मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 05 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खण्डवा
जिले में नियम
विरुध्द
कॉलोनी
निर्माण की
स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 1521 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में किन-किन कॉलोनियों के नक्शे स्वीकृत कर कॉलोनी विकास की अऩुमति जारी की गई है? (ख) क्या जारी अऩुमतियों में खण्डवा के मास्टर प्लान 2031 की अवहेलना की गई है तथा कई कॉलोनियों में नियमों के विरूद्ध नक्शों की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ग) क्या नगर की कई कॉलोनियों में सार्वजनिक उद्यान का स्थान व क्षेत्रफल नियमों एवं जनहित के विपरीत कॉलोनाईज़र की इच्छानुसार स्वीकृत किये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो इन स्वीकृत कॉलोनियों में किस अधिकारी द्वारा नियम विरूद्ध कार्य किया गया है? क्या खण्डवा नगर एवं ग्राम निवेश द्वारा विगत 3 वर्ष में स्वीकृत प्रकरणों की उच्चस्तरीय जाँच कराई जाकर दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) खण्डवा जिले में नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय खण्डवा द्वारा जारी विकास अनुज्ञा एवं अभिमत प्रदाय किये गये हैं, सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 2972 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में वर्ष 2010 से अभी तक कितनी कॉलोनी बनाई गईं हैं? कितनी कॉलोनी में नियमानुसार/कॉलोनाईज़र एक्ट अनुसार सुविधाएं प्रदान की गई है, कितनी कॉलोनी अवैध है? (ख) क्या उक्त अवैध कॉलोनी को वैध करने के लिये कार्यवाही की जा रही है? हाँ तो कब तक कॉलोनाईज़र एक्ट की सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जावेगा एवं दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है, दोषियों के विरूद्ध नगरपालिका अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी।
मेट्रो प्रोजेक्ट हेतु लिये गये ऋण की राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 2482 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर-भोपाल मेट्रो ट्रेन के पूरे प्रोजेक्ट में कितना-कितना खर्च आयेगा तथा उस खर्च की व्यवस्था किस प्रकार की जावेगी? (ख) मेट्रो ट्रेन के लिये किस संस्थान से कितना ऋण किस दर से कितनी अवधि में देय लिया गया है, क्या यह ऋण प्राप्त करने के लिये किसी मध्यस्थ की सेवा ली गई है? यदि हाँ, तो उसे किस दर से कितना भुगतान किया गया है? (ग) वर्ष 2020-21 के बजट अनुसार प्रदेश को विभिन्न संस्थाओं से मिलाकर कुल कितना ऋण लेने की पात्रता थी तथा जनवरी 2021 तक कितना ऋण लिया जा चुका है? (घ) जनवरी 2021 तक कर्ज के अनुसार प्रदेश को अगले पाँच वित्तीय वर्ष में कितना-कितना ब्याज तथा कितनी किश्त राशि का भुगतान करना है तथा वर्ष 2020-21 में ऋण पर ब्याज तथा किश्त के रूप में कितना भुगतान करना है तथा वह बजट का कितना प्रतिशत है? (ड.) वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक हमने कितना-कितना ऋण लिया यदि ऋण लेने में किसी मध्यस्थ की सेवा ली है तो उसे कितने का भुगतान किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तहसील अम्बाह/पोरसा में बस स्टैण्ड का निर्माण
[गृह]
4. ( *क्र. 2808 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील अम्बाह व पोरसा बस अड्डे की बसें रोड पर खड़ी होने के कारण प्रतिदिन आमजन को जाम व दुर्घटनाओं से जूझना पड़ता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सरकार बस अड्डे में ही बसों को खड़ा करने की कड़ाई से पालन कराने हेतु कोई ठोस कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नही, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। अम्बाह एवं पोरसा में वर्तमान में बस स्टैण्ड न होने के कारण बसों को रोड किनारे पुलिस की व्यवस्था के साथ खड़ा किया जाता है, जिससे कोई दुर्घटना घटित न हो। (ख) जी हाँ। बस स्टैण्ड की जगह निर्धारण हेतु प्रयास जारी है, बस स्टैण्ड तैयार हो जाने पर बसों को बस स्टैण्ड के अन्दर खड़ा कराया जायेगा? समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
विद्युत सब-स्टेशनों में फीडर सेपरेशन का कार्य
[ऊर्जा]
5. ( *क्र. 1397 ) श्री संजीव सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने फीडरों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो गया है? फीडरवार सूची उपलब्ध करावें। कितने फीडरों में फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण है तथा इसके लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या इन कार्यों में प्रयुक्त सामग्री घटिया किस्म की लगी होने के कारण पशुधन अथवा जनधन हानि होने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016 में प्रश्न दिनांक तक 132 के.व्ही. के कितने विद्युत सब स्टेशन स्वीकृत हुए? इन सब स्टेशन के निर्माण हेतु क्या समयावधि तय की गई थी? (ग) उक्त विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत योजना प्रारंभ से कितने प्रकरण स्वीकृत हुए? प्रकरण स्वीकृत होने के पश्चात् कितने किसानों के यहां वितरण ट्रांसफार्मर एवं लाइन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितना कार्य अपूर्ण है? कितने ट्रांसफार्मर लगना शेष हैं? (घ) क्या ऐसे भी कृषक हैं, जिन्होंने अनुदान राशि जमा कर दी है, उसके बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं लग पाया है? यदि हाँ, तो कब तक ट्रांसफार्मर लगा दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक फीडर विभक्तिकरण योजना में प्रावधानित 10 फीडरों में से 8 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिनकी फीडरवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष 2 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य, योजना में उपलब्ध वित्तीय प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में आंशिक रूप से पूर्ण किये जा सके हैं। उक्त शेष 2 फीडरों के आंशिक कार्य एवं वर्तमान में संबद्ध कृषि भार के दृष्टिगत भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अन्य 9 नंबर 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण के कार्यों को सम्मिलित करते हुये कुल 11 नम्बर 11 के.व्ही. मिश्रित फीडरों के विभक्तिकरण हेतु कार्य योजना तैयार की गई। जी नहीं, इन कार्यों में प्रयुक्त सामग्री गुणवत्तापूर्ण नहीं होने के कारण पशुधन अथवा जनहानि होने संबंधी कोई शिकायत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक 132 के.व्ही. का कोई विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत नहीं हुआ है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना में योजना प्रारंभ होने की दिनांक से योजना की निर्धारित अवधि तक 302 कृषकों के कुल 202 प्रकरण स्वीकृत किये गये। उक्त स्वीकृत प्रकरणों में सम्मिलित सभी 302 कृषकों के कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है। उक्त स्वीकृत कार्यों में से कोई भी कार्य अपूर्ण/शेष नहीं है। (घ) जी नहीं, प्रश्नाधीन क्षेत्र में योजनान्तर्गत स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र पंधाना में सिविल न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
6. ( *क्र. 1620 ) श्री राम दांगोरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पंधाना विधानसभा क्षेत्र में सिविल न्यायालय खोलने हेतु शासन स्तर से कोई पहल की जा रही है? यदि हाँ, तो सिविल न्यायालय खोलने के लिए शासन दिशा-निर्देश आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रदेश की किन-किन विधानसभा मुख्यालयों पर सिविल न्यायालय संचालित हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग से है, गरीब वर्ग को 90 से 100 किलोमीटर दूर न्याय के लिए जाना पड़ता है? शासन द्वारा कब तक पंधाना विधानसभा क्षेत्र में सिविल न्यायालय खोलने की कार्रवाई की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पंधाना में सिविल न्यायालय के स्थापना के संबंध में प्राप्त पत्र अभिमत हेतु माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर को भेजा गया है। म.प्र. उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति, 2014 में तैयार की गई पॉलिसी/गाईड लाईन/स्कीम से संबंधित दिशा-निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रदेश के जिला/तहसील मुख्यालयों पर सिविल न्यायालय के संचालन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
7. ( *क्र. 1076 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान स्थिति में प्रदेश में कितने शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गई है? नाम व जिला सहित बतायें। (ख) वर्तमान समय में प्रदेश में कितने नोटरी कार्य कर रहे हैं एवं विगत छ: माह में कितने नये नोटरी बनाये गये हैं? जिलेवार संख्या बतायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश में वर्तमान समय में लगभग 2000 से उपर नोटरी कार्यरत हैं। विगत 6 माह में नियुक्त किये गए नोटरियों की जिलेवार संख्या निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
जिला |
नियुक्त नोटरी की संख्या |
1. |
होशंगाबाद |
01 |
2. |
सागर |
01 |
3. |
नरसिंहपुर |
10 |
4. |
डिंडौरी |
06 |
5. |
दतिया |
05 |
6. |
अलीराजपुर |
06 |
7. |
शहडोल |
10 |
8. |
शाजापुर |
01 |
9. |
अनूपपुर |
06 |
10. |
पन्ना |
01 |
11. |
मंडलेश्वर |
02 |
12. |
बैतूल |
01 |
नगर परिषद महेश्वर को आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 1449 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद महेश्वर जिला खरगोन को पूर्व मंत्री द्वारा सन् 2019-20 में मुक्ति धाम महेश्वर के विकास कार्य हेतु राशि 50 लाख रू. आवंटित की गई थी? (ख) आवंटित की गई राशि से क्या नगर परिषद महेश्वर द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है? यदि नहीं, किया गया है तो कब तक शुरू करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीधी जिले में विकास कार्यों की भौतिक/वित्तीय स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 3092 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में नगरीय विकास के अन्तर्गत स्मार्ट सिटी/मिनी स्मार्ट सिटी के तहत कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत हुए हैं? निर्माण कार्य की भौतिक एवं वित्तीय स्थिति से अवगत करावें। स्वीकृत निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण कराये जाने की तिथि निर्धारित की गई थी? निर्धारित समय पर कार्य क्यों पूर्ण नहीं हो सका है? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा। स्वीकृत कार्यों को किस-किस निर्माण एजेंसी/फर्म/संस्था को आवंटित किया गया है? विवरण देवें। लंबित भुगतान कब तक करा दिया जावेगा? (ख) सीधी जिले में सूखा नाला के जीर्णोद्धार की क्या योजना बनाई गई है? उक्त नाले के अंतर्गत कौन-कौन से पुल-पुलिया, सड़क, सौन्दर्यीकरण के कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? निर्माण कार्य की भौतिक एवं वित्तीय स्थिति से अवगत करावें। क्या उक्त नाले को बड़ी नहर की भांति शहर की सीमा तक पक्कीकरण करने का कार्य स्वीकृत है? यदि हाँ, तो कार्य की प्रगति बतायें। यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृत किया जावेगा? (ग) सीधी जिले में कचरा प्रबंधन केन्द्र कहां पर बनाया गया है? यदि नहीं, बनाया गया है तो क्यों? साफ-सफाई एवं पानी निकासी की स्थिति दयनीय है, कब तक इसका सर्वेक्षण कराया जाकर व्यवस्थित तरीके से कार्य कराया जावेगा? साफ-सफाई पर विगत 3 वर्षों में किये गये व्यय की जानकारी वार्डवार, कार्यवार उपलब्ध करावें। (घ) प्रधनामंत्री आवास योजना दिये जाने का क्या प्रावधान है? सीधी जिले में वार्डवार प्रदाय आवास के हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें। कितने लोगों को किस कारण से अपात्र किया गया है? कितने लोगों का नाम किस कारण से काटा गया है? क्या नाम जोड़े जाने में व्यापक अनियमितता बरती गई है? इसकी जाँच कराई जाकर अवैध नाम हटाये जाने व पात्र लोगों का नाम जोड़े जाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सीधी जिले के सीधी नगर में मिनी स्मार्ट सिटी के तहत स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जी नहीं, सूखा नाले के जीर्णोद्धार की योजना नहीं बनाई गयी है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी नहीं बनाया गया है। सीधी जिले की नगरीय निकाय एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना अंतर्गत रीवा क्लस्टर में सम्मिलित है, जिसका प्रसंस्करण रीवा में किया जाता है। शहर में पानी निकासी की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिये पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार कराने हेतु स्थानीय स्तर पर सहमति हुई है। साफ-सफाई पर विगत 3 वर्ष में किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना दिए जाने हेतु प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। सीधी जिले अंतर्गत नगर पालिका सीधी, नगर परिषद्, रामपुरनैकिन, मझौली तथा चुरहट के हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। अपात्र हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है। नगर परिषद्, मझौली में शिकायत प्राप्त होने पर जांच करायी गई थी, जिसमें दस हितग्राहियों को अपात्र किया गया है। शेष निकायों के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उक्त प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इन्वायरमेंटल प्लानिंग में पंजीकृत वास्तुविद
[पर्यावरण]
10. ( *क्र. 2537 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन के इन्वायरमेन्टल प्लानिंग एण्ड कोर्डिनेशन ऑर्गेनाइजेशन (एप्को) में कितने वास्तुविद पंजीकृत किये गये हैं? (ख) पंजीकृत वास्तुविदों को कौन-कौन से कार्य आवंटित किये गये? राशि सहित वास्तुविदों के नाम बतायें। (ग) किस-किस विभाग को कितने कार्य दिये गये हैं? राशि और विभागवार जानकारी बतायें। (घ) इप्को द्वारा वास्तुविद की कितनी फीस तय की गयी है? उस तय फीस में से वास्तुविदों को कितने प्रतिशत राशि दी जाती है? वर्ष 2017 से 2021 तक प्रत्येक वास्तुविद को भुगतान की गयी राशि की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ड.) इप्को में पंजीकृत वास्तुविदों को कार्य आवंटित करने की नियम या शर्तें हैं तो उन शर्तों को बताएं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) मध्यप्रदेश शासन के एन्वयारमेन्टल प्लानिंग एण्ड कोर्डिनेशन ऑर्गेनाइजेशन (एप्को) में अभी तक 194 वास्तुविद पंजीकृत हैं। (ख) एवं (ग) वर्ष 2017 से जनवरी 2021 तक पंजीकृत वास्तुविदों को आवंटित कार्यों की कार्यवार/विभागवार सूची मय फीस दर एवं योजना लागत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (घ) मई 2019 से एप्को द्वारा सभी कार्य 3% की फीस पर सम्पादित किए जा रहे हैं। अपितु इसके पूर्व शासी परिषद में स्वीकृत फीस 5% पर एवं पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग के कार्य 3 % की फीस पर भी किये गए हैं। एप्को द्वारा 1% फीस रखकर शेष राशि वास्तुविद को दी जाती है। वर्ष 2017 से जनवरी 2021 तक वास्तुविद को योजनावार भुगतान किये गए राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ड.) एप्को में पंजीकृत वास्तुविदों को कार्य आवंटित करने के नियम शासी परिषद से स्वीकृत है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
सिंचाई हेतु विद्युत आपूर्ति और शेड्यूल
[ऊर्जा]
