मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई-अगस्त, 2025 सत्र
मंगलवार, दिनांक 05 अगस्त, 2025
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मध्यप्रदेश
लोक सेवा
पदोन्नति
नियम 2025 के
अंतर्गत
पदोन्नति
[महिला एवं बाल विकास]
1. ( *क्र. 1536 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत समस्त कार्यालयों में सहायक ग्रेड 2 के कुल पदों की संख्या, कितने पद रिक्त हैं, वर्तमान स्थिति क्या है? वरिष्ठता सूची देवें। (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन महिला बाल विकास विभाग के आदेश दिनांक 24.11.2012 के अनुसार सहायक ग्रेड 3 के पदोन्नति के अधिकार जिला स्तर पर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कितने सहायक ग्रेड 3 को ग्रेड 2 के पदों पर कब पदोन्नति दी गई है? पदोन्नत कर्मचारी का नाम, पद, दिनांकवार, वर्षवार विवरण प्रस्तुत करें। (ग) क्या म.प्र. राजपत्र क्र. 405, दिनांक 01 अक्टूबर, 2015 के आदेशानुसार महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत तृतीय श्रेणी (लिपिकवर्गीय) कर्मचारियों की पदोन्नति की जायेगी? क्या सहायक ग्रेड 2 के पदों पर 100 प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरा जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक पदों को भरा जायेगा? क्या विभाग से सहायक ग्रेड 3 से ग्रेड 2 के पदों पर पदोन्नति पर रोक के आदेश/पत्र जारी किये गये हैं? समस्त आदेश, निर्देश व नस्ती देवें। सहायक ग्रेड 2 के पद को समाप्त कर कौन से पद का सृजन किया गया है? (घ) मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 155, दिनांक 19 जून, 2025 सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति आदेशानुसार रिक्त सहायक ग्रेड 2 के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही विभाग द्वारा कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत समस्त कार्यालयों में सहायक ग्रेड-2 के कुल पदों की संख्या 384 है, इनमें से 257 पद रिक्त हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन महिला एवं बाल विकास विभाग के आदेश दिनांक 24.11.2012 में विभाग के संभागीय मुख्यालय के जिलों में स्वीकृत शासकीय कार्यालयों में कार्यरत/पदस्थ सहायक ग्रेड-3 एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदक्रम सूची का संधारण संबंधित जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में किया जावेगा। उक्त शासकीय सेवकों का नाम संबंधित जिले के आरक्षण रोस्टर में रखा जावेगा एवं इनकी पदोन्नति/क्रमोन्नति की समस्त कार्यवाही संबंधित जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा की जावेगी, के निर्देश दिये गये हैं। किसी भी सहायक ग्रेड-3 को सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदोन्नति नहीं किये जाने से शेष का प्रश्न नहीं उठता। (ग) म.प्र. राजपत्र क्र. 405, दिनांक 01 अक्टूबर, 2015 महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत तृतीय श्रेणी (लिपिकवर्गीय) कर्मचारियों की पदोन्नति किये जाने के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी। उक्त उत्तर से शेष का प्रश्न नहीं उठता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। संचालनालय द्वारा समस्त जिलों को पत्र क्र. 11596, दिनांक 07.07.2012 से भारत सरकार के पत्र दिनांक 22 अगस्त, 2003 में दिये गये निर्देशानुसार भारत सरकार की स्वीकृति अनुसार ही राज्य शासन द्वारा कार्यालयों हेतु अमले की स्वीकृति प्रदान की जाती है, एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजनाओं में स्वीकृत सहायक ग्रेड-2 के पदों को आगे जारी न रखने का निर्णय लिये जाने से सहायक ग्रेड-2 के पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही न किये जाने का पत्र प्रेषित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। पद सृजन नहीं किया गया। (घ) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में पदोन्नति नियम 2025 के संबंध में प्रकरण विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2024-25 की जनसम्पर्क राशि
[सामान्य प्रशासन]
2. ( *क्र. 2565 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2024-25 की जनसम्पर्क राशि के प्रस्ताव जो प्रश्नकर्ता द्वारा प्रदाय किये गये, वह योजना मण्डल खरगोन को कौन सी तिथि को प्राप्त हुए थे तथा राशि स्वीकृति हेतु माननीय प्रभारी मंत्री जी द्वारा कौन सी तिथि को अनुमोदन किया गया है? अनुमोदन उपरान्त कौन सी तिथि में जनसम्पर्क निधि अन्तर्गत स्वीकृति जारी की गई थी? (ख) क्या राशि की स्वीकृति उपरान्त बिल लगाने की देरी की वजह से राशि पुनः शासन के खाते में जमा हो गई है? हाँ तो समयावधि में राशि आहरण हेतु बिल लगाने में विलम्ब हेतु कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या जनकल्याण एवं सहायता हेतु समितियों को राशि प्रदाय करने हेतु वर्ष 2024-25 की जनसम्पर्क राशि पुनः जिला खरगोन को प्रदाय की जायेगी? हाँ तो कब तक तथा नहीं तो क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्रीमती कृष्णा गौर) : (क) दिनांक 22.01.2025 को प्राप्त हुए थे तथा प्रभारी मंत्री जी द्वारा दिनांक 17.02.2025 को अनुमोदन किया गया। आदेश क्रमांक 483, दिनांक 25.02.2025 एवं संशोधित प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक 895, दिनांक 28.03.2025 को जारी किये गये। (ख) जी नहीं। बिल नहीं लगने के कारण पुन: राशि शासन के खाते में जमा होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समयावधि में राशि आहरण नहीं होने से कार्यालयीन शाखा प्रभारी, श्री इरशाद सूफी, सहायक ग्रेड-3 का निलंबन एवं तत्कालीन जिला योजना अधिकारी, श्री प्रताप कुमार अगास्या (डिप्टी कलेक्टर) व तत्कालीन जिला कोषालय अधिकारी, श्री आनंद पटले को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। (ग) वित्तीय वर्ष के अंतिम दिवस अर्थात 31 मार्च तक ही वैध होती है। तदोपरांत आवंटित राशि व्यपगत हो जाने से पूर्व वर्ष की राशि हेतु बजट की मांग की गयी है।
शांति समिति का गठन
[गृह]
3. ( *क्र. 2018 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिलास्तरीय व नगरस्तरीय शांति समिति के गठन के क्या प्रावधान/नियम हैं? (ख) शांति समिति में सदस्य के रूप में सम्मिलित होने वाले व्यक्तियों की पात्रता का निर्धारण किस आधार पर किया जाता है तथा किन परिस्थितियों में व्यक्ति इस समिति से अयोग्य होता है एवं उक्त सदस्यों का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है? (ग) धार विधानसभा में कितनी शांति समितियां किस-किस ग्राम/नगर में सक्रिय हैं तथा धार जिला मुख्यालय की शांति समिति का गठन कब किया गया था एवं इसमें पिछले दस वर्षों में कब-कब सदस्यों को सम्मिलित/विलोपित किया गया है? (घ) क्या धार विधानसभा की इन शांति समितियों में लंबे अंतराल पश्चात जिला प्रशासन, क्षेत्र में सक्रिय तथा प्रभावशाली व्यक्तियों को सदस्य के रूप में सम्मिलित किये जाने हेतु कवायद करेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) जिला स्तरीय व नगर स्तरीय शान्ति समितियों के गठन के संबंधी में म.प्र. शासन गृह विभाग (सी अनुभाग) के परिपत्र क्रमांक एफ-44-26/87/सी-1, भोपाल दिनांक 08 जुलाई, 1987 के द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं, जिसके अनुसार शान्ति समिति में निम्नानुसार सदस्य होते हैं :- (1) जिला स्तरीय शान्ति समिति के सदस्य :- 1. स्थानीय सांसद 2. जिले के विधायक एवं नगर पालिका के अध्यक्ष 3. राजनैतिक दलों के जिला स्तर के अध्यक्ष/सचिव 4. धार्मिक संप्रदायों के प्रमुख 5. व्यापारिक संगठन/एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिव 6. ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता जिनको जिला अध्यक्ष और पुलिस अधीक्षक उचित समझे (2) थाना स्तरीय शान्ति समिति के सदस्य : 1. स्थानीय विधायक 2. क्षेत्रीय पार्षद अथवा जनपद पंचायत अध्यक्ष 3. थाना क्षेत्र में रहने वाले सभी धर्मों के प्रमुख 4. राजनैतिक दलों के प्रमुख 5. ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता, जिनको अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और अनुविभागीय अधिकारी पुलिस उचित समझे, परिपत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शान्ति समिति में सदस्य के रुप में सभी वर्गों धर्म संप्रदायों तथा व्यवसाय से जुड़े बेदाग एवं निष्पक्ष छवि वाले लोगों को शामिल किया जाता है। इनके विरुद्ध कोई अपराध नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार शान्ति समिति के सदस्यों के निष्क्रिय होने पर उन्हें हटाए जाने के प्रावधान हैं। शान्ति समिति के सदस्यों के कार्यकाल के बारे में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं। (ग) धार विधानसभा अन्तर्गत जिला मुख्यालय धार, थाना सादलपुर, थाना पीथमपुर, थाना सागोर एवं थाना तिरला में शान्ति समितियां सक्रिय हैं। धार जिला मुख्यालय की शान्ति समिति का गठन वर्ष 1987 में किया गया था। पिछले दस वर्षों में वर्ष 2016 तथा 2019 में शान्ति समिति में नए सदस्यों को सम्मिलित किया गया है। (घ) धार विधानसभा अन्तर्गत धार जिला मुख्यालय की शान्ति समिति के पुनर्गठन करने के संबंधी में कार्यवाही कराई जा रही है।
गंभीर अपराधों में विभागीय कार्यवाही
[गृह]
4. ( *क्र. 450 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में गंभीर अपराधों के कितने प्रकरण वर्ष मार्च 2023 से वर्तमान तक पंजीबद्ध किये गये? कृपया थानावार विवरण देवें। (ख) उक्त गंभीर अपराधों में कितने आरोपी, अपराधी गिरफ्तार किये गये और कितने अभी तक फरार हैं? (ग) कितने एवं किन-किन आरोपियों के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की गई? (घ) क्या चौकी रानीताल में विगत कई महीनों से कोई प्रभारी नियुक्त नहीं है? यदि हाँ, तो कब तक नियुक्ति की जा रही है एवं विधानसभा क्षेत्र बड़ामलहरा में थानों में अमले की कमी को कब तक भरा जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त अपराधों में आरोपियों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) चौकी रानीताल में प्रभारी की पदस्थापना दिनांक 11.07.2025 को कर दी गई है। जिले में बल की कमी होने के कारण बल की उपलब्धता होने पर शीघ्र ही विधानसभा क्षेत्र बड़ामलहरा के थानों में बल की पूर्ति समय-समय पर भर्ती एवं पदोन्नति के द्वारा की जाती है, भर्ती एवं पदोन्नति पुलिस की निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परियोजना अधिकारी, पलेरा का स्थानांतरण
[महिला एवं बाल विकास]
5. ( *क्र. 890 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास पलेरा में कब से पदस्थ हैं? इनके आदेश की छाया प्रतियां उपलब्ध करायें तथा इतने लंबे समय से यह किस नियम के तहत पदस्थ हैं? (ख) परियोजना अधिकारी, पलेरा द्वारा खरगापुर विधानसभा के जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्रीय विधायक के साथ विभाग की बैठक कर कुपोषण या आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शासन की योजना के कौन-कौन से आयोजन किये जा रहे हैं, जिसमें परियोजना अधिकारी पलेरा की उदासीनता के चलते कभी भी किसी को आमंत्रित नहीं किया गया? इनके द्वारा कब-कब तथा कौन-कौन सी बैठक में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया गया है? (ग) क्या परियोजना अधिकारी पलेरा 2013 से वर्तमान में भी पलेरा में पदस्थ हैं, क्या इनके बिना ब्लॉक पलेरा की महिला एवं बाल विकास परियोजना संचालित नहीं हो सकती है? क्या पलेरा के परियोजना अधिकारी को जिले के बाहर हटाये जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) परियोजना अधिकारी, श्री प्रदीप मिश्रा दिनांक 01.02.2014 से पलेरा परियोजना में पदस्थ हैं। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। स्थानान्तरण नीति वर्ष 2025 के तहत सीमित संख्या में ही स्थानान्तरण किये जा सकते थे, अत: केवल अतिआवश्यक स्थानान्तरण ही किये गये हैं। परियोजना अधिकारी की पदस्थापना परियोजना में पद रिक्त होने पर की जाती है व सामान्यतः आवश्यकता अनुसार ही पद परिवर्तन की कार्यवाही जाती है। (ख) परियोजना पलेरा अंतर्गत कुपोषण एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का विभागीय निर्देशों के अनुरूप समय-समय पर आयोजन किये जाते हैं। माननीय निवृत्तमान विधायक श्री राहुल सिंह जी के कार्यकाल अवधि वर्ष 2018-2023 के दौरान आयोजित कार्यक्रमों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। वर्तमान में परियोजना स्तर पर कोई भी वृहद कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया है। अतः क्षेत्रीय विधायक महोदय को आमंत्रित नहीं किया गया। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, ऐसी स्थिति नहीं है। परियोजना अधिकारी पलेरा में वर्ष 2014 से पदस्थ हैं। स्थानांतरण नीति 2025 के प्रावधान अनुसार स्थानांतरण पर प्रतिबंध है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. राज्य पावरलूम बुनकर सहकारी संघ मर्यादित बुरहानपुर
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
6. ( *क्र. 2366 ) सुश्री मंजू राजेन्द्र दादू : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) के परिशिष्ट ''अ'' के बिंदु क्र.14 में संत रविदास म.प्र. हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम में महिला कर्मचारियों की वर्दी-साड़ी, ब्लाउज, पेटीकोट एवं सलवार सूट का कपड़ा का उल्लेख किया गया है, वही म.प्र. राज्य पावरलूम बुनकर सहकारी संघ मर्यादित बुरहानपुर (म.प्र.) में हाथकरघा कपड़ा का उल्लेख किया गया है, जबकि हाथकरघा कपड़ा पावरलूम पर नहीं है। इस त्रुटि के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, उन पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में बिन्दु क्र. 15 में समस्त प्रकार के सूती, ऊनी, रेशमी एवं मिश्रित मिल निर्मित धागे से मिश्रित वस्त्र प्रदाय का प्रावधान है, वहीं म.प्र. राज्य पावरलूम बुनकर सहकारी संघ मर्यादित बुरहानपुर (म.प्र.) में मिश्रित हाथ कताई धागे से निर्मित वस्त्र प्रदाय का प्रावधान है? इस त्रुटि के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या उद्योग संचालनालय से उक्त त्रुटि सुधार संबंधी प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो उन प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? संपूर्ण प्रपत्रों सहित जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त त्रुटि के लिये जिम्मेदार अधिकारी पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? साथ ही उपरोक्त त्रुटि सुधार कब तक की जायेगी?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) म.प्र. भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट परिशिष्ट के बिंदु क्र.14 में म.प्र. राज्य पावरलूम बुनकर सहकारी संघ मर्यादित बुरहानपुर (म.प्र.) में हाथकरघा कपड़ा का उल्लेख नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संगणक त्रुटि फलस्वरूप ‘’मिल निर्मित’’ के स्थान पर ‘’हाथकताई’’ अंकित हुआ है, जिसके संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। बिन्दु क्र. 15 के संबंध में संशोधन प्रस्ताव दिनांक 25.10.2024 की वरिष्ठ सचिव समिति की बैठक में प्रस्तुत किया गया था, परन्तु निर्णय अपेक्षित रहा। दिनांक 25.10.2024 के कार्यवाही विवरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली
[वित्त]
7. ( *क्र. 2834 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य में वर्ष 2005 के पश्चात नियुक्त शासकीय सेवकों को नई पेंशन योजना (N.P.S. ) के अंतर्गत लाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या राज्य सरकार की कोई योजना है? इन कर्मचारियों को पुनः पुरानी पेंशन योजना (O.P.S.) के दायरे में लाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक क्या सरकार ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर कोई समिति गठित की है? (ग) क्या अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश सरकार भी O.P.S. लागू करने पर विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश सरकार अपने वित्तीय संसाधनों एवं अन्य प्राथमिकताओं के दृष्टिगत सदैव कर्मचारी हित में निर्णय लेती है। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) उत्तरांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खनिज विभाग द्वारा आवंटित फंड
[खनिज साधन]
8. ( *क्र. 2253 ) श्रीमती गंगा सज्जन सिंह उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में विगत 05 वर्षों के भीतर खनिज मद से विभिन्न विकास कार्य किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो विगत 03 वर्ष में घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र में खनिज मद से कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य किये गये? पूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें। (ग) विगत 03 वर्ष के भीतर घोड़ाडोंगरी क्षेत्र के खनिज उत्पादन से जिले को कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? वर्षवार जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - मंत्री (श्री चेतन्य काश्यप) : (क) खनिज मद से कार्य किये जाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये जारी संविदा नीति का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
9. ( *क्र. 2556 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री जी द्वारा विधानसभा निर्वाचन के पूर्व संविदा महापंचायत बुलाकर घोषणा गई थी कि संविदा के दाग को मिटाकर समस्त विभाग के संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समकक्ष लाभ दिये जावेंगे। इसी क्रम में म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग का परिपत्र क्र. सी-5-2/2018/1/3, भोपाल दिनांक 22.07.2023 के माध्यम से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या यह नीति समस्त विभागों के संविदा कर्मचारियों के लिये बनाई गई थी या कुछ विभागों के लिये? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या यह संविदा नीति तत्कालीन मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप सभी विभागों द्वारा लागू कर दी गई है या नहीं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से विभागों में पूर्ण रूप से लागू कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या सामान्य प्रशासन विभाग संविदा नीति समस्त विभागों में लागू कराने में असफल रहा या अन्य विभागों ने इसे पूर्णत: लागू करने से इंकार कर दिया? यदि नहीं, तो फिर दिशा-निर्देशों को पूर्ण रूप से लागू न करने का क्या कारण है? यह नीति समस्त विभागों में अक्षरश: कब तक लागू होगी, इस संबंध में क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्रीमती कृष्णा गौर) : (क) जी हाँ। शासन के विभागों में संविदा पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये नीति बनाई गई थी। (ख) जी हाँ। संविदा नीति अनुसार इसे सभी विभागों में लागू किये जाने के निर्देश हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई परियोजनाओं का क्रियान्वयन
[नर्मदा घाटी विकास]
10. ( *क्र. 2703 ) श्री गोपाल सिंह इंजीनियर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा जिला सीहोर अंतर्गत विधानसभा आष्टा में स्वीकृत माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना अंतर्गत आई.एस.पी. पार्वती फेस 01, 02, 03, 04 एवं आई.एस.पी. कालीसिंध परियोजना तथा विभाग की अन्य सिंचाई परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा तारांकित प्रश्न 1984, दिनांक 16.02.2024 के उत्तर में योजना को जून 2024 में पूर्ण किया जाना लक्षित था? क्या उक्त परियोजना समय-सीमा में पूर्ण कर दी गई है? उक्त परियोजना को समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाने पर ठेकेदार/कंपनी पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार उक्त सिंचाई परियोजना का लाभ किसानों को कब तक मिलेगा? (घ) आष्टा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत योजना से छूटे गये ग्रामों को जोड़े जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है, उक्त ग्रामों को माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना में कब तक जोड़ा जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी) : (क) आई.एस.पी. पार्वती माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के फेस 01 एवं 02 का भौतिक कार्य 100 प्रतिशत तथा फेस 03 एवं 04 का 75 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। आई.एस.पी. कालीसिंध परियोजना के प्रथम चरण का कार्य भौतिक रूप से पूर्ण हो चुका है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। आई.एस.पी. पार्वती माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के फेस 01 एवं 02 से संबंधित ठेकेदार को मूल्य समायोजन हेतु सूचकांक माह जून 2024 की स्थिति में फ्रीज़ कर दिया गया, जबकि फेस 03 एवं 04 के कार्य में कोविड-19, महामारी एवं भू-अर्जन की प्रक्रिया में विलंब होने के कारण निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण नहीं हो सका। इसी प्रकार आई.एस.पी. कालीसिंध परियोजना के निर्माण कार्य में ट्रांसमिशन लाईन हेतु टॉवर इरेक्शन के स्थापना के संबंध में किसानों के विरोध के कारण निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं हो सका। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आई.एस.पी. पार्वती माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के फेस 01 एवं 02 से आगामी रबी सीजन में तथा फेस 03 एवं 04 से दिसम्बर 2026 तक लक्षित है। आई.एस.पी. कालीसिंध परियोजना के प्रथम चरण से आगामी रबी सीजन में लाभ दिया जाना लक्षित है। (घ) परियोजनाओं का कार्य लगभग पूर्णता में है। अत: तकनीकी दृष्टि से साध्य न होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
11. ( *क्र. 2762 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेडमेप संस्था द्वारा बड़वानी जिले के किन विभागों तथा शासकीय उपक्रमों में किस-किस पदों पर, कितने कर्मचारी, किस वेतन पर आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत हैं? विभिन्न विभागों शासकीय उपक्रमों के कार्यादेश तथा अनुबंध की छायाप्रतियां भी देवें। (ख) सेडमेप संस्था द्वारा बड़वानी जिले में विभागों तथा शासकीय उपक्रमों में भुगतान बिल पर कितना सर्विस टैक्स, GST, EPF कटौत्रा किया जाता है? (ग) सेडमेप संस्था द्वारा बड़वानी जिले में विभागों तथा शासकीय उपक्रमों से कार्यादेश तथा अनुबंध किस नियम के तहत तथा किस प्रक्रिया से प्राप्त किये हैं? (घ) क्या सेडमेप संस्था के विरुद्ध बड़वानी जिले में कार्य करने के दौरान किसी विभाग द्वारा अनुबंध निरस्ती की कार्यवाही हेतु आज दिनांक तक लेख किया गया है? अगर हाँ तो संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रतियां देवें।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) सेडमेप संस्था के माध्यम से बड़वानी जिले के विभागों/उपक्रमों में कार्यरत आउटसोर्स संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। विभिन्न विभागों/उपक्रमों के कार्य आदेशों तथा अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) सेडमैप संस्था द्वारा बड़वानी जिले के विभिन्न विभाग तथा शासकीय उपक्रमों में भुगतान बिल पर नियम अनुसार कटौत्रा किया जाता है :- (1) सर्विस टैक्स शून्य प्रतिशत (2) जी.एस.टी. 18 प्रतिशत (एस.जी.एस.टी. 9 प्रतिशत और सी.जी.एस.टी. 9 प्रतिशत) (3) ई.पी.एफ. कटौत्रा-12 प्रतिशत कर्मचारी द्वारा एवं 13 प्रतिशत विभाग द्वारा (4) ई.एस.आई.सी. 0.75 प्रतिशत कर्मचारी द्वारा एवं 3.25 प्रतिशत विभाग द्वारा (21 हजार या इससे कम मानदेय पर लागू) (ग) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) के नियम 6 (ii) के प्रावधान अनुसार राज्य शासन के विभाग/उपक्रम उद्यमिता विकास केन्द्र मध्यप्रदेश से आऊटसोर्स सेवाएं बिना निविदा आमंत्रित किये सीधे आदेश दे सकते हैं। (घ) जी नहीं।
अनुसूचित जनजाति वर्ग के मण्डी निरीक्षक को न्याय से वंचित किया जाना
[गृह]
12. ( *क्र. 3233 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री राकेश पनिका, मण्डी निरीक्षक, कटनी द्वारा श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री, कटनी के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक, कटनी को दिये गये आवेदन दिनांक 20.06.2024, 14.07.2024, 25.07.2024 एवं 11.01.2025 पर पुलिस विभाग द्वारा एस.सी.एस.टी. अत्याचार निवारण एक्ट के तहत एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई? (ख) प्रश्नांश 'क' के आवदेनों का निराकरण करने के पूर्व आवेदनों के साथ संलग्न मण्डी बोर्ड, जबलपुर के दस्तावेजों का क्या पुलिस अधिकारियों द्वारा मण्डी बोर्ड, जबलपुर से सत्यापन/परीक्षण कराया गया? यदि हाँ, तो परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो आरोपी श्री अग्निहोत्री को बचाने के लिये मण्डी सचिव, कटनी से प्रतिवेदन प्राप्त कर फरियादी को न्याय से वंचित करने वाले जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश 'क' के आवेदनों पर कब तक एफ.आई.आर. दर्ज कर, अनुसूचित जनजाति के सदस्य को न्याय दिलाया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) उक्त आवेदन पत्रों की जांच कराई गई है, आवेदन पत्रों की जाँच में अपराध का घटित होना प्रमाणित नहीं पाए जाने से एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई। (ख) आवेदन पत्रों के साथ संलग्न मंडी बोर्ड जबलपुर के दस्तावेजों का मंडी बोर्ड जबलपुर से सत्यापन/परीक्षण नहीं कराया गया है। आवेदक के कथनों में ऐसे कोई भी तथ्य सामने नहीं आए कि आवेदन पत्र के साथ संलग्न दस्तावेजों का मंडी बोर्ड जबलपुर से परीक्षण कराने की आवश्यकता हो। (ग) आवेदन पत्रों की न्यायपूर्ण जाँच की गई है, किन्तु अपराध का घटित होना नहीं पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रजापति जाति का जिला मऊगंज में अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
13. ( *क्र. 2492 ) श्री नरेन्द्र प्रजापति, इंजीनियर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा के विभक्त के उपरान्त जिला मऊगंज का निर्माण हुआ, जिसमें प्रजापति जाति के लोग को अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र नहीं दिये जा रहे हैं, जबकि पूर्व में जिला रीवा में प्रजापति जाति अनुसूचित जाति में आते थे, तो जिला मऊगंज में अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र क्यों नहीं दिये जा रहे हैं? प्रमाण पत्र जारी न होने के कारण छात्र-छात्राओं को विद्यालय/महाविद्यालयों में प्रवेश लेने में कठिनाई हो रही है, इसके लिये कौन जिम्मेदार है? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि जिला मऊगंज के पोर्टल में अनुसूचित जाति के स्थान पर अन्य पिछड़ा वर्ग प्रदर्शित हो रहा है, तो उक्त पोर्टल को कब तक ठीक कर लिया जावेगा? (ग) यह कि प्रजापति जाति अनुसूचित जाति में आती है तो जिला मऊगंज में किस दिनांक से प्रजापति जाति के लोगों के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र बनाये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्रीमती कृष्णा गौर) : (क) एकीकृत रीवा जिले में अनुसूचित जाति के सरल क्रमांक 35 पर कुम्हार (छतरपुर, दतिया, पन्ना, रीवा, सतना, शहडोल, सीधी और टीकमगढ़ जिलों में) अधिसूचित है। पृथक नवगठित मऊगंज जिले में कुम्हार जाति को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गोहद में अवैध रूप से मदिरा की सप्लाई
[वाणिज्यिक कर]
14. ( *क्र. 2610 ) श्री केशव देसाई : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग, म.प्र. शासन, भोपाल को संबोधित प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 398, दिनांक 23.05.2025 एवं आबकारी आयुक्त म.प्र. ग्वालियर को प्रेषित पत्र क्रमांक 397, दिनांक 23.05.2025 के अनुक्रम में उक्त पत्र में आबकारी विभाग जिला ग्वालियर में पदस्थ आरक्षक संजय भदौरिया एवं पंकज शर्मा द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 13 गोहद में अपनी वर्दी के दम पर अवैध रूप से मदिरा की सप्लाई के संबंध में कार्यवाही करते हुए इनका स्थानांतरण जिला ग्वालियर से अन्यत्र करने हेतु लिखा गया था? (ख) उक्त प्रकरण में आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई है तो कारण बतायें? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त प्रकरण में आबकारी आयुक्त द्वारा शिकायत पत्र दिनांक 23.05.2025 की प्रति उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता ग्वालियर को प्रेषित कर जांच प्रतिवेदन चाहा गया है। उक्त पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों के वेतन एवं नियुक्ति के मापदण्ड
[गृह]
15. ( *क्र. 408 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितनी निजी सुरक्षा एजेंसियां कार्यरत हैं? (ख) कितनी निजी सुरक्षा एजेंसियों को सरकार द्वारा लाईसेंस/मान्यता दी गई है? (ग) म.प्र. में कार्यरत निजी सुरक्षा एजेंसियों में कितने सुरक्षा गार्ड कार्यरत हैं? (घ) निजी सुरक्षा एजेंसी में कार्यरत कितने सुरक्षा गार्ड का पी.एफ. कटौत्रा किया जाता है तथा उनके कार्य के कितने घंटे शासन द्वारा निर्धारित हैं? (ड.) निजी सुरक्षा गार्ड के लिये कितना वेतन निर्धारित है? (च) क्या बंदूकधारी गार्ड और सामान्य गार्ड के लिये अलग-अलग वेतन निर्धारित है? (छ) सुरक्षा एजेंसियों के निर्धारित मापदण्ड एवं अन्य आवश्यक जांचों के लिये जिले में कौन से अधिकारी को सशक्त किया गया है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) मध्यप्रदेश में वर्तमान कुल 1601 निजी सुरक्षा एजेंसियां कार्यरत हैं। (ख) कुल 1601 निजी सुरक्षा एजेंसियों को लाईसेंस/मान्यता दी गई है। (ग) मध्यप्रदेश में कार्यरत निजी सुरक्षा एजेंसियां कार्यभार बढ़ने एवं कम होने पर सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति करती है अथवा उन्हें कार्य से मुक्त करती हैं। इस प्रकार निजी सुरक्षा एजेंसियों में कार्यरत गार्डों की संख्या प्रतिदिन बदलती रहने से स्पष्ट संख्या की परिकल्पना नहीं है। (घ) निजी सुरक्षा एजेंसियों में कार्यरत (श्रमिकों के अकुशल वर्ग) सभी निजी सुरक्षा गार्डों के पी.एफ. कटौत्रा का प्रावधान है। शासन द्वारा निजी सुरक्षा गार्ड के कार्य के 48 घंटे साप्ताहिक निर्धारित है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (च) जी हाँ। (छ) सुरक्षा एजेंसियों के निर्धारित मापदण्ड एवं अन्य आवश्यक जांचों के लिये मध्य प्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण (विनियमन) नियम 2024 के नियम 14 के उपनियम 5 अनुसार जिला पुलिस के अधीन "स्टेशन हाउस अधिकारी या किसी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी से वरिष्ठ श्रेणी का कोई पुलिस अधिकारी या हैड कांस्टेबल की श्रेणी से अनिम्नक का कोई अन्य पुलिस अधिकारी, जो यथास्थिति विशेष रूप से एस.एच.ओ. द्वारा सशक्त किया गया हो।
माननीय नेता प्रतिपक्ष के पत्र क्र. 2567, दिनांक 21.06.2025 पर कार्यवाही
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
16. ( *क्र. 2568 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय नेता प्रतिपक्ष, श्री उमंग सिंघार जी के पत्र क्र. 2567, दिनांक 21.06.2025 एवं माननीय पूर्व मंत्री, श्री लाखनसिंह यादव का पत्र क्र. 08, दिनांक 19.06.2025 विषय विधायक निधि वर्ष 2023-24 के निर्माण कार्यों के भुगतान कराये जाने बावत् लिखा गया था। उक्त पत्रों के अनुसार क्या विधायक निधि के निर्माण कार्यों के लंबित भुगतान हेतु अनुपूरक बजट में सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक? बजट राशि उपलब्ध कराकर लंबित 33.33 लाख रूपये की राशि का भुगतान कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्न 'क' के लंबित देयकों का आवंटन अभी तक उपलब्ध न कराने का क्या कारण था? क्या इसके लिये कोई कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? यदि नहीं, तो फिर बजट आवंटन में विलंब क्यों हुआ है? उक्त लंबित देयकों को भुगतान हेतु कब-कब माननीय पूर्व मंत्री एवं तत्कालीन विधायक, श्री लाखन सिंह यादव द्वारा श्रीमान ए.सी.एस. महोदय, श्रीमान आयुक्त महोदय एवं श्रीमान संभागीय संचालक महोदय, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी भोपाल एवं ग्वालियर को पत्र लिखे गये हैं? पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करावें। उक्त पत्रों के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) उक्त पत्रों के आधार पर प्रस्ताव तैयार कर अनुपूरक बजट के लिये वित्त विभाग को प्रेषित किया जा चुका है। (ख) प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किये जाने से इसमें किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। तत्कालीन माननीय विधायक से प्राप्त पत्रों की प्रति एवं प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भर्ती परीक्षाओं में घोटालों की जांच
[गृह]
17. ( *क्र. 2640 ) श्री पंकज उपाध्याय [श्री उमंग सिंघार] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में घोटाले को लेकर किस-किस जिले में प्रकरण किन धाराओं में कितने आरोपियों पर किस दिनांक को दर्ज किये गये सभी प्रकरणों की एफ.आई.आर. की प्रतिलिपि देवें। (ख) वर्ष 2015 से 2025 जून तक व्यापम/कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में घोटाले को लेकर, खंड-क में उल्लेखित प्रकरणों को छोड़कर, किस-किस जिले में कितने प्रकरण कितने आरोपियों पर दर्ज किये गये। कितने शासकीय कर्मचारी/अधिकारी आरोपी बने? (ग) सी.बी.आई. द्वारा व्यापम घोटाले के जिन 217 प्रकरणों की जांच की जा रही है, उसमें किस-किस प्रकरण में कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है? किस-किस प्रकरण में फैसला देकर आरोपी को सजा मिली है अथवा आरोपी बरी हो गये हैं? (घ) व्यापम घोटाले के बड़े किरदार, निजी चिकित्सा महाविद्यालय के मालिक तथा अधिकारी बरी हो गये हैं? उनके नाम तथा प्रकरण क्रमांक की सूची दें। क्या न्यायालय के फैसलों को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या व्यापम महाघोटाले में आरोपियों को बचाने के कारण आज भी प्रदेश की लगभग सभी परीक्षाओं में बड़े स्तर पर घोटाले हो रहे हैं? (च) प्रश्नांश (ख) अनुसार भर्ती परीक्षाओं में घोटालों की जाँच हेतु गठित समस्त आयोग/समितियों की रिपोर्ट की प्रतियाँ प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खनिज साधन विभाग द्वारा राशि वसूली की जांच
[खनिज साधन]
18. ( *क्र. 2309 ) कुँवर अभिजीत शाह [श्री हेमंत सत्यदेव कटारे] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील में मेसर्स आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन, मेसर्स निर्मला मिनरर्ल्स एवं पैसिफिक एक्सपोर्ट द्वारा स्वीकृत मात्रा से अत्यधिक अतिरिक्त उत्पादन करने के बावजूद भी शासन को 1000 करोड़ रूपये की राशि जमा नहीं करने के संबंध में श्री आशुतोष मनु दीक्षित द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल के समक्ष प्रस्तुत लिखित शिकायत दिनांक 31.01.2025 पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि अब तक कार्यवाही नहीं की गई है, तो कब तक ठोस कार्यवाही की जावेगी? (ख) मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग, मंत्रालय के आदेश पृष्ठ कमांक 1767/2757911/2025/12/1, भोपाल दिनांक 23.04.2025 द्वारा इस संबंध में गठित जांच दल द्वारा शिकायत दिनांक 31.01.2025 के संदर्भ में बिन्दुवार परीक्षण उपरान्त कितनी राशि की वसूली का जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है? (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा Writ Petition (C) No. 114/2014 Common Cause vs Union of India & Ors & Writ Petition (C) No. 194/2014 Prafulla Samantra & Ors vs Union of India & Ors में पारित निर्णय दिनांक 02.08.2017 के परिपालन में जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील में मेसर्स आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन, मेसर्स निर्मला मिनरर्ल्स एवं पैसिफिक एक्सपोर्ट द्वारा स्वीकृत मात्रा से अत्यधिक अतिरिक्त उत्पादन करने के बावजूद भी मध्यप्रदेश शासन द्वारा 1000 करोड़ रूपयों की राशि मय ब्याज एवं जी.एस.टी. सहित (क) में वर्णित कंपनियों से वसूली करने के लिये अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - मंत्री (श्री चेतन्य काश्यप) : (क) जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील में मेसर्स आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन, मेसर्स निर्मला मिनरर्ल्स एवं पैसिफिक एक्सपोर्ट द्वारा स्वीकृत मात्रा से अत्यधिक अतिरिक्त उत्पादन करने के बावजूद भी शासन को 1000 करोड़ रूपये की राशि जमा नहीं करने के संबंध में श्री आशुतोष मनु दीक्षित द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल के समक्ष प्रस्तुत लिखित शिकायत दिनांक 31.01.2025 के संबंध में जाँच किये जाने हेतु म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग द्वारा आदेश दिनांक 23.04.2025 द्वारा जाँच दल का गठन किया गया है। (ख) गठित जाँच दल द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन दिनांक 06.06.2025 अनुसार राशि रूपये 4,43,04,86,890/- (चार अरब तैंतालीस करोड़ चार लाख छियासी हजार आठ सौ नब्बे रूपये) एवं तद्नुसार जी.एस.टी. की राशि वसूली का जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है।
पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्ति लाभों को मान्य किया जाना
[वित्त]
19. ( *क्र. 2013 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग द्वारा शासन के अधीन अशासकीय कार्यालयों यथा म.प्र. पर्यटन विकास निगम, भोपाल विकास प्राधिकरण, शीर्ष सहकारी संस्थाओं से शासन के विभिन्न विभागों में पूर्व में की गई नॉन पेंशनेबल सेवाओं को पेंशनेबल सेवा में जोड़कर पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के लिये मान्य किया गया है? यदि हाँ, तो कृपया संख्या बतायें। (ख) अन्य विभागों से प्रश्नांश (क) के समान प्रकरणों में पेंशन लागू करने हेतु पूर्व की अशासकीय सेवा अवधि को शासकीय सेवा अवधि में जोड़ने की अनुमति के प्रकरण वर्ष 2017 से लंबित हैं और उन पर क्या निर्णय लिये गये हैं? प्रकरणवार जानकारी दें। (ग) वित्त विभाग में लंबित प्रकरणों में अशासकीय सेवा अवधि को शासकीय सेवा अवधि में पेंशन प्रयोजन, अन्य सेवानिवृत्ति लाभों हेतु जोड़ने की अनुमति कब तक दी जावेगी?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। विभागों से प्रकरण परामर्श हेतु प्राप्त होते रहे हैं, जिन पर राज्य शासन की नीति के अनुसार मत दिया जाता रहा है। (ग) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में लाड़ली बहना योजना में पंजीकृत महिलाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( *क्र. 2757 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में लाड़ली बहना योजना के प्रारंभ दिनांक से 30 जून, 2025 की अवधि में कितनी लाड़ली बहनों को कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं कितनी लाड़ली बहनें अब तक इस योजना से अपात्र होकर वंचित हुईं? कितनी लाड़ली बहनों के नये नाम पात्रतानुसार जोड़े गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश की लाड़ली बहनों को तीन हज़ार रुपए (3000/-) प्रतिमाह अभी तक नहीं दिये जाने के क्या कारण हैं और कब तक तीन हज़ार रूपये प्रतिमाह दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पंजीकृत पात्र महिलाओं में से 36 महिलाओं को प्राप्त आपत्तियों के आधार पर स्थानीय आपत्ति निराकरण समितिओं द्वारा अपात्र किया गया है। माह सितम्बर 2023 में कुल 6,00,339 नवीन महिलायें योजनांतर्गत जोड़ी गईं। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश के आदिवासी ब्लॉक/अनुसूचित एरिया में संचालित खदानें
[खनिज साधन]
21. ( *क्र. 2613 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के आदिवासी ब्लॉक/अनुसूचित एरिया में वर्ष 2018 से 2024 तक कितनी कंपनी/फर्म/समूह/व्यक्ति को "गौण खनिज और मुख्य खनिज" के खनन हेतु कौन-कौन से जिलों में किस प्रकार के खनिज खनन हेतु स्वीकृति हुई है? कितनी ग्राम पंचायतों में खदान के संचालन हेतु ग्राम सभा की मंजूरी प्राप्त हुई, कहां-कहां नहीं हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रति वर्ष, प्रति खदान कितना राजस्व (रॉयल्टी) प्राप्त हुई और इसका कितना लाभांश उस जिले के विकास हेतु दिया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खनिज का खनन कर रही समस्त कंपनी, फर्म ने वर्ष 2018 से 2024 तक अपने "नेट प्रॉफिट" से "C.S.R." "कॉर्पोरेट सामाजिक उतरदायित्व" के तहत जिलेवार क्या-क्या कार्य किये और कितने खर्च किये?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - मंत्री (श्री चेतन्य काश्यप) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
नवगठित जिला जनसंपर्क कार्यालय मैहर
[जनसंपर्क]
22. ( *क्र. 941 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित जिला मैहर में जिला जनसंपर्क अधिकारी कार्यालय खोले जाने तथा मय स्टाफ अधिकारी पदस्थ किये जाने की कार्यवाही क्या शासन स्तर में प्रचलित है? यदि हाँ, तो जिला जनसंपर्क अधिकारी का पद मय स्टाफ स्वीकृत कर कब तक कार्यालय खोलकर पदस्थ करा दिये जावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी) : (क) नवगठित जिला जनसंपर्क कार्यालय मैहर के लिये सहायक संचालक का एक पद, सहायक ग्रेड-तीन का एक पद एवं सहायक ग्रेड-तीन सह डाटा एन्ट्री ऑपरेटर (संविदा) का एक पद इस प्रकार कुल-03 पद स्वीकृत हुए हैं। जिला जनसंपर्क कार्यालय सतना में पदस्थ प्रभारी सहायक जनसंपर्क अधिकारी, श्री राजेश कुमार सिंह को जिला जनसंपर्क कार्यालय मैहर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया हैं। साथ ही सोशल मीडिया एवं लिपिकीय कार्य के लिये श्री चन्द्र प्रताप जायसवाल कार्यरत हैं। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
रेत के अवैध उत्खनन पर रोक एवं कार्यवाही
[खनिज साधन]
23. ( *क्र. 707 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरोटा चंबल घाट से विजयपुर के बड़े रेत माफियाओं द्वारा नदी से रेत बिना शासन की अनुमति के बड़ी बंटन जेसीबी मशीन से ब्लास्टिंग कर उत्खनन कर स्टॉक कर व्यापार किया जा रहा है? (ख) चंबल नदी से रेत का उत्खनन कर जीव-जंतु मगरमच्छ, घड़ियालों के जीवन को नष्ट कर पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के साथ-साथ खनिज विभाग को प्रतिदिन करोड़ों रूपयों का नुकसान पहुंचाया जा रहा है? क्या चंबल नदी से अवैध रेत का उत्खनन प्रशासन व सरकार के संरक्षण में किया जा रहा है? (ग) क्या थाना वीरपुर के नदी गांव घूंघट रोड पर 5 हजार ट्रॉली पांचों पठानपुरा गांव के पास 600 ट्रॉली से अधिक रेत का भण्डारण किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकरण सही है तो क्या सरकार रेत माफिया के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो कारण बतावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - मंत्री (श्री चेतन्य काश्यप) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य का क्षेत्र है। वन कर्मचारियों द्वारा चम्बल नदी से रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन की रोकथाम हेतु नियमित रूप से निगरानी रखी जाती है। (ख) प्रश्नानुसार जीव जंतुओं के नष्ट होने जैसी स्थिति नहीं है। अवैध उत्खनन का प्रकरण प्रकाश में आने पर वन विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। वन विभाग द्वारा अवैध रेत उत्खनन, परिवहन की रोकथाम हेतु सतत् रूप से निगरानी रखी जा रही है। विगत वर्ष 637 घनमीटर अवैध रेत के भण्डार को नष्ट किया गया है, 4 ट्रैक्टर ट्रॉली एवं 01 केबल ट्रॉली जप्त कर 05 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिसमें राजसात किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। रेत के अवैध उत्खनन की रोकथाम हेतु वन विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त कार्यवाहियां की जाती है। गेमरेंज सबलगढ़ अंतर्गत दिनांक 01 जनवरी, 2024 से जून 2025 तक 58 प्रकरण पंजीबद्ध कर भारतीय वन अधिनियम 1927 एवं वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत वैधानिक कार्यवाही की गई है। अतः अवैध रेत के उत्खनन को प्रशासन द्वारा कोई संरक्षण नहीं दिया जा रहा है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 300 ट्रैक्टर ट्रॉली अवैध रेत भण्डारण को नष्ट किया गया है। वन विभाग के घाट प्रभारी द्वारा सतत् निगरानी रखी जा रही है। उन्हें अवैध रेत भण्डारण की जानकारी प्रत्येक सप्ताह प्रस्तुत किये जाने के वन विभाग द्वारा निर्देश दिये गये हैं। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) में दी गई जानकारी अनुसार प्रकरण प्रकाश में आने पर सतत् रूप से कार्यवाही की जा रही है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुपोषण निवारण हेतु योजनाएं संचालित
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( *क्र. 2655 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? वर्ष 2023-24 से 2025-26 में बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिये कितना बजट प्रावधान किया गया? वर्षवार, योजनावार जानकारी दें। (ख) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा में कितने बच्चे कुपोषित, कम वजन, छोटे कद के हैं? आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी दें। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिये प्रश्नांश ''क'' वर्षों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कितने बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए? आंगनवाड़ी केन्द्रवार, वर्षवार जानकारी दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) प्रदेश में सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना अंतर्गत बच्चों में कुपोषण निवारण हेतु मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम का क्रियान्वयन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया जा रहा है। पूरक पोषण आहार अंतर्गत ही अति गंभीर कुपोषित (S.A.M.) बच्चों के लिये अतिरिक्त आहार हेतु राशि रूपये 4.00/- प्रति हितग्राही प्रति दिवस दिये जाने का प्रावधान है। कुपोषण निवारण हेतु पृथक से बजट का प्रावधान नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्वालियर जिले की भितरवार परियोजना में 866 बच्चें कुपोषित, 1627 कम वजन एवं 6633 ठिगनापन (छोटे कद) के हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रवार कुपोषित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) भितरवार परियोजना में अति गंभीर कुपोषित बच्चों हेतु अतिरिक्त आहार के रूप में निर्धारित राशि रूपये 4/- प्रति बच्चा प्रतिदिन की दर से उल्लेखित अवधि में कुल राशि रूपये 3,77,424/- व्यय की गई है। आंगनवाड़ी केन्द्रवार कुपोषण से मुक्त हुये बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
स्थानीय विधायक/जनप्रतिनिधियों को शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रण
[सामान्य प्रशासन]
25. ( *क्र. 869 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के यह नियम है कि सरकारी कार्यक्रमों में स्थानीय विधायक/जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाये? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश के सभी पक्ष/विपक्ष के स्थानीय विधायकों को उनके गृह जिले में हो रहे सरकारी कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्य मंत्री (श्रीमती कृष्णा गौर) : (क) एवं (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4, दिनांक 22 मार्च, 2011 में उल्लेखित निर्देशानुसार कार्यवाही की जाती है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
विधायक
निधि से
सामाजिक
समितियों/संस्थाओं
को स्वीकृत
राशि
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
1. ( क्र. 38 ) श्री अरूण भीमावद : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल द्वारा प्रत्येक विधायक को अपनी विधायक निधि में प्रतिवर्ष कितनी राशि जनहित कार्यों के लिये प्रदाय की जाती है? (ख) क्या पूर्व के वर्षों में विधायक अपनी विधायक निधि का उपयोग पंजीकृत सामाजिक समितियों/संस्थाओं के विकास के लिए राशि प्रदान की जाती थी? अब क्यों नहीं? स्पष्ट करे। (ग) नहीं तो? विधानसभा क्षेत्र में पंजीकृत सामाजिक समितियाँ/संस्थाओं को विकास कार्यों में निधि का उपयोग पर प्रतिबंध होने पर सामाजिक क्षेत्रों में विकास अवरूद्ध हो रहा है? क्या मध्यप्रदेश शासन पुनः विधायक निधि से पंजीकृत सामाजिक समितियाँ/संस्थाओं को राशि स्वीकृत करने का अधिकार प्रदाय करेगी और कब तक?
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) माननीय विधायक को विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत प्रति वित्तीय वर्ष राशि रूपये 2.50 करोड़ एवं विधायक स्वेच्छानुदान निधि के अंतर्गत प्रति वित्तीय वर्ष राशि रूपये 75.00 लाख, इस प्रकार प्रति वित्तीय वर्ष कुल विधायक निधि राशि रूपये 3.25 करोड़ प्रदान की जाती है। (ख) जी हाँ। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना मार्गदर्शिका वर्ष-2013 की कंडिका-3.13 में प्रावधानित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लव जिहाद प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
2. ( क्र. 226 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक लव जिहाद के कितने मामले संज्ञान में आये हैं उनमें से कितने मामलों में पुलिस थानों में रिपोर्ट लिखी गई है? पुलिस थानेवार संख्या बतावें। (ख) संज्ञान में लाये गये लव जिहाद के प्रकरणों में 18 वर्ष से कम उम्र के लड़के-लड़कियों के कितने प्रकरण प्रश्नांश दिनांक तक दर्ज किये गये हैं, उनकी संख्या बतावें। (ग) लव जिहाद के प्रकरणों को रोके जाने हेतु शासन द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे हैं? क्या लव जिहाद में लिप्त आरोपी को अथवा परिवारजनों पर की गई कार्यवाही से पीड़ित अथवा उसका परिवार संतुष्ट है? (घ) लव जिहाद के न्यायालय में कितने प्रकरण वर्तमान में चल रहे हैं एवं उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? लव जिहाद से पीड़ित लड़की व महिलाओं को शासन से कोई सहायता मुहैया करवाई जा रही है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. धार्मिक स्वंतत्रता अधिनियम 2021 दिनांक 27.03.2021 से लागू किया गया "प्रदेश के सभी जिलों में असुरक्षित बालिकाओं/महिलाओं को लक्ष्य बनाकर उनका शोषण करने एवं भय/दबाव पूर्वक धर्मान्तरण कराने की घटनाओं की जांच हेतु राज्य स्तरीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन पुलिस मुख्यालय द्वारा दिनांक 04.05.2025 को किया गया है।" की गई कानूनी कार्यवाह से पीड़ित अथवा उसका परिवार संतुष्ट है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पीड़ित ''लड़की एवं महिलाओं'' को कानूनी सहायता प्रदाय की जाती है।
बाल अपराध की रोकथाम
[गृह]
3. ( क्र. 268 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में नाबालिग बच्चों/युवतियों स्कूली छात्राओं के साथ बाल अपराध, अपहरण, हत्या, दुष्कर्म, यौन शोषण, सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म व हत्या शादी का झांसा देकर यौन शोषण, ब्लैक मेलिंग, प्रताड़ना, गुमशुदा लापता होने से संबंधित कितने-कितने मामले पंजीकृत किये गये हैं? कितने-कितने मामलों में कितने-कितने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। कितने मामलों में कितने अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। कितने अपराधी लापता/फरार हैं? वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक की जिलावार व वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में पाक्सो एक्ट व भा.द.वि. की धारा 376 एवं अन्य किन धाराओं के तहत पंजीकृत कितने प्रकरणों में कितने-कितने अपराधियों को फांसी/मौत की सजा सुनाई गई है? न्यायालयों में बाल अपराध दुष्कर्म, यौन शोषण से संबंधित कितने प्रकरण लंबित हैं? (ग) प्रश्नांकित अपराध से पीड़ित कितने बच्चों/नाबालिग युवतियों को शासन ने कानूनी सहायता दी है? कितने मामलों में कितने बच्चों/युवतियों का इलाज करवाया गया और कितने मामलों में कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई है? (घ) प्रदेश शासन ने प्रदेश में बढ़ते बाल अपराधों, नाबालिग, युवतियों के साथ दुष्कर्म, यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं को रोकने, युवतियों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु क्या उपाय किये हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) (1) बाल अपराधों की रोकथाम हेतु प्रदेश के समस्त पुलिस थानों में ऊर्जा महिला डेस्क की स्थापना की गई है। (2) प्रदेश के 52 जिलों में महिला थाना संचालित है। जिन्हें संबंधित जिलों के लिए मानव तस्करी निरोधी ईकाई घोषित किया गया है। (3) अपराध को रोकने एवं आमजन को जागरूक करने हेतु जन-जागरूकता अभियान, चेतना, सम्मान, अभिमन्यु हम होंगे कामयाब एवं National Gender Campaign का आयोजन किया गया है। (4) गुमशुदा नाबालिग की तलाश हेतु निरंतर विशेष अभियान ऑपरेशन मुस्कान संचालित किया जा रहा है। (5) महिलाओं एवं बालिकाओं को सशक्त बनाने हेतु वर्ष 2022 से ऑपरेशन स्वयंसिद्धा प्रारंभ कर छात्राओं को आत्मरक्षार्थ प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। (6) छोटे बच्चों को पोस्टर एवं अनिमेटेड मूवी के माध्यम से Good Touch & Bad Touch के संबंध में जागरूक करने हेतु वर्ष 2022 से ऑपरेशन एहसास चलाया जा रहा है।
नरवर एवं करैरा जनपद में सचांलित आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( क्र. 361 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) करैरा विधानसभा क्षेत्र की नरवर एवं करैरा जनपद के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में संचालित है? उक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं साहायिका कार्यरत है व कौन सी रिक्त है? जानकारी दें। (ख) क्या करैरा एवं नरवर जनपद पंचायत के अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार किस एजेन्सी/समूह द्वारा सप्लाय किया जाता है? केन्द्रवार एवं समूह पोषण आहार एजेन्सी सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ग) वर्ष 2024 से आज दिनांक तक आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार, आहार एजेन्सी समूहों के खातों में पोषण आहार की कितनी-कितनी राशि डाली गई। आंगनवाड़ी केन्द्रों की समूहवार डाली गयी राशि की जानकारी? 01 जनवरी, 2024 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराये। (घ) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किस अधिकारी/कर्मचारी के सत्यापन से पोषण आहार राशि समूहों को डाली जाती है उनकी सत्यापन की छायाप्रति उपलब्ध कराये।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) करैरा विधानसभा क्षेत्र की नरवर एवं करैरा जनपद के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा केन्द्रों पर कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' पर है। (ख) करैरा एवं नरवर जनपद पंचायत में संचालित आंनगवाड़ी केन्द्रों पर टेक होम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार का प्रदाय महिला आजीविका औद्योगिक सहकारी संस्था मर्यादित शिवपुरी द्वारा तथा नाश्ता एवं गर्म पका भोजन के रूप में पूरक पोषण आहार का प्रदाय ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अन्तर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, राज्य शहरी आजीविका मिशन के पंजीकृत महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) स्व-सहायता समूहों के द्वारा प्रस्तुत किए गए देयकों का सत्यापन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा पोषण ट्रैकर एप पर दर्ज आंकड़ों से मिलान कर बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा किया जाता है। तदुपरान्त जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा स्व-सहायता समूहों के खातों में भुगतान किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' पर है।
पुलिस चौकी का उन्नयन एवं अमले की कमी
[गृह]
5. ( क्र. 400 ) श्री विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की रामपुर बाघेलान विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पुलिस चौकी सोनौरा का पूर्ण थाने में उन्नयन का प्रस्ताव एवं ग्राम अहिरगांव में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना के प्रस्ताव प्रचलन में हैं या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की जा रही है, जनसुरक्षा और मैहर जिला अलग होने के कारण प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में पुलिस विभाग की सीमा अधिक हो गई है जिसमें थाना/पुलिस चौकी स्थापना कब तक की जायेगी? (ग) क्या थाने का क्षेत्रफल बढ़ जाने के कारण स्टाफ की कमी है? यदि हाँ, तो कब तक पूरी की जायेगी? समय-सीमा बतावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रामपुर बाघेलान विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सोनौरा में पुलिस चौकी शासन द्वारा स्वीकृत नहीं है। ग्राम सोनौरा में नवीन थाना की स्थापना एवं ग्राम अहिरगांव में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव प्रकियाधीन है। (ख) ग्राम सोनौरा में एक नवीन थाने की स्थापना का प्रस्ताव प्रकियाधीन है ग्राम अहिरगांव में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव आगामी चरण में भेजे जाने वाले बलवृद्धि के प्रस्ताव के साथ भेजे जाने हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर पर लंबित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। मैहर जिला के थाना अमरपाटन, ताला के 77 गांव थाना रामपुर में जोडे़ जाने से क्षेत्रफल में बढ़ोतरी होने से अनुपातिक रूप से बल में कमी है। पद रिक्त होना तथा उनकी पूर्ति एक निरंतर चलने वाली प्रकिया है। पुलिस बल पूर्ति हेतु प्रदेश स्तर पर आरक्षक, उप निरीक्षक, सूबेदार संवर्ग के 8,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष रिक्त अन्य वर्ग के पदों की पूर्ति की कार्यवाही समय-समय पर की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नर्मदा नदी को सुनार नदी से जोड़ने का परीक्षण
[नर्मदा घाटी विकास]
6. ( क्र. 499 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 28 फरवरी 2025 को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा गढ़ाकोटा प्रवास के समय नर्मदा नदी को सुनार नदी से जोड़ने का परीक्षण कराये जाने के लिए घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो इस संबंध में अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इस घोषणा के क्रियान्वयन के लिए पत्र भेजा गया था? प्रेषित पत्रों तथा कृत कार्यवाही की जानकारी दी जावे। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा का क्रियान्वयन कब तक कर लिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) नर्मदा नदी को सुनार नदी से जोड़ने हेतु तकनीकी साध्यता परीक्षणाधीन है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं। (ग) जी हाँ। शेषांश उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वाटर कोर्स एवं फील्ड चैनल का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
7. ( क्र. 615 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड पनागर जिला जबलपुर में गत 5 वर्षों में वाटर कोर्स एवं फील्ड चैनल निर्माण कार्य किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य किये गये? स्थान एवं व्यय सहित वर्षवार बताये? यदि नहीं, किये तो कारण बताये? (ग) क्या विभाग द्वारा निर्धारित वाटर कोर्स एवं फील्ड चैनल निर्माण दरें प्रचलित बाजार दरों से बहुत कम होने के कारण कार्य नहीं किये गये?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र. में आबकारी विभाग में व्याप्त अनियमिततायें
[वाणिज्यिक कर]
8. ( क्र. 700 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संपूर्ण मध्यप्रदेश में शराब निर्धारित एमआरपी से अधिक मूल्य 01 अप्रैल 2025 से आज दिनांक तक बेची जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है उनकी जिलेवार संख्या बताएं। आबकारी विभाग की संलिप्तता होने एवं उनके द्वारा कार्यवाही नहीं करने के कारण जबलपुर, इंदौर, भोपाल, विदिशा जिलों में कलेक्टर द्वारा दुकानों की जांच अन्य माध्यमों से करायी गयी है उनकी संख्या बताएं। क्या जबलपुर भोपाल सहित इंदौर संभाग में इंदौर, खरगोन, खण्डवा, दतिया, ग्वालियर, बुरहानपुर जिलों में शराब एमआरपी से अधिक मूल्य पर बेची जा रही है शिकायतों एवं दर्ज प्रकरणवार संख्या बताएं। क्या आबकारी विभाग के अधिकारियों की अन्य विभाग के अधिकारियों से भी शराब एमआरपी से ज्यादा दामों में बेचे जाने की जांच कराई गई थी? कृपया जिलों के नाम एवं प्रकरणों की संख्या दें। (ख) सीएम हेल्पलाईन अन्य माध्यमों से कौन-कौन सी दुकानों पर ओवर रेटिंग की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई। विस्तृत विवरण दें। इनमें से कितनी शिकायतों पर कार्यवाही नहीं की गई एवं क्यों तथा किन-किन शिकायतों पर कार्यवाही की गई है बताएं। क्या उक्त जिलों में एमआरपी से ओवर रेटिंग के प्रकरण में औपचारिक कार्यवाही के लिए छोटी कम लाइसेंस फीस वाली दुकानों के प्रकरण आबकारी विभाग द्वारा पुरानी तारीख में दर्ज किए है कृपया माहवार दर्ज प्रकरणों की जानकारी दें। इन जिलों में ओवर रेटिंग पायी जाने पर संबंधित आबकारी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं, तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें? (ग) क्या इंदौर में संजय तिवारी उपायुक्त के कार्यकाल में इंदौर के सपना पेराडाईज लाइसेंसधारी बार में नकली जहरीली शराब पीकर जुलाई 2021 में अनेकों लोगों की मौत हुई थी। इनकी शराब माफिया से मिलीभगत के आधार पर तत्कालीन प्रमुख सचिव द्वारा इनको इंदौर से हटाने की अनुशंसा दिनांक 25/05/2021 को की गई थी तथा धार जिले कुक्षी में शराब माफिया द्वारा आईएसएस अधिकारी पर हमला 13/09/2022 को हुआ था जब उसी कारण इनको इंदौर संभाग से हटाया गया था। क्या शासन द्वारा 2 प्रतिशत लाइसेंस फीस लेकर शराब दुकानों शराब पीने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है? इंदौर सहित म.प्र. के उल्लेखित जिलों आबकारी अधिकारियों द्वारा शराब ठेकेदारों से मिलकर 1 प्रतिशत अवैध राशि लेकर शराब दुकानों में अवैध अहातों का संचालन किया जा रहा है तथा नाममात्र को ढाबे आदि दिखाकर फर्जी कार्यवाही की जा रही है। क्या संजय तिवारी को शासन द्वारा उपरोक्त सभी कारणों के बावजूद इस भ्रष्ट अधिकारी को बार-बार इंदौर क्यों पदस्थ किया जाता है?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अस्थाई लीज की जानकारी
[खनिज साधन]
9. ( क्र. 735 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की अस्थाई लीजों की जानकारी वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार, नामवार, स्वीकृति दिनांक, अवधि, खसरा नं., ग्राम का नाम एवं विधानसभावार देवें। (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 112 दिनांक 08.04.2025 द्वारा पन्ना जिले की अस्थाई लीजों से संबंधित जानकारी चाही गई थी किन्तु जानकारी अप्राप्त रही जिससे स्पष्ट है कि खनिज अधिकारी पन्ना द्वारा मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22 मार्च 2011 में दिये गये निर्देशों का उल्लंघन किया है? यदि हाँ, तो इस उल्लंघन के लिये क्या कार्यवाही की जाएगी? बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पन्ना जिले में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी अस्थाई लीज स्वीकृत नहीं की गई है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक जी द्वारा पन्ना जिले में अस्थाई लीजों से संबंधित जानकारी चाही गई थी। जिसमें कार्यालय के पत्र क्रमांक 475 दिनांक 29/04/2025 से जानकारी प्रदान की गई है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेत भण्डारण एवं अवैध रेत खदानों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
10. ( क्र. 792 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में राजस्व विभाग में सभी विकासखंडों में पदस्थ SDM एवं तहसीलदार द्वारा विगत तीन वर्षों में राजस्व विभाग के अधीनस्थ आने वाले रेत खदान (नदियों) के अवैध उत्खनन को रोकने रेत माफियाओं पर क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही के दस्तावेज उपलब्ध करावें। साथ ही हो रहे अवैध उत्खनन को लेकर क्या आपके द्वारा जिला कलेक्टर धार एवं राजस्व विभाग भोपाल को कोई सूचना दी गई? यदि हाँ, तो सूचना के दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में आपके विभाग में पदस्थ एस.डी.एम. एवं तहसीलदार द्वारा अवैध रेत के भंडारणों पर जप्ती की कारवाई की गई? जप्त भंडारणों की सूची एवं पंचनामे सहित दस्तावेज उपलब्ध करावें। साथ ही एस.डी.एम. एवं तहसीलदार के माध्यम से स्वीकृत रेत खदानों के किये गये सीमांकन के दस्तावेजों एवं सीमांकन की फोटो जिसमें सीमांकन का प्रतीक चिन्ह दिखाई देता हो लकड़ी या फेंसिंग वॉल या अन्य चीजों से किया गया हो एवं पंचनामे की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र में कितने रेत भंडारणों की स्वीकृति विभाग द्वारा दी गई स्वीकृति के नियमावली सहित स्थानवार, नक्शावर, खसरावार पृथक-पृथक सत्यापित प्रतिलिपि सहित दस्तावेज उपलब्ध करावें। साथ ही भंडारणों में लगे साइन बोर्ड की फोटो उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में राजस्व विभाग के सभी विकासखण्डों में पदस्थ एस.डी.एम. एवं तहसीलदार द्वारा विगत 3 वर्षों में राजस्व विभाग के अधीनस्थ आने वाली रेत खदान (नदियों) के अवैध उत्खनन को रोकने हेतु रेत माफियाओं के विरूद्ध अवैध रेत खनन के मामले प्रकाश में नहीं आये हैं, अपितु राजस्व अमले द्वारा 13 अवैध रेत परिवहन के प्रकरण तैयार कर कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं। दर्ज प्रकरणों की सूची एवं दस्तावेजों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। खनिज साधन विभाग के अंतर्गत धार जिले में कोई भी एस.डी.एम./तहसीलदार पदस्थ नहीं है। कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। धार जिले की धरमपुरी में रेत की कुल 11 खदानें ई-निविदा के माध्यम से स्वीकृत की गई है। स्वीकृत रेत की 11 खदानों में से 02 खदानों में पर्यावरणीय स्वीकृति एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल एवं वायु की सम्मति प्राप्त होने पर उनका सीमांकन कराया गया है। सीमांकन के दौरान फोटोग्राफी नहीं कराई गई है। फोटो उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। सीमांकन एवं पंचनामा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश अनुसार कोई भी रेत का भण्डारण स्वीकृत नहीं किया गया है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरुद्ध संचालित स्टोन क्रेशर
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 861 ) श्री नारायण पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औंकारेश्वर बांध की मुख्य नहर सम्भाग क्र. 32 एवं शासकीय हाई स्कूल मोरटक्का माफी विकास खण्ड-पुनासा के शाला परिसर के समीप महज 500 मीटर की दूरी पर संचालित दो क्रेशर क्रमशः कान्हा स्टोन क्रेशर एवं विशाल पटेल स्टोन क्रेशर जो नियम विरुद्ध संचालित है, उसकी अनुमति किसके द्वारा दी गई? (ख) क्रेशर संचालन में विस्फोटकों के उपयोग एवं ब्लास्टिंग के कारण 500 मीटर की दूरी पर स्थित नहर को क्या किसी प्रकार की कोई क्षति नहीं पहुँचती? ब्लास्टिंग से नहर के जल-प्रवाह पर भी विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता जानकारी दें? (ग) क्या शासकीय स्कूल से मात्र 500 मीटर की दूरी पर क्रेशर मशीन जैसे यंत्रों एवं खदानों का संचालन सुरक्षित होता है? ऐसे उद्योगों से समीपस्थ शाला का शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं होता क्या? क्या छात्र-छात्राओं पर ध्वनि प्रदुषण का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता? दोनों क्रेशरों के समीप ही अन्य 5-10 किसानों की कृषि भूमि स्थित है जिन पर स्थानीय किसानों द्वारा कृषि कार्य किया जाता है, संचालित दोनों क्रेशरों के उत्खनन एवं विस्फोटकों से क्या किसान सुरक्षित रहेंगे? (घ) शासकीय शाला में अध्ययनरत बच्चों, किसानों की सिंचाई समस्या एवं नहरों के सुलभ संचालन के लिए सुरक्षा मानको के तहत विभाग द्वारा क्या कदम उठाये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कान्हा स्टोन क्रेशर एवं विशाल पटेल के नाम से विकास खण्ड पुनासा अंतर्गत कोई खदान संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंचाई योजना के मोटर पम्प सेट बदले जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
12. ( क्र. 863 ) श्री नारायण पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र मांधाता में नर्मदा सागर परियोजना चांदेल से पॉवर पम्पों के द्वारा पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना के तीनों तालाब BR-1, BR-2 एवं BR-3 को भरा जाता है। चूंकि चांदेल में स्थापित पॉवर पम्प लगभग 15-20 साल पुराने है इस कारण खराबी आती रहती है, पुरानी पद्धति पर आधारित होने से पुरानी मोटरों पर मेंटेनेंस भी अधिक लगता है तथा मोटरों की कार्यक्षमता 40 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र से घट कर कम होती जा रही है। (ख) क्या BR-1, से BR-2, तक अतिरिक्त लाईन का विस्तार कराया जायेगा ताकि सिंचाई रकबे का विस्तार हो सके? (ग) क्या नई तकनीक पर आधारित मोटरों का आवंटन नर्मदा सागर परियोजना चांदेल के तीनों तालाबों BR-1, BR-2 एवं BR-3 के लिए किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक नई मोटरों का आवंटन विभाग को प्राप्त हो जायेगा? कब तक किसानों को लाभ प्राप्त हो सकेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रतिवर्ष पम्पों का मरम्मत/सुधार कार्य कराया जाता है। योजना के निर्धारित कमाण्ड क्षेत्र के लिए निर्धारित जल को पम्पों के माध्यम से उद्वहित किया जाता है। (ख) ऐसी कोई योजना वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है। (ग) वर्तमान में ऐसी कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सिंचाई हेतु जल प्रदाय किया जा रहा है।
हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब की मूर्ति स्थापना
[सामान्य प्रशासन]
13. ( क्र. 876 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की खंडपीठ ग्वालियर में संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापित करने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश जी के द्वारा कोई आदेश दिया गया था? (ख) क्या माननीय मुख्य न्यायाधीश जी के आदेश के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की खंडपीठ ग्वालियर में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाई गई है। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या ग्वालियर हाई कोर्ट परिसर में कुछ अधिवक्ताओं द्वारा मूर्ति लगाने का विरोध किया गया था? यदि हाँ, तो सरकार द्वारा उन अधिवक्ताओं पर कोई कार्रवाई की, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय को मूर्ति समर्थक अधिवक्ताओं ने कोई ज्ञापन दिया था? यदि हाँ, तो उस पर सरकार के द्वारा क्या कार्रवाई की गई? उसकी संपूर्ण जानकारी देवें। (ड.) उपरोक्त मामले पर क्या सरकार संज्ञान लेगी यदि हाँ, तो मूर्ति कब तक लगेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधायक विकास निधि नियमों में संशोधन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
14. ( क्र. 891 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक विकास निधि से दिये जाने हेतु वर्ष 2013 की नियमावली के अनुसार पूर्व प्रदेश में जारी किये जाने का प्रावधान बना हुआ है? क्या शासन द्वारा विधायकों से मांगे गये सुझावों के अनुरूप नये नियम लागू कब तक कर दिये जावेंगे। संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या वर्ष 2013 के नियमों के अनुसार सिर्फ पानी की टंकी बनाये जाने का नियम है जबकि आम जनता को क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों पर ठंडा पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु विधायक विकास निधि से वाटर कूलर क्रय किये जाने का प्रावधान नहीं है क्या वाटर कूलर क्रय किये जाने हेतु विधायक निधि में शामिल किये जाने का आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) क्या क्षेत्र में विकलांगों को इंजनयुक्त तीन पहिया की साईकिल दिये जाने का प्रावधान विधायक विकास निधि से नहीं है? जबकि सांसदों को क्रय किये जाने हेतु प्रावधान है और सामाजिक न्याय विभाग विकलांगों को इंजनयुक्त तीन पहिया की साईकिल उपलब्ध कराता है मगर क्षेत्र में ऐसे भी गरीब तबके के विकलांग रहते हैं जो सामाजिक न्याय विभाग के नियमों में पूर्ण रूप से दस्तावेज नहीं दे पाते हैं और क्षेत्र में विधायकों से मांग करते हैं इसलिये इंजनयुक्त साईकिल प्रदाय (क्रय) किये जाने के आदेश जारी करते हुये गरीब विकलांगों को लाभ प्रदाय हो सकें तथा नवीन गाइड-लाइन विधायक विकास निधि की बनाई जाएगी जिसमें यह दोनों महत्वपूर्ण बिन्दु शामिल किये जाने का प्रावधान कब तक कर दिया जावेगा। कृपया समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका वर्ष-2013 अनुसार कार्यवाही की जाती है। मार्गदर्शिका में नये प्रावधान लागू करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका वर्ष-2013 के परिशिष्ट–अ के बिन्दु क्रमांक-5 में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु टंकी के निर्माण का प्रावधान है। जी हाँ। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका वर्ष-2013 में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका वर्ष-2013 में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बरगी व्यपवर्तन योजना की शाखा नहरें
[नर्मदा घाटी विकास]
15. ( क्र. 943 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र में बरगी व्यपवर्तन योजना अंतर्गत निर्माणाधीन शाखा नहरों का निर्माण क्या स्वीकृत ड्राइंग अनुसार अधिग्रहीत भूखण्डों, जिन्हें मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है, उन्हीं भू-खण्डों एवं स्वीकृत ड्राईंग के अनुसार कराया गया है या कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हां, तो निर्मित करायी शाखा नहरों की अद्यतन वर्तमान में निर्मित भौतिक स्थिति की जानकारी दी जावे? जानकारी में भूखण्डों का विवरण भी सम्मिलित किया जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या निर्माणकर्ता एजेन्सी द्वारा या शाखा नहरों में कार्यरत मैदानी कर्मचारी द्वारा ड्राइंग के विरुद्ध नहरों का निर्माण प्रत्येक ग्रामों में किया गया है। यदि हाँ, तो ऐसे उत्तरदायी कर्मचारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्या अभी तक निर्मित की गयी नहरों की जांच स्वीकृत ड्राइंग के मिलान हेतु कमेटी गठित कर करायी जावेगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट किया जावे।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट–''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में निर्माणाधीन शाखा नहरों के निर्माण कार्य स्वीकृत ड्राईंग अनुसार ही किये गये हैं। शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
जबलपुर जिले के उप पंजीयक कार्यालय की स्थापना
[वाणिज्यिक कर]
16. ( क्र. 963 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कहाँ-कहाँ पर उप पंजीयक कार्यालय है? शहपुरा (बरगी) में भी उप पंजीयक कार्यालय खोलने हेतु किस-किस जनप्रतिनिधि अथवा संगठन द्वारा उप पंजीयक कार्यालय हेतु विभाग को कब-कब पत्राचार किया गया? (ख) क्या शहपुरा में कार्यालय खोलने हेतु शासन स्तर पर प्रस्ताव विचाराधीन है?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जबलपुर जिले में जबलपुर वृत्त क्रमांक 01 (कलेक्ट्रेट कार्यालय), जबलपुर वृत्त क्रमांक 02 (अंधुआ-धनवंतरी नगर) पाटन एवं सिहोरा में उप पंजीयक कार्यालय हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नवीन उप पंजीयक कार्यालय खोलने हेतु शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति न होने तथा वर्तमान में लागू ई-पंजीयन की व्यवस्था सम्पदा 2.0 के अंतर्गत किसी भी स्थान से पंजीयन हेतु ऑनलाईन स्लॉट बुकिंग की व्यवस्था को देखते हुए तहसील शहपुरा, जिला जबलपुर में नवीन उपपंजीयक कार्यालय खोलने की आवश्यकता नहीं है।
भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्र की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
17. ( क्र. 1161 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां की कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन है, बतलावे विकासखण्डवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां की कौन-कौन से आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हुए परन्तु प्रश्न दिनांक तक किन-किन कारणों से अपूर्ण है, स्वीकृति दिनांक, आहरण की गई राशि सहित सम्पूर्ण सूची देवे। (ग) कटनी जिले अंतर्गत जून 2025 में किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में कितने-कितने आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किए गये एवं यह भी बतलावे कि इस सूची में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में एक भी आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत न होने के क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सदर्भ में भवनविहीन आंगनवाड़ी भवनों एवं अपूर्ण आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कब तक किया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ पर है। (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्र अन्तर्गत स्वीकृत, अपूर्ण एवं आहरित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘ब’ पर है। (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जून 2025 में आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत नहीं किये गये हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं अपूर्ण आंगनवाड़ी भवनों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
विधायक निधि की राशि को बढ़ाया जाना
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
18. ( क्र. 1195 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में शासन द्वारा मान. विधायकों को जो विधायक निधि की राशि प्राप्त हो रही है विधानसभा क्षेत्रफल के अनुसार वह राशि बहुत ही कम है, इतनी कम राशि में सम्पूर्ण विधानसभा क्षेत्र में आवश्यक विकास/निर्माण कार्यों को कराया जाना संभव नहीं हो पाता है, इसलिए विधायक निधि की राशि को 5 करोड़ रूपये किया जाना अत्यंत ही आवश्यक है, क्या विभाग द्वारा विधानसभा के क्षेत्रफल की दृष्टि से विधायक निधि की राशि को बढ़ाया जायेगा? अगर हाँ तो कब तक राशि को बढ़ा दिया जायेगा? (ख) वर्तमान समय में मान. विधायकों को जो स्वेच्छानुदान राशि प्रदान की जा रही है वह राशि भी बहुत कम है, इतनी कम राशि में क्षेत्र के सभी जरूरतमंदों की मदद कर पाना संभव नहीं हो पाता है, इसलिए स्वेच्छानुदान राशि को 1 करोड़ रूपये किया जाना अत्यंत ही आवश्यक है, क्या विधायक स्वेच्छानुदान की राशि को बढ़ाकर 1 करोड़ रूपये किया जायेगा? अगर हाँ तो कब तक? (ग) माननीय विधायकों को वर्तमान में जो वेतन और भत्ते प्राप्त हो रहे हैं, वह वेतन और भत्ते की राशि इस मंहगाई के दौर में बहुत ही कम है, जिसे बढ़ाकर प्रतिमाह 3 लाख रूपये किया जाना अत्यंत ही आवश्यक है, क्या विधायकगणों के वेतन और भत्तों को बढ़ाकर प्रतिमाह 3 लाख रूपये किया जायेगा? अगर हाँ तो कब तक वेतन और भत्तो को बढ़ा दिया जायेगा?
