारा वसूला जा रहा है और वह क्यों वसूला जा रहा है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) भोपाल बायपास पर दिनांक 26.05.2013 से टोल प्रारंभ किया गया। निवेशकर्ता द्वारा दिनांक 11.12.2019 तक राशि रू. 149.89 करोड़ टोल वसूला गया। निवेशकर्ता द्वारा प्रारंभ से आखिरी तक वसूले गये टोल तथा मार्ग से निकले सभी कैटेगरी के वाहन कि संख्‍या एवं उन पर लिये गये टोल की माहवार जानकारी उपलब्‍ध नहीं करायी गई। इस हेतु निवेशकर्ता को निलंबित किया जाकर अनुबंध निरस्‍त किया गया। (ख) भोपाल बायपास की निवेशकर्ता कंपनी मेसर्स ट्रांसट्रोय (इंडिया) लि. ओ.जे.एस.सी. कॉपोरेशन ट्रांसट्रोय (कंसोरटियम) हैदराबाद ज्‍वाईंट वेंचर के रूप में थे। दिनांक 22.02.2021 को कंपनी को ब्‍लैक लिस्‍ट किया गया। दिनांक 17.07.2020 को अनुबंध निरस्‍त किया गया। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार। (ग) भोपाल बायपास पर शासन द्वारा दिनांक 12.12.2019 से टोल वसूला जा रहा है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशि‍ष्‍ट-अनुसार। (घ) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत अक्‍टूबर 2025 के अनुसार कुल 98 सड़कों पर टोल वसूला जा रहा है। टोल सड़कों की कुल लंबाई 5813.71 कि.मी. है। अक्‍टूबर माह 2025 में सभी टोल सड़कों से कुल राशि रू 145.64 करोड़ वसूला गया। शासन द्वारा वसूला जा रहा टोल सड़कों की जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार  है। निवेशकर्ता के अनुबंध में दी गयी कंसेशन की अवधि समाप्‍त होने पर मार्ग के संधारण हेतु म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा टोल की वसूली शासन द्वारा जारी राजपत्र अनुसार किया जाता है।

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग कार्यालय की स्‍थापना

[नगरीय विकास एवं आवास]

56. ( क्र. 1067 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टाउन एंड कंट्री प्लानिंग का कार्यालय जिला स्तर पर शुरू किए जाने संबंधी शासन प्रशासन के क्या दिशा-निर्देश हैं? (ख) मंदसौर जिले का टाउन एंड कंट्री प्लानिंग का कार्यालय नीमच में स्थित है, जिससे मंदसौर जिले के कॉलोनाइजरों और जनता को आवश्यक कार्य हेतु नीमच जाना पड़ता है, जिसमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं वर्तमान में मंदसौर शहर का मास्टर प्लान 2041 भी प्रचलन में है, जिसकी तैयारियां चल रही हैं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अंतर्गत कार्य सुविधा की दृष्टि से टाउन एंड कंट्री प्लानिंग का कार्यालय मंदसौर में कब शुरू किया जाएगा? क्या इस संबंध में शासन स्तर से पूर्व में कोई कार्यवाही प्रचलन में है या नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग का कार्यालय जिला स्तर पर शुरू किए जाने के संबंध में शासन ‌द्वारा संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश का सेटअप स्वीकृत किया गया है, स्वीकृत सेटअप अनुसार ही जिला स्तर पर कार्यालय स्थापित है। (ख) जी हाँ। मंदसौर जिला एवं नीमच जिला को मिलाकर जिला कार्यालय नीमच स्थापित है। संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश में नागरिकों को सेवाएं यथा विकास अनुमतियां/अनापत्तियां अल्पास पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करने पर ही प्रदाय की जा रही है। अतः नागरिकों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। मंदसौर विकास योजना प्रारूप 2041 प्रकाशन अवधि में आम नागरिकों से आपत्ति/सुझाव मंदसौर में स्थापित प्रदर्शनी स्थल पर ही प्राप्त किये गये है तथा इनकी सुनवाई भी मंदसौर जिला स्तर पर ही की जाना है।                             (ग) प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्य में मंदसौर जिले हेतु नगर तथा ग्राम निवेश से संबंधित कार्य नीमच जिले से संचालित होने के फलस्वरूप तथा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से कार्यवाहियां होने के कारण टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग का कार्यालय मंदसौर में शुरू किये जाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है तथा इस संबंध में शासन स्तर से कोई कार्यवाही भी प्रचलन में नहीं है।

जिम्मेदारों पर कार्यवाही

[ऊर्जा]

57. ( क्र. 1089 ) श्री अभय मिश्रा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा (NH) बाईपास ल. 19 कि.मी. निर्माण कार्य में यूटिलिटी शिफ्टिंग हेतु कार्य. अभि. प. संभाग रीवा के पत्र क्र. 05345/कार्य/2427 दि. 31/10/25 के माध्यम से जानकारी अनुसार प्राक्कलन क्र. 795799 में राशि 73762499.39/- की तकनीकी स्वीकृति प्रदत्त है जो IRC एवं मोर्थ के नियम-निर्देशों के विपरीत है, जिसमें अंडर ग्राउंड इलेक्ट्रिक लाइन प्रोविजन को नियम विरुद्ध ओपन लाइन में परिवर्तित कर दिया गया, अधिकार सीमा हेतु नियम निर्देश की प्रति देवें। इस कार्य हेतु संविदाकार द्वारा राशि जमा एवं कार्यादेश प्राप्त बगैर मौके पर कार्य करा दिया गया है, जियो टैग उपलब्ध है, कार्य का मौके में सत्यापन एवं नियम-निर्देश की अवहेलना की जाँच बाबत् क्या निर्देश देंगे? (ख) अनियमितताओं को लेकर कनिष्ठ अभियन्ता म.प्र. पू. क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड बैकुण्ठपुर द्वारा पत्र क्र. 143 दिनांक 31/07/2024 द्वारा कार्यापालन अभियन्ता म.प्र. पू. क्षेत्र वि.क.लि.प. संभाग रीवा को पत्र लिखकर आर.डी.एस.एस. योजना में रामपुर ए.जी. एवं हर्दी डी.एल. फीडर के कार्यों में बिन्दु क्र. 1 से 12 तक उल्लेखित कर कमियां बताई गई एवं अजगरहा, डी.एल., लौआ, लक्ष्मणपुर, देवरा बीरखाम हिनौता, पद्मधर मनिकवार डढ़वा फीडरों में विभागीय एप्रूड जी.पी.एस. सर्वे के अनुरूप कार्य नहीं कराया जाना उल्लेखित है। तद्नुरूप फीडरों पर कराये गये कार्यों की जांच एवं कार्यवाही बाबत् निर्देश देगा? क्या कार्य से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) डिवीजनल मैनेजर एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा रीवा बाईपास फोरलेन हाइवे के निर्माण के दौरान बाधक 33 के.व्ही. लाइन, 11 के.व्ही. लाइन/ट्रांसफार्मर/निम्न दाब लाइन की शिफ्टिंग किए जाने हेतु संबंधित वितरण केन्द्र में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। वितरण केन्द्र प्रभारी के द्वारा सर्वेक्षण कार्य करवाते हुए प्रोजेक्ट क्रमांक 795799 राशि रूपये 73762499.39 प्रस्तुत किया गया था, उक्त प्रोजेक्ट की स्वीकृति दिनांक 18.08.2025 को दी गई है, जो कि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मापदण्डों के अनुरूप है। संबंधित प्रोजेक्ट में अण्डर ग्राउण्ड लाइन के प्रोविजन को ओव्हर हेड लाइन में परिवर्तित किए जाने का प्रावधान नहीं किया गया है, अत: शेष प्रश्‍नांश नहीं उठता। एम.पी.आर.डी.सी. के द्वारा दिनाक 05.11.2025 को सुपरविजन राशि जमा की गई है तथा दिनांक 11.11.2025 को कार्यादेश जारी कर दिया गया है, जिसका कार्यादेश क्रमांक 416699 है एवं वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। अत: शेष प्रश्‍नांश नहीं उठता है। (ख) जी हाँ। तदोपरांत क्रियान्‍वयन एजेंसी मेसर्स अशोका बिल्डकॉन द्वारा कार्यापालन अभियंता (पश्चिम) रीवा संभाग को पत्र क्रमांक 653A दिनांक 30.09.24 के माध्यम से उक्त समस्त बिन्‍दुओं पर पालन प्रतिवेदन से संबंधित जानकारी प्रेषित की गई तथा कमियों के निराकरण बाबत् सूचित किया गया। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित फीडरों में कार्य क्रियान्‍वयन एजेंसी द्वारा जी.आई.एस. सर्वे अनुरूप ही किया जा रहा है। तथापि भू-स्वामियों द्वारा अपनी भूमि पर लाइन एवं टांसफार्मर स्थापना में आपत्ति अथवा अन्‍य किसी कारण से आर.ओ.डब्‍ल्‍यू. की समस्‍या होने पर ही कतिपय स्थानों में परिवर्तन किया जाता है। क्रियान्‍वयन एजेंसी मेसर्स अशोक बिल्डकॉन, नासिक को कार्यादेश के अनुरूप तथा किये गये कार्यों के अनुसार ही भुगतान किया गया है।

रीवा बायपास निर्माण में अनियमितता

[लोक निर्माण]

58. ( क्र. 1096 ) श्री अभय मिश्रा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या MPRDC द्वारा निर्मित हो रहे रीवा बाईपास NH के कार्य में कंसल्टेंट द्वारा मूल लागत को कम कर IRC के विरुद्ध डिजाइन को अप्रूव कर दिया गया एवं विभागों से अप्रूवल नहीं लिया गया? (ख) क्या उक्त मार्ग में सेफ्टिनाम्स का ध्यान रखते हुए IRC तथा शेड्यूल-बी अनुरूप चौराहा उन्नतिकरण का कार्य कराना था एवं जंक्शन में मार्ग को 150 मीटर लम्बाई तक मिलाना अनिवार्य था किन्तु उक्त निर्माण में सेफ्टिनाम्स का कोई परिपालन नहीं है? (ग) क्या मार्ग में प्रयुक्त मेटल लाइस स्टोन है जो टेस्ट में फैल है 70 डिग्री ताप. पर लाइम में परिवर्तित हो जाता है, किसी स्माल माध्यम ब्रिज में रिटेनिंग वॉल का प्रावधान नहीं है जबकि प्रोटेक्शन हेतु मानक अनुरूप प्रत्येक पुल के दोनों ओर एवं मार्ग के दोनों तरफ कुल 4 रिटेनिंग वॉल न्यूनतम 15 मीटर की लम्बाई में निर्माण करना अनिवार्य है। (घ) क्या ठेकेदार को माइल स्टोन अचीव कराने हेतु एडवांस बिलिंग कर भुगतान दिया गया है जबकि कार्य नहीं हुआ है? कार्य की थर्ड पार्टी द्वारा जांच कराकर दिनांक 05-12-25 से पूर्व जानकारी दी जावेगी? (ङ) क्या कार्य में निविदा प्रतिशत बिलों से बचत हुई राशि एवं प्रशासकीय की स्वीकृति की सीमा तक की राशि के अन्तर से शासन को बच रहे लगभग सौ करोड़ रू. का फर्जी COS स्वीकृति किया गया है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। म.प्र. सड़क विकास निगम लि., संभाग रीवा अंतर्गत निर्माणाधीन रीवा बायपास 4-लेन मार्ग में पूर्वा नहर के ऊपर पुल निर्माण एवं ROB निर्माण हेतु विभागों से अनुमति की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) जी हाँ, निर्माणाधीन रीवा बायपास 4-लेन मार्ग परियोजना में अनुबंध के शेड्यूल-B अनुसार आई.आर. सी मानकों का पालन करते हुए सेफ्टीनाम्‍स के अनुरूप चौराहों का उन्‍नतिकरण का कार्य किया जाना है। वर्तमान में मार्ग निर्माण कार्य प्रगतिरत है एवं सेफ्टीनाम्‍स का पालन किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। जी नहीं, पुल/पुलिया निर्माण के साथ रिटेनिंग वॉल का निर्माण अनुमोदित डिजाइन एवं IRC के मानकों के अनुसार किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं।

दुकानों का आवंटन

[नगरीय विकास एवं आवास]

59. ( क्र. 1105 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् कैलारस द्वारा पांच कॉम्पलेक्सों का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो प्रत्येक कॉम्प्लेक्स में कुल कितनी-कितनी दुकानें होंगी? डी.पी.आर. की प्रति, निविदा संबंधी दस्तावेज सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्रस्तावित कॉम्पलेक्सों में 2012 में विस्थापित 209 पक्की दुकान मालिकों को नि:शुल्क एवं गुमटी संचालकों को दुकान आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी? यदि नहीं, तो विस्थापित पक्की दुकान मालिकों एवं गुमटी संचालकों के पुनर्वास हेतु नगर परिषद् कैलारस की क्या योजना है? स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) नगर परिषद् कैलारस द्वारा शास्त्री मार्ग के पीछे एमडीएस कॉलोनी के समानांतर 08 दुकानों के बिक्रय से संबंधित संकल्प, आदेशों, नोटशीट की प्रतियां उपलब्ध कराएं।                      (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में यह स्पष्ट करें के इन दुकानों के विक्रय को निरस्त किए जाने की आवश्यकता क्यों पड़ी? संबंधित दस्तावेज सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। डी.पी.आर. की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। निविदा प्रपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) जी नहीं, मध्‍यप्रदेश नगर पालिका (अंचल सम्‍पत्ति का अंतरण) नियम-2016 के अनुसार नि:शुल्‍क दुकानों के आवंटन का प्रावधान नहीं है। विस्‍थापित पक्‍की दुकान एवं गुमठी संचालकों के पुनर्वास हेतु जिला कलेक्‍टर मुरैना को पत्र क्रमांक 2026 दिनांक 10.11.2025 से मार्गदर्शन एवं आगामी कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (घ) नगर परिषद् कैलारस में निर्मित दुकानों का आवंटन ऑफलाइन प्रक्रिया के माध्‍यम से किया गया था, जबकि ऑनलाइन प्रकिया से किया जाना था, इसलिए आवंटन की कार्यवाही नियमानुसार नहीं होने से परिषद् संकल्प क्र. 105 दिनांक 28.10.2025 से उक्त दुकानों का आवंटन निरस्त करने का निर्णय लिया जाकर, आवंटन निरस्‍त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' एवं '' अनुसार है।

अवैध निर्माण पर कार्यवाही

[लोक निर्माण]

60. ( क्र. 1106 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में जौरा स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 552 (विस्तारित) चिरगाँव से टोंक पर तहसील कार्यालय के बाहर राष्ट्रीय राजमार्ग से न्यूनतम दूरी 40 मीटर के विपरीत 11.7 मीटर की दूरी पर भूमि सर्वे क्रमांक 581/1 रकवा 0.031 में से 765 वर्ग फीट पर बिना अनुमति के दुकानों का निर्माण किया गया है? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) के संबंध में राजस्व विभाग ने कोई जांच की थी? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अवैध निर्माण के सम्बंध में कार्यालय कलेक्टर जिला मुरैना एवं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? शिकायतवार कार्यवाही प्रतिवेदन उपलब्ध करायें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। राजस्व विभाग द्वारा राजस्व निरीक्षक एवं मौजा पटवारी से जांच कराई गई थी, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में श्री पंकज उपाध्याय माननीय विधायक म.प्र. विधान सभा क्षेत्र 04 जौरा, जिला मुरैना का पत्र क्रमांक 417/25 दिनांक 30.09.2025 जो कि अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नई दिल्ली को संबोधित करते हुये कलेक्टर जिला मुरैना को प्रेषित किया गया है। प्राप्त शिकायत का परीक्षण किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

मध्यप्रदेश में बिजली का क्रय

[ऊर्जा]

61. ( क्र. 1112 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक पी.पी.ओ. एवं एम.ओ.यू. कब-कब किन-किन के साथ किये गये? संपूर्ण जानकारी सहित बतायें कि वर्णित अवधि में कितनी-कितनी राशि की बिजली किस-किस से कब-कब क्रय की गई? (ख) क्या प्रदेश में बिजली लिये बगैर राशि भुगतान की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस कंपनी को कितनी-कितनी राशि, कब-कब भुगतान की गई? जानकारी दें। बगैर बिजली लिये राशि भुगतान क्यों की गई? (ग) प्रदेश में कार्यरत बिजली कंपनियों ने वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक कितनी-कितनी राशि का कर्ज कहाँ-कहाँ से कितने ब्याज दर पर किस-किस उद्देश्य के लिए कब-कब लिया गया? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ कराये गये? क्‍या उक्त राशि विपरीत उद्देश्य के लिए व्यय की गई? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) राज्य शासन द्वारा उपभोक्ताओं को दी गई बिजली की सब्सिडी योजना की एवं मुफ्त बिजली प्रदाय की कितनी राशि शासन के ऊपर बिजली कंपनियों की अक्टूबर 2025 तक बकाया थी? उक्त राशि बिजली कंपनियों को कब तक शासन द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेशान्‍तर्गत एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक किए गए विद्युत क्रय अनुबंधों (पी.पी.ए.) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। उक्‍त अवधि में विद्युत क्रय हेतु किए गए समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) की जानकारी निरंक है। एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 की अवधि में विद्युत क्रय हेतु विभिन्‍न विद्युत उत्‍पादकों को भुगतान की गई कुल राशि संबंधी वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।              (ख) जी हाँ, एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक बिजली लिए बगैर, विद्युत उत्‍पादकों को भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। उल्‍लेखनीय है कि कोयला आधारित ताप‍ विद्युत गृहों, जल विद्युत गृहों एवं गैस आधारित ताप विद्युत गृहों से प्राप्‍त होने वाली बिजली हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित विद्युत दर (नियत प्रभार एवं ऊर्जा प्रभार) टू-पार्ट टैरिफ सिद्धांत पर आधारित होती है, जिसमें कंपनी द्वारा अनुबंधित क्षमता के अनुरूप विद्युत उपलब्‍धता (Availbility) सुनिश्चित कराने पर नियत प्रभार का भुगतान देय रहता है। नियत प्रभार का भुगतान प्रदायकर्ता द्वारा विद्युत की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने पर एवं ऊर्जा प्रभार (एनर्जी चार्जेस) का भुगतान खरीदी गई विद्युत की मात्रा के लिये किया जाता है। नवकरणीय ऊर्जा स्‍त्रोतों से विद्युत क्रय म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों अथवा प्रतिस्‍पर्धी निविदा पद्धति द्वारा किया जाता है। (ग) ऊर्जा विभाग अंतर्गत विद्युत कंपनियों यथा - एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एवं म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक लिए गए कर्ज, कर्ज लिए जाने का उद्देश्‍य, कर्ज की दर, कराए गए कार्य एवं स्‍थान संबंधी संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। जी नहीं, विद्युत कंपनियों द्वारा लिए गए कर्ज को किसी भी विपरीत उद्देश्‍य हेतु व्‍यय नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (घ) ऊर्जा विभाग अंतर्गत तीनों विद्युत वितरण कंपनियों यथा - म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को वर्ष 2025-26 में माह अक्‍टूबर, 2025 तक कुल राशि रू. 12091.10 करोड़ सब्सिडी के रूप में शासन से प्राप्ति योग्‍य थी। शासन द्वारा माह अक्‍टूबर, 2025 तक कुल राशि रू. 12208 करोड़ नगद/समायोजन के माध्‍यम से उपलब्‍ध कराई जा चुकी है, जिसकी संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। अत: माह अक्‍टूबर, 2025 तक सब्सिडी की विभिन्‍न श्रेणियों में कोई भी राशि शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

विद्युत उत्पादन केन्द्रों की क्षमता एवं स्मार्ट मीटर की जानकारी

[ऊर्जा]

62. ( क्र. 1113 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) 30 सितंबर 2025 की स्थिति में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के समस्‍त थर्मल/हायडल (जल) विद्युत उत्पादन केन्द्र कितनी उत्पादन क्षमता के कहाँ-कहाँ पर कब से स्थापित है? उक्त विद्युत उत्पादन केन्द्रों में से कौन-कौन से वि़द्युत उत्पादन केन्द्र उत्पादन क्षमता सहित प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में किस-किस को लीज पर अथवा अनुबंध पत्र पर हस्तांतरण किये गये हैं? जानकारी दें। (ख) प्रदेश में अति उच्च दाब विद्युत लाइनों के रख-रखाव पर कितनी-कितनी राशि किस-किस को कब-कब 2021-22 से 2024-25 भुगतान की गई? अति उच्च दाब लाइनों का         रख-रखाव जब विभागीय तौर पर संचालित था तो निजी कंपनियों को रख-रखाव का कार्य क्यों दिया गया? (ग) क्या प्रदेश में स्थापित मीटरों के स्थान पर स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो स्मार्ट मीटर लगाने का क्या औचित्य है? क्या शासन स्मार्ट मीटर लगाकर बिजली कंपनियों को निजी हाथों में बेचने की योजना बना रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रदेश में अक्टूबर 2025 की स्थिति में कितने स्मार्ट मीटर किस-किस कंपनी के कितनी-कितनी लागत के कब-कब, कहाँ-कहाँ से क्रय किये गये? मीटर क्रय करने हेतु क्या निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो निविदाओं का तुलना पत्रक संलग्न कर जानकारी दें। (ङ) प्रदेश में 05 रूपये प्रति कनेक्शन दर से अक्टूबर 2025 तक कितने कनेक्शन स्वीकृत किये गये? नियम सहित जिलेवार बतायें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) 30 सितम्‍बर, 2025 की स्थिति में मध्‍यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत संचालित समस्‍त ताप (थर्मल)/हायडल (जल) उत्‍पादन केन्‍द्रों से संबंधित संपूर्ण जानकारी यथा-स्‍थान, उत्‍पादन क्षमता, आरंभ तिथि (कमर्शियल लोड तिथि) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। उक्‍त विद्युत उत्‍पादन केन्‍द्रों में से किसी भी विद्युत उत्‍पादन केन्‍द्र को लीज पर अथवा अनुबंध पत्र पर हस्‍तान्‍तरण नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (ख) म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा अति उच्‍च दाब विद्युत लाइनों के रख-रखाव पर भुगतान की गई राशि का वर्षवार (2021-22 से 2024-25 तक) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। कंपनी अंतर्गत लाइन कार्मिकों की कमी एवं कार्य की अधिकता के दृष्टिगत उच्‍च दाब लाइनों के रख-रखाव का कार्य निजी कंपनियों को दिया गया है। (ग) जी हाँ, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 17.08.2024 के अनुपालन में गैर कृषि उपभोक्‍ताओं के परिसर में स्‍थापित मीटरों के स्‍थान पर स्‍मार्ट मीटर लगाए जा रहे है। स्‍थापित मीटरों के स्‍थान पर स्‍मार्ट मीटर लगाए जाने से विद्युत उपभोक्‍ताओं को विभिन्‍न लाभ यथा सही खपत के बिल प्राप्‍त होना, शासन की सब्सिडी योजनाओं का लाभ पात्र उपभोक्‍ताओं को प्राप्‍त होना एवं उपभोक्‍ता द्वारा अपनी विद्युत खपत को एप के माध्‍यम से ऑनलाइन देखा जा सकता है। उक्‍त के अतिरिक्‍त निम्‍न दाब उपभोक्‍ताओं को स्‍मार्ट मीटर स्‍थापित कराए जाने पर दिन के समय (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। उक्‍त स्‍मार्ट मीटरों में नेट मीटरिंग की उपलब्‍धता होने के दृष्‍टिगत सोलर का विकल्‍प लेने वाले उपभोक्‍ताओं को बिना किसी अतिरिक्‍त शुल्‍क के इसका लाभ प्राप्‍त हो रहा है। वर्तमान में बिजली कंपनियों को निजी हाथों में बेचने संबंधी कोई भी कार्यवाही प्रचलन में नहीं है, अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (घ) ऊर्जा विभाग अंतर्गत कार्यरत तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में से म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ही दो निविदाओं के माध्‍यम से स्‍मार्ट मीटर क्रय किए गए है। उक्‍त दोनों निविदाओं हेतु जारी क्रयादेशों का विवरण एवं तुलना पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है। उक्‍त के अतिरिक्‍त तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में स्‍मार्ट मीटरों की स्‍थापना का कार्य डी.बी.एफ.ओ.ओ.टी. (Design-Build Finance-Own Operate-Transfer) मॉडल पर किया जा रहा है। (ड.) ऊर्जा विभाग अंतर्गत कार्यरत तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में से म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ही 05 रूपये प्रति कनेक्‍शन की दर से नवीन विद्युत कनेक्‍शन प्रदान किए जा रहे है। अक्‍टूबर, 2025 की स्थित में स्‍वीकृत किए गए कनेक्‍शनों की जिलेवार जानकारी एवं नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है।

जबलपुर संभाग अंतर्गत नगरीय निकायों द्वारा किये गये कर्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

63. ( क्र. 1121 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिला अंतर्गत अमृत 2.0 से वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक समस्त नगर पालिकाओं/नगर परिषद् में किये गए एवं किये जा रहे कार्यों की जानकारी, कार्य का नाम, स्वीकृति दिनांक, स्वीकृत राशि, भुगतान राशि, पूर्णता दिनांक सहित उपलब्ध कराएं। उक्त कार्यों हेतु संबंधित ठेकेदारों द्वारा अनुबंध कब किया गया? ड्राइंग डिज़ाइन क्यू.ए.पी., संबंधित नगरीय निकाय को कब प्रस्तुत किया गया? नगरीय निकायों द्वारा इन्हें कब पी.डी.एम.सी. जबलपुर आर.बी. एसोसिएट को भेजा गया? पी.डी.एम.सी. जबलपुर द्वारा इनका अनुमोदन पास करके कब संबंधित नगरीय निकायों को भेजा गया? इस सम्बन्ध का ई-मेल कब भेजा गया? सम्बंधित नगरीय निकाय द्वारा इन्हें संयुक्त संचालक जबलपुर को कब भेजा गया? संयुक्त संचालक द्वारा इन्हें प्रमुख अभियंता को कब भेजा गया? प्रमुख अभियंता द्वारा किस दिनांक को अनुमोदन कर कार्य प्रारम्भ करने हेतु निर्देशित किया गया? (ख) उक्त कार्यों की निविदा किस दिनांक को खोली गई एवं एस.एल.टी.सी. की बैठक में किस दिनांक को सम्बंधित कार्यों का अनुमोदन किया गया? प्रत्येक कार्यवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) पी.डी.एम.सी. जबलपुर आर.बी. एसोसिएट के अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराएं। इनके द्वारा निकायों से भेजे जाने वाले ड्राइंग डिज़ाइन क्यू.ए.पी. कितने दिनों में अनुमोदन/पास किये जाने चाहिए? पी.डी.एम.सी. जबलपुर आर.बी. एसोसिएट को अनुबंध अनुसार जिला अंतर्गत कितने इंजीनियर रखने थे? नगरपालिका/नगर परिषद् में कितने आर.ई., ए.आर.ई., एफ.ई. रखने थे एवं वर्तमान में कितने हैं? निकायवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या ठेकेदार द्वारा अनुबंध करने के बाद से लेकर प्रत्येक स्तर में स्वीकृति अनुमोदन हेतु ठेकेदारों से मनमानी राशि वसूली जाती है? यदि हाँ, तो क्या कोई कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्या प्रत्येक स्तर में अनुमोदन स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा तय की जाएगी? यदि समय-सीमा है तो उक्त कार्यों में से अनेक कार्य हेतु स्वीकृति/अनुमोदन समय-सीमा में क्यों नहीं हुए?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '', '' एवं '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।                 (ग) अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। ड्रॉइंग/क्यू.ए.पी. अनुमोदन हेतु समय-सीमा निर्धारित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (घ) जी नहीं, उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। शेषांश को प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विद्युतीकरण कार्यों हेतु स्‍वीकृत प्राक्‍कलन

[ऊर्जा]

64. ( क्र. 1122 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) मंडला जिले में जल निगम अंतर्गत विद्युतीकरण के कार्यों के वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक बनाये गए तकनीकी प्राक्कलन की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं। इनमें से कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने प्रगतिरत हैं? लागत राशि सहित सूची उपलब्ध कराएं। पूर्ण हुए कार्यों के हैंड-ओवर लेने वाले अधिकारी का नाम/पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। क्या यह अधिकारी हैंड-ओवर लेने हेतु सक्षम एवं प्राधिकृत थे? (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित कार्यों में से अनेक कार्यों में सब-स्टेशन व अपेक्षित लाइन नजदीक होने पर भी कई किलोमीटर दूर से लाइन क्यों खींची गई एवं खींची जा ही है? क्या अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से कार्यों की लागत व मात्रा जानबूझकर बढ़ाई गई है? क्या ऐसे सभी कार्यों की जाँच की जाएगी? (ग) मंडला जिले में सौभाग्य योजना में हुई गड़बड़ियों में दोषी रहे अधिकारी एल.के. नामदेव वर्तमान में कहाँ/किस पद पर पदस्थ हैं? इनके द्वारा न्यायालय से लिए गए स्थगन को लेकर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है एवं की जा रही है? जानकारी उपलब्ध कराएं। प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2822 के प्रश्‍नांश (ग) व (घ) में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? संबंधित दस्‍तावेजों सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। (घ) क्या अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई की भूमि पर कमरा बनाकर देशी/अंग्रेजी शराब विक्रय की जा रही है? यदि हाँ, तो इस भूमि/कमरे से किराये के माध्यम से वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने राजस्व की प्राप्ति हुई है? यदि नहीं, तो अतिक्रमण के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई या कब तक की जाएगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मण्डला जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में मध्यप्रदेश जल निगम अन्तर्गत 03 विद्युतीकरण कार्यों के लिए प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 02 कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा 01 कार्य प्रगतिरत है। उक्‍त कार्यों की लागत राशि सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है एवं प्राक्कलन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार  है। पूर्ण हुए 02 कार्यों का हैंड ओवर (हस्तांतरण) श्री मंयक चौरसिया, कार्यपालन अभियंता (संचा./संधा.) संभाग बिछिया के द्वारा लिया गया है, जो कि उक्त कार्य हेतु सक्षम एवं प्राधिकृत अधिकारी हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित कार्यों हेतु मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा जल संशोधन इत्यादि कार्य के लिए उच्च गुणवत्तापूर्ण, उचित वोल्टेज रेगुलेशन एवं निर्बाध विद्युत प्रदाय हेतु 33 के.व्ही. डेडीकेटेड (समर्पित) फीडर से नवीन कनेक्‍शनों के लिये आवेदन किया गया था। तदानुसार कार्यों हेतु 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कुडेला से 33 के.व्ही. के डेडीकेटेड (समर्पित) फीडर का निर्माण कराया गया है एवं 132/33 के.व्ही. अति उच्‍च दाब विद्युत उपकेन्द्र मण्डला (आमानाला) से डेडीकेटेड (समर्पित) फीडर का निर्माण कराया जा रहा है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है।     (ग) मण्‍डला जिले में सौभाग्‍य योजना अंतर्गत क्रियान्वित कार्यों में अपचारी अधिकारी श्री एल.के. नामदेव वर्तमान में कार्यालय-शहर संभाग (पूर्व), जबलपुर में कार्यपालन अभियंता के पद पर पदस्‍थ हैं। इनके द्वारा न्‍यायालय से लिए गए स्‍थगन के विरूद्ध म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय में स्‍थगन हटाये जाने हेतु आवेदन (आई.ए.) दिनांक 12.12.2024 को प्रस्‍तुत किया गया है, जो वर्तमान में माननीय न्‍यायालय में लं‍बित है। विधानसभा सत्र जुलाई-अगस्‍त, 2025 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2822 के बिन्‍दु (ग) में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मण्‍डला जिले में सौभाग्‍य योजना अंतर्गत किये गये विद्युतीकरण कार्यों में कर्तव्‍य निष्‍पादन में बरती गई लापरवाही हेतु प्रथम दृष्‍टया दोषी पाये गये कुल 18 में 15 कार्मिकों के विरूद्ध विभागीय जांच उपरांत दण्‍डादेश जारी किये गये हैं। कार्मिकों के विरूद्ध जारी दण्‍डादेश अनुसार उनकी संविदा सेवा समाप्‍त/पेंशन वापसी/अवकाश नगदीकरण की संपूर्ण राशि से वंचित रखना/वेतन वृद्धियां अवरूद्ध की गई हैं।              02 प्रकरणों में विभागीय जांच प्रक्रियाधीन है एवं 01 प्रकरण में विभागीय जांच में माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा स्‍थगन प्रदान किया गया है। उपरोक्‍त वर्णित 15 कार्मिकों के विरूद्ध जारी दण्‍डादेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। सौभाग्‍य योजना अंतर्गत विद्युतीकरण कार्यों में बरती गई लापरवाही हेतु प्रथम दृष्‍टया दोषी पाये गये सभी 18 कार्मिकों को तत्‍समय ही उनकी पदस्‍थापना स्‍थल से हटाकर अन्‍यत्र स्‍थानांतरण कर दिया गया था। वर्तमान में केवल श्री राकेश अमपुरी, तत्‍कालीन सहायक अभियंता (संचारण/संधारण) उपसंभाग, नैनपुर को वर्ष 2024 से उनकी पत्‍नी के मण्‍डला जिले में कार्यरत होने के दृष्टिगत कार्यपालन अभियंता (चालू प्रभार) के पद पर कार्यपालन अभियंता (एस.टी.एम.-एस.टी.सी.) संभाग, मण्‍डला में पदस्‍थ किया गया है। तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2822 के प्रश्‍नांश (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में लेख है कि मण्‍डला जिले में 07 अधिकारी पदस्‍थ हैं, जो मण्‍डला जिले के रहने वाले हैं। तथापि समस्‍त अधिकारी मुख्‍यत: मण्‍डला मुख्‍यालय में कार्यरत न रहते हुए मण्‍डला जिले अंतर्गत विभिन्‍न कार्यालयों में कार्यरत रहे हैं, जिनकी पदस्‍थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। साथ ही तारांकित प्रश्‍न क्रमांक-2822 में उल्‍लेखित एक ठेकेदार के संबंध में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संबंधित ठेकेदार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर ब्‍लैक लिस्‍टेड किये जाने की कार्यवाही की गयी है। संबंधित पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (घ) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई की आवासीय कॉलोनी की मस्जिद के पीछे रिक्त भूमि पर अतिक्रमण कर व्‍यक्तियों के द्वारा अनधिकृत कच्चा मकान/बाड़ी/झोपड़ी का निर्माण किया गया है। उसी भूमि पर श्री रज्जन गुप्ता द्वारा भी अतिक्रमण कर अनधिकृत मकान निर्माण किया गया है। उक्‍त स्‍थान से देशी/अंग्रेजी शराब विक्रय की जा रही है। चूँकि श्री रज्जन गुप्ता द्वारा भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, अत: इससे राजस्‍व की प्राप्‍ति नहीं हो रही है। श्री रज्जन गुप्ता को अतिक्रमण हटाने हेतु अनेक नोटिस दिये गये हैं। उक्‍त शराब विक्रय बंद कराने हेतु जिला आबकारी अधिकारी, अनूपपुर को भी लेख किया गया है। इसके साथ ही अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई की आवासीय कॉलोनी की रिक्त भूमि पर हुए अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करने हेतु तहसीलदार अनूपपुर, अनुविभागीय अधिकारी अनूपपुर, अपर कलेक्‍टर अनूपपुर एवं जिला अधिकारी अनूपपुर को समय-समय में लेख किया गया है। अतिक्रमण हटाने बाबत् प्रशासन को प्रेषित पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है।

मार्ग का जीर्णोद्धार

[लोक निर्माण]

65. ( क्र. 1129 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत केवलारी वि.खं. के ग्राम बंदेली से व्याहा छींदा से पिण्डरई मार्ग अत्यंत ही जर-जर एवं सकरा है? क्या विभाग के पास उक्त सड़क के चौड़ीकरण एवं नवीनीकरण हेतु कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्त सड़क मार्ग में कब से मरम्मत कार्य नहीं हुआ है? मरम्मत कार्य नहीं होने के क्या कारण है? स्पष्ट जानकारी देवें। (ग) उक्त सड़क मार्ग में आवागमन के दौरान आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिसका जिम्मेदार कौन? क्या विभाग द्वारा सड़क का मरम्मत कार्य कराकर आवागमन हेतु सुलभ बना दिया जावेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें। (घ) प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा पिछले सत्र में भी प्रश्‍न के माध्यम से उक्त सड़क के मरम्मत कार्य हेतु मांग की गई जिस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, मार्ग जर्जर स्थिति में नहीं है। लोक निर्माण विभाग संभाग सिवनी का 3.75 मीटर चौड़ाई का सिंगल लेन मार्ग है। शेष लंबाई 1.90 कि.मी. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन है, जिसकी चौड़ाई 5.50 मी. है। प्रश्‍नाधीन मार्ग के चौडीकरण हेतु विभाग में वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव लंबित नहीं है। विस्‍तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उक्‍त मार्ग का वर्ष 2022-23 में बी.टी. नवीनीकरण लंबाई 13.00 कि.मी., वर्ष 2023-24 में मजबूतीकरण योजना अंतर्गत लंबाई 1.20 कि.मी. एवं 6.57 कि.मी. बी.टी. नवीनीकरण कार्य कराया गया है एवं लंबाई 1.90 कि.मी. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 5.50 मी चौड़ाई में वर्ष 2023-24 में बी.टी. मार्ग निर्माण कार्य कराया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। वर्तमान में परफॉर्मेंस गारंटी के अंतर्गत है। मार्ग का लंबाई 3.13 कि.मी. भाग सी.सी. मार्ग विभागीय संधारण में है। मार्ग की स्थिति संतोषजनक है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, थाना प्रभारी केवलारी के पत्र क्रमांक क्‍यु. 100/2025 दिनांक 21.11.2025 से प्राप्‍त पत्र अनुसार दिनांक 20.11.2024 से 21.11.2025 तक मार्ग में 16 सड़क दुर्घटनायें हुई है जो कि वाहन चालकों द्वारा तेज रफतार लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने से दुर्घटनाएं हुई हैं, सड़क की खराबी से सड़क दुर्घटनाएं नहीं हुई है। थाने की रिपोर्ट संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। विभाग द्वारा कि.मी. 7, 8, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16 17 एवं 18/6 = 10.20 कि.मी. का दिनांक 05.10.2025 से 15.10.2025 को पेंच रिपेयर कार्य कराकर आवागमन सुलभ बना दिया गया है। मार्ग की स्थिति संतोषजनक है। (घ) उत्‍तरांश (ख) के अनुसार मार्ग में मजबूतीकरण/बी.टी. नवीनीकरण अंतर्गत मार्ग लं. 20.77 कि.मी. परफॉर्मेंस गारंटी में है। जिसके कि.मी. 7, 8, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17 एवं 18/6 = 10.20 कि.मी. का दिनांक 05.10.2025 से 15.10.2025 को पेंच रिपेयर कर मोटरेवल बनाया गया है एवं मार्ग की स्थिति संतोषजनक है। लंबाई 1.90 कि.मी. विभागीय संधारि‍त मार्ग सी.सी. मार्ग है। मार्ग वर्तमान स्थिति संतोषजनक है। लंबाई 1.90 कि.मी. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 5.50 मीटर चौड़ाई का बी.टी. मार्ग है। वर्तमान में परफॉर्मेंस गारंटी के अंतर्गत है एवं मार्ग की स्थिति संतोषजनक है।

परिशिष्ट - "सोलह"

नगर परिषदों में स्‍थाई पट्टों का वितरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

66. ( क्र. 1130 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नगर परिषद् केवलारी एवं नगर परिषद् छपारा में वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस वार्ड में कितने-कितने हितग्राहियों को स्थायी पट्टे वितरित किये गये हैं तथा ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें स्थायी पट्टे दिये जाने हेतु चिन्हित किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभाग में नगर परिषद् क्षेत्रांतर्गत सम्मिलित किए गए ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों को स्थायी पट्टे वितरित किये जाने हेतु कोई प्रस्ताव विभाग के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ग) कितने स्थाई पट्टेदार ऐसे हैं जिनके पट्टों के नवीनीकरण, शर्त उल्लंघन एवं अपालन के मामले लंबित है? जानकारी देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद् केवलारी में 50 एवं नगर परिषद् छपारा में 226 हितग्राहियों को स्थाई पट्टे वितरित किए गए हैं। वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है तथा नगर परिषद् केवलारी में 127 एवं नगर परिषद् छपारा में 522 हितग्राहियों को स्थाई पट्टे हेतु चिन्हित किया गया। वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।               (ग) प्रश्‍नांकित अनुसार स्‍थानीय स्‍तर पर ऐसे कोई प्रकरण लंबित नहीं हैं।

सड़कों की प्रशासकीय स्‍वीकृति तथा गुणवत्‍ता

[लोक निर्माण]

67. ( क्र. 1137 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्‍नांकित अवधि तक विदिशा जिले में विभाग की कितनी, कहाँ-कहाँ सड़कें स्वीकृत हैं? प्रशासकीय स्वीकृति, लागत सहित विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।                   (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कितनी सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है? कितने अपूर्ण हैं? कितनी अप्रारंभ हैं? अप्रारंभ एवं अपूर्ण के क्या कारण हैं? जानकारी दें। किन-किन अधिकारियों द्वारा कौन-कौन सी दिनांक में सड़क की गुणवत्ता देखने हेतु औचक निरीक्षण किया गया? निरीक्षण के दौरान क्या-क्या कमियां पाई गई? कमियों के लिए कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? विस्तृत विवरण उपलब्ध करावें। कितनी जांच पूर्ण हुई? कितनी अपूर्ण है? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें तथा अपूर्ण जांचों को पूर्ण कर दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में विदिशा जिला अंतर्गत ग्राम चौपड़ा से कर्रया होते हुए प्रधानमंत्री सड़क तक मार्ग जो कि वास्तविकता में 3 किलोमीटर का है, उसे टंकण त्रुटिवश 30 किलोमीटर का लिख दिया था तथा ग्राम अगराजागीर मार्ग से छिरारी, टोंकरा, शहरखेड़ा, मुरारिया, मदनखेड़ी चौराहा काछीखेड़ा टू-लेन मार्ग जो कि टंकण त्रुटिवश 3 किलोमीटर लिख गया था जबकि वास्तविकता में यह मार्ग 30 किलोमीटर का है तथा ऐसे ही तहसील सिरोंज जिला विदिशा की सडकों को जिला बुरहानपुर में टंकण त्रुटिवश जोड़ दिया गया, उन्‍हें कब तक सही कर दिया जावेगा तथा उनकी प्रशासकीय स्वीकृति कब तक विभाग द्वारा जारी कर दी जावेगी? जानकारी दें तथा बजट में सम्मिलित होने के बाद प्रश्‍नकर्ता विधानसभा क्षेत्र की कितनी सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी नहीं हुए हैं? जानकारी दें तथा कब आदेश जारी कर दिए जावेंगे? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍नकर्ता द्वारा कौन-कौन सी सड़कों के गुणवत्ता विहीन निर्माण की जांच के पत्र प्रेषित किए थे? उन पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। कौन-कौन दोषी पाए गए? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) उत्‍तरांश '' के संदर्भ में प्रश्‍नकर्ता द्वारा लोक निर्माण विभाग संभाग विदिशा अंतर्गत सड़कों के गुणवत्‍ता विहीन निर्माण की जांच के कोई भी पत्र प्रेषित नहीं किए गए है एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कृषकों को सिंचाई कार्य हेतु विद्युत का प्रदाय

[ऊर्जा]

68. ( क्र. 1145 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरीब वर्ग के किसानों हेतु बिजली उपलब्धता के लिए ट्रांसफार्मर, पोल, आदि स्थापित किये जाने के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? विगत 2 वर्षों में खंडवा जिले में कितने उप विद्युत केंद्र, ट्रांसफार्मर, विद्युत विस्तारीकरण के कार्य किन-किन स्थानों पर कितने व्यय से किस-किस मद से किये गए एवं आगामी वर्षों की क्या कार्ययोजना है, की सूची मदवार, वर्षवार प्रस्तुत की जावे। (ख) खंडवा जिले में पी.एम. सूर्यघर एवं पी.एम. कुसुम योजना अंतर्गत विगत           2 वर्षों में कितने व कहाँ-कहाँ पावर स्टेशन बनाये गए एवं कितने हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया गया है? उक्त योजनाओं से कितनी विद्युत की मात्रा व किस-किस स्थान से कितनी राशि‍ की प्राप्त हुई है? उसका क्या उपयोग किया जा रहा है? (ग) खंडवा के कनवानी क्षेत्र में स्थित मसाया सोलर पावर प्लांट की भूमि को लेकर प्राप्त शिकायतों पर विभाग द्वारा कंपनी पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) विद्युत विभाग अंतर्गत खंडवा जिले में कितनी आउटसोर्स कंपनियों के अनुबंध हैं एवं किस-किस कंपनी के कितने कर्मचारी किन-किन पदों पर कहाँ-कहाँ कार्यरत हैं? कर्मचारियों की लंबित वेतन वृद्धि, एरियर्स, निलंबन सम्बन्धी कितनी शिकायतें प्रश्‍न दिनांक तक विभाग को प्राप्त हुई हैं एवं कर्मचारियों के हितों का हनन सम्बन्धी इन प्रकरणों में विभाग द्वारा कंपनी पर क्या-क्या कार्यवाही की है? जानकारी दें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) कृषकों को सिंचाई कार्य के लिये विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु आवश्‍यक विद्युत अधोसंरचना स्थापित किये जाने के लिए राज्‍य शासन की अनुदान आधारित ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'' दिनांक 21.09.2025 तक प्रभावशील थी। उक्‍त के अतिरिक्‍त वर्तमान में ''स्‍वंय का ट्रांसफार्मर (OYT) योजना'' एवं ''5 प्रतिशत सुपरविजन जमा योजना'' लागू है। विगत दो वर्षों में खंडवा जिले में विद्युत अधोसंरचना के किए गए किये जा रहे कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। वित्‍तीय वर्ष 2025-26 हेतु एस.एस.टी.डी. योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों, जिनको आगामी वर्ष में पूर्ण किया जाना है, की कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ख) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार खंण्‍डवा जिले में पी.एम. कुसुम-अ योजनान्तर्गत 69 हितग्राहियों को LOA जारी किये गये हैं, जिसमें से 19 कृषकों/विकासक इकाइयों के साथ कुल-34.73 मेगावॉट क्षमता के संयंत्र स्थापना हेतु पृथक-पृथक PPA निष्पादित किये गये हैं। योजना अंतर्गत खण्डवा जिले में विगत 02 वर्षों में सौर संयंत्र की कमीशनिंग नहीं हुई है। खण्डवा जिले में विगत दो वर्ष में पी.एम. कुसुम-ब योजना अंतर्गत जानकारी निरंक है। पी.एम. कुसुम-स योजना अंतर्गत विगत            2 वर्षों में खंण्डवा जिले में सौर ऊर्जा संयंत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। खंडवा जिले में पी.एम. सूर्य घर योजना अंतर्गत विगत 2 वर्षों में 368 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। योजनान्तर्गत लाभान्वित 368 हितग्राहियों के माध्यम से प्रतिवेदित तिथि तक 8, 93, 111 यूनिट विद्युत एक्सपोर्ट की गई है। पी.एम. सूर्य घर योजना अंतर्गत प्रत्येक हितग्राही से पंजीयन शुल्क राशि रू. 1000/- एवं मीटर टेस्टिंग शुल्क राशि रू. 1680/- जमा करवाया जाता है। उपरोक्त राशि का व्यय वितरण नेटवर्क से जोड़ने हेतु आवश्यक अधोसंरचना एवं विद्युत की मात्रा को दर्ज करने के लिए स्थापित मीटर आदि की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने हेतु की जाती है। (ग) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार खण्‍डवा के कनवानी क्षेत्र में स्थित मसाया सोलर प्‍लांट की भूमि के संबंध में प्राप्‍त शिकायतों पर कार्यवाही के अंतर्गत न्‍यायालय कलेक्‍टर जिला-खण्‍डवा (म.प्र. ) के आदेश दिनांक 18.07.2025 यथा - ''कंपनी द्वारा जब तक अतिक्रमण की गई शासकीय भूमि के संबंध में लीज अथवा आवंटन की कार्यवाही नहीं की जाती तथा अनुसूचित जनजाति के व्‍यक्तियों की भूमि के संबंध में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा-165 (6) के प्रावधानों के तहत विधिवत अंतरण की अनुमति प्राप्‍त नहीं की जाती तब तक के लिए तत्‍काल सोलर प्‍लांट के संचालन पर रोक लगाई जाती है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व खण्‍डवा, महाप्रबंधक, पावर ग्रिड खण्‍डवा तथा सहायक यंत्री, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, खण्‍डवा को उक्‍त संबंध में कार्यवाही करने हेतु आदेशित किया जाता है। '' अनुसार संचालन पर रोक लगायी गई थी। माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर के याचिका क्रमांक 28603/2025 के आदेश दिनांक 21.07.2025 में अनुसार "The respondent is directed to permit the petitioner to operate the solar power plant in question till the next date of hearing. List the matter after four weeks for consideration". अगली सुनवाई तक आदेशित हैं। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत, खंडवा जिले में वर्तमान में बाह्रय स्‍त्रोत सेवा प्रदाता कंपनी मेसर्स जी.ए. डिजीटल वेव वर्ड प्रा.लि., दिल्ली दिनांक 01.10.2025 से अनुबंधित है। उक्‍त कंपनी द्वारा 918 आउटसोर्स कार्मिक क्रमशः उच्च कुशल, कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल श्रेणी के उपलब्ध करवाये गये हैं, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गयी पद एवं पदस्‍थी कार्यालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द-1' एवं 'द-2' अनुसार है। संबंधित एजेंसी के विरूद्ध आउटसोर्स कार्मिक की लंबित वेतन वृद्धि, एरियर्स, निलंबन संबंधी कोई भी शिकायत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है।

अमृत जल 0.2 योजना का क्रियान्वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

69. ( क्र. 1146 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा निगम क्षेत्र में कितनी वैध/अवैध कॉलोनियों निर्मित हैं? उनके कॉलोनाइजर का नाम, पंजीयन क्रमांक, वैधता अवधि तथा कितनी व कौन-कौन सी अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही निगम द्वारा प्रक्रियाधीन है? प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी व लिखित दस्तावेज उपलब्ध कराये जावेl (ख) खंडवा निगम क्षेत्र में अमृत जल योजना 0.2 के क्रियान्वयन की क्या स्थिति है? यह कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? योजना से सम्बंधित निम्नलिखित जानकारी प्रदान की जावे :कार्य का स्टीमेट, BOQ रिपोर्ट, टेंडर प्रक्रिया की जानकारी, ठेकेदार की प्रोफाइल, अनुभव प्रमाण-पत्र, पर्यावरण विभाग की अनुमति, वन विभाग की अनुमति, केन्द्रीय मद योजना से सम्बंधित शासन के पत्र, केन्द्रीय योजना अंतर्गत स्वीकृत राशि, सड़क कार्यों एवं अन्य कार्यों के स्टीमेट, झिलो उद्यान कार्यों में केन्द्रीय मद से व्यय का विवरण, योजना अंतर्गत बिछाई गई पाइप-लाइन की टेस्टिंग रिपोर्ट l (ग) खंडवा निगम अंतर्गत विगत 2 वर्षों में नवीन निर्माण, निर्माणाधीन, मरम्मत कार्यों की वर्षवार, मदवार जानकारी व व्यय के बिल व्‍हाउचर की प्रतियां प्रदान की जावे। (घ) विगत 2 वर्षों में नर्मदा पाइप-लाइन के मरम्मत कार्य में हुये व्यय का विवरण व बिल व्‍हाउचर की प्रतियां उपलब्‍ध करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम, खण्‍डवा क्षेत्र में अमृत 2.0 जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है। उक्‍त कार्य को अनुबंधित संस्‍था द्वारा पूर्ण करने की समयावधि 02 अप्रैल 2026 तक है। शेष जानकारी निम्‍नानुसार है:-

कार्य का स्‍टीमेट बी.ओ.क्‍यू.

जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार

टेण्‍डर प्रक्रिया की जानकारी

जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार

ठेकेदार की प्रोफाइल अनुभव प्रमाण-पत्र

जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार

पर्यावरण विभाग की अनुमति

आवश्‍यकता नहीं होने से नहीं ली गई।

वन विभाग की अनुमति

जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार

केन्‍द्रीय योजना से संबंधित शासन के पत्र

जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार

केन्‍द्रीय योजना अंतर्गत स्‍वीकृत अमृत योजना की राशि

राशि रू. 130.00 करोड़

सड़क कार्यों एवं व्‍यय कार्यों के स्‍टीमेट

योजनान्‍तर्गत सड़क कार्य स्‍वीकृत नहीं है, शेष कार्यों का स्‍टीमेट पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट- अनुसार है।

वॉटर बॉडी पर व्‍यय

राशि रू. 40.00 लाख

उद्यान कार्य

यह कार्ययोजना अंतर्गत स्‍वीकृत नहीं है।

बिछाई गई पाइप-लाइन की टेस्टिंग रिपोर्ट

जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टएफ अनुसार

(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-जी अनुसार है। (घ) नर्मदा पाइप-लाइन मरम्‍मत का कार्य पी.पी.पी. मोड के अन्‍तर्गत अनुबंधित संस्‍था विश्‍वा हैदराबाद द्वारा किया जा रहा है। नगर पालिक निगम खण्‍डवा द्वारा मरम्‍मत कार्य नहीं किया जा रहा है, जिससे शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

स्‍थाई पट्टाधिकार का भूमि स्‍वामी अधिकार में संपरिवर्तन

[नगरीय विकास एवं आवास]

70. ( क्र. 1154 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी स्थित ओल्ड हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की भूमि जिसका खसरा क्रमांक 5, 6 तथा रकबा 10 एकड़ (4.04 हेक्टेयर) है, जो कि जिलाधीश खरगोन के आदेश क्रमांक 4006 – 9 दिनांक 10/10/1979 को आवंटित की गई थी तथा जिसका कब्जा राजस्व/नजूल विभाग द्वारा दिनांक 25/01/1980 को मण्डल को दिया गया था। भूमि का प्रीमियम रूपये 15249/- था, जो कि मण्डल द्वारा चालान क्रमांक 231, दिनांक 23/11/1982 स्टेट बैंक ऑफ इंदौर शाखा बड़वानी में जमा कर दिया था तथा भूमि का भू-भाटक रूपये 762/- है, जो कि मण्डल द्वारा प्रतिवर्ष जमा किया जा रहा है। (ख) शासन के निर्देशानुसार कॉलोनी के सभी भू-खण्डों को फ्री होल्ड करना है तो कब तक फ्री होल्ड किया जायेगा और अगर नहीं तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्‍न की विषयवस्‍तु औपचारिक होने से उत्‍तर की आवश्‍यकता नहीं है। (ख) म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश-2020 के अध्‍याय-8 की कंडिका क्रमांक-137 (1) के अनुसार म.प्र. गृह निर्माण मण्‍डल को राज्‍य सरकार से प्राप्‍त स्‍थाई पट्टे की भूमि में से आवासीय प्रयोजन हेतु किसी व्‍यक्ति के पक्ष में पट्टाधिकार दिया गया है, ऐसे व्‍यक्ति मण्‍डल से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्‍त करने के उपरान्‍त स्‍थाई पट्टाधिकार को भूमि स्‍वामी अधिकार में संपरिवर्तन के लिये सक्षम प्राधिकारी कलेक्‍टर को आवेदन किये जाने पर संबंधित सक्षम प्राधिकारी द्वारा कार्यवाही की जाती है अन्‍यथा नहीं।

स्मार्ट मीटर लगाये जाने की अनिवार्यता

[ऊर्जा]

71. ( क्र. 1156 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्या विद्युत कम्पनि‍यों द्वारा उपभोक्ताओं के लिए लगाये जाने वाले स्मा‍र्ट मीटर सभी उपभोक्ताओं को लगाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो क्या प्रत्येक उपभोक्ता से उसकी सहमति लेकर मीटर लगाये जाने विषयक कोई दिशा-निर्देश है? अगर हाँ, तो दिशा-निर्देश की छायाप्रतियां उपलब्ध़ करायें। (ख) बड़वानी जिले में अभी तक शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कितने स्मार्ट मीटर लगाये जा चुके हैं? क्या बड़वानी जिले में स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली के बिल अधिक आने की शिकायतें मिली हैं? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ग) बड़वानी जिले में क्या 5 प्रतिशत स्मार्ट मीटर की गुणवत्ता की जांच की जा रही है? यदि हाँ, तो अभी तक कितने स्मार्ट मीटर की जांच हो चुकी है तथा किस लैब में जांच की जा रही है? लैब की वैधानिकता दर्शाते दस्तावेजों की सत्यापित छायाप्रतियां उपलब्ध करायें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में स्‍मार्ट मीटर केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 23.12.2019 के विनियम-4 एवं विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 31 दिसम्बर, 2020 के विनियम-5 ''मीटरिंग'' तथा मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2021 के अध्याय-8 ''विद्युत मापन तथा बिलिंग'' के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत पारदर्शी बिलिंग, मीटर रीडिंग प्रणाली में सुधार और सटीक ऊर्जा लेखाकंन के लिए लगाए जा रहे हैं। उक्‍त वैधानिक प्रावधानों के अनुसार सहमति लिया जाना आवश्‍यक नहीं है। (ख) बड़वानी जिले के शहरी क्षेत्रों में प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति में कुल 47798 स्‍मार्ट मीटर स्‍थापित किये जा चुके है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्‍मार्ट मीटर स्‍थापित किये जाने का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। प्रश्‍नाधीन जिले में स्‍मार्ट मीटर स्‍थापित करने के उपरांत बिजली बिल अधिक आने की कुल 137 शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं, जो कि गलत अंतिम/प्रारंभ रीडिंग एवं स्‍वैपिंग के कारण हुई है तथा उक्‍त सभी शिकायतों का समुचित निराकरण कर दिया गया है। (ग) विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत 5 प्रतिशत नहीं, अपितु 100 प्रतिशत स्‍मार्ट मीटरों का विभागीय लैब में जांच करने के उपरांत ही मीटर स्‍थापित किये जा रहे है। लैब की वैधानिकता संबंधी दस्‍तावेजों की सत्‍यापित छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "सत्रह"

सिंहस्थ हेतु सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

72. ( क्र. 1161 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगामी सिंहस्थ की दृष्टि से अन्य जिले की सीमा से उज्जैन पहुँचने के लिए प्रमुख मार्गों के अलावा अन्य मार्गों को बनाने की दिशा में क्या कोई कार्यवाही की जा रही है, जिससे कि सिंहस्थ के समय यातायात के दबाव को कम किया जा सके? (ख) उज्जैन से जुड़ने वाले प्रचलित प्रमुख मार्ग जैसे खाचरोद-नागदा, नागदा-उन्हेंल, जावरा-उज्जैन या कोई अन्य आंतरिक मार्ग के चौड़ीकरण करने की कार्यवाही प्रचलित है या विचाराधीन है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश में उल्लेखित खाचरोद-नागदा मार्ग के चौड़ीकरण की विभाग अंतर्गत कोई योजना नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है।

सिंचाई प्रयोजन हेतु पावर ट्रांसफार्मरों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता

[ऊर्जा]

73. ( क्र. 1162 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरोद विधानसभा में ग्रामीण सिंचाई उपयोग में लगे अलग-अलग ट्रांसफार्मर की कुल संख्या कितनी है? (ख) इनमें कितने ट्रांसफार्मर किस-किस पावर के हैं, जो ओवरलोड हैं?                             (ग) वर्तमान स्थिति को देखते हुए विभाग द्वारा कितने नए ट्रांसफार्मर लगाने की मांग की गई है? (घ) वित्तीय वर्ष 25-26 में नागदा-खाचरोद विधानसभा में कितने ट्रांसफार्मर की पूर्ति की जा सकेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) नागदा-खाचरोद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्रामीण सिंचाई प्रयोजन हेतु स्‍थापित पावर ट्रांसफार्मरों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान स्थिति में अतिभारित पावर ट्रांसफार्मरों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान स्थिति में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में प्रस्‍तावित पावर ट्रांसफार्मरों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि तथा स्‍थापना हेतु प्रस्‍तावित अतिरिक्‍त पावर ट्रांसफार्मरों एवं अतिरिक्‍त वितरण ट्रांसफार्मरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उल्‍लेखनीय है कि स्‍थापित वितरण ट्रांसफार्मर एवं पावर ट्रांसफार्मर अतिभारित पाये जाने की स्थिति में समय-समय पर नियमानुसार प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना अथवा सामान्‍य विकास योजना के तहत तकनीकी साध्‍यता अनुसार क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर की स्‍थापना के प्रस्‍ताव पर सक्षम स्‍वीकृति उपरांत वितरण ट्रांसफार्मर एवं पावर ट्रांसफार्मर स्‍थापना की कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। उल्‍लेखनीय है कि प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र में वित्‍तीय वर्ष 2023-24 से अद्यतन स्थिति तक 171 वितरण ट्रांसफार्मर एवं 10 पावर ट्रांसफार्मर के कार्य संपादित किये जा चुके हैं।

परिशिष्ट - "अठारह"

पहुँच मार्ग निर्माण की स्‍वीकृति

[लोक निर्माण]

74. ( क्र. 1169 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले की सीमा के राजस्थान सीमा से लगे अंतिम ग्राम मावता को जिला मुख्यालय से जोड़े जाने हेतु ग्राम मावता से रियावन चिपिया माउखेड़ी धामेडी राकोदा - बड़ायला माताजी तक पहुंच मार्ग की स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी? (ख) जावरा तहसील के अत्यंत प्राचीन धार्मिक पर्यटन स्थल ग्राम काँकरवा से ग्राम मेहंदी - पिपलिया सिर तरास्या - अकोली -गोंदी शंकर - मनकामेश्वर मिंडाजी पहुंच मार्ग की स्वीकृति कब तक दी जाएगी? (ग) विगत वर्षों से प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्रों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय मंत्री जी, माननीय प्रमुख सचिव महोदय के साथ ही सदन में भी उक्त दोनों प्रमुख सड़क मार्गों की स्वीकृति हेतु ध्यान आकर्षित किये जाने के परिप्रेक्ष्‍य में विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) दिनांक 12 सितंबर 2025 को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा रतलाम जिला आगमन पर ग्राम करिया तहसील सैलाना में जावरा विधानसभा क्षेत्र की तहसील पिपलोदा के ग्राम रियावन से व्हाया कंसेर - कालूखेड़ा पहुंच मार्ग बनाए जाने की घोषणा की तो माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पश्‍चात उसके क्रियान्‍वयन हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मार्ग विभाग की किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) मार्ग विभाग की किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उक्त दोनों मार्ग विभाग की किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा क्रमांक आवंटित नहीं हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

वैध, अवैध एवं अविकसित कॉलोनियों का विकास कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

75. ( क्र. 1170 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन विकासखण्डों में कितनी-कितनी कॉलोनियां वैध हैं, कितनी कॉलोनियां अवैध हैं एवं कितनी कॉलोनियां अविकसित होकर चिन्हित की गईं?                   (ख) विगत वर्षों में नगर निवेश विभाग एवं शहरी अभिकरण विभाग द्वारा कितनी कॉलोनियों को वैध होने का प्रमाण-पत्र जारी किया गया तथा कितनी कॉलोनियां अभी अवैध होकर चिन्हित की गईं? साथ ही कितनी कॉलोनियां अविकसित कॉलोनि‍यों के रूप में चिन्हित की? वैध, अवैध एवं अविकसित कॉलोनियो की जानकारी स्पष्ट करें। (ग) कॉलोनाइजर द्वारा विभिन्न अनुबंधों के साथ ही विकसित की जा रही कॉलोनी में निम्न आय वर्ग हेतु कितनी-कितनी भूमि छोड़ी गई?                    कितनी-कितनी भूमि बगीचा निर्माण हेतु तथा साथ ही अनुबंध में कितने-कितने प्लाट मॉर्टगेज पर रखे गए तथा रहवासियों की सुविधा हेतु और क्या अनुबंध किए गए? जानकारी दें। (घ) निम्न आय वर्ग हेतु कॉलोनी में छोड़ी गई भूमि शासन/विभाग द्वारा आगामी क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा उद्यानों का निर्माण अनुबंध अनुसार किया गया अथवा नहीं? साथ ही मॉर्टगेज प्लाटों को राजसात कर उनका खुली नीलामी बोली की गई अथवा नहीं एवं जिन कॉलोनाइजर पर एफ.आई.आर. दर्ज हुई उन पर क्या कार्यवाही हुई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) रतलाम जिला अंतर्गत प्रश्‍नांकित अनुसार विकास अनुमति प्राप्‍त वैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' एवं अनधिकृत कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) नगर तथा ग्राम निवेश एवं जिला शहरी विकास अभिकरण द्वारा किसी कॉलोनी को वैध होने का प्रमाण-पत्र जारी करने के कोई प्रावधान नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

संबल/कर्मकार अनुग्रह राशि का वितरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

76. ( क्र. 1178 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक नगर निगम ग्वालियर में संबल/कर्मकार अनुग्रह राशि प्राप्त हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये? जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) की अवधि में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन पात्र एवं निरस्त किये गये? जिन आवेदनों को निरस्त किया गया, उनके क्या कारण रहे? जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में सभी पात्र आवेदकों को राशि का वितरण कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जावेगा?       (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में जो आवेदक राशि वितरण के लिये शेष हैं, उनका भुगतान क्यों नहीं किया गया? कारण सहित स्पष्ट जानकारी दी जावे।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम ग्वालियर में दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक कर्मकार में 350 एवं संबल में 468 आवेदन प्राप्त हुए है। (ख) प्रश्‍नांश (क) की अवधि में कर्मकार के आवेदन में से 317 पात्र, 03 आवेदन जांच प्रतिवेदन में निरस्त की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार एवं 30 आवेदन जांचकर्ताओं के पास जांच हेतु लंबित हैं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। संबल के 468 आवेदन में से 378 पात्र, 10 आवेदन त्रुटिपूर्ण एवं 08 आवेदन जांच प्रतिवेदन में निरस्त की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार एवं 72 आवेदन जांचकर्ताओं के पास जांच हेतु लंबित है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। संबल एवं कर्मकार के पात्र प्रकरणों में भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार पात्र पाये गये हितग्राहियों की कोई राशि वितरण हेतु शेष नहीं है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उत्पन्न नहीं होता है।

विद्युत चोरी उपभोक्‍ताओं से राजस्‍व की प्राप्ति

[ऊर्जा]

77. ( क्र. 1179 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) जिला ग्वालियर में 01 जनवरी 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के खिलाफ बिजली चोरी के प्रकरण दर्ज किये गये? विधान सभावार संख्यात्मक जानकारी दी जावे।                                (ख) प्रश्‍नांश '' के संबंध में दर्ज चोरी के प्रकरणों में से कितने हितग्राहियों से कितनी-कितनी राजस्व की प्राप्ति हुई? (ग) जिला ग्वालियर में प्रश्‍न दिनांक तक विधान सभावार कितने विद्युत उपभोक्ता दर्ज है? विधानसभावार संख्या दी जावे। (घ) प्रश्‍नांश '' के संबंध में जिला ग्वालियर में              1 जनवरी 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक दर्ज उपभोक्ताओं से कितनी राशि विधान सभावार प्राप्त हुई? संख्या एवं प्राप्त राशि की जानकारी दी जावे।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जिला ग्वालियर में प्रश्‍नाधीन अवधि में कुल 40424 विद्युत उपभोक्‍ताओं/उपयोगकर्ताओं के खिलाफ बिजली चोरी के प्रकरण दर्ज किये गये हैं, जिसकी विधानसभा क्षेत्रवार संख्‍यात्‍मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित चोरी के प्रकरणों से संबंधित कुल 19555 विद्युत उपभोक्‍ताओं/उपयोगकर्ताओं से राशि रूपये 4522.01 लाख की राजस्व प्राप्ति हुई, जिसकी विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाधीन जिले में प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्रवार दर्ज विद्युत उपभोक्ताओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के संदर्भ में ग्वालियर जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में विद्युत उपभोक्‍ताओं से विद्युत देयकों के विरूद्ध प्राप्‍त राजस्‍व की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "बीस"

निर्माणाधीन सड़कों के कार्य प्रगति की जानकारी

[लोक निर्माण]

78. ( क्र. 1187 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछोर विधानसभा में कितने रोड पिछले 6 माह में स्‍वीकृत कर टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करवाई गई? (ख) किन-किन संस्‍थाओं/वेंडरों के टेंडर हुये? उनकी दरें क्‍या-क्‍या रहीं? (ग) पिछले निर्माण कार्यों की गुणवत्‍ता का परीक्षण किस एजेंसी से करवाया गया? (घ) मेसर्स ओशो कन्‍सट्रक्‍शन को कितने कार्य प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में स्‍वीकृत हुये? कितने पूर्ण हुये? कितने प्रगति पर है? गुणवत्‍ता का परीक्षण किसके द्वारा करवाया? गुणवत्‍ताहीन कार्य मेसर्स ओशो के द्वारा किया जा रहा है लेकिन विभाग के द्वारा परीक्षण नहीं किया जा रहा, ऐसा क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) पिछोर विधानसभा में विगत 6-माह में कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुए। अतः शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) निर्माण कार्य की गुणवत्ता का परीक्षण अनुबंध की शर्तों के अनुरूप साइट लैब एवं विभाग द्वारा निर्धारित लैबों से कराये जाते हैं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण कार्य के मापदण्डानुसार परीक्षण कराये गये हैं।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