11. ( *क्र. 2910 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन नियमानुसार संचालन-संधारण संभाग उज्जैन में वर्तमान में किसानों को प्रति दिवस सिंचाई के लिए थ्री फेस विद्युत की कितने घन्टे आपूर्ति की जा रही है? कौन-कौन से फीडर में दिन और रात में कितने-कितने घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है? क्या विद्युत आपूर्ति के लिए किसी प्रकार का शेड्यूल निर्धारित है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण विवरण सहित अवगत करावें। (ख) संचालन-संधारण संभाग उज्जैन में ऐसा कौन सा फीडर है, जिस पर बिना शेड्यूल परिवर्तन करें लगातार बिना किसी रूकावट के विद्युत की आपूर्ति की जा रही है? प्रश्नांश (क) अनुसार लगातार विद्युत आपूर्ति नहीं होने का क्या कारण है? सम्पूर्ण विवरण देवें। (ग) क्या 15 दिवस में सिंचाई के लिए फीडर का समय शेड्यूल परिवर्तन का नियम है? यदि हाँ, तो बतावें कि किस फीडर पर बिना समय शेड्यूल परिवर्तन के किसके आदेश निर्देश पर लगातार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है? (घ) घट्टिया तहसील के 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र जैथल पर सिंचाई के लिए कितने फीडर हैं और किस-किस का हर 15 दिवस में समय शेड्यूल बदला जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग उज्जैन में वर्तमान में किसानों को सिंचाई के लिए कृषि फीडरों के माध्यम से थ्री फेस पर, कतिपय अवसरों पर तकनीकी कारणों से हुए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। संचालन-संधारण संभाग उज्जैन अंतर्गत कृषि कार्य हेतु दिन और रात में बिजली आपूर्ति के समय की फीडरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'अनुसार है। जी हाँ, कृषि कार्य हेतु गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कृषि फीडरों को तीन समूहों में विभक्त कर विद्युत प्रदाय अवधि का शेड्यूल निर्धारित है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'अनुसार है। (ख) संचालन-संधारण संभाग उज्जैन में ऐसा कोई भी कृषि फीडर नहीं है, जिस पर बिना शेड्यूल परिवर्तन करें लगातार 10 घंटे बिना किसी रुकावट के विद्युत की आपूर्ति की जा रही है। उज्जैन संभाग के कृषि उपभोक्ताओं से बिना किसी रुकावट के लगातार विद्युत आपूर्ति किये जाने के संबंध में फीडबैक लिया गया था, जिसमें अधिकतम कृषि उपभोक्ताओं द्वारा लगातार 10 घंटे विद्युत प्रदाय पर असंतोष जाहिर किया था। अत: कृषि उपभोक्ताओं की मंशानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में दो अंतरालों में 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) रबी सीजन में सुचारु रुप से विद्युत प्रदाय एवं भार के प्रबंधन हेतु कृषि फीडरों को तीन समूहों में विभक्त कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिनमें से समूह-अ एवं समूह-ब के फीडरों से किये जा रहे विद्युत प्रदाय की अवधि को 15-15 दिवस में परिवर्तित करने का नियम है तथा समूह-स के सिंचाई फीडरों को दिन में 6 घंटे तथा रात्रि में 4 घंटे बिना शेड्यूल परिवर्तित किये विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी भी सिंचाई फीडर पर उक्त विद्युत प्रदाय के शेड्यूल का उल्लंघन कर लगातार 10 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है। (घ) उज्जैन जिले के घट्टिया तहसील के 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र जैथल पर सिंचाई के लिए 11 के.व्ही. के कुल 05 फीडर हैं, जिनमें से समूह-'अ' एवं समूह-'ब' के 04 कृषि फीडरों यथा-11 के.व्ही. ढाबला, 11 के.व्ही. निपानिया, 11 के.व्ही. उज्जैनिया एवं 11 के.व्ही. बकानिया फीडर से प्रत्येक 15 दिवस में विद्युत प्रदाय के शेड्यूल में परिवर्तन किया जाता है एवं शेष 01 नग 11 के.व्ही. जैथल कृषि फीडर समूह-स में होने के कारण नियमानुसार इससे किये जा रहे विद्युत प्रदाय के शेड्यूल में परिवर्तन नहीं किया जा रहा है।
भोपाल शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगाये गये कर्फ्यू
[गृह]
12. ( *क्र. 1892 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 17.01.2021 को पुराने शहर सिंधी कॉलोनी भोपाल स्थित वक्फ कब्रिस्तान में एक समुदाय विशेष द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य प्रारंभ करने वाली संस्था न्यास की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त भूमि पर बलपूर्वक कब्जा दिलाए जाने की नियत से जिला मजिस्ट्रेट भोपाल द्वारा दिनांक 17.01.2021 को भोपाल के थाना हनुमानगज टीलाजमालपुरा एवं गौतम नगर क्षेत्र में कर्फ्यू तथा थाना शाहजहांनाबाद, छोला मंदिर, निशातपुरा, तलैया, मंगलवारा, अशोकागार्डन, ऐशबाग, जहांगीराबाद, स्टेशन बजरिया, बैरसिया एवं नजीराबाद आदि क्षेत्रों में प्रतिबंधात्मक (धारा 144) लगाई गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में इससे पूर्व जिला प्रशासन ने किन-किन विवादग्रस्त भूमियों पर निर्माण कार्य प्रारंभ होने की दिशा में कर्फ्यू लगाकर पुलिस के संरक्षण में कब्जा दिलवाया जानकारी उपलब्ध कराएं तथा किस सक्षम न्यायालय द्वारा भूमि पर कब्जे दिलाये जाने संबंधी आदेश दिया गया था, उसकी जानकारी उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो पुलिस ने किसके आदेश पर कब्जा दिलाया। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या इससे पूर्व कभी भी कर्फ्यू लगाकर किसी भी विवादग्रस्त भूमि को किसी न्यास/संस्था को पुलिस संरक्षण में कब्जा नहीं दिलाया गया तो दिनांक 17.01.2021 को शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाकर बलपूर्वक कब्जा दिलाने वाले अधिकारी की जवाबदेही तय कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राजदेव न्यास है। (ख) कानून व्यवस्था की दृष्टि से दिनांक 17.01.2021 को पुलिस द्वारा कानून व्यवस्था ड्यूटी के दायित्वों का निर्वहन किया गया था, कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए धारा 144 लगाई गई थी। (ग) दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाई गई थी। कब्जा दिलवाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 144 केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाई गई थी जो पहले भी कई अवसरों पर लगाई गई है। कब्जा दिलवाने संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
ग्राम बसौडा अंतर्गत विद्युत मण्डल द्वारा बिजली सप्लाई
[ऊर्जा]
13. ( *क्र. 1459 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली अंतर्गत ग्राम बसौडा विकासखण्ड बैढ़न विधानसभा सिंगरौली में उक्त गांव में आधी आबादी को अपूर्ण विद्युत 10 घंटे दी जा रही है तथा कई बार विद्युत मण्डल अधिकारियों को जानकारी भी दी गयी है? यदि हाँ, तो शेष आधी आबादी को कब तक पूर्ण बिजली प्राप्त हो जाएगी? (ख) विद्युत मण्डल सिंगरौली द्वारा ग्राम बसौडा में आधी आबादी को पूर्ण विद्युत न मिलने का क्या कारण है? 24 घंटे विद्युत प्रदान कब तक की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन ग्राम बसौडा सहित विधानसभा क्षेत्र सिंगरौली के अंतर्गत कुछ क्षेत्र कृषि बाहुल्य क्षेत्र हैं। कृषि पंपों का भार अधिक होने के कारण, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत इन क्षेत्रों के लिये कृषि फीडर निर्मित किये गये थे, जिन पर नियमानुसार 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इन कृषि फीडरों के निकटस्थ स्थित घरों को भी तकनीकी/वित्तीय साध्यता के अनुरूप इन कृषि फीडरों से विद्युत कनेक्शन प्रदान कर 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में ग्राम बसौडा के 42 घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को उक्तानुसार कृषि फीडर से संबद्ध होने के कारण 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। भविष्य में विद्युतीकरण की योजना उपलब्ध होने तथा तकनीकी/वित्तीय साध्यता के अनुसार इस ग्राम के कृषि फीडर से संबद्ध उपभोक्ताओं को गैर-कृषि फीडर से संबद्ध कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु निर्णय लिया जायेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नियम विरूद्ध भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 2763 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय निकायों में 1 लाख एवं 20 हजार तक की कितनी नोटशीट/नस्तियों का एक माह में भुगतान करने के क्या नियम हैं? क्या न.पा. श्योपुर में नियम से अधिक भुगतान माह नवंबर-दिसंबर 2020 में किये गये हैं? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध किये गये भुगतान के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) क्या न.पा. श्योपुर में स्वच्छता अभियान के नाम पर दिवाल लेखन एवं बायपास पार्क में झूलों के नाम से 1-1 लाख रूपये की नोटशीट बनाकर लगभग 80 से अधिक नस्तियों का भुगतान एक ही कार्य पर टुकड़ों में विभक्त कर 1-1 लाख रूपयों की फर्जी नोटशीट तैयार कर नियम विरूद्ध भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो किस फर्म को कौन-कौन से कार्य का भुगतान किया गया है? उक्त नियम विरूद्ध भुगतान के लिये शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर जांच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) कलेक्टर जिला श्योपुर द्वारा न.पा. श्योपुर में अधिक राशि के भुगतान को टुकड़ों में विभक्त करने पर रोक लगाने संबंधी पत्र जारी होने के बाद से आज दिनांक तक न.पा. श्योपुर में 1-1 लाख रूपये से कम राशि के कितने भुगतान किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नियम विरूद्ध भुगतान किया गया है, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 अंतर्गत जारी लेखा एवं वित्त नियम 2018, के नियम 85 (1) एवं 85 (2) अनुसार, नियम प्रावधानित हैं, नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। नगर पालिका परिषद श्योपुर द्वारा माह नवम्बर-दिसम्बर 2020 में किये गये 1.00 लाख से कम राशि के भुगतानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है, जिसमें नियम विरूद्ध भुगतान परिलक्षित नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर पालिका परिषद श्योपुर द्वारा स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है, जिसमें नियम विरूद्ध एक ही कार्य को टुकडों में विभक्त कर 1-1 लाख रूपये की 80 से अधिक नस्तियों का भुगतान परिलक्षित नहीं होता है एवं बायपास पार्क में झूले लगाने के कार्य हेतु जेम पोर्टल के माध्यम से राशि रू. 4.53 लाख की निविदा आमंत्रित की गई है, जिसका प्रशासक संकल्प पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शास. महाविद्यालय मकरोनिया/नरयावली में आउटसोर्स से पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
15. ( *क्र. 1967 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया एवं शासकीय महाविद्यालय नरयावली में कितने पद स्वीकृत हैं? पदवार, संख्या सहित बतावें। (ख) शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया एवं नरयावली में वर्तमान में कितने पदों पर नियमित, संविदा एवं अन्य स्त्रोतों से पद पूर्ति की गई है? नाम सहित जानकारी देवें। (ग) यदि उपरोक्त महाविद्यालयों में वर्तमान में अनेक पद रिक्त हैं तो महाविद्यालय का संचालन सुचारू रूप से कैसे चल रहा है? महाविद्यालय द्वारा पद पूर्ति के संबंध में शासन से इस संबंध में कोई पत्राचार/पद पूर्ति हेतु अनुमति चाही गई है? जानकारी देवें। (घ) यदि हाँ, तो महाविद्यालय में रिक्त पदों को क्या आउटसोर्स से पद पूर्ति की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया में 33 तथा शासकीय महाविद्यालय नरयावली में 18 पद स्वीकृत हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) उपरोक्त महाविद्यालय में प्राध्यापकों के रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर कार्य संचालन सुचारू रूप से किया जाता है। जी हाँ। (घ) जी हाँ। आउटसोर्स के स्वीकृत रिक्त पदों की पूर्ति आउटसोर्स के माध्यम से की जाएगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मंदसौर में बाढ़ नियंत्रण हेतु नवीन पम्प स्टेशन की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 2898 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर में प्रतिवर्ष वर्षा ऋतु में बाढ़ से जानमाल की हानि होती है तथा शहर का बड़ा भूभाग बाढ़ की चपेट में रहता है, इसके लिए विभाग ने क्या कार्य योजना तैयार की? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के दिनांक 10 जून, 2010 का पत्र क्रमांक 37 जो प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को प्रेषित किया गया था, पर विभाग ने क्या कार्यवाही की? अवगत करायें। क्या मंदसौर की पुरानी बाढ़ नियंत्रण योजना वर्तमान परिदृश्य में शहर की आबादी को देखते हुए पूर्णत: फेल है? (ग) क्या नगर पालिका मंदसौर ने बाढ़ नियंत्रण के किये 14 करोड़ 39 लाख की कार्ययोजना विभाग को प्रेषित की थी? क्या भारत सरकार द्वारा प्रदत्त बाढ़ राशि में मंदसौर की उक्त कार्य योजना की सैद्धांतिक स्वीकृति भी हो चुकी है? यदि हाँ, तो नगर पालिका मंदसौर को राशि प्राप्त नहीं होने के क्या कारण हैं? (घ) मंदसौर की उक्त 14 करोड़ की नवीन कार्य योजना की स्वीकृति कब तक हो जायेगी? समय-सीमा बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। स्टेट डिज़ास्टर रिस्पांस फण्ड के अंतर्गत किला रोड नाला पंप हाउस तथा धूलकोट धानमण्डी पंप हाउस की कार्ययोजना तैयार की गई है। (ख) जी नहीं, अपितु पत्र क्र. 37, दिनांक 10 जून, 2020 प्रेषित किया गया है। स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फण्ड में कार्ययोजना शामिल की गई है। जी नहीं, अपितु बाढ़ नियंत्रण हेतु स्थापित पंप पुराने होने से उनकी क्षमता कम हो जाने के कारण पंप बदलने की कार्ययोजना बनाई गई है। (ग) जी हाँ। म.प्र. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, म.प्र. शासन गृह विभाग के पत्र द्वारा राज्य कार्यपालिक कार्यकारिणी समिति की बैठक दिनांक 05.09.2020 के कार्यवाही विवरण में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रस्तावों पर स्वीकृति का निर्णय लिया गया है, जिसमें नगर पालिका मंदसौर का प्रस्ताव भी शामिल है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पत्र दिनांक 04.11.2020 अनुसार एस.डी.आर.एफ. मिटीगेशन फण्ड के उपयोग के संबंध में भारत सरकार से अंतिम दिशा-निर्देश प्राप्त होने तक कार्यवाही स्थगित रखे जाने से स्वीकृति जारी नहीं की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेत खनन प्रकरणों में पुलिस बलों पर किये गये हमले की जाँच
[गृह]
17. (*क्र. 3059 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से 06.02.2021 तक चंबल एवं ग्वालियर संभाग में रेत खनन, परिवहन, भण्डारण व अन्य कितने मामलों में पुलिस बलों पर हमले व गोली चालन की घटनाएं हुईं? जिलावार जानकारी देवें। (ख) इनमें कितने प्रकरण कितने आरोपियों के विरूद्ध दर्ज किए गए? प्रकरण क्रमांक, आरोपी संख्या सहित देवें। (ग) दिनांक 06.02.2021 तक गिरफ्तार, फरार, जमानत प्राप्त आरोपियों की संख्या प्रकरणवार, जिलावार देवें? फरार आरोपी की गिरफ्तारी की प्रकरणवार समय-सीमा देवें। (घ) पुलिस बलों पर निरंतर हो रहे हमले व गोली चालन की घटनाओं पर सख्ती करने के संबंध में विभाग ने अब तक क्या कदम उठाए हैं? प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पुलिस बलों पर हमले व गोली चालन की घटनाओं को रोकने के लिये लगातार प्रतिबंधात्मक एवं वैधानिक कार्यवाहियां की जा रही हैं।
अनुसूचित जनजाति कोटे से शासकीय सेवा प्राप्त किये जाने की जाँच
[विधि और विधायी कार्य]
18. ( *क्र. 1495 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन विधि और विधायी कार्य विभाग के पत्र क्रमांक 2020/21-ब (एक)-774 दिनांक 29.02.2020 के द्वारा प्रमुख सचिव म.प्र. शासन आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल की ओर श्री राधेश्याम मडिया, तत्कालीन सी.जे.एम. झाबुआ वर्तमान में एडीजे कटनी के द्वारा कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर अनुसूचित जनजाति कोटे का उम्मीदवार-1 सिविल जल की नौकरी प्राप्त की है? (ख) क्या राधेश्याम मडिया के विरूद्ध तमाम गंभीर शिकायतें माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की ओर प्रेषित करने पर श्री मडिया द्वारा दिनांक 13.08.2020 को जिला जज कटनी के माध्यम से एडीजे की नौकरी से स्वैच्छिक त्यागपत्र प्रस्तुत किया है, तो बतावें कि त्याग पत्र स्वीकार किया जा रहा है अथवा श्री मडिया के विरूद्ध आरोपों की जांच के संबंध में कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शिकायत में मडिया की जन्म तिथि दिनांक 10.02.1960 को बदलकर दिनांक 10.02.1966 कर ली गई है, जिस कारण मडिया को दिनांक 10.02.2020 को सेवानिवृत्त करना था, जो नहीं किया गया क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उज्जैन जिलांतर्गत अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 2975 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने की शासन की क्या योजना है? इस हेतु क्या नियम/मापदण्ड अपनाये जा रहे हैं? शासन की किस वर्ष के पूर्व बनी अवैध कॉलोनियों को वैध करने की योजना है? शासन कब तक अवैध कॉलोनी को वैध घोषित करेगा? (ख) उज्जैन जिले में कितनी अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने हेतु शासन द्वारा कार्यवाही की जा रही है? तहसीलवार विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रदेश के नगरीय निकायों के सीमा क्षेत्र में विद्यमान अवैध कालोनियों के नियमितीकरण हेतु विधि संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण वर्तमान में योजना नहीं बनाई गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के समस्त फल्यों (मोहल्लों) में 24 घंटे विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
