मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
नवम्बर-दिसम्बर, 2017
सत्र
सोमवार, दिनांक 04 दिसम्बर, 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
दमुआ से
बेलनीढाना के
बीच सड़क
निर्माण
[लोक निर्माण]
1. ( *क्र. 1997 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत छिन्दवाड़ा जिले के विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव के दमुआ से बेलनीढाना के बीच 07 कि.मी. तक सड़क का निर्माण 2014-15 में (एम.पी.आर.डी.सी.) के तहत किस कंपनी द्वारा किया गया था? (ख) क्या कार्य अधूरा छोड़ दिया गया? यदि हाँ, तो कब तक पूरा कर दिया जायेगा? यदि पूरा कर लिया गया है तो वर्तमान में पूरी सड़क पर गड्ढे एवं जर्जर हालत में क्यों है? इसके लिये कौन दोषी है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या शर्तों के अनुसार तत्काल मरम्मत कार्य कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मेसर्स डी.बी.एल. बैतूल-सारणी प्रा.लि. द्वारा निर्मित बैतूल-सारणी-परासिया मार्ग (लंबाई 124.10 कि.मी.) का कार्य (सतपुड़ा पेंच टाईगर रिजर्व कोरिडोर का भाग लंबाई 4.78 कि.मी. का कार्य छोड़कर) किया गया। (ख) जी हाँ, वन विभाग से अनुमति प्राप्त होने के उपरांत कार्य शीघ्र पूर्ण कराया जावेगा। मरम्मत हेतु वन मण्डल अधिकारी पश्चिम छिंदवाड़ा की अनुमति की शर्तों के अनुसार कार्य किया जा रहा है, सड़क निर्माण न किये जाने के लिये कोई दोषी नहीं है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। वन विभाग से प्राप्त अनुमति अनुसार मरम्मत की जा रही है, शीघ्र ही मरम्मत पूर्ण की जावेगी। चूंकि संधारण एक सतत् प्रक्रिया है अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पेंच परियोजना से सिंचाई सुविधा से वंचित ग्राम
[जल संसाधन]
2. ( *क्र. 2404 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सिवनी में नवनिर्मित माचागौरा बांध (पेंच परियोजना) से निकलने वाली नहरों से लालमाटी (गोपालगंज) क्षेत्र के कई गांव सिंचाई सुविधा से वंचित रह गये हैं? यदि हाँ, तो इसके प्रस्तावित एवं लाभान्वित तथा शेष रह गये गांवों की सूची लालमाटी क्षेत्र सहित दी जावे। साथ ही बतावें की शेष रह गये गांव में नहरों के निर्माण कार्य को अंतिम रूप कब दिया जा सकेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें कि उन गांवों में नहर का निर्माण क्यों नहीं किया जा सकेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में प्रश्नगत गांव में सिंचाई सुविधा हेतु नहर विस्तार के लिये कोई सर्वेक्षण किया गया है? यदि नहीं, तो इन गांवों का सर्वेक्षण कब तक पूर्ण कर निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा। (ग) क्या प्रश्नांश (क) परियोजना का निर्माण कार्य पूर्व में प्रस्तावित प्राक्कलन के आधार पर न किया जाकर राजनैतिक दबाव के चलते संशोधित कर निर्माण कार्य कराया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लालमाटी क्षेत्र सहित सिंचाई से लाभांवित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' तथा वंचित ग्रामों की सूची लालमाटी क्षेत्र सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। वंचित ग्राम निर्माणाधीन सिवनी शाखा नहर से लगभग 8 से 10 कि.मी. दूरी पर कमांड क्षेत्र से बाहर होने तथा वंचित ग्रामों का भू-सतह, नहर तल से लगभग 15 से 20 मी. ऊँचा होने के कारण तकनीकी दृष्टि से नहर द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं। परियोजना का निर्माण कार्य पूर्व में प्रस्तावित प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति के आधार पर किया जाना प्रतिवेदित है।
परियोजना क्रियान्वयन इकाई द्वारा कराये गये कार्य
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 2877 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग की परियोजना क्रियान्वयन इकाई जिला धार द्वारा विगत 3 वर्षों में कितने-कितने कार्य कहाँ-कहाँ करवाये गये? राशि सहित वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ख) इन कार्यों की अद्यतन स्थिति बतावें। इनमें कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं तथा कितनी राशि इनमें आहरित की जा चुकी है? विधान सभा क्षेत्रवार बतावें। (ग) कार्यों में विलंब एवं गुणवत्ताहीन होने की जाँच कब तक करवाई जायेगी? स्वतंत्र कंसलटेंसी द्वारा उपरोक्त दी गई रिपोर्ट, पत्रों की छायाप्रति कार्यवार देवें? (घ) कार्यों में विलंब व गुणवत्ताहीन होने की विभाग कब जाँच कराएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इस इकाई के अंतर्गत कार्य में प्रयुक्त मटेरियल की शासन द्वारा निरंतर जाँच कराई जाती है। परीक्षण में गुणवत्ताहीन सामग्री होने संबंधी किसी प्रकार की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। अत: जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्यों में विलंब हेतु अनुबंधानुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) कार्यों में विलंब हेतु अनुबंध में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही प्रचलन में है। प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश के संबंध में जाँच का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
उर्वरकों के दर निर्धारण की प्रक्रिया
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
4. ( *क्र. 1227 ) श्री उमंग सिंघार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मार्कफेड से उर्वरक उपलब्ध कराता है? यदि हाँ, तो उर्वरकों के दर निर्धारण की क्या प्रक्रिया है? क्या निर्धारित दर पर ही उर्वरक उपलब्ध कराया जाता है? (ख) क्या धार जिले में जैविक खेती के प्रति सरकार उदासीन है? यदि नहीं, तो बताएं कि सरकार द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु धार जिले में पिछले तीन वर्षों में क्या प्रयास किये गये एवं इससे कितने किसानों को लाभ हुआ है? वर्षवार लाभांवित किसानों की संख्या बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। विपणन संघ द्वारा ऑफर सूचना का प्रकाशन कर प्रदायकों से ऑफर व शर्तें आमंत्रित की जाती हैं। प्राप्त ऑफरों के आधार पर उर्वरक समन्वय समिति द्वारा उर्वरकों का क्रय मूल्य एवं प्रदाय की शर्तों का निर्धारण किया जाता है। समिति द्वारा निर्धारित दर एवं शर्तों के अनुसार विपणन संघ द्वारा निर्धारित दर पर उर्वरकों का क्रय एवं विक्रय किया जाता है। (ख) जी नहीं। धार जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु वर्ष 2016-17 में लगभग एक लाख कृषि साहित्य पम्पलेट्स का वितरण जैविक खेती के प्रचार प्रसार हेतु किसानों को किया गया। विगत तीन वर्षों में 936 बायो गैस संयंत्रों के निर्माण कराये गये। परम्परागत कृषि विकास योजना अंतर्गत जैविक प्रशिक्षण, कृषक भ्रमण, जैविक आदान सामग्री का वितरण जिले के 500 किसानों को किया गया। वर्षवार लाभांवित किसानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निर्माण कार्यों का भुगतान
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 1376 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग विस्तार के कि.मी. 124/2 नौआ नाला पुल एवं उसके बाद रीकन्ट्रेक्शन ऑफ डेनेज ब्रिज का कार्य अनुबन्ध क्रमांक 61/एन.एच./2007-08 संविदाकार के द्वारा जाब क्र.0075 ई.एक्स./2006-07/एम.पी./521 का सम्पूर्ण कार्य दिनांक 31/03/2015 को पूर्ण कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कार्यपूर्ण होने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग सागर उप संभाग रीवा द्वारा ठेकेदार के बकाया देयक का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया और राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 75 के विस्तार में स्थित नौआ नाला पुल एप्रोच निमार्ण कार्य के सभी दस्तावेज गुम हो गये हैं? दस्तावेजों के गुम होने की एफ.आइ.आर. जी.आर.पी. थाना भोपाल में विभाग के कर्मचारी द्वारा करायी गयी है? (ग) क्या अभिलेखों की द्वितीय प्रति निर्माण कराने एवं संविदाकार के भुगतान में विलम्ब करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी और संविदाकार के लम्बित देयक का भुगतान अविलम्ब कर दिया जायेगा? (घ) यदि हाँ, तो किस दिनांक तक संविदाकार को सम्पूर्ण देयक का भुगतान बिना किसी शर्त और पेनाल्टी के करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, कार्य स्थल की आवश्यकता अनुसार संविदाकार द्वारा पुल एवं सिंगरौली तरफ का पहुंच मार्ग का कार्य दिनांक 30.10.2015 को पूर्ण कर दिया गया था, पुल की सीधी तरफ का पहुंच मार्ग का कार्य अन्य एजेन्सी से करवाये जाने के कारण करवाया जाना आवश्यक नहीं था। (ख) जी नहीं। ठेकेदार का भुगतान रा.रा. संभाग सागर के अंतर्गत रा.रा. उपसंभाग रीवा के द्वारा नहीं अपितु क्षेत्रीय अधिकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किया जाना है। अंतिम देयक क्षेत्रीय अधिकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भोपाल को कार्यपालन यंत्री रा.रा. संभाग सागर द्वारा अपने पत्र दिनांक 08.11.2017 को प्रेषित किया गया है। ठेकेदार द्वारा मापों एवं बिल की अभिस्वीकृति नहीं दिये जाने के कारण क्षेत्रीय अधिकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भोपाल में भुगतान हेतु लंबित है। जी हाँ, दस्तावेजों के गुम हो जाने के कारण विभाग के कर्मचारी द्वारा जी.आर.पी. थाना भोपाल में लिखित शिकायत की गई थी, जी.आर.पी. थाना द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई थी। (ग) मूल अभिलेखों के गुम हो जाने के कारण नई माप पुस्तिका तैयार की गई। संविदाकार के भुगतान में विलंब हेतु कोई अधिकारी दोषी नहीं है, अत: किसी अधिकारी के प्रति कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। ठेकेदार द्वारा माप एवं बिल की अभिस्वीकृति दिये जाने के पश्चात लंबित देयक के भुगतान की कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में देयक के भुगतान हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। ठेकेदार का भुगतान अनुबंध की शर्तों एवं प्रावधान के अनुसार ही किया जा सकेगा।
जिला रतलाम अंतर्गत सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
6. ( *क्र. 176 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आलोट जिला रतलाम में महिदपुर रोड, खारवांकला, ताल-आलोट मार्ग जो पूर्णतः जर्जर हो चुका है, उक्त सड़क निर्माण प्रक्रिया की वर्तमान स्थिति क्या है? कब तक उक्त सड़क निर्माण प्रारंभ होगा? पाँच माह पूर्व टेंडर की कार्यवाही व प्रशासकीय स्वीकृति भी हो चुकी है? फिर कार्य में देरी क्यों? (ख) सड़क निर्माण में देरी से पूर्व उक्त सड़क का मरम्मतीकरण एवं पेंचवर्क क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) आलोट विधानसभा क्षेत्र में कितनी व कौन-कौन सी सड़कें ग्यारंटी अवधि में खराब हुईं? पूर्ण ब्यौरा दें तथा की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्ग निर्माण हेतु निविदा स्वीकृति बाबत् प्रक्रियाधीन है। अनुबंध होने के बाद। द्वितीय निविदा आमंत्रण के कारण देरी हुई है। (ख) विभाग के स्थाई गैंग द्वारा आवश्यक मरम्मत कार्य किया जा रहा है। (ग) कोई नहीं। दो मार्ग परफारमेंस गारंटी में है। दोनों मार्गों की स्थिति संतोषजनक है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सड़क निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 2595 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 03 सितम्बर, 2017 को माननीय लोक निर्माण मंत्री जी के ब्यावरा नगर के प्रवास के दौरान भूमि पूजन कार्यक्रम में नगर के पीपल चौराहा से राजगढ़ बायपास तक सीसी सड़क निर्माण, डिवाईडर एवं पोल शिफ्टिंग कार्य की स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा की गई मांग पर माननीय मंत्री जी द्वारा शीघ्र ही मार्ग निर्माण कराये जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त घोषणा के पालन में विस्तृत कार्ययोजना वरिष्ठालय को प्रेषित कर दी गई है? (ख) क्या नगर के उक्त भाग पर सीसी रोड निर्माण, डिवाईडर एवं पोल शिफ्टिंग कार्य कराये जाने से पूरा नगर सीसी युक्त होकर नगरवासियों को निरंतर अवरूद्ध होने वाले आवागमन से निजात एवं सुन्दर-स्वच्छ नगर की अनुभूति प्राप्त होगी? यदि हाँ, तो क्या माननीय मंत्री जी की घोषणा एवं ब्यावरा नगर के आमजन की पुरजोर मांग के दृष्टिगत पीपल चौराहा से राजगढ़ बायपास तक सीसी सड़क निर्माण कार्य, डिवाईडर व पोल शिफ्टिंग हेतु दि्वतीय अनुपूरक बजट 2017-18 में स्वीकृति प्रदान की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) घोषणा नहीं अपितु निर्देश दिये गये थे। जी नहीं। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है।
जिला सहकारी बैंक/सहकारी समितियों की जाँच
[सहकारिता]
8. ( *क्र. 1879 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी बैंक बालाघाट के अधीन कितने-कितने सहकारी बैंक संचालित हैं? जिलावार/विधानसभा क्षेत्रवार बैंकों व समितियों की पतावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी समितियों द्वारा खाद्यान्न खरीदी केन्द्रों में भण्डारण व उठाव किया, की जानकारी तथा बैंकों द्वारा किसानों को योजनावार स्वीकृत किये गये ऋणों की जानकारी हितग्राही की संख्यावार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रत्येक बैंकों में जमा सन्ड्री क्रेडिटर्स राशि की जानकारी बैंकवार देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रत्येक बैंकों में जमा सन्ड्री क्रेडिटर्स राशि के उपयोग के लिए प्रचलित नियमों की प्रति देवें तथा उक्त राशि के उपयोग तथा दुरूपयोग करने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? अधिकारियों की सूची सहित जानकारी देवें तथा उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., बालाघाट के अधीन अन्य कोई बैंक संचालित नहीं है। जिले में सहकारी बैंक की शाखाओं तथा उनसे संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की सूची विधानसभावार पते सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) की समितियों द्वारा संचालित खरीदी केन्द्रों में भण्डारण एवं उठाव नहीं किया जाता, अपितु समितियों द्वारा समर्थन मूल्य अंतर्गत खाद्यान्न क्रय किया जाता है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। योजनावार स्वीकृत किये गये ऋणों की जानकारी हितग्राहियों की संख्यावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग निर्माण कार्य की जाँच
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 2302 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आगर नगरीय क्षेत्र में 4 लेन सी.सी. रोड एवं नाला निर्माण कार्य निर्धारित अवधि निकल जाने के पश्चात् भी पूर्ण नहीं हुआ? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? कार्य का प्रशासकीय कार्यादेश एवं अनुबंध की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) उक्तानुसार कार्य क्या निर्धारित मानक अनुरूप किया गया? यदि हाँ, तो जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कब-कब मानीटरिंग की गई? तिथि सहित विवरण देवें। (ग) मार्ग निर्माण के प्रगतिरत रहते हुए गुणवत्ता संबंधी या निर्धारित मानक अनुरूप कार्य न होने संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं हैं एवं इसके संबंध में क्या कार्यवाही की गई? किन-किन अधिकारियों द्वारा जाँच की गई? शिकायतवार पूर्ण विवरण देवें। जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के तारतम्य में या स्वप्रेरणा से स्वतः संज्ञान लेते हुए निर्माण कार्य की जाँच कर उचित कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? विवरण देवें। क्या मार्ग निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के उपयोग के संबंध में जाँच की जाकर उचित कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। आगर नगरीय क्षेत्र में 4 लेन सी.सी. रोड एवं नाला निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति, कार्यादेश एवं अनुबंध की सत्यापित प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। निरीक्षणकर्ता अधिकारी एवं दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं निरीक्षण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) मार्ग निर्माण के प्रगतिरत् रहते हुए म.प्र. सड़क विकास निगम को प्राप्त एक शिकायत की जाँच की गई। जाँच का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) निर्माण कार्य अनुबंधानुसार मेसर्स लॉयन इंजीनियरिंग कन्सलटेंट की देखरेख में हुआ है। मटेरियल इत्यादि की जाँच निरंतर प्रक्रिया के तहत की जाकर निर्माण कार्य पूर्ण हुआ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 की जाँच अनुसार पेनल्स में वांछित सुधार कर दिया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पदमी से सलवाह मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
10. ( *क्र. 2763 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत मण्डला जिले के विकास खण्ड घुघरी के अंतर्गत पदमी से सलवाह मार्ग अत्यन्त जर्जर हो चुका है? क्या उक्त मार्ग के निर्माण हेतु विभाग के द्वारा कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या पूर्व में उक्त मार्ग के निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग मण्डला द्वारा शासन को डी.पी.आर. प्रेषित की गई थी? यदि हाँ, तो शासन द्वारा मार्ग निर्माण हेतु कब तक स्वीकृति आदेश जारी किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वित्तीय वर्ष 2016-17 में उपलब्ध कराई गई योजना सीमा के अनुपात में कार्यों की स्वीकृति पूर्व में ही दी जा चुकी थी।
लंबित विभागीय जाँच का निराकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
11. ( *क्र. 811 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कृषि उपज मंडी समिति कटनी के मंडी कर्मचारी एवं कटनी मंडी में पदस्थ रहे राज्य मंडी बोर्ड सेवा के कर्मचारियों की किन-किन की विभागीय जाँच कब-कब संस्थित की गई? कौन जाँच अधिकारी एवं कौन प्रस्तुतकर्ता अधिकारी हैं? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों को जारी आरोप पत्र की प्रतियां उपलब्ध करावें? अब तक विभागीय जाँच पूर्ण न करने के क्या कारण हैं? क्या दोषियों को बचाने के लिए जाँच में विलंब हो रहा है? खम्पारिया एवं मुकेश राय को निलंबित करने के बाद 45 दिवस में आरोप पत्र जारी न करने के लिए स्थापना प्रभारी को कब तक निलंबित किया जावेगा? (ग) कृषि उपज मंडी के किन फर्मों पर कितनी-कितनी राशि कब से बकाया है? विवरण दें तथा बकाया रहते उक्त फर्म की अनुज्ञप्ति क्यों जारी की है, क्या अनुज्ञप्ति निरस्त कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) मंडी कटनी में कितने अनुज्ञा पत्र सत्यापन हेतु शेष हैं? क्या उक्त शाखा प्रभारी उक्त शाखा में पदस्थापना दिनांक से पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो उसे कब तक बदला जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति कटनी मंडी संवर्ग के कर्मचारियों के विरूद्ध वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में संस्थित की गई जाँच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कटनी मंडी में पदस्थ रहे राज्य मंडी बोर्ड सेवा के 15 कर्मचारियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक की स्थिति में विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों को जारी आरोप-पत्र की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। विभागीय जाँच शीघ्र पूर्ण कराने की कार्यवाही की जा रही है। दोषियों को बचाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) कृषि उपज मंडी कटनी की फर्मों की बकाया राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। बकाया राशि की वसूली व अनुज्ञप्ति निरस्त न करने वाले दोषियों के विरूद्ध गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) कृषि उपज मंडी समिति कटनी में दिनांक 31.10.2017 की स्थिति में मंडी शुल्क छूट के लिये प्राप्त 1954 अनुज्ञा पत्र सत्यापन के लिये शेष हैं। अनुज्ञा पत्र शाखा प्रभारी श्री अमृतलाल कुजूर मंडी, निरीक्षक मंडी, समिति कटनी में दिनांक 20.04.2013 से पदस्थ हैं तथा वे दिनांक 26.09.2013 से अनुज्ञा सत्यापन शाखा में कार्यरत हैं। पदस्थी बदलने का प्रश्न उदभूत नहीं होता।
पुल-पुलियों का निर्माण
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 2461 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विगत 05 वर्षों में सेतु निगम के माध्यम से कितने पुल-पुलियां स्वीकृत हुये हैं? उनके पूर्ण होने की क्या समय-सीमा है? प्रश्न दिनांक तक उनकी क्या स्िथति है? (ख) लो.नि.वि. अन्तर्गत क्या टिमरनी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वनांचलों में मकड़ाई से खारी मार्ग पर पुल, ग्राम गुलढ़ाना से कुमरूम मार्ग पर, गवासेन से राजाबरारी पर, मगरधा से रतनपुर मार्ग के नदियों पर पुल-पुलिया के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति दी जावेगी? (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) जिले में पूर्व से निर्मित रोडों, जिनकी रख-रखाव की समय-सीमा समाप्त हो गई है, जो रोड जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, उनके रख-रखाव हेतु क्या शासन द्वारा कोई योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? क्या आगामी समय-सीमा में कोई योजना तैयार की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। किसी योजना में प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) लोक निर्माण विभाग संभाग हरदा अंतर्गत वर्तमान में कोई भी मार्ग जीर्ण-शीर्ण स्थिति में नहीं है, अनुरक्षण मद के मार्गों का रख-रखाव एवं नवीनीकरण कार्य आवश्यकता अनुसार प्रत्येक वर्ष में उपलब्ध आवंटन अनुरूप किया जाता है।
भितरवार में कृषक संगोष्ठी का आयोजन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( *क्र. 1810 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 28.10.2017 को विकासखण्ड स्तरीय कृषक संगोष्ठी तकनीकी प्रशिक्षण एवं मृदापरीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण भितरवार में किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र को उपलब्ध करावें? क्या उक्त पत्र में सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा निर्धारित प्रोटोकाल का पालन किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्ड में उल्लेखित नाम जैसे श्री योगेन्द्र सिंह कुशवाह, मण्डल अध्यक्ष भाजपा चीनौर, श्री मुकेश कुमार भार्गव, मण्डल अध्यक्ष भाजपा आंतरी इत्यादि आमंत्रण पत्र में दर्ज अनेकों नाम किस प्रोटोकाल में आते हैं? क्या यह प्रोटोकाल का खुला उल्लंघन है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? क्या प्रोटोकाल का उल्लंघन करने वाले अधिकारी के प्रति कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) ग्वालियर जिले में विभाग द्वारा 01 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन दिनांकों में किन-किन स्थानों पर कृषि महोत्सव, कृषक मेला, कृषक संगोष्ठी, कृषि विज्ञान मेला सहप्रदर्शनी के कार्यक्रमों में किस-किस योजना एवं मद की कितनी-कितनी राशि, किन-किन कार्यों में किस-किस अधिकारी द्वारा व्यय की गयी? (ग) क्या इन योजनाओं में बहुत बड़े स्तर पर शासन की राशि का दुरूपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इन कार्यक्रमों में हुये व्यय की जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो जाँच में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी द्वारा अनियमितता करना पाया है? उनके नाम स्पष्ट करें? यदि जाँच नहीं कराई गई है तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। आमंत्रण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आमंत्रण कार्ड को तैयार करने के संबंध में प्रोटोकाल निर्धारित नहीं है। उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग जिला ग्वालियर द्वारा माननीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रण कार्ड में उपस्थिति हेतु उल्लेख एवं निवेदन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। व्यय का सत्यापन उपरान्त ही भुगतान हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधानसभा क्षेत्र लटेरी अंतर्गत नवीन बायपास रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
14. ( *क्र. 1544 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र लटेरी के ग्राम आनंदपुर में नवीन बायपास मार्ग निर्माण हेतु मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग, भोपाल द्वारा दिनांक 14.09.2016 को तकनीकी स्वीकृति जारी कर प्राक्कलन प्रस्तुत किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त नवीन बायपास रोड की प्रशासनिक स्वीकृति जारी हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक स्वीकृति जारी होने की संभावना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग, भोपाल के पत्र दिनांक 17.10.2016 से त्रुटियों के निराकरण हेतु मूलत: लौटाया गया, जिसे मुख्य अभियंता (रा.प.) लो.नि.वि. भोपाल के ज्ञाप दिनांक 28.10.2016 से कार्यपालन यंत्री, संभाग लो.नि.वि. विदिशा को मूलत: लौटाया गया। (ख) जी नहीं। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने पर विचार किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तावित सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
15. ( *क्र. 2837 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक क्यू-1/दिनांक 06 मार्च, 2017 में उल्लेखित सड़कों के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई तथा तत्संबंध में क्या कोई दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो बतावें कि किस-किस के द्वारा कब-कब और तत्संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाहीवार अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) उपरोक्त सड़कों के निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी बार प्रस्ताव कब-कब तैयार किये गये और विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? तब से प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रस्ताव स्वीकृत किये जाने में लापरवाही क्यों की जा रही है? क्या संज्ञान लेते हुए संबंधितों की जवाबदेही सुनिश्चित कर प्रस्तावों की स्वीकृति प्रश्न दिनांक तक कर दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों? (ग) 2013 से प्रश्न दिनांक तक उक्त सड़कों के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए मुख्य अभियंता लोक निर्माण, भोपाल को कब-कब प्राप्त हुए? दिनांकवार जानकारी देते हुए इन प्रस्तावों की स्वीकृति प्रश्न दिनांक तक जारी नहीं करने के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शित लंबी समयावधि के उपरांत क्या उपरोक्त सड़कों के निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के लिए लंबित प्रस्तावों की स्वीकृति प्रश्न दिनांक तक जारी कर दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रस्तावों पर कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पराचौकी-ईशानगर मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
16. ( *क्र. 1889 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत पराचौकी-ईशानगर निर्माणाधीन मार्ग हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? उक्त निर्माण कार्य हेतु किस ठेकेदार/एजेंसी को निविदा उपरांत कब कार्यादेश दिया गया? कितनी समयावधि में कार्य पूर्ण होना है? यह कार्य कब प्रारंभ किया गया? (ख) निविदा आमंत्रण में एवं कार्यादेश जारी करते समय मार्ग निर्माण हेतु क्या-क्या मानदंड व गुणवत्ता के प्रकार निर्धारित किए गये? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार विभाग द्वारा चाही गई गुणवत्ता आधारित कितना मार्ग निर्माण पूर्ण हुआ है? गुणवत्ता पर आधारित मार्ग निर्माण की विभिन्न सतहों का कुल कितना-कितना कहाँ-कहाँ निर्माण हो चुका है? कितना शेष है? कार्य की पूर्णता पर अभी तक कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान हो चुका है? शेष कार्य पूर्ण करने की क्या समयावधि है? यदि समय पर कार्य पूर्ण नहीं होता है तो विभाग क्या दंडात्मक कार्यवाही करेगा? (घ) ठेकेदार या निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य के विभिन्न स्तरों पर गुणवत्ता में कमी की जा रही है या स्थापित मानदंडों के अनुरूप निर्माण सामग्री का उपयोग नहीं हो रहा है तो इसकी जाँच की शिकायत स्थानीय स्तर पर किस अधिकारी से की जावेगी? क्या दंडात्मक कार्यवाही विभाग इसमें करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुबंधानुसार मापदण्ड एवं गुणवत्ता निर्धारित है। (ग) गुणवत्ता आधारित मार्ग निर्माण की पूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, ठेकेदार द्वारा कार्य में समानुपातिक प्रगति न लाने के कारण ठेकेदार का पंजीयन काली सूची में दर्ज किया गया है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन तालाबों/स्टापडेम की स्वीकृति
[जल संसाधन]
17. ( *क्र. 2442 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कौन-कौन से स्थान पर बांध/तालाब निर्माणाधीन हैं? (ख) उक्त स्टापडेम/तालाब कितनी-कितनी लागत के हैं तथा उनकी क्षमता कितनी है? कब तक पूर्ण हो जायेंगे? (ग) क्या मा. मुख्यमंत्री जी के राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रवास के दौरान 15 नवीन तालाब/स्टापडेम के निर्माण हेतु घोषणा की थी? यदि हाँ, तो बतावें? (घ) उक्त तालाब/स्टापडेम कब तक स्वीकृत किये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) मान. मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त 15 परियोजनाओं की सूची में से 03 परियोजनाएं क्रमश: सोहनपुरा तालाब, कुलीपुरा तालाब एवं कोठड़ा बैराज की साध्यता रिपोर्ट विभागीय वेबसाइट पर दर्ज होना नहीं पाया गया। शेष 12 परियोजनाओं की जानकारी से मान. सदस्य को शासन के पत्र दिनांक 09.10.2017 द्वारा अवगत कराया गया है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
मार्ग निर्माण की जाँच एवं कार्यवाही
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 2219 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव लोक निर्माण द्वारा क्या रीवा जिला मुख्यालय स्थित रतहरा से चोरहटाह के मध्य की पी.टी.एस. चौरहा से धोनिया टंकी के कराये गये कार्यों में त्रुटि पाई गई है? निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति के साथ जानकारी देवें तथा देवास से क्योरी मार्ग मनगवां से लालगांव का कार्य क्यों बंद है? कब तक कार्य प्रारंभ करा देंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि मार्गों की हालत खराब है तो क्या इसकी पुष्टि हुई है? यदि हाँ, तो संविदाकार एवं अधिकारियों पर कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की गई? कार्यवाही प्रति के साथ जानकारी दें। उक्त कार्य कितने लागत के थे? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में कौन संविदाकार एवं उच्च अधिकारी दोषी पाये गये, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? दोषियों को बचाने के लिए कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में दोषियों एवं दोषियों को बचाने वालों के विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे? कब तक लागत राशि की वसूली किस-किस से करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति की जानकारी, कार्यवाही क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3, 4, 5, 6 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत फसलों का बीमा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
19. ( *क्र. 1059 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना अंतर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पाटन एवं मझौली तहसील के कितने कृषकों द्वारा फसल बीमा कराया गया तथा किन-किन फसलों का कितना-कितना प्रीमियम कृषकों से वसूला गया? वर्षवार, फसलवार, पटवारी हल्कावार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में बीमाकृत फसलों पर किन-किन कारणों से कब-कब कृषि उपज प्रभावित हुई तथा नुकसान होने पर कितने कृषकों को कब-कब कितनी बीमा राशि का भुगतान किया गया? वर्षवार, पटवारी हल्कावार, लाभांवित कृषक संख्या एवं प्रदाय की गई राशि सहित सूची देवें। (ग) क्या खरीफ फसल 2017 में अल्पवर्षा होने के कारण जबलपुर जिले की खरीफ फसलों का उत्पादन प्रभावित हुआ तथा कहीं-कहीं पर अवर्षा की स्थिति में कृषकों ने अपनी खरीफ फसलों को सूखने के कारण अलग कर रवि फसल की बुबाई की तैयारी शुरू कर दी है? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो ऐसी परिस्थितियों में कृषकों को बीमा का भुगतान किन नियमों के तहत किया जावेगा एवं सूखा प्रभावित जबलपुर जिले के कृषकों को बीमा का भुगतान किस प्रकार से कब तक किया जावेगा तथा आगामी रवि फसल की पैदावार लेने हेतु कृषकों को त्वरित रूप से किस प्रकार की कौन-कौन सी सहायता प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) खरीफ 2016 में अतिवृष्टि से दलहनी फसलें कुछ क्षेत्र में प्रभावित हुईं थीं, किन्तु उत्पादन पर बहुत ज्यादा असर नहीं देखा गया। खरीफ वर्ष 2016 में क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान उन पात्र कृषकों को किया गया है, जिनकी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी। रबी वर्ष 2016-17 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। खरीफ 2017 हेतु फसल कटाई प्रयोग के आधार पर औसत पैदावार के आंकड़ों की गणना होने पर क्षतिपूर्ति प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
नवीन तालाबों का निर्माण एवं पुराने तालाबों का रख-रखाव
[जल संसाधन]
20. ( *क्र. 1486 ) श्री राजकुमार मेव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महेश्वर विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत महेश्वर एवं बड़वाह में विभाग के कितने तालाब निर्मित हैं? उनसे कितने किसानों की, कितने हेक्टेयर की कृषि भूमि सिचिंत होती है? क्या सिंचाई सुविधा में वृद्धि हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक नवीन तालाबों के निर्माण हेतु प्रस्ताव दिये गये? प्रस्तावों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रस्ताववार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) विभाग द्वारा निर्मित तालाबों के रख-रखाव, नहरों का सुदृढ़ीकरण, नवीन नहरों का निर्माण किये जाने हेतु कोई नियम, प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितना बजट प्रावधान प्रतिवर्ष किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में जनपद पंचायत महेश्वर एवं बड़वाह में तालाबों के रख-रखाव, सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के पुन: निर्माण, नवीन नहरों के निर्माण हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्ताव दिये गये एवं उन प्रस्तावों में विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में क्या विभाग द्वारा हाथीदग्गड, रूपलाझिरी, धवली, गवला, जामन्या, मण्डलेश्वर, गुजरमोहना एवं आवल्या तालाबों की नहरों के सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के निर्माण हेतु लघु सिंचाई योजना के आर.आर.आर. मद में डी.पी.आर. तैयार कराई जाकर विभाग को प्रस्तुत की गई है? यदि हाँ, तो यह प्रस्ताव जिला स्तर से कब-कब प्रस्तुत किये गये एवं शासन स्तर पर उक्त प्रस्तावों में स्वीकृति हेतु कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रस्तावों में कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी, ताकि किसानों को सिंचाई का लाभ प्राप्त हो सके?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत महेश्वर में 18 तथा बड़वाह में 13 तालाब निर्मित हैं। इन तालाबों से 3,685 किसानों की 7,662 हेक्टर कृषि भूमि सिंचित होती है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। वर्ष 2015-2016 से प्रश्न दिनांक तक दोनों ही जनपद पंचायतों में नवीन तालाबों से संबंधित कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। (ख) निर्मित तालाबों के रखरखाव, नहरों का सुदृढ़ीकरण तथा नवीन नहरों का निर्माण कराना एक सतत प्रक्रिया है। तालाब एवं नहर के रखरखाव वार्षिक मरम्मत मद अंतर्गत तथा नहरों के सुदृढ़ीकरण का कार्य भारत सरकार द्वारा जारी गाईड-लाईन के अंतर्गत आर.आर.आर. मद में किया जाता है। निर्देश/गाईड-लाईन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में परियोजनाओं के रख-रखाव हेतु रू. 50 करोड़, आर.आर.आर. मद में रू. 110 करोड़ तथा लघु सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण के लिये रू. 996 करोड़ का बजट प्रावधान है। नहर निर्माण हेतु अलग से बजट प्रावधान नहीं रखा जाता है। (ग) एवं (घ) तालाबों/नहरों के रखरखाव, सुदृढ़ीकरण के प्रस्तावों की सूची एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2/3/4'' अनुसार है। डीपीआर अंतिम नहीं होने से स्वीकृति की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
इन्दौर, इच्छापुर सड़क मार्ग का नवीनीकरण
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 2155 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर-इच्छापुर राज्यमार्ग पर टोल टैक्स वसूला जाना कब से बंद किया गया है? क्या संबंधित फर्म के अनुबंध में अनुबंध समाप्ति दिनांक के पूर्व उनके द्वारा संपूर्ण सड़क को सही हालत में हैंडओवर किया जाना शामिल था? (ख) यदि हाँ, तो क्या अनुबंध की उक्त शर्तों का पालन विभाग द्वारा संबंधित फर्म से करवाया गया है? यदि हाँ, तो अनुबंध समाप्त होने के 01 माह बाद ही विभाग की सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे एवं सड़कें खराब कैसे हुईं? (ग) क्या अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने पर संबंधित फर्म की राशि राजसात की गई? यदि हाँ, तो कितनी एवं नहीं तो क्यों? क्योंकि गड्ढों से बचने के लिए वाहन गलत साईड जा रहे हैं, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ रहीं हैं? (घ) इन्दौर-इच्छापुर मार्ग की बदहाली के लिए कौन जिम्मेदार है? इस संपूर्ण मार्ग का नवीनीकरण कब एवं किस विभाग द्वारा किया जाएगा? (ड.) क्या व्यापक जनहित में इस मार्ग पर यात्री परिवहन को छोड़कर केवल व्यवसायिक वाहनों/परिवहन से ही पथकर वसूलने की नीति अपनाई जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) इंदौर-इच्छापुर राजमार्ग पर दिनांक 18/02/2017 से टोल टैक्स वसूला जाना बंद किया गया है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। कंसेशन अवधि में अनुबंध अनुसार मार्ग का पेच रिपेयर कार्य/नवीनीकरण कार्य निवेशकर्ता कंपनी को निरंतर किया जाना है, ताकि यातायात सुगमतापूर्वक संचालित हो सके। उक्तानुसार निवेशकर्ता कंपनी द्वारा मार्ग का संधारण कार्य किया गया था। यह सही नहीं है कि अनुबंध समाप्ति के 01 माह बाद सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गये। अनुबंध समाप्ति के पश्चात् यातायात का दबाव अधिक बढ़ जाने एवं वर्षा ऋतु में मार्ग पर गड्ढे हो गये थे। (ग) जी नहीं। निवेशकर्ता द्वारा अनुबंधित शर्तों का पालन किया गया। इंदौर-एडलाबाद 2 लेन मार्ग पर टोल बंद होने से यातायात में बढ़ोत्तरी होने एवं वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों की अवहेलना करने के कारण दुर्घटना होती है। (घ) कोई जिम्मेदार नहीं है। इंदौर-इच्छापुर संपूर्ण मार्ग का नवीनीकरण म.प्र.स.वि.नि. द्वारा करवाया जायेगा। उक्त कार्य के लिये निविदा प्रक्रिया पूर्ण होकर अनुबंध स्तर पर प्रगतिशील है। (ड.) अभी कुछ बताया जाना संभव नहीं है।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र की स्वीकृत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 2630 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13 पूरक बजट में स्वीकृत व गलत नाम से अंकित मार्ग पिरसापास से राजामया व्हाया अमोदिया गुणावद मार्ग जिसका सही नाम पलदुना से गुणावद व्हाया पीरझलार, असावता, फतेहपुर गुणावद मार्ग लंबाई 15.85 कि.मी. है। उक्त मार्ग का नाम सुधार कर आज दिनांक तक स्वीकृत क्यों नहीं हुआ? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा इस सड़क के संबंध में विगत 4 वर्ष में कितने पत्राचार किस-किस को किए गये? उन पत्रों को संज्ञान में लेकर क्या क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त सड़क को अनुपूरक बजट में सम्मिलित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2012-13 के बजट में सरल क्र. 38 उज्जैन पर पिरसापास से राजायपा व्हाया अमोदिया गुणावद मार्ग लंबाई 13.70 कि.मी. व लागत रू. 340.78 लाख का नाम अंकित था। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सक्षम वित्तीय समिति द्वारा अनुमोदन होने के उपरान्त अग्रिम कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा ।
गुणवत्ताहीन निर्माण पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
23. ( *क्र. 2871 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत महिदपुर से जैथल व्हाया नारायणा पानबिहार मार्ग निर्माण अत्यंत घटिया व गुणवत्ताहीन होने के बावजूद अभी तक इस पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ख) स्वतंत्र कंसल्टेंसी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की छायाप्रति दें? (ग) इसकी कब तक जाँच कराई जाएगी? इसका निरीक्षण करने वाले अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? प्रत्येक निरीक्षण रिपोर्ट की छायाप्रति देवें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत महिदपुर से जैथल व्हाया नारायणा पानबिहार मार्ग का निर्माण सुपरविजन क्वालिटी कंसलटेंट की निरंतर देखरेख में गुणवत्ता युक्त किया जा रहा है। कार्य मानक स्तर का होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सुपरविजन क्वालिटी कन्सलटेंट द्वारा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये निरंतर किये जा रहे परीक्षण परिणाम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) कार्य की नियमित जाँच की जाती है। म.प्र. सड़क विकास निगम के अधिकारियों द्वारा समय समय पर किए गए निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) कार्य मानक स्तर का कराया जा रहा है एवं अधिकारियों द्वारा निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भावांतर योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
24. ( *क्र. 2735 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भावांतर योजना में जिलेवार पंजीकरण की फसल अनुसार संख्या बतावें। यह कुल राज्य का कितना प्रतिशत है? फसलों का समर्थन मूल्य बतावें। कृषकों को उनकी फसल की मंडी में विक्रय के मूल्य को भावांतर योजना में किस प्रकार समायोजित किया जायेगा? (ख) उत्तर दिनांक तक जिलेवार प्रश्नांश (क) में पंजीकृत कृषकों की संख्या बतावें जिन्होंने अपनी फसल का विक्रय किया तथा योजना के अंतर्गत बिक्रीत फसलों की जिलेवार मात्रा बतावें तथा प्रत्येक बिक्रीत फसल के न्यूनतम तथा अधिकतम मूल्य बतावें। प्याज में घोटाले को देखते हुये बतावें कि भावांतर योजना में किस प्रकार के घोटाले संभावित हैं तथा उसे रोकने की क्या नीति है? (ग) उत्तर दिनांक तक भावांतर योजना में भुगतान की गई राशि का फसल अनुसार तथा प्राप्तकर्ता कृषक की संख्या सहित जानकारी दें तथा लगभग कितनी राशि का भुगतान शेष है? (घ) भावांतर योजना लागू करते समय क्या इस बिन्दु पर चिंतन हुआ कि किस-किस फसल में कितनी कितनी राशि का भुगतान संभावित है तथा कुल कितना भुगतान संभावित है? यदि नहीं, तो क्यों? योजना लागू करने संबंधी केबिनेट में प्रस्तुत तथा केबिनेट द्वारा स्वीकृत प्रति समस्त संलग्न दस्तावेज सहित देवें। (ड.) भावांतर योजना की जिलेवार सफल संचालन की जिम्मेदारी किस अधिकारी की है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नागत जानकारी दिनांक 22.11.2017 की स्थिति में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भावांतर भुगतान योजना में शामिल फसलों के प्रति क्विं. समर्थन मूल्य निम्नानुसार है :- (1.) सोयाबीन - रू. 3050/- (2.) मक्का - रू. 1425/- (3.) मूंगफली - रू. 4450/- (4.) मूंग - रू. 5575/- (5.) उड़द - रू. 5400/- (6.) तिल - रू. 5300/- (7.) रामतिल - रू. 4050 (8.) तुअर-रू. 5450/- योजना अन्तर्गत निर्धारित शर्तों के अध्यधीन पंजीकृत किसान द्वारा बेची गयी फसल की विक्रय दर समर्थन मूल्य से कम किन्तु राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (Wholesale) विक्रय दर से अधिक हुई तो समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अन्तर की राशि भावांतर के रूप में भुगतान योग्य होगी। पंजीकृत किसान द्वारा बेची गई फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (Wholesale) विक्रय दर से कम हुई तो समर्थन मूल्य तथा मॉडल विक्रय दर के अन्तर की राशि का लाभ भावांतर के रूप में देय होगा, परन्तु किसी उत्पाद के मॉडल (Wholesale) विक्रय दर औसत (तीन राज्यों का) यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य से उपर रहे तो उक्त फसल उत्पाद के लिये भावांतर भुगतान योजना लागू नहीं मानी जाएगी। यदि किसान द्वारा विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक या उसके बराबर हुई तो योजना का लाभ देय नहीं होगा। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दिनांक 16 से 31 अक्टूबर 2017 तक विक्रय करने वाले पंजीकृत किसानों को भावांतर की राशि भुगतान करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जी हाँ। विधिवत विचारोपरांत योजना लागू की गई। (ड.) जिला कलेक्टर के नेतृत्व में संबंधित जिला स्तरीय विभागीय अधिकारियों की भावांतर भुगतान योजना के संचालन की जिम्मेदारी है।
अतिवृष्टि से सिंचाई तालाबों को नुकसान
[जल संसाधन]
25. ( *क्र. 2073 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 10 वर्षों में पन्ना जिले में अतिवृष्टि के कारण सिंचाई विभाग द्वारा बनाये गये कितने तालाब फूट गये/नष्ट हो गये? सूचीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या अतिवृष्टि के कारण गुणवत्ता ठीक न होने के कारण कई बांधों में सिंचाई विभाग द्वारा कट लगाकर फोड़े गये/नष्ट किये गये हैं? तालाबवार जानकारी उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) अतिवृष्टि के कारण तीन तालाबों में सुरक्षा की दृष्टि से कट लगाकर पानी निकाला जाना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
लेबड़-नयागांव
फोर-लेन सड़क
पर विद्युत
व्यवस्था
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 3 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयान्तर्गत लेबड़ नयागांव फोर-लेन सड़क पर वर्तमान में, अनुबन्ध के अनुसार, कहाँ-कहाँ विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है एवं कहाँ नहीं? फोर-लेन पर प्रकाश व्यवस्था बंद रहने के क्या कारण हैं? (ख) अनुबन्ध अनुसार जिन स्थलों पर प्रकाश व्यवस्था की जानी थी वहाँ के जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत बिलों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराए? अनुबंध अनुसार सम्पूर्ण फोर-लेन पर कितने वृक्ष लगाने का लक्ष्य टोल कंपनी को दिया गया था वर्तमान में कितने वृक्ष हैं? वृक्षों का भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारी ने कब-कब किय? अनुबंध अनुसार टोल कम्पनी द्वारा गत 5 वर्ष में पौधे नहीं लगाने पर विभाग द्वारा कम्पनी के खिलाफ क्या-क्या एवं किस-किस तरह की कार्यवाही की गई? (ग) बढ़ती दुर्घटनाओं के चलते फोर-लेन पर विभाग एवं निर्माण कम्पनी कहाँ-कहाँ हाईमास्ट एवं प्रकाश व्यवस्था की जरूरत महसूस कर रहा है? इस सम्बन्ध में किन-किन जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों ने कहाँ-कहाँ के लिए प्रकाश व्यवस्था की मांग की है? उस पर विभाग एवं कन्सेशनर (सड़क निर्माण कंपनी) ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) लेबड़-नयागाँव फोर-लेन पर स्थित विभिन्न टोल पर 1 जनवरी 2016 के पश्चात प्रतिदिन प्रति टोल कितनी राशि टोल के रूप में प्राप्त हुई, उक्त टोल बूथों के समीप कितने किलोमीटर के गाँव को टोल से मुक्त रखा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लेबड़-जावरा फोर-लेन सड़क पर वर्तमान में अनुबन्ध के अनुसार विद्युत व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जावरा-नयागाँव फोर-लेन सड़क पर वर्तमान में अनुबन्ध के अनुसार विद्युत व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, प्रकाश व्यवस्था बंद रहने का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में वर्णित है। (ख) लेबड़-जावरा फोर-लेन के निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा प्राप्त मई-2015 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत बिलों की प्रतिलिपि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जावरा-नयागाँव फोर-लेन के निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा जनवरी-2015 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत बिलों की प्रतिलिपि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। अनुबन्धानुसार लेबड़-जावरा मार्ग पर कुल 6744 वृक्ष काटे गये थे। संबंधित कलेक्टरों से प्राप्त अनुमति अनुसार काटे गये वृक्षों की तुलना में 50094 पौधे लगाये जाना थे। वर्तमान में निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार 76000 वृक्ष है। वृक्षों का भौतिक सत्यापन माह नवम्बर 2016 में श्री जी.पी. वर्मा, पी.आर.ओ. वन विकास निगम, खण्डवा की उपस्थिति में घटित टीम द्वारा सत्यापन किया गया, जिसमें कुल 54804 पौधे जीवित पाये गये। अनुबन्धानुसार जावरा-नयागाँव मार्ग पर कुल 8804 वृक्ष काटे गये थे। संबंधित कलेक्टरों से प्राप्त अनुमति अनुसार काटे गये वृक्षों की तुलना में कुल 88040 पौधे लगाये जाना थे। वर्तमान में निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार 78580 वृक्ष है। वृक्षों का भौतिक सत्यापन वनमण्डलाधिकारी, जिला-रतलाम के पत्र क्र. राजस्व/2013/1810 रतलाम, दिनांक 17.04.2013 से प्रस्तुत किया गया, जिसमें रतलाम जिले में कुल 13555 पौधे जीवित पाये गये। वनमण्डलाधिकारी रतलाम के पत्र क्र. व्यय/2017/1108 रतलाम, दिनांक 11.04.2017 से सत्यापन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें कुल 14339 पौधे जीवित पाये गये। वनमण्डलाधिकारी मन्दसौर के पत्र क्र. राजस्व/2016/4383 मन्दसौर, दिनांक 16.08.2016 से सत्यापन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें मन्दसौर जिले में कुल 65817 पौधे जीवित पाये गये। वनमण्डलाधिकारी सामान्य वनमण्डल नीमच के पत्र क्र. राजस्व/2016/1637 नीमच, दिनांक 31.03.2016 से सत्यापन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें नीमच जिले में कुल 20951 पौधे जीवित पाये गये। निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा संबंधित कलेक्टरों से प्राप्त अनुमति अनुसार वृक्ष लगाये गये है, कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुबन्धानुसार फोर-लेन पर प्रकाश व्यवस्था हेतु हाईमास्ट लगवाये गये है। जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय नागरिकों द्वारा प्रकाश व्यवस्था की मांग एवं विभाग तथा कन्सशेनायर द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) लेबड़-जावरा फोर-लेन पर स्थित विभिन्न टोल पर 1 जनवरी-2016 के पश्चात् प्रतिदिन प्रति टोल राशि टोल के रूप में प्राप्त की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। जावरा-नयागाँव फोर-लेन पर स्थित विभिन्न टोल पर 1 जनवरी-2016 के पश्चात् प्रतिदिन प्रति टोल राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। अनुबन्धानुसार उक्त टोल बूथों के समीप के गाँवों को टोल मुक्त नहीं रखा गया है।
दाल खरीदी में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
2. ( क्र. 53 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में तुअर, मूंग, उड़द एवं अन्य किस्म की कितनी-कितनी मात्रा में दालें किस-किस दर पर क्रय की गई वर्षवार जानकारी दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में नरसिंहपुर जिले में दाल खरीदी में कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई वर्षवार जानकारी दी जाएं। (ग) क्या नरसिंहपुर जिले में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में दाल खरीदी में अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या इसकी जाँच करवाई गई है? जाँच में किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दोषी पाया गया एवं उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? पृथक-पृथक बताया जाए।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) शासन द्वारा नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में अरहर, मूंग, उड़द एवं अन्य किस्म की दालें नहीं खरीदी गई अपितु दलहन उपज की खरीदी जिसमें पैक्स एवं विपणन संस्थाओं ने विपणन संघ, नेफेड एवं एफ.सी.आई. के लिये खरीदी की है, जिसकी सम्मिलित कुल वर्षवार मात्रा एवं दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित वर्षों में नरसिंहपुर जिल में दाल खरीदी नहीं हुई अपितु खरीदी गई दलहन उपज की खरीदी राशि पर व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी हाँ, नरसिंहपुर जिले में दाल खरीदी नहीं हुई अपितु खरीदी गई दलहन उपज में शासन स्तर पर प्राप्त शिकायतो के आधार पर श्री विवेक पोरवाल, आई.ए.एस. की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जाँच करवाई गई। जिसमें आयुक्त सहकारिता के आदेश क्रमांक/2773 दिनांक 14.09.2017 से श्री अमित ठाकुर सहकारी निरीक्षक एवं आदेश क्रमांक/2774 दिनांक 14.09.2017 से श्री चंद्रशेखर पटेल सहकारी निरीक्षक, जिसमें सहकारिता विभाग अंतर्गत विपणन संघ द्वारा जिला विपणन अधिकारी नरसिंहपुर, विपणन सहकारी संस्था चावरपाठा (खुलरी) द्वारा संस्था प्रबंधक श्री धनंजय पटेल एवं विक्रेता श्री अभिषेक पटेल को दोषी पाया गया। उक्त सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित किया गया है एवं आयुक्त खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण म.प्र. द्वारा श्री अशोक कुमार सत्यार्थी सहायक आपूर्ति अधिकारी नरसिंहपुर को निलंबित किया गया।
