मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2016 सत्र
सोमवार, दिनांक 05 दिसम्बर, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
फसल बीमा
दावा राशि का
वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
1. ( *क्र. 575 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को वर्ष 2015-16 फसल नुकसानी के लिए फसल बीमा राशि का लाभ प्राप्त होगा? (ख) वर्तमान में फसल बीमा दावा राशि का वितरण क्यों नहीं किया गया है? कारण बतावें। (ग) फसल बीमा दावा राशि का वितरण कब तक कर दिया जावेगा? (घ) प्रधानमंत्री बीमा राशि के नियम व जानकारी (शर्तें) उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरीफ वर्ष 2015 की दावा राशि का भुगतान संबंधित नोडल बैंकों को कर दिया गया है एवं रबी 2015-16 की दावा राशि का आंकलन प्रक्रियाधीन है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नवीन/अधूरी सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
2. ( *क्र. 999 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा नवीन सड़क निर्माण कराया जा रहा है? साथ ही अधूरे सड़क निर्माण कार्यों का कार्य गतिशील है जिसमें अत्यधिक विलंब हो रहा है? निर्माण कार्य समय-सीमा में न कर घटिया निर्माण किया गया है? (ख) क्या विदिशा विधान सभा क्षेत्र में सड़क निर्माण ग्राम नौलास से लखूली, झिरनिया, देहरी से तिलक भदौरा का कार्य समय-सीमा में नहीं होने से धीमीगति से चल रहा है एवं ग्राम सदनखेड़ी से हांसुआ, ग्राम टीलाखेड़ी से गेहूँखेड़ी तक की सड़क का घटिया निर्माण होने से क्षतिग्रस्त हो चुकी है? इसकी जाँच कराई जावेगी? साथ ही ग्राम देहरी से निटरी एवं भदौरा एप्रोच रोड तक सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत एलाइनमेंट में कुल 15 किलोमीटर में शामिल कर शेष 6 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य कराया जाना आवश्यक है? (ग) क्या पत्र क्रमांक 2431, दिनांक 26.03.2016 एवं पत्र क्रमांक 579, दिनांक 18.10.16 पर मुख्य अभियन्ता (राज.परि.) लोक निर्माण विभाग, निर्माण भवन भोपाल स्तर पर कार्यवाही विचाराधीन है? पत्रों के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंधानुसार कार्य गतिशील है। जी नहीं। (ख) जी नहीं, कार्यपालन यंत्री द्वारा जाँच की जाकर कार्य सही पाया गया। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। दोनों ग्राम पक्की सड़क जुड़े होने के कारण वर्तमान वित्तीय स्थिति को देखते हुये सेकेण्ड कनेक्टिविटी प्राथमिकता क्रम में नहीं आता। पत्र क्रमाक 579, दिनांक 18.10.2016 के संबंध में कार्यपालन यंत्री, लो.नि.वि. संभाग विदिशा द्वारा पत्र क्रमांक 12382, दिनांक 02.11.2016 से निराकरण किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कोपाखेड़ा जलाशय का कार्य प्रारंभ किया जाना
[जल संसाधन]
3. ( *क्र. 1143 ) श्री कमलेश शाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमरवाड़ा जिला छिंदवाड़ा के कोपाखेड़ा जलाशय को शासन ने स्वीकृति दे दी है? यदि हाँ, तो इसके आदेश की छायाप्रति देवें। (ख) किस कारण से उपरोक्त स्वीकृत कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं हो पाया। (ग) यह कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (घ) कार्य प्रारंभ न होने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
कृषि सामग्री की खरीदी हेतु ऋण उपलब्ध कराया जाना
[सहकारिता]
4. ( *क्र. 424 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि सामग्री के लिए प्रदेश में कृषकों को खाद बीज और अन्य जरूरी सामग्री खरीदने के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज की दर से सहकारी ऋण उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार वर्ष 2014-15, 2015-16 में विदिशा जिले में किस-किस प्राथमिक साख सहकारी समिति के सदस्यों को उक्त योजना का लाभ दिया गया है। लाभान्वित कृषकों की संख्यात्मक जानकारी सहकारी समितिवार उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2016-17 में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत किस-किस सहकारी समिति के सदस्यों को ऋण दिया जाना प्रस्तावित है।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, विदिशा से संबद्ध समस्त 154 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के सदस्यों को योजना का लाभ दिया गया है। समितिवार लाभान्वित सदस्यों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
सिंहस्थ के अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण किया जाना
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 982 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 में लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्माण एवं गेस्ट हाउस के संबंध में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं हुए हैं अथवा प्रारंभ नहीं हुए हैं। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार अपूर्ण एवं प्रारंभ नहीं किये गये कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जावेंगे? कार्यवार जानकारी प्रदान करें तथा समयावधि बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सेवा सहकारी समिति सेमरिया में व्याप्त अनियमितता
[सहकारिता]
6. ( *क्र. 580 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेवा सहकारी समिति मर्यादित सेमरिया के अध्यक्ष भागीरथी शुक्ला के विरूद्ध आर्थिक एवं अपराधिक प्रकरण दर्ज है? क्या समिति प्रबंधक ने सेवक संतोष वर्मा के साथ मिलकर समिति का पैसा बंदरबाट कर लिया है? (ख) क्या सेमरिया से सतना पहुँच मार्ग में रानी तालाब के पास समिति का गोदाम स्थित है एवं इस गोदाम के पीछे शासकीय जमीन पर भागीरथी शुक्ला ने अवैध कब्जा कर घर का निर्माण कराया है? क्या उपरोक्त घोटालों की शासन को जानकारी है? यदि हाँ तो अब तक इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं तो क्यों एवं कब तक होगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, पुलिस थाना सेमरिया जिला रीवा से प्राप्त जानकारी अनुसार 08 अपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार ऐसा कोई प्रकरण प्रमाणित नहीं हुआ है, जिसमें समिति प्रबंधक द्वारा अध्यक्ष के साथ मिलकर पैसे का बन्दरबाट किया गया हो। (ख) जी हाँ। जी हाँ, भागीरथ शुक्ला के पिता श्री जगदीश प्रसाद का अवैध कब्जा है। जी हाँ। अतिक्रमण के विरूद्ध मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहित की धारा 248 के तहत कार्यवाही की गई है, जो न्यायालय में विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( *क्र. 1214 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या-66 (क्रमांक 1803), दिनांक 27 जुलाई 2015 को प्रश्नांश कंडिका (ग) में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-11-3/2015/1-10 दिनांक 20 फरवरी 2015 द्वारा शासन के मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा जाँच करायी जा रही है, जानकारी दी थी। यदि मंडी के घटिया एवं मानक स्तर के निर्माण कार्य न होने संबंधी जाँच पूरी हो गयी हो तो, जाँच प्रतिवेदन की प्रति, निर्माण सामग्री की जाँच जिस प्रयोगशाला में करायी गयी हो तो उस प्रयोगशाला से प्राप्त प्रतिवेदन की प्रति समस्त संबंधित सहपत्रों साक्ष्यों सहित उपलब्ध कराते हुये बताया जाये कि जाँच में क्या पाया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जाँच दल में सम्मिलित सभी अधिकारियों के नाम, पद एवं पदस्थापना सहित यह जानकारी भी दी जाये कि जाँच किस अवधि में की गयी। जिला स्तर पर कितने लोगों को जाँच दल के साथ सहयोग हेतु सम्मिलित किया गया। इन सभी अधिकारियों सहित जाँच अधिकारी एवं जाँच दल पर हुये व्यय टी.ए./डी.ए. सहित अन्य व्यय की संपूर्ण जानकारी की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी जाये।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। मुख्य तकनीकी परीक्षक से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होना अपेक्षित है। अतएव शेष जानकारी जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर उपलब्ध करायी जा सकेगी। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर ही जानकारी उपलब्ध करायी जा सकेगी।
चाकल्या सिंचाई परियोजना की अवार्ड राशि का भुगतान
[जल संसाधन]
8. ( *क्र. 1101 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र की चाकल्या सिंचाई परियोजना के निरस्त हो चुके अंतरिम अवार्ड के पश्चात् वर्तमान में पुन: नये सिरे से भू-अर्जन प्रक्रिया 2013 के कानून के अनुसार शुरू की गई है या नहीं। (ख) जिन विस्थापितों की बिना फाइनल अवार्ड भुगतान किए 4 वर्षों से जमीन पर कब्जा लिया जा चुका है? क्या उन्हें 4 वर्षों के फसल नुकसान का भुगतान किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) किसानों को भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के केन्द्रीय भू-अर्जन कानून के अंतर्गत एवं इसकी पहली-दूसरी एवं तीसरी अनुसूची के अंतर्गत लाभ एवं पुनर्वास लाभ प्रदान किये जा रहे हैं या नहीं।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) परियोजना से प्रभावित कृषकों को भू-अर्जन अधिकारी धार द्वारा भू-अर्जन अधिनियम, 1894 के अनुरूप अंतरिम अवार्ड अनुसार भुगतान कर भूमि अप्रैल, 2014 में अधिग्रहीत की गई। वर्तमान में नये अधिनियम 2013 के अनुसार कृषकों को अंतिम अवार्ड की कार्यवाही भू-अर्जन अधिकारी धार के यहां प्रक्रियाधीन है। जी नहीं। प्रकरण में अंतरिम अवार्ड अनुसार कृषकों को भुगतान किया जा चुका है। अतः फसल नुकसान के भुगतान का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) किसानों को भू-अर्जन, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित प्रतिकर अधिनियम 2013 के अनुसार ही भुगतान किया जावेगा। इस परियोजना अंतर्गत किसी भी कृषक का विस्थापन नहीं हुआ है।
खरगापुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत बानसुजारा से नहर निर्माण
[जल संसाधन]
9. ( *क्र. 484 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में बानसुजारा से नहर निर्माण का कार्य किया जा रहा है, जिससे निकलने वाले मटेरियल, पत्थर, मिट्टी, किसानों की कृषि भूमि में दोनों तरफ डाल दी गई है, जिससे कई किसान परेशान हैं और भूमि पर खेती नहीं कर पा रहे हैं तथा क्या किसानों को उक्त मिट्टी, पत्थर डाले जाने का मुआवज़ा दिलायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? क्या उक्त किसानों की भूमि से उक्त मटेरियल हटवाये जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या उक्त बानसुजारा नहर का मटेरियल पत्थर, मिट्टी सड़कों के किनारों पर डाल दिया गया है, जिससे आये दिन राहगीर घटनाओं-दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं तथा क्या लोक निर्माण विभाग से जल संसाधन विभाग ने अनुमति ली थी? यदि हाँ, तो अनुमति का पत्र उपलब्ध करायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें तथा राहगीरों को होने वाली समस्या के निराकरण हेतु मिट्टी पत्थर हटाये जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। ठेकेदार द्वारा नहर की खुदाई से प्राप्त मिट्टी को किसानों के खेतों में उनकी सहमति से उनके खेतों की निचली भूमि पर डाली गई है। सहमति पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अतः किसानों के खेतों में मिट्टी डाले जाने का मुआवजा दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) बानसुजारा नहर की खुदाई से प्राप्त मिट्टी एवं अन्य मटेरियल लोक निर्माण विभाग की सड़क एवं शोल्डर पर नहीं डाला गया है। नहर से प्राप्त मटेरियल सड़क के शोल्डर से किसानों के खेतों के बीच के निचले भाग में डाली गई है। मटेरियल को ग्रेडर से समतल कराने के निर्देश मुख्य अभियंता दतिया को दे दिए गए हैं। दुर्घटना संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है। लोक निर्माण विभाग से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
गोलखेड़ी से सूखा निपानिया मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
10. ( *क्र. 1380 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गोलखेड़ी से सूखा निपानिया तक पूर्व निर्मित मार्ग की स्थिति क्या है। (ख) प्रश्नांश (क) में मार्ग जीर्णशीर्ण स्थिति में है अथवा नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित मार्ग हेतु विभाग द्वारा कोई कार्य योजना तैयार की गयी है अथवा नहीं। यदि नहीं तो विभाग कब तक इस पर कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मार्ग क्षतिग्रस्त है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) कार्य योजना प्रक्रियाधीन, किन्तु वर्तमान में किसी भी योजना में प्रस्तावित नहीं है। इसलिये समय–सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
11. ( *क्र. 1376 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर एवं रायसेन जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में रबी एवं खरीफ की फसलों को हुई क्षति का आंकलन क्या प्रशासन व बीमा कंपनी द्वारा करा लिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त जिलों में कुल कितनी राशि फसल बीमा की कृषकों को उपलब्ध कराई जानी है। यह राशि कब तक किसानों के खातों में अंतरित की जावेगी? (ख) विकासखण्डवार कितने-कितने कृषकों को किन-किन फसलों की क्षति में कितनी-कितनी राशि देय है। क्षति के बाद भी अब तक बीमा राशि किसानों को न दिये जाने के क्या-क्या कारण रहे हैं। (ग) देवरी विधानसभा क्षेत्र के बीमित कृषकों को कितनी-कितनी राशि कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी? ग्रामवार, कृषक संख्या एवं राशि की जानकारी दोनों वर्षों की उपलब्ध करायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बीना नदी परियोजना का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
12. ( *क्र. 923 ) श्री महेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना नदी परियोजना प्रस्तावित है। (ख) यदि हाँ, तो योजना की वास्तविक स्थिति क्या है। (ग) उक्त योजना के प्रारंभ होने से विधानसभा क्षेत्र बीना की कितनी भूमि सिंचित होगी। (घ) बीना नदी परियोजना कब तक प्रारंभ हो जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 30.10.2010 को रू. 1514.577 करोड़ की 97,747 हे. वार्षिक सिंचाई के लिए प्रदान की गई थी। परियोजना के अंतर्गत मडिया बांध, धसान डायवर्सन, देहरा बांध एवं चकरपुर बांध सह-पिकअप वियर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना से प्रभावित वनभूमि 1024.44 हे. की सैद्धांतिक स्वीकृति माह जुलाई 2016 में भारत-सरकार से प्राप्त हो चुकी है। परियोजना की पर्यावरण स्वीकृति एवं प्रभावित वनभूमि की औपचारिक स्वीकृति का कार्य प्रक्रियाधीन है। परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित मड़िया एवं धसान बांध के डूब क्षेत्र के ग्रामवासियों द्वारा लगातार विरोध किए जाने से परियोजना का संशोधित स्वरूप विचाराधीन है। (ग) परियोजना से विधान सभा क्षेत्र बीना की लगभग 49,500 हे. भूमि सिंचाई हेतु प्रस्तावित थी। संशोधित स्वरूप में विधान सभा क्षेत्र बीना की लगभग 12,400 हे. भूमि में सिंचाई प्रस्तावित है। (घ) परियोजना की पर्यावरणीय स्वीकृति एवं प्रभावित वनभूमि की औपचारिक स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात निर्माण संबंधी कार्यवाही प्रारंभ हो सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सीधी जिलांतर्गत मार्गों के निर्माण एवं सुधार कार्य
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 1373 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के सिहावल ब्लाक सुपेला से राजगढ़ रामनगर मार्ग स्वीकृत है। यदि हाँ, तो कब से। तिथि व लागत बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्य की प्रगति क्या अभी तक शून्य है। यदि हाँ, तो मार्ग निर्माण कब पूर्ण होगा? (ग) क्या सीधी जिले के विकासखण्ड सिहावल में बघोर से केराई, केसौली छादा से कैमोर पहाड़ पहुंच मार्ग, सुपेला से राजगढ़, सिहावल से समरगरा मार्ग, पखड़ा से जेठुला एवं पहाड़ी दुरहवा तालाब खाड़ी पहुंच मार्गों की हालत अत्यंत जीर्ण है, यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के मार्गों के निर्माण की क्या योजना है एवं कब तक पूर्ण कर लिए जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ए.बी.सी. कैनाल के 9 आर सबडिस्टीब्यूटरी के अंतिम छोर तक सिंचाई
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 367 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ए.बी.सी. कैनाल के 9 आर सबडिस्ट्रीब्यूटरी के आखिरी छोर पर सिंचाई हेतु पानी नहीं पहुंच पाता है क्योंकि आखिरी छोर के अधिकांश भाग को तोड़कर अतिक्रमण कर लिया गया है जिससे किसान सिंचाई से वंचित हो रहे हैं? (ख) क्या 9 आर सबडिस्ट्रीब्यूटरी पर किए गए अतिक्रमण के संदर्भ में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है और न ही उक्त कारण से सिंचाई से वंचित किसानों को सिंचाई हेतु अन्य विकल्प पर प्रयास किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या सिचांई हेतु वंचित किसानों के लिए उक्त माईनरी के अखिरी छोर की निर्धारित सीमा तक का पुन: निर्माण कराया जा सकेगा। यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। ए.बी.सी. नहर की 9 आर सब डिस्ट्रीब्यूटरी के अंतिम छोर तक सिंचाई हेतु पानी पहुंचाया जाकर इस वर्ष 9 आर माईनर से 1,694 हे. क्षेत्र में सिंचाई (पलेवा) उपलब्ध कराया गया है। उक्त माईनर के अंतिम छोर तक किसी भी प्रकार का अतिक्रमण होना प्रतिवेदित नहीं है। (ख) एवं (ग) 9 आर माईनर के अंतिम छोर तक सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
कृषकों को खाद एवं बीज का वितरण
[सहकारिता]
15. ( *क्र. 390 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कितना बीज एवं खाद कृषकों को वितरण हेतु साख सहकारी संस्थाओं को आवंटित किया गया था? आवंटित बीज एवं खाद के वितरण हेतु क्या मापदण्ड तय थे? मापदण्ड अनुसार वितरण किया गया या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में वितरित खाद एवं बीज की विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत सहकारी साख संस्थावार सूची उपलब्ध करावें? (ग) नवीन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत सहकारी साख संस्थाओं के माध्यम से कितने कृषकों के बीमा किये गये? समितिवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितनी राशि का क्लेम किया गया था एवं इसके विरूद्ध कितने कृषकों को क्लेम राशि का भुगतान हुआ?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 17909 क्विंटल बीज एवं 88080 मे.टन खाद, जिला तकनीकी समूह की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार नगद एवं वस्तु ऋण का अनुपात 70:30 निर्धारित किया गया है, कृषकों को स्वीकृत साधारण साख सीमा अनुसार वितरण किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) कृषकों का बीमा कराये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राज्य में खरीफ 2016 से लागू की गई है। योजना अंतर्गत सहकारी समितियों द्वारा बीमा क्लेम प्रस्तुत करने का कोई प्रावधान नहीं है। उपज के आकड़ों के आधार पर योजना के प्रावधान अनुसार बीमा कंपनी द्वारा नुकसान का आंकलन किया जाकर राशि का भुगतान किया जाता है, अभी तक बीमा कंपनी से कृषकों को भुगतान हेतु कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है।
आंतरिक सड़क निर्माण के प्रावधान
[लोक निर्माण]
16. ( *क्र. 1349 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पी.आई.यू. द्वारा बनाये जाने वाले भवनों में आंतरिक सड़क बनाये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवनिर्मित सिहोरा के महाविद्यालय, तेंदूखेड़ा के एस.डी.एम., एस.डी.ओ.पी. कार्यालय एवं तेंदूखेड़ा के ही प्री-मैट्रिक आदिवासी छात्रावास में आंतरिक सड़क का निर्माण क्यों नहीं किया गया? (ग) उपरोक्त भवनों में आंतरिक सड़क का निर्माण कब तक कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। स्वीकृति में सम्मिलित होने पर। (ख) आंतरिक सड़क निर्माण कार्य का प्रावधान स्वीकृत प्राक्कलन में नहीं होने के कारण। (ग) उत्तरांश ‘’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाटन विधान सभा क्षेत्रांतर्गत पुल/पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
17. ( *क्र. 742 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से मार्ग हैं जिनमें पुल-पुलिया एवं रपटों का निर्माण न होने अथवा रपटे पर जल निकासी कम होने से वर्षा ऋतु में ग्रामीणजनों का आवागमन बाधित होता है? (ख) क्या पौड़ीकला, सिमरिया (आलासूर), हरसिंघी, लमकना, मुरैठ, सरोंद बनखेड़ी मार्ग के कि.मी. 3/6 कनाड़ी नाला एवं इन्द्राना, गनियारी, मुरई मार्ग के कि.मी. 7/2 में हिरन नदी तथा कंजई सकरीकला अधुआ मार्ग के कि.मी. 2/4 में काकरदेही नाला पर पुल निर्माण का स्थल परीक्षण कर प्रथम स्तरीय प्राक्कलन मुख्य अभियंता लो.नि.वि. सेतु परिक्षेत्र भोपाल को सम्प्रेषित किया जा चुका है तथा बनखेड़ी, मुरेठ, लमकना पौडी मार्ग के कि.मी. 3/2 सुहार नदी पर पुल निर्माण का स्थल परीक्षण कर प्रथम स्तरीय प्राक्कलन अ.य. सेतु मण्डल जबलपुर को प्रेषित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में उल्लेखित पुलों के निर्माण का प्रस्ताव शासन स्तर पर कहां लंबित है? इन पुलों के निर्माण की स्वीकृति किस प्रकार से कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (घ) देवनगर-खिन्नी (तिदनी) मुरेठ मार्ग में हिरन नदी पर पुल के निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार कर निर्माण कार्य बजट अनुसार कराये जाने के संबंध में हुई प्रगति से अवगत करावे एवं यह भी बतलावें कि उक्त पुल का निर्माण किस प्रकार से कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सुरैया-सिमरिया बढैयाखेड़ा-पडरिया-धमनी-सिंगौरी निर्माणाधीन मार्ग (मुख्य जिला मार्ग) के अंतर्गत कि.मी. 4+100 पर स्थित रपटे पर वर्षा ऋतु में अधिक वर्षा होने पर आवागमन कुछ समय के लिए अवरूद्ध हो जाता है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सुरैया-सिमरिया-बढैयाखेड़ा-पडरिया-धमनी-सिंगौरी निर्माणाधीन मार्ग (मुख्य जिला मार्ग) के अंतर्गत कि.मी. 4+100 पर स्थित रपटे के स्थान पर माईनर ब्रिज निर्माण कार्य प्रगति पर है। शेष प्रस्तावों का परीक्षण कराया जा रहा है। वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता के कारण स्वीकृति संभव नहीं। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) रूपये 602.85 लाख का डी.पी.आर. तैयार किया गया है। वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता अनुसार कार्यवाही संभव नहीं। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पंजीकृत दुकानों से कृषि यंत्र खरीदी की बाध्यता समाप्त करना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( *क्र. 167 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा कृषि यंत्रों पर कितना-कितना अनुदान दिया जा रहा है। क्या कृषि विभाग से पंजीकृत संस्था/दुकान से ही कृषि यंत्रों को खरीदने के लिये कृषकों को बाध्य किया जा रहा है? (ख) क्या कृषि विभाग द्वारा पंजीकृत दुकानों से खरीदने पर कृषक को मंहगे दर पर कृषि यंत्र मिल रहे हैं, जिससे उसको शासकीय अनुदान का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि खुले मार्केट में उन्हीं कृषि यंत्रों की कीमत काफी कम है तथा अनुदान का अधिक लाभ किसानों को मिल सकता है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो सरकार कब तक बाजार दर एवं पंजीकृत दुकानों की दरों का पुनरीक्षण कराकर पंजीकृत दुकानों से कृषि यंत्रों की खरीदी की बाध्यता को समाप्त कर देगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कृषि यंत्रों की खरीदी के लिये किसानों से अनावश्यक कागजी कार्यवाही कराई जाती है, जिससे कृषकों के समय और पैसे की बर्बादी हो रही है? इसलिये कब तक प्रक्रिया सरल बना दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विभाग द्वारा कृषि यंत्रों पर दिये जाने वाले अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों में केवल भारत सरकार के अधिकृत संस्थाओं से टेस्टेड कृषि यंत्रों पर ही अनुदान देने का प्रावधान है। अत: उक्त निर्देशों के परिपालन में विभाग द्वारा टेस्टेड यंत्रों के निर्माताओं का पंजीयन किया जाता है। कृषकों द्वारा पंजीकृत निर्माताओं के अधिकृत डीलरों, मध्यप्रदेश राज्य कृषि उद्योग विकास निगम तथा म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ में से किसी से भी कृषि यंत्रों का क्रय किया जा सकता है। (ख) जी नहीं। शासन द्वारा कृषि यंत्रों की दरों का निर्धारण नहीं किया जाता है कृषक द्वारा मोल-भाव कर यंत्रों का क्रय किया जाता है, अत: कृषि यंत्रों की कीमत का अधिक होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पात्र कृषकों को अनुदान का लाभ मिल रहा है। कृषक विभिन्न निर्माताओं के पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं से यंत्रों पर मोल-भाव कर क्रय उपरांत अनुदान का लाभ ले रहे हैं। (ग) उत्तरांश "क" एवं "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से ही कृषि यंत्रों के आवेदन हेतु ऑनलाईन व्यवस्था लागू की गई है जो कि काफी सरल एवं पारदर्शी प्रक्रिया है।
क्वारी नदी पर निर्माणाधीन पुल की जाँच
[लोक निर्माण]
19. ( *क्र. 1177 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परि.अता. प्रश्न संख्या 63 (क्र. 1492), दिनांक 21 जुलाई 2016 में प्रश्नकर्ता द्वारा हाई लेबल ब्रिज क्वारी नदी बरेथा तहसील अम्बाह जिला मुरैना की स्पेशीफिकेशन के अनुसार कार्य न होने से वर्णित कार्य का शिड्यूल ऑफ आयटम की प्रतिलिपि प्राक्कलन सहित उपलब्ध कराने हेतु मांग की थी परंतु शिड्यूल ऑफ आयटम की प्रतिलपि उपलब्ध नहीं कराई गई अत: प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्न के उत्तर (ड.) में भी प्रश्नांश (क) से (घ) तक के उत्तर निर्धारित मापदण्ड के अनुसार कार्य होना बताया हैं परंतु उपरोक्त कार्य संतोषजनक नहीं है? (ग) क्या उपरोक्त कार्य की जाँच हेतु तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा प्रश्नकर्ता विधायक के समक्ष जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो निश्चित समय-सीमा निर्धारित करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्य पूर्णत: संतोषजनक है, गुणवत्ता का परीक्षण एम.ओ.आर.टी. एण्ड एच. के स्पेशिफिकेशन के अनुसार किया गया है और समय-समय पर कार्य का निरीक्षण भी किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में फिलहाल जाँच की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
रीवा जिलान्तर्गत चौरा घाट का निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 870 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता.प्रश्न संख्या 149 ( क्र. 4633) दिनांक 16.03.2015 के (पुस्तकालय) उत्तर में बताया गया था कि रीवा जिले के हनुमना सौनौरी मार्ग में चौराघाट का निर्माण कार्य लंबाई 5 कि.मी. वन क्षेत्र से गुजरने के कारण वन विभाग की सैद्धांतिक सहमति की आवश्यकता थी जिसकी सैद्धांतिक सहमति की अनुमति वनीकरण हेतु रू. 36663641.00 की राशि वन विभाग में जमा करने के उपरान्त विभाग कार्य कर सकेगा, चूंकि कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति में वनीकरण की राशि सम्मिलित नहीं थी साथ ही एस.ओ.आर. दर में परिवर्तन हो चुका है, इससे पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार कराया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में वनीकरण एवं पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार कर लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री रीवा वन मंडल रीवा को दिनांक 25.03.2015 को प्रेषित किया गया था एवं कार्यालय वन मण्डलाधिकारी वनमण्डल रीवा ने पत्र क्र. 1189 दिनांक 13.02.2014 को वनीकरण की राशि के पत्र में विस्तृत विवरण सहित राशि 1 सप्ताह में जमा कर चालान की एक प्रति भेजने हेतु लेख किया गया था। (ग) क्या ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 585 में सचिव म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा विभागीय टीप में बताया गया था कि निर्माण कार्य अक्टूबर, 2016 में प्रारंभ किया जाकर दो वर्ष में पूर्ण होने की संभावना है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संबंध में यदि हाँ, तो लोक निर्माण विभाग द्वारा अब तक कार्य क्यों नहीं प्रारंभ किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
नांदिया से पिण्डरई सड़क मार्ग के निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 479 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में नांदिया से पिण्डरई सड़क मार्ग किस योजना से स्वीकृत होकर कितनी राशि से बनायी गयी और किस कंपनी ने सड़क का निर्माण किया एवं किस कंपनी के द्वारा रूपांकन एवं निर्माण गुणवत्ता नियंत्रण का कार्य किया गया? नाम पता सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या सड़क निर्माण कंपनी के द्वारा माह जुलाई एवं अगस्त 2016 में सड़क मरम्मत का कार्य किया गया? यदि हाँ, तो स्पष्ट है कि पहली ही बारिश में सड़क बह गयी, पुल पुलिया के मुहाने बह गये और आवागमन बाधित हो गया, यानी गुणवत्ताहीन कार्य किया गया? यदि नहीं तो सड़क मरम्मत की क्या आवश्यकता पड़ी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्र./विध./मण्डला/396 दिनांक 10/09/2016 के माध्यम से जो कि महाप्रबंधक, म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल को संबोधित था सड़क निर्माण कंपनी एवं गुणवत्ता नियंत्रण कंपनी का भुगतान 5 वर्ष तक रोकने एवं काली सूची में डालने हेतु आग्रह किया था? उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (घ) गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण के लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं, उन पर शासन कब तक और क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। मार्ग का निर्माण निर्धारित गुणवत्ता के अनुरूप किया गया। क्षेत्र में 8 एवं 9 जुलाई को अतिवृष्टि के फलस्वरूप कुछ पुल-पुलियों के पहुंच मार्ग क्षतिग्रस्त हुये। (ग) कार्य निर्धारित मापदण्डों अनुसार किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्य निर्धारित मानकों अनुसार है। अत: किसी अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।
उप पंजीयक सहकारिता के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
22. ( *क्र. 813 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता मंत्री जी ने एक नस्ती पर जावक क्र. 45 दिनांक 26.05.2016 से सचिव सहकारिता को छतरपुर में पदस्थ उप पंजीयक को अनियमितता, स्वेच्छाचारिता, गंभीर दुराचरण के आरोप में निलंबित करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो उसके लिये कौन दोषी है? (ख) डिप्टी रजिस्ट्रार छतरपुर द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर में प्राथमिक साख समितियों के कर्मचारियों/संचालक मण्डल को कब-कब, किस-किस को सेवा से पृथक/हटाने के आदेश जारी किये गये? जावक क्रमांक, दिनांकवार व नामवार सूची दें तथा उक्त आदेशों में से किन-किन आदेशों में न्यायालय, उप पंजीयक छतरपुर से निर्णय व स्थगन दिये गये क्या सहकारी एक्ट में ऐसी धारा का प्रावधान है कि अपने प्रशासनिक आदेश पर ही अपने ही न्यायालय में निर्णय पारित किये जाते हैं? क्या दोषी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जाएगी? (ग) वर्ष 2015-16 में जिला सहकारी बैंक छतरपुर में प्रशासक/उप पंजीयक कौन था? गेहूँ उपार्जन में अधिक खर्च की जाँच में अधिक खर्च होना पाया गया था तथा क्या इसी संदर्भ की शिकायत सचिव सहकारिता को की गयी थी? उसके तथ्य क्या हैं? इसमें बैंक प्रशासक की भूमिका की जाँच कर शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। डब्ल्यू पी क्रमांक 1248/16 में जारी स्थगन आदेश दिनांक 21.1.2016 के परिप्रेक्ष्य में शासकीय अधिवक्ता का अभिमत प्राप्त करने की कार्रवाई की जाने से निलंबन नहीं किया गया। तदनुसार अभिमत प्राप्त करने हेतु कार्रवाई की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 एवं 02 अनुसार है। वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्राथमिक साख सहकारी समितियों के कर्मचारियों को सेवा से पृथक करने के आदेश जारी नहीं किये गये हैं अपितु संबंधित संस्थाओं के अध्यक्ष/संचालक मंडल को सेवा नियमों के तहत नियमानुसार कार्यवाही/पद से पृथक करने हेतु पत्र जारी किये गये हैं। जावक क्रमांक, दिनांक एवं नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। इसी प्रकार प्राथमिक साख सहकारी समितियों के संचालक मंडल को हटाने के आदेशों की जावक क्रमांक, दिनांक एवं नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। उक्त पत्रों एवं आदेशों में न्यायालय उप पंजीयक छतरपुर द्वारा स्थगन व निर्णय नहीं दिये गये हैं, इसलिए शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्ष 2015-16 में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक छतरपुर के प्रशासक एवं उप पंजीयक के पद पर दिनांक 25-12-2015 तक श्री अखिलेश कुमार निगम एवं दिनांक 26-12-2015 से 13-03-2016 तक श्री पी.आर. कावडकर उपायुक्त सहकारिता जिला सागर एवं दिनांक 14-03-2016 से 24-03-2016 तक श्री अखिलेश कुमार निगम तथा दिनांक 25-03-2016 से 31-03-2016 तक श्री पी.आर. कावडकर उपायुक्त सहकारिता जिला सागर पदस्थ रहे हैं। जी हाँ, जी हाँ, विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4138 के संदर्भ में गेंहू उपार्जन में अधिक खर्च की जाँच में अधिक राशि खर्च होना पाया गया है, जिसके संबंध में उत्तरदायी सहकारी समितियों के कर्मचारियों को नोटिस जारी किये गये हैं। गेंहू उपार्जन कार्य में बैंक प्रशासक की भूमिका नहीं होती है इसलिए शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है।
अपूर्ण निर्माण कार्य को पूर्ण किया जाना
[लोक निर्माण]
23. ( *क्र. 119 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक परियोजना क्रियान्वयन ईकाई ब्यावरा द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये जा रहे हैं? कार्यवार राशिवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नियत समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाकर विभाग को हस्तांतरित किये गये हैं? कौन-कौन से कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने के लिये कौन-कौन ठेकेदार/एजेन्सी अधिकारी दोषी हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार दोषी एजेन्सी/ठेकेदार या अधिकारी के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं की जावेगी तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिवनी-कटंगी-बोनकट्टा मार्ग को पूर्ण किये जाने की समयावधि
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 146 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. रोड डेव्हलपमेन्ट कारपोरेशन के अन्तर्गत बी.ओ.टी. के अन्तर्गत जिला सिवनी-कटंगी-बोनकट्टा मार्ग बनाया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक यह मार्ग बना दिया जावेगा? निश्चित तिथि बतायी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कंशेसनायर द्वारा अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार कार्य पूर्ण नहीं किए जाने के कारण म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड अनुबंध के निरस्तीकरण आदेश दिनांक 18.11.2016 को जारी किए जा चुके हैं। कार्य पूर्णता का निश्चित दिनांक बताना संभव नहीं है।
मिट्टी परीक्षण केन्द्र का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( *क्र. 1043 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कृषि उपज मण्डी परासिया में विभाग द्वारा जो मिट्टी परीक्षण केन्द्र का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है, क्या वह कार्य विभाग द्वारा निर्धारित की गई समय-सीमा में ठेकेदार द्वारा पूर्ण कर लिया जायेगा? अगर हाँ, तो समय-सीमा बतायें? (ख) क्या वर्तमान में कृषि उपज मण्डी परासिया में मिट्टी परीक्षण केन्द्र का निर्माण कार्य कुछ राजनैतिक व्यक्तियों द्वारा रोक दिया गया है? अगर हाँ, तो उपरोक्त निर्माण कार्य को पुन: प्रारंभ किए जाने हेतु विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विभागीय अधिकारी की लापरवाही के कारण कृषि उपज मण्डी परासिया में मिट्टी परीक्षण केन्द्र का निर्माण कार्य पूर्ण होने में काफी विलम्ब हुआ है? अगर हाँ, तो ऐसे लापरवाह विभागीय अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। कार्यादेश अनुसार प्रश्नांकित कार्यों की समय-सीमा दिनांक 11.12.2016 को समाप्त हो रही है। अत: समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण होना संभव नहीं हो सकेगा। (ख) जी नहीं। अनुबंधित निविदाकार को अंतिम सूचना पत्र दिनांक 09.11.2016 के माध्यम से अनुबंध निरस्त करने हेतु लिखे जाने पर निविदाकार द्वारा अपने पत्र दिनांक 21.11.2016 से लिखित में तत्काल कार्य प्रारंभ कर मार्च 2017 तक कार्य पूर्ण करने हेतु सहमति दी गई है। (ग) जी नहीं। शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
हताईखेड़ा
पहुँच मार्ग
का निर्माण
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 4 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के हताईखेड़ा पहुंच मार्ग निर्माण की कार्य स्वीकृति का दिनांक धनराशि सहित बताया जाये? (ख) क्या उक्त मार्ग का निर्माण कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा अनापत्ति नहीं दिये जाने के कारण प्रारंभ नहीं हो रहा है? (ग) उक्त मार्ग का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 04.03.16 को रूपये 59.24 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं। (ग) दिनांक 27.06.2016 को कार्यादेश जारी।
लेबड़ नयागांव फोरलेन में टोल स्थापना में अनियमितता
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 15 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा-नयागांव फोरलेन सड़क निर्माण के समय "टोल प्लाजा" अनुबंध के अनुसार मल्लाहरगढ़ के समीप सुठोद में लगना था? यदि हाँ,तो "टोल प्लाजा" पिपलिया मंडी के समीप बोतलगंज में लगाए जाने के क्या कारण थे? टोल स्थापित करने के संबंध में अनुबंध की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये। (ख) क्या अनुबंध के विपरीत सुठोद के स्थान पर बोतलगंज में टोल स्थापित करने को लेकर कम्पनी की मंशा वर्षों पुरानी सड़क रामपुरा-मंदसौर के गांव रामपुरा,मनासा,नारायणगढ़ से आने एवं जाने वाले वाहनों से टोल वसूली था? क्या रामपुरा- मंदसौर मार्ग को नवीनीकरण कर जोड़ा जा रहा है जबकि यह वर्षों पुरानी सड़क है? (ग) क्या जनप्रतिनिधियों व MPRDC के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष ग्रामवासियों एवं सामाजिक संगठनों ने ज्ञापन देकर अनुबन्ध अनुसार बोतलगंज से सुठोद के समीप टोल परिवर्तित करने की मांग कई बार की है तथा प्रश्नकर्ता द्वारा उच्च अधिकारियों को इस संबंध में पत्राचार भी किया गया? वर्तमान में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त टोल प्रकरण को लेकर कितनी-कितनी शिकायत किस-किस संस्था, व्यक्ति को कब-कब की गई? शिकायतकर्ता एवं संस्था का नाम सहित जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। निवेशकर्ता कंपनी के आवेदन एवं अनुबंध के प्रावधान अनुसार बोतलगंज गांव के पास टोल प्लाजा स्थापित किया गया है। अनुबंध की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) जी हाँ। टोल प्लाजा का बदलाव अनुबंध अनुसार किया गया, इसलिये कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
प्रदेश के न्यायालयों में चेक अनादरण के प्रकरण
[विधि और विधायी कार्य]
3. ( क्र. 17 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गत 05 वर्षों में प्रदेश में चेक अनादरण के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है? यदि हाँ तो गत 1 जनवरी 2010 के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक मंदसौर जिले में वर्षवार, कितने चेक अनादरण के प्रकरण न्यायालय में दर्ज किये गये? सिर्फ संख्या बतायें। (ख) क्या प्रदेश में चेक अनादरण मामलों के शीघ्र निस्तारण हेतु प्रकाम्य लिखित अधिनियम (एन.आई. एक्ट ) के तहत विशिष्ट न्यायालयों की स्थापना की गई है? यदि हाँ तो कहां-कहां, उक्त अवधि से प्रश्न दिनांक तक स्थापित न्यायालयों की जिलेवार, स्थानवार सूची देवें। (ग) क्या उक्त विशिष्ट न्यायालयों की स्थापना हेतु विभाग ने नियम/मापदंड निर्धारित कर रखे है? यदि हाँ तो नियम/मापदंड की प्रतिलिपि देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : प्रश्नांश (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नयागांव लेबड़ फोरलेन निर्माण में वृक्षारोपण की स्थिति
[लोक निर्माण]
4. ( क्र.
28 ) श्री
महेन्द्र
सिंह
कालूखेड़ा :
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनांक 28
जुलाई 2016 के अता.
प्रश्न संख्या
23 (क्रमांक
1695) के
उत्तर में
बताया था कि
लागत 605.45
करोड़ मेसर्स
वेस्टर्न
एम.पी. इन्फ्रास्टेक्चर
रोडवेज
लिमिटेड तथा 450.47
करोड़ जावरा
नयागांव
टोलरोड कंपनी
लिमिटेड
इंदौर
कंपनियों के
अनुसार 900.97 करोड़ व 907
करोड़ खर्च
हुआ था? टोल राशि 652.65
करोड़ व 663 करोड़
प्राप्त हुई
व 50,094
वृक्ष लगाये व
53000
पौधे लगाये
उसमें से 4500 पौधे
जीवित हैं, 12000
पौधों को बड़ा
करने का लक्ष्य
है, 88040
वृक्ष सड़कों
के बीच लगाये
गये? यदि
हाँ,
तो पौधे की
प्रजातिवार
विवरण देते
हुए बताऐं कि
प्रश्न
दिनांक तक
कितने वृक्ष
जीवित हैं व
किस प्रजाति
के हैं? (ख) परवलिया, मानखेड़ा
के यात्री
प्रतीक्षालय
कितने व कब तक
बनेंगे? (ग) टोल
द्वारा
प्राप्त
आमदनी 652.65 करोड़ व 663.28
करोड़ के बाद
कितनी धनराशि
टोल से प्राप्त
हुई तथा पूरी
लागत वसूल
होने के बाद
क्या टोल बंद
करने पर विचार
करेंगे?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) जी
हाँ, लेबड़
जावरा मार्ग
पर प्रश्न
दिनांक तक कुल
जीवित पौंधों
की संख्या 54804
एवं
जावरा-नयागांव
मार्ग पर कुल
जीवित पौंधों
की संख्या 87018 है, जिसकी
प्रजातिवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
(ख) समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं। (ग)
लेबड़-जावरा
मार्ग पर
जुलाई 2016 से 31.10.2016
तक कुल टोल
राशि रूपये 47.07
करोड़ एवं
जावरा-नयागांव
मार्ग पर जुलाई
2016 से
31.10.2016
तक कुल टोल
राशि रूपये 58.67
करोड़ प्राप्त
हुई। जी नहीं।
किसानों को बीमा मुआवज़ा व फसल क्षति का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
5. ( क्र. 29 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पिछले 3 वर्षों में प्रत्येक जिले में किसानों को बीमा मुआवज़ा व फसल क्षति के रूप में कितने-कितने किसानों को कितनी-कितनी धनराशि मिली? तहसीलवार विवरण देवें। (ख) पिछले 3 वर्षों में किस-किस जिले को या तहसील को कब-कब सूखाग्रस्त घोषित किया गया तथा प्रत्येक सूखाग्रस्त घोषित जिले या तहसील को कितनी-कितनी धनराशि मुआवज़े के रूप में व बीमा राशि या कोई भी सहायता किसानों को मिली, जिले व तहसीलवार विवरण दें? (ग) इस वर्ष प्रदेश में कहीं अतिवृष्टि एवं कहीं सूखा रहा है, तो क्या अतिवृष्टि एवं सूखाग्रस्त जिलों, तहसीलों की पहचान कर ली गई? यदि हाँ, तो विवरण देवें? क्या अतिवृष्टि व सूखे से प्रभावित क्षेत्रों को बीमा या अन्य सहायता उपलब्ध कराई जावेगी? यदि हाँ, तो किस-किस क्षेत्र को व कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य में खरीफ 2013 मौसम से रबी 2015-16 मौसम तक जिलावार व तहसीलवार बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। जिसमें खरीफ 2015 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति राशि संबंधित नोडल बैंकों को भुगतान कर दिया गया है। रबी 2015-16 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। (ख) बीमांकन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष जानकारी राजस्व विभाग से एकत्रित की जा रही है। (ग) खरीफ 2016 मौसम में प्राकृतिक आपदा के कारण दतिया जिलें की तहसील इन्दरगढ़ में 2569 किसानों को राशि रू. 87.01 लाख एवं तहसील सेवढ़ा में 2852 कृषकों को राशि रू. 1.13 करोड़ एवं जिला स्तर पर उड़द फसल हेतु 10837 कृषकों को 7.38 करोड़ का ऑन अकांउट भुगतान योजना प्रावधानानुसार किया गया है। तथा दतिया सहित प्रदेश के समस्त जिलों के पात्र कृषकों को योजना के प्रावधान अनुसार बीमा दावा राशि का भुगतान फसल कटाई प्रयोग परिणामों के आधार पर किया जायेगा। शेष जानकारी राजस्व विभाग से एकत्रित की जा रही है।
फसल बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 40 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013, 2014 एवं 2015 में प्राकृतिक आपदा से खरीफ व अन्य फसलों में हुए नुकसान भरपाई में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत कितने किसानों के दावे किन-किन जिलों से प्राप्त हुए? जिलेवार ब्यौरा दें। (ख) दावे करने वाले कितने किसानों को कितनी-कितनी बीमा राशि का भुगतान किया गया? जिलेवार ब्यौरा दें। (ग) कितने किसानों की फसल क्षति के दावे अब तक लंबित हैं, जिन्हे फसल बीमा राशि अब तक नहीं मिली? उज्जैन संभाग का जिलेवार ब्यौरा दें व किस-किस कारण राशि नहीं मिली?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2013, 2014 एवं 2015 में बीमा आवरण एवं नुकसान भरपाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) उज्जैन जिले के 4 प्रकरण एवं देवास जिले का 1 प्रकरण, जो खरीफ 2013 मौसम से संबंधित हैं, जो बैंकों द्वारा गलत पटवारी हल्के में बीमा करने से लंबित थे। उक्त त्रुटि के सुधार हेतु एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के प्रस्ताव अनुसार राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा अनुशंसित कर केन्द्र शासन से मंजूरी प्राप्त की गई है। अत: उक्त प्रकरणों की क्षतिपूर्ति भुगतान हेतु प्रक्रियाधीन है। उज्जैन संभाग का बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों की जाँच
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 42 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन एवं इंदौर संभाग में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक कितने एवं कौन-कौन से ठेकेदारों/कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है, जिलेवार ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन जिलों में कितने ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को राजधानी परिक्षेत्र व अन्य स्थानों पर किन-किन उच्च अधिकारियों ने बहाल कर करोड़ों रूपयों के कार्य आवंटित कर दिये? पूर्ण ब्यौरा दें एवं किस आधार पर ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को परिक्षेत्र बदलकर कार्य आवंटित किये, कारण सहित ब्यौरा दें? (ग) क्या सरकार ने उक्त (क) एवं (ख) के मामलों की जाँच करवायी है? यदि हाँ,तो कब? की गई कार्यवाही का ब्यौरा दें एवं यदि नहीं, तो इन गंभीर मामलों में भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों की बहाली नियमानुसार ही की गई है। अन्य परिक्षेत्र में कार्य लिये जाने हेतु ठेकेदार स्वतंत्र है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ में उल्लेखित अनुसार किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं होने से जाँच की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होते।
दलपतपुर बरा मार्ग निमार्ण
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 55 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बण्डा में लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत दलपतपुर बरा मार्ग का कार्य वर्ष 2011-12 में प्रारंभ होने के पश्चात् क्यों रोका गया? (ख) उक्त मार्ग का निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया जावेगा? (ग) पूर्ण जानकारी सहित विवरण उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) बजट में सम्मिलित न होने के कारण प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्त कार्य हेतु अनुबंध क्रं. 3402/2013-14 के तहत दिनांक 05.06.2013 को जारी कार्यादेश के तहत कार्य को 29.07.2013 यथा स्थिति बंद करने के निर्देश दिये गये है।
तहसील कार्यालय भवन निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 56 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 29.3.2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 10 (क्रमांक 2234) के भाग (ग) के उत्तर में बताया गया था कि जाँच कमेटी गठित की गई थी? जिसका जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है? (ख) दिनांक 18.3.2016 को गठित जाँच समिति के सदस्यों के नाम की सूची उपलब्ध कराई जाए? (ग) जाँच कमेटी के गठन दिनांक से 08 माह पूर्ण होने के पश्चात् भी जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध क्यों नहीं कराया गया है? जाँच कब तक पूर्ण हो जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जाँच कमेटी द्वारा जाँच पूरी की जाकर अपना प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता के माध्यम से प्रस्तुत कर दिया गया है, जो कि परीक्षणाधीन है।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 68 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायत की जाँच हेतु प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र पर क्या कार्यवाही की गई, संबंधित जानकारी प्राप्त करने हेतु कोई पत्र प्राप्त हुआ है? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता के पत्र एवं प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? पत्र प्राप्ति दिनाँक से किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को कब-कब कार्यवाही हेतु अंकित/निर्देशित किया गया एवं किस अधिकारी/कर्मचारी के पास प्रकरण कब से लंबित है? (ग) प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्रानुसार जाँच कार्य कब तक पूर्ण कर प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण मण्डल जबलपुर को जाँच हेतु दिनांक 26.05.2016 को निर्देशित किया गया। जी हाँ। (ख) अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग सेतु मण्डल जबलपुर को प्रमुख अभियंता म.प्र.लो.नि.वि. द्वारा दिनांक 26.05.2016 द्वारा जाँच करने हेतु निर्देशित किया गया। पत्र प्राप्ति दिनांक से दिनांक 26.05.2016, दिनांक 14.07.2016, दिनांक 01.10.2016 को निर्देश दिये गये। अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण मण्डल जबलपुर के पास प्रकरण लंबित है। (ग) जाँच उपरांत प्रतिवेदन उपलब्ध करा दिया जायेगा, समय-सीमा बताना संभव नहीं।
ईशानगर - नौगाँव मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 73 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिलान्तर्गत नौगाँव-ईशानगर रोड से कितने गाँव का सम्पर्क है? कितने और कौन-कौन से सम्पर्क मार्ग इस मुख्य मार्ग से जुड़े है? यह रोड कितनी विधानसभा के गांव को आपस में जोड़ती है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त मार्ग की वर्तमान में क्या स्थिति है? क्या यह मार्ग पूर्णतः जर्जर हो चुका है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में उपरोक्त मार्ग का पुनर्निर्माण कब तक करवाया जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मार्ग की कुल लंबाई 36.00 कि.मी. है, जिसमें से 8.00 कि.मी. संतोषजनक एवं शेष 28.00 कि.मी. लंबाई खराब स्थिति में है। जी नहीं। (ग) सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
12. ( क्र. 99 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि संबंधी या मंडी संबंधी कार्य करते समय कृषकों की मृत्यु होने पर रूपये 1 लाख अनुदान देने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत गत 3 वर्षों में ऐसे कितने कृषकों की मृत्यु हुई हैं और मृत्यु उपरांत 1-1 लाख रू का अनुदान दिया गया? (ग) क्या कृषक कमलेश प्रसाद ग्राम पिपरिया खुर्द (बरेला) को मृत्यु उपरांत मात्र 50 हजार रूपये दिये गये हैं? (घ) यदि हाँ तो योजनानुसार 1 लाख रूपये की राशि क्यों नहीं दी गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। कृषकों की कृषि कार्य करते हुए दुर्घटना में मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता राशि रूपये 1.00 लाख (रूपये एक लाख मात्र) प्रदान किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत गत तीन वर्षों में कृषक श्री प्रेमलाल काछी पनागर जिला जबलपुर की करंट लगने से मृत्यु होने पर योजनांतर्गत मृत्यु सहायता राशि रूपये 1.00 लाख प्रदान की गई। (ग) जी हाँ। कृषक श्री कमलेश प्रसाद ग्राम पिपरिया खुर्द की सर्पदंश से मृत्यु होने पर मृतक के निकटतम वारिस पिता श्री जगन्नाथ पटेल पिता साहबलाल पटेल को आर.बी.सी. 6-4 के पद पांच (2) के तहत राशि रूपयें 50000/- आर्थिक अनुदान सहायता राशि दिनांक 03.08.2016 का स्वीकृत कर वारसान के बैंक खाते में भुगतान किया जा चुका है। (घ) मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना 2008 अंतर्गत कृषक की सर्पदंश से मृत्यु होने पर सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 100 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इमरजेंसी नेचर की सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाती हैं? (ख) यदि हाँ तो गत तीन वर्षों में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा ऐसी कितनी सड़कें चिन्हित की गई हैं? सूची देवें। (ग) यदि चिन्हित नहीं की गई हैं तो क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र से प्रेषित सड़कों के प्रस्तावों का सर्वे किया गया हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (ग) के अधीन यह सड़कें एन.एच.7 से मोहनिया (कुशनेर), एन.एच.7 से कारीवाह, बढै़याखेड़ा से पौरूआ, इमलई से महगवां टगर, बरेला से महगवां-हिनौतिया-पिंडरई, बरेला से बल्हवारा-जमुनिया-हिनौतिया भोई, तिलहरी से डूंगा महगांव इमरजेंसी नेचर की नहीं हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) इमरजेंसी नेचर के नाम से विभाग में सड़कों का वर्गीकरण नहीं किया जाता है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जिन मार्गों के प्राक्कलन बनाये गये है उनका सर्वे किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
14. ( क्र. 107 ) श्री रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के बाद म.प्र. में कितने कृषकों का फसल बीमा किया है? कितनी राशि प्रीमियम के रूप में किस-किस कंपनी को जमा की गई? प्रीमियम राशि में से कितनी राशि सरकार द्वारा दी गई है? कितनी राशि किसानों द्वारा जमा की है? जिलेवार जानकारी दें? (ख) क्या माह सितम्बर एवं अक्टूबर 2016 में आंधी, तूफान एवं वर्षा एवं अन्य प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों को नुकसान हुआ है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले की किस-किस तहसील में? क्या फसल नुकसानी का सर्वे कराया गया? सर्वे अनुसार किस-किस जिले में कितने-कितने कृषकों की फसल को नुकसान हुआ? क्या फसलों को हुई क्षतिपूर्ति हेतु राहत राशि दी गई? फसल बीमा योजना के तहत किसानों को दावा राशि दी गई? (ग) यदि हाँ तो किस-किस जिले में कितने-कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत म.प्र. में खरीफ 2016 हेतु लगभग 3427321 कृषकों का फसल बीमा किया गया है। कृषक अंश के रूप में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को राशि रू. 231.35 करोड़, एच.डी.एफ.सी. इरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी को राशि रू. 60.04 करोड़ एवं आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी को राशि रू.104.62 करोड़, कुल राशि रू. 396.01 करोड़ प्रीमियम राशि कृषकों द्वारा जमा की गई। कुल प्रीमियम राशि में से कृषक अंश घटाकर शेष अनुमानित राशि रू. 2305.78 करोड़ राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा 1:1 के अनुपात में बीमा कंपनियों को जमा कराई जायेगी। इसमें एच.डी.एफ.सी. इरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी को राशि रू. 3.17 करोड़ का अग्रिम भुगतान राज्य शासन द्वारा किया गया है। कृषकों द्वारा जमा प्रीमियम राशि की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ 2016 मौसम में प्राकृतिक आपदा के कारण दतिया जिलें की तहसील इन्दरगढ़ में 2569 किसानों को राशि रू. 87.01 लाख एवं तहसील सेवढ़ा में 2852 कृषकों को राशि रू. 1.13 करोड़ एवं जिला स्तर पर उड़द फसल हेतु 10837 कृषकों को 7.38 करोड़ का ऑन अकांउट भुगतान योजना प्रावधानानुसार किया गया है। तथा दतिया सहित प्रदेश के पात्र कृषकों को योजना के प्रावधान अनुसार बीमा दावा राशि का भुगतान फसल कटाई प्रयोग परिणामों के आधार पर किया जायेगा। शेष जानकारी राजस्व विभाग से एकत्रित की जा रही है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
श्योपुर जिले में सर्वेक्षित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
15. ( क्र. 109 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में सिंचाई का रकवा बढ़ाये जाने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं प्रश्नांकित दिनांक तक सर्वेक्षित हैं? इनमें से कौन-कौन सी योजनाएं साध्य पाई जाकर डी.पी.आर. तैयार की जा चुकी है? इनमें से किन-किन योजनाओं की डी.पी.आर. प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन को भेजी जा चुकी है, कौन सी नहीं एवं क्यों? कारण सहित बतावें? कौन-कौन सी योजनाएं सर्वेक्षण उपरांत असाध्य पाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार श्योपुर जिले की सर्वेक्षित सिंचाई परियोजनाओं चैंटीखेड़ा बांध, धामिनी नदी पर धमनद बांध, गांवडी के पास इडर नदी पर बांध, डोकरका तालाब, पिपरवास के कुंडा नाले पर बांध कराहल तहसील कदवाल तालाब, रीछी लघु तालाब, वरधाबुजुर्ग तालाब आदि के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु समय-समय पर मान. मुख्य मंत्री जी, मान. जल संसाधन मंत्री, प्रमुख सचिव जल संसाधन को लिखे गए पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) श्योपुर जिले में प्रस्तावित चैंटीखेड़ा सिंचाई परियोजना के निर्माण की स्वीकृति में विलम्ब के क्या कारण हैं? कब तक उक्त योजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। चैंटीखेड़ा मध्यम परियोजना की डी.पी.आर 01.04.2016 से प्रभावशील दरों पर तैयार कर मुख्य अभियंता, बोधी के कार्यालय में परीक्षणाधीन है। प्रश्नांश में उल्लेखित अन्य परियोजनायें निर्धारित मापदण्ड पर साध्य नहीं पाई गई है। (ग) परियोजना की स्वीकृति डूब प्रभावित सहारिया परिवारों के पुनर्वास एवं उपलब्ध वित्तीय संसाधनों से निर्भर होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
दमोह जबलपुर मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 135 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह-जबलपुर मार्ग का निर्माण किस योजनांतर्गत कराया गया है? इस मार्ग की गारंटी समय-सीमा कब तक है? (ख) क्या दमोह-जबलपुर मार्ग पिछले दो वर्षों से खराब हैं, बार-बार सड़क सुधारने की बात कही जाती है, परंतु आज दिनांक तक कोई सुधार कार्य नहीं कराया गया? (ग) क्या दमोह-जबलपुर मार्ग पूर्णत: क्षतिग्रस्त होने पर भी इस मार्ग पर टोल टैक्स लिया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो क्या क्षतिग्रस्त मार्ग पर टोल लेना उचित हैं? (घ) यदि नहीं तो इस मार्ग का सुधार कार्य कब तक कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दमोह-जबलपुर मार्ग (राज्य मार्ग क्रमांक-37) का निर्माण/उन्नयन कार्य बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत किया गया है, इस मार्ग की कंशेसन अवधि 26.02.2022 तक है। (ख) जी नहीं। कुछ कि.मी. में पाट होल्स है। जी नहीं। कंशेसनायर द्वारा गत दो वर्षों में संधारण कार्य किया गया है तथा इस वर्ष भी वर्तमान में पेंच मरम्मत का कार्य प्रगति पर है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निवेशकर्ता कंपनी द्वारा संधारण कार्य प्रगति पर है। संधारण कार्य एक नियमित प्रकिया है अत: निश्चित अवधि बताना संभव नहीं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
17. ( क्र. 140 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, खरीफ फसल वर्ष, 2016 में कितने ऋणी/अऋणी कृषकों के द्वारा कुल कितने रकबा में धान, सोयाबीन, मक्का एवं अन्य फसल का बीमा कराया गया? जिलेवार एवं फसलवार जानकारी बतावें? (ख) कुल फसल का बीमा किये गये कुल बीमित राशि की कितनी प्रीमियम राशि कृषकों से वसूल की गई फसलवार, जिलेवार जानकारी देवें? (ग) मध्यप्रदेश में किन-किन बीमा कम्पनियों द्वारा कितने-कितने खरीफ फसल का बीमा किया गया? राज्य शासन एवं भारत सरकार द्वारा बीमित राशि की प्रीमियम राशि कम्पनी को भुगतान की गयी? बीमा कम्पनीवार जानकारी देवें? (घ) कम्पनी द्वारा कुल कितने किसानों को निर्धारित जोखिम घटक अनुसार कितनी राशि का भुगतान किया गया? लाभान्वित किसानों की जिलेवार संख्या बताएं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। राज्य शासन द्वारा राज्यांश प्रीमियम राशि रू. 3.17 करोड़ एवं केन्द्र शासन द्वारा राशि रू. 3.17 करोड़ का एच.डी.एफ.सी. इरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को अग्रिम भुगतान किया गया है। (घ) एच.डी.एफ.सी. इरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा दतिया जिलें के 16256 कृषकों को राशि रू. 9.39 करोड़ का ऑन अकाउंट भुगतान योजना प्रावधानानुसार किया गया।
सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 147 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में विधान सभा क्षेत्र कटंगी 113 के अंतर्गत कटोरी से कचेखनी, कटोरी से मोहगांवघाट, कटोरी से फुलचुर, भौरगढ़ से टेमनी मार्ग, कटोरी से लीलामा मार्ग, दैतवरी से नयेगांव पी.डब्ल्यू.डी. मार्गों की हालत बहुत ही खराब हो गई है? (ख) यदि हाँ तो शासन इन मार्गों के निर्माण हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) जी
नहीं। विस्तृत
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) सीमित
वित्तीय संसाधनों
के कारण
वर्तमान में
विभाग द्वारा
कार्यवाही
संभव नहीं।
परिशिष्ट
- ''चार''
शिक्षित बेराजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
19. ( क्र. 154 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम विभाग द्वारा कौन-कौन सी बेरोजगारी उन्मूलन एवं शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु क्या योजना संचालित है? (ख) उन उद्यमों द्वारा कितने उद्यमियों को लाभ पहुंच रहा है? (ग) क्षेत्र में बहुयामी फसले जैसे गन्ना, गेहूं, धान एवं दालों एवं सब्जियों का बहुतायत उत्पादन होता है। क्या ऐसे उत्पादनों के प्रसंगकरण एवं उद्योगिक उत्पादन हेतु विभाग कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिये शिक्षित बेरोजगार एवं शिक्षित युवा कृषकों को प्रोत्साहित करने हेतु क्या कोई विशेष अभियान चलायेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) प्रश्नांश के संबंध में वर्तमान में विभाग द्वारा निम्न स्वरोजगार योजनायें संचालित है:- 1. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 2. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 3. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (ख) प्रश्नांश के संबंध में गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में लाभान्वित उद्यमियों की योजनावार जानकारी निम्नानुसार हैं :-
क्र. |
योजना का नाम |
लाभान्वित संख्या |
1 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
07 |
2 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
78 |
3 |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
26 |
योजनावार लाभान्वित उद्यमियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार हैं। (ग) यदि कोई हितग्राही उद्योग लगाने हेतु योजना अंतर्गत ऋण के लिए आवेदन करता है तो उसे नियमानुसार बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाती है।
तहसील गाडरवारा से छिंदवाड़ा तक सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 156 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील गाडरवारा से मुहपानी होते हुये जिला छिंदवाड़ा तक क्या कोई सड़क का प्रस्ताव वर्ष 2005-06 से विभाग में स्वीकृति हेतु लंबित है? यदि हाँ, तो वर्तमान में उसकी क्या स्थिति है? (ख) क्या क्षेत्र की जनता की आवश्यकता के हिसाब से गाडरवारा से छिंदवाड़ा यदि सीधी सड़क का निर्माण होता है तो उसकी दूरी लगभग 100 किलोमीटर कम होगी? (ग) यदि हाँ तो क्या जनहित में इस सड़क को शीघ्र स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कराया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न नहीं उठता। (ख) 100 कि.मी. नहीं अपितु लगभग 40 से 50 कि.मी. कम होगी। (ग) सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण। स्वीकृति प्रदान करना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी विभाग की संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
21. ( क्र. 160 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में उद्यानिकी विभाग द्वारा राज्य योजनाओं में वर्ष 2016-17 से D.B.T. योजना लागू की गयी है? यदि हाँ, तो योजनावार प्रश्न दिनांक तक भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य पूर्ति की जानकारी दी जावे? (ख) प्रश्न दिनांक तक निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति न होने का क्या कारण है? (ग) क्या योजनाओं के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा कृषकों को बीज आदान सामग्री की व्यवस्था कर सीधे कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो उद्यानिकी विभाग द्वारा कृषकों को समय पर बीज आदान सामग्री की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है, कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या प्रदेश के किसान स्वयं अपने स्तर से राशि व्यय न कर बीज क्रय नहीं कर रहे हैं, जिससे निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति नहीं हो पा रही है एवं बीज की व्यवस्था हेतु किसान दर-दर भटक रहे हैं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) डी.बी.टी. लागू योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ख) लक्ष्य वार्षिक रूप से निर्धारित किये जाते हैं, अत: उत्तर निरंक है। (ग) जी हाँ। विभागीय रूप से उपलब्ध बीजों को कृषकों को विभिन्न योजनान्तर्गत उपलब्ध कराया जा रहा है। जहां विभागीय स्तर पर बीज उपलब्ध नहीं है, वहां कृषक स्वयं बीज की व्यवस्था करने हेतु स्वतंत्र है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। किसानों के दर-दर भटकने की स्थिति निर्मित नहीं है।
मंडी कटनी के लिपिकों को स्थानांतरित किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
22. ( क्र. 161 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी समिति कटनी में पदस्थ किस-किस लिपिकों के विरूद्ध विभाग जाँच संस्थित की जाकर आरोप पत्र जारी किए हैं? आरोप पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में लिपिकों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित अथवा प्रस्तावित है, इन्हें इस मंडी में पूर्व में की गई अनियमितताओं के लिए कब-कब कौन-कौन से दण्ड दिए गए हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के किसी लिपिकीय कर्मचारी को उसके दुराचरण को देखते हुए अन्य मंडी समिति में प्रतिनियुक्ति पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव मंडी समिति में सर्वसम्मति से पारित करते हुए प्रबंध संचालक भोपाल एवं उपसंचालक जबलपुर को सचिव द्वारा भेजा गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ तो प्रबंध संचालक भोपाल एवं उपसंचालक मंडी बोर्ड जबलपुर द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? (ड.) क्या जिनके विरूद्ध मंडी समिति ने प्रतिनियुक्ति पर स्थानांतरण करने का प्रस्ताव पारित नहीं किए और उनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित है? उनको भी स्थानांतरण किया जावेगा, जिससे जाँच कार्य प्रभावित न हो? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कारण बताऐं।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति कटनी में पदस्थ 07 लिपिक क्रमश: श्री मुकेश कुमार राय, श्री आर.पी. खम्परिया, श्रीमती कमला त्रिपाठी, श्री पी.डी.पाठक, श्री जगदीश नंदनवार, श्रीमती दुर्गा साजनानी एवं श्री नरेन्द्र गर्ग, के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की जाकर आरोप पत्र जारी किये गये है। आरोप पत्र की प्रतियां क्रमश: कर्मचारीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश-"क" के उत्तर में उल्लेखित 07 लिपिक जिनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित है, जिनमें से 05 लिपिकों को मंडी समिति कटनी द्वारा पूर्व में की गई अनियमितताओं के लिये शास्ति अधिरोपित की गई थी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित लिपिकों में से श्री आर.पी.खम्परिया एवं श्री मुकेश राय, लिपिक को अन्य मंडी समिति में प्रतिनियुक्ति पर स्थानांतरण करने का प्रस्ताव आंचलिक उपसंचालक, मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड, जबलपुर को सचिव, द्वारा भेजा गया था। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश "ग" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में आंचलिक उपसंचालक, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, जबलपुर के आदेश क्रमांक 6162-63 दिनांक 25.11.2016 द्वारा श्री आर.पी.खम्परिया, लिपिक को मंडी समिति कटनी से मंडी समिति नरसिंहपुर एवं आदेश क्रमांक 6164-65 दिनांक 25.11.2016 द्वारा श्री मुकेश राय लिपिक को मंडी समिति कटनी से मंडी समिति गोंटेगांव स्थानांतरण किया जा चुका है। (ड.) कृषि उपज मंडी समिति कटनी द्वारा श्रीमती कमला त्रिपाठी, श्री जगदीश नंदनवार, श्री पी.डी.पाठक, श्री नरेंद्र गर्ग, श्रीमती दुर्गा साजनानी, (सेवानिवृत्त) लिपिक को प्रतिनियुक्ति पर स्थानांतरण करने का प्रस्ताव पारित नहीं किये गये है, इनके विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
गोटेगांव में सिविल कोर्ट की स्वीकृति
[विधि और विधायी कार्य]
23. ( क्र.
162 ) डॉ.
कैलाश जाटव :
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) गोटेगांव
में सिविल
कोर्ट के
संबंध में
माननीय मुख्यमंत्री
महोदय जी
द्वारा विगत 8 वर्ष
पहले
गोटेगांव में
सिविल कोर्ट
निर्माण की
घोषणा की थी? उसी
आधार पर 9.50 करोड़ रू.