20. ( *क्र. 3043 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के किन-किन मोहल्लों (फल्यों) में 24 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं हो रहा है? उनकी सूची नाम, स्थान सहित देवें। (ख) कब तक इन क्षेत्रों (मोहल्ले/फल्यों) में 24 घंटे विद्युत प्रदाय प्रारंभ कर दिया जाएगा? समय-सीमा देवें। (ग) अभी तक इन क्षेत्रों (मोहल्ले/फल्यों) में 24 घंटे विद्युत प्रदाय प्रारंभ न होने के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) धार जिले के कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के 04 फल्यों/मजरों की अवस्थिति ग्राम के आबाद क्षेत्र से दूर होने के कारण, इनमें 24 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है। उक्त फल्यों/मजरों के संबंधित ग्राम के नाम एवं सेंसस कोड सहित फल्यों/मजरों की नामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन फल्यों/मजरों को निकटस्थ कृषि फीडर से 10 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है। भविष्य में विद्युतीकरण की योजना उपलब्ध होने एवं इन फल्यों/मजरों को गैर-कृषि फीडर से जोड़ने का कार्य तकनीकी/वित्तीय रूप से साध्य होने पर इन्हें गैर-कृषि फीडर में संबद्ध कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में विद्युतीकरण की विभिन्न योजनाओं के प्रावधानों के अनुसार ही कार्य संपादित किये गए हैं। अतः किसी के जिम्मेदार होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
मुरैना जिलांतर्गत दर्ज प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
21. ( *क्र. 1651 ) श्री राकेश मावई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के मुरैना जिले में दिनांक 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक हत्या, लूट, डकैती, अपहरण कर हत्या, फिरौती, नकबजनी, चोरी, नाबालिग बच्चियों से बलात्कार के कुल कितने प्रकरण दर्ज हुए? वर्षवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है? नाम सहित विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है तथा गिरफ्तारी न होने के क्या कारण हैं? आरापियों की गिरफ्तारी कब तक की जायेगी? (घ) क्या मुरैना जिले में विगत 1 वर्ष में क्राइम की बढ़ोत्तरी हुई है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सोलर विद्युत प्लांट की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
22. ( *क्र. 2903 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा विदुत उत्पादन हेतु सोलर प्लांट लगाये जाते हैं? हाँ तो प्लांट स्थापित करने हेतु क्या-क्या आवश्यकताएं होती हैं? (ख) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पर्याप्त शासकीय भूमि उपलब्ध होने के कारण सोलर विद्युत प्लांट लगाया जा सकता है? हाँ तो कब तक स्थापित होगा? नहीं तो क्यों नहीं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अंतर्गत विद्युत उत्पादन हेतु सौर ऊर्जा परियोजनाएं एवं सोलर प्लांट्स की स्थापना प्रतिस्पर्धात्मक निविदा के द्वारा चयनित निजी विकासकों एवं कंपनियों के माध्यम से कराई जाती हैं। सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के संबंध में लागू सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ऑफग्रिड एवं ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्लांट्स की स्थापना हेतु आवश्यकताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासकीय भूमि उपलब्ध होने पर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अंतर्गत आयुक्त कार्यालय के माध्यम से ''सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012'' के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी विकासक/सार्वजनिक उपक्रमों के माध्यम से परियोजना की साध्यता होने पर सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना की जा सकती है। वर्तमान में भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रातांर्गत शासकीय भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजना लगाने हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त अथवा लंबित नहीं है।
डबरा नगर में अमृत/जलावर्धन योजना के कार्यों में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 3100 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा नगर में अमृत योजना अंतर्गत क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये? इनकी वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? (ख) डबरा नगर की जल आवर्धन योजना का क्या-क्या कार्य पूर्ण हो चुका है? बार-बार पेयजल आपूर्ति बाधित होने के क्या कारण हैं? क्या बिना मापदण्डों के पालन किये घटिया निर्माण के कारण बार-बार पाईप लाइन फूटने से पेयजल आपूर्ति बाधित होती है? इससे सुचारू संचालन हेतु क्या व्यवस्था की जा रही है? (ग) डबरा नगर में अमृत योजना व जल आवर्धन योजना के कार्यों में हुए घटिया निर्माण व भारी भ्रष्टाचार की जांच क्या शासन उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाकर करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्ष 2011 में UIDSSMT योजनान्तर्गत जल आवर्धन योजना 1919.45 लाख की स्वीकृत योजना का कार्य वर्ष 2015 में पूर्ण हो चुका है। निर्माण कार्य के दौरान प्रत्येक कार्य एवं मटेरियल की निर्धारित आवृति में टेस्टिंग कराई गई है, निर्धारित मापदण्डों का पालन किया जाकर कार्य कराया गया है, योजनान्तर्गत डाली गई पाईप लाईन बार-बार क्षतिग्रस्त नहीं हो रही है और न ही जल आपूर्ति बाधित हो रही है। पाईप लाईन क्षतिग्रस्त होने की दशा में नगर पालिका की टीम के द्वारा तत्काल आवश्यक मरम्मत कराई जाकर निर्बाध जलप्रदाय किया जा रहा है (ग) डबरा नगर में UIDSSMT योजनान्तर्गत क्रियान्वित की गई जल आवर्धन योजना एवं अमृत योजनान्तर्गत क्रियान्वित की जा रही पेयजल योजना में निर्धारित गुणवत्ता अनुरूप कार्य कराये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वृद्धजनों व बेसहारा लोगों के साथ किये गये दुर्व्यवहार की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 2010 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के संज्ञान में है कि इंदौर में दिनांक 29.01.2021 को मुख्यमंत्री की 31 जनवरी, 2021 की यात्रा के मद्देनजर नगर निगम द्वारा ट्रक नं MP F 7622 में नि:शक्त वृद्धजनों को जानवर की तरह भरकर शहर से दूर गांव में छोड़ा गया? यदि हाँ, तो विभाग ने इस अमानवीय कृत्य पर क्या एक्शन लिया? (ख) यह कार्य जिस अधिकारी के कहने पर किया गया? उसका नाम तथा पद बतावें तथा उन नि:शक्तजनों का नाम तथा उम्र की सूची देवें। (ग) बतावें कि उन वृद्धजनों को कहां-कहां से कितने बजे ट्रक में भरकर लाया गया तथा कितने बजे किस गांव में छोड़ा गया? क्या गांव वालों ने इस कार्य का विरोध किया? यदि हाँ, तो उन्हें वापस किस दिनांक को कितने बजे किस वाहन से वापस कहां छोड़ा गया? (घ) क्या विभाग प्रत्येक प्रमाणित को पाँच-पांच हजार का मुआवजा रेड क्रॉस से दिलवायेगा? जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर फौजदारी प्रकरण दर्ज करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। मुख्यमंत्री जी की दिनांक 31 जनवरी, 2021 की यात्रा के मद्देनजर नगर निगम द्वारा ट्रक क्रमांक एम.पी. एफ 7622 में निःशक्त वृद्धजनों को जानवरों की तरह रखकर शहर से दूर गाँव में नहीं छोड़ा गया। सर्दी के दौरान प्रत्येक वर्ष की भांति असहाय/बुजुर्गों की सर्दी से सुरक्षा हेतु दिये गये निर्देश के क्रम में बेसहारा बुजुर्ग व्यक्तियों को निगम के रैन बसेरे में स्थानांतरित करने के निर्देश सबंधित अधिकारी/कर्मचारी को दिये गये थे, किन्तु बेसहारा एवं बुजुर्ग व्यक्तियों में से दो व्यक्तियों द्वारा आपसी कहा सुनी करते हुए रैन बसेरे में न जाने की इच्छा जताते हुए शिप्रा/देवास पहुंचाने का अनुरोध किया। संबंधित निगम कर्मियों द्वारा उन दो व्यक्तियों के साथ अन्य 04 बेसहारा व्यक्ति को भी रैन बसेरा पहुंचाने के स्थान पर उनके साथ शिप्रा/देवास ले जाया गया। जानकारी में आते ही समुचित नियंत्रण नहीं रखने के अभाव के कारण श्री प्रताप सिंह सोलंकी, उपायुक्त एवं प्रभारी रैन बसेरा को कार्यालयीन आदेश क्रमांक 1366, दिनांक 29.01.2021 को निलंबित किया जाकर इनका मुख्यालय संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तत्काल किया गया। इसके अतिरिक्त घटना में लापरवाही पूर्वक कार्य करने एवं बिना सक्षम स्वीकृति के निगम वाहन में बैठाने व उतारते समय बरती गई लापरवाही के लिये कमशः श्री ब्रजेश लश्करी, श्री विश्वास बाजपेई, श्री जितेन्द्र तिवारी, श्री अनिकेत कारोले, श्री राज परमार, श्री गजानंद मेघवंशी, श्री राजेश चौहान एवं श्री सुनील सुरागे सभी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को निगम कार्य/हाजरी से मुक्त करते हुए सेवा से पृथक किया गया। (ख) जी नहीं। कार्य के प्रति समुचित नियंत्रण नहीं रखने तथा घटित घटना को दृष्टिगत रखते हुए प्रश्नांश (क) के अनुसार उपायुक्त स्तर के प्रभारी रैन बसेरा को निलंबित किया जाकर मुख्यालय संचालनालय, भोपाल किया गया है। शेष कर्मचारी जो इस कार्य में संलग्न पाये गये उनकी सेवा समाप्त कर सेवा से पृथक किया है। नाम संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित बिन्दुओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार के कॉलमों अनुसार यह सही है कि घटना वाले स्थान पर गांव वालो ने इसका विरोध किया था। (घ) तीन बेसहारा व्यक्तियों के बीमार पाये जाने पर अरबिन्दों इंस्टीटयूट ऑफ साईंस में भर्ती कराकर उपचार उपरांत वृद्धाश्रम में शिफ्ट कराया गया है। रेडक्रॉस से सहायता दिये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। घटना के लिये उत्तरदायी पाये गये उपायुक्त एवं प्रभारी, रैन बसेरा को निलंबित किया जाकर विभागीय जांच कायम की गई है। शेष 08 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को निगम कार्य/हाजरी से मुक्त किया गया। उपरोक्तानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा चुकी है। फौजदारी प्रकरण दर्ज कराने की वर्तमान में आवश्यकता नहीं है। आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जावेगी। इस कारण शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
विद्युत विभाग द्वारा उपकरणों का क्रय
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 2865 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वितरण कंपनियों में वर्ष 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने पावर ट्रांसफार्मर क्रय वार्षिक संधारण किया गया है, जिसमें ऑर्डर वैल्यू दिये गये एस्टीमेट वैल्यू से अधिक हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जो सामग्री क्रय की गई है, उसके टेण्डर कब जारी किये गये? किन-किन लोगों ने टेण्डर जमा किये तथा किन-किन संस्थाओं/व्यक्तियों को सामग्री क्रय करने हेतु ऑडर दिये गये? क्या इसके पूर्व निविदाकर्ताओं की सामग्री की गुणवत्ता की जांच की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई? किस आधार पर निविदा ऑर्डर दिये गये? कितनी-कितनी सामग्री कितनी राशि से क्रय की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जो सामग्री क्रय की गई है? उसमें गुणवत्ताहीन पाये जाने पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है एवं किन-किन संस्थाओं/व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है तथा कितनी राशि की कितनी सामग्री गुणवत्ताहीन पाई गई? गुणवत्ताहीन सामग्री क्रय करने के लिए दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 265, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 120 एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 86 ऐसे पावर ट्रांसफार्मर क्रय किये गये हैं, जिसकी ऑर्डर वेल्यू दिये गये एस्टीमेट वेल्यू से अधिक है। वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 में माह जनवरी 2021 तक पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा संधारित किये गये पावर ट्रांसफार्मरों की वर्षवार संख्या क्रमश: 6904, 7157 एवं 7309 है। (ख) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन सामग्री के क्रय हेतु जारी किये गये टेण्डर की दिनांकवार एवं टेण्डर में भाग लेने वाली फर्मों की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-I', 'अ-II', 'अ-III' अनुसार है एवं फर्मों को सामग्री क्रय करने के आदेशवार जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-I', 'ब-II', 'ब-III' अनुसार है। क्रय करने हेतु आदेश जारी करने के पूर्व निविदाकर्ताओं की सामग्री की जाँच नहीं की जाती, अपितु निविदाकर्ताओं से सामग्री क्रय करने के लिए टेण्डर में निहित योग्यता मापदण्ड (Qualifying Criteria) अनुसार उनके द्वारा प्रस्तुत तकनीकी योग्यता संबंधी दस्तावेजों, एन.ए.बी.एल. टाईप टेस्ट रिपोर्ट, एन.ए.बी.एल. टाईप टेस्ट ड्राइंग, तकनीकी योग्यता, वांछित आपूर्ति अनुभव तथा वित्तीय अहर्ता इत्यादि शर्तें पूर्ण करने पर ही कार्यादेश जारी किये जाते हैं। निविदा शर्तों के अनुसार योग्य फर्मों में से प्रस्तावित न्यूनतम दर के 10 प्रतिशत प्राइस बैंड में आने वाली फर्मों की सहमति के उपरांत तीन फर्मों को 50 प्रतिशत, 30 प्रतिशत एवं 20 प्रतिशत के अनुपात में सामग्री के क्रय आदेश जारी किए जाते हैं। उल्लेखनीय है कि सामग्री की गुणवत्ता की जाँच क्रय आदेश की शर्तों के अनुसार पहले फर्म के परिसर में तथा बाद में वितरण कंपनियों के स्टोर में आने के बाद निर्धारित सक्षम लेबोरेटरी में भी की जाती है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के सन्दर्भ में तीनों वितरण कंपनियों में जो सामग्री क्रय की गई है, उसमें प्राप्त सामग्री का टेण्डर के निहित प्रावधानों एवं क्रय आदेशों की शर्तों के अंतर्गत किये गये परीक्षण में सही पाई गई है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
हटा
नगर वृहद जल
प्रदाय योजना
की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 55 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत वृहद जल प्रदाय योजना कब स्वीकृत की गई थी प्रशासीय स्वीकृति सहित राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावें। साथ ही कार्य एजेंसी के नाम सहित कार्य की स्थिति की जानकारी दी जावे। (ख) हटा नगर में पाईप लाईन विस्तार कार्य किस एजेंसी के माध्यम से किया जा रहा हैं एवं कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं खोदी गई नगर की सड़के क्या चलने योग्य है भ्रमण उपरांत शिकायतों के आधार पर सड़कों को खोद कर रख दिया है एवं सिर्फ मिट्टी डाली गयी है जिससे सड़के नगर की क्षतिग्रस्त एवं चलने योग्य नहीं बची है। एजेंसी से ही उक्त कार्य कराये जाने एवं कार्यवाही करने के निर्देश प्रदाय कब तक किये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हटा नगर में पाईप लाइन विस्तार कार्य मेसर्स जय वरूढी कन्सट्रक्शन कंपनी एवं मेसर्स रंजीत बिल्डकॉन लि. (जे.व्ही.) द्वारा किया जा रहा है, पाइप लाइन विस्तार कार्य जल प्रदाय योजना के मूल कार्य में ही सम्मिलित है, एवं योजना हेतु राशि रू. 38.38 करोड़ स्वीकृत की गई है। सड़के चलने योग्य हैं, पाईप लाईन बिछाने के पश्चात् एजेंसी द्वारा अस्थाई/स्थाई रोड रेस्टोरेशन का कार्य अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार निरंतर कर सड़कों को आवागमन योग्य रखा जाता है, एवं एजेंसी को पाईप लाईन बिछाने के पश्चात् रोड के रेस्टोरेशन के लिये निर्देश जारी किये गये हैं।
सड़क दुर्घटना में मृत्यु
[गृह]