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत माननीय विधायक को राशि रू. 2.50 करोड़ प्रति वित्तीय वर्ष आवंटित की जाती है। क्षेत्रफल के अनुसार विधायक निधि की राशि प्रदाय नहीं की जाती है। वर्तमान में राशि बढ़ाये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विधायक स्वेच्छानुदान योजना अंतर्गत माननीय विधायक को राशि रूपये 75 लाख प्रति वित्तीय वर्ष आवंटित की जाती है। वर्तमान में राशि बढ़ाये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) माननीय विधायकों के वेतन और भत्तों को बढ़ाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध शराब के विक्रय पर प्रतिबंध
[वाणिज्यिक कर]
19. ( क्र. 1196 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत अनेकों जगह अवैध शराब का विक्रय कर अनेक स्थानों पर आहातों को संचालित किया जा रहा है, जबकि आहातों को बन्द करने हेतु शासन द्वारा पूर्व में स्पष्ट निर्देश जारी किए जा चुके है, परन्तु फिर भी नियम विरूद्ध तरीके से जगह-जगह आहातों संचालित हो रहे है और कुचिया के माध्यम से अवैध शराब का विक्रय किया जा रहा है जैसे चांदामेटा वार्ड क्र. 10, कोल मोहल्ला एवं परासिया वार्ड 17 पेन्चव्हेली स्कूल के पीछे बहुत अधिक मात्रा में अवैध शराब का विक्रय किया जा रहा है और भी अनेकों अन्य स्थानों पर अवैध शराब का विक्रय हो रहा है जिन व्यक्तियों को शराब का ठेका मिला है उन्हीं ठेकेदारों द्वारा अवैध रूप से कुचिया खुलवाकर अवैध शराब का विक्रय कराया जा रहा है, उपरोक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जिला आबकारी अधिकारी छिंदवाड़ा को अवगत कराया गया परन्तु उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई जिसका क्या कारण है? कब तक कार्यवाही कर समस्या का निराकरण कर दिया जायेगा? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अवैध शराब के विक्रय पर प्रतिबंध लगाये जाने व नियम विरूद्ध तरीके से संचालित आहातों को बन्द कराये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जिला आबकारी अधिकारी छिंदवाड़ा एवं जिला कलेक्टर छिंदवाड़ा को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/ 2025/254 दिनांक 16.06.2025 प्रेषित किए गये हैं, जिस पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले के विधान सभा क्षेत्र क्रमांक-127 परासिया क्षेत्रांतर्गत अवैध मदिरा निर्माण के अड्डों, परिवहन व संग्रहण-अवैध मदिरा विक्रय के विरूद्ध निरंतर छापामार कार्यवाही कर आबकारी अधिनियम 1915 के तहत वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। क्षेत्र में कोई अहाता संचालित नहीं किया जा रहा है। होटल, ढाबों में अवैध रूप से मदिरा पान के विरूद्ध लगातार कार्यवाही की जा रही हैं। परासिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 01 अप्रैल 2025 से 15 जुलाई 2025 तक कुल 280 स्थानों पर छापामार कार्यवाही की गई। इन छापामार कार्यवाही में 255 न्यायालयीन प्रकरण दर्ज किये गये हैं। जिसमें कुल 847 लीटर हाथ भट्टी/देशी विदेशी मदिरा जप्त किया गया तथा अवैध मदिरा निर्माण के अड्डों पर कार्यवाही कर 38,900 किलोग्राम महुआ लाहन बरामद कर विधिवत नष्ट किया गया। प्रकरणों में जप्त सामग्री का अनुमानित कीमत लगभग 40,37,506/- रूपये हैं। वृत चांदामेंटा के वार्ड क्रमांक 10 में 01 अप्रैल 2025 से 15 जुलाई 2025 तक 05 छापे की कार्यवाही कर 01 प्रकरण कायम किया गया है एवं वृत परासिया के वार्ड क्रमांक 17 में पेन्चवेली स्कूल के पीछे 01 अप्रैल 2025 से 15 जुलाई 2025 तक 08 छापे की कार्यवाही कर 05 प्रकरण कायम किये गये हैं। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 127 परासिया क्षेत्रांतर्गत संचालित कम्पोजिट मदिरा दुकानों के लायसेंसियो द्वारा अवैध रूप से कुचिया खुलवाकर अवैध शराब का विक्रय कराने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। प्रश्नकर्ता द्वारा अवगत कराए गये अनुसार अवैध शराब विक्रय, निर्माण, संग्रहण के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है तथा माननीय प्रश्नकर्ता को पत्र क्रमांक 1361 दिनांक 10.07.2025 द्वारा माह-जून 2025 में की गई कार्यवाही की जानकारी प्रेषित की गई है। साथ ही इस संबंध में निरंतर कार्यवाही की जा रही है। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अवैध शराब के विक्रय पर प्रतिबंध लगाये जाने व नियम विरूद्ध तरीके से संचालित आहातों को बन्द कराये जाने के संबंध में पत्र क्रमांक 1361 दिनांक 10.07.2025 से माननीय प्रश्नकर्ता की ओर प्रेषित किया गया है। जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट-दो अनुसार है।
आदिवासी भूमि मालिकों की रजिस्ट्री
[वाणिज्यिक कर]
20. ( क्र. 1209 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में जनवरी 2024 से प्रश्न-दिनांक तक की गई जमीनों की रजिस्ट्री की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की जमीनों की कितनी रजिस्ट्री सामान्य क्षेत्र में कितनी रजिस्ट्री संविधान की पांचवी अनुसूची से अधिसूचित क्षेत्र में की गई, विकासखंडवार प्रतिसहित बताएं। (ग) कितनी भूमि की रजिस्ट्री आदिवासी वर्ग के भूमि मालिक से गैर-आदिवासी व्यक्ति को की गई, विकासखंडवार प्रतिसहित बताएं। (घ) आदिवासी विकासखंडों में किस-किस ने भूमियों की रजिस्ट्री किन-किन को की, नाम-पता सहित विकासखंडवार बताएं। (ड.) जिले में किन-किन आदिवासी भूमि मालिकों ने किन-किन भूमियों की रजिस्ट्री किस-किस दिनांक को किस जाति/वर्ग के किन-किन व्यक्तियों को की, विकासखंडवार प्रतिसहित बताएं। (च) जिले में भूमि रजिस्ट्री संबंधी विवाद, छल-कपट, फर्जीवाड़े के कितने मामले में संज्ञान में आए, कितनी शिकायतें मिली, किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई, क्या कार्यवाही प्रचलित है, किन-किन के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई, विकासखंडवार प्रतिसहित बताएं।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) धार जिले में जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक जमीनों की 14,847 रजिस्ट्री हुई। (ख) प्रश्नांश (क) की जमीनों की 2890 रजिस्ट्री सामान्य क्षेत्र में तथा 11957 रजिस्ट्री संविधान की पांचवी अनुसूची से अधिसूचित क्षेत्र में की गई हैं। विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) आदिवासी वर्ग के 183 भूमि मालिकों से गैर-आदिवासी व्यक्ति को 84.614 हेक्टेयर भूमि की रजिस्ट्रियों की गई हैं। विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) आदिवासी विकासखंडों में भूमियों की रजिस्ट्री की विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ड.) जिले में आदिवासी भूमि मालिकों द्वारा की गई रजिस्ट्री की विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (च) जिला पंजीयक कार्यालय धार में भूमि रजिस्ट्री संबंधी विवाद, छल-कपट, फर्जीवाड़े संबंधी 9 शिकायतें तथा विभागाध्यक्ष कार्यालय स्तर पर 4 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'इ' अनुसार है। प्राप्त शिकायतों में जांच प्रचलित है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस बलों के स्वीकृत पदस्थ एवं रिक्त पदों की जानकारी
[गृह]
21. ( क्र. 1226 ) श्री विष्णु खत्री : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत (1) थाना ईंटखेडी (2) थाना परवलिया सड़क (3) थाना गुनगा (4) थाना बैरसिया (5) थाना नजीराबाद में कितना पुलिस बल स्वीकृत हैं? कितना पुलिस बल पदस्थ हैं? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में रिक्त पुलिस बलों के पद कब तक भरे जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती, पदोन्नति एवं स्थानांतरण के माध्यम से की जाती है, तो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति सूची के अनुक्रमांक 35 का विलोपन
[सामान्य प्रशासन]
22. ( क्र. 1246 ) श्री गिरीश गौतम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एकीकृत रीवा जिले की अनुसूचित जातियों की सूची में अनुक्रमांक 35 पर "कुम्हार" जाति सम्मिलित थी और इसी आधार पर रीवा जिले में निवासरत कुम्हार जाति के व्यक्तियों को अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जाते रहे हैं? (ख) क्या रीवा जिले के विभाजन के पश्चात नवीन रूप से गठित मऊगंज जिले में उक्त अनुक्रमांक 35 को अनुसूचित जाति सूची से विलोपित कर दिया गया है, जिसके कारण मऊगंज जिले के कुम्हार जाति के निवासियों को अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं? ऐसी स्थिति में एक ही पिता की दो संतानें, जिनमें से एक रीवा और दूसरी मऊगंज में निवासरत है, तो रीवा जिले में अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र जारी हो रहा है जबकि मऊगंज निवासी संतान इससे वंचित है, जिससे शासन की योजनाओं एवं शैक्षणिक सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ग) क्या मऊगंज जिले के कुम्हार जाति के विद्यार्थियों को शासकीय शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति वर्ग की सुविधाएं दी जा रही हैं? यदि हां, तो कृपया सितंबर 2023 से मई 2025 तक संस्थावार ऐसे विद्यार्थियों की संख्या उपलब्ध कराई जाए। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 02.03.2025 एवं 23.04.2025 को माननीय मुख्यमंत्री को उक्त विषयक पत्र प्रेषित किए गए थे तथा यह मुद्दा जिला योजना समिति रीवा की बैठक दिनांक 17.04.2025 में भी प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ, तो कृपया उन पत्रों की प्रतियां एवं अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी दी जाए। साथ ही यह भी बताया जाए कि कुम्हार जाति को मऊगंज जिले में अनुसूचित जाति सूची से विलोपित अनुक्रमांक 35 को पुनः कब तक जोड़ा जाएगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एकीकृत रीवा जिले में अनुसूचित जाति के सरल क्रमांक 35 पर कुम्हार (छतरपुर, दतिया, पन्ना, रीवा, सतना, शहडोल, सीधी और टीकमगढ़ जिलों में) अधिसूचित है। (ख) रीवा जिले के विभाजन के पश्चात नवीन रूप से गठित मऊगंज जिले के एम.पी.ई. –डिस्ट्रिक पोर्टल से कुम्हार जाति अनुक्रमांक 35, अनुसूचित जाति सूची से विलोपित हो गया है। इस कारण से कुम्हार जाति के लोग जो मऊगंज जिले के निवासी है, उन्हे वर्तमान में अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहे है। (ग) मऊगंज जिले में कुम्हार जाति के विद्यार्थियों को प्रवेश तो दिया जा रहा है, किन्तु कुम्हार जाति के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी न हो पाने के कारण अनुसूचित जाति (कुम्हार) से संबंधित लाभ नहीं दिया जा रहा है। प्रश्न का शेषभाग उपस्थित नहीं होता। (घ) माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त टीप क्रमांक 1370/CMS/CSW/2025 दिनांक 08/05/2025 द्वारा माननीय विधायक श्री गिरीश गौतम के पत्र प्राप्त हुए है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पृथक नवगठित मऊगंज जिले में कुम्हार जाति को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किए जाने के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बहु वर्षीय वृक्षों के विरूद्ध नवीन वृक्षारोपण
[नर्मदा घाटी विकास]
23. ( क्र. 1272 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी व्यपवर्तन योजनान्तर्गत नहर निर्माण कार्य में मैहर तहसील के अन्दर बहुवर्षीय कितने वृक्ष काटे गये है? उनके स्थान पर काटे गये वृक्षों के अनुरूप कितने बहु वर्षीय पेड़ लगाये गये हैं? स्थानवार, आराजी नम्बरवार, वृक्षों की संख्यावार जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) में रोपित वृक्षों के पर्यवेक्षण एवं गणना हेतु कौन सा विभाग उत्तरदायी है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या काटे गये वृक्षों के स्थान पर नियमों के अनुरूप कही भी बहुवर्षीय आम, जामुन, इमली के पौधों का रोपित किया जाना दिखाई नहीं देता हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उक्त विषय के भौतिक सत्यापन हेतु कमेटी बनाकर कब तक रिपोर्ट प्राप्त करेगी? समयावधि बतायी जावे।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुपयुक्त भूमि को शासन को सौंपना जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
24. ( क्र. 1291 ) श्री अजय विश्नोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ने माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र लिख कर नर्मदा घाटी विकास विभाग की पाटन नगर में बरगी कॉलोनी की अनुपयुक्त हो चुकी भूमि को वापस शासन को सौंपने का अनुरोध किया है। यदि हाँ, तो क्या विभाग इस भूमि में से अनुपयुक्त अतिरिक्त भूमि, शासन को सौंपेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या, विभाग प्रश्नकर्ता के अनुरोध पर बजट में स्वीकृत पाटन-मनकेंड़ी मार्ग की प्रारंभिक लम्बाई 2.5 कि.मी. सड़क की नहर के बारों एरिया से बनाने की स्वीकृति देगा? इस मार्ग से नहर की निगरानी भी हो सकेगी और पाटन नगर को यातायात के दबाव से बचाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रकरण परीक्षणाधीन है।
आंगनवाड़ी में कर्मचारियों की स्थापना
[महिला एवं बाल विकास]
25. ( क्र. 1292 ) श्री अजय विश्नोई : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन आंगनवाड़ियों के संचालन और पर्यवेक्षण के प्रति गंभीर है? (ख) क्या शासन इस बात से अवगत है कि जबलपुर जिले की पाटन विकासखण्ड में कई वर्षों से नियमित CDPO पदस्थ नहीं है? (ग) क्या शासन इस तथ्य से अवगत है कि मझौली में पदस्थ CDPO श्रीमती राखी सैयाम जनवरी 2016 से अगस्त 2024 तक 1448 दिनों के अवकाश/अनुपस्थित रही है, जानकारी दें। कि CDPO के अवकाश पर रहने से मझौली विकासखण्ड की आंगनवाड़ियों का पर्यवेक्षण कितना प्रभावित हुआ है? (घ) क्या, शासन अवगत है कि वर्तमान में पाटन तथा मझौली विकासखण्ड में नियमित CDPO नहीं है। सुपरवाईजर के 09 पदों के विरूद्ध 05 पद रिक्त है। जानकारी दें कि पाटन विधानसभा में रिक्त CDPO तथा सुपरवाईजरों के पदों पर कब तक नियमित नियुक्तियां कर दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। पाटन विकासखण्ड में पाटन परियोजना में पदस्थ परियोजना अधिकारी का मार्च 2024 को स्थानांतरण होने से पद रिक्त है, पाटन परियोजना का अतिरिक्त प्रभार आईसीडीएस शहरी क्रमांक 3 जबलपुर के परियोजना अधिकारी को दिया गया है। (ग) जी हाँ। मझौली में पदस्थ CDPO श्रीमती राखी सैयाम जनवरी 2016 से अगस्त 2024 तक लगातार 1448 दिवस अवकाश पर नहीं रही है। अपितु उक्त अवधि में विभिन्न अवसरों पर भिन्न-भिन्न कारणों से अवकाश पर रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इनके अवकाश पर होने से प्रशासनिक रूप से स्थानीय स्तर पर अन्य अधिकारी/पर्यवेक्षक को परियोजना अधिकारी का प्रभार सौंपे जाने से परियोजना की आंगनवाड़ियों के पर्यवेक्षण का कार्य प्रभावित नहीं हुआ है। (घ) जी हाँ। परियोजना मझौली में सुपरवाईजर के 09 पदों में से 06 पद भरे है तथा 03 पद रिक्त हैं। पाटन विधानसभा में CDPO के रिक्त सीधी भर्ती के पदो की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलित है। पर्यवेक्षक की भर्ती उपरांत इनकी पदस्थापना की जा सकेगी। उपरोक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला अनूपपुर में एयरपोर्ट का निर्माण
[विमानन]
26. ( क्र. 1316 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 892 के तहत जानकारी चाही गई थी कि माननीय मुख्यमंत्री जी के अनूपपुर प्रवास दिनांक 16.08.2024 को प्रश्नकर्ता एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के मांग पर जिला मुख्यालय अनूपपुर में हवाई अड्डा (एयरपोर्ट) की शुरूआत किया जाकर हवाई सेवा प्रारंभ की जायेगी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक एयरपोर्ट खोले जाने एवं हवाई सेवा प्रारंभ किये जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा हवाई सेवा प्रारंभ किये जाने के संबंधमें भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो उस पर भारत सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा जिला अनूपपुर में हवाई सेवा प्रारंभ करने के लिये एयरपोर्ट (हवाई अड्डा) बनाये जाने के लिये भूमि चिन्हित कर ली गई है यदि हाँ, तो उक्त भूमि का खसरा नंबर एवं रकबा की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार शासन स्तर से एयरपोर्ट (हवाई अड्डा) के लिये स्थल निरीक्षण हेतु विमानन विभाग के विशेषज्ञों को भारत सरकार द्वारा निर्देशित किया गया है या विशेषज्ञों से एयरपोर्ट की स्थल का परीक्षण, कनेक्टिविटी एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुसार भूमि का नक्शा लोकेशन भूमि का नक्शा लोकेशन एवं अन्य तैयारियों के लिये अब तक क्या कार्य योजना बनाई गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार शासन द्वारा जिला अनूपपुर से हवाई जहाज के उड़ान कब तक प्रारंभ किये जाने का योजना बनाई गई है? समय-सीमा बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। आवश्यकता, उपयोगिता, व्यवहारिकता आदि का समग्र रूप से परीक्षण करवाए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
नियम विरूद्ध आयोजित बैठक की जांच
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
27. ( क्र. 1334 ) श्री अभय मिश्रा : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-य घ के प्रयोजनों हेतु जिला योजना समिति का गठन करने और समाज के कामकाजी मदों के संबंध में राज्य सरकार के कृत्यों का निर्वहन करने के लिये मध्यप्रदेश में जिला योजना समिति अधिनियम 1995 के पालन में धारा 3 के अधीन जिला योजना समिति का गठन किये जाने के प्रावधान निहित किये गये। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला रीवा सहित प्रदेश के अन्य जिलों में जिला योजना समिति का गठन कब-कब किया गया? इस बाबत् अधिसूचना कब जारी की गई प्रति देते हुये बतावें। समिति में किन-किन सदस्यों का निर्वाचन किया गया, निर्वाचन से संबंधित उपयोग किये गये दस्तावेज की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार अधिनियम के पालन में प्रश्नांश (ख) अनुसार गठित समितियों की बैठक रीवा जिले सहित विभिन्न जिलों में किनकी अध्यक्षता में कब-कब आयोजित की गई बैठक में कौन-कौन से निर्णय पारित किये गये कार्यवाही विवरण की प्रति देते हुये बतावें। इनमें से पारित संकल्पों/निर्णयों में कितने निर्वाचित सदस्य सम्मिलित हुये उनके नाम एवं निर्वाचन की अवधि व तिथि क्या थी? इनका निर्वाचन कब-कब कितने वर्षों के लिये किया गया। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आधारों पर यदि प्रश्नांश (ख) अनुसार जिला योजना समितियों का गठन नहीं किया गया मनमानी तरीके से सचिव योजना समिति रीवा सहित अन्य जिलों के सचिवों द्वारा योजना समिति की बैठक हेतु संविलियन की सूचना जारी कर बैठक आयोजित कराकर नियम विरुद्ध तरीके से बगैर योजना समिति के गठन किये निर्णय व संकल्प पारित कराये गये इसके लिये उत्तर दायी सचिव एवं अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों? नियम विरुद्ध पारित संकल्पों/निर्णयों को निरस्त करने बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें। यदि नहीं, तो कारण बतावें।
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
कूटरचित दस्तावेज के आधार पर पंजीबद्ध अपराध
[वाणिज्यिक कर]
28. ( क्र. 1335 ) श्री अभय मिश्रा : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में एफआईआर (प्र.सू.रि.सं.) नं. 0078 को ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा दिनांक 28.03.25 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं पर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने पर अपराध पंजीबद्ध किये गये, उन पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें। जिला आबकारी अधिकारी रीवा श्री जैन को क्यों नहीं हटाया गया, इनको सह अभियुक्त मानकर इन पर अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया क्यों? इस बाबत् क्या निर्देश देंगे बतावें? आबकारी विभाग के कितने अधिकारियों/कर्मचारियों/ठेकेदारों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किये गये की जानकारी वर्ष 2022 से प्रश्नांश दिनांक तक की जिलेवार, वर्षवार प्रदेश की देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वाणिजयकर विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 की आबकारी नीति के राजपत्र दिनांक 22.02.23 जारी की गई, जिसमें प्रतिभूत के रूप में ठेकेदारों से प्राप्त की जाने वाली बैंक गारंटी के निर्देशानुसार प्राप्त की गई बतावें। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनूसूचित बैंकों की श्रेणी में कितने बैंक आते हैं? सूची देते हुये बतावें। सूची से हटकर कितनी बैंक गारंटी प्रस्तुत की गई, इनके सत्यापन/कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे बतावे? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं पर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, फर्जी बैंक गारंटियां/प्रतिभूत के लिये संबंधित/अधिकारियों/ठेकेदारों पर अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश देंगे बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय आदेश का पालन न करने पर कार्यवाही
[गृह]
29. ( क्र. 1336 ) श्री अभय मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस मुख्यालय म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक पुमु/3/कार्मिक/1577/2025 दिनांक 17.06.25 द्वारा समस्त पुलिस अधीक्षक को आपराधिक प्रकरण एवं विभागीय जांच में संलिप्त अधिकारियों को थाने में पदस्थापना के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश पत्र क्रमांक पुमु/3/कार्मिक/7/6192/14 दिनांक 15.10.24 के द्वारा जारी किये गये थे? जिसका कड़ाई से पालन नहीं किये जाने का उल्लेख किया गया। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो रीवा संभाग अन्तर्गत जिन पुलिस कर्मियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण, विवेचना अथवा अभियोजन में लंबित है जिन पुलिस कर्मियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार, नैतिक अधोपतन, शारीरिक हिंसा, अवैध निरोध व विभागीय उत्तर दायित्वों के निर्वहन में की गई लापरवाही पर विभागीय जांच लंबित हैं, उनके पदनाम सहित पुलिस थानों क्राईम ब्रांच अथवा किसी अधिकारी के कार्यालय में तैनात किये गये हैं का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी निर्देश के पालन में प्रश्नांश (ख) के पदस्थ थाना प्रभारियों/पुलिस कर्मियों के विरूद्ध विभागीय जांच लंबित है उनमें से जिनकों थाने का प्रभार दिया गया है उनकों थानों क्राईम ब्रांच अथवा किसी अधिकारी के कार्यालय में तैनात न किये जाने बाबत् की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये बतावें कि किन-किन थाना प्रभारियों/पुलिस कर्मियों को हटाया गया, अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के जारी निर्देश अनुसार प्रश्नांश (ख) अनुसार लंबित विभागीय जांच के बाद भी प्रश्नांश (ग) अनुसार थाना प्रभारियों/पुलिस कर्मियों को थानों क्राईम ब्रांच अथवा किसी अधिकारी के कार्यालय से मुक्त नहीं किया गया तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? उन अधिकारियों के विरूद्ध क्या निर्देश देंगे एवं प्रश्नांश (क) अनुसार जारी निर्देश का पालन कब तक करावेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पत्र दिनांक 17.6.2025 एवं 15.10.2014 के पालन में रीवा जोन अंतर्गत जिला रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मैहर एवं मउगंज में जिन पुलिस कर्मियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण, विवेचना अथवा अभियोजना में लंबित है, जिन पुलिस कर्मियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार, नैतिक अधोपतन, शारीरिक हिंसा, अवैध निरोध व विभागीय उत्तरदायित्वों के निर्वहन में की गई लापरवाही पर विभागीय जांच लंबित है, उनको पुलिस कर्मियों को पुलिस थानों, क्राईम ब्रांच अथवा किसी अधिकारी के कार्यालय में तैनात नहीं किया गया है। (ग) पुलिस मुख्यालय के पत्र दिनांक 17.06.2025 एवं 15.10.2014 के पालन में रीवा जोन अंतर्गत जिला रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली एवं मैहर में उक्त श्रेणी के पुलिस कर्मियों को थाना/चौकी से हटाकर रक्षित केन्द्र में पदस्थ किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिला मउगंज में कोई भी ऐसे थाना प्रभारी/पुलिसकर्मी थानों में पदस्थ नहीं थे, जिनके विरूद्ध विभागीय जांच लंबित है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में उपस्थित नहीं होता है।
बुनकरों की मजदूरी का भुगतान
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
30. ( क्र. 1449 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सौंसर अंतर्गत निवासरत बुनकरों को माह नवम्बर 2024 से उनके द्वारा किये गये बुनाई कार्य की मजदूरी प्राप्त नहीं हुई है? (ख) यदि हाँ, तो इन बुनकरों की मजदूरी रोके जाने का क्या कारण है? (ग) इन बुनकरों को किस दिनांक तक मजदूरी का भुगतान हो जाएगा?
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) विधानसभा सौंसर अंतर्गत निवासरत बुनकरों को माह नवम्बर 2024 से मई 2025 की बुनाई मजदूरी का भुगतान 14 जुलाई 2025 को किया जा चुका है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, परन्तु बुनाई मजदूरी का भुगतान तारीख न होकर कुछ दिनों बाद विलंब से किया गया है। निगम एक व्यवसायिक संस्था है जिसकी आर्थिक स्थिति, कार्यशील पूंजी, विक्रय तथा कठिनाइयों के संबंध में विस्तृत विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
औद्योगिक क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
31. ( क्र. 1452 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से वर्ष 2024-25 तक बोरगांव खैरितायगांव के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर अलग-अलग, कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ख) उपरोक्त औद्योगिक क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का कार्य करने के लिए किसको नोडल एजेंसी बनाया गया है? (ग) क्या इन औद्योगिक क्षेत्रों में उपरोक्त वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए किये कार्यों का विभाग द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र सरकार को दिया गया है? (घ) यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अंतर्गत एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि. द्वारा संधारित औद्योगिक विकास केंद्र बोरगॉव-खैरितायगॉव जिला-पांढुर्ना में वर्ष 2019-20 से वर्ष 2024-25 तक विभिन्न इन्फ्रास्ट्रक्चर डेव्हलपमेंट पर किये गए व्यय का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
कार्य |
व्यय की गई राशि (रू. लाख में) |
1 |
2019-20 |
औद्योगिक विकास केंद्र बोरगॉव-खैरितायगॉव जिला-पांढुर्ना का विस्तार। |
2074.09 |
2 |
2021-22 |
औद्योगिक विकास केंद्र बोरगॉव-खैरितायगॉव जिला-पांढुर्ना का उन्नयनीकरण। |
1623.23 |
3 |
2022-23 |
11 के.व्ही. एण्ड 33 के.व्ही. एल टी विद्युत लाईन का शिफ्टिंग कार्य। |
38.73 |
4 |
2022-23 |
डी.आई. पाइप 300 एम.एम. एवं के-7 पाइप-लाईन का कार्य। |
99.50 |
5 |
2023-24 |
सी.सी. सड़क निर्माण का कार्य। |
79.07 |
6 |
2023-24 |
व्ही.टी. पंप सेट एवं डी.आई. पाइप- लाइन का कार्य। |
114.87 |
7 |
2023-24 |
सी.सी. नाली निर्माण का कार्य। |
365.76 |
8 |
2024-25 |
डी.आई. पाइप 100 एम.एम. पाइप- लाइन का कार्य। |
23.38 |
9 |
2024-25 |
सी.सी. सड़क निर्माण का कार्य। |
136.79 |
(ख) उपरोक्तानुसार औद्योगिक क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेव्हलपमेंट का कार्य करने के लिए एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर को नोडल एजेंसी बनाया गया है। (ग) जी हॉ। एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में उपरोक्त वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेव्हलपमेंट के लिए किये गए कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र समय-समय पर एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड मुख्यालय, भोपाल को एवं एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड मुख्यालय, भोपालद्वारा औद्योगिक अद्योसंरचना विकास मद में समय-समय पर उपरोक्त वित्तीय वर्षों में वित्त विभाग द्वारा प्रदान की गई बजट राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग को प्रेषित किये गये हैं। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
थानों में प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति
[गृह]
32. ( क्र. 1475 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के टीकमगढ़ जिले में कुल कितने थाना एवं पुलिस चौकियां है? नामवार पृथक-पृथक बतावें। (ख) क्या पुलिस मुख्यालय म.प्र. भोपाल का पत्र क्र.-पु.मु./3/कार्मिक/1577/2025 दिनांक 17.06.2025 में आपराधिक प्रकरण एवं विभागीय जांच में संलिप्त अधिकारियों की थानों में पदस्थापना के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये है? (ग) टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले में ऐसे कितने थाना या चौकियां है जहां अवचारी विभागीय जांच लंम्बित होने पर भी थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ है? (घ) क्या योग्य निरीक्षक या उपनिरीक्षक जो लाईन अटैच है उनकी जगह प्रभारी पदस्थ है? अलग-अलग नामवार बतावें इस विसंगति को कब तक दूर किया जावेगा और यदि नहीं, तो क्यों और किसके द्वारा पुलिस मुख्यालय के आदेश का परिपालन नहीं किया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) टीकमगढ़ जिले में कुल 17 पुलिस थाने एवं 10 पुलिस चौकियां हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जिला टीकमगढ़ में थाना चंदेरा के थाना प्रभारी एवं जिला निवाडी में थाना सिमरा के थाना प्रभारी इस प्रकार कुल 02 अपचारी के विरूद्ध विभागीय जांच लंबित है। (घ) जी नहीं। थाना प्रभारी की पदस्थापना उनकी कार्यकुशलता, अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था, गुणवत्ता एवं उनकी व्यवसायिक दक्षता को दृष्टिगत रखते हुए की जाती है। पुलिस मुख्यालय के समस्त आदेशों एवं निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
मानव अधिकार आयोग की लंबित शिकायतें
[सामान्य प्रशासन]
33. ( क्र. 1492 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग में प्रश्न दिनांक तक मानव अधिकार में जुड़ी कुल कितनी शिकायतें लंबित है? (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक अलग-अलग वर्षों में आयोग मानव अधिकार में जुड़ी कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? (ग) उपरोक्त अलग-अलग वर्षों में कितनी-कितनी शिकायतों को स्वीकार करके जांच की गई तथा कितने मामलों में जांच लंबित रही? (घ) क्या आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति में विलंब के कारण लंबित शिकायतों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है? (ड.) यदि हाँ, तो अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति में विलंब का क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कुल 4669 शिकायतें लंबित हैं। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। (ड.) उत्तरांश (घ) अनुसार है।
मदना वितरण नहर से पानी की उपलब्धता
[नर्मदा घाटी विकास]
34. ( क्र. 1583 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 23 कि.मी. लंबी मदना वितरण नहर ग्राम कसही, महगवां, परियट पिपरिया, जुनवानी, खिरिया सिमरा, पटेरा नरेन्द्रपुर, होते हुये बम्हनी में संजय गौतम के खेत में जाकर समाप्त हो गई है? इसके आगे के ग्राम मुडिया, मदना तक नहर का निर्माण ही नहीं हुआ है जबकि नहर का नाम मदना वितरण नहर है? (ख) क्या नहर का पानी पटेरा के आगे अंतिम छोर के गांव नरेन्द्रपुर, बम्हनी, मुडिया, मदना तक सिंचाई हेतु नहीं पहुंचता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या उपरोक्त नहर निर्माण तकनीकी रूप से दुरूस्त है? (घ) यदि हाँ, तो अंतिम छोर के किसानों के खेतों तक सिंचाई का पानी क्यों नहीं पहुंच रहा है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता
[सामान्य प्रशासन]
35. ( क्र. 1595 ) श्री गिरीश गौतम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के विभिन्न विभागों में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु रीवा संभाग में कुल कितने आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं,जो अभी तक लंबित हैं या जिनका निराकरण इस कारण नहीं हो सका कि संबंधित विभागों में पद रिक्त नहीं हैं? (ख) क्या सभी विभागों में पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो क्या पदोन्नति के उपरांत खाली होने वाले पदों में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु लंबित आवेदनों पर प्राथमिकता के आधार पर मृतक शासकीय सेवक के एक आश्रित को नियुक्ति प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों को संविदा नीति का लाभ
[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]
36. ( क्र. 1596 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे संविदा कर्मियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा संविधान नीति 2018 एवं 2023 (क्र./सी-5-2/2018/1/3, भोपाल दिनांक 22 जुलाई 2023) लागू किए जाने के निर्देश दिए गए थे? यदि हां, तो क्या विभाग द्वारा इसे लागू कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी में पदस्थ कर्मचारियों जिनमें विगत 13 वर्ष से कार्यरत कर्मचारियों को उक्त संविदा नीति के लाभों से वंचित रखा गया है? यदि हाँ, तो क्यों? जबकि लगभग समस्त विभाग के कर्मचारियों जैसे राज्य शिक्षा केंद्र, लोक सेवा प्रबंध विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग आदि विभागों ने इसे लागू कर दिया है। (ग) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी में पदस्थ कर्मचारियों के लिए संविदा नीति आज दिनांक तक क्यों लागू नहीं की गई? लागू करने में क्या कठिनाई है? अगर कोई कठिनाई है तो उन्हें दूर करने हेतु विगत वर्षों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? अन्य समस्त विभागों के कर्मचारियों की तरह इस विभाग के कर्मचारियों को संविदा नीति का लाभ कब तक मिलेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी, हाँ, जिला ई-गवर्नेंस सोसायटियों में पदस्थ कर्मचारियों की नियुक्ति जिला ई- गवर्नेंस सोसायटी द्वारा की जाती है, इन कर्मचारियों की प्रशासनिक नियंत्रणकर्ता भी जिला ई- गवर्नेंस सोसायटी है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक सी-5-2/2018/1/3 दिनांक 22.07.2023 के बिन्दु क्रमांक 11.5 अनुसार शासन के विभागों के अंतर्गत आने वाले निगम/मण्डल/सार्वजनिक उपक्रम/स्थानीय निकाय/विश्वविद्यालय/आयोग/विकास प्राधिकरण/बोर्ड/ परिषद/संस्थाएं इन दिशा निर्देशों को अपने संविदा कर्मियों के लिए लागू करने के संबंध में अपने स्तर पर समुचित निर्णय लेने के लिए सक्षम होंगे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग से संबंधित न होकर जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी स्तर से संबंधित है।
खनिज राशि का उपयोग
[खनिज साधन]
37. ( क्र. 1597 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पन्ना में जनवरी 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक जिला खनिज मद में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई है, कितनी राशि खर्च हुई है और कितनी राशि बाकी है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उपरोक्त अवधि में जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास मंडल द्वारा पन्ना जिले में कौन-कौन सी कार्य अनुमोदित किए गए जनपद पंचायत/पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या उपरोक्त कार्य के लिए किसी जन प्रतिनिधियों की अनुशंसा ली गई है? यदि हाँ, तो किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा कब-कब अनुशंसा की गई? जानकारी प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई इनमें से कितने कार्य पूर्ण हुए और कितने अधूरे हैं? जानकारी उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग में जिला खनिज मद नाम से कोई भी मद नहीं है। अपितु जिला खनिज प्रतिष्ठान अंतर्गत पन्ना जिले में जनवरी 2023 से जून 2025 तक राशि रूपये 30.33 करोड़ प्राप्त हुए हैं, राशि रूपये 23.21 करोड़ व्यय एवं राशि रूपये 7.12 करोड़ शेष है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित अनुसार है।
उप पंजीयक की पदस्थापना
[वाणिज्यिक कर]
38. ( क्र. 1610 ) श्री विश्वामित्र पाठक : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवसर, जिला सिंगरौली में लगभग 2 वर्षों से उप पंजीयक कार्यालय में पद रिक्त हैं? (ख) देवसर में ए.डी.जे. कोर्ट, ए.डी.एम. लिंक कोर्ट, एस.डी.एम. कार्यालय सहित विकासखण्ड स्तरीय सभी कार्यालय होने, अ.जा., अ.ज.जा. निर्धन वर्ग की बहुलता वाला क्षेत्र होने के कारण लोगों को रजिस्ट्री एवं अन्य विभागीय कार्यों के लिये जिला मुख्यालय जाना पडे़ उनकी सुविधा एवं सुगमता के लिये अत्यन्त आवश्यक उप पंजीयक की पदस्थापना की जायेगी? अगर नहीं तो कब तक की जायेगी? (ग) प्रश्नांश "ख" में यदि हाँ, तो देवसर में उप पंजीयक की पदस्थापना कब तक कर दी जायेगी?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग में पंजीयन अधिकारियों की कमी होने से उप पंजीयक कार्यालय देवसर के रिक्त पद का अतिरिक्त प्रभार उप पंजीयक सिंगरौली को दिया गया है। विभाग द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति प्रशासनिक कार्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शहीद इलाप सिंह माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
39. ( क्र. 1777 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिला अंतर्गत स्वीकृत शहीद इलाप सिंह माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना में कितने पम्प हाऊस रहेंगे? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) क्या शहीद इलाप सिंह माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना का टेंडर हो चुका है? यदि हाँ, तो, क्या कार्य शुरू कर दिया गया है और कितना कार्य हो चुका है व कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) शहीद इलाप सिंह माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के कार्य का टेंडर लेने वाली कम्पनी के नाम सहित टेंडर के नियम एवं शर्तों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावे।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दो। पम्प हाऊस क्रमांक-1 ग्राम भमोरी तहसील हंडिया तथा पम्प हाऊस क्रमांक-2 ग्राम करनपुरा, तहसील हंडिया में। (ख) जी हाँ। 15 प्रतिशत हो चुका है। वर्तमान में पम्प हाऊस क्रमांक-01 एवं 02 की खुदाई का कार्य तथा आवासीय भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। (ग) मेसर्स जगदीश गुप्ता-फालौदी कन्ट्रक्शन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. (जे.व्ही.) इंदौर (मध्यप्रदेश)। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उच्च अधिकारियों को प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
40. ( क्र. 1778 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा हरदा कलेक्टर को प्रेषित किए गए पत्र क्रमांक/79/विधायक हरदा/06/2025 दिनांक 15/02/2025 एवं पत्र क्रमांक/143/विधायक हरदा/06/2025 दिनांक 29/03/2025 पर क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नर्मदापुरम संभाग को प्रेषित किए गए पत्र क्रमांक/308/विधायक हरदा/06/2025 दिनांक 13/05/2025 पर क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा हरदा कलेक्टर को उपरोक्त पत्र प्रेषित कर जो जानकारी मांगी गई है, वह प्रश्न दिनांक तक अप्राप्त है। इसका कारण स्पष्ट करे एवं चाही गई जानकारी उपलब्ध करावे। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा हरदा कलेक्टर एवं आयुक्त नर्मदापुरम संभाग को प्रेषित उपरोक्त पत्रों में किए गए लेख अनुसार मान. मुख्यमंत्री महोदय सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए विकास कार्यों के भूमि पूजन व लोकार्पण के पत्थर प्रश्न दिनांक तक निर्धारित स्थान पर क्यों नहीं लगाये गए है? इसका कारण स्पष्ट करे एवं जिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण पत्थर निर्धारित स्थान पर नहीं लग पाये है, उन अधिकारियों पर नियमानुसार क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश ‘’क’’ में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) कलेक्टर जिला हरदा से प्राप्त जानकारी अनुसार माननीय मुख्यमंत्री महोदय सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि द्वारा किये गये विकास कार्यों के लोकार्पण के पत्थर निर्धारित स्थान पर लगा दिये गये है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डबरा विधानसभा में संचालित आंगनवाड़ियों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
41. ( क्र. 2023 ) श्री सुरेश राजे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परियोजना क्र. 1 एवं 2 के अधीन वर्तमान में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कुल कितने-कितने बच्चे हैं? आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरित साप्ताहिक मीनू सहित केन्द्रवार एवं परियोजनावार पृथक-पृथक बतावें। (ख) डबरा विधानसभा में कितने-कितने आंगनवाड़ी केंद्र शासकीय/निजी भवनों में संचालित हैं? परियोजनावार संख्या बताएं तथा आंगनवाड़ी केंद्र हेतु कितने क्षेत्रफल का निजी भवन किराए से प्रतिमाह कितनी राशि में किस सक्षम अधिकारी की स्वीकृति उपरान्त लेने का प्रावधान है? आदेश/नियम की प्रति देवें तथा भवन विहीन केन्द्रों पर भवन बनाने हेतु क्या कार्य योजना तैयार की गई? कब वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु विभिन्न सामग्री क्रय करने हेतु जिला स्तर पर गठित समिति में कौन-कौन है? वर्ष 2022-23 से 2024-25 में क्रय समिति की बैठक किस-किस दिनांक को आयोजित की गई? जिसमें कौन-कौन सी सामग्री किस दर से कितनी-कितनी मात्रा में कहाँ-कहाँ से खरीदी गई? किस फर्म को कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया? वर्षवार बताएं एवं क्रय सामग्री आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु परियोजनावार किस दिनांक को वितरित की गई? परियोजनावार एवं वर्षवार बताएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) डबरा विधानसभा अन्तर्गत संचालित परियोजना डबरा 01 के आंगनवाड़ी केन्द्रों में 11,859 तथा परियोजना डबरा -02 में 12,280 बच्चे दर्ज हैं। परियोजना अन्तर्गत संचालित समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदायित पूरक पोषण आहार के मैन्यू की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -01 पर है। (ख) डबरा विधानसभा अन्तर्गत परियोजना डबरा क्र. 01 में 67 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवन में, 23 अन्य शासकीय भवन में एवं 36 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में (निजी भवन) तथा परियोजना डबरा क्र. 02 अन्तर्गत 55 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवन में, 32 अन्य शासकीय भवन में एवं 40 आंगनवाड़ी केन्द्र निजी भवन में संचालित हैं। आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु किराये के भवन के लिये क्षेत्रफल, भवन किराया एवं सक्षम अधिकारी संबंधी शासन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 पर है। जिला ग्वालियर से 96 भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए नवीन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों तथा शासकीय भूमि की उपलब्धता पर निर्भर करता है। जिसकी समय-सीमा दिया जाना सम्भव नहीं है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं। (ग) जिला स्तर पर विभिन्न सामग्री क्रय हेतु समिति गठित की गई हैं। समिति गठन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 03 पर है। वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 में आयोजित क्रय समिति की बैठक एवं क्रय की सामग्री की मात्रा, दर एवं राशि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 04 पर है एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों को परियोजनावार एवं वर्षवार प्रदायित सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 05 पर है।
डाटा एंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
42. ( क्र. 2050 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मप्र शासन,योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा संभागीय/जिला योजना सांख्यिकी कार्यालयों के लिए वर्ष 2010 में 50 जिलों में 1-1 एवं 2016 में 1 अन्य (आगर-मालवा नवनिर्मित जिलों के लिए) कुल 51 पद वेतनमान बैंड 5200-20200+2400 ग्रेड पे पर डाटाएन्ट्री आपरेटर के स्वीकृत किए गये थे। इन पदों पर प्रदेश के कितनें जिलों में नियुक्ति की गई थी? नियुक्त सभी डाटाएन्ट्री आपरेटर के नाम, प्रथम नियुक्ति दिनांक एवं जिला की जानकारी प्रदाय करें। (ख) इनकी नियुक्ति वेतनमान में क्यों नहीं की गई? जबकि ये पद वेतनमान बैंड 5200-20200+2400 ग्रेड पे पर स्वीकृत है। (ग) वर्ष 2013 में संविदा वृद्धि के समय विषयांतर्गत संबंधित मूल नस्ती योआसां विभाग में तथा संचालनालय में बहुत ढूंढ़ने पर उपलब्ध नहीं हो पाई हैं विधानसभा प्रश्न क्र. 740 (तारांकित प्रश्न) दिनांक 20/12/2022 के उत्तर में विभाग द्वारा गलत जानकारी प्रेषित करने का क्या कारण हैं? (घ) संचालनालय द्वारा वर्ष 2017 से संविदा वृद्धि एवं पद को विभागीय सेटअप में लेने संबंधित नस्ती क्र.45-क मि दिनांक 02.09.2021 को अनुमोदन हेतु संक्षेपिका संलग्न कर मूल नस्ती आपकी ओर प्रेषित की गई है इसे मंत्री परिषद के समक्ष कब तक प्रस्तुत किया जायेगा? (ड.) संचालनालय द्वारा पत्र दिनांक 06-09-2019 के माध्यम से शासन द्वारा डाटाएन्ट्री आपरेटर को सहायक ग्रेड-3 के पदों में संविलियन करने के लिए संबंधित जिलों से अर्हता संबंधी जानकारी मांगी गई है। इसे अनुमोदन हेतु नस्ती मंत्री परिषद के समक्ष कब प्रस्तुत कि जायेगी? (च) नवनिर्मित कुल 51 पद डाटाएन्ट्री आपरेटर के स्वीकृत होने के बावजूद दिनांक 23/05/2016 में शासन द्वारा विभाग के लिपिक संवर्ग के पद के विरूद्ध इनकी संविदा वृद्धि करने का क्या कारण हैं? (छ) शासन द्वारा 2018 में संविदा वृद्धि न करने का हवाला देकर आयुक्त ने इनकों कार्य नहीं करने दिया। 2017 से संविदा वृद्धि न करने का मप्र शासन, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग मंत्रालय का आदेश की प्रति उपलब्ध करें। (ज) संचालनालय द्वारा पत्र दिनांक 28-08-2017 के माध्यम से डाटा एन्ट्री आपरेटर एवं दैनिक वेतन भोगी की ईपीएफ कटोत्रा के लिए जानकारी मांगी गई। ईपीएफ की राशि कर्मचारी के यूएएन खाते में कब तक जमा कर दी जायेगी?