नगर पालिका बिजुरी में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

79. ( क्र. 1192 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के नगर पालिका बिजुरी के विरूद्ध वर्ष 2022 से 30 अक्टूबर 2025 तक लोकायुक्त में कितने प्रकरण भ्रष्टाचार व आर्थिक अनियमितता के पंजीबद्ध हैं? क्या भारी आर्थिक अनियमितता व भ्रष्ट आचरण पर अपराध पंजीबद्ध है? यदि हाँ, तो सभी आरोपियों के नाम, पद व अपराध की धाराएं बताएं। (ख) प्रश्‍नांश '' में पंजीबद्ध अपराध में पंजीबद्ध दिनांक से उत्तर दिनांक तक विवेचना अधिकारी का नाम, पद की जानकारी देते हुए संपूर्ण भ्रष्टाचार व जांच निष्कर्ष की दस्तावेज सहित जानकारी देवें। (ग) क्या पी.आई.सी. के सदस्य गलत निर्णय व अनियमितता के दोषी है? यदि हाँ, तो सभी उपस्थित तथा निर्णय में सम्मिलित पार्षद सदस्यों को अपराधी/आरोपी न बनाकर विवेचना अधिकारी ने स्वेच्छाचारिता किया है? यदि नहीं, तो कब तक ऐसे दोषीजनों को आरोपी बनाकर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया जाएगा? (घ) क्या सरकार भ्रष्टाचार में जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है? यदि हाँ, तो भ्रष्टाचार एवं करोड़ों की आर्थिक धांधली पर वर्षों बाद भी न्यायालय में चालान प्रस्तुत न करना ही लोकायुक्त का कार्य है? (ड.) क्या आरोपियों द्वारा कार्यालय से दस्तावेज व फाइल गायब करने जैसे प्रकरण की पुष्टि हुयी है? यदि हाँ, तो सभी संबंधित शाखा प्रभारी व सी.एम.ओ. तथा अध्यक्ष पर साजिश व दस्तावेज गायब करने के लिए पृथक अपराध पंजीबद्ध कर कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उक्‍त प्रकरण विशेष पुलिस स्‍थापना, लोकायुक्‍त कार्यालय, संभाग रीवा के विवेचनाधीन है। (घ) जी हाँ। उक्‍त प्रकरण विशेष पुलिस स्‍थापना, लोकायुक्‍त कार्यालय, संभाग-रीवा के विवेचनाधीन है। (ड.) कार्यालय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग शहडोल में फाइल गायब होने से संबंधित शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्‍मार्ट मीटर योजना का क्रियान्‍वयन

[ऊर्जा]

80. ( क्र. 1193 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) मध्यप्रदेश में स्मार्ट मीटर योजना के अंतर्गत कंपनी अल्फानार को ठेका प्रदान करने से पूर्व क्या राज्य सरकार अथवा डिस्कॉम ने कंपनी की पृष्ठभूमि, स्वामित्व की कोई विस्तृत जांच करायी थी? यदि हाँ, तो उस जांच की तिथि, एजेंसी एवं प्रमुख निष्कर्ष क्या थे? (ख) प्रदेश में स्मार्ट मीटर योजना के अंतर्गत अब तक कुल कितने उपभोक्ताओं से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई हैं और उनमें से कितने प्रकरणों का निपटारा किया गया है? दो वर्ष की जानकारी दें। (ग) क्या पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अल्फानार कंपनी को स्मार्ट मीटर योजना में तीन बार टर्मिनेशन नोटिस जारी किए गए थे? यदि हाँ, तो कंपनी के कार्य को समाप्त न किये जाने के क्या कारण है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर मेसर्स आर.ई.सी. (REC) ने विद्युत वितरण कंपनियों के साथ कार्य करने हेतु विभिन्न कंपनियों को ए.एम.आई.एस.पी. (AMISP) के रूप में सूचीबद्ध किया है। टेंडर प्रक्रिया में केवल वही कम्पनियां भाग ले सकती हैं, जो मेसर्स आर.ई.सी. द्वारा ए.एम.आई.एस.पी. (AMISP) के रूप में कार्य करने हेतु पंजीकृत हैं। मेसर्स आर.ई.सी. के आर्डर दिनांक 25/06/2024 से मेसर्स अल्फानार का पूर्व में ए.एम.आई.एस.पी. के रूप में जारी किया गया पंजीकरण, दिनांक 17.03.2023 को, दो वर्ष के लिए बढ़ाया गया है, जिससे स्पष्ट है कि मेसर्स अल्फानार ए.एम.आई.एस.पी. (AMISP) के रूप में कार्य करने हेतु पूर्व से ही पंजीकृत हैं। उक्‍त के अतिरिक्‍त म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निविदा में उल्‍लेखित शर्तों के अनुसार प्राप्‍त बिड से संबंधित परीक्षण किया गया तथा यह पाया गया कि मेसर्स अल्‍फनार पावर प्रायवेट लिमिटेड द्वारा निविदा की शर्तों को पूर्ण किया था। (ख) विगत 2 वर्षों में स्‍मार्ट मीटर से संबंधित प्राप्‍त कुल शिकायतों एवं इनके निराकरण की प्रश्‍नाधीन चाही गई संख्‍यात्‍मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा केन्‍द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत स्मार्ट मीटरिंग कार्य हेतु जारी की गई निविदा दिनांक 10.08.2023 के विरूद्ध मेसर्स अल्फानार पावर प्रायवेट लिमिटेड को दिनांक 05/01/2024 को जारी किये गये। एल.ओ.ए. अनुसार तय समय-सीमा में बैंक गांरटी जमा नहीं करने पर एवं संविदात्मक औपचारिकताएं पूर्ण नहीं करने के कारण तीन टर्मिनेशन नोटिस जारी किये गये थे। फर्म द्वारा जमा की गई बैंक गांरटी की स्वीकृति पश्‍चात दिनांक 11/03/2024 को मेसर्स अल्फानार के साथ म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कांट्रेक्ट एग्रीमेंट संपादित किया गया। इसके पश्‍चात एजेंसी द्वारा स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट का कार्य शुरू कर दिया गया है, जिसके कारण एजेंसी मेसर्स अल्फानार पावर प्रायवेट लिमिटेड के आदेश को समाप्त नहीं किया गया। उक्‍त एजेंसी द्वारा अभी तक 3, 55, 000 स्‍मार्ट मीटर लगाने का कार्य किया जा चुका हैं।

परिशिष्ट - "बाईस"

सैलाना विधानसभा में स्वीकृत विकास कार्यों की स्थिति

[लोक निर्माण]

81. ( क्र. 1201 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सैलाना विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों, पुल-पुलियाओं, भवन निर्माण एवं अन्य विकास कार्यों हेतु विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कार्यों को स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो सभी स्वीकृत कार्यों की सूची, उनके नाम, स्थान, स्वीकृत राशि एवं कार्य प्रारंभ तिथि सहित जानकारी बतावें। (ख) स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने कार्य अपूर्ण या प्रगति पर हैं? जानकारी पृथक-पृथक विवरण (कार्य का नाम, स्थान, स्वीकृत राशि, पूर्णता तिथि/प्रगति प्रतिशत सहित) बतावें। (ग) क्या शासन द्वारा अपूर्ण कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु कोई नियत समय-सीमा या विशेष कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी, आदेश क्रमांक तथा समय-सीमा सहित जानकारी बतावें। (घ) क्या लोक निर्माण विभाग ने सैलाना विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्य ग्रामों की विशेष आवश्यकताओं को देखते हुए नए सड़क या भवन निर्माण प्रस्ताव तैयार किए हैं या शासन को भेजे हैं? यदि हाँ, तो उन प्रस्तावों की स्थिति, स्वीकृति की स्थिति एवं संभावित समयावधि की जानकारी बतावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु अनुबंध में कार्य पूर्णता से संबंधित प्रावधानों के तहत विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्यों की सतत निगरानी कर कार्य कराया जाता है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) नवीन प्रस्ताव है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पुनर्वास एवं मुआवजा निर्धारण के प्रावधान

[नगरीय विकास एवं आवास]

82. ( क्र. 1204 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में प्रस्तावित मेट्रोपॉलिटन सिटी परियोजना का ड्राफ्ट कब प्रकाशित किया गया? परियोजना का क्षेत्रफल कितना है तथा इसके अंतर्गत कितनी शासकीय भूमि एवं कितनी निजी/कृषि भूमि सम्मिलित की गई है? उसका जिलेवार विवरण क्या है? (ख) राज्य शासन के पास उक्त परियोजना हेतु उपलब्ध शासकीय भूमि कितनी है और शेष आवश्यक भूमि के लिए लैंड-पूलिंग की प्रक्रिया अपनाने का क्या प्रावधान किया गया है? क्या इसके लिए म.प्र. नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 23 (1) एवं 50 (2) के अनुसार अधिसूचना जारी की गई है? (ग) लैंड पुलिंग के अंतर्गत किसानों व निजी भूमि स्वामियों के पुनर्वास, पुनर्स्थापना एवं प्रतिकर हेतु शासन द्वारा कौन-कौन से मापदंड, दरें एवं नियम निर्धारित किए गए हैं? “भू-अधिग्रहण, पुनर्वासन एवं पुनर्स्थापना में उचित प्रतिकर का अधिकार अधिनियम, 2013” की धारा 26 से 30 तक के अनुसार विवरण उपलब्‍ध कराएं। (घ) क्या शासन ने कृषि भूमि के मूल्य निर्धारण हेतु कलेक्टर गाइड-लाइन में स्लैब जोड़कर बाजार दर का मूल्यांकन किया है? यदि हाँ, तो क्या प्रचलित बाजार मूल्य अथवा गाइड-लाइन दर में से जो अधिक हो, उसका दोगुना मुआवजा देने का प्रावधान लागू किया गया है? (ङ) प्रदेश भर में चल रही परियोजनाओं के भूमि अधिग्रहण में किसानों की भूमि एवं निजी स्वामित्व वाली भूमि के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित करने हेतु शासन ने भू-माफियाओं के हित को छोड़कर किसान हित में कौन-कौन से संरक्षक प्रावधान लागू किए हैं और यदि नहीं किए गए हैं तो स्पष्ट कारण बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रस्‍तावित मेट्रोपॉलिटन सिटी परियोजना का ड्राफ्ट प्रकाशित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                 (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है। (ग) लैंड-पूलिंग के अंतर्गत किसानों एवं निजी भूमि स्‍वामियों को म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा-49 एवं 50 के प्रावधानों के अनुसार उनकी भूमि (मूल भूमि) का 50 प्रतिशत की सीमा तक विकसित अंतिम भूखण्‍ड वापिस किया जाता है। ''भू-अधिग्रहण, पुनर्वासन एवं पुनर्स्‍थापना में उचित प्रतिकर का अधिकार अधिनियम, 2013'' के अनुरूप म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा-49, 50 एवं म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश नियम-2012 के नियम-19 के प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ''भू-अधिग्रहण, पुनर्वासन एवं पुनर्स्‍थापना में उचित प्रतिकर का अधिकार अधिनियम, 2013'' के अनुरूप म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा-49, 50 एवं म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश नियम-2012 के नियम-19 में यथोचित प्रावधान किये गये हैं। (ड.) उत्‍तरांश '' अनुसार।

लाभ वितरण एवं उपभोक्ता हित से संबंधित प्रावधानों का पालन

[ऊर्जा]

83. ( क्र. 1205 ) श्री महेश परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) विगत पाँच वित्‍तीय वर्षों में मध्यप्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा स्वयं के आवासों में स्थापित सौर पैनलों से उत्पादित विद्युत में से विद्युत वितरण कंपनी को निर्यात विद्युत की मात्रा वर्षवार एवं कंपनीवार कितनी रही तथा उसका कंपनीवार विवरण उपलब्‍ध करायें। (ख) म.प्र. पूर्व, म.प्र. मध्य एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं से सौर ऊर्जा की कितनी मात्रा किस दर पर क्रय की गई तथा उसके एवज में कितने उपभोक्ताओं को वर्षवार भुगतान किया गया और कुल भुगतान राशि कितनी रही? (ग) जिन उपभोक्ताओं को अब तक भुगतान नहीं किया गया है, उनकी लंबित राशि का भुगतान कब तक किया जाएगा तथा क्या भुगतान में विलंब होने पर विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 57 (1) एवं उपभोक्ता (मानक प्रदर्शन) विनियम, 2012 के अंतर्गत विलंब ब्याज अथवा क्षतिपूर्ति का प्रावधान लागू किया गया है? (घ) क्या यह सत्य है कि कंपनियां घरेलू उपभोक्ताओं से प्राप्त सरप्लस (अधिशेष) बिजली को अन्य राज्यों अथवा निजी उपक्रमों को विक्रय कर रही हैं? यदि हाँ, तो वर्षवार कुल विक्रय मात्रा, दर एवं प्राप्त लाभ का विवरण प्रस्तुत किया जाए।                           (ङ) क्या उपभोक्ताओं एवं कंपनियों से खरीदी गई बिजली की दरें म.प्र. विद्युत विनियामक आयोग (MPERC) द्वारा विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 62 (1) (a) एवं 86 (1) (e) के तहत स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराएं। (च) राज्य की विद्युत कंपनियों द्वारा सौर ऊर्जा क्रय-विक्रय से अर्जित लाभ को जनहित में दरों में रियायत, उपभोक्ता प्रोत्साहन अथवा ग्रामीण विद्युतीकरण हेतु क्यों नहीं उपयोग किया गया? यदि नहीं, किया गया है, तो इसके स्पष्ट कारण बताएं।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विगत पाँच वित्तीय वर्षों यथा-वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से वित्‍तीय वर्ष 2024-2025 तक की अवधि में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं के स्वयं के आवासों में स्थापित सौर पैनलों से उत्पादित विद्युत में से विद्युत वितरण कंपनियों को निर्यातित विद्युत की वर्षवार मात्रा का प्रश्‍नाधीन चाहा गया वितरण कंपनीवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं से प्राप्‍त सौर ऊर्जा की सरप्लस (अधिशेष) विद्युत को वर्ष में एक बार निर्धारित माह में निर्धारित न्यूनतम दर पर विद्युत बिल में समायोजन (क्रय नहीं) किया जाता है, जिसकी उपभोक्ताओं की संख्या, समायोजित विद्युत की मात्रा एवं कुल समायोजित राशि का वितरण कंपनीवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ग) सौर ऊर्जा की असमायोजित नेट विद्युत यूनिट का समायोजन, विद्यमान प्रावधान अनुरूप वार्षिक रूप से माह अक्टूबर बिलिंग माह में किया जा रहा है। विद्युत वितरण कंपनियों अंतर्गत किसी उपभोक्ता का समायोजन किया जाना लंबित नहीं है। उक्त समायोजन में विलंब होने पर विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 57 (1) के तहत मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (ग्रिड पारस्परिक नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियां एवं संबंधित मामले) विनियम, (पुनरीक्षण द्वितीय) 2024 (आरजी-39 (II), वर्ष 2024) ” की कंडिका 11 के अनुसार) क्षतिपूर्ति के प्रावधान लागू हैं। उल्‍लेखनीय है कि उपभोक्‍ता (मानक प्रदर्शन) विनियम, 2012 नाम से कोई विनियम नहीं है। (घ) जी नहीं। अत: प्रश्‍न नहीं उठता है। (ड.) जी नहीं। (च) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न नहीं उठता है।

परिशिष्ट - "तेईस"

फोरलेन मार्ग निर्माण में अनियमितता

[लोक निर्माण]

84. ( क्र. 1211 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंद्रीय सड़क निधि अंतर्गत उज्जैन - गरोठ फोरलेन मार्ग का निर्माण किस एजेंसी/कंपनी के माध्यम से कराया गया है? कार्य की लागत, कार्य की शर्तें तकनीकी/प्रशासकीय स्वीकृति सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त एक्सप्रेस मार्ग में रोड में अनेक जगह बड़े-बड़े गड्ढे टेपर बन गए हैं, जिस कारण कई दुर्घटनाएं हो गई है। उक्त मार्ग निर्माण की कई शिकायतें विभाग को की गई है। क्या प्रश्‍न दिनांक तक उक्त शिकायतों की जांच करवाई गई है? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी दें। (ग) क्या उक्त मार्ग की उच्च स्तरीय टीम गठित कर जांच करवाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक म.प्र. क्‍या त्रुटिपूर्ण निर्माण कार्य करने पर कार्य एजेंसी को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्‍त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्‍त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्‍त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौबीस"

फोरलेन मार्ग निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति

[लोक निर्माण]

85. ( क्र. 1217 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा गांगीवाड़ा सर्कल से परासिया (खिरसाडोह) बायपास तक फोरलेन मार्ग बनाया जाना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस मार्ग से परासिया एवं जुन्नारदेव विधानसभा के हजारों आमजन एवं कई प्रकार के वाहन प्रतिदिन आवागमन करते है, परन्तु मार्ग की चौड़ाई कम होने मार्ग सकरा होने व मार्ग में यातायात बहुत अधिक होने के कारण कई बार गम्भीर दुर्घटनायें घटित हो जाती हैं इसलिए आमजनों की आवागमन की सुविधा हेतु छिंदवाड़ा गांगीवाड़ा सर्कल से परासिया (खिरसाडोह) बायपास तक मार्ग को फोरलेन बनाया जाना अति आवश्यक है। उपरोक्त मार्ग निर्माण कार्य के लिए विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित मार्ग निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा मान. विभागीय मंत्री महोदय को अनुस्मरण पत्र 02 क्र.वि.स./परासिया/127/2025/435 दि. 28.07.2025 प्रेषित किये गये हैं, जिस पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? कब तक कार्यवाही व विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए, उक्त मार्ग निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) छिंदवाड़ा गांगीवाड़ा सर्कल से परासिया (खिरसाडोह) बायपास तक मार्ग पूर्व से 2-लेन मार्ग निर्मित है एवं वर्तमान में बी.ओ.टी. (टोल) योजना अंतर्गत संचालित है, जिसकी कन्‍सेशन अवधि वर्ष 2033 तक है। विभाग में वर्तमान में छिंदवाड़ा गांगीवाड़ा सर्कल से परासिया (खिरसाडोह) बायपास तक मार्ग को 4-लेन बनाने हेतु कोई कार्ययोजना प्रस्‍तावित नहीं है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र अप्राप्‍त है। चूँकि मार्ग निवेशकर्ता की कन्‍सेशन अवधि में वर्ष 2033 तक है, अत: वर्तमान में मार्ग को फोरलेन बनाने की कोई योजना प्रस्‍तावित नहीं है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ट्यूबवेल पंप हेतु दिये गए विद्युत कनेक्शन

 [ऊर्जा]

86. ( क्र. 1228 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा लहार में किसान उपभोक्ता द्वारा ट्यूबवेल पंप हेतु जो क्षमता के कनेक्शन पूर्व से लिये थे, उन्हीं कनेक्शनों की क्षमता (हॉर्स पावर) बिना किसी सूचना के अधिकारियों द्वारा मनमर्जी से बढाकर विद्युत बिल प्रदाय किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक? सम्पूर्ण जिले की विधान सभावार इस प्रकार के उपभोक्ताओं की सूची नाम, कनेक्शन नं. सहित उपलब्ध करावें। (ख) क्या श्री चन्द्रप्रकाश तिवारी निवासी लहार के द्वारा विद्युत देयक का भुगतान न होने के कारण विभाग द्वारा ट्यूबवेल पम्प कनेक्शन काटा गया। इसके उपरांत 31 अक्टूम्बर 2019 को श्री तिवारी द्वारा देयक की सम्पूर्ण राशि 39400/-जमा की गई, जिसकी रसीद भी दी गई एवं विभाग द्वारा ट्यूबवेल पम्प का कनेक्शन चालू कर दिया गया एवं एन.ओ.सी. देकर पूर्व का बकाया नहीं है का उल्लेख रसीद में किया गया। यदि हाँ, तो क्या विद्युत विभाग द्वारा श्री चन्द्रप्रकाश तिवारी के ट्यूबवेल पंप के पुराने 5 हार्सपावर कनेक्शन को बिना किसी सूचना के 10 हार्स पावर का कनेक्शन दर्शाकर विद्युत की बिलिंग की गई है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, लहार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कृषक उपभोक्‍ताओं के ट्यूबवेल पंप कनेक्‍शनों के भार मनमर्जी से नहीं, अपितु नियमानुसार उपभोक्‍ता के कृषि पंप स्‍थल का निरीक्षण कर, उपयोग में लिये जा रहे कृषि पंप के भार का उपकरण से मापन कर, पाया गया भार कृषि पंप के स्‍वीकृत भार से अधिक पाये जाने पर, कनेक्‍शन के स्‍वीकृत भार में तदनुसार वृद्धि की जाकर विद्युत बिल प्रदाय किये जाते हैं। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। तथापि कतिपय प्रकरणों में अनियमितता पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर की जाती है। (ख) भिण्ड वृत्त अंतर्गत लहार संभाग के वितरण केन्द्र लहार के ग्राम जमुहा में श्री चन्द्रप्रकाश तिवारी के 10 एच.पी. के कृषि पंप कनेक्शन क्रमांक 2196011034 (पुराना सर्विस क्रं. 99-1-41695) तत्‍समय विद्युत बिल की बकाया राशि होने से काटा गया था। इसके उपरांत 31 अक्‍टूबर 2019 को           श्री चन्‍द्रप्रकाश तिवारी द्वारा देयक की राशि रूपये 39400/- जमा की गई जिसकी उन्‍हें रसीद क्रमांक 131181/18 प्रेषित की गई, तदोपरांत विद्युत कनेक्‍शन जोड़ा गया। उक्‍त रसीद की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। जमा राशि की रसीद पर एन.ओ.सी. एवं बकाया राशि होने का उल्‍लेख नहीं है। श्री चन्‍द्रप्रकाश तिवारी का उक्‍त संयोजन दिनांक 14.11.2009 को स्‍वीकृत भार 7.5 एच.पी. का हुआ था, जिसे माह फरवरी, 2014 में तत्‍समय के अधिकारी द्वारा 10 एच.पी. किया गया एवं तदानुसार उपभोक्‍ता के विद्युत देयक जारी किये गये। उपभोक्‍ता का उक्‍त विद्युत कनेक्‍शन पूर्व में कभी भी 5 एच.पी. का नहीं रहा है। श्री चन्‍द्रप्रकाश तिवारी द्वारा दिनांक 29.03.2019 को जिला उपभोक्ता फोरम भिण्ड में गलत विद्युत देयक संबंधी शिकायत दर्ज की गई थी। उक्‍त दर्ज शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। तदोपरांत उप महाप्रबंधक (सं./सं.) संभाग लहार द्वारा आदेश दिनांक 15.11.2019 से बिल में राशि रूपये 58, 089/- क्रेडिट दिये जाने का आदेश जारी किया गया। उक्‍त आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। उक्‍त आदेश के पालन में तत्कालीन सहायक प्रबंधक एवं सहायक राजस्‍व अधिकारी द्वारा तत्समय सी.सी.बी. के माध्यम से आदेशित राशि का समायोजन नहीं किया गया, उपभोक्‍ता द्वारा बिल राशि के रूप में जमा की गई राशि रूपये 39400/- के स्‍थान पर बिल में 29400/- का ही समायोजन किया गया एवं उपभोक्‍ता के स्‍वीकृत भार को बिलिंग सिस्‍टम में 10 एच.पी. से 7.5 एच.पी. नहीं किया गया। उक्‍त लापरवाही के लिए तत्‍कालीन सहायक प्रबंधक को उप महाप्रबंधक (संचा./संधा.) संभाग लहार के पत्र क्रमांक              888-889 दिनांक 19.11.25 से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। उक्‍त कारण बताओ सूचना पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है एवं राजस्व सहायक अधिकारी को आदेश क्रमांक 5692-93 दिनांक 24.11.2025 से निलंबित कर दिया गया है। उक्‍त निलंबन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। वर्तमान में श्री चन्‍द्रप्रकाश तिवारी के आवेदन अनुसार दिनांक 24.11.2025 को कृषि पंप का स्‍वीकृत भार 10 एच.पी. से 7.5 एच.पी. एन.जी.बी. पोर्टल के माध्‍यम से किया गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। उपभोक्‍ता के बिल में वर्ष 2019 में स्‍वीकृत राशि रूपये 58089/- का क्रेडिट, उपभोक्‍ता द्वारा पूर्व में जमा किए गए रूपये 39400/- में शेष रूपये 10000/- का क्रेडिट एवं अप्रैल 2019 से अक्‍टूबर 2025 की अवधि हेतु 7.5 एच.पी. भार अनुसार गणना कर उपभोक्‍ता के बिल में रूपये 3931/- का क्रेडिट कर म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियमानुसार बिल में सुधार कर दिया गया है।

ऊर्जा संयंत्रों हेतु भूमि का आवंटन

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

87. ( क्र. 1230 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर विधानसभा‌ क्षेत्र में पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा अन्य संयत्रों के लिए विगत 5 वर्ष में कौन-कौन से गाँव की कितनी-कितनी शासकीय एवं अशासकीय भूमि आवंटित की गई? ग्राम पंचायतवार, ग्रामवार, खसरा, रकबा, आवंटन की दिनांक, किस शासकीय, निजी संस्था को किस कार्य के लिए आवंटित की गई, सहित सूची देवें। (ख) क्या पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभा की आपत्ति के बाद किसी भी जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित किस-किस जमीन/खसरा के लिए ग्राम सभा ने आपत्ति ली? प्रति देवें तथा उसे ही आवंटित कर दिया गया? (ग) क्या न्यायालय अतिरिक्त तहसीलदार वृत्‍त बरमंडल, टप्पा कार्यालय लाबरिया, तहसील, सरदारपुर ने पत्र क्रमांक 3584/2024 दिनांक 8/11/24 ग्राम पंचायत जौलाना को दिनांक 16/11/24 को भेजकर जमीन आवंटन पर ग्राम पंचायत की राय आमंत्रित की थी एवं अन्य टप्पा एवं तहसील द्वारा पंचायत से राय मांगी। ग्राम पंचायत जौलाना ने दिनांक 16/11/2024 को ग्राम सभा का आयोजन कर जमीन आवंटन को निरस्त करने का प्रस्ताव पास किया और अन्य पंचायत द्वारा आपत्ति दी गई। यदि हाँ, तो जानकारी दें कि इस संदर्भ में कलेक्टर कार्यालय में प्रकरण क्रमांक 143/2024 में क्या निर्णय लिया गया? प्रकरण संबंधी समस्त दस्तावेज, कार्यवाही की नोटशीट की प्रति उपलब्‍ध कराएं। (घ) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों द्वारा वर्ष 2020-21 से अक्टूबर 2025 तक ग्राम सभा में पेसा एक्ट के तहत प्रस्ताव पारित कर अनुविभागीय अधिकारी सरदारपुर, तहसीलदार सरदारपुर एवं नायाब तहसीलदार को कितने पत्र प्राप्त हुए? समस्त पत्रों की प्रति देवें तथा उन पत्रों पर की गई कार्यवाही की समस्त नोटशीट उपलब्ध करावें। (ड.) क्या सरदारपुर विधानसभा में सरकारी परियोजना अंतर्गत सरकार द्वारा विगत 5 वर्ष में अनेकों किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई? क्‍या अधिग्रहीत भूमियों की मुआवजा राशि संबंधित किसान को भुगतान कर दी गयी। यदि हाँ, तो किसान के नाम, पिता, पता, राशि एवं बैंक खाता सहित ग्रामवार सूची प्रदान करें।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्‍ला ) : (क) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा हेतु विगत 5 वर्षों में किसी भी प्रकार की शासकीय भूमि आवंटित नहीं की गई है। सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए आवंटित शासकीय भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पवन ऊर्जा संयंत्र स्‍थापना के लिए प्राय: निजी भूमि को क्रय अथवा लीज़ पर लेकर कार्य किया जाता है जो पूर्णत: विकासक एवं भूमि स्‍वामी के मध्‍य का विषय है। अतएव पवन ऊर्जा स्‍थापना हेतु निजी भूमि विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की भूमि आवंटित नहीं की गई है। विकासक द्वारा परियोजना के डी.पी.आर. के साथ प्रस्‍तुत लीज़ पर ली गई भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मध्‍यप्रदेश ग्राम पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्‍तार) नियम 2022 (पेसा एक्ट) के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण के पूर्व ग्राम सभा की सहमति प्राप्‍त किये जाने के प्रावधान है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                       (ग) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा ग्राम जौलाना तहसील सरदारपुर स्थित भूमि पर सोलर प्‍लांट की स्‍थापना हेतु प्रस्‍तुत आवेदन पत्र पर न्‍यायालीन प्रकरण क्रमांक-0143/अ-20 (3)/ 2023-24 नायब तहसीलदार वृत्‍त बरमंडल के कार्यालय में जांच हेतु लंबित है। प्रकरण में कार्यवाही पूर्ण नहीं हुई है। दस्‍तावेज एवं ऑर्डर-शीट से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में अनुविभागीय अधिकारी सरदारपुर एवं तहसीलदार सरदारपुर एवं नायब तहसीलदार को ग्राम सभाओं के द्वारा पेसा एक्ट के अंतर्गत पारित प्रस्‍ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ड.) विगत 5 वर्षों में सरदारपुर विधानसभा में अधिग्रहीत भूमियों के मुआवजा राशि से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

नवगठित नगरीय निकायों हेतु स्वीकृत कार्ययोजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

88. ( क्र. 1235 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवगठित नगर परिषदों में विकास कार्य एवं जन उपयोगी साधनों के लिए कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ तो क्या? ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या पत्र क्रमांक/ग्वा./18-भितरवार/685 दिनांक 09.06.2025 को प्रश्‍नकर्ता द्वारा नगर परिषद् भितरवार एवं मोहना जिला ग्‍वालियर हेतु विशेष कार्ययोजना तैयार करने एवं फायर ब्रिगेड उपलब्ध कराने हेतु प्रस्ताव आयुक्त नगरीय विकास भोपाल को दिया गया था? यदि हाँ तो प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? अद्यतन जानकारी दें। (ग) क्या यह सही है कि प्रश्‍न क्रमांक 1348 दिनांक 19.12.2024 एवं प्रश्‍न क्रमांक 1676 दिनांक 17.3.2025 के उत्तर में संलग्न परिशिष्‍टों में उपलब्ध राशि एवं व्यय राशि का ब्यौरा दिया गया है? यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक तक व्यय राशि एवं कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? कार्यवार, व्यय राशिवार जानकारी दें। (घ) क्या प्रश्‍नांश '''' में उल्लेखित प्रश्‍नों के उत्तर एवं संलग्न परिशिष्टों से स्पष्ट है कि राशि व्यय होने/कार्य पूर्ण होने में विलंब हुआ है? यदि हाँ, तो क्या इसके लिए कोई उत्तरदायी नहीं है? स्पष्ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना तृतीय चरण के अंतर्गत नवगठित नगरीय निकायों की कार्ययोजना स्वीकृत की गई है, उत्तरांश के परिपेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, स्थल की उपलब्धता एवं ऋण राशि के अभाव में कार्य में विलंब हुआ है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दै.वे.भो. कर्मियों का IFMIS प्रणाली में जन्म दिनांक का सुधार

[लोक निर्माण]

89. ( क्र. 1238 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में दैनिक वेतन भोगी स्थाई कर्मी कितने व कौन-कौन है, जिनका आई.एफ.एम.आई.एस. सिस्टम में जन्म दिनांक में सुधार न होने के कारण वेतन आहरण नहीं हो रहा है? (ख) क्या अधीक्षण यंत्री, प्रशासन कार्यालय प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग, मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा दिनांक 10.01.2025 को मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग, ग्वालियर परिक्षेत्र ग्वालियर को दैनिक वेतनभोगी/स्थाई कर्मी के जन्म तारीखों में सुधार कर आई.एफ.एम.आई.एस. सिस्टम में सुधार करने के लिए पत्र लिखा गया है? यदि हाँ तो अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन-कौन दोषी है? (ग) आई.एफ.एम.आई.एस. सिस्टम में जन्म दिनांक में सुधार करके कब तक वेतन आहरण किया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कोई दोषी नहीं है। प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है। (ग) निश्‍चित सयम-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

शासकीय रेस्ट हाउस का निर्माण

[लोक निर्माण]

90. ( क्र. 1241 ) श्री श्याम बरडे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्या पानसेमल मुख्यालय पर रेस्ट हाउस निर्माण का कोई प्रस्ताव विभाग के पास विचाराधीन है? (ख) यदि नहीं, तो क्या विभाग निकट भविष्य में उक्त स्थान पर रेस्ट हाउस निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने का विचार कर रहा है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा पद का दुरुपयोग

[नगरीय विकास एवं आवास]

91. ( क्र. 1247 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले के नगर पालिका डोंगर परासिया के अध्यक्ष पर उनकी परिषद् के पार्षदों ने पद के दुरुपयोग एवं भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर उनकी शिकायत जिला कलेक्टर से की है? (ख) क्या नगर पालिका डोंगर परासिया के अध्यक्ष द्वारा अपने एकल हस्ताक्षर से अतिक्रमण हटाने संबंधी पत्र, बिजली प्रमाण-पत्र, समग्र आई.डी. प्रमाण-पत्र, गरीबी रेखा प्रमाण-पत्र, ऋण हेतु अनापत्ति पत्र, दाह संस्कार प्रमाण-पत्र, मकान संबंधी सत्यापन प्रमाण-पत्र, नियम विरुद्ध तरीके से जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो बिना प्राधिकार के उनके द्वारा किए जा रहे कदाचरण के विरुद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या नगर पालिका डोंगर परासिया के अध्यक्ष परिषद् एवं पी.आई.सी. की बैठकों का एजेंडा एवं कार्यसूची भी एकल हस्ताक्षर से जारी करते हैं? यदि हाँ, तो उनके द्वारा बिना प्राधिकार के किये जा रहे अपने पद के दुरुपयोग को लेकर क्या शासन उन्हें पद से हटाने की कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अध्‍यक्ष नगर पालिका परिषद्, डोंगर परासिया द्वारा किए गए उक्‍त कृत्‍य के संबंध में जिला कलेक्‍टर द्वारा कोई जांच प्रतिवेदन प्रेषित नहीं किया गया है। अत: कार्यवाही किए जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जिला कलेक्‍टर द्वारा कोई जांच प्रतिवेदन प्रेषित नहीं किया गया है। अत: कार्यवाही किए जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नगर पालिका परिषद् में नियम विरूद्ध नियुक्तियां

[नगरीय विकास एवं आवास]

92. ( क्र. 1248 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के नगर पालिका डोंगर परासिया में पिछले 5 वर्षों में दैनिक वेतन भोगी, ठेकाकर्मी, सफाई कर्मी, फिक्स वेतन कर्मचारी आदि के रूप में कितने लोगों की नियुक्ति किस दिनांक से की गई है? उक्त नियुक्तियों के लिए पी.आई.सी. में पारित प्रस्ताव की कॉपी, नियुक्ति की नोटशीट एवं नियुक्ति आदेश की कॉपी प्रदान करें। (ख) क्या शासन के निर्देशों का उल्लंघन कर नगर पालिका डोंगर परासिया में दैनिक वेतन एवं फिक्स वेतन पर कर्मचारियों की नियुक्ति की गई? यदि हाँ, तो क्या उनके वेतन पर व्यय राशि संबंधित नियुक्तिकर्ता से वसूली जावेगी? (ग) क्या इन नियुक्त कर्मचारियों में किसी दुर्गेश विश्वकर्मा नामक कर्मचारी ने शपथ-पत्र प्रस्तुत करके शिकायत की है कि उसके द्वारा नगर पालिका में कोई काम नहीं किया गया है, उसके बाद भी उसके खाते में वेतन की राशि डाली गई? (घ) दुर्गेश विश्वकर्मा ने शपथ-पत्र देकर नगर पालिका अध्यक्ष विनोद मालवीय पर तीस हजार रूपए रिश्वत लेकर नौकरी देने का आरोप लगाया है? (ड.) क्या नगर पालिका डोंगर परासिया में हुई इस तरह की सभी अवैध नियुक्तियों को लेकर सरकार सी.एम.ओ. और अध्यक्ष के विरुद्ध पद के दुरुपयोग एवं भ्रष्टाचार की जांच किसी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से समिति बनाकर कराएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद्, डोंगर परासिया में पिछले 05 वर्षों में दैनिक वेतन भोगी, ठेकाकर्मी, सफाई कर्मी, फिक्‍स वेतन कर्मचारी की नियुक्ति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। नगर पालिका डोंगर परासिया की पी.आई.सी की बैठक दिनांक 05.10.2023 के प्रस्ताव संकल्प 02 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। नोटशीट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। निकाय में अस्‍थाई श्रमिकों को आदेश जारी नहीं किये जाते है। (ख) निकाय में आवश्‍यकता के आधार पर पी.आई.सी. की स्वीकृति अनुसार श्रमिक रखे गये हैं। (ग) शपथ-पत्र के आधार पर शिकायत नहीं की गयी है किन्तु शिकायत की गयी है, जिसमें शिकायत के आधार पर बिन्दुओं की जांच की गयी। जिसमें दुर्गेश विश्‍वकर्मा का कार्य करना पाया गया। उक्त कार्य के आधार पर वेतन का भुगतान किया गया। (घ) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित कोई भी शिकायत निकाय को प्राप्त नहीं हुई है।                                   (ङ) आवश्‍यकता के आधार पर श्रमिक रखे गये है, जिन्‍हें अवैध नहीं माना जा सकता। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना एवं कॉलोनियों का विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

93. ( क्र. 1265 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) बालाघाट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 33/11 के.व्‍ही. नवीन उपकेंद्र एवं अतिरिक्त ट्रांसफार्मर (पावर) के कार्य कौन-कौन से लंबित है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में लंबित नवीन उपकेंद्र बैहर बाईपास एवं मोहगाँव धपेरा उपकेंद्र में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? निश्चित समयावधि बताएं। (ग) क्या मोहगाँव धपेरा उपकेंद्र का कार्य माह दिसम्‍बर 2025 तक पूर्ण कर दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं। (घ) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अविकसित कॉलोनि‍यों की मूलभूत सुविधाओं में विद्युतीकरण के लिए शासन की क्या योजनाएं हैं? बालाघाट शहर में ऐसे कितने अविकसित क्षेत्र हैं? जानकारी स्पष्ट करें। (ङ) क्या अविकसित कॉलोनी के विद्युतीकरण हेतु खाली प्लाटों की गणना की जाती है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी दें। (च) अविकसित कॉलोनियों में खाली प्लाट वाले वर्तमान में राशि जमा नहीं कर रहे हैं, तो क्या अविकसित क्षेत्र का विद्युतीकरण किया जावेगा या नहीं? (छ) जिला बालाघाट की समस्त विकसित कॉलोनि‍यों का कब तक विद्युतीकरण किया जाएगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) बालाघाट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र बैहर रोड बायपास एवं 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र मोहगाँव धपेरा में 3.15 एम.व्‍ही.ए. क्षमता के अतिरिक्‍त पावर ट्रांसफार्मर की स्‍थापना का कार्य लंबित है। (ख) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र बैहर रोड बायपास का निर्माण कार्य एवं 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र मोहगाँव धपेरा में अतिरिक्‍त पावर ट्रांसफार्मर स्‍थापना का कार्य वित्‍तीय वर्ष 2025-26 में पूर्ण किया जाना प्रावधानित है। (ग) जी हाँ, मोहगाँव धपेरा में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र में 3.15 एम.व्‍ही.ए. क्षमता के अतिरिक्‍त पावर ट्रांसफार्मर स्‍थापना का कार्य माह दिसम्‍बर, 2025 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्‍य रखा गया है। (घ) घोषित एवं अघोषित अवैध कॉलोनियों के रहवासियों को स्‍थाई विद्युत कनेक्‍शन प्रदान करने हेतु राज्‍य शासन की ''सुगम विद्युत (सुविधा), योजना 2024'' संचालित है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। नगर पालिका बालाघाट से प्राप्‍त जानकारी अनुसार बालाघाट शहर में 33 अविकसित कॉलोनियां है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ड.) वैध एवं अवैध कॉलोनियों में विद्युतीकरण एवं नवीन कनेक्शन का कार्य, ''म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021'' के अध्याय 4 एवं ''मध्‍यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाइन प्रदान करने अथवा उपयोग किये गये संयंत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) (पुनरीक्षण द्वितीय) विनियम 2022, {आर.जी.-31 वर्ष 2022 (II) }'' में निहित प्रावधानों के अनुसार किया जाता है, जिनकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं 'अनुसार है। उक्‍त प्रावधानों के तहत कॉलोनी के विद्युतीकरण हेतु खाली प्लाटों की गणना की जाती है तथा विद्युतीकरण हेतु प्राप्‍त आवेदन अनुसार खाली प्‍लाटों के आकार के अनुसार भार की गणना की जाती है। तद्नुसार प्रस्‍तावित कॉलोनी में विद्युत अधोसंरचना यथा वितरण ट्रांसफार्मर इत्‍यादि प्रस्‍तावित किये जाते हैं। (च) उत्‍तरांश (ड.) में उल्‍लेखित प्रावधानों के अनुसार अविकसित कॉलोनियों में विद्युतीकरण हेतु समस्‍त प्‍लाटों के क्षेत्रफल के आधार पर भार की गणना की जाती है जिस आधार पर आवश्‍यक विद्युत अधोसंरचना कार्य के लिये प्राक्‍कलन तैयार किया जाता है। यदि ऐसी कॉलोनियों के खाली प्‍लाट वाले वर्तमान में राशि जमा नहीं करते हैं तो इच्‍छुक रहवासी राज्‍य शासन की ''सुगम विद्युत (सुविधा), योजना 2024'' अथवा जमा योजना के प्रावधानों के अनुसार राशि जमा कर योजना का लाभ ले सकते हैं। उल्‍लेखनीय है कि राज्‍य शासन द्वारा प्रदेश की घोषित एवं अघोषित अवैध कॉलोनियों के रहवासियों को स्‍थाई विद्युत कनेक्‍शन प्रदान करने हेतु आवश्‍यक अधोसंरचना निर्माण की लागत के भुगतान में सुगमता प्रदान करने के लिए ''सुगम विद्युत (सुविधा) योजना, 2024'' संचालित की गई है।                       (छ) विकसित कॉलो‍नी धारकों के द्वारा विद्युतीकरण हेतु प्रस्‍तुत आवेदन के आधार पर म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियमानुसार विद्युतीकरण का कार्य किया जाता है। वर्तमान में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में विकसित कॉलोनियों के विद्युतीकरण हेतु कोई आवेदन लंबित नहीं है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता है।

 

निकाय में पदस्थ कर्मचारियों का धारणाधिकार समाप्त किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

94. ( क्र. 1269 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय निकाय अंतर्गत वर्तमान में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की निकायवार निकाय भर्ती की जा रही है? यदि हाँ, तो शासन के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।               (ख) क्या प्रदेश के निकायों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती निकायवार न की जाकर प्रदेश स्तर पर भर्ती की जा रही है? यदि हाँ, तो कब से तथा किस आदेश से? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) जब तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की निकायवार नियुक्ति नहीं की जा रही है तो फिर निकाय में उनका धारणाधिकार क्यों रखा गया है? जानकारी दें। (घ) प्रदेश के निकायों में ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनके पद का धारणाधिकार उस निकाय में है परंतु वह दूसरी निकाय में पदस्थ हैं? उनके नाम, पदनाम एवं पदस्थापना स्थल सहित बतावें। (ड.) क्या शासन निकाय में पदस्थ कर्मचारियों के पदों का धारणाधिकार समाप्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                           (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) समस्‍त संभागीय कार्यालय एवं नगर पालिक निगमों से प्राप्‍त संकलित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।                               (ङ) जी नहीं, क्‍योंकि उक्‍त कर्मचारी मूलत: निकाय के कर्मचारी होते हैं। कर्मचारियों की भर्ती निकाय द्वारा की जाती है एवं उनके धारणाधिकार भी संबंधित निकाय में ही होते हैं।

विद्युत विहीन ग्रामों में विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

95. ( क्र. 1270 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                           (क) क्या राजगढ़ विधानसभा अंतर्गत ऐसे कोई ग्राम, मोहल्ला अथवा मंजरा टोला हैं जहां पर आज दिनांक तक लाइट नहीं पहुंची है? यदि हाँ, तो उनकी सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त विद्युत विहीन ग्राम, मोहल्ला अथवा मंजरा-टोला बस्ती में लाइट उपलब्ध कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों नहीं? कारण सहित बतावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत सभी राजस्‍व ग्राम एवं उनके संसूचित मजरे/टोले विद्युतीकृत हैं। उल्‍लेखनीय है कि नवीन मजरों/टोलों/फाल्‍यों/बसाहटों/घरों का निर्माण होना एक सतत् प्रक्रिया है। राजगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत नवीन विकसित बसाहटों की प्रश्‍नाधीन चाही गयी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की कुल 35 अविद्युतीकृत बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं है। अत: विद्युतीकरण के कार्य हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

पुनर्विकसित वितरण क्षेत्र योजनांतर्गत स्‍वीकृत कार्य

[ऊर्जा]

96. ( क्र. 1275 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत क्षेत्र में कितने कार्य स्वीकृत किये गये थे और कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कितने कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैं तथा कितने बन्द पड़े हैं? (ख) जिले के क्षेत्र में स्वीकृत कार्यों की पूर्ण होने की समय-सीमा क्या थी? क्या समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं? यदि हाँ, तो विलम्ब होने के कारण विभाग द्वारा एजेन्सी पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई तो क्या कारण है? (ग) क्या अपूर्ण कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु एजेन्सी, विभाग एवं जनप्रतिनिधियों की बैठक आहूत कर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कार्यवाही प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत अलीराजपुर जिले में आर.डी.एस.एस. योजना के तहत कुल 1054 विद्युतीकरण के कार्य स्‍वीकृत हैं। उक्‍त कार्यों में से 190 कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं 864 कार्य प्रगतिरत हैं।                                    (ख) अलीराजपुर जिले में आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों को पूर्ण करने की निर्धारित             समय-सीमा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्यों में विलंब के कारण म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा एजेंसियों पर टेंडर की शर्तों के अनुसार नियमानुसार तरलता क्षतिपूर्ति (लिक्विडेटेड डैमेज) राशि का कटौत्रा किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। तथापि म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा समयसमय पर क्रियान्‍वयन एजेंसियों को कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु पत्राचार किया गया है एवं विलंब हेतु उत्‍तरांश (ख) में उल्‍लेखित कार्यवाही की गई है।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

गोपाल गौशाला ट्रस्ट सनावद की जानकारी

[पशुपालन एवं डेयरी]

97. ( क्र. 1294 ) श्री सचिन बिरला : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोपाल गौशाला ट्रस्ट सनावद की स्थापना कब हुई थी? (ख) गोपाल गौशाला ट्रस्ट सनावद का पंजीयन किस दिनांक को हुआ था? उसका पंजीयन क्रमांक व दिनांक बताया जावे।                      (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दर्शित गौशाला के पंजीयन से संबंधित दस्तावेज एवं नियमावली उपलब्ध कराई जावे।

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) गौपाल गौशाला ट्रस्‍ट सनावद द्वारा गौशाला पंजीयन के समय प्रस्‍तुत दस्‍तावेजों के आधार पर गौशाला की स्‍थापना वर्ष 07 अगस्‍त 1931 के पूर्व हुई थी। न्‍यायालय अनुविभागीय दण्‍डाधिकारी मंडलेश्‍वर जिला पश्चिम निवाड़ मध्‍यप्रदेश राजस्‍व प्रकरण क्र. 2/बी-113/81-82 पर पंजीबद्ध कराया गया तथा न्‍यायालय अनुविभगीय दण्‍डाधिकारी मंडलेश्‍वर जिला पश्चिम निवाड़ द्वारा आदेश दिनांक 11 जनवरी 1984 को पारित निर्णय की गौशाला अध्‍यक्ष द्वारा सत्‍यापित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) मध्‍यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड द्वारा ट्रस्‍ट का पंजीयन नहीं किया जाता है, गौशाला समितियों का पंजीयन किया जाता है। श्री गोपाल गौशाला, सनावद जिला खरगोन का गौशाला के रूप में पंजीयन किया गया है जिसका पंजीयन क्रमांक 58 दिनांक 07.08.2000 में किया गया है, जो वर्तमान में क्रियाशील है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टब अनुसार। (ग) गौशाला पंजीयन के समय प्रस्‍तुत दस्‍तावेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार।

मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

98. ( क्र. 1295 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर हरदा से सचिव संसदीय कार्य विभाग भोपाल को प्रेषित पत्र क्रमांक/12572/मानी./मंसावि/2024 हरदा दिनांक 06/09/2024 पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्र. 2176 दिनांक 07.08.25 के प्रश्‍नांश (ख) में विभाग द्वारा उत्तर दिया गया था कि आयुक्त नर्मदापुरम द्वारा कमलेश पाटीदार के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई थी जो कि प्रचलित है। आयुक्त नर्मदापुरम द्वारा विभागीय जाँच को संस्थित करने का क्या कारण था? जाँच की वर्तमान स्थिति क्या है व जाँच कब तक पूरी हो जावेगी?               समय-सीमा बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) वर्णित तारांकित प्रश्‍न के प्रश्‍नांश (ग) में विभाग द्वारा प्रस्तुत उत्तर अनुसार संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन, संभाग नर्मदापुरम द्वारा जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करा दिया गया है, क्या? यदि हाँ, तो जाँच में क्या पाया गया व जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? स्पष्ट करें एवं जाँच प्रतिवेदन कब तक उपलब्ध कराया जावेगा? समय-सीमा बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कार्यालय कलेक्‍टर, हरदा से सचिव, संसदीय कार्य विभाग, भोपाल को प्रेषित किया गया उक्‍त पत्र विभाग को प्राप्‍त नहीं हुआ। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) श्री कमलेश पाटीदार द्वारा निकाय में प्रथम दृष्‍टया अनियमितताएं किया जाना पाए जाने के दृष्टिगत आयुक्‍त, नर्मदापुरम द्वारा उनके विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई थी। कार्यालय कलेक्‍टर, जिलाहरदा के पत्र क्रमांक 9005/स्‍था/2025 दिनांक 11.11.2025 द्वारा श्री पाटीदार के विरूद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही पूर्ण की जाकर जांच प्रतिवेदन आयुक्‍त, नर्मदापुरम को प्रेषित किया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रकरण में कार्रवाई आयुक्‍त कार्यालय, नर्मदापुरम संभाग के स्‍तर पर प्रक्रियाधीन है। अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

वैध एवं अवैध कॉलोनियों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

99. ( क्र. 1299 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधान सभा धरमपुरी अंतर्गत नगर परिषद् धामनोद, धरमपुरी और माण्‍डू में कुल कितनी कॉलोनियां निर्मित हैं तथा इन कॉलोनियों में कितनी वैध और कितनी अवैध कॉलोनी हैं? सभी कॉलोनियों के टी.एन.सी.पी. रेरा की परमिशन के दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें। (ख) क्‍या उक्त कॉलोनियों में शासन के नियमों का पालन नहीं किया गया? यदि हाँ, तो अधिकारियों पर दंडात्मक कार्यवाही किस कारण से नहीं की गई? कारण बतावें। (ग) क्या संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही भूमि का हस्तांतरण हुआ है? साथ ही भूमि की खरीदी बिक्री करोड़ों रुपयों का हेर-फेर हुआ है? यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता के प्रतिनिधित्‍व में सम्पूर्ण जाँच की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी? (घ) क्या कॉलोनाइजर की खरीदी बिक्री के लिए शासन से मान्यता प्राप्त है? यदि हाँ, तो उपरोक्त नगर परिषद् में कार्य करने वाले समस्त कॉलोनाइजर के नाम सहित उनके 5 वर्षीय आय-व्यय की प्रमाणित जानकारी उपलब्‍ध कराएं। क्‍या अधिकृत अधिकारियों पर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) विधानसभा धरमपुरी अंतर्गत नगर परिषद् धामनोद, धरमपुरी एवं माण्‍डू क्षेत्र में विकास अनुमति प्राप्‍त वैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार एवं अनधिकृत कॉलोनियों की प्रश्‍नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार विकास अनुमति प्राप्‍त वैध कॉलोनियों में शासन के नियमों का पालन किया गया है, परन्‍तु शासन के नियमों का पालन किए बिना जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार अनधिकृत कॉलोनियों का निर्माण किया गया है। अनधिकृत कॉलोनियों के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही हेतु सम्‍बन्धित अधिकारियों द्वारा प्रकरण बनाए गए है एवं दण्‍डात्‍मक कार्यवाही प्रचलित है। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश ''' 'के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार विकास अनुमति प्राप्‍त वैध कॉलोनियों में भूखण्‍डों के अन्‍तरण के लिए कॉलोनाइजर मान्‍यता प्राप्‍त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है, कॉलोनाइजर के आय व्‍यय के दस्‍तावेजों का संकलन निकाय द्वारा नहीं किया जाता है। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

छात्रावासों हेतु सामग्री की खरीदी

 [अनुसूचित जाति कल्याण]

100. ( क्र. 1314 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग छत्तरपुर द्वारा 1 जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक छात्रावासों के लिए क्या-क्या सामग्री क्रय की गई? सामग्री की सूची एवं खर्च की गई राशि सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में सामग्री खरीदी के लिए कब-कब टेंडर प्रक्रिया की गई? टेंडर प्रकाशन की प्रति सहित बतायें। (ग) सभी छात्रावासों में सामग्री की मांग किस-किस के द्वारा कब-कब की गई? मांग पत्र सहित पृथक-पृथक बतायें।

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ-एक' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

आवासीय भवन, जमीन एवं दुकानों पर अनधिकृत कब्‍जा

[लोक निर्माण]

101. ( क्र. 1315 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला मुख्यालय में विभाग के कितने आवासीय भवन, खण्डित भवन एवं दुकानें हैं? प्रत्येक की स्थानवार सूची दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश यह आवासीय भवन किस को कब-कब आवंटित किए गए? उनका नाम, पद, पदस्थी स्थान, आवंटन आदेश की प्रति, भवन का प्रकार सहित पृथक-पृथक भवन की जानकारी दें। (ग) क्‍या आवंटियों का आवंटित आवासीय भवनों पर स्थानांतरण या सेवानिवृत्त के बाद भी कब्जा है? यदि हाँ, तो उनके खिलाफ कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की प्रति सहित पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) विभाग द्वारा इन भवनों व दुकानों के रख-रखाव पर पर 1 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब, कितना खर्चा किया गया? पृथक-पृथक बतायें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। आंवटन आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

सीवर लाइन का उद्देश्‍य, निर्माण एवं भौतिक प्रगति

[नगरीय विकास एवं आवास]

102. ( क्र. 1320 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीवर लाइन प्रोजेक्ट का उद्देश्य क्या है? विवरण दें। सीवर लाइन प्रोजेक्ट का प्रस्ताव किसका था? शासन ने उक्त प्रस्ताव की स्वीकृति कब दी? जानकारी दें। (ख) जबलपुर संभाग में सीवर लाइन प्रोजेक्ट के तहत सीवर लाइन निर्माण हेतु वर्ष 2023 से आज तक कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार स्वीकृत सभी सीवर लाइ‌नों का निर्माण कब शुरू हुआ? कार्य कब तक पूर्ण होना था? कौन-कौन सी जगह की सीवर लाइन समय में पूर्ण हुई? कहाँ-कहाँ की समय में पूर्ण नहीं हुए? क्‍यों पूर्ण नहीं हुई? कब तक पूर्ण होगी? जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार सभी सीवर लाइनों के निर्माण में प्रश्‍न दिनांक तक कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया है तथा किस-किस जगह के कार्य की रिवाइज राशि की कितनी-कितनी मांग की गई, जिसमें कितना-कितना रिवीजन स्वीकृत हुआ? कार्यवार जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) सीवरेज प्रोजेक्‍ट का उद्देश्‍य घरों से निकलने वाले अपशिष्‍ट जल को एकत्रित कर, सीवर लाइन के माध्‍यम से सीवरेज ट्रीटमेंट प्‍लांट में ले जाकर शोधन किया जाना है। सीवरेज प्रोजक्‍ट केन्‍द्र प्रवर्तित योजनाओं में स्‍वीकृत होकर नगरीय निकायों द्वारा प्रस्‍ताव तैयार कराये गये थे। प्रदेश के नगरीय निकायों में सीवरेज प्रोजेक्‍ट प्रथमत: अर्बन इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर स्‍कीम फॉर स्‍माल एण्‍ड मीडियम टाउन्‍स (UIDSSMT- प्रारंभ वर्ष 2005) अंतर्गत स्‍वीकृत हुआ था। (ख) एवं (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।                        (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।

मार्ग निर्माण के दौरान अण्‍डर बायपास/ओव्‍हर ब्रिज का निर्माण

[लोक निर्माण]

103. ( क्र. 1321 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर अमरकंटक मार्ग निर्माण में आवश्‍यकतानुसार एवं जन मांग तथा जनप्रतिनिधियों के सुझावों पर करनिया गोरखपुर विक्रमपुर में बायपास एवं जिन स्‍थानों में प्रधानमंत्री सड़क की क्रॉसिंग हैं वहां अण्‍डर पास या ओव्‍हर ब्रिज तथा स्‍टेट मार्ग जैसे डिण्‍डौरी बिछिया में ओव्‍हर ब्रिज तथा बड़ीबनार एवं कस्‍बा बस्तियों में डिवाइडर के निर्माण हेतु प्राक्‍कलन में ही प्रस्‍ताव क्‍यों नहीं लिये गये? कारण बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्‍थानों में लगातार दुर्घटना हो रही है, उसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या उन स्‍थानों में जन सुरक्षा के लिये निर्माण कार्य कराये जायेंगे? अगर हाँ तो कब तक और अगर नहीं तो क्‍यों नहीं? कारण बतावें। (ग) मण्‍डला डिण्‍डौरी मार्ग एवं जबलपुर अमरकंटक मार्ग में कई स्‍थानों में मोड़ों (टर्निंग) को सीधा क्‍यों नहीं किया गया है तथा कई स्‍थानों में अनावश्‍यक टर्निंग क्‍यों बनाये गये है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जबलपुर अमरकंटक रा.रा. मार्ग क्र. 45 की स्वीकृति टू लेन पेव्हड शोल्डर चौड़ीकरण कार्य की प्रदाय की गई है। करनिया गोरखपुर विक्रमपुर में विद्यमान मार्ग पर यातायात के अनुरूप Right of way उपलब्ध होने के कारण एवं जिन स्थानों में प्रधानमंत्री सड़क की क्रॉसिंग आती है जिसमें अण्डर बायपास एवं ओव्हर ब्रिज निर्माण हेतु भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जारी टू-लेन विथ पेव्हड शोल्डर मैन्युअल में प्रावधानित न होने के कारण दिशा-निर्देशों के आधार पर डी.पी.आर. के तहत प्रावधान नहीं किए गए हैं। (ख) वर्तमान में इस मार्ग पर कोई भी ब्लैक स्पॉट दुर्घटना हेतु चिन्हित नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। निर्माण कार्य अंतर्गत जन सुरक्षा की दृष्टि से सूचना संकेतक एवं मेटल क्रेश बैरियर तथा रोड फर्नीचर आदि कार्य स्वीकृति अनुसार किया जाता है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मण्डला डिण्डौरी मार्ग एवं जबलपुर अमरकंटक मार्ग में भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा स्वीकृत एकरेखण प्लान एवं प्रोफाईल अनुसार ही निर्माण कार्य कराया जा रहा है। अतः अनावश्यक टर्निंग निर्माण बनाये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

पशुपालकों हेतु संचालित योजनाएं

[पशुपालन एवं डेयरी]

104. ( क्र. 1330 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अनूपपुर जिले में वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से पशुपालकों को स्वरोजगार, दुग्ध उत्पादन, नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य एवं बीमा सुरक्षा जैसी सुविधायें प्रदान की जा रही हैं? यदि हाँ, तो इन योजनाओं के माध्यम से अब तक अनूपपुर जिले में कितने हितग्राहियों को लाभ प्राप्त हुआ है? लाभान्वित हितग्राहियों का वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) अनूपपुर जिले में विभाग की वर्तमान में संचालित योजनाओं के अंतर्गत किन-किन विकासखंडों एवं ग्राम पंचायतों में क्रियान्वयन कार्य चल रहा है तथा अब तक योजना के माध्यम से कितने हितग्राही लाभान्वित हुये हैं? पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें।                                (ग) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में योजनाओं के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाले पशुपालकों, महिला स्व-सहायता समूहों एवं ग्रामीण हितग्राहियों की संख्या एवं उन्हें प्रदत्त सुविधाओं का विवरण ग्राम पंचायतवार उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में संचालित योजनाओं की निगरानी हेतु नियुक्त नोडल अधिकारी/एजेंसियों का नाम, कार्यक्षेत्र एवं निरीक्षण प्रगति की जानकारी उपलब्ध करावें।

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (घ) जिले में संचालित योजनाओं की निगरानी विकासखण्‍ड स्‍तरीय व जिला स्‍तरीय अधिकारियों द्वारा की जाती है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

निर्माण कार्यों की घोषणाओं का क्रियान्‍वयन

[लोक निर्माण]

105. ( क्र. 1331 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत लोक निर्माण विभाग (सड़क निर्माण एवं पी.आई.यू.) के समस्‍त कार्यालयों में 1 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस मद से कौन-कौन से कार्य हेतु किस कार्य एजेंसी को निविदा प्रदान की गई? उक्‍त कार्य किस जनप्रतिनिधि या अधिकारी की अनुशंसा पर स्‍वीकृत किये गये? जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) अनूपपुर जिले में विभाग में माननीय मुख्‍यमंत्री, प्रभारी मंत्री या मंत्री द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य, अन्‍य कार्य की घोषणा की गई? प्रश्‍नांकित अवधि का ब्‍यौरा उपलब्‍ध करावें। कितनी घोषणायें पूर्ण हो चुकी हैं, कितनी घोषणाएं बाकी हैं, कब तक घोषणायें पूर्ण हो सकेंगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हेतु किस-किस कार्य एजेंसी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान चेक, बैंक ड्राफ्ट अथवा नगद किस माध्‍यम से किया गया? जानकारी उपलब्‍ध करावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। 02 घोषणायें पूर्ण सतत है तथा 03 घोषणायें अपूर्ण हैं। स्‍वीकृति की कार्यवाही हेतु समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ के कॉलम क्रमांक-10 एवं प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2', 'ब-2' अनुसार है।

भिण्‍ड नगर पालिका परिक्षेत्र में अ.जा. बस्तियों में विकास कार्य

[अनुसूचित जाति कल्याण]

106. ( क्र. 1337 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड नगर पालिका परिषद् परिक्षेत्र में स्थित विभिन्‍न अनुसूचित जाति बस्तियों के समुचित विकास हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 931, 932 दिनांक 24.06.25 के माध्‍यम से अवगत कराया गया था, जिसके तारतम्‍य में आपके पत्र क्र. 1234/A/मंत्री/अ.जा.क.वि./20 दिनांक 26.08.2025 के माध्‍यम से विभिन्‍न योजनाओं को प्रमुख सचिव म.प्र. शासन, अ.जा.क.वि. को पत्र क्र. 1234 दिनांक 26.08.2025 को निर्देशित किया गया था। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई है? जानकारी दें। (ख) भिण्‍ड नगर पालिका परिक्षेत्र में क्‍या-क्‍या योजना प्रस्‍तावित की गई है? यदि नहीं, तो उक्‍त योजनाओं को कब तक प्रस्‍तावित किया जावेगा? समयावधि दें।                           (ग) भिण्‍ड नगर पालिका परिक्षेत्र में वार्ड 35 सेवा नगर में कई करोड़ रूपये से निर्मित कई वर्ष उपरांत खण्‍डहर हो रहे छात्रावास का पुन: जीर्णोद्धार कर कब तक प्रारंभ कराया जायेगा? समयावधि बताएं। (घ) भिण्‍ड विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित योजना/छात्रावासों में प्रदाय की जाने वाली सामग्री की गुणवत्‍ता की जांच प्रदाय करने वाली फर्म/एजेंसी के समस्‍त दस्‍तावेज, वर्ष 2024-25 की निर्धारित राशि, व्‍यय की गई राशि, कैशबुक आदि उपलब्ध कराएं।

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जिला संयोजक अनुसूचित जाति एवं जनजातीय कार्य विभाग जिला भिण्‍ड द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2038 दिनांक 15.10.2025 के द्वारा मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी भिण्‍ड से प्रस्‍ताव चाहे गये थे जो आज दिनांक तक अपेक्षित है। (ख) नगर पालिका भिण्‍ड से प्रस्‍ताव प्राप्‍त न होने के कारण कार्यायोजना में सम्मिलित नहीं हो सका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आ.जा.क. विभाग भिण्‍ड द्वारा भिण्‍ड नगर पालिका परिक्षेत्र वार्ड क्रमांक 35 सेवानगर भिण्‍ड में कोई छात्रावास भवन निर्मित नहीं कराया गया है। शेष प्रश्‍न ही उपस्थिति नहीं होता। (घ) भिण्‍ड विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत विभाग द्वारा संचालित योजना/छात्रावासों में क्रय की गई सामग्री की गुणवत्‍ता की जांच एवं भौतिक सत्‍यापन जिला स्‍तर पर गठित समिति द्वारा कराया गया। वर्ष 2024-25 में जिले को सामग्री पूर्ति हेतु राशि रूपये 103.80 लाख का आवंटन प्रदाय किया गया। उक्‍त आवंटन में से सम्‍पूर्ण आवंटित राशि रूपये 103.80 लाख का व्‍यय किया गया है। उक्‍त व्‍यय राशि की केशबुक पुस्तकालय रखे परिशिष्ट  अनुसार है।

राजपुर नगर परिषद् की जल आवर्द्धन योजना की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

107. ( क्र. 1341 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1621 दिनांक 31.07.2025 के प्रश्‍नांश (ख) उत्‍तर में संविदाकार पर 1.98 करोड़ रूपये अधिरोपित करना वर्णित है, क्‍या राशि वसूल कर ली गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें। कब तक यह राशि वसूल की जाएगी? राजपुर नगर परिषद् के संदर्भ में देवें। (ख) उपरोक्‍तानुसार ही इसी प्रश्‍नांश (ख) उत्‍तर में परमानेंट रोड रेस्‍टोरेशन का कार्य दिनांक 15.08.2025 तक पूर्ण करने का उल्‍लेख था। क्‍या यह पूर्ण हो गया है? यदि हाँ, तो इसका कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र देवें। यदि नहीं, तो विधान सभा उत्‍तर के पश्‍चात भी लंबित रहने के उत्‍तरदायी अधिकारियों पर इसके लिये कब तक कार्यवाही होगी? यह कब तक पूर्ण होगा? (ग) उपरोक्‍तानुसार प्रश्‍नांश (घ) के उत्‍तर में दिनांक 15.09.2025 तक नवीन योजना से जल आपूर्ति प्रारंभ करने का जिक्र है। यदि यह जल आपूर्ति प्रारंभ हो गई तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो कब तक प्रारंभ होगी? इसमें विलंब के जिम्‍मेदार अधिकारियों व संविदाकारों पर की गई कार्यवाही की जानकारी दें। यदि कार्यवाही नहीं की है तो कब तक की जाएगी? (घ) कब तक राजपुर नगर में इससे जल आपूर्ति सुनिश्चित होगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्षाकाल में रोड रेस्‍टोरेशन का कार्य प्रभावित रहा है। वर्तमान रोड रेस्‍टोरेशन का कार्य प्रगतिरत है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नवीन योजना से जल आपूर्ति हेतु ट्रायल रन प्रारंभ कर दिया गया है, विलंब के लिये संविदाकार पर उत्‍तरांश '' अनुसार कार्यवाही की गयी है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूर्ण होने के बाद नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित हो जावेगी।

कार्य में विलंब के उत्‍तरदायी पर कार्यवाही

[ऊर्जा]

