मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 05 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खण्डवा
जिले में नियम
विरुध्द
कॉलोनी
निर्माण की
स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 1521 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में किन-किन कॉलोनियों के नक्शे स्वीकृत कर कॉलोनी विकास की अऩुमति जारी की गई है? (ख) क्या जारी अऩुमतियों में खण्डवा के मास्टर प्लान 2031 की अवहेलना की गई है तथा कई कॉलोनियों में नियमों के विरूद्ध नक्शों की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ग) क्या नगर की कई कॉलोनियों में सार्वजनिक उद्यान का स्थान व क्षेत्रफल नियमों एवं जनहित के विपरीत कॉलोनाईज़र की इच्छानुसार स्वीकृत किये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो इन स्वीकृत कॉलोनियों में किस अधिकारी द्वारा नियम विरूद्ध कार्य किया गया है? क्या खण्डवा नगर एवं ग्राम निवेश द्वारा विगत 3 वर्ष में स्वीकृत प्रकरणों की उच्चस्तरीय जाँच कराई जाकर दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) खण्डवा जिले में नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय खण्डवा द्वारा जारी विकास अनुज्ञा एवं अभिमत प्रदाय किये गये हैं, सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 2972 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में वर्ष 2010 से अभी तक कितनी कॉलोनी बनाई गईं हैं? कितनी कॉलोनी में नियमानुसार/कॉलोनाईज़र एक्ट अनुसार सुविधाएं प्रदान की गई है, कितनी कॉलोनी अवैध है? (ख) क्या उक्त अवैध कॉलोनी को वैध करने के लिये कार्यवाही की जा रही है? हाँ तो कब तक कॉलोनाईज़र एक्ट की सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जावेगा एवं दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है, दोषियों के विरूद्ध नगरपालिका अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी।
मेट्रो प्रोजेक्ट हेतु लिये गये ऋण की राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 2482 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर-भोपाल मेट्रो ट्रेन के पूरे प्रोजेक्ट में कितना-कितना खर्च आयेगा तथा उस खर्च की व्यवस्था किस प्रकार की जावेगी? (ख) मेट्रो ट्रेन के लिये किस संस्थान से कितना ऋण किस दर से कितनी अवधि में देय लिया गया है, क्या यह ऋण प्राप्त करने के लिये किसी मध्यस्थ की सेवा ली गई है? यदि हाँ, तो उसे किस दर से कितना भुगतान किया गया है? (ग) वर्ष 2020-21 के बजट अनुसार प्रदेश को विभिन्न संस्थाओं से मिलाकर कुल कितना ऋण लेने की पात्रता थी तथा जनवरी 2021 तक कितना ऋण लिया जा चुका है? (घ) जनवरी 2021 तक कर्ज के अनुसार प्रदेश को अगले पाँच वित्तीय वर्ष में कितना-कितना ब्याज तथा कितनी किश्त राशि का भुगतान करना है तथा वर्ष 2020-21 में ऋण पर ब्याज तथा किश्त के रूप में कितना भुगतान करना है तथा वह बजट का कितना प्रतिशत है? (ड.) वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक हमने कितना-कितना ऋण लिया यदि ऋण लेने में किसी मध्यस्थ की सेवा ली है तो उसे कितने का भुगतान किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तहसील अम्बाह/पोरसा में बस स्टैण्ड का निर्माण
[गृह]
4. ( *क्र. 2808 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील अम्बाह व पोरसा बस अड्डे की बसें रोड पर खड़ी होने के कारण प्रतिदिन आमजन को जाम व दुर्घटनाओं से जूझना पड़ता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सरकार बस अड्डे में ही बसों को खड़ा करने की कड़ाई से पालन कराने हेतु कोई ठोस कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नही, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। अम्बाह एवं पोरसा में वर्तमान में बस स्टैण्ड न होने के कारण बसों को रोड किनारे पुलिस की व्यवस्था के साथ खड़ा किया जाता है, जिससे कोई दुर्घटना घटित न हो। (ख) जी हाँ। बस स्टैण्ड की जगह निर्धारण हेतु प्रयास जारी है, बस स्टैण्ड तैयार हो जाने पर बसों को बस स्टैण्ड के अन्दर खड़ा कराया जायेगा? समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
विद्युत सब-स्टेशनों में फीडर सेपरेशन का कार्य
[ऊर्जा]
5. ( *क्र. 1397 ) श्री संजीव सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने फीडरों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो गया है? फीडरवार सूची उपलब्ध करावें। कितने फीडरों में फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण है तथा इसके लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या इन कार्यों में प्रयुक्त सामग्री घटिया किस्म की लगी होने के कारण पशुधन अथवा जनधन हानि होने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016 में प्रश्न दिनांक तक 132 के.व्ही. के कितने विद्युत सब स्टेशन स्वीकृत हुए? इन सब स्टेशन के निर्माण हेतु क्या समयावधि तय की गई थी? (ग) उक्त विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत योजना प्रारंभ से कितने प्रकरण स्वीकृत हुए? प्रकरण स्वीकृत होने के पश्चात् कितने किसानों के यहां वितरण ट्रांसफार्मर एवं लाइन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितना कार्य अपूर्ण है? कितने ट्रांसफार्मर लगना शेष हैं? (घ) क्या ऐसे भी कृषक हैं, जिन्होंने अनुदान राशि जमा कर दी है, उसके बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं लग पाया है? यदि हाँ, तो कब तक ट्रांसफार्मर लगा दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक फीडर विभक्तिकरण योजना में प्रावधानित 10 फीडरों में से 8 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिनकी फीडरवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष 2 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य, योजना में उपलब्ध वित्तीय प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में आंशिक रूप से पूर्ण किये जा सके हैं। उक्त शेष 2 फीडरों के आंशिक कार्य एवं वर्तमान में संबद्ध कृषि भार के दृष्टिगत भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अन्य 9 नंबर 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण के कार्यों को सम्मिलित करते हुये कुल 11 नम्बर 11 के.व्ही. मिश्रित फीडरों के विभक्तिकरण हेतु कार्य योजना तैयार की गई। जी नहीं, इन कार्यों में प्रयुक्त सामग्री गुणवत्तापूर्ण नहीं होने के कारण पशुधन अथवा जनहानि होने संबंधी कोई शिकायत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक 132 के.व्ही. का कोई विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत नहीं हुआ है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना में योजना प्रारंभ होने की दिनांक से योजना की निर्धारित अवधि तक 302 कृषकों के कुल 202 प्रकरण स्वीकृत किये गये। उक्त स्वीकृत प्रकरणों में सम्मिलित सभी 302 कृषकों के कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है। उक्त स्वीकृत कार्यों में से कोई भी कार्य अपूर्ण/शेष नहीं है। (घ) जी नहीं, प्रश्नाधीन क्षेत्र में योजनान्तर्गत स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र पंधाना में सिविल न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
6. ( *क्र. 1620 ) श्री राम दांगोरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पंधाना विधानसभा क्षेत्र में सिविल न्यायालय खोलने हेतु शासन स्तर से कोई पहल की जा रही है? यदि हाँ, तो सिविल न्यायालय खोलने के लिए शासन दिशा-निर्देश आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रदेश की किन-किन विधानसभा मुख्यालयों पर सिविल न्यायालय संचालित हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग से है, गरीब वर्ग को 90 से 100 किलोमीटर दूर न्याय के लिए जाना पड़ता है? शासन द्वारा कब तक पंधाना विधानसभा क्षेत्र में सिविल न्यायालय खोलने की कार्रवाई की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पंधाना में सिविल न्यायालय के स्थापना के संबंध में प्राप्त पत्र अभिमत हेतु माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर को भेजा गया है। म.प्र. उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति, 2014 में तैयार की गई पॉलिसी/गाईड लाईन/स्कीम से संबंधित दिशा-निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रदेश के जिला/तहसील मुख्यालयों पर सिविल न्यायालय के संचालन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
7. ( *क्र. 1076 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान स्थिति में प्रदेश में कितने शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गई है? नाम व जिला सहित बतायें। (ख) वर्तमान समय में प्रदेश में कितने नोटरी कार्य कर रहे हैं एवं विगत छ: माह में कितने नये नोटरी बनाये गये हैं? जिलेवार संख्या बतायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश में वर्तमान समय में लगभग 2000 से उपर नोटरी कार्यरत हैं। विगत 6 माह में नियुक्त किये गए नोटरियों की जिलेवार संख्या निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
जिला |
नियुक्त नोटरी की संख्या |
1. |
होशंगाबाद |
01 |
2. |
सागर |
01 |
3. |
नरसिंहपुर |
10 |
4. |
डिंडौरी |
06 |
5. |
दतिया |
05 |
6. |
अलीराजपुर |
06 |
7. |
शहडोल |
10 |
8. |
शाजापुर |
01 |
9. |
अनूपपुर |
06 |
10. |
पन्ना |
01 |
11. |
मंडलेश्वर |
02 |
12. |
बैतूल |
01 |
नगर परिषद महेश्वर को आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 1449 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद महेश्वर जिला खरगोन को पूर्व मंत्री द्वारा सन् 2019-20 में मुक्ति धाम महेश्वर के विकास कार्य हेतु राशि 50 लाख रू. आवंटित की गई थी? (ख) आवंटित की गई राशि से क्या नगर परिषद महेश्वर द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है? यदि नहीं, किया गया है तो कब तक शुरू करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीधी जिले में विकास कार्यों की भौतिक/वित्तीय स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 3092 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में नगरीय विकास के अन्तर्गत स्मार्ट सिटी/मिनी स्मार्ट सिटी के तहत कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत हुए हैं? निर्माण कार्य की भौतिक एवं वित्तीय स्थिति से अवगत करावें। स्वीकृत निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण कराये जाने की तिथि निर्धारित की गई थी? निर्धारित समय पर कार्य क्यों पूर्ण नहीं हो सका है? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा। स्वीकृत कार्यों को किस-किस निर्माण एजेंसी/फर्म/संस्था को आवंटित किया गया है? विवरण देवें। लंबित भुगतान कब तक करा दिया जावेगा? (ख) सीधी जिले में सूखा नाला के जीर्णोद्धार की क्या योजना बनाई गई है? उक्त नाले के अंतर्गत कौन-कौन से पुल-पुलिया, सड़क, सौन्दर्यीकरण के कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? निर्माण कार्य की भौतिक एवं वित्तीय स्थिति से अवगत करावें। क्या उक्त नाले को बड़ी नहर की भांति शहर की सीमा तक पक्कीकरण करने का कार्य स्वीकृत है? यदि हाँ, तो कार्य की प्रगति बतायें। यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृत किया जावेगा? (ग) सीधी जिले में कचरा प्रबंधन केन्द्र कहां पर बनाया गया है? यदि नहीं, बनाया गया है तो क्यों? साफ-सफाई एवं पानी निकासी की स्थिति दयनीय है, कब तक इसका सर्वेक्षण कराया जाकर व्यवस्थित तरीके से कार्य कराया जावेगा? साफ-सफाई पर विगत 3 वर्षों में किये गये व्यय की जानकारी वार्डवार, कार्यवार उपलब्ध करावें। (घ) प्रधनामंत्री आवास योजना दिये जाने का क्या प्रावधान है? सीधी जिले में वार्डवार प्रदाय आवास के हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें। कितने लोगों को किस कारण से अपात्र किया गया है? कितने लोगों का नाम किस कारण से काटा गया है? क्या नाम जोड़े जाने में व्यापक अनियमितता बरती गई है? इसकी जाँच कराई जाकर अवैध नाम हटाये जाने व पात्र लोगों का नाम जोड़े जाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सीधी जिले के सीधी नगर में मिनी स्मार्ट सिटी के तहत स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जी नहीं, सूखा नाले के जीर्णोद्धार की योजना नहीं बनाई गयी है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी नहीं बनाया गया है। सीधी जिले की नगरीय निकाय एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना अंतर्गत रीवा क्लस्टर में सम्मिलित है, जिसका प्रसंस्करण रीवा में किया जाता है। शहर में पानी निकासी की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिये पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार कराने हेतु स्थानीय स्तर पर सहमति हुई है। साफ-सफाई पर विगत 3 वर्ष में किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना दिए जाने हेतु प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। सीधी जिले अंतर्गत नगर पालिका सीधी, नगर परिषद्, रामपुरनैकिन, मझौली तथा चुरहट के हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। अपात्र हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है। नगर परिषद्, मझौली में शिकायत प्राप्त होने पर जांच करायी गई थी, जिसमें दस हितग्राहियों को अपात्र किया गया है। शेष निकायों के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उक्त प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इन्वायरमेंटल प्लानिंग में पंजीकृत वास्तुविद
[पर्यावरण]
10. ( *क्र. 2537 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन के इन्वायरमेन्टल प्लानिंग एण्ड कोर्डिनेशन ऑर्गेनाइजेशन (एप्को) में कितने वास्तुविद पंजीकृत किये गये हैं? (ख) पंजीकृत वास्तुविदों को कौन-कौन से कार्य आवंटित किये गये? राशि सहित वास्तुविदों के नाम बतायें। (ग) किस-किस विभाग को कितने कार्य दिये गये हैं? राशि और विभागवार जानकारी बतायें। (घ) इप्को द्वारा वास्तुविद की कितनी फीस तय की गयी है? उस तय फीस में से वास्तुविदों को कितने प्रतिशत राशि दी जाती है? वर्ष 2017 से 2021 तक प्रत्येक वास्तुविद को भुगतान की गयी राशि की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ड.) इप्को में पंजीकृत वास्तुविदों को कार्य आवंटित करने की नियम या शर्तें हैं तो उन शर्तों को बताएं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) मध्यप्रदेश शासन के एन्वयारमेन्टल प्लानिंग एण्ड कोर्डिनेशन ऑर्गेनाइजेशन (एप्को) में अभी तक 194 वास्तुविद पंजीकृत हैं। (ख) एवं (ग) वर्ष 2017 से जनवरी 2021 तक पंजीकृत वास्तुविदों को आवंटित कार्यों की कार्यवार/विभागवार सूची मय फीस दर एवं योजना लागत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (घ) मई 2019 से एप्को द्वारा सभी कार्य 3% की फीस पर सम्पादित किए जा रहे हैं। अपितु इसके पूर्व शासी परिषद में स्वीकृत फीस 5% पर एवं पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग के कार्य 3 % की फीस पर भी किये गए हैं। एप्को द्वारा 1% फीस रखकर शेष राशि वास्तुविद को दी जाती है। वर्ष 2017 से जनवरी 2021 तक वास्तुविद को योजनावार भुगतान किये गए राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ड.) एप्को में पंजीकृत वास्तुविदों को कार्य आवंटित करने के नियम शासी परिषद से स्वीकृत है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
सिंचाई हेतु विद्युत आपूर्ति और शेड्यूल
[ऊर्जा]
11. ( *क्र. 2910 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन नियमानुसार संचालन-संधारण संभाग उज्जैन में वर्तमान में किसानों को प्रति दिवस सिंचाई के लिए थ्री फेस विद्युत की कितने घन्टे आपूर्ति की जा रही है? कौन-कौन से फीडर में दिन और रात में कितने-कितने घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है? क्या विद्युत आपूर्ति के लिए किसी प्रकार का शेड्यूल निर्धारित है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण विवरण सहित अवगत करावें। (ख) संचालन-संधारण संभाग उज्जैन में ऐसा कौन सा फीडर है, जिस पर बिना शेड्यूल परिवर्तन करें लगातार बिना किसी रूकावट के विद्युत की आपूर्ति की जा रही है? प्रश्नांश (क) अनुसार लगातार विद्युत आपूर्ति नहीं होने का क्या कारण है? सम्पूर्ण विवरण देवें। (ग) क्या 15 दिवस में सिंचाई के लिए फीडर का समय शेड्यूल परिवर्तन का नियम है? यदि हाँ, तो बतावें कि किस फीडर पर बिना समय शेड्यूल परिवर्तन के किसके आदेश निर्देश पर लगातार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है? (घ) घट्टिया तहसील के 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र जैथल पर सिंचाई के लिए कितने फीडर हैं और किस-किस का हर 15 दिवस में समय शेड्यूल बदला जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग उज्जैन में वर्तमान में किसानों को सिंचाई के लिए कृषि फीडरों के माध्यम से थ्री फेस पर, कतिपय अवसरों पर तकनीकी कारणों से हुए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। संचालन-संधारण संभाग उज्जैन अंतर्गत कृषि कार्य हेतु दिन और रात में बिजली आपूर्ति के समय की फीडरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'अनुसार है। जी हाँ, कृषि कार्य हेतु गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कृषि फीडरों को तीन समूहों में विभक्त कर विद्युत प्रदाय अवधि का शेड्यूल निर्धारित है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'अनुसार है। (ख) संचालन-संधारण संभाग उज्जैन में ऐसा कोई भी कृषि फीडर नहीं है, जिस पर बिना शेड्यूल परिवर्तन करें लगातार 10 घंटे बिना किसी रुकावट के विद्युत की आपूर्ति की जा रही है। उज्जैन संभाग के कृषि उपभोक्ताओं से बिना किसी रुकावट के लगातार विद्युत आपूर्ति किये जाने के संबंध में फीडबैक लिया गया था, जिसमें अधिकतम कृषि उपभोक्ताओं द्वारा लगातार 10 घंटे विद्युत प्रदाय पर असंतोष जाहिर किया था। अत: कृषि उपभोक्ताओं की मंशानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में दो अंतरालों में 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) रबी सीजन में सुचारु रुप से विद्युत प्रदाय एवं भार के प्रबंधन हेतु कृषि फीडरों को तीन समूहों में विभक्त कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिनमें से समूह-अ एवं समूह-ब के फीडरों से किये जा रहे विद्युत प्रदाय की अवधि को 15-15 दिवस में परिवर्तित करने का नियम है तथा समूह-स के सिंचाई फीडरों को दिन में 6 घंटे तथा रात्रि में 4 घंटे बिना शेड्यूल परिवर्तित किये विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी भी सिंचाई फीडर पर उक्त विद्युत प्रदाय के शेड्यूल का उल्लंघन कर लगातार 10 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है। (घ) उज्जैन जिले के घट्टिया तहसील के 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र जैथल पर सिंचाई के लिए 11 के.व्ही. के कुल 05 फीडर हैं, जिनमें से समूह-'अ' एवं समूह-'ब' के 04 कृषि फीडरों यथा-11 के.व्ही. ढाबला, 11 के.व्ही. निपानिया, 11 के.व्ही. उज्जैनिया एवं 11 के.व्ही. बकानिया फीडर से प्रत्येक 15 दिवस में विद्युत प्रदाय के शेड्यूल में परिवर्तन किया जाता है एवं शेष 01 नग 11 के.व्ही. जैथल कृषि फीडर समूह-स में होने के कारण नियमानुसार इससे किये जा रहे विद्युत प्रदाय के शेड्यूल में परिवर्तन नहीं किया जा रहा है।
भोपाल शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगाये गये कर्फ्यू
[गृह]
12. ( *क्र. 1892 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 17.01.2021 को पुराने शहर सिंधी कॉलोनी भोपाल स्थित वक्फ कब्रिस्तान में एक समुदाय विशेष द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य प्रारंभ करने वाली संस्था न्यास की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त भूमि पर बलपूर्वक कब्जा दिलाए जाने की नियत से जिला मजिस्ट्रेट भोपाल द्वारा दिनांक 17.01.2021 को भोपाल के थाना हनुमानगज टीलाजमालपुरा एवं गौतम नगर क्षेत्र में कर्फ्यू तथा थाना शाहजहांनाबाद, छोला मंदिर, निशातपुरा, तलैया, मंगलवारा, अशोकागार्डन, ऐशबाग, जहांगीराबाद, स्टेशन बजरिया, बैरसिया एवं नजीराबाद आदि क्षेत्रों में प्रतिबंधात्मक (धारा 144) लगाई गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में इससे पूर्व जिला प्रशासन ने किन-किन विवादग्रस्त भूमियों पर निर्माण कार्य प्रारंभ होने की दिशा में कर्फ्यू लगाकर पुलिस के संरक्षण में कब्जा दिलवाया जानकारी उपलब्ध कराएं तथा किस सक्षम न्यायालय द्वारा भूमि पर कब्जे दिलाये जाने संबंधी आदेश दिया गया था, उसकी जानकारी उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो पुलिस ने किसके आदेश पर कब्जा दिलाया। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या इससे पूर्व कभी भी कर्फ्यू लगाकर किसी भी विवादग्रस्त भूमि को किसी न्यास/संस्था को पुलिस संरक्षण में कब्जा नहीं दिलाया गया तो दिनांक 17.01.2021 को शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाकर बलपूर्वक कब्जा दिलाने वाले अधिकारी की जवाबदेही तय कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राजदेव न्यास है। (ख) कानून व्यवस्था की दृष्टि से दिनांक 17.01.2021 को पुलिस द्वारा कानून व्यवस्था ड्यूटी के दायित्वों का निर्वहन किया गया था, कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए धारा 144 लगाई गई थी। (ग) दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाई गई थी। कब्जा दिलवाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 144 केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाई गई थी जो पहले भी कई अवसरों पर लगाई गई है। कब्जा दिलवाने संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
ग्राम बसौडा अंतर्गत विद्युत मण्डल द्वारा बिजली सप्लाई
[ऊर्जा]
13. ( *क्र. 1459 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली अंतर्गत ग्राम बसौडा विकासखण्ड बैढ़न विधानसभा सिंगरौली में उक्त गांव में आधी आबादी को अपूर्ण विद्युत 10 घंटे दी जा रही है तथा कई बार विद्युत मण्डल अधिकारियों को जानकारी भी दी गयी है? यदि हाँ, तो शेष आधी आबादी को कब तक पूर्ण बिजली प्राप्त हो जाएगी? (ख) विद्युत मण्डल सिंगरौली द्वारा ग्राम बसौडा में आधी आबादी को पूर्ण विद्युत न मिलने का क्या कारण है? 24 घंटे विद्युत प्रदान कब तक की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन ग्राम बसौडा सहित विधानसभा क्षेत्र सिंगरौली के अंतर्गत कुछ क्षेत्र कृषि बाहुल्य क्षेत्र हैं। कृषि पंपों का भार अधिक होने के कारण, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत इन क्षेत्रों के लिये कृषि फीडर निर्मित किये गये थे, जिन पर नियमानुसार 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इन कृषि फीडरों के निकटस्थ स्थित घरों को भी तकनीकी/वित्तीय साध्यता के अनुरूप इन कृषि फीडरों से विद्युत कनेक्शन प्रदान कर 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में ग्राम बसौडा के 42 घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को उक्तानुसार कृषि फीडर से संबद्ध होने के कारण 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। भविष्य में विद्युतीकरण की योजना उपलब्ध होने तथा तकनीकी/वित्तीय साध्यता के अनुसार इस ग्राम के कृषि फीडर से संबद्ध उपभोक्ताओं को गैर-कृषि फीडर से संबद्ध कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु निर्णय लिया जायेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नियम विरूद्ध भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 2763 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय निकायों में 1 लाख एवं 20 हजार तक की कितनी नोटशीट/नस्तियों का एक माह में भुगतान करने के क्या नियम हैं? क्या न.पा. श्योपुर में नियम से अधिक भुगतान माह नवंबर-दिसंबर 2020 में किये गये हैं? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध किये गये भुगतान के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) क्या न.पा. श्योपुर में स्वच्छता अभियान के नाम पर दिवाल लेखन एवं बायपास पार्क में झूलों के नाम से 1-1 लाख रूपये की नोटशीट बनाकर लगभग 80 से अधिक नस्तियों का भुगतान एक ही कार्य पर टुकड़ों में विभक्त कर 1-1 लाख रूपयों की फर्जी नोटशीट तैयार कर नियम विरूद्ध भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो किस फर्म को कौन-कौन से कार्य का भुगतान किया गया है? उक्त नियम विरूद्ध भुगतान के लिये शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर जांच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) कलेक्टर जिला श्योपुर द्वारा न.पा. श्योपुर में अधिक राशि के भुगतान को टुकड़ों में विभक्त करने पर रोक लगाने संबंधी पत्र जारी होने के बाद से आज दिनांक तक न.पा. श्योपुर में 1-1 लाख रूपये से कम राशि के कितने भुगतान किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नियम विरूद्ध भुगतान किया गया है, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 अंतर्गत जारी लेखा एवं वित्त नियम 2018, के नियम 85 (1) एवं 85 (2) अनुसार, नियम प्रावधानित हैं, नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। नगर पालिका परिषद श्योपुर द्वारा माह नवम्बर-दिसम्बर 2020 में किये गये 1.00 लाख से कम राशि के भुगतानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है, जिसमें नियम विरूद्ध भुगतान परिलक्षित नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर पालिका परिषद श्योपुर द्वारा स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है, जिसमें नियम विरूद्ध एक ही कार्य को टुकडों में विभक्त कर 1-1 लाख रूपये की 80 से अधिक नस्तियों का भुगतान परिलक्षित नहीं होता है एवं बायपास पार्क में झूले लगाने के कार्य हेतु जेम पोर्टल के माध्यम से राशि रू. 4.53 लाख की निविदा आमंत्रित की गई है, जिसका प्रशासक संकल्प पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शास. महाविद्यालय मकरोनिया/नरयावली में आउटसोर्स से पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
15. ( *क्र. 1967 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया एवं शासकीय महाविद्यालय नरयावली में कितने पद स्वीकृत हैं? पदवार, संख्या सहित बतावें। (ख) शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया एवं नरयावली में वर्तमान में कितने पदों पर नियमित, संविदा एवं अन्य स्त्रोतों से पद पूर्ति की गई है? नाम सहित जानकारी देवें। (ग) यदि उपरोक्त महाविद्यालयों में वर्तमान में अनेक पद रिक्त हैं तो महाविद्यालय का संचालन सुचारू रूप से कैसे चल रहा है? महाविद्यालय द्वारा पद पूर्ति के संबंध में शासन से इस संबंध में कोई पत्राचार/पद पूर्ति हेतु अनुमति चाही गई है? जानकारी देवें। (घ) यदि हाँ, तो महाविद्यालय में रिक्त पदों को क्या आउटसोर्स से पद पूर्ति की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया में 33 तथा शासकीय महाविद्यालय नरयावली में 18 पद स्वीकृत हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) उपरोक्त महाविद्यालय में प्राध्यापकों के रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर कार्य संचालन सुचारू रूप से किया जाता है। जी हाँ। (घ) जी हाँ। आउटसोर्स के स्वीकृत रिक्त पदों की पूर्ति आउटसोर्स के माध्यम से की जाएगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मंदसौर में बाढ़ नियंत्रण हेतु नवीन पम्प स्टेशन की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 2898 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर में प्रतिवर्ष वर्षा ऋतु में बाढ़ से जानमाल की हानि होती है तथा शहर का बड़ा भूभाग बाढ़ की चपेट में रहता है, इसके लिए विभाग ने क्या कार्य योजना तैयार की? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के दिनांक 10 जून, 2010 का पत्र क्रमांक 37 जो प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को प्रेषित किया गया था, पर विभाग ने क्या कार्यवाही की? अवगत करायें। क्या मंदसौर की पुरानी बाढ़ नियंत्रण योजना वर्तमान परिदृश्य में शहर की आबादी को देखते हुए पूर्णत: फेल है? (ग) क्या नगर पालिका मंदसौर ने बाढ़ नियंत्रण के किये 14 करोड़ 39 लाख की कार्ययोजना विभाग को प्रेषित की थी? क्या भारत सरकार द्वारा प्रदत्त बाढ़ राशि में मंदसौर की उक्त कार्य योजना की सैद्धांतिक स्वीकृति भी हो चुकी है? यदि हाँ, तो नगर पालिका मंदसौर को राशि प्राप्त नहीं होने के क्या कारण हैं? (घ) मंदसौर की उक्त 14 करोड़ की नवीन कार्य योजना की स्वीकृति कब तक हो जायेगी? समय-सीमा बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। स्टेट डिज़ास्टर रिस्पांस फण्ड के अंतर्गत किला रोड नाला पंप हाउस तथा धूलकोट धानमण्डी पंप हाउस की कार्ययोजना तैयार की गई है। (ख) जी नहीं, अपितु पत्र क्र. 37, दिनांक 10 जून, 2020 प्रेषित किया गया है। स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फण्ड में कार्ययोजना शामिल की गई है। जी नहीं, अपितु बाढ़ नियंत्रण हेतु स्थापित पंप पुराने होने से उनकी क्षमता कम हो जाने के कारण पंप बदलने की कार्ययोजना बनाई गई है। (ग) जी हाँ। म.प्र. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, म.प्र. शासन गृह विभाग के पत्र द्वारा राज्य कार्यपालिक कार्यकारिणी समिति की बैठक दिनांक 05.09.2020 के कार्यवाही विवरण में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रस्तावों पर स्वीकृति का निर्णय लिया गया है, जिसमें नगर पालिका मंदसौर का प्रस्ताव भी शामिल है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पत्र दिनांक 04.11.2020 अनुसार एस.डी.आर.एफ. मिटीगेशन फण्ड के उपयोग के संबंध में भारत सरकार से अंतिम दिशा-निर्देश प्राप्त होने तक कार्यवाही स्थगित रखे जाने से स्वीकृति जारी नहीं की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेत खनन प्रकरणों में पुलिस बलों पर किये गये हमले की जाँच
[गृह]
17. (*क्र. 3059 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से 06.02.2021 तक चंबल एवं ग्वालियर संभाग में रेत खनन, परिवहन, भण्डारण व अन्य कितने मामलों में पुलिस बलों पर हमले व गोली चालन की घटनाएं हुईं? जिलावार जानकारी देवें। (ख) इनमें कितने प्रकरण कितने आरोपियों के विरूद्ध दर्ज किए गए? प्रकरण क्रमांक, आरोपी संख्या सहित देवें। (ग) दिनांक 06.02.2021 तक गिरफ्तार, फरार, जमानत प्राप्त आरोपियों की संख्या प्रकरणवार, जिलावार देवें? फरार आरोपी की गिरफ्तारी की प्रकरणवार समय-सीमा देवें। (घ) पुलिस बलों पर निरंतर हो रहे हमले व गोली चालन की घटनाओं पर सख्ती करने के संबंध में विभाग ने अब तक क्या कदम उठाए हैं? प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पुलिस बलों पर हमले व गोली चालन की घटनाओं को रोकने के लिये लगातार प्रतिबंधात्मक एवं वैधानिक कार्यवाहियां की जा रही हैं।
अनुसूचित जनजाति कोटे से शासकीय सेवा प्राप्त किये जाने की जाँच
[विधि और विधायी कार्य]
18. ( *क्र. 1495 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन विधि और विधायी कार्य विभाग के पत्र क्रमांक 2020/21-ब (एक)-774 दिनांक 29.02.2020 के द्वारा प्रमुख सचिव म.प्र. शासन आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल की ओर श्री राधेश्याम मडिया, तत्कालीन सी.जे.एम. झाबुआ वर्तमान में एडीजे कटनी के द्वारा कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर अनुसूचित जनजाति कोटे का उम्मीदवार-1 सिविल जल की नौकरी प्राप्त की है? (ख) क्या राधेश्याम मडिया के विरूद्ध तमाम गंभीर शिकायतें माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की ओर प्रेषित करने पर श्री मडिया द्वारा दिनांक 13.08.2020 को जिला जज कटनी के माध्यम से एडीजे की नौकरी से स्वैच्छिक त्यागपत्र प्रस्तुत किया है, तो बतावें कि त्याग पत्र स्वीकार किया जा रहा है अथवा श्री मडिया के विरूद्ध आरोपों की जांच के संबंध में कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शिकायत में मडिया की जन्म तिथि दिनांक 10.02.1960 को बदलकर दिनांक 10.02.1966 कर ली गई है, जिस कारण मडिया को दिनांक 10.02.2020 को सेवानिवृत्त करना था, जो नहीं किया गया क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उज्जैन जिलांतर्गत अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 2975 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने की शासन की क्या योजना है? इस हेतु क्या नियम/मापदण्ड अपनाये जा रहे हैं? शासन की किस वर्ष के पूर्व बनी अवैध कॉलोनियों को वैध करने की योजना है? शासन कब तक अवैध कॉलोनी को वैध घोषित करेगा? (ख) उज्जैन जिले में कितनी अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने हेतु शासन द्वारा कार्यवाही की जा रही है? तहसीलवार विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रदेश के नगरीय निकायों के सीमा क्षेत्र में विद्यमान अवैध कालोनियों के नियमितीकरण हेतु विधि संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण वर्तमान में योजना नहीं बनाई गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के समस्त फल्यों (मोहल्लों) में 24 घंटे विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
20. ( *क्र. 3043 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के किन-किन मोहल्लों (फल्यों) में 24 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं हो रहा है? उनकी सूची नाम, स्थान सहित देवें। (ख) कब तक इन क्षेत्रों (मोहल्ले/फल्यों) में 24 घंटे विद्युत प्रदाय प्रारंभ कर दिया जाएगा? समय-सीमा देवें। (ग) अभी तक इन क्षेत्रों (मोहल्ले/फल्यों) में 24 घंटे विद्युत प्रदाय प्रारंभ न होने के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) धार जिले के कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के 04 फल्यों/मजरों की अवस्थिति ग्राम के आबाद क्षेत्र से दूर होने के कारण, इनमें 24 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है। उक्त फल्यों/मजरों के संबंधित ग्राम के नाम एवं सेंसस कोड सहित फल्यों/मजरों की नामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन फल्यों/मजरों को निकटस्थ कृषि फीडर से 10 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है। भविष्य में विद्युतीकरण की योजना उपलब्ध होने एवं इन फल्यों/मजरों को गैर-कृषि फीडर से जोड़ने का कार्य तकनीकी/वित्तीय रूप से साध्य होने पर इन्हें गैर-कृषि फीडर में संबद्ध कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में विद्युतीकरण की विभिन्न योजनाओं के प्रावधानों के अनुसार ही कार्य संपादित किये गए हैं। अतः किसी के जिम्मेदार होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
मुरैना जिलांतर्गत दर्ज प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
21. ( *क्र. 1651 ) श्री राकेश मावई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के मुरैना जिले में दिनांक 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक हत्या, लूट, डकैती, अपहरण कर हत्या, फिरौती, नकबजनी, चोरी, नाबालिग बच्चियों से बलात्कार के कुल कितने प्रकरण दर्ज हुए? वर्षवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है? नाम सहित विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है तथा गिरफ्तारी न होने के क्या कारण हैं? आरापियों की गिरफ्तारी कब तक की जायेगी? (घ) क्या मुरैना जिले में विगत 1 वर्ष में क्राइम की बढ़ोत्तरी हुई है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सोलर विद्युत प्लांट की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
22. ( *क्र. 2903 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा विदुत उत्पादन हेतु सोलर प्लांट लगाये जाते हैं? हाँ तो प्लांट स्थापित करने हेतु क्या-क्या आवश्यकताएं होती हैं? (ख) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पर्याप्त शासकीय भूमि उपलब्ध होने के कारण सोलर विद्युत प्लांट लगाया जा सकता है? हाँ तो कब तक स्थापित होगा? नहीं तो क्यों नहीं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अंतर्गत विद्युत उत्पादन हेतु सौर ऊर्जा परियोजनाएं एवं सोलर प्लांट्स की स्थापना प्रतिस्पर्धात्मक निविदा के द्वारा चयनित निजी विकासकों एवं कंपनियों के माध्यम से कराई जाती हैं। सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के संबंध में लागू सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ऑफग्रिड एवं ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्लांट्स की स्थापना हेतु आवश्यकताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासकीय भूमि उपलब्ध होने पर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अंतर्गत आयुक्त कार्यालय के माध्यम से ''सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012'' के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी विकासक/सार्वजनिक उपक्रमों के माध्यम से परियोजना की साध्यता होने पर सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना की जा सकती है। वर्तमान में भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रातांर्गत शासकीय भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजना लगाने हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त अथवा लंबित नहीं है।
डबरा नगर में अमृत/जलावर्धन योजना के कार्यों में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 3100 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा नगर में अमृत योजना अंतर्गत क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये? इनकी वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? (ख) डबरा नगर की जल आवर्धन योजना का क्या-क्या कार्य पूर्ण हो चुका है? बार-बार पेयजल आपूर्ति बाधित होने के क्या कारण हैं? क्या बिना मापदण्डों के पालन किये घटिया निर्माण के कारण बार-बार पाईप लाइन फूटने से पेयजल आपूर्ति बाधित होती है? इससे सुचारू संचालन हेतु क्या व्यवस्था की जा रही है? (ग) डबरा नगर में अमृत योजना व जल आवर्धन योजना के कार्यों में हुए घटिया निर्माण व भारी भ्रष्टाचार की जांच क्या शासन उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाकर करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्ष 2011 में UIDSSMT योजनान्तर्गत जल आवर्धन योजना 1919.45 लाख की स्वीकृत योजना का कार्य वर्ष 2015 में पूर्ण हो चुका है। निर्माण कार्य के दौरान प्रत्येक कार्य एवं मटेरियल की निर्धारित आवृति में टेस्टिंग कराई गई है, निर्धारित मापदण्डों का पालन किया जाकर कार्य कराया गया है, योजनान्तर्गत डाली गई पाईप लाईन बार-बार क्षतिग्रस्त नहीं हो रही है और न ही जल आपूर्ति बाधित हो रही है। पाईप लाईन क्षतिग्रस्त होने की दशा में नगर पालिका की टीम के द्वारा तत्काल आवश्यक मरम्मत कराई जाकर निर्बाध जलप्रदाय किया जा रहा है (ग) डबरा नगर में UIDSSMT योजनान्तर्गत क्रियान्वित की गई जल आवर्धन योजना एवं अमृत योजनान्तर्गत क्रियान्वित की जा रही पेयजल योजना में निर्धारित गुणवत्ता अनुरूप कार्य कराये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वृद्धजनों व बेसहारा लोगों के साथ किये गये दुर्व्यवहार की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 2010 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के संज्ञान में है कि इंदौर में दिनांक 29.01.2021 को मुख्यमंत्री की 31 जनवरी, 2021 की यात्रा के मद्देनजर नगर निगम द्वारा ट्रक नं MP F 7622 में नि:शक्त वृद्धजनों को जानवर की तरह भरकर शहर से दूर गांव में छोड़ा गया? यदि हाँ, तो विभाग ने इस अमानवीय कृत्य पर क्या एक्शन लिया? (ख) यह कार्य जिस अधिकारी के कहने पर किया गया? उसका नाम तथा पद बतावें तथा उन नि:शक्तजनों का नाम तथा उम्र की सूची देवें। (ग) बतावें कि उन वृद्धजनों को कहां-कहां से कितने बजे ट्रक में भरकर लाया गया तथा कितने बजे किस गांव में छोड़ा गया? क्या गांव वालों ने इस कार्य का विरोध किया? यदि हाँ, तो उन्हें वापस किस दिनांक को कितने बजे किस वाहन से वापस कहां छोड़ा गया? (घ) क्या विभाग प्रत्येक प्रमाणित को पाँच-पांच हजार का मुआवजा रेड क्रॉस से दिलवायेगा? जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर फौजदारी प्रकरण दर्ज करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। मुख्यमंत्री जी की दिनांक 31 जनवरी, 2021 की यात्रा के मद्देनजर नगर निगम द्वारा ट्रक क्रमांक एम.पी. एफ 7622 में निःशक्त वृद्धजनों को जानवरों की तरह रखकर शहर से दूर गाँव में नहीं छोड़ा गया। सर्दी के दौरान प्रत्येक वर्ष की भांति असहाय/बुजुर्गों की सर्दी से सुरक्षा हेतु दिये गये निर्देश के क्रम में बेसहारा बुजुर्ग व्यक्तियों को निगम के रैन बसेरे में स्थानांतरित करने के निर्देश सबंधित अधिकारी/कर्मचारी को दिये गये थे, किन्तु बेसहारा एवं बुजुर्ग व्यक्तियों में से दो व्यक्तियों द्वारा आपसी कहा सुनी करते हुए रैन बसेरे में न जाने की इच्छा जताते हुए शिप्रा/देवास पहुंचाने का अनुरोध किया। संबंधित निगम कर्मियों द्वारा उन दो व्यक्तियों के साथ अन्य 04 बेसहारा व्यक्ति को भी रैन बसेरा पहुंचाने के स्थान पर उनके साथ शिप्रा/देवास ले जाया गया। जानकारी में आते ही समुचित नियंत्रण नहीं रखने के अभाव के कारण श्री प्रताप सिंह सोलंकी, उपायुक्त एवं प्रभारी रैन बसेरा को कार्यालयीन आदेश क्रमांक 1366, दिनांक 29.01.2021 को निलंबित किया जाकर इनका मुख्यालय संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तत्काल किया गया। इसके अतिरिक्त घटना में लापरवाही पूर्वक कार्य करने एवं बिना सक्षम स्वीकृति के निगम वाहन में बैठाने व उतारते समय बरती गई लापरवाही के लिये कमशः श्री ब्रजेश लश्करी, श्री विश्वास बाजपेई, श्री जितेन्द्र तिवारी, श्री अनिकेत कारोले, श्री राज परमार, श्री गजानंद मेघवंशी, श्री राजेश चौहान एवं श्री सुनील सुरागे सभी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को निगम कार्य/हाजरी से मुक्त करते हुए सेवा से पृथक किया गया। (ख) जी नहीं। कार्य के प्रति समुचित नियंत्रण नहीं रखने तथा घटित घटना को दृष्टिगत रखते हुए प्रश्नांश (क) के अनुसार उपायुक्त स्तर के प्रभारी रैन बसेरा को निलंबित किया जाकर मुख्यालय संचालनालय, भोपाल किया गया है। शेष कर्मचारी जो इस कार्य में संलग्न पाये गये उनकी सेवा समाप्त कर सेवा से पृथक किया है। नाम संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित बिन्दुओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार के कॉलमों अनुसार यह सही है कि घटना वाले स्थान पर गांव वालो ने इसका विरोध किया था। (घ) तीन बेसहारा व्यक्तियों के बीमार पाये जाने पर अरबिन्दों इंस्टीटयूट ऑफ साईंस में भर्ती कराकर उपचार उपरांत वृद्धाश्रम में शिफ्ट कराया गया है। रेडक्रॉस से सहायता दिये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। घटना के लिये उत्तरदायी पाये गये उपायुक्त एवं प्रभारी, रैन बसेरा को निलंबित किया जाकर विभागीय जांच कायम की गई है। शेष 08 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को निगम कार्य/हाजरी से मुक्त किया गया। उपरोक्तानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा चुकी है। फौजदारी प्रकरण दर्ज कराने की वर्तमान में आवश्यकता नहीं है। आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जावेगी। इस कारण शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
विद्युत विभाग द्वारा उपकरणों का क्रय
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 2865 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वितरण कंपनियों में वर्ष 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने पावर ट्रांसफार्मर क्रय वार्षिक संधारण किया गया है, जिसमें ऑर्डर वैल्यू दिये गये एस्टीमेट वैल्यू से अधिक हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जो सामग्री क्रय की गई है, उसके टेण्डर कब जारी किये गये? किन-किन लोगों ने टेण्डर जमा किये तथा किन-किन संस्थाओं/व्यक्तियों को सामग्री क्रय करने हेतु ऑडर दिये गये? क्या इसके पूर्व निविदाकर्ताओं की सामग्री की गुणवत्ता की जांच की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई? किस आधार पर निविदा ऑर्डर दिये गये? कितनी-कितनी सामग्री कितनी राशि से क्रय की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जो सामग्री क्रय की गई है? उसमें गुणवत्ताहीन पाये जाने पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है एवं किन-किन संस्थाओं/व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है तथा कितनी राशि की कितनी सामग्री गुणवत्ताहीन पाई गई? गुणवत्ताहीन सामग्री क्रय करने के लिए दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 265, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 120 एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 86 ऐसे पावर ट्रांसफार्मर क्रय किये गये हैं, जिसकी ऑर्डर वेल्यू दिये गये एस्टीमेट वेल्यू से अधिक है। वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 में माह जनवरी 2021 तक पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा संधारित किये गये पावर ट्रांसफार्मरों की वर्षवार संख्या क्रमश: 6904, 7157 एवं 7309 है। (ख) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन सामग्री के क्रय हेतु जारी किये गये टेण्डर की दिनांकवार एवं टेण्डर में भाग लेने वाली फर्मों की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-I', 'अ-II', 'अ-III' अनुसार है एवं फर्मों को सामग्री क्रय करने के आदेशवार जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-I', 'ब-II', 'ब-III' अनुसार है। क्रय करने हेतु आदेश जारी करने के पूर्व निविदाकर्ताओं की सामग्री की जाँच नहीं की जाती, अपितु निविदाकर्ताओं से सामग्री क्रय करने के लिए टेण्डर में निहित योग्यता मापदण्ड (Qualifying Criteria) अनुसार उनके द्वारा प्रस्तुत तकनीकी योग्यता संबंधी दस्तावेजों, एन.ए.बी.एल. टाईप टेस्ट रिपोर्ट, एन.ए.बी.एल. टाईप टेस्ट ड्राइंग, तकनीकी योग्यता, वांछित आपूर्ति अनुभव तथा वित्तीय अहर्ता इत्यादि शर्तें पूर्ण करने पर ही कार्यादेश जारी किये जाते हैं। निविदा शर्तों के अनुसार योग्य फर्मों में से प्रस्तावित न्यूनतम दर के 10 प्रतिशत प्राइस बैंड में आने वाली फर्मों की सहमति के उपरांत तीन फर्मों को 50 प्रतिशत, 30 प्रतिशत एवं 20 प्रतिशत के अनुपात में सामग्री के क्रय आदेश जारी किए जाते हैं। उल्लेखनीय है कि सामग्री की गुणवत्ता की जाँच क्रय आदेश की शर्तों के अनुसार पहले फर्म के परिसर में तथा बाद में वितरण कंपनियों के स्टोर में आने के बाद निर्धारित सक्षम लेबोरेटरी में भी की जाती है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के सन्दर्भ में तीनों वितरण कंपनियों में जो सामग्री क्रय की गई है, उसमें प्राप्त सामग्री का टेण्डर के निहित प्रावधानों एवं क्रय आदेशों की शर्तों के अंतर्गत किये गये परीक्षण में सही पाई गई है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
हटा
नगर वृहद जल
प्रदाय योजना
की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 55 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत वृहद जल प्रदाय योजना कब स्वीकृत की गई थी प्रशासीय स्वीकृति सहित राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावें। साथ ही कार्य एजेंसी के नाम सहित कार्य की स्थिति की जानकारी दी जावे। (ख) हटा नगर में पाईप लाईन विस्तार कार्य किस एजेंसी के माध्यम से किया जा रहा हैं एवं कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं खोदी गई नगर की सड़के क्या चलने योग्य है भ्रमण उपरांत शिकायतों के आधार पर सड़कों को खोद कर रख दिया है एवं सिर्फ मिट्टी डाली गयी है जिससे सड़के नगर की क्षतिग्रस्त एवं चलने योग्य नहीं बची है। एजेंसी से ही उक्त कार्य कराये जाने एवं कार्यवाही करने के निर्देश प्रदाय कब तक किये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हटा नगर में पाईप लाइन विस्तार कार्य मेसर्स जय वरूढी कन्सट्रक्शन कंपनी एवं मेसर्स रंजीत बिल्डकॉन लि. (जे.व्ही.) द्वारा किया जा रहा है, पाइप लाइन विस्तार कार्य जल प्रदाय योजना के मूल कार्य में ही सम्मिलित है, एवं योजना हेतु राशि रू. 38.38 करोड़ स्वीकृत की गई है। सड़के चलने योग्य हैं, पाईप लाईन बिछाने के पश्चात् एजेंसी द्वारा अस्थाई/स्थाई रोड रेस्टोरेशन का कार्य अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार निरंतर कर सड़कों को आवागमन योग्य रखा जाता है, एवं एजेंसी को पाईप लाईन बिछाने के पश्चात् रोड के रेस्टोरेशन के लिये निर्देश जारी किये गये हैं।
सड़क दुर्घटना में मृत्यु
[गृह]
2. ( क्र. 91 ) श्री रामपाल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में 1 जून 19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में सड़क दुर्घटना में किन-किन की मृत्यु कब-कब हुई तथा कौन-कौन घायल हुए? ज्ञात एवं अज्ञात वाहन सहित विवरण दें। (ख) क्या रायसेन जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग (एन.एच.), राज्य मार्ग (एस.एच.) मुख्य जिला मार्ग तथा प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों पर अनेक 'ब्लैक स्पाट' है जिन पर अधिकांश दुर्घटनायें होती है? यदि हाँ, तो उनको सुधरवाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रश्नांश (ख) के संबंध में क्या-क्या निर्देश दिये गये है? उक्त निर्देशों के पालन में रायसेन जिले में क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) के मार्गों पर 'ब्लैक स्पाट' तथा दुर्घटना ग्रस्त क्षेत्रों के सुधार हेतु प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र मान.मंत्री जी तथा कलेक्टर रायसेन को कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। 22 ब्लैक स्पाट चिन्हित है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। उक्त ब्लैक स्पॉटों के संबंध में जिला कलेक्टर कार्यालय रायसेन को पत्र दिनांक 22.02.2019, दिनांक 13.12.2019 के द्वारा लोक निर्माण विभाग रायसेन, प्रबंधक एन.एच., प्रबंधक एस.एच. एजेंसीज से रोड निर्माण, मरम्मत, सुधार कार्य एवं ब्लैक स्पॉट परिशोधन कार्य किया गया है। (ग) माननीय सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी द्वारा ब्लैक स्पॉट चिन्हित के उपरान्त परिशोधनात्मक एवं सुधारात्मक कार्य जैसे क्रेश बेरियर, रम्बल स्ट्रिप्स, रोड साइनेजेस, रोड साइन बोर्ड स्थापित करने के संबंध में निर्देश दिये गये हैं साथ ही जिन स्थानों पर अत्यधिक दुर्घटनायें हुई हैं उनके सुधार उपरान्त पोस्ट ऑडिट एवं निरंतर पर्यवेक्षण करने हेतु निर्देश दिये गये हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी द्वारा समय-समय पर सुधारात्मक कार्यों का मॉनीटरिंग का प्रगति प्रतिवेदन का निर्देश दिया गया एवं सुधार किये गये स्थलों को चिन्हित कर पूर्व एवं पश्चात सड़क दुर्घटनाओं एवं दुर्घटना में हुई मृत्यु में क्या अन्तर आया है इसका अवलोकन कर वास्तविक स्थिति प्रतिवेदन से अवगत कराये जाने बावत् निर्देश दिया गया है। किसी सड़क दुर्घटना में 2 या 2 से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु होने पर एसडीओ (पी)/अति.पु.अ./पु.अ. द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण किया जाता है। यातायात जागरूकता अभियान स्कूल/कॉलेज/व्यवसायिक प्रतिष्ठान, आम जनता में यातायात रथ के माध्यम से चलाकर प्रचार-प्रसार किया जाता है। ब्लैक स्पॉट पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने हेतु सांकेतिक बोर्ड/रोड/निर्माण/रोड मरम्मत/लाईट की व्यवस्था समुचित रोड निर्माण एजेंसी से कराई जाकर एक्सीडेंट की घटना में मृत्यु में कमी के प्रयास किये जाते हैं। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कोई भी पत्र कलेक्टर रायसेन को प्राप्त नहीं हुआ है। माननीय विधायक के पत्र संबंधी जानकारी कार्यालयीन रिकार्ड में उपलब्ध नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास किश्त का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 94 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत स्वीकृत किन-किन के आवास क्यों अपूर्ण है? (ख) क्या द्वितीय एवं तृतीय किश्त का भुगतान न होने के कारण बड़ी संख्या में आवास अपूर्ण है? यदि हाँ तो किश्त के भुगतान हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) कब तक किश्त का भुगतान होगा? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन माध्यमों से कब-कब सूचना प्राप्त हुई तथा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्तमान स्थिति में 7804 आवास प्रगतिरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। योजनान्तर्गत किश्तों का भुगतान भौतिक प्रगति पर आधारित होता है, तदनुसार द्वितीय किश्त का भुगतान प्रत्येक डी.पी.आर. के लिंटल स्तर तक 70 प्रतिशत हितग्राहियों की भौतिक प्रगति के आधार पर तथा तृतीय किश्त का भुगतान प्रत्येक डी.पी.आर. के 90 प्रतिशत हितग्राहियों के द्वारा कार्य पूर्ण किये जाने के उपरांत किये जाने का प्रावधान है। योजनान्तर्गत द्वितीय व तृतीय किश्त भारत सरकार से प्राप्त होना है, इसके लिये अपेक्षित प्रगति प्राप्त कर किश्त प्राप्त करने के निरन्तर प्रयास किये जा रहे है। (ग) योजना के अन्तर्गत भवनों का निर्माण हितग्राहियों द्वारा स्वयं किया जाता है तथा योजना के प्रगति के अनुसार निकाय द्वारा की गई भौतिक प्रगति की जिओ टेगिंग के आधार पर योजना के प्रावधान अनुसार भारत सरकार द्वारा राशि प्रदान की जाती है। किश्तों के भुगतान के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
बुरहानपुर शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, का संचालन
[आयुष]
4. ( क्र. 158 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पं. शिवनाथ शास्त्री शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, बुरहानपुर में किन-किन संवर्ग के कितने-कितने पद स्वीकृत है कि सूची प्रदान करें। उन पदों के विरूद्ध कितने पद भरे है, कितने पद रिक्त हैं? (ख) उक्त महाविद्यालयों में कितने पद प्रतिनियुक्ति पर किन-किन स्थानों पर कार्यरत है, उनकी सूची प्रदान करें। (ग) उक्त महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) व्याख्याता के पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है।
तालाब के घाट निर्माण एवं सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 510 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र मुलताई जिला बैतूल के मुलताई नगर के सूर्यनारायण तालाब एवं विरूल बाजार रोड स्थित तालाब के घाट निर्माण एवं सौंदर्यीकरण हेतु कोई राशि वित्तीय वर्ष 2019-20 में स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त राशि संबंधित निकाय को जारी की जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया गया है? यदि नहीं, तो क्या उक्त स्वीकृति आदेश निरस्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब प्रति उपलब्ध कराएं एवं निरस्त करने का कारण बताएं। (ग) यदि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृति आदेश निरस्त किया गया है तो क्या पुन: प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों के लिए पुन: राशि स्वीकृत की जाकर कार्य प्रारंभ कराया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। दिनांक 09.06.2020 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना का तृतीय चरण वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक चार वर्षों के लिए स्वीकृत है। नगर पालिका परिषद मुलताई को योजना अंतर्गत सैद्धांतिक स्वीकृति वित्त वर्ष 2019-20 में जारी होने से उक्त स्वीकृति को निरस्त किया गया है। (ग) जी नहीं। नगर पालिका परिषद मुलताई द्वारा अन्य कार्य का प्रस्ताव दिनांक 15.02.2021 को प्रस्तुत किया गया है।
इन्दौर स्थित नेहरू नगर की जर्जर हो चुकी 11 मल्टी के पुनर्निमाण
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 680 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में हाउसिंग बोर्ड द्वारा लगभग 40 वर्ष पूर्व नेहरू नगर में 11 मल्टियों का निर्माण कराया गया था। (ख) यदि हाँ, तो क्या यह मल्टियाँ जर्जर स्थिति में आ गई है? क्या हाउसिंग बोर्ड द्वारा न लाभ न हानि के आधार पर इसका पुननिर्माण का प्रस्ताव दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उसके स्वीकृति के आदेश कब जारी किए जावेगें? मल्टियों का पुनर्निर्माण कार्य कब प्रारंभ होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उक्त बहुमंजिला भवन जर्जर हो गये हैं तथा नगर पालिक निगम इंदौर के पत्र क्र. 227, दिनांक 13.06.2018 द्वारा नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 310 के तहत खतरनाक एवं अधिवास हेतु असुरक्षित घोषित किये गये हैं। म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा पुनर्निर्माण का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है। (ग) जी नहीं। मण्डल द्वारा उक्त मल्टियों के आवंटियों के साथ निष्पादित विक्रय विलेख की कंडिका-10 के अनुसार आवंटियों की समिति द्वारा पुनर्निर्माण हेतु आवेदन करने पर कार्यवाही की जा सकती है।
ग्राम पंचायत मझगवां को नगर पंचायत बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 686 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी ने सतना जिले के मझगवां विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मझगवां को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मझगवां को नगर पंचायत बनाने में देरी के लिए क्या किसी अधिकारी/कर्मचारी या विभाग की जिम्मेदारी तय की गई थी? (ग) मझगवां को कब तक नगर पंचायत का दर्जा मिल पायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बैतूल के अंतर्गत मासोद में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
8. ( क्र. 749 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र मुलताई जिला बैतूल के अंतर्गत मासौद में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा किस-किस दिनांक को शासन को पत्र लिखा गया एवं उस पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या आमजन की मांग पर मासौद में उच्च शिक्षा अध्ययन हेतु दिनांक 23 फरवरी 2020 को तत्कालीन मंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी म.प्र. शासन द्वारा नवीन महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा भी की गई थी? (ग) मासौद से बैतूल जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय कितनी-कितनी दूरी पर संचालित हो रहे हैं? (घ) क्या उक्त क्षेत्र के अनुसूचित जाति, जनजाति पिछड़ा वर्ग बाहुल्य छात्रों की उच्च शिक्षा को ध्यान में रखते हुये मासौद, जिला-बैतूल में शासकीय महाविद्यालय आगामी शैक्षणिक सत्र 2021-22 से प्रारंभ किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पत्र क्रमांक 208/मं/लो.स्वा.या./19 दिनांक 02.01.2019 को प्राप्त हुआ। प्रकरण में कार्यालयीन पत्र दिनांक 10.04.2019 द्वारा क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, भोपाल-नर्मदापुरम संभाग से जानकारी प्राप्त की गयी। (ख) इस घोषणा से संबंधित जानकारी संज्ञान में नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मासौद में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु निर्धारित विभागीय मापदण्डों की पूर्ति नहीं हो रही है। अत: वहां सत्र 2021-22 में महाविद्यालय प्रारंभ करने की योजना नहीं है।
पानी निकासी हेतु सीवर लाइन एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 1096 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद चाकघाट अन्तर्गत जनसंख्या घनत्व के उपयोगिता की दृष्टि से नगर परिषद के 15 वार्डों में पानी निकासी के लिए सीवर लाइन निर्माण की एवं दूषित पानी के शोधन के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना के लिए विभाग की क्या कार्ययोजना है यदि नहीं, तो क्या लोकहित में वांछित समस्या समाधान की योजना का निर्धारण शीघ्र किया जायेगा। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रत्युत्तर में समस्या के समाधान की वांछित कार्ययोजना के निर्धारण की स्थिति स्पष्ट करते हुये योजना के स्वीकृत एवं क्रियान्वयन की स्थिति स्पष्ट की जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) प्रत्युत्तर में योजना के क्रियान्वयन की वास्तविक समय-सीमा भी बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्तमान में कोई कार्ययोजना विचाराधीन नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सौभाग्य योजना अन्तर्गत मीटरिंग
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 1125 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सौभाग्य योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा सौ फीसदी मीटरिंग की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ तो म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना में हुये घोटाले के कारण अभी भी पाँच लाख से ज्यादा घर बिजली से वंचित है जिसमें अलीराजपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र क्र. 191 अलीराजपुर के कितने राजस्व ग्राम सम्मिलित हैं? राजस्व ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अलीराजपुर जिले में अभी भी कितने घर हैं जो बिजली से वंचित है? राजस्व ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त घोटाले में किस-किस दोषी अधिकारी पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु सौभाग्य योजना के अंतर्गत योजना के प्रावधानों/दिशा-निर्देशों के अनुसार चिन्हित सभी पात्र हितग्राहियों के आवासों को घरेलू विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना था। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत सौभाग्य योजना में कोई भी अनियमितता संज्ञान में नहीं आई है। अलीराजपुर जिले के अलीराजपुर विधानसभा क्षेत्र सहित म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अनुसार समस्त राजस्व ग्रामों सहित सभी बसाहटों के पात्र हितग्राहियों को घरेलू विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करा दिये गये हैं, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विश्राम गृह चौराहे का नामकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 1368 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खिलचीपुर नगर परिषद जिला राजगढ़ के पारित प्रस्ताव क्र 167 (9) दिनांक 07.08.2013 के अनुसार नामकरण एवं मूर्ति स्थापना के लिए विभाग को कनिष्ठ से वरिष्ठ स्तर तक 2013 से प्रश्न दिनांक तक आवक जावक रिकार्ड अनुसार माननीय मंत्री, सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के पत्र कब-कब किते प्राप्त हुए एवं पत्रों पर क्या कार्यवाही किस-किस स्तर पर की गई? नहीं तो क्यों नहीं विलंब का कारण? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार कलेक्टर जिला राजगढ़ को भी वर्ष 2013 से अब तक किन-किन के कितने पत्र रिकॉर्ड अनुसार कब-कब प्राप्त हुए? क्या कार्यवाही की गई? विलम्ब होने का कारण क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) प्रकरण किस स्तर पर लंबित है? 7 वर्षों से लंबित रहने का क्या कारण है? प्रकरण में शासन स्तर पर सभी औपचारिकतायें पूर्ण कर नामकरण एवं मूर्ति स्थापना कब तक हो जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कलेक्टर जिला राजगढ़ से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2013 से लेकर प्रश्न दिनांक तक सांसद/विधायक एवं जनप्रतिनिधियों के कोई पत्र प्राप्त नहीं हुये है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर परिषद, खिचलीपुर के वार्ड क्रमांक 14 स्थित विश्राम गृह मार्ग एवं चौराहे का नामकरण स्व.श्री सत्यनारायण जी शर्मा (दादा) के नाम पर किया गया है, एवं मूर्ति स्थापना हेतु स्थल का चयन किया जा चुका है, शेष कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सारंगपुर में हुई चोरी की घटनाएं के दर्ज प्रकरण
[गृह]
12. ( क्र. 1369 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारंगपुर नगर में माह जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी चोरी के प्रकरण दर्ज किये गये है? उनके विरुद्ध कितने प्रकरण में अपराधी पकड़ाये गये है तथा कितने प्रकरणों में अपराधियों की तलाश जारी है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित शेष प्रकरणों में दर्ज प्रकरण क्रमांक अनुमानित चोरी की राशि, चोरी का विषय आदि की जानकारी बतावें? क्या उक्त प्रकरणों में विभाग द्वारा प्रभावी कार्यवाही कर अपराधी के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सारंगपुर नगर, जिला राजगढ़ में चोरी के कुल 57 प्रकरण दर्ज किये गये। कुल 22 प्रकरणों में अपराधी पकड़ाये गये हैं। कुल 05 प्रकरणों में अपराधियों की तलाश जारी है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरणों में आपराधियों के विरूद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
घटिया स्तर के विद्युत उपकरण लगाने की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 1379 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका सतना में रजिस्टर्ड फर्म श्री साईनाथ एसोसियेट्स, कृष्णा काम्पलेक्स, सिंधी कैम्प, सब्जी मण्डी रोड, सतना म.प्र. जिसकी जी.एस.टी. क्र. 23AZVPS9017P1ZB है को 01.04.2018 से प्रश्नतिथि तक किस-किस स्थान के, कितनी-कितनी राशि के, किस-किस प्रकार के, क्या-क्या कार्य, किस दर पर करने वर्क आर्डर जारी किये गये? जानकरी वर्षवार कार्यवार उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं वर्णित कार्यों के लिये उक्त फर्म को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? माहवार/वर्षवार/भुगतान की गई राशि की जानकारी कार्यवार उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं वर्णित कार्यों का स्थल पर भौतिक सत्यापन किस-किस नाम/पदनाम के उपयंत्रियों/सहायक यंत्रियों (एस.डी.ओ.)/कार्यपालन यंत्री/अन्य के द्वारा किया गया? जारी सभी गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों का विवरण कार्यवार उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार जिन स्थानों पर नये पोल,लाईंटें,तार अन्य सामग्री लगी उस स्थान पर पूर्व में लगे पोल, तार, लाईंटें (हैलोजन एवं ट्यूब लाईंटें) + अन्य सामग्रियों को नगर पालिका निगम के स्टोर में कितने-कितने नग कब-कब जमा कराया गया? स्टोर में जमा हुई सामग्रियों की नामवार/संख्यावार/मदवार/दिनांकवार/ माहवार/वर्षवार सूची उपलब्ध करायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के सरल क्रमांक 01 एवं सरल क्रमांक 04 में उल्लेखित कार्य स्थलों पर, पूर्व में लगी सामग्री को स्टोर में जमा कराया गया है। शेष कार्य स्थलों पर, पूर्व में कोई सामग्री स्थापित नहीं थी। स्टोर में जमा सामग्री की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 1380 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि प्रश्नकर्ता के द्वारा आयुक्त नगर पालिक निगम को अपने पत्र क्रमांक 339 दिनांक 01.02.2021 से पत्र प्रेषित किया है? अगर हाँ तो पत्र प्राप्त होने के पश्चात किस-किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से नगर पालिक निगम सतना में जारी वर्क आर्डरों पर किस नाम/पदनाम के अधिकारियों को जांच बाबत् आदेशित किया है? वर्क आर्डरवार जांच अधिकारियों की सूची दें। क्या नगर पालिक निगम ने जो वर्क आर्डर जारी किये थे क्या उन वर्क आर्डरों के कार्य की मेसरमेंट बुक/भौतिक सत्यापन/पोलो का मापदण्ड/मानदण्ड/वेरीफिकेशन गुणवत्ता/स्पेसीफिकेशन इन्हीं नाम/पदनाम के अधिकारियों ने कर भुगतान के लिये एन.ओ.सी./ओ.के. प्रमाण पत्र जारी किया था? कार्यवार/भुगतानवार/हस्ताक्षर करने वालों के नाम/पदनामवार/माहवार/वर्षवार सूची दें। (ख) क्या यह सत्य है कि शहर के निवासियों को टैक्स के पैसों को नगर पालिक निगम के बिजली विभाग के यंत्री ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर करोड़ों रूपयों के शासकीय धन राशि को खुर्द-बुर्द नहीं कर रहे हैं? क्या ट्यूबलर पोल जो घटिया स्तर के हैं और सैकड़ों जगह टूट गये हैं निर्धारित मापदण्ड के भी नहीं है उन्हें आयुक्त नगर पालिक निगम सतना ने स्पाट इंसपेक्शन कर देखा? अगर हाँ, तो कब-कब? दिनांक एवं आयुक्त द्वारा जारी स्पाट पर की गई टिप्पणी/गुणवत्ता/उपयोगिता प्रमाण पत्रों की एक-एक स्थलवार प्रति उपलब्ध करायें। (ग) राज्य शासन कब तक उक्त स्तरहीन कार्यों पर ठेकेदार एवं निगम के विद्युत विभाग के अधिकारियों (नाम/पदनाम दें) के विरूद्ध प्रकरण ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज करवायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 03/02/2021 को प्रभारी अधिकारी, श्री अशोक चतुर्वेदी को नियमानुसार कार्यवाही के लिए पत्र भेजा गया है। जी हाँ, जाँच बावत प्रभारी अधिकारी श्री अशोक चतुर्वेदी एवं अन्य द्वारा भुगतान के लिए भौतिक सत्यापन किया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित नगर निगम के विद्युत यंत्री शासकीय धनराशि को खुर्द-बुर्द नहीं कर रहे हैं। नगर निगम सतना द्वारा पोल स्थापना के लिये विहित मापदण्डों का उल्लेख कर निविदा आहुत की जाती है। नगर पालिक निगम सतना द्वारा निर्धारित मापदण्ड का पालन करते हुये, पोल स्थापित कराये गये है, पोल के घटिया या टूटे होने की शिकायत नगर पालिक निगम सतना के संज्ञान में नहीं होने से आयुक्त नगर पालिक निगम सतना द्वारा स्थल निरीक्षण नहीं किया गया है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैतूल जिले के किसानों द्वारा थानों में दिये गये आवेदनों पर कार्यवाही
[गृह]
15. ( क्र. 1435 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के किसानों द्वारा जिले के विभिन्न थानो में प्रभारी उपसंचालक उद्यानिकी जिला बैतूल डॉ. आशा उपवंशी पर धोखाधड़ी किए जाने हेतु आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु आवेदन दिये गये है? यदि हाँ तो यह आवेदन किस-किस दिनांक को किन-किन थानो में दिये गये। थानों के नाम सहित बतावें। (ख) किसानों द्वारा दिये गये आवेदनों को आधार बनाकर क्या संबंधित के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई? यदि हाँ तो एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्ध करावे यदि नहीं, तो कारण बतावे। (ग) किसानों के आवेदनों/दर्ज की गई एफ.आई.आर. पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[आयुष]
16. ( क्र. 1439 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय आयुष मध्य प्रदेश के पत्र क्रमांक एफ -410/20/03/शिकायत 558-62 दिनांक 18/12/2020 के तहत जांच कमेटी बनाई गई है। हाँ अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ तो क्या जांच कमेटी ने अधिकारियों को दोषी पाया। जांच की प्रति उपलब्ध कराये? (ग) यदि हाँ तो दोषी अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही हुई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई तथा कब तक की जावेगी।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मस्टर एवं संविदा पर रखे गये कर्मचारियों की सेवा शर्तें
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 1477 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम ग्वालियर एवं नगर पालिका शिवपुरी में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक दैनिक मजदूर, मस्टर रोल एवं संविदा आधार पर किस-किस कार्य एवं पद में किस-किस को रखा गया है उनकी सेवा शर्त क्या है तथा किसके आदेश से किस अवधि तक के लिये रखा गया है? उनका नाम, पिता/पति/जन्म तिथि/रखने का दिनांक/पद/देय मजदूर/मानदेय अंकित कर सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्य एवं अवधि में रखे गये श्रेणीवार कर्मचारियों के नियुक्ति संबंधी नियुक्ति के पूर्व क्या नगर निगम एवं नगर पालिका में प्रस्ताव पारित कर संबंधित समिति से अनुमोदन लिया गया है? यदि हाँ, तो पारित प्रस्ताव अनुमोदन की प्रति के साथ जानकारी देवें? यदि बिना प्रस्ताव पारित किये व अनुमोदन लिये उक्त लोगों को रखा गया है तो कौन-कौन दोषी है? उन पर कब क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संबंध में रखे गये लोगों के नियोक्ता कौन था क्या उसे नियुक्ति/रखने का अधिकार था? यदि हाँ तो शासनादेश/नियम की प्रति के साथ जानकारी देवें तथा नियोक्ता का मूल मद/कार्य/विभाग क्या है तथा वर्तमान में वह किस पद प्रभार में कार्य कर रहा है? क्या उक्त नियुक्ति से संबंधित जांच दल गठित कर जांच करा देंगे? (घ) यदि प्रश्नांश (क) के रखे गये कर्मचारियों को प्रश्नांश (ग) के नियोक्ता को अधिकार नहीं था या बिना प्रस्ताव पारित व अनुमोदन के रखा गया है तो दोषी के विरूद्ध कब क्या दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे तथा शासन को हुई वित्तीय हानि की वसूली संबंधित से करायेंगे? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम ग्वालियर में रखे गये श्रमिक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं नगरपालिका परिषद शिवपुरी में रखे गये दैनिक वेतन भोगियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। बिना किसी सेवा शर्त के रखा गया है। (ख) नगरपालिक निगम ग्वालियर में सक्षम प्राधिकारी आयुक्त नगरपालिक निगम की स्वीकृति से रखे गये हैं तथा नगरपालिका परिषद शिवपुरी में प्रेसीडेंट इन काउंसिल द्वारा पारित प्रस्ताव अनुसार रखे गये हैं। प्रस्ताव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगरपालिक निगम ग्वालियर में आयुक्त नगरपालिक निगम की सक्षम स्वीकृति से एवं नगरपालिका परिषद शिवपुरी में प्रेसीडेंट इन काउंसिल की स्वीकृति से रखे गये हैं। नगरपालिक निगम में पदस्थ तत्कालीन आयुक्त की पदस्थापना कलेक्टर जिला खंडवा के पद पर है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों के खेतों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
18. ( क्र. 1478 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र करेरा में अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं में किन-किन गांवों एवं कितने किसानों के खेतों में विद्युतीकरण का कार्य कराया गया हैं तथा उनमें से कितने कार्य पूर्ण है और अपूर्ण हैं? ग्रामवार, एवं किसानों की संख्यावार जानकारी देंवे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कराये गये कार्यों में किस-किस गांव एवं किसान के यहां कितने क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाने का प्रावधान था तथा कितने क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाये गये है? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के स्वीकृत लाईन एवं ट्रांसफार्मरों में कितने ऐस ट्रांसफार्मर है, जो तकनीकी स्वीकृति नक्शा में चिन्हित स्थान में व क्षमता से कम लगाये गये है? सूची देवें तथा वर्तमान में कितने ऐसे ट्रांसफार्मर है, जो खराब व जले हैं? जिस कारण विद्युत लाईन का प्रवाह बंद है? सूची दें। उक्त जले ट्रांसफार्मर कब तक बदल कर लाईन चालू कर दी जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के गलत स्थान व लोकल ट्रांसफार्मर लगाने वाले कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी दोषी है तथा उन पर कब क्या कार्यवाही करेंगे? क्या गुणवत्ताविहीन व गलत स्थान तथा कम/अधिक क्षमता के लगाये गये ट्रांसफार्मरों की जांच करायेगें? यदि हाँ तो कब किस अधिकारी से?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र करैरा में अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक केवल ''स्वयं का ट्रांसफार्मर'' योजना के अंतर्गत 353 कृषि पम्प कनेक्शनों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया गया है। उक्त सभी कार्य पूर्ण हैं। उक्त कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गई ग्रामवार कृषकों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कराये गये सभी कार्यों में 25 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाये जाने का प्रावधान था एवं सभी 353 कार्यों में 25 के.व्ही.ए. क्षमता के ही ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार सभी स्वीकृत ट्रांसफार्मर एवं विद्युत लाईनों का कार्य तकनीकी स्वीकृति के अनुरूप किया गया है, जिसमें नक्शे में चिन्हित स्थान पर ही 25 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं। स्वयं का ट्रांसफार्मर योजनान्तर्गत लगाये गये ट्रांसफार्मर फेल होने पर कृषकों द्वारा स्वयं ही बदलवाये जाते हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार ''स्वयं का ट्रांसफार्मर'' योजना में स्वीकृत कार्यों को कृषक द्वारा चयनित 'अ' श्रेणी विद्युत ठेकेदार के माध्यम से कृषक के व्यय पर पूर्ण किया जाता है। उक्त योजना के अंतर्गत क्रियान्वित कार्यों की गुणवत्ता मानक स्तर के अनुरूप नहीं पाये जाने पर कार्यों के सुधार हेतु संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किये जा कर वांछित सुधार कराये जाते हैं। ठेकेदार द्वारा यदि कार्यों में सुधार नहीं किया जाता है तो ऐसी स्थिति में ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध वितरण कंपनी के क्रय मेनुअल में निहित प्रावधान के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है। इसी अनुक्रम में उक्त योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में क्रियान्वित अमानक कार्यों में वांछित सुधार नहीं किये जाने पर 3 ठेकेदारों के विरूद्ध ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही प्रस्तावित है। उक्त परिप्रेक्ष्य में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है।
भिण्ड में चल रहे सीवर लाइन का निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 1514 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड शहर में चल रहे सीवरेज निर्माण के दौरान कितने कि.मी. सीवर लाईन बिछाने का कार्य किया गया? लाईन बिछाने के बाद कितने कि.मी. सड़कों को संधारण/रीस्टेट/मरम्मत किया गया? (ख) संधारण रीस्टेट के एवज में कम्पनी को विभाग के द्वारा कितना भुगतान किया गया? उक्त सड़कों का किस अधिकारी के द्वारा सत्यापन किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण
[उच्च शिक्षा]
20. ( क्र. 1557 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत हजारों अतिथि विद्वान/क्रीड़ा अधिकारी/ग्रंथपाल अनेक वर्षों से कार्य कर रहे है। इनका चयन म.प्र. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाईन पूर्णतः पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा रिक्त पदों पर मेरिट के आधार पर किया गया है? यदि हाँ तो अब तक नियमित न किये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या शासन, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड आदि राज्यों में जिस तरह अस्थायी प्राध्यापकों को नियमित किया गया, उसी तरह मध्यप्रदेश में अतिथि विद्वान/क्रीड़ा अधिकारी/ग्रंथपालों को रिक्त पदों के विरूद्ध नियमित करेगा? जिससे शिक्षण कार्य के साथ-साथ अकादमिक गतिविधियों का सुचारू रूप से संचालन हो सके। यदि हाँ तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। अतिथि विद्वानों का चयन राज्य शासन के परिपत्र क्रमांक एफ 1-42/2017/38-1 दिनांक 17.12.2019 द्वारा जारी नीति निर्देश अनुसार किया जाता है। इस नीति में अतिथि विद्वानों को नियमित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। सहायक प्राध्यापकों के पदों पर भर्ती हेतु प्रचलित भर्ती नियमों के अनुसार ही कार्यवाही का प्रावधान है। (ख) जी नहीं, क्योंकि वर्तमान में जिन सहायक प्राध्यापकों/क्रीड़ा अधिकारी/ग्रंथपाल के रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वान व्यवस्था लागू है, उन पदों पर भर्ती हेतु प्रचलित भर्ती नियमों के अनुसार ही कार्यवाही का प्रावधान है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
आवास योजना में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 1567 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत मझौली जिला सीधी के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने का नियम है? यदि है, तो पूर्ण नियम सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर पंचायत मझौली के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास कितने हितग्राहियों को दिया गया है? कितने शेष है? प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित हितग्राहयों की सूची वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 2019-20 एवं 2020-21 की उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने अपात्र लोगों को उक्त योजना का लाभ दिया गया है? जिस संबंध में कितने शिकायतें प्राप्त हुयी एवं कितने की जांच हुयी तथा उनमें क्या कार्यवाही की गयी? पूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें। (घ) शहरी क्षेत्र नगर पंचायत मझौली में भूमिहीन लोगों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया जा रहा है? भूखण्ड उपलब्ध कराये जाने का क्या प्रावधान है? कितने लोगों को भू-खण्ड उपलब्ध कराया गया है? भूमिहीन आवासीय लोगों की सूची उपलब्ध करायें जिन्हें आवास आवंटित किये गये है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर पंचायत मझौली में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत आवासों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। लाभान्वित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। शहरी गरीब आवासहीन, भूमिहीन पात्र परिवारों को भूखण्ड मध्यप्रदेश पट्टा धृत नियम 1984 के तहत पात्रता एवं भूमि की उपलब्धता अनुसार पट्टा प्रदान करने के प्रावधान है। भूखण्ड एवं आवास उपलब्ध कराये गये हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रस्ताव