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ज) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रतिनियुक्ति की जानकारी
[गृह]
43. ( क्र. 2077 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस मुख्यालय, भोपाल के आदेश क्रमांक-पुमु/3/कार्मिक/4/686/2021 दिनांक 09.02.2021 अनुसार पुलिस विभाग की विभिन्न शाखाओं/इकाईयों में प्रतिनियुक्ति/स्थानांतरण किया जाता है। यदि हाँ, तो प्रतिनियुक्ति की शर्त एवं नियम क्या है एवं अधिकतम और न्यूनतम अवधि कितने वर्ष की है एवं प्रतिनियुक्ति/स्थानांतरण अवधि पूर्ण होने के उपरांत मूल इकाई वापिस किये जाने संबंधी कार्यवाही किस शाखा/इकाई द्वारा की जाती है? उक्त शर्तों के अनुसार पदोन्नति उपरांत नक्सलवाद क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति पर जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने पुलिसकर्मी है जो अभी तक नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति पर नहीं गये है। कृपया नाम/पद/एवं पदस्थी स्थान सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) परिपत्र अनुसार प्रश्न दिनांक तक पुलिस विभाग की किस किस शाखा/इकाई में कितने अधिकारी/कर्मचारी प्रतिनियुक्ति/स्थानांतरण पर पदस्थ होकर कार्यरत है? कितनों की अवधि पूर्ण हो चुकी है? अवधि पूर्ण होने के उपरांत समयावधि में प्रश्न दिनांक तक कितनों को उनकी मूल इकाई वापिस किया गया एवं कितनों को मूल इकाई वापिस नहीं किया गया? (इकाईवार/शाखावार सूची सहित जानकारी दें) समयावधि पूर्ण होने के उपरांत वापिस न करने का कारण बतावे एवं वापिस कब तक किया जावेगा? (ग) कितने अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा अपनी मूल इकाई वापिस जाने हेतु माध्यम से आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये हैं? उन आवेदन पत्रों पर कितने अधिकारी/कर्मचारियों को उनकी मूल इकाई में वापिस किया गया? कितनों को वापिस नहीं किया गया (इकाईवार/शाखावार सूची सहित जानकारी दें)? (घ) नक्सल प्रभावित जिलों से कितने अधिकारी/कर्मचारी अपने जिलो से अन्यत्र प्रतिनियुक्ति/स्थानांतरण पर पदस्थ है? कितनों की अवधि पूर्ण हो चुकी है? फिर भी उन्हें उनकी मूल इकाई वापिस नहीं किया गया है? वापिस न किये जाने के कारण सहित शाखावार सूची सहित जानकारी दे? उन्हें उनकी मूल इकाई कब तक वापिस किया जावेगा स्पष्ट जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
शराब की अवैध बिक्री पर रोक
[वाणिज्यिक कर]
44. ( क्र. 2085 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी विभाग जिला सागर द्वारा नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अवैध शराब बिक्री रोकने के संबंध में अप्रैल वर्ष-2025 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कार्यवाही की गई है? (ख) क्या अवैध शराब बिक्री को रोकने के लिये विभाग की क्या योजना है तथा विभाग विशेष दल गठित कर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) यदि अवैध शराब की बिक्री एवं निर्माण के संबंध में कार्यवाही की है तो विगत 01 वर्ष में कितने प्रकरण दर्ज किये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित विभाग द्वारा कितने प्रकरणों में अपराधियों को सजा/दण्ड मिला?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 01.04.2025 से 15.07.2025 तक अवैध शराब बिक्री के संबंध में निरंतर कार्यवाही कर कुल 40 न्यायालयीन प्रकरण कायम किये गये हैं। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा अवैध शराब की बिक्री पर नियंत्रण रखे जाने के उद्देश्य से समय-समय पर दल गठित कर कार्यवाही की गयी है तथा निरंतर जारी रहेगी, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) विगत 01 वर्ष में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अवैध शराब की बिक्री एवं निर्माण संबंधी कुल 194 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कायम प्रकरणों में से 180 प्रकरणों में आरोपियों को माननीय न्यायालय द्वारा अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
कार्यालय एवं ट्रेनिंग हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 2089 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा वारासिवनी अंतर्गत विकासखंड वारासिवनी एवं खैरलांजी में परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास कार्यालय हेतु स्वयं का शासकीय भवन नहीं है और न ही कोई ट्रेनिंग सेंटर भवन स्थापित है? यदि हाँ, तो क्या म.प्र. शासन वारासिवनी एवं खैरलांजी विकासखंडों में परियोजना अधिकारी कार्यालय एवं ट्रेनिंग हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। (ख) क्या विभाग स्तर पर भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो कब से लंबित है एवं क्यों? इस पर स्वीकृति की कार्यवाही कब तक की जाएगी? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत शासकीय भवन अनुपलब्धता की स्थिति में बाल विकास परियोजना कार्यालयों को किराए के भवनों में संचालित करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा निर्धारित किराया दर क्या है एवं इसके भुगतान के क्या नियम हैं? क्या इससे शासन को आर्थिक क्षति हो रही है? यदि हाँ, तो क्षतिपूर्ति को रोकने हेतु क्या प्रयास किए जाएंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ, बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय एवं ट्रेनिंग सेंटर भवन के निर्माण की योजना वर्तमान में विभाग द्वारा संचालित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, विधानसभा वारासिवनी से कोई परियोजना अधिकारी कार्यालय एवं ट्रेनिंग हेतु भवन निर्माण प्रस्ताव प्राप्त नहीं है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, किराये के संबंध में शासनादेश व भुगतान नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित भर्ती एवं प्रवेश परीक्षाएं
[सामान्य प्रशासन]
46. ( क्र. 2093 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रश्न दिनांक अवधि तक म.प्र. कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा कुल कितनी भर्ती परीक्षा एवं प्रवेश परीक्षा हेतु विज्ञापन जारी कर ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए? उनमें से कितनी परीक्षाएं आयोजित की गईं एवं कितनी स्थगित/रद्द की गई एवं निर्धारित शुल्क राशि क्या थी? वित्तीय वर्षवार, परीक्षावार अभ्यर्थियों की संख्यात्मक तालिका मय जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत विज्ञापित परीक्षाओं के अभ्यर्थियों द्वारा जमा की गई शुल्क से शासन को कितनी राजस्व की प्राप्ति हुई एवं उस राशि का उपयोग किस-किस मद में किन प्रयोजनों पर व्यय किया गया? आय एवं व्यय का विवरण वित्तीय वर्षवार प्रदान करें। (ग) क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान द्वारा यह घोषणा की गई थी कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को वर्ष में केवल एक बार पंजीयन शुल्क देना होगा, अलग-अलग परीक्षाओं हेतु अलग-अलग शुल्क से छूट मिलेगी? यदि हाँ, तो क्या इस घोषणा पर अमल किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या सरकार बेरोजगार युवक-युवतियों के हित में इस घोषणा पर अमल करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। उक्त अवधि में समूह-5 2020, समूह-2 उपसमूह-4 2020 एवं किसान कल्याण कृषि विकास अधिकारी 2020 की परीक्षाएं, निर्धारित परीक्षा तिथि को निरस्त की जाकर पुन: आयोजित की गई थी। (ख) अभ्यर्थियों द्वारा जमा शुल्क से शासन को राजस्व प्राप्त नहीं होता है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
विभाग की संचालित योजनाएं
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
47. ( क्र. 2099 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? योजनाओं के नाम सहित संपूर्ण विवरण की जानकारी उपलब्ध करावें। 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रमुख योजनाओं से रोजगार के कितने अवसर सृजित किए गए हैं और कौन-कौन से उद्योगों को बढ़ावा दिया गया है? जिलेवार जानकारी देवें एवं कितना-कितना रेशम का उत्पादन कहाँ-कहाँ हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने, हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं और इन उद्योगों को बाजार में उपलब्ध कराने हेतु क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में भी रेशम उद्योग, दरी, कालीन एवं अन्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं एवं विभाग की कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी रेशम केन्द्रों की भूमि, भवन, संपत्ति उपलब्ध है? सर्वे नंबर, ग्रामवार, तहसीलवार जानकारी देवें तथा वर्तमान में किन-किन व्यक्तियों के अतिक्रमण हैं? विभाग द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री महोदय का एवं विभागीय मंत्री जी द्वारा सिरोंज के दरी उद्योग को बढ़ावा देने हेतु कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए? इस हेतु विभाग द्वारा सिरोंज में दरी, कालीन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए क्या-क्या कार्यवाहियां की गईं? क्या परिणाम आए? भविष्य की क्या कार्ययोजना है? बतावें। (ड.) प्रश्नांश (क) के संदर्भ भोपाल, रीवा, ग्वालियर संभाग में विभाग के कार्यालय कहाँ-कहाँ संचालित हैं? कितना स्टाफ कहाँ-कहाँ पदस्थ है? नाम, पदस्थी दिनांक सहित जानकारी देवें। विभाग का सिरोंज नगर में संचालित कार्यालय क्या हमेशा बंद रहता है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? कारण सहित जानकारी देवें।
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित योजनाओं की जानकारी योजनाओं के नाम सहित संपूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक जिलेवार लाभान्वित हितग्राहियों एवं उद्योगों के स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में संलग्न योजनाओं के अंतर्गत खादी तथा ग्रामोद्योगों और हस्तशिल्पियों एवं हाथकरघा बनुकरों को प्रशिक्षण एवं उन्नत उपकरण, आवश्यक मशीनें प्रदाय की जाती हैं तथा समय-समय पर मेला/प्रदर्शनी का राज्य स्तर, संभागीय स्तर, जिला स्तर पर आयोजन कर भागीदारी तथा बाजार उपलब्ध कराया जाता है। (ग) विदिशा जिले में भी दरी/कालीन उद्योग को बढ़ावा देने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है। विदिशा जिले में रेशम उद्योग को बढ़ावा देने हेतु ई-रेशम पोर्टल के माध्यम से नवीन हितग्राहियों को रेशम योजना से जोड़ने हेतु पंजीकरण व अन्य विभागीय योजनाओं को प्रदान करने संबंधी गतिविधियां व लोक कल्याण शिविरों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाता है। विदिशा जिले में दो रेशम केन्द्र विभाग द्वारा संचालित हैं। 4 रेशम केन्द्र बंद होने के कारण इन केन्द्रों की सम्पत्ति का हस्तांतरण जिला कलेक्टर को किया जा चुका है। 12 बंद रेशम केन्द्रों की सम्पत्ति जिला कलेक्टर को हस्तांतरण की कार्यवाही प्रचलन में है। विभाग द्वारा संचालित केन्द्रों में किसी भी व्यक्ति का अतिक्रमण नहीं है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही राजस्व विभाग के माध्यम से की जाती है। जिले के रेशम केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में दरी उद्योग को बढ़ावा देने हेतु विभाग में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ड.) भोपाल, रीवा एवं ग्वालियर संभाग में पदस्थ विभागीय अमले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। सिरोंज नगर में विभाग का कोई कार्यालय संचालित नहीं है। धागाकरण इकाई है जो कार्यालय की श्रेणी में नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों के स्थानांतरण की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
48. ( क्र. 2110 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन द्वारा कर्मचारियों से स्थानांतरण हेतु ऑनलाइन आवेदन निश्चित तिथि तक मंगाये गये? ऑनलाइन हेतु शासन द्वारा निर्धारित शर्तें दी गईं पर कोई भी ट्रांसफर ऑनलाइन नहीं हुये, क्या यह सही है? सभी स्थानांतरण ऑफलाइन वाले हुए हैं? (ख) क्या शासन द्वारा स्वैच्छिक एवं प्रशासनिक स्थानांतरणों को नियम के तहत किया गया? यदि हाँ, तो प्रशासनिक स्थानांतरणों में कई वर्षों से लगे कर्मचारियों को उनकी शिकायत पर भी नहीं हटाया गया जबकि कई कर्मचारियों को एक वर्ष के अंदर ही बिना शिकायत के हटाया गया, क्यों? (ग) स्वैच्छिक स्थानांतरण में नियमानुसार पति-पत्नी एक ही जगह होने की प्राथमिकता रही है और कम से कम तीन वर्ष के पश्चात ही स्थानांतरण होगा लेकिन पति पत्नी का ऑनलाइन फार्म पर स्थानांतरण नहीं किया गया? कुछ महीने पहले उनका स्थानांतरण किया गया, ऐसा क्यों और कैसे? (घ) क्या शासन, कितने स्थानांतरण ऑनलाइन फार्म भरने वालों के हुये कितने ऑफलाइन के जांच करायेगी एवं हर विभाग की संख्या बतायें। किस-किस विभाग से महिला कर्मचारियों के कितने आवेदन प्राप्त हुये, कितनों के स्थानांतरण हुये? कृपया संख्या बतायें। यदि नहीं, तो किये तो कारण बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खनिज प्रतिष्ठान की राशि का उपयोग
[खनिज साधन]
49. ( क्र. 2147 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में गत 2 वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्ठान को किस वर्ष में कितनी राशि प्राप्त हुई, उसमें से कितनी राशि किस कार्य पर खर्च की गई, राशि खर्च किए जाने की अनुशंसा किस के द्वारा दी गई? (ख) प्रश्नकर्ता के द्वारा गत दो वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्ठान की राशि से किस-किस कार्य का सुझाव या अभिमत दिया गया या अनुशंसा की गई? उसमें से कितनी राशि का कौन-सा कार्य स्वीकृत किया है? (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान की राशि से किए जाने वाले कार्यों का चयन करने हेतु मैनुअल में क्या-क्या प्रावधान दिया है? उस प्रावधान में जिले के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा, सुझाव, अभिमत को महत्व दिए जाने बाबत् क्या-क्या उल्लेख है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद जिला धार में गत 02 वर्षों में प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर दर्शित है। प्राप्त राशि से स्वीकृत कार्यों पर कार्यवार व्यय राशि की कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर दर्शित है। जिला खनिज प्रतिष्ठान मद अंतर्गत स्वीकृत कार्यों पर व्यय की अनुमति न्यास मण्डल अध्यक्ष द्वारा दी जाती है। (ख) माननीय विधायक महोदय विधानसभा क्षेत्र मनावर द्वारा जिला खनिज प्रतिष्ठान मद अंतर्गत प्राप्त प्रस्तावों की कार्य सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर दर्शित है। प्राप्त प्रस्तावों में स्वीकृत कार्य एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द पर दर्शित है। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान की राशि के संबंध में म.प्र. राजपत्र क्रमांक 313 दिनांक 28 जुलाई 2016 मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 13 के तहत निधियों का उपयोग शीर्षों के अधीन किया जाता है। जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 5 एवं संशोधन असाधारण नियम 7 के उप-नियम (2) के खण्ड (छ) में प्रावधान अनुसार मण्डल से अनुमोदन के पश्चात वार्षिक कार्ययोजना तैयार की जाती है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के भवनों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
50. ( क्र. 2159 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत स्वयं के कितने कार्यालय भवन निर्मित हैं तथा कितने कार्यालय, भवन विहीन हैं? पूर्व से निर्मित भवनों की वर्तमान में क्या स्थिति है? शेष भवन कब तक निर्मित होंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में भवन विहीन कार्यालय संचालन में सम्पूर्ण प्रदेश में प्रतिमाह कितनी राशी भवन किराए पर व्यय हो रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत 575 कार्यालय विभागीय भवनों में संचालित हैं। 345 कार्यालय विभागीय भवन विहीन है। पूर्व से निर्मित कार्यालय भवनों की वर्तमान में स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिला कार्यालय, परियोजना कार्यालय के भवन निर्माण की कोई योजना विभाग अन्तर्गत संचालित नहीं है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में सम्पूर्ण प्रदेश में संचालित कार्यालयों के लिए प्रतिमाह राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खनिज अधिकारी के अधिकारों का जियोलॉजिस्ट द्वारा उपयोग
[खनिज साधन]
51. ( क्र. 2204 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में प्रचलित एम.एम.आर.डी. एक्ट 1957 एवं गौण खनिज से संबंधित नियमों में जिला खनिज अधिकारी को क्या-क्या अधिकार किस-किस विषय पर दिए हैं? जिला खनिज अधिकारी को दिए अधिकार शासन किस-किस को अन्तरित कर सकता है? (ख) राज्य के किस जिले में जियोलॉजिस्ट जिला खनिज अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं? उन्हें किस अधिसूचना दिनांक से जिला खनिज अधिकारी को दिए गए अधिकारों का उपयोग किए जाने हेतु राज्य शासन ने अधिकृत किया है? अधिसूचना की प्रति सहित बतावें। (ग) जिला खनिज अधिकारी को सौंपे गए अधिकारों का जियोलॉजिस्ट द्वारा उपयोग किए जाने पर शासन को किस प्रावधान के अनुसार संबंधित जियोलॉजिस्ट के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही करनी चाहिए? (घ) जिला खनिज अधिकारी के पद पर पदस्थ जियोलॉजिस्टों को कब तक हटाया जावेगा? समय-सीमा सहित बताने का कष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नाधीन एक्ट की धारा 23बी तलाशी लेने की शक्ति, 21 (3) - अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन कर खनन हेतु अतिक्रमण को बेदखल करना एवं 22-माननीय न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत करना तथा मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 (16) -विकृत अभिवहन पारपत्र पर शास्ति अधिरोपित करना, नियम 68 (6) - परिवहन अनुज्ञा स्वीकृति हेतु खनि अधिकारी को पृथक से अधिकार अधिसूचित है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 तथा मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 में प्रभारी अधिकारी खनिज शाखा को दिए गए अधिकार का उपयोग करने हेतु खनि अधिकारी अधिकृत है। अधिकारों का अंतरण का प्रावधान नहीं है। (ख) शासन द्वारा सहायक भौमिकीविद् (असिस्टेंट जियोलॉजिस्ट) की जिलों में पदस्थ करने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। शासन द्वारा इनकी पदस्थापना जिला खनिज अधिकारी के रूप में नहीं की गई है, इनकी पदस्थापना प्रभारी अधिकारी खनिज शाखा के रूप में जिलों में की गई है। इन्हें जिला खनिज अधिकारी को दिए गए अधिकारों का उपयोग किए जाने हेतु राज्य शासन द्वारा कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में प्रश्नानुसार कोई प्रस्ताव न होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति
[वित्त]
52. ( क्र. 2209 ) श्री बाला बच्चन : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश पर दिनांक 31-03-2025 की स्थिति में कुल कितना कर्ज है? दिनांक 31-03-2026 की स्थिति में संभावित कर्ज की जानकारी भी देवें। वर्ष 2021-22, 22-23, 23-24 एवं 24-25 में कितना ब्याज दिया गया, की जानकारी भी वर्षवार देवें। (ख) क्या कारण है कि वर्ष 2024-25 में तय प्रतिशत की सीमा से अधिक कर्ज लिया गया? पूर्ण विवरण देकर बतावें कि इसके लिए जो अनुमति ली गई उसकी प्रमाणित प्रति देवें। दिनांक 31-03-2024 व 31-03-2025 की स्थिति में राज्य सरकार का कर्ज कुल जी.डी.पी. के कितने प्रतिशत है? पृथक-पृथक देवें। (ग) केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2022-23, 23-24 एवं 24-25 में कब-कब, कितनी राशि किस ब्याज दर पर कर्ज के रूप में दी गई, की जानकारी वर्षवार, कर्ज राशि, ब्याज दर सहित देवें। इस अवधि में अन्य संस्थानों से लिए कर्ज की जानकारी भी इसी अनुसार देवें। केंद्र सरकार से जी.एस.टी. प्रतिपूर्ति की कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक म.प्र. शासन को लेना शेष है? (घ) वर्ष 2022-23, 23-24 एवं 24-25 की कितनी कर्ज राशि अनुपयोगी रही की जानकारी वर्षवार देवें। क्या कारण है कि इस राशि का उपयोग किए बिना भी कर्ज लिया जाता रहा?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश शासन पर कुल कर्ज की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये, 31 मार्च 2024 तक की स्थिति में, वित्त लेखे के Statement No.17 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से दिनांक 31.03.2025 की स्थिति में कुल कर्ज की अंकेक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। तथापि वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट साहित्य के वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार राज्य सरकार पर कुल ऋण राशि की स्थिति, वित्तीय वर्ष 2024-25 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2025-26 का बजट अनुमान तथा दिनांक 31.03.2026 की स्थिति में संभावित कर्ज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2024-25 में तय प्रतिशत की सीमा से अधिक कर्ज नहीं लिया गया। दिनांक 31.03.2024 व 31.03.2025 की स्थिति में राज्य सरकार का कर्ज, कुल जी.डी.पी. के क्रमश: 29.99 प्रतिशत तथा 30.74 प्रतिशत (पुनरीक्षित अनुमान) है। (ग) केन्द्र सरकार तथा अन्य संस्थानों द्वारा वर्ष 2022-23 एवं 23-24 में दिये गये कर्ज की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्त लेखे वर्ष 2022-23 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है) एवं वर्ष 2023-24 के खण्ड 2 के Statement No. 17 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। राज्य सरकार द्वारा लिये गये ऋणों पर ब्याज भुगतान का विवरण (वर्ष 2022-23 तथा वर्ष 2023-24 का लेखा एवं वर्ष 2024-25 पुनरीक्षित अनुमान, की जानकारी वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26) के बजट साहित्य की पुस्तिका क्र.-06 में उपलब्ध है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। केन्द्र सरकार से जी.एस.टी. प्रतिपूर्ति हेतु बजट अनुमान की राशि की जानकारी राजस्व प्राप्तियां तथा लोक-लेखा के विस्तृत अनुमान 2025-26 के बजट साहित्य की पुस्तिका खण्ड-2 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के वित्त लेखे नियंत्रक महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से अंकेक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नि:शक्त शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी को पदोन्नति में आरक्षण
[सामान्य प्रशासन]
53. ( क्र. 2228 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा विभिन्न निर्णयों में नि:शक्त शासकीय अधिकारी, कर्मचारी को पदोन्नति में आरक्षण देने के निर्देश दिए हैं? (ख) क्या इस संबंध में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने आवेदन प्रस्तुत करे हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन की नवीन पदोन्नति नीति 2025 में नि:शक्त शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण प्रदान करने का प्रावधान किया गया है? यदि नहीं, किया गया है तो क्यों नहीं किया गया है? क्या इसका प्रावधान किया जायेगा? (घ) क्या सर्वोच्च न्यायालय के किसी अन्य प्रकरण में दिए निर्देश का पालन करना राज्य शासन के लिए आवश्यक नहीं है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नि:शक्त शासकीय अधिकारी, कर्मचारी को पदोन्नति में आरक्षण देने के संबंध में कोई निर्देश की जानकारी नहीं है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिला एवं बाल विकास अंतर्गत कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी
[महिला एवं बाल विकास]
54. ( क्र. 2233 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में किस-किस पद पर वर्तमान में कितने कर्मचारी आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत हैं? (ख) सितम्बर 2024 में आयोजित कैबिनेट बैठक के निर्णय जिसमें अस्थायी पदों की निरंतरता दिनांक 31.01.2026 तक जारी रखने के परिपालन में महिला एवं बाल विकास विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए क्या कार्यवाही की गई? (ग) महिला एवं बाल विकास में HUB अंतर्गत प्रत्येक जिले में कई पद स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें भर्ती की कार्यवाही प्रचलित है। प्रश्नांश (क) में कार्यरत कर्मचारियों को HUB के लिये स्वीकृत पदों के विरूद्ध सेवा में लिये जाने की कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो कार्ययोजना कब तक लागू की जावेगी? कृपया समयावधि बताएं। (घ) सरकार के संकल्प पत्र में अस्थायी/आउटसोर्स कर्मचारियों को संविदा का लाभ दिये जाने के संबंध में की गई घोषणा के क्रियान्वयन में महिला एवं बाल विकास विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निरंक। (ग) जी हाँ। वर्तमान में ऐसी कोई कार्ययोजना नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निरंक
पात्र अधिकारियों को समयमान वेतनमान के लाभ का प्रदाय
[महिला एवं बाल विकास]
55. ( क्र. 2234 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य के सिविल सेवा के सदस्यों को सेवा में आगे बढ़ने के निश्चित अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग, वल्लभ भवन, मंत्रालय, भोपाल के द्वारा ज्ञाप क्रमांक: एफ (11-1/2008/नियम/चार भोपाल, दिनांक 24.01.2008 एवं समसंख्यक ज्ञापन दिनांक 30.9.2014 एवं दिनांक 21.09.2016 द्वारा समयमान वेतनमान दिये जाने हेतु नियम/निर्देश जारी किये गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित नियमों के परिप्रेक्ष्य में महिला एवं बाल विकास विभाग के पात्र अधिकारियों को समयमान वेतनमान क्यों नहीं दिया गया? इसके लिए कौन दोषी हैं और क्या दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग के पात्र अधिकारियों को कब तक समयमान वेतनमान दिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) महिला एवं बाल विकास विभाग के पात्र अधिकारियों को पात्रता अनुसार निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर इनके वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन एवं विभागीय जांच इत्यादि की जानकारी प्राप्त कर तद्नुसार समयमान वेतनमान दिये जाने की कार्यवाही नियमित रूप से की जाती है। इसके लिये कोई दोषी नहीं है। शेष का प्रश्न ही नहीं। (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग के पात्र अधिकारियों/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान नियमानुसार दिया जा रहा है।
वित्तीय मामलों में कंसल्टेंसी के लिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट की नियुक्ति
[वित्त]
56. ( क्र. 2236 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग ने वित्तीय मामलों की कंसल्टेंसी के लिये फाइनेंशियल एक्सपर्टस की फर्म को नियुक्त किया है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त के लिये किस कंसल्टेंसी फर्म से किन शर्तों पर अनुबंध किया गया है अथवा किया जाना है? (ग) उपरोक्त कंसल्टेंसी के लिये संबंधित फर्म को कितना अग्रिम दिया गया है तथा बाद में कितनी राशि का भुगतान किया जाएगा?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) KPMG Advisory Services Private Limited से सलाहकार की नियुक्ति हेतु अनुबंध किया गया है। अनुबंध की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) संबंधित फर्म को अग्रिम भुगतान नहीं किया गया है। फर्म द्वारा मासिक देयक प्रस्तुत करने पर भुगतान किया जायेगा।
कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
57. ( क्र. 2254 ) श्रीमती गंगा सज्जन सिंह उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में विभिन्न कंपनियों के माध्यम से सी.एस.आर. फंड की राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 03 वर्ष में सी.एस.आर. फंड से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य के लिए प्राप्त हुई है? पूर्व विवरण देवें। (ग) क्या सारणी स्थित कोल इंडिया प्रा.लि. द्वारा बैतूल जिले को सी.एस.आर. फंड की राशि प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में विगत 03 वर्ष के भीतर किस-किस संस्था को किस कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? पूर्व विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। CSR की राशि शासन को प्राप्त नहीं होती है। भारत सरकार के कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 अनुसार किसी वित्तीय वर्ष के दौरान पांच सौ करोड़ रुपये या अधिक के शुद्ध मूल्य वाली या एक हजार करोड़ रूपये या अधिक के आवर्त वाली या पांच करोड़ रुपये या अधिक के शुद्ध लाभ वाली प्रत्येक कम्पनी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि कम्पनी प्रत्येक वित्तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्तीय वर्षों के दौरान किए गये कम्पनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम दो प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व नीति के अनुसरण में खर्च करें। कंपनी द्वारा CSR से संबंधित राशि स्वयं व्यय की जाती है। (ख) पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लि. द्वारा जिलाधिकारी बैतूल को प्रेषित पत्र अनुसार विगत 3 वर्ष में सी.एस.आर. फण्ड अंतर्गत किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-”अ” अनुसार है। (ग) सारणी स्थित कोल इंडिया प्रा.लि. द्वारा बैतूल जिले में सी.एस.आर. फण्ड अंतर्गत व्यय की गई राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-”ब” अनुसार है तथा घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वर्षों में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड़ द्वारा CSR मद में किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-”स” अनुसार है।
पदोन्नति में आरक्षण नियम लागू किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
58. ( क्र. 2281 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पदोन्नति में आरक्षण नियम 1917 जिसे एडवोकेट मनोज गोरकेला द्वारा तैयार कर सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्तुत किया गया था, अब तक लागू क्यों नहीं किया गया है? क्या कारण है कि यह नीति अभी तक प्रभावी नहीं हुई है? (ख) क्या सरकार इस बात को स्वीकार करती है कि इस नियम के अभाव में अ.जा., अ.ज.जा., पि.वर्ग व सामान्य वर्ग के सभी अधिकारी/कर्मचारी समय पर पदोन्नति से वंचित हो रहे हैं? सरकार इस स्थिति को सुधारने के लिये क्या ठोस कदम उठा रही है? (ग) क्या विभाग द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार संविदा कर्मचारियों के लिये वर्ष 2023 तक नीति लागू की गई थी? यदि हाँ, तो कितने विभाग द्वारा मान्य नहीं किया गया है? यदि नहीं, तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (घ) क्या वर्ष 2023 की संविदा नीति में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितने संविदा कर्मचारियों की मृत्यू हुई है और कितने संविदा कर्मचारियों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया गया है? (ड.) पंचायत विभाग में संचालित योजनाओं में संविदा कर्मचारियों को वर्ष 2024-25 में उनके मानदेय में 3.87 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी, किस-किस विभाग द्वारा उक्त मानदेय वृद्धि का लाभ दिया जा चुका है? विभागवार जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समाचार पत्र द्वारा गोपनीयता भंग कर समाचार का प्रकाशन
[जनसंपर्क]
59. ( क्र. 2282 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र जुलाई 2024 के दौरान दिनांक 03 जुलाई 2024 को स्थानीय समाचार पत्र महाकौशल एक्सप्रेस के संपादक द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा तारांकित प्रश्न को समय से पूर्व प्रकाशित कर प्रश्न की गोपनीयता भंग की है? यदि हाँ, तो ऐसे प्रकरणों में शासन द्वारा दोषी व्यक्ति के विरूद्ध किस प्रकार की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? आदेश, निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रकरण की जाँच हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर सिवनी को पत्र क्र. 1643 दिनांक 26/04/2025 लिखा गया था, जिसमें जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा दोषपूर्ण जाँच किये जाने पर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जनसंपर्क विभाग से विधानसभा प्रश्न के संबंध में किसी को भी किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गयी है। अत: विभाग स्तर से गोपनीयता भंग करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क” के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहडोल जिलांतर्गत संचालित खदानें
[खनिज साधन]
60. ( क्र. 2287 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में कोयला, बॉक्साइट स्टोन, आयरन तथा अन्य खनिजों के भण्डार विद्यमान हैं तथा अनेक खदाने संचालित हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में शहडोल जिले में कुल कितनी खदानें स्थित हैं? उनका प्रकारवार व खसरा अनुसार रकवा (हेक्टेयर में), ग्रामवार विवरण सहित प्रस्तुत किया जाये। (ख) उक्त खदानों में से वर्तमान में कितनी खदानें सक्रिय रूप से संचालित हैं? उनका नाम, संचालनकर्ता कंपनी, एजेंसी तथा रकवे का विवरण दिया जाये। (ग) वित्तीय वर्ष 2020-21 से वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 तक प्रत्येक खदान से शासन को प्राप्त राजस्व (रॉयल्टी/लीज आदि) की राशि का वर्षवार विवरण दिया जाये। (घ) उक्त खनिज राजस्व उपयोग शासन द्वारा किन-किन कार्यों (जैसे सड़क, स्वास्थ्य, स्कूल, रोजगार, विकास, पुनर्वास, सी.एस.आर. आदि) में किया गया? उसका योजनावार विवरण एवं संबंधित खदानों एवं खनिज भण्डारों से प्रभावित ग्रामों एवं निवासियों को शासन द्वारा मापदण्ड अनुसार क्या-क्या सुविधायें प्रदान की गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में कोयला एवं अन्य खनिजों के 19 खनिपट्टे तथा 123 उत्खनिपट्टे कुल 142 खदानें संचालित है। प्रश्नाधीन जिले में बॉक्साइट एवं आयरन ओर के भण्डार नहीं है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित खदानों में से वर्तमान में 83 खदानें संचालित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर दर्शित है। (घ) खनिज राजस्व राज्य की संचित निधि में जमा किये जाने का प्रावधान है। इस राशि का प्रश्नानुसार उपयोग करने तथा इससे प्रश्नानुसार सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है।
विधायक प्रोटोकॉल का उल्लंघन
[सामान्य प्रशासन]
61. ( क्र. 2308 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक दिसम्बर 2023 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा हरदा जिले के विभिन्न विभागों को प्रेषित किये गये पत्रों का जबाव विभाग द्वारा किन-किन पत्रों के माध्यम से प्रेषित किया गया है? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि पत्रों का जबाव प्रस्तुत नहीं किया गया है तो क्यों? (ख) क्या शासन द्वारा कब-कब विधायक प्रोटोकॉल के संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं? शासन द्वारा जारी समस्त नियमों/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। इन निर्देशों पर कलेक्टर जिला हरदा एवं अन्य विभाग प्रमुखों द्वारा क्या पत्र जारी किये गये हैं? इनकी प्रतियां भी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों का जबाव प्रस्तुत न किये जाने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किये जाने पर जिलाधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) पत्रों पर की गई कार्यवाही की सूचना संबंधित विभागों द्वारा माननीय विधायक को दी जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
अवैध प्रतिनियुक्ति एवं नियम विरूद्ध अनुसंधान के प्रकरण
[गृह]
62. ( क्र. 2327 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में रेडियो और एस.एफ. विभाग से राज्य साइबर सेल, भोपाल में प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त समस्त कर्मियों/अधिकारियों के नाम, प्रतिनियुक्ति आदेश दिनांक, प्रतिनियुक्ति की शर्तें, उनके मूल विभाग एवं विभाग द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र की स्थिति स्पष्ट करें। (ख) प्रश्न दिनांक तक कितने अधिकारी/कर्मचारी, जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो चुकी है, मूल विभाग द्वारा कार्यमुक्त नहीं किए गए हैं, ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पदनाम एवं कार्यमुक्त न करने वाले अधिकारियों के नाम बताएं। (ग) क्या प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारियों/ कर्मचारियों को अनुसंधान का अधिकार है? यदि हाँ, तो संबंधित शासन आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो नियम-विरुद्ध अनुसंधान करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए शासन के आदेश की प्रति प्रदान करें। वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन अधिकारियों ने साइबर सेल, भोपाल में अनुसंधान किया, किन मामलों में विवेचना की और किन मामलों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किए? नियम-विरुद्ध अनुसंधान के मामलों सहित ऐसे अधिकारियों के नाम और पदनाम बताएं। (घ) क्या प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने पर विभाग ऐसे अधिकारियों को तत्काल मूल विभाग में कार्यमुक्त करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा क्या है? यदि नहीं, तो कारण और कार्यमुक्त न होने की स्थिति में की गई कार्रवाई स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) सायबर एवं उच्च तकनीकी अपराध अनुसंधान का अधिकार निरीक्षक स्तर के अधिकारी का है। सूचना प्रोद्यौगिकी अधिनियम 2000 की धारा 78 के अनुसार अनुसंधान का कार्य करेंगे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। अतः वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक अनुसंधान मामलों में विवेचना एवं न्यायालय में चालान प्रस्तुत संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार। (घ) राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल में बल की कमी एवं कार्य की अधिकता होने के कारण किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को वापस नहीं किया गया है।
केन्द्रीय जेल के नये का भवन निर्माण
[जेल]
63. ( क्र. 2337 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर स्थित केन्द्रीय जेल के नये भवन निर्माण की कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो इसके निर्माण स्थल एवं कार्य प्रगति से अवगत करायें। (ख) क्या पुनर्घनत्वीकरण योजना में केन्द्रीय जेल सागर के नए भवन निर्माण की डी.पी.आर. तैयार कर साधिकार समिति द्वारा अनुमोदित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो यह कितनी राशि की है एवं कौन-कौन से कार्य कराया जाना है? (ग) क्या प्रश्नांश ‘‘ख” वर्णित कार्य की निविदा जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो इसकी समय-सीमा क्या थी और कार्य कब तक प्रांरभ का दिया जायेगा तथा कार्य पूर्ण किये जाने की समय-सीमा क्या है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, पुनर्घनत्वीकरण योजना अंतर्गत मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल के माध्यम से। नई जेल निर्माण हेतु ग्राम चितौरा में पटवारी हल्का नम्बर 56 खसरा नम्बर 411 एवं 448/1 की कुल 80.00 हेक्टेयर भूमि नवीन जेल के निर्माण कार्य हेतु आवंटित की गई है। (ख) जी नहीं। कार्य के डी.पी.आर. तैयार किये जा चुके हैं, साधिकार समिति से अनुमोदन होना शेष है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्य की निविदा जारी नहीं की गई है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राहतगढ़ थाना, सागर प्रकरण में अनुशासनात्मक कार्रवाई
[गृह]
64. ( क्र. 2405 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस कार्रवाई-राहतगढ़ थाना, जिला सागर में प्रकरण क्रमांक 274/2025 (दिनांक 16/5/2025) के संदर्भ में पार्षद पुष्पेंद्र मीणा द्वारा दिनांक 29/5/2025 को पुलिस अधीक्षक, सागर और थाना प्रभारी, राहतगढ़ को दिए पत्र पर क्या कार्रवाई हुई? म.प्र. पुलिस विनियम, 1966 के नियम 7 के तहत अपेक्षित है? कार्रवाई के दस्तावेज, पत्राचार और नोटिस की प्रतियां दें। (ख) सी.सी.टी.वी./ मोबाइल जांच - क्या प्रश्नांश (क) में उल्लिखित पत्रों में दर्ज सी.सी.टी.वी. फुटेज और मोबाइल नंबरों की जांच हुई? यदि हाँ, तो जांच रिपोर्ट की प्रति दें। यदि नहीं, तो म.प्र. पुलिस विनियम, 1966 के नियम 24 के उल्लंघन का कारण बताएं। प्रकरण 274/2025 को उच्चतम न्यायालय के निर्देश (क्र.अ.1048/2016) के अनुसार बिना विवेचना और प्रमाण के दर्ज करने का कारण क्या है? (ग) झूठे प्रकरण और जिला बदर पुष्पेंद्र मीणा, पार्षद राहतगढ़ पर 2011 से कोई प्रकरण नहीं था, फिर भी धारा 110, 107, 116 (CrPC, 1973) और प्रकरण 645/23, 688/23 में झूठे मामले दर्ज किए गए? प्रकरण 274/2025 में तफ्तीश न होने के बावजूद जिला बदर क्यों किया गया? पुलिस अधीक्षक द्वारा कलेक्टर को भेजी रिपोर्ट की प्रति दें। (घ) मकान तोड़ने की कार्रवाई - जून 2025 में पुष्पेंद्र मीणा का पट्टा निरस्त कर मकान तोड़े जाने के दौरान उपस्थित पुलिस कर्मियों/अधिकारियों के नाम, पता और रोजनामचा की प्रति दें। एस.डी.एम. के पत्र की प्रति दें। क्या राजनीतिक दुर्भावना से 50 लाख का मकान तोड़ा गया, जो म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 307 का उल्लंघन है? (ड.) अनुशासनात्मक कार्रवाई - क्या जिला बदर और मकान तोड़ने की कार्रवाई की विवेचना कर दोषी अधिकारियों पर म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 और CrPC, 1973 की धारा 197 के तहत कार्रवाई होगी? यदि नहीं, तो कारण बताएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ” अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब” अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘स” अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘द” अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ई” अनुसार है।
स्वीकृत कार्यालय का स्थानांतरण
[महिला एवं बाल विकास]
65. ( क्र. 2420 ) श्री विपीन जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 239 मंदसौर दिनांक 31/7/24 के माध्यम से और विधानसभा में ध्यान आकर्षण के माध्यम से महिला बाल विकास विभाग परियोजना ग्रामीण दो जिला मंदसौर का कार्यालय दलोदा में संचालित किए जाने हेतु की मांग की गई थी? (ख) उक्त संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और हितग्राहियों की समस्या के समाधान हेतु दलोदा में स्वीकृत कार्यालय को मंदसौर से दलोदा कब स्थानांतरित किया जाकर संचालित किया जाएगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) परियोजना अंतर्गत स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्रों की मेपिंग तथा वास्तविक परियोजना मुख्यालय से दूरी एवं संभावित प्रस्तावित स्थल से दूरी संबंधी जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला मंदसौर से जिला कलेक्टर के माध्यम से चाही गई है। प्रकरण पर कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण पर कार्यवाही पूर्ण नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण पर तथ्यों के आधार पर निर्णय लिया जाना है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं।
माननीय मंत्री महोदय द्वारा दिये गये आश्वासन पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
66. ( क्र. 2438 ) श्री साहब सिंह गुर्जर : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बापूना एल्क्रोबू प्रायवेट लिमिटेड (रायरू शराब फैक्ट्री) के द्वारा की जा रही अनियमितताओं के संबंध में जिला प्रशासन को लिखे गये पत्र क्रमांक MLA/242 दिनांक 17.09.2024, MLA/243 दिनांक 17.09.2024, 280/2024/MLA दिनांक 14.10.2024, 324/2024/MLA दिनांक 18.01.2025 तथा 364/2024/MLA दिनांक 28.01.2025 के अनुक्रम में कार्यालय कलेक्टर जिला ग्वालियर के पत्र क्रमांक/क्यू/एडीएम/स्टेनो/2025/209 ग्वालियर दिनांक 20.03.2025 के माध्यम से संयुक्त जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उक्त जांच तथ्यहीन एवं गोल-मोल तरीके से की गई तथा जांच प्रतिवेदन से सहमत न होने के कारण बजट सत्र 2025 के दौरान तारांकित प्रश्न क्रमांक 1988 के माध्यम से यह विषय सदन में उठाया गया, जिसके उत्तर में माननीय मंत्री महोदय द्वारा सदन में दिनांक 21.03.2025 को आश्वासन दिया गया कि, ‘‘अनियमितताओं की जांच राज्य स्तर से आपको जांच समिति में सम्मिलित रखते हुए शीघ्र ही करवाई जावेगी”। प्रश्नांकित दिनांक तक उक्त संबंध में विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कारण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, संचालित शराब फैक्ट्री के विरूद्ध किसी भी प्रकार की राज्य स्तरीय जांच एजेन्सी से जांच एवं कार्यवाही नहीं की जाने से यह स्पष्ट है कि शासन/प्रशासन शराब निर्माताओं के पूरी तरह से बचाव में हैं, उक्त जांच एवं कार्यवाही लंबित रहने के क्या कारण हैं?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
साइबर अपराधों में वृद्धि
[गृह]
67. ( क्र. 2456 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में साइबर अपराधों (ऑनलाइन ठगी, महिलाओं से जुड़े साइबर अपराध) में लगातार वृद्धि हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो इन्हें रोकने के लिए विशेष साइबर क्राइम सेल या प्रशिक्षित बल की क्या व्यवस्था सरकार ने की है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल के अंतर्गत सायबर एवं उच्च तकनीकी अपराध थाना संचालित है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। इसके अंतर्गत 04 सायबर जोनल कार्यालय इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर एवं जबलपुर संचालित हैं, जिसमें पदस्थ पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा सायबर अपराधों के अनुसंधान का कार्य किया जाता है। राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय अंतर्गत प्रशिक्षण शाखा कार्यरत है जिसके द्वारा सायबर अपराधों के अनुसंधान में पुलिस अधिकारियों की दक्षता बढ़ाने हेतु निरंतर सायबर अपराध अनुसंधान व डिजिटल फॉरेंसिक से संबंधित विषयों पर सायबर प्रशिक्षण कार्यकम कराए जाते हैं। सायबर प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सामान्य सायबर अपराधों के साथ-साथ महिलाओं एवं बालकों के विरूध होने वाले सायबर अपराधों से संबंधित जानकारियां सम्मिलित की जाती है। सायबर मुख्यालय द्वारा वर्ष 2017 से अभी तक कुल 332 ट्रेनिंग कार्यक्रमों एवं विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों के व्याख्यानों के माध्यम से 32796 पुलिस अधिकारी/कमचारियों को सायबर अपराधों पर की विवेचना हेतु प्रशिक्षित किया गया है। सायबर अपराधों पर प्रभावी अंकुश एवं अन्वेषण हेतु समस्त इन्डेक्शन कोर्सेस में भाग लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों को सायबर अपराधों के अन्वेषण से संबंधित बारीकियों से अवगत कराया जाता है। प्रदेश में सायबर अपराधों में संभावित वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए प्रभावी अन्वेषण हेतु प्रत्येक जिला मुख्यालय में थाना कोतवाली को सायबर नोडल पुलिस थाना घोषित किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। सायबर अपराधों पर प्रभावी अंकुश एवं अन्वेषण हेतु समस्त इन्डेक्शन कोर्सेस में भाग लेने वाले प्रशिक्षार्थियों को सायबर अपराधों के अन्वेषण से संबंधित बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है जिससे स्थानीय थानों पर भी सुनवाई की जा रही है। राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल, म.प्र. द्वारा सायबर अपराधों की रोकथाम एवं जनजागरूकता हेतु आयोजित सायबर जागरूकता कार्यकमों में सामान्य सायबर अपराधों के साथ-साथ महिलाओं एवं बालकों के विरूद्ध होने वाले सायबर अपराध ऑनलाइन ठगी, ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, सायबर ब्लैक-मेलिंग, सायबर बुलिंग, ऑनलाइन सेक्सटॉर्शन, ऑनलाइन गेम्बलिंग, ऑनलाइन दुर्व्यापार आदि से बचाव से संबंधित जानकारियां समाहित की जाती हैa। सायबर जागरूकता कार्यकम स्कूल, कॉलेज, विभिन्न शासकीय/अशासकीय संस्थानों, सार्वजनिक स्थलों, रेल्वे स्टेशन, बस स्टैण्ड, सिटी बस सर्विस, हॉस्पिटल, कोचिंग क्लासेस, विशेष रूप से महिला महाविद्यालय व कन्या शालाओं में आयोजित किए जाते हैं।
चौकी का उन्नयन एवं पुलिस बल की पूर्ति
[गृह]
68. ( क्र. 2493 ) श्री नरेन्द्र प्रजापति [इंजीनियर] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा विधानसभा मनगवां 73 के लालगांव चौकी के उन्नयन का प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) मनगवां जिला रीवा (म.प्र.) के द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदय जिला-रीवा (म.प्र.) को पत्र क्रमांक/अनु.अधि.पु./मनगवां/रीडर/185/2025/दिनांक 07.03.2025 को भेजा गया है। प्रस्ताव की चौकी उन्नयन विषय पर क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस महानिदेशक महोदय जी को पुलिस चौकी लालगांव के थाने में उन्नयन हेतु पत्र क्रमांक 73/676 दिनांक 13-11-2024 एवं 15/73/2025-26 दिनांक 24-4-2025 दिया गया। चौकी उन्नयन की स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा सचिव गृह विभाग को पुलिस चौकी के उन्नयन हेतु मिलकर पत्र क्रमांक 107/73/2025-26 दिनांक 20-5-2025 को पत्र दिया गया। आज दिनांक तक दिये गये पत्र में क्या हुआ? क्या स्थिति है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये पत्र में पुलिस चौकी लालगांव थाने में उन्नयन हेतु आज तक क्या किया गया और चौकी उन्नयन की अत्यन्त आवश्यकता है। जल्द से जल्द थाने को उन्नयन किया जाये, समय-सीमा की तारीख सहित स्पष्ट करें। (ड.) मनगवां विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत कुल तीन थाने हैं जिसमें विधानसभा का पूरा क्षेत्रफल आता है। थाना मनगवां, थाना गढ़, थाना नईगढ़ी, चौकी रामपुर में पुलिस बल की काफी कमी है? पुलिस बल की कमी होने से अपराध की समस्या बढ़ रही है जबकि सरकार की मंशा है कि म.प्र. अपराध मुक्त हो इसलिये जन सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये थाना मनगवां, थाना गढ़, थाना नईगढी, के थाना रामपुर में पुलिस बल तुरन्त उपलब्ध कराया जाये।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जिला रीवा विधानसभा मनगवां 73 के लालगांव चौकी के उन्नयन के प्रस्ताव पर वित्त विभाग द्वारा अगले वित्तीय वर्ष में प्रस्तुत करने का परामर्श दिया गया है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश "क" अनुसार। (ग) उत्तरांश "क" अनुसार। (घ) उत्तरांश "क" अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाले पुलिस थाने/चौकियों में उपलब्ध बल से क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था एवं अपराधों पर नियंत्रण कर लिया जाता है। पुलिस बल पूर्ति हेतु प्रदेश स्तर पर आरक्षक, उप निरीक्षक, सूबेदार संवर्ग के 8, 000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष रिक्त अन्य वर्ग के पदों की पूर्ति की कार्यवाही समय-समय पर की जा रही है।
पुलिस चौकियों का उन्नयन एवं नवीन आवासों का निर्माण
[गृह]
69. ( क्र. 2504 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की देवरी विधानसभा अन्तर्गत कहाँ-कहाँ पुलिस चौकियां कब से स्थापित हैं? उनके नाम बतायें। (ख) क्या उन चौकियों को थाना में उन्ननयन के लिये कब-कब विभाग को एवं मा. मुख्यमंत्री जी को प्रश्नकर्ता द्वारा अनुरोध पत्र प्रेषित किये गये, उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र में नवीन पुलिस चौकियों की स्थापना की कार्यवाही भी कहाँ-कहाँ प्रचलन में है? स्थान बतायें। विधान सभा क्षेत्र अर्न्तगत विभिन्न थानों में कर्मचारियों/अधिकारियों के लिये आवास की समस्या है। नवीन आवास कहाँ-कहाँ पर कितने स्वीकृति किये जा रहे हैं? यदि नहीं, तो आगामी वित्तीय वर्ष हेतु प्रस्ताव मंगाये जा रहे हैं। क्या चालू वित्तीय वर्ष में देवरी अंतर्गत थानों के लिये ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ किये जाने हेतु कितनी राशि भेजी जा रही है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) देवरी विधानसभा में एक पुलिस चौकी थाना केसली के अन्तर्गत पुलिस चौकी टड़ा वर्ष 1896 से स्थापित है। (ख) पुलिस चौकी टड़ा का थाने में उन्नयन का अनुरोध पत्र प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 12.06.2024 को माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित किया गया था। पुलिस चौकी टड़ा का थाने में उन्नयन का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड पूर्ण नहीं करने से अमान्य किया गया है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र में नवीन पुलिस चौकियों की स्थापना की कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है। विधानसभा क्षेत्र के तीन थानों के लिए विभिन्न श्रेणी के पूर्व से 28 आवास उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत जिला मुख्यालय स्तर पर 412 आवासों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें 372 आवास गृहों का निर्माण किया जा चुका है। शेष आवासों के निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है। प्रदेश स्तर पर चालू वित्तीय वर्ष में ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु दिनांक 07.07.2025 को राशि स्वीकृत की गई है। जिला इकाइयों को राशि आवंटन की प्रकिया प्रचलन में है। जिले को नियमानुसार राशि भेजी जावेगी।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
70. ( क्र. 2531 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तत्कालीन मान. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा श्योपुर जिले के संदर्भ में अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में कौन-कौन सी घोषणाएं कब-कब की गई हैं? उनमें से कौन-कौन सी घोषणा पूर्ण हो चुकी है तथा कौन-कौन सी नहीं? वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। घोषणा पूरी न होने का क्या कारण रहा? गौषवारा सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या तत्कालीन मान. मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा विधानसभा क्षेत्र क्र. 01 श्योपुर में 1. ढोढर को कृषि उपज उपमण्डी का दर्जा 2. बडौदा में स्टेडियम, नाला निर्माण तथा महाविद्यालय की घोषणाएं की गई? उक्त घोषणाएं कब तक पूर्ण हो जावेंगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार श्योपुर जिले में की गई समस्त घोषणाएं कब तक पूर्ण कर दी जावेंगी? समय-सीमा बताएं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या सांसद एवं विधायकों के द्वारा प्रेषित पत्रों की विभागवार पृथक-पृथक पंजी संधारित की जाकर इन्द्राज किया जाता है? यदि हाँ तो पत्रों में उल्लेखित समस्याओं के समाधान का निराकरण प्रतिवेदन से अवगत कराया जाता है? यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता द्वारा जिला श्योपुर के किस-किस विभाग को कब-कब, कौन-कौन से पत्र क्रमांक एवं दिनांकों को प्रस्तुत किये गये एवं उनका क्या निराकरण किया गया? संधारित पंजी एवं निराकरण प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) बडौदा में स्टेडियम एवं महाविद्यालय की घोषणा की गई है, जिसमें महाविद्यालय की घोषणा पूर्ण हो चुकी है। स्टेडियम निर्माण हेतु पूर्व में आवंटित भूमि के स्थान पर अन्य उपयुक्त भूमि आवंटित की कार्यवाही प्रचलित है। ढोढर को कृषि उपज उपमंडी का दर्जा देने, बडौदा में नाला निर्माण की घोषणाएं नहीं की गई है। (ग) विभागों में निहित नियमों/प्रावधानों के अंतर्गत घोषणाओं के क्रियान्वयन की कार्यवाही की जाती है जो एक सतत प्रक्रिया है, अत: समय-सीमा बताई जाता संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं 3 अनुसार है।
म.प्र. राज्य पावरलूम बुनकर सह संघ मर्या. बुरहानपुर की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
71. ( क्र. 2536 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य पावरलूम बुनकर सह संघ मर्या. बुरहानपुर में वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2024-25 में कुल कितनी राशि का माल शासकीय विभागीय कार्यालय में सप्लाई किया गया? यदि हाँ, तो क्या यह माल स्वयं संघ द्वारा उत्पादित किया गया? यदि नहीं, तो किन-किन समितियों से क्रय किया गया? यदि समिति से क्रय किया गया हो तो क्रय के समय संघ द्वारा टेंडर प्रक्रिया का पालन किया गया है? (ख) क्या संघ के विरुद्ध कितनी शिकायतें राज्य स्तर, संभाग स्तर व जिला स्तर प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा दोषियों के विरुद्ध उत्तरदायित्व निर्धारण कर दंडित किया गया है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या संघ की सदस्यता पात्रता निर्धारण हेतु विभाग द्वारा नियमावलियों के उपनियम बनाए गए हैं? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध कराएं। नियमों के अनुसार कितने वर्ग में सदस्यता प्रदान की जाती है? वर्गवार सूची उपलब्ध कराएं। क्या वर्तमान में गठित संचालक मंडल में उक्त नियमों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो संचालक मंडल की वर्गवार सूची उपलब्ध कराएं।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य पावरलूम बुनकर सहकारी संघ मर्यादित, बुरहानपुर में वित्तीय वर्ष 2023-2024 से 2024-2025 में कुल रु. 101.65 करोड़ का माल शासकीय विभाग/कार्यालय में सप्लाई किया गया। संघ द्वारा स्वयं माल का उत्पादन नहीं किया जाता है। संघ की उपविधि के बिंदु क्र. 3 उद्देश्य 2 के प्रावधान अनुसार "सदस्यों द्वारा उत्पादित पावरलूम वस्त्रों का क्रय कर उनके विक्रय की व्यवस्था करना" है। समितियों से क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। सदस्य समितियों से वस्त्र सामग्री का क्रय टेण्डर प्रक्रिया से नहीं किया जाता अपितु पात्र समितियों से माल उपलब्धता के आधार पर क्रय किया जाता है। (ख) संघ के विरूद्ध सहकारिता विभाग में प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जी हाँ। आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक, सहकारी संस्थायें, भोपाल के जारी आदेश दिनांक 30.07.2007 संघ की उपविधि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -”स” अनुसार है। संघ की सदस्यता ‘‘अ” वर्ग एवं ‘‘ब” वर्ग में सदस्यता प्रदान की जाती है। वर्गवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ”द” अनुसार है। जी हाँ। संचालक मण्डल की सूची वर्गवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ”इ‘‘ अनुसार है।
आवंटित बजट एवं लेखा परीक्षा की जानकारी
[वित्त]
72. ( क्र. 2553 ) श्री महेश परमार : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त विभाग, म.प्र. शासन के अंतर्गत कितने राज्य स्तरीय विभाग मंडल परियोजनाएं और संस्थाएं आती हैं? जैसा कि म.प्र. वित्तीय संहिता, 1955 में प्रावधानित है? विगत 5 वर्षों (2020-25) में इनके लिए आवंटित बजट और CAG द्वारा की गई लेखा परीक्षा की प्रतियां भारत के संविधान के अनुच्छेद 149 और CAG (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा शर्तें) अधिनियम 1971 की धारा 13 के तहत प्रदान करें। (ख) वित्त विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में किन-किन राज्य स्तरीय विभागों मंडलों और परियोजनाओं की लेखा परीक्षा की गई? लेखा परीक्षा करने वाले दलों, उनकी आपत्तियों और म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत निराकरण की स्थिति की प्रतियां दें। (ग) राज्य शिक्षा केंद्र और लोक शिक्षण संचालनालय वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल और लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल की CAG और वित्त विभाग द्वारा कितनी बार लेखा परीक्षा हुई? ऑडिट प्रतिवेदन, आपत्तियों का रजिस्टर, निराकरण की स्थिति और म.प्र. स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षिक संवर्ग) नियम 2018 के तहत दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का विवरण अभिलेखों सहित दें। (घ) अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रश्न दिनांक तक CAG रिपोर्ट की गंभीर आपत्तियों पर राज्य शिक्षा केंद्र और लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल में कितने अधिकारियों (नाम, पद) पर म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1966 के तहत क्या-क्या कार्रवाई हुई? अभिलेख और वर्षवार विवरण दें। (ड.) वित्त विभाग, म.प्र. शासन, राज्य शिक्षा केंद्र और लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल से उपरोक्त जानकारी, ऑडिट प्रतिवेदन, आपत्तियों का रजिस्टर और कार्रवाई के अभिलेख 30 दिन की समय-सीमा में उपलब्ध करावें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रचार-प्रसार में हुए भुगतान की जानकारी
[जनसंपर्क]
73. ( क्र. 2557 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसम्पर्क एवं मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण संचालनालय के लिए प्रचार-प्रसार एवं डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण, वीडियो स्पॉट, वीडियो जिंगल व अन्य कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो 1 अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य किन-किन संस्थाओं से कराए गए एवं उक्त कार्यों में कितना-कितना भुगतान किया गया? कार्यादेशों की प्रति के साथ जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बंध में क्या संस्था द्वारा कार्य समापन पर संतुष्टि प्रमाण-पत्र दिए गए? गूगल मैप फोटोग्राफ एवं दृष्टि ऐप में अपलोड फोटोग्राफ की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) के सम्बंध में क्या वीडियो प्रचार-रथ जी.पी.एस. के साथ प्रचार-प्रसार हेतु चलाए गए थे? यदि हाँ, तो प्रचार-रथ के वाहन नम्बर, जी.पी.एस ट्रेकिंग, गूगल मैप फोटोग्राफ्स के साथ जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं ''दो'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकायल में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शेषांश की जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ
[वित्त]
74. (क्र. 2560) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा [श्री कमलेश्वर डोडियार, श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव] : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना की अधिसूचना जारी होने के दिनांक के पूर्व कार्मिकों की भर्ती हेतु विज्ञप्ति पदों के सामेक्ष भर्ती किये गये कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिये जाने का विकल्प दिया गया है? यदि हाँ, तो म.प्र. शासन द्वारा उक्त लाभ प्रदेश के कर्मचारियों को क्यों नहीं दिया जा रहा है? यदि दिया जायेगा तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार म.प्र. के कार्मिकों द्वारा भी पुरानी पेंशन योजना की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू क्यों नहीं करती जबकि उक्त मांग के समर्थन में प्रदेश के कई जनप्रतिनिधियों द्वारा भी कर्मचारियों के समर्थन में शासन को पत्र लेख कर अनुरोध किया गया है, फिर भी सरकार उक्त मांगों को क्यो लागू नहीं कर रही? (ग) क्या मांग पूरी न होने पर कर्मचारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका दायर की गई है? यदि हाँ, तो क्या उत्तर देने के लिये, नियुक्त प्रभारी अधिकारी के द्वारा प्रस्तुत कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? विलंब के कारण क्या है और दोषी कौन है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या जानबूझ कर उत्तर देने/प्रस्तुत करने में विलंब किया/कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो प्रश्नांश दिनांक तक जवाब/उत्तर क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। संविधान के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार अपने कार्मिकों के संबंध में उपलब्ध वित्तीय संसाधन एवं अन्य प्राथमिकताओं के दृष्टिगत यथासमय उचित निर्णय लेता है। वर्तमान में तदाशय का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) विभिन्न माध्यमों से प्रदेश के अधिकारी/कर्मचारियों को उक्त लाभ दिये जाने विषयक आवेदन प्राप्त हुए है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। राज्य शासन अपने वित्तीय संसाधनों एवं अन्य प्राथमिकताओं के दृष्टिगत रखते हुए, कर्मचारी हित में समय-समय पर उचित निर्णय लेता है। (ग) संविधान के प्रावधानों के अनुसार नागरिक अपनी मांगों के संबंध में माननीय न्यायालय के समक्ष वाद प्रस्तुत करने हेतु स्वतंत्र है। न्यायालयीन प्रकरणों में राज्य शासन द्वारा प्रभारी अधिकारी नियुक्त कर नियत समयावधि में प्रचलित नियम/नीति के दृष्टिगत जवाबदावा प्रस्तुत किया जाता रहा है। शेष का प्रश्न नहीं उठता है।
टीकमगढ़ जिले में उद्योगों की स्थापना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
75. ( क्र. 2581 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में अपार खनिज भण्डार है किंतु वृहद उद्योग न होने से जिले की जनता पलायन करती है? यदि हाँ तो जिले में इन्वेस्टर्स मीट समिट क्यों नहीं रखी जाती है? कारण बतावें। (ख) क्या जिले में डायस्पोर एवं पायरोफिलाइट का अपार भण्डार है? यदि हाँ, तो वहां किस-किस गांव में किस खसरा नंबर में कितने-कितने रकबे में खनिज है? विस्तृत विवरण दें? (ग) कब तक टीकमगढ़ जिले में वृहद उद्योगों की स्थापना की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनिज साधन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार टीकमगढ़ जिले में मुख्य रूप से खनिज पायरोफिलाइट, डायस्पोर खनिज की उपलब्धता है। वृहद उद्योग न होने से जिले की जनता के पलायन संबंधी कोई मामला प्रकाश में नहीं आया। टीकमगढ़ जिले में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण बुंदेलखण्ड में औद्योगिक निवेश परियोजनाओं को आकर्षित करने एवं रोजगार सृजन के उद्देश्य से औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीनस्थ एम.पी. इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा सागर जिले में दिनांक 27 सितम्बर 2024 को रीजनल इण्डस्ट्री कॉनक्लेव का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन में प्रदेश को लगभग राशि रू. 23181 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिसमें बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए लगभग 60 प्रतिशत निवेश प्रस्ताव प्राप्त है। (ख) खनिज साधन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार टीकमगढ़ जिले में खनिज पायरोफिलाइट, डायस्पोर खनिज की उपलब्धता है। जिले में खनिज पायरोफिलाइट, डायस्पोर के स्वीकृत खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा स्वयं वृहद उद्योगों की स्थापना नहीं की जाती अपितु वृहद श्रेणी की औद्योगिक विनिर्माण इकाइयों को उद्योग स्थापना हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नवीन उद्योग संवर्धन नीति 2025 लागू की गई है जो कि सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में समान रूप से प्रभावशील हैं।
रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
76. ( क्र. 2593 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चौरई क्षेत्र में पेंच नदी और उसके सहायक नालों से अवैध रेत खनन की स्थिति क्या है? (ख) अवैध उत्खनन, अवैध परिवहन और अवैध भंडारण की निगरानी के लिए चौरई क्षेत्र में कौन-कौन से निगरानी तंत्र जैसे ड्रोन, जी.पी.एस. लागू किए गए हैं? (ग) क्या सरकार जिन-जिन स्थानों पर अवैध भंडारण किया जाता है, उन्हें चिन्हित कर वहाँ निगरानी तंत्र लगाएगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांश अनुसार चौरई क्षेत्र में पेंच नदी एवं सहायक नदी पर 04 रेत खदानें स्वीकृत है। चौरई क्षेत्र में पेंच नदी और उसके सहायक नालों में अवैध रेत खनन के 12 प्रकरण पंजीबद्ध कर नियमानुसार कार्यवाही की गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। (ग) अवैध भंडारण की निगरानी हेतु खनिज अमले, स्थानीय पुलिस/राजस्व/पंचायत अमले से समन्वय कर समय-समय पर निगरानी की जा रही है।
खनिज का अवैध परिवहन
[खनिज साधन]
77. ( क्र. 2599 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र खुरई अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 44 उत्तरप्रदेश की सीमा पर स्थित अटा (मालथौन) से बिना वैध रॉयल्टी का भुगतान किये अत्यधिक मात्रा में खनिज संपदा व एम सैण्ड का प्रवेश हो रहा है? क्या विभाग की लापरवाही से शासन को करोड़ों रूपये राजस्व की क्षति प्रतिवर्ष हो रही है? (ख) क्या दिनांक 26.06.2025 को मालथौन अनुविभाग के राजस्व व पुलिस अधिकारियों द्वारा वाहन क्रमांक यू.पी. 94 ए.टी. 8707 को अवैध रूप से एम सैण्ड का परिवहन करते हुये पकड़ा गया है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संबंध में की गई कार्यवाही का ब्यौरा क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र खुरई में अवैध रूप से उत्तरप्रदेश से लाई जा रही खनिज संपदा/एम सैण्ड से प्राप्त राजस्व का ब्यौरा क्या है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र खुरई के मालथौन क्षेत्र में विगत तीन वित्तीय वर्षों में 12 प्रकरण दर्ज हुए हैं। अत: शासन को करोडों की राजस्व हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित प्रकरण में वाहन मालिक द्वारा प्रशमन हेतु आवेदन प्रस्तुत किए जाने पश्चात्, विभाग द्वारा नियमानुसार जुर्माना राशि रूपये 4, 25, 000/- प्रस्तावित कर प्रकरण कलेक्टर, सागर के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) विधानसभा क्षेत्र खुरई में विगत 03 वर्षों में उत्तर प्रदेश से खनिजों के अवैध परिवहन से कुल राशि 3, 41, 520/- रूपये का राजस्व (जुर्माना) प्राप्त हुआ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब पर दर्शित है।
परियोजना कार्यालय भवन का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
78. ( क्र. 2605 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र खुरई के मालथौन विकासखंड मुख्यालय पर परियोजना कार्यालय भवन का निर्माण कब तक स्वीकृत करने का विचार है? अभी तक इस संबंध में की गई कार्यवाही का ब्यौरा क्या है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : परियोजना कार्यालय भवन निर्माण की कोई भी योजना विभाग द्वारा संचालित नहीं है। अत: शेष कार्यवाही का प्रश्न नहीं है।
अपराधियों की गिरफ्तारी
[गृह]
79. ( क्र. 2609 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के थाना रौन, मिहोना, लहार एवं रावतपुरा के अन्तर्गत 1 नवम्बर 2023 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन व्यक्तियों पर हत्या या हत्या के प्रयास करने के किस-किस दिनांक में प्रकरण दर्ज है? उनके अपराध क्रमांक, धारा, प्रकरण में दर्ज व्यक्तियों के नाम व पते सहित विवरण दें। (ख) उपरोक्त दर्ज किये गये आपराधिक प्रकरणों में किन-किन व्यक्तियों के विरूद्ध कब-कब न्यायालय में चालान पेश किये गये? (ग) उपरोक्त दर्ज प्रकरणों में पुलिस अधीक्षक भिण्ड द्वारा अपराधियों को पकड़वाने हेतु किन-किन व्यक्तियों पर किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि के इनाम की घोषणा की गई? आदेश की प्रति दें। (घ) क्या थाना लहार में अपराध क्रमांक 293/23 पर रामकेश शर्मा निवासी ग्राम छिंदी, थाना लहार, धारा 307 सहित अन्य धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध होने के बाद भी जनपद पंचायत लहार के अन्तर्गत सचिव पद पर कार्य करने के उपरांत भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। इसी प्रकार थाना मिहोना के अपराध क्रमांक 53/24 पर पवन शर्मा निवासी छिंदी थाना लहार पर धारा 302 सहित अन्य धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध होने के बाद भी अभी तक गिरफ्तार न करने का कारण बतायें। उपरोक्त दोनों अपराधियों को कब तक गिरफ्तार किया जायेगा। समयावधि बतायें। (ड.) प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त प्रकरणों के अपराधियों को गिरफ्तार न करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) थाना लहार के अपराध क्रमांक 293/23 की विवेचना के दौरान आरोपी रामकेश शर्मा की उपस्थिति घटना स्थल पर नहीं पायी गई। उक्त अपराध में संलिप्तता नहीं पायी जाने से आरोपी रामकेश शर्मा को अपराध से पृथक किया गया है। थाना मिहोना के अपराध क्रमांक 53/24 धारा 147, 148, 149, 302 भादवि में आरोपी पवन शर्मा पुत्र करन शर्मा निवासी ग्राम छिंदी थाना लहार के विरूद्ध धारा 173 (8) जाफौ के तहत विवेचना जारी रखते हुये उक्त आरोपी की गिरफ्तारी हेतु 5000/- रूपये इनाम की घोषणा की गई है। आरोपी की तलाश जारी है, जिसे शीघ्र गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश किया जावेगा। (ड.) आरोपी की गिरफ्तारी के समुचित प्रयास किये जा रहे हैं, गतिशील विवेचनाओं में एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में निर्णय लिया जावेगा। अतः किसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई।
दोषमुक्त होने पर भी रासुका की कार्यवाही
[गृह]
80. ( क्र. 2615 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 2320, दिनांक 21/03/2025 में विभाग द्वारा गजराज सिंह उर्फ सोनू गंगवाल पुलिस थाना नानाखेड़ा जिला उज्जैन पर दो बार रासुका लगाई गई। दोनों रासुका दिनांक 01/10/2017 एवं दिनांक 21/07/2020 के आदेश आरोप पत्र पुलिस प्रतिवेदन, 24 प्रकरण की एफ.आई.आर. की कॉपी व सम्पूर्ण दस्तावेजों की कॉपी प्रश्न दिनांक तक क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई? क्या विभाग ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें। (ख) गजराज सिंह उर्फ सोनू गंगवाल पर पुलिस थाना नानाखेड़ा उज्जैन में पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा अपने प्रतिवेदन के माध्यम से गृह विभाग को अवगत कराया है कि प्रश्न दिनांक तक सोनू गंगवाल पर 24 प्रकरण दर्ज हैं। क्या फरियादी के पिता डॉ. भंवर सिंह गंगवाल द्वारा 24 प्रकरण में से 22 प्रकरणों में माननीय न्यायालय द्वारा दोषमुक्त किये गये हैं? विभाग आदेशों की कॉपी उपलब्ध करायें तो क्या विभाग द्वारा 22 केसों में दोषमुक्त होने पर भी रासुका की कार्यवाही जारी रहेगी या रासुका की कार्यवाही को समाप्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें। (ग) विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक गजराज सिंह उर्फ सोनू गंगवाल पर दर्ज किये गये 24 प्रकरण के समस्त रिकार्ड की छायाप्रति क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई? जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जायेगी? समय-सीमा बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्न क्रमांक 2320 दिनांक 21.03.25 के अनुसार गजराज सिंह ऊर्फ सोनू गंगवाल के विरुद्ध दिनांक 01.10.17 को निरोधादेश जारी नहीं किया गया है। दिनांक 21.07.2020 के निरोधादेश संबंधी जानकारी मय समस्त सुसंगत दस्तावेजों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) अनावेदक के विरूद्ध 24 प्रकरणों में से 22 प्रकरणों में माननीय न्यायालय द्वारा दोषमुक्त किये जाने संबंधी आदेशों की प्रति माननीय न्यायालय में नकल आवेदन लगाकर जानकारी/दस्तावेज प्राप्त किये जा रहे है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की धारा 3 (2) के अंतर्गत कार्यवाही लोक व्यवस्था बनाये रखने के प्रतिकूल किसी भी रीति में कार्य करने से रोकने के अभिप्राय से की जाती है। जिला दण्डाधिकारी द्वारा पारित निरोधादेश दिनांक 21.07.2020 के अंतर्गत गजराज सिंह ऊर्फ सोनू गंगवाल फरार है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 11 के अंतर्गत अनावेदक की गिरफ्तारी उपरांत 07 सप्ताह के अंदर मंत्रणा बोर्ड के अभिमत अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है।
नर्मदा सिंचाई परियोजना से वंचित ग्राम
[नर्मदा घाटी विकास]
81. ( क्र. 2620 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर विधानसभा में नर्मदा सिंचाई परियोजना से कितने ग्राम वंचित हैं? उन ग्रामों को कब तक किस योजना में जोड़ा जाएगा? (ख) सरदारपुर विधानसभा से संबंधित विकास कार्यों के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी, मुख्य सचिव, विभागीय मंत्री जी के द्वारा विभाग को कितने पत्र प्राप्त हुए? उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? समस्त जानकारी प्रदान करें। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी के पत्र क्रमांक 2453/सीएमएस/एमएलए/196/2024 के पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? समस्त दस्तावेज एवं नोटशीट की प्रति देवें। (घ) दिनांक 19 मई 2025 को धार जिला प्रभारी मंत्री महोदय की अध्यक्षता में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में माननीय प्रभारी मंत्री द्वारा विभाग को सरदारपुर विधानसभा के लिए कार्ययोजना तैयार कर भेजने हेतु आदेशित किया गया था। क्या जिला अधिकारी द्वारा कार्ययोजना तैयार कर उच्च स्तर पर भेजी गई? यदि हाँ, तो कब तक इन गाँवों को नर्मदा का पानी मिलेगा? यदि नहीं, तो कार्ययोजना बनाकर कब तक उच्च स्तर पर भेजी जाएगी? (ड.) धार उद्वहन सिंचाई योजना में अन्य विधानसभा के गाँव जोड़े गए हैं। क्या उसी प्रकार उक्त योजना में सरदारपुर विधानसभा के ग्रामों को शामिल किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक ऋण की प्राप्तियों तथा अदाएगी की अंकेक्षित जानकारी
[वित्त]
82. ( क्र. 2621 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 से 2024-25 का लोक ऋण प्राप्तियां, लोक ऋण पर ब्याज तथा ऋण की अदाएगी कितनी-कितनी की गई? वर्षवार बताएं। (ख) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक किस-किस कार्य के लिए किस दर से किस संस्था से कितना लोक ऋण लिया गया? (ग) जून 2023 से मार्च 2024, 2024-2025 एवं अप्रैल 2025 से जून 2025 तक लाड़ली बहना को कितना भुगतान राज्य के कर, राजस्व से तथा लोक ऋण से किया गया? (घ) वर्ष 2025-26 के बजट अनुसार बकाया लोक ऋण कितना है तथा इस वर्ष में लोक ऋण लेने की पात्रता कितनी है? वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक वर्तमान लोक ऋण अनुसार कितना मूल तथा कितना उस पर ब्याज प्रति वर्ष दिया जाएगा?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक राज्य सरकार द्वारा लिये गये लोक ऋण की प्राप्तियों तथा अदाएगी की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये (दिनांक 31 मार्च 2024 तक की स्थिति में) वित्त लेखे के Statement No. 15 एवं 17 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किये जाने से 2024-25 तक की स्थिति में लोक ऋण की प्राप्तियों तथा अदाएगी की अंकेक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। तथापि वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट साहित्य के वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार राज्य सरकार पर कुल आंतरिक ऋण राशि की स्थिति, वित्तीय वर्ष 2024-25 का पुनरीक्षित अनुमान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में उपलब्ध है। (ख) ऋण एवं अग्रिमों के विस्तृत विवरण की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्त लेखे वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक के Statement No. 17 में दर्शित हैं। उक्त वर्षों के वित्त लेखे विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किये जा चुके हैं जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के वित्त लेखे नियंत्रक महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से अंकेक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) वित्तीय वर्ष का बजट समग्र रूप से तैयार किया जाता है जिसमें वर्षवार की कुल प्राप्तियों व कुल व्यय का आकलन कर बजट प्रावधान किया जाता है। कर राजस्व व लोक ऋण से प्राप्त राशि किसी योजना विशेष के लिये व्यय नहीं की जाती है अपितु समस्त योजनाओं का संचालन राज्य की संचित निधि में उपलब्ध राशि से आवश्यकतानुसार किया जाता है। (घ) वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट साहित्य के वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार राज्य सरकार पर कुल बकाया लोक ऋण राशि की स्थिति, वर्ष 2025-26 का बजट अनुमान तथा दिनांक 31-03-2026 की स्थिति में संभावित कर्ज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में उपलब्ध है। किसी राज्य के वार्षिक वित्तीय विवरण/बजट अनुमान को जानने का प्रथम अधिकार विधायिका को है, तदानुसार आगामी वर्षों के बजट अनुमान के आंकड़े विधिसम्मत रूप से संबंधित वित्तीय वर्ष के बजट अनुमान के दौरान प्रस्तुत किये जा सकेंगे।
शस्त्र लाइसेंस के आवेदनों पर कार्यवाही
[गृह]
83. ( क्र. 2637 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में 1 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक शस्त्र लाइसेंस के सीमा वृद्धि, नामान्तरण और नवीन शस्त्र लाइसेंस के आवेदन प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? धार जिले की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) इन आवेदन पत्रों के सम्बन्ध में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें और यदि कार्यवाही नहीं की गई तो किस कारण? स्पष्ट करावें और कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें और नहीं तो किस कारण, स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आवेदन-पत्र को नियमानुसार दर्ज किये जाकर जांच प्रतिवेदन हेतु पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी को प्रेषित किये जाते है। वांछित प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार आवेदन पत्रों का निराकरण किया जाता है।
टेक होम राशन की ऑडिट रिपोर्ट में ली गई आपत्तियां
[महिला एवं बाल विकास]
84. ( क्र. 2641 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महालेखाकार मध्यप्रदेश द्वारा प्रेषित टेकहोम राशन ऑडिट रिपोर्ट 2020-21 में ली गई आपत्तियों के संबंध में विभाग ने 73 अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र, 36 आधिकारिकायों के विरुद्ध विभागीय जांच, 11 अधिकारी को दंडादेश, 9 वरिष्ठ अधिकारियों पर अनुशासनात्मक करवाई तथा 3 सेवानिवृत्त अधिकारियों के प्रकरण कार्रवाई हेतु शासन को भेजे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ है तो ऊपर लिखित अधिकारियों के नाम, पद, कार्यस्थल तथा उनको दिए गए कारण बताओ सूचना पत्र, विभागीय जांच का आदेश, दंडादेश तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई के नोटिस की प्रतिलिपियां देवें। (ग) महालेखाकार द्वारा रिपोर्ट में जिन 30 कंडिकाओं को सम्मिलित किया गया था, उनकी सूची देवें तथा बताएं कि विभाग के उत्तर के बाद किस-किस कंडिका को विलोपित किया गया? (घ) क्या महालेखाकार मध्यप्रदेश द्वारा वर्ष 2018-19 से 2020-21 की अवधि हेतु प्रदेश के मात्र 8 जिलों में पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत टेक होम राशन के प्रदाय एवं वितरण का अंकेक्षण किया गया था। यदि हाँ, तो महालेखाकार की रिपोर्ट के तारतम्य में क्या शेष जिलों में टेक होम राशन के प्रदाय एवं वितरण की तथा वर्ष 2021-22 से 2024-25 की जांच की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा 73 अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये, जिसमें 36 अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई, 11 अधिकारियों के विरूद्ध दण्डादेश पारित किये गये, 08 वरिष्ठ अधिकारियों तथा 03 वरिष्ठ अधिकारियों सहित 06 सेवानिवृत्त अधिकारियों के प्रकरण आगामी कार्यवाही हेतु शासन को प्राप्त हुए है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क” के संदर्भ में अभिलेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं, अंकेक्षण का कार्य एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसका निर्धारण महालेखा परीक्षक द्वारा किया जाता है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा समय-समय पर प्राप्त शिकायतों के संबंध में नियमानुसार विधिवत् जांच पश्चात् कार्यवाही की जाती है।
पी.एम. जीवन ज्योति बीमा योजना में अनियमितता
[वित्त]
85. ( क्र. 2644 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर-चंबल संभाग में पी.एम. जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत कितने व्यक्ति पंजीकृत हैं? इस योजना द्वारा प्रदेश में आवेदक एवं उनके परिवार को क्या लाभ दिया जाता है? शासन के आदेश की प्रति एवं जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दी जावे। (ख) क्या ग्वालियर-चंबल संभाग में मृत व्यक्तियों को जिंदा बताकर उक्त योजना के तहत बीमा किया गया और फिर मृत बताकर बीमा की राशि का क्लेम का भुगतान किया गया? यदि हाँ तो मृतकों के नाम, पता एवं क्लेम राशि सहित जानकारी दी जावे। (ग) ग्वालियर-चंबल संभाग में पी.एम. जीवन ज्योति बीमा योजना में पंजीकृत व्यक्तियों में से कितने व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है एवं कितने मृतकों के परिवारों को बीमा की राशि दी गई है? जिलेवार मृत्यु दिनांक एवं क्लेम राशि जारी दिनांक सहित जानकारी दी जावे। (घ) प्रश्नांश (ख) के संबंध में मृत व्यक्तियों को उक्त बीमा योजना में पंजीकृत करने से पहले एवं क्लेम राशि जारी करते समय भौतिक रूप से परीक्षण किया गया था? यदि हाँ तो किस अधिकारी द्वारा किया गया? नाम एवं पदनाम सहित जानकारी दी जावे।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुरैना खनिज कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों की जानकारी
[खनिज साधन]
86. ( क्र. 2647 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में खनिज कार्यालय के लिये कितना स्टॉफ किस-किस संवर्ग का स्वीकृत है? शासन स्वीकृति आदेश की प्रति सहित जानकारी दी जावे। (ख) वर्तमान में उक्त कार्यालय में कितना स्टॉफ किस-किस संवर्ग का पदस्थ है? नाम एवं पदनाम सहित जानकारी दी जावे। किस संवर्ग के कितने पद रिक्त है? (ग) जिला मुरैना में खनिज अधिकारी पदस्थ है? यदि हाँ तो उनसे क्या कार्य लिया जा रहा है? नाम की जानकारी दी जावे। (घ) क्या जिला मुरैना में खनिज अधिकारी का प्रभार खनिज निरीक्षक द्वारा संपादित किया जा रहा है? आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ड.) जिले में सहायक खनिज अधिकारी के पदस्थ होने के बाद भी खनिज निरीक्षक से खनिज अधिकारी का कार्य लिया जा रहा है तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला मुरैना में कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) हेतु कुल 14 पद (द्वितीय श्रेणी-1, तृतीय श्रेणी-11 एवं चतुर्थ श्रेणी-2 पद) स्वीकृत है। खनिज साधन विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 12/05/2023 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला मुरैना में पदस्थ स्टॉफ/कर्मचारी की पदस्थापना की जानकारी नामवार, पदवार, संवर्गवार एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला मुरैना में श्री सुखदेव कुमार निर्मल (प्रभारी अधिकारी), खनिज शाखा के पद पर पदस्थ है तथा उनसे खनिज प्रशासन संबंधी कार्य लिया जा रहा है एवं उनके द्वारा जिला खनिज अधिकारी के दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है। (घ) जी हाँ। कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला मुरैना में खनिज अधिकारी का प्रभार प्रशासकीय आवश्यकता के दृष्टिगत खनिज निरीक्षक को प्रभारी अधिकारी खनिज शाखा का प्रभार सौंप कर संपादित कराया जा रहा है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ड.) कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला मुरैना में वर्तमान में 02 खनिज निरीक्षक पदस्थ है। उपरोक्त पदस्थ खनि निरीक्षकों में से एक खनिज निरीक्षक को सहायक खनिज अधिकारी के पद का उच्चतर पदनाम प्रदान किया गया है। उक्त दोनों पदस्थ खनि निरीक्षकों में से वरिष्ठ खनिज निरीक्षक को प्रभारी जिला खनि अधिकारी पद का प्रभार विभागीय कार्यों की आवश्यकता के दृष्टिगत सौंपा गया है।
निर्माण कार्यों में प्रयुक्त खनिजों हेतु रॉयल्टी व बिल्टी वाउचर की अनिवार्यता
[खनिज साधन]
87. ( क्र. 2650 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिला अंतर्गत लोक निर्माण विभाग (PWD), ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (RES), जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, वन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, शिक्षा विभाग (विद्यालय भवन निर्माण), चिकित्सा शिक्षा विभाग (अस्पताल भवन निर्माण) तथा अन्य ऐसे सभी विभाग जिनके द्वारा निर्माण कार्य किये जाते हैं, उनके निर्माण कार्यों (सड़क, भवन, पुल, बांध, नहर, जल संरचनाएँ आदि) में प्रयुक्त खनिजों (मिट्टी, गिट्टी, रेत, एम-सैंड, बोल्डर आदि) हेतु रॉयल्टी वाउचर एवं बिल्टी वाउचर की अनिवार्यता किन-किन कार्यों में लागू है? (ख) क्या उपरोक्त विभागों द्वारा शिवपुरी जिले में विगत 03 वित्तीय वर्षों में स्वीकृत निर्माण कार्यों में प्रत्येक कार्य के लिए स्वीकृत तकनीकी मानकों के अनुसार कितनी मात्रा में खनिजों का परियोजनावार उपयोग अनुमानित था तथा वास्तविक रूप से कितनी मात्रा में खनिजों की खपत हुई, विभागवार एवं वर्षवार विवरण सहित जानकारी दें? (ग) उपरोक्त कार्यों में प्रयुक्त खनिजों के एवज में रॉयल्टी राशि वसूली गई है? यदि हाँ, तो, कितनी-कितनी, कब-कब, किस-किस से वसूली गई? यदि नहीं, तो क्यों? विभागवार, वर्षवार, कार्यवार जानकारी दें। (घ) क्या किसी विभाग द्वारा बिना रॉयल्टी वाउचर के खनिजों का उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने, कौन-कौन से प्रकरण पाए गए एवं उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शासकीय निर्माण कार्य में उपयोग किए गए गौण खनिज के लिए अभिवहन पारपत्र आवश्यक है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में गौण खनिज के लिए बिल्टी वाउचर के संबंध में प्रावधान नहीं है। (ख) लोक निर्माण विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-1'' अनुसार, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-2'' अनुसार, जल संसाधन विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-3'' अनुसार, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-4'' अनुसार, वन विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-5'' अनुसार, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-6'' अनुसार तथा ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-7'' अनुसार, सिंघ परियोजना नहर मण्डल से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ-8'' अनुसार है। नगर पालिका परिषद, जिला पंचायत एवं जिला शिक्षा केन्द्र से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-5'' के कॉलम 6 एवं 7 अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ-5'' के संबंध में (घ) के उत्तर में दर्शित है। (घ) वन विभाग द्वारा गौण खनिज का क्रय निविदा उपरांत किया गया है। शेष विभागों के संबंध में उत्तरांश (ख) में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्टों में दर्शायी गई जानकारी अनुसार। जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
यांत्रिक क्रिया द्वारा पत्थर से गिट्टी निर्माण हेतु क्रेशरों का संचालन
[खनिज साधन]
88. ( क्र. 2652 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्रेशर संचालकों द्वारा पत्थर खनन कर गिट्टी निर्माण का कार्य किन नियमों के अंतर्गत किये जाने का प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक भितरवार विधानसभा क्षेत्र में क्रेशर संचालकों को गिट्टी निर्माण हेतु क्या पत्थर की खदानों को लीज पर दिया गया है? यदि हाँ तो कहाँ-कहाँ एवं किस-किस फर्म को? नामवार, स्थानवार, रकबा एवं लीज दिनांकवार जानकारी दें। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में क्या प्रशासनिक अधिकारियों/विभागीय अधिकारियों द्वारा यह जांच/निरीक्षण किया है कि गिट्टी हेतु पत्थर खनन एवं क्रेशर संचालक नियमानुसार किया जा रहा है? यदि हाँ तो वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक किये गये निरीक्षणों की जानकारी अधिकारीवार/दिनांकवार दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में किये गये निरीक्षणों में क्रेशर संचालन/पत्थर खनन में कोई अनियमितता पायी? यदि हाँ तो क्या-क्या? यदि नहीं, तो क्या क्रेशर संचालक/पत्थर उत्खनन में 100 प्रतिशत शासन नियमों का पालन हो रहा है? क्रेशरवार बताएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 18 (2) के अधीन गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर खनिज का उत्खनिपट्टा स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। इसके नियम 30 में निर्धारित शर्तों के अनुसार खनन का प्रावधान है। यह नियम अधिसूचित नियम है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में किए गए निरीक्षणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ। पत्थर खनन एवं क्रेशर संचालन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' में उल्लेखित खदानों/क्रेशर इकाइयों पर कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। इनका संचालन नियमानुसार किया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास का जिला कार्यालय प्रारंभ किया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
89. ( क्र. 2657 ) श्री अनिल जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला-निवाड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग का जिला कार्यालय प्रारंभ हो गया है हाँ अथवा नहीं, यदि नहीं, तो महिला एवं बाल विकास विभाग का जिला कार्यालय कब तक प्रारंभ हो पायेगा? (ख) क्या महिला एवं बाल विकास विभाग जिला-निवाड़ी के सेटअप हेतु पदों की स्वीकृति हो चुकी है यदि हाँ, तो कितने पद स्वीकृत हुये हैं, पदवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो महिला एवं बाल विभाग जिला-निवाड़ी के लिए कब तक पदों की स्वीकृति की जा सकेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला निवाड़ी के सेटअप हेतु पदों की स्वीकृति हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बजट पृथक प्रावधान उपयोजना में विभाग को प्राप्त राशि
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
90. ( क्र. 2667 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति बजट पृथक प्रावधान उपयोजना में विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2024 से 2025 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से किन-किन जिलों में कहां-कहां, किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी लागत के कार्य कराये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट प्रावधान के व्यय हेतु कोई दिशा निर्देश वित्त विभाग या विभागीय जारी किये गये है? हाँ तो प्रति उपलब्ध करावें?