प्याज खरीदी में अनियमितता
[सहकारिता]
3. ( क्र. 58 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2017 में किन-किन जिलों में किसानों से कितनी-कितनी मात्रा में प्याज शासन द्वारा किस दर पर क्रय की गई एवं प्याज खरीदी में कितनी धनराशि व्यय की गई? जिलेवार विवरण दिया जाये। (ख) प्रदेश के किन-किन जिलों में किसानों से क्रय की गई प्याज की कितनी-कितनी मात्रा में नीलामी किस-किस दर पर की गई एवं इससे शासन को कितनी-कितनी धनराशि प्राप्त हुई? (ग) किसानों से क्रय की गई प्याज कितनी-कितनी मात्रा में खराब हुई पृथक-पृथक जिलेवार जानकारी दी जाए? इससे शासन को कितनी-क्षति हुई? (घ) क्या प्याज खरीदी एवं नीलामी में अनियमितता की शिकायतें पाई गई हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या इसकी जाँच करवाई गई है? जाँच में किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दोषी पाया गया एवं उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? पृथक-पृथक बताया जाए। (ड.) आगामी वर्षों में इस प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए राज्य शासन द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई गई है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) विपणन संघ द्वारा वर्ष 2017 में 23 जिलों में कृषकों से प्रति क्विंटल रू. 800.00 की दर से कुल 87,32,771.76 क्विंटल राशि रू. 69,862.18 लाख की प्याज खरीदी की गई, जिसमें देवास जिले की विवादित मात्रा 2568.07 क्विंटल सम्मिलित नहीं है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) आंकड़ों का अंतिमीकरण किया जा रहा है, उसके उपरांत ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है, प्याज उपार्जन कार्य के दौरान लापरवाही बरतने के कारण एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा दोषी पाये अधिकारियों एवं उनके विरूद्ध की गई कार्रवाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) यथासमय यथोचित निर्णय शासन द्वारा लिया जा सकेगा।
इंदौर इच्छापुर मार्ग की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 166 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर इच्छापुर मार्ग को बी.ओ.टी. में दिया गया था? क्या यह भी सही है कि मार्ग की बी.ओ.टी.की अवधि 18 फरवरी 17 को समाप्त हो गई है? उक्त अवधि समाप्त होने के बाद इस मार्ग का रख-रखाव किसके द्वारा किया जावेगा? क्या टोल बंद होने के बाद इस मार्ग पर परिवहन में वृद्धि हुई है एवं भारी वाहनों की संख्या बड़ी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या मार्ग भी खराब हुआ हैं? टोल अवधि बाद इस मार्ग के रख-रखाव पर विभाग द्वारा कितनी राशि व्यय की गई है? जब तक फोर-लेन मार्ग का निर्माण नहीं होता है तो इस मार्ग के रख-रखाव में चालू वित्त वर्ष में व्यय हेतु क्या प्रावधान किया गया है? (ग) क्या यह सही है कि यह मार्ग सम्पूर्ण दक्षिण राज्य को जोड़ने वाला मार्ग है? यदि हाँ, तो इस मार्ग को रख-रखाव शीघ्र कराये जाने के सम्बन्ध में सरकार क्या कर रही है? क्या शासन द्वारा केंद्रीय सरकार को फोर-लेन का (विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट ) प्रस्ताव प्रेषित किया गया है यदि हाँ, तो कितनी राशि का भेजा है तथा स्वीकृति के सम्बन्ध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। उक्त अवधि समाप्त होने के बाद इस मार्ग का रख-रखाव मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। टोल अवधि बाद इस मार्ग के पेच रिपेयर पर अभी तक कोई राशि व्यय नहीं की गई है। जब तक फोर-लेन मार्ग का निर्माण नहीं होता है, उक्त स्थिति में मार्ग के रख-रखाव हेतु चालू वित्तीय वर्ष में रू. 79.27 लाख का संधारण मद में प्रावधान किया गया है एवं मार्ग नवीनीकरण हेतु रू. 45.03 करोड़ का प्रावधान है। (ग) जी हाँ। मार्ग मरम्मत के साथ मार्ग नवीनीकरण शीघ्र किये जाने की योजना है। जी नहीं। भूतल परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के पत्र दिनांक 07.06.2016 के द्वारा एन.एच.-6 एदलाबाद के पास महाराष्ट्र-बुरहानपुर-बोरगांव-छेगांव माखन-देशगांव-बडवाह-इन्दौर-उज्जैन-आगर एवं झालावाड़ एन.एच. 12 राजस्थान कुल लंबाई 376 कि.मी. को नवीन राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये जाने हेतु सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है एवं एन.एच.ए.आई. इन्दौर द्वारा डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। शेष इस विभाग से संबंधित नहीं है।
नवीन मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 168 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र में कितने मार्ग हैं? इन मार्गों की सूची दी जावें। प्रश्नकर्ता द्वारा इन मार्गों की स्वीकृति के सम्बन्ध में जनवरी,14 से प्रश्न दिनांक तक विभाग प्रमुख अथवा विभाग में कब कब प्रस्ताव दिए एवं विभाग द्वारा इन प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा जयंति माता पहुँच मार्ग के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण मार्गों के प्रस्ताव दिए हैं? यदि हाँ, तो जयंति माता पहुँच मार्ग जो की आस्था का केंद्र होने से तथा जनता की परेशानी को देखते हुए इस सड़क मार्ग की स्वीकृति कब तक जारी हो जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधन होने एवं प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खरीफ फसल के बीमा क्लेम का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 205 ) श्री हरवंश राठौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की खरीफ 2017-18 के लिए बण्डा तहसीलों विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली तहसीलों में कितने कृषकों को बीमा क्लेम मिला है एवं कितने शेष हैं। साथ ही कितने दावा आंकलन प्रक्रियाधीन हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अन्तर्गत अधिकांश पटवारी हल्कों के कृषकों के क्लेम प्रकरण सोसायटियों द्वारा समय-सीमा में बैंकों में प्रस्तुत न करने के कारण प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से लाभ नहीं मिला? (ग) निर्धारित समय पर बीमा क्लेम न देने एवं प्रकरण तैयार कर प्रस्तुत न करने वाले सोसायटियों/अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा तथा जाँच उपरांत क्या पुन: भुगतान की कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खरीफ 2017 हेतु फसल कटाई प्रयोग के आधार पर औसत पैदावार के आंकड़ों की गणना होने पर क्षतिपूर्ति प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
लेबड़-नयागांव फोर-लेन पर लगाए पौधों के आंकलन में अनियमितता
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 208 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-नयागांव फोर-लेन पर काटे गए पेड़ों के ऐवज में कितने पौधे, किस-किस किस्म के कितने-कितने वृक्ष लगाने का अनुबंध किया गया था? गत 1 अप्रैल 2016 से उक्त फोर-लेन पर किस-किस टोल पर कितनी राशि प्रतिदिन एकत्रित की गई? (ख) टोल प्रारम्भ से प्रतिवर्ष कितने पौधे अनुबन्ध अनुसार कहाँ-कहाँ लगाए गए, प्रति किलोमीटर अलग-अलग किस्मों के पौधों के नाम, उनकी ऊंचाई सहित जानकारी देवें? (ग) अनुबन्ध से ज्यादा पौधे लगाने को लेकर टोल के अनुबन्ध को कितने वर्षों के लिए किस-किस नियम के तहत टोल अनुबन्ध बढ़ाया गया? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराए? (घ) क्या लाखों पौधों को लगाने का दावा करने वाली फोर-लेन निर्माण कंपनी के धरातल पर 1000 पेड़ भी गत 8 वर्ष में नहीं हैं जबकि लाखों पेड़ लगाने के नाम पर टोल 5 वर्षों के लिए बढ़ाया गया? उक्त फोर-लेन पर 1 जनवरी 2013 के पश्चात किस-किस सक्षम अधिकारी ने पौधों का निरीक्षण कर क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की? निरीक्षण अधिकारी के नाम,निरीक्षण दिनांक सहित रिपोर्ट से अवगत कराएं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लेबड़-जावरा मार्ग पर कुल 6744 वृक्ष काटे गये थे। संबंधित कलेक्टरों से प्राप्त अनुमति अनुसार काटे गये वृक्षों की तुलना में 50094 पौधे लगाये जाना थे। जावरा-नयागांव मार्ग पर कुल 8804 वृक्ष काटे गये थे। संबंधित कलेक्टरों से प्राप्त अनुमति अनुसार काटे गये वृक्षों की तुलना में कुल 88040 पौधे लगाये जाना थे। पौधों के किस्म के संबंध में अनुबन्ध/आदेश में कोई उल्लेख नहीं था। लेबड़-जावरा फोर-लेन पर प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जावरा-नयागाँव फोर-लेन पर प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है। (ख) लेबड़-जावरा फोर-लेन पर टोल प्रारम्भ से प्रतिवर्ष लगाये गये पौधे, किस्म एवं ऊंचाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जावरा-नयागाँव फोर-लेन पर टोल प्रारम्भ से प्रतिवर्ष लगाये गये पौधे, किस्म एवं ऊंचाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) अनुबन्ध से ज्यादा पौधे लगाने को लेकर टोल के अनुबन्ध को बढ़ाया जाने का कोई प्रावधान नहीं है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। पेड़ लगाने के नाम पर टोल 5 वर्षों के लिये नहीं बढ़ाया गया है। जी हाँ। उक्त फोर-लेन पर 1 जनवरी 2013 के पश्चात लेबड़-जावरा फोर-लेन पर पौधारोपण का सत्यापन वन विकास निगम द्वारा निवेशकर्ता कम्पनी से अनुबन्ध किया जाकर मार्ग पर पौधे लगाये गये श्री जी.पी. वर्मा, पी.आर.ओ. वन विकास निगम, खण्डवा की उपस्थिति में घटित टीम द्वारा सत्यापन किया गया, जिसमें कुल 54804 पौधे जीवित पाये गये, जिसकी सत्यापन रिपोर्ट की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। जावरा-नयागाँव फोर-लेन मार्ग पर पौधारोपण का सत्यापन प्रतिवेदन वनमण्डलाधिकारी, जिला-रतलाम के पत्र क्र. राजस्व/ 2013/1810 रतलाम, दिनांक 17.04.2013 से प्रस्तुत किया गया, जिसमें रतलाम जिले में कुल 13555 पौधे जीवित पाये गये। वनमण्डलाधिकारी रतलाम के पत्र क्र. व्यय/2017/1108 रतलाम, दिनांक 11.04.2017 से सत्यापन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें कुल 14339 पौधे जीवित पाये गये। वनमण्डलाधिकारी मन्दसौर के पत्र क्र. राजस्व/2016/4383 मन्दसौर, दिनांक 16.08.2016 से सत्यापन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें मन्दसौर जिले में कुल 65817 पौधे जीवित पाये गये। वनमण्डलाधिकारी सामान्य वनमण्डल नीमच के पत्र क्र. राजस्व/2016/1637 नीमच, दिनांक 31.03.2016 से सत्यापन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें नीमच जिले में कुल 20951 पौधे जीवित पाये गये, जिसकी सत्यापन रिपोर्ट की प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 246 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 10-8-2016 की जिला कटनी के वि.खं. ढीमरखेड़ा से सिलौंडी की जनदर्शन यात्रा में कछारगांव (बड़ा) में कटनी एवं जबलपुर जिला के सीमावर्ती सहजपुरी से हिरननदी तक मार्ग निर्माण की घोषणा की है? (ख) क्या विभागीय कार्यपालन यंत्री, संभाग क्र.2 जबलपुर ने प्रमुख सचिव के पत्र दिनांक 11-4-2016 पर किसी लागत का प्राक्कलन प्रमुख अभियन्ता एवं मुख्यमंत्री निवास के पत्र सहित किन्हीं अधिकारियों के किन्हीं दस्तावेजों सहित कोई प्रस्ताव प्रस्तुत किया है? (ग) क्या विभागीय प्रमुख अभियन्ता ने अपने पत्र दिनांक 06-06-2017 द्वारा किन्हीं को किन्हीं संदर्भ में संबोधित तथा संसूचित किये जाने एवं प्रश्नकर्त्ता द्वारा पत्र दिनांक 09-06-2017 को कलेक्टर व कार्यपालन यंत्री कटनी को लेख किये जाने पर प्रश्नांश (क) घोषणा को पोर्टल पर दर्ज कर संसूचित कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) की कार्यवाही कब तक निष्पादित कर प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विभागीय पोर्टल पर घोषणा अंकित नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
फसल बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
9. ( क्र. 252 ) श्री मोती कश्यप : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसी बीमा कम्पनी के द्वारा वर्ष 2015 से 2017 की अवधि में जिला कटनी के किन तहसीलों के किन पटवारी हल्कों के कितने कृषकों की किन फसलों का बीमा कराया गया है और उन्हें कब कितनी बीमा राशि वितरित की गई है? (ख) क्या प्रश्नकर्त्ता द्वारा कलेक्टर कटनी से फसल सर्वेक्षण हेतु चर्चा किये जाने एवं दिनांक 16-10-2017 को कटनी में आयोजित भावान्तर भुगतान के कार्यक्रम के दौरान किन्हीं संस्था द्वारा सूखाराहत एवं फसल के सर्वे हेतु कोई अभ्यावेदन कलेक्टर कटनी को प्रस्तुत किया है? (ग) क्या वर्ष 2017 में प्रश्नांश (क) तहसीलों में 16 जून से 15 अगस्त की मानसून अवधि में खण्ड, अनियमित व औसत से कम वर्षा होने से फसलों के प्रभावित होने पर प्रश्नकर्ता द्वारा 2 बार कलेक्टर कटनी से चर्चा करने पर कभी कोई सर्वे कराया गया है? (घ) क्या कलेक्टर कटनी ने दिनांक 27-10-2017 को प्रश्नांश (क) क्षेत्र के किन्हीं ग्रामों का सर्वेक्षण किया है और प्रत्येक ग्रामों का सर्वे कराया है? (ड.) फसल बीमा धारकों को बीमा का भुगतान कब तक करा दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2015 से 2017 तक की अवधि में एग्रीकल्चर इंश्यारेंस ऑफ इंडिया लि. द्वारा कटनी जिले के तहसीलवार, पटवारी हल्कावार एवं फसलवार किये गये बीमे एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) कलेक्टर कटनी द्वारा दिनांक 27.10.2017 को कृषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ ग्राम खमतरा, जिर्री, अतरिया एवं खम्हरिया के विभिन्न कृषकों के खेतों में पहुंच कर फसल देखी। कृषि एवं राजस्व विभाग द्वारा प्राप्त अल्पवर्षा के कारण फसल क्षति का संयुक्त सर्वे प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (ड.) खरीफ 2017 हेतु फसल कटाई प्रयोग के आधार पर औसत पैदावार के आंकड़ों की गणना होने पर क्षतिपूर्ति प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी।
कुण्डालिया डेम के डूब प्रभावित ग्रामवासियों को मुआवजा राशि की जानकारी
[जल संसाधन]
10. ( क्र. 314 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किक) जिला राजगढ़ के निर्माणाधीन कुण्डालियां वृहद सिंचाई परियोजना में सारंगपुर तहसील के डूब में आने वाले ग्रामों के नाम तथा उनकों कितना मुआवजा राशि किस मान से दिया गया है? (ख) क्या डूब में आने वाले ग्राम शामगीघाटा एवं कालापीपल को आंशिक डूब क्षेत्र प्रभावित बताकर मुआवजा हेतु चिन्हित किया गया एवं शेष ग्राम को डूब क्षेत्र से अप्रभावित बताया जाकर किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित ग्रामीणों द्वारा असंतोषजनक की स्थिति के कारण निर्माणाधीन कुण्डालियां डेम पर धरना प्रदर्शन किया गया था एवं धरना समाप्ति हेतु विभागीय अमले द्वारा शेष ग्रामीणों को डूब क्षेत्र में लिये जाने हेतु आश्वस्त किया गया था? उक्त प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या वर्ष 2016 में उतालवी नदी में बाढ़ से ग्राम शामगीघाटा चारों ओर पानी से घिर गया था? यदि हाँ, तो क्या निकट भविष्य में कुण्डालियां बाँध के बेकवाटर एवं उतालवी नदी में बाढ़ आने से उक्त ग्राम प्रभावित नहीं होगा? यदि होगा तो सम्पूर्ण ग्राम को डूब प्रभावित घोषित क्यों नहीं किया जा रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, स्थल का सर्वेक्षण किया जाकर वास्तविक डूब क्षेत्र की स्थिति का परीक्षण किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) वर्ष 2016 में ग्राम शामगीघाटा, उतावली नदी के बाढ़ से घिरने संबंधी जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। बांध बनने के उपरांत ग्राम शामगीघाटा के नजदीक उतावली नदी में संभावित बैक वाटर से प्रभावित होने वाली अचल संपत्तियों का निर्धारण परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है।
सिविल अस्पताल सारंगपुर के भवन निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 315 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत अनुबंधानुसार निर्माणाधीन सिविल अस्पताल की कार्य पूर्ण करने की अंतिम तिथि क्या थी? निर्धारित अंतिम तिथि तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि पूर्ण नहीं हुआ है तो शेष कार्य पूर्ण करने हेतु किस आधार पर कितनी बार समयावधि बढ़ायी गयी? कार्य पूर्ण करने की अंतिम तिथि क्या थी? (ख) कार्य में हुए विलंब के लिए विभाग/ठेकेदार के विरुद्ध कब-कब एवं क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या ठेकेदार द्वारा स्वीकृत ड्राइंग में दिये गये प्रावधान को छोड़कर अपने मर्जी के अनुसार कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या ठेकेदार द्वारा उसकी इच्छानुसार किये गये कार्य को तोड़कर विभाग पुनः स्वीकृत ड्राइंग अनुसार कार्य करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अंतिम तिथि 13.06.2016 तक 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण, कार्य पूर्ण करने हेतु प्रथम बार 31.03.2017, द्वितीय बार 31.12.2017 तक समयावधि स्वीकृत। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
किला गेट से लहार रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 354 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग भिण्ड द्वारा गेट भिण्ड से लहार चौराहा तक मार्ग सी.सी.निर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 02.4.2016 राशि रूपये 361.36 लाख की स्वीकृत की गई? यदि हाँ, तो किस ठेकेदार से अनुबंध किया गया? अभी तक क्या कार्यवाही की गई जानकारी दें? (ख) लोक निर्माण विभाग भिण्ड ने कार्यादेश 3907-08 दिनांक 30.06.2016 जारी किया गया? यदि हाँ, तो छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अन्तर्गत अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने का दिनांक 30.06.2017 है, प्रश्नांश दिनांक तक कार्य 10 प्रतिशत पूर्ण नहीं हुआ? इसके क्या कारण हैं? इसके लिए कौन दोषी हैं? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) और (ख) में कार्य की धीमी गति के कारण क्या लागत मूल्य में वृद्धि की जावेगी? कब तक कार्य पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, उक्त कार्य का अनुबंध मै. मूलचन्द जैन से किया गया। ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण समय-समय पर कार्य प्रगति बढ़ाये जाने हेतु नोटिस दिये गये एवं अनुबंधानुसार दिनांक 16.05.2017 को अनुबंध निरस्त किया गया, जिस पर ठेकेदार द्वारा अनुबंध की कंडिका-12 के अंतर्गत अधीक्षण यंत्री/मुख्य अभियंता को अपील की गई। मुख्य अभियंता के आदेश दिनांक 14.11.17 के द्वारा कार्य दिनांक 31.01.2018 तक कार्य पूर्ण करने की शर्त पर अनुबंध पुनर्जीवित किया गया। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। अपितु प्रश्नांश दिनांक तक 23 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। मार्ग पर एम.पी.ई.बी. के द्वारा विद्युत पोल को विलंब से शिफ्ट करने, पेड़ों की कटाई, मंदिर एवं भवनों के आगे बने चबूतरों आदि का अतिक्रमण न हटने का कारण रहा है। कार्य में विलंब हेतु कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। दिनांक 31.03.2018 तक पूर्ण होना संभावित।
कृषि उपज मंडी में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 377 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी बैरियर सिकदरा तह. करैरा जिला शिवपुरी पर वर्तमान में प्रभारी अधिकारी कौन हैं? उसके अधीन कौन कर्मचारी कार्य कर रहे हैं? शासन से बैरियर पर कौन-कौन सी जिंस पर कितना-कितना टैक्स लेने का नियम है? नियम उपलब्ध करायें? (ख) क्या बैरियर प्रभारी विनोद गुप्ता पर आर्म्स एक्ट के साथ-साथ आय से अधिक संपत्ति होने के संबंध में लोकायुक्त में जाँच चल रही है, यदि हाँ, तो ऐसे अपराधी किस्म के व्यक्ति को प्रभारी क्यों बनाया गया है? (ग) क्या प्रभारी विनोद गुप्ता द्वारा प्राइवेट व्यक्ति बैरियर पर लगाकर अवैध वसूली का कार्य मंडी बैरियर की आड में किया जा रहा है, फलस्वरूप आये दिन बैरियर पर झगड़ा मारपीट होती रहती है? (घ) क्या किसी अन्य को इस बैरियर में पदस्थ करने के आदेश जारी करेंगे, ताकि इस बैरियर पर आये दिन होने वाले झगड़ों को रोका जा सके।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति करैरा अंतर्गत अंतर्राज्यीय सीमा जाँच चौकी सिकंदरा में श्री महेश प्रसाद गौड़ मंडी निरीक्षक/प्रभारी है तथा श्री रामअवतार शर्मा एवं श्री खेमराज भार्गव सहायक उपनिरीक्षक/सदस्य कार्यरत है। अंतर्राज्यीय सीमा जाँच चौकियों पर टैक्स नहीं लिया जाता है, अपितु नियमन प्रवर्तन व्यवस्था सुदृढ़ किये जाने के दृष्टिकोण से म.प्र. राज्य कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा-23 सहपठित मंडी उपविधि की कंडिका 23 तथा मंडी अधिनियम, 1972 की धारा65 (2) के तहत जाँच चौकियों पर अधिसूचित कृषि उपज से भरे वाहनों की जाँच करने पर मंडी समिति द्वारा जारी अनुज्ञा पत्र नहीं पाये जाने पर म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा 19 (4) के अंतर्गत बाजार मूल्य या कृषि उपज के मूल्य के पाँच गुणा के हिसाब से विक्रेता व्यापारी से वसूल की जाती है। (ख) श्री विनोद गुप्ता एवं अन्य के विरूद्ध अपराध क्रमांक 178/12 धारा 25,27,35 आर्म्स एक्ट के तहत कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट शिवपुरी में पंजीबद्ध हुआ था,उक्त प्रकरण कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट शिवपुरी के आदेश दिनांक 15.05.2012 द्वारा निरस्त किया गया है। लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर से प्रा. जाँच क्रमांक 114/2015 विरूद्ध श्री विनोद गुप्ता सहायक उप निरीक्षक, कृषि उपज मंडी समिति करेरा का प्रकरण विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त म.प्र. भोपाल के आदेश दिनांक 02.06.2016 के द्वारा नस्तीबद्ध की जा चुकी है। (ग) अंतर्राज्यीय सीमा जाँच चौकी सिकंदरा पर मारपीट एवं अवैध वसूली करने संबंधी शिकायत होने पर, मंडी बोर्ड भोपाल से जाँच कराई गई। जाँच प्रतिवेदन दिनांक 22.06.2017 में प्रतिवेदित अनुसार शिकायत प्रमाणित नहीं पाये जाने से नस्तीबद्ध की गई है। (घ) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड आंचलिक कार्यालय ग्वालियर के आदेश दिनांक 28.10.2017 से कृषि उपज मंडी समिति करैरा के अंतर्गत स्थापित अंतर्राज्यीय सीमा जाँच चौकी दिनारा (सिकंदरा) में दिनांक 01.11.17 से 31.12.17 तक की अवधि में श्री बृजेन्द्र सिंह परमार मंडी निरीक्षक/प्रभारी, सर्वश्री अजय चौकसे, सुरेश यादव, मनोज कुमार सिंह, सहायक उप निरीक्षक एवं श्री राहुल जाटव, भृत्य की ड्यूटी लगायी गई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल बैरियर पर उपलब्ध सुविधाएं
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 397 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सड़क विकास निगम एवं टोल एजेंसी के बीच हुए अनुबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल बैरियर पर पुलिस चौकी, सार्वजनिक शौचालय (महिला/पुरूष), आपातकालीन चिकित्सा सुविधा, टोल बैरियर के साईड से एक अतिरिक्त मार्ग, क्रेन एवं सर्व-सुविधायुक्त एम्बुलेंस की सुविधा एवं रोड बनाने के दौरान काटे गये वृक्षों के 04 गुना पौधरोपण किये जाने के प्रावधान/शर्त है? (ख) यदि हाँ, तो एन.एच. 92 ग्वालियर-भिण्ड-इटावा मार्ग पर फूप जिला भिण्ड, ग्राम बरेठा जिला ग्वालियर, एन.एच. 552 भिण्ड से लहार-भाण्डेर-चिरगांव मार्ग पर ग्राम उमरी के समीप तथा एन.एच.3 आगरा-मुम्बई मार्ग पर जिला मुरैना में एवं ग्वालियर जिले के ग्राम मोहनपुर के समीप स्थित टोल बैरियर पर उक्त प्रश्नांश (क) में वर्णित समस्त सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त टोल बैरियर पर स्थापित पुलिस चौकियों में कौन-कौन पुलिसकर्मी तैनात हैं तथा आपातकालीन चिकित्सा सुविधा के तहत कौन-कौन चिकित्सक पदस्थ हैं एवं एम्बुलेंस, क्रेन/पेट्रोलिंग वाहन उपलब्ध कराए गए हैं? एम्बुलेंस/क्रेन/पेट्रोलिंग वाहन के रजिस्ट्रेशन नम्बर एवं फिटनेस सहित पूर्ण विवरण दें? (घ) उक्त मार्गों पर टोल टैक्स का ठेका कितनी-कितनी अवधि के लिये किस-किस फर्म/संस्था को दिया गया है एवं संबंधित एजेंसियों द्वारा टोल बैरियर पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने पर क्या अनुबंध के प्रावधान/शर्तों अनुसार उनके ठेके निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के अंतर्गत ग्वालियर-भिण्ड इटावा मार्ग (एन.एच.-92) पर कुल दो टोल प्लाजा ग्राम बरेठा एवं ग्राम बरही स्थित है। अनुबंधानुसार ट्रेफिक एंड पोस्ट सार्वजनिक पुरूष/महिला शौचालय, आपातकालीन क्रेन एवं एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान किये जाने की सुविधा किये जाने के प्रावधान है। टोल बैरियर के साईड से एक अतिरिक्त मार्ग प्रदाय के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है अपितु नॉन टोलवेल वाहन हेतु सर्विस लेन बनाया गया है। अनुबंधानुसार काटे गये वृक्षों के विरूद्ध 10 गुना वृक्षरोपण किये जाने का प्रावधान है, जो कि लगाये जा चुके है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। टोल बैरियर पर आवश्यक सुविधायें प्रायः उपलब्ध होने के कारण ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्दौर-अहमदाबाद मार्ग एन.एच. का फोर-लेन निर्माण के दौरान छूटे हुए भाग
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 400 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या झाबुआ में एन.एच. 59 का फोर-लेन निर्माण के दौरान छूटा हुआ भाग लम्बाई 9.62 कि.मी. की स्वीकृत लागत रूपये 1936.96 लाख होकर शासन द्वारा दिनांक 24.9.2015 को स्वीकृति दी गई एवं उक्त कार्य की निविदा कब जारी की गई? निविदा अवधि में कार्य पूर्णता की अवधि कितने माह की थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निविदा ठेकेदार द्वारा उक्त निविदा अवधि में कार्य प्रारंभ किया गया था? अगर किया गया था, तो अब तक रोड निर्माण कार्य पूर्ण क्यों नहीं हुआ? (ग) यदि ठेकेदार द्वारा निविदा अवधि में कार्य पूर्ण नहीं किया गया तो विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? अगर कार्यवाही नहीं की गई तो शासन लंबित व अपूर्ण कार्य हेतु संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। निविदा दिनांक 27.01.2016 को जारी की गई है, कार्य पूर्णता की अवधि 18 माह है। (ख) जी हाँ। ठेकेदार द्वारा कार्य की समानुपातिक प्रगति न देने के कारण। (ग) दो वर्ष की अवधि हेतु ठेकेदार के पंजीयन को निलंबित किया गया। कार्य की समानुपातिक प्रगति नहीं दिये जाने के कारण ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंध की धारा-27 में दिनांक 31.10.2017 को कारण बताओं सूचना पत्र दिया गया है। कान्ट्रेक्ट डाटा की कंडिका-15 में निहित माईल स्टोन अनुसार ठेकेदार द्वारा कार्य प्रगति नहीं देने के कारण ठेकेदार दोषी है। अत: अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रस्तावित सड़कों की मरम्मत एवं स्वीकृति
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 436 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जर्जर एवं क्षतिग्रस्त मार्ग दलपतपुर-बरा मार्ग, नयाखेड़ा, मझगुंवा, बम्हौरी से गोराखुर्द शाहगढ़-मदनलता, गूगराखुर्द के उन्नयन एवं डामरीकरण हेतु तथा जमुनिया से बिचपुरी, रमपुरा एवं क्वायला-निहानी-पगरा के मार्गों को नवीन निर्माण कार्यों में शामिल करने हेतु विभाग द्वारा कोई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मार्गों को नवीन निर्माण कार्यों में शामिल तथा स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? मार्गवार जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
रोड निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 465 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की इन्दरगढ़ तहसील अंतर्गत धीरपुरा जुझारपुर रोड एवं जुझारपुर से गोराघाट रोड रिन्यूवल डामरीकरण कितनी-कितनी लागत के किस निर्माण एजेन्सी द्वारा जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कब किया गया? (ख) उक्त रोडों का कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया? उनके द्वारा क्या-क्या प्रतिवेदन दिये गये? अधिकारियों के नाम, पद सहित उनके द्वारा दिये गये प्रतिवेदनों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त रोडों में गड्डों में मिक्स गिट्टी के स्थान पर सूखी गिट्टी एवं सोलडरों की साइज को कम भरा गया है? साथ ही ग्राम जुझारपुर में मुख्य मार्ग पर न तो नाली बनायी गयी और न ही रोड डाली गयी, जिससे इतना पैसा खर्च होने के बाद भी अभी भी उस मार्ग पर कोई वाहन नहीं निकल पा रहा है। यदि नहीं, तो सम्पूर्ण कार्य की जाँच करायी जाये? (घ) क्या ठेकेदारों की अधिकारियों से मिलीभगत होने के कारण शासन का करोड़ों रूपया खर्च होने के बाद भी उक्त व अन्य कई मार्ग आमजन के उपयोग में नहीं आ पा रहे हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन जारी नहीं किये गये है, स्थल पर ही निर्देशित कर कार्य सम्पादित कराये गया है। (ग) जी नहीं। मार्ग की स्वीकृत लंबाई में मिक्स मटेरियल द्वारा पेच मरम्मत कराये जाकर 20 एम.एम.,ओ.जी.पी.सी., सीलकोट का कार्य कराया गया है तथा कार्य स्थल पर उपलब्ध चौड़ाई अनुसार शोल्डर कार्य कराया गया है। ग्राम जुझारपुरा मुख्य मार्ग पर पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण मार्ग के उक्त भाग में नवीनीकरण अंतर्गत कार्य नहीं कराया गया। उक्त भाग में सीमेंट कांक्रीट कार्य मय नाली निर्माण का प्रस्ताव मजबूतीकरण मद में स्वीकृति हेतु प्रस्तावित किया गया है तथा मजबूतीकरण में प्रस्तावित मार्ग के उक्त भाग पर विभाग द्वारा कोई व्यय नहीं कराया गया है। मार्ग पर आवागमन सुचारू रूप से संचालित हो रहा है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) ठेकेदारों की अधिकारियों से कोई मिली भगत नहीं है। संधारित किये जा रहे है जिले के सभी मार्ग आमजन के उपयोग में आ रहे है।
सिंचाई परियोजना की स्वीकृति विषयक
[जल संसाधन]
18. ( क्र. 500 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रशासन के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किसी भी बांध सिंचाई परियोजना को स्वीकृति प्रदान करने किन-किन मापदण्डों का निर्धारण किया जाता है तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने पर सिंचाई परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने के लिये कौन-कौन से छूट का प्रावधान है? (ख) अधूरी सातनारी परियोजना बुढ़िया गांव बालाघाट को पुन: स्वीकृति प्रदान करने के लिये क्या पुन: सर्वे किया जावेगा या भविष्य में नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण उक्त बांध परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) क्या प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग द्वारा उक्त बांध के पूर्णिकरण के संबंध में अधीक्षण स्तरीय सिंचाई विभाग का एक दल बांध स्थल पर वास्तुस्थिति का जायजा लेने गया था, जहां बांध ना बनने की स्थिति में किसानों द्वारा जल समाधी लेने की बात की गई, तत्संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा उक्त रिपोर्ट के आधार पर बांध के पूर्णिकरण के संबंध में क्या निर्णय लिया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति उसके जलग्रहण क्षेत्र, जीवित जल क्षमता, डूब क्षेत्र का प्रतिशत तथा प्रति हे. लागत पर निर्भर होती है। वित्तीय मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लिए अलग से कोई छूट का प्रावधान नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नाधीन परियोजना की डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है। जी हाँ। किसानों द्वारा जल समाधि लेने संबंधी स्थिति शासन के संज्ञान में नहीं है। डी.पी.आर. प्राप्त होने पर निर्णय लिया जाना संभव होगा।
शासकीय भवनों एवं मार्गों का भूमि पूजन तथा लोकार्पण
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 520 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत 4 वर्षों में कितनी पुल, पुलिया, सड़कें, भवन (बिल्ड़िग) बनाए गए हैं? स्थान का नाम व राशि सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त नवनिर्मित कार्यों में से कितने स्थानों का भूमि पूजन या लोकार्पण किये बिना शासकीय कार्य प्रारंभ कर दिए गए? (ग) मंदसौर जिले में विगत 4 वर्षों में समस्त शासकीय संस्थाओं द्वारा विकास कार्यों हेतु किन-किन निर्माणाधीन भवन का भूमि पूजन या लोकार्पण कराये गये? विधानसभावार जानकारी देवें। (घ) क्या तहसील कार्यालय शामगढ़, हायर सेकेण्डरी स्कूल तितरोद, हाई स्कूल सेदरामाता सुवासरा विधानसभा में स्थित लदूना जावरा मार्ग, शामगढ़ सुवासरा एन.टी.पी.सी. द्वारा निर्मित विद्युत वितरण केन्द्र, ऐसे कई शासकीय भवन बिना भूमि पूजन या लोकार्पण के कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? इसका कारण बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) भवनों के भूमि पूजन एवं लोकार्पण का कार्य संबंधित प्रशासकीय विभाग द्वारा करवाया जाता है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की संख्या
[सहकारिता]
20. ( क्र. 558 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितने जिला सहकारी केद्रीय बैंक संख्या बताएं हैं? (ख) इनमें से बैंकों की संख्या में कितने बैंक ओवर ड्यूज है संख्या बतावे? (ग) इन बैंकों की हालत सुधारने के लिए मध्य प्रदेश शासन क्या कोई कार्यवाही कर रही है? (घ) प्रदेश के कितने जिलों की कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थायें ओवरड्यू है क्या ऐसे जिले भी है,जिनकी सभी प्रथमिक कृषि साख सहकारी संस्थायें ओवरड्यू है, जिले के नाम सहित संस्थाओं की संख्या बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 38। (ख) 10। (ग) प्रदेश की कमजोर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की सतत् समीक्षा की जाती है। बैंकों की वसूली की सतत् समीक्षा कर आवश्यक निर्देश जारी किये जाते है। प्रदेश की 5 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित न्यूनतम 9 प्रतिशत सी.आर.ए.आर. का मानक स्तर बनाये जाने हेतु मार्च 2017 में अंशपूंजी सहायता के रूप में राशि रूपये 30,59,16,000/-, लांग टर्म डिपॉजिट के रूप में 5,13,25,000/- तथा आई.पी.डी.आई. बाण्ड के रूप में 6,81,14,000/- की राशि राज्य शासन द्वारा उपलब्ध करायी गई है। (घ) प्रदेश की 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के कार्यक्षेत्र के 51 जिलों की 3109 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थायें ओवरड्यू है। जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उपयंत्री पद पर दैनिक वेतनभोगी तकनीकी कर्मचारियों की नियुक्ति
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 573 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग के आदेश क्र. ३०३/०२९२२७/८७/उ.प. दिनांक १२/०७/१९९१ के द्वारा उपयंत्री पद पर दैनिक वेतन भोगी तकनीकी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी? (ख) क्या मध्यप्रदेश राज्य विभाजन पर श्री राजीव वैद्य (उपयंत्री) की सेवायें छत्तीसगढ़ राज्य में देने के आदेश जारी किये गये थे? (ग) क्या दिनांक ०१/१०/२००० की स्थिति में प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग भोपाल द्वारा जारी पद क्रम सूची के कालम ०८ में कुछ अभियंताओं की नियुक्ति तिथि १२/०७/१९९१ अंकित है? यदि हाँ, तो श्री राजीव वैद्य की नियुक्ति तिथि २५.०७.१९९४ क्यों दर्शित है? (घ) क्या छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एक विशिष्ट प्रकरण श्री राजीव वैद्य उपयंत्री, के सम्बंध में लोक निर्माण विभाग, रायपुर के जावक पत्र क्रमांक ३३१५७०२५/स्था./प्र.अ./१८ दिनांक २६/०७/२०१६ द्वारा मांगी गई जानकारी के सम्बंध में वरिष्ठता निर्धारित करने के तारतम्य में कोई जानकारी मांगी गई थी? यदि हाँ, तो क्या जानकारी दी गई? प्रति उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। श्री राजीव वैद्य, की विभाग में उपयंत्री (सिविल) के पद पर आदेश दिनांक 25/07/1994 द्वारा नियुक्त होने से। (घ) जी हाँ। वर्तमान में प्रकरण परीक्षणाधीन है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मूँझरी बांध का सर्वे
[जल संसाधन]
22. ( क्र. 597 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में मूँझरी बांध के निर्माण उपरांत लगभग 10 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी व जिले का समग्र विकास संभव हो सकेगा तथा इसी कारण प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी के श्योपुर जिले में प्रवास के दौरान ग्राम ढोढ़र में मूँझरी बांध का निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु मांग करने पर उनके द्वारा वहां मौजूद विभागीय अधिकारियों को बांध निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिये थे? (ख) निर्देशों के पालन में क्या ईई जल संसाधन श्योपुर द्वारा उक्त बांध के निर्माण हेतु नये सिरे से सर्वे कार्य का रूपये 29.86 लाख का प्राक्कलन तैयार कर शासन/विभाग को स्वीकृति हेतु भेज दिया है? यदि हाँ, तो कब? (ग) यदि हाँ, तो उक्त कार्य का प्राक्कलन वर्तमान में किस स्तर पर परीक्षणाधीन है? परीक्षण कार्य कब तक पूर्ण करके जिलेवासियों के हित में इसे कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी एवं सर्वे कार्य प्रारंभ करवा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) परियोजना के सर्वेक्षण कार्य हेतु शासन द्वारा रू.32.916 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति आदेश दिनांक 16.11.2017 द्वारा प्रदान की गई है। सर्वेक्षण कार्य की निविदा दिनांक 21.11.2017 को स्वीकृत की जाना प्रतिवेदित है। अनुबंध उपरांत कार्य तुरंत प्रारंभ कराया जाएगा।
वर्ष 2014, 15, 16 एवं 17 में मूंग, उड़द एवं अरहर फसलों की जानकारी एवं भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( क्र. 667 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2014, 2015, 2016 एवं 2017 में ग्रीष्मकालीन मूंग, उड़द खरीफ एवं अरहर को कितनी मात्रा में उपार्जित की गई? जिलावार प्राप्त रिपोर्ट/प्रतिवेदन की जानकारी देवें। सभी 51 जिलों में वर्षवार एवं जिलावार कितनी राशि कितने किसानों को भुगतान की गई? जिलावार/वर्षवार रिपोर्ट प्रस्तुत करें? (ख) वर्ष 2017 में रायसेन, होशंगाबाद और नरसिहंपुर जिले मूंग, उड़द एवं अरहर की खरीदी में की गई गड़बड़ी की शासन्स्तर/विभागाध्यक्ष स्तर से गठित जाँच दल रिपोर्ट प्रस्तुत करें? जाँच में कौन-कौन दोषी पाये गये एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई। इन जिलों में कुल कितने करोड़ की खरीदी का भुगतान किया गया और कितना भुगतान शेष हैं? (ग) शासन द्वारा उक्त वर्षों में फसलों के उपार्जित करने में व्यवस्था मद में कितनी राशि व्यय की गई? शासन द्वारा आहरित राशि के आदेश की छायाप्रति देवें? प्रतिदिन उपार्जन पर कितनी राशि किन गाड़ियों से ट्रांसपोर्टेशन पर व्यय की गई? गाड़ियों के नम्बर भी देवें? उक्त वर्षों में भावांतर सहित अन्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु किन निजी संस्थाओं को कितनी राशि का कार्य आदेश दिया गया है और कितनी राशि का भुगतान किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्र की जा रही है।
प्रदेश में सिंचित एवं असिंचित भूमि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
24. ( क्र. 668 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में कृषि योग्य कितने हेक्टेयर भूमि सिंचित है? कितनी हेक्टेयर भूमि असिंचित हैं कितने हेक्टेयर भूमि में कितने किसान खेती कर रहे हैं, जिलावार जानकारी देवें? (ख) प्रदेश में जो कृषि भूमि सिंचित है उसमें सिंचाई के स्त्रोत क्या-क्या हैं? कितनी कृषि योग्य जमीन किस स्त्रोत से सिंचित मानी जा रही है? नदी, तालाब, नहर, ट्यूबवेल, कुएं आदि पृथक-पृथक जिलावार बतायें? (ग) गुना जिले की विधानसभा क्षेत्रों में कितनी सिंचाई क्षमता वाली कितनी परियोजनाएं पूर्ण हैं? कितनी परियोजनाएं किस लागत की निर्माणाधीन हैं, कितनी प्रस्तावित है, नाम एवं लागत बतायें? निर्माणाधीन परियोजनाएं कब तक पूर्ण होने की संभावनाएं हैं उनसे कितने हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्र की जा रही है।
खरगापुर
विधान सभा 47
में सड़कों के
निर्माण
कराये जाने हेतु
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 822 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामों में आवागमन हेतु सड़कों का अभाव है और ग्रामीण जनता आने-जाने में काफी कठिनाई उठा रही हैं? क्या मुख्यमार्ग छतरपुर टीकमगढ़ से देवरदा ऊगढ़ एवं बल्देवगढ़ पलेरा मुख्यमार्ग से ग्राम सुहागी तक, गुजरायतन से बनपुरा खास तक, रेल्वे पुल सुजानपुरा से राजनगर तक, सरकनपुर रेल्वे स्टेशन सुजानपुरा तक, सरकनपुर रेल्वे स्टेशन से सरकनपुर गांव तक, जिनागढ़ से देवीनगर तक, जिनागढ़ मुख्य सड़क से पुराने जिनागढ़ होकर जटेरा मार्ग तक, बल्देवगढ़ से जमुनिया होकर जटेरा तक, कुड़ीला रोड के तिगैला से मनपसार होकर गर्रोली तक, मलगुवां से सरकर तक, लारौन से टीला होकर बावतपुरा तक, मुख्यमार्ग बन्ने बुजुर्ग से बूढ़ी बन्ने तक, देरी भानपुरा मार्ग से चकमाधौ सिंह तक की सड़कें निर्माण कराये जाने की शासन के पास क्या तथा किस प्रकार की योजना तैयार की गई है? क्या इन ग्रामों के निवासियों को सड़क निर्माण कब तक करायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या वर्णित सड़कों के स्टीमेट या डी.पी.आर. तैयार कराये जा चुके हैं या नहीं तथा जिनके स्टीमेट या डी.पी.आर. तैयार कराये गये है और जो शेष है उनकी सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें? (ग) क्या उक्त सड़कों के निर्माण हेतु शासन द्वारा स्वीकृत कराये जाने का कार्य शीघ्र करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के कार्य क्षेत्र में टीकमगढ़-मलेहरा, पलेरा-बल्देवगढ़ एवं टीकमगढ़-जतारा-पलेरा-नौगांव मार्ग आते है, जिनकी स्थिति ठीक है। शेष वर्णित मार्ग निगम एवं लोक निर्माण विभाग के अधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
कृषि के क्षेत्र में युवाओं उद्यमियों एवं किसानों के लिए स्वरोजगार योजना में आजीविका का प्रदाय
[सहकारिता]
26. ( क्र. 824 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों की जैविक खेती के लिए आवश्यक बायोफर्टिलाइजर उपलब्ध कराने हेतु मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा उर्वरकों के क्रय हेतु ऑफर सूचनाएं जारी की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब? तिथियों का उल्लेख करें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऑफर हेतु एकाधिक तिथियों की आवश्यकता क्यों पड़ी है? क्या उक्त तिथियों में ऑफरों की संख्या वांछित संख्या के अनुपातानुकूल नहीं थी? (ग) क्या बार-बार तिथियों के परिवर्तन से कृषि के क्षेत्र में उत्साही बायोफर्टिलाइजर उत्पादक युवा उद्यमियों एवं किसानों के उद्योग प्रभावित हुए हैं या उनके उत्पादों को विपणन संघ द्वारा खरीदी की कोई अन्य व्यवस्था की गई है? (घ) क्या नए ऑफर से उत्पादकों की प्रतिस्पर्धा कम हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या कम प्रतिस्पर्धा में उच्चगुणवत्ता का बायोफर्टिलाइजर किसानों के लिए उपलब्ध हो सकेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, दिनांक 02.02.2017। 17.05.2017 एवं 18.07.2017। (ख) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग से तकनीकी सलाह एवं मापदण्ड प्राप्त किये बगैर निविदायें आफर जारी करने पर कृषि विभाग द्वारा निविदाओं को निरस्त किये जाने के निर्देश दिये जाने के कारण, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुआवजा राशि का वितरण
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 832 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला-अनूपपुर अन्तर्गत अनूपपुर से जैतपुर मार्ग का निर्माण कब कराया गया था तथा तत्कालीन समय में मार्ग के दोनों तरफ कितने मीटर भूमि विभाग द्वारा रिक्त छोड़ी गयी थी? (ख) क्या प्रश्नांकित मार्ग के लिये निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया था? यदि हाँ, तो भूमि स्वामी का नाम, अधिग्रहित भूमि का रकवा एवं भूमि स्वामी को दिये गये मुआबजा की राशि बताएं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग का निर्माण वर्ष 1954-55 में प्रारंभ कर वर्ष 1979-80 में डामरीकरण स्तर तक कराया गया है। मार्ग के मध्य से दोनों तरफ 15-15 मीटर लोक निर्माण विभाग की सड़क सीमा निर्धारित है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पाढुंर्णा विधान सभा में तुअर क्रय केन्द्र खोलना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र. 912 ) श्री जतन उईके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के पाढुंर्णा विधान सभा क्षेत्र में तुअर खरीदी केन्द्र खोला जायेगा? (ख) यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) तुअर भावांतर भुगतान योजनांतर्गत शामिल की गई है। तुअर के किए विक्रय अवधि योजना प्रावधान अनुसार अधिसूचित मण्डियों में 1 फरवरी से 30 अप्रैल, 2018 नियत है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय आवासों का संधारण/मरम्मत
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 932 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय आवासों में मेंटेनेंस कराने के क्या नियम/निर्देश हैं? (ख) क्या वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत यह कार्य निजी एजेंसियों को दिया गया है? यदि हाँ, तो तुलसी नगर, शिवाजी नगर एवं 1100 र्क्वाटर स्थित शासकीय आवासों के लिये किस दर से कितनी अवधि के लिये यह ठेका किसे दिया गया है एवं विभाग द्वारा इस पर किस प्रकार नियंत्रण रखा जाता है? (ग) क्या कारण है कि 1100 र्क्वाटर स्थित समस्त श्रेणी के शासकीय आवासों का मेंटेनेंस आवासधारियों के द्वारा एक ही बार शिकायत करने पर कर दिया जाता हैं वहीं दूसरी और तुलसी नगर तथा शिवाजी नगर स्थित आवासों में यह कार्य अनेकों बार शिकायत करने पर भी नहीं किया जा रहा है? (घ) विगत 2 वर्षों में शिवाजी नगर स्थित ई-टाईप आवास ई-100/7 से लेकर ई-100/15 तक में कौन-कौन से कार्य किस मद में कितनी बार शिकायत करने पर कराए गए तथा उक्त आवासों में किस आवास का सुधार कार्य संबंधी कितनी शिकायतें लंबित हैं? बताएं दिनांक 09.03.2017 को की गई शिकायत नं. 13401, दिनांक 14.03.2017 को की गई शिकायत क्रमांक 62283 एवं दिनांक 09.10.2017 की गई शिकायत क्रमांक 62284 पर कार्य की स्थिति क्या है तथा कार्य नहीं करने के क्या कारण हैं? (ड.) समय-सीमा में कार्य नहीं करने के लिये कौन दोषी है? क्या विभागीय अमले की उदासीनता के कारण तुलसी नगर, शिवाजी नगर में आवासों के मेंटेनेंस कार्य नहीं हो पा रहे हैं यदि हाँ, तो उक्त पदस्थ अमले के विरूद्ध कार्यवाही कर कब तक समस्त शिकायतों का निराकरण कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रकिया के तहत आवासकर्ता की शिकायत/मांग/आवेदन पर निरीक्षण कर कार्य करवाया जाता है। (ख) जी हाँ। तुलसी नगर स्थित शासकीय आवासों के लिये 4.25 प्रतिशत एस.ओ.आर. से कम दर पर (कार्यादेश क्रमांक 2738 दिनांक 11.05.2017) मेसर्स गौरी कंस्ट्रक्शन, दतिया को, शिवाजी नगर, चार इमली, कोटरा सुल्तानाबाद स्थित शासकीय आवासों के लिये 7.5 प्रतिशत एस.ओ.आर. से अधिक दर पर (कार्यादेश क्रमांक 158 दिनांक 06.01.2017) मेसर्स राघव कंस्ट्रक्शन भोपाल को एवं 1100 क्वार्टर, पुलिस लाईन, रेडियो कालोनी 45 बंगले, 74 बंगले स्थित शासकीय बंगलों/आवासों के लिये 7.25 प्रतिशत एस.ओ.आर. से अधिक की दर पर, (कार्यादेश क्रमांक 3191 दिनांक 30.05.2017) मेसर्स राघव कंस्ट्रक्शन भोपाल को एक वर्ष की अवधि के लिये ठेका दिया गया है। विभाग द्वारा संधारित पोर्टल पर टोल फ्री नंबर से शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित यंत्री द्वारा दिये गये निर्देशानुसार त्वरित कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं, समस्त श्रेणी एवं उल्लेखित क्षेत्र स्थित आवासों की शिकायत प्राप्त होने एवं शिकायत के स्वरूप अनुसार समान रूप से कार्यवाही कर शिकायत का निराकरण किया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ड.) समय-सीमा में ही कार्य कराये जाते है, समय-सीमा में कार्य नहीं करने पर संबंधित एजेन्सी पर उण्ड आरोपित करने का प्रावधान है तदानुसार कार्यवाही की जाती है। जी नहीं, पदस्थ अमले पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समस्त शिकायतों का निराकरण पूर्ण किये जाने की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
विकासखण्ड पंधाना में मिट्टी परीक्षण केन्द्र की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
30. ( क्र. 978 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पंधाना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विकास खण्ड पंधाना में मिट्टी परीक्षण केन्द्र स्वीकृत हो चुका है या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो कब स्वीकृत हुआ है और क्या वह उसकी समय-सीमा में बनकर पूर्ण हो चुका है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, विकासखंड पंधाना में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण कार्य स्वीकृत है। (ख) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक डी-6-5/2014/14-3 दिनांक 07.06.2015 से विकासखंड पंधाना में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भवन का निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ है। कार्य अनुबंध अनुसार समय- सीमा में पूर्ण हो चुका है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार है।
जल संसाधन विभाग के सभी श्रेणी के अधिकारियों पर प्रचलित प्रकरणों में कार्यवाही
[जल संसाधन]
31. ( क्र. 979 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग में दिनांक ०१-०४-२०१७ की स्थिति में कितने अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त/आर्थिक अपराध के अन्तर्गत प्रकरण प्रचलित हैं? नाम एवं पदनाम व वर्तमान में पदस्थापना सहित सूची उपलब्ध करावें तथा इन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई क्या इन्हें महत्वपूर्ण पदस्थापना से वंचित रखा गया है? यदि नहीं, तो क्यों (ख) क्या ऐसे सभी अधिकारियों को विभाग से संरक्षण प्राप्त है एवं इनकी पदस्थापना फील्ड में की गई है, यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? सम्बंधित दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त/आर्थिक अपराध के अंतर्गत प्रचलित प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। विभाग द्वारा गुणदोष के आधार पर मध्यप्रदेश शासन के नियमों के अंतर्गत यथायोग्य कार्यवाहियां की गई है। विभाग में अधिकारियों की कमी के कारण कतिपय अधिकारियों की मैदानी पदस्थापना की गई है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में दी गई जानकारी अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग का कृषि योजनाओं पर बजट आवंटन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
32. ( क्र. 987 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में वर्ष २०१६-२०१७ एवं २०१७-२०१८ व आज दिनांक तक उद्यानिकी विभाग का किन किन योजनाओं के किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि का बजट था? (ख) क्या कृषकों को अनुदान किसी वस्तु, कृषि उपकरण या फलदार पौधों के रोपण, पान की फसल लगाने में या पान बरेजा में किसी आपदा में जिले में कितने कृषकों को लाभ दिया गया, विवरण उपलब्ध करावे? (ग) उपरोक्त सभी योजनाओं में अनुदान या किसी योजना की राशि कृषक के सीधे खाते में भेजी गई या नहीं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जिले में यंत्रीकरण, फलपौध एवं पान वरेजा योजनाओं में विकास खण्डवार, ग्रामवार वर्ष 2016-17 की जानकारी प्रपत्र ब-01 एवं वर्ष 2017-18 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब-02 अनुसार है। मौसम आधारित फसल बीमा योजनांतर्गत वर्ष 2016-17 में 44 कृषकों को उनकी फसल के नुकसान की राशि रूपये 18852.55/- का भुगतान बीमा कम्पनी द्वारा किया गया। वर्ष 2017-18 के फसल बीमा की राशि अभी देय नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। सभी योजनाओं के अनुदान की राशि सीधे कृषकों के बैंक खातों में जमा की गई है, सिर्फ 224 कृषकों के द्वारा क्रय की गई सामग्री का भुगतान कृषकों की सहमति से संबंधित फर्म को राशि रूपये 64,00,800/- रूपये भुगतान की गई है।
प्रयोगशाला भवन का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