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 1572 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी/सिंगरौली जिले के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के अवधि में ग्राम पंचायतों से ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाईट लगाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ हैं यदि हाँ तो ग्राम का नाम एवं स्वीकृति राशि/व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्राम पौडी, टमसार, भदौरा, मड़वास, टिकरी, गिजवार, ताला, निगरी, निवास एवं महुआगांव में स्ट्रीट लाईट लगाई गयी थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्ट्रीट लाईट पूरी तरह से बंद है? बंद स्ट्रीट लाईट की मरम्मत क्यों नहीं कराई गई? इसके लिये दोषी कौन है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में स्ट्रीट लाईट लगाने के तुरंत बाद सभी लाईट बनवायी गयी थी, जो गारंटी/वारंटी के अंतर्गत बदले जाने थे। यदि हां, तो अभी तक क्यों नहीं बदले गये? इसके लिए दोषी कौन है? क्या मरम्मत कराकर पुन: स्ट्रीट लाईट शुरू की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सीधी/सिंगरौली जिला क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2020-21 में माह जनवरी, 2021 तक की अवधि में ग्राम पंचायतों से ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाईट लगाने का कोई प्रस्ताव म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नगरपालिका अधिनियम संपत्ति अंतरण नियम 2016 के प्रावधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 1626 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका अधिनियम संपत्ति अंतरण नियम 2016 में क्या प्रावधान हैं? नगरपालिका या नगरपरिषद द्वारा किसी भी संपत्ति को संपत्ति रजिस्टर में दर्ज करने संबंधी क्या नियम हैं? (ख) नगर परिषद भुआबिछिया जिला मण्डला अंतर्गत सीएमओ आवास के नीचे निर्मित नगर परिषद स्वामित्व की 5 दुकानों को कब व किन नियमों के तहत संपत्ति रजिस्टर में चढ़ाया गया है? क्या तत्कालीन सीएमओ व वर्तमान अध्यक्ष द्वारा अवैधानिक तरीके से परिषद की सहमति व जानकारी के बिना यह कार्य किया गया है? (ग) क्या उपरोक्त संबंध में नगर परिषद भुआबिछिया द्वारा दिनांक 11.10.2019 को विशेष सम्मेलन आयोजित कर तत्कालीन सीएमओ व अध्यक्ष के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए इनके विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास को पत्र लिखा गया था? यदि हाँ तो उक्त संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है और दोषियों के विरुद्ध कब तक एफ.आई.आर. दर्ज करवाकर कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम, 2016 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अ'' अनुसार है। किसी ग्राम पंचायत क्षेत्र में नगर परिषद गठित होने पर उसकी सम्पत्ति के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। ग्राम पंचायत से नगरीय निकाय का गठन होने पर ग्राम पंचायत की समस्त सपंत्तियों एवं दायित्व नगरीय निकाय में निहित हो जाते है तथा आगामी समय में निकाय द्वारा अर्जित/शासन द्वारा निकाय को आवंटित संपत्तियां निकाय की संपत्ति रजिस्टर में दर्ज होते है। (ख) उक्त दुकानें ग्राम पंचायत कार्यकाल में निर्मित थी। नगर परिषद अस्तित्व में आने के बाद अन्य संपत्तियों की भांति निकाय पंजी में दर्ज नहीं थी। मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 7 (ट) के पालन में नगरपालिका की संपत्ति होने से कर मांग पंजी में दर्ज किया गया है। नगर पालिका की संपत्ति को नगरपालिका की संपत्ति रजिस्टर में दर्ज किये जाने के लिये अलग से परिषद की सहमति का प्रावधान नहीं है। (ग) जी हाँ। तत्कालीन समय में उक्त दुकानों को परिषद के बिना संज्ञान में लाये मांग पंजी में दर्ज किये जाने से तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी के इस कार्य की निंदा की गई तथा प्रकरण के संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराए जाने हेतु परिषद के लिए गये निर्णय के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजा गया, परन्तु मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा संपत्ति दर्ज किया जाना अवैधानिक नहीं होने से कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। शेषांश का प्रश्न नहीं है।
विद्युत कटौती रोकना
[ऊर्जा]
24. ( क्र. 1652 ) श्री राकेश मावई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पर्याप्त विद्युत होने के बावजूद भी चंबल संभाग में लगातार विद्युत कटौती की जा रही है। इस अनियमितता का क्या कारण है तथा विद्युत विभाग द्वारा विद्युत लाईनों के रख-रखाव हेतु किस-किस महीने में मेंटीनेन्स किया जाता है? क्या प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी पूरे प्रदेश में मेंटीनेन्स का कार्य समय पर हुआ है? यदि हाँ तो विद्युत कटौती का क्या कारण है? (ख) क्या म.प्र. यूनाईटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर्स ने विद्युत विभाग को लगातार बिजली कटौती का असली कारण इस वर्ष आउटसोर्स अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भारी कमी तथा समय-समय पर मेंटीनेन्स नहीं होना बताया गया है? यदि हाँ तो ऐसा क्यों? (ग) चंबल संभाग में अघोषित विद्युत कटौती के संबंध में गत 1 वर्ष में कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निलंबित किया गया है? क्या निलंबन के बाद भी उन निलंबित अधिकारियों के क्षेत्रों में विद्युत सप्लाई सुचारू रूप से चल रही है? यदि नहीं, तो निलंबन के क्या कारण हैं? (घ) चंबल संभाग में विद्युत कर्मचारियों की पूर्ति के लिये चम्बल संभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों के किस-किस ठेकेदारों को कहां-कहां पर कार्य दिया गया है? क्या ठेकेदार के सभी कर्मचारी प्रशिक्षित हैं? इसकी जांच 1 साल में कब-कब की गई? बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ग्वालियर क्षेत्रांतर्गत चंबल संभाग में किसी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। विद्युत लाईनों के निर्माण कार्य/रख-रखाव करने हेतु लाईनों को बन्द किया जाना यदि आवश्यक होता है तो समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार-प्रसार करके संबंधित लाईनों को बन्द किया जाता है। खम्बे टूटने/तार टूटने/ट्रांसफार्मर फेल होने या लाईनों में अन्य खराबी आने के कारण कभी-कभी सुधार कार्य करने हेतु सुरक्षा की दृष्टि से भी विद्युत लाईनों को बंद करना आवश्यक होता है। उपभोक्ताओं को सतत् रूप से अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विद्युत अधोसंरचना के मेन्टेनेंस की कार्यवाही को अब पूरे वर्ष चलायमान रखने के लिये नई व्यवस्था लागू की गई है, जिसमें विभिन्न फीडरों पर फाल्ट/ट्रिपिंग आदि के दृष्टिगत फीडरों को चार समूहों में विभक्त कर वर्ष भर मेन्टेनेंस का कार्य किया जा रहा है। किन्तु उपरोक्त दर्शाए अनुसार आवश्यक मेन्टेनेंस कार्य एवं सुधार कार्य हेतु आवश्यक होने जैसे अपरिहार्य कारणों से कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय प्रभावित हुआ है। (ख) जी नहीं, चंबल संभाग में उपलब्ध संसाधनों एवं कर्मचारियों से लाईनों का रख-रखाव कार्य प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी सुचारू रूप से संपादित कराया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) चंबल संभाग के अन्तर्गत किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी को अघोषित विद्युत कटौती के संदर्भ में निलंबित नहीं किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) चंबल संभाग के भिण्ड एवं मुरैना जिलों में मेसर्स थर्ड आई प्रायवेट सिक्योरिटी सर्विसेज एवं श्योपुर जिले में मेसर्स बालाजी डिटेक्टिव एण्ड सिक्योरिटी सर्विसेज द्वारा विद्युत आपूर्ति के लिये आउटसोर्स श्रमिक उपलब्ध कराये गये हैं। जी हाँ, सभी कुशल कर्मचारी प्रशिक्षित हैं। कुशल, अकुशल व अन्य पदों पर आऊटसोर्स के माध्यम से नियोजित कर्मचारियों को कार्य पर लेने के पूर्व ही उनकी योग्यता संबंधी दस्तावेजों की जाँच की जाती है। आउटसोर्स कर्मचारियों को नियोजित करने हेतु जारी की गई निविदा में कार्यरत कार्मिकों की समय-समय पर जाँच का प्रावधान नहीं है।
पुलिस विभाग में आरक्षक स्तर के कर्मचारियों को सजा का प्रावधान
[गृह]
25. ( क्र. 1669 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस रेगुलेशन के पैरा 217 के नियम अ और पैरा 226 के नियम (।।।) में आरक्षक स्तर के कर्मचारी को स्थाई आर्थिक नुकसान न किए जाने के सम्बंध में सजा सम्बन्धी कोई प्रावधान है? क्या डीजीपी द्वारा भी उक्त नियम के आधार पर आर्थिक सजा न देने के आदेश जारी किए गए है? (ख) क्या उपरोक्त नियम के विपरीत जाकर विभागीय जांच, अपील के मामलों में न्यूनतम वेतनमान पर करने या स्थायी रूप से वेतन वृद्धि रोकने की सजा देते है? तो अपील करने पर राहत का नियम क्या है? (ग) प्रदेश में 2006 से अब तक कितने आरक्षक स्तर के कर्मचारी को सजा या अपील में न्यूनतम वेतनमान पर किया गया या स्थाई रूप से वेतन वृद्धि रोकी गई? (घ) पुलिस रेगुलेशन और विभिन्न डीजीपी के आदेश के बाद भी यदि न्यूनतम वेतनमान पर किया गया या स्थाई रूप से वेतन वृद्धि रोकी गई है तो उन्हें रेगुलेशन के नियम से क्या मंत्री जी कोई राहत प्रदान करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस रेग्युलेशन के पैरा 217 'अ' एवं पुलिस रेग्युलेशन के पैरा 226 (।।।) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उपरोक्त संबंध में पुलिस महानिदेशक, म.प्र. द्वारा जारी परिपत्र क्र. पुमु/23/बी-3/425/12, दिनांक 02.06.2012 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) दण्डित शासकीय सेवक दण्डादेश के विरूद्ध सक्षम अधिकारी को अपील कर सकता है, जो प्रकरण का तदानुसार गुण-दोषों के आधार पर निराकरण करता हैं। (ग) प्रदेश में 2006 से अब तक कुल 88 आरक्षकों को न्यूनतम वेतनमान पर किया गया हैं। (घ) जिन प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही न की गई हो तो उनका निराकरण अपील एवं पुनरीक्षण के दौरान किया जाता है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। उपरोक्त सभी 88 प्रकरणों का परीक्षण किया जा रहा हैं।
पीएम आवास योजना की अनियमित्ताओ की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 1715 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका छतरपुर में पीएम आवास योजनांतर्गत अनियमिताओं की जांच हेतु जाँच दल का गठन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है तो कब एवं किस आदेश से किया गया? दल किन-किन बिन्दुओं पर जाँच कर रहा है? जाँच दल में कौन-कौन से अधिकारी शामिल है? जाँच दल कब-कब जाँच हेतु आया? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जाँच दल को अपेक्षित सहयोग एवं जानकारी प्राप्त करने में कोई परेशानी आ रही है? यदि हाँ तो क्या? क्या जाँच दल ने जाँच हेतु रिकार्ड अपने कब्जे में ले लिया है? यदि हाँ तो कब? (घ) जाँच दल कब तक अपनी जाँच पूर्ण कर अंतिम रिर्पाट शासन को देगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर पालिका परिषद छतरपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना की जाँच के लिये संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र., भोपाल के आदेश क्रमांक 6605 दिनाँक 17.07.2020 द्वारा जांच दल का गठन किया गया था, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जांच से संबंधित निकाय से मूल रिकार्ड कब्जे में नहीं लिया गया है, निकाय के अभिलेखों की छायाप्रतियां संचालनालय में मंगवाया जाकर प्रकरण की प्रारभिक जांच की गयी है। (घ) जांच दल द्वारा अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल को प्रस्तुत कर दी गई है जिसका परीक्षण संचालनालय में किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भिक्षुकों एवं बाल भिक्षुकों हेतु योजनायें
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 1741 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा भिक्षुकों एवं बाल भिक्षुकों हेतु क्या-क्या योजनायें बनायी गयी हैं? (ख) भिक्षुकों को निवास/आवास/आश्रय/भोजन हेतु जबलपुर जिले में क्या क्या व्यवस्थाएं उपलब्ध है तथा विगत 3 वर्षों में कितने भिक्षुकों को लाभान्वित किया गया है? (ग) जबलपुर में स्थित रैन बसेरों के संचालन एवं निगरानी हेतु राज्य शासन व जिला प्रशासन के क्या नीति/निर्देश हैं? (घ) क्या जबलपुर के सभी चौराहों पर इस समय बाल भिक्षुकों की संख्या अत्यंत विकराल हो चुकी है इसके संबंध में शासन-प्रशासन क्या कदम उठा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भिक्षुकों हेतु पृथक से विभाग में किसी योजना का प्रावधान नहीं है। (ख) नगर पालिक निगम जबलपुर में 9 आश्रय स्थल और 1 रसोई केन्द्र संचालित है, जिसका लाभ सभी जरूरतमंद ले सकते है। भिक्षुकों के संबंध में पृथक से कोई जानकारी संकलित नहीं है। (ग) जबलपुर में स्थित आश्रय स्थल (रैन बसेरा) के संचालन एवं निगरानी हेतु भारत सरकार, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा जारी मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) इस संबंध में कोई अधिकृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। शासन के द्वारा सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिये विभिन्न सामाजिक योजनायें संचालित की जाती हैं।
जबलपुर नगर निगम द्वारा तैयार की गयी DPR
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 1742 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर निगम द्वारा JNNURM एवं स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत आज दिनांक तक कुल कितने कार्यों की DPR बनवाई गयी है? सभी के विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में DPR किन किन कंसल्टेंट से तैयार करायी गयी तथा उन्हें कितना-कितना भुगतान किया गया? सूची देवें (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जितने कार्यों की DPR बनवाई गयी उनकी क्या वस्तुस्थिति है? कार्यवार बतावें। (घ) क्या जिन कार्यों का किया जाना निश्चित नहीं था उनकी भी डी.पी.आर. बनवाई गयी, जिससे शासन को आर्थिक क्षति पहुंची है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर नगर निगम में जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अन्तर्गत कुल 26 कार्यों की डी.पी.आर तैयार की गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत 30 कार्यों हेतु डी.पी.आर. बनाई गई है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अन्तर्गत कंसलटेन्टस जिनके द्वारा डी.पी.आर तैयार की गई एवं उन्हें किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम नं. 3 व 4 एवं स्मार्ट सिटी परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' के कॉलम नं. 3 व 4 अनुसार है। (ग) जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अन्तर्गत बनवाई गई डी.पी.आर की वस्तुस्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम नं.5 एवं स्मार्ट सिटी परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' के कॉलम नं. 5 अनुसार है। (घ) जे.एन.एन.यू.आर.एम.एवं स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत ऐसे कार्यों की डी.पी.आर नहीं बनवाई गई जिनका किया जाना निश्चित नहीं था।
जुआ, सट्टा, इक्यावनी आदि की जानकारी
[गृह]
29. ( क्र. 1818 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुआ, सट्टा, इक्यावनी, गांजा, भांग अफीम आदि अवैध कार्यों के संचालन में गृह विभाग की क्या भूमिका है? यदि इस हेतु कोई नियम/नीति प्रचलन में हो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में संचालित अवैध कार्यों की रोकथाम हेतु थाना सबलगढ़, टेंटरा, कैलारस, चिन्नोनी चम्बल, पहाड़गढ़ रामपुर जिला-मुरैना में जनवरी, 2019 से जनवरी, 2021 तक उपरोक्त उल्लेखित थाने के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा जनवरी, 2019 से जनवरी, 2021 तक क्या-क्या कार्यवाहियां की गई विस्तार से बतावें? यदि नहीं, तो क्यों व इस हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके नाम पद सहित जानकारी दी जावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जुआ,सट्टा, इक्यावनी, गांजा, भांग, अफीम आदि अवैध कार्यों में अपराध नियंत्रण हेतु सार्वजनिक धुत अधिनियम 1867 एवं एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पर्यावरण की रोकथाम हेतु विभाग की भूमिका
[पर्यावरण]
30. ( क्र. 1819 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में संचालित औद्योगिक इकाई जैसे ईट भट्टा (मैदानी) व चिमनी भट्टे, चूना भट्टा निर्माण आदि जो प्रदूषण फैलाने की श्रेणी में आते हैं के संचालन हेतु पर्यावरण विभाग की क्या भूमिका है एवं कर्तव्य हैं? जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके, अर्थात रहवासियों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव न पड़े। इस हेतु विभाग द्वारा एन.ओ.सी. देते समय क्या-क्या नियम एवं शर्तों का प्रचलन है? प्रति उपलब्ध करावें। (ख) जिला मुरैना के अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कहां-कहां प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य संचालित हैं। संचालित इकाईयों की जानकारी गांव/शहर का नाम/संचालक का नाम व पता/इकाई प्रारंभ दिनांक/एन.ओ.सी. की फोटो प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा एन.ओ.सी. प्रदाय किये बगैर ही इकाईयां संचालित हैं? यदि हाँ तो उनका विवरण देते हुए, विभाग द्वारा ऐसी अवैध इकाईयों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं ऐसी इकाईयों के नाम एवं संचालकों के नाम, पता आदि की जानकारी उपलब्ध करावें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) चिमनी, भट्टे, चूना भट्टे आदि वायु प्रदूषणकारी स्वरूप के उद्योग है, जिनके संचालन को मध्यप्रदेश प्रदूषण वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनिम,1981 के अंतर्गत निगमित करता है, जिसके भाग-III में बोर्ड की शक्तियाँ एवं कर्तव्य उल्लेखित है। अधिनियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। प्रदूषण के नियंत्रण एवं नागरिकों को स्वास्थ्यप्रद पर्यावरण देने हेतु पर्यावरण (संरक्षण) नियम,1986 में भिन्न-भिन्न उद्योगों हेतु प्रदूषकों के उत्सर्जन की मानक सीमा निर्धारित की गई है जो चिमनी भट्टे एवं चूने भट्टे हेतु क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सम्मति देते समय इन उत्सर्जन मानकों के पालन की शर्तें रखी जाती है। (ख) जिला मुरैना अंतर्गत चिमनी भट्टे (ब्रिक क्लीन) संचालित है,जिनके संबंध में जानकारी तथा प्रदत्त सम्मतियों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन नगर परिषद खरगापुर का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 1844 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद खरगापुर द्वारा नवीन नगर परिषद भवन खरगापुर का निर्माण कराये जाने हेतु टेन्डर लगाया गया था? यदि हाँ तो टेन्डर किस कम्पनी के नाम खुला था? क्या उक्त कम्पनी के साथ नगर परिषद खरगापुर ने एग्रीमेन्ट कर लिया था? (एग्रीमेन्ट की छायाप्रति वांछनीय) (ख) क्या ठेकेदार द्वारा उक्त एग्रीमेन्ट के आधार पर नवीन नगर पालिका भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया था? यदि हाँ, तो कितनी लागत का कार्य अब तक किया जा चुका है? (ग) क्या उक्त निर्माण कार्य नगर पालिका को भूमि आवंटन न होने के कारण शासन द्वारा बन्द करा दिया गया है? यदि हाँ तो पूर्व में भूमि नगर परिषद को आवंटन न होने पर भी नगर परिषद द्वारा किस आधार पर टेन्डर लगाया था तथा ठेकेदार से किस आधार पर एग्रीमेंट कराया गया था? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या उक्त प्रकरण में ठेकेदार द्वारा किये गये कार्य का भुगतान विभाग द्वारा किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ड.) क्या इस पूरे प्रकरण में ठेकेदार को मानसिक एवं आर्थिक रूप से जो क्षति हुई है, उसके लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। टेण्डर श्री मिथलेश दीक्षित ठेकेदार टीकमगढ़ के नाम से खुला था। जी हाँ, एग्रीमेंट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। लगभग 20.00 लाख रू. का कार्य किया जा चुका है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। शीघ्र ही भुगतान की कार्यवाही की जायेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल नगर निगम द्वारा केन्द्रीय कर्मशाला का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 1889 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर के शाहजहांनाबाद क्षेत्र में नगर निगम द्वारा केन्द्रीय कर्मशाला का संचालन किया जाता है? (ख) यदि हां, तो क्या उक्त स्थान पर नगर निगम कोई प्रोजेक्ट स्थापित करना चाह रहा है? यदि हां, तो विस्तार सहित बतावें। (ग) क्या उक्त स्थान की जमीन म.प्र. वक्फ बोर्ड के अंतर्गत रजिस्टर्ड है एवं मध्यप्रदेश के राजपत्र 10 जनवरी 1958 में भी रजिस्टर्ड है? यदि हां, तो वक्फ बोर्ड की जमीन पर बिना वक्फ बोर्ड की अनुमति के नगर निगम भोपाल कोई प्रोजेक्ट कैसे बना सकता है? (घ) वक्फ बोर्ड की जमीन पर नगर निगम भोपाल द्वारा अवैधानिक कब्जे को कब तक खाली कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) नगर निगम भोपाल द्वारा शाहजहांनाबाद स्थित पुराने क्रेन्दीय कर्मशाला कार्यालय जो की अत्यंत जर्जर स्थिति में है, को तोड़कर नवीन कामर्शियल शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य राशि रूपये 9.86 करोड़ की लागत से किया जाना प्रस्तावित है। (ग) जी नहीं, अपितु मध्यप्रदेश के राजपत्र 10 जनवरी 1958 में दिये गये विवरणानुसार मस्जिद रथखाना स्थित नगर निगम कारखाना शाहजहांनाबाद भोपाल के नाम से रजिस्टर्ड है। उक्त स्थल पर वर्तमान में भी मस्जिद है। नगर निगम भोपाल द्वारा वक्फ की भूमि एवं मस्जिद के क्षेत्र को छोड़कर केन्द्रीय कर्मशाला शाहजहांनाबाद में शॉपिंग कॉम्पेक्स का निर्माण प्रस्तावित है। (घ) नगर निगम भोपाल द्वारा प्रश्नाधीन स्थल पर किसी भी प्रकार का कब्जा नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिक निगम भोपाल में संविदा नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 1893 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम भोपाल के अंतर्गत अधीक्षण यंत्री के स्वीकृत पद पर दिनांक 01/07/2020 से 31/12/2020 तक एवं पुन: दिनांक 01/01/2020 से 30/06/2021 की अवधि के लिए संविदा आधार पर किसकी नियुक्ति की गई तथा उसकी शैक्षणिक योग्यता बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संविदा आधार पर नियुक्त किये गए व्यक्ति को संविदा सेवा नियम 2007 या संविदा सेवा नियम 2017 में से किस नियम के तहत संविदा नियुक्ति दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या संविदा सेवा नियम 2017 प्रभावशील होने के बावजूद भी संविदा सेवा नियम 2007 के अंतर्गत नियुक्ति क्यों की गई? (घ) क्या न.पा.नि. भोपाल के अंतर्गत अधीक्षण यंत्री के स्वीकृत पद पर संविदा नियुक्ति पाने वाले के विरूद्ध म.प्र. विशेष पुलिस स्थापना (लोकायुक्त) में जांच चल रही है इसलिए उसको संविदा सेवा नियम 2017 के नियमानुसार नियुक्ति नहीं दी गई यदि हाँ, तो नियुक्ति में नियमों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) श्री ए.आर.पवार को अधीक्षण यंत्री के स्वीकृत रिक्त पद के विरूद्ध संविदा नियुक्ति प्रदान की गई है। श्री पवार द्वारा वर्ष 1978 में म.प्र. बोर्ड आफ टेकनिकल एजुकेशन द्वारा डिप्लोमा इन सिविल तथा वर्ष 1983 में द इंस्टीटयूट आफ इंजीनियरिंग इंडिया द्वारा सेक्शन ए एवं बी में सर्टिफिकेट आफ सिविल इंजीनियरिंग उत्तीर्ण की है। (ख) म.प्र. नगरपालिक निगम संविदा सेवा (नियुक्ति एवं सेवा की शर्तें) नियम 2007 के अंतर्गत संविदा नियुक्ति दी गई। (ग) म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 58 (2क) के प्रावधान के अंतर्गत संविदा पर नियुक्ति हेतु बनाये गये म.प्र. नगरपालिक निगम संविदा सेवा (नियुक्ति एवं सेवा की शर्तें) नियम 2007 प्रभावशील होने से संविदा नियुक्ति दी गई। (घ) लोकायुक्त संगठन के पत्र दिनांक 01/02/2021 द्वारा प्रकरण समाप्त किया गया है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अशोक नगर को स्मार्ट सिटी बनाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 1916 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप अशोकनगर को स्मार्ट सिटी बनाये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है यदि हाँ, तो प्रस्ताव किस स्तर पर प्रचलित होकर विचाराधीन है क्या शीघ्र स्वीकृति दी जावेगी? (ख) स्मार्ट सिटी बनाने का प्रस्ताव है तो कब तक इसकी डी.पी.आर. बनकर तैयार होगी क्या कोई एजेन्सी इस हेतु चयनित की गई है यदि नहीं, तो कब तक एजेन्सी चयन कर डी.पी.आर. तैयार कराई जावेगी? (ग) क्या अशोकनगर के मध्य में स्थित पुराना विश्राम गृह, पुरानी अदालत, आबकारी भवन को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कर नगरपालिका को हस्तांतरित किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है यदि नहीं, तो क्या इस प्रस्ताव पर विचार किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मान. मुख्यमंत्रीजी की घोषणा के अनुरूप अशोक नगर को स्मार्ट सिटी बनाये जाने संबंधी प्रस्ताव का विहित प्रावधानों के अंतर्गत परिक्षण किया गया। स्मार्ट सिटी योजना केन्द्र प्रवर्तित होने के कारण, स्मार्ट सिटी मिशन गाइडलाईन अनुसार वर्तमान में अशोक नगर स्मार्ट सिटी की पात्रता में नहीं आता है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मा. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय की अवहेलना
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 1945 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा मा. उच्च न्यायालय जबलपुर के याचिका क्र. 625/2015 में पारित निर्णय दिनांक 22.04.2015 के पालन में दिनांक 23 दिसम्बर, 2020 को 50 प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को नियम विरूद्ध पदस्थापना/प्रभार के कारण मूल पदों पर पदस्थ किये जाने के आदेश दिये थे? (ख) फीडर केडर में नहीं आने वाले कितने प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी कहां-कहां पदस्थ हैं? (ग) फीडर केडर में नहीं आने वाले अधिकारियों को कब तक हटा दिया जावेगा यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के द्वारा हटाये गये प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को कलेक्टर/शासन द्वारा पुन: किसी नगर परिषद/नगरपालिका का प्रभार सौंपा गया है यदि हाँ तो क्या यह माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के पारित निर्णय की अवहेलना की श्रेणी में आवेगा। यदि हाँ तो क्या शासन संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। शासन आदेश दिनांक 23 सितंबर 2020 द्वारा 50 प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को मूल पद पर पदस्थ किया गया था। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार पदस्थ प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रभार सौपें जाने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के पारित निर्णय का संज्ञान होने पर कलेक्टर जिला छतरपुर द्वारा आदेश दिनांक 23/02/2021 से प्रभार निरस्त कर दिया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ट्रांसफार्मर/विद्युत पोल स्वयं के खर्च से स्थापित करने की योजना
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 1968 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के क्षेत्रान्तर्गत विभाग द्वारा विद्युत कृषि उपभोक्ताओं के लिए स्वयं के खर्चें पर ट्रांसफार्मर/विद्युत पोल एवं लाईन स्थापित करने की विभाग की योजना कब से कब तक संचालित थी? (ख) क्या वर्तमान में उक्त योजना विभाग द्वारा बंद कर दी गई है/रोक दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में संचालित योजनाओं के तहत सागर जिले में ऐसे कितने कृषि उपभोक्ता है जिन्होंने इस योजना के तहत अपने आवेदन एवं राशि विभाग को जमा कर दी गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित उपभोक्ताओं को जिन्होंने आवेदन एवं राशि जमा कर दी गई है इन्हें ट्रांसफार्मर/विद्युत पोल एवं लाईन स्थापित किये जायेंगे तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' नये सिंचाई पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में राज्य शासन के आदेश दिनांक 04.05.2011 से वर्तमान तक लागू है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के अंतर्गत सागर जिले में प्रश्न दिनांक तक कोई भी आवेदन/राशि प्राप्त नहीं हुए हैं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नगर पालिक निगम मुरैना में व्याप्त अनियमित्ताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 1982 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका मुरैना में ऐसी क्या विशेष आवश्यकता थी कि निर्माण कार्यों के भुगतान हेतु, निगम की विशेष नीधि से बिना शासन के पूर्व स्वीकृति लिये अथवा बिना शासन के पूर्व अनुमोदन प्राप्त किये राशि का आहरण कर उक्त राशि को साधारण निर्माण कार्यों के भुगतान में क्यों व्यय किया गया? जब कि वर्तमान समय में मुरैना जिला क्या पूरा देश कोविड-19, जैसी वैश्विक महामारी से ग्रस्त है। (ख) जिला मुरैना में नगर परिषद के कार्य काल पूर्ण होने के चार माह पूर्व से प्रश्न किये जाने के दिनांक तक कुल कितने देयकों के भुगतान किये गऐ क्या निगम में पूर्व से लम्बित देयकों को भुगतान में प्राथमिकता प्रदाय की गई। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) में जिन देयकों का भुगतान किया गया है वे किस दिनांक को निगम की आवक पंजी में अंकित हुए है, भुगतान किये गऐ देयकों एवं व्हाउचरों व मेजर मेन्ट, बिल की माप पुस्तकाओं तथा आवक पंजी में भुगतान किए गए देयकों के दिनांक वाले पृष्ठों के विवरण के साथ समस्त अभिलेखों के साथ जानकारी उपलब्ध करावे। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) में उल्लेखित देयकों के भुगतान किस मांग संख्या किस मद से किया गया तथा उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति किस मांग संख्या किस मद में शासन से प्राप्त हुई थी। समस्त प्रशासकीय स्वीकृतियों की छायाप्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर पालिक निगम मुरैना में संचालित टोल प्लाजा
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 1983 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आगरा-मुम्बई राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर मुरैना नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र के अन्दर कोई टोल टैक्स, विगत लम्बे समय से संचालित हैं? क्या नगर निगम मुरैना द्वारा उक्त टोल टैक्स को नगर निगम सीमा से बाहर स्थापित किये जाने हेतु कोई नोटिस अथवा पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ तो नोटिस में दी गई समय-सीमा समाप्त होने के उपरान्त क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या नगर पालिक निगम को किसानों से भूमि अधिग्रहण किये जाने एवं अधिग्रहित की गई भूमि को किसी प्राईवेट कम्पनी अथवा फर्म को विक्रय किये जाने का शासन का कोई नियम अथवा प्रावधान है? यदि हाँ तो नियम एवं शर्तों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। भारत के राजपत्र दिनांक 05 दिसम्बर 2008 में पोत परिवहन, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अधिसूचित अधिसूचना अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग फीस (दरों का अवधारण और संग्रहण) नियम, 2008 के नियम 8 में उल्लेखित प्रावधानों में एन.एच.ए.आई. द्वारा नगर पालिक निगम की सीमा अन्तर्गत टोल प्लाजा का संचालन किये जाने का प्रावधान होने से टोल प्लाजा का स्थान नहीं बदला गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 79, 80, 81 के अन्तर्गत भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 1894 संशोधित 2013 में वर्णित प्रावधानुसार नगर पालिक निगमों द्वारा भूमि अधिग्रहण किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
अमृत जल परियोजना का क्रियान्वन
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 2016 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर में अमृत जल परियोजना के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र छतरपुर में कितने मीटर पाईप लाईन बिछाई गई है? कितनी शेष है? कितनी प्रस्तावित है? उक्त पाइप लाइन से कौन-कौन से क्षेत्र जल प्रदाय हेतु पहुंच में आ सकेंगे? पाईप लाईनों से क्या पूरे शहर के प्रत्येक घर में नल-जल प्राप्त हो सकेगा? यदि नहीं, तो कौन से कौन से क्षेत्र शेष रहेंगे? इनकों शामिल करने के लिए कितने मीटर और अतिरिक्त पाईप लाईन की आवश्यकता होगी? (ख) छतरपुर शहर में अमृत जल परियोजना से नियमित नल-जल प्रदाय शुरू हो चुका है? यदि हाँ तो किन क्षेत्रों में नियमित जल प्रदाय किया जा रहा है कितने कनेक्शन है? शेष क्षेत्र में परियोजना के द्वारा नल-जल प्रदाय करने में क्या परेशानियां आ रही है? परेशानियों को कब तक निराकृत किया जायेगा? (ग) छतरपुर शहर में वर्तमान में कितने लोगों को पेयजल की आवश्यकता है? कितने लोगों को विभिन्न परियोजना (अमृत छोड़ कर) एवं स्त्रोतों से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है? कितनों को अमृत जल परियोजना से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है? कितनों को प्रदाय करने का लक्ष्य है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अमृत परियोजना के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में 281.68 किलो मीटर पाईप लाईन बिछाई गई है। 47.74 किलो मीटर पाईप लाईन बिछाई जाना शेष है। कुल 329.42 किलो मीटर का कार्य इस योजना में स्वीकृत है। डी.पी.आर. में प्रस्तावित ओ.एच.टी/जी.एस.आर. की डिजाईन क्षमता अनुसार अतिरिक्त पाईप लाईन बढ़ाई जाकर स्वीकृत की गई है। जिसका कार्य प्रगतिरत है। उक्त पाईप लाईन द्वारा शहर के समस्त क्षेत्रों में जल प्रदाय किया जाना संभव होगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में परियोजना का कार्य प्रगतिरत है। योजना अनुसार प्रस्तावित नल कनेक्शन 21310 है। वर्तमान में यूआईडीएसएसएमटी से महल परिसर, परवारी मोहल्ला, मातवाना मोहल्ला, तमरयाई मोहल्ला, संकट मोचन, बजरंग नगर, सटई रोड, चौबे कालोनी, सटई रोड, महाराणा प्रताप नगर, पिपरसानिया मोहल्ला, निजामी मस्जिद, गल्ला मण्डी, असाटी मोहल्ला, चौक बाजार, शुक्लाना मोहल्ला, महावीर मार्ग, गुरुद्वारा, संकट मोचन मार्ग आदि क्षेत्रों में जलप्रदाय किया जा रहा है। राईजिंग मेन एवं डिस्ट्रीब्यूशन में रेल्वे क्रासिंग की अनुमति प्राप्त नहीं हुई है एवं एमपीईबी द्वारा इलेक्ट्रिक लाईन को 11 केव्ही से 33 केव्ही में परिवर्तित करना शेष है। उक्त कारणों से अमृत योजना के कार्य में विलंब हुआ है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में नगर छतरपुर में लगभग 149925 लोगों को पेयजल की आवश्यकता है। 8952 कनेक्श्नों से लगभग 76000 लोगों को यूआईडीएसएसएमटी योजना के तहत जलप्रदाय किया जा रहा है। वर्ष 2033 तक जनसंख्या वृद्धि के साथ लगभग 290839 लोगों को जलप्रदाय किया जाना प्रस्तावित है।
सेंधवा सीवरेज लाइन के प्रोजेक्ट कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 2037 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा सीवरेज लाइन प्रोजेक्ट हेतु 78.55 करोड़ रूपये की राशि शासन द्वारा स्वीकृत की गयी थी किन्तु योजना अधूरी पड़ी हुई है तथा लाइन के लिए जो गड्ढे खोदे गए थे कब तक भरे जायेंगे तथा कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (ख) उक्त योजना पर अभी तक कितनी राशी व्यय की गयी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना का कार्य प्रगति पर है एवं सीवर लाईन डालने के लिये खोदे गये गड्ढे कार्य की प्रगति के साथ निरंतर भरे जा रहे है। (ख) उक्त योजना पर अभी तक कुल रू. 17331550/- व्यय किया गया है।
प्रोफेसर क्रिया शरीर की नियुक्ति
[आयुष]
41. ( क्र. 2051 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर द्वारा प्रोफेसर क्रिया शरीर पद की नियुक्ति हेतु विज्ञापन कब निकाला गया? इसमें नियुक्ति हेतु वांछित शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव का क्या प्रावधान रखा गया? नियुक्ति हेतु क्या प्रक्रिया एवं नीति निर्धारित की गई? बतलावें। विज्ञापन की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्नांकित विज्ञापन के तहत कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? मेरिट चयन सूची कब तैयार की गई? मेरिट चयन सूची के अनुसार कब किये नियुक्ति पत्र कब जारी किया गया? इनकी शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव संबंधी प्रमाण पत्रों का सत्यापन कब, किसने किया है? सत्यापित प्रमाण पत्रों की छायाप्रति दें। (ग) प्रश्नांकित चयनीत उम्मीदवार कहां-कहां पर किस-किस पद पर कब से कब तक पदस्थ रहे है एवं किस पद से कब त्याग पद देकर, प्रो. क्रिया शरीर का पद ग्रहण किया हैं? बतलावें। वर्ष 2005-06 से 2018-19 तक की सत्यापित छायाप्रतियां दें। (घ) क्या यह सत्य है कि प्रश्नांकित की नियुक्ति में स्वस्थ वृत विषय के अनुभव प्रमाण पत्र को मान्य किया गया हैं? यदि हाँ तो क्यों? क्या शासन इसकी जांच कराकर कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर द्वारा प्रोफेसर क्रिया शरीर पद की नियुक्ति हेतु विज्ञापन दिनांक 04.08.2008 से 10.08.2008 के ''रोजगार और निर्माण'' में (1) विधि द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय से आयुर्वेद में स्नातक उपाधिधारी हो एवं भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद के अधीन मान्य हो (2) संबंधित विषय में स्नातकोत्तर अर्हताधारी जो भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद के अधीन मान्य हो (3) संस्कृत भाषा का ज्ञान होना चाहिए (4) संबंधित विषय में 10 वर्ष का अध्यापन अनुभव होना चाहिए, जिसमें 05 वर्ष का रीडर के पद का संबंधित विषय में अध्यापन अनुभव हो यदि रीडर का पद न हो तो संबंधित विषय में व्याख्याता के पद पर 10 वर्ष का अध्यापन अनुभव हो। स्वशासी संस्था की चयन समिति के माध्यम से चयन पश्चात् स्वशासी संस्था द्वारा नियुक्ति। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रोफेसर, क्रिया शारीर के लिये 06 आवेदन। दिनांक 11.09.2008 को। दिनांक 29.12.2008 को। दिनांक 29.08.2008 को डॉ. के.के. अग्निहोत्री, डॉ. ए. के. रावत, डॉ. अनिल शुक्ला, डॉ. अलका श्रीवास्तव एवं डॉ. प्रदीप चौहान के द्वारा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) चयनित उम्मीदवार डॉ. रविकांत श्रीवास्तव, श्री बाबा मस्तनाथ आयुर्वेद महाविद्यालय अस्थल बोहर रोहतक (हरियाणा) में दिनांक 15.09.1997 से 14.09.2000 तक व्याख्याता, दिनांक 15.09.2000 से 14.09.2005 तक रीडर, दिनांक 15.09.2005 से 31.12.2008 तक प्रोफेसर पद पर पदस्थ रहे। दिनांक 31.12.2008 को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र ''स'' ''द'' एवं ''ई'' अनुसार। (घ) जी नहीं। जाँच कराई गई, प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
विभागीय मंत्री की घोषणा का पालन न किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 2087 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री जी ने लहार जिला भिण्ड के प्रवास के दौरान दिनांक 17.07.2019 को नगरीय निकाय लहार में तरूण पुष्कर का भूमि पूजन कर राशि रूपये 5.00 करोड़ स्वीकृत करने की घोषणा की थी? यदि हाँ तो विभाग द्वारा घोषणा के पालन में तरूण पुष्कर की राशि स्वीकृत कर दी गई है? यदि नहीं, तो कयों माननीय मंत्री जी की घोषणा का पालन करना विभागीय कार्य नहीं है तो क्या भविष्य में माननीय मंत्रियों को घोषणा न करने के निर्देश दिये जाएंगे? (ख) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. के पत्र क्र. 567/यां.प्र./07-5/2020 भोपाल, दिनांक 13.01.2020 को तरूण पुष्कर निर्माण हेतु राशि रू. 119.05 लाख की स्वीकृति प्रदान कर शेष राशि आगामी बजट वर्ष 2020-21 में स्वीकृत किये जाने का उल्लेख है? (ग) क्या तरूण पुष्कर हेतु राशि रू.119.05 लाख नगर पालिका लहार को प्रतिवर्ष शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली राशि के अतिरिक्त प्रदान करने की स्वीकृति दी गई थी? यदि नहीं, तो दिनांक 13.01.2020 पत्र में असत्य जानकारी देने के कारण बताएं? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या केवल तरूण पुष्कर लहार के निर्माण हेतु ही राशि रू.5.00 करोड़ प्रदान की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति विभाग के पत्र दिनांक 29-02-2020 द्वारा जारी करते हुए 14 वें वित्त के अतिरिक्त राशि निकाय द्वारा स्वयं वहन की जानी है। नगर पालिका परिषद लहार को वित्त वर्ष 2019-20 में 14 वें वित्त से राशि रूपये 119.05 लाख प्रदान कर दी गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के पत्र क्रमांक 567 दिनांक 13.01.2020 में ''नगर पालिका परिषद लहार, जिला-भिण्ड को 14 वें वित्त में माह जनवरी, फरवरी एवं मार्च 2020 में राशि रूपये 119.05 लाख एवं शेष आवश्यक राशि वर्ष 2020-21 में बजट प्रावधान अनुसार उपलब्ध कराई जा सकेगी'' का लेख किया गया है, तत्पश्चात विभाग के द्वारा जारी प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 29-02-2020 में यह उल्लेख है कि 14वें वित्त से स्वीकृत राशि के अतिरिक्त व्यय होने वाली राशि निकाय द्वारा व्यय की जानी है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के पत्र क्रमांक 3143/या.प्र./07-05/2020, दिनांक 29.02.2020 द्वारा नगर पालिका परिषद लहार को तरूण पुष्कर निर्माण हेतु जारी, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की शर्त क्रमांक 03 के अनुसार नगर पालिका परिषद लहार को तरूण पुष्कर निर्माण कार्य हेतु 14वें वित्त से स्वीकृत राशि के अतिरिक्त होने वाले व्यय की पूर्ति निकाय द्वारा किया जाना है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल आवर्धन योजना को प्रारंभ किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 2112 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिरमौर नगर परिषद अंतर्गत पेयजल आवर्धन योजना वित्तीय वर्ष 2014-15 में स्वीकृत की गयी थी? यदि हाँ तो क्या कारण है कि लगातार विभाग में पत्राचार करने एवं विधानसभा सदन में प्रश्न उठाने के उपरांत भी फिल्टर प्लांट का कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हो सका? (ख) क्या उपरोक्त विषय में विधानसभा सत्र जुलाई 2019 में तारांकित प्रश्न उठाया गया था तथा उत्तर में योजना पूर्ण होने एवं पेयजल प्रदाय करने हेतु लक्षित समय-सीमा अक्टूबर 2019 बताये जाने के उपरांत भी समय-सीमा में पेयजल आवर्धन योजना प्रारंभ न हो पाने का क्या कारण है? कब तक सिरमौर नगर वासियों को पेयजल आवर्धन योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। फिल्टर प्लांट हेतु भूमि दिनांक 13.02.2018 को प्राप्त हुई। भूमि आवंटन में हुई देरी, ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने तथा कोविड महामारी के कारण कार्य में विलंब हुआ है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार है, एवं ठेकेदार द्वारा कार्य धीमी गति से करने के कारण योजना में विलंब हुआ है। निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूर्ण होना लक्षित है, जिसके पश्चात सिरमौर नगरवासियों को पेयजल योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
जवा एवं सिरमौर अंतर्गत अधूरे विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 2116 ) श्री
दिव्यराज
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) विकासखण्ड
जवा एवं
विकासखण्ड
सिरमौर
अंतर्गत कुल
ऐसे कितने
ग्राम हैं जो
कि
विद्युतीकरण
से अभी तक
वंचित हैं? सूची
उपलब्ध कराने
का कष्ट करें।
(ख) ग्राम
पंचायत पड़री
वार्ड नं. 1
आदिवासी
बस्ती, ग्राम
पंचायत चैरी
वार्ड 1, वार्ड
2 एवं
खम्हरिया की
हरिजन बस्ती, ग्राम
पंचायत
भनिगवां
बजरहा टोला, सतपेढ़िया
टोला यादव
बस्ती एवं
लोहरान टोला में
विद्युतीकरण
कार्य के
अधूरे रह जाने
का क्या कारण
है? अधूरे
विद्युतीकरण
कार्यों को कब
तक पूर्ण करा
लिया जावेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) विकासखण्ड
जवा एवं
सिरमौर
अंतर्गत कोई
भी ग्राम विद्युतीकरण
से वंचित नहीं
है। अतः प्रश्न
नहीं उठता। (ख) प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
निर्मित नवीन
बसाहटों तथा
प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
प्रधानमंत्री
आवास योजना
में निर्मित
नवीन मकान
वर्तमान में
अविद्युतीकृत
है।
अविद्युतीकृत
घरों/बसाहटों
के विद्युतीकरण
की कोई योजना
वर्तमान में
संचालित नहीं
है। भविष्य
में
विद्युतीकरण
की कोई योजना
उपलब्ध होने
अथवा माननीय
सांसद/विधायक
निधि या अन्य
मद से राशि
प्राप्त
होने पर प्रश्नाधीन
क्षेत्र के
अविद्युतीकृत
घरों/बसाहटों
के
विद्युतीकरण
का कार्य
कराया जाना
संभव हो
सकेगा। अतः
वर्तमान में
निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
पुलिस अधिक्षक को दिये गये पत्र पर कार्यवाही
[गृह]
45. ( क्र. 2152 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मीना पुत्री परमा अहिरवार के द्वारा दिनांक 21.11.2020 को पुलिस अधीक्षक निवाडी को कोई पत्र दिया गया था, जिसमें प्र.क्र.11/20 तरीचर कलां चौकी थाना सेन्दरी में एफ.आई.आर. की मांग की गई थी? यदि हाँ तो उक्त प्रकरण में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या मीना अहिरवार द्वारा दिये गये आवेदन में आरोपी प्रवीण अहिरवार पर बिना पहली पत्नी को तलाक दिये, दूसरी शादी करने का आरोप लगाया गया था और प्रवीण के घर में रह रही पुत्री जिसकी आयु डेढ़ वर्ष है, उसका डीएनए टेस्ट कराये जाने की मांग की गई थी? यदि हाँ तो इस विषय में पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रार्थी द्वारा दिनांक 30.03.2020 को कराई गई एफ.आई.आर. क्रमांक 11/20 के सम्बन्ध में आरोपी की गिरफ्तारी की गई थी? यदि हाँ, तो चालान किस दिनांक को पेश किया गया तथा आरोपी की जमानत किस दिनांक को हुई थी? (चालान एवं जमानत की छायाप्रति वांछनीय) (घ) क्या मीना पुत्री परमा अहिरवार द्वारा उक्त पूरे प्रकरण की 181 (सी.एम. हेल्पलाईन) पर कोई शिकायत दर्ज कराई गई थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर आज दिनांक तक क्या क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) श्रीमति मीना पुत्री परमा अहिरवार द्वारा दिनांक 21/11/2020 को लिखित आवेदन पत्र दिया गया था। आवेदन का संबंध चौकी तरीचरकला के शून्य पर अप.क्र. 011/20 असल कायमी थाना सेंदरी के अप.क्र. 42/20 धारा 498ए, 294,506,34 भादवि, 3/4 दहेज एक्ट से संबंधित होने से उक्त आवेदन पत्र में दिये गये तथ्यों की विवेचना करते हुए प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर चालान दिनांक 25/12/2020 को तैयार कर प्रकरण सात वर्ष से कम दण्डनीय अपराध होने से प्रकरण के आरोपियों को धारा 41 (1) जा.फौ. का नोटिस दिया जाकर माननीय न्यायालय केस नंबर आर.सी.टी. नंबर 904/2020 एवं 1033/20 दिनांक 26/12/2020 को पेश किया गया प्रकरण माननीय न्यायालय विचाराधीन है। (ख) मीना अहिरवार द्वारा लगाये गये बिना तलाक दिए दुसरी शादी करने के संबंध में जांच में पाया गया की आरोपी प्रवीण अहिरवार द्वारा राखी नाम की लड़की से दूसरी शादी नहीं की गई है। राखी अहिरवार प्रवीण की पत्नी न होकर उसके छोटे भाई पंकज अहिरवार की पत्नी है, जिसका अनुबंध पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं उसकी डेढ़ वर्षीय पुत्री प्रतिभा, राखी एवं पंकज की बच्ची है, जिसका जन्म प्रमाण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। जिसका डी.एन.ए. टेस्ट कराया जाना उचित नहीं है। (ग) प्रकरण में चालान क्रमांक 239/20 दिनांक 25/12/2020 को तैयार कर प्रकरण सात वर्ष से कम दण्डनीय अपराध होने से प्रकरण के आरोपी 1.जालम अहिरवार 2.पंकज अहिरवार 3. श्रीमति रामदेवी पत्नी जालम अहिरवार 4. प्रवीण कुमार अहिरवार निवासीयान तरीचरकलां को धारा 41 (1) जा.फौ. का नोटिस दिया जाकर माननीय न्यायालय केस नंबर आर.सी.टी. नंबर 904/2020 एवं 1033/2020 दिनांक 26/12/2020 को पेश किया गया है। चालान की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं जमानत की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द''अनुसार है। (घ) मीना पुत्री परमा अहिरवार के द्वारा 181 (सीएम हेल्पलाईन) पर शिकायत की गई, शिकायत के संबंध में पूर्व में ही चौकी तरीचरकला के शून्य पर अप.क्र. 011/20 असल कायमी थाना सेंदरी के अप.क्र.42/20 का चालान माननीय न्यायालय पेश किया जा चुका है एवं गाड़ी के संबंध में शिकायत की गई थी, जो उक्त गाड़ी मीना अहिरवार को ससुराल पक्ष द्वारा वापिस दे दी गई थी, जिससे सतुष्ट होकर स्वतः शिकायतकर्ता द्वारा सीएम हेल्पलाईन बंद कराई गई थी।
आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
46. ( क्र. 2239 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के थाना रीठी में श्यामचंद, रानीबाई, आयुषी निवासी ग्राम हरद्वारा के विरूद्ध भा.द.वि. की धारा 306 के तहत अपराध क्र. 16 दिनांक 16.01.2021 कायम किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो उक्त आरोपियों को पुलिस द्वारा अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया? कब तक किया जायेगा? (ग) कटनी जिले की तहसील बड़वारा के ग्राम बड़वाराकला प.ह.नं. रा.नि. मंडल की भूमि खसरा नं. 17 रकवा 0.600 हे. संतराम बल्द हिरई कोल आदिवासी की शासकीय पट्टे की भूमि संतराम के मौत के पश्चात कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से बिना कलेक्टर के स्वीकृत आरोपियों द्वारा विक्रय कर दिया जिसकी शिकायत प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पुलिस अधीक्षक को पत्र दिनांक 19.09.2020 को की जाकर पावती 21.09.2020 को प्राप्त की गई है? पत्र क्र. 777 दिनांक 14.10.2020 पुन: शिकायत की गई है तथा थाना प्रभारी बड़वारा को पत्र क्र. 854 दिनांक 23.01.2021 को की जाकर पावती 25.01.2021 को प्राप्त की गई है? शिकायत की प्रति एस.डी.एम. और कलेक्टर को भी दी गई? उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ तो आरोपियों के विरूद्ध पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई, कब करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीवर लाइन डालने में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 2240 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम कटनी द्वारा सीवर लाइन डालने का कार्य किस कंपनी/ठेकेदार को कब, किन शर्तों पर, कितनी अवधि में कार्य पूर्ण करने की शर्त पर दिया गया था? अभी तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया एवं कितने प्रतिशत कार्य का कितना भुगतान किया बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार सीवर लाइन डालने हेतु जो ड्रांइग, डिजाइन, मैप बनाया गया होगा? उस अनुसार लाईन कहां-कहां ड़ालना है जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) की कंपनी/ठेकेदार से किए गए अनुबंध में तय रोड के रेस्टोरेशन कार्य जैसी रोड थी वैसा ही करना था, (डामर रोड को डामर से, कांक्रीट रोड को कांक्रीट से) और खोदकर पाइप डालने के कितने दिन बाद रेस्टोरेशन (पुनर्निर्माण) का कार्य करना था, कब-कब किया गया रोस्टोरेशन प्राक्कलन अनुसार न करने के लिए कौन दोषी है नाम, पद नाम सहित बताएं। डामरीकरण न कर कांक्रीट से करने पर रेस्ट्रोरेशन कास्ट में क्या अंतर आयेगा? (घ) क्या सीवर लाइन डालने के पूर्व जैसी रोड थी, उसी प्रकार मरम्मत कर करना था, किन्तु सीवर लाइन डालने के बाद रोड चलने लायक नहीं है? पूर्व से तय स्टीमेट में कब-कब संशोधन किया गया और उसके क्या कारण थे एवं स्टीमेट में परिवर्तन किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया नाम, पद नाम सहित बताएं? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में सीवर लाइन डालने में विलंब करने, अनुबंध और स्टीमेंट के विपरीत कार्य करने के लिए कंपनी/ठेकेदार के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों यदि हाँ तो कब तक।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा अमृत मिशन अंतर्गत सीवरेज एण्ड सेप्टेज मैनेजमेंट प्रोजेक्ट का कार्य संविदाकार मेसर्स केकेस्पन इंडिया लिमिटेड, हरियाणा को अनुबंध दिनांक 16.02.2017 को निष्पादित कराया जाकर दिया गया है। उक्त कार्य हेतु 24 माह वर्षा ऋतु सहित समयावधि निर्धारित की गई थी। अनुबंध की शर्तें, एस्टीमेट आदि की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वर्तमान तक भौतिक प्रगति लगभग 27.39 प्रतिशत एवं वित्तीय प्रगति लगभग 29.98 प्रतिशत है, अभी तक भुगतान राशि रू. 29.93 करोड़ है। (ख) अमृत मिशन अंतर्गत सीवरेज एण्ड सेप्टेज मैनेजमेंट प्रोजेक्ट कार्य की अनुमोदित ड्राइंग डिजाइन जिसमें लाईन आदि का विवरण अंकित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। लेईंग के पश्चात् 250 मीटर कार्य पूर्ण होने पर रोड को मोटरेवल कर दिया जाता है। अभी तक 121.86 कि.मी. रोड रेस्टोरेशन का कार्य किया गया है। डामरीकरण के स्थान पर सीमेंट कांक्रीट से रोड रेस्टोरेशन का कार्य स्थल की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अनुबंध के सेक्शन-3 के जी.सी.सी. की कण्डिका क्रमांक 19.1 के प्रावधान अनुसार किया गया है। अत: उक्त कार्य हेतु कोई भी दोषी नहीं है। डामरीकरण कार्य लागत राशि रू. 2967.15 प्रति मीटर आती है एवं सीमेंट कांक्रीट रोड राशि रू. 2906.00 प्रति मीटर लागत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। प्राक्कलन के प्रावधानों अनुसार रोड रेस्टोरेशन का कार्य कराया जाता है। प्राक्कलन में कोई संशोधन नहीं किये गये हैं। कुछ स्थानों में डामरीकरण के स्थान पर सीमेंट कांक्रीट कार्य कराये गये हैं जो कि स्थल की परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए योजना के इंजीनियर-इन-चार्ज, पीडीएमसी के रेसिडेंट इंजीनियर द्वारा कराया गया है, जो अनुबंध के प्रावधानों अनुसार है। (ड.) अमृत मिशन अंतर्गत सीवरेज एण्ड सेप्टेज मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के कार्य का अनुबंध दिनांक 16.02.2017 को निष्पादित हुआ जिसमें कार्य पूर्ण करने की अवधि 24 माह वर्षा ऋतु सहित है। उक्त कार्य हेतु संचालनालय द्वारा संविदाकार को कटनी शहर की सीवरेज परियोजना के कार्य को पूर्ण करने के लिए अनुबंध के अंतर्गत संविदाकार पर Liquidated Damage अधिरोपित करने के अधिकार को सुरक्षित रखते हुये दिनांक 31.03.2021 तक समयावधि बढ़ाए जाने की सहमति दी गई है। उक्त कार्य निर्धारित समय में पूर्ण न किये जाने की स्थिति में अनुबंध व प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बिजली विभाग द्वारा लगाये जाने वाले पोल/लाईन
[ऊर्जा]
48. ( क्र. 2280 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. वि.वि.कं.लि. द्वारा जो बिजली के पोल/केबिल लाईन डाली जाती है वह किस नियम के तहत डाली जाती है? (ख) क्या मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा पोल/केबिल लाईन की एनओसी ग्राम पंचायत/नगर परिषद/जमीन मालिक/खेत मालिक से ली जाती है यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में वर्ष अप्रैल 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक प्राप्त की गई एनओसी की वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें? यदि एनओ सी नहीं ली जाती है तो क्यों (ग) क्या बिजली विभाग द्वारा ग्राम पंचायत/नगर पंचायत/नगर परिषद/जमीन मालिक/खेत मालिक से पोल/केबिल लाईन शिफ्टिंग की राशि जमा कराई जाती है? यदि हाँ, तो उसका क्या नियम है? उसकी नियमावली उपलब्ध कराई जायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत पोल/लाईन विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 164 एवं 165 के तहत डाली जाती है जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वितरण कंपनी द्वारा विद्युत पोल/लाईन डालने हेतु एनओसी ग्राम पंचायत/नगर परिषद/जमीन मालिक/खेत मालिक से लेने की आवश्यकता नहीं है। अत: होशंगाबाद वृत्त के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पोल/विद्युत लाईन की एनओसी ग्राम पंचायत/नगर परिषद/जमीन मालिक/खेत मालिक से नहीं ली गई है। विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 164 एवं 165 के तहत एनओसी लेने का प्रावधान नहीं है, सभी लाईनों के पोल रोड किनारे व ग्रामों में, गलियों में उचित स्थान देखकर ही लगाये जाते हैं। यदि कार्य के दौरान कोई आपत्ति किसी भी व्यक्ति/संस्था द्वारा ली जाती है, तो सक्षम अधिकारी द्वारा स्थल निरीक्षण कर समाधान कारक कार्यवाही कर पोल स्थापित किये जाते है। (ग) विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियमानुसार ग्राम पंचायत/नगर पंचायत/नगर परिषद/जमीन मालिक/खेत मालिक से पूर्व से स्थापित विद्युत पोल/लाईन की शिफ्टिंग हेतु आवेदक के अनुरोध पर इस कार्य हेतु स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार राशि जमा कराई जाती है। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 07.09.2019 के संलग्नक-1 की कंडिका क्रं. V (B) के अनुसार लाईन शिफ्टिंग की वास्तविक राशि उपभोक्ता द्वारा जमा कराने का प्रावधान है। आवेदक चाहे तो शिफ्टिंग का कार्य वितरण कंपनी में निर्धारित सुपर विजन चार्ज की राशि जमा कराने के उपरांत स्वयं अ-श्रेणी के ठेकेदार के माध्यम से करा सकता है। नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
सड़क निर्माण में राख का उपयोग
[पर्यावरण]
49. ( क्र. 2283 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल ने गत तीन वर्षों में सारनी पावर हाऊस एवं सिंगाजी पावर हाऊस के तीन सौ किलोमीटर से निर्मित सड़कों में राख का उपयोग नहीं किए जाने पर किसी भी सड़क निर्माण अनुबंधकर्ता एवं संरक्षित विभाग के विरूद्ध प्रकरण नहीं बनाया? (ख) राख का किस-किस कार्य में उपयोग किए जाने के संबंध में भारत सरकार ने राजपत्र में किस दिनांक को अधिसूचना का प्रकाशन किया है? किस अधिसूचना में किन-किन कारणों से राख उपयोग से छूट दी गई है? (ग) यदि छूट नहीं दी गई तो राख का उपयोग नहीं करने वालों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध क्यों नहीं किए इसके लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता हैं? (घ) सड़क निर्माण में राख का उपयोग नहीं करने वालों के विरूद्ध कब तक प्रकरण बनाए जावेंगे?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी नहीं, सतपुड़ा थर्मल पावर स्टेशन, सारणी, जिला बैतूल के विरूद्ध दिनांक 19/06/2019 को फ्लाय ऐश अधिसूचना 1999 (यथा संशोधित) के प्रावधानों के उल्लघंन स्वरूप पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 15, 16 के अंतर्गत न्यायिक दंडाधिकारी, जिला बैतूल के न्यायालय में परिवाद दायर किया गया है। (ख) राख के उपयोग हेतु भारत शासन, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा दिनांक 14/09/1999 को अधिसूचना का.अ. 763 (ई) का प्रकाशन किया गया है, जिसे कालांतर में दिनांक 27/08/2003, 03/11/2009 एवं 25/01/2016 को संशोधित किया गया है। यथा संशोधित अधिसूचना के अनुसार राख का उपयोग ब्रिक, ब्लॉक ,टाईल्स, पेविंग ब्लॉक्स, पेविंग टाईल्स, चेकर्ड टाईल्स, मोजाईक टाईल्स, रूफिंग शीट्स, प्रीकास्ट एलीमेंटस, सीमेंट, कांक्रीट, मोर्टार,प्लास्टर, मृदा आधारित भवन सामग्री यथा ब्रिक्स, ब्लाक्स, टाईल्स, सड़क निर्माण, फ्लाय ओवर एंबेकमेंट, लो लाइंग एरिया का रिक्लेमेशन व काम्पेक्शन, खदान में स्टोइंग, ओवरवर्डन के एक्सटर्नल डंप में, कृषि कार्यों में मृदा कंडीशनर के रूप में किया जाता है। सड़क निर्माण में अथवा फ्लाय ओवर एंबेकमेंट में ताप विद्युतगृह द्वारा फ्लाय ऐश की अनुपलब्धता का प्रमाण पत्र देने अथवा तकनीकी कारणों से संबंधित विभाग के मुख्य अभियंता (डिजाईन) प्रमुख अभियंता के अनुमोदन से राख उपयोग में छूट दी जा सकती है। पर्याप्त मात्रा में फ्लाय ऐश उत्पादन न होने पर ताप विद्युत गृह से 300 किलोमीटर के दायरे में भवन निर्माण सामग्री के रूप में फ्लाय ऐश आधारित उत्पादों के उपयोग में शिथिलीकरण अथवा छूट दी जाना ही प्रावधानित है। (ग) फ्लाय ऐश परिवहन लागत प्रतिपूर्ति न किये जाने के फलस्वरूप (क) अनुसार मेसर्स सतपुड़ा ताप विद्युतगृह सारणी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। विगत तीन वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-7 के जबलपुर लखनादौन खंड, राष्ट्रीय राजमार्ग-69 के अब्दुलागंज इटारसी खंड, राष्ट्रीय राजमार्ग 12 के लालघाटी मुबारकपुर खंड एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-52 के ब्यावरा देवास खंड में सतपुड़ा थर्मल पॉवर स्टेशन सारणी से प्राप्त कुल 93761.45 मैट्रिक टन राख का उपयोग किया गया है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दर्ज प्रकरण की जांच किया जाना
[गृह]
50. ( क्र. 2284 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गेंदालाल आत्मज गंगाराम बलाई (अनुसूचित जाति) को उसकी मोयदा की निजी भूमि से बेदखल करने के लिखित आवेदन एस.पी. खरगौन, अजाक्स थाना खरगोन, एस.डी.ओ.पी. बड़वाह को प्रस्तुत किये जाने अजाक्स थाना द्वारा बयान लिये जाने के बाद अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया? (ख) गेंदालाल आत्मज गंगाराम का आवेदन किस दिनांक को अजाक्स थाना खरगौन को प्राप्त हुआ? किस दिनांक को बयान दर्ज किए, उनके द्वारा कौन-कौन सा अभिलेख प्रस्तुत किया उनके आधार पर अपराध प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (ग) ग्राम मोयदा को निजी भूमि से संबंधित भा.व.अ.1927 की धारा 3 से 19 तक में दी गई कौन-कौन सी कार्यवाही से संबंधित कौन सा अभिलेख वनमण्डल बड़वाह से अजाक्स थाना ने प्राप्त किया, 1928 से 2020 तक राजस्व अभिलेखों में दर्ज कौन सा ब्यौरा तहसीलदार बड़वाह से प्राप्त किया। (घ) कब तक गेंदालाल की शिकायत की जांच कर प्रकरण पंजीबद्ध किया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आवेदक गेंदालाल आत्मज गंगाराम बलाई (अनुसूचित जाति) को उसकी मोयदा की निजी भूमि से बेदखल करने के लिखित आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक कार्यालय खरगोन में दिनांक 02/11/20 को प्राप्त हुआ था। थाना अजाक जिला खरगोन में सीधे शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। एस.डी.ओ.पी. बड़वाह को दिनांक 30/12/2020 को आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था। अजाक थाना खरगोन के पर्यवेक्षणकर्ता अधिकारी उप पुलिस अधीक्षक अजाक (प्रथम) के द्वारा आवेदक के बयान दिनांक 01/12/20 को लेख किये गये थे। इस आवेदन पत्र की जाँच पर अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया है। (ख) आवेदक गेंदालाल का आवेदन पत्र दिनांक 25/11/2020 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय खरगोन के माध्यम से उप पुलिस अधीक्षक अजाक (प्रथम) खरगोन को प्राप्त हुआ था एवं दिनांक 01/12/2020 को बयान लेख किये गये थे। आवेदक द्वारा रसीद खां पिता माजिद खा जाति मुसलमान निवासी बड़वाह से खसरा नम्बर 15 रकबा 8-17 रूपये 4000/- में विक्रय किये गये दिनांक 04/12/1971 के विक्रय पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत की गई थी। प्रश्न से संबधित प्रकरण में श्री कुलदीप सिंह पिता शोभासिंह भाटिया निवासी बड़वाह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में याचिका क्रमांक/डब्ल्यू.पी/19170/2019 दायर की गई है। उक्त याचिका वर्तमान में माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। माननीय न्यायालय के निर्णय उपरान्त ही अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) कार्यालय वनमण्डलाधिकारी सामान्य वन मण्डल बड़वाह से कार्यालयीन पत्र से, नोटिफिकेशन वर्ष 1954, वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई जाँच का प्रतिवेदन, बेदखली आदेश वनग्रामों में उप पंजीयक कार्यालय बड़वाह से प्राप्त क्रय विक्रय की जानकारी, न्यायालयीन आदेश दिनांक 26.11.2018, कलेक्टर खरगोन का पत्र की छायाप्रति प्राप्त हुई है। राजस्व अभिलेखों की आवश्यकता नहीं होने से तहसीलदार बड़वाह से दस्तावेज प्राप्त नहीं किये गये है। (घ) प्रश्न से संबधित प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में याचिका क्रमांक/डब्ल्यू/पी/19170/2019 विचाराधीन है। माननीय न्यायालय के निर्णय उपरान्त ही अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा सकेगी।
बढ़े हुए बिजली के बिल का निराकरण
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 2373 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं बरेली संभाग में गरीबों द्वारा बढ़े हुए बिजली बिलों की शिकायतों के निराकरण हेतु क्या-क्या व्यवस्था की गई है 1 जनवरी 2019 से फरवरी 2021 तक की अवधि में बढ़े हुए बिजली के बिल में सुधार हेतु कितने उपभोक्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों के पत्र वृत्त एवं संभाग कार्यालय में प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) कितने उपभोक्ताओं के बिल कम हुए तथा क्यों कारण बताओं उक्त उपभोक्ताओं को बढ़े हुए बिल क्यों दिये गये? (ग) इन्दिरा गृह ज्योति में क्या-क्या प्रावधान है, पूर्ण विवरण दें घरेलू कनेक्शन में बिजली के बिल में कितने रूपये प्रति यूनिट का प्रावधान है, इसके अतिरिक्त बिल में अन्य कौन-कौन से शुल्क कितनी-कितनी राशि के क्यों जोड़े जाते है, कारण बतायें उक्त शुल्क तथा मीटर किराया उपभोक्ता एकमुश्त देना चाहे तो क्या प्रावधान है? (घ) निर्धारित तिथि तक बिल जमा न करने की स्थिति में पेनाल्टी या सरचार्ज किस दर से कितना क्यों लगाया जाता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के रायसेन वृत्त के रायसेन एवं बरेली संचालन/संधारण संभागों में बढ़े हुये बिजली बिलों की शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित कार्यालय द्वारा तत्काल सुधार किया जाता है। प्रश्नाधीन अवधि में रायसेन वृत्त तथा रायसेन एवं बरेली संभाग कार्यालयों में 2 उपभोक्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों के 2 शिकायती पत्रों के माध्यम से 15, इस प्रकार कुल 17 उपभोक्ताओं की शिकायत प्राप्त हुई है। उक्त प्राप्त शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उक्त उपभोक्ताओं की शिकायतों का निराकरण किया गया जिसमें 15 उपभोक्ताओं की बिल राशि पुनरीक्षित की गई। पुनरीक्षित किये गये बिल एवं कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों के अंतर्गत उपभोक्ताओं को सामान्यत: मीटर रीडिंग अनुसार बिल प्रदाय किये गये हैं। तथापि मीटर रीडिंग में त्रुटि, बिल अस्पष्ट छपना, आंकलित खपत त्रुटिपूर्ण गणना के आधार पर होना इत्यादि कारणों से प्रश्नाधीन कतिपय देयकों में त्रुटि पाई गई। (ग) इंदिरा गृह ज्योति योजना के प्रावधानों से संबंधित चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश दिनांक 17.12.2020 जो 26.12.2020 से लागू हैं के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं हेतु प्रति यूनिट बिलिंग का प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त के अलावा विद्युत शुल्क प्रथम 100 यूनिट तक ऊर्जा प्रभार का 9 प्रतिशत एवं 100 यूनिट से अधिक पर ऊर्जा प्रभार का 12 प्रतिशत जोड़ा जाता है। साथ ही उपभोक्ता को ईंधन प्रभार शुल्क भी देय होता है जिसका निर्धारण तिमाही आधार पर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार किया जाता है। दिनांक 01.01.2021 से 31.03.2021 की तिमाही हेतु यह शुल्क 12 पैसे प्रति यूनिट है। उपभोक्ता की विगत एक वर्ष की खपत के आधार पर आंकलित कर आवश्यक होने पर सुरक्षा निधि की राशि की किश्त भी बिल में जोड़ी जाती है जो कि उपभोक्ता से 3 किस्तों में लिये जाने का प्रावधान है तथापि यदि उपभोक्ता चाहें तो यह राशि एकमुश्त भी जमा कर सकता है। वर्तमान में लागू टैरिफ में मीटर किराया लेना बंद कर दिया गया है। उक्त सभी शुल्क राज्य शासन द्वारा अधिसूचित नियमों एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियमों के अनुसार जोड़ा जाता है। सुरक्षा निधि को छोड़कर उक्त शुल्क उपभोक्ता द्वारा एकमुश्त जमा करने का कोई प्रावधान नहीं है। यदि उपभोक्ता द्वारा बिलों का अग्रिम भुगतान किया जाता है तो 1 प्रतिशत की दर से प्रतिमाह रिबेट दिये जाने का प्रावधान है। (घ) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार निर्धारित तिथि तक बिल जमा नहीं करने की स्थिति में 1.25 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से अधिभार लगाया जाता है जो कि विद्युत देयक की राशि 500 रूपये तक के लिये न्यूनतम 5 रूपये प्रतिमाह एवं 500 रूपये से अधिक पर न्यूनतम 10 रूपये प्रतिमाह लिया जाता है।
सौभाग्य योजना के तहत कराये गये कार्य
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 2374 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं बरेली संभाग में सौभाग्य योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक कितने, कितने घरों के विद्युत कनेक्शन, कितनी राशि के कार्य करवाये गये? (ख) उक्त कार्यों पर कितनी राशि व्यय हुई किस-किस ठेकेदार को कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) सौभाग्य योजना के अंतर्गत कराये गये कार्यों में अनियमितता एवं गड़बड़ी की किन-किन माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई उक्त शिकायतों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई। (घ) रायसेन एवं बरेली संभाग में कौन-कौन से ग्राम अविद्युतीकृत है तथा उनका विद्युतीकरण क्यों नहीं कराया गया।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत संचालन एवं संधारण वृत्त, रायसेन के संचालन एवं संधारण संभाग रायसेन एवं बरेली में सौभाग्य योजना अंतर्गत क्रमश: 23911 एवं 18599 इस प्रकार कुल 42510 अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का रू. 21.16 करोड़ लागत राशि का कार्य कराया गया है। (ख) सौभाग्य योजनांतर्गत किये गये प्रश्नाधीन कार्यों पर रू. 21.16 करोड़ की राशि व्यय हुई। प्रश्नाधीन क्षेत्र में सौभाग्य योजनांतर्गत किये गये कार्यों के लिये ठेकेदार एजेंसियों को किये गये भुगतान की ठेकेदारवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रायसेन संचालन एवं संधारण वृत्त में सौभाग्य योजना के अंतर्गत कराये गये कार्यों में अनियमितता एवं गड़बड़ी की किसी भी माध्यम से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) संचालन एवं संधारण संभाग रायसेन एवं बरेली अंतर्गत कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृत आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 2410 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत नगर परिषद छापीहेड़ा में वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री आवास योजना में कितने हितग्राहियों के आवास स्वीकृत किये गये हैं? इनमें से कितने हितग्राहियों को प्रथम किश्त जारी की गई? (ख) ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनको प्रथम किश्त का लाभ नहीं दिया गया है? किस कारण से इन हितग्राहियों को वंचित रखा गया है? (ग) वंचित रहे हितग्राहियों के खाते में प्रथम किश्त कब तक जमा की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले के नगर परिषद छापीहेड़ा में वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बीएलसी घटक अन्तर्गत 139 हितग्राहियों को भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है, किन्तु भारत सरकार से अभी राशि प्राप्त न होने से किसी भी हितग्राही को प्रथम किश्त की राशि प्रदाय नहीं की जा सकी है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्रों का निर्माण
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 2412 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत राजगढ़ सर्किल में वर्ष 2019-20 में कितने 33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये थे? क्या इनकी निविदायें जारी की गई थी? संख्या एवं जारी निविदाओं की दिनांक एवं निविदा में उल्लेखित स्थान स्पष्ट करें एवं निविदाओं पर क्या कार्यवाही की गई है। (ख) क्या इनमें से कोई 33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्र निरस्त किये गये है? यदि हाँ तो कब एवं क्यों? यदि निरस्त किये गये है तो पुन: कब बनाये जायेंगे? यदि निरस्त नहीं किये गये है, तो उपकेन्द्र कब तक प्रारंभ हो जायेंगे? (ग) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को उपकेन्द्रों के निर्माण हेतु SSTD में कितना बजट प्राप्त हुआ।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्ष 2019-20 में राजगढ़ वृत्त के अंतर्गत 33/11 के.व्ही.के 13 नवीन विद्युत उपकेन्द्र के कार्य स्वीकृत किये गये थे। जी हाँ, निविदायें जारी की गई थी। उक्त कार्यों हेतु जारी की गई 13 निविदाओं के निविदा क्रमांक, दिनांक एवं उपकेन्द्र के नाम/स्थान का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त निविदाओं को राशि की वित्तीय उपलब्धता के दृष्टिगत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक प्र.सं./म.क्षे./कार्य एवं योजना/39 भोपाल दिनांक 16.05.2020 के माध्यम से निरस्त किया गया था। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार राजगढ़ वृत्त के अंतर्गत 33/11 के.व्ही प्रश्नाधीन सभी 13 नवीन विद्युत उपकेंद्रों के कार्य की निविदाओ को वित्तीय संकट के कारण म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 16.05.2020 से निरस्त किया गया था। तत्पश्चात अत्यावश्यक होने के कारण 33/11 के.व्ही. के 3 नवीन विद्युत उपकेन्द्रों यथा बामलाबे, अलोनी एवं सवांसी के कार्य स्वीकृत किये गये, जिनका कार्य पूर्ण किया जा चुका है। 33/11 के.व्ही. के शेष 10 विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में करने पर वित्तीय उपलब्धता अनुसार स्वीकृत करने पर निर्णय लिया जायेगा अत: कार्य प्रांरभ होने की समय-सीमा बताना वर्तमान में संभव नहीं है। (ग) विद्युत उपकेंद्रों के निर्माण हेतु पृथक से बजट नहीं दिया जाता है। अपितु समस्त प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्यों हेतु वर्ष 2019-20 में स्वीकृत राशि रू. 119 करोड़ के विरूद्ध रू. 25 करोड़ तथा वर्ष 2020-21 में स्वीकृत राशि रू. 73 करोड़ के विरूद्ध रू. 30 करोड़ की राशि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को निर्गमित की गई है।
कृषि भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनी का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 2437 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग लहार जिला भिण्ड ने आदेश दिनांक 22.09.2018 को प्रकरण क्र. 46/ब-121/2012-13 तथा प्रकरण क्र. 57, 112, प्रकरण क्र. 00/ब-121/2012-13, प्रकरण क्र. 77, 82, 87, 91, 94, 96, 103, 80 एवं प्रकरण क्र. 47 आदि में किन-किन व्यक्तियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (ग) (ड.) के तहत अवैध कॉलोनियों के संबंध में अर्थदण्ड प्रीमियम एवं भू-भाटक अधिरोपित किया था एवं प्रत्येक व्यक्ति से कितनी-कितनी राशि वसूल कर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या नगर पालिका क्षेत्र में अवैध कॉलोनी के संबंध में कार्यवाही करने हेतु कलेक्टर भिण्ड को उपरोक्त प्रकरण कब प्रेषित किए गए एवं कलेक्टर भिण्ड द्वारा दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या यह सही है कि अनुविभागीय अधिकारी लहार, मिहोना, रौन अनुभाग में भारी पैमाने पर कॉलोनाइजरों द्वारा राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर किसानों से सस्ते दरों पर कृषि भूमि खरीदकर बिना आवासीय सुविधा उपलब्ध कराए ऊंची दरों पर प्लाट बनाकर बेचे जा रहे हैं? यदि हाँ तो क्या ऐसे भू-माफियाओं एवं कॉलोनाइजरों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) लहार द्वारा अवैध कालोनाईजर पर कार्यवाही हेतु प्रस्ताव कलेक्टर भिण्ड को दिनांक 22.09.2018 को प्रेषित किए गए थे, कलेक्टर भिण्ड द्वारा आदेश जारी कर भिण्ड जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उपखण्ड क्षेत्रान्तर्गत कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कतिपय भू-स्वामियों द्वारा अवैध रूप से कालोनियां काटकर भूखण्डों का विक्रय किया गया है परन्तु यह सही नहीं है कि, कालोनाईजर द्वारा राजस्व अधिकारियों से सांठ-गांठ कर प्लाट बनाकर बेचे जा रहे है। अवैध कालोनी बनाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध विधि के प्रावधान के अनुरूप कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदाय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 2533 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत बड़वानी जिले को कुल कितनी राशि प्रदान की गयी है? वर्ष वार प्राप्त राशि का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि अनुसार, मदवार, व्यय राशि का विवरण देवें एवं योजना के संबंध में कार्यालय में प्राप्त शिकायतों एवं उनके जांच प्रतिवेदन उपरान्त कि गई, (कार्यवाही की जानकारी प्रश्न दिनांक तक कि स्थिति में देवें? (ग) मदवार व्यय राशि में से कुल कितनी राशि शासकीय एजेंसियों के अतिरिक्त गैर सरकारी संगठनों को जारी की गयी है? वर्षवार, निकायवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में गैर सरकारी संगठनों को जारी कार्यादेश, स्वीकृति भुगतान कार्यादेश जारी करने हेतु अपनायी गयी प्रकिया की जानकारी देवें? (ङ) प्रश्नांश (ग) में जारी राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित निविदा का विवरण वर्षवार, निकायवार, कार्यवार प्रदान करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। नगर पालिका परिषद बड़वानी में प्राप्त शिकायतों एवं जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' अनुसार है। (घ) गैर सरकारी संगठनों के लिये स्वीकृति, भुगतान, कार्यादेश जारी करने हेतु अपनाई गई प्रक्रिया पृथक न होकर नगर पालिका अधिनियम-1961 के विहित प्रावधानों के अंतर्गत की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'द' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'द' अनुसार है।
विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर, रीडर एवं लेक्चरर के पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
57. ( क्र. 2538 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में शासकीय और अशासकीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर,रीड़र एवं लेक्चरर के कितने पद है? प्रत्येक विश्वविद्यालयवार, विषयवार सहित बतायें। (ख) प्रत्येक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर,रीड़र एवं लेक्चरर के कितने पद खाली है? विषयवार बतायें। (ग) विश्वविद्यालयों में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया कब से प्रारम्भ की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग अंतर्गत संचालित शासकीय 16 विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर, रीडर/सह-प्राध्यापक, लेक्चरर/सहायक प्राध्यापक के कुल 1718 पद हैं एवं अशासकीय 37 विश्वविद्यालयों में कुल 11940 पद हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय विश्वविद्यालयों में कुल 1204 एवं अशासकीय विश्वविद्यालयों में 1699 पद रिक्त हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रावधान अनुसार विश्वविद्यालयों द्वारा खाली पदों को भरने की कार्यवाही विश्वविद्यालय स्तर से की जाती है।
आयुष विभाग द्वारा संचालित औषधालय
[आयुष]
58. ( क्र. 2545 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत आयुष विभाग द्वारा कितने औषधालय संचालित हैं? इनमें कितने स्वयं के भवनों एवं कितने किराये के भवनों में संचालित किये जा रहे है? (ख) क्या बड़ी मात्रा में जिला अंतर्गत पंचायत के भवनों में औषधालय संचालित किये जा रहे है? इनमें कुछ भवन जर्जर अवस्था में है एवं कुछ भवनों में बाऊण्ड्रीवॉल का निर्माण कराया जाना अपेक्षित है। क्या शासन इन कार्यों को पूर्ण करायेगा तथा कब तक? (ग) क्या यह भी सही है कि, संचालित कुछ आयुष औषधालयों में मूलभूत सुविधाओं जैसे शुद्ध पेयजल, शौचालय आदि का भी अभाव है? क्या शासन इस कमी को पूरा करायेगा तथा कब तक?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। निर्माण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) जी हाँ। पेयजल पंचायत उपलब्ध सुविधा से उपलब्ध कराया जाता है। शौचालय निर्माण हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहारा इंडिया व चिट फंड कंपनियों को म.प्र में प्रतिबंध
[गृह]
59. ( क्र. 2552 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहारा इंडिया कंपनी और अन्य चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 793 दिनांक 17/12/2019 एवम प्रश्न क्र. 54 दिनांक 21/09/2020 के संदर्भ में क्या क्या कार्यवाही की गई है कार्यवाही से अवगत कराएं (ख) प्रदेश में दिनांक 01 जनवरी, 2019 से 31 जनवरी, 2021 तक कितनी चिटफंड कंपनियों द्वारा ठगी करने और ज्यादा ब्याज का लालच देकर धन हड़पने की शिकायत मिली है? (ग) उपरोक्त चिटफंड कंपनियों द्वारा कितने लोगों से कितनी धनराशि हड़पने का अनुमान है? राज्य सरकार आम लोगों को चिटफंड कंपनियों की ठगी से बचाने और उन्हें उनकी रकम वापस दिलाने के लिए क्या कर रही है? (घ) क्या इतनी बड़ी संख्या में जनता का पैसा हड़पने के बावजूद भी ये कंपनियां अभी भी जनता को मोटा ब्याज का लालच देकर राशि एकत्र करने का काम कर रही है? (ड.) शासन द्वारा इन कंपनियों को मध्य प्रदेश में कब प्रतिबंधित किया जाएगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र.