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जी हाँ। विभाग के अंतर्गत हाथकरघा संचालनालय, रेशम संचालनालय, म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड एवं संत रविदास म.प्र. हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम को अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति बजट शीर्ष में पृथक उपयोजना में आवंटन प्राप्त होता है। (ख) वित्तीय वर्ष 2024-25 में अनुसूचित जनजाति बजट शीर्ष में कुल राशि रूपये 551.02 लाख, अनुसूचित जाति बजट शीर्ष में कुल राशि रूपये 406.42 एवं वर्ष 2025-26 में प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जनजाति बजट शीर्ष में कुल राशि रूपये 491.60 लाख, अनुसूचित जाति बजट शीर्ष में कुल राशि रूपये 362.66 लाख उत्तरांश (क) में उल्लेखित विभाग के घटकों को पृथक-पृथक योजना में राशि प्राप्त हुई है। प्राप्त राशि का योजनावार एवं जिलेवार किये गये कार्यों एवं लागत संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। (ग) जी हाँ । उत्तरांश (ख) में उल्लेखित योजना नियमों की छायाप्रतियां/ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है।
बालाघाट जिले में प्रस्तावित उद्योगों की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
91. ( क्र. 2687 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में शासन द्वारा बालाघाट जिले में कौन-कौन से उद्योग लगाने के कार्य प्रस्तावित है एवं जिले के किन-किन स्थानों पर किस-किस उद्योग को शासन द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है? उक्त प्रकरणों के समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ख) संचालित उद्योगों में कितने स्थानीय लोगों को किन-किन कार्य पर रखा गया एवं कितने लोग जिले के बाहर से संचालित उद्योगों में किस-किस पद पर कार्य कर रहे हैं सूची उपलब्ध करावें? (ग) जिले में संचालित उद्योगों में कितने प्रतिशत श्रमिक महिलाओं को कार्य पर रखने का प्रावधान है औद्योगिक नीति के समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें एवं साथ ही संचालित उद्योगों में कार्य करने वाले समस्त मजदूरों के वेतन वाउचर एवं ईपीएफ के ECR के विगत आठ माह की चालान की प्रति उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा स्वयं उद्योगों की स्थापना नहीं की जाती है, अपितु प्रदेश में वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु प्रचलित विभागीय नीतियों के माध्यम से उद्योगों को सहयोग एवं सुविधाऐं पात्रता अनुसार प्रदान की जाती है। विभाग अंतर्गत एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा विगत 05 वर्षों में औद्योगिक इकाईयों को उद्योग स्थापना हेतु आवंटित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा द्वारा विगत 05 वर्षों में कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत जिन कारखानों को अनुज्ञप्ति प्रदान की गई है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) विभाग की उद्योग संवर्धन नीति अंतर्गत सुविधा/सहायता प्राप्त औद्योगिक इकाईयों में कार्यरत व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ग) श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार उद्योगों में महिला श्रमिकों के प्रतिशत संबंधी प्रावधान किसी श्रम कानून में नहीं है। उद्योग संवर्धन नीति 2014/2025 अंतर्गत उद्योगों में श्रमिक महिलाओं को कार्य पर रखने का प्रतिशत निर्धारित नहीं हैं। वर्तमान में प्रभावशील उद्योग संवर्धन नीति 2025 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। जिले में संचालित उद्योगों में कार्य करने वाले मजदूरों के वेतन वाउचर एवं ईपीएफ के ECR की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती हैं।
प्राप्त राशि से कराए गए कार्य की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
92. ( क्र. 2688 ) श्री मधु भगत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला बाल विकास विभाग बालाघाट में वर्ष 2024-25 में किस-किस कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कराया गया? किये गये कार्यों के भुगतान के बिल, वाउचर उपलब्ध करावें। (ख) महिला बाल विकास विभाग भोपाल द्वारा जिला बालाघाट को क्या-क्या सामग्री उपलब्ध कराई गई? उपलब्ध सामग्री के स्टॉक पंजी एवं प्राप्त सामग्री की बिल्टी सहित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ग) महिला बाल विकास विभाग बालाघाट द्वारा प्राप्त सामग्री का जिले के किस-किस विकासखंडों के कितनी-कितनी आंगनवाड़ियों में सामग्री का वितरण किया गया? वितरण सामग्री के विकासखंडवार पृथक-पृथक दस्तावेज उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य आयोजना मद अन्तर्गत नवीन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति, सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 के तहत रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना तथा पोषण वाटिका विकसित किए जाने तथा शौचालय विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए नवीन शौचालय निर्माण कार्य के लिए राशि उपलब्ध करायी गयी है। कार्य विवरण, राशि आहरण के बिल, वाउचर आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा जिला बालाघाट को वर्ष 2024-25 में कोई सामग्री उपलब्ध नहीं कराये जाने से जानकारी निंरक है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
स्टॉम्प शुल्क के नाम पर नियमों के विपरीत कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
93. ( क्र. 2692 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के कितने पंजीयन एवं मुद्रांक के कार्यालय है? कार्यालय का नाम, पता, अधि./कर्म. का नाम, पदनाम, मोबाईल नं., कब से एक ही स्थान पर पदस्थ, संपत्ति का विवरण, कितने प्रभार के कार्य देख रहे हैं, जानकारी का गौशवारा बनायें आदेश, एकल नस्ती दें। (ख) रजिस्ट्री हेतु कितने वेण्डर पंजीकृत है? फर्म, संचालक का नाम, पता, मोबाईल नं., लाइसेन्स की प्रति, योग्यता सहित गौशवारा बनायें। (ग) शास.-टू-शास. में रजिस्ट्री/नामातंरण के क्या नियम हैं? ई-रजिस्ट्री नं. MP059702024A1759033 की रजिस्ट्री किस वेण्डर द्वारा किस सब-रजिस्ट्रार द्वारा कितने स्टॉम्प ड्यूटी पर संपादित की? रजिस्ट्री की प्रति, नियम, आदेश बतायें। रजिस्ट्री में नियमों का पालन नहीं होने पर वेण्डर और सब-रजिस्ट्रार के विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) इंदौर में 13.33 करोड़ की स्टॉम्प ड्यूटी चोरी में ई.ओ.डब्ल्यू. ने कब प्रकरण पंजीबद्ध किया? रजिस्ट्री की प्रति, संबंधितों के नाम, पदनाम, पते सहित बतायें। (ड.) भोपाल दिनांक 27 मई 15 को खसरा नं. 250, 251 कुल रकबा 1.02 (50 डेसीमल) की रजिस्ट्री रघुराज सिंह मीना एवं जसवंत सिंह मीना में संपन्न हुई है? कार्यालय की अंगूठा निशानी एवं उप पंजीयक के हस्ताक्षर की पंजी की प्रति, रजिस्ट्री की प्रति एवं कुल स्टॉम्प शुल्क की जानकारी दस्तावेजों के साथ उपलब्ध करायें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) पंजीयन विभाग अंतर्गत 01 महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय, 04 उप महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय, 59 जिला पंजीयक कार्यालय एवं 234 उप पंजीयक कार्यालय हैं। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) रजिस्ट्री हेतु 7509 वेण्डर पंजीकृत है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। लाइसेन्स की प्रतियाँ एकत्रित की जा रही है। (ग) राज्य शासन के एक विभाग से दूसरे विभाग को अंतरण के मामले में संपत्ति के स्वामित्व परिवर्तन न होने के परिप्रेक्ष्य में पंजीयन की आवश्यकता नहीं है। राज्य शासन व केन्द्र शासन के मध्य रजिस्ट्री के मामले में भारतीय स्टॉम्प अधिनियम 1899 की धारा 3 के परन्तुक अनुसार स्टॉम्प शुल्क से छूट प्राप्त है, साथ ही शासन की अधिसूचना दिनांक 12-12-2014 अनुसार ऐसे दस्तावेजों पर पंजीयन फीस प्रभार्य नहीं है। नामांतरण की जानकारी पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग से संबंधित नहीं है। ई-रजिस्ट्री नंबर MP059702024A1759033 की रजिस्ट्री दिव्या नामदेव, लायसेंस क्रमांक SP010541604202101075 द्वारा सम्पादित की गई है तथा जिसका पंजीयन श्री अजमल सिंह मारण, उप पंजीयक भोपाल-2 द्वारा किया गया है। उक्त दस्तावेज पर स्टॉम्प शुल्क रूपये 17945747/- अदा किया गया है। दस्तावेज में प्रथम दृष्ट्या कर अपवंचन की स्थिति निर्मित होना परिलक्षित नहीं हुआ है। ई-रजिस्ट्री नंबर MP059702024A1759033 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश से संबंधित प्रकरण ई.ओ.डब्ल्यू. ने दिनांक 05.07.2025 को पंजीबद्ध किया गया है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ड.) भोपाल जिले में अभिलेखाकार के पंजीकृत दस्तावेज के ग्रन्थों में प्रश्नांश में वर्णित नाम से कोई दस्तावेज पंजीकृत होना नहीं पाया गया है। अंगुष्ठ छाप पंजी दिनांक 27 मई 15 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदेशों का पालन नहीं करना एवं आंगनवाड़ियों में भर्ती की प्रक्रिया
[महिला एवं बाल विकास]
94. ( क्र. 2693 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता का पत्र क्र. 800 दिनांक 01/04/25 जो मा. मुख्यमंत्री जी, म.प्र. भोपाल को प्रेषित किया गया था, पत्र प्राप्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें? (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो सा.प्र.वि. के आदेश के बिन्दु क्र. 5 एवं सा.प्र.वि. के आदेश क्र. एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 19/07/2019 के अन्तर्गत संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही निर्धारित करते हुये उनके विरूद्ध आचरण या सेवा के नियमों के अधीन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर निलंबन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) कितनी आंगनवाड़ियाँ गुना जिले में कार्यरत हैं? आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के कितने पद रिक्त है? जिलेवार आंगनवाड़ी का नाम, पता, आंगनवाड़ी का स्वंय का भवन, किराये का भवन, कितने कक्ष, कितने पद भरे, कितने पद रिक्त है, संपूर्ण जानकारी का जिलेवार गौशवारा बनाकर बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में इन पदों की भर्ती हेतु क्या नियम, मापदण्ड, शुल्क निर्धारित कर किस प्रक्रिया के माध्यम से फार्म भरे जाना है? संपूर्ण जानकारी दें। प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं? भर्ती प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जायेगी, निश्चित समयावधि बतायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभाग के अर्द्ध शासकीय पत्र दिनांक 22.07.2025 एवं संचालनालय महिला एवं बाल विकास के पत्र क्रमांक 364895 दिनांक 14.07.2025 द्वारा आयुक्त, रीवा संभाग रीवा को प्रश्नकर्ता के पत्र पर आगामी कार्यवाही करने एवं कृत कार्यवाही से अवगत कराने हेतु पत्र प्रेषित किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। कार्यवाही प्रचलित होने के कारण शेष का प्रश्न नहीं। (ख) विभाग के पत्र क्रमांक 1236/3317542/ 2025/50-1 भोपाल दिनांक 17.07.2025 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। कार्यवाही प्रचलित होने के कारण शेष का प्रश्न नहीं। (ग) गुना जिले में कुल 1674 आंगनवाड़ी संचालित हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 51 पद एवं आंगनवाड़ी सहायिका के 544 पद रिक्त हैं। जिले की आंगनवाड़ी का नाम, पता, भवन एवं कक्ष, रिक्त एवं भरे पदों से संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के भर्ती नियम से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''4'' अनुसार है, एम.पी. ऑनलाइन ‘’चयन पोर्टल’’ के माध्यम से आवेदन भरे गये हैं एवं आवेदन शुल्क राशि रूपये 100/- (18 प्रतिशत GST पृथक से) हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका के रिक्त पदों के विरूद्ध प्राप्त आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''5'' अनुसार है। वर्तमान में नियुक्ति संबंधी कार्यवाही की जा रही है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
खनिज खदानों का संचालन
[खनिज साधन]
95. ( क्र. 2699 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य खनिज एवं गौण खनिजों की अनुमति देने के क्या नियम हैं? 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक मुख्य खनिज एवं गौण खनिज हेतु किसने, कब-कब, किस खनिज हेतु कहां-कहां आवेदन दिये? उनके आवेदनों पर क्या निर्णय हुआ? पन्ना जिले से संबंधित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांकित अवधि तक विभागीय प्रमुख सचिव, विभागाध्यक्ष को किस-किस मुख्य खनिज एवं गौण खनिजों के विरूद्ध तथा खनिज अधिकारियों के विरूद्ध किसने, कब-कब, क्या-क्या शिकायतें की गईं? उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई? उससे अवगत करावें। (ग) पवई अनुभाग अंतर्गत ग्राम कुटरैया में प्रश्नांकित अवधि के दौरान अवैध उत्खनन की कितनी शिकायतें दर्ज की गई? शिकायत की छायाप्रति एवं विभाग द्वारा शिकायतों पर की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें। किन-किन व्यक्तियों-फर्मों को अवैध उत्खनन में संलिप्त पाया गया? उनके नाम एवं पता, इनके खिलाफ विभाग ने क्या जुर्माना, जब्ती और एफ.आई.आर. की, उसका विवरण उपलब्ध करावें। अब तक कुल कितनी वसूली की गई? यदि वसूली लंबित है तो उसके कारण बतावें। लंबित वसूली को कब तक वसूल कर लिया जायेगा? समय-सीमा बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मुख्य खनिज हेतु खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 यथा संशोधित अधिसूचित है एवं गौण खनिज हेतु मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 अधिसूचित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नांकित अवधि में विभागीय प्रमुख सचिव, विभागाध्यक्ष को मुख्य खनिज एवं गौण खनिजों तथा खनिज अधिकारियों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पवई अनुभाग अंतर्गत ग्राम कुटरैया में प्रश्नांकित अवधि के दौरान एक शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। शिकायत पर कार्यवाही हेतु खनि निरीक्षक को दिनांक 16/07/2025 से कार्यवाही हेतु लेख किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पन्ना जिले में गौण खनिज से प्राप्त राशि
[खनिज साधन]
96. ( क्र. 2700 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक पन्ना जिला अंतर्गत खनिज उत्पादों से रॉयल्टी के रूप में कितनी राशि प्राप्त हुई, स्थानवार विवरण उपलब्ध करावें तथा उक्त अवधि में अवैध खनन एवं परिवहन की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई। विभाग ने उन पर क्या कार्यवाही की, कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये, अवैध उत्खनन और परिवहन के दर्ज प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई। विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अभी तक कितनी संस्थाओं अथवा व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया गया है, वसूल की गई राशि कितनी है, कितनी वसूली होना शेष है? वसूली अभी तक न करने के क्या कारण हैं? कब तक वसूली कर ली जायेगी।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनिज उत्पादों से रॉयल्टी राशि प्राप्त नहीं की जाती है। अपितु खनिज से प्राप्त रॉयल्टी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। उक्त अवधि में अवैध खनन एवं परिवहन की प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। अवैध उत्खनन और परिवहन के दर्ज प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। प्रकरण अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया के तहत कलेक्टर न्यायालय में प्रचलित होने से वसूली की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सेल मैन्युफैक्चरिंग प्रा.लि. को प्रारंभ कराया जाना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
97. ( क्र. 2704 ) श्री गोपाल सिंह इंजीनियर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आष्टा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मेहतवाड़ा स्थित सेल मैन्युफैक्चरिंग प्रा.लि. के बंद हो जाने से हजारों लोग बेरोजगार हो गए है? क्षेत्र के व्यापार पर भी इसका असर पड़ा है। विभाग द्वारा कपंनी को प्रारंभ किये जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में क्षेत्र के बेरोजगार लोगों को रोजगार उपलब्ध हो इस दिशा में क्या विभाग उक्त कंपनी को किसी अन्य संस्थान को औद्योगिक कार्य हेतु हस्तांतरित किये जाने हेतु कार्यवाही की जायेगी? क्योंकि उक्त कंपनी के बंद होने से संस्थान में चोरी की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही है? (ग) सेल मैन्युफैक्चरिंग प्रा.लि. मेहतवाड़ा के द्वारा मजदूरों को वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है विभाग द्वारा मजदूरों के वेतन का भुगतान कंपनी से कराये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई कब तक मजदूरों को लंबित वेतन का भुगतान किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अंतर्गत एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा उद्योगों का संचालन नहीं किया जाता है अपितु प्रचलित नीति एवं नियम अंतर्गत आवेदकों/निवेशकों को उद्योग स्थापना हेतु भूमि आवंटन एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। यदि कंपनी/निवेशक द्वारा बंद कंपनी को प्रारंभ किये जाने हेतु एमपी इण्डस्ट्रीयल डेव्हपमेन्ट कार्पोरेशन क्षेत्रीय कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया जाता है तो उक्त संबंध में प्रचलित नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि बंद इकाई/कंपनी की सहमति से किसी अन्य इच्छुक संस्थान/निवेशक द्वारा बंद इकाई को हस्तांतरण करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जाता है तो एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा प्रचलित नियम अंतर्गत हस्तांतरण संबंधी कार्यवाही की जायेगी। (ग) श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार कार्यालय श्रम पदाधिकारी, जिला सीहोर द्वारा सेल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड कारखाना माह सितम्बर 2023 में बंद होने के पश्चात 54 कर्मचारियों से वेतन राशि प्राप्त नहीं होने की शिकायत प्राप्त होने पर कार्यालयीन कार्यवाही में वेतन भुगतान अधिनियम 1936 के अंतर्गत शेष वेतन रूपये 16,04,631/- का दावा प्रकरण डायरेक्टर सेल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड ग्राम मेहतवाड़ा, तहसील जावर, जिला सीहोर के विरूद्ध माननीय श्रम न्यायालय क्रमांक 2 भोपाल में दिनांक 4-1-2024 को दायर किया गया है। दावा प्रकरण क्रमांक 01/PWA/2024 माननीय न्यायालय के विचारण में है। कार्यालय उप संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा देवास द्वारा 34 श्रमिकों के माह सितम्बर 2023 के वेतन भुगतान किये जाने हेतु माननीय श्रम न्यायालय भोपाल में प्रकरण क्रमांक 02 दिनांक 31-05-2024 को दायर किया गया। वर्तमान में प्रकरण क्रमांक 486/PWACT/2024 विचाराधीन है।
स्थानांतरण प्रक्रिया में अनियमितता
[सामान्य प्रशासन]
98. ( क्र. 2705 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिले के अंदर विभिन्न विभागों में स्थानांतरण के क्या नियम हैं? (ख) माह मई-जून-जुलाई 2025 में डिण्डौरी जिले के विभिन्न विभागों में जिन अधिकारी एवं कर्मचारी के प्रशासनिक स्थानांतरण किये गये हैं, प्रशासनिक स्थानांतरण के कारण कर्मचारी/अधिकारीवार देवें। (ग) जिन शालाओं में तीन शिक्षक की आवश्यकता है, वहां पर दो शिक्षक ही पदस्थ हैं। उसमें से एक शिक्षक का स्थानांतरण करना क्या उचित है? अगर हाँ तो कारण बतावें। अगर नहीं तो क्यों स्थानांतरण किया गया? क्या वह स्थानांतरण निरस्त किया जायेगा? (घ) क्या सामाजिक कार्यों में भाग लेने वाले अधिकारी/कर्मचारी का स्थानांतरण बदले की भावना से किया गया है? अगर हाँ तो क्यों? अगर नहीं तो ऐसे लोगों का स्थानांतरण क्यों किया गया है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) स्थानांतरण नीति-2025 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्थानांतरण आदेश की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) निरंक।
धारा 64 (पुरानी धारा 376) पोक्सो एक्ट की जानकारी
[गृह]
99. ( क्र. 2706 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के संज्ञान में यह तथ्य है कि अज्ञानतावश लोग कम उम्र के लड़कियों की शादी परिवारजन की सहमति से सामाजिक परम्परानुसार करते है? शादी पश्चात लड़के/लड़की गृहस्थ जीवन जीते है जब लड़की माँ बनती है, तब अस्पताल की जानकारी में लड़के के ऊपर धारा 64 (पुरानी धारा 376) पोक्सो एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया जाता है। (ख) डिण्डौरी जिले के विभिन्न थाना एवं चौकियों में इस प्रकार के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये है? प्रकरणवार, विस्तृत जानकारी दें। (ग) क्या शादी को रोकने के प्रयास शासन को करना चाहिए, अगर हाँ तो प्रयास क्यों नहीं किये जाते है? अगर नहीं तो शासन की क्या जिम्मेदारी है? (घ) दोनों परिवार की आपसी सहमति एवं सामाजिक सहमति से की गई शादी के पश्चात क्या उक्त धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध करना उचित है, कानून एवं धारा की विस्तृत परिभाषा बतावें। क्या सिर्फ लड़का ही दोषी है, शासन की कोई जिम्मेदारी नहीं है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) विगत 05 वर्षों में जिला डिण्डौरी के विभिन्न थाना एवं चौकी में इस प्रकार के पंजीबद्ध प्रकरण की जानकारी निरंक है। (ग) बाल विवाह रोकने हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग, राजस्व विभाग व पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, प्रत्येक ग्राम चौपाल में पम्पलेट, फ्लेक्स, स्टीकर, स्लोगन के माध्यम से बाल विवाह न करने हेतु अपील की जा रही है। बाल विवाह रोकने हेतु जिला एवं ब्लॉक स्तर पर बाल विवाह रोकथाम दल गठित किये गये है। जो पूरे वर्ष भर बाल विवाह के संबंध में निगरानी रखते है। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
राज्य तिलहन संघ कर्मियों को अतिशेष घोषित किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
100. ( क्र. 2710 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग आदेश क्र. एफ.सी. 3-15/1/3/99 दिनांक 07.07.1999 एवं ज्ञापन क्र. एफ.सी. 3-1/99/3/एक दिनांक 31.03.1999 अनुसार तिलहन संघ कर्मियों को अतिशेष/अतिरिक्त कर्मचारी बताया है यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति देंगे? (ख) क्या मध्य प्रदेश शासन द्वारा अन्य कौन-कौन से विभागों के कर्मचारियों को कब-कब अतिशेष घोषित किया है? आदेशों की छायाप्रति दें। (ग) अतिशेष कर्मियों के विस्थापन/संविलियन पर पुनरीक्षित वेतनमान की पात्रता है अथवा नहीं? (घ) क्या तिलहन संघ कर्मियों को अतिशेष घोषित होने के नाते पांचवा वेतनमान लाभ की पात्रता है अथवा नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एफ.सी. 3-15/1/3/99 दिनांक 07.07.1999 एवं ज्ञापन क्र. एफ.सी. 3-1/99/3/एक दिनांक 31.03.1999 द्वारा तिलहन संघ के अतिरिक्त कर्मियों की आवश्यकता के अनुरूप शासन के विभिन्न विभागों/कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर लिये जाने के निर्देश हैं। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार।
ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2025 (GIS 2025)
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
101. ( क्र. 2715 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2025 के दौरान कुल कितने निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए और उन प्रस्तावों में निवेश की कुल प्रस्तावित राशि कितनी है? (ख) 01 जून 2025 तक राज्य सरकार द्वारा कुल कितने निवेश प्रस्तावों पर एम.ओ.यू. (एमओयूएस) पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं? (ग) कुल प्राप्त प्रस्तावों में से कितने प्रस्तावों पर अब तक एम.ओ.यू. (एमओयूएस) पर हस्ताक्षर लंबित हैं और राज्य सरकार इन लंबित प्रस्तावों को अंतिम रूप देने हेतु क्या कदम उठा रही है? (घ) ग्लोबल समिट के दौरान प्राप्त प्रस्तावों में से अब तक कुल कितनी कंपनियों को भूमि आवंटित की गई है और कुल कितने एकड़ भूमि का आवंटन हुआ है? (ड.) अब तक कितनी कंपनियों ने राज्य में अपने संयंत्र/फैक्ट्री/इकाई की स्थापना की प्रक्रिया को प्रारंभ कर दिया है? कृपया कंपनियों के नाम सहित विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
आंतरिक ऋण की जानकारी
[वित्त]
102. ( क्र. 2716 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 मई 2025 तक की स्थिति में राज्य सरकार पर कुल आंतरिक ऋण (Internal Debt) की राशि कितनी है? (ख) उक्त आंतरिक ऋण किन स्रोतों से प्राप्त किया गया है? राज्य विकास ऋण (State Development Loan), राज्य विकास प्रतिभूतियाँ (State Development Securities), राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD), राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा निधि (NSSF), उदय योजना (UDAY) स्रोत से प्राप्त ऋण की राशि की जानकारी दें? (ग) राज्य सरकार द्वारा आंतरिक ऋण पर निर्भरता कम करने हेतु किन-किन प्रयासों एवं नीतिगत उपायों को अपनाया जा रहा है? (घ) क्या राज्य सरकार वैकल्पिक वित्त पोषण स्रोतों जैसे म्युनिसिपल बॉन्ड्स (Municipal Bonds), रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT), इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) तथा बहुपक्षीय संस्थाओं (Multilateral Agencies) से ऋण लेने की दिशा में कार्य कर रही है? यदि हाँ, तो 1 मई 2025 तक की स्थिति में इन माध्यमों से प्राप्त ऋण की राशि क्या थी?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्य सरकार पर कुल आंतरिक ऋण (Internal Debt) की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्तीय वर्ष 31 मार्च, 2024 तक की स्थिति में वित्त लेखे के Statement No. 17 में संलग्न परिशिष्ट-''1'' अनुसार। वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किये जाने से दिनांक 01 मई 2025 तक की स्थिति में राज्य सरकार पर कुल आंतरिक ऋण की अंकेक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। तथापि वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट साहित्य के वित्त सचिव के स्मृति पत्र के अनुसार राज्य सरकार पर कुल आंतरिक ऋण राशि की स्थिति, वित्तीय वर्ष 2024-25 का पुनरीक्षित अनुमान एवं वर्ष 2025-26 का बजट अनुमान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''2'' अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) राज्य शासन अंतर्गत म.प्र. राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम,2005 के अंतर्गत यथा-अपेक्षित प्रतिवेदन अनुरूप निर्धारित राजकोषीय मापदण्डों एवं भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति के अंतर्गत ऋण प्राप्त किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितता की शिकायतों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
103. ( क्र. 2719 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण मण्डल में व्याप्त अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के लिये जिम्मेदार सदस्य सचिव श्री अच्युतानंद मिश्रा के विरूद्ध विगत पांच वर्षों में आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो एवं लोकायुक्त में कब-कब, क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुईं? शिकायतों का विवरण व शिकायतों की छायाप्रति सहित किन शिकायतों में जांच कर अपराध पंजीबद्ध किया व कितनी शिकायतें जांच हेतु वर्तमान में लंबित हैं? पंजीबद्ध किये अपराध की एफआईआर की छायाप्रति सहित वर्षवार पूर्ण जानकारी दी जाये। (ख) श्री मिश्रा के विरूद्ध पंजीबद्ध किये किन अपराधों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया? अन्य अपराधों में चालानी कार्यवाही लंबित रहने के क्या कारण है? (ग) क्या शासन श्री मिश्रा को सेवावृद्धि देने व मण्डल का अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो आर्थिक अपराध संबंधी गंभीर शिकायतें होने, अपराध पंजीबद्ध होने व जांचें लंबित रहने के बावजूद भी सेवावृद्धि देना नियमों का उल्लंघन नहीं है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत पाँच वर्षों में श्री अच्युतानंद मिश्रा, सदस्य सचिव, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के विरूद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत आवेदन क्रमांक-100/2020 दिनांक 10.01.2020 को प्राप्त हुई है, जिसे सत्यापन उपरांत नस्तीबद्ध किया गया है एवं लोकायुक्त संगठन में श्री अच्युतानंद मिश्रा, सदस्य सचिव, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के विरूद्ध कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश-''क'' के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ई.ओ.डब्ल्यू./लोकायुक्त में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
104. ( क्र. 2720 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर्थिक अपराधों में आरोपी राजेश शर्मा (त्रिशूल कंस्ट्रक्शन प्रा.लि.) और उनकी सभी फर्म/कंपनियों के विरूद्ध आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो एवं लोकायुक्त को कितनी शिकायतें विगत पाँच वर्षों में प्राप्त हुई? इनमें कितनी शिकायतों में अपराध पंजीबद्ध किया गया तथा कितनी में जांच प्रचलित/लंबित है? वर्षवार, सभी शिकायतों की छायाप्रतियां, विवरण जिसमें अप.क्र. धारा, आरोपियों के नाम, पता सहित जांच की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी जाये। (ख) आरोपी के विरूद्ध पंजीबद्ध सभी प्रकरणों में कौन-कौन सह आरोपी हैं? प्रकरणों में कब गिरफ्तारी हुई? गिरफ्तारी के किये गये प्रयासों की जानकारी सहित कब तक गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया जायेगा? प्रत्येक प्रकरण की जानकारी उपलब्ध करायी जाये? (ग) क्या आरोपी राजेश शर्मा की फर्म या कंपनियों के विरूद्ध ई.ओ.डब्ल्यू, लोकायुक्त में पंजीबद्ध सभी अपराधों में फर्म/कंपनी के सभी सदस्यों को भी आरोपी बनाया गया है? यदि नहीं, तो क्या सभी को आरोपी बनाने की कार्यवाही की जावेगी? जानकारी देते हुये समय-सीमा बताएं। (घ) श्री नरेन्द्र कुमार, प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण के विरूद्ध विगत पाँच वर्ष में ई.ओ.डब्ल्यू व लोकायुक्त में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतों की छायाप्रति सहित की गयी कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ड.) थाना क्राईम ब्रांच ग्वालियर में पंजीबद्ध अप.क्र.74/23 प्रकरण की अग्रिम विवेचना ई.ओ.डब्ल्यू. को अंतरित हुई है, यह केस डायरी ई.ओ.डब्ल्यू. को कब प्राप्त हुई? प्रकरण में आरोपी जागेश श्रीवास्तव, राकेश कुमार राहोरा, विनोद कुमार छारी, महेन्द्र कुमार उमरिया एवं हरीसिंह तोमर के विरूद्ध वर्तमान तक क्या साक्ष्य संकलित किये गये? क्या ऊपर हुये साक्ष्य अनुसार, संज्ञेय व गैर जमानती अपराध होने से इन्हें कब तक गिरफ्तार किया जायेगा? पूर्ण विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी जाये।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत पाँच वर्षों में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में श्री राजेश शर्मा के विरूद्ध 02 शिकायत आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं एवं लोकायुक्त संगठन में राजेश शर्मा (त्रिशूल कंस्ट्रक्शन प्रा.लि.) के विरूद्ध कोई शिकायत प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में प्राप्त 02 शिकायत आवेदन पत्रों में से शिकायत क्रमांक-343/25 में आरोपी राजेश शर्मा व उनके सहयोगी राजेश कुमार तिवारी एवं दीपक तुलसानी व अन्य के विरूद्ध अपराध क्रमांक-98/2025 धारा-120 बी, 467, 468, 471, भादवि एवं 66 सी, 66 डी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचनाधीन है एवं शिकायत क्रमांक-404/2025 वर्तमान में सत्यापनाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में राजेश शर्मा, उनकी पार्टनरशिप फर्म ट्राईडेंट मल्टीवेंचर्स व उनके सहयोगी राजेश कुमार तिवारी एवं दीपक तुलसानी एवं अन्य के विरूद्ध अपराध क्रमांक-98/2025 पंजीबद्ध है। आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। प्रकरण विवेचनाधीन है। प्रकरण में प्राप्त तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी। लोकायुक्त संगठन की जानकारी निरंक है। (ग) राजेश शर्मा व उनके सहयोगी राजेश कुमार तिवारी एवं दीपक तुलसानी व अन्य के विरूद्ध अपराध क्रमांक-98/2025 धारा-120बी, 467, 468, 471, भादवि एवं 66 सी, 66 डी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचनाधीन है एवं लोकायुक्त संगठन की जानकारी निरंक है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक-98/2025 में प्राप्त तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विगत पाँच वर्षों में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में श्री नरेन्द्र कुमार, प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग के विरूद्ध शिकायत आवक क्रमांक-4408/2022 प्राप्त हुई है, जिसे तथ्यात्मक प्रतिवेदन हेतु लोक निर्माण विभाग को प्रेषित किया गया है। प्रतिवेदन अपेक्षित है। श्री नरेन्द्र कुमार वर्मा के विरूद्ध प्राप्त सूत्र सूचना पर से शिकायत क्रमांक-204/22 दर्ज होकर सत्यापनाधीन है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। लोकायुक्त संगठन में श्री नरेन्द्र कुमार, प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग के विरूद्ध 02 शिकायतें क्रमशः 2347/सी/22-23 एवं 589/सी/22-23 प्राप्त हुई है, उक्त दोनों शिकायतें परीक्षणोंपरांत दिनांक 19.09.2022 एवं दिनांक 23.05.2022 को नस्तीबद्ध की गई हैं। लोकायुक्त संगठन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। लोकायुक्त संगठन में श्री नरेन्द्र कुमार, प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग, भोपाल एवं अन्य संबंधितों के विरूद्ध वर्ष 2022-23 में 01 अन्य शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत की जांच हेतु प्रकरण क्रमांक-नि./जा.प्र./28/ई/22-23 पंजीबद्ध किया जाकर साक्ष्य हेतु नियत है। (ड.) जी हाँ। अपराध क्रमांक-74/23 की केस डायरी अग्रिम विवेचना हेतु दिनांक 25.06.2025 को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को प्राप्त हुई है। प्रकरण की अग्रिम विवेचना में प्राप्त तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पन्ना-छतरपुर जिलो में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
105. ( क्र. 2729 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक पन्ना एवं छतरपुर जिले में किन-किन फर्मों/व्यक्तियों पर अवैध उत्खनन के मामले में अर्थदंड अधिरोपित किया गया है? क्या उक्त अर्थदंड की वसूली कर ली गई है? किन प्रकरणों में वसूली शेष है? (ख) मे. यूरेका माइन्स एंड मिनरल्स एवं मे. रश्मित मल्होत्रा फर्मों पर पन्ना एवं छतरपुर जिलों में अवैध उत्खनन के प्रकरण वर्ष 2020 से अब तक कब-कब दर्ज किये गये? इन प्रकरणों में प्रकरणवार खनिज अधिकारी/जांचकर्ता द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन की प्रति दें व कलेक्टर (खनिज) द्वारा अधिरोपित अर्थदंड की राशि की जानकारी दें। क्या उक्त अर्थदण्ड की वसूली इन फर्मों से कर ली गई है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? क्या अवैध उत्खनन संबंधी इनके प्रकरण अन्यत्र कहीं विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कहां और कब से? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) उल्लेखित अवैध उत्खनन कर्ताओं से पेनाल्टी वसूली न हो पाने के क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांश अनुसार वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक पन्ना एवं छतरपुर जिलों के अवैध उत्खनन के प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अनुसार मे. यूरेका माइन्स एण्ड मिनरल्स फर्म पन्ना एवं छतरपुर जिले अंतर्गत अवैध उत्खनन प्रकरण दर्ज नहीं है। मे. रश्मित मल्होत्रा फर्म में छतरपुर जिले में कोई प्रकरण दर्ज नहीं है अपितु जिला पन्ना अंतर्गत अवैध उत्खनन के दर्ज प्रकरण एवं जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। जिसमें प्रश्नांश के अन्य बिन्दुओं की जानकारी उल्लेखित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
रायसेन जिले में सीएसआर के कार्य
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
106. ( क्र. 2730 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार के कंपनी एक्ट 2013 के सेक्शन 135 के अधीन कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत आने वाली कौन-कौन सी कंपनियां/औद्योगिक संस्थान रायसेन जिला अंतर्गत स्थित है? कंपनी का नाम, पता वार्षिक टर्नओवर व वार्षिक सीएसआर की राशि की जानकारी दें। (ख) क्या राज्य शासन/विभाग की सीएसआर के व्यय के संबंध में और उसके सत्यापन इत्यादि को लेकर कोई नीति है? यदि हाँ, तो क्या है बतावें नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कंपनियों ने रायसेन जिले के किन-किन क्षेत्रों/गांवों में कितनी-कितनी राशि से क्या-क्या कार्य सीएसआर की राशि से कराये हैं? विगत एक वर्ष के कार्यों, उनकी लागत व कार्यस्थल का विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत उद्योग संवर्धन नीति के तहत सुविधा सहायता के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त आवेदनों के तारतम्य में नेशनल सीएसआर पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी अनुसार भारत सरकार के कंपनी एक्ट 2013 के सेक्शन 135 के अधीन कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत आने वाली रायसेन जिले में स्थित कम्पनियों/औद्योगिक संस्थानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) राज्य शासन/विभाग की सीएसआर के व्यय के संबंध में और उसके सत्यापन इत्यादि को लेकर नीति नहीं है। सीएसआर भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 अंतर्गत प्रावधानित है। उक्त धारा की कंडिका 5 अनुसार कंपनी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी प्रत्येक वित्तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्तीय वर्षों के दौरान किए गए कंपनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम दो प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व नीति के अनुसरण में खर्च करें। सीएसआर के संबंध में राज्य शासन के आदेश क्रमांक एफ 20-8/2013/बी-11, दिनांक 13.10.2017 द्वारा सीएसआर गतिविधि को फेसिलिटेट करने एवं क्रियान्वयन को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से दिशा-निर्देश जारी किये गये है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में रायसेन जिले में सीएसआर अंतर्गत कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
दर्ज एफ.आई.आर. 0480 दिनांक 11.10.2020 में गिरफ्तारी
[गृह]
107. ( क्र. 2736 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के भिण्ड शहर कोतवाली में दिनांक 11.10.2020 में एफ.आई.आर क्रमांक 0480 पर भा.दं.सं. की धारा 302 सहित अ.जा. अधिनियम की धारा 3 (1) (W) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है? यदि नहीं, तो कब तक होगी, समयावधि बताएं? (ख) उक्त पंजीबद्ध अपराध में हत्या समेत अ.जा.अधिनियम की धारा 3 (1) (W) के तहत मुख्य आरोपी सतीश भदौरिया निवासी कुम्हरौआ, भिण्ड नामजद होने के बावजूद भी शासकीय कार्य में सेवारत है, यदि हाँ, तो इसकी गिरफ्तारी कब तक की जावेगी? समयावधि बताने का कष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ भिण्ड जिले के थाना सिटी कोतवाली में फरियादी अशोक पुत्र परसुराम जाटव, निवासी भीमनगर कुम्हरौआ रोड की रिपोर्ट पर से आरोपी (1) रविन्द्र शर्मा (2) साकेत भदौरिया (3) सौरभ आदिवासी (4) दीपू भदौरिया (5) सतीश भदौरिया (6) विजय चौरसिया के विरुद्ध अप. क्र. 480/20, धारा 302,294,506, 34 भादवि 3 (1) (डब्ल्यू), 3 (1) द, 3 (1) ध, 3 (2) (व्हीए), 3 (2) व्ही, एससी/एसटी एक्ट का पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण के आरोपी (1) रविन्द्र शर्मा को दिनांक 15.10.2020 को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी (2) साकेत भदौरिया को दिनांक 10.05.2021, आरोपी (3) सौरभ आदिवासी को दिनांक 04.06.2021 को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी (4) दीपू भदौरिया की तलाश जारी है जिसकी गिरफ्तारी हेतु 5000/-रु. का ईनाम घोषित किया गया है। आरोपी (5) सतीश भदौरिया एवं आरोपी (6) विजय चौरसिया के द्वारा घटना घटित करने के संबंध में साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे हैं। विवेचना जारी है। (ख) आरोपी सतीश भदौरिया सहायक ग्रेड-3 के पद पर जिला पेंशन कार्यालय भिण्ड में पदस्थ है। आरोपी के घटना में संलिप्त न होने के संबंध में प्राप्त आवेदन पत्रों में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में अनुसंधान करते हुए घटना स्थल पुत्तु मैरिज गार्डन में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज एवं जगराम कोरकू समेत कुल 7 गवाहों ने कथन में आरोपी सतीश भदौरिया का घटना स्थल पर उपस्थित होना नहीं बताया है। वर्तमान में आरोपी सतीश भदौरिया के संबंध में धारा 173 (8) जा.फौ के तहत विवेचना जारी रखते हुए साक्ष्य संकलित किये जा रहे हैं। पर्याप्त साक्ष्य प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
नियुक्ति में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
108. ( क्र. 2748 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला एवं बाल विकास परियोजना वीरपुर जिला श्योपुर द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र कुशवाह बस्ती सुनवई में जिला आपत्ति निराकरण समिति जिला श्योपुर द्वारा जलदेवी पति श्री रामकुमार के दस्तावेजों को संदेहास्पद मानकर अपात्र किया गया था? यदि हाँ? तो संदेहास्पद दस्तावेजों की जाँच जिला स्तर से जाँचदल गठित कर कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या जलदेवी के अपात्र होने पर आरती पति श्री सोनू रावत को विधिवत नियुक्ति आदेश जारी कर पदस्थ किया गया था? यदि हाँ तो उनके द्वारा कितने महीने कार्यरत रही? नियुक्ति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या अपील में पुनः जलदेवी/रामकुमार को संदेहास्पद दस्तावेजों की जाँच जिला स्तर से वरिष्ठ अधिकारियों से न कराते हुए आवेदक से सांठ-गांठ कर कराई गई? यदि नहीं, तो संबंधित जलदेवी की 5वीं एवं 8वीं की मार्कशीट एवं मूल आवेदन में उल्लेखित जन्म तिथि में तथा अंतिम चयन सूची में आज भी भिन्नता है? यदि हाँ तो पुनः समस्त संदेहास्पद दस्तावेजों की जांच जिला स्तरीय जाँच दल गठित कर कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जिला आपत्ति समिति के निर्णय उपरांत आंगनवाड़ी केन्द्र कुशवाह बस्ती सुनवई में श्रीमती जलदेवी के दस्तावेज की जांच में भिन्नता पाये जाने पर श्रीमती आरती रावत का चयन किया गया। (ख) जी हाँ। श्रीमती आरती द्वारा दिनांक 22.08.2023 से दिनांक 06.12.2023 तक कार्य किया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिला स्तरीय दावा एवं आपत्ति समिति के निर्णय के विरूद्ध श्रीमती जलदेवी रावत द्वारा अपर कलेक्टर जिला श्योपुर के न्यायालय में अपील प्रस्तुत की गई। अपील में पारित निर्णय दिनांक 06.12.2023 श्रीमती जलदेवी के पक्ष में किया गया। अपील के निर्णय में श्रीमती जलदेवी के दस्तावेज की जांच का उल्लेख नहीं है। अपर कलेक्टर न्यायालय जिला श्योपुर के आदेश अनुसार श्रीमती जलदेवी वर्तमान में कार्यरत है। अपर कलेक्टर न्यायालय के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। श्रीमती जलदेवी के दस्तावेजों की जांच संभागीय संयुक्त संचालक, महिला एवं बाल विकास, संभाग-चंबल, मुरैना द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी श्योपुर के माध्यम से कराई गयी, जिसमें श्रीमती जलदेवी की अंकसूचियों में उल्लेखित जन्मतिथियों में किया गया संशोधन में भिन्नता पाई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। वर्तमान में आंगनवाड़ी केन्द्र कुशवाह बस्ती सुनवई का प्रकरण संभागीय आयुक्त, संभाग- चंबल मुरैना के न्यायालय में अपील में विचाराधीन है।
जिले की खनिज संपदाओं की जानकारी
[खनिज साधन]
109. ( क्र. 2763 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत गौण खनिज, रेत, मुरम, गिट्टी अथवा अन्य कोई भी प्रकार का खनिज उत्खनन का कार्य किन-किन फर्मों, एजेंसियों, कंपनियों, सोसायटियों, व्यक्तियों अथवा किसी अन्य प्रकार से भी कहां-कहां पर किस-किस के द्वारा किया जा रहा है? ब्लॉकवार, कार्यवार, नामवार जानकारी दें। (ख) बताएं कि जिला अंतर्गत उपरोक्तानुसार प्रश्नांश (क) अंतर्गत उल्लेखित खनिज उत्खनन के किन-किन स्थलों को चिन्हित किया जाकर किस-किस को अनुमति प्रदान की गई, किस-किस की किन कारणों से अनुमति निरस्त की गई तथा जिले में ऐसे कितने किस प्रकार के स्थान वर्तमान में भी रिक्त हैं जहां पर किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी जा सकी तो किन कारणों से? (ग) अवगत कराएं कि वर्ष 2020-21 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विभिन्न प्रकार की दी गई अनुमतियों एवं विभिन्न प्रकार की गई कार्यवाहियों के माध्यम से शासन/विभाग को वर्षवार जिला अंतर्गत कितना राजस्व प्राप्त होकर कितनी राशि जिला कोष में जमा है? (घ) बताएं कि शासन/विभाग के नियमानुसार प्राप्त खनिज राजस्व राशि के माध्यम से जन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अत्यंत आवश्यक कार्यों को भी स्वीकृतियां दी जाती रही तो प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत किन-किन सार्वजनिक जनहित के कार्यों को किए जाने हेतु कितनी-कितनी राशि के किन-किन कार्यों की स्वीकृतियां प्रदान की गई?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) विभाग अंतर्गत रतलाम जिले में खनिज उत्खनन हेतु स्थलों को चिन्हित कर अनुमति दिये जाने के कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) डी.एम.एफ. से स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
विभागीय कार्यों की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
110. ( क्र. 2764 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2025-26 अंतर्गत किस-किस स्थान हेतु देशी एवं विदेशी शराब विक्रय के किन-किन फर्मों/कंपनियों/व्यक्तियों इत्यादि के टेंडर/आवेदन प्राप्त हुए? (ख) प्राप्त टेंडर/आवेदनों पर किस प्रक्रिया अंतर्गत उन्हें अनुमति किन-किन स्थानों हेतु प्रदान करते हुए उन स्थानों की स्वीकृतियों से शासन/विभाग को कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ग) बताएं कि संपूर्ण जिले के अनेक धार्मिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य केन्द्रों के पास एवं अत्यंत सघन सार्वजनिक स्थलों पर देशी-विदेशी शराब विक्रय नहीं किए जाने संबंधी विगत वर्षों में प्राप्त अनेक शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? (घ) रतलाम जिले से लगी राजस्थान राज्य सीमा एवं गुजरात राज्य सीमा अत्यधिक समीप होने के साथ ही 8 लाइन एक्सप्रेस हाईवे व फोरलेन मार्ग एवं अन्य गुप्त मार्गों से भी अवैध शराब विक्रय तथा रतलाम जिला अंतर्गत भी एक दूसरे के परस्पर क्षेत्र में भी अवैध विक्रय निरंतर किया जा रहा तो इस हेतु क्या-क्या कार्रवाई की गई तथा विभाग ने बोतल होलोग्राम, स्टॉक आदि की जांच कब-कब की जाकर क्या-क्या कार्यवाही की?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2025-26 अंतर्गत रतलाम जिले की कुल 99 कम्पोजिट मदिरा दुकानों के पुनर्गठित 08 समूहों पर 09 (ई-टेण्डर कम ऑक्शन) एवं 05 (ई-टेण्डर) इस प्रकार कुल 14 टेण्डर प्राप्त हुए हैं। प्राप्त आवेदनों के फर्मों कंपनियों/व्यक्तियों के विवरण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। (ख) ठेका निष्पादन वर्ष 2025-26 हेतु जारी मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 47 दिनांक 14 फरवरी 2025 में उल्लेखित प्रक्रिया अंतर्गत जिला समिति द्वारा रतलाम जिले की 99 कम्पोजिट मदिरा दुकानों के निष्पादन की स्वीकृति दी गई जिनका कुल वार्षिक मूल्य रूपये 3,87,31,96,840/- है। स्वीकृत स्थानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। (ग) रतलाम जिले में धार्मिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य केन्द्रों के पास एवं अत्यंत सघन सार्वजनिक स्थलों पर देशी-विदेशी शराब विक्रय नहीं किए जाने संबंधी विगत दो वर्ष (2023-24, 2024-25) में जो शिकायतें प्राप्त हुई हैं उक्त सभी शिकायतों का नियमानुसार निराकरण किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है। (घ) रतलाम जिले से लगी राजस्थान राज्य सीमा पर आबकारी विभाग द्वारा नियमित गश्त कर मदिरा के अवैध परिवहन पर नियंत्रण रखा जाता है। रतलाम जिले से होकर जाने वाले 08 लेन एक्सप्रेस हाईवे पर वर्तमान वित्तीय वर्ष में अवैध मदिरा परिवहन का 01 प्रकरण पी-8 क्रमांक 15 दिनांक 12.04.2025 मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (2) अंतर्गत पंजीबद्ध कर 01 चार पहिया वाहन मारुति सियाज कार एवं 198 बल्क लीटर (देशी एवं विदेशी) मदिरा जप्त की गई है। उक्त को सम्मिलित करते हुए फोरलेन मार्ग एवं अन्य मार्गों पर अवैध मदिरा परिवहन के कुल 04 प्रकरण कायम किये गये हैं जिनमें कुल 1833.00 बल्क लीटर अवैध मदिरा जप्त की गई हैं एवं 02 वाहन 01 टेक्टर ट्राली एवं 01 महिन्द्रा बोलेरो जप्त किया गया है। जिले में माह अप्रैल, मई एवं जून में मदिरा के अवैध धारण/विक्रय के कुल 515 प्रकरण कायम किये गए हैं जिनमें कुल 4057 बल्क लीटर मदिरा एवं 13745 किलो महुआ लाहन जप्त किया गया है। वर्तमान वर्ष में आबकारी विभाग जिला रतलाम द्वारा निरन्तर कम्पोजिट मदिरा दुकानों का निरीक्षण किया जा रहा है जिसमें बोतल होलोग्राम/EAL स्टॉक आदि संबंधी कोई अनियमितता प्रकाश में नहीं आई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''चार'' अनुसार है।
प्रदेश के अनाथ बच्चों को आरक्षण
[महिला एवं बाल विकास]
111. ( क्र. 2769 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के विभिन्न जिलों में पंजीकृत अनाथ बच्चों की संख्या, उनका पंजीकरण स्थान तथा 12वीं/स्नातक/स्नातकोत्तर उत्तीर्ण करने वाले बच्चों की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराएँ। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित अनाथ बच्चों को आरक्षण प्रदान करने हेतु क्या प्रदेश में कोई कार्ययोजना प्रचलन में है? क्या इस संबंध में किसी समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो अवगत कराएँ। (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित 1 जनवरी 2018 के पश्चात शासन की सुविधाओं का लाभ उठाकर शासकीय/अशासकीय रोजगार प्राप्त करने वाले बच्चों की संख्यात्मक जानकारी दें। (घ) क्या अनाथ बच्चों के आरक्षण से संबंधित कोई प्रकरण न्यायालयों में विचाराधीन है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिले में संचालित बाल देख-रेख संस्था एवं भारत सरकार के पोर्टल पर अनाथ बच्चों का पंजीकरण है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (ग) 124 बच्चे। (घ) जी हाँ।
स्पॉन्सरशिप योजना
[महिला एवं बाल विकास]
112. ( क्र. 2770 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए शासन द्वारा चलाई गई स्पॉन्सरशिप योजना की जानकारी दें। प्रदेश में कुल कितने बच्चों ने स्पॉन्सरशिप योजना में आवेदन किए? कितने बच्चों को उक्त योजना के लिए योग्य माना गया? सिर्फ संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) नीमच जिले में स्पॉन्सरशिप योजना के अंतर्गत कितने बच्चों का चयन किया गया? उन्हें योजना प्रारंभ से कब-कब कितनी-कितनी राशि दी गई? (ग) नीमच जिले में ऐसे कितने बच्चे हैं जिनका स्पॉन्सरशिप योजना के तहत चयन तो कर लिया गया, किंतु उनके खाते में प्रश्न दिनांक तक किसी भी प्रकार की कोई भी राशि जमा नहीं की गई? इसके क्या कारण रहे? (घ) प्रश्नांश (ग) संदर्भित बच्चों के खातों में राशि कब तक जमा कर दी जाएगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) स्पॉन्सरशिप योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार है। प्रदेश में 61,703 बच्चों ने स्पॉन्सरशिप योजना में आवेदन किए 47,981 बच्चों को उक्त योजना के लिए योग्य माना गया। (ख) नीमच जिले में स्पॉन्सरशिप योजना के अंतर्गत 135 बच्चों का चयन किया गया। उन्हें योजना प्रारंभ से भुगतान की गयी राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''02'' अनुसार है। (ग) नीमच जिले में ऐसे कोई बच्चे नहीं है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के सन्दर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जर्जर पुलिस स्टॉफ क्वाटर्स एवं पुलिस स्टॉफ की कमी
[गृह]
113. ( क्र. 2777 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 2688 दिनांक 21/03/2025 में प्रश्नकर्ता द्वारा चाहा गया था कि क्या विभाग द्वारा जर्जर पुलिस स्टॉफ क्वाटर्स को डिस्मेंटल करने हेतु क्या कार्यवाही की गई जिसके प्रतिउत्तर में जवाब दिया गया कि पुलिस अधीक्षक जिला उज्जैन द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग उज्जैन संभाग की ओर कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया था। बताएं कि आज प्रश्न दिनांक तक डिस्मेंटल की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक इनको डिस्मेंटल कर दिया जाएगा? उक्त जर्जर भवनों के गिरने से होने वाली जनहानि हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है? डिस्मेंटल न होने के कारण सहित सम्पूर्ण विवरण देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत थाना महिदपुर, थाना झारड़ा, थाना महिदपुर रोड़ एवं थाना राघवी में कुल कितना पुलिस बल उपस्थित है एवं कितने पुलिस बल की आवश्यकता है? नामवार, पदवार, थानावार, मोबाइल नंबर सहित सम्पूर्ण विवरण देवें। क्या यह सही है कि पुलिस स्टॉफ की कमी के कारण थानों में कई प्रकरण पेंडिंग हैं? क्या विभाग द्वारा पुलिस स्टॉफ में आवश्यकतानुसार वृद्धि की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त थानों में कुल कितनी महिला पुलिस बल पदस्थ हैं? क्या महिला आरक्षकों की कमी के कारण अन्यत्र थानों से महिला पुलिस बल की व्यवस्था करनी पड़ती है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा प्रत्येक थानों में महिला पुलिस बल की व्यवस्था की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नागझिरी स्थित पुलिस लाईन उज्जैन के 127 जर्जर क्वाटर्स, थाना भैरुगढ़ के 15 जर्जर क्वाटर्स, को डिस्मेंटल कर दिया गया है। शेष बचे थाना खाचरौद, बिरलाग्राम बड़नगर, इंगोरिया, तराना, माकडोन, घटिया, नरवर, झारडा, राघवी, महिदपुर के जर्जर क्वाटर्स को डिसमेंटल करने हेतु कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग उज्जैन से अभिमत चाहा गया था जो अप्राप्त है, अभिमत प्राप्त होने पर डिस्मेंटल ऑफसेट वेल्यू प्राप्त कर डिस्मेंटल की कार्यवाही की जायेगी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ, पुलिस स्टॉफ की कमी के कारण थानों में प्रकरण पेंडिंग है। समय-समय पर पुलिस बल में वृद्धि की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समस्त थानों में कुल 05 महिला पुलिस बल पदस्थ है। महिला आरक्षकों की कमी के कारण अन्यत्र थानों से महिला पुलिस बल की व्यवस्था करनी पड़ती है। आरक्षक भर्ती 2024 के अंतर्गत 60 महिला आरक्षक भर्ती में चयनित हुई है जिससे महिला आरक्षक की उपलब्धता में वृद्धि हुई है। उपलब्धता अनुसार महिला आरक्षकों को थानों में तैनात किया जाता है।
नोटिस अनुसार स्टॉम्प शुल्क वसूली
[वाणिज्यिक कर]
114. ( क्र. 2778 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंजीयक विभाग द्वारा लैंक्सेस इंडिया प्रायवेट लिमिटेड एवं ग्वालियर केमिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड नागदा जिला उज्जैन स्थित अचल संपत्तियों के हस्तांतरण के संबंध में स्टॉम्प शुल्क राशि वसूल किए जाने हेतु कितने करोड़ रूपये की राशि का नोटिस जारी किया गया था? नोटिस व की गई समस्त कार्यवाही की प्रति उपलब्ध कराते हुए विवरण दें। (ख) क्या लैंक्सेस कम्पनी द्वारा दिए गए नोटिस अनुसार स्टॉम्प ड्यूटी की राशि जमा कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) कलेक्टर ऑफ स्टॉम्प द्वारा दिनांक 22/01/2014 के आदेश व अधिनियम 1899 की धारा 47-ए (4) (6) के तहत अपर आयुक्त उज्जैन द्वारा दिनांक 20/09/2019 के आदेश द्वारा लैंक्सेस उद्योग नागदा के विरूद्ध क्या आदेश पारित किया गया? शासन द्वारा आदेश का पालन करवाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की है? शासन कब तक राशि की वसूली कर लेगा?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) ग्वालियर केमिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा लैंक्सेस इंडिया प्रायवेट लिमिटेड के पक्ष में किये गये हस्तांतरण पत्र में कलेक्टर आफ स्टॉम्पस द्वारा रूपये 14,42,70,781/- की वसूली हेतु नोटिस जारी किये गये है। वसूली हेतु जारी किये गये नोटिसों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर द्वारा आदेश दिनांक 04-10-2019 से वसूली पर रोक लगायी गयी है। दिनांक 01-07-2025 की सुनवाई में भी माननीय न्यायालय द्वारा वसूली पर रोक को यथावत रखा गया है। माननीय न्यायालय की ऑर्डरशीट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) कलेक्टर ऑफ स्टॉम्पस, उज्जैन द्वारा दिनांक 22-10-2014 को पारित आदेश को माननीय अपर आयुक्त, उज्जैन द्वारा उनके आदेश दिनांक 20-09-2019 के द्वारा यथावत रखा गया है, संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। माननीय न्यायालय द्वारा वसूली पर स्थगन होने से कार्यवाही स्थगित है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशानुसार कार्यवाही की जावेगी।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में लंबित मामले
[सामान्य प्रशासन]
115. ( क्र. 2802 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में प्राप्त कुल प्रकरणों की संख्या तथा उनमें से अब तक निपटाए गए और वर्तमान में लंबित प्रकरणों का वर्षवार विवरण बतावें। लंबित प्रकरणों में सम्मिलित प्रमुख श्रेणियाँ (जैसेः शासकीय भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितताएँ, सहकारी संस्थाओं से संबंधित धोखाधड़ी आदि) का वर्गीकरण कर सूची देवें। (ख) वर्तमान में लंबित प्रकरणों के शीघ्र निपटारे हेतु की गई विभागीय पहल, विशेष अभियान एवं मानव संसाधन की उपलब्धता की जानकारी देते हुए बताएं कि जिला जबलपुर से संबंधित कौन-कौन से प्रकरण कब से लंबित हैं? प्रकरणवार जानकारी दें। (ग) जिलेवार लंबित प्रकरणों की संख्या, उनके पंजीकरण की तिथि एवं प्रगति की अद्यतन स्थिति बताई जाए।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध शराब की दुकानों को बंद करवाया जाना
[वाणिज्यिक कर]
116. ( क्र. 2855 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कहाँ-कहाँ, किस-किस नगर एवं ग्राम में किस-किसके मकान में शासन द्वारा वर्ष 2025-26 हेतु स्वीकृत देशी एवं विदेशी शराब की दुकानें संचालित हैं? कृपया ऐसे मकान मालिक का नाम सहित यह भी बतायें कि वह 31 मार्च 2026 तक कितनी राशि से प्रतिमाह पर किराये से लिये है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर जानकारी दें कि प्रश्न दिनांक तक जिले के किस थाने एवं चौकी के अंतर्गत अवैध शराब की दुकानें वर्तमान में किस-किस ग्राम एवं नगर में कहाँ-कहाँ संचालित हैं? इन अवैध शराब की दुकानों को बंद करने हेतु 1 अप्रैल 2025 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी देते हुये बतायें कि अवैध शराब दुकानें कब तक बंद कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर यह भी बतायें कि जिले के इस कार्य को किस ठेकेदार ने किस दर पर, कुल कितनी राशि से, जिले का ठेका लिया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि क्या प्रश्नकर्ता या जनता द्वारा अवैध शराब की बिक्री की जानकारी देने पर ही संबंधित विभाग या पुलिस विभाग के अधिकारी या कर्मचारी अवैध विक्रय करने वालों को पकड़कर एवं संबंधित ठेकेदार पर विधिवत कार्यवाही करेंगे यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों? जानकारी दें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2025-26 हेतु कुल 54 कम्पोजिट मदिरा दुकानें संचालित हैं, मदिरा दुकानों के नाम, मकान मालिक के नाम का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। संचालित मदिरा दुकान के मकान मालिक से किराये दर की जानकारी प्राप्त करने का प्रावधान आबकारी अधिनियम/नियम/ठेका शर्तों में नहीं होने से चाही गई जानकारी निरंक है। (ख) वर्ष 2025-26 में जिला टीकमगढ़ में अनुज्ञप्त परिसर में संचालित मदिरा दुकानों के अलावा कहीं अन्य स्थान पर कोई अवैध मदिरा दुकान संचालित नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ग) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2025-26 हेतु कुल 54 कम्पोजिट मदिरा दुकानों को एक एकल समूह के रूप में निष्पादन किया गया है। दुकानों के नाम, लायसेंसी का नाम एवं वार्षिक मूल्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार है। (घ) यह कहना सही नहीं है कि प्रश्नकर्ता या जनता द्वारा अवैध शराब की बिक्री की जानकारी देने पर ही आबकारी विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। अपितु टीकमगढ़ जिले में अवैध शराब के विक्रय की सूचना/शिकायत प्राप्त होने के अलावा आबकारी विभाग टीकमगढ़ द्वारा अवैध शराब के विक्रय पर अंकुश लगाने हेतु सघन गस्त/भ्रमण किया जाता है। गस्त/भ्रमण के दौरान विभाग को अवैध शराब विक्रय के संज्ञान/सूचना प्राप्त होने पर त्वरित कार्यवाही कर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किये जाते है। इस वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रश्न दिनांक तक कुल 248 न्यायालयीन प्रकरण मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत पंजीबद्ध किये गये हैं। प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। पुलिस विभाग टीकमगढ़ से प्राप्त जानकारी अनुसार अवैध मदिरा विक्रय के माह जनवरी 2025 से 30 जून 2025 तक कुल 2157 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं।
वृहद उद्योग कारखाना खोला जाना
[खनिज साधन]
117. ( क्र. 2856 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में खनिज विभाग द्वारा वर्ष 1968-69 में एवं वर्ष 1975-76 में सर्वे कराया गया था और जिले में डायस्पोर एवं पायरोफिलाइट के अपार भंडार मिल थे? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि इसके आधार पर क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश विभाग द्वारा वृहद उद्योग कारखाना खोले जा सकते है तो किस-किस के? सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय कर यह भी बतायें कि विभाग द्वारा जिले में कारखाना खोले जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है और क्या-क्या शेष है? इसके संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब, किस-किस प्रश्न क्रमांकों के माध्यम से शासन का ध्यानाकर्षित कराया जा चुका है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि क्या जिला पन्ना एवं छतरपुर में विश्व प्रसिद्ध हीरा निकलता है और इन जिलों में अपार भंडार है? अगर हैं तो समीप जिला टीकमगढ़ में भी अपार हीरा निकलने की पूर्ण संभावना है। शासन टीकमगढ़ जिले में क्या ऐसा सर्वे कराने के आदेश जारी करेगा तो कब तक? निश्चित समय-सीमा सहित बतायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि विभाग कब तक सर्वे कराकर कारखाना खोले जाने हेतु आदेश जारी कर देगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। टीकमगढ़ जिले में खनिज विभाग द्वारा वर्ष 1968-69 में एवं वर्ष 1975-76 में पायरोफिलाइट खनिज की खोज हेतु सर्वे/पूर्वेक्षण कार्य कराया गया था और जिले के कुल क्षेत्रों में डायस्पोर - पायरोफिलाइट खनिज की उपलब्धता पाई गई थी। (ख) प्रश्नांश अनुसार औद्योगिक नीति एवं निवेश के तहत उद्योग कारखाना खोला जाना विभाग की विषयवस्तु नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश अनुसार जिला पन्ना में हीरा खनिज की खदान स्वीकृत होकर संचालित है। जिला छतरपुर तहसील बक्सवाह में हीरा खनिज के भण्डार पाये गये हैं। जिला टीकमगढ़ के हीरा संभावित क्षेत्रों में हीरा खनिज की खोज हेतु सर्वे/पूर्वेक्षण कार्य भारत सरकार की कंपनियों मेसर्स नेशनल मिनरल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक एवं मिनरल एक्सप्लोरेशन कंसल्टेंसी लिमिटेड द्वारा 2022-23 से 2023-24 तक किया जा चुका है। उक्त एजेंसियों द्वारा सर्वे/पूर्वेक्षण पश्चात् प्रस्तुत रिपोर्ट में हीरा खनिज की उपलब्धता पाई गई। चूंकि टीकमगढ़ में हीरा संभावित क्षेत्रों में हीरा खनिज की खोज हेतु सर्वे/पूर्वेक्षण कार्य किये जा चुके हैं। अत: पुन: सर्वे/पूर्वेक्षण कार्य कराये जाने की योजना नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खदानों के संचालन हेतु भूमि अधिग्रहण
[खनिज साधन]
118. ( क्र. 2919 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ-अलीराजपुर जिले में वर्ष 2010-2025 तक खनिज खदान के संचालन हेतु कितनी व्यक्तिगत/निजी भूमि का अधिग्रहण कौन-कौन सी ग्राम पंचायत में करा गया अथवा करा जा रहा है? यह अधिग्रहण कौन-कौन सी कम्पनी हेतु कराया गया अथवा कराया जा रहा है? (ख) संपूर्ण जानकारी वर्ष अनुसार, ग्राम पंचायतवार प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले से प्राप्त जानकारी निरंक है। (ख) उत्त्रांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निरंक है।
आरक्षित वर्ग के व्यक्तियों/विद्यार्थियों के स्थायी जाति प्रमाण पत्र
[सामान्य प्रशासन]
119. ( क्र. 2936 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अ.जा./अ.ज.जा एवं पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों/विद्यार्थियों को स्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे है? प्रमाण पत्र जारी किए जाने की समय-सीमा क्या है? (ख) यदि हाँ तो इसके प्रावधान क्या-क्या है? क्या अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के लिये 1950 के दस्तावेज/प्रमाण मांगे जा रहे हैं? यदि हाँ तो क्यों? यदि किसी व्यक्ति के पास 1950 के दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में क्या कोई अन्य विकल्प की व्यवस्था की गई है अथवा नहीं? (ग) क्या मांगे जा रहे प्रमाण से इन वर्गों को समय पर प्रमाण पत्र जारी नहीं हो रहे हैं? इससे इन वर्गों को नौकरी एवं अन्य शासन की योजनाओं का लाभ समय पर नहीं मिल रहा है? यदि हाँ तो शासन इन वर्गों के लिए क्या कर रहा है? (घ) क्या शासन स्तर पर इस प्रक्रिया को सरल किया जा रहा है? यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'', ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहर के व्यस्त चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस बल की स्थाई तैनाती
[गृह]
120. ( क्र. 2975 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के व्यस्त चौराहों जैसे उखरीचौक, दीनदयाल चौक, रानीताल, बलदेववाग एवं आई.टी.आई. चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती से ट्रैफिक नियमों का बेहतर पालन और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है एवं ट्रैफिक पुलिस की नियमित उपस्थिति से जाम की समस्या, गलत पार्किंग और ओवरलोडिंग जैसी समस्याओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है? (ख) क्या स्कूल, अस्पताल और बाजार जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के उक्त चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी से आम नागरिकों, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षा मिल सकती है? (ग) यदि उपरोक्त प्रश्नों का उत्तर हाँ है तो उक्त व्यस्त प्रत्येक चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की स्थाई तैनाती एवं ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था क्यों नहीं है? इसे कब तक पूर्ण कर दी जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) भीड़भाड़ वाले चौराहों पर हमेशा ही यातायात थाने के उपलब्ध बल अनुसार यातायात व्यवस्था के लिए ट्रैफिक पुलिस तैनात की जाती है साथ ही यातायात पुलिस द्वारा वाहनों की गलत पार्किंग एवं ओव्हर लोडिंग जैसी समस्याओं पर नियंत्रण पाने हेतु लगातार चौराहों पर वाहन चैकिंग व्यवस्था के साथ ही चालानी कार्यवाही भी की जाती है, वर्ष 2025 माह जून तक की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। परंतु नियंत्रित यातायात व्यवस्था हेतु ट्रैफिक सिग्नल की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है, जिसकी स्थापना के लिए नगर निगम एवं संबंधित विभागों से निरंतर पत्राचार किया जा रहा है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब''अनुसार है।
आदिवासी ब्लॉक और अनुसूचित एरिया में खनन हेतु अनुमति
[खनिज साधन]
121. ( क्र. 3277 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से 2025 तक विभाग ने प्रदेश के सभी "आदिवासी ब्लॉक और अनुसूचित एरिया" में खनिज खदानों के सर्वे हेतु, M.L., P.L. खनन हेतु, विभाग ने प्रति वर्ष कौन-कौन सी कंपनी/समूह/व्यक्ति को, कहाँ-कहाँ पर, कितने वर्ष की अनुमति दी है? संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग ने प्रति वर्ष कोई जाँच और ऑडिट किया है, जिसमें यह पता चले कि खदान संचालन नियम अनुसार हो रहे हैं या नहीं? जिसमें "वन और पर्यावरण" के नुकसान का आकलन किया गया हो। यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी दी जाएं। यदि नहीं, तो किन कारणों से ऑडिट नहीं किया गया?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संचालित खदानों में विभाग अंतर्गत वन और पर्यावरण के नुकसान का आंकलन किये जाने हेतु जाँच अथवा ऑडिट के प्रावधान नहीं होने से जानकारी निरंक है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
निर्मित/निर्माणाधीन
अधोसंरचनात्मक
कार्यों व
यातायात
व्यवस्था
[गृह]