2. ( क्र. 91 ) श्री रामपाल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में 1 जून 19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में सड़क दुर्घटना में किन-किन की मृत्यु कब-कब हुई तथा कौन-कौन घायल हुए? ज्ञात एवं अज्ञात वाहन सहित विवरण दें। (ख) क्या रायसेन जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग (एन.एच.), राज्य मार्ग (एस.एच.) मुख्य जिला मार्ग तथा प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों पर अनेक 'ब्लैक स्पाट' है जिन पर अधिकांश दुर्घटनायें होती है? यदि हाँ, तो उनको सुधरवाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रश्नांश (ख) के संबंध में क्या-क्या निर्देश दिये गये है? उक्त निर्देशों के पालन में रायसेन जिले में क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) के मार्गों पर 'ब्लैक स्पाट' तथा दुर्घटना ग्रस्त क्षेत्रों के सुधार हेतु प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र मान.मंत्री जी तथा कलेक्टर रायसेन को कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। 22 ब्लैक स्पाट चिन्हित है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। उक्त ब्लैक स्पॉटों के संबंध में जिला कलेक्टर कार्यालय रायसेन को पत्र दिनांक 22.02.2019, दिनांक 13.12.2019 के द्वारा लोक निर्माण विभाग रायसेन, प्रबंधक एन.एच., प्रबंधक एस.एच. एजेंसीज से रोड निर्माण, मरम्मत, सुधार कार्य एवं ब्लैक स्पॉट परिशोधन कार्य किया गया है। (ग) माननीय सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी द्वारा ब्लैक स्पॉट चिन्हित के उपरान्त परिशोधनात्मक एवं सुधारात्मक कार्य जैसे क्रेश बेरियर, रम्बल स्ट्रिप्स, रोड साइनेजेस, रोड साइन बोर्ड स्थापित करने के संबंध में निर्देश दिये गये हैं साथ ही जिन स्थानों पर अत्यधिक दुर्घटनायें हुई हैं उनके सुधार उपरान्त पोस्ट ऑडिट एवं निरंतर पर्यवेक्षण करने हेतु निर्देश दिये गये हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी द्वारा समय-समय पर सुधारात्मक कार्यों का मॉनीटरिंग का प्रगति प्रतिवेदन का निर्देश दिया गया एवं सुधार किये गये स्थलों को चिन्हित कर पूर्व एवं पश्चात सड़क दुर्घटनाओं एवं दुर्घटना में हुई मृत्यु में क्या अन्तर आया है इसका अवलोकन कर वास्तविक स्थिति प्रतिवेदन से अवगत कराये जाने बावत् निर्देश दिया गया है। किसी सड़क दुर्घटना में 2 या 2 से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु होने पर एसडीओ (पी)/अति.पु.अ./पु.अ. द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण किया जाता है। यातायात जागरूकता अभियान स्कूल/कॉलेज/व्यवसायिक प्रतिष्ठान, आम जनता में यातायात रथ के माध्यम से चलाकर प्रचार-प्रसार किया जाता है। ब्लैक स्पॉट पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने हेतु सांकेतिक बोर्ड/रोड/निर्माण/रोड मरम्मत/लाईट की व्यवस्था समुचित रोड निर्माण एजेंसी से कराई जाकर एक्सीडेंट की घटना में मृत्यु में कमी के प्रयास किये जाते हैं। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कोई भी पत्र कलेक्टर रायसेन को प्राप्त नहीं हुआ है। माननीय विधायक के पत्र संबंधी जानकारी कार्यालयीन रिकार्ड में उपलब्ध नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास किश्त का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 94 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत स्वीकृत किन-किन के आवास क्यों अपूर्ण है? (ख) क्या द्वितीय एवं तृतीय किश्त का भुगतान न होने के कारण बड़ी संख्या में आवास अपूर्ण है? यदि हाँ तो किश्त के भुगतान हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) कब तक किश्त का भुगतान होगा? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन माध्यमों से कब-कब सूचना प्राप्त हुई तथा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्तमान स्थिति में 7804 आवास प्रगतिरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। योजनान्तर्गत किश्तों का भुगतान भौतिक प्रगति पर आधारित होता है, तदनुसार द्वितीय किश्त का भुगतान प्रत्येक डी.पी.आर. के लिंटल स्तर तक 70 प्रतिशत हितग्राहियों की भौतिक प्रगति के आधार पर तथा तृतीय किश्त का भुगतान प्रत्येक डी.पी.आर. के 90 प्रतिशत हितग्राहियों के द्वारा कार्य पूर्ण किये जाने के उपरांत किये जाने का प्रावधान है। योजनान्तर्गत द्वितीय व तृतीय किश्त भारत सरकार से प्राप्त होना है, इसके लिये अपेक्षित प्रगति प्राप्त कर किश्त प्राप्त करने के निरन्तर प्रयास किये जा रहे है। (ग) योजना के अन्तर्गत भवनों का निर्माण हितग्राहियों द्वारा स्वयं किया जाता है तथा योजना के प्रगति के अनुसार निकाय द्वारा की गई भौतिक प्रगति की जिओ टेगिंग के आधार पर योजना के प्रावधान अनुसार भारत सरकार द्वारा राशि प्रदान की जाती है। किश्तों के भुगतान के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
बुरहानपुर शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, का संचालन
[आयुष]
4. ( क्र. 158 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पं. शिवनाथ शास्त्री शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, बुरहानपुर में किन-किन संवर्ग के कितने-कितने पद स्वीकृत है कि सूची प्रदान करें। उन पदों के विरूद्ध कितने पद भरे है, कितने पद रिक्त हैं? (ख) उक्त महाविद्यालयों में कितने पद प्रतिनियुक्ति पर किन-किन स्थानों पर कार्यरत है, उनकी सूची प्रदान करें। (ग) उक्त महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) व्याख्याता के पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है।
तालाब के घाट निर्माण एवं सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 510 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र मुलताई जिला बैतूल के मुलताई नगर के सूर्यनारायण तालाब एवं विरूल बाजार रोड स्थित तालाब के घाट निर्माण एवं सौंदर्यीकरण हेतु कोई राशि वित्तीय वर्ष 2019-20 में स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त राशि संबंधित निकाय को जारी की जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया गया है? यदि नहीं, तो क्या उक्त स्वीकृति आदेश निरस्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब प्रति उपलब्ध कराएं एवं निरस्त करने का कारण बताएं। (ग) यदि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृति आदेश निरस्त किया गया है तो क्या पुन: प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों के लिए पुन: राशि स्वीकृत की जाकर कार्य प्रारंभ कराया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। दिनांक 09.06.2020 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना का तृतीय चरण वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक चार वर्षों के लिए स्वीकृत है। नगर पालिका परिषद मुलताई को योजना अंतर्गत सैद्धांतिक स्वीकृति वित्त वर्ष 2019-20 में जारी होने से उक्त स्वीकृति को निरस्त किया गया है। (ग) जी नहीं। नगर पालिका परिषद मुलताई द्वारा अन्य कार्य का प्रस्ताव दिनांक 15.02.2021 को प्रस्तुत किया गया है।
इन्दौर स्थित नेहरू नगर की जर्जर हो चुकी 11 मल्टी के पुनर्निमाण
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 680 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में हाउसिंग बोर्ड द्वारा लगभग 40 वर्ष पूर्व नेहरू नगर में 11 मल्टियों का निर्माण कराया गया था। (ख) यदि हाँ, तो क्या यह मल्टियाँ जर्जर स्थिति में आ गई है? क्या हाउसिंग बोर्ड द्वारा न लाभ न हानि के आधार पर इसका पुननिर्माण का प्रस्ताव दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उसके स्वीकृति के आदेश कब जारी किए जावेगें? मल्टियों का पुनर्निर्माण कार्य कब प्रारंभ होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उक्त बहुमंजिला भवन जर्जर हो गये हैं तथा नगर पालिक निगम इंदौर के पत्र क्र. 227, दिनांक 13.06.2018 द्वारा नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 310 के तहत खतरनाक एवं अधिवास हेतु असुरक्षित घोषित किये गये हैं। म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा पुनर्निर्माण का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है। (ग) जी नहीं। मण्डल द्वारा उक्त मल्टियों के आवंटियों के साथ निष्पादित विक्रय विलेख की कंडिका-10 के अनुसार आवंटियों की समिति द्वारा पुनर्निर्माण हेतु आवेदन करने पर कार्यवाही की जा सकती है।
ग्राम पंचायत मझगवां को नगर पंचायत बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 686 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी ने सतना जिले के मझगवां विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मझगवां को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मझगवां को नगर पंचायत बनाने में देरी के लिए क्या किसी अधिकारी/कर्मचारी या विभाग की जिम्मेदारी तय की गई थी? (ग) मझगवां को कब तक नगर पंचायत का दर्जा मिल पायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बैतूल के अंतर्गत मासोद में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
8. ( क्र. 749 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र मुलताई जिला बैतूल के अंतर्गत मासौद में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा किस-किस दिनांक को शासन को पत्र लिखा गया एवं उस पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या आमजन की मांग पर मासौद में उच्च शिक्षा अध्ययन हेतु दिनांक 23 फरवरी 2020 को तत्कालीन मंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी म.प्र. शासन द्वारा नवीन महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा भी की गई थी? (ग) मासौद से बैतूल जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय कितनी-कितनी दूरी पर संचालित हो रहे हैं? (घ) क्या उक्त क्षेत्र के अनुसूचित जाति, जनजाति पिछड़ा वर्ग बाहुल्य छात्रों की उच्च शिक्षा को ध्यान में रखते हुये मासौद, जिला-बैतूल में शासकीय महाविद्यालय आगामी शैक्षणिक सत्र 2021-22 से प्रारंभ किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पत्र क्रमांक 208/मं/लो.स्वा.या./19 दिनांक 02.01.2019 को प्राप्त हुआ। प्रकरण में कार्यालयीन पत्र दिनांक 10.04.2019 द्वारा क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, भोपाल-नर्मदापुरम संभाग से जानकारी प्राप्त की गयी। (ख) इस घोषणा से संबंधित जानकारी संज्ञान में नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मासौद में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु निर्धारित विभागीय मापदण्डों की पूर्ति नहीं हो रही है। अत: वहां सत्र 2021-22 में महाविद्यालय प्रारंभ करने की योजना नहीं है।
पानी निकासी हेतु सीवर लाइन एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 1096 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद चाकघाट अन्तर्गत जनसंख्या घनत्व के उपयोगिता की दृष्टि से नगर परिषद के 15 वार्डों में पानी निकासी के लिए सीवर लाइन निर्माण की एवं दूषित पानी के शोधन के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना के लिए विभाग की क्या कार्ययोजना है यदि नहीं, तो क्या लोकहित में वांछित समस्या समाधान की योजना का निर्धारण शीघ्र किया जायेगा। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रत्युत्तर में समस्या के समाधान की वांछित कार्ययोजना के निर्धारण की स्थिति स्पष्ट करते हुये योजना के स्वीकृत एवं क्रियान्वयन की स्थिति स्पष्ट की जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) प्रत्युत्तर में योजना के क्रियान्वयन की वास्तविक समय-सीमा भी बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्तमान में कोई कार्ययोजना विचाराधीन नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सौभाग्य योजना अन्तर्गत मीटरिंग
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 1125 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सौभाग्य योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा सौ फीसदी मीटरिंग की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ तो म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना में हुये घोटाले के कारण अभी भी पाँच लाख से ज्यादा घर बिजली से वंचित है जिसमें अलीराजपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र क्र. 191 अलीराजपुर के कितने राजस्व ग्राम सम्मिलित हैं? राजस्व ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अलीराजपुर जिले में अभी भी कितने घर हैं जो बिजली से वंचित है? राजस्व ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त घोटाले में किस-किस दोषी अधिकारी पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु सौभाग्य योजना के अंतर्गत योजना के प्रावधानों/दिशा-निर्देशों के अनुसार चिन्हित सभी पात्र हितग्राहियों के आवासों को घरेलू विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना था। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत सौभाग्य योजना में कोई भी अनियमितता संज्ञान में नहीं आई है। अलीराजपुर जिले के अलीराजपुर विधानसभा क्षेत्र सहित म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अनुसार समस्त राजस्व ग्रामों सहित सभी बसाहटों के पात्र हितग्राहियों को घरेलू विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करा दिये गये हैं, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विश्राम गृह चौराहे का नामकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 1368 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खिलचीपुर नगर परिषद जिला राजगढ़ के पारित प्रस्ताव क्र 167 (9) दिनांक 07.08.2013 के अनुसार नामकरण एवं मूर्ति स्थापना के लिए विभाग को कनिष्ठ से वरिष्ठ स्तर तक 2013 से प्रश्न दिनांक तक आवक जावक रिकार्ड अनुसार माननीय मंत्री, सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के पत्र कब-कब किते प्राप्त हुए एवं पत्रों पर क्या कार्यवाही किस-किस स्तर पर की गई? नहीं तो क्यों नहीं विलंब का कारण? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार कलेक्टर जिला राजगढ़ को भी वर्ष 2013 से अब तक किन-किन के कितने पत्र रिकॉर्ड अनुसार कब-कब प्राप्त हुए? क्या कार्यवाही की गई? विलम्ब होने का कारण क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) प्रकरण किस स्तर पर लंबित है? 7 वर्षों से लंबित रहने का क्या कारण है? प्रकरण में शासन स्तर पर सभी औपचारिकतायें पूर्ण कर नामकरण एवं मूर्ति स्थापना कब तक हो जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कलेक्टर जिला राजगढ़ से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2013 से लेकर प्रश्न दिनांक तक सांसद/विधायक एवं जनप्रतिनिधियों के कोई पत्र प्राप्त नहीं हुये है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर परिषद, खिचलीपुर के वार्ड क्रमांक 14 स्थित विश्राम गृह मार्ग एवं चौराहे का नामकरण स्व.श्री सत्यनारायण जी शर्मा (दादा) के नाम पर किया गया है, एवं मूर्ति स्थापना हेतु स्थल का चयन किया जा चुका है, शेष कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सारंगपुर में हुई चोरी की घटनाएं के दर्ज प्रकरण
[गृह]
12. ( क्र. 1369 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारंगपुर नगर में माह जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी चोरी के प्रकरण दर्ज किये गये है? उनके विरुद्ध कितने प्रकरण में अपराधी पकड़ाये गये है तथा कितने प्रकरणों में अपराधियों की तलाश जारी है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित शेष प्रकरणों में दर्ज प्रकरण क्रमांक अनुमानित चोरी की राशि, चोरी का विषय आदि की जानकारी बतावें? क्या उक्त प्रकरणों में विभाग द्वारा प्रभावी कार्यवाही कर अपराधी के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सारंगपुर नगर, जिला राजगढ़ में चोरी के कुल 57 प्रकरण दर्ज किये गये। कुल 22 प्रकरणों में अपराधी पकड़ाये गये हैं। कुल 05 प्रकरणों में अपराधियों की तलाश जारी है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरणों में आपराधियों के विरूद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