2553 ) श्री
मनोज चावला : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
में धड़ल्ले
से कट रही
अवैध
कॉलोनियों की
रोकथाम और वैध
कॉलोनियों
में मूलभूत
सुविधाएं
प्रदाय करने
के संबंध में
शासन द्वारा वर्तमान
में क्या कदम
उठाए जा रहे
हैं अवगत कराएं।
(ख)
प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्र. 313
दिनांक 28/12/2020 के
बिंदु (ख) में
शेष 34
कॉलोनाइजर पर
एफ.आई.आर दर्ज
क्यों नहीं की
गई है (ग)
प्रश्नांश (ख)
में
उल्लेखित
प्रश्न
अंतर्गत
बिंदु (क) अनुसार
39
हस्तांतरित
अवैध
कॉलोनियों
में
कॉलोनाइजर को
सूचना पत्र
जारी करने के
बाद क्या
कॉलोनाइजर
द्वारा
मूलभूत
सुविधाएं
प्रदान कर दी
गई है या नहीं
लिखित में
अवगत कराएं।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) अवैध
कालोनियों की
रोकथाम के लिए
म.प्र. नगर पालिक
निगम अधिनियम 1956
तथा म.प्र.
नगरपालिका
अधिनियम 1961
में अवैध
कालोनियां
बनाने वाले व्यक्तियों
के विरूद्ध
दण्डात्मक
कार्यवाहियों
के प्रावधान
है, जिसके
तहत सक्षम
प्राधिकारियों
द्वारा कार्यवाहियां
की जाती है और
वैध
कॉलोनियों
में कॉलोनाईजर
द्वारा
मूलभूत
सुविधाएं
उपलब्ध
कराने के लिए
म.प्र.
(कॉलोनाईजर का
रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन
एवं शर्तें)
नियम 1998 में
प्रावधान है। (ख)
संबंधित
कॉलोनाईजर्स
को नगरपालिका
जावरा द्वारा
सूचना पत्र
जारी किए गए
है, सूचना
पत्र का उत्तर
प्राप्त
होने पर
परीक्षण
उपरान्त
नियमानुसार
कार्यवाही की
जायेगी। (ग)
जी नहीं, 39
हस्तांतरित
अवैध
कालोनियां
नहीं बल्कि
प्रश्न
क्रमांक 313
सत्र दिसम्बर
2020
के प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
में 39
अहस्तांतरित
वैध
कालोनियों का
उल्लेख था।
थाना चीनौर में झूठी एफ.आई.आर की जाँच
[गृह]
61. ( क्र. 2560 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि थाना-चीनौर, जिला-ग्वालियर में एफ.आई.आर. क्र. 0018 दिनांक 2 फरवरी 2021 को सुनीता पत्नी पुरूषोत्तम कुशवाह एवं अन्य द्वारा दौलत सिंह कुशवाह इत्यादि पर दर्ज कराया है क्या वह बिल्कुल असत्य कहानी है, क्या दौलत सिंह कुशवाह को जिस समय हाथ में पिस्टल लिये घर में घुसकर मारना-पीटना, डराना-धमकाना बताया गया था, उस समय क्या दौलत सिंह कुशवाह सेन्ट्रल बैंक ऑफ इन्डिया शाखा-चीनौर में अपने परिवार के साथ किसान क्रेडिट कार्ड बनवाते हुये सी.सी.टी.वी. कैमरे चीनौर बैंक में दिखाई दे रहे हैं? (ख) क्या दौलत सिंह कुशवाह अपने परिवार के साथ बैंक में सुबह 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक एवं शाम 4:00 बजे से 6:30 बजे तक बैंक में थे यदि हाँ तो फिर दौलत सिंह कुशवाह पर क्या राजनैतिक कारण से झूठी एफ.आई.आर कराई गई थी? क्या एफ.आई.आर करने के लिये थाना-प्रभारी एवं एफ.आई.आर कराने वाले दोषी है? (ग) यदि हाँ? तो क्या दोषियों के प्रति कोई कठोर-दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ? तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्या झूठे प्रकरण दर्ज कराने तथा करने वालों को प्रत्साहित किया जावेगा? क्या दौलत सिंह कुशवाह एवं अन्य को जाँच कराकर दोष-मुक्त किया जावेगा? यदि हाँ? तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना चीनौर जिला ग्वालियर में दिनांक 02 फरवरी 2021 को फरियादिया श्रीमती सुनीता पत्नी पुरूषोत्तम कुशवाह द्वारा दौलत सिंह कुशवाह आदि के विरूद्ध अपराध क्रमांक 18/21 पंजीबद्ध करवाया गया है। प्रकरण की विवेचना जारी है, विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर निराकरण किया जायेगा। सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा चीनौर से सी.सी.टी.व्ही. फुटेज अभी अप्राप्त है। (ख) सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा चीनौर से सी.सी.टी.व्ही. फुटेज अप्राप्त है। सी.सी.टी.व्ही. फुटेज प्राप्त होने पर एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। (ग) प्रकरण विवेचना में है, विवेचना के दौरान एकत्रित साक्ष्य के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी।
भितरवार विधानसभा क्षेत्र में बन्द पड़े ट्रांसफर
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 2561 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 फरवरी 2021 की स्थिति में ऐसे कितने ट्रॉसफार्मर किस-किस गाँव में, किस-किस पंचायत में कितने दिनों से फुके हुये, खराब या बन्द पड़े है उन ट्रॉसफार्मरों को अभी तक नहीं बदला गया है क्या ट्रॉसफार्मर पर बिल शेष है यदि हाँ? तो किस-किस ट्रॉसफार्मर पर कितना-कितना बिल किस-किस व्यक्ति पर शेष है? (ख) क्या जो कुंए या बोर सूख गये है और उन पर लगातार विद्युत विभाग बिलिंग कर रहा है ऐसे कौन-कौन से ट्रांसफार्मर पर कौन-कौन किसान है जिनके कुंए या बोर सूख गये है उनके नाम, गाँव तथा उन पर कितना बिल लगाया गया है सम्पूर्ण विवरण दें। (ग) ट्रांसफार्मर फुंक जाने पर या खराब हो जाने पर कितने समय में चालू ट्रांसफार्मर रखने का विद्युत विभाग का नियम है क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय कर्मचारी/अधिकारी फुके हुये ट्रांसफार्मर को बदलने में कृषकों से अवैध वसूली के लिये विलम्ब करते है? यदि हाँ तो ऐसे कर्मचारियों/अधिकारियों के नाम बतावें? यदि नहीं, तो फिर ट्रांसफार्मर बदलने में विलम्ब करने का क्या कारण है? (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 फरवरी 2021 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है उनका नाम,पद पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 1 फरवरी 2021 की स्थिति में सभी जले/खराब ट्रांसफार्मरों को संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरांत बदला जा चुका है। (ख) हितग्राही द्वारा सूखे हुए कुंए या बोर की जानकारी संबंधित वितरण कंपनी में देने पर उन पर आगे बिलिंग नहीं की जाती है। ऐसे कनेक्शनों में यदि पूर्व में कोई बिलिंग हो चुकी है तो उस राशि का बिल में विधिवत समायोजन किया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में हितग्राहियों द्वारा सूखे हुए कुएं एवं बोर के संबंध में दिये गये आवेदनों की जानकारी निरंक है। (ग) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 23.11.2012 को अधिसूचित विनियमों के अनुसार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर संभागीय मुख्यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्यालयों को छोड़कर अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्बर तक) 07 दिवस के अंदर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना करना आवश्यक है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर उक्त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा ट्रांसफार्मर बदलने में कृषकों से अवैध वसूली का कोई प्रकरण म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं आया है। ट्रांसफार्मर बदलने में विलम्ब का मुख्य कारण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं पर बकाया राशि होना हैं। (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 फरवरी 2021 की स्थिति में पदस्थ कर्मचारियों एवं अधिकारियों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विकसित कॉलोनियों के प्लाटों की बिक्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 2649 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में ग्राम पीपलनेर के खसरा नं.137, 139 में कितनी कालोनियां विकसित की है? कितने प्लाटों की बिक्री किस बिल्ड़र ने की है? क्रेता-विक्रेता के नाम बताएं। (ख) खसरा नंबर 137 एवं 139 में कितनी भूमि शासकीय होकर रक्षा विभाग के नाम पर दर्ज है रकवा बताएं इन दोनों खसरों की कितनी शासकीय जमीन पर पर्ण कुटी कॉलोनी के कब्जे में है? (ग) खसरा नंबर 137 एवं 139 में कितनी शासकीय जमीन पर पर्ण कुटी बिल्डर द्वारा कब्जा कर अतिक्रमण किया गया है? अतिक्रमणकर्ताओं के नाम बताएं यह अतिक्रमण कब तक हटाया जाएगा? समय-सीमा बताएं। (घ) जिला प्रशासन के पास खसरा नंबर 137 व 139 पर निर्मित पर्ण कुटी कॉलोनी से संबंधित अतिक्रमण की कीतनी शिकायतें विगत वर्ष में प्राप्त हुई है उन पर क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) दिनांक 22.10.2010 को सीमांकन दल के द्वारा किये गये सीमांकन के अनुसार ग्राम पीपलनेर के खसरा न. 137 एवं 139 में वर्ष 2009-10 में पर्णकुटी कालोनी विकसित की गई] जिस पर वर्तमान में मकानात बने हुए है। श्रीमती सुधा सिंघल पत्नि श्री प्रबोध सिंघल प्रोपराईटर मेसर्स निर्माण सुधा के द्वारा पर्णकुटी कालोनी विकसित की गई है। म.प्र. शासन पुनर्वास विभाग के पत्र क्र. एफ-22-20/03/28 दिनांक 21.11.2005 के तहत ट्रस्टी जीव सेवा संस्थान सचिव हीरो ज्ञान चंदानी बैरागढ़ को ग्राम पीपलनेर स्थित भूमि खसरा नं. 139/1 के अंश रकबा 31515 वर्ग फिट का आवंटन किया गया है तथा उक्त दस्तावेज पंजीयन कराया गया है। उपरोक्त के अलावा ग्राम पीपलनेर स्थित शासकीय भूमि खसरा नं. 137 एवं 139 में कोई भी पंजीकृत विक्रय-पत्र का निष्पादन होना नहीं पाया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" अनुसार है। (ख) खसरा नं. 139/1/2 रकबा 3.1210 हेक्टर भूमि वर्तमान राजस्व अभिलेख में रक्षा विभाग (भारत सरकार) भारतीय नौसेना अध्यक्ष संस्था के नाम अंकित है। दिनांक 22.10.2010 को सीमांकन दल के द्वारा किये गये सीमांकन में खसरा न. 137 में से रकबा 2.45 एकड़ तथा खसरा न. 139 में से 0.36 एकड़ भूमि पर कब्जा पाया गया था। (ग) तहसीलदार बैरागढ़ वृत्त भोपाल के राजस्व प्रकरण क्रमांक 01/अ-68/2010-11 में किये गये सीमांकन दिनांक 22-10-2010 में सीमांकन दल द्वारा खसरा न. 137 में से रकबा 2.45 एकड़ तथा खसरा न. 139 में से 0.36 एकड़ भूमि पर बिल्डर का कब्जा प्रतिवेदित किया गया था। परंतु माननीय न्यायालय आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल के प्रकरण क्रमांक 36/निगरानी/2010-11 में पारित आदेश दिनांक 06 मई 2014 के द्वारा बिल्डर की निगरानी आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए पुनः सीमांकन के आदेश दिये गये हैं। उक्त के क्रम में पुनः सीमांकन किये जाने के आदेश क्रमांक 357/भू-अभि/2021 दि. 19.02.2021 द्वारा दिये जा चुके है। सीमांकन में अतिक्रमण पाये जाने पर विधि अनुकूल अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही की जायेगी। न्यायिक प्रक्रिया होने से समय-सीमा बताया जाना संभंव नहीं है। (घ) जिला प्रशासन के पास खसरा नं. 137 एवं 139 पर निर्मित पर्णकुटी कालोनी में अतिक्रमण से संबंधित कोई शिकायतें दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है।
संस्कृत महाविद्यालय भितरी को अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय से संबंध किया जाना
[उच्च शिक्षा]
64. ( क्र. 2671 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के चुरहट विधानसभा में कितने कॉलेज वर्तमान में प्रारंभ है, प्रोफेसर/सहा.प्राध्यापकों की विषयवार छात्रों की संख्या सहित बतायें। (ख) सीधी में लॉ कॉलेज है क्या? क्या इस संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) संस्कृत महाविद्यालय भितरी (सीधी) चुरहट विधानसभा में कब से संचालित है? उस समय प्रदेश में कितने संस्कृत महाविद्यालय थे, किस-किस विश्वविद्यालय से संबंध था? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या इस महाविद्यालय को उज्जैन से संबद्ध किया गया है? यदि हां, तो क्या शासन जनहित/में संस्कृत के साथ कला/वाणिज्य कक्षाएं प्रारंभ कर, अवधेश विद्यालय से संबंद्ध हेतु कार्यवाही करेगा? (ड.) क्या प्रश्नांश (घ) के संबंध में प्रश्नकर्ता ने मुख्यमंत्री/मंत्री जी को पत्र भी दिया गया है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सीधी जिले के चुरहट विधानसभा में 03 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विधि कक्षायें प्रारंभ करने के लिए बार काँउसिल ऑफ इण्डिया, नई दिल्ली से अनुमति प्राप्त करने हेतु पत्राचार किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) संस्कृत महाविद्यालय, भितरी (सीधी) में दिनांक 05.07.1956 से संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (घ) जी हाँ। महर्षि पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम 2006 एवं मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम 1974 में निहित उपबंधों के आधार पर अन्य विषयों की सम्बद्धता अन्य विश्वविद्यालय से किसी भी रीति में सहयुक्त नहीं किया जायेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'चार' एवं 'पाँच' अनुसार है। (ड.) विभाग में प्रश्नांश (घ) के संबंध में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
अग्निशामक यंत्र का क्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 2688 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले अन्तर्गत अग्निकांड न हो उसकी सुरक्षा हेतु विगत 5 वर्षों में किन-किन विभागों में अग्निशामक यंत्र, व्यवसायिक यंत्र व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, स्थानीय निकायों बैंकों एवं अन्य विभागों को प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या निर्देश, कब-कब दिए गए है तथा दिए गए निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के निर्देश के परिपालन में किन-किन विभागों द्वारा विगत 5 वर्षों में किस-किस संस्था से किस-किस दर पर कितनी मात्रा में किस प्रक्रिया से अग्निशामक यंत्र क्रय किए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अग्निशामक यंत्रों को क्रय करने में किस-किस प्रकार की अनियमितताएं बरतने की शिकायत सामने आई? शिकायतवार विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अग्निकांड की रोकथाम व सुरक्षा हेतु सतना जिले हेतु पृथक से निर्देश जारी नहीं किये गये हैं, वरन संपूर्ण प्रदेश के लिये समय-समय पर जारी किये गये निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
सी.सी. टीवी कैमरे लगाए जाने हेतु निविदा
[गृह]
66. ( क्र. 2689 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्नोत्तरी दिनांक 15 जुलाई 2019 में मुद्रित प्रश्न संख्या 114 (क्र. 2029) के प्रश्नांश (क) से (घ) के संबंध में बड़े शहरों एवं संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा हेतु 15 जुलाई 2019 से प्रश्न दिनांक तक जिन कंपनियों से सी.सी. टीवी कैमरे लगाए जाने हेतु निविदा बुलाई गई है, उस निविदानुसार एक सी.सी. टीवी कैमरा लगवाने से लेकर मरम्मत करने व बदलने तक की किस निर्धारित दर पर क्रय किए गए हैं? (ख) कैमरे कहां स्थापित करना है व वह किस आधार पर तय किया जाता है, मापदण्ड स्पष्ट करें तथा सी.सी. टीवी कैमरे क्रय किये जाने के संबंध में प्रश्न दिनांक तक समय-समय पर क्या निर्देश पुलिस अधीक्षकों को जारी किए गए हैं, जारी किए गए आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ग) जो भी सी.सी. टीवी कैमरे जिन जिलों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक क्रय किए गए हैं उनमें से कितने चालू हालत में है, कितने खराब है, कितने बदले गये हैं, पृथक-पृथक जिलेवार संख्या बतायें। (घ) सी.सी. टीवी फुटेज के आधार पर विगत 2 वर्षों में कितने अपराधियों को पकड़ा गया है और इनकी उपयोगिता की स्थिति बतायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस दूरसंचार मुख्यालय द्वारा बड़े शहरों एवं संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा हेतु 15 जुलाई 2019 से प्रश्न दिनांक तक कोई निविदा नहीं बुलाई गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा आपराधिक बाहुल्य क्षेत्रों, महिलाओं/युवतियों की सुरक्षा के दृष्टिगत, यातयात नियंत्रण, साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों, पर्यटन स्थल, नक्सल प्रभावित क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, व्यावसायिक दृष्टि, धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों का चयन कर सूची उपलब्ध करायी गयी जिन पर सीसीटीवी कैमरों का स्थापना कार्य कराया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) विगत 2 वर्षों में कुल 1815 अपराधियों को पकड़ा गया है। प्रदेश के समस्त जिलों में सीसीटीवी सिस्टम के उपयोग से अपराधों की पतासाजी, अपराधों की रोकथाम, सार्वजनिक क्षेत्रों की सतत् निगरानी, न्यायालयीन साक्ष्य, कानून व्यवस्था ड्यूटी, अज्ञात आरोपियों को ज्ञात करना, यातायात प्रबंधन, अपराध अनुसंधान इत्यादि में महत्वपूर्ण उपयोगिता है।
म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 एवं 1975 में किये गये संशोधन
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 2711 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में प्रश्नकर्ता का पत्र क्र.2763 दिनांक 23.01.2021 द्वारा म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 तथा 1975 में संशोधन बाबत् प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो क्या यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 300 ए के विरूद्ध है? (ख) क्या भूमि स्वामियों के हितों का संरक्षण करने की व्यवसथा इस अधिनियम/नियम में है? यदि हाँ तो विस्तृत विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के संबंध में क्या कार्यवाह की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 में संशोधन विधानसभा द्वारा विधिक प्रक्रिया अनुसार पारित किया गया है। संशोधित अधिनियम संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं है। (ख) जी हाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) पत्र में उठाये बिन्दुओं पर परीक्षण की कार्यवाही प्रचलित हैं।
प्रवेशित विद्यार्थियों की चयन सूची का परीक्षण
[आयुष]
68. ( क्र. 2721 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्र. 12, दिनांक 30 दिसम्बर, 2020 के उत्तरांश (ग) एवं (घ) अनुसार वर्ष 17-18 एवं 18-19 में एम.पी. ऑनलाईन द्वारा एवं संचालनालय द्वारा जारी चयनित विद्यार्थियों की फाईनल सूची का परीक्षण करा लिया गया है? (ख) क्या सूची दोष पूर्ण पाई गई है? (ग) यदि हाँ तो क्या सूची में सुधार कार्य कराया जावेगा एवं क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत यदि अब तक परीक्षण नहीं कराया गया है तो कब तक कराया जावेगा?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) एवं (ख) जाँच प्रक्रियाधीन है। (ग) जाँच के पश्चात् तथ्यों के प्रकाश में गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) जाँच प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
नगर निगम जबलपुर द्वारा शहरी गरीबों के लिए आवास आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 2722 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहरी गरीबों के लिए महाराजपुर क्षेत्र में आवास आवंटने किये गये हैं? (ख) यदि हाँ तो क्या आवंटितियों को बैंक लोन उपलब्ध कराया गया है? (ग) क्या हितग्राहियों से बैंक द्वारा सामान्य ब्याज के अलावा दण्ड ब्याज भी वसूला जा रहा है? (घ) क्या कोरोना काल के समय न चुकाये गये लोन पर भी ब्याज एवं दण्ड ब्याज लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। आवंटियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के आलोक में बैंक द्वारा बैंक अथवा दण्ड ब्याज की वसूली की जाती है। बैंक द्वारा प्रेषित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के आलोक में बैंक द्वारा बैंक अथवा दण्ड ब्याज की वसूली की जाती है। बैंक द्वारा प्रेषित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
बालाघाट जिले में एल.डब्लू.ई. से स्वीकृत कार्य
[गृह]
70. ( क्र. 2728 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 03 जून 2020 को गृह विभाग मध्यप्रदेश के ट्यूटर में माननीय मंत्री गृह म.प्र. शासन द्वारा जिले में 12 करोड़ 55 लाख रूपये की राशि से तीन पुलियों बेलगांव से लोढ़ामा, लोढ़ामा से देवलगांव तथा ग्राम बटकरी से बोदालझोला की स्वीकृति की बात कही गई थी, यदि हाँ तो तीनों पुलियों की प्रशासकीय स्वीकृति के आदेश उपलब्ध कराएं? (ख) उक्त तीनों पुलियों के क्या टेण्डर लगाकर वर्क आर्डर हो चुके हैं? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) बालाघाट जिले के विकासखण्ड किरनापुर के अंतर्गत कोठियाटोला से कसंगी के बीच आई.ए.पी. योजना से निर्मित सड़क के बीच में छूटे तीन किलोमीटर के अधूरे कार्य को क्या स्वीकृत किया जाएगा? क्योंकि इस मार्ग के पूर्ण होने से नक्सल उन्मूलन में सहायता मिलेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। उक्त पुलियों के निर्माण हेतु राशि रू. 12 करोड़ 55 लाख का प्रस्ताव प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत दिनांक 10.06.2020 को स्वीकृति हेतु भारत सरकार को भेजा गया है। स्वीकृति अपेक्षित है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
शासन द्वारा दी गई सब्सिडी की राशि का भुगतान
[ऊर्जा]
71. ( क्र. 2729 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में ऊर्जा विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं में सब्सिडी दी गई हैं? योजनाओं के नाम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित किन-किन योजनाओं में विभाग द्वारा कितनी सब्सिडी दी गई हैं? योजना अनुसार तथा वित्तीय वर्ष अनुसार तीन वर्षों की जानकारी दें। (ग) क्या विभाग द्वारा बिजली कम्पनियों को सब्सिडी की संपूर्ण राशि प्रदान कर दी गई हैं? यदि नहीं तो बकाया राशि का योजना अनुसार विवरण दें। यह भी बताएं कि बकाया राशि कब तक बिजली कम्पनियों को दे दी जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विगत तीन वित्तीय वर्षों यथा वित्तीय वर्ष 2018-19, वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य शासन द्वारा प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों को विभिन्न योजनाओं/प्रभारों में प्रदाय की गई सब्सिडी का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजनाओं अंतर्गत राज्य शासन द्वारा प्रदाय की गई सब्सिडी की योजनावार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, माह-जनवरी 2021 की स्थिति में उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजनाओं अंतर्गत बकाया सब्सिडी की राशि की योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। राज्य शासन द्वारा समय-समय पर सब्सिडी की राशि का भुगतान विद्युत वितरण कंपनियों को किया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में बकाया सब्सिडी की राशि के भुगतान हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एस.टी.एफ. की जांच को गुमराह करने का व्यापम का षड़यंत्र
[गृह]
72. ( क्र. 2744 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.टी.एफ. को व्यापम ने पी.एम.टी. परीक्षा के 2007 पूर्व के दस्तावेज 2012 में नष्ट होने की सूचना दी है? यदि हाँ इस संदर्भ में नष्ट करने संबधी समस्त दस्तावेजों की प्रति जो व्यापम ने दी है? उपलब्ध करावें। (ख) क्या एस.टी.एफ. ने प्रश्नांश (क) में प्राप्त दस्तावेजों का अध्ययन किया है? यदि हाँ तो बतावें कि वर्ष 2006 से 2011 की पी.एम.टी. परीक्षा की जांच के आदेश विधानसभा में पूर्व विधायक पारस सकलेचा के ध्यानाकर्षण पर दिये गये थे, वर्ष 2011 में दिये गये थे तो फिर दस्तावेज कैसे और क्यों नष्ट किये गये। (ग) क्या एस.टी.एफ. के यह संज्ञान में है कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय ने 2006 से 2012 की पी.एम.टी. परीक्षा में फर्जीवाड़े को लेकर व्यापम के दस्तावेज के आधार पर 04.12.2013 को जांच कर उच्च न्यायालय में जवाब दिया? यदि हाँ तो फिर दस्तावेज कैसे नष्ट हो। (घ) क्या यह सही है कि पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत में तथा बयान में यह उल्लेख किया कि 2007 से पूर्व के दस्तावेज नष्ट करने का झूठा उल्लेख व्यापम ने किया है? यदि हाँ तो उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर क्या व्यापम पर कार्यवाही होगी।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। इस संबंध में व्यापम द्वारा लेख पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। एस.टी.एफ. से संबंधित नहीं है। (ग) मान. उच्च न्यायालय में दायर याचिका विशेष की जानकारी के अभाव में एस.टी.एफ. द्वारा जानकारी प्रदाय किया जाना संभव नहीं। (घ) पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा के शिकायत संबंधी बयान में उक्ताशय का उल्लेख किया है, जिसकी एस.टी.एफ. द्वारा जांच प्रचलन में है।
मन्दसौर गोलीकांड में पुलिस के कथन की जांच
[गृह]
73. ( क्र. 2745 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 06 जून 2017 को पिपलीयामंडी पार्श्वनाथ चौपाटी पर गोली चालन बारे में बतावें। (01) क्या सी.एस.पी.मंदसौर बल के मुखिया थे? (02) क्या इन्होंने फायरिंग का आदेश दिया? (03) क्या इन्होंने गोली चालन की आवाज सुनी? (04) क्या घटना स्थल से जाने के बाद इन्होंने देहाती नालसी में गोली चालन का उल्लेख किया? (05) क्या इन्होंने एस.पी.को गोली चालन का बताया? (06) क्या इन्हें 3.30 बजे सी.आर.पी.एफ. नीमच कमाडेंट ने गोली चालन का बताया? (ख) क्या यह सही है कि सी.आर.पी.एफ. नीमच के 25 जवानों को 06 जून को पार्श्वनाथ चौपाटी पर 2000 से 2500 की भीड़ जिसमें सभी के मुंह बंधे थे, उनके हाथों में अग्नेय शस्त्र, देशी कट्टा, पिस्टल, आग लगाने का सामान, पेट्रोल बम, तलवार, सब्बल, मशालें, कांच की बोतलें, लाठी, डंडा थे, 40 मिनट तक घेरकर बुरी तरह मारती रही, यदि हाँ तो बतावें कि इनको किस अस्पताल में कितनी बजे दिखाया गया तथा किस-किस को क्या चोट आयी? (ग) 06 जून की दोपहर को पिपलीयामंडी मन्दसौर में कर्फ्यू लगा था तो सी.आर.पी.एफ. नीमच के जवानों को रात को वापस नीमच क्यों भेज दिया, जबकि बाहर से अतिरिक्त बल बुलाया गया था। यह निर्णय किसने ओर क्यों लिया। (घ) क्या सही है कि 06 जून 2017 को दोपहर 12 बजे पिपलीयामंडी थानेदार ने तीन जवानों को रायफल के साथ पार्श्वनाथ चौपाटी पर चक्काजाम खुलवाने भेजा था. यदि हां तो उनके नाम तथा की गई कार्यवाही से अवगत करावें तथा बतावें कि चक्काजाम हटा या नहीं। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में स्पष्ट है कि गैर कानूनी गोलीचालन किया गया। बतावें कि पुलिस पर प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किया गया।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) उक्त घटना स्थनल पर तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक मंदसौर मय फोर्स एवं सी.आर.पी.एफ. बल के साथ पहुंचे तब 1000-1500 व्यपक्तियों की भीड़ एकत्रित थी जो पत्थर एवं डंडे लेकर पुलिस को मार डालने का चिल्ला पुकार कर रहे थे, उनमें कुछ लोग बोतलों में पेट्रोल एवं हाथ में मशाल भी लिये हुये थे तथा कुछ लोग देशी कट्टे व पिस्टल हाथ में लेकर लहरा रहे थे एवं हाईवे रोड को उपद्रवियों ने बडे व छोटे वाहनो में आग लगा कर ड्राइवरों को जान से मारने का प्रयास कर रहे थे, जिसमे सी.आर.पी.एफ. के जवान आरक्षक विवेक एवं आरक्षक अरूण को घेर कर गिरा दिया था उसके हथियार को छीनने, उसको बचाने में बी.साजी, आरक्षक विजय एवं आरक्षक उदय प्रसाद भी भीड़ के अंदर घिरा गये थे उग्र हिंसक भीड़ उन्हें लात घूसों से मार रही थी। जिसमें निम्न लोगों को चोट आई, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जिले में कानून व्यवस्था ड्यूटी हेतु सी.आर.पी.एफ. नीमच से बल प्राप्ति हुआ था, जिन्हें संपूर्ण जिले में ड्यूटी हेतु लगाया गया था। दिनांक 6.6.2017 को तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक मंदसौर के हमराह सी.आर.पी.एफ. के बल आंदोलनकारियों के प्राण घातक हमले से 15 जवान घायल/आहत हुये थे, जिन्हें सी.आर.पी.एफ. बल का वाहन इलाज हेतु सी.आर.पी.एफ. अस्पताल नीमच ले गये थे। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (ड.) उपरोक्त गोली चालन के घटना के संबंध में म.प्र. शासन द्वारा निष्पक्ष न्यायिक जांच श्री जे.के. जैन, सेवानिवृत्त माननीय न्यानयमूर्ति उच्च न्या्यालय इंदौर के द्वारा की गई है। जो प्रक्रियाधीन है।
महाविद्यालयीन शिक्षा कोर्स
[उच्च शिक्षा]
74. ( क्र. 2752 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तिलक महाविद्यालय कटनी में वर्तमान समय में किन-किन विषयों की शिक्षा दी जाती है, विषयवार दर्ज विद्यार्थियों की संख्या सहित सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि क्या यहां स्पोर्ट्स या फिजिकल एजूकेशन (बी.एड.) का कोर्स संचालित है? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन वर्तमान समय की आवश्यकताओं को देखते हुये उल्लेखित महाविद्यालय में क्या इन कोर्सों को प्रारंभ करेगा? उत्तर में यदि हां, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं? बतलावें। (ग) कटनी जिला अंतर्गत कहां-कहां पर कितनी-कितनी दूरी पर शासकीय महाविद्यालय संचालित है? कक्षावार, विषयवार दर्ज संख्या एवं पदस्थ स्टाफ सहित सम्पूर्ण सूची देवें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर तहसील मुख्यालय रीठी में शासकीय महाविद्यालय की स्थापना एवं स्लीमनाबाद तथा बहोरीबंद महाविद्यालयों में नवीन विषय व स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारंभ करने की मांग की जाती रही है? यदि हां, तो रीठी से निकटतम शासकीय महाविद्यालय की दूरी सहित आसपास के हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कक्षा 12 वीं में दर्ज संख्या सहित उल्लेखित मांगों के संबंध में हुई प्रगति की जानकारी देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कला में 08, वाणिज्य में 02 तथा विज्ञान संकाय में 08 विषयों में शिक्षा दी जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। फिजिकल एजुकेशन तथा बी.एड. का कोर्स संचालित नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। रीठी जिला कटनी से 30 कि.मी. की दूरी पर कटनी में 05 अन्य महाविद्यालय तथा रीठी में 01 अशासकीय महाविद्यालय संचालित है। अतः सीमित संसाधनों के कारण नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद में नवीन विषय तथा शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में नवीन विषय व स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारंभ करने के संबंध में वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण नवीन विषय खोले जाने में कठिनाई है। शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद में 05 विषय में स्नातकोत्तर कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
कोरोनाकाल में बगैर मास्क पर जुर्माने की कार्यवाही
[गृह]
75. ( क्र. 2758 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा पुलिस द्वारा वर्ष 2020-21 में कोरोना काल में बगैर मास्क लगाकर घर से निकलने वालों के खिलाफ जोर जबरदस्ती से मोटर साइकिल के कागज चैक करने के नाम पर जुर्माने की कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में हाँ तो कितने नागरिकों के खिलाफ कितनी-कितनी राशि के चालान बनाये गये एवं चालान बनाये जाने के आदेश थे तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें एवं जुर्माने की राशि किस हेड में जमा कराई गई है, की कुल जमा राशि की जानकारी उपलब्ध करायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिनांक 25.06.2020 को प्रश्नकर्ता के कार्यालय पर हुये हमले के संबंध में
[गृह]
76. ( क्र. 2759 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 25.06.2020 को सायं 7 बजे प्रश्नकर्ता के फैक्ट्री स्थित कार्यालय पर पूर्व नगरपालिका विदिशा के अध्यक्ष मुकेश टण्डन के नेतृत्व में लगभग 100 से अधिक भाजपा कार्यकर्ता और असमाजिक तत्व हथियारों से लेस होकर हमले की घटना के आरोपियों के खिलाफ नामजद शिकायत के क्रम में कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में घटना के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर ने पुलिस द्वारा आरोपियों को संरक्षण दिये जाने के क्रम में प्रकरण में आवेदनकर्ता की लिखित रिपोर्ट पर एफ.आई.आर. करने के निर्देश दिये गये? यदि हाँ तो आदेश के क्रम में कोई कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सदन के सदस्य के साथ हुये जानलेवा हमले के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा सिविल लाईन थाना प्रभारी विदिशा को आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट लिखे जाने का अनुरोध करने के बाद एवं घटना की वीडियोग्राफी बताने के बाद भी वास्तविक नामजद आरोपियों के खिलाफ प्रकरण मेरी रिर्पोट पर आज दिनांक तक कायम नहीं किया गया? क्या शासन इस संबंध में दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश के साथ ही नामजद आरोपियों के खिलाफ प्रकरण कायम किये जाने के निर्देश देगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) घटना के संबंध में थाना सिविल लाइन विदिशा में अपराध क्रमांक-324/2020 धारा 147,149,352,427,188 भा.द.वि. का पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) घटना के संबंध में प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में समाहित है। उपरोक्त प्रकरण में कोई अधिकारी दोषी नहीं पाया गया है।
महिलाओं/बालिकाओं के अपहरण एवं बलात्कार के दर्ज प्रकरण
[गृह]
77. ( क्र. 2760 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक महिलाओं/बालिकाओं के अपहरण एवं बलात्कार के कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार दर्ज किए गये प्रकरणों में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) कितने लोगों पर दोष सिद्ध हुआ है और कितने लोगों को जेल भेजा गया है और फास्ट ट्रेक न्यायालय में कितने प्रकरण भेजे गये हैं? (घ) महिलाओं/बालिकाओं के अपहरण एवं बलात्कार के मामलों में रोक लगाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कदम उठाये जा रहे है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) महिलाओं/बालिकाओं के मामले में रोकथाम लगाने हेतु पुलिस विभाग द्वारा जनसंवाद, जागरूकता कार्यक्रम, निर्भया मोबाईल पेट्रोलिंग, निर्भया हेल्प लाईन, चीता पार्टी, परिवार परामर्श, कार्यक्रम, महिला सम्मान अभियान चला कर बैनर पोस्टर लगा कर एवं सम्मेलन के माध्यम से घटित अपराधों को चिन्हित कर अपराध को रोकने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। माह जनवरी 2021 में ऑपरेशन मुस्कान चलाया गया जिसमें 2444 बालिकाएं दस्तयाब हुई। अब सभी अपहरण के नाबालिका बालिकाओं के लबित प्रकरणों में सूचनाकर्ता/परिजनों को अधिकार पत्र दिया जा रहा है। कि जिससे उन्हें प्रकरणों कि स्थिति से अवगत कराया जा सकें।
प्रदेश में माफियाओं पर की जा रही कार्यवाही
[गृह]
78. ( क्र. 2774 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री ने कहा कि माफिया प्रदेश छोड़ें? यदि हां, तो बतावें की यह किस दिनांक को किस आयोजन में कहा गया? (ख) प्रश्नांश (क) के कथन अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय से गृह विभाग को क्या निर्देश जारी किये गये? उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि मुख्यमंत्री का यह कथन IPC की किस धारा के तहत लागू होता है? (ग) मुख्यमंत्री के निर्देश पर किस-किस जिले में किस-किस माफिया पर किस दिनांक को क्या कार्यवाही की गई? सूची देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुख्य मंत्री का कथन कानूनी रूप से एवं संवैधानिक रूप से उचित है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
महिला उत्पीड़न/अपराध के पंजीबद्ध प्रकरण
[गृह]
79. ( क्र. 2811 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में महिला उत्पीड़न/अपराध के कितने प्रकरण प्रश्नांश में आये हैं? क्या सरकार ने महिला उत्पीड़न/अपराध की रोकथाम के लिए कोई नीति बनाई है? (ख) यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में महिला उत्पीड़न/अपराध के वर्ष 2018 में 26634, वर्ष 2019 में कुल 28229 एवं वर्ष 2020 में कुल 27000 प्रकरण पंजीबद्ध हुये है। जी हाँ, सरकार ने महिला उत्पीड़न/अपराध की रोकथाम के लिये नीति बनाई है। (ख) मध्यप्रदेश पुलिस विभाग की महिला उत्पीड़न/अपराध की रोकथाम के लिये ''जीरो'' टॉलरेंस की नीति है। 1. पुलिस मुख्यालय द्वारा महिला एवं बालिकाओं के विरूद्ध अपराधों की मॉनीटरिंग कर महिला हेल्प लाईन द्वारा सीधे थाना/विवेचक से पालन की समीक्षा की जा रही है। 2. पीड़ितों से फीडबैक लिया जाकर थानों को लगातार संवेदनशील किया जा रहा है। 3. द.प्र.स. की धारा 173 (2) (प) के अंतर्गत अधिसूचना जारी कर पीड़ितों को उनके प्रकरण की चालान की प्रति निःशुल्क उपलब्ध कराना। 4. अपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश 2018 के उपरांत मुख्यालय स्तर पर अपराधों का सूक्ष्म निरीक्षण एवं सतत् पर्यवेक्षण के द्वारा महिला संबंधी अपराधों में दोष सिद्धि के प्रतिशत में वृद्धि करना। 5. दोष मुक्ति प्रकरणों का अध्ययन कर अनुसंधान की गति एवं गुणवत्ता बढ़ाना। 6. महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम हेतु महिला पुलिस कर्मचारियों द्वारा निर्भया मोबाईल, मैत्री/शक्ति मोबाईल, एफआरवी डॉयल 100 द्वारा पेट्रोलिंग की जा रही है। 7. महिला संबंधी अपराधों की विवेचना के दौरान अनुसंधानकर्ता को वाहन एवं वीडियो कैमरा उपलब्ध कराने के प्रावधान कराये गये है। 8. महिला संबंधी अपराधों के आरोपियों के विरूद्ध हिस्ट्रीशीट एवं डोजियर तैयार कराये जा रहे है। 9. महिला अपराधों की रोकथाम हेतु समाज की सक्रिय सहभागिता एवं महिलाओं बालिकाओं को विधिक प्रावधानों के प्रति जागरूक करने हेतु जन जागरूकता अभियान ''सम्मान'' का आयोजन किया गया। 10. अपहरण/व्यपहरण के प्रकरणों के संबंध में मुस्कान अभियान के तहत जनवरी 2021 तक कुल 2444 बालिकायें दस्तयाब की गयी। मध्य प्रदेश पुलिस विभाग महिलाओं की सुरक्षा तथा उन्हें भयमुक्त एवं स्वच्छंद वातावरण उपलब्ध कराने हेतु सदैव दृढ़ संकल्पित एवं प्रतिबद्ध है।
गरीबी रेखा के नीचे की बालिकाओं को नि:शुल्क उच्च शिक्षा देने हेतु कार्ययोजना
[उच्च शिक्षा]
80. ( क्र. 2813 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में उच्च शिक्षा में अध्ययनरत् बालिकाओं की घटती संख्या को देखते हुये सरकार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओं को नि:शुल्क उच्च शिक्षा देने का विचार करेगी? (ख) यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। विगत वर्षों में अध्ययनरत् बालिकाओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है। तीन वषों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। बालिकाओं के लिये सामान्य पाठ्यक्रमों की स्नातकोत्तर स्तर तक की कक्षाओं में शैक्षणिक शुल्क एवं प्रायोगिक शुल्क से छूट प्राप्त है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सौभाग्य योजना के लंबित देयकों का भुगतान
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 2820 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व क्षेत्र कं. में सौभाग्य योजना एक लाख का नुकसान बता कर 10 लाख की वसूली की कार्यवाही की जा रही है एवं कार्य एजेन्सी से कार्य निरीक्षण में पाई गई खामी की जानकारी न देकर कार्य में सुधार नहीं कराया जा रहा है, बल्कि उनके पारित देयकों का दो वर्ष से भुगतान नहीं किया जा रही है तथा कार्य एजेन्सी के किए गए सही कार्य के प्रतिशत का भुगतान नहीं किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सतना जिले में सौभाग्य योजना के कराये गये कार्यों में कितने कार्यों का कितनी राशि भुगतान हेतु अभी तक लंबित है? कार्यवार निविदाकारवार जानकारी देवें। (ग) इन कार्यों को समय पर गुणवत्ता पूर्ण सम्पादित कराने वाले अधिकारी जो कि राशि देकर पारितोषिक किए गए हैं, उनकी सूची देवें, बतावें कि जब कार्य गुणवत्ता युक्त नहीं था तो उनके विरूद्ध की जानेवाली कार्यवाही से अवगत कराएं। (घ) एक ही स्थान पर पदस्थ रहे सभी अधिकारियों की इन कार्यों की पूर्ण योजना अवधि की जांच दूसरी कंम्पनी से क्यों नहीं कराई गई? कब तक कराई जावेगी? यदि कार्य गुणवत्ता पूर्ण था तो लंबित भुगतान कब तक कराया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत सौभाग्य योजना हेतु आवंटित राशि की उपलब्धता के अनुसार एवं कार्यों के भौतिक सत्यापन उपरांत भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत सौभाग्य योजना में किये गये कार्यों की विभागीय जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण कतिपय प्रकरणों में भुगतान लंबित है। उक्त जांच प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरान्त जांच निष्कर्षों के आधार पर भुगतान की कार्यवाही किया जाना संभव होगा। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में सौभाग्य योजना के अन्तर्गत कराये गये कार्यों से संबंधित ठेकेदार एजेन्सियों के लंबित भुगतान से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी संविदाकारवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) सतना जिले में सौभाग्य योजनांतर्गत कराये गए कार्यों को समय पर पूर्ण कराने हेतु पारितोषिक प्राप्तकर्ता कार्मिकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सतना जिले में सौभाग्य योजनान्तर्गत किये गये विद्युतीकरण कार्यों में अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने पर म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जांच दल गठित कर जांच करवाई गई। जांच दल से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए कार्मिकों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई हैं, जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। विभागीय जांच कार्यवाही के निष्कर्षों अनुसार कार्मिकों के विरूद्ध विधिवत आगामी कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी। (घ) सतना जिले में सौभाग्य योजनान्तर्गत कार्यों में अनियमितता संबंधी शिकायतें प्राप्त होने पर योजनांतर्गत सतना जिले के सभी क्रय आदेशों की जांच म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अन्य वृत्तों के अधिकारियों को जांच दल में शामिल कर कराई गई है। जांच दल द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के आधार पर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए कार्मिकों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई हैं जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन हैं। अत: उपरोक्त की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में, दूसरी कंपनी के अधिकारियों से जांच करवाये जाने की आवश्यकता नहीं है। वर्तमान में सौभाग्य योजनान्तर्गत पूर्ण किये गये कार्यों की विभागीय जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण भुगतान लंबित है। जांच प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरान्त जांच निष्कर्षों के आधार पर भुगतान की कार्यवाही किया जाना संभव होगा। अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आयुष केन्द्रों का संचालन
[आयुष]
82. ( क्र. 2822 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले सहित रैगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कहाँ-कहाँ पर आयुर्वेद चिकित्सालय/औषधालय संचालित हैं? उनमें स्वीकृत, कार्यरत, रिक्त पदों की जानकारी देवें। चिकित्सालयवार जानकारी देवें। (ख) हेल्थ वेलनेश सेन्टर कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं, उनमें क्या-क्या सुविधायें हैं? पूर्ण जानकारी दें। यह भी बतावें कि रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में किन-किन स्थानों पर स्वयं के भवन में चिकित्सालय संचालित हैं? भवन पर्याप्त है या नहीं? कौन-कौन से आर्युवेद चिकित्सालय भवन विहीन हैं? (ग) रैगाँव विधानसभा में किन-किन चिकित्सालयों में डाक्टर नहीं हैं? शिकायती आधार पर या स्वेच्छा से कितने चिकित्सकों के प्रस्ताव स्थानान्तरण हेतु विचाराधीन हैं जो स्वेच्छा से रैगाँव में पदस्थ होना चाहते हैं उनके स्थानान्तरण आदेश कब तक जारी कर चिकित्साविहीन आयुर्वेद औषधालयों में पदस्थ किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) भवन विहीन एवं ऐसे चिकित्सालय जहां पर्याप्त भवन नहीं हैं में भवनों का निर्माण कब तक कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? रिक्त पदों में कब तक पदस्थापना की कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) चिकित्सालय कोई नहीं। आयुर्वेद औषधालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में कोई भी चिकित्सालय संचालित नहीं है। (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार। जानकारी निरंक है। कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। चिकित्सालय न होने से भवन निर्माण आवश्यक नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र.पं.क्षे.वि.वि.कं.लि. द्वारा बदले गए खंबों के स्क्रेप
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 2835 ) श्री
महेन्द्र
हार्डिया : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
म.प्र.पं.क्षे.वि.वि.कं.लि., इन्दौर
द्वारा
विभिन्न
स्थानों पर
विभिन्न कारणों
से विद्युत
खंबों को बदला
जाता है। (ख) यदि
हाँ तो वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 में
इन्दौर शहर
में कितने
खंबे म.प्र.
पं.क्षे.वि.वि.कं.लि., इन्दौर
द्वारा बदले
गए? इस पर
कितना व्यय
हुआ? कुल
कितने पुराने
खंबे निकले? (ग) पुराने
खंबों का क्या
उपयोग किया
गया? इन
खंबों को
बेचने से
कितना राजस्व
प्राप्त हुआ?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
हाँ। (ख) म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड के इन्दौर
शहर वृत्त के
अंतर्गत वर्ष 2018, वर्ष 2019 एवं
वर्ष 2020
में क्रमश: 1028, 1103 एवं 2328, इस
प्रकार कुल 4459
विद्युत पोल
बदले गये, जिस पर
क्रमश: रू. 87.99 लाख, रू. 104.87 लाख एवं
रू. 204.61
लाख का व्यय
हुआ। उपरोक्त
अवधि के दौरान
कुल 4459
पुराने
विद्युत पोल
निकाले गए। (ग) प्रश्नाधीन
अवधि के दौरान
इन्दौर शहर
वृत्त के
अंतर्गत
निकाले गए कुल
4459
पुराने
विद्युत
पोलों में से 2953
विद्युत पोल, जो कि
आयरन (लोहे) के
थे, को
क्षेत्रीय
भण्डार गृह
में वापस किया
गया है।
क्षेत्रीय
भण्डार गृह द्वारा
उक्त पुराने
विद्युत पोल
(स्क्रेप) की नियमानुसार
नीलामी की गई, जिससे
रू. 54.64
लाख का राजस्व
प्राप्त हुआ
है।
आई.पी.डी.एस. योजना
के अंतर्गत
निविदाकार
मेसर्स
विक्रान इंजीनियरिंग
एण्ड ऐक्जिम
प्राईवेट
लिमिटेड थाने
(महाराष्ट्र)
को पश्चिम शहर
संभाग इन्दौर
एवं मध्य शहर
संभाग इन्दौर
का कार्य
आवंटित किया
गया था। उक्त
ठेकेदार फर्म
द्वारा कार्य
के दौरान बदले
गए 39
आयरन विद्युत
पोल
क्षेत्रीय
भण्डार गृह
में वापस नहीं
किये गये। अत:
पुराने
विद्युत पोल (स्क्रेप), के कुल भार
2950
किलोग्राम के
विरूद्ध
नियमानुसार
उक्त
ठेकेदार फर्म
के बिलों से
रू. 61,265/- की
राशि काटी गई।
इस प्रकार
प्रश्नाधीन
निकाले गए
पुराने
विद्युत
पोलों से कुल
रू. 55.25/- लाख
का राजस्व
प्राप्त हुआ
है। निकाले गए
शेष 1467
विद्युत पोल
पी.सी.सी.
(सीमेण्ट) पोल
थे, जिनके
निकाले जाने
के दौरान टूट
जाने से उनका पुनः
उपयोग नहीं
किया जा सकता।
नियम विरूद्ध बिजली बिल की वसूली
[ऊर्जा]
84. ( क्र. 2837 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में कृषकों द्वारा सिंचाई कार्य के लिए 2 अश्व शक्ति के विद्युत कनेक्शन लिए गए थे, जिनके बिल की वसूली 5 अश्व शक्ति के मान से लिया जा रहा है। क्या ऐसी वसूली के नियम हैं? यदि हैं, तो अवगत करावें। (ख) क्या सतना जिले के शहरी क्षेत्रों में लोग घरेलू उपयोग हेतु टी.सी. कनेक्शन लगभग 4-5 वर्षों तक लेने पर बाध्य हैं? क्या टी.सी. कनेक्शन के ऐसे नियम हैं? यदि हां, तो अवगत करावें। (ग) अधिकारियों द्वारा पैसों का अभाव एवं अधिक दूरी बताकर टी.सी. कनेक्शन उपभोक्ताओं को घरेलू उपयोग हेतु बिजली पूर्ति हेतु आवश्यक पोल उपलब्ध नहीं कराए जाते। (घ) क्या शहरी क्षेत्रों से टी.सी. कनेक्शन की पूरी वसूली किए जाने के बाद उन उपभोक्ताओं को एक वर्ष उपरांत स्थाई घरेलू कनेक्शन नहीं दिया जा सकता है? यदि नहीं, तो, क्यों? हां, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषकों द्वारा सिंचाई कार्य के लिए 02 अश्वशक्ति का विद्युत् कनेक्शन लिया गया है एवं किसी भी कृषक को 2 अश्वशक्ति के स्थान पर 5 अश्वशक्ति के कनेक्शन का विसंगतिपूर्ण बिजली का बिल नहीं दिया जा रहा है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, विद्युत अद्योसंरचना उपलब्ध होने पर आवेदक द्वारा आवश्यक राशि जमा करने सहित नियमानुसार समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने पर स्थाई घरेलू विद्युत कनेक्शन दिया जा सकता है। (घ) अस्थाई घरेलू विद्युत कनेक्शन को स्थाई घरेलू विद्युत कनेक्शन में परिवर्तित करने के प्रावधान नहीं है। तथापि उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार विद्युत अद्योसंरचना उपलब्ध होने पर आवेदक द्वारा आवश्यक राशि जमा करने सहित नियमानुसार समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने पर स्थाई घरेलू विद्युत कनेक्शन दिया जा सकता है। अत: समय-सीमा बताए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
सतना
शहर की आबादी
अनुसार विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 2841 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना नगर निगम अन्तर्गत भविष्य में आबादी बढ़ने के मान से खेल के मैदान, पार्क एवं सड़क की चौड़ाई चिंता का विषय है? (ख) सतना नगर निगम अन्तर्गत शासकीय/निजी/हाउसिंग बोर्ड कालोनियों में कौन-कौन से चिन्हित पार्क संस्थापित है, वार्डवार एवं क्षेत्रफलवार सूची उपलब्ध कराई जावे एवं कौन-कौन से पार्क अतिक्रमण की चपेट में है, प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई, जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ग) कितने चिन्हित पार्क विकसित की श्रेणी में है तथा कौन-कौन से पार्क आज भी आधुनिक सुविधाओं का मोहताज है, सूची उपलब्ध कराई जावें? (घ) क्या जिन वार्डों में पार्क एवं खेल के मैदान नहीं है, उन्हे सुरक्षित किया जावेगा, यदि हां, तो कब तक? (ड.) विभाग द्वारा कौन-कौन सी सड़कें चिन्हित की गई, अगर की गई तो उनकी लम्बाई, चौड़ाई की विस्तृत जानकारी दें, यदि चिन्हित नहीं हैं तो, कब तक की जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) शहर की विकास योजना में बढ़ती आबादी का आंकलन किया जाकर प्रावधान किये जाते है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नगर पालिक निगम सतना के वार्ड क्र. 4 में स्थित शांति निकेतन पार्क में अतिक्रमण की बात संज्ञान में आई है, जिसे हटाने हेतु परीक्षण कराया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नगर निगम बजट उपलब्धतानुसार बगीचों एवं खेल के मैदान का विकास कराती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) वर्तमान में ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आवंटित राशि के संबंध में
[आयुष]
86. ( क्र. 2850 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अन्तर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए किए गए प्रावधान के अन्तर्गत योजनावार विभाग को राशि प्राप्त हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई, किन-किन जिलों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई बतावें? (ग) क्या विभाग आयुर्वेद चिकित्सालय, औषधालय, आयुर्वेद महाविद्यालय, यूनानी अस्पताल, एवं औषधालय, होम्योपैथिक औषधालय अनुसूचित क्षेत्रों/विकासखण्डों में कहाँ-कहाँ संचालित किए जा रहे हैं?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) आयुष विभाग की जानकारी निरंक है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
पुलिसकर्मियों का ग्रेड पे-1900 रू. से 2400 रू. करना
[गृह]
87. ( क्र. 2857 ) श्री सुनील उईके, श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आज दिनांक तक कितने माननीय विधायकों द्वारा पुलिसकर्मियों का ग्रेड पे-1900 रू. से 2400 रू. करने के संबंध में अपने समर्थन पत्र माननीय मुख्यमंत्री जी? मध्यप्रदेश शासन को प्रेषित किये गये है, जानकारी मय समर्थन पत्रों की छायाप्रति सहित उपलब्ध करावें। (ख) माननीय विधायकों के द्वारा प्रेषित इन समर्थन पत्रों पर माननीय मुख्यमंत्री जी/मध्यप्रदेश शासन द्वारा आज दिनांक तक क्यों कार्यवाही की गई कार्यवाही से मय दस्तावेज अवगत करावें। (ग) क्या शासन/विभाग द्वारा पुलिसकर्मियों का ग्रेड 1900 रू से 2400 रू करने के संबंध में कोई विचार किया जा रहा है? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 23 माननीय विधायकों के द्वारा पुलिसकर्मियों का ग्रेड पे-1900 से 2400 रूपये किए जाने के संबंध में अपने समर्थन पत्र माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को प्रेषित किए गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) माननीय विधायकों द्वारा प्रेषित इन समर्थन पत्रों पर माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन द्वारा गृह विभाग को प्रेषित किये गये है। जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। भविष्य में ग्रेड-पे कब तथा कितनी बढ़ाई जावेगी बताया जाना संभव नहीं है।
हरदोली बांध निर्माण के ठेके में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 2858 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदोली बांध निर्माण में एस.के.लोखंडे ठेकेदार का प्रमुख अभियंता द्वारा पारित अवार्ड क्र.14429 दि. 27.12.2019 में राशि रू 1.3079153 करोड़ का भुगतान कब तक किया जावेगा? (ख) एस.सी.नागपाल ठेकेदार एवं अधिकारियों की मिली भगत से भ्रष्टाचार की नियति से मुख्य अभियंता बोधी जलसंसाधन विभाग से सक्षम स्वीकृत ड्राइंग, डिजाइन हाइड्रोलाजी वेस्टवियर परिवर्तन करने की भ्रष्टाचार की जाँच कब तक की जावेगी? (ग) बांध निर्माण के भू-अर्जन में कितना समय लगा, कितने किसानों का मुआवजा बकाया एवं लाभांवित है? (घ) पुन: कितनी बार निविदा आमंत्रित की? क्या प्रशासनिक तकनीकी स्वीकृति बिना निविदा आमंत्रित की गई? (ड.) एस.सी.नागपाल को प्राप्त ठेके में प्रशासनिक तकनीकी स्वीकृति पत्र क्र.10912 दि. 05.10.2018 शर्त क्र.11 में बेराज की डिजाइन ड्राइंग वास्तविक सर्वे कर सीई बोधी जलसंसाधन से सक्षम स्वीकृति प्राप्त की? (च) क्या: निरस्त निविदा निर्माण कार्य का अंतिम माप, माप पुस्तिका में दर्ज कर, अधूरा अंतिम देयक पर ठेकेदार एवं अधिकारियों के संयुक्त वास्तविक माप अनुसार हस्ताक्षर है? (छ) क्या निरस्त ठेका कार्य के अंतिम माप एस.सी.नागपाल के ठेके में समायोजित किये? दोषियों पर कब तक कार्यवाही होगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अपीलीय अधिकारी द्वारा पारित आदेश दिनांक 27.12.2019 के द्वारा "Claim for payment of work executed but not paid/incomplete final bill Amount of claim on the count on the count Rs. 1,30,79,153.97/-" के संबंध में निर्देशित किया गया है कि कार्य के वास्तविक माप के अनुसार कटौत्रा उपरांत भुगतान किये जाने का निर्णय दिया जाकर शेष क्लेम्स निरस्त किये गये है, जिससे यह स्पष्ट है कि ठेकेदार मेसर्स एस.के. लोखण्डे के हित में उक्त दर्शित राशि रू. 1,30,79,153.97 का कोई अवार्ड पारित नहीं किया गया है। अत: ठेकेदार को भुगतान किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रस्तावित वेस्टवियर तकनीकी रूप से उपयुक्त नहीं होने के कारण वेस्टवियर का परिवर्तन कलेक्टर जिला बैतूल द्वारा नियुक्त अनुविभागीय अधिकारी (मॉनिटरिंग ऑफिसर) जल संसाधन विभाग उपसंभाग मुलताई के मार्गदर्शन में की गई अनुशंसा के आधार पर किया जाकर संचालनालय के पत्र क्रमांक 7614 दिनांक 26.07.2019 से अनुमति के उपरांत बांध निर्माण किया गया है। वर्षाकाल में वेस्टवियर से बिना कोई रूकावट के जल निकासी हुई है। अत: एस.सी. नागपाल एवं अधिकारियों की मिली भगत से भ्रष्टाचार किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दिनांक 14.07.2017 से 22 माह की अवधि में 41 किसानों को कुल राशि रू. 5,49,72,119.00 (स्टाम शुल्क सहित) का मुआवजा दिया जा चुका है तथा शेष 20 किसानों को मुआवजा दिये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) ठेकेदार मेसर्स एस.के. लोखण्डे की निविदा निरस्ती उपरांत प्रकरण में दो बार निविदा आमंत्रित की गई है। जी नहीं। (ड.) जी नहीं। प्रमुख अभियंता, नगरीय प्रशासन एवं विकास के द्वारा बैराज की डिजाइन ड्राइंग का अनुमोदन किया गया है। (च) निरस्त बांध निर्माण कार्य का संयुक्त एवं अंतिम माप माप पुस्तिका में दर्ज किया गया है। जिस पर उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के हस्ताक्षर है। ठेकेदार मेसर्स एस.के. लोखण्डे सूचना दिये जाने के बाद भी उपस्थित नहीं होने के कारण कार्य स्थल पर पंचनामा तैयार किया गया जिस पर उनके प्रतिनिधि श्री प्रहलाद लोखण्डे के द्वारा हस्ताक्षर किये गये है। (छ) जी नहीं। अंतिम माप को छोड़कर शेष कार्य की निविदा आमंत्रित की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत उपकरणों का क्रय
[ऊर्जा]
89. ( क्र. 2867 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल में 1 जनवरी 2019 में प्रश्नांकित अवधि तक की स्थिति में विभाग द्वारा कितने ट्रांसफार्मर (विभिन्न क्षमता के) केवल व्हीसीबी क्रय किये गये हैं? संख्या/लंबाई एवं राशि बतलावें। यह उपकरण किस मांग के आधार पर क्रय किये गये हैं? मैदान स्तर से मांग के अनुसार एवं क्रय की गई सामग्री में कितना अंतर हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्रय की गई उक्त सामग्री क्रय दिनांक से गारंटी अवधि में क्षेत्रीय भण्डारों में रहते हुए जिनकी गारंटी अवधि समाप्त हो गई है? ऐसे कितने ट्रांसफार्मर (विभिन्न क्षमता के) केवल व्हीसीबी रखे हुए हैं? ऐसी सामग्री की व्यय की गई राशि कितनी हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त गारंटी अवधि में सामग्री को मैदानी स्तर तक आवश्यकतानुसार फील्ड में नहीं भेजे जाने हेतु कौन दोषी है एवं कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं एवं क्षेत्रीय भण्डारों द्वारा आरसीए एवं अन्य अनुबंध के तहत अभी तक किस-किस कम्पनी को ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग हेतु दिये गये एवं किन-किन फर्मों द्वारा समयावधि में ट्रांसफार्मर क्षेत्रीय भण्डारों को वापिस कर दिये गये हैं? यदि हां, तो बतलावें यदि नहीं, तो एसे फर्मों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा क्रय किये गये विभिन्न क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर, वितरण ट्रांसफार्मर, केवल एवं व्ही.सी.बी. की संख्या/मात्रा (लम्बाई) व राशि की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त सामग्री वार्षिक क्रय योजना अंतर्गत मैदानी स्तर से प्राप्त मांग, पूर्व से उपलब्ध सामग्री व भविष्य की आवश्यकताओं का आंकलन कर क्रय की गई है। मैदानी स्तर से मांग एवं क्रय की गई विद्युत सामग्री में अंतर का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्रय की गई विद्युत सामग्री में से ऐसी सामग्री जिनकी गारंटी अवधि क्षेत्रीय भंडारों में रहते हुए समाप्त हो गयी है एवं ऐसी सामग्री के क्रय में व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त गारंटी अवधि में सामग्री को मैदानी स्तर तक आवश्यकतानुसार नहीं भेजे जाने के प्रकरणों का परीक्षण किया जा रहा है एवं नियमानुसार जांच कर कार्यवाही की जावेगी। क्षेत्रीय भण्डारों द्वारा आरसीए एवं अन्य अनुबंध के तहत ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग का कार्य जिन फर्मों को दिया गया, उनकी नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। जिन फर्मों द्वारा समयावधि में ट्रांसफार्मर क्षेत्रीय भंडारों में वापस कर दिये गये हैं उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। जिन फर्मों द्वारा समयावधि में ट्रांसफार्मर क्षेत्रीय भंडारों में वापस नहीं किये गये हैं उन फर्मों के विरूद्ध की गयी कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
प्रदूषण मुक्त कार्ययोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 2877 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा जावरा नगर में प्रदूषण मुक्ति हेतु पीलिया खाल प्रदूषण मुक्त कार्ययोजना बनाई जाकर प्रस्तावित की है? (ख) यदि हाँ तो विगत कई वर्षों से प्रदूषण से जूझ रहे इस क्षेत्र में जिसके कारण सैकड़ों बच्चे दूषित पेयजल पीने के कारण पोलियोग्रस्त हुए थे व उक्त कार्ययोजना पर विगत कई वर्षों से विचार किया जा रहा है? (ग) आम नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, स्थानीय निकाय व प्रश्नकर्ता द्वारा पत्रों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्रीजी, माननीय प्रमुख सचिव व आयुक्त महोदय सहित सदन में ध्यानाकर्षण व प्रश्नों के माध्यम से भी शासन का कई बार ध्यान आकृष्ट किया? (घ) यदि हाँ तो जानकारी दें कि जावरा नगर की गंभीर व अत्यावश्यक इस पीलिया खाल प्रदूषण मुक्त कार्ययोजना को कब तक बजट सहित स्वीकृति दी जाकर कार्य कब प्रारम्भ होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) वित्तीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदूषण से गंभीर बीमारियां
[पर्यावरण]
91. ( क्र. 2878 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा स्वच्छ पर्यावरण व स्वच्छ वातावरण के साथ ही पेयजल भी प्रदूषित न हो, न ही फसलों की प्रदूषित जल से सिंचाई की जाए, इस हेतु विभिन्न फेक्ट्रियों में समय-समय पर जांच की जाकर ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जाने हेतु कहा जाता है? (ख) यदि हाँ तो रतलाम जिला अंतर्गत इप्का फेक्ट्री ग्राम सेजावता व उज्जैन जिला अंतर्गत नागदा ग्रेसिम उद्योग संचालित होकर इनमे ट्रीटमेंट प्लांट तो है किन्तु फिर भी समय-समय पर केमिकलयुक्त प्रदूषित तरल निरंतर रूप से खुले में भी बहाया जाता है? (ग) साथ ही उपरोक्त दोनों उद्योगों द्वारा देर रात्रि में निरंतर रूप से यह प्रदूषित घातक तरल खुले में बहाए जाने के कारण चंबल नदी, मलेनी नदी, उद्योग स्थलों से लगे छोटे बड़े नदी-नालों में पहुँच कर भूमि के भीतर भी पहुँच कर नदी व हैंडपम्प, ट्यूबवेल, कुएं,बावड़ी के जल को प्रदूषित करता है? इससे घातक बीमारिया भी होने की आशंका बनी रहती है? (घ) यदि हाँ तो विगत कई वर्षों से नियम विरूद्ध अवैधानिक गुपचुप तरीके से प्रदूषित तरल बहाए जाने के कारण रतलाम ग्रामीण के कई गाँव व जावरा शहर सहित जावरा तहसील के अनेकों ग्राम इससे प्रभावित हो रहे है तो इस हेतु विभाग द्वारा 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वर्षवार क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री हरदीपसिंह
डंग ) : (क) जी
हाँ।
औद्योगिक
इकाईयों को दूषित
जल के उपचार
हेतु
ट्रीटमेन्ट
प्लांट लगाये
जाने हेतु कहा
जाता है। (ख) एवं (ग) मे.