की राशि स्वीकृति
भी हुई लेकिन
विभाग द्वारा
आज दिनांक
उसकी वित्तीय
स्वीकृति
क्यों नहीं
प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार यह
स्वीकृति कब
तक की जावेगी
एवं कार्य कब
तक प्रारंभ
किया जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) जी
हाँ। जी नहीं, गोटेगांव
में न्यायालय
भवन निर्माण
हेतु माननीय
उच्च न्यायालय
द्वारा
अनुमोदित
रूपये 5,57,83,000/- के
प्राक्कलन
प्राप्त हुए
थे, उक्त
प्राक्कलन
स्थाई वित्तीय
समिति की
दिनांक 16-11-2016 की बैठक
में वित्तीय
स्वीकृति
हेतु रखा गया
है जिस पर
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ख) निश्चित
समयावधि
बताया जाना
सम्भव नहीं
है।
गोटेगांव बाईपास का निर्माण
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 185 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत गोटेगांव बायपास का निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया एवं यह कार्य कब पूर्ण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या गोटेगांव बायपास निर्माण की लागत को बढ़ाया गया है? यदि हाँ तो क्यों एवं निर्माण लागत किन कार्यों के लिए बढ़ाई गई सूची उपलब्ध करावें। (ग) गोटेगांव बायपास पर रेल्वे ओवर ब्रिज का कार्य कब प्रारंभ किया गया एवं इसकी लागत क्या है? (घ) गोटेगांव बायपास रेल्वे ओवर ब्रिज निर्माण की कोई कार्य सीमा है तो यह कार्य अत्यंत धीमी गति से क्यों चल रहा है? क्या यह तय समय-सीमा में पूर्ण हो जावेगा यदि हाँ तो कब तक।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) विधानसभा
क्षेत्र
गोटेगांव
अंतर्गत
गोटेगांव बायपास
का निर्माण
दिनांक 05.11.2014 को
प्रारंभ हुआ। कार्य
प्रगति पर है।
कार्य
पूर्णता की
निश्चित तिथि
बताना संभव नहीं
है। (ख) जी हाँ।
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) दिनांक
01.04.2016
को अनुबंध
संपादित कर
प्रारंभ किया
गया एवं लागत
रूपये 1392.67 लाख है। (घ)
18
माह वर्षाकाल
सहित,
इस वर्ष अत्याधिक
वर्षा के कारण
कार्य की गति
धीमी रही। जी
हाँ। दिनांक 03.07.2017 तक
पूर्ण होने की
संभावना है।
परिशिष्ट
- ''छ:''
किसानों को पानी न मिलने बाबत्
[जल संसाधन]
25. ( क्र. 208 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदई प्रथम एवं द्वितीय माईनर तथा धनपीपरी माईनर द्वारा किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है? (ख) क्या उपरोक्त समस्या निराकरण हेतु माईनरों के गहरीकरण सुधार हेतु प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति हेतु शासन को भेजा गया किन्तु स्वीकृति के अभाव में कार्य संपादन नहीं हो सका? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) यदि हाँ, तो किसानों के हित में कब तक उपरोक्त माईनरों के प्राक्कलन को स्वीकृति मिलकर कार्य संपादन कराया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। डी.पी.आर प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्र. ए.3093 का परिपालन
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 209 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने घोषणा क्रमांक ए.3093 द्वारा सिहपुरा तैडोत पहूज नदी पर पुल निर्माण की घोषणा की थी? (ख) क्या पुल निर्माण हेतु स्थल निरीक्षण, परीक्षण, बोरिंग प्राक्कलन तैयार कर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु भेजा गया है, जिसमें दोनों ओर प्रधानमंत्री सड़क होने का कारण बताकर प्रकरण लंबित रख दिया गया है जबकि हकीकत में नदी के दोनों ओर प्रधानमंत्री सड़क नहीं है। इस प्रकार सदन को भी गुमराह किया गया है? (ग) विधानसभा क्षेत्र भाण्डेर की महत्वपूर्ण पुल निर्माण परियोजना को देखते हुए कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी जावेगी और सदन को यह झूठा कारण कि नदी के दोनों ओर प्रधानमंत्री सड़क है इसलिए पुल निर्माण लोकनिर्माण विभाग द्वारा नहीं किया जा सकता? जानकारी देने के लिए दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं प्रशासकीय स्वीकृति हेतु वित्तीय व्यय समिति से अनुमोदन किया जा चुका है। सदन को गुमराह करने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) प्रशासकीय स्वीकृति हेतु वित्तीय व्यय समिति की 65वीं बैठक दिनाकं 26.09.2016 में अनुमोदन किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। बजट में सम्मिलित होने के उपरांत ही प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा सकेगी।
सिंचाई साधनों पर व्यय राशि
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 236 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में जनवरी 2011 में सिंचाई हेतु कितने तालाब, बांध या अन्य साधन थे? इनसे कितनी भूमि सिंचित होती थी? नाम सहित जानकारी प्रदाय करे। (ख) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में प्रश्न दिनांक तक सिंचाई हेतु कितने तालाब, बांध या अन्य साधन हैं। इनसे कितनी भूमि सिंचित होती है? नाम सहित जानकारी प्रदाय करें? (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में प्रश्न दिनांक तक सिंचाई हेतु ऐसी कितनी परियोजना हैं जो पूर्ण नहीं हुई है? उनके नाम एवं प्रश्न दिनांक तक उनमें कितना व्यय हो चुका है? (घ) प्रश्नांश "क" एवं "ख" के अनुक्रम में जनवरी 2011 से प्रश्न दिनांक तक सिंचाई हेतु उपलब्ध तालाब, बांध या अन्य साधन में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) विधान
सभा क्षेत्र
बिजावर में
जनवरी 2011 की स्थिति
में 19
तालाब थे। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ’' अनुसार
है। (ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार
है (ग) विधान
सभा क्षेत्र
बिजावर में
प्रश्न दिनांक
तक तरपेड़
मध्यम
परियोजना एवं
श्यामरी मध्यम
परियोजना
अपूर्ण हैं। उक्त
दोनों
परियोजनाओं
पर दिनांक 31.10.2016 तक
क्रमशः रू. 6339.52
लाख तथा रू. 4043.84
लाख व्यय किया
जाना
प्रतिवेदित
है। (घ) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
अनुक्रम में
जनवरी 2011 से प्रश्न
दिनांक तक
निर्मित
तालाबों पर
कुल रूपये 1462.257
लाख व्यय किया
जाना
प्रतिवेदित
है। जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''स'' अनुसार
है।
परिशिष्ट
- ''सात''
निर्माण कार्यों की जाँच बाबत्
[जल संसाधन]
28. ( क्र. 240 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न संख्या-36 (क्रमांक 2391) दिनांक 11 मार्च, 2016 के प्रश्नांश (क) में कार्य प्रगति में है, जानकारी दी गई है। कार्य में निविदा अनुबंध में कार्य पूर्ण होने की कितनी समय-सीमा तय है? समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने के लिए कौन जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ख) उपरोक्त प्रश्न के (ग) भाग के उत्तर में अंकित निर्माण एजेन्सी में निलंबन की जानकारी दी गई है तो क्या निलंबन पश्चात् क्या उक्त कार्य का पुन: से टेण्डर जारी किया गया है? यदि जारी किया गया तो कब? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्यों को कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा तथा कार्यों के समय-सीमा में पूर्ण न कराने के लिये कौन अधिकारी या संविदाकार जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जी
हाँ। परियोजनाओं
में भू-अर्जन
में देरी एवं
कृषकों के
अवरोध के कारण
कार्य पूर्ण
करने में समय
लगना
स्वाभाविक है।
अतः इसके लिए
कोई अधिकारी
जिम्मेदार
नहीं है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जी हाँ। निविदा
सूचना दिनांक 11.08.2014
द्वारा। (ग) समय-सीमा
में पूर्ण
नहीं हुए कार्यों
को अनुबंध में
निहित
प्रावधान
अनुसार समयवृद्धि
दिया जाना प्रतिवेदित
है। कार्य को
अंतिम करते
समय गुणदोष के
आधार पर सक्षम
अधिकारी
द्वारा
अधिरोपित
दण्ड की वसूली
की जायेगी। समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
परिशिष्ट
- ''आठ''
कृषि मण्डी बोर्ड की सड़कें
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
29. ( क्र.
257 ) श्रीमती
उमादेवी
लालचंद खटीक :
क्या किसान
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दमोह
जिले की हटा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत कृषि
मण्डी बोर्ड
से कितनी
सड़कों के
निर्माण होना
लंबित है? नाम, स्थानवार, राशिवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ख) उक्त
सड़कें कृषि
मण्डी बोर्ड
मद से कब तक स्वीकृत
हो जावेगी?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) हटा
विधान सभा
क्षेत्रान्तर्गत
मंडी बोर्ड से
सड़कों के
निर्माण
लंबित नहीं है।
अपितु सड़कों
के निर्माण
हेतु प्राप्त
प्रस्तावों
की नाम, स्थानवार, राशिवार, जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
(ख) उत्तरांश
(क) के परिशिष्ट-"अ" में
उल्लेखित
सड़कों के
प्राप्त
प्रस्तावों
को किसान सड़क
निधि मद से
स्वीकृति के
निर्णय हेतु
शासन द्वारा
माननीय
मुख्यमंत्रीजी
की अध्यक्षता
में गठित
साधिकार
समिति के
समक्ष प्रस्तुत
किये जाने
वाले एजेण्डा
में सम्मिलित
किया गया है। गठित
समिति की बैठक
की तिथि नियत
न होन से स्वीकृति
हेतु समय-सीमा
बताना संभव
नहीं हैं।
परिशिष्ट
- ''नौ''
उपसंचालक मंडी बोर्ड जबलपुर के विरूद्ध प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
30. ( क्र. 267 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में पदस्थ उपसंचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड जबलपुर के विरूद्ध चन्द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) निवासी रचनानगर कटनी द्वारा दिनांक 28/8/2016 को मुख्य सचिव म.प्र. शासन को शिकायत कर प्रतिनियुक्ति से वापस करने और नियम विरूद्ध कार्य करने की शिकायत की गई थी? क्या शिकायत की जाँच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराई जावेगी? (ख) उपसंचालक मंडी बोर्ड, जबलपुर को कृषि उपज मंडी कटनी की कितनी शिकायतें जाँच हेतु विगत दो वर्षों में प्राप्त हुयी? कितनी शिकायतों को जाँच उनके द्वारा स्वयं की गई? क्या कई जांचों में दोषिता का निर्धारण भी नहीं किया गया, जिससे दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने में विलंब हुआ, उसके लिये कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (ख) की शिकायतों में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाए गए? दोषियों के विरूद्ध कब-कब क्या-क्या ठोस एवं निर्णायक कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के संयुक्त संचालक स्तर के अधिकारी से प्रश्नागत शिकायत की जाँच कराई जा रही है। (ख) उपसंचालक मंडी बोर्ड जबलपुर को कृषि उपज मंडी समिति कटनी के संबंध में विगत दो वर्षों में 54 शिकायतें प्राप्त हुई। इसमें से उपसंचालक मंडी बोर्ड जबलपुर द्वारा 44 शिकायतों की स्वयं जाँच की गई है। 04 जाँच प्रतिवेदनों में शिकायत प्रमाणित पाये जाने पर दोषिता का निर्धारण जाँचकर्ता अधिकारी/उपसंचालक मंडी बोर्ड जबलपुर द्वारा नहीं किया गया, इसके लिये उन्हे भविष्य में पुर्नरावृत्ति न करने हेतु सचेत किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश "ख" की 54 शिकायतों में से जिन प्रकरणों में जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हो चुके है, उसमें प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 08 में तथा संबंधितों के विरूद्ध प्रचलित कार्यवाही का विवरण कालम 09 में वर्णित है।
बाणगंगा परियोजना अंतर्गत वृक्षों का मुआवज़ा
[जल संसाधन]
31. ( क्र. 268 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के बाणसागर परियोजना यूनिट क्र. 5 के अंतर्गत ग्राम देवरी कलां, मसमासी, पुरैना में प्रभावित किसानों के वृक्षों की गणना का विवरण वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक आराजी नम्बर सहित दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत वृक्षों के पारित एवं घोषित अवार्ड की जानकारी अद्यतन वर्षवार, कृषक की संख्यात्मकवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्नांश (ख) में पारित एवं घोषित अवार्ड के अनुरूप क्या मुआवजा कृषकों को भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कृषक की संख्यावार, वर्षवार, तारीखवार भुगतान की गई राशि का विवरण दें। यदि नहीं तो भुगतान हेतु शेष राशि का विवरण ग्रामवार, कृषक की संख्यावार, राशिवार अद्यतन दें? (घ) राज्य शासन द्वारा उक्त ग्रामों के मुआवजा वितरण हेतु किन-किन वर्षों में कितनी राशि आवंटित की गई है वर्षवार, कृषकवार संख्यात्मक एवं राशिवार अद्यतन जानकारी दें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) सतना जिले के बाणसागर परियोजना यूनिट क्र. 5 के अंतर्गत वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक क्रमशः ग्राम देवरी कला में 5604, मसमासी में 286 एवं ग्राम पुरैना में शून्य वृक्षों की गणना की गई। ग्राम देवरीकला के वृक्षों का अवार्ड दिनांक 31.08.2013 को रू.1,67,53,856.00 का एवं ग्राम मसमासीकला के वृक्षों का अवार्ड दिनांक 08.07.2013 को रू. 9,14,965.00 का पारित एवं घोषित किया गया है। ग्राम देवरीकला के कृषकों को वृक्षों का पारित अवार्ड अनुसार सितम्बर-अक्टूबर 2015 एवं मसमासी कला के कृषकों को वृक्षों का पारित अवार्ड अनुसार अप्रैल 2016 में मुआवजा भुगतान किया गया है। कृषकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ एवं ब’’ अनुसार है। (घ) ग्राम देवरीकला के वृक्षों का मुआवजा भुगतान हेतु राशि माह अगस्त 2015 एवं ग्राम मसमासी के वृक्षों के लिए राशि माह मार्च 2016 में प्रदाय की गई।
नागदा गुजरी रोड निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
32. ( क्र.
282 ) श्री
कालुसिंह
ठाकुर : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
निर्माण
एजेंसी
द्वारा शासन
से किये गये अनुबंध
अनुसार 250 करोड़
रूपये की लागत
से बनने वाले 70
किलोमीटर लम्बाई
के नागदा से
गुजरी तक
सीमेंटेड रोड
का निर्माण
एजेंसी को
अनिवार्य रूप
से दो वर्ष के
अन्दर पूर्ण
करना नियत है? नियत
शर्त अनुसार
समयावधि में
कार्य पूर्ण नहीं
करने पर
निर्माता
कंपनी से 10
प्रतिशत या
अधिक सरचार्ज
कटौती किये
जाने का प्रावधान
है? (ख) यदि
हाँ, तो
अनुबंध निष्पादन
एवं कार्य
प्रारंभ होने
को एक वर्ष से
अधिक अवधि बीत
जाने पर भी निर्माण
एजेंसी
द्वारा मात्र 27
किलोमीटर ही
रोड का
निर्माण किया
गया है? (ग) अब
तक कितनी
सरचार्ज राशि
की कटौती की
गई है तथा
समयावधि में
कार्य पूर्ण
नहीं करने पर
कुल कितनी
कटौती की
जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) जी
हाँ। जी नहीं।
(ख) अनुबंध
दिनांक 07.09.2015 से प्रश्न
दिनांक तक
लगभग 42
कि.मी. लंबाई
में मिट्टी का
कार्य 25 कि.मी.
लंबाई में जी.एस.बी., 23 कि.मी.
में डी.एल.सी.
एवं 21.50
कि.मी. लंबाई
में पी.क्यू.सी.
एवं पूर्ण
चौड़ाई 7.0 मी. में
कार्य पूर्ण
किया जा चुका
है। यह कुल
अनुबंध राशि
का लगभग 35 प्रतिशत है।
यह सड़क लगभग 5 कि.मी.
वनक्षेत्र (घाट)
से गुजरती है।
इस सड़क में
प्रोफाइल ठीक
करने हेतु 13 जगह
मूल सड़क से
पृथक
अलाइनमेंट का
निर्माण किया
जाना है। अतः
वन क्षेत्र के
कार्य की
अनुमति एवं इन
13
स्थानों पर
आवश्यक
भू-अर्जन की
कार्यवाही में
कुछ विलंब के
कारण प्रगति
पर आंशिक रूप
से प्रतिकूल
प्रभाव पड़ने
के फलस्वरूप
तथा अन्य
फोर्स मेजर के
कारण विलंब
संभावित है। (ग)
कोई कटोत्री नहीं
की गई है। यदि
कार्य पूर्ण
होने के
विलम्ब होता
है तो अनुबंध
के प्रावधानानुसार
कार्यवाही की
जावेगी।
चितरंगी में सिविल कोर्ट की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
33. ( क्र. 304 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील अंतर्गत गत कई वर्षों से चितरंगी में सिविल कोर्ट खुलवाएं जाने के लिये मांग की जा रही है? तहसील अंतर्गत सिविल कोर्ट खुलवाऐं जाने का क्या प्रावधान है? (ख) क्या चितरंगी से देवसर की दूरी 80 कि.मी. है और देवसर सिविल कोर्ट में 4 हजार से ऊपर आपराधिक व विविध प्रकरण प्रक्रियाधीन हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चितरंगी में सिविल कोर्ट हेतु क्या भूमि आरक्षित करा दी गई हैं? क्या वैकल्पिक कोर्ट संचालन के लिये ग्राम पंचायत भवन स्वराज भवन उपलब्ध करा दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कोर्ट का संचालन कब तक प्रारंभ करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
34. ( क्र. 310 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत प्रदेश के अलग-अलग जिलों में एक फसल का मुआवजा अलग-अलग दिये जाने का प्रावधान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या तुअर दाल, धान तथा उड़द में श्योपुर व मुरैना जिले में मुआवजे की राशि प्रदेश में सबसे अधिक तथा इन्ही फसलों की सतना जिले में मुआवजा राशि प्रदेश में सबसे कम निर्धारित की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या तुअर दाल के फसल बीमे की प्रति हेक्टर मुआवजे की राशि में सतना से श्योपुर जिले में 10 गुना से अधिक का अंतर है? यदि हाँ, तो इस विसंगति को दूर करने हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या प्रदेश के उपजाऊ क्षेत्र मालवा और सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र निमाड़, जहां फसलों का उत्पादन अपेक्षाकृत अधिक होता है, के जिलों में फसल बीमा योजना की मुआवजा दर प्रति हेक्टर अपेक्षाकृत कम प्रावधानित की गई है? यदि हाँ, तो कारण बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रदेश के सभी जिलों में समान रूप से लागू की गई है। योजना अनुसार किसी जिले में किसी फसल विशेष की कुल बीमित राशि जिले की अल्पकालिक फसल ऋणमान जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा निर्धारित की जाती है। दावा राशि की गणना समान रूप से योजना के प्रावधान अनुसार की जाती है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) श्योपुर जिले में खरीफ 2016 में तुअर फसल की कुल बीमित राशि रू. 118463 प्रति हेक्टेयर तथा जिला सतना में राशि रू. 8307 प्रति हेक्टेयर निर्धारित है। बीमित राशि का निर्धारण उत्तरांश 'क' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार।
इंदौर अहमदाबाद फोरलेन मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 311 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर-अहमदाबाद, फोरलेन हाईवे का निर्माण आई.वही.आर.सी.एल. कंपनी द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी आई.व्ही.आर.सी.एल. के द्वारा किस दिनांक को कार्य प्रारंभ किया गया है तथा कितनी समयावधि में निर्माण किये जाने का प्रावधान अनुबंध में किया गया है? (ख) क्या इस फोरलेन हाईवे का निर्माण कार्य इंदौर से लेकर पिटोल तक पूर्ण हो चुका है? (ग) यदि नहीं, तो कितना कार्य किया जाना शेष है तथा क्या वर्तमान में निर्माण कार्य प्रचलित है? यदि हाँ, तो जिन स्थानों पर निर्माण कार्य प्रचलित है, उसके स्थल की सूची उपलब्ध करावे? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में इतने लंबे समय से लंबित कार्य को जन सुविधा व सुव्यस्थित यातायात को दृष्टिगत रखते हुए फोरलेन हाईवे का निर्माण कार्य पूर्ण करवाने हेतु शासन द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे है तथा कब तक हाईवे पूर्ण हो जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित
मार्ग विभाग
के
कार्यक्षेत्र
अंतर्गत नहीं
है। यह कार्य
भारतीय राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण के
द्वारा किया जा
रहा है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
से (घ) उत्तरांश
'क' अनुसार।
परिशिष्ट
- ''ग्यारह''
पुल-पुलियाओं का निर्माण
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 316 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा एवं पिपलौदा तहसील के ग्रामीण मार्गों के अनेक स्थानों पर पुल पुलियाएं नहीं होने के कारण ग्रामीण आवागमन अत्यंत कठिनाई पूर्ण रहता है तथा इस हेतु लोक निर्माण विभाग/सेतु निगम विभाग द्वारा क्षेत्रीय कठिनाईयों के निराकरण हेतु सर्वे/परीक्षण किया है? (ख) यदि हाँ तो पिपलौदा तहसील में (1) सुखेड़ा बस स्टेण्ड पर (2) लांबाखोटा जांबुडा मार्ग पर (3) ग्राम मचून में मलेनी नदी पर (4) अगेंठी-कुशलगढ़ मार्ग पर (5) बधोडिया-मांडवी मार्ग पर (6) बाराखेड़ा-सुजापुर मार्ग के अन्य अनेक मार्गों पर पुल/पुलियाओं की अत्यंत आवश्यकता आवागमन की कठिनाईयों के कारण अत्यावश्यक है? (ग) साथ ही जावरा तहसील के (1) कलालिया-रीधा चांदा मार्ग पर (2) असावती-आनाखेड़ी मार्ग पर (3) अनुमंतिया-पंथमेलकी मार्ग पर (4) मन्याखेडी - गोठडा मार्ग पिंगला नदी पर (5) ग्राम ढोढर में पंचायत के पास (6) मांडवी हाई स्कूल मार्ग पर (7) सरसौदा से मा.वि. मार्ग पर (8) मोयाखेडा-कलालिया मार्ग पर एवं (9) खेडा-गोठडा मार्ग पर आवागमन कष्टप्रद होकर बाधित रहता है? (घ) क्या उपरोक्तानुसार के साथ ही दोनों तहसीलों के अनेक ग्रामीण मार्गों पर पुल-पुलिया नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों का आवागमन एवं कृषि उपज का परिवहन भी अत्यंत कष्टप्रद रहता है? क्या शासन/विभाग अतिशीघ्र उपरोक्तानुसार विभागीय बजट से सम्मिलित कर कठिनाईयों का निराकरण कर रहा है? यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) परीक्षण कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के कारण कार्यवाही संभव नहीं। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
सुखेडा उपमंडी की स्थापना एवं कार्य प्रारंभ किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
37. ( क्र. 317 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों में जावरा कृषि उपज मंडी समिति अंतर्गत सुखेडा उपमंडी प्रारंभ करने की घोषणा कर उपमंडी हेतु भूमि चिन्हित की जाकर मंडी समिति जावरा द्वारा राजस्व विभाग को भूमि की प्रीमियम राशि भू-भाटक के रूप में जमा भी करवा दी गई है? (ख) यदि हाँ तो क्या मान. कृषि मंत्री जी की घोषणा के पश्चात् मंडी समिति जावरा द्वारा त्वरित निर्णय लेते हुए उपमंडी सुखेड़ा को प्रारंभ किया जाना निश्चित किये काफी समय व्यतीत हो चुका है? (ग) यदि हाँ तो क्या कारण है कि मान. मंत्री जी की घोषणा एवं मंडी बोर्ड द्वारा विभागीय कार्यवाही एवं नियमानुसार भूमि हेतु प्रीमियम एवं भू-भाटक की राशि जमा कराए जाने के बावजूद उपमंडी सुखेडा की स्थापना एवं कार्य अप्रारंभ हैं? (घ) विभागीय शेष बची कौन-सी ऐसी औपचारिकताएं हैं जिन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जाकर उपमंडी स्थापना एवं कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में ग्राम सुखेड़ा में उपमंडी की स्थापना हेतु शासकीय भूमि के कुल रकबा 6.200 हेक्टेयर के आवंटन की स्वीकृति का प्रस्ताव कलेक्टर जिला रतलाम द्वारा आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन के माध्यम से पत्र दिनांक 09.03.15 से प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, राजस्व विभाग को प्रस्तुत किया गया है। मंडी समिति जावरा द्वारा प्रस्तावित भूमि की 10 प्रतिशत राशि रूपयें 1.35 लाख चालान क्रमांक 47 दिनांक 02.07.2012 से शासकीय कोष में जमा की गई है। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन भूमि की स्वीकृति राजस्व विभाग से प्राप्त होने पर उपमंडी की अधिसूचना हेतु नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन भूमि की स्वीकृति राजस्व विभाग से प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। (घ) उत्तरांश "ख" के संदर्भ अनुसार मंडी अधिनियम 1972 की धारा 3 एवं 4 की कार्यवाही की जाना होगी। उत्तरांश "ख" में उल्लेखित कारणों से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सुन्दरपुरा से लखनवास सड़क मार्ग की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 320 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के ता.प्रश्न संख्या (क्रमांक 520), दिनांक 21 जुलाई 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वन-टू-वन चर्चा में केवल सुंदरपुरा से लखनवास मार्ग को लेने के कारण प्राक्कलन संशोधित कर पुन: दिनांक 06.06.2016 से जारी एस.ओ.आर. तैयार किया जा रहा है? तो क्या कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण राजगढ़ द्वारा यथा समय संशोधित प्राक्कलन तैयार कर अग्रिम कार्यवाही हेतु वरिष्ठालय को प्रेषित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा की उक्त अत्यंत लोक महत्व की सड़क निर्माण की स्वीकृति हेतु सक्षम समिति से अनुमोदन करा लिया गया है अथवा नहीं? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी के वन-टू-वन चर्चा में दिये गये निर्देशों के पालन में उक्त मार्ग निर्माण हेतु द्वितीय अनुपूरक बजट में प्रावधान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्टेट हाईवे क्रमांक 14 पर पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 325 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-19 (क्रमांक 526) दिनांक 21 जुलाई 2016 के उत्तर में बताया गया था कि स्टेट हाईवे क्रमांक 14 ब्यावरा से सिरोंज मार्ग के ब्यावरा सुठालिया के मध्य क्रमश: धानियाखेड़ी, गिन्दौरहाट एवं सिलपटी ग्राम के निकट स्थित तीन पुलों के निर्माण हेतु प्राथमिक तकनीकी प्रस्ताव तैयार किये जा रहे हैं? तो क्या प्राथमिक तकनीकी प्रस्ताव तैयार होकर निर्माण कार्य हेतु आगामी अनुपूरक बजट में सम्मिलित कर लिये गये है अथवा नहीं? यदि नहीं तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही, किस स्तर पर किन कारणों से लंबित हैं एवं अनावश्यक विलंब के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है तथा जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या गत वर्षाकाल में उक्त पुलों का निर्माण नहीं होने एवं अत्यन्त क्षतिग्रस्त होने के कारण यातायात अवरूद्ध हो गया था तथा विभाग द्वारा अस्थाई मुरम बोल्डर डालकर उक्त मार्ग पर जैसे-तैसे यातायात संचालित कराया गया था? जो प्रश्न दिनांक तक किसी भी दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन उपरोक्तानुसार सभी पुल निर्माण हेतु शीघ्र ठोस निर्णय करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्राथमिक तकनीकी परीक्षण उपरांत विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है। वर्तमान में बजट में सम्मिलित नहीं। विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत डी.पी.आर. तैयार कर बजट में सम्मिलित करने हेतु प्रस्ताव भेजा जायेगा। प्रश्न ही नहीं उठता। प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) जी हाँ। संधारण का कार्य किया गया। जी नहीं। वर्तमान में विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है, तत्पश्चात डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति हेतु विचार किया जावेगा। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। प्रश्न ही नहीं उठता।
बीमा क्लेम राशि का कृषकों को भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
40. ( क्र.
327 ) श्री
नारायण सिंह
पँवार : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राजगढ़ जिले
को सोयाबीन 2015 की
बीमा
क्षतिपूर्ति
की राशि का
बंटन प्राप्त
हो चुका है? यदि
हाँ तो बतावें
कि किस-किस
बैंक में कितने
कृषकों को
सोयाबीन बीमा
क्लेम की
राशि के दावे
स्वीकृत
किये गये हैं? क्या
जिले के
हजारों
कृषकों
द्वारा बीमा
प्रीमियम
राशि भिन्न-भिन्न
बैंकों में
जमा कराई गई
थी किन्तु क्या
कारण है कि
कृषकों को
वर्ष 2016
के अंतिम
पड़ाव तक भी
बीमा क्लेम
राशि प्राप्त
नहीं हुई है? इसके
लिये क्या
बीमा
कंपनियां
जिम्मेदार
हैं? यदि
हाँ तो ऐसे
कंपनियों के
विरूद्ध शासन
द्वारा कोई कठोर
कार्यवाही की
जावेगी? (ख) क्या
शासन पीडि़त
कृषकों को
बीमित राशि का
भुगतान करवाएगा? यदि
हाँ तो कब तक?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
एकत्र की जा
रही है।
सांवेर विधान सभा में बरलाई शुगर मील के कृषकों/कर्मचारियों को भुगतान
[सहकारिता]
41. ( क्र. 345 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्नसंख्या 33 (क्र. 622) तारांकित दिनांक 02.3.2016 के संदर्भ में बरलाई शुगर मिल के संबंध में किसान/कर्मचारियों के लंबित वेतन/स्वत्वों तथा कृषकों के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु कितनी राशि देनदारी शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या राज्य शासन द्वारा कृषकों/कारखाने के कर्मचारियों को लंबित वेतन/स्वत्वों तथा कृषकों के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान राज्य शासन से अग्रिम प्राप्त कर भुगतान किया जाना है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या सहकारिता विभाग को वित्त विभाग द्वारा अग्रिम भुगतान हेतु राशि आवंटित की जा चुकी है? यदि नहीं तो कृषकों/कारखाने के कर्मचारियों को लंबित वेतन/स्वत्वों तथा कृषकों के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान की राशि किस मद से हस्तांतरित कर कब तक वितरित करा दी जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्तमान में राशि रूपये 4,53,36,210.70 (ख) जी हाँ। (ग) राशि रू. 1000.00 का सांकेतिक प्रावधान किया गया है, शेष राशि के प्रावधान हेतु कार्रवाई प्रक्रियाधीन, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जयन्ती माता पहुंच मार्ग की स्वीकृति एवं अन्य मार्गों के डामरीकरण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 357 ) श्री हितेन्द्र सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र के नगर बड़वाहा के पूर्वी दिशा में लगभग 500 वर्ष पुराना आस्था का केन्द्र जयन्ती माता के मंदिर पहुंच मार्ग एवं चोरल नदी पर ब्रिज निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग प्रमुख एवं विभागीय अधिकारियों को पत्र प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ, तो पत्र प्राप्ती के दिनांक से वर्तमान तक विभाग द्वारा तद्संबंध में क्या कार्यवाही की गई है वर्तमान में ब्रिज की क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा क्षेत्र बड़वाहा के लिये और कितने-कितने मार्गों के डामरीकरण की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव विभाग प्रमुख को प्रेषित किये गये हैं एवं प्राप्त प्रस्तावों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के अधीन कितने ऐसे मार्ग हैं जिनमें डामरीकरण किया जाना है? उसकी सूची दी जावे एवं डामरीकरण की स्वीकृति हेतु समय-सीमा बताई जावे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। वर्तमान में पूर्व निर्मित रपटे पर से आवागमन हो रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
उपायुक्त सहकारिता के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
43. ( क्र. 368 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परि.अता. प्रश्न क्रमांक 1053 दिनांक 22-07-2016 के प्रश्नांश (ख) के संबंध में दिए गए उत्तर में असत्य जानकारी देकर प्रश्नांश की मूल भावना को नष्ट कर दिया गया है? यदि हाँ तो क्यों? क्या पत्र के तारतम्य में क्रमांक/विधि/2016/454/मुरैना दिनांक 04-03-2016 को सेवा सहकारी संस्था रजौधा के संबंध में संबंधित अधिकारी द्वारा आदेश जारी नहीं किया गया है? इस संबंध में की गई समस्त कार्यवाही नोटशीट उपस्थित फर्जी संचालक माताराम के हस्ताक्षर सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) संबंधित उपायुक्त सहकारिता के संबंध में प्रश्नकर्ता की शिकायत पर अब तक क्या कार्यवाही की गई हैं अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराई जावे?
राज्यमंत्री, सहकारिता
( श्री
विश्वास
सारंग ) : (क) जी
नहीं,
अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 1053
दिनांक 22.07.2016 के प्रश्नांश
''ख'' के
संबंध में
दिया गया उत्तर
अभिलेखों के
आधार पर दिया
गया है। उप
पंजीयक
सहकारी संस्थाएं
मुरैना
द्वारा
प्राथमिक साख
सहकारी संस्था
मर्यादित
राजोधा के
संचालक मण्डल
को कारण बताओ
सूचना पत्र
दिनांक 12.10.2015 जारी
किया गया था। उत्तर
हेतु दिनांक 29.10.2015
नियत की गई थी।
उक्त नियत
दिनांक पर
श्री माताराम
द्वारा उपस्थित
होकर श्रीमती
सियाबाई अध्यक्ष
के हस्ताक्षरयुक्त
पत्र प्रस्तुत
कर एक माह का
समय चाहा, इसके
उपरांत
सुनवाई हेतु
नियत तिथियों
पर संचालक मण्डल
के सदस्य
उपस्थित नहीं
हुए। प्रकरण
में आदेश
क्रमांक/विधि/2016/454/मुरैना, दिनांक
04.03.2016
उप पंजीयक, सहकारी
संस्थाएं
मुरैना
द्वारा पारित
किया गया। कार्यवाही
की नोटशीट एवं
श्री माताराम
के हस्ताक्षरयुक्त
पत्र संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक
एवं दो अनुसार
है। (ख) प्रश्नकर्ता
द्वारा प्रस्तुत
शिकायत की जाँच
संयुक्त
आयुक्त
सहकारिता, चंबल
संभाग मुरैना
द्वारा की जा
रही है, जाँच
प्रतिवेदन
प्राप्त
होने पर आवश्यक
कार्यवाही की
जा सकेगी।
परिशिष्ट
- ''बारह''
घूमन नदी पर प्रस्तावित बांध का निर्माण
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 370 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम घूमन में प्रवाहित घूमन नदी के जल संग्रहण हेतु क्या विभाग द्वारा पूर्व में कोई बांध स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) उक्त बांध का निर्माण कब तक पूरा हो सकेगा?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जी
हाँ। घूमन
तालाब
परियोजना की
प्रशासकीय
स्वीकृति
दिनांक 07.04.2007 को राशि
रू. 681.08
लाख की सैच्य
क्षेत्र 684 हे. के
लिए प्रदान की
गई थी। श्री
राजकुमार
उरमलिया
तत्कालीन मान.
विधायक
द्वारा मान.
मंत्रीजी जल
संसाधन विभाग
को लिखे गये
पत्र दिनांक 16.06.2011
में उल्लेख
किया है कि
बांध के
जलग्रहण
क्षेत्र एवं
कमाण्ड
क्षेत्र को
पावर प्लांट
कंपनियों
द्वारा क्रय
किया जा रहा
है। इस
परिप्रेक्ष्य
में परियोजना
के क्रियान्वयन
की कार्यवाही
नहीं की गई। पत्र
की प्रति संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
वर्तमान में
परियोजना का
पुनः स्थल
निरीक्षण कर
साध्यता
रिपोर्ट
तैयार करने
हेतु निर्देश
दिए गए हैं। रिपोर्ट
प्राप्त होने
पर ही निर्णय
लिया जाना
संभव होगा। अतः
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
परिशिष्ट
- ''तेरह''
किसानों को खाद एवं बीज वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 371 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की योजना अनुसार खाद एवं बीज का आवंटन किसानों को किया जाना है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सिरमौर में खाद एवं बीज की आपूर्ति नहीं हो सकी है? जबकि बुवाई का सीजन चल रहा है, विलंब की स्थिति में किसान समय से बुवाई कर पाने में असमर्थ हैं। (ग) यदि हाँ, तो किसानों को खाद एवं बीज कब तक उपलब्ध हो सकेगा?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) जी नहीं।
अपितु उर्वरक
की उपलब्धता
के आधार पर
किसानों को
उपलब्ध
कराया जाता है।
विभिन्न
योजनाओं के
लक्ष्यों
तथा सामान्य
विक्रय के
लिये उपलब्धता
के आधार पर
बीज किसानों
को उपलब्ध
कराया जाता है।
(ख) जी नहीं, उर्वरक
एवं बीज का
भण्डारण एवं
वितरण निरंतर
जारी है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
कृषकों को
उर्वरक एवं
बीज का वितरण
निरंतर जारी है।
अत: शेष प्रश्न
ही उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- ''चौदह''
सिंचाई परियोजनाओं के कार्य
[जल संसाधन]
46. ( क्र. 391 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रचलित कुण्डालिया बांध परियोजना से लाभान्वित होने वाले ग्रामों के अलावा नलखेड़ा विकासखण्ड के छूटे ग्रामों को शामिल करने हेतु कोई पत्र भेजा था या मांग की थी? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही हैं विवरण देवें? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम दावतपुर के निकट कोई स्टाम डेम की मांग की गई थी? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई विवरण देवें? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत किन-किन सिंचाई परियोजनाओं की मांग की है या पत्र भेजे हैं, प्राप्त मांग या पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण देवें?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जी
हाँ। पत्र
दिनांक 08.05.2015 तथा पत्र
दिनांक 09.04.2015 से भाटन
नदी एवं
लखुंदर नदी के
मध्य का
कमाण्ड
एरिया कुण्डलिया
बांध से
सिंचित किये
जाने हेतु उल्लेख
किया गया है। कुण्डिलया
वृहद
परियोजना के
सिंचाई
प्रणाली को
प्रेशराईज्ड
प्रणाली में
परिवर्तित
करने के कारण
कमाण्ड
क्षेत्र 58,000
हे. से बढ़कर 1,25,000
हे. हो गया है। जिसकी
विस्तृत
कार्य योजना
तैयार किया
जाना
प्रक्रियाधीन
है तथा इसमें
भाटन एवं
लखुंदर नदी के
मध्य का
क्षेत्र भी
आंशिक रूप से
कमाण्ड में
आना प्रस्तावित
है। (ख) विधान
सभा क्षेत्र
सुसनेर
अंतर्गत
दावतपुर तालाब
परियोजना की
मांग की गई थी।
परियोजना की
जलग्रहण
क्षेत्र अत्यन्त
न्यून (1.83 वर्ग कि.मी.) होने
से परियोजना
साध्य नहीं
पाई गई है। (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
परिशिष्ट
- ''पंद्रह''
ड्रिप सिंचाई योजना में स्वीकृत प्रकरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
47. ( क्र. 396 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2013 से 31 अक्टूबर 2016 तक ड्रिप सिंचाई योजना में कितने प्रकरण स्वीकृत किए गए? विधान सभा क्षेत्रवार, वर्षवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त प्रकरणों में कितना अनुदान दिया गया? क्या अनुदान राशि के प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ तो लंबित प्रकरणों की संख्या तथा लंबित रहने के इसके कारण सहित विधान सभा क्षेत्रवार, वर्षवार जानकारी दें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी
एवं खाद्य
प्रसंस्करण (
श्री
सूर्यप्रकाश
मीना ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
में है। (ख) वर्ष
2012-13 से
2015-16 तक
के 1513
प्रकरणों में
राशि रूपये 1342.30
लाख का अनुदान
दिया गया। वर्ष
2016-17
में 244
प्रकरणों में
कार्य करने
हेतु आशय पत्र
जारी किये गये
हैं। अनुदान
राशि के कोई
भी प्रकरण
लंबित नहीं है।
अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- ''सोलह''
शिवपुरी जिले में पुल निर्माण के बगैर टोल-टैक्स की अवैध वसूली
[लोक निर्माण]
48. ( क्र. 405 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में एन.एच-3 देहरदा से ईसागढ़ सड़क का निर्माण किया गया है? यदि हाँ तो उक्त मार्ग का कौन-कौन सा कितना कार्य पूर्ण हो चुका है? कौन-कौन सा कितना कार्य अपूर्ण है? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण किया जाएगा? (ख) उक्त सड़क एवं पुल निर्माण कार्य किस एजेंसी द्वारा कब से प्रारंभ किया गया है? अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना थे? उक्त कार्यों के पूर्ण करने हेतु क्या अवधि बढ़ाई गई है? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी अवधि कब से कब तक बढ़ाई गई है? बढ़ाई गई अवधि में भी संबंधित निर्माण कार्य पूर्ण न किए जाने पर शासन संबंधित एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेगा? (ग) क्या एन.एच.-3 देहरदा तिराहा से ईसागढ़ सड़क का निर्माण अत्यंत घटिया किया गया है जो कुछ माह में ही उखड़ गया है? यदि हाँ, तो इसकी जाँच कराकर दोषियों को दण्डित कर सड़क मार्ग कब तक पूर्ण कराया जाएगा? सड़क निर्माण एवं पुल निर्माण हेतु किस-किस एजेंसी को कार्य दिया गया है? (घ) क्या एन.एच.-देहरदा तिराहा से पचावली में मध्य टोल टैक्स वसूल किया जा रहा है? यदि हाँ तो यह टोल टैक्स किस बाबत तथा किसके किस आदेश से लिया जा रहा है? क्या अपूर्ण एवं जर्जर रोड एवं सिंध नदी पर निर्माणाधीन पुल बनाए बगैर यह टोल टैक्स लिया जा रहा है? यदि हाँ तो क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) जी
हाँ। उक्त
मार्ग पंच
लिस्ट के
कार्य छोड़कर
पूर्ण हो चुके
है। पूर्ण एवं
अपूर्ण कार्य
की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार
है। अपूर्ण कार्यों
को पूर्ण करने
हेतु समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र–‘ब’ अनुसार
है। (ग) जी
नहीं शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। मार्ग
का निर्माण शीघ्र
ही पूर्ण
कराया जावेगा।
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘ब’ अनुसार
है। (घ) जी हाँ।
अनुबंधानुसार
शासन से स्वीकृति
उपरांत
कंसेशनायर
द्वारा
अनुबंध के प्रावधानों
के अनुसार टोल
टैक्स लिया
जा रहा है। अनुबंधानुसार
75
प्रतिशत
कार्य पूर्ण
होने के पश्चात्
स्वतंत्र
इंजीनियर
द्वारा
प्रोविजनल
पूर्णता:
प्रमाण–पत्र जारी
किया जाता है।
इस
प्रमाण-पत्र
के जारी होने
के पश्चात् कंसेशनायर
द्वारा टोल
टैक्स वसूली
प्रारंभ की
जाती है। सड़क
के अपूर्ण कार्यों
एवं सिंध नदी
के पुल का शेष
कार्य पंच
लिस्ट में
उल्लेखित है।
कंसेश्नायर
द्वारा इन शेष
कार्यों को
अनुबंध के
प्रावधानों
के अनुसार
पूर्ण किया
जावेगा।
परिशिष्ट
- ''सत्रह''
कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
49. ( क्र. 406 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की कोई सड़कें हैं? यदि हाँ, तो वह सड़कें कौन सी एवं कहां से कहां तक कितनी लंबाई की हैं? उक्त सड़कों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) क्या उक्त सड़कें अत्यंत जर्जर हैं एवं उनकी पुलियां भी जर्जर हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सड़कें एवं कौन-कौन सी पुलियाएं जर्जर हैं? जर्जर सड़कें एवं पुलियाओं का निर्माण कब तक कराया जाएगा? (ग) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुछ नवीन सड़कों का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो वह सड़कें कौन-कौन सी हैं? उक्त सड़कों की स्वीकृति कब तक प्रदान किए जाने की संभावना है? (घ) क्या ग्राम सलौदा से चिलावद वाया पाड़ौदा-रूहानी एवं ग्राम डहरवारा से कुशयारा अतिमहत्वपूर्ण मार्ग है? इनका सर्वे विभाग द्वारा कराया जाकर स्वीकृति प्रदान कर सड़क निर्माण कराने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो इस योजना पर कार्य कब तक होगा? यदि नहीं तो उक्त सड़कों का सर्वे कब तक कराकर अग्रिम कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) जी
हाँ। जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' एवं
'अ-1' अनुसार
है। (ख) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
हाँ। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र 'ब' अनुसार
है। (घ) लोक
निर्माण
विभाग की
पुस्तिका पर
अंकित नहीं
होने के कारण
कोई
कार्यवाही
प्रस्तावित
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- ''अठारह''
किसानों को नलकूप खनन हेतु अनुदान की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
50. ( क्र. 425 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य पोषित नलकूप खनन योजना के तहत प्रदेश की सहायता निधि से अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को अनुदान स्वीकृत करने का प्रावधान है? प्रावधान/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार विदिशा जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कितने कृषकों को अनुदान स्वीकृत किया गया है, कृषकों की संख्या, स्वीकृत अनुदान, नलकूप खनन स्थान सहित विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कितने कृषकों को नलकूप खनन हेतु अनुदान राशि स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, योजना की मार्गदर्शी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत वर्ष 2016-17 में 23 कृषकों को नलकूप खनन हेतु अनुदान राशि रूपये 9.00 लाख प्रस्तावित है।
प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त जलाशय का कार्य प्रारंभ किया जाना
[जल संसाधन]
51. ( क्र. 457 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हटा नगर के पास शक्ति सागर जलाशय नाम से 2007 में 7.12 करोड़ की राशि से प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई थी? यदि हाँ तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या 09 वर्ष बीत जाने के बाद कार्य प्रारंभ किया गया? यदि हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो क्यों? (ग) शक्ति सागर जलाशय का कार्य कब तक प्रारंभ किया जायेगा एवं आज तक कार्य प्रारंभ नहीं करने पर अधिकारियों पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। आदेश प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) परियोजना के डूब क्षेत्र में 176.76 हे. निजी एवं 14.30 हे. शासकीय भूमि कुल 191.06 हे. भूमि प्रभावित है। डूब से प्रभावित कृषकों द्वारा प्रबल विरोध किया जा रहा है तथा क्रियान्वयन रोकने के लिए मा. उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण क्रमांक-डब्ल्यू.पी.-18261/2011 दायर की गई है, जो वर्तमान में विचाराधीन है। (ग) मा. उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण लंबित होने के कारण समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
छतरपुर जिले में किसानों के साथ छल बाबत्
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
52. ( क्र. 459 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में कृषि विभाग के अनुसार जिले भर में 93 हजार हेक्टेयर रकबा में उड़द की फसल की बोवनी थी जिसमें प्रत्येक हेक्टेयर 4 क्विंटल पैदावार होने की रिपोर्ट कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई तथा शासन स्तर पर भेजी गई? (ख) क्या रिकार्ड 3.72 लाख क्विंटल उड़द मंडियों में से मात्र 16 हजार क्विंटल की नीलामी किसानों के साथ धोखा नहीं है? (ग) क्या इस संबंध में वर्ष 2016-17 में जिम्मेदार अधिकारियों ने मौके पर जाकर जाँच की यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी दोषी पाये गये उनको नोटिस दिये नाम पद सहित विवरण दें? (घ) क्या मंडी में डाक देखी ही नहीं जाती व्यापारियों के घर से ही रसीदे तैयार होती है और कागजों में खाना पूर्ति कर दी जाती है? कृषि उपज मण्डी में ऑनलाईन सिस्टम की जानकारी नहीं भी दी जा रही है? क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, से संबंधित नहीं है। (ख) जी नहीं। छतरपुर जिले की मंडियों में माह अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2016 तक 105174 क्विंटल उड़द की आवक हुई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) मंडी में अधिकारियों द्वारा समय-समय पर घोष विक्रय का निरीक्षण किया जाता है। उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। मंडी उपविधि की कंडिका 16 (2) के अंतर्गत मंडी प्रागंण में कृषकों द्वारा लाई गई कृषि उपज का विक्रय खुले घोष पद्धति से मंडी समिति के कर्मचारी द्वारा उच्चतम प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पर अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा विक्रय संपन्न कराया जाता है। छतरपुर जिले की मंडी समितियों द्वारा कृषकों को भारत शासन एगमार्कनेट पोर्टल से दैनिक जिन्सवार आवक की मात्रा एवं भाव की ऑनलाईन सिस्टम से जानकारी दी जा रही है।
विभागीय योजनाओं के संबंध में किसानों को लाभ बाबत्
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
53. ( क्र.
460 ) कुँवर
विक्रम सिंह :
क्या किसान
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) छतरपुर
जिले के
विकासखण्ड
राजनगर, लवकुशनगर
तथा नौगांव के
किसानों को
वर्ष 2014-15
से प्रश्न
दिनांक तक
किसान कल्याण, कृषि
विकास विभाग
की किस-किस योजनाओं
का क्या-क्या
लाभ दिया गया? योजनावार
संख्यात्मक
जानकारी दें। (ख)
विभाग की
योजनाओं के
अन्तर्गत
वित्तीय
वर्ष 2016-17
में छतरपुर
जिले के
हितग्राहियों
को लाभान्वित
करने हेतु
योजनावार क्या
लक्ष्य रखे
गये है?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर बिसेन
) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक
अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-दो
अनुसार है।
हवाई पट्टी का निर्माण
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 480 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के ग्वारा में हवाई पट्टी का निर्माण पिछले 6 वर्षों से किया जा रहा है क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्र. 432/ दिनांक 24.9.2016 पत्र क्र. 443 दिनांक 14.10.2016 जो कार्यपालन यंत्री मण्डला तथा पत्र क्र. 492 दिनांक 24.10.16 मुख्य अभियंता लो.नि.वि. जबलपुर को संबोधित था जिसमें हवाई पट्टी निर्माण संबंधी बिन्दुवार जानकारी तथा विभागीय अभिमत चाहा गया था? यदि हाँ तो वांछित जानकारी बिन्दुवार क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? संबंधित अधिकारी कर्मचारी पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) हवाई पट्टी निर्माण करने वाली फर्म का क्या नाम है और कब-कब निर्माण अवधि बढ़ायी गयी? क्या अवधि बढ़ाने के लिए सक्षम अधिकारियों से अनुमोदन प्राप्त किया गया तथा मानक प्राक्कलन में कितनी बार संशोधन किया गया? (ग) क्या ठेकेदार के द्वारा गुणवत्ताविहीन कार्य करने एवं उचित प्रबंधन नहीं करने के कारण निलंबित कर दिया गया था? काली सूची में डालने हेतु आदेश प्रसारित कर दिये गये? यदि हाँ तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) ऐसी क्या परिस्थिति निर्मित हुई कि ठेकेदार का निलंबन निरस्त कर पुन: कार्य करने की अनुमति प्रदान की गयी? निलंब निरस्त आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
खरगापुर विधान सभा के नगर बल्देवगढ़ में बायपास सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 485 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से छतरपुर मार्ग बल्देवगढ़ नगर की बीच बस्ती से बना हुआ है जिस मार्ग पर बसों एवं भार वाहनों ट्रकों का आना जाना हमेशा बना रहता है तथा मुख्य मार्ग के किनारे पर हा.से.स्कूल, कन्या हाई स्कूल तथा अस्पताल एवं दुकाने बनी हुई हैं और वाहनों की अधिकता से आये दिन आम जनता दुर्घटनाओं का शिकार बन रही है? क्या नगर बल्देवगढ़ एवं क्षेत्रवासियों का समस्याओं का ध्यान में रखते हुये बायपास सड़क निर्माण कराये जाने की योजना को कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या शासन द्वारा उक्त बायपास सड़क निर्माण का डी.पी.आर. तैयार करा लिया गया है यदि हाँ, तो कब बनवाया गया यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें क्यों नहीं बनाया गया? (ग) क्या आम जनता की परेशानी को ध्यान में रखते हुये बल्देवगढ़ में बायपास सड़क निर्माण किये जाने की शासन के पास कोई योजना है या नहीं तथा जनता की असुविधा का शासन द्वारा क्या निराकरण किया जा रहा है? या कब तक कराया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, वित्तीय संसाधनों की सीमितता के कारण वर्तमान में स्वीकृति संभव नहीं। दुर्घटनाओं की जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। (ख) जी हाँ, दिनांक 19.09.2016। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में कोई योजना नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन सड़क एवं पुलिया का निर्माण
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 498 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या 46 (क्रमांक 1034) दिनांक 21 जुलाई 2016 के उत्तर की कंडिका (क) में बताया गया था कि खिलचीपुर से ब्यावराकलॉ व्हाया छापीहेड़ा तक लंबाई 24 कि.मी. मार्ग ब्रिक्स योजनान्तर्गत सम्मिलित किया गया था। ऋण स्वीकृति के अभाव में स्वीकृत नहीं हो सकता? तो क्या शासन उक्त मार्ग की वर्तमान में अत्यंत खराब स्थिति को देखते हुए सड़क निर्माण हेतु राज्य मद अथवा अन्य किसी भी मद से स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित मार्ग में ग्राम अम्बावता एवं ग्राम भाटखेड़ा में तालाब के किनारे की पुलिया नहीं होने से ग्रामीणजनों के खेतों में वर्षाकाल में पानी भर जाता है तथा आवागमन भी अवरूद्ध होता है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त पुलिया निर्माण की भी स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण वर्तमान में प्रश्नांकित कार्य किसी भी योजना में शामिल नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, उक्त दोनों पुलियों के निर्माण हेतु दिनांक 07.06.16 को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्टाप डेम मरम्मत कार्य की निविदाएं आमंत्रित न करना
[जल संसाधन]
57. ( क्र.
499 ) कुँवर
हजारीलाल
दांगी : क्या
जल संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
राजगढ़ जिले
के विधान सभा
क्षेत्र
खिलचीपुर के
अंतर्गत
भगोरा स्टाप
डेम की मरम्मत
हेतु विभाग
द्वारा एस.आर.
मद से राशि
रूपये 64.00 लाख की
स्वीकृति
काफी समय
पूर्व प्रदान
की गई थी? (ख) यदि
हाँ तो क्या
विभाग द्वारा
प्रश्न
दिनांक तक स्टाप
डेम मरम्मत
कार्य हेतु
निविदायें भी
आमंत्रित
नहीं की गई है? यदि
हाँ, तो
इसके क्या
कारण है तथा
इस लापरवाही
के लिये
कौन-कौन अधिकारी
जिम्मेदार
है? (ग) क्या
शासन द्वारा
ऐसे लापरवाह
अधिकारियों
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई है?
(घ) यदि
हाँ तो क्या
शासन उक्त स्टाप
डेम मरम्मत
कार्य हेतु
सक्षम
अधिकारियों
को आवश्यक
दिशा-निर्देश
प्रदान कर
कार्य पूर्ण
करवाएगा? यदि हाँ
तो कब तक? यदि नहीं तो
क्यों?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) से
(घ) भगोरा
स्टाप डेम की
मरम्मत हेतु
कोई प्रस्ताव
विचाराधीन नहीं
है। शेष
प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होते है।
सतनबाड़ा-नरवर सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
58. ( क्र.
513 ) श्री
प्रहलाद
भारती : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
पोहरी
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
सतनबाड़ा-नरवर
मार्ग के
निर्माण हेतु पुन:
निविदा
उपरांत नवीन
ठेकेदार को
कार्य आदेश कब
जारी किया गया
था उक्त सड़क
के निर्माण
हेतु क्या समय-सीमा
निर्धारित की
गयी थी? (ख) प्रश्न
दिनांक तक
कितने
प्रतिशत
कार्य पूर्ण
किया जाना था
व ठेकेदार
द्वारा प्रश्न
दिनांक तक
कितने
प्रतिशत
कार्य पूर्ण
कर लिया गया
है? (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार
सतनबाड़ा-नरवर
मार्ग की
अद्यतन स्थिति
से अवगत
करावें? सड़क
निर्माण
कार्य कब तक
पूर्ण कर लिया
जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) ठेकेदार
को कार्यादेश
दिनांक 04.11.2015 को जारी
किया गया था। 2 वर्ष।
(ख) 40
प्रतिशत
कार्य पूर्ण
किया जाना था, 5
प्रतिशत
कार्य किया
गया है। (ग) सबग्रेड
7.20 कि.मी., जी.एस.बी.
2.75 कि.मी., डब्लयू.एम.एम.
0.225 कि.मी., डी.बी.एम.
0.225 कि.मी.
का कार्य
पूर्ण किया जा
चुका है। अनुबंधानुसार
दिनांक 03.11.2017 तक
निर्धारित है।
मुख्य जिला सड़क योजना में नागदा-खाचरौद वि.स. क्षेत्र की सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 527 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में मुख्य जिला सड़क योजना में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद की कितनी सड़कों को सम्मिलत किया गया है? इस योजना में कितनी सड़कें सम्मिलित करना प्रस्तावित है? अवगत करावें। (ख) (1) घिनोदा से व्हाया गढी भौंसोला, बंजारी, श्रीवच्छ होते हुए बड़वदा तक सड़क मार्ग लम्बाई 20 कि.मी. (2) नागदा से बैरछा - बनवाड़ा, मोकड़ी, चापाखेड़ा, बड़ावदा मार्ग लम्बाई 30 कि.मी. (3) घुड़ावन - बटलावदी, रिंगनिया, नामली मार्ग लम्बाई 25 कि.मी. सड़कों को इस योजना में सम्मिलित किया गया है? (ग) यदि नहीं किया गया है तो कब तक मुख्य जिला सड़क योजना में सम्मिलित कर लिया जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) विधानसभा
क्षेत्र
नागदा-खाचरौद
के 3
मार्ग मुख्य
जिला सड़क
योजना में
सम्मिलित
किये गये है
एवं इस योजना
में वर्तमान
में कोई भी
नवीन सड़क सम्मिलित
करना प्रस्तावित
नहीं है। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
वर्तमान में
कोई प्रस्ताव
नहीं है।
परिशिष्ट
- ''बीस''
ए.डी.जे. कोर्ट हेतु भूमि का आवंटन
[विधि और विधायी कार्य]
60. ( क्र. 528 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा शहर में ए.डी.जे. कोर्ट प्रारम्भ करने हेतु भूमि का आवंटन प्राप्त हो गया है? यदि नहीं तो क्यों? क्या ए.डी.जे. कोर्ट हेतु अनुकूल शासकीय भूमि नहीं मिल रही है? (ख) यदि ऐसा है तो निजी भूमि अधिग्रहित करने का क्या प्रावधान है? (ग) शासन स्तर पर निजी भूमि क्रय करने की दिशा में क्या कार्यवाही की जा रही है? नागदा में ए.डी.जे. कोर्ट कब तक प्रारम्भ हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) तक की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ओवरब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 546 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा इन्दौर में बाणगंगा रेल्वे ओवरब्रिज के समानांतर एक ओर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान में कितना कार्य हो चुका है व कितना शेष है? क्या यह सहीं है कि प्रश्नांश ‘क’ अनुसार बनाया जा रहा बाणगंगा रेलवे ओवर ब्रिज समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो पाया है? (ग) यदि हाँ, तो किन कारणों से कार्य पूर्ण होने में समय लग रहा है व कब तक कार्य पूर्ण हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग के अंतर्गत दोनों एड ज्वाईनिंग स्पान छोड़कर शेष कार्य पूर्ण, रेल्वे पोर्शन में 30 मीटर के एक स्पान में एवं स्लेब का कार्य शेष है। जी हाँ। (ग) पुलिस विभाग की जमीन न मिलने, रेल्वे से ड्राइंग डिजाइन समय से न मिलने एवं एच.टी. लाईन शिफ्टिंग के कारण समय लग रहा है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत निर्माण कार्यों में नए ठेकेदारों को मौका
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 549 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत निर्माण कार्यों में नए ठेकेदारों को मौका मिले व स्पर्धा बढ़ने से कम लागत में काम हो इस हेतु शासन द्वारा आदेश जारी कर ठेकेदारों की श्रेणियां (ए,बी,सी,डी) को खत्म किया गया है, व साथ ही ठेकेदारों से ली जाने वाली लाखों की रजिस्ट्रेशन फीस और अनुभव प्रमाण-पत्र की अनिवार्यता भी खत्म की गई है? (ख) यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? क्या प्रश्नांश ‘क’ अनुसार जारी शासन के आदेश के बाद भी कम लागत (निर्धारित सीमा से कम) के जारी टेण्डरों में अधिकारियों द्वारा प्री-क्वालिफिकेशन की शर्तें जोड़ी जा रही हैं? यदि हाँ तो प्रदेश के किन-किन जिले के अधिकारियों द्वारा इस तरह शासन के आदेश का पालन नहीं किया गया सूची उपलब्ध करावें व इनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ. जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। कोई नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले की घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में साध्य सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
63. ( क्र. 555 ) श्री सतीश मालवीय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में लघु, मध्यम एवं वृहद सिंचाई परियोजना की विभाग द्वारा कराये गये, सर्वेक्षण कौन-कौन सी योजनायें साध्य पाई गई? (ख) साध्य परियोजना में किन-किन को बजट आवंटित किया गया एवं किन-किन योजनाओं में कार्य प्रारंभ करा दिया गया है, वर्तमान में कार्य की क्या स्थिति है? कार्यपूर्ण योजना से कितने हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हो रही है? (ग) जिन परियोजनाओं में निर्माण कार्य चल रहा है, उन निर्माण एजेंसियों का नाम व पता एवं अब तक की व्यय राशि तथा अब तक किये कार्यों का विवरण व परियोजना में तैनात अधिकारी/कर्मचारियों का विवरण देवें। (घ) अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? परियोजनावार स्पष्ट समय-सीमा बतावें। सिंचाई परियोजना के निर्माण में विलंब के क्या कारण हैं?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) से
(घ) घटिया
विधान सभा
क्षेत्र
अंतर्गत मध्यम/वृहद
सिंचाई
परियोजना
प्रस्तावित
नहीं है। विगत
तीन वर्षों
में
सर्वेक्षित
लघु सिंचाई
परियोजनाओं
की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। शेष
प्रश्न उत्पन्न
नहीं होते है।
परिशिष्ट
- ''बाईस''
घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़कें
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 556 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कें निर्माणाधीन हैं एवं कितनी अपूर्ण सड़कें है? (ख) ऐसी कितनी सड़कें हैं जो विभाग तीन वर्ष में भी पूर्ण नहीं कर पाया? पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? (ग) घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में सड़कें पूर्ण न करने के कारण कितने ठेकेदारों पर कौन-कौन सी कार्यवाही कब-कब की गई? सड़कवार, दिनांकवार जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम में मात्र एक सड़क महिदपुर-पानविहार जिवाजी नगर मार्ग निर्माणाधीन है एवं कोई सड़क कार्य अपूर्ण नहीं है। (ख) विगत 03 वर्षों में ऐसी कोई सड़क निर्माणाधीन होकर अपूर्ण नहीं है या निर्माणाधीन है। अत: प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) उपरोक्त ‘क’ एवं ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कृषि उपज मंडी निधि से विकास कार्यों हेतु राशि का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
65. ( क्र. 572 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में स्थित कृषि उपज मंडीयों से मंडी विकास बोर्ड को कितना कर विगत तीन वर्षों में प्रदाय किया गया है? (ख) जिले के किस मंडी क्षेत्र में मंडी निधि से कौन-कौन से विकास कार्य हेतु कितनी–कितनी राशि कब प्रदाय की गई है वर्ष 2012 से वर्तमान तक जिले को दी गई राशि का कार्यवार विवरण प्रदान करें? (ग) जिले में प्रदाय राशि का कहाँ-कहाँ क्या उपयोग हुआ है? क्या इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक से जानकारी लेकर उपयोग हुआ है? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों? पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में मंडी निधि के कार्यवार राशि व दिनांक सहित जानकारी प्रदान करें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "ख" के संदंर्भ में कार्य विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। मंडी समिति के साधारण सम्मेलन में माननीय विधायक या उनके प्रतिनिधि की उपस्थिति रहती है। सम्मेलन में कार्य स्वीकृति का अनुमोदन उपरांत कार्य किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
शामगढ सुवासरा चम्बल सिंचाई योजना का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
66. ( क्र. 576 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शामगढ़ सुवासरा चम्बल सिंचाई योजना की वर्तमान स्थिति बतावें। (ख) इस योजना में कितने हेक्टेयर भूमि सिंचाई एवं राशि का प्रावधान रखा गया है? (ग) इस योजना की मांग किस जनप्रतिनिधि द्वारा रखी गई है? नाम एवं पद बतावें। (घ) सीतामऊ कयामपुर चम्बल सिंचाई योजना के सर्वे हेतु पूर्व सिंचाई मंत्री के आदेश का पालन कब से प्रारम्भ किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) शामगढ़ सुवासरा चंबल सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. मुख्य अभियंता (बोधी) में परीक्षणाधीन है। परियोजना 40,000 हे. सैच्य क्षेत्र रूपांकित होकर अनुमानित लागत रू.954.94 करोड़ है। परियोजना की मांग श्री हरदीपसिंह डंग मा. विधायक सुवासरा विधानसभा क्षेत्र द्वारा की गई। सीतामऊ कयामपुर चंबल सिंचाई परियोजना के सर्वेक्षण कार्य का प्राक्कलन तैयार होने के उपरांत। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विकासखण्ड सेवढ़ा सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 581 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के विकासखण्ड सेवढ़ा में लोक निर्माण विभाग एवं म.प्र. सड़क विकास निगम MPRDC की कौन-कौन सी एवं कुल कितनी सड़कें हैं, जानकारी पृथक-पृथक सूची सहित उपलब्ध कराई जावे? (ख) कंडिका (क) में वर्णित सड़कों पर 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य, कितनी-कितनी राशि से, किन-किन निर्माण एजेंसियों द्वारा, किन-किन अधिकारियों के निर्देशन में, कराये गये, निरीक्षण प्रतिवेदन के विवरण के मदवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) वर्तमान में किन-किन सड़कों के पुन: डामरीकरण या अन्य कार्यों के लिये टेण्डर किये जा चुके हैं, निर्माण एजेंसी के नाम सहित लागत राशि, कार्य के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) क्या लांच से इंदरगढ़, भगुवापुरा से आलमपुर धीरपुरा से जुझारपुर होते हुये गोराघाट रोड के पुन: डामरीकरण के लिये टेण्डर हुये हैं? यदि हाँ, तो विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो कब तक इस कार्य को कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) लांच से इन्दरगढ़, भगुवापुर से आलमपुर मार्ग वार्षिक प्रोग्राम में स्वीकृत नहीं है। सेवड़ा विकासखण्ड के अंतर्गत केवल धीरपुरा से जुझारपुर मार्ग लंबाई 5.00 कि.मी. का नवीनीकरण स्वीकृत है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। धीरपुरा जुझरपुर होते हुये गोराघाट मार्ग लंबाई 8.60 कि.मी. में से 5.60 कि.मी. में नवीनीकरण का कार्य किया जाना है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
निर्माण एजेंसी द्वारा निर्मित कार्य की रिपोर्ट
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 583 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में गोराघाट से लांच पहुँच मार्ग कितनी लागत से किस निर्माण एजेंसी द्वारा निर्मित किये जा रहे है कार्य की प्रोजेक्ट रिपोर्ट की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ख) कंडिका (क) में वर्णित रोड में उपयोग में लाई जाने वाली मिट्टी कहां से लाई जा रही है मिट्टी की गुणवत्ता के संबंध में किन-किन अधिकारियों द्वारा जाँच की गई? उनके जाँच प्रतिवेदन के साथ-साथ उनके नाम एवं धारित पद की जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या उक्त सड़क पर गुणवत्ताविहीन माल मिट्टी का उपयोग लगभग 6 कि.मी लंबाई में किया गया है? जिसके कारण सड़क की गुणवत्ता खराब हो गई है यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी यदि नहीं तो उक्त कार्य की प्रश्नकर्ता के समक्ष जाँच कराई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अनुबंधानुसार लागत रू. 1962.08, निर्माण ऐजेन्सी मै. परिवर्तन बिल्डटेक प्रा.लि. गुड़गांव हरियाणा। प्रोजेक्ट रिपोर्ट जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) ठेकेदार द्वारा ग्राम बाबूपुर तहसील डबरा एवं ग्राम रमगढ़ा से। मिट्टी की जाँच एलीग्र अप एण्ड कन्सलटेन्सी प्रा.लि. ग्वालियर जो कि एन.ए.वी.एल. से प्रमाणित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। कुछ चैनेजों में डाली गई मिट्टी जाँच उपरांत मानकों के अनुरूप न पाये जाने के कारण ठेकेदार को कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग संभाग दतिया के पत्र दिनांक 14.10.2016 एवं दिनांक 08.11.2016 द्वारा अमानक स्तर की पूरी मिट्टी निकाल कर उसे कार्य स्थल से हटाकर सही मापदण्डों वाली मिट्टी लेयर में पूरी तरह कम्पेक्शन कर डालने हेतु ठेकेदार को निर्देशित किया गया है कि मापदण्ड वाली मिट्टी से सबग्रेड का कार्य होने के उपरांत ही आगे का कार्य कराया जायेगा। जी नहीं। अमानक स्तर की मिट्टी हेतु निर्माण एजेन्सी जिम्मेदार है। निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध मुख्य अभियंता (उत्तर परिक्षेत्र) ग्वालियर के पत्र दिनांक 02.11.2016 के माध्यम से ठेकेदार का पंजीयन निलम्बित/काली सूची में डालने हेतु ठेकेदार को कारण बताओं नोटिस जारी किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
महेश्वर में हार्टिकल्चर हब की घोषणा का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
69. ( क्र. 590 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 29.6.2012 को खरगोन जिले के महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा कृषि को लाभ का धंधा बनाने हेतु महेश्वर में हार्टिकल्चर हब की स्थापना किये जाने हेतु घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या घोषणा के क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा भूमि का चिन्हांकन, सीमांकन, भूमि आधिपत्य इत्यादि कार्यवाही कर ली गई है? यदि हाँ, तो भूमि का सर्वे नं., रकबा, ग्राम का नाम, आदि बतावें। (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र महेश्वर आस-पास के लगे हुये जिलों के ग्रामों में बहुतायत मात्रा में मिर्ची, टमाटर, केला, पपीता, विभिन्न प्रकार की सब्जियों का बहुतायत मात्रा में उत्पादन होता है एवं इसके विक्रय हेतु पास में कोई बाजार उपलब्ध नहीं है इसलिए हार्टिकल्चर हब की स्थापना आवश्यक है? यदि हाँ, तो कब तक इस पर कार्यवाही होगी? (घ) माननीय मुख्यमंत्री जी की वर्ष 2012 में की गई घोषणा का क्रियान्वयन पर कार्य प्रारंभ कब तक होगा, ताकि कृषि को लाभ का धंधा बनाया जा सके।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) घोषणा के क्रियान्वयन हेतु निर्देश प्राप्त हुये है कि उद्यानिकी संबंधित गतिविधियां आवश्यकतानुसार महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में चयनित क्लस्टर में की जायें। निर्देश के पालन में महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में फल-सब्जी रूट का चिन्हांकन कर 15 ग्रामों के 2 क्लस्टर बनाये गये हैं। उद्यानिकी का विकास इन ग्रामों में करने हेतु संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी के पत्र क्रमांक 3021 दिनांक 19.05.2016 से कलेक्टर खरगोन को निर्देश जारी किये गये है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। मिर्च फसल की विक्रय हेतु जिले में बेडिया मण्डी है, अन्य फसलों के विक्रय हेतु स्थानीय एवं इन्दौर में बाजार उपलब्ध है। जिले में एक मेगा फूड पार्क एवं एक फूड पार्क स्थापित है जहां निजी क्षेत्र में प्रसंस्करण उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
70. ( क्र. 591 ) श्री राजकुमार मेव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है? कौन पात्रता रखता है? इसके क्या नियम एवं प्रावधान हैं? (ख) क्या खरगोन जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ तो कार्ययोजना शासन को स्वीकृति हेतु कब भेजी गई? कार्ययोजना में कौन-कौन से कार्य सम्मिलित किये गये हैं? विधानसभावार कार्ययोजना बताई जावे। (ग) क्या महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में नवीन तालाबों के निर्माण के प्रस्ताव विभागीय कार्ययोजना अथवा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सम्मिलित किये गये हैं? यदि हाँ तो कौन-कौन से प्रस्ताव किस योजना में सम्मिलित किये गये हैं? प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु कब प्रस्तुत किये गये हैं? (घ) क्या महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में तालाबों के रख-रखाव, गहरीकरण, जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के निर्माण की स्वीकृति के कितने प्रस्ताव, कब-कब प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये हैं? प्रस्तावों में विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से ग्राम स्तर तक सिंचाई क्षेत्र में निवेश को बढ़ाकर "हर खेत को पानी" उपलब्ध कराना तथा उपलब्ध जल का प्रबंधन कर "पर ड्राप मोर क्रॉप" लक्ष्य प्राप्त करना है। चूंकि योजना का उद्देश्य "हर खेत को पानी" उपलब्ध कराना है। अत: इसमें सभी कृषक पात्रता रखते है। योजना के मुख्य घटक एवं प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला खरगोन के द्वारा विभागवार, वर्षवार प्रस्तावित बजट उनके पत्र क्रमांक /प्र.म.सिं.यो./2016'17/1055 दिनांक 16.05.2016 द्वारा प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। कार्य योजना में आर.आर.आर. (जल संसाधन एवं नर्मदाघाटी विकास विभाग) तालाब निर्माण, निस्तार तालाब, स्टाप डेम निर्माण, आई.डब्ल्यु.एम.पी., स्प्रिंकलर, ड्रिंप सिंचाई, रेन गन, फार्म पॉण्ड, बलराम तालाब, डब्ल्यु.एच.एस., चेक डेम, डीजल/विघुत पंप, पाईप लाईन, कृषकों के प्रशिक्षण एवं भ्रमण आदि कार्य शामिल किये गये है। विधान सभावार कार्य योजना पत्रक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में नवीन निस्तार तालाबों/स्टाप डेम के निर्माण के प्रस्ताव प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा सम्मिलित किये गये है। सम्मिलित प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (घ) महेश्वर विधान सभा क्षेत्र के तालाबों का रख रखाव, गहरीकरण, जीर्णोद्धार के 9 प्रस्ताव प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 21.04.2016 के दिये गये थे। जिसे जल संसाधन विभाग द्वारा कार्य योजना में शामिल किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''य'' अनुसार है।
शासन योजना अंतर्गत हितग्राहियों को ऋण प्रकरणों से हो रही कठिनाई
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
71. ( क्र.