घटिया स्तर के विद्युत उपकरण लगाने की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 1379 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका सतना में रजिस्टर्ड फर्म श्री साईनाथ एसोसियेट्स, कृष्णा काम्पलेक्स, सिंधी कैम्प, सब्जी मण्डी रोड, सतना म.प्र. जिसकी जी.एस.टी. क्र. 23AZVPS9017P1ZB है को 01.04.2018 से प्रश्नतिथि तक किस-किस स्थान के, कितनी-कितनी राशि के, किस-किस प्रकार के, क्या-क्या कार्य, किस दर पर करने वर्क आर्डर जारी किये गये? जानकरी वर्षवार कार्यवार उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं वर्णित कार्यों के लिये उक्त फर्म को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? माहवार/वर्षवार/भुगतान की गई राशि की जानकारी कार्यवार उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं वर्णित कार्यों का स्थल पर भौतिक सत्यापन किस-किस नाम/पदनाम के उपयंत्रियों/सहायक यंत्रियों (एस.डी.ओ.)/कार्यपालन यंत्री/अन्य के द्वारा किया गया? जारी सभी गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों का विवरण कार्यवार उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार जिन स्थानों पर नये पोल,लाईंटें,तार अन्य सामग्री लगी उस स्थान पर पूर्व में लगे पोल, तार, लाईंटें (हैलोजन एवं ट्यूब लाईंटें) + अन्य सामग्रियों को नगर पालिका निगम के स्टोर में कितने-कितने नग कब-कब जमा कराया गया? स्टोर में जमा हुई सामग्रियों की नामवार/संख्यावार/मदवार/दिनांकवार/ माहवार/वर्षवार सूची उपलब्ध करायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के सरल क्रमांक 01 एवं सरल क्रमांक 04 में उल्लेखित कार्य स्थलों पर, पूर्व में लगी सामग्री को स्टोर में जमा कराया गया है। शेष कार्य स्थलों पर, पूर्व में कोई सामग्री स्थापित नहीं थी। स्टोर में जमा सामग्री की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 1380 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि प्रश्नकर्ता के द्वारा आयुक्त नगर पालिक निगम को अपने पत्र क्रमांक 339 दिनांक 01.02.2021 से पत्र प्रेषित किया है? अगर हाँ तो पत्र प्राप्त होने के पश्चात किस-किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से नगर पालिक निगम सतना में जारी वर्क आर्डरों पर किस नाम/पदनाम के अधिकारियों को जांच बाबत् आदेशित किया है? वर्क आर्डरवार जांच अधिकारियों की सूची दें। क्या नगर पालिक निगम ने जो वर्क आर्डर जारी किये थे क्या उन वर्क आर्डरों के कार्य की मेसरमेंट बुक/भौतिक सत्यापन/पोलो का मापदण्ड/मानदण्ड/वेरीफिकेशन गुणवत्ता/स्पेसीफिकेशन इन्हीं नाम/पदनाम के अधिकारियों ने कर भुगतान के लिये एन.ओ.सी./ओ.के. प्रमाण पत्र जारी किया था? कार्यवार/भुगतानवार/हस्ताक्षर करने वालों के नाम/पदनामवार/माहवार/वर्षवार सूची दें। (ख) क्या यह सत्य है कि शहर के निवासियों को टैक्स के पैसों को नगर पालिक निगम के बिजली विभाग के यंत्री ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर करोड़ों रूपयों के शासकीय धन राशि को खुर्द-बुर्द नहीं कर रहे हैं? क्या ट्यूबलर पोल जो घटिया स्तर के हैं और सैकड़ों जगह टूट गये हैं निर्धारित मापदण्ड के भी नहीं है उन्हें आयुक्त नगर पालिक निगम सतना ने स्पाट इंसपेक्शन कर देखा? अगर हाँ, तो कब-कब? दिनांक एवं आयुक्त द्वारा जारी स्पाट पर की गई टिप्पणी/गुणवत्ता/उपयोगिता प्रमाण पत्रों की एक-एक स्थलवार प्रति उपलब्ध करायें। (ग) राज्य शासन कब तक उक्त स्तरहीन कार्यों पर ठेकेदार एवं निगम के विद्युत विभाग के अधिकारियों (नाम/पदनाम दें) के विरूद्ध प्रकरण ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज करवायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 03/02/2021 को प्रभारी अधिकारी, श्री अशोक चतुर्वेदी को नियमानुसार कार्यवाही के लिए पत्र भेजा गया है। जी हाँ, जाँच बावत प्रभारी अधिकारी श्री अशोक चतुर्वेदी एवं अन्य द्वारा भुगतान के लिए भौतिक सत्यापन किया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित नगर निगम के विद्युत यंत्री शासकीय धनराशि को खुर्द-बुर्द नहीं कर रहे हैं। नगर निगम सतना द्वारा पोल स्थापना के लिये विहित मापदण्डों का उल्लेख कर निविदा आहुत की जाती है। नगर पालिक निगम सतना द्वारा निर्धारित मापदण्ड का पालन करते हुये, पोल स्थापित कराये गये है, पोल के घटिया या टूटे होने की शिकायत नगर पालिक निगम सतना के संज्ञान में नहीं होने से आयुक्त नगर पालिक निगम सतना द्वारा स्थल निरीक्षण नहीं किया गया है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैतूल जिले के किसानों द्वारा थानों में दिये गये आवेदनों पर कार्यवाही
[गृह]
15. ( क्र. 1435 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के किसानों द्वारा जिले के विभिन्न थानो में प्रभारी उपसंचालक उद्यानिकी जिला बैतूल डॉ. आशा उपवंशी पर धोखाधड़ी किए जाने हेतु आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु आवेदन दिये गये है? यदि हाँ तो यह आवेदन किस-किस दिनांक को किन-किन थानो में दिये गये। थानों के नाम सहित बतावें। (ख) किसानों द्वारा दिये गये आवेदनों को आधार बनाकर क्या संबंधित के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई? यदि हाँ तो एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्ध करावे यदि नहीं, तो कारण बतावे। (ग) किसानों के आवेदनों/दर्ज की गई एफ.आई.आर. पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[आयुष]
16. ( क्र. 1439 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय आयुष मध्य प्रदेश के पत्र क्रमांक एफ -410/20/03/शिकायत 558-62 दिनांक 18/12/2020 के तहत जांच कमेटी बनाई गई है। हाँ अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ तो क्या जांच कमेटी ने अधिकारियों को दोषी पाया। जांच की प्रति उपलब्ध कराये? (ग) यदि हाँ तो दोषी अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही हुई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई तथा कब तक की जावेगी।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मस्टर एवं संविदा पर रखे गये कर्मचारियों की सेवा शर्तें
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 1477 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम ग्वालियर एवं नगर पालिका शिवपुरी में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक दैनिक मजदूर, मस्टर रोल एवं संविदा आधार पर किस-किस कार्य एवं पद में किस-किस को रखा गया है उनकी सेवा शर्त क्या है तथा किसके आदेश से किस अवधि तक के लिये रखा गया है? उनका नाम, पिता/पति/जन्म तिथि/रखने का दिनांक/पद/देय मजदूर/मानदेय अंकित कर सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्य एवं अवधि में रखे गये श्रेणीवार कर्मचारियों के नियुक्ति संबंधी नियुक्ति के पूर्व क्या नगर निगम एवं नगर पालिका में प्रस्ताव पारित कर संबंधित समिति से अनुमोदन लिया गया है? यदि हाँ, तो पारित प्रस्ताव अनुमोदन की प्रति के साथ जानकारी देवें? यदि बिना प्रस्ताव पारित किये व अनुमोदन लिये उक्त लोगों को रखा गया है तो कौन-कौन दोषी है? उन पर कब क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संबंध में रखे गये लोगों के नियोक्ता कौन था क्या उसे नियुक्ति/रखने का अधिकार था? यदि हाँ तो शासनादेश/नियम की प्रति के साथ जानकारी देवें तथा नियोक्ता का मूल मद/कार्य/विभाग क्या है तथा वर्तमान में वह किस पद प्रभार में कार्य कर रहा है? क्या उक्त नियुक्ति से संबंधित जांच दल गठित कर जांच करा देंगे? (घ) यदि प्रश्नांश (क) के रखे गये कर्मचारियों को प्रश्नांश (ग) के नियोक्ता को अधिकार नहीं था या बिना प्रस्ताव पारित व अनुमोदन के रखा गया है तो दोषी के विरूद्ध कब क्या दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे तथा शासन को हुई वित्तीय हानि की वसूली संबंधित से करायेंगे? यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम ग्वालियर में रखे गये श्रमिक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं नगरपालिका परिषद शिवपुरी में रखे गये दैनिक वेतन भोगियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। बिना किसी सेवा शर्त के रखा गया है। (ख) नगरपालिक निगम ग्वालियर में सक्षम प्राधिकारी आयुक्त नगरपालिक निगम की स्वीकृति से रखे गये हैं तथा नगरपालिका परिषद शिवपुरी में प्रेसीडेंट इन काउंसिल द्वारा पारित प्रस्ताव अनुसार रखे गये हैं। प्रस्ताव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगरपालिक निगम ग्वालियर में आयुक्त नगरपालिक निगम की सक्षम स्वीकृति से एवं नगरपालिका परिषद शिवपुरी में प्रेसीडेंट इन काउंसिल की स्वीकृति से रखे गये हैं। नगरपालिक निगम में पदस्थ तत्कालीन आयुक्त की पदस्थापना कलेक्टर जिला खंडवा के पद पर है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों के खेतों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
18. ( क्र. 1478 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र करेरा में अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं में किन-किन गांवों एवं कितने किसानों के खेतों में विद्युतीकरण का कार्य कराया गया हैं तथा उनमें से कितने कार्य पूर्ण है और अपूर्ण हैं? ग्रामवार, एवं किसानों की संख्यावार जानकारी देंवे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कराये गये कार्यों में किस-किस गांव एवं किसान के यहां कितने क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाने का प्रावधान था तथा कितने क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाये गये है? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के स्वीकृत लाईन एवं ट्रांसफार्मरों में कितने ऐस ट्रांसफार्मर है, जो तकनीकी स्वीकृति नक्शा में चिन्हित स्थान में व क्षमता से कम लगाये गये है? सूची देवें तथा वर्तमान में कितने ऐसे ट्रांसफार्मर है, जो खराब व जले हैं? जिस कारण विद्युत लाईन का प्रवाह बंद है? सूची दें। उक्त जले ट्रांसफार्मर कब तक बदल कर लाईन चालू कर दी जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के गलत स्थान व लोकल ट्रांसफार्मर लगाने वाले कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी दोषी है तथा उन पर कब क्या कार्यवाही करेंगे? क्या गुणवत्ताविहीन व गलत स्थान तथा कम/अधिक क्षमता के लगाये गये ट्रांसफार्मरों की जांच करायेगें? यदि हाँ तो कब किस अधिकारी से?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र करैरा में अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक केवल ''स्वयं का ट्रांसफार्मर'' योजना के अंतर्गत 353 कृषि पम्प कनेक्शनों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया गया है। उक्त सभी कार्य पूर्ण हैं। उक्त कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गई ग्रामवार कृषकों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कराये गये सभी कार्यों में 25 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाये जाने का प्रावधान था एवं सभी 353 कार्यों में 25 के.व्ही.ए. क्षमता के ही ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार सभी स्वीकृत ट्रांसफार्मर एवं विद्युत लाईनों का कार्य तकनीकी स्वीकृति के अनुरूप किया गया है, जिसमें नक्शे में चिन्हित स्थान पर ही 25 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं। स्वयं का ट्रांसफार्मर योजनान्तर्गत लगाये गये ट्रांसफार्मर फेल होने पर कृषकों द्वारा स्वयं ही बदलवाये जाते हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार ''स्वयं का ट्रांसफार्मर'' योजना में स्वीकृत कार्यों को कृषक द्वारा चयनित 'अ' श्रेणी विद्युत ठेकेदार के माध्यम से कृषक के व्यय पर पूर्ण किया जाता है। उक्त योजना के अंतर्गत क्रियान्वित कार्यों की गुणवत्ता मानक स्तर के अनुरूप नहीं पाये जाने पर कार्यों के सुधार हेतु संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किये जा कर वांछित सुधार कराये जाते हैं। ठेकेदार द्वारा यदि कार्यों में सुधार नहीं किया जाता है तो ऐसी स्थिति में ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध वितरण कंपनी के क्रय मेनुअल में निहित प्रावधान के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है। इसी अनुक्रम में उक्त योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में क्रियान्वित अमानक कार्यों में वांछित सुधार नहीं किये जाने पर 3 ठेकेदारों के विरूद्ध ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही प्रस्तावित है। उक्त परिप्रेक्ष्य में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है।
भिण्ड में चल रहे सीवर लाइन का निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 1514 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड शहर में चल रहे सीवरेज निर्माण के दौरान कितने कि.मी. सीवर लाईन बिछाने का कार्य किया गया? लाईन बिछाने के बाद कितने कि.मी. सड़कों को संधारण/रीस्टेट/मरम्मत किया गया? (ख) संधारण रीस्टेट के एवज में कम्पनी को विभाग के द्वारा कितना भुगतान किया गया? उक्त सड़कों का किस अधिकारी के द्वारा सत्यापन किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण
[उच्च शिक्षा]
20. ( क्र. 1557 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत हजारों अतिथि विद्वान/क्रीड़ा अधिकारी/ग्रंथपाल अनेक वर्षों से कार्य कर रहे है। इनका चयन म.प्र. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाईन पूर्णतः पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा रिक्त पदों पर मेरिट के आधार पर किया गया है? यदि हाँ तो अब तक नियमित न किये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या शासन, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड आदि राज्यों में जिस तरह अस्थायी प्राध्यापकों को नियमित किया गया, उसी तरह मध्यप्रदेश में अतिथि विद्वान/क्रीड़ा अधिकारी/ग्रंथपालों को रिक्त पदों के विरूद्ध नियमित करेगा? जिससे शिक्षण कार्य के साथ-साथ अकादमिक गतिविधियों का सुचारू रूप से संचालन हो सके। यदि हाँ तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। अतिथि विद्वानों का चयन राज्य शासन के परिपत्र क्रमांक एफ 1-42/2017/38-1 दिनांक 17.12.2019 द्वारा जारी नीति निर्देश अनुसार किया जाता है। इस नीति में अतिथि विद्वानों को नियमित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। सहायक प्राध्यापकों के पदों पर भर्ती हेतु प्रचलित भर्ती नियमों के अनुसार ही कार्यवाही का प्रावधान है। (ख) जी नहीं, क्योंकि वर्तमान में जिन सहायक प्राध्यापकों/क्रीड़ा अधिकारी/ग्रंथपाल के रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वान व्यवस्था लागू है, उन पदों पर भर्ती हेतु प्रचलित भर्ती नियमों के अनुसार ही कार्यवाही का प्रावधान है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
आवास योजना में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 1567 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत मझौली जिला सीधी के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने का नियम है? यदि है, तो पूर्ण नियम सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर पंचायत मझौली के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास कितने हितग्राहियों को दिया गया है? कितने शेष है? प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित हितग्राहयों की सूची वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 2019-20 एवं 2020-21 की उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने अपात्र लोगों को उक्त योजना का लाभ दिया गया है? जिस संबंध में कितने शिकायतें प्राप्त हुयी एवं कितने की जांच हुयी तथा उनमें क्या कार्यवाही की गयी? पूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें। (घ) शहरी क्षेत्र नगर पंचायत मझौली में भूमिहीन लोगों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया जा रहा है? भूखण्ड उपलब्ध कराये जाने का क्या प्रावधान है? कितने लोगों को भू-खण्ड उपलब्ध कराया गया है? भूमिहीन आवासीय लोगों की सूची उपलब्ध करायें जिन्हें आवास आवंटित किये गये है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर पंचायत मझौली में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत आवासों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। लाभान्वित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। शहरी गरीब आवासहीन, भूमिहीन पात्र परिवारों को भूखण्ड मध्यप्रदेश पट्टा धृत नियम 1984 के तहत पात्रता एवं भूमि की उपलब्धता अनुसार पट्टा प्रदान करने के प्रावधान है। भूखण्ड एवं आवास उपलब्ध कराये गये हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रस्ताव