108. ( क्र. 1342 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) प्र.क्र. 1625 दिनांक 31.07.2025 के (क) व (ख) उत्‍तर में वर्णित R.D.S.S. S.S.T.D. के प्रत्‍येक कार्य की अद्यतन स्थिति उत्‍तर दिनांक के संदर्भ में देवे। लंबित कार्य कब तक पूर्ण होंगे?                                   समय-सीमा देवें। (ख) उपरोक्‍तानुसार (घ) उत्‍तर में 24 घंटे विद्युतीकरण के लिए 41 फल्‍यों हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन वर्णित की गई थी? इसकी अद्यतन स्थिति देवें। ये कार्य कब से प्रारंभ होकर पूर्ण होंगे। समय-सीमा देवें। (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश (ख) अनुसार 07 शेष फल्‍ये 24 घंटे विद्युतीकरण हेतु कब तक जोड़े जाएंगे? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कार्य में विलंब के उत्‍तरदायी पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा सत्र जुलाई-अगस्‍त, 2025 के अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1625 दिनांक 31.07.2025 के प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में वर्णित एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों की कार्यवार अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है एवं आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य की कार्यवार अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'ब-1', 'ब-2', -'ब-3', 'ब-4', 'ब-5', 'ब-6', 'ब-7', 'स-1', 'स-2,                                'स-3' एवं 'अनुसार है। एस.एस.डी.टी. योजनांतर्गत स्‍वीकृत 464 कार्यों में से 453 कार्य पूर्ण किये जा चुके है तथा शेष 11 कार्य नियमानुसार प्रगतिरत है। आर.डी.एस.एस. योजना के तहत कैपेसिटर बैंक की स्‍थापना के स्‍वीकृत कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं एवं अन्‍य कार्यों को माह मार्च, 2026 तक पूर्ण किया जाना है। (ख) राजपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 41 फल्‍यों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु केन्‍द्र शासन की धरती आबा - जनजातीय उत्‍कर्ष ग्राम अभियान योजनांतर्गत सम्मिलित कर, निविदा की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है एवं वर्तमान में कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं। कार्यादेश की शर्तों के अनुसार विद्युतीकरण के कार्य कार्यादेश जारी होने की दिनांक से 12 माह में पूर्ण किया जाना प्रावधानित हैं। (ग) शेष 07 फलियों/मजरों/टोलों को वित्तीय उपलब्धता एवं तकनीकी साध्यता के आधार पर 24 घंटे विद्युत प्रदाय से जोड़ा जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत अपूर्ण कार्य नियमानुसार प्रगतिरत है। आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत कार्यों के क्रियान्‍वयन में विलंब एवं अपूर्ण रहने पर निविदा के नियम-शर्तों के अनुसार संबंधित टी.के.सी. के विरूद्ध एल.डी. का कटोत्रा किया जा रहा है।

सामग्री क्रय में अनियमितता

[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]

109. ( क्र. 1347 ) श्री गौरव सिंह पारधी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछड़ा वर्ग एवं अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण विभाग बालाघाट के द्वारा विगत 03 वर्षों में की गई खरीदी क्‍या ''मध्‍यप्रदेश भंडार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन के नियम'' एक वर्ष में बिना कोटेशन पचास हजार से कम अधिकतम पांच बार ही किया जा सकता है'', के तहत की गई है? हाँ या नहीं? (ख) पिछड़ा वर्ग एवं अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण विभाग बालाघाट के द्वारा विगत 03 वर्षों में की गई खरीदी की निविदा (टेंडर) किन-किन अखबारों में प्रकाशित किये गये हैं? नाम सहित छायाप्रति प्रदान करें। (ग) उक्‍त 03 वर्षों की समस्‍त खरीदियां किस-किस कम्‍पनी/संस्‍था/ब्रांड की है? विस्‍तृत से जानकारी उपलब्‍ध करायें। (घ) क्‍या खरीदी तीन सदस्‍यीय क्रय समिति के अनुमोदन के पश्‍चात की गई? अगर हाँ, तो समिति के अनुमोदन की छायाप्रति के साथ जानकारी उपलब्‍ध करायें और नहीं की गई तो क्‍यों? स्‍पष्‍ट करें।

राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

नियम विरूद्ध निविदा जारी की जाना

[लोक निर्माण]

110. ( क्र. 1352 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. के द्वारा सी.एम.राईज स्कूलों के फर्नीचर खरीदी, विद्युत सामग्री खरीदी हेतु जारी निविदायें क्रमशः पी.डब्‍ल्‍यू.पी.आई.यू. क्रमांक झाबुआ, 455566 इन्दौर, 455481 शिवपुरी, 455074 रीवा, 453518 भोपाल, 453698 सीहोर जिलों के लिए जारी निविदाओं में भंडार क्रय नियम 2022-23 का पालन किया गया है अथवा नहीं, विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम 2022 में 8(3) के अनुसार निर्धारित बिड वैल्यू से अधिक राशि से अधिक का टर्नओवर मांगा गया है। क्यों? नियम बतायें। (ग) क्या विभिन्न निविदाओं में रखी गई शर्तों में सी.व्ही.सी. सर्कुलर 01.02.2016 सामान्य वित्त नियम (जी.एफ. आर.) भारत सरकार 149 म.प्र. स्टोर परचेज रूल्स (एम.पी.एस.पी.आर.) के पैरा 9 (2) का उल्लंघन हुआ है क्या? यदि नहीं, तो विवरण देवें। (घ) क्‍या सी.एम. राईज. स्कूलों के फर्नीचर की निविदाओं को पृथक-पृथक (डीसेन्ट्रलाईजेशन) न करते हुये केन्द्रीयकृत निविदा की गई है और क्यों? क्या यह नियमों के विरूद्ध हैं? क्या विभाग के द्वारा निजी कारणों से म.प्र. भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं करते हुये उक्‍त निविदायें जारी की गई है? क्‍या शासन इन्‍हें निरस्‍त करते हुये दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। भण्‍डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 (यथा संशोधित-2022) की कण्डिका-10 अनुसार। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम 2022 की कण्डिका-8 में बिड वैल्‍यू एवं टर्न ओवर से सम्‍बंधित उल्‍लेख नहीं है। अत: मध्‍यप्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 3282971/2025/19/यो/2224 भोपाल दिनांक 10.07.2025 द्वारा अनुमोदित फर्नीचर क्रय करने हेतु नवीन अतिरिक्‍त विशेष शर्त अनुसार कार्यवाही की गयी है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। निविदा प्रपत्र अपेंडिक्स 2.10 के अंतर्गत निविदा आमंत्रित की गई है। साथ ही शासन द्वारा अनुमोदित फर्नीचर क्रय करने हेतु नवीन अतिरिक्त विशेष शर्त अनुसार कार्यवाही की गयी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। शासन द्वारा कार्यों की एकजाई निविदा आमंत्रित किये जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। जी नहीं। लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. के पत्र क्रमांक 257 दिनांक 30.05.2024 द्वारा सी.एम. राईज स्कूलों में उच्च गुणवत्ता फर्नीचर हेतु प्राथमिक रूप से चयन हेतु विशेष योग्यताधारी उत्पादकों से निर्धारित प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए लेख किया है, फर्नीचर की दरों व उनकी गुणवत्ता में एकरूपता बनाये रखने व प्रतिष्ठित कंपनी का चयन किये जाने हेतु केन्द्रीयकृत निविदा आमंत्रित की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सड़कों के निर्माण/मरम्‍मत में दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जाना

[लोक निर्माण]

111. ( क्र. 1374 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सड़क निर्माण कार्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिशा निर्देश, शहरी बाढ़ प्रबंधन, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन किया जाता है? यदि हाँ, तो हाल ही में भोपाल की अरेरा कॉलोनी ई-1 से ई-5 तक लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़कों को सड़क के वर्तमान स्तर से 6 से 8 इंच ऊपर उठाना एवं मूल टेण्डर में नाली निर्माण को सम्मिलित नहीं करना इन दिशा निर्देशों की अवहेलना नहीं है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है तथा क्या उसके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। (ख) क्या प्रदेश में सड़क निर्माण करने वाली एजेन्सी (कॉन्ट्रेक्टर) से सड़क निर्माण के बाद कितनी अवधि तक मरम्मत कार्य कराये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी दी जाये। (ग) क्या सड़क निर्माण के बाद निश्‍िचत की गयी गारंटी पीरियड समाप्ति तक निर्माण एजेन्सी द्वारा सड़क निर्माण हेतु लिये कान्ट्रेक्ट के समय जमा करायी गयी सुरक्षा निधि को जमा रखने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या गारंटी पीरियड में सभी ठेकेदारों द्वारा जमा कराई सुरक्षा निधि को निर्धारित अवधि तक जमा रखा जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि हाँ, तो पूरे प्रदेश की वर्ष 2025 का वर्षाकाल समाप्‍त होने के बाद से प्रश्‍न दिनांक  की अवधि में  कौन-कौन से मार्गों का मरम्मत कार्य संबंधित सड़क निर्माण एजेन्सी से कराया गया तथा किन मार्गों की मरम्मत विभाग द्वारा कराया गया?  मार्गवार पूर्ण जानकारी दी जाये? (ड.) प्रदेश की वर्ष 2025 का वर्षाकाल समाप्‍त होने के बाद से प्रश्‍न दिनांक  तक की अवधि में राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग, जिला मार्ग सहित सभी प्रकार के मार्गों की मरम्मत का कार्य संबंधित निर्माण एजेन्सी से न कराया जाकर विभाग की ओर से व्यय कराये जाने का क्या औचित्य है? पूर्ण जानकारी दी जाये।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। म.प्र. लोक निर्माण विभाग में सड़क निर्माण कार्य में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन किया जाता है। जी नहीं। भोपाल के अरेरा कॉलोनी (ई-1 से ई-5) के मार्गों पर व्हाईट टापिंग का कार्य आई.आर.सी.: एस.पी.: 76-2015 के अनुसार थीन व्हाईट टापिंग के प्रावधान (100 एम.एम. से 200 एम.एम. तक) प्रावधान किया गया, परन्तु अरेरा कॉलोनी में नालियां पहले से ही नगर निगम द्वारा निर्मित होने के कारण प्राक्कलन में समावेश नहीं किया गया था। अतः कोई भी निर्देशों की अवहेलना नहीं की गई। अतः कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्रदेश में नवीन सड़क निर्माण हेतु 05 वर्ष एवं सड़क नवीनीकरण कार्य हेतु 03 वर्ष की परफारमेंस गारंटी का प्रावधान है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' एवं ''अ-2'' अनुसार है। (ड.) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत ऐसे मार्ग जो कि गारंटी अवधि में होते हैं, उनके संधारण का कार्य संबंधित एजेंसी द्वारा किया जाता है एवं ऐसे कार्य जो गारंटी पीरियड अथवा निर्माण एजेंसी की कंसेशन अवधि में नहीं होते है, उनका संधारण विभाग द्वारा जोनल ठेकेदार के माध्‍यम से करवाया जाता है। लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत सभी प्रकार के मार्गों की मरम्मत संबंधित निर्माण एजेंसी से ही कराई गई है। इनमें विभाग द्वारा कोई व्यय नहीं किया गया। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

महापुरूष की प्रतिमा स्‍थापना के कार्य में अनियमितताएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

112. ( क्र. 1375 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिका परिषद् आष्‍टा, जिला सीहोर द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्‍व.श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा नगर में लगाये जाने का प्रस्‍ताव पारित करने का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो किस प्रकार की प्रतिमा (अष्‍टधातु अथवा अन्‍य) किसी व्‍यक्ति/फर्म के माध्‍यम से निर्माण कराने का प्रस्‍ताव स्‍वीकृत दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जाये। (ख) क्‍या परिषद् द्वारा महापुरूष की प्रतिमा प्रतिष्‍ठापित कराये जाने हेतु संस्‍कृति विभाग से स्‍वीकृत प्राप्‍त की गयी थी व इस हेतु नियमानुसार निविदा प्रक्रिया अपनायी गयी? यदि हाँ, तो संस्‍कृति विभाग से अनुमति कब प्राप्‍त हुई तथा निविदा का मूल्‍य व अ‍वधि क्‍या थी, किन-किन समाचार पत्रों में प्रकाशित की गयी व किन-किन निर्माता फर्म द्वारा निविदा में भाग लिया, किस फर्म की निविदा स्‍वीकृत कर किस दिनांक को कार्यादेश जारी किया गया? सभी की छायाप्रतियों सहित पूर्ण जानकारी दी जायें। (ग) क्‍या महापुरूष की प्रतिमा तैयार होकर परिषद् को प्राप्‍त हो चुकी? यदि हाँ, तो किस दिनांक को, प्रतिमा किस फर्म/कलाकार द्वारा किस धातु की बनायी गयी व संबंधित फर्म को किस दिनांक को कितनी राशि का भुगतान किया गया? प्रतिमा का अनावरण किस दिनांक को किया गया? फर्म का नाम, पता, मोबा.नं. सहित देयक की छायाप्रति व जानकारी उपलब्‍ध करायी जाये।             (घ) क्‍या नगर पालिका परिषद् आष्‍टा द्वारा महापुरूष की प्रतिमा बनवाये जाने संबंधी कार्य में व्‍यापक अनियमितताएं/भ्रष्‍टाचार होने संबंधी शिकायत शासन को प्राप्‍त हुई? यदि हाँ, तो उसका ब्‍यौरा दिया जाये। (ड.) क्‍या श्री सिद्धविनायक क्रिएटिव आर्ट, आष्‍टा सीहोर, म.प्र. के सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म पर अपलोड स्‍व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा ही वह तैयार करायी गयी प्रतिमा है जिसके विवरण में ऊंचाई आदि सहित मूल्‍य रू. 7,50,000/- अंकित है? पूर्ण जानकारी दी जाये।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, पी.आई.सी. संकल्प            क्र. 77 दिनांक 25.08.2023 अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा स्थापना का निर्णय लिया गया। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार              (ख) प्रतिमा स्थापना की अनुमति हेतु संस्कृति विभाग द्वारा पत्र क्र. एफ 6-13/1998/तीस/सं, दिनांक 09.02.2012 से जिला कलेक्टर को अधिकृत किया गया है। कलेक्टर जिला सीहोर के पत्र क्र. 926/एससी-1/2024 दिनांक 24.12.2024 से प्रतिमा स्थापना की अनुमति प्रदान की गई है। जी हाँ, शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्रतिमा दिनांक 27.12.2024 को प्राप्त हो चुकी है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। स्थल पर पार्क निर्माण का कार्य प्रगतिरत होने से प्रतिमा का अनावरण नहीं किया गया है। देयक की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (घ) जी हाँ। नगर पालिका, आष्टा में प्रतिमा स्थापना में भ्रष्टाचार की शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के पत्र क्रमांक 1067, दिनांक 28.04.2025 से प्राप्त हुई है। शिकायत की जाँच हेतु संचालनालय के पत्र क्रंमाक 24190, दिनांक 18.11.2025 से संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल संभाग को निर्देशित किया गया है। (ड.) जी नही, प्रश्‍नांश अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित जानकारी का सत्यापन/पुष्टि नहीं की जा सकती है।

नाला सौंदर्यीकरण में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

113. ( क्र. 1382 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच सिटी स्थित सांवरियाजी मंदिर के समीप मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण कार्य के अंतर्गत नाला सौंदर्यीकरण हेतु जारी राशि के एवज में ठेकेदार को कब-कब और कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? यह भुगतान कितना कार्य पूर्ण होने के एवज में और किस-किस सक्षम अधिकारी के निरीक्षण के उपरांत किया गया? (ख) क्या नगर पालिका द्वारा कार्य के भौतिक सत्यापन के बिना ही ठेकेदार को किस्तों में पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया है, जबकि वर्तमान में निविदा के अनुसार कार्य पूर्ण होना शेष है? (ग) क्या नगर पालिका द्वारा उक्त कार्य हेतु ठेकेदार को निविदा अनुसार कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र दे दिया गया है? यदि हाँ, तो किस सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर से और किन-किन अधिकारियों के अनुमोदन से यह कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया? अधिकारी का नाम, कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र और कार्य पूर्णता हेतु की गई परीक्षण रिपोर्ट की प्रतिलिपि सहित जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या ठेकेदार द्वारा कार्य समय पर पूरा न करने के कारण एसओआर (Standard Operating Rate) में हुई वृद्धि के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो कार्य समय पर पूरा न होने के लिए कौन दोषी है? इनके खिलाफ विभाग ने क्या कार्यवाही की?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार  है। (ख) जी नहीं, संविदाकार को  संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार समय-समय पर भुगतान किया गया है। वर्तमान में कार्य की भौतिक प्रगति 90% है एवं वित्‍तीय प्रगति 80.48% है। (ग) एवं (घ) जी नहीं, उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

नीमच नगर पालिका क्षेत्र में अतिक्रमण

[नगरीय विकास एवं आवास]

114. ( क्र. 1385 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक के अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1590, दिनांक 31.07.2025 के उत्तरांश (ग) में बताया गया है कि अतिक्रमण की भूमि पर माननीय न्यायालय द्वारा नगर पालिका के पक्ष में दिए गए निर्णय के पश्‍चात भी ईंट-भट्ठे वाली भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने हेतु प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही जिला प्रशासन और नगर पालिका द्वारा नहीं किये जाने का क्‍या कारण है स्‍पष्‍ट करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में संदर्भित नगर पालिका की माननीय न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण वाली भूमि को नगर पालिका के पक्ष में निर्णय आने के पश्‍चात अतिक्रमण से मुक्त करने का दायित्व किसका है? यदि इस संबंध में कोई नियम है, तो उसकी छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) में संदर्भित नीमच शहर के ग्वालटोली के समीप ईंट-भट्ठे क्षेत्र की भूमि पर क्या वर्तमान में माननीय न्यायालय द्वारा पुनः स्थगन आदेश दिया गया है? यदि हाँ, तो कब मय दस्‍तावेज जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगरपालिका का दल अतिक्रमण हटाने दिनांक 20.10.2022 को गया। परन्‍तु मौके पर अतिक्रमणकारियों द्वारा 100 से 150 व्‍यक्तियों को इकट्ठा कर लिया गया। जिससे अतिक्रमण हटाने में लॉ एण्‍ड आर्डर की स्थिति निर्मित होने से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। इसके पश्‍चात दिनांक 14.07.25 को संबंधित द्वारा पुन: माननीय न्‍यायालय में याचिका दायर की। माननीय न्‍यायालय द्वारा यथास्थिति बनाये रखने का आदेश जारी किया गया है। (ख) मध्‍यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 223 में मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी द्वारा अतिक्रमण हटाने का प्रावधान निहित है। जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ग) यथास्थिति बनाये रखे जाने का आदेश दिनांक 14.07.25 को माननीय न्‍यायालय द्वारा पारित किया गया है। जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।

मदन मोहन ट्रस्ट की जमीन पर अतिक्रमण

[नगरीय विकास एवं आवास]

115. ( क्र. 1399 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के नगर परिषद् उन्हेल के द्वारा मदन मोहन ट्रस्ट की जमीन पर 26 दुकानों के अवैध निर्माण के संबंध में आयुक्त नगरीय प्रशासन विकास विभाग को माह जून 2025 में कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? प्राप्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) कब तक संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही कर दी जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मदन मोहन ट्रस्‍ट की जमीन पर 26 दुकानों के अवैध निर्माण के संबंध में कुल 02 शिकायत प्राप्‍त हुईं। संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक या.प्र./शाखा-7/2025/6891 दिनांक 19.06.2025 एवं पत्र क्रमांक या.प्र./शाखा-7/2025/8790 दिनांक 29.07.2025 से कलेक्‍टर जिला उज्‍जैन को नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु लिखा गया है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नगर परिषद् मोहना में व्यापक भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

116. ( क्र. 1405 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2024 से अब तक नगर परिषद् भितरवार, मोहना एवं आंतरी, जिला ग्वालियर के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों द्वारा ऑफलाइन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न तिथियों पर ठेकेदारों एवं एजेंसियों को भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो किन-किन तिथियों को, किन आदेशों के तहत, किन-किन ठेकेदारों को, किस-किस मद में और कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? क्या शासन के पास इन समस्त भुगतानों का आदेश एवं प्रतिवेदन सुरक्षित है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या नगर परिषद् मोहना में क्रय की गई सामग्रियों में बड़े पैमाने पर वित्तीय घोटाला किया गया है? यदि नहीं, तो स्ट्रीट लाइट, केरोसिन पावर, वॉल पेंटिंग, दीवार लेखन एवं आपदा प्रबंधन सामग्री जैसे सायरन, आर्मीटेंट आदि की खरीद निर्धारित मूल्य से कई गुना अधिक दर पर क्यों की गई? क्या इन खरीदारियों में मिलीभगत और भ्रष्टाचार को छिपाने हेतु घोटाले को वैध ठहराने वाली नस्ती तैयार की गई? यदि हाँ, तो किस के निर्देश पर और किस स्तर से? क्या शासन ने इस पूरे मामले की जांच हेतु भोपाल स्तर से किसी वरिष्ठ अधिकारी की अगुवाई में विशेष जांच दल गठित किया है? यदि नहीं, तो अब तक क्यों नहीं? इस वित्तीय अनियमितता की जांच की अंतिम समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है? (ग) क्या पत्र क्रमांक 196 और 197 दिनांक 04.11.2025 के माध्यम से नगर परिषद् अध्यक्ष मोहना द्वारा कलेक्टर जनसुनवाई में यह शिकायत की गई है कि मुख्यनगर पालिका अधिकारी द्वारा गंभीर भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितताएँ की गई? यदि हाँ, तो इन पत्रों में उल्लिखित बिंदुओं की जांच अब तक क्यों नहीं की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर परिषद् मोहना में क्रय की गई सामग्रियों में नगर परिषद् अध्यक्ष द्वारा की गई शिकायत के संबंध में कलेक्टर जिला ग्वालियर के आदेश क्रमांक 874 दिनांक 10.11.2025 द्वारा जांच समिति गठित की गई है। जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, कलेक्टर, जिला ग्वालियर द्वारा जाँच समिति गठित की गई है, जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है।

बिजली कनेक्‍शन की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

117. ( क्र. 1412 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 3165 दिनांक 17.08.2025 के (क) खंड के उत्‍तर क्‍या नस्‍ती अगर उपलब्‍ध नहीं होगी तो क्‍या उत्‍तर नहीं दिया जायेगा? नस्‍ती गायब होने/चोरी होने के जवाबदार, किस नाम पदनाम को राज्‍य शासन कब तक निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित करवायेगा? थाना कमलानगर में जो पत्र दिया हैं उस पर प्रश्‍नतिथि तक क्‍या कार्यवाही हुई?             (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित (ख) खंड के उत्‍तर में बताया गया है कि बिजली कनेक्‍शन सुचारू रूप से चालू है जो कि असत्‍य/भ्रामक/गुमराह करने वाला उत्‍तर है क्‍योंकि उक्‍त दुकान तोड़ भी दी गई हैं? उक्‍त उत्‍तर देने वाले किस नाम/पदनाम पर शासन विधानसभा को गुमराह एवं असत्‍य जवाब देने का दोषी मानकर कब तक निलंबित करेगा? (ग) माता मंदिर अवंति बाई चौराहा 02 नंबर मिनी बस स्‍टॉप के पास स्थित शॉप नं.1 आवंटी सुखेन्‍द्र प्रताप सिंह को विस्‍थापित कर दिया गया है? क्‍या आवंटिति दुकानदार को लिखित में आश्‍वासन के साथ क्‍या विस्‍थापित करने के पूर्व उसे कही कोई जगह का आवंटन किया गया? (घ) क्‍या (ग) में उल्‍लेखित आवंटी उक्‍त स्‍थल पर गत 30 वर्षों से ज्‍यादा समय से परिवार का पोषण कर रहा था? क्‍या शासन मानवीयता के आधार पर एक गरीब व्‍यक्ति को उसके आवेदनों के आधार पर कोई जगह आवंटित करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 3165 में आदेश की एक प्रति उपलब्ध कराये जाने का लेख किया गया था, जो कि मूलनस्ती कार्यालय में उपलब्ध रिकार्ड में संधारित न होने से उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है, का लेख किया जाकर जानकारी प्रेषित की गई थी। गुम हुई नस्ती के संबंध में लेख है कि जोन क्रमांक-06 एवं 07 में उक्त विषयांकित नस्ती की तलाश हेतु की गई कार्यवाही में तत्समय में पदस्थ 04 कर्मचारियों की जानकारी प्राप्त हुई थी, जो कि तत्समय उक्त नस्ती व्यवहारित कर रहे थे। उक्त 04 कर्मचारियों में से 01 कर्मचारी की मृत्यु हो चुकी है एवं अन्य 03 कर्मचारी वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुके है। उपरोक्त के संबंध में तत्समय गुम हुई नस्ती के संबंध में थाना कमला नगर में सूचना दी गई थी। प्रश्‍न दिनांक तक थाना कमला नगर से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।  (ख) उपमहाप्रबंधक (शहर संभाग) एवं नोडल अधिकारी (विस) शहर संभाग भोपाल म.प्र.म.क्षे.वि. वि.क. द्वारा पत्र क्र. महाप्रबंधक/शा.वृ./सामा/विधानसभा/20258372 भोपाल दिनांक 21.11.2025 माध्यम से अवगत कराया गया है कि "शहर वृत्त भोपाल में शहर संभाग (दक्षिण) के अंतर्गत उल्लेखित दुकान में दिनांक 07.12.2010 को स्थाई विद्युत कनेक्शन क्र. 2606008132 प्रदान किया गया था जो पूर्व में तारांकित प्रश्‍न क्र. 3165 दिनांक 27.07.2025 तक सुचारू रूप से चालू था। दिनांक 18.08.2025 को उक्त दुकान के कनेक्शनधारी उपभोक्ता श्री सुखेन्द्र प्रताप सिंह के द्वारा भदभदा जोन कार्यालय में विद्युत कनेक्शन को स्थाई रूप से विच्छेदित कर अनापत्ति पत्र जारी करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसकी प्रति  संलग्‍न परिशिष्ट-'''' अनुसार है। आवेदन पर कार्यवाही करते हुए उपभोक्ता के परिसर का मीटर निकालकर दिनांक 22.09.2025 को स्थाई रूप से विच्छेदित कर दिया गया था।" पत्र की प्रति  संलग्‍न परिशिष्ट-'''' अनुसार है। शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) आवंटी श्री सुखेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा अस्थायी गुमटी स्वेच्छा से एबीडी प्लाट की सीमा से बाहर कर ली गयी है। जी नहीं, आवंटिति को अन्य स्थान पर जगह का आवंटन की कार्यवाही नहीं की गयी है। (घ) जी हाँ, उल्लेखित आवंटी उक्त स्थल पर व्यवसाय कर रहे थे। संबंधित आवंटी द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर शासन नियमों के प्रावधान अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

फ्लाई ओवरों के खंभों की सजावट

[नगरीय विकास एवं आवास]

118. ( क्र. 1413 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम सतना के द्वारा फ्लाई ऑवरों के खंभों में जो तिरंगे के रंग की बिजली की झालर लगाई थी उस झालर की एक नग कितनी कीमत अदा की गई? कुल कितनी बिजली की झालर कितने खंभों में लगाकर किस नाम/फर्म को कितना भुगतान किया गया हैं?                     कब-कब? उक्‍त कार्य के कार्यादेश की एक प्रति दें? (ख) दशमेश होटल से पार्ट होटल तक एवं बिड़ला रोड़ के फ्लाई ओवर में जो स्‍मार्ट सिटी के छोटे-छोटे गोल बिजली के लेंप लगे है जिनमें स्‍मार्ट सिटी लिखा है उस एक नग की कितनी कीमत अदा की गई है? उक्‍त कुल कितने नग  पूरे शहर में लगे हैं? उनका कुल कितना भुगतान किस नाम/फर्म को कब-कब किया गया? उक्‍त सभी कार्यों में कार्यादेशों की एक प्रति दें? (ग) दशमेश होटल के सामने सड़क के किनारे से कोलगवां थाने के आगे तक काले रंग के खंभों में जिसमें पीला रंग भी पुता है के एक बिजली के खंभे की क्‍या कीमत नगर पालिका निगम सतना द्वारा किस नाम/फर्म को अदा की गई? कुल कितने खंभे खरीदे गये? कुल भुगतान किसको किया गया? जारी सभी कार्यादेशों की एक प्रति दें? (घ) वार्ड क्र. एक से पैंतालीस में 01.04.2022 से प्रश्‍नतिथि तक किस-किस मरम्‍मत के कार्यों पर एवं नये निर्माण पर किस-किस नाम/फर्म को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? वार्ड क्रमांकवार/मरम्‍मतवार/नये निर्माण कार्यवार  जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- "" अनुसार है। (ख) कीमत-राशि रूपये 2,940/- प्रति नग, लेम्प/ब्राडिंग पैनल 150 नग, राशि रूपये 3,08,700/- का भुगतान फर्म M/S Money 4 Drive Advertising Private Limited को दिनांक 27-06-2025 को किया गया। कार्यदेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- "" अनुसार है।              (ग) राशि रूपये 32,472.72/- प्रति नग, फर्म M/s ABC Associates Bharhut Nagar Satna को, कुल 337 नग। अनुबंधित फर्म M/s ABC Associates Bharhut Nagar Satna को। कार्यादेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-"" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-"" अनुसार है।

किराए पर लिए गए वाहन का दुरुपयोग

[नगरीय विकास एवं आवास]

119. ( क्र. 1422 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले के नगर पालिका डोंगर परासिया के द्वारा किराए पर स्विफ्ट डिजायर वाहन क्रमांक एमपी-28-ZH-9075 लगाया गया है जिसके लिए खुली निविदा न बुलाकर कोटेशन के आधार पर वाहन लगाया गया है। इस संबंध में बुलाई गई निविदा/कोटेशन की कॉपी एवं वाहन मालिक से किए गए अनुबंध की कॉपी प्रदान करें। (ख) क्या छिंदवाड़ा जिले के नगर पालिका डोंगर परासिया के द्वारा किराए पर लिए स्विफ्ट डिजायर वाहन का उपयोग नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा अपने निजी कार्य एवं पारिवारिक यात्राओं में किया जा रहा है (ग) क्या नगर पालिका डोंगर परासिया द्वारा किराए पर लगाए गए उक्त वाहन का रजिस्ट्रेशन शासन के नियमानुसार टैक्सी परमिट होना था परंतु निजी रजिस्ट्रेशन वाले वाहन को लगाकर नियमों की अवहेलना की गई है। (घ) क्या नगरपालिका की सीमा से बाहर उक्त वाहन का उपयोग किया जा रहा है एवं डीजल में भी हेराफेरी की जा रही है उक्त वाहन की गत 1 वर्ष की लॉगबुक एवं डीजल प्रदाय की पर्चियां की कॉपी भी प्रदान करें? (ड.) क्या शासन इस तरीके से शासकीय धन का दुरुपयोग एवं कदाचरण किए जाने पर दोषियों के विरूद्ध कोई कार्रवाई करेगा। यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। वाहन क्रमांक MP28, ZH9075, स्विफ्ट डिजायर को कोटेशन के आधार पर अनुबंधित किया गया हैं। कोटेशन एवं अनुबंध की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार  है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। वाहन टैक्‍सी कोटे में पंजीकृत नहीं थापरन्‍तु मात्र 03 माह हेतु वाहन लिया जाना था। अत: टैक्‍सी परमिट का वाहन नहीं लिया गया हैं। एजेंसी द्वारा उक्‍त अवधि में स्विफ्ट डिजायर के स्‍थान पर स्‍वीकृत दर पर अन्‍य वाहन क्रमांक MP13ZL-5159 उपलब्‍ध कराया गया था। (घ) जी नहीं। अनुबंधित वाहन से पृथक वाहन एजेंसी द्वारा भेजे जाने के कारण संबंधित वाहन की लॉगबुक एवं डीजल पर्चियाँ की  जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ड.) उक्‍त संबंध में जांच के आदेश संभागीय संचालकनगरीय प्रशासन एवं विकासजबलपुर संभाग जबलपुर को दिये गये है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।

एक लाख रुपये से कम लागत की राशि से कराए गए निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

120. ( क्र. 1423 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के नगर पालिका परिषद डोंगर परासिया में अप्रैल 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक एक लाख रुपये से कम लागत की राशि से कराए गए समस्त निर्माण कार्यों की सूची, कार्य का नाम, व्यय राशि, वर्तमान भौतिक स्थिति के प्रारूप में उपलब्ध करावें? (ख) छिंदवाड़ा जिले के नगर पालिका परिषद डोंगर परासिया में अप्रैल 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक एक लाख रुपये से कम लागत की राशि से कराए गए समस्त निर्माण कार्यों की स्वीकृति का विवरण एवं कार्यादेश की कॉपी के साथ किए गए भुगतान की नोटशीट भी प्रदान करें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) वर्णित भुगतान किस मद से किया गया है तथा इन निर्माण कार्यों के काटे गए जीएसटी पत्रक भी उपलब्ध करावें? (घ) क्‍या एक लाख रुपये से कम लागत की राशि से कराए जाने वाले निर्माण कार्यों को बिना ई टेंडरिंग करने शासन के क्या नियम है यदि हाँ, तो शासन आदेश निर्देशों की कॉपी प्रदान करें?        (ड.) यदि नियम विरुद्ध तरीके से एक लाख रुपये से कम लागत की राशि से काम करवाए जाते हैं तो शासन क्या कार्रवाई करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) मद की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है, जीएसटी पत्रक की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।                 (ड.) नियम विरूद्ध कार्य कराये जाने से सम्‍बंधितों के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही किये जाने का प्रावधान प्रावधानित है।

मौसम आधारित उद्यानिकी फसलों का बीमा

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

121. ( क्र. 1429 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मौसम आधारित उद्यानिकी फसलों का बीमा वर्ष 2025-262026-27 निविदा के लिए भारत सरकार के नवीन दिशा-निर्देश दिनांक 30.06.2023 के अनुसार विभाग द्वारा क्या कार्यवाही सुनिश्‍िचत की गई? क्या विभाग निविदा जारी करने हेतु समय-सीमा निर्धारित करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा क्या होगी? मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलों का बीमा कब तक लागू कर दिया जाएगा? प्रदेश में उद्यानिकी फसलें कितने हेक्टेयर में है? (ख) क्या विभाग द्वारा मौसम सूचना व डेटा नेटवर्क प्रणाली मैनुअल 2023 (Weather information and Data Network system (WINDS) Manual 2023) के निर्देशों को पालन कर स्वचालित मौसम स्टेशन Automatic Weather Station (AWS) स्थापित करने का कार्य निविदा आमंत्रित कर पूर्ण कर किया गया है। यदि हाँ, तो कितने जिलों द्वारा उपरोक्त निर्देशों का पालन किया। यदि नहीं, तो जिलावार कारण स्पष्ट करें।

उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) मौसम आधारित फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन हेतु WINDS योजना का क्रियान्वयन निविदा के माध्‍यम से कृषि विभाग द्वारा किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। उसके उपरांत ही मौसम आधारित फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रदेश में उ‌द्यानिकी फसलें 28.39 लाख हेक्टेयर में है। (ख) जी नहीं, संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/फ.बी./21/वि.स.1187 भोपाल दिनांक 18/11/2025 द्वारा अवगत कराया गया है की 'मौसम सूचना व डेटा नेटवर्क प्रणाली मैन्युअल 2023 के निर्देशों का पालन कर स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित करने का कार्य प्रक्रियाधीन है।

कृषकों को सोलर पंप का प्रदाय

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

122. ( क्र. 1436 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍न दिनांक से विगत तीन वर्षों में जिला बालाघाट अंतर्गत कितने कृषकों द्वारा सोलर पंप हेतु पंजीयन कर राशि जमा की गई है क्या उक्त सभी कृषकों को सोलर पंप प्रदाय किए जाने हेतु प्रकरण स्वीकृत कर अनुदान राशि प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि स्वीकृत की गयी है? विस्तृत जानकारी मय सूची एवं दस्तावेज सहित प्रदान करें?  (ख) क्या बालाघाट जिला अंतर्गत उक्त योजना का प्रचार प्रसार किया जा रहा है हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गयी एवं इस हेतु क्या बजट शासन द्वारा निर्धारित किया गया है? जानकारी प्रदान करें? (ग) जिला बालाघाट में रूफटॉप सोलर के लिए कितने घरों को चिन्हित किया गया है और कितना लक्ष्य निर्धारित कर प्राप्त किया गया है शेष लक्ष्य कब तक पूर्ण होगा? रूफटॉप सोलर योजना के लिए क्या-क्या मानक तय किए गए हैं? सोलर पैनल की गुणवत्ता परीक्षण हेतु किन प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्‍ला ) : (क) जिला बालाघाट अंतर्गत विगत तीन वर्षों में 917 कृषकों द्वारा सोलर पंप हेतु पंजीयन कर राशि जमा की गई है। कृषकों की विस्‍तृत  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार  है। उक्‍त कृषकों को योजना के तहत पात्रतानुसार सोलर पंप प्रदाय किए जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। सोलर पंप की बेचमार्क लागत का 30 प्रतिशत अनुदान भारत सरकार द्वारा दिये जाने का प्रावधान है। भारत सरकार द्वारा जारी पीएम कुसुम योजना के दिशा निर्देशों की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार  है। सोलर पंप की वास्‍तविक लागत का लगभग 10 प्रतिशत कृषक अंशदान है व लगभग 60 प्रतिशत हिस्‍सा संबंधित कृषक द्वारा ऋण राशि के रूप में लिया जावेगा। ऋण राशि का ब्‍याज सहित भुगतान राज्‍य सरकार द्वारा कृषक के ऋण खाते में सीधे किया जावेगा। राज्‍य सरकार द्वारा योजनांतर्गत जारी दिशा-निर्देश एवं संशोधन की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार  है। (ख) हाँ। योजनांतर्गत प्रचार-प्रसार हेतु प्रादेशिक स्‍तर पर समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किये गये है। योजना की समुचित जानकारी सहित प्रचार-प्रसार के लिए कृषि विभाग व विद्युत वितरण कंपनियों को सूचित किया गया है। सभी जिला कलेक्‍टरों को उनके क्षेत्रांतर्गत, संबंधित विभागों के अधिकारियों जैसे जिला कृषि अधिकारी, जिला पंचायत अधिकारी को योजना के                             प्रचार-प्रसार किये जाने के बारे में निर्देश दिये जाने हेतु पत्र लिखे गये है। प्रचार-प्रसार हेतु जारी विज्ञापन एवं जिला कलेक्‍टरों को प्रेषित पत्रों की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार  है। सोलर पंप योजनांतर्गत प्रचार-प्रसार हेतु पृ‍थक से कोई बजट प्राप्‍त नहीं होता है, अपितु योजना का प्रचार प्रसार, पूरे प्रदेश में निगम द्वारा अपने वित्‍तीय संसाधन से किया जाता है।                                          (ग) पीएम जनमन योजना अंतर्गत जिला बालाघाट में ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्‍टम स्‍थापित किए जाने हेतु कुल 125 घर चिन्हित किए गए थे। इनमें से 90 घर ग्रिड के माध्‍यम से विद्युतीकरण हो चुके थे अथवा हितग्राही पलायन के कारण उपयुक्‍त नहीं पाए गए। अत: शेष 35 घरों में ऑफ-ग्रिड सोलर संयंत्र स्‍थापित किया जाना था तथा सभी 35 संयंत्र स्‍थापित किए जा चुके है, जिसकी  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार  है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजनान्‍तर्गत जिलेवार लक्ष्‍य निर्धारित नहीं बालाघाट जिले में अब तक कुल 1018 घरों में सौर संयंत्र की स्‍थापना की जा चुकी है जिसकी  जानकरी  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार  है। सोलर पैनल की गुणवत्‍ता/मानक हेतु भारत सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये है। जारी दिशा-निर्देश की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। सोलर पैनल की गुणवत्‍ता परीक्षण हेतु विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तय किये गये मानकों के अनुसार कमीशनिंग प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है तथा इसकी रिपोर्ट पी.एम.सूर्य घर राष्‍ट्रीय पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर अपलोड की जाती है।

विजिलेंस द्वारा बिलों में राशि की वृद्धि

[ऊर्जा]

123. ( क्र. 1437 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर एवं जिला गुना में विजिलेंस टीम द्वारा विगत दो माह में कितने मीटर की चैकिंग की गई है और उपभोक्‍ताओं पर कितना-कितना जुर्माना अधिरोपित किया है। कनेक्‍शन नं. एवं नामवार, जुर्माना की सारणीवार सूची देवें। (ख) क्‍या विजिलेंस टीम द्वारा मीटर का निरीक्षण करते समय उपभोक्‍ता अनुपस्थित थे और टीम द्वारा बिना पंचनामा बनाये अपनी मनमानी करते हुए जुर्माना अधिरोपित किया है। प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित विजिलेंस टीम के निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें और जानकारी दें कि निरीक्षण प्रतिवेदन पर उपभोक्‍ताओं के हस्‍ताक्षर है अथवा नहीं यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं। क्‍या उपभोक्‍ताओं को अवगत कराना विभाग की जिम्‍मेदारी नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में बिना किसी गड़बड़ी के जुर्माना अधिरोपित करने वाली टीम के सदस्‍यों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी और कब तक ?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत जिला गुना एवं जिला अशोकनगर में विजिलेंस टीम द्वारा विगत दो माह में क्रमश: 173 एवं 26 विद्युत उपभोक्‍ताओं के मीटरों की चैकिंग की गई है तथा उक्‍त प्रकरणों में अधि‍रोपित जुर्माना राशि की प्रश्‍नाधीन चाही गयी कनेक्‍शन क्रमांक सहित उपभोक्‍तावार सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र–'''' एवं '''' अनुसार  है। (ख) विजिलेंस टीम द्वारा मीटर का निरीक्षण करते समय उपभोक्‍ता या उपभोक्‍ता प्रतिनिधि उपस्थित थे। विजिलेंस टीम द्वारा नियमानुसार पंचनामा तैयार कर जुर्माना राशि को अधिरोपित किया गया है। उत्‍तरांश (क) के सन्‍दर्भ में पंचनामा/निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' एवं '''' अनुसार  है। गुना एवं अशोक नगर जिलान्‍तर्गत विजिलेंस टीम द्वारा बनाये गये उक्‍त पंचनामों/निरीक्षण प्रतिवेदनों में से क्रमश: 44 एवं 03 पंचनामों पर उपभोक्‍ताओं के हस्‍ताक्षर हैं तथा क्रमश: 129 एवं 23 उपभोक्‍ताओं/उपभोक्‍ता प्रतिनिधियों द्वारा मना करने के कारण पंचनामों पर हस्‍ताक्षर नहीं हैं। उपभोक्‍ताओं को निरीक्षण करते समय अवगत करा दिया जाता है एवं डिजिटल पंचनामा बनाने के बाद पंचनामा की प्रति उपभोक्‍ताओं के पास स्‍पीड-पोस्‍ट से भी भेजी जाती है तथा उपभोक्‍ताओं को SMS/Whatsapp मैसेज के माध्‍यम से भी अवगत कराया जाता है। (ग) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ऐसा कोई प्रकरण म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं आया है, जिसमें बिना किसी अनियमितता के जुर्माना अधिरोपित किया गया है। तथापि यदि उपभोक्‍ता किसी प्रकरण विशेष में असंतुष्‍ट है, तो वैधानिक प्रावधानों के अनुसार न्‍यायालय/अभ्‍यावेदन के माध्‍यम से अपना पक्ष रख सकता है। उपरोक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में विजिलेंस टीम के किसी सदस्‍य पर कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता।

नगर परिषद घुवारा में नियुक्तियों एवं निर्माण कार्यों में भ्रष्‍टाचार

[नगरीय विकास एवं आवास]

124. ( क्र. 1440 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की नगर पंचायत-घुवारा में मनमाने तरीके से की गई नियुक्तियों के सम्बन्ध में अतारांकित प्रश्‍न क्र. 1370 दिनांक 17/03/25 प्रश्‍नांश (घ) में कार्यवाही किये जाने के उल्‍लेख के संदर्भ में की गई कार्यवाही की जानकारी दें। (ख) क्‍या विशेष निधि से निर्मल वेयर हाउस के सामने डब्लूबीएम रोड डलवाया गया जो ए‍स्‍टीमेट के विपरीत कार्य कर फर्जी बिलों से भुगतान किया गया है क्‍या यह जाँच का विषय नहीं है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के बाद भी अधिकारियों एवं अध्यक्ष ने मिलकर फिर नियुक्तियां कर दी यदि हाँ, तो किस-किस की कितनी नियुक्तियां की गई? (घ) वर्ष जनवरी 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक नगर पालिका द्वारा दिये गये समस्त मदों से स्वीकृत निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय समिति से जाँच करायी जा सकती है यदि हाँ, तो कब तक क्या दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) विधानसभा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1370 मार्च 2025 से उदभूत जांच के संबंध में संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, सागर संभाग द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन के आधार पर संचालनालय के आदेश क्रमांक 24961 दिनांक 27.11.2025 द्वारा श्री राम सजीवन पटेल, प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद, धुवारा जिला छतरपुर को निलंबित किया गया है एवं श्री रत्नेश दुबे, तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सेवानिवृत राजस्य उपनिरीक्षक) के विरुद्ध म.प्र. नगर पालिका पेंशन नियम 1980 सह पठित म.प्र. सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 अनुसार कार्यवाही की जा रही है तथा श्रीमती गुड्डी बाई, अध्यक्ष, नगर परिषद, धुवारा जिला छतरपुर के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु संचालनालय शिकायत शाखा-06 को निर्देश दिये गये हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) उक्त कार्य की परिषद बैठक दिनांक 09.05.2025 प्रस्ताव क्र. 82 द्वारा डब्लूबीएम रोड की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त है, संभागीय कार्यालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास सागर के पत्र क्र. 1655 दिनांक 08.08.2023 द्वारा डब्लूबीएम रोड की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त है, परिषद की बैठक दिनांक 26.12.2023 प्रस्ताव क्र. 23 द्वारा डब्लूबीएम रोड की वित्तीय दर स्वीकृति प्राप्त है। स्थल पर डब्लूबीएम रोड निर्माण कार्य एस्टीमेट एवं तकनीकी स्वीकृति के अनुरूप ही कराया गया है। उक्त कार्य में कोई फर्जी भुगतान नहीं किया गया है। उक्त कार्य को पूर्ण हुए लगभग डेढ़ वर्ष पूर्ण हो चुका है एवं वर्तमान दिनांक तक कार्य में किसी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः जांच का कोई प्रश्‍न ही नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के पश्‍चात नगर परिषद, घुवारा में किसी भी प्रकार की नियुक्तियां नहीं की गयी है। (घ) जनवरी 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक नगर परिषद, धुवारा के निर्माण कार्यों की कोई भी शिकायत संभागीय कार्यालय, सागर को प्राप्त न होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तीस"

सागर नगर में डेयरी का संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

125. ( क्र. 1441 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में संचालित डेयरी विस्थापन प्रक्रिया कब प्रारंभ की गई थी तथा इस हेतु कब-कब और क्या कार्यवाही प्रशासनिक स्तर पर की गई? (ख) शासन द्वारा डेयरी विस्थापन हेतु कहाँ-कहाँ कितनी भूमि आवंटित की गई? प्रश्‍न दिनांक तक कितने डेयरी संचालकों द्वारा आवंटित किये गये स्थान पर पूर्ण रूप से डेयरी संचालन शुरू कर लिया गया है एवं कितने शेष है? क्‍या शेष रह गये पशुपालकों को भूमि आवंटित किये जाने की कोई कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में है एवं आवंटन प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? (ग) प्रश्‍न दिनांक तक जिन पशुपालकों को प्रशासन द्वारा आंवटित भूमि का अधिग्रहण दिये जाने के उपरांत भी पशुओं को स्थानान्तरित नहीं किया है उन पर प्रशासनिक स्तर पर क्या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका निगम सागर में संचालित डेयरियों को 13.03.2021 को नगरीय निकाय की समीक्षा बैठक में डेयरी विस्थापन योजना की कार्ययोजना तैयार कर 8.02 करोड़ राशि प्रस्तावित की गई। दिनांक 11.01.2022 को ग्राम रतौना में पटवारी हल्का नंबर 50, खसरा नंबर 04 कुल रकबा 18.10 हेक्टेयर भूमि प्राप्त हुई थी। प्राप्त भूमि अनुसार स्थल पर अधोसंरचना विकास कार्य पूर्ण होने पर डेयरी विस्थापन प्रक्रिया 2023 को प्रारंभ की गई तथा दिनांक 23.11.2024, दिनांक 11.04.2025 एवं 10.10.2025 को निगम प्रशासन द्वारा शहर में संचालित विभिन्न डेयरियों को व्यवस्थापन स्थल रतौना में विस्‍थापन किया गया।            (ख) शासन द्वारा मौजा रतौना खसरा नंबर 4 में रकबा 18.10 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई 52 डेयरी संचालकों द्वारा डेयरी संचालन शुरू कर दिया गया है। 212 शेष है निरस्त आवंटन एवं नये आवंटन के संबंध में महापौर परिषद में विषय विचारार्थ रखा गया है। महापौर परिषद निर्णय उपरांत कार्यवाही शीघ्र कर ली जावेगी। (ग) दिनांक 15.04.2025 को 180 पशुपालकों को प्रशासन द्वारा आवंटित भूमि पर डेयरी विस्थापन करने हेतु नोटिस जारी किए गए थे। डेयरी का विस्थापन न करने पर डेयरी संचालकों के विरुद्ध भू-खंड आवंटन निरस्त करने की कार्यवाही महापौर परिषद एवं नगर निगम परिषद में पारित निर्णय के परिपालन में आवंटित भूमि को निरस्त करने की कार्यवाही की गई।

बी.सी.एल.एल. की निविदा

[नगरीय विकास एवं आवास]

126. ( क्र. 1444 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एनआईटी 13 के तहत ऑपरेटर द्वारा मार्च 2025 से प्रश्‍न दिनांक तक जो पत्राचार किया गया और विभाग द्वारा जो जवाब दिए गए, का गौशवारा बनाकर मय पत्राचार और जवाब की छायाप्रति प्रदान करें। क्‍या निविदाकार द्वारा पत्रों में अपना पक्ष रखने के लिये संयुक्‍त मीटिंग के लिए लिखा गया, हाँ अथवा नहीं? (ख) क्‍या विभाग द्वारा ऑफिशियल संयुक्‍त मीटिंग के लिए समय दिया गया, हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बताएं। तो क्‍या विभाग द्वारा निविदाकार पर एक पक्षीय कार्यवाही की जा रही है, हाँ अथवा नहीं? क्‍या यह न्‍यायसंगत है, हाँ अथवा नहीं? (ग) जिस आधार पर एनआईटी-13 पर पत्र दिनांक 10/01/2025 में बसें न चलने की पेनाल्‍टी लगाई गई है, क्‍या प्रसन्‍ना पर्पल एवं एनआईटी-31, 32, 41, 43 पर इस तरह की पेनाल्‍टी लगाई गई, हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों, स्‍पष्‍ट कारण बताएं। क्‍या एक ही निविदाकार पर पेनाल्‍टी लगाना विभाग द्वारा द्वेष भावना व्‍यक्‍त करता है, हाँ अथवा नहीं?  (घ) Harman, Incubate, Chalo, Amnex Ka 2014 से 2019 तक का सॉफ्टवेयर क्‍या विभाग में उपलब्‍ध है, हाँ अथवा नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) दस्तावेज  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। जी हाँ। बस ऑपरेटर द्वारा पत्र दिनांक 22.08.2025 के माध्यम से अपना पक्ष रखने के लिए संयुक्त मिटिंग के लिए लिखा गया था। (ख) जी नहीं। वर्तमान में प्रकरण पर कार्यवाही विचाराधीन है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, प्रसन्ना पर्पल एवं एनआईटी-31, 32 पर अब तक पेनाल्टी नहीं लगाई गई है तथा एनआईटी-41, 43 पर पेनाल्टी सम्बन्धी शो कॉज नोटिस जारी किये गए है। गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रयुक्त किये गए सॉफ्टवेयर लाइसेंस आधारित होकर अनुबंध अवधि तक प्रचलन में थे। अनुबंध अवधि समाप्त हो जाने से सॉफ्टवेयर लाइसेंस एक्सपायर हो गए है। अतः पहुंच में नहीं है।

भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की निविदाएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

127. ( क्र. 1445 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.आई.टी. 121/122 के निर्धारित संख्‍या में बस नहीं लाये जाने हेतु कोई कार्यवाही अथवा दण्‍ड अधिरोपित किया गया, हाँ अथवा नहीं? (ख) उपरोक्‍त NIT में ऑपरेटर को क्‍या केवल दो वर्ष बस चलाने के बाद संचालन बंद करने के उपरांत भी VGF दिया गया, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो अनुबंध में इसके प्रावधान की कंडिका बताएं। (ग) क्‍या मह‍िन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा फाइनेंस सर्विस लिमिटेड द्वारा उपरोक्‍त ऑपरेटर के विरूद्ध कुर्की पत्र की सूचना बी.सी.एल.एल. के अधिकारियों को 80 लाख के भुगतान से पहले थी? हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ, तो इसके उपरांत भी बस ऑपरेटर को 80 लाख रूपया VGF का भुगतान किया गया? हाँ अथवा नहीं? समस्‍त जानकारी प्रदाय करें। (घ) NIT 121/122/153/41/43 के अंतर्गत कितनी बसें निविदाकार फायनेंस कंपनी या बैंक द्वारा निविदा प्रचलित होते हुए भी बीसीएलएल डिपो से ले जा चुके हैं और वर्तमान में क्रय हो चुकी है, का निविदावार  गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदाय करें। इसके विपरीत भी उपरोक्‍त निविदाकारों को वित्‍तीय भुगतान किया गया, हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ, तो कब और कितना का गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदाय करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एन.आई.टी. 121/122 के तहत कुल 300 बसों में से कुल 150 बसों हेतु बस ऑपरेटर से अनुबंध निष्पादित किया गया था एवं शेष 150 बसों को सरेंडर किये जाने की स्वीकृति राज्य स्तरीय तकनीकी समिति‍ की 65वीं बैठक में प्राप्त की गयी बस ऑपरेटर द्वारा एन.आई.टी. 121/122 के तहत कुल 149 बसें लाई गई तथा शेष 01 बस नहीं लाई गई। उक्त 01 बस लाने हेतु बस ऑपरेटर को निर्देशित किया गया, परन्तु अब तक दण्ड अधिरोपित होना रिकॉर्ड में नहीं पाया गया। (ख) जी हाँ, बीसीएलएल द्वारा एनआईटी 121, 122 अंतर्गत निष्पादित अनुबंध की कंडिका क्र.-4 के बिन्दु क्र. 10 के अनुसार बैंक गारंटी के विरूद्ध एकमुश्‍त वीजीएफ राशि दिये जाने एवं प्रत्येक 24 माह के बाद 25% बैंक गारंटी वापस किये जाने का प्रावधान है। उक्त प्रावधान अनुसार बस ऑपरेटर द्वारा तत्समय बस ऑपरेटर द्वारा वर्ष 2022 से 2024 तक (बसों का संचालन बंद होने की अवधि से पूर्व की अवधि) में 54 बसों के किये गये संचालन के अनुक्रम में सक्षम स्वीकृति उपरांत आंशिक व्ही.जी.एफ. राशि रू. 80 लाख का भुगतान बस ऑपरेटर को किया गया था। जानकारी अनुबंध की कंडिका  पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट-''1'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। उत्तरांश () अनुसार भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''2'' अनुसार  है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट-''3'' अनुसार। जी हाँ भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''4'' अनुसार है।

सड़क चौड़ीकरण हेतु अधिग्रहीत भूमि

[लोक निर्माण]

128. ( क्र. 1450 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कुक्षी विधान सभा क्षेत्र में सर्वे क्र. 367 रकबा 0.940 हे. सुसारी बस स्‍टैण्‍ड के निकट स्थित है। यदि हाँ, तो उक्‍त भूमि किसके नाम है? (ख) क्‍या वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के द्वारा डही, कुक्षी, सुसारी मार्ग का चौड़ीकरण कार्य किया गया? यदि हाँ, तो क्‍या सर्वे क्र. 367 रकबा 0.940 में विभाग द्वारा कोई निर्माण कार्य किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा संबंधित भूमि स्‍वामी से सहमति ली गई है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो सहमति की छायाप्रति उपलब्‍ध करवाएं, यदि नहीं, तो बिना मुआवजा प्रदाय किये निर्माण कार्य कैसे किया गया? लोक निर्माण विभाग एवं ठेकेदार पर क्‍या कार्यवाही की जाएगी और भूमि स्‍वामी का सीमांकन कार्य कब तक किया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग से संबंधित न होकर राजस्व विभाग से संबंधित है, जिसके संबंध में राजस्व विभाग से प्राप्त उत्तर एवं भू-अभिलेख जिला धार की रिर्पोट  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 1980 के पूर्व से निर्मित होकर मार्ग की उपलब्ध चौड़ाई में ही उन्नयन एवं चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है। जी नहीं, वर्तमान में प्रश्‍नांकित रकबे में चौड़ीकरण का कोई कार्य नहीं किया गया है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। लोक निर्माण विभाग व ठेकेदार पर कार्यवाही का भी प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्‍नांश राजस्व विभाग से संबंधित है, जिसके संबंध में कार्यालय भू-अभिलेख जिला धार द्वारा दिनांक 26.11.2025 को सर्वे किया गया है जिसकी सीमांकन रिपोर्ट  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

बी.सी.एल.एल. की बोर्ड बैठक का एजेंडा

[नगरीय विकास एवं आवास]

129. ( क्र. 1452 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 40वीं बोर्ड बैठक के एजेण्‍डा बिन्‍दु क्र.8 में बीसीएलएल द्वारा प्रस्‍तुत प्रस्‍ताव पर निर्णय उपरांत, बोर्ड बैठक के निर्णय से परे हटकर दिनांक 10.01.2025 को बिना बोर्ड को जानकारी दिये पत्र जारी किया गया? (ख) क्‍या दिनांक 10.01.2025 के पत्र के पूर्व रू. 2.33 करोड़ की पेनल्‍टी से संबंधित ऑपरेटर को कोई नोटिस दिया गया? पूर्व में जब ऑपरेटर को भुगतान हुए तब क्‍या यह ड्यूज राशि बताई गई? मार्च 2024 में ऑपरेटर की बैंक गारंटी रिलीज कर दी गई, तब क्‍या यह ड्यूज राशि बताई गई? 40वीं बोर्ड बैठक में प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत करने के पूर्व क्‍या ड्यूज राशि बताई गई? (ग) सी.ए./सी.एस. द्वारा 2015 से 2024 तक बैलेंस शीट में क्‍या यह रिकवरी बताई गई? क्‍या इस पत्र की नोटशीट पर लेखा विभाग एवं मैंनेजर मेंटेनेंस से क्‍या कोई ड्यूज की जानकारी ली गई? (घ) उपरोक्‍त (क), (ख) एवं (ग) का जवाब सिर्फ हाँ अथवा नहीं में प्रदाय करें। महापौर कार्यालय का नोटशीट, क्रमांक 424 दिनांक 28/05/25, क्रमांक 495 एवं 497 दिनांक 07/10/2025 की छायाप्रति प्रदान करें। उपरोक्‍त तीनों नोटशीट पर कितनी समय अवधि में जानकारी प्रदान करनी थी और कितनी समय अवधि से प्रचलित है और कब पूर्ण होगी, का गौशवारा बनाकर तीनों नोटशीट की छायाप्रति प्रदान करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) 40वीं बोर्ड बैठक दिनांक 30.09.2024 के एजेण्डा बिन्दु क्र. 8 में बोर्ड द्वारा निर्णय लिया गया कि निविदा क्र. 13 अंतर्गत मेसर्स केपीटल रोडवेज की एडजेस्टवल सिक्यूरिटी डिपोजिट के संबंध में बोर्ड द्वारा विस्तृत चर्चा की गई एवं चर्चा उपरांत बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बस ऑपरेटर संबंधी भुगतान के संबंध में अनुबंध का अध्ययन कर आगामी कार्यवाही प्रस्तुत किये जाने हेतु बीसीएलएल अधिकारियों को निर्देशित किया गया। जिसके उपरांत बीसीएलएल द्वारा पत्र दिनांक 10/01/2025 जारी किया गया। उक्त पत्र के सम्बन्ध में 41वीं बोर्ड बैठक दिनांक 04/04/2025 को बोर्ड के समक्ष जानकारी प्रस्तुत की गई। (ख) जी नहीं। उपरोक्त समयावधि में पेनाल्टी राशि रु. 2.33 करोड़ की गणना नहीं किये जाने के कारण बैंक गारंटी रिलीज करने व 40वीं बोर्ड बैठक में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के पूर्व ड्यूज राशि नहीं बताई गई। (ग) जी नहीं। केपीटल रोडवेज द्वारा बस संचालन की अवधि में अनुबंध का पालन नहीं किये जाने के फलस्वरूप अनुबंध अनुसार पेनल्टी की गणना कर पत्र क्र. बी.सी.एल.एल./2025/6414 दिनांक 10/01/2025 द्वारा राशि रू. 2.33 करोड़ की पेनल्टी अधिरोपित की गई थी। उक्त पत्र जनवरी-2025 में जारी किये जाने के फलस्वरूप विगत वर्षों की पेनल्टी जानकारी बैलेंस शीट में अंकित नहीं है। जी नहीं, कार्यवाही अनुबंध अनुसार की गई है।           (घ) उपरोक्त (क), (ख) एवं (ग) का जवाब सिर्फ हाँ अथवा नहीं में देना संभव नहीं है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- ''1'' एवं ''2'' अनुसार है।

विधायक के पत्रों का उत्‍तर न‍हीं दिया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

130. ( क्र. 1453 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता का पत्र क्र. 1252, 1254, 1256, 1258, 1260, 1262 दिनांक 07/02/25 जो मुख्‍य सचिव को प्रेषित किये गये एवं पत्र क्र. 1250, 1251, 1253, 1255, 1257, 1259, 1261, 1263 दिनांक 07/02/25 जो पीएस नगरीय विकास एवं आवास विभाग, भोपाल को प्रेषित किये गये थे प्राप्ति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक कितने दिन हो गए? कितने दिनों में नियमानुसार कार्यवाही होनी थी? क्‍या कार्यवाही की गई? पत्र अनुसार गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदान करें।            (ख) प्रश्‍नकर्ता का पत्र क्र. 1551, 1552, 1553, 1554, 1555, 1556 दिनांक 15/09/2025 एवं 1557, 1558 दिनांक 24/09/2025 पर अध्‍यक्ष बी.सी.एल.एल. एवं अन्‍य द्वारा कब क्‍या कार्यवाही की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम सहित गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदान करें। (ग) क्‍या उक्‍त (क), (ख) के पत्रों पर कृत कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करा दी गई हैं? हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं, तो DOPT के आदेश दिनांक 01/12/2011 के अंतर्गत संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही निर्धारित करते हुये उनके विरूद्ध आचरण या सेवा के नियमों के अधीन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही कर निलंबन किया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्‍न दिनांक तक 260 दिन। जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट–''1''  अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट–''2''  अनुसार है।            (ग) अंशतः जी हाँ। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "इकतीस"

नगरीय क्षेत्रों में अनियंत्रित केबल/वायरों से दुर्घटनाएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

131. ( क्र. 1458 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के अधिकांश नगरीय क्षेत्रों में इंटरनेट, टेलीफोन, केबल टी.बी.एवं अन्‍य संचार लाईनों के तार अनियंत्रित रूप से बिजली के खंभों, भवनों एवं वृक्षों पर लटकाकर बिछाए जा रहे हैं, जिससे न केवल शहर की दृश्‍य सुंदरता प्रभावित होती है, बल्कि वर्षा अथवा आंधी-तूफान के दौरान इनके गिरने से दुर्घटना की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। क्‍या शासन द्वारा इस स्थिति के नियमन हेतु कोई नीति अथवा मानक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं? (ख) क्‍या संचार तारों को भूमिगत (Underground Cabling) अथवा साझा डक्‍ट सिस्‍टम (Common Duct Corridor) में समाहित करने हेतु कोई योजना शासन स्‍तर पर तैयार की जा रही है, जिससे सौंदर्य, सुरक्षा और तकनीकी दृष्टि से एकीकृत प्रबंधन हो सके? (ग) क्‍या नगरीय निकायों को यह निर्देश दिए गए हैं कि बिना पूर्व अनुमति के किसी भी निजी या संस्‍थागत एजेंसी द्वारा सार्वजनिक विद्युत या संचार खंभों पर केबल बिछाने की अनुमति नहीं दी जाए? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्‍या निगरानी तंत्र (Monitoring Mechanism) स्‍थापित किया गया हैं? (घ) क्‍या शासन ''क्‍लीन स्‍काई-स्‍मार्ट सिटी केबल मैनेजमेंट नीति'' के अंतर्गत प्रमुख महानगरों-भोपाल, इंदौर, ग्‍वालियर एवं जबलपुर में पायलट प्रोजेक्‍ट के रूप में इन तारों के वैज्ञानिक प्रबंधन एवं दृश्‍य सौंदर्य सुधार हेतु कार्ययोजना लागू करने पर विचार कर रहा हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। अपितु नगरीय निकायों में सड़कों के निर्माण के साथ डक्‍ट सिस्‍टम बनाये जाने का प्रावधान किया जाता हैजिससे सौंदर्यसुरक्षा और तकनीकी दृष्टि से एकीकृत प्रबंधन हो सकें। (ग) जी हाँ, जी नहीं।             (घ) संचालनालयनगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक 11240 दिनांक 27/09/2025 से जारी दिशा-निर्देश में डीपीआर में Utilly Ducts का प्रावधान किया गया है।

निराश्रित एवं पालतू पशुओं हेतु नीति

[नगरीय विकास एवं आवास]

132. ( क्र. 1459 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍य प्रदेश शासन की निराश्रित (Stray) एवं पालतू (Pet) पशुओं के संबंध में वर्तमान में क्‍या नीति प्रचलित है? यदि कोई नीति विद्यमान है, तो उसकी प्रति उपलब्‍ध कराएं।                (ख) यदि इस विषय पर कोई नीति प्रचलन में नहीं है, तो क्‍या शासन द्वारा निराश्रित एवं पालतू पशुओं से संबंधित कोई नीति निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो यह जानकारी दें कि नीति का प्रारूप किस स्‍तर पर तैयार किया जा रहा है तथा उसके निर्माण और क्रियान्‍वयन की समय-सीमा क्‍या निर्धारित की गई है। (ग) यदि कोई नीति न तो वर्तमान में प्रभावशील है और न ही निर्माणधीन है, तो क्‍या यह माना जाए कि विभाग निराश्रित एवं पालतू पशुओं से संबंधित नीति की आवश्‍यकता अनुभव नहीं कर रहा है? यदि हाँ, या न दोनों ही स्थिति में इसके कारण  स्‍पष्‍ट रूप से बताएं।         (घ) वर्तमान में प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में निराश्रित एवं पालतू पशुओं द्वारा बच्चों, बुजुर्गों एवं आम नागरिकों के साथ अनेक अप्रिय घटनाएँ घटित हुई हैं, क्‍या शासन ने इन घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए भविष्‍य में प्रदेश स्‍तर पर निराश्रित एवं पालतू पशुओं के नियंत्रण, संरक्षण एवं उत्‍तरदायित्‍व निर्धारण हेतु कोई समग्र नीति या नियम बनाने पर विचार कर रहा है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। (ख) निराश्रित पशुओं के नियंत्रण हेतु मध्‍यप्रदेश के शहरी एवं अन्‍य मार्गों तथा सार्वजनिक स्‍थलों को अनियंत्रित/आवारा पशुओं से मुक्‍त कराने हेतु आवारा पशु प्रबंधन नीति 2023 निर्माणाधीन है। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्‍लेषण संस्‍था भोपाल द्वारा उक्‍त नीति का प्रारूप तैयार किया गया है जिस पर अभिमत दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।       (ग) नीति निर्माण प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में नगरीय क्षेत्रों में निराश्रित पशुओं को नियंत्रण करने हेतु मध्‍यप्रदेश नगरपालिका (रजिस्‍ट्रीकरण तथा आवारा पशुओं का नियंत्रण) नियम 2023 एवं पशु जन्‍म नियंत्रण नियम, 2023 प्रभावशील है। नियमों की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट  अनुसार है।

नियम विरुद्ध बसों को भुगतान किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

133. ( क्र. 1469 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 05/06/2025 को ऑपरेटर इक्युबेट सॉफ्टटेक के साथ डिस्प्यूट रिसोलुशन की बैठक के Minutes एवं आदेश की छायाप्रति प्रदान करें? क्या इस बैठक में कंडिका 4.9 के अंतर्गत Subsidy देने के या आंकलित करने के आदेश हुए? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) बीसीएलएल द्वारा जून 2022 से मार्च 2025 तक CNG Subsidy की कुल राशि रू. 2,26,25,392/- किसके आदेश पर आंकलित कर किस आधार पर दी? इसी अवधि में कितनी संचालित बसों पर आंकलन किया गया, बस क्रमांक के आधार पर गौशवारा बनाकर जानकारी दें? कितनी बार Fare Revision के लिए प्रस्ताव भेजा गया, छायाप्रति दें? (ग) बीसीएलएल के पत्र क्र. 6851 दिनांक 17/06/2025 के उत्तर में संचालनालय द्वारा पत्र क्र. 123/शा-11/परिवहन/2018/16113 दिनांक 24/07/2025 में स्पष्ट किया गया की ऐसी राशि का शासन में कोई प्रावधान नहीं है तो यह किस आधार पर भुगतान किया गया? ऑपरेटर द्वारा 29/10/2025 को बीसीएलएल को पत्र प्रेषित किया गया और 30/10/2025 को बीसीएलएल द्वारा बिना B.O.D की अनुमति के भुगतान किस आधार पर और इतनी कम समयावधि में क्यों किया गया? इस संबंध में Operator और बीसीएलएल के मध्य सम्पूर्ण पत्राचार की जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या उपरोक्तानुसार इस प्रकरण पर नगरीय प्रशासन के उक्त अधिकारी जांच करेंगे, हां/नहीं यदि हाँ, तो कब तक।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) दस्तावेज   पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट–''1'' अनुसार है। जी हाँ। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) बस ऑपरेटर इक्युबेट सॉफ्टटेक के साथ निष्पादित अनुबंध की कंडिका 5.9 डिस्प्यूट रिसोलुशन अंतर्गत प्रबंध निदेशक, के समक्ष आयोजित डिस्प्यूट रिसोलुशन बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर अनुबंध की कंडिका अनुसार कार्यवाही की गई। शेष बस संचालन सम्बन्धी जानकारी एवं दस्तावेज  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–''2'' अनुसार हैI  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–''3'' अनुसार हैI (ग) संचालनालय के पत्र दिनांक 24/07/2025 से दिए गए निर्देश ''निविदा दस्तावेज़ में वर्णित कंडिका अनुसार कार्यवाही करें''  के अनुक्रम में अनुबंध में निहित प्रावधानुसार भुगतान की कार्यवाही की गई। बस ऑपरेटर द्वारा सी.एन.जी. के मूल्य में वृद्धि होने के फलस्वरूप वर्ष 2022 से बीसीएलएल को विभिन्न पत्रों के माध्यम से सी.एन.जी सब्सिडी की मांग किये जाने के अनुक्रम में अनुबंध की कंडिका 5.9 अंतर्गत आयोजित डिस्प्यूट रिसोलुशन बैठक में सी.एन.जी सब्सिडी सम्बंधित निर्णय के आधार पर अनुबंधानुसार भुगतान किया गया। दस्तावेज  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–''4'' अनुसार है।         (घ) उत्तरांश (), () एवं () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