इप्का
लेबोरेट्रीरीज
लि.
ग्राम
सेजावता, रतलाम
मे. ग्रेसिम
इंडस्ट्रीज
लि.
नागदा द्वारा
निकलने वाले
दूषित जल के
उपचार हेतु
ट्रीटमेन्ट
प्लांट की
स्थापना की गई
है। बोर्ड
द्वारा
विभिन्न समय
में की गई
जांचों में
पाया गया है, कि इन
उद्योगों
द्वारा
केमिकल युक्त
प्रदूषित तरल
निरन्तर रूप
से बिना उपचार
के खुले में
नहीं बहाया
जाता है। मे.
इप्का
लेबोरेट्रीरीज
लि. द्वारा
दूषित जल के
उपचार हेतु
शून्य निस्त्राव
के आधार पर
उपचार
संयंत्र बनाया
गया है व इसके
निरन्तर
निगरानी हेतु
वेब कैमरे की
व्यवस्था की
गई है। मे.
ग्रेसिम
इंडस्ट्रीज
लि. नागदा के
द्वारा दूषित
जल को उपचार करने
के पश्चात
नाले के
माध्यम से
चंबल नदी में
निस्सारित
किया जाता है।
दूषित जल
उपचार
संयंत्र के संचालन
की लगातार
निगरानी हेतु
ऑनलाईन
मॉनिटरिंग की
व्यवस्था की
गई है। समीपस्थ
ग्रामों में
हैण्डपम्प, ट्यूबवेल, कुएं
एवं बावड़ी के
जल के पानी
प्रदूषण होने
संबंधी
जानकारी
निरंक है।
इप्का
लेबोरेटरी, जिला
रतलाम के कारण
किसी भी
प्रकार की
बीमारी के
संबंध में
जानकारी
निरंक है।
ग्रेसिम उद्योग
नागदा के कारण
किसी भी
प्रकार की
बीमारी के संबंध
में जानकारी
निरंक है। (घ) उत्तरांश
(ग)
के
परिप्रेक्ष्य
में लागू नहीं
होता है। रतलाम
ग्रामीण के कई
गाँव व जावरा
शहर सहित
जावरा तहसील
के ग्रामों
में उपरोक्त
दोनों इकाईयों
के कारण
प्रदूषण होने
की स्थिति
नहीं है।
यद्यपि
डोसीगांव
औद्योगिक
क्षेत्र
रतलाम स्थित
लम्बे समय से
बंद मे. सज्जन
केमिकल्स एंड
इन्वेस्टमेंट
प्रा. लिमि.
एवं मे. जयंत
विटामिन्स
लिमि.
उद्योगों
द्वारा
उत्पन्न किये
गये
परिसंकटमय
अपषिष्टों के
कारण गाँवों
में रंगीन
पानी निकलने
की समस्या अभी
भी विद्यमान है।
इन बंद
उद्योगों
द्वारा
परिसंकटमय
अपषिष्टों के
उचित भण्डारण
एवं अपवहन की
व्यवस्था न
करने के कारण
माननीय
न्यायालय में
वाद दायर किये
गये हैं जो
प्रक्रियाधीन
है। इन बंद उद्योगों
के कारण
प्रभावित
क्षेत्र के
भू-जल गुणवत्ता
सुधार की
योजना
केन्द्रीय
प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड, दिल्ली
द्वारा बनाई
जा रही है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य
[गृह]
92. ( क्र. 2887 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के कौन-कौन से ग्राम नक्सली गतिविधियों के लिहाज से संवेदनशील हैं? इन क्षेत्रों में कब-कब नक्सली गतिविधियां दर्ज की गई हैं? (ख) संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही अब तक की गई है? (ग) संवेदनशील क्षेत्रों के ग्रामों में विकास कार्यों मुख्यतः सड़कों व पुलों के निर्माण के लिए वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में कौन-कौन से कार्यों के लिए प्रस्ताव भेजे गए? इन प्रस्तावों के आधार पर कौन-कौन से कार्य किन-किन निर्माण विभागों के लिए स्वीकृत हुए? कितनी राशि का आवंटन किन किन कार्यों के लिए किया गया है एवं आवंटित राशि में से कितनी राशि खर्च की गई है? कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने अपूर्ण हैं। (घ) क्या मण्डला जिले के मवई विकासखंड के अनेक ग्राम नक्सली गतिविधियों के लिहाज से संवेदनशील हैं? क्या इस विकासखण्ड क्षेत्र में युवाओं के कौशल विकास के लिए कोई शासकीय आई.टी.आई. या कौशल विकास केंद्र उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्या इस क्षेत्र में विभाग द्वारा शासकीय आई.टी.आई. या कौशल विकास केंद्र की स्थापना के लिए कार्यवाही की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मण्डला जिले के कुल 98 ग्राम नक्सली गतिविधियों के लिहाज से संवेदनशील है। जानकारी परिशिष्ट संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिला मण्डला में बढ़ती नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु जिले में हॉक फोर्स का बेस केम्प ग्राम भिमोरी में स्थापित किया गया है तथा थाना मवई परिसर में एक हॉक फोर्स ग्रुप की तैनाती की गई है। थाना मोतीनाला परिसर में हॉक फोर्स तैनात किया गया है। थाना खटिया में भी स्पेशल आर्मड फोर्स एवं थाना बिछिया में सी.आर.पी.एफ. की 148 वाहिनी की 01 कंपनी तैनात की गई है। नक्सल प्रभावित थानों एवं चौकियों में पर्याप्त जिला बल भी तैनात किया गया है। फोर्स के द्वारा लगातार सर्चिंग, एरिया डॉमिनेशन, आर.ओ.पी एवं एम्बुसिंग की कार्यवाही की जा रही है। वर्तमान में नक्सलियों की बढ़ती गतिविधियों को दृष्टिगत रखते हुए जिले में सशक्त रोकथाम हेतु सी.आर.पी.एफ. की 148वीं बटालियन की स्थापना की गई है, जिसका मुख्यालय पुलिस लाईन मण्डला में स्थित है। (ग) मण्डला जिले के संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र आमतौर पर ग्रामीण एवं जंगलों के बीच बसे होने के कारण इन क्षेत्रों में आवागमन के साधन हेतु RCPLWE (Road Connectivity Project) योजनांतर्गत 25 रोड एवं 15 पुल-पुलिया निर्माण के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रेषित किए गए हैं, जिनमें से 02 रोड एवं 03 पुल-पुलिया निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई है। उक्त स्वीकृत कार्य को पूर्ण कराने हेतु निर्माण एजेंसी मुख्य कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग मण्डला एवं महाप्रबंधक, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना मण्डला को सूचित किया गया है। (घ) जी हाँ। मवई विकासखण्ड के अनेक ग्राम नक्सली गतिविधियों के लिहाज से संवेदनशील है। मवई विकासखण्ड में वर्तमान में ऐसा कोई शासकीय आई.टी.आई. या कौशल विकास केन्द्र उपलब्ध नहीं है। अतः उक्त क्षेत्र में युवाओं को रोजगार के संसाधन उपलब्धता एवं नक्सली विचारधारा से भटकाव को रोकने हेतु मवई विकासखण्ड में वर्तमान में ऐसा कोई शासकीय आई.टी.आई. या कौशल विकास केन्द्र स्थापित करना आवश्यक है।
मंदसौर गोलीकाण्ड की जैन आयोग की रिपोर्ट पटल पर रखना
[गृह]
93. ( क्र. 2893 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर गोलीकाण्ड पर जैन आयोग द्वारा जून 2018 में रिपोर्ट देने के बाद उसे अभी तक सदन के पटल पर क्यो नहीं रखा गया, कब तक रखा जाएगा। (ख) मंदसौर गोलीकाण्ड के वक्त पदस्थ तत्कालीन कलेक्टर एवं एसपी को किस जांच पर किस दिनांक को सस्पेंड किया गया था तथा किस जांच पर किस दिनांक को बहाल किया गया। दोनों जांच प्रतिवेदन की प्रति देवे तथा जांच करने वाले अधिकारी का नाम तथा पद बतावे। (ग) मंदसौर गोलीकाण्ड के दौरान दलोदा में घनश्याम धाकड़ की मृत्यु की जांच रिपोर्ट की प्रति देवे तथा बतावे कि 02 साल तथा 10 माह का समय क्यों लगा। रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु से अवगत करावे। (घ) क्या किसी जांच आयोग की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने से शासन विवेचना के नाम पर इंकार कर सकता है क्या शासन विधानसभा के पटल पर रखने के पहले आयोग के प्रतिवेदन पर विवेचना कर सकता है यदि दोनो का उत्तर हाँ है तो उससे संबंधित दस्तावेज की प्रति देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जैन जांच आयोग के प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जिला मंदसौर में पदस्थ तत्कालीन कलेक्टर को प्रशासकीय कारणों से दिनांक 21.06.2017 को सस्पेंड किया गया तथा इन्हें दिनांक 29.06.2018 बहाल किया गया एवं तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, जिला मंदसौर को प्रशासकीय कारणों से दिनांक 21.06.2017 को सस्पेंड किया गया तथा दिनांक 20.06.2019 को बहाल गिया गया है। (ग) घनश्याम धाकड़ नि. बडवन मृत्यु की मजिस्ट्रियल जांच प्रकियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जांच आयोग के प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रकियाधीन है।
शिकायतों पर जांच के आदेश
[गृह]
94. ( क्र. 2894 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के मानसून सत्र 2019 के ध्यानाकर्षण पर माननीय गृह मंत्री ने व्यापम से संबंधित लंबित 197 शिकायतों पर जांच के आदेश दिये थे। यदि हाँ तो बतावे कि जांच के दौरान यदि कोई नये बिन्दु आयेगें तो उनकी जांच की जावेगी या नहीं। (ख) जो 510 शिकायतें विभिन्न थानों में भेजी गई वो वापस एसटीएफ की जांच में शामिल क्यों नहीं की गई, जबकि ध्यानाकर्षण के दौरान यह आश्वासन दिया गया था तथा एक ही विषय पर दो भिन्न एजेन्सी से जांच में न्याय की मंशा प्रभावित नहीं होगी, विलंब नहीं होगा तथा अलग-अलग निष्कर्ष आने पर आरोपियों को लाभ नहीं मिलेगा। (ग) क्या शासन गुमनाम शिकायतों पर जांच नहीं करता है यदि करता है तो व्यापम घोटाले कि ऐसी 323 शिकायतों को नस्तीबद्ध कैसे कर दिया गया, उन सभी शिकायतों की प्रति देवें। (घ) उन कारणों पर विस्तृत प्रकाश डाले कि 197 शिकायतों पर कार्यवाही करने हेतु आदेश क्यों देना पड़ा।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। मानसून सत्र 2019 के ध्यानाकर्षण पर माननीय गृह मंत्री द्वारा व्यापम से संबंधित लंबित 197 शिकायतों के विवेचनाधीन होने एवं जल्द निराकरण करने हेतु आश्वस्त किया गया था। लंबित शिकायतों में जांच के दौरान समस्त बिंदुओं पर विधिवत् जांच की जावेगी। (ख) 510 शिकायतें विभिन्न थानों को नहीं भेजी गई अपितु एसटीएफ की जांच की गई है। (ग) गुमनाम शिकायतों की जांच न करने के संबंध में शासन द्वारा परिपत्र जारी किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदसौर के म.प्र कर्मचारी आवास निगम के भूखंड के नामान्तरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 2899 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक मंदसौर में म.प्र कर्मचारी आवास निगम के भूखंड के कितने नामान्तरण किन-किन,कारणों से पेंडिंग है समस्त नामान्तरण की कारण सहित जानकारी देवे? क्या कर्मचारी कालोनी से लगी कृषि भूमि पर अवैध कब्जा होने लगभग 50 से अधिक कर्मचारी को 2002 में भूखंड की राशि जमा कराने बावजूद अपना आशियाना बनाने के लिए दर-दर भटक रहे है यदि हाँ तो अवैध कब्जा कब-तक हटा कर पेंडिंग कर्मचारियों को भूखंड आवंटित कर दिए जायेंगे? (ख) क्या 2002 से निर्मित उक्त कालोनी के नामन्त्रण के समस्त कार्य हेतु बुजुर्ग रहवासियों को भोपाल जाना पड़ता है यदि हाँ तो क्या उक्त कर्मचारी कालोनी को क्या नगरपालिका में हस्तांतरित किया जाएगा यदि नहीं, तो क्यों? 2002 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र कर्मचारी आवास निगम ने कौन-कौन सी सुविधाएं रहवासियों को दी,जबकि लाखों रु की राशि भू-भाटक एवं नामन्त्रण,पेनल्टी की राशि वसूली जा चुकी है और रहवासी नाली सड़क एवं मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लगभग 20 सालो से नारकीय जीवन जीने को मजबूर है? (ग) क्या शासन म.प्र कर्मचारी आवास निगम को बंद कर प्रदेश की सभी कालोनियों को नगरीय निकाय या गृह निर्माण मंडल (हाउसिंग बोर्ड ) को हस्तांतरित करने का विचार कर रहा यदि नहीं, क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश कर्मचारी आवास निगम, के भूखण्ड नामांतरण का कोई प्रकरण पेंडिंग नहीं है। भूखण्ड क्रमांक 46 से 58 तक निजी भूमि पर विकसित होने से कब्जा नहीं दिया जा सका है। कलेक्टर मंदसौर से भूमि का पुन: सीमांकन कराकर कब्जा दिलाये जाने का आग्रह किया गया है। सीमांकन का निराकरण होते ही भूखण्ड का आवंटन/कब्जा दिये जाने की कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी हां, नगर पालिका मंदसौर को उक्त कॉलोनी का हस्तांतरण रख-रखाव हेतु किया जावेगा। उक्त कॉलोनियों का विकास कार्य नगर पालिका, मंदसौर से किया गया था, जिसके अंतर्गत सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराईं गईं थी। भू-भाटक की राशि नजूल विभाग की है, जिसे एकत्रित कर नजूल विभाग में जमा कराये जाने का प्रावधान है। आवंटियों द्वारा भू-भाटक की राशि विलंब से जमा किये जाने पर विलंबित अवधि का ब्याज सहित राशि जमा कराई जाती है। (ग) जी नहीं। प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को भूखण्ड विकसित कर आवंटित कर कर्मचारियों की आवास समस्या के निदान के लिए मध्यप्रदेश कर्मचारी आवास निगम का गठन किया गया है। प्रदेश की जो कॉलोनी विकसित होकर आवंटन की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है उन्हें नगर पालिक निगम/नगर पालिका को रख-रखाव हेतु हस्तांतरण की कार्यवाही की जावेगी।
उज्जैन नगर में निर्माण/विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 2909 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा नगर में किस-किस योजना अंतर्गत कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से विकास कार्य स्वीकृत किये हैं? वर्तमान में उन निर्माण कार्यों की क्या स्थिति है? योजना/कार्यवार, जानकारी देवें। (ख) इंदिरा नगर मकोड़िया आम एवं मंगलनाथ मार्ग उज्जैन में विगत 5 वर्षों में किस-किस ठेकेदार को कौन-कौन से नाले के निर्माण की स्वीकृती कब-कब दी गई? इन कार्यों के निर्माण की कितनी अवधि सुनिश्चित की गई है? कौन-कौन से नाला निर्माण का काम अधूरा है? कार्य अधूरा अथवा अप्रारंभ होने का क्या कारण है? इन कार्यों का निरीक्षण किस अधिकारी-उपयंत्री आदि को सौंपा गया है? अधूरे नालों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार कार्य अधूरे होने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार-दोषी है? इनके विरूद्ध शासन कब और क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ एवं ब में उल्लेखित जानकारी के परिप्रेक्ष्य में कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षा समिति को आवंटित भूमि का दुरुपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 2915 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कालीदास शिक्षण समिति नीमच को छात्रावास हेतु आवंटित भूमि की शासन स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है और न ही इस भूमि का मुद्रांक शुल्क तथा पंजीयन शुल्क जमा कराया गया है, जिससे शासन को राशि रुपये 7,13,02848 की आर्थिक हानि हुई है, जो दिनांक 23.09.2020 परि.अता.प्रश्न क्रमांक 658 के उत्तर में स्वीकार किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में शासन स्वीकृति के अभाव में इस भूमि के संबंध में माननीय न्यायालय से प्राप्त स्थगन समाप्त करने की कार्यवाही करते हुए अतिक्रमण से मुक्त कर अपने आधिपत्य में लेने की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो विस्तृत ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) वर्तमान में प्रश्नांकित भूमि पर निरंतर बढ़ते अतिक्रमण को रोकने के लिये शासन रिक्त भूमि को अपने आधिपत्य में लेने की कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर पालिका परिषद, नीमच द्वारा प्रश्नाधीन भूमि पर माननीय न्यायालय के स्थगन समाप्त किये जाने हेतु प्रचलित 08 प्रकरणों में प्रत्येक सुनवाई के दौरान नगरपालिका/शासन हित में दृढ़तापूर्वक पक्ष समर्थन की कार्यवाही नगर पालिका परिषद नीमच द्वारा की गई है। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष की सुनवाई उपरांत दिनांक 30.01.2021 को प्रस्तुत वाद स्वीकार किये जाकर वादीगण के हित में स्थायी निषेधाज्ञा जारी की गई है तथा वादी के आधिपत्य में अवैध रूप से हस्तक्षेप न करने व अन्य किसी से हस्तक्षेप नहीं कराने हेतु आदेशित किया गया है। पारित निर्णय के विरूद्ध नगरपालिका नीमच द्वारा अपील की कार्यवाही की जा रही है। माननीय न्यायलय आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वर्ष 1983-84 में निर्मित आवासीय भूखण्ड
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 2916 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना नगर की बिस्मिल नगर कॉलोनी (जौरी) वर्ष 1983-84 में निर्मित कितने आवासीय भूखण्डों की मूल आवेदकों द्वारा प्रस्तावित नक्शे अनुसार भवन बनाये गये हैं, कितने आवासीय भूखण्ड रिक्त तथा कितने पार्क, स्कूल, शॉपिग कॉम्पलेक्स की क्या स्थिति है। (ख) क्या पार्कों, स्कूल परिसर शॉपिंग कॉम्पलेक्स पर कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है, उनकी नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर की रिट पिटीशन नम्बर 1564/2012 में अतिक्रमणकर्ताओं के खिलाफ जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिये उस पर क्या कार्यवाही की गई। कितने आवासीय भूखण्डों के निर्माण की अनुमति नगर निगम/नगर पालिका से ली गई है, तिथि, सन सहित पूर्ण जानकारी दी जावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) 62 भूखण्डों पर भवनों का निर्माण हुआ है, जो प्रस्तावित नक्शे अनुसार ही निर्मित किये गये हैं। 367 अवासीय भूखण्ड रिक्त हैं। 66325 वर्गफुट भूमि पार्क, स्कूल व शॉपिंग कॉम्पलेक्स के लिए आरक्षित रखी गई, जो रिक्त है। (ख) जी नहीं, आरक्षित भूमि पर अतिक्रमण/अवैध कब्जा नहीं किया गया है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, स्थल पर जाँच की गई पार्क, स्कूल व शॉपिंग कॉम्पलेक्स की भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं पाया गया है। किसी भी आवासीय भूखण्ड पर भवन निर्माण की अनुमति नगर पालिक निगम मुरैना से नहीं ली गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अपराध क्रमांक - 0099 संबंधित जानकारी
[गृह]
99. ( क्र. 2917 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एक फरवरी 2020 को सिटी कोतवाली मुरैना में अपराध क्रमांक - 0099 धारा 420, 120 बी निरंजन सिंह सिकरवार ग्राम गुढाचाबल, थाना-देवगढ़ (मुरैना) के दिनांक 13-11-2019 के आवेदन पर पंजीबद्ध हुआ था, जिसमें आशीष जैन, शाखा प्रबंधक एक्सिस बैंक, मुरैना, विक्रम जैन, ब्रांच-आफीर, एक्सिस बैंक मुरैना, नवीन कुमार, ललितपुर कॉलोनी, ग्वालियर, सौरभ सिकरवार, वार्ड 33, मुरैना को अभियुक्त बनाया गया जानकारी दी जावे। (ख) निरंजन सिंह सिकरवार के खाता क्रमांक 96020040611882 में छयत्तर लाख, बीस हजार (76,20,000) रूपये किसके द्वारा जमा किये गये, उक्त राशि बाद में किन-किन लोगो के खाते में कहां-कहां ट्रांसफर की गई, बैंक अधिकारियों को गिरफ्तारी अभी तक क्यों नहीं की गई, विवेचना किस अधिकारी के द्वारा की जा रही हैं। (ग) क्या इतनी बड़ी राशि के आर्थिक अपराधियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं होना, प्रकरण में राशि को जप्त नहीं होना, विवेचना में बडे आर्थिक अपराधियो को बचाने का प्रयास होना, प्रतीत होता है। (घ) प्रकरण की पूर्ण विवेचना कर राशि का अंतिम उपयोग कहा किन के द्वारा हुआ, राशि ट्रांसफर किसके द्वारा हुई बाकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी कब तक की जायेगी पूर्ण जानकारी तथ्यों सहित दी जावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में अभियोग पत्र क्रमांक 605/20 दिनांक 15.07.20 मि.न. 393/16.07.20 पर मान. न्यायालय पेश किया जा चुका है अतः विवेचना की साक्ष्य से संबंधित जानकारी दी जाना विधि सम्मत नहीं हैं। बैंक अधिकारियों के विरुद्ध साक्ष्य के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। प्रकरण में अन्य अरोपियों के विरूद्ध धारा 173 (8) जा.फौ. के अन्तर्गत विवेचनाजारी है। प्रकरण की विवेचना सीएसपी मुरैना द्वारा की जा रही है। (ग) जी नहीं। साक्ष्य के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। (घ) जानकारी प्रश्नांश (ख) में समाहित है। प्रकरण में धारा 173 (8) जा.फौ. के अन्तर्गत विवेचना जारी है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जांच दल द्वारा समय अवधि में प्रतिवेदन तैयार न करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 2920 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल के आदेश क्रमांक/यां.प्र./07/2020/11689 दिनांक 19/12/2020 से नगर पालिका नरसिंहगढ़ की मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत अनियमितता एवं गुणवत्ता की जांच हेतु जांच समिति गठित कर 15 दिवस में जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देश प्रदान किये गये थे? (ख) यदि हाँ तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त जांच दल द्वारा जांच पूर्ण कर जांच प्रतिवेदन शासन के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है? यदि हाँ तो जांच संबंधितों के विरूद्ध की गई कार्यवाही से अवगत करावें? यदि नहीं, तो उक्त वर्णित आदेश द्वारा निर्धारित समय-सीमा में जांच पूर्ण न करने के लिये कौन दोषी है? (ग) क्या शासन द्वारा दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या, यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक जांच में हुये विलंब के लिये कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उक्त वर्णित निर्माण कार्य की जांच एक निश्चित अवधि में पूर्ण करवाऐगा? यदि हाँ तो समय-सीमा बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के अन्तर्गत निर्मित बैराज में जल स्तर अधिक होने के कारण तत्समय संबंधित जांच नहीं की जा सकी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जलप्रदाय योजना के अन्तर्गत निर्मित बैराज निर्माण कार्य में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर नगरपालिका नरसिंहगढ़ के मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री संतोष पराशर एवं उपयंत्री श्री मिथलेश दीक्षित को निलंबित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जांच में उल्लेखित बिन्दुओं पर जांच समिति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुशासनात्मक कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 2921 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 292 दिनांक 28.12.2020 के उत्तर की कंडिका (क) में '' पत्र के अनुक्रम में कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल के द्वारा संभाग में पदस्थ सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। प्रतिवदेन प्राप्त होने पर कार्यवाही की जायेगी, संबंधी जानकारी दी गई है? (ख) यदि हाँ तो कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल के द्वारा उक्त वर्णित पत्र प्राप्ति के कितने दिन पश्चात जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु संबंधितों को निर्देश जारी किये गये? उक्त निर्देश की प्रति सहित बतावें कि जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु कोई समय-सीमा तय की गई है? यदि हाँ तो क्यों? (ग) क्या नियम विरूद्ध भुगतान/अनियमितता के लिये मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका नरसिंहगढ़ एवं उपयंत्री नगर पालिका ब्यावरा को निलंबित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक निलंबित अधिकारियों को आरोप-पत्र जारी कर दिये गये है? आरोप पत्र की प्रति देवें तथा क्या उनके जवाब विभाग को प्राप्त हो चुके है? यदि हाँ तो उक्त प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक अद्यतन स्थिति क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कार्यपालन यंत्री, संभागीय कार्यालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल द्वारा संभागीय कार्यालय में पदस्थ सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को निकाय से प्राप्त पत्र के परिप्रेक्ष्य में उक्त कार्य की जांच कर वस्तुस्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिये गये थे। जी नहीं, प्रतिवेदन प्राप्त होने पर कार्यवाही की जायेगी संबंधी जानकारी नहीं दी गई है। (ख) संभागीय कार्यालय में पदस्थ सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को उक्त गुणवत्ताहीन कार्य की जांच हेतु दि. 03.06.2020 को मौखिक रूप से कार्यपालन यंत्री के द्वारा निर्देशित किया गया था। इस हेतु समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई थी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ।, बैराज निर्माण कार्य के भुगतान में की गई अनियमितता के लिए मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं उपयंत्री को प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने से निलंबन की कार्यवाही की गई है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवासों की राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 2924 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की नगरपालिका व नगर परिषदों में वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये थे एवं हितग्राहियों को राशि रूपये 1 लाख की एक-एक किश्तें भुगतान की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या हितग्राहियों ने अपने कच्चे मकान तोड़कर लेंटर हाईट तक दीवार उठा ली, परन्तु उन्हें अगली किश्त प्रश्न दिनांक तक नहीं मिली, जिसके कारण मकान नहीं बनाने से उन्हें बारिश, गर्मी, ठंड में कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करना पड़ रहा है? (ग) यदि हाँ, तो हितग्राहियों के मकान क्यों तुड़वाये गये? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या इन हितग्राहियों को अगली किश्तों का भुगतान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना के प्रावधान अनुसार हितग्राहियों द्वारा स्वीकृत आवास का निर्माण हितग्राही को स्वयं करना होता है। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर पालिका सिवनी की वर्ष 2019 की डी.पी.आर. अन्तर्गत 231 हितग्राहियों की परियोजना में निकाय द्वारा 50 हितग्राहियों को प्रथम किश्त राशि जारी की गई थी, जिनमें से 25 हितग्राहियों की लिंटल स्तर भौतिक प्रगति के आधार पर उन्हें द्वितीय किश्त का भी भुगतान किया जा चुका है। नगर परिषद बरघाट में वर्ष 2019 में अभी प्रथम किश्त प्रदाय नहीं की है। नगर परिषद लखनादौन में वर्ष 2019 में कोई परियोजना स्वीकृत नहीं है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण अवधि में हितग्राही को तत्कालिक निवास व्यवस्था स्वयं करनी होती है। उक्त उत्तर के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उत्पन्न ही नहीं होता है। (ग) उत्तर (ख) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर तथा हितग्राहियों द्वारा किये जा रहे निर्माण की भौतिक प्रगति की जिओ टैगिंग के आधार पर आगामी किश्तों का भुगतान किया जाता है। चूंकि भौतिक प्रगति हितग्राही आधारित है। अतः समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
अपूर्ण कॉलोनियों को पूर्णता प्रमाण पत्र दिया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 2925 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत नगर पालिका व नगर परिषदों द्वारा जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कॉलोनियों को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं? कॉलोनाईजर सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त कॉलोनियों में कॉलोनाईजर द्वारा बिजली मय ओवर हेड टेंक पेयजल व्यवस्था, स्ट्रीट लाईट, नाली निर्माण एवं सार्वजनिक उद्यान, जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नगर की अविकसित एवं अपूर्ण कालोनियों को नियम विरूद्ध कॉलोनी विकास पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाली नगर पालिका/नगर परिषद के किन-किन दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या नगर पालिका/नगर परिषद की साधारण सभा की बैठकों में अधिकांश पार्षदों द्वारा नियम विरूद्ध प्रमाण पत्र जारी करने पर आपत्ति ली है? विकास पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध जांच के आदेश दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्या नगर पालिक अधिनियम के तहत पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के दिनांक से सभी कॉलोनियां वैध एवं अर्ध रात्री से नगर पालिका/नगर परिषद को स्वमेव हस्तांतरित मानी जाती है? यदि हाँ, तो क्या इन कॉलोनियों की मूलभूत सुविधाओं की जिम्मेदारी नगरपालिका/नगर परिषद की है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत नगरपालिका सिवनी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जिले के अंतर्गत नगर पालिका लखनादौन एवं बरघाट में प्रश्नांकित तिथि में कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए हैं। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ, म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम-12 (आठ) में दिनांक 06.11.2019 को किए गए संशोधन के पूर्व की स्थिति में कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के दिनांक को ही संबंधित कॉलोनी रख-रखाव हेतु नगरपालिका को अंतरित मान्य की जाती थी। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्फ्यू लगाने के संबंध में
[गृह]
104. ( क्र. 2947 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16/01/2021 को थाना हनुमानगंज, टीलाजमालपुरा एवं गौतम नगर थाना क्षेत्र में किन परिस्थितियों में एवं किस अधिकारी की अनुशंसा पर अचानक कर्फ्यू लगाया गया? (ख) कर्फ्यू के कारण आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त होकर भारी असुविधा का सामना करना पड़ा? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? (ग) इस प्रशासनिक नाकामी के लिये जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कानून व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुये धारा 144 सी.आर.पी.सी. लगाने का प्रशासनिक निर्णय लिया गया था। (ख) जन सामान्य की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये उक्त प्रशासनिक निर्णय लिया गया था, जिसमें जन सामान्य को किसी भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। (ग) प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
शस्त्र लायसेंस जारी किये जाने संबंधी नियम
[गृह]
105. ( क्र. 2948 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में शस्त्र लायसेंस जारी करने के क्या नियम हैं? किस व्यक्ति को शस्त्र लायसेंस जारी किया जा सकता है? (ख) मार्च 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने शस्त्र लायसेंस जारी किये जा चुके हैं? ग्वालियर, भोपाल एवं होशंगाबाद के जिलों में संख्या तथा संबंधित लायसेंसधारी व्यक्ति का नाम व पता सहित बतावें। (ग) अभी तक जितने शस्त्र लायसेंस जारी किये गये हैं, क्या उनमें सभी नियम प्रक्रियाओं का पालन किया गया है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आयुध अधिनियम 1959 की धारा 13 के अंतर्गत शस्त्र लायसेंस जारी किये जाते हैं। उक्त धारा में वर्णित शर्तों का पालन के आधार पर शस्त्र लायसेंस जारी किये जाते हैं। (ख) मार्च 2019 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर-1328, भोपाल-319 एवं होशंगाबाद-65 लायसेंस जारी किये गये। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ।
नगर निगम बुरहानपुर अंतर्गत पानी की समस्या का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 2958 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम बुरहानुपर के द्वारा जल आवर्धन योजना में वर्तमान में क्या-क्या कार्य, कितना संपन्न हुआ कि संपूर्ण सूची मय लागत के अवगत करावें एवं उक्त कार्य कब तक पूर्ण होकर जनता को पानी वितरित होगा? (ख) जल आवर्धन योजना में रोड की खुदाई की जा रही है, इसमें रोड का नवीनीकरण, मरम्मत क्या-क्या सम्मिलित है एवं किस मानक का कितना कार्य किया जायेगा? (ग) उक्त योजना में रोड खुदाई के लिये पेवर ब्लॉक लगे थे, उन्हें हटाया गया था? किन-किन वार्डों की गलियों से सूची प्रदान करें एवं क्या उस स्थान पर नये पेवर ब्लॉक लगाये? यदि नहीं, तो क्यों नहीं लगाये गये और कब तक नये पेवर ब्लॉक लगाये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है, योजना का 30 सितम्बर, 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ख) जी हाँ, केवल पाईप लाईन बिछाने हेतु खुदे हुए भाग को पूर्व की तरह पुनः स्थिति में उसी मानक के अनुसार पुनः निर्माण (रिस्टोरेशन) करना सम्मिलित है तथा तद्नुसार रोड-रेस्टोरेशन का कार्य किया जा रहा है। (ग) जी हाँ, योजना में रोड खुदाई के दौरान पेवर ब्लॉक को हटाया गया था, जिसे पुनः उसी स्थिति में लगाया जा रहा है। वार्डों की गलियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब' अनुसार है। उस स्थान पर नये पेवर ब्लॉक लगाने का प्रावधान नहीं है, परन्तु अगर कोई पेवर ब्लॉक क्षतिग्रस्त या टूटे-फूटे होते हैं तो उसे आवश्यकता अनुसार बदला जावेगा।
नागदा नवीन जल आवर्धन योजना में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 2977 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद, नागदा द्वारा शहर के सभी 36 वार्डों में नवीन जल आवर्धन योजनान्तर्गत कितने उपभोक्ताओं को नल कनेक्शन जल आवर्धन योजना डी.पी.आर. के तहत प्रदान किये गये हैं? क्या जल आवर्धन योजना की डी.पी.आर. नागदा शहर के जनसंख्या के मान से कितने कनेक्शन प्रदान करने की बनाई गयी थी? क्या ठेकेदार द्वारा डी.पी.आर. में उल्लेखित सभी नियम व शर्तों का पालन कर पेयजल वितरण नलिकाएं शहर में बिछाई गयी हैं? क्या जल आवर्धन योजना में हुई अनियमितता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है? शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) जल आवर्धन योजना के तहत नागदा शहर में बिछाई गई पेयजल नलिकाओं से जल प्रदाय ठेकेदार व नगर पालिका के मध्य हुए अनुबंध के अनुसार किस दिनांक तक पूर्ण की जानी थी? क्या ठेकेदार द्वारा नियत दिनांक तक कार्य पूर्ण कर लिया गया? यदि नहीं, तो क्यों और क्या ठेकेदार पर अनुबंध अनुसार नगर पालिका नागदा द्वारा पेनल्टी वसूली गई? यदि नहीं, तों क्यों? विवरण दें। (ग) जल आवर्धन योजना कार्य प्रारंभ होने के पूर्व नागदा नगर में 10 हजार से ज्यादा पेयजल कनेक्शन के उपभोक्ता थे तो जल आवर्धन योजना की डी.पी.आर. मात्र 7 हजार कनेक्शन की क्यों बनवाई गई? कारण बतायें। जल आवर्धन योजनांतर्गत आगामी 30 वर्षों तक नागरिकों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाना था तो कनेक्शन की डी.पी.आर. जनगणना के अनुमानित मान से 20 से 25 हजार कनेक्शन की क्यों नहीं बनाई गई। सम्पूर्ण विवरण दें। क्या दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका नागदा में नवीन जल आवर्धन योजनान्तर्गत 15486 उपभोक्ताओं को नल कनेक्शन डी.पी.आर. के तहत प्रदान किये गये है। योजना की डी.पी.आर. नागदा शहर की जनसंख्या की मांग से 16500 कनेक्शन प्रदान करने की बनाई गई थी। जी हाँ। जल आवर्धन योजना में श्री सुबोध स्वामी, कांग्रेस जिला कार्यकारी अध्यक्ष, पार्षद एवं नेता प्रतिपक्ष नगरपालिका नागदा के दवारा पूर्व विभागीय मंत्री जी को शिकायत प्रेषित की गई थी। जिसके संबंध में संभागीय कार्यपालन यंत्री उज्जैन संभाग द्वारा जॉच की गई है जिसमें शिकायत प्रमाणित नहीं पाई गई है। (ख) जल आवर्धन योजना का कार्य अनुबंध अनुसार दिनांक 18.08.2018 तक पूर्ण किया जाना था। जी नहीं। ठेकेदार द्वारा समय पर कार्य नहीं करने के कारण योजना में विलंब हुआ है। ठेकेदार द्वारा योजना की समय अवधि बढ़ाये जाने की मांग पर 19 माह की कार्य अवधि बढ़ाई किन्तु उक्त अवधि पर भी कार्य पूर्ण न होने पर नगर पालिका द्वारा ठेकेदार के बिल में से 28.00 लाख की राशि रोकी गई। (ग) नागदा की जल आवर्धन योजना की डी.पी.आर. वर्ष 2016 में बनाई गई थी। तत्समय नगर में पेयजल कनेक्शनों की संख्या 7895 थी। डी.पी.आर. में जल आवर्धन योजना वर्ष 2033 की जनसंख्या के मान से 16500 कनेक्शन देने का प्रावधान है। योजना अंतर्गत वर्तमान में पर्याप्त जलप्रदाय किया जा रहा है। योजना का कार्य अनुबंध के प्रावधानों अनुसार ही किया गया है। इसलिये किसी अधिकारी पर कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियमों एवं प्रावधानों के विपरीत दिए गए शपथ-पत्र की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 2978 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्र. 62 दिनांक 23/09/2020 के उत्तर में यह बताया गया कि माननीय उच्च न्यायालय में तत्कालीन उप संचालक सोमनाथ झारिया द्वारा दिये गये शपथ पत्र की वैधानिकता पर विभाग स्तर से टिप्पणी नहीं की जा सकती है? (ख) यदि हाँ तो क्या शासन दिये गये शपथ पत्र की कानून विशेषज्ञों से नगरपालिका अधिनियम 1961 में उल्लेखित नियमों एवं प्रावधानों अनुसार शपथ पत्र दिया गया है या नहीं? इसकी जांच कराने के आदेश प्रदान करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) याचिका के संबंध में तत्कालीन उपसंचालक द्वारा शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से जबाव दिया गया है। शेषाशं का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाबों को पट्टे पर देना
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 2983 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास विभाग अंतर्गत आने वाले तालाबों को पट्टे पर देने हेतु मछली पालन विकास विभाग द्वारा जारी नीति 2008 का पालन करना अनिवार्य है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग के जिला अधिकारियों द्वारा उक्त नीति का पालन करना अनिवार्य है तथा क्या विभाग के अधिकारी मनचाही विज्ञप्ति जारी कर किसी व्यक्ति या संस्था को लाभ पहुँचाने संबंधी कार्य नहीं कर सकता? (ग) क्या भोपाल स्थित छोटे तालाब की पुन: विज्ञप्ति जारी कर जो दस्तावेज मांगे गए हैं उसमें बिन्दु क्रमांक 2 में स्पष्ट कार्य क्षेत्र संबंधी बायलाज में अंकित का प्रावधान रखा गया है, ताकि किसी विशेष पसंद की संस्था को पट्टा दिया जा सकें? (घ) क्या उक्त प्रावधान मछली नीति के विरूद्ध दिया गया है? क्या शासन इस प्रकार की कार्यवाही की जांच कर भ्रष्टाचार को रोकने तथा दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा, यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मत्स्य पालन नीति-2008 के अनुसार कार्यवाही की जाती है। सहायक संचालक मत्स्योद्योग जिला भोपाल का पत्र क्रमांक 499/मत्स्य/2020-21 भोपाल दिनांक 15.01.21 प्राप्त हुआ है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, जिसके अनुसार ''विज्ञप्ति प्रारूप में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाये, परिवर्तन की अवस्था में, विभाग द्वारा जारी किया गया प्रारूप ही मान्य किया जावेगा,'' का उल्लेख किया गया था। संलग्न विज्ञप्ति प्रारूप अनुसार ही उक्त विज्ञप्ति का प्रकाशन नगर निगम द्वारा कराया गया है। नगर निगम द्वारा किसी व्यक्ति या संस्था को लाभ के उद्देश्य से कार्य नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश 'ख' अनुसार अनुमोदित विज्ञप्ति को दैनिक जागरण एवं दैनिक नव समाचार पत्र में प्रकाशित कराया गया है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[पर्यावरण]
110. ( क्र. 2990 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में स्थित जे.पी. एसोसिएट्स प्रा.लिमिटेड रीवा द्वारा उद्योग लगाने हेतु पर्यावरण विभाग से एन.ओ.सी. (अनुमति) किन शर्तों पर ली गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या पर्यावरण विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार पौधारोपण कराया गया है? यदि हाँ तो कराये गये कार्य की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में पर्यावरण विभाग द्वारा 01 जनवरी 2015 से प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक एस.पी.एस. (सस्पेंडेड पार्टिकुलर मैटर) एवं आर.एस.पी.एम. की क्या-क्या मात्रा माहवार/वर्षवार/पाई गई एवं किसके द्वारा ली गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में एन.ओ.सी. का दुरूपयोग करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, सीमेंट उद्योग एवं उसकी खदानों द्वारा किये गये वृक्षारोपण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वर्ष 01 जनवरी, 2015 से एस.पी.एम. एवं आर.एस.पी.एम. की मात्रा एवं लेने वालों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) एन.ओ.सी. के दुरूपयोग की स्थिति नहीं हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी विकासखण्ड अंतर्गत नगर पालिकाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
111. ( क्र. 2995 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखण्डों अंतर्गत कौन-कौन सी कितनी नगर पालिका/नगर निगम संविधान के किस अनुच्छेद या प्रचलित कानून के तहत गठन किया गया है? (ख) क्या संविधान की पांचवी अनुसूची अनुच्छेद 244 (1) से अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रों में राज्य शासन का कोई भी नियम शून्य है? क्या अनुसूचित क्षेत्रों में नगरीय निकायों का गठन असंवैधानिक है? (1) यदि हाँ तो क्या शासन नगरीय निकायों को भंग कर स्वशासी जिला परिषद का गठन करेगी? (2) यदि नहीं, तो संविधान के किस अनुच्छेद या किस प्रचलित कानून के तहत अनुसूचित क्षेत्रों पर [अनुच्छेद 244 (1) ] राज्य विधानमंडल के कानूनों का विस्तार किया गया है? (ग) संविधान के अनुच्छेद 243यग एवं 243यघ में अनुसूचित क्षेत्रों एवं स्वशासनी जिला परिषद के संबंध में क्या प्रावधान दिए गए है? प्रति सहित बताएं। (घ) प्रश्नांश (ग) के आलोक में विभाग द्वारा क्या प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है? धार जिला अंतर्गत सभी नगर पालिकाओं में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक अनुच्छेद 243यग एवं 243यघ के तहत की गई कार्यवाहियों विवरण प्रस्तुत करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) पांचवी अनुसूची अनुच्छेद 244 (1) के उपबंध 5 के तहत राज्यपाल के निर्देश पर नगरीय निकायों का गठन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष उत्तरांश 'क' अनुसार है। (ग) संविधान के अनुच्छेद 243 यग एवं 243 यघ में किये गये प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ग' के आलोक में विभाग एवं धार जिले की नगरीय निकायों में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है।
गिरफ्तार व्यक्ति को लॉकअप में रखे जाने
[गृह]
112. ( क्र. 3024 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर सिटी कोतवाली दिनांक 15/1/2021 को खोवा एवं मिठाई पकड़ी गई थी? हाँ या नहीं, यदि हाँ तो उक्त खोवा एवं मिठाई किस व्यक्ति की थी उक्त व्यक्ति का नाम बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या सिटी कोतवाली सी.सी.टी.वी. कैमरा लगे हुए हैं? हाँ या नहीं, यदि हाँ तो सिटी कोतवाली द्वारा किस-किस व्यक्ति को कब कहां से पकड़कर पूछताछ के लिए लाए एवं कब छोड़ा गया था? उक्त व्यक्तियों से क्या प्रश्न पूछे गए एवं क्या उक्त व्यक्तियों द्वारा उत्तर दिया गया था। प्रश्न एवं उत्तर का विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या उक्त व्यक्तियों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था? हाँ या नहीं-यदि हाँ तो कब उल्लेख करें। उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार कर कपड़े उतरवाकर चड्डी में लॉकअप में बंद किया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ तो क्या शासन के नियम-निर्देशों के अनुसार गिरफ्तार व्यक्ति को लॉकअप में चड्डी में बिठाए जाने के नियम-निर्देश है? हाँ या नहीं-यदि हाँ तो उक्त नियम-निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों गिरफ्तार व्यक्ति को चड्डी में बैठाया गया था?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। खोवा एवं मिठाई रोहित जैन की फर्म के लिये रिक्शा वाले अशोक चौरसिया द्वारा बस से उतारी गई थी। (ख) जी हाँ। थाना सिटी कोतवाली छतरपुर में सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगे हैं। जाँच गतिशील होने से जानकारी देना विधिसम्मत नहीं है। (ग) आरोपी रोहित जैन को अपराध क्रमांक-19/2021 धारा 420 भादवि में दिनांक-17.01.2021 को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी रोहित जैन को गिरफ्तारी के बाद कपड़े उतरवा कर चड्डी में लाकअप में बंद नहीं किया गया। (घ) प्रश्न का उत्तर (ग) में समाहित है।
मुख्यमंत्री पेयजल योजना में अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 3034 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद शहपुरा, जिला डिण्डौरी में मुख्यमंत्री पेयजल योजना अक्टूबर 2013 में स्वीकृत हुई तथा लगभग 12-13 करोड़ की डी.पी.आर. के हिसाब से कार्य नहीं हुआ? (ख) ठेकेदार एवं अधिकारियों के सांठ-गांठ से कार्य में भारी अनियमिततायें बरती गई है? जो कार्य हुआ है वह गुणवत्ताहीन है, उक्त कार्य की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही की जायेगी? अगर हाँ तो समय-सीमा बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु नगर परिषद शहपुरा की जलप्रदाय योजना मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना अंतर्गत राशि रू. 1283.15 लाख की दिनांक 01.10.2014 को स्वीकृत की गई है। योजना का संपूर्ण कार्य स्वीकृत ड्राइंग एवं डिजाइन के अनुरूप कराया गया है। (ख) जी नहीं। संपूर्ण कार्य एस.क्यू.सी के इंजीनियर्स एवं निकाय में पदस्थ सब इंजीनियर की देख रेख में निर्धारित मानक के अनुरूप गुणवत्ता युक्त कराया गया है। निकाय द्वारा कराये गये समस्त घटकों के कार्यों की थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन शासकीय पॉलिटेक्निक कालेज डिण्डोरी से कराया गया जो कि निर्धारित मापदंड क अनुरूप सही पाया गया अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रश्न क्रमांक 428 दिनांक 28.12.2020 के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 3037 ) श्री
बहादुर सिंह
चौहान : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्न
क्रमांक 428 दिनांक 28.12.2020 (क) उत्तर
अनुसार
आरक्षित वर्ग
के लोगों के
लिए केवल 20:40
वर्गमीटर आकर
के 39
आवासीय भवन
बनाने के लिए
केवल 795.79
वर्गमीटर
आरक्षित भूमि
रखी गई है, क्या 20:40
वर्गमीटर में
आवासीय भवन
बनाना संभव है? यदि हाँ
तो इसकी व्याख्या
करें। (ख) उपरोक्तानुसार
कालोनी का कुल
रकबा भी
बतावें। (ग) कुल
कितने में से
कितनी भूमि
कमजोर आय वर्ग
तथा निम्न आय
समूह के लिए
आरक्षित रखने
का प्रावधान
है? प्रतिशत
में बतावें।
इस संबंध में
नियम की प्रमाणित
प्रति देवें। (घ) इस
नियम के
अनुसार भूमि
आरक्षित न करने
वाले
कालोनाइजरों
पर शासन कब तक
कार्यवाही
करेगा? प्रश्नांश (क) के
संदर्भ में
बतावें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) जी
हाँ, म.प्र.
ग्राम पंचायत
(कालोनाईजर का
रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन
तथा शर्तें)
नियम 1999 के
नियम-10 (4) के प्रावधान
के अनुसार
कालोनाईजर
द्वारा कमजोर
आय वर्ग के
लोगों के लिए
विकसित भूखण्ड
देने के बजाय
आवासीय भवन
निर्मित कर
उपलब्ध
कराने का
विकल्प लिया
गया था। नियम-10 (4) के तहत
कालोनाईजर
द्वारा चयनित
किए गए विकल्प
के अनुसार 795.81
वर्गमीटर
आरक्षित भूमि
में निर्मित
क्षेत्र 20.40
वर्गमीटर के 39 आवासीय
इकाइयों का
निर्माण
कालोनाईजर
द्वारा किया
जाना है। (ख) कालोनी
का कुल रकबा 3.375 हेक्टेयर
है। (ग) म.प्र.