628 ) श्री
राजेश सोनकर :
क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु
और मध्यम
उद्यम महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सूक्ष्म, लघु
और मध्यम
उद्योग विभाग
द्वारा इंदौर
जिला अंतर्गत प्रधानमंत्री
रोजगार सृजन
योजना एवं
मुख्यमंत्री
युवा उद्यमी
योजना, मुख्यमंत्री
स्व-रोजगार, मुख्यमंत्री
आर्थिक कल्याण
योजना में
युवाओं को
रोजगार हेतु
ऋण उपलब्ध
कराया जा रहा
है? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में इंदौर
जिले में
युवाओं
द्वारा सूक्ष्म
लघु उद्योग
डालने हेतु
कितने आवेदन
प्राप्त हुए? कितने
आवेदनों को स्वीकृत
किया गया है? (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में स्वीकृत
आवेदकों में
से कितने
हितग्राहियों
को बैंक लोन उपरांत
ईकाईयां
प्रारंभ कराई
जा चुकी है
एवं कितने
आवेदकों के
प्रकरण बैंक
ऋण न होने के
कारण हेतु शेष
है? (घ) प्रश्नांश
(ग) के संदर्भ
में क्या
बैंकों
द्वारा
आवेदकों के
ऋणों को एनकेन
कारण बताकर ऋण
नहीं दिया जा
रहा है? यदि हाँ, तो
बैंकों
द्वारा ऋण
नहीं दिये जाने
पर शासन
द्वारा
बैंकों के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जायेगी?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु
और मध्यम
उद्यम ( श्री
संजय पाठक ) : (क) जी
नहीं,
सूक्ष्म, लघु
और मध्यम
उद्यम विभाग
द्वारा इन्दौर
जिला इन्दौर
अंतर्गत केवल
मुख्यमंत्री
युवा उद्यमी
योजना, मुख्यमंत्री
स्वरोजगार
योजना एवं
प्रधानमंत्री
रोजगार सृजन
योजना में ही
युवाओं को
रोजगार हेतु
ऋण उपलब्ध
कराया जा रहा
हैं। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में इन्दौर
जिले में वर्ष
2016-17
में वर्तमान
दिनांक तक
युवाओं
द्वारा सूक्ष्म, लघु
उद्योग डालने
हेतु 1579
आवेदन प्राप्त
हुए। 232
आवेदनों को
बैंकों
द्वारा स्वीकृत
किया गया हैं।
क्र. |
योजना का नाम |
प्राप्त प्रकरण |
स्वीकृत प्रकरण |
1 |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
57 |
5 |
2 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
159 |
51 |
3 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
1363 |
176 |
योग |
1579 |
232 |
(ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्वीकृत आवेदकों में से 100 हितग्राहियों को बैंक लोन उपरांत इकाईयां प्रारंभ कराई जा चुकी है एवं 132 आवेदकों के प्रकरण बैंक ऋण स्वीकृत न होने के कारण शेष हैं।
क्र. |
योजना का नाम |
वितरित |
स्थापित |
वितरण हेतु शेष |
1 |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
3 |
3 |
2 |
2 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
28 |
28 |
23 |
3 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
69 |
69 |
107 |
|
योग |
100 |
100 |
132 |
(घ) इन्दौर जिले में बैंकों से सतत् सम्पर्क कर उपरोक्त योजनाओं में लक्ष्य अनुरूप बैंकों से शतप्रतिशत ऋण वितरण की कार्यवाही के प्रयास किये जा रहे हैं तथा जिला प्रशासन द्वारा भी शत्-प्रतिशत लक्ष्यपूर्ति शीघ्र करने हेतु बैंकों को निर्देशित किया गया हैं। बैंक शासन के अधीन नहीं आते हैं, अत: सीधे कार्यवाही नहीं की जा सकती, अपितु शिकायती प्रकरण के संदर्भ में संबंधित बैंक प्रमुख को आवश्यक कार्यवाही हेतु लिखा जाता है।
बेरछा व्हाया शाजापुर -दुपाड़ा-कानड़ से नलखेड़ा मार्ग के पुल पुलियां को अपग्रेड करना
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 629 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर विधान क्षेत्र में निर्माणाधीन बेरछा व्हाया शाजापुर-दुपाडा कानड से नलखेड़ा मार्ग पर नदी-नालों के ऊपर छोटे-बड़े कितने बड़े-छोटे पुल-पुलिया को निर्माणों के लिए कार्य योजना में प्रस्तावित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या स्वीकृति मार्ग को अपग्रेड कर दोहरीकरण मार्ग निर्माण प्रस्तावित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में प्रस्तावित मार्ग का अपग्रेड के साथ-साथ छोटे-बड़े पुल-पुलियां को भी अपग्रेड करने की स्वीकृति कार्य योजना में स्वीकृत है? (घ) यदि नहीं तो यातायात का अधिक दबाव एवं वर्षाकाल में पुल-पुलिया पर पानी होने के कारण आवागमन अवरूद्ध नहीं होगा? इस समस्या के समाधान के लिये विभाग के पास क्या प्रस्ताव है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) निर्माणाधीन बेरछा व्हाया शाजापुर-दुपाडा-कानड से नलखेड़ा मार्ग पर नदी-नालों के ऊपर छोटे बडे पुल-पुलियाओं के पुन: निर्माण एवं चौड़ीकरण कुल नग निम्नानुसार है :- (1) ह्यूम पाईप कलवर्ट 90, (2) बाक्स कलवर्ट 11, (3) स्लेब कलवर्ट 10, (4) वी.सी.डब्ल्यू. 3 इस प्रकार कुल 114 पुल-पुलिया निर्माणाधीन है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। शेष 5 पुलों की स्थिति संतोषप्रद होने के कारण इनमें आवश्यक मरम्मत किये जाना है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता को प्रेषित जानकारी
[सहकारिता]
73. ( क्र. 643 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता को आयुक्त, सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाओं के पत्र क्रमांक/विप./विप. संघ/2016/2341, दिनांक 13.07.2016 एवं म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित के पत्र क्र./स्था.वि./3126/2016, दिनांक 14.07.2016 के द्वारा सूचित किया है कि ''गोपनीय चरित्रावली लिखने का अधिकार नियंत्रणकर्ता अधिकारी को है, चाहे नियुक्ति नियमित हो अथवा संविदा पर'' सूचित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो संविदा पर नियुक्त नियंत्रणकर्ता अधिकारी को गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने के संबंध में शासन के प्रचलित नियम/निर्देशों का उल्लेख करते हुए उसकी प्रति उपलब्ध करावें? यदि उक्त निर्देश शासन द्वारा जारी नहीं किये गये हैं तो क्यों? क्या कारण हैं? (ग) क्या शासन/विभाग प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 17.03.2016 के प्रश्न क्रमांक 6457 के प्रश्नांश (घ) एवं दिनांक 22.07.2016 के प्रश्न क्रमांक 142 में उल्लेखित प्रश्नांश (ग) अनुसार कार्यवाही करते हुए प्रश्नांश (क) से (ग) का उत्तर प्रमुख सचिव सहकारिता के अभिमत सहित दिये जाने के साथ-साथ पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. के आदेश क्रमांक/विपणन/विप.संघ/5/91/4057, दिनांक 05.07.1991 द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों की चरित्रावली लिखे जाने के संबंध में सेवा नियम की कंडिका 46 प्रतिस्थापित करने की प्रति एवं उसके साथ संलग्न प्रपत्र उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) सहकारी संस्थाओं के सेवायुक्त शासन के नियमों से नहीं अपितु पंजीयक सहकारी संस्थायें द्वारा मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 55 (1) के अंतर्गत बनाये गये अनुमोदित सेवानियमों से शासित होते हैं। (ग) उल्लेखित प्रश्न के उत्तर के संदर्भ में कार्यालय आयुक्त सहकारिता द्वारा किये गये परीक्षण के तारतम्य में सामान्य प्रशासन विभाग से जानकारी चाही गयी है। तदनुसार जानकारी प्राप्त होने पर परोक्षणोपरांत मत दिया जा सकेगा। पंजीयक सहकारी संस्थाऐं, म.प्र. के आदेश क्रमांक/विप./विपणन संघ 5/91/4057 दिनांक 15.07.1991 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बीज वितरण में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 646 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड कृषि विभाग द्वारा कौन सा बीज कहां से प्राप्त किया तथा ग्राम पंचायत में कितने कृषकों को कितना वितरित किया गया? (ख) जुलाई, 2016 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले में कितने कृषकों को कितना चना बीज कब वितरित किया गया? वितरित न करने के क्या कारण है? (ग) क्या भिण्ड जिले में किसानों को समय पर बीज नहीं दिया जा रहा है, इसके क्या कारण हैं? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या भिण्ड जिले में किसानों को समय पर बीज न मिलने के कारण कृषकों की पैदावार पर विपरीत प्रभाव पड़ा है, किसानों को शासन द्वारा समय बीज उपलब्ध न कराने के लिये किस स्तर के अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया? विगत 5 वर्षों में निरीक्षण प्रतिवेदन का विवरण दें?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) जनवरी, 2015 से
खरीफ 2016
तक भिण्ड जिले
में बीज
प्राप्ति एवं
वितरण की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-1
अनुसार
तथा रबी वर्ष 2016-17
में रबी बीज
की मांग एवं
प्रदाय बीज की
मात्रा की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-2
अनुसार है।
(ख) जुलाई, 2016 से
प्रश्न
दिनांक तक
भिण्ड जिले
में 150
क्विंटल चना
बीज का भंडारण
कराया जाकर, कृषकों
को वितरण की
कार्यवाही
प्रचलन में है।
(ग) भिण्ड
जिले में
किसानों को
समय पर बीज
दिया जा रहा है।
अत: कोई दोषी नहीं
है। कार्यवाही
का प्रश्न ही
नहीं उठता है।
(घ) जी नहीं। भिण्ड
जिले में किसानों
को समय पर बीज
उपलब्ध
कराया जा रहा
है। शेष प्रश्न
ही उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- ''तेईस''
राजगढ़ जिले में संचालित समिति का विवरण
[सहकारिता]
75. ( क्र. 665 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की कौन-कौन सी सदस्य सहकारी समितियॉ हैं? सूची उपलब्ध करावे? (ख) उक्त समितियों का पंजीयन क्रमांक पंजीयन दिनांक,अध्यक्ष/प्रशासक का नाम तथा पंजीकृत पता बतावें? (ग) वर्तमान में यदि समिति का संचालन हो रहा है तो उसके कार्यालय का बिजली का बिल, कार्यरत कर्मचारियों को दिये जाने वाले मानदेय का स्टेटमेंट उपलबध करावें? यदि हाँ तो बतावें? (घ) क्या उक्त समिति वर्तमान में ड्यू है? यदि है तो बतावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) उत्तरांश ’’क’’ में उल्लेखित समितियों में से जिन समितियों में बिजली का कनेक्शन तथा कर्मचारियों को मानदेय दिया जा रहा है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1, 2 एवं 3 अनुसार है तथा बिजली के बिलों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1, 2 एवं 3 अनुसार है।
राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में नहरों की मजबूती/सुदृढ़ीकरण कार्य
[जल संसाधन]
76. ( क्र. 666 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा नहरों की मजबूती/सुदृढ़ीकरण कार्य किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में किन-किन नहरों की मजबूती/सुदृढ़ीकरण कार्य किया गया है? उन नहरों का नाम व स्थान, स्वीकृत व व्यय की गई राशि बतावें? (ग) उक्त मजबूती/सुदृढ़ीकरण कार्य किसके द्वारा कराया गया है? क्या इस हेतु निविदा जारी की गई थी? (घ) उक्त नहरों की वर्तमान स्थिति क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मेसर्स शुभम कन्स्ट्रक्शन उद्भव नगर राजगढ़। जी हाँ। (घ) नहरों की स्थिति अच्छी है। इन तालाबों की रूपांकित सैच्य क्षमता के अनुसार इस वर्ष भी सिंचाई लक्षित है।
बालाघाट जिले अंतर्गत गर्रा से मोवाड मार्ग को पूर्ण कराये जाना
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 688 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत गर्रा से मोवाड मार्ग की निविदा कब-कब आमंत्रित कि गई तथा किन-किन दर पर किस-किस की निविदा प्राप्त हुई? न्यूनतम दर पर किस निविदाकार को निविदा स्वीकृत की गई? (ख) उक्त मार्ग का अनुबंध किस दिनांक को किया गया? कार्य पूर्ण करने की अवधि कितने समय की थी? क्या ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण कर दिया गया? यदि नहीं तो शासन द्वारा उस ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) ठेकेदार द्वारा कराये जा रहे कार्य के विरूध्द प्रशासन के द्वारा किन-किन कारणों से कब से रोक लगाई गई हैं? उक्त ठेकेदार द्वारा गिट्टी खदान, मुरम खदान एवं रेतघाट की अनुमति हेतु आवेदन पत्र कब दिया गया था? क्या प्रशासन द्वारा उक्त ठेकेदार को उक्त कार्य को पूर्ण कराने हेतु उपरोक्त सामग्री परिवहन के लिए अनुमति प्रदान की गई थी? यदि हाँ तो कब-कब, यदि नहीं तो क्यों? (घ) उक्त ठेकेदार द्वारा उक्त मार्ग को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। (ख) दिनांक
22.03.2013
को। दो वर्ष। जी
नहीं। अनुबंध
दिनांक 18.11.2016 को निरस्त
कर दिया गया
है। (ग) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र- '1' अनुसार
है। (घ) ठेका
दिनांक 18.11.2016 को निरस्त
कर दिया गया
है। अत:
समय-सीमा
बताना संभव नहीं।
परिशिष्ट
- ''पच्चीस''
शासकीय योजनायों के प्रचार- प्रसार पर व्यय राशि
[जनसंपर्क]
78. ( क्र. 696 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की विभिन्न शासकीय योजनायों के अंतर्गत एन. जी. ओ. एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा प्रिंट मीडिया के माध्यम से वर्ष 2016-17 में कब तक कितनी राशि व्यय की गई है? पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ख) क्या शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार में संबंधित विभागों द्वारा फर्जी बिलों के माध्यम से राशि आहरित कर व्यापक पैमाने पर शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शासकीय राशि के दुरुपयोग की कितनी शिकायतें अखबार एवं आर.टी.आई. के माध्यम से प्राप्त हुई हैं? कितनी शिकायतों का परीक्षण किया गया तथा कितनी शिकायतों पर कार्यवाही अमल में लाई गई? (घ) क्या सतना जिले में भी शासकीय योजनायों के प्रचार प्रसार में भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो विभाग के जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों कारण सहित बताएं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर प्रिंट मीडिया एवं एन.जी.ओ. पर रूपये 59.99 करोड़. व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 36.49 करोड़ रूपये व्यय किया गया। इस तरह कुल 96.48 करोड़ रूपये का व्यय हुआ है एवं मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अंतर्गत दूरदर्शन, आकाशवाणी सहित राष्ट्रीय टी.वी. चैनल्स और एफ.एम.रेडियो चैनल्स पर प्रसारण कार्य पर कुल राशि रूपये 5,86,14,773=00 का व्यय हुआ है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अति वर्षा के कारण बांधों के फूट जाने से जनधन की हानि
[जल संसाधन]
79. ( क्र. 697 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश के किन किन जिलों में अति वर्षा के कारण बांधों के फूट जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिलेवार जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार बांधों के फूट जाने से बड़े पैमाने पर शासकीय राशि की हानि हुई है? यदि हाँ तो संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों एवं संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराकर इनसे वसूली की कार्यवाही अमल में लाई गई या नहीं? (ग) क्या सतना जिले में अंधियारीसागर बाँध जो उप संभाग जलसंसाधन विभाग अमरपाटन के अंतर्गत आता है वह फूट गया था जिससे जलभराव होने के कारण आम जनता का भारी नुकसान हुआ है? उक्त बाँध किन कारणों से फूटा, क्या बांध के निर्माण में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था जिसके कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई? (घ) क्या उक्त बांधों के फूटने के कारणों की उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए नुकसान की रिकवरी तैयार कर वसूली की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो समय-सीमा बताएँ?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) एवं
(ख) म.प्र. के
पन्ना जिले
में 2
बांध,
सतना जिले
में 2
बांध,
श्योपुर
जिले में 1 बांध
कुल 5
बांध के फूट
जाने की
जानकारी
प्राप्त हुई
है। वांछित जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
जी हाँ। सतना
जिले का
अंधियारी
सागर बांध का
उपबांध फूट
गया था। इस
बांध के फूटने
से कोई जल
भराव नहीं हुआ
है एवं न ही आम
जनता को कोई
नुकसान हुआ है।
उपबांध
अज्ञात व्यक्तियों
द्वारा
क्षतिग्रस्त
किया गया था, भ्रष्टाचार
की आशंका
निराधार है। (घ)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। पन्ना
जिले के सिरस्वाहा
एवं बिलखुरा
बांध में
विभागीय जाँच
प्रचलित होने
के कारण
निश्चित
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
परिशिष्ट
- ''छब्बीस''
कोबरीकला बांध से सिंचाई न होना
[जल संसाधन]
80. ( क्र. 709 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिला अंतर्गत कोबरीकला सिंचाई डेम का निर्माण कब किया गया था? कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? बांध निर्माण में कौन-कौन से कार्यों को सम्मिलित किया गया था? (ख) बांध में कितना सिंचित रकबा प्रस्तावित है? प्रारंभ से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने रकबे में सिंचाई होती है? अगर प्रस्तावित अनुसार सिंचित नहीं होती है तो उसका क्या कारण है? (ग) क्या बांध निर्माण के समय से वर्तमान समय तक बांध का पानी रिस जाता है तथा सिंचाई नहीं हो पाती? (घ) क्या बांध निर्माण जिस उद्देश्य को लेकर किया गया है उस संकल्प को पूर्ण करने हेतु विभाग के पास कोई योजना है क्या?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कोबरीकला जलाशय का निर्माण कार्य वर्ष 2013-14 को पूर्ण किया गया था। परियोजना की स्वीकृत लागत रू.190.19 लाख है। स्वीकृत लागत में बांध एवं नहर के समस्त कार्य सम्मिलित थे। (ख) बांध की रूपांकित सिंचाई क्षमता खरीफ 34 हे. एवं रबी 74 हे. कुल 108 हे. है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पूर्ण सिंचाई नहीं होने का कारण मुख्यतः नहर के कुछ स्थानों पर कड़ी चट्टान का अवरोध होना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। बांध के उद्देश्य की पूर्ति हेतु नहर में अवरोध उत्पन्न करने वाली कड़ी चट्टानों की खुदाई का कार्य प्रगतिरत है एवं शीघ्र पूर्ण करा लिया जायेगा।
सी.सी. रोड निर्माण में वेंच मिक्स प्लांट, वाईब्रेटरी रोलर एवं इलेक्ट्रॉनिक्स सेंसर पेवर फिनिशर इत्यादि मशीनों का उपयोग
[लोक निर्माण]
81. ( क्र.
715 ) श्री
संदीप श्री
प्रसाद
जायसवाल :
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कितनी
राशि की सी. सी.
रोड निर्माण
में गुणवत्ता
एवं फिनिशिंग
सुनिश्चित
करने के
उद्देश्य से
वेंच मिक्स
प्लांट, वाइब्रेटरी
रोलर एवं इलेक्ट्रानिक्स
पेवर फिनिशर
इत्यादि
मशीनों का
उपयोग
अनिवार्य है, किस
उद्देश्य से
यह प्रावधान
किया गया था। (ख)
यदि हाँ तो
कटनी जिले में
विगत तीन
वर्षों में
कितनी सड़कों
का निर्माण
किया गया है
एवं उनमें से
कितनी में उक्त
मशीनों का
उपयोग नहीं
किया गया और
एक सुनिश्चित
राशि भुगतान
से काटी गई है।
(ग) क्या
गुणवत्ता
एवं फिनिशिंग
लाने के नाम
पर पहले
मशीनों की
उपयोगिता
अनिवार्य की
जाती है जिससे
छोटे ठेकेदार
निविदा
प्रक्रिया
में भाग नहीं
ले पाते हैं
बाद में
ठेकेदार
द्वारा भी मशीनों
का उपयोग नहीं
किया जाता है
और राशि कटवा
ली जाती है
साथ ही सड्क
की गुणवत्ता
भी प्रभावित
होती है। (घ)
यदि हाँ तो क्या
बेहतर सड़कों
के निर्माण
हेतु मशीनों
के उपयोग के
प्रावधान को
कड़ाई से लागू
किये जाने के
निर्देश
प्रदान
करेंगे और अगर
उन मशीनों के
उपयोग न होने
से क्वालिटी
पर कोई प्रभाव
नहीं पड़ता है
तो मशीनों के
उपयोग के
प्रावधान को
समाप्त
करेंगे।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) सी.सी.
रोड निर्माण
में राशि के
आधार पर
मशीनों की
अनिवार्यता
संबंधी पृथक
से कोई
प्रावधान
नहीं है। (ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
जी नहीं। (घ) बेहतर
सड़कों के
निर्माण हेतु
निर्धारित निविदा
प्रपत्र में
मशीनों के
उपयोग का
प्रावधान है, शेष
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- ''अट्ठाईस''
सोसाइटियों द्वारा बाजार मूल्य से अधिक पर उर्वरक का विक्रय
[सहकारिता]
82. ( क्र. 716 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा परि.अता. संख्या 149 प्रश्न (क्र. 3381) दिनांक 2/3/2016 में प्रश्नांश (घ) में कटनी जिले में कृषकों को बीमा राशि भुगतान में अनियमिततायें पाना स्वीकार किया गया था। तो क्या दोषी कर्मचारियों से राशि वसूली कर कृषकों को वितरित की गई एवं दोषियों को दण्डित किया गया? यदि हाँ तो क्या दण्ड दिया गया एवं यदि नहीं तो क्यों कारण बतायें एवं कब तक दण्डित किया जावेगा एवं राशि वितरित की जावेगी? (ख) क्या कटनी जिले की सोसाइटियों द्वारा कृषकों को बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक दिये जाने संबंधी मान. मुख्यमंत्री जी को संबोधित प्रश्नकर्ता सदस्य का प़त्र दिनांक 15/10/2016 का विभाग को प्राप्त हुआ था। यदि हाँ तो उसका क्या निराकरण किया गया एवं क्या प्रश्नकर्ता सदस्य को अवगत कराया गया? यदि नहीं कराया गया है तो कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि पत्र प्राप्त नहीं हुआ है तो क्या कटनी जिले की सोसाइटियों द्वारा कृषकों को बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक दिया गया है? यदि हाँ तो दोषियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। बीमा क्षतिपूर्ति की राशि कृषकों को वितरित कर दी गई है, दोषियों से वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, दोषी 03 कर्मचारी श्री राजेन्द्र तिवारी, श्री अरविन्द पाठक, श्री राधेश्याम तिवारी को निलंबित किया गया था, तीनों कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई थी जो प्रक्रियाधीन है। विभागीय जाँच उपरांत सेवानियमों के प्रावधानों के अंतर्गत दण्ड दिया जा सकेगा। बैक प्रधान कार्यालय के दोषी लेखापाल श्री गणेश सोंधिया को बैंक कर्मचारी सेवानियम के अंतर्गत दो वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव सहित रोकने हेतु आरोप पत्र जारी किया गया, उत्तर प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार परीक्षण कर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) कटनी जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा कृषकों को उर्वरक समन्वय समिति द्वारा प्रदेश स्तर पर निर्धारित दर पर ही विक्रय किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 723 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुलताई विधानसभा क्षेत्र में बिसनूर-गौला सड़क का निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ तो अब तक इस सड़क का कितना कार्य किया जा चुका है तथा इस पर अब तक कितना व्यय किया गया है? (ख) यदि सड़क निर्माण किया गया है तो यहँ सड़क पारसडोह मध्यम सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र में आती है तो इस सड़क के निर्माण का क्या औचित्य था? (ग) डूब क्षेत्र में आने के बावजूद भी उक्त सड़क निर्माण में सरकार की राशि का अपव्यय करने के लिये कौन जिम्मेदार है? शासन की राशि का दुरुपयोग करने वाले ऐसे अधिकारीयों के ऊपर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, नवीनीकरण कार्य किया जा रहा है। अब तक मार्ग पर 17.00 कि.मी. नवीनीकरण, डामरीकरण किया गया। अब तक रूपये 194.22 लाख व्यय किया गया। (ख) सड़क निर्माण नहीं किया गया है पूर्व निर्मित सड़क का नवीनीकरण किया गया। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई दोषी नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
84. ( क्र. 726 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में उद्यानिकी विभाग की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं। जानकारी विकास खंडवार दें। (ख) संचालित योजनाओं का लक्ष्य कितना है? (ग) बैतूल जिले में वर्ष 2013, 14, 15 एवं 16 में कौन-कौन सी योजनायें किस-किस विकासखण्ड में संचालित की गई है? (घ) संचालित योजनाओं के विरूद्ध कितने कृषकों को लाभान्वित किया गया वर्ष 2013, 14, 15 एवं 16 की कृषकों संख्यावार जानकारी उपलब्ध कराये।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 के लक्ष्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
तालाब निर्माण अन्तर्गत डूब प्रभावित वन अधिकार पटटेधारीयों को मुआवजा का प्रदाय
[जल संसाधन]
85. ( क्र. 727 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित तालाबों के अन्तर्गत डूब प्रभावित वन अधिकार पट्टेधारियों को मुआवजा मिलने की पात्रता है? हां तो भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत डूब प्रभावित समस्त वन अधिकार पट्टेधारियों को मुआवजा वितरण कर दिया गया है? नहीं तो क्या कारण हैं? (ख) क्या बसन्तपुरा तालाब में कुछ डूब प्रभावित पट्टेधारियों को वर्तमान तक मुआवजा प्रदाय नहीं किया गया है? हां तो क्या कारण है तथा क्या इन्हें मुआवजा प्रदाय करने हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी? (ग) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने वन अधिकार पट्टेधारी हैं जिन्हें अपने पट्टे की जमीन डूबने के पश्चात् मुआवजा भुगतान कर दिया गया है तथा कितने शेष हैं? (घ) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने वन अधिकार पट्टेधारी है जिन्होने मुआवजे की मांग की है? क्या पूर्व से निर्मित तालाबों में पूर्व से डूब प्रभावित वन अधिकार पट्टेधारी, जिनकों पूर्व में मुआवजा भुगतान नहीं हो सका है वर्तमान में परीक्षण कर नवीन मुआवजा प्रकरण तैयार कर मुआवजे का भुगतान किया जाएगा? (ड.) यदि हाँ, तो कब तक शत्-प्रतिशत मुआवजे का भुगतान किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 14 वनअधिकार पट्टेधारी है, जिन्होनें मुआवजे की मांग की है। भू-अर्जन, पुनर्वास और पुर्नस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 (दिनांक 01.01.2014 से लागू) की धारा 3ख एवं ग (iii) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र भीकनगांव में निर्मित करेलीनाला तालाब के डूब क्षेत्र में प्रभावित वनअधिकार पत्र धारक 7 पट्टेधारकों के मुआवजा हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। बसंतपुरा तालाब का निर्माण भू-अर्जन, पुर्नवास और पुर्नस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रभावशील होने के पूर्व हुआ था। इसकी डूब से प्रभावित 07 वनअधिकार पत्रधारकों के मुआवजा हेतु आवेदन विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जल संसाधन विभाग अन्तर्गत भीकनगाँव संभाग में अतिरिक्त अमले की व्यवस्था
[जल संसाधन]
86. ( क्र. 728 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जल संसाधन विभाग अन्तर्गत समस्त सिंचाई तालाब योजनाओं को शीघ्र स्वीकृत करने हेतु वर्तमान तक क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है? (ख) क्या इन मांग की जा रही लगभग 23 परियोजनाओं को पूर्ण करने हेतु भीकनगांव एवं झिरन्या दोनों विकासखण्डों में कार्यालय एवं स्टाफ की आवश्यकता होगी? जबकि वर्तमान में कुछ समय पूर्व झिरन्या डिवीजन बंद कर भीकनगांव में समाहित कर दिया गया है? क्या झिरन्या डिवीजन पुनः प्रारंभ किया जा सकता है? जिससे तालाबों के निर्माण शीघ्र प्रारंभ हो सके? (ग) क्या खरगोन जिले में जल संसाधन विभाग अन्तर्गत नवीन तालाब बनाने हेतु तालाब स्थल सबसे अधिक भीकनगांव विकासखण्ड में हैं? उसके उपरान्त उन योजनाओ को अमल में लाने हेतु कर्मचारी स्टाफ (उपयंत्री) कम हैं? क्या नवीन उपयंत्रियों की व्यवस्था अन्य संभांग जहॉ पर कम कार्य हो वहाँ से शासन द्वारा की जा सकती है? जिससे समस्त योजनाओं का क्रियान्वयन प्रारंभ हो सके।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) वर्तमान स्थिति में कार्यालय एवं स्टॉफ की व्यवस्था पर्याप्त है।
किसानों को सिंचाई की सुविधा
[जल संसाधन]
87. ( क्र.
731 ) श्री
दिनेश राय :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
विधान सभा
क्षेत्रान्तर्गत
किसानों की
सिंचाई
सुविधा हेतु
कितनी शासकीय
संस्थाऐं स्थापित
हैं व किन-किन
स्थानों पर
संचालित है क्या
किसानों को
सिंचाई हेतु
जल प्रदाय
किया जा रहा
हैं? (ख)
प्रश्नांश (क) के
संदर्भ में
यदि नहीं तो
कब से किसानों
को सिंचाई
सुविधा नहीं
मिल रही है, क्या
किसानों को
सिंचाई
सुविधा
प्रदाय न होने
के कारण फसल
उत्पादन
प्रभावित
नहीं हो रहा
हैं? (ग) किसान
और विभाग के
बीच जलकर
वसूली हेतु क्या
अनुबंध किये
जाते हैं? क्या
जलकर उपकर के
अतिरिक्त
विद्युत देयक
में भी
किसानों को
अदायगी करने
की शर्त रखी
गई है?
(घ) प्रश्नांश
''क'' के
संदर्भ में
सिवनी
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
समुचित सिंचाई
सुविधा
किसानों को कब
तक प्रदान
कराई जायेगी? सिंचाई
सुविधा हेतु
वैकल्पिक व्यवस्था
के रूप में क्या
कोई योजना
बनाई जा रही
है? यदि
हाँ, तो
कब तक?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र में 32 जल
उपभोक्ता संथायें
स्थापित है। 14 जल
उपभोक्ता संथाओं
द्वारा
किसानों की
मांग एवं
उपलब्ध जल
अनुसार जल
प्रदाय किया
जा रहा है। पेंच
वृहद
परियोजना के
अंतर्गत 18 जल
उपभोक्ता संथाओं
द्वारा आगामी
वर्ष 2017-18
से जल प्रदाय
किया जाना
प्रतिवेदित
है। संथाओं की
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जी नहीं। (ग)
जी हाँ। जी
नहीं। (घ) किसानों
की मांग
अनुसार
सिंचाई
सुविधा उपलब्ध
कराई जा रही
है। इस वर्ष
पर्याप्त जल
भंडारण होने
से वैकल्पिक
व्यवस्था की
आवश्यकता
नहीं है। शेष
प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होते हैं।
सिवनी विधानसभा की नहरों में पक्कीकरण/मरम्मतीकरण
[जल संसाधन]
88. ( क्र. 732 ) श्री दिनेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने बड़ी/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनाएं संचालित है? नाम सहित जानकारी देवें? साथ ही जिले में क्या कोई नई सिंचाई परियोजना स्थापित करने के संबंध में प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो प्रस्तावित परियोजनाऐं कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में पूर्व से संचालित सिंचाई परियोजनाओं की नहरें क्या क्षतिग्रस्त हैं एवं कच्ची है? यदि हाँ, तो कितनी? नाम सहित जानकारी देवें? (ग) यदि है, तो इनके मरम्मत हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? परियोजनावार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश ''क'' के संबंध में क्षतिग्रस्त कच्चें नहरों को पक्के नहरों (लाईनिंग) में परिवर्तन हेतु क्या कोई योजना प्रस्तावित है? यदि है, तो प्रस्तावित योजना कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वृहद सिंचाई परियोजना निरंक। 3 मध्यम एवं 16 लघु सिंचाई परियोजनाएं संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''1’’ अनुसार है। प्रस्तावित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- '' 2’’ अनुसार है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''3’’ अनुसार है। (घ) 02 मध्यम सिंचाई परियोजनाएं क्रमशः चीचबंद एवं सागर नदी जलाशय की कच्ची नहरों के पक्कीकरण हेतु आर.आर.आर मद में प्रस्तावित प्राक्कलन का परीक्षण प्रमुख अभियंता कार्यालय में होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
हिरन नदी के संबंध में
[जल संसाधन]
89. ( क्र.
744 ) श्री
नीलेश अवस्थी
: क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पाटन
विधान सभा
क्षेत्र अतंर्गत
कौन-कौन से
ग्राम हिरन
नदी के तट पर
बसे हुए है? ग्रामों
की जनसंख्या
एवं
क्षेत्रफलवार
सूची देवें? (ख) क्या
प्रश्नांश (क) में
उल्लेखित
नदी के तट पर
बसे हुये
ग्रामों का
क्षेत्रफल
प्रतिवर्ष
नदी के बहाव
की वजह से कम
होता जा रहा
है? (ग) नदी
के कटाव को
रोकने हेतु
शासन द्वारा
क्या कोई
योजना बनाई
जावेगी ताकि
प्रतिवर्ष होने
वाले भूमि के
कटाव को रोकर
आबादी की घटती
हुई जमीन को
सुरक्षित
किया जा सके?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) से
(ग) नदी के तट
पर बसे हुए
ग्रामों की
जनसंख्या एवं
क्षेत्रफल की
जानकारी जल
संसाधन विभाग
द्वारा
संधारित नहीं
की जाती है। प्रश्नांश
में उल्लेखित
नदी के कटाव
को रोकने हेतु
विभाग में कोई
प्रस्ताव
विचाराधीन नहीं
है। शेष
प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होते हैं।
पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 745 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत रोसरा-सरोंद-सिमरिया-बेलखाडू मार्ग के निर्माण का अनुबंध किस दर पर, किन शर्तों के अधीन किस निर्माण एजेंसी से किया गया? अनुबंध की शर्तों के अनुसार कितनी चौड़ाई की कितनी लंबी सड़क कब तक बननी थी एवं मार्ग के मध्य कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन सी पुल-पुलियों का निर्माण होना था? (ख) उल्लेखित मार्ग के निर्माण में अभी तक कौन-कौन सी कितनी-कितनी सामग्री खनित कर उपयोग में लाई गई? उपयोग में लाई गई सामग्री की किस दर से कितनी रॉयल्टी वसूली गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग के घटिया एवं धीमें निर्माण की कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? उक्त मार्ग के निर्माण की गुणवत्ता की जाँच एवं निरीक्षण कब-कब किस-किस एजेंसी द्वारा किया गया एवं उसके निष्कर्ष क्या थे? क्या शासन गुणवत्ताविहीन धीमे निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) बेलखाड़ू-सरोंद
मार्ग (मुख्य
जिला मार्ग) उन्नयन
कार्य का
अनुबंध आईटम
दरों पर किया
गया है एवं
शासन द्वारा
इस मार्ग सहित
कुल 4
मार्गों (पैकेज-4) की
निर्धारित
लागत रू. 88.268 करोड़ (निविदा
आमंत्रण लागत)
के विरूद्ध
रू. 88.25
करोड़ का
प्रस्ताव
ठेकेदार
मेसर्स
शिवालय कंस्ट्रक्शन
कम्पनी प्रा.
लि. नई दिल्ली
द्वारा
प्रस्तुत किया
गया, जिसे
शासन द्वारा
स्वीकृत किया
गया है। अनुबंध
की शर्तों के
अनुसार कार्य
पूर्ण करने की
समयावधि 2 वर्ष
है तथा कार्य
प्रारंभ तिथी 15.10.2015 है।
कार्य
पूर्णतः की
तिथी से 5 वर्ष तक
मार्ग की
डिफेक्ट लायबिलिटी
अवधि है। अनुबंध
के अनुसार कुल
12.69
कि.मी. मार्ग
कुल 10.00
मीटर चौड़ाई
में (डामरीकृत
सतह की चौड़ाई
5.50
मी. एवं दोनों
ओर हार्ड
शोल्डर 2.25 मी.
प्रत्येक) बनाई
जानी है। पुल-पुलियों
की निर्माण
लागत सहित जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार
है। (ख) उपयोग
की गई खनिज
सामग्री की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार
है। रायल्टी
वसूली की दर
की जानकारी
लोक निर्माण विभाग
से संबंधित नहीं
है। (ग) उक्त
मार्ग के
घटिया एवं
धीमें
निर्माण हेतु
शिकायत
मा.विधायक
श्री नीलेश अवस्थी
द्वारा उनके
पत्र दिनांक 04.05.16
द्वारा की गई
थी, उक्त
पत्र पर कार्य
की गुणवत्ता
नियंत्रण हेतु
नियुक्त
स्वतंत्र
इंजीनियर
मेसर्स एल.एन. मालवीय
इन्फ्रा प्रा.
लि. द्वारा
कार्य की जाँच
की गई। जाँच
में कार्य की
गुणवत्ता
निर्धारित
मानकों के अनुरूप
पाई गई। मार्ग
कार्य पूर्ण
करने की तिथि 14.10.2017 है
एवं प्रगति
समानुपातिक
है। अतः
वर्तमान में
कार्यवाही का
प्रश्न ही नहीं
है। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- ''बत्तीस''
मुख्य मार्ग से हटकर बरखेड़ा मंडी का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
91. ( क्र. 758 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कृषि उपज उप मंडी बरखेड़ा (शहजपुर) राष्ट्रीय राज मार्ग से हटकर 2-2 1⁄2 कि.मी. अंदर बनाई गई है, जिससे वहां किसानों एवं व्यापारियों को पहुंचने में भारी परेशानियों का सामना करना होता है एवं क्षेत्र के हरी मटर के व्यापारी एवं किसान उक्त मंडी में न जा कर राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 12 (सड़क पर) ही व्यापार करते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन रा.रा. मार्ग क्र. 12 से हट कर बनाई गई उक्त बड़खेड़ा कृषि उपज उपमंडी को समाप्त कर किसानों के हित में निर्णय लेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कृषि उपज उपमंडी बरखेड़ा (सहजपुर) राष्ट्रीय राजमार्ग से दो किलो मीटर अंदर बनाई गई है एवं उपमंडी पहुँचने हेतु मार्ग तथा उपमंडी में समस्त सुविधाएं किसानों के लिये उपलब्ध है। यह भी सही है कि व्यापारियों के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-12 सहजपुर, में सड़क पर मटर का व्यापार किया जा रहा है, परंतु मंडी अधिनियम की धारा 6 के प्रावधान अनुसार फल एवं सब्जी का विपणन मंडी प्रागंण से बाहर करने हेतु किसान स्वतंत्र है, जिसके कारण अधिसूचित कृषि उपज हरी मटर के व्यापार को केवल मंडी प्रागंण में ही कराये जाने की बाध्यता नहीं है। (ख) प्रश्नांश-"क" में वर्णित स्थिति अनुसार, प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
कृषि उपज मंडी के कर्मचारी का संलग्नीकरण, प्रतिनियुक्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
92. ( क्र. 759 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कृषि उपज मंडियों के कर्मचारियों एवं बोर्ड के कर्मचारी को अन्य मंडियों एवं अंतर्राज्यीय बैरियर पर संलग्न करने/प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ करने के क्या नियम है? (ख) आंचलिक कार्यालय कृषि उपज मंडी बोर्ड, जबलपुर एवं उसके कार्य क्षेत्र में आने वाली कृषि उपज मंडियों के किन-किन कर्मचारियों के कब-कब, कितनी-कितनी अवधि के लिए कहां-कहां संलग्न/प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है? विगत तीन वर्षों का विवरण दें? (ग) उपरोक्त अवधि में कर्मचारी के संलग्नीकरण/प्रतिनियुक्ति में भेदभाव एवं नियम विरूद्ध कार्य के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रदेश में कृषि उपज मंडियों के कर्मचारियों एवं बोर्ड के कर्मचारी को अंतर्राज्यीय बैरीयर पर संलग्न नहीं किया जाता है। बल्कि म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा -23 सहपठित मंडी उपविधि की कण्डिका -23 तथा मंडी अधिनियम 1972 की धारा 65 (2) के तहत जाँच चौकियों का प्रशासनिक नियंत्रण हेतु प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, भोपाल के आदेश क्रमांक/बी-6/नियमन/पार्ट-3/नाका/228 दिनांक 04.02.2009 के तहत अंतर्राज्यीय बैरियर पर प्रदेश के अंदर आने वाले एवं बाहर जाने वाले वाहनों की जाँच हेतु कर्मचारियों की डियूटी लगाई जाती है। म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 30 (3) के अंतर्गत मंडी समिति सेवा के कर्मचारियों को, उसी राजस्व संभाग की किसी अन्य मंडी समिति में प्रतिनियुक्ति पर स्थानांतरण करने का प्रावधान है। (ख) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड आंचलिक कार्यालय, जबलपुर एवं उसके कार्य क्षेत्र में आने वाली कृषि उपज मण्डियों के कर्मचारियों को अंतर्राज्यीय बैरियर पर संलग्न नहीं किया गया है बल्कि ड्यूटी लगायी गयी है तथा कृषि उपज मंडी समिति सेवा के कर्मचारियों को विगत तीन वर्षों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "क" एवं "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
व्यय राशि एवं निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
93. ( क्र. 771 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में डिण्डौरी संभाग में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई, प्राप्त राशि में वर्षवार कितनी राशि, किस कार्य के लिए स्वीकृत की गयी? (ख) गाड़ासरई बछरगांव बोना मार्ग, बायपास मार्ग निर्माण डिण्डौरी, एकलव्य भवन निर्माण, रूसा घानामार से पड़रिया कला मार्ग निर्माण, शहपुरा, बरौघां मार्ग निर्माण की प्राक्कलन माप पुस्तिका कार्य प्रारम्भ दिनांक कार्य पूर्णता दिनांक, वर्तमान कार्य की स्थिति बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
मॉडल स्कूल भवन का निर्माण
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 772 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मॉडल स्कूल डिण्डौरी, समनापुर, कंरजिया बजाग, अमरपुर के भवन निर्माण की प्राक्कलन, व्यय राशि की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सभी भवनों के निर्माण हेतु स्थल का चयन किसने किया था? क्या वर्तमान में सभी भवनों में बिजली सड़क पानी खेल मैदान उपयुक्त है? क्या विकासखण्ड मुख्यालय के भौगोलिक सीमा के अनुसार स्थल उपयुक्त है? अगर हां तो दूरी के कारण विद्यार्थी क्यों परेशान हैं अगर नहीं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदार के ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी फसलों के विकास हेतु संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
95. ( क्र. 779 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों के विकास के लिये कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक संचालित योजनाओं में किस योजना के लिये शासन से कितना-कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ है? योजनावार बतावें? (ख) पन्ना जिले में प्रश्नांश (क) से संबंधित योजनाओं के लिये क्या लक्ष्य निर्धारित था? निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कितनी पूर्ति की गई? कितने कृषकों को किस-किस योजना का क्या-क्या लाभ दिया गया? (ग) पन्ना जिले के किस ग्राम में किस क्षेत्रीय कर्मचारी को तैनात किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। प्रश्नांश (क) अवधि से कृषकों को जागरूक करने के लिये किस क्षेत्रीय कर्मचारी द्वारा कब-कब ग्राम का भ्रमण कर क्षेत्रीय कर्मचारी द्वारा कितने कृषकों से संपर्क कर योजनाओं की जानकारी दी गई? (घ) पन्ना जिले में उद्यानिकी विभाग को किस योजना के कितने कृषकों के ऑनलाईन एवं कितने आवेदकों के ऑफलाईन आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितने कृषकों को लाभ दिया गया तथा कितने आवेदन पत्र किस कारण से निरस्त किए गये?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं द अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।
तालाब एवं नहर का निर्माण
[जल संसाधन]
96. ( क्र. 780 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों की सिंचाई सुविधा हेतु तालाबों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो कितने तालाब किस मद से कब-कब और कितनी लागत से बनाये गये? तालाबवार पृथक-पृथक बतावें? (ख) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जो तालाब सिंचाई हेतु बनाये गये हैं उन तालाबों से सिंचाई हेतु कितनी नहरों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और कितनी निर्माणाधीन है? जिन नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है उनमें से कितना रकबा सिंचित होता है? ग्रामवार, तालाबवार बतावें? (ग) क्या जो तालाब गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बनाये गये उनका निर्माण तकनीकी आधार पर एवं गुणवत्ता अनुसार नहीं किया गया है? (घ) क्या तालाबों एवं नहरों का अधूरा व गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कराया जाकर राशि का आहरण कर लिया गया है एवं नहरों का अधूरा निर्माण कार्य होने से कृषकों को सिंचाई सुविधा का लाभ अभी भी नहीं मिल रहा है? (ड.) क्या उक्त तालाबों व नहरों के भ्रष्टाचार की जाँच प्रश्नकर्ता की उपस्थित में कराई जाकर संबंधित अधिकारियों, ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब एवं स'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। सभी परियोजनाओं का निर्माण कार्य तकनीकी मापदण्ड अनुसार गुणवत्ता पूर्वक किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) जी नहीं। निर्मित सिंचाई परियोजनाओं से कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है। निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रगतिरत हैं। निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत कृषकों को सिंचाई का लाभ प्राप्त होगा। (ड.) निर्माण कार्य तकनीकी मापदण्डों के अनुसार कराये जाने से जाँच कराने की स्थिति नहीं हैं। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
एक ही सदस्य के दो भू-खण्ड का आवंटित
[सहकारिता]
97. ( क्र. 795 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 50 ( क्रं. 2079) दिनांक 29/7/2016 के उत्तर (क), (ख), (ग) में बताया था सैनिक गृह निर्माण सह. संस्था में दो सदस्यों को नियम विरूद्ध एक से अधिक भू-खण्ड आवंटित किये गये हैं एवं विक्रय पत्र शून्य करने की कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या जिले की शास. शिक्षक गृह निर्माण सह. संस्था में भी एक सदस्य को भू-खण्ड क्रं. 61 आवंटित करने के पश्चात् उप रजिस्ट्रार सह. संस्थाएं, जबलपुर के आदेश दि. 15/12/2008 एवं प्रभारी अधि. गृह निर्माण समिति के पत्र क्र. 17.12.2015 के अनुसार 1473.6 वर्गफुट का भू-खण्ड दोबारा आवंटित किया गया है? (ग) यदि हाँ तो नियम विरूद्ध दोबारा भू-खण्ड आवंटित करने एवं सदन में तथ्यों को छुपाकर गुमराह करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, ’’सोसायटी के तत्कालीन पदाधिकारी। दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. करने एवं एक से अधिक भू-खण्ड के विक्रय पत्र शून्य करने संबंधी कार्यवाही हेतु सोसायटी को निर्देश दिये गये है।’’, बताया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा भू-खण्ड क्रमांक 61 को संस्था के अन्य सदस्य को विक्रय करने की अनियमित अनुमति देने से वह दोषी है। प्रभारी अधिकारी द्वारा न्यायालयीन आदेशानुसार सदस्य श्री अनिल कुमार शर्मा को 1473.6 वर्गफीट के भूखण्ड की रजिस्ट्री दिनांक 14.09.2016 को करवाई थी। उक्त भू-खण्ड की रजिस्ट्री कराने के पूर्व उनके द्वारा उक्त सदस्य को पूर्व में आवंटित/रजिस्ट्रीकृत भू-खण्ड क्रमांक 61 के विक्रय के संबंध में अधिनियम/उपनियम के अनुसार संज्ञान नहीं लिये जाने से प्रभारी अधिकारी भी दोषी है। दोषियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में वर्णित प्रावधानान्तर्गत कार्यवाही करने हेतु कार्यालय आयुक्त सहकारिता द्वारा उप आयुक्त सहकारिता जिला जबलपुर को निर्देशित किया गया है।
म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ रिक्त पदों की पूर्ति
[सहकारिता]
98. ( क्र. 814 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ के अंतर्गत संघ एवं जिला यूनियनों में कुल कितने पद संदेश वाहक, सहायक ग्रेड 03 (लिपिक), सहायक ग्रेड 02 (कनिष्ठ लेखापाल) एवं सहायक ग्रेड 01 (लेखापाल) के स्वीकृत हैं। (ख) संघ एवं जिला यूनियनों में सहायक ग्रेड 03 एवं संदेश वाहक के कुल कितने स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद भरे हुये हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (ग) संघ मुख्यालय एवं जिला यूनियनों में कुल कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी क्या-क्या कार्य कर रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के आलोक में कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को क्या रिक्त पदों पर नियमित करने हेतु कार्यवाही की जा रही है? कब तक कार्यवाही पूर्ण कर नियमितीकरण के आदेश जारी कर दिये जावेंगे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) संघ मुख्यालय भोपाल में दैनिक वेतनभोगी के रूप में कर्मचारी कार्यरत नहीं हैं, जिला यूनियन में दैनिक वेतनभोगी कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या 68 है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जिला यूनियनों में कार्य कर रहे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्ति की वैधता परीक्षणाधीन, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेल्वे के अण्डर व ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 825 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत झांसी-मानिकपुर रेल्वे लाईन के निवाड़ी एवं ओरछा स्टेशनों की रेल्वे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज की मांग किये जाने पर वहां अण्डर ब्रिज की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ तो यहां के ट्रैफिक को देखते हुये क्या ब्रिज की स्वीकृति परिवर्तित की गई है? (ख) क्या निवाड़ी रेल्वे स्टेशन पर ब्रिज निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी द्वारा सी.सी. ब्लॉक एवं अन्य भारी स्ट्रक्चर मौके पर लाये गये और तीन महीने बाद काम रोक कर इन्हें निवाड़ी से अन्यत्र स्थानांतरित कर यहां का कार्य बंद कर दिया गया है? इसका कारण एवं औचित्य बतायें। (ग) प्रश्नगत दोनों रेल्वे क्रॉसिंग पर ब्रिज के निर्माण की अद्यतन प्रगति की जानकारी दी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता।
ओरछा-पृथ्वीपुर मार्ग पर जामनी-बेतवा नदी पर पुल
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 826 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत ओरछा-पृथ्वीपुर मार्ग पर जामनी एवं बेतवा नदी पर पुलों के निर्माण हेतु विभाग के पास क्या कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो इन पुलों के डी.पी.आर. किस एजेंसी के द्वारा तैयार कराये गये हैं तथा स्वीकृति की अद्यतन स्थिति बताई जावे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पुलों की स्वीकृति में विलम्ब के कारण बतायें जावे तथा पुलों का निर्माण कार्य कब तक शुरू हो सकेगा? समयावधि बतायी जावे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) बेतवा तथा जामनी नदी पर पुल निर्माण का कार्य टीकमगढ़- ओरछा मार्ग की फिजिबिलिटी रिपोर्ट में समाविष्ट किया जा रहा है। रिपोर्ट तैयार की जा रही है। (ख) टीकमगढ़-ओरछा मार्ग पर जामनी एवं बेतवा पुलों के निर्माण हेतु मे. सौभाग्य टीकमगढ़ ओरछा प्रोजेक्ट प्रा.लि. हैदराबाद के साथ दिनांक 05.11.2011 को अनुबंध निष्पादित किया गया था। कंपनी द्वारा कार्य न करने के कारण दिनांक 13.02.2013 को अनुबंध निरस्त कर दिया। पुलों के निर्माण का कार्य टीकमगढ़ ओरछा मार्ग की फिजिबिलिटी रिपोर्ट में सम्मिलित किया जा रहा है।
दोषियों के विरूद्ध वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करना
[जल संसाधन]
101. ( क्र. 842 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 19 जुलाई 2016 के प्रश्न संख्या 20 (क्रमांक 263) का उत्तर (क) जी हाँ है तो क्या प्रश्न अनुसार कराये गये कार्य पर महालेखाकार द्वारा ऑडिट आक्षेप लगाया गया, अगर समय पर परीक्षण कर लिया जाता है तो शासन को 60.26 लाख का होने वाला नुकसान टाला जा सकता था? (ख) क्या रीवा जिले के त्योंथर फ्लो संभाग सिरमौर, क्योटी संभाग रीवा में कराये गए गुणवत्ताविहीन एवं अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य न होने से प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 446 दिनांक 13.02.2016 पत्र क्र. 435 दिनांक 20.01.2016 पत्र क्र. 445 दिनांक 13.02.2016 के माध्यम से कार्यपालन यंत्रियों से जानकारी चाही गयी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्योटी मुख्य नहर के 41.41 से 90 किलो मीटर के कार्य पिपरवार वितरक व अन्य माइनर नहर के निर्माण कार्य क्या कराये गए? अगर कराये गए तो इस हेतु किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यादेश कब-कब, किस-किस दिनांक को जारी किया गया, की प्रति देते हुए बतावें कि इस कार्यादेश हेतु कब-कब निविदा बुलाई जाकर निविदा में किस-किस एजेन्सी द्वारा भाग लेकर निविदा डाली गयी एवं किस निविदा कार्य की निविदा इस कार्य हेतु स्वीकृत की गई? जबकि कार्य गुणवत्ताविहीन एवं घटिया स्तर के कराये गए? (घ) यदि प्रश्नांश (क) अनुसार 60.26 लाख का अपव्यय शासन का कराया गया तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? करायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? साथ ही प्रश्नांश (ग) अनुसार जानकारी न देने पर दोषियों के विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 19.07.2016 के तारांकित प्रश्न क्र. 263 में विभाग द्वारा दिया गया उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सिंचाई लाभ दिए जाने के कारण व्यय निष्फल नहीं है। (ख) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री को लिखे गये पत्र दिनांक 18.01.2016, 13.02.2016 एवं 13.02.2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘क‘ में उल्लेखित प्रश्न क्र. 263 का संबंध क्योंटि नहर के कार्यों से न होकर त्योंथर फ्लो के कार्यों के संबंध में था। प्रश्नांश ‘ग‘ अनुसार चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स एवं द'' अनुसार है। जी नहीं। (घ) त्योंथर बहाव परियोजना का कार्य पूर्ण कराकर सिंचाई जल प्रदाय करने में 3-4 वर्ष का समय लगना संभावित होने से इस दौरान उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं के सैच्य क्षेत्र में सिंचाई लाभ दिए जाने हेतु परियोजनाओं के संधारण एवं मरम्मत के लिए स्वीकृति दी गई। सिंचाई लाभ दिए जाने के कारण व्यय निष्फल नहीं है। किसी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। जी नहीं। कार्यपालन यंत्री द्वारा मान. विधायक जी को भेजी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''इ'' अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
दोषियों पर वसूली करने के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराना
[लोक निर्माण]
102. ( क्र. 843 ) श्री
सुन्दरलाल तिवारी
:
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
दिनांक 21
जुलाई 2016
में मुद्रित
परि. अता.
प्रश्न संख्या 56 (क्रमांक 1397) के (ख)
में जाँच में
निर्माणाधीन
तीन
मार्गों/सड़कों
में गुणवत्ताविहीन
एवं अनुबंध के
शर्तों के
अनुसार कार्य
न पाये जाने
पर दोषियों के
विरूद्ध आरोप
पत्र जारी
किये जा चुके
हैं? आरोप
पत्र के
संदर्भ में
जाँच उपरान्त
दोषी पाये
जाने पर
दण्डित करने
की कार्यवाही
की जायेगी? उत्तर
दिया था तो
रीवा
जिले के लोक
निर्माण
विभाग की
सड़कों का
निर्माण विगत 05
वर्षों में
कब-कब,
किस-किस
ठेकेदार/निविदाकार
द्वारा
कितनी-कितनी लागत
से कराया गया? (ख) क्या
अनुबंध की
शर्तों से
हटकर गुणवत्ताविहीन
कार्य कराये
गए, जिससे
बरसात के कारण
सड़कें उखड़
गयी? उखड़ी
हुई एवं
क्षतिग्रस्त
सड़कों का नाम
बताते हुए
बतावें कि
इनकी मरम्मत
हेतु
कितनी-कितनी राशि
की मांग शासन
द्वारा की गई? (ग)
प्रश्नांश (ख) की
रोड़ों/सड़कों
का पिछले 05
वर्षों में
कितनी लागत से
मरम्मत का
कार्य कराया
जाकर
कितनी-कितनी
राशि खर्च की
गयी, जिले
की प्रत्येक
सड़कों का
विवरण देवें? (घ)
प्रश्नांश (क) के
संदर्भ में
अगर सड़कें
गुणवत्तापूर्ण
एवं अनुबंध की
शर्तों के
अनुसार तैयार
की गई थी? तो उनके
उखड़ने एवं
क्षतिग्रस्त
होने के लिए
कौन-कौन
जवाबदार है? अगर
सड़कें
गुणवत्ताविहीन
एवं अनुबंध के
अनुसार नहीं
बनायी गई थी
तो दोषियों की
पहचान कर
संबंधितों से
राशि ब्याज
सहित वसूल
करते हुए
आपराधिक प्रकरण
दर्ज
करायेंगे? हां
तो कब?
नहीं तो क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क)
जी हाँ। जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- 'अ' एवं
'अ-1' अनुसार
है। (ख) जी
नहीं,
मात्र 5 सड़कें
जो पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' के
सरल क्रमांक 3, 14, 15, 22
एवं 23
पर दर्शायी गई
है, में
गुणवत्ताहीन
कार्य पाया
गया। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। इन मार्गों
में विभाग
द्वारा मरम्मत
हेतु किसी भी
प्रकार के
राशि की मांग
नहीं की गई है।
म.प्र. सड़क
विकास निगम के
अंतर्गत जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है। (ग) उत्तरांश
'ख' अनुसार
लोक निर्माण
विभाग की
सड़कों के
मरम्मत हेतु
कोई राशि व्यय
नहीं की गई। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। म.प्र.
सड़क विकास
निगम के
अंतर्गत व्यय
का विवरण पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'स' अनुसार
है। (घ) गुणवत्ताविहीन
कार्य करवाने
वाले
उपयंत्री, अनुविभागीय
अधिकारी व
कार्यपालन
यंत्री के विरूद्ध
आरोप पत्र
जारी किये गये
है। कार्यवाही
प्रचलन में है
अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
युवा उद्यमियों को ऋण प्रदाय
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
103. ( क्र. 856 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा युवाओं को उद्योग एवं रोजगार से जोड़ने के लिये शासन द्वारा सहायता एवं ऋण प्रदाय कराये जाने का प्रावधान है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में उक्त कार्य के लिये शहडोल जिले को कितनी राशि उपलब्ध करायी गई। कितनें हितग्राहियों के प्रकरण तैयार किये गये। कितने को राशि उपलब्ध करायी गयी और कितने प्रकरण किस स्तर पर लंबित हैं। (ग) लंबित होने के कारण क्या हैं। वर्षवार लाभान्वित हितग्राही की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ, युवाओं को उद्योग एवं रोजगार से जोड़ने के लिये म.प्र. शासन द्वारा विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत सहायता एवं ऋण प्रदाय कराये जाने का प्रावधान है। (ख) योजनान्तर्गत विभाग द्वारा जिलों को राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है। अपितु प्रकरण में ऋण राशि बैंकों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। प्रश्नांश की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष 2014-15 |
||||
क्र |
योजना का नाम |
लक्ष्य |
वितरित प्रकरण |
वितरित राशि (लाख में) |
1. |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
300 |
311 |
961.33 |
2. |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
20 |
21 |
419.80 |
वर्ष 2015-16 |
||||
क्र |
योजना का नाम |
लक्ष्य |
वितरित प्रकरण |
वितरित राशि (लाख में) |
1 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
275 |
336 |
1393.40 |
2 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
24 |
24 |
429.83 |
लक्ष्य पूर्ति होने के कारण कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के जबाव के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
अजा/अजजा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी स्वरोजगार योजना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
104. ( क्र. 887 ) श्रीमती रंजना बघेल (किराड़े) : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में वर्ष 2013-14 से वर्तमान सितम्बर 2016 तक कितने अजा/अजजा के हितग्राहियों को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी स्वरोजगार योजना अंतर्गत किस-किस उद्योग हेतु ऋण दिया गया? (ख) प्रदेश में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना अंतर्गत अजा/अजजा हितग्राही को परियोजना लागत का कितने प्रतिशत मार्जिन मनी दी जाती है? क्या यह मार्जिन मनी सामान्य वर्ग से कम नहीं है? ऐसा क्यों? (ग) क्या प्रदेश में पूर्व अजा/अजजा के युवा उद्यमियों के लिये रानी दुर्गावती योजना/ खादी ग्रामोद्योग योजना अंतर्गत अजा/अजजा हितग्राहियों को मार्जिन मनी 35 प्रतिशत दी जाती थी, जो की वर्तमान की योजना में घटाकर 15 प्रतिशत कर दी? ऐसी स्थिति में अ.जा./अ.ज.जा. के युवा उद्यमी कैसे तैयार होंगे? (घ) क्या शासन इस वर्ग के उद्यमी बनाने हेतु मार्जिन मनी व पात्रता राशि में वृद्धि करेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) धार जिले में वर्ष 2013-14 से वर्तमान सितम्बर 2016 तक मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्तर्गत अजा/अजजा के लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना अंतर्गत सभी वर्गों के लिए मार्जिनमनी अनुदान राशि परियोजनान्तर्गत पूंजी लागत का 15 प्रतिशत (अधिकतम राशि रूपये 12 लाख) दी जाती है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। वर्तमान योजना में 15 प्रतिशत मार्जिनमनी अनुदान के अतिरिक्त 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान तथा गारंटी निधि शुल्क अनुदान भी 7 वर्षों के लिए हितग्राही को दिया जाता है। इस प्रकार इस योजना में सहायता अवधि अधिक होने के साथ-साथ ऋण गारंटी का भी लाभ हितग्राही को प्राप्त होता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है।
भोपाल के रोडों के निर्माण हेतु दिए गए निर्देशों की पूर्ति
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 909 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के सड़कों की दुर्दशा खराब होने व उनके मरम्मत व निर्माण कार्य किए जाने हेतु माननीय विभागीय मंत्री महोदय की अध्यक्षता में दिनांक 24 अगस्त 2016 को निर्माण भवन में भोपाल के विधायकगण, महापौर एवं संबंधित अधिकारियों की मौजूदगी में बैठक आयोजित की गई थी? यदि हाँ तो बैठक में क्या-क्या निर्णय लिये गये? (ख) क्या लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, राजधानी परियोजना के उपस्थिति विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि अपने-अपने आधिपत्य वाले मार्गों पर बोर्ड लगाए कि इस रोड का निर्माण किस निधि से कब तथा कितनी राशि से किस ठेकेदार द्वारा सम्पन्न हुआ? (ग) यदि हाँ तो क्या निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 07 अक्टूबर 2016 को पत्र क्रमांक 5575 के माध्यम से निर्देशों की पूर्ति नहीं होने के संबंध में माननीय लोक निर्माण मंत्री महोदय को अवगत कराया था? (घ) यदि हाँ तो प्रश्नांश ''क''-''ग'' के अन्तर्गत लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है और उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी तथा भोपाल के सड़कों का निर्माण एवं मरम्मत कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क)
जी हाँ, बैठक में
भोपाल शहर में
विभाग के
अंतर्गत संधारित
मार्गों के
पेंच रिपेयर
का कार्य 30 नवम्बर
2016 तक
किये जाने का
निर्णय लिया
गया था। इसके
अतिरिक्त
भोपाल शहर के मार्गों
पर मार्ग किस
विभाग का है, इसकी
जानकारी सूचक
बोर्ड लगाने
का भी निर्णय लिया
गया था। (ख) जी
हाँ, विभाग
द्वारा पालन
किया गया है। (ग)
जी हाँ। (घ) उत्तरांश
'ख' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता।
म.प्र. सड़क
विकास निगम
द्वारा भोपाल
शहर की सड़कों
की मरम्मत
एवं निर्माण
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
परिशिष्ट
- ''छत्तीस''
परफार्मेंस गारंटी की सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
106. ( क्र. 910 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परफारमेंस गारंटी अवधि समाप्त होने के पूर्व यदि निर्मित रोड खराब हो जाता है तो संबंधित ठेकेदार द्वारा पुन: स्वयं के व्यय पर रोड निर्मित किए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो भोपाल के संधारण संभाग क्रमांक 1 के अतंर्गत होटल पैलेस रोड थाना शाहजहांनाबाद तक डामरीकरण का कार्य जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी-कितनी राशि से किस-किस ठेकेदार द्वारा कराया गया? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त रोड की परफारमेंस अवधि समाप्त नहीं हुई और विभागीय अधिकारियों एवं ठेकेदार की मिली भगत के चलते पुन: शासन के व्यय पर रोड का निर्माण कार्य कराया गया? (घ) यदि नहीं तो क्या जाँच कराकर संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करते हुए वसूली की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो कारण सहित बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन मार्ग के डामरीकरण का कार्य लागत राशि रूपये 19.55 लाख से मेसर्स शेपर्स कंस्ट्रक्शन कंपनी (प्रा.लि.) भोपाल द्वारा कराया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश 'ग' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कृषि अनुसंधान केन्द्र की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
107. ( क्र. 924 ) श्री महेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कृषि अनुसंधान केन्द्र खोलने का प्रस्ताव है? (ख) यदि हाँ तो कब तक स्वीकृत हो जायेगा? (ग) यदि नहीं तो शासन की योजना के अंतर्गत कृषि अनुसंधान खोलने के लिये क्या योजना प्रस्तावित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्तमान में बीना विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी नया कृषि अनुसंधान केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासन की योजना अंतर्गत वर्तमान में कृषि अनुसंधान केन्द्र खोलने की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है, क्योंकि सागर जिला मुख्यालय में ही जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र पहले से ही कार्यरत है, इसके अलावा सागर जिले के गढ़ाकोटा विकास खण्ड में शुष्क उद्यानिकी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, रनगुऑ भी कार्यरत है।
टोल टैक्स की वसूली
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 931 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बीना एवं विधान सभा क्षेत्र मुंगावली के मध्य बेतवा नदी पर क्या शासन द्वारा टोल टैक्स केन्द्र स्थापित किया है? (ख) यदि हाँ, तो टोल टैक्स किस अवधि से किस अवधि के लिये मान्य है एवं टोल की दर क्या है? (ग) यदि नहीं तो किसके द्वारा टोल टैक्स वसूल किया जा रहा है? उक्त संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि अवैध वसूली की जा रही है तो विभाग के अधिकारियों के ऊपर क्या कार्यवाही करने का प्रावधान है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) टोल टैक्स दिनांक 1-4-2016 से दिनांक 31-3-2017 तक की अवधि के लिए मान्य है एवं टोल टैक्स की दर म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग के द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 21-7-2000 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा निर्धारित नीलामी प्रक्रिया के तहत टोल टैक्स वसूल किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
डिवाईडर एवं विद्युत व्यवस्था किये जाने हेतु
[लोक निर्माण]
109. ( क्र. 953 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग संभागीय कार्यालय इंदौर द्वारा राउ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आने वाले नगरीय क्षेत्र चोईथराम सर्कल से लेकर राउ बायपास सर्कल पर स्थित सिक्स लेन नेशनल हाईवे तीन तक रोड डिवाईडर एवं विद्युत व्यवस्था किये जाने हेतु डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रेषित प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध कराते हुये उपरोक्त के संबंध में वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) विभाग द्वारा उपरोक्त प्रस्तावित कार्य कब तक स्वीकृत किया जाकर वर्क ऑर्डर जारी किये जाएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। सिविल कार्य का जिसमें विद्युत कार्य सम्मिलित नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
एक ही स्थान पर तीन साल से ज्यादा पदस्थ अधिकारी
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 954 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 108 ( क्रं. 6330) दिनांक 15 मार्च 2016 खण्ड (घ) के संदर्भ में बतावें कि स्थानांतरण पर प्रतिबंध वर्ष 2016 में किस दिनांक से किस दिनांक तक हटाया गया तथा उत्तर में उल्लेखित प्रशासकीय कारणों की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न में प्रश्नांश (क) में दी गई 22 अधिकारियों की सूची में से कितने अधिकारियों के स्थानांतरण अभी तक किये गये, उनकी सूची देवें तथा बतावें कि शेष अधिकारियों के स्थानांतरण क्यों नहीं किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वर्ष 2007 तथा 2008 से कार्यरत अधिकारियों के आज तक स्थानांतरण न करने संबंधी समस्त दस्तावेजों, नोटशीट का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अधिकारियों द्वारा पिछले तीन वर्षों में स्वीकृत अथवा सुपरविजन किए गए कार्यों का नाम, टेण्डर, राशि ठेकेदार का नाम, भुगतान राशि सहित सूची देवें तथा कार्यपालन यंत्री राणे के अधिक भुगतान संबंधी प्रकरण के समस्त दस्तावेज, नोटशीट आदेश आदि की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 01/08/2016 से दिनांक 16/08/2016 तक। विभाग में प्रथम श्रेणी अधिकारियों की कमी/स्थानांतरण पर प्रतिबंध होने के कारण। (ख) एक सहायक यंत्री श्री धमेंद्र जायसवाल का स्थानांतरण आदेश दिनांक 24/09/2016 द्वारा किया गया। स्थानांतरण नीति 2015-2016 के अनुसार। (ग) विभाग में अधिकारियों की कमी/स्थानांतरण पर प्रतिबंध होने से तथा स्थानांतरण नीति वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। शासन आदेश दिनांक 07/11/2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ई अनुसार।
कार्यों की जानकारी एवं निर्माण कार्यों की अनियमितता की शिकायत
[जल संसाधन]
111. ( क्र. 964 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सातनारी से जिसका लगभग 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने के उपरांत वर्ष 1984 से कार्य शेष है। तत्संबंध में क्या यह परियोजना पुन: प्रस्तावित है? (ख) उक्त परियोजना में वन विभाग एवं सिंचाई विभाग में हस्तांतरण को लेकर कौन-कौन से विवाद हैं तथा क्या यह विवाद सुलझाने हेतु शासन द्वारा उच्च स्तरीय प्रयास किये जायेंगे? (ग) ढुटी बायीं तट नहर से समनापुर तक मुख्य नहर में लगभग 10 फिट सील (रॉ-मटेरियल) जमा होने से उक्त क्षेत्र के किसानों को नहर का लाभ नहीं मिल पा रहा। नहर के वृहद्ध स्तर पर साफ-सफाई या सीमेन्टीकरण की क्या योजना है? (घ) भंडारखो जलाशय की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है तथा 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने के पश्चात् उक्त कार्य को क्यों बंद कर दिया गया है तथा उक्त परियोजना के लक्ष्य को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) सतनारी जलाशय का कार्य वर्ष 1981-82 में राहत कार्य मद के अंतर्गत स्वीकृत होकर 50 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में परियोजना तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्ड पर साध्य नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है। (ग) जी नहीं। ढुटी बांयी तट मुख्य नहर के स्लूस गेट से वैनगंगा नदी तक एप्रोच चैनल चैन क्र. 0 से 3 तक तल में जमी मिट्टी सफाई कर 15,635 हे. में खरीफ सिंचाई की गई है। ई.आर.एम. के अंतर्गत ढुटी बायीं तट नहर प्रणाली का लाईनिंग कार्य का प्राक्कलन कार्यपालन यंत्री द्वारा यू.एस.आर.01.04.2016 के आधार पर तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) भण्डारखोह जलाशय का शीर्ष कार्य 95 प्रतिशत एवं नहर कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है, जिसे माह दिसम्बर 2016 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
सिंहस्थ 2016 में B.O.T. के तहत किये गये कार्य
[लोक निर्माण]
112. ( क्र.
983 ) डॉ.
मोहन यादव :
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
निर्माण
विभाग द्वारा
सिंहस्थ 2016 बी.ओ.टी.
के तहत कितने
कार्य करवाये
गये? कार्यवार
जानकारी
प्रदान करें। (ख)
प्रश्नांश (क) की
जानकारी
अनुसार
कार्यों के
संबंध में ठेकेदार
से किये गये
अनुबंध
अनुसार
निर्माण कार्यों
तथा सड़कों के
आस-पास
वृक्षारोपण
एवं अन्य
कार्यों को
पूर्ण कर लिया
गया है अथवा
नहीं?
यदि नहीं तो
शेष कार्यों
को कब तक पूर्ण
कर लिया
जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) एक
कार्य जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
(ख) जी हाँ। पूर्ण
किया गया।
विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को अनुदानयुक्त बीज का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
113. ( क्र.
1000 ) श्री
कल्याण सिंह
ठाकुर : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
कृषि विभाग
विदिशा
द्वारा शासन
के नीति निर्देशों
के अंतर्गत
ग्रामीण
क्षेत्र के
किसानों को
अनुदानयुक्त
बीज वितरण
किया जा रहा
है। (ख) यदि
हाँ, तो
किसानों को
अनुदानयुक्त
बीज वितरण किस
प्रक्रिया के
अधीन हैं? क्या
पात्रता रखी
गई है?
प्रत्येक
किसान को
पंचायतवार
कितना बीज
उपलब्ध
कराया जा रहा
है? क्या
पात्रता के
अनुरूप में
वितरण नहीं
किया जा रहा
है, यदि
हाँ, तो
क्यों? (ग) क्या
बीज भी उपलब्ध
कराया जा रहा
है? यदि
नहीं कराया जा
रहा है तो
संबंधित
विभागीय कर्मचारियों
पर क्या
कार्यवाही
सुनिश्चित की
गई है?