33. ( क्र. 1040 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि रतलाम जिले के आलोट विधानसभा क्षेत्र के भुतेडा में मंडी बोर्ड द्वारा बायो एजेण्ट प्रयोगशाला भवन ८५ लाख रु. की लागत से निर्मित किया? शासन वहाँ न तो प्रयोगशाला निर्मित कर रहा है, न नवीन कृषि महाविद्यालय आखिर इस भवन निर्माण का औचित्य, उपयोग क्या है? (ख) रु. ८५ लाख व्यय करने के उपरांत भी खाली पड़े भवन का शासन कोई उपयोग क्यों नहीं कर रहा है? (ग) सरकार कृषि महाविद्यालय स्थापना पर ध्यान क्यों नहीं दे रही है? भुतेडा में अगर कुछ करना नहीं था, तो भवन निर्मित क्यों किया? शासन शीघ्र निर्णय क्यों नहीं करता है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) यह सही है कि रतलाम जिले के आलोट विधान सभा क्षेत्र के भुतेडा में मंडी बोर्ड द्वारा बायो एजेण्ट प्रयोगशाला भवन 85 लाख रू. की लागत से निर्मित किया है। इस प्रयोगशाला भवन का संचालन पी.पी.पी.मोड पर किया जाना है। कृषि महाविद्यालय की स्थापना के लिये कुल आवश्यक भूमि तथा भवन के लिये मानक शर्तों की पूर्ति नहीं हो पाने से कृषि महाविद्यालय प्रारंभ नहीं किया जा सकता है। (ख) इस प्रयोगशाला भवन का संचालन पी.पी.पी.मोड पर किया जाना है। (ग) भवन प्रयोगशाला बायो एजेण्ट प्रयोगशाला हेतु निर्मित किया गया है, जिसका संचालन पी.पी.पी.मोड पर किया जाना है। कृषि महाविद्यालय की स्थापना के लिये कुल आवश्यक भूमि तथा भवन के लिये मानक शर्तों की पूर्ति नहीं हो पाने से कृषि महाविद्यालय प्रारंभ नहीं किया जा सकता है। अन्य प्रयोजन के लिये उपयोग पर पी.पी.पी.मोड पर बायो एजेन्ट प्रयोगशाला संभव नहीं हो पाने पर विचार किया जावेगा।
कमिश्नर कार्यालय कर्मचारी गृह निर्माण समिति
[सहकारिता]
34. ( क्र. 1060 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कमिश्नर कार्यालय गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित जबलपुर द्वारा वर्ष 2005 में अपने फाउन्डर्स मेबर्स को 1500 वर्गफुट का ले-आउट स्वीकृत किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या संस्था द्वारा वर्ष 2005 में अभिन्यास (ले-आउट) स्वीकृत होने के बाद वर्ष 2006 में अभिन्यास (ले-आउट) में संशोधन किया गया, यदि हाँ, तो उक्त संशोधन किन नियमों के तहत कब किस अधिकारी द्वारा संशोधित किया गया? आदेश की छायाप्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या अभिन्यास में संशोधन नियमानुसार है, क्या उक्त संशोधन म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के अंतर्गत असंवैधानिक है एवं यह भी बतलावे कि कमिश्नर कार्यालय कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या. जबलपुर के विरूद्ध कब-कब किस-किस के द्वारा अनियमितताओं के संबंध में शासन स्तर पर शिकायत दर्ज कराई गई तथा इन शिकायतों पर शासन द्वारा कब क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यालय अपर कलेक्टर (ग्रामीण) कमिश्नर जबलपुर का जाँच प्रतिवेदन दिनांक 26.10.2012 क्या था तथा उस जाँच प्रतिवेदन पर कब किसके उपर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो इसका दोषी कौन था? तत्संबंध में कार्यालय उपायुक्त सहकारिता जबलपुर का पत्र क्रमांक/उ.अ.स./ गृ.नि./16/1718/ जबलपुर, दिनांक 15.07.2016 क्या था? पत्र की छायाप्रति देवें एवं यह भी बताएं की पत्र के निर्देशों के अनुसार आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? दोषियों पर कार्यवाही न किये जाने के क्या कारण है? क्या शासन उपरोक्त जाँच प्रतिवेदन के अनुसार कार्यवाही करेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत ले-आउट में सभी भूखण्ड 1500 वर्गफुट के नहीं है। (ख) जी हाँ, संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग जबलपुर के पत्र क्रमांक 1129 दिनांक 05.04.2006 के द्वारा मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 30 (3) एवं मध्यप्रदेश विकास नियम 1984 के नियम 2 (5) (क) एवं 27 (1) के प्रावधानों के अंतर्गत शर्तों के अधीन नियोजन अनुज्ञा प्रदान की गई है। श्री व्ही.के. शर्मा, संयुक्त संचालक द्वारा, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "01" अनुसार है। (ग) जी हाँ, जी नहीं। संस्था के विरूद्ध कार्यालय संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय जबलपुर तथा उपायुक्त सहकारिता, जिला जबलपुर को प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "02" अनुसार है। (घ) जी हाँ, अपर कलेक्टर (ग्रामीण) जबलपुर द्वारा संस्था की जाँच कर जाँच प्रतिवेदन दिनांक 26.10.2012 के अनुसार, संस्था द्वारा संस्था की उपविधि क्रमांक 34 (1) 21 का उल्लंघन किये जाने का उल्लेख है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर तत्कालीन संचालक मण्डल पर मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 76 (2) के तहत अभियोजन दर्ज कराने का आदेश दिनांक 27.10.2017 तथा वर्तमान कमेटी के अध्यक्ष द्वारा जाँच प्रतिवेदन की अनियमितता के निराकरण के संबंध में कार्यवाही न करने पर मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (बी) के तहत आदेश दिनांक 31.10.2017 से अध्यक्ष श्री राजेश सिंह ठाकुर को संस्था अध्यक्ष पद एवं संचालक पद से 06 वर्ष की कालावधि के लिये निर्हरित किया गया। उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जबलपुर के पत्र दिनांक 15.07.2016 द्वारा संस्था अध्यक्ष को भूखण्ड आवंटन को निरस्त कर सिविल न्यायालय में रजिस्ट्री शून्य करने हेतु वाद दायर करने हेतु निर्देशित किया गया, पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "03" अनुसार है। उत्तरांश के पूर्व भाग अनुसार कार्यवाही की जा चुकी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर नगर में धर्मश्री-सागर-भोपाल बायपास मार्ग की जानकारी
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 1107 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत धर्मश्री-सागर-भोपाल बायपास मार्ग का अनुबंध दिनांक 18.08.2010 के अनुसार निर्माण कराया जा रहा है? अब तक किस मद में कितनी राशि व्यय की गयी है? उक्त निर्माण कार्य किस कारण से एवं कब से बंद है? कार्य को पुन: प्रारंभ करने हेतु क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) क्या शासन द्वारा उक्त मार्ग की ड्राइंग में परिवर्तन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस संबंध में अब तक क्या प्रगति है? (ग) क्या उक्त मार्ग के भू-अर्जन हेतु आवश्यक राशि कलेक्टर सागर को जमा कर धारा 6 की कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा की जा चुकी है? उक्त मार्ग कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त बायपास मार्ग निर्माण में शासकीय धन व्यय होने के उपरांत भी निर्माण अपने उद्देश्य को प्राप्त नहीं हुआ है? क्या यह सरकारी धन का दुरूपयोग नहीं है? यदि हाँ, तो इस सबके लिए उत्तरदायी व्यक्तियों/अधिकारियों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। अत: प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत पथरिया-तिली-मोतीनगर चौराहा तक रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 1108 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पथरिया से तिली होकर मोतीनगर चौराहा तक सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस निर्माण की लागत कितनी है? सड़क की लंबाई-चौड़ाई व मोटाई कितनी रखी गयी है? निर्माण एजेंसी कौन है? अब तक सड़क निर्माण में कौन से कार्य पर कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? (ख) उक्त मार्ग में कितने पुल/ पुलिया निर्मित होना है? प्राक्कलन अनुसार सड़क निर्माण के लिये क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? क्या निर्धारित मापदण्ड अनुसार किस सक्षम अधिकारी के पर्यवेक्षण में कार्य कराया जा रहा है? अधिकारी का नाम व पद बतायें? (ग) क्या उक्त सड़क निर्माण प्राक्लन अनुसार नहीं हो रहा है? क्या उक्त सड़क से भारी वाहनों की आवाजाही लगातार होना है/हो रही है? क्या प्राक्कलन अनुसार मार्ग निर्माण न होने की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक से करायी गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन उक्त सड़क निर्माण की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक से कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। लागत 3821.31 लाख है। सड़क की लंबाई, चौड़ाई एवं मोटाई की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। निर्माण एजेन्सी मेसर्स एस्कॉन इन्फ्राटेक प्रा.लि. पुलिस स्टेशन के पास परासिया जिला छिन्दवाड़ा (म.प्र.) है। विभिन्न कार्यों पर व्यय राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उक्त मार्ग में 27 पुल पुलियों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्धारित मापदण्ड निगम द्वारा पर्यवेक्षण सलाहकार मे. एल.एन. मालवीय इन्फ्रा प्रोजेक्ट, लिमिटेड भोपाल को नियुक्त किया गया, जिसमें श्री ओ.पी. शर्मा टीम लीडर के पद पर है जिनके पर्यवेक्षण में कार्य कराया जा रहा है। म.प्र. सड़क विकास निगम से इस कार्य पर श्री एम.एच. रिजवी संभागीय प्रबंधक एवं श्री एस.के. जैन सहायक महाप्रबंधक के पद पर है। (ग) जी नहीं। सड़क निर्माण प्राक्कलन अनुसार ही हो रहा है। जी हाँ। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सड़क निर्माण कार्य मापदण्डानुसार हो रहा है। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग निर्माण एवं मुआवजा की जानकारी
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 1110 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर इन्द्रा तिराहा से रेल्वे फाटक होते हुए जैतपुर मार्ग का निर्माण विभाग ने किस वित्तीय वर्ष से प्रारंभ किया है तथा विभाग ने अब तक कितने मीटर की सड़क निर्माण किया है? प्रारंभिक कालखण्ड से अब तक विभाग ने उक्त मार्ग का निर्माण एवं जीर्णोद्धार कितने बार किया है? (ख) क्या विभाग ने मार्ग निर्माण के पूर्व किसी प्रकार की भू-अर्जन की कार्यवाही पर मुआवजा राशि का भुगतान किया है? यदि हाँ, तो किस आराजी का कितनी-कितनी राशि का मुआवजा भुगतान दिया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नहर निर्माण की जानकारी
[जल संसाधन]
38. ( क्र. 1144 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सिहोरा विकासखण्ड के बरनू जलाशय एवं मड़ई जलाशय में जल स्तर पर्याप्त न होने के कारण इनसे निकली हुई नहर एरिया में आने वाली जमीन में पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा हैं? इन नहरों से बरगी परियोजना की दायीं तट नहर से जोड़े जाने की मांग का ज्ञापन माह अगस्त 2017 में दिया गया था? पत्र की प्रति उपलब्ध करायें? पत्र में उल्लेखित बिंदुओं पर की गई कार्यवाही की प्रति भी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बरगी परियोजना की दायीं तट परियोजना नहर से जलाशयों की नहरों को कनेक्ट कर जल प्रदाय का कार्य कब तक आरंभ कर दिया जावेगा? क्या यह सही है कि सिहोरा तहसील में औसत से बहुत कम वर्षा होने के कारण रबी की फसल हेतु यदि नहरों से पानी प्रदाय नहीं होता तो, किसानों के खेत में फसल नहीं हो पाएगी।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। इस वर्ष अपर्याप्त वर्षा होने से बरनू एवं मड़ई जलाशय में जल स्तर पर्याप्त नहीं होने के कारण इनसे निकली हुई नहर से सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जी हाँ। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पत्र में उल्लेखित बिन्दु नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण से संबंधित होने के कारण उन्हें उपलब्ध कराया गया है। (ख) बरगी व्यपवर्तन परियोजना के डी.पी.आर. में दायीं तट मुख्य नहर से उक्त जलाशयों को जोड़ने का कोई प्रावधान नहीं है। मुख्य अभियंता अपर नर्मदा जोन जबलपुर द्वारा अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मण्डल जबलपुर को लिखे गये पत्र दिनांक 23.10.2017 में लेख अनुसार बरनू जलाशय की बरखेड़ी माइनर को बरगी दायीं तट मुख्य नहर से तथा महगवा डिस्ट्रीब्यूटरी को कुण्ड वितरक नहर से पाइप लगाकर सायफन के माध्यम से सिंचाई हेतु आगामी एक वर्ष के लिये अनुमति प्रदान की गई है।
ओरछा में हवाई पट्टी की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 1165 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किन-किन स्थानों पर दिनांक 01/04/2016 के पश्चात् हवाई पट्टी बनाये जाने हेतु शासन द्वारा प्रस्ताव तैयार किये गये तथा इनमें से किन-किन परियोजना की तकनीकी स्वीकृति जारी हो गई है? (ख) क्या टीकमगढ़ जिले में स्थित पर्यटक स्थल ओरछा में एक हवाई पट्टी बनाये जाने की मांग लम्बे समय से की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन ओरछा के लिए भी एक हवाई पट्टी स्वीकृत करने पर विचार कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) हवाई पट्टी बनाये जाने हेतु विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। हवाई पट्टी की स्वीकृति की कार्यवाही लोक निर्माण विभाग के द्वारा नहीं अपितु विमानन विभाग के द्वारा की जाती है।
जामनी एवं बेतवा पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 1166 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ओरछा के जामनी व बेतवा के पुल निर्माण के अभाव में वर्षा काल में यहाँ आवागमन पूर्ण रूप से बंद रहता है? (ख) प्रश्नगत स्थान पर पुल निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है, यदि हाँ, तो क्या इस कार्य योजना को शासन तक स्वीकृति के लिए भेजा गया है तिथि सहित बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी हाँ, क्रमश: (जामनी नदी) दिनांक 05.07.17 एवं (बेतवा नदी) दिनांक 01.07.17।
विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अन्तर्गत अधूरे निर्मित सड़क का कार्य
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 1211 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर, जिला भिण्ड अंतर्गत पाँच वर्ष पूर्व ग्राम ऐंतहार सारूपुरा मार्ग व्हाया अम्लेहड़ा-पुर-बीसलपुरा-चौकी-टीकरी-जारी सारूपुरा तक का रोड का निर्माण प्रारंभ कराया गया था ठेकेदार द्वारा यह मार्ग का निर्माण ग्राम बीसमलपुरा पर राजस्व अधिकारियों द्वारा नाप कराये जाने के बावजूद भी पूर्ण न कर बीच में ही अधूरा छोड़ दिया है इसी प्रकार ग्राम चौकी के मध्य भाग में सी.सी. का कार्य नहीं किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्यों इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित रोड के अधूरे कार्य को पूर्ण कराने हेतु स्थानीय विधायक द्वारा लोक निर्माण विभाग को पत्र के माध्यम से अवगत कराये जाने के बावजूद भी निर्माण कार्य आज दिनांक तक पूर्ण नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक अधूरा कार्य पूर्ण करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
अधीक्षण यंत्री लो.नि. विभाग के पुन: सेवा में लिये जाना
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 1296 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग में पदस्थ अधीक्षण यंत्री श्री वी.के. भूगांवकर को दिनांक 03.08.2010 के तहत सेवा से बर्खास्त के आदेश किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन आरोप थे, उनकी प्रतियां दें? (ग) क्या श्री बी.के. भूगांवकर को लोक निर्माण विभाग द्वारा दिनांक 17.05.2017 को पुन: सेवा में लिया गया? (घ) यदि हाँ, तो किस आधार पर, शासन प्रावधानों के नियमों/आदेशों की प्रतियां दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) शासनादेश दिनांक 17/05/2017 में उल्लेखित नियमों/आदेशों के आधार पर। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
महिला अध्यक्ष को नियमों का पालन न करके बदले जाना
[सहकारिता]
43. ( क्र. 1302 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपायुक्त सहकारिता टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक वि.धि./2017/1440 दिनांक 05.08.2017 को मत्स्योद्योग सहकारी समिति सरकनपुर की अध्यक्ष महिला को पृथक किये जाने के आदेश किये थे? यदि हाँ, तो किस नियम का पालन किया गया? सम्पूर्ण दस्तावेजों एवं नियमावली की प्रतियां उपलब्ध कराये? (ख) क्या संचालक मण्डल की बैठक दिनांक 10.08.17 की कार्यवाही के प्रस्ताव एवं ठहराव क्र. 02 पर एवं क्र. 01 पर पूर्व अध्यक्ष को बदलकर महिला अध्यक्ष को सर्व सम्मति एवं बहुमत से चुना गया और विधिवत उपायुक्त कार्यालय को सूचना दी गई फिर भी उपायुक्त द्वारा उक्त समिति को सुपर सीट करके भंग कर दिया इस प्रकार समिति को भंग एवं सुपर सीट किन नियमों के तहत किया गया? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायेंगे, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन के नियमों के वितरीत कार्य करने वाले उपायुक्त के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे, यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें यदि नहीं, तो क्यों तथा संचालक मण्डल के प्रस्ताव ठहराव के अनुसार मत्स्योद्योग सहकारी समिति की महिला अध्यक्ष को पुन: अध्यक्ष पद कार्य करने हेतु आदेश जारी कब तक कर दिये जावेंगे? बताये यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। उपायुक्त सहकारिता, टीकमगढ़ द्वारा मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53बी (1) के अंतर्गत अध्यक्ष को पद से पृथक करने की कार्यवाही हेतु लेख किया गया था। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 की धारा 53बी (1) के अंतर्गत। प्रावधान संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। उपायुक्त सहकारिता, जिला टीकमगढ़ द्वारा मत्स्योद्योग सहकारी समिति सरकनपुर को, मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (1) (बी/ख) के तहत अधिष्ठित किया गया। (ग) जी हाँ। कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दिया गया है।
उपयंत्रियों व सहायक परियोजना यंत्रियों के परिवार के सदस्यों द्वारा विभागान्तर्गत ठेकेदारी
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 1357 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग गुना व लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. गुना में पदस्थ उपयंत्रियों व सहायक परियोजना यंत्रियों के परिवार के सदस्य जैसे- भाई, पत्नी के भाई, साढ़ू बगैरह उक्त विभाग के अन्तर्गत ठेकेदारी कर रहे हैं अथवा नहीं? यदि हाँ, तो उन उपयंत्री/सहायक यंत्री की जानकारी देवें? (ख) क्या लोक निर्माण विभाग गुना व लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. गुना में पदस्थ उपयंत्रियों व सहायक परियोजना यंत्री ऐसे भी हैं जिनके परिवार के सदस्य गुना जिले के अन्य शासकीय विभाग में ठेकेदारी कर रहे हैं? (ग) क्या ऐसे उपयंत्री व सहायक परियोजना यंत्री हैं जो लो.नि.वि. गुना में पदस्थ हैं व उनके परिवार के सदस्य, भाई गुना के शासकीय विभागों में ठेकेदारी कर रहे हैं तो उन पर क्या कार्यवाही की गई या क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (घ) क्या ऐसे उपयंत्री व सहायक परियोजना यंत्री हैं जिनके परिवार के सदस्य ठेकेदारी कर रहे हैं उनके ठेके निरस्त किये जावेंगे? या ऐसे उपयंत्री व सहायक परियोजना यंत्री को अन्य जिले में पदस्थ किया जावेगा क्या भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति को रोका जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) पी.आई.यू. गुना में पदस्थ समस्त परियोजना यंत्री एवं सहायक परियोजना यंत्री से प्राप्त शपथ पत्र के आधार पर पी.आई.यू. गुना में पदस्थ श्री एम.के. जैन, सहायक परियोजना यंत्री के बड़े भाई लोक निर्माण विभाग (भ/प) गुना में ठेकेदारी कार्य कर रहे है। (ग) जी नहीं। कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं। (घ) ठेके निरस्त करने का ठोस आधार नहीं, अतः ठेका निरसत करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पदस्थापना प्रशासनिक आधार पर की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घटिया निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 1358 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संभागीय परियोजना यंत्री, लो.नि.वि.पी.आई.यू. गुना द्वारा प्रश्नकर्ता के शिकायत पत्र के जबाब में पत्र क्रं. 1098/तक/2015-16 गुना दिनांक 01-12-2015 को पत्र दिया, जिसमें जाँच प्रतिवेदन संलग्न किया गया था। यदि हाँ, तो क्या उसमें घटिया निर्माण कार्य पाया गया? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में जो हाईस्कूल निर्माण कार्य चल रहे है जिनमें घटिया रेत का उपयोग किया जा रहा है, सरिया भी अधूरा डाला जा रहा है, घटिया निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं? कोई भी वरिष्ठ अधिकारी निरीक्षण करने नहीं आते हैं? किसी ठेकेदार के पास लेब नहीं हैं ऐसे घटिया निर्माण कार्यों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. गुना किसी भी सहायक परियोजना यंत्री या परियोजना यंत्री को हेड क्वाटर चांचौड़ा में पदस्थ नहीं किया गया है वह तीन-तीन माह तक निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने निर्माण स्थल पर नहीं जाते, जिसके कारण चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में घटिया निर्माण कार्य किये जा रहा हैं, इसके लिये कौन जवाबदार हैं? (घ) क्या चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में विगत दो वर्ष से घटिया निर्माण कार्य लो.नि.वि. पी.आई.यू. द्वारा कराये जा रहे हैं, उनके संभागीय परियोजना यंत्री, परियोजना यंत्री, सहायक परियोजना यंत्री व ठेकेदारों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, अपितु छोटे-मोटे सुधार कार्य आवश्यक पाये गये है। छोटे-मोटे कार्यों को सुधारा गया है। (ख) जी नहीं। घटिया रेत का उपयोग नहीं किया जा रहा है। डिजाइन के अनुसार सरिया डाला जा रहा है। कोई भी कार्य घटिया निर्माण का नहीं किया जा रहा है। समय-समय पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है। ठेकेदारों द्वारा लैब स्थापित की गई है। कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) शासन द्वारा जो पी.आई.यू. विभाग की संरचना की गई है। उसके अंतर्गत समस्त परियोजना यंत्री एवं सहायक परियोजना यंत्री का मुख्यालय जिले पर ही रखा गया है। सहायक परियोजना यंत्री एवं परियोजना यंत्री एवं एस.क्यू.सी. द्वारा नियमित रूप से कार्यों का पर्यवेक्षण किया जाता है। चांचौड़ा विधानसभा के अंतर्गत घटिया निर्माण कार्य नहीं किये जा रहे है। कोई जवाबदार नहीं है। (घ) जी नहीं। प्रश्न ही नहीं उत्पन्न होता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की गाईड लाईन के विरूद्ध वित्तीय अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
46. ( क्र. 1359 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के वर्ष 2016 खरीफ फसल में कितने किसानों के के.सी.सी. पर बीमा प्रीमियम काटा गया, बैंकवार सूची दें? क्या समस्त ऋणी किसानों से बीमा प्रीमियम लिया, यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यानुसार जिले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया,एच.डी.एफ.सी. बैंक एवं जिला सहकारी बैंक की शाखाओं द्वारा योजना के निर्देशों के विपरीत सभी ऋणी किसानों का बीमा प्रीमियम वर्ष 2016 खरीफ योजनान्तर्गत क्यों काटा, कुछ किसानों का बीमा नहीं काटा गया, इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्यों का विभाग द्वारा उन किसानों को बीमा दावा राशि वर्ष 2016 खरीफ का दिलाया जावेगा,जिन क्षेत्रों की फसल नष्ट हुई थी किन्तु प्रश्नांश (ख) में वर्णित बैंकों ने प्रीमियम नहीं काटा या कम काटा इसके लिये कौन उत्तरदायी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यानुसार ऐसे कितने ऋणी किसान जिले में है, जिनका प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2016 खरीफ सोयाबीन में प्रीमियम नहीं काटा, कम काटा है? क्या फसल बीमा योजना की गाईड लाईन अनुसार वित्तीय बैंक और बीमा कंपनी उत्तरदायी है? क्या विभाग उन छूटे किसानों को बीमा क्लेम बैंक और बीमा कम्पनी से दिलायेगा या नहीं? क्या संबंधितों पर कार्यवाही होगी या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ वर्ष 2016 के अन्तर्गत गुना जिले की बैंक शाखाओं वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्राप्त कृषक सूची/घोषणा पत्र अनुसार बीमित कृषकों की बैंक शाखावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिलें में बैंकों द्वारा ऋणी किसानों का नियमानुसार प्रीमियम काटा गया है, यदि किसी प्रकरण में प्रीमियम कम काटा गया है, तो इसके लिये संबंधित बैंक उत्तरदायी है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ वर्ष 2016 अन्तर्गत गुना जिले की बैक शाखाओं/संस्थाओं द्वारा प्राप्त कृषक सूची/घोषणा पत्रों अनुसार बीमित ऋणी कृषकों में पात्र कृषकों को भुगतान की गई दावा राशि की बैंक शाखावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी निरंक है। अत: जाँच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत प्रीमियम एवं बीमा क्लेम राशि में वित्तीय अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
47. ( क्र. 1360 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में फसल बीमा योजना के अनुसार क्या सम्पूर्ण ऋणी किसानों की खरीफ 2016 फसल का सम्पूर्ण ऋणी कृषकों का बीमा किये जाने की योजना थी या नहीं? यदि हाँ, तो क्या सभी बैंकों द्वारा सभी ऋणी कृषकों का फसल बीमा का प्रीमियम काटकर कंपनी को देने का प्रावधान किया है या नहीं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) में वर्णित तत्यानुसार गाईडलाईन में किसी बैंक द्वारा ऋणी किसानों का प्रीमियम नहीं काटा या कम काटा उस क्षेत्र में उनकी फसलें नष्ट हुई है तो देय दावा राशि भुगतान करने की जिम्मेदारी क्या बैंक और कंपनी की है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यूनियन बैंक ऑफ इडिया, एच.डी.एफ.सी. बैंक एवं जिला सहकारी बैंक द्वारा ऋणी किसानों का प्रीमियम कम क्यों काटा और 25 प्रतिशत किसानों की फसलें नष्ट होने से उन्हें बीमा क्लेम मिला है तो क्या विभाग वर्णित बैंकों के ऋणी किसान जिनका प्रीमियम कम काटा है या काटा ही नहीं है उन्हें भी बीमा दावा क्लेम की जाँच कराकर भुगतान करायेगा? ऐसे किसानों की संख्या पटवारी हल्का सहित बतावें? (घ) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित गाईडलाईन अनुसार ऋणी एवं ड्यू किसान जिन्हें शासन की नीति अनुसार वर्ष2016 की फसल बीमा दावा क्लेम राशि का भुगतान ब्याज सहित छूट गये किसानों का भुगतान, जाँच एवं कार्यवाही कब तक कराई जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रचालन मार्गदर्शिका अनसार ऐसे समस्त कृषक जिन्होंने किसी वित्तीय संस्था द्वारा फसल ऋण प्राप्त किया है, की फसलों का बीमांकन किया जाना अनिवार्य है। जिले की सभी बैंकों द्वारा ऋणी कृषको के फसल बीमा की प्रीमियम काटकर प्रावधान अनुसार कंपनी को भेजी गई है। (ख) योजना की प्रचालन मार्गदर्शिका के बिन्दु क्र. XXIV के उप बिन्दु IV के (ड.) की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खरीफ 2016 में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एच.डी.एफ.सी. बैंक एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा ऋणी किसानों का प्रीमियम काटा गया है एवं एच.डी.एफ.सी. इरगो कंपनी से प्राप्त बीमा क्लेम राशि का संबंधित कृषकों के खातों में उनकी फसलों के नुकसान का नियमानुसार भुगतान किया गया है। (घ) उत्तरांश (क) (ख) एवं (ग) के संदर्भ में जाँच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गाँधी सागर बांध में रामपुरा स्थित रिंगवॉल के समीप अतिक्रमण
[जल संसाधन]
48. ( क्र. 1482 ) श्री कैलाश चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी सागर बांध में रामपुरा स्थित रिंगवॉल के समीप जल संसाधन की कुल कितनी भूमि उपलब्ध हैं? उक्त भूमि का किस कार्य हेतु उपयोग किया जा रहा है? (ख) क्या उक्त भूमि पर कुछ व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण कर व्यवसाय प्रारंभ किए जा रहे हैं एवं व्यक्ति के खिलाफ न्यायालय में प्रकरण भी चल रहा है जिस पर ध्यान आकर्षित करते हुए प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 8 फरवरी, 2017 एवं दिनांक 5 अप्रैल 2017 को कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन संभाग नीमच एवं कलेक्टर जिला नीमच को अतिक्रमण पर कार्यवाही करने हेतु पत्र लिखे गए थे? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त रिंगवॉल पर एक पम्प हाउस बना हुआ है, पिछले तीन वर्षों में उक्त पंप हाउस का उपयोग जुलाई से सितम्बर माह में विगत 5 वर्षों में कितने दिन किया गया? प्रतिमाह कितने घण्टे पम्प चलाया गया, इसकी जानकारी भी दें? यदि पम्प विद्युत/डीजल से चलाया गया तो खर्च की जानकारी देवें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राजस्व अभिलेख अनुसार जल संसाधन विभाग की 3.75 हे. भूमि। उक्त भूमि का उपयोग वर्षाऋतु में रामपुरा नगर को बाढ़ से बचाने के लिए किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) प्रश्नाधीन भूमि पर श्री गंगाराम पिता कालू लुहार निवासी रामपुरा द्वारा अतिक्रमण कर आवास निर्माण किया गया है एवं व्यवसाय हेतु उपयोग किया जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में संबंधित के विरूद्ध न्यायिक प्रकरण अपर जिला न्यायाधीश मनासा के न्यायालय में प्रचलित है। जी हाँ। मान. सदस्य के पत्र अनुसार अतिक्रमण रोकने के स्थाई समाधान के लिये रिंगवॉल एवं झालावड़ रोड के मध्य स्थित भूमि पर बाउण्ड्रीवाल निर्माण कराने हेतु निविदा आमंत्रित किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सेवा सहकारी संस्थाओं का विभाजन कर नवीन संस्थाओं के गठन किये जाने की प्रक्रिया
[सहकारिता]
49. ( क्र. 1487 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसानों की सुविधा हेतु सेवा सहकारी संस्था का विभाजन कर नई संस्था बनाये जाने के क्या-क्या प्रावधान है उसके क्या नियम हैं? नियमावली एवं प्रावधान उपलब्ध कराये जावें? (ख) क्या खरगोन जिले में आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाओं के विभाजन हेतु नवीन प्रस्ताव तैयार किये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन संस्थाओं के विभाजन के प्रस्ताव तैयार किये गये हैं? संस्थावार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? क्या आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित महेश्वर को विभाजित कर पृथक से नवीन सेवा सहकारी संस्था ईटावदी एवं सेल्दा (बलवाडा) बनाये जाने संबंधित आवेदन प्राप्त हुये है? यदि हाँ,तो किस-किस तिथि में किन-किन दस्तावेजों के साथ प्राप्त हुये एवं उस पर क्या कार्यवाही हुई है? (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक प्रधान कार्यालय खरगोन द्वारा संपूर्ण दस्तावेजों के साथ कार्यवाही उपायुक्त, सहकारिता, विभाग खरगोन को कब प्रस्तुत किये गये एवं उस पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? उपायुक्त सहकारिता विभाग खरगोन द्वारा सेवा सहकारी संस्थाओं के विभाजन पर नवीन संस्था गठन किये जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) नवीन संस्थाओं के गठन हेतु प्रकरण शासन स्तर पर किस दिनांक को एवं किन-किन दस्तावेजों के साथ भेजा गया? प्रकरण वर्तमान में किस स्तर पर, किन कारणों से विचाराधीन है अथवा लंबित है? पूरी प्रक्रिया से दस्तावेजों सहित अवगत करावे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 की धारा 16 तथा मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी नियम, 1962 के नियम 11 में सहकारी संस्थाओं के पुनर्गठन के प्रावधान एवं प्रक्रिया दी गई है। कार्यालय आयुक्त सहकारिता द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पुनर्गठन के संबंध में मापदण्ड निर्धारित किये गये है, जिसके अनुसार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का न्यूनतम ऋण व्यवसाय रू. 3 करोड़ होना चाहिए, समितियों के गठन हेतु न्यूनतम 10 किलोमीटर की परिधि का कार्यक्षेत्र, 5000 हेक्टेयर कृषि रकवा तथा 1000 सदस्य संख्या होनी चाहिए। अधिनियम, नियम तथा परिपत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रस्ताव की संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। जी हाँ। आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्या., महेश्वर द्वारा पुनर्गठन कर नवीन संस्था ईटावदी बनाये जाने हेतु संस्था के अध्यक्ष के पत्र दिनांक 28.01.2016, पत्र दिनांक 17.08.2016, पत्र दिनांक 06.10.2016 एवं 06.12.2016 से संस्था की आम सभा के प्रस्ताव ठहराव तथा सदस्यों के ईटावदी पृथक संस्था की मांग हेतु हस्ताक्षर सहित आवेदन प्राप्त हुए है। उक्त आवेदन के आधार पर पुनर्गठन की अनुमति दिये जाने हेतु निर्धारित प्रारूप ’अ’, ’ब’ एवं ’स’ में जानकारी भेजने हेतु आयुक्त सहकारिता कार्यालय द्वारा दिनांक 05.09.2017 को पत्र जारी किया गया है। आयुक्त सहकारिता कार्यालय को प्रारूप ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' में जानकारी प्राप्त होने पर दिनांक 27.09.2017 को आदिम जाति सेवा सहकारी समिति महेश्वर को पुनर्गठित कर नवीन संस्था ईटावदी बनाये जाने की प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर उपायुक्त सहकारिता, जिला खरगोन को अधिनियम एवं नियमों के प्रावधानों के अंतर्गत प्रक्रिया अपनायी जाकर पुनर्गठन की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये। संस्था बलवाड़ी का पुनर्गठन कर नवीन संस्था सेल्दा बनाये जाने हेतु निर्धारित प्रारूप ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' की जानकारी उपायुक्त सहकारिता जिला खरगोन को दिनांक 14.11.2017 को प्राप्त हुई है। जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., खरगोन द्वारा दिनांक 11.09.2017 को 05 संस्थाओं के पुनर्गठन हेतु प्रस्ताव आयुक्त सहकारिता, भोपाल को भेजे गये। जिसके आधार पर आयुक्त सहकारिता कार्यालय द्वारा दिनांक 27.09.2017 को पुनर्गठन की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। उक्त स्वीकृति के आधार पर अधिनियम एवं नियमों के प्रावधानों के अंतर्गत संस्थाओं की विशेष साधारण सभा बुलाकर लेनदारी एवं देनदारी के विभाजन, सम्पत्ति एवं दायित्वों के विभाजन तथा हितबद्ध व्यक्तियों की अनापत्ति के संबंध में निर्णय लेने हेतु संस्थाओं को दिनांक 14.11.2017 से पत्र उपायुक्त सहकारिता, जिला खरगोन द्वारा जारी किया गया है। (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., खरगोन द्वारा दिनांक 11.09.2017 को 05 संस्थाओं के पुनर्गठन हेतु प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' में आयुक्त सहकारिता, भोपाल को भेजे गये। जिसके आधार पर आयुक्त सहकारिता कार्यालय द्वारा दिनांक 27.09.2017 को पुनर्गठन की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। प्रस्ताव लंबित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
50. ( क्र. 1498 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक सड़कों की मरम्मत एवं अन्य कार्यों हेतु कितनी राशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई गयी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपलब्ध कराई गयी राशि में से कितनी राशि कार्यों में व्यय की गयी कितनी शेष है? सूचीवार जानकारी दें। (ग) मरम्मत किये गये कार्यों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा किन-किन दिनांकों में किया गया अधिकारी का नाम पद सहित सूची उपलब्ध करावें? (घ) यदि निरीक्षण नहीं किया गया तो उसमें कौन दोषी है? उस पर क्या कार्यवाही की गयी नहीं तो कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड के अंतर्गत सड़कों की मरम्मत एवं अन्य कार्यों हेतु एक मुश्त राशि उपलब्ध कराई जाती है जिलेवार आवंटन प्राप्त नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम लिमि अंतर्गत मरम्मत कार्यों का निरीक्षण नियुक्त निरीक्षण एवं गुणवत्ता सलाहकार एवं समय समय पर संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नहरों का निर्माण
[जल संसाधन]
51. ( क्र. 1499 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चन्दला विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नहरें स्वीकृत हो गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी नहरों का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है? (ग) उक्त नहरों का निर्माण कब तक हो जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) चंदला विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कोई भी नहरें स्वीकृत नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
बैरसिया अंतर्गत सिंचाई हेतु जल संरचनायें विकसित करने हेतु
[जल संसाधन]
52. ( क्र. 1531 ) श्री विष्णु खत्री : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत गुनगा तालाब, मनीखेड़ी तालाब-1, कलारा तालाब, गांगापीपल्या तालाब पर सिंचाई हेतु संरचनायें विकसित कर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने के संबंध में माननीय मंत्री जी को संबोधित पत्र क्रमांक 376 दिनांक 12.09.2017 के माध्यम से अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित संरचनायें विकसित करने हेतु विभाग कब तक कार्ययोजना तैयार कर लेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजनाएं वित्तीय मापदण्ड पर असाध्य पाई गई हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
कांदई नदी की पुलिया की ऊंचाई बढ़ाये जाना
[लोक निर्माण]
53. ( क्र. 1545 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र लटेरी के ग्राम सद्गुरूनगर सेवा संध ट्रस्ट ग्राम सद्गुरूनगर के पास कांदई नदी पर पुलियाँ की ऊंचाई बढ़ाये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 22.03.2017 को पत्र जारी किये थे? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही, कब-कब की गई, पूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त कांदई नदी पर पुलिया की ऊंचाई बढ़ाये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं,? तो क्यों नहीं कब तक स्वीकृति जारी होने की संभावना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। नवीन स्लेब कलवर्ट हेतु प्राक्कलन एस.ओ.आर. में परिवर्तन होने के कारण मूलत: लौटाया गया, नवीन एस.ओ.आर. से प्राक्कलन संभागीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) के अनुसार कार्यवाही की गई। शेष प्रश्न के संबंध में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
54. ( क्र. 1570 ) श्री लखन पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में दमोह जिले में कौन-कौन सी किसान हितैषी योजनाएं लागू होकर संचालित की गई हैं? (ख) क्या दमोह जिले में विभाग द्वारा प्याज भंडार गृह योजना संचालित है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से 2017 तक वर्षवार कितना प्याज भण्डार गृह शासन द्वारा स्वीकृत किये गये, कितने पात्र किसानों को इसका लाभ दिया गया? (ग) वर्ष 2017-18 में दमोह जिले में कितने प्याज भंडार गृह शासन ने स्वीकृत किए हैं कितने किसानों को लाभ दिया गया है तथा कितने शेष है? (घ) वर्ष 2014 से 2017 तक जो किसान पंजीयन करा रहा है, उसे उक्त योजना में अपात्र क्यों माना गया है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में जिले में मुख्य रूप से राज्य पोषित योजनायें, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राज्य उद्यानिकी मिशन योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना। खाद्य प्रसंस्करण एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना किसानों के हित में संचालित की गई है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विवरण निम्नानुसार अनुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
स्वीकृत प्याज भण्डार गृह संख्या |
पात्र कृषक |
लाभान्वित कृषक |
अपूर्ण प्याज भण्डार गृह |
1 |
2014-15 |
10 |
10 |
2 |
8 |
2 |
2015-16 |
10 |
10 |
6 |
4 |
3 |
2016-17 |
20 |
20 |
17 |
3 |
योग |
40 |
40 |
25 |
15 |
प्रश्नाधीन अवधि में 15 कृषकों द्वारा प्याज भण्डार गृह का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण अनुदान का भुगतान नहीं किया गया। (ग) उक्त अवधि में जिले में 10 प्याज भण्डार गृह स्वीकृत किये गये हैं, उसमें से 3 कृषकों को अनुदान का लाभ दिया गया है। 7 प्याज भण्डार गृह निर्माणाधीन होने से कृषकों को अनुदान नहीं दिया गया है। (घ) जी नहीं। प्रश्नाधीन अवधि में प्याज भण्डार गृह हेतु पंजीयन कराने वाले किसी भी कृषक को अपात्र नहीं माना गया है। वे नवीन वर्ष हेतु पुन: आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
केले की फसल के नुकसान की भरवाई
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
55. ( क्र. 1571 ) श्री लखन पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा दमोह जिले में वर्ष 2015-16, 2016-17 में कितने किसानों को केले की फसल लगाने हेतु चयनित किया गया था नाम व ग्राम सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) केले के पौधे उपलब्ध कराने के लिए किसे एजेंसी बनाया गया था एवं संपूर्ण योजना में इस एजेंसी को कितना भुगतान किया गया? (ग) क्या फसल के उत्पादन के कोई आंकड़ें एकत्रित किये गये? इस फसल से कितने किसानों को लाभ हुआ? ऐसे आंकड़ें विभाग द्वारा एकत्रित किये गये या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या जिन किसानों पर प्रयोग किया गया उनकी दो वर्षों की फसल व लागत की जो नुकसानी हुई, इसके लिये विभाग द्वारा किसानों के हित में देने का कोई प्रावधान किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों? किसानों की हुई नुकसानी की भरपाई कौन करेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत किसानों का चयन नहीं किया जाता है, अपितु कृषकों द्वारा ऑनलाईन पंजीयन एवं आवेदन प्रस्तुत करने पर ''प्रथम आओ प्रथम पाओ'' के आधार पर लाभान्वित किया जाता है। जिले में केले की फसल हेतु सिर्फ वर्ष 2015-16 में 33 कृषकों को लाभान्वित किया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। फसलवार कृषकों को होने वाले उत्पादन एवं कृषकवार लाभ के आंकड़ें विभाग द्वारा एकत्रित नहीं किये जाते हैं। कृषकों के यहाँ केला फसल लगाने का प्रयोग नहीं किया गया। कृषकों द्वारा विभाग में संचालित फसल क्षेत्र विस्तार योजना में केला फसल का स्वयं चयन कर ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन एवं आवेदन किया गया था योजना के प्रावधान अनुसार कृषकों को लाभ दिया गया है। विभाग में फसल नुकसान की भरपाई का प्रावधान नहीं है। मौसम आधारित फसल बीमा योजना प्रचलित है किन्तु जिले में इस योजना में केले की फसल बीमा हेतु चिन्हित नहीं होने के कारण जिन कृषकों का नुकसान हुआ उनकी भरपाई नहीं की जा सकी।
सड़क निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 1575 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा रामस्थान आदिवासी बस्ती से बारी बगीचा तक सड़क निर्माण कराया गया है? इसकी प्रशासकीय स्वीकृति राशि कितनी है तथा कितना व्यय हुआ है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) बनाई गई सड़क खराब गुणवत्ता की बनाई गई है? इस सड़क की प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार सड़क की गुणवत्ता की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक से कब तक करा दी जायेगी? (ग) जाँच उपरांत घटिया सड़क निर्माण के दोषी ठेकेदार तथा इंजीनियर पर कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। रूपये 147.48 लाख। व्यय राशि रूपये 104.22 लाख। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बायपास मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
57. ( क्र. 1578 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में पन्ना, रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग में बन रहे बायपास मार्ग की लागत क्या है? यह बायपास मार्ग कब स्वीकृत हुआ था? अब तक कितना कार्य हुआ है? उक्त कार्य में कितना भुगतान किया गया है? अभी कितना काम शेष है? (ख) क्या कटनी एवं रीवा में कई वर्ष पूर्व बायपास मार्ग का निर्माण हो चुका है? क्या सतना जिले में लोक निर्माण विभाग की लेटलतीफी के कारण अब तक बायपास मार्ग नहीं बन पाया है? (ग) इस बायपास मार्ग में कब-कब, कितने-कितने कार्य का ठेका कितनी-कितनी राशि का किस-किस ठेकेदार को दिया गया है? उनमें अब तक कार्यवार कितना भुगतान किया गया है? टमस नदी के पुल का ठेका किस ठेकेदार को दिया गया कितना भुगतान किया गया? पुल क्यों नहीं बन पाया? (घ) बायपास मार्ग के न बन पाने के लिए विलंब के लिए कौन-कौन अधिकारी/ठेकेदार दोषी हैं? शासन इन लापरवाह अधिकारियों/ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन बायपास निर्माणाधीन सतना-बेला चार लेन परियोजना का भाग है। अतः पृथक से लागत बताया जाना संभव नहीं है। भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा स्वीकृति दिनांक 17.01.2012 को प्रदाय की गई। लगभग 10 प्रतिशत। उक्त मार्ग डी.बी.एफ.ओ.टी. योजनान्तर्गत निजी पूंजी निवेशकर्ता द्वारा स्वयं के व्यय पर किया जा रहा था, अतएव निवेशकर्ता को कोई भी भुगतान नहीं किया गया है। लगभग 90 प्रतिशत कार्य शेष है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। निवेशकर्ता द्वारा कार्य की अपेक्षित प्रगति न दे पाने के कारण। (ग) प्रश्नाधीन बायपास एवं टमस नदी पर पुल सहित सतना-बेला चार लेन निर्माण का ठेका बी.ओ.टी. पद्धति पर मेसर्स टॉपवर्थ टोलवेज (बेला) प्रा. लि., मुम्बई को दिया गया। अनुबंधानुसार निवेशक को कोई भुगतान नहीं किया जाना है। टमस नदी के पुल का कार्य सतना-बेला 4 लेन परियोजना के अंतर्गत है। बी.ओ.टी. पद्धति में शासन स्तर द्वारा निवेशक को कोई भुगतान नहीं किया जाता है। पुल का निर्माण निवेशक द्वारा कार्य पूर्ण किये जाने में असफल रहने के फलस्वरूप पूर्ण नहीं हुआ है। (घ) बायपास मार्ग के न बन पाने/विलम्ब के लिये कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। अतएव अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। विलम्ब के लिए दोषी निवेशकर्ता का अनुबंध निरस्त किया जा चुका है।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
58. ( क्र. 1585 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली तहसील अन्तर्गत ग्राम मांगरौल में किसान क्रेडिट धारक किसान एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत सन् 2016-17 में रबी एवं खरीफ की की फसलों का बीमा किया गया था यदि हाँ, तो किस कंपनी द्वारा कितने किसानों का बीमा किया गया था कंपनी का नाम बतावें उक्त कंपनी द्वारा कितनी राशि का प्रीमियम किसानों से वसूला गया किसान का नाम, प्रीमियम की राशि सहित जानकारी बतावें? (ख) क्या प्रभावित किसानों को बीमा के ऐवज में क्षतिग्रस्त फसलों की क्षतिपूर्ति का पूर्ण भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसका जिम्मेदार कौन है? जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) क्या क्षतिग्रस्त फसलों की क्षतिपूर्ति नहीं करने पर बीमा कंपनी द्वारा बीमा की राशि वापिस कर दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो बीमा कंपनी द्वारा क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान के कारण कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? लापरवाह बीमा कंपनी, कर्मचारी/अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील के पटवारी हल्का नंबर 32 ग्राम मांगरौल के कृषकों का खरीफ 2016 रबी 2016-17 मौसम का फसल बीमा किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ 2016 में राज्य शासन द्वारा प्रदाय उपज के आंकड़ों के आधार पर मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील के पटवारी हल्का नंबर 32 ग्राम मांगरौल में बाजरा व तुअर फसल की उपज में कमी नहीं पाई गई है। अत: क्षतिपूर्ति राशि देय नहीं है। रबी 2016-17 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अनुसार व्यक्तिगत आपदा अथवा व्यापक आपदाओं में प्राकृतिक आपदाओं से यदि किसी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल का नुकसान पाया जाता है तो बीमित कृषक क्षतिपूर्ति हेतु पात्र होते हैं। क्षति न पाये जाने की दशा में कृषकों को प्रीमियम वापिस करने का कोई प्रावधान नहीं है। यदि सबलगढ़ तहसील के पटवारी हल्का नंबर 32 ग्राम मांगरौल में किसी अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई जायेगी तो क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान पात्र कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से किया जायेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों के स्वतत्वों का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
59. ( क्र. 1586 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी समिति जौरा में सत्र 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी आय हुई है एवं कितना व्यय हुआ? मदवार जानकारी बतावें। ऐसे कितने सेवानिवृत्त कर्मचारी है जिनका भुगतान पूर्ण कर दिया है एवं ऐसे कितने सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं जिनका पूर्ण भुगतान प्रश्न दिनांक तक नहीं किया है? कारण बतावें। (ख) क्या वर्तमान मण्डी सचिव के पदस्थापना के बाद से मण्डी आय में काफी गिरावट हुई है? उनके द्वारा काफी मण्डी टैक्स की चोरी कर लगातार मण्डी की आय में गिरावट की जा रही है? उक्त मण्डी में आय में गिरावट की जाँच किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराकर लापरवाह मण्डी सचिव को कब तक हटा दिया जायेगा? (ग) क्या शासन के नियमानुसार सेवानिवृत्त कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान सेवारत कर्मचारियों से पहले किया जाना चाहिये? यदि हाँ, तो शासन के नियमों का पालन न करने वाले मण्डी सचिव को कब तक पद से हटा दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) आय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '01' अनुसार है। व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '02' अनुसार है। वर्ष 15-16, 16-17 एवं 17-18 में सेवानिवृत्त किसी भी कर्मचारी के पूर्ण स्वत्वों का भुगतान मंडी की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण नहीं किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '03' अनुसार है। (ख) जी हाँ, वर्ष 16-17 में मंडी समिति की आय में कमी का मुख्य कारण समर्थन मूल्य पर गेहूँ शासकीय खरीदी विलंब से प्रारंभ होने एवं बाजार भाव समर्थन मूल्य के समतुल्य अथवा अधिक होने के कारण समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी में कमी आई तथा नजदीकी जिले की मंडी में भाव अधिक होने से किसान गेहूँ को जिले की मंडी में विक्रय हेतु ले गया। उक्त कारणों से वर्ष 16-17 में समर्थन मूल्य से प्राप्त होने वाली मंडी शुल्क की राशि 70,09,502/- कम प्राप्त हुई। (ग) जी हाँ। सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के पेंशन एवं अन्य सेवा दायित्वों का आंशिक भुगतान किया गया है मंडी की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण भुगतान नहीं हो सका है। वर्ष 17-18 में मंडी की आय में वृद्धि परिलक्षित हुई है। जिससे भुगतान कर दिया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग का दोहरीकरण
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 1595 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुख्यालय शाजापुर व्हाया सलगाँव-बिजाना से चौमा मार्ग की कुल लम्बाई 29.1 कि.मी. का दोहरीकरण हेतु प्रस्ताव विभाग स्तर पर लंबित है? (ख) क्या उक्त मार्ग के दोहरीकरण से जिला शाजापुर व्हाया जिला आगर मालवा-जिला झालाबाड़ (राजस्थान) से जिला कोटा (राजस्थान) की दूरी कम होगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त मार्ग का दोहरीकरण का उन्नयन हेतु सर्वे के निर्देश दिये जाने उचित है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक होंगे? यदि नहीं, तो क्या कारण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) विस्तृत प्राक्कलन राशि रू. 2950.08 लाख का प्रस्ताव मण्डल कार्यालय उज्जैन में परीक्षणाधीन है।
जिला मुख्यालय शाजापुर में कृषि महाविद्यालय की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
61. ( क्र. 1596 ) श्री अरूण भीमावद : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शाजापुर में उन्नत किस्मों की फसलें एवं फलों की खेती में प्रदेश-देश के अग्रणी जिलों में आता है? (ख) क्या जिला शाजापुर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली की पंचम अधिष्ठाता समिति की सिफारिशों के तहत मापदण्डों को पूर्ण करता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत जिला मुख्यालय शाजापुर में 400 एकड़ कृषि भूमि शासन के पास उपलब्ध है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अंतर्गत जिला मुख्यालय पर युवा कृषि वैज्ञानिकों को बनाने हेतु कृषि महाविद्यालय शाजापुर में स्थापना होगी या नहीं? नहीं तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। शाजापुर जिले में संतरा तथा औषधीय फसलों का अच्छा उत्पादन होता है। (ख) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली की पंचम अधिष्ठाता समिति की सिफारिशों के तहत कृषि महाविद्यालय खोलने हेतु मापदण्ड निर्धारित किये गये है। जिसके अनुसार नवीन कृषि महाविद्यालय खोले जा सकते है। (ग) मुख्यालय शाजापुर में 400 एकड़ कृषि भूमि शासन के पास उपलब्ध नहीं हैं। (घ) कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर से प्रस्ताव प्राप्त होने पर विचार किया जा सकता है।