ग्राम पंचायत
(कालोनाईजर का
रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन
तथा शर्तें)
नियम 1999 के
नियम-10 की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) उत्तरांश
''क''
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नगर तथा ग्राम निवेश अधिकारी पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 3038 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत आदिनाथ विहार कॉलोनी दर्जी बाखल महिदपुर के नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा स्वीकृत अभिन्यास की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) क्या इस अभिन्यास में कमजोर आय वर्ग तथा निम्न आय वर्ग समूह के लिये केवल 20.40 वर्गमीटर के आवास की पात्रता दी गई है? यदि हाँ तो ऐसा क्यों? (ग) कमजोर वर्गों के लिए बेहद कम भूमि आरक्षित करने की स्वीकृति देने वाले नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कॉलोनी में कमजोर आय वर्ग तथा निम्न आय वर्ग समूह के लिए कब तक निर्धारित मात्रा में भू-खण्ड आरक्षित कर दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1829 दिनांक 19/08/2011 द्वारा मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम, 1999 के अन्तर्गत जारी अभिमत के साथ संलग्न अभिन्यास की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हँ। मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम, 1999 के नियम 10 (4) में प्रावधानुसार '' ऐसे कालोनाईजर जो अपनी आवासीय कालोनियों को उपनियम (1) के अनुसार कमजोर आयवर्ग के लोगों के लिए विकसित भूखण्ड देने के बजाये आवासीय भवन निर्मित करके उपलब्ध कराना चाहे तो वह विकसित भूखण्डों के कुल क्षेत्र के एक चौथाई भाग के बराबर निर्मित क्षेत्र में भवन हूडको द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ( ई. डब्ल्यू. एस.) के लिए विहित साईज में निर्मित कर समक्ष प्राधिकारी को सौप सकेंगे और जिनका आवंटन पात्र व्यक्तियों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा निहित दर पर किया जायेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रश्नाधीन भूमि मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 13 के अन्तर्गत अधिसूचित निवेश क्षेत्र से बाहर की होकर ग्राम पंचायत क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित है। तत्समय प्रचलित मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें ) नियम, 1999 के नियम 10 के तहत अभिमत दिया गया था जिसमें उल्लेखित विकल्प मान्य करने का क्षेत्राधिकार, सक्षम प्राधिकारी में निहित है। तत्समय प्रचलित मध्यप्रदेश नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें ) नियम 1998 के नियम 10 (2) में 20 से 25 वर्गमीटर आकार के भवन आरक्षित किये जाने का प्रावधान था जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) कमजोर आय वर्ग हेतु बेहद कम भूमि आरक्षित नहीं की गई है। शेषाशं का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उपकेन्द्र का निर्माण
[ऊर्जा]
116. ( क्र. 3044 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में कुक्षी संभाग के अंतर्गत डही एवं आगर (बाग) 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र तथा ग्राम पड़ियाल, जोगड़दी, पिपल्या एवं कापसी में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बनाने के प्राक्कलन तैयार किये जाकर प्रस्ताव शासन को भेजे गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित स्थानों पर उपकेन्द्र का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा तथा उक्त उपकेन्द्रों के स्थापित होने से किन-किन ग्रामों में बिजली की समस्या हल हो जाएगी? सूची उपलब्ध कराएं। (ग) धार जिले में कुक्षी संभाग के अंतर्गत डही एवं आगर (बाग) 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्रों तथा ग्राम पड़ियाल, जोगड़दी, पिपल्या एवं कापसी में 33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्रों की स्थापना उक्त क्षेत्रों में विद्युत समस्या हल करने के लिए क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन सी एजेन्सी उत्तरदायी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र डही एवं आगर (बाग) की स्थापना के प्रस्ताव के तकनीकी परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र पड़ियाल एवं जोगड़दी के निर्माण का कार्य तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता के क्रम में उक्त कार्यों को स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया जावेगा। अतः वर्तमान में कार्य पूर्णता हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उक्त दोनों उपकेन्द्रों के स्थापित होने के उपरांत संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए गए ग्रामों को और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा सकेगा। ग्राम पिपल्या एवं ग्राम कापसी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन उल्लेखित विद्युत उपकेन्द्रों के संबंध में की गई, की जा रही एवं प्रस्तावित कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
इंदौर, भोपाल में बिना T.D.S. काटे भुगतान करने पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 3056 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगें कि (क) कोविड महामारी के दौरान दिनांक 01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक इंदौर, भोपाल नगर निगम ने कोविड महामारी से संबंधित व्यय के भुगतान में T.D.S. नहीं काटा जबकि उज्जैन नगर निगम ने T.D.S. काटा है तो इंदौर, भोपाल नगर निगम ने किस नियम/आदेश के तहत T.D.S. नहीं काटा? नियम/आदेश की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) T.D.S. न काटकर संबंधित संस्थानों को आयकर से संरक्षण प्रदान करने वाले दोनों नगर निगमों के अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) कब तक दोनों नगर निगमों के भुगतान प्राप्त संस्थानों का T.D.S. काटा जाएगा? यदि नहीं तो क्यों? इन्हें आयकर से संरक्षण क्यों दिया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इंदौर नगर निगम द्वारा कोविड महामारी के दौरान सामग्री क्रय किये जाने जो भुगतान स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट लिमिटेड द्वारा किये गये है, उन पर आयकर लागू नहीं होने से टीडीएस की राशि नहीं काटी गई है, इसके अतिरिक्त शेष भुगतानों में नियमानुसार टीडीएस काटा गया है। जबकि भोपाल नगर निगम दवारा अत्यावश्यक सेवाओं को देखते हुये भुगतान संबंधित फर्म को न किया जाकर कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों को अग्रिम के रूप में किया गया है। समायोजन की स्थिति में नियमानुसार विधिवत टीडीएस कटौती की कार्यवाही की जा रही है। आयकर अधिनियम की धारा 194 सी (नियम/आदेश) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका एवं नगर परिषद में कराए गए कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 3066 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के लेखा नियम 2018 अनुसार एक माह में एक लाख सीमा के अंदर कोटेशन के माध्यम या अंतर्गत कितने कार्य किए जा सकते हैं? क्या एक ही प्रकृति के कार्य एक से अधिक बार कोटेशन से कराया जाना वैधानिक है? (ख) शहडोल संभाग की नगर पालिका एवं नगर परिषद में जनवरी 2018 से 10 फरवरी 2021 तक एक लाख से कम लागत के कितने कार्य कराए गए हैं? प्रत्येक कार्य का नाम, माह, लागत, ठेकेदार का नाम, मूल्यांकनकर्ता का नाम एवं पद, भुगतान राशि, भुगतान दिनांक, भुगतानकर्ता अध्यक्ष एवं सी.एम.ओ. के नाम सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में न.पा. अधिनियम 1961 के लेखा नियम 2018 का उल्लंघन व अनियमितता की श्रेणी में आता है? यदि हाँ तो प्रश्नांश (ख) के कार्यों में अनियमितता के दोषी अधिकारियों/पदाधिकारियों पर समय-सीमा में वित्तीय अनियमितता के लिए कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम के लेखा नियम 2018 के अनुसार एक माह में एक लाख सीमा के अंदर कोटेशन के माध्यम से कार्य कराया जाना प्रावधानित नहीं है, इस कारण संख्या बताया जाना संभव नहीं है। कोटेशन के आधार पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है, अपितु म.प्र. लेखा नियम 2018 के नियम 91 के तहत एक लाख से कम लागत के कार्यों की निविदा स्थानीय स्तर पर जारी कर कार्य कराया जाना प्रावधानित है। जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, शहडोल संभाग के नगरीय निकायों से प्राप्त जानकारी के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय अनियमित्ता परिलक्षित नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्कूल की भूमि पर नियम विरूद्ध निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 3067 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिलांतर्गत नगर परिषद जैतहरी ने बालक हायर सेकेण्ड्री स्कूल जैतहरी की भूमि पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कराया है? यदि हाँ, तो कॉम्पलेक्स का निर्माण लागत, प्रत्येक दुकान की नीलामी तिथि सर्वाधिक नीलामी राशि, प्रत्येक दुकान का माहवार किराया, किराएदार का इकरारनामा उपलब्ध कराते हुए फरवरी, 2021 तक प्राप्त किराया व नीलामी राशि की विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या म.प्र. विधान सभा प्रश्न क्र. 4884, दिनांक 07 मार्च, 2017 के उत्तर में स्कूल की भूमि पर म.प्र. न.पा. अधिनियम 1961 की धारा 345 का उल्लंघन की पुष्टि है? यदि हाँ, तो स्कूल की भूमि पर निर्मित शॉपिंग कॉप्लेक्स को अवैधानिक रूप से नीलाम कराने व प्राप्त राशि व किराया हड़पने के दोषी अध्यक्ष व सी.एम.ओ. पर समय-सीमा में कार्यवाही की जायेगी? (ग) स्कूल की भूमि पर निर्मित शॉपिंग कॉम्पलेक्स के लिये एस.एम.डी.सी. की बैठक दिनांक 01.07.2013 द्वारा पारित प्रस्ताव का विवरण व नगर परिषद जैतहरी के संकल्प क्र. 53 दिनांक 12.08.2013 का विवरण उपलब्ध कराते हुए बताएं कि क्या निर्माण एजेंसी स्वयं भू-स्वामी बनकर स्कूल की सम्पत्ति हड़पना वैधानिक है? (घ) क्या निर्माण लागत वसूल कर संपूर्ण मालिकाना, इकरारनामा, किराया जमा, अमानत राशि बालक हायर सेकेण्ड्री, जैतहरी को वापस की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 345 के तहत तत्समय कलेक्टर से सक्षम स्वीकृति प्राप्त न किये जाने के कारण तत्समय श्री अवधेश कुमार अग्रवाल तत्कालीन अध्यक्ष नगर परिषद जैतहरी एवं श्री भागवत प्रसाद तिवारी सेवानिवृत्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद जैतहरी, जिला अनूपपुर उत्तरदायी पाये गये थे, किन्तु न्यायालय कलेक्टर जिला अनूपपुर के प्रकरण क्रमांक 15/अपील/2019-20 आर.सी.एम.एस. नंबर 15/अपील/2019-20 में पारित निर्णय दिनांक 11/10/2019 अनुसार कार्योत्तर स्वीकृति प्राप्त हो जाने से प्रकरण में कोई कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' अनुसार है।
नवीन थाना भवनों का निर्माण
[गृह]
120. ( क्र. 3078 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन पुलिस थाना भेड़ाघाट के भवन निर्माण एवं पुलिस थाना तिलवार के भवन निर्माण का प्रस्ताव विभाग में लंबित है? यदि हाँ तो दोनों थाना भवनों के निर्माण हेतु आज दिनांक तक की कार्यवाही से अवगत कराते हुए किये गये पत्राचार/नस्ती/प्रस्ताव की सत्यापित प्रति उपलब्ध करायें। दोनों निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किये जा सकेंगे? (ख) क्षेत्र में बढ़ते अपराध पर लगाम कसने के लिए विभाग के पुलिसकर्मियों को सुविधाजनक भवन दिये जाने में विलंब क्यों किया जा रहा है? पुलिस थाना भेड़ाघाट के निर्माण स्थल पर राजस्व एवं वन भूमि विवाद कब तक निपटाया जावेगा? (ग) क्या थाना शहपुरा, थाना बेलखेड़ा एवं थाना भेडाघाट को सम्मिलित कर अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एस.डी.ओ.पी.) का नवीन कार्यालय भेड़ाघाट में खोलने हेतु प्रस्ताव विभाग में लंबित है? यदि हाँ तो प्रस्ताव पर आज दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुए किये गये पत्राचार/ प्रस्ताव का विवरण उपलब्ध करायें। कार्यालय खोलने की प्रक्रिया विभाग कब तक पूर्ण करेगा? (घ) क्या शहपुरा क्षेत्र के अंतर्गत थाना शहपुरा, बेलखेड़ा एवं भेड़ाघाट की क्षेत्रीय जनता को अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एस.डी.ओ.पी.) से संपर्क करने हेतु तहसील पाटन तक जाना पड़ता है? यदि हाँ तो यहॉ के निवासियों की सुविधा हेतु तीनों थानों को मिलाकर नवीन अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एस.डी.ओ.पी.) कार्यालय भेड़ाघाट में क्यों नहीं खोला जा रहा है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। थाना भेड़ाघाट का नवीन थाना भवन निर्माण कार्य पूर्व में किया जा रहा था, किन्तु वन विभाग द्वारा आपत्ति लगाई गई कि यह जमीन पुलिस विभाग की नहीं है। ख.न. 224 की जमीन वन विभाग के नाम पर दर्ज होने से निर्माण कार्य रोक दिया गया है। जिसकी जानकारी प्राप्त करने पर पाया गया कि वर्ष 1985 में राजस्व विभाग द्वारा ख.न. 224 की जमीन पुलिस विभाग को थाना भेड़ाघाट को दी गई थी। ठेकेदार द्वारा भवन निर्माण प्रारंभ किया गया था किन्तु वन विभाग द्वारा नोटिफिकेशन में भी ख.न. 224 दर्ज होने से वन विभाग द्वारा कार्य रोक दिया गया है। उक्त भूमि वन विभाग से पुलिस विभाग को स्थानांतरण करने हेतु आवेदन किया गया है। जिसके प्रस्ताव की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। वन विभाग में आवेदन पत्र विचाराधीन है। वन विभाग द्वारा उक्त भूमि पुलिस विभाग को स्थानांतरण करने के पश्चात पुनः थाना भवन निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा। थाना तिलवारा के भवन निर्माण हेतु प.ह.न. 25 ख.न. 147 रकबा 0.360 हेक्टेयर भूमि आवंटित होकर राजस्व विभाग से पुलिस के नाम पर दर्ज की गई है। उक्त भूमि में अतिक्रमण होना पाया गया है। जिसके हटवाने की कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से पत्राचार किया गया है। पत्राचार की सत्यापित प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त भूमि पर अनुविभागीय अधिकारी पुलिस का कार्यालय एवं थाना तिलवारा का भवन निर्माण प्रस्तावित है। अतिक्रमण हटने पर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) थाना भवन निर्माण हेतु प्रस्तावित भूमि वन विभाग से पुलिस विभाग स्थानांतरित करने हेतु आवेदन किया गया है। वन विभाग में आवेदन पत्र विचाराधीन होने से निर्माण कार्य रूका है। वन विभाग द्वारा उक्त भूमि पुलिस विभाग को स्थानांतरित करने के पश्चात ही थाना भवन निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिम्मेदार दोषियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
121. ( क्र. 3085 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम सिंगरौली में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना अंतर्गत सी एण्ड डी के प्रबंधन हेतु प्रावधान निहित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ तो इस योजना के प्रगति का विवरण के साथ उद्देश्य की प्रोजेक्ट की लागत के साथ कितने स्तर तक कार्य कराये जा चुके हैं? बतावें इस कार्य बावत् किस कंपनी व ठेकेदार को किस अनुबंध की किन शर्तों के तहत कार्यादेश जारी किये गये? अनुबंध की शर्तों अनुसार भुगतान व कार्य की प्रगति का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार नगर निगम में प्रश्नांश (ख) अनुसार कंपनियों एवं ठेकेदारों द्वारा कार्य नहीं किये गये, इसके लिये कौन जिम्मेदार है मौके पर कार्य न कराकर भुगतान कर दिया गया इस भुगतान की वसूली कब तक कंपनी एवं जिम्मेदार अधिकारियों से करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) योजना के संचालन व देखरेख का उत्तरदायित्व किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सौंपे गये थे, के नाम एवं पद सहित विवरण देवें। इनके द्वारा अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर योजना का क्रियान्वयन न कर व्यक्तिगत हित पूर्ति के साथ संविदाकारों एवं ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ड.) प्रश्नांश (ख) (ग) अनुसार उल्लेखित तथ्यों अनुसार क्या कार्यवाही करेंगे? क्या संबंधितों से राशि वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण गबन के दर्ज करावेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु सी एण्ड वेस्ट प्रबंधन के लिये पृथक कार्ययोजना (प्रोजेक्ट) क्रियान्वित की गई है। (ख) से (ड.) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
महाराजपुर विधानसभा अंतर्गत स्वीकृत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 3106 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगरीय निकायों द्वारा विगत तीन वर्षों में विकास कार्यों के क्या-क्या प्रस्ताव, कितनी-कितनी लागत के कब-कब शासन संचालनालय को प्रेषित किये गये? इन पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) तत्कालीन विभागीय मंत्री महोदय द्वारा महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र के निकायों में किन-किन कार्यों की स्वीकृति हेतु टीप/पत्र शासन, संचालनालय को लेख किये? इन पर विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
अमां में 33/11 उपकेन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
123. ( क्र. 3107 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाराजपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र गढ़ीमलहरा, कुसमा, महाराजपुर एवं टटम से विद्युत आपूर्ति में वोल्टेज की अत्यधिक समस्या हो रही है? इसके निराकरण हेतु विभाग क्या प्रयास कर रहा है? (ख) जिला छतरपुर के हरपालपुर वितरण क्षेत्रांतर्गत ग्राम अमां/ इमलिया में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की मांग लंबे समय से उपभोक्ताओं व जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही है, वोल्टेज की भारी समस्या के दृष्टिगत विभाग कब तक अमां में उपकेन्द्र की स्थापना करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र गढ़ीमलहरा, को 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र नौगांव से निर्गमित 33 के.व्ही. लुगाशी फीडर से एवं कुसमा, महाराजपुर एवं टटम में विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों को 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र संजय नगर से निर्गमित 33 के.व्ही. डुमरा फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में रबी सीजन के दौरान कृषि पंपों का भार एक साथ प्रणाली पर आ जाने के कारण उक्त फीडरों पर अधिकतम भार क्रमश: 314 एम्पियर एवं 350 एम्पियर दर्ज हुआ है, जो कि निर्धारित मानकों से अधिक है। रबी सीजन में हुई भार वृद्धि को देखते हुये उक्त दोनों फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार आगामी वर्ष की कार्ययोजना में शामिल किये जाने पर निर्णय लिया जायेगा। (ख) जिला छतरपुर के हरपालपुर वितरण केन्द्र के क्षेत्रांतर्गत ग्राम अमां/इमलिया में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार आगामी वर्ष की कार्ययोजना में इस कार्य को शामिल किये जाने पर निर्णय लिया जायेगा। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कोरोना काल में विद्युत बिलों की वसूली
[ऊर्जा]
124. ( क्र. 3120 ) श्री हर्ष यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सागर क्षेत्रान्तर्गत क्या कोरोना महामारी को लेकर शासन द्वारा घोषित लॉकडाउन अवधि के दौरान कामर्शियल, घरेलू एवं पंप विद्युत कनेक्शनों के उपभोक्ताओं का कार्य बंद रहने के बाद भी उन्हें मीटर किराया के अतिरिक्त भारी भरकम विद्युत बिल प्रदाय किये गये थे एवं बाद में उनसे बकाया वसूली के नाम पर उनके कृषि यंत्र घरेलू सामग्री एवं दो पहिया चार पहिया वाहन जब्त किये जा रहे है? यदि हाँ तो सागर जिले में त्रुटिपूर्ण बिलों के वितरण केन्द्रवार कितने मामले सामने आये हैं, कितने बिलों में सुधार किया गया है एवं कितने कृषकों से विद्युत बकाया के नाम पर कृषि यंत्रों, घरेलू सामग्री एवं वाहनों की जब्ती की गई है, नाम सहित विवरण उपलब्ध करायें। उक्त कुर्की किस आदेश के तहत की गई थी? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जिले में 23 मार्च 2020 से आज दिनांक तक विद्युत उपभोक्ताओं को अनुचित बिल दिये जाने एवं इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ न दिये जाने संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो इन मामलों में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है। (ग) यदि नहीं, तो बतायें कि सागर जिले में इन्दिरा गृह ज्योति योजना से वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कितने उपभोक्ता लाभांवित हुए हैं वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी दें एवं योजना का लाभ दिये जाने में विगत वर्ष आई कमी के कारण भी बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार नियमानुसार विद्युत बिल जारी किये गये है। सागर जिले के अंतर्गत प्राप्त विद्युत बिलों में त्रुटि की शिकायतों एवं सुधार किये गये बिलों संबंधी प्रश्नाधीन चाही गयी विद्युत वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी भी कृषक के विरूद्ध कुर्की की कार्यवाही नहीं की गई है अत: नामवार जानकारी दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 23.03.2020 से माह जनवरी 2021 तक उपभोक्ताओं को त्रुटिपूर्ण बिल दिये जाने संबंधी 5293 शिकायतें प्राप्त हुई एवं सभी शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण किया गया है तथा प्रश्नाधीन अवधि में सागर जिलान्तर्गत इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ नहीं दिये जाने संबंधी कोई भी शिकायत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों में प्राप्त नहीं हुई है। (ग) इंदिरा गृह ज्योति योजना अंतर्गत वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में जनवरी 2021 की स्थिति में लाभान्वित हुये उपभोक्ताओं की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इंदिरा गृह ज्योति योजना के प्रावधान अनुसार 150 यूनिट तक की मासिक खपत वाले सभी घरेलू उपभोक्ताओं को योजना का लाभ दिया जा रहा है तथा 150 यूनिट से अधिक मासिक खपत वाले उपभोक्ता इस योजना का लाभ पाने के पात्र नहीं हैं एवं उक्त उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश अनुसार विद्युत देयक दिये जा रहे हैं। इस प्रकार योजना का लाभ उपभोक्ता की खपत पर आधारित होने के कारण तुलनात्मक आंकलन का औचित्य नहीं है।
गांव की बेटी योजनांतर्गत आर्थिक सहायता
[उच्च शिक्षा]
125. ( क्र. 3126 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गांव की बेटी योजना अन्तर्गत म.प्र. के गांव की निवासी छात्रा, जिसने गांव की पाठशाला से 12वी न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की हो एवं गांव की प्रतिभावान बालिकाओं की शिक्षा का स्तर बढ़ाने तथा उच्च शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करने के लिये आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से लागू की गई है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं प्रश्न दिनांक तक में उक्त योजना के लिये कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस योजना में चयनित छात्रा को परंपरागत स्नातक पाठ्यक्रम हेतु एक शिक्षण सत्र में कितनी राशि प्रतिमाह, कितनी अवधि के लिये दिये जाने का प्रावधान है? (ग) उपरोक्त के तारतम्य में गुना एवं राजगढ़ जिले के किस-किस शासकीय/अशासकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय में अध्ययनरत कितनी-कितनी छात्राओं को कितनी-कितनी राशि प्रतिमाह के हिसाब से कितने-कितने महीनों तक योजना का लाभ प्राप्त हुआ है? जिलेवार छात्रा का नाम पता सहित पृथक-पृथक बतायें। (घ) उपरोक्त योजना के क्रियान्वयन में विगत पाँच वर्षों का अनुपातिक बजट के अनुसार कितना व्यय हुआ है, का प्रतिशत आंकड़ा प्रस्तुत करें। (ड.) योजना के संबंध में यद्यपि छात्राओं से कोई निवेदन/शिकायतें प्राप्त हुई है, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। बजट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) गाँव की बेटी योजना अंतर्गत चयनित छात्रा को एक शिक्षण सत्र में रूपये 500/- प्रतिमाह के हिसाब से 10 माह के लिये रूपये 5000/- का भुगतान किये जाने का प्रावधान है। (ग) भोपाल-नर्मदापुरम संभाग अंतर्गत जिला राजगढ़ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है एवं ग्वालियर-चंबल संभाग अंतर्गत गुना जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) विगत पाँच वर्षों में प्राप्त बजट आवंटन के विरूद्ध व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। आवंटन राशि रूपये 183,19,00,000/- (रूपये एक सौ तिरासी करोड़ उन्नीस लाख) एवं विगत पाँच वर्षों में व्यय राशि रूपये 152,11,70,000/- (रूपये एक सौ बावन करोड़ ग्यारह लाख सत्तर हजार), व्यय का प्रतिशत 83 है। (ड.) 01 शिकायत प्राप्त हुई जिसका निराकरण किया जा चुका है।
थाना बड़गोंदा अंतर्गत वाहनों को जब्ती
[गृह]
126. ( क्र. 3133 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर जिले के थाना बड़गोंदा के अंतर्गत सब रेंज बड़गोंदा की जामन्या बीट पर आड़ा पहाड़ पर अवैध उत्खनन में संलग्न जेसीबी मशीन, टैक्टर ट्राली वन विभाग के अधिकारी द्वारा दिनांक 10 जनवरी 2021 को जब्त की गई थी, जो कि 11 जनवरी 2021 को अवैध उत्खनन कर्ताओं के साथियों के द्वारा जब्त जेसीबी मशीन एवं ट्रैक्टर जबरिया छुड़ाकर ले जाने के संबंध में संबंधित वन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा आरोपियों के विरूद्ध नामजद आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के संबंध में थाना प्रभारी बड़गोंदा को आवेदन दिया था तथा उन्होंने आवेदन लेने से इंकार कर दिया था? यदि हाँ तो क्यों? (ख) क्या उपरोक्त प्रकरण के संबंध में उप-पुलिस महानिरीक्षक इंदौर रेंज को संबंधित वन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा लिखित आवेदन दिया गया था? यदि हाँ तो उक्त आवेदन पत्र में किन-किन आरोपियों के नाम का उल्लेख था तथा उनके विरूद्ध विधि अनुसार प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वन विभाग द्वारा दिनांक 10.01.2021 को अवैध उत्खनन में जप्त जेसीबी, ट्रेक्टर-ट्राली को दिनांक 11.01.2021 को अवैध उत्खनन कर्ताओं द्वारा छुड़ाकर ले जाने संबंधी कोई आवेदन पत्र थाना बड़गोंदा जिला इंदौर में प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) जी हाँ। आवेदन पत्र में मनोज पाटीदार पिता अशोक पाटीदार, सुनील यादव, धीरेन्द्र आंजना, सुनील पाटीदार, प्रदीप पाटीदार, सूरज व अन्य 15-20 लोगों का उल्लेख है। उक्त आवेदन पत्र पर राजस्व अधिकारियों द्वारा जाँच की गई थी व जाँच में उक्त भूमि वन विभाग की न होकर लक्ष्मी बाई बेवा अशोक पाटीदार व उनके पुत्र मनोज एवं लाखन पाटीदार के नाम से होना पाई गई, इस कारण थाना बड़गोंदा द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।
मेट्रो प्रोजेक्ट को भूकम्प के गलत जोन में रखे जाने से उत्पन्न स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 3134 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर और भोपाल में मेट्रो ट्रेन चलाने की दिशा में मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ तो उक्त दोनों शहरों में प्रथम चरण में मेट्रो ट्रेन कहाँ से कहाँ तक चलाई जायेगी? अभी तक मेट्रो ट्रेन के रूट का कार्य कितने प्रतिशत हो चुका है और यह कार्य कब तक पूर्ण किया जाना है? इन कार्यों पर अब तक कितनी राशि व्यय हो चुकी है अनुमानित कितनी राशि व्यय होना है? (ख) क्या इंदौर मेट्रो के लिये जनरल कंसल्टेंट ने भूकम्प जोन का नक्शा देखे बगैर ही इंदौर को जोन-3 में रखकर टेंडर जारी किया? इसके बाद टेक्निकल डायरेक्टर ने संशोधित कर जोन-4 में कर दिया गया है? जबकि भारत सरकार के भूकम्प जोन दर्शाने वाले नक्शे में साफ है कि इंदौर जोन-2 में ही आता है? यदि हाँ तो मेट्रो प्रोजेक्ट के लिये इंदौर को जोन-2 में रखने से लगभग कितनी राशि का फिजूल खर्चा होगा? इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करने के साथ ही इंदौर को जोन-2 रखने हेतु शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भोपाल के मेट्रो प्रोजेक्ट को भारत सरकार के भूकम्प जोन दर्शाने वाले नक्शे के अनुसार किस जोन में रखा जाना था और किस जोन में रखा गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा भोपाल मेट्रो रेल परियोजना एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। भोपाल मेट्रो रेल परियोजना एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजना का संरेखण (Alignment) नक्शा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम सिविल पैकेज का कार्य लगभग 42 % पूर्ण हो चुका है तथा इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम सिविल पैकेज का कार्य लगभग 7% पूर्ण हो चुका है शेष पैकेजों हेतु निविदाएँ आमंत्रित की जा रही हैं। भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाओं पर अब तक लगभग ₹ 243.80 करोड़ व्यय हुए हैं। भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजनाओं की भारत सरकार द्वारा स्वीकृत परियोजना लागत क्रमशः ₹ 6941.40 करोड़ एवं ₹ 7500.80 करोड़ है। (ख) नहीं, (i) निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद, आवास एवं शहरी मंत्रालय, भारत सरकार, (ii) राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय भारत सरकार, (iii) मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और (iv) पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार की नियमावली (Manual) के अनुसार, इंदौर सेस्मीक (भूकम्प) झोन 3 में आता हैं, संबंधित दस्तावेज़ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार हैं। नहीं, इंदौर की भूगर्भीय स्थिति चुनौतीपूर्ण है जिसमें इसके पास से दो एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट गुजरती हैं तथा इंदौर में मेट्रो के लोड को सपोर्ट देने लायक रॉक का स्तर सतह से काफी नीचे है अत: संरक्षा एवं स्थाईत्व को ध्यान में रखते हुए इंदौर मेट्रो के डिजाइन हेतु स्पेसिफिकेशन एवं निविदा (कांट्रैक्ट) में, अंतर्राष्ट्रीय जनरल कंसल्टेंट (जिसमें भूगर्भीय यंत्री शामिल हैं) के परामर्श पर सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति अनुसार, प्रचलित स्तर से एक स्तर ज्यादा का डिजाइन करने की शर्त रखी गई थी। इंदौर मेट्रो रेल परियोजना को प्रस्तावित सेस्मीक (भूकम्प) झोन में क्रियान्वयन करने में वर्तमान में लागत में इजाफा परिलक्षित नहीं होता है। उत्तरदायित्व एवं कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार, भोपाल को सेस्मीक (भूकम्प) झोन 2 में रखा गया है।
विकास कार्यों के लिए स्वीकृत राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
128. ( क्र. 3137 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की नगर पालिका गोहद, नगरीय विकास मुरैना एवं शिवपुरी तथा नगर पालिक निगम ग्वालियर को विकास कार्यों के लिए विशेष निधि से वर्ष 2020 में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत कर कब-कब जारी की गई? (ख) उक्त राशि किस-किस नगरीय निकाय को किस-किस कार्य हेतु जारी की गई थी? इन स्वीकृत कार्यों में से किस-किस निकाय में कौन-कौन से कार्य कराए जा रहे हैं? वर्तमान में कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है एवं इन कार्यों पर प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? नगरीय निकायवार बताएं। (ग) क्या प्रदेश सरकार द्वारा राजनीतिक दृष्टि से जारी की गई राशि उक्त निकायों से वापस मांगे जाने हेतु पत्र भिण्ड, मुरैना एवं शिवपुरी जिले के नगरीय निकायों को लिखा गया? यदि हाँ तो किस-किस निकाय द्वारा कितनी-कितनी राशि कब-कब वापस की गई है? पत्र की छायाप्रति भी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या विकास कार्यों को दृष्टिगत रखते हुए जारी की गई राशि उक्त निकायों को वापस की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अपितु नगरीय निकायों के द्वारा कार्य प्रारंभ न करने के कारण राशि वापस करने हेतु पत्र लिखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांकित नगरीय निकायों के द्वारा कार्य प्रारंभ न करने के कारण राशि वापस ली गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिलाओं के साथ घटित अपराध
[गृह]
129. ( क्र. 3138 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक पुलिस मुख्यालय अपराध अभिलेख शाखा में उपलब्ध जानकारी के अनुसार प्रदेश में नाबालिग लड़कियों/युवतियों एवं महिलाओं के साथ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, हत्या, जिंदा जलाए जाने, छेड़खानी, महिला तस्करी, दहेज प्रताड़ना आदि की कितनी-कितनी घटनाएं घटित हुई? जिलेवार बताएं। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में कितने आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं कितने आरोपियों को किन-किन कारणों से अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है? उन्हें कब तक गिरफ्तार किया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में क्या बलात्कार/सामूहिक बलात्कार के आरोपियों के विरूद्ध पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध नहीं किए जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो क्या इन शिकायतों की जांच कराई जाकर संबंधित उत्तरदायी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो किस-किस के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
लंबे समय से पदस्थ पुलिस अधिकारी/कर्मियों का स्थानांतरण
[गृह]
130. ( क्र. 3144 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जिला पुलिस बल में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की मैदानी स्तर पर पदस्थापना किये जाने एवं पदस्थ रहने की समय-सीमा के संबंध में पुलिस मुख्यालय/शासन द्वारा कोई आदेश/ दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब और क्या? (ख) जिला धार के धामनोद थानान्तर्गत कौन-कौन पुलिस अधिकारी/पुलिसकर्मी कब-कब से पदस्थ है? नाम, पदनाम, पदस्थी दिनांक सहित संपूर्ण ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन पुलिस अधिकारी/पुलिसकर्मी के विरूद्ध किस-किस स्तर पर कब-कब, क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई तथा इन पदस्थ अधिकारी/पुलिसकर्मी के विरूद्ध पूर्व से किस-किस मामले की जांच प्रचलन में है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में धमनोद थाने में लंबे समय से पदस्थ पुलिस अधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों का अन्यत्र स्थानांतरण किन कारणों से नहीं किया गया एवं कब तक इनका स्थानांतरण किया जायेगा? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक की अवधि में आदिवासी बाहुल्य धामनोद थाने में किन-किन आदिवासियों के विरूद्ध किस मामले में कब किस अपराध क्रमांक एवं धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? क्या बड़ी संख्या में आदिवासियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये जा रहे हैं? यदि हां, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के जिला पुलिस बल में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की मैदानी स्तर पर पदस्थापना किये जाने हेतु पुलिस मुख्यालय भोपाल के पत्र क्रमांक- पुमु/3/कार्मिक/210/2021 दिनांक 15.01.2021 द्वारा निर्देश जारी किये गये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) थाना धमनोद में प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित आदेशानुसार अधिकारी/कर्मचारियों की पदस्थापना की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक की अवधि में धामनोद थाने में आदिवासियों के विरूद्ध दर्ज मामलों की, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। यह कहना सही नहीं है कि थाना धामनोद में बड़ी संख्या में आदिवासियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये जा रहे हैं।
नगर निगम में सलाहकार/कंसलटेंट की नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
131. ( क्र. 3156 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सलाहकार/कंसलटेंट की नियुक्ति बिना टेण्डर के की जा सकती है? यदि हाँ तो बतावें कि किस नियम किस दर से इन्हें नियुक्त किया जा सकता है? अगर इस संबंध में जारी परिपत्र की प्रति देवें। (ख) वर्ष 2009-10 से 2015-16 तक नगर निगमों द्वारा किस-किस सलाहकार/ कंसलटेंट को कुल कितनी राशि का भुगतान किस-किस प्रोजेक्ट के लिए किया गया? (ग) सलाहकार द्वारा बनाई गई डी.पी.आर. यदि वास्तविक परिणाम के विपरीत पाई जाती है तो क्या सलाहकार पर किसी प्रकार की कार्यवाही की जा सकती है तथा क्या डी.पी.आर. में दिए गए निष्कर्ष/आकड़े पर अमल करने के पूर्व विभागीय स्तर पर उनका परीक्षण किया जाता है? (घ) क्या किसी योजना के डी.पी.आर. में सलाहकार/कंसलटेंट का न होने पर भी उस मद में राशि खर्च की जा सकती है? यदि हाँ तो फिर डी.पी.आर. की कानूनी बाध्यता क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कंसल्टेंट के साथ सम्पादित किए गए अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फॉलन आउट अतिथि विद्वान को पुन: लेने की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
132. ( क्र. 3162 ) श्री जितू पटवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में कितने अतिथि विद्वान फॉलन आउट हैं एवं मध्यप्रदेश के विभिन्न फॉलन आउट अतिथि विद्वानों के पुनर्व्यवस्थापन हेतु क्या कार्य किया जा रहा है? (ख) क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी की सरकार द्वारा अतिथि विद्वानों के पुनर्व्यवस्थापन हेतु सहायक प्राध्यापक के 450 नवीन पद स्वीकृत किए जाने का प्रस्ताव विभाग ने बनाया था? यदि हाँ तो आज दिनांक तक प्रस्ताव पर की गई कार्यवाही से मय दस्तावेज अवगत कराएं। (ग) 15 मार्च 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी की सरकार द्वारा अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण हेतु जो प्रस्ताव बनाया गया था उस प्रस्ताव पर की गई कार्यवाही की जानकारी मय दस्तावेज देवें। (घ) वर्तमान सरकार द्वारा अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण हेतु एवं फॉलन आउट अतिथि विद्वानों के पुनर्व्यवस्थापन हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या सरकार सारे फॉलन आउट अतिथि विद्वानों को पुन: कार्य करने हेतु मौका देगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिनांक 16.02.2021 की स्थिति में फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों की संख्या 927 है। फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी नीति/निर्देश क्र. एफ 1-42/2017/38-1, भोपाल दिनांक 17.12.2019 के अंतर्गत कार्यवाही सतत् प्रचलन में है। (ख) जी नहीं, 450 नवीन पदों का प्रस्ताव अतिथि विद्वानों के पुनर्व्यवस्थापन के संदर्भ में नहीं बनाया गया है। (ग) सहायक प्राध्यापकों के पदों पर भर्ती हेतु प्रचलित भर्ती नियमों के अनुसार ही कार्यवाही का प्रावधान है। (घ) जानकारी क्रमश: प्रश्नांश ''क'' तथा ''ग'' के उत्तर अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
जनभागीदारी
योजना
अंतर्गत व्यय
राशि
[उच्च शिक्षा]
1. ( क्र. 111 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के किन-किन महाविद्यालयों के खाते में जनभागीदारी योजना की कितनी राशि जमा है तथा क्यों? (ख) उक्त राशि छात्र/छात्राओं के हित में व्यय क्यों नहीं की गई तथा कब तक व्यय करेंगे? (ग) वित्तीय वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक की अवधि में किन-किन महाविद्यालयों द्वारा जनभागीदारी योजना की राशि से क्या-क्या कार्य कितनी राशि के कराये तथा किन-किन को राशि का भुगतान कब-कब किया? (घ) जनभागीदारी योजना की राशि से किन-किन महाविद्यालयों में कौन-कौन कर्मचारी कब-कब से कार्यरत है? उनको नियमित करने के संबंध में विभाग की क्या योजना है? कब तक नियमित करेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जनभागीदारी राशि विद्यार्थियों की सुविधा हेतु महाविद्यालय के विकास कार्य एवं विद्यार्थियों के हित में उपयोग की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जनभागीदारी समिति द्वारा आमंत्रित कर्मचारियों को नियमित करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
छात्र-छात्राओं को प्रदत्त सुविधायें
[उच्च शिक्षा]
2. ( क्र. 112 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र/छात्राओं को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जाती हैं? योजनावार, पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) रायसेन जिले के शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितने-कितने छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के किन-किन महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान पात्रता के उपरांत भी क्यों नहीं किया गया? कब तक छात्रवृत्ति का भुगतान होगा? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संबंध में उक्त अवधि में किन-किन माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
मस्टरकर्मियों का नियमितिकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 178 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा प्रदेश के नगरीय निकायों में वर्ष 2006 से 2017 के मध्य नियुक्त मस्टरकर्मियों को नियमित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है? (ख) यदि हाँ तो इन्दौर नगर-निगम में वर्ष 2006 से 2017 के मध्य नियुक्त मस्टरकर्मियों जो नियमितिकरण के पात्र है कि सूची उपलब्ध करावें? इन्हें कब तक नियमित किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नही। (ख) शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध टॉवर की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 182 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर स्थित पालीवाल नगर के सार्वजनिक बगीचे में एक निजी कम्पनी का मोबाईल टॉवर लगा है। यदि हाँ तो इसकी अनुमति किसके द्वारा दी गई। (ख) क्या उसी बगीचे में एक अन्य निजी कम्पनी द्वारा भी मोबाईल टॉवर लगाया जा रहा है। इसकी अनुमति किसके द्वारा दी गई है। सार्वजनिक उद्यान की जमीन पर निजी कम्पनी के मोबाईल टॉवर लगाए जाने का क्या औचित्य है। इससे लगातार रेडिएशन फेल रहा है। मोबाईल टॉवर कब हटाए जावेंगे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। कलेक्टर जिला-इन्दौर के आदेश क्रमांक 101 दिनांक 31/01/2020 से अनुमति दी गई है। नगर निगम, इन्दौर द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि, वर्तमान में कम्पनी द्वारा टॉवर स्थापित नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 295 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा शहर में नल-जल योजना के तहत कितना बजट स्वीकृत हुआ है व उक्त कार्य की समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है? (ख) नल-जल योजना किस संस्था व ठेकेदार द्वारा कार्य करवाया जा रहा है व कनेक्शन के दौरान शहर की सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं उन सड़कों की मरम्मत कौन करेगा व कब तक करेगा? (ग) नल-जल योजना के तहत शहर में कितने कनेक्शन पूर्ण हुए व कितने शेष हैं एवं पानी की सप्लाई कहां से की जा रही है? (घ) ब्यावरा शहर में नल-जल योजना के तहत कनेक्शन कब तक पूर्ण होंगे व कब तक शहरवासियों को प्रतिदिन पानी उपलब्ध होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद ब्यावरा की मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना अंतर्गत जलप्रदाय योजना राशि रू. 9.24 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। कार्यादेश दिनांक 13/01/2017 से कार्य हेतु 12 माह समयावधि निर्धारित की गई थी। (ख) जेनको बिल्डकान, नई दिल्ली द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। योजना में पाईप लाईन बिछाने एवं नल कनेक्शन के दौरान हुई क्षतिग्रस्त सड़कों को अनुबंध अनुसार ठेकेदार द्वारा केवल मोटरेबल बनाया जाना है। योजना अंतर्गत क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का कार्य निकाय द्वारा किया जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नगर पालिका ब्यावरा जलप्रदाय योजना के तहत कुल 5000 कनेक्शनों में से 3566 नल कनेक्शन का कार्य पूर्ण हो गया है। 1434 नल कनेक्शन का कार्य शेष है, जो प्रगति पर है। निकाय द्वारा कुशलपुरा डेम तथा घोड़ापछाड़ डेम से पानी की सप्लाय की जा रही है। (घ) ब्यावरा शहर में जलप्रदाय योजना के तहत कनेक्शन का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण किया जाना लक्षित है। कार्य पूर्ण होने के पश्चात् नागरिकों को प्रतिदिन पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा।
पटाखों का स्थायी लायसेंस प्रदान करना
[गृह]
6. ( क्र. 416 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी एवं सतना जिले में फटाखा के स्थायी लायसेंस, अस्थाई लायसेंस, विस्फोटक क्रय करने विस्फोटक संग्रहित करने के लायसेंस एवं इन सभी के गोडाउन की पूर्ण जानकारी लायसेंसधारी का नाम, पता सहित दें। (ख) स्थायी पटाखे का लायसेंस लेने के बाद शासन द्वारा कितने समय में इनमें निरीक्षण की प्रकिया की जाती है? मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग के पत्र क्रमांक 1886/1368/ 2015/दो/सी-2 भोपाल दिनांक 21.04.2017 के अनुसार प्रत्येक माह में निरीक्षण किए जाने के निर्देश दिए हैं उसकी एक प्रति उपलब्ध करावें। साथ ही वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब किसके-किसके द्वारा निरीक्षण किया गया निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त व्यवसायियों के विरूद्ध विगत पाँच वर्षों में अनुज्ञप्ति शर्तों के विपरीत कार्य करने संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है, शिकायतवार कार्यवाही वार विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कटनी एवं सतना जिले में स्थायी, अस्थाई लायसेंस, विस्फोटक क्रय, विस्फोटक क्रय संग्रहित के लायसेंस एवं गोडाउन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) संयुक्त रूप से प्रत्येक माह निरीक्षण किया जाना निर्धारित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कटनी एवं सतना जिले में अनुज्ञाप्तिधारियों के विरूद्ध कोई शिकायत प्रकाश में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कचरा खंती हटाकर खेलकूद स्थल का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 751 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र मुलताई जिला बैतूल के अंतर्गत कार्मल कान्वेंट स्कूल मुलताई संचालित है? (ख) क्या उक्त स्कूल में श्री दक्षिणेश्वर मंदिर स्थापित है? (ग) क्या मुलताई शहर की घनी आबादी में संचालित स्कूल एवं धर्मस्थल के पास ही कचरा खंती है, जहां शहर का कचरा इकट्ठा होता है? (घ) क्या छात्रों एवं नगरवासियों को दुर्गंध से राहत देने तथा बीमारियों से बचाने हेतु स्कूल के पास से कचरा खंती को हटाने की शासन की कोई योजना है? इसे कब तक हटाया जाएगा? यदि नहीं, तो इससे होने वाले प्रदूषण एवं गंदगी से होने वाली बीमारियों से आम नागरिकों एवं रहवासियों की सुरक्षा के लिए शासन/स्थानीय प्रशासन द्वारा क्या उपाय किए जा रहे हैं एवं भविष्य में किए जाएंगे? (ड.) क्या कचरा खंती को हटाकर इस स्थान पर खेल मैदान विकसित किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। स्कूल परिसर में मंदिर स्थापित है। (ग) जी नही। ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण के लिये घनी आबादी नहीं अपितु शहर से बाहर शहर सीमा में इकाई स्थापित है, जो उक्त स्कूल के पास है। (घ) जी नही। निकाय द्वारा कचरे के प्रसंस्करण एवं निपटान की प्रक्रिया में आवश्यक साफ-सफाई बनाये रखने के लिये निरंतर कार्यवाही की जाती है। (ड.) जी नही। वर्तमान में ऐसी योजना नहीं है। उतरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कन्या छात्रावास में पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
8. ( क्र. 826 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय श्याम सुंदर अग्रवाल महाविद्यालय सिहोरा के नवीन कन्या छात्रावास के लिये कितने पद शासन द्वारा स्वीकृत किये गये हैं, पदवार सूची उपलब्ध करावे तथा स्वीकृत पदों के अनुरूप कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ किये गये है? कितने पद रिक्त हैं, रिक्त पद कब तक भर दिये जावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) छात्रावास में बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण अभी तक क्यो नहीं कराया गया जिसके कारण असुरक्षा के डर से छात्रावास शुरू नहीं हो पा रहा है, कब तक बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण करा लिया जावेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय श्याम सुंदर अग्रवाल महाविद्यालय, सीहोरा के नवीन कन्या छात्रावास के लिये आउटसोर्स से होस्टल मैनेजर का 01 पद, कार्यालय सहायक 01 पद, भृत्य 01, सुपरवाईजर 01, सुरक्षा गार्ड 04, चौकीदार 02 पद स्वीकृत किये गये हैं। वर्तमान में छात्रावास प्रारंभ न होने के कारण सभी पद रिक्त हैं। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) शासकीय श्याम सुंदर अग्रवाल महाविद्यालय, सिहोरा के छात्रावास की बाउण्ड्रीवॉल का प्रस्ताव दिनांक 05.12.2020 को स्थायी वित्तीय समिति की बैठक में प्रस्तुत किया गया। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण प्रस्ताव मान्य नहीं किया गया। बाउन्ड्रीवॉल निर्माण की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अपराध क्र. 24/16 के प्रकरण के संबंध में
[गृह]
9. ( क्र. 858 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीटी कोतवाली थाना भिण्ड में दर्ज अपराध क्र. 24/16 धारा 353, 186, 225, 34 ता.हि. प्रकरण में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? क्या पुलिस के द्वारा की गई विवेचना में खात्मा लगा दिया गया है अगर हाँ तो विवेचक द्वारा फरियादी के बयान लिए गए थे? (ख) क्या फरियादी ने अपने बयानों में ऐसी कोई घटना से मना किया है जिसमें पुलिस द्वारा खात्मा लगाया गया है? (ग) क्या पुलिस द्वारा खात्मा रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जा चुकी है यदि हाँ तो किस दिनांक को बताएं? (घ) क्या खात्मा रिपोर्ट पेश करने से पहले फरियादी को सूचना दी गई थी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना सिटी कोतवाली भिण्ड के अपराध क्रमांक 24/16 धारा 353, 186, 225, 34 भा.द.वि. में विवेचना उपरांत चालान योग्य साक्ष्य नहीं होने से दिनांक 14.09.2016 को खात्मा क्रमांक 28/16 तैयार किया गया। विवेचना के दौरान आवेदक के कथन लिये गये है। (ख) यह कार्यवाही विवेचना से संबंधित है जो कि भविष्य में न्यायालय विचाराधीन होगी। अतः यह जानकारी दिया जाना उचित नहीं है। प्रकरण में विधि सम्मत प्रक्रिया अपनाई गई है। (ग) जी नहीं। (घ) अभी खात्मा रिपोर्ट पेश नहीं हुई है, अतः सूचना का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
पंधाना में निर्मित नल-जल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 921 ) श्री राम दांगोरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुक्ता डेम से पंधाना नगर के लिये पानी के लिये कितनी राशि आवंटित हुई थी? (ख) क्या यह योजना पूर्ण हो गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) इसमें उपयोग की गई सामग्री क्या मापदण्डों के अनुरूप है। (घ) क्या कार्य पूर्ण नहीं करने पर संबंधित एजेंसी पर कार्य में देरी व राजस्व धारा संबंधित जुर्माना लगाकर सख्ती से वसूली के आदेश करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद, पंधाना की सुक्ता डेम परियोजना से पानी लेने के लिये राशि रू. 948.17 लाख की योजना स्वीकृत हुई है। (ख) जी नहीं। जल संसाधन विभाग के आधीन भगवन्त सागर (सुक्ता डेम) परियोजना पर इन्टेकवेल निर्माण की अनुमति में विलम्ब होने के कारण योजना पूर्ण नहीं हो पाई है। (ग) जी हाँ। (घ) कार्य पूर्ण नहीं करने पर निविदा एवं अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
न्यायालयों में स्वीकृत पदों की जानकारी
[विधि और विधायी कार्य]
11. ( क्र. 1143 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग के जिलों (ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना एवं अशोकनगर) में स्थित जिला/ तहसील स्तर के न्यायालयों में पदस्थ जिला अभियोजक, अपर जिला अभियोजकों, विशेष लोक अभियोजकों, सहायक जिला अभियोजकों एवं जिला लोक अभियोजन अधिकारियों के स्वीकृत पदों एवं उन पदों पर पदस्थ अभियोजन अधिकारियों की संख्या की जिलावार जानकारी विवरण उपलब्ध कराएँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लिखित जिलों में स्वीकृत अतिरिक्त जिला न्यायाधीश न्यायालयों, सहायक जिला न्यायाधीश न्यायालयों, सी.जे.एम. न्यायालयों एवं ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी के न्यायालयों की संख्या का विवरण उपलब्ध कराएं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अभियोजन अधिकारी की पदोन्नति
[गृह]
12. ( क्र. 1192 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. लोक अभियोजन (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 1991 के तहत नियमित केडर से संचालक के पद पर पदोन्नति हेतु क्या प्रावधान है? (ख) यदि पदोन्नति हेतु कोई प्रावधान है तो वर्तमान समय तक कितने अभियोजन अधिकारियों को संचालक के पद पर पदोन्नत किया गया है? (ग) यदि म.प्र. लोक अभियोजन (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम, 1991 के तहत संयुक्त संचालक से संचालक के पद पर पदोन्नति हेतु नियम होने के बावजूद भी पदोन्नत नहीं किए जाने का क्या कारण है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) म.प्र. लोक अभियोजन (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 1961 के नियम (6) की अनुसूची-2 के अनुसार पदोन्नति के प्रावधान है। सेवा भर्ती नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान समय तक किसी भी अधिकारी को पदोन्नत नहीं किया गया है। (ग) मध्यप्रदेश लोक अभियोजन (राजपत्रित) सेवा भरती नियम 1991 की अनुसूची दो नियम-6 कॉलम-6 अनुसार संचालक के स्वीकृत एक पद को 100 प्रतिशत सेवा के सदस्यों की पदोन्नति द्वारा भरे जाने का प्रावधान है तथा कॉलम न. 7 में उल्लेख है कि ''यदि संवर्ग में कोई उपयुक्त अधिकारी उपलब्ध न हो तब आई.ए.एस./आई.पी.एस./उच्च न्यायिक सेवाओं से प्रतिनियुक्ति द्वारा भरा जावेगा''। 'उपयुक्त अधिकारी' शब्द को नियम में परिभाषित नहीं किया गया है।
आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 1239 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2020 से आपकी सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम के अंतर्गत बिजावर विधानसभा में कहां एवं किन-किन दिनांक को शिविरों का आयोजन किया गया। (ख) प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में इन शिविरों में प्राप्त आवेदन एवं उन पर की गई कार्यवाही तथा प्रत्येक आवेदक का नाम, पता सहित विस्तृत जानकारी प्रदाय करे। (ग) प्रश्नांश "ख" के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक लंबित आवेदनों की जानकारी कारणों सहित प्रदाय करे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) प्रश्नांश "ख" के अनुक्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "ग" के अनुक्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है।
भवन निर्माण एवं चिकित्सकों तथा रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
14. ( क्र. 1278 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में कहां शासकीय आयुर्वेद, होम्योपैथिक औषधालय स्वीकृत है? स्वीकृत औषधालयों में कौन-कौन से औषधालय भवन विहीन है? भवन विहीन औषधालय के नवीन भवन वर्ष 2021-22 में बना दिये जावेंगे। (ख) उपरोक्तानुसार किस-किस औषधालय में कितने-कितने कौन-कौन से पद स्वीकृत है? उनमें कहां-कहां कौन-कौन से पद कब-कब से रिक्त हैं? सभी औषधालयों में पदस्थ चिकित्सकों सहित सभी कर्मचारियों के नाम पद सहित बतायें? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) धरमपुरी विधानसभा के अन्तर्गत शासकीय होम्योपैथिक में कौन-कौन से होम्योपैथिक चिकित्सक पदस्थ हैं?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। 02 आयुर्वेदिक औषधालय संचालित है। दोनों शासकीय भवन है, अतः नये निर्माण की आवश्यकता नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) धरमपुरी विधानसभा में होम्योपैथिक औषधालय स्वीकृत नहीं होने के कारण जानकारी निरंक है।
संपत्ति कर एवं नल के बिल की अवैध वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 1280 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम भोपाल के अंतर्गत जनता क्वार्टस, झुग्गी वाले एवं निम्न आय वर्ग हेतु जिन्होंने नल के कनेक्शन ले रखे हैं, उनसे किस दर पर प्रतिमाह जल दर की राशि प्रतिमाह ली जा रही हे, यह आदेश कब से प्रचलित है। आदेश की प्रति देवें। (ख) जनता क्वार्टस एवं निम्न आय वर्ग वालों से संपत्ति कर जिनके घर कच्चे अथवा सीमेन्ट की चादर वाले हैं, उनसे संपत्ति कर किस दर से लिया जा रहा है? आदेश की प्रति दें। (ग) वार्ड नं. 28 जोन क्र. 06 डॉ. अम्बेडकर नगर में जनता क्वाटर्स में निवासियों से संपत्ति कर जिनका घर कच्चा है अथवा सीमेन्ट की चादरों वाला हैं, उनसे आर.सी.सी. पक्का होने की मान से संपित्त कर के बिल भेजे गये है एवं जल दर 30 रू. प्रतिमाह के स्थान पर 150 रू. प्रतिमाह की दर से बिल दिये जाने के संबंध में वार्ड क्र. 28 के वार्ड प्रभारी को हितग्राही द्वारा बिल में सुधार कर सही बिल प्रदाय करने हेतु 04 जनवरी 2021 को आवेदन दिये जाने के बावजूद बिल में सुधार नहीं किये जाने के लिये जिम्मेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी तथा संबंधित हितग्राही को बिल में सुधार करके बिल दिया जायेगा ताकि वह भुगतान कर सकें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा झुग्गी झोपड़ी, जनता क्वार्टर्स, ई.डब्ल्यू.एस. व ऐसे भवनों के लिये कनेक्शन जिनका वार्षिक भाड़ा मूल्य रूपये 6000/- से कम हो (शासकीय एवं अर्द्धशासकीय आवासों को छोड़कर) 30/- रूपये प्रतिमाह की दर से जल उपभोक्ता प्रभार की राशि ली जा रही है। यह आदेश क्रमांक 30/2001, भोपाल, दिनांक 15 जुलाई 2001 से प्रभावशील है, की जानकारी एवं निगम द्वारा जारी स्थाई आदेश क्रमांक 13/2010, भोपाल, दिनांक 20 अप्रैल 2010 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा वार्ड क्रमांक 28, जोन क्रमांक 06, डॉ. अम्बेडकर नगर में जनता क्वार्टर्स के निवासियों से सम्पत्तिकर एवं जलकर नियमानुसार वसूल किया जा रहा है। भवन स्वामी की लिखित आपत्ति प्राप्त होने पर त्रुटि सुधार करने का प्रावधान है। त्रुटि होने पर संबंधित जोनल अधिकारी सुधार करने हेतु प्राधिकृत हैं। श्री संजय बुन्देला, मकान क्रमांक 1/13, अम्बेडकर नगर, भोपाल का आवेदन दिनांक 04.01.2021 द्वारा बिल में त्रुटि सुधार हेतु आवेदन दिया गया था। उक्त मकान इनके बड़े भाई श्री शिवप्रसाद बुन्देला के नाम पर है जिसमें बुन्देला परिवार संयुक्त रूप से निवास करता है। उक्त आवेदन पर बिल में त्रुटि सुधार की जाकर संशोधित बिल श्री बुन्देला को प्रदान किया गया। श्री बुन्देला द्वारा संशोधित बिल जमा कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। बिल में सुधार कर, राशि जमा करने के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कन्या महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
16. ( क्र. 1345 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर में नवीन कन्या महाविद्यायल खोले जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वार विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था। उस पर क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही की प्रति देवे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मांग प्रस्ताव पर कार्यवाही कर क्या आगामी सत्र तक कन्या महाविद्यालय संचालित कर दिया जावेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्राप्त प्रकरण का परीक्षण किया गया। परीक्षणोपरांत पाया गया कि वर्तमान में कैचमेंट एरिया के 16 विद्यालयों में 12वीं उत्तीर्ण छात्राओं की संख्या 2532 है। अलीराजपुर और उसके क्षेत्राधिकार में कुल 04 शासकीय महाविद्यालय हैं। जहॉं 2538 छात्रायें अध्ययनरत हैं। वर्तमान में संसाधनों की कमी के कारण अलीराजपुर में नवीन कन्या महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आवास निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 1354 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के ग्राम कंडीपार में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के द्वारा आवास निर्माण कराये गये है? यदि हाँ तो कितने आवास निर्माण किये गये संख्या बतावें। (ख) क्या उक्त आवास गृह पूर्ण निर्मित है अथवा अधूरे निर्मित खड़े हैं? अधूरे निर्माण के लिये विभाग के द्वारा क्या कोई वैधानिक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो कब की गई।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सिवनी जिले की नगर पालिका परिषद सिवनी में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के ए.एच.पी. घटक अंतर्गत 116 ई.डब्लू.एस. आवासों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। (ख) सभी 116 आवास निर्माणाधीन (अधूरे) है, जिनमें छत स्तर तक का कार्य पूर्ण है। ठेकेदार द्वारा कुछ समय से कार्य बंद कर दिया गया है। कार्य पुनः प्रारंभ करने हेतु ठेकेदार मोन्टी कारलो प्रायवेट लिमिटेड अहमदाबाद (गुजरात) (निर्माण एजेन्सी) को नोटिस जारी की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नवीन विद्युत वितरण केन्द्र स्थापित किया जाना
[ऊर्जा]
18. ( क्र. 1359 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के विद्युतिकरण एवं संधारण का कार्य विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के बाहर के विद्युत वितरण केन्द्र तलेन, खुजनेर, छापीहेडा के अंतर्गत आता है? यदि हाँ तो किस-किस विद्युत वितरण केन्द्र में सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम आते है? (ख) क्या सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को बाहर के विद्युत वितरण केन्द्र से हटाकर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत् नवीन विद्युत वितरण केन्द्र संडावता, अलूनी एवं धामन्दा में स्थापित किये जा सकते है? यदि हाँ तो कब तक किये जा सकेंगे? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण स्पष्ट करे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 62 ग्रामों के विद्युतीकरण एवं संधारण का कार्य विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के बाहर स्थित विद्युत वितरण केन्द्रों यथा-तलेन, खुजनेर एवं छापीहेडा के अंतर्गत आता है। इन 62 ग्रामों की संबंधित वितरण केन्द्र के नाम सहित सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन प्रस्ताव तकनीकी एवं व्यावसायिक रूप से साध्य नहीं है।
श्री राधाकृष्ण मंदिर में हुई चोरी
[गृह]
19. ( क्र. 1367 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के पचोर नगर में स्थित श्री राधाकृष्ण मंदिर में वर्ष 2020 में कोई चोरी की घटना हुई है? यदि हाँ तो बदमाशों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या श्री राधाकृष्ण मंदिर में ए.सी. लगाने के लिए ब्यावरा से कोई मैकेनिक आया था और उस पर शिकायतकर्ताओं ने शंका जाहिर की थी? तो क्या उससे पूछताछ की गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। उक्त घटना के संबंध में थाना पचोर में अपराध क्रमांक-219/20 धारा 457, 380 भा.द.वि. अज्ञात के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया था। विवेचना पर अज्ञात आरोपी की पतासाजी के हर संभव प्रयास किये गये, किन्तु पता नहीं चलने से खात्मा कता किया गया। (ख) जी हाँ। ब्यावरा के राधाकृष्ण मंदिर में ए.सी. लगाने वाला एक मैकेनिक आया था। शिकायतकर्ता ने उसके बारे में कोई शंका जाहिर नहीं की थी। उक्त मैकेनिक से पूछताछ की गई, किन्तु जानकारी प्राप्त नहीं हुई।
ठेकेदारों/अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 1387 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम सतना के क्षेत्रान्तर्गत सिविल लाईन स्थित चौपाटी (रेल्वे ओवर ब्रिज के नीचे की ओर केन्द्रीय विद्यालय के पास) के विकास के लिये किस ठेकेदार कम्पनी को कितनी राशि के कार्य हेतु वर्क आर्डर जारी किया गया था? वर्क आर्डर की एक प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य में हुई अनियमितताओं के लिये निगम में किस-किस नाम/पदनाम को क्या गड़बड़ी पाये जाने पर क्या दण्ड प्रश्नतिथि तक दिया गया है? उक्त चौपाटी में क्या जांच किस नाम पदनाम के द्वारा कब की? जांच किन-किन बिन्दुओं पर थी? जांच रिपोर्ट एवं जांच के निष्कर्षों की एक-एक प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित चौपाटी का कार्य जिस ठेकेदार कम्पनी को दिया था उस पर क्या कार्यवाही निगम प्रशासन ने अनियमितताओं पर प्रश्नतिथि तक की है? बिन्दुवार विवरण दें। उक्त ठेकेदार कं. को 01.04.2016 से 31.03.2020 के दौरान निगम क्षेत्रान्तर्गत किस-किस कार्य के वर्क आर्डर जारी किये गये? सभी वर्कआर्डरों की एक-एक प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) में उल्लेखित ठेकेदार कम्पनी को नगर पालिक निगम के जारी वर्क आर्डरों पर प्रश्नतिथि तक कितना-कितना भुगतान/माहवार/वर्षवार/कार्यवार/स्थलवार/राशिवार/वर्क आर्डरवार हुआ उसकी प्रकरणवार जानकारी बतावें। चौपाटी में हुई अनियमितताओं में जब अधिकारी दोषी है तो ठेकेदारों का भुगतान कैसे किया गया? कब तक अधिकारियों/ठेकेदारों के विरूद्ध ई.ओ.डब्ल्यू. में प्रकरण पंजीबद्ध कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वर्क आर्डर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जॉँच प्रतिवेदन के अनुसार उत्तरदायित्व निर्धारण की प्रक्रिया प्रचलित होने से अनियमित्ता के दोषी अधिकारी/कर्मचारी को दण्ड दिये जाने का प्रश्न नहीं है। चौपाटी निर्माण कार्य में हुई अनियमितता की जांच करने हेतु जांच समिति गठित की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। जांच के बिन्दु की जानकारी, जांच समिति द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन एवं निष्कर्ष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''द'' अनुसार है। (ग) जांच प्रतिवेदन में अभी उत्तरदायित्व के निर्धारण की प्रक्रिया प्रचलित होने से संबंधित ठेकेदार के विरूद् कार्यवाही नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''इ'' एवं वर्क आर्डर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''फ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ज'' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ज'' अनुसार ठेकेदार को भुगतान किया गया है। नगर पालिक निगम सतना द्वारा चौपाटी निर्माण कार्य में हुई अनियमित्ता के संज्ञान के बाद ठेकेदार को कोई भुगतान नहीं किया गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत उपकरणों को स्टोर में जमा न कर उसका विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 1388 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम सतना में रजिस्टर्ड फर्म श्री साईनाथ एसोसियेट्स, कृष्णा काम्पलेक्स, सिंधी कैम्प, सब्जी मण्डी रोड, सतना म.प्र. जिसकी जी.एस.टी. क्र. 23AZVPS9017P1ZB है को 01.04.2015 से 31 मार्च 2018 तक किस-किस स्थान के, कितनी-कितनी राशि के, किस-किस प्रकार के, क्या-क्या कार्य, किस दर पर करने वर्क आर्डर जारी किये गये? जारी सभी वर्क आर्डरों की एक-एक प्रति कार्यवार उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं वर्णित कार्यों के लिये उक्त फर्म को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? वर्षवार/भुगतान की गई राशि की जानकारी कार्यवार उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं वर्णित कार्यों का स्थल पर भौतिक सत्यापन किस-किस नाम/पदनाम के उपयंत्रियों/सहायक यंत्रियों (एस.डी.ओ.)/ कार्यपालन यंत्री/अन्य के द्वारा किया गया? जारी सभी गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों का विवरण कार्यवार उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समायानुसार जिन स्थानों पर नये पोल, लाईटें, तार एवं अन्य सामग्री लगी उस स्थान पर पूर्व में लगे पोल, तार एवं लाईटें (हैलोजन एवं टयूब लाईटें) एवं अन्य सामग्रियों को नगर पालिका नगर के स्टोर में कितने-कितने नग कब-कब जमा कराया गया? स्टोर मं जमा हुई सामग्रियों की नामवार/संख्यावार/मदवार/दिनांकवार/ माहवार/वर्षवार सूची उपलब्ध करायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम सतना द्वारा फर्म श्री साईनाथ एसोसियेट्स को, दिनांक 01.04.2015 से दिनांक 31.03.2018 तक, कोई कार्यादेश जारी नहीं किया गया है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) दिनांक 01.04.2015 से दिनांक 31.03.2018 तक जिन स्थानों पर नये पोल/तार/लाईटें, अन्य सामग्रियां लगायी गयी हैं, उन स्थानों पर पूर्व में कोई सामग्री स्थापित नहीं होने से, स्टोर में कोई सामग्री जमा नहीं की गयी है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मजरे टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 1399 ) श्री संजीव सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के हर गांव, मजरा-टोलों में विद्युत सप्लाई, विद्युतीकरण हेतु क्या नीति निर्धारित थी? क्या इस हेतु वर्तमान में कोई नवीन नीति बनाई गई है? यदि हाँ तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या नवीन नीति के तहत विधानसभा क्षेत्र भिण्ड सहित जिले के सभी ग्राम मजरे-टोलों में विद्युत सप्लाई हो रही है? (ग) क्या कुछ ग्राम, मजरे-टोले विद्युत सप्लाई/ विद्युतीकरण से वंचित हैं? तो उन उनके विद्युतीरण हेतु क्या कार्यक्रम प्रस्तावित है व उन्हें कब तक विद्युत उपलब्ध कराई जावेगी? (घ) शेष ग्राम, मजरे-टोले मौहल्लों में विद्युत सप्लाई नहीं होने के क्या कारण हैं व इस हेतु कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी है व इस हेतु शासन उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रदेश में कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 10 घंटे एवं गैर-कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाना है। प्रदेश के ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र शासन की विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अंतर्गत सभी आबाद ग्रामों एवं चिन्हित मजरों/टोलों/बस्तियों में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण तथा सौभाग्य योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अंतर्गत चिन्हित सभी अविद्युतीकृत घरों को विद्युतीकृत करने का कार्य पूर्ण किया गया है। विद्युत प्रदाय एवं विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में अन्य कोई नवीन नीति नहीं बनाई गई है। अत: प्रश्न नहीं उठता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पूर्वानुसार कतिपय अवसरों पर तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा के कारण आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों एवं अत्यावश्यक संधारण कार्य हेतु अपरिहार्य होने जैसी परिस्थितियों को छोड़कर विधानसभा क्षेत्र भिण्ड सहित संपूर्ण प्रदेश में कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 10 घंटे एवं गैर-कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) भिण्ड जिले के सभी राजस्व ग्रामों एवं संसूचित/ चिन्हित मजरों/टोलों को उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार विद्युतीकृत कर इन्हें उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
संबल योजना का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 1437 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा संबल योजना, नया सवेरा, मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना बैतूल जिले में संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ तो इस योजना के अंतर्गत योजना के प्रारंभ से प्रश्नांश दिनांक तक जिले की बैतूल नगर पालिका तथा आठनेर एवं बैतूलबाजार नगरपंचायत में कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया? लाभान्वित हितग्राहियों की सूची उनके नाम पते सहित उपलब्ध करावे। (ग) योजनांतर्गत प्रश्नांश नगरपालिका एवं नगर पंचायतों में कितने हितग्राही पात्र एवं अपात्र की श्रेणी में चिन्हित किए गए अपात्र हितग्राहियों की अपात्रता का कारण स्पष्ट कर पात्र एवं अपात्र की सूची पृथक-पृथक उपलब्ध करावे। (घ) योजना की पात्रता की क्या कोई नियमावली बनी है यदि हाँ तो नियमावली की प्रति उपलब्ध करावे। (ड.) अपात्र हितग्राहियों के विषय में हितग्राही की अपात्रता हेतु कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार व्यक्ति पर किसी प्रकार की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश शासन द्वारा संबल योजना, नया सबेरा, मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना बैतूल जिले में संचालित की जा रही है। (ख) इस योजना के अन्तर्गत योजना प्रारम्भ से प्रश्नांश दिनांक तक जिले की बैतूल नगर पालिका परिषद् में 314 हितग्राही तथा आठनेर में 126 हितग्राही एवं बैतूल बाजार नगर पंचायत में 69 हितग्राही अर्थात कुल 509 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। लाभान्वित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (ग) योजनान्तर्गत प्रश्नांश नगरपालिका एवं नगर पंचायतों के चिन्हित कुल पात्र हितग्राहियों की संख्या 13246 है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। कुल 25746 अपात्र हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' अनुसार है। (घ) जी नही, योजना के लिये कोई नियमावली जारी नहीं की गई है, श्रम मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक- 589 दिनांक 29/05/2018 से दिशा-निर्देश जारी किये गए जिसकी प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'द' अनुसार है। (ड.) योजना हेतु जारी दिशा-निर्देश की कण्डिका- 5.9 के अनुसार अपात्र हितग्राहियों के विषय में हितग्राही की अपात्रता के निर्धारण हेतु पदाभिहित अधिकारी आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी है। जिसकी प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'इ' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रमोशन की जानकारी
[गृह]
24. ( क्र. 1481 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश गृह विभाग में पुलिसकर्मियों/थाना प्रभारियों के पदोन्नति के नियम क्या है नियम की प्रति के साथ जानकारी देवें तथा यह बतायें कि उक्त विभाग में पदोन्नति कब से क्यों बन्द हैं? क्या उक्त प्रक्रिया को पुन: से प्रारंभ कर प्रदेश में कार्यरत पुलिसकर्मी एवं उपनिरीक्षक/निरीक्षकों के पदोन्नति प्रारंभ की जायेगी? यदि हाँ तो कब से जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्न दिनांक तक जिन अधिकारियों/कर्मचारियों को एक भी पदोन्नति नहीं दी गई तो क्या? उक्त कर्मचारी/अधिकारियों को क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संबंध में कब-तक पदोन्नति की कार्यवाही की जाकर संबंधितों को पदोन्नति का लाभ दे दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस विभाग के अंतर्गत पुलिसकर्मियों/थाना प्रभारियों को मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक-सी-3-7/2002/3/एक भोपाल दिनांक 06 जुलाई 2002 ''जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार'' के द्वारा जारी म.प्र. लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 तथा जी.ओ.पी. क्रमांक 138/12 दिनांक 14.8.2012 ''जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार'' एवं जी.ओ.पी. क्रमांक 141/2012 के निहित प्रावधानों के अनुसार पदोन्नति दी जाती है ''जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार''। माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में दायर एस.एल.पी. 13954/16 में पारित निर्णय दिनांक 12.05.2016 के उपरांत से पदोन्नति की कार्यवाही बंद है ''जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार''। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय उपरांत तदानुसार पदोन्नति प्रक्रिया में अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं। (ख) पदोन्नति संबंधी प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण पदोन्नति नहीं दी गई है। म.प्र. शासन, वित्त विभाग के पत्र क्रमांक-एफ 11/1/2008/नियम/चार, भोपाल दिनांक 24 जनवरी 2008 के द्वारा क्रमोन्नति योजना संशोधित की गई है, ''जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ड़ अनुसार''। शासन द्वारा क्रमोन्नति योजना को संशोधित कर समयमान-वेतनमान योजना प्रभावशील की गई है, जिसका लाभ निर्धारित अर्हताओं को पूर्ण करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को दिया जा रहा है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय उपरांत तदानुसार पदोन्नति प्रक्रिया में अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
थानों/अनुभाग में पदस्थ कर्मियों पर जांच लंबित
[गृह]
25. ( क्र. 1482 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पुलिस एक्ट जी.पी.ओ. में प्रदेश के थानों एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कार्यालयों तथा जिला मुख्यालय में पुलिस अधीक्षक के पद में पदस्थापना के लिये क्या दिशानिर्देश/नियम शासन विभाग के द्वारा बनाये गये हैं, कि जानकारी नियम निर्देश एवं तत्समय जारी आदेशों की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अधिकारियों की पदस्थापना जिला मुख्यालय एवं अनुविभाग मुख्यालय तथा थानों में ऐसी अधिकारियों की नहीं की जावेगी जिनके विरूद्ध गबन खयानत/अपराधिक प्रकरण अथवा नैतिक पतन व फर्जी अभिलेखों से प्राप्त नौकरियों की जांच लंबित हो? (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) हाँ तो मुरैना एवं रीवा जिले में कितने ऐसे पुलिस अनुविभागीय अधिकारी निरीक्षक, उपनिरीक्षक एवं सहायक उपनिरीक्षक की अनुभाग एवं थानों में पदस्थी हैं जिसके ऊपर (ख) अनुसार अपराध व जांच लंबित हैं? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें तथा उक्त जांचों की वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) क्या रविन्द्र शिखरवार थाना अमोला जिला मुरैना की गई शिकायतें लम्बे समय से प्रचलित है एवं फिर भी उसे थाना के प्रभार में रखा गया है? यदि हाँ तो रीवा एवं मुरैना जिले में और कितने ऐसे अधिकारी पदस्थ हैं? सूची उपलब्ध कराये तथा शिखरवार को कब तक थाना प्रभार से मुक्त कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) डब्लू.पी. (सिविल) क्रमांक 310/1996 श्री प्रकाश सिंह एण्ड अन्य विरूद्ध भारत सरकार में पारित निर्णय दिनांक 22.09.2006 के पालन में राज्य शासन द्वारा जारी आदेश क्रमांक एफ 1-73/1998/ब-2/दो भोपाल दिनांक 14.02.2007 के अनुक्रम में एवं पुलिस रेग्युलेशन्स में निहित प्रावधानों के अनुसार प्रदेश में थानों अनुविभागीय अधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षक के पदस्थापना स्थानांतरण आदेश जारी किए जाते है, ''जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार''। (ख) उल्लेखित आदेश दिनांक 14.02.2007 की कंडिका-02 की उप कंडिका- (III) अनुसार'' अपराधिक अथवा भ्रष्टाचार के प्रकरण में न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध ठहराये जाने पर। ''अधिकारियों को जिला मुख्यालय एवं अनुविभाग मुख्यालय तथा थानों में पदस्थापित होने पर सामान्य कार्यकाल 02 वर्ष पूर्ण होने से पूर्व हटाया जा सकता है। (ग) जिला मुरैना एवं रीवा में किसी भी अनुविभागीय अधिकारी की अनुभाग में पदस्थापना नहीं है जिनके ऊपर अपराध व जांच लंबित है। शेष निरीक्षक से सहायक उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।'' (घ) जिला मुरैना में वर्तमान में रविन्द्र शिखरवार के नाम का कोई थाना प्रभारी वर्तमान में कार्यरत नहीं है और ना ही थाना अमोला जिला मुरैना के अंतर्गत आता है। थाना अमोला जिला शिवपुरी के अंतर्गत स्थित है जहां श्री रविन्द्र शिखरवार थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ है, जिनके विरूद्ध आज दिनांक तक कुल 04 शिकायतें प्राप्त हुई है। उक्त सभी शिकायती आवेदन पत्रों में उल्लेखित तथ्य जांच उपरांत अप्रमाणित पाये जाने से नस्तीबद्ध किये गये है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