1. ( क्र. 163 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जिला-पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी में पुलिस गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास निगम द्वारा वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक निर्मित व निर्माणाधीन कार्यों की स्थानवार, लागतवार, कार्य आदेश, कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र व कार्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) क्या प्रश्नांश 'क' में वर्णित जिलो व अवधि में म.प्र.पुलिस हाउसिंग द्वारा किये गए व कराए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता, मजदूरों को निर्माण स्थल में मिलने वाली सुविधा के अभाव व अन्य अनियमितता के संबंध में स्थानीय प्रतिनिधियों व मजदूर संगठन द्वारा कोई शिकायत जिला प्रशासन/शासन/विभाग को की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों द्वारा जांच की गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक की जावेगी? (ग) क्या प्रदेश के जिला सिवनी के राष्ट्रीय राजमार्गों में स्थित होटल/ढाबों व नगरीय क्षेत्र के मार्गों की यातायात अव्यवस्था के सम्बंध में कोई पत्र स्थानीय मजदूर संगठन द्वारा जिला प्रशासन/शासन/विभाग को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? क्या सम्बंधित कार्य/व्यवस्था शासन के नियमों के अनुकूल है? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ, ठेकेदार से भुगतान कराकर निराकृत करा दिया गया है। (ग) जी नहीं। राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित होटल, ढाबों के सामने अनियमित रोड पर खड़े वाहनों पर पुलिस द्वारा कार्यवाही की जाती है। नगरीय क्षेत्र में भी यातायात सुव्यवस्थित संचालन हेतु अतिक्रमण हटाना, ठेला ठिलिया वालों पर 34 पुलिस एक्ट की कार्यवाही, संकेत बोर्ड, रोड मार्किंग कराना एवं चालानी कार्यवाही जैसे आवश्यक कार्य किये जा रहे हैं।
जेलों में निरूद्ध बंदियों के बीमारी से उपचार
[जेल]
2. ( क्र. 236 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विभिन्न अपराध में करावास से दंडित बंदियों को रखने के लिये कुल कितनी जेले कार्यरत हैं? इनकी कितनी श्रेणियां हैं? म.प्र. की जेलों में प्रतिवर्ष कितने बंदियों की रखने की क्षमता हैं एवं उनमें क्षमता से कितने अधिक कैदी रखे जा रहे हैं? इन्दौर और उज्जैन संभाग की जेलों में तय संख्या से कितने अधिक बंदी रखे जा रहे हैं प्रत्येक जिलेवार संख्या बताएं। (ख) जेलों में निरूद्ध बंदियों की गंभीर बिमारी के संबंध में जेल प्रशासन के पास ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की जांच की त्वरित रूप से क्या व्यवस्था हैं क्या जेल में बंद कैदियों को गंभीर रूप से बीमार होने पर तुरंत उपचार नहीं मिल पाता हैं? अस्पताल तक लाने ले जाने में औपचारिकताएं पूरी करने के कारण अत्यधिक विलंब हो जाता हैं। (ग) क्या विभाग जेल के किसी कर्मचारी/प्रहरी को प्राथमिक उपचार एवं जांच कराने की ट्रेनिंग दिलाने पर विचार कर रहा हैं यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिनांक 30.06.2025 की स्थिति में, मध्यप्रदेश में कुल-133 जेलें कार्यरत हैं, जिसमें केन्द्रीय जेल-11, जिला जेल -41, सब जेल -73 तथा 08 खुली जेल है। मध्यप्रदेश की जेलों की बंदी आवास क्षमता-30764 है, बंदी आवास क्षमता से अधिक परिरूद्ध बंदियों की संख्या 14820 है। इन्दौर और उज्जैन संभाग की जेलों की बंदी आवास क्षमता एवं बंदी आवास क्षमता से अधिक परिरूद्ध बंदियों की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) प्रदेश की केन्द्रीय एवं जिला जेलों में चिकित्सक एवं पैरामेडीकल स्टाफ के पद स्वीकृत है। इन पदों पर अधिकांशत: चिकित्सक/पैरामेडीकल स्टाफ पदस्थ है। इन चिकित्सक/पैरामेडीकल स्टाफ को ब्लड प्रेशर एवं डायबिटीज की जांच से संबंधित प्रचलित उपकरण उपलब्ध कराये गये है। परिणामस्वरूप केन्द्रीय/जिला जेलों में ब्लड प्रेशर एवं डायबिटीज की त्वरित जांच व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। सब जेलों में पैरामेडीकल स्टाफ स्वीकृत है, जिन जेलों में पैरामेडीकल स्टाफ पदस्थ है, वहां पर ब्लड प्रेशर/डायबिटीज की जांच की व्यवस्था उपलब्ध है। जी नहीं जेलों में निरूद्ध बंदियों के गंभीर रूप से बीमार होने पर तुरन्त उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। (ग) कर्मचारी/प्रहरियों को प्राथमिक उपचार एवं जांच कराने का प्रशिक्षण समय-समय पर दिया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेत के अत्यधिक खनन से पर्यावरण
[खनिज साधन]
3. ( क्र. 237 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में जन आस्था का केन्द्र माँ नर्मदा में म.प्र. की सीमा के अंतर्गत कितने स्थानों पर रेत खनन की अनुज्ञा प्रदान की गई है स्थानों का नाम, प्रतिवर्ष खनन की जाने वाली रेत की मात्रा (खदानवार) बतायें। (ख) विभाग को नर्मदा नदी में कुल कितने स्थानों पर अवैध उत्खनन की शिकायत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक मिली एवं कितनी अवैध खदानों को बंद करने एवं जुर्माना लगाने की कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है स्थानों के नाम बताये। (ग) क्या नर्मदा नदी में से लगातार अत्यधिक उत्खनन के कारण नर्मदा जल की शुद्धता कम हुई है साथ ही पानी में पाये जाने वाले सूक्ष्म जीव मछली, सीप, शंख, घोंघा विलुप्त हो चुके हैं क्या विभाग समय-समय पर नर्मदा नदी के जल एवं पर्यावरण की स्थिति की जांच कराता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2023-24 में जांच में क्या तथ्य आये हैं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) देवास जिले में वर्तमान में रेत खदानों में म.प्र. सिया/सेक द्वारा पर्यावरण स्वीकृति का प्रकरण, ओ.ए. क्रमांक 50/2024 माननीय एन.जी.टी. के समक्ष विचाराधीन होने से पर्यावरण स्वीकृतियाँ जारी नहीं की गई। वैधानिक अनुमति प्राप्त न होने से रेत खदानें संचालित नहीं हुई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रश्नांश के प्रथम भाग अनुसार जानकारी प्रकाश में नहीं आयी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विभाग समय-समय पर नर्मदा नदी के जल एवं पर्यावरण की स्थिति की जाँच नहीं कराता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दर्ज शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
4. ( क्र. 288 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आशा-ऊषा आशा सहयोगिनी एकता यूनियन म.प्र. की महासचिव पूजा कनौजिया जबलपुर द्वारा दिनांक 12/07/2022 को पुलिस अधीक्षक जबलपुर को सौंपे गये ज्ञापन एवं तत्संबंध में पुलिस थाना ओमती एवं अजाक्स पुलिस थाना ओमती में दिनांक 12/07/2022 को दर्ज कराई गई लिखित शिकायत पर जिला पुलिस प्रशासन एवं थाना प्रभारी ओमती जबलपुर ने कब क्या कार्यवाही की हैं? यदि नहीं, तो क्यों? शिकायत की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में पुलिस थाना प्रभारी ओमतल एवं अजाक्स पुलिस थाना प्रभारी ओमती जबलपुर ने किन धाराओं के तहत अपराध को पंजीकृतकर आरोपी के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांकित दर्ज शिकायत के संदर्भ में शिकायतकर्ता एवं पीडि़त आशा कार्यकर्ताओं के कथन कब दर्ज किये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? शासन इसके लिये दोषी पुलिस अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही करेगा? बतलावें। आरोपी को कब तक गिरफ्तार कर कार्यवही करेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, आवेदिका आशा ऊषा सहयोगिनी एकता यूनियन म.प्र. की महासचिव पूजा कनौजिया द्वारा दिनांक 12.07.2022 को पुलिस अधीक्षक जबलपुर को सौंपे गये ज्ञापन की जाँच के संबंध में उप पुलिस अधीक्षक अजाक को ज्ञापन जाँच हेतु भेजा गया था, थाना प्रभारी (अजाक) जबलपुर द्वारा जांच की गयी एवं दिनांक 17.08.2022 को जांच प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक, जबलपुर को प्रेषित किया गया। थाना ओमती में आवेदिका द्वारा दिये गये आवेदन में घटना स्थल थाना गोरखपुर क्षेत्र का पाये जाने से आवेदन पत्र जांच हेतु थाना गोरखपुर भेजा गया, जहां चौकी प्रभारी रामपुर द्वारा आवेदन पत्र की जांच कर प्रतिवेदन दिनांक 16.07.2025 को थाना प्रभारी गोरखपुर को प्रेषित किया गया। (ख) पुलिस थाना प्रभारी ओमतल एवं अजाक्स पुलिस थाना प्रभारी ओमती जबलपुर में आरोपी के विरूद्ध कोई अपराध पंजीकृत नहीं किया गया। थाना प्रभारी अजाक द्वारा की गई जांच में आशा कार्यकर्ताओं एवं अनावेदक के बयान पर सेलरी भुगतान में विलंब से उपजे असंतोष का है न कि जातिगत आधार व दुर्व्यवहार, उत्पीड़न होना पाया गया है। थाना गोरखपुर की चौकी रामपुर के प्रभारी के जांच अनुसार आवेदिका पूजा कनौजिया द्वारा उनकी समस्याओं का निराकरण हो जाने से अपनी शिकायत पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न करने हेतु कथन लेख कराया गया है। (ग) शिकायत के संदर्भ में चौकी रामपुर के प्रभारी द्वारा शिकायतकर्ता के कथन दिनांक 16.07.2025 एवं थाना प्रभारी अजाक द्वारा पीड़ित आशा कार्यकर्ताओं के कथन दिनांक 14.07.2022, 15.07.2022, 28.07.2022 को लेखबद्ध किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निगम मण्डल बोर्ड आयोग का संचालन
[सामान्य प्रशासन]
5. ( क्र. 289 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने शासकीय निगम, मण्डल बोर्ड, आयोग संचालित हैं। इनके अध्यक्ष व सदस्यों के वेतन भत्तों, यात्रा, मकान किराया, वाहनों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई हैं? वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक की जानकारी दें। सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) में ऐसे कितने निगम, मण्डल बोर्ड, आयोग है जो अपने गठन के मूल उद्देश्य में विफल रहे हैं। इन्हें कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई हैं? (ग) मान. श्री शिवराज सिंह चौहान तत्कालीन मुख्य मंत्री म.प्र.शासन, भोपाल के कार्यकाल में वर्ष 2021-22 से 2022-23 की अवधि में कौन-कौन से सामाजिक कल्याण बोर्ड गठित किये गये। इनका मूल उद्देश्य एवं लक्ष्य क्या था। इनका किस-किस को कब अध्यक्ष, सदस्य मनोनीत किया गया। इन पर किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। कौन-कौन से सामाजिक कल्याण बोर्ड कागजी सिद्ध हुये हैं। इनका कार्यकाल कितना-कितना है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित किन-किन सामाजिक कल्याण बोर्ड को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं किस-किस को राशि का आवंटन नहीं किया गया हैं। किन-किन बोर्ड ने अपने मूल उद्देश्य के तहत बनाये गये प्रोजेक्ट/प्लान पर कितनी-कितनी राशि व्यय की है तथा इससे कितने-कितने व्यक्ति लाभांवित हुये हैं? वर्ष 2025-26 तक की वर्षवार जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मृतक के सुसाईट नोट से छेडछाड़ किया जाना
[गृह]
6. ( क्र. 382 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री पुक्खन देवी लोधी वर्ष 2009 में ग्राम पंचायत सिमरा खुर्द जनपद पंचायत पलेरा की सरपंच पद के लिये निर्वाचित हुई थी और 2009 वर्ष में जनपद पंचायत पलेरा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर कौन नियुक्त था जानकारी से अवगत करायें। (ख) क्या तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी की प्रताड़ना से सिमरा खुद की महिला सरपंच के पति द्वारा आत्महत्या की थी और मृत्यु के पूर्व मृतक की जेब में सुसाईट नोट मिला था जिसमे सी.ई.ओ. पलेरा द्वारा प्रताड़ित किये जाने का उल्लेख था सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराये एवं प्रमाणित दस्तावेजों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। (ग) क्या सी.ई.ओ. पलेरा द्वारा भ्रष्ट आचरण के माध्यम से पुलिस से मिलकर उक्त सुसाईट नोट को बदलवाने का कार्य किया है जबकि मृतक की पत्नी एवं पुत्र द्वारा तत्कालीन कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ को बार-बार आवेदन देकर सी.ई.ओ. पलेरा के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की मांग करते रहे परंतु सी.ई.ओ. तत्कालीन पलेरा के भ्रष्ट आचरण एवं अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ करके उक्त प्रकरण को दबा दिया गया? क्या उक्त प्रकरण की सम्पूर्ण जांच प्रदेश स्तर के किसी वरिष्ठ अधिकारी के दल से करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या तत्कालीन सी.ई.ओ. को राजैतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण इतनी बड़ी घटना की दबाकर बार-बार जिले में पदस्य रहकर भ्रष्टाचार करते हुये महिला सरपंच के पति की मृत्यु के सुसाईट नोट से छेड़छाड़ कर (बदलकर), जांच को प्रभावित किया गया है क्या पंचायत ग्रामीण विकास इनके विरूद्ध विभागीय जांच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर श्री सिद्धगोपाल वर्मा पदस्थ थे। (ख) जी नहीं। मृतक बृजेन्द्र सिंह की जेब से सुसाइट नोट मिला था। थाना प्रभारी, थाना जतारा के जांच प्रतिविदेन अनुसार मृतक बृजेन्द्र सिंह द्वारा अपने सुसाइट नोट में अपनी पत्नी सरपंच एवं परिवार के बचाव हेतु शासकीय कर्मचारियों को फसाने के उद्देश्य से असत्य एवं निराधार सुसाईट नोट लिखकर आत्महत्या करना पाया गया। जांच में सी.ई.ओ. पलेरा द्वारा प्रताडित किया जाना नहीं पाया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। थाना प्रभारी जतारा दवारा की गई जांच एवं जिला अभियोजन अधिकारी की राय, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) जतारा, अनुविभागीय मजिस्ट्रेट जतारा द्वारा पाया गया है कि मृतक बृजेन्द्र सिंह लोधी ने निराधार एवं असत्य सुसाइट नोट लिखकर आत्महत्या की है। अतः शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) मृतक बृजेन्द्र सिंह से प्राप्त सुसाईट नोट से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। मृतक का सुसाईट नोट जब्त कर जांच हेतु हस्तलिपी विशेषज्ञ भोपाल को जांच हेतु भेजा गया था। जांच रिपोर्ट 15.04.09 को प्राप्त की जिसके अनुसार सभी पत्र जो जाँच में भेजे गये थे मृतक बृजेन्द्र सिंह द्वारा ही लेख करना स्पष्ट आया है। जांच को प्रभावित नहीं किया गया है। जांच में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर प्रकरण का विधि सम्मत निराकरण किय गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गैर जिम्मेदार थाना प्रभारी का स्थानांतरण
[गृह]
7. ( क्र. 454 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना-गुलगंज जिला छतरपुर में वर्तमान समय में थाना प्रभारी श्री गुरूदत्त शेषा को नियुक्ति दिनांक से किन-किन थानों में प्रभारी नियुक्त किया गया? आदेश की प्रतियां उपलब्ध करावें? (ख) श्री गुरूदत्त शेषा अपनी नियुक्ति से अब तक जहाँ-जहाँ पदस्थ रहे उस क्षेत्र में रोजनामचे पर कितने अपराधों के प्रकरण पंजीकृत किये गये? अपराधों की सूची थानेवार विवरण सहित उपलब्ध करावें? (ग) अपराधों को रोकने हेतु शासन द्वारा वाहनों से कितने निरीक्षण क्षेत्र में किये गये? शासन का कितना व्यय किया गया? वाहनवार व्यय पर कितनी राशि खर्च हुई? लॉगबुक सहित वर्षवार विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (क) वर्णित थाना प्रभारी को कब तक स्थानांतरित कर उनके कार्यकाल की जांच की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उप निरीक्षक श्री गुरूदत्त शेषा को नियुक्ति दिनांक से थाना जुझारनगर, ईशानगर एवं गुलगंज में थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ किया गया है। आदेश की प्रति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
लिपिकों की गोपनीय चरित्रावली
[सामान्य प्रशासन]
8. ( क्र. 829 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सांसद/विधायकों के यहां लिपिकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 19 मई 1995 के निर्देशों के अनुसार अटैचमेंट किये गए लिपिकवर्गीय कर्मचारियों के अटैचमेंट की अवधि में गोपनीय चरित्रावली फोल्डर में नो-रिपोर्ट प्रमाण पत्र लिखे जाने के निर्देश हैं? (ख) मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 में पदोन्नति हेतु कर्मचारियों के विगत 05 वर्षों के गोपनीय प्रतिवेदनों के आधार पर पदोन्नति की जाना है? ऐसी स्थिति में जिन कर्मचारियों के विगत 05 वर्ष या इससे अधिक वर्षों के गोपनीय चरित्रावली फोल्डर में नो-रिपोर्ट प्रमाण पत्र लिखा होने की स्थिति में उन कर्मचारियों पदोन्नति हेतु क्या प्रावधान/नियम निर्धारित किये जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। पूर्व पदोन्नति नियमों की कंडिका 6 (5) में भी पूर्ववर्ती 5 वर्षों के गोपनीय प्रतिवेदनों के आधार पर पदोन्नति का प्रावधान होने के कारण प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
9. ( क्र. 880 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अम्बाह, मुरैना में विभाग के द्वारा बच्चों हेतु कितने आंगनवाड़ी केन्द्र, उप केन्द्र संचालित है? (ख) क्या उक्त केन्द्र पर शासन द्वारा बच्चों को बैठाने एवं उन्हें पौष्टिक आहार देने की भी उचित व्यवस्था विभाग द्वारा की जा रही है? (ग) क्या जिन स्थानों पर आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है तथा भवनविहीन है, तो किराये के भवन में केन्द्र संचालित होता है तथा पोषण आहार केन्द्र तक ले जाने का वाहन भाड़ा भी शासन द्वारा दिया जाता है? (घ) अम्बाह क्षेत्र में कितने केन्द्र संचालित है तथा कितने भवन शासकीय हैं तथा कितने केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है तथा भवनों का क्या किराया है तथा कब से किराये पर संचालित है तथा कितने भवन जीर्ण-शीर्ण अनुपयोगी हो गये है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र अम्बाह अंतर्गत कुल 411 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। राज्य शासन द्वारा समस्त उप केन्द्रों का उन्नयन कर पूर्ण आंगनवाड़ी केन्द्रों में परिवर्तन कर दिया गया है, अतः संचालित उप केन्द्रों की संख्या निरंक है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन अन्य शासकीय अथवा किराये के भवनों में किया जाता है। परियोजना स्तर से आंगनवाड़ी केन्द्रों तक पूरक पोषण आहार THR का परिवहन हेतु नियमानुसार परिवहन भाड़े का भुगतान किया जाता है। (घ) अम्बाह क्षेत्र में 411 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। 112 केन्द्र विभागीय, 188 अन्य शासकीय तथा 111 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। किराये पर संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। किराये पर संचालित होने वाले आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ से ही किराये के भवनों में संचालित है। अम्बाह क्षेत्र में कोई भी भवन जीर्णशीर्ण अवस्था में नहीं है।
बाल संरक्षण योजना की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
10. ( क्र. 881 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सरकार बालक-बालिकाओं के संरक्षण हेतु बाल संरक्षण योजना संचालित कर रही है? यदि हाँ, तो उसकी पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) विधानसभा अम्बाह में ऐसे कितने हितग्राही है, जिनको बाल संरक्षण योजना का लाभ प्राप्त हुआ है सूची सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 01 अनुसार है। (ख) विधानसभा अम्बाह में बाल संरक्षण योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 02 अनुसार है। किशोर न्याय अधिनियम, 2015 (संशोधित 2021) की धारा-74 के तहत देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों की सूची एवं सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है।
लेखापालों का प्रशिक्षण
[वित्त]
11. ( क्र. 894 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन वित्त विभाग के आदेश क्रमांक 2864/1602/2001/ई-4, भोपाल दिनांक 28.11.2001 एवं प्राचार्य लेखा प्रशिक्षण सागर के पत्र क्रमांक 2002/1256 सागर दिनांक 21.01.2002 के तहत विभिन्न विभागों के कैशियर/लेखापालों का प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु शुल्क राशि रूपये 2000 जमा कराई गई थी। जिसके आधार पर अप्रिशिक्षत लेखापालों को प्रशिक्षित कराया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या शिक्षा विभाग/अन्य विभागों के अप्रशिक्षित लेखापालों ने प्राचार्य, लेखा प्रशिक्षण सागर में प्रश्नांश (क) के तहत सघन रूप से प्रशिक्षण प्राप्त किया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार उक्त आदेश के परिप्रेक्ष्य में लेखापालों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने पर उन सभी लेखापालों को प्रशिक्षित मान्य किया जावेगा? यदि हाँ, तो मान्य करें यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या उक्त अवधि में लेखापालों को प्राचार्य लेखा प्रशिक्षण शाला, सागर द्वारा प्रमाण पत्र जारी किये गये? यदि हाँ, तो उन प्रमाण पत्रों को वैध मानकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे लेखापालों को प्रशिक्षित मान्य किया जावेगा? कृपया स्पष्ट करें एवं दिनांक 27.06.2025 को परिवेदना शिविर में शिक्षा विभाग के लेखापाल ने आवेदन दिया था, जिस पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, छतरपुर ने शीघ्र निराकरण किये जाने के निर्देश दिये थे। यदि हाँ, तो उक्त प्रशिक्षण को मान्य क्यों नहीं किया गया? की गई कार्यवाही के प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध करायें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं स्टॉफ की पदस्थी
[महिला एवं बाल विकास]
12. ( क्र. 950 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नवगठित जिला मैहर के समुचित संचालन की दृष्टि से क्या जिला कार्यक्रम अधिकारी का पद मय स्टाफ स्वीकृत कर पदस्थ कराये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक पदस्थ कराये जावेंगे? समयावधि बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में यदि नहीं, तो, क्या निकट भविष्य में अविलंब कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर जिले के एम.एस.एम.ई. की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
13. ( क्र. 962 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कुल कितनी एम.एस.एम.ई. है? इसके तहत कितने लोगों को रोजगार दिया गया? सूची उपलब्ध करावें। (ख) बरगी विधानसभा में कौन-कौन सी एम.एस.एम.ई. हैं? सूची पते सहित उपलब्ध करावें।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) भारत सरकार के उद्यम पोर्टल से प्राप्त जानकारी अनुसार जबलपुर जिले में कुल 63174 एम.एस.एम.ई. इकाइयां हैं, जिसके तहत 348604 व्यक्तियों को रोजगार दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है।
सहायिका से कार्यकर्ता एवं सुपर वाईजर के पद पर पदोन्नति
[महिला एवं बाल विकास]
14. ( क्र. 1043 ) श्री मोहन शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग में सहायिका से कार्यकर्ता एवं सुपर वाईजर के पद पर पदोन्नति की गई हैं यदि हाँ, तो वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी बताए? (ख) क्या पदोन्नति में शासन द्वारा कोई मापदण्ड निर्धारण किया गया हैं यदि हाँ, तो बताए? (ग) क्या सहायिका से कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति हेतु अंकसूचियों का सत्यापन किया गया हैं? यदि हाँ, तो किन-किन सहायिकाओं की पदोन्नति की गई है? केन्द्र एवं संबंधित का नाम सहित बताएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक 15 आंगनवाड़ी सहायिकाओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के उच्च पद पर चयन (पदोन्नत) किया गया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से पर्यवेक्षक के पद पर पदोन्नति का प्रावधान नहीं होने से शेष का प्रश्न नहीं। (ख) जी हाँ। आंगनवाड़ी सहायिका से कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति हेतु शासन आदेश दिनांक 28.02.2020 के अनुसार न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं उत्तीर्ण, 10 वर्ष का संतोषजनक कार्यानुभव एवं 45 वर्ष की अधिकतम आयुसीमा का मापदण्ड था। शासन आदेश दिनांक 02.08.2023 में कार्यानुभव का मापदण्ड 05 वर्ष नियत किया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं के संशोधित नियुक्ति निर्देश दिनांक 23.05.2025 अनुसार आंगनवाड़ी सहायिका से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के उच्च पद पर चयन (पदोन्नति) हेतु अधिकतम आयुसीमा का बंधन समाप्त कर दिया गया है। (ग) जी हाँ। पदोन्नत सहायिकाओं की नामवार एवं केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय आवास गृहों की जानकारी
[गृह]
15. ( क्र. 1053 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र 187 अन्तर्गत कितने शासकीय आवास गृह है भरे तथा कितने रिक्त है तथा भरे उक्त आवास गृह किन-किन लोगों के नाम से किस दिनांक से आवंटित है? प्रमाणित जानकारी देवे? (ख) सेंधवा विधानसभा अन्तर्गत कितने अधिकारी/कर्मचारी है जिनके द्वारा सेवानिवृत्त/अन्यत्र स्थानांतरण होने के बावजुद शासकीय आवास गृह में निवास कर रहे उनके द्वारा शासकीय आवास गृह रिक्त नहीं किए गये है तथा उक्त आवास गृह कब तक रिक्त करवा लिए जावेंगे? (ग) सेंधवा विधानसभा अन्तर्गत शासकीय आवास गृह में निवासरत व्यक्तियों से प्रतिमाह किस आधार पर कितनी राशि किराए के रूप में जमा करवाई जाती है? जनवरी 2022 से वर्तमान माह तक कर्मचारी के नामवार प्रमाणित जानकारी देवे।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र 187 अंतर्गत कुल 147 शासकीय आवास है। जिसमें से 93 भरे तथा 54 रिक्त है। प्रश्नानुसार आवास गृह आवंटन किये जाने संबंधी शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 15 सेवानिवृत्त स्थानांतर अधिकारी/कर्मचारी शासकीय आवास गृह में निवासरत है। नियमानुसार आवासगृह रिक्त कराये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। (ग) शासन नियमानुसार प्रतिमाह आवास किराया वेतन से कटोत्रा की कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है।
जाति प्रमाण पत्र की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
16. ( क्र. 1061 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला श्योपुर के आदिवासी विकासखण्ड कराहल में भील-भिलाला तथा पटेलिया लंबे समय से निवासरत है? यदि हाँ, तो क्या आदिवासी विकासखण्ड कराहल में निवासरत भील-भिलाला तथा पटेलिया के अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र जिला श्योपुर के कराहल से एस.डी.एम. द्वारा बनाए जाते थे? (ख) क्या गुना एवं शिवपुरी में निवासरत भील-भिलाला पटेलिया जनजाति समुदाय के जाति प्रमाण पत्र जारी हो रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो क्या कारण है कि वर्ष 2005-06 से उक्त क्षेत्र में निवासरत भील-भिलाला पटेलिया का अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र प्रदाय नहीं किये जा रहे हैं जबकि वर्ष 2005 - 06 से पूर्व अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनाए जाते थे कारण दे तथा इस संबंध में आदेश की प्रति उपलब्ध कराए? (घ) क्या विभाग आदिवासी विकासखण्ड कराहल में भील-भिलाला पटेलिया का अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र बनाना आरंभ करेगा, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) श्योपुर जिले में भील-भिलाला तथा पटेलिया समाज के लोग निवासरत है। पुस्तकालय में रखे परिशष्ट अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) गुना एवं शिवपुरी जिले में निवासरत भील-भिलाला तथा पटेलिया जनजाति समुदाय के जाति प्रमाण पत्र नियमानुसार जारी हो रहे है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार। पुस्तकालय में रखे परिशष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योग लगाने हेतु प्रयास
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
17. ( क्र. 1153 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में उद्योग लगाने हेतु विगत 05 वर्षों में किन-किन छोटे उद्यमी, उद्योगपतियों, कंपनियों ने इच्छा व्यक्त की है। इन्होंने किस उद्योग को कहां पर लगाने के लिए आवेदन किया या रूचि दिखाई। (ख) इनकी प्रक्रिया किस स्तर पर लंबित है? सभी की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है। (ग) उद्योग लगाने में इनके और सरकार के प्रयास का ब्यौरा क्या है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) एवं (ख) विगत 05 वर्षों में छतरपुर जिले के छोटे उद्यमी, उद्योगपतियों, कंपनियों ने उद्योग लगाने के लिए आवेदन/रूचि की अद्यतन स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2025, मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. को औदौयोगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025, मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति एवं कार्यान्वयन योजना 2025 एवं स्वरोजगार योजनाओं के माध्यम से उद्योगों को विभिन्न सुविधाएं एवं सहायता प्रदान कर प्रदेश में उद्योग स्थापना हेतु प्रयास किए जा रहे हैं।
21 मार्च 2025 की प्रश्नोत्तरी में अतारांकित प्रश्न की जानकारी
[गृह]
18. ( क्र. 1167 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि 21 मार्च 2025 की प्रश्नोत्तरी में अतारांकित प्रश्न संख्या 45 (क्र.1469 ) में प्रश्नांश ‘’क’’ के उत्तर में ''जी हाँ'' विभागीय कार्यवाही अनुसार वर्तमान में उत्तराधिकारी के संबंध में आवेदक/ दावेदारों के मध्य माननीय न्यायालय में कार्यवाही प्रचलित हैं एवं प्रश्नांश ‘’ख’’ के उत्तर में ‘’वर्तमान में प्रकरण न्यायालय में लंबित है’’ तथा प्रश्नांश ‘’ग’’ एवं ‘’घ’’ के उत्तर में ‘प्रश्न उपस्थित नहीं होता’’ दर्शाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो न्यायालय में प्रकरण कब से लंबित है, की जानकारी देते हुए यह बताएं की संबंधित कर्मचारी के सेवा में रहते हुए एवं सेवानिवृत्त के लगभग 6 वर्षों तक जीवित रहते हुए भी उसके स्वत्वों के लाभ का भुगतान क्यों नहीं किया गया? क्या कारण है? दोषी कौन है। (ग) क्या शासन/विभाग प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए संबंधित कर्मचारी के जीवित रहते हुए उसके स्वत्वों का भुगतान नहीं करने वाले जिम्मेदार दोषियों के साथ-साथ शासन द्वारा बार-बार जारी नियम निर्देशों की अनदेखी करते हुए समय रहते संबंधित कर्मचारी के नॉमिनेशन फार्म को पूर्ण नहीं कराने वाले दोषियों पर भी अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) श्रीमती रक्षा पर्ते अभियोजन अधिकारी के सेवाकाल के दौरान ही सेवापुस्तिका में नामांकन प्रपत्र प्रमाणित नहीं होने के कारण वैध उत्तराधिकारी की प्रमाणिकता संतोषप्रद नहीं होने से सक्षम न्यायालय द्वारा जारी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था। इसी कारण श्रीमती रक्षा पर्ते की सेवानिवृत्ति उपरांत देय स्वत्वों के भुगतान की कार्यवाही विभागीय नियमों के अनुरूप न होने से प्रकरण लंबित रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डीपियों के बाहर लगे फैंसिंग की चोरी
[गृह]
19. ( क्र.
1169 ) श्री
आरिफ मसूद : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कम्पनी
लिमिटेड के
कार्यक्षेत्र
भोपाल शहर वृत्त
द्वारा पुलिस
कमिश्नरेट
के अंतर्गत
आने वाले
विभिन्न
थानों में
डीपियों के
बाहर लगे
फैंसिंग की चोरी
हो जाने की
शिकायत लिखित
एवं ऑनलाइन की
है? यदि
हाँ,
तो थानावार
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
(ख)
प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में उपरोक्त
शिकायतों के संदर्भ
में क्या
कार्यवाही की
गई? जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में क्या
विद्युत
वितरण कम्पनी
द्वारा
लगातार
शिकायत किए
जाने के बाद
भी पुलिस
द्वारा
प्रकरण
पंजीबद्ध
नहीं किए गए। कारण
स्पष्ट
कीजिए।
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी
नहीं। (ख) एवं
(ग) प्रश्नांश
'क' के
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
बण्डा के औद्योगिक क्षेत्र ग्राम-सौरई में स्थापित उद्योग
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
20. ( क्र. 1207 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा के औद्योगिक क्षेत्र ग्राम-सौरई में स्थापित उद्योगों के नाम एवं उनके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स एवं प्रबंधन में नियुक्त व्यक्तियों की सूची उपलब्ध करवाये। (ख) उक्त उद्योगों में कार्यरत समस्त मजूदरों के नाम, स्थाई निवास, मोबाइल नम्बर एवं प्रबंधन में कार्यरत समस्त कर्मियों की सूची, मोबाइल नम्बर सहित उपलब्ध करवाये। (ग) उक्त क्षेत्र में प्रत्येक उद्योग में कर्मियों के लिये चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध होने के क्या प्रावधान है उद्योगवार जानकारी उपलब्ध करवायें। (घ) उक्त क्षेत्र में प्रत्येक उद्योग द्वारा स्थापित चिकित्सा सुविधाओं में उपकरण, डॉक्टरों की सूची नाम, शैक्षणिक योग्यता, मोबाइल नम्बर सहित जानकारी उपलब्ध करवायें। (ड.) उक्त उद्योगों में विगत 3 वर्षों में हुई दुर्घटनाओं एवं दुर्घटना में प्रभावित लोगों की सूची, प्रत्येक प्रभावित के उपचार एवं मुआवजे पर व्यय के ब्योरे के साथ प्रदान करें। (च) क्या उक्त क्षेत्र में एसिड या अन्य रसायन से प्रभावित होने पर कर्मियों की मौतें हुई है? अगर हाँ तो उन मामलों में क्या वैधानिक कार्यवाही हुई इसका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करवायें। (छ) उक्त क्षेत्र में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत विगत तीन वित्त-वर्षों में मानक अनुसार निर्धारित फण्ड की जानकारी दे। (ज) उक्त क्षेत्र में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत विगत तीन वर्षों में किये गये कार्यों पर व्यय का देयकवार विवरण उपलब्ध करवायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) बण्डा के ग्राम सौरई में विभागीय अविकसित भूमि पर वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाई मेसर्स मध्य भारत एग्रो प्रोडेक्टस लि. स्थापित है। कम्पनी द्वारा प्रदाय जानकारी अनुसार कम्पनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स एवं प्रबंधन में नियुक्त व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) कम्पनी द्वारा प्रदत्त की गई कर्मचारियों/मजदूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार हैं। (ग) श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार खतरनाक प्रक्रिया चलाने वाले कारखानों में नियोजित श्रमिकों के लिये चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध होने के प्रावधान म.प्र. कारखाना नियमावली, 1962 के नियम 131 अनुसार है, जिसमें श्रमिकों का चिकित्सीय परीक्षण, व्यवसाय जन्य स्वास्थ्य केन्द्र, एम्बूलेंस वेन, प्राथमिक उपचार पेटी, श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराये जाने संबंधी प्रावधान है। कम्पनी से प्राप्त जानकारी अनुसार प्लांट में कार्यरत समस्त कर्मचारियों की चिकित्सा स्क्रीनिंग प्रत्येक 06 माह में नियमित रूप से मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेशानुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा जांच कराई जाती है, साथ ही प्रत्येक माह सामान्य चेकअप भी किया जाता है। आपातकालीन स्थिति में प्लांट से 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित सिविल अस्पताल बण्डा में शीघ्र उपचार संभव हो पाता है, चिकित्सा सुविधाओं संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ड.) एवं (च) कम्पनी द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार विगत 03 वर्षों में 1 दुर्घटना में श्री अनुराग राजपूत निवासी सौरई बण्डा की मृत्यु हुई है, उनके इलाज पर 2 लाख रूपये व्यय किये गये है, मृतक के परिवार को इकाई द्वारा 5 लाख रूपये मुआवजा राशि प्रदान की गई एवं मृतक के पिता को 10,000/- प्रतिमाह प्रदान किये जाते हैं। वर्तमान में प्रकरण माननीय श्रम न्यायालय में प्रचलन में हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार हैं। (छ) एवं (ज) कम्पनी द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार सी.एस.आर. मद अंतर्गत विगत 03 वर्षों में मानक अनुसार निर्धारित फण्ड तथा व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है।
जांच दल गठित किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
21. ( क्र. 1229 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 3450 दिनांक 16/07/2024 में माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था कि अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर से जांच कराई गई एवं नोटिस तामील करना पाया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रकरण क्रमांक 2530 में संलग्न पंचनामा दिनांक 22/01/2023 दोपहर 02:10 को बनाया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त पंचनामा लेख करने के उपरांत दोपहर 02:40 के पूर्व प्रबंधक मौके से भाग गया या चला गया था? यदि नहीं, तो क्या उक्त पंचनामा में प्रबंधक के हस्ताक्षर कराए गए थे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन के नियम अनुसार राजस्व न्यायालयों की प्रक्रिया 2019 के अंतर्गत प्रकरण आर.सी.एम.एस. पोर्टल में दर्ज करने के उपरांत कारण बताओ नोटिस जारी कर तिथि निर्धारित की जाती है? (घ) यदि हाँ, तो क्यों प्रकरण क्रमांक 2530 को कारण बताओ नोटिस जारी दिनांक को आर.सी.एम.एस. पोर्टल में दर्ज कर तिथि निर्धारित नहीं की गई थी एवं क्यों? 07/02/2023 को अंतरिम आदेश पारित दिनांक को आर.सी.एम.एस. पोर्टल दर्ज किया गया था? (ड.) प्रश्नांश "क" के अनुसार यदि हाँ, तो क्या कारण बताओ नोटिस अध्यक्ष को जारी करने के उपरांत तामील होना पाया गया था? यदि नहीं, तो क्यों? (च) क्या नकल शाखा कमिश्नर सागर एवं लोक सेवा गारंटी छतरपुर में प्रस्तुत आवेदन पर प्रकरण की नकल न देने पर एवं अन्य आवेदनों पर सीएम हेल्पलाइन नंबर 31793953, 33100719, 31807101, 31874734 एवं 30428046 में शिकायत दर्ज कराई थी? यदि हाँ, तो क्या शासन के नियम एवं लोक सेवा गारंटी अधिनियम के नियम के अनुसार आवेदक को नकल प्रदाय न करने पर जवाबदेह लोकसेवक अधिकारी पर प्रतिदिवस 250/- एवं अधिकतम 5000/- तक का जुर्माना लगाया जाएगा? यदि नहीं, हो क्यों? (छ) क्या एकल खिड़की कलेक्ट्रेट जिला छतरपुर में दिनांक 23/06/2025/2265, 26/06/2025/2316 एवं जिला पंचायत छतरपुर में जनसुनवाई दिनांक 24/06/2025/154 में भ्रष्टाचार एवं फर्जी अपराध पंजीबद्ध करने के संबंध में शिकायत आवक पंजी रजिस्टर में दर्ज कराई गई थी? (ज) प्रश्नांश (छ) यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रश्न के उपरांत कलेक्टर से मुख्य सचिव तक अधिकारियों के संज्ञान में आने के उपरांत जांच दल गठित किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण क्रमांक 2530 में संलग्न पंचनामा में दिनांक 22.01.2023 में समय दोपहर 02:10 दर्ज है। जांच अधिकारियों के अनुसार दुकान की जांच के दौरान प्रबंधक एवं उपभोक्ताओं के मध्य विवाद हो जाने से प्रबंधक के मौके से भाग जाने के कारण पंचनामे पर प्रबंधक के हस्ताक्षर नहीं हो सके। (ग) राजस्व न्यायालयों में म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 के अंतर्गत प्रस्तुत प्रकरणों को आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर दर्ज किया जाना प्रावधानित है। (घ) प्रकरण अनुसार पत्र क्रमांक 1002 अ.वि.अ./2023 दिनांक 24.01.2023 के द्वारा अनावेदक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था एवं आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर प्रकरण क्र. 2530/बी-121/2022-23 दिनांक 07.02.2023 को दर्ज कर तत्का. पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की गई है। उक्त प्रकरण राजस्व प्रकरण नहीं होने से आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर दर्ज किए जाने की अनिवार्यता नहीं है कार्य सुविधा एवं पर्यवेक्षण की दृष्टि से उक्त प्रकरण दिनांक 07.02.2023 को आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर दर्ज किया गया। (ड.) कारण बताओ सूचना पत्र प्रबंधक को जारी किया गया था इसलिए शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) सी.एम. हेल्पलाइन क्रमांक 33100719 एवं 31793953 प्रकरण की नकल से संबंधित होकर क्रमश: छतरपुर एवं आयुक्त सागर से संबंधित हैं। शेष सी.एम. हेल्पलाइन क्र. 31807101, 31874734 एवं 30428046 स्कूल शिक्षा विभाग के अन्य विषयों से संबंधित हैं। आवेदक द्वारा प्रकरण क्र. 4/31-20 (1)/2011-12 आदेश दिनांक 16.05.2012 की नकल प्राप्त करने हेतु लोक सेवा गारंटी केन्द्र छतरपुर में आवेदन दिया गया था। उक्त प्रकरण आयुक्त सागर के न्यायालय में अपील प्रकरण में प्रेषित किए जाने के कारण नकल दी जाना संभव नहीं होने से आवेदक श्री मनोज कुमार अग्रवाल, निवासी छतरपुर को कलेक्टर कार्यालय छतरपुर के पत्र क्र. 14 दिनांक 09.06.2025 से सूचित किया गया। आवेदक मनोज कुमार अग्रवाल पुत्र स्व. श्री स्वामी प्रसाद अग्रवाल द्वारा कमिश्नर सागर कार्यालय में दो आवेदन क्र. 611 एवं 612 द्वारा दो प्रकरणों की नकल प्राप्त करने हेतु आवेदन दिया गया था जिसमें आवेदन क्र. 612 के संबंध में आवेदक को नकल तैयार कर दिनांक 01.07.2025 को उपलब्ध करा दी गई एवं शेष एक आवेदन क्र. 611 के द्वारा वांछित प्रकरण क्र. 212/अ-6/2010-11 का संपूर्ण प्रकरण राजस्व मण्डल ग्वालियर से प्राप्त मांग पत्र अनुसार दिनांक 10.11.2021 को ग्वालियर भेजा जा चुका होने के कारण आवेदक को नकल प्रदाय नहीं की जा सकी। उपरोक्तानुसार सेवा प्रदाय किए जाने में जानबूझकर नकल प्रदाय न किए जाने के कारण जुर्माना किए जाने का कोई प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (छ) जी हाँ। (ज) एकल खिड़की आवेदन क्र. 2265 एवं जन सुनवाई आवेदन क्र. 154 को निराकरण हेतु कलेक्टर कार्यालय छतरपुर के क्रमश: पत्र क्र. 637 दिनांक 30.06.2025 एवं पत्र क्र. 812 दिनांक 25.06.2025 के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) छतरपुर को भेजा गया है एवं एकल खिड़की आवेदन क्र. 2316 को पत्र क्र. 636 दिनांक 30.06.2025 के माध्यम से पुलिस अधीक्षक छतरपुर को जांच हेतु भेजा गया है। उक्तानुसार समुचित जांच कार्यवाही किए जाने के कारण अतिरिक्त जांच दल इत्यादि गठित करने की आवश्यकता नहीं है।
शासन के नियम व निर्देशों का उल्लंघन
[गृह]
22. ( क्र. 1230 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोकायुक्त जबलपुर में अपराध क्रमांक 55/2023 को अपर कलेक्टरों द्वारा भूमि विक्रय की अनुमति देने पर अपराध पंजीबद्ध किया गया था? यदि हाँ, तो क्यों? सम्पूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ख) क्या लोकायुक्त सागर को अपर कलेक्टरों द्वारा भूमि विक्रय की अनुमति देने के संबंध में दिनांक 03/04/2025 से प्रश्न दिनांक तक शिकायती आवेदन प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो क्या उक्त आवेदनों पर अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन के नियम अनुसार संभाग जिला थाना क्षेत्रांतर्गत थाने में पदस्थ थाना प्रभारी द्वारा पद एवं शक्तियों का दुरूपयोग या आपराधिक कृत्य करने पर न्यायालय में प्रस्तुत परिवाद में न्यायालय संज्ञान लेकर अपराध पंजीबद्ध करने के आदेश पारित करता है तो थाना प्रभारी उक्त अपराध को प्रभावित न कर सके, संभाग या जिला या थाने में पदस्थापना की जा सकती है? (घ) यदि नहीं, तो क्या जिला छतरपुर में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दीपक चौधरी छतरपुर में परिवाद क्रमांक 340/2021 आदेश दिनांक 29/04/2023 को थाना प्रभारी एवं अन्य पर अपराध पंजीबद्ध करने के आदेश पारित किया गया था?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) संगठन की विशेष पुलिस स्थापना जबलपुर संभाग जबलपुर में कलेक्टरों द्वारा भूमि विक्रय की अनुमति देने के संबंध में अपराध क्रमांक 55/2023 दिनांक 31.03.2023 को पंजीबद्ध किया गया था। प्रकरण में अपराध प्रमाणित नहीं पाए जाने से माननीय विशेष न्यायालय, जबलपुर में दिनांक 16.05.2025 को खात्मा प्रस्तुत किया गया है, जो माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। मध्यप्रदेश विधानसभा नियमावली के नियम 36 की कण्डिका 19 के अनुसार जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) शिकायत एवं जांच शाखा में उक्त विषयवस्तु से शिकायत पंजी क्रमांक 0308/सी/2025-26, दिनांक 23.04.2025 एवं 1357/सी/25-26 दिनांक 09.07.2025 को दर्ज होकर परीक्षण उपरांत माननीय लोकायुक्त महोदय के आदेश दिनांक 28.04.2025 एवं दिनांक 11.07.2025 द्वारा नस्तीबद्ध की गई है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (ग) पुलिस कर्मियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण (दुर्घटना प्रकरणों को छोड़कर) पंजीबद्ध होने की दशा में थानें में पदस्थ नहीं किये जाने के संदर्भ में पुलिस मुख्यालय से दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। (घ) जी, नहीं। जिला छतरपुर में माननीय न्यायालय, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के परिवाद क्रमांक 340/21 आदेश दिनांक 29.04.2023 दवारा थाना प्रभारी एवं अन्य पर अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश नहीं दिये गये थे अपितु उक्त परिवाद में माननीय न्यायालय दवारा स्वतः संज्ञान लिये जाने का आदेश पारित हुआ था, जिसके विरूद्ध पक्षकारों दवारा माननीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, जिला छतरपुर के न्यायालय में रिवीजन प्रस्तुत की गई है, जो वर्तमान में विचाराधीन है।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( क्र. 1261 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत परियोजना 01 एवं परियोजना 02 परासिया के अन्तर्गत स्थित विभिन्न ग्राम/ग्राम पंचायतों में छोटे-छोटे बच्चों व महिला हितग्राहियों की सुविधा हेतु भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्री को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/139 दिनांक 10.03.2025 एवं मान. मुख्यमंत्री महोदय को अनुस्मरण-01 पत्र क्र.वि.स./परासिया/ 127/2025/ 138 दिनांक 10.03.2025 प्रेषित किया गया है, जिस पत्र पर अभी तक आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परासिया विधानसभा के अन्तर्गत विभिन्न ग्राम/ग्राम पंचायतों में भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु कब तक आवश्यक कार्यवाही करते हुए आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। पत्रानुसार प्रस्तावित आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
सिविल न्यायालय की स्थापना
[विधि एवं विधायी कार्य]
24. ( क्र. 1298 ) श्री अजय विश्नोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने अपनी अधिसूचना क्रमांक C/4866/तीन-10-47/78-सात दिनांक 11.11.2018 के माध्यम से मझौली नगर में सिविल न्यायालय की स्थापना के आदेश जारी किये हैं? (ख) क्या मझौली सिविल न्यायालय, भवन अनुप्लब्ध होने के कारण प्रारंभ नहीं हो पा रहा है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ है तो, जानकारी दे कि मझौली में सिविल न्यायालय के लिये आवश्यक भवन कब तक उपलब्ध करा दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बहोरीबंद सिंचाई परियोजना से सिंचाई
[नर्मदा घाटी विकास]
25. ( क्र. 1299 ) श्री अजय विश्नोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बहोरीबंद सिंचाई परियोजना वर्ष 2029 तक पूर्ण होगी। उसके बाद ही किसानों को सिंचाई हेतु पानी मिलेगा? (ख) यदि हाँ, तो जानकारी दें कि अरबों रूपयों के पाईप बिछाने का काम वर्ष 2025-26 में क्यों किया जा रहा हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) परियोजना का कार्य विधिवत यथासमय पूर्ण कराने हेतु।
योजनाओं का लाभ प्रदान करने में अनियमितता
[गृह]
26. ( क्र. 1358 ) श्री अभय मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग के विभिन्न जिलों के थानों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान कितने प्रकरण किन-किन थानों में किस-किस तरह से संबंधित थे जो पंजीबद्ध किये गये इनमें से कितने प्रकरण मान. न्यायालय में प्रस्तुत किये जा चुके हैं एवं कितने लंबित है का विवरण जिलेवार थानेवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लंबित प्रकरणों में से कितने प्रकरण निराकृत किये जा चुके है एवं कितने मान. न्यायालय में लंबित है इन प्रकरणों के लंबित रहने के कारण स्पष्ट करते हुय बतायें की प्रकरणों में गवाहों एवं पीडि़तों को यात्रा भत्ता हेतु शासन द्वारा कितनी राशि कब-कब स्वीकृत की गई एवं इस बाबत् संबंधितों को कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान कराया गया अगर नहीं तो क्यों? गवाहों एवं पीड़ित पक्ष को यात्रा भत्ता एवं न्यायालय में उपस्थिति होने के दिनांक की मजदूरी के मान से सहायता न मिलने से गवाह एवं पीडि़त पक्ष न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहें, उनके यात्रा भत्ता एवं अन्य सहायता (एक दिन की मजदूरी) हेतु क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग की हत्या पर उनके आश्रितों को किन-किन योजनाओं के लाभ से लाभान्वित किये जाने के निर्देश हैं, निर्देश के पालन में कितने हत्या के प्रकरणों में उनके वारिसों को किन-किन योजनाओं के लाभ से लाभांवित किया गया का विवरण जिलेवार प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार देवें। यह भी बतावें कि संबंधित थानों से कितने प्रकरण विभाग को योजनाओं के लाभ बाबत् प्रस्तुत किये गये की जानकारी माहवार वर्षवार जिलेवार थानेवार बतावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित आधारों पर कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आनंद विभाग के अंतर्गत कार्यक्रम एवं योजना
[आनंद]
27. ( क्र. 1381 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में आनंद विभाग के अंतर्गत क्या-क्या कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं? पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) उपरोक्त कार्यक्रमों की मद में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? वर्षवार, कार्यवार ब्यौरा दें। (ग) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में आनंद विभाग की किन-किन योजनाओं के क्रियान्वयन स्वीकृति विगत वर्षों में दी गई? विवरण दें।
मुख्यमंत्री
( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मंदसौर
जिले में आनंद
विभाग द्वारा
अल्पविराम
एवं आनंद उत्सव
कार्यक्रमों
का आयोजन किया
गया। (ख) आनंद
उत्सव
कार्यक्रम
आयोजन हेतु
आनंद विभाग
द्वारा कोई
राशि उपलब्ध
नहीं कराई
जाती है। उक्त
कार्यक्रम
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
के माध्यम से
आयोजित किया
गया। अल्पविराम
कार्यक्रम
हेतु आनंद
विभाग द्वारा
वर्ष 2022
से प्रश्न
दिनांक तक
मंदसौर जिले
में 1
लाख 25
हजार की स्वीकृति
दी गई। जिसकी जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार।
(ग)
गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र में
ब्लॉक स्तरीय
अल्पविराम
कार्यक्रम
गरोठ एवं
भानपुरा ब्लॉक
में आयोजित
किया गया। इस
हेतु प्रत्येक
ब्लॉक को 25 हजार
रूपये स्वीकृति
दी गयी।
परिशिष्ट
- "अट्ठाईस"
उप पंजीयक की पदस्थी
[वाणिज्यिक कर]
28. ( क्र. 1382 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में उप पंजीयन कार्यालय में पंजीयक व अन्य स्टाफ का पद स्वीकृत हैं? कार्यालय में उप पंजीयक पद कब से रिक्त हैं व किस कारण? (ख) उप पंजीयक पद रिक्त होने से किसानों को मंदसौर कार्य हेतु जाना पड़ता है जिससे किसानों का धन अपव्यय एवं समय खराब हो रहा है शासन कब तक स्थाई उप पंजीयक की नियुक्ति करेगा? यदि नहीं, तो, किस कारण?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। विभाग में पंजीयन अधिकारियों की कमी होने से उप पंजीयक कार्यालय गरोठ में उप पंजीयक का माह अक्टूबर 2015 से पद रिक्त है जिसका प्रभार श्री आरिफ हुसैन पंजीयन लिपिक एवं उप पंजीयक कार्यालय भानपुरा में उप पंजीयक का माह नवम्बर 2017 से पद रिक्त है जिसका प्रभार श्री राजेश सुहिल पंजीयन लिपिक को पंजीयन का कार्य संपादित करने हेतु दिया गया है। (ख) विभाग में अधिकारियों की कमी होने से रिक्त पदों की पूर्ति प्रशासकीय आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लाड़ली लक्ष्मी योजना
[महिला एवं बाल विकास]
29. ( क्र. 1383 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत गरोठ विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-2025 में कितने आवेदन छात्रवृत्ति के प्राप्त हुए? विवरण दें। (ख) कितने आवेदन स्वीकृत हुए एवं कितने लंबित है व किस कारण? ब्यौरा दें। (ग) उपरोक्त अवधि में कुल कितनी राशि बालिकाओं को प्रदान की गई? वर्षवार ब्यौरा दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत गरोठ विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-2025 में क्रमश: 2182 एवं 2341 आवेदन छात्रवृत्ति के प्राप्त हुए, विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'A' एवं 'B' अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2173 आवेदन स्वीकृत किये गये है एवं 09 आवेदन लंबित है जिसके ब्यौरे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'C' एवं 'D' अनुसार है तथा वर्ष 2024-25 में 2016 आवेदन स्वीकृत किये गये है एवं 325 आवेदन लंबित है जिसके ब्यौरे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'E' एवं 'F' पर है, इन आवेदनों के लंबित रहने का कारण NPCI, DBT न होना है। (ग) उपरोक्त अवधि में बालिकाओं को प्रदान की गई राशि की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है:-
राशि रूपये में |
||
वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदान की गई राशि |
वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदान की गई राशि |
कुल प्रदान की गई राशि |
7434500.00 |
8376000.00 |
15810500.00 |
मादक
पदार्थों की
तस्करी
[गृह]
30. ( क्र. 1414 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने तस्करी प्रकरण किन-किन वस्तुओं, ड्रग्स व अन्य प्रतिबंधित सामग्री के किस-किस थाना क्षेत्र में पंजीबद्ध हुए? थानेवार ब्यौरा दें। (ख) उपरोक्त अवधि में कितने तस्करों को गिरफ्तार किया व कितनी सामग्री जब्त की गई? पूर्ण विवरण दें। (ग) कितने अपराधी अब तक फरार है व कितने जेलों में निरुद्ध है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कुल 299 अपराधी फरार है एवं 1490 अपराधी जेल में निरूद्ध है।
पत्रों की जांच कर वस्तुस्थिति की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
31. ( क्र. 1464 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2024 से प्रश्नांकित दिनांक तक मुख्य सचिव कार्यालय मंत्रालय भोपाल वन विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल को विभिन्न विषयों पर लिखे गए पत्रों की जांच करवाई जाकर वस्तुस्थिति से अवगत कराने, जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करवाने की आवश्यक प्रक्रिया ही नहीं अपनाई गई? (ख) निर्वाचित विधायक को उसके पत्रों से संबंधित जांच करवाए जाने एवं प्रतिवेदन दिए जाने से संबंधित वर्तमान में क्या-क्या प्रावधान है, क्या-क्या निर्देश हैं। (ग) जनवरी 2024 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नकर्ता के द्वारा किस-किस विषय पर किस-किस को किस दिनांक को लिखा पत्र मुख्य सचिव कार्यालय में, अपर मुख्य सचिव वन विभाग भोपाल के कार्यालय में प्राप्त हुआ, उनमें से किस की जांच कर वस्तुस्थिति से किस-किस दिनांक को प्रश्नकर्ता को अवगत कराया, प्रति सहित जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध ओपन बार अहाते पर रोक
[वाणिज्यिक कर]
32. ( क्र. 1466 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शराब दुकानों के आस-पास सार्वजनिक स्थानों पर खुलेआम शराब सेवन की घटनाएं तेजी से बढ़ी है ऐसी दुकानों पर आबकारी विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई है। (ख) अवैध अहाते संचालित कर जो ठेले वाले दुकान वाले पानी, चिप्स व अन्य सामग्री बेच रहे हैं उन पर क्या कार्रवाई की गई जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) यदि अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई तो क्यों कारण बतावें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश के (जिला जबलपुर, सीधी एवं सिंगरौली जिले को छोड़कर) अन्य किसी जिले में मदिरा दुकानों के आस-पास सार्वजनिक स्थानों पर मदिरा सेवन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। जिला जबलपुर में मदिरा दुकानों के आस-पास सार्वजनिक स्थानों पर मदिरा सेवन की घटनाओं पर आबकारी विभाग द्वारा ऐसी दुकानों पर 06 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिला सीधी एवं सिंगरौली में शिकायत प्राप्त होने पर संबंधितों के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 36 के अंतर्गत जिला सीधी में 03 एवं जिला सिंगरौली में 24 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ख) अवैध अहाते संचालित कर, जो ठेले वाले, दुकान वाले, पानी, चिप्स व अन्य सामग्री बेच रहे हैं, उन पर वर्ष 2025-26 में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 एवं 36 के अंतर्गत पंजीबद्ध किये गये प्रकरणों का जिलेवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवन का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
33. ( क्र. 1584 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत 87 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के अथवा अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे हैं जिनमें आवश्यक सुविधायें नहीं हैं? (ख) क्या इन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु शासकीय भूमि उपलब्ध है? (ग) क्या भूमि आवंटन एवं भवन निर्माण हेतु कार्यवाही की गई है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी देवे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत 110 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये एवं 134 अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। उपरोक्त संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल सुविधा, शौचालय एवं विद्युत सुविधा उपलब्ध हैं। (ख) जी हां, इन आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 68 केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु शासकीय भूमि उपलब्ध है। (ग) जी हां, विधानसभा क्षेत्र पनागर के 68 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुए है। (घ) वित्तीय वर्ष 2024-25 में विधानसभा क्षेत्र पनागर के लिए 04 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर यथा समय पर आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति जारी की जाती है।
सिंघल वेतन आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाना
[वित्त]
34. ( क्र. 1605 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के कर्मचारियों के वेतन विसंगति दूर करने हेतु विगत 05 वर्षों में शासन को विभिन्न विभागों से कौन-कौन से प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं तथा उन प्रस्तावों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? जानकारी दें। (ख) क्या वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 8-1-2019-नियम-चार दिनांक 12 दिसम्बर 2019 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 12 दिसम्बर 2019, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 483, पृष्ठ क्रमांक 965 एवं 966 द्वारा राज्य शासन द्वारा शासकीय सेवकों की सेवा-शर्तों के निर्धारण के लिये कर्मचारी आयोग का गठन किया गया था। (ग) क्या वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक 8-1-2022-नियम-चार दिनांक 28 जनवरी 2022 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 28 जनवरी 2022, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 49, पृष्ठ क्रमांक 97 के द्वारा श्री गोपाल प्रसाद सिंघल, सेवानिवृत्त आई.ए.एस. को कर्मचारी आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। (घ) क्या सिंघल आयोग द्वारा कर्मचारियों के वेतन विसंगति दूर करने हेतु शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गयी है? यदि हाँ, तो रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावे। यदि नहीं, तो रिपोर्ट कब तक प्रस्तुत कर दी जावेगी? (ड.) प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित रिपोर्ट में अग्रिम कार्यवाही किये जाने की कोई कार्य योजना है जिससे कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर की जा सके। यदि हाँ, तो किस प्रकार से एवं कब तक में विसंगति दूर कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की वेतन विसंगति से संबंधित प्रकरण वित्त विभाग में सतत् रूप से प्राप्त होते रहे है, इन प्रकरणों को राज्य शासन द्वारा उक्त उद्देश्य हेतु गठित कर्मचारी आयोग को प्रस्तुत करने के लिये विभागों को सुझाव दिया गया है। (ख) जी हाँ। कर्मचारी आयोग के विचारणीय विषयों में शासकीय सेवकों की सेवा-शर्तों के वर्तमान ढांचे को युक्तियुक्त बनाने तथा शासन की कार्य प्रणाली को बेहतर एवं परिणामजनक बनाना सम्मिलित है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। कर्मचारी आयोग द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन गोपनीय स्वरूप का है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) राज्य शासन यथासमय पर उचित निर्णय लेता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परियोजना हेतु नवीन कार्यालय का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
35. ( क्र. 1614 ) श्री विश्वामित्र पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सीधी जिले के विकासखण्ड सिंहावल में महिला एवं बाल विकास अन्तर्गत संचालित योजनाओं के सुचारू एवं प्रभावित संचालन हेतु अत्यन्त आवश्यक तहसील मुख्यालय बहरी में परियोजना कार्यालय की स्वीकृति प्रदान की जायेगी? (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों के प्रभावी संचालन सतत् मानिटरिंग एवं शासन के नियमानुसार परियोजना की स्वीकृति के प्रावधानों को पूर्ण करने के बाद भी परियोजना कार्यालय की स्वीकृति में विलम्ब के क्या कारण हैं। (ग) कब तक बहरी में महिला एवं बाल विकास के परियोजना कार्यालय की स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। (ख) नवीन परियोजनाओं की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। भारत सरकार के पत्र दिनांक 25.01.2024 द्वारा नवीन परियोजना की स्वीकृति हेतु परियोजनाओं की उपलब्धता नहीं होने के संबंध में अवगत कराया गया है । जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ‘’ख’’ अनुसार नवीन परियोजना की स्वीकृति वर्तमान में नहीं दी जा सकती है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
36. ( क्र. 1665 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कटनी जिले अंतर्गत स्टार्टअप, स्वरोजगार हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है, बतलावे संपूर्ण योजनाओं का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं से लाभ लेने हेतु लाभार्थी को किस प्रकार की कौन-कौन सी अर्हताएं आवश्यक है, इस हेतु कौन-कौन सी कार्यवाही किया जाना आवश्यक है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में से कौन-कौन सी योजनाएं कहां-कहां पर किस नाम से किस कार्य हेतु विगत तीन वर्षों में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित की गई? सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित योजनाओं को कितना-कितना ऋण दिया गया एवं कितना-कितना अनुदान दिया गया? पृथक-पृथक योजनावार लाभार्थी के नाम सहित सूची देवें।
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) विभाग द्वारा कटनी जिले के अंतर्गत स्टार्टअप की योजना संचालित नहीं है। स्वरोजगार हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'एक' अनुसार सभी योजनाओं में पात्रता की आवश्यक शर्ते एवं की जाने वाली कार्यवाही की जानकारी पृथक-पृथक उल्लेखित है। (ग) उल्लेखित योजनाओं में विगत तीन वर्षों में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित योजना में लाभान्वित हितग्राहियों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) उल्लेखित योजनाओं में हितग्राहियों को दिये गये ऋण एवं अनुदान का योजनावार पृथक-पृथक लाभार्थी के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।
मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम की जानकारी
[लोक सेवा प्रबन्धन]
37. ( क्र. 1666 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट वेबसाईट में प्रदर्शित-गृह विभाग, राजस्व, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, खाद्य, परिवहन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग की कौन-कौन सी अधिसूचित सेवाएं प्रदर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभागों की सेवा प्रदाय के कौन-कौन से परिपत्र एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट वेबसाईट में प्रदर्शित नहीं है, कब तक प्रदर्शित होंगे? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) एवं राज्य लोक सेवा अभिकरण भोपाल के पत्र क्रमांक 1778/2019/रालोसेअ/प्रशासन भोपाल दिनांक 13.11.2019 के बिन्दु क्रमांक 7 के परिप्रेक्ष्य में लोक सेवा केन्द्रों से विभागों की कौन-कौन सी सेवाएं आनलाईन एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट वेबसाईट से अप्राप्त है, अप्राप्त सेवाएं लोक सेवा केन्द्रों से कब से प्राप्त की जा सकेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट वेबसाईट में गृह विभाग, राजस्व, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, खाद्य, परिवहन विभाग की प्रदर्शित सेवाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। पर्यावरण विभाग की कोई सेवा एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट वेबसाईट पर प्रदर्शित नहीं है। (ख) एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट वेबसाईट पर प्रदर्शित न होने वाली सेवाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। संबंधित विभागों से परिपत्र उपलब्ध कराए जाने पर उन्हें वेबसाईट पर प्रदर्शित किया जा सकेगा। (ग) एमपी ई-डिस्ट्रिक्ट वेबसाईट पर ऑनलाईन दी जाने वाली सेवाएं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं को ऑनलाईन किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। समय-समय पर पोर्टल में नवीन ऑनलाईन सेवाओं को जोड़ा जाता है।
जिला बदर एवं रासुका के अपराधियों पर कार्रवाई
[गृह]
38. ( क्र. 1769 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर विधानसभा 3 थाना रावजी बाजार, जूनी इंदौर, सदर बाजार, पंढरीनाथ, संयोगितागंज, भंवरकुँआ, तुकोगंज में वर्ष 2023 से आज प्रश्न दिनांक तक कितने अपराधियों पर जिला बदर एवं रासुका की कार्रवाई की गई है। उनके नाम, पते, प्रकरण सहित जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) जिला बदर एवं रासुका के कितने अपराधी इस अवधि में पुलिस गिरफ्त से बाहर है उनके नाम, पते प्रकरण सहित जानकारी उपलब्ध करावे।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला बदर एवं रासुका के कोई भी अपराधी इस अवधि में पुलिस गिरफ्त से बाहर नहीं है।
गंजाल-मोरंड डेम सिंचाई परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
39. ( क्र. 1779 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गंजाल-मोरंड डेम सिंचाई परियोजना का टेंडर कब हुआ, कितनी राशि का हुआ व टेंडर लेने वाली कम्पनी के नाम सहित कम्पनी की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) क्या हरदा जिला अंतर्गत स्वीकृत गंजाल-मोरंड डेम सिंचाई परियोजना का कार्य शुरू हो चुका है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य किये गये है और किए गए कार्य में कितनी राशि व्यय हो चुकी है? जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) गंजाल-मोरंड डेम की वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) टेंडर के नियम एवं शर्तों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पंजीबद्ध अपराधों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
40. ( क्र. 1780 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना हरदा में दर्ज अपराध क्रमांक 577/2023 एवं 307/2024 पर पुलिस द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? उक्त दोनों प्रकरणों की पृथक-पृथक विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) हरदा थाने में दर्ज उपरोक्त दोनों अपराधों में पुलिस द्वारा अपराधियों की गिरफ्तारी की गई थी क्या? यदि हाँ, तो कब जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो इसका कारण स्पष्ट करें। (ग) पुलिस थाना हरदा में दर्ज अपराधों क्रमांक 577/2023 एवं 307/2024 के चालान पुलिस द्वारा प्रश्न दिनांक तक मान. न्यायालय में क्यों पेश नहीं किए गए? कारण स्पष्ट करें एवं जिन पुलिस अधिकारियों की लापरवाही के कारण उपरोक्त अपराधों के चालन मान. न्यायलय में पेश नहीं हो पाए हैं, उन लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नर्मदा जल सिचाई परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
41. ( क्र. 1805 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि कालापीपल विधानसभा के खेतों तक पानी पहुंचाने कि शासन कि क्या योजना है? यदि हाँ, तो कब तक खेतों में पानी पहुंचेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं स्पष्ट जानकारी उपलब्ध करावे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : आई.एस.पी. पार्वती परियोजना फेस- 01, 02, 03 एवं 04 तथा आई.एस.पी. कालीसिंध परियोजना फेस-01 है। आई.एस.पी. पार्वती परियोजना फेस- 01, 02 से आगामी रबी सीजन में, फेस-03, 04 से दिसम्बर 2026 उपरांत तथा आई.एस.पी. कालीसिंध परियोजना से नवम्बर 2025 उपरांत। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि व स्वेच्छानुदान की मार्गदर्शिका में संशोधन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
42. ( क्र. 1947 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वर्ष 2025 में विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका में संशोधन के संबंध में प्रस्ताव आमंत्रित किये गये थे? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र विकास निधि के साथ स्वेच्छानुदान निधि के आवंटन के संबंध में कतिपय बिन्दुओं पर सुझाव जिला योजना अधिकारी, नर्मदापुरम को मई-जून 2025 में दिये थे? (ग) क्या शासन उपरोक्त संबंध में स्वेच्छानुदान निधि के संबंध में युक्तियुक्त निर्णय लेगा?