फेयर वेदर सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 1618 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र की फेयर वेदर सड़कों 1. कटंगी से लामी 2. धुसौर-दिघोरा-किसरोद 3. नटवारो से बम्हनौदा 4. खपरा के कनवास एवं 5. भीटा से सिमरिया की निविदाएं कब कितनी-कितनी राशि से स्वीकृत की गयी? उक्त सड़कों का ठेका किन-किन ठेकेदारों को स्वीकृत हुआ? निर्माण की अवधि एवं रख-रखाव की शर्तें क्या हैं? अब तक उक्त सड़कों का कितना निर्माण हुआ? कितना शेष है? सड़कवार जानकारी आयटमवार, मदवार राशि सहित दें। सड़कों का निर्माण कब पूर्ण होगा? (ख) फेयर वेदर सड़कों को डामरीकृत करने की शासन की क्या नीति है? क्या फेयर वेदर सड़कों को आवश्यकतानुसार डामरीकृत किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग के बुक पर रख-रखाव हेतु अंकित मार्गों पर डामरीकरण विभाग द्वारा किया जाता है।
निलंबित लायसेंस बहाली में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
63. ( क्र. 1649 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संभागीय संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, अपील अधिकारी को जिले के पौधा संरक्षण औषधि, बीज, उर्वरक के निलंबित लायसेंस आदेश बहाल (अपास्त) करने के अधिकार है? (ख) यदि हाँ, है तो इंदौर/उज्जैन संभाग में अपीलीय अधिकारी, संयुक्त संचालक द्वारा अधीनस्थ जिले के वर्ष 2014-15 से 2017-18 में कितने लायसेंस पौध संरक्षण औषधि/बीज/उर्वरक के निलंबित लायसेंस आदेश बहाल (अपास्त) किये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार लायसेंस निलंबित आदेश को अपास्त करने हेतु आधार क्या रहा है? उसमें विभागीय नमूना लेने की त्रुटि या उप संचालक, लायसेंस अथारटी की गलती या जिला- निरीक्षक या विकासखंड स्तर पर निरीक्षक द्वारा नमूना लेने में त्रुटि या संबंधित विक्रेता द्वारा नमूने के पश्चात् पौध सरंक्षण औषधि/बीज/उर्वरक सेम्पल रिपोर्ट अनुसार अमानक होने से विक्रय नहीं किया है, को आधार बनाया गया है या विक्रय हो चुकी सामग्री पर किसानों को हर्जाना देने की कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि पौध संरक्षण औषधि/बीज/उर्वरक लायसेंस बहाल हुये हैं तो दोषियों पर संभाग स्तर से क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? क्या विभाग दोषियों के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अधिनियम नियम एवं नियंत्रण आदेश में निहित प्रावधानों का उल्लघन पाये जाने पर अनुज्ञापन अधिकारी द्वारा पारित विनिश्चय के विरूद्ध प्रस्तुत अपील में उल्लेखित विवरण परीक्षण में पाया गया कि लायसेंस धारक द्वारा कमियों को पूर्ण किया एवं भविष्य में नियमों का पालन करते हुये व्यापार संचालन आश्वासत किया, जो समाधान कारक पाया गया। अपीलीय अधिकारी को प्रदत्त अधिकारों के तहत नियमानुसार लायसेंस निलंबन/निरस्त आदेश अपास्त किये गये। अधिनियम नियम एवं नियंत्रण आदेश अंतर्गत अमानक आदान के संदर्भ में संबंधित को क्षतिपूर्ति का प्रावधान नहीं है। अपितु उपयोगकर्ता उपभोक्ता फोरम में जाने हेतु स्वतंत्र है। (घ) उत्तरांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं होता है।
वित्तीय नुकसान की वसूली
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
64. ( क्र. 1650 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के उज्जैन जिला उप संचालक कार्यालय को कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय द्वारा वर्ष 2017-18 में हस्त चलित कृषि यंत्रों के लक्ष्य दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कितने-कितने लक्ष्य दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो लक्ष्य दिये गये, उन पर वर्ष 2017-18 के कृषि अभियांत्रिकी द्वारा जो दर अनुमोदित की क्या उस अनुसार कृषक अंश एवं अनुदान से भुगतान हुआ है? यदि नहीं, तो क्या वर्ष 2016-17 की अनुमोदित दर अनुसार कृषक अंश व अनुदान का भुगतान हुआ है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो वर्ष 2017-18 की दर अनुमोदित क्यों नहीं की गई? यदि दर अनुमादित की गई है तो वर्ष 2016-17 की अपेक्षा कम होने से क्या कृषक अंश एवं अनुदान का भुगतान पर किसानों एवं शासन को हुए वित्तीय नुकसान का जिम्मेदार कौन होगा? क्या उक्त वित्तीय हानि की वसूली संबंधित अधिकारियों से की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) उज्जैन जिले को वर्ष 2017-18 में दिये गये हस्तचलित कृषि यंत्रों के लक्ष्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) यंत्रों की दरों का अनुमोदन कृषि अभियांत्रिकी, संचालनालय द्वारा नहीं किया जाता है। हस्तचलित कृषि यंत्रों की दरों का निर्धारण एम.पी.एग्रो. एवं मार्कफेड द्वारा उनको आवंटित यंत्र श्रेणी अनुसार किया जाता है। दरों का निर्धारण वर्ष में आवश्यकतानुसार नियमों का पालन करते हुए इन संस्थाओं द्वारा किया जाता है। संस्थाओं द्वारा वर्ष 2016-17 तथा 2017-18 में अनुमोदित दरों तथा लागू दिनांक का जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्ष 2017-18 में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शायी दरों पर उनकी लागू दिनांक अनुसार ही कृषक अंश प्राप्त करने एवं अनुदान भुगतान की कार्यवाही की गई है। (ग) वर्ष 2017-18 में अनुमोदित दरों का जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शाया गया है। इस वर्ष जी.एस.टी. लागू होने के कारण यंत्रो की दरों में कमी/वृद्धि हुई है। कुछ यंत्रों की दरों में कमी तथा कुछ यंत्रों की दरों में बढ़ोत्तरी भी हुई है। नई दरे लागू होने पर दर कम होती है, तो कम दर पर कृषक अंश एवं अनुदान का भुगतान किया जाता है। यदि दर में बढ़ोत्तरी होती है तो बढ़ी दर पर कृषक अंश एवं अनुदान का भुगतान किया जाता है। दरों में परिवर्तन होना एक समान प्रक्रिया है। इसमें किसानों एवं शासन को वित्तीय नुकसान नहीं है अत: हानि की वसूली का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ड्रिप स्प्रिंकलर एवं पी.वी.सी. पाईप
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
65. ( क्र. 1707 ) श्री उमंग सिंघार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में किसानों को ड्रिप स्प्रिंकलर एवं पी.वी.सी. पाईप प्राप्त करने हेतु कौन-कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होती है एवं निर्धारित प्रक्रिया क्या है? (ख) धार जिले में वर्ष 2016-17 में दिसंबर से मार्च तिमाही में विभिन्न योजनाओं में कितने किसानों द्वारा ड्रिप स्प्रिंकलर एवं पी.वी.सी. पाईप लाइन प्राप्त किये गये हैं। अप्रैल 2017 से सितंबर 2017 तक कितने ड्रिप स्प्रिंकलर एवं पी.वी.सी. पाईप लाईन किसानों को प्रदान किये गये। (ग) किसानों के प्रकरण नहीं होने की स्थिति में विभिन्न मदों में वर्ष 2017 में राशि उपयोग न होने पर क्या उपसंचालक कृषि को शेष राशि को अगले वित्तीय वर्ष हेतु एम.पी. एग्रो को अग्रिम अनुदान के रूप में भुगतान करने का अधिकार है? यदि नहीं, तो उक्त राशि का भुगतान किस आधार पर किया गया? (घ) अप्रैल 2017 से डी.बी.टी. लागू होने के बाद क्या उक्त राशि का ऑफलाईन उपयोग नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्या डी.बी.टी. योजना को मूलरूप से परिवर्तित कर राशि का दुरूपयोग नहीं किया गया? स्पष्ट करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश में किसानों को ड्रिप स्प्रिंकलर एवं पी.वी.सी. पाईप प्राप्त करने के लिए ऑनलाईन व्यवस्था के तहत भूमि से संबंधित ऋण पुस्तिका अथवा बी-1, खसरा नकल, जाति प्रमाण पत्र (केवल अ.जा., अ.ज.जा. वर्ग के लिए),बैंक पास बुक के प्रथम पृष्ठ की छायाप्रति, आधार कार्ड की छायाप्रति एवं हितग्राही के फोटो की आवश्यकता होती है। निर्धारित प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। अप्रैल 2017 से सितम्बर, 2017 तक ड्रिप स्प्रिंकलर एवं पी.वी.सी. पाईप लाईन किसानों को प्रदान नहीं किये गये। (ग) जी नहीं वर्ष 2017-18 में एम.पी.एग्रो को कोई भुगतान नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं, शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
समर्थन मूल्य पर मूंग का विक्रय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
66. ( क्र. 1749 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर हरदा को प्रश्नकर्ता द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों की कृषि उपज मूंग विक्रय की राशि किसानों को नहीं मिलने के संबंध में अवगत कराया जाकर शीघ्र भुगतान कराये जाने हेतु लिखे गये पत्र क्रमांक 856, दिनांक 11.08.2017 जिनकी प्रतिलिपि अपर संचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, आंचलिक कार्यालय भोपाल को भी प्रेषित की गई थी, पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) लंबा समय व्यतीत होने के बाद भी हरदा जिले के बहुत से किसानों को समर्थन मूल्य पर विक्रय की गई कृषि उपज मूंग की राशि नहीं मिलने का क्या कारण है? (ग) समर्थन मूल्य पर विक्रय की गई मूंग फसल का प्रश्न दिनांक तक हरदा जिले के कितने किसानों को कुल कितनी राशि का भुगतान पूर्ण रूप से नहीं हो पाया है? (घ) कब तक पूर्ण रूप से सभी किसानों को भुगतान कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2017 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित मूंग हरदा जिले में 357664.15 क्विं. मात्रा, 15195 किसानों से राशि 1868795183.75 रूपये का उपार्जन किया गया। जिसका संपूर्ण भुगतान समितियों के माध्यम से कर दिया गया है। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित मूंग का पूर्ण भुगतान हरदा जिले में समितियों के माध्यम से कृषकों को कर दिया गया है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार भुगतान होना शेष नहीं है। (घ) किसानों को पूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है।
विधान सभा सदस्यों को उनके क्षेत्र में आवास आवंटन
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 1750 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश द्वारा यह घोषणा की गई थी कि म.प्र. विधान सभा के सभी सदस्यों को उनके विधान सभा क्षेत्र में आवास उपलब्ध कराया जावेगा? (ख) यदि हाँ, तो उक्त घोषणा के पालन में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है व वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) कब तक विधान सभा सदस्यों को उनके विधान सभा क्षेत्र में आवास उपलब्ध करा दिया जावेगा? (घ) क्या उक्त योजनांतर्गत पूर्व से निर्मित शासकीय आवास उपलब्ध कराये जावेंगे अथवा नये आवासों का निर्माण किया जावेगा? यदि नये आवासों का निर्माण किये जावेगा तो उक्त योजना में कुल कितनी राशि व्यय होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग में ऐसी कोई घोषणा प्रचलन में नहीं है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
किसानों को बीमा मुआवजा व फसल क्षति का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
68. ( क्र. 1777 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पिछले 2 वर्षों में प्रत्येक जिले में किसानों को बीमा मुआवजा व फसल क्षति के रूप में कितने किसानों को कितनी राशि का वितरण किया गया? संख्यात्मक जानकारी देवें विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अन्तर्गत आने वाली तहसीलों का विवरण देवें? (ख) पिछले 2 वर्षों में जिला नरसिंहपुर में कौन-कौन सी तहसील को कब-कब सूखाग्रस्त घोषित किया गया तथा प्रत्येक सूखाग्रस्त घोषित तहसील को कितनी-कितनी धनराशि मुआवजे के रूप में व बीमा राशि या कोई भी सहायता किसानों को दी गई, तहसीलवार विवरण देवें। (ग) इस वर्ष नरसिंहपुर में सूखा रहा है तो क्या सूखाग्रस्त तहसीलों की पहचान कर ली गई हैं? यदि हाँ, तो विवरण देवें? क्या सूखे से प्रभावित क्षेत्रों को बीमा या अन्य सहायता उपलब्ध कराई जावेगी? यदि हाँ, तो किस किस क्षेत्र को व कब तक अवगत करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रदेश में पिछले 2 वर्षों में जिलेवार किसानों को बीमा मुआवजा व फसल क्षति के रूप में राशि के वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। रबी वर्ष 2016-17 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत आने वाली तहसीलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 में नरसिंहपुर जिले की तहसील तेंदूखेड़ा एवं करेली को सूखाग्रस्त घोषित किया गया। खरीफ 2015 मौसम अंतर्गत समितियों के माध्यम से कृषकों को वितरित अल्पकालीन कृषि ऋण राशि रू. 2187.66 लाख का मध्यकालीन ऋण में परिवर्तन, वितरित मुआवजा राशि एवं वितरित बीमा दावा राशि लाभ का तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) इस वर्ष नरसिंहपुर जिले को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया है।
ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों की जाँच
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 1778 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में लोक निर्माण विभाग एवं पी.आई.यू. द्वारा 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने एवं कौन-कोन से ठेकेदारों/कम्पनियों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों में से कितने ठेकेदारों/कम्पनियों को बहाल किया गया एवं उन्हें पुनः कार्य आवंटित किये गये? ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार/कम्पनियों को बहाल किये जाने हेतु किन अधिकारयों द्वारा कब कब, कौन-कौन से बिन्दुओं पर जाँच की गई? (ग) ऐसे कितने ठेकेदार/कम्पनियां हैं जिन्हें एक से अधिक बार ब्लैक लिस्टेड किया गया एवं बहाल कर पुनः कार्य आवंटित किये गये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एम.पी. ऑनलाईन में जिलेवार ठेकदारों/कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड किये गये लोगों की सूची संधारित नहीं की जाती है। ऑनलाईन में अभी तक कुल ब्लैक लिस्टेड किये गये ठेकेदारों की वर्तमान में संख्या 144 है (सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है) जिसे उन्हें website-pwd.mponline.gov.in पर ठेकेदारों की आई.डी. डालकर भी देखा जा सकता है। पी.आई.यू. लो.नि.वि. के अंतर्गत ब्लैक लिस्ट किये गये ठेकेदारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) काली सूची से बहाल किये गये ठेकेदारों/कंपनियों की जिलेवार सूची एम.पी. ऑनलाईन में संधारित नहीं की जाती है। काली सूची में ठेकेदारों/कंपनियों से संबंधित जानकारी ऑनलाईन देखी जा सकती है। काली सूची में डाले गये ठेकेदारों/कंपनियों को बहाल किये जाने की कार्यवाही नियमानुसार शासन के निर्माण विभागों के प्रमुख अभियंताओं के द्वारा की जाती है, जिसे विभाग की वेबसाईट pwd.mponline.gov.in पर देखा जा सकता है। काली सूची से बहाल होने के पश्चात ठेकेदार/कंपनी किसी भी शासकीय विभाग में कार्य कर सकते है। (ग) एक से अधिक बार काली सूची में डाले गये ठेकेदार/कंपनियां की जानकारी एवं बहाली के पश्चात उन्हें पुन: कार्य आवंटन की जानकारी एम.पी. ऑनलाईन द्वारा संधारित नहीं की जाती है। काली सूची से बहाल होने के पश्चात ठेकेदार/कंपनी किसी भी शासकीय विभाग में कार्य करने के लिये नियमानुसार पात्र हो जाते है।
अपूर्ण कल्मोडा सिंचाई तालाब योजना को पूर्ण किये जाने
[जल संसाधन]
70. ( क्र. 1808 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स.क्षे. पेटलावद के ग्राम कल्मोड़ा में लघु सिंचाई योजना के अंतर्गत सिंचाई तालाब निर्माण वर्ष 1997 में स्वीकृत किया जाकर वर्ष 2000 में वन भूमि प्रस्तावित होने का संज्ञान होने पर बांध का कार्य बंद कर दिया गया हैं? विभाग द्वारा वर्ष 2000 से अभी तक कल्मोड़ा तालाब को पूर्ण किये जाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या कल्मोड़ा सिंचाई योजना में वन विभाग को डूब में आने वाली भूमि के बदले राजस्व भूमि अंतरित की जाना है? इस कार्य में विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। सिंचाई तालाब निर्माण में शासन की इतनी अधिक धनराशि खर्च होने के उपरांत कार्य पूर्ण नहीं होने से क्षेत्र के आदिवासी किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा हैं? (ग) क्या कल्मोड़ा सिंचाई योजना में नहर निर्माण कार्य कई वर्षों से पूर्ण हो चुका है तथा वर्तमान में नहर क्षतिग्रस्त हो रही हैं? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (घ) कल्मोड़ा सि.ता.नि. के शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु क्या लागत आवेगी तथा शासन इसकी स्वीकृति कब तक देगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जी नहीं। परियोजना की वर्तमान लागत रू.795.59 लाख आंकलित होकर प्रति हे. लागत रू.06.55 लाख आ रही है, जो विभागीय मापदण्ड से अधिक होने के कारण परियोजना वित्तीय दृष्टि से असाध्य हो गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
जबलपुर जिले में कृषकों से उपार्जित अरहर का भुगतान न होना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
71. ( क्र. 1813 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वर्ष 2017 में लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (SFAC) म.प्र. को जबलपुर, पाटन एवं शहपुरा में अरहर खरीदी हेतु अधिकृत किया गया था? (ख) क्या कृषकों का भुगतान सीरियल से न कर मनमर्जी से किया गया? (ग) क्या इस अनियमितता से प्रभावित किसानों में अत्यंत असंतोष व्याप्त है? इसके लिये कौन दोषी है? (घ) क्या मनमर्जी से भुगतान करने वालों पर जाँच कर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वर्ष 2017 में उपार्जित मूंग, उड़द एवं अरहर का भुगतान न होना
[सहकारिता]
72. ( क्र. 1814 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वर्ष 2017 में सहकारी विपणन समिति शहपुरा एवं वृहताकार सेवा सहकारी समिति सहसन (पाटन) के द्वारा मूंग, उड़द एवं अरहर की खरीदी की गई है? (ख) क्या कृषकों को नियमानुसार क्रम अनुसार भुगतान नहीं किया गया है? नहीं किया तो क्यों? (ग) क्या खरीदी के तीन माह से दोनों समितियों ने कृषकों को राशि होने के बावजूद जानबूझकर भुगतान नहीं किया है? यदि हाँ, तो कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत जाँच करायें एवं दोषियों पर क्या कार्यवाही होगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, कलेक्टर जिला जबलपुर के निर्देशानुसार कम मात्रा वाले कृषकों को पहले भुगतान किया गया है। (ग) जी नहीं, विपणन संघ से राशि उपलब्धता के आधार पर कृषकों को भुगतान किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवनिर्मित तहसील भवन के घटिया निर्माण की जाँच कराये जाना
[लोक निर्माण]
73. ( क्र. 1847 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा के विकासखण्ड जवा अंतर्गत तहसील कार्यालय के भवन का नव-निर्माण किया गया है जो कि अत्यंत घटिया स्तर का है। क्या कारण है कि इस तरह के भवनों के निर्माण में गुणवत्ता के मानकों का पालन नहीं किया जाता? (ख) क्या उक्त भवन के गुणवत्ता विहीन निर्माण की जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो संबंधित जिम्मेदार ठेकेदार एवं अधिकारी के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? जाँच की समय-सीमा बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, तहसील कार्यालय के भवन का नव निर्माण किया गया है। जो गुणवत्तापूर्ण है। भवन निर्माण में गुणवत्ता के सभी मानकों का पालन किया गया है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन संभाग के जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक में गबन धोखाधड़ी फर्जी ऋणों की समीक्षा
[सहकारिता]
74. ( क्र. 1884 ) श्री कैलाश चावला : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक में गबन धोखाधडी फर्जी ऋणों की समीक्षा हेतु गठित कमेटी की बैठक गत दो वर्षों में किस-किस दिनांक को हुई, बैठकवार जानकारी देवें? (ख) उक्त बैठकों के गठन एवं फर्जी ऋण के किस-किस प्रकरण पर विचार किया गया व क्या निर्णय समिति द्वारा लिया गया, प्रकरण के विषयवार निर्णय की जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निर्णयों के अनुसार दोषियों के विरुद्ध एफ.आई.आर दर्ज कराई गई हैं? यदि हाँ, तो प्रकरणवार दोषियों के नाम गबन या फर्जी ऋण की राशि एफ.आई.आर. की तारीख उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त एफ.आई.आर. पर क्या अनुसंधान पूरा होकर न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया गया, यदि हाँ, तो चालान प्रस्तुत करने की तारीख बतावें? (ड.) जिन प्रकरणों में कर्मचारियों अधिकारियों के विरुद्ध चालान प्रस्तुत कर दिया है, उनके विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश ’क’ में उल्लेखित बैठकों में लिये गये निर्णय के कार्यवाही विवरण की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रकरणों में की गई एफ.आई.आर. की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) एवं (ङ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
सहकारी समितियों की जानकारी
[सहकारिता]
75. ( क्र. 1890 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न क्र. 2866 दिनांक 02 मार्च 2017 में उत्तरांश (ख) एवं (ग) में ‘’प्रतिवेदन प्राप्त होने पर ही जानकारी उपलब्ध कराई जा सकेगी'' उत्तर दिया था तो क्या प्रतिवेदन प्राप्त हुआ? (ख) क्या जिला छतरपुर अंतर्गत नौगाँव विकासखंड में कार्यरत सहकारी बैंक की शाखा नौगाँव एवं हरपालपुर के अधीन आने वाली सहकारी समितियों व अन्य सहकारी उपक्रमों की सूची उपलब्ध करवायें? उक्त सहकारी समितियों या उपक्रमों में से उन व्यक्तियों के नाम व पदनाम की जानकारी उपलब्ध करायें जो 2 या 2 से अधिक सहकारी सस्थाओं में सदस्य या पदाधिकारी है। (ग) वृहताकार सहकारी समिति नौगाँव में वर्तमान में संचालक मंडल कौन है, सूची उपलब्ध करावें? समिति प्रबंधक कौन है? कब से कार्यरत हैं? क्या समिति की बैठक नियमित हो रही है? पिछली 16 बैठकों की जानकारी, सूचना पंजी व कार्यवाही पंजी की प्रतियाँ उपलब्ध करावें? यदि कोई अनियमितता मिलती है तो क्या उसकी जाँच करायेंगे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। प्रतिवेदन अप्राप्त। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। प्रतिवेदनाधीन। (ग) वर्तमान संचालक मंडल की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। श्री अयोध्या प्रसाद मिश्रा दिनांक 01.02.2005 से दिनांक 31.08.2011 तक सहायक समिति प्रबंधक के पद पर तथा दिनांक 01.09.2011 से वर्तमान तक समिति प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। जी हाँ, बैठकें नियमित हो रही है। विगत 16 बैठकों की सूचना एवं बैठक की कार्यवाही की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। जी हाँ, अनियमितता मिलने पर जाँच कराई जाएगी।
स्वीकृत मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
76. ( क्र. 1915 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत मुख्य जिला मार्ग सांवेर-अजनोद कछालिया देपालपुर मार्ग एवं सांवेर चन्द्रावतीगंज गौतमपुरा मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत मुख्य जिला मार्गों में ग्राम चंद्रावतीगंज एवं ग्राम अजनोद में रेल्वे क्रासिंगों पर क्या आर.ओ.बी. बनाये जायेंगे? हाँ या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या मार्ग पर अधिकारियों द्वारा डी.पी.आर. तैयार करते समय आर.ओ.बी. की आवश्यकता महसूस नहीं की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या उक्त दोनों मार्ग सीमेंट कांक्रिट से निर्मित किये जायेंगे? उनकी लंबाई चौड़ाई तथा लागत कितनी है? कार्य कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सांवेर अजनोद कछालिया देपालपुर मार्ग के पूर्ण करने की समय-सीमा अनुबंधानुसार दिनांक 25.09.2019 है एवं सांवेर चन्द्रावतीगंज गौतमपुरा मार्ग ए.डी.बी. फेस-5 योजनांतर्गत निविदा प्रक्रिया में प्रचलित है। अत: निर्माण कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। परियोजना में प्रावधान नहीं होने के कारण। जी हाँ, कसंल्टेंट द्वारा प्रस्तुत डी.पी.आर. में आर.ओ.बी. निर्माण का प्रावधान नहीं है। (ग) सांवेर-अजनोद कछालिया देपालपुर मार्ग सीमेंट कांक्रीट है, जिसकी लंबाई एवं चौड़ाई क्रमश: 34.885 कि.मी. व 7.00 मीटर लंबाई 33.94 कि.मी. की निविदा प्रचलित होकर 7 मीटर चौड़ाई में सीमेंट कांक्रीट मार्ग निर्माण किया जाना है। अन्य 53 मार्गों सहित संयुक्त रूप से 3250 करोड़ का कार्य वर्तमान में निविदा स्तर पर है अत: कार्य प्रारंभ होने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राज्य की सड़कों पर टोल की वसूली
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 1921 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा, बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिले में मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित किस अधिसूचना के अनुसार किस किलोमीटर पर टोल नाका स्थापित किए जाने का अधिकार किसे प्रदान किया है? अधिसूचना की प्रति सहित बतावें। (ख) विदिशा, बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिले में किस किलोमीटर पर टोल नाके की स्थापना कर वसूली की जा रही है? राजपत्र में अधिसूचित किलोमीटर पर टोल नाके की स्थापना नहीं किए जाने का क्या कारण रहा हैं? (ग) राजपत्र में अधिसूचित किलो मीटर पर टोल नाके की स्थापना किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा हैं? कब तक अधिसूचित किलोमीटर पर टोल नाके की स्थापना कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। टोल नाका का वास्तविक स्थान शेड्यूल-सी में दर्शाये अनुसार आई.आर.सी.एस.पी.-73 के पैरा 10.2 अनुसार स्वतंत्र सलाहकार अधिकृत है। जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-क एवं 'ख' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। टोल नाका पर वसूली स्वतंत्र सलाहकार द्वारा तय स्थान पर की जा रही है। राजपत्र में उल्लेखित स्थान में शेड्यूल-सी में अंतर होने पर कार्यवाही अनुबंध के अन्य प्रावधानों अनुसार की जाती है। शेड्यूल-सी एवं शेड्यूल-आर में टोल प्लाजा की स्थिति में अंतर होने पर अनुबंध की क्लॉज-10.2 अनुसार टोल प्लाजा की स्थिति स्वतंत्र सलाहकार द्वारा तय की जाती है। (ग) टोल प्लाजा के स्थान संबंधी अधिकार कंशेसन अनुबंध के प्रावधानों एवं आई.आर.सी.एस.पी.-73 के पैरा 10.2 के अनुसार स्वतंत्र सलाहकार को है। जिसके अनुसार टोल नाके की स्थापना की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ ‘ख‘ अनुसार। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. विदिशा द्वारा अनियमित व्यय किया जाना
[सहकारिता]
78. ( क्र. 1925 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. विदिशा द्वारा वर्ष 2017 की समर्थन मूल्य खरीदी हेतु बैंक से सम्बद्ध समितियों के समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्रों की खरीदी व्यवस्था हेतु क्या-क्या सामग्री/उपकरण कितनी कितनी राशि, किस-किस दर पर किस-किस फर्म से किस दिनांक को क्रय कर प्रदान किये गये हैं, की जानकारी सहित, क्रय व्हाउचरों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खरीदी का उद्देश्य क्या था? इस खरीदी में भंडार क्रय नियमों का पालन हुआ या नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) में क्रय की गई सामग्री/उपकरण की राशि किस-किस समितियों के खाते से बैंक द्वारा समितियों के संचालक मंडल की सहमति के बिना ही सीधे आहरित की गई हैं? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किस-किस समिति से आहरण की गई, की जानकारी एवं समिति की सहमति की प्रति उपलब्ध करावे? (घ) वर्ष 2017 में ही शासन द्वारा समर्थन मूल्य खरीदी बंद की जा चुका है, इस प्रकार उक्त सामग्री/उपकरण संस्था को अनुपयोगी हो चुकी है। इस अनियमित व्यय के लिए कौन उत्तरदायी है? उत्तरदायी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., विदिशा द्वारा वर्ष 2017 की समर्थन मूल्य खरीदी हेतु किसी तरह की सामग्री/उपकरण क्रय नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2017 में समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं धान की खरीदी की जावेगी। उत्तरांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कलेक्टर दर पर भृत्य पद पर कार्यरत कर्मचारी को अकारण निकाले जाना
[सहकारिता]
79. ( क्र. 1936 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संयुक्त आयुक्त सहकारिता (न्यायायिक) संभाग ग्वालियर द्वारा जे.आर. आफिस न्यायालय में भृत्य के रिक्त पद पर कलेक्टर दर पर दिनांक 30/12/2014 को सुरजीत सिंह की नियुक्ति की गई थी, यदि हाँ, तो संबंधित कर्मचारी ने कब से कब तक कार्य किया हैं? भुगतान राशि सहित जानकारी देवें? (ख) क्या श्री हरिमोहन सिंघल संयुक्त पंजीयक ग्वालियर जिनकी पदस्थापना 30 मई 2015 को संयुक्त आयुक्त सहकारिता ग्वालियर के पद पर की गई थी, जिन्होंने प्रभार भी प्राप्त नहीं किया था, के द्वारा बिना किसी कारण के दिनांक 07/11/2015 को मौखिक रूप से सुरजीत सिंह को पद से पृथक कर दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाए म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 3043 दिनांक15/12/2015 एवं 719 दिनांक 31/03/2016 द्वारा संबंधित कर्मचारी को पद से पृथक किये जाने के संबंध में वस्तुस्थिति से अवगत कराने हेतु संयुक्त पंजीयक सहकारिता ग्वालियर को निर्देश दिए गए थे? यदि हाँ, तो उक्त आदेशों के परिपालन में क्या कार्यवाही की गई, विवरण सहित बताएं? (ग) श्री हरीमोहन सिंघल जिनके द्वारा संयुक्त पंजीयक सहकारिता ग्वालियर के पद का प्रभार प्राप्त किये बगैर बिना आरोप के मौखिक आदेश पर संबंधित को पद से पृथक करना न्यायोचित था? यदि नहीं, तो संबंधित कर्मचारी को किन कारणों से निकाल दिया गया? दोषी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी व संबंधित कर्मचारी को सेवा में वापस कब तक लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) नियुक्ति आदेश प्रदाय नहीं किया गया। अपितु कलेक्टर दर पर माह जनवरी 2015 से अक्टूबर 2015 तक प्रतिदिन के कार्य के आधार पर कार्य किया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार कलेक्टर दर पर प्रतिदिन के आधार पर भुगतान की गई राशि रूपये 62,426/- है। (ख) श्री हरिमोहन सिंघल को संयुक्त पंजीयक न्यायिक ग्वालियर संभाग का अतिरिक्त प्रभार दिनांक 30-07-2015 को दिया गया था, उनके द्वारा श्री सुरजीत सिंह से कार्य की प्रतिदिन की आवश्यकता के आधार पर कार्य लिया गया। श्री सुरजीत सिंह के नियुक्ति संबंधी कोई आदेश जारी नहीं होने से पद से पृथक करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) श्री हरिमोहन सिंघल को संयुक्त पंजीयक न्यायिक ग्वालियर संभाग का अतिरिक्त प्रभार दिनांक 30-07-2015 को दिया गया था। उनके द्वारा श्री सुरजीत सिंह को कार्य की प्रतिदिन की आवश्यकता के आधार पर कार्य लिया गया। श्री सुरजीत सिंह के नियुक्ति संबंधी कोई आदेश जारी नहीं होने से पद से पृथक करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विज्ञापन में निकाले गए पदों पर भर्ती प्रक्रिया
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
80. ( क्र. 1937 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा पत्र क्रमांक 160-3-1047 दिनांक 30/06/2015 एवं 655 दिनांक 26/05/2017 द्वारा कुल 135 पद की सीधी भर्ती/बैकलाग पद हेतु विज्ञापन जारी किये गए थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त विज्ञापन के आधार पर निकाले गए पदों पर भर्ती की गई? यदि नहीं, तो उक्त भर्ती हेतु दो-दो बार विज्ञापन निकालने का क्या औचित्य है, विवरण सहित जानकारी देवें? (ग) क्या आवेदकों से आवेदन पत्र के साथ क्रमशः 400 एवं 800 रूपये की डी.डी. ली गई थी? यदि हाँ, तो विज्ञापन अनुसार कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए एवं इन आवेदकों से डी.डी. के माध्यम से कितनी राशि प्राप्त हुई, विवरण सहित जानकारी देवें? (घ) क्या इन बेरोजगार/गरीब आवेदकों से करोड़ों रूपये वसूल किये गए हैं, लेकिन भर्ती नहीं की गई क्यों? क्या यह इन बेरोजगार/गरीब आवेदकों के साथ धोखा एवं छलावा नहीं है, यदि है तो दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी तथा क्या पैसे वापस किये जायेंगे या जारी विज्ञापन अनुसार भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिक श्री संपतलाल त्रिपाठी एवं 19 अन्य द्वारा विज्ञापन दिनांक 30/06/2015 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1) के विरूद्ध में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 12609/2015 दिनांक 31/07/2015 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2) को दायर किये जाने से भर्ती प्रक्रिया बाधित हुई। विश्वविद्यालय परिपत्र क्रमांक स्था.दो/चार/1605 दिनांक 16/07/1982 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में निहित प्रावधान के अनुसार विज्ञापन दिनांक से एक वर्ष में भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करना अनिवार्य है अन्यथा की स्थिति में पुन: विज्ञापन जारी करना होता है अत: विश्वविद्यालय के विधि सलाहकार से अभिमत (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4) प्राप्त करने के बाद दिनांक 26/05/2017 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5) को पुन: विज्ञापन जारी किया गया। (ग) जी हाँ, 400 एवं 800 रूपये की डी.डी. मात्र वाहन चालक सह मैकेनिक (तृतीय श्रेणी) के पद हेतु आवेदन करने वाले आवेदको से ही लिए गये। चतुर्थ श्रेणी के आवेदन हेतु आवेदन करने वाले आवेदकों से रू. 200 एवं 400 आवेदन शुल्क निर्धारित की गई थी। बैकलॉग के पदों हेतु आवेदन शुल्क नहीं लिया गया। विज्ञापन दिनांक 30/06/2015 के संदर्भ में 13244 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6) एवं विज्ञापन दिनांक 26/05/2017 के संदर्भ में 7301, इस प्रकार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी संवर्ग के कुल 20545 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 11/09/2017 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7) के परिपालन में भर्ती प्रक्रिया पूर्णतः रोक दी गई हैं। डी.डी. के रूप में रूपये 3573142/- (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8) प्राप्त हुए। (घ) जी नहीं। करोड़ों रूपये वसूल नहीं किये गये। मात्र 3573142/- रूपये आवेदन शुल्क प्राप्त हुआ। विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिक श्री संपतलाल त्रिपाठी एवं 19 अन्य द्वारा विज्ञापन दिनांक 30/06/2015 के विरूध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 12609/2015 दायर की गई थी। माननीय उच्च न्यायालय ने उक्त याचिका को दिनांक 11/09/2017 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7) को निराकृत करने हुए विज्ञापन को उस सीमा तक जहाँ तक चतुर्थ श्रेणी के पदो का संबंध है। निरस्त कर निर्देशित किया है कि विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों का नियमितिकरण 354 की सूची से चतुर्थ श्रेणी के पदों पर किया जावें। उक्त निर्देश के साथ ही माननीय उच्च न्यायालय ने प्रकरण को निगरानी में रखा है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के परिपालन में अनुवर्ती कार्यवाही की जा रही है।
एम.पी. एग्रो द्वारा पोषण आहर में आर्थिक अनियमितताएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
81. ( क्र. 1986 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. स्टेट एग्रो डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा किन-किन सामग्रियों की सप्लाई का कार्य करता है? सप्लाई सामग्री पर उसे किस दर से कितने प्रतिशत राशि प्राप्त होती है? (ख) कार्पोरेशन को सामग्री सप्लाई हेतु प्राप्त कार्यादेशों के अनुसार सामग्री की सप्लाई किये जाने हेतु किस प्रक्रिया के तहत प्रतिवर्ष कॉन्ट्रेक्ट/ऑफर/निविदा आमंत्रित कर प्रदायकों से ऑफर प्राप्त किये जाते हैं तथा दरों का प्रसारण किस प्रकार से किया जाता है? (ग) निगम के पास पोषण आहार/पजीरी आदि उत्पादन के लिए कहाँ-कहाँ प्लांट/संयंत्र स्थापित हैं और विगत 5 वर्षों में पोषण आहार प्रदाय हेतु किस-किस कंपनी के साथ अनुबंध किन-किन शर्तों के साथ कर कुल कितनी राशि का पोषण आहार प्रदाय किया गया तथा इसके एवज किन-किन कंपनियों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान वित्तीय वर्षवार किया गया एवं निगम को कितने-कितने प्रतिशत मार्जिन राशि प्राप्त हुई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या पोषण आहार प्रदाय हेतु जिन कंपनियों के साथ निगम द्वारा अनुबंध किया गया है? उनके द्वारा घटिया अमानक पोषण आहार प्रदाय किये जाने के साथ ही अनुबंध के विपरीत कम मात्रा में पोषण आहार प्रदाय कर कागजों में पोषण आहार दर्शाकर करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार किया है? जिसका खुलासा इन कंपनियों के यहां आयकर विभाग द्वारा डाले गये छापों के दौरान करोड़ों रूपये की जप्ती हुई है? क्या निगम के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कंपनियों के संचालकों की अर्जित की गई संपत्तियों की उच्च स्तरीय जाँच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है :-
सामग्री |
राशि प्रतिशत |
बायोगैस सहायक सामग्रियों |
10 प्रतिशत |
बैटरी |
7 प्रतिशत |
हस्त/बैलचलित कृषि उपकरण, शक्ति चलित कृषि उपकरण, सिंचाई उपकरण (पंप, स्प्रिंकलर,ड्रिप) ट्रेलर-टैंकर, प्री-फेब्रिकेटेड स्टील स्ट्रक्चर, बैटरी, टायर-ट्यूब, ट्रैक्टर, पावर टिलर उद्यानिकी से संबंधित प्लास्टिक क्रेट, एग्रो शेडिंग नेट वर्मी वेड, पोण्ड लाईनर, सिंडलिंग ट्रे, कोकोपिट, मल्च फिल्म, प्लास्टिक माउंटेज, फिश-फील्ड, मत्स्य आखेट जाल, हाइब्रिड सीड, नर्सरी फल पौधे, हरी खाद, बीज एवं गार्डन टूल्स एवं कीटनाशक पर |
5 प्रतिशत |
पावर ट्रिलर |
3 प्रतिशत |
पूरक पोषण आहार |
2.5 प्रतिशत |
ट्रेक्टर |
1 से 1.5 प्रतिशत |
रासायनिक उर्वरकों यथा एस.एसपी पर राशि रू. 300, यूरिया पर रू. 200, डी.ए.पी., एन.पी.के. एवं एम.ओ.पी. पर रू. 500 प्रतिटन का मार्जिन प्राप्त होता है। (ख) ई-टेण्डर प्रक्रिया के माध्यम से निविदा/रेट कॉन्ट्रेक्ट ऑफर/पंजीयन किया जाता है तथा प्राप्त न्यूनतम दर अथवा समिति द्वारा अनुशंसित दर (जो न्यूनतम दर से कम होती है) एवं बड़े कृषि उपकरणों में (जैसे ट्रेक्टर, ट्रेलर इत्यादि) में निर्माता द्वारा निर्धारित दर पर दरों का प्रसारण किया जाता है। (ग) बाड़ी संयंत्र जिला रायसेन एवं तीन संयुक्त उपक्रम एम पी एग्रोटॉनिक्स लिमि. मण्डीदीप, मध्यप्रदेश एग्रो फूड्स इण्डस्ट्रीज लिमि. मण्डीदीप एवं एम.पी. एग्रो न्यूट्रीफूड्स लिमि. इंदौर में स्थापित हैं। उपरोक्त संयुक्त उपक्रमों से समान शर्तों पर अनुबंध निष्पादित किये गये। विगत 5 वर्ष (2012-13 से 2016-17 तक) प्रदाय के विरूद्ध किए गए भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रदाय मात्रा की कुल राशि पर निगम द्वारा 2.5 प्रतिशत मार्जिन प्राप्त किया गया है। (घ) जी नहीं। आयकर विभाग द्वारा निगम को ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कृषि उपज मंडी दबोह की शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
82. ( क्र. 1987 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के किसान कल्याण विभाग से पूछे गए प्रश्न क्रमांक 44, दिनांक 24.07.2017 के संबंध में राजस्व एवं कृषि विभाग द्वारा करोड़ों रूपयों की कीमत की शासकीय भूमि, अतिक्रमणकारी एवं भू-माफिया गोपाल कृष्ण आदि से वापिस कराने हेतु की गई कार्यवाही का विवरण दें? (ख) क्या यह सही है कि प्र.क्र./21/78-79 न्यायालय अपर आयुक्त चंबल संभाग ग्वालियर के आदेश दिनांक 05 मई, 1981 मौजा दबोह (भिण्ड) की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 2609 रकवा 14.94 एकड़ नया नंबर 438 पर अपीलार्थी का केवल वृक्षों पर कब्जे का निर्णय दिया था? यदि हाँ, तो क्या करोड़ों रूपये की शासकीय भूमि कृषि उपज मंडी समिति एवं राजस्व अधिकारियों की साजिश से भू-माफियाओं ने हड़प ली है? क्या वरिष्ठ अधिकारियों की समिति गठित कर जाँच करायी जाकर भूमि वापिस करने की शीघ्र कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्र.क्र. 50/72 न्यायालय एन.के. जैन सिविल वर्ग-2 लहार जिला भिण्ड दिनांक 26.02.76 को ग्राम बरथरा की भूमि सर्वे 471 व दबोह की भूमि सर्वे क्रमांक 2592, 2596, 2600, 2602, 2603, 2605, 2607, 3016, 3017 की भूमि को अंतरण करने का अधिकार न करने का निर्णय दिया था? यदि हाँ, तो उक्त सर्वे क्रमांकों की भूमि किस-किस के नाम कितनी-कितनी राजस्व अभिलेख में दर्ज है, इसी प्रकार आलमपुर मौजे के सर्वे क्रमांक 732/1.735 हेक्टर कृष्ण गोपाल आदि के नाम अंतरण कैसे हुई है? उपरोक्त सर्वे क्रमांक की भूमि वर्ष 1947/बंदोबस्त के पूर्व राजस्व अभिलेख में किसके नाम दर्ज थी? संपूर्ण विवरण दें। (घ) दबोह, बरथरा, आलमपुर में स्टेट टाईम से दबोह के पतारा हनुमान मंदिर से लगी शासकीय भूमि तथा कृषि उपज मंडी आलमपुर की उप मंडी दबोह की आवंटित भूमि, भू-माफियाओं से वापस लेने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रश्नाधीन भूमि के संबंध में प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में रिट याचिका क्र. 5460/2016 (जनहित याचिका) जगत सिंह कौरव विरूद्ध म.प्र.शासन संचालित है जिसमे शासन की ओर से दिनांक 23.11.2017 को जवाब पेश किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित याचिका में प्राप्त आदेश निर्देशानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ग) यह सही है कि प्र.क्र. 50/72 न्यायालय एन.के. जैन सिविल वर्ग-2 लहार के न्यायालय में पारित आदेश दिनांक 26.02.1976 को ग्राम बरथरा की भूमि सर्वे क्र. 471 व दबोह की भूमि सर्वे क्र0 2592,2596,2600,2602,2603,2605,2607,3016,3017, की भूमि को अंतरण का अधिकार न होने संबंधी आदेश पारित किया गया था, जिसमें शासन पक्षकार नहीं था, बल्कि वादी अमर देव उर्फ लखनदास एवं प्रतिवादी सन्मनदास थे उक्त दोनों के राजीनामे के आधार पर आदेश पारित किया गया था। वर्तमान में ग्राम बरथरा का पुराना खसरा नं. 471 व 472 से नया खसरा नं. 951 बना है, जिसके भूमि स्वामी सुरेश पुत्र रामसेवक, संदीप कुमार पुत्र सुरेश कुमार नाबा, सरपरस्थ माँ विमलादेवी पत्नी सुरेश कुमार दर्ज है व ग्राम दबोह भूमि खसरा नं. 2592 का नया नं. 431,2596 का नया नं. 427,2600 का नया नं. 443,2602,2605,2607 का नया नं. 440,3016,3017 का नया नं. 798 बना उक्त भूमियों में से भूमि नं. 427, 431, 443, 440 के भूमि स्वामी गोपालकृष्ण, विनोदकुमार, राजेन्द्रप्रसाद पुत्रगण अमरदेव गिरिजादेवी विजयलक्ष्मी पुत्रियां अमरदेव संभाग निवासी ग्राम दर्ज अभिलेख है व भूमि खसरा नं. 798 रकवा 0.575 है भूमि स्वामी गोपाल कृष्ण पुत्र अमरदेव 0.080 के भूमि स्वामी 0.089 विनोद कुमार पुत्र अमरदेव भाग रकवा 0.56, राजेन्द्रकुमार पुत्र अमरदेव 0.068, मु. रामदेवी पत्नी अमरदेव, गिरजा देवी, विजयलक्ष्मी पुत्रियां अमरदेव जाति बैरागी पता निवासी ग्राम 0.288 समान भाग भूमि स्वामी विजेन्द्र सिंह आशिष कुमार पुत्रगण कमलसिंह ना.बा. सरपरस्त पिता स्वयं कमलसिंह पुत्र आशाराम सिंह समान भाग रकवा 960 वर्गफीट, श्रीमती प्रमोद गुर्जर पत्नी कमलसिंह भाग जाति गुर्जर पता निवासी ग्राम रकवा 160 वर्गफीट, भाग भूमि स्वामी प्रलाद सिंह पुत्र रामकिशोर ना.बा. सरपरस्थ पिता स्वयं रामकिशोर पुत्र रघुवर भाग रकवा 1250 वर्गफीट जाति कुशवाह निवासी ग्राम ताहगांव, रामप्रकाश,ओमप्रकाश पुत्रगण घनश्याम जाति कौरव रकवा 600 वर्गफीट, अरविंद पुत्र रामसेवक जाति वैश्य रकवा 625 वर्गफीट, गीता देवी पत्नी सुरेश चंद्र जाति वैश्य रकवा 150 वर्ग फीट शिशभ श्याम पुत्र द्वारिका प्रसाद जाति सोनी रकवा 1250 वर्ग फीट, रामगोपाल पुत्र खूबीराम भाग रकवा 1250 वर्गफीट बालमुकुन्द विजय सिंह पुत्र खूबीराम भाग रकवा 1250 वर्गफीट महिला राममूर्ति पत्नी रामभरोसे जाति वैश्य भाग रकवा 2500 वर्गफीट, बृजमोहन पुत्र साधूराम भाग रकवा 2370 वर्गफीट, रामेश्वर दयाल पुत्र मोतीलाल रकवा 475 वर्गफीट, अब्दुल गफफार पुत्र जफर खा रकवा 475 वर्गफीट देवेन्द्र पुत्र राधेश्याम 562 वर्गफीट दर्ज अभिलेख है। तथा मौजा आलमपुर के सर्वे क्रमांक 732/1.735 है कृष्णा गोपाल आदि के नाम राजस्व प्रकरण क्रमांक 13 एवं 14 अ-6/1997-98 न्यायालय तहसीलदार भिण्ड के द्वारा पारित आदेश दिनांक 17.06.1998 के अनुसार मृतक सरमनदास के स्थान पर अंतरण हुयी व मुताबिक जिला अभिलेखागार में उपलब्ध संवत् 1999 के अनुसार यानी 1947 के पूर्व भूमि खसरा नंबर 732 में थोक पन्नालाल पट्टी पन्नालाल का नाम दर्ज थी। (घ) कृषि उपज मंडी आलमपुर की उपमण्डी दबोह को आवंटित भूमि के संबंध में कार्यवाही प्रश्नांश 'क' अनुसार मान. उच्च न्यायालय के निर्णयोपरांत तदनुसार कार्यवाही की जावेगी।
पलारी-कहानी मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 2041 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में पलारी कहानी मार्ग 42.13 कि.मी. सी.सी. मार्ग मय पुल-पुलिया सहित निर्माण कार्य प्रगतिरत है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग प्रश्न दिनांक तक कितने किलोमीटर पूर्ण कर लिया गया है? कितना मार्ग निर्माण शेष रह गया है? इसे कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा। (ख) प्रश्नांश (क) के निर्माण के लिए कौन-कौन सी एजेंसी को कितनी-कितनी राशि में अनुबंध किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग का निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसका जिम्मेदार कौन है उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार नहीं तो फिर नवनिर्मित सड़क पलारी कहानी मार्ग के अंतर्गत ग्राम थांवरी, साजपानी, पिपरिया, भसूड़ा एवं अन्य स्थानों पर मार्ग में दरारे क्यों आ रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 23.05.2018 है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कांक्रीट सड़क निर्माण कार्य में मानक सीमा में श्रिंकेज क्रेक्स आना सामान्य प्रक्रिया है।
लघु जलाशय अम्बाडा की स्वीकृति
[जल संसाधन]
84. ( क्र. 2081 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रस्तवित लघु जलाशय अम्बाडा नर्मदा कछार योजना के अंतर्गत आता है? (ख) क्या योजना की लागत रूपये 3.77 लाख प्रति हेक्टर आ रही है? जो गाईड लाईन से 77 हजार रूपये प्रति हेक्टर ज्यादा है? (ग) जलाशय के निर्माण पर कितनी राशि ज्यादा आ रही है, योजना को नमामि देवी नर्मदे के अंतर्गत शासन के नियम शिथिल करते हुए अम्बाडा (स्टोरेज) लघु जलाशय को प्रशासकीय स्वीकृति दिये जाने की कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है।
निर्माण कार्य का भुगतान
[जल संसाधन]
85. ( क्र. 2093 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अन्तर्गत वर्ष 2013-14, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने निर्माण कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा किये गये एवं किस-किस प्रकार के कार्य पूर्ण किये? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में पूर्ण किये गये निर्माण कार्यों का भुगतान ठेकेदारों को कर दिया गया? यदि हाँ, तो कितनों को, यदि नहीं, तो भुगतान नहीं किये जाने का कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावे एवं पूर्ण किये गये कार्यों का भुगतान कब तक किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन अवधि में कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ठेकेदारों द्वारा किये गये 60 निर्माण कार्यों में से 59 ठेकेदारों का भुगतान कर दिया गया है एवं 01 ठेकेदार का कार्य अपूर्ण होने के कारण भुगतान होना शेष है। कार्य पूर्ण होने पर भुगतान किया जाना संभव होगा।
गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 2094 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन स्वीकृत कार्य मानक स्तर पर गुणवत्ता पूर्ण नहीं किये जा रहे हैं, जिससे सड़कों की हालत बनने के बाद कुछ माहों में ही बिगड़ जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या निर्माण एजेन्सी की जाँच कर निर्मित सड़कों को पुन: बनाने हेतु शासन योजना बना रही है। (ग) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। कार्य मानक स्तर पर गुणवत्तापूर्वक किये जा रहे है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पेंच बांध के डूब में आयी निजी भूमियों एवं खड़ी फसलों का मुआवजा
[जल संसाधन]
87. ( क्र. 2111 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के पेंच बांध में इस वर्ष पानी भराव से ऐसी भूमियां, फसल एवं भवन डूब गये जिसका अधिग्रहण नहीं किया गया था? यदि हाँ, तो ऐसी भूमियां फसल एवं भवन की जानकारी उनके स्वामियों के नाम पता सहित ग्रामवार दें? (ख) क्या बगैर अधिग्रहण की भूमि पर खड़ी फसलें पेंच बांध के पानी भर जाने से पूर्णत: खराब हो गयी हैं जिससे किसानों को आर्थिक क्षति हुई है? (ग) क्या शासन ग्राम मडुआ, मोआर, केवलारी संभा, हिवरखेड़ही के देवीटोला के ऐसे किसान जिनकी सारी कृषि भूमियां पेंच बांध के डूब में आने के कारण अधिग्रहण हो चुकी हैं और उनके पास केवल मकान बाड़ी तथा कृषि भूमि के कुछ टुकड़ों का अधिग्रहण कर उन्हें मुआवजा भुगतान का आदेश देगा? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या शासन इन भूमियों व भवनों का वर्तमान भू-अर्जन नीति के तहत अधिग्रहण कर मुआवजा एवं ऐसी भूमियों पर खड़ी फसलों का मूल्यांकन कर शत्-प्रतिशत मुआवजा राशि भुगतान करने का आदेश देगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस वर्ष पेंच परियोजना में जल भराव से कुछ कृषकों की मुख्य रूप से मक्के की फसल आंशिक रूप से खराब होने से आर्थिक क्षति होना प्रतिवेदित है। (ग) डूब प्रभावित ग्राम क्रमश: मडुआ, मोआर, केवलारीसंभा तथा हिवरखेड़ी के देवटोला के किसानों की भूमि पूर्ण जल स्तर (एफ.आर.एल.) तक तथा सम्पत्तियों का अधिकतम जल स्तर (एम.डब्ल्यू.एल.) तक अधिग्रहण किया जाना प्रतिवेदित है। डूब क्षेत्र के बाहर स्थित भूमि अथवा सम्पत्तियों का अर्जन करने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) जी नहीं। फसल को हुई क्षति का सर्वे प्रचलन में है। आंकलन पश्चात निर्णय लिया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पेंच बांध के डूब प्रभावित किसानों को सिंचाई हेतु विद्युत उपलब्ध कराना
[जल संसाधन]
88. ( क्र. 2112 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के पेंच बांध के पानी में विद्युत ट्रांसफार्मर एवं पोल डूब जाने के कारण विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं होने से वहां के किसान उनके शेष बची भूमियों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने भी समय-समय पर किसानों की शेष बची भूमियों की सिंचाई हेतु विद्युत पोल एवं विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित कर उन्हें विद्युत सुविधा बहाल किये जाने के संबंध में जल संसाधन विभाग को एवं कलेक्टर छिन्दवाड़ा को पत्र प्रेषित किया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा अब तक इस दिशा में क्या सार्थक पहल की गयी है? कब तक विद्युत पोल एवं विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित कर डूब क्षेत्र के किसानों को उनकी फसलों की सिंचाई हेतु विद्युत सुविधा उपलब्ध करा दिया जावेगा? (घ) क्या शासन इसे संज्ञान में लेकर पेंच बांध के डूब क्षेत्र के किसानों की शेष बची भूमियों पर सिंचाई करने हेतु सुव्यवस्थित विद्युत सुविधा अविलंब उपलब्ध कराये जाने हेतु आदेश देगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) निविदाएं आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पुल पुलियों का निर्माण
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 2125 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी/सिंगरौली जिले के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कितने पुल-पुलियों के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी थी? लागत राशि सहित पूर्ण जानकारी देंवे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने पुल-पुलियों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं कितने अधूरे हैं तथा कितने पुल-पुलिया का निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अपूर्ण पुल-पुलियों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा तथा जिन पुल पुलियों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है उनका कार्य कब तक प्रारम्भ कर पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) सीधी/सिंगरौली जिले के अन्तर्गत कितने पुल-पुलियों के निर्माण हेतु प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन हैं? उनकी स्वीकृति कब तक दी जाकर निर्माण कार्य करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) सीधी सिंगरौली मार्ग के पुल/पुलिया का कार्य पूर्ण हो चुका है शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। कोई नहीं।
ए.डी.जे./व्यवहार न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