नगर में पेयजल की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 1527 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कुशलपुरा डेम में स्थित इंटेक वेल बना है जिससे वर्षभर नगर को पर्याप्त पानी प्राप्त नहीं हो पा रहा है क्या इसके लिए शासन द्वारा नदी की ओर नया इंटेक वेल बनाकर तथा उसी में फुट ओवर ब्रिज जोड़कर बनाया जाएगा जिससे वर्ष भर नागरिकों को प्रतिदिन पानी मिल सके? (ख) क्या इसकी कोई कार्ययोजना तैयार की गई है यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी और राशि कब तक स्वीकृत कर दी जाएगी तथा उक्त कार्य कब तक प्रारंभ किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कुशलपुरा डेम स्थित पूर्व निर्मित इंटेकवेल से पर्याप्त पानी प्राप्त हो रहा है। ग्रीष्म ऋतु में पानी का बहाव नदी में कम होने के कारण पानी की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में रखने के लिये चैनल के माध्यम से इंटेकवेल तक पानी लाया जाकर नगर को जलापूर्ति की जाती है। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 महामारी की राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 1662 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2020 से 31-12-2020 तक मुरैना नगर पालिक निगम क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी से संबंधित कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई तथा उस राशि में से कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों पर कहां-कहां व्यय की गयी? कार्यवार व्यय राशि की जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार किये गये कार्य टेण्डर अनुसार किये गये अथवा समिति बनाकर किये गये? कार्यवार जानकारी देवें। यदि कार्य समिति बनाकर दिये गये है तो समिति के सदस्यों के नाम, पदनाम सहित पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किये गये कार्यों के लिये किन-किन फर्मों/व्यक्तियों/संस्थाओं को कब-कब भुगतान किया गया? उनका नाम, राशि, कार्य का नाम, लंबित भुगतान सहित पृथक-पृथक जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जो भुगतान किया गया है? उनका टी.डी.एस. कटौत्रा कितना-कितना काटा गया है? पृथक-पृथक जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मार्च-2020 से 31.12.2020 तक नगर पालिक निगम मुरैना को कोविड-19 संबंधित कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख), (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध महाविद्यालयों की मान्यता समाप्त करना
[उच्च शिक्षा]
28. ( क्र. 1663 ) श्री राकेश मावई : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशासकीय महाविद्यालय एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालय खोलने के लिये कितनी-कितनी भूमि, भवन, फर्नीचर एवं विज्ञान उपकरण तथा पुस्तकालय सामग्री निर्धारित की गई है? शासन व विभाग द्वारा बनाये गये नियम एवं मापदण्ड की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) क्या रीवा जिले के ईश्वर चन्द्र विद्यासागर महाविद्यालय जवा तथा रामबाई महाविद्यालय डभौरा प्रश्नांश (क) की शर्तें पूर्ति करते है? यदि हाँ तो उक्त महाविद्यालय के भवन, भूमि, भवन, नक्शा, खसरा पुस्तकालय, विज्ञान उपकरण की जानकारी व सामग्री की सूची उपलब्ध कराते हुये सम्पूर्ण जानकारी देवें तथा छात्र संख्या की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार महाविद्यालय में यू.जी.सी. से स्वीकृत एवं अनुमोदित पद पर कौन-कौन प्रोफेसर, किस-किस विषय के एवं गैर शिक्षिकीय स्टॉफ में कौन-कौन नियुक्त है? उनके शैक्षणिक रिकार्ड के साथ जानकारी देंवे। (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार महाविद्यालयों में कार्यरत स्टॉफ का वेतन भुगतान कैसे किया जाता है? नगद एवं बैंक से तथा शासन द्वारा उनके भुगतान के लिये क्या नियम बनाये हैं? जानकारी देवें। यदि नगद भुगतान किया जाता है तो क्या यह नियम विरूद्ध है? यदि हाँ तो नियम विरूद्ध संचालित महाविद्यालय एवं नियम विरूद्ध देय वेतन से संबंधित महाविद्यालयों की मान्यता समाप्त की जायेगी? यदि हाँ ताे किस-किस की कब की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अशासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने से संबंधित नियम एवं मापदण्ड की जानकारी हेतु मार्गदर्शिका की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र—01 अनुसार है। इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारंभ करने की अनुमति उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदान नहीं की जाती है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र—02 एवं 03 अनुसार है। छात्र संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र—04 अनुसार है। (ग) अशासकीय महाविद्यालय होने के कारण मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 के परिनियम कॉलेज कोड 28 के अनुसार शैक्षणिक स्टॉफ की नियुक्ति की जाती है। गैर शिक्षकीय स्टॉफ की नियुक्ति महाविद्यालय के शासी निकाय द्वारा की जाती है। स्टॉफ की सूची एवं शैक्षणिक रिकार्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है। (घ) महाविद्यालयों में कार्यरत स्टॉफ का वेतन भुगतान स्टॉफ के बैंक खाते में किया जाता है। भुगतान से संबंधित अभिलेख की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-06 अनुसार है। स्टॉफ के वेतन भुगतान से संबंधित नियम, मार्गदर्शिका में अंकित हैं। महाविद्यालय द्वारा नियम विरूद्ध कार्यवाही करने पर, शिकायत/जांच के आधार पर दोषी पाए जाने पर संबंधित महाविद्यालय की मान्यता समाप्त की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय विद्यालयों में उपलब्ध संसाधन
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 1719 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय निकायों की शिक्षा उपकर की राशि का किन-किन कार्यों में किस प्रकार उपयोग किये जाने के क्या शासनादेश/विभागीय निर्देश वर्तमान में लागू हैं? (ख) कटनी नगर अंतर्गत शासकीय एवं कार्यालय नगरपालिक निगम कटनी के कितने और कौन-कौन से विद्यालय वर्तमान में कब से कहाँ-कहाँ संचालित हैं? अध्ययनरत विद्यार्थियों एवं भवनों, फर्नीचरों एवं अन्य आवश्यक संसाधनों/सुविधाओं की उपलब्धता से अवगत कराएं। (ग) शिक्षा उपकर की कितनी राशि कार्यालय नगरपालिक निगम कटनी के पास वर्तमान में उपलब्ध हैं, विगत 03 वर्षों में कितना-कितना शिक्षा उपकर प्राप्त किया गया? (घ) क्या कटनी-नगर के कई विद्यालयों के भवन जर्जर हैं और फर्नीचरों एवं अन्य आवश्यक संसाधनों की आवश्यकता हैं? यदि हाँ, तो विद्यालयवार पूर्ण विवरण उपलब्ध कराये और बताएं कि क्या यह कार्य शिक्षा उपकर की राशि से कराये जा सकते हैं? (ङ) प्रश्नांश (घ) शिक्षा उपकर की राशि से विद्यालयों में कार्य कराये जाने हेतु विगत 03 वर्षों में कितने आवेदन/प्रस्ताव प्राप्त किस-किससे कब-कब प्राप्त हुये और कितनी राशि किन कार्यों में कब-कब व्यय की गयी? (च) प्रश्नांश (घ) हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता की सहभागिता में दल गठित कर कटनी नगर में संचालित शासकीय/नगरनिगम के विद्यालयों के भवनों में मरम्मत/निर्माण, फर्नीचरों एवं अन्य सामग्रियों की आवश्यकता का परीक्षण कराकर शिक्षा उपकर की राशि से अनुशंसित/ प्रस्तावित कार्यों को कराया जाएगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, विभागीय पत्र क्रमांक 4050/18-3/99, भोपाल, दिनांक 07.10.1999, पत्र क्रमांक 605/740/18-3/2000, भोपाल, दिनांक 15.03.2000 एवं पत्र क्रमांक एफ 6-6/2016/18-3, भोपाल, दिनांक 26.07.2016 के द्वारा नगरीय निकाय क्षेत्रों के शासकीय स्कूलों के संचालन व रख-रखाव शिक्षा उपकर की राशि से किये जाने के आदेश प्रसारित किये गये हैं। (ख) नगर पालिक निगम, कटनी के अन्तर्गत 07 शासकीय हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालय तथा नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा 03 विद्यालय तथा 59 शासकीय प्राथमिक/ माध्यमिक शालायें संचालित हैं। उपरोक्त हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में 3626 तथा प्राथमिक/माध्यमिक में 4958 छात्र/छात्रायें अध्ययनरत हैं। 02 हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनविहीन हैं, जो कि माध्यमिक/प्राथमिक शालाओं में संचालित हैं। नगर की उपरोक्त शालाओं में से 22 में फर्नीचर है, 46 में नहीं हैं, 65 में स्वच्छ पेयजल हैं, 04 में नहीं हैं, 49 में बालक शौचालय है, 20 में नहीं हैं, 59 में बालिका शौचालय है, 10 में नहीं हैं, 59 शालाओं में पुस्तकालय है, 10 में नहीं हैं, 57 शालाओं में विद्युत सुविधा है, 12 में नहीं है तथा 11 में प्रयोगशालायें हैं। शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम, कटनी में शिक्षा उपकर की राशि रूपये 5,98,55,100/- वर्तमान में उपलब्ध है। विगत् 03 वर्षों में प्राप्त शिक्षा उपकर की राशि वर्षवार क्रमश: वर्ष 2017-18 में रूपये 84,67,019/-, वर्ष 2018-19 में रूपये 87,57,239/- एवं वर्ष 2019-20 में रूपये 16,14,755/- है। (घ) जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी, कटनी से प्राप्त जानकारी अनुसार कटनी नगर के शासकीय/नगर पालिक निगम कटनी के प्रबंधन में 69 हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल/प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में 14 जर्जर भवन हैं। 22 शालाओं में फर्नीचर हैं, 46 शालाओं में नहीं है, जिनमें आवश्यकता है। 04 में पेयजल, 20 में बालक शौचालय, 10 में बालिका शौचालय, 10 में पुस्तकालय, 12 में विद्युत सुविधा तथा 05 हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में वर्किंग संसाधन युक्त प्रयोगशालाओं की आवश्यकता है। विद्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेषांश के संबंध में उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं है। (ड.) शिक्षा उपकर की राशि में से विभिन्न विद्यालयों में विगत् 03 वर्षों में प्राप्त प्रस्ताव एवं कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (च) शासकीय/नगर पालिक निगम द्वारा संचालित विद्यालयों में पालक शिक्षक संघ गठित होता है जिसके द्वारा विद्यालयों के भवनों में मरम्मत/निर्माण, फर्नीचरों एवं अन्य सामग्रियों की आवश्यकता का परीक्षण कर, शाला प्रमुख/शिक्षा विभाग के माध्यम से निकाय को आवश्यक प्रस्ताव प्रेषित किये जाते हैं। इस संबंध में आयुक्त, नगर पालिक निगम, कटनी को पुनः निर्देश जारी कर दिये गये हैं, निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय बालाघाट द्वारा संचालित डिप्लोमा कोर्स
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 1739 ) श्री विनय सक्सेना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरदार पटेल विश्वविद्यालय बालाघाट द्वारा Diploma in Agriculture नामक एक वर्षीय कोर्स कराया जा रहा है? (ख) विश्वविद्यालय द्वारा उक्त कोर्स को कब से प्रारंभ किया गया है, प्रवेश हेतु क्या नियम हैं? (ग) कोर्स प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किन-किन छात्रों ने उक्त कोर्स में प्रवेश लिया? उनकी कक्षाएं कब-कब लगायी गयीं तथा परीक्षाएं कब-कब ली गयी? पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। (घ) विश्वविद्यालय द्वारा कोर्स प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किन-किन छात्रों को डिप्लोमा प्रदाय किया गया? सूची उपलब्धं करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) विश्वविद्यालय द्वारा उक्त कोर्स सत्र 2018-19 से प्रारंभ किया गया, प्रवेश नियम अध्यादेश क्रमांक 15 में वर्णित है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 से प्रपत्र 08 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 09 से प्रपत्र 20 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 21 से प्रपत्र 22 अनुसार है।
अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा लिए गये अग्रिम का समायोजन
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 1740 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में नगर निगम जबलपुर किन-किन अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कितना-कितना अग्रिम लिया गया है एवं वर्तमान में कितना अग्रिम असमायोजित है? (ख) कौन-कौन अधिकारियों व कर्मचारी द्वारा अग्रिम ली गयी राशि का समायोजन नहीं कराया और सेवानिवृत्त हो गये? (ग) बगैर समायोजन कराये, संबंधितों को सेवानिवृत्ति के पूर्ण लाभ प्रदाय करने में कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? उन पर क्या क्या कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अग्रिम दिये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" तथा असमायोजित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स' एवं ''द" अनुसार है। । (ख) सेवानिवृत्त अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ" अनुसार है। (ग) समायोजन की कार्यवाही की जा रही है। यदि कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत राशि असमायोजित रहती है तब संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
घटित घटनाओं की जानकारी
[गृह]
32. ( क्र. 1830 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना सबलगढ़, टेंटरा, चिन्नोनी चम्बल, कैलारस, रामपुर कला, पहाड़गढ़ जिला मुरैना में विगत 3 वर्ष में घटित जिन आपराधिक घटनाओं की एफ.आई.आर. दर्ज की गई उनकी संख्यात्मक जानकारी थानावार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्ज एफ.आई.आर. की विवेचना किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा दी गई, थानेवार जानकारी दी जावें। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में घटित घटनाओं में कितने प्रकरणों में कार्यवाही हो चुकी है? जानकारी थानावार दी जावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युत प्रदाय हेतु नियमावली
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 1831 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा कृषक, औद्योगिक इकाई एवं घरेलू हितग्राहियों को विद्युत प्रदाय हेतु क्या-क्या नियमावली निर्धारित है? (ख) क्या मुरैना जिले सहित उपसंभाग सबलगढ़ में भी शिड्यूल अनुसार विद्युत प्रदाय नहीं हो रहा है, यदि हाँ तो क्यों? (ग) क्या ऊर्जा विभाग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम से हटकर अवैध कटौती हो रही है, जिससे औद्योगिक इकाई, कृषक वर्ग आदि हितग्राहियों को परेशानी हो रही है ऐसा क्यों? कारण बताया जाए।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में कृषि एवं गैर-कृषि फीडरों के माध्यम से क्रमश: कृषक उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 10 घंटे तथा औद्योगिक एवं घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने का नियम निर्धारित है। (ख) उपसंभाग सबलगढ़ सहित मुरैना जिले में उक्त निर्धारित नियमों के अनुसार ही विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी नहीं, किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। विद्युत लाईनों/अद्योसंरचना के रखरखाव हेतु पूर्व निर्धारित शटडाउन लेने तथा कतिपय अवसरों पर तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आए आकस्मिक व्यवधान एवं संधारण कार्य हेतु अत्यावश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर सभी कृषि एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं को उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
थाना नीलगंगा जिला-उज्जैन के संबंध में
[गृह]
34. ( क्र. 1880 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना नीलगंगा जिला-उज्जैन द्वारा फरियादी चंद्रशेखर जाट के चेक की मूल प्रति दिनांक 19-09-2020 को ली गई थी? इसकी जांच की अद्ययतन स्थिति बतावें। (ख) क्या कारण है कि चार माह पश्चात् भी इस प्रकरण में अभी तक चेक पर अंकित हस्ताक्षर की जांच अभी तक नहीं की गई है? (ग) प्र.क्र. 438 दिनांक 28-12-2020 (क) व (ख) उत्तर अनुसार विवेचना अधिकारी की लापरवाही के कारण आत्महत्या प्रकरण में जमानत प्राप्त करने वाला अर्पित द्विवेदी निवासी 23 अणु परिसर उज्जैन ही इस प्रकरण में भी शामिल है तो थाना नीलगंगा द्वारा उसे संरक्षण क्यों व किन अधिकारियों द्वारा दिया जा रहा है। (घ) कब तक हस्ताक्षर की जांच करवाकर आरोपी पर प्रकरण दर्ज किया जाएगा? यदि नहीं, तो उसे संरक्षण देने का कारण बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जांच प्रगति पर है। (ख) चेक पर अंकित हस्ताक्षर की जानकारी के लिये बैंक को दिनांक 04/01/2021 को पत्र जारी किया गया था। बैंक से जानकारी अपेक्षित है। (ग) अर्पित द्विवेदी को पुलिस द्वारा कोई संरक्षण नहीं दिया जा रहा है। (घ) चेक पर हस्ताक्षर के संबंध में बैंक से जानकारी प्राप्त होने के उपरांत वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
आरोपी की जमानत निरस्त करना
[गृह]
35. ( क्र. 1881 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 438 दिनांक 28-12-2020 के (क) व (ख) उत्तर अनुसार विवेचना अधिकारी की लापरवाही के कारण आरोपी जमानत पाने में सफल हुये तो इस जमानत को निरस्त कराने के लिए विभाग ने अभी तक क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की है तो क्यों? (ख) कब तक विभाग द्वारा इस जमानत को निरस्त कराने के लिये कार्यवाही की जाएगी? (ग) अभी तक जमानत निरस्त कराने की प्रक्रिया प्रारंभ न करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें कि इस विलंब के लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। आरोपीगण द्वारा साक्ष्य को प्रभावित करने या फरियादी को डराने धमकाने के तथ्य नहीं आये हैं, जमानत निरस्त कराने के संबंध में अन्य कोई आधार विद्यमान न होने से और न ही फरियादी द्वारा जमानत के संबंध में कोई आपत्ति माननीय न्यायालय एवं थाने पर की गई, अतः जमानत निरस्त की कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) फरियादी द्वारा आरोपीगण के संबंध में कोई आपत्ति व्यक्त की जाती है या अन्य कोई ऐसे आधार निर्मित होते है जिन पर जमानत आवेदन निरस्त करने हेतु माननीय न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत करना न्यायोचित होने पर आरोपीगण की जमानत निरस्त करने की कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख' के संदर्भ में शासन द्वारा कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधीक्षण यंत्री की नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 1894 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिक निगम भोपाल ने श्री ए.आर. पंवार को दिनांक 01/07/2020 से 6 माह की संविदा नियुक्ति अधीक्षण यंत्री की पद पर संविदा सेवा नियम 2007 के अंतर्गत दी गई थी जबकि शासन द्वारा म.प्र. राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम 2017 नए नियम बना दिये गये थे, फिर वर्ष 2007 के नियमों के अंतर्गत संविदा नियुक्ति किस आधार पर की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सेवानिवृत्त श्री ए.आर. पंवार का मूलपद कार्यपालन यंत्री था तो अधीक्षण यंत्री के पद पर संविदा नियुक्ति दिये जाने का औचित्य क्या है? नगरपालिक भोपाल से कितने अधीक्षण यंत्री वर्तमान में पदस्थ हैं एवं उनके पास क्या-क्या प्रभार है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अधीक्षण यंत्रियों की शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए तथा संविदा आधार पर लिये गए अधीक्षण यंत्री ए.आर. पंवार की शैक्षणिक योग्यता क्या है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में अधीक्षण यंत्री ए.आर. पंवार की संविदा नियुक्ति हेतु सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन एवं महालेखाकार म.प्र. ग्वालियर/भोपाल से अनुमति ली गई थी तो उसकी जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 58 (2-क) के प्रावधानों के अंतर्गत संविदा पर नियुक्ति हेतु बनाये गये म.प्र. नगरपालिक निगम संविदा सेवा (नियुक्ति तथा सेवा शर्तें) नियम 2007 अंतर्गत संविदा नियुक्ति प्रदान की गई। (ख) जी हाँ। श्री ए.आर. पंवार का वेतन 15600-39100+ ग्रेड पे-7600 प्राप्त कर रहे थे जो कि अधीक्षण यंत्री पद का वेतन है। जल कार्य विभाग में कार्य की अधिकता/ आवश्यकता के आधार पर अधीक्षण यंत्री के पद पर संविदा नियुक्ति प्रदान की गई। वर्तमान में नगरपालिक निगम भोपाल में नियमित अधीक्षण यंत्री पदस्थ नहीं है। (ग) अधीक्षण यंत्री का पद पदोन्नति पद होने से शैक्षणिक योग्यता का प्रावधान नहीं है। श्री पवार द्वारा वर्ष 1978 में मध्यप्रदेश बोर्ड आफ टेकनिकल एजुकेशन द्वारा डिप्लोमा इन सिविल तथा वर्ष 1983 में द इंस्टीटयूट आफ इंजिनियरिंग इंडिया द्वारा सेक्शन 'ए' एवं 'बी' में सर्टिफिकेट ऑफ सिविल इंजिनियरिंग उत्तीर्ण की है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क अनुरक्षण अनुदान संबंधी
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 1895 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-2020 में सड़क अनुरक्षण अनुदान की प्रत्याशा में भोपाल के विभिन्न क्षेत्रों में सी.सी. रोड एवं डामरीकरण का कार्य कराया गया था परंतु सड़क अनुरक्षण की अनुदान राशि नगर पालिक निगम भोपाल को प्राप्त नहीं हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सड़क अनुरक्षण अनुदान की प्रत्याशा में निर्माण एजेंसी/ठेकेदारों द्वारा किये गये कार्यों की नस्तियों पर आयुक्त नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा 15वें वित्त आयोग से प्राप्त अनुदान राशि से भुगतान करने संबंधी आदेश दिये गये थे? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक किन-किन एजेंसी/ठेकेदारों का कितना भुगतान किया गया तथा किस एजेंसी/ठेकेदार का कितना शेष है? जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 15वें वित्त आयोग से नगर पालिक निगम भोपाल को कुल कितनी राशि प्राप्त हुई तथा वर्तमान में निगम के पास कितनी राशि शेष बची है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में 15वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि से शेष बची राशि से सड़क अनुरक्षण अनुदान की प्रत्याशा में किये गये सी.सी./डामरीकरण करने वाली एजेंसी/ठेकेदारों को आयुक्त नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा 15वें वित्त आयोग से प्राप्त अनुदान राशि से भुगतान करने संबंधी आदेशानुसार भुगतान कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु नगर पालिक निगम, भोपाल को वित्तीय वर्ष 2019-2020 में सड़क अनुरक्षण अनुदान मद में प्राप्त आवंटन राशि रूपये 1351.90 लाख से ही कार्य कराया गया है। (ख) जी नहीं। शासन से प्राप्त सड़क अनुरक्षण अनुदान एवं निगम को प्राप्त आय से भुगतान किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर निगम भोपाल को 15 वें वित्त आयोग से वित्तीय वर्ष 2019-2020 में कोई भी अनुदान की राशि केन्द्र/राज्य शासन से प्राप्त नहीं हुई है अपितु वर्ष 2020-2021 में 15 वें वित्त आयोग से राशि रूपये 88.00 करोड़ प्राप्त हुए है, जिसमें से वर्तमान में निगम के पास लगभग राशि रूपये 34.00 करोड़ शेष है। (घ) जी नहीं। 15 वें वित्त आयोग से भुगतान शासन की गाईडलाईन अनुसार किया जाता है, प्रश्नांकित कार्य के भुगतान नहीं किये जा सकते है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन गौशाला के निर्माण कार्य में हो रहा विलंब
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 1962 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के नगर परिषद् छापीहेडा में नवीन गौशाला स्वीकृत हुई थी? (ख) यदि हाँ तो क्या गौशाला निर्माण हेतु टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी? (ग) यदि हाँ तो क्या गौशाला निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या बजट के अभाव में कार्य प्रारंभ नहीं करवाया गया है? यदि हाँ तो इस हेतु कब तक बजट उपलब्ध करवाकर कार्य प्रारंभ करवा दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, निकाय के परिषद प्रस्ताव क्रमांक 239 दिनांक 02-08-2019 द्वारा नवीन गौशाला निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई। (ख) जी हाँ, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, निकाय में राशि उपलब्ध नहीं होने से गौशाला निर्माण का कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया। (घ) जी हाँ, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करना
[उच्च शिक्षा]
39. ( क्र. 2006 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने के लिये शासन की कोई निर्धारित मापदण्ड है? यदि हां, तो क्या बतावें? (ख) विदिशा जिले में ऐसे कौन-कौन से तहसील एवं ब्लॉक तथा उपखण्ड मुख्यालय है जहां पर शासकीय महाविद्यालय संचालित नहीं है नाम बतावें? (ग) क्या शासन द्वारा जिले के उपखण्ड मुख्यालय एवं ब्लॉक मुख्यालय ग्यारसपुर तथा तहसील मुख्यालय त्योंदा में शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की कोई योजना है? यदि हां, तो क्या?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अनुकम्पा नियुक्ति के एक समान मापदण्ड
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 2007 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. ऊर्जा विभाग अन्तर्गत प्रायवेट लिमीटेड कम्पनी में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों की सेवाकाल के समय आकस्मिक मृत्यु होने पर आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाती है? यदि हाँ तो किन-किन पदों पर कम्पनीवार अलग-अलग बतायें? (ख) क्या उपरोक्त सभी कम्पनी में अनुकम्पा नियुक्ति के नियम व प्रावधान पृथक-पृथक है? यदि हाँ तो कम्पनीवार अलग-अलग बतावें? (ग) क्या यह सत्य है कि कुछ कम्पनी में अनुकम्पा नियुक्ति संविदा के रूप में तथा कुछ कंपनी में गैर संविदा के रूप में नियुक्ति दी जाती है? यदि हाँ तो ऐसा क्यों? क्या सभी कम्पनियों में एकरूपता की जावेगी? (घ) क्या जिस कम्पनी में अनुकम्पा नियुक्ति संविदा में की जाती है वह कितने वर्ष के लिये संविदाकर्मी रहेगा? जिन कर्मचारियों ने संविदा अवधि पूर्ण कर ली है को कब तक स्थाई किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन के अनुमोदन के आधार पर सभी 6 विद्युत कंपनियों यथा–एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जबलपुर, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर, म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर, एवं म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में एक समान '' अनुकंपा नियुक्ति नीति-2018'' लागू की गई है। उक्त अनुकंपा नियुक्ति नीति अंतर्गत विद्युत कंपनियों में कार्यरत मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल के ऐसे कार्मिक जो राज्य शासन की अधिसूचना दिनांक 10.04.2012 के द्वारा संबंधित विद्युत कंपनियों को अंतिम रूप से अंतरित एवं आमेलित हुये हैं एवं कंपनी में कार्यरत है और विद्युत कंपनियों द्वारा नियुक्त कार्मिक जिनकी सेवायें कंपनी द्वारा नियंत्रित हैं तथा जिनकी कंपनी सेवाकाल में मृत्यु हुई हो तथा ऐसे कार्मिक, जिनकी मृत्यु दिनांक 15.11.2000 के पश्चात किन्तु 10.4.2012 के पूर्व म.प्र. रा.वि.मं./कंपनी का कार्य करते समय आकस्मिक दुर्घटना, विद्युत दुर्घटना, हमलावारों द्वारा हत्या अथवा कार्य करते समय वाहन दुर्घटना के कारण हुई हो तो, आश्रित परिवार के एक सदस्य को, अनुकंपा नियुक्ति के चिन्हित पद की शैक्षणिक एवं अन्य अर्हता पूर्ण करने पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किए जाने के प्रावधान हैं। विद्युत कंपनीवार अनुकंपा नियुक्ति के पदों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उक्त अनुकंपा नीति के प्रावधानों के तहत सामान्यत: अनुकंपा नियुक्ति, नियमित रिक्त पदों पर दी जायेगी। विनिर्दिष्ट रिक्त नियमित पद उपलब्ध न होने की स्थिति में पात्रतानुसार रिक्त संविदा पदों पर नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। तथापि विद्युत वितरण कंपनियों में लागू अनुकंपा नियुक्ति-2018 के अंतर्गत कंपनियों की स्वीकृत संगठनात्मक संरचना में अनुकंपा नियुक्ति हेतु चिन्हित नियमित/संविदा पदों पर संलग्न परिशिष्ट अनुसार नियुक्ति दिये जाने के प्रावधान है। सभी विद्युत कंपनियों का कार्यक्षेत्र भिन्न होने के कारण इन कंपनियों की संगठनात्मक संरचना में भिन्नता हैं। अत: अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (घ) चिन्हित नियमित पद रिक्त नहीं होने पर संविदा पद पर आवेदन द्वारा विकल्प के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। उक्तानुसार संविदा पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किए जाने के उपरान्त संबंधित कर्मचारी ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधन नियम, 2018'' से शासित होते हैं, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक 03 वर्ष में नये अनुबंध का प्रावधान है, अत: तदनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। कंपनी में प्रचलित उक्त संविदा नीति के अनुसार सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में संविदाकार्मिकों हेतु पद आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
हितग्राहियों के खाते में जमा राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 2017 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि भेजने के पूर्व किन-किन वित्तीय औपचारिकताओं का पालन किया जाता है. नगर पालिका छतरपुर में क्या इनका विधिवत पालन किया गया? (ख) नगर पालिका छतरपुर में प्रत्येक D.P.R. के हितग्राही को राशि भेजने हेतु प्रथम बार बैंक भेजी गई सूची प्रदाय करे। प्रथम बार सूची भेजने के उपरांत कितने खातों में त्रुटि पाई गयी। संशोधन उपरांत पुनः सूची बैंक भेजने के पूर्व सभी वित्तीय औपचारिकताएं पूर्ण की गई? संशोधित सूची प्रदाय करे। त्रुटिपूर्ण खातों की राशि बैंक द्वारा कब निकाय को वापिस की गयी? अत्यधिक मात्रा में त्रुटि होने के क्या कारण है? (ग) नगर पालिका छतरपुर द्वारा अपात्र लोगों के खाते में प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि डाली गई थी? यदि हाँ तो कितने लोगों के खाते में कितनी राशि डाली गयी। उक्त राशि कैसे डाली गई इसका दोषी कौन है? डाली गई राशि कैसे वापिस ली गई? कितनी राशि वापिस आ गई है? क्या निकाय खाते में अपात्र लोगों के खाते में जमा राशि सीधे जमा करवाई गई यदि हाँ तो क्यों? क्या राशि जमा करने का कारण विधिवत लिपिबद्ध किया गया? (घ) नगर पालिका छतरपुर में क्या आवासीय संपरीक्षक द्वारा हितग्राही पंजी तैयार करने के निर्देश दिए थे? यदि हाँ तो कब? पंजी संधारित कब की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों को बैंक खाते में राशि भेजने के पूर्व सक्षम प्राधिकारिता के अनुसार मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा अध्यक्ष के द्वारा भुगतान आदेश पारित किया जाता है, तत्पश्चात यदि निकाय में स्थानीय निधि संपरिक्षा अंकेक्षण नियुक्त है, तो उनके सत्यापन के पश्चात हितग्राही के खाते में निकाय द्वारा राशि अंतरित की जाती है। नगर पालिका छतरपुर में बी.एल.सी. घटक हेतु प्राप्त शिकायत की प्रारंभिक जांच की गई है, जिसका प्रतिवेदन परीक्षण हेतु प्रचलित है। अतः अंतिम रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट हो सकेगा कि, नगर पालिका छतरपुर में इस प्रकिया का पालन किया है, अथवा नहीं? (ख) नगर पालिका छतरपुर के लिए कुल चार डी.पी.आर. स्वीकृत हैं, जिनमें से प्रथम तीन डी.पी.आर. के हितग्राहियों को प्रथम किश्त मुक्त करने हेतु बैंक को भेजी गई, प्रथम सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। प्रथम बार बैंक को सूची भेजने के उपरांत 413 खातों में त्रुटि पाई गई। संशोधन उपरांत पुनः सूची जो बैंक को भेजी गई उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। प्रथम बार भेजी गई सूची में त्रुटिपूर्ण खातों की राशि निकाय के मुख्य खाते में ही जमा है। प्रकरण में शिकायत के आधार पर जांच प्रचलित है, जिसकी अंतिम जांच रिपोर्ट आने पर त्रुटि के कारण स्पष्ट हो सकेंगे। (ग) प्रकरण में शिकायत के आधार पर जांच प्रचलित है, जिसके संबंध में अंतिम रिपोर्ट आने पर वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कार्य की प्रगति
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 2035 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर शहर में संचालित विभिन्न आवास योजनाओं की कुल प्रोजेक्ट यूनिट कितनी है? (ख) वर्तमान में योजना में कुल कितने प्रोजेक्ट यूनिट पर कार्य चल रहा है और कब तक पूर्ण होगा? (ग) इंदौर शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना में कुल कितनी प्रोजेक्ट यूनिट बनाई जानी है? वर्तमान में कितनी पूर्ण है, शेष कितनी है, अप्रारंभ कितनी है? शेष एवं अप्रारंभ का क्या कारण है? प्रोजेक्ट पूर्ण होने का समयावधि क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा संचालित आवासीय योजनाओं अन्तर्गत योजनावार यूनिट इस प्रकार हैः- 1- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) - 25570 2- राजीव आवास योजना - 1080 कुल संख्या - 26650 (ख) वर्तमान में कुल 16394 इकाइयों पर कार्य चल रहा है। कुल 544 यूनिट का कार्य पूर्ण हो चुका है शेष 15850 इकाइयों का कार्य प्रगतिरत है। कार्य वर्ष-2022 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। (ग) इन्दौर शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना में बनाई जाने वाली यूनिट, कार्य पूर्ण, शेष, प्रारंभ, अप्रारंभ के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
NHAI के नवीन प्रस्तावित ईस्टर्न साइड रिंग रोड (ESRR) प्लान
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 2036 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर देवास सेक्शन बायपास रोड NH3 से NHAI के नवीन प्रस्तावित ईस्टर्न साइड रिंग रोड (ESRR) के समीप रोड निर्माण का प्रावधान नहीं हैl अगर हाँ तो कितने किलोमीटर तक का रिंग रोड निर्माण प्रतिबंधित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इंदौर शहर के नवीन प्रस्तावित ईस्टर्न साइड रिंग रोड (ESRR) की कंसल्टेंसी सर्विस (लुईस बर्गर ग्रुप) के द्वारा सर्वेक्षित प्लान ड्राफ्ट में प्रस्तावित ईस्टर्न साइड रिंग रोड (ESRR) की चिन्हित भूमी को संचालक नगर एवं ग्राम निवेश द्वारा परिवर्तित कर अन्य कृषि भूमि को चिन्हित किया जा रहा हैंl अगर हाँ तो नवीन प्रस्तावित ईस्टर्न साइड रिंग रोड (ESRR) में शामिल परिवर्तित चिन्हित कृषि भूमि जिला इंदौर के कौन-कौन से भूमि सर्वे नंबर है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार बायपास से 4 कि.मी. पर बड़ा रिंग रोड क्यों? अगर बनाना ही है तो कम से कम 8 कि.मी. आगे बनाना चाहिएl अभी सरकार ने बायपास पर ब्रिज बनाए हैं और आगे MR-10, MR-11, MR-12 पर ब्रिज प्रस्तावित हैl इतना खर्च बायपास पर होना है फिर ईस्टर्न साइड रिंग रोड अभी प्रस्तावित क्यों? करना ही है तो 8 किलोमीटर पर करेंl
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल द्वारा, ईस्टर्न साइड रिंग रोड को परिवर्तित कर किसी भी प्रकार की अन्य कृषि भूमि को चिहिन्त करने की कार्यवाही नहीं की जा रही है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
यूनिवर्सिटी में संचालित कोर्स एवं फैकल्टी
[उच्च शिक्षा]
44. ( क्र. 2042 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (ख) ए.के.एस. यूनिवर्सिटी में कितनी फैकल्टी है? क्या सभी फैकल्टी को यू.जी.सी. गाइडलाइन के अंतर्गत पेस्कूल भुगतान कर सर्विस रूल्स का पालन किया जा रहा है? यू.जी.सी. गाइडलाइन अनुसार कितनी फैकल्टी योग्यताधारी हैं? कितने योग्यताधारी नहीं है? क्या सभी फैकल्टी स्थाई आधार पर रखी गई है? नियुक्ति फैकल्टी/कर्मचारियों को भुगतान की जा रही वेतन की जानकारी 2017 से प्रश्न दिनांक तक सहित पूर्ण जानकारी दें। (ख) ए.के.एस. यूनिवर्सिटी में कौन-कौन से कोर्स चल रहे हैं? उनकी मान्यता किस स्तर पर कहां से ली गई है? संस्थान में संचालित कोर्सों की कोर्सवार हेडवार फीस की पूर्ण जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2017-2020 तक म.प्र. शासन या किसी भी सरकार/संस्था से कितनी राशि किस प्रयोजन हेतु प्राप्त हुई? उसका उपयोग किन-किन प्रयोजनों में किया गया है? जानकारी अभिलेखों सहित देवें। (घ) संस्थान में प्रवेश छात्रों की संख्या वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक एवं उनमें से कितने छात्रों को कौन-कौन सी छात्रवृत्ति वितरण की गई? राशि सहित जानकारी देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ए.के.एस. विश्वविद्यालय में 283 फेक्लटी हैं। जी हाँ। समस्त फेक्लटी यू.जी.सी. एवं संबंधित विनियामक संस्थाओं के मापदण्ड अनुसार योग्यताधारी है। जी नहीं। नियुक्त शिक्षकों/कर्मचारियों को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) विश्वविद्यालय में संचालित कोर्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 से 03 अनुसार है। संचालित कोर्सेस की मान्यता संबंधित विनियामक परिषदों एवं स्वीकृत अध्यादेशों से है। विनियामक परिषदों से प्राप्त मान्यता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। संचालित कोर्सों की कोर्सवार/हेडवार फीस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 05 से 06 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 07 से 10 अनुसार है। (घ) शासन के संबंधित विभागों के द्वारा छात्रवृत्ति वितरित की जाती है, जो सीधे ही डी.बी.टी. मोड से विद्यार्थियों के बैंक खाते में भेजी जाती है। संबंधित विभागों के पोर्टल से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 11 से 13 अनुसार है।
अशासकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों में प्रवेशित छात्र
[आयुष]
45. ( क्र. 2061 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष म.प्र. भोपाल द्वारा नीट/पहुँट यू.जी./पी.जी. परीक्षा सत्र 2017-18 एवं 2018-19 में ऑनलाईन/ऑफलाइन के माध्यम से अशासकीय निजी आयुर्वेद महाविद्यालयों में प्रवेशित कितने छात्रों की अंतिम एक्जाई सूची कब तैयार कर म.प्र. आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर को कब भेजी गई? सत्यापित सूची की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रदेश के किन-किन निजी/ अशासकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों को कब-कब, कितने-कितने छात्रों की प्रवेशित सूची भेजी गई है? सत्यापित छायाप्रति दें। (ग) क्या प्रश्नांकित प्रेषित प्रवेशित छात्रों की दोनों सूचियों में भिन्नता है? यदि हां, तो क्यों? इसका सत्यापन कब किसने किया है? पद नाम सहित बतलावें। कितने प्रवेशित छात्रों में भिन्नता पाई गई है? सूची दें। क्या शासन इसकी जांच कराकर गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जाँच प्रक्रियाधीन है। जाँच के पश्चात् गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
दुष्कृत्य के आरोपियों को फांसी की सजा
[गृह]
46. ( क्र. 2062 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दुष्कृत्य के कितने मामलों में कितने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। कितने प्रकरणों में अपील की गई है? वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक की जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में जिला जबलपुर में महिलाओं, बालिकाओं, नाबालिग कन्याओं के साथ दुष्यकृत्य सामूहिक दुष्कृत्य, दुष्कृत्य व हत्या, अपहरण, शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक शोषण करना, छेड़खानी, धमकियों व ब्लैक मेलिंग से परेशान होकर आत्महत्या करना, देहव्यापार व मानव तस्करी से संबंधित कितने-कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये है? थानावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित (ख) में कितने मामले फास्टट्रेक न्यायालयों में प्रस्तुत किये गये है? कितने प्रकरणों में न्यायालयों द्वारा कितने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई। कितने प्रकरणों में अपील की गई है। कितने प्रकरणों में आरोपियों को पीड़िताओं की विस्तृत मेडिकों लीगल जांच में साक्ष्यों के अभाव में जमानत का लाभ मिला है। कितने प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में लंबित है एवं कितने प्रकरण विवेचना में है? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार दुष्कृत्यों के कितने मामलों में पीड़िताओं का इलाज कराया है एवं कितनी पीड़िताओं पीड़िताओं के परिजनों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जिला जबलपुर में कोई फास्टट्रेक न्यायालय संचालित नहीं है। 01 प्रकरण में 01 आरोपी को न्यायालय द्वारा फांसी की सजा हुई है जिसमें आरोपी द्वारा अपील की गई है। आरोपियों को पीड़िताओं की विस्तृत मेडिकोलीगल जांच में साक्ष्यों के अभाव में जमानत के लाभ की जानकारी निरंक है। 2173 प्रकरण विभिन्न न्यायालय में लंबित है एवं 158 प्रकरण विवेचना में है। (ग) दुष्कृत्य के 693 मामलों में पीड़िताओं का ईलाज कराया गया है एवं 273 पीड़िताओं व परीजनों को 3,48,28,000 राशि की आर्थिक सहायता दी है।
चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में कमी
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र.
2090 ) डॉ.
गोविन्द सिंह
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) 01
अप्रैल 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
भिण्ड जिले
की नगरपालिका
लहार,
नगर परिषद
मिहोना, नगर परिषद
आलमपुर एवं
नगर परिषद
दबोह को चुंगी
क्षतिपूर्ति
की
कितनी-कितनी
राशि प्रदान की
जा रही है? (ख) क्या
चुंगी
क्षतिपूर्ति
की राशि में
पूर्व वर्ष की
तुलना में
क्षतिपूर्ति की
राशि में कमी
की गई है, जिससे उक्त
निकायों में
कार्यरत
कर्मचारियों
को वेतन भुगतान
नहीं किया जा
रहा है एवं
विकास कार्य ठप्प
हैं? (ग)
यदि हां, तो क्या
पूर्वानुसार
उक्त नगरीय
निकायों को
चुंगी
क्षतिपूर्ति
की राशि
प्रदान की
जाएगी? यदि हां, तो कब
तक?
यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार
है। (ख)
जी हाँ, नगरीय
निकायों को
देय चुंगी
क्षतिपूर्ति
की राशि
मंत्री परिषद
अनुशंसा
अनुसार युत्कियुक्तकरण, निकाय
की जनसंख्या
एवं उनकी
पात्रता
अनुसार
प्रदाय की
जाती है। यह
राशि वित्त
विभाग द्वारा
वित्तीय
वर्ष में
विभाग को
चुंगी
क्षतिपूर्ती
योजनांतर्गत
उपलब्ध कराई
गई राशि के
आधार पर
संबंधित
नगरीय निकाय
को अनुपातिक
रूप से वितरित
की जाती है।
चुंगी क्षतिपूर्ति
के अतिरिक्त
राज्य वित्त
आयोग की
अनुशंसा पर
नगरीय निकाय
को अनुदान दिया
जाता है।
निकाय इससे भी
वेतन भत्ते
का भुगतान
करती है।
निकाय स्वयं
के राजस्व
एवं अनुदान से
विकास कार्य
सम्पन्न
करती है। (ग) भविष्य
में भी उत्तरांश
''ख'' के
समान स्वीकृति
अनुसार चुंगी
क्षतिपूर्ति
राशि प्रदाय की
जायेगी।
आवास योजना के लंबित भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 2113 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में नगर परिषद बैकुण्ठपुर अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के कुल कितने हितग्राहियों को पात्रता सूची में उल्लेखित किया गया था? हितग्राहियों के नाम एवं पता सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) पात्रता सूची में ऐसे कुल कितने हितग्राही हैं जिनको अभी तक आवास निर्माण हेतु राशि उपलब्ध नहीं करायी जा सकी? नाम एवं विवरण उपलब्ध कराने का कष्ट करें। ऐसे कितने हितग्राही हैं जिनको आवास योजना की दूसरी किश्त नहीं प्राप्त हुई है? (ग) क्या कारण है कि पात्र हितग्राहियों की द्वितीय किश्त अभी तक प्रदाय नहीं की जा सकी? कब तक लंबित राशि का भुगतान पात्र हितग्राहियों को किया जा सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में नगर परिषद बैकुण्ठपुर में क्रमशः 26, 389 एवं कुल 415 हितग्राहियों की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई है। वर्ष 2020-21 में कोई योजना स्वीकृत नहीं है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) पात्रता सूची में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार हितग्राहियों को राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। भारत सरकार से द्वितीय किश्त अभी प्राप्त नहीं हुई है। अतः किसी भी हितग्राही को द्वितीय किश्त प्रदान नहीं की गई है। (ग) भारत सरकार द्वारा द्वितीय किश्त की राशि अभी प्रदाय नहीं की गई है। अतः भुगतान नहीं किया जा सका है। भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर लंबित भुगतान निर्धारित स्तर तक निर्माण किये जाने वाले हितग्राहियों को किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जल आवर्धन योजना को प्रारंभ करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 2118 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैकुण्ठपुर नगर परिषद में जल आवर्धन योजना का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि नगरवासियों को अभी तक पेयजल प्रदाय व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की जा सकी? (ख) क्या नगर परिषद कार्यक्षेत्र अंतर्गत समस्त वार्डों में जल प्रदाय हेतु पाईप लाइन बिछाई जा चुकी है? यदि नहीं, तो ऐसे कितने वार्ड हैं जिनमें पाईप लाइन बिछाया जाना शेष है? कब तक यह कार्य पूर्ण कराया जा सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। बैकुण्ठपुर नगर परिषद में जल आवर्धन योजना का कार्य पूर्ण कर लिया गया था परन्तु राष्ट्रीय राजमार्ग 135-B के निर्माण के दौरान सड़क के दोनों तरफ अधिकांश पाईप लाईन क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण पाईप लाईन बिछाने का कार्य पुन: किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार है। नगर परिषद कार्य क्षेत्रांतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 135-B के निर्माण के कारण सड़क के दोनों तरफ अभी कुछ हिस्सों में डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाईन बिछाने का कार्य पुन: कराया जा रहा है। वार्ड क्रमांक 02, 04, 08, 09 एवं 15 में पाईप लाईन बिछाई जा रही है। यथाशीघ्र पाईप लाईन का कार्य पूर्ण कर समस्त वार्डों में जलप्रदाय किया जाना लक्षित है।
मयूर वन कॉलोनी मुरैना में नामान्तरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 2190 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मयूर वन कॉलोनी मुरैना में 31.03.2008 से पूर्व मूल स्थायी रहवासियों की भू-भवन स्वामियों की संख्या कितनी थी और कितनों के द्वारा विकास शुल्क जमा कराया जाकर नामान्तरण प्रक्रिया सम्पादित करा ली गयी है? तत्समय विकास शुल्क जमा की गणना किस आधार पर की गयी और कितनों ने कितनी-कितनी राशि जमा करायी गयी थी? नाम सहित जानकारी दें। (ख) वर्तमान में मूल स्थायी 86 भू-भवन स्वामियों पर कितनी-कितनी राशि अतिशेष है? प्रश्न दिनांक तक विकास शुल्क की गणना की जाकर भू-भवन स्वामियों के नाम सहित पृथक-पृथक बतावें। (ग) क्या विभाग द्वारा विकास शुल्क वसूली हेतु कोई सार्थक कार्यवाही नहीं की गयी और ना ही सकारात्मक रूप से प्रेरित किया गया जिसके फलस्वरूप आज दिनांक तक भू- भवन स्वामी विकास शुल्क राशि अत्यधिक हो जाने से वहन करने में सक्षम नहीं है? यदि हाँ तो क्यों यदि नहीं, विभाग द्वारा कब-कब सार्थक प्रयास किये गये? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में समस्या की निदान हेतु विभाग कोई कार्य योजना बनाकर भारित विकास शुल्क की राशि में ब्याज की छूट कर सकेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो समस्या का निदान क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) दिनांक 31.03.2008 से पूर्व स्थायी रहवासियों की संख्या 86 थी। इन 86 में से किसी के द्वारा राशि जमा कराकर नामांतरण प्रक्रिया संपादित नहीं की गई। विकास शुल्क की गणना भू-अर्जन अधिकारी मुख्यालय भोपाल के पत्र क्र. 925, दिनांक 13.12.2007 के आधार पर की गई थी, जो रू. 1230/- प्रति व.मी. थी और यह दिनांक 31.03.2008 तक वैध थी। किसी भी रहवासियों द्वारा विकास शुल्क जमा नहीं करने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) मण्डल द्वारा 86 भू-भवन स्वामियों को विकास शुल्क जमा कराये जाने हेतु नोटिस दिये गये एवं मौके पर जाकर समझाइश भी लगातार दी जा रही है, परन्तु उनके द्वारा विकास शुल्क राशि जमा नहीं की गयी, जिसके फलस्वरूप विकास शुल्क राशि 31 मार्च 2021 की स्थिति में 1230 प्रति व.मी. की दर पर 18 प्रतिशत साधारण ब्याज मार्च 2021 तक भारित कर रूपये 1230+2878 =4108.00 प्रति व.मी. हो गयी है। लगातार शिविर लगाकर राशि जमा करने हेतु समझाइश दी जा रही है। (घ) शिविर लगाकर भू-भवन स्वामियों से लगातार चर्चा की जा रही है, ताकि राशि जमा कराकर उनका नामांतरण किया जा सके और समस्या का समाधान किया जा सके।
पुराने आवासों की मरम्मत
[गृह]
51. ( क्र. 2219 ) श्री राम दांगोरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत थाना पंधाना के पुराने आवास पूरी तरह जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं, छत के कवेलू प्रतिदिन गिर रहे हैं, जिससे कभी भी पुलिस कर्मचारियों के साथ दुर्घटना घटित हो सकती है? (ख) क्या उन पुराने जीर्ण-शीर्ण आवासों के स्थान पर पुलिस कर्मचारियों के लिए आवासीय मल्टी बनाई जाएगी या नहीं? (ग) यदि आवासीय मल्टी बनाई जाएगी तो कब तक इसकी कार्यवाही पूर्ण की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वर्तमान में थाना पंधाना में कोई भी आवास/मल्टी बनाया जाना प्रस्तावित नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेड केटेगरी के संयंत्रों को दी गई एनओसी
[पर्यावरण]
52. ( क्र. 2251 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय कटनी, सतना, जबलपुर एवं सागर में रेड केटेगरी के संयंत्रों (उद्योगों) की स्थापना हेतु 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन को अनुमति (एन.ओ.सी.) दी गई जिलेवार संयंत्रवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के उद्योगों को चलाने के लिए प्राप्त ट्रायलबेस एन.ओ.सी. कितने समय के लिए दी जाती है प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संयंत्रों द्वारा ट्रायलबेस हेतु ली गई अनुमति एन.ओ.सी. का दुरूपयोग तो नहीं किया जा रहा है विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर उद्योगों द्वारा जारी किए गए बिल तथा जमा किए गए जी.एस.टी. का क्या मिलान किया गया या नहीं तथा बिजली की खपत का आंकलन भी किया गया या नहीं बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में उक्त जिलों के संयंत्रों की फर्मों द्वारा अंतिम फाइनल एन.ओ.सी. प्राप्त करने हेतु कब-कब आवेदन दिया उनमें से किन-किन को फाइनल एन.ओ.सी. दे दी गई विवरण दें यदि नहीं, दी गई तो यह माना जावेगा कि विभाग की मिली भगत से कर शासन के नियमों की अनदेखी कर आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है जिसकी जांच शासन उच्च स्तरीय समिति गठित कर कराई जावेगी यदि हाँ तो कब तक।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम (3), (4) एवं (5) अनुसार है। (ख) उद्योगों को स्थापित करने लिए सशर्त स्थापना सम्मति दी जाती है एवं स्थापित होने के पश्चात् चलाने के लिए उत्पादन सम्मति दी जाती है। सामान्य परिस्थिति में ट्रायल बेस एन.ओ.सी. नहीं दी जाती है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम (3), (4), (6) एवं (7) अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिक भार के प्रकरण
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 2291 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में गत एक वर्ष में कितने घरेलू उपभोक्ताओं के विरूद्ध अधिक भार के प्रकरण बनाए गए। प्रकरण बनाए जाने के संबंध में क्या कानून, नियम एवं प्रक्रिया प्रचलित है प्रति सहित बतावें। (ख) मीटरधारी घरेलू उपभोक्ताओं को भार वृद्धि का संशोधित अनुबंध किए जाने के संबंध में कब-कब सूचना पत्र किस प्रारूप में प्रेषित किए जाते है यदि सूचना पत्र प्रेषित नहीं किए जाते हो तो उसका कारण बतावें। (ग) घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा खपत की गई बिजली का मीटर रीडिंग दर्ज किए जाने और मीटर रीडिंग के अनुसार बिजली बिल की वसूली किए जाने के बाद अधिक भार का प्रकरण बनाए जाने का क्या कारण रहा है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के बैतूल वृत्त के अन्तर्गत विगत 1 वर्ष (2020-21) में किसी भी स्थाई घरेलू विद्युत कनेक्शन उपभोक्ता का भार वृद्धि का प्रकरण नहीं बनाया गया है। विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 2.1 (इ) के अनुसार विद्युत भार की गणना प्रत्येक माह विद्युत खपत के आधार पर किये जाने का प्रावधान है एवं कंडिका क्रमांक 6.35 एवं 6.36 के अनुसार विद्युत क्षमता का निर्धारण करने हेतु संविदा मांग/संयोजित भार से वास्तविक भार अधिक पाये जाने की दशा में नियमों तथा विनियमों के अनुसार कार्यवाही का प्रावधान है, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) मीटर्ड स्थाई घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को घरेलू संयोजन में भार वृद्धि हेतु उपभोक्ता से स्वयं के द्वारा आवेदन प्रस्तुत कराते हुये संशोधित अनुबंध संबंधी औपचारिकतायें पूर्ण करायी जाती हैं। स्थाई घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को भार वृद्धि कराने हेतु समय-समय पर विभिन्न सूचना माध्यमों से अवगत कराया जाता है। सूचना पत्र का प्रारूप संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। (ग) स्थाई घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को मीटर में दर्ज विद्युत खपत के अनुरूप विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। स्थाई घरेलू विद्युत उपभोक्ता के कनेक्शन पर स्वीकृत भार से अधिक भार होने की स्थिति में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को स्वेच्छा से भार वृद्धि करने हेतु संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार सूचना दी जाकर ''सप्लाई अफोर्डिंग चार्जेस'' के मद में राशि प्राप्त की जाती है। उल्लेखनीय है कि विद्युत उपभोक्ता के स्वीकृत भार के अनुरूप वितरण कंपनी को आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना की व्यवस्था करनी होती है तथा उपभोक्ता का संबद्ध भार कनेक्शन दिये जाने के उपरांत बढ़ने पर विद्युत अद्योसंरचना के सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता के दृष्टिगत नियमानुसार उपभोक्ता से सप्लाई अफोर्डिंग चार्जेस जमा कराए जाते हैं।
राख की सप्लाई किया जाना
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 2292 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारनी पावर हाऊस एवं सिंगाजी पावर हाऊस से गत तीन वर्षों में कितनी राख सड़क निर्माण के लिए प्रदाय की गई? (ख) सड़क निर्माण के लिए राख प्रदाय किए जाने के संबंध में भारत सरकार पर्यावरण विभाग ने किस दिनांक को प्रकाशित अधिसूचना में क्या प्रावधान किए है उनका पालन नहीं किए जाने का क्या कारण रहा हैं? (ग) सारनी पावर हाऊस के पुराने राखड़ बांध को बंद कर वृक्षारोपण किए जाने के संबंध में भारत सरकार पर्यावरण विभाग ने क्या-क्या शर्त लगाई उसका पालन प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी एवं श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह, जिला खण्डवा से गत तीन वर्षों में सड़क निर्माण के लिये राख प्रदाय नहीं की गई है। (ख) भारत सरकार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 25/01/2016 के पैरा 2 (ख) (10) में सड़क निर्माण हेतु राख प्रदाय किए जाने के संबंध में प्रावधान है कि कोयला या लिग्नाइट आधारित तापीय विद्युत संयंत्र से 100 किलोमीटर की परिधि के भीतर सड़क संनिर्माण परियोजनाओं या ऐश आधारित उत्पादों के संनिर्माण के लिए या कृषि संबंधित क्रियाकलापों में मृदा अनुकूलक के रूप में उपयोग के लिए ऐश के परिवहन की लागत ऐसे कोयला या लिग्नाइट आधारित तापीय विद्युत संयंत्र द्वारा वहन की जाएगी और 100 किलोमीटर की परिधि से परे और 300 किलोमीटर की परिधि के भीतर ऐसे परिवहन की लागत को उपयोगकर्ता और कोयला या लिग्नाइट आधारित तापीय विद्युत संयंत्र के बीच समान रूप से अंश भाजित की जाएगी। उक्त अधिसूचना के पैरा 2 (ख) (14) के अनुसार कोयला या लिग्नाइट आधारित तापीय विद्युत संयंत्र, 300 किलोमीटर की परिधि के भीतर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन सड़क संनिर्माण परियोजनाओं और भवनों, सड़कों, बांधों और तटबंधों के संनिर्माण को अंतर्वलित करने वाले सरकार के आस्ति सृजन कार्यक्रमों के स्थल तक ऐश के परिवहन की संपूर्ण लागत का वहन करेगा। अधिसूचना दिनांक 25/01/2016 के प्रावधानों के परिपालन में मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा फ्लाई ऐश परिवहन लागत की प्रतिपूर्ति हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर की गई है, जिसके निराकरण के पश्चात् आयोग के दिशा निर्देशानुसार आगामी कार्यवाही की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्तमान में प्रचलित ताप विद्युत गृहों द्वारा राख के निपटान संबंधी प्रावधानों का परीक्षण कर प्रचलित अधिसूचना को संशोधित किया जाना प्रक्रियाधीन है। इस हेतु प्रारूप अधिसूचना जारी की गई है। प्रारूप अधिसूचना में ताप विद्युत गृहों द्वारा राख के निपटान के प्रावधान वर्तमान में प्रचलित प्रावधानों से भिन्न है। (ग) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी की पुरानी इकाइयों हेतु नवीन राखड़ बांध निर्माण (111 हेक्टेयर) के लिये भारत सरकार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा पत्र दिनांक 13-10-2009 के माध्यम से भूमि के उपयोग में परिवर्तन की अनुमति दी गई एवं पुराने राखड़ बांध को बंद कर वृक्षारोपण आदि की शर्त लगाई गई थी। इसके उपरान्त भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली के पत्र दिनांक 27-03-2015 के द्वारा 111 हेक्टेयर के नवीन राखड़ बांध हेतु प्रदत्त पर्यावरणीय स्वीकृति के बिन्दु क्रमांक (3) (ii) में पुराने राखड़ बांध का सक्षम विशेषज्ञों के परामर्श उपरांत उचित पाये जाने पर अतिआवश्यक स्थिति में पुर्नउपयोग की शर्त थी। तदानुसार, 2016 में सक्षम विशेषज्ञ द्वारा किये गये अध्ययन में राखड़ बांध पुर्नउपयोग हेतु उचित पाया गया। बांध के संभावित पुर्नउपयोग के दृष्टिगत वृक्षारोपण का कार्य नहीं किया गया।
खराब ट्रांसफार्मर की स्थिति
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 2350 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2020-21 के रवि सीजन में कितने के.व्ही. के कितने ट्रांसफार्मर खराब हुए, कितनी शिकायतें विभाग को कब-कब प्राप्त हुई और इन शिकायतों के आधार पर कितने-कितने ट्रांसफार्मर कब-कब बदले गए? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र मुलताई के अंतर्गत रवि के सीजन में ट्रांसफार्मर खराब होने के बाद एक-एक माह तक नहीं बदले गए और सिंचाई के अभाव में किसानों की फसल सूख गई? (ग) मुलताई विधान सभा क्षेत्र के बिजली बिल बकाया होने से किन-किन किसानों के कितने ट्रेक्टर, मोटरसाईकिल, ट्यूब वेल की मोटर, कृषि यंत्र, कल्टीवेटर, थ्रेसर, प्लाउमोटर, स्टार्टर आदि कृषि एवं सिंचाई उपकरण किन-किन किसानों के कितनी-कितनी मात्रा में जप्त किए गए? (घ) क्या उक्त किसानों के ट्रांसफार्मर खराब होने से सिंचाई सुविधा का लाभ न मिलने से इन किसानों के बिजली बिल शून्य घोषित किए जाकर उनकी जप्त सामग्री वापस की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020-21 के रबी सीजन में 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 87 नंबर, 63 के.व्ही.ए. क्षमता के 122 नंबर एवं 100 के.व्ही.ए. क्षमता के 148 नंबर वितरण ट्रांसफार्मर खराब हुए। तत्संबंध में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कुल 357 शिकायतें प्राप्त हुईं। शिकायत प्राप्त होने की दिनांक एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मर को बदले जाने की दिनांक की वितरण ट्रांसफार्मरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को निर्धारित समय-सीमा में बदला गया है। (ग) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में बिजली के बिल की बकाया राशि की वसूली हेतु की गई कार्यवाही में 128 पानी की मोटर, 282 स्टार्टर एवं 1 मोटरसाईकिल जप्त की गई, जिसका प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मर, संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर निर्धारित समयावधि में ही बदले गये हैं। अत: विद्युत प्रदाय अवरूद्ध होने अथवा विद्युत बिल की राशि माफ करने का प्रश्न नहीं उठता। नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा होने के उपरांत कुर्क की गई सामग्री वापस कर दी जावेगी।
आवासीय/व्यावसायिक कालोनी का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 2359 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी विकास प्राधिकरण की आवासीय/व्यावसायिक कॉलोनी निर्माण हेतु कुल कितने एकड़ भूमि राज्य शासन द्वारा स्वीकृत की गई? खसरा, रकबा सहित खसरे की प्रति दें तथा टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग द्वारा स्वीकृत नक्शे में व्यावसायिक दुकानों का कितना एरिया दर्शाया गया है? नक्शे की प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) की संख्या की भूमि में से बस स्टैण्ड के लिए दो एकड़ भूमि कलेक्टर कटनी द्वारा आवंटित कर दी है? यदि हाँ तो आदेश की प्रति दें तथा खसरे में भी सुधार कर दिया है? यदि हाँ तो उसकी भी प्रति दें। (ग) कटनी विकास प्राधिकरण को शासन से स्वीकृत भूमि को कलेक्टर कटनी, एस.डी.एम., तहसीलदार द्वारा नगर निगम को बस स्टैण्ड के लिए आवंटित करने की अधिकारिता रखते हैं? यदि नहीं, तो उनके विरूद्ध कब कार्यवाही करेंगे और आवंटन आदेश को निरस्त करेंगे? (घ) कटनी विकास प्राधिकरण की भूमि नगर निगम कटनी को आवंटित करते समय प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सचिव कौन थे? उनके नाम, पद सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कटनी विकास प्राधिकरण की झिझरी आवासीय सह वाणिज्यिक योजना क्रमांक-1 हेतु न्यायालय कलेक्टर कटनी रा.प्र.क./35/अ-20 (1)/2010-11 पारित आदेश दिनांक 08/09/2011 के माध्यम से कार्यालय कटनी विकास प्राधिकरण, कटनी को ग्राम झिंझरी में स्थित भूमि खसरा नम्बर 692, 691, 699, 700, 703, 704, 705/1, 722/1क, 722/1ख, एवं 723 रकबा क्रमश- 3.29, 0.03, 2.90, 0.92, 1.29, 0.71, 43.7, 24.36, 6.28 एवं 2.52 कुल रकबा 85.60 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा स्वीकृत अभिन्यास में व्यावसायिक प्रयोजन हेतु क्षेत्रफल 39342.94 वर्ग मीटर है। अभिन्यास की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कलेक्टर द्वारा नगर पालिक निगम कटनी को 0.4 हेक्टेयर अर्थात 0.988 एकड़ भूमि बस स्टेण्ड हेतु आवंटित की गई है। आवंटन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। कटनी विकास प्राधिकरण की शासन से स्वीकृत योजना की जानकारी संज्ञान में आने के पश्चात कलेक्टर कटनी द्वारा उक्त आवंटन निरस्त कर दिया गया है, अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्राधिकरण के कलेक्टर सह अध्यक्ष श्री शशि भूषण सिंह एवं श्री बलवीर सिंह रमण एस.डी.एम. सह मुख्य कार्यपालिक अधिकारी कटनी विकास प्राधिकरण थे, प्राधिकरण में सचिव का पद नहीं है।
भानू मटर प्लान्ट द्वारा हो रहे प्रदूषण
[पर्यावरण]
57. ( क्र. 2365 ) श्री संजय यादव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बरगी अंतर्गत भानू मटर प्लान्ट शहपुरा द्वारा क्षेत्रीय स्थानों से मटर/सब्जियां आदि की खरीदी की जाकर मजदूरों के माध्यम से केमिकलों से मिलावट कर साफ-सफाई की जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को वायु प्रदूषण एवं जल प्रदूषण की परेशानी हो रही है? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र बरगी अंतर्गत भानू मटर प्लान्ट शहपुरा के द्वारा अपना उद्योग लगाने की नियमानुसार अनुमति प्राप्त की गई है? प्लान्ट के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के क्या उपाय विभाग को प्रस्तुत किये? प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ग) प्लान्ट की गंदगी के कारण क्षेत्रीय जनों को हो रही बीमारियों का इलाज क्या प्लान्ट मालिक द्वारा करवाया जावेगा? यदि नहीं, तो प्लान्ट चालू रखने का क्या औचित्य है? (घ) क्या प्लान्ट के द्वारा फैलाएं जा रहे प्रदूषण की नियमित जांच शासन/जिला प्रशासन द्वारा कराई जाती है? यदि हाँ तो जांचकर्ता अधिकारियों के नाम/पद सहित विवरण दिया जावें एवं कब-कब, किन-किन अधिकारियों के द्वारा प्लान्ट की जांच की गई संपूर्ण विवरण दिया जावें। यदि नहीं, तो स्पष्ट कारण देते हुए बतायें कि कब तक जांच की जावेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) मेसर्स भानू फार्मस लिमि., ग्राम घुन्सौर, तहसील शहपुरा, जिला जबलपुर द्वारा मटर तथा अन्य वेजीटेबल उत्पाद को क्रय कर पानी से धोकर हीटिंग एवं शीतलन तकनीक के द्वारा प्रोसेस किया जाता है। मटर/सब्जियों की साफ-सफाई में लिक्विड हाईपोक्लोराईड का उपयोग जल स्टूलाईजेशन हेतु किया जाता है। उद्योग द्वारा इस हेतु जल में क्लोरीन की मात्रा 1.5 पीपीएम पर संधारित किया जाता है। स्थानीय लोगों को वायु प्रदूषण एवं जल प्रदूषण की परेषानी परिलक्षित नहीं है। (ख) जी हाँ, मेसर्स भानू फार्मस लिमि. द्वारा बोर्ड से जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 25, 26 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 21 के अन्तर्गत सम्मति प्राप्त की गई है। उद्योग द्वारा विभाग को प्रस्तुत की गई प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्लांट के आसपास बीमारियां फैलने की जानकारी नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, बोर्ड द्वारा समय-समय पर उद्योग का निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग कार्य किया जाता है। बोर्ड द्वारा वर्ष 2020-21 के दौरान किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 2384 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत सड़कें, पुल एवं अन्य योजनाओं में स्वीकृत सड़कों के निर्माण कार्य में विद्युत पोल तथा बिजली तार हटाने की अनुमति एवं प्राक्कलन स्वीकृति प्रदान करने के कितने प्रकरण किस कारण से लंबित है? प्रकरणवार कारण बतायें। (ख) उक्त प्रकरणों के निराकरण एवं अनुमति के संबंध में विभाग के क्या-क्या दिशा निर्देश हैं, एवं किस-किस अधिकारी को क्या-क्या अधिकार है तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है, यदि हां, तो क्या? (घ) उक्त लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत सडकें, पुल एवं अन्य योजनाओं में स्वीकृत सड़कों के निर्माण कार्य में विद्युत पोल तथा बिजली के तार हटाने हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में प्राप्त समस्त 21 प्रकरणों के प्राक्कलन स्वीकृत किये जा चुके हैं। उक्त 21 प्रकरणों में से 19 प्रकरणों में संबंधित सड़क निर्माण एजेन्सियों द्वारा 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्जेज की राशि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में जमा नहीं की गई है। अत: 19 प्रकरणों में कार्यानुमति प्रदान किया जाना शेष है जिसकी प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन प्रकरणों में संबंधित विभागों के कार्यपालन यंत्री स्तर के अधिकारियों को अधिकृत कर उनके द्वारा संयुक्त निरीक्षण कर, एकल रेखाचित्र पर उभय पक्षों की सहमति लेने/देने के निर्देश हैं। निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त प्राप्त 21 प्रकरणों में प्राक्कलन स्वीकृत किये जाकर 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज की राशि हेतु संबंधित सड़क निर्माण एजेन्सियों को डिमांड नोट जारी किये जा चुके हैं, जिसमें से 2 प्रकरणों में आवेदक सड़क निर्माण एजेन्सियों द्वारा उक्त राशि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संबंधित कार्यालय में जमा करा दी गई हैं एवं 19 प्रकरणों में प्रश्न दिनांक तक 5 प्रतिशत सुपरविजन राशि जमा नहीं कराई गयी है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन सभी प्रकरणों के प्राक्कलन स्वीकृत किये जा चुके हैं, अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार नियमों के अनुरूप 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज की राशि जमा होने के उपरांत कार्यानुमति जारी की जा सकेगी, अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत पोल गड़ाने के संबंध में
[ऊर्जा]
59. ( क्र. 2385 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में 01 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक 31 जनवरी 21 तक राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्यमार्ग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों के किनारे विभाग के अधिकारियों तथा ठेकेदारों द्वारा कितनी उच्चदाब एवं निम्नदाब लाईनों का निर्माण किया गया। (ख) सड़कों के किनारे विद्युत पोल गड़ाने तथा अनुमति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? उनकी प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों में विभाग के अधिकारियों द्वारा संबंधित सड़क के अधिकारियों से सहमति ली? यदि नहीं, तो बिना सहमति के सड़क के बिल्कुल नजदीक विद्युत पोल क्यों गड़ाये? (घ) क्या यह सत्य है कि अधिकांश सड़कों पर डामर से 1 फीट दूर विद्युत पोल गड़ा दिये गये है जिससे दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है यदि हां, तो क्यों कारण बताये इसके लिए कौन जवाबदार है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रायसेन जिले में 01 अप्रैल 2019 से दिनांक 31 जनवरी, 2021 तक राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों के किनारे म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों/ठेकेदारों द्वारा स्थापित कराई गई निम्नदाब एवं उच्चदाब विद्युत लाईनों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) सड़कों के किनारे विद्युत पोल स्थापित करने तथा अनुमति के संबंध में राज्य शासन/वितरण कंपनी के निर्देशों की छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा नियमानुसार सड़कों के किनारे पोल स्थापित करने का कार्य किया गया है। वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा सड़क निर्माण से संबंधित अधिकारियों के साथ संयुक्त सर्वेक्षण एवं स्थल निरीक्षण के पश्चात् सहमति के उपरांत ही विद्युत पोल स्थापित किये गये हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी नहीं, सड़कों के किनारे निर्धारित मानक दूरी पर विभागों की आपसी सहमति से ही विद्युत पोल स्थापित किये गये हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता।
अवैध कॉलोनाईजरों के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 2438 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग लहार जिला भिण्ड ने अवैध कालोनी निर्माण करने वालों के विरूद्ध आदेश दिनांक 19.05.2020 को मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (ग) (ड.) इसी अधिनियम की धारा 187 के तहत नगरपालिका अधिकारी लहार को किन-किन व्यक्तियों के विरूद्ध 19.05.2020 को आदेश जारी कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रौन को अवैध कॉलोनाइजरों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने का आदेश दिया था? (ख) प्रश्नांश (क) किन-किन व्यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या यह भी सही है कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार जिला भिण्ड ने प्रकरण क्रमांक 70/2012-13/वी-121 एवं प्रकरण क्र. 65/2012-13/20 दिनांक 25.12.2017 एवं 23.02.2017 को आदेश पारित कर भू-भाटक प्रीमियम एवं अर्थदण्ड अधिरोपित किया था? यदि हाँ तो अभी तक अर्थदण्ड आदि वसूल न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, तहसीलदार लहार द्वारा वसूली के प्रकरण कायम कर मांग पत्र जारी किए गए हैं, वसूली की कार्यवाही प्रचलित होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शहर सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में प्राप्त आवेदन
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 2480 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2020 से शहर सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम के अंतर्गत छतरपुर शहर में कहां एवं किन-किन दिनांक को शिविरों का आयोजन किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में इन शिविरों में प्राप्त आवेदन एवं उन पर की गई कार्यवाही तथा प्रत्येक आवेदक का नाम, पता सहित जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक लंबित आवेदनों की जानकारी कारणों सहित प्रदाय करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांश "क" के अनुक्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) प्रश्नांश "ख" के अनुक्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "ग" के अनुक्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है।
ग्रिड का निर्माण
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 2554 ) श्री मनोज चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आलोट विधानसभा अंतर्गत ग्राम पंथपिपलौदा, गुर्जर बढ़िया, रणायरा, सांगाखेड़ा में आसपास के कई गांव में सिंचाई हेतु निर्बाध विद्युत व्यवस्था के लिए ग्रीड निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र के माध्यम से मांग की गई है। (ख) यदि हाँ तो बतायें कि फीडर विभक्तिकरण, सुदृढ़ीकरण एवं नवीन विद्युत ग्रिड स्थापना हेतु विभाग द्वारा उल्लेखित गांव में ग्रीड स्वीकृति के संबंध में क्या कार्रवाई की गई हैं। (ग) विभाग द्वारा नवीन ग्रिड स्थापित करने हेतु क्या नियमावली हैं लिखित में अवगत कराएं। (घ) क्या शासन/विभाग उक्त ग्रामों में आसपास के कई ग्रामों में विद्युत सुगमता हेतु ग्रेड निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा उनके पत्र क्रमांक 235 दिनांक 14.02.2019 के माध्यम से ग्राम पंथपिपलौदा, तहसील ताल जिला रतलाम में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत किये जाने का अनुरोध किया गया था। प्रश्नांश में उल्लेखित अन्य 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना से संबंधित अन्य कोई संदर्भ प्राप्त होना नहीं पाया गया। (ख) वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 के रबी सीजन में प्रणाली पर आए विद्युत भार के परिप्रेक्ष्य में ग्राम पंथपिपलौदा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने का प्रस्ताव तकनीकी परीक्षण उपरांत साध्य पाया गया है। ग्राम गुर्जर बढि़या, ग्राम-रणायरा एवं ग्राम सांगाखेड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने का प्रस्ताव भी तकनीकी परीक्षण उपरांत साध्य पाया गया है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए उपरोक्त नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेंद्रों के कार्यों की स्वीकृति दिये जाने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा। (ग) नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र की स्थापना के कार्य का चयन तकनीकी साध्यता के अनुसार किया जाता है तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार वरीयता/प्राथमिकता के क्रम में इन कार्यों को स्वीकृत कर क्रियान्वित किया जाता है। तकनीकी साध्यता के निर्धारण की प्रक्रिया में यह देखा जाता है कि संबंधित क्षेत्र में स्थित 11 के.व्ही. फीडरो का वोल्टेज रेग्यूलेशन मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2013 के अध्याय 3 के बिन्दु क्रमांक 3.3 के अनुसार, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, निर्धारित सीमा से अधिक होने पर ऐसे स्थल पर उपकेन्द्र की स्थापना की जाए ताकि 11 के.व्ही. फीडरों से निर्धारित मानकों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा सके। (घ) प्रश्नाधीन उल्लेखित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है, जिसके क्रियान्वयन के संबंध में उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार निर्णय लिया जायेगा, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पेयजल प्रदाय कार्य में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 2555 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 312 दिनांक 28/12/2020 के प्रेषित उत्तर के बिंदु (घ) में निर्माण कंपनी को जारी नोटिस के बाद निर्माण कार्य के संबंध में क्या प्रगति व कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक हुई है, लिखित में अवगत कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के बिंदु (ग) का स्पष्ट उत्तर दिलाया जाए। (ग) क्या निर्माण कंपनी द्वारा संशोधित ड्राइंग, डिजाइन के हिसाब से निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, यदि हाँ तो संशोधित ड्राइंग की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (घ) वर्तमान में नगर में कुल कितने वार्डों में उक्त योजना के तहत जल प्रदाय किया जा रहा है (घ) प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा निर्माण कंपनी को कुल राशि में से कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है, विवरण उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्न क्रमांक 312 दिनांक 28.12.2020 के प्रेषित उत्तर के बिंदु 'घ' में निर्माण कंपनी को जारी नोटिस के बाद संभागीय कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग के निर्देश अनुसार संशोधित ड्राइंग-डिजाइन का परीक्षण शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से करवा लिया गया है। जिसके आधार पर पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है। (ख) कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), उपखंड जावरा, जिला रतलाम के पत्र क्र. 5681/रीडर-1/2020 जावरा दिनांक 15.12.2020 के अनुसार दिनांक 21.10.2020 को नगरवासियों द्वारा एस.डी.एम. कार्यालय में कोई भी ज्ञापन नहीं दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में संशोधित डिजाइन के अनुमोदन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) वर्तमान में कुल 9 वार्डों में उक्त योजना से पुरानी जल वितरण नलिकाओं से जलप्रदाय किया जा रहा है। प्रश्न दिनांक तक निर्माण एजेन्सी को कुल राशि रू. 4,08,55,874/- का भुगतान किया गया है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ट्रांसफारमरों की संख्या में वृद्धि