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
आवेदन की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करना
[गृह]
43. ( क्र. 2000 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत बदनावर निवासी श्री नितिन कुमार पिता श्री बसंतीलाल जी नांदेचा द्वारा माननीय पूर्व उद्योग एवं निवेश मंत्री श्री राजवर्धन सिंह जी दत्तीगांव के विरूद्ध माननीय राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री, मध्य प्रदेश के गृह मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय से सम्बंधित सभी वरिष्ठ कार्यालय को प्रमाण सहित 24 शिकायतें दर्ज करवाई गई की, पूर्व मंत्री श्री दत्तीगांव द्वारा नांदेचा के नाम से संपत्ति जो की राजगढ़ सरदारपुर मिडवे ट्रीट होटल, निर्माण कार्य मशीनरी 02 रोलर, 02 पोकलेन, 03 जेसीबी, 05 डम्पर तथा फोर्ड कंपनी की एक इंडीवर कार गुंडागर्दी करके हथिया ली गई है। (ख) श्री दत्तीगांव मिडिया में बयान देते फिर रहे की मशीनरी किराए पर ले रखी है। क्या किराया रसीद प्रस्तुत करेंगे? श्री दत्तीगांव द्वारा श्री नांदेचा के नाम से बंधन बैंक धार में फर्जी तरीके से खाता खुलवाकर ऑनलाइन लाखों की लेन-देन की जा रही है। नांदेचा के संज्ञान में आने पर श्री नांदेचा द्वारा बैंक शाखा धार में संपर्क किया गया था, बैंक द्वारा स्टेटमेंट नहीं दिया जा रहा है। श्री दत्तीगांव द्वारा नांदेचा के नाम से आर्थिक अपराध किया जा रहा है जो की जांच का विषय है।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत बदनावर निवासी श्री नितिन कुमार पिता श्री बसंतीलाल जी नांदेचा द्वारा माननीय पूर्व उद्योग एवं निवेश मंत्री श्री राजवर्द्धन सिंह जी दत्तीगांव के विरूद्ध कुल 15 शिकायतें प्राप्त हुई। (ख) पूर्व मंत्री श्री दत्तीगांव के मीडिया बयान के संबंध में कोई दस्तावेज या अन्य अभिलेख प्राप्त नहीं हुए हैं। बयान किस संदर्भ में दिया गया है यह स्पष्ट नहीं है। दिया गया बयान इस जांच में सुसंगत एवं आवश्यक नहीं है क्यों कि किस दिनांक एवं स्थान को यह बयान दिया गया है इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। बंधक बैंक धार में फर्जी खाता खुलवाकर ऑनलाईन लाखों की लेन-देन के संबंध में आवेदक द्वारा किसी भी आवेदन पत्र में बंधन बैंक में संयुक्त नाम से खाते के संबंध में किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गयी न ही कोई दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं। आवेदक ने अपने कथन में संयुक्त खाते के संबंध में कोई जानकारी जैसे बैंक खाता नंबर या अन्य कोई तथ्य उपलब्ध नहीं कराए हैं जिसके आधार पर बैंक से जानकारी प्राप्त की जा सके।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
44. ( क्र. 2007 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आवेदक मोती मोहल्ला सारंगपुर, जिला-राजगढ़ द्वारा पुलिस महानिदेशक महोदय भोपाल को दिनांक 30.06.2025 तथा पुलिस अधीक्षक महोदय राजगढ़ तथा थाना प्रभारी सारंगपुर जिला-राजगढ़ को अभ्यावेदन देने के पश्चात फर्जी मूल निवासी प्रमाण-पत्र आरएस/442/0101/696/2013 दिनांक 01.03.2013 को समय-सीमा में निरस्त नहीं करने पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? (ख) मूल निवासी प्रमाण-पत्र 01.03.2013 निरस्त नहीं करके आरोपी को संरक्षण प्रदन करने तथा सेवा से बर्खास्त होने से बचाने के लिए समय अवधि में निराकरण नहीं करते हुए गुमराह किया जा रहा है। पद का दुरूपयोग करने, भ्रष्टाचार करने तथा दोषियों को संरक्षण प्रदान करने के स्पष्ट दोषी होने पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी? (ग) मूल निवासी प्रमाण-पत्र बनाने एवं निरस्त करने की समय-सीमा निश्चित होने के पश्चात भी शिकायत के 08 माह पश्चात भी निराकरण नहीं करते हुए अपने पद का दुरूपयोग करने तथा भ्रष्टाचार एवं आपसी सांठगांठ के कारण सभी साक्ष्यों को नजरअंदाज करने तथा पारिवारिक न्यायालय मथुरा में धारा 13 के प्रकरण में तथा थाना मुरसान जिला-हाथरस में दर्ज प्रकरण क्र. 170 दिनांक 08.07.2024 में उत्तर प्रदेश मूल निवासी के संबंध में स्पष्ट उल्लेख किया गया है, को दृष्टिगत रखते हुए प्रकरण दर्ज किया जाएगा? (घ) कार्यवाही कब तक की जाएगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति एवं पदोन्नति
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 2022 ) श्री सुरेश राजे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति सम्बन्धी नियम/आदेश की सत्यापित प्रति सहित इनकी नियुक्ति प्रक्रिया की अपील सम्बन्धी आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करवाएं। (ख) आंगनवाड़ी सहायिका से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा कार्यकर्ता से पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नति सम्बंधित नियम/आदेश सहित गठित समिति की सत्यापित प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार संवर्ग में जिला ग्वालियर अंतर्गत कार्यरत कार्यकर्ताओं की वर्ष 2010-11 से 2025 में प्रश्न दिनांक तक पदोन्नति हेतु किस-किस दिनांक को समिति की बैठक आयोजित की गई? जिसमें किन-किन को पदोन्नत किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित पूर्ण जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी सहायिका से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के वरिष्ठ पद पर चयन (पदोन्नति) संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से पर्यवेक्षक के पद पर पदोन्नति का प्रावधान नहीं है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से पर्यवेक्षक के पद पर चयन सीमित सीधी भर्ती परीक्षा के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। भर्ती नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी सहायिका से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से पर्यवेक्षक के पद पर पदोन्नति हेतु समिति गठन का प्रावधान नहीं होने से शेष का प्रश्न नहीं।
कर्मचारियों के स्वत्व का भुगतान
[वित्त]
46. ( क्र. 2025 ) श्री सुरेश राजे : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों के हित में छठवां वेतनमान, सांतवा वेतनमान एवं ऐरियर भुगतान करने के सम्बन्ध में शासन द्वारा कब-कब कौन से आदेश जारी किये गए? उनकी प्रति उपलब्ध करवाएं। (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में जो आदेश जारी किये गए उनके पालन में जिला ग्वालियर में किस-किस कर्मचारी को छठवां वेतनमान, सातवां वेतनमान तथा उसके ऐरियर का भुगतान आज तक नहीं किया गया है उनकी संख्या बतावें। (ग) जिला ग्वालियर में जिन कर्मचारियों को लाभ नहीं दिया गया है उसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? ऐसे अधिकारी/कर्मचारी की सूची उपलब्ध करवाएं दोषियों के विरूद्ध शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन ऐसे अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक। (घ) समय पर कर्मचारियों को शासन के आदेशों का लाभ न मिलने के कारण उनको हुए ब्याज के नुकसान की भरपाई शासन स्वयं करेगा या दोषी अधिकारियों/ कर्मचारियों से वसूल करेगा? यदि वसूल करेगा तो कब तक?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्य शासन द्वारा छठवें वेतनमान से संबंधित वेतन पुनरीक्षण नियम 2008 से संबंधित अधिसूचना दिनांक 28 फरवरी, 2009 एवं वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 से संबंधित अधिसूचना दिनांक 20 जुलाई 2017 जारी की गयी है। वेतन पुनरीक्षण नियम 2008 के एरियर राशि के संबंध में परिपत्र दिनांक 20 दिसम्बर 2009 एवं वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के एरियर राशि के संबंध में परिपत्र दिनांक 22 जुलाई 2017 में प्रावधान है। अधिसूचना एवं परिपत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश "क'' में वर्णित वेतन पुनरीक्षण नियम अन्यथा उपबंधित के सिवाय राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं और पदों पर नियुक्त व्यक्तियों को लागू है, जिनके भर्ती एवं सेवा-शर्तों का विनियमन करने वाले नियम बनाने के लिये राज्य सरकार सक्षम है। उक्त के अनुक्रम में शेषांश का प्रश्न नहीं उठता है। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार। (घ) उत्तरांश "ख" अनुसार शेष का प्रश्न नहीं उठता है।
स्थानांतरण/निलंबित होने के बाबजूद स्टे लेना
[सामान्य प्रशासन]
47. ( क्र. 2035 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित या स्थानांतरित किया जाता है तो वह स्टे ले आते हैं। वरिष्ठ अधिकारी उनके विरूद्ध तत्काल कार्यवाही क्यों नहीं करते, ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है। (ख) स्टे पर ऐसे अधिकारी/कर्मचारी लंबे समय तक जमे रहते है, क्या स्टे बेकेट कराने महाअधिवक्ता तर्क प्रस्तुत नहीं करते, क्या स्टे की कोई समय-सीमा नहीं है। (ग) विभिन्न विभागों में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी है जो स्टे पर है। (घ) स्टे बेकेट न कराने की स्थिति में सरकारी वकीलों की नियुक्ति पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगता क्या सरकार द्वारा उन्हें हटाने के प्रयास होते है।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
गुना जिले में किए गए स्थानांतरण की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
48. ( क्र. 2036 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिले के स्थानांतरण प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किये जाते है, यदि हाँ, तो प्रभारी मंत्री के द्वारा अनुमोदित स्थानांतरण किये गये उसकी सूची एवं स्थानांतरण नीति 2025 में गुना जिले में समस्त विभागों के द्वारा जो स्थानांतरण की अनुशंसा की गई उनकी नोटशीट एवं स्थानांतरण के आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावे। (ख) क्या गुना जिले के समस्त विभागों के स्थानांतरण प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से ही किए गए यदि नहीं, तो क्यों। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा जिले के जिले में अनुशंसा किये गये कितने स्थानांतरण किये गये और जो नहीं किये गये वो किन नियमों से नहीं किये गये उसके नियमों की प्रति प्रदाय करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्वरोजगार योजना के तहत स्वीकृत प्रकरण
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
49. ( क्र. 2043 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले में कितने हितग्राहियों को कितनी स्वरोजगार योजनाओं के तहत प्रकरण स्वीकृत किये गए? हितग्राहियों की संख्या, नाम, अनुदान राशि, योजना का नाम सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) स्वीकृत योजनाओं में से कितने हितग्राहियों को शासन द्वारा ऋण के लिए बैंक की गारंटी दी गई? हितग्राही संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार, गुना जिले में ऐसे कितने प्रकरण है, जो शासन स्तर से स्वीकृत हुए परन्तु बैंक द्वारा ऋण न देने के कारण लंबित है, हितग्राहियों के नाम सहित प्रकरण की संख्या बताइये।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले में हितग्राहियों को स्वरोजगार योजना के तहत स्वीकृत किये गए प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) शासन द्वारा लोन के लिए बैंक गारंटी नहीं दी जाती है, अपितु मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजनान्तर्गत हितग्राहियों को प्रदाय ऋण की गारंटी बैंक द्वारा भारत सरकार की CGTMSE योजना अंतर्गत कवर की जाती है, इसमें हितग्राही को लगने वाली CGTMSE फीस की प्रतिपूर्ति शासन द्वारा हितग्राही को की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) योजनान्तर्गत विभाग द्वारा पात्र प्रकरणों को संबंधित बैंक शाखाओं को अनुशंसित किया जाता है, ऋण स्वीकृत किए जाने की अधिकारिता बैंकों की है। बैंकों में वर्तमान में लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।
सहारा समूह की भूमियों की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
50. ( क्र. 2065 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों में प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में किस-किस जिले में सहारा समूह की कितनी-कितनी जमीन बेची गई है? खसरा रकबा सहित विवरण उपलब्ध कराएं? (ख) उपरोक्त जमीनें किस-किस को किस-किस मूल्य पर बेचीं गई और उनका बाजार मूल्य क्या था? (ग) क्या इन जमीनों को बहुत कम दामों पर बेचा गया? क्या इसकी कोई जांच कराई गई है? यदि हाँ, तो जाँच से संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं? (घ) क्या सहारा समूह की जमीनों से प्राप्त राशि को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सहारा सेबी के मुम्बई स्थित संयुक्त खाते में जमा किया गया? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) सहारा समूह से संबंधित जमीनों के पंजीकृत विक्रय पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संपत्ति को किस मूल्य पर विक्रेता द्वारा बेचा जाना है, यह संबंधित पक्षकारों पर निर्भर करता है। इसमें विभाग की कोई भूमिका नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग से संबंधित नहीं।
मान. उच्चतम न्यायालय में असत्य रिपोर्ट देना
[गृह]
51. ( क्र. 2078 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा MP/MLA कोर्ट में प्रकरण क्र. SCPPS 09/2022 में DPO एवं ADPO और अन्य व्यक्तियों द्वारा राजनैतिक दबाव में प्रकरण को प्रभावित किये जाने के संबंध में एडिशनल डी.जी.पी. से जांच कराये जाने हेतु दस्तावेजों सहित आवेदन पत्र के संबंध में उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरण याचिका दायर की गई। यदि हाँ, तो क्या सर्वोच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक CRL NO.1120/2024 में पुलिस मुख्यालय द्वारा जाँच के आदेश दिये गये थे? यदि हाँ, तो जांच हेतु किस अधिकारी को नियुक्त किया गया? कृपया नाम, पद सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ख) क्या मानीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 10.02.2025, 28.02.2025 के अनुसार पुलिस मुख्यालय द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से जांच न कराई जाकर उप-पुलिस अधीक्षक से जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें। क्या जांच अधिकारी द्वारा असत्य अपूर्ण एवं अस्पष्ट जांच प्रतिवेदन दिनांक 06.03.2025 को युक्तियुक्त नहीं पाये जाने के आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा 09.04.2025 को एक माह में विस्तृत जाँच करने के आदेश दिये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त आदेश के परिपालन में जांच दल द्वारा पुनः जाँच की गई? यदि हाँ, तो जाँच दल द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन (पूरक) क्रमांक जा.दल/एस.एल.पी./202/24/852/2025 दिनांक 09.05.2025 में प्रश्नकर्ता एवं साक्षी देवेन्द्र पुरोहित के कथनों एवं शपथ पत्र के आधार पर मात्र साक्षियों की मोबाइल लोकेशन एवं सी.डी.आर. की जांच क्यों की गई तथा जाँच प्रतिवेदन में मोबाइल लोकेशन/सी.डी.आर. का स्पष्ट विवरण क्यों नहीं दिया गया स्पष्ट करें तथा प्रश्नकर्ता के कथनों में उल्लेखित शेष व्यक्तियों की मोबाइल लोकेशन एवं सी.डी.आर. क्यों नहीं ली गई? कृपया कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) क्या विभाग/पुलिस मुख्यालय द्वारा माननीय सर्वोच्य न्यायालय को गुमराह एवं अवमानना करते हुए रिपोर्ट देने वाले जाँच दल के स्थान पर किसी वरिष्ठ आई.पी.एस. अधिकारी द्वारा जाँच कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें और यदि हाँ, तो कब तक तथा क्या जिला न्यायालय/डी.पी.ओ. आफिस और इम्फीरियल रिसोर्ट के सी.सी.टी.वी. फुटेज की जांच सहित मोबाइल लोकेशन और सी.डी.आर. के आधार पर जांच की गई यदि नहीं, तो क्यों तथा प्रकरण के अंतिम निर्णय तक सभी उपकरण सुरक्षित रखे जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अभियोजन संचालनालय भोपाल को डी.पी.ओ. श्री प्रवीण दीक्षित ए.डी.पी.ओ. श्री अभिषेक मलहोत्रा के विरूद्ध शिकायत की गई थी जिला अभियोजन कार्यालय ग्वालियर में 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है तथा शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई। कृपया बतायें क्या शिकायतों में प्रकरणों से अभियुक्त को हटाने में विधिक अभिमत और जिला न्यायालयो में अभियोजन से भिन्न अधिकारी द्वारा आदेश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो यह भी बताये कि सितम्बर 2021 से डी.पी.ओ. ने कितने प्रकरणों में शासन का पक्ष रखा है तथा कितने जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरणों को श्रेणी से हटाया गया है? कृपया अलग/अलग जानकारी उपलब्ध कराये।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) पुलिस मुख्यालय द्वारा गठित जाँच दल द्वारा प्रस्तुत जाँच रिपोर्ट पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई शेष है। प्रकरण में उपरोक्त जाँच रिपोर्ट पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार आगामी कार्यवाही, तदानुसार की जा सकेगी। (घ) जी हाँ, प्रकरण में प्रारंभिक जांच लंबित है। जिला अभियोजन कार्यालय में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायत के संबंध में एक विभागीय जांच संस्थित है जो माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर द्वारा याचिका क्र.डब्ल्यू.पी. 11400/25 में पारित आदेश दिनांक 01.04.25 द्वारा स्थगित है। सितंबर 2021 से डी.पी.ओ. ने 17 प्रकरणों में शासन का पक्ष रखा है तथा 77 जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरणों को श्रेणी से हटाया गया है। शेष प्रश्नांश के संबंध में जानकारी निरंक है।
न्यायालयीन मामलों में विभाग द्वारा कार्यवाही करना
[गृह]
52. ( क्र. 2080 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिला एवं थानों में पदस्थ पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कितनी-कितनी शिकायतें/ज्ञापन व्यक्तियों/राजनीतिक दलों/सामाजिक/धार्मिक संगठनों द्वारा पुलिस मुख्यालय, आई.जी./डी.आई.जी. चंबल एवं पुलिस अधीक्षक डी.जी.पी. भोपाल को की गई है। उक्त शिकायतों एवं ज्ञापन पर वरिष्ठ कार्यालयों एवं अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा कितने पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है। उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है। कृपया जांच रिपोर्ट सहित की गई कार्यवाहियों की प्रतियों सहित संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि के दौरान दतिया जिले से संबंधित माननीय विधायकों द्वारा पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध म.प्र. के पुलिस अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा कितनों को दोषी पाया गया है तथा दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है। संपूर्ण विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) उक्त अवधि के दौरान दतिया जिले में कितने अपराध घटित हुए है तथा कितने प्रकरणों में दोषियों को न्यायालय द्वारा दोषमुक्त किया गया है तथा कितने प्रकरणों में दोषी माना गया। कृपया पृथक-पृथक वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त अवधी के दौरान बिंदु क्रमांक (ग) में उल्लेखित आपराधिक प्रकरणों में सक्षम न्यायालयों द्वारा दोष मुक्त किये गये आरोपियों के विरूद्ध संबंधित थाना प्रभारियों के द्वारा की गई जांच/विवेचना, तथ्यहीन/सारहीन एवं असत्य होने के कारण प्रकरणों में आरोपियों पर दोष सिद्ध करने में असफल रहे है। यदि हाँ, तो क्या अक्षम एवं अयोग्य जांच अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बताये यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिला एवं थानों में पदस्थ पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध 1863 शिकायतें/ज्ञापन व्यक्तियों/राजनैतिक दलों/ सामाजिक/धार्मिक संगठनों द्वारा पुलिस मुख्यालय को 213, आई.जी. चंबल को 359, डी.आई.जी. चंबल को 156 एवं पुलिस अधीक्षक दतिया को 1117, डी.जी.पी. भोपाल को 18 की गई है। उक्त शिकायतों एवं ज्ञापन पर वरिष्ठ कार्यालयों एवं अधिकारियों द्वारा जांच करवायी गई तथा 22 पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है। उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की गई है। जांच रिपोर्ट सहित की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि के दौरान दतिया जिले से संबंधित माननीय विधायकों द्वारा पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध 40 शिकायतें प्रेषित की गई जो जांच उपरांत 01 को दोषी पाया गया है। दोषी कर्मचारी के विरूद्ध की गई कार्यवाही का संपूर्ण विवरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ख अनुसार है। (ग) उक्त अवधि के दौरान दतिया जिले में 34777 अपराध घटित हुए है तथा 4627 प्रकरणों में दोषियों को न्यायालय द्वारा दोष मुक्त किया गया है तथा 14184 प्रकरणों में दोषी माना गया है। पृथक-पृथक वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ग अनुसार है। (घ) जी हाँ। उक्त अवधि के दौरान बिन्दु क्रमांक (ग) में उल्लेखित आपराधिक प्रकरणों में सक्षम न्यायालयों द्वारा दोष मुक्त किये गये आरोपियों के विरूद्ध संबंधित थाना प्रभारियों के द्वारा की गई जांच/विवेचना, तथ्यहीन/सारहीन एवं असत्य होने के कारण प्रकरणों में आरोपियों पर दोष सिद्ध करने में असफल रहे है। अक्षम एवं अयोग्य जांच अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-घ अनुसार है।
षड़यंत्रपूर्वक की गई रजिस्ट्री की जांच एवं कार्यवाही
[गृह]
53. ( क्र. 2088 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा वारासिवनी अंतर्गत उप पंजीयक कार्यालय वारासिवनी में पदस्थ उप पंजीयक अनुराग अहरवार के विरूद्ध स्थानीय थाना वारासिवनी में दिनांक 19/02/2025 को आदिवासी बुजुर्ग महिला की कीमती 03 एकड़ कृषि भूमि साजिश एवं षड़यंत्रपूर्वक नकली छद्म महिला को खातेदार भू-स्वामी बनाकर रजिस्ट्री करा देने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो इस शिकायत पर स्थानीय पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जानकारी मय दस्तावेज सहित उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा उप पंजीयक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? यदि हाँ, तो एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण देवें? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में अपराधियों पर दंडात्मक कार्यवाही हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी, श्रीमान मुख्य सचिव म.प्र.शासन एवं श्रीमान पुलिस महानिदेशक भोपाल को पत्र लिखा गया था इन पत्रों के एवज में क्या अग्रिम कार्यवाही की गई? संबंधित उप पंजीयक पर कब तक दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां, उक्त शिकायत आवेदिका देवकी बाई पिता स्व. कुंजीलाल कुमरे जाति गौड़ आदिवासी उम्र 60 वर्ष निवासी भरवेली बालाघाट द्वारा की गई है शिकायत जांच पर से थाना वारासिवनी पर अपराध क्र. 347/2025 धारा-419, 420, 120बी, 467, 468, 471 भादवि. का आरोपी देवकी उईके, ममता मेश्राम, मनोज मेश्राम एवं स्वरुपचंद टेंभरे निवासीगण जिला बालाघाट के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, उक्त शिकायत की जांच में आये साक्ष्यों के आधार पर उप पंजीयक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है। शिकायत जांच में आये साक्ष्यों के आधार पर उप पंजीयक कार्यालय में दस्तावेजों का पंजीयन उप पंजीयक द्वारा रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 एवं सहपठित म.प्र. पंजीयन नियम 1939 के प्रावधानों के तहत किया जाता है। रजिस्ट्रीकर्ता अधिकारी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 की धारा 34 व 35 एवं पंजीयन नियम 1939 के नियम 35 के प्रावधानों के आधार पर ही पंजीयन हेतु प्रस्तुत दस्तावेजों की जाँच कर सकता है। उप पंजीयक सद्भावना पूर्वक अपनी पदीय हैसियत से अधिनियमों एवं नियमों में प्रावधानित प्रक्रिया का पालन कर विलेख का पंजीयन करने हेतु बाध्य है। उक्त शिकायत से संबंधित अपराध क्रमांक 347/25 धारा-419, 420, 120 (नी), 467, 468, 471 भा.द.वि. विवेचना में है, विवेचना के दौरान प्राप्त साक्ष्य अनुसार प्रकरण में अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (ग) आवेदिका द्वारा प्रस्तुत शिकायत की जांच पर अपराध क्रमांक 347/25 धारा-419, 420, 120 (नी), 467, 468, 471 आ.द.वि. पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण की विवेचना जारी है। विवेचना के दौरान प्राप्त साक्ष्य अनुसार प्रकरण में अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
उप पंजीयक कार्यालय की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
54. ( क्र. 2090 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वारासिवनी विधानसभा अंतर्गत उप पंजीयक कार्यालय वारासिवनी में पदस्थ उप पंजीयक अनुराग अहरवार का मूल पद कौन सा है? इनकी नियुक्ति दिनांक क्या है एवं प्रथम नियुक्ति मूल पद पर कहां पर हुई थी? ये वारासिवनी में कब से पदस्थ हैं? जानकारी मय दस्तावेज सहित प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत इन्हें उप पंजीयक पद का प्रभार कब से एवं किन नियमों के तहत दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत उप पंजीयक के पदस्थी दिनांक से प्रश्न दिनांक तक संबंधित द्वारा कुल कितनी भूमियों के क्रय विक्रय का पंजीयन किया गया? सूची उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (ग़) अंतर्गत भूमि क्रय विक्रय रजिस्ट्री के पहले उप पंजीयक द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो स्थल निरीक्षण के समय ली गई फोटोग्राफ्स रजिस्ट्रीवार उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो क्या रजिस्ट्री के पूर्व स्थल निरीक्षण का प्रावधान है या नहीं? यदि है तो संबंधित प्रभारी उप पंजीयक के विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वारासिवनी विधानसभा अंतर्गत उप पंजीयक कार्यालय वारासिवनी में पदस्थ श्री अनुराग अहिरवार का मूल पद सहायक ग्रेड-3 है। श्री अहिरवार की विभाग में प्रथम नियुक्ति सहायक ग्रेड-3 के पद पर उप पंजीयक कार्यालय चौरई जिला छिंदवाड़ा में आदेश दिनांक 05-11-2012 से की गई थी। ये जिला पंजीयक के आदेश दिनांक 29-09-2023 से वारासिवनी में पदस्थ है। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जिला पंजीयक बालाघाट के आदेश क्रमांक 48/जिपं./2023, दिनांक 29-09-2023 द्वारा पंजीयन अधिनियम, 1908 की धारा 12 के अनुसार उप पंजीयक का प्रभार दिया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 एवं इसके अंतर्गत निर्मित नियमों में पंजीयन से पूर्व स्थल निरीक्षण का कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरूम व पत्थर का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
55. ( क्र. 2092 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रश्न दिनांक अवधि तक स्वीकृत राज्य मार्ग/सड़क/फोरलेन/टू लेन निर्माण कार्य हेतु निर्माण एजेंसियों/कंपनी/ठेकेदारों को मुरूम व पत्थर उत्खनन हेतु कहां-कहां (स्थल) एवं कब-कब कौन-कौन से विभागों द्वारा अनुमतियां जारी की गई हैं? क्या अनुमति जारी करने के पूर्व संबंधित स्थल की ग्राम सभा/ग्राम पंचायत अथवा नगर पालिका/नगर पंचायत से अनुमोदन/अनुशंसा प्रस्ताव लिया गया? यदि हाँ, तो अनुमतियों सहित संपूर्ण दस्तावेज प्रदान करें? यदि नहीं, तो शासन द्वारा इस संबंध में कोई दंडात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में जिले में राज्य मार्ग/फोर लेन सड़क निर्माता कंपनी द्वारा वन विभाग के जंगल एवं पहाड़ों, चट्टानों को काटकर तथा राजस्व विभाग के पंचायती तालाबों को तोड़कर निर्माण कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो प्राकृतिक संरचना को नष्ट कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या कंपनी द्वारा इस संबंध में पर्यावरणीय अनुमति के तहत वन संरक्षण परमिट एवं भूमि उपयोग परमिट लिया गया? यदि हाँ, तो परमिट के दस्तावेज उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दंडात्मक कार्यवाही अधिरोपित की जाएगी? कब तक समय-सीमा बताएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश अनुसार वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2025-26 प्रश्न दिनांक तक जिले सड़क निर्माण कार्य हेतु खनिज मुरूम व पत्थर के उत्खनन/परिवहन हेतु कुल 20 स्थानों में खनिज शाखा बालाघाट द्वारा अनुमति जारी की गई है, अनुमति जारी किये जाने के पूर्व संबंधित ग्राम पंचायत/ग्राम सभा की अनुशंसा प्राप्त किया गया है। जारी किये गये अनुमति एवं दस्तावेजों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं ''ब'' अनुसार है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में खनिज विभाग बालाघाट अंतर्गत ऐसे कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है।
राशि का व्यय
[आनंद]
56. ( क्र. 2100 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में आनंद विभाग का गठन कब हुआ? क्या उद्देश्य हैं? विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं एवं क्या-क्या गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं? गतिविधियों के नाम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग गठन के उपरांत कितना-कितना बजट किस-किस मद में, कितना-कितना आवंटित किया गया है? उसके विरूद्ध कितनी राशि का व्यय, किस-किस मद में किया गया है तथा कितनी राशि शेष है? कितनी राशि लेप्स हुई? राशि लेप्स के लिए उत्तरदायी कौन हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में विभाग अंतर्गत कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्य के नाम, लागत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, कार्यादेश, निविदा सहित जानकारी बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश स्तर के अल्प विराम एवं आनंद सहयोगी के एवं शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों के कब-कब प्रशिक्षण आयोजित किये गये? प्रशिक्षणवार जानकारी देवें, प्रशिक्षण में कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया है? प्रशिक्षण के क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं? क्या पात्रता है बतावें तथा कितने आनंदम् सहयोगी बनाये गये? सहयोगियों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में जिला स्तर, विकासखण्ड स्तर और ग्राम स्तर पर क्या-क्या गतिविधियां कब-कब आयोजित की गई तथा इसके लिए कितना बजट आवंटित किया गया? कितनी राशि व्यय हुई? क्या भुगतान संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी तथा प्राप्त शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आनंद विभाग का गठन अगस्त-2016 में हुआ। विभाग के उद्देश्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। विभाग द्वारा निम्न गतिविधियां संचालित की जाती है:- अल्पविराम, आनंद सभा, आनंदम केन्द्र, आनंद शिविर, आनंद क्लब, आनंदक, आनॅलाईन कोर्स, आनंद फैलोशिप, हैप्पीनेस इंडेक्स, आनंद की ओर, आनंद धाम, अंतर्राष्ट्रीय दिवस। (ख) आनंद विभाग को आवंटित, व्यय एवं शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। राज्य आनंद संस्थान ''स्वशासी संस्थान'' है व्यय उपरांत उपयोगिता प्रमाण-पत्र के अाधार पर ही राशि का आहरण किया जाता है। अधिकांश गतिविधियां आनंदक (स्वैच्छिक कार्यकर्ता) एवं आनंद क्लबों द्वारा आयोजित होने से आवश्यकता अनुसार राशि का आहरण किया गया। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आनंद विभाग द्वारा कार्य स्वीकृत नहीं किये जाते है, अपितु विभाग के गठन के उद्देश्य की पूर्ति हेतु प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यक्रम किये जाते है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं होता है। (घ) राज्य आनंद संस्थान द्वारा आयोजित की गये अल्पविराम एवं अन्य प्रशिक्षणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार। आनंदम सहयोगी के प्रशिक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार। पात्रता संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पांच'' अनुसार। आनंदम सहयोगियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''छ:'' अनुसार। (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में राज्य आनंद संस्थान का जिला विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर पर कोई अमला नहीं है। संस्थान से जुडे़ आनंदकों एवं आनंद क्लब के द्वारा समय-समय पर स्वैच्छिक रूप से स्थानीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम जैसे-आनंद उत्सव, अल्पविराम, अंतर्राष्ट्रीय दिवस का संचालन तथा अन्य सामाजिक गतिविधियां आयोजित की जाती है। संस्थान द्वारा जिलो को कोई बजट आवंटित नहीं किया जाता, बल्कि व्यय की पूर्ति की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुरानी पेंशन लागू की जाना
[वित्त]
57. ( क्र. 2112 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना अर्थात ओ.पी.एस. नियुक्ति दिनांक 2004 के पूर्व नियुक्त कर्मचारियों को उत्तर प्रदेश की तरह देने की योजना बनाई जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक? (ग) नहीं तो क्यों?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) संविधान के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार अपने कार्मिकों के संबंध में उपलब्ध वित्तीय संसाधन एवं अन्य प्राथमिकताओं के दृष्टिगत कर्मचारी हित में उचित निर्णय लेती है। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) संविधान के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार अपने कार्मिकों के संबंध में उपलब्ध वित्तीय संसाधन एवं अन्य प्राथमिकताओं के दृष्टिगत निर्णय लेती है।
मिनी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को कार्यकर्ता के पद में पदोन्नति
[महिला एवं बाल विकास]
58. ( क्र. 2119 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में कितने मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र का उन्नयन किया गया है? सूची देवें। मिनी कार्यकर्ता नियुक्ति हेतु क्या-क्या अनिवार्य योग्यता थी? शासन निर्देर्शों के तहत सहायिका/मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कार्यकर्ता के पद में पदोन्नत हेतु निर्धारित योग्यता, अनुभव के क्या प्रावधान हैं? नियुक्ति आदेश जारी करने हेतु सक्षम अधिकारी कौन-कौन है? क्या आदेश जारी करने के पूर्व जिला अधिकारी से अनुमोदन/स्वीकृति लिया जाना अनिवार्य हैं? शासन आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आ. केन्द्र उन्नयन के बाद म.प्र. शासन महिला एवं बाल विकास भोपाल के दिनांक 10.07.2007, पत्र क्र. 1979 दि. 02.08.2023, पत्र 1043 दिनांक 14.03.2024 एवं समय-समय पर जारी निर्देशों का मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कार्यकर्ता में पदस्थ करने के पहले पालन क्यों नहीं किया गया है? विस्तृत विवरण सहित जानकारी देवें। (ग) बालाघाट जिले में मिनी आंग. केन्द्र उन्नयन होने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के आदेश किसके द्वारा जारी किये गये है? शासन निर्देशानुसार क्या जिले में सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदन/स्वीकृति के पश्चात मिनी कार्यकर्ताओं के आदेश जारी किये गये है यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण की नस्ती, निर्देश व आदेशों की प्रति उपलब्ध करायें। नहीं तो इसके लिये दोषी अधिकारी कौन-कौन है? सूची देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभाग अंतर्गत स्वीकृत 12,670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का आंगनवाड़ी केन्द्रों में उन्नयन किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हेतु, आंगनवाड़ी सहायिका के लिये निधारित शैक्षणिक योग्यता 5वीं उत्तीर्ण, स्थानीय निवासी एवं आयु सीमा निर्धारित थी। आंगनवाड़ी सहायिका से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में पदोन्नति हेतु निर्धारित योग्यता एवं अनुभव से संबंधित शासन निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। आंगनवाड़ी सहायिका से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति हेतु बाल विकास परियोजना अधिकारी सक्षम अधिकारी है। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा लिये गये नीतिगत निर्णय अनुसार प्रदेश में स्वीकृत सभी 12,670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों का उन्नयन आंगनवाड़ी केन्द्रों के रूप में किया गया तथा राज्य मंत्रि-परिषद द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार प्रदेश में कार्यरत सभी मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में उन्नयन किया गया। शेष का प्रश्न नहीं। (ग) बालाघाट जिले में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के आंगनवाड़ी केन्द्र में उन्नयन उपरांत आदेश बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा जारी किये गये है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका के नियुक्ति संबंधी आदेश जारी करने हेतु बाल विकास परियोजना अधिकारी सक्षम अधिकारी है। आदेश जारी किये जाने हेतु अनुमोदन प्राप्त किये जाने का प्रावधान नहीं होने से शेष का प्रश्न नहीं।
शासन के नियमों का उल्लंघन
[गृह]
59. ( क्र. 2165 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर में न्यायिक मजिस्टैड प्रथम श्रेणी श्री दीपक चौधरी छतरपुर में परिवाद क्रंमाक 304/2021 आदेश दिनांक 29/04/2023 को थाना प्रभारी एवं अन्य पर अपराध पंजीबद्ध करने के आदेश दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त आदेश पर सक्षम अधिकारी द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया है यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या चुनाव आयोग नियम के अनुसार वर्ष 2023 में विधान सभा एवं 2024 में लोकसभा चुनाव में 304/2021 अपराध क्रमांक पंजीबद्ध आदेश के संबंध थाना प्रभारी द्वारा चुनाव आयोग को जानकारी दी गई थी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) थाना प्रभारी की पदस्थापना संभाग/जिला या थाने में की गई यदि हाँ, तो क्यों? क्या प्रभारी द्वारा सी.एम. हेल्प लाइन क्रमांक 23017804 एवं 23020579 में दर्ज शिकायत को गंभीरता से न लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई? हाँ तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) थाना प्रभारी का नाम स्पष्ट नहीं होने के कारण पदस्थापना पर टीप देना संभव नहीं है। सी.एम. हेल्पलाइन की दोनों शिकायतें कमांक- 23017804, 23020579 गंभीरता से लेकर जांच की गई है। शिकायत एक ही प्रकृति/घटना की है, जिनमें दोनों पक्षों के मध्य पैसे के लेन-देन का विवाद था, पैसे लेने वाले व्यक्ति के दवारा पैसा लौटा दिया गया है। अतः यह शिकायते समाप्त हो गई है।
सी.एस.आर. फण्डस् की राशि
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
60. ( क्र. 2189 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोंसीबिलिटी (सी.एस.आर.) के तहत धार जिले के अंतर्गत तहसील धार में किन-किन उद्योगों एवं कंपनियों द्वारा 1 जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक सी.एस.आर. फण्डस् से धार जिले में किन-किन कार्यों के लिए कितनी धनराशि जनहित में खर्च की गई और खर्च नहीं की गई तो किस कारण? (ख) उक्त राशि से स्वीकृत कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए तथा कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोंसीबिलिटी (सी.एस.आर.) के तहत उद्योगों एवं कंपनियों को कितनी राशि खर्च करना अनिवार्य है? निर्देशों की प्रति दें। क्या धार जिले के उद्योगों एवं कंपनियों द्वारा उक्त निर्देशों का पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत उद्योग संवर्धन नीति के तहत सुविधा सहायता के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त आवेदनों के तारतम्य में नेशनल सी.एस.आर. पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी एवं उद्योगों द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार धार जिले के अंतर्गत तहसील धार में स्थित उद्योगों एवं कंपनियों द्वारा विभिन्न कार्यों में किये गये सीएसआर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार है। (ग) भारत सरकार के कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 अनुसार किसी वित्तीय वर्ष के दौरान पांच सौ करोड़ रुपये या अधिक के शुद्ध मूल्य वाली या एक हजार करोड़ रूपये या अधिक के आवर्त वाली या पांच करोड़ रुपये या अधिक के शुद्ध लाभ वाली प्रत्येक कम्पनी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि कम्पनी प्रत्येक वित्तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्तीय वर्षों के दौरान किए गये कम्पनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम दो प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व नीति के अनुसरण में खर्च करें। भारत शासन कंपनी अधिनियम में वर्णित सी.एस.आर. का पालन कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार संबंधित कंपनियों के द्वारा ही किया जाना होता है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार है। शेष जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार है।
संचार माध्यमों को दिये गये विज्ञापन
[जनसंपर्क]
61. ( क्र. 2203 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं, न्यूज़ चैनलो, टी.वी., वेब पोर्टल एवं अन्य संचार माध्यमों को दिसंबर 2023 में नई सरकार गठन के उपरांत आज दिनांक तक कितने रुपयों के विज्ञापन, प्रदर्शन विज्ञापन प्रदान किए गए हैं? (ख) नई सरकार के गठन के बाद आज दिनांक तक होर्डिंग, बैनर, पोस्टर, वॉल पेंटिंग, पम्पलेट, किताबों, बुक लेट, विज्ञापन एजेंसी आदि पर कितनी राशि जनसंपर्क विभाग के माध्यम से व्यय की गई है? अलग-अलग मदवार, कार्यवार जानकारी देने की कृपा करें? (ग) दिसंबर 2023 के पूर्व पिछली सरकार ने विभिन्न संचार एजेंसियों, पत्र पत्रिकाओं, न्यूज़ चैनलों, टी.वी., माध्यमों विज्ञापन एजेंसियों का कितना बकाया देनदारी छोड़कर गई थी? (घ) वर्तमान में सरकार को समाचार पत्र पत्रिकाओं, न्यूज़ चैनल, विज्ञापन एजेंसियों को कितनी राशि का भुगतान करना बाकी है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) छिंदवाडा जिले में प्रिंट मीडिया पर रूपये 2.80 करोड़ (इसमें से प्रदर्शन विज्ञापन पर 1.95 करोड़) प्रदान किए गए हैं। छिंदवाड़ा जिले में इलेक्ट्रानिक/डिजिटल मीडिया पर कोई विज्ञापन, प्रदर्शन विज्ञापन प्रदान नहीं किए गए हैं। (ख) जनसंपर्क विभाग द्वारा एलडी फॉम के द्वारा प्रचार-प्रसार पर 8.42 करोड़, ऑटो रिक्शा के पीछे प्रचार पर 2.68 करोड़, दीवार लेखन पर 1.13 करोड़ रूपये व्यय किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार। (ग) प्रिंट मीडिया पर 2 लाख। इलेक्ट्रानिक/डिजिटल मीडिया पर कोई देनदारी नहीं हैं। (घ) प्रिंट मीडिया पर 96.35 लाख। इलेक्ट्रानिक/डिजिटल मीडिया पर कोई भुगतान बाकी नहीं हैं।
लंबित प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
62. ( क्र. 2205 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में विगत 03 वर्षों में माननीय न्यायालय द्वारा जारी साक्षी गिरफ्तारी वारंट के पालन में नियत दिनांक के पूर्व प्रदेश के सभी जिलों में कितने मामलों में पुलिस द्वारा साक्षी गिरफ्तारी वारंट से साक्षी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया? प्रत्येक जिले व मामले की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ख) छिंदवाड़ा जिले में विगत 01 वर्ष में माननीय न्यायालय द्वारा किन-किन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध साक्षी गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए है एवं किन-किन जिलों में किन-किन पुलिसकर्मियों को नियत दिनांक के पूर्व अथवा नियत दिनांक को गिरफ्तारी वारंट के पालन में गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया है व उत्तर दिनांक तक किन-किन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट लम्बित है? (ग) छिंदवाड़ा जिले में विगत 03 वर्षों में साक्षी गिरफ्तारी वारंट नियत दिनांक के पूर्व एवं नियत दिनांक को पालन करने की प्रक्रिया के दौरान शासकीय कार्य में बाधा के साथ विभिन्न धाराओं में अपराध साक्षी एवं उसके परिजनों के विरुद्ध दर्ज किया गया है? प्रत्येक अपराध की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ठेकेदारों के विरुद्ध कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
63. ( क्र. 2216 ) श्री बाला बच्चन : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में आबकारी विभाग के अन्तर्गत लगभग 25 करोड़ रु. के FDR गबन के मामले में संबंधित अधिकारियों एवं शराब ठेकेदारों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं करने का कारण बतावें। (ख) सहायक आयुक्त के नाम से बनी FDR तत्काल शासन के खाते में जमा नहीं करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देवें। कारण बतायें कि इसके लिए इन पर कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? उपायुक्त आबकारी द्वारा इस प्रकरण की जांच रिपोर्ट जो शासन को भेजी गयी है उसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ग) सहायक आयुक्त द्वारा विधानसभा में गलत जानकारी देने पर उन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) ठेकेदार द्वारा सरकार के धन का ब्याज निकालने पर उसके एवं संबंधित अधिकारियों पर कब तक आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा और इस राशि की वसूली कब तक की जाएगी?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में पुलिसकर्मियों पर हमले
[गृह]
64. ( क्र. 2217 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-01-2024 से 30-06-2025 तक प्रदेश में पुलिसकर्मियों पर हमले की कितनी घटनाएं कहां-कहां हुई? इसकी विस्तृत जानकारी प्रकरणवार देवें। इसमें पुलिसकर्मियों के घायल होने, मृत होने व अन्य नुकसान की जानकारी भी प्रकरणवार देवें। (ख) इंदौर एवं भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद चोरी, वाहन चोरी, लूट, हत्या, महिलाओं पर अत्याचार, अनु. जाति-जनजाति पर अत्याचार के कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक दर्ज हुए, पृथक-पृथक जानकारी माहवार देवें। इसमें कितने प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तार हुई, कितने फरार हैं, भी बतावें। (ग) प्रदेश में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था कब से प्रारंभ होगी? समय-सीमा देवें। (घ) बड़वानी जिले के थाना ठीकरी में माह अप्रैल 2025 में श्री राकेश पिता रामेश्वर पाटीदार निवासी कुंआ तहसील ठीकरी के आवेदन पर उत्तर दिनांक तक की कार्यवाही का विवरण देवें। कब तक इस प्रकरण में F.I.R. दर्ज की जाकर गिरफ्तारी की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
इनवेस्टर मीट में खर्च राशि
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
65. ( क्र. 2242 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-2014 से वर्ष 2023-2024 तक वर्षवार उद्योग संबंधी कितनी-कितनी इनवेस्टर मीट कहाँ किस-किस शहर में आयोजित करायी गयी, इसमें कुल कितनी राशि खर्च की गयी बतायें? (ख) इसी अवधि में कितने उद्योग घरानों से कितनी-कितनी राशि के एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किये गये? प्रोफार्मा में बतायें क्रमांक, फर्म का नाम, सामग्री का नाम जिसका उद्योग लगाना है कुल राशि साथ ही कितनी-कितनी राशि के उद्योग धरातल पर कार्य प्रारम्भ किये समस्त विवरण बतायें? (ग) वर्ष 2013-2014 से वर्ष 2023-2024 तक वर्षवार कितने उद्योग म.प्र. में स्थापित किये गये इसमें सभी सामग्री जैसे कपड़ा, सीमेन्ट, स्टील, सोयाबीन तेल एवं अन्य सामग्री के कितने उद्योग किन-किन सम्भाग जिलों, तहसील में स्थापित किये गये हैं? (घ) इसी उपरोक्त अवधि में कितने उद्योग बन्द हुये वर्षवार समस्त विवरण बतावें। इनमें कितने उद्योगों से उत्पादन प्रारम्भ हो गया है इन सभी उद्योगों में कितने-कितने लोगों को रोजगार मिला समस्त जानकारी का समस्त विवरण बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
विभागीय योजनाओं हेतु बजट का प्रदाय
[वित्त]
66. ( क्र. 2244 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछले वित्तीय वर्ष में कई विभागों की विभिन्न योजनाओं के लिए बजट में प्रावधान होने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा राशि जारी नहीं की गई? (ख) यदि हाँ, ऐसे कौन-कौन से विभाग हैं जिनकी योजनाओं के लिए केंद्र से तय बजट से कम राशि मिली है? (ग) उपरोक्त में से किस विभाग को कितनी राशि मिलना चाहिए थी और कितनी राशि मिली है? (घ) विभिन्न योजनाओं के लिए बजट में प्रावधान होने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा राशि जारी नहीं किये जाने का क्या कारण है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) केन्द्र शासन के बजट में राज्यवार बजट का प्रावधान नहीं होता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थायी यात्रा भत्ता में वृद्धि
[सामान्य प्रशासन]
67. ( क्र. 2269 ) श्री मुकेश टंडन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के मान. विधायकों/सांसदों को लिपिकीय सुविधा के तहत उपलब्ध कराये गये लिपिक वर्ग के कर्मचारियों को प्रतिमाह स्थाई यात्रा भत्ता दिया जाता हैं? यदि हाँ, तो कितना बतावें? (ख) क्या शासन द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को मिलने वाले स्थाई यात्रा भत्ता में वृद्धि की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित लिपिकों को मिलने वाले स्थाई यात्रा भत्ता में भी वृद्धि की गई हैं? यदि हाँ, तो कितना प्रतिमाह वृद्धि की गई हैं? (ग) यदि उक्त लिपिकीय सुविधा के लिपिकों के स्थाई यात्रा भत्ते में कोई वृद्धि नहीं की गई हैं क्यों? इस स्थाई यात्रा भत्ते में वृद्धि कब तक की जावेगी, समय-सीमा बतावें?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। रूपये 200/- प्रतिमाह। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
68. ( क्र. 2273 ) श्री मुकेश टंडन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला विदिशा के विधानसभा क्षेत्र विदिशा विकासखण्ड विदिशा एवं ग्यारसपुर अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कितने जर्जर एवं भवन विहीन है? सूची प्रस्तुत करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित भवन विहीन एवं र्जजर भवन वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण हेतु शासन की कोई योजना है यदि हाँ, तो क्या बतावें? (ग) वित्तीय वर्ष 24-25 में निर्वाचन क्षेत्र 144 विदिशा अंतर्गत कहां-कहां नवीन आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये तथा वर्ष 2025-26 में कहां-कहां नवीन भवन स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है? (घ) वित्तीय वर्ष 2025-26 में कहां-कहां पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने हेतु प्रस्तावित है सूची प्रस्तुत करें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जिला विदिशा के विधानसभा क्षेत्र विदिशा विकासखंड विदिशा में 452 एवं विकासखण्ड ग्यारसपुर में 229 कुल 681 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें 23 जर्जर आंगनवाडी केन्द्र एवं 397 भवन विहीन है जो वर्तमान में अन्य शासकीय व किराये के भवनों में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 पर है। (ख) जी हां, आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु शासन की राज्य आयोजना मद 5360 योजना संचालित है तथा मरम्मत योग्य विभागीय भवनों हेतु शासनकी विभागीय परिसंपत्तियों का संधारण मद 9545 योजना संचालित है। (ग) वितीय वर्ष 24-25 में निर्वाचन क्षेत्र 144 विदिशा अंतर्गत 08 आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है। वर्ष 2025-26 में नवीन भवनों के निर्माण की स्वीकृति हेतु प्राप्त प्रस्ताव वित्तीय संसाधनों एवं भूमि की उपलब्धता पर निर्भर है। प्राप्त प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है। (घ) वित्तीय वर्ष 2025-26 में भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने हेतु प्रस्ताव जिले से अप्राप्त है। अतः जानकारी निरंक है।
खदानों का संचालन
[खनिज साधन]
69. ( क्र. 2279 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में शासन से प्राप्त पट्टेधारी को स्वीकृत जगह में सीमा के अंदर खनन हो रहा है अथवा सीमा के बाहर लिखित जानकारी देवें। सभी संचालित खदानों पर सीमा चिन्ह एवं बाउंड्री सांईन बोर्ड लगा है अथवा नही, मौके की जांच कराई जावें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत संचालित सभी खदान पट्टेधारियों द्वारा ब्लास्टिंग की अनुमति खान सुरक्षा महानिदेशालय एवं पॉल्यूशन विभाग से अनुमति है या नही? यदि है तो अनुमति की प्रमाणित प्रतिलिपि देवें एवं ब्लास्टिंग करने के लिये अधिकारियों द्वारा दिये गये नियम, निर्देशों व शर्तों का पालन हो रहा है या नही? शर्ते क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत संचालित सभी खदानों द्वारा राज्य सरकार से सिया (स्टेट इन्वायरमेंट इम्पेक्ट एसेसमेंट) की अनुमति है या नही? सिया की अनुमति के अनुसार कितनी खदान संचालित हो रही है? सूची उपलब्ध करावें। संचालित खदानों में नियमनुसार कितने गहरे गड्ढे किये जा सकते है? कितने गहरे किये गये है? खदानों पर गिट्टी परिवहन करते समय नियमों का पालन हो रहा है अथवा नहीं है? (घ) क्या सिवनी विधानसभा के ग्राम राधादेही, कोहका, मानेगांव, कंडीपार आदि के किसानों की फसल व जल स्रोतो पर संचालित क्रेशरो द्वारा भारी नुकसान हो रहा है एवं ब्लास्टिंक से समूचे क्षेत्र में आये दिन भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे है? यदि हां, तो इस संबंध में संबंधित क्रेशरो के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नही, तो कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) स्वीकृत क्षेत्र के बाहर खनन कार्य के कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। सभी संचालित खदानों पर सीमा चिन्ह एवं खदानों को दर्शाने वाले बोर्ड लगाये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत संचालित सभी खदानों में पट्टेदारों द्वारा पर्यावरणीय सम्मति, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जबलपुर एवं अनुमोदित खनन योजना के अनुरूप उत्खनन कार्य किया जा रहा है। अनुमतियों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। पट्टेधारियों द्वारा नियमानुसार 06 मीटर से अधिक गहराई होने पर मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 (24) के तहत क्षेत्रीय जोन महानिदेशक, खान सुरक्षा, महानियंत्रक भारतीय खान ब्यूरो और जिला दण्डाधिकारी को प्रारूप-13 में तत्काल सूचना दिये जाने का प्रावधान है। स्वीकृत खदानों में पट्टेदारों द्वारा ब्लॉस्टिंग कार्य अधिकृत लायसेंसधारी के माध्यम से कराया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संचालित खदान धारकों द्वारा सिया (स्टेट इन्वायरमेंट इम्पेक्ट एसेसमेंट) से अनापत्ति प्राप्त है। सिया से प्राप्त अनुमति के अनुसार कुल 23 खदानें संचालित हैं। खदानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। संचालित खदानों में नियमानुसार 06 मीटर तक गहराई तक उत्खनन (गड्ढे) किये जा सकते हैं। पट्टेदार द्वारा छ: मीटर से अधिक गहराई होने पर मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 (24) के तहत महानिदेशक, खान सुरक्षा, महानियंत्रक, भारतीय खान ब्यूरो और जिला दण्डाधिकारी को प्रारूप-13 में तत्काल सूचना दिये जाने का प्रावधान है। खदानों पर गिट्टी परिवहन करते समय नियमों का पालन किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्नांश के संबंध में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण इकाई-जबलपुर के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 09/09/2020 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.एम. हेल्पलाईन का दुरूपयोग
[लोक सेवा प्रबन्धन]
70. ( क्र. 2280 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के नागरिकों की सुविधा हेतु सरकार द्वारा 181 सी.एम. हेल्पलाइन योजना प्रारंभ की गई है, परन्तु सी.एम. हेल्पलाइन में कुछ लोगों व फर्जी पत्रकारों द्वारा दुरूपयोग कर झूठी/फर्जी शिकायतें की जाती है ऐसे लोगों पर कोई कार्यवाही की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सिवनी जिले में वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितनी झूठी एवं फर्जी शिकायतें 181 पर प्राप्त हुई है? विभागवार, विधानसभावार, वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के संदर्भ में ऐसे कितने शिकायतकर्ता है जिन्होंने एक ही विभाग में 10 से अधिक शिकायतें की है, उनकी विभागवार, विधानसभावार सूची उपलब्ध करावें। (घ) विभाग द्वारा 181 का दुरूपयोग रोकने हेतु क्या-क्या कदम उठाये जा रहे है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित सी.एम. हेल्पलाईन शासन की एक महत्वपूर्ण योजना है। सी.एम. हेल्पलाईन 181 पोर्टल आम नागरिकों की दैनिक समस्याओं के समाधान हेतु विभाग एवं नागरिक के मध्य एक माध्यम स्वरूप है। 181 पोर्टल पर प्राप्त शिकायतें संबंधित विभाग के लेबल अधिकारियों को ऑनलाईन प्रेषित की जाती है तथा जिसका निराकरण संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा स्वत: ऑनलाईन पोर्टल पर प्रविष्ट किया जाता है। इस प्रकार से शिकायत के निराकरण संबंधी समस्त दायित्व संबंधित विभाग का होता है। विभाग द्वारा 181 का दुरूपयोग रोकने हेतु निम्नानुसार कार्यवाही की जा रही है- 1. सी.एम. हेल्पलाईन कॉल सेंटर 181, ऑनलाईन पोर्टल एवं मोबाईल एप आदि के माध्यम से प्रतिदिन अधिकतम 5 शिकायतें ही दर्ज किया जाना। 2. आदतन/झूठे शिकायतकर्ताओं के बारे में टिप्पणी दर्ज की जाने की सुविधा समस्त लेबल अधिकारियों की लॉगइन आई.डी. में प्रदत्त की गयी है। 3. ऐसे शिकायतकर्ता जो एक माह में 10 एवं इससे अधिक शिकायतें दर्ज करते हैं उन्हें मासिक ग्रेडिंग से पृथक किया जाता है। (ख) जिला सिवनी में वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक लेबल अधिकारी के उत्तर अनुसार 1332 शिकायतें झूठी एवं फर्जी होना पाई गई। विभागवार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। विधानसभावार जानकारी संधारित नहीं की जाती। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में ऐसे 410 शिकायतकर्ता हैं, जिन्होंने एक ही विभाग में 10 से अधिक शिकायतें की हैं। विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। विधानसभावार जानकारी संधारित नहीं की जाती। (घ) विभाग द्वारा 181 का दुरूपयोग रोकने हेतु निम्नानुसार कार्यवाही की जा रही है- 1. सी.एम. हेल्पलाईन कॉल सेंटर 181, ऑनलाईन पोर्टल एवं मोबाईल एप आदि के माध्यम से प्रतिदिन अधिकतम 5 शिकायतें ही दर्ज किया जाना। 2. आदतन/झूठे शिकायतकर्ताओं के बारे में टिप्पणी दर्ज की जाने की सुविधा समस्त लेबल अधिकारियों की लॉगइन आई.डी. में प्रदत्त की गयी है। 3. ऐसे शिकायतकर्ता जो एक माह में 10 एवं इससे अधिक शिकायतें दर्ज करते हैं उन्हें मासिक ग्रेडिंग से पृथक किया जाता है।
योजनाओं एवं पोर्टल का संचालन
[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]
71. ( क्र. 2293 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों के आधार, सामग्र आई.डी, मो.नं. एवं अन्य आवश्यक दस्तावेजों को उक्त योजनाओं के डिजिटल रिकार्ड में लिंक करने हेतु किन-किन योजनाओं एवं पोर्टल का संचालन किया जा रहा है? (ख) ग्रामवासियों को उक्त जानकारी को लिंक कराने में तकनीकी कठिनाइयों (नेटवर्क समस्या/डिजिटल साक्षरता की कमी, अपडेट में विलम्ब आदि) उत्पन्न हो रही है? क्या शासन को इस संबंध में जानकारी है? उक्त समस्या के समाधान हेतु शासन द्वारा क्या योजना, नीति, विशेष अभियान संचालित किये जा रहे हैं? जिससे ग्रामीणजनों को स्थानीय स्तर पर सहायता उपलब्ध हो सके? (ग) क्या शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल हेल्प डेस्क अथवा जन सहायता केन्द्र स्थापित करने की योजना है? जिससे वृद्ध, निरक्षर, वनवासी, वंचित वर्ग के लोग बिना कठिनाई के डिजिटल रिकार्ड अपडेट करवा सके? निर्देश देवें बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) योजनाओं/सेवाओं जिनमे समग्र आइडी/आधार आइडी का उपयोग किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हां। समग्र में आधार लिंक एवं सत्यापन हेतु शासन द्वारा समस्त जिलों में सतत समग्र eKYC अभियान चलाए जा रहे है। अभी तक 04 बार अभियान चलाए जा चुके है। वर्तमान में सम्रग्र eKYC अभियान 15 अगस्त 2025 तक सतत जारी है। समस्त जिला कलेक्टर को समग्र डेटा सुधार हेतु De-duplication करने, मृत डेटा सुधारने संबंधी, mobile linking, 90 वर्ष से अधिक आयु के समग्र आइ.डी. सत्यापन एवं डेटा सुधार हेतु जिला स्तर पर डेटा उपलब्ध कराया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) समग्र आइ.डी./आधार आइ.डी. संबंधी समाधान हेतु समग्र हेल्पलाइन नंबर 0755-2700800, आधार राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1947 कार्यरत है। समस्त जिलों में वार्ड/ग्राम पंचायत स्तर पर MPOnline/CSC/LSK/उप-LSK उपलब्ध है जिनके माध्यम से डिजिटल रिकार्ड बनाए/अपडेट किये जा सकते है। वार्ड/ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम रोजगार सहायक एवं सचिव द्वारा eKYC, मोबाइल नंबर इत्यादि अपडेट करने/डिजिटल रिकार्ड के कार्य किये जा रहे है। वार्ड/ग्राम पंचायत स्तर पर आधार केन्द्र महिला एवं बाल विकास विभाग, CSC, स्कूल शिक्षा विभाग तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम द्वारा संचालित है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम द्वारा संचालित आधार केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही कर सेवा में पुन: बहाल
[महिला एवं बाल विकास]
72. ( क्र. 2294 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहडोल जिला अन्तर्गत विकासखण्ड ब्यौहारी में आंगनवाड़ी केन्द्र भमरहा प्रथम में श्रीमती उजियरिया बाई पटेल, आंगनवाड़ी सहायिका के पद पर पदस्थ थी। क्या विभागीय पोर्टल पर जन्मतिथि 01-01-1963 दर्ज होने के कारण सेवा से पृथक कर दिया गया, जबकि उनके आधार कार्ड में जन्म तिथि 01-01-1967 दर्ज है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रार्थिया द्वारा आपत्ति दर्ज किये जाने पर परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास परियोजना, ब्यौहारी द्वारा उन्हें पुनः सेवा में संलग्न कर लिया गया था, किन्तु विगत 6 माह तक सेवा देने के बाद उन्हें वेतन भुगतान नहीं किया गया? पूर्व के सेवानिवृत्त आदेश का हवाला देकर कार्य करने से हटा दिया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सही जन्म तिथि स्पष्ट हो जाने के बावजूद सेवा में निरंतरता क्यों नहीं दी गई, वेतन भुगतान में विलम्ब एवं सेवा से वंचित किये जाने के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही कर जांच कराकर सेवा में पुनः रखा जावेगा, अगर हाँ तो कब तक सेवा में रखा जायेगा? समय-सीमा बताये।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। आयुक्त, कोष एवं लेखा के पत्र दिनांक 13.10.2023 अनुसार जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में केवल निर्धारित शैक्षणिक योग्यता की अंकसूची को ही मान्य किया गया है तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के पत्र दिनांक 08.01.2025 अनुसार आधार कार्ड को आयु प्रमाणीकरण के दस्तावेज के रूप में मान्य नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। आंगनवाड़ी सहायिका श्रीमती उजियरिया बाई पटेल द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र की कार्यकर्ता को आयु के संबंध में मेडिकल प्रमाण-पत्र के अनुसार 62 वर्ष से कम आयु का होने का कहकर हस्ताक्षर करती रही थी। आयुक्त, कोष एवं लेखा के पत्र दिनांक 13.10.2023 अनुसार मेडिकल सर्टिफिकेट आयु के प्रमाणीकरण हेतु मान्य नहीं किये गये है। (ग) आयुक्त, कोष एवं लेखा के पत्र दिनांक 13.10.2023 अनुसार मेडिकल सर्टिफिकेट आयु के प्रमाणीकरण के रूप में मान्य नहीं होने के कारण सेवा में निरंतरता नहीं दी गई है। अत: शेष का प्रश्न नहीं।
लायसेन्सी शराब ठेकेदारों की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
73. ( क्र. 2333 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत कहाँ-कहाँ शराब के ठेके/केन्द्रों में किन-किन व्यक्तियों के नाम पर शराब ठेके किन-किन शर्तों के तहत शराब की दुकानों के लायसेन्स जारी किये गये? छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित सभी शराब ठेकेदारों को जारी लायसेन्स के अनुसार किन-किन स्थानों पर शराब की बिक्री किये जाने हेतु अधिकृत किया गया है? अधिकृत स्थानों के अतिरिक्त किन-किन स्थानों पर समाचार पत्रों एवं स्थानीय लोगों के द्वारा अवैध शराब बिक्री की सूचनायें व शिकायतों की छायाप्रतियां है? पृथक-पृथक जानकारी देवें। सभी सूचनाओं व शिकायतों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में समाचार पत्रों, पुलिस सूचना व स्थानीय लोगों की सूचनाओं/शिकायतों पर आबकारी विभाग व पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किन-किन स्थानों व किन-किन सूचनाओं व शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा किन-किन स्थानों पर क्या-क्या कार्यवाही किया जाना शेष है? शेष सभी सूचनाओं व शिकायतों का अभी तक कार्यवाही न किये जाने की क्या-क्या कारण है? सूचना व शिकायतवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या यह सत्य है कि जिला अनूपपुर अंतर्गत कोतमा विकासखण्ड के श्री अमन नामदेव के ऊपर शराब ठेकेदारों के लोगों द्वारा वाहन चढ़ाकर जान से मारने की कोशिश की गई है? शराब माफियाओं/ठेकेदारों द्वारा अनधिकृत स्थानों पर शराब बेचकर समाजिक माहौल खराब करने तथा कम उम्र के बच्चों को शराब की लत लगाकर अपराधों को बढ़ाया जा रहा है तथा विकासखण्ड अनूपपुर के परासी, छोहरी, छिल्पातितरीपाड़ी, फुनगा वि.ख. कोतमा अंतर्गत पिपरिया, बुढ़ानपुर सहित अनेक ग्राम में अवैध शराब बिक्री पर विभाग द्वारा आबकारी अधिनियम के तहत क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी? बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध करावें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 47 दिनाक 14 फरवरी 2025 में वर्ष 2025-26 हेतु प्रकाशित आबकारी नीति में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत अनूपपुर जिले में ई-टेण्डर (ई-टेण्डर कम ऑक्शन) के द्वारा जिला अनूपपुर में 01 अनूपपुर समूह (कुल 21 कम्पोजिट मदिरा दुकान) का निष्पादन श्री वीरेन्द्र राय पिता श्री हरदास राय निवासी ग्राम विजरावन पोस्ट जतारा जिला टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) के पक्ष में किया गया। जारी किये गये लायसेन्सों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) शराब ठेकेदारों को नियमानुसार जारी लायसेंस अनुसार ही अधिकृत स्थानों पर मदिरा का विक्रय किया जाता है। अनूपुपर जिले में समाचार पत्रों एवं स्थानीय लोगों के द्वारा अवैध शराब बिक्री की कुल 54 शिकायतें एवं सूचनाएँ प्राप्त हुई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) आबकारी विभाग व पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त रूप कार्यवाही नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है। अपितु प्रश्नांश की शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन एवं चार अनुसार है। (घ) पुलिस विभाग से संबंधित है इस घटना के संबंध में पुलिस विभाग से आबकारी विभाग को कोई भी सूचना प्राप्त नहीं हुई है। वर्ष 2025-26 में प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में आबकारी विभाग के द्वारा अवैध शराब के विक्रय, निर्माण एवं परिवहन के विरूद्ध आबकारी अधिनियम के तहत कुल 161 प्रकरण कायम कर प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। आबकारी विभाग के मैदानी अमले के द्वारा निंरतर सघन गश्त कर अवैध मदिरा के रोकथाम हेतु प्रतिबंधात्मक कार्यवाही जारी रहेगी।
आई.टी. केडर अंतर्गत पदस्थ कर्मचारियों की पदोन्नति
[वाणिज्यिक कर]
74. ( क्र. 2338 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग में सहायक प्रोग्रामर एवं आई.टी. ऑपरेटर के कुल कितने पद स्वीकृत है तथा स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने भरे तथा कितने रिक्त है? पदवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या मध्यप्रदेश वाणिज्यिक कर विभाग में आई.टी. केडर अंतर्गत पदस्थ कर्मचारियों (आई.टी. ऑपरेटर एवं सहायक प्रोग्रामर) की पदोन्नति प्रक्रिया/क्रम निर्धारित है? यदि हाँ, तो विवरण सहित बताये। (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन वाणिज्यिक कर विभाग में आई.टी. केडर अंतर्गत पदस्थ कर्मचारियों (आई.टी. ऑपरेटर एवं सहायक प्रोग्रामर) की पदोन्नति प्रक्रिया/क्रम निर्धारित करने पर विचार करेगा तथा कब तक? (घ) क्या शासन द्वारा सभी वर्गों के कर्मचारियों की पदोन्नति हेतु डी.पी.सी. आयोजित की जा रही है, परन्तु वाणिज्यिक कर विभाग आई.टी. केडर अंतर्गत पदस्थ कर्मचारियों का पदोन्नति क्रम निर्धारित न होने के कारण पदोन्नति से वंचित हो रहे है, इसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा इन्हें कब तक पदोन्नति प्रदान की जायेगी?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्य प्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग में सहायक प्रोग्रामर एवं आई.टी. ऑपरेटर के स्वीकृत, स्वीकृति पदों के विरूद्ध भरे पद तथा रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्य्प्रदेश वाणिज्यिक कर विभाग में आई.टी. ऑपरेटर अंतर्गत पदस्थ कर्मचारियों (आई.टी. ऑपरेटर एवं सहायक प्रोग्रामर) की पदोन्नति प्रक्रिया/क्रम निर्धारित नहीं है। (ग) वर्तमान में वाणिज्यिक कर विभाग में आई.टी. कैडर अंतर्गत पदस्थ कर्मचारियों (आई.टी. ऑपरेटर एवं सहायक प्रोग्रामर) की पदोन्नति प्रक्रिया क्रम निर्धारित करने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के संदर्भ में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से लाभान्वित महिलाएं
[महिला एवं बाल विकास]
75. ( क्र. 2361 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले में विधानसभावार कुल कितनी पात्र महिलाओं को कितनी राशि प्रतिमाह दी जा रही है? विधानसभा क्षेत्र बैहर में ग्रामवार लाभान्वित महिलाओं की सूची मोबाईल नम्बर सहित उपलब्ध करावें? (ग) क्या योजना का लाभ प्राप्त करने नये आवेदन स्वीकार नहीं किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या सरकार नई महिलाओं को उक्त योजना का लाभ देने के आदेश प्रसारित करेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -01 पर है एवं जानकारी विस्तृत प्रकृति की होने के कारण पेन ड्राईव में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 पर है। लाभार्थी महिलाओं के निजता के दृष्टिगत उनके मोबाइल नम्बर की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
तिलहन संघ कर्मियों को पांचवा वेतनमान लाभ का कैबिनेट प्रस्ताव
[वित्त]
76. ( क्र. 2374 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश राज्य तिलहन संघ से शासन में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान की पात्रता है अथवा नहीं? (ख) क्या तिलहन संघ के शासन में संविलियत सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान की पात्रता है अथवा नहीं? (ग) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2543 उत्तर दिनांक 21.03.2025 में बताया कि संस्थागत वित्त में पदस्थ को पांचवा वेतनमान का लाभ स्वीकृत किया है? यदि हाँ, तो अन्य को क्यों नहीं स्पष्ट करें? (घ) वित्त मंत्री की नोटशीट क्र. 782, दिनांक 12.03.2021 में सहकारिता विभाग संविलियत तिलहन संघ सेवायुक्तों को प्रतिनियुक्ति से संविलियन पर कम वेतन प्राप्त न हो इस आशय हेतु कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाकर निराकरण कराया जाय क्या विभाग को प्राप्त है? इस पर क्या कार्यवाही हुई, अद्यतन स्थिति बतावें?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समयमान वेतनमान का लाभ
[सामान्य प्रशासन]
77. ( क्र. 2377 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तिलहन संघ से मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सभी सेवायुक्तों को प्रतिनियुक्ति वर्ष 1999 से ही संविलियत किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत किन-किन सेवायुक्तों को ओल्ड पेंशन का लाभ एवं समयमान वेतनमान लाभ स्वीकृत किया है? यदि हाँ, तो आदेशों की छायाप्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत संविलियत सेवायुक्तों को क्या तिलहन संघ कर्मचारी संविलियन नीति वर्ष 2013 में अंतर्गत पुनरीक्षित वेतनमान का निर्धारण लाभ दिया गया है अथवा राज्य शासन के कर्मचारियों के अनुरूप वेतनमान लाभ दिया गया है? स्पष्ट करें? (घ) क्या विधानसभा प्रश्न 2395 उत्तर दिनांक 16.07.2024 में बताया है कि तिलहनसंघ सेवायुक्तों को शासन में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अवधि में पांचवा वेतनमान लाभ पात्रता अनुसार दिया गया है? यदि हाँ, तो पात्रता का तात्पर्य क्या है? स्पष्ट करेंगे?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–‘’ब’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत संविलियन सेवायुक्तों को राज्य शासन के कर्मचारियों के अनुरूप वेतनमान (पुनरीक्षित वेतन निर्धारण) का लाभ दिया गया है। (घ) जी हाँ। तिलहन संघ के शासकीय सेवकों को म.प्र. पुनरीक्षित नियम- 1998 के अनुक्रम में उनके धारित पद के वेतनमान में गणना करते हुए पात्रता के आधर पर पांचवें वेतनमान का लाभ दिया गया है।
प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की नीति
[सामान्य प्रशासन]
78. ( क्र. 2398 ) श्री हरिबाबू राय [इंजीनियर] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन की प्रदेश के विभिन्न विभागों में विभिन्न पदों पर आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती, नियुक्ति के संबंध में वर्तमान में लागू नीति नियम निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत आउटसोर्स नियुक्ति बावत् प्रदेश में कुल कितनी अधिकृत एजेन्सी, कंपनी, संस्थायें है तथा पता सहित जानकारी दें। (ग) अशोकनगर जिले में आउटसोर्स प्रक्रिया से विभिन्न विभागों में पदस्थ, नियुक्त, कर्मचारियों के नाम, पता, पद सहित जानकारी देवें। इन्हें पदस्थ करने वाली एजेन्सी के नाम व पता देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित-2022) के प्रावधान अनुसार सेवाओं की आउटसोर्सिंग किये जाने का प्रावधान है, नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार।
आपदा प्रबंधन सहित अन्य कार्यक्रम में आर्थिक सहायता
[गृह]
79. ( क्र. 2404 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में विगत 5 वर्षों (2020-2025) में सड़क दुर्घटनाओं एवं निर्माणाधीन कार्यों में दुर्घटना के कारण हुई मृत्युओं की कुल संख्या कितनी है? इनमें से कितने प्रकरणों में पुलिस द्वारा CrPC धारा 174 के अंतर्गत पोस्टमार्टम कराया गया? (ख) सड़क दुर्घटनाओं में डम्परों के कारण घटित दुर्घटनाओं में मृतकों का विवरण प्रस्तुत करें। डम्परों के वाहन मालिकों और चालकों पर दर्ज प्रकरणों का विवरण नाम, पता, लाइसेंस सहित वाहन क्रमांक, बीमा, रजिस्ट्रेशन, फ़िटनेस की जानकारी प्रस्तुत करें। (ग) PM रिपोर्ट्स और CrPC धारा 154 के तहत दर्ज FIR की प्रतियाँ उपलब्ध कराएँ। क्या ये दस्तावेज़ मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (धारा 134) के प्रावधानों के अनुरूप तैयार किए गए? (घ) इन मृत्युओं के पश्चात कितने परिवारों को मध्यप्रदेश शासन की राहत योजनाओं जैसे-आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 (धारा 12) के तहत या अन्य (जैसे यूपी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के समकक्ष) के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की गई? सहायता राशि का अभिलेखीय विवरण प्रस्तुत करें। (ड.) उज्जैन जिले में कितने मृत्यु प्रकरणों में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) या व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पॉलिसी के तहत बीमा कंपनियों द्वारा शोकाकुल परिवारों को मुआवजा दिया गया? मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (धारा 166) के तहत दावों का निपटारा कैसे हुआ? (च) सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु के प्रमुख कारण क्या रहे, विशेष रूप से IPC धारा 304A के अंतर्गत लापरवाही से मृत्यु के सर्वाधिक मामले किन कारणों से दर्ज हुए? इन दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए मध्यप्रदेश शासन और गृह विभाग द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 (धारा 11, 30) और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (धारा 173) के तहत किन कार्ययोजनाओं पर अमल किया गया? अभिलेखीय रिकॉर्ड सहित उत्तर दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उज्जैन जिले में विगत 5 वर्षों (2020-2025) में सड़क दुर्घटनाओं एवं निर्माणाधीन कार्यों में दुर्घटना के कारण हुई मृत्युओं की कुल संख्या 1901 है। इनमें से 1781 मृतकों का पुलिस द्वारा सीआरपीसी धारा 174 के अंतर्गत पोस्टमार्टम कराया गया। (ख) डम्फरों के कारण घटित सड़क दुर्घटनाओं में 60 व्यक्तियों की मृत्यु हुई हैं जिसमें 53 प्रकरण दर्ज हुऐ है। उक्त जानकारी पुलिस अधीक्षक से अप्राप्त है, जानकारी प्राप्त होने पर पृथक से पूरक जानकारी के रूप में प्रेषित की जायेगी। (ग) (1) सड़क दुर्घटना के 1781 प्रकरणों में CrPC धारा 154 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। उक्त जानकारी पुलिस अधीक्षक से अप्राप्त है, जानकारी प्राप्त होने पर पृथक से पूरक जानकारी के रूप में प्रेषित की जायेगी। 1781 मृतकों की पी.एम. रिपोर्ट्स की छायाप्रति भी पुलिस अधीक्षक से अप्राप्त है, जानकारी प्राप्त होने पर पृथक से पूरक जानकारी के रूप में प्रेषित की जायेगी। (घ) मृत्युओं के पश्चात् 192 परिवारों को मध्यप्रदेश शासन की राहत योजनाओं जैसे-आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 (धारा 12) के तहत या अन्य (जैसे यूपी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के समकक्ष) के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान संबंधी जानकारी कलेक्टर कार्यालय जिला उज्जैन से पत्र क्रमांक 6891/सा.-2/2025 दिनांक 15.07.2025 के माध्यम से प्राप्त की गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट "अ" अनुसार है। योजना का नाम ज्ञात वाहन प्राप्त प्रकरण 101, स्वीकृत प्रकरण 101, अज्ञात वाहन प्राप्त प्रकरण 83, स्वीकृत प्रकरण 50, मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना- प्राप्त प्रकरण 41, स्वीकृत प्रकरण 41। (ड.) उज्जैन जिले में 305 मृतकों के प्रकरणों में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) या व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पॉलिसी के तहत बीमा कंपनियों द्वारा शोकाकुल परिवारों को मुआवजा दिया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट "ब" अनुसार है। उक्त जानकारी पुलिस अधीक्षक से अप्राप्त है, जानकारी प्राप्त होने पर पृथक से पूरक जानकारी के रूप में प्रेषित की जायेगी। (च) सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु के प्रमुख कारण वाहन चालक द्वारा तेजगति से वाहन चलाना, दोपहिया वाहन चालक द्वारा बिना हेलमेट वाहन चलाना तथा चार पहिया वाहन चालक द्वारा बिना सीटबेल्ट पहने वाहन चलाना मृत्यु के प्रमुख कारण है। वाहन दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रदेश भर में नियमानुसार हेलमेट/सीट बेल्ट की अनिवार्यता हेतु सघन अभियान चलाये जाते है, जो एक सतत प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस थाना दलोदा के नवीन भवन निर्माण
[गृह]
80. ( क्र. 2415 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्य के सुचारू रूप से संचालन हेतु समय-समय पर शासन द्वारा पुलिस थानों के नवीन भवन बनाए जाते हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र मंदसौर अंतर्गत ग्राम दलोदा मैं जमीन आवंटन के बाद भी पुलिस थाने हेतु नवीन भवन क्यों नहीं बनाया जा रहा है? (ग) विभाग द्वारा पुलिस थाना दलोदा का नवीन भवन कब तक स्वीकृत किया जाकर बनाया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) विभागीय आदेश दिनांक 08.05.2025 के माध्यम से स्वीकृति प्रदान की गई है। निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार।
विधायक निधि से स्वीकृत राशि
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
81. ( क्र. 2421 ) श्री विपीन जैन : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से आज दिनांक तक उज्जैन संभाग में कितनी विधायक निधि से स्वीकृत राशि है जो सम्बन्धित विभाग को आवंटन की गई एवं पुनः शासन को समर्पित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समर्पित राशि का विवरण विधानसभावार, वर्षवार एवं लंबित राशिवार उपलब्ध करावे। (ग) उक्त समर्पित राशि का पुनः आवंटन उपलब्ध न कराने का स्पष्ट कारण देवें। (घ) उक्त समर्पित राशि का आवंटन सम्बन्धित विभाग को कब तक उपलब्ध करवा दिया जावेगा, ताकि विकास कार्यों को प्रारम्भ किया जा सके?