90. ( क्र. 2126 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के अन्तर्गत मझौली में ए.डी.जे. कोर्ट की स्थापना बावत् स्वीकृति प्रदान कर दी गयी हैं? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी देंवे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ए.डी.जे. कोर्ट हेतु भवन निर्माण के लिये कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गयी है? भवन निर्माण का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेग? (ग) सीधी जिले के तहसील मुख्यालय कुसमी में व्यवहार न्यायालय की स्थापना किये जाने के संबंध में शासन स्तर से अब तक क्या कार्यवाही की गयी हैं? कुसमी व्यवहार न्यायालय का संचालन कब तक कर दिया जायेगा? (घ) क्या सिंगरौली जिले के तहसील मुख्यालय सरई में व्यवहार न्यायालय की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। न्यायालय हेतु भवन निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण कर न्यायालय का संचालन कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, म.प्र. राजपत्र दिनांक 16.12.2016 में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार शासन द्वारा मझौली में एडीजे का एक पद स्वीकृत किया गया है। (ख) शासन के आदेश दिनांक 26.09.2017 के द्वारा मझौली जिला सीधी में 02 न्यायालय कक्षों में निर्माण हेतु रू. 1,28,73,000/- की स्वीकृति प्रदान की गई है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) तहसील कुसमी, जिला सीधी में व्यवहार न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग माननीय उच्च न्यायालय की प्रशासनिक कमेटी (एल.जे.एस.) दिनांक 29.11.2016 द्वारा विचारोपरान्त नस्तीबद्ध की गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी हाँ। म.प्र. राजपत्र दिनांक 16.12.2016 में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार शासन द्वारा तहसील सरई में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 का एक पद स्वीकृत किया गया है। सरई में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण हेतु कलेक्टर, सिंगरौली के द्वारा उपयुक्त/पर्याप्त भूमि आवंटित किये जाने के पश्चात लोक निर्माण विभाग के द्वारा नवीन न्यायालय भवन निर्माण संबंधी प्रस्ताव तैयार कराया जावेगा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सिंगरौली के माध्यम से प्रस्ताव रजिस्ट्री में प्राप्त होने पर उक्त प्रस्ताव को माननीय अधीनस्थ न्यायालय भवन के बिल्डिंग कमेटी के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जावेगा, माननीय कमेटी के अनुमोदन के पश्चात प्रस्ताव को प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति हेतु शासन की ओर प्रेषित किया जावेगा निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
कृषि उपज मण्डी समिति हनुमना एवं उप मण्डी मऊगंज का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
91. ( क्र. 2140 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मण्डी समिति हनुमना एवं उपमण्डी मऊगंज का नवनिर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कुल लागत निर्माण हेतु अपनाई गई टेण्डर प्रक्रिया तथा जारी वर्क आर्डर की जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या मंडी प्रांगण में दुकानों का भी निर्माण किया गया? यदि हाँ, तो विवरण प्रदान करें। (ग) क्या दुकानों का आवंटन हो चुका है? यदि हाँ, तो उसकी पूर्ण कार्यवाही की जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या दुकान आवंटन में अनियमितता की गई है? यदि हाँ, तो संबंधितों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। कृषि उपज मंडी समिति हनुमना एवं उपमंडी मऊगंज में राशि रू. 643.91 लाख के निर्माण कार्यों की निविदायें नियमानुसार ई-टेण्डंरिंग के माध्यम से आमंत्रित की जाकर निर्माण कार्यों के वर्क आर्डर जारी किये गये जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मंडी प्रांगण हनुमना में 36 नग दुकानों का निर्माण स्ववित्तीय योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। आवंटन की कार्यवाही समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराकर की गई है। मंडी हनुमना द्वारा पत्र क्रमांक 1302-1304 दिनांक 25.01.2016 से समाचार पत्रों दैनिक कीतिक्रांती रीवा एवं दैनिक जागरण रीवा के माध्यम से प्रकाशन किया गया है। पत्र क्रमांक 1401 दिनांक 04.02.2016 से नीलामी समिति के सदस्यों को सूचना दी गई। नीलामी की कार्यवाही दिनांक 09.02.2016 को कृषि उपज मंडी समिति हनुमना में सम्पन्न हुई, जिसमें 11 दुकानों का आवंटन किया गया, शेष बची हुई दुकानों की आवंटन प्रक्रिया मंडी हनुमना द्वारा पत्र क्रमांक 1520-21 दिनांक 05.03.2016 से स्थानीय समाचार पत्र दैनिक जागरण एवं दैनिक कीतिक्रांती रीवा में प्रकाशन कराया गया एवं मंडी हनुमना द्वारा पत्र क्रमांक 1527 दिनांक 14.03.2016 से नीलाम समिति के सदस्यों को सूचना दी गई तथा दिनांक 21.03.2016 को नीलाम समिति के समक्ष शेष बीच हुई 25 दुकानों की नीलामी सम्पन्न कराई गई है। दुकानों का आवंटन म.प्र. कृषि उपज मंडी (भूमि एवं संरचना का आवंटन) नियम 2009 में जारी निर्देशों के अनुरूप किया गया है। (घ) जी नहीं। शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अतिरिक्त सत्र न्यायालय को अतिशीघ्र प्रारंभ किया जाना
[विधि और विधायी कार्य]
92. ( क्र. 2169 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय खोले जाने के संबंध में शासन द्वारा स्वीकृति होने के बाद भी अतिरिक्त सत्र न्यायालय अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है और विभाग द्वारा अतिरिक्त सत्र न्यायालय को प्रारंभ किये जाने में काफी विलंब किया जा रहा है, जिसका क्या कारण है? (ख) अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारंभ करने हेतु क्या भूमि (स्थल) का चयन कर लिया गया है? अगर हाँ, तो किस स्थल पर अतिरिक्त सत्र न्यायालय भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ कर कब तक पूर्ण कराया जायेगा और न्यायालय को प्रारंभ करने से संबंधित समस्त औपचारिकताओं को कब तक पूर्ण करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायालय को परासिया में प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) क्या परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारंभ करने हेतु मा. न्यायाधीशों व अन्य स्टॉफ कर्मचारियों की नियुक्ति की जा चुकी है? अगर हाँ, तो अवगत करायें और अगर नहीं तो मा. न्यायाधीशों व अन्य स्टॉफ कर्मचारियों की नियुक्ति कब तक कर दी जायेगी? (घ) आमजनों की न्यायिक सुविधाओं को देखते हुये परासिया में स्वीकृत अतिरिक्त सत्र न्यायालय को शीघ्र अतिशीघ्र प्रारंभ किया जाना अतिवाश्यक है, क्या आमजनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था कर लिंक कोर्ट प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) परासिया में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय हेतु आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत भवन उपलब्ध न होने के कारण अपर जिला एवं सत्र न्यायालय प्रारंभ नहीं हो सका है। (ख) जी हाँ। परासिया में नवीन न्यायालय भवन को निर्माण हेतु श्री लक्ष्मीनारायण शासकीय पेंचव्हेली महाविद्यालय, परासिया के भवन की भूमि एवं परिसर ग्राम भण्डारिया तहसील परासिया स्थित कुल 1.539 है. भूमि आवंटित की गई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय हेतु नवीन न्यायालय भवन एवं आवास गृह के निर्माण हेतु स्वीकृति शासन द्वारा जारी की जा चुकी है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। परासिया में अपर जिला न्यायाधीश का एक पद स्वीकृत है। अधीनस्थ स्टॉफ/कर्मचारियों की पदस्थापना जिला एवं सत्र न्यायाधीश छिन्दवाड़ा द्वारा की जावेगी। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) परासिया में वर्तमान में कोई उपयुक्त शासकीय भवन उपलब्ध न होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में लिंक कोर्ट प्रांरभ नहीं कराया जा सका है।
कृषि उपज मण्डी परासिया को अतिशीघ्र प्रारंभ किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
93. ( क्र. 2170 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत परासिया में कृषि उपज मण्डी का निर्माण विभाग द्वारा कई वर्ष पहले पूर्ण करा लिया गया है और कृषि उपज मण्डी में स्वाईल टेस्टिंग लैब का निर्माण भी किया जा चुका है परंतु फिर भी अभी तक कृषि उपज मण्डी प्रारंभ नहीं की गई है जिसके कारण क्षेत्र के किसानों को कृषि उपज मण्डी से संबंधित लाभ नहीं मिल पा रहा है और क्षेत्र के किसानों को बहुत अधिक असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है, कृषि उपज मण्डी को प्रारंभ नहीं किए जाने का क्या कारण है? (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र के किसानों की सुविधाओं को देखते हुये परासिया में स्थित कृषि उपज मण्डी को कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) कृषि उपज मण्डी को अब तक प्रारंभ नहीं किए जाने में क्या विभागीय लापरवाही उजागर नहीं होती है? अगर हाँ तो इस लापरवाही के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है और उन पर विभाग द्वारा क्या और कब तक कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत परासिया में कृषि उपज मंडी का निर्माण कार्य वर्ष 1987-88 में पूर्ण कराया गया है तथा वर्ष 2016-17 में स्वाईल टेस्टिंग लैब का निर्माण भी कराया जा चुका है। परासिया जो कि सीजनल उपमंडी है, में दिनांक 12.11.2017 से क्रय-विक्रय का कार्य प्रारंभ हो चुका है। अत: शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र में उपमंडी परासिया जो कि सीजनल है, में दिनांक 12.11.2017 से क्रय-विक्रय का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। (ग) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बीमा क्लेम राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
94. ( क्र. 2190 ) श्री रमेश पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली तहसीलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2016 व रबी 2016-17 में कितने किसानों की कितनी प्रीमियम राशि जमा करवायी गई? किसानों की संख्यात्मक जानकारी, प्रीमियम राशि, पटवारी हल्का नाम सहित खरीफ व रबी की जानकारी पृथक-पृथक देवें। (ख) प्रश्न दिनांक तक कितनी बीमा क्लेम राशि किसानों को वितरित की जा चुकी है? किसानों की संख्या व राशि सहित खरीफ व रबी के बारे में पृथक-पृथक बतावें? (ग) क्या कारण है कि बीमा क्लेम राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है? कितनी बीमा क्लेम राशि का भुगतान शेष है की जानकारी रबी एवं खरीफ के संदर्भ में पृथक-पृथक देवें। यह राशि कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (घ) इस विलंब के लिए दोषी बीमा कंपनियों एवं इसकी निगरानी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बड़वानी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पाटी व बड़वानी तहसील आती हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खरीफ 2016 मौसम में अधिसूचित फसलों की वास्तविक उपज, थ्रेसहोल्ड उपज से अधिक प्राप्त होने से बीमा दावा राशि नहीं बनने के कारण कृषकों को भुगतान नहीं हुआ है। रबी 2016-17 मौसम हेतु शीघ्र ही क्षतिपूर्ति राशि का आंकलन कर यदि बड़वानी विधानसभा क्षेत्र की किसी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई जायेगी तो क्षतिपूर्ति देय होगी अन्यथा नहीं। (घ) बीमा दावा राशि का भुगतान नियमानुसार समय पर किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवंटित प्लाट निरस्त किये जाना
[सहकारिता]
95. ( क्र. 2223 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अल्प आय वर्ग सोसायटी रीवा के ग्राम रतहरी स्थित भूमि वर्ष 1958-59 के खतौनी एवं वर्ष 1980 के पूर्व किसके नाम थी? उक्त सोसायटी को कैसे और किन शर्तों में प्राप्त हुई है? खतौनी खसरे की नकल तथा सोसायटी के नाम किये गये रजिस्ट्री, नामांतरण की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के भूमि का प्लाट आवंटन करने के पूर्व किस-किस विभाग व अधिकारी से किन-किन शर्तों पर अनुमति (एन.ओ.सी.) सोसायटी द्वारा प्राप्त की गई है? एन.ओ.सी. प्राप्त संबंधी प्रचलित नस्ती एवं पारित किये गये आदेश की प्रति के साथ जानकारी दें तथा उक्त भूमि में किस-किस को प्लाट आवंटित किया गया है? प्लाट प्राप्तकर्ता का नाम, पिता का नाम, सोसायटी में सदस्यता लेने का दिनांक, रसीद क्रमांक, उम्र, स्थायी पता, प्लाट देने का दिनांक, राशि अंकित कर जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के सोसायटी अध्यक्ष द्वारा म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 72डी, 72ई, 74 एवं 75 का पालन नहीं किया गया है, जो दण्डनीय अपराध का कृत्य है, जिसकी शिकायत बृजेन्द्र द्विवेदी, सोसायटी सदस्य द्वारा समस्त संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों से की है, उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई है? जाँच प्रतिवेदन के साथ की गई कार्यवाही की प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (क) के सोसायटी अध्यक्ष द्वारा प्रश्नांश (ग) के नियम व मापदण्ड का पालन नहीं किया गया है, तो क्या समस्त प्लाट आवंटन निरस्त करते हुए उक्त शिकायत की जाँच लोकायुक्त संगठन रीवा को सौपेंगे? यदि हाँ, तो कब तो? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) तहसीलदार, तहसील हुजूर जिला रीवा द्वारा अवगत कराया गया है कि वर्ष 1958-59 की खतौनी उपलब्ध नहीं है। वर्ष 1999 में उक्त खतौनी जाँच हेतु ई.ओ.डब्ल्यू द्वारा जप्त कर ली गई है। वर्ष 1980 के पूर्व तीरथ प्रसाद पिता लक्ष्मण प्रसाद 1/2 हिस्सा, अनन्दी प्रसाद पिता सुदर्शन प्रसाद 1/2 हिस्सा, निवासी ग्राम रतहरी के नाम दर्ज रही है। सोसायटी को जरिये रजिस्टर्ड विक्रय पत्र क्रमांक 2137 दिनांक 16.07.2001 के द्वारा प्राप्त हुई है। रजिस्ट्री व नामांतरण की प्रति उपलब्ध नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग जिला रीवा एवं नगर पालिका निगम रीवा द्वारा अवगत कराया गया है कि उनके द्वारा संस्था को किसी भी प्रकार की कोई अनुमति जारी नहीं की गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भूमि में आवंटित प्लाट से संबंधित जानकारी एकत्र की जा रही है। (ग) प्राप्त शिकायत की जाँच हेतु जाँच दल गठित किया गया है, जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर, जाँच निष्कर्षानुसार दोषियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के प्रावधानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
मुख्य मार्ग से तरावली कलां मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 2232 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत भोपाल-बैरसिया मुख्य मार्ग से तरावली कलां स्थित मार्ग के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माह अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2017 के मध्य माननीय मंत्री जी को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित मार्ग को विभाग कब तक बनायेगा? इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना तैयार की गयी है एवं क्या विभाग इस मार्ग हेतु पूरक बजट 2016-17 में इस हेतु प्रावधान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) रू. 651.53 लाख का प्राक्कलन तैयार किया गया था। एस.ओ.आर. में परिवर्तन के कारण संभागीय कार्यालय स्तर पर प्राक्कलन पुन: तैयार किया जा रहा है। (ग) विभाग में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सीमित होने के कारण प्राथमिकता क्रम में विचार किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
भूखण्ड/आवासों की जानकारी
[सहकारिता]
97. ( क्र. 2244 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लावण्य गुरूकुल गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित भोपाल के अनामिका नगर शाहपुरा भोपाल में कुल कितने भूखण्ड हैं तथा इनमें कितने भूखण्ड स्वामी मकान बनाकर रह रहे हैं? भूखण्ड स्वामी का नाम व भूखण्ड क्रमांक सहित जानकारी देवें तथा क्या भूखण्ड स्वामी द्वारा नियमानुसार विकास शुल्क जमा कराया गया है? यदि हाँ, तो विवरण दें? (ख) क्या अवासीय कालोनी में नियमानुसार विकास कार्य कराये जाकर नगर निगम को आधिपत्य सौंपा गया है? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो कालोनी में नलजल, विद्युत कार्य व साफ-सफाई कार्य क्यों नहीं कराया जा रहा है? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? क्या दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या अनामिका नगर में सीवर लाइन डाली गई है? यदि हाँ, तो इसकी साफ-सफाई की जिम्मेदारी किसकी है? क्या इसका सफाई कार्य कराया जा रहा है? नहीं तो कब तक कराया जायेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 53 तथा 10. जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) जी नहीं। संस्था सदस्यों द्वारा पूर्ण विकास शुल्क जमा नहीं कराये जाने के कारण। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। संस्था एवं सदस्यों की, जी नहीं। सदस्यों द्वारा संस्था में रख-रखाव शुल्क जमा कर सफाई कार्य कराया जा सकता है।
मार्ग निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 2253 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा किस दिनांक को सिंहनिवास से खुरई सी.सी. सड़क की स्वीकृति हुई थी? किस दिनांक को विभाग द्वारा निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ठेकेदार को निर्माण कार्य हेतु आदेश जारी किया गया है? विभाग द्वारा सड़क निर्माण पूर्ण करने हेतु अंतिम अवधि क्या निर्धारित की गई है? किस दिनांक तक इस सड़क मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि ठेकेदार को निर्माण कार्य आदेश जारी कर दिया गया है, तो किस दिनांक से निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ है व प्रश्न दिनांक तक उक्त सड़क का कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है? निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नहीं, तो कार्य आदेश जारी होने के उपरान्त भी कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? उसके क्या कारण हैं? क्या मूल ठेकेदार द्वारा कार्य स्वयं नहीं किया जाकर पेटी कान्ट्रेक्टरों को ठेका दिए जाने की तैयारी की जा रही है, जिससे घटिया गुणवत्ता की सड़क का निर्माण किया जा सके? यदि नहीं, तो उक्त ठेकेदार द्वारा स्वयं गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कब से प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 12.01.2016. दिनांक 19.04.2017. 24 माह वर्षाकाल सहित। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की सीमय सीमा दिनांक 18.04.19 है। (ख) दिनांक 17.05.2017. लगभग 05 प्रतिशत। कार्य प्रगतिरत्। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। एन.डी.बी. योजना के तहत किये जा रहे हैं। कार्य हेतु ठेकेदार के अनुबंध में सबलेटिंग का प्रावधान है, जी नहीं। कार्य गुणवत्तापूर्वक प्रगतिरत् है।
पुल के घटिया निर्माण की जाँच
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 2257 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खरवाया-इन्दुर्खी मार्ग में कूनो नदी पर म.प्र. सेतु निगम द्वारा नवीन पुल कब स्वीकृति हुआ? उसकी लागत क्या है? उक्त पुल के निर्माण कार्य पूर्ण होने की अवधि/तिथि क्या निर्धारित की गयी थी? क्या उक्त निर्धारित अवधि में पुल का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। क्या उक्त पुल के साथ स्वीकृत हुई सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) क्या इस वर्ष कम बारिश होने के बाबजूद भी उक्त निर्माणाधीन पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है एवं पानी के कटाव से सड़क भी क्षतिग्रस्त हो रही है? क्या बारिश के दिनों में नदी में पर्याप्त पानी होने की स्थिति में उक्त निर्माणाधीन पुल की मिट्टी एवं सड़क का कटाव होने से ढह जाने की पूरी संभावना है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या निर्माणाधीन पुल के घटिया निर्माण की राज्य स्तर से जाँच कराई जाकर शासन के करोड़ों रूपये का नुकसान करने वाले ठेकेदार एवं अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जावेगी व कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 06.01.2012 को। लागत रू. 609.80 लाख है। दिनांक 25.02.2015। जी नहीं। पुल का कार्य वर्ष 2016 में पूर्ण हो चुका था, लेकिन पहुँच मार्ग का कार्य 360 मीटर लंबाई (वन क्षेत्र) में अधूरा होने से अनुबंधानुसार कार्य अपूर्ण है। (ख) जी नहीं, जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित स्टॉप डेम का एक ओर (इन्दुर्खी की ओर) का भाग वर्षा के दौरान क्षतिग्रस्त होने से डेम का पानी टकराने से पुल के पास पहुँच मार्ग लगभग 10 मीटर लंबाई में क्षतिग्रस्त हुआ है। जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
बलराम तालाब निर्माण की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
100. ( क्र. 2264 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम की सैलाना विधानसभा क्षेत्र में लघु सिंचाई और जल संरक्षण के लिये बलराम तालाब योजना कब से लागू की गयी है और वर्ष 2013 से आज दिनांक तक इस योजना के तहत सैलाना विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने तालाब निर्मित किये गये हैं? जनपदवार व ग्राम पंचयतवार जानकारी देवें। इन स्वीकृत तालाब में कितने पूर्ण और कितने अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन तालाबों में कितनी राशि व्यय की गई? जनपदवार व ग्राम पंचयतवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार बलराम तालाब के अपूर्ण रहने के क्या कारण रहे हैं? अपूर्ण तालाबों की वर्षवार सूची देवें। क्या कोई अनियमितता की शिकायत हुई है, तो प्राप्त शिकायत पर क्या कार्यवाही हुई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2007-08 से बलराम तालाब योजना (राज्य पोषित) संपूर्ण प्रदेश में लागू की गई थी। वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक बलराम तालाब योजना के तहत सैलाना विधान सभा क्षेत्र में कुल 18 बलराम तालाब कृषकों द्वारा निर्मित किये गये। सभी बलराम तालाब पूर्ण है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार सभी बलराम तालाब पूर्ण हैं अनियमितता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है। अत:शेष का प्रश्न नहीं है।
विभागीय योजनाओं में लक्ष्यपूर्ति
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
101. ( क्र. 2265 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना व बाजना विकासखण्ड अंतर्गत वर्ष २०१४ से प्रश्न दिनांक तक उद्यानिकी फसलों के विकास हेतु किसानों को अनुदान व अन्य योजनान्तर्गत क्या-क्या सामग्री उपलब्ध कराई गई? वर्षवार प्रदाय सामग्री की हितग्राही संख्यावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में हितग्राहियों के चयन की क्या प्रक्रिया है? क्या इनके चयन में नियमों का पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? (ग) वित्तीय वर्ष २०१७-१८ में उद्यानिकी फसलों के विकास हेतु किस योजना में कितना कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ तथा प्रश्न दिनांक तक कितना लक्ष्य पूर्ण हुआ है? योजनावार जानकारी प्रदान करें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत किसानों का चयन नहीं किया जाता है अपितु कृषकों द्वारा ऑनलाईन पंजीयन कराने एवं आवेदन प्रस्तुत करने पर प्राप्त आवेदनों में से ''प्रथम आओ प्रथम पाओ'' के आधार पर नियमानुसार लाभान्वित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
जय स्तंभ चौक से भीमपुर सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
102. ( क्र. 2285 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिचौली में जयस्तंभ चौक से भीमपुर नांदा तक की सड़क का कार्य कब तक पूरा होगा? (ख) ठेकेदार द्वारा तीन वर्षों से सड़क का कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया गया? क्या ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) चिचौली से जय स्तंभ चौक से भीमपुर नांदा तक की सड़क का कार्य अनुबंधानुसार मार्च 2018 तक पूर्ण होना संभावित है। ख) कार्य की स्वीकृति दिनांक 03.06.2016 को जारी हुई थी, जिसका अनुबंध दिनांक 04.08.2016 को किया गया था। ठेकेदार द्वारा कार्य किया जा रहा है। विलंब होने की स्थिति में अनुबंध अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
बरेठा से रानीपुर मार्ग निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 2286 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.यू.टी. योजना अन्तर्गत बरेठा से रानीपुर जोड़ तक 15 कि.मी. तक बनने वाली एम.डी.आर. रोड जो कि एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा बनायी जा रही है? इसमें ठेकेदार द्वारा भारी गड़बड़ी की जा रही है, नाली निर्माण घटिया स्तर का किया जा रहा है, जगह जगह से नाली टूट रही है, निम्न क्वालिटी का मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है। 70% से अधिक स्तर की उपयोग गिट्टी के साथ किया जा रहा है। कांक्रीट वर्क पर तराई भी नहीं हो रही है। तकनीकी कमी के कारण नाली निर्माण में रोड कांक्रीट लेवल से ऊँची कर दी गई है, जिससे अवागमन में परेशानियां हो रही है। (ख) क्या उक्त सड़क की समय-सीमा दो वर्ष पहले समाप्त हो गई है एवं अभी भी विलंब किया जा रहा है? क्या दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जावेगी एवं घटिया निर्माण कार्य ठीक कराया जावेगा एवं कब तक कार्य पूर्ण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं, जी नहीं, जी नहीं, जी नहीं, अनुबंधकर्ता द्वारा निर्धारित गुणवत्ता की सामाग्री का उपयोग किया जा कर मापदण्डों के अनुरूप कार्य नियुक्त स्वतंत्र इंजीनियर की देखरेख में किया जा रहा है। कांक्रीट कार्य में स्वतंत्र इंजीनियर द्वारा अनुमोदित मिक्स डिजाईन में निर्धारित अनुपात में गिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है एवं निर्धारित अवधि तक तराई की जा रही है। नाली निर्माण कंसेशन अनुबंध दिनांक 26.08.2014 के प्रावधानों के अनुसार कराया जा रहा है। अतः आवागमन में परेशानी जैसी स्थिति नहीं है। (ख) जी हाँ, अनुबंधानुसार निर्माण कार्य हेतु नियुक्ति दिनांक 09.03.2015 से एक वर्ष की अवधि एवं कुल कंसेशन अवधि 15 वर्ष निर्धारित है। निर्माण में विलंब मुख्यतः घोड़ाडोंगरी कस्बे में टू-लेन के स्थान पर फोर-लेन मार्ग वन भूमि में अनुमति में विलंब, भूमि अधिगृहण प्रक्रिया इत्यादि के कारण मार्ग निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किया जा सका। जिसके लिये कोई अधिकारी दोषी नहीं है। निवेशक को अनुबंध के प्रावधानों अनुसार कार्य शीघ्र पूर्ण करने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। मार्ग का निर्माण निर्धारित गुणवत्ता अनुरूप किया जा रहा है, अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निवेशक द्वारा निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे है, कार्य मार्च 2018 तक पूर्ण होने की संभावना है।
कृषि यंत्रीकरण से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
104. ( क्र. 2303 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर एवं शाजापुर जिले को विगत 03 वर्षों में कृषि यंत्रीकरण हेतु कौन-कौन सी योजनाओं में बजट उपलब्ध कराया गया एवं कितना-कितना? कृपया वित्तीय वर्षवार, योजनावार पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवंटित बजट के परिप्रेक्ष्य में कितने बजट का उपयोग किया गया? यदि पूल बजट में से उपयोग किया गया तो म.प्र. के कुल बजट का कितना प्रतिशत आगर जिले ने उपयोग किया? कृपया वित्तीय वर्षवार पूर्ण विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित उपयोग किए गए बजट से कितने कृषकों को लाभान्वित किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लाभान्वित किए गए कृषकों का विवरण वर्षवार, योजनावार, अनुदान राशिवार सहित उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी द्वारा संचालित योजनाओं में आगर एवं शाजापुर जिले को विगत 03 वर्षों में उपलब्ध कराये गये बजट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) शाजापुर जिले द्वारा उनको आवंटित पूर्ण बजट का उपयोग किया गया है, आगर जिले को आवंटित बजट में से उपयोग किये गये बजट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। शाजापुर एवं आगर जिले द्वारा पूल बजट का उपयोग नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित उपयोग किये गये बजट में से लाभांवित कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' एवं ''5'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''6'' अनुसार है।
कृषि उपज मंडी समिति में संचालित तौल कांटे का अनुबंध
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
105. ( क्र. 2313 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ कृषि उपज मंडी समिति में लीज आधारित एक बड़ा तौल कांटा संचालित है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से तौल कांटा संचालित है? (ख) संचालित तौल कांटे का किराये का अनुबंध किस दिनांक को किया गया? अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें। यदि अनुबंध नहीं किया गया है, तो क्यों नहीं? (ग) यदि अनुबंध नहीं किया गया है, तो इसके लिये जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी व कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ कृषि उपज मंडी समिति में लीज आधारित बड़ा तौलकांटा दिनांक 15.03.2012 से संचालित है। (ख) जी हाँ। संचालित तौलकांटे का अनुबंध दिनांक 23.08.2011 को सचिव कृषि उपज मंडी समिति नरसिंहगढ़ द्वारा मंडी बोर्ड के पत्र क्रमांक बी-7/2/तौ.कां/14/204 दिनांक 15.06.2010 के अनुसार निष्पादित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। अनुबंध की प्रति संलग्न है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। शेष का प्रश्न ही नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
किसानों को पचास हजार रूपये नगदी भुगतान की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
106. ( क्र. 2314 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने कृषि उपज मंडी के माध्यम से बेची जाने वाली उपज में किसानों को पचास हजार रूपये नगद भुगतान करने संबंधी घोषणा की है? (ख) यदि हाँ, तो क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप पचास हजार रूपये तक का भुगतान किसानों किया गया? (ग) यदि हाँ, तो मंडी समिति नरसिंहगढ़ जिला-राजगढ़ में भावातंर भुगतान योजनान्तर्गत प्रश्नांकित अवधि में कितने किसानों को नगद राशि का भुगतान किया गया है? जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) शासन द्वारा कृषकों को मंडियों में विक्रित उपज का उनके वांछित अनुसार विधि की परिधि में नगद तथा आर.टी.जी.एस./एन.ई.एफ.टी. से भुगतान कराने हेतु बैंको में पर्याप्त तरलता की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये। (ख) प्रदेश की मंडियों में कृषकों को विधि की परिधि में नगद तथा आर.टी.जी.एस./एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से भुगतान प्रचलित है। (ग) मंडी समिति नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ में भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 8585 कृषकों को नगद राशि का भुगतान किया गया।
राष्ट्रीय राज्यमार्ग-59 को पूर्ण किया जाना
[लोक निर्माण]
107. ( क्र. 2317 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राज्यमार्ग-59 के निर्माण की स्वीकृती कब प्रदान की गई थी? इसकी लागत कितनी थी? कार्यादेश कब जारी किये गये? निर्माण अवधि क्या थी? (ख) क्या निर्माण ऐजेन्सी द्वारा राष्ट्रीय राज्यमार्ग-59 का निर्माण का कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किया गया एवं अधूरे निर्माण के कारण आम जनता परेशान होती रही है? विभाग द्वारा निर्माण ऐजेन्सी के विरूद्व कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या राष्ट्रीय राज्यमार्ग-59 का कार्य माछलिया घाट एवं पिटोल के बीच 16 कि.मी. अपूर्ण होने से आये दिन जन-धन हानि की घटनाएं होती रहती हैं? क्या शासन उक्त मार्ग को पूर्ण करवाये जाने में गंभीरता से कार्यवाही करेगा तथा कब तक कार्य पूर्ण किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत इन्दौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग-59 के कि.मी. 5.00 से 9.50 (कुल लंबाई 4.50 कि.मी.) तक का भाग आता है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं शेष सम्पूर्ण मार्ग एन.एच.ए.आई. के अंतर्गत है। मार्ग के शेष भाग की जानकारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं '1' अनुसार है। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
सड़क, पुल, पुलिया एवं स्टॉप डेम निर्माण
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 2328 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सड़क, पुल, पुलिया एवं स्टॉप डेम परियोजनाएं स्वीकृत होकर प्रारम्भ होने की स्थिति में हैं तथा ऐसी सड़क परियोजनाओं का कार्य कब तक प्रारम्भ हो जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जनवरी 2015 से अक्टूबर 2017 के मध्य विभाग द्वारा स्वीकृत एवं कार्य प्रारम्भ होने के बाद सभी सड़क, पुल, पुलिया, स्टॉप डेम आदि का कार्य पूर्ण हो गया है? अथवा कुछ योजनाएं अधूरे कार्य के उपरान्त बंद पड़ी है और क्यों? क्या इन अधूरे पड़े कार्यों को पूर्ण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक अथवा नहीं तो क्यों? (ग) क्या उक्त अधूरी पड़ी योजनाओं का प्राक्कलन त्रुटिपूर्ण तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) स्वीकृत कार्यों में कोई भी कार्य अप्रारंभ नहीं है। विभाग द्वारा स्टॉप डेम का निर्माण नहीं किया जाता है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
बी.ओ.टी. मार्गों की जानकारी
[लोक निर्माण]
109. ( क्र. 2329 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन-देवास, उज्जैन-बदनावर मार्ग, उज्जैन-इन्दौर मार्ग उज्जैन नागदा मार्ग व्हाया भैरवगढ़ एवं उज्जैन नगर स्थित इनर रिंग रोड को बी.ओ.टी. योजना के तहत कब से कब तक की अवधि के लिए अनुबंधित किया गया है? अनुबंध की प्रतियों सहित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करें तथा प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्गों की अनुबंध राशि का कुल कितना प्रतिशत राजस्व संबंधित ठेकेदार फर्म को प्राप्त हो चुका है? पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सभी अनुबंध धारी संस्थाओं द्वारा अनुबंध की समस्त शर्तों का पालन पूर्ण रूप से किया जा रहा है अथवा कुछ अनुबंधित फर्मों को विभाग द्वारा अनुबंध शर्तों में रियायत दी गयी हो, तो उस आदेश/निर्देश की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार बी.ओ.टी. मार्गों का संचालन अनुबंध की शर्तों के अनुरूप हो रहा है अथवा नहीं इसके लिए विभाग के कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदारी हैं तथा उनके द्वारा कब-कब उक्त मार्गों का अवलोकन किया गया एवं अनुबंध की शर्तों के पालन संबंधी क्या-क्या कार्यवाही की गयी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। अनुबंध की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बी.ओ.टी. मार्गों का संचालन अनुबंध की शर्तों के अनुरूप हो रहा है। बी.ओ.टी. मार्गों का अनुबंध की शर्तों के अनुरूप संचालन कराने हेतु म.प्र. सड़क विकास निगम के क्षेत्र पदस्थ विभिन्न अधिकारी जिम्मेदार है। विभिन्न अधिकारियों द्वारा मार्गों के निरीक्षण उपरांत जारी नोटिस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
भावांतर भुगतान योजनांतर्गत फसलों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
110. ( क्र. 2332 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा किसानों की फसल का उचित मूल्य देने के लिये भावांतर भुगतान योजना लागू की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो भावांतर भुगतान योजना में किन-किन फसलों को शामिल किया गया है? औसत मूल्य निर्धारण पर किन-किन फसलों पर किस-किस प्रदेश को शामिल किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में शासन द्वारा समर्थन मूल्य का निर्धारण फसलों के बिक्री के पूर्व कर दिया गया है? यदि हाँ, तो प्रत्येक का पृथक-पृथक समर्थन मूल्य बतावें। क्या सरकार प्रत्येक जिले में प्रत्येक फसल का प्रति हेक्टेयर उत्पादन निश्चित कर भावांतर की राशि का भुगतान करेगी? यदि हाँ, तो प्रत्येक जिले के प्रत्येक फसल के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के निश्चित मात्रा का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में क्या किसान ने यदि अधिक उत्पादन किया तो उसकी फसल का भावांतर नहीं दिया जावेगा? कारण स्पष्ट करें। क्या किसान का औसत मूल्य एवं समर्थन मूल्य के अंतर की राशि दी जावेगी तो समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर बेची गयी फसल का नुकसान कौन देगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना में निम्न फसलें सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द एवं तुअर को शामिल किया गया है। औसत मूल्य निर्धारण हेतु फसलवार शामिल प्रदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जी हाँ। फसलवार समर्थन मूल्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। जी हाँ, प्रत्येक कृषि जलवायु क्षेत्रवार फसलवार प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादकता निर्धारित की गयी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग भोपाल के ज्ञाप क्रमांक डी-15/44/2017/14-3 दिनांक 06 सितम्बर 2017 से लागू भावांतर भुगतान योजना की कंडिका क्रमांक (2) में प्रदेश के किसानों की चयनित फसलों के लिये जिले की उत्पादकता की निश्चित सीमा तक विक्रय की गई फसल पर भावांतर का लाभ देय होगा। योजना अंतर्गत निर्धारित शर्तों के अध्याधीन पंजीकृत किसान द्वारा बेची गयी फसल की विक्रय दर समर्थन मूल्य से कम किन्तु राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (whole-sale) विक्रय दर से अधिक हुई तो समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अंतर की राशि भावांतर के रूप में भुगतान योग्य होगी। पंजीकृत किसान द्वारा बेची गई फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (whole-sale) विक्रय दर से कम हुई तो समर्थन मूल्य तथा मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि का लाभ भावांतर के रूप में देय होगा परन्तु किसी उत्पाद के मॉडल (whole-sale) विक्रय दर औसत (तीन राज्यों का) यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर रहे तो उक्त फसल उत्पाद के लिये भावांतर भुगतान योजना लागू नहीं मानी जाएगी। यदि किसान द्वारा विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक या उसके बराबर हुई तो योजना का लाभ देय नहीं होगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आश्वासनों एवं निर्मित सड़कों का क्रियान्वयन
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 2338 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 3486, दिनांक 09.03.2017 में पूछा गया था कि मऊगंज घोघम पहुँच मार्ग पर स्थानीय गांवों की जनसंख्या लगभग 26 हजार निवासरत है, जो ध्वस्त मार्ग पर आवागमन कर रही है? प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1133, उत्तर दिनांक 24 जुलाई, 2017 में भी पूछा गया था कि मऊगंज घोघम मार्ग को एम.डी.आर. मार्ग कटेगरी 'बी' घोषित करने का प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन को भेजा गया था? मुरैठा से मझिगवां मार्ग के मजबूतीकरण के प्रस्ताव का प्राक्कलन प्रस्तुत कर मार्ग का निर्माण कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था? क्या तारांकित प्रश्न क्रमांक 3486 में सदन में चर्चा के दौरान प्रश्नकर्ता के एम.डी.आर. घोषित करने की मांग पर एम.डी.आर. घोषित करने की मांग की थी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो मऊगंज घोघम मार्ग के एम.डी.आर. घोषित करने की घोषणा का क्रियान्वयन मुरैठा से मझिगवां मार्ग के मजबूतीकरण का कार्य तथा मऊगंज से सीधी कम लंबाई का एम.डी.आर. मार्ग, मऊगंज-बहेराडाबर मार्ग एम.डी.आर. घोषित कर उन्नयन का प्रस्ताव, ए.पी. एम.डी.आर. नं. 43-11 बहेराडाबर-पिपराही-जड़कुड़ रोड चॉकघाट-सोनौरी एवं लटियार-हनुमना सड़क के प्रश्न दिनांक तक के क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्रियान्वयन की कार्यवाही कब तक पूर्ण की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ आंशिक रूप से। जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। जी हाँ। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मऊगंज से सीधी। मऊगंज-बहेराडाबर मार्ग वर्तमान में घोषित नवीन राज्य मार्ग क्रमांक-24 का भाग है। वर्तमान में म.प्र.स.वि.नि. के अंतर्गत मऊगंज-बहेराडाबर भाग के उन्नयन हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने का कार्य किया जा रहा है। बहेराडाबर-पिपराही-जड़कुड़ मार्ग, चॉकघाट-सोनौरी मार्ग एवं लटियार-हनुमना मार्ग के उन्नयन हेतु ए.डी.बी. एम.पी.डी.आर.-II एस.पी. योजनांतर्गत निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है अत: निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माईनर एवं सब-माईनर नहरों के निर्माण की जानकारी
[जल संसाधन]
112. ( क्र. 2360 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा, सीधी एवं सतना जिले में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक में माईनर एवं सब-माईनर नहरों के निर्माण बाबत् कितनी-कितनी राशि कब-कब शासन द्वारा प्रदान की गई? वर्षवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के माईनर एवं सब-माईनर नहरों के निर्माण बाबत् कार्यादेश कब-कब, किन-किन संविदाकारों/ठेकेदारों को किन अनुबंध के शर्तों अनुसार दिये गये? क्या अनुबंध की शर्तों अनुसार कार्य समय पर पूर्ण किये गये? कार्यवार विवरण देवें। अगर पूर्ण नहीं हुए तो किन-किन ठेकेदारों/संविदाकारों एवं जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के ऊपर क्या कार्यवाही कब-कब की गई? अगर कार्यावधि बढ़ाई गई तो किन शर्तों पर और क्यों? इससे शासन को कितने रूपये की लागत बड़ी बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) की माईनर एवं सब-माईनर के निर्माण कार्य प्रश्नांश (ख) के संविदाकारों के कार्य कितने कि.मी. के किन संविदाकारों/ठेकेदारों को कहाँ से कहाँ तक के दिये गये? नहरों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? (घ) प्रश्नांश (क) के कार्यों के निर्माण एवं सामग्री के गुणवत्ता के गुणवत्ता की जाँच कब-कब, किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा की गई? यदि गुणवत्ता की जाँच न किये जाने के कारण नहरें क्षतिग्रस्त हुईं, इसके लिए कौन जवाबदार होंगे? (ड.) प्रश्नांश (क) के माईनर एवं सब-माईनर नहरों का निर्माण प्रश्नांश (ख) के संविदाकार/ठेकेदारों द्वारा समय पर पूर्ण नहीं किये जाने से सिंचाई का रकवा कितने हेक्टेयर प्रभावित हुआ? क्या कार्यवधि बढ़ाकर ठेकेदारों को लाभांवित किया गया एवं सामग्री एवं कार्यों की गुणवत्ता की जाँच न कर गुणवत्ता विहीन सामग्री का उपयोग कराकर ठेकेदारों को लाभांवित किया गया, जिससे नहरें क्षतिग्रस्त हुईं, यदि हाँ, तो इसके लिए जिम्मेवारों की पहचान कर क्या उन पर वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रपत्र में दर्शाए गए कार्यों की गुणवत्ता की जाँच समय समय पर गुणवत्ता नियंत्रण इकाई द्वारा की जाना प्रतिवेदित है। गुणवत्ता की कमी के फलस्वरूप नहरें क्षतिग्रस्त नहीं हुई हैं। (ड.) माईनर एवं सब-माईनर नहरों का प्रश्नांश (ख) के अनुसार कार्यहित को दृष्टिगत रखते हुए संविदाकार/ठेकेदार को अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार समय वृद्धि प्रदान कर कार्य पूर्ण कराया जा रहा है। संविदाकारों को लाभांवित नहीं किया गया। निर्माण कार्यों में लगने वाली सामग्री एवं कार्यों की गुणवत्ता की जाँच गुणवत्ता नियंत्रण इकाई द्वारा सतत् की गई है। कोई भी कार्य गुणवत्ता विहीन नहीं होना प्रतिवेदित होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
राष्ट्रीय राज्यमार्ग एवं जिला मार्ग की जानकारी
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 2361 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में कितने कि.मी. राष्ट्रीय राज्यमार्ग एवं जिला मार्ग हैं, का विवरण मार्गों/सड़कों को जिलावार मार्गों के नाम सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की सड़कों में से कितने कि.मी. की किन-किन सड़कों का निर्माण वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक में कितनी लागत से किन ठेकेदारों/संविदाकारों से कराया गया? कार्यादेश कब दिया गया? विवरण वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) की सड़कों/रोडों का निर्माण प्रश्नांश (ख) के ठेकेदारों द्वारा शर्तों अनुसार समय पर अनुबन्धानुसार पूरे नहीं कराये गये, उस पर क्या कार्यवाही कब की गई? निर्मित रोडों की भौतिक स्थिति मौके पर क्या है? (घ) प्रश्नांश (क) की सड़कों में से वर्तमान में कितने कि.मी. रोडों/सड़कों का निर्माण नहीं हुआ है? जिन कस्बों के बाहर बाय-पास का निर्माण हो चुका है, इनके अंदर की पुरानी रोडों की स्थिति क्या है? इनके निर्माण हेतु कार्यादेश जारी कर निर्माण कार्य कराये गये? अगर नहीं तो क्यों? (ड.) क्या प्रश्नांश (क) रोडों को प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार संबंधितों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं कराये गये? फर्जी बिल वाउचर लगाकर राशि आहरित कर ली गई? कार्य मौके पर नहीं कराये गये? इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों से राशि की वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का आदेश जारी करेंगे एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार रोडों का निर्माण नहीं कराया, राशि आहरित कर ली गई, मौके पर रोड चलने लायक नहीं है, इस पर क्या कार्यवाही जिम्मेवारों पर करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) एवं (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'स-1' अनुसार है। रीवा-सीधी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-75 में एम.पी.आर.डी.सी. के अंतर्गत कुल लंबाई 57.9 कि.मी. निर्माण के साथ-साथ गुढ़ बाय-पास एवं सीधी बाय-पास का निर्माण किया जा चुका है। निर्माण उपरांत उक्त निर्मित मार्ग दिनांक 21.09.2017 को एन.एच.ए.आई. को हस्तांतरित किया जा चुका है। रीवा एम.पी./यू.पी. बार्डर राष्ट्रीय राजमार्ग में रायपुर कर्चुलियान बाय-पास मनगवां बाय-पास, रघुनाथगंज बाय-पास देवतालाब बाय-पास, मऊगंज बाय-पास एवं हनुमना बाय-पास का निर्माण किया जा चुका है। (ड.) जी नहीं। कार्य स्थल पर अनुबंध व प्रावधान अनुसार कार्य कराये गये/प्रगतिरत् है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ब्लास्टिंग कार्य में अनियमितता की जाँच
[जल संसाधन]
114. ( क्र. 2375 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले की उकापला नहर की डी-4 में विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग द्वारा ब्लास्टिंग का प्रथम प्राक्कलन यू.एस.आर. पर कब तथा कितनी मात्रा का स्वीकृति किया गया था? (ख) यह भी बतायें कि उसी कार्य का पुन: प्राक्कलन किये यू.एस.आर. पर कितनी मात्रा का स्वीकृति किया गया? कारण सहित विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में दोनों प्राक्कलनों में भारी अंतर का कारण एवं जिम्मेदार अधिकारियों के नाम दिये जायें। (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) की संदर्भ में किये गये ब्लास्टिंग में भारी अनियमितताएं की गयी? अनियमितताओं की जाँच लोकायुक्त से कब तक करायी जावेगी? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) सिंध परियोजना द्वितीय चरण के अंतर्गत निर्माणाधीन उकायला नहर एवं उसकी वितरिका डी-4 की तकनीकी स्वीकृति अधीक्षण यंत्री राजघाट नगर मण्डल झांसी द्वारा वर्ष 2006-07 में रूपये 168.97 लाख की दी गई। वर्ष 2007-08 में कार्यपालन यंत्री द्वारा निविदा आमंत्रित कर रू. 226.55 लाख का अनुबंध 34.08 प्रतिशत अधिक दर पर ठेकेदार से किया जाना प्रतिवेदित है। ठेकेदार द्वारा केवल रू.187.45 लाख का कार्य किया गया। शेष कार्य प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग के आदेश दिनांक 04.02.2012 के आधार पर विभागीय तौर पर संपादित कराया जाना प्रतिवेदित है। रू.32.80 लाख के ड्रिलिंग एवं ब्लास्टिंग का कार्य पीस वर्क पर प्रमुख अभियंता द्वारा स्वीकृत दर पर एवं ब्लास्टिंग से प्राप्त हार्डराक को नहर से बाहर निकालने का रू.37.00 लाख के का कार्य विद्युत यांत्रिकी यूनिट द्वारा संपादित किया गया है। कार्य का कोई अन्य प्राक्कलन पुनरीक्षित कर स्वीकृत नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। कार्य विभागीय तौर पर प्रमुख अभियंता की स्वीकृति के उपरांत ही संपादित कराया गया होने से अनियमितता की स्थिति नहीं है। अत: जाँच कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जल उपभोक्ता संस्थाओं द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
115. ( क्र. 2376 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयान्तर्गत उप संभाग के अंतर्गत जल उपभोक्ता संस्थाओं को वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-2017 में कितनी-कितनी राशि प्रदान की गयी। संस्थावार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रदान की गयी राशि के कौन-कौन से कार्य का निर्माण किया गया? कार्यों का विवरण उन पर भुगतान की गयी राशि तथा संबंधित उपयंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी का विवरण भी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) निर्मित कार्यों में क्या तकनीकी प्रावधान के अनुसार पाइप एवं अन्य सामग्री उपयोग की गयी? प्राक्कलन में प्रावधानित एवं फील्ड में की गयी सामग्री का तुलनात्मक विवरण दिया जावे। (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में भारी पैमाने पर की गयी अनियमितता की जाँच करायी जावेगी एवं दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3, 4 एवं 5 अनुसार है। (ग) जी हाँ। निर्मित किए गए कोलाबा कार्यों में विभागीय तकनीकी प्रावधानों के अनुसार ही निर्धारित 4 इंच व्यास के पी.व्ही.सी पाइप एवं अन्य सामग्रियों का उपयोग किया जाना प्रतिवेदित है। निर्माण सामग्री का उपयोग निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप किए जाने से तुलनात्मक विवरण दिए जाने की आवश्यकता नहीं है। (घ) सभी निर्माण कार्य विभागीय मापदण्डों एवं गुणवत्ता पूर्ण कराए जाना प्रतिवेदित है। इस विषय में कोई शिकायत आदि न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
म.प्र. राज्य तिलहन संघ सेवायुक्तों के वेतनमान की जानकारी
[सहकारिता]
116. ( क्र. 2388 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. तिलहन संघ सेवायुक्तों को पाँचवां वेतनमान का अंतरिम राहत स्वीकृत किया गया? यदि किया तो कब-कब, कितना-कितना पाँचवा वेतनमान का अंतरिम राहत दिया? (ख) म.प्र. तिलहन संघ सेवायुक्तों को क्या वर्तमान में भी पाँचवा वेतनमान का लाभ न दिया जाकर अंतरिम राहत ही दी जा रही है? यदि पाँचवा वेतनमान स्वीकृत नहीं किया तो आंतरिम राहत क्यों दी जा रही है? (ग) शासन के विभिन्न विभागों के सातवें वेतनमान में कार्यरत सेवायुक्तों के साथ तिलहन संघ के विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत सेवायुक्त पाँचवे वेतनमान अंतरिम राहत मात्र का लाभ देकर ही काम लेना ठीक है? भेदभाव पूर्ण नीति शासन कब समाप्त करेगी? (घ) तिलहन संघ के लगभग 500 कर्मचारी लगभग 20 वर्ष से अंतरिम राहत पर कार्यरत है, क्या उनके प्रति शासन की संवेदना नहीं है? क्या यह Justice delayed is denied की श्रेणी में नहीं आवेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। म.प्र. राज्य तिलहन उत्पादक सहकारी संघ के सेवायुक्तों को वर्तमान में चतुर्थ वेतनमान दिया जा रहा है। पाँचवे वेतनमान के स्थान पर नवम्बर 1993 से रू. 100/- प्रतिमाह, अगस्त 1995 से मूल वेतन का 10 प्रतिशत तथा पुन: अक्टूबर 1996 से मूलवेतन का 10 प्रतिशत अतिरिक्त रूप से अंतरिम राहत दी जा रही है। (ख) जी हाँ। तिलहन संघ की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण सेवायुक्तों को पाँचवा वेतनमान न दिया जाकर अंतरिम राहत दी जा रही है। (ग) तिलहन संघ के सेवायुक्तों के वेतनमान के मामलों में मान. उच्च न्यायालय में याचिकाएं विचाराधीन हैं। अत: मामला सबज्यूडिस है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार।
कृषि उपकरणों का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
117. ( क्र. 2391 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में कितने किसानों को क्या-क्या कृषि उपकरण वितरित किये गये हैं? इन पर कितना अनुदान प्रदान किया गया है? कितना शेष है? (ख) हितग्राही चयन का क्या मापदण्ड है? इसका प्रचार-प्रसार किस तरह किया जाता है? (ग) भविष्य में पात्र किसानों को कृषि उपकरण मिल सके इसके लिए विभाग क्या कार्यवाही करने जा रहा है? (घ) उन्नत खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु कौन सी तकनीक कृषि विभाग अपनाने जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले में योजना प्रावधान अनुसार हितग्राहियों का चयन ऑनलाईन प्रक्रिया अंतर्गत किया जाता है। इस हेतु प्रशिक्षण, बैठक भ्रमण, मेला, संगोष्ठी, लीफलेट, पेम्पलेट एवं समाचार पत्रों के माध्यम से कृषकों के बीच प्रचार-प्रसार किया जाता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार व्यवस्था पूर्व से ही है। (घ) जिले में उन्नत खेती को प्रोत्साहित करने हेतु जैविक खेती, अंतवर्तीय खेती, रेज्डबैंड पद्धति, रिज एंड फेरो पद्धति, कृषि यंत्रीकरण एवं संकर मक्का उत्पादन आदि को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है।