नहीं तो क्यों? कब तक
की जावेगी?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) जी
हाँ। (ख) शासन
द्वारा
निर्धारित
प्रक्रिया के
अधीन विभाग
द्वारा
संचालित
विभिन्न
योजनाओं के अंतर्गत
निर्धारित
प्रावधान
अनुसार
अनुदानयुक्त
बीज का वितरण
किया जा रहा
है। रबी वर्ष 2016-17
हेतु बीज
विक्रय दर
निर्धारण एवं
अन्य निर्देश
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है
तथा योजनावार
पात्रता
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ब
अनुसार है। प्रत्येक
किसान को
पंचायतवार
बीज उपलब्ध कराने
का प्रावधान
योजनाओं के
मार्गदर्शी
निर्देशों
में नहीं है। पात्रता
के अनुसार
प्रथम आवे
प्रथम पावे
आधार पर वितरण
किया जा रहा
है। (ग) जी
हाँ। विदिशा
जिले में रबी
वर्ष 2016-17
में बीज
भण्डारण एवं
वितरण की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- स
अनुसार है।
सड़क निर्माण एवं पुलों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 1008 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक खरगोन, बड़वानी एवं खण्डवा जिले से किस-किस योजनान्तर्गत, कौन-कौन सी सड़क मार्गों/पुलों के निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर कब-कब भेजे गए? माह अक्टूबर 2016 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गए? कौन-कौन से लंबित है एवं क्यों? पुलों एवं सड़कों के नाम एवं लंबाई, स्वीकृति की राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें? कौन-कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात् अभी तक किस कारण से अप्रारंभ है? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता, अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग को पुलों सड़कों एवं पहुंच मार्गों के निर्माण हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण है? कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत हेतु प्रक्रियाधीन है? कौन-कौन से स्वीकृत हैं? सड़कों के नाम सहित बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिलेवार सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं पुलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
मूँझरी बाँध का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
115. ( क्र. 1023 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले के ग्राम गोरस में माननीय श्री नरेन्द्र सिंह जी तोमर केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार द्वारा ग्रामवासियों को संबोधित करने के उपरांत माननीय मुख्यमंत्री जी ने मोबाईल पर उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए मूँझरी बांध का निर्माण कराने की घोषणा की थी। (ख) क्या दिनांक 28.04.2016 को संपन्न जिला योजना समिति की बैठक में उपसंचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग श्योपुर द्वारा प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत श्योपुर जिले की सिंचाई योजनाओं में मूँझरी बांध के निर्माण हेतु राशि 251.57 करोड़ का प्रस्ताव अनुमोदन उपरांत विभागीय संचालक/शासन को स्वीकृति हेतु भेजा है। यदि हाँ तो प्रस्ताव वर्तमान में किस स्तर पर परीक्षणाधीन है? परीक्षण कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? (ग) क्या उक्त बांध के निर्माण उपरांत जिले के दर्जनों ग्रामों की 5600 हेक्टेयर भूमि सिंचित होने के साथ ही जिले का सर्वांगीण विकास भी संभव हो सकेगा? इसी कारण जिलेवासी उक्त बांध के निर्माण की मांग दर्शकों से कर रहे हैं। (घ) यदि हाँ तो क्या शासन उक्त बांध के निर्माण हेतु नियमानुसार सभी औपचारिकताओं को अविलम्ब पूर्ण कराकर उक्त प्रस्ताव को शीघ्र स्वीकृति प्रदान कर केन्द्र सरकार से भी इसे यथाशीघ्र स्वीकृत करवाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। अभिलेखों के मुताबिक मूंझरी बांध की घोषणा की जाने का लेख नहीं है। (ख) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग श्योपुर द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत मूंझरी बांध निर्माण हेतु रू. 25152 लाख का प्रस्ताव प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की डी.आई.पी. में सम्मिलित कर जिला योजना समिति श्योपुर से दिनांक 28.04.2016 को अनुमोदन कराकर उपसंचालक कृषि श्योपुर के माध्यम से संचालनालय को जिला सिंचाई प्लॉन (डी.आई.पी.) में प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। डी.आई.पी. को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति (एस.एल.एस.सी.) के समक्ष आगामी होने वाली बैठक में आवश्यक कार्यवाही हेतु रखा जावेगा। (ग) जी हाँ। मंझूरी बांध के निर्माण से 5100 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है। (घ) योजना की लागत 4.93 लाख प्रति हेक्टेयर आ रही है। जो जल संसाधन विभाग के मापदण्ड से अधिक है। स्वीकृति के संबंध में निर्णय राज्य स्तरीय मंजूरी समिति में लिया जाना है।
असिंचित ग्रामों में सिंचाई की सुविधा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
116. ( क्र. 1024 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले से गुजर रही चम्बल दाहिनी मुख्य नहर के बांयी ओर बसे ग्राम कूण्ड, कनापुर, काठौदी सहित 35 ग्रामों में वर्तमान तक सिंचाई की सुविधा अनुपलब्ध होने के कारण इन ग्रामों की सैकड़ों हेक्टेयर भूमि असिंचित रहती है नतीजतन इन ग्रामों में निवासरत ग्रामीण दशकों से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की मांग करते आ रहे हैं? (ख) क्या ग्रामीणों की मांग के मद्देनज़र उक्त ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत जिले की सिंचाई आयोजना में पार्वती उद्वहन सिंचाई योजना के निर्माण हेतु राशि ₹ 73.53 करोड़ का प्रस्ताव दिनांक 28.04.2016 को जिला योजना समिति से अनुमोदित कराकर उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्योपुर द्वारा स्वीकृति हेतु विभाग/शासन को भेजा है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव वर्तमान में किस स्तर पर किस स्थिति में है? (घ) क्या शासन उक्त असिंचित ग्रामों के ग्रामीणों के कल्याण हेतु उक्त प्रस्ताव से संबंधित सभी विधिमान्य प्रक्रियाओं को पूर्ण कराकर इसे शीघ्र स्वीकृत करने उपरांत केन्द्र सरकार को भेजकर अविलंब स्वीकृत करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों सहित 35 ग्रामों में से 19 ग्रामों में सी.आर.एम.सी. से पंप द्वारा 3456 हेक्टेयर में तथा 14 ग्रामों में आवदा नहर से 3559 हेक्टेयर क्षेत्र में फ्लो सिंचाई की जा रही है। शेष दो ग्राम क्रमश: कठोदी एवं पीपल्दी का कमांड अत्याधिक ऊंचा होने से सिंचाई संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) का प्रस्ताव राज्य स्तरीय मंजूरी समिति (एस.एल.एस.सी.) की आगामी बैठक में आवश्यक कार्यवाही हेतु रखा जावेगा। (घ) राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की आगामी बैठक में निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
रोड एवं पुल-पुलियों के निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
117. ( क्र.
1044 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) परासिया
विधान सभा
क्षेत्रान्तर्गत
दिनांक 1 जनवरी, 2014 से
प्रश्न
दिनांक तक कौन-कौन
से रोड एवं
पुलिया
निर्माण
कार्यों के
प्रस्ताव
विभाग द्वारा
शासन को स्वीकृति
हेतु भेजे गये
हैं? (ख) विभाग
द्वारा भेजे
गये प्रस्तावों
में से शासन
द्वारा अभी तक
कितने रोड एवं
पुलिया
निर्माण के कार्यों
की स्वीकृति
प्रदान की जा
चुकी है और
कितने
कार्यों की स्वीकृति
प्रदान किया
जाना अभी बाकी
है? (ग)
प्रश्नांश (क) वर्णित
अवधि में
प्रश्नकर्ता
द्वारा
परासिया
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
रोड एवं पुलिया
निर्माण
कार्य किए
जाने हेतु
अनेकों पत्र
विभाग एवं (प्रमुख
सचिव) को
प्रेषित किए
गये हैं, जिन पत्रों
पर विभाग
द्वारा अभी तक
क्या
कार्यवाही की
गई है?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) कोई
नहीं। (ख) प्रश्नांश
‘’क’’ के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
नये भू-अर्जन अधिनियम के निर्देशानुसार मुआवज़ा भुगतान
[जल संसाधन]
118. ( क्र.
1082 ) पं.
रमेश दुबे :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
शासन राजस्व
मंत्रालय
भोपाल के
द्वारा
भूमि-अर्जन, पुर्नवास
और पुर्नव्यवस्थापन
में उचित
प्रतिकर और
पारदर्शिता
अधिकार
अधिनियम, 2013 की
धारा 24
के संबंध में 29.01.2014 को
निर्देश
प्रसारित
किये गये हैं? हाँ, तो
संलग्न करें? (ख) क्या
उक्त
निर्देश में
यह उल्लेख है
कि उक्त
अधिनियम के
धारा-11
के अधीन इस
अधिनियम के
प्रारंभ की
तारीख से 5 वर्ष
के बराबर या
उसके पूर्व
अधिनिर्णय
किया गया है, किंतु
भूमि का भौतिक
कब्जा नहीं
लिया गया है
या प्रतिकर का
संदाय नहीं
किया गया है वहां
वे सभी इस
अधिनियम के
प्रावधानों
के अनुसार
प्रतिकर के
लिये हकदार
होंगे? (ग) पेंच
व्यपवर्तन
परियोजना
माचागोरा
जिला
छिंदवाड़ा के
ग्राम
केवलारी सभा
में
अधिनिर्णय कब
पारित हुआ? भूमियों
का कब्जा कब
प्राप्त
किया गया? लाभार्थियों
के खाते में
प्रतिकर की
राशि कब निक्षेप
की गयी
लाभार्थियों
के नाम पता
सहित तिथिवार
जमा प्रतिकर
राशि की
जानकारी दे? (घ) क्या
ग्राम
केवलारीसंभा
की पेंच बांध
के डूब क्षेत्र
में आने वाले
भूमियों के
अर्जन का अधिनिर्णय
नवम्बर, 2013 में
पारित किया
गया किन्तु
किसानों को
वर्ष 2015
में प्रतिकर
की राशि उनके
खाते में
भुगतान की गयी, यदि
हाँ, तो
क्या इन
किसानों को प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
उल्लेखित
निर्देशों के
परिपालन में
प्रतिकर निर्धारित
कर अंतर की
राशि किसानों
को भुगतान किये
जाने का शासन
निर्देश देगा? यदि
नहीं,
तो क्यों
और हाँ, तो कब तक
अंतर की राशि
किसानों को
भुगतान कर दिया
जावेगा?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जी
हाँ। निर्देश
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ''अ’’ अनुसार
है। (ख) जी
हाँ। उद्हरण
निम्नानुसार
है:-‘‘अधिनियम, 2013 की
धारा 24
की उपधारा (2) के
अनुसार यदि
किसी मामले
में अधिनियम, 1894 की
धारा 11
के अन्तर्गत
अवार्ड पारित
हुए 5
वर्ष या उससे
अधिक की अवधि
बीत चुकी है
और ऐसे मामलों
में भूमि का
भौतिक कब्जा नहीं
लिया गया है
या प्रतिकर (मुआवजा)
का भुगतान नहीं
किया गया है
तो ऐसे सभी
मामले स्वतः
व्यपगत समझे
जाएंगे और यदि
ऐसे मामलों
में भू-अर्जन
आवश्यक है तो
अधिनियम, 2013 के
अंतर्गत नये
सिरे से
भू-अर्जन की
कार्रवाई
करना होगी।’’ (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ''ब’’ अनुसार
है। (घ) विधि
के
प्रावधानों
के अनुरूप
कार्यवाही की गई
है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अनुबंध के शर्तों का उल्लंघन के बावजूद भी बिना पेनाल्टी ठेका अवधि में वृद्धि
[जल संसाधन]
119. ( क्र. 1083 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंच बांध परियोजना माचागोरा जिला-छिन्दवाड़ा के नांदना हरदुआ वितरण नहर की निविदा कब आमंत्रित की गयी? इसका ठेका किसको कब दिया गया? अनुबंध की शर्तें क्या थी? निर्माण की अवधि क्या थी? नहर की लंबाई क्या है? लागत राशि क्या थी? अनुबंध की शर्तें संलग्न करें? उक्त नहर में कितने किलोमीटर अथवा हेक्टेयर भूमि शासकीय थी और कितनी भूमि अशासकीय थी? (ख) ठेकेदार द्वारा उक्त नहर के निर्माण हेतु निर्धारित अवधि में कौन-कौन सा कार्य किस कि.मी. में कितना किया गया? कार्य का प्रतिशत एवं कार्यों के एवज में ठेकेदार को तिथिवार भुगतान की गयी राशि की जानकारी दें? (ग) क्या निर्धारित अवधि में संबंधित ठेकेदार द्वारा 15 प्रतिशत से भी कम कार्य करने, समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने, भू-अर्जन में विलंब था तो शासकीय भूमियों पर कार्य किया जा सकता था पर ठेकेदार द्वारा नहीं करने के बावजूद भी विभाग के द्वारा बिना किसी पेनाल्टी के संबंधित ठेकेदार की कार्यावधि में वृद्धि की गयी? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार है? (घ) उक्त नहर के निर्माण एजेंसी के कार्यावधि में वृद्धि के पश्चात् भी नहर निर्माण की प्रगति नगण्य है? आज भी मात्र 30 प्रतिशत कार्य हुआ है? क्या शासन बिना पैनाल्टी के कार्यावधि में वृद्धि करने व कार्य की प्रगति धीमी होने के तथ्य को संज्ञान में लेकर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही व निर्माण में प्रगति लाने का आदेश देगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पेंच वृहद परियोजना के नांदना, हरदुआ वितरण नहर की निविदा दिनांक 20.05.2013 को आमंत्रित की गयी। कार्य का ठेका मेसर्स एच.ई.एस. इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रा.लि. हैदराबाद (आंध्रप्रदेश) को दिनांक 08.08.2013 को दिया गया। निर्माण की अवधि 18 माह थी। निविदा में नांदना वितरक नहर की लंबाई 36.00 कि.मी., उसकी उपवितरक नहर खैरघाट की लंबाई 10.01 कि.मी., हरदुआ वितरक नहर 13.50 कि.मी. एवं उसकी उपवितरक नहर मांडवा की लंबाई 24.50 कि.मी. है। अनुबंध की राशि रूपये 126.50 करोड़ है। उक्त नहर में 24.741 हे. शासकीय भूमि एवं 96.353 हे. अशासकीय (निजी) भूमि है। अनुबंध की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ‘‘प्रपत्र-अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ‘‘प्रपत्र-ब’’ अनुसार है। (ग) ठेकेदार द्वारा शासकीय भूमि पर कार्य किया गया है। निर्माण कार्य की गति धीमी होने के कारण ऐजेंसी का पंजीयन दिनांक 26.08.2015 को 3 वर्ष के लिये निलंबित किया गया है। कार्यावधि में वृद्धि निम्न कारणों से की जाना प्रतिवेदित है:- (1) भू-अर्जन भुगतान में विलम्ब होना। (2) कृषकों द्वारा नई भू-अर्जन नीति के आधार पर चार गुना मुआवजा राशि की मांग के फलस्वरूप भूमि हस्तांतरण में अवरोध उत्पन्न करना। (3) हार्ड रॉक की मात्रा में प्राक्कलित मात्रा से अत्याधिक वृद्धि होना। (4) हार्ड रॉक खुदाई के लिये आवश्यक ब्लास्टिंग मटेरियल समय पर उपलब्ध न होना। अतः किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (घ) निर्माण एजेंसी के कार्यावधि में वृद्धि के पश्चात् भी निर्माण की प्रगति 18 प्रतिशत होना प्रतिवेदित है। उत्तरांश ‘‘ग‘‘ में उल्लेखित कारणों से सक्षम अधिकारी द्वारा शास्ति का अधिकार सुरक्षित रखते हुए समयावृद्धि स्वीकृत की गई है। कार्य में अपेक्षित प्रगति लाने हेतु विभाग प्रयासरत है। ठेकेदार द्वारा कार्य संतोषप्रद नहीं करने की स्थिति में गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
उपायुक्त सहकारिता छतरपुर के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच
[सहकारिता]
120. ( क्र. 1086 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर में पदस्थ उपायुक्त सहकारिता के विरूद्ध 11 शिकायतें विभाग को प्राप्त होने एवं दो प्रकरणों में क्रमश: दिनांक 25 एवं 17 जुलाई 2015 को विभागीय जाँच के प्रस्ताव भेजे जाने के पश्चात् आयुक्त सहकारिता द्वारा उपायुक्त के निलंबन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था जिस पर तत्कालीन सहकारिता मंत्री महोदय द्वारा उपायुक्त छतरपुर का निलबंन किए जाने के निर्देश दिए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो निलंबन के निर्देश के बावजूद उपायुक्त सहकारिता द्वारा प्रस्तुत छतरपुर से अन्यत्र स्थानांतरण के लिखित आवेदन दिए जाने पर निलंबन की कार्यवाही पर पुनर्विचार का प्रस्ताव प्रमुख सचिव द्वारा तत्कालीन मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया था? उक्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही हुई? यदि निलंबन नहीं किया गया तो गत 10 माह से अभी तक प्रमुख सचिव के प्रस्ताव अनुसार उपायुक्त का स्थानान्तरण क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपायुक्त सहकारिता छतरपुर के विरूद्ध प्राप्त किन-किन शिकायतों की जाँच में जाँच निष्कर्षों के आधार पर क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं संस्थित विभागीय जाँच का सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार निर्धारित समय-सीमा में निराकरण नहीं किए जाने पर जाँच अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) डब्ल्यू.पी. क्रमांक 1248/16 में जारी स्थगन आदेश दिनांक 21.1.2016 के परिप्रेक्ष्य में शासकीय अधिवक्ता का अभिमत प्राप्त करने की कार्यवाही की जाने से निलंबन नहीं किया गया। तद्नुसार अभिमत प्राप्त करने हेतु कार्यवाही की गई। प्रशासनिक दृष्टि से श्री अखिलेश निगम का स्थानांतरण नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायतों के संबंध में अद्यतन स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। श्री अखिलेश निगम, उपायुक्त सहकारिता छतरपुर के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत एक प्रकरण में नियम 14 अंतर्गत एवं एक प्रकरण में नियम 16 अंतर्गत जारी कारण बताओ सूचना पत्र पर श्री निगम से प्राप्त उत्तर परीक्षणाधीन है। विभागीय जाँच में जाँच अधिकारी नियुक्त न होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खारक तालाब की नहरों में अनियमितता
[जल संसाधन]
121. ( क्र. 1105 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खारक तालाब, नहर संबंधी कितनी शिकायतें विभाग को किसी भी स्तर पर प्राप्त हुई है तथा प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही सहित शिकायतवार शिकायतकर्ता, विषय, विभागीय उत्तर पत्र क्रमांक एवं दिनांक सहित सूची देवें। (ख) विभाग के किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब खारक तालाब एवं नहरों का निरीक्षण किया गया? दिनांकवार अधिकारी के नाम, पद सहित सूची देवें। इन निरीक्षणों में क्या पाया गया, उनकी संक्षिप्त टिप्पणी सहित सूची देवें? (ग) निर्माण कार्यों की गुणवत्ता कब-कब किस अधिकारी द्वारा जांची गई? जाँच रिपोर्ट सहित सूची देवें। गुणवत्ता में कमी नहीं दिखाई देने के बाद भी खारक की नहरों में दरारें आईं और इन दरारों में पानी जाने पर काली मिट्टी में पानी जाने से नहरों की दीवारें उखड़ने लगी। सामान्य बारिश में ही नहर कई जगह से टूटकर बह गई। गुणवत्ता जाँच अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो कारण बतावें? (घ) वर्तमान में खारक तालाब की दीवार से कितनी मात्रा में पानी का रिसाव हो रहा है? दीवार के कितने स्थानों पर रिसाव हो रहा है? तालाब की दीवार के अलावा कितने स्थानों पर कितनी मात्रा में पानी का रिसाव हो रहा है? क्या कोई रिसाव चिंताजनक भी है? यदि है तो विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। अतिवृष्टि से नहर के तटों पर पानी एकत्रित होने एवं बाढ़ के पानी को सुरक्षित निकालने हेतु प्रस्तावित स्ट्रक्चर का निर्माण शेष रहने से 4,800 मी. लंबाई में की गई लाईनिंग कार्य में से विभिन्न स्थानों पर 120 मी. पैनल क्षतिग्रस्त होना प्रतिवेदित हैं। अधिकारियों के विरूद्ध जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) खारक तालाब में बोल्डर-टो से आ रहे नियमित रिसाव के अतिरिक्त बांध से कोई पानी रिसाव नहीं होना प्रतिवेदित है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
ब्याज राहत योजना में सोसायटियों का नुकसान
[सहकारिता]
122. ( क्र. 1106 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्याज सहायता/ब्याज राहत/शून्य ब्याज योजना अंतर्गत खरगोन जिले की समस्त सेवा सहकारी समितियों को विगत 3 वर्षों में कब-कब कितनी ब्याज राशि वसूली गयी, कितनी ब्याज राशि शासन, नाबार्ड से प्राप्त हुई, कितनी ब्याज राशि सेवा समितियों को कब-कब प्रदान की गई? समितिवार नाम, स्थान, वर्षवार राशि सहित सूची देवें? (ख) वर्ष 2012 से 2015 तक खरगोन की समस्त सेवा सहकारी समितियों को जिला सहकारी बैंक, सहकारी बैंक की शाखाओं द्वारा कब-कब कितनी राशि ब्याज सहायता योजना, ब्याज राहत योजना, शून्य ब्याज योजना अंतर्गत प्रदान की गई समितिवार, वर्षवार, समिति के नाम, दिनांक राशि सहित बतायें? यह राशि कब-कब कितनी राशि कितने ब्याज सहित इन सेवा समितियों से वापस जमा कराई गई, समितिवार, ब्याज राशि, दिनांक सहित सूची देवें? (ग) उक्त राशि पर शासन, नाबार्ड से ब्याज अनुदान राशि कब-कब किस अवधि हेतु बैंक में जमा हुई तथा यह ब्याज अनुदान राशि कब-कब कितनी राशि संबंधित सेवा सहकारी समितियों को प्रदान की गई, समितिवार ब्याज राशि सहित दिनांकवार सूची देवें? सहकारी समितियों को ब्याज राशि कितनी दिन की देरी से प्रदान की गयी वर्षवार समितिवार सूची देवें? देरी से देने का कारण बतायें? (घ) वर्तमान में कितनी ब्याज राशि शासन, नाबार्ड से खरगोन जिले की समस्त सेवा सहकारी समितियों हेतु कब से अप्राप्त है? क्या इस अप्राप्त ब्याज राशि को सहकारी समितियों से प्राप्त कर लिया गया है? क्या ब्याज अनुदान राशि समितियों को देरी से देने पर समितियों को हानि हो रही है? इस नुकसान की भरपाई की क्या योजना है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., खरगोन द्वारा खरगोन जिले सेवा सहकारी संस्थाओं से विगत 3 वर्षों में अल्पावधि कृषि ऋण पर की गई ब्याज की वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार, शून्य प्रतिशत ब्याज योजना में राज्य शासन से प्राप्त ब्याज अनुदान तथा समितियों को दिये गये ब्याज अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार तथा नाबार्ड (केन्द्र शासन) से प्राप्त ब्याज अनुदान की राशि तथा समितियों को दिये गये ब्याज अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक की अवधि में खरगोन जिले की सेवा सहकारी समितियों को प्रदाय की गई ब्याज सहायता की जानकारी समितिवार, वर्षवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। यह राशि संस्थाओं से वापस जमा नहीं करायी जाती है, इसलिये सूची उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ग) ब्याज सहायता की राशि शासन/नाबार्ड से बैंक को प्राप्त होने की तिथि तथा बैंक द्वारा समितियों को ब्याज अनुदान राशि दिये जाने की तिथि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। सहकारी समितियों को ब्याज राशि देरी से प्राप्त होने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। संस्थाओं द्वारा कृषकवार ब्याज अनुदान प्रस्ताव तैयार किये जाते है, उनका अंकेक्षण कराया जाता है, अंकेक्षण पश्चात् प्रस्ताव बैंक मुख्यालय को प्राप्त होते है, बैंक मुख्यालय द्वारा समस्त संस्थाओं की जानकारी संकलित कर बैंक अंकेक्षक से अंकेक्षण कराया जाकर मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक मर्या., भोपाल के माध्यम से राज्य शासन एवं नाबार्ड को प्रेषित किये जाते है, राज्य शासन एवं नाबार्ड से राशि प्राप्त होने पर समितिवार सूची तैयार कर राशि समितियों को उपलब्ध करायी जाती है। उक्त प्रक्रिया में विलम्ब होना स्वभाविक है। (घ) वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2015-16 के ब्याज अनुदान की राशि राज्य शासन से रू. 1375.71 लाख तथा नाबार्ड से रू. 4899.29 लाख प्राप्त होना शेष है। बैंक द्वारा सहकारी समितियों से उक्त अवधि का ब्याज वसूल कर लिया गया है। जी हाँ, ब्याज अनुदान राशि समितियों को विलंब से प्राप्त होने पर हानि हो रही है। समितियों को ब्याज अनुदान की राशि यथा संभव राज्य शासन द्वारा अग्रिम दी जा रही है।
वर्ष 2013-2016 में कृषकों को प्राप्त बीमा राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
123. ( क्र. 1127 ) श्री रजनीश सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में सन 2013 से 2016 तक सिवनी जिले में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित कितने कृषकों को फसल बीमा की राशि वितरित की गई है? प्रभावित कृषकों को कौन-कौन सी फसलों पर बीमा राशि का वितरण किस अनुपात/मापदण्ड में किया गया है? किसानों की संख्या सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रभावित किसानों को बीमा की राशि का भुगतान कौन-कौन सी बैंकों के माध्यम से किया गया? बीमा राशि का वितरण कितने के.सी.सी. (किसान क्रेडिट कार्ड) धारक कृषकों को किया गया? बैकवार एवं दिनांकवार विवरण देवें? (ग) विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत ग्राम खुरसीपार विकासखण्ड सिवनी के कितने किसान भाइयों को वर्ष 2013 की खरीफ फसल की बीमा राशि का भुगतान किया गया? क्या ग्राम खुरसीपार के एस.बी.आई. बैंक के खाताधारक ऐसे 17 किसानों को बीमा राशि में नाम आने के बाद भी आज दिनांक तक बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) सिवनी जिले में ऐसे कितने के.सी.सी. कार्ड धारक या अन्य किसान हैं जिनका बीमा राशि में नाम आने के बाद भी उन्हें आज दिनांक तक बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया है? नाम आने के बाद भी उन्हें बीमा राशि का भुगतान किस कारण से अप्राप्त है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सिवनी जिले में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2013 में 18464, रबी 2013-14 में 2332, खरीफ 2014 में 8366, रबी 2014-15 में 5769 कृषक लाभान्वित हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। बीमित कृषकों में से पात्र कृषकों को दावा राशि का भुगतान संबंधित बैंकों द्वारा किया गया है। खरीफ 2015 की दावा राशि का भुगतान संबंधित नोडल बैंकों को कर दिया गया हैं। रबी 2015-16 की दावा राशि का आंकलन प्रक्रियाधीन है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत दावा गणना प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) ग्राम खुरसीपार के 16 किसानों की प्रीमियम राशि 32999 थी। जिसका भुगतान बीमा कंपनी ने प्राप्त कर लिया था। भारतीय स्टेट बैंक बारापत्थर सिवनी को कुल रू. 51760743.20 की क्लेम राशि प्राप्त हुई थी। जिसमें ग्राम खुरसीपार के 14 किसानों की राशि प्राप्त नहीं हुई। तत्संबंध में बैंक द्वारा बीमा कंपनी से पत्राचार किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत के.सी.सी. धारी कृषकों ने अपने बैंकों से फसल बीमा कराया था। बीमित कृषकों में से पात्र कृषकों को दावा राशि का भुगतान संबंधित बैंकों के माध्यम से किया गया है। शेष कृषकों की जानकारी एकत्रित की जा रहीं है।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कृषकों के लिए माइक्रो ऐरिगेशन योजना [उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
124. ( क्र. 1147 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित योजना कब से प्रारंभ की गयी, क्या वर्तमान में यह योजना प्रचलित है? योजना के प्रारंभ से केन्द्र शासन द्वारा राज्य को प्राप्त अनुदान की वर्षवार जानकारी दें। (ख) क्या उपयोगिता प्रमाण-पत्र भेजने के बाद ही केन्द्र द्वारा अगले वित्तीय वर्ष के लिए अनुदान राशि जारी की जाती है? क्या विगत सत्रों में (संभवत: 2011-12, 2012-13) अनुदान की राशि विभाग के खातों में होने के बावजूद यह राशि कृषकों को उपलब्ध कराए बगैर फर्जी उपयोगिता प्रमाण-पत्र बनाकर केन्द्र शासन को भेजे गये ताकि आगामी वर्ष की राशि प्राप्त की जा सके? (ग) क्या फर्जी उपयोगिता प्रमाण-पत्र बनाने की जाँच विभाग द्वारा करायी गयी है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गयी है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) माईक्रो इरीगेशन योजना वर्ष 2005-06 से प्रारंभ हुई। वर्तमान में यह परिवर्तित स्वरूप प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के एक भाग के रूप में संचालित है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
125. ( क्र. 1148 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित योजना में खरीफ तथा रबी की फसलों में किसानों से प्रति हेक्टेयर कितना प्रीमियम लिया जा रहा है? रबी तथा खरीफ सीजन में फसल अनुसार जानकारी दें। इनमें प्रीमियम में सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रीमियम की राशि की भी जानकारी दें। (ख) विषयांकित योजना में क्या किसान को इकाई बनाया गया है? यदि विभिन्न फसलों में इकाई अलग-अलग है तो भी फसल अनुसार इकाई की जानकारी स्पष्ट रूप में उपलब्ध कराएं। (ग) पिछली खरीफ की फसल में विषयांकित योजना में पूरे प्रदेश में किसानों से प्रीमियम में कितनी राशि प्राप्त हुई तथा सरकार ने कितनी राशि जमा की। (घ) 10 नवम्बर 2016 तक किसानों को इस योजना के तहत कितनी राशि दी गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) योजनानुसार खरीफ मौसम हेतु सभी खाद्यान एवं तिलहन फसलों हेतु बीमित राशि का का 2 प्रतिशत एवं रबी हेतु 1.5 प्रतिशत, कपास फसल हेतु 5 प्रतिशत, या वास्तविक दर जो भी कम हो, कृषक द्वारा प्रीमियम देय है। कुल वास्तविक प्रीमियम दर से कृषक अंश घटाने पर शेष प्रीमियम राशि राज्य शासन एवं केन्द्र शासन द्वारा 1:1 अनुपात में वहन की जाती है। राज्य शासन तथा केन्द्र शासन द्वारा दी जाने वाली कुल प्रीमियम राशि रू. 2305.78 करोड़ अनुमानित है। रबी 2016-17 की राशि का आंकलन बीमांकन पूर्ण होने पर किया जायेगा। (ख) प्रदेश में खरीफ मौसम में पटवारी हल्का स्तर पर 1. धान सिंचित, 2. धान असिंचित, 3. सोयाबीन, 4. तुअर, 5. बाजरा, 6. मक्का, तहसील स्तर 1. ज्वार 2. कोदो-कुटकी, 3. तिल, 4. मूगंफली, 5.कपास, जिलास्तर 1. मूंग, 2. उड़द एवं रबी मौसम में पटवारी हल्का सतर पर 1. गेहूँ सिंचित, 2. गेहूँ असिंचित, 3. चना, 4. राई-सरसों, तहसील स्तर पर अलसी तथा जिला स्तर पर मसूर अधिसूचित किया गया है। (ग) खरीफ 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत राशि रू. 396.01 करोड़ अनुमानित कृषक अंश प्रीमियम प्राप्त हुआ तथा राशि रू. 3.17 करोड़ राज्य शासन द्वारा एवं 3.17 करोड़ भारत शासन द्वारा अग्रिम प्रीमियम राशि जमा कराई गई। (घ) 10 नबम्बर 2016 तक किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत ऑन अकाउण्ट भुगतान राशि रू.9.39 करोड़ का किया गया है। खरीफ-2016 के फसल कटाई प्रयोग पूर्ण होने पर किसानों को योजना प्रावधानानुसार दावा भुगतान की कार्यवाही की जावेगी।
कृषक सेवा सहकारी संस्था मर्यादित बैजनाथ महिदपुर की एफ.आई.आर.
[सहकारिता]
126. ( क्र. 1170 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के पत्र क्र./साख/सी.बी.-3/142 बी/2016/1883 दिनांक 22-07-2016 जिसमें कृषक सेवा सहकारी संस्था मर्यादित बैजनाथ महिदपुर के दोषी पाये गये संस्था के कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज करवाने का निर्देश दिया गया पर उत्तरदायी अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इसके समस्त पत्र व्यवहार की छायाप्रति देवें? (ख) क्या एफ.आई.आर. न करने के लिए संचालक मण्डल दोषी है? यदि हाँ, तो विभागीय आदेशों का पालन न करने पर संचालक मण्डल को भंग करके दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर एफ.आई.आर. कब तक कर दी जावेगी? (ग) प्रश्न दिनांक तक बैजनाथ समिति का संचालक मण्डल भंग न होने एवं एफ.आई.आर. न होने के लिए जिला स्तर के कौन से विभागीय अधिकारी उत्तरदायी हैं? इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) कार्यालय आयुक्त सहकारिता के पत्र दिनांक 22.07.2016 से कृषक सेवा सहकारी संस्था मर्या., बैजनाथ, जिला उज्जैन के दोषी पाये गये कर्मचारी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश दिये गये। निर्देश के पालन में उप आयुक्त, सहकारिता जिला उज्जैन द्वारा दिनांक 26.07.2016, स्मरण पत्र दिनांक 14.09.2016, पत्र दिनांक 19.09.2016 तथा पत्र दिनांक 30.09.2016 से संस्था अध्यक्ष को पत्र लिखे गये, संस्था द्वारा दोषी कर्मचारी श्री बनेसिंह सोलंकी को दिनांक 06.10.2016 को निलंबित किया गया। उप आयुक्त, सहकारिता, जिला उज्जैन द्वारा पुनः संस्था को दिनांक 19.10.2016, दिनांक 27.10.2016, दिनांक 05.11.2016, दिनांक 17.11.2016 तथा दिनांक 22.11.2016 को दोषी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही एवं एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु निर्देश दिये गये है। उक्त समस्त पत्र व्यवहार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, कृषक सेवा सहकारी संस्था मर्या., बैजनाथ, जिला उज्जैन के संचालक मंडल को उत्तरांश ’’क’’ अनुसार निर्देश दिये गये है। निर्देशों का पालन नहीं करने पर सहकारी अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत संचालक मंडल के विरूद्ध कार्यवाही कर दोषी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ’’क’’ अनुसार जिला स्तर पर कार्यवाही की गई है, अतः विभागीय अधिकारी उत्तरदायी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंडी निधि से सड़क का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
127. ( क्र. 1171 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 में प्रदेश में मंडी निधि से वर्षवार कितनी राशि संग्रहित की गई? इस राशि से प्रदेश की मंडियों में कितनी लागत के निर्माण कार्य वर्षवार स्वीकृत किए गए? (ख) जनप्रतिनिधियों की मांग पर प्रदेश में उपरोक्त समयावधि में कितनी सड़कें मंडी बोर्ड द्वारा स्वीकृत की गई? संख्या, लागत सहित बतावें। (ग) मंडी बोर्ड में पदस्थ तकनीकी अमले से कार्य क्यों नहीं लिया जा रहा है? कारण बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2014-15 में मण्डी शुल्क से राशि रू. 998.38 करोड़ एवं वर्ष 2015-16 में राशि रू. 1074.33 करोड़ संग्रहित की गई है। प्रदेश की मण्डियों में मण्डी निधि से वर्ष 2014-15 में राशि रू. 78.61 करोड़ एवं वर्ष 2015-16 में राशि रू. 120.48 करोड़ के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है। (ख) उपरोक्त समयावधि में मण्डी निधि से सड़क कार्यों की स्वीकृति नहीं दी गई है। अपितु किसान सड़क निधि के अंतर्गत उपरोक्त समयावधि में कुल 18 सड़कें लागत राशि रू. 43.57 करोड़ की स्वीकृति दी गई। (ग) मण्डियों एवं मण्डी बोर्ड द्वारा स्वीकृत सभी निर्माण कार्यों का सम्पादन मण्डी बोर्ड में पदस्थ तकनीकी अमले द्वारा किया जा रहा है।
ऋण घोटालों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
128. ( क्र. 1174 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी ट्रेक्टर ऋण घोटाले में कितने अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित किया गया था उनके नाम, पदनाम सहित बतावें, दिए आरोप पत्र एवं उसके जबाव की छायाप्रति देवें? (ख) इनमें कितने अधिकारियों/कर्मचारियों को बहाल किया जा चुका है इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई एवं किन नियमों के तहत बहाली की गई की जानकारी समस्त छायाप्रतियों सहित देवें? (ग) रीवा की डभौरा बैंक के ऋण घोटाले एवं अवंती सूत मिल खरगोन के ऋण घोटाले की अद्यतन स्थिति बतावें? (घ) प्रदेश की सहकारी संस्थाओं में घोटाले रोकने के लिए क्या दिशा निर्देश जारी किए है? इनकी छायाप्रतियां देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 05, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है, आरोप पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार तथा प्राप्त जवाब की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) उत्तरांश ’’क’’ में से श्री आर.के.एस. चौहान तथा श्री अयोध्या प्रसाद पाण्डेय को निलम्बन से बहाल किया गया है, श्री आर.के.एस. चौहान के निलम्बन अवधि एक वर्ष से अधिक होने से म.प्र. राज्य सहकारी बैंक कर्मचारी सेवा नियम क्रमांक 52.2.3 के अंतर्गत गठित निलम्बन समीक्षा समिति की बैठक दिनांक 28.04.2016 द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर दिनांक 20.05.2016 को बहाल किया गया, कर्मचारी सेवा नियम क्रमांक 52.2.3 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा डब्ल्यू.पी. 19138/2015 में दिनांक 18.02.2016 को दिये गये निर्देशानुसार श्री अयोध्या प्रसाद पाण्डेय द्वारा दिनांक 24.02.2016 को प्रेषित अभ्यावेदन के निराकरण के आधार पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., सीधी की स्टाफ उप समिति की बैठक दिनांक 16.03.2016 के परिपालन में दिनांक 18.03.2016 को निलम्बन से बहाल किया गया। माननीय उच्च न्यायालय का आदेश दिनांक 18.02.2016, श्री पाण्डेय का अभ्यावेदन दिनांक 24.02.2016 एवं निलम्बन बहाली का आदेश दिनांक 18.03.2016 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., रीवा की डभौरा शाखा में हुए सन्ड्रीज घोटाले में राशि रूपये 16.14 करोड़ तथा रू. 6.86 करोड़ के गबन के संबंध में न्यायालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थायें, रीवा में वसूली हेतु सहकारी अधिनियम की धारा 64 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किये गये है, जो विचाराधीन है। न्यायालय संयुक्त पंजीयक, रीवा द्वारा आरोपियों की राशि रू. 12.01 करोड़ की चल-अचल संपत्ति अटैच की गई। आरोपियों द्वारा बैंक की सिविल लाईन शाखा में राशि रू. 1,82,45,933/- जमा किये गये। पुलिस द्वारा दो एफ.आई.आर. क्र. 12/2015 एवं 71/2015 दर्ज की गई है, जिसमें पुलिस क्राईम ब्रांच द्वारा विवेचना की जा रही है। बैंक स्तर के 12 दोषी कर्मचारियों की विभागीय जाँच संस्थित की गई, जिनमें से 4 कर्मचारियों को जाँच उपरांत आरोप प्रमाणित पाये जाने से सेवा पृथक से दंडित किया गया है। अवंति सूत मिल खरगोन के पूर्व अध्यक्ष/प्रबंध संचालक, श्री राजेन्द्र सांकलिया को उनकी कार्य अवधि में आर्थिक अनियमितता करने के कारण सेवा से पृथक करते हुए उनके विरूद्ध एफ.आई.आर. दिनांक 11.03.2016 को पुलिस थाना, सनावद, जिला खरगोन में दर्ज की गयी। अनियमित रूप से नियुक्त उनके दोनो पुत्र श्री कपिल सांकलिया एवं श्री राहुल सांकलिया को सेवा से पृथक किया जा चुका है। अवंति सूत मिल के प्लेज कॉटन स्कंध के भौतिक सत्यापन में 2901 गठाने कम पाये जाने से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., खरगोन के प्रशासक द्वारा दिनांक 27.06.2016 को एफ.आई.आर. दर्ज करायी गई है। भौतिक सत्यापन न करने एवं ऋण राशि का भुगतान किये जाने के कारण जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., खरगोन के शाखा प्रबंधक, श्री कालूसिंह चौहान एवं श्री कल्याण करोड़े को दिनांक 27.06.2016 को निलम्बित कर आरोप पत्र जारी किये गये। (घ) घोटाले रोकने के लिए शासन स्तर से पूर्व से ही प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में सहकारी क्षेत्र में गबन धोखाधड़ी की समीक्षा एवं प्रभावी कार्यवाही हेतु कमेटी का गठन किया गया है, इस संबंध में म.प्र. राज्य सहकारी बैंक द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गये है, शासन के परिपत्र एवं बैंक द्वारा जारी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
कामधेनु गृह निर्माण संस्था भोपाल का निर्वाचन
[सहकारिता]
129. ( क्र. 1175 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कामधेनु गृह निर्माण सह. संस्था मर्या. भोपाल के निर्वाचन दिनांक 29.04.2012 के पूर्व के सभी रिकार्ड पूर्व संचालकों से जब्त कर निर्वाचित संचालकों को प्रदाय कर दिए गए हैं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या संस्था का वर्ष 2011-12 का अंकेक्षण न होने व पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत न करने के लिए 07.5.12 से निर्वाचित संचालक मंडल दोषी है? यदि हाँ तो क्यों? (ग) संयुक्त पंजीयक भोपाल द्वारा दि. 29-10-16 को कार्यालय आयुक्त एवं पंजीयक में प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति देवें। इसके क्या निष्कर्ष हैं एवं उस पर की गई कार्यवाही के विषय में बतावें। (घ) क्या कामधेनु गृह निर्माण सह. संस्था मर्या. के संचालकों के विरूद्ध धारा 53 (1) की कार्यवाही विधिनुसार/नियमानुसार हैं? यदि हाँ तो नियम की छायाप्रति देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनप्रतिनिधियों के पत्र पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
130. ( क्र. 1178 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न स. 77 (क्र. 2919) दिनांक 28 जुलाई 2016 के उत्तर भाग (क) से (ग) तक (क) जी हाँ (ख) प्रश्नांश (क) की जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायत की जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है उत्तर दिया है तो प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक जाँच में क्या-क्या कार्यवाही हुई व कार्यवाही हेतु शासन द्वारा किस अधिकारी/एजेंसी को जाँच हेतु आदेशित किया है? आदेश की प्रति भी उपलब्ध करावें। (ख) क्या इस प्रकार की शिकायतों में अतिआवश्यक कार्यों में देरी करने में जाँच न होने के क्या कारण हैं व इस हेतु कौन अधिकारी किस-किस स्तर के जवाबदार व जिम्मेदार हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जाँच उपरांत जाँच प्रतिवेदन दिनांक 21/11/2016 को प्राप्त। जाँच मुख्य अभियंता, उत्तर परिक्षेत्र ग्वालियर द्वारा की गई है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होकर परीक्षणाधीन है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा अंतर्गत घटिया वाटर कोष का निर्माण
[जल संसाधन]
131. ( क्र. 1196 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक/159/एमएलए/2016 दिनांक 18.10.2016 के द्वारा अधीक्षण यंत्री सिंध एवं महुअर मध्यम परियोजना, जल संसाधन, जिला शिवपुरी को करैरा में निर्मित घटिया वाटर कोष (बरहे) की शिकायत कर जाँच के संबंध में लिखा गया था? (ख) क्या प्रस्तुत पत्र की प्राप्ती की सूचना व कार्यवाही से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता को अवगत नहीं कराया गया है? इसके क्या कारण हैं व दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या जल उपभोक्ता संस्था, आमोलपठा, बनगंवा, हाजीनगर, सिरसौद, सलैया करैरा, बरौदी, राजपुर के वाटर कोष बरहों की खुली जाँच कृषक व प्रश्नकर्ता के समक्ष तकनीकी विशेषज्ञों से कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। अधीक्षण यंत्री सिंध परियोजना नहर मंडल शिवपुरी द्वारा मान. विधायिका महोदया के पत्र के संदर्भ में अपने पत्र दिनांक 21.10.2016 द्वारा निर्देश जारी किए गये हैं जिसकी प्रतिलिपि मा. विधायिका को भी पृष्ठांकित है पत्र की प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते। (ग) जी हाँ। मा. विधायिका महोदया की सुविधा अनुसार तिथियों पर जाँच कराई जाएगी।
मार्गवार लेप्स राशि की जानकारी
[लोक निर्माण]
132. ( क्र. 1217 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय लारवाही के चलते विगत दो वर्षों में मध्यप्रदेश के लोक निर्माण विभाग में अनेक स्वीकृत मार्गों की राशि लेप्स हुई है? (ख) यदि हाँ, तो? ऐसे स्वीकृत मार्ग जिनकी राशि लेप्स हुई है, वे कौन-कौन से हैं? किस-किस विधानसभा क्षेत्र के हैं? मार्गवार लेप्स राशि का विवरण दिया जाये? (ग) क्या सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एनएच 86 से हिरनखेड़ा तक स्वीकृत मार्ग की राशि लेप्स हो जाने के कारण उक्त मार्ग का निर्माण अब तक नहीं हो सका? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? और उसके विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या उक्त एन.एच.86 से हिरनखेड़ा तक के मार्ग का निर्माण होगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो, कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। विभाग अन्तर्गत आयोजना मद में संभागवार कार्यवार आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता है। आयोजना मद में आवंटन की नवीन व्यवस्था अन्तर्गत प्राप्त आवंटन को एकीकृत (ग्लोबल) किया गया है। (ख) विभाग अन्तर्गत आयोजना मद में संभागवार कार्यवार आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। मीरखेडा (एन.एच. 86) से हिरनखेडी तक मार्ग निर्माण हेतु कुल 2.00 किमी में डामरीकरण स्वीकृत अनुसार किया जाना था किन्तु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा उनके पत्र दिनांक 03/06/2015 से सूचित किया गया कि उक्त मार्ग उनकी प्राथमिकता सूची में शामिल है। अत: स्वीकृत कार्य का निर्माण नहीं कराया जावे। पुन: म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा उनके पत्र दिनांक 26/10/2016 से मार्ग निर्माण हेतु अनापत्ति प्रदान की तदानुसार मार्ग हेतु नवीन प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। (घ) स्वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ किया जावेगा वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
133. ( क्र. 1247 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केंट (जबलपुर) के तहत जर्जर व खराब सड़कों का निर्माण कराने से संबंधित कितने प्रस्ताव स्वीकृत हेतु लंबित है, इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कितने प्रस्ताव दिये गये हैं और उन पर शासन ने कब-क्या कार्यवाही की है? कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कराने हेतु कब कितनी राशि की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी गई वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन सड़कों का निर्माण कराने हेतु कितनी-कितनी राशि के प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति हेतु कब भेजे गये? इनमें से किन-किन सड़कों का निर्माण कराने हेतु कब कितनी राशि की स्वीकृति दी गई? कितने प्रस्ताव लंबित है? सूची दें। (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन योजनांतर्गत कहां-कहां की कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कब-किस एजेंसी से कितनी राशि में कराया गया? कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य कब से अपूर्ण व निर्माणाधीन है एवं क्यों? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत बतलावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पी.आई.यू्. जबलपुर द्वारा सामग्री की खरीदी
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 1248 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि./यॉ, पी.आई.यू जबलपुर को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्यों में व्यय हुई वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में कितनी राशि की कौन-कौन सी विद्युत सामग्री किसके आदेश से क्रय की गई है, इसमें से कौन-कौन सी विद्युत सामग्री का कितनी-कितनी मात्रा में उपयोग किया गया? कितनी-कितनी राशि की विद्युत सामग्री का उपयोग नहीं किया गया? कितनी राशि की विद्युत सामग्री टूट-फूट गई है या बेकार पड़ी है एवं इसकी जाँच कब किसने की है? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन निर्माण कार्यों में कितनी राशि की विद्युत सामग्री का उपयोग किया गया है? इसकी जाँच कब, किसने की है? क्या शासन विद्युत सामग्री के क्रय में की गई वित्तीय अनियमितता राशि का दुरूपयोग, भ्रष्टचार की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) परियोजना क्रियान्वयन इकाई परिक्षेत्र लोक निर्माण विभाग जबलपुर के अंतर्गत स्वीकृत भवन कार्यों के विस्तृत प्राक्कलन में सिविल कार्यों के साथ ही विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित रहता है। अलग से विद्युतीकरण के कार्यों हेतु कोई राशि आवंटित नहीं की जाती है। अत: व्यय संबंधी अथवा क्रय संबंधी एवं अन्य शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ‘क‘ अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) उत्तरांश ‘क‘ अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
सोनकच्छ से गन्धर्वपुरी मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
135. ( क्र. 1260 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ से गंधर्वपुरी मार्ग आज भी अपूर्ण हैं? यदि हाँ तो क्या कारण है? (ख) क्या कारण है कि गन्धर्वपुरी से एक किलोमीटर का मार्ग खोदकर छोड़ दिया गया है, उसे आज तक निर्माण नहीं किया गया? (ग) इस अधूरे निर्माण से जनता को हो रही समस्याओं के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्यवाही होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता की दिनांक 04.01.2017 नियत है। (ख) मार्ग के उक्त भाग में विशेष मरम्मत के अंतर्गत नई क्रस्ट का निर्माण करने के लिए मार्ग को खोदा गया था। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। (ग) मार्ग को आधी चौड़ाई में यातायात के लिए तैयार किया गया है, कोई जिम्मेदार नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
मुरैना-सबलगढ़ सड़क मार्ग पर निर्मित गति अवरोधक
[लोक निर्माण]
136. ( क्र.
1270 ) श्री
सत्यपाल
सिंह सिकरवार
: क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मुरैना
जिले की
मुरैना-सबलगढ़
सड़क मार्ग पर
कितने गति
अवरोधक
वर्तमान में
निर्मित है? उनकी
संख्या व स्थान
सहित विवरण
दिया जाये। (ख)
क्या उक्त
गति अवरोधक विभाग
द्वारा
चिन्हित किये
गये थे? यदि हाँ, तो
उनके क्या
मापदण्ड हैं।
(ग) क्या उक्त
मार्ग पर
मुरैना से
जौरा से
कैलारस तक अत्यधिक
गति अवरोधक
बनने से
वाहनों की गति
पर विपरीत
प्रभाव पड़ता
है एवं समय भी
अधिक लगता है।
विभाग द्वारा
मापदण्डों
के विपरीत गति
अवरोधक बनाने
पर क्या
कार्यवाही की
जावेगी।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) वर्तमान
में 21
गति अवरोधक
निर्मित है। (1) मुंगावली
02
गति अवरोधक (2) नहर
पर 01
गति अवरोधक (3) चैना 03 गति
अवरोधक (4) सिठवाई 02 गति
अवरोधक (5) कुम्हेरीपुरा
01
गति अवरोधक (6) जाफराबाद
02
गति अवरोधक (7) मंदिर
02
गति अवरोधक (8) ककराधा
03
गति अवरोधक (9) बिलगांव
05
गति अवरोधक
कुल 21
गति अवरोधक। (ख)
जी नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग)
जी हाँ, जी हाँ। विभाग
द्वारा
मापदण्डों
के विपरित
बनाये गये 16 गति
अवरोध को
प्रशासन की
मदद से हटा
दिया गया है। शेष
गति अवरोधक को
हटाने की
कार्यवाही
जारी है।
जौरा तहसील के ग्राम-चन्द्रपुरा वण्डपुरा मार्ग निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
137. ( क्र. 1278 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चन्द्रपुरा बन्डपुरा मार्ग के निर्माण की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री द्वारा कब की गई थी तथा कितनी राशि अभी तक खर्च की गई है। (ख) क्या इतने लम्बे समय के बाद भी वर्तमान समय तक भी उक्त मार्ग का पूर्ण निर्माण नहीं हो सका है क्यों? (ग) क्या उक्त मार्ग के निर्माण में हुई अनियमितताओं के विरूद्ध अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है तथा उनसे राशि की कितनी रिकवरी शासन द्वारा निर्धारित की गई थी एवं उसकी वसूली नहीं होने के क्या कारण रहे हैं। क्या शासन उनके खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराकर वसूली करायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चन्द्रपुरा बन्डपुरा मार्ग के निर्माण की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री द्वारा उक्त मार्ग की घोषणा क्रं. 2079 दिनांक 18.11.2006 को की गई थी, उक्त मार्ग पर राशि 2,03,04,461.00 का अद्यतन व्यय किया गया। (ख) जी हाँ। प्रथम अनुबंधित एजेन्सी द्वारा कार्य पूर्ण नहीं कराये जाने के कारण उसकी रिस्क एण्ड कास्ट पर पांचवे आमंत्रण में अन्य एजेन्सी नियत होने के कारण विलंब हुआ है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रोड की मरम्मत
[लोक निर्माण]
138. ( क्र. 1291 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 980 दिनांक 29.08.2016 कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण को लिखकर राष्ट्रीय मार्ग क्रमांक 78 कटनी से उमरिया मार्ग की मरम्मत के लिए लिखा था? उक्त पत्र पर कार्यपालन यंत्री ने पत्र क्रमांक 3505 दिनांक 20.10.2016 से संभागीय प्रबंधक म.प्र. सड़क विकास निगम शहडोल को मरम्मत हेतु लिखा था? यदि हाँ, तो उक्त पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य को महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन ईकाई कटनी द्वारा सूचित किया है कि पथराडी पिपरिया से गाताखेड़ा मार्ग का निर्माण किसी अन्य योजना में निर्माण करने की सलाह दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में (क) की रोड की मरम्मत कब तक की जावेगी एवं (ख) की रोड किसी अन्य योजना से बनाई जावेगी ताकि रोड का निर्माण हो सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। ठेकेदार को मरम्मत कार्य हेतु निर्देशित किया गया है। उनके द्वारा मरम्मत व मार्ग निर्माण कार्य जारी है। (ख) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा प्रदत्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) की रोड की मरम्मत ठेकेदार द्वारा की जा रही है। मरम्मत कार्य एक निरंतर प्रक्रिया है। निश्चित अवधि बताना संभव नहीं।
मंडी शुल्क अपवंचन पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
139. ( क्र. 1297 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 22.07.2016 में मुद्रित अतारांकित प्रश्न संख्या 9 (क्रमांक 161) के प्रश्नांश (ख) का उत्तर वसूली की जानकारी परिशिष्ट प्रपत्र एक के अनुसार उज्जैन संभाग के सचिवों/कर्मचारियों की दोषिता का निर्धारण किया गया है, जिसकी जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र–दो के अनुसार है। शेष दो संभागों के उक्त जाँचकर्ता अधिकारियों का प्रकरण अतंर्गत दोषिता का निर्धारण करने हेतु निर्देश जारी किए गए है, दिया गया है? तो फर्म सांवरिया ग्रुप को राशि 16,20,78,327/- की अनियमितता छूट देने वाले दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों को अभी तक निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित क्यों नहीं की गई। शेष अधिकारी कर्मचारियों की दोषिता का निर्धारण कर लिया गया या नहीं? यदि कर लिया गया तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 776 दिनांक 05.08.2016 प्रमुख सचिव, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, म.प्र. शासन को लिखा गया था? उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो कब तक की जावेगी और अब तक न करने के लिए कौन दोषी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दिनांक 22.07.2016 को मुद्रित उत्तर में उल्लेखित शेष दो संभाग भोपाल एवं सागर में सांवरिया एग्रो आईल्स लिमिटेड के प्रकरण में जाँच उपरांत प्राप्त अनियमितता के लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारियों की दोषिता का निर्धारण की जानकारी निम्नानुसार है:- भोपाल संभाग के अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति इटारसी एवं औबेदुल्लागंज में उक्त अनियमितता के लिये दोषी पाये अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सागर संभाग के अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति दमोह एवं गढ़ाकोटा में सांवरिया एग्रो आईल्स लिमिटेड के विरूद्ध लेखा सत्यापन के दौरान अधिरोपित मंडी शुल्क जमा करवा लिया गया है। किसी अधिकारी/कर्मचारियों पर दोषिता का निर्धारण की कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। उज्जैन एवं भोपाल संभाग अंतर्गत दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से संबंधितों को निलंबित किये जाने की कोई अनिवार्यता नहीं है। प्रचलित अनुशासनात्मक कार्यवाही में गुण-दोष के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। (ख) प्रश्नकर्ता से पत्र क्रमांक 777 दिनांक 05.08.2016 प्राप्त हुआ है, जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है।
मण्डी सचिव शिवपुरी की प्रतिनियुक्ति से मूल विभाग में वापसी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
140. ( क्र. 1330 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2007 पर प्रतिनियुक्ति पर आये वर्तमान मण्डी सचिव शिवपुरी आदेश क्रमांक 24 दिनांक 10-1-2014 में प्रतिनियुक्ति अवधि 31-03-2014 तक अंतिम बार बढ़ाई जाती है का स्पष्ट उल्लेख है? उक्त आदेश की अवहेलना करते हुए आदेश क्रमांक 273 दिनांक 27-06-2014 से इसकी प्रतिनियुक्ति अवधि 3 वर्ष किस आधार पर बढ़ाई गई? मूल विभाग में वापिस क्यों नहीं किया गया? (ख) आदेश क्रमांक 170 दिनांक 04-03-2009 की कार्यवाही अनुसार पत्र क्र. 154 दिनांक 12.6.15 अनुसार वर्तमान मण्डी सचिव, शिवपुरी को प्रतिनियुक्ति पर बने रहने हेतु निर्धारित प्रक्रिया के तहत पुन: फार्म भरने हेतु निर्देशित किया गया? प्रतिनियुक्ति की शर्तों अनुसार वर्तमान मण्डी सचिव शिवपुरी अपात्र पाये गये? इनको दिनांक 22-9-15 के साक्षात्कार हेतु नहीं बुलाया गया? इस अपात्र व्यक्ति की प्रतिनियुक्ति कैसे चल रही है, इनको मूल विभाग में वापिस क्यों नहीं किया गया? (ग) क्या माह अप्रैल 2015 में मण्डी सचिव शिवपुरी मंडी सचिव रायसेन पदस्थी के दौरान भोपाल में सेक्स रेकेट में पकड़ा गया था एवं पीटा एक्ट के तहत जेल भी गया तथा इससे मण्डी बोर्ड की छवि धूमिल हुई? यदि हाँ, तो निलंबित करके मूल विभाग में वापिस क्यों नहीं किया गया? इसके जिम्मेदार कौन है? क्या जिम्मेदार अधिकारी एवं उक्त मण्डी सचिव के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? (घ) मंडी सचिव शिवपुरी द्वारा मंडी की आय में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी की है? फिर भी इसको जिला मुख्यालय की मण्डी से क्यों नहीं हटाया जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। परंतु श्री रिजाज अहमद की पैतृक संस्था में शाखा प्रबंधक के पद पर पदोन्नति उपरांत अभिलेखों के मुताबिक मूंझरी बांध की घोषणा की जाने का लेख नहीं है। (ख) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग श्योपुर द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत मूंझरी बांध निर्माण हेतु रू. 25152 लाख का प्रस्ताव प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की डी.आई.पी. में सम्मिलित कर जिला योजना समिति श्योपुर से दिनांक 28.04.2016 को अनुमोदन कराकर उपसंचालक कृषि श्योपुर के माध्यम से संचालनालय को जिला सिंचाई प्लॉन (डी.आई.पी.) में प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। डी.आई.पी. को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति (एस.एल.एस.सी.) के समक्ष आगामी होने वाली बैठक में आवश्यक कार्यवाही हेतु रखा जावेगा। (ग) जी हाँ। मंझूरी बांध के निर्माण से 5100 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है। (घ) योजना की लागत 4.93 लाख प्रति हेक्टेयर आ रही है। जो जल संसाधन विभाग के मापदण्ड से अधिक है। स्वीकृति के संबंध में निर्णय राज्य स्तरीय मंजूरी समिति में लिया जाना है।
गुना अशोकनगर रोड निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
141. ( क्र. 1331 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना से शाढौरा तक क्षतिग्रस्त हो चुकी है सड़क के संधारण कार्य न होने तक टोल वसूली रोकी जावेगी या पेनल्टी लगाई जावेगी? (ख) क्या ग्राम शाढौरा में सड़क निर्माण कार्य की चौड़ाई एवं क्वालिटी मानक अनुसार नहीं है इसका निरीक्षण पी.एस. ने भी किया है? की गई कार्यवाही से अवगत कराये? (ग) सड़क की चौड़ाई में त्रुटि के लिये कौन जिम्मेदार है एवं उसक विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी? (घ) ग्राम शाढौरा में बीच में नाली बनने से बची हुई सड़क को शासकीय भूमि पर भू-माफिया कब्जा कर रहे है। क्या सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जावेगी तथा नाली दोनों और मकानों से सटाकर बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। कंसेशनायर द्वारा समय-समय पर आवश्यकतानुसार मार्ग का संधारण कार्य किया जाता है। अतः टोल टेक्स वसूली रोकने अथवा इस बाबत् पेनल्टी लगाने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (ख) ग्राम शाढोरा में सी.सी. रोड की चौड़ाई स्वीकृति अनुसार है जिसका निर्माण निर्धारित मापदण्डों के अनुसार स्वतंत्र इंजीनियर की देख-रेख में कराया गया है। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) ग्राम शाढोरा में नाली निर्माण का कार्य स्वीकृति के अनुसार किया जा रहा है। शासकीय भूमि पर भू-माफिया द्वारा कब्जा करने संबंधी कोई जानकारी प्राप्त नहीं है। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्य जिला मार्ग घोषित करना
[लोक निर्माण]
142. ( क्र. 1350 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण मार्गों एवं अन्य मार्गों को मुख्य जिला मार्ग तथा स्टेट हाईवे (राज्य मार्ग) घोषित करने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं उक्त निर्देशों की प्रति दें। (ख) नरसिंहपुर एवं सागर जिले के किन-किन मार्गों को मुख्य जिला मार्ग घोषित करने के प्रस्ताव किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं कारण बतायें तथा उनको कब तक मुख्य जिला मार्ग घोषित किया जायेगा। (ग) 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को उक्त जिलों में किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई। पत्रों के जवाब कब-कब दिये तथा यदि नहीं तो क्यों कारण बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग के अधीन मार्गों को ग्रामीण तथा अन्य मुख्य जिला मार्ग घोषित करने संबंधी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है।
टोल नाकों का संचालन
[लोक निर्माण]
143. ( क्र. 1363 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिपरिया, गाडरवाड़ा करेली, बहोरीपार, गोटेगांव, शहपुरा स्टेट हाईवे का निर्माण बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत निर्माण किया गया था? उक्त सड़क पर कुल कितने टोल नाके स्थापित किए गए थे एवं उनकी अवधि क्या निर्धारित की गई थी? (ख) क्या उक्त सड़कों पर संचालित टोल नाके वर्तमान में संचालित नहीं है? यदि हाँ, तो कब से एवं किस-किस कारणों से उनका संचालन बंद किया गया था? (ग) क्या उक्त सड़कों के पुनर्निर्माण हेतु कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक उक्त सड़कों का पुनर्निर्माण कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गन्ना विकास परिषद् का गठन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
144. ( क्र. 1364 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा गन्ना विकास परिषद् बनाए जाने संबंधी घोषणा की गई थी? यदि हाँ तो उस संबंध में आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) गन्ना विकास परिषद् बनाए जाने एवं गन्ने की दर तय करने संबंधी पत्र प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ तो उक्त पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं के संबंध में क्या कार्यवाही की गई बिन्दुवार जानकारी दें। (ग) नरसिंहपुर जिला अंतर्गत कौन-कौन सी शुगर मिल स्थापित हैं एवं क्या उन मिलों द्वारा शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ तो पालन किए जा रहे मापदंडों की मिलवार जानकारी दें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य की ओर से कुछ मिलों द्वारा शासन के मापदंडों की अनदेखी करने एवं प्रदूषण रोकने हेतु आवश्यक उपकरण न लगाए जाने संबंधी शिकायत जिलाध्यक्ष नरसिंहपुर को की गई है? यदि हाँ तो उस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है बिन्दुवार जानकारी दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। पत्र में उल्लेखित बिंदुओं के संबंध में की कार्यवाही की बिंदुवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) नरसिंहपुर जिला अंतर्गत स्थापित शुगर मिलों एवं शासन मापदंडो के पालन की मिलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जी हाँ। शासन के मापदंडो का पालन कराने एवं प्रदूषण रोकने हेतु आवश्यक उपकरण लगाये जाने हेतु कलेक्टर नरसिंहपुर के पत्र क्रमांक 4778 दिनांक 13.11.2016 द्वारा सभी शुगर मिलों के निरीक्षण हेतु दल गठित कर दिया गया है एवं क्षेत्रीय अधिकारी म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जबलपुर को पत्र क्रमांक 5001 दिनांक 17.11.2016 के अनुसार जाँच करने हेतु लेख किया गया है। पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन एवं चार अनुसार है।
टीकमगढ़ विधानसभा की सड़कों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
145. ( क्र. 1366 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी,2014 से प्रश्न दिनांक तक टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी सड़कों के निर्माण हेतु कितने प्रस्ताव शासन को योजना समिति से कितने जनप्रतिनिधियों से किस-किस दिनांक को प्राप्त हुये? अलग-अलग नामों सहित अवगत करायें? (ख) उक्त प्रस्तावों में से किन-किन प्रस्तावों की साध्यता का परीक्षण विभाग द्वारा कराया गया है तथा कितने प्रस्ताव स्वीकृति हेतु संज्ञान में लिये गये? सड़कों के नाम उनकी लागत सहित अवगत करायें? (ग) क्या टीकमगढ़ नगर हेतु बायपास की मांग वर्षों से की जा रही है? इस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन स्तर पर (A) डॉ. मुखर्जी बस स्टैण्ड से गौंगाबेर मंदिर तक एवं (B) स्वामी विवेकानंद प्रतिमा से सुभाष प्रतिमा तक की सड़क निर्माण के प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो स्वीकृति कब तक की जायेगी? (घ) बजट में अनुमोदित सड़क पहाड़ीखुर्द से बड़ौराघाट की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने में क्या अवरोध है? इसे कब जारी कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 13 सड़कों के निर्माण हेतु प्रस्ताव माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र टीकमगढ़ द्वारा जिला योजना समिति की बैठक दिनांक 18.09.2014 एवं 24.10.2015 में प्राप्त हुये थे। कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) सड़कों के नाम और लागत निम्नानुसार है:- (1) बगाज माता मंदिर पहुंच मार्ग लं. 1.40 कि.मी. लागत राशि 98.75 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 02.11.2015 को जारी की गई थी। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। (2) डॉ. मुखर्जी बस स्टैण्ड से गौंगाबेर मंदिर तक मार्ग लं. 4.40 कि.मी. लागत 909.40 लाख, (3) स्वामी विवेकानंद प्रतिमा से सुभाष प्रतिमा तक लं. 2.60 कि.मी. लागत 624.24 लाख, (4) पहाडी खुर्द से बडौराघाट मार्ग लं. 3.40 कि.मी. लागत राशि 237.85 लाख (ग) जी हाँ, टीकमगढ़ नगर हेतु रिंग रोड़ के प्रस्ताव का परीक्षण किया गया। जो वर्तमान में किसी भी योजना में प्रस्तावित नहीं है। जी हाँ। वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) कार्य बजट में शामिल नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
हरपुरा पिकअप बियर के घटिया निर्माण की जाँच
[जल संसाधन]
146. ( क्र. 1367 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिलांतर्गत हरपुरा पिकअप बियर योजना की लागत कितनी है? योजना से कितने तालाब भरे जाना है? कितने हेक्टेयर रकबा सिंचित किये जाने का प्रावधान है? तालाबों के नाम सहित अलग-अलग जानकारी दें? (ख) योजना निर्माण हेतु किस दिनांक को कार्यादेश जारी किया गया तथा कब तक इसे पूर्ण करना था? (ग) क्या नहर निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है जिससे नहर निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे नहर का पानी किसानों के खेतों में घुस गया था तथा फसलें भी बर्बाद हो गई थी? क्या घटिया एवं अमानक स्तर के नहर निर्माण की उच्चस्तरीय जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ तो समय-सीमा बताये।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) हरपुरा सिंचाई एवं नदी तालाब जोड़ों परियोजना की शीर्ष कार्य सहित संयुक्त लागत रू. 6091.69 लाख है। परियोजना से 11 तालाबों को भरा जाकर कुल 1980 हे. भूमि में सिंचाई करने का प्रावधान है। तालाबों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शीर्ष कार्य का कार्यादेश दिनांक 21.06.2012 को जारी किया गया एवं कार्य पूर्ण करने की तिथि 20.06.2013 निर्धारित थी। शेष परियोजना का कार्यादेश दिनांक 11.06.2012 को दिया गया एवं अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 10.12.2013 थी। (ग) जी नहीं। दिनांक 18 एवं 19 अगस्त 2016 को अतिवृष्टि होने से नदी का पानी नहर में प्रवेश किया, फलस्वरूप दो जगह नहर काटकर पानी की निकासी की गई। नहर में क्षमता से अधिक पानी प्रवेश होने के कारण एक कार्य स्थल पर नहर क्षतिग्रस्त हुई जिसके कारण किसानों के खेतों में पानी भर गया था, जिसे ठीक करा लिया गया है। किसानों की फसल को हुई क्षति का आंकलन तहसीलदार टीकमगढ़ द्वारा किया गया, जिसका भुगतान ठेकेदार द्वारा संबंधित को कर दिया गया है। नहर में अमानक स्तर का कार्य नहीं किया गया है, अतः उच्च स्तरीय जाँच की आवश्यकता नहीं है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
मैहर विधानसभा में सिंचाई सुविधा
[जल संसाधन]
147. ( क्र. 1370 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितना रकबा, किन-किन योजनाओं से सिंचित किया जा रहा है? सिंचाई रकबा बढ़ाने के लिए विभाग की क्या योजना है? (ख) मैहर के पहाड़ क्षेत्र के लगभग पचास ग्रामों के कृषकों को बाणसागर बांध से जलावर्धन योजना बनाई जाकर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने संबंधी माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा की पूर्ति हेतु कब तक योजना बनाने का कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) मा. मुख्य मंत्रीजी की घोषणा की पूर्ति हेतु रामनगर माईक्रो सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.11.2016 को रू.387.08 करोड़ की 20,000 हे. के लिए प्रदान की गई है। परियोजना से मैहर विधान सभा क्षेत्र के 25 ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
लोक निर्माण विभाग के नए निविदा नियम
[लोक निर्माण]
148. ( क्र. 1371 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग में निविदा बुलाने संबंधी नये नियम बनाये गए हैं? यदि हाँ तो उपलब्ध करावें? क्या उक्त नियमों में यह उल्लेखित है कि निविदा प्रक्रिया में वे ही ठेकेदार भाग ले सकेंगे जिन्हें सरकारी कार्य का पूर्ण अनुभव होगा? (ख) निविदा नियमों की प्रश्नांश (क) वर्णित शर्त से क्या प्रतियोगिता का अभाव नहीं हो जाएगा ओर सीमित फर्म व ठेकेदार ही निविदा में भाग ले सकेंगे, जिसमें कार्यों की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी? (ग) जब निजी कार्यों का अनुभव रखने वाले ठेकेदार भी शासन को सभी प्रकार के शुल्क इत्यादि का भुगतान करते है? तो क्या विभाग द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य कराये जाने व शुद्ध प्रतियोगिता बढ़ाने के लिए उक्त नियम से उक्त शर्त बदलने पर विचार किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी नहीं अपितु निविदा की विशेष शर्त दिनांक 10.12.2015 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 से जारी आई-1 के उल्लेखित जनरल नोट की कंडिका (b) अनुसार शासकीय कार्य का अनुभव ही मान्य करने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में इस संबंध में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सारो से पोखरा सिंचाई नहर का निर्माण
[जल संसाधन]
149. ( क्र. 1374 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के सिहावल विकासखण्ड के सारो से पोखरा सिंचाई नहर का कार्य कब से स्वीकृत है? (ख) प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण हुआ एवं उसमें कितनी राशि व्यय हुई? कार्य की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें? (ग) प्रश्नांश (क) नहर से किसानों को सिंचाई सुविधा कब तक उपलब्ध कराई जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) सारो जलाशय की पोखरा माइनर का सुदृढ़ीकरण प्रस्ताव प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
लोक निर्माण विभाग के कार्यों हेतु जारी निविदाएं
[लोक निर्माण]
150. ( क्र. 1377 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों की किस दिनांक को कितनी राशि की निविदा जारी की गई? कार्यवार स्थानवार बताये। (ख) जारी निविदाओं में कितनी निविदाएं निर्धारित दर से अधिक राशि की स्वीकृति की गई? नाम स्थान कार्य का नाम निविदा मूल्य एवं स्वीकृत दर सहित बताये? (ग) प्रश्न (क) अवधि में कितनी निविदाएं निविदा मूल्य/दर से, कम दर/मूल्य की, स्वीकृत की गई? कार्य के नाम स्थान निविदा दर/मूल्य स्वीकृत दर/मूल्य बताये? कम दर पर स्वीकृत कार्यों में अधिक कार्य कराके राशि भुगतान की गई है ऐसे कार्य, स्थान, स्वीकृत राशि एवं अधिक कार्य दिखाकर भुगतान राशि सहित बतायें? (घ) क्या कम दर पर स्वीकृत कार्य प्राक्कलन अनुसार गुणवत्तापूर्ण पाये गये हैं? यदि नहीं तो कौन से कार्य गुणवत्ता पूर्ण नहीं पाये गये हैं? इसका प्रमाणीकरण किस कार्य कराने वाले एवं उच्च स्तर के सक्षम अधिकारी द्वारा किया है? नाम, पद, कार्य सहित बताये कौन से कार्य गुणवत्ता पूर्ण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2' अनुसार है। (घ) जी हाँ। कोई नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2' अनुसार है। सभी कार्य गुणवत्ता पूर्ण है।
सम्राट आशोक सागर परियोजना
[जल संसाधन]
151. ( क्र. 1381 ) श्री विष्णु खत्री : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत सम्राट अशोक सागर परियोजना (हलाली बांध) के डूब से प्रभावित किसानों की समस्या हेतु एक पत्र माननीय मंत्री जी एवं प्रमुख सचिव को दिनांक 06.09.2016 को दिया गया था अथवा नहीं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र में दर्शित चरणवार बिन्दुओं पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या हलाली बांध हेतु ग्राम करोंदखुर्द, कढैयाखुर्द, मोमनपुर एवं कनेरा के किसानों की अधिग्रहित की गयी भूमि का मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है एवं बांध में जल निकासी (वेस्ट वियर) की क्षमता कम होने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है? इस पर विभाग की क्या कार्ययोजना है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) पत्र में उल्लेखित दो बिन्दु परीक्षणाधीन हैं। शेष बिन्दुओं पर कार्यवाही की जाकर किसानों को मुआवजा राशि रू. 5,94,29,525/- भुगतान करने की स्वीकृति दिनांक 17.11.2016 द्वारा प्रमुख अभियंता को दी गई है। बांध में जल निकासी (वेस्ट वियर) की क्षमता पर्याप्त होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
गृह
निर्माण संस्थाओं
द्वारा
हितग्राहियों
के साथ प्लाट
आवंटन में
अनियमितता
[सहकारिता]