री-टेण्डर के स्थान पर मनमाने तरीके से लागत में वृद्धि की जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

134. ( क्र. 1470 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल का नवीन मुख्यालय भवन कहां पर, कितनी  लागत से  निर्माण कराया जा रहा है? इस भवन की भूमि कितनी है एवं कैसे आवंटित हुई है? भवन निर्माण हेतु कितनी अनिवार्य अनुमतियां विभाग ने प्राप्त की है? उसकी प्रति सहित बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नवीन मुख्यालय भवन के निर्माण में दो बार निर्धारित लागत को बढ़ाया गया है? कब और कितना किसके आदेश से नियम सहित बतायें? निर्धारित मापदण्ड से अधिक राशि बढ़ाने हेतु री-टेण्डर प्रक्रिया का प्रावधान होने के बावजूद भी मनमाने तरीके से राशि बढ़ाने के लिये कौन जिम्मेदार है उनके विरुद्ध कब और क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रदेश प्रवक्ता म.प्र. कांग्रेस कमेटी भोपाल का पत्र क्र 103 दिनांक 04/11/2025 आयुक्त नगर निगम भोपाल को क्या शिकायत की गई है? उसमें कृत कार्यवाही से एकल नस्ती प्रति सहित अवगत करायें। (घ) भवन अनुज्ञा आवासीय है, किन्तु भवन अनुज्ञा के विरूद्ध संपत्ति कर आवासीय के स्थान पर व्यावसायिक/आवासीय+व्यावसायिक किस आधार पर वसूला जा रहा है? नियम सहित बतायें। भवन अनुज्ञा के उल्लंघन पर क्या कार्यवाही की जा सकती है? नियम आदेश की प्रति सहित बतायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगमभोपाल का नवीन मुख्‍यालय भवन लिंक रोड नं. 02 पर सेंट मेरी स्‍कूल के सामने तुलसी नगर में शासन द्वारा आवंटित 4.21 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है। वर्तमान दिनांक तक भवन निर्माण के विभिन्‍न अवयवों में कुल राशि रूपये 72.74 करोड़ का व्‍यय संभावित है। नगर तथा ग्राम निवेश से कार्यालय भवन निर्माण की अनुमतिभवन अनुज्ञा ठोस अपशिष्‍ट निष्‍पादन जलप्रदाय तथा सीवेज डिस्‍पोजल की अनुमतियां प्राप्‍त की गई है। जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।           (ख) जी हाँ। माह जुलाई 2022 में मैनिट भोपाल द्वारा स्‍वीकृत स्‍ट्रक्‍चरल डिजाइन/ड्राईंग के आधार पर पुनरीक्षित प्राक्‍कलन तैयार किया गया जिससे भवन निर्माण की लागत में 10.69 करोड़ की वृद्धि हुई तथा लागत 22.57 करोड़ से बढ़कर 33.27 करोड़ हो गईजिसकी पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति म.प्र. नगर निगम (लेखा और वित्‍त) नियम 2018 की कण्डिका 250 अनुसार प्रशासक महोदय से प्राप्‍त की गई। मार्च 2025 में विभिन्‍न अन्‍य कारकों के आधार पर पुनरीक्षित प्राक्‍कलन राशि रू 39.74 करोड़ (वृद्धि 6.47 करोड़19.45 प्रतिशत) की प्रशाकीय स्‍वीकृति निगम परिषद से प्राप्‍त की गई। दोनों ही वृद्धियों की स्‍वीकृति म.प्र. नगर निगम (लेखा और वित्‍त) नियम 2018 अनुसार प्राप्‍त की गई है। नियम की  प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (घ) म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 138 एवं म.प्र. राजपत्र क्रमांक 46 दिनांक 13/11/2020 अनुसार राज्‍य सरकार द्वारा संपत्तिकर की गणना के प्रयोजन के लिये कर योग्‍य संपत्ति मूल्‍य के निर्धारण के लिये म.प्र. नगर पालिका भवनों एवं भूमि के कर योग्‍य संपत्ति मूल्‍य का निर्धारण नियम 2020 बनाये गये है। भवन अनुज्ञा के उल्‍लंघन पर म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 302307 एवं 303 (1) अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। नियमों की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।

स्‍वच्‍छता मद की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

135. ( क्र. 1476 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् गोहद में वर्ष 2023 से वर्तमान तक स्वच्‍छता मद में कितने रूपयों का व्यय किया गया है, मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। स्वच्‍छता मद में शासन से प्राप्त होने वाले आवंटन की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) नगर पालिका परिषद गोहद में वर्ष 2023 से वर्तमान तक जेम पोर्टल द्वारा कौन-कौन सा सामान क्रय किया गया है तथा किस-किस ठेकेदार को कितना-कितना भुगतान किया गया है बिल सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) नगर पालिका परिषद गोहद में वर्ष 2023 से वर्तमान तक स्वच्छता अभियान में प्रचार प्रसार में कितना-कितना भुगतान किया है। बिल व्हाउचर सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

ऊर्जा विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों का नियोजन

[ऊर्जा]

136. ( क्र. 1485 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत जिलावार कितने कार्मिक बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनी के माध्यम से नियोजित हैं? माह अक्टूबर 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी दें व बतावें इन कार्मिकों को मासिक कितना वेतन वा‍स्‍तविक रूप से दिया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) उल्लेखित अवधि में सेवा प्रदाता कंपनी या फर्म को जिलावार दिये गए कार्यादेश और देयकों के विरुद्ध किये गए सभी भुगतानों की जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) उल्लेखित बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म द्वारा क्या सभी नियोजित कार्मिकों के लेबर लायसेंस लिए गए है? नहीं तो क्यों? क्या निविदा शर्तों व कार्यादेशों के अनुसार व श्रमायुक्त द्वारा जारी निर्देशों के पालन में ईपीएफ, ईएसआईसी, ग्रुप हेल्य इन्श्योरेंस, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना आदि का लाभ सभी कार्मिकों को दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो स्‍पष्‍ट जानकारी दें यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश () उल्लेखित तथ्यों की अवहेलना व निविदा शर्तों के उल्लंघन के बावजूद भी फर्म के देयक पारित कर भुगतान करने हेतु कौन उत्तरदायी है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनियों के माध्‍यम से नियोजित कार्मिकों की प्रश्‍नाधीन चाही गयी माह अक्टूबर, 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी एवं आउटसोर्स कार्मिकों को दिये जा रहे मासिक वेतन का जिलेवार विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्लेखित अवधि में बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता कंपनियों को जिलेवार दिये गए कार्यादेश एवं देयकों के विरुद्ध किये गए भुगतानों का विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। निविदा शर्तों एवं कार्यादेशों के अनुसार एवं श्रमायुक्त म.प्र. शासन द्वारा जारी निर्देशों के पालन में सभी नियोजित कार्मिकों को ई.पी.एफ., ई.एस.आई.सी. एवं बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसियों के माध्‍यम से ग्रुप एक्‍सीडेंटल इन्‍श्‍योरेंस पॉलिसी का लाभ दिया जा रहा है। निविदा अनुसार कार्मिकों का ग्रुप हेल्‍थ इन्श्योरेंस करवाने का कोई प्रावधान नहीं है। निविदा अनुसार बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा अपने कार्मिकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत स्वयं कवर होने के लिए प्रोत्साहित किये जाने का प्रावधान है। (घ) निविदा शर्तों के अनुसार ही बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसियों के देयक पारित कर भुगतान किया गया है तथा निविदा में निहित शर्तों का उल्‍लंघन किये जाने पर, संबंधित बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के विरूद्ध, निविदा में उल्‍लेखित शर्तों के अनुरूप कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है।

 


 


भाग-3

अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


अवैध निर्माण की शिकायत पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

1. ( क्र. 44 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिकायतकर्ता श्री प्रदीप अहिरवार द्वारा पत्र दिनांक 21.04.2025 के माध्यम से नगर निगम आयुक्त भोपाल, पत्र क्रमांक 2/5/2025 दिनांक 05.06.2025 के माध्यम से कार्यपालन यंत्री भवन अनुज्ञा शाखा शाहपुरा, नगर निगम भोपाल एवं पत्र दिनांक 23.10.2025 के माध्यम से मुख्य सचिव म.प्र. शासन भोपाल को की गई शिकायत (नगर निगम भोपाल क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्र. 44 में स्थित प्लाट नम्बर 3233 गोविन्द गार्डन पर बिल्डर द्वारा भवन अनुज्ञा के विपरीत आवासीय भवन निर्माण एवं निर्माणाधीन भवन के समीप नर्मदा पाइप लाइन की भूमि पर अवैध निर्माण करने व बिना अनुमति के व्यावसायिक दुकान निर्माण करने) पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत की जाँच कराई गई है क्या? यदि हाँ, तो वर्तमान जाँच की क्या स्थिति है और जाँच किस चरण में है? जानकारी उपलब्ध करावे। यदि जाँच नहीं कराई गई है, तो इसका क्या कारण है? (ग) उक्त प्रकरण की जाँच में दोषी पाये जाने वाले संबंधित लोगों पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रकरण में भवन स्वामी को म.प्र नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 302 (1) एवं 307 (2) के सूचना पत्र जारी किये गये है, जिसके पश्चात् संबंधित द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में प्रकरण लगाया गया है। आगामी कार्यवाही माननीय उच्च न्यायालय में प्रचलित है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में प्रकरण में मान. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा अस्थाई निषेधाज्ञा का आदेश पारित किया है। जिसकी प्रति  संलग्‍न  परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त प्रकरण की जांच में दोषी पाये जाने वाले संबंधित लोगों/बिल्डर पर मान.उच्च न्यायालय, जबलपुर के निर्णय उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

निर्माण के नियम व NOC की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

2. ( क्र. 66 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगरीय निकाय की सीमा के अन्‍दर से यदि कोई स्‍टेट हाईवे मार्ग निकला है तो आवासीय/कमर्शियल कार्य हेतु टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के तहत निर्माण हेतु NOC जारी करने के लिये कितनी दूरी की सीमा आवश्‍यक होगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में यदि नगरीय निकाय की सीमा के अन्‍दर से स्‍टेट हाईवे निकला है तो आवासीय/कमर्शियल कार्य हेतु NOC जारी करने के लिये नगरीय प्रशासन विभाग के नियम लागू होंगे या स्‍टेट हाईवे अथॉरिटी के नियम लागू होंगे? (ग) जिला नर्मदापुरम के अन्‍तर्गत आने वाली नगर पालिकाओं में पिछले तीन वर्षों में कितनी NOC आवासीय/कमर्शियल निर्माण कार्य हेतु दी गयी, जिनमें कौन से नियम का पालन किया गया?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के अंतर्गत गठित निवेश क्षेत्र वाले नगरों में प्रभावशील विकास योजना में नगरीय निकाय की सीमा के अन्‍दर स्‍टेट हाईवे हेतु निर्धारित वर्तमान एवं प्रस्‍तावित मार्गों की चौड़ाई के अनुसार आवासीय/कमर्शियल कार्य हेतु विकास अनुज्ञा प्रदान की जाती है। ऐसे नगरीय निकाय जिनकी विकास योजना प्रभावशील नहीं है, उन नगरों के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा अभिमत चाहे जाने पर स्‍टेट हाईवे के संबंध में म.प्र. रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन, म.प्र. लोक निर्माण विभाग एवं अन्‍य संबंधित विभागों से स्‍थल पर विकास एवं निर्माण के पूर्व अनापत्ति प्राप्‍त करना आवश्‍यक होगा संबंधी शर्त अधिरोपित कर अभिमत प्रदान किया जाता है। (ख) नगरीय निकाय की सीमा के अन्‍दर से यदि कोई स्‍टेट हाईवे मार्ग निकलता है तो उस नगर की नगर विकास योजना में स्‍टेट हाईवे मार्ग की विहित चौड़ाई मान्‍य होगी, लेकिन यदि नगर विकास योजना में स्‍टेट हाईवे मार्ग की चौड़ाई विहित नहीं है या विकास योजना प्रभावशील नहीं है तो स्‍टेट हाईवे अथॉरिटी द्वारा हाईवे हेतु निर्धारित चौड़ाई मान्‍य होगी। (ग) नर्मदापुरम जिले की निकायों द्वारा प्रश्‍नाधीन अवधि में आवासीय/कमर्शियल निर्माण हेतु कुल 3770 अनुज्ञाए म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के अंतर्गत जारी की गई है

अनुसूचित जाति छात्रावास में अधीक्षक की नियुक्ति

[अनुसूचित जाति कल्याण]

3. ( क्र. 69 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति छात्रावास में केवल अनुसूचित जाति वर्ग के अधीक्षक को नियुक्त करने के नियम/निर्देश अथवा परिपत्र में आदेश हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या रतलाम जिले के सभी अ.जा. छात्रावास में अनुसूचित जाति वर्ग के अधीक्षक नियुक्त हैं? (ग) यदि नहीं, तो शासनादेश के अलावा कितने समय से अन्य वर्ग के अधीक्षक जिला स्तर के अधिकारी के आदेश से नियुक्त हैं? (घ) क्‍या नियुक्ति के नियम/निर्देश अथवा परिपत्र में आदेश का उल्लंघन कर किए गए छात्रावास अधीक्षकों की नियुक्ति रद्द करेंगे? (ड.) क्या नियम/निर्देश अथवा परिपत्र में आदेश का उल्लंघन करने वाले अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी?

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) एवं (ड.) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

म.प्र.सड़क विकास निगम में प्रतिनियुक्ति

[लोक निर्माण]

4. ( क्र. 70 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशासकीय सहकारी शुगर मिल के किसी कर्मचारी को म.प्र.सड़क विकास निगम में प्रतिनियुक्ति के माध्यम से नियुक्त किया जा सकता है? (ख) क्या सहकारी समि‍ति शक्कर मिल राघौगढ़ जिला गुना के किसी कर्मचारी को म.प्र.सड़क विकास निगम में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो कब किया गया और किस पद पर प्रतिनियुक्त किया गया?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) दिनांक 31/12/2004 को कम्‍प्‍यूटर टेक्‍नीशियन के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ किया गया।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में अनियमितताएं

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

5. ( क्र. 73 ) श्री सुरेश राजे : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2025 के पूर्व एवं वर्तमान में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत कन्याओं के विवाह एवं उपहार सम्बन्धी मध्यप्रदेश शासन के आदेश/नियम की सत्यापित प्रति देवें। (ख) मार्च 2025 में जनपद पंचायत डबरा जिला ग्वालियर द्वारा कुल कितने जोड़ों (वर-वधु) का विवाह मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत संपन्न करवाया गया? वर-वधु का नाम, जन्मतिथि, पता, संपर्क, पिता का नाम सहित जोड़ों के मंडप में अग्नि समक्ष फेरों के फोटो सहित कन्याओं को एवं अन्य कार्यों पर व्यय की गई कार्यवार राशि पृथक-पृथक बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार मार्च 2025 में आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह कार्यक्रम में विभिन्न सामग्री क्रय हेतु गठित समिति में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी शामिल थे? उनका नाम, पद, संपर्क तथा किस-किस फर्म के कोटेशन प्राप्त हुए? उनकी छायाप्रति देवें एवं किस फर्म की दरें स्वीकृत होने से जारी वर्क आर्डर की छायाप्रति के साथ किस-किस फर्म को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितनी राशि‍ का भुगतान शेष है? विस्तृत ब्यौरा देवें।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) मुख्‍यमंत्री कन्‍या विवाह योजना अंतर्गत जारी निर्देशों की सत्‍यापित  प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ख) मार्च 2025 में जनपद पंचायत डबरा में 185 जोड़ों का विवाह सम्‍पन्‍न कराया गया। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। वर-वधु के नाम, जन्‍मतिथि, पता, संपर्क, पिता का नाम सहित एवं जोड़ों के अग्नि समक्ष फेरो के फोटो की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। अन्‍य कार्यों पर व्‍यय की गई कार्यवार राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार सामग्री क्रय हेतु गठित समिति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। फर्म के कोटेशन की जानकारी एवं फर्म की दरें स्‍वीकृत होने पर वर्क आर्डर की छायाप्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'एफ' अनुसार। फर्म को भुगतान की गई राशि की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'जी' अनुसार। किसी भी फर्म को राशि का भुगतान होना शेष नहीं है।

तहसील कार्यालय का पुनर्घनत्‍वीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( क्र. 91 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पुराना तहसील कार्यालय, नर्मदापुरम् के 35845 वर्गफुट भूमि के पुनर्घनत्वीकरण के संबंध में प्रश्‍नकर्ता को आयुक्तम.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल, भोपाल का पत्र क्र. 849/अ.आ.-1/त. शा-1/2025 भोपाल दिनांक 11.07.2025 के द्वारा अवगत कराया था कि उक्त प्रस्ताव जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन उपरांत साधिकार समिति के समक्ष आवेगा।                         (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ है तो जानकारी दें कि जिला स्तरीय समिति द्वारा इस विषय पर किस दिनांक की बैठक में क्या निर्णय लिया है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला स्‍तरीय समिति की बैठक नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नियम विरूद्ध बकाया राशि जमा करना

[ऊर्जा]

7. ( क्र. 99 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा अंतर्गत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों श्री अनीश राजपूत (उप महाप्रबंधक) राघौगढ़, श्री रवि बाहेती (जे.ई.) विद्युत वितरण केंद्र बीनागंज द्वारा किसानों को गुमराह कर, नियम विरूद्ध तरीके से बकाया राशि का 50% जमा करने हेतु दबाव बनाया जाता है, क्या इस प्रकार से दबाव बनाया जाना सही है? यदि नहीं, तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही के क्या प्रावधान हैं? (ख) जनप्रतिनिधि द्वारा प्रश्‍नांश (क) में दर्शित अधिकारियों से 50% बकाया राशि के लिए किसानों पर बनाए जा रहे दबाव के संबंध में पूछा जाता है तो इनके द्वारा आधिकारिक सर्कुलर का हवाला दिया जाता है। प्रश्‍नकर्ता द्वारा इस प्रकार के आदेश (सर्कुलर) को मांगा गया तो वह उपलब्ध तक नहीं करवाया गया क्यों? क्या ऐसा कोई सर्कुलर जारी किया गया है? यदि हाँ, तो उस आदेश (सर्कुलर) की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं।                                   (ग) प्रश्‍नांश (ख) संबंधित सर्कुलर जारी नहीं हुआ है तो क्या यह कृत्य अधिकारियों की पूर्णतः मनमानी प्रकृति को नहीं दर्शाता है? यदि हाँ, तो क्या इस प्रकार से किसानों से 50% बकाया राशि जमा करने के दबाव बनाने और जो आदेश है ही नहीं उसे कोट करने वाले कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा अन्तर्गत म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कृषकों को गुमराह कर नियम विरूद्ध तरीके से बकाया राशि का 50 प्रतिशत जमा करने हेतु किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाता है। अपितु अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा विद्युत वितरण कंपनी नियमानुसार एवं विद्युत प्रदाय संहिता-2021 के प्रावधानों के तहत् समस्‍त बकाया राशि वसूलने हेतु कनेक्‍शन विच्‍छेदन की कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (ख) बकाया बिल की 50 प्रतिशत राशि जमा कराने के संबंध में म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कोई सर्कुलर जारी नहीं किया गया है। अपितु विद्युत उपभोक्‍ताओं से बकाया विद्युत बिल की शतप्रतिशत राशि की वसूली की कार्यवाही विद्युत प्रदाय संहिता-2021 के अध्‍याय-9 के प्रावधानों के तहत की जाती है, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उल्‍लेखनीय है कि वर्तमान में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्‍ताओं द्वारा समस्‍त बकाया राशि जमा करने अथवा ट्रांसफार्मर से संबद्ध समस्‍त उपभोक्‍ताओं द्वारा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा कराए जाने संबंधी सर्कुलर प्रचलन में है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता है।

नगर परिषद चाचौड़ा बीनागंज को नगर पालिका बनाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

8. ( क्र. 103 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चाचौड़ा विधानसभा की नगर परिषद चाचौड़ा-बीनागंज जो कि नगर पालिका बनाए जाने के सभी मापदंडों को पूरा करती है l क्या इस आधार पर नगर परिषद चाचौड़ा-बीनागंज को नगर पालिका बनाया जा सकता है? (ख) यदि हाँ, तो नगर परिषद चाचौड़ा-बीनागंज को कब तक नगर पालिका बना दिया जाएगा? (ग) क्या नगर परिषद चाचौड़ा बीनागंज के आस पास के कुछ ग्रामों को मिलाकर इसके क्षेत्र को वृहद रूप प्रदान कर नगर पालिका बनाए जाने की कार्ययोजना बनाई जा सकती है? यदि हाँ, तो नगर पालिका का दर्जा कब तक प्रदान किया जा सकता है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद चाचौड़ा बीनागंज को नगर पालिका बनाए जाने के संबंध में माननीय विधायक श्रीमती प्रियंका पैंची द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री जी को प्रेषित पत्र दिनांक 09.07.2025 के अनुक्रम में संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 18922 दिनांक 08.09.2025 कलेक्‍टर जिला गुना को प्रेषित कर चाचौड़ा बीनागंज में सम्मिलित किये जाने वाले ग्राम जनसंख्‍या सर्वे नंबर क्षेत्रफल कोर ग्राम से दूरी गूगल मैप, रंगीन नक्‍शा एवं ग्राम पंचायतों में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी चाही गई है। उक्‍त जानकारी प्राप्त होने पर विधिक प्रावधानों अनुसार नगर पालिका परिषद गठन निर्धारित मापदण्‍ड पूर्ण होने पर कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में कलेक्‍टर गुना से विधिवत प्रस्‍ताव/जानकारी प्राप्‍त होने पर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

ओवर ब्रिज का निर्माण

[लोक निर्माण]

9. ( क्र. 104 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा अंतर्गत चाचौड़ा-बीनागंज मार्ग पर एवं कुंभराज - खटकिया रेल्वे फाटक पर ओवर ब्रिज निर्माण अतिआवश्यक है l क्या राहगीरों की सुरक्षा एवं सुविधा को देखते हुए ओवर ब्रिज का निर्माण करवाया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍या कारण है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित दोनों मार्गों पर कभी-कभी घंटों जाम होने की स्थिति निर्मित होती है जिससे क्षेत्रवासियों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैl क्या क्षेत्रवासियों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए ओवर ब्रिज निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र चाचैड़ा अंतर्गत चाचैड़ा-बीनागंज मार्ग पर एवं कुंभराज-खटकिया रेल्वे फाटक पर ओवर ब्रिज निर्माण का प्रस्ताव राज्य शासन के पास न तो प्रस्तावित है और न स्वीकृत है और रेल्वे से भी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। वर्तमान में निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) रेल्वे नीति के अनुसार 1.00 लाख से अधिक टी.व्ही.यू. पर लागत विभाजन आधार पर निर्माण किया जाता है। चाचैड़ा-बीनागंज मार्ग एवं कुंभराज-खटकिया रेल्वे फाटक पर L.C.-91-B2 का टी.व्ही.यू. 22228 हजार एवं L.C.-105C का टी.व्ही.यू. 11724 हजार होने से रेल्वे विभाग द्वारा लागत विभाजन का प्रस्ताव नहीं है। अतः निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।

नगर परिषद को नगर पालिका बनाया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( क्र. 128 ) श्री अरविन्द पटैरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में खजुराहो व लवकुश नगर परिषद है जबकि उक्‍त दोनों नगर पालिका बनाये जाने के सभी मानक पूर्ण करते है उक्त दोनों को नगर पालिका बनाये जाने मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा के परिप्रेक्ष्‍य में खजुराहो एवं लवकुश नगर को नगर पालिका बनाये जाने के संबंध में शासन स्तर पर क्या कार्यवाही चल रही है? जानकारी दें। (ख) कब तक खजुराहो एवं लवकुश नगर को नगर पालिका घोषित कर दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद खजुराहो को नगर पालिका बनाये जाने के संबंध में कलेक्‍टर जिला छतरपुर से संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 10624 दिनांक 26.05.2025एवं पत्र क्रमांक 23965 दिनांक 17.11.2025 से विधिवत प्रस्‍ताव चाहे गये है। लवकुश नगर को नगर पालिका बनाये जाने के संबंध में कही से भी कोई प्रस्‍ताव उन्‍नयन का प्राप्‍त नहीं हुआ है। अत: जनसंख्‍या का निर्धारित मापदण्‍ड पूर्ण होने पर कार्यवाही की जा सकेगी। माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा खजुराहों एवं लवकुश नगर को नगर पालिका बनाये जाने की घोषणा नहीं की गई है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

ग्राम पंचायत बमीठा को नगर पंचायत बनाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

11. ( क्र. 129 ) श्री अरविन्द पटैरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्राम पंचायत बमीठा विधानसभा का एक वृहद जनसंख्‍या वाला ग्राम तथा उसके पास में बागेश्‍वर धाम एवं खजुराहो स्थित होने एवं बमीठा नेशनल हाइवे पर स्थित होने के कारण अत्‍यंत विकसित होने के कारण नगर पंचायत बनाये जाने के सभी मानक पूर्ण करता है? (ख) क्‍या बमीठा को नगर पंचायत बनाये जाने हेतु माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा घोषणा भी की गई है? साथ ही क्‍या इस संबंध में शासन स्‍तर से सर्वे भी हो चुका है? (ग) ग्राम पंचायत बमीठा को नगर पंचायत बनाये जाने हेतु शासन स्‍तर पर क्‍या कार्यवाही चल रही है? (घ) कब तक ग्राम पंचायत बमीठा को नगर पंचायत घोषित कर दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) ग्राम पंचायत बमीठा जिला छतरपुर को नगर पंचायत बनाये जाने के संबंध में कलेक्‍टर जिला छतरपुर से संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 6080 दिनांक 30.03.2022 से विधिवत प्रस्‍ताव चाहे गये है। प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने एवं निर्धारित मापदण्‍ड प्राप्‍त होने पर परीक्षणोंपरांत कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) जी नहीं। शासन स्‍तर से कोई सर्वे नहीं किया जाता है। (ग) जानकारी प्रश्‍नांश '''' अनुसार। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

लवकुश नगर में कन्‍या एवं बालक छात्रावास की स्‍वीकृति‍

[अनुसूचित जाति कल्याण]

12. ( क्र. 130 ) श्री अरविन्द पटैरिया : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या लवकुशनगर विधानसभा का वृहद जनसंख्‍या वाला नगर है यह जनपद पंचायत, तहसील एवं लगभग सभी विभागों का खण्‍ड मुख्‍यालय है तथा यहां शासकीय महाविद्यालय एवं कई शासकीय विद्यालय चल रहे  हैं? (ख) क्‍या छात्रावास न होने के कारण यहां के छात्र एवं छात्राओं को आर्थिक समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है जिससे कई छात्र पढ़ाई करना ही छोड़ देते है। (ग) लवकुशनगर में नवीन कन्‍या एवं बालक छात्रावास प्रारंभ करने के संबंध में शासन स्‍तर पर क्‍या कार्यवाही चल रही है? (घ) कब तक लवकुशनगर में नवीन कन्‍या एवं बालक छात्रावास स्‍वीकृत कर दिये जावेंगे?

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग के 04 छात्रावास संचालित है अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बिजली आपूर्ति एवं फीडर सेपरेशन की जानकारी

[ऊर्जा]

13. ( क्र. 140 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) टिमरनी विधानसभा के अंतर्गत ऐसे कितने, ग्राम, मजरे टोले, बसाहटे ऐसे स्थान है जहां 4 से अधिक मकान है परंतु आज दिनांक तक भी उन मकानों में 24 घंटा बिजली आपूर्ति विभाग द्वारा प्रदान नहीं की जा रही है। (ख) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने उपभोक्ता है? घरेलू, कृषि, मिक्सड फीडर स्थाई, अस्थाईवार बताए। सम्‍पूर्ण टिमरनी विधानसभा में ऊर्जा विभाग के घरेलू उपभोक्ताओं का एवरेज बिल, कुल राशि एवं कुल उपभोक्ता के आधार पर एवरेज बिल सितंबर 2019 में कितना था एवं सितंबर 2025 में कितना दिया गया? उपभोक्ताओं की संख्या के सहित बताएं। (ग) क्‍या सम्पूर्ण टिमरनी विधानसभा में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, हुआ है तो इसके क्या कारण है? विभाग की इसे कब तक पूर्ण कराए जाने की योजना है समय अवधि सहित बताए। टिमरनी विधानसभा में कुल कितने मिक्सड फीडर चल रहे है एवं उनमें फीडर सेपरेशन का कार्य कब तक पूर्ण किया जाएगा? समय अवधि सहित बताएं।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) टिमरनी विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत सभी राजस्‍व ग्राम एवं उनके संसूचित मजरे/टोले विद्युतीकृत हैं। उल्‍लेखनीय है कि नवीन मजरों/टोलों/फाल्‍यों/बसाहटों/घरों का निर्माण होना एक सतत् प्रक्रिया है। केन्‍द्र शासन के धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत टिमरनी विधानसभा क्षेत्र की 13 बसाहटों के 122 घरों के विद्युतीकरण का कार्य स्‍वीकृत होकर प्रगतिरत है। उल्‍लेखनीय है कि राज्‍य शासन के पत्र दिनांक 05.05.2025 एवं दिनांक 7.05.2025 के द्वारा 5 घरों से अधिक की अविद्युतीकृत एवं आंशिक रूप से विद्युतीकृत बसाहटों के विद्युतीकरण के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। उक्‍त निर्देशों के तारतम्‍य में म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सर्वे उपरांत टिमरनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 44 बसाहटों के 319 अविद्युतीकृत घरों एवं 7 सार्वजनिक शासकीय संस्थाओं के विद्युतीकरण हेतु विस्‍तृत कार्य योजना तैयार की गई है। (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र अंतर्गत कुल 62391 विद्युत उपभोक्ता हैं। प्रश्‍नाधीन क्षेत्रान्‍तर्गत घरेलू, कृषि एवं मिक्स फीडरवार स्थायी/अस्थायी विद्युत कनेक्शनों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं का एवरेज बिल, कुल राशि तथा कुल उपभोक्‍ताओं के आधार पर माह सितम्बर, 2019 एवं माह सितम्बर, 2025 की स्थिति में उपभोक्‍ताओं की संख्‍या सहित एवरेज बिल का विवरण  संलग्‍न  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र अंतर्गत फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। पूर्व में फीडर सेपरेशन योजना के मानदंडों के अनुसार प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में स्‍थापित फीडरों का भार विभक्तिकरण हेतु साध्‍य नहीं पाये जाने पर 5 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य कार्य योजना में सम्मिलित नहीं किया गया था। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र अंतर्गत फीडर विभक्तिकरण हेतु शेष 11 के.व्‍ही. के 5 मिक्‍स फीडरों पर कृषि भार बढ़ने पर, साध्‍यता अनुसार इनके वि‍भक्तिकरण कार्य को आर.डी.एस.एस. योजना में स्‍वीकृत कर म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिनांक 14.11.2025 को उक्‍त कार्यों के क्रियान्‍वन हेतु निविदा जारी की गई है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने एवं कार्यादेश जारी होने के उपरांत उक्‍त कार्य पूर्ण करने की अवधि कार्यादेश की दिनांक से 18 महीने होगी।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

भवरास सबस्‍टेशन का लोकार्पण

[ऊर्जा]

14. ( क्र. 141 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) सबस्टेशन निर्माण होने पश्चात विभाग एस.टी.सी से बिजली विभाग सबस्टेशन के उपयोग करने हेतु किन-किन नियमों एवं शर्तों, मापदंडों की जांच एवं किन परिस्थितियों में किया जाता है एवं सबस्टेशन को प्रारम्भ करने के पूर्व एस.टी.सी. की क्या-क्या लिखित अनुमतियां होती है जो क्षेत्रीय बिजली विभाग को हैंडओवर की जाती है। (ख) टिमरनी विधानसभा अंतर्गत नवनिर्मित भवरास सबस्टेशन का लोकार्पण किस दिनांक एवं किन के द्वारा किया गया एवं भवरास सबस्टेशन को क्षेत्रीय बिजली विभाग को हैंडओवर करने एवं उपयोग में लाने हेतु एस.टी.सी. से अनुमति अथवा एन.ओ.सी किस दिनांक को दी गई प्रति उपलब्ध करवाएं? (ग) यदि किसी बिजली विभाग के अधिकारी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर सरकारी योजना का लाभ ऐसे किसी व्यक्ति विशेष को देने का कार्य किया जाता जो राजपत्र के प्रोटोकॉल या चुने हुए जनप्रतिनिधि की सूची के तहत नहीं आते, तो ऐसे अधिकारी पर कार्यवाही का क्या प्रावधान है? एक अपूर्ण एवं बंद पड़े भवरास सबस्टेशन का लोकार्पण प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी से करवाने तथा उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास करने का कार्य किसके कहने पर किया गया एवं क्या उन पर कार्यवाही की जाएगी? (घ) बिजली विभाग के कोई अधिकारी के द्वारा शासकीय पैसों या शासकीय योजनाओं के लोकार्पण/शिलान्यास के पत्थरों पर किन-किन लोगों का नाम आ सकता है, अगर इसके अतिरिक्त किसी का नाम केवल उस व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से लिखा जाता है जो कि राजपत्र के द्वारा जारी प्रोटोकॉल के नियमों में नहीं आता है तो इस पर क्या कार्यवाही का प्रावधान है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सबस्‍टेशन निर्माण कार्य का एस.टी.सी. संभाग द्वारा वितरण कंपनी के परिपत्र क्रमांक एमडी/एमके/ वर्क्‍स एण्‍ड प्‍लानिंग/443, दिनांक 27.08.2014 में उल्‍लेखित नियमों के अनुरूप निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता एवं सुरक्षा मापदंडों का निरीक्षण किया जाता है। उक्‍त परिपत्र म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की वेबसाईट पर उपलब्‍ध है। सब स्‍टेशन को प्रारंभ करने के पूर्व एस.टी.सी. संभाग द्वारा लिखित अनुमति के रूप में हेण्डिंग ओव्‍हर रिपोर्ट संचा./संधा. संभाग (ओ.एण्‍ड.एम.) को दी जाती है। जिसमें सबस्‍टेशन निर्माण में किये गये कार्य की मात्रा और गुणवत्‍ता का उल्‍लेख होता है एवं उपयोग हेतु तकनीकी विवरण निर्धारित होते हैं। हेण्डिंग ओवर रिपोर्ट पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) टिमरनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नवनिर्मित भवरास सबस्‍टेशन का लोकार्पण दिनांक 29.09.2025 को माननीय मुख्‍यमंत्रीजी द्वारा किया गया। भवरास सबस्‍टेशन को संचा./संधा. संभाग (ओ.एण्‍ड.एम.) को हेण्‍डओवर करने एवं उपयोग में लाये जाने हेतु एस.टी.सी. संभाग द्वारा हेण्डिंग ओवर रिपोर्ट दिनांक 13.05.2025 को दी गयी, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित आशय हेतु पृथक से प्रावधान संबंधी दिशा निर्देश अथवा नियम नहीं है, तथापि मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 में निहित मानदण्‍डों के अनुसार आचरण नहीं करने पर कार्मिकों के विरूद्ध मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के अंतर्गत अनुशासनात्‍मक कार्यवाही किए जाने के प्रावधान हैं। नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र भवरास के कार्यपूर्णता के पश्‍चात दिनांक 13.05.2025 को उक्‍त विद्युत उपकेन्‍द्र का हेण्डिंग ओवर संचालन-संधारण संभाग, हरदा (दक्षिण) को दिया गया है। उल्‍लेखनीय है कि उक्‍त नवीन विद्युत उपकेन्‍द्र में स्‍थापित पॉवर ट्रांसफार्मर एवं संबंधित 33 के.व्‍ही. लाईन दिनांक 07.05.2025 से निरन्‍तर चार्ज है। तत्समय रबी सीजन/कृषि भार नहीं आने के कारण संबंधित 11 के.व्‍ही. लाईन पर भार संयोजित नहीं किया गया था। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (घ) उल्‍लेखनीय है कि सामान्‍य प्रशासन विभाग, म.प्र.शासन के पत्र क्रमांक-एफ-19-127/1996/1/4, दिनांक 02.12.1996 के अनुसार शासकीय/सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों एवं अन्‍य/गणमान्‍य नागरिकों को आमंत्रित किया जाता है। पत्र की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। लोकार्पण/शिलान्‍यास के शिलालेखों पर किसी आमंत्रित अतिथि का नाम अंकित किये जाने या नहीं किये जाने के संबंध में कोई निर्देश नहीं है। सामान्‍य प्रशासन विभाग की अधिसूचना क्रमांक-एफ-1-15-2011-एक (1), दिनांक 23.10.2011 से शासकीय कार्यक्रमों के दौरान पालन की जाने वाली पूर्वता का क्रम निर्धारित किया गया है, जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है।

 

 

नगर में बायपास एवं मार्ग की मरम्मत

[लोक निर्माण]

15. ( क्र. 144 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कुंभराज नगर एवं बीनागंज नगर की मुख्य सड़कों पर भारी वाहनों एवं बाहरी यात्री वाहनों का आवागमन अधिक होने से न केवल यातायात जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है, बल्कि दुर्घटनाओं की संख्या में भी निरंतर वृ‌द्धि हो रही है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए, कुंभराज नगर एवं बीनागंज नगर (चाचौड़ा रोड से श्रीमाल कॉलोनी होते हुए निचला बाजार तक) में एक समुचित एवं सुनियोजित बायपास मार्ग का निर्माण किया जाना अति आवश्यक नहीं है? यदि हाँ, तो यह कब तक पूर्ण किया जाएगा? (ग) क्‍या नगर बीनागंज के मध्य से पुरानी ए.बी.रोड जोकि पूर्व में नेशनल हाइवे का हिस्सा हुआ करती थी जो ग्राम जयसिंहपुरा (पटोंदी मार्ग) से बीनागंज होकर शुभोदय जैन तीर्थ तक है सड़क की मरम्मत होनी है? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) एवं (ग) के संदर्भ में प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 277/2025 दिनांक 29/04/2025 से माननीय मंत्री जी को एवं 246/2025 दिनांक 11/04/2025 सहित पत्र क्रमांक 766/2025 दिनांक 19/08/2025 एवं 767/2025 दिनांक 19/08/2025 के माध्यम से शासन/प्रशासन को अवगत कराया गया था। क्या इन पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? वस्तुस्थिति से अवगत कराए।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ, निर्माण कार्य राज्‍य बजट में स्‍वीकृत नहीं है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ, की गयी कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

विद्युत उपभोक्‍ताओं का चालान बनाना

[ऊर्जा]

16. ( क्र. 214 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा उपभोक्ताओं के चालान बनाने संबंधी नियम क्या है? नियमावली की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में विद्युत उपभोक्ताओं को चालान बनाने के उपरान्त चालान की सूचना कितने दिवस के भीतर उपलब्ध कराई जाती है? विगत 5 वर्षों में कंपनी द्वारा भोपाल सिटी सर्किल के विभिन्न जोनो में कितने उपभोक्ताओं पर किन-किन कारणों से चालानी कार्यवाही की गई? कितने उपभोक्ताओं से चालान भुगतान द्वारा कितनी-कितनी राशि विभाग को अर्जित हुई तथा कितने उपभोक्ताओं को चालान भुगतान में शासन द्वारा कितनी-कितनी छूट का लाभ दिया गया? जोनवार विवरण उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश "क'' एवं '''' के परिप्रेक्ष्य में क्या कई विद्युत उपभोक्ताओं पर अनैतिक रूप से चालानी कार्यवाही की जाकर उपभोक्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या नियम विरूद्ध विद्युत उपभोक्ताओं से दुर्व्यवहार के लिये जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन द्वारा कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत विद्युत का अवैधानिक उपयोग पाए जाने पर विद्युत उपभोक्‍ताओं के चालान (पंचनामा) बनाने संबंधी कार्यवाही ''विद्युत अधिनियम 2003'' की धाराओं 126, 135 एवं 138 तथा ''मध्य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2021'' के अध्‍याय 10 में निहित प्रावधानों के तहत की जाती है। संबंधित पृष्‍ठों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) विद्युत उपभोक्ताओं के चालान बनाने के उपरांत चालान की सूचना एस.एम.एस./व्‍हाट्सएप मैसेज एवं उपभोक्‍ता के परिसर पर स्‍पीड पोस्‍ट आदि के माध्‍यम से वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत यथाशीघ्र उपलब्‍ध कराई जाती है। भोपाल शहर वृत्त अंतर्गत विगत 5 वर्षों में की गयी चालान की कार्यवाही का प्रश्‍नाधीन चाहा गया उपभोक्‍ताओं की संख्‍या, कारण/विद्युत अधिनियम की संबंधित धारा सहित जोनवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। उक्त अवधि में उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान की गयी पेनाल्‍टी की राशि एवं राज्‍य शासन द्वारा प्रदत्त छूट की राशि का जोनवार विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत विद्युत का अनाधिकृत रूप से उपयोग करते हुये पाये जाने पर ही उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित निहित प्रावधान अनुसार ही चालान बनाया जाता है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

स्‍ट्रीट लाईटों का संधारण

[नगरीय विकास एवं आवास]

17. ( क्र. 215 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल व स्मार्ट सिटी प्रबंधन द्वारा सड़कों एवं पार्कों में स्ट्रीट लाईटें लगाने/रख-रखाव के लिये किये गये अनुबंध/करार की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजधानी भोपाल में विगत 1 वर्ष से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में नगर निगम/स्मार्ट सिटी प्रबंधन की कितनी-कितनी स्ट्रीट लाईटें किन-किन कारणों से कब-कब से बन्द है? बतावें।                  (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में नगर निगम भोपाल/स्मार्ट प्रबंधन द्वारा स्ट्रीट लाईटों के रख-रखाव/मरम्मत कार्यों पर प्रतिवर्ष कितनी-कितनी राशि व्यय की जाती है, विगत 3 वर्षों की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) उपरोक्त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या अमृत योजना-1 अन्तर्गत वार्ड क्रमांक 29 के नेहरू नगर डी सेक्टर में वार्ड कार्यालय के समीप पार्कों में लगी स्ट्रीट लाईटें नष्ट कर दी गई है एवं बाउण्ड्री गेट आदि रखरखाव के अभाव में तोड़ दिये गये है? यदि हाँ, तो पुनः स्ट्रीट लाईटें लगाने एवं पार्क के रख-रखाव के लिये अब तक व्यवस्था नहीं करने के क्या कारण हैं? कब तक पार्कों को व्यवस्थित कर दिया जावेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम, भोपाल एवं स्मार्ट सिटी भोपाल द्वारा संचालित स्ट्रीट लाईट का समय-समय पर रख-रखाव किया जाता है स्ट्रीट लाईट बंद होने की शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित अमले द्वारा सुधार कार्य करा दिया जाता है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (घ) जी नहीं, जी.आई. पोल क्षतिग्रस्त है, नवीन                            जी.आई.पोल की स्थापना एवं पार्क की बाउन्ड्रीवॉल व गेट आदि के रख-रखाव के लिये निविदा जारी की गयी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जाति प्रमाण पत्र जारी करना

[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]

18. ( क्र. 229 ) श्री सचिन बिरला : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा लोक सेवा प्रबंधन अभिकरण के माध्यम से अभियान के माध्यम से स्कूल विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनवाए जाते हैं (ख) क्या पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को लोक सेवा प्रबंधन अभिकरण ने वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र की कितनी संख्या हेतु कितनी धनराशि की मांग की गई है।                       (ग) उपरोक्त अवधि के प्रमाण पत्रों के लिए विभाग द्वारा कितनी राशि लोक सेवा प्रबंधन अभिकरण को अंतरित की गई है, कितनी राशि बकाया है वर्षवार जानकारी देवे। (घ) बताएं राशि का भुगतान कब तक कर दिया जाएगा।

राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी नहीं। (ख) लोक सेवा प्रबंधन अभिकरण द्वारा वर्ष 2022-23 हेतु राशि रूपये 55.00 लाख एवं वर्ष 2023-24 के पूर्व वर्षों के लंबित राशि को सम्मिलित करते हुए कुल राशि रूपये 310.00 लाख की मांग की गई है। (ग) प्रश्‍ना‍धीन अवधि में प्रमाण पत्रों के लिए विभाग द्वारा कोई भी राशि लोक सेवा प्रबंधन अभिकरण को अंतरित नहीं की गई है। अत: प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में शेष प्रश्‍न उपस्थिति नहीं होता। (घ) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना

[अनुसूचित जाति कल्याण]

19. ( क्र. 232 ) श्री सचिन बिरला : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा लोक सेवा प्रबंधन अभिकरण के माध्यम से स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनवाए जाते हैं। (ख) यदि हाँ, तो अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को लोक सेवा प्रबंधन अभिकरण ने वर्ष 2019-20 2020-21 2021-22 2022-23 और 2023-24 में अनुसूचित वर्ग के प्रमाण पत्र की कितनी संख्या हेतु कितनी धनराशि की मांग की गई है? (ग) उपरोक्त अवधि के प्रमाण पत्रों के लिए विभाग द्वारा कितनी राशि लोक सेवा प्रबंधन अभिकरण को अंतरित की गई है कितनी बकाया है वर्षवार जानकारी देवें। (घ) बकाया राशि का भुगतान कब तक कर दिया जाएगा।

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, विभाग द्वारा जाति प्रमाण पत्र मुद्रण हेतु आदेशित नहीं किया जाता है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि के लिए राशि रूपये 105.00 लाख की मांग की गई थी। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार राशि रूपये 105.00 लाख वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में लोक सेवा प्रबंधन विभाग के बी.सी.ओ. में अंतरित की गई थी जो लेप्‍स हुई है। वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-24 तक के लिए पुन: राशि रूपये 125.00 लाख की मांग की गई है।                (घ) बजट उपलब्‍धता के आधार पर भुगतान किया जाता है, समय-सीमा बतलाई जाना संभव नहीं हैं।

पवन ऊर्जा परियोजना की स्वीकृति

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

20. ( क्र. 244 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2008 से 02/11/2025 तक कितनी पवन ऊर्जा केन्द्र लगाने की अनुमति किन कम्पनियों को किन-किन स्थानों पर किन-किन शर्तों पर प्रदान की गई है? भूमि सर्वे नम्बर, रकबा सहित विवरण दें। (ख) महिदपुर, झारडा, खाचरौद-नागदा, उन्हेल तहसील में वर्ष 2022 से 02/11/2025 तक पवन ऊर्जा परियोजना की कौन-कौन सी कम्पनियों को कितनी मेगावॉट क्षमता के किस विद्युत दर पर पवन ऊर्जा केन्द्र लगाने की कहां-कहां, किन-किन नियमों, शर्तों के अनुरूप स्वीकृति प्रदान की गई है? नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ग) महिदपुर, झारडा, खाचरौद-नागदा, उन्हेल तहसील में कौन-कौन से गांवों की भूमि पर पवन ऊर्जा केन्द्र लगाये जाएंगे? प्रत्येक का पृथक-पृथक स्थान सहित विवरण दें। (घ) किसानों की पवन ऊर्जा केन्द्र में कितनी भूमि खरीदी/अधिग्रहित की जाएगी तथा किस दर पर की जाएगी? विवरण दें। (ड.) किसानों के खेतों से पवन ऊर्जा संयंत्र, विद्युत पोल, लाईन निकालने हेतु कितनी मुआवजा व राशि का निर्धारण शासन द्वारा किया गया? विवरण दें।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्‍ला ) : (क) उज्‍जैन जिले में वर्ष 2008 से 02.11.2025 तक पवन ऊर्जा केन्‍द्र लगाने हेतु अनुमोदित परियोजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्‍त परियोजनाएं म.प्र.पवन ऊर्जा नीति-2012 एवं म.प्र. नवकरणीय ऊर्जा नीति-2025 के प्रावधानों के अंतर्गत पंजीकृत की गई है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्‍त परियोजनाएं निजी भूमि पर पंजीकृत है एवं पवन ऊर्जा संयंत्र स्‍थापना के लिए प्राय: निजी भूमि को क्रय अथवा लीज़ पर लेकर कार्य किया जाता है जिसकी जानकारी स्‍थापना (कमिशनिंग) के पूर्व डी.पी.आर. के साथ प्रस्‍तुत की जाती है। स्‍थापित पवन ऊर्जा परियोजनाओं का भूमि, सर्वे नंबर, रकबा सहित की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) महिदपुर, झारसा, खाखरिया- नागदा एवं उन्‍हेल तहसील में पवन ऊर्जा हेतु वर्ष 2022 से 02.11.2025 तक स्‍थापित पवन ऊर्जा परियोजनाओं की जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) पवन ऊर्जा संयंत्र स्‍थापना के लिए प्राय: निजी भूमि को क्रय अथवा लीज़ पर लेकर कार्य किया जाता है, जो पूर्वत: विकासक एवं भूमिस्‍वामी के मध्‍य का विषय है। विभाग की विषयवस्‍तु नहीं है। (ड.) खेतों से लाइन निकालने हेतु विकासकों द्वारा प्रस्‍तुत जानकारी अनुसार प्रभावित कृषकों से व्‍यक्तिगत स्‍तर पर आपसी सहमति से क्षतिपूर्ति/मुआवजा राशि प्रदान की गई है, जो विभाग की विषय-वस्‍तु नहीं है। उज्‍जैन जिले में स्‍थापित परियोजनाएं (प्रश्‍नांश (क)/प्रपत्र-अ) 33/11 kV विद्युत वितरण उपक्रेन्‍द्र पर संबद्ध है। 33/11 kV सबस्‍टेशन संबद्धता के लिए ट्रांसमिशन लाइन के मुआवजे हेतु दिशा-निर्देश निर्धारित नहीं है।

 

विद्युत सबस्टेशन की स्वीकृति

[ऊर्जा]

21. ( क्र. 288 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) क्या अजयगढ़ विद्युत वितरण क्षेत्र वर्तमान में अजयगढ़ एवं अजयगढ़ 2 (धरमपुर) दो वितरण केन्द्रों से संचालित है जहां से लगभग 30 हजार उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति की जा रही है तथा क्षेत्र में 4 पावर हाउस क्रियाशील है एवं 1 प्रस्तावित है तथा 5 नग 33 केवीए फीडर चालू एवं 4 नग प्रस्तावित है लगभग 15 ट्रांसफार्मर, 600 कि.मी. 11 केवीए लाइन एवं 150 कि.मी. 33 केवीए लाइन का संचालन इसी क्षेत्र से किया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या इतने बड़े वितरण तंत्र होने के बावजूद अजयगढ़ क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता प्रभावित होने के कारण अजयगढ़ को उपसंभाग बनाए जाने हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावे? (ग) क्या पन्ना जिले की तहसील अजयगढ़ अन्तर्गत ग्राम खोरा में लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है एवं उक्त समस्या के निवारण हेतु जिला अभियन्ता कार्यालय पन्ना द्वारा खोरा में विद्युत सबस्टेशन जिले की कार्ययोजना 2026-27 अन्तर्गत प्रस्तावित किया गया है? यदि हाँ, तो विद्युत सबस्टेशन की स्वीकृति कब तक प्रदाय की जावेगी? जानकारी दें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति की व्‍यवस्‍था का संचालन दो वितरण केन्‍द्रों के माध्‍यम से सुगमता से किया जा रहा है। अत: वर्तमान में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में नवीन उपसंभाग कार्यालय बनाया जाना प्रस्‍तावित नहीं है। (ग) जी नहीं। तथापि व्‍ही.आई.पी. संदर्भ में माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय का उक्‍त आशय का पत्र प्राप्‍त हुआ है। उक्‍त प्रस्‍ताव की तकनीकी साध्‍यता का परीक्षण कर तद्नुसार आवश्‍यक कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं हैं।

 कचरा प्रसंस्‍करण एवं नाले का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

22. ( क्र. 289 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न 1697 दिनांक 17.03.2025 में प्रश्‍नकर्ता द्वारा पन्ना में किलकिला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं नगर के बाहर कचरा प्रसंस्करण केन्द्र बनाए जाने के प्रश्‍न के उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा संलग्न परिशिष्‍ट-अ एवं '' अनुसार ''किलकिला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का प्रस्ताव पुनः संशोधन उपरांत संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल स्वीकृति हेतु भेजे जाने की अनुशंसा की है'' तथा ''नगर के बाहर कचरा प्रसंस्करण केन्द्र बनाए जाने हेतु भूमि चिन्हांकन की जाकर आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है'' से अवगत कराया गया था। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कब तक किलकिला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं नगर के बाहर कचरा प्रसंस्करण केन्द्र बनाए जाने की कार्यवाही प्रारंभ की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या पन्ना नगर के वार्ड 11 में वर्षा में पानी भराव से शहर में प्राकृतिक आपदा को रोकने हेतु विशेष निधि से नाला निर्माण कार्य कराये जाने संबंधी प्रस्ताव स्वीकृति हेतु नगर पालिका पन्ना द्वारा आयुक्त नगरीय प्रशासन भोपाल को प्रेषित किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि हाँ है तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? कब तक राशि स्वीकृत की जाकर निर्माण प्रारंभ कराया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। निकाय स्तर पर भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण न हो पाने तथा प्रस्तुत डीपीआर में आवश्यक तकनीकी संशोधन किया जाकर पुनश्चः प्रस्तुत न किये जाने से उपयोगित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य का प्रारंभ नहीं किया गया है, साथ ही नवीन कचरा प्रसंस्करण केन्द्र के लिये भूमि आवंटन की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है। डीपीआर तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। बजट उपलब्धता एवं निकाय की वित्तीय सीमा के आधार पर प्रस्ताव स्वीकृत किये जाते हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "छत्‍तीस"

बस्तियों के विकास के लिये राशि आवंटन

[अनुसूचित जाति कल्याण]

23. ( क्र. 333 ) श्री नरेन्द्र प्रजापति [इंजीनियर] : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022 से म.प्र. शासन वित्‍त विभाग द्वारा प्रदेश स्‍तर पर एवं जिला रीवा/मऊगंज को कितनी राशि आवंटित की गई है? (ख) अनुसूचित वर्ग के लिये आरक्षित विधानसभा मनगवॉं-73 में अनुसूचित जाति की बस्तियों के विकास के लिये स्‍वीकृत विकास निर्माण राशि कितनी है? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान अनुसूचित जाति क्षेत्र बाहुल्‍य से प्राप्‍त प्रस्‍तावों पर आधारित पत्र क्रमांक 434/73/2025-26 दिनांक 15.10.2025 जो माननीय मंत्री जी को प्रेषित था, में उल्‍लेखित निर्माण कार्यों के लिये राशि स्‍वीकृति कब तक में हो जायेगी?

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2022-23 से अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग द्वारा जिला रीवा/मउगंज को आवंटित राशि की  जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '''' अनुसार है(ख) अनुसूचित जाति बस्‍ती विकास योजना अंतर्गत जिले को एक मुश्‍त राशि जारी की जाती हैजानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '''' अनुसार है। विधान सभावार आवंटन का प्रावधान न होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, समय-सीमा बतलाई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

गढ़ बाजार की क्षतिग्रस्‍त सड़क का निर्माण

[लोक निर्माण]

24. ( क्र. 334 ) श्री नरेन्द्र प्रजापति [इंजीनियर] : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन टाइम इन्‍वेस्‍टमेंट तथा राष्‍ट्रीय राजमार्ग रीवा लोक निर्माण विभाग के अन्‍तर्गत वर्ष 2018 में निर्माण किया जाना था जिसके लिये वर्क आर्डर/टेंडर जारी किया गया था परन्‍तु उक्‍त सड़क का निर्माण क्‍यों नहीं किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित सड़क धाराविभा ओवर ब्रिज से लेकर अगडाल ओवर ब्रिज तक का टेंडर किसे प्राप्‍त हुआ था एवं निर्माण अभी तक क्‍यों पूर्ण नहीं किया गया? कब तक में इस निर्माण को PWD द्वारा पूर्ण निर्मित किया जायेगा (ग) लोक निर्माण विभाग को हैंडओवर (Handover) हो चुकी मनगवां रघुनाथगंज, गंगेव लालगांव के बाजार की सड़कों का निर्माण किस समयावधि में पूर्ण किया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत वर्ष 2018 में नहीं अपितु वर्ष 2017, 2020 एवं 2022 में वन टाईम इंप्रुवमेंट के तहत स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई है, जिसके अनुसार कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) धाराविभा ओवर ब्रिज से लेकर अगडाल ओवर ब्रिज तक एन.एच.-30 बायपास का निर्माण किया गया है। इस भाग के गढ़ बाजार शहरी पोर्शन (छूटा हुआ भाग पुराना एन.एच.-27) का कार्य वन टाईम इंप्रुवमेंट के तहत मेसर्स क्‍लासिक इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर द्वारा दिनांक 19.05.2021 को पूर्ण किया जा चुका है एवं यह भाग दिनांक 06.02.2026 तक परफॉरमेंस गांरटी में है। वर्तमान में मरम्‍मत कार्य प्रगति पर है।                              (ग) मनगवां, रघुनाथगंज तथा गंगेव शहरी भाग का वन टाईम इंप्रुवमेंट के तहत निर्माण किया जाकर कार्य पूर्ण हो चुका है, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। लालगांव बाजार की सड़के विभाग के अंतर्गत संधारण मद में सं‍धारित है, राज्‍य बजट में स्‍वीकृत नहीं है।

परिशिष्ट - "अड़तीस"

सामाजिक सुरक्षा पेंशन-वृद्धा पेंशन, कल्‍याणी पेंशन, दिव्‍यांग पेंशन में वृद्धि

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

25. ( क्र. 335 ) श्री नरेन्द्र प्रजापति [इंजीनियर] : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक सुरक्षा -वृ‍द्धा पेंशन, कल्‍याणी पेंशन, दिव्‍यांगजन पेंशन को बढ़ती महंगाई के परिप्रेक्ष्‍य में 600/- से बढ़ाकर 1200/- कब तक किया जायेगा? (ख) विधानसभा मनगवां में दिव्‍यांग शिविर कब और कितने लगे एवं कितने दिव्‍यांगजन लाभान्वित हुये? आगामी शिविरों की जानकारी भी उपलबध कराएं। (ग) क्‍या विधानसभा मनगवां- 73 में सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री के मुख्‍य आतिथ्‍य में शिविर आयोजित किया गया है? भविष्‍य की क्‍या योजना है? (घ) Red-Cross के अलावा विभाग द्वारा शिविर कब लगाया गया है? भविष्‍य में शिविर की तारीख की जानकारी दें।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) पेंशन वृद्धि हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) भारत सरकार की दिव्यांग सहायक उपकरण वितरण (एडिप) योजना अंतर्गत भारत सरकार के उपक्रम एलिम्को के माध्यम से विधानसभा मनगवां में वर्ष 2023-24 में 2 शिविर आयोजित हुए, जिनमें 61 हितग्राही को वर्ष 2024-25 में 1 शिविर आयोजित हुआ, जिसमें 52 हितग्राही एवं वर्ष 2025-26 में 1 शिविर का आयोजन किया गया जिनमें 49 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। (ग) जी नहीं। वर्तमान में कोई कार्यक्रम निर्धारित नहीं है। (घ) मनगवां विधानसभा क्षेत्र में जिला रेडक्रॉस द्वारा कोई भी शिविर आयोजित नहीं किए गए। उत्तरांश '' में उल्लेख किए गए शिविर भारत सरकार के उपक्रम एलिम्को जबलपुर द्वारा आयोजित किए गए। वर्ष 2025-26 में विधानसभा क्षेत्र में शिविर का आयोजन हो चुका हैं। भविष्य की तारीख दिया जाना संभव नहीं है।

 

विभाग में कर्मचारियों एवं केबल की कमी

[ऊर्जा]

26. ( क्र. 336 ) श्री नरेन्द्र प्रजापति [इंजीनियर] : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा मनगवां के DC मनगवां, कटरा, लालगांव, बैकुठपुर गंगेव एवं नईगढ़ी में रिक्त पद कितने हैं? JE जूनियर इंजीनियर, लाइनमैन एवं लिपिकीय स्टाफ की जानकारी प्रदत्त करें।                                        (ख) विद्युत वितरण केन्द्र मनगवां में पूर्ण/स्वतंत्र प्रभार की नियुक्ति कब तक कर दी जायेगी?                           (ग) विद्युत आपूर्ति के लिये मनगवां, गंगेव, बैकुण्ठपुर, कटरा, लालगांव, नईगढ़ी (देवगना) में जली हुई केबल के नवीनीकरण के लिये नई केबल (Cable) को उपलब्धता कब तक कर दी जायेगी, समय-सीमा बतलायें? (घ) विधानसभा मनगवां में RDSS योजना कब तक पूर्ण कर ली जायेगी एवं RDSS योजना में छूट गए ग्रामों को कब जोड़कर कार्य पूर्ण किया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र मनगवां अंतर्गत संचालित वितरण केन्‍द्रों मनगवां, कटरा, लालगांव, बैकुंठपुर, गंगेव एवं नई गढ़ी में कनिष्‍ठ अभियंता (जूनियर इंजीनियर), नियमित लाईन स्‍टाफ (लाइनमैन) एवं लिपिकीय स्टाफ के रिक्‍त पदों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सीधी भर्ती के माध्‍यम से कनिष्‍ठ अभियंता के पद पर चयनित अभ्‍यर्थी प्रशिक्षणरत हैं। प्रशिक्षण उपरांत कनिष्‍ठ अभियंता के रिक्‍त पदों के विरूद्ध पदस्‍थापना की जावेगी। उक्‍त के अतिरिक्‍त म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सीधी भर्ती के रिक्‍त पदों के विरूद्ध भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) मनगवां, गंगेव, बैकुण्ठपुर, कटरा, लालगांव, नईगढ़ी (देवगना) में विद्युत उपभोक्‍ताओं को नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। केबिल जलने की शिकायत प्राप्‍त होने पर तत्‍परता के साथ सुधार/बदलने की कार्यवाही कर विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (घ) विधानसभा क्षेत्र मनगवां सहित जिला रीवा में आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत प्रस्तावित कार्य माह मार्च 2026 तक पूर्ण किया जाना प्रावधानित है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्रांतर्गत भार प्रबंधन हेतु तकनीकी साध्‍यता के आधार पर आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत विद्युत लाईनों/वितरण ट्रांसफार्मरों के कार्य प्रस्तावित कर, कार्यों को संपादित किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्‍न नहीं उठता है।
परिशिष्ट - "उनतालीस"

हितग्राहियों को मिलने वाली योजनाओं की जानकारी

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

27. ( क्र. 371 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं मऊगंज जिले में वर्ष 2018-19 से लेकर अब तक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई, स्प्रिंगकलर पाइप, अन्य उपकरणों तथा योजनाओं का लाभ वितरण से लाभान्वित कृषकों की सूची उपलब्ध करायी जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश '' में लाभान्वित किसानों का नाम, प्रत्येक किसान को प्रदान की गई अनुदान की राशि की जानकारी विकासखण्डवार उपलब्ध कराई जावेगी। (ग) प्रश्‍नांश 'क एवं ख' में लाभान्वितों की सूची में क्या एक ही परिवार के सदस्यों को अनुदान की राशि प्रदान की गई यदि हाँ, तो एक ही परिवार के सदस्यों को प्रदाय की गई राशि का विवरण उपलब्ध कराया जावेगा तो कब तक। (घ) अनुदान प्रदाय के संबंध में उपरोक्त प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में क्या कोई अनियमितताएँ पाई गई है? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्या उक्त का विधिवत जांच/निरीक्षण कराया गया है। यदि हाँ, तो निरीक्षण प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं।

उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। लाभान्वित कृषकों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। इस प्रकार की कोई जानकारी संज्ञान में नहीं आई है।                                 (घ) उत्‍तरांश 'अनुसार है।

स्‍लम फ्री सिटी बनाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

28. ( क्र. 387 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर को झुग्गी मुक्त सिटी बनाने हेतु नगर निगम जबलपुर को केन्द्रीय शासन की हाउसिंग फार आल के तहत कब कितनी राशि आवंटित की गई हैं। इसके तहत नगर निगम ने कहां-कहां पर किस-किस टाइप के कितने-कितने आवासों का निर्माण कराने की कब क्या योजना बनाई है। इसमें किस-किस वर्ग के व्यक्तियों से कितने प्रतिशत न्यूनतम राशि बुकिंग कराने हेतु निर्धारित की गई एवं कितने आवासों की बुकिंग हो चुकी है? कहां-कहां पर कितने-कितने प्रतिशत आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया हैं एवं कितने-कितने आवास अपूर्ण निर्माणाधीन हैं। इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या हैं इस पर अभी तक कुल कितनी राशि व्यय हुई हैं? वर्ष 2025-26 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्तमान के कहां-कहां पर कब से कितने-कितने आवासों का निर्माण कार्य कब से बंद हैं एवं क्यों? कहां-कहां पर अभी तक एप्रोच रोड, गार्डन पेयजल बिजली, सहित अन्य आवश्यक मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था समयावधि में पूर्ण नहीं की गई हैं एवं क्यों? वर्ष 2025-26 तक की जानकारी दें। (ग) पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र.97 जबलपुर के तहत कहां-कहां की कितनी-कितनी स्लम बस्तियों को चिन्हित कर इनके लिये कहां-कहां पर किस-किस टाइप के कितने-कितने आवासों का निर्माण कराने की क्या व्यवस्था की गई एवं कहां-कहां पर कितने-कितने प्रतिशत आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका हैं? कितने-कितने आवासों की बुकिंग हो चुकी हैं। सूची दें। (घ) प्रदेश शासन की स्लम फ्री सिटी शहर को झुग्गी मुक्त बनाने हेतु कितने आवासों का निर्माण कराने की क्या योजना है। इनकी निर्माणधीन लागत एवं अवधि क्या हैं। इसके लिये प्रदेश शासन ने कब कितनी राशि आवंटित की हैं। वर्तमान में इस योजना की कार्य प्रगति क्या हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम जबलपुर को केन्द्र शासन की हाउसिंग फॉर ऑल योजना अन्तर्गत आवंटित की गई राशि का विवरण  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "अ" अनुसार है। योजनान्तर्गत निर्मित/निर्माणाधीन आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम जबलपुर क्षेत्र के अन्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के एएचपी घटक अन्तर्गत 6 परियोजना स्थलों पर 3984 ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवासों का कार्य कराया जा रहा है। इनका लाभ स्लम अथवा नॉन स्लम श्रेणी के पात्र आवेदकों को दिया जा सकता है विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। आवासों की बुकिंग की स्थलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश शासन द्वारा नगर पालिक निगम भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर एवं जबलपुर को झुग्गी मुक्त शहर बनाने के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के एएचपी घटक अन्तर्गत लक्ष्य रखा गया है। योजना की अवधि माह सितंबर 2029 तक है। नगर पालिक निगमों से कोई भी पूर्ण योजना प्राप्त कर भारत सरकार को प्रेषित नहीं की गई है जिससे शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सड़कों, पुलियों चौराहों का निर्माण सुधार पर व्‍यय

[नगरीय विकास एवं आवास]