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 1572 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी/सिंगरौली जिले के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के अवधि में ग्राम पंचायतों से ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाईट लगाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ हैं यदि हाँ तो ग्राम का नाम एवं स्वीकृति राशि/व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्राम पौडी, टमसार, भदौरा, मड़वास, टिकरी, गिजवार, ताला, निगरी, निवास एवं महुआगांव में स्ट्रीट लाईट लगाई गयी थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्ट्रीट लाईट पूरी तरह से बंद है? बंद स्ट्रीट लाईट की मरम्मत क्यों नहीं कराई गई? इसके लिये दोषी कौन है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में स्ट्रीट लाईट लगाने के तुरंत बाद सभी लाईट बनवायी गयी थी, जो गारंटी/वारंटी के अंतर्गत बदले जाने थे। यदि हां, तो अभी तक क्यों नहीं बदले गये? इसके लिए दोषी कौन है? क्या मरम्मत कराकर पुन: स्ट्रीट लाईट शुरू की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सीधी/सिंगरौली जिला क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2020-21 में माह जनवरी, 2021 तक की अवधि में ग्राम पंचायतों से ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाईट लगाने का कोई प्रस्ताव म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नगरपालिका अधिनियम संपत्ति अंतरण नियम 2016 के प्रावधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 1626 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका अधिनियम संपत्ति अंतरण नियम 2016 में क्या प्रावधान हैं? नगरपालिका या नगरपरिषद द्वारा किसी भी संपत्ति को संपत्ति रजिस्टर में दर्ज करने संबंधी क्या नियम हैं? (ख) नगर परिषद भुआबिछिया जिला मण्डला अंतर्गत सीएमओ आवास के नीचे निर्मित नगर परिषद स्वामित्व की 5 दुकानों को कब व किन नियमों के तहत संपत्ति रजिस्टर में चढ़ाया गया है? क्या तत्कालीन सीएमओ व वर्तमान अध्यक्ष द्वारा अवैधानिक तरीके से परिषद की सहमति व जानकारी के बिना यह कार्य किया गया है? (ग) क्या उपरोक्त संबंध में नगर परिषद भुआबिछिया द्वारा दिनांक 11.10.2019 को विशेष सम्मेलन आयोजित कर तत्कालीन सीएमओ व अध्यक्ष के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए इनके विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास को पत्र लिखा गया था? यदि हाँ तो उक्त संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है और दोषियों के विरुद्ध कब तक एफ.आई.आर. दर्ज करवाकर कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम, 2016 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अ'' अनुसार है। किसी ग्राम पंचायत क्षेत्र में नगर परिषद गठित होने पर उसकी सम्पत्ति के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। ग्राम पंचायत से नगरीय निकाय का गठन होने पर ग्राम पंचायत की समस्त सपंत्तियों एवं दायित्व नगरीय निकाय में निहित हो जाते है तथा आगामी समय में निकाय द्वारा अर्जित/शासन द्वारा निकाय को आवंटित संपत्तियां निकाय की संपत्ति रजिस्टर में दर्ज होते है। (ख) उक्त दुकानें ग्राम पंचायत कार्यकाल में निर्मित थी। नगर परिषद अस्तित्व में आने के बाद अन्य संपत्तियों की भांति निकाय पंजी में दर्ज नहीं थी। मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 7 (ट) के पालन में नगरपालिका की संपत्ति होने से कर मांग पंजी में दर्ज किया गया है। नगर पालिका की संपत्ति को नगरपालिका की संपत्ति रजिस्टर में दर्ज किये जाने के लिये अलग से परिषद की सहमति का प्रावधान नहीं है। (ग) जी हाँ। तत्कालीन समय में उक्त दुकानों को परिषद के बिना संज्ञान में लाये मांग पंजी में दर्ज किये जाने से तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी के इस कार्य की निंदा की गई तथा प्रकरण के संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराए जाने हेतु परिषद के लिए गये निर्णय के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजा गया, परन्तु मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा संपत्ति दर्ज किया जाना अवैधानिक नहीं होने से कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। शेषांश का प्रश्न नहीं है।
विद्युत कटौती रोकना
[ऊर्जा]
24. ( क्र. 1652 ) श्री राकेश मावई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पर्याप्त विद्युत होने के बावजूद भी चंबल संभाग में लगातार विद्युत कटौती की जा रही है। इस अनियमितता का क्या कारण है तथा विद्युत विभाग द्वारा विद्युत लाईनों के रख-रखाव हेतु किस-किस महीने में मेंटीनेन्स किया जाता है? क्या प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी पूरे प्रदेश में मेंटीनेन्स का कार्य समय पर हुआ है? यदि हाँ तो विद्युत कटौती का क्या कारण है? (ख) क्या म.प्र. यूनाईटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर्स ने विद्युत विभाग को लगातार बिजली कटौती का असली कारण इस वर्ष आउटसोर्स अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भारी कमी तथा समय-समय पर मेंटीनेन्स नहीं होना बताया गया है? यदि हाँ तो ऐसा क्यों? (ग) चंबल संभाग में अघोषित विद्युत कटौती के संबंध में गत 1 वर्ष में कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निलंबित किया गया है? क्या निलंबन के बाद भी उन निलंबित अधिकारियों के क्षेत्रों में विद्युत सप्लाई सुचारू रूप से चल रही है? यदि नहीं, तो निलंबन के क्या कारण हैं? (घ) चंबल संभाग में विद्युत कर्मचारियों की पूर्ति के लिये चम्बल संभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों के किस-किस ठेकेदारों को कहां-कहां पर कार्य दिया गया है? क्या ठेकेदार के सभी कर्मचारी प्रशिक्षित हैं? इसकी जांच 1 साल में कब-कब की गई? बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ग्वालियर क्षेत्रांतर्गत चंबल संभाग में किसी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। विद्युत लाईनों के निर्माण कार्य/रख-रखाव करने हेतु लाईनों को बन्द किया जाना यदि आवश्यक होता है तो समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार-प्रसार करके संबंधित लाईनों को बन्द किया जाता है। खम्बे टूटने/तार टूटने/ट्रांसफार्मर फेल होने या लाईनों में अन्य खराबी आने के कारण कभी-कभी सुधार कार्य करने हेतु सुरक्षा की दृष्टि से भी विद्युत लाईनों को बंद करना आवश्यक होता है। उपभोक्ताओं को सतत् रूप से अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विद्युत अधोसंरचना के मेन्टेनेंस की कार्यवाही को अब पूरे वर्ष चलायमान रखने के लिये नई व्यवस्था लागू की गई है, जिसमें विभिन्न फीडरों पर फाल्ट/ट्रिपिंग आदि के दृष्टिगत फीडरों को चार समूहों में विभक्त कर वर्ष भर मेन्टेनेंस का कार्य किया जा रहा है। किन्तु उपरोक्त दर्शाए अनुसार आवश्यक मेन्टेनेंस कार्य एवं सुधार कार्य हेतु आवश्यक होने जैसे अपरिहार्य कारणों से कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय प्रभावित हुआ है। (ख) जी नहीं, चंबल संभाग में उपलब्ध संसाधनों एवं कर्मचारियों से लाईनों का रख-रखाव कार्य प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी सुचारू रूप से संपादित कराया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) चंबल संभाग के अन्तर्गत किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी को अघोषित विद्युत कटौती के संदर्भ में निलंबित नहीं किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) चंबल संभाग के भिण्ड एवं मुरैना जिलों में मेसर्स थर्ड आई प्रायवेट सिक्योरिटी सर्विसेज एवं श्योपुर जिले में मेसर्स बालाजी डिटेक्टिव एण्ड सिक्योरिटी सर्विसेज द्वारा विद्युत आपूर्ति के लिये आउटसोर्स श्रमिक उपलब्ध कराये गये हैं। जी हाँ, सभी कुशल कर्मचारी प्रशिक्षित हैं। कुशल, अकुशल व अन्य पदों पर आऊटसोर्स के माध्यम से नियोजित कर्मचारियों को कार्य पर लेने के पूर्व ही उनकी योग्यता संबंधी दस्तावेजों की जाँच की जाती है। आउटसोर्स कर्मचारियों को नियोजित करने हेतु जारी की गई निविदा में कार्यरत कार्मिकों की समय-समय पर जाँच का प्रावधान नहीं है।
पुलिस विभाग में आरक्षक स्तर के कर्मचारियों को सजा का प्रावधान
[गृह]
25. ( क्र. 1669 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस रेगुलेशन के पैरा 217 के नियम अ और पैरा 226 के नियम (।।।) में आरक्षक स्तर के कर्मचारी को स्थाई आर्थिक नुकसान न किए जाने के सम्बंध में सजा सम्बन्धी कोई प्रावधान है? क्या डीजीपी द्वारा भी उक्त नियम के आधार पर आर्थिक सजा न देने के आदेश जारी किए गए है? (ख) क्या उपरोक्त नियम के विपरीत जाकर विभागीय जांच, अपील के मामलों में न्यूनतम वेतनमान पर करने या स्थायी रूप से वेतन वृद्धि रोकने की सजा देते है? तो अपील करने पर राहत का नियम क्या है? (ग) प्रदेश में 2006 से अब तक कितने आरक्षक स्तर के कर्मचारी को सजा या अपील में न्यूनतम वेतनमान पर किया गया या स्थाई रूप से वेतन वृद्धि रोकी गई? (घ) पुलिस रेगुलेशन और विभिन्न डीजीपी के आदेश के बाद भी यदि न्यूनतम वेतनमान पर किया गया या स्थाई रूप से वेतन वृद्धि रोकी गई है तो उन्हें रेगुलेशन के नियम से क्या मंत्री जी कोई राहत प्रदान करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस रेग्युलेशन के पैरा 217 'अ' एवं पुलिस रेग्युलेशन के पैरा 226 (।।।) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उपरोक्त संबंध में पुलिस महानिदेशक, म.प्र. द्वारा जारी परिपत्र क्र. पुमु/23/बी-3/425/12, दिनांक 02.06.2012 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) दण्डित शासकीय सेवक दण्डादेश के विरूद्ध सक्षम अधिकारी को अपील कर सकता है, जो प्रकरण का तदानुसार गुण-दोषों के आधार पर निराकरण करता हैं। (ग) प्रदेश में 2006 से अब तक कुल 88 आरक्षकों को न्यूनतम वेतनमान पर किया गया हैं। (घ) जिन प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही न की गई हो तो उनका निराकरण अपील एवं पुनरीक्षण के दौरान किया जाता है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। उपरोक्त सभी 88 प्रकरणों का परीक्षण किया जा रहा हैं।
पीएम आवास योजना की अनियमित्ताओ की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 1715 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका छतरपुर में पीएम आवास योजनांतर्गत अनियमिताओं की जांच हेतु जाँच दल का गठन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है तो कब एवं किस आदेश से किया गया? दल किन-किन बिन्दुओं पर जाँच कर रहा है? जाँच दल में कौन-कौन से अधिकारी शामिल है? जाँच दल कब-कब जाँच हेतु आया? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जाँच दल को अपेक्षित सहयोग एवं जानकारी प्राप्त करने में कोई परेशानी आ रही है? यदि हाँ तो क्या? क्या जाँच दल ने जाँच हेतु रिकार्ड अपने कब्जे में ले लिया है? यदि हाँ तो कब? (घ) जाँच दल कब तक अपनी जाँच पूर्ण कर अंतिम रिर्पाट शासन को देगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर पालिका परिषद छतरपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना की जाँच के लिये संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र., भोपाल के आदेश क्रमांक 6605 दिनाँक 17.07.2020 द्वारा जांच दल का गठन किया गया था, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जांच से संबंधित निकाय से मूल रिकार्ड कब्जे में नहीं लिया गया है, निकाय के अभिलेखों की छायाप्रतियां संचालनालय में मंगवाया जाकर प्रकरण की प्रारभिक जांच की गयी है। (घ) जांच दल द्वारा अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल को प्रस्तुत कर दी गई है जिसका परीक्षण संचालनालय में किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भिक्षुकों एवं बाल भिक्षुकों हेतु योजनायें
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 1741 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा भिक्षुकों एवं बाल भिक्षुकों हेतु क्या-क्या योजनायें बनायी गयी हैं? (ख) भिक्षुकों को निवास/आवास/आश्रय/भोजन हेतु जबलपुर जिले में क्या क्या व्यवस्थाएं उपलब्ध है तथा विगत 3 वर्षों में कितने भिक्षुकों को लाभान्वित किया गया है? (ग) जबलपुर में स्थित रैन बसेरों के संचालन एवं निगरानी हेतु राज्य शासन व जिला प्रशासन के क्या नीति/निर्देश हैं? (घ) क्या जबलपुर के सभी चौराहों पर इस समय बाल भिक्षुकों की संख्या अत्यंत विकराल हो चुकी है इसके संबंध में शासन-प्रशासन क्या कदम उठा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भिक्षुकों हेतु पृथक से विभाग में किसी योजना का प्रावधान नहीं है। (ख) नगर पालिक निगम जबलपुर में 9 आश्रय स्थल और 1 रसोई केन्द्र संचालित है, जिसका लाभ सभी जरूरतमंद ले सकते है। भिक्षुकों के संबंध में पृथक से कोई जानकारी संकलित नहीं है। (ग) जबलपुर में स्थित आश्रय स्थल (रैन बसेरा) के संचालन एवं निगरानी हेतु भारत सरकार, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा जारी मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) इस संबंध में कोई अधिकृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। शासन के द्वारा सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिये विभिन्न सामाजिक योजनायें संचालित की जाती हैं।
जबलपुर नगर निगम द्वारा तैयार की गयी DPR
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 1742 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर निगम द्वारा JNNURM एवं स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत आज दिनांक तक कुल कितने कार्यों की DPR बनवाई गयी है? सभी के विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में DPR किन किन कंसल्टेंट से तैयार करायी गयी तथा उन्हें कितना-कितना भुगतान किया गया? सूची देवें (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जितने कार्यों की DPR बनवाई गयी उनकी क्या वस्तुस्थिति है? कार्यवार बतावें। (घ) क्या जिन कार्यों का किया जाना निश्चित नहीं था उनकी भी डी.पी.आर. बनवाई गयी, जिससे शासन को आर्थिक क्षति पहुंची है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर नगर निगम में जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अन्तर्गत कुल 26 कार्यों की डी.पी.आर तैयार की गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत 30 कार्यों हेतु डी.पी.आर. बनाई गई है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अन्तर्गत कंसलटेन्टस जिनके द्वारा डी.पी.आर तैयार की गई एवं उन्हें किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम नं. 3 व 4 एवं स्मार्ट सिटी परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' के कॉलम नं. 3 व 4 अनुसार है। (ग) जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अन्तर्गत बनवाई गई डी.पी.आर की वस्तुस्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम नं.5 एवं स्मार्ट सिटी परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' के कॉलम नं. 5 अनुसार है। (घ) जे.एन.एन.यू.आर.एम.एवं स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत ऐसे कार्यों की डी.पी.आर नहीं बनवाई गई जिनका किया जाना निश्चित नहीं था।
जुआ, सट्टा, इक्यावनी आदि की जानकारी
[गृह]
29. ( क्र. 1818 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुआ, सट्टा, इक्यावनी, गांजा, भांग अफीम आदि अवैध कार्यों के संचालन में गृह विभाग की क्या भूमिका है? यदि इस हेतु कोई नियम/नीति प्रचलन में हो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में संचालित अवैध कार्यों की रोकथाम हेतु थाना सबलगढ़, टेंटरा, कैलारस, चिन्नोनी चम्बल, पहाड़गढ़ रामपुर जिला-मुरैना में जनवरी, 2019 से जनवरी, 2021 तक उपरोक्त उल्लेखित थाने के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा जनवरी, 2019 से जनवरी, 2021 तक क्या-क्या कार्यवाहियां की गई विस्तार से बतावें? यदि नहीं, तो क्यों व इस हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके नाम पद सहित जानकारी दी जावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जुआ,सट्टा, इक्यावनी, गांजा, भांग, अफीम आदि अवैध कार्यों में अपराध नियंत्रण हेतु सार्वजनिक धुत अधिनियम 1867 एवं एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पर्यावरण की रोकथाम हेतु विभाग की भूमिका
[पर्यावरण]