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा प्रस्ताव वित्त विभाग प्रेषित किये जाते हैं, राशि प्राप्त होने के उपरांत पुन: आवंटित करने की कार्यवाही की जाती है। (घ) वित्त विभाग से राशि प्राप्त होने के उपरांत ही आवंटन संबंधी कार्यवाही संभव हो सकेगी।
रिक्त पदों की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
82. ( क्र. 2439 ) श्री साहब सिंह गुर्जर : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के अंतर्गत संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालयों में विभागीय अधिकारियों के अधिकांश पद रिक्त हैं? जिससे कार्यालय संचालन में समस्याएं आ रही हैं। यदि हाँ, तो उक्त पदों पर विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना क्यों नहीं की गई है? कब तक की जावेगी, समय-सीमा बतावें? (ख) जिला ग्वालियर के संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय में विभागीय स्तर से संयुक्त संचालक का पद रिक्त होने से संयुक्त संचालक का पद प्रभार में हैं, जिससे विधायक निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना, विधायक स्वेच्छानुदान योजना के कार्य प्रभावित हो रहे हैं तथा उक्त पद प्रभार में होने से प्रशासकीय स्वीकृतियों एवं अन्य शासकीय कार्यों में विलम्ब की स्थिति बन रही है, जिला ग्वालियर में संयुक्त संचालक के पद पर विभागीय अधिकारी की नियुक्ति कब तक की जावेगी समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, की जावेगी तो कारण बतावें।
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं, अपितु विभाग अंतर्गत संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालयों में विभागीय अधिकारियों के कई पद रिक्त हैं। विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना उपलब्धता के आधार पर की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय ग्वालियर में संयुक्त संचालक का पद रिक्त होने से स्थानीय आवश्यकता अनुसार कलेक्टर ग्वालियर द्वारा आदेश दिनांक 16-01-2024 के माध्यम से श्री सूर्यकांत त्रिपाठी, डिप्टी कलेक्टर को संयुक्त संचालक का प्रभार सौंपा गया है। प्रभारी अधिकारी द्वारा समस्त शासकीय कार्य किये जाते हैं। अतः विलम्ब की स्थिति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ होने के पश्चात ही पद की पूर्ति की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जाति प्रमाण पत्र बनाने की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
83. ( क्र. 2481 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति के बच्चे जिन्होंने मध्यप्रदेश में जन्म लिया है? क्या सरकार उन्हें मध्य प्रदेश का नागरिक मानती है? (ख) जिन्होंने शिक्षा मध्य प्रदेश में प्राप्त की है क्या सरकार उन्हें यहां नागरिक मानती है? (ग) क्या मध्यप्रदेश में जन्म लेकर शिक्षा प्राप्त कर बालिग बच्चों को भी 50 वर्ष का रिकॉर्ड मांगना उचित है? (घ) क्या जिन बालिक विद्यार्थियों के जाति प्रमाण-पत्र बनाने एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिये सरकार की कोई योजना या नियम बनाये है? हाँ तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ड.) दिनांक 24 मार्च, 2025 की विधान सभा की कार्यवाही में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई जवाब क्यों नहीं दिया इससे अधिकारी/कर्मचारी की लापरवाही मानते हुए, विभाग द्वारा संबंधित अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट – ‘अ’ अनुसार। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट–‘ब’ अनुसार। (ड.) किस प्रश्न का जवाब नहीं दिया गया, यह जानकारी स्पष्ट नहीं है। अत: प्रश्नांश का उत्तर दिया जाना सम्भव नहीं है।
गबन राशि के मामले में कार्यवाही
[गृह]
84. ( क्र. 2501 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला अन्तर्गत सेवा सहकारी समिति मर्यादित, चौखण्डी के समिति प्रबंधक द्वारा पूर्व के प्रभारी समिति प्रबंधक श्री सत्येदव कुशवाहा द्वारा संस्था के अभिलेख न देने बावत् आवेदन पत्र दिया गया था। यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर थाना प्रभारी द्वारा क्या कार्यवाही की गयी, सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, है तो क्या प्रश्नांश (क) के पत्र के परिप्रेक्ष्य में थाना प्रभारी, अतरैका द्वारा अपने पत्र में लोक अभियोजन अधिकारी, रीवा से मार्गदर्शन चाहा गया था तथा दिनांक 12.09.2024 को लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा मार्गदर्शन दे दिया गया है। यदि हाँ, तो मार्गदर्शन उपरान्त थाना प्रभारी द्वारा क्या कार्यवाही की गयी, सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) हाँ तो लोक अभियोजन अधिकारी के मार्गदर्शन के उपरान्त भी संस्था का प्रभार (अभिलेख) एवं गबन की राशि के अपराध कायम न करने हेतु थाना प्रभारी दोषी है। यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध कब, क्या कार्यवाही की जाएगी? आदेश की प्रति के साथ जानकारी देवें तथा कब तक अपराध दर्ज कराकर संस्था के संपूर्ण अभिलेख (प्रभार) वर्तमान समिति प्रबंधक को दिला दिये जायेंगे। समय-सीमा बताएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां, सेवा सहकारी समिति मर्यादित चौखण्डी के समिति प्रबंधक द्वारिका चतुर्वेदी द्वारा पूर्व के समिति प्रबंधक सत्यदेव कुशवाहा द्वारा संस्था के अभिलेख नहीं देने के संबंध में थाना प्रभारी अतरैला को आवेदन पत्र दिया गया था किन्तु आवेदन पत्र के साथ संलग्न दस्तावेजों की मूल प्रतियां शिकायत में संलग्न नहीं है। (ख) उक्त पत्र के तारतम्य में लोक अभियोजन अधिकारी जिला रीवा से विधिक राय चाही गई थी जिस पर जिला लोक अभियोजन अधिकारी रीवा द्वारा पत्र क. 137/2024 दिनाक 29.07.2024 के माध्यम से लेख किया गया है कि "प्रस्तुत मामले में इस तथ्य के संबंध में साक्ष्य संग्रहित किया जाना आवश्यक है कि पूर्व समिति प्रबंधक सत्यदेव कुशवाहा को कौन-कौन सी शासकीय संपत्ति व कौन-कौन से शासकीय अभिलेख सुपूर्द कर न्यस्त किया था एवं कौन-कौन सी शासकीय संपत्ति व कौन-कौन से शासकीय अभिलेख उसके चार्ज व कब्जे में थी समिति प्रबंधक सत्यदेव कुशवाहा के चार्ज में क्या-क्या शासकीय संपत्ति व अभिलेख दिये गये थे। उपरोक्त तथ्यों के संबंध में साक्ष्य संग्रहण के पश्चात ही मामले में चाही गई राय दी जा सकेगी"। इसी तारतम्य में पुनः विधिक राय चाहे जाने पर जिला लोक जिला अभियोजन अधिकारी के क0/जि.अ.अ./रीवा/151/2024 दिनांक 12.09.2024 के माध्यम से "पूर्व समिति प्रबंधक सत्यदेव कुशवाहा द्वारा प्रभार में प्राप्त ऋण खाता, कैशबुक, समिति बचत बैंक बुक, कटनी बुक, चिट्ठा व किसानों के कालातीत सूची संबंधी अभिलेख प्रभार में मिला था। अतः पूर्व समिति प्रबंधक सत्यदेव कुशवाहा द्वारा प्रभार में प्राप्त उपरोक्त अभिलेख व पीओएस मशीन को वापस नहीं किया जाकर अपने को न्यस्त की गई है उक्त संपत्ति के संबंध में अपराधिक न्यासभंग का अपराध कारित किया जा रहा है अतएव मामले में आपराधिक न्यासभंग से संबंधित अपराध की कायमी किया जाना उचित है" लेख किया गया है किन्तु आवेदक द्वारा दस्तावेज की मूल प्रति प्रदाय नहीं की गई, स्वयं के द्वारा सत्यापित प्रति आवेदन पत्र में संलग्न की गई है। (ग) आवेदक समिति प्रबंधक द्वारिका प्रसाद चतुर्वेदी द्वारा राशि गवन के संबंध में आवेदन पत्र में किसी प्रकार का उल्लेख नहीं किया गया है, दस्तावेज प्राप्त न होने के संबंध में शिकायत पत्र दिया गया है।
विभागीय अधिकारियों द्वारा की गई अनियमितता
[जनसंपर्क]
85. ( क्र. 2508 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसम्पर्क संचालनालय द्वारा समय-समय पर समाचार पत्र पत्रिकाओं को विज्ञापन जारी करता है? यदि करता है तो इसके क्या नियम हैं? (ख) क्या माह जून 2025 में जनसम्पर्क विभाग द्वारा समाचार पत्र पत्रिकाओं को विज्ञापन स्वीकृत किये गये हैं? यदि किये गये हैं तो किस नियम के तहत किये गये? (ग) क्या जून 2025 में जनप्रतिनिधियों द्वारा विज्ञापन स्वीकृत करने हेतु अनुशंसा की गई थी? तो किस-किस जनप्रतिनिधि के अनुशंसा पर विज्ञापन स्वीकृत किये गये? यदि नहीं, किये गये तो क्यों? नियम बतायें। (घ) क्या विभाग के विज्ञापन स्वीकृतकर्ता अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी मर्जी से इस कार्य को करते हैं जिससे जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा की अवहेलना होती है? इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं? इनके खिलाफ क्या विभाग कार्यवाही करेगा? विज्ञापन स्वीकृतकर्ता अधिकारी एवं कर्मचारियों को स्थानान्तरित कर इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाये तथा दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जावेगी तो कब तक समय-सीमा बतायें यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार। (ग) जी हां। , जनप्रतिनिधि की अनुशंसा पर विज्ञापन स्वीकृत नहीं किये जाते है। विभाग द्वारा आवश्यकता, औचित्य एवं बजट की उपलब्धता के आधार पर विज्ञापन नियम-2007 एवं यथा संशोधित 2014 के प्रावधानों के अनुसार विज्ञापन जारी किये जाते है। (घ) जी नहीं, विभाग द्वारा आवश्यकता, औचित्य एवं बजट की उपलब्धता के आधार पर विज्ञापन नियम-2007 एवं यथा संशोधित 2014 के प्रावधानों के अनुसार विज्ञापन जारी किये जाते है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खराब सड़क मार्गों का संधारण
[खनिज साधन]
86. ( क्र. 2519 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत अत्यधिक मात्रा में अवैध खनन किया जाकर लाखों रूपये की रॉयल्टी चोरी की जाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। यह विभाग के भी संज्ञान में है तथा उनकी आँखों के सामने ही अवैध खनन हो रहा है, अवैध खनन करने वालो के विरुद्ध क्या विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में, अवैध खनन के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? यदि हाँ, तो उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में, अवैध खनन तथा अवैध भारी भरकम वाहनो/ डम्परों के परिवहन के कारण क्षेत्र में अधिकांश ग्रामीण सड़क मार्ग खराब हो चुके है, जनता परेशान है, आवागमन में अत्यंत कठिनाई उत्पन्न हो रही है, अवैध परिवहन एवं ग्रामीण सड़क मार्ग को खराब किये जाने के लिए कौन-कौन दोषी है तथा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? यदि हाँ, तो अवगत करावे। नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के सन्दर्भ में, खराब ग्रामीण सड़क मार्ग को कौन ठीक करेगा? कब तक करेगा? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। खनिज विभाग के अमले द्वारा बदनावर विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण कर अवैध उत्खननकर्ताओं एवं अवैध परिवहनकर्ताओं पर लगातार कार्यवाही की जाती है, इसी क्रम में गत तीन वर्षों में विधानसभा क्षेत्र बदनावर में 38 अवैध उत्खनन/परिवहन के प्रकरण दर्ज कर अर्थदण्ड 81.23 लाख रूपये आरोपण की कार्यवाही की गई है। दर्ज किये गये प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। अत: पृथक से कार्यवाही आवश्यक न होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अवैध खनन तथा अवैध वाहनों/डम्परों के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त होने की जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में विषय खनिज साधन विभाग का नहीं है।
भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
87. ( क्र. 2529 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश के समस्त जिलों में पूर्व में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा की जा रही भर्ती में शैक्षणिक योग्यता 8वीं, 10वीं पास ही रखी जाती थी जिससे बहुत महिलाएं जो योग्यता रखती थी इसका लाभ उन्हें मिल जाता था? परन्तु अब विभाग ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की भर्ती में 12वीं योग्यता अनिवार्य कर दी है? (ख) सरकार और विभाग द्वारा वर्तमान में की जा रही भर्ती के नियमों में संशोधन कर ग्रामीणांचलों में महिलाओं के लिए योगिता सहायिका के पद के लिए 8वीं और कार्यकर्ता पद के लिए 10वीं पास रखने का प्रस्ताव लाकर ग्रामीण महिलाओं को प्राथमिकता प्रदान करेंगे? (ग) क्या सरकार और विभाग द्वारा जून, जुलाई 2025 में की जा रही भर्ती को निरस्त कर पुनः 8वीं, 10वीं पास महिलाओं को मौका देगी यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के सन्दर्भ क्या विभाग और सरकार ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को प्राथमिकता प्रदान करने का निर्णय लेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हेतु पूर्व में भी शैक्षणिक योग्यता हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण थी एवं आदिवासी क्षेत्रों में हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण उपलब्ध नहीं होने पर शैक्षणिक योग्यता में छूट थी। आंगनवाड़ी सहायिका हेतु शैक्षणिक योग्यता 5वीं उत्तीर्ण थी। जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका के पद हेतु शैक्षणिक योग्यता का निर्धारण भारत सरकार द्वारा संपूर्ण प्रदेशों के लिये निर्धारित किया गया है, जिसके अनुसार प्रदेश में शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की गई है। (घ) जी नहीं।
कर्मचारियों की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
88. ( क्र. 2537 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के प्रशासनिक क्षेत्र में शासकीय विभाग, राज्य सार्वजनिक उपक्रम एवं अर्द्धशासकीय संस्थान, नगरीय निकाय, ग्रामीण निकाय, विकास प्राधिकरण एवं विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, विश्वविद्यालय में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कितने नियमित, कितने अस्थायी कार्यभारिक, सेटअप के अंतर्गत, दैनिक वेतन भोगी, कोटवार, संविदा एवं ठेका कर्मचारी कार्यरत है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थायी और अस्थायी श्रेणी के कर्मचारियों में, प्रशासनिक क्षेत्र अनुसार, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग के कितने कर्मचारी अधिकारी कार्यरत है? वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभागवार, वर्षवार विवरण। (ग) योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित ’प्रशासनिक क्षेत्र में नियोजन’ में वेतन के लेवल अनुसार, लिंगानुसार, आयु अनुसार, विभाग अनुसार जानकारी दी जाती है परन्तु आरक्षित वर्ग अनुसार जानकारी क्यों नहीं दी जाती? (घ) प्रशासनिक क्षेत्र के सभी संस्थाओं में आरक्षित वर्ग अनुसूचित जाति, जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग (14 प्रतिशत अनुसार), पिछड़ा वर्ग (27 प्रतिशत अनुसार) किस-किस विभाग में कितने पद रिक्त है? वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विवरण देवें।
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त जानकारी विभाग द्वारा प्रकाशित नहीं की जाती है। (ग) उत्तर (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त जानकारी विभाग द्वारा संकलित नहीं की जाती है।
जनप्रतिनिधियों से प्राप्त आवेदन पत्रों का उत्तर
[सामान्य प्रशासन]
89. ( क्र. 2558 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल का ज्ञापन क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 19 जुलाई, 2019 के द्वारा समस्त विभागाध्यक्षों को माननीय सांसद, विधायकों के पत्रों की पावती देवें, उनके पत्रों पर कार्यवाही कर निर्धारित समयावधि में उत्तर देने के निर्देश है यदि हाँ, तो समय-सीमा क्या है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में गुना जिले के समस्त विभाग के कार्यालयो को प्रश्नकर्ता से 1 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब पत्र प्राप्त हुए इन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई एवं की गई कार्यवाही की सूचना कब-कब एवं किस-किस पत्र के माध्यम से प्रश्नकर्ता को दी गई है। दिनांकवार, आवेदकवार, की गई कार्यवाही का विवरण एवं प्रेषित सूचना पत्र की पावती की प्रति सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सम्बंध में प्रश्नकर्ता के पत्रों पर समय-सीमा में कार्यवाही न करने एवं सूचना न देने का क्या कारण है? इसके लिए कौन उत्तरदायीं है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) पत्रों पर की गई कार्यवाही की सूचना संबंधित विभागों द्वारा दी जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
पेंशनरों को मंहगाई राहत की स्वीकृति
[वित्त]
90. ( क्र. 2570 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ पुनर्गठन अधिनियम, 2000 की धारा 49 परिशिष्ट-6 के तहत मध्यप्रदेश के पेंशनर्स को केंद्र सरकार के समान दिनांक से महंगाई राहत (Dearness Relief) प्राप्त नहीं हो रही है? यदि हाँ, तो कृपया इसका विस्तृत विवरण एवं दस्तावेज़ी रिकॉर्ड सदन के पटल पर प्रस्तुत किया जाए। (ख) क्या विगत 20 वर्षों में इस प्रावधान के कारण मध्यप्रदेश के पेंशनर्स को हुई कुल अनुमानित आर्थिक हानि का आंकलन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक इस दिशा में आंकलन किया जाएगा? यदि हाँ, तो कृपया वित्त विभाग/पेंशन अनुभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट या ऑडिट रिकॉर्ड उपलब्ध कराया जाए। (ग) क्या राज्य शासन द्वारा इस विषय में केंद्र सरकार को धारा 49 परिशिष्ट-6 के संशोधन या निरस्तीकरण हेतु कोई प्रस्ताव/पत्राचार/अनुशंसा पत्र भेजा गया है? यदि नहीं, तो कब तक इस पर विचार किया जाएगा? यदि हाँ, तो भेजे गए पत्रों की प्रतियां एवं उत्तर सहित विवरण सदन में प्रस्तुत किया जाए। (घ) क्या राज्य सरकार पेंशनर्स को राहत देने हेतु राज्य स्तर पर अंतरिम समाधान (जैसे – विशेष भत्ता या राज्यांश से डी.ए.) पर विचार कर रही है? यदि हाँ, तो वित्तीय प्रावधान, प्रस्तावित योजना एवं संभावित लाभार्थी संख्या का विवरण सदन में दिया जाए। यदि नहीं, तो उचित कारण दें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। राज्य सरकार प्रदेश के पेंशनरों को मंहगाई राहत की स्वीकृति मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम,2000 की धारा 49 को दृष्टिगत रखते हुये, छत्तीसगढ़ शासन की सहमति के आधार पर करती है, केन्द्र सरकार के समान दिनांक से मंहगाई राहत की स्वीकृति हेतु प्रदेश सरकार बाध्य नहीं है। (ख) प्रदेश के पेंशनरों को मंहगाई राहत की स्वीकृति नीतिगत निर्णय के अनुसार हुई है, अत: आर्थिक हानि होने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जी नहीं। राज्य शासन उपलब्ध वित्तीय संसाधनों एवं अन्य प्राथमिकताओं के आधार पर यथा-समय उचित निर्णय लेता है, उक्त के अनुक्रम में शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी नहीं। राज्य शासन उपलब्ध वित्तीय संसाधनों एवं अन्य प्राथमिकताओं के आधार पर यथा-समय उचित निर्णय लेता है।
पत्रकारों की स्वतंत्रता एवं रक्षा
[जनसंपर्क]
91. ( क्र. 2571 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह तथ्य सरकार के संज्ञान में है कि विगत तीन वर्षों में मध्य प्रदेश में पत्रकारों पर हमले, धमकियाँ और झूठे मुकदमे दर्ज करने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो वर्षवार और जिलेवार आकड़ों सहित बतावें कितने मामलों में FIR दर्ज हुई, कितनों में जाँच पूरी हुई और कितने आरोपियों को सजा मिली? (ख) क्या सरकार यह स्वीकार करती है कि भ्रष्टाचार, माफियातंत्र और प्रशासनिक अनियमितताओं को उजागर करने वाले पत्रकार सबसे अधिक प्रताड़ना के शिकार होते हैं? क्या सरकार पत्रकारों को ‘व्हिसलब्लोअर’ की तरह कानूनी संरक्षण देने और जिला स्तर पर पत्रकार सुरक्षा प्रकोष्ठ की स्थापना पर विचार कर रही है? (ग) क्या राज्य सरकार ने मान्यता प्राप्त और स्वतंत्र पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना सहायता, आकस्मिक राहत और पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा सुविधाओं की कोई योजना बनाई है? यदि हाँ, तो उस योजना का विवरण और लाभार्थियों की संख्या सदन में प्रस्तुत की जाए। (घ) क्या सरकार पत्रकारों की स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा हेतु एक स्वतंत्र “प्रेस आयोग” या “मीडिया शिकायत निवारण प्रकोष्ठ” की स्थापना करने जा रही है, जिससे पत्रकारों की शिकायतों पर त्वरित न्याय मिल सके?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) 1. मध्यप्रदेश संचार प्रतिनिधि कल्याण सहायताः-मध्यप्रदेश में निवासरत पत्रकारों को स्वयं अथवा आश्रितों के उपचार पर पत्रकार कल्याण कोष से गंभीर बीमारियों के लिये रुपये 1 लाख तक की आर्थिक सहायता एवं सामान्य बीमारियों पर रुपये 40 हजार तक की आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान है। पत्रकार की मृत्यु होने पर दिवंगत पत्रकार की पत्नी/पति अथवा नाबालिग संतान को एक मुश्त रुपये 4 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 14 पत्रकारों की मृत्यु उपरांत एवं 139 पत्रकारों को स्वयं अथवा आश्रितों को आर्थिक सहायता स्वीकृत की गयी है। 2.संचार प्रतिनिधियों के लिये स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना:-प्रदेश के अधिमान्य/गैर अधिमान्य पत्रकार के लिये समूह बीमा योजना अंतर्गत दो विकल्प उपलब्ध है। (i) रुपये 2 लाख स्वास्थ्य एवं 5 लाख दुर्घटना बीमा (ii) 4 लाख स्वास्थ्य एवं 10 लाख दुर्घटना समूह बीमा। इसके अंतर्गत अधिमान्य पत्रकार द्वारा बीमा की प्रीमियम राशि का 25% एवं 75% राज्य शासन द्वारा तथा गैर अधिमान्य पत्रकारों को प्रीमियम राशि का 50% पत्रकार दवारा एवं 50% राज्य शासन दवारा और 65 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ पत्रकारों के लिये बीमा की सम्पूर्ण प्रीमियम राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जाती है। । योजनांतर्गत वर्ष 2024-25 में अधिमान्य/गैर अधिमान्य सम्मिलित कर 5482 संचार प्रतिनिधियों का बीमा किया गया। 3.मध्यप्रदेश में पत्रकारिता करने वाले वरिष्ठ और बुजुर्ग पत्रकारों के लिये श्रद्धानिधि (सम्मान-निधि) योजनाः- मध्यप्रदेश के 60 वर्ष से अधिक उम्र के पत्रकार को 10 वर्ष की अधिमान्यता एवं 20 वर्ष का सवैतनिक प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर रूपये 20 हज़ार प्रतिमाह की सम्मान निधि प्रदान की जाती है। सम्मान-निधि प्राप्त पत्रकार की मृत्यु होने पर पत्नी/पति को रुपये 8 लाख की एक मुश्त राशि की सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में 426 वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मान निधि प्रदान की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी, नहीं।
कर चोरी की जांच
[वाणिज्यिक कर]
92. ( क्र. 2585 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में गिरीग्रुप ऑफ कंपनी, ओम कंस्ट्रक्सन कंपनी एवं चंद्रप्रकाश गिरी निवासी टीकमगढ़ द्वारा विगत 5 वर्षों में कुल कितना आयकर दिया पृथक-पृथक नाम से पृथक-पृथक वर्षवार बतायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कंपनी/व्यक्ति कर चोरी करते है यदि नहीं, तो इनकी जांच कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा की गई यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या करोडों रूपया का आय-व्यय और लिमिट आदि होने पर आयकर व वाणिज्यकर द्वारा जांच क्यों नहीं की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित कंपनी/व्यक्त्ति की कब तक वृहद जांच कर कार्यवाही की जावेगी?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित मेसर्स ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी, टीकमगढ़ GSTIN 23AAAFO9110F1ZR के विरुद्ध श्री विकास कुमार अग्रवाल, राज्य कर अधिकारी, एंटी इवेजन ब्यूरो, सतना द्वारा मध्यप्रदेश माल एवं सेवाकर अधिनियम 2017 के अंतर्गत जांच (Inquiry) प्रकरण संस्थापित किया गया है। शेष कंपनी/व्यक्ति पर कर चोरी से सबंधित कोई आसूचना/विसंगति की जानकारी नहीं होने से कोई कार्यवाही नहीं की गयी। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित मेसर्स ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी, टीकमगढ़, GSTIN 23AAAFO9110F1ZR के विरुद्ध एंटी इवेजन ब्यूरो, सतना द्वारा मध्यप्रदेश माल एवं सेवाकर अधिनियम, 2017 के अंतर्गत जांच (Inquiry) प्रकरण संस्थापित कर रु. 41.42 लाख DRCDRC-03 के माध्यम से जमा कराये गये हैं। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित फर्म के विरूद्ध जांच प्रकरण में कर निर्धारण प्रकरण संस्थापित कर लिया गया है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
93. ( क्र. 2586 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक एम.एल.ए./टी.के.जी./। -41/2024 दिनांक 06.01.2024 एवं पत्र क्रमांक एम.एल.ए./टी.के.जी./1-16/2023 दिनांक 28.12.2023 कलेक्टर टीकमगढ़ को दिये गये? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। (ग) क्या 2 जुलाई, 2024 को सदन में प्रश्न क्रमांक 13 किया था जिसमें जवाब दिया था कि जानकारी एकत्र की जा रही है क्या अब तक एकत्र हो गई है यदि नहीं, तो बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों का जवाब न देने कार्यवाही न करने के लिए कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी दोषी है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। (ख) माननीय विधायक टीकमगढ़ द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक MLA/TKG/I-16/2023 दिनांक 28.12.2023 के परिप्रेक्ष्य में कार्यालय कलेक्टर, टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक 268/18/भू-अभि0/स0अ0भू0अ0.1/2024 दिनांक 06.03.2024 द्वारा एवं माननीय विधायक के पत्र क्रमांक MLA/TKG/1-41/2024 दिनांक 06.01.24 के संबंध में कार्यालय कलेक्टर, टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक 59/18/भू-अभि0/स0अ0भू0अ0-1/2024 दिनांक 12.01.2024 के द्वारा तहसीलदार टीकमगढ़ को जांच हेतु भेजे गये है तथा शीघ्र जांच कार्यवाही पूर्ण कर प्रतिवेदन भेजने हेतु निर्देशित किया गया हैं। तदोपरांत पत्र क्रमांक 357, दिनांक 06.03.2024, पत्र क्रमांक 619, दिनांक 27.05.2024, पत्र क्रमांक 780, दिनांक 24.06.2024 एवं पत्र क्रमांक 939, दिनांक 18.07.2025 द्वारा स्मरण पत्र भेजे गये। (ग) जी हॉ। जी नहीं। कलेक्टर, टीकमगढ़ द्वारा तहसीलदार टीकमगढ़ को शीघ्र जांच कार्यवाही पूर्ण कर प्रतिवेदन भेजने हेतु निर्देशित किया गया है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर वस्तु स्थिति से अवगत कराया जावेगा। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
94. ( क्र. 2594 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चौरई विकासखंड एवं बिछुआ विकासखंड में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? पृथक-पृथक देवें। (ख) इनमें कितने केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित हैं एवं कितने भवन जर्जर स्थिति में हैं? (ग) चौरई क्षेत्र के किन ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्माण के लिए राशि स्वीकृत हुई एवं कितनी हुई? (घ) चौरई विधानसभा क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग के बजट की कुल स्वीकृत राशि और वास्तविक खर्च की जानकारी दी जाए?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) चौरई विकासखंड में 210 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं बिछुआ विकासखण्ड में 166 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। (ख) चौरई विकासखंड में 98 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में तथा बिछुआ विकासखण्ड में 105 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में संचालित है। चौरई विकासखण्ड अंतर्गत 11 आंगनवाड़ी भवन तथा बिछुआ विकासखण्ड अंतर्गत 14 आंगनवाड़ी भवन जर्जर स्थिति में है। (ग) चौरई क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 06 आंगनवाड़ी भवनों हेतु राशि रूपये 11.22 लाख प्रति आंगनवाड़ी भवन के मान से 06 भवनों हेतु कुल राशि 67.32 लाख प्राप्त हुई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विकास कार्यों हेतु वित्तीय आवंटन
[वित्त]
95. ( क्र. 2595 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चौरई विधानसभा क्षेत्र में सड़क, पुल और सिंचाई परियोजनाओं के लिए विगत छः वर्षों में पृथक-पृथक कुल कितनी राशि स्वीकृत की गई और अब तक कितनी राशि खर्च हुई है? (ख) चौरई विधानसभा में नवीन स्कूल भवन, आंगनवाडी केन्द्र और अस्पताल निर्माण के लिए विगत छः वर्षों में कितनी राशि मंजूर की गई? पृथक-पृथक जानकारी देवें एवं कार्य की प्रगति क्या है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) राज्य बजट में विधानसभावार राशियां प्रावधानित नहीं होती है। बजट के आधार पर स्वीकृत योजनाओं में राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा कार्य स्वीकृत किये जाते है।
पोषण आहार की राशि
[महिला एवं बाल विकास]
96. ( क्र. 2606 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र खुरई के विकासखंड खुरई एवं मालथौन की परियोजनाओं अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों को पोषण आहार की राशि कब-कब से प्रदान नहीं की गई? कब तक राशि प्रदाय कर दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : आंगनवाड़ी केन्द्रों को पोषण आहार की राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं।
अपूर्ण उत्तर की जानकारी
[गृह]
97. ( क्र. 2611 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न दिनांक 5443 दिनांक 21.03.2021 के उत्तर में जानकारी एकत्रित किये। अप्राप्त जाने के संबंध में उत्तर दिया था। यदि हाँ, तो क्या यह भी सच है कि विधानसभा के तारांकित अप्राप्त प्रश्न क्रमांक 1160 दिनांक 24.12.2021 एवं तारांकित प्रश्न क्रमांक 1818 दिनांक 21.03.2025 के उत्तर में अप्राप्त पुनः जानकारी एकत्रित किये जाने का उत्तर दिया था। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर की जानकारी न देने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर की जानकारी कब तक प्रदान की जावेगी। समयावधि बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान सत्र समाप्त होने के उपरांत पूर्व में पूछे गये प्रश्नों का उत्तर संकलित कर प्रेषित किया जा रहा है।
पदस्थ उप निरीक्षक पर कार्यवाही
[गृह]
98. ( क्र. 2612 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आवेदक जितेन्द्र सिंह पुत्र कमलेश जाटव निवासी पडोलिया का पुरा गोरमी द्वारा दिनांक 13.06.2025 को आईजी ग्वालियर को उपनिरीक्षक विवेक शर्मा पर कार्यवाही हेतु आवेदन (स्पीड पोस्ट) प्रस्तुत किया गया है, आवेदन पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आवेदक को जबरन थाने में बैठाकर जाति सूचक गालियां देने, डरा धमका कर 20 हजार रू. की रिश्वत लेकर छोड़ा गया। उक्त प्रकरण में एसआई के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी, समय -सीमा बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आवेदक जितेन्द्र सिंह पुत्र कमलेश जाटव निवासी पडोरिया का पुरा गोरमी का शिकायती आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक कार्यालय भिण्ड की शिकायत शाखा में दिनांक 16.07.2025 को प्राप्त हुआ था, जिसे अग्रिम जांच हेतु अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) अनुभाग मेंहगाँव भेजा गया है। अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अनुभाग मेंहगाँव में प्रतिवेदन में लेख किया गया है, कि आवेदक एवं अनावेदक को नोटिस जारी किये गये है। उपस्थित होने पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ख) आवेदन पत्र की जांच पूर्ण होने पर तथ्यों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। आवेदन पत्र जॉच में है।
सेज (SEZ) में निवेश और विकास
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
99. ( क्र. 2616 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ-रतलाम जिलों के सेज (SEZ) में वर्ष 2020 से 2025 तक कितनी निवेश हुए और कितने निवेशकों ने अपने फैक्ट्री और संस्था की स्थापना करके, कार्य प्रारंभ कर दिया। सभी निवेशकों के नाम, कितने का निवेश और उनके संचालन की जानकारी दी जाए। (ख) झाबुआ-रतलाम जिलों के सेज (SEZ) में कब-कब से, कौन-कौन सी कंपनियां,/फैक्ट्री/फर्म/उद्योग संचालित है, इन सभी को शासन ने कितने समय के लिए भूमि लीज पर, किस दर पर दी है। (ग) उपर लिखत प्र. (क) के संदर्भ में "मेघनगर" सेज (SEZ) में कितने उद्योग/फैक्ट्री वर्तमान में संचालित है, इनके द्वारा "कॉपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिल्बिल्ट" (CSR) के तहत पिछले 10 वर्ष में कितना व्यय आप पास के एरिया के विकास हेतु करे है? वर्ष अनुसार, सभी की विस्तृत जानकारी दी जाए।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा झाबुआ-रतलाम जिले में कोई भी स्पेशल इकोनॉमी जोन (SEZ) विकसित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में जानकारी निरंक है।
संचालित शराब के ठेकों से प्राप्त राजस्व
[वाणिज्यिक कर]
100. ( क्र. 2617 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ, अलीराजपुर, रतलाम जिलों में वर्ष 2024-25 में संचालित शराब की दुकानों से कितना राजस्व शासन को प्राप्त हुआ, प्रति दुकान कौन से व्यक्ति/समूह/कंपनी ने संचालित की थी? प्रति दुकान वर्ष में कितना राजस्व प्राप्त हुआ। (ख) उपर लिखित प्र. (क) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सभी शराब की दुकान किस कम्पनी/समूह/व्यक्ति ने किस दर/रेट पर बोली लगाकर प्राप्त की है। विभाग किसी शराब की दुकान की नीलामी हेतु एक वर्ष की वैल्यू/कीमत को, कौन से "आधार"पर निर्धारण करते है, संपूर्ण प्रकिया की जानकारी प्रदान करें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला रतलाम में वर्ष 2024-25 में कुल 99 कम्पोजिट मदिरा दुकानों से रूपये 3,19,51,02,595 का राजस्व शासन को प्राप्त हुआ था। व्यक्ति/कंपनी जिनके द्वारा दुकान/समूह का संचालन किया गया था। दुकानवार प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। जिला अलीराजपुर में वर्ष 2024-25 में संचालित 19 शराब की दुकानों से शासन को रूपये 973842723/- का राजस्व प्राप्त हुआ है। जिले की 19 कम्पोजिट मदिरा दुकानों को दो एकल समूहों में मेसर्स खालसा एण्ड कम्पनी तर्फे पियूष सिंह द्वारा संचालित किया गया था। दुकानवार प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। जिला झाबुआ में वर्ष 2024-25 में संचालित शराब की दुकानों से शासन को रूपये 2404895055/- का राजस्व प्राप्त हुआ है जिले की 33 कम्पोजिट मदिरा दुकानों को एक एकल समूह के रूप में गुरू कृपा बायोफयूल एल.एल.पी द्वारा संचालित किया गया था। दुकानवार प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (ख) वर्ष 2025-26 के लिए रतलाम जिले की कुल 99 कम्पोजिट मदिरा दुकानों से रूपये 3,87,31,96,840/- में निष्पादित होकर व्यक्ति/कंपनी जिनके द्वारा दुकान/समूह पर दर/रेट पर बोली लगाकर प्राप्त की है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। वर्ष 2025-26 के लिए जिला अलीराजपुर की 19 कम्पोजिट मदिरा दुकानों का निष्पादन 04 एकल समूहों में ई-टेण्डर (ई-टेण्डर कम-ऑक्शन) के माध्यम से किया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पांच एवं छ: अनुसार है। वर्ष 2025-26 के लिए जिला झाबुआ की 33 कम्पोजिट मदिरा दुकानों का निष्पादन 03 एकल समूहों में ई-टेण्डर (ई-टेण्डर एवं ई-टेण्डर कम ऑक्शन) के माध्यम से किया गया। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-सात एवं आठ अनुसार है। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 47 दिनांक 14 फरवरी 2025 की कंडिका क्रमांक 06 एवं 07 में दिये गये निर्देशों के अनुरूप वर्ष 2025-26 हेतु कम्पोजिट मदिरा दुकानों के निष्पादन हेतु आरक्षित मूल्य का निर्धारण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-नौ अनुसार है।
कर्मचारियों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
101. ( क्र. 2622 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 से 2025 तक 31 मार्च की स्थिति में सभी छ: केटेगरी के प्रशासनिक क्षेत्र में नियमित, कार्यभारित आकस्मिक निधि से वेतन प्राप्त करने वाले, दैनिक वेतन भोगी, कोटवार, संविदा कर्मचारियों की संख्या शासकीय विभाग, सार्वजनिक उपक्रम, नगरीय निकाय, ग्रामीण निकाय, विकास प्राधिकरण एवं विश्वविद्यालय अनुसार, पुरुष एवं महिला अनुसार वर्षवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छ: कैटेगरी के प्रशासनिक क्षेत्र में 2020 से 2025 तक 31 मार्च की स्थिति में नियमित कर्मचारियों में सेवानिवृत्त हुए एवं नए कर्मचारियों की संख्या विभाग अनुसार वर्षवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी 6 कैटेगरी के प्रशासनिक क्षेत्र में 2020 से 2025 तक 31 मार्च की स्थिति में प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ सेवा श्रेणी के स्वीकृत पद कितने-कितने थे तथा खाली पद कितने-कितने थे? (घ) 1 अप्रैल से 30 जून, 2025 तक सभी 6 कैटेगरी के प्रशासनिक क्षेत्र में नियमित कर्मचारियों में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी तथा नए नियुक्त हुए कर्मचारियों की संख्या क्या-क्या है? (ड.) 1 जुलाई 2025 की स्थिति में प्रदेश के सभी केटेगरी के छ: प्रशासनिक क्षेत्र में ठेका कर्मचारियों की संख्या पुरुष और महिला अनुसार बताएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आरक्षित वर्ग तथा सामान्य वर्ग की महिलाओं पर अत्याचार
[गृह]
102. ( क्र. 2623 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा तथा सामान्य वर्ग की महिलाओं से वर्ष 2018 से 2024 तक हुए बलात्कार, बलात्कार सहित हत्या, सामूहिक बलात्कार, अपहरण, हत्या, हत्या का प्रयास, आत्महत्या की जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में वर्ष 2018 से 2024 तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अपराधों में सजायाबी की दर की अपराध अनुसार, वर्ग अनुसार, वर्षवार जानकारी दें। (ग) जनवरी 2025 से जून 2025 तक महिलाओं से बलात्कार, बलात्कार सहित हत्या, सामूहिक बलात्कार, अपहरण, हत्या तथा हत्या का प्रयास की अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा तथा सामान्य वर्ग अनुसार जिलेवार जानकारी दें। (घ) क्या विधानसभा के प्रश्न 2610 दि 21.3.2025 के अनुसार वार्षिक प्रतिवेदनों में महिला बलात्कार आदि अपराध पर जानकारी गलत देकर विधानसभा की अवमानना और जनता से धोखा किया जा रहा है। (ड.) वर्ष 2018 से 24 तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अपराध की जिले द्वारा भेजी गई जानकारी तथा वार्षिक प्रतिवेदन में दी गई जानकारी का अंतर अपराध अनुसार, वर्ग अनुसार, वर्षवार बताएं। (च) सरदारपुर विधानसभा में पुलिस थाना, सरदारपुर में पुष्कर ग्रेवाल द्वारा दिए गए बयान एवं साक्ष्य को पूरा दर्ज नहीं किया गया एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सरदारपुर एवं पुलिस अधीक्षक धार को दिए गए आवेदन पर क्या कार्यवाही की गयी एवं आरोपी पर कब तक धारा बढ़ाकर कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' में समाहित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) यह कहना सही नहीं है कि विधानसभा के प्रश्न 2610 में वार्षिक प्रतिवेदन में गलत जानकारी प्रेषित की गई है। वार्षिक प्रतिवेदन में प्रत्येक माह में पंजीबद्ध अपराधो की एकजाई जानकारी दी गई है। जिलों से प्राप्त जानकारी प्रश्न दिनांक की स्थिति में भेजी गई है, वार्षिक प्रतिवेदन एवं प्रश्न दिनांक को भेजी गई जानकारी में समय का अंतराल है। अपराध शीर्ष अपहरण में उक्त अवधि के प्रकरणों में पीड़िता की बरामदगी होने पर बलात्संग की घटना घटित होना पाये जाने पर अपहरण के प्रकरण बलात्संग के प्रकरणों में परिवर्तित होते है जिससे अपहरण एवं बलात्संग के प्रकरणो में कमी/वृद्धि होना एवं आकड़ों में परिवर्तन होना संभव हैं। (ड.) वर्ष 2018 से 2024 तक जिलों से प्राप्त वर्गवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" में समाहित है। महिला सुरक्षा शाखा पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन में वर्गवार जानकारी प्रेषित नहीं की जाती है। अपितु महिला संबंधी अपराधों में सभी वर्ग की एकजाई जानकारी एकत्रित की जाती है। उक्त अनुसार ही वार्षिक प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। (च) सरदारपुर विधानसभा में पुष्कर ग्रेवाल द्वारा दिए गए बयान एवं साक्ष्य के अनुसार थाना सरदारपुर में अपराध क्रमांक- 165/2025 धारा 296, 115 (2), 351 (3), 3 (5) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध है। 05 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया तथा प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, सरदारपुर एवं पुलिस अधीक्षक, धार को दिए गए शिकायत आवेदन पत्र पर जांच की गई, जिसमें धारा बढाने के संबंध में कोई तथ्य सामने नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रतिष्ठान को अंशदान का भुगतान
[खनिज साधन]
103. ( क्र. 2627 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास का पंजीयन प्रमाण-पत्र, जिले के खनन से प्रभावित ग्रामों की सूची एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें l (ख) सूची अनुसार किन-किन ग्रामों में कौन-कौन से कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैं? प्रगतिरत कार्यों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान के न्यास मंडल की वर्ष 2020--21 से प्रश्न दिनांक में आयोजित बैठकों का कार्यवाही विवरण पालन प्रतिवेदन एवं कार्यपालक समिति का वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक का बैठक का कार्यवाही विवरण एवं पालन प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। (घ) वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक किन पट्टाधारियों को अभिवहन परिपत्र जारी किया गया है और अब तक कितने प्रतिष्ठानों के द्वारा प्रतिष्ठान को अंशदान का भुगतान कर दिया गया है? भुगतान संबंधी और बकाया संबंधी संपूर्ण जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में जिला खनिज प्रतिष्ठान के पंजीयन का प्रावधान नहीं है। इसके नियम 12 (5) अनुसार राज्य का समस्त भू-भाग खनन प्रभावित क्षेत्र मान्य होना प्रावधानित है। इस प्रावधान अनुसार जिले के समस्त ग्राम खनन प्रभावित क्षेत्र है। (ख) वर्तमान में कोई भी कार्य प्रारंभ नहीं किये गये हैं। अत: प्रश्नांश की शेष जानकारी निरंक है। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान के न्यास मण्डल की प्रश्नाधीन अवधि में एक बैठक हुई है। आयोजित बैठक के कार्यवाही विवरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है एवं प्रशासकीय स्वीकृति के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है। (घ) पट्टाधारियों द्वारा स्वयं ई-खनिज पोर्टल के माध्यम से अभिवहन पार पत्र जारी किये जाते हैं। जिन पट्टाधारियों द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में अभिवहन पार पत्र जारी किये गये हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' पर है। प्रतिष्ठानों के द्वारा प्रतिष्ठान को अंशदान का भुगतान नहीं किया जाता है। पट्टाधारियों द्वारा जिला खनिज प्रतिष्ठान में नियमानुसार अंशदान का भुगतान रॉयल्टी के साथ अग्रिम रूप से जमा किया जाता है। अत: शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सोसायटी के विरुद्ध कार्यवाही
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
104. ( क्र. 2629 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समिति स्थावर संपत्ति का अर्जन या विक्रय या अंतरण रजिस्टर की पूर्व अनुज्ञा के बिना नहीं करेगी? (ख) क्या अधिनियम की धारा 21 की उपधारा 4 में जहां कोई सोसाइटी उपधारा (1) या (2) के उपबंधों का उल्लंघन करती है तो वहां समिति ऐसी रकम जैसी की विहित की जाए रजिस्ट्रार के द्वारा जारी किए गए नोटिस की तारीख से 3 मास के भीतर जमा करने के लिए उत्तदायी होगी? यदि हाँ, तो ऐसी रकम का निर्धारण वर्तमान शासकीय बाजार दर पर किया जाएगा या जिस दिनांक को वर्षों पूर्व भूमि खरीदी गई थी उस दर पर किया जाएगा? (ग) जिला खंडवा में कुल कितनी पंजीकृत सोसायटी हैं? सूची देवें। उनमें से कितनी समितियों को अधिनियम की धारा 21 के पालन में अनुमति जारी की गई है? उनकी सूची और अनुज्ञा पत्र की प्रति देवेंl (घ) खंडवा जिले में माह जनवरी 2025 में विभाग द्वारा जारी किए गए नोटिस के पालन में कितनी समितियों के द्वारा पेनल्टी सहित राशि जमा करा दी गई है? संपूर्ण अभिलेख देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हॉ। (ख) जी हॉ। मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 की धारा 21 में स्थावर संपत्ति के क्रय/विक्रय, अन्यथा अर्जित अथवा अंतरित किये जाने का प्रावधान है। उक्त प्रावधानुसार स्थावर सम्पत्ति (भूमि/भवन) के क्रय/विक्रय/दान/अर्जन/ अंतरण के समय प्रचलित कलेक्टर गाइड लाइन के आधार पर शुल्क का मूल्यांकन किया जाता है। (ग) मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 में संभागवार पंजीकृत सोसायटी का रिकार्ड पंजीयन क्रमानुसार संधारित किये जाने का प्रावधान है। अधिनियम में जिलेवार रिकार्ड संधारित किये जाने का प्रावधान नहीं है। खण्डवा जिले में पंजीकृत सोसायटी को अधिनियम की धारा 21 के अधीन जारी की गई अनुमति की सूची एवं अनुज्ञा पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कार्यालय द्वारा माह जनवरी 2025 में खण्डवा जिले की सोसायटियों को नोटिस जारी नहीं किये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र
[सामान्य प्रशासन]
105. ( क्र. 2631 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में किस-किस जाति के फर्जी जाति प्रमाण-पत्र से नौकरी करने वाले कितने लोगों चिह्नित किया गया है? किनके विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रचलित है? किन के विरूद्ध किन कारणों से कार्यवाही प्रचलित नहीं है? सूची सहित बताएं। (ख) प्रश्नकर्ता के द्वारा विगत पांच वर्षों में किस-किस दिनांक को जाति प्रमाण-पत्र विषय पर लिखा पत्र माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मंत्री, मुख्य सचिव एवं विभाग को किस दिनांक को प्राप्त हुआ। प्रश्नकर्ता के किस पत्र पर क्या जांच या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध करवाएं। (ग) एस.टी. का जाति प्रमाण-पत्र बनवाने के क्या नियम-अधिनियम प्रचलित है? क्या-क्या डाक्युमेंट्स/योग्यता आवश्यक है? प्रति सहित बताएं। (घ) राज्य शासन की जानकारी में किस-किस जाति के फर्जी जाति प्रमाण-पत्र धारकों की कितनी संख्या है? किस प्रक्रिया में किस दिनांक को इनके जाति प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए? (ड.) फर्जी जाति प्रमाण-पत्र जारी करने वाले अधिकारियों एवं बनवाने वालों के विरूद्ध किन-किन नियमों में कार्यवाही करने का प्रावधान है? बताएं। (च) आवश्यक प्रमाणित डाक्युमेंट्स की जांच किए बिना क्या एस.टी. का जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकता है? (छ) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को दिनांक 27 और 28 जनवरी 2025 को अक्षय सिंह मरकाम उर्फ अक्षय गुप्ता के फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के संबंध में प्रेषित पत्र पर प्रश्न-दिनांक क्या-क्या जांच, कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करवाएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’, ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। (छ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्मदापुरम में रेत का भंडारण
[खनिज साधन]
106. ( क्र. 2633 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिले के किस रेत ग्रुप के नाम पर 1 जुलाई 2025 को किस ग्राम के किस खसरा नंबर के कितने रकबे पर रेत भंडारण की किस दिनांक को दी गई अनुमति के आधार पर कितनी रेत के भंडारण की मात्रा आनलाइन पोर्टल पर बताई गई? (ख) अप्रैल 2025 में रेत भंडारण से संबंधित किस-किस की शिकायत, पत्र प्रमुख सचिव खनिज साधन विभाग भोपाल, संचालक खनि कर्म एवं भौमिकी भोपाल एवं जिला खनिज अधिकारी नर्मदापुरम को किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई, किस दिनांक को जांच दल ने किस-किस भंडारण स्थल की जांच कर कितनी रेत की मात्रा होना सत्यापित किया? (ग) रेत भंडारण की शिकायत होने के बाद किस दिनांक को किस स्थल के भंडारण की अनुज्ञप्ति जारी की गई, जांच दल के दिनांक 8 से 10 मई के भ्रमण में किस रेत भंडारण स्थल की जांच किन कारणों से नहीं की गई? (घ) 10 मई 2025 को जांच दल के भ्रमण के बाद किस भंडारण स्थल पर कितनी रेत का भंडारण किया जाना आनलाइन पोर्टल पर दर्ज किया?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ पर है। (ख) रेत के अवैध भण्डारण के संबंध में डॉ. हिरालाल अलावा माननीय विधायक मनावर का पत्र 15/04/2025 प्रमुख सचिव, खनिज साधन विभाग एवं संचालक, एम.डी. खनिज साधन विभाग एवं श्री प्रमोद विश्वकर्मा द्वारा दिनाँक 15/04/2025 से सचिव, म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग को लेख किया गया तथा श्री मुकेश गायकवाड़ निवासी बैतूल का पत्र संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म को दिनाँक 17/04/2025 से लेख किया गया। श्री भागीरथ प्रसाद यदुवंशी की शिकायत दिनाँक 08/04/2025 को अनुविभागीय अधिकारी, सिवनी मालवा जिला नर्मदापुरम के नाम से संबोधित होकर, जिला खनि अधिकारी नर्मदापुरम को प्राप्त हुई। संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म मध्यप्रदेश के आदेश क्रमांक 5121 दिनाँक 06/05/2025 को नर्मदापुरम जिले में रेत के उत्खनन/परिवहन एवं भंडारण की जांच दल बनाकर की गई। भंडारण स्थल की दिनांकवार जांच एवं सत्यापन में पायी गयी मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) माह अप्रैल 2025 में नर्मदापुरम जिले में स्वीकृत रेत खनिज के स्वीकृत भंडारण अनुज्ञप्तियों का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब पर है। जांच दल द्वारा दिनाँक 08 से 10 मई 2025 में समस्त 16 स्वीकृत भंडारण अनुज्ञप्ति स्थलों की जांच किया गया। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जाँच दल की रिपोर्ट के आधार पर ऑनलाइन पोर्टल पर रेत के भण्डारण की जानकारी अपलोड करने का कोई प्रावधान नहीं है। पोर्टल पर रेत भण्डारण में खदानों से प्राप्त होने वाली, भण्डारण से निवर्तन की जाने वाली एवं भंडारित रेत की मात्रा का संधारण, लाइव स्थिति में ऑनलाइन mp-sand portal में प्रदर्शित होती है।
थानों एवं चौकियों की स्थापना
[गृह]
107. ( क्र. 2635 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी विधानसभा अंतर्गत कुल कितने पुलिस थाने एवं चौकियां हैं और इनमें कुल कितने स्टाफ वर्तमान में पदस्थ हैं? (ख) क्या धरमपुरी विधानसभा अंतर्गत भविष्य में पुलिस चौकियों में वृद्धि कराये जाने की कोई योजना हैं? (ग) धरमपुरी विधानसभा अंतर्गत बगवानिया में पुलिस चौकी को बनाए जाने की कोई योजना हैं, अगर हाँ तो जानकारी दें? (घ) अगर नहीं तो कब तक पुलिस चौकी को बनाया जाएगा, समय-सीमा बताएं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) धरमपुरी विधानसभा अंतर्गत कुल 4 पुलिस थाने एवं 2 पुलिस चौकियां हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) बगवनिया में सुरक्षा व्यवस्था हेतु थाना धामनोद एवं पुलिस सहायता केन्द्र भोण्डल से पुलिस बल भेजा जाता है। नवीन पुलिस चौकी की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
स्व-रोजगार योजनाओं के प्रकरणों की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
108. ( क्र. 2636 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले में कितने हितग्राहियों को कितनी स्व-रोजगार योजनाओं के तहत प्रकरण स्वीकृत किये गए? हितग्राहियों की संख्या, नाम, अनुदान राशि, योजना का नाम सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) स्वीकृत योजनाओं में से कितने हितग्राहियों को शासन द्वारा ऋण के लिए बैंक गारंटी दी गई? हितग्राही संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार धार जिले में ऐसे कितने प्रकरण हैं, जो शासन स्तर से स्वीकृत हुए, परन्तु बैंक द्वारा ऋण न देने के कारण लंबित हैं? हितग्राहियों के नाम सहित प्रकरणों की संख्या बतायें।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले में हितग्राहियों को स्वरोजगार योजना के तहत स्वीकृत किये गए प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) शासन द्वारा ऋण के लिए बैंक गारंटी नहीं दी जाती है, अपितु मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजनान्तर्गत हितग्राहियों को प्रदाय ऋण की गारंटी बैंक द्वारा भारत सरकार की CGTMSE योजना अंतर्गत कवर की जाती है, इसमें हितग्राही को लगने वाली CGTMSE फीस की प्रतिपूर्ति शासन द्वारा हितग्राही को की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) योजनान्तर्गत विभाग द्वारा पात्र प्रकरणों को संबंधित बैंक शाखाओं को अनुशंसित किया जाता है। ऋण स्वीकृत किए जाने की अधिकारिता बैंकों की है। बैंकों में वर्तमान में लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
अपराध क्रमांक 719/23 दिनांक 30 नवंबर 2023 की जानकारी
[गृह]
109. ( क्र. 2642 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना जौरा जिला मुरैना में दर्ज अपराध क्रमांक 719/23 दिनांक 30 नवंबर, 2023 संबंध में पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरण में क्या आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है? अथवा आरोपी थाने में हाजिर हुए हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरण में पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश को पत्र क्रमांक 185/24, दिनांक 16 जुलाई, 2024, थाना चिन्नौनी जिला मुरैना की सी.डी.आर. की जांच कराएं जाने एवं साक्ष्यों के आधार पर लूट एवं अपहरण की धाराएं वृद्धि किए जाने हेतु प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो क्या जांच कराई जा चुकी है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला मुरैना के पुलिस थाना जौरा में दर्ज अप.क्र. 719/23 दिनांक 30/11/2023 की विवेचना की जा रही है, जिसमें भौतिक एवं तकनीकी साक्ष्य एकत्रित किये गये है, विवेचना में उभयपक्षों द्वारा अपनी-अपनी ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किये है, जिनके सबंध में विवेचना की जा रही है, घटना के संदर्भ में प्राप्त शिकायती आवेदन को विवेचना में शामिल कर जांच की जा रही है, प्रकरण की विवेचना गतिशील है, विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर प्रकरण का विधिसम्मत निराकरण किया जावेगा। (ख) प्रकरण में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है, विवेचना में एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में निर्णय लिया जावेगा। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र क्र. 185/24, दिनांक 16/07/2024 पुलिस महानिदेशक म.प्र. को प्राप्त होना नहीं पाया गया है, उक्त पत्र एस.डी.ओ.पी. जौरा के कार्यालय से प्राप्त हुआ, जिसे विवेचना में शामिल कर जांच की जा रही है, जांच/विवेचना गतिशील है।
अपराध क्रमांक 22/16 की जानकारी
[गृह]
110. ( क्र. 2643 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश विधानसभा में पूछे गए प्रश्न क्रमांक 3266, दिनांक 23 जुलाई, 2019 प्रश्न क्रमांक 310, दिनांक 18 दिसंबर, 2019 एवं प्रश्न क्रमांक 2598, दिनांक 9 जुलाई, 2024 अपराध क्रमांक 22/16 थाना चिन्नौनी चंबल जिला मुरैना से संबंधित है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार अपराध क्रमांक 22/16 से संबंधित मूल दस्तावेज जो मालखाने में रखे थे, उन्हें दीमक ने नष्ट कर दिया था? (ग) क्या दीमक द्वारा नष्ट किए गए मूल दस्तावेजों के संबंध में तत्कालीन थाना प्रभारी चिन्नौनी चंबल ने पुलिस अधीक्षक मुरैना को पत्र क्रमांक 17.02.2022 के माध्यम से सूचना दी थी? यदि हाँ, तो इस पर पुलिस अधीक्षक मुरैना द्वारा शासन को अवगत कराया गया था? जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) थाना प्रभारी चिन्नौनी द्वारा पत्र दिनांक 17.02.2022 के माध्यम से अवगत कराया गया था, कि मालखाना भौतिक सत्यापन के दौरान अप.क्र. 22/16 से संबंधित मूल दस्तावेज जो मालखाने में रखे थे, उन्हें दीमक ने नष्ट कर दिया था। (ग) जी हाँ। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध खनिज परिवहन
[खनिज साधन]
111. ( क्र. 2645 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा अवैध खनिज परिवहन करने वाले वाहनों को राजसात करने का नियम है? यदि हां तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) जिला ग्वालियर में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में अवैध खनिज परिवहन के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। वाहनों के प्रकार सहित जानकारी दी जावें। (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में पंजीकृत हुये प्रकरणों में कितनी रशि वसूल की गई? वाहनों की संख्या एवं वसूल की गई राशि की जानकारी दी जावें। (घ) प्रश्नांश (ख) के संबंध में दर्ज प्रकरणों में से कितने वाहनों को राजसात किया एवं चालान करके छोड़ा गया? यदि चालान करके वाहन छोड़े गये? तो क्या नियम रहें। वाहनों की संख्या एवं नियम की प्रति उपलब्ध कराई जावें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 19 (5) में अवैध खनिज परिवहन करने वाले वाहनों को अधिहरण किये जाने के प्रावधान है। यह नियम अधिसूचित नियम है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब में दर्शित प्रकरणों में से वर्ष 2023-24 में 261 वाहन तथा वर्ष 2024-25 में 326 जप्त वाहन मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 19 (3) के प्रावधान अनुसार प्रशमन होने के पश्चात मुक्त किये गये। किसी भी वाहन को अधिहरण नहीं किया गया। उल्लेखित नियम अधिसूचित नियम है।
खनिज विभाग में पंजीबद्ध प्रकरण एवं वसूली की जानकारी
[खनिज साधन]
112. ( क्र. 2646 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में रेत खनिज के कितने प्रकरण 1 जनवरी, 2024 से माह जून 2025 तक पंजीबद्ध कर कितना-कितना जुर्माना अधिरोपित किया गया। इन प्रकरणों में कितनी राशि वसूल की गई। जिनमें राशि वसूल नहीं की गई तो क्यों? बकाया राशि कब तक वसूल की जावेगी। राशि वसूल नहीं किये जाने के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है, उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई। रेत प्रकरणों की जानकारी सूची सहित उपलब्ध करावें। (ख) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में क्रेशर गिट्टी एवं एम-सेण्ड की कितनी खदानें स्वीकृत होकर कार्यरत है। कितनी रॉयल्टी राशि पिछले 05 वर्षों में जमा हुई है। (ग) खदानों को संचालित किये जाने हेतु सिया एवं प्रदूषण बोर्ड की अनापत्ति ली जानी होती है, ग्वालियर एवं चंबल संभाग में कितनी खदानों में सिया एवं प्रदूषण बोर्ड की अनापत्ति नहीं ली गई है? तो क्यों। नियमविरूद्ध कार्यवाही के लिये कौन दोषी है, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। दर्शायी गई जानकारी अनुसार सिया एवं प्रदूषण बोर्ड से अनापत्ति अप्राप्त खदानें संचालित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
113. ( क्र. 2649 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग में वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? उक्त योजनाओं में से शिवपुरी जिले में कौन-कौन सी योजनाएं कहां-कहां पर संचालित है? उक्त योजनाओं में वर्ष 2021-2022 से 2024-2025 तक कितनी-कितनी राशि, किन-किन कार्यों में व्यय की गई, किस-किस को कितना-कितना भुगतान, कब-कब किया गया? (ख) शिवपुरी जिले में विभाग द्वारा वर्ष 2021-2022 से 2024-2025 में क्या-क्या नवीन निर्माण कार्य/पुराने भवनों की मरम्मत, रंगाई, पुताई, साज-सज्जा, योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर वर्षवार कितनी-कितनी राशि व्यय की गई, कार्यवार किस-किस को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? (ग) महिला बाल विकास शिवपुरी द्वारा वर्ष 2021-2022 से 2024-2025 तक क्या-क्या सामग्री किस-किस उद्देश्य से कहां-कहां से कितनी-कितनी क्रय की गयी, इसका कितना-कितना भुगतान किस-किस को किया गया सामग्री किस-किस को कब-कब कितनी-कितनी वितरित की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स‘’ अनुसार है। साज सज्जा पर पृथक से राशि का व्यय नहीं किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''द'' अनुसार है।
मिशन शक्ति योजना
[महिला एवं बाल विकास]
114. ( क्र. 2651 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शिवपुरी जिले में महिला बाल विकास विभाग में केंद्र सरकार की मिशन शक्ति योजना के तहत जिला स्तरीय हब का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि आवंटित की गयी? जिला स्तरीय हब में कितनी-कितनी राशि, कब-कब व्यय की गयी? (ख) क्या जिला स्तरीय हब के लिए कार्मिकों के चयन का काम मुंबई की एच.आर. कम्पनी टी.एण्ड.एम. को सौंपा गया था? यदि हाँ, तो उपरोक्त कार्य की निविदा प्रक्रिया से जुड़ी समस्त दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या टी.एण्ड.एम. कम्पनी को बगैर निविदा के मिशन शक्ति हेतु मानव संसाधन का कार्य सौंपा गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत और किस अधिकारी के आदेश से? (घ) क्या टी.एण्ड.एम. कम्पनी द्वारा मिशन शक्ति में कार्मिकों की भर्ती में अनियमितता की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो विवरण दें और विभाग द्वारा इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) टी.एण्ड.एम. कम्पनी को विभाग द्वारा पिछले 05 साल में कार्मिकों की आपूर्ति के कुल कितने आर्डर अलग-अलग स्कीम के जारी किए गए हैं, साथ ही विभाग द्वारा कम्पनी को इस अवधि में किये गए कुल भुगतान का विवरण भी दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त कार्य हेतु पृथक से कोई निविदा प्रक्रिया नहीं की गई थी। विभाग द्वारा पूर्व से पोषण अभियान अंतर्गत मानव संसाधन हेतु चयनित संस्था को उक्त कार्य सौंपा गया। (ग) जी नहीं। मिशन शक्ति के लिए निविदा नहीं है। पूर्व से महिला एवं बाल विकास विभाग में पोषण अभियान अंतर्गत कर्मियों के चयन हेतु निविदा के माध्यम से चयनित टी.एण्ड एम. कम्पनी के साथ अनुबंध Appendix-2 पैरा 4 में उल्लेख अनुसार यह कार्य टी.एण्ड एम. कम्पनी को सौंपा गया है। आदेश प्रति संलग्न है। (घ) जी हाँ। मिशन शक्ति में कार्मिकों की भर्ती में अनियमितता की शिकायत पर जांच कार्यवाही की जा रही है। (ड.) जी हाँ। टी.एण्ड.एम. कम्पनी को विभाग द्वारा पिछले 05 साल में कार्मिकों की आपूर्ति के कुल 3 आर्डर अलग-अलग स्कीम में जारी किए गए हैं, भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –ब अनुसार है।
निःशुल्क विधिक सहायता
[विधि एवं विधायी कार्य]
115. ( क्र. 2653 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों को न्यायालयीन प्रकरण में निःशुल्क विधिक सहायता शासन द्वारा दी जाती है? यदि हाँ, तो नियम/प्रक्रिया बताएं। (ख) ग्वालियर जिले में वर्ष 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक कितने अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों को न्यायालयीन प्रकरणों में विधिक सहायता दी गई है? संख्यावार जानकारी दें। इस पर कितना व्यय हुआ है? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में भितरवार विधानसभा क्षेत्र के कितने व्यक्तियों को विधिक सहायता दी गई? नामवार, ग्रामवार, वर्षवार जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के नियम अनुसार विधिक सहायता प्रदान की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) उपरोक्त अवधि में कुल 105 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है, जो न्यायालय में प्रक्रियाधीन है। निर्णय प्राप्त होने पर भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। (ग) उक्त अवधि में कुल 12 व्यक्तियों को विधिक सहायता उपलब्ध कराई गई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है।
आनन्द विभाग की गतिविधियों की जानकारी
[आनंद]
116. ( क्र. 2654 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनन्द विभाग का गठन कब एवं किस उद्देश्य से किया गया था? (ख) आनन्द विभाग कौन-कौन सी योजनाएं/गतिविधि संचालित कर रहा है? गठन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितना व्यय किया गया है? वर्षवार, गतिविधिवार विवरण दें। (ग) ग्वालियर जिले में विभाग के कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी पदस्थ है? वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के उद्देश्य पूर्ति के लिए कौन-कौन से कार्यक्रम/गतिविधि की है? स्थानवार/ कार्यक्रमवार/ गतिविधिवार/वर्षवार विवरण दें। (घ) विभाग द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों/कार्यक्रमों का कितना लाभ मिल रहा है। क्या इसका आंकलन किया गया है? यदि हां तो क्या-क्या? क्या विभाग विभागीय कार्यक्रमों से हुई लाभ/हानि का सोशल ऑडिट कराएगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आनंद विभाग का गठन अगस्त-2016 में किया गया था। आनंद विभाग के गठन के उद्देश्य जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''एक'' अनुसार है। (ख) आनंद विभाग द्वारा अल्पविराम, आनंद सभा, आनंदम केन्द्र, आनंद उत्सव, आनंद शिविर, आनंद फैलोशिप, हैप्पीनेस इंडेक्स, आनंद की ओर, आनंद ग्राम, अंतर्राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम संचालित है। गठन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक व्यय का वर्षवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''दो'' अनुसार। (ग) आनंद विभाग के अधीनस्थ राज्य आनंद संस्थान का जिला स्तर पर कोई सेटअप स्वीकृत नहीं है। ग्वालियर जिले में विभाग के कोई अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ नहीं। वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक की कार्यक्रम/गतिविधि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''तीन'' अनुसार। (घ) संस्थान द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों/कार्यक्रमों के प्रगति का विवरण पुस्तकालय रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''चार'' अनुसार। वर्तमान में आनंद कार्यक्रमों से जुड़े आनंदकों के परिवर्तन के कुछ उदाहरण उपलब्ध है। कार्यक्रमों के लाभ का व्यवस्थित आंकलन नहीं किया गया है। वर्तमान में सोशल ऑडिट की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। आनंद विभाग के द्वारा कोई हितग्राही मूलक योजना संचालित नहीं की जा रही है। अत: सोशल ऑडिट कराने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती हैं।
जिला सत्र न्यायालय की स्थापना
[विधि एवं विधायी कार्य]
117. ( क्र. 2656 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के द्वारा जिला निवाड़ी में जिला सत्र न्यायालय की स्थापना के संबंध में कोई कार्यवाही प्रस्तावित है, हाँ अथवा नहीं, यदि हाँ, तो जिला सत्र न्यायालय की स्थापना निवाड़ी जिले में कब तक की जा सकेगी। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नहीं, तो क्या कारण है कि जिला निवाड़ी के गठन के लगभग 06 वर्ष पश्चात् भी अभी तक जिला सत्र न्यायालय की स्थापना के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई है, कारण सहित जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला कार्यालय प्रारंभ किया जाना
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
118. ( क्र. 2658 ) श्री अनिल जैन : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला निवाड़ी में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग का जिला कार्यालय प्रारंभ हो गया है, हाँ अथवा नहीं, यदि नहीं, तो सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग का जिला कार्यालय कब तक प्रारंभ हो पायेगा? (ख) क्या सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग जिला-निवाड़ी के सेटअप हेतु पदों की स्वीकृति हो चुकी है यदि हाँ, तो कितने पद स्वीकृत हुये हैं, पदवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग जिला निवाड़ी के लिए कब तक पदों की स्वीकृति की जा सकेगी?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) जी हां। विभाग के अंतर्गत जिला व्यापार एवं उदयोग केन्द्र निवाड़ी का जिला कार्यालय दिनांक 25 जुलाई, 2024 से प्रारंभ हो गया है। (ख) जी हां। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला जेल की स्थापना की जाना
[जेल]
119. ( क्र. 2659 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के द्वारा जिला निवाड़ी अंतर्गत उपजेल निवाड़ी को जिला जेल बनाये जाने हेतु शासन की कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो इस संबंध में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई एवं कब तक उपजेल निवाड़ी का जिला जेल में उन्नयन हो सकेगा, संपूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नहीं, तो क्या जिला निवाड़ी के गठन के लगभग 06 वर्ष पश्चात् भी अभी तक उपजेल निवाड़ी को जिला जेल बनाये जाने के लिए कोई कार्यवाही की गई है अथवा नहीं की गई है? संपूर्ण जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव प्रक्रियाधीन रहा है, दिनांक 09.07.2024 को परियोजना परीक्षण समिति की बैठक के निर्देशानुसार वर्ष 2025-26 में प्रथम अनुपूरक प्रावधान कराया जा रहा है तत्पश्चात प्रस्ताव को पुन: प्रेषित कर आगामी कार्यवाही की जाएगी, जेल में क्षमता वृद्धि हेतु बैरिक, अतिरिक्त आवासगृह निर्मित होने एवं अतिरिक्त स्टॉफ की व्यवस्था होने पर जिला जेल में उन्नयन हो सकेगा। समय-सीमा तय करना संभव नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यालय एवं कार्यों से सम्बंधित जानकारी
[खनिज साधन]
120. ( क्र. 2660 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले में कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के पदनाम, पदस्थापना दिनांक एवं कार्य विभाजन सहित विवरण उपलब्ध करायें। (ख) जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले में कितने खनि पट्टा/उत्खनि पट्टा एवं अस्थाई अनुज्ञा पट्टा जारी किये गए? प्रकरण नस्ती की प्रतियों सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। खनि पट्टों/उत्खनि पट्टों एवं अस्थाई अनुज्ञा पट्टों के पट्टाधारकों द्वारा खनित/उत्खनित मात्रा की मासिक एवं त्रैमासिक विवरणी तथा जमा की गई रॉयल्टी की जानकारी से सम्बंधित प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। (ग) जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले की कितनी खनिज पट्टा/उत्खनि पट्टा अस्थाई अनुज्ञा पट्टा एवं घोष विक्रय खदानों में पर्यावरणीय अनुमति में स्वीकृत खनिज मात्रा से अधिक खनिज निकाला गया है? निकाली गई खनिज मात्रा, स्वीकृत खनिज मात्रा, खनिज निरीक्षकों के प्रतिवेदन एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले में खनिज विक्रय/भंडारण/परिवहन अनुज्ञप्ति/अनुज्ञप्ति नवीनीकरण समस्त आवेदनों की (संलग्न समस्त सहपत्रों सहित) प्रतियां उपलब्ध करायें, कितनी अनुज्ञप्तियाँ जारी/नवीनीकृत की गईं? विवरण उपलब्ध करायें। (ड.) जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले में खनिज अधिकारी/खनिज निरीक्षकों एवं जिला खनिज उड़नदस्ता दल द्वारा अवैध खनन/उत्खनन, विक्रय/भंडारण/परिवहन के कितने मामलों में क्या कार्यवाही की गई? विवरण उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
अ.ता. प्रश्न क्र. 2180, दिनांक 21/03/2025 से संबंधित जानकारी
[गृह]
121. ( क्र. 2661 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विषयांकित प्रश्न के उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही है बताया गया था, क्या विषयांकित प्रश्न से सम्बंधित जानकारी एकत्रित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो प्रश्नानुसार विवरण प्रस्तुत करें, यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें, यदि होगी तो कब तक? समय-सीमा बतायें। जानकारी उपलब्ध कराने हेतु उत्तरदायी कौन है? विलम्ब हेतु उत्तरदायी संबंधितों से क्या पत्राचार किया गया? जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जी हाँ। अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2180 का पूर्ण उत्तर विधानसभा सचिवालय को प्रस्तुत किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पत्र में की गई कार्यवाही की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
122. ( क्र. 2663 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 359 रीवा, दिनांक 08/04/2025 के माध्यम से कार्यकारी निदेशक म.प्र. औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) क्षेत्रीय कार्यालय रीवा, जिला – रीवा (म.प्र.) से गुढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थापित/संचालित उद्योगों एवं कार्यरत कर्मचारियों/श्रमिकों के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराये जाने का आग्रह किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक पत्र में की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जी हाँ। प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 359 रीवा, दिनांक 08/04/2025 के माध्यम से चाही गई जानकारी कार्यकारी संचालक, एमपी इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, क्षेत्रीय कार्यालय रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 1513, दिनांक 21/07/2025 से प्रेषित की गई, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उपयोजना में विभाग को प्राप्त राशि
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
123. ( क्र. 2666 ) श्री संजय उइके : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति बजट पृथक प्रावधान उपयोजना में विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2024 से 2025 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से किन-किन जिलों में कहां-कहां, किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी लागत के कार्य कराये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट प्रावधान के व्यय हेतु कोई दिशा निर्देश वित्त विभाग या विभागीय जारी किये गये है? हाँ तो प्रति उपलब्ध करावें।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति बजट पृथक प्रावधान उपयोजना में विभाग को राशि प्राप्त होती है। (ख) वित्तीय वर्ष 2024 से 25 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग का पत्र क्रमांक 456/आर-2595982/2025/ब-1/चार भोपाल दिनांक 31 मार्च, 2025 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
विभिन्न विभागों एवं शासकीय उपक्रमों में रिक्त पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
124. ( क्र. 2672 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों एवं शासकीय उपक्रमों में प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी, (कार्यपालिक) तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के कितने पद स्वीकृत हैं एवं उनमें से कितने पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रिक्त पदों में से कितने पद सीधी भर्ती से, कितने पद पदोन्नति से एवं कितने पद संविदा से भरे जाने का प्रावधान है? श्रेणीवार, विभागवार एवं उपक्रमवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जायेगी? श्रेणीवार, विभागवार एवं उपक्रमवार कृपया समयावधि बताएं। (घ) मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों एवं शासकीय उपक्रमों में प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी, (कार्यपालिक) तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के कितने अधिकारी एवं कर्मचारी वर्ष 2014 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं? श्रेणीवार, विभागवार, उपक्रमवार जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वित्तीय एवं लोकसेवकों की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