कृषि महाविद्यालय की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
118. ( क्र. 2396 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की ऐसी कौन-कौन सी विधान सभा हैं जहां पर कृषि महाविद्यालय स्थापित है? (ख) कन्नौद खातेगांव के कई छात्र-छात्राओं को कृषि महाविद्यालय नहीं होने से शिक्षा प्राप्त करने हेतु इन्दौर देवास, भोपाल, हरदा इत्यादि स्थानों पर लम्बी दूरी तय करके जाना पड़ता है छात्र-छात्राओं की सुविधा हेतु शासन की क्या योजना है? (ग) अगर शासन/विभाग खातेगांव में कृषि महाविद्यालय खोले जाने हेतु विचाराधीन है, तो कब तक कृषि महाविद्यालय खोला जावेगा? (घ) खातेगांव में कृषि महाविद्यालय खोला जाना अति आवश्यक है। क्षेत्र की जनता द्वारा बार-बार मांग की जा रही है, विभाग इस पर गंभीरता से विचार करे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) देवास जिले के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में कृषि महाविद्यालय स्थापित नहीं हैं। (ख) कन्नौज खातेगांव में कृषि महाविद्यालय खोला जाना विचाराधीन नहीं है। (ग) विभाग द्वारा खातेगांव में कृषि महाविद्यालय खोला जाना विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
पौधा रोपण कार्यक्रम की जाँच
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
119. ( क्र. 2405 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 02 जुलाई 2017 को पौधारोपण कार्यक्रम के तहत सिवनी जिले में जनपद पंचायत स्तर से कितने पौधे किस-किस प्रजाति के एवं किस्म के कहाँ से एवं किस-किस कीमत पर खरीदे गये? पौधों की जानकारी संख्यावार प्रजातिवार, किस्मवार, राशिवार पृथक-पृथक रूप से कोटेशन एवं बिल सहित जनपद पंचायवार बताई जावे? (ख) प्रश्नांश (ख) कार्यक्रम के तहत क्रय किये गये पौधों में कितने पौधे मानक स्तर के हैं एवं कितने अमानक स्तर के? अमानक पौधों के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या जिन संस्थाओं से पौधे क्रय किये गये थे वह दुगनी कीमतों में लिये गये? क्या इसकी जाँच करवाई जाकर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? (ग) किस वाहन में कितने पौधे आये एवं उनकी पौध ढुलाई क्षमता क्या थी? इसकी प्रमाणिकता दी जावे? क्या शासकीय रोपणियों एवं निजी रोपणियों में पौध उत्पादन का नहीं किया जाता? यदि किया जाता तो क्या इससे शासकीय रोपणियों की आय बढ़ती व स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता? क्या इस हेतु शासन प्रभावी कदम उठायेगा? (घ) सिवनी जिले में पौधों के लक्ष्य का निर्धारण किस आधार पर किया गया? कितने विभागीय पंजीयन किये गये? कितने रकवा के मनरेगा के प्रकरण बनाये गये एवं कितने प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्राप्त की? यदि प्रकरण लक्ष्य अनुसार नहीं थे तो पौधे क्यों मंगवाये गये एवं कितने कृषकों के यहां कितने रकवा में पौध रोपण किया गया?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा जनपद पंचायत स्तर से किसी भी प्रकार के पौधों के क्रय आदेश जारी नहीं किये गये। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नमामि देवी नर्मदे योजनान्तर्गत 1-1 किलोमीटर की पट्टी तक कृषकों के पास उपलब्ध रकवा एवं वचन पत्र में फल-पौध रोपण हेतु सहमति के आधार पर सिवनी जिले में पौध रोपण हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया। नर्मदा नदी के तट पर पर्यावरण सुधार एवं प्रदूषण निवारण की विभागीय योजनांतर्गत जिला स्तर पर 121 कृषकों का पंजीयन 122.584 हेक्टेयर हेतु किया गया है। मनरेगा योजना अन्तर्गत 398 कृषकों के 233.217 हेक्टेयर के प्रकरण बनाये गये, जिनकी तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति शत्-प्रतिशत जारी की गई है। लक्ष्य अनुसार ही पौधे मंगवाये गये। 02 जुलाई 2017 को 467 कृषकों की निजी भूमि पर 302.50 हेक्टेयर में पौध रोपण कराया गया।
शासन पर वित्तीय भार की तुलनात्मक जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
120. ( क्र. 2408 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय फसल बीमा योजना कब प्रारंभ की गयी थी तथा कब समाप्त की गयी? इस योजना में बीमा राशि भुगतान में केन्द्र तथा राज्य के अंश की जानकारी दें? (ख) राष्ट्रीय फसल बीमा योजना में फसलों की बीमा राशि वितरण में राज्य शासन द्वारा भुगतान किये गये अंश राशि की वर्षवार जानकारी दें? (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में राज्य शासन द्वारा भरे गये प्रीमियम राशि के भुगतान की जानकारी खरीफ तथा रबी की फसल अनुसार वर्षवार दें। (घ) क्या विषयांकित दोनों बीमा योजनाओं में इकाई पटवारी हल्का होने से किसानों को मिलने वाले लाभ में तो कोई वृद्धि नहीं हुई लेकिन राज्य शासन पर भारी बोझ पड़ा है तथा सीधा फायदा बीमा कम्पनियों को हुआ है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय फसल बीमा योजना रबी 1999-2000 से प्रारंभ होकर रबी 2015-16 मौसम तक क्रियान्वित की गई थी। इस योजना में बीमा राशि भुगतान में केन्द्र तथा केन्द्र राज्य के अंश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में राज्य शासन द्वारा खरीफ 2016 तथा रबी 2016-17 में क्रमशः राशि रू. 1234.11 करोड़ एवं राशि रू. 194.04 करोड़ के प्रीमियम का भुगतान किया गया है। (घ) बीमा की इकाई तहसील अथवा जिला के स्थान पर पटवारी हल्का होने से क्षति का आंकलन बेहतर संभव होता है, जिससे फसल नुकसानी पर फसल बीमा का लाभ किसानों को मिलने की संभावना अधिक होती है।
नदियों पर पुलों का निर्माण
[लोक निर्माण]
121. ( क्र. 2411 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा नरसिंहपुर लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग द्वारा कितने रेल्वे पुलों एवं कितनी नदियों पर पुलों का निर्माण प्रारंभ है? किन– किन नदियों पर पुल निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रारंभ हुई है? (ख) निर्माणाधीन पुल कार्यादेश अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? कार्यवार जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
चिमनी उत्सर्जन एवं यातायात नियमों के पालन की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
122. ( क्र. 2412 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शुगर मिलों द्वारा गन्ना परिवहन में यातायात नियमों का पालन किया जा रहा है? (ख) क्या महाकौशल शुगर मिल बचई द्वारा नियमानुसार चिमनी बनाई गई है? (ग) क्या उक्त शुगर मिल द्वारा निकाले गये गैस (जहरीली पदार्थ) को ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा टीट किया जा रहा है? (घ) अगर नहीं किया जाता है, तो इसके लिए कौन दोषी है? क्या इसकी जाँच कराई जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। समयानुसार यातायात नियमों का पालन पुलिस बल द्वारा सुनिश्चित कराया जाता है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, चिमनी के उत्सर्जन को वेट स्क्रबर के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऋणी कृषकों के फसल बीमा की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
123. ( क्र. 2418 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ऋणी कृषकों का फसल बीमा बैंक द्वारा बिना बोनी प्रमाण पत्र के किस आधार पर किया जाता है? (ख) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों ने जो फसल मौजूदा मौसम में बोयी है उसी फसल का बीमा किया जाना चाहिये या फिर बैंक की मनमर्जी से फसल बीमा किया जाने का प्रावधान है? (ग) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बैंक द्वारा किसान की सहमति के बिना जो फसल तहसील या जिला स्तर पर अधिसूचित है, उसी फसल का बीमा कर दिया जाता है, भले ही किसान द्वारा उस फसल की बुआई ही खेत में न की गई हो? कृषि विभाग पन्ना द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? क्या पटवारी के खसरा में दर्ज फसल एवं फसल बीमा की गई फसल से किसानवार मिलान कराया जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या बैंक द्वारा फसल बीमा की राशि कंपनी को सही समय पर नहीं भेजी जाती, जिससे किसान को बीमा क्लेम प्राप्त नहीं हो पाता तथा किसान के बैंक में पता करने पर उन्हे प्रीमियम की राशि लौटा दी जाती है? क्या यह किसानों के साथ छल नहीं है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) पन्ना जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ऋणी कृषकों का फसल बीमा उन्हीं फसलों का किया जाता है जो फसलें शासन द्वारा पटवारी हल्कावार, जिला स्तर एवं तहसील स्तर पर अधिसूचित की जाती है एवं बैंकों/सहकारी समितियों द्वारा उस पटवारी हल्का, जिला स्तर एवं तहसील स्तर पर ऋण वितरित किया गया है। उस पटवारी हल्के, जिला स्तर एवं तहसील स्तर के कृषकों के साख सीमा अधिसूचित इकाई के लिये स्वीकृत किये गये हो तभी ऋणी कृषकों का फसल बीमा बैंकों/सहकारी समितियों द्वारा किया जाता है। इसलिये इसमें बोनी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत कृषक द्वारा मौजूदा मौसम में जो फसल बोई गयी है और उस बोई गयी फसल के लिये कृषक द्वारा बैंक/सहकारी समिति से ऋण प्राप्त किया है एवं उसी फसल के लिये उसका साख सीमा (एन.सी.एल) स्वीकृत है और वह फसल शासन द्वारा पटवारी हल्कावार, जिला स्तर एवं तहसील स्तर पर अधिसूचित है तभी उसका फसल बीमा सहकारी समिति/बैंक द्वारा किया जावेगा अन्यथा नहीं। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बैंक/बैंक से संबद्ध सहकारी समितियों के ऋणी कृषकों के लिये फसल बीमा कृषकों की बिना सहमति दिये ही किये जाने का प्रावधान है एवं ऋणी कृषकों का फसल बीमा किया जाना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत अनिवार्य है लेकिन ऐसे कृषकों का सर्व प्रथम सहकारी समिति फसलवार, मौसमवार (खरीफ एवं रबी) फसल के लिये कृषकों के जमीन के रकबे को आधार मानकर उसका साख सीमा स्वीकृत करायेगी तत्पश्चात शासन द्वारा अधिसूचित फसलें पटवारी हल्कावार/जिला स्तर/तहसील स्तर पर घोषित कृषकों की स्वीकृत की गयी साख सीमा अनुसार यदि कृषक अधिसूचित क्षेत्र अंतर्गत अधिसूचित फसल के लिये ऋण प्राप्त करता है, तो ऐसे ऋणी कृषकों का फसल बीमा सहकारी समिति द्वारा अनिवार्य रूप से कर दिया जावेगा। कृषि विभाग पन्ना को किसी कृषक के द्वारा इस प्रकार की शिकायत नहीं की गई। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बैंकों द्वारा शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार मौसमवार फसलों की फसल बीमा प्रीमियम राशि नियत तिथि पर बीमा कंपनी को भेजी जाती है। खरीफ मौसम 2017 में 52 अऋणी कृषकों के प्रीमियम की राशि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा शाहनगर द्वारा ली गई थी एवं उनके द्वारा उक्त राशि एच.डी.एफ.सी. इरगो भोपाल को प्रेषित नहीं की गई। उक्त प्रकरणों के संबंध में राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की आगामी बैठक में निर्णय कर कार्यवाही की जावेगी।
सड़कों की मरम्मत की जानकारी
[लोक निर्माण]
124. ( क्र. 2422 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सड़कें कब-कब से जिला सड़क मार्ग एवं ग्रामीण सड़क मार्ग विभाग के अन्तर्गत हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण के अधीन कौन-कौन सी सड़कें हैं और कब से? (ग) म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण के अधीन बालाघाट बैहर रोड एवं बैहर से बिरसा सड़क मार्ग की मरम्मत कब-कब, कितनी-कितनी राशि से किस-किस ठेकेदार द्वारा की गयी है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जर्जर सड़कों के मरम्मत का कार्य कब तक पूरा किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
भावांतर योजना की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
125. ( क्र. 2424 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भावांतर योजना क्या है? संपूर्ण ब्यौरा दें। इस योजना को लागू करने के पीछे शासन का क्या उद्देश्य है? योजना के तहत कुल कितने किसान पंजीकृत हुए हैं तथा कितने किसानों ने पंजीयन नहीं कराया? भोपाल संभाग का जिलेवार, ब्लॉकवार ब्यौरा दें। (ख) भावांतर योजना लागू होने के बाद क्या उक्त योजना में शामिल जीन्स (किसानों की फसल) न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिक रही है? अगर नहीं तो उसके पीछे क्या कारण है? किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर बिके इसके लिए शासन द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं? भावांतर योजना लागू होने के बाद से प्रश्न दिनांक तक भावांतर योजना में शामिल जीन्स (फसल) के फसलवार, दिनवार मॉडल रेट का ब्यौरा दें। भोपाल संभाग का जिलेवार देवें। (ग) क्या भावांतर योजना की समय अवधि तय की गई है या यह दीर्घकालीन योजना है? ब्यौरा दें। योजना प्रांरभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक योजना में क्या-क्या बदलाव किए गए हैं? फसलों का ब्यौरा व इससे किसानों को होने वाले लाभ का ब्यौरा बिन्दुवार दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग भोपाल के ज्ञाप दिनांक 06 सितम्बर 2017 से जारी भावांतर भुगतान योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 अनुसार है। योजना का उद्देश्य प्रदेश के कृषकों को कृषि उपज का उचित मूल्य प्रदान करना है। दिनांक 22 नवम्बर 2017 तक कुल 1688429 किसान पंजीकृत हुए हैं। भोपाल संभाग में पंजीयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-2 अनुसार है। (ख) भावांतर भुगतान योजना में शामिल 08 जिंस समर्थन मूल्य के उपर, समर्थन मूल्य पर तथा समर्थन मूल्य के नीचे बिक रही है। जिंस की गुणवत्ता के आधार पर तथा घोष नीलामी में कृषक की सहमति उपरांत विक्रय मूल्य निर्धारित होता है। फसलवार मॉडल रेट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1 अनुसार है। भोपाल संभाग की जिलेवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-2 अनुसार है। (ग) भावांतर भुगतान योजना पायलेट आधार पर खरीफ 2017 सीजन के लिये लागू की गई है। इसे दीर्घकाल के लिये लागू किये जाने पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। योजना में मुख्य रूप से निम्न बदलाव किये गये हैं:- 1.शासन के आदेश क्रमांक डी-15/44/2017/। 4-3, दिनांक 03.10.17 से किसानों की पंजीयन अवधि दिनांक 11 अक्टूबर 2017 के स्थान पर दिनांक 15 अक्टूबर 2017 तक बढ़ाई गई। 2. शासन के आदेश क्रमांक डी-15/44/2017/। 4-3, दिनांक 24.10.17 से सोयाबीन एवं मक्का का विक्रय अवधि क्रमश: 31 दिसंबर 2017 एवं 31 जनवरी 2018 तक बढ़ाई गई। 3. मूल योजना में योजना समाप्ति उपरांत पंजीकृत किसानों को भावांतर का लाभ दिये जाने का उल्लेख था, किंतु दिनांक 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2017 के मध्य विक्रय करने वाले पंजीकृत किसानों को भावांतर का लाभ योजना समाप्ति पूर्व दिये जाने का निर्णय लिया गया। 4. शासन के आदेश क्रमांक डी-15/44/2017/। 4-3, दिनांक 09.11.2017 से गोदाम भंडारण अनुसार के लिये पूर्व निर्धारित अवधि को संशोधित कर विक्रय अवधि को शामिल करते हुए गोदाम भंडारण अनुदान की राशि को रू. 7 प्रति क्विंटल प्रति माह से बढ़ाकर रूपये 9.90 प्रति क्विंटल प्रति माह किया गया। 5. शासन के आदेश क्रमांक डी-15/44/2017/। 4-3, दिनांक 15.11.2017 से पंजीकरण नहीं करा सके किसानों हेतु दिनांक 15.11.17 से 25.11.17 पुन: पंजीयन का अवसर दिया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। दिनांक 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2017 तक के मध्य विक्रय फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा तीन राज्यों की उक्त अवधि में औसत मॉडल विक्रय दर में अंतर निम्न आया है:- सोयाबीन पर रूपये 470, मक्का पर रूपये 235, मूंगफली पर रू. 730 उड़द पर रू.2400, मूंग पर रू.1455 प्रति क्विंटल उक्त अवधि में विक्रय करने वाले पंजीकृत कृषकों को भावांतर भुगतान योजना के प्रावधानानुसार भावांतर का लाभ दिया जा रहा है।
स्वाइल हैल्थ कार्ड की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
126. ( क्र. 2425 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा स्वाइल हैल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो उक्त योजना के तहत क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है? कार्ड बनाने के लिए किस विभाग को जिम्मेदारी दी गई है तथा कौन-कौन अधिकारी इसके तहत जिम्मेदार बनाए गए हैं? (ख) स्वाइल हैल्थ बनाने के लिए क्या किसी निजी कंपनी को कार्य दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई थी? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्यों? शासन द्वारा कार्ड बनाने के लिए योजना आरंभ से आज दिनांक तक कुल कितनी राशि खर्च की गई तथा प्रतिकार्ड लागत का ब्यौरा दें। (ग) स्वाइल हैल्थ कार्ड बनाने के दौरान भोपाल संभाग में मिट्टी में किन-किन पोषक तत्वों की कमी सामने आई है? ब्यौरा दें। जिलावार बनाये गये स्वाइल हैल्थ कार्ड का ब्यौरा दें। (घ) स्वाइल हैल्थ कार्ड बनने के बाद मिट्टी में पाई गई कमी को दूर करने या उपचार के लिए किसानों ने क्या कदम उठाए? क्या पोषण तत्वों की कमी दूर करने के लिए शासन स्तर भी कार्य किए गए हैं? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो शासन की क्या योजना है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा स्वाइल हैल्थ कार्ड योजना के जारी दिशा-निर्देश अनुसार प्रक्रिया अपनाई जाकर स्वाइल हैल्थ कार्ड बनाये जा रहे हैं। स्वाइल हैल्थ कार्ड बनाने की कार्यवाही किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग एवं प्रदेश में स्थापित कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्रों के द्वारा की जा रही है। मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला एवं मृदा सर्वेक्षण इकाइयों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों द्वारा स्वाइल हैल्थ कार्ड बनाये जा रहे हैं। (ख) जी नहीं, वर्तमान स्थापित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में स्वीकृत पदों के विरूद्ध तकनीकी अमला पदस्थ होने से स्वाइल हैल्थ कार्ड बनाने का कार्य किसी निजी कंपनी को नहीं दिया गया है। योजना आंरभ से स्वाइल हैल्थ कार्ड योजना में अद्यतन रूप से राशि रूपये 4161.22 लाख खर्च की गई है। योजना प्रारंभ से स्वाइल हैल्थ कार्ड योजना अंतर्गत प्रति ग्रिड मिट्टी नमूना पर लागत राशि रूपये 190 थी, जिसे भारत सरकार द्वारा दिनांक 26.08.2016 से लागत में वृद्धि कर 300 रूपये प्रति ग्रिड नमूना किया गया है। (ग) स्वाइल हैल्थ कार्ड बनाने के दौरान भोपाल संभाग में मृदा में पौषक तत्वों की कमी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। भोपाल संभाग में जिलेवार बनाये गये स्वाइल हैल्थ कार्ड का ब्यौरा जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) मिट्टी परीक्षण में पाई गई पौषक तत्वों की कमी के आधार पर स्वाइल हैल्थ कार्ड में पौषक तत्वों की अनुशंसा अनुसार कृषकों को पौषक तत्वों की मृदा में प्रतिपूर्ति हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। मृदा में पौषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में सूक्ष्म पौषक तत्व एवं मृदा सुधारकों को अनुदान पर उपलब्ध कराया जाकर कृषकों को लाभान्वित किया जा रहा है, जिनमें प्रमुखत: स्वाइल हैल्थ कार्ड योजना, राष्ट्रीय खादय सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय तिलहन एवं आइल पाम मिशन सम्मिलित है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
अध्ययन दौरे पर भेजे गये कृषकों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
127. ( क्र. 2443 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग द्वारा क्या प्रदेश के कृषकों को अध्ययन/दौरे हेतु भेजे जाने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर? (ग) वर्ष 2016-17 में कितने कृषकों को प्रदेश के अंदर, प्रदेश के बाहर और विदेश दौरे पर भेजा गया? (घ) वर्ष 2017-18 में कितने कृषकों को दौरे पर भेजा जाना प्रस्तावित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
मंत्री शुल्क की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
128. ( क्र. 2448 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3108 दिनांक 02/03/2017 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उक्त फर्मों के पूर्व वर्षों का लेखा सत्यापन करने का दायित्व तत्समय पदस्थ रहे। सचिव एवं लेखा सत्यापन शाखा प्रभारी का था। 2011-12, 2012-13, 2013-14 में क्रमश: श्री मुकेश राय ग्रेड-3 वर्ष 2014-15 में श्री आर.पी. खम्परिया, सहायक ग्रेड-3 एवं 2015-16 में श्री सोमनाथ मंडी निरीक्षक कटनी लेखा शाखा प्रभारी एवं सचिव उत्तरदायी थे। उक्त अवधि में पदस्थ रहे सचिव की जानकारी पुस्तकालय परिशिष्ट (ब) पर ही दी गयी थी? हाँ तो सचिव/लेखा सत्यापन प्रभारी के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी और अब तक कार्यवाही करने का दायित्व किसका था? उसने क्यों कार्यवाही नहीं की? इसलिए उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? (ख) क्या कृषि उपज मंडी समिति नागौद में पदस्थ सचिव श्री संतोष गुप्ता मुख्यमंत्री भावांतर योजना का क्रियान्वयन न कर मंडी से लगातार गायब है, प्रश्नकर्ता सदस्य, अध्यक्ष मंडी, उपाध्यक्ष, सदस्य एवं अन्य नागरिकों द्वारा शिकायत करने पर भी प्रबंध संचालक द्वारा संबंधित सचिव को प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं हटाकर या निलंबित कर सचिव की व्यवस्था की गई? कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। कृषि उपज मंडी समिति कटनी के तत्कालीन 16 सचिवों के विरूद्ध दायित्व निर्धारण की कार्यवाही प्रचलन में है की सूची ''अ'' एवं ''अ'' (1) पर है। उक्त अवधि में कृषि उपज मंडी समिति कटनी के मंडी समिति सेवा के संलिप्त पाये गये कर्मचारी श्री मुकेश राय ग्रेड-3, श्री आर.पी. खंपरिया, सहायक ग्रेड-3 एवं श्री सोमनाथ मंडी निरिक्षक कटनी के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) श्री संतोष कुमार गुप्ता, मंडी सचिव नागौद का स्वास्थ्य खराब होने से दिनांक 25.10.17 से 14.11.17 तक चिकित्सा अवकाश पर थे, दिनांक 15.11.17 को स्वास्थ्य ठीक होने के उपरांत कृषि उपज मंडी समिति नागौद में उपस्थित होकर कार्य कर रहे है। स्थानांतरण नीति की कंडिका-04 अनुसार श्री संतोष कुमार गुप्ता, मंडी सचिव की मंडी समिति नागौद में की गई पदस्थापना अल्प अवधि होने से हटाया नहीं जा सका, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति
[सहकारिता]
129. ( क्र. 2449 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित सतना द्वारा दिनांक 01.04.2017 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त किया गया है? कर्मचारीवार, पदवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त देने के पूर्व क्या स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा छानबीन की गई है? यदि हाँ, तो उक्त कमेटी द्वारा दिए गए प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या कर्मचारी को अनिवार्य सेवानिवृत्त करने के पूर्व आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक भूविअ/1/2017/0073/389 दिनांक 18.08.2017 के निर्देशों का पालन परिसमापक सतना द्वारा किया गया है? यदि नहीं, तो क्या नियम विरूद्ध किए गए कर्मचारियों के अनिवार्य सेवानिवृत्त आदेश निरस्त कर अन्य विभागों में रिक्त पदों पर संविलियन करने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। बैंक परिसमापक द्वारा मुख्यालय के परिपत्र दिनांक 18.08.2017 के परिप्रेक्ष्य में बैंक की वित्तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए निर्णय लिया हैं। (ग) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चंबल दाहिनी मुख्य नहर से पानी की आपूर्ति
[जल संसाधन]
130. ( क्र. 2472 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सी.आर.एम.सी. में पार्वती एक्वाडक्ट पर रबी फसलों की सिंचाई हेतु प्रतिदिन 3900 क्यूसेक पानी राजस्थान द्वारा म.प्र. को दिये जाने का अनुबंध है? दिनांक 04.11.2017 से प्रश्न दिनांक तक प्रतिदिन कितने-कितने क्यूसेक पानी म.प्र. को मिला क्या ये अनुबंधानुसार है? यदि नहीं, तो इस हेतु क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई विस्तृत जानकारी देवें। (ख) ई.ई. जल संसाधन श्योपुर द्वारा कितने हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का ऐलान किया गया व कितने क्षेत्र में अब तक पलेवा/सिंचाई हुई/नहीं हुई व क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में अनुबंध/आवश्यकतानुसार पानी राजस्थान नहीं मिलने के कारण चम्बल नहर व समस्त डिस्ट्रीब्यूटरियों के टेल के ग्रामों के कृषक अपने खेतों में प्रथम पलेवा भी नहीं कर पाए एवं मुरैना व भिण्ड जिलों में पानी पहुँचाने हेतु दिनांक 29.10.2017 से जिले की समस्त डिस्ट्रीब्यूटरियां पानी की आवश्यकता के समय बन्द कर दी गई? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन अविलम्ब राजस्थान सरकार से प्रभावी कार्यवाही कर सी.आर.एम.सी. में पर्याप्त पानी छुड़वाने की व्यवस्था करेगा व आवश्यकतानुसार जिले के कृषकों को पलेवा/सिंचाई का बन्दोबस्त करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। प्रतिदिन 3900 क्यूसेक। प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त पानी का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राजस्थान के अधिकारियों से सतत् बातचीत एवं दिनांक 05.11.2017 को आयुक्त विकास कोटा तथा अधिकारियों के साथ बैठक हुई। दिनांक 26.11.2017 से 3501 क्यूसेक पानी प्राप्त होना प्रतिवेदित है। (ख) 64,260 हेक्टर का ऐलान किया गया है एवं लगभग 61,500 हेक्टर में पलेवा होना प्रतिवेदित है। (ग) जी हाँ। राजस्थान से अनुबंधानुसार पानी न प्राप्त होने से ओसराबंदी अनुसार नहरों का संचालन किया जाता है। ओसराबंदी के कारण श्योपुर की डिस्ट्रीब्यूटरी दिनांक 07.11.2017 से 23.11.2017 तक बंद रही। दिनांक 24.11.2017 से संपूर्ण डिस्ट्रीब्यूटरियों में प्रथम पानी तथा शेष में पलेवा का पानी प्रदाय किया जा रहा है एवं ओसरा अनुसार भिंड मुरैना को पानी दिया जाता है। (घ) जी हाँ। शासन द्वारा किए गए प्रयास अनुसार दिनांक 26.11.2017 से 3501 क्यूसेक पानी प्राप्त हो रहा है।
सड़क निर्माण व व्यय राशि की जानकारी
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 2481 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बांगली से भड़केश्वर, कयामपुर सड़क से बोलिया, लदुना जावरा मार्ग से लसुडि़या, दीपाखेड़ा से गोपालपुरा, चंदवासा से चंदवासा का खेड़ा, धसोई से बागरीखेड़ा, सीतामऊ से खेड़ा के साथ ही सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा जो मांगे की गई थी, उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) बसई से कयामपुर, रूपणी चौपाटी से होते हुवे कचनारा रोड का निर्माण कार्य कब पूर्ण कराया गया? सड़क की लंबाई राशि, सड़क निर्माण की दिनांक सहित जानकारी देवें। ठेकेदार की ग्यारण्टी समाप्ति दिनांक वर्ष की जानकारी देवें। (ग) कचनारा, डिगांव सड़क निर्माण कितने कि.मी. का नवीन निर्माण कार्य किया जा रहा है? लंबाई, राशि सहित जानकारी देवें। (घ) बसई के कचनारा सड़क निर्माण के बाद ठेकेदार द्वारा कितनी बार इस सड़क पर पेंचवर्क रिपेरिंग (मरम्मत) कार्य किया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सुवासरा में प्रथम श्रेणी न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
132. ( क्र. 2482 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुवासरा तहसील में प्रथम श्रेणी न्यायालय प्रांरभ करने हेतु कोई आदेश जारी किया गया है? (ख) शासन द्वारा सुवासरा में प्रथम श्रेणी न्यायालय प्रांरभ करने हेतु क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (ग) पूर्व में सुवासरा ग्राम पंचायत वर्तमान समय में नगर पंचायत तथा जनप्रतिनिधियों के द्वारा सुविधा उपलब्ध कराने में सहयोग देने हेतु लिखित में आश्वासन के बाद भी तथा सब सुविधा उपलब्ध होने के बाद भी शासन द्वारा माननीय न्यायालय जबलपुर को सुवासरा में प्रथम श्रेणी न्यायालय प्रांरभ करने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं लिखा गया? (घ) कलेक्टर महोदय द्वारा सीतामऊ न्यायालय सुवासरा में प्रथम श्रेणी न्यायालय खोलने हेतु कब तक पत्र लिखा जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। म.प्र. सिविल कोर्ट एक्ट की धारा-5 एवं उच्च न्यायालय द्वारा धारा-12 के अंतर्गत मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 16.12.2016 में प्रकाशित अधिसूचना अनुसार सुवासरा तहसील में व्यवहार न्यायालय वर्ग-2 का न्यायालय स्थापित किया गया है। (ख) सुवासरा में प्रथम श्रेणी न्यायालय प्रारंभ करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
किसान क्रेडिट कार्ड एवं ऋण वितरण की जानकारी
[सहकारिता]
133. ( क्र. 2492 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां हैं? उक्त समितियों के माध्यम से जिले में अभी तक कितने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदाय किये गये हैं? (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितिवार प्रदाय किये गये किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों की संख्यात्मक जानकारी भी प्रदाय करायेंगे? (ग) अभी तक (सत्र 2013-14 से 2016-17) कितने किसानों को नगद एवं वस्तु ऋण के (खाद्य बीज कीटनाशक) के रूप में किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण वितरण किया गया है? समितिवार संपूर्ण जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मण्डला जिले में 43 समितियों द्वारा 1,15,329 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कृषि सेवा केन्द्र के रूप में पंजीकृत संस्थाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
134. ( क्र. 2493 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में कृषि सेवा केन्द्र के रूप में ऐसे कितनी पंजीकृत संस्थायें हैं, जो कृषि सेवा केन्द्र के रूप में काम कर रही है? उक्त पंजीकृत संस्थाओं की जानकारी विकासखण्डवार ग्रामवार बताने का कष्ट करें। (ख) उक्त संस्थायें कृषि से संबंधित कौन-कौन से कार्य करने की पात्रता रखती हैं तथा कितनी ऐसी संस्थाएं हैं जो खाद बीज कीट नाशक कृषि यंत्र वस्तु वितरक का काम करती हैं? (ग) प्रत्येक वस्तु विक्रय संस्था की वर्ष 2015, 2016, 2017 में क्रय-विक्रय करने की जानकारी बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मण्डला जिले में कृषि सेवा केन्द्र के रूप में कोई भी संस्था पंजीकृत नहीं है, अपितु उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक औषधियों के विक्रय हेतु सहकारी एवं निजी प्राधिकार पत्रधारी/अनुज्ञप्तिधारी विक्रेताओं की सूची तथा कृषि यंत्रों के वितरण हेतु कंपनी द्वारा अधिकृत विक्रेताओं की विकासखण्डवार, ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) मण्डला जिले में कृषि सेवा केन्द्र के रूप में कोई भी संस्था पंजीकृत नहीं है, अपितु प्राधिकार पत्रधारी/अनुज्ञप्तिधारी सहकारी एवं निजी विक्रेता उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक औषधियों का विक्रय करने की पात्रता रखते हैं। कंपनी द्वारा अधिकृत विक्रेता कृषि यंत्रों के वितरण की पात्रता रखते है। प्राधिकार पत्रधारी/अनुज्ञप्तिधारी सहकारी एवं निजी 159 विक्रेता उर्वरक, 127 विक्रेता बीज, 34 विक्रेता कीटनाशक एवं 25 विक्रेता कृषि यंत्रों के वितरण का काम करते हैं। (ग) मण्डला जिले में सहकारी एवं निजी विक्रेताओं द्वारा वर्ष 2015, 2016 एवं 2017 में कृषि आदानों/वस्तु के विक्रय की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
उप पंजीयक सहकारिता के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
135. ( क्र. 2504 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता मंत्री जी ने एक नस्ती पर जावक क्र. 45, दिनांक 26.05.2016 से सचिव सहकारिता को छतरपुर में पदस्थ उप पंजीयक को अनियमितता, स्वेच्छाचारिता, दुराचरण के आरोप में निलंबित करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो उसके लिये कौन दोषी है? (ख) डिप्टी रजिस्ट्रार छतरपुर द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर में प्राथमिक साख समितियों के कर्मचारियों/संचालक मण्डल को कब-कब किस-किस को सेवा में पृथक/हटाने के आदेश जारी किये गये? जावक क्रमांक, दिनांकवार व नामवार सूची दें तथा उक्त आदेशों में से किन-किन आदेशों में न्यायालय, उप पंजीयक छतरपुर से निर्णय व स्थगन दिये गये? क्या सहकारी एक्ट में ऐसी धारा का प्रावधान है कि अपने प्रशासनिक आदेश पर ही अपने ही न्यायालय में निर्णय पारित किये जाते हैं? क्या दोषी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जाएगी? (ग) वर्ष 2015-16 में जिला सहकारी बैंक छतरपुर में प्रशासक/उप पंजीयक कौन था? गेहूँ उपार्जन में अधिक खर्च की जाँच में क्या अधिक खर्च होना पाया गया था तथा क्या इसी संदर्भ की शिकायत सचिव सहकारिता को की गयी थी? यदि हाँ, तो शिकायत की प्रति उपलब्ध करायें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। डब्ल्यू.पी. क्रमांक 1248/2016 में जारी स्थगन आदेश दिनांक 21/01/2016 के परिप्रेक्ष्य में शासकीय अधिवक्ता का अभिमत प्राप्त करने की कार्यवाही की जाने से निलंबन नहीं किया गया। तद्नुसार अभिमत प्राप्त करने हेतु कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कर्मचारियों को सेवा से पृथक करने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार तथा संचालक मण्डल को हटाये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। उक्त पत्रों एवं आदेशों में न्यायालय उप पंजीयक छतरपुर द्वारा स्थगन व निर्णय नहीं दिये गये हैं, इसलिए शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्ष 2015-16 में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक छतरपुर के प्रशासक एवं उप पंजीयक निम्न थे - 1. श्री अखिलेश कुमार निगम, उपायुक्त, छतरपुर दि. 13-02-2014 से 25-12-2015, 2. श्री पी.आर. कावडकर, उपायुक्त, सागर दि. 26-12-2015 से 13-03-2016 तक, 3. श्री अखिलेश कुमार निगम, उपायुक्त, छतरपुर दि. 14-03-2016 से 24-03-2016 तक, 4. श्री पी.आर. कावडकर, उपायुक्त, सागर दि. 25-03-2016 से 15-08-2016 तक, 5. श्री अखिलेश कुमार निगम, उपायुक्त, छतरपुर दि. 16-08-2016 से 16-08-2016 तक, 6. श्री पी.आर. कावडकर, उपायुक्त, सागर दि. 17-08-2016 से 24-10-2016, 7. श्री अखिलेश कुमार निगम, उपायुक्त, छतरपुर दि. 25-10-2016 से 24-01-2017 तक। जी हाँ, जी हाँ। शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
भावांतर योजना लागू होने से उत्पन्न स्थिति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
136. ( क्र. 2515 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में भावांतर योजना किस दिनांक से किस उद्देश्य को लेकर लागू की गई है? (ख) उक्त योजना के लागू दिनांक से प्रश्न दिनांक तक भावांतर योजना के प्रचार-प्रसार एवं लागू किये जाने पर जिला मुख्यालयों सहित अन्य स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) उक्त योजना लागू किये जाने के पूर्व प्रदेश के किन-किन किसान संगठनों से चर्चा कर सहमति प्राप्त की गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) भावांतर योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों का पंजीयन हुआ है और कितने किसानों का पंजीयन किया जाना शेष है एवं किसानों की फसलों के उचित मूल्य के रूप में कुल कितनी राशि का भुगतान प्रश्न दिनांक तक कर दिया गया है तथा कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (ड.) क्या उक्त योजना से किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलने से प्रदेश भर में किसान जन आंदोलन कर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं? यदि हाँ, तो सरकार ने भावांतर योजना का सरलीकरण की दिशा में क्या-क्या कदम उठाये हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रोड निर्माण हेतु स्वीकृत राशि की जानकारी
[लोक निर्माण]
137. ( क्र. 2535 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मकरोनिया चौराहे से जीरो माइन्स (सिटी लिंक) सागर रोड निर्माण हेतु बजट में कितनी राशि स्वीकृत की गई थी एवं किन-किन कार्यों के प्राक्कलन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) क्या बजट में स्वीकृत राशि एवं स्वीकृत कार्यों की निविदा के अनुसार ही निविदा जारी की गई हैं? (ग) यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त सड़क मार्ग में अधिकांश भाग सैन्य क्षेत्र से जुड़ा है जिससे बजट में लिए गए कार्य (जैसे फुटपाथ, नाली निर्माण, पोल स्पिटिंग, पुल निर्माण) कब तक विभाग द्वारा स्वीकृत किए जाएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मार्ग निर्माण हेतु बजट में नहीं अपितु मजबूतीकरण मद अंतर्गत राशि रूपये 456.34 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) बजट में स्वीकृति राशि अनुसार नहीं अपितु मजबूतीकरण मद में स्वीकृत राशि अनुसार निविदा जारी की गई है। (ग) मार्ग बजट में सम्मिलित नहीं है अपितु मजबूतीकरण मद अंतर्गत स्वीकृत किया गया है। (घ) स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आर.ओ.बी. निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
138. ( क्र. 2536 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुरानी रा.रा. मार्ग 26 रेल्वे गेट क्रमांक 28 मकरोनिया एवं केंट क्षेत्र में स्थित इस गेट पर लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग/राष्ट्रीय राजमार्ग उपसंभाग सागर द्वारा आर.ओ.बी. निर्माण एवं अन्य कार्यों हेतु कोई प्राक्कलन तैयार किया गया? (ख) यदि प्राक्कलन तैयार किया गया है, तो उस प्राक्कलन को शासन स्तर से कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होगी? (ग) क्या उपरोक्त प्राक्कलन/आर.ओ.बी./अन्य कार्य निर्माण हेतु रेल्वे विभाग द्वारा इस संबंध में विभाग को कोई पत्र प्राप्त हुआ है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ।
ए.डी.जे. कोर्ट के भवन हेतु भूमि का क्रय
[विधि और विधायी कार्य]
139. ( क्र. 2550 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के नागदा नगर में विगत दिनों में ए.डी.जे. कोर्ट प्रारम्भ हो चुका है? प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को लिखे पत्र के सन्दर्भ में मा. वरिष्ठ न्यायाधीश महोदय के द्वारा शासकीय भूमि का निरीक्षण किया गया था, जो कि कोर्ट भवन के लिये उपयुक्त नहीं थी, क्या नवीन ए.डी.जे. कोर्ट के भवन के लिये निजी भूमि क्रय करना विचाराधीन है? (ख) नागदा में ए.डी.जे. कोर्ट के लिये नवीन भवन कब तक स्वीकृत हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। (ख) निश्चित समय अवधि बताई जाना संभव नहीं है।
स्टेट हाई-वे घोषित करने की कार्यवाही
[लोक निर्माण]
140. ( क्र. 2551 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र की खाचरौद तहसील मटरफली एवं सब्जी उत्पादन के लिये प्रसिद्ध है? यहां मटरफली, सब्जी एवं फूलों का बम्फर उत्पादन होता है। यहां से प्रतिदिन 200 से 250 ट्रक माल बड़नगर एवं घिनोदा मार्ग से विभिन्न राज्यों में जाता है। जिससे बड़नगर व्हाया रूनिजा-भाटपचलाना-खाचरौद-घिनोदा रोड पर ट्रैफिक का काफी दबाव रहता है। (ख) यदि हाँ, तो क्या इस रोड को स्टेट हाई-वे घोषित करने के लिये शासन स्तर पर क्या प्रक्रिया चल रही है? यह रोड कब तक स्टेट हाई-वे घोषित हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) बड़नगर रूनिजा-भाटपचलाना-खाचरौद मार्ग का निर्माण ई.पी.सी. योजना में मार्च 2017 में पूर्ण हुआ है। यातायात सुचारू रूप से चल रहा है। उक्त मार्ग को स्टेट हाई-वे घोषित करने बाबत् कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन नहीं है। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
व्यवस्थित एवं सिमेंटीकरण/डामरीकरण मार्ग
[लोक निर्माण]
141. ( क्र. 2563 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लो.नि.वि. अंतर्गत नागदा से गुजरी तक बन रहे सी.सी. रोड निर्माण कार्य, प्रगति पर है, जो पूर्व निर्मित सड़कों से लगभग डेढ़ दो फिट ऊँचा होकर एजेंसी द्वारा लगभग 75 प्रतिशत रोड निर्माण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है? (ख) नागदा-गुजरी, सीमेंटेड रोड से जुडने वाली अन्य ग्रामीण, प्रधानमंत्री सड़कें ऊँची/नीची होने से उन्हें व्यवस्थित लेवल कर कटाव को रोकने हेतु सिमेंटीकरण या डामरीकरण कर जोडने का प्रावधान रोड निर्माता कम्पनी से किये गये अनुबंध में विभाग द्वारा किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी द्वारा अब तक बनाये जा चुके सिमेंटेड से जुडने वाली कौन-कौन सी ग्रामीण/प्रधानमंत्री सड़कों को व्यवस्थित लेवल एवं सिमेंटीकरण/डामरीकरण कर जोड़ दिया गया है? लेवल एवं सीमेंटीकरण कर जोड़ी गई प्रत्येक सड़कों की जानकारी देवें। (ग) लुन्हेरा से जीरापुरा एवं लुन्हेरा से भीलकुण्डा की ओर से जुड़ने वाली सड़क एवं लुन्हेरा से माण्डव की और जाने वाली सड़क को अब तक व्यवस्थित लेवल एवं सीमेंटीकरण कर नहीं जोड़े जाने का कारण बतावें तथा कब तक उक्त कार्यवाही पूर्ण कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। पूर्व निर्मित सड़कों से सभी जगह डेढ़ दो फुट ऊँचा न होकर मार्ग का निर्माण शासन द्वारा नियुक्त अथॉरिटी इंजीनियर द्वारा तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप अनुमोदित ड्राईंग एवं डिजाईन अनुसार किया जा रहा है। वर्तमान स्थिति में लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लुन्हेरा से जीरापुर वाली ग्रामीण सड़क के जंक्शन का कार्य किया जाना शेष है। यह कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जावेगा। जीरापुर से भीलकुण्डा की ओर जाने वाली सड़क हेतु वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अस्थायी विचलन मार्ग बनाकर आवागमन जारी है एवं स्थायी व्यवस्था की जा रही है। लुन्हेरा से माण्डव की ओर जाने वाली सड़क का जंक्शन डेव्हलप किया जाना है। यह कार्य प्रगति पर है। इसे शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
142. ( क्र. 2582 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के घटक क्रमश: चावल, गेहूँ तथा दलहन हेतु चयनित जिलों की विगत तीन वर्षों की जानकारी दें। (ख) प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के चयनित इलाकों में योजना के घटकों की जानकारी दें। (ग) क्या बालाघाट जिले को प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के घटक चावल तथा गेहूँ की सूची से अलग कर दिया गया है? यदि हाँ, तो नक्सल तथा आई.ए.पी. जिला होने के बावजूद इस जिले को हटाने का क्या कारण था तथा इस जिले के किसानों को मिलने वाली सब्सिडी के नुकसान को देखते हुए, क्या शासन इसको पुन: शामिल करने पर विचार करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले में योजना प्रारंभ से गेहूँ फसल सम्मिलित थी। वर्ष 2010-11 में बालाघाट जिले में दलहन फसल को भारत सरकार द्वारा शामिल किया गया है। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत वर्ष 2013-14 में बालाघाट जिलें से गेहूँ फसल को हटा दिया गया है, जिले को शामिल करना अथवा हटाना भारत सरकार के अधीन होने से शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जर्जर रोडों का निर्माण
[लोक निर्माण]
143. ( क्र. 2587 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितवार विधानसभा क्षेत्र के ज्यादातर रोड जर्जर हैं, जैसेः- (1) नयागाँव ए.बी. रोड से चीनौर (2) चीनौर से भितरवार व्हाया करईया (3) डांडाखिरक से तिघरा (4) करहैया से आरौन व्हाया गोलार घाटी (5) बनवार से अमरौल (6) जौरासी से छीमक व्हाया आंतरी, कछौआ, बडकीसराह। उक्त रोड अति महत्वपूर्ण रोड हैं जो पूरी तरह जर्जर है? यदि हाँ, तो इतने लम्बे समय से प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा मान. मुख्यमंत्री, मान. लोक निर्माण मंत्री, श्रीमान प्रमुख सचिव महोदय, श्रीमान प्रमुख अभियन्ता महोदय से तथा हर विधानसभा सत्र में रोडों के निर्माण हेतु प्रश्न लगाने के बाद रोड निर्माण न करने का क्या कारण है? (ख) उक्त अति महत्वपूर्ण रोडों का कब तक निर्माण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। भितरवार विधानसभा क्षेत्र के वर्णित मार्गों में सरल क्रं. (1) नयागांव एरोड से चीनौर बी., (2) चीनौर-भितरवार व्हाया करहिया मार्ग लंबाई 32.80 कि.मी. की स्वीकृति दिनांक 22.04.2017 को एन.डी.बी. योजनांतर्गत जारी की गई है एन.डी.बी. की सहमति प्राप्त होते ही निविदा प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकेगी। (5) बनवार से अमरोल (6) जौरासी से छीमक व्हाया आंतरी कछौआ बडकीसराय मार्ग डामरीकृत मार्ग है, ये मार्ग मोटरेबल स्थित में है एवं (3) डांडाखिरक से तिघरा (4) करहैया से आरौन व्हाया गोलार घाटी मार्गों पर वन विभाग से सैद्धांतिक स्वीकृति दिनांक 10.06.2016 एवं 29.12.2014 को मिली है। मार्गों के कुछ भाग में मिट्टी मुरम एवं गिट्टी का कार्य किया गया है। पुनरीक्षित प्राक्कलन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नांकित (क) में उल्लेखित स.क्रं. 1, 2, 5 एवं 6 पर उल्लेखित मार्ग पर सुचारू रूप से यातायात प्रारंभ है। शेष मार्गों हेतु पुनरीक्षित प्राक्कलन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
निर्माणाधीन मार्ग पर पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
144. ( क्र. 2596 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्यावरा नगर सिटी पोर्शन में विभाग द्वारा वर्तमान में निर्माणाधीन सी.सी. सड़क निर्माण कार्य में उक्त मार्ग पर स्थित अजनार नदी के पुल का कार्य सम्मिलित नहीं है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता की मांग पर दिनांक 03 सितम्बर 2017 को माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा ब्यावरा नगर प्रवास भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान उक्त पुल निर्माण कराये जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक माननीय विभागीय मंत्री जी की घोषणा के परिपालन में पुल निर्माण की विस्तृत कार्य योजना तैयार कर शासन को प्रेषित कर दी गई है? (ख) क्या उक्त पुल का निर्माण नहीं कराये जाने से निर्माणाधीन फोन-लेन सड़क पर क्षतिग्रस्त एवं सकरा पुल होने के कारण आवागमन की बाधा बनी रहेगी? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति दि्वतीय अनुपूरक बजट 2017-18 में प्रदान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। घोषणा नहीं अपितु पुल निर्माण करने हेतु मौखिक निर्देश दिये गये। डी.पी.आर. तैयार किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, आंशिक रूप से। वित्तीय संसाधनों के उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
145. ( क्र. 2613 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना अंतर्गत जारी शासन निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) उज्जैन संभाग में मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना अंतर्गत विगत 4 वर्षों में कितने-कितने हितग्राहियों को किन-किन परिस्थितियों में कितनी-कितनी राशि क्षतिपूर्ति सहायता के रूप में प्रदान की गयी है? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत क्षतिपूर्ति सहायता में क्या खेत में कार्य के दौरान कृषक की ह्दयाघात से हुई मृत्यु की क्षतिपूर्ति सहायता प्रदान की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन कृषक की ह्दयाघात से हुई मृत्यु के मामलों में क्षतिपूर्ति सहायता प्रदान कराने के संबंध में विचार करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। योजना में प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सी.सी. रोड निर्मांण में मशीनों का उपयोग
[लोक निर्माण]
146. ( क्र. 2618 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-715 दिनांक 05-12-2016 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर ‘’बेहतर सड़कों के निर्माण हेतु निर्धारित निविदा प्रपत्र में मशीनों के उपयोग का प्रावधान है'' दिया गया था, यदि हाँ, तो वर्ष-2013-14 से कटनी जिले में मशीनों के उपयोग से निर्मित होने वाली सड़कों के निर्माण में संबंधित मशीनों के उपयोग न होने का कारण सड़कवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या ठेकेदार द्वारा संबंधित मशीनों का उपयोग न करने पर भी बेहतर सड़क का निर्माण किया गया? यदि हाँ, तो किस प्रकार, यदि नहीं, तो निर्माण कार्य बिना मशीनों के कराये जाने का औचित्य एवं कारण, सड़कवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत निविदा प्रपत्र में प्रावधान होने के बाद भी संबंधित मशीनों का उपयोग ठेकेदार द्वारा ना करने पर जाँच संबंधित शासकीय सेवकों द्वारा इसका संज्ञान लेकर निर्माण अवधि में कोई कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो सड़कवार बतायें। यदि नहीं, तो क्यों और बिना मशीनरी के किये जा रहे सड़क के निर्माण को तत्समय क्यों नहीं रोका गया? स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में संबंधित मशीनों के उपयोग बिना निर्मित सभी सड़कों के बेहतर एवं गुणवत्ता पूर्ण होने का क्या परीक्षण कराया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वैकल्पिक उपलब्ध मशीनरी का उपयोग किया जाकर वांछित गुणवत्ता प्राप्त की गई। परीक्षण परिणाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) कार्य मानक गुणवत्ता अनुसार कराया गया है। अत: शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) सड़कों का निर्माण गुणवत्तापूर्ण कराया गया है एवं नियमित परीक्षण किया जाकर मानक गुणवत्ता सुनिश्चित की गई है। परीक्षण परिणाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिले में योजनाओं का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
147. ( क्र. 2619 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के तहत कटनी जिले में किन-किन कार्यक्रमों के लिये विगत दो वर्षों में कितनी राशि प्राप्त हुई और इस राशि में से कितनी राशि का उपयोग किया गया? कितनी राशि क्यों शेष रही? वर्षवार बतायें। (ख) कटनी जिले में किसानों एवं कृषि कार्य हेतु क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही हैं? योजनाओं का लक्ष्य किस प्रकार निर्धारित किया जाता हैं और विगत दो वर्षों में योजनाओं के लक्ष्य क्या नियत किये गये? क्या जिले में लक्ष्यों की पूर्ति की गयी? यदि हाँ, तो योजनावार विवरण बतायें? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ग) कटनी जिले में किन-किन फूल, फल एवं सब्जियों का कितना-कितना उत्पादन फसलवार वर्षवार होता है? इन उपजों के विक्रय एवं भण्डारण के लिये विभाग एवं शासन स्तर से जिले में क्या सुविधायें उपलब्ध है? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत उपज के रकबे में बढ़त एवं उपज के विक्रय तथा भण्डारण के लिये क्या कोई प्रस्ताव तैयार कर विभाग/शासन को प्रेषित किये गये? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? क्या आगामी समय में इन कार्यों के लिये कोई प्रस्ताव तैयार किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कटनी जिले में वर्षवार फूल-1109 मैट्रिक टन, फल-54587 मैट्रिक टन एवं सब्जी-76396 मैट्रिक टन उत्पादन होता है। इन उपजों के भंडारण हेतु उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग से प्याज भंडारण एवं पैक हाउस के निर्माण हेतु योजनाएं संचालित है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
स्थानांतरण की जानकारी
[सहकारिता]
148. ( क्र. 2631 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी बैंक जिला उज्जैन में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी जिनको तीन वर्ष एक संस्था में हो चुके हैं? इनके स्थानांतरण किये जाने के शासन के कोई निर्देश हैं? अगर हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध करावें, अगर नहीं तो उज्जैन जिले में पदस्थ ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं जिनका तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया गया तथा उनका स्थानांतरण किये जाने के क्या कारण हैं? (ख) उज्जैन बैंक के महाप्रबंधक उज्जैन में किस दिनांक से पदस्थ हैं वे पदस्थी दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस किस पद पर उज्जैन में पदस्थ रहे, इनका स्थानांतरण कब किया गया एवं स्थानांतरण कब निरस्त किया गया? तारीखवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या महाप्रबंधक 7 वर्ष से अधिक समय से उज्जैन में पदस्थ हैं? क्या इनके ऊपर शासन का नियम लागू नहीं होता है? अगर नियम लागू होता है, तो इनको कब तक हटाया जायेगा? समय-सीमा बतावें। (ग) उज्जैन जिले में महाप्रबंधक के खिलाफ कौन-कौन सी अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई? किन शिकायतों की जाँच किन अधिकारियों के द्वारा की गई? जाँच रिपोर्ट की प्रतिलिपी एवं अपूर्ण जाँच की जानकारी इनकी शिकायतों के संदर्भ में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक के विशिष्ट अधिकारी समूह के अधिकारी श्री डी.आर. सरोठिया, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., उज्जैन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर दिनांक 22.05.2014 से पदस्थ हैं। अपेक्स बैंक कर्मचारी सेवानियम की मानव संसाधन नीति के प्रावधान अनुसार सामान्यतः अधिकारियों की पदस्थी 3 से 5 वर्ष के लिए होगी। किन्तु बैंक की प्रशासकीय आवश्यकताओं के अनुक्रम में परिवर्तित की जा सकेगी। उक्त प्रावधानों के अंतर्गत आयुक्त सहकारिता द्वारा दिनांक 10.11.2016 एवं 23.10.2017 को कार्यवाही किये जाने हेतु अपेक्स बैंक को निर्देश दिये गये। कर्मचारी सेवानियम के प्रावधान की प्रति तथा आयुक्त सहकारिता के पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., उज्जैन के 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ 65 अधिकारी/कर्मचारियों का स्थानांतरण आयुक्त सहकारिता के पत्र दिनांक 10.11.2016 के परिपालन में किये गये है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., उज्जैन के वर्तमान महाप्रबंधक श्री डी.आर. सरोठिया दिनांक 22.05.2014 से महाप्रबंधक के पद पदस्थ है। श्री सरोठिया के उज्जैन पदस्थी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। श्री सरोठिया की उज्जैन में अंतिम पदस्थी दिनांक से 7 वर्ष से अधिक की अवधि व्यतीत नहीं हुई है। जी नहीं, शासन के नियम लागू नहीं होते हैं। अपेक्स बैंक कर्मचारी सेवानियम लागू होते हैं। कर्मचारी सेवानियम के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही हेतु अपेक्स बैंक को निर्देश दिये गये हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) शिकायतों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। प्रपत्र-5 में उल्लेखित शिकायतों में पूर्ण हो चुकी जाँच के जाँच प्रतिवेदनों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