1. ( क्र. 33 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. की 2179 गृह निर्माण संस्थाओं में से क्या 1100 संस्थाओं ने हितग्राहियों के साथ प्लाट आवंटन में भ्रष्टाचार व अनियमितताएं की हैं? उनमें से कितने प्रकरण सहकारी सोसायटी अधिनियम के अध्याय 8 (क) में प्रकरण दर्ज हुए तथा नहीं हुए तो क्यों व कब तक होंगे? (ख) रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल जिसने 100 एकड़ भूमि में 1500 प्लाट के आवंटन से लेकर रजिस्ट्री तक में भ्रष्टाचार व अनियमितता की उसके संबंध में क्या-क्या शिकायतें कब-कब मिली तथा इस सोसायटी के सदस्यों की सूची के नाम व पते देवें? (ग) क्या सहकारिता मंत्री जी ने रोहित गृह निर्माण व गंभीर अनियमितताओं वाली गृह निर्माण सहकारी समितियों की एस.टी.एफ से जाँच की घोषणा की थी उस दिशा में क्या प्रगति हुई है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में प्रभावशील कानून
[विधि और विधायी कार्य]
2. ( क्र. 35 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विधि विभाग में संधारित अभिलेख के अनुसार वर्तमान में कौन-कौन से कानून प्रभाव में है? क्या प्रदेश में प्रभावी कानून में से कुछ कानून वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गैर जरुरी हो गये हैं? यदि हाँ तो क्या विभाग प्रदेश में लागू गैर जरुरी कानूनों को समाप्त करने का विचार रखता है? यदि हाँ तो किन-किन को कब तक? (ख) क्या विधि विभाग दवारा प्रदेश में कानूनों की संख्या में कमी, समीक्षा एवं सरलीकरण के लिए कोई कमेटी गठित की है? गठित कमेटी ने प्रश्न दिनांक तक कितने अधिनियमों को निरस्त किया या रिपील किया है तथा कौन-कौन से अन्य निर्णय लिए? (ग) क्या कानूनों की उपयोगिता तय करने का कार्य विभिन्न सम्बन्धित प्रशासकीय विभाग करते हैं? यदि हाँ तो 1 जनवरी, 2010 के पश्चात् कितने प्रशासकीय विभागों ने कानूनों की उपयोगिता हेतु विधि विभाग को सूचना दी, उस पर क्या कार्यवाही विभाग दवारा की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। दिनांक 1 जनवरी, 2010 के पश्चात् तीन प्रशासकीय विभागों ने 13 कानूनों की उपयोगिता हेतु विधि विभाग को सूचना दी एवं उस पर विधि विभाग द्वारा मध्यप्रदेश स्वायत्त सहकारिता निरसन अधिनियम, 2013 (क्रमांक 13 सन् 2013) एवं मध्यप्रदेश निरसन अधिनियम, 2016 (क्रमांक 19 सन् 2016) अधिनियमित कराया गया है।
कृषि यंत्रीकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
3. ( क्र. 41 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में सरकार ने कृषि यंत्रीकरण दिशा में किन-किन योजनाओं को लागू कर क्रियान्वित किया है? ब्यौरा दें। (ख) उज्जैन, रतलाम एवं मंदसौर जिलों में कृषि यंत्रीकरण अंतर्गत किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में क्या-क्या स्थापना, योजना क्रियान्वयन, कृषि उत्पाद बढ़ौत्तरी दिशा में लागू की लाभान्वितों की संख्या सहित उपलब्धि का ब्यौरा दें? (ग) क्या सरकार ने कृषि उत्पादकों संबंधी किसी संस्था का गठन किया है? यदि हाँ तो कौन सी तत्संबंधी पूर्ण ब्यौरा दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
क्षतिग्रस्त तालाब एवं बांध
[जल संसाधन]
4. ( क्र. 44 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 में वर्षा के दौरान प्रदेश में अब तक कितने एवं कौन-कौन से तालाब एवं बांध क्षतिग्रस्त हुए? जिलेवार, तहसीलवार ब्यौरा दें? (ख) क्षतिग्रस्तता के कारण आर्थिक क्षति निर्माण वर्ष व कार्य गुणवत्ता खराबी आदि का ब्यौरा दें साथ ही जिम्मेदारों पर की गई कार्यवाही का पूर्ण ब्यौरा तालाबवार, बांधवार दें? (ग) उक्त तालाबों व बांधों की क्षति के कारण आम नागरिकों व किसानों को होने वाली क्षति, समस्याओं की जानकारी दें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पांच तालाब/बांध क्षतिग्रस्त हुए। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) पूर्ण ब्यौरा तालाबवार संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) पांचों तालाब/बांधो के क्षतिग्रस्त होने से कोई जनहानि प्रतिवेदित नहीं है। वर्ष 2016 में इन जलाशयों में भराव नहीं हुआ है। सिरस्वाहा एवं बिलखुरा तालाब निर्माणाधीन होने से निर्माण एजेंसियों द्वारा स्वयं के व्यय पर कार्य कराये जाने के कारण शासकीय धन की हानि नहीं होना प्रतिवेदित हैं।
बीज निगमों से खरीदे गए बीज पर शासकीय अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
5. ( क्र. 61 ) श्री हरवंश राठौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बण्डा के कृषकों द्वारा जिला सागर के बीज निगमों से खरीदे गए बीज पर शासकीय अनुदान कृषकों के खातों में जमा कराने का प्रावधान कब से लागू किया गया है? (ख) योजना लागू होने के वर्ष से क्या प्रतिवर्ष कृषकों के खातों में अनुदान राशि जमा की जा रही है? यदि नहीं, तो किन-किन वर्षों की कितने कृषकों के खाते में राशि जमा नहीं कराई गई है? (ग) क्या कृषकों को तत्काल लाभ दिलाने के लिए तथा योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए बीज खरीदते समय बीज निगम में ही शासकीय अनुदान के समायोजन करने हेतु भविष्य में कोई प्रावधान संभव है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) शासकीय बीज उत्पादक/प्रदायक संस्थाओं से खरीदे गये बीज पर शासकीय अनुदान कृषकों के खातों में जमा कराने का प्रावधान शासन द्वारा 11 अक्टूबर, 2012 से लागू किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं।
पगरा डेम निर्माण के विस्थापितों का पुनर्वास
[जल संसाधन]
6. ( क्र. 66 ) श्री हरवंश राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा के ग्राम पगरा डेम निर्माण के कारण कितने परिवारों को किन-किन ग्रामों में विस्थापित किया गया है? (ख) क्या विस्थापित परिवारों के जीवन यापन निवास आवागमन के लिये सड़क आदि की पूर्ति कर पुनर्वास व्यवस्थाएं पूर्ण कर दी गई है? ग्राम मोनपुर में विस्थापित बस्ती में बिजली के पाल एवं नाली निर्माण क्षतिग्रस्त हो गए हैं? (ग) क्या पगरा डेम निर्माण के विस्थापित परिवारों को ग्राम मोनपुर में आवागमन हेतु सड़कों का निर्माण कार्य कराया गया था जो गुणवत्ताविहीन होने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है? उक्त रोड की मरम्मत कार्य कब तक करायी जाएगी एवं संबंधित एजेंसी पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्राम डिलाखेड़ी में 656 एवं ग्राम भीकमपुर आबाद में 192 परिवारों को। (ख) जी नहीं, व्यवस्थाएं निर्माणाधीन है। जी हाँ, अतिवृष्टि, आंधी एवं नाली के ऊपर से भारी वाहन चलाये जाने के कारण। अनुबंध के अंतर्गत मरम्मत कार्य प्रगतिरत है। (ग) जी हाँ। निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। निर्माणाधीन सड़क में अतिवृष्टि के कारण क्षति हुई न कि गुणवत्ता में कमी के कारण। अनुबंध के अंतर्गत क्षति की मरम्मत कर सड़क निर्माण प्रगति पर होने से एजेंसी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि उपज मंडी समिति आगर में कर्मचारियों की नियुक्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( क्र. 95 ) श्री गोपाल परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर विधानसभा की कृषि उपज मंडी आगर में कार्यरत श्री राधेश्याम गवली, शांतीलाल परमार, सुनील जैन पिता श्री बापूलाल जैन सन 1992 से कार्यरत हैं? यदि हाँ तो कब तक कार्यरत थे? क्या इनको कार्य से हटा दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? (ख) क्या इनको लेबर कोर्ट से हाई कोर्ट से वापिस कार्य पर रखने के आदेश मंडी बोर्ड को प्राप्त हुए तो कब? (ग) क्या आदेश प्राप्त होने के पश्चात् इन्हें फिर से काम पर लगाया गया? न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने पर संबंधित दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। कृषि उपज मंडी समिति आगर में श्री राधेश्याम गवली, शांतिलाल परमार, सुनील जैन पिता श्री बापूलाल जैन, द्वारा दिनांक 19.04.1991 से 09.12.1991 तक दैनिक वेतनभोगी मौसमी कर्मचारी के रूप में कार्य किया गया। मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार वर्ष 1988 के पश्चात् नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सेवा समाप्ति संबंधी दिये गये निर्देश के पालन में मंडी समिति आगर द्वारा उक्त कर्मियों को दिनांक 10.12.1991 से कार्य से पृथक किया गया था। (ख) माननीय श्रम न्यायालय उज्जैन द्वारा क्रमश: प्रकरण क्रमांक 53/7, 05/08 में दिनांक 23 मई 2011 एवं प्रकरण क्रमांक 62/09 में दिनांक 01 जून 2011 को आई.डी.एक्ट (रिफरेंस) के तहत अवार्ड पारित कर इनको बिना पिछले वेतन के पूर्व पद पर पुन: स्थापित करने हेतु निर्देशित किया गया है। माननीय श्रम न्यायालय उज्जैन द्वारा पारित अवार्ड के विरूद्ध कृषि उपज मंडी समिति आगर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में क्रमश: अपील प्रकरण क्रमांक 10376/11 (एस), 10373/11 (एस), 10374/11 (एस), दाखिल की गई जिसमें माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा दिनांक 30.01.12 को अंतरिम आदेश पारित कर आई.डी.एक्ट 1947 की धारा 17 (बी) औद्योगिक विवाद अधिनियम का पालन हेतु आदेशित किया गया। माननीय उच्च न्यायालय के उक्त आदेश के पालन में प्रश्नागत कर्मियों को 17 बी के तहत राशि रूपयें 630/- प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में विचाराधीन है। (ग) जी नहीं। माननीय श्रम न्यायालय उज्जैन द्वारा पारित अवार्ड के विरूद्ध मंडी समिति आगर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में दाखिल अपील प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश दिनांक 30.01.2012 का पालन किया जा चुका है तथा अपील प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने से किसी भी अधिकारी के दोषी नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
धान बीज का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
8. ( क्र. 101 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरीफ वर्ष 2016-17 में धान बीज की संस्थावार कितनी मात्रा उपलब्ध थी? कितनी वितरित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में म.प्र. बीज एवं फार्म विकास निगम जबलपुर में कितनी मात्रा में धान बीज उपलब्ध था एवं कितना वितरण कराया गया? (ग) क्या जबलपुर जिले में क्रांति धान की पर्याप्त उपलब्धता नहीं थी, जिसके कारण किसानों को निजी संस्थाओं/खुले बाजार से अधिक मूल्य पर धान बीज क्रय करना पड़ा हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम जबलपुर में धान की विभिन्न किस्मों का कुल 525.75 क्विं. बीज उपलब्ध था जिसमें से 479.55 क्विं. का वितरण किया गया। (ग) जी नहीं। जबलपुर जिले में क्रांति धान की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जिले में निजी संस्थाओं/खुले बाजार से अधिक मूल्य पर धान बीज क्रय का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया और न ही कोई शिकायत प्राप्त होना पाया गया।
कृषि आदान सामग्री का भण्डारण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
9. ( क्र. 102 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विकासखंड में किसानों को उपलब्ध कराई जाने वाली कृषि आदान सामग्री के भण्डारण की व्यवस्था हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या पनागर विकासखंड से कृषि आदान सामग्री ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी केन्द्र तक भेजने की व्यवस्था हैं? (ग) क्या ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी केन्द्र पर भण्डारण व्यवस्था न होने के कारण दूरस्थ क्षेत्र के किसानों को आदान सामग्री के लिए विकासखण्ड कार्यालय आना पड़ता है, जिससे उन पर आर्थिक बोझ पड़ता हैं? (घ) क्या शासन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी केन्द्र तक आदान सामग्री भेजने अथवा भंडारण की व्यवस्था करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विकासखण्ड पनागर में कृषि आदान सामग्री के भण्डारण की व्यवस्था हैं। (ख) ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी केन्द्र से कृषि आदान सामग्री वितरण का कोई प्रावधान नहीं हैं। (ग) किसान समीप स्थित सहकारी संस्था से आदान सामग्री प्राप्त करते है। अत: उत्तरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में कृषकों पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ता। (घ) ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी का मुख्य कार्य कृषि तकनीक एवं विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जिला श्योपुर में सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 108 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर में सन् 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने सड़क, पुल-पुलिया निर्माण के प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुये? (ख) कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई एवं कितनों में कार्य प्रारंभ हो चुका है, कितनी स्वीकृति हेतु शेष हैं? प्रस्तावित सड़कें किस कारण से अभी तक स्वीकृत नहीं हुईं? (ग) प्रश्नांकित (क) अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रदेश के मा. मंत्री जी, लोक निर्माण विभाग, प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता, अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग को 1- टेंटरा-धोबिनी -मोहना मार्ग के उन्नतीकरण, 2- आवदा से सरजूपुरा, मसावनी रोड तक, केरका से एम.डी.आर. रोड तक, 3- श्यामपुर से धौरी बाबड़ी रोड नहर से काऊपुरा व्हाया रामोलापुरा, 4- झोपडी, बरोली रोड से कतरनीपुरा, 5- हीरापुरा-नीमच रोड से अर्रोदरी, टर्राखुर्द से भूतकछा, 7- गसवानी से बडोदाकलां, 8- काठोन रोड से दरिगंवा, 9- टेंटरा-विजयपुर, 10-विजयपुर-धोबिनी-मोहना सड़क मार्ग को बी श्रेणी में स्वीकृत किये जाने, प्रस्तावित, एम.डी.आर. रोड आवदा-अजापुरा मार्ग आदि सड़कों के निर्माण हेतु पत्र भेजे गए? (घ) यदि हाँ तो इन पर अभी तक की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण हैं? कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत है? कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रकियाधीन है? इन्हें कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत (1) मोहना-पोहरी मार्ग स्वीकृत होकर दिनांक 06/08/2015 से निर्माणधीन है जिसमें श्योपुर जिले का 2.2 कि.मी. का भाग शामिल है। (2) टेंटरा-विजयपुर-धोवनी मार्ग का प्राक्कलन तैयार कर अग्रिम कार्यवाही जारी है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. श्योपुर के पत्र दिनांक 15.06.2016 एवं मुख्य अभियंता (उत्तर) ग्वालियर के पत्र दिनांक 28.10.2016 द्वारा अवगत कराया गया है। टेंटरा-विजयपुर-धोवनी मार्ग का डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति की प्रक्रिया में है। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन होने से शेष मार्गों की स्वीकृति प्रदान किया जाना संभव नहीं है। अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
माध्यम द्वारा कराए गए कार्य
[जनसंपर्क]
11. ( क्र. 110 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के जनसंपर्क विभाग अंतर्गत 'माध्यम' द्वारा जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक कौन-कौन से कार्य/आयोजन कितनी-कितनी राशि के कराये गए? उक्त कार्य किस-किस इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा कराये गए? इवेंट कंपनी के संचालकों के नाम, पते सहित सूची दें? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में किस-किस इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को कितना-कितना भुगतान किस-किस कार्य के लिए कब-कब किया गया? कितना भुगतान किया जाना शेष है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
युवा उद्यमी को रोजगार हेतु ऋण अनुदान राशि प्रदान की जाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
12. ( क्र. 118 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य बैंक शाखावार शासन से आवंटित किये गये हैं? क्या विभाग द्वारा बैंक शाखावार लक्ष्यानुसार वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य की पूर्ति की गई है? यदि नहीं तो वित्तीय लक्ष्य की पूर्ति नहीं होने के क्या-क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं अन्य विभाग की स्वरोजगार योजनान्तर्गत कितने युवा बेराजेगारों के आवेदन प्राप्त हुये, कितने प्रकरण स्वीकृत कर बैंक शाखाओं द्वारा स्वीकृत कर कितनी-कितनी राशि वितरण कर उन्हें अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई गई है? कितने हितग्राहियों के खाते में अनुदान राशि शेष है? हितग्राहियों के खाते में अनुदान राशि शेष होने के क्या कारण हैं? (ग) शासन द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं अन्य विभाग की स्वरोजगार योजनान्तर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों की स्वीकृति, लंबित वितरण प्रक्रिया के संबंध में माननीय सांसद/विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि की उपस्थिति में कब-कब समीक्षा बैठक आयोजित की गई? उक्त बैठकों में कितने-कितने लंबित एवं प्रचलित प्रकरणों का निराकरण किया गया है एवं कितने प्रकरण निराकृत योग्य नहीं है? उसेके क्या कारण हैं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। विभाग द्वारा बैक शाखावार लक्ष्यानुसार भौतिक/वित्तीय लक्ष्य की पूर्ति की गई है (मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना/मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में भौतिक लक्ष्य तथा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना में वित्तीय लक्ष्य)। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अन्तर्गत प्राप्त आवेदन, स्वीकृत प्रकरण तथा वितरित प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त योजनाओं में अनुदान राशि बैंक शाखाओं द्वारा सीधे ही नोडल बैंकों से क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया के अन्तर्गत प्राप्त की जाती है, जिसकी जानकारी बैंक स्तर पर संधारित की जाती है, जिला कार्यालय स्तर पर नहीं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) माननीय प्रभारी मंत्री महोदया द्वारा दिनांक-20/10/2014, 01/07/2015,08/02/2016,26/04/2016 एवं 03/08/2016 को योजना की समीक्षा की गई जिसमें माननीय सांसद / विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित हुए है। स्वरोजगार हेतु प्राप्त ऋण प्रकरण पर जिले की टास्क फोर्स समिति की बैठक में निर्णय लिये जाते हैं। वित्तीय वर्ष का लक्ष्य पूर्ण होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
फसल बीमा दावा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 127 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अन्तर्गत वर्ष 2015-16 की खरीफ फसल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत कितन-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? तहसीलवार स्वीकृत राशि की जानकारी से अवगत करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2015-16 की खरीफ फसल की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत स्वीकृत बीमा दावा राशि का भुगतान प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? (ग) जिला राजगढ़ अन्तर्गत वर्ष 2015-16 की फसल बीमा दावे राशि का वितरण कब तक किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2015-16 में राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू नहीं थी। अत: जानकारी निरंक है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना अन्तर्गत खरीफ वर्ष 2015 हेतु दावा राशि का भुगतान संबंधित नोडल बैंकों को कर दिया गया है। तथा रबी वर्ष 2015-16 हेतु भुगतान का आंकलन प्रक्रियाधीन है।
पोली हाउस निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
14. ( क्र. 128 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में संरक्षित खेती अन्तर्गत पोली हाउस निर्माण का भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य क्या था? विकासखण्डवार आवंटित राशि एवं कितने-कितने हेक्टेयर निर्माण किया जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या योजनाओं से लाभांवित किये जाने के शासन के कोई नियम हैं? यदि हाँ, तो क्या है? शासन स्तर से जारी आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में योजना अंतर्गत कितने-कितने आवेदन प्राप्त किये जाकर कितने किसानों को योजना से लाभान्वित किया गया वर्षवार, हितग्राहीवार, ग्रामवार जानकारी देवें? प्राप्त लक्ष्य से अधिक आवेदन आने पर चयन का क्या मापदण्ड रखा गया था?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। संरक्षित खेती की प्रोत्साहन योजना के मार्गदर्शी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर ऑन-लाईन आवेदन में प्रथम आओ प्रथम पाओ का मापदण्ड रखा गया है।
लोक निर्माण के अन्तर्गत पुलों का निर्माण
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 148 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने बालाघाट जिले की बावनथडी नदी पर आजंनबिहरी से आष्टी मार्ग पर, पुलपुट्टा से ढूटेरा मार्ग पर, दिगधा से कोडबी मार्ग पर नाले पर, चन्द्रकुआं से धानोड़ मार्ग पर पुल निर्माण की मांग विभाग से की है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन पुलों के निर्माण के स्टेजवन प्राक्कलन प्रमुख अभियन्ता लोकनिर्माण को पहुंच चुके हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं।
बालाघाट जिले की नहलेसरी तथा जमुनियां तालाब की माइनरों का सिमेन्टीकरण
[जल संसाधन]
16. ( क्र. 149 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणानुसार जल संसाधन संभाग बालाघाट के अधीन नहलेसरी एवं जमुनियां तालाब की माइनरों का सीमेन्टीकरण करना शेष बचा है? (ख) यदि हाँ, तो माइनरों के सीमेन्टीकरण कार्य को कब तक प्रशासकीय स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान कर दी जावेगी? निश्चित तिथि बताई जावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मा. मुख्यमंत्रीजी की घोषणा के अनुक्रम में विभाग द्वारा चिन्हित नहरों का लाईनिंग कार्य पूर्ण करा दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
फसल बीमित कृषकों की जानकारी संख्या
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
17. ( क्र. 153 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैहर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत बालाघाट जिले के बिरसा, बैहर एवं परसवाड़ा विकासखण्डों में प्रधानमंत्री फसल बीमा के अन्तर्गत खरीफ वर्ष 2016 में कौन-कौन सी फसल में कितने ऋणी/अऋणी कृषकों का फसल बीमा किया गया? कुल फसल का रकबा, कुल बीमित राशि का कुल कितनी प्रीमियम राशि ऋणी/अऋणी कृषकों से बीमा कम्पनी को प्राप्त हुई है? विस्तृत जानकारी देवें? (ख) बीमा कम्पनी के द्वारा बीमा करने के पूर्व कौन से जोखिम घटक प्राकृतिक आपदा के निर्धारित किये गये थे? क्या बीमा कम्पनी, राजस्व, कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा कीट व्याधि बीमारियों से नुकसान होने वाली फसलों को बीमा जोखिम घटक में शामिल किया जाना बताया गया था? (ग) किन-किन ग्रामों में कीट व्याधि फफूंद जनित रोगों से भारी मात्रा में कृषकों को नुकसान हुआ है? क्या कृषि विभाग द्वारा बीमा कम्पनी को अवगत कराया गया? यदि हाँ, तो ऐसे कृषकों की जानकारी देवें? बीमा कम्पनी द्वारा अभी तक कितने कृषकों की फसल नुकसान का भुगतान किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित फसल अवस्थाओं पर अधिसूचित फसलों हेतु अधिसूचित क्षेत्र में फसल क्षति जोखिम आवरित है। (1) बुआई/रोपाई/अंकुरण नष्ट होने का जोखिम:- अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसलों में वर्षा की कमी या विपरीत मौसमी परिस्थितियों के कारण बुआई/रोपाई/अंकुरण नष्ट होगा। (2) फसल मौसम में मध्य में हानि:- खड़ी फसल (बुआई से कटाई तक) की अवस्था में:- सूखा, सूखा अंतराल, बाढ़, जलप्लावन, कीट व्याधि, भूस्खलन,प्राकृतिक आगजनी, बिजली गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, बवंडर आदि के कारण उत्पन्न जोखिम फसल हानि। (3) कटाई उपरांत क्षति:- कटाई के उपरांत खेत में कटी हुई एवं बिना बंधी फैली हुई फसल के कटाई के 14 दिवस के भीतर चक्रवात, चक्रवाती वर्षा एवं बेमौसम वर्षा के कारण फसल क्षति। (4) क्षेत्रीय आपदा:- क्षेत्रीय आपदा जिसमें ओलावृष्टि, भूस्खलन एवं जलप्लावन के कारण उत्पन्न जोखिम से फसल क्षति। कीट व्याधि से नुकसान होने वाली फसलों को ''क्षेत्रीय/स्थानीय आपदा'' में शामिल नहीं होने से योजना अनुसार संयुक्त सर्वे का प्रावधान नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कीट व्याधि से नुकसान ''स्थानीय आपदा'' में शामिल नहीं होने से संयुक्त सर्वे किया जाना योजना में प्रावधानित है तथापि दावों का भुगतान फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त परिणामों के आधार पर किया जावेगा।
गाडरवारा क्षेत्र में संचालित सहकारी समितियां
[सहकारिता]
18. ( क्र.
157 ) श्री
गोविन्द
सिंह पटेल :
क्या राज्यमंत्री, सहकारिता
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नरसिंहपुर
जिले की
गाडरवारा
विधानसभा
क्षेत्र में
विभिन्न
प्रकार की
कितनी सहकारी
समितियां
संचालित हैं? (ख) इन
समितियों के
नाम एवं मुख्यालय
की ब्यौरेवार
जानकारी
देवें? (ग) क्या
समितियों के
बढ़ते हुये
कार्य को बोझ (अधिकता)
के कारण नई
समितियां
बढ़ाये जाने
का प्रस्ताव
उपभोक्ताओं
द्वारा एवं
समितियों
द्वारा विभाग
को प्राप्त
हुये हैं? नई
समितियां कब
तक गठित की
जायेंगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता
( श्री
विश्वास
सारंग ) : (क) 83 (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र अनुसार
है। (ग) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
गाडरवारा क्षेत्र में विभाग के नलकूपों की संख्या
[जल संसाधन]
19. ( क्र. 158 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा अनुविभागीय कार्यालय के अंतर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत हैं तथा कितनों का अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया गया है? (ख) क्या अल्प वेतनभोगी कर्मचारी जैसे चौकीदार, भृत्य आदि उन्हें पारिवारिक कठिनाईयों को देखते हुये गाडरवारा में स्थानांतरित किया जायेगा? (ग) क्या गाडरवारा शहर में विभाग का बड़ा कार्यालय एवं आवासीय बंगले तथा बीसों एकड़ बेशकीमती जमीन है उसके बारे में विभाग की क्या योजना है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 47 कर्मचारी कार्यरत है। इनमें से 13 कर्मचारियों का अन्यत्र स्थानांतरण किया गया है। (ख) स्थानांतरण नीति के प्रावधानों के अंतर्गत होने अथवा लोक हित की दृष्टि से अपरिहार्य होने की दशा में। (ग) जी हाँ। वर्तमान में कोई नवीन योजना नहीं है।
सिविल लाईन से सोहावल मोड तक सड़क का जीर्णोद्धार
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 173 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में सिविल लाइन चौक से लेकर सोहावल मोड़ तक किस ठेकेदार द्वारा सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया गया है? यह गुणवत्ताहीन सड़क बनने क साथ ही जगह-जगह से धंस गई थी और इस बरसात में पूरी तरह ऊखड़ चुकी है तथा सतना-पन्ना मार्ग का आवागमन अवरूद्ध हो रहा है यह सड़क किन शर्तों के अधीन कितनी लागत में कब बनाई गई है? तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के साथ बतायें? (ख) इस सड़क चौड़ीकरण के लिए ठेकेदार द्वारा कितने वृक्ष काटे गये थे? वृक्ष काटने की अनुमति किन शर्तों के अधीन दी गई थी तथा इस सड़क पर वृक्षारोपण के लिए कितनी राशि आरक्षित की गई थी? उस राशि का क्या हुआ? (ग) यह सड़क कितने वर्ष गारंटी पर ठेकेदार द्वारा बनाई गई थी? गारंटी पीरियड में सड़क उखड़ने के बाद भी ठेकेदार द्वारा रिपेयरिंग का कार्य नहीं कराया गया तो विभाग द्वारा ठेकेदार द्वारा जमा की गयी 75 लाख सिक्योरिटी राशि से रिपेयरिंग का काम क्यों नहीं कराया गया तथा आम जनता को हुई परेशानी के लिए कोन अधिकारी दोषी है तथा शासन उस पर क्या कार्यवाही करेगा। अभी परफार्मेस गारंटी की कितनी अवधि शेष है बतायें? (घ) इस घटिया सड़क निर्माण के लिए ठेकेदार के साथ-साथ कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? ठेकेदार को कब तक ब्लैक लिस्टेड कर दिया जायेगा? दोषी अधिकारी कब तक दण्डित किये जायेगें। सड़क की रिपेयरिंग कब तक करा ली जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सतना शहरी भाग के अंतर्गत रा.रा. मार्ग 75 कि.मी. 157/8 से 161/8 (पन्ना नाका से सिहावल मोड़) तक दो लेन मार्ग से फोरलेन मार्ग का निर्माण वर्ष 2013-14 में राजेश कैला, ठेकेदार सतना द्वारा किया गया था। जी नहीं। सड़क बनने के साथ कहीं भी सड़क धसी नहीं थी, इस वर्ष बरसात में कुछ स्थानों पर गड्ढ़े हुये एवं लगभग 150 मीटर सड़क नगर निगम द्वारा डिवाइडर तोड़कर पानी निकालने के कारण क्षतिग्रस्त हुई थी, किन्तु इस की वजह से सतना, पन्ना मार्ग का आवागमन अवरूद्ध नहीं हुआ। कार्य लागत रू. 530.36 लाख एवं कार्य दिनांक 30.11.2014 को पूर्ण हुआ, सड़क परफारमेंस के अंतर्गत बनी थी, जिसकी मरम्मत 3 वर्ष तक ठेकेदार को करना है। उक्त कार्य की तकनीकी स्वीकृति रू. 468.32 लाख एवं प्रशासकीय स्वीकृति रू. 563.79 लाख थी। (ख) सड़क निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार द्वारा कोई पेड़ नहीं काटे गये है। सड़क निर्माण में आ रहे वृक्षों को काटने की अनुमति कलेक्टर सतना द्वारा दी गई थी, जिसकी वन विभाग के देख-रेख में नीलामी कराई जाकर नीलामी में जिन व्यक्ति की बोली अधिक थी स्वीकृति उपरांत उनके द्वारा वृक्षों की कटाई की गई थी। वृक्षों की नीलामी में रू. 6,04,800.00 की राशि प्राप्त हुई थी। स्वीकृति प्राक्कलन में वृक्षारोपण का प्रावधान नहीं था। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) सड़क की परफारमेंस गारन्टी 3 वर्ष है। सड़क मरम्मत का कार्य ठेकेदार द्वारा किया जाता रहा है, अत: परफारमेंस गारन्टी की जमा राशि से कार्य कराने का प्रश्न ही नहीं उठता। इस हेतु कोई अधिकारी दोषी नहीं है। कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। परफारमेंस गारन्टी अवधि दिनांक 30.11.2017 को समाप्त होगी। (घ) सड़क निर्माण का कार्य गुणवत्तायुक्त है, अत: कोई दोषी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होते। सड़क मरम्मत कार्य प्रगति पर है। शीघ्र पूर्ण कराया जायेगा।
गोटेगांव कृषि उपज मण्डी में शेड निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
21. ( क्र. 191 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगाव अंतर्गत कृषि उपज मण्डी गोटेगावं में वर्तमान में व्यापारियों के व्यवसाय हेतु दुकानों की व्यवस्था नहीं है और उनका कोई शेड भी नहीं है। क्या विभाग इस संबंध में कोई योजना बना रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो उस कार्य की राशि एवं कार्य कब प्रारंभ कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत विघमान मण्डी समिति गोटेगांव के ले-आउट में शॉपक्रम गोदाम आदि के लिये भू-खण्ड आरक्षित है। वर्तमान नियमों के तहत व्यापारियों द्वारा स्वयं के व्यय से शॉपक्रम गोदाम आदि का निर्माण कराया जा सकता है। मंडी प्रागंण गोटेगांव में वर्तमान में एक नग कव्हर्ड शेड तथा एक नग ट्रालीशेड उपलब्ध है, इसके अतिरिक्त एक नग कव्हर्ड शेड निर्माण के लिये मंडी बोर्ड द्वारा राशि रूपयें 162.12 लाख का बोर्ड ऋण दिनांक 21.11.2016 को स्वीकृत किया गया है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार स्वीकृत बोर्ड ऋण राशि प्रावधानित अनुसार दी जाकर कव्हर्ड शेड का निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जावेगा।
मार्केटिंग सोसायटी के संबंध में
[सहकारिता]
22. ( क्र. 192 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव मार्केटिंग सोसायटी के चुनाव कब से नहीं हुए वर्तमान में मार्केटिंग सोसायटी का काम कौन देख रहा है और वहां कितना नियमित स्टाफ एवं कितना अस्थाई स्टाफ कार्यरत है, की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन की कोई मंशा मार्केटिंग सोसायटी में चुना हुआ प्रतिनिधी लाने की है यदि हाँ तो चुनाव कब तक करा लिए जावेंगे।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गोटेगांव मार्केटिंग सोसायटी गोटेगांव का निर्वाचन दिनांक 27.07.2012 को डयू था, संचालक मण्डल के सदस्यों का निर्वाचन दिनांक 23.02.2013 को संपन्न कराया गया, तत्पश्चात् माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया दिनांक 27.02.2013 को स्थगित की गई याचिका में पारित आदेश दिनांक 25.08.2014 के पश्चात् नव निर्वाचित संचालक मण्डल के सदस्यों की बैठक क्रमश: दिनांक 28.05.2015, 17.07.2015, 15.09.2015, 12.01.2016, 03.10.2016 को आहूत की गई परन्तु गणपूर्ति के अभाव में बैठक स्थगित किए जाने से पदाधिकारियों/ प्रतिनिधियों का निर्वाचन संपन्न नहीं हो सका है, मार्केटिंग सोसायटी गोटेगांव का कार्य संचालन प्रभारी अधिकारी कुमारी एम.ओ. एक्का, अंकेक्षण अधिकारी एवं प्रबन्धक श्री संजय दुबे, सहकारी निरीक्षक द्वारा किया जा रहा है, कार्यरत स्टाफ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, संचालक मण्डल की बैठक में गणपूर्ति होने पर चुनाव पूर्ण करा लिए जावेंगे।
विधानसभा क्षेत्र पनागर में स्वरोजगार योजनाओं का क्रियान्वयन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
23. ( क्र. 202 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या युवाओं को स्वरोजगार हेतु लोन उपलब्ध कराने के लिये म.प्र. शासन के द्वारा संचालित योजनाओं में आवेदन जमा होने के 45 दिन के अंदर लोन भुगतान की समय-सीमा निर्धारित हैं? (ख) क्या आवेदक की भुगतान क्षमता कम होने पर बैंक अधिकारी लोन स्वीकृत नहीं करते हैं? (ग) क्या बैंक द्वारा बिना गारंटर के लोन स्वीकृत नहीं किया जाता हैं? (घ) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत विकासखंड पनागर एवं बरेला में गत 3 वर्षों में रोजगार योजनाओं के कितने प्रकरण प्राप्त हुये? बैंक द्वारा कितने स्वीकृत किये एवं कितने, किन कारणों से निरस्त किये गये? हितग्राहीवार विवरण देवे।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। आवेदक की पात्रता एवं बैंक की औपचारिकता पूर्ण करने के उपरान्त ही लोन स्वीकृत/वितरित किया जाता हैं। (ग) जी नहीं। योजनान्तर्गत उद्योग/सेवा/व्यवसाय गतिविधि हेतु शासन द्वारा सी.जी.टी.एम.एस.ई. (क्रेडिट गारंटी फंण्ड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एण्ड स्माल इन्टरप्राईज) अथवा एन.सी.जी.टी.सी. (नेशनल क्रेडिट गांरटी ट्रस्टी कंपनी) के तहत गारंटी ली जाती है। (घ) विकासखण्ड पनागर एवं बरेला में विगत 3 वर्षों में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत 1285 एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी अंतर्गत 16 प्रकरण प्राप्त हुए, जिसके विरूद्ध बैंकों द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के 172 प्रकरण एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का 01 प्रकरण स्वीकृत एवं वितरित किये गए। हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। लक्ष्यपूर्ति के उपरान्त शेष प्रकरण बैंकों द्वारा निरस्त कर कार्यालय को वापस कर दिये जाते हैं।
जबलपुर जिले में उद्योग विभाग के द्वारा लिये जा रहे विकास शुल्क
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
24. ( क्र. 203 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्योग विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में भूमि आवंटितियों (लीज धारकों) से विकास शुल्क लिया जाता हैं? (ख) यदि हाँ, तो औद्योगिक क्षेत्र रिछाई जबलपुर में अभी तक सड़कें, लाईट, सुरक्षा आदि की व्यवस्थायें क्यों नहीं की गई हैं? (ग) गत तीन वर्षों में विकास शुल्कों से कितनी राशि प्राप्त की गई? कितनी व्यय की गई? क्या-क्या कार्य हुये? (घ) क्या प्रदेश शासन उद्योग लगाने के लिये इन्वेस्टर्स के लिये पर्याप्त व्यवस्थायें जुटाने हेतु संकल्पित हैं? यदि हाँ तो औद्योगिक क्षेत्रों में अव्यवस्थायें क्यों हैं? इसके लिये कौन जवाबदार हैं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। (ख) उपलब्ध बजट/संसाधनों के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र रिछाई जिला जबलपुर में सड़क, लाईट, सुरक्षा आदि की व्यवस्था की गई है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र रिछाई से विगत तीन वर्षों में विकास शुल्क की राशि लगभग रूपये 18.50 लाख प्राप्त हुई है। औद्योगिक क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में विभागीय बजट से कुल राशि रूपये 250.00 लाख तथा हुडको से प्राप्त ऋण से लगभग राशि रूपये 15.00 करोड़ विकास कार्य पर व्यय किये गये। (घ) जी हाँ। औद्योगिक क्षेत्र में अव्यवस्थाएं न होने से जबावदारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दतिया जिले में सहकारी समितियों द्वारा खरीदा गया गेहूँ.
[सहकारिता]
25. ( क्र. 222 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-2016 में दतिया जिले के कितने किसानों से कितना गेहूँ कितनी मात्रा में खरीदा गया सूची उपलब्ध कराई जाऐं? (ख) क्या उपरोक्त किसानों को गेहूँ खरीदी की राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ तो इसकी भी सूची दी जाऐं? (ग) वर्ष 2012 से वर्ष 2016 तक कितने किसानों की गेहूँ खरीदी की राशि का भुगतान नहीं हुआ है? भुगतान न होने का कारण कब तक भुगतान हो जावेगा? (घ) क्या वर्ष 2012 एवं 2013 में गेहूँ खरीदी में किसानों द्वारा स्वयं बारदाना खरीद कर दिया था उसका भुगतान अभी तक क्यों नहीं हुआ है, कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 11487 किसानों से 1,00,559.90 मे.टन, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) किसानों का भुगतान बकाया न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, कोई भुगतान बकाया न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. बीज विकास निगम में प्रबंध संचालक का पद स्थानांतरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
26. ( क्र. 223 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रबंध संचालक म.प्र. बीज विकास निगम के पद पर एक ही व्यक्ति विगत पांच वर्षों से पदस्थ है? (ख) क्या प्रबंध संचालक ने म.प्र. के समस्त बीज प्रक्रिया केन्द्रों को शासकीय अवकाश में भी खुले रखने एवं समस्त कर्मचारियों को उपस्थित रहने के आदेश जारी किये है? (ग) क्या बीज प्रक्रिया केन्द्र लक्ष्मीगंज ग्वालियर के गोदाम में आग लगने के दोषी कनिष्ठ उत्पादन सहायक का स्थानांतरण मिड सेशन में दतिया कर दिया तथा दूसरे कर्मचारी कनिष्ठ सहायक को भी दतिया अटेच कर दिया, क्या दोषी कर्मचारियों को एक साथ एक ही स्थान पर भेजा जाना न्यायोचित है? (घ) क्या किसानों से संसाधन सैल बीज की राशि प्रबंधन द्वारा मनमाने तरीके से वसूली जा रही है यदि प्रश्न क, ख, ग का उत्तर हां में है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या आई.एफ.एस. अधिकारी को एक ही पद पर तीन वर्ष से अधिक रखा जाना उचित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। बीज निगम प्रक्रिया केन्द्र लक्ष्मीगंज ग्वालियर में आग लगने के लिये जिम्मेदार श्री एस.के.गुप्ता, कनिष्ठ उत्पादन सहायक एवं श्री लोकेन्द्र सिंह भदौरिया, कनिष्ठ सहायक को निलंबित करते हुये इनका मुख्यालय क्रमश: क्षेत्रीय कार्यालय उज्जैन तथा क्षेत्रीय कार्यालय सतना किया गया था। विभागीय जाँच कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात् श्री गुप्ता को प्रक्रिया केन्द्र उज्जैन से प्रक्रिया केन्द्र दतिया में स्थानांतरित कर पदस्थ किया गया, क्योंकि तत्कालीन प्रक्रिया प्रभारी दतिया श्री रणजीत सिंह यादव को वित्तीय अनियमितताओं/बीजों की हेराफेरी तथा कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के आरोप प्रमाणित पाये जाने पर निगम सेवा से पृथक किया गया है। श्री भदौरिया को प्रक्षेत्र पिपरोद से बीज वितरण एवं कार्य की आवश्यकता को देखते हुये क्षेत्रीय प्रबंधक ग्वालियर द्वारा अपने स्तर से उन्हें प्रक्रिया केन्द्र दतिया में अनुलग्न किया गया है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अधिकारी की पदस्थापना प्रशासकीय दृष्टि से की जाती है।
अधूरे निर्माण कार्यों को पूर्ण किया जाना
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 237 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बिजावर में ग्राम शाहगढ़, अमरपुरा, अलपुरा एवं राजपुरा में मनरेगा अंतर्गत स्टॉप डेम सह रपटा का निर्माण कार्य स्वीकृत कराया गया था? (ख) प्रश्नांक (क) के अनुक्रम में उपरोक्त कार्यों की वर्तमान में क्या स्थिति है? क्या इन स्टॉप डेम सह रपटा का निर्माण पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं तो क्यों? इनको पूर्ण कराने हेतु विभाग एवं शासन द्वारा क्या-क्या कदम उठाये गए? (ग) प्रश्नांक (क) के अनुक्रम में उपरोक्त स्टॉप डेम सह रपटा में प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय हो चुकी है? पूर्ण होने में कितनी राशि की और आवश्यकता है? (घ) अधूरे पड़े हुए इन स्टॉप डैम सह रपटा के पूर्ण निर्माण हेतु, शासन क्या कदम उठायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्य अपूर्ण है। जी नहीं। आवंटन प्राप्त नहीं होने से। कार्यपालन यंत्री द्वारा कलेक्टर तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, छतरपुर से आवंटन की मांग की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अधूरे सह-रपटा को पूर्ण कराने हेतु कलेक्टर/जिला पंचायत, छतरपुर से आवंटन प्राप्त कर पूर्ण करा दिया जावेगा।
संविलियन निरस्त करने की कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र.
249 ) श्रीमती
शीला त्यागी
: क्या किसान
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
म.प्र. राज्य
कृषि विपणन
बोर्ड, भोपाल में 6
अधिकारियों
की
संविलियन/पदोन्नति
भूतलक्षी
प्रभाव से
अनियमित रूप
से की गई है, जिसकी
शिकायत मुख्य
सचिव म.प्र.
शासन को
दिनांक 24.06.2016 को स्पीड
पोस्ट से
साऊथ टी.टी.
नगर, भोपाल
के एक नागरिक
द्वारा की गई
है। (ख) क्या प्रश्नांश
(क) की शिकायत
पर प्रमुख
सचिव किसान
कल्याण तथा
कृषि विकास
विभाग द्वारा
प्रबंध संचालक
मण्डी बोर्ड
भोपाल से
अभिमत चाहा
गया किन्तु
मण्डी बोर्ड
द्वारा अभिमत
नहीं भेजा गया
और पूरे
प्रकरण की नस्ती
पूर्व की भांति
गायब कर दी
गयी है। (ग) प्रश्नांश
(क) में की
उल्लेखित
शिकायत पर
बिंदुवार
कार्यवाही का
प्रतिवेदन
अभी तक नहीं
भेजने के लिये
कौन-कौन
अधिकारी/कर्मचारी
दोषी हैं तथा
क्या
अवैधानिक
संविलियन/पदोन्नति
को निरस्त
करते हुये
पूरे प्रकण की
जाँच किसी
वरिष्ठ
आई.ए.एस. से
कराई जावेगी? यदि
हाँ तो कब तक? यदि
नहीं तो कारण
बताएं?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) प्रश्नागत
शिकायत
प्राप्त हुई। (ख)
नस्ती गायब
नहीं है। विषयान्तर्गत
मामले में म.प्र.
राज्य कृषि
विपणन बोर्ड
द्वारा
विस्तृत
तथ्यात्मक
स्थिति संबंधी
प्रतिवेदन
एवं अभिमत
दिनांक 18.04.2013 की प्रति
को पुन:
दिनांक 03.11.2016 को किसान
कल्याण तथा
कृषि विकास
विभाग को भेजा
जा चुका है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
उत्तरांश "ख"
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। माननीय
उच्च
न्यायालय
जबलपुर के
अंतरिम आदेश
दिनांक 20.02.2013 के
अनुपालन में
राज्य शासन
स्तर पर
प्रकरण की
विस्तृत
समीक्षा में
उक्त
संविलियन को
नियमसंगत पाये
जाने पर
प्रश्नाधीन 06
अधिकारियों
के संविलियन
को शासन के
आदेश दिनांक 08.03.2013 से
निरंतर
प्रभावशील
रखा गया, जिसका
संज्ञान लेते
हुये माननीय
उच्च न्यायालय जबलपुर
के आदेश
दिनांक 08.04.2013 से
प्रकरण का
अंतिम
निराकरण हो
चुका है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
गुणवत्ताविहीन कार्य का जाँच कराए जाने
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 256 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना से जदुआ देवखर अतरैला होते हुए चौखण्डी, रायबाग, वाया चाकघाट रोड निर्माण में क्या अतरैला बाजार में सीमांकन कराकर अतिक्रमण हटाने का आदेश तहसीलदार जवा को कलेक्टर रीवा द्वारा किया गया तथा अतिक्रमण के कारण रोड निर्माण का कार्य बंद था? यदि हाँ, तो उक्त स्थान का अतिक्रमण हटाकर रोड निर्माण कराया गया या नहीं? (ख) देवखर से अतरैला चौखण्डी बाजार तक रोड की चौड़ाई कम है तथा चौखण्डी, खोहा से रामबाग तक रोड की चौड़ाई अधिक है, ऐसा क्यों? क्या इसकी जाँच लोकायुक्त रीवा से कराते हुए दोषियों पर कार्यवाही करेंगे? (ग) अतरैला से जदुआ तक रोड एवं रोड में बनी पुलिया वर्षा से बह गई है जिस कारण आवागमन अवरूद्ध जैसा है? क्या उक्त कार्य पुन: कराऐंगे? क्या उक्त गुणवत्ताविहीन कार्य होने के कारण उक्त पुलिया एवं रोड नष्ट हो गये है? यदि हाँ, तो इसमें कौन दोषी हैं? दोषी पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) की जाँच प्रश्नकर्ता सदस्य के समक्ष जाँच दल गठित करायेगें यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम लि. द्वारा सतना से जदुआ-देवखर-अतरैला होते हुये चौखण्डी-रामबाग वाया चॉकघाट रोड का निर्माण न किया जाकर वस्तुतः हरदुआ-जदुआ-अतरैला होते हुये चौखण्डी-रामबाग-चॉकघाट (हरदुआ-चॉकघाट) मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। हरदुआ-चॉकघाट मार्ग अंतर्गत अतरैला बाजार में उपलब्ध सड़क सीमा में अनुबंधानुसार निर्धारित चौड़ाई में मार्ग निर्माण किया जा चुका है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। देवखर से अतरैला चौखण्डी बाजार तक रोड की चौड़ाई अनुबंध के अनुरूप कांक्रीट मार्ग हेतु 7 मीटर तथा डामरीकृत मार्ग हेतु 5.50 मीटर चौड़ाई में सड़क सीमा अंतर्गत ही है। इसी तरह चौखण्डी खोवा से रामबाग तक मार्ग की चौड़ाई अनुबंध के अनुरूप ही है। चूंकि मार्ग निर्माण अनुबंध के अनुरूप है अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। विगत वर्षाकाल में क्षेत्र में हुई आकस्मिक भारी वर्षा के कारण जल स्तर बढ़ जाने के कारण निर्माणाधीन मार्ग जलस्तर कम होने तक बाधित रहा। मार्ग का निर्माण मे. आई.सी.टी. प्रा.लि. नई दिल्ली के तकनीकी परवेक्षण में भारतीय मानकानुसार पूर्ण गुणवत्ता के साथ निर्मित किया जा रहा है साथ ही जलमग्न होने की दशा के कारण अथवा अन्य किसी भी कारण मार्ग में हुई क्षति को ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय पर ठीक किया जायेगा। अतः शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (घ) उपर्युक्त के परिप्रेक्ष्य में आवश्यकता नहीं है।
रोड का मरम्मतीकरण
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 273 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागौद विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत नागौद विकासखण्ड की मढी मोड़ से सेमरी-फतेपुर कटन मार्ग काफी वर्षों पुराना होने से पूरी तरह खराब हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त रोड पर पुन: डामरीकरण कराकर मरम्मतीकरण कराया जायेगा अब तक न कराये जाने के क्या कारण है? (ग) जबलपुर संभाग के लोक निर्माण विभाग के संभाग क्रमांक 1, 2 एवं पी.आई.क्यू. में कितने उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री विगत तीन वर्षों से अधिक अवधि से पदस्थ हैं, उनका विवरण दें तथा उनकी जबलपुर में पदस्थापना अवधि की कितनी शिकायतें हैं? क्या उनको हटाकर जाँच कराई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, आंशिक रूप से खराब है। (ख) मरम्मतीकरण कार्य की स्वीकृति न होने के कारण। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। पी.आई.यू. के अंतर्गत शिकायत के संबंध में कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार तथा लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत शिकायत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार परीक्षणाधीन है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिया का निर्माण
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 274 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के उचेहरा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत सेमरी दुबे की सेमरी दुबे सहिजना कुर्मिहाई सेमरी रोड का डामरीकरण कराये जाने के बावजूद इसी मार्ग में कुर्मिहाई सेमरी के पास इतने वर्षों से आज दिनांक तक पुलिया का निर्माण न कराये जाने से वर्षा अवधि में आवागमन पूरी तरह से अवरूद्ध हो जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) का यदि हाँ, तो उक्त डामरीकरण मार्ग पर कुर्मिहाई सेमरी के पास पुलिया का निर्माण कब कराया जायेगा और अब तक न कराये जाने के क्या कारण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। किसी भी योजना एवं वार्षिक बजट में सम्मिलित न होने के कारण।
नागदा गुजरी रोड में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 283 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 250 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले नागदा से गुजरी तक सीमेंटेड रोड में कांक्रीट के पूर्व अर्थवर्क में सबग्रेड के लिये उपयोग की जाने वाली मुरम का सी.बी.आर. 15 या उससे अधिक होना निर्धारित है? निर्माता कंपनी द्वारा निर्धारित मापदण्डों के बवाजूद राशि बचाने के चक्कर में जो मुरम उपयोग की गई है, उसका कांपेक्सन मात्र 10 तक ही आता है? (ख) नागदा से गुजरी तक बनने वाले सीमेंटेड रोड के नियंत्रक विभाग, एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा निर्माण एजेंसी द्वारा उपयोग की गई किन-किन सामग्रीयों की लेब परिक्षण रिपोर्ट प्राप्त कर ली गई है, जाँचकर्ता द्वारा बताई गई वस्तुतिथि की प्रत्येक सामाग्रीवार जानकारी, मय जाँचकर्ता अधिकारी के नाम, पदनाम व जाँच दिनांक सहित बतावें? (ग) क्या नागदा से गुजरी तक सीमेंटेड रोड बनाने वाली कंपनी के द्वारा अब तक किये गये कार्य में अनेकों अनियमितताएं की गई है? क्या रोड निर्माण में किये जा रहे भ्रष्टाचार की ए.टी.एस. जाँच क्षेत्रिय विधायक की उपस्थिति में करवाये जाने के आदेश प्रदान किये जावेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। अनुबंध द्वारा मापदण्डों के अनुसार सीबीआर 8 प्रतिशत से अधिक सबग्रेड का निर्माण किया जा रहा है। कार्य की गुणवत्ता उपयुक्त है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा-गुजरी सिमेंटेड रोड निर्माण में की जा रही अनियमितता की जाँच
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 284 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 250 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले नागदा से गुजरी तक सीमेंटेड रोड में कांक्रीट की चौड़ाई 07 मीटर एवं उंचाई 300 एम.एम. होना निर्धारित है? निर्माता कंपनी द्वारा निर्धारित मापदण्डों के बावजूद राशि बचाने के चक्कर में अब तक धार से लून्हैरा तक 3.5 मीटर चौड़ाई की बनाई गई एक साईड के सीमेंटेड रोड में कांक्रीट की उंचाई 20 एम.एम. से लेकर 40 एम.एम. तक कम रखी गई है? सी.सी. कांक्रीट के मापदण्ड अनुसार बनाये जा रहे सिमेंटेड रोड का स्पेसिफिकेशन नहीं है? (ख) नागदा से गुजरी तक बनने वाले सीमेंटेड रोड के नियंत्रक विभाग, एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा किन-किन अधिकारियों के माध्यम से किस-किस स्तर की जाँच रिपोर्ट प्राप्त कर ली गई है? जाँचकर्ता द्वारा बताई गई वस्तुस्थिति की प्रत्येक स्तरवार जानकारी, मय जाँचकर्ता अधिकारी के नाम पदनाम व जाँच दिनांक सहित बतावें तथा क्या रोड निर्माण में किये जा रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने हेतु ए.टी.एस. जाँच अथवा चीफ इंजीनियर से सूक्ष्म जाँच क्षेत्रीय विधायक की उपस्थिति में करवाये जाने के आदेश शासन द्वारा प्रदान किये जावेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। टू लेन मार्ग का निर्माण कार्य 3.5 मी. चौड़ाई में एक तरफ कर 28 दिवस पश्चात् दूसरी तरफ किया जाता है। इससे लागत में बचत नहीं होती है। सीमेंट कांक्रीट रोड़ (निर्मित) की ऊँचाई स्वीकृत ऊँचाई से कम नहीं है एवं कार्य निर्धारित स्पेसिफिकेशन के अनुरूप किया जा रहा है। (ख) म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा नियुक्त अथॉरिटी इंजीनियर के अतिरिक्त प्रबंधक सहा. महाप्रबंधक संभागीय प्रबंधक एवं मुख्य अभियंता स्तर द्वारा मार्ग का निरीक्षण किया गया है। इस मार्ग की जाँच किसी भी स्तर से संस्थित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नोटरियों के रिक्त पदों की पूर्ति
[विधि और विधायी कार्य]
34. ( क्र. 318 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विधि और विधायी विभाग का जावरा नगर के साथ ही तहसील पिपलौदा एवं तहसील जावरा का संपूर्ण क्षेत्र होकर कार्य की अधिकता रहती है? (ख) यदि हाँ तो उपरोक्त कार्य अधिकता को दृष्टिगत रखते हुए तहसील पिपलौदा नगर जावरा एवं तहसील जावरा हेतु कुल कितने नोटरियों के पद स्वीकृत किये गये हैं? (ग) कार्य निष्पादन हेतु कुल कितने पदों पर नोटरी नियुक्त होकर किन-किन स्थानों पर कितने वर्षों से कौन-कौन कार्यरत हैं? स्थान पते सहित दर्शाएं। (घ) उपरोक्तानुसार स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत नोटरी होने के बावजूद कितने पद किन-किन स्थानों पर कितने वर्षों से रिक्त पड़े हैं? वे कब तक भरे जाएंगे?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) जी
नहीं। (ख) तहसील-जावरा
में नोटरी के 09 पद
एवं
तहसील-पिपलौदा
में नोटरी के 05 पद स्वीकृत
है। (ग) जानकारी
निम्नानुसार
है:-
तहसील
जावरा में
पूर्व स्वीकृत
पद-07
एवं नवीन
आवंटित पद-02
कुल-09
क्रं. |
नाम |
वर्ष |
स्थान |
1. |
श्री प्रदीप सिंह सोलंकी |
2001 से निरंतर |
जावरा |
2. |
श्री सुरेश कुमार जैन |
2001 से निरंतर |
जावरा |
3. |
श्री मुकेश कुमार भाटी |
2008 से निरंतर |
जावरा |
4. |
श्री ओमप्रकाश गौड़ |
2008 से निरंतर |
जावरा |
तहसील पिपलौदा में पूर्व स्वीकृत पद-03 एवं नवीन आवंटित पद-02 कुल-05
क्रं. |
नाम |
वर्ष |
स्थान |
1. |
श्री रमेशचंद्र धींग |
2005 से निरंतर |
पिपलौदा |
2. |
श्री यशवंत कुमार सुराना |
2001 से निरंतर |
पिपलौदा |
3. |
श्री समरथ सुराना |
2001 से निरंतर |
पिपलौदा |
(घ) जावरा में 01 पद वर्ष 2013 से एवं 02 पद वर्ष 2014 से रिक्त है एवं नवीन आवंटित 02 पद वर्ष 2016 से रिक्त है। तहसील पिपलौदा में नवीन आवंटित 02 पद वर्ष 2016 से रिक्त है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है।
स्टॉप डेम बैराज का निर्माण
[जल संसाधन]
35. ( क्र. 319 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिपलौदा तहसील सूखाग्रस्त, जल अतिदोहित एवं जल संकट के कारण डार्क जोन में आकर जल स्तर 800 से 1200 फीट नीचे जाकर सिंचाई एवं पेयजल संकटग्रस्त स्थिति में है? (ख) यदि हाँ, तो जल स्तर बढ़ाये जाने एवं सिंचाई हेतु पर्याप्त जल प्रबंधन किये जाने हेतु शासन/विभाग लगातार प्रयास करते हुए विभिन्न कार्ययोजना के माध्यम से अनेक कार्य कर रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या (1) बानीखेडी पिपलौदा) (2) अंगेठी-कुशलगढ (3) हतनारा (4) मचून एवं (5) नांदलेटा इत्यादि स्थानों के साथ ही अनेक स्थानों पर कृषकों एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा स्टॉप डेम-बैरज बनाए जाने की लगातार गंभीर आवश्यकता बताई जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त अत्यंत संकटग्रस्त क्षेत्रों में चिन्हित किये गये उपरोक्तानुसार स्थानों पर स्टॉप डेम-बैराज निर्माण किये जाने की स्वीकृतियां कब तक दी जाना है? शासन/विभाग द्वारा इस हेतु क्या किया जा रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) हसनपालिया बैराज का निर्माण कार्य पूर्ण। टिकरिया बैराज का निर्माण कार्य प्रगतिरत। धतुरिया बैराज, माण्डवी तालाब की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु डी.पी.आर. परीक्षणाधीन, आलमपुर-ठिकरिया बैराज एवं गोठड़ा बैराज के साध्यता आदेश जारी कर विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत डी.पी.आर. प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।
नवीन पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 330 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 79 ( क्रमांक 2930), दिनांक 28 जुलाई, 2016 के उत्तर की कंडिका (क) में बताया गया था कि सुठालिया-उकावद मार्ग पर पार्वती नदी पर नवीन पुल निर्माण हेतु विस्तृत सर्वेक्षण पूर्ण कराया जाकर सामान्य संरचना मानचित्र का कार्य प्रगतिरत है? तो क्या प्रश्न दिनांक तक सामान्य संरचना मानचित्र तैयार करा लिये गये है अथवा नहीं तथा पुल निर्माण की स्वीकृति हेतु अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) क्या उक्त रपटा की ऊपरी सतह गत वर्षाकाल में पूरी तरह बह चुकी है? जिससे आवागमन लगभग बंद हो चुका है? यदि हाँ, तो क्या शासन विगत कई वर्ष पूर्व निर्मित उक्त रपटे के स्थान पर पुल निर्माण करवाकर आमजनों को सुगम आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला को उपयोगी बनाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
37. ( क्र. 331 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-32 (क्रमांक 525), दिनांक 22 जुलाई 2016 के उत्तर में बताया गया कि जिला राजगढ़ (ब्यावरा) में नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला भवन में जल एवं विद्युत व्यवस्था कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भवन का हस्तांतरण मंडी बोर्ड से विभाग को किया जाने की कार्यवाही पूर्ण होने पर आवश्यक उपकरण प्रदान करने की कार्यवाही की जावेगी? तकनीकी अमले को परीक्षण प्रयोगशाला में पदस्थ करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? तो क्या उक्त प्रयोगशाला में जल एवं विद्युत व्यवस्था की कार्यवाही पूर्ण करा ली गई है एवं विभाग को मंडी बोर्ड द्वारा उक्त प्रयोगशाला का हस्तांतरण कर दिया गया है? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में विलंब के क्या-क्या कारण हैं? (ख) क्या उक्त प्रयोगशाला का निर्माण हुये लगभग एक वर्ष का समय व्यतीत हो जाने के बावजूद भी क्षेत्र के किसानों को प्रयोगशाला का कोई लाभ नहीं हो रहा है? कब तक उक्त प्रयोगशाला को उपयोगी बनाया जा सकेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला भवन का सिविल कार्य पूर्ण हो गया है, जल एवं विद्युत व्यवस्था की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उपरोक्त कार्य पूर्ण होने पर ही मंडी बोर्ड द्वारा नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला भवन के हस्तांतरण की कार्यवाही की जावेगी। तकनीकी अमले को नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला हेतु पदों के सृजन की कार्यवाही प्रकियाधीन है। (ख) जी हाँ। प्रयोगशाला भवन के हस्तांतरण एवं तकनीकी अमला पदस्थ होने के उपरांत किसानों को लाभ मिल सकेगा।
सहा. साख संस्थाओं/गृह निर्माण संस्थाओं में ऑडिट प्रक्रिया का पालन
[सहकारिता]
38. ( क्र. 347 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिला अंतर्गत किन-किन सहकारी साख संस्था/गृह निर्माण संस्थाओं द्वारा विगत 03 वर्षों में ऑडिट प्रक्रिया का पालन कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इंदौर जिला अंतर्गत सभी सहकारी साख संस्थाओं/गृह निर्माण संस्थाओं द्वारा ऑडिट कराया गया? यदि नहीं तो किन-किन संस्थाओं द्वारा प्रश्न दिनांक तक ऑडिट नहीं कराया गया? ऑडिट नहीं कराये जाने के क्या-क्या कारण हैं? (ग) क्या सहकारिता विभाग द्वारा सहकारी साख संस्थाओं/गृह निर्माण संस्थाओं के ऑडिट किये जाने हेतु ऑडिटरों की नियुक्तियां की गई हैं? ऑडिटरों की नियुक्ति उपरांत भी सहकारी साख संस्था/गृह निर्माण संस्थाओं का ऑडिट प्रतिवर्ष क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में संस्थाओं द्वारा प्रतिवर्ष ऑडिट नहीं होने के पीछे कौन-कौन जिम्मेदार हैं? क्या गृह निर्माण संस्था/सहकारी साख संस्था व सहकारिता अधिकारी जिम्मेदार है? यदि हाँ तो दोषियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी नहीं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। उपरोक्त संस्थाओं द्वारा ऑडिट नहीं कराये जाने के कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58 के अंतर्गत अंकेक्षण कराये जाने का दायित्व सहकारी संस्थाओं का है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
जल संसाधन विभाग अंतर्गत ग्रामों में तालाब की जानकारी
[जल संसाधन]
39. ( क्र. 348 ) श्री राजेश सोनकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जल संसाधन में किन-किन ग्राम पंचायतों के अंतर्गत इंदौर जिले में कितने जलाशय/तालाब हैं व इनमें से सांवेर विधान सभा क्षेत्र के कितने हैं? सूची प्रदान करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इनमें से कितने तालाब पर मत्स्य पालन हेतु किस नियमों-शर्तों पर किन-किन को दिया गया है? सूची प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में किस-किस विभाग द्वारा तालाबों को कब से कब तक के लिए मत्स्य पालन हेतु दिया गया है व इससे विभाग को कितनी-कितनी आय कहां-कहां से होती है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कुल 58 सिंचाई तालाब में से 17 सिंचाई तालाब सांवेर विधान सभा क्षेत्र में हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) सहायक संचालक मत्स्योद्योग इंदौर से प्राप्त उत्तर अनुसार म.प्र. शासन मछली पालन विभाग मंत्रालय, भोपाल के आदेश दिनांक 08.10.2008 के अनुसार 0 से 10 हेक्टर तक के तालाबों को ग्राम पंचायत, 10 से 100 हेक्टर तक जनपद पंचायत एवं 100 से 1000 हेक्टर तक के तालाबों को जिला पंचायत द्वारा पट्टे आवंटन की कार्यवाही की जाती है। इंदौर जिले में विभाग के अंतर्गत आने वाले 37 सिंचाई तालाबों के पट्टा आवंटन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) सहायक संचालक मत्स्योद्योग, इंदौर से प्राप्त उत्तर अनुसार मत्स्य पालन विभाग द्वारा विभाग के अंतर्गत आने वाले 37 सिंचाई तालाबों को पट्टे पर आवंटित किया गया है। पट्टा आवंटन से मछली पालन विभाग को किसी प्रकार की आय नहीं होती है। तालाबों से संबंधित ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत/जिला पंचायत को तालाब की वार्षिक लीज से होने वाली आय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
सनावद-खरगोन मार्ग एवं बायपास की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 358 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा खरगोन जिले के नगर सनावद से खरगोन जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले मार्ग की स्वीकृति एवं निविदा कब जारी की गई? कितनी राशि स्वीकृत हुई है एवं कितने पुल-पुलियाओं की स्वीकृति हुई है? (ख) क्या उक्त मार्ग के रास्ते में कस्बा बडूद एवं बैडिया में बायपास की स्वीकृति के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर प्रस्तुत प्रस्तावों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कस्बा बैडिया देश की प्रसिद्ध मिर्ची मण्डी होने के कारण क्रेता-विक्रेता द्वारा बैडिया की रिक्त शिक्षा विभाग एवं लोक निर्माण विभाग की भूमि पर क्रय-विक्रय करने से एवं आवागमन बाधित होने के कारण प्राथमिकता के आधार पर एवं ग्राम बडूद के मध्य में मार्ग होने के कारण बायपास की महती आवश्यकता होने के कारण स्वीकृत होना जरूरी था, क्या शासन इस ओर ध्यान देकर बायपास स्वीकृत करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सनावद से खरगोन मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति ए.डी.बी. योजना के अंतर्गत दिनांक 09.12.2014 से राशि रूपये 122.60 करोड़ की जारी की गई है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा दिनांक 22.01.2015 को निविदा जारी की गई। सनावद-खरगोन एवं राजपुर खेतिया दोनों मार्गों हेतु निविदा की स्वीकृति राशि रूपये 145.37 करोड़ है। इस मार्ग में छोटे बड़े कुल 41 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाना है। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रस्तावों पर विचार किया गया। कस्बा बडूद एवं बैडिया में बायपास की स्वीकृति वर्तमान में प्रगतिरत कार्य के अनुबंध में सम्मिलित नहीं है वर्तमान मार्ग सड़क की आर.ओ.डब्ल्यू. के अंतर्गत उपलब्ध भूमि पर ही निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैडिया कृषि उप मण्डी की भूमि अधिग्रहण एवं प्रगति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
41. ( क्र. 359 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर सनावद के कस्बा बैडिया में कृषि उपज मण्डी के स्थान परिवर्तन के लिये प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग प्रमुख एवं जिला प्रशासन को लिखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो प्राप्त पत्र के आधार पर विभाग द्वारा उपमण्डी बैडिया के लिये वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? विभाग द्वारा मण्डी स्थानान्तरण के लिये किस ग्राम की भूमि कब अधिग्रहित की गई है? अधिग्रहित भूमि पर शासन द्वारा क्या निर्माण हेतु निविदा जारी की गई है? यदि हाँ, तो अधिग्रहित भूमि किस मद में दर्ज है एवं शासन द्वारा भूमि परिवर्तन के लिये कितनी राशि मण्डी बोर्ड से जमा कराई गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार जारी निविदा अनुसार क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो प्राक्कलन की प्रति उपलब्ध कराई जावें? यदि कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है अथवा निविदा जारी नहीं की गई हो तो क्या कारण है? भूमि अधिग्रहण में यदि कोई कार्य शेष है? तो कब पूर्ण हो जावेंगे? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 05 वर्षों से मण्डी बैडिया के लिये भूमि अधिग्रहण के लिये कार्यवाही हेतु लिखा जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके बाद भी आज दिनांक तक यह कार्य नहीं हुआ है इसके क्या कारण रहे है और कौन दोषीकर्ता अधिकारी है उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक द्वारा माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को दिनांक 01.12.2014 को स्थान परिवर्तन हेतु लिखा गया। (ख) कलेक्टर जिला खरगोन के पत्र दिनांक 15.05.2015 द्वारा उपमंडी बेड़िया के नवीन मंडी प्रागंण हेतु ग्राम लछोरा एवं ग्राम बेड़िया के शासकीय भूमि के कुल रकबा 8.549 हेक्टर के आवंटन का प्रस्ताव सचिव म.प्र. शासन, राजस्व विभाग को भेजा गया है। मंडी स्थानांतरण के लिये ग्राग बेड़िया एवं लछोरा की शासकीय भूमि दिनांक 31.09.2015 को अग्रिम आदिपत्य मंडी समिति को प्राप्त हुआ है, अधिग्रहित भूमि पर मंडी द्वारा निर्माण कार्य हेतु निविदा दिनांक 16.11.15 को जारी की गई। प्रश्नाधीन भूमि की अधिसूचना जारी नहीं होने से निविदा की कार्यवाही पत्र दिनांक 23.11.2016 से निरस्त की गई है। अधिग्रहित की गई भूमि आबादी मद से है। प्रस्तावित भूमि की राशि रू. 1.39,82,078/- एक करोड़ उनचालिस लाख बयासी हजार अठत्तर मात्र मंडी समिति सनावद द्वारा चालान क्रमांक 20 दिनांक 24.11.2015 से शासकीय कोष में जमा कराई जा चुकी है। मंडी सनावद द्वारा मंडी बोर्ड में कोई राशि जमा नहीं कराई गई है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में तत्समय मंडी समिति द्वारा निविदा जारी की गई थी, किंतु प्रस्तावित भूमि की म.प्र. शासन राजस्व विभाग से स्वीकृति प्राप्त नहीं होने के कारण निविदा निरस्त की गई है। म.प्र. शासन, राजस्व विभाग से प्रश्नाधीन भूमि की स्वीकृति प्राप्त होने पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही संभव हो सकेगी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पहुंच मार्ग में पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 382 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत टिकैतनपुर्वा से ग्राम कोल्हा पहुंच मार्ग में पुल निर्माण स्वीकृत किया जा चुका है? यदि हाँ, तो पुल निर्माण में विलंब का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त पुल निर्माण की समय-सीमा विभाग द्वारा क्या निर्धारित की गयी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्यादेश दिनांक 26.08.2016 को जारी किया गया है, कोई विलंब नहीं। (ख) अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण की तिथि दिनांक 14.02.2018 नियत है।
अनुदान योजना के स्वीकृत प्रकरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
43. ( क्र. 389 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर अंतर्गत वर्ष 2015-16 में अनुदान योजनान्तर्गत कितने प्याज भण्डारण गृह स्वीकृत किए गए? इनमें से कितने प्रकरणों में अनुदान भुगतान किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत स्वीकृत प्याज भण्डारण गृह एवं अनुदान भुगतान किए गए प्याज भण्डारण गृह की सूची उपलब्ध करावें। (ग) विगत 03 वर्षों में आगर जिला अंतर्गत अनुदान योजनान्तर्गत कितने नेट हाऊस, कितने पॉली हाऊस एवं कितने प्याज भण्डारण गृह स्वीकृत किए गए? विकासखण्डवार पूर्ण जानकारी देवें। इनमें से कितनों में अनुदान भुगतान किया गया एवं कितनों में अनुदान भुगतान लंबित है व किस कारण से? (घ) वर्ष 2016-17 में आगर जिला अंतर्गत अनुदान योजनान्तर्गत कितने नेट हाऊस, कितने पॉली हाऊस एवं कितने प्याज भण्डारण गृह के लक्ष्य आवंटित हैं। लक्ष्य के विरूद्ध कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं प्राप्त आवेदनों में से कितने में स्वीकृति दी जा चुकी हैं एवं कितनो में अनुदान भुगतान किया जा चुका हैं? विकासखण्डवार पूर्ण विवरण देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन वर्ष में 29 प्याज भण्डार गृह स्वीकृत किये गये जिनका अनुदान भुगतान किया जा चुका है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विकासखण्ड सुसनेर अंतर्गत 1 एवं नलखेड़ा अंतर्गत 1 शेडनेट हाउस निर्माण का कार्य अपूर्ण होने के कारण अनुदान भुगतान नहीं किया गया है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
प्रस्तावित परियोजनाओं की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 392 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 61 ( क्रमांक 5363), दिनांक 15.03.2016 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में इन्दौर-कोटा मार्ग के नगर सुसनेर एवं सोयतकलां में 4लेन सीमेण्ट क्रांकीट किए जाने हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन बताया गया था? यदि हाँ तो इस संबंध में शीघ्र निर्णय लिया जाकर कब तक स्वीकृति दी जावेगी? यदि नहीं तो क्यों संभव नहीं हैं? (ख) आगर जिला अंतर्गत विगत 02 वर्षों में कौन-कौन से जिला मार्गों के प्रस्ताव कलेक्टर के अनुमोदन से भेजे गए हैं, इनमें से कितने स्वीकृत किए गए हैं एवं कितने प्रक्रियाधीन हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा बैजनाथ से कसाई देहरिया, लाढ़वन, दमदम, नाथूखेड़ी, चॉपाखेड़ा, दावतपुर, बड़ागॉव तक जिला मार्ग घोषित करने हेतु मांग की थी? यदि हाँ तो क्या यह कार्य प्राथमिकता से स्वीकृत किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत इन्दौर कोटा मार्ग से देहरिया सोयत एवं इन्दौर कोटा मार्ग से डोंगरगांवसोयत मार्ग निर्माण के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई एवं कब तक स्वीकृति होगी? (ड.) क्या नलखेड़ा में विश्राम गृह निर्माण हेतु डी.पी.आर. शासन स्तर पर स्वीकृति के लिए भेजी गई हैं? यदि हाँ तो कब तक स्वीकृति दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। उज्जैन-झालावाड़ मार्ग पर स्थित सुसनेर एवं सोयतकला में 4 लेन सीमेंट कांक्रीट का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन था, किन्तु मार्ग को सैद्धांतिक राष्ट्रीय राज्य मार्ग स्वीकृत किया गया है एवं म.प्र.सवि.नि. द्वारा फोरलेन निर्माण के लिये तैयार की गई फिजिबिलिटी रिपोर्ट राष्ट्रीय राज्य मार्ग प्राधिकरण को सौंपी जा चुकी है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार 12 मार्गों के प्रस्ताव मुख्य जिला मार्ग घोषित करने हेतु भेजे गये, इनमें से दो स्वीकृत हुए शेष प्रकियाधीन है। (ग) जी हाँ। प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जी हाँ। वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंदौर संभाग में लोक निर्माण विभाग के स्वीकृत कार्य
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 393 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हैं। ऐसे समस्त कार्यों की सूची जिलेवार प्रश्न दिनांक तक जिसमें कार्य की लागत, समयावधि, प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत् कार्य पूर्ण हो चुका है, कार्य प्रारम्भ तिथि समेत उपलब्ध करवायें? (ख) प्रश्न दिनांक तक इंदौर संभाग में कौन-कौन से नवीन विकास कार्य निविदा प्रक्रिया में है। ऐसे समस्त कार्यों की सूची जिलेवार प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध करवायें? (ग) क्या कुछ निर्माण कार्य समयावधि पूर्ण होने के पश्चात् भी अधूरे हैं? ऐसे समस्त कार्यों की सूची जिलेवार प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध करवायें? इन कार्यों की पूर्णतः में देरी के लिए कौन जिम्मेदार है। क्या जिम्मेदार व्यक्ति/फर्म पर किसी प्रकार की कार्यवाही की गयी है। यदि हाँ तो की गई कार्यवाही की जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, अ-1 एवं अ-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, ब एवं ब-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, स एवं स-1 अनुसार है।
बहने वाली सिंध आदि नदियों पर स्टॉप डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