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 2559 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफारमरों की क्षमताओं में वृद्धि कर अपग्रेड किया गया है? अपग्रेड किये गये ट्रांसफारमरों की जानकारी स्थान सहित ग्रामवार सूची प्रदान करें। (ख) वर्तमान में 01.02.2021 की स्थिति में भितरवार विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कहाँ-कहाँ ट्रांसफारमरों की क्षमता में वृद्धि कर अपग्रेड कर स्थापित किया जाना प्रस्तावित हैं? इन्हें अपग्रेड कर कब तक स्थापित कर दिया जावेगा? (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक 16, 25, 63 एवं 100 के.व्ही.ए. के कितने-कितने विद्युत वितरण ट्रांसफारमर किन-किन योजनाओं में स्वीकृत किये गये? संख्या की जानकारी सहित उपलब्ध करावें। (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत भिन्न-भिन्न योजनाओं में स्वीकृत कितने विद्युत वितरण ट्रांसफारमार प्रश्न दिनांक तक किन-किन पंचायतों में स्थापित कर दिये गए हैं? संख्यावार जानकारी वितरण केन्द्रवार उपलब्ध करवाये? अभी तक भिन्न-भिन्न योजनाओं में शेष विद्युत वितरण ट्रांसफारमार स्थापित नहीं करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? नाम बतावें। क्या दोषियों पर विद्युत कंपनी द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। ट्रांसफारमर स्थापित करने में विलम्ब के लिए ठेकेदारों के विरूद्ध कितनी पेनल्टी की कार्यवाही की गयी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 01-01-2018 से प्रश्न दिनांक तक 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता के 4 पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के पावर ट्रांसफार्मरों से अपग्रेड किया गया है, 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 13 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर 63 के.व्ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर तथा 63 के.व्ही.ए. क्षमता के 9 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि कर 100 के.व्ही.ए. वितरण ट्रांसफार्मर से अपग्रेड किया गया है, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) दिनांक 01-02-2021 की स्थिति में भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एक पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं तीन वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के प्रस्ताव एस.एस.टी.डी. योजना वर्ष 2021-22 के प्लान में प्रस्तावित किये गये हैं। उक्त कार्यों को वित्तीय उपलब्धता अनुसार किये जाने पर निर्णय लिया जायेगा। अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उक्त प्रस्तावित कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न ग्राम पंचायतों में दिनांक 01-01-2018 से प्रश्न दिनांक तक 25 के.व्ही.ए., 63 के.व्ही.ए. एवं 100 के.व्ही.ए. क्षमता के स्वीकृत एवं स्थापित ट्रांसफार्मरों का योजनावार/ग्रामवार/ग्राम पंचायतवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त अवधि में 16 के.व्ही.ए. क्षमता का कोई ट्रांसफार्मर प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्वीकृत नहीं किया गया है। (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत सभी ट्रांसफार्मरों को स्थापित किया जा चुका है जिनका वितरण केन्द्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत कुछ कार्य निर्धारित समय-सीमा के बाद पूर्ण हुए हैं। ट्रांसफार्मर स्थापना में विलंब के लिये अलग से पेनाल्टी काटे जाने का कोई प्रावधान कॉंट्रेक्ट की शर्तों में नहीं है, तथापि विलंब से पूर्ण किये जाने वाले समस्त कार्यों के लिये कॉंट्रेक्ट की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेंसी के संबंधित देयकों की सकल राशि में अधिकतम 5 प्रतिशत तक की पेनाल्टी राशि काटी जाकर ही भुगतान किये गये हैं।
लाईनमेन एवं निचले स्तर के कर्मचारियों की नियुक्ति
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 2562 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड में 1 फरवरी 2021 की स्थिति में कुल कितने नियमित लाइन मेन एवं तकनीकि कर्मचारी पदस्थ है, संख्यात्मक जानकारी देवें। इसमें 55 वर्ष के ऊपर कितने नियमित कर्मचारी हैं,पद सहित संख्या बतावें। (ख) क्या म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड में तकनीकी कार्य, आउटसोर्स के कर्मचारी से कराया जा रहा है? यदि हाँ? तो इनकी कुल संख्या क्या है? क्या कम्पनी द्वारा यह प्रवधान किया गया है कि आउटसोर्स कर्मचारी बिजली सुधार हेतु बिजली के खम्भे पर नहीं चढ सकते है यदि हाँ? तो बिजली फॉल्ट की शिकायत के समय कैसे सुधारा जाता है। स्पष्ट करें? (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड में कितने स्काडा सेन्टर संचालित है? बिजली फॉल्ट तलाशने के लिए पूर्व सिस्टम से परमिट कितने समय में मिल जाता है और अब स्काडा सेन्टर में कितना समय लगता है? सम्पूर्ण जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में दिनांक 01.02.2021 की स्थिति में कुल 3813 नियमित लाईन मेन एवं तकनीकी कर्मचारी पदस्थ है एवं उक्त में से 55 वर्ष से अधिक उम्र वाले नियमित लाईन मेन एवं तकनीकी कर्मचारियों की संख्या 2373 है। जिनकी पद सहित संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत तकनीकी कार्य नियमित एवं संविदा कर्मचारियों द्वारा कराया जाता है तथा बाह्य स्त्रोत कार्मिकों से नियमित/संविदा कर्मचारियों के निर्देशन में बंद विद्युत लाईन तथा सेफ जोन में सुधार कार्य कराया जाता है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत तकनीकी कार्य में संलग्न कुल बाह्य स्त्रोत कार्मिकों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। बाह्य स्त्रोत कार्मिक बिजली सुधार हेतु विद्युत पोल पर नियमित/संविदा लाईन स्टॉफ के निर्देशन में सेफ जो़न में कार्य कर सकते है। बिजली फाल्ट की शिकायत एवं बिजली सुधार कार्य हेतु नियमित लाईन कर्मचारी अधिकृत है। उक्त कार्य में बाह्य स्त्रोत कार्मिक उनके सहायक का कार्य करते है। (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत ग्वालियर क्षेत्र हेतु एक एवं भोपाल क्षेत्र हेतु एक, इस प्रकार कुल 02 स्काडा सेटर संचालित है। स्काडा प्रणाली के संचालित होने के पूर्व एवं पश्चात परमिट लेने में पूर्वानुसार 05 मिनिट का ही समय लगता है क्योंकि परमिट लिए जाने की प्रक्रिया को केवल केन्द्रीकृत किया गया है, परमिट लेने की प्रक्रिया पूर्वानुसार ही है। स्काडा प्रणाली से पूर्व, फॉल्ट सुधार कार्य में औसतन 1:42 घंटे का समय लगता था, स्काडा प्रणाली स्थापित होने के पश्चात फाल्ट सुधार कार्य की समय अवधि औसतन 50 मिनिट ही रह गयी है।
विभिन्न मदों से स्वीकृत विद्युतीकरण कार्य
[ऊर्जा]
66. ( क्र. 2569 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. द्वारा विद्युतीकरण संबंधी कार्य स्वीकृत किए जाकर कार्य करवाए जा रहे है? यदि हाँ तो कार्य किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किए गए? वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक मदवार कार्य के नाम सहित स्वीकृत राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्य क्या पूर्ण कर लिए गए है? पूर्ण/अपूर्ण कार्यों की जानकारी कार्यों के नाम एवं संबंधित स्थल के नाम सहित प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध करावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, बैतूल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विभिन्न योजनान्तर्गत विद्युतीकरण संबंधी कार्य स्वीकृत किए जाकर कार्य करवाए गये हैं/करवाए जा रहे हैं। योजनावार (मदवार) स्वीकृत उक्त कार्यों की स्वीकृत राशि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त योजनावार स्वीकृत पूर्ण/अपूर्ण कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी कार्यवार एवं राशिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'ब' एवं 'स'अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत कार्यों में से पूर्ण/अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। पूर्ण कार्यों की कार्यवार स्थल के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं अपूर्ण कार्यों की कार्यवार स्थल के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
आरक्षक के पद पर नियुक्ति
[गृह]
67. ( क्र. 2650 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है, दिनांक 03.09.2002 को पुलिस अधीक्षक नीमच के आदेश 665-बी/2002 द्वारा आरक्षक के पद पर नियुक्तियाँ की गई थी, यदि हां, तो चयनित उम्मीदवारों द्वारा भर्ती नियम के तहत क्या-क्या औपचारिकताएं पूर्ण की गई? (ख) चयनित उम्मीदवारों में कितने आरक्षकों ने सेवाएं ग्रहण करने के बाद नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था, स्वीकृत त्याग पत्रों की प्रति देवें। (ग) पुलिस अधीक्षक नीमच के आदेश दिनांक 03.09.2002 से नियुक्त कौन-कौन से आरक्षक पुलिस मुख्यालय के आदेश क्रमांक 177 दिनांक 27.07.2013 को सूबेदार के पद पर नियुक्त हुए हैं, यदि हां, तो कितने सूबेदार के पद पर चयनित उम्मीदवारों द्वारा नीमच में आरक्षक पद पर कार्यरत होने के सबंध में सूबेदार पद के नियुक्ति के समय आवेदन में विवरण प्रस्तुत किया था? (घ) वर्तमान में उज्जैन संभाग में पदस्थ कितने आरक्षक अपने पद से त्यागपत्र देकर सूबेदार के पद पर नियुक्त हुए हैं, स्वीकृत त्याग पत्र की प्रति उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। आदेश क्रमांक 665-बी/2002, दिनांक 03.09.2002 के माध्यम से कु. उर्मिला चौहान को आरक्षक जी.डी. के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई थी। चयनित उम्मीदवार द्वारा तत्समय भर्ती नियम के तहत जो भी औपचारिकताएं पूर्ण की गई थी उसकी नस्ती वर्ष 2007 में नष्टीकरण की जा चुकी है। अत: इस संबंध में जानकारी दी जाना संभव नहीं हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार 01 आरक्षक के नियुक्ति आदेश जारी किये गये थे आरक्षक द्वारा सेवाएं ग्रहण करने के बाद त्यागपत्र दिये जाने के बाद वर्ष 2007 में रिकार्ड नष्टीकरण किये जाने से त्याग पत्र स्वीकृत संबंधी प्रति उपलब्ध कराई जाना संभव नहीं है। (ग) पुलिस अधीक्षक नीमच के आदेश दिनांक 03.09.2002 से नियुक्त उर्मिला चौहान जो पूर्व में ही विभाग में त्याग पत्र दे चुकी है, पुलिस मुख्यालय के आदेश क्रमांक 177 दिनांक 27.07.2013 को सूबेदार के पद पर नियुक्त हुई है। सूबेदार उर्मिला चौहान द्वारा नीमच में आरक्षक पद पर कार्यरत होने के संबंध में सूबेदार पद के नियुक्ति के समय आवेदन में विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया हैं। (घ) जानकारी सलंग्न परिशिष्ट अनुसार।
पुलिस बल से त्याग पत्र देना
[गृह]
68. ( क्र. 2651 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस मुख्यालय ने आदेश क्रमांक 177 दिनांक 27/07/2013 से उप निरीक्षक एवं सूबेदार के पद पर नियुक्ति पत्र जारी किए थे यदि हाँ तो नियुक्ति किए गए अधिकारियों में से कितने अधिकारी पूर्व से मध्यप्रदेश पुलिस बल में कार्यरत थे। (ख) आदेश क्रमांक 177 दिनांक 27/07/2013 के अनुसार नियुक्ति अधिकारियों में से कितने आरक्षक विभागीय अनुमति लेकर एवं कितने त्याग पत्र देकर परीक्षा में शामिल हुए थे नाम बताएं। (ग) पुलिस बल से त्याग पत्र देकर उप निरीक्षक एवं सूबेदार के पद हेतु परीक्षा में बैठने वाले आरक्षकों के त्याग पत्र कब स्वीकृत किए गए थे स्वीकृत त्याग पत्रों के प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) आदेश क्रमांक 177 दिनांक 27/07/2013 के अनुसार नियुक्ति कितने आरक्षक बिना त्याग पत्र स्वीकृत कराए परीक्षा में बैठकर सूबेदार के पद पर चयनित हुए और कार्यरत है नाम बताएं।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पुलिस मुख्यालय द्वारा आदेश क्रमांक-177 दिनांक 27.07.2013 से उप निरीक्षक एवं सूबेदार के पद पर नियुक्ति पत्र जारी किए गये थे। उक्त नियुक्ति पत्र के माध्यम से नियुक्त हुये अधिकारियों में से 15 पूर्व से मध्यप्रदेश पुलिस बल में कार्यरत थे एवं 01 उर्मिला चौहान द्वारा वर्ष 2002 में विभाग में नियुक्ति उपरांत त्याग पत्र दिया गया था। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) पुलिस बल से त्याग पत्र देकर उप निरीक्षक एवं सूबेदार के पद हेतु परीक्षा में उर्मिला चौहान शामिल हुई थी। उर्मिला चौहान द्वारा जिला नीमच में वर्ष 2002 में महिला आरक्षक के पद पर नियुक्ति होने के उपरांत ही विभाग से त्याग पत्र दे दिया गया था। त्याग पत्र दिये जाने के बाद वर्ष 2007 में रिकार्ड नष्टीकरण किये जाने से त्याग पत्र स्वीकृत संबंधी प्रति उपलब्ध कराई जाना संभव नहीं है। (घ) आदेश क्रमांक-177 दिनांक 27.07.2013 के द्वारा उर्मिला चौहान चयनित होकर विभाग में कार्यरत है, जिनके द्वारा जिला नीमच में वर्ष 2002 में महिला आरक्षक के पद पर नियुक्ति होने के उपरांत ही विभाग से त्याग पत्र दे दिया गया था। त्याग पत्र दिये जाने के बाद वर्ष 2007 में रिकार्ड नष्टीकरण किये जाने से त्याग पत्र स्वीकृत संबंधी जानकारी दी जाना संभव नहीं हैं।
नगर निगम द्वारा एक तरफा कार्यवाही किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 2695 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल नगर निगम सीमा के वार्ड क्र. 53, बागसेवनिया, नन्दी मेडिकल स्टोर के पास, म.नं. 780 के सामने बने चबूतरे को नगर निगम कर्मचारियों द्वारा तोड़ा गया है, यदि हाँ तो वहीं पर और बने हुए अवैध चबूतरों को क्यों नहीं तोड़ा गया? उपरोक्त कार्यवाही किसकी शिकायत पर की गई है, नाम पता सहित जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपरोक्त कार्यवाही पूरे वार्ड में से केवल एक मकान के सामने बने हुये चबूतरे के लिये ही की गई है? यदि हाँ तो विभाग द्वारा इस प्रकार की कार्यवाही करने से पहले उपरोक्त मकान मालिक को सूचित किया गया था? यदि नहीं, तो बिना सूचना दिये एवं मकान के सदस्यों की अनुपस्थिति में एक तरफा कार्यवाही क्यों की गई? (ग) क्या उपरोक्त मकान के सदस्यों को बिना सूचना दिये ही प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यवाही करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। एकमात्र चबूतरे की शिकायत की गयी थी। प्रश्नाधीन स्थल पर बना हुआ चबूतरा आवागमन में बाधक होने से चबूतरे को तोड़ने की कार्यवाही निगम के अतिक्रमण अमले द्वारा की गयी थी। उपरोक्त कार्यवाही श्री विजय कुमार निवासी वार्ड क्रमांक-52 बाग सेवनिया भोपाल द्वारा सी.एम. हेल्पलाइन में शिकायत क्रमांक 13177882 दिनांक 25-01-2021 के आधार पर की गई थी। (ख) जी हाँ। प्राप्त एकमात्र चबूतरे की शिकायत के आधार पर कार्यवाही की गई थी। अतिक्रमण शाखा द्वारा की गयी कार्यवाही के पूर्व अतिक्रमणकर्ता (मकान मालिक) द्वारा किये गये अतिक्रमण स्वयं हटाने हेतु मौके पर समझाईश दी गयी थी एवं उद्घोषणा के माध्यम से सूचित किया गया था उनके द्वारा स्वयं अतिक्रमण न हटाये जाने के कारण प्रश्नाधीन स्थल पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 322 में किये गये प्रावधानों अनुसार ही स्थल पर स्थित अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही की गई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पदों के सृजन
[गृह]
70. ( क्र. 2697 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सभी ट्रेडों का एकीकरण किए जाने का आदेश शासन द्वारा किया गया था यदि हाँ तो पृथक-पृथक प्रशिक्षण कराए जाने का क्या कारण है? यदि उक्त ट्रेड विद्यमान नहीं थे तो माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में तकनीशियन तथा आपरेटर संवर्ग के पद वितरण के संबंध में दायर याचिका वर्ष 2015 से लम्बित होने के उपरांत भी शासन को गुमराह कर संविलियन क्यों कराया गया, इस प्रकार प्रशिक्षण एवं संविलियन कराने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो क्या एवं कब तक? (ख) क्या शासन द्वारा पुलिस बल आधुनिकीकरण योजनान्तर्गत नवीन पद सृजित कर विभिन्न चरणों में आवंटित किये गये थे, जिसमें पुलिस दूरसंचार संगठन को भी वर्षवार 2010-2016 तक चरणबद्ध, अनुमानित 500 पद आवंटित किये गये जिन्हें पुलिस दूरसंचार संगठन मध्यप्रदेश द्वारा सभी संवर्ग तक./ऑप./साय./ट्रेड/एमटी/जीडी में पदवार विभाजित करने का आदेश किया जाना था? यदि हाँ तो संवर्ग विशेष तकनीशियन ट्रेड को बिना आदेश के क्यों प्रदान कर दिए गए? बिना शासकीय अनुमति के उक्त आदेश निरस्त करते हुये आदेश करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी तो कब तक? (ग) वर्ष 2010 से 2018 तक शासन द्वारा प्राप्त नवीन पदों को पुलिस दूरसंचार संगठन मध्यप्रदेश में सहायक उप निरीक्षक से निरीक्षक रेडियो के पद तकनीशियन संवर्ग को ही दिये गये क्या शासन का कोई एक संवर्ग को दिए जाने का शासकीय आदेश पारित किया गया था? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराए। यदि नहीं, तो बिना शासकीय आदेश के किस अधिकारी द्वारा उक्त पद एक ही संवर्ग को आवंटित कर दिए गए जबकि अन्य संवर्ग के सायफर व ऑपरेटर शामिल है उन्हें क्यों आवंटित नहीं किया गया? कारण बतायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश पुलिस में पुलिस दूरसंचार शाखा के बल की वर्तमान परिदृश्य में उच्चतम उपयोगिता सुनिश्चित किये जाने हेतु सभी ट्रेडों के ऐकीकरण का आदेश किया गया है। पुलिस दूरसंचार शाखा विशुद्ध रूप से तकनीकी शाखा है, जिसका वर्तमान तकनीकी युग में नवीनतम तकनीक के रूप में अद्यतन होना आवश्यक है। इसी तारतम्य में शाखा के बल को उनकी उपयोगिता अनुरूप वर्तमान तकनीक से अद्यतन किये जाने हेतु सतत् प्रशिक्षित किया जाता है, जो विभाग की आवश्यकता के अनुरूप सतत चलने वाली आंतरिक प्रक्रिया है। पुलिस दूरसंचार शाखा के विभिन्न ट्रेडो के एकीकरण की प्रक्रिया दायर याचिका 2015 के पूर्व से निरंतर प्रक्रियाधीन थी, जिसे रोके जाने के आदेश माननीय न्यायालय द्वारा नहीं किये गये थे, ऐसी स्थिति में निरंतर प्रक्रिया के तहत शासन द्वारा दूरसंचार के क्षेत्र में आयी नवीन तकनीकी क्रांति के कारण अनुपयोगी हो रहे बल की रोजगार सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने हेतु ट्रेडो के ऐकीकरण के सक्षम आदेश दिये गये। (ख) पुलिस बल आधुनिकरण के अंतर्गत किसी भी प्रकार के पद सृजित/निर्मित नहीं हुये हैं। (ग) वर्ष 2010 से 2018 तक शासन द्वारा स्वीकृत पदों को किसी संवर्ग विशेष को आवंटित किये जाने के आदेश शासन द्वारा नहीं किये गये थे। आवंटित पदों का विभाग की आवश्यकता के अनुरूप वितरण किया गया।
सड़क के किनारों पर अवैध दुकानों का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 2700 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम अंतर्गत भानपुर चौराहे पर ब्रिज के नीचे एवं चौराहे के आस-पास शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर मुर्गे, मछली एवं अन्य अवैध दुकानें संचालित की जा रही है? यदि हाँ तो उक्त अवैध दुकानों के संचालन की अनुमति किस अधिकारी द्वारा कब और कितने समय के लिये दी गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत अवैध दुकानों का संचालन शासन की अनुमति की प्रक्रिया पूरी किये बिना ही अधिकारियों/कर्मचारियों की मिली से भगत किया जा रहा है तो अवैध दुकानों के संचालन के लिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अतिक्रमण युक्त स्थल के पास दिगम्बर जैन मंदिर, देवी मां का मंदिर एवं अन्य धार्मिक स्थल होते हुए भी उनके पास इस प्रकार की दुकानें का संचालन क्यों कराया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो क्या ऐसे पवित्र स्थलों के आस-पास से इस प्रकार की संचालित दुकानों को हटाकर अतिक्रमण मुक्त करा दिया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, नगर निगम भोपाल द्वारा भानपुर चौराहे पर ब्रिज के नीचे एवं आस-पास स्थित किसी भी मांस की दुकानों को मांस विक्रय लाइसेंस नहीं दिया गया है। (ख) जी नहीं, अधिकारियों-कर्मचारियों की मिली भगत नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) जी हाँ। शासकीय भूमि पर स्थित अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं निगम प्रशासन द्वारा आपसी समन्वय एवं सहयोग से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आयुष चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
72. ( क्र. 2723 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के आयुष औषधालयों में चिकित्सकों के न होने के कारण आमजनता को इलाज नहीं मिल रहा हैं? (ख) क्या आयुष चिकित्सकों को आयुष संचालनालय एवं संभागीय कार्यालयों में पदस्थ किया गया है? यदि हाँ तो इन कार्यालयों में कुल कितने चिकित्सक पदस्थ है? (ग) क्या कार्यालयों में पदस्थ चिकित्सकों को औषधालयों में पदस्थ किया जावेंगा? (घ) क्या चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति की जावेंगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। 14 आयुष चिकित्सक पदस्थ हैं। (ग) कार्य व्यवस्था की दृष्टि से जी नहीं। (घ) पदपूर्ति एक सतत् प्रकिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर निगम जबलपुर की 11 करोड़ 48 लाख की राशि खुर्द-बुर्द करने
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 2724 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक निगम द्वारा विभिन्न नामो से 11 करोड़ 48 लाख अग्रिम बांटे गए हैं? (ख) क्या अपर आयुक्त (वित्त) द्वारा पत्र क्र. 2020/352 दिनांक 31.12.2020 जारी कर विभागीय प्रमुख को राशि का समायोजन करने एवं कर्मचारियों से दांडिक ब्याज सहित वेतन से कटौती करने हेतु लिखा गया है? (ग) क्या सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों से अग्रिम राशि की वसूली की जावेंगी? यदि हाँ तो क्या पेंशन से की जावेंगी? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या बांटी गई राशि के उपयोग-दुरूपयोग की जांच की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में समायोजन कराया जा रहा है। यदि किसी विशेष परिस्थिति में कोई राशि असमायोजित रह जाती है तो म.प्र. सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 में दिये गये प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) राशि अति आवश्यक होने पर विभागीय कार्यों के लिये ली जाती है। किसी भी तरह का दुरूपयोग नहीं किया गया है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा संचालित औषधालय
[आयुष]
74. ( क्र. 2730 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कितने आयुर्वेदिक तथा होम्योपेथी औषधालय संचालित हैं? ग्रामों के नाम सहित जानकारी दें। उक्त औषधालयों में कुल स्वीकृत स्टॉफ तथा कार्यरत स्टॉफ की जानकारी दें? (ख) जिले में भवन विहीन औषधालयों की जानकारी दें? भवन निर्माण हेतु विभाग की क्या योजना हैं? (ग) कोविड-19 महामारी के दैरान विभाग द्वारा जिले में की गई गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दें।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ''अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब''अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ''अनुसार। बजट उपलब्धता अनुसार निर्माण कार्य किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स''अनुसार।
सोलर पंपों की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
75. ( क्र. 2731 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने सोलर पंप उपयोग किए जा रहे हैं? जिले अनुसार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराएं। क्या सोलर पंप के हो रहे उपयोग से विभाग संतुष्ट हैं? यदि नहीं, तो सोलर पंपों के उपयोग को बढ़ावा देने शासन क्या उपाय करने जा रही हैं? सोलर पंपों में दी जाने वाली सबसिडी की जानकारी दें। (ख) क्या विभाग में विशेषत: कृषि के क्षेत्र में सोलर पंपों का उपयोग व्यापक स्तर पर क्यों नहीं किया जा रहा हैं? इसका अध्ययन किया हैं। (ग) क्या विभाग प्रदेश में संचालित शासकीय तथा अशासकीय औद्योगिक तकनीकि संस्थानों (ITI) में सोलर उपकरणों के मरम्मत संबंधी कोर्स प्रारंभ करने के संबंध में तकनीकि शिक्षा विभाग से बातचीत करेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) प्रदेश में कुल 23,766 सोलर पंप उपयोग किये जा रहे है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सोलर पंप के उपयोग से विभाग संतुष्ट है। सोलर पंप में दी जा रही सब्सिडी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में सोलर पंपों का व्यापक उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के पोर्टल (www.cmsolarpump.mp.gov.in) के माध्यम से पंजीकरण कराया जा रहा है। (ग) राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान, भारत सरकार से स्वीकृति के आधार पर प्रदेश के पॉलीटेक्निक तथा आई.टी.आई. संस्थानों से उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को सौर ऊर्जा, तकनीकी एवं सुधार कार्य से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है।
अनुच्छेद 226 के अंतर्गत माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का संकलन
[विधि और विधायी कार्य]
76. ( क्र. 2734 ) श्री महेश परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के सभी विभागों में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के अंतर्गत जारी किए गए परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण, अधिकार पृच्छा को लेकर जारी किए गए आदेश निर्देशों का संकलन किया गया है? (ख) क्या विधि विधाई कार्य विभाग द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार उचित कार्रवाई के लिए विभागीय आदेश निर्देश की प्रतियां जारी की जाती है? (ग) शासन के सभी विभागों को विधि और विधाई कार्य हेतु उचित प्रशिक्षण उचित दिशा निर्देश और उचित प्रकाशनों के माध्यम से समुचित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कौन-कौन सी गतिविधियां कौन-कौन से कार्यक्रम कौन-कौन सी कार्यशाला है? (घ) क्या राज्य शासन के सभी विभागों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए आदेशों निर्देशों के परिपालन में समुचित कार्रवाई करने के उपरांत विधि विधाई कार्य विभाग को सूचित किया जाता है यदि हाँ तो प्राप्त संसूचित जानकारी कौन सी शाखा में एकत्रित होती है और उचित कार्रवाई विभागों द्वारा प्राप्त न होने पर विधि विधाई कार्य विभाग द्वारा क्या क्या प्रक्रिया है और क्या कार्रवाई की जाती है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गरीब व निराश्रित परिवारों को आवास दिये जाने की कार्ययोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 2736 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में राजस्व विभाग द्वारा भूखंड अभियान के अंतर्गत भूमिहीन व्यक्तियों को आवास देने के लिए चिन्हित किया गया है? यदि हाँ तो कब-कब, कितने लोगों को चिन्हित किया गया है? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) भूखंड अधिकार अभियान के अंतर्गत नगर निगम उज्जैन में कितने व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है? जिन्हें आवास योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया गया है। वर्तमान में जिन व्यक्तियों को लाभान्वित करना है उनकी नाम पते की सूची वर्षवार देवें। (ग) क्या शहरी विकास के परियोजना अधिकारी द्वारा आवासीय पट्टे और आवास योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों को आवास विहीन परिवारों को आवास दिलाने के लिए क्या क्या प्रयास किए गए? (घ) क्या 17 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक आवास उपलब्ध कराने के लिए और भूमिहीन आवास इन परिवारों को पट्टे बांटने के लिए नगरी विकास नगर निगम ने क्या कार्रवाई की है और राजस्व विभाग में 17 जनवरी 2018 को जारी पत्र अनुसार क्या-क्या कार्यवाही शासन के नियमानुसार की गयी है? प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। (ङ) उज्जैन जिले में तहसील और जनपद राजस्व विभाग द्वारा भूखंड अधिकार अभियान के अंतर्गत चरणबद्ध रूप से कौन-कौन से कार्यक्रम चलाए हैं? भूखंड अधिकार अभियान के अंतर्गत दिशा-निर्देश उपलब्ध कराते हुए चरणबद्ध की गई गतिविधियों का ब्यौरा पटल पर रखे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व क्षेत्रों में राजस्व विभाग द्वारा भूखण्ड अभियान के अंतर्गत भूमिहीन व्यक्तियों को आवास देने के लिए ग्रामों की आबादी में स्थित कुल 44287 व्यक्तियों का चिन्हांकन किया जाकर भूखण्ड धारकों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये है। तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है, हितग्राहियों की सूची संकलित की जा रही है। (ख) भूखण्ड अभियान केवल ग्रामीण क्षेत्र में लागू होने से नगर निगम उज्जैन में व्यक्तियों का चिन्हांकन नहीं किया गया हैं। जानकारी निरंक है। (ग) शहरी विकास के परियोजना अधिकारी द्वारा जिला अंतर्गत 1183 पात्र हितग्राहियों को चयनित कर कुल 865 पट्टों का वितरण कराया गया है। शेष 318 पट्टों का वितरण की कार्यवाही प्रचलित है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत जिला उज्जैन में कुल 17464 हितग्राहियों का चयन किया जाकर 14977 हितग्राहियों को लाभांवित किया जा चुका है शेष कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"स" अनुसार है। (घ) 17 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक आवास उपलब्ध कराने के लिए और भूमिहीन, आवासहीन परिवारों को पट्टे बांटने के लिए नगर निगम उज्जैन द्वारा 71 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उज्जैन द्वारा 71 चिन्हित व्यक्तियों में से 36 व्यक्तियों को पात्र पाये गये है, जिसे पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1984 के तहत निर्धारित मापदण्डों के अनुसार परीक्षण हेतु पुनः सूची अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उज्जैन को प्रेषित की गई है। कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख जिला उज्जैन के पत्र कमांक 215 दिनांक 17 जनवरी 2018 अनुसार आवास उपलब्ध कराने के लिए और भूमिहीन, आवासहीन परिवारों को पट्टे बांटने के लिए जिला अंतर्गत तहसीलों में राजस्व विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में निम्न कार्यवाही की गयी। (1) सर्वेक्षण दल का गठन कर भूमिहीन कर परिवारों का सर्वेक्षण करवाया गया। (2) आवेदनों का नियमानुसार जांच उपरांत प्रारंभिक सर्वेक्षण सूची का प्रकाशन करवाया गया। (3) अतिम सर्वेक्षण सूची का प्रकाशन करवाया गया। (ङ) उज्जैन जिले में तहसील और जनपद राजस्व विभाग द्वारा भूखण्ड अभियान अंतर्गत चरणबद्ध रूप से दिनांक 26 जनवरी से 14 अप्रैल 2018 तक निम्न कार्यक्रम चलाये गये। (1) क्षेत्रिय पटवारियों के द्वारा पात्र आवेदकों का चिन्हांकन कराया गया। (2) प्राप्त आवेदनों का नियमानुसार जांच कार्य पूर्ण कराया गया। (3) आवेदनों का निराकरण कराया गया। (4) पात्र आवेदकों को अभियान अंतर्गत भूखण्ड प्रमाण पत्र प्रदाय किये गये।
PMT परीक्षा में किये गये फर्जीवाड़े की जांच
[गृह]
78. ( क्र. 2746 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 195 दिनांक 18 फरवरी 2019 में नस्तीबद्ध की गई 510 शिकायतों में से 197 को STF ने जांच में किस आधार पर शामिल किया, इस परिवर्तन से संबधित समस्त नोटशीट तथा पत्र व्यवहार की प्रति देवें। (ख) 197 शिकायत में से कितनी शिकायतों में PMT परीक्षा तथा कितनी शिकायतों में भर्ती परीक्षाओं में घोटाले का जिक्र है। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 960 दिनांक 17 दिसम्बर 2019 में नस्तीबद्ध शिकायतों की संख्या में प्रश्नांश ''क'' के उत्तर अनुसार हुये परिवर्तन का कारण बतावें. क्या पूर्व में दिया गया उत्तर असत्य था? (घ) क्या CBI ने 2004 से 2011 तक रोल नम्बर सेटिंग से PMT परीक्षा में किये गये फर्जीवाड़े की जांच कर रही है, यदि नहीं, तो क्या इस प्रकार के फर्जीवाड़ा होने का STF के संज्ञान में नहीं है यदि है, तो क्या STF अब उसकी जांच करेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एसटीएफ द्वारा 510 शिकायतों में से 313 शिकायतें नस्तीबद्ध उपरांत शेष 197 शिकायतों की जांच प्रचलन में है। (ख) शिकायतकर्ताओं द्वारा एक ही शिकायत पत्र में विभिन्न परीक्षाओं का उल्लेख करने से परीक्षाओं का विभक्तिकरण किया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नानुसार शिकायत की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। जी नहीं। (घ) एसटीएफ से संबंधित नहीं है। म.प्र. शासन के पत्र क्र. 1277/CMS/PRS/2019 भोपाल दिनांक 01.08.2019 के परिपालन में मात्र इम्पेरिकल रूल के आधार पर तथा किसी अन्य संपुष्टिकारक साक्ष्य के अभाव में पीएमटी परीक्षा 2008-2011 के अभ्यर्थियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किए गए हैं। भविष्य में भी शासन के उक्त पत्र के तारतम्य में कार्यवाही की जावेगी।
एम.डी. अक्षम अनुभवहीन होने से शासन को सैकड़ों करोड़ की हानि
[ऊर्जा]
79. ( क्र. 2747 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पावर जनरेटिंग कम्पनी में वर्तमान एम.डी. के चयन हेतु उम्र सीमा 62 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष कर दी गई, क्या वर्तमान अक्षम अनुभवहीन तथा गैर तकनीकी के कारण सिंगाजी ताप विद्युत गृह की लगभग 05 हजार करोड़ की नवनिर्मित इकाई क्र 3-4 जिसके टरबाईन का रोटर बेन्ड एवं ब्लेड़ जिसे लगभग कम से कम 3-4 लाख घण्टे तक निरन्तर चलना था वह मात्र 03 घण्टे में टुट गई? (ख) क्या सिंगाजी ताप की अक्षम एम.डी. के कारण प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ईकाई 09 माह बन्द रहेगी एवं 500 मेगावाट विद्युत उत्पादन का नुकसान होगा एवं सैकड़ों करोड़ रू. की हानि मरक्त में होगी? (ग) क्या जल विद्युत गृह कि सिरमोर के 2x105 मैगावाट, बर्गी 2x45 मैगावाट एवं तोतलाडोह 1x80 मैगावाट की ईकाई टुट-फुट के कारण कही माह बन्द रही? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) तथा (ग) की घटनाएं कम्पनी के गठन से आज तक नहीं हुई क्या इसके लिये जिम्मेदार अक्षम अनुभवहीन गैर तकनिकी वर्तमान एम.डी. को बर्खास्त किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। वर्तमान प्रबंध निदेशक, इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री धारक एवं इनर्जी आडिटर है। इन्हें लगभग 32 वर्ष का पूर्ववर्ती म.प्र. विद्युत मंडल/म.प्र. राज्य विद्युत मंडल एवं म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों का कार्यानुभव भी है। श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह की इकाई क्रमांक-3 एवं 4 द्वारा क्रमश: दिनांक 18 नवम्बर 2018 एवं दिनांक 28 मार्च 2019 से वाणिज्यिक विद्युत उत्पादन करना प्रारंभ किया गया। तत्पश्चात् प्रदेश में विद्युत की मांग के अनुरूप इन इकाईयों द्वारा आवश्यकतानुसार विद्युत उत्पादन किया गया। इकाई क्रमांक-3 में परफार्मेंस गारंटी टेस्ट की तैयारी के दौरान दिनांक 5 अगस्त 2020 को टरबाइन में उच्च कंपन होने के कारण इकाई को निरीक्षण हेतु बंद किया गया। मूल निर्माता मेसर्स एल.एम.टी.जी. की सलाह पर इकाई की एच.पी. टरबाइन को खोलने पर उसकी ब्लेड्स क्षतिग्रस्त पायी गई। इकाई द्वारा दिनांक 18 नवम्बर, 2018 से दिनांक 5 अगस्त 2020 तक आवश्यकता अनुसार विद्युत उत्पादन किया गया है। मूल निर्माता कंपनी की सलाह अनुसार इकाई क्रमांक-4 को संभावित हानि से बचाने हेतु दिनांक 22 सितम्बर 2020 को निरीक्षण हेतु बंद किया गया। इस इकाई द्वारा भी दिनांक 28 मार्च 2019 से दिनांक 22 सितम्बर 2020 तक आवश्यकता अनुसार विद्युत उत्पादन किया गया है। अत: सिर्फ 3 घंटे में ब्लेड टूटने का कथन सत्य नहीं है। (ख) सुधार कार्य पश्चात् इकाई क्रमांक-3 से अप्रैल 2021 में एवं इकाई क्रमांक-4 से मार्च 2021 में विद्युत उत्पादन संभावित है। इकाईयों में खराबी के रूट कॉज एनालिसिस की अंतरिम रिपोर्ट एवं म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा गठित समिति के प्रतिवेदन के आधार पर यह पाया गया है कि रेजिन के खराब परफारमेंस एवं कुछ उप संयंत्रों एवं उपकरणों के अभाव के कारण 'वाटर केमिस्ट्री' निर्धारित मापदण्ड के अनुसार मेंटेन नहीं हो सकी। साथ ही इकाईयों के दीर्घावधि के रिजर्व शटडाउन की अवधि में 'टरबाइन प्रिजर्वेशन सिस्टम' की अनुपलब्धता रही, जिसके कारण टरबाइन की ब्लेड्स में साल्ट जमा हुआ एवं ब्लेड्स क्षतिग्रस्त हुई। इन तकनीकी कारणों से इकाईयों से उत्पादन प्रभावित हुआ है। अत: किसी की व्यक्तिगत अक्षमता से इकाईयाँ बन्द नहीं हुई है। कंपनी के आदेश दिनांक 03.02.2021 के द्वारा इकाईयों के क्षतिग्रस्त होने के लिए यदि कोई कार्मिक जिम्मेदार हो तो, उनको चिन्हांकित करने हेतु जांच समिति का गठन किया गया है। दोनों इकाईयों का सुधार कार्य ई.पी.सी. कान्ट्रेक्टर मेसर्स एल.एंड.टी के द्वारा स्वयं के व्यय पर किया जा रहा है। अत: इकाईयों की मरम्मत पर पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा कोई भी राशि खर्च नहीं की जा रही है। (ग) टोंस जल विद्युत गृह सिरमौर की इकाई क्रमांक एक (105 मेगावाट) दिनांक 21.07.2020 से दिनांक 18.09.2020 तक (59 दिन) स्टटेर अर्थ फाल्ट के कारण बंद रही एवं इकाई क्रमांक तीन (105 मेगावाट) दिनांक 17.06.2020 से स्टेटर अर्थ फाल्ट होने की वजह से बंद है, जिसको जून 2021 तक क्रियाशील होने की संभावना है। रानी अवंती बाई जल विद्युत गृह बरगी की 45 मेगावाट क्षमता की इकाई क्रमांक-1 दिनांक 21.09.2020 को स्टेटर अर्थ फाल्ट के कारण बंद हो गयी थी जिसे मेसर्स बी.एच.ई.एल. की सहायता से दिनांक 16.10.2020 को क्रियाशील किया गया। तथापि इकाई दिनांक 06.01.2021 को पुन: स्टेटर अर्थ फाल्ट से बंद हो गयी, जिसे दिनांक 03.02.21 को (28 दिन में) प्रारंभ कर लिया गया। वर्तमान में दोनों इकाईयॉं विद्युत उत्पादन हेतु उपलब्ध है। तोतलाडोल पेंच जल विद्युत की 80 मेगावाट क्षमता की इकाई क्रमांक 1 दिनांक 22 दिसम्बर 2020 से स्टेटर अर्थ फाल्ट के कारण बंद है तथा आवश्यक सुधार की कार्यवाही की जा रही है। उपरोक्त जल विद्युत इकाईयां 30 से 35 वर्ष पुरानी है। इन इकाईयों में आर.एल.ए. अध्ययन पश्चात नवीनीकरण/आधुनिकीरण कार्य किये जाना है। (घ) जल एवं ताप विद्युत इकाईयों के संचालन में विभिन्न तकनीकी समस्याओं के कारण इकाईयाँ बंद होती हैं जिन्हें आवश्यक सुधार के पश्चात पुन: क्रियाशील कर लिया जाता है, जो एक सतत प्रक्रिया है। अत: इन इकाईयों के बंद होने की घटना, कंपनी गठन से आज तक नहीं हुई, यह कथन उचित नहीं है शेष प्रश्न नहीं उठता।
संविदा आधार पर नियुक्त परीक्षण सहायकों को नियमित किया जाना
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 2756 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं.लि. द्वारा वर्ष 2013 में संविदा आधार पर परीक्षण सहायकों की नियुक्ति की गई थी? यदि हाँ तो कितने पद विज्ञापित किये गये थे एवं कितने पदों पर नियुक्ति की गई? (ख) क्या परीक्षण सहायकों की नियुक्ति के समय नियमित पद विज्ञापित किये गये थे, इसके बाद भी भर्ती नियमों का पालन न करते हुये संविदा आधार पर नियुक्त किये गये परीक्षण सहायकों को लगभग 8 वर्ष होने के उपरांत भी नियमित नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में हाँ तो उक्त परीक्षण सहायकों को नियमित किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनाक 18.01.2021 को पत्र क्रमांक 5243 के माध्यम से मुख्यमंत्री म.प्र. शासन एवं ऊर्जा मंत्री म.प्र. शासन से अनुरोध किया था? यदि हाँ तो पत्र के क्रम में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं परिक्षण सहायकों को कब तक नियमित किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2013 में संविदा आधार पर परीक्षण सहायकों की भर्ती की गई थी। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा परीक्षण सहायक के 254 नियमित रिक्त पदों की भर्ती हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया था एवं 254 नियमित पदों पर नियुक्ति की गई थी। तत्समय म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में परीक्षण सहायक (संविदा) की नितान्त आवश्यकता एवं भर्ती प्रक्रिया में लगने वाले समय की बचत एवं आवश्यकता के दृष्टिगत तद्नुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त भर्ती विज्ञापन के विरूद्ध आयोजित की गई परीक्षा की प्रवीण्यता सूची में से मेरिट के आधार पर परीक्षण सहायकों के नियमित पदों को भरने के उपरांत शेष सफल उम्मीदवारों में से 1535 योग्य उम्मीदवारों को परीक्षण सहायक के संविदा के पदों पर नियुक्ति हेतु ऑफर लेटर दिया गया। जिसे स्वीकार करने एवं दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत सफल 1155 उम्मीदवारों को अवसर प्रदान करते हुए संविदा आधार पर नियुक्ति दी गई। (ख) जी हाँ। कंपनी द्वारा 254 नियमित परीक्षण सहायकों के रिक्त पदों की भर्ती हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया था जिसमें समस्त भर्ती नियमों का पालन करते हुऐ 254 नियमित रिक्त पदों की पूर्ति की गई। इसके पश्चात् प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों को संविदा पदों पर उनकी सहमति से नियुक्ति प्रदान की गई। परीक्षण सहायक की संविदा पर नियुक्ति हेतु मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा चयनित उम्मीदवारों को दिये गये ऑफर लेटर में नियमित किए जाने संबंधी किसी शर्त/नियम का प्रावधान नहीं है। अत: तत्संबंध में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया। तथापि उक्त संविदा कार्मिकों पर वर्तमान में कंपनी में प्रचलित संविदा सेवा (अनुबंध एवं सेवा की शर्तें) संशोधित नियम, 2018 के प्रावधान एवं नियम लागू होते हैं। कंपनी में प्रचलित उक्त संविदा नीति के अनुसार सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में संविदा कार्मिकों हेतु पद आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
नवीन विद्युत सब स्टेशनों की स्वीकृति
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 2757 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं.लि. विदिशा अंतर्गत विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किसानों को बिजली की सुविधा पर्याप्त विद्युत भार से उपलब्ध कराये जाने के संबंध में विभाग अंतर्गत नवीन सबस्टेशन प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में हाँ तो शासन क्षेत्र के किसानों की विद्युत सुविधा को ध्यान में रखते हुये प्रस्तावित सब स्टेशनों के संबंध में यथाशीघ्र कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो विदिशा विधानसभा क्षेत्र के तहसील विदिशा के ग्राम लश्करपुर एवं तहसील गुलाबगंज के ग्राम मानपुर में नवीन विद्युत सब स्टेशन कार्य की स्वीकृति कब तक की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत विदिशा जिले में कृषकों को गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय कर रहे विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता उनसे संबंद्ध भार के अनुरूप होने एवं विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता संबंधी कोई समस्या नहीं होने से प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2021-22 में किसी भी नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य किया जाना प्रस्तावित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
बैटरी बैंक रहित सौर संयंत्र की स्थापना कराये जाने
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
82. ( क्र. 2761 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र में बहुत से ऐसे स्थान है। जहाँ पर बैटरी बैंक रहित सौर संयंत्र की स्थापना की सकती है? जिससे क्षेत्र में बिजली का उत्पादन संभव हो सकेगा? (ख) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र में विभाग के माध्यम से सर्वे कराकर, बैटरी बैंक रहित सौर संयंत्र स्थापित कराये जायेगें? अगर हाँ तो कब तक सर्वे कराकर आवश्यक कार्यवाही को पूर्ण करते हुए, क्षेत्र में बैटरी बैंक रहित सौर संयंत्र स्थापित करा दिये जायेगें? (ग) यदि कोई व्यक्ति इस तरह के सौर संयंत्र स्थापित करना चाहता है, तो क्या शासन द्वारा संयत्रों की स्थापना हेतु संबंधित व्यक्ति को शासकीय भूमि आवंटित की जा सकती? सौर संयंत्र स्थापित किए जाने की क्या नियमावली है? प्रति उपलब्ध करायें। (घ) यदि कोई व्यक्ति इस तरह के सौर संयंत्र स्थापित करता है तो उस संबंधित व्यक्ति से किस दर पर बिजली का क्रय किया जायेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अंतर्गत म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. के माध्यम से परासिया विधानसभा क्षेत्र सहित प्रदेश के किसी भी शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं निजी संस्थागत भवनों/परिसरों में बैटरी बैंक रहित सौर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापनाएं कराई जाकर इन संयंत्रो से विद्युत का उत्पादन संभव है। (ख) बैटरी बैंक रहित रूफटॉप संयंत्रों की स्थापनाओं के लिए शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं निजी संस्थागत क्षेत्रों द्वारा संयंत्र स्थापना की शर्तों एवं व्यय की सहमति तथा अंश राशि का भुगतान करने पर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अंतर्गत म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा संयंत्रों की स्थापना कराई जा सकती है। (ग) जी नही। शासन द्वारा संयंत्रों की स्थापना हेतु व्यक्ति विशेष को शासकीय भूमि आवंटित किये जाने का प्रावधान नहीं है। सौर संयंत्र लगाये जाने संबंधी नियमावली/नीति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
83. ( क्र. 2762 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया में छात्र-छात्राओं की सुविधा हेतु सुरक्षा की दृष्टि से महाविद्यालय में बाउन्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने की कार्यवाही विभागीय/शासन स्तर पर प्रचलित है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ तो शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया में बाउन्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने में विभागीय/शासन द्वारा काफी विलम्ब किया रहा है। जिसका क्या कारण है? कारण सहित बतावें। (ग) शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया के छात्र-छात्राओं की सुरक्षा एवं सुविधा को ध्यान में रखते हुये महाविद्यालय में बाउन्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय, परासिया के बाउण्ड्रीवॉल का प्रस्ताव दिनांक 05/12/2020 को स्थायी वित्तीय समिति की बैठक में प्रस्तुत किया गया। सीमित बजट के कारण मान्य नहीं किया गया। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जानकारी उपलब्ध कराये जाने
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 2769 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत कुछ माह पूर्व प्रश्नकर्ता द्वारा नगर पालिका परिषद् अम्बाह को बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध कराये जाने के संबंध में कोई पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ तो क्या मुख्य नगर पालिका अधिकारी अम्बाह द्वारा जानकारी प्रदाय की जा चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त पत्रानुसार चाही गई बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) क्या नगर पालिका परिषद् अम्बाह द्वारा विगत जनवरी 2019 से आज दिनांक तक किये गये समस्त निर्माण एवं विकास कार्यों में घटिया एवं मानकों के विरूद्ध सामग्री उपयोग की गई है, यदि हाँ तो जिसकी गुणवत्ता की जांच विधान सभा की उच्च स्तरीय जांच समिति बनाकर एवं प्रश्नकर्ता को सम्मिलित करते हुए कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नगर पालिका परिषद् अम्बाह में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक क्रय की गई समस्त सामग्री पर व्यय की गई राशि की जानकारी माहवार, सामग्रीवार, एजेन्सीवार उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, नगर पालिका परिषद अम्बाह में निर्माण एवं विकास कार्यों में मानकों के विरूद्ध सामग्री उपयोग किये जाने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
औद्योगिक स्थानों की वायु व भूगर्भीय जल की गुणवत्ता की जांच
[पर्यावरण]
85. ( क्र. 2814 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के औद्योगिक स्थानों की वायु गुणवत्ता सूचकांक व भूगर्भीय जल की गुणवत्ता को जांचने हेतु सरकार क्या समय-समय पर कोई जांच करवाती है? यदि हाँ, तो औद्योगिक स्थान बानमौर व मालनपुर की पिछले दो माह में वायु गुणवत्ता सूचकांक व भूगर्भ जल की क्या दशा है? (ख) विश्व स्वास्थ्य संघटन (डब्लू.एच.ओ.) द्वारा जारी दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में टॉप 20 नामों में प्रदेश के कौन-कौन शहर शामिल है? क्या इन शहरों में बढ़ते वायु प्रदुषण की रोकथाम के लिए सरकार ने कोई कार्ययोजना बनाई है? यदि हाँ, तो उसका विवरण क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बानमौर व मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र की परिवेशीय वायु गुणवत्ता व भूजल गुणवत्ता की जाँच निर्धारित कार्यक्रम के अंतर्गत की जाती है। माह दिसम्बर,2020 में मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक 51.7 से 54.8 अर्थात् संतोषजनक पाया गया है। बानमौर औद्योगिक क्षेत्र में पिछले दो माह में परिवेशीय वायु गुणवत्ता जाँच नहीं की गई। विगत दो माह में बानमौर एवं मालनपुर में भू-जल जाँच भी नहीं की गई है। (ख) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) द्वारा जारी दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची वर्ष 2019 में टॉप 20 नामों में प्रदेश का कोई शहर शामिल नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अमृत योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 2829 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में अमृत योजनांतर्गत सूत्र सेवा नामक स्कीम के अधीन किस-किस ठेकेदार को कार्य दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में ठेकेदारों को किस शहर के कौन-कौन से क्लस्टर स्वीकृत किये गये एवं इनकी कौन-कौन सी बस को किस-किस मार्ग पर चलाये जाने की अनुमति दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में चलने वाली प्रत्येक बस को कितनी कीमत में खरीदा गया? प्रत्येक बस पर शासन के द्वारा कितने प्रतिशत सब्सीडी दी गई एवं कितनी बसों के संबंध में सब्सिडी दी जाना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) बस ऑपरेटर द्वारा बसों को क्रय किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
सतना जिले में संचालित खदानों की जानकारी
[पर्यावरण]
87. ( क्र. 2842 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में संचालित सभी क्रेशर, खदानें (सभी प्रकार के प्राप्त खनिज की) व भंडार क्या पर्यावरण विभाग के सभी नियमों या गाइड लाइन के अनुरूप है, (ख) यदि हाँ, तो सभी की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें और यदि किसी भी प्रकार की कमियां है तो उनके संचालन से आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) सतना जिले में संचालित सभी क्रेशर, खदानों व भण्डार को मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानों के अन्तर्गत सम्मति प्रदान की गई है। सम्मति शर्तों के पालनार्थ उपयुक्त कार्यवाही न होने की स्थिति में उक्त अधिनियमों के प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जाती है। (ख) क्रेशर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' व भण्डार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
विभागीय कार्यवाही एवं जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 2844 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा नगरों के विकास/निर्माण कार्य के मापदण्ड हेतु म.प्र. भूमि नियम 2012 लागू है, जिसमें संवेदनशील क्षेत्र जैसे नदी, नाला, तालाब आदि से निर्धारित खुला क्षेत्र आरक्षित है? (ख) नगरों के मास्टर प्लान में अलग ही मापदण्ड निर्धारित किए गए है, जिससे मापदण्ड में भिन्नता होने के कारण स्थानीय कार्यालय प्रमुख के द्वारा विकास अनुमति जारी नहीं की जाती है, क्यों, यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. के 145 नगरों के निवेश क्षेत्रों में मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम, 2012 प्रभावशील है, जिसके नियम 50 (ख) में जल निकाय/जल स्त्रोतों से दूरी का उल्लेख है। (ख) नगर की विकास योजनाओं में उस नगर की विशेष आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए मापदण्ड निर्धारित किये जाते है। म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के नियम, 103 अनुसार विकास योजना के उपबंधों को पूर्वोउद्वरण बनाया जाना उल्लेखित है तथा जो मापदण्ड विकास योजना में उल्लेखित नहीं होते है उनके लिए म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के प्रावधान लागू किये जाते है। अतः स्थानीय कार्यालय द्वारा नियमानुसार विकास अनुज्ञा जारी की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना का क्रियान्वयन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
89. ( क्र. 2851 ) श्री संजय उइके : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अन्तर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए किए गए प्रावधान के अन्तर्गत मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना हेतु राशि विभाग को प्राप्त हुई थी? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किन-किन योजनाओं में प्राप्त हुई, किन-किन जिलों को कितनी-कितनी राशि किन-किन योजनाओं में आवंटित किया गया बतावें?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। प्रावधान अनुसार मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना हेतु राशि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए वर्षवार प्राप्त हुई है। (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19 से वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना हेतु अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिये किए गए प्रावधान व प्राप्त राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निगम द्वारा बजट आवंटन जिलावार नहीं किया जाता परियोजनाओं के लिए बजट का उपयोग मुख्यालय स्तर से किया जाता है।
सोलर पंप योजना में आवंटित राशि
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
90. ( क्र. 2852 ) श्री संजय उइके : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अन्तर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए किए गए प्रावधान के अन्तर्गत मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना हेतु राशि विभाग को प्राप्त हुई थी? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई, किन-किन जिलों को कितनी-कितनी राशि आवंटित किया गया बतावें?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। प्रावधान अनुसार मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना हेतु राशि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए वर्षवार प्राप्त हुई है। (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19 से वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना हेतु अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिये किए गए प्रावधान व प्राप्त राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निगम द्वारा बजट आवंटन जिलावार नहीं किया जाता परियोजनाओं के लिए बजट का उपयोग मुख्यालय स्तर से किया जाता है।
एस.के. लोखंडे ठेकेदार की लंबित राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 2859 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.के. लोखंडे ठेकेदार को सीएमओ द्वारा निरस्ति निविदा पर अधीक्षण यंत्री समक्ष आर्बिट्रेशन कंडिका जीसीसी-17 के आवेदन पर क्लेम राशि रु 6.0228509 करोड़ का लंबित देयक का भुगतान कब तक होगा? (ख) निरस्त ठेके में डीआई, एचडीपीई पाईप सप्लाई, नाली खुदाई कर पाइप बिछाई, इनटेकवेल खुदाई के अंतिम माप, माप पुस्तिका में दर्ज कर ठेकेदार एवं अधिकारियों के संयुक्त् वास्तविक माप अनुसार हस्ताक्षर है? (ग) क्या ठेकेदार द्वारा पंप हाउसों पर बिजली सबस्टेशन की ड्राईंग विद्युत विभाग सेअनुमोदन कराया गया है? यदि हाँ, तो देयक का कितना भुगतान हुआ? (घ) निरस्त ठेके का अधूरा अंतिम देयक पर ठेकेदार एवं अधिकारियों के संयुक्त हस्ताक्षर किये गये है? (ङ) निरस्त ठेके में कितनी राशि का भुगतान किया गया है? कितनी राशि भुगतान हेतु शेष है? (च) निरस्त ठेके में नाली खुदाई, पाईप बिछाई, अन्य निर्माण हेतु निजी एवं शासकीय भूमि की विधिक अनुमति है? (छ) योजना में कन्सलटेन्ट की क्या भूमिका रही, कितना भुगतान किया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ठेकेदार के द्वारा अनुबंध की कंडिका-17 आर्बीट्रेशन क्लॉज के अंतर्गत अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के समक्ष अपने क्लेम्स राशि रू. 6,02,28,509.00 हेतु अपील प्रस्तुत की गई है। अपील की सुनवाई उपरांत अपीलीय अधिकारी द्वारा पारित निर्णय के आलोक में आगामी कार्यवाही प्रस्तावित किया जाना संभव हो सकेगा। (ख) जी हाँ। निकाय के द्वारा नियुक्त उपयंत्री एवं आरवी एसोसियेट के फील्ड इंजीनियर के द्वारा पंचनामा बनाकर माप पुस्तिका में माप दर्ज किये गये जिस पर उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के हस्ताक्षर है। ठेकेदार को संयुक्त माप हेतु बार-बार सूचना दिये जाने पर भी उपस्थित नहीं होने के कारण माप पुस्तिका में दर्ज माप पर ठेकेदार के हस्ताक्षर नहीं लिये जा सके है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। (ड.) हरदौली जल आवर्धन योजना के निरस्त पीएचई घटक ठेके में ठेकेदार को राशि रू. 516.75 लाख का भुगतान किया गया है। ठेकेदार को 125 एमएम व्यास के एचडीपीई पाईप सप्लाई की राशि रू. 15.92 लाख का भुगतान किया जाना शेष है। शेष बचे पाईप निकाय को ठेकेदार के द्वारा हस्तांतरित न करने पर निकाय द्वारा ठेकेदार को बार-बार सूचना देने के बाद भी जमा नहीं करने के कारण उक्त राशि रू. 15.92 लाख का भुगतान नहीं किया गया है। (च) हरदौली जल आवर्धन योजना के निरस्त पीएचई घटक ठेके में नाली खुदाई, पाईप बिछाई का कार्य निकाय की सड़कों एवं लोक निर्माण विभाग की सड़कों से लगी रिक्त भूमि में किया गया है। अत: निजी एवं शासकीय भूमि विधिक अनुमति की आवश्यकता नहीं होने से अनुमति नहीं ली गई है। निरस्त ठेके के अन्य निर्माण कार्य के अंतर्गत वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं 02 नग ओव्हर हेड टेंक हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया है। (छ) योजना में कंसलटेंट की भूमिका के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नियुक्त कंसलटेंट को वर्तमान तक राशि रू. 11,19,239.00 का भुगतान किया गया है।
सुरक्षा ड्यूटी में पदस्थ अंगरक्षकों को मिलने वाले विशेष भत्ते
[गृह]
92. ( क्र. 2860 ) श्री सुनील उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री राज्यपाल महोदय की सुरक्षा ड्यूटी में पदस्थ अंगरक्षकों को नियमित वेतन-भत्तों के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार का विशेष भत्ता प्रदान किया जाता है? यदि हाँ तो किस आधार पर किस दर से व किस दिनांक से आदेश सहित बतावें? (ख) क्या प्रदेश के माननीय विधायकों, सांसदों एवं अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा ड्यूटी में पदस्थ अंगरक्षकों को भी नियमित वेतन-भत्तों के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार का विशेष भत्ता प्रदान किया जाता है, यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें? (ग) क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल महोदय की सुरक्षा ड्यूटी में पदस्थ अंगरक्षकों एवं प्रदेश के माननीय विधायकों, सांसदों एवं अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा ड्यूटी में पदस्थ अंगरक्षकों को मिलने वाले वेतन-भत्तों में किसी प्रकार का अंतर है, यदि हाँ तो क्यों कारण स्पष्ट करें। जबकि दोनों ही प्रकार की सुरक्षा ड्यूटियों में पदस्थ अंगरक्षकों के कार्य की प्रकृति व कार्यप्रणाली व उद्देश्य समान है? (घ) क्या शासन की माननीय विधायकों सांसदों एवं अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा ड्यूटी में पदस्थ अंगरक्षकों को भी नियमित वेतन-भत्ता के अतिरिक्त कोई विशेष भत्ता प्रदान करने की कोई मंशा है यदि हाँ तो कब तक समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं कारण स्पष्ट करें?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री/राज्यपाल महोदय की सुरक्षा में पदस्थ सुरक्षा कर्मियों को छटवें वेतनमान से 30 प्रतिशत विशेष वेतन दिया जाता है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में इस संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
10 घंटे से अधिक व कम समय सिचांई हेतु विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
93. ( क्र. 2866 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अंतर्गत विदिशा जिले में दिनांक 1 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित अवधि की स्थिति में कृषकों को सिचांई हेतु कितने-कितने घण्टे विद्युत औसत माहवार प्रदाय किया गया है? जिले की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसा भी ज्ञात हुआ है कि वास्तविक स्थिति में क्षेत्र में कुछ कृषकों के क्षेत्र में 10 घण्टे से कम विद्युत प्रदाय दी गई थी परन्तु ऑन लाइन मीटरों की गणना के आधार पर 10 घण्टे से अधिक विद्युत सप्लाई दर्शायी जाकर सम्बंधित सब स्टेशन ऑपरेटर एवं कुछ मैदानी अधिकारीयों का वेतन क्यों काटा गया है? यह विसंगति क्यों है? इसके लिए दोषी कौन है? पूर्व से आंकलन नहीं किये जाने हेतु दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत विदिशा जिले में दिनांक 01 जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2021 तक की अवधि में कृषकों को सिंचाई के लिए किये गए औसतन विद्युत प्रदाय की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी कारणों से हुए आकस्मिक व्यवधानों तथा विद्यमान विद्युत अद्योसंरचना के मेंटेनेंस कार्य हेतु अति आवश्यक और अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषि फीडरों पर प्रतिदिन निर्धारित शेड्यूल अनुसार औसतन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में फीडर मीटरों से प्राप्त एम.आर.आई. रिपोर्ट में विद्युत प्रदाय किसी दिवस में 10 घण्टे से अधिक प्रदाय करने पर ही वितरण कंपनी के नियमानुसार संबंधित उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध वेतन कटौती संबंधी कार्यवाही की गई है। अत: किसी प्रकार की विसंगति होने, किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
आउट सोर्स कर्मचारियों के संबंध में
[ऊर्जा]
94. ( क्र. 2868 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2019 से म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अंतर्गत विदिशा जिले में मीटर रीडिंग, विद्युत लाईन सुधार एवं कार्यालय का कार्य आउट सोर्स कर्मचारियों के द्वारा कराया जा रहा है? यदि हाँ तो किस कम्पनी के अधीन रहकर कर्मचारी मीटर रीडिंग का कार्य कर रहे हैं? ऐसे कितने आउटसोर्स कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत है? इन आउटसोर्स कंपनियों के संचालक कौन हैं? इनके पास क्या-क्या अनुभव है? क्या इन कंपनियों के संचालक मंडल में विद्युत विभाग के अधिकारी/कर्मचारी या उनके परिजन, मित्र, रिश्तेदार जुड़े हैं? बतावें एवं उनको कितना-कितना मानदेय या वेतन भुगतान संबंधित कम्पनी द्वारा दिया जा रहा है? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वितरण कंपनी द्वारा आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराने वाली कम्पनियों को कितना-कितना भुगतान किया गया? माहवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आउटसोर्स के कर्मचारी की, चयन प्रक्रिया क्या है? नियम/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमों का पालन करते हुए भर्ती किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के सदंर्भ में आउटसोर्स कर्मचारियों को कितना-कितना वेतन भुगतान किया जाता है? बतलावें। (ङ) क्या कुछ आउटसोर्स कर्मचारी विद्युत विभाग के कर्मचारियों के परिजन है? यदि हाँ, तो कितने कर्मचारियों के परिजन रखे गये हैं? बतलावें। क्या इसकी शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। विदिशा जिले में बाह्यस्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनी मेसर्स जीम वेन्चर प्रा.लि. के माध्यम से मीटर रीडिंग का कार्य कराया जा रहा है। वर्तमान में इस बाह्यस्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनी के 591 आऊटसोर्स कार्मिक विदिशा वृत्त में कार्यरत हैं। मेसर्स जीम वेन्चर प्रा.लि.कंपनी के संचालक मण्डल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है तथा इनके कार्यानुभव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त बाह्यस्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनी के संचालक मंडल में विद्युत कंपनियों का कोई भी कार्मिक या उनके परिजन, मित्र एवं रिश्तेदार सदस्य नहीं हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता है। (ख) मेसर्स जीम वेन्चर प्रा.लि. को संचालन एवं संधारण वृत्त विदिशा द्वारा किये गये भुगतान की माहवार/वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) आऊटसोर्स कार्मिकों को टेंडर में उल्लेखित योग्यता के आधार पर संबंधित बाह्यस्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनी द्वारा नियोजित किया जाता है। आऊटसोर्स कार्मिकों की योग्यता से संबंधित विवरण की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आऊटसोर्स कार्मिकों की भर्ती संबंधी कार्यवाही नहीं की जाती। अपितु बाह्यस्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनी, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा जारी निविदा के नियमानुसार आऊटसोर्स कार्मिक म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को उपलब्ध कराती है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (घ) आऊटसोर्स कार्मिकों को बाह्यस्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनी द्वारा कलेक्टर द्वारा समय-समय पर निर्धारित दरों पर मासिक वेतन भुगतान किया जाता है। वर्तमान में कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर निम्नानुसार है- (1) कुशल श्रमिक- रू.10635/- प्रतिमाह, (2) अकुशल श्रमिक-रू 8400/- प्रतिमाह। (ङ) संचालन एवं संधारण वृत्त विदिशा अंतर्गत मण्डल/कंपनी में कार्यरत/सेवानिवृत्त कर्मचारी के पुत्र या रिश्तेदार बाह्यस्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये गये कार्मिकों के रूप में कार्यरत होने की दो शिकायत प्राप्त होने पर जांच उपरांत आऊटसोर्स कार्मिकों को कार्य से पृथक कर दिया गया है।
कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 2879 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका परिषद् व् नगर परिषद पिपलोदा व् इनकी सीमाओं से लगी कुल कितनी वैध, अवैध, विकसित, अविकसित उक्ताशय के अलावा अन्य भी कोई कालोनी काटी गयी हो तो कॉलोनाईजर व कॉलोनी स्थल की जानकारी दें? (ख) उपरोक्त दोनों निकायों के अंतर्गत तथा निकायों की सीमा से लगी काटी गई कालोनियों में कितने आवास होकर क्या उन्हें मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा रही है? (ग) कॉलोनाईजरो द्वारा कॉलोनी निवासियों हेतु क्या समस्त प्रकार के अधोसरंचना के कार्य किये जाकर आमजन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है तो कहाँ-कहाँ, किस-किस प्रकार? (घ) अनेक कालोनियों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को दी जाने वाली नियमानुसार भूमि कितनी-कितनी छोड़ी गई, बगीचे, नालियां, सडक, विद्युतीकरण, पेयजल टंकी, पाईप लाईन, आडिटोरियम, शिक्षा केंद्र इत्यादि अन्य कार्य भी कहाँ-कहाँ हुए, कहाँ-कहाँ नहीं हुए तो आमजन को मूल सुविधाएं दिए जाने हेतु क्या-क्या किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद, जावरा एवं इससे लगी सीमान्तर्गत कुल 72 वैध कालोनियां तथा कुल 70 अवैध कालोनियों है व नगर परिषद पिपलौदा में वैध और अवैध कालोनियां नहीं है, इनके अलावा अन्य कोई कालोनी नहीं काटी गई है, नगरपालिका जावरा से संबंधित वैध कालोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं अवैध कालोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) नगर पालिका जावरा के अंतर्गत कालोनियों में आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। जी हाँ, नगर पालिका जावरा के अंतर्गत कुल 33 वैध कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा रही है, शेष 39 वैध कालोनियों में विकास कार्य अपूर्ण होने से पूर्ण सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। नगर परिषद पिपलौदा में वैध और अवैध कालोनियां न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार नगर पालिका जावरा के अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (घ) नगर पालिका जावरा के अंतर्गत वैध कालोनियों में आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग एवं निम्न आय वर्गों के लिए आरक्षित की गई भूमि तथा बगीचे, नालियां, सड़क, विद्युतीकरण, जल प्रदाय पाईप लाईन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है, कालोनी क्षेत्रफल के मापदण्ड अनुसार आडोटोरियम शिक्षा केन्द्र इत्यादि नहीं है, जिन वैध कालोनियों में कार्य अपूर्ण है उनमें मूलभूत सुविधाएं दिए जाने हेतु नगर पालिका जावरा द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
आयुष केन्द्रों की जानकारी
[आयुष]
96. ( क्र. 2880 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग द्वारा जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर, पिपलोदा तहसील व जावरा तहसील के विभिन्न केन्द्रों पर आर्युर्वेदिक स्वास्थ्य सुविधाए प्रदान की जा रही है? (ख) तो बताएं कि वर्ष 2010 व इससे पूर्व से भी स्वीकृत पद अब तक नहीं भरे गये है तो रिक्त पदों की पदपूर्ति कब तक की जा सकेगी? (ग) क्या समस्त स्वास्थ्य (आयुष) केंद्र शासन/विभाग के भवनों में संचालित हो रहे है तो कहाँ-कहाँ व अन्य प्रकार से संचालित हो रहे है तो कहाँ-कहाँ? (घ) हेल्थ वेलनेस सेंटर की विभागीय कार्ययोजना बनाई जा रही है तो वह कहाँ, किस केंद्र, स्थान पर तथा वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उक्त केन्द्रों के रख-रखाव, मरम्मत, रंगाई पुताई, फर्नीचर, पेयजल, सुलभ शौचालय इत्यादि अन्य कार्यों हेतु वर्षवार कितना बजट स्वीकृत होकर वर्षवार जानकारी दें?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। 4 विभाग के भवनों तथा 3 पंचायत के भवनों। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार।
निजीकरण से व्यवसायिक बिजली महंगी होना
[ऊर्जा]
97. ( क्र. 2891 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र शासन द्वारा विद्युत वितरण कम्पनियों के निजीकरण हेतु भेजे गये स्टेन्डर्ड डॉक्यूमेन्ट की प्रति देवें। क्या 08 माह की समयावधि में निजीकरण करने हेतु कहा गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में बतावें कि केन्द्र अनुशंसित निजीकरण का स्वरूप क्या होगा? क्या राज्य सरकार केन्द्र सरकार द्वारा भेजे गये एस.बी.डी. को लागू करने से इंकार कर सकती है? यदि हाँ तो राज्य शासन इस सन्दर्भ में अपनी राय से अवगत कराएं। (ग) क्या निजीकरण से आम उपभोक्ता, किसान, औद्योगिक एवं व्यवसायिक बिजली महंगी हो जाएगी तथा कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी की सेवा पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा? (घ) क्या शासन ने ट्रांसमिशन कम्पनियों के निजीकरण हेतु टी.वी.सी.बी. शुरू कर दिया है? यदि हाँ तो बतावें कि इसके दुष्परिणाम नहीं हो रहे है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) केन्द्र शासन से विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण हेतु अंतिम स्टैण्डर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट प्राप्त नहीं हुआ है, अपितु इस संबंध में विचार-विमर्श एवं विभिन्न हित-ग्राहकों के अभिमत प्राप्त करने के उद्देश्य से स्टैण्डर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट का प्रारूप प्राप्त हुआ था, जिसमें निजीकरण की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों एवं उनसे संबंधित अनुमानित समयावधि का उल्लेख किया गया है जिसके आधार पर संपूर्ण प्रक्रिया चरणबद्ध रूप में आठ सप्ताह में पूर्ण किया जाना अनुशंसित/प्रस्तावित/उल्लेखित है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अपेक्षित नहीं। (घ) राष्ट्रीय विद्युत नीति, 2016 के प्रावधानानुसार प्रदेश की कुछ पारेषण परियोजनाओं को टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धात्मक बोली (टी.बी.सी.पी.) प्रक्रिया के माध्यम से क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके अंतर्गत अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्रों एवं लाईनों के निर्माण संबंधी नवीन कार्यों को शामिल किया गया है। प्रदेश की राज्य पारेषण यूटिलिटी मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा उसके क्षेत्रान्तर्गत विद्यमान पारेषण प्रणाली के संचालन एवं संधारण का कार्य पूर्ववत सुचारू रूप से निष्पादित किया जा रहा है।
व्यापम घोटाले पर लंबित 1040 शिकायतें
[गृह]
98. ( क्र. 2892 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले पर लंबित 1040 शिकायतों में से थानो में भेजी गयी 530 शिकायतों के बारे में बतावें कि उन्हें किस दिनांक को भेजा गया तथा उत्तर दिनांक तक किस-किस थाने की शिकायत पर जांच पूर्ण हो गई है तथा किस-किस शिकायतों के आधार पर प्रकरण दर्ज हुआ तथा कितनी नस्तीबध्द हुई? (ख) एसटीएफ द्वारा जांच हेतु चयनित 197 शिकायतों के चयन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी समस्त संबंधित दस्तावेज सहित उपलब्ध करावे तथा उस कमेटी/अधिकारी का नाम तथा पद बतावे जिन्होने चयन की अनुशंसा की। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कितनी शिकायतों में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती में फर्जीवाड़े का उल्लेख है? क्या एसटीएफ की नये सिरे से प्रारम्भ की गई? जांच में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पीएमटी, एनआरआई, डीमेट के माध्यम से भर्ती पर जांच की जा रही है यदि नहीं, तो क्यों? (घ) पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत पर तथा सितम्बर 2019 में दिये गये उनके बयान के आधार पर किस-किस बिन्दु पर निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती में फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है तथा बतावें कि निजी चिकित्सा महाविद्यालय की भर्ती के किस वर्ष की जांच न करने का निर्णय किया गया?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जिलों में भेजी गई शिकायत जांच से 02 प्रकरण दर्ज हुए है तथा 219 शिकायतें नस्तीबद्ध की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। (ख) एसटीएफ द्वारा जांच हेतु 197 शिकायतों का चयन नहीं किया गया था अपितु 510 शिकायतों में से 313 निराकृत उपरांत शेष शिकायतें 197 थी। (ग) शिकायतकर्ता श्री आनंद राय, पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा एवं श्री आशीष चतुर्वेदी की शिकायतों में इसका उल्लेख है। जी नहीं, निजी चिकित्सा महाविद्वयालयो के प्रवेश में फर्जीवाड़े की जांच माननीय सर्वोच्च न्यायालय में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के निर्णयाधीन कार्यवाही हेतु लंबित है। (घ) पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा सितम्बर 2019 में शिकायत में दिए गए बयान में निजी चिकित्सा महावि़द्यालयों में भर्ती में फर्जीवाड़े का उल्लेख किया है जिस संबंध में जांच माननीय सर्वोच्चय न्यायालय नई दिल्ली में रिट पिटीशन क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के निर्णयानुरूप कार्यवाही हेतु लंबित है।
मंदसौर सुधार न्यास आवासीय भूखंड के लीज रेंट एग्रीमेंट में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 2897 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर सुधार न्यास योजना क्रमांक 3 मेघदूत नगर में आवासीय भूखंड को 1987 में लीजरेंट तथा रजिस्ट्री 1989 में की गयी थी? क्या इसमें लीज रेंट को लेकर 90 साल का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट हुआ था यदि हाँ तो एग्रीमेंट का विवरण देवे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) संदर्भित यह भी सही है की एग्रीमेंट आनुसार प्रत्येक 30-30-30 वर्ष में 100% तक लीज रेंट बढाया जा सकेगा, यदि हाँ तो एग्रीमेंट के विपरीत विभाग द्वारा 400% लीज रेंट बढाने के क्या कारण रहे क्या रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के विपरीत गजट नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है यदि हाँ तो नियमो की प्रतिलिपि देवे? (ग) उक्त लीज रेंट को लेकर पिछले 10 वर्षों में क्या-क्या नियम निर्देश किस-किस जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा जारी किये गये, प्रदेश में नीमच सहित कहाँ-कहाँ एक मुश्त राशि भरवाकर लीज रेंट को किस-किस नियम से खत्म किया गया, क्या मंदसौर सुधार न्यास योजना क्रमांक 3 मेघदूत नगर में भी रहवासियों से एक मुश्त राशी भरवाकर लीज रेंट को खत्म किया जाएगा, यदि हाँ तो इसके लिए क्या नियम है जानकारी देवे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु आवंटन पंजीयन की शर्त क्रमांक 16 अनुसार भूखण्ड की लीज अवधि 30 वर्ष होगी एवं उक्त अवधि समाप्त होने पर आगामी 30-30 वर्षों के लिये लीज का नवीनीकरण किया जावेगा। ऐग्रीमेंट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। लीज रेंट में कोई वृद्धि नहीं की गई है, अपितु लीज अवधि समाप्त होने पर प्रचलित नियमों के अनुसार लीज रेंट लिया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) लीज रेंट की दरें परिषद द्वारा नीलामी के समय तत्समय प्रचलित नियमों के अनुसार निर्धारित की जाती रहीं है। संचालनालय/शासन द्वारा उक्त लीज रेंट को लेकर पृथक से कोई निर्देश नहीं दिये गये है। वर्ष 2016 में भवन/भूमि की लीज प्रदान करने के संबंध में शासन द्वारा म.प्र. नगर पालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम, 2016 अधिसूचित किये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंदसौर रिंग रोड का विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 2900 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जुलाई 2020 के पश्चात् प्रदेश कौन-कौन से नगर पालिका, नगर निगम में रिंग रोड विकास हेतु चयन किया गया? (ख) क्या दिनांक 28 नवम्बर 2020 को मुख्य अभियंता नगरीय प्रशासन ने अटल बिहारी वाजपई इंस्टीटयूट ऑफ़ गुड गवर्नस & पालिसी अनालिसिस द्वारा रिंग रोड के सम्बन्ध में मंदसौर नगर पालिका को पत्र प्रेषित किया था पत्र के सन्दर्भ में रिंग रोड को लेकर क्या-क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गयी? क्या भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गयी है? यदि हाँ तो कुल कितना मुआवजा मंदसौर रिंग रोड के लिए दिया जाएगा? (ग) मंदसौर में उक्त रिंग रोड की कुल कितनी लागत आएगी? क्या रोड टोल रोड होगी? रोड कुल लम्बाई कितनी है? नक़्शे सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) 01 जुलाई, 2020 के पश्चात प्रदेश में रिंग रोड विकास हेतु किसी नगर पालिका, नगर निगम को चयनित नहीं किया गया है, अपितु अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के द्वारा रिंग रोड विकास के लिये मध्यप्रदेश के शहरों की पहचान शीर्षक से एक प्रारंभिक अध्ययन किया गया है। (ख) जी हाँ। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर, प्रश्नांकित पत्र क्रमांक 10988 पत्र दिनांक 28.11.2020 द्वारा, नगर पालिका परिषद मंदसौर से, भूमि अधिग्रहण, योजना के वित्त पोषण एवं योजना की उपयुक्तता पर, अभिमत चाहा गया है। निकाय द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य एवं उप संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश, नीमच के साथ भ्रमण किया जाकर, प्रस्तावित रिंग रोड को शहर के लिये उपयोगी बताया गया है। शासन स्तर पर अभी कोई निर्णायक स्थिति नहीं बनी है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ऊर्जा विभाग अन्तर्गत 2014 के पश्चात किये गये कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
101. ( क्र. 2904 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत म.प्र. पश्चिम क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर द्वारा 02 वित्तीय वर्ष (2018-19एवं 2019-20) एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह जनवरी-2021 तक विद्युतीकरण के तहत विभिन्न योजनाओं में कितने नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण, पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि का कार्य, 33 के.व्ही.लाईन, 11 के.व्ही. लाईन, निम्नदाब लाईन, नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के कार्य किये गए की वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें? उक्त कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो गये एवं कितने कार्य शेष है की वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में माह जनवरी-2021 तक विभिन्न योजनाओं में 03 नग नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण, 01 नग अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना, 01 नग पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि, 24.01 किलोमीटर 33 के.व्ही. लाईन, 776.55 किलोमीटर 11 के.व्ही. लाईन, 1011.53 किलोमीटर निम्नदाब लाईन, 1756 नग नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, 20 नग अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं 24 नग वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के तहत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना इत्यादि के कार्य संपादित किये गये जिनकी वर्षवार एवं योजनावार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में शेष रहे कार्यों की वर्षवार एवं योजनावार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