फसल बीमा की राशि का दोहरा लाभ
[सहकारिता]
149. ( क्र. 2635 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत दो वर्षों में अशोकनगर एवं गुना जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक एवं अन्य बैकों ने मिलकर किसानों को उसकी एक ही कृषि भूमि एवं समान रकवा पर दो-दो जगह किसान क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण वितरण किये जाने के मामले शासन के संज्ञान में आये हैं। यदि हाँ, तो ऐसे किसानों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना अन्तर्गत अशोकनगर जिले के कृषक नीलम सिंह यादव निवासी वायगा को जीप वाहन स्वीकृत ऋण की कितनी राशि आज दिनांक तक लेना है? उक्त कर्ज की इतनी बड़ी राशि बकाया होने के बावजूद भी सेवा सहकारी समिति उमरी द्वारा वर्ष 2016 में कृषकों को सीमित रकवा पर के.सी.सी. के तहत, फसल बीमा की कितनी राशि प्राप्त हुई है? (ग) इन कृषक नीलम सिंह, नन्हे सिंह, कप्तान सिंह यादव निवासी वायगा को बैंक ऑफ इण्डिया शाखा अशोकनगर के द्वारा समान कृषि रकवा पर के.सी.सी. फसल बीमा की कितनी राशि प्राप्त हुई है? इस प्रकार उक्त कृषकों ने शासन एवं बैंक प्रशासन को धोखा देकर दो जगह से लाभ प्राप्त किया है? क्या इन दोषियों के विरूद्ध धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज कराने की कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गुना जिले के अंतर्गत ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया जबकि अशोकनगर जिले के अंतर्गत समिति उमरी में 3 कृषकों के ऐसे मामले प्रकाश में आये हैं जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, दिनांक 31.03.2017 की स्थिति पर कुल बकाया राशि रूपये 16,17,961/- है। खरीफ 2016 हेतु श्री नीलम सिंह को सेवा सहकारी संस्था मर्या., उमरी द्वारा फसल ऋण के रूप में राशि रू. 1,50,000/- वितरित की गई थी, जिसके विरूद्ध फसल बीमा क्लेम के रूप में बीमा कम्पनी से राशि रू. 1,23,113.21 प्राप्त हुये है, जिसका भुगतान सदस्य द्वारा प्राप्त नहीं किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण का परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु कलेक्टर जिला, अशोकनगर को लिखा गया है।
भावांतर योजना के नाम पर किसानों के साथ ठगी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
150. ( क्र. 2649 ) श्री आरिफ अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के किसानों को फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए भावांतर योजना लागू की गई है? यदि हाँ, तो कब लागू की गई और पारदर्शितापूर्वक योजना के क्रियान्वयन हेतु कितनी राशि की व्यवस्था की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त योजना से किसानों को लाभ की अपेक्षा किसानों की फसलों को व्यापारियों द्वारा औने-पौने दामों पर खरीदी जा रही है और अदूरदर्शितापूर्वक लागू किए जाने के परिणाम स्वरूप प्रदेश का किसान आंदोलन पर उतारू है? यदि नहीं, तो अवगत करावें कि योजना के प्रचार-प्रसार व लागू करने पर कितनी राशि व्यय हुई है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि प्रदेश में कितने-कितने किसानों का पंजीयन किया जाना था? कितने किसानों का पंजीयन हुआ है और कितने किसानों का पंजीयन होना शेष है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। भावांतर भुगतान योजना दिनांक 16 अक्टूबर 2017 से लागू की गई है। द्वितीय अनुपूरक बजट प्रावधान स्वीकृति से पूर्व बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। किसानों की फसलों को व्यापारियों द्वारा औने-पौने दामों पर खरीदी नहीं की जा रही है। तिलहन एवं दलहन फसलों की औसत मॉडल विक्रय दर सामान्यतया देश भर में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम है। (ग) दिनांक 22.11.2017 की स्थिति में 1688429 किसानों को पंजीयन हुआ है।
गैस पीड़ितों के आवास निर्माण हेतु प्राप्त राशि
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
151. ( क्र. 2650 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल गैस पीड़ितों के आवास निर्माण कर उपलब्ध कराने हेतु केन्द्र सरकार से राशि प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो विगत 10 वर्षों में कब-कब कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? वर्षवार बतावें। (ख) प्राप्त राशि का उपयोग कब-कब किया गया और किन-किन गैस पीड़ितों को कहाँ-कहाँ आवास आवंटित किए गए? सूची दें। शेष राशि कितनी-कितनी है? उसका क्या उपयोग किया गया? क्या प्राप्त राशि का मद परिवर्तन कर अन्य मद में उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के तरह किसकी अनुमति से? (ग) क्या गैस पीड़ितों को मुआवजा राशि दिया जाना शेष है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि दिया जाना प्रस्तावित है और कब तक प्रदान की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। भोपाल गैस पीड़ितों के सामाजिक पुनर्वास योजना अंतर्गत आवास निर्माण हेतु वर्ष 2011-2012 में राशि रू.40.00 करोड़ प्राप्त हुऐ थे जिसमें केन्द्र सरकार का 75 प्रतिशत व राज्य सरकार का 25 प्रतिशत के अनुपात में अंशदान है। उक्त राशि में से राशि रू.3999.93 लाख (रू. उनचालीस करोड़ निन्यानवे लाख एवं तिरानवे हजार मात्र) की एकजाई प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 31.03.2012 को जारी की गई थी। (ख) उपरोक्त प्रशासकीय स्वीकृति के अंतर्गत संचालनालय, गैस राहत एवं पुनर्वास के अधीन के-डिपॉजिट में उपलब्ध राशि में से वस्तु विदिय सेवाओं हेतु ''एप्को'' को राशि रू. 99,25,402/- (निन्यानवे लाख पच्चीस हजार चार सौ दो मात्र) का भुगतान दिनांक 25.08. 2015 को किया गया। जिसके उपरान्त राशि 39,00,67,598.00 (उन्चालीस करोड़ सरसठ हजार पाच सौ अठान्वे मात्र) शेष है, जिसका कोई उपयोग नहीं किया गया है। शेष राशि में से रू.25.00 करोड़ प्रधानमंत्री आवास योजना (हाउसेस फॉर आल) के अंतर्गत सुरक्षित रखे जाने एवं शेष राशि रू.14.00 करोड़ सामाजिक एवं पर्यावरणीय मूलभूत सुविधाओं हेतु विभागीय प्रस्ताव पत्र क्रमांक एफ.5-11/2010/47 दिनांक 19.06.2017 को स्वीकृति/सहमति प्रदान करने हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अंतर्गत कल्याण आयुक्त, भोपाल गैस पीड़ित भोपाल, भारत सरकार के द्वारा गैस पीड़ितों के मुआवजा राशि वितरण की कार्यवाही सम्पादित की जाती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गैस पीड़ितों को मुआवजा राशि शेष बचे प्रकरणों में वितरित किया जाना है। मूल मुआवजा राशि में कुल 436 प्रकरणों, प्रोरेटा मुआवजा राशि में कुल 11335 प्रकरणों में केटेगिरी अनुसार राशि वितरित किया जाना है। यह मुआवजा राशि न्यायिक प्रक्रिया अनुसार वितरित की जाती है एवं दावेदारों की उपस्थिति पर निर्भर है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फर्जी सर्टिफिकेट पर ठेका प्राप्त करने पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
152. ( क्र. 2665 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कन्या शिक्षा परिसर परसवाड़ा जिला बालाघाट के निर्माण कार्य को मुख्य ठेकेदार के निधन पश्चात अग्रिम कार्यवाही हेतु ठेका निरस्त करने तथा दोबारा निविदा निकालकर निर्माण कार्य किए जाने हेतु परियोजना संचालक भोपाल एवं मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को दिनांक 19.09.2017 को शिकायत पत्र प्रश्नकर्ता द्वारा दिया गया था? (ख) क्या यह सही है कि कार्य का ठेका ठेकेदार श्री एन.एस. गोयल कंस्ट्रक्शन भोपाल के नाम प्रदान किया गया था एवं 24.8.2017 को उनका देहांत हो चुका है तथा मुख्य निविदा भरते समय उक्त ठेकेदार के साथ अन्य कोई पार्टनरशिप में नहीं था? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा उक्त निर्माण कार्य का निरीक्षण तहसीलदार परसवाड़ा की उपस्थिति में कराया गया था? उक्त निर्माण कार्य में घटिया किस्म की सामग्री का इस्तेमाल किया गया था तथा निर्माण कार्य अति निम्न स्तर का हो रहा था। उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री भी अति निम्न स्तर की थी। इस तरह की अनियमितताएं ठेकेदार द्वारा की जा रही थीं? (घ) क्या उक्त ठेकेदार के निधन के पश्चात नई निविदा निकालकर अन्य ठेकेदार के द्वारा मानक सामग्री का इस्तेमाल कर प्राक्कलन के आधार पर निर्माण कार्य करवाया जाएगा? यदि नहीं, किया जाता है, तो कारण बताएं कि निधन पश्चात भी फर्जी पार्टनरशिप का सर्टिफिकेट बना कर कार्यवाही किए जाने के संबंध में संबंधित पार्टनर पर कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। तहसीलदार परसवाड़ा का पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अनुबंध की शर्त क्रं. 41 अनुसार उत्तराधिकारी से नया अनुबंध निष्पादित कर कार्य कराये जाने के कारण पार्टनरशिप फर्म पर कोई कार्यवाही आवश्यक नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फसल बीमा वितरण में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
153. ( क्र. 2668 ) श्री मधु भगत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में वर्ष 2016 में प्रश्न दिनांक तक कितने रकबे में प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत किसानों की फसलों के बीमा किये गये? खरीफ, रबी, फसलों सहित तहसीलवार, जिलावार, वर्षवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) उक्त जिलों में खरीफ, रबी की कितने रकबे में फसल बोई गई, उसका कितना प्रतिशत प्रधानमंत्री बीमा कराया गया? जबलपुर संभाग की फसलों की जानकारी प्रदाय करें। (ग) उक्त संभाग में कितने किसानों से उक्त समयांतराल में कुल कितनी राशि बीमा के रूप में ली गई? जिलेवार बतायें और यह भी बतायें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा से कितनी-कितनी राशि कुल कितने किसान को प्राप्त हुई? खरीब, रबी सहित जानकारी देवें। (घ) क्या बालाघाट जिले सहित अन्य जिले में कुछ कम्पनी के धान बीज का अंकुरण नहीं होने से फसल नहीं लग पाई तथा किसानों का बड़े स्तर पर नुकसान हुआ? कंपनी की इस प्रकार की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं मुआवजा या भरपाई की गई? उक्त घटिया बीज कंपनी पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जबलपुर संभाग में खरीफ वर्ष 2016, रबी 2016-17 एवं खरीफ 2017 की जिलावार, तहसीलवार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) खरीफ वर्ष 2016 में क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान उन पात्र कृषकों को किया गया है, जिनकी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में फसल कटाई प्रयोगों में थ्रेसहोल्ड यील्ड की तुलना में कमी पाई गई थी। रबी वर्ष 2016-17 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। खरीफ 2017 हेतु फसल कटाई प्रयोग के आधार पर औसत पैदावार के आंकड़ों की गणना होने पर क्षतिपूर्ति प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) संभाग के बालाघाट जिल में यशोदा हाईक्रिड सीड कंपनी के धान बीज का अंकुरण नहीं होने की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके आधार पर खरीफ वर्ष 2016 से 30 सितंबर 2017 तक उक्त कंपनी के समस्त बीजों के विक्रय पर प्रतिबंध की कार्यवाही की गई है।
हरदुआ-चाकघाट मार्ग का स्तरहीन निर्माण
[लोक निर्माण]
154. ( क्र. 2688 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लो.नि.वि. हरदुआ से चाकघाट जिला रीवा टू लेन मार्ग 92 कि.मी. का निर्माण कार्य चल रहा है? (ख) निर्माण एजेंसी का नाम, लागत तथा कार्य पूर्ण करने की अवधि बतायें। (ग) क्या इस मार्ग में घटिया सामग्री का उपयोग करने के कारण, सड़क बनती है तथा कुछ ही समय में गुणवत्ताहीन एवं निम्न स्तरीय निर्माण, के कारण जर्जर हो जाती है? (घ) यदि हाँ, तो क्या सड़क निर्माण की गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जाँच कराकर गुणवत्ता सुधार करायेंगे एवं दोषियों को दण्डित किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मे. गंगोत्री इंटरप्राइजेज लखनऊ, लागत रू. 167,23,73,748.14 है एवं अनुबंध के अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि अनुबंध दिनांक से 730 दिवस है। उक्त अवधि पूर्ण होने पर अनुबंध के प्रावधानों के अंतर्गत निर्माण एजेन्सी को दिनांक 04.03.2018 तक की समयावृद्धि प्रदान की गई है। (ग) जी नहीं। मार्ग निर्माण का कार्य आई.आर.सी./भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मापदण्डों के अनुरूप एवं अनुबंध के प्रावधानों के अंतर्गत ही किया जा रहा है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कृषि उपज मंडी में आय-व्यय की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
155. ( क्र. 2689 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी चाकघाट जिला रीवा में वित्त वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक हुई आय का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये आय के विरूद्ध प्रश्नाधीन वर्षों में किये गये मदवार व्ययों का विवरण दें। (ग) प्रश्नाधीन वित्त वर्षों में किसान कल्याण से संबंधित मदों में किये गये व्यय का विवरण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति चाकघाट जिला रीवा में वित्त वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक हुई आय का वर्षवार विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये आय के विरूद्ध प्रश्नाधीन वर्षों में हुये व्यय का मदवार विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रक्रियाधीन कार्यवाही की जानकारी
[सहकारिता]
156. ( क्र. 2695 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2265 दिनांक 24.7.2017 में आयुक्त सहकारिता से प्राप्त समस्त जाँच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन होकर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, बताया गया था। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कब से किसके द्वारा कार्यवाही की जा रही है? लेख करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या उक्त कार्यवाही सक्षम अधिकारी द्वारा की जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक क्या की गई है? लेख करें। उक्त की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बीज का भौतिक सत्यापन
[सहकारिता]
157. ( क्र. 2696 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में रजिस्टर्ड बीज उत्पादक सहकारी समितियों की जानकारी जो वर्तमान में कार्यरत हों, बतायें। खरीफ फसल वर्ष 2017-18 में संस्थाओं द्वारा कितने किसानों को बीज उत्पादन कार्यक्रम हेतु बीज विक्रय किया गया एवं कितने किसानों का पंजीयन किया गया था? (ख) क्या उक्त किसानों के बीज का भौतिक सत्यापन हेतु किस किस अधिकारी द्वारा किन किन दिनांकों में फसलों का मौके पर निरीक्षण किया गया था और कितने किसानों से उत्पादित बीज कितना कितना कितने रकबे के अनुपात में क्रय किया गया? उक्त किसानों की सूची एवं नकल बी-1 प्रति उपलब्ध करायें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) छतरपुर जिले में 49 प्राथमिक बीज सहकारी समितियां पंजीकृत हैं जिसमें 11 समितियां परिसमापन में, 38 समितियां क्रियाशील हैं, खरीफ वर्ष 2017-18 में 16 बीज उत्पादक सहकारी समितियों द्वारा 255 कृषकों को बीज विक्रय किया गया एवं बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा 255 किसानों का पंजीयन किया गया। (ख) किसानों के बीज का भौतिक सत्यापन हेतु श्री बाबूराम सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी छतरपुर को अधिकृत किया गया था उनके द्वारा मौके पर 255 कृषकों की फसलों का निरीक्षण विभिन्न तिथियों में किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार, खरीफ 2017 का उपार्जन कार्य जारी है पूर्ण नहीं हुआ है, जिससे किसानों से उत्पादित बीज क्रय की रकबे के अनुपात में जानकारी दी जाना संभव नहीं है, उत्पादन कार्यक्रम लेने वाले किसानों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं बी-1 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
राज्य पोषित नलकूप खनन योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
158. ( क्र. 2701 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य पोषित नलकूप खनन योजना के तहत प्रदेश की सहायता निधि से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कृषकों को अनुदान स्वीकृत करने के क्या राज्य शासन के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रावधान अथवा निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनूपपुर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को अनुदान स्वीकृत किया गया है? कृषकों की संख्या, स्वीकृत अनुदान, नलकूल खनन का स्थान सहित विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जिला अनूपपुर के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत विगत दो वर्षों में कितने कृषकों को नलकूप खनन हेतु अनुदान राशि स्वीकृत की जा चुकी है? संख्या बतायें तथा कितने कृषकों को अनुदान राशि स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। प्रावधान अथवा निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं प्रश्न दिनांक तक 105 कृषकों को अनुदान स्वीकृत किया गया है। कृषकों की संख्या, स्वीकृत अनुदान, नलकूप खनन का स्थान सहित विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जिला अनूपपुर के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत विगत दो वर्षों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के 22 कृषकों को कुल राशि रू. 8.09 लाख का अनुदान स्वीकृत किया गया है। वर्ष 2017-18 हेतु 10 कृषकों का आवेदन पंजीयन कर नलकूप खनन हेतु प्रस्तावित है।
तालाब निर्माण की जानकारी
[जल संसाधन]
159. ( क्र. 2702 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु। क्या तालाबों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में कितने तालाब किस मद से कब-कब और कितनी लागत से बनाये गये हैं? तालाबवार जानकारी दें। (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उक्त अवधि में जो तालाब सिंचाई हेतु बनाये गये हैं, उन तालाबों से सिंचाई हेतु कितनी नहरों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और कितनी निर्माणाधीन है? जिन नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है, उनमें से कितना रकवा सिंचित हो सकेगा? ग्रामवार एवं तालाबवार बतायें। (ग) क्या जो तालाब पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बनाये गये हैं उनका निर्माण तकनीकी आधार एवं गुणवत्ता के अनुसार किया गया है।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण कार्य तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप एवं गुणवत्तापूर्वक कराया जाना प्रतिवेदित है।
लघु कृषक बाजारों का लोकार्पण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
160. ( क्र. 2705 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम नरगढ़ (उनाव) में लघु कृषक बाजार, भाण्डेर-चिरगांव रोड, में लघु कृषक बाजार बनकर तैयार है? संबंधित विभाग को लोकार्पण हेतु संज्ञान में लाने के बाद भी इनका लोकार्पण किसानों को समर्पित क्यों नहीं किया गया? (ख) लाखों रूपये की लागत से निर्मित इन लघु कृषक बाजार को कब तक लोकार्पित कर जनता को समर्पित करने की कार्यवाही होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
योजनाओं का प्रचार-प्रसार
[जनसंपर्क]
161. ( क्र. 2706 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसंपर्क विभाग अंतर्गत दतिया जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा म.प्र. सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने तथा प्रचार प्रसार में लापरवाही बरती जाती है? क्या विभाग द्वारा भाण्डेर में कोई कार्य नहीं हो रहा है? जबकि प्रभारी अधिकारी जनसंपर्क कागजों में भाण्डेर में भ्रमण के बारे में व्हाउचर भरते हैं? (ख) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र की म.प्र. शासन की जनकल्याणकारी कार्यक्रमों को कब-कब कौन-कौन से अखबारों में जनसंपर्क कार्यालय दतिया द्वारा छपवाया गया? वर्ष 2013, 2014, 2015, 2016 एवं वर्ष 2017 की जानकारी, प्रेस विज्ञप्ति उपलब्ध करावें। (ग) म.प्र. सरकार की विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार भाण्डेर विधानसभा में नहीं होने की इसे समस्या को कब तक दूर किया जायेगा और क्या संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला जनसंपर्क कार्यालय दतिया जिले में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं एवं विकास कार्यों की जानकारी को जन-जन तक पहुंचाने हेतु निरंतर कार्य कर रहा है। विभाग द्वारा जिले के साथ ही भाण्डेर क्षेत्र के लिये भी प्रचार कार्य किया जा रहा है। भाण्डेर क्षेत्र में माननीय मंत्रीगणों के दौरे एवं जिला प्रशासन द्वारा आयोजित शासकीय कार्यक्रमों के कव्हरेज के लिये भ्रमण किया जाता हैं। (ख) वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र से संबंधित जारी समाचारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सम्पूर्ण दतिया जिले में जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार का कार्य परम्परागत ढंग से निरंतर जारी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सर्वेक्षित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
162. ( क्र. 2709 ) श्री सुदेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले के विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर में सिंचाई रकवा बढ़ाये जाने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं प्रश्नांकित दिनांक तक सर्वेक्षित हैं? इनमें से कौन-कौन सी योजनाएं साध्य पाई जाकर डी.पी.आर. तैयार की जा चुकी हैं? इनमें से किन-किन योजनाओं की डी.पी.आर. प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन को भेजी जा चुकी है? कौन सी नहीं एवं क्यों? कारण सहित बतावें एवं कौन-कौन सी योजनाएं सर्वेक्षण उपरांत असाध्य पाई गईं? (ख) प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत किन-किन योजनाओं के टेण्डर बुलाये गये हैं तथा कार्य कब प्रारंभ कराये जाकर उसके पूर्ण किये जाने की समयावधि क्या होगी? योजना की पृथक-पृथक जानकारी कार्य की समयावधि एवं ठेकेदार के नाम सहित बतावें? (ग) घाटपलासी एवं करंजखेड़ा बैराज की बार-बार मरम्मत होने के उपरांत भी यह हर वर्ष काल में क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, इस समस्या के स्थाई निदान के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा क्या कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है तथा कब तक कार्यवाही पूर्ण हो जावेगी।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर अंतर्गत 6 परियोजनाओं का सर्वेक्षण किया जाना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) स्थानीय अधिकारियों द्वारा घाटपलासी (कांकड़घाट) एवं करंजखेड़ा द्वितीय बैराज हेतु स्थल निरीक्षण कर नई योजनाएं चिन्हित की है। शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
निर्माणाधीन भवनों की जानकारी
[लोक निर्माण]
163. ( क्र. 2710 ) श्री सुदेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सीहोर में जनवरी 2014 के बाद स्वीकृत कार्यों में से पी.आई.यू. द्वारा विभिन्न विभागों अंतर्गत कौन-कौन से शासकीय भवनों का निर्माण कितनी-कितनी लागत से किया जा रहा है? विभागवार शासकीय भवनों की विस्तृत जानकारी लागत सहित पृथक-पृथक देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ कितने भवनों का निर्माण पूर्ण कर भवन विभाग को सौंप दिये गये हैं तथा कितने निर्माण कार्य अपूर्ण हैं, जो पूर्ण होने हैं? इनके निर्माण की अवधि क्या थी और यदि इनमें विलंब हुआ तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है तथा निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासन की राशि का दुरूपयोग
[लोक निर्माण]
164. ( क्र. 2728 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा मुरैना शहर में माल गोदाम से बैरियर चौराहा तक की सड़क का निर्माण लगभग पाँच माह पूर्व सड़क निर्माण डामरीकरण कार्य करवाया गया था? यदि हाँ, तो किये गये कार्य में कितनी राशि का व्यय किया गया? (ख) क्या नगर निगम मुरैना का महत्वाकांक्षी सीवर प्रोजेक्ट प्रांरभ हो चुका था, यह जानकारी होने के बाद भी विभाग द्वारा उक्त सड़क निर्माण करवाया गया जो वर्तमान में सीवर प्रोजेक्ट कार्य हेतु उसे खोदा जा रहा है? यदि हाँ, तो सड़क निर्माण करवाने वाले अधिकारियों की अदूरदृष्टि से शासन के लाखों रूपयों की क्षति का उत्तरदायी कौन होगा? (ग) उक्त सड़क निर्माण आंरभ होने एवं प्रश्न दिनांक तक नगर निगम मुरैना एवं विभाग के मध्य इस संबंध में किये गये सम्पूर्ण पत्राचार की छायाप्रतियां उपलब्ध कराई जावे। (ड.) उक्त सड़क तत्कालीन समय में इतनी भी खराब नहीं थी फिर भी शहर में सीवर प्रोजेक्ट की जानकारी होने के बाद सड़क निर्माण करवाना इतनी आवश्यक क्यों था? शासन के लाखों रूपयों की राशि के दुरूपयोग पर कौन-कौन उत्तरदायी है व उन पर क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। सीवर परियोजना का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ था एवं सीवर परियोजना का कार्य प्रारंभ होने के संबंध में निगम में जानकारी मुरैना नगर में माल गोदाम से बैरियर सड़क पर डामरीकरण कार्य पूर्ण होने के पश्चात आयुक्त नगर पालिक निगम मुरैना के पत्र दिनांक 21.03.17 द्वारा प्राप्त हुई थी। उक्त डामरीकरण कार्य में शासन को किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई। अतः क्षति के संबंध में उत्तरदायित्व का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ड.) उक्त सड़क पर मुरैना नगर में माल गोदाम से बैरियर चौराहा तक डामरीकरण का कार्य अनुबंध के शिड्यूल-बी के अनुसार किया गया है एवं यह कार्य सीवर प्रोजेक्ट प्रारंभ होने की सूचना के पूर्व ही किया जा चुका था। इस कार्य में शासन की राशि का दुरूपयोग नहीं हुआ है एवं न ही कोई उत्तरदायी है। अतः कार्यवाही के संबंध में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
रबी फसल वर्ष 2017 हेतु बीज का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
165. ( क्र. 2729 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रबी वर्ष 2017 में चम्बल संभाग के जिलों के अंतर्गत संचालित कितनी बीज उत्पादक सहकारी समितियों द्वारा विभाग को कितनी मात्रा में गेहूँ बीज की उपलब्धता दी गई थी और कितना बीज विभाग द्वारा लिया गया? जिलेवार, योजनावार, जिन्स मात्रा सहित जानकारी दी जावे? (ख) क्या संभाग में जिला अंतर्गत संचालित समितियों पर गेहूँ बीज उपलब्ध होने के बावजूद भी संभाग के बाहर की समितियों से गेहूँ बीज प्राप्त कर विभिन्न योजनाओं में वितरण करवाया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह नियम संगत है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में ऐसा कृत्य संभाग के कौन-कौन से जिले में किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) अवधि में संभाग के जिले से बाहर की सोसायटियों से प्राप्त गेहूँ बीच का नमूने जाँच हेतु लिये गये हैं? यदि हाँ, तो जाँच परिणाम सहित जिलेवार विवरण देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) रबी वर्ष 2017 में चम्बल संभाग के जिलों के अंतर्गत संचालित बीज उत्पादक सहकारी समितियों द्वारा गेहूँ बीज उपलब्धता की दी गई जानकारी तथा जिलों द्वारा लिया गया गेहूँ बीज की मात्रा जिलेवार एवं योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) प्रदेश में संचालित विभागीय योजनाओं के लिए बीज की व्यवस्था शासकीय/सहकारी बीज संस्थाओं से करने के शासनादेश है। तदानुसार जिले के उप संचालक द्वारा योजना प्रावधान अनुसार बीज की अवधि की किस्मों/श्रेणी को दृष्टिगत जिले हेतु अनुशंसित एवं स्थानीय आवश्यकता को ध्यान में रखकर जिले में बीज की व्यवस्था की जाती है। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में संभाग के मात्र दो जिले श्योपुर एवं भिण्ड द्वारा संभाग के बाहर की समितियों से गेहूँ बीज प्राप्त कर विभिन्न योजनाओं में वितरण कराया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार। (घ) जी हाँ। संभाग के जिले से बाहर की सोसायटियों से प्राप्त गेहूँ बीज के जिला श्योपुर एवं भिण्ड द्वारा चार-चार बीज नमूने जाँच हेतु बीज परीक्षण प्रयोगशाला को भेजे गये हैं। प्रयोगशाला से जाँच परिणाम अप्राप्त है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
प्रदेश की सड़कों का रख-रखाव
[लोक निर्माण]
166. ( क्र. 2736 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम में रीवा इन्दौर संभाग में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने राष्ट्रीय राजमार्गों/राज्यमार्गों का निवेशकों द्वारा अनुबंधानुसार रख-रखाव नहीं किया जा रहा है एवं इनका रख-रखाव मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा किया जा रहा है? (ख) उक्त मार्गों का रख-रखाव किस योजना/पद्धति से सड़क विकास निगम द्वारा कराया गया एवं कब-कब कराया गया तथा किस-किस एजेन्सियों से कराया? (ग) उक्त मार्गों के रख-रखाव पर कब-कब कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? क्या अनुबंधानुसार ठेकेदार से परफॉरमेंस गारंटी में मेंटेनेन्स कार्य कराया? (घ) क्या उन्हीं मार्गों पर परफॉरमेंस अवधि होते हुये पुन: कार्य कराया गया? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ड.) निवेशकों से रख-रखाव पर एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा व्यय राशि किस प्रकार वसूली जावेगी? कार्य योजना बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) केवल एक राज्य राजमार्ग सिवनी-बालाघाट-गोंदिया एस.एच. 71 के निवेशक द्वारा अनुबंधानुसार रख-रखाव नहीं किया जा रहा है। जी नहीं। (ख) प्रश्नोत्तर (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नोत्तर (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निगम द्वारा संधारण कराने की स्थिति में एसक्रो एकाउन्ट से भुगतान की योजना है।
खाद बीज वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
167. ( क्र. 2764 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार से मध्यप्रदेश सरकार को आदिवासी एवं विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिये खाद, बीज एवं अन्य के लिये आदिवासी विभाग से विशेष केन्द्रीय सहायता मद अंतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में 90 करोड़ एवं 20 करोड़ की राशि वित्तीय वर्ष में केवल आदिवासी एवं विशेष पिछ़ड़ी जनजातियों के लिये दी गई थी? यदि हाँ, तो आदिवासी एवं विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिये दी गई राशि का पृथक-पृथक विवरण बतावें? (ख) क्या मण्डला जिले को प्रश्नांश (क) के अनुसार कृषि विभाग से/आत्मा से सीधे कितनी राशि आदिवासी एवं विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिये प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो प्राप्त आवंटन का आदिवासी एवं विशेष पिछड़ी जनजातियों का विवरण पृथक-पृथक बतावें? (ग) उप संचालक, कृषि मण्डला एवं आत्मा द्वारा मण्डला जिले के 09 विकासखण्डों में कितना-कितना खाद-बीज आदिवासी एवं विशेष पिछड़ी जनजातियों को उपलब्ध कराया गया? यदि हाँ, तो विकासखण्डवार विवरण दें? (घ) मण्डला जिले में जैविक खेती कितने किसानों द्वारा किन-किन विकासखण्ड में की जा रही है? क्या मण्डला जिले में खाद-बीज, अन्य प्रयोजन के नाम से घोटाला हुआ है? क्या उक्त मामले की उच्च स्तरीय जाँच करायेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार से मध्यप्रदेश सरकार को आदिवासी एवं विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिये खाद बीज एवं अन्य के लिये आदिवासी विभाग से विशेष केन्द्रीय सहायता मद अन्तर्गत वर्ष 2016-17 हेतु स्वीकृत योजना में 89 आदिवासी विकासखण्डों के 20 जिलों के लिये 60:40 (केन्द्रांश 60 प्रतिशत एवं राज्यांश 40 प्रतिशत) कुल 90 करोड़ के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है एवं प्रदाय आवंटन 8913.50 लाख राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। विशेष पिछड़ी जनजातियों अन्तर्गत शत्-प्रतिशत केन्द्रांश 14 जिलों के लिये कुल 20 करोड़ योजना स्वीकृत उपरान्त भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य जारी किये गये जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है एवं 10 करोड़ राशि दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के अनुसार मण्डला जिले में आदिवासी के लिये वित्तीय लक्ष्य 1494.360 लाख एवं प्रदाय आवंटन 1494.360 लाख प्राप्त हुई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है तथा मण्डला जिले के विशेष जनजातियों अन्तर्गत आवंटन 141 लाख प्राप्त हुई है। (ग) उप संचालक कृषि मण्डला/आत्मा द्वारा मण्डला जिले के 9 विकासखंडों में विकासखण्डवार कुल 27508 आदिवासी कृषकों को लाभान्वित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है विशेष पिछड़ी जनजातियों अन्तर्गत कुल 6338 कृषकों को खाद बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है। (घ) मंडला जिले के पंजीकृत 8421 कृषकों द्वारा 9 विकासखण्डों में पी.जी.एस. इंडिया के तहत जैविक खेती कर रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-सात अनुसार है। मण्डला जिले में खाद बीज अन्य प्रयोजन के नाम से घोटाला नहीं हुआ है। अत: जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
168. ( क्र. 2776 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लो.नि.वि. की बाय-पास सड़क निर्माण कार्य डिण्डौरी, जिला न्यायालय भवन निर्माण डिण्डौरी, बोना बदरगांव गाड़ा सरई मार्ग निर्माण, एकलव्य भवन बाउण्ड्रीवॉल, छात्रावास, छात्रावास भवन निर्माण डिण्डौरी, मॉडल स्कूल भवन बजाज, मॉडल स्कूल भवन करंजिया, मॉडल स्कूल भवन समनापुर, मॉडल स्कूल भवन डिण्डौरी, मॉडल कालेज भवन निर्माण डिण्डौरी, जबलपुर मण्डला चिल्फी उन्नयन निर्माण कार्य, मण्डला पिण्डरई मार्ग निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति कब-कब, जारी हुई है (ख) उपरोक्त कार्यों का माप किसके द्वारा किया गया तथा उस माप की सत्यापन किसने किया? माप अनुसार भुगतान किस अधिकारी ने कितनी राशि का किया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।
प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी
[जल संसाधन]
169. ( क्र. 2777 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिलगाँव परियोजना जलाशय मध्यम परियोजना शीर्ष कार्य, बिलगाँव जलाशय मध्यम परियोजना मुख्य नहर कार्य, बिलगाँव जलाशय मध्यम परियोजना टर्नल कार्य, बिलगाँव परियोजना गुरैया डिस्ट्रीब्यूटी, बिलगाँव जलाशय मध्यम पलकी से मोरचा मार्ग कार्य, मुड़की मध्यम परियोजना शीर्ष कार्य, मुड़की परियोजना मुख्य नहर कार्य, नीमटोला डायवर्सन एवं मुख्य नहर, पिण्डरूखी डायवर्सन एवं मुख्य नहर, सुन्दरपुर डायवर्सन, भवरखण्डी डायवर्सन के प्रशासकीय स्वीकृति कब-कब जारी हुई? कितनी-कितनी राशि जारी हुई? (ख) कार्यों की प्राक्कलन, चालू कार्य की ड्राइंग वर्तमान में व्यय राशि वर्तमान में कार्य की भौतिक स्थिति, कार्यों का मूल्यांकन किस उपयंत्री एवं सहायक यंत्री ने कितना-कितना किया? कार्यों का भुगतान कब कितनी राशि का किया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। प्राक्कलन एवं ड्राइंग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
जलाशयों का कार्य प्रारंभ किया जाना
[जल संसाधन]
170. ( क्र. 2794 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की विधान सभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत कितने जलाशयों के प्रस्ताव परीक्षणाधीन हैं? कितने संभागीय कार्यालय में लंबित हैं? कितने जलाशयों की साध्यता प्राप्त किन्तु पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति आपेक्षित है? कितने जलाशयों की साध्यता अप्राप्त है? वर्ष 2014-15 से वर्षवार, विकासखण्डवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यों की स्वीकृति में विलंब होने के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) जल संसाधन विभाग म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-15/02/115/लघु/31/92 दिनांक 27.05.2017 अनुसार प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। शासन स्तर पर कोई प्रकरण स्वीकृति अथवा साध्यता हेतु विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रस्ताव मैदानी कार्यालयों में प्रचलित होने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
मॉडल विक्रय दर की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
171. ( क्र. 2795 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना की कंडिका 5 में विक्रय अवधि के लिये योजना अवधि समाप्त होने पर मॉडल विक्रय दर पर घोषित करने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त दरें शासन कब घोषित करेगा? तिथि सहित बताएं। (ख) क्या पीक सीजन में अधिक आवक के दबाव के कारण कृषि जिन्सों के भाव में गिरावट रहती है? यदि हाँ, तो योजना अवधि के अंतिम माह में भावों (दरों) की कमी होने से भाव बढ़ने से मॉडल विक्रय दर अधिक होगी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि माह दिसम्बर 2017 में कम आवक हो, भाव में बढ़ोत्तरी हुई, तो मॉडल विक्रय दर अधिक होने से माह अक्टूबर, नवम्बर में फसल बेचने वाले किसानों को कैसे लाभान्वित किया जावेगा? (घ) उक्त के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन दैनिक मॉडल विक्रय दरें घोषित कर किसानों को लाभान्वित करेगा? यदि हाँ, तो कब-कब? यदि नहीं, तो योजना के प्रचार-प्रसार में करोड़ों रूपये का निरर्थक व्यय करके किसानों को क्यों भ्रमित किया गया है? प्रश्न दिनांक तक प्रचार-प्रसार में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है और क्या उसका भुगतान कर दिया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। दिनांक 16 अक्टूबर 2017 से 30 अक्टूबर 2017 के मध्य विक्रित चयनित जिंसों के मॉडल भाव राज्य शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के ज्ञाप दिनांक 09 नवम्बर 2017 से घोषित किये गये हैं। शेष अवधि हेतु तिथि निर्धारित होना है। (ख) कृषि उपज के भाव, बाजार में मांग पूर्ति के आधार पर, गुणवत्ता एवं प्रतिस्पर्धात्मक घोष नीलामी से निर्धारित होते हैं। बाजार की अनिश्चितता के कारण आगामी माहों में भाव में कमी एवं मॉडल विक्रय दर अधिक होने के संबंध में कुछ भी नहीं कहा जा सकता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार, मंडियों में प्रचार-प्रसार पर हुये व्यय की जानकारी एकत्र की जा रही है।
फ्लाई ओवर ब्रिज के निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
172. ( क्र. 2802 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर के मध्य स्थित रेल्वे फाटक होने से आसपास के सैकड़ों गांवों का तहसील मुख्यालय नगर जावरा शहर मध्य रेल्वे फाटक होने से दो भागों में 24 घंटे में कई बार फाटक बंद होने से विभक्त होकर सैकड़ों वाहनों नागरिकों एवं नागरिकों की संपूर्ण दिनचर्या को बार-बार बाधित करता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या फाटक के दोनों ओर नगर एवं सैकड़ों गावों की मूलभूत आवश्यकताओं यथा स्वास्थ्य, शिक्षा व्यापार, रोजगार इत्यादि विगत कई वर्षों से अस्त व्यस्त है एवं इससे शहर एवं क्षेत्र का विकास लगातार अवरूद्ध हो रहा है, साथ ही कई गंभीर एवं दुखद घटनाक्रम इस स्थिति से निर्मित हो रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो विगत वर्ष बजट में सम्मिलित फाटक पर आर.ओ.बी. (फ्लाई ओवर ब्रिज) स्वीकृत होकर टेंडर विज्ञप्ति एवं वर्क आर्डर जारी कर कार्य प्रारंभ करने के कार्यादेश भी जारी होकर कार्य भी प्रारंभिक रूप से प्रारंभ होकर उसे रोका गया है? (घ) यदि हाँ, तो कार्य प्रारंभ करने के कार्यादेश जारी किये जाने के बाद बंद किये गये कार्य को रेल्वे की अनुमति प्राप्त होने तक रोका गया है? यदि हाँ, तो क्या रेल्वे की अनुमति की प्रत्याशा में राज्य शासन/विभाग अपने हिस्स का कार्य शीघ्र प्रारंभ कर काफी समय में बनने वाले इस कार्य को शीघ्र प्रारंभ कर कठिनाई का निराकरण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, विकास में असर पड़ने एवं कोई दुखद घटना की जानकारी नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ, रेल्वे विभाग द्वारा लागत वहन की सहमति एवं संयुक्त सामान्य संरचना मानचित्र अनुमोदित न होने के कारण उक्त रेल्वे ओव्हर ब्रिज में लागत विभाजन हेतु मुख्य सचिव म.प्र. शासन द्वारा माह सितम्बर 2017 में पत्र अध्यक्ष रेल्वे बोर्ड को लिखा गया है, रेल्वे विभाग से स्वीकृति अपेक्षित। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कृषि उपज, विक्रय एवं राजस्व की प्राप्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
173. ( क्र. 2803 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य शासन की अनेक योजनाओं के फलस्वरूप एवं माननीय मुख्यमंत्री जी एवं आपके अथक प्रयासों से प्रदेश में लगातार कृषि उत्पादन बढ़ता जा रहा है एवं प्रदेश गौरान्वित है कि प्रदेश को चौथी बार लगातार कृषि कर्मण पुरूस्कार मिला है? (ख) कृषि उपज मंडी समिति जावरा अंतर्गत अरनिया पीथा मंडी, खाचरौद नाका मंडी, पिपलौदा मंडी, बड़ावद मंडी, कालूखेड़ा मंडी, रिंगनौद मंडी एवं ढोढर मंडी में विगत 01 वर्ष में किन-किन फसलों का क्रय-विक्रय हुआ है? जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त मंडियों में विगत एक वर्ष में कृषि उपज कितनी-कितनी आवक हुई तथा कितनी जावक हुई? कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? जानकारी देवें। (घ) क्या कृषि उपज का मंडी गेट आवक रजिस्टर तथा विक्रय के समय जारी तौल पर्ची का मिलान मण्डी समिति द्वारा किया जाता है? जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) मुख्य मंडी अरनियापीथा, खाचरौद नांका मंडी प्रांगण में आवक मंडी शुल्क की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। जावरा मंडी के अंतर्गत आने वाली 03 उपमंडिया क्रमश: उपमंडी बड़ावद, उपमंडी कालूखेड़ा, उपमंडी पिपलौदा तथा हाट बाजार ढोढर एवं हाट बाजार रिंगनौद विगत 01 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक आवक मंडी शुल्क की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) उल्लेखित मंडियों में प्रश्नाधीन अवधि की आवक-जावक एवं वसूले गए मंडी शुल्क की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) मंडी तथा व्यापारी के अभिलेखों का मिलान कर लेखा सत्यापन किया जाता है।
आत्मा परियोजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
174. ( क्र. 2818 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आत्मा परियोजना क्या है? इसके उद्देश्य क्या है? क्या पन्ना जिले में योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। यदि हाँ, विगत तीन वर्षों की भौतिक वित्तीय प्रगति से अवगत करावें। क्या योजना में उपरोक्त तीन वर्षों में अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त हुई है? (ख) योजना अंतर्गत विगत तीन वर्षों में पन्ना जिले में कितना बजट प्राप्त हुआ है व उक्त व्यय का घटकवार वर्षवार व्यय बतावें? (ग) उक्त योजना के उद्देश्यों के अनुसार अथवा पालन में पवई विधानसभा क्षेत्र के कितने हितग्राही वर्तमान में योजना का लाभ लेने से वंचित हैं? (घ) क्या परियोजना पर जो व्यय किया जा रहा है वह मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी वित्तीय नियमों के अनुसार तथा भण्डार क्रय नियम के अनुसार किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या-क्या शिकायतें विगत तीन वर्ष में प्राप्त हुई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भारत सरकार के नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एण्ड टेक्नॉलॉजी के अंतर्गत सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन-आत्मा संचालित है। इसका उद्देश्य कृषि विस्तार सुधार कार्यक्रम संचालित कर, कृषि विस्तार सेवाओं में अमूल सुधार, कृषि तकनीकी पद्धतियों में सुधार, नवीन कृषि तकनीकी का विकास, कृषकों को आवश्यकताओं के अनुरूप कृषि आधारित तकनीकी ज्ञान प्रदान करना एवं कृषि विस्तार अमले सक्षम करना है। विगत तीन वर्षों की भौतिक वित्तीय प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ योजना में उपरोक्त तीन वर्षों में अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त हुई। अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पन्ना द्वारा जाँच अप्रमाणित पाई गई। जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) योजना में प्रावधान अनुसार कृषकों को लाभान्वित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है।
तालाब निर्माण स्वीकृति की जानकारी
[जल संसाधन]
175. ( क्र. 2831 ) श्री कमलेश शाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरवाड़ा वि.स. क्षेत्र के तामिया ब्लॉक के बामदी ग्राम तालाब निर्माण की स्वीकृति कब प्रदान की जायेगी? खेरेटी ग्राम के तालाब स्वीकृति के विषय में भी बतावें। (ख) इसी तरह के प्रस्ताव ग्राम लोटिया को शासन कब तक स्वीकृत करेगा? (ग) क्या कारण है कि ग्राम खुलसान में तालाब स्वीकृत तो हो गया लेकिन अभी तक नहीं बना? यह कब तक बनेगा? (घ) इसके विलंब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) तामिया विकासखण्ड के अंतर्गत चिन्हित बामदी जलाशय, खेरेटी जलाशय एवं लोटिया जलाशय तकनीकी मापदण्ड पर असाध्य है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) एवं (घ) खुलसान जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 07.09.2007 को रूपये 70.93 लाख की 72 हेक्टर (रबी 42 हे. खरीफ 30 हे.) के लिये प्रदान की गई थी। परियोजना अद्यतन मापदण्डों पर असाध्य हो गई है। अत: अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है।
पुलों का मरम्मत एवं रेलिंग निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
176. ( क्र. 2838 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत बोरावा-भनगांव मार्ग तहसील कसरावद के वेदा नदी पर पुल, टेमाबेहरामपुर-सुगर मार्ग तहसील गोगावा के वेदा नदी पर पुल एवं भुलगांव-गोगावा मार्ग तहसील कसरावद के कुन्दा नदी पर पुल, उक्त तीनों पुल जीर्ण-शीर्ण एवं रेलिंग विहीन अवस्था में क्यों विद्यमान है? प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 3 वर्षों में उक्त पुलों पर रेलिंग, मरम्मत एवं निर्माण कार्य हेतु क्या लोक निर्माण विभाग को पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक तत्संबंध में विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त पुलों पर क्षेत्रीय, स्थानीय ग्रामीणों व अन्य लोगों के आवागमन में किसी घटित दुर्घटनाओं को रोकने के लिये क्या उपरोक्त निर्माण कार्यों को प्रश्न दिनांक तक करा लिये जायेंगे? नहीं तो जवाबदेही सुनिश्चित कर की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ग) क्या उक्त पुलों का स्थल निरीक्षण संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया गया है? हाँ, तो कब? पद नाम सहित जानकारी दें। नहीं तो क्यों? तत्संबंध में उचित माध्यम से विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) उक्त पुलों पर आवागमन को सुचारू एवं सुविधाजनक बनाने के लिये पुलों का मरम्मत एवं रेलिंग निर्माण कार्य कब तक करा लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। मरम्मत हेतु प्राक्कलन तैयार किया गया है। (ख) जी नहीं। प्राक्कलन परीक्षणाधीन है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) वित्तीय संसाधन की उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नहर रोड के निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
177. ( क्र. 2845 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत मुरैना जिले की नहर सड़क पर कितने किलोमीटर सीमेंट कांक्रीट सड़क मार्ग का निर्माण नवम्बर 2017 तक किया गया है एवं किस विधान सभा क्षेत्र में कांक्रीट का कार्य चल रहा है? सड़क मार्ग की लम्बाई कितनी है? (ख) क्या जिस कम्पनी को कार्य दिया गया है, उसने एक अन्य ठेकेदार कम्पनी को पेटी पर दिया गया है? मुख्य कम्पनी का नाम, पूर्ण लागत राशि, नवम्बर 2017 की स्थिति में भुगतान की तिथियां, राशि सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या मिट्टी कार्य वर्तमान में जौरा, सुमावली विधान सभा क्षेत्र में ही चल रहा है? कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है? मिट्टी कार्य में कटिंग होने से कार्य प्रारंभ होने से पूर्व ही सड़क मार्ग में भारी गड्ढे होने से वाहनों को भारी कठिनाई हो रही है? (घ) क्या मिट्टी कटिंग का जो भराव किया जा रहा है, उसकी मिट्टी का सी.वी.आर. सही न होकर हल्का है, जिससे सड़क कभी टूट, धसक सकती है? क्या शासन किसी दूसरी बाहरी एजेन्सी से जाँच करायेगा? पूर्ण जानकारी तथ्यों सहित दी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 12.00 कि.मी.। सबलगढ़। 69.44 कि.मी.। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिनांक 14.01.2019। जी नहीं। (घ) जी नहीं। कार्य गुणवत्तापूर्वक होने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निर्मित सड़कों की गुणवत्ता
[लोक निर्माण]
178. ( क्र. 2847 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा तहसील मुरैना में नवम्बर 2017 की स्थिति में लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कों का कार्य चल रहा है? इन सड़कों की कुल लागत क्या है तथा अभी तक कितना-कितना भुगतान, कब-कब किया गया है? प्रत्येक मार्गवार जानकारी दी जावे? (ख) क्या सड़क निर्माण का कार्य मूल ठेकेदार कंपनी द्वारा न कर पेटी ठेकेदार से कार्य कराया जा रहा है, जिससे मार्ग पर गुणवत्ताहीन कार्य हो रहा है? किसी भी सड़क मार्ग पर लैब स्थापित नहीं की गई है? क्या शासन द्वारा मापदण्डों के अनुरूप मशीनरी, लैब की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है? मूल कंपनी का नाम, पता सहित जानकारी दी जावे। (ग) शासन द्वारा जो समय-सीमा निर्धारित की गयी थी, उस कार्य योजना के अनुसार कार्य नहीं होने पर उन पर क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही के मार्गवार, पत्र क्रमांक, दिनांक सहित जानकारी दी जावे। गुणवत्ता की जाँच हेतु किसको नियुक्त किया गया है? (घ) उक्त निर्माणाधीन मार्गों में से किन ठेकेदार कंपनियों का कार्य निरस्त किया गया था तथा उनके पुनर्जीवित के क्या कारण रहे? तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने पर अनुबंध में निहित शर्तों के अनुरूप कार्यवाही की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। अनुबंध पुनर्जीवित आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
विभागीय कार्यों हेतु जारी निविदाएं
[लोक निर्माण]
179. ( क्र. 2867 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 14-15 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्यों की किस दिनांक को कितनी राशि की निविदा जारी की गई? कार्यवार स्थानवार बतायें। (ख) जारी निविदाओं में कितनी निविदायें निर्धारित राशि से अधिक राशि की स्वीकृत की गई? नाम स्थान, निविदा मूल्य, स्वीकृत दर सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में कितनी निविदायें निर्धारित राशि से न्यूनतम राशि की स्वीकृत की गई? कार्य का नाम, स्थान निविदा मूल्य स्वीकृत मूल्य सहित बतायें। कम दर पर स्वीकृत कार्यों में अधिक कार्य दिखाकर अधिक राशि भुगतान की गई है, ऐसे कार्य स्थान स्वीकृत राशि एवं अधिक कार्य दिखाकर भुगतान राशि सहित बतायें। (घ) कम दर पर स्वीकृत कार्य प्राक्कलन अनुसार गुणवत्तापूर्ण पाये गये हैं, इसका सत्यापन किस सक्षम अधिकारी ने किया है? कार्य का नाम अधिकारी के नाम सहित बतायें। कौन से कार्य गुणवत्ताहीन पाये गये हैं? कार्य का नाम, स्थान सहित बतायें। ऐसे कार्यों के लिये कौन अधिकारी जवाबदेह है? उस पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