29. ( क्र. 388 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा एवं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर की सड़कों, पुलियों, चौराहों का विकास, उन्नयन निर्माण कार्य व सुधार मरम्मत व रखरखाव पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? इसमें कितने-कितने कि.मी. सी.सी. एवं डामरीकरण सड़कों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है। सड़कों का निर्माण कार्य के सम्बंध में शासन ने क्या नियम एवं दिशा निर्देश है? डामर एवं सी.सी. सड़कों के निर्माण हेतु निर्धारित गारंटी पीरियड कितने-कितने वर्ष की है? निर्माण मटेरियल के सैम्पल की जांच व सड़क निर्माण कार्य की मानीटरिंग की किस स्तर पर क्या व्यवस्था की गई हैं? वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक की वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें।                   (ख) प्रश्‍नांश (क) में निर्मित कहां-कहां की कौन-कौन सी सड़के गारंटी पीरियड में ही टूट-फूट, जर्जर व गड्ढा युक्त हो गई है? इसके लिये दोषी किन-किन ठेकेदारों के विरूद्ध कब-कब क्या कार्यवाही की गई? किन-किन ठेकेदारों को कब ब्लैक लिस्टेड किया गया और सिक्योरिटी डिपॉजिट की जमा कितनी-कितनी राशि जब्त की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (क) में गारंटी पीरियड में खराब बदहाल, जर्जर एवं गड्ढा युक्त कहां-कहां की कौन-कौन सी सड़कों का कब-कब कितनी-कितनी राशि में सुधार, मरम्मत व पुनर्निर्माण कराया गया है? नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत कब कौन-कौन सी स्वीप्रिंग मशीनें कितनी राशि में क्रय की गई है। किन-किन मशीनों का कब से कोई उपयोग नहीं किया गया एवं क्यों? (घ) गोहलपुर मोतीनाला पर निर्मित संकरी पुलिया जो आवागमन में नासूर बन चुकी है और दुर्घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। इसका अभी तक चौड़ीकरण न कराने का क्या कारण है? इसका कम तक चौड़ीकरण कराया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम, जबलपुर अंतर्गत सड़कों, पुलियों, चौराहों के विकास उन्नयन निर्माण कार्य व सुधार मरम्मत व रखरखाव पर व्यय की गई राशि एवं सी.सी., डामरीकरण सड़कों पर व्यय वर्षवार राशि के संबंध में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है तथा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से संबंधित की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है एवं सड़को के निर्माण कार्य के संबंध में विभाग के द्वारा जारी दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। डामर एवं सी.सी. रोड के निर्माण में निर्धारित गारंटी पीरियड/डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। निर्माण मटेरियल के सेम्पल की जांच लोक निर्माण विभाग के मैन्युअल अनुसार की जाती है व कार्य में संलग्न यंत्रियों द्वारा कार्य की मॉनिटरिंग की जाती है एवं समय- समय पर कार्य के समीक्षा वरिष्ट स्तर के अधिकारि‍यों द्वारा भी की जाती है। वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं '' अनुसार है। (ख) नगर निगम जबलपुर द्वारा गारंटी पीरियड की सड़कों की सूची अनुसार सड़क सुधार कार्य हेतु संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया एवं ठेकेदार से सड़क सुधार कार्य कराया गया की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार एवं स्मार्ट सिटी से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ई अनुसार है। शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर निगम जबलपुर द्वारा गारंटी पीरियड में  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार एवं स्मार्ट सिटी द्वारा जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ई अनुसार खराब हुई सड़कों का सुधार कार्य किया गया, गारंटी पीरियड/ डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड में होने के कारण इनके सुधार कार्य पर अतिरिक्त राशि का व्यय नहीं किया गया। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम जबलपुर के तहत 02 मकैनिकल रोड स्वीमिंग मशीन वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2,50,28,938/- में तथा 02 अन्य मकैनिकल रोड स्वापिंग मशीने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2,74,99,900/- रूपये में क्रय की गई है। उक्त 04 मशीनों का निरंतर उपयोग किया गया है जो वर्तमान में भी जारी है। (घ) नगर निगमजबलपुर द्वारा गोहलपुर मोतीनाला पर निर्मित संकरी पुलिया का चौड़ीकरण कार्य हेतु सप्तम निविदा आमंत्रण की सूचना पी.आर.ओ.547 दिनांक 28.10.2025 को जारी की गई है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।

पान की खेती (पनवाड़ी) करने वाले कृषकों की जानकारी

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

30. ( क्र. 413 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले भानपुरा विकासखंड में कुल कितने पान कृषक हैं? जो पान की खेती (पनवाड़ी) करते हैं? इन कृषकों हेतु शासन द्वारा कोई योजना बनाई हैं? यदि हाँ, तो क्या? (ख) पिछले 5 वर्षों में कुल कितने पान कृषकों को शासन की योजना से लाभान्वित किया है? सूची प्रदाय करें। (ग) वर्ष 2024-25 में अतिवृष्टि/प्राकृतिक आपदा से कुल कितने किसानों की पनवाड़ी पूरी तरह नष्ट हो गई हैं? इन किसानों को शासन से कोई राहत राशि प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो सूची प्रदाय करें? यदि नहीं, तो कितने कृषक हैं, जिनको नुकसान हुआ और प्रश्‍न दिनांक तक कोई राहत राशि प्रदाय नहीं की है? क्या शासन इन कृषकों को राहत राशि प्रदाय करेगा यदि हाँ, तो कब तक।

उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले भानपुरा विकासखण्ड में 600 पान उत्पादक कृषकों द्वारा पान की खेती की जा रही है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित होता। (ख) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत पान उत्पादन की उच्च तकनीक पर अनुदान सहायता की योजना संचालित थी, जिसमें कुल 10 पान कृषकों को लाभान्वित किया गया है। लाभांवित कृषकों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2024-25 में अतिवृष्टि/प्राकृतिक आपदा से नुकसान संबंधित जानकारी निरंक होने से शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित होता।

परिशिष्ट - "चालीस"

अनियमितता के लिए जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

31. ( क्र. 437 ) श्री अभय मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता का तारांकित प्रश्‍न क्रमांक-1329, दिनांक 31 जुलाई 2025 के प्रश्‍नांश '' के उत्तर में संचालनालय नगरीय प्रशासन के माध्यम से जाँच कराये जाने हेतु निर्देशित किया जाना बताया गया था एवं प्रश्‍नांश '' के उत्तर में नगर परिषद सेमरिया द्वारा अवैध निर्माण हेतु जारी पत्र क्रमांक-61 दिनांक 10.01.2022 के माध्यम से भवन अनुज्ञा के संबंध में प्रश्‍न अनुरूप कार्यवाही प्रचलन में बताई गई थी। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तत्संबंध में प्रश्‍नकर्ता सदस्य द्वारा संयुक्‍त संचालक रीवा नगरीय प्रशासन को बिन्दु क्रमांक '' के संबध का पत्र प्रेषित पत्र क्रमांक-1192/2025 दिनांक 31.10.2025 के माध्यम से अब तक की जा चुकी कार्यवाही के अद्यतन स्थिति की जानकारी चाही गई थी यदि हाँ, तो अब तक समुचित कार्यवाही क्यों नहीं की गई एवं जानकारी क्यों नहीं प्रदत्त की गई अंतिम रूप से कार्यवाही कब तक पूर्ण की जावेगी बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1330, दिनांक 31 जुलाई 2025 के प्रश्‍न अनुसार प्रश्‍नांश (क) में माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रस्तुत पत्रों के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है, दी गई जानकारी अनुसार पत्रों पर की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये बतायें कि किन-किन पर कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गई अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित अनुसार की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये बतावें अगर कार्यवाही नहीं की गई तो उसके लिये कौन उत्तरदायी है उन पर कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी हाँ।(ख) जी हाँ, संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, रीवा संभाग, रीवा (म.प्र.) के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/सं.स./विधान सभा 1329/सेमरिया/2025./2528, रीवा, दिनांक 12.11.2025 के द्वारा विधायक जी के ई-मेल एवं उनके निवास स्थान रीवा में निज सहायक को जानकारी प्रदान की जा चुकी है। पावती की प्रति ई-मेल-Delivery Report की प्रति एवं प्रस्तुत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट- '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

गृह नगर में स्‍थानान्‍तरण एवं पदस्‍थापना

[ऊर्जा]

32. ( क्र. 443 ) श्री अभय मिश्रा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) रीवा/मऊगंज जिले में ऊर्जा विभाग में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के पदनाम/पदस्थापना अवधि के साथ सेवापुस्तिका के आधार पर गृह जिले का विवरण देवें। इनमें से कितने अधिकारी/ कर्मचारी गृह जिला रीवा के हैं, इनकी पदस्थापना कितने वर्षों एवं अवधि की हो? चूंकी प्रश्‍नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्र.-1132 दि. 19.09.2025 द्वारा अध्यक्ष विद्युत वितरण कंपनी भोपाल को पत्र देकर कार्यवाही का आग्रह किया गया है, पत्र अनुसार कार्यवाही का विवरण देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार गृह जिले में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण बावत् सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 6-1/2021/एक/9 भोपाल दिनांक 24 जून 2021 एवं स्थानांतरण नीति 2025-26 अनुसार कार्यपालिक कर्मचारियों/अधिकारियों को उनके गृह जिले में स्थानांतरण के दौरान अथवा पदोन्नत की स्थिति में सामान्यतः पदस्थ न किया जाए के निर्देश के बाद भी गृह जिला रीवा में पदस्थ कर कार्य लिया जा रहा है क्यों? इनके स्थानांतरण बावत् क्या निर्देश देंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्र.325/2024/रीवा दि.22.05.2024, क्र.326/2024/रीवा दि.-22.05.2024, क्र. 338/2024/रीवा दि.-12.06.2024, क्र.390/2024/रीवा दि.18.07.2024, क्र.499/2024/रीवा दि.21.09.2024, क्र.521/2024/रीवा दि.26.09.2024, क्र.519/2024/रीवा दि.26.09.2024, क्र.541/2024/रीवा दि. 04.10.2024, क्र.545/2024/रीवा दि.04.10.2024, क्र.561/2024/रीवा दि.09.10.2024, 600/2024/रीवा दि.16.10.2024, क्र.661/2025/रीवा दि.02.11.2024, क्र.1001/2025/रीवा दि.29.05.2025, क्र.1002/2025/रीवा दि.30.05.2025, क्र.948/2025/रीवा दि.11.05.2025, क्र.1015/2025/रीवा दि. 05.06.2025, क्र.1070/2025/रीवा दि.10.07.2025 पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें। अगर पत्रों पर समय पर कार्यवाही कर निराकरण न किया गया तो कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे? बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के तारतम्य में जो फीडर आर.डी.एस.एस. योजना से छोड़ दिये गये है उनके उन ग्राम पंचायतों/टोलों/मोहल्लों को जोड़कर कार्य कराये जाने बावत् क्या निर्देश देंगे? बतावें एवं आर.डी.एस.एस. योजना के तहत सर्वे अनुसार कार्य न कराने पर जांच एवं कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे? बतावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) रीवा/मऊगंज जिले में विभाग के अंतर्गत कार्यरत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण के कार्यालयों में पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों की प्रश्‍नाधीन चाही गयी पदनाम, पदस्थापना अवधि एवं गृह जिले की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'' अनुसार है। इनमें से 356 अधिकारी/कर्मचारी गृह जिला रीवा के हैं एवं इनकी पदस्थापना संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– '' अनुसार है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र में वर्णित पत्रों पर की गयी कार्यवाही से माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय को अवगत कराया जा चुका है। पत्रों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'' अनुसार है। पत्र में उल्‍लेखित अन्‍य बिन्‍दु के संबंध में लेख है कि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत लागू पदस्‍थापना नीति में कनिष्‍ठ यंत्रियों से लेकर अधीक्षण यंत्री तक के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदस्‍थापना सामान्‍यत: एक ही जिले में 15 वर्ष से अधिक व एक ही क्षेत्र में 20 वर्ष से अधिक समय तक नहीं रखे जाने तथा अन्‍य कर्मचारियों की पदस्‍थापना एक ही जिले में 20 वर्षों से अधिक रखी जाने का प्रावधान है। रीवा/मऊगंज जिले के अंतर्गत एक कनिष्‍ठ अभियंता (वर्तमान में सहायक अभियंता, चालू प्रभार) एवं एक अधीक्षण अभियंता की पदस्थापना अवधि निर्धारित समय-सीमा से अधिक है, परन्‍तु दोनों कार्मिकों को सेवानिवृत्ति के लिये 02 वर्ष से कम समय शेष है। अत: पदस्‍थापना नीति के अनुसार उन्‍हें गृह जिले से बाहर स्‍थानांतरित किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) के सन्‍दर्भ में लेख है कि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत अधिकारियों/कर्मचारियों के स्‍थानांतरण/पदस्‍थापना हेतु प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित नीति लागू नहीं होती है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र–'' अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (घ) आर.डी.एस.एस. योजना के तहत 11 के.व्‍ही. फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य, योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पूर्व से स्थापित विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण एवं क्षेत्रांतर्गत भार प्रबंधन हेतु तकनीकी साध्‍यता के आधार पर सर्वे उपरान्‍त प्रस्तावित किये गये हैं। तदनुसार कार्यों को संपादित किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। आर.डी.एस.एस. योजना के तहत कार्यों का क्रियान्‍वयन जी.आई.एस. सर्वे अनुरूप ही किया जा रहा है, अत: जांच एवं अन्‍य कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता है।

अपूर्ण मार्ग को पूर्ण करना

[लोक निर्माण]

33. ( क्र. 464 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत शोभापुर से माछा, शोभापुर से भटगांव, शोभापुर से रेवाबनखेड़ी, सेमरी से महुआखेड़ा अजबगांव गजनई मार्ग एवं सिरवाड़ फुरतला पाटनी सांगाखेड़ाखुर्द मार्ग लोक निर्माण विभाग की ए.डी.बी. योजना के अंतर्गत बनाये गये है जिनका कार्य अभी तक किस कारण से पूर्ण नहीं हो पाया है? इन मार्गों के साथ कितनी पुल-पुलिया बनाये जाने का प्रावधान था? (ख) क्या उक्त मार्गों का निर्माण गुणवत्ताहीन हुआ है विगत 5 वर्षों से काम चल रहा है परन्तु अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है और विभाग द्वारा कार्य पूर्ण बताकर पैसे निकाल लिये गये है एवं पुल-पुलिया भी निर्धारित शर्तों के आधार पर नहीं बनी है? पुल-पुलिया के बॉक्स कलवर्ट शर्तों से कम बनाये गये है और इनकी भी राशि पूरी निकाल ली गई है। साईट शोल्डर भी निर्धारित मापदंड के तहत नहीं बनाये गये है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? इसमें कौन जिम्मेदार है उपरोक्त मार्गों का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित मार्ग ए.डी.बी. योजना के अंतर्गत नहीं बनाये गये है, अपितु एन.डी.बी. योजना के अंतर्गत बनाये गये है। कार्य पूर्णता की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ के कॉलम नंबर-15 अनुसार है। इन मार्गों के साथ बनाई गई पुल-पुलियों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब के कॉलम नंबर-12 अनुसार है। (ख) जी नहीं। उक्त मार्गों का निर्माण गुणवत्तापूर्वक किया गया है। कार्य पूर्ण किया जा चुका है जिसकी पूर्णता दिनांक संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ के कॉलम नंबर-15 अनुसार है। पुल-पुलियों का निर्माण निर्धारित मापदण्डानुसार किया गया एवं किये गये कार्य के अनुसार ही भुगतान किया गया है। संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब के अनुसार 14 बॉक्स कलवर्ट स्वीकृत थे एवं 14 ही बॉक्स कलवर्ट बनाये गये। साईड शोल्डर का कार्य भी निर्धारित मापदण्डानुसार किया गया है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर में हुई अग्नि दुर्घटना

[ऊर्जा]

34. ( क्र. 483 ) श्री आरिफ मसूद : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर में दिनांक 28/11/23 को हुए अग्नि दुर्घटना में उप संचालक, औ‌द्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सतना/इंदौर द्वारा तत्कालीन मुख्य अभियंता एवं फ्यूल मैनेजमेंट के अधीक्षण यंत्री को मामले में दोषी मानते हुए Factories act 1948 under section -5,7A, (2) (B) 72 (7), (8) पुनरीक्षण याचिका क्रमांक 02/24 तथा फाइलिंग No CRR 152/2024 CNR NO MP-6501-000-2024 08/02/2024 जिला न्यायालय अनूपपुर में परिवाद दायर किया गया है एवं इसी मामले में क्या वर्तमान एवं पूर्व मुख्य अभियंता के द्वारा न्यायालय से जमानत कराई गई है? यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त अधिकारियों के द्वारा विभाग को सूचना दी गई थी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : जी हाँ, म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी अंतर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई जिला अनूपपुर में दिनांक 28.11.2023 को नहीं, अपितु दिनांक 21.08.2023 को घटित अग्नि दुर्घटना में उप संचालक, औद्योगिक स्‍वास्‍थ्‍य एवं सुरक्षा सतना/इन्‍दौर द्वारा तत्‍कालीन मुख्‍य अभियंता एवं अतिरिक्‍त मुख्‍य अभियंता (संचालन/संधारण) (अधीक्षण अभियंता, ईंधन प्रबंधन नहीं) को दोषी मानते हुए कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत जिला न्‍यायालय अनूपपुर में परिवाद दायर किया गया है, जिस हेतु दायर पुनरीक्षण याचिका के परिप्रेक्ष्‍य में जिला न्‍यायालय, अनूपपुर द्वारा पारित निर्णय के विरूद्ध माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर खण्‍डपीठ के समक्ष दायर एम.सी.आर.सी. (मिसलेनियस क्रिमिनल रिवीजन केस) में पारित आदेश दिनांक 28.02.2025 में व्‍यक्तिगत उपस्थिति से प्रदान की गई छूट के दृष्टिगत वर्तमान एवं पूर्व मुख्‍य अभियंता द्वारा माननीय न्‍यायालय से जमानत नहीं कराई गई है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

आयोजनों एवं साज सज्जा पर किया गया व्यय

[लोक निर्माण]

35. ( क्र. 484 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) भोपाल जिले में 1 अप्रैल 2024 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक विभाग ने शासकीय आयोजनों पर कितनी राशि व्यय की है आयोजन कार्य में होने वाले व्यय का भुगतान किन संस्था/ठेकेदार को किया गया है राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में साज सज्जा, विद्युतिकरण एवं निर्माण कार्य में कितनी राशि व्यय की गई है कार्य का भुगतान किन संस्था/ठेकेदारों को किया गया है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।

परिशिष्ट - "बयालीस"

बायपास सड़क का निर्माण

[लोक निर्माण]

36. ( क्र. 524 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधानसभा क्षेत्र थांदला-194 के अंतर्गत मेघनगर क्षेत्र के लिये बायपास निर्माण बावत् कई बार क्षेत्र की जनता द्वारा उठाये गये मुद्दे को लेकर प्रश्‍नकर्ता ने विभाग को बार-बार अवगत कराया गया परंतु आज दिनांक तक इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया है। मेघनगर क्षेत्र झाबुआ जिले का एकमात्र बड़ा  रेल्वे स्टेशन है तथा औद्योगिक क्षेत्र है और तहसील मुख्यालय जनपद पंचायत मुख्यालय और पुलिस स्टेशन सभी मेघनगर से जुड़े हुये है। वर्तमान में यह मार्ग ऐट लाईन से भी जुड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में यहां पर बायपास सड़क निर्माण की अति आवश्यकता है। (ख) मेघनगर के शहरवासियों एवं क्षेत्रवासियों के लिये बायपास स्वीकृत कर उक्त बड़ी समस्या का निराकरण करेंगे? यह बायपास निर्माण में क्या रूकावट आ रही है और यह कार्य होगा या नहीं होगा।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) शासन द्वारा जनता की मांग पर मेघनगर बायपास मार्ग निर्माण लम्बाई 2.50 कि.मी. की म.प्र. शासन के पत्र क्र. एफ-13/02/202/19/यो/1178 भोपाल दिनांक 13.03.2020 द्वारा राशि रू. 491.67 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। वन क्षेत्र में कार्य करने की अनुमति प्राप्त नहीं होने के कारण जारी प्रशासकीय स्वीकृति को 3 वर्ष से अधिक का समय व्यतीत होने के कारण वर्तमान में प्रशासकीय स्वीकृति कालातित हो गई है।                                             (ख) बजट में प्रावधान नहीं होने से बायपास स्वीकृत नहीं किया जा सकता है। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

सीवरेज प्रोजेक्ट पूर्ण होने की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

37. ( क्र. 526 ) श्री अनिल जैन कालूहेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम उज्जैन की सीमा में टाटा एवं अन्य कंपनी द्वारा सीवरेज प्रोजेक्ट कब शुरू किया था? (ख) टाटा एवं अन्य कंपनी द्वारा कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या थी? (ग) शहर में सीवर लाईन का कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है? (घ) शेष कार्य कब तक पूर्ण होगा एवं इस सीवर लाइन से शहर का गंदा पानी कब तक निकलना शुरू हो जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

सिंहस्थ 2028 के अंतर्गत उज्जैन शहर में सेतु निर्माण

[लोक निर्माण]

38. ( क्र. 527 ) श्री अनिल जैन कालूहेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन उज्जैन में वर्ष 2028 के सिंहस्थ आयोजन को ध्यान में रखते हुए ऋणमुक्‍तेश्‍वर के समानान्तर एवं योगीराज मत्‍सेन्‍द्रनाथ जी से रणजीत हनुमान के मध्य क्षिप्रा नदी पर पुल का निर्माण कराएगा? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) का उत्तर ''हॉ'' है तो प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी? (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) का उत्तर ''नही" है तो शासन क्या वैकल्पिक व्यवस्था करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत वर्तमान में ऋणमुक्तेश्वर के समानान्तर एवं योगीराज मत्सेन्द्रनाथ जी से रणजीत हनुमान के मध्य क्षिप्रा नदी पर पुल निर्माण किसी भी योजना में न प्रस्तावित है एवं न ही स्वीकृत है। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में पूर्व से निर्मित ऋणमुक्तेश्वर से रंजीत हनुमान एवं नवीन निर्माणाधीन पुल वीर दुर्गादास की छत्री से सोंसा मार्ग के क्षिप्रा नदी पर निर्माणाधीन पुल का उपयोग किया जा सकेगा।

म.प्र. ऊर्जा विकास निगम के अन्तर्गत कुसुम-सी योजना

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

39. ( क्र. 530 ) श्री रमाकांत भार्गव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. ऊर्जा विकास निगम अन्तर्गत कुसुम-सी योजना में सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन का क्या लक्ष्य निर्धारित किया गया है इसकी क्रियान्वयन की प्रक्रिया क्या है? (ख) कुसुम-सी योजना के अन्‍तर्गत अब तक कितनी क्षमता के सौर संयंत्र (सोलर प्लांट) स्थापित किए गए है योजना में हितग्राहि‍यों और वितरण कंपनि‍यों (डिस्कान) के बीच अब तक कितने विद्युत कम समझौते (Power Parches Agreement) किए गए है। (ग) क्या राज्य सरकार द्वारा स्वरोजगार एवं सीमांत किसानों के लिए कुसुम-सी योजना में कोई विशेष प्रावधान किया गया है यदि हाँ, तो उसका विवरण देवे। (घ) म.प्र. में कुसुम-सी योजना के क्रियान्वयन के सम्बंध में अंतिम बार कार्यवाही कब की गई है एवं कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्‍ला ) : (क) मध्‍यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम अन्‍तर्गत कुसुम-सी योजना में सौर ऊर्जा से विद्युत उत्‍पादन हेतु MNRE द्वारा 3.45 लाख पंपों के सोलराइजेशन का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। कुसुम-सी योजना में भाग लेने हेतु समय-समय पर होने वाली निविदाओं में भाग लिया जा सकता है। (ख) 132.5 मेगावाट के सौर संयंत्र (सोलर प्‍लांट) स्‍थापित किए गए है एवं 321.7 मेगावाट क्षमता के 59 Power Purchase Agreement हस्‍ताक्षरित किये गये है। (ग) जी हाँ। इसके अंतर्गत किसानों व MSME इकाइयों को निविदा में भाग लेने हेतु वित्‍तीय अर्हताओं से मुक्‍त किया गया है। (घ) प्रदेश में कुसुम सी/सूर्य मित्र कृषि फीडर योजनांतर्गत सौर संयंत्रों की स्‍थापना हेतु निविदा क्रमांक- F/UVN/2024/KUSUM-C/V/5183 दिनांक 11.02.2025 आमंत्रित की गई है जिसके अंतर्गत सौर संयंत्रों की स्‍थापना हेतु दर निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

वृक्षों की कटाई

[लोक निर्माण]

40. ( क्र. 553 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या एम.पी.आर.डी.सी. विभाग अंतर्गत निर्माण एजेंसी M/S TRG industries pvt. ltd., M/S Shri riddhi-siddhi Buildwell Ltd. (JV) द्वारा पारसोल से राजघाट पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा है? प्रश्‍नकर्ता विधानसभा के क्षेत्रवासियों द्वारा शिकायतें की गई है कि उक्‍त निर्माण एजेंसी द्वारा प्रश्‍नकर्ता की विधानसभा अंतर्गत सड़क निर्माण हेतु बिना अनुमति के सैंकड़ों की संख्‍या में वृक्ष काटे जा रहे हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में सड़क निर्माण का सर्वे कराकर जानकारी दें कि कितने वृक्ष सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना काटे गये हैं? क्‍या शासन बिना अनुमति काटे गये वृक्षों के लिये एजेंसी पर भारी जुर्माना अधिरोपित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) पर्यावरण को संरक्षित करने के लिये काटे गये वृक्षों के अनुपात में कितने वृक्ष निर्माण एजेंसी द्वारा लगाये जाने का अनुबंध में प्रावधान है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। (ख) सक्षम अधिकारी की बिना अनुमति के कोई भी वृक्ष नहीं काटे गये है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पर्यावरण को संरक्षित करने हेतु परियोजना में काटे गये वृक्षों के एवज में 10 गुना पौधे रोपित किये जाने का प्रावधान अनुबंध में निहित है।

जिला स्‍तरीय पशुरोग अनुसंधान प्रयोगशाला की जानकारी

[पशुपालन एवं डेयरी]

41. ( क्र. 578 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल संभाग के जिलों में जिला स्तरीय पशुरोग अनुसंधान प्रयोगशाला में पशुओं के कौन-कौन से रोगों की जाँच की जाती है एवं जाँच हेतु कौन-कौन उपकरण में उपलब्ध है? (ख) प्रश्‍नांश-क अनुसार वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में प्रश्‍न दिनांक तक संभाग/जिला स्तरीय पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशालाओं में कितने-कितने एवं कौन-कौन से पशुओं के सेम्पल की जाँच की गई? पशुओं के टेग नं. एवं मालिक के नाम एवं जाँच किये गये उपकरण के आई. डी.नं. की जानकारी से अवगत कराते हुये, जाँच रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी पशुवार देवे? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार क्या संभाग/जिला स्तरीय पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशालाओं में मासिक एवं वार्षिक लक्ष्यों की पूर्ति हेतु फर्जी जाँच रिपोर्ट वरिष्ठ कार्यालय को भेजी जाती है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या पशुओं की जाँच हेतु पशु रोगी कल्याण समिति में जाँच हेतु शुल्क निर्धारित है? यदि हाँ, तो शुल्क की जानकारी से अवगत करावे? यदि नहीं, तो क्या ऐसे पशुओं के उपचार हेतु पशु रोगी कल्याण समिति में पंजीयन शुल्क लिया जाता है ऐसे शुल्क लेने की कोई योजना है?

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ''2'' अनुसार है। (ग) संभाग/ जिला स्‍तरीय अनुसंधान प्रयोगशाला में मासिक एवं वार्षिक लक्ष्‍यों की पूर्ति हेतु फर्जी जांच रिपोर्ट वरिष्‍ठ कार्यालय को नहीं भेजी जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) राज्‍य पशु चिकित्‍सालय जहांगीराबाद भोपाल की पशु रोगी कल्‍याण समिति में जांच हेतु शुल्‍क निर्धारित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ''3'' अनुसार है। जिला स्‍तरीय प्रयोगशालाओं में पशुओं के नमूने की जांच हेतु कोई शुल्‍क नहीं लिया जाता है।

संभागीय स्‍तर पर रिक्‍त पदों की जानकारी

[पशुपालन एवं डेयरी]

42. ( क्र. 579 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल संभाग के जिलों के कार्यालयों में कितने-कितने पद स्वीकृत होकर स्वीकृत पद के विरूद्ध शासकीय सेवक पदस्थ होकर कार्यरत है? पदनाम पद के विरूद्ध कार्यरत शासकीय सेवक का नाम एवं कितने-कितने आशासकीय सेवकों का वेतन आहरण हो रहा है?                                 (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार ऐसे कितने शासकीय सेवक है, जिनका वेतन तो कहीं और से आहरण किया जा रहा है परन्तु पदस्थापना किसी और स्थान पर है? ऐसे शासकीय सेवकों के नाम, पदनाम तथा कब से वेतन कहीं और से आहरण किया जा रहा है परन्तु कार्य कहीं और किया जा रहा है? आदेश की जानकारी से अवगत करावे? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो ये किसके आदेश द्वारा किसी अन्य स्थान पर संलग्न होकर कार्य कर वेतन आहरण किया जा रहा है? नियम विरूद्ध संलग्न किये गये अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? शासकीय सेवकों का संलग्नीकरण कब तक समाप्त किया जावेगा? समय-सीमा अवगत करावे?

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र ''' अनुसार(ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र '' एवं 'ब-1 ' अनुसार(ग) पशुपालन एवं डेयरी भोपाल संभाग के जिलों के कार्यालयों में स्‍टाफ की कमी तथा शासकीय कार्य सुविधा को देखते हुए अन्‍य कार्यालयों में कार्यरत शासकीय सेवकों से कार्य संपादित कराया जा रहा है किसी भी शासकीय सेवक का संलग्‍नीकरण नहीं किया गया।

न्यायालय के आदेश की अवहेलना

[नगरीय विकास एवं आवास]

43. ( क्र. 605 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) PM आवास योजना के तहत नायब तहसीलदार मण्डल सौरा तहसील व जिला छतरपुर के पत्र क्र. 35/प्र. सौरा/2024 छतरपुर दि. 11/06/2024 के तहत मुख्य नगर पालिका अधिकारी छतरपुर को प्रतिवेदन दिया गया? (ख) क्या न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी छतरपुर प्रकरण क्र. 94//2020 फैसला दि. 25/02/22 का पालन नहीं किया गया तथा न्यायालय छतरपुर के न्‍यायाधीश के निर्णय दिनांक 07/02/23 का पालन नहीं किया गया? (ग) क्या किरण तिवारी द्वारा कलेक्टर छतरपुर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी छतरपुर को दिनांक 25/05/24, 20/08/25, 07/01/25 तथा CM हेल्पलाइन क्र. 30705972, 33545260 दि. 25/07/25 पर विभाग द्वारा गलत जानकारी दी गई? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के तहत कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं, तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांकित प्रकरण में नगर पालिका परिषद छतरपुर प्रतिवादी न होने एवं अनुविभागीय अधिकारी का फैसला दिनांक 25.02.2022 एवं अपर सत्र न्‍यायालय छतरपुर के निर्णय दिनांक 07-02-2023 में नगर पालिका परिषद छतरपुर के लिये कोई आदेश न होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। सी.एम. हेल्पलाइन के जवाब तत्‍समय संज्ञान में आये तथ्यों के आधार पर दिया गया था परन्‍तु प्रश्‍नांश-"क" में प्रश्‍नांकित प्रकरण में दिनांक 25-02-2022 के फैसले के अनुसार वास्‍तविक तथ्‍यों में परिवर्तन हुआ है। तदानुसार उत्‍तरांश "ख" प्रेषित किए गए है, गलत जानकारी विभाग को प्रेषित नहीं की गई है। (घ) जी हाँ। उत्‍तरांश- "ख" एवं "ग" के परिप्रेक्ष्‍य में वास्‍तविक तथ्‍य संज्ञान में आने पर गलत जानकारी देकर योजना से लाभान्वित हितग्राही श्रीमती रमादेवी पति स्‍व. श्री ज्ञानी मिश्रा के विरूद्ध कार्यवाही हेतु नगर पालिका परिषद छतरपुर द्वारा सूचना पत्र दि. 21-06-2024, 08-08-2024, 12-08-2024 एवं 28-08-2024 जारी किये गये है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ठेकेदारों के माध्यम से कराये जा रहे कार्यों की जानकारी

[ऊर्जा]

44. ( क्र. 627 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विभाग द्वारा विभिन्न वितरण केन्द्रों अन्तर्गत वर्ष 2022-23 से वर्तमान तक किन-किन ठेकेदारों/कम्पनियों के माध्यम से कौन-कौन से कार्य कराए जा रहे हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार इनमें से कौन-कौन से कार्य कब-कब पूर्ण होना थे अथवा होना है? कार्य अपूर्ण होने के क्या कारण हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जायेंगे? वितरण केन्द्र अनुसार विस्तृत ब्यौरा दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) खुरई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में कराये जा रहे कार्यों की प्रश्‍नाधीन चाही गयी ठेकेदार/कंपनी के नाम सहित वितरण केन्‍द्रवार एवं कार्यवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित कार्यों के पूर्ण होने का समय, अपूर्णता का कारण, पूर्णता की संभावित तिथि सहित वितरण केन्‍द्रवार एवं कार्यवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

निर्माणाधीन ओव्हर ब्रिज की जानकारी

[लोक निर्माण]

45. ( क्र. 629 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खुरई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत लो.नि.वि. सेतु संभाग, सागर द्वारा खुरई नगर में स्थित गेट नम्बर 7 एवं 8 पर निर्माणाधीन ओव्हर ब्रिज की निर्माण ऐजेन्सी द्वारा दोनों जगह सर्विस मार्ग व्यवस्थित रूप से निर्मित न किये जाने एवं खुरई खिमलासा मार्ग पर निर्माणाधीन ओव्हर ब्रिज निर्माण कार्य में एक वर्ष से अधिक का समय हो जाने बाद भी केवल कालम वर्क किये जाने के क्या कारण है? दोनों ओव्हर ब्रिज निर्माण की समय-सीमा क्या है? क्या निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : प्रश्‍नाधीन मार्ग में गेट नं. 7 पर ओव्‍हर ब्रिज निर्माणाधीन नहीं है। गेट नं. 8 पर ओव्‍हर ब्रिज के सर्विस रोड का कार्य प्रगति पर है, निर्माण कार्य मापदण्‍डों के अनुरूप किया जा रहा है, खुरई खिमलासा मार्ग में गेट नं. 6 पर ओव्हर ब्रिज के निर्माण कार्य में निजी भूमि होने के कारण कार्य की प्रगति धीमी हुई है, कृषकों द्वारा सहमति न देने के कारण भूमि अधिग्रहण हेतु अनिवार्य भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। गेट नं. 8 पर ओव्हर ब्रिज की समय-सीमा जनवरी 2026 एवं गेट नं. 6 की समय-सीमा सितम्‍बर 2026 है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के सतत् प्रयास जारी है।

अनुसूचित जाति बस्ती की विकास योजनाएं

[अनुसूचित जाति कल्याण]

46. ( क्र. 631 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिला अंतर्गत अनुसूचित जाति विकास बस्ती विकास के तहत किन-किन योजनाओं में कितनी राशि शासन स्तर से प्राप्त हुई? वर्ष-2023-24, 2024-25, 2025 से प्रश्‍न दिनांक तक योजनावार/वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या अनुसूचित जाति/जनजाति राहत योजना के तहत विभाग को वर्ष 2023-24, 2024-25, 2025 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई तथा विभाग ने उक्त राशि किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में व्यय की विधानसभावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में प्राप्त राशि विभाग द्वारा व्यय/वितरित की गई? विधानसभावार/ वर्षवार जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2025-26 में प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं में प्राप्त राशि के वितरण/व्यय करने के संबंध में विभाग को प्रश्‍न दिनांक तक कितने जनप्रतिनिधियों के अनुमोदन प्राप्त हुए तथा विभाग ने इस विषय में प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की?

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी  पुस्‍तकालय में  रखे  परिशिष्‍ट  '''' अनुसार है। (ख) उक्‍त योजना का बजट ग्‍लोबल है। वर्षवार व्‍यय राशि का  विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है।

कनिष्ठ अभियंता कार्यालय का संचालन

[ऊर्जा]

47. ( क्र. 632 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत म.प्र.वि.वि.कं.लि.मि. के कितने कार्यपालन यंत्री कार्यालय एवं कनिष्ठ अभियंता कार्यालय विधानसभा क्षेत्र में स्थापित हैं/संचालित हैं? (ख) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वि.ख. सागर एवं राहतगढ़ में सम्मिलित ग्रामों के म.प्र.वि.वि.कं.लि.मि. के कार्यपालन यंत्री कार्यालय एवं कनिष्ठ अभियंता कार्यालय कहां-कहां स्थापित हैं? ग्राम सहित विस्तार से जानकारी देवें। (ग) क्या कार्यपालन यंत्री म.प्र.वि.वि.कं. लि.मि. बांदरी तहसील मालथौन में नरयावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कानोनी, सेवारा, गढ़ोली, मोठी, रानीपुरा, खजुरिया, सेमराहाट, बरखेरा खुमान, देवरी, पिपरिया खंगार, डाबरी, धोहा, मेहर, हनौता दुगाहा, खैजरा आदि ग्राम संलग्न है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा कार्यपालन यंत्री म.प्र.वि.वि.कं. लि.मि. बण्डा तहसील बण्डा में नरयावली विधानसभा क्षेत्र की नगर परिषद कर्रापुर के 15 वार्ड एवं पड़रिया, सानौधा आदि ग्राम संलग्न है? (घ) क्या कार्यपालन यंत्री म.प्र.वि.वि.कं. लि.मि. बांदरी तहसील मालथौन एवं कार्यपालन यंत्री म.प्र.वि.वि.कं. लि.मि. बण्डा तहसील बण्डा में सम्मिलित ग्रामों को कार्यपालन यंत्री कार्यालय/कनिष्ठ यंत्री कार्यालय सागर ग्रामीण में जोड़ने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा इन ग्रामों को जोड़ने की कार्यवाही करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत नरयावली विधानसभा क्षेत्र में कार्यपालन यंत्री संचा./संधा. सागर का कार्यालय एवं इसके अधीनस्‍थ 07 कनिष्‍ठ अभियंता कार्यालय (वितरण केन्‍द्र) स्‍थापित/संचालित हैं। इसके अतिरिक्‍त संचालन/ संधारण संभाग, बण्‍डा के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत स्थित कर्रापुर वितरण केन्‍द्र नरयावली विधानसभा क्षेत्र के भौगोलिक क्षेत्रांतर्गत आते हैं एवं संचालन/संधारण संभाग खुरई के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत स्थित बांदरी वितरण केन्‍द्र के अंतर्गत भी नरयावली विधानसभा क्षेत्र के कुछ ग्राम आते हैं। (ख) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड सागर एवं विकासखण्‍ड राहतगढ़ में सम्मिलित ग्रामों की विद्युत व्यवस्था के लिये कार्यालय कार्यपालन अभियंता (सचा./संधा.) संभाग बंडा के अंतर्गत 01 वितरण केन्‍द्र कर्रापुर एवं कार्यालय कार्यपालन अभियंता (सचा./संधा.) संभाग खुरई के अंतर्गत 01 वितरण केन्‍द्र बांदरी तथा कार्यालय कार्यपालन अभियंता (सचा./संधा.) संभाग सागर के अन्‍तर्गत 07 वितरण केन्द्र यथा सागर ग्रामीण, बहेरिया, बरारू, बम्होरी रेगुआं, भापेल, नरयावली एवं ढाना स्थापित/संचालित हैं, जिनसे संबंधित ग्रामों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                                  (ग) जी हाँ। कार्यालय कार्यपालन अभियंता (सचा./संधा.) सभाग खुरई, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत वितरण केन्द्र बांदरी में विधानसभा क्षेत्र नरयावली के प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ग्राम आते हैं तथा कार्यालय कार्यपालन यंत्री (संचा./संधा.), संभाग, बण्डा, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, तहसील बण्डा अंतर्गत नरयावली विधानसभा क्षेत्र के प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित वार्ड एवं ग्राम आते हैं। (घ) जी नहीं। उल्‍लेखनीय है कि भौगोलिक स्थिति एवं क्षेत्र में स्‍थापित विद्युत अधोसंरचना के दृष्टिगत उत्‍तरांश (ग) में उल्‍लेखित ग्रामों/वार्डों को वर्तमान में कार्यालय कार्यपालन यंत्री, सागर/कार्यालय कनिष्‍ठ यंत्री, सागर ग्रामीण अन्‍तर्गत सम्मिलित किया जाना आवश्‍यक नहीं है। अतः शेष प्रश्‍न नहीं उठता है।

शहपुरागोटेगाँवदादा महाराज डोकरघाट रोड निर्माण

[लोक निर्माण]

48. ( क्र. 665 ) श्री महेन्‍द्र नागेश : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोटेगाँव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शहपुरागोटेगाँवदादा महाराज डोकरघाट मार्ग के फोरलेन निर्माण कार्य हेतु भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी, किंतु मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPRDC) द्वारा उक्त कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया, जिसके फलस्वरूप अब तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है? (ख) यदि हाँ, तो भूमि अधिग्रहण की वर्तमान स्थिति क्या है? कार्यवाही स्थगित किए जाने के कारण क्या हैं? संबंधित परियोजना के निर्माण कार्य को शीघ्र प्रारंभ कराए जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) शहपुरा-नरसिंहपुर मार्ग की प्रशासकीय स्‍वीकृति न होने के कारण भू-अर्जन का कार्य नहीं किया गया। प्रशासकीय स्‍वीकृति होने के उपरांत ही अग्रिम कार्यवाही किया जाना संभव होगा। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति न होने के कारण वर्तमान में भूमि अधिग्रहण कार्य किया जाना संभव नहीं है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा निर्माण कार्य हेतु डीपीआर की कार्यवाही प्रगतिरत् है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

संपत्ति कर की दरों का पुनरीक्षण एवं औचित्य निर्धारण

[नगरीय विकास एवं आवास]

49. ( क्र. 674 ) श्री महेन्‍द्र नागेश : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोटेगाँव नगर परिषद क्षेत्र में संपत्ति कर की दरें अन्य समकक्ष नगर निकायों की तुलना में अधिक निर्धारित हैं, जिसके कारण नागरिकों में असंतोष व्याप्त है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा उक्त दरों के औचित्य की समीक्षा हेतु कोई परीक्षण या प्रतिवेदन तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं? (ग) क्या शासन स्तर पर दरों के पुनरीक्षण अथवा तर्कसंगत निर्धारण की कोई कार्यवाही प्रचलन में है? (घ) यदि हाँ, तो उसकी वर्तमान स्थिति एवं अपेक्षित निर्णय की जानकारी क्या है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल से प्रतिवेदन प्राप्‍त होकर परीक्षणाधीन है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आवश्यक पदों की पूर्ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

50. ( क्र. 676 ) श्री महेन्‍द्र नागेश : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोटेगाँव नगर परिषद में राजस्व, लेखा एवं तकनीकी शाखाओं के स्वीकृत पदों में से अनेक पद लंबे समय से रिक्त हैं? (ख) क्या इन पदों की रिक्तता के कारण प्रशासनिक कार्यों, विकास योजनाओं के क्रियान्वयन तथा नगर सेवाओं के संचालन में बाधा उत्पन्न हो रही है?                                  (ग) यदि हाँ, तो शासन द्वारा नगर परिषद गोटेगाँव में प्रशासनिक सुचारुता बनाए रखने हेतु रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद गोटेगांव में राजस्‍व, लेखा एवं तकनीकी शाखा में स्‍वीकृत पदों में से स्‍थानांतरण एवं सेवानिवृत्ति होने के कारण पद रिक्‍त है। रिक्‍त पदों का विवरण निम्‍नानुसार है:-

क्रं.

पद नाम

स्‍वीकृत पद

भरे पद

रिक्‍त पद

रिक्त होने का कारण

1

राजस्‍व निरीक्षक

01

00

01

पूर्व से ही रिक्‍त पद है।

2

उप राजस्‍व निरीक्षक

02

00

02

पूर्व से ही रिक्‍त पद है।

3

सहायक राजस्‍व निरीक्षक

06

01

05

वर्ष 2016 से 2023 तक कुल 05 कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के कारण

4

लेखापाल

01

00

01

वर्ष 2014 से पदोन्‍नति होने से पद रिक्‍त है।

5

रोकपाल कैशियर

01

00

01

पूर्व से रिक्‍त है।

6

उपयंत्री (सिविल)

02

01

01

2021 में उपयंत्री का स्‍थानांतरण हो जाने के कारण

7

उपयंत्री (विद्युत)

01

01

00

-

(ख) निकाय में कुल 130 पद स्‍वीकृत है जिसमें नियमित 25, स्‍थायीकर्मी 53, संविदा पर 01 कर्मचारी एवं 131 दैनिक वेतन कर्मचारी कार्यरत है। नियमित कर्मचारियों की पदस्‍थापना न होने के कारण स्‍थायीकर्मी एवं दैनिक वेतन कर्मचारियों से निकाय के कार्य सुचारू रूप से कराये जाते है। (ग) आदर्श कार्मिक संरचना अनुसार निकायों में‍ रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु प्रस्‍ताव प्राप्‍त कर म.प्र. कर्मचारी चयन मंडल भोपाल को प्रेषित किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है।

 

 

बिना दस्तावेजों के प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति की जांच

[नगरीय विकास एवं आवास]

51. ( क्र. 680 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय प्रशासन विभाग के कार्यपालन यंत्री अतुल सिंह द्वारा अपने पत्र क्र. 6368 दि. 21.07.2025 से मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नर्मदापुरम् को कार्यवाही हेतु लिखा गया था। यदि हाँ, तो इस संबंध की गयी कार्यवाही की जानकारी दें। (ख) क्या तत्कालीन वि.क.अ.-सह आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल श्री भरत यादव, द्वारा 30 एवं 31 जनवरी 2023 को उत्तरदायी कर्मचारियों को (1) कलेक्टर से अनुमोदन के बिना हितग्राहियों को योजना का लाभ देने (2) पात्रता से अधिक भुगतान करने (3) दिशा निर्देशों के विपरीत अधिक भुगतान (4) भौतिक प्रगति के बिना ही राशि का भुगतान करने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये थे। उक्त पत्र किन-किन कर्मचारियों को जारी किये गये? नाम सहित जानकारी दें। (ग) क्या प्रश्‍नांश 'ब" में उल्लेखित आरोपों के कारण हितग्राहियों की जियो-टेगिंग डिलीट की गई है। यदि हाँ, तो कब, किनकी एवं किस कारण से? (घ) प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है? अभी तक किन लोगों के खिलाफ कौन से आरोप प्रमाणित पाये गये एवं इस पर क्या कार्यवाही हुई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। उपरोक्‍त के अनुक्रम में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद नर्मदापुरम के पत्र क्रमांक/7395/प्र.आ.यो./2025 दिनांक 31.10.2025 द्वारा जानकारी प्रेषित की गई है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।                                             (घ) विभागीय जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

म.प्र. में इन्टीग्रेटिड टाउनशिप एक्ट 2025

[नगरीय विकास एवं आवास]

52. ( क्र. 697 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में इंट्रीग्रेटिड टाउनशिप एक्‍ट 2025 कब लागू हुआ क्‍या उस एक्‍ट में 10 हेक्‍टेयर या उससे अधिक निजी भूमि जो निवेश एरिया के अंतर्गत है उसमें टाउनशिप विकसित करने के लिए भूमि का उपयोग चेंज कराना आनिवार्य है यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्‍नांश "क" में वर्णित इन्‍टीग्रेटेड टाउनशिप म.प्र. में किस-किस जिले में कितने-कितने किन के द्वारा विकसित किये जा रहे है? (ग) क्या टीकमगढ़ जिले में इन्‍टीग्रेटेड टाउनशिप विकसित किये जा रहे है यदि हाँ, तो जगह एवं विकसित करने वाले का नाम बताए?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. में इन्‍टीग्रेटेड टाउनशिप एक्‍ट 2025 लागू नहीं है, अपितु म.प्र. इन्‍टीग्रेटेड टाउनशिप नीति 2025 म.प्र. राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 14/03/2025 से लागू है। उक्‍त नीति में निवेश क्षेत्र में 10.0 हेक्‍टेयर या उससे अधिक भूमि को टाउनशिप विकसित करने के लिए भूमि का उपयोग उपांतरित कराना तभी आवश्‍यक है जब वह टाउनशिप भूमि उपयोग के अनुकूल न हो। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्तमान में इन्‍टीग्रेटेड टाउनशिप किसी भी जिले में विकसित नहीं की जा रही है। (ग) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

टीकमगढ़ नगर पालिका परिषद में भ्रष्‍टाचार

[नगरीय विकास एवं आवास]

53. ( क्र. 698 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्‍न क्र.-1567 के प्रति उत्तर में यह उल्लेख किया था कि लोकायुक्त कार्यालय के पत्र क्र. 169/जांच/प्रकरण/02/24 द्वारा शिकायत में उल्लेखित तथ्यों की बिंदुवार जांचकर तथ्यात्मक जांच प्रतिवेदन मांगा गया था जिसमें तात्कालीन अध्यक्ष को दोषी माना था। प्रतिवेदन से अवगत करायें? (ख) क्या नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ की दुकानों में किये गये भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की जांच का प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। उत्तर दिया गया था जांच प्रतिवेदन से अवगत करायें? (ग) क्या संचालनालय के 1 लगायत 12 पत्रों का हवाला प्रश्‍न क्र.-1567 के परिशिष्ट-ब में किया गया था। संपूर्ण शिकायतों के जांच प्रतिवेदन से अवगत करायें?                                     (घ) प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित पत्रों पर कार्यवाही में विलम्ब के लिये कौन उत्तरदायी है कब तक कार्यवाही सुनिश्चित होगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। उक्‍त प्रश्‍न के प्रतिउत्‍तर में यह उल्‍लेख किया गया था, कि लोकायुक्‍त कार्यालय के पत्र क्रमांक 169/जां.प्र. 02/24 दिनांक 04.04.2024 द्वारा प्राप्‍त शिकायत में उल्‍लेखित तथ्‍यों की बिन्‍दुवार जांच कर तथ्‍यात्‍मक जांच प्रतिवेदन संभागीय संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग-सागर को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। यह कि उक्‍त जांच प्रतिवेदन अप्राप्‍त है। (ख) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है(ग) जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से सड़क निर्माण

[लोक निर्माण]

54. ( क्र. 775 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रानीपुरा माफ़ी से ग्राम दाँती तक कच्ची सड़क लगभग 15 कि.मी. है उक्त ग्रामों से 10 - 12 गांव लगे हैं जिनको आने-जाने में बहुत परेशानी होती है?                                (ख) क्या उक्त ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में जोड़ने के लिए कोई कार्यवाही की गई है? (ग) ग्राम रानीपुरा माफ़ी से ग्राम दाँती तक की P.W.D. एवं सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना कब तक जोड़ी जाएगी, यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताए और नहीं तो क्यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) ग्राम रानीपुरा माफी से ग्राम दांती तक कच्चा कार्टट्रेक मार्ग है, जो लोक निर्माण विभाग की पुस्तिका पर अंकित नहीं है। (ख) प्रश्‍नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से संबंधित है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से सम्बंधित है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

अनुसूचित जनजातीय बस्तियों में विद्युतीकरण करना

[ऊर्जा]

55. ( क्र. 777 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) सहरिया आदिवासी समुदाय कई वर्षों से रघुनाथपुर का सहरना उदयपुरा, तहसील वीरपुर तहसील कराहल की ग्राम पंचायत कटीला का मोहल्ला सिद्धपुरा और ग्राम पंचायत बांसेड के ग्राम कुरचोर खुर्द, ग्राम कुरचोर कला गांवों में निवासरत परिवारों को अभी तक विद्युत लाइन से नहीं जोड़ा गया है। क्या विभाग इन ग्रामों को विद्युतीकरण से जोड़ेगा? (ख) क्या राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत इन जिले के विभिन्न मजरा टोला ग्रामों को उक्त योजना में सम्मिलित करने के लिए कोई कार्यवाही की गई है? (ग) विद्युतीकरण के अभाव में स्थानीय परिवार, बिजली पानी रोशनी से वंचित हो रहे हैं। प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) की जानकारी सही है, तो इन गांवों को राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना से कब तक जोड़ा जाएगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो कारण दें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) श्‍योपुर जिलान्‍तर्गत प्रश्‍न में उल्‍लेखित विभिन्‍न ग्रामों के मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण से संबंधित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                                    (ख) वर्तमान में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना प्रचलित नहीं है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित ग्रामों के मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण से संबंधित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

मूर्ति स्थापित करना

[नगरीय विकास एवं आवास]

56. ( क्र. 797 ) इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नेहरु बाल उद्यान भारत के माननीय पूर्व प्रधानमंत्री पं.श्री जवाहरलाल नेहरु जी की मूर्ति स्थापित करने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा श्रीमान कलेक्टर जिला अशोकनगर को पत्र क्र. 405/ 2025/अशोकनगर दिनांक 26.05.2025 एवं पुन: पत्र क्र. 596/2025/अशोकनगर दिनांक 26.07.2025 को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है लेकिन आज तक स्थानीय निकाय एवं जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : जी हाँ। की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "छियालीस"

 

जिला निवाड़ी में विभाग के स्‍वीकृत पदों की जानकारी

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

57. ( क्र. 822 ) श्री अनिल जैन : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग जिला निवाड़ी में कुल कितने पद स्वीकृत किए गए हैं व कुल कितने पद पूर्व जिला टीकमगढ़ से स्थानांतरित किए गए हैं?                                                      (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्या जिला टीकमगढ़ से जिला निवाड़ी में स्थानांतरित किए गए समस्त पद जिला टीकमगढ़ से कम करते हुए जिला निवाड़ी में जोड़ दिए गए है, यदि हाँ, तो जिला निवाड़ी एवं जिला टीकमगढ़ कोषालय की पदवार मैप की गई जानकारी देवें? (ग) उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग जिला निवाड़ी एवं जिला टीकमगढ़ में पदस्थ समस्त अधिकारियों/ कर्मचारियों की सूची नाम, पदनाम सहित संपूर्ण जानकारी देवें?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) उप संचालक सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण जिला निवाड़ी में कुल 06 पद स्‍वीकृत किये गये एवं पूर्व जिला टीकमगढ़ से कुल 05 पद स्‍थानां‍तरित किए गए है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट– '' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट– '' अनुसार।

आवक एवं जावक पंजी की जानकारी

[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]

58. ( क्र. 825 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सहायक संचालक उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्‍करण पन्‍ना, जिला पन्‍ना के कार्यालय में संधारित आवक एवं जावक पंजी की प्रति पृथक-पृथक, वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की उपलब्‍ध करावे तथा आवक एवं जावक पंजी के संधारण के शासन नियमों की प्रति उपलब्‍ध करावे।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : कार्यालय सहायक संचालक उद्यान जिला पन्‍ना में संधारित आवक एवं जावक पंजी की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। आवक एवं जावक पंजी के संधारण में शासन नियम-निर्देश की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।

गौ-शालाओं को अनुदान

[पशुपालन एवं डेयरी]

59. ( क्र. 833 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश में अलग-अलग जिलों में कितनी-कितनी सरकारी और गैर-सरकारी गौ-शालाएं हैं? (ख) विगत दो वर्षों में अलग-अलग उपरोक्‍त जिलों में गौ-शालाओं को कितना-कितना सरकारी अनुदान दिया गया है तथा कितना अनुदान दिया जाना बकाया हैं? (ग) चारे के लिए, उपचार के लिए और रख रखाव के लिए प्रति पशु कितना अनुदान दिया जाता हैं?

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। (ग) गौवंश के चारा एवं दाना तथा रखरखाव हेतु रू. 40/- प्रति गौवंश प्रतिदिवस के मान से अनुदान दिया जाता है। गौशाला में उपलब्‍ध गौवंश का उपचार नजदीकी पशु चिकित्‍सा संस्‍था के उपलब्‍ध अमले द्वारा किया जाता है।

प्रदेश में निराक्षित पशुओं से नुकसान

[पशुपालन एवं डेयरी]

60. ( क्र. 836 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के अलग-अलग जिलों में प्रश्‍न दिनांक तक कितने-कितने निराक्षित पशुओं के होने का अनुमान हैं? (ख) विगत दो वर्ष में प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कितनी-कितनी सड़क दुर्घटनाएं, निराक्षित पशुओं के कारण हुई हैं? इनमें कितने लोग दिवंगत और कितने घायल हुए? (ग) विगत दो वर्ष में प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कितने किसानों की फसलों को नुकसान हुआ हैं? (घ) क्‍या निराक्षित पशुओं के कारण किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान के किसानों को आर्थिक सहायता या मुआवजा दिए जाने का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो उसका विवरण दें? (ड.) यदि कोई प्रावधान नहीं है तो क्‍या किसानों की इस गंभीर समस्‍या को देखते हुए शासन इसका प्रावधान करेगा?

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) 20वीं पशु संगणना के अनुसार जिलावार निराश्रित गौवंश की  जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है(ख) गृह (पुलिस) विभाग, पुलिस मुख्‍यालय, भोपाल से प्राप्‍त जानकारी अनुसार विगत दो वर्ष में प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश में पशुओं के कारण 237 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 94 लोग दिवंगत हुए तथा 133 लोग घायल हुए हैं। निराश्रित के संबंध में ज्ञात किया जाना संभव नहीं है। (ग) किसानों की फसलों के नुकसान का आकलन विभाग द्वारा नहीं किया जाता। (घ) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) निराश्रित पशुओं के कारण किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान के किसानों को आर्थिक सहायता या मुआवजा दिये जाने का वर्तमान में पशुपालन एवं डेयरी विभाग में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सैंतालीस"

गोपाल पुरस्‍कार योजना की जानकारी

[पशुपालन एवं डेयरी]

61. ( क्र. 839 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गोपाल पुरस्‍कार योजना के अंतर्गत शासन द्वारा अधिकतम दूध देने वाली गायों के पशुपालकों को राज्‍य स्‍तर, जिला स्‍तर एवं विकासखण्‍ड स्‍तर पर चयन कर क्रमश: 2 लाख, 1 लाख एवं 50 हजार की पुरस्‍कार राशि देने का प्रावधान है? (ख) क्‍या वर्तमान वर्ष 2025-26 में पनागर विकासखण्‍ड स्‍तर पर अधिकतम दूध देने वाली गाय का चयन किया गया है? यदि हाँ, तो कब एवं कहां की गाय चयनित की गई है? पशुपालक का नाम एवं पुरस्‍कार राशि का विवरण देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत गत 3 वर्षों में पुरस्‍कृत पशुपालकों के नाम बताये?                          (घ) प्रश्‍नांश (ख) के अंतर्गत यदि चयनित नहीं की गई है तो क्‍यों?

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। गोपाल पुरस्‍कार योजना पूर्व में संचालित थी। वर्ष 2025-26 में ''प्रदेश की मूल गौवंशीय नस्‍ल एवं भारतीय उन्‍नत नस्‍ल की दुधारू गायों हेतु पुरस्‍कार योजना'' के नाम से संचालित है। योजना में जिला स्‍तर पर प्रथम पुरस्‍कार रूपये 51000.00 द्वितीय पुरस्‍कार रूपये 21000.00 एवं तृतीय पुरस्‍कार राशि 11000.00 का प्रावधान है। राज्‍य स्‍तर पर प्रथम पुरस्‍कार राशि रूपये 200000.00, द्वितीय पुरस्‍कार राशि रूपये 100000.00 एवं तृतीय पुरस्‍कार राशि रूपये 50000.00 का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2025-26 में 07 अप्रैल 2025 में जिला स्‍तर पर ग्राम बिहारिया, विकासखण्‍ड पनागर जिला जबलपुर के श्री धर्मेश पटेल जी की हरियाणा नस्‍ल की गाय ने प्रथम स्‍थान प्राप्‍त किया था एवं उनकी पुरस्‍कार राशि रूपये 51000.00 का भुगतान दिनांक 11.11.2025 को उनके बैंक खाते में कर दिया गया है। (ग) गत तीन वर्ष में से दो वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में योजना प्रचलित नहीं हुई। वर्ष 2025-26 की जानकारी उत्‍तरांश˝ ʺ के अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जबलपुर जिले की गौ-शालाओं में पशु रखना

[पशुपालन एवं डेयरी]

62. ( क्र. 840 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आवारा पशुओं की सुरक्षा एवं सेवा की दृष्टि से गौशालायें निर्मित की गई हैं? (ख) क्‍या इन गौ-शालाओं में पशु रखे गये हैं? गौशालावार पशुओं की संख्‍या बताये? (ग) क्‍या अधिकांश संख्‍या में रोड पर पशु विचरण करते हैं? (घ) यदि हाँ, तो इन पशुओं को निर्मित गौ-शालाओं में क्‍यों नहीं रखा जाता है?