30. ( क्र. 1819 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में संचालित औद्योगिक इकाई जैसे ईट भट्टा (मैदानी) व चिमनी भट्टे, चूना भट्टा निर्माण आदि जो प्रदूषण फैलाने की श्रेणी में आते हैं के संचालन हेतु पर्यावरण विभाग की क्या भूमिका है एवं कर्तव्य हैं? जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके, अर्थात रहवासियों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव न पड़े। इस हेतु विभाग द्वारा एन.ओ.सी. देते समय क्या-क्या नियम एवं शर्तों का प्रचलन है? प्रति उपलब्ध करावें। (ख) जिला मुरैना के अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कहां-कहां प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य संचालित हैं। संचालित इकाईयों की जानकारी गांव/शहर का नाम/संचालक का नाम व पता/इकाई प्रारंभ दिनांक/एन.ओ.सी. की फोटो प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा एन.ओ.सी. प्रदाय किये बगैर ही इकाईयां संचालित हैं? यदि हाँ तो उनका विवरण देते हुए, विभाग द्वारा ऐसी अवैध इकाईयों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं ऐसी इकाईयों के नाम एवं संचालकों के नाम, पता आदि की जानकारी उपलब्ध करावें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) चिमनी, भट्टे, चूना भट्टे आदि वायु प्रदूषणकारी स्वरूप के उद्योग है, जिनके संचालन को मध्यप्रदेश प्रदूषण वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनिम,1981 के अंतर्गत निगमित करता है, जिसके भाग-III में बोर्ड की शक्तियाँ एवं कर्तव्य उल्लेखित है। अधिनियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। प्रदूषण के नियंत्रण एवं नागरिकों को स्वास्थ्यप्रद पर्यावरण देने हेतु पर्यावरण (संरक्षण) नियम,1986 में भिन्न-भिन्न उद्योगों हेतु प्रदूषकों के उत्सर्जन की मानक सीमा निर्धारित की गई है जो चिमनी भट्टे एवं चूने भट्टे हेतु क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सम्मति देते समय इन उत्सर्जन मानकों के पालन की शर्तें रखी जाती है। (ख) जिला मुरैना अंतर्गत चिमनी भट्टे (ब्रिक क्लीन) संचालित है,जिनके संबंध में जानकारी तथा प्रदत्त सम्मतियों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन नगर परिषद खरगापुर का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 1844 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद खरगापुर द्वारा नवीन नगर परिषद भवन खरगापुर का निर्माण कराये जाने हेतु टेन्डर लगाया गया था? यदि हाँ तो टेन्डर किस कम्पनी के नाम खुला था? क्या उक्त कम्पनी के साथ नगर परिषद खरगापुर ने एग्रीमेन्ट कर लिया था? (एग्रीमेन्ट की छायाप्रति वांछनीय) (ख) क्या ठेकेदार द्वारा उक्त एग्रीमेन्ट के आधार पर नवीन नगर पालिका भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया था? यदि हाँ, तो कितनी लागत का कार्य अब तक किया जा चुका है? (ग) क्या उक्त निर्माण कार्य नगर पालिका को भूमि आवंटन न होने के कारण शासन द्वारा बन्द करा दिया गया है? यदि हाँ तो पूर्व में भूमि नगर परिषद को आवंटन न होने पर भी नगर परिषद द्वारा किस आधार पर टेन्डर लगाया था तथा ठेकेदार से किस आधार पर एग्रीमेंट कराया गया था? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या उक्त प्रकरण में ठेकेदार द्वारा किये गये कार्य का भुगतान विभाग द्वारा किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ड.) क्या इस पूरे प्रकरण में ठेकेदार को मानसिक एवं आर्थिक रूप से जो क्षति हुई है, उसके लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। टेण्डर श्री मिथलेश दीक्षित ठेकेदार टीकमगढ़ के नाम से खुला था। जी हाँ, एग्रीमेंट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। लगभग 20.00 लाख रू. का कार्य किया जा चुका है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। शीघ्र ही भुगतान की कार्यवाही की जायेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल नगर निगम द्वारा केन्द्रीय कर्मशाला का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 1889 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर के शाहजहांनाबाद क्षेत्र में नगर निगम द्वारा केन्द्रीय कर्मशाला का संचालन किया जाता है? (ख) यदि हां, तो क्या उक्त स्थान पर नगर निगम कोई प्रोजेक्ट स्थापित करना चाह रहा है? यदि हां, तो विस्तार सहित बतावें। (ग) क्या उक्त स्थान की जमीन म.प्र. वक्फ बोर्ड के अंतर्गत रजिस्टर्ड है एवं मध्यप्रदेश के राजपत्र 10 जनवरी 1958 में भी रजिस्टर्ड है? यदि हां, तो वक्फ बोर्ड की जमीन पर बिना वक्फ बोर्ड की अनुमति के नगर निगम भोपाल कोई प्रोजेक्ट कैसे बना सकता है? (घ) वक्फ बोर्ड की जमीन पर नगर निगम भोपाल द्वारा अवैधानिक कब्जे को कब तक खाली कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) नगर निगम भोपाल द्वारा शाहजहांनाबाद स्थित पुराने क्रेन्दीय कर्मशाला कार्यालय जो की अत्यंत जर्जर स्थिति में है, को तोड़कर नवीन कामर्शियल शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य राशि रूपये 9.86 करोड़ की लागत से किया जाना प्रस्तावित है। (ग) जी नहीं, अपितु मध्यप्रदेश के राजपत्र 10 जनवरी 1958 में दिये गये विवरणानुसार मस्जिद रथखाना स्थित नगर निगम कारखाना शाहजहांनाबाद भोपाल के नाम से रजिस्टर्ड है। उक्त स्थल पर वर्तमान में भी मस्जिद है। नगर निगम भोपाल द्वारा वक्फ की भूमि एवं मस्जिद के क्षेत्र को छोड़कर केन्द्रीय कर्मशाला शाहजहांनाबाद में शॉपिंग कॉम्पेक्स का निर्माण प्रस्तावित है। (घ) नगर निगम भोपाल द्वारा प्रश्नाधीन स्थल पर किसी भी प्रकार का कब्जा नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिक निगम भोपाल में संविदा नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 1893 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम भोपाल के अंतर्गत अधीक्षण यंत्री के स्वीकृत पद पर दिनांक 01/07/2020 से 31/12/2020 तक एवं पुन: दिनांक 01/01/2020 से 30/06/2021 की अवधि के लिए संविदा आधार पर किसकी नियुक्ति की गई तथा उसकी शैक्षणिक योग्यता बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संविदा आधार पर नियुक्त किये गए व्यक्ति को संविदा सेवा नियम 2007 या संविदा सेवा नियम 2017 में से किस नियम के तहत संविदा नियुक्ति दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या संविदा सेवा नियम 2017 प्रभावशील होने के बावजूद भी संविदा सेवा नियम 2007 के अंतर्गत नियुक्ति क्यों की गई? (घ) क्या न.पा.नि. भोपाल के अंतर्गत अधीक्षण यंत्री के स्वीकृत पद पर संविदा नियुक्ति पाने वाले के विरूद्ध म.प्र. विशेष पुलिस स्थापना (लोकायुक्त) में जांच चल रही है इसलिए उसको संविदा सेवा नियम 2017 के नियमानुसार नियुक्ति नहीं दी गई यदि हाँ, तो नियुक्ति में नियमों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) श्री ए.आर.पवार को अधीक्षण यंत्री के स्वीकृत रिक्त पद के विरूद्ध संविदा नियुक्ति प्रदान की गई है। श्री पवार द्वारा वर्ष 1978 में म.प्र. बोर्ड आफ टेकनिकल एजुकेशन द्वारा डिप्लोमा इन सिविल तथा वर्ष 1983 में द इंस्टीटयूट आफ इंजीनियरिंग इंडिया द्वारा सेक्शन ए एवं बी में सर्टिफिकेट आफ सिविल इंजीनियरिंग उत्तीर्ण की है। (ख) म.प्र. नगरपालिक निगम संविदा सेवा (नियुक्ति एवं सेवा की शर्तें) नियम 2007 के अंतर्गत संविदा नियुक्ति दी गई। (ग) म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 58 (2क) के प्रावधान के अंतर्गत संविदा पर नियुक्ति हेतु बनाये गये म.प्र. नगरपालिक निगम संविदा सेवा (नियुक्ति एवं सेवा की शर्तें) नियम 2007 प्रभावशील होने से संविदा नियुक्ति दी गई। (घ) लोकायुक्त संगठन के पत्र दिनांक 01/02/2021 द्वारा प्रकरण समाप्त किया गया है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अशोक नगर को स्मार्ट सिटी बनाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 1916 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप अशोकनगर को स्मार्ट सिटी बनाये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है यदि हाँ, तो प्रस्ताव किस स्तर पर प्रचलित होकर विचाराधीन है क्या शीघ्र स्वीकृति दी जावेगी? (ख) स्मार्ट सिटी बनाने का प्रस्ताव है तो कब तक इसकी डी.पी.आर. बनकर तैयार होगी क्या कोई एजेन्सी इस हेतु चयनित की गई है यदि नहीं, तो कब तक एजेन्सी चयन कर डी.पी.आर. तैयार कराई जावेगी? (ग) क्या अशोकनगर के मध्य में स्थित पुराना विश्राम गृह, पुरानी अदालत, आबकारी भवन को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कर नगरपालिका को हस्तांतरित किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है यदि नहीं, तो क्या इस प्रस्ताव पर विचार किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मान. मुख्यमंत्रीजी की घोषणा के अनुरूप अशोक नगर को स्मार्ट सिटी बनाये जाने संबंधी प्रस्ताव का विहित प्रावधानों के अंतर्गत परिक्षण किया गया। स्मार्ट सिटी योजना केन्द्र प्रवर्तित होने के कारण, स्मार्ट सिटी मिशन गाइडलाईन अनुसार वर्तमान में अशोक नगर स्मार्ट सिटी की पात्रता में नहीं आता है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मा. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय की अवहेलना
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 1945 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा मा. उच्च न्यायालय जबलपुर के याचिका क्र. 625/2015 में पारित निर्णय दिनांक 22.04.2015 के पालन में दिनांक 23 दिसम्बर, 2020 को 50 प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को नियम विरूद्ध पदस्थापना/प्रभार के कारण मूल पदों पर पदस्थ किये जाने के आदेश दिये थे? (ख) फीडर केडर में नहीं आने वाले कितने प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी कहां-कहां पदस्थ हैं? (ग) फीडर केडर में नहीं आने वाले अधिकारियों को कब तक हटा दिया जावेगा यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के द्वारा हटाये गये प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को कलेक्टर/शासन द्वारा पुन: किसी नगर परिषद/नगरपालिका का प्रभार सौंपा गया है यदि हाँ तो क्या यह माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के पारित निर्णय की अवहेलना की श्रेणी में आवेगा। यदि हाँ तो क्या शासन संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। शासन आदेश दिनांक 23 सितंबर 2020 द्वारा 50 प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को मूल पद पर पदस्थ किया गया था। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार पदस्थ प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रभार सौपें जाने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के पारित निर्णय का संज्ञान होने पर कलेक्टर जिला छतरपुर द्वारा आदेश दिनांक 23/02/2021 से प्रभार निरस्त कर दिया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ट्रांसफार्मर/विद्युत पोल स्वयं के खर्च से स्थापित करने की योजना
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 1968 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के क्षेत्रान्तर्गत विभाग द्वारा विद्युत कृषि उपभोक्ताओं के लिए स्वयं के खर्चें पर ट्रांसफार्मर/विद्युत पोल एवं लाईन स्थापित करने की विभाग की योजना कब से कब तक संचालित थी? (ख) क्या वर्तमान में उक्त योजना विभाग द्वारा बंद कर दी गई है/रोक दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में संचालित योजनाओं के तहत सागर जिले में ऐसे कितने कृषि उपभोक्ता है जिन्होंने इस योजना के तहत अपने आवेदन एवं राशि विभाग को जमा कर दी गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित उपभोक्ताओं को जिन्होंने आवेदन एवं राशि जमा कर दी गई है इन्हें ट्रांसफार्मर/विद्युत पोल एवं लाईन स्थापित किये जायेंगे तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' नये सिंचाई पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में राज्य शासन के आदेश दिनांक 04.05.2011 से वर्तमान तक लागू है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के अंतर्गत सागर जिले में प्रश्न दिनांक तक कोई भी आवेदन/राशि प्राप्त नहीं हुए हैं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नगर पालिक निगम मुरैना में व्याप्त अनियमित्ताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 1982 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका मुरैना में ऐसी क्या विशेष आवश्यकता थी कि निर्माण कार्यों के भुगतान हेतु, निगम की विशेष नीधि से बिना शासन के पूर्व स्वीकृति लिये अथवा बिना शासन के पूर्व अनुमोदन प्राप्त किये राशि का आहरण कर उक्त राशि को साधारण निर्माण कार्यों के भुगतान में क्यों व्यय किया गया? जब कि वर्तमान समय में मुरैना जिला क्या पूरा देश कोविड-19, जैसी वैश्विक महामारी से ग्रस्त है। (ख) जिला मुरैना में नगर परिषद के कार्य काल पूर्ण होने के चार माह पूर्व से प्रश्न किये जाने के दिनांक तक कुल कितने देयकों के भुगतान किये गऐ क्या निगम में पूर्व से लम्बित देयकों को भुगतान में प्राथमिकता प्रदाय की गई। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) में जिन देयकों का भुगतान किया गया है वे किस दिनांक को निगम की आवक पंजी में अंकित हुए है, भुगतान किये गऐ देयकों एवं व्हाउचरों व मेजर मेन्ट, बिल की माप पुस्तकाओं तथा आवक पंजी में भुगतान किए गए देयकों के दिनांक वाले पृष्ठों के विवरण के साथ समस्त अभिलेखों के साथ जानकारी उपलब्ध करावे। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) में उल्लेखित देयकों के भुगतान किस मांग संख्या किस मद से किया गया तथा उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति किस मांग संख्या किस मद में शासन से प्राप्त हुई थी। समस्त प्रशासकीय स्वीकृतियों की छायाप्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर पालिक निगम मुरैना में संचालित टोल प्लाजा
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 1983 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आगरा-मुम्बई राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर मुरैना नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र के अन्दर कोई टोल टैक्स, विगत लम्बे समय से संचालित हैं? क्या नगर निगम मुरैना द्वारा उक्त टोल टैक्स को नगर निगम सीमा से बाहर स्थापित किये जाने हेतु कोई नोटिस अथवा पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ तो नोटिस में दी गई समय-सीमा समाप्त होने के उपरान्त क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या नगर पालिक निगम को किसानों से भूमि अधिग्रहण किये जाने एवं अधिग्रहित की गई भूमि को किसी प्राईवेट कम्पनी अथवा फर्म को विक्रय किये जाने का शासन का कोई नियम अथवा प्रावधान है? यदि हाँ तो नियम एवं शर्तों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। भारत के राजपत्र दिनांक 05 दिसम्बर 2008 में पोत परिवहन, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अधिसूचित अधिसूचना अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग फीस (दरों का अवधारण और संग्रहण) नियम, 2008 के नियम 8 में उल्लेखित प्रावधानों में एन.एच.ए.आई. द्वारा नगर पालिक निगम की सीमा अन्तर्गत टोल प्लाजा का संचालन किये जाने का प्रावधान होने से टोल प्लाजा का स्थान नहीं बदला गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 79, 80, 81 के अन्तर्गत भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 1894 संशोधित 2013 में वर्णित प्रावधानुसार नगर पालिक निगमों द्वारा भूमि अधिग्रहण किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
अमृत जल परियोजना का क्रियान्वन
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 2016 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर में अमृत जल परियोजना के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र छतरपुर में कितने मीटर पाईप लाईन बिछाई गई है? कितनी शेष है? कितनी प्रस्तावित है? उक्त पाइप लाइन से कौन-कौन से क्षेत्र जल प्रदाय हेतु पहुंच में आ सकेंगे? पाईप लाईनों से क्या पूरे शहर के प्रत्येक घर में नल-जल प्राप्त हो सकेगा? यदि नहीं, तो कौन से कौन से क्षेत्र शेष रहेंगे? इनकों शामिल करने के लिए कितने मीटर और अतिरिक्त पाईप लाईन की आवश्यकता होगी? (ख) छतरपुर शहर में अमृत जल परियोजना से नियमित नल-जल प्रदाय शुरू हो चुका है? यदि हाँ तो किन क्षेत्रों में नियमित जल प्रदाय किया जा रहा है कितने कनेक्शन है? शेष क्षेत्र में परियोजना के द्वारा नल-जल प्रदाय करने में क्या परेशानियां आ रही है? परेशानियों को कब तक निराकृत किया जायेगा? (ग) छतरपुर शहर में वर्तमान में कितने लोगों को पेयजल की आवश्यकता है? कितने लोगों को विभिन्न परियोजना (अमृत छोड़ कर) एवं स्त्रोतों से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है? कितनों को अमृत जल परियोजना से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है? कितनों को प्रदाय करने का लक्ष्य है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अमृत परियोजना के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में 281.68 किलो मीटर पाईप लाईन बिछाई गई है। 47.74 किलो मीटर पाईप लाईन बिछाई जाना शेष है। कुल 329.42 किलो मीटर का कार्य इस योजना में स्वीकृत है। डी.पी.आर. में प्रस्तावित ओ.एच.टी/जी.एस.आर. की डिजाईन क्षमता अनुसार अतिरिक्त पाईप लाईन बढ़ाई जाकर स्वीकृत की गई है। जिसका कार्य प्रगतिरत है। उक्त पाईप लाईन द्वारा शहर के समस्त क्षेत्रों में जल प्रदाय किया जाना संभव होगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में परियोजना का कार्य प्रगतिरत है। योजना अनुसार प्रस्तावित नल कनेक्शन 21310 है। वर्तमान में यूआईडीएसएसएमटी से महल परिसर, परवारी मोहल्ला, मातवाना मोहल्ला, तमरयाई मोहल्ला, संकट मोचन, बजरंग नगर, सटई रोड, चौबे कालोनी, सटई रोड, महाराणा प्रताप नगर, पिपरसानिया मोहल्ला, निजामी मस्जिद, गल्ला मण्डी, असाटी मोहल्ला, चौक बाजार, शुक्लाना मोहल्ला, महावीर मार्ग, गुरुद्वारा, संकट मोचन मार्ग आदि क्षेत्रों में जलप्रदाय किया जा रहा है। राईजिंग मेन एवं डिस्ट्रीब्यूशन में रेल्वे क्रासिंग की अनुमति प्राप्त नहीं हुई है एवं एमपीईबी द्वारा इलेक्ट्रिक लाईन को 11 केव्ही से 33 केव्ही में परिवर्तित करना शेष है। उक्त कारणों से अमृत योजना के कार्य में विलंब हुआ है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में नगर छतरपुर में लगभग 149925 लोगों को पेयजल की आवश्यकता है। 8952 कनेक्श्नों से लगभग 76000 लोगों को यूआईडीएसएसएमटी योजना के तहत जलप्रदाय किया जा रहा है। वर्ष 2033 तक जनसंख्या वृद्धि के साथ लगभग 290839 लोगों को जलप्रदाय किया जाना प्रस्तावित है।