46. ( क्र. 415 ) श्री रामसिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन सी नदियां बहती है? क्या शासन बहने वाली इन नदियों जैसे-सिंध आदि पर 05-05 कि.मी की दूरी पर छोटे-छोटे स्टॉप डेम बनाकर वर्षा जल संग्रहित कर सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराने की काई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो योजना की विस्तृत जानकारी दें? यदि नहीं तो उक्त छोटे स्टॉप डेम बनाने की कार्यवाही शासन कब तक करेगा? (ख) क्या उक्त छोटे-छोटे स्टॉप डेम अत्यंत कम लागत में बनने के बावजूद सिंचाई हेतु बहुत अधिक मात्रा में संग्रहित वर्षा जल सिंचाई हेतु उपलब्ध होगा? जिससे सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी? यदि हाँ, तो शासन इस किसान हितैषी योजना पर अमल कब तक करेगा? (ग) क्या शासन कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बहने वाली नदियों पर अत्यंत कम लागत के एवं लगभग 10 फीट ऊंचाई के सिंचाई हेतु एवं भू-जल स्तर बढ़ाने हेतु छोटे-छोटे स्टॉप डेम बनाने के लिए सर्वे कराएगा? यदि हाँ, तो उक्त सर्वे कराने के आदेश कब तक जारी होंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कछारांतर्गत शिवपुरी जिले की कोलारस विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सिंध, ऐर, इन्दार एवं गुल्जारी नदी बहती है। इनमें से सिंध नदी पर 05-05 कि.मी. दूरी पर छोट-छोटे स्टॉप डेम बनाये जाने की कोई योजना नहीं है। सिंध नदी पर छोटे स्टॉप डेम बनाया जाना आर्थिक एवं तकनीकी रूप से उपयुक्त नहीं है। (ख) जी नहीं। उक्त नदियों पर छोटे-छोटे स्टॉप डेम कम लागत में बनाया जाना संभव न होने से प्रस्तावित नहीं किये गये है। स्थल परीक्षण उपरांत उक्त नदियों पर छोटे-छोटे स्टॉप डेम निर्माण हेतु उपयुक्त स्थल एवं निर्धारित मापदण्डों से अधिक लागत आने के कारण असाध्य पाये गये हैं। (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बहने वाली नदियों पर कम लागत के स्टॉप डेम निर्माण हेतु उपयुक्त स्थल न होने एवं आर्थिक रूप से असाध्य होने से सर्वेक्षण कराये जाने की स्थिति नहीं है।
कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत निर्माण
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 416 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभाग के बी.एण्ड.आर. एवं पी.आई.यू. द्वारा वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 की अवधि में भवन निर्माण कार्य पूर्ण किए गए है? यदि हाँ तो उक्त अवधि में कब-कब, कहां-कहां पर कौन-कौन से भवनों का कितनी-कितनी लागत से किस-किस ठेकेदार द्वारा निर्माण किया गया है? (ख) क्या उक्त निर्मित भवनों को संबंधित को अभी तक हैंडओवर नहीं किया गया है? यदि हाँ तो किन-किन भवनों को अभी तक क्यों हैंडओवर नहीं किया गया है? यदि हैंडओवर किया गया है तो किस-किस भवन को कब-कब किसे हैंडओवर किया गया है? (ग) क्या जो भवन हैंडओवर किए गए है उनका निर्माण अत्यंत घटिया हुआ है तथा भवनों की छतों से पानी टपकता है? दीवारों में दरार है? प्लास्टर उखड़ा गया है? खिडकी-दरवाजे टूटे-फूटे एवं अस्त-व्यस्त है? इनकी जाँच कराकर इन्हें कब तक दुरस्त करा दिया जावेगा? (घ) क्या प्रश्नाधीन अवधि में निर्मित एवं हैंडओवर किए गए भवनों में आज दिनांक तक विद्युत कनेक्शन नहीं कराए गए है? यदि हाँ तो किन-किन भवनों में प्रश्न दिनांक तक विद्युत कनेक्शन लिए जाने हेतु राशि जमा नहीं कराई गई और किन-किन भवनों में प्रश्न दिनांक तक विद्युत कनेक्शन नहीं हुए है? इन भवनों में विद्युत कनेक्शन कब तक करा दिए जाएंगें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, अ-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, अ-1 एवं 'ब' अनुसार है। जी नहीं। (ग) पी.आई.यू. द्वारा निर्माण कार्यों की नियत अवधि/परफारमेंस गारंटी अवधि में उत्पन्न कमियों को जाचोंपंरात ठीक कराया गया है अत: जाँच का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पी.आई.यू. द्वारा कराये गये भवन निर्माण कार्यों के प्राक्कलनों में विद्युत कनेक्शन कराये जाने का प्रावधान स्वीकृति प्राक्कलनों में नहीं है, न ही इस हेतु संबंधित विभाग द्वारा धन राशि उपलब्ध कराई जाती है। विद्युत कनेक्शन जो कि संबंधित विभाग के नाम होगा। संबंधित विभाग द्वारा ही कराया जाना चाहिए। केवल 6 ट्रेड आई.टी.आई. कोलारस में बाह्य विद्युतीकरण का कार्य शामिल है, जिसे पूर्ण करा दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, अ-1 अनुसार है।
म.प्र. संचार प्रतिनिधियों/पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा
[जनसंपर्क]
48. ( क्र. 432 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. संचार प्रतिनिधियों/पत्रकारों की सहायता एवं कल्याण के उद्देश्य के लिए स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना प्रारंभ की गई है? यह योजना किस वर्ष प्रारंभ की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अधिमान्य/गैर अधिमान्य संचार प्रतिनिधियों/पत्रकारों पर लागू है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो विदिशा जिले के कितने अधिमान्य/गैर अधिमान्य संचार प्रतिनिधियों/पत्रकारों को लाभांवित किया गया है, कितने शेष है, कारण बतावें। शेष को योजना का लाभ दिये जाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है या नहीं? (घ) विदिशा जिले में ग्राम स्तर, विकासखंड/तहसील स्तर, जिला स्तर पर अधिमान्य/गैर अधिमान्य संचार प्रतिनिधियों/पत्रकारों की सूची उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। यह योजना वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रारंभ की गई है। (ख) अधिमान्य एवं अधिमान्यता नहीं होने की स्थिति में फार्म 16 एवं पी.एफ. कटौती का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने वाले पत्रकारों पर लागू है। (ग) विदिशा जिले में 04 अधिमान्य पत्रकारों द्वारा बीमा कराया गया। शेष अधिमान्य/गैर अधिमान्य पत्रकारो के द्वारा पत्रकार स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना में आवेदन नहीं किया गया। यह स्वेच्छिक योजना है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ/ब अनुसार है।
उद्यानिकी के विकास हेतु यंत्रीकरण योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
49. ( क्र. 433 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्यानिकी के विकास हेतु यंत्रीकरण को बढ़ावा देने की योजना विभाग में संचालित है? यदि हाँ तो इसका उद्देश्य बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के तहत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में विदिशा जिले के कितने किसानों को लाभ दिया गया है, विधानसभावार करावें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कितने किसानों को लाभ दिया जाना प्रस्तावित है, प्रस्तावित किसानों की सूची ग्रामवार उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) योजना का लाभ लेने के लिए कृषक को ऑन-लाईन आवेदन करना है। वर्ष 2016-17 में बासौदा विधानसभा क्षेत्र से प्रश्न दिनांक तक किसी भी कृषक द्वारा ऑन-लाईन आवेदन नहीं किया गया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंहस्थ 2016 के निर्माण कार्यों की शिकायत
[लोक निर्माण]
50. ( क्र. 444 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा उज्जैन सिंहस्थ 2016 में सिंहस्थ आयोजन के लिये कुल कितनी धनराशि के भवन, सड़क एवं सिंहस्थ आयोजन से संबंधित अन्य निर्माण कार्य कराये गये? निर्माण कार्यों का विवरण दीजिये। (ख) इन निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की कमी की शिकायतों और निर्माण लागत में घपलों-घोटालों और भ्रष्टाचार की अनेक शिकायतों पर अब तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई और किन-किन अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) आर्थिक घोटालों के लिये जिम्मेदार किन अधिकारियों से कितनी धनराशि वसूल की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-1, अ-2 व अ-3 अनुसार है। (ख) गुणवत्ता संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अन्य प्राप्त शिकायत की जाँच की जा रही है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्य की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
51. ( क्र. 445 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में कृषि विपणन बोर्ड तकनीकी संभाग सागर द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं, उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता हुई है, घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है, उक्त निर्माण कार्य कौन से अधिकारी/कर्मचारी की देख-रेख में हुये हैं, उक्त कार्यों में लापरवाही के लिये कौन दोषी हैं? उक्त अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) सुनवारी से मुरूकुछु व्हाया जयपालनगर, 2. गढीकरहिया, जैतपुर व्हाया खलौन, 3. नुनागर, धौवापुरा, सुनेही मार्ग लगभग ₹ 14 करोड़ की लागत के उक्त मार्गों की हालत बहुत ही खराब है, पूरी रोड गड्डों में तब्दील हो गई है? उक्त घटिया निर्माण की प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा विधानसभा भ्रमण के दौरान शिकायत किये जाने के उपरांत आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) पन्ना जिले की विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मंडी बोर्ड/किसान कल्याण विभाग के कार्यों की जाँच के लिये क्या शासन टीम गठित कर जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) पन्ना जिलें में निर्माणाधीन कार्यों की वर्तमान स्थिति सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश "क" के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में उल्लेखित निर्माण कार्य गुणवत्ता तथा मानक स्तर के जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में उल्लेखित तकनीकी अमले की देख-रेख में कराये जा रहे है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित सड़को में से सुनवारी से मुरूकुछू रोड व्हाया जयपाल नगर एवं नुनागर-झुकेही व्हाया, धोआपुर मार्गो की स्थिति ठीक है, गढ़ी करहिया -जैतपुर व्हाया खलौन-झिराठा मार्ग वर्ष 2016 में हुई अत्यधिक वर्षा के कारण कुछ स्थलों पर क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसकी मरम्मत का कार्य अनुबंधित ठेकेदार से कराया जा रहा है। उक्त सड़को को चिन्हित करते हुए घटिया निर्माण की शिकायत प्रश्नकर्ता माननीय विधायक से प्राप्त नहीं हुई है। अपितु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक एम.एल.ए. 814/15 दिनांक 17.06.15 से जिला पन्ना में मंडी बोर्ड से चल रहे निर्माण कार्य की गुणवत्ता के संबंध में सामान्य शिकायत की गई थी, जिसकी प्राथमिक जाँच में निमार्णाधीन कार्यों में प्रयुक्त की जा रही सामग्री के परीक्षण परिणामों के आधार पर निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्वक पाये जाने के फलस्वरूप उक्त शिकायत के संबंध में कोई कार्यवाही शेष नहीं है, अत: पत्र क्रमांक एम.एल.ए. 815/15 दिनांक 17.06.15 से विधान सभा क्षेत्र पवई अंतर्गत मंडी समिति सिमरिया एवं पवई में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान न देने के संबंध में पदस्थ कार्यपालन यंत्री को हटाने की प्राप्त शिकायत की जाँच कराई जा रही है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता माननीय विधायक की शिकायत क्रमांक एमएलए 815/15 दिनांक 17.06.15 की जाँच उपरांत प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर आगामी कार्यवाही का निर्णय लिया जा सकेगा।
तालाबों में करोड़ों की राशि व्यय
[जल संसाधन]
52. ( क्र. 461 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा अता. प्रश्न संख्या 69 (क्रं. 1765) दिनांक 27/2/15 के उत्तर में पुस्तकालय प्रपत्र (ब) में दी गई जानकारी में तालाबों में करोड़ों के कार्य कराने और पूर्णत: भी जारी कर दिये जाने की जानकारी दी है तो वर्ष 2011 से लगातार किन-किन वर्षों में किसानों को फसल हेतु पानी दिया गया? तालाबवार कृषकों की संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) जल संसाधन विभाग में छतरपुर जिले में कुल कितने तालाब हैं तथा ऐसे कितने तालाब हैं जिन पर शासन द्वारा करोड़ों का व्यय कर दिया गया किंतु किसानों को फायदा नहीं हो रहा? उनकी पृथक-पृथक सूची दें। (ग) बुंदेलखण्ड पैकेज अथवा अन्य मद से ऐसे कितने तालाब हैं जिन पर वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक उनकी देख-रेख तथा मरम्मत हेतु शासन की राशि का व्यय नहीं किया? (घ) तालाबों की देख-रेख एवं निरीक्षण हेतु जिले के कार्यपालन यंत्री जल संसाधन द्वारा अनुविभागीय अधिकारी/उपयंत्री को माह में कितनी बार भेजा जाता है? शासन की गाईड-लाईन के अनुसार टूर प्रोग्राम के अनुसार वर्षवार क्या प्रतिवेदन प्राप्त हुए? उनका विवरण उपलब्ध करावें। वर्ष 2011 से जानकारी देवें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कुल 77 तालाब निर्मित हैं। सभी निर्मित तालाबों से सिंचाई सुविधा का लाभ किसानों को प्राप्त हो रहा है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है। (ग) बुंदेलखण्ड़ पैकेज अथवा अन्य मद में ऐसा कोई तालाब नहीं है, जिसमें वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक उनकी देख-रेख तथा मरम्मत हेतु शासन की राशि का व्यय नहीं किया गया। घ) तालाबों की देख-रेख हेतु आवश्यकतानुसार विभागीय अमले द्वारा नियमित अंतराल पर देख-रेख एवं निरीक्षण किया जाता है। सभी तालाबों का प्रतिवर्ष वर्षा पूर्व/पश्चात् सक्षम अधिकारियों द्वारा विस्तृत निरीक्षण एवं सिंचाई के समय निरंतर मॉनिटरिंग की जाती है। वर्ष 2011 से वर्तमान तक टूर प्रोग्राम के दौरान कोई लिखित प्रतिवेदन प्रतिवेदित नहीं है।
वर्तमान उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं छतरपुर के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
53. ( क्र. 473 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में पदस्थ उप पंजीयक सहकारी संस्थायें छतरपुर वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कब से कब तक कहां एवं किस पद पर पदस्थ रहे? उक्त अधिकारी की म.प्र. शासन एवं प्रशासन को कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? (ख) क्या प्राप्त शिकायतों की जाँच की गई? यदि हाँ तो जाँच अभिमत का विवरण उपलब्ध करावें वर्तमान में पदस्थ उप पंजीयक छतरपुर श्री निगम के विरूद्ध प्रमाणित शिकायतों के आधार पर कार्यवाही न करने के क्या कारण रहे? (ग) उप पंजीयक सहकारी संस्थाओं छतरपुर द्वारा 1-4-13 से प्रश्न दिनांक तक कितने पत्र एवं आदेश जारी किये गये? क्या उन्हें जावक पंजी में दर्ज किया गया था या नहीं? शासन प्रावधानों के अनुसार दोषी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के आदेश जारी किये जावेंगे? यदि हाँ तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) दिनांक 01-01-2010 से 11-08-2010 तक दमोह जिले में सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं दमोह के पद पर, दिनांक 12-06-2010 से 01-02-2013 तक पन्ना जिले में सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं पन्ना के पद पर एवं दिनांक 02-02-2013 से वर्तमान तक छतरपुर जिले में उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं छतरपुर के पद पर पदस्थ रहे है। 19 (ख) शिकायतों की जाँच व विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रमाणित शिकायतों के आधार पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) दिनांक 01-01-2013 से प्रश्न दिनांक तक 8283 पत्र एवं आदेश जारी किये गये। उक्त पत्र एवं आदेश जावक पंजी में दर्ज हैं। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
54. ( क्र. 481 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र मण्डला के नैनपुर तहसील/विकासखण्ड में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थापना की जानी है? उपरोक्त आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कार्यालयीन एवं आवासीय व्यवस्था हो चुकी है? यदि हाँ तो कब तक जिला एवं सत्र न्यायालय नैनपुर में प्रारंभ करा दिया जायेगा? (ग) यदि नहीं जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को उपरोक्त व्यवस्था संबंधी क्या एवं कब निर्देश दिये गये? (घ) आदिवासी बाहुल्य पिछड़े इलाके में प्रश्न (क) के निर्देशों का पालन न करने वाले एवं न्याय की प्रक्रिया को बाधित करने वाले अधिकारी-कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पठार क्षेत्र की सिंचाई व्यवस्था
[जल संसाधन]
55. ( क्र. 482 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में नैनपुरा विकसखण्ड में थॉंवर परियोजना की दांयी तट नहर ग्राम पंचायत पुतर्रा, भरवेली, पोटिया आदि की सिंचाई व्यवस्था जो प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित थी, का सर्वे कार्य हुआ कि नहीं तथा प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति हेतु वरिष्ठ कार्यालय को भेजा गया या नहीं? यदि भेजा गया तो जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या इसी परियोजना अन्तर्गत पठार क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था हेतु प्रस्तावित ग्राम दोनी में जल संग्रहण तालाब निर्माण कर समुचे पठार एवं आदिवासी अंचल में सिंचाई हेतु विभागीय कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ग) नैनपुर के जाम गांव ईश्वरपुर क्षेत्र में माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा 2008 में की गई घोषणा उपरान्त प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित सिंचाई व्यवस्था हेतु विभागीय कार्ययोजना तैयार कर ली गई है, कब तक क्षेत्र की जनता को सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध हो जायेगी? (घ) ग्राम पालासुन्दर वि.ख. नैनपुर में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित नवीन बांध टाटाकसा की कार्य योजना बना ली गई, शासन स्तर से कब तक स्वीकृति होकर आदिवासी अंचल को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जायेगी? (ड.) नैनपुर वि.ख. ग्राम पंचायत पाठासिहोरा, खौहरी में बनाये गये नवीन बाधों की समुचित जानकारी उपलब्ध कराते हुए बतायें कि दोनों बांध जनहित में उपयुक्त एवं गुणवत्ता युक्त बने है? विभागीय अभिमत के साथ समुचित जानकारी उपलब्ध करायें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) डी.पी.आर. तैयार किए जाने हेतु सर्वेक्षण कार्य प्रगतिरत है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। परियोजना के ई.आर.एम. प्रस्ताव का परीक्षण मुख्य अभियंता बोधी के अंतर्गत परीक्षणाधीन होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (घ) परियोजना ग्रामों के विस्थापन, वनभूमि की लागत तथा निजी भूमि के मुआवजे के कारण निर्धारित विभागीय मापदण्डों पर अनुपयुक्त पाई गई है। (ड.) पाठासिहोरा बांध जलाशय के बेसिन से भू-गर्भीय कारण से जल रिसाव होने के कारण परियोजना पूर्ण उपयोगी नहीं हैं। कोहरी बांध जलाशय उपयोगी है सिंचाई हेतु पानी दिया जा रहा है। जलाशय के प्रारंभिक नहर 1200 मी. नहर फिलिंग में होने तथा समीप में उपलब्ध पथरीली मिट्टी होने के कारण बार-बार होने वाली क्षतिगस्तता के सुधार हेतु दिनांक 21.10.2015 रू.3.95 लाख की कार्य हेतु स्वीकृति प्रदान की जाकर निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 503 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत खिलचीपुर व्हाया सेमलीकलां से रामगढ़ मार्ग पर ग्राम बटेडिया में छापी नदी पर, ग्राम लिम्बोदा से कुंडालिया मार्ग पर तथा ग्राम काशीखेड़ी में छापी नदी पर पुल नहीं होने से क्षेत्रवासियों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तथा वर्षाकाल के पूरे समय उक्त मार्गों पर आवागमन पूर्णत: बंद हो जाता है? यदि हाँ तो क्या शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक उक्त स्थानों पर पुल निर्माण हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो बतावें? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उक्त महत्वपूर्ण मार्गों पर ग्रामीणजनों को आवागमन की सुविधा प्रदान करने हेतु पुल निर्माण करवाएगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। अतिवृष्टि के समय आवागमन अवरूद्ध होता है। जी नहीं। बजट में सम्मिलित नहीं है। (ख) वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता के कारण वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
तालाब निर्माण की स्वीकृति
[जल संसाधन]
57. ( क्र. 504 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत ग्राम शिवपुरा में तालाब निर्माण (लघु सिंचाई योजना) हेतु विभाग द्वारा सर्वेक्षण कराया जाकर विभागीय साध्यता सूची में दर्ज है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त तालाब निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या शासन उक्त तालाब जो कि कम लागत में अधिक हेक्टेयर भूमि सिंचित करने की क्षमता रखता है, की प्रशासकीय स्वीकृति किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। साध्यता स्वीकृति आदेश दिनांक 17.11.2016 को जारी कर परियोजना के विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति हेतु डी.पी.आर. प्रस्तुत करने के निर्देश दे दिए गये हैं।
लोक निर्माण/पी.आई.यू. द्वारा कराये गये कार्य
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 516 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग एवं पी.आई.यू. द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किए गये व उनकी वर्तमान अद्यतन स्थिति क्या है? जानकारी विकासखण्डवार, योजनावार, कार्यवार लागत सहित पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत कार्य पूर्ण व अपूर्ण है, विवरण दें? उक्त स्वीकृत कार्यों में से ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं, जो स्वीकृति उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं किए गये हैं व क्यों? उक्त कार्य कब तक प्रारंभ कर दिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, अ-1, अ-2 एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश 'क' अनुसार।
पुल-पुलिया का निर्माण
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 524 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पिपरा, बरहटी के मध्य नाला में बहेरी जो उत्तर प्रदेश की सीमा के मध्य मलुहवा नाला तथा कपुरदेई और अमिलिहवा के मध्य गोतात नाला में पुलिया निर्माण कराने हेतु प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रस्ताव शासन को विगत वर्ष दिए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रस्तावों को मान्य कर आगामी वर्ष में निर्माण किए जाने हेतु बजट में प्रस्तावित करने की योजना है या नहीं? यदि नहीं, तो कब तक उक्त पुलिया निर्माण के लिये बजट प्रस्तावित किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा-खाचरौद विकासखण्ड क्षेत्र की सड़कों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
60. ( क्र. 529 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद की किन-किन सड़कों को किसान सड़क निधि में सम्मिलित किया गया है? (ख) सम्मिलित सड़कों की कार्य योजना वर्तमान में किस स्थिति में है? प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर नागदा खाचरौद विधानसभा में मंडी बोर्ड से किसान सड़क निर्माण के आवेदनों पर विचार कर कितनी सड़कें लेने की योजना है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विधान सभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में (1) ग्राम रूनखेड़ा में धमोत्तर जिला रतलाम के बीच 03 कि.मी. सड़क निर्माण (कुडेल नदी पर रपटा/पुल सहित) (2) बेहलोला से चामुण्डा होते हुये 4.50 कि.मी. सड़क निर्माण (3) सुरेल संदला फंटा चार आंम्बा से मगदनी होते हुये पिपलौदा बागला तक 4.00 कि.मी. सड़क कार्यों को किसान सड़क निधि के अंतर्गत गठित साधिकार समिति के प्रस्तावित एजेण्डा की सूची में सम्मिलित किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सड़को के प्रस्ताव माननीय मुख्य मंत्रीजी की अध्यक्षता में गठित साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाने वाले एजेण्डा में स्वीकृति के निर्णयार्थ/ विचारार्थ सम्मिलित किया गया है। साधिकार समिति की बैठक में निर्णय के उपरांत सड़कों की संख्या का निर्धारण हो सकेगा।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र की सड़कों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 570 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा जनवरी 2014 से 5 नवम्बर 2016 तक कितनी सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई? विधानसभावार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2014 से आज दिनांक तक 1 भी नवीन सड़के स्वीकृत नहीं की गई है इसके क्या कारण हैं? (ग) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक द्वारा सड़को की स्वीकृति के प्रस्ताव कब-कब दिये गये उन पर क्या कार्यवाही की गई दिनांकवार, पत्रवार जानकारी प्रदान करें। (घ) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र की सड़को के प्रस्ताव शासन स्तर पर कहाँ-कहाँ विचाराधीन है? बड़नगर विधानसभा क्षेत्र की सड़कों को कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं। बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत म.प्र. रोड़ डेवलेपमेंट कार्पोरेशन अंतर्गत 2 सड़कों की स्वीकृति जारी की गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
कृषि विभाग की संचालित योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
62. ( क्र. 571 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में राष्ट्रीय तिलहन विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, दलहन प्रदर्शन, पाईप लाईन एवं स्प्रिकंलर, योजना के तहत वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कितने हितग्राहियों को वित्तीय सहायता (सब्सीडी) उपलब्ध कराई गई? राशि एवं लाभांवित कृषकों की विधानसभावार संख्या बतावें। (ख) बड़नगर विकासखण्ड में राष्ट्रीय तिलहन विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, दलहन प्रदर्शन पाईप लाईन एवं स्प्रिकंलर, योजना के लाभाविंत कृषकों की सूची ग्रामवार व प्रदाय की गई राशि की जानकारी योजनावार और वर्ष वार पृथक पृथक उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कामलिया कीट नामक बिमारी से फसलों को नुकसान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
63. ( क्र. 574 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में खरीफ फसल 2016 के दौरान कामलिया कीट से कितने हेक्टयेर भूमि की फसल की क्षति हुई है? (ख) उक्त क्षति से कितने कृषकों की कितनी फसल प्रभावित हुई है? क्या विभाग ने इनका सर्वे किया है? यदि हाँ तो कब और किस अधिकारी ने किया? क्या किसानों को कोई मुआवजा भी दिया गया है? यदि हाँ तो मुआवजा प्राप्त किसानो का नाम एवं राशि बतावें? यदि नहीं तो क्यों? कामलिया कीट से बचाव हेतु विभाग ने क्या कार्यवाही की? (ग) क्या इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय विधायक द्वारा पूर्व में अवगत कराया था? यदि हाँ तो विभाग ने समय रहते किसानों की मदद क्यों नहीं की? जिम्मेदार अधिकारी कौन है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा स्पष्ट करे? उक्त बीमारी के स्थाई समाधान हेतु विभाग के पास कोई कार्य योजना है? यदि हाँ तो क्या?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कामलिया कीट से प्रभावित क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) 1004 कृषकों की फसलें प्रभावित हुई। जी हाँ। माह जुलाई 2016 में विभागीय कृषि विकास अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा प्रभावित ग्रामों के क्षेत्रों का सर्वे किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। कामलिया कीट से प्रभावित क्षेत्र आर्थिक क्षति स्तर से कम होने से मुआवजा देने जैसी स्थिति निर्मित नहीं हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। कीट नियंत्रण हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। किसान सभा एवं ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान कृषकों को कीट की रोकथाम हेतु प्रेस नोट, साहित्य वितरण एवं प्रशिक्षण द्वारा आवश्यक तकनीकी जानकारी प्रदाय की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है। कामलिया कीट प्रभावित क्षेत्र में कीट नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय तिलहन मिशन योजना अंतर्गत अतिरिक्त भौतिक/वित्तीय लक्ष्य प्राप्त कर कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर कीटनाशक औषधी एवं पौध संरक्षण यंत्रों का वितरण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र चार अनुसार है। (ग) जी हाँ। सम्पूर्ण कार्यवाही के दौरान विभाग और माननीय विधायक पानसेमल से सतत सम्पर्क था। विभाग द्वारा उत्तरांश ‘ख’ अनुसार अधिकारियों द्वारा कामलिया नियंत्रण हेतु योजनांतर्गत अतिरिक्त लक्ष्य प्राप्त कर कार्यवाही संपादित की गई। अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
मन्दसौर जिले में स्टॉप डेम एवं तालाबों के संबंध में
[जल संसाधन]
64. ( क्र. 577 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मन्दसौर जिले में विभाग द्वारा सिंचाई हेतु जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? कार्य का नाम एवं राशि बतावें। (ख) मन्दसौर जिले में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने स्टॉप डेम एवं तालाबों हेतु साध्यता जारी की गई है एवं कितने प्रस्तावित हैं? नाम एवं राशि बतावें। (ग) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त साध्यता वाले स्टॉप डेम एवं तालाब हेतु किन जनप्रतिनिधियों के द्वारा प्रस्ताव रखे गये थे? तालाब के नाम एवं जिन जनप्रतिनिधियों के द्वारा मांग प्रस्ताव रखे गये थे, उनके नाम एवं पद बतावें। (घ) साध्यता प्राप्त तालाबों के निर्माण कार्य कब तक प्रारम्भ कर दिये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' ''ख'' एवं ''ग'' अनुसार है।
नहर योजना कार्य की स्वीकृति
[जल संसाधन]
65. ( क्र. 584 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सेंवढ़ा में मंगरौल वृत के 18 ग्रामों में कृषि भूमि की सिंचाई के लिये क्या नहर बनाये जाने हेतु कोई कार्य पूर्व में स्वीकृत हुआ था? (ख) यदि हाँ तो उक्त कार्य किस स्थिति में है? यदि नहीं तो फिर वहां पर बोर्ड एवं पाईप आदि सामान किस नियम के तहत लगाये गये हैं? (ग) उक्त 18 ग्राम एवं उसके आगे के क्षेत्र में सिंचाई के साधन न होने से उस क्षेत्र के किसान फसल से वंचित रह जाता है, जिस कारण वे पलायन करने की स्थिति में है। क्या उक्त क्षेत्र में सिंचाई हेतु शासन द्वारा कोई कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करायें? यदि नहीं तो कब तक स्वीकृत की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। प्रश्न में उल्लेखित सिंचाई के लिए कोई नहर निर्माण कार्य पूर्व में स्वीकृत नहीं हुआ है। (ख) उक्त क्षेत्र में छोटे-छोटे पिक-अप-वियर अडूपुरा, भदावना, डबका, अरोली, झिलमिल मखौरी एवं रतवा प्रस्तावित थे लेकिन उक्त पिकअप वियर तकनीकी दृष्टि से साध्य न होने के कारण निर्मित नहीं किये गये। तत्समय की उपयोगिता के आधार पर सूचना बोर्ड आदि लगाये गये थे। (ग) सेंवढ़ा तहसील जिला दतिया के ग्राम डॉगडिरोली के समीप सिंध नदी पर सिंध बैराज के निर्माण से 42,275 हे. सैच्य क्षेत्र विकसित किए जाने की परियोजना का सर्वेक्षण कार्य प्रगतिरत है।
लोक निर्माण कार्यालय की जानकारी
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 585 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले के सेवढ़ा विकासखण्ड में लोक निर्माण विभाग का कोई कार्यालय था? (ख) क्या वर्तमान में सेवढ़ा विकाखण्ड में लोक निर्माण विभाग का कार्यालय है यदि हाँ, तो वहां कितने अधिकारी कर्मचारी पदस्थ हैं, यदि नहीं तो क्यों? जबकि वहां पर लोक निर्माण विभाग की कई महत्वपूर्ण सड़कें हैं ऑफिस न होने की वजह से गुणवत्ता प्रभावित हो रही है? (ग) क्या पुन: उस बंद किये गये सब डिवीजन कार्यालय को चालू करने हेतु शासन द्वारा पृथक से आदेश किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक ये कार्यालय चालू किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जिले के सेवढ़ा विकासखंड में लोक निर्माण विभाग का उपसंभाग सेवढ़ा कार्यालय था। (ख) जी हाँ। विकासखंड सेवढ़ा के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग का एक सेक्शन कार्यरत है जिसमें एक उपयंत्री, एक स्थल सहायक तथा बारह श्रमिक पदस्थ है। जी नहीं। (ग) जी नहीं, प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सेवा सहकारी संस्थाओं का विभाजन कर नवीन संस्था का गठन
[सहकारिता]
67. ( क्र. 600 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसानों की सुविधा हेतु सेवा सहकारी संस्था का विभाजन कर नई संस्था बनाये जाने के क्या-क्या प्रावधान है, उसके क्या नियम है? नियमावली एवं प्रावधान उपलब्ध कराये जावे? (ख) क्या खरगोन जिले की आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित महेश्वर को विभाजित कर पृथक से नवीन सेवा सहकारी संस्था ईटावदी बनाये जाने संबंधित आवेदन प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो किस तिथि में किन दस्तावेजों के साथ प्राप्त हुये एवं उस पर क्या कार्यवाही हुई है? (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक प्रधान कार्यालय खरगोन द्वारा संपूर्ण दस्तावेजों के साथ कार्यवाही उपायुक्त, सहकारिता विभाग खरगोन को कब प्रस्तुत किये गये एवं उस पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपायुक्त, सहकारिता विभाग खरगोन द्वारा प्रश्न (ख) एवं (ग) के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? नवीन संस्था में गठन हेतु प्रकरण शासन स्तर पर कब भेजा गया? यदि नहीं भेजा गया तो उसमें क्या कमिया हैं एवं कब तक शासन स्तर पर प्रस्तुत कर दिया जावेगा एवं उसमें स्वीकृति प्राप्त कर ली जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं का पुर्नगठन/विभाजन कर नवीन संस्था बनाये जाने हेतु कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें, मध्यप्रदेश द्वारा दिनांक 08.10.2004 को परिपत्र जारी कर न्यूनतम मापदण्ड निर्धारित किये गये थें, वर्तमान में उक्त मापदण्डों को संशोधित करने करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्ष 2004 के परिपत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। आयुक्त सहकारिता कार्यालय में आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्या., महेश्वर के अध्यक्ष का पत्र संस्था की आमसभा के प्रस्ताव ठहराव के साथ माननीय सहकारिता मंत्री के माध्यम से दिनांक 13.01.2016 को प्राप्त हुआ था, पत्र के संबंध में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पुर्नगठन मापदण्डों के संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के आधार पर पुर्नगठन की कार्यवाही, मापदण्डों के संशोधन उपरांत किये जाने की सूचना से संस्था के अध्यक्ष को दिनांक 15.03.2016 को अवगत कराया गया। संस्था के पुर्नगठन का प्रस्ताव उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, जिला खरगोन को दिनांक 01.02.2016 को आमसभा के प्रस्ताव ठहराव, वर्तमान समिति तथा पुर्नगठन के पश्चात वर्तमान समिति तथा पुर्नगठित समिति के संबंध में 3 प्रपत्रों में सदस्य संख्या, कृषि भूमि, कृषक परिवार आदि की जानकारी प्रेषित की गई। प्रस्ताव के संबंध में उप आयुक्त सहकारिता, खरगोन द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., खरगोन को परीक्षण कर प्रतिवेदन प्रेषित करने हेतु लिखा गया था। बैक द्वारा दिनांक 28.09.2016 को प्रेषित जानकारी के अनुसार पुर्नगठन उपरांत दोनो समितियों का कृषि रकबा 5000 हेक्टेयर से कम होने तथा पुर्नगठन उपरांत गठित होने वाली नवीन संस्था में 1000 सदस्यों से कम सदस्य होने के आधार पर पुर्नगठन प्रस्ताव अमान्य किया गया। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ अनुसार। (घ) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनहित के अति महत्वपूर्ण मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 601 ) श्री राजकुमार मेव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वर्ष 2016-17 में कितने मार्ग निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा जारी की गई? कार्यवार एवं स्वीकृति राशि सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ख) महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक अति महत्वपूर्ण मार्गों के निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब, कौन-कौन से प्रस्ताव एवं पत्र दिये गये? (ग) प्रश्न (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा प्रस्तावों एवं पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या मार्गों के निर्माण संबंधित प्रस्ताव, प्राक्कलन मय तकनीकी स्वीकृति के शासन को स्वीकृति हेतु भेजे गये है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्न (ख) (ग) के संदर्भ में शासन द्वारा प्रस्तावों पर कब तक विचार किया जाकर मार्ग निर्माणों की स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नदी जोड़ों की योजना पर व्यय
[जल संसाधन]
69. ( क्र. 627 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की हरपुरा सिंचाई एवं नदी जोड़ो परियोजना में कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? (ख) योजना के मूल प्रारूप में कितनी राशि का प्रावधान था और योजना की पूर्णता के लिये क्या समय-सीमा निर्धारित की गई थी? (ग) इस योजना में कितनी भूमि अधिग्रहित करने की प्रक्रिया किस अधिनियम में की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) निर्माण कार्य पर रू.3394.05 लाख एवं भू-अर्जन एवं अन्य पर रू.1768.32 लाख। (ख) रूपये 4133.00 लाख। दिसंबर 2013 (ग) भू-अर्जन अधिनियम 1894, भूमि अर्जन, पुर्नवास और पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिनियम 2013 एवं आपसी सहमति क्रयनीति 2014 के अंतर्गत।
जिला शाजापुर में संतरा फसलों के लिए फूड प्रोसिसिंग प्लांट
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
70. ( क्र. 637 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिला रसीले एवं मीठे संतरा उत्पादन करने में प्रदेश एवं देश में अग्रणी होकर संतरा उत्पादन में सुप्रसिद्ध है? (ख) विगत वर्षों में जिले में ओलावृष्टि होने के कारण संतरे की फसलों को अत्यधिक नुकसान होने के कारण संतरा उत्पादन करने वाले किसानों को उचित दाम प्राप्त नहीं हो पा रहा हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार संतरा फसलों हेतु शासन स्तर पर फूड प्रोसिसिंग युनिट खोलने की कार्य योजना प्रस्तावित है? (घ) यदि नहीं है तो क्यों?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) शाजापुर जिले में संतरे का बहुतायत उत्पादन होता है। (ख) प्रश्नांश के संबंध में कोई शोध अथवा अध्ययन उपलब्ध नहीं होने से जवाब दिया जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना राज्य शासन द्वारा नहीं की जाती है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा विशिष्ट वित्तीय सहायताओं का प्रावधान किया गया है जिसका लाभ निजी निवेशक ले सकते है।
कालीसिंध या लखुंदर नदी के व्यर्थ जल को चीलर बांध में मिलाना
[जल संसाधन]
71. ( क्र. 638 ) श्री अरूण भीमावद : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मान. मुख्यमंत्री महो. ने किसान सम्मेलन शाजापुर में आमजन के लिए पेयजल एवं किसानों के लिए सिंचाई हेतु कालीसिंध नदी या लखुंदर नदी का व्यर्थ पानी जिला मुख्यालय शाजापुर में स्थित चीलर बांध में लाने हेतु घोषणा की गई थी? (ख) क्या विगत वर्षों में अल्पवर्षा होने के कारण चीलर बांध में पर्याप्त जल का संग्रहण नहीं होने के कारण पेयजल एवं सिंचाई हेतु जलसंकट एक गंभीर समस्या रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार क्या कालीसिंध नदी या लखुंदर नदी का व्यर्थ पानी चीलर बांध में लाने हेतु कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है? (घ) यदि हाँ तो इसकी स्वीकृति कब तक होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) कालीसिंध नदी का लेबल गहराई में होने एवं चीलर नदी का लेबिल ऊंचा होने एवं बीच में निछमा पहाड़ी होने के कारण योजना उपयुक्त नहीं पाई गई। लखुदंर नदी के पानी का उद्वहन कर पाईप लाईन द्वारा चीलर डेम में लाने हेतु प्रस्ताव का प्रारंभिक परीक्षण किया जा रहा है। (घ) योजना साध्य होने पर।
जिला मुख्यालय शाजापुर में कृषि महाविद्यालय की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
72. ( क्र. 639 ) श्री अरूण भीमावद : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि महाविद्यालय खोलने हेतु म.प्र. शासन द्वारा क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? (ख) जिला शाजापुर प्रदेश में उन्नत फसल उत्पादन करने में अग्रणी जिलों की श्रेणी में आता है तथा जिला मुख्यालय शाजापुर पर 400 एकड़ की शासकीय कृषि भूमि उपलब्ध है, जो एक कृषि महाविद्यालय को खोलने हेतु आवश्यक है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि शाजापुर जिले में प्रदेश शासन कृषि महाविद्यालय खोलने का निर्णय लेती है, तो कृषक वैज्ञानिक तरीकों से उन्नत खेती कर समृद्ध हो सकता है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) नवीन कृषि महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली की पंचम अधिष्ठाता समिति की सिफरिशों के तहत मापदण्ड निर्धारित है। मापदण्डो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नवीन कृषि महाविद्यालय खोलने हेतु पंचम अधिष्ठाता समिति की अनुशंसाओं के अनुसार 75 एकड़ भूमि आवश्यक है। (ग) शाजापुर में नवीन कृषि महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
अनियमितताओं के संबंध में की गई शिकायतों पर कार्यवाही
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास]
73. ( क्र. 644 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिकायतकर्ता के शिकायती पत्र दिनांक 16.08.2016 के द्वारा माननीय मंत्री/प्रमुख सचिव/संचालक, गैस राहत एवं पुर्नवास के साथ-साथ सभी संबंधित चिकित्सा अधिकारियों को स्पीड पोस्ट सेवा भारत सरकार के माध्यम से भेजकर विभाग में सुरक्षा एवं सफाई कार्य का ठेका निजी संस्थाओं से कराये जाने में कई गंभीर अनियमिततायें करते हुए विभाग को लाखों रूपये की वित्तीय हानि पहुंचाई जाने के संबंध में 16 बिन्दुओं की मय दस्तावेजी साक्ष्यों सहित अवगत कराते हुए नियमानुसार कार्यवाही का अनुरोध किया गया था? (ख) प्राप्त शिकायतों के बिंदुओं का बिन्दुवार उल्लेख करते हुए उन पर किस-किस के द्वारा क्या निर्देश दिये गये/प्राप्त हुए? प्रश्न दिनांक तक निर्देशों/शिकायत पर क्या-क्या कार्यवाही किसके द्वारा कब-कब की गई? उसके क्या निष्कर्ष निकले? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ग) क्या संचालक, गैस राहत एवं पुनर्वास द्वारा शिकायत के बिंदु क्रमांक 7 में जिस अधिकारी की मिलीभगत के कारण अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाये गये हैं उसी अधिकारी से जाँच कर जाँच प्रतिवेदन देने हेतु अधिकृत किया गया है? उस अधिकारी का नाम, पदनाम सहित उसे अधिकृत किये जाने के नियमयुक्त/विधियुक्त कारण बतावें। क्या उक्त अधिकारी द्वारा संचालक, गैस राहत के बार-बार स्मरण पत्र लिखने के बावजूद जाँच पूर्ण नहीं कर प्रकरण को अकारण लंबित रख कर दोषियों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है? (घ) क्या शासन/विभाग शिकायत की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए तत्काल उक्त कतिपय अधिकारी से जाँच वापस लेकर जाँच संचालनालय के किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराते हुए दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने के साथ-साथ प्रश्नांश (क) से (घ) का उत्तर क्या संचालक, गैस राहत एवं पुर्नवास के अभिमत सहित दिया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। संचालक, गैस राहत एवं पुनर्वास को संबोधित प्रति पत्र क्रमांक 3721 दिनांक 01.09.2016 पत्र के माध्यम से प्राप्त हुआ है। (ख) संचालक,गैस राहत एवं पुनर्वास के पत्र क्रमांक 3728 दिनांक 01.09.2016 के द्वारा उक्त शिकायत के संबंध में बिन्दुवार तथ्यात्मक स्थिति से अवगत कराने के संचालक, कमला नेहरू चिकित्सालय को निर्देश दिये गये। संचालक,कमला नेहरू चिकित्सालय के पत्र क्रमांक 1438 दिनांक 05.07.2016 एवं पत्र क्रमांक 3833 दिनांक 22.11.2016 के द्वारा चिकित्सालयों की सुरक्षा एवं सफाई व्यवस्था हेतु संबंधित भुगतानकर्ता अधिकारियों सी.एम.ओ.,गैस राहत एवं चिकित्सालयों के अधीक्षकों को शिकायत में अंकित बिन्दुओं पर बिन्दुवार तथ्यात्मक स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिये गये हैं। सी.एम.एच.ओ. एवं अधीक्षकों (आहरण एवं संवितरण अधिकारी) द्वारा अनुबंध में उल्लेखित शर्तों के अनुरूप प्राप्त शिकायत का परीक्षण किया गया तथा निजी सुरक्षा एवं साफ-सफाई एजेंसी को अनुबंधित शर्तो के अनुसार भुगतान उपलब्ध बजट के अनुसार किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश (ख) में स्पष्ट किया गया है कि सी.एम.एच.ओ. एवं अधीक्षकों (आहरण एवं संवितरण अधिकारी) द्वारा शर्तों के आधार पर भुगतान किया जाता है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होते है।
बायोमैट्रिक मशीन से उपस्थिति
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास]
74. ( क्र. 645 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय गैस राहत एवं पुर्नवास के अधीन संचालित कार्यालयों/ चिकित्सालयों/डिस्पेंसरियों आदि में बायोमैट्रिक मशीन से उपस्थिति सुनिश्चित की गई है? यदि हाँ तो कब से किन-किन इकाईयों में मशीनों से उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है? किन-किन में नहीं की जा रही है? किन-किन इकाईयों में मशीनें उपलब्ध कराने के बावजूद उनकी उपस्थिति मशीनों से दर्ज नहीं हो रही है? उनके कारण सहित तथ्यात्मक जानकारी बतावें। बायोमैट्रिक मशीन से उपस्थिति की अवहेलना करने वाले दोषियों पर कठोर कार्यवाही करते हुए उनकी भी उपस्थिति बायोमैट्रिक मशीन से दर्ज किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या इकाईयों में एन.आई.सी. व सुरक्षा तथा सफाई में कार्यरत कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमैट्रिक मशीन से नहीं लेते हुए दोहरी नीति अपनाई जाकर कुछ कतिपय अधिकारियों की ठेकेदारों से मिलीभगत के कारण अनियमित वेतन भुगतान के नाम पर लाखों रूपये की वित्तीय हानि विभाग को पहुंचाई जा रही है? (ग) क्या शासन/विभाग, विभाग की समस्त इकाईयों में समानता व पारदर्शिता को दृष्टिगत रखते हुए कार्यरत सभी इकाईयों के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ-साथ एन.आई.सी. व सुरक्षा/सफाई में कार्यरत कर्मचारियों की उपस्थिति भी बायोमैट्रिक मशीन से दर्ज करते हुए उक्त बायोमैट्रिक मशीन के उपस्थिति पत्रक अनुसार वेतन भुगतान किया जाकर विभाग को लाखों रूपये की पहुंचाई जा रही वित्तीय हानि से बचाया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। सभी इकाईयों में मशीनों से उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है। अगस्त-सितम्बर 2015 में उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान में 08 औषधालय में थम इम्पे्रशन बायोमैट्रिक मशीन का साफ्टवेयर खराब होने के कारण उपयोग में नहीं आ रही है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निर्माता कंपनी का भुगतान रोककर उन्हें आवश्यक सुधार हेतु लिखा गया है। मरम्मत की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। एन.आई.सी. (निक्सी सर्विसेस इनकार्पोरेट) के द्वारा अनुबंधित प्रोग्रामर, सहायक प्रोग्रामर, डी.एम.ए. आदि द्वारा बायोमेट्रिक उपस्थिति एन.आई.सी. के निर्देश पर प्रस्तुत की जाती है का भुगतान एन.आई.सी. (निक्सी सर्विसेस इनकार्पोरेट) द्वारा किया जाता है। वर्तमान व्यवस्था में सुरक्षा एवं साफ-सफाई व्यवस्था हेतु अनुबंधित एजेंसी द्वारा कर्मियों का नियोजन कर उपस्थिति पंजी रजिस्टर में संधारित की जाती है जिसका सत्यापन चिकित्सालय के सहायक अधीक्षक तथा आर.एम.ओ. द्वारा प्रस्तुत उपस्थिति के आधार पर देयको का भुगतान संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा किया जाता है। (ग) उपस्थिति सुनिश्चित करने का दायित्व संबंधित आउट सोसर्ड निजी एजेन्सी का है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्रमिकों को भुगतान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
75. ( क्र. 657 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी मध्यप्रदेश भोपाल के आदेश क्र. 1618 दिनांक 05.03.2016 कलेक्टर दर पर रखे जाने वाले श्रमिकों को विशेष भत्ता देने के निर्देशित किया गया है यदि हाँ, तो भिण्ड में किसको कितना भुगतान किया गया? किसको भुगतान नहीं किया गया? भुगतान न करने के क्या कारण है? (ख) सहायक संचालक उद्यान भिण्ड को श्रमिकों के भुगतान हेतु जनवरी 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक कितना बजट आवंटित किया गया है? कहां पर कितना बजट व्यय किया गया है? (ग) उद्यानिकी विभाग भिण्ड में रोपणियों में कार्यरत श्रमिक 10 एवं 20 वर्ष से अधिक समय होने के उपरांत विशेष भत्ता भुगतान नहीं देने का क्या कारण है कब तक भुगतान हो जायेगा? (घ) उद्यानिकी विभाग भिण्ड कौन-कौन से पद स्वीकृत है कौन कार्यरत है कितने पद रिक्त है कब तक पद पूर्ति हो जायेगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। एरियर राशि का भुगतान न होने का कारण राशि आवंटन प्राप्त नहीं होना है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) पात्र श्रमिकों को विशेष भत्ता का भुगतान मार्च 2016 से प्रतिमाह किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। विभाग में अधिकारियों/ कर्मचारियों की कमी के कारण पद रिक्त हैं। रिक्त पदों को भरने के लिए विभाग प्रयासरत है। पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों पर आरक्षण के बिन्दु पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश किये हैं अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
हिरणखेड़ा एवं उंचाखेड़ा की नहर की जमीन का मुआवज़ा
[जल संसाधन]
76. ( क्र. 667 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के ग्राम हिरणखेड़ा एवं उंचाखेड़ा की नदी के दोनों तरफ मुण्डला तालाब परियोजना में कितनी नहरें स्थापित हैं? (ख) उक्त नहरों के आस-पास लगने वाले गांव के किसानों को उक्त नहर में जाने वाली जमीन का किसानों को कितना-कितना मुआवजा वितरण किया गया है? (ग) जिन किसानों की जमीन नहर में अधिग्रहण की गई है, उनकी जमीन का किस मान से कितना मुआवजा वितरण किया गया है? किसान का नाम, जमीन का रकबा और वितरित मुआवज़े की राशि सहित बतावें? (घ) यदि कोई किसान मुआवज़ा से वंचित रहे गये हैं तो उन्हें कब तक मुआवज़े का वितरण किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दांयी मुख्य नहर ग्राम हिरनखेड़ा एवं बांयी मुख्य नहर ऊंचाखेड़ा में स्थित है। (ख) रू.2,35,40,635.00 (ग) एवं (घ) भू-अर्जन अधिनियम-1894 की धारा-4 के अंतर्गत प्रकाशन वर्ष में कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा निर्धारित दरों के आधार पर पारित अवार्ड के मान से विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (पृष्ठ 1 से 66) अनुसार है। बैंक खातों में अविवादित खातों का भुगतान किया जा चुका है। शेष किसानों को उनके द्वारा बैंक खाता संख्या उपलब्ध करवाये जाने पर।
पी.आई.यू. द्वारा निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 668 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शासन द्वारा परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पी.आई.यू.) विभाग में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कोई निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? (ख) यदि हाँ तो उक्त वर्षों में लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) द्वारा निर्माण कार्य, कितनी-कितनी लागत के करवाये गये हैं वर्षवार, निर्माण कार्य के नाम, स्थान का नाम, लागत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं? यदि हाँ तो बतावें। (घ) यदि नहीं तो कौन-कौन से कार्य अधूरे पड़े हैं वर्षवार, जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त कार्य अधूरे रहने का क्या कारण है? अधूरे कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के स्तम्भ 07 अनुसार है। जी नहीं। कुल 10 कार्यों में से 8 पूर्ण एवं 02 प्रगतिरत। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पुल-पुलिया एवं मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
78. ( क्र. 690 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले की वारासिवनी विधानसभा क्षेत्रवार कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से मार्ग के कितने-कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? उनमें से कितने कार्य पूर्ण किये? कितने कार्य अपूर्ण हैं? समयावधि के पश्चात अपूर्ण रहने का क्या कारण हैं? दाषियों के विरूध्द क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बालाघाट जिले के वारासिवनी विधान सभा क्षेत्र में सड़क निर्माण के अलावा कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये, कितने कार्य पूर्ण हुये, कितने कार्य अपूर्ण हैं? कितने कार्य समयावधि के पश्चात भी अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने का क्या कारण हैं? (ग) वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पुल-पुलिया एवं मार्ग निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कौन-कौन से कार्यों के लिए किस-किस दिनांक को प्रस्ताव भेजे गये? प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? कौन-कौन से मार्ग निर्माण के कार्यों के प्राक्कलन बनाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में हैं? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये प्रस्तावों पर विभाग द्वारा विगत २ वर्षों से कोई भी विचार नहीं किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या कारण हैं? क्या वर्ष २०१७-१८ के बजट में प्रश्नकर्ता द्वारा बताये गये अति महत्वपूर्ण प्रस्तावित पुल-पुलिया एवं मार्गों की स्वीकृति हेतु राशि का प्रावधान किया जावेगा? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्न ही नहीं उठता। वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता के कारण बताना संभव नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी
[सहकारिता]
79. ( क्र. 694 ) श्री गोपाल परमार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में सहकारी मार्केटिंग सोसायटी द्वारा कितनी उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जा रहा है दुकान का नाम संचालनकर्ता का नाम पता मोबाइल नंबर सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उचित मूल्य की दुकान को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कितनी एवं क्या-क्या सामग्री आवंटित की गई है?आवंटित खाद्यान्न में से कितनी सामग्री वितरित की गई प्रश्न दिनांक पर कितनी स्टाक शेष है जानकारी वर्षवार उपलब्ध कराई जावें? (ग) आगर मार्केटिंग सोसायटी द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को कितनी राशि एवं खाद /बीज का वितरण वसूल की गई राशि की जानकारी वर्षवार दी गई है? शेष राशि कब तक वसूल की जावेगी यदि नहीं तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है शासन उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) आगर जिलें में विपणन सहकारी संस्था मर्यादित आगर द्वारा 04 एवं विपणन संस्था नलखेडा द्वारा 03 उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जा रहा है। जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) आगर मार्केटिंग सोसायटी द्वारा जनवरी 2013 से सितम्बर 2015 की अवधि में खाद/बीज के वितरण का व्यवसाय नहीं किया गया। माह अक्टूबर 2015 से 31 मार्च 2016 तक 1517 किसानों को राशि रुपये 16,90,508.32 का एवं वर्ष 2016-17 में 01 किसान को राशि रूपये 840.00 का नगदी खाद विक्रय का व्यवसाय किया गया। उधारी में खाद/बीज विक्रय नहीं किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वर्ष 2016-17 में स्वीकृत नवीन सड़कें
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 698 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा किन-किन जिलों में वर्ष 2016-17 में नवीन सड़कें स्वीकृत की गई है? (ख) क्या सतना जिले में भी विभाग द्वारा सड़के स्वीकृत की गई हैं यदि हाँ तो स्वीकृत मार्गों का नाम, लम्बाई एवं लागत राशि बताएँ? (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा विधानसभा क्षेत्र रैगांव के आठ मार्गों को विभाग में जोड़ने हेतु प्रस्ताव माननीय मंत्री जी को प्रेषित किये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्तावित मार्गों में से कितने मार्गों को विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई? बतावें कि परामर्शदात्री समिति लोकनिर्माण विभाग मध्य प्रदेश शासन की बैठकें आयोजित न करने के क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 51 जिलों में तथा म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) परीक्षणाधीन है। बैठक दिनांक 08.03.2016 को आयोजित की गई थी।
टपरा लहर से क्वाटा तक मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 699 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग संभाग छतरपुर के द्वारा विधानसभा क्षेत्र बिजावर में टपरा लहर से क्व़ाटा तक के मार्ग का निर्माण किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांक (क) के अनुक्रम में उपरोक्त मार्ग का निर्माण कब से शुरू हुआ एवं कब पूर्ण होगा? (ग) प्रश्नांक (क) के अनुक्रम में क्या उपरोक्त मार्ग का निर्माण तय समय-सीमा से ना चलकर धीमी गति से चल रहा है? यदि हाँ तो क्यों? (घ) प्रश्नांक (क) के अनुक्रम में कार्य तय समय-सीमा के अंदर और निर्धारित मापदंड में सुनिश्चित हो इस हेतु कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? निर्धारित समय-सीमा एवं तय मापदंडानुसार कार्य न होने पर शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जाती है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रारम्भ दिनांक 04.11.2015 एवं पूर्ण होने की संभावित तिथि 31.03.2017। (ग) जी हाँ अतिवर्षा के कारण खदानों में पानी भरा होने एवं सामग्री की उपलब्धता न होने के कारण। (घ) कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री। निर्धारित समय एवं मापदंडानुसार कार्य न होने पर अनुबंधानुसार एवं विभागीय कार्य नियमावली के अन्तर्गत कार्यवाही की जाती है।
विभाग द्वारा देयकों/ बिलो का भुगतान
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 713 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग छतरपुर द्वारा 01 मार्च 2016 से 31/03/16 तक कितने देयकों/बिल वाउचरों को भुगतान किया गया? (ख) क्या जिन देयकों का भुगतान किया गया है उन सभी भुगतानों में से निर्माण कार्य में कितना व्यय किया गया है? (ग) निर्माण कार्यों का पूर्ण होने का दिनांक, स्वीकृत राशि, मूल्यांकन, परीवेक्षण का मापदण्ड की जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल 250 देयकों का भुगतान किया गया। (ख) कुल राशि रूपये 450.01 लाख। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग द्वारा देयकों/ बिलो का भुगतान बाबत्
[जल संसाधन]
83. ( क्र. 714 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जल संसाधन संभाग छतरपुर द्वारा 01 मार्च 2015 से 31/03/16 तक कितने देयकों /बिल बाउचरो का भुगतान किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : कुल 1443 देयकों/बिल व्हाचरों का भुगतान किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अग्रिम भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
84. ( क्र. 717 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा वितरित किये जाने वाले बीज खाद एवं अन्य सामग्री के प्रदाय, भण्डारण एवं वितरण हेतु व्यय की जाने वाली राशि के अग्रिम भुगतान अधिकारियों एवं कर्मचारियों को किया जाता है। यदि हाँ तो किस नियम के तहत बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में यदि हाँ तो कटनी जिले में वर्ष 2012-2013 से प्रश्न दिनांक तक अग्रिम राशि के भुगतान एवं समायोजन में अनियमितता के कितने प्रकरण पाये गये हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है। (ग) अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम, पद एवं राशि सहित पूर्ण विवरण प्रकरणवार बतायें। अगर कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक एवं क्या कार्यवाही की जावेगी समयावधि बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जैविक खेती के प्रोत्साहन हेतु व्यय की गई राशि एवं उसके परिणाम
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 718 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुढ़वार विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013 - 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु कब-कब प्राप्त हुई, प्राप्त राशि का किस-किस कार्य में कितना-कितना व्यय किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कितने कृषकों को क्या-क्या सामग्री से लाभान्वित किया गया, प्रदाय की गई सामग्री का मूल्य क्या था? (ग) मुढ़वार विधान सक्षा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 के पूर्व किस-किस ग्राम में कितने-कितने रकबे में जैविक खेती होती थी एवं वर्तमान में किस-किस ग्राम में कितने-कितने रकबे में जैविक खेती हो रही है। (घ) क्या मुढ़वार विधान सक्षा क्षेत्र में जैविक खेती करने वाले कृषको का म.प्र. राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था भोपाल में पंजीयन है, यदि हाँ तो किन किन का, यदि नहीं तो क्यों। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत क्या व्यय की गई राशि के अनुपात में परिणाम प्राप्त न होने का संज्ञान लेकर कार्यवाही की जायेगी। यदि हाँ तो क्या एवं कब तक। यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मुढ़वारा विधान सभा क्षेत्र में जैविक खेती प्रोत्साहन योजना संचालित नहीं थी। अत: शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्यप्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था में जैविक प्रमाणीकरण बाबत कृषकों के आवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण पंजीयन नहीं किया गया। (ड़) उत्तरांश (क) अनुसार।
बालाघाट जिले की रोजगार मूलक योजना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
86. ( क्र. 722 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में रोजगार मूलक योजनाओं में किन-किन वर्गों के कितने हितग्राहियों का कितनी योजनाओं में चयन हुआ? इसके पश्चात् बैंक से ऋण प्राप्त कर उन्होंने रोजगार प्रांरभ किए जानकारी दिनांक 01-04-2013 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्रवार देवें? (ख) इसके लिए उपरोक्त समयावधि में किन-किन वर्ग के कितने आवेदन प्राप्त हुए वर्गवार जानकारी देवे? (ग) शासन द्वारा बैंक गांरटी योजना (सी.जी.टी) के तहत उपरोक्त समयावधि में कितने ऋण बालाघाट जिले में दिए गये? नाम, स्थान एवं राशि सहित जानकारी देवे? (घ) प्रश्न (ग) के अनुसार इसमें कितने हितग्राही चयनित हुए? स्थान एवं राशि सहित जानकारी देवे?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपरोक्त योजनाओं के अंतर्गत अ.ज.जा. के 622, अ.जा. के 671, पिछड़ा वर्ग के 3555 एवं सामान्य वर्ग के 690 आवेदन प्राप्त हुए है। (ग) उपरोक्त योजनान्तर्गत ऋण गारंटी योजना (सी.जी.टी.एम.एस.ई.) की कार्यवाही बैंक द्वारा की जाती है एव जानकारी शासन पर संधारित नहीं की जाती है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैतूल जिले की संचालित सहकारी समितियां
[सहकारिता]
87. ( क्र. 724 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कितनी सहकारी समितियां है? नामवार जानकारी दें। (ख) कितनी समितियो में कौन-कौन से पद हैं तथा कौन-कौन से पद पर कौन-कौन से कर्मचारी कार्यरत है? कर्मचारी का नाम, पद एवं पदस्थापना की जानकारी समितिवार दें। (ग) कितनी सहकारी समितियों में समिति प्रबंधक के पद कितने वर्षों से रिक्त हैं? सूची से अवगत कराये। (घ) इन सहकारी समितियों में समिति प्रबंधक के पद की पूर्ति के लिये केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा क्या कदम उठाये गये हैं तथा समिति प्रबंधक की अनुपस्थिती में हुई अनियमितता को रोकने के लिये केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ड.) सहकारिता विभाग द्वारा साख समितियों में हो रही अनियमितताओं को रोकने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 763 समितियां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) समितियां, समितियों में पदों का विवरण, पद पर कार्यरत कर्मचारी का नाम तथा पदस्थापना की जानकारी समितिवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 7 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। (घ) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में समिति प्रबंधक के पद हेतु पुनः संवर्ग व्यवस्था का प्रावधान सहकारी अधिनियम में किया गया है, इस हेतु संवर्ग नियम बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। संवर्ग नियम बनाये जाने के उपरांत समिति प्रबंधकों के पद पूर्ति की कार्यवाही की जा सकेगी। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., बैतूल द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में समिति प्रबंधक के अनुपस्थिति में संस्था के सहायक प्रबंधक को संस्था से प्राप्त प्रस्ताव ठहराव अनुसार संस्था प्रबंधक का प्रभार दिया गया है तथा किसी भी प्रकार की अनियमितता की स्थिति पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही हेतु बैंक द्वारा संस्था के संचालक मंडल को लिखा जाता है। (ङ) शासन स्तर से प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में सहकारी क्षेत्र में गबन धोखाधड़ी की समीक्षा करने एवं प्रभावी कार्यवाही हेतु कमेटी का गठन किया गया है, समितियों का अंकेक्षण/निरीक्षण किया जाता है तथा किसी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर सहकारी अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत विधिक कार्यवाही की जाती है।
झीटापाटी एवं चिचण्डा परिवर्तित सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 725 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग बैतूल द्वारा NH 69 फ़ोरलेन सेक्शन में झीटापाटी एवं चिचण्डा परिवर्तित सड़क का उन्नयन कार्य कराया गया है? यदि हाँ तो दोनो स्थानों पर कितने कि.मी. सड़क का निर्माण कार्य कराया गया है? (ख) प्रश्न (क) में निर्मित सड़क पर कितना व्यय किया गया है? क्या इसकी स्वीकृति शासन से ली गई थी? यदि हाँ तो प्रशासकीय स्वीकृति के आदेश की कापी उपलब्ध कराये। (ग) इस सड़क के उन्नयन का क्या औचित्य था? क्या विभाग द्वारा इस राशि का उपयोग अन्य जनउपयोगी सड़क पर किया जा सकता था? इसके लिये कौन दोषी है तथा दोषियों पर विभाग कब तक और क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
टोल बुथ देशगांव-खरगोन मार्ग पर बंद कर स्थान परिवर्तन करने
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 729 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टोल बूथ भीकनगांव से सम्बंधित ठेकेदार द्वारा वर्तमान में राशि वसूली की जा रही है तथा वर्तमान में टोल बूथ का निर्माण भी अधूरा है पूर्ण रूप से तैयार नहीं हुआ है, क्या यह नियमानुसार सही है? (ख) क्या अशोका ग्रुप द्वारा पूर्व से देशगांव के पास खरगोन मार्ग पर टोल बूथ स्थापित है? यह वैध है तथा वैध है तो क्या वाहनों को 22 कि.मी. के अन्दर दो टोल बूथों पर राशि का भुगतान करना होगा? (ग) क्या टोल बूथ का स्थान परिवर्तन कर लंबाई नहीं बढ़ाई जा सकती है? टोल बूथ से राशि वसूली तथा रोड मरम्मत करने के सम्बंध में क्या अनुबंध हैं? (घ) सम्बंधित ठेकेदार को कब-कब और कितनी अवधि तक राशि वसूलना होगा तथा रोड की मरम्मत करना होगा? इस सम्बंध में अनुबंध की प्रतिलिपि भी उपलब्ध करावें। क्या ग्रामीणों एवं शहरवासियों द्वारा टोल बूथ को स्थान परिवर्तन हेतु शिकायत प्राप्त हुई थी? हां तो क्या कार्यवाही की गई? क्या अनुविभागीय अधिकारी, (रा., भीकनगांव द्वारा टोल बूथ बंद करने के निर्देश जारी किए गये थे? हां तो पुनः क्यों प्रारंभ किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कंसेशन अनुबंध के प्रावधान अनुसार 6 माह की अवधि में टोल बूथ निर्माण पूर्ण किया जाता है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार। (घ) ओ.एम.टी. योजना के अंतर्गत कंशेसनायर द्वारा अपाईन्टेड दिनांक 12/08/2016 से 10 वर्षों तक व्यवसायिक माल वाहक वाहनों से टोल राशि वसूली की जावेगी, साथ ही इस मार्ग का मरम्मत कार्य भी उनके द्वारा किया जावेगा। अनुबंध की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार। जी हाँ। चूंकि टोल बूथ की स्थापना अनुबंध में निर्धारित प्रावधानों के अंतर्गत ही की गई है। टोल बंद अथवा प्रारंभ करने से संबंधित कोई भी निर्देश/आदेश निगम को प्राप्त नहीं हुए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खोई से लाईखेडी मार्ग निर्माण डामरीकरण हेतु स्वीकृत करने
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 730 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत भीकनगांव से झिरन्या को विकासखण्डों को जोड़ने हेतु खोई से लाईखेडी मार्ग दूरी 07 कि.मी. डामरीकरण मार्ग निर्माण कराने के सम्बंध में स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है? हां तो किस मद से तथा कब तक निर्माण प्रारंभ किया जाऐगा? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर नहीं है तो क्या इस क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण मात्र 07 कि.मी. के मार्ग को डामरीकरण हेतु कार्ययोजना में सम्मिलित कर निर्माण हेतु कार्यवाही की जावेगी? भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य प्रगतिरत हैं? (ग) क्या विभाग अन्तर्गत कार्य स्वीकृति की क्या प्रक्रिया है? क्या कार्य स्वीकृति के पूर्व क्षेत्रीय विधायक से प्रस्ताव मांग किया जाना चाहिए? हां तो विभाग द्वारा यह प्रक्रिया का पालन किया गया है? नहीं तो क्या कारण हैं? क्या विभाग द्वारा कार्य स्वीकृति के पश्चात् क्षेत्रीय विधायक के स्वीकृति पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध कराना चाहिए? हां तो वर्तमान तक विभाग द्वारा यह कार्यवाही क्यों नहीं गयी है? क्या भविष्य में यह कार्यवाही का पालन सुनिश्चित किया जा सकता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) योजनांतर्गत कार्यों की स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर स्थायी वित्तीय समिति, वित्तीय व्यय समिति एवं परियोजना परीक्षण समिति क्रमश: प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त विभाग एवं मुख्य सचिव, की अध्यक्षता में गठित की गई है। इन समितियों को रूपये 10 करोड़, रूपये 50 करोड़ एवं रूपये 50 करोड़ से अधिक के कार्यों को स्वीकृत कर बजट में सम्मिलित करने की अनुशंसा करने के अधिकार है। जिलों से प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण परियोजना की लागत के अनुसार इन समितियों द्वारा वित्तीय वर्ष में उपलब्ध आवंटन एवं प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है। इन समितियों की अनुशंसा पर ही कार्यों को बजट में सम्मिलित किया जाता है। विभाग द्वारा क्षेत्रीय विधायक से प्रस्ताव मांगा जाने बाबत वर्तमान में कोई निर्देश नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही कार्य स्वीकृत किये जाते है। जो भी योजना कार्य (रूपये 1 करोड़ से अधिक की लागत के) सक्षम समितियों द्वारा अनुशंसित किये जाते है वे बजट में अंकित होते है तथा बजट की प्रति माननीय विधायकों को विधानसभा द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय राजमार्ग 7 का फोरलेन का अपूर्ण कार्य/विलंब
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 733 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्य एजेन्सी (ठेकेदार) एवं शासन की उदासीनता के कारण रा. राजमार्ग 7 का फोरलेन का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है? विलंब का कारण एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नांश ''क'' फोरलेन के खनाई एवं खुदाई के कारण मुख्य राजमार्ग भी जर्जर हो गया है तथा गनेशगंज से छपारा एवं कुरई से खबासा तक के अपूर्ण निर्माण कार्य के कारण राजमार्ग के नजदीक रह रहे रहवासी पिछले तीन वर्षों से काफी संख्या में प्रदूषण के कारण दमा रोग से ग्रसित होते जा रहे हैं? (ग) यदि हाँ, रा. राजमार्ग 7 की पूर्ण होने की समय-सीमा एवं व्यय की गई राशि की जानकारी बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्न विभाग से संबंधित नहीं है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकरी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत निर्मित राजमार्ग क्रमांक -7 अंतर्गत रीवा से हनुमना खण्ड का निर्माण कार्य नियुक्त दिनांक 19.02.2013 से प्रारंभ कर 28.03.3016 को पूर्ण किया गया। डी.बी.एफ.ओ.टी. पद्धति से कार्य कराये जाने के कारण व्यय की राशि की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है।
स्टेट हाईवे को फोर लेन बनाने की शासन की योजना
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 735 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर-देवास व्हाया बड़नगर स्टेट हाईवे को फोर लेन बनाने के लिये शासन की क्या योजना है? (ख) यदि शासन की फोर लेन बनाने की योजना है तो इस योजना का क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा? (ग) इस संदर्भ में शासन के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही अभी तक कर ली गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कोई नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा उक्त कार्य हेतु फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई गई थी, जिसे डिपार्टमेंट ऑफ एकोनोमिक अफेयर्स भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया गया है।
मध्य प्रदेश के जिलों में विभाग के तहत एम.ओ.यू. साइन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
93. ( क्र.