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। निराश्रित गौवंश के व्‍यवस्‍थापन हेतु गौ-शालाएं निर्मित की गई है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।                              (ग) जी नहीं। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कुसुम योजना का संचालन

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

63. ( क्र. 869 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी शर्तें/योजनाएं संचालित की जा रही है? नियम एवं छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। क्या उक्त योजना में श्रेणियां निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो श्रेणीवार नियम निर्देश शर्तों की प्रतियां उपलब्ध करायें। वर्ष 2023-24, 2024-25, 2025-26 में कितनी फर्मों/व्यक्तियों द्वारा प्रस्ताव/एम.ओ.यू. किये गये हैं? कृपया वर्षवार, श्रेणीवार अलग-अलग जानकारी दें। (ख) क्या उक्त आवेदित फर्मों को शासन द्वारा शासकीय भूमि भी उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो कितनी फर्मों द्वारा अपनी निजी भूमि पर प्रस्ताव दिये गये हैं? अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या विभाग द्वारा कुसुम योजना "A" से अधिक हितग्राही लाभान्वित हो रहे थे? यदि हाँ, तो क्या इसी कारण से कुसुम योजना "A" बंद की गई है? बंद करने के विस्तृत कारण बतायें। (घ) क्या इसी योजनांतर्गत बड़ी कंपनियों को लाभांवित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित बतायें तथा क्या जनहित में बंद की गई कुसुम योजना "A" को प्रारंभ किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? जानकारी प्रदान करें।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्‍ला ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोफ्यूल, लघु जल विद्युत ऊर्जा एवं पंप हाईड्रोस्‍टोरेज आदि परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। उक्‍त परियोजनाएं म.प्र. नवकरणीय ऊर्जा नीति 2025, बायोफ्यूल योजना 2025, पंप हाईड्रोस्‍टोरेज योजना 2025 एवं विकेन्‍द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति 2016 के प्रावधान और नियमों के तहत क्रियान्वित की जा रही हैं, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इन परियोजनाओं के अंतर्गत वित्‍तीय वर्षों 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 के स्‍वीकृत प्रस्‍तावों की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। साथ ही, विभाग के अंतर्गत नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार की निम्‍न योजनाओं का क्रियान्‍वयन किया जा रहा है :- सौर पार्क: प्रदेश में वृहद सौर पार्कों की स्‍थापना हेतु केन्‍द्र सरकार की सौर पार्क स्‍कीम लागू है जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योजना के अंतर्गत नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में वृहद सौर पार्कों की स्‍थापना की जाती है। योजनांतर्गत वर्ष 2024-25 में एक फर्म, मेसर्स वारी एनर्जीस को परियोजना अवार्ड की गई है। कुसुम-अ: नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री कुसुम-अ संचालित है। प्रधानमंत्री कुसुम-अ को क्रियान्वित करने हेतु पत्र क्रं. MPUVN/KUSUM-A/ 2023-24/1227, दिनांक 02/07/2024 के माध्यम से भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रधानमंत्री कुसुम '' योजना में पंजीयन की नवीन सरलीकृत पारदर्शी एवं प्रतिस्पर्धात्मक चयन प्रक्रिया जारी की गई जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्ष 2023-24 में कुल 141 एवं वर्ष 2024-25 में कुल 2523 (प्रतिक्षा सूची सहित) कृषकों/विकासक इकाइयों के आवेदन/प्रस्ताव प्राप्त हुए है। कुसुम-ब: नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अंतर्गत भारत सरकार की पी.एम. कुसुम योजना का घटक '''' प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के नाम से संचालित है, जिसके अंतर्गत ऑफग्रिड स्‍टैण्‍ड अलोन सोलर पंप की स्‍थापना की जाती है। योजना की संक्षिप्‍त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। योजनान्‍तर्गत शर्त व नियम (राजपत्र दिनांक-13 मई 2025, संशोधन, दिनांक-24/11/2025) की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। योजनान्‍तर्गत सोलर पम्‍प स्‍थापना हेतु 36 इकाइयों से अनुबंध किये गये हैं जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कुसुम-स: नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के तहत कुसुम-स/सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना संचालित की जा रही है। कुसुम-स/सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना की नियमावली की की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। म.प्र. में उक्त योजना में Self Development Mode एवं Developer Mode श्रेणी अंतर्गत प्रचलित नियमों एवं वर्ष 2023-24, 2024-25, 2025-26 में विकास अधीन प्रस्‍ताव की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पी.एम. जनमन: भारत सरकार द्वारा संचालित PM JANMAN योजना के अंतर्गत अविद्युतीकृत PVTG घरों/Households के विद्युतीकरण हेतु अधोसंरचना विस्तार के लिए आंकलित लागत रू. 1 लाख प्रति Household से अधिक हो, वहां लगभग 01 किलोवॉट क्षमता के ऑफग्रिड प्रणाली (सोलर बैटरी) की स्थापना, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा की जाना है। जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। योजनान्तर्गत प्रथम चरण में, प्रदेश के बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजाति वर्ग के कुल 2060 घरों मे, सौर संयंत्र स्थापित किये जा रहे हैं। द्वितीय चरण में कुल 317 घरों में संयंत्र लगाया जाना प्रस्‍तावित है। रूफटॉप: विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली - योजना संचालित की जा रही है। योजना निम्‍नानुसार तीन श्रेणियों में क्रियान्वित की जा रही है :- शासकीय भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना। शासन द्वारा जारी निर्देशो की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। आवासीय उपभोक्ताओं की छतों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित करना जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। चयनित ग्रामों को सौर ऊर्जाकृत किये जाने की 'आदर्श सौर ग्राम योजना की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा फरवरी 2025 में आयोजित इनवेस्‍टर मीट अंतर्गत विभिन्‍न निवेशको/फर्मो से किये गये एम.ओ.यू जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ख) वर्ष 2025-26 में बायोफ्यूल आधारित दो परियोजनाओं को शासकीय भूमि आवंटित की गई है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। वर्ष 2024-25 में मेसर्स वारी एनर्जीस को 170 मेगावाट क्षमता की स्‍थापना के लिए 330 हेक्‍टेयर शासकीय भूमि, ग्राम बडी, तहसील सिंगोली, जिला नीमच में आवंटित की गई है। कुसुम-अ: प्रधानमंत्री कुसुम '' योजनांतर्गत उक्त आवेदित फर्मों को शासन द्वारा शासकीय भूमि उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित नहीं है। सभी फर्मों द्वारा निजी भूमि पर संयंत्र स्थापना के प्रस्ताव दिये गये है। कुसुम-ब: सोलर पंप कृषक की निजी भूमि में लगाये जाने का प्रावधान है। कुसुम-स: उक्त आवेदित फर्मों को शासन द्वारा शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई है। (ग) प्रधानमंत्री कुसुम '' योजनांतर्गत भारत सरकार से कुल 1790 मेगावाट की सौर परियोजनाएं स्‍थापित करने का लक्ष्‍य प्राप्‍त था। तदनुसार प्राप्‍त संख्‍या में आवेदन प्राप्‍त कर आवश्‍यक कार्यवाही की गई है। भारत सरकार से प्राप्‍त लक्ष्‍य की पूर्ति होने से अग्रिम कार्यवाही बंद है। (घ) प्रधानमंत्री कुसुम '' योजनांतर्गत कृषक/कृषकों के समूह/कृषक उत्पादक संगठन/जल उपभोक्ता संघ/पंचायत/कृषि संबंधी संस्थान स्‍व-विकास मोड में भाग लेकर स्‍वयं की कृषि भूमि पर परियोजना स्थापित कर सकते हैं। विकास/निवेशक द्वारा भी कृषक की भूमि लीज पर लेकर संयंत्र स्‍थापना हेतु योजना में भाग लिया जा सकता है। भारत सरकार से प्राप्‍त लक्ष्‍य अनुसार ही योजना का क्रियान्‍वयन किया जाता है।

लंबित देयकों का भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

64. ( क्र. 870 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट नगर परिषद जिला सतना एवं नगर परिषद मैहर में दीनदयाल अंत्योदय रसोई केन्द्र का संचालन निर्मल ज्योति महिला एवं मंडल निराला रीवा के द्वारा कब से किया जा रहा है अनुबंध की प्रति देते हुए जानकारी दें। (ख) दीनदयाल अंत्योदय रसोई केन्द्र के संचालन करने वाले समूहो महिला मंडलो को उनके कार्य का भुगतान कितने दिनों के अंदर देना चाहिए नियम एवं समय-समय पर शासन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश निर्देशो की प्रति देते हुए जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) यदि सही है तो नगर परिषद अधिकारी चित्रकूट को निर्मल ज्योति महिला मंडल निराला नगर रीवा के द्वारा अपने भुगतान प्राप्त करने के लिये अपने पत्र कमांक 337/2025 दिनांक 25/9/2025 एवं पत्र कमांक 333/2025 दिनांक 12.09.2025 से भुगतान प्राप्त करने के लिए मुख्य नगर पालिका अधिकारी को प्रस्तुत किया है यदि हाँ, तो आज दिनांक तक क्यो भुगतान नहीं किया गया सह पत्रों के साथ जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) यदि सही है तो नगर परिषद अधिकारी बिलों का भुगतान क्‍यों नहीं किया जा रहा है। लंबित बिलों का भुगतान कर देंगे उक्त अधिकारी की प्रथम नियुक्ति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी शिकायत शासन विभाग को प्राप्त हुई है किन-किन की जांच तथा दोषी होने पर क्या कार्यवाही की गई जांच प्रतिवेदन पारित आदेश की प्रति साथ जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) रीवा संभाग अंतर्गत नगर परिषद चित्रकूट, जिला सतना (म.प्र.) में दीनदयाल अंत्योदय रसोई केन्द्र का संचालन निर्मल ज्योति महिला एवं मंडल निराला रीवा के द्वारा दिनांक 18.12.2020 से किया जा रहा है। संबंधित संस्था से किये गये अनुबंध की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नगर पालिका परिषद मैहर, जिला सतना (म.प्र.) में दीनदयाल अंत्योदय रसोई केन्द्र का संचालन निर्मल ज्योति महिला एवं मंडल निराला रीवा के द्वारा वर्तमान समय में कार्य नहीं किया जा रहा है। (ख) दीनदयाल अन्योदय रसोई केन्द्रों के संचालन हेतु भुगतान की समय-सीमा के संबंध में शासन द्वारा पृथक से कोई निर्धारित नियम अथवा निर्देश जारी नहीं किये गये है। (ग) जी हाँ निर्मल ज्योति महिला मंडल निराला नगर रीवा के द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद चित्रकूट, जिला सतना (म.प्र.) को देयक प्रस्तुत किया गया था। अक्टूबर 2022 से दिसम्बर 2023 तक का राशि रू. 6,87,382/- का भुगतान निकाय द्वारा किया जा चुका है। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) सही है। उत्तरांश (ग) के अनुसार भुगतान किये जाने के कारण, प्रश्‍न ही उत्पन्न नहीं होता है। वर्तमान मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री अंकित सोनी के कार्यकाल में कोई नवीन शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उत्पन्न नहीं होता है।

नगर परिषद पलेरा एवं खरगापुर अंतर्गत निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

65. ( क्र. 881 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद खरगापुर के वार्ड नं 4 में मुल्ले खान के घर से ईदगाह तक सी.सी. रोड एवं नाली निर्माण वर्ष 2023 में डाला गया था उसके बाद पुनः डालकर निकाय की राशि का दुरूपयोग किया गया इसकी जांच कराते हुए पुराहार नाले पर पुल निर्माण कब तक करा दिया जावेगा सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (ख) क्या नगर परिषद पलेरा में शीतला माता मंदिर से भांवरी माता मंदिर पर पुलिया निर्माण की अति आवश्यकता है तथा वार्ड नं. 2 में चरन जायसवाल के मकान से रामेश्वर जायसवाल के घर की ओर सी.सी. रोड निर्माण कराया जाना जनहित में अति में अति आवश्यक है इनको स्वीकृत कर कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (ग) क्या नगर परिषद पलेरा के वार्ड नं. 14 में रविदास स्कूल और छात्रावास है उसके पास काफी आम नागरिकों द्वारा मकान बनाकर रहने लगे है जिनकी रजिस्‍ट्री एवं डायवर्सन है परिषद में मकान दर्ज है उन सभी को आवागमन हेतु रास्ता नहीं है इसलिये मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी तहसीलदार पलेरा के साथ मिलकर आम जनता को रास्ता दिलाये जाने की कार्यवाही क्यो नहीं की जा रही है शीघ्र रास्ता की व्यवस्था करायेगे यहि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। नगर परिषद पलेरा द्वारा शीतला माता मंदिर से भंवरी माता मंदिर पर पुलिया निर्माण कार्य एवं वार्ड नं. 02 में चरण जायसवाल के मकान से रामेश्वर जायसवाल के घर की ओर सी.सी. सड़क निर्माण कार्य के लिये प्राक्कलन राशि रु. 48.00 लाख का तैयार किया गया है। निकाय की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने से कार्य नहीं कराया गया है, बजट उपलब्धता अनुसार कार्य कराया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नगर परिषद पलेरा के वार्ड क्र. 14 में रविदास स्कूल और छात्रावास के पास रहवासियों द्वारा रविदास स्कूल के पास स्थित रास्ते से आवागमन किया जाता है। वर्तमान में किसी प्रकार का आवागमन अवरुद्ध नहीं है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अड़तालीस"

सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

66. ( क्र. 882 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ से छतरपुर मार्ग वाया बल्देवगढ़, पटोरी से वाया हटा लमेरा मार्ग, मजना पलेरा मार्ग, करमौरा से फूलपुर होकर चरी रामनगर पचेर मार्ग, बल्देवगढ़ से सुजानपुरा होकर मजना पलेरा मार्ग तक, जतारा से खरगापुर मार्ग, कुड़ीला से खरगापुर मार्ग, भेलसी से विजरई होकर देवरदा तक का मार्ग, पूर्ण रुप से खराब हालत में है? इन सभी के निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिये जावेंगे? कृपया जानकारी दें। (ख) क्या मजना पलेरा मार्ग पर दांतगोरा के पास का पुल टूट गया है जिसमे एक राहगीर मृत भी हो गया था, उक्त पुल का निमीण कब तक करा दिया आवेगा? जानकारी दें। (ग) क्या ल्देवगढ़ से सुजानपुरा मार्ग पूरी तरह से उखड़ गया है और तिरछी पुलियों के कारण हमेशा दुर्घटनायें होती रह‌ती है उनको सीधा करके निर्माण कराये जाने हेतु कार्य की स्वीकृति कब तक प्राप्त हो जायेगी तथा सड़क निर्माण सहित पुलियों का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? जानकारी स्पष्ट करें। (घ) क्या अहार पुलिया से लड़वारी होकर नारायणपुर तथा टीकमगढ़ को अहार लावौरा से जोड़ने वाली सड़क पूर्ण रूप से खराब हो गई है? इसका निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) टीकमगढ़-छतरपुर मार्ग (टीकमगढ़-बलदेवगढ़-बंधा तिराहा) लंबाई-58.2 कि.मी. मार्ग पर बी.टी. नवीनीकरण का कार्य प्रगतिरत है। बी.टी. नवीनीकरण कार्य का कार्यादेश दिनांक 02.04.2025 को जारी किया गया है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की समयावधि 08 माह (वर्षाकाल छोड़कर) रखी गई है। कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर ‍लिया जावेगा। मार्ग की स्थिति संतोषप्रद है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) मजना पलेरा मार्ग पर दांतगोरा के पास पुल की 50 मीटर एप्रोच सड़क भारी वर्षा के कारण बह गई थी। अपितु परिवर्तित मार्ग बनाकर यातायात निरन्‍तर जारी है। राहगीर मृत होने की जानकारी लोक निर्माण विभाग को अप्राप्‍त है। मजना पलेरा मार्ग किसी भी योजना में न तो प्रस्‍तावित है और न ही स्‍वीकृत है। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) बल्देवगढ़ से सुजानपुरा मार्ग पी.एम.जी.एस.वाय. के अंतर्गत है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (घ) अहार पुलिया से लडवारी होकर नारायणपुरा एवं टीकमगढ को अहार लखौरा से जोड़ने वाली सड़क पी.एम.जी.एस.वाय. के अंतर्गत है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।

सोलर पंप का गलत उपयोग एवं स्‍थापना

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

67. ( क्र. 897 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या केन्‍द्र शासन एवं राज्‍य शासन द्वारा किसानों को सोलर पंप स्‍थापना हेतु अनुदान प्रदाय कर सिंचाई रकवा बढ़ाये जाने हेतु सोलर पंपों की स्‍थापना करायी जा रही हैं? यदि हाँ, तो विगत पांच वर्षों में सतना जिले के जनपद पंचायत सोहावल में किन-किन किसानों के यहां सोलर पंप की स्‍थापना कर कितने रकवे में सिंचाई कार्य बढ़ाया गया है? कृषकवार, वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में श्री रामायण प्रसाद त्रिपाठी पिता स्‍वर्गीय रामप्रबोध ग्राम गौरा जनपद पंचायत सोहावल को तीन एच.पी. का सोलर पंप किस खसरा नंबर में स्‍वीकृत किया गया? किस खसरा नंबर में स्‍थापित किया गया? क्‍या संबंधित किसान द्वारा आबादी के घर में स्‍थापना कराई जाकर घरेलू पानी एवं बिजली के रूप में उपयोग किया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य क्‍या में किसान एवं ठेकेदार द्वारा गलत जगह सोलर पम्‍प स्‍थापित करने के दोषी है? यदि हाँ, तो क्‍या किसान एवं ठेकेदार के ऊपर वैधानिक कार्यवाही की जाकर सोलर पंप की जप्‍ती, सम्‍पूर्ण अनुदान राशि की वसूली, दंड स्‍वरूप सजा एवं जुर्माना से दंडित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्‍ला ) : (क) जी हाँ। केन्‍द्र शासन एवं राज्‍य शासन द्वारा किसानों के यहां अनुदान पर सोलर पंप स्‍थापना की जा रही है। विगत पांच वर्षों में सतना जिले के जनपद पंचायत सोहावल में स्‍थापित किये सोलर पंप की कृ‍षकवार/वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में श्री रामायण प्रसाद त्रिपाठी पिता स्‍वर्गीय रामप्रबोध, ग्राम गौरा जनपद पंचायत सोहावल को 3 एच.पी. का सोलर पंप 7/3 खसरा नंबर में स्‍वीकृत किया गया था। संबंधित खसरे पर कृषि भूमि पर सिंचाई हेतु दिनांक 24.03.2021 को सोलर पम्‍प की स्‍थापना की गई है। सोलर पंप की स्‍थापना आबादी के घर में घरेलू पानी एवं बिजली के रूप में उपयोग हेतु नहीं की गई है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित हितग्राही के यहां ठेकेदार इकाई द्वारा सोलर पंप संयंत्र 7/3 खसरा नंबर में स्‍थापित किया गया है। स्‍थापित सोलर पंप का विक्रय या स्‍थानांतरण नहीं किया जा सकता है। स्‍थापित सोलर पंप की 5 वर्ष की रख-रखाव की अवधि में पंप को अन्‍यत्र स्‍थानांतरित नहीं किया जा सकेगा। योजनांतर्गत चूंकि सोलर पंप की स्‍थापना कृषि सिंचाई के लिए की जाती है। अत: इस योजना के हितग्राही को, विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अनुदान पर कृषि सिंचाई के लिए विद्युत आपूर्ति हेतु अपात्र किये जाने का प्रावधान है।

परिशिष्ट - "उन्चास"

लोकायुक्‍त प्रकरण में दोषी जनों पर कार्यवही

[नगरीय विकास एवं आवास]

68. ( क्र. 906 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत नगर परिषद जैतहरी में तत्‍कालीन अध्‍यक्ष, सी.एम.ओ. एवं अन्‍य के विरूद्ध लोकायुक्‍त में पंजीबद्ध प्रकरण क्र. 0081/2021-22, क्र. 0082/2021-22, 0083/2021-22 के समस्‍त जांच प्रतिवेदन तथा प्रश्‍न दिनांक तक जांच प्रतिवेदन अनुसार इतने अंतराल में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? पूर्ण जानकारी व दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराएं। (ख) लोकायुक्‍त में पंजीबद्ध प्रकरण क्र. 0081/2021-22 में पुन: निष्‍पक्ष जांच हेतु शिकायतकर्ता श्री कैलाश सिंह मरावी पूर्व जिला महामंत्री भाजपा, पूर्व अध्‍यक्ष कृषि उपज मंडी तथा सभापति नगर परिषद एवं श्री अनिल कुमार गुप्‍ता पूर्व जिला अध्‍यक्ष भाजपा ने लोकायुक्‍त, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन तथा आयुक्‍त नगरीय प्रशासन भोपाल को प्रकरण क्र. 0081/2021-22 में दस्‍तावेजी साक्ष्‍य सहित पत्र पुन: जांच हेतु भेजा हैं? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति उपलब्‍ध कराते हुए उत्‍तर दिनांक तक सम्‍पूर्ण जांच व नवीन तथ्‍यों पर कार्यवाही कब तक करेंगें, स्‍पष्‍ट पूर्ण जानकारी देवें? (ग) क्‍या विभाग आर्थिक भ्रष्‍टाचार, अनैतिक व भ्रष्‍ट कार्य के प्रमाणित प्रकरण में तत्‍कालीन अध्‍यक्ष व सी.एम.ओ. को अयोग्‍य घोषित कर राशि वसूली एवं वैधानिक कार्यवाही समय-सीमा में करेगें? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जांच प्रतिवेदन एवं उसके आधार पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परि‍शिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पत्र की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। उक्‍त प्रकरण में उत्‍तरदायी पाए गए अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) नगर परिषद जैतहरी को आर्थिक क्षति पहुँचाई जाने के लिए उत्‍तरदायी पाए गए सी.एम.ओ. के विरूद्ध प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कार्यवाही प्रचलित है तथा तत्‍कालीन अध्‍यक्ष के विरूद्ध मध्‍यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम,1961 की धारा 35 क में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 1301/1483/2021/18-3 दिनांक 16.04.2025 के माध्‍यम से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

अवैधानिक ढंग से नाली तोड़ने पर आर्थिक क्षति

[नगरीय विकास एवं आवास]

69. ( क्र. 910 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के नगर परिषद जैतहरी में वार्ड नं. 5, 12 एवं 13 में गुलजारी प्रजापति, अशोक सिंह के घर से गजाधर के घर तक आर.सी.सी. निर्माण वर्ष 2014-2015 में किया गया था? यदि हाँ, तो सम्‍पूर्ण नाली निर्माण की लागत संविदाकार का नाम, निविदा आमंत्रण की तिथि कार्य का अंतिम भुगतान की तिथि कार्यपालन यंत्री संभागीय कार्यालय निरीक्षण उपरांत अंतिम एस.डी. एवं अन्‍य राशि का भुगतान सहित पूर्ण जानकारी देवें? (ख) क्‍या क्‍या आर.सी.सी. नाली निर्माण पूर्व परिषद के अध्‍यक्ष ने साजिश पूर्वक नाली के मध्‍य भाग का सैकड़ों मीटर तोड़वा कर नाली का उद्देश्‍य व औचित्‍य समाप्‍त किया है? यदि हाँ, तो क्‍या फुटहा तालाब के प्रवेश द्वारा से सतीश तिवारी के आवास तक कितने मीटर पक्‍की नाली तोड़ा गया है? लम्‍बाई कुल लागत मूल्‍य तथा सम्‍पूर्ण लागत मूल्‍य की भौतिक परीक्षण व जांच उपरांत शासन या निकाय को आर्थिक क्षति की पूर्ण जानकारी देवें? (ग) क्‍या तत्‍कालीन अध्‍यक्ष व पी.आई.सी. ने नियम विरूद्ध ढंग से तुगलकी निर्णय कर झूठे व मनगढ़त तथ्‍य के आधार पर कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग व कलेक्‍टर के बिना सक्षम स्‍वीकृत नाली तोड़कर निकाय को आर्थिक क्षति पहुँचायी है? यदि हाँ, तो दोषी जनों पर समय-सीमा में आर्थिक क्षति वसूली व वैधानिक कार्यवाही की जाऐगी? (घ) क्‍या नाली टूटने की पुलिस थाना सहित तकनीकी जांच व अनुमति के बगैर ही स्‍वेच्‍छाचारितर के तहत आर.सी.सी. नाली को अल्‍प अवधि में तोड़ना व उसका अस्तित्‍व तथा बीच का भाग तोड़कर सम्‍पूर्ण नाली के उपयोग व उद्देश्‍य समाप्‍त होने के गंभीर अनियमितता एवं जन विरोधी कदम पर पूर्ण आर्थिक क्षति की जानकारी देते हुये कार्यवाही से अवगत करायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) एवं (घ) उतरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "पचास"

एन.एच. औबेदुल्‍लागंज बैतूल पर बनाये गये टोल

[लोक निर्माण]

70. ( क्र. 911 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एनएच 69 औबेदुल्‍लागंज-बैतूल पर बनाये गये टोल के संबंध में शासन द्वारा क्‍या मापदंड एवं शर्तें रखी गई हैं? एक टोल से दूसरे टोल की दूरी क्‍या हैं? नियमों की प्रति हिन्‍दी भाषा में उपलब्‍ध करावें? (ख) एनएच 69 औबेदुल्‍लागंज-बैतूल पर जो टोल टैक्‍स बनाये गये है उसमें एक टोल औबेदुल्‍लागंज में बनाया गया है जबकि यह टोल औबेदुल्‍लागंज से नीचे की तरफ बरेली रोड पर बनाया जाना था क्‍या यह त्रुटिपूर्ण बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या यह टोल वर्तमान स्‍थान से हटाया जायेगा? दूसरा टोल बधवाड़ा शाहगंज तहसील बुधनी जिला सीहोर (एनएच 69) पर बनाया गया है जिसकी दूरी एक टोल से दूसरे टोल तक मात्र 35 कि.मी. है जबकि एनएचआई की टोल शर्तों में एक टोल से दूसरे टोल की दूरी लगभग 70 कि.मी. की दूरी रहती हैं? इस मार्ग पर दो बार टोल टैक्‍स क्‍यों वसूला जा रहा है इसकी विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध कराई जाये? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में विधानसभा प्रश्‍न के माध्‍यम कितनी शिकायते की गई उसकी दिनांक बताते हुये उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है? उसकी भी संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध कराई जाये

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

कच्ची सडकों का कांक्रीटीकरण

[लोक निर्माण]

71. ( क्र. 924 ) इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा तारांकित प्रश्‍न क्र. 1600 के माध्यम से कच्चे मार्गों को पक्की सड़क/ कांक्रीटीकरण किये जाने का अनुरोध किया गया था, जिसके उत्‍तर में सड़कों के निर्माण के संबंध में किसी भी मार्ग के प्रस्तावित या स्वीकृत न होने का बताया गया था तथा न ही कोई आगामी योजना है? वर्तमान में 190 सडकें ग्रामों को मुख्य सड़क से जोडती है, वह कच्ची है जिन्हें विभाग की अलग-अलग योजना अनुसार आगामी बजट में जोडकर निर्माण करवाये जाएंगे। (ख) विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर के विभिन्न ग्रामों में आवागमन के लिए सड़कें बहुत ही महत्वपूर्ण है ये सड़कें विभिन्न लंबाई की है क्‍या इनको चरणबद्ध अलग-अलग योजनाओं में शामिल कर निर्माण कार्य करवाया जाऐगा? (ग) विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर में 190 सड़कों को लोक निर्माण विभाग/प्रधानमंत्री सड़क योजना विभाग/ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग अशोकनगर द्वारा अब तक क्यों शामिल नहीं किया गया है जबकि वास्तविकता में ये बहुत ही महत्वपूर्ण एवं आमजनों के आवागमन को सुगमता प्रदान के लिए अति आवश्यक है? ये महत्वपूर्ण सड़कों को कब तक पक्की करवा दिया जावेगा, जानकारी दें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग जिला अशोकनगर की पुस्तिका में कोई कच्चा मार्ग नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्तमान में कोई कार्य योजना नहीं है न ही बजट में प्रस्तावित है। (ग) कार्य की आवश्यकता एवं बजट की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए बजट में प्रावधान किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दिव्यांगजन को पेंशन 2000 प्रतिमाह प्रदान करने

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

72. ( क्र. 925 ) इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में बड़ी संख्या में दिव्यांगजन भाई/बहन है जिनके पास अपना कोई व्यवसाय या काम नहीं है वह सिर्फ अपनी पेंशन पर ही निर्भर है, परंतु दिव्यांगजनों की पेंशन सिर्फ 600 रूपये है। ऐसे में उनके जीवन निर्वाह के लिए ये रकम 2000 रूपये किया जाना अति आवश्यक है। जिससे वह अपना जीवन बिना आर्थिक संकट निर्वाह कर सकें।                         (ख) क्या वर्तमान में सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना बनाई जा रही है, जिसमें दिव्यांगजनों को कर्मचारियों की भांति बढ़ती मंहगाई के अनुपात में पेंशन दी जाये? (ग) अगर दिव्यांगजनों को 2000 रूपये प्रतिमाह दिये जाने की कोई योजना है, तो यह कब तक लागू की जायेगी? प्रदेश में कितने दिव्यांगजन है तथा प्रति माह कितनी पेंशन का भुगतान किया जा रहा है? दिव्यांगजनों की संख्या जिलेवार बताने की कृपा करें।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। प्रदेश स्‍तर पर विभाग द्वारा संचालित भारत सरकार की इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय नि:शक्‍त पेंशन योजना, राज्‍य सरकार की समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना एवं मानसिक/बहुविकलांगों को आर्थिक सहायता योजना अंतर्गत दिव्‍यांगजनों को प्रतिमाह राशि रुपये 600/- प्रदाय की जा रही है। (ख) जी नहीं। (ग) राज्‍य शासन द्वारा अपने सीमित वित्‍तीय संसाधनों के अंतर्गत इस प्रकार की वृद्धि का निर्णय लिया जाता है। अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। प्रदेश में पेंशन प्राप्‍त कर रहे पृथक-पृथक योजनाओं में दिव्‍यांगजनों की जिलेवार सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है

परिशिष्ट - "इक्यावन"

नियम विरुद्ध क्रय में वित्तीय अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

73. ( क्र. 1029 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा नगर परिषद् के मुख्य नगर पालिका अधिकारी को किसी भी वास्तु/सेवा की खरीद के लिए वित्तीय स्वीकृति के क्या नियम है? कृपया प्रति प्रदान करें।                                (ख) दिनांक 01/04/2023 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्य नगर पालिका अधिकारी (cmo) नगर परिषद् धामनोद/मांडू जिला धार में एकल हस्ताक्षर से कुल कितने राशि‍ की वास्तु/सेवाओं का क्रय किया गया? (ग) क्या दिनांक 01/04/2023 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्य नगर पालिका अधिकारी CMO धामनोद/मांडू द्वारा क्रय की गयी वस्तु/सेवाओं में लेखा नियमों/शासन के आदेशों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो उक्त नियम विरुद्ध क्रय किये जाने को वित्तीय अनियमितता माना जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगरीय निकायों में किसी भी वस्‍तु/सेवा की खरीदी के लिए वित्‍तीय स्‍वीकृति का प्रावधान नगर पालिका अधिनियम 1961 के अन्‍तर्गत बने लेखा एवं नियम 2018 के नियम 239 में वर्णित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (ग) नगर परिषद धामनोद/मांडू में क्रय की गयी वस्‍तु/सेवाओं में लेखा नियमों का पालन करने के संबंध में परीक्षण हेतु संभागीय संयुक्‍त संचालकनगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर संभाग को संचालनालयनगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल का पत्र क्र./या.प्र./07-03/2025/13570 दिनांक 26/11/2025 लिखा गया है।

लोकायुक्‍त में पंजीबद्ध अपराध

 [नगरीय विकास एवं आवास]

74. ( क्र. 1032 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर संभाग इंदौर द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी धामनोद को भेजे गए पत्र क्रमांक/शा-2/न्याया/2024/3067 इंदौर दिनांक 04/11/2024 पर क्या आवश्यक कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कार्यवाही की स्थिति बताने का कष्ट करें। (ख) क्या cmo धामनोद जिला धार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के आदेश का फर्जी अभिमत तैयार कर पत्र क्रमांक/278/2024 तथा पत्र क्रमांक/279/202 धामनोद दिनांक 28/10/2024 के माध्यम से अनैतिक भुगतान किये गए? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) क्या वर्तमान cmo नगर परिषद् धामनोद जिला के विरुद्ध लोकायुक्त में अपराध पंजीबद्ध हुए है? प्रश्‍न दिनांक तक लोकायुक्त से जप्त समस्त एवं विभाग द्वारा लोकायुक्त कार्यालय को प्रेषित पत्रों की प्रति सहित बताये, विभाग ‌द्वारा cmo के विरुद्ध कोई कार्यवाही अभी तक नहीं की है, तो किन नियमों अंतर्गत? यदि की जावेगी तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग-इंदौर के उपरोक्‍त निर्देश के पालन में श्री बलराम भुरे प्रभारी मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद्, धरमपुरी को नगर परिषद्, धामनोद का अतिरिक्‍त प्रभार सौंपा गया था। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। लोकायुक्‍त कार्यालय द्वारा पंजीबद्ध किए गए प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है, जिसके दृष्टिगत उक्‍त प्रकरणों के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

नगर निगम में सम्‍पत्ति एवं अन्‍य कर

[नगरीय विकास एवं आवास]

75. ( क्र. 1055 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन तथा इंदौर संभाग की नगर निगम में वर्ष 2015-16, 2020-21 तथा 2024-25 में कितने-कितने वार्ड थे? प्रत्येक वार्ड में कितने-कितने भवन, कितने नल कलेक्शन तथा कितने मकान मालिक संपत्ति कर जमा कर रहे हैं? उक्त अवधि में प्रत्येक नगर निगम में कुल मिलाकर कितने मकान में नल कनेक्शन है तथा कुल कितने मकान संपत्ति कर जमा कर रहे हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित नगर निगम में वर्ष 17-18 से 24-25 तक जलकर और संपत्ति कर की आय का बजट प्रावधान तथा वास्तविक आय कितनी है? बजट की‌ जानकारी देवें। अप्रैल 25 अनुसार जल कर एवं संपत्तिकर में कितनी वसूली शेष है तथा उनमें से अक्टूबर 2025 तक कितनी वसूली की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित नगर निगम में किस-किस नगर निगम में जिआइ सर्वे किस कंपनी द्वारा किया गया और उसके लिए कितना भुगतान राज्य स्तर से या निकाय स्तर से किया गया? सर्वे में मकान के निर्माण की गणना सही निकलने का प्रतिशत कितना-कितना है? भवन की गणना में गलती के लिए किस नगर निगम में कितनी शिकायत प्राप्त हुई? क्या सर्वे अनुसार संपत्ति कर‌ तथा 5 गुना अंतर वसूली के लिए भवन मालिक को सूचना पत्र दिया जाना जरूरी है या नहीं? क्या भवन मालिक नई गणना से संपत्ति करने की मांग के विरुद्ध एमआईसी में अपील कर सकता है? जीआई सर्वे की रिपोर्ट की प्रति उपलब्‍ध कराएं। (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित नगर निगम में अमृत मिशन एक तथा दो की सीवरेज योजना की निविदा में स्वीकृत राशि क्या है? कार्य किस ठेकेदार द्वारा किस तारीख को शुरू किया गया? डीपीआर अनुसार कितने मकान को सीवरेज योजना से जोड़ना था तथा किस नगर निगम में, किस योजना का कार्य पूरा हो गया? कार्य पूर्ण होने तक कितने मकान को जोड़ा गया? जिन नगर निगम में कार्य शेष है, उसमें कितने मकान जोड़े गए तथा कितने मकान जोड़ना शेष है? प्रत्येक योजना में ठेकेदार को अक्टूबर 25 तक कितना-कितना भुगतान कर दिया गया?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) उज्‍जैन तथा इंदौर संभाग के नगर निगमों के प्रश्‍नाधीन वर्षों में वार्डों की संख्‍या निम्‍नानुसार है-

सं.क्र.

निकाय वर्ष

उज्‍जैन

देवास

रतलाम

इंदौर

खण्‍डवा

बुरहानपुर

1.

2015-16

54

45

49

85

50

48

2.

2020-21

54

45

49

85

50

48

3.

2024-25

54

45

49

85

50

48

नगर निगमवार, भवन, नल कलेक्‍शन इत्‍यादि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''''अनुसार है। (ख) नगर निगमवार जलकर और संपत्तिकर संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''''अनुसार है। वित्‍तीय वर्ष 2025 (अप्रैल से अक्‍टूबर) की नगर निगमवार, जलकर एवं संपत्तिकर वसूली संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''''अनुसार है। (ग) जी नहीं। सर्वे अनुसार संपत्तिकर तथा 5 गुना अंतर वसूली के लिये भवन मालिक को सूचना पत्र दिया जाना बाध्‍यकारी नहीं है। सर्वे की रिपोर्ट निकाय द्वारा परीक्षणोपरांत संपत्तिकर करदाता को बिल प्रेषित किया जाता है। जिसके विरूद्ध आपत्ति संबंधित द्वारा निकाय में दर्ज कराई जा सकती है। उक्‍त के निराकरण अनुरूप अग्रिम कार्यवाही की जाती है। जी नहीं। मांग पत्र के विरूद्ध सीधे मेयर-इन-काउंसिल (MIC) अपील नहीं की जा सकती है। मांग पत्र के विरूद्ध आपत्ति निगम आयुक्‍त को प्रस्‍तुत की जा सकती है। तथापि आवेदक का पक्ष सुने जाने के पश्‍चात आयुक्‍त द्वारा 5 गुना पेनाल्‍टी संबंधी आदेश पारित किये जाने की दशा में मेयर-इन-काउंसिल (MIC) के समक्ष अपील की जा सकेगी। शेष प्रश्‍न की नगर निगमवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ''''अनुसार है। (घ) जी नहीं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ''''अनुसार है।

भ्रष्टाचार की शिकायत

[नगरीय विकास एवं आवास]

76. ( क्र. 1058 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न 1564 दिनांक 31 जुलाई 2025 के प्रश्‍नांश (ग) में उल्लेखित भूमि अनुपलब्धता के संदर्भ में नगर निगम रतलाम द्वारा प्रस्तुत का विवरण तथा दिनांक 8/3/19 की बैठक की रिपोर्ट की प्रति देवें। क्या ठेकेदार को एसटीपी का पहले पूरा भुगतान कर दिया गया तथा बहुत दिनों बाद सूटेबल डिडेक्शन किया गया। यदि हाँ, तो इसका कारण बताएं। (ख) अमृत मिशन एक तथा अमृत मिशन दो में कंसल्टेंट से हुए अनुबंध का विवरण देवें तथा अनुबंध की किस धारा में किस कार्य में विचलन पर क्या कार्रवाई का उल्लेख है? प्रमुख सचिव को लिखे गए पत्र क्रमांक 398 दिनांक 29/8/25 का उत्तर दें तथा विलंब का कारण बताएं। (ग) पूर्व विधायक पारस सकलेचा की रतलाम सिवरेज योजना में 100 करोड़ के भ्रष्टाचार की शिकायत पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा प्रमुख सचिव को परीक्षण के लिए भेजे गए पत्र क्रमांक 1659/2025 दिनांक 24/6/25, जिसे प्रमुख सचिव ने आयुक्त भोपाल को दिनांक 18/7/25 को भेजा, उस पर परीक्षण की कार्यवाही की अद्यतन स्थिति की जानकारी दें। (घ) अमृत मिशन दो में रतलाम नगर निगम में सिवरेज योजना में ठेकेदार से हुए अनुबंध तथा ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत समस्त ड्राइंग का जानकारी देवें तथा बतावें कि उत्तर दिनांक तक किस-किस वार्ड में, कितने मैंनहोल, हाउस सर्विस चैंबर, बन चुके हैं तथा कितने मकान को फ्रन्‍टलेन से और बेकलेन से जोड़ा गया है तथा एसटीपी का कार्य कितना पूरा हुआ है। (ड.) पूर्व विधायक पारस सकलेचा द्वारा प्रमुख सचिव को लिखे पत्र क्रमांक 264 दिनांक 9/5/25 तथा पत्र क्रमांक 418 दिनांक 10/9/25 पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भूमि अनुपलब्धता के संबंध में विभाग को प्रेषित पत्र की छायाप्रति तथा राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक दिनांक 08.03.2019 का कार्यवाही विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। ठेकेदार को एसटीपी का भुगतान अनुबंध अनुसार किया गया था, परंतु राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा स्वीकृत तृतीय रिवाईज्ड बी.ओ.क्यू. में राशि रूपये 682.12 लाख का डिडक्शन स्वीकृत किया गया, जिसका नियमानुसार ठेकेदार के देयक से बिना विलंब के कटौत्रा कर लिया गया है। (ख) कंसलटेंट के अनुबंधों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। जानकारी वृहद स्वरूप की होने के कारण संकलित करने में समय लग रहा है। (ग) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के आदेश क्रमांक 24527, दिनांक 21.11.2025 से शिकायत की जांच हेतु संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग की अध्यक्षता में त्रि-सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। (घ) ठेकेदार से हुए अनुबंध की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -स अनुसार है। ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत ड्राईंग-डिजाइन परीक्षण एवं अनुमोदन हेतु शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को प्रेषित की गयी है। उत्तरांश के परिपेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) पूर्व विधायक के पत्र क्रमांक 264 के परिपेक्ष्य में संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया है तथा पत्र क्रमांक 418 के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही हेतु आयुक्त, नगर पालिक निगम, रतलाम को लेख किया गया है।

अधिक राशि‍ वसूल की जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

77. ( क्र. 1068 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्र.क्र 2676 दिनांक 29/7/25 के क्रम में जानकारी देवें की निगम द्वारा आवंटित तिथि से इसे 7 वर्ष के भीतर शास. कर्मचारी से आवंटित कीमत का 8% एवं अन्य हेतु 16% लिया जाता था तथा आवंटित तिथि से 7 वर्ष से 10 वर्ष के भीतर क्रमशः 6 एवं 16% हस्तांतरण शुल्क लिया जाता था सभी प्रकार के भूखंडों का आवंटन मूल्य निम्नासुर था :- 1.216 वर्ग मीटर-आवंटन मूल्य 109000 -हस्तांतरण राशि कर्मचारी 6140 -अन्य व्यक्ति 13020 2.135 वर्ग मीटर-आवंटन मूल्य 63000 -हस्तांतरण राशि कर्मचारी 3780 -अन्य व्यक्ति 7560 3.90 वर्ग मीटर -आवंटन मूल्य 3200 -हस्तांतरण राशि कर्मचारी 192 -अन्य व्यक्ति 384 उक्त राशि के विरुद्ध कितनी राशि ली गई इसका उत्तर नहीं दिया गया है? इसकी जानकारी देवें। (ख) राज्य कर्मचारी आवास निगम के प्रचलित नियम अनुसार 216 वर्ग मीटर, 135 वर्ग मीटर एवं 90 वर्ग मीटर की आवंटित राशि एवं नियमानुसार हस्तांतरण राशि कर्मचारी हेतु एवं अन्य हेतु कितनी ली जानी थी एवं कितनी ली गई इसकी जानकारी आवश्यक रूप से देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) वर्णित प्रश्‍न के उत्तर में 104 भूखंड हस्तांतरण की जानकारी दी गई है उनका आवंटन मूल्य एवं लिया गया हस्तांतरण शुल्क की सूची नहीं दी गई है उक्त सूची के अवलोकन से स्पष्ट हो जाएगा कि नियमानुसार देय राशि में कई गुना अधिक राशि वसूली की गई है? उक्त सूची उपलब्ध कराये।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) राज्य कर्मचारी आवास निगम द्वारा शासकीय कर्मचारी एवं अन्य को आवंटित भूखण्ड के एवज में हस्तांतरण शुल्क निर्धारित की गई एवं वसूल की गई एवं वसूल की गई हस्तांतरण शुल्क की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित प्रश्‍न कमांक 2676 दिनांक 29.07.2025 के उत्तर में 104 भूखण्डों के भूखण्ड आवंटन मूल्य, निर्धारित हस्तांतरण शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि

[ऊर्जा]

78. ( क्र. 1069 ) श्री विपीन जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1430 (अतारांकित) दिनांक 19.12.2024 के बिंदु (घ) अनुसार 170 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि का कार्य पूर्ण हो गया है। यदि नहीं, तो क्यों?                                        (ख) क्या वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि नहीं किए जाने से विद्युत आपूर्ति प्रभावित नहीं हो रही है? निर्बाध एवं सुगमता से पर्याप्त मात्रा में विद्युत आपूर्ति ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि किए बिना कैसे की जा रही है? (ग) प्रश्‍नांश (क) वर्णित उक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि कब तक कर दी जाएगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍नांकित 170 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्यों हेतु कार्य योजना केन्‍द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय-चरण (सिस्‍टम मॉर्डनाईजेशन) के तहत नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी. लिमिटेड, नई दिल्‍ली को स्‍वीकृति हेतु प्रेषित की गई है। वर्तमान में भी उक्‍त कार्य योजना की स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2025 में विषयांतर्गत क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक तक विभागीय/एस.एस.टी.डी. मद में 09 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य किया गया है, जिससे भार का युक्तियुक्‍तकरण कर विद्यमान विद्युत अधोसंरचना से वर्तमान में विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से किया जा रहा है। (ग) उत्‍तरांश (क) के अनुसार वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सौलर पंप योजना में लक्ष्‍य की पूर्ति

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

79. ( क्र. 1072 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में किसानों के लिये सौलर पंप योजना में कितने किसानों को कितने समय में योजना का लाभ देने का लक्ष्‍य रखा गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) की योजना में प्रति किसान कितना अनुदान निर्धारित किया गया है और संपूर्ण योजना का बजट कितना निर्धारित किया गया है? वित्‍तीय वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार उक्‍त बजट से लक्ष्‍य की पूर्ति की जा सकती है अथवा नहीं यदि नहीं, तो योजना हेतु और बजट कब स्‍वीकृत किया जायेगा?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्‍ला ) : (क) भारत सरकार की पीएम कुसुम-बी योजना, जो मध्‍यप्रदेश में 'प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना' के नाम से संचालित है, के अंतर्गत 31.12.2025 तक 52,000 हजार सोलर पंप की स्‍थापना हेतु कार्यादेश जारी किये जाने का लक्ष्‍य रखा गया है। (ख) प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के तहत वर्तमान में 1 से 7.5 हार्सपॉवर तक के सोलर पंप की बेचमार्क लागत का 30 प्रतिशत अनुदान भारत सरकार द्वारा दिये जाने का प्रावधान है। सोलर पंप की वास्‍तविक लागत का लगभग 10 प्रतिशत कृषक अंशदान व लगभग 60 प्रतिशत हिस्‍सा संबंधति कृषक द्वारा ऋण राशि के रूप में लिया जावेगा। ऋण राशि का ब्‍याज सहित भुगतान राज्‍य सरकार द्वारा कृषक के ऋण खाते में सीधे किया जावेगा। वर्ष 2025-26 में योजना अंतर्गत राज्‍य शासन द्वारा राशि रू.447.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है। (ग) जी हाँ। बजट से लक्ष्‍य की पूर्ति की जा सकती है।

सोलर पार्क परियोजना का क्रियान्‍वयन

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

80. ( क्र. 1107 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में प्रस्तावित सोलर पार्क परियोजना फेज 1 एवं फेज 2 की कुल अनुमानित लागत क्या होगी? (ख) क्या सोलर पार्क मुरैना की निविदा की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो किन-किन कंपनियों अथवा फर्मों द्वारा निविदा में भाग लिया गया एवं चयन हेतु क्या-क्या मापदंड निर्धारित किए गए? निविदा में किस कंपनी अथवा फर्म का चयन किया गया? निविदा से संबंधित संपूर्ण जानकारी दस्तावेज सहित उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) अनुसार चयनित फर्म अथवा कंपनी को कार्यादेश जारी हो चुका है? यदि हाँ, तो कार्य प्रारंभ होने की तिथि एवं कार्य पूर्णता अवधि क्या निर्धारित की गई है? कार्यादेश की प्रति सहित संपूर्ण जानकारी दस्तावेज सहित उपलब्ध कराएं। (घ) कार्य प्रारंभ होने की स्थिति में प्रश्‍नांश (क) अनुसार बताएं कि कितने व्यक्तियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हो रहा है एवं क्या क्षेत्रीय व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराने में प्राथमिकता दी जा रही है?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्‍ला ) : (क) जिला मुरैना में प्रस्‍तावित सोलर पार्क परियोजना फेस-I की अनुमानित लागत लगभग 3500 करोड़ एवं फेस-II की अनुमानित लागत 2800 करोड़ है, जिसमें निजी निवेश के माध्‍यम से परियोजना विकसित की जाएगी। (ख) सौर पार्क मुरैना फेस-I की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है एवं फेस-II हेतु निविदा प्रचलन में है। मुरैना फेस-I की निविदा प्रक्रिया में भाग लेने वाली कंपनियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मुरैना फेस-I के चयन मापदण्‍ड हेतु निविदा प्रपत्र सह ISA एवं PPA अनुबंध की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। फेस-II के चयन मापदण्‍ड हेतु निविदा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है एवं अनुबंध (ISA, PPA) विचाराधीन है। मुरैना फेस-I में यूनिट-I हेतु Ceigall India Limited एवं यूनिट-II ACME Solar का चयन निविदा प्रक्रिया के माध्‍यम से किया गया है। (ग) चयनित फर्म अथवा कंपनी की कार्यादेश की प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) कार्यादेश जारी नहीं होने के कारण प्रत्‍यक्ष अथवा अप्रत्‍यक्ष रोजगार प्राप्‍त करने वाले व्‍यक्तियों की संख्‍या निरंक है। शेष प्रश्‍नांश अभी लागू नहीं होता है।

 

 

दैनिक वेतन भोगियों की नियुक्ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

81. ( क्र. 1108 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1038 दिनांक 17-03-2025 का उत्तर पूर्ण देने के साथ आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की? क्या वि.स. प्रश्‍न लगाने के बाद नप खिलचीपुर से 28 दैवेभो कर्मचारी हटाए गए, यदि हां? किन नियमों से हटाए गए? प्रश्‍न के उत्‍तर में नियुक्त करने वाले जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने का उत्‍तर दिया था, तो आज तक दोषियों पर क्या कार्यवाही की स्पष्ट और विस्तार से बताएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार देवीसिंह दांगी नामक युवक लोक निर्माण शाखा में दैवेभो को हटाया गया था? यदि हाँ, तो हटाने के बाद दोबारा किस आदेश लगा दिया? कितने महीने का वेतन दे दिया पूर्ण विवरण देवें। (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कलेक्टर टीएल में इसके नियम विरुद्ध नियुक्ति की शिकायत हुई? शिकायत विवरण देवें। किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही हुई? क्या शिकायत के बाद भी कलेक्टर पत्र की अवहेलना कर कार्यवाही न कर लेखापाल सीएमओ द्वारा वेतन भुगतान किया गया, यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारि‍यों पर कब और क्या कार्यवाही करेंगे? समय-सीमा सहित विवरण देवें। (घ) वि.स. सत्र दिसम्बर 2024 प्रश्‍न 194 आश्वासन क्रमांक 116 अनुसार जांच टीम ने किस दिनांक क्या-क्या जांच की? समय-सीमा सहित बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) विधानसभा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1038 दिनांक 17.03.2025 के क्रम में नगर परिषद खिलचीपुर की विभिन्‍न शाखाओं में कार्य पूर्ति हेतु आवश्‍यकता दृष्टिगत पीआईसी/अध्‍यक्ष परिषद की स्‍वीकृति से लगाये गये 27 उच्‍च कुशल/अकुशल मजदूर कर्मचारियों की सेवाएं नगर परिषद द्वारा समाप्‍त कर दी गयी है। जी हाँ। नगर परिषद द्वारा कार्य पूर्ति आवश्‍यकता को देखते हुए रखे गये 27 अस्‍थायी दैवेभो कर्मचारी मजदूरों को कार्य आवश्‍यकता नहीं होने से हटाया गया है। पीआईसी/सक्षम स्‍वीकृति उपरांत कार्य की आवश्‍यकता के अनुरूप संलग्‍न प्रस्‍ताव अनुसार पृथक-पृथक समय में कुल 27 कर्मचारी रखे गए थे, जिन्‍हे कार्य पूर्ति पर दिनांक 26.02.2025 को हटाया गया, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। निकाय की लोक निर्माण शाखा अंतर्गत कार्यों की अधिकता एवं शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं कायाकल्प, प्रधानमंत्री आवास, शहरी अधोसंरचना एवं अमृत 2.0 आदि के सफल क्रियान्वयन हेतु एक सहायक की आवश्यकता होने से परिषद स्वीकृति प्रस्ताव क्र. 289 (4) दिनांक 26/03/2025 के पालन में अध्यक्ष, नगर परिषद की स्वीकृति उपरांत श्री देवीसिंह दांगी को अस्थाई कार्य श्रमिक दर पर रखा गया। शाखा प्रभारी उपयंत्री के उपस्थिति कार्य सत्यापन अनुसार मार्च 2025 से अक्टूबर 2025 तक 8 माह का पारिश्रमिक भुगतान किया गया। (ग) जी हाँ। शिकायत हुई है। तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री अशोक कुमार पांचाल द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से लगे कर्मचारियों को हटाये जाने जिसमें श्री देवीसिंह दांगी का भी नाम था की पुनः नियुक्ति किये जाने तथा विधानसभा में गलत जानकारी देने की शिकायत की गयी थी। शिकायत के संबंध में कार्यालय कलेक्‍टर, जिला शहरी विकास अभिकरण जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक 621/डूडा/2025 राजगढ़ दिनांक 23-07-2025 एवं पत्र क्रमांम/707/डूडा 2025 राजगढ़ दिनांक 22-08-2025 से श्री देवी सिंह दांगी की नियुक्ति संबंधी प्रकरण के समस्‍त अभिलेख/दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। जी हाँ। भुगतान किया गया। तत्‍कालीन मुख्‍य नगर पालि‍का अधिकारी श्री अशोक कुमार पांचाल को अन्‍य प्रकरण में आयुक्‍त नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा आदेश क्रमांक/स्‍था./निल./2025/24959 भोपाल दिनांक 27-11-2025 से निलंबित किया गया है।                    (घ) जांचकर्ता अधिकारियों द्वारा जांच रिपोर्ट पत्र क्र.951/डूडा/2025 राजगढ़ दिनांक 12.11.2025 एवं कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग के पत्र क्र. 3435/कार्यवर्ग/जांच/न.परि./खिलचीपुर/2025-26 राजगढ़ दिनांक 03.11.25 से कलेक्टर जिला राजगढ़ को रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी है। उक्‍त जाँच रिपोर्ट कलेक्‍टर महोदय के पत्र क्रमांक 953 दिनांक 13-11-2025 द्वारा आयुक्‍त नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. को प्रेषित की गयी है। जांच रिपोर्ट के क्रम में कलेक्टर द्वारा आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास को प्रेषित पत्र के अनुक्रम में श्री अमृत लाल बघेल, उपयंत्री, नगर परिषद, खिलचीपुर जिला राजगढ़ को संचालनालय के आदेश क्रमांक 24957 दिनांक 27-11-2025 द्वारा निलंबित किया गया है एवं संचालनालय के आदेश क्रमांक 24959 दिनांक 27-11-2025 द्वारा श्री अशोक कुमार पांचाल (मूल पद राजस्‍व निरीक्षक) तत्‍कालीन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद खिलचीपुर (वर्तमान पदस्‍थापना नगर परिषद बड़ागांव जिला आगरमालवा) को निलंबित किया गया है। आदेशों की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बावन"

संचालित छात्रावासों की जानकारी

[अनुसूचित जाति कल्याण]

82. ( क्र. 1115 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. हरिजन सेवक संघ इन्दौर द्वारा संचालित प्रवृत्तियाँ 22 जिलों में संचालित है, इन जिलो में सरकार ने अस्वच्छ धंधा की प्रवृतियाँ क्यों बंद की गई है, इन प्रवृत्तियाँ में कार्यरत कर्मचारियों को कब से वेतन नहीं दिया गया है साथ ही प्रवृत्तियाँ जिस भवन में संचालित हो रही है उनके भवन का किराया भवन स्वामियों को क्यों नहीं दिया जा रहा है? भवन किराया कब तक का शेष है और भवन किराया व रूका हुआ वेतन का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) शिवपुरी जिले में संचालित अस्वच्छ धंधा बालक आश्रम के कार्यरत कर्मचारियों को माह अप्रैल 2023 से अक्टू‍बर 2025 तक के वेतन एवं भवन किराया का भुगतान क्यों नहीं किया गया है और भुगतान कब तक किया जायेगा? जानकारी दें। (ग) शिवपुरी जिले में स्थित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रावासों में बच्चों को क्याक्या सुविधाएं दी जा रही है एवं शिवपुरी जिले में कहां-कहां छात्रावास स्थित है और उन छात्रावासों में कौन-कौन कर्मचारी कब से कार्यरत है तथा किस-किस कर्मचारी की शिकायते प्राप्त हुई है? जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (घ) शिवपुरी जिले में संचालित छात्रावासों में वर्ष 2022 से 31 अक्टूबर 2025 तक किस-किस मद में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा किस-किस मद में व्यय किया गया? जानकारी दें।

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अस्‍वच्‍छ धंधों में कार्यरत परिवारों के बच्‍चे उपलब्‍ध नहीं होने से जिला स्‍तर से म.प्र. हरिजन सेवक संघ इंदौर द्वारा संचालित प्रवृत्तियां बंद है। भुगतान संबंधी विवरण  जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।                               (ख) शिवपुरी जिले में अशासकीय संस्‍था म.प्र. हरिजन सेवक संघ इंदौर द्वारा संचालित अस्‍वच्‍छ धंधा बालक आश्रम वर्ष 2023-24 से संचालित नहीं होने से भुगतान की कार्यवाही नहीं की गई। पात्रता अनुसार भुगतान किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभागीय छात्रावासों में प्रवेशित विद्यार्थियों को नि:शुल्‍क, आवास, भोजन, बिस्‍तर टायलेट सामग्री तथा उत्‍कृष्‍ट छात्रावासों में नि:शुल्‍क शैक्षणिक कोचिंग, स्‍टेशनरी अन्‍य आवश्‍यक सुविधायें प्रदाय की जा रही है। विभागीय छात्रावासों में कार्यरत कर्मचारियों की  जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। कर्मचारियों के संबंध में कोई तथ्‍यात्‍मक शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। (घ) जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।

नगर पंचायत पोहरी का निर्माण कार्यों में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

83. ( क्र. 1116 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी में जून 2020 से वर्तमान तक किए गए निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताएं एवं घटिया निर्माण गुणवत्ता की शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? प्रश्‍नकर्ता द्वारा नगर पंचायत पोहरी में अनियमितताओं के संबंध में पत्र क्रमांक/2025/1067 दिनांक 02/06/2025 एवं पत्र क्रमांक 2025/1157 दिनांक 07/07/2025 द्वारा चाही गई थी, जो प्रश्‍न दिनांक तक अप्राप्त है जानकारी न भेजे जाने के संबंध में कारण सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता पत्र क्रमांक/2025/1124 दिनांक 24/06/2025 द्वारा पोहरी के कृष्णगंज स्थित शासकीय विद्यालय के समीप लोक निर्माण विभाग द्वारा पूर्व में निर्मित पुलिया के निर्माण कार्यों में अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ठेकेदारों के गठजोड़ से घटिया सामग्री का उपयोग कर शासकीय धन का दुरुपयोग किया गया है? जिसके संबंध में जानकारी चाही गई थी जो प्रश्‍न दिनांक तक अप्राप्त है जानकारी न भेजे जाने के संबंध में कारण सहित जानकारी दी जावे।                                         (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित पुलिया का दिनांक 12.06.2025 को एसडीएम पोहरी एवं अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में निरीक्षण किया गया, जिसमें अनियमितताएं पाई गईं एवं उन पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दी जावे। (घ) शिवपुरी जिले की नगर पंचायत पोहरी/बैराड़/नरवर एवं मगरौनी में वर्ष 01 जनवरी 2022 से वर्तमान तक क्या-क्या निर्माण कार्य कराये गये हैं? संपूर्ण जानकारी दी जावे।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (ग) जी हाँ, अनियमितताओं के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) पोहरी से जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

84. ( क्र. 1123 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना अन्तर्गत विगत 2024-25 से प्रश्‍न दिनांक तक मंडला जिले में किन-किन स्थानों पर किस-किस दिनांक को विवाह/ निकाह सम्मेलन आयोजित किये गए? प्रत्येक में कितने जोड़ो का विवाह/निकाह कराया गया, सभी के नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) उक्त आयोजनों में किये गए कुल व्यय की जानकारी सहित भुगतान किये गए समस्त बिलों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं? क्‍या उक्त कार्यक्रमों हेतु दर व फर्म के निर्धारण हेतु आमंत्रित की गई निविदाओं को किन-किन अखबारों में प्रकाशित कराया गया की जानकारी उपलब्ध कराएं? आयोजन के संबंध में की गईं शिकायतों की जाँच कार्यवाही से संबंधित दस्तावेजों की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) वर्णित योजना के तहत वर वधु को कितनी राशि दिए जाने का प्रावधान है? उक्त आयोजनों में सम्मिलित जोड़ों में से किन-किन को कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्रदान की गईं है? जानकारी उपलब्ध कराएं। किन-किन वर वधु को अब तक राशि नहीं मिली है? उनकी नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित सूची उपलब्ध कराएं। राशि अब तक नहीं मिलने के क्या कारण हैं, कब तक राशि प्रदाय कर दी जाएगी?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) विगत 2024-25 से प्रश्‍न दिनांक तक मंडला जिले में विवाह/निकाह सम्‍मेलन में 2528 जोडों का विवाह कराया गया। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार। (ख) उक्‍त आयोजन में किये गये व्‍यय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट–'' अनुसार। भुगतान किये गये बिलों की छायाप्रति की जानकारी एवं फर्म के निर्धारण हेतु आमंत्रित की गई निविदाओं एवं अखबारों में प्रकाशित निविदा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट–'' अनुसार। आयोजन के संबंध में किसी प्रकार की शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। (ग) विवाह/निकाह सहायता योजना में वधु को रुपये 49,000/- प्रति वधु के मान से दिये जाने का प्रावधान है। उक्‍त सम्‍मेलन में 2528 जोड़े सम्मिलित हुए थे। दिनांक 27-11-2025 तक 2235 वधुओं को राशि रुपये 10,95,15,000/- का भुगतान किया जा चुका है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार तथा शेष 293 वधुओं को चैक के माध्‍यम से वितरित करने हेतु सूचना दी गई है। सम्‍मेलन में वधुओं को अब तक राशि प्राप्‍त नहीं हुई है की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट–'' अनुसार।

स्मार्ट सिटी के कार्यों की जांच

[नगरीय विकास एवं आवास]

85. ( क्र. 1124 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्मार्ट सिटी जबलपुर व स्मार्ट सिटी भोपाल में केंद्र व राज्य से प्राप्त राशि से अब तक कौन-कौन से कार्य कितनी लागत से किये गए हैं, जानकारी उपलब्ध कराएं?                                     (ख) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1462, दिनांक 19/12/2024 के प्रश्‍नांश (ख) में जबलपुर स्मार्ट सिटी के उल्लेखित कार्यों में से प्रत्येक से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएं? इन कार्यों के तकनीकी प्राक्कलन एवं इन कार्यों में अब तक भुगतान की जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) जबलपुर स्मार्ट सिटी अंतर्गत अब तक किये गए कार्यों में हुई अनियमितताओं व शिकायतों की जाँच विभाग द्वारा उच्च स्तर से टीम गठन कर करवाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं किनके द्वारा?                                     (घ) स्मार्ट सिटी भोपाल अंतर्गत प्रोजेक्ट आईडी MAD-BHO-004, MAD-BHO-015, MAD-BHO-046, MAD-BHO-063, MAD-BHO-068, के कार्यों में से प्रत्येक कार्य के एसओआर, बीओक्यू एवं एनआईटी से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएं? इन कार्यों के तकनीकी प्राक्‍कलन एवं इन कार्यों में अब तक किये गये भुगतान की जानकारी उपलब्ध कराएं? (ङ) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1531 सदन दिनांक 31/07/2025 के प्रश्‍नांश (ग) के उत्तर में नोटिस देकर कार्यवाही का उल्लेख था क्या कार्यवाही की गई अवगत करावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) स्मार्ट सिटी भोपाल एवं जबलपुर को केन्द्र एवं राज्य से प्राप्त राशि से अब तक कराये गए कार्य एवं लागत राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (ख) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1462 दिनांक 19.12.2024 के प्रश्‍नांश (ख) में जबलपुर स्मार्ट सिटी के उल्लेखित कार्यों से संबंधित जानकारी तकनीकी प्राक्कलन एवं इन कार्यों में अब तक किये गये भुगतान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) स्मार्ट सिटी भोपाल अंतर्गत प्रोजेक्ट आईडी MAD-BHO-004, MAD-BHO-015, MAD-BHO-046, MAD-BHO-063, MAD-BH-068, के कार्यों में से प्रत्येक कार्य के एसओआर, बीओक्यू एवं एनआईटी तथा अब तक किये गये भुगतान, तकनीकी प्राक्कलनों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (ड.) की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है।

विद्युत ट्रांसफार्मर एवं खंभों का बदला जाना

[ऊर्जा]

86. ( क्र. 1131 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) क्या विधान सभा क्षेत्र केवलारी के ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन बिजली आपूर्ति बाधित रहती है? सरकार इस समस्या के स्थायी समाधान हेतु क्या कदम उठा रही है? (ख) क्या ऊर्जा विभाग के संज्ञान में यह बात है कि कई गाँवों में ट्रांसफार्मर जलने के बाद उन्हें बदलने में अत्यधिक विलंब होता है? क्या सरकार इसके लिए कोई त्वरित मरम्मत प्रणाली लागू करने जा रही है? (ग) क्या केवलारी क्षेत्र में विद्युत लाइनों और खंभों की स्थिति का सर्वेक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कितने स्थानों पर पुराने तार एवं खंभों को बदलने की आवश्यकता पाई गई है? (घ) क्या कई किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त विद्युत आपूर्ति नहीं मिल पा रही है, जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है? इस दिशा में विभाग द्वारा क्या सुधार किए जा रहे हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। उल्‍लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/ अधोसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्‍यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्‍यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा समस्‍त स्‍थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्‍चात करने के अलावा विद्युत व्‍यवधानों/ दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्‍य से पूरे वर्ष सतत् रूप से किया जा रहा है। (ख) वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्‍त संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्‍ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्‍यालय में 12 घंटे एवं अन्‍य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्‍क मौसम (अक्‍टूबर से जून) में 3 दिवस तथा मानसून (जुलाई से सितम्‍बर) के मौसम के दौरान 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्‍थापित करने के प्रावधान हैं। तदनुसार वितरण कंपनी द्वारा पहुंच मार्ग की उपलब्‍धतानुसार उक्‍त निर्धारित समयावधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर को बदलने की कार्यवाही की जाती है। (ग) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र केवलारी सहित सिवनी जिले में विभिन्‍न स्‍थानों पर कुल 604 कि.मी. कंडक्‍टर क्षमता वृद्धि/कनवर्जन कर तार बदलने एवं मिड स्‍पान पोल लगाने का कार्य चिन्हित किया गया है, जिसका क्रियान्‍वयन आरडीएसएस योजना में किया जाना प्रावधानित है। उक्‍त के अतिरिक्‍त जानकारी प्राप्‍त होने पर अथवा आवश्‍यकता होने पर आवश्‍यक संधारण कार्य कराते हुये पुराने तार एवं खम्‍बों को बदलने की कार्यवाही त्‍वरित रूप से की जाती है। (घ) जी नहीं। अपितु उत्‍तरांश (क) के उल्‍लेखित अपरिहार्य कारणों से आए विद्युत व्‍यवधानों को छोड़कर कृषकों को यथासंभव निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिसकी सिवनी जिले की विगत 6 माह की माहवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तिरेपन"

सिचांई हेतु नवीन ट्रांसफार्मर

[ऊर्जा]

87. ( क्र. 1132 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र कंपनी में किसानों को अपने खेतों में सिंचाई करने हेतु नवीन ट्रांसफार्मर रखने के लिये वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार, वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में कितने किसानों के खेतों में कौन-कौन की योजनाओं से विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर रखे हुए है? योजनावार किसानों की संख्‍या एवं किसानों के लिए शासन द्वारा व्यय रा‍शि की जानकारी प्रदान करें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत किसानों को सिंचाई हेतु खेतों में नवीन ट्रांसफार्मर एवं आवश्‍यक 11 के.व्‍ही. विद्युत लाईन स्‍थापित किये जाने के लिए ''स्‍वयं का ट्रासंफार्मर (OYT) '' योजना एवं ''5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज जमा योजना'' लागू है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रश्‍नाधीन क्षेत्रांतर्गत कुल 18 कृषकों के खेतों में पूर्व में प्रचलित मुख्‍यमंत्री कृषक मित्र योजना अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये गये हैं। उक्‍त स्‍थापित वितरण ट्रांसफार्मरों से कुल 23 कृषक लाभान्वित हुए एवं उक्‍त कार्यों में राशि रूपये 26.43 लाख का शासकीय व्‍यय हुआ।

विद्युत विहीन क्षेत्रों का विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

88. ( क्र. 1139 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) विदिशा, रायसेन जिले में कौन-कौन से ग्राम, मजरा टोला, नवीन बसाहट में विद्युतीकरण हेतु शेष है? विकासखण्डवार जानकारी देवें। विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में भारत सरकार की कौन सी योजना प्रचलित है? योजना के नियम निर्देशो की आदेशो की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त योजना के तहत क्या सिरोंज-लटेरी विकासखण्ड के विद्युत विहीन ग्रामों, मजरा टोलो, नवीन बसाहटों के प्रस्ताव कब-कब प्रेषित किये गए है? जानकारी दें। यदि नहीं, तो कब तक प्रेषित किये जावेंगे? समय-सीमा बतावें। (ग) वर्तमान में मध्यप्रदेश सरकार की कौन सी योजना है जिससे विद्युत विहीन ग्रामों, मजरा टोलो, नवीन बसाहटों में विद्युतीकरण हो सके?                                                     (घ) विकासखण्ड सिरोंज-लटेरी में कितने विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन दिये गए है? कितने विद्यालयो में विद्युत कनेक्‍शन विच्छेद किये गए है, विकासखण्‍डवार, विद्यालय के नामवार जानकारी देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विदिशा एवं रायसेन जिलान्‍तर्गत सभी राजस्‍व ग्राम एवं उनके संसूचित मजरे/टोले विद्युतीकृत हैं। समय-समय पर नये मजरे/टोले/फलिये का सृजन होना एक सतत् प्रक्रिया है। राज्‍य शासन के पत्र दिनांक 05.05.2025 एवं पत्र दिनांक 07.05.2025 के माध्यम से अविद्युतीकृत घरों/बसाहटों के विद्युतीकरण के लिए विस्तृत सर्वे हेतु दिशा-निर्देश दिए गये हैं, जिनमें 5 घरों से अधिक की अविद्युतीकृत एवं आंशिक रूप से विद्युतीकृत बसाहटों को विद्युतीकरण हेतु शामिल किया जाना है। उक्‍त दिशा-निर्देशों के अनुरूप म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्‍तर्गत विस्तृत सर्वे अनुसार विदिशा एवं रायसेन जिले अंतर्गत विद्युतीकरण हेतु पात्र नवीन बसाहटों/मोहल्‍लों की विकासखण्‍डवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में भारत सरकार की धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DA-JGUA) योजना प्रचलित है। उक्‍त योजना अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के मजरों/ टोलों/घरों/परिवारों के विद्युतीकरण का कार्य प्रावधानित है। योजना से संबंधित दिशा-निर्देशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। उक्‍त योजना अंतर्गत म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्‍तर्गत अनुसूचित जनजाति के कुल 6493 घरों का विद्युतीकरण किया जाना है। (ख) उत्‍तरांश (क) के संदर्भ में, भारत सरकार की धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्‍कर्ष अभियान योजना के तहत सिरोंज-लटेरी विकासखंड सहित म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत विद्युतीकरण कार्यों हेतु समेकित कार्य योजना म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 07.02.2025 द्वारा योजना की नोडल एजेंसी मेसर्स पीएफसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित की गयी थी। पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (ग) विद्युत विहीन नवीन बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में राज्‍य शासन की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। अपितु उत्‍तरांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखानुसार केंद्र शासन की धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्‍कर्ष अभियान योजना के तहत जनजातीय परिवारों के घरों के विद्युतीकरण का कार्य प्रचलन में है। उक्‍त के अतिरिक्‍त प्रदेश में भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से असुरक्षित जनजा‍तीय समूहों (बैगा, भारिया एवं सहरिया) के घरों के विद्युतीकरण का कार्य प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्‍याय महा अभियान (पी.एम.-जनमन) अन्‍तर्गत किया जाना प्रावधानित है। (घ) विदिशा जिले के अंतर्गत विकासखंड सिरोंज-लटेरी में विद्यालयों को दिये गये विद्युत कनेक्‍शनों एवं विच्‍छेदित किये गये विद्युत कनेक्‍शनों की प्रश्‍नाधीन चाही गयी विद्यालयवार एवं विकासखंडवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है।

खण्‍डवा जिले में निर्माण एवं मरम्‍मत कार्य

[लोक निर्माण]

89. ( क्र. 1148 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा खंडवा जिले में रोड मार्गों, पुलिया निर्माण को लेकर क्या कार्ययोजना है? कितने नवीन मार्ग व पुलिया, अनुरक्षण कार्य चिन्हित कर प्रक्रियाधीन है एवं किस स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है? (ख) विगत 5 वर्षों में खंडवा लोनिवि विभाग द्वारा कौन-कौन से निर्माण, मरम्मत, अनुरक्षण आदि कार्य कितनी-कितनी लागत के किये हैं? उनके आय-व्यय का वर्षवार विवरण दें। (ग) खंडवा तिन पुलिया व इंदौर नाका मार्ग का रिन्‍यूवल कब-कब किया गया? स्वीकृत राशि, मेंटेनेंस परफॉर्मेंस की ग्यारंटी की शर्तें व अवधि की जानकारी तथा किस एजेंसी व ठेकेदार द्वारा किया गया की पूर्ण जानकारी प्रदान की जावे।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा खण्डवा जिले में प्रगतिरत कार्यों को अनुबंधानुसार पूर्ण करने की कार्ययोजना है। म.प्र. सड़क विकास निगम संभाग इन्दौर अंतर्गत खण्डवा-मुन्दी मार्ग का पुर्ननिर्माण कार्य प्रस्तावित है। उक्त मार्ग की पुनरीक्षित डी.पी.आर. बनाये जाने की कार्यवाही प्रगतिरत है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2' एवं '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है। खण्डवा तीन पुलिया से रामेश्वर पुलिया तक लगभग 900 मी. लम्बाई का मार्ग खंडवा मूंदी राज्य राजमार्ग क्र. 70 का भाग है। इस भाग पर लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग इंदौर द्वारा रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य किया जा रहा है एवं पूर्व से निर्मित भाग को ब्रिज के डायवर्सन में उपयोग किया जा रहा है।

शासन आदेशों का पालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

90. ( क्र. 1153 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 434 दिनांक 31/10/2025 मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद बड़वानी को पूर्व में लिखे गये 15 पत्र की सूची भेजकर शासन के निर्देश का पालन करने एवं उन 15 पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत कराने का लेख किया गया था? क्या की गई कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को अवगत कराया गया है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों और इसके लिए क्या संबंधित उत्तरदायियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। पत्र के पालन में माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया जा चुका है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सुगम भारत योजनांतर्गत निर्माण कार्य

[लोक निर्माण]

91. ( क्र. 1155 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुगम भारत योजना के अन्तर्गत भोपाल जिले में दिव्यांग लोगों की सुविधा के लिए पी.आई.यू. द्वारा किन-किन कार्यालयों में विगत 2 वर्ष निर्माण कार्य किये गये हैं? उनकी सूची एवं कितने निर्माण कार्य प्रचलन में है और कितने पूर्ण किये जा चुके हैं? (ख) सुगम भारत योजना में दिव्यांगों के लिए किन-किन कार्यों को करवाये जाने का प्रावधान है? उनके नियम एवं सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्‍या सुगम भारत योजना के अन्तर्गत कराये गये कार्यों में अनियमितताओं के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थीं? यदि हाँ, तो क्‍या उन शिकायतों की जांच की गई? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराएं।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) नियम पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) सुगम भारत योजना के अंतर्गत कराये गये कार्यों में अनियमितताओं के संबंध में शिकायत प्राप्‍त न होने के कारण शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

संचालित छात्रावासों की जानकारी

[अनुसूचित जाति कल्याण]

92. ( क्र. 1163 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा खाचरोद विधानसभा क्षेत्र में उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में अध्यनरत बालिका छात्रावासों की संख्या कितनी है? यह छात्रावास पूरी विधानसभा में किन-किन स्थानों पर संचालित हो रहे हैं उनकी क्षमता क्या है? जानकारी उपलब्ध करवाएं। (ख) नागदा शहर में स्थित छात्रावास में कितनी बालिकाएं अध्ययनरत और इस छात्रावासों में बालिकाओं के रहने की क्षमता क्या है? (ग) ऐसे छात्रावास जिनमें क्षमता से अधिक बालिकाएं निवासरत है ऐसे छात्रावासों के सुधार के संबंध में विभाग क्या कार्यवाही करेगा या वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रचलित है? जानकारी दे।

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्‍वीकृत सीट संख्‍या से अधिक बालिकाएं निवासरत नहीं होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चउवन"