125. ( क्र. 2689 ) श्री मधु भगत : क्या राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में समस्त बालाघाट जिले में विभाग में किन-किन हितग्राहियों को कौन से ग्रामोद्योग लगाने हेतु शासन से क्या कार्यवाही की गई? हितग्राही के नामवार, ग्रामवार, विकासखंडवार उद्योग के नाम सहित दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ख) उक्त समयावधि में जिले में कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु शासन से आवंटित हुई? उक्त राशि में से किन-किन कार्यों हेतु राशि व्यय की गई? तिथिवार जानकारी देवें? राशि खर्च किए जाने हेतु किस अधिकारी की स्वीकृति प्रदान की गई ब्यौरा देवें? बिल, वाउचर एवं लेजर की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) समस्त जिले में कौन-कौन लोक सेवक किस-किस कार्यालय में कब से पदस्थ है तथा किस कार्यालय में कार्यरत है स्वीकृत पदों के एवज में कितने पद भरे एवं रिक्त है? किस-किस लोक सेवक पर विभागीय कार्यवाही प्रचलन में हैं? ब्यौरा देवें।
राज्य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) विगत तीन वर्षों में समस्त बालाघाट जिले में विभागीय योजनाओं अंतर्गत लाभान्वित किये गये हितग्राहियों के नामवार, ग्रामवार, विकासखण्डवार उद्योगों के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में बालाघाट जिले में आवंटित एवं व्यय राशि की तिथिवार, कार्यवार एवं राशि खर्च किये जाने हेतु स्वीकृति आदेश तथा बिल वाउचर लेजर की सत्यापित समस्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) समस्त बालाघाट जिले में विभाग के कार्यालय एवं कार्यालय में लोक सेवकों के स्वीकृत एवं भरे तथा रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। एकमात्र कर्मचारी श्री सुरेन्द्र सिंह चिचाम, फील्ड ऑफिसर तत्कालीन जिला रेशम कार्यालय नर्मदापुरम के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित है जिस पर माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश है।
कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
126. ( क्र. 2694 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2023 से प्रश्न दिनांक तक मा. मुख्यमंत्री जी ने कितनी घोषणाएं की हैं? विभागवार संख्या एवं गौशवारा बनाकर आदेश, निर्देश की प्रति सहित बतायें। नवम्बर 2005 से नवम्बर 2018 एवं 20 मार्च 2020 से दिसम्बर 2023 तक पूर्व सी.एम. की कितनी घोषणाएं हैं एवं कितनी लंबित हैं? गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) जय अंबे इमरजेंसी सर्विस प्रा.लि. (108 एम्बुलेंस) के पत्र क्र जेएईएस/2025-26/0005 दिनांक 22/04/2025 में मा. पी.एम. भारत सरकार एवं प्रतिलिपि सूचना में मा. सी.एम. एवं मा. स्वास्थ्य मंत्री, म.प्र. शासन, संसद सदस्य, को नाम से प्रेषित करने के क्या अधिकार एवं नियम हैं, जबकि कंपनी स्वास्थ्य विभाग के अधीन अनुबंधित होकर कार्य कर रही है? क्या सा.प्र.वि. इस नियम विरूद्ध कार्यवाही के लिये कंपनी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। जेयस के प्राप्त पत्र पर कब और क्या कार्यवाही, किस-किस के द्वारा क्या की गई? बतायें। पीएमओ से जारी पत्र की प्रति सहित बतायें। (ग) जनवरी 2025 से प्रश्न दिनांक तक मा. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा 'ए-प्लस' मॉनिट के कितने प्रकरण स्कूल शिक्षा विभाग, जनजातीय कार्य विभाग एवं लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा को प्रेषित किये गये हैं? समस्त जानकारी आवेदन पत्र एवं नोटशीट की प्रति सहित सूची दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृति के पत्रों पर खंडन प्रकाशित करना
[जनसंपर्क]
127. ( क्र. 2695 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि मुख्यमंत्री जी के प्रचार प्रसार के लिये खर्च की गई? प्रचार का माध्यम (इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिन्ट मीडिया, टेलीफिल्म, रील्स अन्य समस्त माध्यम), कार्यक्रम का नाम, फर्म/संस्था से प्राप्त देयक, संस्था का नाम, पता, मोबाईल नं. राशि, भुगतान की दिनांक सहित समस्त जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) उपरोक्त अवधि में कितने बजट का प्रावधान किया गया था? कितना बजट प्राप्त हुआ? कितना बजट किस प्रयोजन पर कब और कितना व्यय हुआ? समस्त जानकारी का गौशवारा एकल नस्ती सहित बतायें। (ग) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का पत्र क्र. 1176 भोपाल दिनांक 04/04/2025 को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पत्र में क्या वर्णित है? इस पर कब और क्या कार्यवाही किस नियम, आदेश, निर्देश सहित संपादित की गई बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में प्रश्नांश (ग) के समान और कितने पत्र किस विभाग से प्राप्त हुये? उनकी प्रति उपलब्ध कराई जाये। उन पत्रों पर कब और क्या कार्यवाही की गई, पत्रों की प्रति, एकल नस्ती की प्रति, संबंधित अधिकारी का नाम, पदनाम सहित संपूर्ण जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जनसंपर्क विभाग का मुख्य दायित्व सरकार की नीतियों, निर्णयों, योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों की जानकारी का विभिन्न प्रचार-प्रसार माध्यमों से लोगों तक पहुंचाना है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के समान एम्बुलेंस वाहन संबंधी किसी विभाग से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संस्थाओं में संचालित योजनाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
128. ( क्र. 2701 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर में विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थाओं के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाओं में, किन-किन निर्माण कार्य हेतु विभिन्न मदों से कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई। योजनावार, मदवार, कार्य का नाम, कुल स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा, कार्यादेश सहित विकासखंडवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में कितनी राशि आवंटित की गई, आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई, कितनी राशि शेष है तथा शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? योजनावार, मदवार, कार्य का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या गुणवत्ताविहीन कार्य, अनियमितता, लापरवाही, विकास कार्यों तथा कार्य एजेंसियों, ठेकेदारों, फर्मों को किये गये भुगतान में अनियमितता संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई, यदि हाँ, तो उन शिकायतों का वर्षवार विवरण दें तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई। शिकायतों की जांच में कौन दोषी पाये गये, उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो तब तक की जावेगी, अभी तक कितनी जांचे लंबित हैं, उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभाग अंतर्गत संचालित संस्थाओं के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक की योजनाओं से निर्माण कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 01 एवं 02 अनुसार है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत अत: निविदा जारी करने का प्रश्न नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के सदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में प्राप्त आवंटित राशि के विरूद्ध व्यय तथा शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 03 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या गुणवत्ताहीन कार्य, अनियमितता, के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
योजनाओं में आवंटित राशि एवं व्यय की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
129. ( क्र. 2702 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक शहडोल संभाग अंतर्गत जिलों में राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित संचालित किन-किन योजना के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई। वर्षवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कुपोषण की रोकथाम, कुपोषित बच्चों की खोज, पोषण आहार, पूरक पोषण आहार का क्रय, वितरण, उपचार, टीकाकरण, दवाइयों का क्रय, शिविरों का आयोजन आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। वर्षवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कुपोषित बच्चों की खोज हेतु चलाये गये अभियान के तहत कब-कब, कहां-कहां पर कितने दिवसीय आयोजित शिविरों में कितने-कितने बच्चे कुपोषित, अति कुपोषित पाये गये, कितने कुपोषित बच्चों की कितनी-कितनी राशि की दवाईयां, पोषण आहार, पूरक पोषण आहार प्रदान किया गया, कितने-कितने कुपोषित बच्चों को उपचार हेतु पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती किया गया? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की परियोजनावार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शून्य से लेकर एक वर्ष तक, एक से पांच वर्ष की आयु के कितने बच्चों, नवजात शिशुओं की मृत्यु, कुपोषण, निर्बलता, एनीमिया, कम वजन एवं अन्य कारणों से हुई, बालक-बालिका का प्रतिशत कितना रहा, किस विकासखंड में अधिक कुपोषित बच्चे पाये गये। वर्षवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) शहडोल संभाग के जिलों में राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित योजना अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं में प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रदेश में सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अंतर्गत बच्चों में कुपोषण निवारण हेतु मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम का क्रियान्वयन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया जा रहा है। कुपोषण निवारण हेतु पृथक से बजट का प्रावधान नहीं है। पूरक पोषण आहार अंतर्गत ही अति गंभीर कुपोषित (SAM) बच्चों के लिए अतिरिक्त आहार हेतु राशि रूपये 4.00/- प्रतिहितग्राही प्रतिदिवस दिए जाने का प्रावधान है। पूरक पोषण आहार एवं कुपोषित बच्चों हेतु अतिरिक्त आहार पर व्यय की गई राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। पूरक पोषण आहार मद में व्यय राशि में सम्मिलित है। कुपोषण की रोकथाम हेतु कुपोषित बच्चों की खोज, उपचार, टीकाकरण, दवाइयों का क्रय एवं शिविरों का आयोजन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया जाता है। विभाग द्वारा इन कार्यक्रमों में कोई राशि व्यय नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है। (ग) प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र पर प्रतिमाह दिनांक 11 से 20 (10 दिवसीय) के मध्य मासिक शारीरिक माप दिवसों का आयोजन किया जाता है, जिसमें बच्चों के पोषण स्तर (कुपोषण) की जानकारी ज्ञात की जाती है। वर्षवार कुपोषित बच्चों एवं पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती किये गये बच्चों की परियोजनावार एवं जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। पोषण पुनर्वास केन्द्र में कुपोषित बच्चों के उपचार, पोषण एवं दवाईयों पर व्यय स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किये जाने से विभागीय व्यय संबंधी जानकारी निरंक है। (घ) शहडोल संभाग में बच्चों एवं नवजात शिशुओं की आयुवर्ग अनुसार मृत्यु की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। वर्षवार, जिलेवार एवं विकासखण्डवार कुपोषित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच
[खनिज साधन]
130. ( क्र. 2707 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव एवं संचालक खनिज को वर्ष 2024 एवं 2025 में कब-कब किसने-किसने, क्या-क्या शिकायत किये, उन शिकायत में क्या-क्या कार्यवाही हुई। (ख) प्रमुख सचिव एवं संचालक खनिज ने वर्ष 2024 एवं 2025 में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभागीय जांच किये? जांच के क्या-क्या कारण थे? (ग) प्रमुख सचिव एवं संचालक खनिज द्वारा वर्ष 2024 एवं 2025 में किस-किस अधिकारी कर्मचारी को किस-किस कारण से निलंबित किये आदेश की जानकारी दें। (घ) प्रमुख सचिव एवं संचालक खनिज ने वर्ष 2024 एवं 2025 में किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को बहाल किये, बहाल के कारण सहित जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग को प्राप्त शिकायतों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) 1- प्रमुख सचिव द्वारा वर्ष 2024 एवं 2025 में विभागीय अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई विभागीय जाँच संस्थित नहीं की गई है। 2- संचालक (प्रशासन एवं खनिकर्म) द्वारा वर्ष 2024 एवं 2025 में विभागीय अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच एवं जाँच के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) 1- प्रमुख सचिव द्वारा वर्ष 2024 एवं 2025 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी विभागीय अधिकारी/कर्मचारी को निलंबित नहीं किया गया है। 2- संचालक (प्रशासन तथा खनिकर्म) द्वारा वर्ष 2024 में निलंबित किये गये अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। वर्ष 2025 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी विभागीय अधिकारी/कर्मचारी को संचालनालय स्तर से निलंबित नहीं किया गया है। (घ) 1- प्रमुख सचिव द्वारा वर्ष 2024 एवं 2025 में किसी भी विभागीय अधिकारी/कर्मचारी को बहाल नहीं किया गया है। 2- संचालक (प्रशासन एवं खनिकर्म) द्वारा वर्ष 2024 में निलंबित किये गये अधिकारी/कर्मचारी को बहाल किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
शिकायत, जांच, निलंबन, बहाल की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
131. ( क्र. 2708 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव एवं ENC, नर्मदा घाटी विकास को वर्ष 2024 एवं 2025 में किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध किसने-किसने, क्या-क्या शिकायत किये? उस शिकायत में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही हुई शिकायतवार जानकारी दें। (ख) प्रमुख सचिव एवं ENC के पास वर्ष 2023, 2024 एवं 2025 में किस-किस अधिकारी, कर्मचारी की विभागीय एवं शिकायतों की जांच लंबित है, जांच एवं शिकायत की विषयवार जानकारी दें। (ग) प्रमुख सचिव एवं ENC ने वर्ष 2024 एवं 2025 में किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारी को निलंबित एवं बहाल किये आदेशों की सत्यापित प्रति दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नर्मदा घाटी विकास विभाग/प्राधिकरण के अंतर्गत ई.एन.सी. का पद स्वीकृत नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’अ’’ अनुसार है। (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग/प्राधिकरण के अंतर्गत ई.एन.सी. का पद स्वीकृत नहीं है। प्रश्नाधीन अवधि की विभाग स्तर पर कोई विभागीय जांच लंबित नहीं है। शिकायत से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) नर्मदा घाटी विकास विभाग/प्राधिकरण के अंतर्गत ई.एन.सी. का पद स्वीकृत नहीं है। प्रश्नाधीन अवधि में प्रमुख सचिव द्वारा किसी को निलंबित नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को विनियमित किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
132. ( क्र. 2709 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा म.प्र. शासन के विभिन्न विभागों नगर पालिका नगर निगम में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी जिनकी सेवा को 10 वर्ष या उससे अधिक हो गए हैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उक्त दैनिक वेतभोगी कर्मचारियों को स्थाई किये जाने हेतु म.प्र. शासन को क्या आदेश/निर्देश दिये गए है? आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में सामान्य प्रशासन विभाग कब तक उक्त कर्मचारियों को विनियमित/स्थायी किये जाने हेतु आदेश जारी करेगा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्तमान में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रश्नाधीन विषय के संबंध में मध्यप्रदेश राज्य के संदर्भ में कोई आदेश दिये जाने की जानकारी नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला पुलिस द्वारा दिये गये आवेदन पर कार्यवाही
[गृह]
133. ( क्र. 2714 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर शा. स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पदस्थ प्रो.शम्भूदयाल राठौर के द्वारा दिनांक 30 मई, 2025 को विधि महा. की सहा. प्राध्यापक से जबरदस्ती छेड़छाड़ एवं फोटो साथ में खिचवाने के लिये बाध्य किया गया था? यदि हाँ, तो उन पर आज दिनांक पुलिस के द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) पीड़ित सहायक प्राध्यापिका के द्वारा जिला कलेक्टर जिला पुलिस अधीक्षक एवं संभागीय विभागीय कार्यालय में भी शिकायत की है, यदि हाँ, तो जिला प्रशासन/उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा जांच दल गठित किये गये है? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या जांच के पूर्व अश्लील व्यवहारकर्ता प्रोफेसर को अन्यत्र स्थानान्तरण करते हुये निष्पक्ष जांच कराई जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें एवं शिकायती आवेदन दिनांक से अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) जिला प्रशासन एवं जिला पुलिस के द्वारा कब तक दोषी पर पुलिस प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिनांक 02 जून, 2025 आवेदिका श्रीमती मंजू सोनी प्रभारी प्राचार्य सहायक प्राध्यापक विधि महाविद्यालय श्योपुर के टंकित आवेदन की छायाप्रति पुलिस अधीक्षक जिला श्योपुर कार्यालय में दिनाक 06.06.2025 को "पूर्व प्राचार्य प्रो. शंभूदयाल राठौर द्वारा दिनांक 30.05.2025 को अभद्र व्यवहार करने कार्यस्थल पर शोषण करने एवं महाविद्यालय में व्याप्त समस्याओं के संबंध में प्रस्तुत किया गया था" उक्त आवेदन पत्र की जाँच अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस, श्योपुर को आदेशित की गई थी। अनुविभागीय अधिकारी पुलिस श्योपुर द्वारा अब तक की जाँच में कोई संज्ञेय अपराध घटित होने सबंधी साक्ष्य नहीं पाये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य के हवाई अड्डों की स्थिति
[विमानन]
134. ( क्र. 2717 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 मई, 2025 तक मध्यप्रदेश में कुल कितने कार्यरत हवाई अड्डे हैं तथा इनमें से कितने हवाई अड्डों पर नियमित यात्री उड़ानों का संचालन हो रहा है? (ख) उपरोक्त हवाई अड्डों की स्थापना एवं विस्तार हेतु विगत पाँच वर्षों में राज्य सरकार द्वारा कितनी कुल राशि व्यय की गई है, कृपया हवाई अड्डावार पृथक-पृथक जानकारी दें? (ग) क्या ग्वालियर, जबलपुर, रीवा एवं खजुराहों हवाई अड्डों की वार्षिक यात्री क्षमता की तुलना में वास्तविक उपयोग दर 25 प्रतिशत से भी कम है? यदि हाँ, तो उसके प्रमुख कारण क्या हैं? (घ) मौजूदा हवाई अड्डों के यात्री आंकड़ों, निकटता एवं परिचालन लागत के संबंध में परीक्षण किया गया था?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) छह। सभी पर। (ख) हवाई अड्डों की स्थापना एवं विस्तार का कार्य भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा किया गया है। पिछले पांच वर्षों में रीवा अड्डे हेतु भूमि अधिग्रहण हेतु मुआवजा राशि रू. 258,53,59,356/- का व्यय किया गया है। (ग) जानकारी भारत सरकार, नागर विमानन मंत्रालय से संबंधित है। (घ) जानकारी भारत सरकार, नागर विमानन मंत्रालय से संबंधित है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI Inflow) की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
135. ( क्र. 2718 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2025 की अवधि के दौरान मध्यप्रदेश को कुल कितना प्रत्यक्ष विदेश निवेश (FDI) प्राप्त हुआ है? कृपया वर्षवार आंकड़े प्रदान करें। (ख) वर्तमान में भारत में एफ.डी.आई. प्राप्त करने वाले राज्यों की सूची में मध्यप्रदेश की रैंकिंग क्या है? (ग) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राज्य में एफ.डी.आई को आकर्षित करने के लिए अब तक कौन-कौन सी नीतियां/ कदम उठाए गए हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) विषय-वस्तु भारत सरकार से संबंधित है। (ग) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश में वृहद श्रेणी के उद्योगों की स्थापना एवं प्रत्यक्ष विदेश निवेश (FDI) को आकर्षित करने के उद्देश्य से ‘’मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति-2025’’ लागू की गई है। उक्त नीति अंतर्गत प्रत्यक्ष विदेश निवेश (FDI) को प्रोत्साहित करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी को हस्तांतरित करने में हुए व्यय की प्रतिपूर्ति एवं निवेश प्रोत्साहन सहायता में अतिरिक्त FDI गणक प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है।
फरियादी की मेडिकल जांच एवं जारी वारंटों की स्थिति
[गृह]
136. ( क्र. 2722 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंबल संभाग में फरियादी पुलिसकर्मी द्वारा विगत 02 वर्षों में दर्ज कराये गये अपराधों में कितने फरियादी पुलिसकर्मी का मेडिकल (एम.एल.सी.) निजी अस्पताल में कराया गया? निजी अस्पताल में जांच कराने का आधार क्या था? जिलेवार ऐसे समस्त प्रकरण की पृथक-पृथक जानकारी जिसमें थाना, फरियादी का नाम, अप.क्र., दिनांक, धारा का उल्लेख करायी जायें। (ख) क्या उपरोक्त प्रकरणों में से जिन अपराधों में मेडिकल जांच कराने वाले अस्पताल का संचालक अथवा अन्य चिकित्सक व्यापम महाघोटाले का नामजद आरोपी है? ऐसे प्रकरण से संबंधित फरियादी पुलिसकर्मी सहित अस्पताल के चिकित्सक/संचालक के विरूद्ध पंजीबद्ध अपराधों की संपूर्ण जानकारी दी जायें। (ग) चंबल संभाग में विगत 02 वर्षों में मा. न्यायालयों द्वारा जारी साक्षी गिरफ्तारी वारंट के पालन में नियत दिनांक के पूर्व साक्षी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जिलेवार जानकारी दी जायें? न्यायालय आदेश पालन की प्रक्रिया के दौरान प्रदेश में शासकीय कार्य में बाधा सहित विभिन्न धाराओं में साक्षी एवं उसके परिजनों के विरूद्ध अपराध दर्ज किये गये? यदि हाँ, तो जिलेवार ऐसे प्रत्येक अपराध की जानकारी दी जायें। (घ) चंबल संभाग में विगत एक वर्ष में माननीय न्यायालयों द्वारा किन-किन पुलिसकर्मियों के विरूद्ध साक्षी एवं आरोपी के गिरफ्तारी वारंट जारी किये गये, किन-किन जिलों में किन पुलिसकर्मियों को नियत दिनांक के पूर्व अथवा नियत दिनांक को साक्षी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया तथा उत्तर दिनांक तक किनके विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट लंबित है? जिलेवार जानकारी दी जायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) चंबल संभाग में फरियादी पुलिसकर्मी द्वारा विगत 02 वर्षों में दर्ज कराये अपराधों में किसी भी फरियादी पुलिसकर्मी का मेडिकल (एम.एल.सी.) निजी अस्पाताल में नहीं कराया गया है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लाड़ली बहनों का पोर्टल खोलने बावत्
[महिला एवं बाल विकास]
137. ( क्र. 2725 ) श्री नरेन्द्र प्रजापति [इंजीनियर] : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला रीवा एवं जिला मऊगंज में लाड़ली बहनों की एवं लाड़ली लक्ष्मी की संख्या कितनी है। (ख) लाड़ली बहनों के चेहरे माननीय मुख्यमंत्री जी के प्रति खिले रहते हैं, माननीय मुख्यमंत्री जी इन बहनों के लिये बीच-बीच में त्योहारों पर अतिरिक्त सहायता बोनस भी प्रदत्त करते रहते हैं, लेकिन उन बहनों में मायूशी रहती है, जिनका नाम सर्वे पोर्टल में किन्हीं कारणों से नहीं जुड़ पाया है। माननीय मुख्यमंत्री जी/माननीय मंत्री जी ऐसी बहनों का पुनः सर्वे करवाकर इनके जीवन में भी खुशियाँ कब लायेंगे। (ग) रीवा जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या कितनी है एवं खुलने वाले केन्द्रों की संख्या कितनी है? विधानसभा क्षेत्र मनगवाँ-73 के अन्तर्गत महिला एवं बाल विकास परियोजना गंगेव क्र. 02 में आंगनवाड़ी केन्द्र क्र.- 01 एवं 03 ग्राम पंचायत कैदला में हैं जो एक ही घर में हैं लेकिन खुलते कभी नहीं हैं, प्रश्नकर्ता भी भ्रमण सम्पर्क के दौरान इन केन्द्रों में गया तो दोनों केन्द्रों को बन्द पाया। आसपास के लोगों ने भी बतलाया की केन्द्र कभी नहीं खुलते हैं। पूर्व में परियोजना अधिकारी भी दोनों केन्द्रों के निरीक्षण में गये थे जिनका स्थानान्तरण कर दिया गया।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी सलंग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में नवीन पंजीयन हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) रीवा जिले में कुल 2397 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत एवं संचालित है। जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र मनगवाँ-73 अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना गंगेव क्र. 02 में आंगनवाड़ी केन्द्र क्र.-01 एवं 03 ग्राम पंचायत कैदला के ग्राम में पृथक-पृथक किराये के भवनों में संचालित है। इन केन्द्रों का औचक निरीक्षण बाल विकास परियोजना अधिकारी गंगेव -2 एवं तीन पर्यवेक्षकों के दल द्वारा दिनांक 17.07.2025 को किया गया, जिसमें दोनों केन्द्र खुले एवं संचालित पाये गये। माननीय विधायक जी के द्वारा उनके भ्रमण संबंधी कोई प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। जी नहीं, पूर्व कार्यरत बाल विकास परियोजना अधिकारी अतिरिक्त प्रभार में थे, जिनका प्रभार हटाया गया है।
नक्सल क्षेत्रों में पुलिस कर्मचारियों/अधिकारियों की पदस्थापना
[गृह]
138. ( क्र. 2731 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों/क्षेत्रों में पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों की पदस्थापना के संबंध में क्या नियम नीति, निर्देश हैं? क्या पदस्थापना हेतु उम्र की सीमा व समय की सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नीति का पालन वर्तमान में पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों के मामले में किया गया है? यदि नहीं, तो किन-किन के मामले में उक्त निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया जा सका है? बतावें। (ग) क्या 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की पदस्थापना नक्सल प्रभावित क्षेत्र में की जा सकती है? यदि नहीं, तो किस-किस की, की गई है और क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
डीडीओ कोड अंतरित न होने से उत्पन्न स्थिति
[वित्त]
139. ( क्र. 2732 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1391, दिनांक 13 मार्च, 2025 एवं प्रश्न क्रमांक 611, दिनांक 12 मार्च, 2025 में उल्लेखित बिन्दुओं का निराकरण न किये जाने के क्या कारण है? (ख) कब-तक डाटा एंट्री ऑपरेटर के डीडीओ कोड को अंतरित किया जावेगा? स्पष्ट समय-सीमा बतावें। नहीं तो क्यों? कारण बतावें। (ग) क्या वित्त एवं राजस्व विभाग समन्वय बनाकर इस समस्यां का निराकरण करेंगे? (घ) दिनांक 16.11.2023 के अनुरूप विभागाध्यक्ष से वांछित जानकारी व नियमानुसार अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है? नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रिक्त पदों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
140. ( क्र. 2747 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले के समस्त विभागों में विभागवार कितने-कितने पद स्वीकृत है? उनके विरूद्ध कितने पदों पर नियुक्तियाँ की गई है तथा कितने-कितने रिक्त पद है? श्रेणीवार स्वीकृत पद, रिक्त पद की विभागवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने विभागो में कितनी-कितनी नियुक्ति हुई है? पदनाम, नियुक्ति संख्या विभागवार, जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) मेडिकल कॉलेज श्योपुर में पैरामेडिकल एवं अन्य स्टॉफ सफाई कर्मी, गार्ड, प्लम्बर, टेक्नीशियन, कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं अन्य समस्त सब स्टॉफ आदि की भर्ती आउटर्सोस या अन्य किस माध्यम से की जावेगी? नियम,निर्देश या भर्ती प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार मेडिकल कॉलेज श्योपुर में कितने-कितने पद किस-किस श्रेणी वर्ग के रिक्त है? अवगत कराएं? रिक्त पदों पर योग्यता अनुसार विधानसभा क्षेत्र श्योपुर के बेरोजगार आवेदकों को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति की जावेगी? यदि हां, तो अवगत करावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) श्योपुर जिले में पंचायत सचिवों की मृत्यु उपरान्त अनुकम्पा नियुक्ति के कितने आवेदन/प्रकरण किस स्तर पर लम्बित है? अनुकम्पा नियुक्ति कब तक दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 4 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 5 अनुसार है। रिक्त पद उपलब्ध होने की स्थिति में नियमानुसार अनुकम्पा नियुक्ति की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी केंद्रों के पर्यवेक्षकों को दिए जाने वाले मोबाईल क्रय
[महिला एवं बाल विकास]
141. ( क्र. 2755 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के जिलों में वर्ष 2022 से प्रश्नांश दिनांक तक संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों के लिये बर्तन एवं पर्यवेक्षकों/अन्य शासकीय सेवकों के लिए एंड्राइड मोबाईल फोन शासन/विभाग द्वारा क्रय किये गए हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त क्रय प्रक्रिया में प्रदाता/विक्रेता फर्मों के विरूद्ध गड़बड़ी की शिकायतें तथा ब्लैक लिस्टेड करने सम्बन्धी शिकायतें शासन/विभाग को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो उनमें क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक कि जावेगी? (ख) क्या जिला- भोपाल, इंदौर व सिवनी में वर्ष 2023 से आज दिनांक तक संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को दिए जाने वाली खाद्-सामग्री की गुणवत्ता व पौष्टिकता के संबंध में शिकायत/पत्र शासन/विभाग को प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो वे क्या है एवं इनमें क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? क्या उक्त कार्यवाही में जांच उपरांत कोई दोषी पाया गया गया है? यदि हाँ, तो पदनाम व पदस्थापना स्थान सहित जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। शासन/विभाग को बालाघाट जिले से स्मार्ट फोन क्रय करने की प्रक्रिया गड़बड़ी के सम्बन्ध में लेख किया गया है। जाँच कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। इंदौर व सिवनी जिले में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता व पौष्टिकता के सम्बंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। किन्तु भोपाल जिला अंतर्गत वर्ष 2023 से आज दिनांक तक संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को दिए जाने वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता व पौष्टिकता के सम्बंध में प्राप्त शिकायतों की जानकारी निम्नानुसार है :-1. दिनांक 19-12-2024 में भोपाल के विभिन्न समाचार पत्र में खबर बैरसिया के ग्राम इजगिरी के आंगनवाड़ी केंद्र में पोषण आहार खाने के बाद बीमार हुए बच्चों के सम्बन्ध में प्रकाशित हुई थी, उक्त के संबंध में संबंधित बालाजी स्वसहायता समूह को परियोजना कार्यालय बैरसिया के आदेश क्रमांक/1429 दिनांक 18-12-2024 द्वारा पोषण आहार प्रदायगी से पृथक किया गया। 2.परियोजना गोविन्दपुरा से प्राप्त शिकायत टीएचआर चालान क्रमांक 50413 दिनांक 03-10-2023 में प्राप्त खिचड़ी के बैगों में तेल रिसाव एवं लिखावट मिट जाने के सम्बन्ध में जिला कार्यालय के पत्र क्रमांक 253 दिनांक 11-12-2023 अनुसार नमूना सैम्पल की रिपोर्ट संचालनालय प्रेषित की गई, जिसमें तय मानक अनुसार कैलोरी एवं प्रोटीन की मात्रा पाई गई। 3. उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं।
जिलों में पदस्थ अधिकारी व उनकी प्रतिनियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
142. ( क्र. 2756 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार/शासन में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर/सयुक्त कलेक्टर/अपर कलेक्टर को शासन के अन्य विभाग/निगम/आयोग/सार्वजनिक उपक्रमों में प्रतिनियुक्ति में जाने के नियम है? यदि हाँ, तो क्या? वर्ष जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक उनकी अद्यतन स्थिति एवं वर्तमान में अपने मूल विभाग के अलावा अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति में गए उपरोक्त अधिकारियों की जानकारी देवें? (ख) क्या प्रदेश के जिलों में वर्तमान में प्रश्नांश (क) में वर्णित पदस्थ अधिकारियों के विरूद्ध शासन/ विभाग/लोकायुक्त/आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो/अन्य संस्थाओं में जांच लंबित हैं? यदि हाँ, तो उनके नाम, वर्तमान पदस्थापना व प्रकरण सहित जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारी प्रदेश मुख्यालय व प्रदेश के जिलों में एक ही स्थान व जिले में 04 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्थ है? यदि हाँ, तो उनकी पदवार, स्थानवार एवं नाम सहित जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बड़वानी जिले की लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
143. ( क्र. 2760 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में कितने लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट पिछले 10 वर्ष में स्वीकृत होकर कार्य शुरू हुए है? उनके नाम पूर्ण तथा प्रगतिरत रिमार्क सहित, लागत मूल्य तथा अभी तक व्यय, तहसीलवार प्रोजेक्ट से लाभ प्राप्त करने वाले ग्रामों की सूची देवें। (ख) बड़वानी जिले के समस्त स्वीकृत लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट के लिए प्राप्त “पर्यावरणीय स्वीकृती” की छायाप्रति देवें। (ग) बड़वानी जिले के स्वीकृत लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट के लिए निर्माण एजेंसी को “पर्यावरणीय स्वीकृती” की शर्तों का पालन करने की मॉनिटरिंग/पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी किस अधिकारी की होती है? निर्माण एजेंसी द्वारा “पर्यावरणीय स्वीकृती” की शर्तों का पालन नहीं करने पर निर्माण एजेंसी पर क्या कार्यवाही हो सकती है? नियम सहित बतायें। (घ) बड़वानी जिले में स्वीकृत लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट के लिए निर्माण एजेंसी द्वारा “पर्यावरणीय स्वीकृती” की शर्तों का पालन ना करने विषयक विभिन्न माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और उन पर की गई कार्यवाही की सत्यापित छायाप्रतियां देवें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायतों की जीएसटी, टीडीएस डीडक्टर से संबंधित जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
144. ( क्र. 2761 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की ग्राम पंचायतों को जीएसटी, टीडीएस डीडक्टर रजिस्ट्रेशन लेना जरुरी है? अगर हाँ तो प्रदेश की कितनी ग्राम पंचायतों द्वारा जीएसटी, टीडीएस डीडक्टर नंबर ले लिया गया है? संख्या बतायें। साथ ही बड़वानी जिले की जनपदवार-ग्राम पंचायतों के नामों की सूची प्रदान करें, जिन्हें जीएसटी, टीडीएस डीडक्टर नम्बर आंवटित किया गया है (ख) ग्राम पंचायतों द्वारा किसी भी सामग्री/सेवा आपूर्ति भुगतान पर कितने रुपयों की आपूर्ति पर टीडीएस काटना है? एक ही कार्य में सामग्री/सेवा आपूर्तिकर्ता को भुगतान टुकड़ों में करने पर टीडीएस कटौती के क्या नियम है? (ग) ग्राम पंचायतों द्वारा किसी भी सामग्री/सेवा आपूर्ति भुगतान पर अगर आपूर्तिकर्ता जीएसटी, नंबर रखता है एवं आपूर्तिकर्ता जीएसटी नंबर नहीं रखता है, दोनों परिस्तिथियों में कितनी टीडीएस कटौती नियमानुसार होनी चाहिए? नियम की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) ग्राम पंचायत के ऐसे वेंडर जिनके पास जीएसटी पंजीयन नहीं है तथा जिन्होंने म.प्र.माल और सेवाकर अधिनियम, 2017 लागु होने के बाद से लाखों/करोड़ो रूपये की आपूर्ति पंचायतों को की है, उन वेंडर को टैक्स चुकाने या शास्ति सम्बन्धी विभागीय नियम की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश माल और सेवाकर अधिनियम, 2017 धारा 51 के प्रावधान अनुसार प्रदेश की ग्राम पंचायतों द्वारा किसी संविदा के अंतर्गत किसी वेंडर कर योग्य माल/सेवाओं की 2.50 लाख रूपये से अधिक की आपूर्ति प्राप्त की जाती है, तो ऐसी ग्राम पंचायतों को मध्यप्रदेश माल और सेवाकर अधिनियम, 2017 की धारा 24 के तहत जीएसटी, टीडीएस डीडक्टर के रूप में रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य है। प्रदेश में 16224 ग्राम पंचायतों द्वारा जीएसटी, टीडीएस डीडक्टर पंजीयन लिया गया है। संभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। बड़वानी जिले की जीएसटी, टीडीएस डीडक्टर के रूप में पंजीयत ग्राम पंचायतों की जनपदवार सूची/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश माल एवं सेवाकर अधिनियम, 2017 की टीडीएस धारा 51 के तहत कर योग्य सामग्री/सेवा की सकल संविदा मूल्य 2.50 लाख रूपये से अधिक पर होने पर उसके आपूर्ति भुगतान पर टीडीएस काटना अनिवार्य है। एक ही संविदा के तहत 2.50 लाख रूपये से अधिक संविदा मूल्य होने पर एक ही कार्य में सामग्री/सेवा आपूर्तिकर्ता को भुगतान टुकड़ों में करने पर भी टीडीएस कटौती की जाएगी। इसके संबंध में अधिनियम की धारा 51 में प्रावधान दिए गए है। प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (ग) ग्राम पंचायतों द्वारा किसी भी सामग्री/सेवा आपूर्ति नंबर भुगतान पर अगर आपूर्तिकर्ता जीएसटी नंबर रखता है, तो कर योग्य माल एवं सेवाओं की आपूर्ति पर धारा 51 के तहत टीडीएस कटौती की दर 2 प्रतिशत (01 प्रतिशत CGST + 01 प्रतिशत SGST) कटौत्रा किये जाने का प्रावधान है। प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (घ) ग्राम पंचायत के ऐसे वेंडर जिनके पास जीएसटी पंजीयन नहीं है तथा जिन्होंने म.प्र. माल और सेवा अधिनियम, 2017 लागु होने के बाद से लाखों करोड़ों रूपये की आपूर्ति पंचायतों को की है, उन वेंडर को टैक्स चुकाने के संबंध में अंपजीयत अवधि के कर निर्धारण संबंधी प्रावधान अधिनियम की धारा 63 में एवं शास्ति सम्बन्धी प्रावधान अधिनियम की धारा 122 में है। प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है।
लोक अभियोजन एवं नोटरी पदों की पूर्ति
[विधि एवं विधायी कार्य]
145. ( क्र. 2765 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गए अतारांकित प्रश्न संख्या 2333, दिनांक 21/3/25 के विभिन्न विषयों के बारे में शासन/विभाग द्वारा उत्तर प्रदान किया गया? (ख) यदि हाँ, तो प्रत्युत्तर में रतलाम जिला अंतर्गत तहसील जावरा में अतिरिक्त लोक अभियोजक एवं नोटरी के पदों की स्थिति एवं पदपूर्ति के संबंध में भी अवगत कराया? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा दिए गए उत्तर (घ) में उल्लेखित कलेक्टर रतलाम को पैनल भेजने हेतु पत्र/स्मरण पत्र प्रेषित किए हैं, पैनल आज दिनांक तक अप्राप्त है, पैनल प्राप्त होने पर राज्य शासन की ओर से प्रशासनिक अनुमोदन हेतु प्रेषित किए जाएंगे। (घ) यदि हाँ, तो कलेक्टर रतलाम/प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश/सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुशंसित पैनल जिले से अग्रेषित होकर विभाग को प्राप्त हुई है? उस पर कार्यवाही कब तक की जाकर कब तक पदपूर्ति की जा सकेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ, निश्चित समयावधि बताई जाना सम्भव नहीं है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
146. ( क्र. 2766 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा विभिन्न विभागों के विभिन्न कार्यों हेतु आउटसोर्स के माध्यम से पदपूर्ति की जाकर विभागीय कार्यों को संचालित किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के किन-किन विभागों में किस-किस प्रकार के कार्य किए जाने हेतु कितने-कितने आउटसोर्स के माध्यम से अधिकारी/विशेषज्ञ/कर्मचारी इत्यादि अन्य कोई और भी प्रकार के रखे गए हैं तो विभागवार जानकारी दें? (ग) उपरोक्तानुसार आउटसोर्स कार्य शासन/विभाग द्वारा किस कार्य एजेंसी अथवा फर्म के माध्यम से किस नियम प्रक्रिया अनुसार किया जा रहे हैं? कार्य एजेंसियों को कार्य किस प्रकार सौंपा जाता है? (घ) रतलाम जिला अंतर्गत किस-किस विभाग में कितने-कितने विशेषज्ञ/अधिकारी/कर्मचारी रखे गए? वर्ष 2020-21 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की स्थिति विभागीय कार्यवार से अवगत कराए।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) जी हाँ। (ख) एम.एस.एम.ई. विभाग के सेडमैप द्वारा मांग अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। उद्यमिता विकास केन्द्र मध्यप्रदेश (सेडमैप) के माध्यम से मध्यप्रदेश शासन के शासकीय विभागों में आवश्यकतानुसार कलेक्टर दर पर उच्च कुशल, कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल श्रेणी में आउटसोर्स सेवाएं प्रदान की जा रही हैं इसके अतिरिक्त विभाग की आवश्यकतानुसार अन्य पदों पर आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराए जाते हैं। सेडमैप से प्राप्त विभागवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम, 2015 (यथा संशोधित 2022) की कंडिका 6 (ii) के प्रावधान अनुसार राज्य शासन के विभाग/उपक्रम आउटसोर्स सेवाएं बिना निविदा आमंत्रित किये सीधे सेडमैप को आदेश दे सकेंगे अथवा इसका उपार्जन खुली निविदा के माध्यम से कर सकेंगे। (घ) रतलाम जिला अंतर्गत जिन विभागों द्वारा आउटसोर्स सेवाएं सेडमैप के माध्यम से प्राप्त की गई हैं, उनकी विभागवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है।
पुलिस स्थानांतरण नीति
[गृह]
147. ( क्र. 2767 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्थानांतरण नीति की कंडिका 40 में यह प्रावधान है कि जिसके विरूद्ध विभागीय जाँच चल रही हो, उसे कार्यपालिक पद पर पदस्थ न किया जाए? यदि हाँ, तो मंदसौर-नीमच जिले में 1 जनवरी 2020 के पश्चात् गृह विभाग के ऐसे कितने अधिकारी-कर्मचारी हैं, जिन्हें विभागीय जाँच के बाद भी उसी जिले में पदस्थ कर दिया गया है? नाम सहित सूची उपलब्ध कराएँ। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित, मंदसौर-नीमच जिले में ऐसे कितने राजपत्रित अधिकारी हैं, जिनके दोनों जिलों में एक से अधिक बार स्थानांतरण हुए हैं? इस संबंध में शासन की नीति क्या है? क्या एक ही जिले में बार-बार स्थानांतरण किए जा सकते हैं? (ग) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी, 2020 के पश्चात् ऐसे कितने उप निरीक्षक एवं थाना प्रभारी हैं, जिन्हें लाइन अटैच करने के पश्चात् पुनः थानों में पदस्थापित किया गया है? इनके लाइन अटैच होने के क्या कारण थे? क्या बिना किसी जाँच के दोषमुक्त हुए बिना इन्हें पुनः थानों में पदस्थापित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रतिलिपि दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) स्थानांतरण नीति की कंडिका 40 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ अनुसार। जिला मंदसौर एवं नीमच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ख) जिला मंदसौर एवं नीमच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- स अनुसार। (ग) उज्जैन जोन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार। आपराधिक प्रकरण एवं विभागीय जांच में संलिप्त अधिकारियों की थानों में पदस्थापना हेतु परिपत्र दिनांक 15.10.2014 एवं पुलिस मुख्यालय म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक पुमु/3/कार्मिक/1577/2025, दिनांक 17.06.2025 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ई अनुसार है।
दहेज प्रताड़ना के मामलों की जानकारी
[गृह]
148. ( क्र. 2768 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन-इंदौर संभाग के महिला पुलिस थानों में दहेज प्रताड़ना से संबंधित कितने मामलों में एफ.आई.आर. दर्ज की गई? वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएँ। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्ज एफ.आई.आर. में से उक्त अवधि में कितने मामलों में माननीय न्यायालयों में चालान प्रस्तुत किए जा चुके हैं, कितने मामलों में चालान प्रस्तुत किए जाने की कार्यवाही लंबित है तथा कितने मामलों में अंतिम रिपोर्ट लगाई गई है? दर्ज एफ.आई.आर. अनुसार वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किए जाने के उपरांत, विवेचना अधिकारी द्वारा एकपक्षीय विवेचना करने तथा झूठा अपराध पंजीबद्ध करने/गलत आरोपी बनाने के संबंध में क्या शासन को उक्त संभागों में कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शिकायत की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएँ। (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त शिकायत पर क्या शासन द्वारा सक्षम स्तर से कोई जाँच आदेशित की गई है? यदि हां, तो शिकायत की प्रति, जांच प्रतिवेदन एवं जांच प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
149. ( क्र. 2773 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023 से प्रश्नांश दिनांक तक म.प्र. सरकार ने कितने औद्योगिक इन्वेस्टर समिट आयोजित की है और कहां-कहां आयोजित की गई? किन-किन कम्पनियों में इन्वेस्टर समिट भाग लिया? उनमें से कितनी कम्पनियों ने म.प्र. में किन-किन जिलों में कौन-कौन से क्षेत्र में कितने-कितने राशि का निवेश किया है? क्या सभी कम्पनियों ने अपना प्लांट बनाना चालू कर दिया है? जिलावार, अलग-अलग विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) वर्ष 2023 से प्रश्नांश दिनांक तक म.प्र. सरकार द्वारा उक्त आयोजित इन्वेस्टर समिट में कुल कितना खर्च किया और किन-किन सुविधाओं के लिये कितना-कितना पैसा खर्च किया? अलग-अलग प्रत्येक की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) सतना जिले के औद्योगिक क्षेत्र मटेहना एवं बाबूपुर (तहसील रघुराजनगर) एवं तहसील उचेहरा के ग्राम बाबूपुर में किन-किन लोगों के लिये कितनी-कितनी जमीनों का और किस कार्य/उद्योग के लिये किस दर पर और कब जमीनों का आवंटन किया गया? अलग-अलग विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित औद्योगिक क्षेत्र में प्रथम बार में जिस व्यक्ति को जमीन आवंटित की गई है वो आवंटित जमीन स्थानांतरित की जा सकती है, क्या? नियम की प्रति दें? उक्त औद्योगिक क्षेत्रों में अभी तक कितने लोगों ने जमीन को स्थानांतरित किया/बेचा?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा वर्ष 2023 से प्रश्नांश दिनांक तक आयोजित इन्वेस्टर समिट/कॉन्क्लेव का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि के दौरान आयोजित इन्वेस्टर समिट/कॉन्क्लेव में सम्मिलित प्रमुख कंपनियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। आयोजित इन्वेस्टर समिट/कॉन्क्लेव में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत प्राप्त निवेश प्रस्तावों में से स्थापित/स्थापनाधीन इकाइयों द्वारा किये जा रहे निवेश की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा वर्ष 2023 से प्रश्नांश दिनांक तक आयोजित इन्वेस्टर समिट/कॉन्क्लेव में हुए व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार एम.एस.एम.ई. विभाग द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में विभागीय प्रदर्शनी इत्यादि के आयोजन पर रूपये 62,82,995/- का खर्च किया गया है। (ग) सतना जिले में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग क्षेत्रांतर्गत संधारित औद्योगिक क्षेत्र बाबूपुर एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग क्षेत्रांतर्गत संधारित औद्योगिक क्षेत्र मटेहना में इकाइयों को आवंटित भूमि, आवंटन दर तथा आवंटन दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित औद्योगिक क्षेत्र मटेहना में 16 इकाइयों के भूखण्ड हस्तांतरित किये गए है। औद्योगिक क्षेत्र बाबूपुर जिला सतना में कोई भूखण्ड हस्तांतरित नहीं किया गया हैं। औद्योगिक क्षेत्र मटेहना जिला सतना में आवंटित भूमि एम.एस.एम.ई. इकाई को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025 के नियम 18 के तहत हस्तांतरित की जा सकती है। विभाग अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र बाबूपुर जिला सतना की भूमि म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2025) की कण्डिका क्रमांक 19 (ब) के तहत हस्तांतरित की जा सकती है। नियम अंतर्गत हस्तांतरण संबंधी प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार एम.एस.एम.ई. इकाइयों को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबन्धन नियम 2025 के नियम 18 के तहत केवल लीज राईट हस्तांतरित की जा सकती है। नियम की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र में 16 लोगों के भूखण्ड हस्तांतरित किये गये है।
नागदा में न्यायालय भवन निर्माण हेतु राशि की स्वीकृति
[विधि एवं विधायी कार्य]
150. ( क्र. 2779 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा में न्यायालय भवन के निर्माण हेतु भूमि का चयन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो भूमि के सर्वे नम्बर, रकबा, स्थान सहित विवरण दें। (ख) नागदा के न्यायालय भवन के निर्माण हेतू कितनी राशि की डीपीआर शासन को प्रेषित की गई है? शासन द्वारा कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की है? यदि नहीं, की गई तो क्यों? क्या शासन आगामी बजट में भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत करेगा? (ग) क्या उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा भी शासन को नागदा में न्यायालय भवन निर्माण हेतु राशि की स्वीकृति प्रदान करने हेतु पत्र कब-कब प्रेषित किए गए? शासन द्वारा पत्रों पर क्या कार्यवाही की है? (घ) नागदा में कितने न्यायालय कार्यरत है?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कलेक्टर उज्जैन के आदेश दिनांक 03-01-2023 के द्वारा नागदा में नवीन न्यायालय भवन एवं न्यायिक अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये आवासीय भवन निर्माण हेतु ग्राम पाडलियाकलां तहसील नागदा में स्थित शासकीय भूमि सर्वें क्रमांक 1457/2 रकबा 3.4570 हेक्टेयर में से रकबा 2.727 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। (ख) प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, उज्जैन से नागदा में नवीन न्यायालय भवन एवं आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 6125.96 लाख के प्राक्कलन को उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश जबलपुर में गठित कमेटी, माननीय जिला न्यायिक अधोसंरचना कमेटी क्रमांक-04 के समक्ष दिनांक 30-09-2024 की बैठक में विचारार्थ रखा गया था। जिसे माननीय कमेटी के द्वारा अस्थगित (Deferred) किया गया है। उक्त प्रस्ताव को माननीय कमेटी की भविष्य में होने वाली बैठक में पुन: विचारार्थ प्रस्तुत किया जावेगा। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नागदा में वर्तमान में 05 न्यायालय कार्यरत है।
वित्त विभाग की गतिविधियाँ और बजट
[वित्त]
151. ( क्र. 2792 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 और 2025-26 में वित्त विभाग द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं और परियोजनाओं के लिए कितनी धनराशि स्वीकृत और व्यय की गई है? कृपया योजनावार और वर्षवार विवरण प्रदान करें। (ख) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन, सड़क निर्माण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं (जैसे वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन) के लिए वित्त विभाग द्वारा कितनी धनराशि आवंटित की गई है? इन योजनाओं की प्रगति क्या है? जल जीवन मिशन की सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में 15वें वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं को कितनी धनराशि आवंटित की गई है? इस धनराशि का उपयोग और प्रगति का विवरण क्या है? (घ) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी समुदायों के लिए वित्त विभाग द्वारा चलाई जा रही विशेष वित्तीय योजनाओं, जैसे अनुसूचित जनजाति कल्याण कोष या अन्य प्रोत्साहन योजनाओं, का विवरण क्या है? कितने लाभार्थियों को लाभ मिला है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्य शासन की योजनाओं में विधानसभावार बजट प्रावधान नहीं रखा जाता है अपितु विभाग की मांग पर उपलब्ध विभागीय संसाधनों के आधार पर प्रशासकीय विभागों की अनुदान की मांग संख्या अंतर्गत प्रावधानित बजट का उपयोग प्रदेश में संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आवश्यकता अनुसार किया जाता है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
सतत् विकास की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
152. ( क्र. 2803 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार ने गरीबी उन्मूलन के लिये क्या रणनीति बनाई है और इसके लिये क्या कदम उठाए जा रहे हैं? (ख) मध्यप्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये क्या प्रयास किये जा रहे है और इनके परिणाम क्या है? (ग) मध्यप्रदेश में पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिये क्या कदम उठाए जा रहे हैं और इसके लिये कितनी इकाइयां स्थापित की गई है? (घ) विकसित मध्यप्रदेश @ 2047 मिशन के तहत तैयार किये गए 22 प्रमुख मिशन और 300 से ज्यादा एक्शन प्वाइंटस की प्रगति क्या है और इसके परिणाम क्या है?
उप मुख्यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) मंत्रि-परिषद् द्वारा विकसित मध्यप्रदेश 2047 का दृष्टिपत्र अनुमोदित हो चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। विकसित मध्यप्रदेश 2047 मिशन सतत् प्रक्रिया है। आगामी कुछ वर्षों में प्रदेश को इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।
विवादित कर्मचारी को मैहर जिले से बाहर पदस्थ कराया जाना
[गृह]
153. ( क्र. 2809 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2018 से प्रश्नतिथि तक सतना एवं मैहर जिलों में किस नाम/पदनाम के आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक एवं सहायक उप निरीक्षक लगातार एक ही जिले में पदस्थ हैं? सूची पदस्थापना के स्थानवार दें? ऐसे आरक्षकों का नाम दें जो प्रमोशन के बाद प्रधान आरक्षक भी इसी जिले में हो गये? (ख) क्या ऐसे आरक्षक/प्रधान आरक्षक/सहा. उप निरीक्षक जो लगातार सतना जिले में पदस्थ रहे और सतना जिले के अन्तर्गत मैहर अनुविभाग में भी पदस्थ रहे, जब तक मैहर सतना जिले में था एवं जब मैहर जिला अलग जिला बना तब मैहर जिले में प्रश्नतिथि तक पदस्थ हैं? ऐसे सभी कर्मचारियों का नाम/वर्तमान पदस्थापना दें जिनकी पुलिस अधीक्षक/उप पुलिस महानिरीक्षक/ महानिरीक्षक/पुलिस मुख्यालय में विभिन्न कारणों से किस-किस के द्वारा क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई? सभी शिकायतों की एक-एक प्रति दें? (ग) राज्य शासन ऐसे आरक्षकों/प्रधान आरक्षकों/सहायक उप निरीक्षकों को कब तक मैहर जिले से बाहर अन्यत्र दूरस्थ स्थान (जोन से बाहर) पदस्थ करेगा जिससे कि वे मैहर जिले में अनावश्यक हस्तक्षेप ना कर सकें? ऐसे सभी कर्मचारियों की सूची दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) 01.01.2018 से प्रश्नतिथि तक सतना एवं मैहर जिलों में ऐसे आरक्षक, प्रधान आरक्षक एवं सहायक उप निरीक्षक जो लगातार एक ही जिले में पदस्थ है, की पदस्थापनावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। ऐसे आरक्षक जो प्रमोशन के बाद प्रधान आरक्षक भी इसी जिले में हो गये की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। (ग) विभागीय नियमों एवं प्रशासनिक आवश्यकता अनुसार आवश्यक होने पर स्थानांतरण किए जाते है।
करोड़ों रूपयों की कर चोरी के प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
154. ( क्र. 2817 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में पड़ोसी राज्यों एवं अन्य राज्यों से बिना जीएसटी बिल ई-बिल के बहुत सी वस्तुएं आ रही हैं? वो कहां-कहां से और कौन-कौन सी वस्तुएं है? (ख) क्या प्रदेश में गवर्मेंट कॉन्ट्रेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां करोड़ों रूपये के सीमेंट, सरिये के बिल खरीदते हैं और दुकानदरों से सिर्फ बिल लेता है बिना माल की सप्लाई करें एकाउंटस बुक्स में उस कॉन्ट्रेक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को सरिया सीमेंट की बिक्री दिखाता है? (ग) क्या दुकानदारों को बिल राशि का पेमेंट करते हैं बैंक से दुकानदार उस राशि में से कर की राशि एमाउंट घटाकर कॉन्ट्रेक्टर को नगद में राशि वापस करता है? बाजार में सीमेंट का बिल 6-7% में मिलता है जो कॉन्ट्रेक्टर बाजार से सीमेंट का बिल लेता है उस बिल पर 28% का इनपुट लेता है जीएसटी का 6-7% प्रतिशत बिल एमाउंट की राशि चुकाकर 28% प्रतिशत का जीएसटी टैक्स का इनपुट ले रहा है? सीमेंट पर 28% जीएसटी कर है? (घ) क्या दुकानदार सरिया और सीमेंट बिना जीएसटी बिल के ग्राहक को बेचते हैं और ये बिल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों गवर्मेंट कॉन्ट्रेक्टर को बिल देते हैं सीमेंट फैक्ट्री से सीमेंट जीएसटी बिल में ही सप्लाई होती है इसी तरह सरिये पर 18% जीएसटी हैं दुकानदार सरिये का बिल 5-6% में कॉन्ट्रक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को बेचता है, दुकानदार सरिया स्टील प्लांट से बिल में लेता है स्टील प्लांट से बिना जीएसटी बिल के और जीएसटी बिल दोनों में सरिया सप्लाई होता है? (ड.) क्या सरकार को दो तरह से कर की चोरी की मार पड़ रही है जिस ग्राहक को सीमेंट का बिल मिलना चाहिए उसको दुकानदर बिल नहीं देता है और ये बिल कॉन्ट्रक्टर को देता है? इसके लिए सरकार क्या कर रही है?
उप मुख्यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश माल और सेवा कर नियम, 2017 के नियम, 138 (14) में ऐसी वस्तुओं तथा संव्यवहारों का उल्लेख किया गया है, जिनके परिवहन पर ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं है, जैसे ज्वेलरी, पेट्रोलियम क्रूड, हाई स्पीड डीजल, घरेलू उपयोग हेतु एलपीजी गैस, फल, सब्जियां तथा अन्य कर मुक्त वस्तुएं इत्यादि। पड़ोसी राज्यों एवं अन्य राज्यों से बिना जीएसटी बिल तथा ऐसी वस्तुएं जिनके परिवहन पर ई-वे बिल आवश्यक है, का बिना ई-वे बिल के परिवहन पाए जाने पर वैधानिक प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) इस प्रश्नांश में उल्लेखित तथ्यों से संबंधित प्रकरण संज्ञान में आने पर वैधानिक प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है। (ग) इस प्रश्नांश में उल्लेखित तथ्यों के अनुसार सीमेंट से संबंधित प्रकरण संज्ञान में आने पर वैधानिक प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है। सीमेंट पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत है। (घ) सरिया और सीमेंट से संबंधित इस प्रकार के प्रकरण संज्ञान में आने पर वैधानिक प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है। सरिये पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत है। (ड.) प्रश्नांश में उल्लेखित प्रकरण संज्ञान में आने पर का वैधानिक प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
155. ( क्र. 2832 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अलीराजपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं? कितने भवन बने, कितने भवनविहिन है? निर्मित भवनों को ध्वस्त किया गया है? हाँ तो विधानसभा वार सूची सूची देवें। (ख) क्या भवन विहिन केन्द्रों पर किराये के भवनों में संचालन हो रहा है? हाँ तो कब से हो रहा है अब तक जिले में आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत दिनांक से भवनविहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों का किराया क्या निर्धारित किया गया है? हाँ तो कितना-कितना किराया किस भवन मालिक को दिया गया है? भवन मालिक का नाम सहित ग्राम पंचायत व ग्राम तथा फलियों वार केन्द्र की सूची विधानसभा वार उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग को किन-किन प्रयोजनों हेतु कितना आंवटन आवंटित किया गया है? आंवटन में से कितना कहाँ व्यय किया गया, इसका प्रयोजनवार एवं मदवार जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) कुल 2228 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है, जिसमें 983 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवन युक्त है, 1245 शासकीय भवन विहीन केन्द्र में से 946 किराये के भवनों में तथा 299 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। 160 जर्जर भवनों को ध्वस्त किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। 946 भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे है जिसमें से 750 आंगनवाड़ी केन्द्रों का किराया वर्ष 2018-19 से शहरी क्षेत्र में 1000/- एवं ग्रामीण क्षेत्र में 750/- रूपये का भुगतान निरंतर किया जा रहा है, शेष 196 आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भुगतान परियोजना स्तर से अलग-अलग वर्षों में स्वीकृत हुआ है, वर्तमान में किराया, शहरी क्षेत्र में 6000/- एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 2000/- प्रतिमाह शासन स्तर से निर्धारित है जिस अनुसार भुगतान प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक अलीराजपुर जिले में योजना से संबंधित प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘3’ एवं ‘4’ अनुसार है।
इंदौर ग्रामीण रेंज के डीआईजी मुख्यालय का स्थानांतरण
[गृह]
156. ( क्र. 2833 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर ग्रामीण रेंज के डीआईजी का मुख्यालय वर्तमान में इंदौर शहर में स्थित है? यदि हाँ, तो इसके अधीन धार, झाबुआ और आलीराजपुर जैसे जिले आते हैं, किन्तु इसमें इन्दौर, देवास जिले क्यों नहीं लिये गये है? (ख) क्या शासन इस बात से सहमत है कि इंदौर शहर से इन जिलों की भौगोलिक दूरी अधिक होने के कारण कानून व्यवस्था पर तत्काल प्रभावी नियंत्रण संभव नहीं हो पाता है? (ग) क्या शासन डीआईजी (रूरल) का मुख्यालय इंदौर की बजाय धार जिले में स्थानांतरित किया जायगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। डीआईजी रेंज इन्दौर (ग्रामीण) के अंतर्गत धार, झाबुआ, अलीराजपुर जिले आते है। पुलिस कमिश्नरी लागू होने से इन्दौर शहर से इन्दौर ग्रामीण क्षेत्र अलग होकर डीआईजी (ग्रामीण) अंतर्गत आता है। देवास जिले का इन्दौर (ग्रमीण) रेंज में सम्मिलित न होने का कारण क्षेत्रीय रेंज के अनुसार विभाजन है। (ख) जी नहीं। डीआईजी रेंज इन्दौर (ग्रामीण) के प्रत्येक जिले में पर्याप्त बल आरक्षित होकर तैनात है। वर्तमान में रेंज अंतर्गत जिलों में कानून व्यवस्था पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित है। (ग) डीआईजी रेंज इन्दौर (ग्रामीण) का मुख्यालय इन्दौर से हटाकर धार स्थानांतरित करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वर्तमान पुलिस कमिश्नरी लागू होने से प्रशासनिक रूप से पुलिस व्यवस्था में इन्दौर शहर से इन्दौर ग्रामीण क्षेत्र अलग होकर डीआईजी रेंज (ग्रामीण) अंतर्गत आता है। प्रमुख शासकीय, प्रशासनिक कार्यालय होने के कारण ही इसका मुख्यालय इन्दौर में रखा गया है ताकि रेंज अंतर्गत जिलों पर त्वरित निगरानी एवं प्रभावी कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
गंभीर पर्यावरणीय व स्वास्थ्य संकट की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
157. ( क्र. 2846 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला झाबुआ के मेघनगर में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) से निकल रहे घातक रसायनों के कारण आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लगभग 20 से अधिक गाँवों में गंभीर पर्यावरणीय संकट उत्पन्न हो रहा है तथा जलस्रोत, नदी-नाले व भू-जल प्रदूषित हो रहे हैं जिससे पशु-पक्षियों, जलजीवों की मृत्यु तथा आदिवासियों में त्वचा रोग, साँस संबंधी बीमारियाँ एवं कैंसर जैसी गंभीर बीमारियाँ फैल रही हैं? (ख) क्या उक्त सम्बन्ध में प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 07/07/2025 को अपने पत्र क्रमांक 280/VIP/2025 को माननीय डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन भोपाल को लिखा गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही कि गई? नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या दोषी अधिकारियों एवं फैक्ट्रियों के विरूद्ध कोई जाँच प्रारंभ की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी बतावें? नहीं तो क्यों नहीं जानकारी बतावें? (घ) क्या सरकार ऐसे दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही करेगी तथा मानव जीवन व पर्यावरण पर घातक प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों से बंद करने की कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो जानकारी बतावें? नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला झाबुआ में कोई भी विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) स्थापित नहीं हैं। अपितु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा संधारित औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में स्थापित औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले इफ्ल्यूऐंट ट्रीटमेंट हेतु औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में 400 केएलडी क्षमता के सीईपीटी का निर्माण किया गया तथा दिनांक 24.04.2024 से सीईटीपी का संचालन एवं संधारण किया जा रहा है। उक्त सीईटीपी के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों का इफ्ल्यूऐंट टैंकर के द्वारा इकट्ठा कर सीईटीपी में निस्तारण किया जा रहा हैं। (ख) जी हाँ। विभाग अंतर्गत एमपी इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पत्र क्रमांक 9738, दिनांक 23.07.2025 के द्वारा माननीय विधायक जी को प्रकरण की वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) योजनाओं की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
158. ( क्र. 2847 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम के सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार हेतु सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र में प्रोत्साहन देने के लिए क्या योजनाएँ संचालित की जा रही हैं? जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र के कितने युवाओं को MSME योजनाओं के अंतर्गत ऋण, प्रशिक्षण या अन्य सहायता प्रदान की गई है? क्या सरकार ने सैलाना क्षेत्र में MSME आधारित इंडस्ट्रियल क्लस्टर या रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की है या करने की योजना है? (ग) क्या सरकार आदिवासी युवाओं को प्राथमिकता देकर MSME योजनाओं के तहत विशेष सहायता या अनुदान प्रदान करेगी? (घ) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम योजनाओं के अंतर्गत बेरोजगार आदिवासी युवाओं को स्वरोजगार हेतु सहायता देने की घोषणा तो की गई, किंतु वास्तविक धरातल पर न तो ऋण दिया गया और न ही प्रशिक्षण अथवा अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं? जिससे सरकार की योजना महज एक दिखावा साबित हुई? यदि हाँ, तो किन अधिकारियों व एजेंसियों की लापरवाही या कपटपूर्ण रवैये से योजनाएँ असफल हुईं? सरकार पीड़ित बेरोजगार युवाओं को न्याय दिलाने एवं दोषियों पर कार्यवाही करने हेतु कोई ठोस कदम उठाएगी? जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार बतावें?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्य कुमार काश्यप ) : (क) जिला रतलाम के सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा स्वरोजगार हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
योजना का नाम |
रिमार्क |
1 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
योजनाएं वर्ष 2019-20 पश्चात बंद कर दी गयी थी। |
2 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
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3 |
मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना |
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4 |
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना |
यह योजना वर्ष 2021-22 से प्रारंभ की गयी है। |
5. |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) |
निरंतर |
(ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र में प्रश्नावधि में कुल 503 युवाओं को राशि रूपये 3426.80 लाख का ऋण स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत वितरित कराया गया। जी नहीं, वर्तमान में विभाग की ऐसी कोई कार्य योजना नहीं है। (ग) जी हाँ। 1. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2025 अंतर्गत प्रदेश में विनिर्माण श्रेणी की एम.एस.एम.ई. की स्थापना करने पर पात्र निवेश पर 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। अ.ज.जा. वर्ग के उद्यमियों हेतु 8 प्रतिशत अतिरिक्त एवं अ.ज.जा. वर्ग की महिला उद्यमी को 10 प्रतिशत अतिरिक्त सहायता योजना में प्रावधानित है। 2. मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति एवं कार्यान्वयन योजना 2025 अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के उद्यमियों द्वारा स्थापित स्टार्टअप को RBI अथवा SEBI अधिमान्य वित्तीय संस्थान से निवेश अथवा ऋण प्राप्त करने पर पात्रतानुसार 18 प्रतिशत अधिकतम रुपए 18 लाख तक की सहायता का विशेष प्रावधान किया गया है। यह सहायता स्टार्टअप को चार बार प्राप्त हो सकेगी। 3. प्रदेश के एम.एस.एम.ई. विभाग के नवीन औद्योगिक क्षेत्रों में अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के उद्यमियों हेतु 20% भूखण्ड आरक्षित किए जाने का प्रावधान हैं और अनुसूचित जाति/जनजाति के आवेदकों को प्रब्याजी और विकास शुल्क में 50% अतिरिक्त छूट देने का प्रावधान किया गया है। (घ) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा प्रश्नावधि में कुल 51 आदिवासी युवाओं को स्वरोजगार हेतु राशि रूपये 152.65 लाख का ऋण स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत वितरित कराया गया। इस क्षेत्र में आदिवासी युवाओं को विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिले के रिक्त पदों को भरा जाना
[महिला एवं बाल विकास]
159. ( क्र. 2857 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग में वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? कृपया ऐसी सभी योजनाओं की सम्पूर्ण जानकारी छायाप्रतियों सहित प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि इन योजनाओं के संचालन में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि टीकमगढ़ जिले में केन्द्र एवं प्रदेश द्वारा भेजी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जिले में उपरोक्त राशि किस-किस कार्य में कितनी-कितनी राशि व्यय किया गया है? क्या जिले में भेजी जा रही राशि कम है या नहीं? क्या माँग के आधार पर भेजी जा रही हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक जिले में कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी एवं अन्य के पद सृजित है? किस-किस के, कब से, किसके द्वारा पद भरे है एवं किसके पद जिले में रिक्त हैं, इन रिक्त पदों को भरा जावेगा तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' (पेन ड्राईव) अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' (पेन ड्राईव) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' (पेन ड्राईव) अनुसार है। जी नहीं जिले को भेजी जा रही राशि कम नहीं है। राशि आवश्यकतानुसार एवं मांग के आधार पर प्राप्त होती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' (पेन ड्राईव) अनुसार है। टीकमगढ़ जिले में सहायक संचालक, परियोजना अधिकारी, सांचि अन्वेषक, पर्यवेक्षक, सहायक वर्ग-01, सहायक वर्ग-02, सहायक व सामाजिक कार्यकर्ता एवं भृत्य के पद रिक्त हैं। रिक्त पदों को निरंतर के तहत भरा जाता है अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कोर्ट भवनों के निर्माण एवं रिक्त पदों की पूर्ति
[विधि एवं विधायी कार्य]
160. ( क्र. 2858 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की नवीन ए.डी.जे. कोर्ट के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य एवं किस-किस के नवीन पद सृजित किये जाते है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये कि टीकमगढ़ जिले के जतारा ए.डी.जे. कोर्ट में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कराये जा चुके हैं और क्या-क्या कार्य कराये जाने अभी शेष है एवं रिक्त पद प्रश्न दिनांक तक किस-किस के है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर जानकारी दें कि मीटिंग हॉल एवं अन्य कौन-कौन से भवन न होने से पक्षकार अधिवक्ता एवं जनता को परेशान होना पड़ता है एवं भवनों के निर्माण में कितनी राशि की आवश्यकता होगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताये कि ए.डी.जे. कोर्ट जतारा के विकास हेतु अभी और कौन-कौन से भवन बनना अति आवश्यक है उन पर कितनी-कितनी राशि व्यय होगी? उपरोक्त राशि कब तक स्वीकृत की जावेगी एवं रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? निश्चित समय-सीमा सहित बतायें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अधिकारियों/कर्मचारियों को अटैच/संलग्न किये जाने के प्रावधान
[सामान्य प्रशासन]
161. ( क्र. 2871 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कार्यालयों में पदस्थ शासकीय सेवकों को अटैचमेंट/संलग्न करने के क्या प्रावधान है। नियम की प्रति उपलब्ध कराई जावें। (ख) जिला/संभाग में पदस्थ शासकीय सेवकों को अटैचमेंट/संलग्न करने के लिये किस अधिकारी को अधिकृत किया गया है। (ग) ग्वालियर-चंबल संभाग में विगत वर्षों से माह जून 2025 तक की स्थिति में किस-किस विभाग के कर्मचारी/अधिकारियों को कलेक्टर/संभागीय आयुक्त कार्यालय में अटैचमेंट/संलग्न किया गया है? नाम, पदनाम, अटैचमेंट किये जाने का दिनांक सहित जानकारी दी जावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में यदि अटैचमेंट/संलग्न करने का नियम नहीं है तो क्या नियम विरूद्ध अटैचमेंट करने के लिये संबधित अधिकारियों के विरूद्ध शासन स्तर कार्यवाही की जावेगी।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क', 'ख' एवं 'ग' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना
[वित्त]
162. ( क्र. 3039 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उप मुख्यमंत्री, वित्त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग सहित अन्य माध्यम द्वारा 1 जनवरी 2005 के पहले जारी विज्ञापन के द्वारा आयोजित परीक्षा एवं चयन प्रक्रिया के माध्यम से ऐसे कितने लोक सेवक मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों में भर्ती हुए जिनको पुराने पेंशन की पात्रता नहीं दी गई है, ऐसे कुल लोक सेवकों की संख्या एवं उनके परिवार के सदस्यों की संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित पुराने पेंशन से वंचित मध्यप्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों में एसटी, एससी, ओबीसी के लोकसेवकों की संख्या, उनके नाम एवं उनके परिवार के सदस्यों की संख्या बतावें तथा उन एसटी, एससी, ओबीसी के अधिकारियों-कर्मचारियों तथा उनके परिवार की आर्थिक सुरक्षा हेतु केंद्र सरकार की तरह 01/01/2005 के पहले विज्ञापित पदों से चयनितों को मध्यप्रदेश शासन कब तक पुराने पेंशन का लाभ देगी, समय-सीमा बतावें या देने की मंशा नहीं हो तो स्पष्ट करें? (ग) क्या विभाग को यह पता है कि केंद्र सरकार एवं उत्तरप्रदेश शासन द्वारा 01/01/2005 के पूर्व विज्ञापित पदों के द्वारा चयनितों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया? क्या केंद्र सरकार के उक्त निर्णय के अनुक्रम में मध्यप्रदेश-शासन में सेवारत अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया? क्या उक्त कैटेगरी के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को यह लाभ दिया जाकर राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से वंचित रख भेदभाव किया जा रहा है?
उप मुख्यमंत्री, वित्त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्य शासन के नीतिगत निर्णय अनुसार दिनांक 01.01.2005 अथवा उसके उपरांत नियुक्त शासकीय सेवकों को एन.पी.एस.के अंतर्गत रखा गया है। इन शासकीय सेवकों पर पुरानी पेंशन योजना प्रभावशील नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संविधान के प्रावधानों अनुसार केन्द्र एवं राज्य सरकारों के विषय पृथक-पृथक है। मध्यप्रदेश सरकार अपने वित्तीय संसाधनों एवं अन्य प्राथमिकताओं के दृष्टिगत सदैव कर्मचारियों के हित में निर्णय लेती है। शेष का प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।