736 ) श्रीमती
ऊषा चौधरी :
क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु
और मध्यम
उद्यम महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्य
प्रदेश शासन
सूक्ष्म लघु
और मध्यम उद्यम
विभाग द्वारा
किन-किन जिलों
में एम.ओ.यू.
साइन किये गए
जिलेवार
जानकारी
देवें? (ख) क्या
सतना जिले में
भी लघु उद्योग
लगाए जाने हेतु
एम.ओ.यू. साइन
किये गए हैं, यदि
हाँ तो
किन-किन
तहसीलों में
किस-किस प्रकार
की लघु उद्योग
स्वीकृत किये
गए हैं? (ग) क्या
तहसील
रघुराजनगर
अंतर्गत
विधानसभा क्षेत्र
रैगांव (आरक्षित
अ.जा.) में कोई
लघु उद्योग
स्थापित करने
हेतु एम.ओ.यू.
साइन करते हुए
स्वीकृति
प्रदान की गई
है, (घ) यदि
हाँ तो
स्वीकृत लघु
उद्योग किस
स्थान पर लगाया
जावेगा विवरण
सहित बतावें, यदि
स्वीकृत नहीं
किया गया तो
क्यों कब तक
लघु उद्योग
स्वीकृत किया
जावेगा समय-सीमा
बताएं? (ड.) प्रश्नांश
''ख'' अनुसार
स्वीकृत लघु
उद्योग कब तक
प्रारम्भ कर
दिए जावेंगे
अभी तक
प्रारंभ न
होने के क्या
कारण हैं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु
और मध्यम
उद्यम ( श्री
संजय पाठक ) : (क) मध्यप्रदेश
शासन,
सूक्ष्म, लघु
और मध्यम
उद्यम विभाग
द्वारा
एम.ओ.यू. साईन
नहीं किये गये।
(ख) से (ड.) प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सड़क मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 737 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उमरी मोड़ से बदरांव तिवरियान सड़क का निर्माण कब कराया गया था वर्तमान में उक्त सड़क की क्या स्थिति है? (ख) बदरांव तिवरियान से गहनउआ संपर्क मार्ग के संबंध में क्या कोई कार्यवाही प्रचलन में है अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त सड़क का निर्माण पुनः कराया जावेगा अथवा नहीं? ग्राम पंचायत गहनउआ से बदरांव तिवरियान संपर्क मार्ग निर्माण के संबंध में विभाग स्तर पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 1988 में अर्थवर्क, वर्ष 1992-93 में डब्लू.बी.एम. एवं वर्ष 2014 में डामरीकरण किया गया। वर्तमान में मार्ग खराब है। (ख) मार्ग विभाग की पुस्तिका में अंकित न होने के कारण कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मा. मुख्यमंत्री महोदय की घोषणानुसार स्टॉप डेम एवं तालाब का निर्माण
[जल संसाधन]
95. ( क्र. 739 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. मुख्यमंत्री महोदय की दिनांक 24.04.15 को ग्राम बुरानाबाद प्रवास के दोरान बागेडी नदी पर श्रृंखलाबद्ध स्टॉप डेमो का निर्माण एवं चन्दवासला, श्रीवच्छ स्टॉप डेम और वाचाखेडी में तालाब निर्माण करने की घोषणा की थी। तथा चन्दवासला एवं श्रीवच्छ डेम की साध्यता रिपोर्ट एवं एस.एफ.सी. बैठक में भी ले लिया गया है। (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त कार्यों की तकनीकी स्वीकृति कब तक जारी हो जावेगी? बाचाखेड़ी तालाब की साध्यता रिपोर्ट आ चुकी है इसे एस.एफ.सी. बैठक में लेकर कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) बागेड़ी नदी पर श्रंखलाबद्ध स्टॉप डेम ग्राम पाडसुत्या, भिकमपुर एवं बागेडी रोजा में बनना है, वर्तमान में उक्त कार्य की शासन स्तर पर क्या कार्यवाही चल रही है? यह कब तक स्वीकृत हो जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, घोषणा से संबंधित कोई अभिलेख नहीं पाये गये गये हैं। बागेड़ी नदी पर चंदवासला बांध के निर्माण हेतु दिनांक 05.10.2016 को साध्यता स्वीकृत दी जाकर डी.पी.आर. बनाये जाने के निर्देश दे दिए गये हैं। श्रीबच्छ बैराज एवं बाचाखेड़ी तालाब के डी.पी.आर. परीक्षणाधीन हैं। (ग) चंदवासला बांध परियोजना के (डाऊन स्ट्रीम) नीचे होने से बागेड़ी रोजा स्टॉपडेम की उपयोगिता नहीं रही। इसी परिप्रेक्ष्य में पाटसुत्या एवं भीकनपुर स्टॉपडेम की उपयोगिता हेतु पुन: साध्यता परीक्षण उपरांत कार्रवाई संभव हो सकेगी।
कृषि फसल बीमा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
96. ( क्र. 748 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान समय में किस दर से किसके द्वारा कृषकों की कृषि फसल का बीमा कराया जा रहा है? नियमों की छायाप्रति देवें। (ख) पाटन विधान सभा अंतर्गत किन पटवारी हल्कों के कितने कृषकों का प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फसल बीमा वित्त वर्ष 2016-17 की खरीफ एवं रवि फसलों का कराया गया तथा बीमा प्रीमियम का भुगतान किसके द्वारा किस प्रकार से किन-किन शर्तों के अधीन किन फसलों का किया गया? (ग) क्या बैंकों से क्रेडिट कार्ड बनवाने वाले कृषकों से बीमा की राशि बिना उनकी सहमति व बिना बोई गई फसल की बिना लिखित सूचना के काट ली गई? (घ) प्रश्नांश (ख) में बीमित कृषि फसल में किस प्रकार की कौन-कौन सी क्षति होने पर किस दर से किसके निरीक्षण पर बीमा का भुगतान किया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत खरीफ मौसम हेतु सभी खाद्यान एवं तिलहन फसलों हेतु बीमित राशि का 2 प्रतिशत एवं कपास फसल हेतु 5 प्रतिशत एवं रबी हेतु 1.5 प्रतिशत या वास्तविक दर जो भी कम हो, कृषक द्वारा प्रीमियम देय है। कुल वास्तविक प्रीमियम दर से कृषक अंश घटाने पर शेष प्रीमियम राशि 1:1 राज्य शासन एवं केन्द्र शासन द्वारा बराबर अनुपात में वहन की जाती है। प्रदेश में बीमांकन का कार्य एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड एच.डी.एफ.सी. इरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड एवं आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। योजना की मार्गदर्शिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) पाटन विधानसभा अन्तर्गत खरीफ 2016 का बीमा आवरण की जानकारी एकत्रित की जा रही है। पाटन विधानसभा अन्तर्गत क्रियान्वयन एजेंसी एग्रीकल्चर इंश्योंरेस कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड है। बीमा प्रीमियम के कृषक अंश का भुगतान कृषकों द्वारा बैंकों के माध्यम से किया गया। बीमांकन की शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। खरीफ एवं रबी में बीमित फसलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) इस प्रकार का कोई प्रकरण प्राप्त होना नहीं पाया गया है। (घ) योजना की मार्गदर्शिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है।
सिहोरा एवं मझौली तहसील में उद्योग स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
97. ( क्र. 749 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कहां-कहां पर कितनी लागत से कौन-कौन से सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्यम तथा स्टील प्लांट लगाने हेतु योजना प्रस्तावित है एवं इन स्थापित होने वाले स्टील प्लांटों को किस श्रेणी के कितने आयरन की आवश्यकता पड़ेगी? सूची देवें? (ख) क्या पुरानी सिहोंरा तहसील जो अब सिहोरा एवं मझौली तहसीलों में बंट गई है तथा अब एक दूसरे से लगे हुये हैं, में प्रचुर मात्रा में आयरन एवं अन्य गौड खनिज उपलब्ध है? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र में उपलब्ध आयरन एवं अन्य गौड खनिजों की श्रेणी तथा भण्डार मात्रा का व्यापक जुर्लाजिकल सर्वे तथा मझौली तहसील में सहत उपलब्ध सरकारी भूमि का आंकलन कर, उद्योग विभाग एक कार्य योजना प्रस्तुत कर प्रचारित करेगा ताकि इस क्षेत्र में स्टील प्लांट एवं अन्य गौड खनिजों से संबंधित उद्योग लगाने हेतु निवेशकों को आकर्षित किया जा सके? (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं बतलावें?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2016-17 हेतु 3100 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम स्थापित करने का लक्ष्य प्रदान किया गया है, जिसके विरूद्ध 1099 उद्योग, विभिन्न स्थापित हुये हैं। जिसमें 28403 लाख का पूंजी निवेश हुआ है। जिले में औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ में 03 स्टील प्लांट इकाईयां स्थापित होने जा रही है तथा औद्योगिक क्षेत्र के बाहर 02 इकाईयां स्थापनार्थ प्रस्तावित हैं, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खनिज साधन विभाग अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में आयरन और अन्य गौड खनिज उपलब्ध हैं। (ग) खनिज साधन विभाग द्वारा वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र पर जियोलॉजीकल सर्वेक्षण किया जाना प्रस्तावित नहीं है। खनिज साधन विभाग द्वारा भविष्य में सर्वेक्षण किये जाने के पश्चात सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा कार्ययोजना पर विचार किया जा सकेगा। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
रमपुरी लघु सिंचाई योजना का निर्माण
[जल संसाधन]
98. ( क्र. 761 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के आदिवासी क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार हेतु मान. मुख्यमंत्री द्वारा घोषित ''रमपुरी'' लघु सिंचाई बांध परियोजना की स्वीकृति की वर्तमान स्थिति क्या है? उक्त परियोजना को अब तक स्वीकृति प्रदान क्यों नहीं की जा सकी है? (ख) उक्त रमपुरी लघु सिंचाई योजना के निर्माण हेतु शासन कब तक स्वीकृति प्रदान करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) परियोजना के निर्माण हेतु स्थानीय नाले में उपलब्ध जीवित जल भराव क्षमता मात्र 0.24 एम.सी.एम. होने से परियोजना विभागीय मापदण्डों पर असाध्य हैं।
बुन्देलखण्ड पैकेज अंतर्गत निर्मित बांध
[जल संसाधन]
99. ( क्र. 787 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुंदेलखण्ड पैकेज अंतर्गत पन्ना जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा कितने बांध बनाये गये हैं? जल संसाधन विभाग द्वारा बनाये गये बांधों में कितने बांध फूट गये हैं तथा कितने बांधों में रिसाव की समस्या है? प्रत्येक बांध की भौतिक स्थिति की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या बांध फूटने से यह प्रतीत नहीं होता है कि जल संसाधन विभाग या निर्माण एजेंसी द्वारा अधिकारियों से सांठ-गांठ कर गुणवत्ताहीन कार्य किया गया है? क्या अधिकारियों द्वारा बांधों के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार नहीं किया गया है? (ग) पन्ना जिले में बुन्देलखण्ड पैकेज के जो बांध फूटे हैं, उनकी लागत क्या थी प्रत्येक बांधवार बतावें? क्या बांध फूट जाने पर विभाग के अधिकारी व निर्माण एजेंसियों के खिलाफ जाँच कराई जाकर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या अधिकारियों की मिली भगत से पूर्व में जिन एजेंसियों को बांध निर्माण का कार्य दिया गया, बांध फूट जाने के बाद भी बांध निर्माण का कार्य उन्हीं एजेंसियों को पुन: दिया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 21 लघु बांध निर्मित, 03 लघु एवं 01 मध्यम बांध निर्माणाधीन। निर्माणाधीन सिरस्वाहा बांध अत्याधिक वर्षा होने के कारण दिनांक 07.07.2016 को फूटा। निर्मित गिरवारा बांध में रिसाव की समस्या है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत्याधिक वर्षा के कारण निर्माणाधीन सिरस्वाहा बांध क्षतिग्रस्त हुआ। (ग) फूटे हुए सिरस्वाहा बांध की लागत 3224.81 लाख। बांध क्षतिग्रस्त होने के कारण तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री को विभागीय आदेश दिनांक 12.07.2016 को निलंबित कर दिनांक 07.10.2016 को विभागीय जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया। बांध निर्माण के ठेकेदार का पंजीयन निलबंन करने हेतु नोटिस जारी किए जाने पर ठेकेदार द्वारा मा. उच्च न्यायालय जबलपुर से दिनांक 01.08.2016 को स्थगन आदेश प्राप्त किया गया है। (घ) बांध निर्माणाधीन होने के कारण उसी ठेकेदार से उनके स्वयं के व्यय पर बांध का सुधार कार्य कराकर निर्माण पूर्ण कराने की कार्यवाही की जा रही है।
बोनी के लिये बीजों की उपलब्धता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
100. ( क्र.
788 ) श्री
महेन्द्र
सिंह : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
वर्ष 2015-16
में रबी फसल
की बोनी हेतु
बीज यथा-चना, गेहूँ, मसूर, सरसों
आदि की व्यवस्था
बोनी के समय
पर किसान कल्याण
तथा कृषि
विकास विभाग
जिला पन्ना
द्वारा नहीं
की गई जिससे
पन्ना जिले
के किसानों की
बोनी शेष रह
गई? (ख)
प्रश्नांश
(क) के संबंध
में क्या
किसान कल्याण
तथा कृषि
विकास विभाग
जिला पन्ना
द्वारा बीज
उपलब्ध
कराने वाली
एजेंसियों से
सांठ-गांठ कर
बाजार भाव व
शासकीय भाव
में भारी अंतर
होने से किसानों
को बीज नहीं
उपलब्ध कराया
गया? क्या
अनबुंधकर्ता
की जाँच की
जाकर
कार्यवाही की
जावेगी? (ग) किसान
कल्याण तथा
कृषि विकास
विभाग जिला
पन्ना में
किन-किन
योजनाओं का
कितना-कितना
बीज प्राप्त
हुआ? योजनावार
बतावें? (घ) क्या
विभाग की
मिलीभगत से
सब्सिडी व
प्रदर्शन
वाले बीज
बाजार भाव में
बेच दिये जाते
हैं और
किसानों को
बीज उपलब्ध
नहीं कराये
जाते हैं? क्या
ऐसे मामलों की
गंभीरता से जाँच
कराई जाकर
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ, तो कब
तक?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) जी
नहीं। जिला
पन्ना में
रबी वर्ष 2015-16
में रबी बीज
की व्यवस्था
एवं फसलवार
बोनी की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ/ब
अनुसार है। (ख)
जी नहीं। बीजों
की विक्रय दर
एवं मण्डी
भाव की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-स
अनुसार है।
अत: जाँच की
कार्यवाही का
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-द
अनुसार है।
(घ) जी नहीं। जिला
पन्ना में
बीज उपलब्ध न
होने की कोई
शिकायत
प्राप्त
होना नहीं
पाया गया। अत: जाँच
कार्यवाही की
जाने का प्रश्न
ही नहीं है।
जबलपुर एवं कटनी में कर्मचारियों की नियम विरूद्ध पदोन्नति एवं पदस्थापना
[सहकारिता]
101. ( क्र. 804 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक जबलपुर एवं कटनी में पदस्थ कर्मचारियों की पदोन्नति एवं पदस्थापना नियमों को ताक में रखकर एवं बिना वरिष्ठताक्रम के आधार पर की गई है? (ख) यदि वर्णित (क) सही है तो कर्मचारियों की पदक्रम सूची एवं पदस्थापना की सूची वरिष्ठताक्रम के आधार पर दी जावे? (ग) वर्णित (क) की गई नियम विरूद्ध पदोन्नति/पदस्थापना से संबंधित दोषी अधिकारियों पर विभाग क्या दण्डात्मक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., जबलपुर में वर्ष 2015-16 में किसी भी कर्मचारी की पदोन्नति नहीं की गई, पदस्थापना में वरिष्ठताक्रम के आधार का पालन प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से नहीं किया गया। (ख) बैंक कर्मचारियों की दिनांक 31.03.2016 की स्थिति पर पदक्रम सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा पदस्थापना सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में पदोन्नति नहीं की गई है, पदस्थापना बैंक कर्मचारी सेवानियम के अंतर्गत बैंक की आवश्यकता को दृष्टिगत रखकर की गई है, सेवानिवृत्ति या अन्य प्रशासनिक कारणों से रिक्त पदों के विरूद्ध कर्मचारियों की प्रशासनिक क्षमता एवं बैंकिंग दक्षता को ध्यान में रखकर शाखाओं में कर्मचारियों की पदस्थापना की गई है, जो नियम विरूद्ध नहीं है, अतः कोई कार्यवाही आवश्यक नहीं है।
पी.आई.यू. के अन्तर्गत रजिस्टर्ड ठेकेदारों को ले आउट प्रदान करने के नियम
[लोक निर्माण]
102. ( क्र. 805 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परियोजना क्रियान्वयन ईकाई (पी.आई.यू.) के अन्तर्गत पंजीकृत ठेकेदारों को ले आउट प्रदान करने का क्या प्रावधान है? ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें भूमि विलंब से प्राप्त होने के कारण ले आउट विलंब से दिये गये? (ख) क्या विलंब से ले आउट प्रदान करने के कारण कार्य पूर्ण होने के लिये समय वृद्धि प्रदान करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस स्तर के अधिकारी को कितनी समय वृद्धि के अधिकार हैं? (ग) वर्णित (क) एवं (ख) के अन्तर्गत जबलपुर जिले में कितने प्रकरणों में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में शासन को राजस्व की कितनी क्षति हुई तथा इस क्षति के लिये संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) जबलपुर जिले अन्तर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने प्रकरण हैं, जिनमें भूमि न मिलने अथवा विलंब से भूमि मिलने को विभागीय विलंब मानकर अनुबंधकर्ताओं को प्रतिकर (दण्ड) से छूट प्रदान की गई तथा इससे शासन को कितने राजस्व की क्षति हुई? प्रकरण में संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। एक माह तक संभागीय परियोजना यंत्री एवं एक माह से अधिक अतिरिक्त परियोजना संचालक को पूर्ण अधिकार है। (ग) शासन को राजस्व क्षति नहीं हुई। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2015-16 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार एवं वर्ष 2016-17 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। कोई राजस्व क्षति नहीं हुई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिकायती पत्र पर कार्यवाही
[जनसंपर्क]
103. ( क्र. 812 ) श्री बाला बच्चन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख सचिव म.प्र. शासन जनसंपर्क विभाग को दिनांक 26.10.2016 को मा. विधायकों/जनप्रतिनिधि द्वारा शिकायती पत्र दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो शिकायती पत्र में तत्कालीन संचालक जनसंपर्क विभाग भोपाल द्वारा सेवानिवृत्ति के पूर्व अपने पद का दुरूपयोग कर अनियमित कार्य किए जाने का उल्लेख है? क्या इसके लिये जाँच कमेटी बनाई गई? जाँच के निष्कर्षों की जानकारी जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति सहित देवें? (ग) क्या उक्त अधिकारी को संविदा पर पुन: पदस्थ किया गया अथवा किये जाने की कार्यवाही चल रही है? ऐसा क्यों? (घ) क्या तत्कालीन संचालक ने अपने कार्यकाल में अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा शासन को दिया था? यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं तो शासन के प्रावधानों के अनुसार क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक राजनगर (छतरपुर) द्वारा दिया गया था। (ख) शिकायत पत्र का परीक्षण कराया जा रहा है। (ग) निरंक। ( घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सेल्समेन एवं प्रबंधकों के स्थानान्तरण
[सहकारिता]
104. ( क्र. 819 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें जिला छतरपुर द्वारा दिनांक 01.04.2012 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस सेवा सहकारी समितियों के सेल्समेन एवं प्रबधंकों का स्थानांतरण एवं अतिरिक्त चार्ज देने के आदेश जारी किये गये थे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त अधिकारी को सेल्समेन एवं प्रबंधक के स्थानांतरण एवं अतिरिक्त चार्ज देने के अधिकार शासन द्वारा प्रदत्त किये गये थे या नहीं? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारों की प्रमाणित प्रतिलिपियां पटल पर रखी जावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं तो उप पंजीयक सहकारी संस्थायें छतरपुर द्वारा सेल्समेन एवं प्रबंधकों का स्थानांतरण एवं अतिरिक्त चार्ज देने के आदेश क्यों जारी किये गये थे? कारण सहित बतायें। (घ) क्या शासन विधि समस्त कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, जिला छतरपुर द्वारा किसी भी सेवा सहकारी समिति के सेल्समेन तथा प्रबंधक का स्थानांतरण आदेश जारी नहीं किया गया है, केवल 2 समिति, सेवा सहकारी समिति मर्या., मातगुवा तथा सेवा सहकारी समिति मर्या., उजरा के प्रभारी समिति प्रबंधकों के निलम्बन होने के कारण समिति प्रबंधकों का प्रभार समीपस्थ समिति के प्रभारी समिति प्रबंधकों को दिये जाने के आदेश जारी किये गये है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सेवा सहकारी समिति मर्या., मातगुवा के प्रभारी समिति प्रबंधक एवं विक्रेता के विरूद्ध न्यायालय कलेक्टर, छतरपुर के आदेश पारित किये जाने से दोनों को निलंबित किया गया, समिति में अन्य योग्य कर्मचारी न होने से समिति प्रबंधक का प्रभार समीपस्थ समिति, ढ़डारी के प्रभारी समिति प्रबंधक को दिया गया था, न्यायालय संयुक्त पंजीयक, सागर द्वारा उप पंजीयक सहकारी संस्था, जिला छतरपुर के आदेश को निरस्त किये जाने से समिति में पूर्ववत प्रबंधक का प्रभार दे दिया गया है। सेवा सहकारी समिति मर्या., उजरा के प्रभारी समिति प्रबंधक के निलंबन होने तथा समिति में कोई योग्य कर्मचारी न होने से समिति प्रबंधक का प्रभार समीपस्थ समिति, गढ़ीमल्हरा के प्रभारी समिति प्रबंधक को अतिरिक्त प्रभार दिये जाने का आदेश दिये गये थे, न्यायालय संयुक्त पंजीयक, सागर द्वारा उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, जिला छतरपुर के आदेश को स्थगित कर दिये जाने से पूर्ववत प्रबंधक का प्रभार दे दिया गया है। (घ) उत्तरांश ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, जिला छतरपुर द्वारा समिति प्रबंधकों के निलंबन होने के कारण अतिरिक्त प्रभार के आदेश जारी किये गये, इस कारण से कोई कार्यवाही आवश्यक नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
थोक उपभोक्ता सह. भाण्डारों के निर्वाचित अधिकार
[सहकारिता]
105. ( क्र. 820 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में दिनांक 1.4.2005 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस दिनांक को कब-कब शासन एवं प्रशासन द्वारा जिला थोक उपभोक्ता सहकारी भंडारों के निर्वाचन आदेश जारी करने के लिये किस-किस अधिकारी को अधिकृत किया गया था? उक्त आदेशों की प्रमाणित प्रतियां देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार म.प्र. के समस्त जिला थोक उपभोक्ता सहकारी भंडारों के निर्वाचन आदेश अधिकृत अधिकारी द्वारा किया गया था या नहीं? यदि हाँ तो उक्त आदेशों की समस्त प्रतियां देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं तो क्या शासन विधि सम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) दिनांक 01.04.2005 के पूर्व से दिनांक 13 फरवरी, 2013 तक मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49 की उपधारा (8) के द्वितीय परन्तुक के अंतर्गत मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी नियम 1962 के नियम क्रमांक 41 (26) के प्रावधानानुसार जिला थोक उपभोक्ता सहकारी भण्डार के निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करने की शक्तियां संयुक्त/उप/सहायक पंजीयक को उनके क्षेत्राधिकार में प्रदत्त थी। तत्पश्चात म.प्र. शासन, सहकारिता विभाग की अधिसूचना दिनांक 25.6.2013 से म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी की नियुक्ति सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन कराने हेतु की गईं। अधिसूचना/आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) थोक उपभोक्ता सहकारी भण्डार टीकमगढ़ के वर्ष 2015 एवं छतरपुर के 2007 के निर्वाचन आदेश जारी करने की जाँच के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के शेष थोक उपभोक्ता सहकारी भण्डारों के निर्वाचन आदेश अधिकृत अधिकारी द्वारा जारी किए गए। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) थोक उपभोक्ता सहकारी भण्डार टीकमगढ़ के वर्ष 2015 एवं छतरपुर के 2007 के निर्वाचन आदेश जारी करने की जाँच के निर्देश दिए गए हैं। जाँच निष्कर्षों के पश्चात् कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
डी.बी.टी. पद्धति लागू की जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
106. ( क्र. 834 ) श्री अनिल जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न योजनाओं में हितग्राहियों को अनुदान भुगतान के लिये डी.बी.टी. पद्धति लागू की जा रही है? यदि हाँ, तो यह बतावें कि क्या इस पद्धति की उपयोगिता सभी योजनाओं के लिये समान प्रभावी हो सकती है? यदि हाँ, तो इसे लागू किये जाने हेतु विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं किस आधार पर चयनित की गई हैं? योजनावार विवरण देवें? साथ ही जो योजनायें छोड़ दी गई हैं? उनमें डी.बी.टी. लागू न करने के क्या-क्या आधार हैं और इनका निर्धारण किसकी अनुशंसा पर किया गया है? (ख) क्या इस महत्वपूर्ण निर्णय को लागू करने हेतु इसे प्रदेश की कृषि समिति अथवा केबिनेट अथवा विधायकों को विश्वास में लेकर भी किया जा सकता था? यदि नहीं तो क्यों? (ग) डी.बी.टी. पद्धति लागू करने के पश्चात प्रश्नगत योजनाओं से लाभांवित एवं वंचित हितग्राहियों का शासन द्वारा क्या कोई सर्वेक्षण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भारत सरकार द्वारा बीज ग्राम योजना में डी.बी.टी. लागू की गई है, राज्य सरकार द्वारा खरीफ 2016 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, एन.एम.ओ.ओ.पी., आत्मा, एन.एम.एस.ए. के केवल फसल प्रदर्शन में बीज घटक को छोड़कर डी.बी.टी. लागू की गई है। शेष योजनाओं में 1 अप्रैल 2017 से लागू करने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न ही नहीं होता। (ख) बीज ग्राम में डी.बी.टी. प्रक्रिया भारत सरकार द्वारा लागू की गई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, एन.एम.ओ.ओ.पी., आत्मा, एन.एम.एस.ए. के फसल प्रदर्शन में डी.बी.टी. के प्रशासकीय अनुमोदन के उपरान्त लागू की गई है। शेष प्रश्न ही नहीं होता। (ग) जी नहीं।
नहरों का संचालन
[जल संसाधन]
107. ( क्र. 835 ) श्री अनिल जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में सिंचाई विभाग के अधीन कौन-कौन सी नहरें वर्तमान रबी सीजन में सिंचाई हेतु खोले जाने की स्थिति में है, नहरवार सिंचित रकबा एवं लाभान्वित होने वाले ग्रामों के नाम बताये जाये तथा विभिन्न नहरों के ऐसे ग्रामों की जानकारी दी जावें, जिन तक सिंचाई हेतु पानी नहीं दिया जा सकेगा, कारण सहित बतावें? (ख) प्रश्नागत् नहरों को शासन द्वारा कब-कब खोला जाना है, प्रस्तावित तिथि बताये जावें? (ग) क्या बरूआनाला बांध से निवाड़ी पांखीनाला एवं राजघाट नहर से जनौली तक एवं पठारी से रजपुरा तक पानी देने पर विचार किया जा रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) लघु सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' तथा राजघाट नहर परियोजना के अंतर्गत लटेसरा तथा ओरछा वितरिका की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) भीतरी उद्वहन सिंचाई योजना को छोड़कर लघु योजनाओं की नहरें दिनांक 07.11.2016 को खोली जा चुकी हैं। भीतरी उद्वहन सिंचाई योजना विद्युत कनेक्शन के उपरांत खोली जाना संभव हो सकेगा। लटेसरा एवं ओरछा वितरिका दिनांक 20.10.2016 को खोली जा चुकी है। (ग) जी नहीं। बरूआ नाले के कमाण्ड क्षेत्र से बाहर होने के कारण। पठारी एवं ब्रजपुरा लटेसरा वितरिका नहर के कमाण्ड क्षेत्र में होने से पानी दिया जा रहा है।
आपदा प्रभावित किसानों को शासन की सुविधा
[सहकारिता]
108. ( क्र. 844 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में संचालित प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा विगत तीन वित्तीय वर्षों में कितने किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कितना ऋण उपलब्ध कराया गया है वर्षवार समितिवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित हुये ऐसे कितने किसान हैं जिनके ऋण को मध्यकालीन ऋण में परिवर्तित किया गया? इसके लिये बैंकों को कितनी-कितनी राशि कब-कब शासन द्वारा प्रदान की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के ऋण प्राप्त किसानों को चिन्हांकित कर बीमा की राशि प्रदान कराने की कार्यवाही की गयी? अगर हाँ, तो इनमें से कितने किसान पात्र पाये गये? पात्र पाये गये कितने किसानों को किस मान से बीमा की राशि प्रदान की गयी? सहकारी बैंकवार बतावें। (घ) क्या विधान सभा के प्रश्न क्रमांक 89 (क्रमांक 1382) दिनांक 24.02.2016 के उत्तर (घ) में पात्र कृषकों को बीमा राशि का भुगतान किया जायेगा? बताया गया था, तो प्रश्नांश (ग) व (घ) अनुसार कितने पात्र किसानों को चिन्हांकित कर कितनी-कितनी बीमा राशि का भुगतान हेतु निर्देशित किया गया? क्या निर्देशानुसार पालन न कर समय पर बीमा की राशि किसानों को नहीं दी गई? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 1,05,680 किसानों को राशि रूपये 163.05 करोड़। वर्षवार, सीजनवार, समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 25,902 कृषक। राज्य शासन द्वारा इसके लिए जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., रीवा को ऋण के रूप में राशि रूपये 6.09 लाख दिनांक 25.05.2016, राशि रूपये 602.97 लाख दिनांक 03.10.2016 तथा राशि रूपये 108.08 लाख दिनांक 07.10.2016 को प्रदान किये गये। (ग) जी हाँ, वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में बीमा क्लेम प्राप्त करने हेतु पात्र किसानों को राशि प्रदान की गई। 13,266 किसान पात्र पाये गये। पात्र पाये गये किसानों को बीमा क्षतिपूर्ति राशि (बीमित राशि x उपज की कमी/थ्रेशहोल्ड उपज) के आधार पर भुगतान की जाती है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., रीवा में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में 13,266 कृषकों को राशि रूपये 3,91,82,942/- बीमा क्लेम की राशि प्राप्त हुई है। (घ) जी हाँ. उत्तरांश ’’ग’’ अनुसार वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 की बीमा क्लेम भुगतान किया जा चुका है। खरीफ 2015 सीजन के बीमा क्लेम की राशि भुगतान किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
109. ( क्र. 845 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ 18 फरवरी, 2016 को म.प्र. में किया गया? (ख) यदि हाँ तो इस योजना के शुभारंभ में रीवा संभाग से कितने किसानों को सिहोर जिले के शेरपुर में ले जाया गया? ले जाने एवं लाने हेतु कितने वाहनों का उपयोग किया गया? कृषकों को ले जाने एवं लाने में कुल कितनी राशि व्यय की गई? अगर शासन द्वारा आवंटन पृथक से प्राप्त हुआ हो तो कितनी राशि प्राप्त हुई? इसके अलावा प्रचार प्रसार होल्डिंग, पोस्टर, बैनर, पंपलेटस में खर्च की गई राशि का विवरण देवे? (ग) प्रश्नांश (ख) की योजना संचालन के बाद रीवा संभाग में कितने कृषकों को लाभांवित किया गया, जबकि अतिवृष्टि एवं बाढ़ से रीवा जिले के किसानों के फसलों का भारी भरकम नुकसान हुआ? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में रीवा जिला सहित संभाग के अन्य जिलों के बैंकों को बीमा हेतु कितने-कितने लक्ष्य निर्धारित किये गये? लक्ष्य निर्धारण अनुसार क्या संबंधितों द्वारा किसानों को लाभांवित किया गया? अगर नहीं किया गया तो, इसके लिये कौन-कौन जवाबदार एवं दोषी है? (ड.) यदि प्रश्नांश (क) की योजना के लाभ से पात्र किसान वंचित हो गये तो इसके लिये किन-किन को दोषी मानकर कार्यवाही करेंगे? साथ ही प्रश्नांश (ख) अनुसार फर्जी बिल-बाउचर, वाहन, होल्डिंग, प्रचार-प्रसार के नाम पर खर्च कर राशि आहरित कर ली गई तो इसके लिये संबंधित दोषियों से वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? यदि हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ वर्ष 2016 से शुभारंभ की गई। योजना अंतर्गत खरीफ का आरंभ 1 अप्रैल से निर्धारित है। (ख) रीवा संभाग के कृषकों को सीहोर जिले के शेरपुर में भ्रमण के साथ-साथ राज्य के अंदर चयनित खेत तीर्थ स्थलों का भी भ्रमण कराया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) बैंकों को बीमा हेतु लक्ष्य निर्धारित नहीं किये गये। इसलिये किसी के जवाबदार एवं दोषी होने का प्रश्न ही नहीं है। विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ड.) प्रश्नाश (क) की योजना के लाभ से पात्र किसान वंचित नहीं हुये है। अत: शेष का प्रश्न नहीं उठता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनु. अधि. एवं कार्य. यंत्री की अनुशंसा का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
110. ( क्र. 871 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 103 (क्रमांक 1822) के उत्तर दिनांक 15 दिसम्बर 2015 में बताया गया था कि रीवा जिले के जल संसाधन उपसंभाग मऊगंज में पदस्थ दै.वे.भो. कर्म. मृगेन्द्र सिंह को पद से पृथक नहीं किया गया तथा सेवा में पुन: लिये जाने हेतु अनु. कार्या. जलसंसाधन. उपसंभाग मऊगंज कार्यपालन यंत्री एवं अधीक्षण यंत्री रीवा द्वारा कोई पत्र व्यवहार नहीं किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ तो क्या अनु. अधि. जलसंसाधन उप संभाग मऊगंज के पत्र पृ.क्र. 743 दिनांक 30.08.2007 द्वारा उपस्थित कराने का मार्गदर्शन कार्यपालन यंत्री रीवा से मांगा गया था एवं पत्र क्रमांक 167 दिनांक 16.04.2010 को पुन: सेवा में लेने की अनुशंसा की गई थी? (ग) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 141 (क्र. 2795) के उत्तर दिनांक 26 जुलाई 2016 में बताया गया कि आवेदक मृगेन्द्र सिंह का न्यायालय के निर्णय उपरांत दिनांक 16.08.2007 को सेवा में लिये जाने हेतु आवेदन पत्र अनु. अधिकारी जलसंसाधन मऊगंज के कार्यालय में प्रस्तुत करने के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक कार्य पर उपस्थित नहीं हुये तथा उपस्थित कराने हेतु अनुशंसित पत्रों पर अनुमति हेतु समय-सीमा नहीं बतायी गयी? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में हां तो प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कोई पत्र व्यवहार नहीं किया गया की गलत जानकारी देकर विधानसभा को दिगभ्रमित किया गया एवं प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में कार्य पर उपस्थित होने का आदेश विभाग द्वारा दिया गया? यदि हाँ तो प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो किस आधार पर बताया गया कि उपस्थित नहीं हुये तथा ऐसी कार्यवाही विभाग द्वारा की जा रही है कि समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है? (ड.) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में गलत जानकारी देने तथा प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के प्रकाश में विधान सभा को भ्रमित तथा गुमराह करने एवं लापरवाही के लिये कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं की जावेगी तो कारण स्पष्ट करें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[जल संसाधन]
111. ( क्र. 879 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न संख्या 88 (क्र. 1062) दिनांक 19/07/2016 के प्रश्नांश 'क' में रीवा जिले के कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग रीवा को वित्तीय वर्ष 2014-15 में तृतीय एवं चतुर्थ त्रैमास की राशि क्रमाश: 25.68 लाख पत्र क्रमांक 3414 दिनांक 05/12/2014 को 4.12 लाख पत्र क्रमांक 4417 दिनांक 11/02/2015 को गोरमा बांध के समीप पेरीफेरल पोण्ड का निर्माण हेतु एवं वर्ष 2015-16 की प्रथम त्रैमास की राशि 10.00 लाख पत्र क्रमांक 1118 दिनांक 26/06/2015 लोनी जलाशय के समीप पेरीफेरल पोण्ड के निर्माण हेतु संचालक मत्स्योद्योग विभाग म.प्र. भोपाल द्वारा बी.सी.ओ. कोड-3602 से डब्ल्यू.आर.डी. विभाग के बी.सी.ओ. कोड 3104 एवं जलसंसाधन विभाग के सेन्ट्रल सर्वर बी.सी.ओ. कोड-3102 में राशि प्राक्कलन अनुसार प्रदान की गई थी के उत्तर में बताया गया कि नहीं? (ख) प्रश्नांश 'क' के प्रकाश में मत्स्योद्योग विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक दिनांक राशि बी.सी.ओ. कोड आदि की कार्यवाही गलत है? यदि हाँ तो मत्स्योद्योग विभाग के संबंधित कर्मचारी/अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या? कब तक? (ग) प्रश्नांश 'क' के प्रकाश में जल संसाधन विभाग द्वारा दी गई विधानसभा को जानकारी गलत है तो जानकारी देने वाले कर्मचारी/ अधिकारी के खिलाफ क्या? कब तक? कार्यवाही की जावेगी समय-सीमा बतावें? (घ) प्रश्नांश 'क', 'ख' एवं 'ग' के प्रकाश में निराकरण हेतु उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी यदि हाँ तो किससे? कब तक? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। अतारांकित प्रश्न संख्या 88 (क्रमांक-1062) दिनांक 19.07.2016 के प्रश्नांश ''क'' में रीवा जिले के कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग रीवा को प्रश्नांकित राशि प्राप्त न होने के कारण उत्तर ''नहीं'' दिया गया था। प्रश्नांश में उल्लेखित राशि विभाग के बी.सी.ओ.कोड़ क्रमांक-3102 प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग तथा 3104 आयुक्त कमाण्ड क्षेत्र विकास भोपाल में प्राप्त हुई थी। अतारांकित प्रश्न संख्या 88 (क्रमांक-1062) दिनांक 19.07.2016 में प्रश्नांकित कार्य कृषकों के विरोध के कारण प्रारंभ ही नहीं हो सके तथा कार्य न होने के कारण शासन की आय में किसी प्रकार क्षति प्रतिवेदित नहीं है। (ख) से (घ) जी नहीं। मत्स्य उद्योग की जानकारी सही होने से विभाग के संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
भाउखेड़ी अमलाहा मार्ग की स्थिति
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 899 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इछावर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम भाउखेड़ी-अमलाहा मार्ग लोक निर्माण विभाग के अधीन है? यदि हाँ, तो वर्तमान में सड़क की स्थिति क्या है? क्या सड़क ठीक अवस्था में है यदि हाँ, तो कब से सड़क खराब स्थिति में है, ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सड़क के निर्माण कराए जाने की कोई योजना प्रस्तावित है यदि नहीं तो क्यों/यदि हाँ, तो उक्त सड़क किस योजना के तहत बनाई जाएगी, ब्यौरा दें? (ग) क्या भाऊखेड़ी-अमलाहा सड़क निर्माण के लिए टेंडर आदि की पूर्ति की जा रही है, यदि हाँ, तो सड़क निर्माण के लिए एजेन्सी तय की जा चुकी है यदि हाँ, तो ब्यौरा दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्ग में कहीं-कहीं गड्डे है। मरम्मत का कार्य जारी है पेंच रिपेयर निरंतर जारी है। (ख) जी हाँ। एम.डी.आर. योजना में प्रस्तावित। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में स्वीकृत नहीं हुआ है, इसलिये शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित सूक्ष्म सिंचाई योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
113. ( क्र. 900 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा उद्यानिकी विभाग के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है यदि हाँ तो योजना का पूर्ण विवरण दें? (ख) प्रश्नांक 'क' अनुसार भोपाल संभाग में प्रश्न दिनांक तक विगत 3 वर्ष में कितने किसानों को योजना से लाभांवित किया गया है। जिला व ब्लॉकवार लाभांवित किसानों का ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों को किन-किन कम्पनियों से सामग्री प्रदाय कराई उन कम्पनियों का पूर्ण विवरण दें। किन-किन कम्पनियों ने किन-किन जिलों में कितनी-कितनी, कौन-कौन सी सामग्री प्रदाय की? (घ) क्या उपरोक्त योजना के क्रियान्वयन में गड़बडि़यों की शिकायतें भी सामने आई है यदि हाँ तो जिलावार, ब्लाकवार ब्यौरा दें। गड़बड़ी की जाँच के उपरांत क्या-क्या कार्रवाई हुई शिकायतवार ब्यौरा दें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) किसानों को विभाग द्वारा सामग्री प्रदाय नहीं कराई जाती है बल्कि किसान स्वयं सूचीबद्ध कंपनियों से सामग्री क्रय हेतु स्वतंत्र है। अत: सामग्री का विस्तृत विवरण विभाग द्वारा संधारित नहीं किया जाता है। जिन कम्पनियों द्वारा कार्य किया गया है, उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) योजना में वर्ष 2016 में भोपाल जिले के विकासखण्ड बैरसिया एवं फंदा से संबंधित दो शिकायतें प्राप्त हुई जो जाँच में निराधार पाई गई। भोपाल संभाग के अन्य जिलों से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सी.सी. रोड निर्माण/डामरीकरण की जाँच
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 911 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संधारण संभाग क्रमांक 1 भोपाल के अतंर्गत विभाग द्वारा बोगदा पुल से थाना शाहजहांनाबाद चौराहे तक जो सीसी/डामरीकरण रोड निर्माण किया गया है उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं होने एवं मार्किंग पट्टे तथा केट आई लगाने के नाम पर शासन की राशि का दुरूपयोग करने संबंधी शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 24 अगस्त 2016 को निर्माण भवन में माननीय मंत्री जी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में की गई थी? (ख) यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में रोड की गुणवत्ता की जाँच कब कराई गई और मार्किंग पट्टे तथा केट आई पर अपव्यय करने वालों के विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) बोगदापुल से थाना शाहजहांनाबाद चौराहे तक के सी.सी. रोड/डामरीकरण की गुणवत्ता की जाँच दिनांक 05/09/2016 को पुनः करवा ली गई तथा गुणवत्ता निर्धारित मापदंडानुसार पाई गई। मार्किंग पट्टे तथा केट आई भी आवश्यकतानुसार ही लगाये गये हैं तथा कोई अपव्यय नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है।
मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के प्रचार-प्रसार के नाम पर व्यय
[जनसंपर्क]
115. ( क्र.
912 ) श्री
आरिफ अकील :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश में माननीय
मुख्यमंत्री
तीर्थ दर्शन
योजना लागू
किए जाने की दिनांक
से प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
योजना का बड़े
पैमाने पर
प्रचार-प्रसार
किया गया है? (ख)
यदि हाँ तो
किस-किस
दिनांक को
कहां-कहां के
तीर्थदर्शन
हेतु किस-किस
समाचार
पत्रों, टी.वी. चैनलों, बैनर, कटआउट, दिवारों
आदि पर लिखाकर
प्रचार करने
के नाम पर माध्यम
एवं विभाग
द्वारा शासन
की
कितनी-कितनी
राशि व्यय की
गई अलग-अलग
बतावें? (ग) क्या
तीर्थदर्शन
योजना के
प्रचार-प्रसार
के नाम पर
शासन की भारी
भरकम राशि व्यय
पर नियंत्रण
नहीं करने एवं
भ्रष्टाचार
किए जाने के
आरोप लगे है? यदि
हाँ, तो
कब-कब
किस-किसके
द्वारा? शासन
द्वारा प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में क्या
कार्यवाही की
गई बतावें?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जी
हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र अ/ब/स
अनुसार है। (ग)
जी नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
बेतवा नदी के पानी का विक्रय
[जल संसाधन]
116. ( क्र. 925 ) श्री महेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत ओमान रिफायनरी एवं जे.पी. पॉवर प्लाट बीना को बेतवा नदी से पानी दिया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो किस दर से पानी का विक्रय किया जा रहा है? (ग) कंपनी प्रबंधन द्वारा गन्दे पानी का निष्पादन क्या बेतवा नदी में किया जा रहा है जिससे मछली एवं अन्य जलीय जीवों की मृत्यु हो रही है एवं पानी दूषित हो रहा है जिससे आस-पास के ग्रामों में गंभीर बीमारियों हो रही हैं? इसकी रोकथाम हेतु शासन एवं कंपनी प्रबंधन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? (घ) शासन द्वारा नदी को स्वच्छ बनाये रखने हेतु क्या पर्यावरण विभाग द्वारा कोई जाँच समिति बनायी गयी है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) रू.1.55 प्रति घन मी. की दर से। (ग) पर्यावरण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रश्नांकित उद्योगों द्वारा बेतवा नदी में गंदे पानी का निस्तारण नहीं किया जाता है। प्रश्नांकित उद्योगों द्वारा दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना की गई है तथा उपचारित निस्स्राव को परिसर में ही उपयोग करने की शर्त म.प्र. प्रदूषण बोर्ड द्वारा दी गई हैं। (घ) क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र.प्रदूषण बोर्ड सागर द्वारा राष्ट्रीय जल गुणवत्ता मॉनिटरिंग प्रोग्राम (NWQMP) के तहत प्रतिमाह 02 स्थानों पर नमूना एकत्रित कर जाँच की जाती है। वर्तमान में परिणाम निर्धारित मानकों के अनुरूप पाये गये है।
विधानसभा क्षेत्र बीना अंतर्गत पुराने स्टॉप डेम की मरम्मत
[जल संसाधन]
117. ( क्र. 926 ) श्री महेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना में कितने पुराने क्षतिग्रस्त स्टॉप डेम हैं उनकी सूची उपलब्ध कराएं? (ख) क्या शासन द्वारा पुराने क्षतिग्रस्त स्टॉप डेम की मरम्मत कराने का प्रावधान है यदि हाँ, तो? (ग) यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र बीना के क्षतिग्रस्त स्टॉप डेम की मरम्मत किस योजनान्तर्गत कब तक करा दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) विधान सभा क्षेत्र बीना में विभाग का कोई स्टॉप डेम नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
रोड निर्माण में निविदा की प्रारंभिक स्वीकृत राशि
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 955 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर के पुराना ए.बी. रोड के 8 कि.मी. का निर्माण कि.मी. 5/6 से 13/4 तक की निविदा की प्रारंभिक स्वीकृत राशि क्या थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क के निर्माण का अंतिम भुगतान स्वीकृत प्रारंभिक लागत से कई गुना ज्यादा किया गया? यदि हाँ, तो बतावें कि अंतिम कितना भुगतान किया गया तथा निविदा से कितनी अधिक राशि का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अतिरिक्त राशि किस अधिकारी की अनुमति से किस नियम से स्वीकृत की गई, उस संदर्भ में समस्त दस्तावेजों की प्रति देवें? (घ) क्या उपरोक्त ठेके में आर्बिटेशन द्वारा 68 लाख का अवार्ड पारित किया गया? यदि हाँ, तो इस हानि के लिये कौन जिम्मेदार है तथा किससे वसूली जायेगी? क्या उपरोक्त ठेके में आवंटित दर 68 लाख कर अवार्ड पारित किया गया? यदि हाँ, तो इस हानि के लिये कौन जिम्मेदार है तथा किससे वसूली की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) निविदा की प्रारंभिक स्वीकृति राशि रूपये 1818.43 लाख है। (ख) जी नहीं। राशि रूपये 1821.26 लाख का कुल भुगतान किया गया है जो निविदा की राशि से रू. 2.83 लाख अधिक है। (ग) पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 2135.02 लाख प्रदान की गई है। स्वीकृति पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) जी हाँ। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में विचाराधीन है अत: निर्णय उपरांत ही दायित्वों का निर्धारण किया जावेगा।
मंडी शुल्क की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
119. ( क्र.
956 ) श्री
जितू पटवारी :
क्या किसान
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) इंदौर
उज्जैन
संभागी की
कृषि
मण्डियों की
केटेगरी अनुसार
सूची देवें
तथा बतावें कि
उक्त
मण्डियों से
पिछले तीन
वर्षों में
कितना-कितना
मंडी शुल्क
वसूला गया
वर्ष अनुसार
मण्डी
अनुसार
जानकारी दें? (ख)
प्रश्नांश
(क) में प्राप्त
मंडी शुल्क
से पिछले तीन
साल से क्या-क्या
कार्य किस-किस
क्षेत्र में
कितनी लागत से
किये गये? उल्लेखित
मंडी शुल्क
में से कितनी
राशि अन्य मद
में हस्तांतरित
की गई?
(ग)
प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
मंडियों में
कुल कितना मण्डी
शुल्क कितने
व्यापारियों/
संस्थाओं पर
बाकी है? 10 लाख रू. से
अधिक बकाया
मण्डी शुल्क
के व्यापारी/संस्थान
के नाम की
सूची देवें? (घ)
प्रश्नांश
(क) की
मण्डियों में
स्थानीय
अंकेक्षण
आडिट में पिछले
वर्ष क्या
आर्थिक
अनियमितताएँ पाई
गई? आडिट
रिपोर्ट की
प्रतिलिपि
उपलब्ध
कराएं?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) जानकारी
क्रमश: जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-एक
एवं दो अनुसार
है। (ख) जानकारी
क्रमश: पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-तीन
एवं चार
अनुसार है। (ग)
जानकारी
क्रमश: पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-पांच
एवं छ: अनुसार
है। (घ) जानकारी
क्रमश: पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-सात
एवं आठ अनुसार
है।
गंधवानी विधान सभा मुख्यालय में विश्राम गृह की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
120. ( क्र.
961 ) श्री
उमंग सिंघार :
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) धार
जिले की
गंधवानी
विधान सभा
मुख्यालय
में विश्राम
गृह निर्माण
कार्य की स्वीकृति
हेतु क्या
कार्यवाही की
गई? (ख) प्रश्नांकित
(क) अनुसार
गंधवानी मुख्यालय
में विश्राम
गृह की स्वीकृति
कब तक दी
जायेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) विभाग
द्वारा कोई
कार्यवाही
नहीं की गई है।
(ख) उत्तरांश
'क' अनुसार
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
उरी नदी पर पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
121. ( क्र. 963 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गंधवानी विधानसभा में गंधवानी ब्लाक में आने वाली ग्राम पंचायत अजंताड़ एवं बाग ब्लाक में आने वाली ग्राम पंचायत कनेरी के बीच उरी नदी पर पुल निर्माण कार्य प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त पुल निर्माण हेतु सर्वे की क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त पुल निर्माण कार्य कब तक स्वीकृत कर प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) मार्ग विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं होने से मार्ग पर स्थित पुल पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही संभव नहीं।
निर्माण कार्य एवं वित्तीय जानकारी
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 972 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन से मार्गों का नवीनीकरण/ मरम्मत कार्य प्रस्तावित है, बालाघाट-नैनपुर सड़क मार्ग जो कि वर्ष 2015 से छोटी लाईन बंद होने के कारण अतिरिक्त आवागमन से जीर्णशीर्ण की अवस्था में पहुंच चुका है? उक्त मार्ग को क्या बी.ओ.टी. योजनांतर्गत निर्माण का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो इस लक्ष्य को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) लोक निर्माण विभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2012-13, 2013-14 तथा 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के करवाये गये नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रचलित कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण है, कितने अपूर्ण है एवं उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का ब्यौरा देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। बालाघाट-नैनपुर मार्ग का नवीनीकरण/मरम्मत कार्य प्रस्तावित है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब', 'ब-1', 'ब-2' एवं 'ब-3' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब', 'ब-1', 'ब-2' एवं 'ब-3' अनुसार है।
धान व विक्रय का समर्थन मूल्य में वृद्धि तथा मुआवजा का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
123. ( क्र. 973 ) श्री मधु भगत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत धान के समर्थन मूल्य को बढ़ाने का लेकर मध्यप्रदेश शासन द्वारा क्या कोई नई नीति तैयार की गई है नहीं तो क्यों वर्ष 2003 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब समीक्षा की गई तथा कब-कब मूल्य कितना बढ़ाया गया? (ख) परसवाड़ा विधानसभा के कितने कृषक वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक ओला, पीडि़त, सूखा पीडि़त, अतिवृष्टि पीडि़त के रूप में मुआवजा प्राप्त कर चुके है तथा किस-किस ग्राम में किसान फसल बीमा योजना के कितने-कितने प्रकरण लंबित है? (ग) किसान फसल बीमा योजनान्तर्गत क्षेत्र सीमाओं का पुन: निर्धारण कर क्या कोई प्रस्ताव शासन की ओर से लंबित है? यदि हाँ, तो क्या 100 प्रतिशत प्रमाणित ग्रामों को फसल बीमा योजना का लाभ दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा नहीं अपितु भारत सरकार द्वारा किया जाता है। (ख) परसवाड़ा विधानसभा के वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। शेष जानकारी राजस्व विभाग से एकत्र की जा रही है। (ग) इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। समस्त बीमित ग्रामों में फसल बीमा का लाभ योजना के प्रावधानों के अनुसार दिया जाता है।
खान डायवर्सन योजना क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
124. ( क्र. 992 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग द्वारा सिंहस्थ 2016 के पूर्व पूर्ण होने वाली खान डायवर्सन योजना कब तक पूर्ण हो जावेगी? (ख) उक्त योजना के अब तक पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? (ग) उक्त योजना के पूर्ण नहीं से उज्जैन शहर की जनता को शुद्ध एवं पर्याप्त मात्रा में पेयजल नहीं मिलने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 15.12.2016 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) प्रभावित कृषकों द्वारा प्रस्तावित भू-अर्जन का विरोध, रेल्वे क्रॉसिंग की अनुमति मिलने में विलंब, पेटलावाद विस्फोट की घटना के पश्चात् ब्लास्टिंग के कार्यों में अवरोध एवं वर्षाकाल के कारण कार्य संपादित किए जाने में विलंब हुआ। (ग) सिंहस्थ-2016 के पूर्व खान नदी का पानी सुचारू रूप से मार्ग परिवर्तित कर मेला क्षेत्र के बाहर छोड़ा जाकर योजना उद्देश्य पूर्ण किया गया। योजना का उज्जैन शहर की पेयजल व्यवस्था से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है।
चेयरमेन व सदस्यों की नियुक्ति
[सहकारिता]
125. ( क्र. 993 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य सहकारिता न्यायिक अधिकरण भोपाल में चेयरमेन व सदस्यों के पद कब से और क्यों रिक्त है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध कराते हुए विभाग द्वारा कब तक नियुक्ति कर दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार चेयरमेन की नियुक्त नहीं होने से विभाग के कितने प्रकरण लंबित है, सूची उपलब्ध करावें? विभाग की लापरवाही के कारण नियुक्ति नहीं होने से प्रकरणों के लंबित रहने के कारण होने वाली परेशानियों के लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अधिकरण में तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा त्यागपत्र दिये जाने से अध्यक्ष का पद दिनांक 6.4.2016 एवं अशासकीय सदस्य का पद प्रारंभ से रिक्त है। अध्यक्ष के नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलित होने से शीघ्र ही नियुक्ति की जा सकेगी एवं अशासकीय सदस्य की नियुक्ति का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (ख) अधिकरण में सहकारिता विभाग के विभागीय सदस्य द्वारा निरंतर सुनवायी की जा रही है, अधिकरण की जानकारी अनुसार दिनांक 14.11.2016 पर 2839 प्रकरण लंबित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एसएलपी क्रमांक 33644/2011 में पारित आदेश अनुसार अधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्ति की कार्यवाही जारी है, अत: अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं करने के लिये कोई दोषी नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्यानिकी विभाग से प्राप्त आवंटन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
126. ( क्र. 998 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग में वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में किस-किस कार्य हेतु कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा किस-किस कार्य पर कितना-कितना व्यय किया गया वर्षवार बतावें? (ख) उद्यानिकी विभाग अंतर्गत शासन की किन-किन योजनांतर्गत किसानों को कितना-कितना अनुदान दिया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में हरदा जिले में प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजनांतर्गत कितने किसानों अथवा हितग्राहियों को कितना-कितना अनुदान दिया गया? विकासखण्डवार एवं वर्षवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में हरदा जिले में किस-किस कंपनी से कितनी-कितनी राशि की क्या-क्या सामग्री क्रय की गई तथा इसका क्या उपयोग किया गया?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्यादित के लाभांश की जानकारी
[सहकारिता]
127. ( क्र. 1017 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक मर्यादित में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने पद रिक्त हैं तथा उनकी पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (ख) विगत पांच वर्षों में कितने-कितने कर्मचारी किस-किस श्रेणी के सेवानिवृत्त हुए है वर्षवार पद नाम सहित जानकारी दें? क्या उन पदों की पूर्ति समय रहते कर दी गई है हाँ, तो बतायें नहीं तो क्यों तथा कितने-कितने कर्मचारी अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है उनसे बैंक को क्या देय वेतन से लाभ या हानि हुई है? (ग) विगत पांच वर्षों में अपैक्स बैंक को कितनी-कितनी राशि का लाभांश प्राप्त हुआ है तथा कितनी राशि की हानि प्राप्त हुई है वर्षवार जानकारी दें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) श्रेणीवार रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्षवार पदनाम सहित सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है। जी नहीं, आयुक्त सहकारिता द्वारा वर्ष 2003 में सीधी भर्ती पर रोक लगायी जाने, वर्ष 2014 में सीधी भर्ती हेतु अनुमति दिये जाने तथा नवीन सेवानियम के अनुरूप पदोन्नति नीति तैयार करने के कारण। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -3 अनुसार है, प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी द्वारा देय वेतन के विरूद्ध नियमित सेवायें दी जाने से हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विगत 5 वर्षों में अपेक्स बैंक को अन्य सहकारी संस्थाओं के अंशो में विनियोजित राशि पर प्राप्त लाभांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है, अपेक्स बैंक को विगत 5 वर्षों में कोई हानि नहीं हुई है।
प्रस्ताव की स्वीकृति
[जल संसाधन]
128. ( क्र. 1018 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक खरगौन जिले से जलसंसाधन विभाग की किस-किस योजनांतर्गत, कौन-कौन सी कार्ययोजना का प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर कब-कब भेजे गए? माह अक्टूबर, 2016 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गए? कौन-कौन से लंबित है एवं क्यों? स्वीकृति की राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें। कौन-कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात् अभी तक किस कारण से अप्रारंभ? (ख) प्रश्नांकित (क) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा शासन एवं विभागीय स्तर पर जल संसाधन विभाग को किस-किस कार्य एवं निर्माण हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण हैं? कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत हेतु प्रक्रियाधीन हैं? कौन-कौन से स्वीकृत हैं? कार्य योजनांतर्गत कार्यवार नाम सहित बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है।
वर्धा नदी पर नवीन पुल निर्माता
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 1035 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम वर्धा बुजुर्ग के समीप से गुजर रही वर्धा नदी में हमेशा तीन चार फिट पानी बहता रहता है? नदी के दोनों ओर दर्जन भर से अधिक ग्राम व अधिकांश ग्रामीणों के खेत विद्यमान हैं। (ख) क्या ग्रामीणों को अपने-अपने ग्राम से जिला मुख्यालय/अन्यत्र व खेतों पर जाने आने हेतु हर मौसम में नदी पार करना पड़ती है। इनके मवेशी भी चरने हेतु नदी पार कर ही जाते-आते हैं। (ग) क्या वर्षाकाल में वर्धा नदी में उफान आने की स्थिति में आवागमन बंद हो जाता है, नतीजन ग्रामीणों व मवेशियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब तक उफान के दौरान कई ग्रामीण व मवेशी बह कर मर चुके हैं? (घ) क्या उक्त समस्याओं का हल तभी संभव है जब वर्धा नदी पर नवीन पुल का निर्माण कराने हेतु डी.पी.आर. तैयार कराकर इसे बजट में शामिल कर इसकी स्वीकृति प्रदान की जावे। क्या शासन इस हेतु विभाग को निर्देशित करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी हाँ। इस संबंध में विभाग को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। (घ) जी हाँ। जिस मार्ग पर नवीन पुल की कार्यवाही की जाना है, वह मार्ग लो.नि.वि. की पुस्तिका पर अंकित न होने से किसी प्रकार की कार्यवाही की जाना संभव नहीं।
को-आपरेटिव बैंक के जिला मुख्यालय की स्थापना
[सहकारिता]
130. ( क्र. 1041 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 31 (क्रमांक 608) दिनांक 22.07.2016 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में स्वीकारा है कि वर्ष 2014-15, 2015-16 में श्योपुर एवं मुरैना जिले की आर्थिक स्थिति देयनीय रही? श्योपुर जिले के कृषक प्राकृतिक आपदाओं के कारण तीन कृषि सीजन बर्बाद होने के चलते समुचित वसूली उक्त वर्षों में नहीं दे पायें इन वर्षों को छोड़कर जिला कॉ-आपरेटिव बैंक मुरैना को हमेशा कुल वसूली की 70 प्रतिशत वसूली श्योपुर से ही मिलती रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो ये स्वत: ही स्पष्ट हो गया हैं, कि वर्ष 2013-14 तक श्योपुर एवं मुरैना कॉ-आपरेटिव बैंक की आर्थिक स्थिति मजबूत रही है? (ग) यदि हाँ, तो कृषकों के हित मद्देनजर उक्त दोनों वर्षों की श्योपुर एवं मुरैना बैंक की कम वसूली को विलोपित मानते हुए क्या शासन श्योपुर की वर्ष 2011-12 से 2013-14 तक की वसूली की स्थिति की जानकारी नावार्ड के निर्देशानुसार मुरैना बैंक से मंगवाकर श्योपुर एवं मुरैना क्षेत्र की वसूली का समग्रता/पृथक 2 परीक्षण कराकर दिनांक 24.02.2015 को सदन में दिये गये आश्वासनानुसार श्योपुर जिले में पृथक को-ऑपरेटिव बैंक का जिला मुख्यालय खोलने का प्रस्ताव स्वीकृति हेतु क्या शासन/नावार्ड/आर.बी.आई को अनुशंसा सहित भेजेगा यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों का पुनर्गठन विगत वर्षों की वसूली की स्थिति के आधार पर नहीं वरन् बैंक एवं प्रस्तावित नवीन बैंक की वर्तमान आर्थिक सक्षमता के आधार पर किया जाता है तथा भारतीय रिजर्व बैंक के बैंक पुनर्गठन मापदंडों के अनुसार विभाजन पश्चात् पुनर्गठित दोनों बैंकों का आर्थिक रूप से सक्षम होना आवश्यक है।
नवीन पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 1042 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम आवनी-तलावदा मार्ग पर बागर नदी के रपटे पर नवीन पुल निर्माण के संबंध में प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या 24 (क्रमांक 606) दिनांक 21.07.2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया है कि डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रगति पर है। तो इस प्रगतिरत कार्यवाही को पूर्ण करने में विलंब क्यों किया जा रहा है? (ख) उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया है कि वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार कार्यवाही की जा रही है। यदि हाँ तो इस हेतु शासन द्वारा वर्तमान तक क्या प्रयास किये गये अथवा किये जा रहे हैं? (ग) वर्षाकाल में प्रतिवर्ष उक्त रपटे पर चम्बल नदी में बाढ़ आ जाने पर रपटा डूब जाता है, आवागमन बंद हो जाता है, ग्रामीणों को कठिनाइयां आती है। क्यों कि रपटे के दोनों ओर के ग्रामों का संपर्क टूट जाता है। ये तथ्य उक्त संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (ख) में स्वीकारें हैं। तो जनहित में उक्त पुल के निर्माण कार्य को शासन आवश्यक क्यों नहीं समझ रहा है? (घ) क्या शासन यथाशीघ्र वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करके क्या शासन उक्त डी.पी.आर. अविलंब तैयार कराकर इसका प्रावधान आगामी अनुपूरक बजट में करके इसकी स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विभाग की स्थाई वित्तीय समिति की बैठक दिनांक 8.11.2016 में अनुमोदित किया गया, बजट में सम्मिलित होने पर प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की अनुशंसा की गई है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार। (ग) जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ। प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
सिंचाई योजनायें/जलाशयों की जानकारी
[जल संसाधन]
132. ( क्र. 1053 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन सी सिंचाई योजनायें जलाशयों के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन को स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं? (ख) विभाग द्वारा भेजे गये प्रस्तावों में से शासन द्वारा अभी तक कितने प्रस्तावित जलाशयों के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और कितने जलाशयों के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किया जाना अभी बाकी है? (ग) शासन द्वारा परासिया विधान सभा क्षेत्र के लिए जिन जलाशयों के प्रस्तावों की स्वीकृति नहीं दी गई है, वह कौन-कौन से हैं और उनकी स्वीकृति प्रदान नहीं किए जाने का क्या करण है और ऐसे जलाशयों के निर्माण कार्य की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) पंचधार देवरी स्टॉप डेम, सिरगोरीखुर्द मनकावाड़ी स्टॉप डेम तथा बालकछार जलाशय के प्रस्ताव प्राप्त हुए तीनों प्रस्तावों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। प्रशासकीय स्वीकृति हेतु वर्तमान में कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है।
अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारंभ किया जाना
[विधि और विधायी कार्य]
133. ( क्र.
1054 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) परासिया
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
परासिया में
अतिरिक्त
सत्र न्यायालय
खोले जाने के
संबंध में
विभाग द्वारा
अभी तक क्या
कार्यवाही की
गई है?
(ख) क्या
परासिया में
अतिरिक्त
सत्र न्यायालय
खोले जाने में
विभाग द्वारा
काफी विलम्ब
किया जा रहा
है, जिसका
क्या कारण है? विभाग
द्वारा
परासिया में
अतिरिक्त
सत्र न्यायालय
खोले जाने की
स्वीकृति कब
तक प्रदान कर
दी जायेगी? (ग) प्रश्नकर्ता
द्वारा
परासिया
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
परासिया में
अतिरिक्त
सत्र न्यायालय
खोले जाने के
संबंध में
अनेकों पत्र विभाग
को प्रेषित
किये गये है, उन
पत्रों पर
विभाग द्वारा
अभी तक क्या
कार्यवाही की
गई है?