यात्रियों की सुविधाएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

93. ( क्र. 1164 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा खाचरोद विधानसभा में नागदा रेलवे स्टेशन एक प्रमुख जंक्शन है यहा से कई लम्बी दूरी की ट्रेन प्रतिदिन गुजरती है, साथ ही नागदा शहर अन्य प्रान्तों से जुड़े प्रमुख सड़क मार्गों पर स्थित है आगामी सिंहस्थ की दृष्टि में नागदा खाचरौद शहर में यातायात और यात्रियों का अत्यधिक दबाव रहेगा इस बात को दृष्टिगत रखते हुए नगरपालिका नागदा, खाचरौद में सिंहस्थ की दृष्टि से अतिरिक्त विश्रामगृह, शौचालय और बस स्टैंड आदि की व्यवस्था शासन द्वारा किये जाने और यात्रियों की सुविधा और व्यवस्था के लिए कोई अतिरिक्त योजना शासन के माध्यम से की जाने वाली है? (ख) इन योजना का संचालन कब से शुरू होगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) नगर पालिका परिषद नागदा एवं नगर परिषद खाचरौद द्वारा सिंहस्‍थ 2028 के दृष्टिगत यातायात व्‍यवस्‍था एवं यात्रियों की सुविधा हेतु कार्ययोजना तैयार की जा रही है। कार्ययोजना तैयार होने पर शासन द्वारा सिंहस्‍थ 2028 हेतु गठित संभाग स्‍तरीय समिति के समक्ष परीक्षण हेतु प्रस्‍तुत की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नगरीय सिंहस्थ कार्य योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

94. ( क्र. 1171 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आगामी सिहंस्थ के संदर्भ में नगरीय क्षेत्र के समुचित विकास हेतु नगरीय सिंहस्थ कार्य योजना बनाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या नगरपालिका परिषद जावरा एवं नगर परिषद पिपलोदा एवं जिला प्रशासन के द्वारा भी विभिन्न सिंहस्थ विकास कार्यों के संबंध में प्रस्ताव शासन/विभाग को भेजे हैं? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा सिंहस्थ योजनाओं के संबंध में भेजे गए निकायों व जनप्रतिनिधियों तथा जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर क्या-क्या कार्यवाही की? जानकारी दें। (घ) विभिन्न माध्यमों से अग्रेषित किए गए शासन/विभाग को जो सिंहस्थ विकास कार्य प्रस्ताव प्राप्त हुए उनमें से कितने प्रस्तावों को प्रशासकीय स्वीकृति एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई? शासन/विभाग द्वारा की गई समस्त कार्यवाही से अवगत कराएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जी, हाँ। (ग) एवं (घ) नगरीय निकायों, जनप्रतिनिधियों एवं जिला-प्रशासन से प्राप्‍त प्रस्‍तावों का परीक्षण संभाग स्‍तरीय समिति द्वारा किया जाता है। संभाग स्‍तरीय समिति से अनुशंसा उपरांत पर्यवेक्षण समिति द्वारा कार्यों की अनुशंसा एवं मंत्रि-मण्‍डलीय समिति द्वारा कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की जाती है। मंत्रि-मण्‍डलीय समिति द्वारा स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण

[लोक निर्माण]

95. ( क्र. 1172 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर एवं जावरा तहसील में फ्लाई ओवर ब्रिज मुख्य स्थान पर बनाए जाने हेतु विभाग से मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या जावरा नगर स्थित चौपाटी पर फोरलेन मार्ग पर फ्लाई ओवर ब्रिज, जावरा तहसील के ग्राम उणी से मिंडा जी त्रिवेणी संगम पर फ्लाई ओवर ब्रिज एवं बरगढ़-भैसाना रिंग रोड पर भैसाना रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज निर्माण किए जाने की मांग की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (ख) अंतर्गत उल्लेखित तीनों अत्यंत गंभीर अत्यावश्यक जन कार्य होने की स्थिति में इन्हें कब तक स्वीकृति दी जायेगी? (घ) प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय मंत्री जी एवं माननीय प्रमुख सचिव महोदय को पत्रों के माध्यम से एवं सदन में भी इस हेतु ध्यान आकर्षित कराया गया है, तो इस परिप्रेक्ष्‍य में शासन/विभाग द्वारा इस हेतु आगामी कार्यवाही क्‍या की गई? जानकारी दे।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) चौपाटी पर फोरलेन मार्ग पर फ्लाई ओव्हर ब्रिज का मांग पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ है। केवल ग्राम उणी से मिंडा जी में मलेनी नदी एवं भैसाना रेल्वे फाटक पर फ्लाई ओव्हर ब्रिज का मांग पत्र प्राप्त हुआ है। (ग) वर्तमान में किसी भी योजना में न तो प्रस्तावित है और न ही स्वीकृत है। अतः निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है।

वृद्धा आश्रमों का संचालन

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

96. ( क्र. 1177 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार द्वारा प्रदेश में संचालित वृद्धा आश्रमों को संचालित करने के क्या नियम है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में प्रश्‍न दिनांक तक कितने वृद्धा आश्रम संचालित है? आश्रम का नाम एवं पता सहित जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में क्या शासन द्वारा उक्त वृद्धा आश्रमों की समय-समय पर जांच हेतु समिति/अधिकारी का गठन किया है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में गठित समिति द्वारा ग्वालियर में संचालित वृद्धा आश्रमों को कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण में क्या-क्या अनिमिततायें पाई गई? जानकारी दी जावे। (ड.) यदि गठित समिति द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया, तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? दोषि‍यों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? नाम एवं पदनाम सहित जानकारी दी जावे।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) ग्‍वालियर एवं चंबल संभाग में 18 वृद्धाश्रम संचालित है। वृद्धाश्रमों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (घ) ग्‍वालियर में संचालित 03 वृद्धाश्रमों की 08 निरीक्षण प्रतिवेदन वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 की एवं अन्‍य 07 जिलों के 15 वृद्धाश्रमों की 21 निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार। नि‍रीक्षणकर्ता द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन में संतोषजनक दर्शाया गया है, अत: कोई अनियमितताऐं नहीं पाई जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्‍तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्‍मार्ट मीटर स्‍थापना में भ्रष्‍टाचार

[ऊर्जा]

97. ( क्र. 1194 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्मार्ट मीटर लगाने के ठेके में यह शर्त शामिल थी कि प्रत्येक 20 मीटर पर एक चेक मीटर स्थापित किया जाएगा ताकि उपभोक्ता को पारदर्शिता मिल सके क्या इसका पालन किया गया? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या संबंधित कंपनी ने शर्तों का उल्लंघन कर कार्य को पेटी कॉन्ट्रेक्ट के रूप में अन्य कंपनियों को सौंपा है तो क्यों? क्या यह नियमानुकूल है? (ग) क्या शासन ने इस संबंध में ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कोई जांच या कार्यवाही प्रारंभ की है? यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विभाग स्मार्ट मीटर का ठेका निरस्त कर पारदर्शिता अपनाने की दिशा में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। तथापि विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के आदेश क्र.F. No. 11/01 (28)/2022-UR&SI-II- (E-268322) दिनांक 16.09.2023 के माध्‍यम से प्राप्‍त निर्देशानुसार भविष्‍य में स्‍मार्ट मीटरों की स्‍थापना हेतु जारी होने वाली निविदाओं में 5 प्रतिशत चेक मीटर लगाए जाने का प्रवधान रखा जाना है। तदनुसार विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत चेक मीटर लगाये जाने के संबंध में भारत सरकार के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। उल्‍लेखनीय है कि भारत सरकार के उक्‍त निर्देशों से पूर्व स्‍थापित किये गये स्‍मार्ट मीटरों के संबंध में भी शिकायत प्राप्‍त होने पर चेक मीटर लगाकर उपभोक्‍ता की शिकायत का संतुष्टिपूर्वक निराकरण किया जा रहा है। वितरण कंपनियो के अंतर्गत कुल 31335 चेक मीटर लगाये गये हैं। स्‍मार्ट मीटर लगाए जाने से विद्युत उपभोक्‍ताओं को विभिन्‍न लाभ यथा विद्युत खपत एवं बिलों में पारदर्शिता, रियल टाइम खपत की निगरानी, शासन की सब्सिडी योजनाओं का लाभ पात्र उपभोक्‍ताओं को प्राप्‍त होगा है। उक्‍त के अतिरिक्‍त निम्‍न दाब उपभोक्‍ताओ को स्‍मार्ट मीटर स्‍थापित कराए जाने पर दिन के समय (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। उक्‍त स्‍मार्ट मीटरों में नेट मीटरिंग की उपलब्‍धता होने के दृष्‍टिगत सोलर का विकल्‍प लेने वाले उपभोक्‍ताओं को बिना किसी अतिरिक्‍त शुल्‍क के इसका लाभ प्राप्‍त हो रहा है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल अंतर्गत स्मार्ट मीटर स्थापना के कार्य की क्रियान्‍वयन एजेंसियों द्वारा पेटी कॉन्ट्रेक्ट के रूप में अन्य कंपनियों को कार्य नहीं सौंपा गया है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर अंतर्गत स्मार्ट मीटर स्थापना का कार्य केन्द्र सरकार की योजना आर.डी.एस.एस. अंतर्गत जारी की गई गाइड लाइन एवं अनुमोदन के अनुपालन में आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। इसके अनुपालन में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत मेसर्स मोंटेकार्लो जबलपुर स्मार्ट मीटरिंग लिमिटेड एवं मेसर्स बैकल रिन्यूएब्ल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्मार्ट मीटर स्थापना का कार्य सम्पादित किया जा रहा है। इस तारतम्य में केवल मेसर्स बैकल रिन्यूएब्ल्स द्वारा ही म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी कॉन्ट्रैक्ट के अनुपालन में सब कांट्रेक्टिंग क्लॉज अंतर्गत डिस्कॉम कि अनुमति लेकर उचित मानदंडों का पालन करते हुए मेसर्स ईस्यसोफ्ट प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा सब-कॉट्रेक्टर के रूप में कार्य किया जा रहा है।                                          (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कोई जांच/कार्यवाही तथा स्‍मार्ट मीटर के कार्यादेशों को निरस्‍त करने का प्रश्‍न नहीं उठता है।

संविदा कर्मचारियों को लाभ न मिलना

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

98. ( क्र. 1195 ) श्री उमंग सिंघार : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र (डी.डी.आर.सी.) के प्रशासनिक अधिकारियों को जो कि म.प्र. शासन के कर्मचारी है वे लगभग 15 से 20 वर्षों से कार्यरत है और वर्तमान में उन्हें केवल 16000/- प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। वर्ष 2023 में शासन में कार्यरत सभी कर्मचारियों को संविदा नीति में ले लिया गया है, किन्तु उन्हें अभी तक संविदा का लाभ नहीं मिला है तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या म.प्र. के समस्त प्रशासनिक अधिकारियों (डी.डी.आर.सी.) की मांग है कि उन्हें नियमित कर्मचारियों की श्रेणी में शामिल किया जाए एवं नियमित कर्मचारियों के समान वेतन और लाभ भी दिए जाए? (ग) केन्द्र शासन से जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र संचालन हेतु कई जिलों को कई वर्षों से अनुदान क्यों प्राप्त नहीं हुआ है? (घ) उप सचिव सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक 546454/2025-26-2 दिनांक 13.10.2025 संयुक्त संचालक, वित्त, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण संचालनालय द्वारा हस्ताक्षरित गणना पत्रक में अकाउटेंट कम क्लर्क का वर्ष 2014 में मानदेय रूपये 12000/- होना चाहिए था किन्तु मानदेय की गणना रूपये 16000/- से किस अनुसार की गई है?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) भारत सरकार की सिपडा (दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की क्रियान्वयन योजना) योजनान्तर्गत जिला दिव्यांगजन पुनर्वास केन्द्र (डी.डी.आर.सी.) का संचालन भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा किया जा रहा है। डी.डी. आर.सी. के प्रभावी संचालन के लिए प्रशासनिक समन्वय हेतु राज्य स्तर से प्रशासनिक अधिकारी पद का सृजन राज्य निराश्रित निधि से (राशि रू. 16000/- प्रतिमाह) मानदेय आधार पर पूर्णतः अस्थायी प्रकृति का पद सृजनित किया गया है। भारत सरकार की गाइड लाइन अनुसार डी.डी.आर.सी. के समस्त पद संविदा आधारित न होकर, मानदेय आधारित अस्‍थायी प्रकृति के हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र (डी.डी.आर.सी.) का संचालन भारत सरकार की गाइड लाइन के तहत किया जा रहा है। प्रतिवर्ष जिलों के प्रस्ताव भारत सरकार के ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से प्रेषित किये गए हैं। प्रदेश में डी.डी.आर.सी. के सुचारु संचालन हेतु केन्द्र से स्वीकृति की प्रत्याशा में राज्य सरकार द्वारा विभाग की निराश्रित निधि से वैकल्पिक व्यवस्था की जाती रही है। (घ) भारत सरकार की गाइड लाइन अनुसार डी.डी.आर.सी. का संचालन किया जा रहा है। अकाउंटेंट कम क्लर्क के मानदेय में पूर्व से चली आ रही विसंगति को दूर करने के परिप्रेक्ष्य में इस पद का मानदेय गणना पत्रक में वर्ष 2014 से 16000/- मान्य किया जाकर मानदेय में वृद्धि प्रस्ताव पर वित्त विभाग की सहमति उपरांत मंत्रि-परिषद के अनुमोदन पश्चात सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक 546454/2025-26-2 दिनांक 13.10.2025 द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। जारी आदेश के परिप्रेक्ष्य में मानदेय वृद्धि के फलस्वरूप अकाउंटेंट कम क्‍लर्क को मानदेय वृद्धि किये जाने से दिनांक 01 अप्रैल, 2025 के पूर्व का किसी प्रकार का एरियर्स देय नहीं होगा।

बंगलो के रख-रखाव संधारण एवं मरम्‍मत पर व्‍यय

[लोक निर्माण]

99. ( क्र. 1206 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक मंत्री एवं विधायक निवासों के नवीनीकरण, रख-रखाव तथा सौंदर्यीकरण कार्यों पर कुल कितना व्यय किया गया? उसका वर्षवार एवं मदवार विवरण, साथ ही निवास परिसरों एवं बाहरी सड़कों की मरम्मत पर हुए व्यय की पृथक जानकारी दी जाए। (ख) वर्ष 2021-22 से अक्टूबर 2025 तक प्रत्येक मंत्री एवं विधायक निवास (बंगला) के अनुसार किए गए कार्यों का विवरणजिसमें संबंधित मंत्री/विधायक का नाम, कार्य की प्रकृति (नवीनीकरण/रंगरोगन/ फर्निशिंग/सड़क मरम्मत/भवन विस्तार) एवं व्यय की गई राशि का उल्लेख हो की जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) वित्तीय वर्ष 2024–25 में सरकारी बंगलों के रख-रखाव हेतु स्वीकृत ₹250 करोड़ के प्रावधान के विरुद्ध वास्तविक व्यय कितना हुआ तथा किन-किन कार्यों पर खर्च किया गया? इसका कार्यवार विवरण उपलब्ध कराया जाए।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है

एन.जी.टी. दिशानिर्देशों की अवमानना से पर्यावरणीय क्षति

[नगरीय विकास एवं आवास]

100. ( क्र. 1207 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन नगर निगम एवं नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा एन.जी.टी. आदेश दिनांक 20 जुलाई, 2023 एवं पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 3 (3), जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 25 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 21 के अंतर्गत क्षिप्रा नदी, सप्तसागर में व्याप्त अतिक्रमण व हरित क्षेत्रों में प्रदूषण रोकथाम हेतु कोई ठोस कार्रवाई की गई? यदि नहीं, तो देरी के कारण व दोषी अधिकारियों के नाम सहित कार्यवाही का ब्यौरा दें। (ख) क्या पर्यावरण विभाग द्वारा उपरोक्त आदेशों की अवमानना पर नगर निगम/निजी प्रतिष्ठानों से पर्यावरणीय क्षति शुल्क वसूल किया गया? यदि नहीं, तो वसूली में लापरवाही व राजस्व हानि हेतु भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (1) (d) के अंतर्गत जांच क्यों नहीं कराई गई? (ग) रूद्रसागर परियोजना (₹22.50 करोड़) में पर्यावरणीय अनुमति किन नियमों के अधीन प्राप्त की गई तथा निर्माण गुणवत्ता, तकनीकी परीक्षण रिपोर्टों के आधार पर अभियंता, ठेकेदार एवं पर्यवेक्षण अधिकारियों पर म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 के अंतर्गत कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) क्या पूर्व प्रश्‍न क्रमांक 1164, 13851765 पर उत्तर लंबित रखे जाने से सदन को तथ्यात्मक जानकारी से वंचित रखा गया? यदि हाँ, तो उत्तरदायी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ङ) एन.जी.टी. आदेशों की अवमानना से हुई पर्यावरणीय क्षति एवं राजस्व हानि की भरपाई हेतु सुधारात्मक कार्ययोजना शासन कब प्रस्तुत करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) पर्यावरणीय अनुमति प्राप्‍त नहीं की गई कार्य की गुणवत्‍ता मानक के अनुसार होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक- 1164, 1765 का उत्‍तर विधानसभा को भेजा गया है, विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक- 1385 का उत्‍तर वृहद स्‍वरूप एवं पर्यावरण विभाग का संयुक्‍त रूप से पूछा गया था जिसमें समय-सीमा में नहीं भेजा जा सका, जिससे शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) एन.जी.टी. के आदेशों की अवमानना नहीं हुई। एन.जी.टी. के आदेश के परिप्रेक्ष्‍य में विभाग द्वारा सतत् कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सुवासरा भानपुरा का निर्माणाधीन मार्ग

[लोक निर्माण]

101. ( क्र. 1212 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले के सुवासरा भानपुरा मार्ग का पूर्व में कब निर्माण करवाया गया? क्या इसकी अवधि पूर्ण हो गई थी? यदि नहीं, तो इसकी पूर्ण अवधि क्या थी? इसकी लागत, लंबाई, कार्य पूर्ण होने की तिथि सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में निर्माणाधीन सुवासरा भानपुरा मार्ग कितनी लंबाई, चौड़ाई का स्वीकृत है और कितनी चौड़ाई पर कार्य किया जा रहा है? कार्य की लागत कितने किलोमीटर की सड़क सहित संपूर्ण विवरण उपलब्‍ध करावें। (ग) क्या कार्य निर्धारित मापदंड अनुसार किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कार्य के संबंध में कोई शिकायतें प्राप्त हुई है? कार्य कि गुणवत्ता जांच किसके द्वारा की जा रही है? जानकारी दें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मंदसौर जिले के सुवासरा भानपुरा मार्ग का कार्य पूर्व में लोक निर्माण विभाग द्वारा दिनांक 05.09.2010 को पूर्ण किया गया। कार्य की डीएलपी दिनांक 04.09.2015 तक थी। मार्ग का हस्तांतरण म.प्र. सड़क विकास निगम को वर्ष-2021 में किया गया। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। मार्ग का निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्‍डानुसार किया जा रहा है। अपितु कार्य के संबंध में 02 शिकायते प्राप्‍त हुई है। उपरोक्त कार्य की गुणवत्ता की जाँच मार्ग पर नियुक्‍त सुपरविजन कंसल्टेंट मेसर्स इंटरकॉन्टिनेंटल कंसल्टेंट्स एंड टेक्नोक्रेट्स प्राइवेट लिमिटेड एवं संभागीय कार्यालय के अधिकारियो द्वारा समय-समय पर की जाती है।

परिशिष्ट - "पचपन"

अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य

[अनुसूचित जाति कल्याण]

102. ( क्र. 1213 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिछले तीन वर्षों में विभाग द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत कुल कितने कार्य स्वीकृत किए? ग्राम के नाम सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त कार्य किस एजेंसी के माध्यम से कराए जा रहे हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग के कुल कितने छात्रावास कहां-कहां संचालित हो रहे हैं और इनमें कार्यरत छात्रावास अधीक्षक एवं समस्त स्टाफ की जानकारी उपलब्ध करावें?

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।

गरोठ बाईपास रोड का निर्माण

[लोक निर्माण]

103. ( क्र. 1214 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गरोठ बाईपास रोड की योजना बनाकर शासन को भेजी गई थी? यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त योजना की क्या स्थिति है? (ख) गरोठ बाईपास योजना की क्षेत्रवासियों द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही हैं। क्या शासन आवश्यक परीक्षण उपरांत गरोठ बाईपास मार्ग की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) वर्तमान में उक्‍त कार्य बजट में सम्मिलित नहीं है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति

[लोक निर्माण]

104. ( क्र. 1216 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न स्थानों में आमजनो की आवागमन की सुविधा हेतु विभिन्न मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा मान. विभागीय मंत्री महोदय जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/434 दि. 28.07.2025 को प्रेषित किया गया है, जिस पत्र पर स्वीकृति हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पत्रों में उल्लेखित विभिन्न मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति से संबंधित विभिन्न औपचारिकताओं व कार्यवाही को पूर्ण करते हुए, कब तक विभिन्न मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                                      (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "छप्पन"

भूमि आवंटन के प्रकरणों की स्वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

105. ( क्र. 1221 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् भितरवार/मोहना एवं आंतरी जिला ग्वालियर को 01 जनवरी, 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस मद से कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ? पृथक-पृथक आवंटनवार स्पष्‍ट करेंl प्राप्त वित्तीय आवंटन से कौन-कौन से विकास कार्य उक्त अवधि में करवाए गए तथा करवाए जा रहे हैं? निर्माण एजेंसी/ठेकेदार का नाम, राशि, कार्य की वर्तमान स्थिति (वित्तीय एवं भौतिक) स्‍पष्‍ट करें। (ख) क्या नवगठित नगर परिषद् मोहना में विकास कार्य को रोकने के लिए जान बूझकर भूमि आवंटन नहीं करने का क्या कारण है, जबकि शासकीय भूमि खाली स्थिति में उपलब्ध है? वित्तीय आवंटन पर्याप्त है, सिर्फ भूमि आवंटन नहीं करना कहाँ तक सही है? क्या इस बाबत् अध्यक्ष नगर परिषद् मोहना द्वारा अपने पत्रों द्वारा बार-बार कलेक्टर महोदय ग्वालियर की जन सुनवाई में पत्र क्र. 189, 180, 176, 172, 170 दिनांक 28/10/2514/10/2529/09/25, 16/09/25 एवं 09/09/25 द्वारा निवेदन किया गया है, फिर भी भूमि आवंटन न करने का क्या कारण है? उक्त सभी पत्रों को स्‍पष्‍ट करें। इन पत्रों पर पत्र दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें। क्या इतनी बड़ी लापरवाही के लिए दोषी अधिकारियों पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्‍पष्‍ट करेंl अब कब तक भूमि आवंटन हो जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) नगर परिषद मोहना के कुल 25 कार्यों के लिए भूमि आवंटन का प्रस्ताव कलेक्टर जिला ग्वालियर को भेजा गया है, जिनमें से 06 कार्यों जैसे–03 ओवहर हेड टैंक, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, पार्क एवं खेल मैदान हेतु भूमि आवंटित हो चुकी है। शेष कार्यों के लिए भूमि आवंटन की कार्यवाही कलेक्टर, जिला-ग्वालियर में विचाराधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

पशुपालकों एवं डेयरी संचालकों को अनुदान

[पशुपालन एवं डेयरी]

106. ( क्र. 1223 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा किसानों की अतिरिक्त आय बढ़ाने हेतु संचालित कुक्कुट पालन, बकरी पालन, पशुपालन एवं डेयरी विकास योजना के क्रियान्वयन संबंधी शासन आदेश/नियम की सत्यापित प्रति उपलब्ध करवाएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार कुक्कुट पालन/बकरी पालन तथा पशुपालन एवं डेयरी विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक में प्रश्‍न दिनांक तक जिला ग्वालियर अंतर्गत विकासखण्‍ड मुरार, घाटीगांव, भितरवार एवं डबरा में किस ग्राम/शहर के किस वर्ग के हितग्राही को किस प्रयोजन हेतु कुल कितना ऋण/अनुदान राशि प्रदाय की गई? योजनावार तथा विकासखण्‍डवार, वर्षवार पृथक-पृथक लाभान्वित हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करवाएं।

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

कार्यों में अनियमितताएं

[ऊर्जा]

107. ( क्र. 1229 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) क्या पीएचई विभाग की नलजल योजना में विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं ठेकेदारों की मि‍लीभगत से खराब स्तर के ट्रांसफार्मर सम्पूर्ण भिण्ड जिले में रखे गये है, जबकि विभाग के निर्देश है कि 3 स्टार रेटिंग के ट्रांसफार्मर रखे जाने थे परंतु खराब स्तर के ट्रांसफार्मर रखे गये और भुगतान 3 स्टार रेटिंग के ट्रांसफार्मरों का किया गया? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों/ठेकेदारों के विरूद्व क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक? समय-सीमा बतावें। रखे गये ट्रांसफार्मरों की विधानसभावार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या लहार विधानसभा के ग्राम लिधौरा एवं काथा में (नहर की पुलिया से हनुमान जी मन्दिर तक) विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा 11 के.व्ही. लाईन को बिना किसी अनुमति के शिफ्ट कर दी गई है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों पर क्या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या अधिकारियों द्वारा जिला भिण्ड एवं लहार के सभी फीडरों पर अपने चहेते ठेकेदारों से वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में 5 लाख रूपये तक के मरम्मत कार्य के फर्जी भुगतान किये गये? यदि हाँ, तो मरम्मत कार्य किये जाने वाले स्थानों की सूची विधानसभावार उपलब्ध करावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। प्रचलित प्रक्रिया अनुसार म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्‍तर्गत प्राप्‍त आवेदनों के विरूद्ध सर्वे अनुसार वांछित विद्युत अधोसंरचना विस्‍तार के कार्यों हेतु प्राक्‍कलन विद्युत वितरण कंपनी की 5 प्रतिशत सुपरविजन योजना अथवा पूर्ण जमा योजना में स्‍वीकृत किये जाने के प्रावधान हैं। भिण्‍ड जिले में पी.एच.ई. विभाग की नल जल योजनाओं हेतु आवेदन प्राप्‍त होने पर आवेदनों के विरूद्ध 5 प्रतिशत सुपरविजन योजना में वांछित अधोसंरचना के प्राक्‍कलन स्‍वीकृत किये गये हैं। 5 प्रतिशत सुपरविजन योजना के कार्यों का क्रियान्‍वयन संबंधित विभाग/संस्‍था द्वारा चयनित पंजीकृत '''' श्रेणी विद्युत ठेकेदारों के माध्‍यम से स्‍वयं के व्‍यय पर कराया जाता है। कार्य में प्रयुक्‍त सामग्री आदि का भुगतान आवेदक विभाग द्वारा ही संबंधित ठेकेदार को किया जाता है। म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कार्य का केवल पर्यवेक्षण (सुपरविजन) किया जाता है। उक्‍त कार्यों में नियमानुसार 3 स्‍टार रेटिंग नहीं, अपितु बी.आई.एस. इनर्जी एफिसिएंसी लेवल 2 के ट्रांसफार्मर का उपयोग किये जाने का प्रावधान है। तदनुसार ही म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्तमान वित्‍त वर्ष में भिण्‍ड जिले में पी.एच.ई. विभाग की नल-जल योजना के कार्यों के तहत एन.ए.बी.एल. टेस्टिंग लेब से नियमानुसार सेम्‍पल टेस्टिंग कराने के उपरांत निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप रेटिंग पाए जाने पर ही वितरण ट्रांसफार्मर अधिग्रहित किये गये हैं। उक्‍त अधिग्रहित वितरण ट्रांसफार्मरों की विधानसभा क्षेत्रवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (ख) जी नहीं। ग्राम लिधौरा में 11 के.व्‍ही. लाईन को शिफ्ट करने हेतु कंपनी नियमानुसार आवेदन प्राप्‍त होने पर 5 प्रतिशत सुपरविजन योजना में प्राक्‍कलन ई.आर.पी. क्रमांक 270585 के तहत स्‍वीकृत कर आवेदक द्वारा स्‍वयं के व्‍यय पर, आवेदक के चयनित ठेकेदार द्वारा पूर्ण कराया गया है। ग्राम काथा (नहर की पुलिया से हनुमान जी मंदिर तक) में 11 के.व्‍ही. लाईन का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना में 11 के.व्‍ही. राहौली फीडर के इंटर कनेक्‍शन कार्य हेतु टास्‍क आई.डी. क्रमांक 287556 के तहत क्रियान्वित किया गया है। चूंकि उक्‍त दोनों ही कार्य नियमानुसार वितरण कंपनी के प्रावधानों के तहत स्‍वीकृत कर क्रियान्वित कराये गये हैं, अत: अधि‍कारियों/ कर्मचारियों पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता है। (ग) जी नहीं। म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्धेश्‍य से संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों द्वारा अति आवश्‍यक संधारण कार्यों को नियमानुसार स्‍वीकृत कर कार्यों का क्रियान्‍वयन कराया जाता है, जिसमें राशि रूपये 1 लाख तक के अति आवश्‍यक कार्यों हेतु ठेकेदार का चयन ऑफलाईन माध्‍यम से तथा राशि रूपये 1 लाख से अधिक के कार्यों हेतु ठेकेदार का चयन ऑनलाईन माध्‍यम से कर कार्य पूर्ण कराया जाता है। भिण्‍ड जिले में 5 लाख रूपये तक के मरम्‍मत कार्यों हेतु कोई भी फर्जी भुगतान नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है।

 

टोल प्‍लाजा पर उपलब्‍ध मूलभूत सुविधाएं

[लोक निर्माण]

108. ( क्र. 1234 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर-नागपुर स्‍टेट हाईवे पर टोल वसूली किस-किस कंपनी द्वारा एवं किस दिनांक से प्रारंभ किया गया है और कब तक वसूली की जावेगी? अनुबंध की प्रतिलिपि देवें। प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि टोल के माध्‍यम से कंपनी/विभाग द्वारा वसूल कर ली गई है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) स्‍टेट हाईवे पर टोल वसूली के उपरांत भी कंपनी द्वारा मेन्‍टेनेंस का कार्य नहीं किया जा रहा है? सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढ़े बने हुये हैं? क्‍या टोल प्‍लाजाओं पर पेयजल, सार्वजनिक शौचालयों, एम्‍बुलेंस एवं क्रेन जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं? (ग) क्‍या मूलभूत सुविधाएं एवं सड़क का मरम्‍मत कार्य न करने पर कंपनी पर जुर्माना लगाया जावेगा अथवा नहीं, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (घ) क्‍या कंपनी/विभाग द्वारा टोल प्‍लाजाओं में पास जारी करने का प्रावधान भी है? यदि हाँ, तो नियम/निर्देश की छायाप्रति उपलब्‍ध कराते हुए जानकारी देवें कि वर्तमान में प्रश्‍नांश (क) स्‍टेट हाईवे पर किस-किस व्‍यक्ति/वाहन मालिक को पास जारी किया गया है, टोल प्‍लाजावार सूची उपलब्‍ध करावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (घ) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

बस्ती विकास प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना

[अनुसूचित जाति कल्याण]

109. ( क्र. 1237 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023-24 से वर्ष 2025-26 तक बस्ती विकास योजना, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, रोजगारोन्मुखी योजनाओं में कितना-कितना बजट अवधानित है? योजनावार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अवधि एवं योजनाओं में ग्वालियर जिले को कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? योजनावार, वर्षवार जानकारी दें। जिले में प्राप्त राशि किस-किस कार्य पर व्यय की गई योजनावार, वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गए? स्वीकृत कार्य, व्यय राशि और कार्यों की वर्तमान, अद्यतन स्थिति क्या है? क्या सभी कार्य पूर्ण हो गए हैं? यदि हां, तो कौन-कौन से? वर्षवार, कार्यवार जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ/अनुक्रम में संदर्भ/अनुक्रम में वर्ष 2025-26 में भितरवार विधानसभा क्षेत्र के कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं/किये जा रहे है?

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है।

 

 

डोंगर परासिया को आर्थिक क्षति

[नगरीय विकास एवं आवास]

110. ( क्र. 1249 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023 में छिंदवाड़ा जिले के नगरपालिका डोंगर परासिया के अध्यक्ष एवं सीएमओ द्वारा 3 करोड़ 74 लाख रु. की एफडी बिना नियम प्रक्रिया के पालन किए विरुद्ध तरीके से तोड़ दी गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार फिर वही राशि की एफडी एक प्राइवेट बैंक में पुनः नियमों की अवहेलना करते हुए बनाई गई? फिर वह एफडी भी जल आवर्धन योजना के ठेकेदार को भुगतान करने के नाम पर पुनः समय पूर्व तोड़ दी गई एवं बिना ब्याज भुगतान प्राप्त करने सहमति देकर निकाय को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई? (ग) क्या इस तरह नियमों की अवहेलना कर निजी हितों के लिए अध्यक्ष एवं सीएमओ द्वारा एफडी तोड़ने बनाने से निकाय को 22 लाख 35 हजार की आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है (घ) यह राशि किस मद में निकाय को प्राप्त हुई थी इस संबंध में राशि का उपयोग कैसे और किस तरह किया जा सकेगा? इस संबंध में शासन के निर्देशों की कॉपी भी प्रदान करें। (ड.) क्या शासन नगरीय निकाय को इस तरह पद का दुरुपयोग कर नुकसान पहुंचाने वाले नगर पालिका अध्यक्ष को हटाने की कार्रवाई करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ग) नगर पालिका परिषद, डोंगर परासिया को प्रश्‍नांकित राशि UIDSSMT योजना अंतर्गत जल आवर्धन योजना हेतु उपलब्‍ध कराई गई थी, यह राशि निकाय की नहीं थी। योजना अंतर्गत कार्यों के लिये व्‍यय किये जाने से आर्थिक क्षति परिलक्षित नहीं होती है।                                    (घ) जानकारी उत्‍तरांश (ग) अनुसार है। निर्देशों की प्रति जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ड.) नगर पालिका परिषद, डोंगर परासिया द्वारा उत्‍तरांश (क) एवं (ग) अनुसार कार्यवाही किये जाने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सत्तावन"

भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की 41वीं बोर्ड बैठक

[नगरीय विकास एवं आवास]

111. ( क्र. 1250 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बीसीएलएल की 41वीं बैठक का एजेण्‍डा बिन्‍दु क्रमांक 14 में निविदाकार के उच्‍च न्‍यायालय एवं आर्बिट्रेशन में बोर्ड के निर्णय के समय प्रकरण प्रचलित थे, हाँ अथवा नही? यदि हाँ, तो बोर्ड ने प्रकरण के निराकरण से पहले ब्‍लैक लिस्टिंग एवं टर्मीनेशन किस आधार पर निरस्‍त किया, स्‍पष्‍ट कारण बताऐं एवं दस्‍तावेज प्रदाय करें। (ख) क्‍या विभाग द्वारा 41वीं बोर्ड के पूर्व एन.आई.टी. 123 के संबंध में चल रहे न्‍यायालयीन प्रकरणों या 41वीं बोर्ड के एजेण्‍डो बिन्‍दु क्रमांक 14 के संबंध में कोई विधिक अभिमत लिया गया है, हाँ अथवा नही? यदि हाँ, तो विधिक अभिमत की छायाप्रति प्रदान करें। क्‍या सीईओ द्वारा तथ्‍यों की जॉच या परीक्षण किया गया, हाँ अथवा नही? यदि हाँ, तो कितने दिन/महीने में किया, समय अवधि बताएं। (ग) ब्‍लैक लिस्‍ट के आदेश को रद्द करने के पूर्व क्‍या सीईओ द्वारा कोई आर्थिक दण्‍ड मेसर्स चलो से वसूल किया गया, हाँ अथवा नही? क्‍या दण्‍ड अथवा राशि वसूल किये बिना ब्‍लैक लिस्टिंग का आदेश रद्द करना विधिसम्‍मत है, हाँ अथवा नही? यदि हाँ, तो कानूनी एवं शासन के नियम/लॉ बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, आर्बिट्रेटर सह आयुक्त भोपाल संभाग के समक्ष आर्बिट्रेशन प्रकरण में मेसर्स चलो मोबिलिटी द्वारा प्रकरण का निराकारण अमिकेबली किये जाने सम्बन्धी प्रस्तुत पत्र दिनांक 11/02/2025 एवं बीसीएलएल को बकाया राशि के भुगतान किये जाने के अनुक्रम में बीसीएलएल की 41वीं बोर्ड बैठक के एजेण्डा बिन्दु क्रं.14 में ब्लैक लिस्टिंग एवं टर्मिनेशन को निरस्त करने का निर्णय लिया गया। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, तथ्यों की जांच/ परीक्षण हेतु निश्चित समयावधि निर्धारित नहीं थी। परिक्षण कर प्रकरण 41वीं बोर्ड बैठक में प्रस्तुत किया गया तथा बैठक के एजेंडा बिंदु क्रमांक 14 में बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार कार्यवाही की गईI (ग) जी नहीं, आर्बिट्रेटर सह आयुक्त, भोपाल संभाग के समक्ष प्रचलित आर्बिट्रेशन प्रकरण में मेसर्स चलो मोबिलिटी द्वारा प्रस्तुत पत्र दिनांक 11/02/2025 अनुसार अमिकेबली निराकरण किए जाने के अनुक्रम में मेसर्स चलो मोबिलिटी द्वारा बीसीएलएल के बकाया राशि के भुगतान जाने के फलस्वरुप आर्थिक दंड की कार्रवाई नहीं की गईI उपरोक्तानुसार की गई कार्यवाही के परि‍प्रेक्ष्य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैI

संविदा कर्मचारियों का वेतनमान

[नगरीय विकास एवं आवास]

112. ( क्र. 1258 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले अन्‍तर्गत नगर पालिकाओं/नगर परिषदों में संविदा नियम 2021 अनुसार जूनियर इंजीनियर, कम्प्यूटर ऑपरेटर, कार्यालय सहायक आदि पदों पर संविदा भर्ती की गई है? यदि हाँ, तो नियुक्‍त हुये कर्मचारियों को नवीन संविदा नीति दिनांक 22 जुलाई, 2023 के तहत लाभ प्रदाय किया जा रहा है। यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बतायें। यदि संविदा नीति दिनांक 22 जुलाई, 2023 के तहत लाभ प्रदाय किया जायेगा तो कब तक? समय-सीमा बतायें। नवीन संविदा नीति 2023 को लागू करने हेतु वेतन/मैट्रिक लेवल निर्धारण किसके द्वारा और कब तक किया जावेगा? (ख) क्या रीवा जिलांतर्गत नगर परिषदों में कार्यरत 'कार्यालय सहायक' संविदा कर्मचारियों को संविदा नीति 2023 का लाभ देने हेतु संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन भोपाल के पत्र क्रमांक/ शाखा-1/स्था/101/सम.वे/2025/11108 दिनांक 02-06-2025 द्वारा तत्कालीन जेडी रीवा संभाग को पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही की दस्‍तावेजों की प्रतियां उपलब्‍ध करायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। किन्तु नियुक्‍त हुए कर्मचारियों को नवीन संविदा नीति दिनांक 22 जुलाई 2023 के तहत लाभ प्रदाय नहीं किया जा रहा है, क्योंकि विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 4-51/2012/18-1, दिनांक 28 फरवरी 2014 द्वारा नगर पालिका परिषदों की आदर्श कार्मिक संरचना की स्‍वीकृति जारी किया गया है, जिसमें संबंधित पद क्रमश: 1- एकाउटेंट एक्सपर्ट, 2- जूनियर इंजीनियर, 3- कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर, 4-कार्यालय सहायक एवं 5-स्‍वच्‍छता सहायक के पद स‍‍म्‍मलित नहीं होने के कारण नवीन संविदा नीति 2023 का लाभ नहीं दिया गया है। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक शाखा-1/स्‍था/0421/ 2025/21771 दिनांक 16.10.2025 द्वारा मार्गदर्शन दिया गया है। नवीन संविदा नीति 2023 अंतर्गत वेतन/मैट्रिक लेवल निर्धारण हेतु निकाय स्‍वयं अधिकृत है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद, सिरमौर जिला रीवा को भी संबोधित किया गया था, जो सीएम हेल्पलाइन में की गयी शिकायत के संबंध में जारी किया गया था। उक्‍त पत्र के अनुक्रम में की गई कार्यवाहियों संबंधी पत्रों की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-01, 02, 03 एवं 04 अनुसार है।

दिव्यांगजनों को बैट्री वाली गाड़ी का प्रदाय

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

113. ( क्र. 1272 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से दिव्यांजनो को बैट्री वाली गाड़ी दिए जाने का प्रावधान है। यदि‍ हाँ, तो नियम निर्देश की उपलब्ध करावें। (ख) क्या राजगढ़ जिले विगत 5 वर्ष में दिव्यांजनो को बैट्री वाली गाड़ी उपलब्ध कराई गई है यदि हाँ, तो किस वर्ष में किन-किन को उपलब्ध कराई गई हैं? नाम, पिता का नाम, निवासी सहि‍त बतावें। (ग) क्या शासन द्वारा बैट्री वाली गाड़ियों को दिए जाने हेतु दिव्यांगता का प्रतिशत 80 के स्थान पर 50 प्रतिशत किया जाएगा यदि हाँ, तो कब तक?

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। नियम निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2021-22 में किसी को नहीं। शेष वर्षों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ग) भारत सरकार की सिपडा योजना के तहत एडिप योजनान्‍तर्गत भारत सरकार के उपक्रम एलिम्‍को द्वारा भारत सरकार के निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार 80 प्रतिशत से अधिक अस्थि बाधित दिव्‍यांगता प्रमाण-पत्र वाले दिव्‍यांगजनों को मोट्राईज्‍ड ट्राई साईकिल प्रदान की जाती है। साथ ही राज्‍य सरकार द्वारा मुख्‍यमंत्री दिव्‍यांग शिक्षा प्रोत्‍साहन योजनान्‍तर्गत स्‍कूल/कॉलेज में अध्‍ययनरत 60 प्रतिशत से अधिक अस्थि बाधित दिव्‍यांगता प्रमाण-पत्र वाले छात्र-छात्राओं को भी मोट्राईज्‍ड ट्राई साईकिल प्रदान की जाती है। योजना के निर्धारित मापदण्‍ड अस्थि बाधित दिव्‍यांगता प्रमाण-पत्र प्रतिशत 80 के स्‍थान पर 50 प्रतिशत करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नगर परिषद कुरावर में नलजल योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

114. ( क्र. 1276 ) श्री मोहन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत नगर परिषद कुरावर में नल जल योजना का कार्य किया गया हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृत वर्ष का नाम, एजेन्सी तथा राशि के विवरण सहित बताएं। (ख) क्या नगर परिषद कुरावर में नल जल योजना का कार्य पूर्ण किया जा चुका हैं? यदि हाँ, तो क्या नगर में योजना से जल प्रदाय किया जा रहा हैं? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा? (ग) क्या नल जल योजना में नगर परिषद की चूंगी राशि से योजना की किश्त काटी जा रही है? यदि हाँ, तो कब से किश्त की राशि काटी जा रही है? दिनांक सहित बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। स्‍वीकृत वर्ष 2017, एजेंसी का नाम- मेसर्स रियान वाटरटेक प्रा.लि. एवं पी.सी. स्‍नेहल कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी (जेवी) स्‍वीकृत मूल राशि -37.02 करोड़ (10 वर्ष के संचालन एवं संधारण सहित)। (ख) जी नहीं। योजना के कुछ घटकों में कुछ कार्य होना शेष है। शेष बचे कार्यों से जलापूर्ति में कोई व्‍यवधान नहीं हो रहा है। नगर में नलजल योजना के माध्‍यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नलजल योजना में नगर परिषद की चुंगी राशि से योजना की किश्‍त नहीं काटी जा रही है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विभागीय कार्य हेतु वाहन किराए पर लिया जाना

[ऊर्जा]

115. ( क्र. 1277 ) श्री मोहन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत विद्युत विभाग में विभागीय कार्य के लिये वाहन किराये पर लगाये गये है? यदि हाँ, तो कितने वाहन किस दर पर लगाये गये हैं? वाहन मालिक के नाम सहित बताएं। (ख) क्या विभाग द्वारा विभागीय कार्य हेतु किराये पर लगाये गये वाहन नियमानुसार प्रक्रिया के अनुरूप लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रक्रिया का विवरण दें। (ग) क्या विभाग द्वारा विभागीय कार्य हेतु किराये से वाहन लगाये जाने पर विभाग द्वारा निविदा जारी की गई हैं? यदि हाँ, तो निविदा की प्रति उपलब्ध करावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन क्षेत्रांतर्गत म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालयीन कार्य हेतु वर्तमान में 16 वाहन संचालित हैं, जिसकी प्रश्‍नाधीन चाही गई दर एवं वाहन मालिक के नाम सहित विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ख) जी हाँ। म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 28.03.2018, परिपत्र दिनांक 06.10.2023 एवं परिपत्र दिनांक 14.08.2025 में दिये गये निर्देशानुसार कार्यालयीन कार्यों हेतु किराये पर वाहन लगाए गए हैं। परिपत्रों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ग) जी हाँ। निविदाओं की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है।

विभाग अंतर्गत संचालित योजनायें

[पशुपालन एवं डेयरी]

116. ( क्र. 1286 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा बेरोजगार युवकों एवं किसानों को दुधारू जानवरों को प्रदान कर रोजगार देने बाबत् कोई योजना तैयार की है, हाँ, तो यह योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु हितग्राहियों की पात्रता क्या है? इस योजना का लाभ किन-किन हितग्राहियों को किस प्रकार से प्राप्त होता है? योजना की सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में भैंस पालन, बकरी पालन एवं गाय पालन बाबत् कितने कहां-कहां के आवेदन योजना प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्त हुये एवं इनमें से कितने आवेदनों का निराकरण कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया तथा किन-किन का आवेदन किन कारणों से अस्वीकार किया गया तथा किन-किन के आवेदन प्रश्‍न दिनांक तक किन कारणों से लम्बित हैं? हितग्राही के नाम, ग्राम, वित्‍तीय वर्षवार सम्पूर्ण जानकारी विधानसभावार देवें। (ग) मुख्यमंत्री वृन्दावन योजना क्या है, इस योजना में चयनित ग्रामों में शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया जाना प्रस्तावित है? इस योजना में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामों को किस प्रकार का कब तक लाभ प्राप्त होगा?

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं '''' अनुसार है।                               (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

योजनान्तर्गत स्वीकृति कार्यों की जानकारी

[अनुसूचित जाति कल्याण]

117. ( क्र. 1287 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत वित्‍त वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी राशि का आवंटन किया गया है? वर्षवार सूची देवें।                               (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित आवंटित राशि से कहां-कहां पर कौन-कौन से कार्य किये गये? विधानसभावार, वित्तवर्षवार, योजनावार, आवंटित राशि एवं निर्माण एजेंसी के नाम सहित सम्पूर्ण सूची देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में योजनान्तर्गत कार्य स्वीकृति के क्या नियम एवं दिशा निर्देश हैं? नियमों की छायाप्रति देवें।

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति/जनजातीय कार्य विभाग कटनी अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त आवंटन का विवरण निम्‍नानुसार है:-

क्र.

योजना का नाम

वर्ष

प्राप्‍त आवंटन

1

अनुसूचित जाति बस्‍ती विकास योजना

2018-19

129.61

2

2019-20

87.87

3

2020-21

87.87

4

2021-22

32.95

5

2022-23

32.95

6

2023-24

32.95

7

2024-25

32.94

8

2025-26

66.00

(ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है(ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अनुसूचित जाति बस्‍ती विकास योजना नियम 15 मई, 2018 के अंतर्गत कार्य स्‍वीकृत के नियम है। नियम की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

पशुओं की जानकारी

[पशुपालन एवं डेयरी]

118. ( क्र. 1290 ) श्री मधु भगत : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023 से 2025 (विगत 3) वर्षों में पशुपालन विभाग द्वारा जिले में कितने किसानों/ पशुपालकों/हितग्राहियों को किस-किस प्रजाति के पशु दिये गये है? सूची उपलब्ध करावें। दिये गये हितग्राहियों को किस माध्यम से पशु उपलब्ध कराये गये? ठेकेदार/विभाग/निगम द्वारा समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें एवं जिले में पशु पालकों को लाभ पहुँचाने हेतु शासन द्वारा कितनी राशि खर्च की गई एवं जिले में पशु कितनी संख्या में किस-किस बीमारी से ग्रसित थे? विभाग द्वारा उनके इलाज के लिए कितनी राशि खर्च की गई? समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ख) डेयरी विभाग को जिले से प्रतिदिन कितनी मात्रा में दूध प्राप्त होता है? स्‍टॉक पंजी के समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें। सांची दूध दुकानदारों को किस व्‍यवस्‍था से दूध उपलब्ध कराया जाता है? विभाग द्वारा या ठेकेदार द्वारा? यदि ठेकेदार द्वारा दूध उपलब्‍ध कराया जा रहा है तो निविदा के समाचार पत्र सहित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें।

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

अभियोजन स्वीकृति‍ की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

119. ( क्र. 1296 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद घुवारा, जिला-छतरपुर की अध्यक्ष एवं पार्षद के विरूद्ध ई.ओ.डब्लू. में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज एफ.आई.आर. क्रमांक 102 (22) में ई.ओ.डब्लू. द्वारा पत्र क्रमांक/1356-सी/25 भोपाल दिनांक 25/09/2025 के माध्यम से छतरपुर कलेक्टर से अभियोजन स्वीकृति‍ मांगी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो छतरपुर कलेक्टर द्वारा अभियोजन स्वीकृती दे दी गई है, क्या और कब? अभियोजन स्वीकृति की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें एवं कब तक छतरपुर कलेक्टर द्वारा अभियोजन स्वीकृति प्रदान की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। विधिक प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई प्रक्रियाधीन है, अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

धार जिलांतर्गत किए गए कार्य

[लोक निर्माण]

120. ( क्र. 1298 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में लोक निर्माण एवं सिस्टर्स ऑर्गेनाइजेशन पीआईयू/ भवन, ब्रिज कॉर्पोरेशन, भवन निर्माण निगम, रोड डेवलपमेन्ट कॉर्पोरेशन द्वारा जिला-धार में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कहां-कहां स्वीकृत किए गए? कार्यों की पूर्ण, अपूर्ण, प्रगतिरत, अप्रारंभ की कारणवार वर्तमान भौतिक स्थिति बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के समस्त कार्यों की स्वीकृत राशि, प्राप्त राशि, व्यय राशि, शेष राशि, लागत वृद्धि, डिपॉजिट वर्क इत्यादि की जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के समस्त कार्यों की तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, डीपीआर, एस्टीमेट, मेजरमेन्ट बुक में इन्द्राज की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के प्रत्येक पूर्ण कार्य की गुणवत्ता रिपोर्ट एवं समस्त पूर्ण और प्रगतिरत कार्यों का भौतिक निरीक्षण किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया, नाम-पदनाम सहित बतावें। (ङ) प्रश्‍नांश (क) के निर्माण कार्यों के लिए क्या-क्या नीति-नियम तैयार किए गए एवं उक्त संबंध में क्या-क्या आदेश जारी किए गए हैं? उक्त नीति-नियमों एवं आदेशों में क्या-क्या संशोधन किए गए? (च) प्रश्‍नांश (क) के किन-किन कार्यों के संबंध में कब-कब, किस-किसके माध्यम से क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुईं? प्राप्त शिकायतों पर किस-किस के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मार्ग की विस्तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ, 'अ-2', 'अ-3', 'अ-4' अनुसार एवं पुल कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ख) मार्गों की विस्तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब, 'अ-2', 'अ-5', 'ब-2' अनुसार एवं पुल कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ग) मार्गों की तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, एस्टीमेट/डी.पी.आर. मेजरमेंट बुक की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स, 'अ-6', 'अ-3', 'अ-2' अनुसार एवं पुल कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'स-1' अनुसार है। (घ) मार्गों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द, 'ब-2', 'अ-3', 'अ-7' अनुसार एवं पुल कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ड.) सड़क निर्माण कार्य एम.ओ.आर.टी.एच. एवं आई.आर.सी. में निहित मापदण्डानुसार निर्माण कार्य किये जाते है। पृथक से कोई नीति नियम तैयार नहीं किये जाते। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। भवन निर्माण कार्य शासन के नीति-नियम एवं आदेशों पर निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रचलित Schedule of Rates (SOR) and Amendments के तहत की जाती है। उक्‍त समस्‍त जानकारी लोक निर्माण विभाग एवं वेब पोर्टल पर उपलब्‍ध है। (च) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब एवं 'अ-3' अनुसार है।

बिलों में राशि बढ़ाये जाने

[ऊर्जा]

121. ( क्र. 1301 ) श्री पन्‍नालाल शाक्‍य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) जिला गुना में विजिलेंस टीम द्वारा विगत दो माह में कितने मीटर की चैकिंग की गई है और उपभोक्‍ताओं पर कितना-कितना जुर्माना अधिरोपित किया है? कनेक्‍शन नं. एवं नामवार, जुर्माना की सारणीवार सूची देवें। (ख) क्‍या विजिलेंस टीम द्वारा मीटर का निरीक्षण करते समय उपभोक्‍ता अनुपस्थित थे और टीम द्वारा बिना पंचनामा बनाये अपनी मनमानी करते हुए जुर्माना अधिरोपित किया है? प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित विजिलेंस टीम के निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें और बतावें कि निरीक्षण प्रतिवेदन पर उपभोक्‍ताओं के हस्‍ताक्षर है अथवा नहीं यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? क्‍या उपभोक्‍ताओं को अवगत कराना विभाग की जिम्‍मेदारी नहीं है? (ग) प्रश्‍नांश (क) में बिना किसी गड़बड़ी के जुर्माना अधिरोपित करने वाली टीम के सदस्‍यों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत जिला गुना में विजिलेंस टीम द्वारा विगत दो माह में 173 विद्युत उपभोक्‍ताओं के मीटरों की चैंकिंग की गई है तथा उक्‍त प्रकरणों में अधिरोपित जुर्माना राशि की प्रश्‍नाधीन चाही गयी कनेक्‍शन क्रमांक सहित उपभोक्‍तावार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'''' अनुसार है।                                                 (ख) विजिलेंस टीम द्वारा मीटर का निरीक्षण करते समय उपभोक्‍ता या उपभोक्‍ता प्रतिनिधि उपस्थित थे। विजिलेंस टीम द्वारा नियमानुसार पंचनामा तैयार कर जुर्माना राशि को अधिरोपित किया गया है। उत्‍तरांश (क) के सन्‍दर्भ में पंचनामा/निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। विजिलेंस टीम द्वारा बनाये गये उक्‍त पंचनामों/निरीक्षण प्रतिवेदनों में से 44 पंचनामों पर उपभोक्‍ताओं के हस्‍ताक्षर हैं एवं 129 उपभोक्‍ताओं/उपभोक्‍ता प्रति‍निधियों द्वारा मना करने के कारण पंचनामों पर हस्‍ताक्षर नहीं हैं। उपभोक्‍ताओं को निरीक्षण करते समय अवगत करा दिया जाता है एवं डिजिटल पंचनामा बनाने के बाद पंचनामा की प्रति उपभोक्‍ताओं के पास स्‍पीड-पोस्‍ट से भी भेजी जाती है तथा उपभोक्‍ताओं को SMS/Whatsapp मैसेज के माध्‍यम से भी अवगत कराया जाता है। (ग) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ऐसा कोई प्रकरण म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं आया है, जिसमें बिना किसी अनियमितता के जुर्माना अधिरोपित किया गया है। तथापि यदि उपभोक्‍ता किसी प्रकरण विशेष में असंतुष्‍ट है, तो वैधानिक प्रावधानों के अनुसार न्‍यायालय/अभ्‍यावेदन के माध्‍यम से अपना पक्ष रख सकता है। उपरोक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में विजिलेंस टीम के किसी सदस्‍य पर कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता।

आऊटसोर्स कर्मचारियों का बीमा

[ऊर्जा]

122. ( क्र. 1303 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) विधानसभा सत्र जुलाई 2025 के प्रश्‍न क्रमांक 1234 के संबंध में बिजली विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्ध कराएं। प्रश्‍न में उल्लेखित किन तथ्यों पर ठेकेदार द्वारा काम नहीं किया गया है? बिजली विभाग द्वारा उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्या ठेकेदार द्वारा कर्मचारियों का लगातार शोषण किया जा रहा है? बिजली विभाग द्वारा ठेका कंपनी को आज दिनांक तक ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं किया गया? (ग) दिनांक 01.10.2024 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आऊटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में कभी कोई समस्या उत्पन्न हुई है? कर्मचारीवार जानकारी उपलब्ध कराएं। क्या ठेकेदार द्वारा कई कर्मचारियों को महीनों तक वेतन प्रदान नहीं किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में ठेकेदार पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? दस्तावेज उपलब्ध कराएं। दिनांक 01.10.2024 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आऊटसोर्स कर्मियों को भर्ती किया गया है एवं किस भर्ती प्रक्रि‍या अंतर्गत किया गया है? विज्ञापन एवं अन्य जानकारी उपलब्ध कराएं। वर्तमान में आगर जिले में कार्यरत समस्त आऊटसोर्स कर्मचारियों के नाम, पिता का नाम, आधार कार्ड पता, पदस्थी स्थल आदि की जानकारी उपलब्ध कराएं? (ड.) प्रश्‍नांश (घ) के संदर्भ में बिना विज्ञापन के जिले से बाहर के कर्मचारी कैसे कार्य पर लगाए गए है? जानकारी उपलब्ध कराएं।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा सत्र जुलाई, 2025 के प्रश्‍न क्रमांक 1234 में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म मेसर्स टी.डी.एस. मैनेजमेंट कंसल्‍टेंट प्राईवेट लिमिटेड़, मोहाली द्वारा पूर्व में दिए गए लेबर लाईसेंस में आऊटसोर्स कार्मिकों की संख्‍या कम होने के कारण उक्‍त फर्म को म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 2883 दिनांक 30.07.2025 के माध्‍यम से नोटिस ऑफ डिफॉल्ट जारी किया गया था। तत्पश्चात उक्‍त फर्म द्वारा नवीन लेबर लाईसेंस दिनांक 12.09.2025 वृत्‍त कार्यालय, आगर में कुल 585 आऊटसोर्स कार्मिकों हेतु जमा किया गया है। प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के संबंध में फर्म द्वारा दिनांक 11.11.2025 तक आऊटसोर्स कार्मिकों के बीमाकृत होने संबंधी जानकारी वृत्‍त कार्यालय आगर को प्रदान नहीं की गई। अत: मेसर्स टी.डी.एस. मैनेजमेंट कंसल्‍टेंट प्राईवेट लिमिटेड़, मोहाली को म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 4688 दिनांक 11.11.2025 के माध्‍यम से नोटिस ऑफ डिफॉल्‍ट जारी किया गया है। उक्‍त फर्म को जारी किए गए पत्रों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ख) संचा./संधा. वृत्‍त आगर अंतर्गत बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजें‍सी द्वारा आऊटसोर्स कार्मिको का शोषण करने संबंधी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (ग) संचालन/संधारण वृत्‍त आगर अंतर्गत दिनांक 01.10.2024 से प्रश्‍न दिनांक तक बाह्य स्त्रोत कार्मिकों के वेतन प्रदाय से संबंधित प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। तत्‍संबंध में अधीक्षण यंत्री संचा./संधा. वृत्‍त आगर द्वारा समय-समय पर उक्‍त फर्म को नोटिस जारी किये जाने के उपरांत फर्म द्वारा संबंधित कार्मिकों का वेतन भुगतान कर दिया गया है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) उत्‍तरांश (ग) में उल्‍लेखानुसार बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता फर्म को अधीक्षण यंत्री संचा./संधा. वृत्‍त आगर द्वारा समय-समय पर नोटिस जारी किये गये हैं। जिनकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। दिनांक 01.10.2024 से प्रश्‍न दिनांक तक 538 आऊटसोर्स कर्मियों को नियोजित किया गया है। उल्‍लेखनीय है कि म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता के माध्‍यम से आऊटसोर्स कार्मिकों को नियोजित किया जाता है, आऊटसोर्स कार्मिकों की भर्ती नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। उक्त नियोजन निविदा प्रक्रिया के तहत किया गया है। निविदा की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। वर्तमान में संचा./संधा. वृत्‍त आगर में कार्यरत आऊटसोर्स कार्मिकों की प्रश्‍नाधीन चाही गयी नाम, पिता का नाम, आधार कार्ड पता, पदस्थी स्थल आदि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ड.) आऊटसोर्स कार्मिक बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता फर्म के द्वारा नियोजित किये जाते हैं। आऊटसोर्स कार्मिकों का नियोजन निविदा में निहित प्रावधानों के तहत बाह्य स्त्रोत कंपनी द्वारा किया जाता है। जिले से बाहर के कार्मिकों का नियोजन नहीं किये जाने के संबंध में निविदा में कोई प्रावधान नहीं है। अतः शेष प्रश्‍न नहीं उठता है।

बिल्‍डर द्वारा धोखाधड़ी किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

123. ( क्र. 1304 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 में बिल्डर मनीष वर्मा S/O ए.के. वर्मा एवं मनीष मोटवानी S/O रमेश मोटवानी द्वारा लक्ष्य रियल मार्ट प्रा.लि. सोसायटी, भोपाल के द्वारा सेरिनउड, थोहा खेडा, पटवारी हल्का नं. 31, तह. हुजूर आवास निर्माण कर कितने हितग्राहियों का पंजीयन किया था?                           (ख) उक्त हितग्राहियों का पंजीयन उपरांत प्रत्येक हितग्राहियों से कितनी-कितनी राशि निर्धारित की गई थी तथा कितनी-कितनी राशि, किस-किस दिनांक एवं चैक द्वारा ली गई? प्रत्येक हितग्राहियों का आवास नं. एवं नाम सहित बतावें। (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में अन्य बिल्डरों को पावर ऑफ आटर्नी देकर नामित किया गया है? यदि हाँ, तो इससे हितग्राहियों को समय-सीमा के अंदर पजेशन मिल गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं दिया गया है? हितग्राहियों की मांग की जाती है, तो मय ब्याज के राशि वापिस की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या उक्त आवासों की हितग्राहियों की रजिस्ट्री कर दी गई है? यदि हाँ, तो समय-सीमा में पजेशन नहीं देने पर किस बिल्डर की जिम्मेदारी तय की जायेगी? तत्काल यदि पजेशन नहीं दिया जाता है तो क्या जिम्मेदार बिल्डर पर एफ.आई.आर. दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि प्रश्‍नांकित अनुसार ग्राम थोहाखेडा नगर पालिक निगम की सीमा से बाहर है। प्रश्‍नांकित सोसाइटी द्वारा आवास निर्माण नगर निगम सीमा से बाहर होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) से (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विद्युतीकरण के कार्य

[ऊर्जा]

124. ( क्र. 1317 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी, 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक विद्युतीकरण के लिए क्या-क्या कार्य किए गए शहर व ग्रामीण क्षेत्र की स्थानवार कार्य के विवरण बतायें? (ख) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में विद्युतीकरण के लिए विभाग द्वारा कितनी राशि किस-किस कार्य के लिए दी गई कार्य के नाम सहित सूची बतायें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में किस-किस योजना से कार्य किए गए और ऐसे कितने कार्य लंबित है जो नहीं किए गए कार्य के विवरण पृथक-पृथक उपलब्‍ध कराएं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 1 जनवरी, 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में किये गये विद्युतीकरण कार्यों की स्‍थानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र में उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित कार्यों हेतु स्‍वीकृत राशि की कार्यों सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (ख) में उल्‍लेखित कार्यों से संबंधित योजना, कार्यों की पूर्णता/अपूर्णता का प्रश्‍नाधीन चाहा गया विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

नर्मदा जी के जल की शुद्धि एवं PMAY 2.0 की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

125. ( क्र. 1324 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्‍डौरी शहर में कई गन्‍दे नालों के वजह से नर्मदा जी का जल बहुत प्रदूषित हो जाता है जिसके निराकरण हेतु MPUDC ने प्राक्‍कलन बनाकर शासन को स्‍वीकृति हेतु भेजा है परन्‍तु प्रश्‍न दिनांक स्‍वीकृति नहीं दी गई है स्‍वीकृति नहीं देने के कारण बतावें? जनहित में स्‍वीकृति कब तक दी जाएगी? समय-सीमा बतावें। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY 2.0) द्वितीय चरण में कितने हितग्रा‍हियों को जो भूमिहीन है, उन्‍हें भूमि आवंटित कर दी गई है अस्‍थाई रूप से पूर्व में जारी किये गये पट्टों पर क्‍यों PMA स्‍वीकृत नहीं किये जा रहे हैं? कारण बतावें। (ग) जबलपुर शहडोल संभाग के सभी जिलो के नगर पंचायत नगर निगम नगर पालिकाओं में कौन-कौन आवासहीन हैहितग्राहीवार पता सहित जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। () जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। () जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।

छात्रावासों में उपयुक्‍त व्‍यवस्‍थाएं

[अनुसूचित जाति कल्याण]

126. ( क्र. 1325 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग द्वारा मध्‍यप्रदेश में कहां-कहां, कब से, किस-किस नाम से छात्रावास/छात्रावास आश्रम, क्रीड़ा परिसर संचालित है? छात्र/छात्राओं की संख्‍या सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या सभी जगह उपयुक्‍त भवन, साफ पीने का पानी आदि व्‍यवस्‍था है अगर हाँ तो बतावें अधिकतर जगह उपयुक्‍त भवन क्‍यों नहीं है और अगर नहीं तो उपयुक्‍त भवन क्‍यों नहीं है कौन जिम्‍मेदार है? कब तक भवन बनाये जायेंगे? समय-सीमा बतावें।

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, अधिकतर जगह उपयुक्‍त भवन एवं पीने के साफ पानी की व्‍यवस्‍था है। वर्तमान में 326 छात्रावासों के भवन नहीं है। उपलब्‍ध बजट अनुसार भवन नियमित रूप से स्‍वीकृत किये जा रहे हैं, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सड़कों का निर्माण कार्य

[लोक निर्माण]

127. ( क्र. 1333 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक अनूपपुर जिला अंतर्गत कौन-कौन से नवीन रोड निर्माण/मजबूतीकरण एवं उन्नयन के कार्य स्वीकृत किये जाने हेतु प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुये हैं? मार्गवार विवरण देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कितने मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो चुकी है एवं कितने मार्गों को स्वीकृत होना शेष है? (ग) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग गारंटी अवधि में हैं, मार्ग का नाम, ठेकेदार/कंपनी का नाम सहित जानकारी देवें। गारंटी अवधि की कितनी सड़कों का निर्माण/मरम्मत कार्य किया गया? प्रश्‍नांकित अवधि में विभाग द्वारा कितनी राशि कौन-कौन सी सड़क की मरम्मत हेतु निकाली गई? इस दौरान सड़क की मरम्मत या रख-रखाव में हुये खर्च का विवरण बिल वाउचर सहित उपलब्ध करावें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब, 'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। बिल वाउचर की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।

पेयजल का शुद्धिकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

128. ( क्र. 1343 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका नागदा द्वारा दिनांक 10/08/2022 से 03/11/2025 तक शहर में फिल्टर प्लान्ट से किए गए पेयजल सप्लाय की किस लेबोरेटरी में कब-कब टेस्ट किया गया है? टेस्ट रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ख) नपा द्वारा दिनांक 10/08/2022 से 03/11/2025 तक फिल्टर प्लान्ट ट्रीटमेन्ट हेतु कितनी एलम/बिल्चींग/पीएससी पावडर/लिक्विड एवं क्लोरिन कब-कब कितनी मात्रा में किस दर पर क्रय किया? बि‍लों की छायाप्रति सहित विवरण दें। (ग) नपा के फिल्टर प्लान्ट स्थिति लेबोरेटरी में लेबोरेटरी केमिस्ट, मशीन फिटर, जलशोधन इंजीनियर के पद पर कब से कौन-कौन कार्यरत है? यदि नहीं है तो क्यों? नियुक्ति हेतु शासन द्वारा क्या नियम, निर्देश दिए गए है? छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (घ) वर्तमान में लेब बन्द है या चालू? दिनांक 10/08/2022 से 03/11/2025 तक कितने दिन लैब बंद रही? दिनांक, माह, वर्षवार विवरण दें। (ड.) एसडीएम न्यायालय नागदा के प्रकरण क्र. 145/2025 अभय चोपडा विरूद्ध नगर पालिका पेयजल सप्लाय पर दिए गए नोटिस पर सीएमओ नागदा ने क्या जवाब दिया है? छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (च) नागदा केमिकल डीविजन से पूरे प्रदेश की नगर पालिका/निगम पीएससी पावडर/लिक्विड खरीदकर पानी शुद्ध किया जाता है तो नगर पालिका नागदा इसे अपने जल के शुद्धिकरण हेतु क्यो उपयोग नहीं करती है? विवरण दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद, नागदा द्वारा नियमित रूप से जल का परीक्षण कराया जाता है। आवश्यकतानुसार अन्य अधिकृत लेबोरेट्री से जल का परीक्षण कराया जाता है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ग) निकाय में लेबोरेट्री केमिस्ट एवं जलशोधन इंजीनियर का पद स्वीकृत नहीं होने तथा मशीन फिटर का पद रिक्त होने से वर्तमान में कोई कार्यरत नहीं है। नगर पालिका परिषदों हेतु स्‍वीकृत आदर्श कार्मिक संरचना की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) वर्तमान में लैब चालू है। दिनांक 07.07.2024 से 30.08.2025 तक लैब बंद रही। (ड.) नगर पालिका परिषद, नागदा द्वारा नोटिस पर आपत्ति दर्ज कराई गई है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। (च) प्रदेश के नगरीय निकायों में जल शुद्धिकरण हेतु विभिन्‍न रसायनों का उपयोग किया जाता है, जिसमें से नगर पालिका परिषद नागदा में एलम एवं ब्लीचिंग पाउडर के माध्यम से जल शुद्धिकरण किया जाता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है

 

 

निजी भूमि पर निर्माण कार्य व अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

129. ( क्र. 1344 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 1679 दिनांक 17/03/2025 के प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर में जी नही। जी हाँ। दिनांक 09/02/2023 को रेल्वे द्वारा अपने स्वयं की भूमि 23765 वर्गमीटर निकाय को आधिपत्य में कितने वर्ष हेतु उपलब्ध करायी गई है? क्या उक्त भूमि में रेल्वे ओव्हर ब्रिज पहुंच मार्ग की रेल्वे की भूमि भी सम्मिलित है? यदि हाँ, तो आधिपत्य में दी गई सम्पूर्ण रेल्वे भूमि का सर्वे नम्बर, रकबा सहित पृथक विवरण दें। (ख) क्या नगर पालिका अधिकारियों द्वारा राजस्व अधिकारियों को न बुलाते हुए सिर्फ रेल्वे के अधिकारियों से संपर्क करके ओव्हर ब्रिज पहुंच मार्ग पर अतिक्रमणकर्ताओं की भूमि को बचाते हुए निजी भूमि को रेल्वे की भूमि दर्शाकर कब्जा ले लिया है? क्या शासन निजी भूमि पर शासकीय राशि खर्च करने व एम.ओ.यू. के विपरीत कार्य करने की जांच करेगा? विवरण दें। (ग) पुरानी कोटा फाटक रेल्वे लाईन की भूमि पर नगर पालिका द्वारा किस-किस निर्माण कार्य पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? डीपीआर की कॉपी, टेण्डर, कार्यादेश की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए सम्पूर्ण विवरण दें। (घ) विधानसभा प्रश्‍न 1679 दिनांक 17/03/2025 के प्रश्‍नांश (घ) के उत्तर में बताया गया कि लैंक्सेस उद्योग द्वारा गार्डन सोलर लाईट हेतु वर्ष 2023-24 में 89,12,818/- 2024-25 में 6,00,647/- कुल 95,12,465/-रूपये बताया गया है? यदि हाँ, तो गार्डन में सौर ऊर्जा के सिर्फ 42 पोल और लाईट के 14 पोल लगे हुए है? यदि हाँ, तो बिल की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए इसमें हुए, भ्रष्टाचार की शासन जांच करेगा? विवरण दें।                                      (ड.) रेल्वे की भूमि पर पार्क निर्माण हेतु नगर पालिका द्वारा आनंद बिल्डकॉन के 82,14,335/- व दिनांक 03/07/2023 के 78.49 लाख के स्वीकृत टेण्डर अनुसार क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के कहां-कहां किए गए है? विवरण दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2026 तक लीज पर उपलब्‍ध पर गई है। जी नहीं, उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                   (ख) जी नहीं। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। डीपीआर, टेण्‍डर, कार्यादेश की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (घ) जी हाँ, गार्डन में लाईट लगाने का कार्य लैक्‍सेस इंडिया प्रा.लि. द्वारा सी.एस.आर. के तहत करवाया गया है। नगर पालिका परिषद नागदा द्वारा इस कार्य का कोई भी भुगतान नहीं किया गया है। जिससे शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                                           (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है।

आदेशों की अवहेलना करने वाले अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही

[पशुपालन एवं डेयरी]

130. ( क्र. 1354 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पशुपालन विभाग के कर्मचारियों/अधिकारियों की अन्‍य विभागों में प्रतिनियुक्ति/अपने मूल विभाग के मूल कार्य के साथ-साथ अन्‍य विभागों में अतिरिक्‍त कार्य करने संबंधी आदेश शासन, संचालक, संयुक्‍त संचालक व उप संचालक स्‍तर से निरस्‍त किए गए हैं?                                   (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर हाँ तो जनवरी 23 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन अधिकारी/ कर्मचारियों के आदेश निरस्‍त किए गए हैं और किन-किन अधिकारी कर्मचारियों द्वारा इन आदेशों का पालन किया गया है और किस-किस ने नहीं किया जानकारी दें। यदि विभाग के आदेशों का पालन नहीं किया गया है तो क्‍या विभाग द्वारा कार्यवाही की जानी चाहिए थी? प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के मामले में क्‍या कार्रवाई की गई है नहीं की गई तो क्‍यों नहीं की गई? निरस्‍त किए गए आदेशों की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या किसी कर्मचारी अधिकारी को पशुपालन विभाग से किसी दूसरे विभाग में अतिरिक्‍त कार्य करने हेतु बिना शासन की अनुमति के पदस्‍थ किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्‍या ऐसा किया गया है? (घ) विभाग द्वारा किन-किन अधिकारी कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति वर्तमान कार्य के साथ-साथ अन्‍य विभाग में अतिरिक्‍त कार्य करने के आदेश निरस्‍त किए गए है? क्‍या ऐसे आदेश के बाद भी वर्तमान में कुछ अधिकारी कर्मचारी दूसरे विभागों में कार्य कर रहे है एवं विभाग के आदेशों की अवहेलना के बावजूद विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है क्‍यों? कब तक कार्यवाही की जाएगी?