नगर परिषद भीकनगांव द्वारा पेवर निर्माण कार्य में नियमों की अवहेलना
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 2905 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव नगर परिषद अंतर्गत वर्तमान क्षेत्र में खण्डवा बडौदरा के राष्ट्रिय राजमार्ग के दोनों किनारों पर पेवर निर्माण कार्य प्रगतिरत है? (ख) हाँ तो उक्त कार्य की लागत क्या है तथा प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? (ग) क्या MPRDC/लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क किनारे कार्य कारने के संबंध में अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है? हाँ तो नगर परिषद भीकनगांव द्वारा उक्त कार्य करने हेतु अनुमति प्राप्त कि गई है? नहीं तो बिना अनुमति के कार्य कैसे प्रारंभ किया गया है? (घ) क्या यह शासन के नियमों का खुला उल्लंघन है? हाँ तो संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? नहीं तो क्यों नही?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्य की लागत राशि रू. 102.00 लाख है, कार्य में प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 34.70 लाख व्यय की जा चुकी है। (ग) जी हाँ। नगर परिषद भीकनगाँव द्वारा उक्त कार्य के संबंध में अनुमति प्राप्त करने हेतु उनके चाहे अनुसार राशि रू. 10,000/- का शुल्क एम.पी.आर.डी.सी. को जमा किये गए तथा कार्य की डी.पी.आर. भी जमा की गई किन्तु आज दिनांक तक अनुमति अप्राप्त है। अनुमति हेतु औपचारिकतायें पूर्ण करने के उपरांत ही कार्य प्रारंभ किया गया है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीधी भर्ती के प्राध्यापकों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
103. ( क्र. 2918 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत सीधी भर्ती के प्राध्यापकों का वेतनमान 15,600 एजीपी 8000 रखा गया तथा स्थगन के आधार पर उनको एजीपी 10,000 दिया जा रहा है, उस स्थगन आदेश को विभाग कब तक समाप्त करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रदेश में अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षक, कर्मचारियों का वेतन भुगतान शासन द्वारा किया जाता है तो उनकों शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पड़े शिक्षकों के पद पर उनका स्थानातंरण क्यों नहीं किया जाता है? (ग) प्रदेश में शासन की सीधी भर्ती के प्राध्यापकों एवं अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की वर्तमान जनवरी 2021 की स्थिति में उनकी संख्या कितनी है, जिलावार जानकारी दी जावे।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) शासकीय महाविद्यालयों एवं अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के भर्ती नियम पृथक-पृथक हैं। अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के भर्ती नियमों में स्थानांतरण का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नगर कुरावर में अतिरिक्त उप संभाग कार्यालय प्रारंभ किया जाना
[ऊर्जा]
104. ( क्र. 2922 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय महाप्रबंधक ( संचा/संधा ) वृत्त म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं.लिमि.राजगढ़ के पत्र क्रमांक/ म.प्र. रा./19-20/779-80 दिनांक 12.02.2020 से नरसिंहगढ़ संभाग अंतर्गत एक अतिरिक्त उप संभाग कुरावर के सृजन हेतु प्रस्ताव मुख्य महाप्रबंधक (भो.क्षे.) भोपाल को प्रेषित किया जा चुका हैं तथा पत्र क्रमांक 228 दिनांक 16/01/2021 से मुख्य महाप्रबंधक (भो.क्षे.) भोपाल को पुन: उक्त संबंध में लेख किया गया हैं? (ख) यदि हाँ तो उपरोक्त पत्रों के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ तो क्या यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या किसानों को सुविधा एवं सुगम विद्युत आपूर्ति के दृष्टिगत अतिरिक्त उपसंभाग कुरावर में प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) वृत्त राजगढ़ के पत्र क्रमांक 779 दिनांक 12.02.2020 के माध्यम से नरसिंहगढ़ संचालन एवं संधारण संभाग के अंतर्गत नरसिंहगढ़ उपसंभाग को विभक्त कर एक अतिरिक्त उपसंभाग कुरावर के सृजन हेतु प्रस्ताव एवं पत्र क्रमांक 228 दिनांक 16.01.2021 के माध्यम से कुरावर में उप संभाग के सृजन के संबंध में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के अनुरोध संबंधी जानकारी मुख्य महाप्रबंधक (भोपाल क्षेत्र) को प्रेषित की गई है। (ख) महाप्रबंधक (संचालन/संधारण) वृत्त राजगढ़ से प्राप्त प्रस्ताव को मुख्य महाप्रबंधक (भोपाल क्षेत्र) द्वारा आगामी कार्यवाही हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के मुख्यालय स्तर पर प्रेषित किया गया है। वर्तमान में उपसंभाग कुरावर के सृजन का प्रस्ताव म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय स्तर पर परीक्षणाधीन है। (ग) प्रश्नाधीन प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरांत साध्यता अनुसार कार्यवाही किये जाने पर निर्णय लिया जा सकेगा, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 2923 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा समस्त ग्रामीण क्षेत्रों सहित मजरे-टोलों को पूर्ण विद्युतीकरण करने की योजना है? यदि हाँ तो क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत समस्त ग्रामों एवं मजरे-टोलों में पूर्ण विद्युतीकरण कराया जा चुका है? यदि नहीं, तो कौन-कौन से ग्राम एवं मजरे-टोलों में विद्युतीकरण कार्य कराया जाना किन कारणों से शेष है? कारण सहित सूची देवें? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन की मंशानुसार शेष सभी ग्राम एवं मजरे-टोलों में पूर्ण विद्युतीकरण कार्य कराया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में ग्रामीण विद्युतीकरण की कोई योजना संचालित नहीं की जा रही है। राजगढ़ जिले के नरसिहंगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत समस्त ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्व में लागू दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत पूर्ण किया जा चुका है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत करेंट से हुई मृत्यु की क्षतिपूर्ति की राशि
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 2926 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत विद्युत करेंट से मृत्यु एवं घायल जन की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत किये जाने के क्या-क्या नियम है? ऐसे आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें की सिवनी जिले में विद्युत करेंट लगने से जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ, कब-कब, किस-किस की मृत्यु हुई? नाम, पिता/पति, जाति, पता सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें की प्रश्न दिनांक तक विद्युत विभाग द्वारा इसमें से किस-किस को कब-कब, कितनी-कितनी राशि की सहायता दी जा चुकी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें की जिनकी मृत्यु हुई थी, उनके उत्तराधिकारी को सहायता राशि स्वीकृत हेतु प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब से किस कार्यालय में नस्ती लंबित रखी है? ऐसे प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा और नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजस्व विभाग, म.प्र. शासन द्वारा जारी राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड-6, क्रमांक-4 (आर.बी.सी., 6-4) की कंडिका 5 (1) एवं 6 (1) जो कि क्रमश: दुर्घटना में, व्यक्ति के मृत होने पर एवं शारीरिक अंग हानि होने पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि के भुगतान के संबंध में है, में निर्धारित किए गए प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत दुर्घटना में पीड़ित परिवारों को आर्थिक अनुदान सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है। तद्नुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आर्थिक अनुदान सहायता राशि दिये जाने से संबंधित बनाए गए नियमों/जारी किये गये निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल 59 घातक विद्युत दुर्घटनायें घटित हुई हैं जिनकी प्रश्नावधि में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन विद्युत दुर्घटनाओं में मृतक के परिवार के सदस्य/निकटतम वारिस को प्रदान की गई आर्थिक अनुदान सहायता की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन विद्युत दुर्घटनाओं में लागू नियमों के अनुसार प्रकरण पात्र/पूर्ण पाये जाने पर संबंधित को अनुदान राशि स्वीकृत की जा चुकी है। अत: अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
किसान हितग्राहियों के मोटर पंप कनेक्शन की जानकारी
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 2927 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत कितने किसान हितग्राहियों के 02, 03 एवं 05 हार्स पावर के मोटर पंप कनेक्शन है? जिलेवार हार्स पावर सहित अलग-अलग संख्यात्मक विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिलों के अंतर्गत 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसान हितग्राहियों को 02 के स्थान पर 03 के स्थान पर 05 हार्स पावर और 05 के स्थान पर ज्यादा हार्स पावर के बिल जारी किये गये है? उनकी संख्यात्मक जानकारी जिलेवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित विभाग द्वारा दिये गये कनेक्शन से ज्यादा हार्स पावर का बिजली बिल दिये जाने के क्या कारण है? क्या ज्यादा दिये गये बिलों को निरस्त किया जायेगा तथा लिये गये कनेक्शन के अनुसार ही बिलिंग की जायेगी? यदि नही, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत जबलपुर संभाग में सिंचाई हेतु कृषकों को दिये गये 02, 03 एवं 05 अश्वशक्ति के मोटर पंप कनेक्शन की प्रश्नाधीन चाही गई जिलेवार एवं क्षमतावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में किसी भी किसान को 2 के स्थान पर 3, 3 के स्थान पर 5 तथा 5 अश्वशक्ति के स्थान पर अधिक अश्वशक्ति के कनेक्शन का विसंगतिपूर्ण बिजली बिल नहीं दिया गया है। तथापि म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 7.26 के अनुसार उपभोक्ता को स्वीकृत तथा संयोजित भार से अधिक विद्युत खपत करते हुए पाये जाने पर ऐसे उपभोक्ताओं से टैरिफ आदेश में दर्शाई गई विस्तृत प्रक्रिया के अनुसार बिलिंग द्वारा वसूली का प्रावधान है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
आरक्षकों के स्थानांतरण का अधिकार कमांडेंट को दिया जाना
[गृह]
108. ( क्र. 2935 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पुलिस बल में पुलिस अधीक्षक (एस.पी.) को आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्तर तक के अधिनस्थ कर्मचारियों के जिले के भीतर स्थानांतरण/पदस्थापना करने के अधिकार प्राप्त होते हैं? क्या एस.ए.एफ. बटालियनों में पदस्थ सेनानी/कमांडेंट भी पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी होते हैं? क्या उनकों भी बटालियन की कंपनियों में पदस्थ आरक्षक से निरीक्षक स्तर तक के कर्मचारियों को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में स्थानांतरण/पदस्थापना करने के अधिकार होते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि एस.ए.एफ. बटालियन में पदस्थ सेनानी/कमांडेंट को कंपनियों में पदस्थ आरक्षकों सहित अन्य कर्मचारियों के स्थानांतरण करने के अधिकार होते हैं? तो किस स्तर तक के कर्मचारियों के स्थानांतरण करने के अधिकार होते हैं? पदों का उल्लेख कर जानकारी दें? (ग) यदि सेनानी/कमांडेंट को अपनी बटालियन में जिसका वो इकाई प्रमुख भी होता है उसमें आरक्षक स्तर के कर्मचारियों की एक से दूसरी कंपनी में स्थानांतरण/पदस्थापना करने के अधिकार नहीं होते हैं, तो सेनानी जो पुलिस अधीक्षक के समकक्ष अधिकारी होता है को बटालियन के कंपनीयों में पदस्थ कर्मचारियों के स्थानांतरण/पदस्थापना करने के अधिकार कब तक प्रदान कर दिए जाऐंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। पुलिस महानिरीक्षक, विसबल रेंज से अनुमोदन प्राप्त कर सेनानी, द्वारा कर्मचारियों के एक कंपनी से दूसरी कंपनी में स्थानांतरण किये जाते हैं। (ख) पुलिस महानिरीक्षक, विसबल रेंज से अनुमोदन प्राप्त कर आरक्षक, प्रधान आरक्षक, सहायक उप निरीक्षक (विसबल), उप निरीक्षक (विसबल) से निरीक्षक (विसबल) के एक कंपनी से दूसरी कंपनी में स्थानांतरण किये जाते हैं। (ग) स्थानांतरण/पदस्थापना की वर्तमान व्यवस्था सुचारू रूप से कार्य कर रही हैं।
आयुष विभाग की भूमि से अवैध कब्जा हटाया जाना
[आयुष]
109. ( क्र. 2940 ) श्री राकेश गिरि : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिला मुख्यालय स्थित जिला आयुष कार्यालय को आवंटित भू-भाग पर अवैध कब्जा किया गया है? यदि हाँ तो क्षेत्रफल सहित अवैध कब्जाधारियों की सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, अवैध कब्जाधारियों के विरूद्ध आयुष विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो, कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार, अवैध कब्जा होने के बाद, कब्जा हटाने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार, आयुष कार्यालय परिसर से अवैध कब्जा कब तक हटा दिये जायेगे?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क), (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.पी.एस. अधिकारियों को अर्दली (टेलीफोन ऑपरेटर, ड्रायवर) रखने की पात्रता
[गृह]
110. ( क्र. 2951 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल में पदस्थ आई.पी.एस. अधिकारियों को कितने अर्दली (टेलीफोन ऑपरेटर, ड्रायवर) की पात्रता है? पात्रता से अधिक अर्दली (टेलीफोन ऑपरेटर, ड्रायवर) रखने वाले अधिकारियों के नाम एवं पदस्थ कर्मचारियों के नाम, पदस्थापना दिनांक सहित बतावें। (ख) क्या वर्तमान में पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त आई.पी.एस. अधिकारियों के बंगलों पर अभी भी अधिकांश अर्दली (टेलीफोन ऑपरेटर, ड्रायवर) कार्य कर रहे हैं? यदि हाँ तो उनका प्रतिमाह वेतन कितना और कहाँ से दिया जा रहा है? (ग) राजधानी भोपाल में पदस्थ आई.पी.एस. अधिकारियों के यहां पात्रता से अधिक अर्दली व अन्य स्टॉफ को यदि वापिस बुला लिया जावे तो क्या कुछ हद तक पुलिस बल की कमी को पूरा किया जा सकता है? (घ) बार-बार ध्यान दिलाने के बाद भी पात्रता से अधिक अर्दली व अन्य स्टाफ को वापिस न बुलाने के लिये कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार है? क्या संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस रेग्युलेशन के पैरा 61 के अनुसार आई0पी0एस0 अधिकारियों को अर्दली रखने की पात्रता निम्नानुसार है:- 1. महानिरीक्षक- 01 मुख्य आरक्षक, 03 आरक्षक 2. उप महानिरीक्षक- 01 मुख्य आरक्षक, 02 आरक्षक 3. पुलिस अधीक्षक/सेनानी- 02 आरक्षक शासकीय वाहन के साथ 01 चालक का प्रावधान है। (ख) सेवानिवृत्त आई0पी0एस0 अधिकारियों के बंगलो पर अर्दली (टेलीफोन ऑपरेटर, ड्रायवर) रखने का प्रावधान नहीं हैं। (ग) पुलिस रेग्युलेशन के पैरा-61 के नियमानुसार कर्मचारियों का अर्दली/स्टॉफ कार्यरत हैं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
म.प्र. पुलिस विभाग का फायरिंग रेंज
[गृह]
111. ( क्र. 2952 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पुलिस विभाग के कहाँ-कहाँ पर फायरिंग रेंज व्यवस्थित तरीके से संचालित है एवं वर्तमान में किस स्थिति में है? कहाँ-कहाँ के फायरिंग रेंज को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है? (ख) भोपाल जिले में भदभदा फायरिंग रेंज बंद हो जाने पर पुलिस के अधिकारियों कर्मचारियों के लिये फायरिंग करने हेतु कहाँ पर जाना पड़ता है? (ग) क्या भोपाल जिले की पुलिस के लिये फायरिंग रेंज बनाने हेतु कहीं भूमि आवंटित की गई है? यदि हाँ तो कब एवं कहाँ आवंटित की गई है? निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला सिहोर तथा जिला भोपाल में सूखी सेवनिया स्थित फायरिंग रेंज पर फायरिंग अभ्यास कराया जाता है। (ग) जी हाँ। राजस्व विभाग के आदेश दिनांक 02.02.2017 के द्वारा ग्राम बालमपुर तहसील हुजूर में भूमि आवंटित की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बुरहानपुर विकास योजना 2031 का प्रकाशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 2966 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर विकास योजना 2031 (प्रारूप) का प्रकाशन किया गया, प्रारूप बनाने के लिये क्या सर्वे किया गया, सर्वे का आधार क्या था, किन-किन अधिकारियों/कर्मचारी/ एजेंसी द्वारा किया गया कि सूची प्रदान करने का कष्ट करें। (ख) प्रकाशित उक्त प्रारूप में पूर्व से संचालित रोड प्रारूप में सम्मिलित नहीं किये गये हैं क्यों और कौन-कौन से रोड सम्मिलित नहीं किये गये और इस त्रुटि के लिये कौन-कौन से अधिकारियों/कर्मचारी जवाबदार और उनकें विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है या की जाना है? (ग) बुरहानपुर जिले के ग्राम बाडाबुजुर्ग के खसरा क्र. 87, 92, 94, 96, 97, 103, 132 एवं अन्य खसरों से रोड प्रस्तावित किया गया है जबकि प्रस्तावित रोड के उत्तर से लगभग 150 फिट की दूरी पर एवं दक्षिण से लगभग 150 फिट की दूरी पर पूर्व संचालित रोड है। तो इस रोड का क्या औचित्य है कृपया बताने का कष्ट करें यदि औचित्य नहीं है तो क्या इसे प्रारूप से हटाया जायेगा एवं कब तक? (घ) उक्त प्रस्तावित रोड बुरहानुपर विकास योजना 1995 से प्रस्तावित है 25 वर्षों में यह रोड निर्मित नहीं हो पाया जबकि उसके दक्षिण और उत्तर की ओर रोड निर्मित हो चुके है? इस रोड का औचित्य नहीं होने से इसे प्रारूप से कब तक निरस्त किया जायेगा? यदि रोड निरस्त नहीं किया जायेगा तो आधार बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। बुरहानपुर विकास योजना 2031 (प्रारूप) का प्रकाशन किया गया है। प्रारूप बनाने के लिये राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केन्द्र हैदराबाद से प्राप्त सेटेलाईट इमेज के आधार पर स्थल स्थिति के अनुसार सर्वेक्षण किया गया जिसमें सम्मिलित अधिकारियों/कर्मचारियों एवं एजेन्सी की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त प्रारूप में, नगर के प्रमुख वर्तमान निर्मित मार्ग एवं प्रस्तावित मार्ग दर्शाये गये है। विकास योजना प्रारूप में स्थानीय स्तर के कम चौड़ाई वाले मार्ग दर्शित नहीं किये जाते है। शेषाशं का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बुरहानपुर विकास योजना, 2031 (प्रारूप) को खसरा आधारित प्रकाशित नहीं किया गया है। विकास योजना में व्यापक रूप से नियोजन के आधार पर मार्ग प्रस्तावित किये गये है। वर्तमान में उक्त प्रारूप का प्रकाशन जन सामान्य से आपत्ति/सुझाव प्राप्त करने हेतु किया गया है, जिस पर मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के प्रावधान अनुसार सुनवाई उपरांत गुण दोषों के आधार पर शासन द्वारा अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा। शेषाशं का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी उत्तराशं (ग) अनुसार है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय/आदेश का संज्ञान में लिया जाना
[गृह]
113. ( क्र. 2973 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सु्प्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया द्वारा क्रिमिनल अपील 1375-1376/2013 में दिनांक 28 मार्च 2018 को पारित निर्णय/निर्देश संज्ञान में लेकर उच्च न्यायालय जबलपुर के प्रकरण एमसीआरसी 3267/2014 में स्टे वेकेंट कराने की विधिसम्मत कार्यवाही महाधिवक्ता एवं उनके अधीनस्थ अधिकारी/अधिवक्ता कब तक करेंगे? अर्जेंट हियरिंग और मेन्शन मेमो की कार्यवाही कब की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त स्टे के कारण जिला एवं न्यायालय भोपाल में प्रकरण क्रमांक आरसीटी 3103009/2014 की कार्यवाही लंबित है? इस प्रकरण में चालान पेश होने के बाद जिन आरोपितों ने नियमित जमानत नहीं ली, उनकी गिरफ्तारी हेतु लोक अभियोजन कार्यालय द्वारा विधिसम्मत कार्यवाही कब तक की जाएगी? नहीं तो क्यों? (ग) उपरोक्त प्रकरणों में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के आलोक में महाधिवक्ता कार्यालय और लोक अभियोजन संचालनालय द्वारा की गई उपचारात्मक कार्यवाहियों का ब्यौरा दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[आयुष]
114. ( क्र. 2974 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय आयुष मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक एफ-258/19/03 शिकायत 626-28 दिनांक 03/09/2019 के तहत कमेटी गठित की गई। (ख) यदि हाँ तो कमेटी ने जांच में अधिकारियों को दोषी पाया। (ग) हाँ या नहीं यदि हाँ तो किस अधिकारियों को दोषी पाया गया व दोषी अधिकारियों पर शासन ने क्या कार्यवाही की यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) डॉ. रविकांत श्रीवास्तव प्रोफेसर, शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय जबलपुर। कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उज्जैन व नागदा निवेश प्रारूप 2035 के संबंध में दावे/आपत्ति/सुझाव
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 2979 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा नागदा निवेश क्षेत्र प्रारूप 2035 की गजट सूचना दिनांक 8 जनवरी 2021 को प्रकाशित कर 30 दिवस के भीतर दावे/आपत्ति/सुझाव मांगे गये थे? यदि हाँ तो कितने दावे/आपत्ति प्राप्त हुई? (ख) संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा उज्जैन निवेश क्षेत्र प्रारूप 2035 की गजट सूचना प्रकाशित कर 30 दिवस के भीतर दावे/आपत्ति/सुझाव मांगे गये थे? यदि हाँ तो कितने दावे/आपत्ति प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा उज्जैन निवेश क्षेत्र व नागदा निवेश क्षेत्र हेतु क्या-क्या सुझाव/दावे/ आपत्ति प्रेषित किए हैं? उस पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 26/12/2020 को उज्जैन निवेश प्रारूप 2035 हेतु कमिश्नर व कलेक्टर उज्जैन व संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश को क्या-क्या सुझाव पत्र के माध्यम से दिए? विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। कुल 73 आपत्ति/सुझाव प्राप्त हुये है। (ख) जी हाँ। 463 आपत्ति/सुझाव प्राप्त हुये है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा उज्जैन निवेश क्षेत्र और नागदा निवेश क्षेत्र हेतु प्रेषित आपत्ति/सुझावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। उक्त पर मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 17 (क) के अन्तर्गत गठित समिति के समक्ष सुनवाई बाबत अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही प्रचलित है। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 26/12/2020 को उज्जैन निवेश क्षेत्र प्रारूप 2035 हेतु संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश को प्रेषित सुझाव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
दुर्घटना करने वाले वाहन को जप्त किया जाना
[गृह]
116. ( क्र. 2980 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरोद-नागदा क्षेत्र में एक जनवरी 2019 से दिसम्बर 2020 तक यातायात सड़क दुर्घटनाओं के कितने प्रकरण पुलिस थाने में दर्ज हैं उनके नाम, दुर्घटना दिनांक, प्रकरण क्रमांक, पुलिस थाने के नाम, प्रकरण जांचकर्ता के नाम, पद, नाम सहित विवरण दें। (ख) क्या 29/08/2020 को खाचरौद पुलिस थाने में पिकअप से दुर्घटना का प्रकरण पंजीबद्ध है यदि हाँ तो किस की दुर्घटना का प्रकरण पंजीबद्ध है प्रकरण की जांच कौन अधिकारी कर रहा है इस पर क्या कार्यवाही की गई है? जांचकर्ता ने दुर्घटना करने वाले वाहन को जब्त किया? यदि हाँ तो कब और नहीं तो 6 माह बाद भी जांचकर्ता द्वार कोई कार्यवाही नहीं की गई है ऐसा क्यों? (ग) क्या यह सही है कि खाचरौद पुलिस द्वारा पिकअप को थाने लाया गया था परंतु उसे जप्त नहीं किया गया? विवरण दें। (घ) कब तक दुर्घटना करने वाले वाहन, चालक व वाहन मालिक व संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी? सम्पूर्ण विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) 29-08-2020 थाना खाचरौद पर अप0क्र0 413/धारा 279,337 भादवि का पंजीबद्ध है जिसकी विवेचना उ0नि0 आर0के0 सिगावत द्वारा की जा रही है। घटना के समय वाहन व वाहन चालक की कोई जानकारी होना पता नहीं चल रही है। फायनेंस कंपनी से उक्त वाहन की जानकारी अति शीघ्र प्राप्त कर प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ग) यह सही नहीं है कि थाने पर कभी भी उक्त वाहन लाया गया है। (घ) फायनेंस कंपनी से उक्त वाहन की जानकारी अतिशीघ्र प्राप्त कर प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[पर्यावरण]
117. ( क्र. 2992 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में जे.पी. ऐसोसिएटस प्रायवेट लिमिटेड द्वारा पर्यावरण विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत उद्योग संचालित है? यदि हाँ तो उन उद्योगों में विभागीय गाइड लाइन का पालन न करने की शिकायत विगत 5 वर्षों में कब-कब प्राप्त हुई एवं उन शिकायतों में अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उन उद्योगों द्वारा पर्यावरण को पहुँचाई जा रही क्षति के विरूद्ध विभाग में उद्योग स्थापित होने से लेकर प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की सत्यापित प्रति दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। विगत पाँच वर्षों में प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उद्योगों से पर्यावरण को क्षति पहुँचाये जाने की स्थिति नहीं पाई गई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जे.पी. एसोसिएट्स को पर्यावरण विभाग द्वारा जारी निर्देश
[पर्यावरण]
118. ( क्र. 2993 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में स्थापित जे.पी. ऐसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पर्यावरण विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत पौधा रोपण एवं जल संग्रहण किये जाने हेतु क्या निर्देश जारी किये गये हैं? जारी निर्देश/गाइड-लाइन की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कंपनी द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक कहाँ-कहाँ पौधा रोपण एवं जल संग्रहण का कार्य कराया गया? कराये गये कार्य की भौतिक प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में पर्यावरण विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के विरूद्ध विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही का विवरण देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी नहीं, अपितु उद्योग एवं उसकी चूना पत्थर खदानों को जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत सषर्त सम्मति प्रदान की गई हैं जिसमें वृक्षारोपण की शर्तों का उल्लेख है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर परिषद खिलचीपुर में पेंडिग डीजल बिलों के भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 3009 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1998 से 2004 तक नगर परिषद खिलचीपुर में डीजल बिलों का भुगतान लंबित है? यदि हाँ तो विवरण उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के तहत श्रीनाथ जी ऑटो मोबाईल्स खिलचीपुर के डीजल बिलों का भुगतान लंबित है? यदि हाँ तो कारण सहित विवरण उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के हितग्राही के लंबित बिलों का भुगतान नहीं होने के कारण स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना
[गृह]
120. ( क्र. 3025 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भादवि की धारा 167 में किस पर किन आधारों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा सकता है? (ख) कार्यालय कलेक्टर जिला छतरपुर के पत्र क्रमांक 260 दिनांक 17/11/2017 को अपर कलेक्टर छतरपुर द्वारा किन दस्तावेजों के आधार पर अधीनस्थ न्यायालय का आदेश निरस्त किया जाएगा लेख किया था? (ग) न्यायालय अपर कलेक्टर के आदेश दिनांक 12/2/2018 में उभयपक्षों के तर्को प्रस्तुत बहस एवं प्रकरण में प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर अधीनस्थ न्यायालय का आदेश त्रुटि कारित होना नहीं पाया गया। जिससे उक्त आदेश निरस्त नहीं किया गया था। पुलिस अधीक्षक जिला छतरपुर द्वारा पत्र क्रमांक/7/दिनांक 15/12/2020 लेख किया था? (घ) प्रश्न (ग) के अनुसार यदि हाँ तो क्या उक्त न्यायालय में उभयपक्षों द्वारा स्वामित्व संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे? यदि हाँ तो विवरण उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या शासन विधि सम्मत कार्रवाई न करने वाले उक्त अधिकारी के विरुद्ध भादवि 167 एवं अन्य धाराओं के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पत्र क्रमांक 260 दिनांक 17.11.2017 में प्रश्नांश 'घ' के उत्तर में लेख किया गया था कि प्रकरण क्रमांक 01/अ-6/2016-2017 में दिनांक 13.01.2017 को म.प्र. भू0रा0 संहिता 1959 की धारा 109 एवं 110 के तहत आदेश पारित किया गया था उक्त आदेश के विरुद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा सुनवाई में लिया जा चुका है। सम्यक सुनवाई उपरांत उचित आदेश पारित किया जाकर निरस्त किया जावेगा। धारा 109, 110 के अधिकार डिप्टी कलेक्टर नजूल को अधिसूचना क्रमांक 3215-2369-आठ 66 दिनांक 21.12.66 म.प्र. भू0रा0 संहिता 1959 के प्रावधान के अन्तर्गत नजूल अधिकारी को कब्जेदार का नाम परिवर्तन करने का अधिकार नहीं है। (ग) पुलिस अधीक्षक जिला छतरपुर द्वारा जिला दण्डाधिकारी, छतरपुर को संबोधित पत्र क्रमांक 07 दिनांक 15.12.2020 लेख किया गया था। (घ) जी नहीं। (ड.) न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों से असंतुष्ट होने पर वरिष्ठ न्यायालय से अनुतोष प्राप्त किया जा सकता है। प्रकरण में न्यायालय नजूल अधिकारी के नामांतरण आदेश के विरुद्ध प्रथम अपील अपर कलेक्टर न्यायालय में की गई थी, द्वितीय अपील आयुक्त सागर संभाग के न्यायालय में की गई थी। उक्त दोनों अपीलीय न्यायालयों द्वारा नजूल न्यायालय के मूल आदेश को स्थिर रखा है। अतः अपर कलेक्टर छतरपुर एवं अन्य के विरुद्ध धारा 167 भादवि की कार्यवाही नहीं की गई।
गेमिंग/गेंबलिंग के गोरख धंधे पर प्रतिबंध
[गृह]
121. ( क्र. 3026 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में ऑनलाइन गेमिंग/गेबलिंग को रोकने अथवा नियमित करने हेतु शासन द्वारा कोई कानूनी या नीति लागू है? हाँ या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ तो मध्यप्रदेश में कितनी ऑनलाइन गेमिंग/गैबलिन कंपनियां सुचारू रूप से चल रही हैं? उसका विवरण एवं सूची उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्या मध्य प्रदेश में चल रहे ऑनलाइन गेमिंग/गैबलिन के गोरख धंधे पर प्रतिबंध लगाया जाएगा एवं आवश्यक कानून या नीति का निर्माण या मौजूदा कानून में संशोधन लाया जाएगा? (ग) यदि हाँ तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) ऑनलाईन गेमिंग/गेबलिंग के संबंध में सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम-2008 में कोई भी आपराधिक धारा उल्लेखित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मा. उच्च न्यायालय में दर्ज प्रकरण
[गृह]
122. ( क्र. 3039 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवलखा बीज कं. महिदपुर के विरूद्ध मा. उच्च न्यायालय में दर्ज SLP क्रमांक 7740/2017 दिनांक 19.03.2018 के बाद से अभी तक तारीखें क्यों नहीं लगी है? (ख) इसके निगरानीकर्ता अधिकारी के नाम, पदनाम देकर बतावें कि विभाग इसके लिए इन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) प्रकरण में शीघ्र तारीखें लगवाने के लिए विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण में तारीख नियत की जाना है। (ख) निगरानी कर्ता अधिकारियों के नाम, पदनाम संलग्न परिशिष्ट अनुसार। प्रकरण में तारीख माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा नियत की जाना है, अतः निगरानीकर्ता अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार।
आदिनाथ विहार कॉलोनी महिदपुर द्वारा अनियमितता पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 3040 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र. क्र. 428 दिनांक 28.12.2020 के (ख) उत्तर अनुसार अदिनाथ विहार कॉलोनी दर्जी बाखल महिदपुर के स्वीकृत अभिन्यास के अनुसार कॉलोनी में पार्क के लिए 884-25 वर्ग मीटर भूमि खुली छोड़ी गई है इस भूमि पर प्रश्न दिनांक तक पार्क नहीं बनाया गया है क्यों? (ख) इसके लिए कॉलोनाइजर पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है क्यों? (ग) इसके निगरानीकर्ता अधिकारियों ने इसका कितनीबार, निरीक्षण किया? प्रत्येक निरीक्षण की टीप की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) कब तक प्रश्नांश (क) अनुसार खुली भूमि पर पार्क विकसित कर दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्राम बारापत्थर स्थित आदिनाथ विहार कालोनी में 02 पार्क के लिए आरक्षित भूमि में से 01 बडा पार्क बनाया जा चुका है एवं 01 छोटा पार्क अर्द्धविकसित है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महिदपुर द्वारा जनपद पंचायत के उपयंत्री, पंचायत समन्वयक अधिकारी, ग्राम पटवारी एवं ग्राम पंचायत के सचिव का संयुक्त दल गठित कर जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अर्द्धविकसित पार्क को पूर्ण विकसित करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महिदपुर द्वारा संबंधित कालोनाईजर को सूचना पत्र जारी किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भोपाल नगर निगम द्वारा बसों की खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 3047 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL) ने 2010 में निर्मित बस 3 वर्ष बाद 2013 में खरीदी? क्या ये बसें प्रति बस 60 लाख रू. की दर से खरीदी गई थी? क्या यही बस कम्पनी ने खुले बाजार में 24 लाख रू. में बेची थी? क्या BCLL में वर्ष 2013 में लो फ्लोर ए.सी. बसों को खरीदे जाने में अनियमितता किये जाने की EOW को शिकायते प्राप्त हुई है? (ख) फ्लोर ए.सी. बसों को खरीदे जाने में अनियमितताएं किये जाने की EOW को कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई थी? (ग) क्या EOW ने एक शिकायत 223/16 वर्ष 2016 में दर्ज की थी? यदि हाँ तो EOW के अधिकारियों ने विगत 5 वर्षों में क्या-क्या कार्यवाही की? EOW में वर्ष 2016 में दर्ज शिकायत पर किस-किस को नोटिस जारी किये गये? (घ) BCLL ने शिकयत 223/16 पर क्या जवाब दिया हैं? इस मामले में कब तक जांच पूरी कर ली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड भोपाल द्वारा उक्त बसें नहीं खरीदी गई है। उक्त बसें केन्द्र शासन की जेएनएनयूआरएम योजनांतर्गत प्रदत्त स्वीकृति अनुसार नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा बस प्रोक्योरमेंट हेतु विधिवत निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर दिनांक 09.11.2009 को जारी कार्यादेश के तारतम्य में कुल 225 बसें एसी एवं नॉन एसी वर्ष 2010 से 2013 के मध्य चरणबद्ध रूप से प्राप्त की गई। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। सभी बसें एक समान दर रूपये 60.00 लाख से नहीं खरीदी गई थी। जी नहीं। बीसीएलएल द्वारा वर्ष 2013 में लो-फ्लोर बसों को खरीदे जाने में अनियमितता के संबंध में प्राप्त शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में शिकायत क्रमांक 223/2026 पर पंजीबद्ध होकर सत्यापन में है। (ख) लो-फ्लोर ए.सी. बसों को खरीदे जाने में अनियमितता किये जाने के संबंध में कुल 16 शिकायतें प्राप्त हुई है। जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शिकायत क्रमांक 223/16 सत्यापनाधीन होने से इस स्तर पर जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) BCLL द्वारा शिकायत क्रमांक 223/16 के संबंध में EOW को दिनांक 13/07/2020 को जवाब दिया गया है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। शिकायत सत्यापनाधीन है।
नगर परिषद कुक्षी के निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 3048 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद कुक्षी जिला धार द्वारा दिनांक 01.02.2018 से 31-01-2021 तक समस्त क्रय एवं निर्माण कार्यों की सूची वर्षवार देवें। (ख) क्रय एवं निर्माण कार्यों के लिए निकाले गये, टेंडर की समाचार पत्र की विज्ञप्ति का विवरण कार्यवार, वर्षवार देवें। इस संबंध में हुए समस्त भुगतान की जानकारी कार्यवार एवं चयनित फर्म द्वारा दिए बिलों का विवरण सहित वर्षवार देवें। (ग) उपरोक्त अवधि में मुख्यमंत्री अधोसंरचना मद में कितनी राशि प्राप्त हुई व उसका क्या उपयोग किया गया? (घ) उपरोक्त अवधि में हुए समस्त डीजल/पेट्रोल खर्च की जानकारी बिलों के विवरण सहित देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) राशि रूपये 200.00 लाख प्राप्त हुये, जिसका उपयोग सीमेंट, कांक्रीट रोड, नाली निर्माण, विद्युत पोल एवं डिवाईडर निर्माण कार्य में किया गया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
त्रिकुट काढ़ा की जानकारी
[आयुष]
126. ( क्र. 3062 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड महामारी के दौरान आयुष विभाग ने वन विभाग से जितना त्रिकटु काढ़ा प्राप्त किया उसकी इनवाइस की छायाप्रतियां माहवार देवें। (ख) प्राप्त त्रिकुट काढ़ा का विभाग के किन अधिकारियों द्वारा परीक्षण कहाँ-कहाँ पर करवाया गया? उसकी जानकारी परीक्षवार अधिकारी नाम, परीक्षण स्थल सहित देवें। (ग) यदि परीक्षण करवाए बिना इसका वितरण कर दिया गया तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि विभाग इसके लिये उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब''अनुसार। (ख) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर एवं चंबल संभाग में अवैध रेत खदानों पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
127. ( क्र. 3063 ) श्री बाला बच्चन : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में कितनी रेत खदानें प्रश्न दिनांक की स्थिति में स्वीकृति प्राप्त हैं? जिलावार, खदान, नाम, स्थान नाम सहित देवें। (ख) दि. 01.04.2020 से 06.02.2021 तक विभाग के किन-किन अधिकारियों ने किन-किन खदानों का निरीक्षण किया? निरीक्षण टीप सहित जानकारी देवें। (ग) अवैध रेत खदानों के संचालन पर रोक संबंधी कितने पत्र इन संभागों के जिला, संभाग व शासन स्तर पर विभाग ने दिए हैं? प्रत्येक पत्र की छायाप्रति प्रश्न (ख) अवधि अनुसार देवें। (घ) इन पत्रों के प्रति उत्तर में संबंधित जिला, संभाग व शासन ने जो पत्र दिए हैं उनकी छायाप्रति भी देवें। कितनी अवैध रेत खदानें विभाग ने चिन्हित की हैं? जिलावार प्रश्न (क) के संदर्भ में देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में 52 रेत खदानों द्वारा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सम्मति प्राप्त की है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) खनिज विभाग, जिला दतिया, ग्वालियर एवं भिण्ड से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार रेत खदानों का वैध संचालन किये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर के वार्ड क्रमांक 71 में स्टेडियम निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
128. ( क्र. 3081 ) श्री संजय यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बरगी में आने वाले नगर निगम जबलपुर के नवीन वार्ड क्रमांक 71 में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने एक क्षेत्रीय जन सामान्य की मांग अनुरूप स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत नगर निगम नया वार्ड 71 ग्राम तेवर प.ह.नं. 18 रा.नि. म. भेडाघाट तहसील गोरखपुर में उपलब्ध शासकीय भूमि पर स्टेडियम का निर्माण किया जाने का प्रस्ताव शासन एवं जिला प्रशासन को दिया गया था? यदि हाँ तो वर्तमान में उक्त योजना को कार्यरूप देने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) क्या जिला प्रशासन एवं शासन की उक्त खेल मैदान बनाने की कोई योजना नहीं है? नवीन वार्ड 71 में खेल हेतु स्टेडियम का निर्माण कब तक किया जावेगा समय-सीमा बतावें। (ग) क्या जबलपुर महानगर में वार्ड क्रमांक 71 के अंतर्गत रिक्त शासकीय भूमि पर शासन द्वारा स्टेडियम को निरस्त कर अन्य कोई योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जबकि शासन के पास वर्तमान में स्टेडियम निर्माण हेतु इससे अधिक उपयुक्त स्थान कही पर नहीं हैं? यदि हाँ तो क्यों स्पष्ट कारण बतायें। (घ) क्या शासन ऐसे जनहित कार्यों को शीघ्र ही स्वीकृति प्रदान कर जबलपुर महानगर एवं आस पास के जिले के उभरते खेल खिलाड़ियों को स्टेडियम की सुविधा प्रदान कर खेल को बढ़ावा देवेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जिला प्रशासन द्वारा अनुविभागीय अधिकारी गोरखपुर से प्रस्ताव चाहा गया है। (ख) जिला प्रशासन एवं नगर निगम की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासन द्वारा वर्तमान में किसी योजना का क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रस्ताव व साध्यता अनुसार आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
र्स्माट सिटी योजना अंतर्गत गार्डन सड़क निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 3082 ) श्री संजय यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नगर निगम वार्ड 71 में त्रिपुरी सुन्दरी मंदिर के पास ग्राम तेवर में 05 एकड़ भूमि पर गार्डन निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव विभाग में लंबित है? यदि हाँ तो स्वीकृत क्यों नहीं किया गया? उक्त पर की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुये किये गये पत्राचार/प्रस्ताव का विवरण उपलब्ध करायें। (ख) क्या स्मार्ट सिटी योजना के अन्तर्गत गौर से भेड़ाघाट व आई.टी.पार्क को जोड़ते हुये नर्मदा तट तक स्वीकृत सड़क जिसका नगर निगम जबलपुर के सदन से प्रस्ताव पारित हो चुका है? क्या प्लान एवं डी.पी.आर. बन चुकी है? पारित प्रस्ताव एवं स्वीकृति का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) क्या नर्मदा समृद्धि कॉरीडोर योजना के तहत तिलवार ललपुर, ग्वारीघाट तक सड़क व नर्मदा में मिलने वाले गंदे नाले पर ट्रीटमेन्ट प्लांट लगाने संबंधी निविदा जारी होना थी? यदि हाँ तो अभी तक क्यों नहीं हो पाई है? उसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? निविदा कब तक जारी की जाकर ट्रीटमेन्ट प्लांट लगेगा? (घ) क्या ग्वारीघाट, भेड़ाघाट एवं तिलवार में गंदा नाला मॉ नर्मदा जी से मिलता है? यदि हाँ तो इससे मां नर्मदा के प्रति धार्मिक आस्था को ठेस नहीं पहुँच रहा है? इसे बंद कब तक किया जावेगा? उपरोक्त के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने पत्राचार किये गये? उक्त पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नगर निगम, जबलपुर के वार्ड क्रमांक 71 में त्रिपुर सुन्दरी मंदिर के पास ग्राम तेवर में 05 एकड़ भूमि पर गार्डन निर्माण हेतु क्षेत्रीय विधायक श्री संजय यादव के द्वारा मांग पत्र दिया गया है। तत्संबंध में फिजीबिल्टी रिपोर्ट एवं विस्तृत कार्ययोजना बनाये जाने की कार्यवाही कोविड-19 की वजह से लंबित रही है। निगम को उक्त भूमि हस्तांरित होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) जी हाँ। स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत नर्मदा समृद्धि कोरिडोर के विकास के संबंध में प्रस्ताव क्रमांक 73, संकल्प क्रमांक 400 दिनांक 06.02.2019 को पारित हो चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कोविड-19 एवं निगम की वित्तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये कोई प्रस्ताव व कार्ययोजना तैयार नहीं की जा सकी है। (ग) नर्मदा समृद्धि कोरिडोर योजना के तहत तिलवारा, ललपुर, ग्वारीघाट एवं भटोली तक सड़क निर्माण हेतु विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। चूकिं स्मार्ट सिटी योजना समयबद्ध एवं नियत वित्तीय प्रावधान की योजना है। उक्त कोरिडोर के निर्माण में भूमि अधिग्रहण कर निर्माण किया जाना है। अत: नर्मदा समृद्धि कोरिडोर को जबलपुर विकास प्राधिकरण को स्थानांतरित किया गया है। नर्मदा में मिल रहे गंदे नालों के ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की कार्यवाही किया जाना है परन्तु कोविड-19 एवं निगम की वित्तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये प्रस्ताव को कार्य रूप नहीं दिया जा सका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। नगर निगम द्वारा इन विभिन्न नालो को बंद करने हेतु कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उपलब्ध जानकारी अनुसार उपरोक्त विषय के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न दिनांक तक 02 पत्र सीवर परियोजना शाखा नगर निगम, जबलपुर को प्राप्त हुये है एवं भेड़ाघाट नगरपालिका को कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ।
आपराधिक प्रकरण पर कार्यवाही
[गृह]
130. ( क्र. 3101 ) श्री सुरेश राजे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना देहात अशोक नगर के प्रथम सूचना पत्र अपराध क्रमांक 536/20 में आदेश की तामीली दिनांक 17.02.2020 अंकित है, जबकि शस्त्र निरस्त किये जाने के आदेश का दिनांक 30.05.2020 है। तामीली दिनांक आदेश दिनांक के तीन माह पूर्व की है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) सही है तो संबंधित मामले में किस अधिकारी या फरियादी का दोष था? उनके खिलाफ कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? इस द्वेषपूर्ण कार्यवाही के लिये संबंधित दोषियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण की प्रथम सूचना पत्र में कम्प्यूटर में लिपिकीय त्रुटिवश दिनांक 17.07.2020 की जगह 17.02.2020 अंकित हो गया था। कोई द्वेषपूर्ण कार्यवाही नहीं की गई थी, अतः संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पर्यावरण के निर्धारित मापदण्ड
[पर्यावरण]
131. ( क्र. 3102 ) श्री सुरेश राजे : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित क्रेशर संचालकों व रेत खदान संचालकों द्वारा वैध पर्यावरण अनुमतियां प्राप्त की है? क्या संचालकों द्वारा पर्यावरण विभाग के निर्धारित मापदण्डों व नियमों का पालन किया जा रहा है? नहीं तो क्यों? (ख) क्या क्रेशर संचालकों द्वारा पर्यावरण नियमों मापदण्डों का पालन न करने से क्षेत्र में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब हो रही है? (ग) क्रेशर संचालकों व रेत खदान संचालकों से पर्यावरण प्रदूषण संबंधी नियमों का कढ़ाई से पालन कराने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्यक्तिगत दी गई सुरक्षा का आंकलन
[गृह]
132. ( क्र. 3108 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना बहादुरपुर जिला अशोकनगर निवासी गिर्राज यादव को किन व्यक्तियों से जान का खतरा था, जिस कारण पुलिस अधीक्षक अशोकनगर द्वारा पत्र क्रमांक जिविशा/173/20 दिनांक 26.02.2020 द्वारा पुलिस मुख्यालय भोपाल को सुरक्षा प्रदान करने हेतु लिखा गया था? यदि हाँ तो किन व्यक्तियों से किस प्रकार के खतरे का आंकलन था, जिस हेतु आरक्षक 449 मुकेश तोमर केा सशस्त्र गिर्राज यादव की सुरक्षा में तैनात किया गया? (ख) क्या दिनांक 26.03.2020 को पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा गिर्राज यादव को अतिरिक्त सुरक्षा दिये जाने का आवेदन निरस्त किया गया था? फिर किन परिस्थितियों में, किन खतरों का आंकलन कर दिनांक 24.05.2020 को आरक्षक 744 गिरिराज को इनकी सुरक्षा में तैनात किया गया और किसके आदेश पर? (ग) उक्त गिर्राज यादव की सुरक्षा का आंकलन किन-किन अधिकारियों ने कब-कब किया? क्या गिर्राज यादव को सुरक्षा नियम विरूद्ध दी गई थी व इन्हें कोई खतरा नहीं था? नियम विरूद्ध सुरक्षा देने हेतु कौन उत्तरदायी है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आवेदक गिर्राज यादव पुत्र श्री बलराम यादव निवासी कोलुआ रोड अशोकनगर द्वारा दिनांक 25.02.2020 को आवेदन पत्र प्रस्तुत कर स्वयं की जान को खतरा होने के कारण सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराये जाने की मांग की गई थी। जिसकी जांच पुलिस अधीक्षक अशोकनगर द्वारा करायी गयी। जांच में राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के चलते सुरक्षा की आवश्यकता होने के कारण स्थानीय स्तर पर अंगरक्षक आरक्षक 449 मुकेश तोमर को पदस्थ किया गया था। (ख) यह सही है कि दिनांक 26.03.2020 द्वारा अतिरिक्त सुरक्षा मांग संबंधी आवेदन निरस्त किया गया था। आवेदक गिर्राज यादव को पूर्व से ही स्थानीय स्तर पर एक अंगरक्षक आरक्षक 449 मुकेश तोमर 26वी वाहिनी (डी कम्पनी) गुना को पदस्थ किया गया था। अंगरक्षक आरक्षक 449 मुकेश तोमर के अवकाश पर जाने के कारण उसके स्थान पर आरक्षक 744 गिर्राज यादव को दिनांक 24.05.2020 को सुरक्षा हेतु लगाया गया था। (ग) आवेदक गिर्राज यादव द्वारा दिनांक 25.02.2020 को आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सुरक्षा की मांग की गई थी। जिसके आधार पर पुलिस अधीक्षक अशोकनगर द्वारा दिनांक 25.02.2020 थाना प्रभारी कोतवाली से एवं दिनांक 26.02.2020 थाना प्रभारी देहात से इनकी सुरक्षा को खतरे का आंकलन कराया गया था। आवेदक गिर्राज यादव को नियम विरुद्ध सुरक्षा नहीं दी गई थी।
बिल्डर को अस्थायी उच्चदाब विद्युत कनेक्शन दिया जाना
[ऊर्जा]
133. ( क्र. 3113 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बिल्डर को अस्थायी उच्चदाब विद्युत कनेक्शन निर्माण कार्य हेतु दिया जाता है? यदि हाँ, तो क्या बिल्डर निर्माण कार्य हेतु लिये गये अस्थायी उच्चदाब विद्युत कनेक्शन से कॉलोनी के रहवासियों को पृथक से घरेलू विद्युत कनेक्शन दे सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत, नियम की प्रति सहित बतायें। (ख) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी ने कितने बिल्डरों को भोपाल शहर में निर्माण कार्य हेतु वर्ष अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक अस्थायी उच्चदाब विद्युत कनेक्शन प्रदान किये हैं, सूची उपलब्ध करायें एवं उनमें से किस-किस बिल्डर को कब-कब कनेक्शन की कितनी-कितनी अवधि बढ़ाई गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, बिल्डर को अस्थाई उच्चदाब विद्युत कनेक्शन निर्माण कार्य हेतु दिया जाता है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत प्रदाय संहिता - 2013 के अध्याय 4 की कंडिका 4.43 में निहित प्रावधान अनुसार कोई भी व्यक्ति निर्माण कार्य के लिये अस्थाई विद्युत संयोजन प्राप्त कर सकता है। जी नहीं, बिल्डर द्वारा निर्माण कार्य हेतु लिये गये अस्थाई उच्चदाब विद्युत कनेक्शन से पृथक से कोई भी कनेक्शन देने का नियम/ प्रावधान नहीं है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा बिल्डरों को भोपाल शहर में निर्माण कार्य हेतु माह अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदाय किये गये अस्थाई उच्चदाब विद्युत कनेक्शनों एवं उनकी बढ़ाई गई अवधि की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आपराधिक प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
134. ( क्र. 3114 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना बहादुरपुर जिला अशोक नगर के अपराध क्रमांक 107/20 की विवेचना कब से लंबित है और कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? विवेचना लंबित रहने का क्या कारण हैं? इस प्रकरण में आरोपी कौन-कौन हैं? इनकी गिरफ्तारी न होने के क्या कारण हैं? अज्ञात आरोपी की पहचान व गिरफ्तारी हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित प्रकरण का सुपरविजन कब-कब वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया? क्या प्रकरण में बिना आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रकरण को कमजोर करने की मंशा से संबंधितों के बयान दर्ज किये गये? प्रकरण क्रमांक 108/20 व प्रकरण क्रमांक 107/20 में बयान दर्ज करने व कार्यवाही में अलग-अलग मापदंड अपनाने के क्या कारण है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) थाना बहादुरपुर जिला अशोकनगर का अप0 क्र0 107/20 दिनांक 26/05/2020 को दर्ज हुआ था एवं उसकी विवेचना जारी है। विवेचना पूर्ण होने की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है एवं इस मामले में साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे हैं। प्रकरण के आरोपियों के नाम संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। प्रकरण में साक्ष्य के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में निर्णय लिया जायेगा। प्रकरण विवेचनाधीन होने से विवेचना संबंधी शेष जानकारी दी जाना विधि सम्मत नहीं है। (ख) प्रकरण में दिनांक 28.05.2020 को पुलिस अधीक्षक अशोकनगर द्वारा सुपरविजन किया गया है। जी नहीं, प्रकरण में विवेचना के दौरान साक्षियों से पूछताछ कर विधि सम्मत बयान दर्ज किये गये हैं। प्रकरण क्रमांक 108/20 व प्रकरण क्रमांक 107/20 में बयान दर्ज करने व कार्यवाही में अलग-अलग मापदंड नहीं अपनाये गये है।
महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि विद्वानों का वेतन भुगतान
[उच्च शिक्षा]
135. ( क्र. 3121 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 31/02/2020 की स्थिति में सागर संभाग में कितने अतिथि विद्वान किन-किन महाविद्यालयों में कार्यरत थे? महाविद्यालय का नाम, संख्या सहित जिलावार देवें। (ख) इन्हें कितने माह से वेतन भुगतान नहीं किया गया है? (ग) इन्हें कब तक भुगतान कर दिया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सागर के आयुर्वेदिक अस्पताल की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 3122 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम सागर की आयुर्वेदिक अस्पताल में कितने डॉक्टर हैं? क्या इसकी डिग्री का सत्यापन कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? अस्पताल खुलने एवं डॉक्टर बैठने का समय क्या है? (ख) क्या इस अस्पताल का एक डॉक्टर निगम में उपायुक्त है? यदि हाँ तो शासन के किस आदेश से? किस नियम से? नियम की प्रति दें। उपायुक्त का नाम बतायें। (ग) इन उपायुक्त को दी गई कार का नाम एवं नंबर बतायें। वाहन कब दिया? अब तक वाहन पर व्यय राशि, वाहन लागबुक सहित बतायें। क्या निगम उपायुक्त को शासकीय बंगला दिलाया गया है? बंगला नंबर बतायें। बंगला किस नियम से दिया गया है? नियम की प्रति दें। क्या गृह विभाग ने बंगला मंजूर किया है? (घ) क्या कर्मचारी संघ ने उपायुक्त को अनुचित लाभ देने की शिकायत की है? चिकित्सक को अनुचित आर्थिक लाभ देने एवं शासकीय बंगला दिलाने के दोषियों पर क्या कार्यवाही होगी? दिया गया आर्थिक लाभ एवं आवास लाभ की रकम किससे वसूली जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम की आयुर्वेदिक अस्पताल में 02 डाक्टर पदस्थ हैं। जी नही। क्योकि नियुक्ति के समय समस्त दस्तावेजों की जांच होती है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अस्पताल खुलने एवं डाक्टरों के बैठने का समय सुबह 8.30 से 12.30 दोपहर तक एवं सायं 05.00 बजे से रात्रि 07.00 बजे का है। (ख) जी हाँ। म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 69 (4) के तहत तत्कालीन आयुक्त नगर पालिक निगम सागर द्वारा दिनांक 01/04/2016 में डॉ. प्रणव कमल खरे को प्रभारी उपायुक्त अधिकृत किया गया था। (ग) उपायुक्त को दी गई कार का नाम स्कार्पियों वाहन क्रमांक एम0पी015 टी-2894 जनवरी 2017 से 15 सितबंर 2020 तक व्यय राशि रूपये 18,28,058/- एवं वाहन का नाम बोलेरो वाहन क्रमांक एम0पी0-15 टी टी-5001 दिनांक 16 सितबंर से 31 जनवरी 2021 तक व्यय राशि रूपये 1,38,375/- इस प्रकार उक्त वाहनों पर कुल राशि रूपये 19,66,433/- व्यय किये गये है। लागबुक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। शासकीय आवास क्रमांक बंगला नं. एफ-33 न्यू कालोनी सागर में आवंटित है। शासकीय आवास आवंटन समिति के द्वारा नियमानुसार प्रदाय किया गया है। कार्यालय कमिश्नर सागर संभाग के आदेश दिनांक 13/04/2020 द्वारा आवंटित किया गया है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। शासकीय आवास आवंटन समिति द्वारा नियमानुसार आवास आवंटन किये जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारियों के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 3123 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधीन आने वाले निगम, मण्डल एवं विकास प्राधिकरणों में प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध भ्रष्टाचार आपराधिक प्रकरण अभियोजन स्वीकृति के लिये किन-किन स्तर पर किस दिनांक से लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति जारी न होने के क्या कारण हैं? प्रकरणवार बताया जाये। (ग) क्या शासन द्वारा स्वीकृति जारी न होने के कारण विलंब के लिये दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो कारण बताया जाये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) श्री शिवेन्द्र सिंह, तत्का. मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं श्री जी.एन.सिंह तत्का. भू-अर्जन अधिकारी, जबलपुर विकास प्राधिकरण के विरूद्ध अपराध क्रमांक 468/2015, 469/2015, 470/2015, 471/2015, 472/2015, 474/ 2015, 475/2015, 477/2015 अभियोजन स्वीकृति हेतु प्राप्त हुए हैं, जिसमें कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जबलपुर विकास प्राधिकरण में सहायक ग्रेड-2, पद पर तत्समय कार्यरत श्री अशोक कुमार साहू (सेवानिवृत्त दिनांक 31.01.2018) के विरूद्ध उक्त प्रकरणों में से 470/2015 को छोड़कर प्राधिकरण में अभियोजन स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन हैं। (ख) प्रकरण क्रमांक 468/2015 में विभागीय आदेश दिनांक 20.10.2020 द्वारा श्री शिवेन्द्र सिंह को जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा दायर वाद क्र.-156-ए/2017, 157-ए/2017 में अंतिम निर्णय होने तक अभियोजन स्वीकृति नहीं दी गई है, श्री जी.एन. सिंह तत्कालीन भू-अर्जन अधिकारी के संबंध में अभियोजन स्वीकृति दी जावे अथवा नहीं के संबंध में प्रकरण परीक्षणाधीन है। शेष प्रकरणों की विषय वस्तु एक समान होने से विचाराधीन है। श्री अशोक कुमार साहू, सहायक ग्रेड-2, जबलपुर विकास प्राधिकरण दिनांक 31.01.2018 को सेवानिवृत्त होने के कारण अभियोजन स्वीकृति के संबंध में प्राधिकारी बोर्ड की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) अभियोजन स्वीकृति की नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है, जिसके लिये कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
भोपाल जिले में आर्म्स लायसेन्स का नवीनीकरण
[गृह]
138. ( क्र. 3125 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में दिनांक 31 दिसम्बर 2020 तक कितने आर्म्स लाइसेंस का नवीनीकरण होना था? कितने लायसेंसधारियों द्वारा उक्त दिनांक तक नवीनीकरण हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने प्रकरण का नवीनीकरण कर दिया गया और कितने प्रकरण शेष है? इन प्रकरणों का लम्बित रहने का क्या कारण है? प्रकरणवार जानकारी दी जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित लम्बित प्रकरणों के कारण है? इसके लिये कौन दोषी है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भोपाल जिले में दिनांक 31.12.2020 तक 2018 आर्म्स लायसेंस का नवीनीकरण होना था। उक्त दिनांक तक कुल 1753 लायसेंस धारियों द्वारा नवीनीकरण हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 845 लायसेंस का पुलिस प्रतिवेदन प्राप्त होने से नवीनीकरण कर दिया गया है। शेष 1273 शस्त्र लायसेंस नवीनीकरण के प्रकरण पुलिस प्रतिवेदन प्राप्त होने की प्रत्याशा में लंबित है। (ग) लंबित प्रकरण पुलिस प्रतिवेदन प्राप्त न होने के कारण लंबित है, जिसके संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को प्रतिवेदन शीघ्र भेजने हेतु पत्राचार किया जा चुका है।
प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विदेश अध्ययन हेतु उपलब्ध राशि लैप्स होना
[उच्च शिक्षा]
139. ( क्र. 3131 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के विदेश अध्ययन हेतु कोई योजना लागू है? यदि हाँ, तो इस योजना के लाभ किस-किस संकाय के छात्रों को किस-किस अध्ययन, किस-किस मापदण्डों के अनुरूप दिया जाता है? नियम, प्रक्रिया, छात्रवार न्यूनतम एवं अधिकतम राशि स्पष्ट करें। (ख) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 एवं प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना हेतु कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया था? प्रावधान के विरूद्ध कितने आवेदकों के नाम पैनल में आए, उनमें से कितने छात्रों का चयन किस-किस विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में कितनी-कितनी राशि के लिये, किस-किस देश के लिये किस-किस अध्ययन के लिये कितने-कितने वर्षों के लिये किया गया? पृथक-पृथक बताएं। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में लक्ष्य प्राप्त करने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या योजना बनाई गई एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? स्पष्ट करें। यदि विभाग लक्ष्य प्राप्त करने में असफल रहा तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? जिसके कारण राशि का उपयोग हुए बिना कई पात्र छात्र इस योजना से वंचित हो गए और राशि लैप्स हो गई? जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्तानुसार कितने-कितने छात्रों ने योजना के संबंध में निवेदन शिकायत किस-किस कार्यालय में किस-किस दिनांक को प्रस्तुत की? उन निवेदन/शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। योजना से संबंधित मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) वर्ष 2019-20 एवं प्रश्न दिनांक तक बजट प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के विदेश अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति के लिए वर्ष में 02 बार (जनवरी एवं जुलाई) में आवेदन करने हेतु जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किया जाता है एवं जिसका प्रकाशन विभागीय वेबसाइट पर भी किया जाता है। उक्त विज्ञापन की पात्रतानुसार आवेदक आवेदन कर सकता है। प्राप्त आवेदनों में से पात्र आवेदकों का चयन छानबीन समिति एवं चयन समिति द्वारा किया जाता है। पात्र आवेदक को ही राशि का विधिवत भुगतान किया जाता है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
योजना का क्रियान्वयन
[उच्च शिक्षा]
140. ( क्र. 3132 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रतिभा किरण योजना अंतर्गत म.प्र. के शहर की निवासी छात्रा जिसने गांव की पाठशाला से 12वीं न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की हो एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है, मेधावी छात्राओं की शिक्षा का स्तर बढ़ाने तथा उच्च शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करने के लिय आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से लागू की गई है? यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं प्रश्न दिनांक तक में उक्त योजना के लिये कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस योजना में चयनित छात्रा को परंपरागत स्नातक पाठ्यक्रम हेतु एक शिक्षण सत्र में कितनी राशि प्रतिमाह, कितनी समयावधि के लिये दिये जाने का प्रावधान है? (ग) उपरोक्त के तारतम्य में गुना, आगर, राजगढ़ एवं अशोकनगर जिले के किस-किस शासकीय/ अशासकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय में अध्यनरत कितनी-कितनी छात्राओं की कितनी-कितनी राशि प्रतिमाह के हिसाब से कितने-कितने महीनों तक योजना का लाभ प्राप्त हुआ है? जिलेवार छात्रा का नाम, पता सहित पृथक-पृथक बताये। (घ) उपरोक्त योजना के क्रियान्वयन में विगत पाँच वर्षों का अनुपातिक बजट के अनुसार कितना व्यय हुआ है, का प्रतिशत प्रस्तुत करें। (ड.) योजना के संबंध में यद्यपि छात्राओं से कोई निवेदन/शिकायतें प्राप्त हुई हैं तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। प्रतिभा किरण योजना अंतर्गत छात्रा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों से आने वाली, बारहवीं परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्रायें जो नगरीय क्षेत्र की निवासी हैं एवं जिन्होंने 12वीं कक्षा शहर में रहकर शहर की पाठशाला से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है, प्रतिभा किरण योजना से लाभांवित होगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रतिभा किरण योजनान्तर्गत रूपये 500/- प्रतिमाह 10 माह के लिए रूपये 5000/- देने का प्रावधान है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) विगत पाँच वर्षों का बजट आवंटन रूपये 14,43,00,000/-, विगत पाँच वर्षों का व्यय रूपये 11,71,44,000/- तथा व्यय का प्रतिशत 84 (लगभग) है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ड.) वर्ष 2020-21 के दौरान प्रतिभा किरण योजना संबंधी केवल एक शिकायत/निवेदन दर्ज हुआ था, जिसका निराकरण किया जा चुका है।
नगर निगम भोपाल द्वारा आवासों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
141. ( क्र. 3135 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाऊस फॉर ऑल अन्तर्गत नगर निगम भोपाल द्वारा राहुल नगर, रिवेरा टाऊन के समीप जो आवासों का निर्माण कर रहा है उस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत क्या है? लागत में भारत सरकार की राशि/अनुदान, राज्य सरकार की राशि/अनुदान एवं हितग्राहियों से प्राप्ति पृथक-पृथक ई.डब्ल्यू.एस. एवं एल.आई.जी. वार बतायें। क्या उपरोक्त प्रोजेक्ट पूर्ण से बुक है? यदि हाँ तो प्रोजेक्ट चयिनित हितग्राही जिन्हें आवास आवंटन होना है द्वारा राशि का भुगतान कितना-कितना ऋण से, कितना-कितना बचते खाते से किया गया? हितग्राहीवार पृथक-पृथक बतायें। यद्यपि ऋण हेतु कोई अनुबंध बैंक, नगर निगम एवं हितग्राही के बीच हुआ है तो हितग्राहीवार पृथक-पृथक अनुबंध की प्रति प्रस्तुत करें? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्त के तारतम्य में प्रथम आओ एवं प्रथम पाओं अवधारणा से जारी विज्ञापन, प्रेस विज्ञप्ति जिसमें प्रथम आओं एवं प्रथम पाओं दृष्टिगोचर होती है वह अवधारणा भारत सरकार, राज्य सरकार, नगरीय विकास एवं आवास विभाग अथवा नगर निगम भोपाल में से किसकी है? इस शब्द की उत्पत्ति राज्य सरकार में संचालित अन्य आवास योजना अथवा नगर निगम द्वारा संचालित आवास योजनाओं में किससे प्रेरित होकर की गई है तथा इस शब्द की अवधारणा को मूर्त स्वरूप देने के लिये किस-किस स्तर पर, किस-किस के अनुमोदन से लिया गया है? पृथक-पृथक बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में हितग्राहियों को जारी आवंटन आदेश की कंडिका 16 क्या है? क्या कंडिका 16 का पालन करते हुये रेरा से अनुमति ली गई है? यदि हाँ तो बतायें, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त के संबंध में प्रोजेक्ट के लिये कौन-कौन सी अनिवार्य अनुमतियां है, जिनका पालन किया जाना नितान्त आवश्यक होता है, की अनुमति विभाग द्वारा ली गई है? यदि हाँ तो क्या-क्या, कब-कब, किस-किस कार्यालय की किस-किस शाखा से? संपूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (हाउसिंग फॉर ऑल) अन्तर्गत राहुल नगर पार्ट-1 में 1392 आवासीय ईकाईयों (288 एल.आई.जी. एवं 1104 ई.डब्ल्यू.एस.) का निर्माण प्रस्तावित है, जिनकी अनुमानित लागत 93.19 करोड़ रूपये है। योजना में भारत सरकार की ओर से 1104 ई.डब्ल्यू.एस. आवासों की सब्सिडी हेतु केन्द्रांश राशि 16.56 करोड़ रूपये है एवं एल.आई.जी आवासों हेतु कोई केन्द्रांश राशि नहीं है। राज्य सरकार की ओर से 1104 ई.डब्ल्यू.एस. आवासों की सब्सिडी हेतु राज्यांश राशि 16.56 करोड़ रूपये है एवं एल.आई.जी. आवासों हेतु कोई राज्यांश राशि नहीं है, हितग्राहियों से प्राप्त राशि बैंक ऋण एवं अनुबंध का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। परियोजना अन्तर्गत 288 एल.आई.जी. आवासों की पूर्ण बुकिंग नहीं है तथा 48 ई.डब्ल्यू.एस. आवासों की पूर्ण बुकिंग नहीं है। उक्त प्रकाश में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। आरक्षित श्रेणी अन्तर्गत 04 एलआईजी व 03 ईडब्ल्यूएस आवास शेष है। (ख) परियोजना के सम्बन्ध में एल.आई.जी. आवासों हेतु "प्रथम आओ एवं प्रथम पाओ" की अवधारणा, मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-1-01/2016/18-3 भोपाल दिनांक 5/05/2018 की कंडिका क्रमांक 05 के अनुसार है। (नगरीय प्रशासन का पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। ) प्रथम आओ एवं प्रथम पाओ शब्द की उत्पत्ति नगर निगम द्वारा पूर्व में संचालित आवास योजनाओं में किसी से भी प्रेरित नहीं है, इससे प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रथम बार उपयोग किया गया है। उपरोक्त उल्लेखित निर्देशों का प्रशासकीय अनुमोदन सक्षम प्राधिकारी के द्वारा प्रदान किया गया है। (ग) हितग्राहियों को दो प्रकार के आवास आवंटन जारी किये जाते है 1- अस्थाई आवंटन आदेश- इसमें किसी भी कण्डिका का उल्लेख नहीं है। 2. स्थाई आवंटन आदेश- इसमें क्र. 01 से 014 तक कण्डिका का उल्लेख है। अतः हितग्राहियों को जारी आवंटन आदेश में कंडिका-16 का उल्लेख नहीं है, आवास आवंटन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"स" अनुसार है। परियोजना हेतु रेरा से अनुमति विभाग द्वारा ली गई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"द" अनुसार है।
ताप विद्युत गृह में व्याप्त अनियमितताएं
[ऊर्जा]
142. ( क्र. 3140 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पा.ज.क.लि. के सभी ताप विद्युत गृह प्राप्त कोयले की ग्रेड के घटने या बढ़ने से मिलने वाली राशि या कोल इंडिया को देय राशि का विवरण सभी ताप विद्युत गृह का माहवार, वर्षवार निम्न प्रोफार्मा में जानकारी दें:- क्र. ताप विद्युत गृह का नाम वर्ष 2016-17 2017-18 2018-19 2019-20 2020-21 माह अप्रैल से मार्च प्रति माह प्राप्त कोयला मैट्रिक टन ग्रेडवार मैट्रिक कितनी राशि अधिक कोल इंडिया से लेना है या देना है समस्त विशेष (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में सभी ताप विद्युत गृह को कोल इंडिया से कुल कितनी राशि लेना है, एवं कितनी राशि देना है? पृथक-पृथक पूर्ण विवरण दें। (ग) मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के 01 अप्रैल 2020 से 31 जनवरी 2021 की अवधि में कितनी-कितनी राशि का लाभ हुआ एवं कितनी-कितनी राशि की हानि हुई? ब्यौरा दें। (घ) क्या वर्तमान एम.डी. के कुप्रबंधन एवं तकनीकी ज्ञान एवं योग्यता न होने के कारण ताप विद्युत गृह लॉस में चल रहे है, यदि हाँ तो इस कुप्रबंधन के लिये जांच कराकर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों में प्राप्त कोयले की ग्रेड घटने या बढ़ने से मिलने वाली राशि या कोल इंडिया को देय राशि का विवरण, ताप विद्युत गृहवार माहवार/वर्षवार वर्ष 2016-17 से वर्ष 2020-21 जनवरी तक की स्थिति में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को कोल इंडिया, लिमिटेड से लेने वाली राशि एवं उनको देने वाली राशि का ताप विद्युत गृहवार विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
ताप विद्युत गृह |
कोयले का ग्रेड घटने से कोल इंडिया लिमिटेड से लेने वाली शेष राशि (रू.) |
कोयले का ग्रेड बढ़ने पर कोल इंडिया को देय शेष राशि (रू.) |
1 |
अमरकंटक ता.वि.गृ. चचाई |
38,74,88,153.00 |
00.00 |
2 |
संजय गांधी ता.वि.गृ. बिरसिंहपुर |
335,95,06,076.00 |
00.00 |
3 |
सतपुड़ा ता.वि.गृ. सारनी |
45,16,14,184.00 |
60,33,34,631.00 |
4 |
श्री सिंगाजी ता.वि.गृ. खंडवा |
103,47,37,317.00 |
9,80,28,851.00 |
उपरोक्त के अतिरिक्त, दिनांक 15.02.2021 की स्थिति में, फंड की कमी के कारण मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा, खरीदे गये कोयले के विरूद्ध राशि रू.1,048.86/- करोड़ कोल इंडिया को देना शेष है। (ग) कंपनी एक्ट, 2013 के अनुसार मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के वित्तीय लेखे वार्षिक आधार पर तैयार किये जाते हैं। इन लेखों को वैधानिक अंकेक्षण उपरांत महालेखाकार कार्यालय, नई दिल्ली के द्वारा वार्षिक आधार पर अंकेक्षित कर प्रतिवेदन दिया जाता है। वार्षिक लेखें में कई जानकारियां माहवार उपलब्ध नहीं होती हैं। अत: वित्तीय वर्ष के एक अंश का लाभ एवं हानि बता पाना संभव नहीं है। (घ) वर्तमान प्रबंध संचालक का चयन राज्य शासन द्वारा गठित समिति द्वारा किया गया है। वे इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर है तथा इनर्जी आडिटर भी है। उन्हें जनरेशन के क्षेत्र में तकनीकी एवं वाणिज्यिक पदों पर लगभग 32 वर्षों का कार्यानुभव है। वे मई 2020 से वर्तमान पद पर कार्यरत है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 का अंकेक्षण मार्च 2021 के पश्चात होगा। अत: वर्तमान प्रबंध संचालक के कारण ताप विद्युत गृह हानि में चलने का कथन अद्यतन स्थिति में सही नहीं है। उक्तानुसार जांच एवं कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है।
व्यापम घोटाले के आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
143. ( क्र. 3151 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम महाघोटाले से जुड़ी पी.एम.टी.-2011 में चिरायु मेडिकल कॉजेल के संचालक सहित 57 लोगों के खिलाफ सी.बी.आई. ने चार्टशीट पेश की है? (ख) यदि हाँ तो किन-किन आरोपियों की पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) एस.टी.एफ. से संबंधित नहीं है।
भोपाल इंदौर मेट्रो की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 3165 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, इंदौर मेट्रो ट्रेन में कन्सेशनर कंपनी का नाम, बतायें तथा बतावें कि उसे इस हेतु कितनी-कितनी फीस दी जा रही है तथा भोपाल को भूकंप जोन 2 तथा इंदौर को भूकंप जोन 4 किस कारण से रखा गया? (ख) क्या 600 करोड़ रूपये फीस लेने वाली फर्म जनरल कन्सेशनर ने केन्द्र शासन पर्यावरण विभाग द्वारा जारी नक्शा देखे बिना इंदौर को जोन-3 में डाल दिया था? यदि हाँ तो इस गंभीर गलती पर कन्सेशनर पर क्या कार्यवाही की गई? क्या उसका भुगतान रोका जायेगा? (ग) क्या टेक्निकल डायरेक्टर ने इंदौर को टेन्डर में जोन 3 में होने को संशोधित कर उसे जोन 4 में कर दिया? यदि हाँ तो इसका कारण बतायें तथा समस्त संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करावें तथा बताये की इससे इंदौर मेट्रो की लागत 1900 करोड़ से बढ़ जायेगी। (घ) इंदौर भोपाल जोन में अंतर तथा लागत में वृद्धि क्या मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में लाया गया है? यदि हाँ तो इन संदर्भ में मुख्यमंत्री कार्यालय से हुये पत्र व्यवहार की प्रतिया देवें तथा बतायें कि मुख्यमंत्री जी ने इंदौर को भूकंप जोन 4 में रखे जाने की पुष्टि कर दी है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल तथा इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन के लिए जनरल कंसल्टेंट के कार्य हेतु "DB Engineering and Consulting GmbH (Germany) in consortium with Louis Burger SAS (USA) & Geodata Engineering S.p.A. (Italy) " के साथ रू. 600.52 करोड़ का अनुबंध निष्पादित किया गया है। (i) निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद, आवास एवं शहरी मंत्रालय, भारत सरकार, (ii) राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय भारत सरकार, (iii) मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और (iv) पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार की नियमावली (Manual) के अनुसार, इंदौर सेस्मीक (भूकम्प) झोन 3 में तथा पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार भोपाल सेस्मीक (भूकम्प) झोन 2 में आते हैं, संबंधित दस्तावेज़ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) जानकारी उपरोक्त टीप (क) अनुसार है। कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) इंदौर की भूगर्भीय स्थिति चुनौतीपूर्ण है जिसमें इसके पास से दो एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट गुजरती हैं तथा इंदौर में मेट्रो के लोड को सपोर्ट देने लायक रॉक का स्तर सतह से काफी नीचे है अत: संरक्षा एवं स्थाईत्व को ध्यान में रखते हुए इंदौर मेट्रो के डिजाइन हेतु स्पेसिफिकेशन एवं निविदा (कांट्रैक्ट) में, अंतर्राष्ट्रीय जनरल कंसल्टेंट (जिसमें भूगर्भीय यंत्री शामिल हैं) के परामर्श पर सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति अनुसार, प्रचलित स्तर से एक स्तर ज्यादा का डिजाइन करने की शर्त रखी गई थी। इंदौर मेट्रो रेल परियोजना को प्रस्तावित सेस्मीक (भूकम्प) झोन में क्रियान्वयन करने में वर्तमान में लागत में इजाफा परिलक्षित नहीं होता है। (घ) कार्य तकनीकी अनुसंशा अनुसार किया गया है, अतः प्रासंगिक नहीं है।
खनन माफियाओं पर कार्यवाही
[गृह]
145. ( क्र. 3166 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग, रीवा संभाग व रतलाम जिले में अप्रैल 2020 से 6 फरवरी 2021 तक खनन माफिया द्वारा शासकीय कर्मचारियों पर हमले की कुल कितनी घटनाओं पर प्रकरण दर्ज हुआ? उसमें कितने कर्मचारी घायल हुए तथा कुल कितने को आरोपी बनाया गया? कितने गिरफ्तार हुए तथा कितने गिरफ्तार होना बाकी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घटनाओं के थाने का नाम, धारा, प्रकरण क्रमांक, दिनांक, आरोपी का नाम, न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने की दिनांक सहित सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में महिलाओं बच्चियों से बलात्कार, अपहरण, बलात्कार के बाद हत्या, दहेज, शारीरिक प्रतारणा आदि महिलाओं पर हुये अत्याचारों के संबंध में विभिन्न धाराओं में कितने-कितने प्रकरण दर्ज हुए? कुल मिलाकर सारे प्रकरण की संख्या कितनी है? यह इसी अवधि की वर्ष 2019 से 2020 से कितनी कम ज्यादा है? (घ) वर्ष 2014, 2015 से 2019-2020 तक महिलाओं पर विभिन्न धाराओं में हुये अत्याचार के कुल कितने प्रकरणों में विभिन्न न्यायालय में फैसले हुये? उसमें कितने प्रतिशत प्रकरण में आरोपी बरी हुये तथा कितने प्रतिशत में सजा हुई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
पदों का सृजन व नियुक्ति
[आयुष]
146. ( क्र. 3590 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद नई दिल्ली एम.एस. आर.के मापदंडो के अनुसार महाविद्यालयों में 75 छात्रों के प्रवेश हेतु 14 विभाग/विषयों में से प्रत्येक विभाग/विषय में न्यूनतम 01 प्रोफेसर, 01 रीडर एवं 01 व्याख्याता होना आवश्यक है? (ख) क्या प्रदेश के सभी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में सभी विभाग/विषय में प्रोफेसर का पद सृजित है अथवा नहीं? (ग) सभी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के अगद तंत्र एवं कौमार भृत्य विभाग/विषय में प्रोफेसर के कितने-कितने पद सृजित हैं? उक्त पदों पर कौन-कौन पदस्थ है? कितने पद रिक्त हैं? (घ) यदि अगद तंत्र एवं कौमारभृत्य विभाग/विषय में प्रोफेसर पद सृजित नहीं है तो इस हेतु आज दिनांक तक शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गयी है?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। (ख) सभी आयुर्वेद महाविद्यालयों में सभी विभाग/विषय में प्रोफेसर के पद सृजित नहीं हैं। (ग) मात्र पं. खुशीलाल शर्मा, शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय भोपाल में प्रोफेसर अगदतंत्र का 01 पद सृजित है, जिस पर डॉ. उर्मिला शुक्ला पदस्थ हैं। शेष महाविद्यालयों में प्रोफेसर अगदतंत्र एवं कौमार भृत्य के पद स्वीकृत नहीं है। (घ) पद सृजन की कार्यवाही प्रचलन में है।