लोक निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) :
(क) से (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
सीताझिर जलाशय के डूब क्षेत्र के किसानों को मुआवजा भुगतान
[जल संसाधन]
134. ( क्र. 1084 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने सीताझिर जलाशय में कुछ किसानों की अर्जित की गयी भूमि से अधिक भूमि पर जल भराव के कारण जल भराव क्षेत्र की भूमियों का अर्जन कर मुआवजा भुगतान करने के संबंध में कलेक्टर छिंदवाड़ा को पत्र क्रमांक 1318 दिनांक 24/08/2016 एवं कार्यपालन यंत्री जल संसाधन को पत्र क्रमांक 1595 दिनांक 21/10/2016 प्रस्तुत किया है? (ख) यदि हाँ तो इन पत्रों में किन-किन बिंदुओं का उल्लेख है? इन पत्रों पर अब तक कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र पर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा संबंधित किसानों के साथ अथवा प्रश्नकर्ता के उपस्थिति में स्थल का निरीक्षण किया गया? यदि हाँ तो पंचनामा की प्रति संलग्न करें? नहीं किया गया तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नकर्ता के उक्त पत्र का जवाब दिया गया? यदि नहीं तो क्यों? क्या शासन प्रश्नकर्ता के प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र पर प्रश्नकर्ता के उपस्थिति में स्थल निरीक्षण कर कार्यवाही करने व प्रभावित किसानों की भूमियों का मुआवजा भुगतान करने का आदेश देगा? यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) विषयवस्तु एवं की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। पंचनामा की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' एवं ''3'' के अनुसार है। (घ) जी हाँ, प्रश्न ''क'' में उल्लेखित पत्रों के संबंध में स्थल निरीक्षण दिनांक 18.11.2016 एवं 19.11.2016 को संबंधित कृषकों एवं अन्य कृषकों की उपस्थिति में किया जा चुका है। निरीक्षण अनुसार मुआवजा भुगतान देय नहीं है। अत: भुगतान हेतु आदेश प्रसारित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेंच बांध के सिवनी शाखा नहर के कार्य से अधिक भुगतान
[जल संसाधन]
135. ( क्र. 1085 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंच परियोजना माचागोंरा विकासखण्ड चौरई जिला छिंदवाड़ा के सिवनी शाखा नहर की निविदा कब आमंत्रित की गयी? किन-किन की निविदायें प्राप्त हुई? किस एजेंसी को इस नहर का ठेका दिया गया? कार्यावधि क्या है? लागत राशि सहित अनुबंध की शर्तों से अवगत करावें? (ख) उक्त नहर का कितने कि.मी. का निर्माण हो चुका है? कितने किमी नहर का निर्माण होना शेष है? किस-किस किलोमीटर पर कौन-कौन सी संरचना का निर्माण हुआ है और इन निर्माण के एवज में कब-कब कितनी-कितनी राशि ठेकेदार को भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नकर्ता को यह शिकायत प्राप्त होने पर कि निचले स्तर के तकनीकी अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा उक्त नहर निर्माण का मौके पर किये गये कार्य से अधिक का मूल्यांकन रिपोर्ट बनवाया जाकर ठेकेदार को भुगतान करवाया गया है तथा जिसकी प्रति विभागीय अधिकारियों को प्रेषित किया गया है? क्या शासन उक्त शिकायत की प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में जाँच करवाने का आदेश देकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 10.01.2013 को। घ्रा हरविंस संयुक्त उपक्रम, सरला प्रोजेक्ट वर्क प्रा. लिमि. एवं मंटेना इंफ्रास्ट्रक्चर्स की निविदाएं प्राप्त हुई। ठेका सरला प्रोजेक्ट वर्क प्रा. लिमि. मंटेना इंफ्रास्ट्रक्चर्स को दिया गया। कार्यावधि 24 माह समयावृद्धि सहित दिनांक 31.12.2016। लागत राशि रू.145.50 करोड़। अनुबंध की शर्तें जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) 46 कि.मी. तक। 03.47 कि.मी.। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब-1 एवं ब-2'' अनुसार है। (ग) निचले स्तर के तकनीकी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा नहर निर्माण के अनुरूप ही मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार, भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अत: जाँच का कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध निविदा जारी किया जाना
[लोक निर्माण]
136. ( क्र. 1093 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत प्रदेश के 89 विकासखण्डों में प्रत्येक विकासखण्ड में एक कन्या शिक्षा परिसर भवन के निर्माण करने का दायित्व पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है? यदि हाँ तो कितनी-कितनी लागत से किस-किस विकासखण्ड में कन्या शिक्षा परिसरों का निर्माण कराया जाना है? (ख) यदि हाँ तो उक्त कार्यों हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग से प्रशासकीय स्वीकृति कब प्राप्त हुई एवं पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग द्वारा इन कार्यों हेतु तकनीकी स्वीकृति कब-कब जारी की गई? (ग) क्या बिना प्रशासकीय स्वीकृति के नियम विरूद्ध पी.आई.यू. द्वारा उक्त कार्यों हेतु निविदा आमंत्रित की गई है? यदि हाँ तो नियम विरूद्ध निविदा आमंत्रित करने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? क्या नियम विरूद्ध आमंत्रित की गई निविदाओं को निरस्त किया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ 89 विकासखण्ड नहीं, अपितु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाये विकासखण्डों में लागत रूपये 2746.94 लाख प्रत्येक के मान से 65 कन्या शिक्षा परिसर। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 16.09.2016 को प्राप्त तकनीकी स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। कोई जिम्मेदार नहीं। प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता। नियम विरूद्ध नहीं है। अपितु प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त। 05 कार्यों की निविदा प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रश्न ही नहीं उठता।
जल उपभोक्ता समितियों को प्रदान की राशि से निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
137. ( क्र. 1094 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में भिण्ड जिले के लहार विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जल उपभोक्ता समितियों को कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु स्वीकृत की गई? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में में कहां-कहां, क्या-क्या कार्य कराए गए एवं निर्माण कार्यों में अनियमितताएं बरते जाने की कितनी-कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई तथा उन शिकायतों की जाँच उपरांत किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गैथरी समिति के अंतर्गत 10 एवं अधियारी समिति के अंतर्गत 01 शिकायत विभाग को प्राप्त होना प्रतिवेदित है जिनकी जांचोंपरांत शिकायतें असत्य एवं निराधार पाये गये अत: कार्रवाई का प्रश्न नहीं उठता है।
राजमार्ग क्र.45 मिहोना,लहार, भाण्डेर एवं चिरगांव मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
138. ( क्र. 1095 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के राजमार्ग क्रमांक 45 मिहोना, लहार, भाण्डेर, चिरगांव मार्ग के निर्माण में प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान किया गया? कितनी राशि का भुगतान शेष है? (ख) उक्त सड़क के निर्माण में प्रस्तावित नगर लहार में विद्युतीकरण, नाला निर्माण एवं पेबर ब्लॉक तथा नगर दवोह में नाला निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (ग) क्या मिहोना से लहार, दबोह कस्बे तक सड़क अनेकों जगह पर 5 माह से क्षतिग्रस्त है? सड़क का मरम्मत कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा तथा सोल्डर निर्माण कराने की अवधि बतायें? (घ) भिण्ड जिले के क्षतिग्रस्त मार्ग सुन्दरपुरा अन्तियनपुरा, लहार सेवढ़ा, नरौल मिहोनी माता मंदिर, अजनार मगरौल मार्ग पर डामरीकरण कब तक करा लिया जावेगा? (ड.) जखमौली से राठौर मडैईयां मार्ग का मुआवजा भुगतान तथा लहार अमायन भारौली भिण्ड मार्ग के पूर्ण निर्माण की अवधि बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रू. 107,04,00,620.42 का भुगतान किया गया शेष भुगतान कार्य पूर्ण होने पर किया जावेगा। (ख) विदयुतीकरण कार्य हेतु राशि डिपाजिट योजना अंतर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ग्वालियर को जमा की जा चुकी है। यह कार्य म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लहार संभाग द्वारा संपादित किया जावेगा। लहार कस्बे में पेवर ब्लाक का कार्य पूर्ण करा लिया गया है। दबोह कस्बे में नाला निर्माण की आगामी कोई योजना म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा प्रस्तावित नहीं है। (ग) जी नहीं। वर्षाकाल कुछ जगहों पर मार्ग क्षतिग्रस्त हुई। मार्ग के मरम्मत की जिम्मेदारी कान्ट्रेक्टर की है। इस हेतु कॉन्ट्रेक्टर को नोटिस दिया गया है। शेष मरम्मत कार्य कराया जायेगा। (घ) भिण्ड जिले के मार्ग सुन्दरपुरा – अंतियन का पुरा लहार सेवढा, नरौल से मिहोनी माता मंदिर एवं अजनार मंगरौल मार्गो की स्थिति संतोषजनक है। उक्त मार्गो पर विभागीय प्रक्रियाधीन विधिवत प्रक्रिया एवं निश्चित समयावधि पश्चात डामरीकरण (बी.टी. नवीनीकरण) का कार्य करा लिया जावेगा। (ड.) जखमौली से राठौर की मढैयन मार्ग के मध्य 600 मीटर भाग में आने वाले कृषकों की निजी भूमि के भू-अर्जन हेतु मुआवजा राशि 23.75 लाख चैक द्वारा दिनांक 30.08.2016 को भू-अर्जन एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) लहार को लोक निर्माण विभाग संभाग भिण्ड द्वारा जमा की जा चुकी है। भू-अर्जन अधिकारी लहार द्वारा भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। लहार अमायन भरौली भिण्ड मार्ग का डामरीकरण का कार्य दिनांक 30.06.2017 के पूर्व पूर्ण करने का लक्ष्य है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।
इंदौर संभाग के लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के संधारण
[लोक निर्माण]
139. ( क्र. 1103 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में दिनांक 01.01.2015 से 30.10.2016 तक सड़कों के संधारण पर कितनी राशि व्यय की गई? विधानसभा क्षेत्रवार, माहवार, राशि सहित बतावें? (ख) इसके लिये किन-किन फर्मों को कार्य स्वीकृत किया गया था? नाम, स्वीकृत राशि, सड़क नाम सहित बतावें? (ग) इन फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिलों की छायाप्रतियॉ देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग एवं म.प्र. सड़क विकास निगम से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) लोक निर्माण विभाग एवं म.प्र. सड़क विकास निगम से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) लोक निर्माण विभाग के इन्दौर संभाग अन्तर्गत किसी भी ठेकेदारों/फर्मों द्वारा देयक प्रस्तुत नहीं किये गये है एवं म.प्र. सड़क विकास निगम से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
पाली हाउस की स्वीकृति
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
140. ( क्र. 1104 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में 01.01.2014 से 30.09.2016 तक कितने पाली हाउस स्वीकृत किये गये? विधान सभाक्षेत्रवार, माहवार जानकारी देवें? (ख) उपरोक्त समयावधि के स्वीकृत पाली हाउसों को कितना अनुदान स्वीकृत किया गया एवं प्रश्न दिनांक तक कितना अनुदान वितरित किया गया प्रत्येक प्रकरण के संबंध में बतायें? (ग) स्वीकृत पाली हाउस कितने मीटर के थे एवं वितरित पाली हाउस कितने मीटर के है? सभी प्रकरणों की भौतिक सत्यापन की छायाप्रति देवें? (घ) स्वीकृति से कम निर्माण पर पूर्ण अनुदान राशि वितरित करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं 'द' अनुसार है। (घ) स्वीकृत से कम निर्माण पर पूर्ण अनुदान राशि वितरित नहीं की गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत योजनाओं का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
141. ( क्र. 1120 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग आदेश क्रमांक 4211/1/44/10 भोपाल, दिनांक 22/09/2010 तथा ओदश क्रमांक 4211/1/44/10 भोपाल, दिनांक 27/08/2010 अंतर्गत योजनाओं की वर्तमान स्थिति योजनावार बतायें। यह योजनाएं क्यों लंबित हैं? योजनावार कारण बतायें। (ख) विगत 3 वर्षों में भगवानपुरा विधायक के कितने पत्र किसी भी माध्यम से प्रमुख सचिव/सचिव, जल संसाधन विभाग को प्राप्त हुए? इन पत्रों पर की गई कार्यवाही की पत्रवार, विषयवार सूची देवें। इन पत्रों पर की गई कार्यवाही की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) खरगौन जिले में विभाग के कितने अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच कब से प्रचलन में है? नाम, पद सहित सूची देवें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में होना प्रतिवेदित नहीं हैं।
दुकानों के लायसेंस निरस्त करना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
142. ( क्र. 1124 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों ने कितनी दुकानों पर बीज, खाद, दवाई या अन्य सामग्री की जाँच नमूने लिये गये तथा कितने के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? कितने दुकानों के लायसेंस निरस्त किया, कितनों को चेतावनी दी गई, कितनों के विरूद्ध अन्य कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त निरस्त लायसेंस वाले स्थान पर अन्य कोई इसी प्रकार की दुकान का लायसेंस किसी दूसरे नाम से जारी किया गया है? नये लायसेंस वाली दुकान नाम, लायसेंस होल्डर का पूरा नाम व पता सहित सूची देवें? (ग) उक्त निरस्त लायसेंस होल्डर के परिवार के अन्य सदस्य के नाम से कोई लायसेंस जारी किया गया है, तो पूरा नाम, पता सहित सूची देवें? (घ) भोपाल संभाग के विगत 3 वर्षों में सभी जिलों में विभाग में जारी लायसेंस के प्रकार, लायसेंस होल्डर का नाम व पता सहित सूची देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भोपाल संभाग क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों ने बीज उर्वरक एवं कीटनाशक के कुल 4324 नमूने जाँच हेतु लिये गये तथा कुल 500 नमूने अमानक प्राप्त हुये। अमानक नमूनों से संबंधित विक्रेताओं के कुल 36 लाईसेंस निरस्त, 21 को चेतावनी, 47 के लायसेन्स निलंबित, 8 के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई तथा 2 के विरूद्ध अन्य कार्यवाही की गई। (ख) जी हाँ। भोपाल संभाग अंतर्गत जिला रायसेन में निरस्त लायसेंस वाले स्थान में से मात्र 02 लायसेंस इसी प्रकार की दुकान हेतु दूसरे नाम से जारी किये गये है। नये लायसेंस वाली दुकान नाम, लाईसेन्स होल्डर का पूरा नाम व पता सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 पर है। (ग) जी हाँ। भोपाल संभाग अंतर्गत जिला रायसेन में निरस्त लायसेंस होल्डर के परिवार के नाम से 02 नवीन लायसेंस जारी किये गये है। पूरा नाम व पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) भोपाल संभाग के विगत 3 वषों में सभी जिलों में जारी लायसेंस के प्रकार, लायसेंस होल्डर का नाम व पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सड़क मरम्मत/सुधार एवं सड़क सहित पुल-पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
143. ( क्र. 1137 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक केवलारी विधान सभा क्षेत्र में स्थित किन-किन सड़कों को सुधारने अथवा मरम्मत किये जाने के लिये प्रस्ताव शासन को भेजे गये हैं वर्षवार, दिनांकवार प्रेषित प्रस्तावों की जानकारी सड़कों के नाम, प्रस्तावित कार्य, अनुमानित लागत, कि.मी. सहित बतायी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रेषित प्रस्तावों में से किन-किन सड़कों की स्वीकृतियां प्राप्त हो गई हैं? स्वीकृति आदेश, क्रमांक, दिनांक एवं स्वीकृति राशि की जानकारी सहित बतायें। जिन सड़कों की स्वीकृति आज दिनांक तक अप्राप्त है, वह किस स्तर पर लंबित है? कार्यालय का नाम तथा लंबित रहने के कारण सहित बतायें। (ग) केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विभाग की कितनी सड़कें हैं? इनकी लंबाई सहित बतायें। कितनी नवीन सड़कों के साथ-साथ कितने पुल-पुलियों का निर्माण होना है? इनकी लागत अनुबंध की दिनांक को बतायें। साथ ही निर्माणाधीन सड़कें कहां से कहां तक होनी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कालम 7 व 8 अनुसार है। (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्र में विभाग की 46 सड़के है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। इसके अतिरिक्त म.प्र. सड़क विकास निगम सिवनी-चिरईडोंगरी मार्ग जिसकी लंबाई 65.00 कि.मी. है एवं नवीन सड़कों, पुल-पुलियों सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं उच्च स्तरीय पुलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स-1' अनुसार है।
नवीन मंडी की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
144. ( क्र. 1138 ) श्री रजनीश सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2003 से वर्ष 2016 तक प्रदेश में कितनी मंडिया कब-कब स्थापित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या सभी मंडिया क्रियाशील हो चुकी है? यदि नहीं तो क्यों? साथ ही नई स्थापित मंडी से पूर्व मंडी की दूरी भी बतायें? (ग) क्या कृषि मंडी के विघटन होने की संभावना होने पर विभाजन की कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो क्या उसकी कोई समय-सीमा निर्धारित होती है? (घ) ऐसी कितनी मंडिया है, जिनमें विभाजन की कार्यवाहियां लंबित है और क्यों? क्या विभाजन की कार्यवाही संभागीय कार्यालय से समय-सीमा में कराने की जिम्मेदारी बनती है, यदि हाँ, तो विलंब का कारण क्या है? (ड.) क्या ऐसी भी मंडिया है जिन्होंने विभाजन की कार्यवाही हेतु उपसंचालक संभागीय कार्यालय से मदद चाही गई और संभागीय कार्यालय द्वारा सहयोग नहीं किया गया यदि हाँ, तो क्यों? विभाजन की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2003 से वर्ष 2016 तक कुल 27 मंडिया प्रदेश में स्थापित की गई है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। नई स्थापित मंडी से पूर्व मंडी की दूरी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। कृषि उपज मंडी समिति के विघटन की संभावना के आधार पर विभाजन की कार्यवाही नहीं होती है, अपितु उपमंडी का स्वतंत्र मंडी में उन्नयन होने या मंडी कार्यक्षेत्र के विभाजन होने पर म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में विहित प्रावधान के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। (घ) उत्तरांश-क की अवधि में 19 मंडियों के विभाजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) आचंलिक कार्यालय सागर में 04 मंडीयों के विभाजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। यह वैधानिक कार्यवाही जिसमें कार्यालयीन सभी रिकार्ड का अध्ययन उपरांत तथ्यात्मक रूप से राज्य शासन हेतु जानकारी तैयार करनी होती है,जिसमें समय लगता है। विभाजन की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी की समय-सीमा बताना उल्लेखित कारणों से संभव नहीं है।
बैतूल जिले में कृषि भूमि परीक्षण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
145. ( क्र. 1142 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले की कृषि भूमि कौन-कौन सी फसलों के लिये उपयुक्त है? इस संबंध में कोई परीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कब? (ख) विभाग द्वारा बैतूल जिले की कृषि भूमि कौन-कौन सी फसलों के लिये अनुशंसित है? फसलों के नाम बताएं? क्या इस संबंध में कोई आदेश अथवा निर्देश जारी हुए हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? (ग) उद्यानिकी विभाग द्वारा कौन-कौन सी फसलें पूर्णत: प्रतिबंधित है? सूची उपलब्ध कराए? साथ ही विगत दो वर्षों में बैतूल जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा कौन-कौन से पौधे कहां-कहां से कितनी-कितनी मात्रा में क्रय किए गए तथा कितने किसानों को वितरित किए गए? (घ) विगत दो वर्षों में किसानों को वितरित पौधों में प्रति किसान पौधों का जीवित प्रतिशत क्या है? प्रजातिवार बताएं।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बैतूल जिले की भूमि खरीफ मौसम में सोयाबीन, मक्का, ज्वार, मूंग, उड़द, कोदो, कुटकी, जगनी (रामतिल), तिल एवं मूंगफली, रबी मौसम में गेंहू, चना, मसूर, अलसी, मटर, सरसों और जायद मौसम में मूंग, उड़द, तिल, मूंगफली एवं वर्षपर्यन्त गन्ना हेतु उपयुक्त है। उद्यानिकी फसलों में : आलू, टमाटर, बैंगन, मिर्च, फूलगोभी, पत्तागोभी, बरबटी, फ्रांसबीन, हल्दी, गेंदा एवं कद्दूवर्गीय सब्जियां, फलों में आम, अमरूद, कटहल, पपीता, चीकू, संतरा, नीबू, मोसम्मी, अनार, बेर, आंवला तथा सुगंधित एवं औषधिय फसलों के लिए उपयुक्त है। फसलों की उपयुक्तता क्षेत्र की जलवायु, मृदा एवं कृषक समुदाय के परम्परागत ज्ञान एवं फसल पद्धति में समयानुसार परिवर्तन के आधार पर सुनिश्चित होती है। नई फसलों को फसल पद्धति में सम्मिलित करने हेतु परीक्षण किये जाते है। (ख) विभाग द्वारा जिले की कृषि भूमि को ध्यान में रखते हुए धान्य फसलों में-धान, कोदो, कुटकी, ज्वार, मक्का एवं गेहूँ, तिलहनी फसलों में-जगनी (रामतिल), तिल, सोयाबीन, मूंगफली, अलसी एवं सरसों दलहनी फसलों में- अरहर, मूंग, उड़द, चना, मसूर, मटर एवं नगदी फसलों में-गन्ना। उद्यानिकी फसलों में : टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, बरबटी, फ्रांसबीन, हल्दी, गेंदा एवं कद्दूवर्गीय सब्जियां, आम, अमरूद, कटहल, पपीता, चीकू, संतरा, नीबू, मोसम्मी, अनार, बैर, आंवला तथा सुगंधित एवं औषधिय फसलों की कृषि हेतु अनुशंसित किया गया है। उपरोक्तानुसार ही फसलें मृदा (कृषि भूमि) को ध्यान में रखते हुए अनुशंसित की जाती है। विश्वविद्यालय द्वारा जिले की बोई जाने वाली फसलों के अतिरिक्त अनुशंसा नहीं है तथा उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, म.प्र. शासन का पत्र क्रमांक/ उद्यान/एफ-5/सूचना/11/2297-98, दिनांक 08.11.2011 के आदेश की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उद्यानिकी विभाग द्वारा किसी भी फसल को प्रतिबंधित नहीं किया गया है। बैतूल जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा क्रय एवं किसानों को वितरित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उद्यानिकी विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में किसानों को वितरित पौधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
बलराम तालाब योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
146. ( क्र. 1144 ) श्री कमलेश शाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01.03.14 से 30.09.16 तक अमरवाड़ा एवं हर्रई विकासखण्ड में बलराम तालाब योजना से कितने तालाब स्वीकृत किए गए? हितग्राही का नाम, ग्राम नाम, लागत सहित माहवार देवें। (ख) यह इनमें से कितने तालाब पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं? नाम, स्थान सहित बतावें। दी गई अनुदान राशि की जानकारी भी प्रकरणवार देवें। (ग) अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जाएंगे? (घ) अपूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दिनांक 01.03.14 से 30.09.16 तक अमरवाड़ा विकासखंड में 18 एवं हर्रई विकासखंड में 12 कुल 30 बलराम तालाब स्वीकृत किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) स्वीकृत बलराम तालाबों में से 22 बलराम तालाब पूर्ण है, शेष 8 प्रकरणों में कार्य कृषकों द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया। कोई बलराम तालाब अपूर्ण नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) कोई कार्य अपूर्ण नहीं है। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
छिंदवाड़ा जिले की योजनाओं का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
147. ( क्र. 1145 ) श्री कमलेश शाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2014 से 30.10.2016 तक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में कितने कृषकों को लाभ दिया गया? विधानसभा क्षेत्रवार छिंदवाड़ा जिले के संबंध में वर्षवार बतावें? (ख) अनुदान राशि कितने प्रकरणों में वितरण शेष है? उपरोक्त समयावधि के संदर्भ में बतावें? (ग) लंबित राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्राप्त आवंटन अनुसार भुगतान वर्षान्त तक किया जावेगा।
फसल बीमा की राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
148. ( क्र. 1146 ) श्री कमलेश शाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में छिंदवाड़ा जिले में किसानों से कितनी प्रीमियम राशि फसल बीमा के लिये ली गई? विधानसभा क्षेत्रवार, वर्षवार बतावें? (ख) उपरोक्त समयावधि में फसल बीमा की राशि का कितना भुगतान किया गया वर्षवार, किसान संख्या, राशि सहित विधानसभा क्षेत्रवार बतावें? (ग) कितनी फसल बीमा की राशि का होना वितरण शेष है? प्रश्न (ख) अनुसार बतावें? यह कब तक भुगतान कर दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला छिंदवाड़ा की तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विधानसभा क्षेत्रवार एकत्रित की जा रही है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) खरीफ वर्ष 2015 की दावा राशि का भुगतान नोडल बैंकों को कर दिया गया है। रबी वर्ष 2015-16 की क्षतिपूर्ति का आंकलन प्रक्रियाधीन है।
विभाग की ग्रामीण सड़कों की मरम्मत तथा नवीन निर्माण
[लोक निर्माण]
149. ( क्र. 1158 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र लांजी में विभाग के पास ऐसी कितनी सड़कें हैं जो जिला मुख्य मार्ग में नहीं आतीं? (ख) इन सड़कों के डामरीकरण अथवा मरम्मत हेतु विभाग के पास क्या योजनाएं हैं? (ग) वर्तमान अनुपूरक बजट में विधान सभा क्षेत्र की किन-किन सड़कों को डामरीकरण हेतु लिया जा रहा है? (घ) ग्रामीण सड़कों के निर्माण हेतु क्या बजट में कटौती की गयी है? यदि हाँ तो बजट में कटौती करने से ग्रामीणों को आवागमन में होने वाली असुविधा का निराकरण कैसे किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मार्गों की स्थिति एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार पैचिंग कार्य, डामर नवीनीकरण कार्य, मजबूतीकरण कार्य एवं मार्ग के पुनर्निमाण का कार्य किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अध्यक्ष जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक बालाघाट द्वारा लिये गये लोन की जानकारी
[सहकारिता]
150. ( क्र. 1159 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यक्ष जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक बालाघाट के पास कुल कितनी कृषि भूमि है यह भूमि सिंचित है या असिंचित? इस भूमि पर किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा नियमानुसार कितना लोन दिया जा सकता है? (ख) क्या दस्तावेजों में हेरा-फेरी कर ज्यादा भूमि बताकर विषयांकित द्वारा ज्यादा लोन लिया गया है? यह लोन कितना है? (ग) क्या एक सामान्य व्यक्ति द्वारा ऐसा फर्जीवाड़ा करने पर विभाग उसे बिना कोई कार्यवाही किए ही छोड़ देता है? इसके लिये दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गयी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 0.344 हेक्टेयर कृषि भूमि जो सिंचित है। रूपये 17,664 (खरीफ एवं रबी सीजन हेतु किसान क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत)। (ख) वर्तमान में जी नहीं। पूर्व में सीमा से अधिक ऋण दिये जाने के संबंध में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., बालाघाट द्वारा जाँच आदेशित की गई है, जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) जी नहीं। शेष उत्तरांश ’’ख’’ अनुसार।
घोड़ाडोंगरी के सिरिया डोल जलाशय का निर्माण
[जल संसाधन]
151. ( क्र. 1167 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत झिरिया डोल जलाशय का सर्वे हुआ था? यदि हाँ, तो कब-कब सर्वे पर कितनी राशि व्यय की गई? (ख) क्या उक्त जलाशय का निर्माण कार्य प्रारंभ होकर बंद कर दिया गया था? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण थे? (ग) उक्त जलाशय के सर्वे में कितनी वन भूमि प्रभावित थी तथा क्या वन विभाग को कोई राशि का भुगतान जल संसाधन विभाग द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो कितने क्षेत्र के लिये कितनी राशि का भुगतान किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। वर्ष 1977-78 में रू.4,000/-। (ख) जी हाँ। निर्माण कार्य फरवरी 1980 में प्रारंभ होकर अक्टूबर 1980 में बंद। दिनांक 24.10.1980 को वन सर्वेक्षण अधिनियम लागू हो जाने के कारण। (ग) 43.109 हे.। कोई भुगतान नहीं किया गया।
घोड़ाडोंगरी विकासखण्ड की ड्रिप सिंचाई एवं पौधा वितरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
152. ( क्र. 1168 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घोड़ाडोंगरी विकासखण्ड क्षेत्र के अंतर्गत किसानों के यहां ड्रिप लगाए गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम के कितने किसान के यहां ड्रिप सिस्टम लगाए गए हैं? विकासखण्डवार बतावें? (ग) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक विकासखण्डवार कितने कृषकों को कौन-कौन से एवं कितने पौधों का वितरण किया गया? (घ) वितरण हेतु पौधे कहां-कहां से कितनी दर पर क्रय किए गए?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
महिदपुर के अरण्या बहादुर डेम का कार्य
[जल संसाधन]
153. ( क्र. 1172 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा के अरण्या बहादुर डेम का निर्माण कब हुआ था? लागत सहित बतावें। (ख) विगत 5 वर्षों में संधारण के कब-कब कितनी लागत के कार्य करवाये गये? (ग) इस डेम का आधुनिकीकरण व नहरों का पक्का करने का कार्य कब तक किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 1983 में रू.492.77 लाख की लागत से। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मई 2017 तक। परियोजना के रेमेडियल मेज़र एवं बेसिक फेसलिटिस के कार्य मई 2017 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है। नहरों को पक्का करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
भोपाल में निर्माणाधीन ओव्हर ब्रिज का हिस्सा गिरने से मौत
[लोक निर्माण]
154. ( क्र. 1176 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर में अक्टूबर, 2015 में भोपाल टॉकीज के पास निर्माणाधीन ओव्हर ब्रिज का हिस्सा गिरने से कितने लोगों की मृत्यु हुई थी? उनके नाम व दी गई मुआवज़ा राशि सहित बतावें? (ख) इस संबंध में जिन अधिकारियों पर निलंबन एवं अन्य कार्यवाही की गई की पूरी जानकारी देवें? दिए गए आरोप पत्र एवं अन्य समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें? नाम, पदनाम सहित देवें? (ग) क्या निलंबित अधिकारी बहाल कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो किस आधार पर एवं किस प्रक्रिया के तहत? पूरी जानकारी देवें इससे संबंधित सभी पत्र व्यवहार की छायाप्रति देवें? (घ) इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिये शासन ने क्या कदम उठाये है? क्या दिशा निर्देश जारी किए है? यदि नहीं, तो कब तक जारी किए जाएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दो लोगों की मौत हुई थी। उनके नाम श्री हनुमान एवं श्री पार्वती है। मृत व्यक्तियो का सही पता न मिलने से एवं उनके वारिस नहीं मिलने से मुआवजा राशि नहीं दी जा सकी। (ख) आरोप पत्र एवं अन्य समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, शासन के आदेश क्रमांक एफ 17-49/2015/दिनांक 04.11.2015 के अंतर्गत, पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (घ) प्रमुख अभियंता के परिपत्र क्रमांक संचार/सर्कुलर/लो.नि.वि./2016/2334/ दिनांक 22.7.2016 द्वारा निर्देश जारी किये गये है। जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि उपज मण्डी समिति का संचालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
155. ( क्र. 1187 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील अम्बाह जिला मुरैना में कृषि उपज मण्डी समिति की उपमण्डी किस दिनांक को प्रारंभ हेतु आदेश दिये गये थे? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या उपमण्डी समिति कार्यालय वर्ष 1995 में बंद कर दिया गया है, इसके भी कारण बतलाते हुए बंद होने की आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या उपमण्डी कार्यालय को अधिग्रहित भूमि पर कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमण भी कर लिया गया है? इसकी जानकारी क्षेत्र के रहवासियों द्वारा शासन व प्रशासन को अवगत भी करा दिया गया था? (घ) यदि हाँ, तो अतिक्रमण हटाने हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई उपरोक्त (क) में वर्णित उप मण्डी कार्यालय कृषकों के हित में पुन: कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। कृषि उपज मंडी समिति अंबाह के अंतर्गत ग्राम सिहोनियां में उपमंडी स्थापना हेतु वर्ष 1995 में आंचलिक कार्यालय ग्वालियर से प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। म.प्र. शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अंतर्गत वार्षिक आय की पूर्ति नहीं होने के कारण दिनांक 07.07.1995 से अमान्य किया गया। (ख) शासन द्वारा उपमंडी स्थापना के निर्धारित मापदण्ड पूरे न होने से दिनांक 07.07.95 को उपमंडी स्थापना प्रस्ताव अमान्य किया गया। कृषकों की सुविधा हेतु अस्थाई रूप से किराये के भवन में संचालित उपमंडी कार्यालय दिनांक 15.05.1997 को बंद कर दिया गया। (ग) उत्तरांश "क" के परिपेक्ष्य में प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता। (घ) उत्तरांश "क" के परिपेक्ष्य में प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता।
नवीन रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
156. ( क्र. 1188 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न स.क्र. 64 (क्र.1493) तारांकित दिनांक 21/07/2016 उत्तर भाग (क) में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) के स.क्र.7,17 व 24 को छोड़कर शेष मार्गों के डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही एवं नवीन एस.ओ.आर. दिनांक 06/06/2016 के अनुसार डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है उत्तर दिया है? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक इन मार्गों में क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रपत्र (अ) के स.क्र. 7 के कॉलम क्र. 7, 8 में जो उल्लेख किया है उसमें अब तक क्या कार्यवाही हुई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं होने से एवं वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में शामिल नहीं होने से कोई कार्यवाही संभव नहीं हो सकी। (ग) परिक्षेत्र कार्यालय स्तर पर परिक्षणाधीन है।
संसदीय कार्य द्वारा निर्मित विभागीय परामर्शदात्री समितियों की बैठक
[संसदीय कार्य]
157. ( क्र. 1205 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संसदीय कार्य द्वारा गठित विभागीय परामर्शदात्री समितियों की बैठकें आयोजन हेतु क्या प्रावधान है? (ख) 14वीं विधानसभा गठन के पश्चात् मापदण्ड अनुसार कितने विभागीय परामर्शदात्री समितियों की बैठकें मापदण्ड अनुसार आयोजित हो रही है? (ग) क्या अधिकांश विभागीय परामर्शदात्री समितियों की बैठक गठन पश्चात् केवल एक ही बैठक हो सकी है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या विभागीय परामर्शदात्री समितियों की बैठक न होने से समिति में मनोनीत माननीय विधायक क्षेत्र से संबंधित अतिआवश्यक विषयों पर चर्चा नहीं हो पा रही है, जिससे क्षेत्रीय समस्याओं का निराकरण लंबित है? (ड.) क्या भविष्य में विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठकें नियमानुसार आयोजित की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) विभाग अपने-अपने स्तर से बैठकें आयोजित कराते हैं। (ग) ''ख'' अनुसार। (घ) एवं (ड.) समय-समय पर सभी विभागों को बैठक आयोजित कराने हेतु निर्देश जारी किये जाते हैं।
रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
158. ( क्र. 1206 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित भवन एवं पथ निर्माण कार्यों की निर्माण पश्चात् मरम्मत हेतु क्या प्रावधान है? (ख) विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा में दिसम्बर 2014 से अक्टूबर, 2016 तक कितने भवन एवं रोड निर्माण कार्यों हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई? जानकारी मांग संख्या, लेखाशीर्ष, लागत राशि, ठेकेदार का नाम, वर्ष, कार्य विवरण, कार्य की स्थिति आदि सहित दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित विधानसभा करैरा में कितने रोड व भवन जिनकी मरम्मत समय-सीमा में न की जाकर जीर्ण-शीर्ण एवं सड़क गड्ढों में परिवर्तित हो गई है, की जानकारी देते हुये उनका मरम्मत कार्य कब तक करा दिया जावेगा, जिससे जनसमुदाय सुगमता पूर्वक आवागमन कर सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) निर्मित भवनों का वर्तमान में अनुबंध के तहत 5 वर्ष की डिफेक्ट लायेबिलिटी पीरीयड तक ठेकेदार द्वारा ही मरम्मत कराये जाने का प्रावधान है। सड़क कार्यों हेतु निविदा प्रपत्र 2.10 टेंडर डाक्यूमेंट की धारा-18 अनुसार प्रावधानित है। इसके अतिरिक्त म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत सड़क यदि परफारमेंस गारंटी में है तो इसकी मरम्मत संबंधित ठेकेदार द्वारा की जाती है। यदि सड़क गारंटी अवधि में नहीं है तो मार्ग की मरम्मत जोनल ठेकेदार के माध्यम से कराई जाती है। चार वर्ष की अवधि उपरांत आवश्यकतानुसार बी.टी. नवीनीकरण कराये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। सड़क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब', 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है। (ग) भवन कार्य विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं सड़क कार्य विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
नवीन रोड हेतु नीति निर्धारण
[लोक निर्माण]
159. ( क्र. 1207 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनहित व रहवासियों की आवागमन की सुविधा हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्माण हेतु क्या नीति निर्धारित की है? नीति की प्रति सहित अवगत करावें? (ख) विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी के अंतर्गत विभाग द्वारा कितने नवीन रोड (सभी प्रकार के) रहवासियों को जिला, तहसील, विकासखण्ड आदि कार्यालयों एवं चिकित्सालय, कृषि उपजमण्डी समिति, शिक्षा अध्ययन हेतु आने-जाने के लिये कहां-कहां नवीन रोड निर्माण कराये गये? की जानकारी दिसम्बर 2014 से अक्टूबर 2016 तक दी जावे? जानकारी में कार्य का नाम, दूरी स्वी.राशि, ठेकेदार का नाम, मांग संख्या, लेखा शीर्ष, कार्यादेश दिनांक, कार्य पूर्ण/अपूर्ण एवं कार्य पूर्ण होने का दिनांक आदि सहित प्रदाय करें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो चुके हैं अथवा शेष हैं? यदि शेष हैं तो उनके क्या कारण हैं और कौन-कौन, किस स्तर पर जवाबदार हैं व शेष अपूर्ण निर्माण कार्य कब पूर्ण कर दिय जा सकेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्तमान में नीति निर्धारित नहीं है, अपितु निर्माण/उन्नयन की आवश्यकता का परीक्षण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के दृष्टिगत रखते हुये प्राथमिकतानुसार कार्य किये जाते है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। कोई कार्य शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समितियों की शेष राशि
[सहकारिता]
160. ( क्र. 1223 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले सहकारिता विभाग के अंतर्गत कितनी समितियां संचालित है? कितनी समितियों के खातों में कितनी राशि दिनांक 31 अक्टूबर, 2016 को जमा थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित समितियों में सें कितनी समितियों का विधिवत ऑडिट नहीं हुआ है? ऑडिट न कराने पर विभाग द्वारा कभी कोई कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों में किस-किस समिति पर कब-कब क्या कार्यवाही गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार समितियों के खातों में जिस-जिस मद की राशि भुगतान करने हेतु प्राप्त हुई थी? क्या उन मदों की सभी राशि का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं तो? किसानों को भुगतान हेतु कितनी राशि किस-किस कारण से शेष है और कब तक इसका भुगतान किया जावेगा? किसानों की संख्या एवं ग्राम सहित जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सागर जिले में दिनांक 30.09.2016 की स्थिति पर सहकारिता विभाग के अंतर्गत 1125 सहकारी संस्थायें संचालित है। जिसमें से 735 संस्थायें कार्यशील होकर संचालित है। शेष 390 संस्थायें परिसमापनाधीन होकर अकार्यशील है। दिनांक 31.10.2016 को 178 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के खातों में जमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। शेष 557 अन्य समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) दिनांक 30.09.2016 की स्थिति पर 474 सोसाइटियों का आडिट नहीं हुआ है। जी हाँ. 48 सोसाइटियों पर धारा 56 (3) के तहत अर्थदण्ड की शास्ती आरोपित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) प्राथमिक साख समितियों को छोडकर अन्य सोसायटियों के खातों में जिस-जिस मद की राशि भुगतान हेतु प्राप्त हुई थी उन सभी मदों की सभी राशि का भुगतान किया जा चुका है। प्राथमिक कृषि साख समितियों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। कृषकों के खातों में राशि शेष रहने का कारण कृषकों का कार्यक्षेत्र से बाहर होना एवं उनके संयुक्त खातों में प्राप्त राशि का आहरण हेतु परिवार के समस्त सदस्यों से सहमति प्राप्त नहीं होना है। कृषकों के कार्यक्षेत्र में आने अथवा सहमति पत्र प्राप्त हो जाने पर भुगतान किया जा सकेगा। भुगतान हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बलराम तालाब योजना में लापरवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
161. ( क्र. 1237 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में वर्ष 2012-13 से वर्तमान तक कितने बलराम तालाब स्वीकृत किये गये हैं? इससे कितने किसान लाभान्वित हुए हैं? (ख) अब तक कितने कार्य पूर्ण हो गये हैं? ऐसे तालाब निर्माणों पर कितनी राशि का व्यय किया गया है वर्षवार जानकारी देवें। अपूर्ण कार्यों के लिए कौन जिम्मेदार हैं? (ग) बलराम तालाब योजना के ग्रामीण क्षेत्र में प्रचार-प्रसार के लिए विभाग द्वारा कब-कब कहां-कहां शिविरों का आयोजन किया है? कौन अधिकारी उपस्थित रहे हैं? (घ) क्या विभाग द्वारा इस महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन में उदासीनता के कारण किसान लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं? (ड.) यदि हाँ तो क्या ऐसे अधिकारियों पर विभाग द्वारा अपने कर्तव्य में उदासीनता करने के कारण अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खण्डवा जिलें में वर्ष 2012-13 से वर्तमान तक 118 बलराम तालाब स्वीकृत किये गये जिससे 118 किसान लाभान्वित हुये है। (ख) वर्ष 2012-13 से वर्तमान तक 118 कार्य पूर्ण हो गये है, जिन पर वर्ष 2012-13 में राशि रू. 26.00 लाख, वर्ष 2013-14 में राशि रूपयें 19.96 लाख, वर्ष 2014-15 में राशि रू. 17.222 लाख, वर्ष 2015-16 में राशि रूपयें 20.997 लाख तथा वर्ष 2016-17 में वर्ष 2015-16 के लंबित शेष बिलो की राशि रू. 16.30 लाख का भुगतान किया गया, इस प्रकार कुल राशि 100.479 लाख का व्यय किया गया है। वर्तमान में कोई कार्य अपूर्ण नहीं है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ विभागीय अमले द्वारा तथा समय-समय पर आयोजित प्रशिक्षण एवं किसान मेलों के माध्यम से विभागीय अधिकारियों द्वारा बलराम तालाब योजना के लाभ से कृषकों को अवगत कराया जाता है। पृथक से योजना में प्रचार-प्रसार हेतु शिविरों के आयोजित करने का प्रावधान नहीं है। (घ) जी नहीं। (ड़) प्रश्नांश "घ" के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
नलकूपों का खनन
[जल संसाधन]
162. ( क्र. 1258 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत यांत्रिकी लाईट मशीनरी, नलकूप एवं गेट उपसंभाग क्रमांक 1 व 2 जबलपुर में नलकूपों का खनन हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? किसने स्वीकृत/अस्वीकृत किये गये? कितने नलकूपों का खनन कराया गया? इसमें कितने-कितने सफल/असफल रहे/इनके खनन कार्य कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में कितने हितग्राही कृषकों के नलकूपों का खनन कब-कब किस-किस ने कहां-कहां पर कराया है? इसकी गहराई कितनी-कितनी है? पानी की मात्रा व सिंचाई क्षमता कितनी है? कितने नलकूप सफल/असफल रहे? कृषकों की सूची दें? (ग) प्रश्नांश (ख) में खनन किये गये नलकूपों के खनन की कितनी-कितनी राशि किस-किस दर से किन-किन कृषकों से कब ली गई एवं इन्हें अनुदान की कब, कितनी राशि का भुगतान किया गया? इसकी जाँच कब किसने की है? कृषकों की सूची दें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) संलग्न परिशिष्ट अनुसार विभागीय आदेश दिनांक 08.02.2002 के अनुपालन में नलकूपों का खनन विभाग द्वारा नहीं किये जाने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
परिशिष्ट - ''छत्तीस''
राष्ट्रीय कृषि योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
163. ( क्र. 1259 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर को राष्ट्रीय कृषि योजना एवं केन्द्र प्रवर्तित किन-किन योजनाओं/कार्यक्रमों के तहत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? किन-किन योजनाओं से संबंधित कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया एवं क्यों? योजनाओं की लक्ष्यपूर्ति बतलावें वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन हितग्राही मूलक योजनाओं में कितने-कितने कृषक लाभान्वित हुये एवं किन-किन योजनांतर्गत किस मान से अनुदान की कितनी-कितनी राशि वितरित की गई? किन-किन योजनांतर्गत कितने कृषकों को अनुदान की कितनी-कितनी राशि वितरित नहीं की गई एवं क्यों? इसकी जाँच कब किसने की है? (ग) प्रश्नांकित किन-किन योजनांतर्गत कितने-कितने कृषकों को नि:शुल्क बीज किट्स व उर्वरक का कितनी-कितनी मात्रा में कितनी राशि का वितरण किया गया एवं कितनी राशि का विक्रय किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला जबलपुर को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं/ कार्यक्रमों के अन्तर्गत वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 2437.403 लाख रूपये का आवंटन प्राप्त हुआ एवं राशि रू. 2292.537 लाख व्यय किया गया। योजनाओं से संबंधित बीज घटक में राशि का पूर्ण उपयोग नहीं किया जा सका, क्योंकि योजना मापदंड में कृषकों की मांग अनुसार किस्मों का बीज उपलब्ध ना होने के कारण, योजनाओं में शत् प्रतिशत् व्यय नहीं हो पाया। योजनावार वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हितग्राही मूलक योजनाओं में 243092 पात्र हितग्राही कृषक लाभान्वित हुये एवं योजनाओं में निर्धारित मापदंड अनुसार हितग्राहियों को राशि रू. 2250.816 लाख अनुदान राशि वितरित की गई। आज दिनांक तक आरकेव्हीवाय योजना में डीजल/ विद्युत पम्प घटक में 27 कृषकों हेतु रू.2.70 लाख एवं स्प्रिंकलर घटक में 84 कृषकों हेतु राशि रू. 6.70 लाख अनुदान की राशि मध्य प्रदेश राज्य कृषि उद्योग विकास निगम को प्रदाय किया जाना शेष है, वर्तमान वित्तीय वर्ष में आवंटन प्राप्त होते ही भुगतान की कार्यवाही पूर्ण कर दी जावेगी। वरिष्ठ कार्यालय द्वारा रूटीन निरीक्षण समय-समय पर किया जाता है। योजनावार वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं राष्ट्रीय तिलहन मिशन योजनान्तर्गत 4175 कृषकों को बीज मिनीकिट का नि:शुल्क वितरण किया गया। उर्वरक के किसी योजना में किट प्राप्त नहीं हुये न ही वितरण किया गया। योजनावार वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
पुराने तालाब एवं छोटे बांधों का जीर्णीद्धार
[जल संसाधन]
164. ( क्र. 1279 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्तमान में कितने पुराने तालाब, छोटे बांध हैं एवं वे किस स्थिति में हैं, तहसीलवार उनकी संख्या, जल भराव क्षेत्र सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) उक्त बांधों में कितने फूटे व कितनों में पानी का भराव हो रहा है? क्या फूटे तालाबों, बांधों के जीर्णोद्धार की शासन की योजना है? उसे कब से लागू किया जायेगा? नाम, पंचायत, पटवारी, हल्का सहित जानकारी दी जावें। (ग) उक्त तालाबों, बांधों के जीर्णोद्धार के बाद कितने रकबे में सिंचाई होने का अनुमान है, उक्त तालाबों में जल भराव से कितनी एकड़ जमीन डूब में आ सकती है, क्या शासन द्वारा सर्वे कराया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार है। उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत विभाग द्वारा परिशिष्ट में उल्लेखित तालाबों के जीर्णोद्धार का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
मुरैना जिले के एम.बी.सी. एवं ए.बी.सी. नहरों की सफाई
[जल संसाधन]
165. ( क्र. 1280 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की एम.बी.सी. एवं नहरों एवं ए.बी.सी. उनकी शाखाओं की सफाई हेतु वर्ष 2015 एवं 2016 में कितनी राशि खर्च की गई तहसीलवार, वर्षवार जानकारी दी जावें? (ख) क्या उक्त कार्य की कई जगह पर शिकायतें हुई हैं स्थान एवं की गई कार्यवाही की जानकारी दी जावें? (ग) क्या नहरों एवं शाखाओं में विभाग द्वारा सफाई कराई गई है या ठेकेदारों द्वारा सफाई कार्य किये गये है? ठेकेदारों के नाम, भुगतान राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार है। जी नहीं। कोई शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है। (ग) विभागीय श्रमिकों एवं ठेकेदारों द्वारा सफाई कराई गई। ठेकेदारों द्वारा कराये गये सफाई कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' अनुसार है।
नहरों की मरम्मत
[जल संसाधन]
166. ( क्र. 1300 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कितने जलाशय हैं, विधानसभा क्षेत्रवार नहरों की जानकारी दें तथा उक्त नहरों के निर्माण के बाद से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार मरम्मत एवं अन्य कार्य में कितनी राशि स्वीकृत एवं व्यय की गई? पृथक-पृथक नहरवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के जलाशयों के निर्माण के बाद प्रश्न दिनांक सिंचित रकबा कितना है? कब-कब घटा-बढ़ा, वर्षवार जलाशयवार विवरण दें? (ग) क्या कटनी जिले के बहोरीबंद एवं रीठी में सिचिंत रकबा बढ़ाए जाने हेतु शासन कोई विशेष कार्य योजना बनाएगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो कारण बताएं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' ''2'' एवं ''3'' अनुसार है।
धान का उत्पादन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
167. ( क्र. 1301 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में विगत 10 वर्षों में धान का उत्पादन कितना था। प्रति क्विंटल प्रति हेक्टर बताएं? (ख) क्या प्रतिवर्ष बढ़ते क्रम में उत्पादन हुआ है? यदि हाँ, तो फिर समर्थन मूल्य में धान खरीदी हर वर्ष कम क्यों की गई? (ग) क्या यह सही है कि विगत वर्षों में धान समर्थन मूल्य पर क्रय करने में मध्यप्रदेश शासन द्वारा अतिरिक्त बोनस दिया जाता था। यदि हाँ तो उक्त आदेश की प्रतियां उपलब्ध करावें? क्या सरकार द्वारा उक्त बोनस देना बन्द कर दिया गया है। यदि हाँ तो किस आदेश से बंद किया गया। आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) दिनांक 01/11/2016 से 15 नवम्बर 2016 के बीच में धान की आवक कितनी थी एवं किस उच्चतम, न्यूनतम एवं मॉडल भाव में धान विक्रय कटनी मण्डी में हुई विवरण दें? समर्थन मूल्य में उक्त अवधि में धान न खरीदे कर व्यापारियों को लाभ पहुंचाने हेतु शासन ने ऐसा किया था?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जबलपुर संभाग के जिलों में विगत 10 वर्षों में धान उत्पादन की जानकारी (वर्ष 2006-07 से 2015-16 तक) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। मौसम की अनुकूलता प्रतिकूलता अनुसार उत्पादन बढ़ता घटता रहा है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) कटनी जिलें में दिनांक 01.11.2016 से 15 नवम्बर 2016 तक धान की आवक एवं उच्चतम, न्यूनतम व मॉंडल भाव की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। धान की गुणवत्ता (एफ.ए.क्यू.) न होने के कारण समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय नहीं हुआ।
पुल पुलियों के मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
168. ( क्र. 1327 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सागर स्थित बण्डा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत गत वर्ष में अत्याधिक वर्षा के समय ऐसे कितने पुल, पुलिया, रपटा क्षतिग्रस्त हो गए थे जिनके कारण आवागमन अवरूद्ध हो जाता है। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में प्रश्नांश 'क' के क्रम में पुल पुलिया रपटा मरम्मत कार्य के क्या प्रावधान है। (ग) संबंधित क्षेत्र के ग्रामीणों के आवागमन हेतु ऐसे पुल पुलिया, रपटों का मरम्मत कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एक मध्यम पुल। (ख) मेनुअल के कंडिका 2.120 के अनुसार तत्कालिक रूप से मरम्मत कार्य कराकर प्रारंभ किया जाता है। (ग) वर्तमान में बण्डा बरा केरबना मार्ग के कि.मी. 24/6 में विद्यमान मध्यम पुल की पहुंच मार्ग का मरम्मत कार्य पूर्ण हो चुका है तथा आवागमन सुचारू रूप से जारी है।
गुना अशोकनगर रोड़ निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
169. ( क्र. 1339 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना- अशोकनगर-ईसागढ़ मार्ग का निर्माण कार्य का कार्यादेश किस दिनांक को जारी किया गया, कार्य पूर्ण करने की समयावधि बताये। (ख) क्या कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुआ, कितना विलंब हुआ विलंब होने की दशा में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या ठेकेदार का ग्रांट का भुगतान समय से पूर्व किया गया है? इन्हें टोल टेक्स परमीशन जब दी गई तब कितना कार्य शेष था वह कार्य निर्धारित समय-सीमा 3 माह में पूर्ण नहीं हुआ तो विभाग द्वारा ठेकेदार पर कितनी पेनाल्टी लगाई गई है? (घ) क्या ईसागढ़ के पास 8 किमी. सड़क बनना अभी भी शेष है इसके बाद भी टोल टैक्स वसूल किया जा रहा है? टोल टैक्स वसूली के आदेश निरस्त कर, निर्धारित पैनाल्टी वसूली की क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा गुना-अशोक नगर-ईसागढ़ मार्ग (एस.एच.-20) कार्य बी.ओ.टी. (टोल) योजना में अनुबंध दिनांक 05.11.2012 को किया गया था तथा एपाइन्टेड दिनांक 30.08.2013 है। इस कार्य का कंसेशन पीरियड 25 बर्ष निर्धारित है, जिसमें निर्माण अवधि एपाइन्टेड दिनांक से 2 वर्ष सम्मिलित है। (ख) जी हाँ। कार्य लगभग 7 माह विलम्ब से पूर्ण किया गया। विलंब हेतु निवेशक को नोटिस दिये गये है। वर्तमान में निवेशक को पूर्ण टोल अधिकार के स्थान पर 75 प्रतिशत टोल वसूली करने के अधिकार प्रदान किये गये है। (ग) जी नहीं। शेष कार्यों की पंचलिस्ट की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। विलम्ब के कारणों का परीक्षण किया जाकर पेनाल्टी की कार्यवाही अनुबंधानुसार की जाना है। (घ) जी हाँ। ईसागढ़ के पास लगभग 8 किमी. सड़क कार्य शेष है। अनुबंधानुसार 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर स्वतंत्र इंजीनियर द्वारा प्रोविजनल पूर्णताः प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। तदोपरांत टोल वसूली प्रारंभ की जाती है। अशोक नगर-ईसागढ़ सेक्शन का प्रोविजनल पूर्णताः प्रमाण-पत्र दिनांक 22.3.02016 को जारी किया गया। तदानुसार टोल वसूली की जा रही है। टोल वसूली अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार की जा रही है। अतः इसे निरस्त करने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। पेनल्टी वसूली की प्रक्रिया प्रगति पर है।
किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान
[जल संसाधन]
170. ( क्र. 1361 ) श्री संजय शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकास खण्ड बेगमगंज – सिंलवानी में विभाग द्वारा बनवाये गये किन-किन बांध बैराज, स्टापडेम, तालाब में कितने हेक्टेयर में सिंचाई की जा रही है? (ख) उक्त विकास खण्डों में बांध नहर निर्माण में किन किन किसानों को मुआवजा राशि का अभी तक भुगतान नहीं किया गया तथा क्यों? कब तक राशि का भुगतान होगा? (ग) जिन वन भूमि के पट्टे वालों की भूमि बांध/नहर निर्माण में डूब में आई है उनको मुआवजा राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया कारण बतावें? (घ) कब तक मुआवजा राशि का भुगतान होगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2015-16 में 16,823 हे. क्षेत्र में सिंचाई की गई। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। शेष कृषकों के भुगतान न होने के कारण बैंक खाता उपलब्ध न कराना, आपसी विवाद एवं खातेदारों का एक साथ उपस्थित न होना है। अवार्ड अनुसार समस्त राशि भू-अर्जन अधिकारी को उपलब्ध कराई जा चुकी है। (ग) एवं (घ) वनभूमि के पट्टाधारियों डूब में आये भूमि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। जिसकी जाँच हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सिलवानी जिला रायसेन के आदेश दिनांक 23.08.2016 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'') अनुसार संयुक्त जाँच दल गठित किया गया है। जलाशय में पूर्ण जल भराव होने के कारण गठित जाँच दल से प्रतिवेदन अपेक्षित है प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
किसानों को बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
171. ( क्र. 1365 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर एवं होशंगाबाद जिले के क्रेडिटधारी किसानों का वर्ष 2014-15 में रबी एवं खरीफ की फसलों का बीमा किया गया था? यदि हाँ तो किस कंपनी द्वारा किया गया? (ख) उक्त कंपनी द्वारा बीमे हेतु कितना प्रीमियम वसूल किया गया, जिलेवार जानकारी दें? (ग) क्या प्रभावित किसानों के बीमा के एवज में क्षतिग्रस्त फसलों की क्षतिपूर्ति के भुगतान हेतु प्रकरण लंबित है? यदि हाँ तो कितने एवं क्यों? कब तक इनका भुगतान किसानों को कर दिया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया गया था। (ख) जिलेवार वर्षवार जिला नरसिंहपुर एवं होशंगाबाद के बीमा आवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर। (ग) खरीफ 2014 मौसम हेतु नरसिंहपुर जिले का कोई प्रकरण भुगतान हेतु लंबित नहीं है। होशंगाबाद जिले के कुछ बैंकों द्वारा त्रुटी पूर्ण प्रकरण भेजे गये थे, जो त्रुटी सुधार कर एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड भोपाल को भेजे गये है। उक्त प्रकरणों का निराकरण राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक में अनुशंसित कर भारत सरकार को प्रेषित करने हेतु एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड भोपाल को निर्देशित किया है। भारत शासन के अनुमोदन पश्चात पात्र कृषकों को नियमानुसार भुगतान किया जायेगा।
किसानों की आय दो गुना करने की विस्तृत योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
172. ( क्र. 1368 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए शासन स्तर पर क्या योजना बनाई गई है? क्या टीकमगढ़ जिला में कार्यशाला भी आयोजित की गई है? तो कब और किनकी उपस्थिति में? (ख) टीकमगढ़ जिले में योजना के संबंध में अभी तक क्या कार्य निष्पादित किये गये है? क्या इस योजनाओं में जनप्रतिनिधियों को भी विश्वास में लिया गया है? यदि हाँ तो कब किस स्तर पर ऐसा विचार अथवा कार्यशाला हुई? (ग) कृषि से संबंधित अन्य सहयोगी विभागों की क्या भूमिका निरूपित की गई क्या उसका अनुपालन किया जा रहा है? खाद बीज किटनाशक प्रदाय सुनिश्चित करने हेतु क्या गाइड लाइन तैयार की गई है? (घ) क्या घटिया बीज एवं नकली खाद् प्रदाय करने वालों के विरूद्ध कोई नियम है अभी तक ऐसे कितने लोगो के लायसेंस जिला टीकमगढ़ में निरस्त किये गये है बतावें?।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। टीकमगढ़ जिले में दिनांक 21-9-2016 को मा. विधायक मा. जिला पंचायत अध्यक्ष/सदस्य, मा. सांसद प्रतिनिधि, मा. जनपद सदस्य, जिला कलेक्टर, मु.का.अधि. जिला पंचायत, वनमंडलाधिकारी, कृषि वैज्ञानिक, प्रगतिशील कृषक, एन.जी.ओ. तथा कृषि एवं संबंद्ध विभागों को जिला एवं खंड स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति में कार्यशाला का आयोजन किया गया। (ख) कार्यशाला में प्राप्त सुझावों के आधार पर मा. प्रभारी मंत्री महोदय जिला टीकमगढ़ की अध्यक्षता में दिनांक 17-11-2016 को आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में कार्य योजना का अनुमोदन उपरांत ग्राम स्तरीय योजना तैयार की गई। जिला स्तर पर ही जिले में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कार्यशाला का आयोजन हुआ। (ग) कृषि से संबंधित अन्य सहयोगी विभागों की शासन द्वारा संचालित योजनाओं के अधीन निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार शतप्रतिशत पूर्ति की जिम्मेदारी जिला प्रशासन द्वारा संबंधित विभाग की निर्धारित की गई। उच्च गुणवत्तापूर्ण खाद, बीज, कीटनाशक के साथ-साथ अन्य कृषि आदानों हेतु पूर्व से ही दिशानिर्देश निर्धारित है। (घ) जी हाँ। जिला टीकमगढ़ में वर्ष 2015-16 के अंतर्गत एक अमानक उर्वरक विक्रेता राहुल ट्रेडर्स जतारा का उर्वरक विक्रय अनुज्ञप्ति निरस्त किया गया एवं एक अमानक बीज विक्रेता श्रीराम बीज उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित चरपुवां का बीज विक्रय अनुज्ञप्ति निरस्त किया गया। वर्ष 2016-17 खरीफ में 02 नमूने सोयाबीन बीज के श्री शारदा बीज उत्पादक सहकारी समिति अचर्रा के अमानक पाये जाने के फलस्वरूप संबंधित संस्था की बिक्री प्रतिबंधित करते हुए बीज उत्पादक संस्था का बीज विक्रय पंजीयन निलंबित किया गया। वर्ष् 2016-17 के अंतर्गत उर्वरक (एस.एस.पी.) का 01 नमूना अमानक पाये जाने के फलस्वरूप विक्रेता संस्था राज्य सहकारी विपणन संघ पलेरा का अमानक लॉट का उर्वरक स्कंध विक्रय प्रतिबंधित किया गया।
टीकमगढ़ में उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
173. ( क्र. 1369 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ में उद्यानिकी महाविद्यालय खोले जाने के सदन में दिये गये आश्वासन पर विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की है? क्या सरकार सदन में दिये गये आश्वासन की पूर्ति करने के प्रति गंभीर है? यदि हाँ तो अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हो पायी? (ख) टीकमगढ़ में पूर्व से ही कृषि महाविद्यालय है इस तथ्य से क्या सरकार अनभिज्ञ थी? क्या उद्यानिकी, कृषि से जुड़ा विषय नहीं है? यदि हाँ, तो पूर्व से संचालित कृषि महाविद्यालय में उद्यानिकी विषय की कक्षायें प्रारंभ कराकर उसे कृषि एवं उद्यानिकी महाविद्यालय का दर्जा नहीं दिया जा सकता है? (ग) यदि हाँ, तो इस पर शासन का कितना वित्तीय भार आयेगा तथा इसे कब प्रारंभ किया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) टीकमगढ़ में उद्यानिकी महाविद्यालय खोले जाने के सदन में दिये गये आश्वासन के उत्तर में यह स्पष्ट किया गया है कि टीकमगढ़ जिले में कृषि महाविद्यालय स्थापित है जो जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के अधीन है, जिसमें कृषि एवं उद्यानिकी विषयों के पाठ्यक्रम संचालित होते है अत: वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उद्यानिकी महाविद्यालय खोले जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है, इस कारण अब तक कार्यवाही नहीं हो पाई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कृषि महाविद्यालय में उद्यानिकी एक विषय के रूप में पढ़ाई जाती है। नवीन कृषि या उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना आई.सी.ए.आर. की पंचम डीन कमेटी की अनुशंसा अनुसार पृथक-पृथक किये जाने का प्रावधान है। अत: वर्तमान कृषि महाविद्यालय को कृषि एवं उद्यानिकी महाविद्यालय का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। (ग) नवीन उद्यानिकी महाविद्यालय यदि शासन द्वारा आरंभ किया जाता है तो वर्तमान में लगभग रू. 130 करोड़ का वित्तीय भार एवं अतिरिक्त 50 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेमरी जलाशय से अतिरिक्त सिंचाई की व्यवस्था
[जल संसाधन]
174. ( क्र. 1372 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिले के बेगमगंज तहसील स्थित सेमरी जलाशय योजना से समीप के ग्राम करहौला, बोथुआ आदि के कृषकों द्वारा जल आवर्धन योजना बनाई जाकर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने की मांग शासन, मा. मुख्यमंत्री, मा. विभागीय मंत्री से की है? यदि हाँ, तो क्या इस हेतु कोई विचार किया जा रहा है? यदि हाँ तो क्या योजना बनाई जाएगी? (ख) क्या विभाग किसानों के हित में सेमरी जलाशय से पानी लिफ्ट कर करहौला, बौथुआ के किसानों की सिंचाई की व्यवस्था हेतु कोई योजना बनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? क्या इस हेतु कार्यवाही/ पत्राचार किया गया है? यदि हाँ तो विवरण उपलब्ध करावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। ग्राम करहौला, बौथुआ की कृषि भूमि का लेबल बांध के लेबल से लगभग 30 मीटर की ऊंचाई पर है। अत: सेमरी जलाशय योजना से ग्राम करहौला, बौथुआ की कृषि भूमि में नहर सिंचाई करना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। सेमरी जलाशय परियोजना की जीवित जल क्षमता 29.85 मि.घ.मी. है जिससे कमाण्ड क्षेत्र के 32 ग्रामों में 5700 हे. क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उपरांत कोई अतिरिक्त जल शेष नहीं रहता है।
महान परियोजना की नहरों का निर्माण
[जल संसाधन]
175. ( क्र. 1375 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के सिहावल में महान परियोजना बहरी नहर प्रणाली से 7500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु नहरों का निर्माण कार्य स्ट्रक्चर एवं लाइनिंग कार्य सहित स्वीकृत है? यदि हाँ, तो कार्य कब तक पूर्ण कराया जायेगा? (ख) सिहावल में नकझर पहुंच मार्ग सोन नदी में पुल का निर्माण माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा 2012-13 में घोषित किया गया था, किंतु आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। कब तक कार्य प्रारंभ किया जायेगा? (ग) क्या बारपान से भैसाहुन गोपद नदी पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण स्वीकृत है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कार्य क्यों प्रारंभ नहीं किया गया? कारण सहित कार्य निर्माण व पूर्ण होने की समय-सीमा बतायें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। अप्रैल 2019 में कार्य पूर्ण कराया जाना लक्षित है। (ख) एवं (ग) पहुंच मार्ग हेतु पुलों का निर्माण विभाग द्वारा नहीं कराया जाता है, अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
कृषि यंत्र दूत योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
176. ( क्र. 1378 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि शक्ति योजना एवं कृषि यंत्र दूत योजनाओं का विवरण देते हुए बतावें कि इन योजनाओं से कृषकों को किस प्रकार लाभान्वित किया जा रहा है? गत दो वर्षों में सागर जिले को इन योजना के क्रियान्वयन हेतु कितनी राशि उपलबध कराई गई वर्षवार व्यय का विवरण दें। (ख) प्रश्नांक (क) वर्णित योजनाओं में देवरी विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों के कितने कृषकों को चयनित कर उन्हें किस प्रकार लाभान्वित किया गया? किन-किन कृषकों को प्रशिक्षित किया गया? (ग) उक्त योजनाओं से विगत दो वर्षों में लाभान्वित कृषकों व व्यय राशि की सूची उपलब्ध करावें? कितने कृषकों को किस-किस कार्य हेतु अनुदान दिया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि शक्ति योजना दो घटकों में क्रियान्वित की जाती है:-1-यंत्रदूत ग्रामों का विकास - इसके अंतर्गत ग्रामों का चयन किया जाकर कृषकों को प्रशिक्षण, भ्रमण, संगोष्ठी एवं उन्नत कृषि यंत्रों के प्रदर्शन के माध्यम से यंत्रीकृत कृषि तकनीक की जानकारी दी जाकर उसके प्रयोग हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। 2-पावर टिलर पर टॉपअप अनुदान:- इसके अंतर्गत भारत सरकार की योजनाओं में कृषकों द्वारा क्रय किये गये पावर टिलर पर राज्य शासन द्वारा कीमत का 25 प्रतिशत् अधिकतम राशि रू. 30 हजार का टॉपअप अनुदान दिया जाता है। गत दो वर्षों में सागर जिलें में राशि रू. 41.68 लाख उपलब्ध कराई गई है। वर्षवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। योजनांतर्गत पावरटिलर पर टॉपअप अनुदान का प्रावधान है,परंतु देवरी विधान सभा क्षेत्र में किसी भी कृषक द्वारा पावरटिलर क्रय नहीं किया गया है। अत: अनुदान नहीं दिया गया है।
माध्यम में सूचना का अधिकार व नियम विरूद्ध पदोन्नतियां
[जनसंपर्क]
177. ( क्र. 1379 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 26 जुलाई 2016 के अता. प्रश्न 218 (क्रमांक 3291) के उत्तर में उल्लेखित अनुसार कि माध्यम में विधि विशेषज्ञों की राय पर सूचना का अधिकार बंद किया गया था, के संबंध में बतावें कि कौन-कौन से दस्तावेजों के आधार पर उक्त राय दी गई थी? उस नोटशीट की प्रति उपलब्ध करावें जिसमें सूचना अधिकार बंद किये जाने की राय दी गई थी तथा उस नोटशीट की प्रति भी दें जिसमें सूचना अधिकार पुन: चालू करने के आदेश दिये गये है? (ख) वर्ष 2012-2013 से अब तक की माध्यम की वरिष्ठता सूची उपलब्ध करावें तथा बतावें कि किस वरिष्ठता सूची के आधार पर पदोन्नति दी गई? क्या उक्त नियम विरूद्ध कार्यवाही के लिए तत्कालीन स्थापना प्रभारी प्रबंधक दोषी हैं? यदि हाँ तो उन्हें कब तक निलंबित किया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधि विशेषज्ञों के परामर्श पर स्वपोषित संस्था में सूचना का अधिकार लागू नहीं होता, इसलिए इस पर अंतिम निर्णय होने तक सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही संस्था में लंबित रही। अधिवक्ता से प्राप्त पत्र की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। लेकिन संस्था के कार्यों में पारदर्शिता की दृष्टि से विधि विशेषज्ञ की आर.टी.आई. नहीं लागू होने की राय के बावजूद संस्था में सूचना का अधिकार अधिनियम को प्रभावशील रखा गया है, जो कि वर्तमान में भी प्रभावशील है। संस्था में सूचना का अधिकार लागू होने एवं अधिनियम की धारा 5 के तहत प्रथम अपीलीय अधिकारी, लोक सूचना अधिकारी एवं सहायक लोक सूचना अधिकारी नियुक्त करने के संबंध में जारी आदेश दिनांक 26.03.2015 की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश माध्यम में वर्ष 2012-2013 से अब तक हुई पदोन्नतियाँ नियमानुसार प्रथम श्रेणी से प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी से प्रथम श्रेणी के लिए योग्यता सह वरिष्ठता एवं तृतीय से द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के पदों के लिए वरिष्ठता सह योग्यता के आधार पर की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सागर नगर में उद्योग विभाग की संचालित योजनाएं
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
178. ( क्र. 1491 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक उद्योग विभाग द्वारा हितग्राही मूलक कौन-कौन सी योजनायें संचालित की गयी हैं? इस अवधि में विभिन्न योजनाओं के लिए कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा कितने आवेदन किस योजना के लिए स्वीकृत किये गये? स्वीकृत राशि सहित बतायें। (ख) प्रश्न (क) अवधि में विभाग द्वारा स्वीकृत प्रकरणों में से बैंको द्वारा कितने प्रकरणों में ऋण प्रदान किया गया? हितग्राही का नाम, बैंक का नाम, ऋण राशि तथा योजना का नाम सहित बतायें। (ग) चालू वित्त वर्ष में विभिन्न योजनाओं के लिए शासन से कितना लक्ष्य प्राप्त हुए हैं? विभाग ने लक्ष्य की कितनी पूर्ति की है? (घ) उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के लक्ष्य पूर्ण नहीं होने के क्या कारण हैं? इसके लिए कौन जवाबदेह है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) सागर नगर में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, रानीदुर्गावती स्वरोजगार योजना, दीन दयाल रोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनाएं संचालित की गयी है। इस अवधि में विभिन्न योजनाओं में सागर नगर में प्राप्त आवेदन, स्वीकृत प्रकरण एवं स्वीकृत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उतरांश (क) अवधि में विभाग द्वारा स्वीकृत प्रकरणों में से बैंको द्वारा जिन प्रकरणों में ऋण प्रदान किया गया हैं, ऐसे प्रकरणों की जानकारी बैंकों से अद्यतन स्थिति में एकत्रित की जा रही है। (ग) विभाग द्वारा जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं चालू वित्त वर्ष 2016-17 में संचालित योजनाओं में सागर जिले के लक्ष्य एवं पूर्ति की जानकारी निम्नानुसार हैं:-
क्रं. |
योजना का नाम |
लक्ष्य |
लक्ष्यपूर्ति (31.10.2016 की स्थिति में उपलब्धि) |
1 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
45 |
12 |
2 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
740 |
145 |
3 |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
रू. 155.90 लाख (वित्तीय) |
रू. 100.98 लाख |
(घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में उल्लेखनीय है कि लक्ष्यपूर्ति हेतु समय-सीमा 31 मार्च 2017 तक है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसल बीमा का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
179. ( क्र. 1836 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में फसल बीमा की कितनी प्रीमियम राशि कितने किसानों से ली गई? ग्रामवार, कृषक संख्या प्रीमियम राशि सहित बतावें? (ख) क्या फसल बीमा के नवीन प्रावधानों के तहत नुकसान की स्थिति में प्रारंभ में 25% राशि दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में वर्षाकाल के प्रारंभ में अल्पवर्षा एवं सितंबर में अतिवृष्टि होने पर विभाग द्वारा किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? यदि नहीं तो क्यो? (ग) सितम्बर के अतिवृष्टि के नुकसान के सर्वे रिपोर्ट की छायाप्रति देवें? इस भुगतान को कब तक कर दिया जाएगा? (घ) समय पर फसल बीमा का भुगतान न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।