राज्‍य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ।  (ख) पशुपालन एवं डेयरी विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1/1/8/0009/2025-Sec-1-35 (ANH) दिनांक 28 अप्रैल, 2025 द्वारा निम्नलिखित 10 पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों की सेवाएं प्रतिनियुक्ति से वापस विभाग में ली गई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है एवं संयुक्त संचालक, पशु चिकित्सा सेवाये, राज्य पशु रोग अन्वेष्ण प्रयोगशाला भोपाल के आदेश क्रमांक 905/स्थापना शाखा रोग अनु/2025-2026/भोपाल दिनांक 12.08.2025 द्वारा डॉ. पी.पी. सिंह की अपने कार्य के साथ-साथ नगर निगम भोपाल ए.बी.सी. सेन्टर के पर्यवेक्षण एवं निगरानी एवं श्वान नसबंदी कार्यक्रम की सत्यापन समिति के अतिरिक्त कार्य हेतु लगाई हुई ड्यूटी निरस्त की गई है। 7 पशु चिकित्सा सहायक शल्यों द्वारा आदेश दिनांक 28 अप्रैल, 2025 का पालन सुनिश्चित किया गया। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-"ब" अनुसार। डॉ. एस.के. पचौरी, डॉ. एस.के. श्रीवास्तव एवं डॉ. दिनेश दीक्षित, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ द्वारा आदेश दिनांक 28 अप्रैल, 2025 का पालन नहीं किया गया एवं डॉ.पी.पी. सिंह, पशु चिकित्‍सा सहायक शल्यज्ञ, संयुक्त संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं के आदेश दिनांक 12.08.2025 का पालन नहीं किया गया। जी हां। डॉ. एस.के. पचौरी, डॉ. एस.के. श्रीवास्तव एवं डॉ. दिनेश दीक्षित, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ को पशुपालन एवं डेयरी विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1/1/8/0009/2025-Sec-1-35 (ANH) दिनांक 21.05.2025 द्वारा आदेश दिनांक 28 अप्रैल, 2025 का पालन नहीं करने पर तत्काल प्रभाव से निलंबन किया गया। निरस्त आदेशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                  (घ) प्रश्‍नाश (ख) के परिप्रेक्ष्य में दिये गये उत्तर में उल्लेखित अधिकरी के अतिरिक्त अन्य कोई नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

गौरझामर को नगर परिषद बनाया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

131. ( क्र. 1355 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की देवरी विधानसभा अन्तर्गत माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा घोषित गौरझामर को नगर परिषद बनाये जाने के आदेश कब तक जारी होंगे? यदि हो चुके हो तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या केसली को भी नगर परिषद बनाये जाने की कार्यवाही संपूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो केसली को नगर परिषद बनाये जाने की स्वीकृति‍ कब तक प्रदान की जायेगी। (ग) क्‍या गौरझामर को नगर परिषद बनाये जाने का म.प्र.शासन के राज्य-पत्र में प्रकाशन हो चुका है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो विलम्ब के कारण बताए?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) सागर जिले की देवरी विधानसभा अंतर्गत गौरझामर को नगर परिषद बनाये जाने का प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। केसली को नगर परिषद बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। प्रस्‍ताव परीक्षाणाधीन है।

TDR/Transferable Development Rights नीति का क्रि‍यान्‍वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

132. ( क्र. 1376 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासन द्वारा TDR/Transferable Development Rights नीति की घोषणा गाइड लाइन कब जारी की गयी, नीति अनुसार प्रदेश में आज दिनांक तक किस-किस नगरीय निकाय में इस नीति का वास्तविक रूप से क्रियान्वयन/प्रभावी उपयोग किया गया? प्रदेश के किन-किन नगरीय निकायों में TDR नीति को वास्ताव में लागू कर FAR/FSI रिडीम हुआ उन प्रकरणों की जानकारी नामनिकाय व प्रमाणित प्रतिलिपि सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जाए।         (ख) पिछले पाँच वर्षों में TDR के नाम पर कितने प्रमाण-पत्र जारी हुये तथा उनमें से कितने स्थानांतरित हुये और कितने रिडीम होकर वास्तविक बिल्डिंग परमि‍शन में उपयोग किये गये? पूर्ण जानकारी वर्षवार, निकायवार उपलब्ध करायी जाए। (ग) यदि TDR नीति का वास्तविक उपयोग नहीं हुआ है तो क्या शासन इस योजना को पुर्नरीक्षण/सुधार कर लागू करने की मंशा/रोडमेप निर्धारित किया गया है? पूर्ण जानकारी लागू करने की समय-सीमा सहित उपलब्ध करायी जाए।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्‍य प्रदेश में टी.डी.आर. नियम 2018 में लागू किये गये थे। इंदौर, भोपाल और उज्‍जैन नगरों में टी.डी.आर. का क्रियान्‍वयन किया जा रहा है। इंदौर स्‍थानीय निकाय द्वारा अभी तक कुल 25 विकास अधिकार प्रमाण पत्र जारी किये गये है जिनमें एक विकास अधिकार प्रमाण पत्र स्‍थानांतरित हुआ है। विकास अधिकार प्रमाण पत्र का उपयोग किया जाना प्रक्रियाधीन है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '' अनुसार। (ग) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अट्ठावन"

मैनपावर एवं आउटसोर्स की निविदाओं में व्‍यापक अनियमितताएं

[ऊर्जा]

133. ( क्र. 1377 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2024 में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. अंतर्गत सर्किल देवास, धार एवं मंदसौर अंतर्गत मैनपावर एवं आउटसोर्स हेतु सम्पन्न 04 टेण्डर Tender ID 1, 2024_MPPKV_344969_1 Dewas Circl, 2. 2024_MPPKV_344966_2 Indor Circl, 3. 2024_MPPKV_3449993_1_Mandsaur Cire & 4. 2024_ MPPKV_345025_1 Dhar Circl के माध्यम से 300 करोड़ रूपये की निविदा प्रक्रिया में किन-किन कंपनी (एजेन्सियों) ने भाग लिया तथा किस कंपनी (एजेन्सी) की निविदा स्वीकृत की गयी? भाग लेने वाली सभी कंपनी/स्वीकृत कंपनी का नाम, पता, मोबाईल नं. सहित पूर्ण जानकारी दी जाए। (ख) क्या सम्पन्न हुई प्रश्‍नांश (क) वर्णित निविदा की शर्तों में भाग लेने वाली कंपनी (एजेन्सी) किसी मामले में आरोपी नहीं होने व उसके विरूद्ध पुलिस/जांच एजेन्सी में प्रकरण लंबित न हो यह शर्त निर्धारित की गयी थी? यदि हों तो बताएं?            (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित टेण्डर प्रक्रिया में जिन दो कंपनी के टेण्डर स्वीकृत हुये 1) M/S Prime One work force (Indore O&M, and Dewas circles) & 2) Eagle Hunter solutions private limited (Dhar and Mandsour Circles) के विरूद्ध वर्ष 2024 में छत्तीसगढ़ के आबकारी घोटाले में शामिल होने से आर्थिक अपराध शाखा रायपुर में अप.क्र. 04/2024 दर्ज है साथ ही एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (प्रवर्तन निदेशालय) में भी इन कंपनियों के विरूद्ध जाँच प्रचलित, जिसमें कंपनियों के नाम क्र. 49 Eagle Hunter Solutions & 53 M/S Prime one work force के तौर पर दर्ज है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी दी जाये (घ) क्या उक्त प्रकरण के संबंध में लोकायुक्त अथवा आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को भी शिकायतें की गयी? यदि हाँ, तो शिकायत की वर्तमान स्थिति क्या है, पूर्ण जानकारी दी जाये। (ड.) क्या टेण्डर कमेटी के सदस्यों एवं उच्च अधिकारियों को शिकायत करने व उनके संज्ञान में यह तथ्य होने के बावजूद भी बिना छत्तीसगढ़ पुलिस से सत्यापन कराये झूठे शपथ-पत्र के आधार पर पटाक्षेप कर दोनों कंपनियों को technical एवं financial bid में qualify कर किया गया? यदि हाँ, तो सभी दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने व कंपनी/एजेन्सी को असत्य जानकारी देने हेतु दण्डित किया जाकर टेण्डर रद्द कर पुनः टेण्डर प्रक्रिया सम्पन्न करायी जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायी जाये।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित टेन्‍डरों में भाग लेने वाली कंपनियों/एजेंसियों की प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। निविदा की किसी भी मूल कंडिका में पुलिस/जांच एजेंसी में प्रकरण लंबित होने संबंधित शर्त नहीं है, अपितु निविदा के अंतर्गत चाहे गए सहायक दस्तावेज़ के अंतर्गत Annex. III के बिन्दु क्र. 6 में No Police Case Pending” संबन्धित लेख किया गया है, जो कि निम्नानुसार है- बिन्दु क्र. 6-The Agency certifies that there is no case pending with the police against the agency and also agrees that in case if any case reported/notified to the company in future by whatsoever means the company hold right to terminate the contract and act accordingly. (ग) जी हाँ। संचा./संधा. वृत धार एवं मंदसौर को मेसर्स ईगल हंटर सोल्यूशन्स लिमिटेड तथा संचा./संधा. वृत्त देवास को प्राइमवन वर्क फोर्स प्रा.लि. के विरूद्ध शिकायत ई-मेल पर कॉन्‍ट्रेक्‍ट एम्प्लोयी वेलफेयर यूनियन, छत्तीसगढ़ के माध्यम से दिनांक 11.09.2024 को प्राप्त हुई थी, जबकि धार, देवास एवं मंदसौर वृत्त द्वारा Letter Of Award जारी किये जाने की दिनांक क्रमशः 30.08.2024, 29.08.2024 एवं 30.08.2024 है एवं इसके अतिरिक्त शिकायत के प्रचलन में होने संबंधी जानकारी नहीं है। शहर वृत्त इंदौर हेतु मेसर्स प्राइमवन को अवार्ड जारी नहीं हुए है, मेसर्स क्वेस कॉर्प लिमिटेड को अवार्ड जारी हुए है। तथापि मेसर्स प्राइमवन वर्कफोर्स लिमिटेड को संचा./संधा. वृत्त इंदौर द्वारा Letter Of Award जारी हुए है। संचा./संधा. वृत्त इंदौर को मेसर्स प्राइमवन के विरुद्ध शिकायत ई-मेल पर कॉन्‍ट्रेक्‍ट एम्प्लोयी वेलफेयर यूनियन छत्तीसगढ़ के माध्यम से दिनांक 06.09.2024 को प्राप्त हुई थी, जबकि संचा./संधा. वृत्त इंदौर द्वारा Letter of Award दिनांक 30.08.2024 को जारी हुए हैं। (घ) उक्त प्रकरण के संबंध में लोकायुक्त द्वारा चाही गई जानकारी विभाग द्वारा प्रेषित की जा चुकी है, जो कि विवेचना में हैं। (ड.) संचा./संधा. वृत धार, मंदसौर को मेसर्स ईगल हंटर सोल्यूशन्स लिमिटेड एवं संचा./संधा. वृत्त देवास एवं इंदौर को प्राइमवन वर्कफोर्स प्रा.लि. के विरूद्ध शिकायत ई-मेल पर कॉन्‍ट्रेक्‍ट एम्प्लोयी वेलफेयर यूनियन, छत्तीसगढ़ के माध्यम से दिनांक 11.09.2024 एवं दिनांक 06.09.2024 को प्राप्त हुई थी, जबकि संचा./संधा. वृत्त धार, देवास, मंदसौर एवं इंदौर द्वारा Letter Of Award क्रमशः दिनांक 30.08.2024, 29.08.2024, 30.08.2024 एवं 30.08.2024 शिकायत प्राप्त होने के पूर्व ही जारी कर दिए गये थे। शिकायत प्राप्ति के उपरांत उक्त कंपनी के विरुद्ध जांच विवेचना की गई एवं पाया गया कि जारी निविदा मध्यप्रदेश राज्य के सेवारत राज्य/केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के डिबार एवं टर्मिनेशन से संबंधित है, जिससे यह स्पष्ट है कि जारी निविदा अनुसार किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है। अतः निविदा की कंडिका एवं शर्तों Sec. II Instructions to Bidders (ITB) की कंडिका 40 की उप कंडिका-40.3 अनुसार, शिकायत चूंकि म.प्र. राज्य से संबन्धित नहीं होने से, छत्तीसगढ़ राज्य से सत्यापित करने की आवश्यकता नहीं है तथा निविदा के नियमों के पूर्ण परिपालन उपरांत ही एजेंसियों को उक्त वृत्त द्वारा आदेश जारी हुए। अतः टेंडर रद्द करने की आवश्यकता नहीं है। उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में Tender ID:-2024_MPPKV_344966_2 चूंकि शहर वृत्त इंदौर से संबन्धित है, वहाँ मेसर्स प्राइमवन को अवार्ड जारी नहीं हुए हैं, मेसर्स क्वेस कॉर्प लिमिटेड को अवार्ड जारी हुए है।

परिशिष्ट - "उनसठ"

स्मार्ट मीटर की गुणवत्‍ता की शिकायतें

[ऊर्जा]

134. ( क्र. 1383 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच विधानसभा में ऊर्जा विभाग द्वारा विभिन्न कंपनियों/ठेकेदारों के माध्यम से कितने स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में संदर्भित मीटरों के संबंध में विभाग को किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) और (ख) में संदर्भित स्मार्ट मीटर लगने के बाद, अधिक बिल आने के कारण कितने मीटरों का परीक्षण करवाया गया? परीक्षण के उपरांत कितने मीटर मापदंड के अनुरूप नहीं पाए गए? (घ) क्या नीमच शहर में लगाए गए स्मार्ट मीटर गुणवत्तापूर्ण नहीं है? यदि हाँ, तो लगातार शिकायतें मिलने के बावजूद विद्युत वितरण कंपनी ने स्मार्ट मीटर निर्माण कंपनी के विरुद्ध उच्च अधिकारियों को कब-कब पत्र लिखकर अवगत कराया? जानकारी दें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) नीमच विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नीमच शहर में प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति में कुल 30033 स्मार्ट मीटर लगाये गये हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित स्मार्ट मीटरों के संबंध में नीमच शहर वितरण केन्‍द्र अंतर्गत कुल 45 विद्युत उपभोक्ताओं/ व्‍यक्तियों से शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनका उपभोक्‍तावार विवरण संलग्न  परिशिष्‍ट अनुसार  है।              (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में सभी 45 शिकायतों में संबंधित उपभोक्ताओं के मीटरों का परीक्षण करवाया गया है एवं परीक्षण के उपरांत सभी स्मार्ट मीटर मापदंडों के अनुरूप सही पाये गये हैं। (घ) नीमच शहर में स्‍थापित किए जा रहे स्‍मार्ट मीटर निर्धारित मापदंडों के अनुरूप एवं गुणवत्‍तापूर्ण है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - "साठ"

छात्रावास में वार्डन/अधीक्षक की नियुक्ति

[अनुसूचित जाति कल्याण]

135. ( क्र. 1384 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2018 के पश्चात नीमच जिले के विभाग अंतर्गत संचालित छात्रावासों में वार्डन/अधीक्षक पद पर नियुक्ति के क्या नियम हैं? क्या वार्डन/अधीक्षक की नियुक्ति समाचार पत्रों में जारी विज्ञप्ति के आधार पर होती है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में किन-किन छात्रावासों में किस-किस नियम के तहत, अखबार में विज्ञप्ति के माध्यम से किन-किन को नियुक्ति दी गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित नियमों के अनुसार वार्डन/अधीक्षक एक संस्था में अधिकतम कितने वर्षों तक पदस्थ रह सकती है तथा बिना विज्ञप्ति सीधे नियुक्त वार्डनों को हटाने हेतु विभाग द्वारा कोई नोटिस जारी किए गए हों तो उनकी प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाए। (ग) उक्त जिलों में किन-किन छात्रावासों में किस-किस वार्डन/अधीक्षक के खिलाफ कब-कब, किस-किस प्रकार की शिकायतें किस-किस व्यक्ति द्वारा दर्ज की गईं? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें।

अनुसूचित जाति कल्‍याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) सामान्‍य निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अधिकारियों की पदस्‍थापना के सामान्‍य निर्देश पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। तदानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट-'''' अनुसार  है।

कहारिया-बराखड़-गाजनपुर-खारदा-भिलट देव-सतवासा-बगवाड़ा सड़क निर्माण

[लोक निर्माण]

136. ( क्र. 1390 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कहारिया-बराखड़-गाजनपुर-खारदा-भिलट देव-सतवासा-बगवाड़ा सड़क की स्वीकृत राशि एवं स्वीकृति दिनांक क्या है? (ख) उक्त सड़क में कितने पुल-पुलिया निर्माण किया जाना है उनकी स्वीकृत राशि कितनी है? (ग) सड़क, पुल, पुलिया, निर्माण की स्थिति क्या है? (घ) उक्त सड़क निर्माण की निर्माण पूर्ण करने की तारीख क्या है प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रतिशत काम हुआ है शेष कार्य कब तक पूर्ण किया जा सकेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) स्वीकृत राशि रूपये 2732.27 लाख एवं दिनांक 26.12.2022 है। (ख) कुल 81 पुल/पुलिया निर्माण किया जाना है जिनकी स्वीकृति राशि रू. 623.04 लाख है। (ग) कुल 06 कि.मी. लंबाई में मार्ग निर्माण कार्य पूर्ण एवं 49 नग पुलिया तथा 02 नग बॉक्स कल्वर्ट का कार्य पूर्ण है। शेष लंबाई में कार्य प्रगतिरत है। (घ) अनुबंधानुसार मार्ग निर्माण पूर्ण करने की तारीख 17.01.2025 थी, प्रश्‍न दिनांक तक लगभग 45 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है। शेष कार्य मार्च 2026 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्‍य है।

सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य

[लोक निर्माण]

137. ( क्र. 1395 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में कुंडिया से मेंदल्यापानी तक 4 किमी सड़क निर्माण कार्य न होने के कारण लगभग 12 ग्रामों के निवासियों को आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तथा बीमार एवं गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने हेतु एम्बुलेंस सुविधा भी समय पर उपलब्ध नहीं हो पाती? (ख) क्या पांजरिया ढाबा से झिरीजामली होते हुए पाड़छा तक सड़क निर्माण न होने से लगभग 15 ग्रामों के लोगों को उनके दैनिक आवागमन हेतु करीब 20 किमी अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे आमजन, विद्यार्थी एवं किसानों को गंभीर असुविधा हो रही है?          (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) हाँ,  है तो उक्त दोनों सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृति अब तक क्यों जारी नहीं की गई? विभाग द्वारा सर्वे, डीपीआर अथवा स्वीकृति प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति क्या है तथा निर्माण स्वीकृति जारी करने की संभावित तिथि क्या है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) ग्राम कुंडिया से मेंदल्यापानी नवीन मार्ग है, जो विभाग की पुस्तिका पर अंकित नहीं है। यह मार्ग विभाग की किसी योजना में न तो स्वीकृत और न ही प्रस्तावित है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्राम पांजरिया ढाबा से झिरीजामली नवीन मार्ग है, जो विभाग की पुस्तिका पर अंकित नहीं है। यह मार्ग विभाग की किसी योजना में न तो स्वीकृत और न ही प्रस्तावित है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश '' एवं '' अनुसार। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

असलम खान, आऊटसोर्स लाईनमेन की जानकारी

[ऊर्जा]

138. ( क्र. 1397 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) रायसेन ओ एण्ड एम सर्किल (वृत्त) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि. संभाग औबेदुल्लागंज में पदस्थ लाईनमेन असलम खान को किस एजेन्सी के तहत विभाग में आऊटसोर्स लाईनमेन के पद पर कब पदस्थ किया गया था? इनकी नियुक्ति के समय म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि. एवं संबंधित एजेन्सी ने क्‍या इनका पुलिस चरित्र का सत्यापन करवाया था, यदि हाँ, तो उसकी जानकारी दें? यदि नहीं, कराया गया था तो क्या कारण रहा? (ख) क्या असलम खान मध्यप्रदेश के मूल निवासी हैं तथा इनके पास म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि. में कार्य करने हेतु क्या योग्यता/प्रमाण-पत्र (8वी, 10वी, 12वी तथा आई.टी.आई. एवं म.प्र. के मूल निवासी होने का प्रमाण-पत्र) की जानकारी देवें? यदि यह मध्यप्रदेश के मूल निवासी नहीं है तो उक्त व्यक्ति को किस आधार व किस दक्षता अनुसार नियुक्ति प्रदान की गई? (ग) असलम खान के पास नियुक्ति दिनांक से आज दिनांक तक कितनी चल-अचल सम्पत्ति अर्जित की गई तथा इनके विरूद्ध वर्तमान में कितनी शिकायतें प्रचलन में और पूर्व में भी प्राप्त शिकायतों पर क्या निराकरण कर कार्यवाही की गई जानकारी प्रदान करें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) संचालन/संधारण, वृत्‍त-रायसेन अंतर्गत संचालन/संधारण, संभाग-औबेदुल्लागंज में श्री असलम खान को बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्‍सी मेसर्स क्‍वेस कॉर्प लिमिटेड द्वारा लाईनमेन (आऊटसोर्स) के पद पर दिनांक 21.06.2024 को नियोजित किया गया था। जी नहीं। नियुक्ति के समय पुलिस चरित्र सत्‍यापन करवाने हेतु निविदा में कोई प्रावधान नहीं है, तथापि बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी को उसके द्वारा नियोजित बाह्य स्‍त्रोत कर्मचारियों की जानकारी संबंधित पुलिस थाने में देने एवं बाह्य स्‍त्रोत कर्मचारियों के द्वारा दिये गये डिक्‍लरेशन (Declaration) की प्रमाणिकता का रेण्‍डम (Random) पुलिस सत्‍यापन किये जाने का प्रावधान निविदा में है। तद्नुसार श्री असलम खॉन के डिक्‍लरेशन (Declaration) की प्रमाणिकता की जानकारी का सत्‍यापन प्रक्रियाधीन है। (ख) बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता कंपनी के माध्‍यम से आऊटसोर्स कार्मिकों के नियोजन संबंधी निविदा के प्रावधानों के अनुसार मूल निवासी प्रमाण पत्र प्राप्‍त करने का प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। आऊटसोर्स के माध्‍यम से लाईनमैन के पद पर नियोजन हेतु निविदा में निर्धारित शैक्षणिक योग्‍यता/प्रमाण पत्र अनुसार श्री असलम खान 10वी उत्‍तीर्ण एवं शिरोपरि तार मिस्‍त्री प्रमाण पत्र धारित हैं। उक्‍त अहर्ताएं धारित करने के कारण श्री असलम खान को बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता के माध्‍यम से लाईनमैन (आऊटसोर्स) के पद पर नियोजित किया गया। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता है। (ग) बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी को जारी निविदा की शर्तों के अनुसार आऊटसोर्स के माध्‍यम से नियुक्‍त कार्मिकों की चल-अचल संपत्ति की जानकारी के संधारण का प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। वर्तमान में श्री असलम खॉन के विरूद्ध कोई भी शिकायत संचालन-संधारण संभाग औबेदुल्‍लागंज को प्राप्‍त नहीं हुई है। श्री असलम खान, बाह्य स्‍त्रोत कार्मिक के विरूद्ध पूर्व में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र उमरावगंज में पदस्‍थी के दौरान स्‍थानीय ग्रामीणों द्वारा मौखिक शिकायत किये जाने के उपरांत श्री असलम खॉन को 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र उमरावगंज से हटाकर विद्युत वितरण केन्‍द्र मण्‍डीदीप ग्रामीण में नियोजित किया गया था।

मुरैना शहर के मुख्य मार्गों पर सौंदर्यीकरण-चौड़ीकरण एवं विद्युतीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

139. ( क्र. 1411 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना शहर के प्रमुख मार्ग बंदघंटी चौराहा, आमपुर, इस्लामपुर, रामनगर, तुलसीपुर, गणेशपुर आदि लंबे समय से स्ट्रीट लाइटों की कमी के कारण रात्रि में अंधकारग्रस्त हैं, जिससे नागरिक असुरक्षित महसूस करते हैं और शहरी जीवन प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो इन स्थानों पर प्रकाश व्यवस्था शीघ्र स्थापित करने हेतु नगर निगम/नगरीय प्रशासन ने कौन-से तात्कालिक कदम उठाए हैं और उनकी समय-सीमा क्या है? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) वर्णित चौराहों एवं मुख्य मार्गों का सौंदर्यीकरण तथा शहरी सज्जा कार्य अनदेखा किया जा रहा है, जबकि बंदघंटी, गणेशपुर व अन्य चौराहों पर सौंदर्यीकरण, फुटपाथ, पौधारोपण, उचित रोशनी और मार्ग संकेत लगाने से ही सुरक्षा व सड़कों की उपयोगिता बढ़ेगी? यदि हाँ, तो क्या नगरीय विकास विभाग इन चौराहों के लिए विस्तृत सौंदर्यीकरण योजना बनाकर कार्य आरंभ करेगा और उसकी अंतिम समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है? (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) वर्णित इन मुख्य मार्गों पर बार-बार जाम की स्थिति बनती है क्योंकि मार्ग व चौराहों का चौड़ीकरण नहीं किया गया तथा वैकल्पिक मार्ग/रिंग रोड का अभाव है? यदि हाँ, तो क्या नगर निगम/सड़क विभाग तत्काल मार्ग चौड़ीकरण, चौराहा विस्तार और आवश्यक वैकल्पिक मार्गों के निर्माण की रूपरेखा प्रस्तुत करेगा तथा किन-किन मार्गों को प्राथमिकता दी जाएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, वर्तमान में वर्णित स्‍थानों पर स्‍ट्रीट लाइटें सही हैं, साथ ही समय-समय पर आवश्‍यकतानुसार लाईटें लगा दी जाती हैं। (ख) जी नहीं। जी हाँ, जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। नगर पालिक निगम, मुरैना द्वारा बजट की उपलब्‍धता के अनुसार आवश्‍यकता के आधार पर विकास कार्य कराया जाता है।

परिशिष्ट - "इकसठ"

बेला नागौदा टोल रोड को बन्‍द किया जाना

[लोक निर्माण]

140. ( क्र. 1414 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बेला-नागौद टोल रोड पूरी तरह टूट फूट गई है बगहा रेल ओवर ब्रिज में सस्‍पेंशन पाईंट में टूट फूट होने से एक्‍सीडेंट होने शुरू हो गये हैं? यदि हाँ, तो क्‍या मरम्‍मत का कार्य शुरू कराया गया हैं? (ख) बेला-नागौद टोल रोड में सड़क का एलाईनमेंट बहुत खराब हैं? यदि हाँ, तो क्‍या इसकी जांच कर शासन ठेकेदार कंपनी पर कार्यवाही करेगा? क्‍या रोड ठीक नहीं होने के कारण बेला में स्थित टोल कनेक्‍शन सेंटर शासन बंद करेगा? यदि हाँ, तो कब तक बंद करेगा? (ग) क्‍या सतना-अमरपाटन-गोरसरी-उपरिया राजमार्ग पर बाणसागर बांध बन जाने के कारण मार्कण्‍डेय स्‍थान डूब गया हैं? यहां से उच्‍च स्‍तरीय पुल की मांग आम जनमानस की है, जिसका सर्वे भी हुआ था? कब तक शासन उच्‍च स्‍तरीय पुल बनायेगा जिससे पूर्व की भांति सतना-अमरपाटन-उमरिया-शहडोल-अमरकंटक जुड़ सके? (घ) क्‍या सतना-अमरपाटन-गोरसरी-बदेरा मार्ग में गोरसरी के पहले पहाड़ी हिस्‍से रोड में बहुत सकरी हैं? सकरी होने के कारण बहुत एक्‍सीडेंट होते हैं? इसका चौड़ीकरण कब तक कराया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। बगहा रेल ओवर ब्रिज में एक्‍सपांसन ज्‍वाइंट क्षतिग्रस्‍त हुये थे जिसका मरम्‍मत कार्य पूर्ण करा दिया गया है। (ख) जी नहीं, अनुमोदित एकरेखण पर ही कार्य कराया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। अनुबंधित एजेंसी द्वारा मार्ग में मरम्‍मत सुधार कार्य प्रगति पर है। अत: टोल प्‍लाजा बंद करने की स्थिति नहीं है। (ग) जी हाँ, जी नहीं, वर्तमान में राज्‍य बजट में स्‍वीकृत नहीं है, अत: निश्चित तिथि बताना सभवं नहीं है। (घ) जी नहीं। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत सतना से अमरपाटन मार्ग की लंबाई 29.56 किमी. टू-लेन विथ पेव्‍हड शोल्‍डर (10 मीटर डामरीकृत) में निर्मित मार्ग है। अमरपाटन-गोरसरी-बदेरा मार्ग की लंबाई 46.6 किमी जिसमें गोरसरी घाट (किमी 9 से 14 के मध्‍य) भी सम्मिलित है। मार्ग के इस भाग की चौड़ाई इंटरमीडियेट लेन (5.5 मी. डामरीकृत) है। अत: यह सही नहीं है कि मार्ग के सकरे होने के कारण बहुत एक्‍सीडेंट होते है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दिव्यांग जनों को स्कूटी या बैटरी साइकिल का वितरण

[सामाजिक न्याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण]

141. ( क्र. 1416 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कुल कितने दिव्यांग है इन दिव्यांगों में कितनों के सर्टिफिकेट बने हुए हैं तथा कितनों के नहीं। जिनके सर्टिफिकेट बने हैं उनका प्रतिशत क्‍या हैं विकास खंडवार/ग्रामवार/हितग्राहीवार जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ख) 01/04/2022 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन को स्कूटी या बैटरी वाली साईकिल शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई, वरीयता का क्या आधार माना गया, नियम की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) दूरस्थ ग्रामों में कई ऐसे हितग्राही हैं जिनके परिवार में जिला स्तर पर आने वाला कोई नहीं होने से आवेदन नहीं भेज पाते ऐसे दिव्‍यांगों के लिये विभाग की‌ क्या कार्य योजना है यदि है तो उसके तहत किस-किस को लाभान्वित किया गया सूची उपलब्ध करायें। (घ) क्या शासन विभाग में प्राप्त सूची अनुसार आवेदन पत्र के बिना दिव्यांगों को रिकॉर्ड के अनुसार बिना किसी भेदभाव के स्कूटी अथवा बैटरी साइकिल उपलब्ध कराने हेतु आदेश प्रसारित करेगा।

सामाजिक न्‍याय एवं दिव्‍यांगजन कल्‍याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) दतिया जिले में राज्य सरकार के स्पर्श पोर्टल पर कुल 11426 दिव्यांग पंजीकृत है, समस्त (शत-प्रतिशत) पात्र दिव्‍यांगजनों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र बने हुए हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। (ख) दतिया जिले में दिनांक 01.04.2022 से प्रश्‍न दिनांक तक भारत सरकार की दिव्यांगजन सहायक उपकरण वितरण योजना अंतर्गत भारत सरकार के उपक्रम एलिम्को (भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण) द्वारा बैटरी वाली साईकिल (मोट्राईज्ड ट्राईसाईकल) दिव्यांगजन चिन्हांकन एवं सहायक उपकरण वितरण शिविर आयोजित कर प्रदान की गई है। सहायक उपकरण वितरण सूची एवं नियमावली  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार।                                (ग) भारत सरकार की दिव्यांगजन सहायक उपकरण वितरण योजना के अंतर्गत भारत सरकार के उपक्रम एलिम्को (भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण) द्वारा समय-समय पर जिला पंचायत, ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों के सहयोग से दूरस्थ ग्रामों में दिव्यांगजनों के चिन्हांकन एवं सहायक उपकरण वितरण शिविर का आयोजन किया जाता है। जिसकी सूचना संबंधित ग्राम में निवासरत दिव्यांगजनों को ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, कला पथक दल एवं अन्य माध्यमों से दी जाती है। जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-''''अनुसार। (घ) भारत सरकार की दिव्यांगजन सहायक उपकरण वितरण (एडीप) योजना अंतर्गत भारत सरकार के उपक्रम ALIMCO द्वारा, सर्वप्रथम दिव्यांगजन सहायक उपकरण परीक्षण शिविर के माध्यम से दिव्यांजनों का उनकी आवश्यकता अनुसार सहायक उपकरण हेतु चिन्हांकन किया जाता है, तत्पश्चात पुनः शिविर आयोजित कर सहायक उपकरण वितरण किए जाते हैं। चूंकि हितग्राहियों का चिन्हांकन एवं सहायक उपकरण वितरण शिविर के माध्यम से किया जाता है। अतः समस्त हितग्राहियों को समान अवसर मिलता है, उन्हें आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होती है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

झाँसीघाटडोकरघाट मार्ग पर गुणवत्ताहीन अनुरक्षण तथा अपूर्ण अधोसंरचना

[लोक निर्माण]

142. ( क्र. 1425 ) श्री महेन्‍द्र नागेश : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या झाँसीघाट से दादा महाराज डोकरघाट तक निर्मित/अनुरक्षित सड़क पर वर्तमान समय में विभिन्न स्थानों पर गड्ढे एवं सतह क्षतिग्रस्त स्थिति में है, जिसके कारण आवागमन में निरंतर बाधा उत्पन्न हो रही है? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) वर्णित मार्ग पर शोल्डर कार्य एवं मार्ग-सुरक्षा से संबंधित आवश्यक अधोसंरचनात्मक कार्य एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा अभी तक पूर्ण नहीं किए गए हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा प्रश्‍नांश (क) वर्णित मार्ग का तकनीकी मूल्यांकन कर कार्य की गुणवत्ता का परीक्षण कराया गया है? यदि नहीं, तो क्या इसे शीघ्र कराए जाने तथा आवश्यकतानुसार संबंधित एजेंसी/कार्यकारी संस्था के विरुद्ध कार्यवाही करने का प्रस्ताव है? (घ) क्‍या मार्ग की वर्तमान स्थिति सुधार हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? शोल्डर निर्माण कार्य प्रारम्भ करने हेतु विभाग द्वारा क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा किए गए पूर्व अनुरक्षण कार्यों की गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध है या नहीं?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, मार्ग खण्ड में कुछ स्थानों पर गड्ढे निर्मित हुए है, जिनका मरम्मत कार्य ठेकेदार के माध्यम से कराया जा रहा है, मार्ग पर यातायात निरंतर गतिशील है। (ख) जी हाँ। कार्य प्रगति पर है। (ग) जी हाँ। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                               (घ) मार्ग सुधार, संधारण कार्य एवं शोल्‍डर का कार्य आवश्‍यकता अनुसार समय-समय पर किया जाता है। मार्ग का कुछ भाग ठेकेदार की दोष दायित्व के अंतर्गत होने के कारण उनके द्वारा संधारण कार्य किया जा रहा है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। पूर्व में किये गये कार्यों की टेस्ट रिपोर्ट उपलब्ध है।

बी.सी.एल.एल. द्वारा भुगतान की गई राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

143. ( क्र. 1448 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एनआईटी 147 के तहत कितने बस स्‍टॉप बनने थे, कितने बने? बीसीएलएल को इस निविदा में किस मद में कितनी राशि प्राप्‍त होनी थी, कितनी प्राप्‍त हुई, का गौशवारा बनाकर प्रदाय करें। यदि कम प्राप्‍त हुई तो कौन दोषी है? (ख) पत्र क्र. PA-TNCP/HM Date 01.09.2025 Indian Audit & Accounts Department, To: मुख्‍य कार्यपालन यंत्री, बीसीएलएल की छायाप्रति प्रदान करें। क्‍या इस पत्र पर विभाग द्वारा जवाब दिया गया, हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों? स्‍पष्‍ट कारण बताएं। (ग) NIT 122 Clause 6.9.5 में लिखित Waterfall Mechanism की पूरी परिभाषा प्रदाय करें। NIT 31/32 में कितनी बैंक गारंटी और एडजस्टिबल सिक्‍यूरिटी डिपाजिट जमा की गई थी और कितनी वापस की गई, का गौशवारा बनाकर और संबंधित अनुबंध कंडिका प्रदाय करें। (घ) 2021 से बीसीएलएल विभाग द्वारा जीपीएस सॉफ्टवेयर के लिए कोई निविदा जारी नहीं की गई तो संचालन की सत्‍यता को कौन प्रस्‍तुत करता हैं एवं प्रति परीक्षण कौन करता हैं? यह जानकारी किस ई-मेल आई.डी. से आदान-प्रदान होती है। ईमेल आई.डी. बताएं। क्‍या यह विभाग की ऑफिशियल ईमेल आईडी है, हाँ अथवा नहीं? निविदाकारों को 2022 से विज्ञापन का भुगतान किस आधार पर होता है, पूरी प्रक्रिया बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एनआईटी 147 के तहत 101 बस स्टॉप बनने थे, वर्तमान में 79 बस स्टॉप बन चुके है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  प्रदर्श-''1'' अनुसार(ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  प्रदर्श-''2'' अनुसार। जी नहीं, पत्र पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  प्रदर्श -''3'' अनुसारजानकारी पुस्‍तकालय में रखे  प्रदर्श-''4'' अनुसार(घ) जी हाँ, निविदा जारी नहीं की गई है। बसों के संचालन की सत्यता सम्बंधित बस ऑपरेटर/एजेंसी द्वारा प्रस्तुत की जाती है जिसका विभाग के कर्मचारियों द्वारा परीक्षण किया जाता है सम्बंधित बस ऑपरेटरों/एजेंसी द्वारा helpdesk.bcllgmail.com पर जानकारी प्रदान की जाती है। जी नहीं, अपितु इस ई-मेल आई.डी. का कार्य हेतु प्रयोग किया जाना पाया गया है। निविदा प्रक्रिया में निविदाकारों को विज्ञापन का भुगतान करने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बी.सी.एल.एल. से संबंधित न्‍यायालयीन प्रकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

144. ( क्र. 1449 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.सी.एल.एल. में किन संविदा कर्मचारियों के विरूद्ध न्‍यायालय में प्रकरण चल रहे हैं? नाम एवं पद बताएं। क्‍या विभाग द्वारा इन्‍हें अधिवक्‍ता दिया गया हैं? क्‍या इनकी पात्रता है, हां/नहीं? यदि हाँ, तो संविदा के नियमों का उल्‍लेख करें। (ख) बी.सी.एल.एल. के कितने निविदाकारों द्वारा बैंक गारंटी पर न्‍यायालय में कितने प्रकरण में स्‍टे लिया गया हैं? कितने प्रकरणों में विभाग द्वारा अपील की गई है, का गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदाय करें। क्‍या डब्‍लू.पी.40898/2024 के विरूद्ध विभाग द्वारा अपील दायर की गई है, हां/नहीं? यदि नहीं, तो विलम्‍ब का स्‍पष्‍ट कारण बताएं। (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश (ख) अनुसार न्‍यायालय में समय से कार्यवाही करने का दायित्‍व क्‍या सीईओ का या अन्‍य किसी का हैं? नाम एवं पद बताएं। समय से कार्यवाही न करने के लिए दोषी कौन है? (घ) पत्र क्र. No. RT-17014/1/2023-T Government of India, Ministry of Road Transport and Highways, Transport Sector Dated 22nd July 2025, To Managing Director, BCLLकी छायाप्रति एवं इस पत्र पर विभाग द्वारा दिए गए जवाब, कार्यवाही की जानकारी प्रदान की जाए। क्‍या MORTH को वर्तमान में 40-50 बसें ही संचालित है, के बारे में लिखित जानकारी प्रदाय की गई है, हां/नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) बी.सी.एल.एल. में वर्तमान में पदस्थ संविदा कर्मचारियों के व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में चल रहे प्रकरणों की जानकारी संज्ञान में नहीं है, अपितु बी.सी.एल.एल. में पदस्थ संविदा कर्मचारियों को आवंटित कार्यों अंतर्गत से संबंधित न्यायालय में चल रहे प्रकरणों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–''1'' अनुसार है। जी हाँ, न्यायालय में प्रचलित प्रकरणों में बी.सी.एल.एल. का पक्ष रखे जाने हेतु बी.सी.एल.एल. द्वारा सम्बंधित प्रकरणों में अधिवक्ता नियुक्त किये गए है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) बी.सी.एल.एल. की निविदाओं की प्रक्रिया में किसी भी निविदाकार द्वारा बैंक गारंटी पर न्यायालय से स्टे नहीं लिया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ, शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश '''' में उल्लेखित न्यायालीन प्रकरण में सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियुक्त प्रभारी अधिकारी श्री सुबोध जैन ने शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से माननीय न्यायालय में अपील दायर की है, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) दस्तावेज  पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट–''2'' अनुसार है। जी नहीं। MORTH द्वारा आई.टी.एम.एस. प्रोजेक्ट के प्रोग्रेस की जानकारी चाही गई थी, जो की पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''2'' अनुसार है।

बाईपास रोड निर्माण करवाया जाना

[लोक निर्माण]

145. ( क्र. 1454 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर कुक्षी में जिला अस्पताल एवं न्यायालय परिसर के सामने प्रतिदिन भारी यातायात जाम की स्थिति बनती है, जिससे आमजन, मरीजों एवं कर्मचारियों को अत्यधिक असुविधा होती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा इस समस्या के स्थायी समाधान हेतु नगर के बाहर से बाईपास रोड निर्माण का कोई प्रस्ताव तैयार किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त बाईपास रोड निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है तथा निर्माण कार्य प्रारंभ होने की संभावित तिथि क्या है? यदि नहीं, तो क्या शासन शीघ्र बाईपास रोड अलीराजपुर रोड से बाग एवं अलीराजपुर रोड से बड़वानी तक बाईपास निर्माण की दिशा में क्या कदम उठाए जाने का विचार किया जा सकता है? (घ) यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें, यदि हाँ, तो समय-सीमा से अवगत कराने की कृपा करें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव तैयार नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश-'' अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बी.सी.एल.एल. की बोर्ड बैठक के निर्देशों का पालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

146. ( क्र. 1456 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.सी.एल.एल के 40वीं बोर्ड की बैठक के बिन्दु क्र. 8 में निर्देशों के आधार पर क्या बी.सी.एल.एल. के अधिकारियों द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही की गई, हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? इसी से संबंधित 41वीं बोर्ड बैठक में निर्देशों के पालन में प्रकरण का परीक्षण समय-सीमा में नहीं करने का क्या कारण है? स्पष्ट कारण प्रदाय करें। (ख) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 1424 खण्ड (ख) दिनांक 31/07/25 में विभाग द्वारा यह उत्तर दिया गया था कि माहवार 2.33 करोड़ की पेनाल्टी अधिरोपित से संबंधित पेनाल्टी के लिये किया गया पत्राचार उपलब्ध नहीं है। इसके उपरांत भी ड्यूज की राशि की मांग यथावत रखे जाने का कारण क्या है? स्पष्ट कारण प्रदाय करें। (ग) क्या विभाग द्वारा वर्ष 2024 में एनआईटी 13 की 35 नग नॉन ए.सी. बसों के संचालन की जानकारी संचालन दिनांक से जनवरी 2020 तक संचालित कि.मी. का डाटा उपलब्ध न होने के कारण संबंधित बस ऑपरेटर से पत्राचार क्र. बीसीएलएल/2024/4871 दिनांक 05/03/2024 जारी किया गया था, हाँ अथवा नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, 41 वीं बोर्ड की बैठक के निर्देशों के पालन में प्रकरण परीक्षणाधीन है, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, अनुबंध अनुसार पेनाल्टी अधिरोपित की गई है। (ग) जी हाँ, एनआईटी 13 की 35 नग नॉन ए.सी. बसों का संचालन दिनांक से किलोमीटर का डाटा समग्र रूप से उपलब्ध नहीं होने के कारणवश बस ऑपरेटर कैपिटल रोडवेज से पत्राचार कर किलोमीटर का डाटा चाहा गया था।

बी.सी.एल.एल. की निविदा

[नगरीय विकास एवं आवास]

147. ( क्र. 1457 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निविदा 41,43,60,63,121,122,153 के संबंध में निविदा दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्‍त निविदाओं से संबंधित किस निविदाकार को कब कितना VGF प्रदान किया गया गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदाय करें। (ख) क्‍या उपरोक्‍त निविदाएं AMMRUT योजना के तहत स्‍वीकृत हैं? हाँ अथवा नहीं? क्‍या उपरोक्‍त निविदाओं में Capex पर अधिकतम 40% वीजीएफ देने का प्रावधान था, हाँ अथवा नहीं? (ग) जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक बीसीएलएल द्वारा कितनी निविदाओं को Terminate, Blacklist किया गया? Termination से पहले कितने Show Cause Notice निविदाकार को दिए गए? किस दिनांक में Terminate और किस अधिकारी (नाम) द्वारा किया गया एवं किस दिनांक में और किस अधिकारी (नाम) द्वारा निविदाकार का Termination विलोपित किया गया का गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदाय करें। (घ) एनआईटी 41,43,60,63,121, 122,123,153 के तहत किस निविदाकार पर कितनी पेनाल्‍टी लगाई गई? कितनी राशि कब समायोजित की गई? कितनी बकाया है? कितनी राशि Show Cause Notice के तहत लंबित हैं, का गौशवारा बनाकर जानकारी प्रदाय करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) निविदा की प्रक्रिया में निविदाकारों को VGF प्रदान करने का प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (निविदा क्रं. 41, 43 को छोड़कर) (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में बीसीएलएल द्वारा निविदाओं को Terminate/Blacklist नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नाधीन आमंत्रित निविदाओं में निविदा प्रस्तुत करने वाले निविदाकारों पर निविदा प्रक्रिया में कोई पेनाल्टी नहीं लगाई गई। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भूमि अधिग्रहण में अनियमितताएं

[लोक निर्माण]

148. ( क्र. 1463 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले के धंधरी नाका से लालपुर मार्ग पर एन.एच.-43 निर्माण हेतु अधिसूचना 9 अक्टूबर 2013, 13 मार्च 2014 एवं 2 फरवरी 2015 को जारी की गई थी, परंतु अधिसूचना के बाद भी आहूजा परिवार के सदस्यों द्वारा अवैध भूमि क्रय-विक्रय एवं मुआवजा प्राप्ति के अनियमित कार्य किये गये, जिससे शासन को करोड़ों रुपये की हानि हुई? उक्त क्षेत्र एवं अधिग्रहण कार्यकाल में किशोर आहूजा, चंद्रप्रकाश आदि आहुजा परिवार के सदस्यों द्वारा क्रय-विक्रय की समस्त भूमियों की जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ख) क्या अवार्ड पारित होने के मात्र 12 दिनों बाद भूमि क्रय-विक्रय कर मुआवजा राशि कई गुना बढ़ाकर न्यायालय कमिश्‍नर शहडोल से आदेश प्राप्त किए गए, जिनकी तिथि एक ही दिनांक 18/04/2017 दर्शाती है? (ग) क्या शासन के संज्ञान में यह तथ्य है कि मुआवजा प्राप्त भूमि पर अवैध रूप से लगभग 20 दुकानों का निर्माण एवं विक्रय किया गया? दोषियों पर क्या कार्रवाई निश्चित की जा रही है? (घ) क्या शासन इस पूरे प्रकरण की उच्च-स्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई एवं राशि वसूली सुनिश्चित करेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। सक्षम प्राधिकारी एवं भू-अर्जन अधिकारी बांधवगढ़ द्वारा ग्राम लालपुर तहसील बांधवगढ़ में मार्ग निर्माण से प्रभावित निजी भूमियों के भू-अर्जन की कार्यवाही राष्‍ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 एवं कलेक्‍टर गाइडलाइन के अंतर्गत की गई है। जिसमें शासन का करोड़ों रूपये की हानि का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। शेष जानकारी ए‍कत्रित की जा रही है। (ख) सक्षम प्राधिकारी एवं भू-अर्जन अधिकारी बांधवगढ़ द्वारा संशोधित अवार्ड दिनांक 27.09.2016 के विरूद्ध भू-स्‍वामियों द्वारा आर्बिट्रेटर (कमिश्‍नर शहडोल) के समक्ष अभ्‍यावेदन प्रस्‍तुत किया गया जिसमें आर्बिट्रेटर (कमिश्‍नर शहडोल) द्वारा पारित आदेश दिनांक 18.04.2017 के अनुसार ही भुगतान की कार्यवाही की गई। (ग) जी हाँ। संभागीय प्रबंधक, म.प्र.सड़क विकास निगम, शहडोल को प्राप्‍त शिकायत पत्र दिनांक 05.08.2025 पर संभागीय प्रबंधक द्वारा जाँच एवं अधिग्रहित भूमियों के सीमांकन व नक्‍शा तरमीम हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) बांधवगढ़ जिला उमरिया को पत्र दिनांक 29.08.2025 द्वारा अनुरोध किया गया है। जाँच प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) बांधवगढ़ से अपेक्षित है। कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश। (ग) अनुसार जांच प्रतिवेदन अपेक्षित होने के कारण कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

फायर सेफ्टी एक्‍ट लागू किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

149. ( क्र. 1464 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व में विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2613 दिनांक 11.07.2024, प्रश्‍न क्रमांक 1576 दिनांक 19.12.2024 तथा प्रश्‍न क्रमांक 2804 दिनांक 07.08.2025 के माध्यम से प्रदेश में ''फायर सेफ्टी एक्ट" लागू किए जाने  संबंधी जानकारी मांगी गई थी, जिसमें कार्यवाही प्रक्रिया प्रचलन में बताई गई थी। स्पष्ट करें कि उक्त अधिनियम को प्रदेश में लागू किए जाने की वर्तमान स्थिति क्या है तथा अब तक कौन-कौन से विभागीय चरण पूर्ण किए जा चुके हैं? (ख) प्रदेश में ''फायर सेफ्टी एक्ट" को प्रभावशील रूप से लागू किए जाने की वैधानिक प्रक्रिया कब तक पूर्ण हो सकेगी? कृपया इसकी संभावित समय-सीमा, अधिसूचना जारी करने की अनुमानित तिथि एवं अधिनियम लागू होने की निश्चित अवधि बताते हुए विवरण प्रस्तुत किया जाए।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। फॉयर सेफ्टी एक्‍ट का प्रारूप बन गया है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार वैधानिक प्रक्रिया की जा रही है।

फ्लाई ओवर का निर्माण

[लोक निर्माण]

150. ( क्र. 1465 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर के अंतर्गत शिवनगर कृषि उपज मण्डी से पाटन एवं कटंगी मार्ग के मध्य आई.एस.बी.टी., दीनदयाल चौक, माढ़ोताल होते हुए, प्रस्तावित लगभग 3.5 किलोमीटर लम्‍बे  फ्लाई ओवर निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? विस्तृत विवरण प्रदान करें। (ख) क्या उक्त फ्लाई ओवर निर्माण के लिए अनुमानित रू. 441 करोड़ की लागत का बजट स्वीकृत किया जा चुका है? यदि हाँ, तो स्वीकृति की तिथि एवं राशि का विवरण दें। (ग) उक्त फ्लाई ओवर निर्माण से संबंधित डीपीआर, तकनीकी स्वीकृति, भूमि अधिग्रहण अथवा निविदा प्रक्रिया में अब तक क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है? चरणवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (घ) इस फ्लाई ओवर निर्माण कार्य को प्रारंभ किए जाने की संभावित तिथि क्या है तथा इसे पूर्ण करने की अनुमानित समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है? विभागीय कार्यक्रम एवं आगामी कार्यवाही का विवरण उपलब्‍ध कराएं।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रस्तावित फ्लाई ओव्हर निर्माण हेतु वर्ष 2024-25 के मुख्य बजट में मांग संख्या 24-5054 के अंतर्गत मद क्र. 2 के सरल क्र.-01 पर राशि रूपये 441.87 करोड़ का प्रावधान किया गया है। प्रशासकीय स्वीकृति अपेक्षित। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश '' के अनुसार। (ग) वर्तमान में डी.पी.आर. तकनीकी स्‍वीकृति की कार्यवाही पूर्ण, शेष के लिए प्रशासकीय स्‍वीकृति आवश्‍यक है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में प्रशासकीय स्वीकृति अपेक्षित। अतः निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नियम विरूद्ध सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

151. ( क्र. 1473 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के सड़क निर्माण कार्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के दिशा निर्देश-शहरी बाढ़ प्रबंधन, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन किया जाता है? यदि हाँ, तो नियम निर्देश/आदेश की प्रति सहित बतायें कि इसका क्रियान्वयन प्रदेश में कब से किया जा रहा है? जिन ठेकेदारों को कार्य दिया गया है क्या उसका पालन उनके साथ किये गये अनुबंध में कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक क्या विभाग द्वारा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन में कितने कार्य कराये गये है? (ग) भोपाल के अरेरा कॉलोनी (ई-1 से ई-5) एवं कोलार रोड में विभाग द्वारा निर्मित सड़कों को सड़क के वर्तमान स्तर से 6 से 8 इंच ऊपर उठाना या उससे भी अधिक ऊँचा करना एवं मूल टेन्डर में नाली निर्माण को सम्मिलित नहीं करना इन दिशा निर्देशों की अवहेलना नहीं है? यदि है तो संबंधित ठेकेदार/विभागीय संबंधितों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? इन सड़कों की लागत एवं उसके भुगतान के समस्त दस्तावेज दें। मुख्य सचिव को दिनांक 27/10/25 को शिकायत प्राप्त हुई है उस पर कृत कार्यवाही से अवगत करायें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। म.प्र. के सड़क निर्माण कार्य में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन किया जाता है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। जी नहीं, प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। क्योंकि यह ठेकेदार के अनुबंध का भाग नहीं है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। भोपाल के अरेरा कॉलोनी (ई-1 से ई-5) के मार्गों पर व्हाईट टापिंग का कार्य आई.आर.सी : एस.पीः 76-2015 के अन्तर्गत थीन व्हाईट टापिंग के प्रावधान (100 एम.एम से 200 एम.एम तक) अनुसार किया जा रहा है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार नाली निर्माण का कार्य स्वीकृत नहीं होने से इसे मूल टेण्डर में सम्मिलित नहीं किया गया है। अतः उक्त दिशा निर्देशों की अवहेलना नहीं है। जी नहीं। संबंधित ठेकेदार/विभागीय संबंधितों पर कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है क्योंकि मूल अनुबंध में प्रावधान नहीं है। इन सड़कों के कार्य का भुगतान नहीं हुआ है एवं इनके लागत से संबंधित दस्तावेज संलग्न है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' एवं परिशिष्‍ट-''2'' अनुसार है। दिनांक 27.10.2025 को प्राप्त शिकायत के संबंध में विभागीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

प्रधानमंत्री आवास का क्रियान्‍वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

152. ( क्र. 1477 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद गोहद में वर्ष 2022-25 से वर्तमान तक कितने हितग्राही प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभांवित हुये है? नाम, पिता का नाम, पता, मोबाईल नम्बर सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) नगर पालिका परिषद गोहद में वर्ष 2022-25 से वर्तमान तक प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये आवेदन कर लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के मूल दस्तावेजों की सत्यापित छायाप्रति उपलब्ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद-गोहद में प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 1.0 अंतर्गत 449 हितग्राही तथा प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 अंतर्गत 17 हितग्राही, कुल 466 हितग्राही लाभान्वित किये गये हैं। हितग्राहियों के नाम, पिता का नाम, पता, मोबाईल नंबर सहित जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '''' अनुसार है। (ख) नगर पालिका परिषद-गोहद में प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत किये गये आवेदन के मूल दस्तावेजों की सत्यापित छायाप्रति  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

अनियमितता व अपव्‍यय के प्रकरण में कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

153. ( क्र. 1489 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत नगर पालिका परिषद पसान द्वारा दिनांक 01 अप्रैल 2024 से एवं नगर परिषद बनगंवा राजनगर द्वारा दिनांक 01 अगस्त 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रत्येक वाहन व अन्य यंत्रों में डलवाए गए ईंधन (डीजल/पेट्रोल) की जानकारी, ईंधन की मात्रा, वाहन क्रमांक प्रयोजन, तारीख एवं फ्यूल पंप के नाम सहित उपलब्ध करावें। वाहन का प्रकार भी बतायें। (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में इस संबंध में वाहन वार संधारित लॉगबुक की सत्यापित प्रतिलिपि एवं किये गये भुगतान से संबंधित नोटशीट, बिल व्हाउचर एवं चेक व्‍हाउचर की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए बतायें कि उक्त व्यय कार्यों में लेखा नियमों व शासन के दिशा निर्देशों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्या जाँच दल गठित कर अपव्यय एवं भ्रष्टाचार के इस मामले में संबंधित उत्तरदायी पर समय सीमा में विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ", "ब" एवं "स" अनुसार है।

भूखंड भवन निर्माण बावत्

[नगरीय विकास एवं आवास]

154. ( क्र. 1496 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण जिन भूखंडों का विकास कार्य पूरा नहीं हुआ है। उन भूखण्डों की भी भवन निर्माण विलम्ब पेनल्टी हितग्राहियों से मांगी जा रही है? (ख) क्या उन हितग्राहियों से भी आगे का लीज रेंट व संधारण शुल्क वो भी ब्याज सहित मांगा जा रहा है? जिनका पहले से ही यह शुल्क 10 साल का जमा है और जब उन भूखण्डों का विकास कार्य पूरा हुआ ही नहीं है तो यह शुल्क शासन के किस नियमानुसार मांगा जा रहा है। (ग) क्या हितग्राहियों द्वारा ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण को पिछले 5 से 6 वर्षों में विकास कार्यों हेतु कई पत्र लिखें जा चुके हैं लेकिन न तो विकास कार्य पूरे किये गए और न ही पत्रों का जबाव दिया गया है। हितग्राहियों के पत्रों पर कार्यवाही कर विकास कार्य कब तक पूर्ण किये जायेंगे।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, हितग्राहियों से पेनाल्‍टी, मध्‍य प्रदेश विकास प्राधिकरणों की संपत्तियों का प्रबंधन एवं व्‍ययन नियम 2018 यथा संशोधित 2021 के नियम 23 के अंतर्गत ली जा रही है। (ख) जी नहीं। अग्रिम लीज रेंट व संधारण शुल्‍क पर ब्‍याज नहीं मांगा जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। ग्‍वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा विकास कार्य एवं मूलभूत सुविधायें पूर्ण करते हुये कालोनी नगर निगम को हस्‍तातंरित की जा चुकी है। शताब्‍दीपुरम योजना फेस-3 में अधिकांश विकास कार्य पूर्ण हो चुके हैं कुछ स्‍थानों पर माननीय न्‍यायालय में प्रकरण प्रचलित होने तथा किसानों द्वारा वांछित भूमि समर्पित न करने की वजह से विकास कार्य लंबित है।

भुगतान के संबंध में

[ऊर्जा]

155. ( क्र. 1497 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या दतिया जिले की भाण्डेर विधानसभा अन्तर्गत ग्राम सालोन-ए के मौजा में कृषि कार्य हेतु श्रीमती कुसुम सेंगर के नाम से कृषि ट्रान्सफार्मर स्थापित है। इस पर दो वैध कनेक्शन हैं जिनमें श्रीमती कुसुम सेंगर पत्नी शंकर सिंह सेंगर एवं श्रीमती शारदा देवी पत्नी मलखान सिंह जिनके क्रमशः कनेक्शन क्रमांक 2485002163 एवं 24885003525 है जिसका नियमित भुगतान किया जाता है? (ख) क्‍या दिनांक 23.12.2023 को सहायक यंत्री श्री किशन अहिरवार द्वारा पंचनामा बनाकर 63182/- रूपये का बिल भिजवाया है। यदि हाँ, तो बिल की प्रति संलग्न करें। (ग) इस बिल के सुधार हेतु श्रीमती कुसुम सेंगर एवं स्थानीय विधायक ने कितने आवेदन पत्र दिये है। उनका क्या निराकरण किया गया? (घ) क्‍या गलत बिल का समाधान किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, ग्राम सालोन-ए के मौजा में श्रीमती कुसुम सेंगर पत्नी शंकर सिंह सेंगर के नाम से अनुदान योजना के तहत 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता का एक वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है। उक्‍त वितरण ट्रांसफार्मर पर दो नंबर वैध कनेक्शन हैं, जिनका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। कनेक्शन क्रमांक 2485002163 में श्रीमती कुसुम सेंगर पत्नी शंकर सिंह सेंगर द्वारा आखिरी बार दिनांक 03.02.2023 को राशि 9730/- रुपए का भुगतान किया गया एवं कनेक्शन क्रमांक 2485003525 (24885003525 नहीं) में श्रीमती शारदा देवी पत्नी मलखान सिंह द्वारा आखिरी बार दिनांक 28.03.2024 को राशि 7472/-रुपए का भुगतान किया गया था। उसके पश्‍चात् नियमित भुगतान नहीं किया गया। य‍द्यपि दिनांक 18.11.2025 को उपभोक्‍ता श्रीमती कुसुम सेंगर पत्नी शंकर सिंह सेंगर द्वारा कनेक्‍शन क्रमांक 2485002163 में राज्‍य शासन की समाधान योजना 2025-26 में लाभ लेते हुये मूल राशि रूपये 24562/- जमा की गई है। (ख) दिनांक 23.12.2022 (दिनांक 23.12.2023 नहीं) को श्रीमती कुसुम सेंगर के खेत/मौके पर निरीक्षण के दौरान 25 के.व्‍ही.ए. वितरण ट्रांसफार्मर से 08 एच.पी. का 01 स्‍थायी कनेक्‍शन सर्विस क्रमांक 2485002163 एवं 01 अवैध 05 एच.पी. की विद्युत मोटर चलते पायी गयी। जिसके कारण सहायक यंत्री श्री किशन अहिरवार द्वारा विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 135 के अंतर्गत विद्युत चोरी का पंचनामा बनाया गया, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। उक्‍त पंचनामा के विरूद्ध जुर्माना राशि रूपये 46,541/- की बिलिंग की गई थी। बिल की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। निरीक्षण के दौरान उपभोक्‍ता के द्वारा उक्‍त वितरण ट्रांसफार्मर पर संयोजित अन्‍य वैध कनेक्‍शन की जानकारी नहीं दी गयी थी। (ग) श्रीमती कुसुम सेंगर का आवेदन बिल सुधार हेतु प्राप्‍त हुआ था, जिसके संबंध में माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा संबंधित से निराकरण हेतु दूरभाष पर चर्चा की गई थी। म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालयीन अभिलेखों के अनुसार माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय का इस संबंध में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ था। उपभोक्‍ता द्वारा बिल में सुधार हेतु प्रस्तुत आवेदन पर जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा दिनांक 20.02.2025 को पंचनामे में की गई बिलिंग राशि रूपये 46541/- को पुनरीक्षित कर निराकरण कर दिया गया है एवं राशि को बिल में समायोजित कर दिया गया है। दिनांक 23.12.2022 को निरीक्षण में हुई त्रुटि हेतु संबंधित प्रबंधक (संविदा) भाण्‍डेर को कारण बताओ सूचना पत्र क्रमांक 1860-61 दिनांक 24.11.2025 को जारी किया गया है। कारण बताओ सूचना पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। वर्तमान में राज्‍य शासन की समाधान योजना 2025-26 के अंतर्गत दिनांक 18.11.2025 को उपभोक्‍ता द्वारा विद्युत बिल की नवम्‍बर माह 2025 में जारी विद्युत देयक की कुल बकाया राशि में शत-प्रतिशत सरचार्ज (अधिभार) राशि में छूट का लाभ लेते हुए मूल राशि जमा कर दी गई है, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है एवं उक्‍त देयक क्रमांक 2485002163 पर कोई भी बकाया राशि शेष नहीं है। (घ) उपभोक्‍ता श्रीमती कुसुम सेंगर पत्‍नी शंकर सिंह सेंगर के विद्युत कनेक्‍शन क्रमांक 2485002163 के विरूद्ध जारी त्रुटिपूर्ण बिल को नियमानुसार संशोधित कर निराकरण कर दिया गया है।