सेंधवा सीवरेज लाइन के प्रोजेक्ट कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 2037 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा सीवरेज लाइन प्रोजेक्ट हेतु 78.55 करोड़ रूपये की राशि शासन द्वारा स्वीकृत की गयी थी किन्तु योजना अधूरी पड़ी हुई है तथा लाइन के लिए जो गड्ढे खोदे गए थे कब तक भरे जायेंगे तथा कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (ख) उक्त योजना पर अभी तक कितनी राशी व्यय की गयी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना का कार्य प्रगति पर है एवं सीवर लाईन डालने के लिये खोदे गये गड्ढे कार्य की प्रगति के साथ निरंतर भरे जा रहे है। (ख) उक्त योजना पर अभी तक कुल रू. 17331550/- व्यय किया गया है।
प्रोफेसर क्रिया शरीर की नियुक्ति
[आयुष]
41. ( क्र. 2051 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर द्वारा प्रोफेसर क्रिया शरीर पद की नियुक्ति हेतु विज्ञापन कब निकाला गया? इसमें नियुक्ति हेतु वांछित शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव का क्या प्रावधान रखा गया? नियुक्ति हेतु क्या प्रक्रिया एवं नीति निर्धारित की गई? बतलावें। विज्ञापन की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्नांकित विज्ञापन के तहत कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? मेरिट चयन सूची कब तैयार की गई? मेरिट चयन सूची के अनुसार कब किये नियुक्ति पत्र कब जारी किया गया? इनकी शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव संबंधी प्रमाण पत्रों का सत्यापन कब, किसने किया है? सत्यापित प्रमाण पत्रों की छायाप्रति दें। (ग) प्रश्नांकित चयनीत उम्मीदवार कहां-कहां पर किस-किस पद पर कब से कब तक पदस्थ रहे है एवं किस पद से कब त्याग पद देकर, प्रो. क्रिया शरीर का पद ग्रहण किया हैं? बतलावें। वर्ष 2005-06 से 2018-19 तक की सत्यापित छायाप्रतियां दें। (घ) क्या यह सत्य है कि प्रश्नांकित की नियुक्ति में स्वस्थ वृत विषय के अनुभव प्रमाण पत्र को मान्य किया गया हैं? यदि हाँ तो क्यों? क्या शासन इसकी जांच कराकर कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर द्वारा प्रोफेसर क्रिया शरीर पद की नियुक्ति हेतु विज्ञापन दिनांक 04.08.2008 से 10.08.2008 के ''रोजगार और निर्माण'' में (1) विधि द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय से आयुर्वेद में स्नातक उपाधिधारी हो एवं भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद के अधीन मान्य हो (2) संबंधित विषय में स्नातकोत्तर अर्हताधारी जो भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद के अधीन मान्य हो (3) संस्कृत भाषा का ज्ञान होना चाहिए (4) संबंधित विषय में 10 वर्ष का अध्यापन अनुभव होना चाहिए, जिसमें 05 वर्ष का रीडर के पद का संबंधित विषय में अध्यापन अनुभव हो यदि रीडर का पद न हो तो संबंधित विषय में व्याख्याता के पद पर 10 वर्ष का अध्यापन अनुभव हो। स्वशासी संस्था की चयन समिति के माध्यम से चयन पश्चात् स्वशासी संस्था द्वारा नियुक्ति। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रोफेसर, क्रिया शारीर के लिये 06 आवेदन। दिनांक 11.09.2008 को। दिनांक 29.12.2008 को। दिनांक 29.08.2008 को डॉ. के.के. अग्निहोत्री, डॉ. ए. के. रावत, डॉ. अनिल शुक्ला, डॉ. अलका श्रीवास्तव एवं डॉ. प्रदीप चौहान के द्वारा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) चयनित उम्मीदवार डॉ. रविकांत श्रीवास्तव, श्री बाबा मस्तनाथ आयुर्वेद महाविद्यालय अस्थल बोहर रोहतक (हरियाणा) में दिनांक 15.09.1997 से 14.09.2000 तक व्याख्याता, दिनांक 15.09.2000 से 14.09.2005 तक रीडर, दिनांक 15.09.2005 से 31.12.2008 तक प्रोफेसर पद पर पदस्थ रहे। दिनांक 31.12.2008 को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र ''स'' ''द'' एवं ''ई'' अनुसार। (घ) जी नहीं। जाँच कराई गई, प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
विभागीय मंत्री की घोषणा का पालन न किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 2087 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री जी ने लहार जिला भिण्ड के प्रवास के दौरान दिनांक 17.07.2019 को नगरीय निकाय लहार में तरूण पुष्कर का भूमि पूजन कर राशि रूपये 5.00 करोड़ स्वीकृत करने की घोषणा की थी? यदि हाँ तो विभाग द्वारा घोषणा के पालन में तरूण पुष्कर की राशि स्वीकृत कर दी गई है? यदि नहीं, तो कयों माननीय मंत्री जी की घोषणा का पालन करना विभागीय कार्य नहीं है तो क्या भविष्य में माननीय मंत्रियों को घोषणा न करने के निर्देश दिये जाएंगे? (ख) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. के पत्र क्र. 567/यां.प्र./07-5/2020 भोपाल, दिनांक 13.01.2020 को तरूण पुष्कर निर्माण हेतु राशि रू. 119.05 लाख की स्वीकृति प्रदान कर शेष राशि आगामी बजट वर्ष 2020-21 में स्वीकृत किये जाने का उल्लेख है? (ग) क्या तरूण पुष्कर हेतु राशि रू.119.05 लाख नगर पालिका लहार को प्रतिवर्ष शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली राशि के अतिरिक्त प्रदान करने की स्वीकृति दी गई थी? यदि नहीं, तो दिनांक 13.01.2020 पत्र में असत्य जानकारी देने के कारण बताएं? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या केवल तरूण पुष्कर लहार के निर्माण हेतु ही राशि रू.5.00 करोड़ प्रदान की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति विभाग के पत्र दिनांक 29-02-2020 द्वारा जारी करते हुए 14 वें वित्त के अतिरिक्त राशि निकाय द्वारा स्वयं वहन की जानी है। नगर पालिका परिषद लहार को वित्त वर्ष 2019-20 में 14 वें वित्त से राशि रूपये 119.05 लाख प्रदान कर दी गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के पत्र क्रमांक 567 दिनांक 13.01.2020 में ''नगर पालिका परिषद लहार, जिला-भिण्ड को 14 वें वित्त में माह जनवरी, फरवरी एवं मार्च 2020 में राशि रूपये 119.05 लाख एवं शेष आवश्यक राशि वर्ष 2020-21 में बजट प्रावधान अनुसार उपलब्ध कराई जा सकेगी'' का लेख किया गया है, तत्पश्चात विभाग के द्वारा जारी प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 29-02-2020 में यह उल्लेख है कि 14वें वित्त से स्वीकृत राशि के अतिरिक्त व्यय होने वाली राशि निकाय द्वारा व्यय की जानी है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के पत्र क्रमांक 3143/या.प्र./07-05/2020, दिनांक 29.02.2020 द्वारा नगर पालिका परिषद लहार को तरूण पुष्कर निर्माण हेतु जारी, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की शर्त क्रमांक 03 के अनुसार नगर पालिका परिषद लहार को तरूण पुष्कर निर्माण कार्य हेतु 14वें वित्त से स्वीकृत राशि के अतिरिक्त होने वाले व्यय की पूर्ति निकाय द्वारा किया जाना है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल आवर्धन योजना को प्रारंभ किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 2112 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिरमौर नगर परिषद अंतर्गत पेयजल आवर्धन योजना वित्तीय वर्ष 2014-15 में स्वीकृत की गयी थी? यदि हाँ तो क्या कारण है कि लगातार विभाग में पत्राचार करने एवं विधानसभा सदन में प्रश्न उठाने के उपरांत भी फिल्टर प्लांट का कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हो सका? (ख) क्या उपरोक्त विषय में विधानसभा सत्र जुलाई 2019 में तारांकित प्रश्न उठाया गया था तथा उत्तर में योजना पूर्ण होने एवं पेयजल प्रदाय करने हेतु लक्षित समय-सीमा अक्टूबर 2019 बताये जाने के उपरांत भी समय-सीमा में पेयजल आवर्धन योजना प्रारंभ न हो पाने का क्या कारण है? कब तक सिरमौर नगर वासियों को पेयजल आवर्धन योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। फिल्टर प्लांट हेतु भूमि दिनांक 13.02.2018 को प्राप्त हुई। भूमि आवंटन में हुई देरी, ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने तथा कोविड महामारी के कारण कार्य में विलंब हुआ है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार है, एवं ठेकेदार द्वारा कार्य धीमी गति से करने के कारण योजना में विलंब हुआ है। निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूर्ण होना लक्षित है, जिसके पश्चात सिरमौर नगरवासियों को पेयजल योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
जवा एवं सिरमौर अंतर्गत अधूरे विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 2116 ) श्री
दिव्यराज
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) विकासखण्ड
जवा एवं
विकासखण्ड
सिरमौर
अंतर्गत कुल
ऐसे कितने
ग्राम हैं जो
कि
विद्युतीकरण
से अभी तक
वंचित हैं? सूची
उपलब्ध कराने
का कष्ट करें।
(ख) ग्राम
पंचायत पड़री
वार्ड नं. 1
आदिवासी
बस्ती, ग्राम
पंचायत चैरी
वार्ड 1, वार्ड
2 एवं
खम्हरिया की
हरिजन बस्ती, ग्राम
पंचायत
भनिगवां
बजरहा टोला, सतपेढ़िया
टोला यादव
बस्ती एवं
लोहरान टोला में
विद्युतीकरण
कार्य के
अधूरे रह जाने
का क्या कारण
है? अधूरे
विद्युतीकरण
कार्यों को कब
तक पूर्ण करा
लिया जावेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) विकासखण्ड
जवा एवं
सिरमौर
अंतर्गत कोई
भी ग्राम विद्युतीकरण
से वंचित नहीं
है। अतः प्रश्न
नहीं उठता। (ख) प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
निर्मित नवीन
बसाहटों तथा
प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
प्रधानमंत्री
आवास योजना
में निर्मित
नवीन मकान
वर्तमान में
अविद्युतीकृत
है।
अविद्युतीकृत
घरों/बसाहटों
के विद्युतीकरण
की कोई योजना
वर्तमान में
संचालित नहीं
है। भविष्य
में
विद्युतीकरण
की कोई योजना
उपलब्ध होने
अथवा माननीय
सांसद/विधायक
निधि या अन्य
मद से राशि
प्राप्त
होने पर प्रश्नाधीन
क्षेत्र के
अविद्युतीकृत
घरों/बसाहटों
के
विद्युतीकरण
का कार्य
कराया जाना
संभव हो
सकेगा। अतः
वर्तमान में
निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
पुलिस अधिक्षक को दिये गये पत्र पर कार्यवाही
[गृह]
45. ( क्र. 2152 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मीना पुत्री परमा अहिरवार के द्वारा दिनांक 21.11.2020 को पुलिस अधीक्षक निवाडी को कोई पत्र दिया गया था, जिसमें प्र.क्र.11/20 तरीचर कलां चौकी थाना सेन्दरी में एफ.आई.आर. की मांग की गई थी? यदि हाँ तो उक्त प्रकरण में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या मीना अहिरवार द्वारा दिये गये आवेदन में आरोपी प्रवीण अहिरवार पर बिना पहली पत्नी को तलाक दिये, दूसरी शादी करने का आरोप लगाया गया था और प्रवीण के घर में रह रही पुत्री जिसकी आयु डेढ़ वर्ष है, उसका डीएनए टेस्ट कराये जाने की मांग की गई थी? यदि हाँ तो इस विषय में पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रार्थी द्वारा दिनांक 30.03.2020 को कराई गई एफ.आई.आर. क्रमांक 11/20 के सम्बन्ध में आरोपी की गिरफ्तारी की गई थी? यदि हाँ, तो चालान किस दिनांक को पेश किया गया तथा आरोपी की जमानत किस दिनांक को हुई थी? (चालान एवं जमानत की छायाप्रति वांछनीय) (घ) क्या मीना पुत्री परमा अहिरवार द्वारा उक्त पूरे प्रकरण की 181 (सी.एम. हेल्पलाईन) पर कोई शिकायत दर्ज कराई गई थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर आज दिनांक तक क्या क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) श्रीमति मीना पुत्री परमा अहिरवार द्वारा दिनांक 21/11/2020 को लिखित आवेदन पत्र दिया गया था। आवेदन का संबंध चौकी तरीचरकला के शून्य पर अप.क्र. 011/20 असल कायमी थाना सेंदरी के अप.क्र. 42/20 धारा 498ए, 294,506,34 भादवि, 3/4 दहेज एक्ट से संबंधित होने से उक्त आवेदन पत्र में दिये गये तथ्यों की विवेचना करते हुए प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर चालान दिनांक 25/12/2020 को तैयार कर प्रकरण सात वर्ष से कम दण्डनीय अपराध होने से प्रकरण के आरोपियों को धारा 41 (1) जा.फौ. का नोटिस दिया जाकर माननीय न्यायालय केस नंबर आर.सी.टी. नंबर 904/2020 एवं 1033/20 दिनांक 26/12/2020 को पेश किया गया प्रकरण माननीय न्यायालय विचाराधीन है। (ख) मीना अहिरवार द्वारा लगाये गये बिना तलाक दिए दुसरी शादी करने के संबंध में जांच में पाया गया की आरोपी प्रवीण अहिरवार द्वारा राखी नाम की लड़की से दूसरी शादी नहीं की गई है। राखी अहिरवार प्रवीण की पत्नी न होकर उसके छोटे भाई पंकज अहिरवार की पत्नी है, जिसका अनुबंध पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं उसकी डेढ़ वर्षीय पुत्री प्रतिभा, राखी एवं पंकज की बच्ची है, जिसका जन्म प्रमाण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। जिसका डी.एन.ए. टेस्ट कराया जाना उचित नहीं है। (ग) प्रकरण में चालान क्रमांक 239/20 दिनांक 25/12/2020 को तैयार कर प्रकरण सात वर्ष से कम दण्डनीय अपराध होने से प्रकरण के आरोपी 1.जालम अहिरवार 2.पंकज अहिरवार 3. श्रीमति रामदेवी पत्नी जालम अहिरवार 4. प्रवीण कुमार अहिरवार निवासीयान तरीचरकलां को धारा 41 (1) जा.फौ. का नोटिस दिया जाकर माननीय न्यायालय केस नंबर आर.सी.टी. नंबर 904/2020 एवं 1033/2020 दिनांक 26/12/2020 को पेश किया गया है। चालान की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं जमानत की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द''अनुसार है। (घ) मीना पुत्री परमा अहिरवार के द्वारा 181 (सीएम हेल्पलाईन) पर शिकायत की गई, शिकायत के संबंध में पूर्व में ही चौकी तरीचरकला के शून्य पर अप.क्र. 011/20 असल कायमी थाना सेंदरी के अप.क्र.42/20 का चालान माननीय न्यायालय पेश किया जा चुका है एवं गाड़ी के संबंध में शिकायत की गई थी, जो उक्त गाड़ी मीना अहिरवार को ससुराल पक्ष द्वारा वापिस दे दी गई थी, जिससे सतुष्ट होकर स्वतः शिकायतकर्ता द्वारा सीएम हेल्पलाईन बंद कराई गई थी।
आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
46. ( क्र. 2239 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के थाना रीठी में श्यामचंद, रानीबाई, आयुषी निवासी ग्राम हरद्वारा के विरूद्ध भा.द.वि. की धारा 306 के तहत अपराध क्र. 16 दिनांक 16.01.2021 कायम किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो उक्त आरोपियों को पुलिस द्वारा अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया? कब तक किया जायेगा? (ग) कटनी जिले की तहसील बड़वारा के ग्राम बड़वाराकला प.ह.नं. रा.नि. मंडल की भूमि खसरा नं. 17 रकवा 0.600 हे. संतराम बल्द हिरई कोल आदिवासी की शासकीय पट्टे की भूमि संतराम के मौत के पश्चात कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से बिना कलेक्टर के स्वीकृत आरोपियों द्वारा विक्रय कर दिया जिसकी शिकायत प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पुलिस अधीक्षक को पत्र दिनांक 19.09.2020 को की जाकर पावती 21.09.2020 को प्राप्त की गई है? पत्र क्र. 777 दिनांक 14.10.2020 पुन: शिकायत की गई है तथा थाना प्रभारी बड़वारा को पत्र क्र. 854 दिनांक 23.01.2021 को की जाकर पावती 25.01.2021 को प्राप्त की गई है? शिकायत की प्रति एस.डी.एम. और कलेक्टर को भी दी गई? उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ तो आरोपियों के विरूद्ध पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई, कब करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीवर लाइन डालने में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 2240 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम कटनी द्वारा सीवर लाइन डालने का कार्य किस कंपनी/ठेकेदार को कब, किन शर्तों पर, कितनी अवधि में कार्य पूर्ण करने की शर्त पर दिया गया था? अभी तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया एवं कितने प्रतिशत कार्य का कितना भुगतान किया बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार सीवर लाइन डालने हेतु जो ड्रांइग, डिजाइन, मैप बनाया गया होगा? उस अनुसार लाईन कहां-कहां ड़ालना है जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) की कंपनी/ठेकेदार से किए गए अनुबंध में तय रोड के रेस्टोरेशन कार्य जैसी रोड थी वैसा ही करना था, (डामर रोड को डामर से, कांक्रीट रोड को कांक्रीट से) और खोदकर पाइप डालने के कितने दिन बाद रेस्टोरेशन (पुनर्निर्माण) का कार्य करना था, कब-कब किया गया रोस्टोरेशन प्राक्कलन अनुसार न करने के लिए कौन दोषी है नाम, पद नाम सहित बताएं। डामरीकरण न कर कांक्रीट से करने पर रेस्ट्रोरेशन कास्ट में क्या अंतर आयेगा? (घ) क्या सीवर लाइन डालने के पूर्व जैसी रोड थी, उसी प्रकार मरम्मत कर करना था, किन्तु सीवर लाइन डालने के बाद रोड चलने लायक नहीं है? पूर्व से तय स्टीमेट में कब-कब संशोधन किया गया और उसके क्या कारण थे एवं स्टीमेट में परिवर्तन किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया नाम, पद नाम सहित बताएं? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में सीवर लाइन डालने में विलंब करने, अनुबंध और स्टीमेंट के विपरीत कार्य करने के लिए कंपनी/ठेकेदार के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों यदि हाँ तो कब तक।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा अमृत मिशन अंतर्गत सीवरेज एण्ड सेप्टेज मैनेजमेंट प्रोजेक्ट का कार्य संविदाकार मेस