फसल बीमा प्रतिफल का प्रीमियम राशि से भी कम भुगतान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
180. ( क्र. 2868 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में विकासखण्डवार कितने कृषकों ने उद्यानिकी फसलों/सब्जियों का बीमा कराया था? विकासखण्डवार कितने कृषकों ने कितनी-कितनी राशि इस हेतु प्रीमियम के रूप में जमा की थी? कृषक संख्यावार विकासखण्डवार विवरण दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में नुकसानी की स्थिति में कृषकों को उनके द्वारा जमा प्रीमियम से भी कम राशि मुआवजे के रूप में दी गई है? क्यों व बीमा दिये जाने के क्या आधार रहे हैं? (ग) विभाग एवं बीमा कंपनी चोलामंडलम इंश्युरेंस द्वारा उद्यानिकी फसलों का बीमा/मुआवजा तय करने के क्या आधार रखे गये? कृषकों से हजारों रूपये प्रीमियम लेकर 100 रू. से भी कम राशि के चैक दिये गये, क्यों? इस हेतु कौन उत्तरदायी है? क्या इस प्रकरण की विस्तृत जाँच कराई जावेगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 में जिले में कृषक प्रीमियम राशि रूपये 15,58,500/- के विरूद्ध दावा भुगतान राशि रूपये 43,81,867/- एवं वर्ष 2016-17 में कृषक प्रीमियम राशि रूपये 17,79,742/- के विरूद्ध दावा भुगतान राशि रूपये 30,08,789/- है जो कृषकों द्वारा जमा प्रीमियम राशि से अधिक है। विकासखण्डवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) योजना की टर्मशीट में निर्धारित मापदण्डों एवं संबंधित मौसम केन्द्र से प्राप्त मौसम के आंकड़ों में विचलन के आधार पर गणना अनुसार बीमा दावा भुगतान किया जाता है, जो सिद्धांतत: ₹100 से कम हो सकता है। कार्यवाही नियमानुसार होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
न्यायालयीन प्रकरण की अद्यतन स्थिति
[विधि और विधायी कार्य]
181. ( क्र. 2872 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड जिला उज्जैन के विरूद्ध मान. उच्च न्यायालय (इंदौर खण्डपीठ) में चल रहे प्रकरण में शासन की ओर से नियुक्त वकील कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित रहे? वकील का नाम सहित तिथिवार बतावें। (ख) प्रकरण की अद्यतन स्थिति भी बतावें। (ग) क्या खनिज विभाग द्वारा शासन को समस्त दस्तावेज उपलब्ध करा दिए गए हैं? यदि नहीं, कब तक करा दिए जाएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क)
क्र. |
अधिवक्ता का नाम |
सुनवाई तिथि |
1. |
श्री पीयुष
जैन, |
09-05-2017 |
2. |
श्री सुनील जैन, अति. महाधिवक्ता |
15-05-2017 एवं 16-05-2017 |
3. |
श्री रोमेश दवे, शासकीय अधिवक्ता |
23-06-2017 |
4. |
श्री पुष्यमित्र भार्गव, उप महाधिवक्ता |
24.07.2017 |
5. |
सामूहिक रूप से वकीलों की हड़ताल होने से शासकीय अधिवक्ता अनुपस्थित |
04.08.2017. एवं 11.08.2017 |
6. |
श्रीमती स्वाति, उखले, शासकीय अधिवक्ता |
04.09.2017, 27.09.2017 एवं 27.10.2017 |
(ख) प्रकरण में आगामी सुनवाई दिनांक 08.01.2018 नियम है जो ऑनलाईन दर्शित हो रहा है। (ग) प्रकरण के प्रभारी अधिकारी श्री महेन्द्र पटेल, सहायक खनिज अधिकारी, द्वारा प्रस्तुत किये गए दस्तावेजों के आधार पर इस कार्यालय द्वारा शासन की ओर से प्रकरण में विस्तृत चरणवार प्रत्यावर्तन तैयार कर दिनांक 09.08.2017 को प्रस्तुत किया जा चुका है। इसके पूर्व भी शासन की ओर से प्रभारी अधिकारी श्री महेन्द्र पटेल का विस्तृत खण्डन शपथ पत्र दिनांक 12.05.2017 को प्रस्तुत किया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भावांतर योजनांतर्गत किसानों को भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
182. ( क्र. 2874 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की मंडियों में व्यापारियों द्वारा कृषि उपज भुगतान हेतु 50 हजार रू. नकद देने के आदेश की छायाप्रति देवें। यह आदेश केन्द्र सरकार के वित्त मंत्रालय/आयकर विभाग/अन्य के जिस परिपत्र/आदेश के परिपालन में निकाला गया या इस संबंधी मंजूरी इनसे ली गई की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) इंदौर व उज्जैन संभाग की मंडियों में प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त आदेश के तहत कितने किसानों को 10 हजार रूपये से अधिक राशि नकद, कितने किसानों को चेक से भुगतान किया गया, की जानकारी पृथक-पृथक विगत 2 माह के संदर्भ में मंडीवार देवें। किसान संख्या बतावें। (ग) इंदौर, उज्जैन संभाग में जिन किसानों को सोयाबीन 1200 रू., 1500 रू., 1501 से 2000 रू., 2001 से 2500 रू. तक बिकी? उनकी संख्यात्मक जानकारी मंडीवार, जिलावार देवें। इन तीनों श्रेणियों में भावांतर योजना में पंजीकृत किसानों को कितनी-कितनी राशि कब तक प्रदान की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भारत सरकार कार्यालय प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, म.प्र. एवं छ.ग. भोपाल का पत्र दिनांक 31.10.2017 एवं भारत सरकार वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग के पत्र दिनांक 03.11.2017 के तारतम्य में म.प्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड के निर्देश दिनांक 27.10.2017 एवं 07.11.2017 से कृषकों को उनकी उपज पर नगद तथा सीधे कृषकों के बैंक खाते में आर.टी.जी.एस/एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से ट्रांसफर कर विधि अनुसार भुगतान सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) इंदौर तथा उज्जैन संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) इंदौर तथा उज्जैन संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत वर्तमान में दिनांक 16.10.2017 से 31.10.2017 के मध्य विक्रय करने वाले इंदौर संभाग में पंजीकृत किसानों को राशि रूपये 155743740/- एवं उज्जैन संभाग में पंजीकृत किसानों को राशि रूपये 350593406/- भुगतान किया गया है।
प्याज खरीदी में अनियमितता पर कार्यवाही
[सहकारिता]
183. ( क्र. 2875 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1289, दिनांक 24.07.2017 में वर्णित जिलों में प्याज खरीदी के भण्डारण व्यय की जानकारी जिलावार भण्डारकर्ता के नाम सहित देवें। (ख) उपरोक्तानुसार हम्माली तथा तुलाई की जानकारी वर्ष 2016 एवं 2017 की जिलावार देवें। (ग) क्या कारण है कि प्रचलित दरों से कई गुना अधिक राशि भण्डारण तथा हम्माली एवं तुलाई पर व्यय की गई? क्या इसमें किसी प्रकार के भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हुई हो, की जानकारी दी जावे? (घ) भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायत पर शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? गत वर्ष भण्डारण पर अधिक व्यय राशि करने वाले अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पौधारोपण कार्यक्रम
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
184. ( क्र. 2878 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 02-7-17 को हुए पौधारोपण कार्यक्रम के तहत धार जिले में कितने पौधे रोपे गए? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) यह भी बतावें कि ये कहाँ से क्रय किए गए? प्रदायकर्ता फर्म द्वारा प्रस्तुत बिलों की छायाप्रति सहित देवें। जिला स्तर से भोपाल स्तर को वृक्षारोपण कार्यक्रम की जो रिपोर्ट भेजी गई है उसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ग) इस कार्य के लिए हुए वाहन व्यय, मानदेय व अन्य व्यय की जानकारी कितना भुगतान हो चुका/कितना शेष है T.D.S. कटौत्रा के साथ देवें। प्रश्न दिनांक तक कितने पौधे जीवित हैं? कुक्षी विधान सभावार बतावें। (घ) जिनका भुगतान शेष है, उन्हें भुगतान कब तक कर दिया जायेगा व पौधे की देख-रेख विफल रहने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जिले में उद्यानिकी विभाग के माध्यम से 5,08,626 फलदार पौधे रोपे गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) वाहन व्यय हेतु कुल राशि रूपये 82,000/- का भुगतान शेष है। कुक्षी विधानसभा में 1,26,215 पौधों का रोपण किया गया, जिनमें से अद्यतन सर्वे के अनुसार 1,15,690 पौधे जीवित हैं। (घ) मनरेगा योजना में वर्तमान में सामग्री मद में राशि का अभाव है। विभागीय योजनांतर्गत भुगतान का प्रावधान फरवरी माह में लंबित होगा जब जीवितता का सत्यापन कर भुगतान किया जाएगा। जिले में 02 जुलाई एवं उसके बाद रोपे गये पौधों की जीविता 94 प्रतिशत है। अत: किया गया पौध रोपण सफल है। फल-पौधों को जीवित रखने की जवाबदेही कृषक की स्वयं की है। विभाग द्वारा कृषकों को तकनीकी मार्गदर्शन दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकास कार्यों हेतु व्यय की गई राशि की जानकारी
[लोक निर्माण]
185. ( क्र. 2936 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा मंदसौर जिले में 1 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने भवनों का निर्माण करवाया गया? भवन व स्थान का नाम तथा राशि सहित विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) विभाग द्वारा मंदसौर जिले में अजा बाहुल्य क्षेत्रों में प्रश्नांश (क) अवधि में कहाँ-कहाँ सी.सी. रोड तथा विकास कार्य कराये गये हैं? ग्राम व राशि सहित विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त ग्रामों में विकास कार्यों के लिए राशि व्यय करने हेतु प्रभारी मंत्री एवं कलेक्टर महोदय के द्वारा किये गये अनुमोदनों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस स्थान पर व्यय की गई है तथा विकास कार्यों के लिए राशि व्यय करने हेतु प्रभारी मंत्री एवं कलेक्टर महोदय के द्वारा किये गये अनुमोदनों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विभाग में राशि व्यय करने हेतु प्रभारी मंत्री जी एवं कलेक्टर के अनुमोदन का प्रावधान नहीं है। (घ) व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्रभारी मंत्री एवं कलेक्टर के अनुमोदन की जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार।
बांध निर्माण की जानकारी
[जल संसाधन]
186. ( क्र. 2954 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के उदयनगर तहसील में परपड़ी नदी पर जल संसाधन विभाग द्वारा बांध स्वीकृत किया गया है, क्या? अगर हाँ, तो बांध की लागत क्या है? बांध का कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (ख) प्रश्नांश (क) में उक्त बांध से उदयनगर तहसील जो की 100 प्रतिशत अ.ज.जा. बाहुल्य है, के अ.ज.जा. वर्ग के हजारों कृषकों की असिंचित भूमि सिंचित होगी? क्या विभाग की उदासीनता से कार्य अप्रारंभ है? अगर नहीं तो कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हो पा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में उल्लेखित बांध का बजट स्वीकृत हो गया है? हाँ तो कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हो पा रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। परपड़ी परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 16.08.2016 को रू. 4,775.46 लाख की 1850 हे. के लिए प्रदान की गई है। भारत सरकार से वन व्यपवर्तन स्वीकृति के पश्चात। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) परियोजना से अनुसूचित जनजाति वर्ग के 1480 कृषक लाभांवित होंगे। जी नहीं। कलेक्टर देवास द्वारा वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु भूमि उपलब्ध कराए जाने के पश्चात वन भूमि का निराकरण संभव होगा। प्रकरण कलेक्टर जिला देवास के यहां प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार।
घाट निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
187. ( क्र. 2956 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विधान सभा के नाचनबोर से नाचनबोर घाट तक जो घाट निर्माण का कार्य चल रहा है, उसकी कुल लागत कितनी थी व कार्य प्रारंभ व कार्य पूर्णत: दिनांक क्या थी? क्या उक्त घाट मार्ग निर्माण में पक्की गिट्टी के स्थान पर कच्ची मुरम की गिट्टी डाली जा रही है? (ख) क्या पूर्व में भी समाचार पत्रों के माध्यम से व जनप्रतिनिधियों ने उक्त मार्ग (घाट) की शिकायत विभाग से की थी? अगर हाँ, तो विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की? (ग) प्रश्नांकित मार्ग (घाट) पर अब तक किन-किन अधिकारियों ने जाँच परीक्षण किया व ठेकेदार को कितनी बार किस प्रकार के नोटिस जारी किये? (घ) प्रश्नांकित (क), (ख), (ग) में मार्ग की गुणवत्ता खराब होने पर किसे जिम्मेदार माना जावेगा? क्या लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा ठेकेदार का बचाव किया जा रहा है? अगर हाँ, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल लागत रू. 586.29 लाख है, कार्य प्रारंभ दिनांक 21.10.2015 थी। अनुबंधानुसार कार्य पूर्णत: दिनांक 20.10.2016 थी। जी नहीं। (ख) जी हाँ। जाँच की गई कार्य मापदण्ड अनुसार पाया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग उज्जैन परिक्षेत्र उज्जैन, अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग मण्डल उज्जैन एवं कार्यपालन यंत्री संभाग देवास द्वारा समय-समय पर कार्य का निरीक्षण किया है। विभाग द्वारा ठेकेदार को प्रगति बढ़ाने के लिए 02 बार एवं 01 बार अनुबंध निरस्त करने हेतु एवं 01 बार ठेकेदार का पंजीयन काली सूची में इन्द्राज हेतु नोटिस दिया गया है। (घ) प्रश्नांकित (क), (ख), (ग) में कार्य की गुणवत्ता सही पाई गई है। इसलिये कोई जिम्मेदार नहीं है। जी नहीं प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सड़क मार्ग निर्माण कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा की जानकारी
[लोक निर्माण]
188. ( क्र. 3278 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बम्होरी दुर्जन से ग्राम कंजिया तक का सड़क निर्माण कार्य कितने वर्ष में पूर्ण होना था? (ख) यदि एक वर्ष में पूर्ण होना था तो सड़क निर्माण अभी तक पूर्ण क्यों नहीं हुआ? (ग) क्या उक्त ठेकेदार द्वारा ग्रामवासियों की समस्या धूल मिट्टी से बचने आदि के समाधान हेतु कोई उपाय किये है? यदि हाँ, तो क्या? (घ) प्रश्नांश (क) का कार्य कब तक पूर्ण होगा एवं लापरवाह ठेकेदार/ अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अनुबंधानुसार डेढ़ वर्ष में पूर्ण होना था। (ख) 1 वर्ष नहीं अपितु डे़ढ़ वर्ष में पूर्ण होना था। मार्ग मुख्य जिला मार्ग से राज्यमार्ग क्रमांक-42ए घोषित होने से, निर्माण कार्य के मापदण्ड में परिवर्तन होने के कारण कार्य में विलंब हुआ है। (ग) जी हाँ। धूल मिट्टी से बचने के लिये पानी का छिड़काव किया जाता है। (घ) मार्ग का निर्माण कार्य जुलाई 2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्य में समानुपातिक प्रगति न लाने के कारण ठेकेदार का पंजीयन काली सूची में दर्ज किया गया है। अत: विलंब हेतु कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अत: अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दावा भुगतान प्रकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
189. ( क्र. 3438 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए खरीफ 2016 व रबी 2016-17 के लिए कितने दावा प्रकरण भुगतान हेतु फसल बीमा कंपनियों को भेजे गए? जिलावार, कृषक संख्या, राशि, आंकलन सहित पृथक-पृथक देवें। (ख) जिन जिलों द्वारा ये दावा प्रकरण विलंब से भेजे गए, शासन ने इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ग) क्या रबी 2015 के दावा प्रकरण की गणना पूरी कर भेज दिए गए हैं (राष्ट्रीय फसल बीमा योजना)? यदि नहीं, तो किन-किन जिलों के शेष हैं? ये कब तक भेजे जाएंगे? (घ) इस तरह लापरवाही बरतने वाले किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बीमा दावा प्रकरण विभाग द्वारा नहीं भेजे जाते हैं। अतः विलंब से भेजने एवं जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राष्ट्रीय फसल बीमा योजना में फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर समस्त जिलों के प्रावधान अनुसार एवं पात्रतानुसार फसल बीमा दावा की राशि समस्त जिलों की स्वीकृत की जा चुकी है। रबी 2015 की कोई फसल बीमा दावा प्रकरण लंबित नहीं हैं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
माईनर नहर
हेतु भूमि अधिग्रहण
[जल संसाधन]
1. ( क्र. 98 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में स्थित खारक तालाब की मुख्य नहर की आर.डी. 3700 से 4000, आर.डी. 5700 से 6000, आर.डी. 7000 से 7300 से निकलने वाली माईनर नहर हेतु भूमि अधिग्रहण कब-कब हुआ, प्रथम एवं अंतिम दिनांक सहित जानकारी देवें? इन माईनर नहर क्रमांक 1, 2 एवं 3 हेतु निविदा कब-कब निकाली गई? निविदा की प्रति देवें? (ख) उक्त माईनर नहर क्रमांक 1, 2 एवं 3 का कार्य कब प्रारंभ हुआ एवं इस कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? यदि कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है तो कारण सहित नहरवार बतायें? (ग) उक्त माईनर नहरों का कार्य पूर्व के टेण्डरों में क्यों नहीं निकाला गया? नहरवार कारण सहित बतायें? (घ) उक्त कार्यों के नहीं होने के कारण सिंचाई का रकवा नहीं बढ़ने का दोषी कौन है? विभाग इन कार्यों को कब तक पूर्ण करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिले में स्थित खारक तालाब की मुख्य नहर से निकलने वाली नहरों के भू-अर्जन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। माईनर नहर क्रमांक-1, 2 एवं 3 की निविदा दिनांक 15.06.2017 को निकाली गई, प्रतिलिपियां पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) माईनर क्रमांक-3 का कार्य दिनांक 12.11.2017 को प्रारंभ कर दिया गया है। माईनर क्रमांक-1 में कृषकों का विरोध होने तथा माईनर क्रमांक-2 में मुआवजा भुगतान प्रकियाधीन होने एवं खेतों में फसल खड़ी होने के कारण प्रारंभ नहीं किया जा सका है। (ग) योजना की नहर प्रणाली अंतर्गत नहर खुदाई एवं मिट्टी का कार्य कार्यपालन यंत्री, वि/यां. भारी मशीनरी संभाग, भोपाल द्वारा किया जा रहा था। अत: पूर्व में इस कार्य का टेण्डर नहीं निकाला गया। उनके द्वारा मशीनें अन्यत्र स्थानांतरित कर देने से, शेष रही नहरों की खुदाई एवं मिट्टी के कार्य की निविदा पृथक से आमंत्रित की गई। (घ) नहर प्रणाली अंतर्गत शेष रही माईनर नहरों में कृषकों के विरोध के कारण आवश्यक सर्वे कार्य न हो पाने से भूमि अर्जित करने में अवरोध के कारण निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने से सिंचाई क्षमता निर्मित नहीं हो सकी, जिसके लिए विभाग दोषी नहीं है। मुआवजा भुगतान पूर्ण। सर्वे कार्य एवं भू-अर्जन में व्यवधान न होने की स्थिति में अगस्त 2018 तक कार्य पूर्ण कराया जाना लक्षित है।
पिछड़े जिलों में विभागीय कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
2. ( क्र. 121 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में उद्यानिकी विभाग दवारा वर्ष 2013 से अक्टूबर 2017 तक किन-किन कार्य योजनाओं के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? जिलेवार वर्षवार ब्यौरा दें? (ख) किन जिलों को किस कारण से कम राशि आवंटित की गई? रतलाम, उज्जैन जिलों में कार्य योजना राशि बढ़ाने हेतु क्या कार्यवाहियां की गई? यदि नहीं, तो इन जिलों में किस आधार पर राशि आवंटित की गई? (ग) उज्जैन संभाग में पिछड़े जिलों में उद्यानिकी कार्य योजना बढ़ाने की दिशा में क्या कदम उठाये जा रहे हैं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक जिला सेक्टर की योजनाओं में जिला योजना समिति द्वारा स्वीकृत बजट अनुसार राशि उपलब्ध कराई जाती है तथा वित्तीय वर्ष 2016-17 से राज्य एवं भारत सरकार की योजनाओं में प्राप्त लक्ष्यों से वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में जिले की उपयुक्तता को ध्यान में रखते हुये न्यूनतम लक्ष्य प्रदाय कर शेष लक्ष्य विभागीय पोर्टल के पूल पर सभी जिलों के लिए खुले रखे जाते हैं, जिसे आवश्यकतानुसार वह 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर लक्ष्य प्राप्त कर उक्त योजनाओं में कार्य करते हैं। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार सभी योजनाओं में उज्जैन संभाग में उद्यानिकी के क्षेत्र में सभी जिले प्रदेश के अग्रणी जिलों में आते हैं।
पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारंभ निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 357 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग भिण्ड द्वारा विगत तीन वर्षों में कहाँ पर क्या निर्माण कार्य करवाया जा रहा है कब पूर्ण होना है वर्तमान स्थिति क्या है? किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण की छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ख) लोक निर्माण विभाग भिण्ड द्वारा कौन से निर्माण कार्य अप्रारम्भ/अपूर्ण है, निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण क्यों नहीं हो रहे हैं? (ग) भिण्ड से भुजपुरा मार्ग का निर्माण कार्य कब प्रारम्भ हो जायेगा कब पूर्ण होगा? (घ) निर्माण कार्यों की गति धीमी ओर गुणवत्ता उत्तम न होने के क्या कारण हैं? क्या निवारण किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। निरीक्षण छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार। (ग) निविदा कार्यवाही प्रकियाधीन है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
उज्जैन संभाग में नोटरी की संख्या
[विधि और विधायी कार्य]
4. ( क्र. 454 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, इंदौर संभाग में किस-किस न्यायालय में वर्तमान में कितने-कितने नोटरी अपनी सेवाएं कितने वर्षों से दे रहे हैं? इनमें से कितनों के खिलाफ विधि अनियमितता को लेकर, किस-किस प्रकार की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? 1 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक कि जानकारी देवें? (ख) क्या उक्त संभाग की विभिन्न न्यायालयों में समान कार्यों के लिए नोटरियों द्वारा भिन्न-भिन्न राशि वसूली जाती है, यदि "हाँ" तो किस नियम के तहत, क्या नोटरियों की अलग-अलग कार्यों की अलग-अलग शहरों में फीस की समानता को लेकर विभाग कोई कार्यवाही कर रहा है, यदि "हाँ" तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? जनसंख्या एवं प्रकरणों के दृष्टिगत उज्जैन, इंदौर संभाग में कितने नोटरी पदों की आवश्यकता है? इसकी पूर्ति कब-तक कर दी जाएगी? नोटरी नियुक्तियों हेतु क्या विभाग कोई परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रहा है, यदि "हाँ" तो कब तक, नहीं तो वर्तमान में नोटरी पद पर चयन का क्या आधार है? (ग) क्या 1 जनवरी, 2010 के पश्चात प्रदेश में नकली नोटरियों द्वारा न्यायालयों में नोटरी कार्य किया जा रहा है, उक्त अवधि में ऐसे कितने प्रकरण प्रदेश में सामने आए है उनके खिलाफ विभाग ने किस-किस तरह की क्या-क्या कार्यवाही की?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) उज्जैन, इन्दौर संभाग में वर्तमान में लगभग 410 नोटरी विगत कई वर्षों से कार्यरत है। न्यायालयवार नियुक्ति नहीं की जाती है। विधि अनियमितता को लेकर किसी भी नोटरी के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जनसंख्या एवं प्रकरणों के दृष्टिगत नोटरी नियुक्ति का मापदण्ड नहीं है, भारत सरकार द्वारा नोटरी के पद स्वीकृत करने के पश्चात जिलों की आवश्यकता अनुसार पद आवंटित किये जाते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नियुक्ति के संबंध में पैनल संबंधित जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सक्षम प्राधिकारी द्वारा नोटरी नियम-1956 के नियम 6 एवं संशोधित नियम 7 (1) के प्रावधानों के अनुसार एवं नवीन मार्गदर्शी सिद्धान्तों के अनुरूप प्रेषित किया जाता है एवं नोटरी नियम, 1956 के नियम 7-ए में केन्द्र सरकार द्वारा किये गये संशोधन के प्रकाश में मध्यप्रदेश शासन ने नोटरी के पद पर नियुक्ति हेतु आवेदन अधिवक्ताओं को साक्षात्कार के लिए साक्षात्कार बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने की प्रक्रिया से छूट प्रदान की है। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जल कर वसूली संबंधी
[जल संसाधन]
5. ( क्र. 542 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्योगों से जल कर वसूली के लिए क्या प्रावधान है? प्रतिवर्ष राशि जमा ना होने पर नियमानुसार क्या कार्यवाही की जाती है? पूर्ण ब्यौरा नियम - प्रावधान सहित दें? (ख) नागदा उज्जैन, रतलाम, इंदौर के कितने एवं कौन-कौन से कारखानों पर अक्टूबर 2017 तक कितनी-कितनी जलकर राशि बकाया थी? उद्योगवार ब्यौरा दें? (ग) क्या जल संसाधन विभाग उद्योगों के अलावा अन्यों से भी इसी प्रकार जलकर राशि “ सतत् प्रकिया ” का हवाला देकर वसूलता है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) म.प्र. सिंचाई अधिनियम,1931 (क्रमांक-3, सन् 1931) के अधीन विरचित नियमों के उपबंध के साथ पठित उक्त अधिनियम की धारा-37 तथा 40 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी आदेश/अधिसूचना एवं म.प्र. सिंचाई नियम, 1974 के नियम-71 में समय-समय पर किए गये संशोधनों उपरांत किए गये प्रावधानों के अनुसार शासकीय/नैसर्गिक जल स्त्रोतों से औद्योगिक प्रयोजन हेतु जल उपयोग पर उद्योगों से जलकर की वसूली की जाती है। प्रतिवर्ष राशि जमा न होने पर म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 09.08.2000 में प्रकाशित जल संसाधन विभाग की अधिसूचना द्वारा अधिसूचित अनुबंध के प्रारूप-7 (क) की कंडिका-12 के अनुसार ब्याज अधिरोपित किया जाता है। (ख) प्रश्नांश से संबंधित नागदा, उज्जैन, रतलाम, इंदौर के कारखानों पर अक्टूबर-2017 तक बकाया जलकर राशि रू.136.90 लाख है। कारखानावार ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, उद्योगों के अलावा सिंचाई प्रयोजन हेतु कृषकों से, पेयजल हेतु नगरीय निकायों से एवं जल/ताप विद्युत उत्पादन हेतु जल/ताप विद्युत परियोजनाओं से भी शासन द्वारा निर्धारित जलदर अनुसार जल संसाधन विभाग द्वारा जलकर की वसूली की जाती है।
नवीन मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 609 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 25.06.2017 को श्योपुर जिले में प्रवास के दौरान श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत चम्बल मुख्य नहर से ग्राम दीवान चन्द के डेरा तक सड़क निर्माण कराने की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो घोषणा के पालन में ई.ई. लो.नि.वि. श्योपुर द्वारा क्या प्राक्कलन तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेज दिया है यदि हाँ, तो कब? इसकी लागत क्या है? यदि नहीं, तो कब तक भेजा जावेगा? (ग) क्या शासन स्वीकृति हेतु उक्त प्राक्कलन तैयार कराकर भेजने में विलम्ब के कारण न तो माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का पालन सम्भव हो पा रहा है और ना ही उक्त मार्ग पर नागरिकों को आवागमन की बेहतर सुविधा ही मिल पा रही है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त घोषणा के क्रियान्वयन हेतु उक्त मार्ग का प्राक्कलन शीघ्र तैयार करवाएगा एवं इसे चालू वित्त वर्ष के अनुपूरक बजट में आवश्यक रूप से शामिल करके इसकी प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
स्टाप डेम कम रपटा निर्माण
[जल संसाधन]
7. ( क्र. 611 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम ढोढर के समीप पारम नदी पर वर्तमान में बना रपटा पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो चुका है, इस कारण दर्जनों ग्रामों के नागरिकों को आवागमन में बहुत ही कठिनाइयां आती हैं वर्षाकाल में प्रतिवर्ष नदी में उफान आने पर आवागमन बन्द हो जाता है? (ख) क्या उक्त कठिनाइयों के निवारणार्थ ग्राम ढोढर में माननीय मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 25.06.2017 को कृषक सम्मेलन में प्रश्नकर्ता द्वारा मांग करने पर पारम नदी पर स्टॉप डेम कम रपटा निर्माण कराने की घोषणा की थी? (ग) क्या घोषणा के पालन में जिले के संबंधित विभागीय अमले द्वारा प्रस्ताव तैयार कर शासन/वरिष्ठ कार्यालय को भेज दिया है इसकी लागत क्या हैं? (घ) यदि नहीं, तो क्या शासन इसे शीघ्र मंगवाएगा व माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पालन में इसे चालू वित्त वर्ष के अनुपूरक बजट में निश्चित रूप से शामिल कर शीघ्र इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। पारम नदी पर लक्ष्मण धारा स्टॉप डैम काजवे संभावित राशि रू.347.75 लाख की ऑन-लाईन साध्यता दिनांक 05.08.2017 को दर्ज की गई। विभागीय पत्र दिनांक 23.11.2017 द्वारा कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग श्योपुर को विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। (घ) डी.पी.आर. तैयार न होने से शेष प्रश्नांश की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत प्राप्त प्रस्तावों पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
8. ( क्र. 766 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 2122 दिनांक 09 मार्च 2017 में दिये गये उत्तर अनुसार विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 135 हरदा के प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) में शामिल 41 प्रस्ताव जिनका दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में अनुमोदन हो चुका है, की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रस्तावों का स्थल निरीक्षण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब व किस अधिकारी द्वारा किया गया? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है व कब तक स्थल निरीक्षण कर लिया जावेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार डी.आई.पी. में सम्मिलित हरदा विधान सभा के प्रस्तावों हेतु भौतिक लक्ष्य एवं आवंटन प्राप्त हो गया है? (घ) यदि हाँ, तो कितना-कितना? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग हरदा से प्राप्त जानकारी अनुसार तारांकित प्रश्न क्रमांक 2122 दिनांक 09 मार्च 2017 में दिये गये उत्तर अनुसार विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 135 हरदा के प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) में 41 प्रस्ताव शामिल किये गये है वर्तमान स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के प्रस्तावों हेतु भौतिक लक्ष्य एवं आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
डामरीकृत एवं कांक्रीट सड़कों के निर्माण में व्यय की गई राशि
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 858 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से सितम्बर, 2017 तक लोक निर्माण विभाग की सड़कों के निर्माण कार्य एवं मरम्मत कार्य के लिये केन्द्र सरकार से राज्य सरकार को कितनी राशि प्राप्त हुई? क्या मांग अनुसार राशि प्राप्त हुई है यदि हाँ, तो बतायें नहीं, तो राज्य सरकार द्वारा उक्त राशि प्राप्त करने के लिये क्या प्रयास किये गये? (ख) जनवरी 2015 से सितम्बर, 2017 तक जिला पश्चिम निमाड़ (खरगोन) लोक निर्माण विभाग ने डामरीकृत एवं कांक्रीट सड़कों के निर्माण कार्य में कितनी राशि व्यय की और कितने किलोमीटर की सड़कों का निर्माण कार्य किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सड़कों के मरम्मत कार्य में कितनी राशि व्यय की गई? कितनी शेष है और उनके मरम्मत कार्य में कितनी राशि व्यय होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। केन्द्र सरकार से राज्य सरकार को मांग के अनुरूप राशि प्राप्त होती है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) लोक निर्माण विभाग में जनवरी 2015 से सितम्बर 2017 तक जिला पश्चिम निमाड खरगोन के अंतर्गत 2880.87 लाख की राशि डामरीकृत एवं कांक्रीट सड़कों के निर्माण में व्यय की गई और 99.76 किमी. सड़कों का निर्माण कार्य किया गया तथा म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ-1’ अनुसार है। (ग) लोक निर्माण विभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
अनियमितता पर कार्यवाही संबंधी
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 894 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम सैलाना बांसवाडा टू-लेन मार्ग पर वर्ष 2015 तथा 2016 में कौन-कौन सी मेजर तथा माइनर पुलिया क्षतिग्रस्त हुई, कारण सहित बतावें? अनुबंध की किस शर्त के अनुसार कन्शेसनर पर उक्त घटना पर क्या कार्यवाही होनी चाहिए तथा क्या कार्यवाही की गई? अनुबंध की प्रति भी देवें? (ख) क्या 25 जुलाई 2015 को ग्राम आम्बाकुंडी की मेजर पुलिया क्षतिग्रस्त होने के संबंध में कन्शेसनर कंपनी के पाँच सुपरवाइजर ने पुलिस में बयान दिया कि पुलिया निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया? इस पर कन्शेसनर कंपनी पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कंसल्टेंट ने अपनी रिपोर्ट में दिनांक 27.06.2015 में बताया की निर्माण अधूरा है? फिर किस अधिकारी के आदेश से टोल प्रारंभ किया गया, छायाप्रति दें? (घ) सड़क क्षतिग्रस्त होने से वर्ष 2015 तथा 2016 में कब-कब टोल बंद रहा तथा किसके आदेश से प्रारंभ किया गया, छायाप्रति देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रतलाम-सैलाना-बांसवाड़ा टू-लेन मार्ग पर वर्ष-2015 एवं 2016 में जुलाई को हुई अत्यधिक तीव्र वर्षा के कारण चैनेज-26+400 के माइनर ब्रिज का साईट प्रोटेक्श्न, चैनेज 35+75 एवं 41+425 की पुलियाओं की पटरियों (शोल्डर) क्षतिग्रस्त हुए जिसका कारण 24 घण्टे में अत्यधिक तीव्र वर्षा (12 से 14 ईंच) होना रहा है। वर्षा के आंकड़े की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अनुबन्ध की शर्त के अनुसार कन्शेसनायर द्वारा क्षतिग्रस्त कार्य की मरम्मत की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। (ख) पुलिस अधीक्षक जिला रतलाम से पत्र क्र. पु.अ./रत/ओ.एम./विस.से/32-बी/17 दिनांक 25.11.2017 के द्वारा प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। प्रकरण अभी माननीय जे.एम.एफ.सी. न्यायाल सैलाना के समक्ष न्यायालयीन विचाराधीन है। अतः कार्यवाही का प्रश्न नहीं। (ग) जी नहीं। अनुबन्ध के प्रावधानानुसार स्वतंत्र सलाहकार मेसर्स एल.एन. मालवीय के टीम लीडर श्री दर्शन माथुर द्वारा दिनांक 27.06.2015 को प्रोविज़नल कम्पलिशन सर्टिफिकेट्स (प्रावधानिक पुर्णता प्रमाण पत्र) के साथ पंच लिस्ट सूची भी जारी की गई, जिसमें शेष रहे कार्यों का विवरण दिया गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''4'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2015 एवं 2016 में चैनेज 26+400 ग्राम अंबाकुंडी में माईनर ब्रिज के स्लोप पोर्नश क्षतिग्रस्त होने के कारण कुछ घण्टे की सीमित अवधि के लिये यातायात बाधित रहा था। टोल बन्द नहीं रहा। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम कामठीकला जलाशय में डूब क्षेत्र किसान का मुआवजा
[जल संसाधन]
11. ( क्र. 914 ) श्री जतन उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम कामठीकला जलाशय में डूब क्षेत्र के किसानों की भूमि का सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो कितने किसानों की भूमि उक्त जलाशय में डूब रही हैं? सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या डूब क्षेत्र क किसानों को शासन द्वारा कोई राशि दी गई है यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों, इसके लिये कौन अधिकारी दोषी हैं? (ग) क्या डूब क्षेत्र के किसानों को शासन द्वारा अन्य जगह पर भूमि उपलब्ध करायी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी नहीं। छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम कामठीकलां जलाशय का निर्माण कार्य विभाग द्वारा नहीं कराया जा रहा है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
मुख्यमंत्री भावांतर योजना में किसानों का पंजीयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
12. ( क्र. 915 ) श्री जतन उईके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के मुख्यमंत्री भावांतर योजना बीमा फसल में कितने किसानों का पंजीयन किया गया हैं? कितने किसानों का पंजीयन शेष हैं? कितने किसानों का पंजीयन निरस्त किया गया हैं? निरस्त किये गये पंजीयन का कारण बतावें? (ख) क्या निरस्त किये गये किसानों का पुन: पंजीयन किया जायेगा, यदि हाँ,तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में भावांतर भुगतान योजना में कुल 4577 किसानों का पंजीयन किया गया है। पंजीयन केंद्रवार पंजीकृत किसानों का विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मंडी पांढुर्णा में पंचायत सचिव/पटवारी/कृषि विभाग द्वारा जमा किये फार्मों में से कुल 326 किसानों के पंजीयन फार्म अपूर्ण होने से मूलत: वापस किये गये। वापसी का कारण किसान की ऋण पुस्तिका, आधार नंबर, मोबाईल नंबर, समग्र आई-डी आदि जानकारी का नहीं होना है। (ख) म.प्र.शासन,किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के ज्ञाप क्रमांक डी-15/44/2017/14-3,दिनांक 15 नवम्बर, 2017 से किसानों का नवीन पंजीयन पुन: प्रारंभ किया गया है जिसमें दिनांक 15 नवम्बर, 2017 से दिनांक 25 नवम्बर 2017 के मध्य किसान अपना पंजीयन करा सकते है।
तृतीय समयमान वेतनमान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 1005 ) श्री प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में कृषि विभाग में पदस्थ अथवा सेवानिवृत्त एकांकी पदों पर पदस्थ कर्मचारियों के लिए तृतीय समयमान वेतनमान का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं? (ख) मध्य प्रदेश शासन के पत्र क्रमांक एफ/11-17/2014 एवम् एफ 11-17-2017 नियम चार, दिनांक 12-01-2017 को कण्डिका 3 में 30 वर्ष की सेवा उपरांत तृतीय समयमान वेतनमान राज्य शासन की अनुमति के द्वारा देने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रावधान है तो क्या दमोह जिले में कृषि विभाग में एकांकी पद से 30 वर्ष की सेवा उपरान्त सेवानिवृत्त हुए श्री शंकर सिंह चौहान को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। आदेश, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वित्त विभाग का परिपत्र दिनांक 12.01.2017 में तृतीय समयमान वेतनमान योजना लागू नहीं की गई है अपितु परिपत्र दिनांक 30.9.2014 द्वारा दिनांक 1.7.2014से यह योजना लागू की गई है जिसमें कंडिका-3 में 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर तृतीय समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। श्री शंकर सिंह चौहान की प्रथम नियुक्ति दिनांक 8.9.1983 को हुई थी तथा दिनांक 31.3.2013 को सेवानिवृत्त हो गये है। तृतीय समयमान वेतनमान योजना दिनांक 1.7.2014 को प्रभावशील होने के कारण श्री चौहान को तृतीय समयमान वेतनमान की पात्रता नहीं आती है।
सड़क एवं पुल-पुलियों की जानकारी
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 1011 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पुल/पुलियों एवं सड़कों के निर्माण कार्य हेतु किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई थी वर्षवार एवं मदवार बतलावें? (ख) जिले को प्राप्त आवंटन को चारों विधानसभा क्षेत्र में किस-किस विकास कार्य में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई, कार्य एवं राशि की स्वीकृति किस दिनांक को किसके द्वारा दी गई? प्रत्येक कार्य को किस कार्य एजेंसी द्वारा कराया गया है, विवरण देवें? (ग) मदवार स्वीकृत कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हैं अथवा अपूर्ण हैं? यदि कार्य अपूर्ण हैं, तो उनका कार्यवार कारण बतलावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं ‘अ-1’ अनुसार, म.प्र. सड़क विकास निगम को जिलेवार राशि प्राप्त नहीं होती। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं ‘ब’ अनुसार है।
पाटन विधान सभा अंतर्गत निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 1066 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजना मदों से विभाग द्वारा कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ पर प्रारंभ कराये गये? निर्माण कार्य का नाम, निर्माण हेतु स्वीकृत राशि तथा निर्माण एजेंसी का नाम सहित वर्षवार, सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हो चुके हैं तथा कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से अपूर्ण हैं? सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों के घटिया निर्माण की कितनी शिकायतें शासन स्तर पर की गई तथा उन पर क्या कार्यवाही हुई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
ग्रामीण विकास बैंक के कर्मचारियों का सहकारी बैंकों में संविलियन
[सहकारिता]
16. ( क्र. 1073 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्यप्रदेश द्वारा अपने पत्र क्रमांक/भूविअ/1/0056/2017/298, भोपाल दिनांक 30.06.2017 एवं पत्र क्रमांक/भूविअ/1/0056/ 2017/299, भोपाल दिनांक 30.06.2017 के अंतर्गत राज्य/जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के कर्मचारियों का सहकारी बैंकों/समितियों में संविलियन किये जाने के आदेश दिये थे? (ख) यदि हाँ, तो उक्त आदेशों की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें कि उक्त आदेश के अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से सेवायुक्त संविलियत किये जाने हेतु योग्य पाये गये? योग्य पाये गये लोगों की नामवार, पदवार सूची देवें तथा उनमें से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कितने सेवायुक्तों का संविलियन किया गया तथा कितने सेवायुक्त किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक संविलियन से वंचित है? नामवार, पदवार, संपूर्ण सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संविलियन की पात्रता रखने वाले संविलियन से वंचित सेवायुक्तों को क्या शासन द्वारा संविलियन कर उनकी पदस्थापना की जावेगी? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित आदेश क्रमांक 298 दिनांक 30.06.2017 से 51 कर्मचारियों के म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्या., भोपाल में तथा आदेश क्रमांक 299 दिनांक 30.06.2017 से 10 कर्मचारियों के म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति एवं वित्त विकास निगम भोपाल में संविलियन आदेश जारी किये गये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित संविलियन आदेशों के पालन में संबंधित संस्थाओं द्वारा किसी भी कर्मचारी के पदस्थापना आदेश जारी नहीं किये गये है। (ग) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में लघु वनोपज संघ में संविलियन का प्रकरण निर्णय हेतु संघ के संचालक मण्डल के समक्ष प्रस्तुत किया जाना है जबकि म.प्र. राज्य सहकारी अनुसूचित जाति एवं वित्त विकास निगम द्वारा संविलियन की अनुमति हेतु प्रस्ताव प्रशासकीय विभाग अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को प्रेषित किया है। उपरोक्तानुसार अनुमतियां प्राप्त होने पर संविलियत कर्मचारियों की पदस्थापना जारी की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा क्रियान्वयन
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 1116 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर में माननीय मुख्यमंत्री जी के जनदर्शन दिनांक 06.08.2016 को घोषणा क्र. बी 2300 एवं बी 2337 में क्रमश: अमलई से चचाई मार्ग एवं आदर्श ग्राम शिवनी से घनगवां पूर्वी तक सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति दिनांक, राशि, कार्यअवधि की जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या प्रश्नांकित दोनों मार्गों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया? यदि हाँ, तो किस दिनांक से तथा भूमिपूजन किस जनप्रतिनिधि से कराया गया? यदि नहीं, तो निर्माण कार्य प्रारंभ न होने का क्या कारण है तथा निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अमलई, चचाई, अनूपपुर मार्ग का कार्य प्रारंभ किया जाना
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 1117 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमलई चचाई अनूपपुर मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृत कब प्राप्त हुई हैं? स्वीकृत दिनांक, लागत, कार्यपूर्ण करने की अवधि क्या है? संविदाकार व विभाग द्वारा भौतिक स्तर पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्त मार्ग का कार्य अभी तक प्रारंभ न करने का प्रमुख कारण क्या है? यदि कार्य प्रारंभ किया जाता है तो समय-सीमा बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अमलई, चचाई, अनूपपुर मार्ग के निर्माण हेतु अनुबंध दिनांक 09.10.2017 को निष्पादित हुआ है। कार्य प्रारंभ दिनांक अधिसूचित नहीं होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। कार्य प्रारंभ होने की दिनांक अधिसूचित होते ही कार्य प्रारंभ कराया जा सकेगा। कमिशनिंग दिनांक से 18 माह।
विक्रय हेतु रखे गये कीटनाशक दवाओं, बीज एवं उर्वरक के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
19. ( क्र. 1197 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला होशंगाबाद अन्तर्गत विभाग द्वारा दुकानों पर विक्रय हेतु रखे गये कीटनाशक दवाओं, बीज एवं उर्वरक के कितने नमूने वर्ष 2017-18 में लिये गये हैं तथा परीक्षण उपरांत कितने नमूने अमानक पाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अमानक पाये गये नमूनों से संबंधित विक्रेताओं के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी? कार्यवाहीवार विक्रेतावार एवं विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर नहीं में है तो संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही न किये जाने के लिये कौन उत्तरदायी हैं? क्या उत्तयरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02, 03 एवं 04 अनुसार है। (ग) कीटनाशी अधिनियम 1968 में निहित प्रावधान के तहत अमानक कीटनाशक नमूना के विक्रेताओं पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है।
परियोजना संचालक (आत्मा) के पदस्थ कर्मचारियों के कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( क्र. 1198 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला होशंगाबाद अन्तर्गत विकासखण्डों में परियोजना संचालक (आत्मा) के कितने-कितने कर्मचारी पदस्थ किये गये हैं? (ख) क्या उक्त कर्मचारी विकासखण्ड स्तर पर कार्यरत हैं, यदि हाँ, तो इन्हें क्या-क्या कार्य सौंपा गया हैं एवं विकासखण्ड स्तर पर कहाँ से अपना कार्य संचालित करते हैं? विकासखण्डवार एवं कर्मचारीवार जानकारी देवें? (ग) क्या पदस्थ कर्मचारियों को शासन से संचालित योजनाओं के तहत लक्ष्य पूर्ति हेतु कोई कार्य विकासखण्ड स्तर पर सौंपा गया हैं तथा प्रश्न दिनांक तक सौंपे गये लक्ष्य के विरूद्ध प्रगति की जानकारी प्रदान करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। आत्मा अन्तर्गत सौंपे गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विकासखण्ड एवं कर्मचारीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक सौंपे गये लक्ष्य के विरूद्ध प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
बीनागंज में नवीन एग्रीकल्चर कॉलेज की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
21. ( क्र. 1206 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में कृषि विकास और अधोसंरचना हेतु नवीन एग्रीकल्चर कॉलेज खोलने की योजना हैं? यदि हाँ, तो क्या गुना जिला जिससे 200 से 250 किमी. की दूरी पर एक भी एग्रीकल्चर कॉलेज नहीं है, इस जिले के बीनागंज (चांचौड़ा विधानसभा) में नवीन एग्रीकल्चर कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्य अनुसार क्या माननीय मुख्यमंत्री जी म.प्र. शासन के आश्वासन अनुसार चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में बीनागंज कस्बे में नवीन एग्रीकल्चर कॉलेज खोलने की स्वीकृति मिलेगी। (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) के अमल हेतु म.प्र. शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों का आश्वासन अनुसार स्वीकृति एवं बजट सत्र में नवीन एग्रीकल्चर कॉलेज बीनागंज में खोले जाने का प्रस्ताव अनुसार स्वीकृति सदन में घोषित करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) गुना जिले के 200 कि.मी. की दूरी पर कोई भी कृषि महाविद्यालय नहीं है बीनागंज (चांचोड़ा विधान सभा क्षेत्र) राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कार्य क्षेत्र में आता है। बीनागंज (चांचोड़ा विधान सभा क्षेत्र) नवीन कृषि महाविद्यालय के खोलने की कार्ययोजना से संबंधित प्रस्ताव विभाग में विचाराधीन नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भिण्ड जिले की सहकारी संस्थाओं में नियुक्ति
[सहकारिता]
22. ( क्र. 1218 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की कृषि सेवा सहकारी संस्थाओं में सहायक सचिवों एवं विकलांगों की नियुक्तियां कितनी, कब शासन द्वारा निर्धारित चयन समिति महाप्रबंधक कोपरेटिव्ह बैंक, संस्था अध्यक्ष उपायुक्त द्वारा नियमानुसार की गई हैं, या नहीं? (ख) क्या जिले में नियम विरूद्ध की गई नियुक्तियों में उपायुक्त सहकारिता द्वारा अनुमोदन स्वयं द्वारा किया गया, जो नियम विरूद्ध है, चयन समिति द्वारा अनुमोदन नहीं कराया गया? (ग) क्या नियम विरूद्ध कार्यवाही करने के लिये उपायुक्त सहकारिता के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के लिए लागू कर्मचारी सेवा नियम के पश्चात भिण्ड जिले में चयन समिति द्वारा नियुक्ति नहीं की गई है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के लिए लागू कर्मचारी सेवा नियम के पश्चात भिण्ड जिले में एक सहायक समिति प्रबंधक, जिसकी नियुक्ति दिनांक 18.04.2011 को हुई थी, उसकी नियुक्ति चयन समिति द्वारा नहीं की गई है परन्तु अनुमोदन उपायुक्त, सहकारिता जिला भिण्ड द्वारा किया गया। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सजायाफ्ता कर्मचारी को शासकीय सेवा में रखने के संबंध में
[सहकारिता]
23. ( क्र. 1219 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित भिण्ड में पदस्थ श्री चन्द्रपाल सिंह भदौरिया समिति प्रबंधक कालाबाजारी के तहत एक सजायाफ्ता मुजरिम हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या सजायाफ्ता कर्मचारी को बैंक कर्मचारी सेवानियम अनुसार सेवा में रखा जा सकता है? यदि हाँ, तो कैसे और यदि नहीं, तो संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध कब तक आवश्यक वैधानिक कार्यवाही तत्काल करायी जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कर्मचारी सेवानियम के प्रावधान अनुसार निर्णय दिनांक से सजायाफ्ता कर्मचारी की सेवायें समाप्त समझी जाती है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., भिण्ड के तत्कालीन महाप्रबंधक द्वारा श्री भदौरिया की सेवायें समाप्त न कर सेवा समाप्त करने हेतु दिनांक 29.09.2017 को नोटिस जारी किया गया। न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्था, जिला भिण्ड द्वारा सहकारी अधिनियम की धारा 67 (1) के अंतर्गत श्री भदौरिया के विरूद्ध जारी उक्त नोटिस को दिनांक 31.10.2017 को स्थगित किया गया। उक्तानुसार की गई कार्यवाही नियमानुकूल नहीं होने से तत्कालीन महाप्रबंधक, जिला सहकारी केन्द्रीय मर्या., भिण्ड के विरूद्ध कर्मचारी सेवानियम के अंतर्गत कार्यवाही हेतु मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक मर्या., भोपाल को लिखा गया है, न्यायालय उप पंजीयक जिला भिण्ड के द्वारा दिये गये स्थगन आदेश की वैद्यता के बारे में समाधान करने हेतु सहकारी अधिनियम की धारा 80-क के अंतर्गत प्रकरण कार्यालय, आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक स्तर पर आहूत किया गया है। श्री भदौरिया को जारी नोटिस को स्थगित करने के संबंध में उपायुक्त सहकारिता, जिला भिण्ड के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है।
विश्राम गृह का निर्माण कराया जाना
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 1303 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभाक्षेत्र के मुख्यालय नगर खरगापुर में लोक निर्माण विभाग का विश्राम गृह ना होने के कारण उच्च प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को रात्रि विश्राम हेतु काफी परेशानी उठानी पड़ती है? (ख) क्या इस प्रकार की परेशानी से निजात दिलाते हुये खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के नगर खरगापुर में लोक निर्माण विभाग का विश्राम गृह का निर्माण करायेंगे, यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन के द्वारा विश्राम गृह बनाये जाने हेतु किसी योजना के तहत खरगापुर विश्राम गृह निर्माण को शामिल किया गया या नहीं? क्या इसका डी.पी.आर. तैयार कराया गया या नहीं, यदि हाँ, तो कब तक डी.पी.आर. तैयार करा लिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) बताना संभव नहीं। (ख) वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता के दृष्टिगत बताना संभव नहीं। (ग) जी नहीं, जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सांडखेड़ा-मझोला मार्ग की निविदाओं में पक्षपात
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 1374 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सांडखेड़ा-मझोला मार्ग की निविदा दरें प्रथम बार कम प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो निविदा दरें क्या प्राप्त हुई थीं, बतायें? (ख) उक्त मार्ग की निविदा दरें निरस्ती के पूर्व पुनः निविदा दरें क्यों आमंत्रित की गई? (ग) उक्त मार्ग की प्रथम निविदा दरें क्या थी तथा पुनः निविदा दरें क्या प्राप्त हुई जो स्वीकृत की गई? (घ) क्या कम निविदा दरें बिना तथ्यात्मक कारणों के स्वीकृत न करते हुये पुनः निविदा दरें आमंत्रित की जाकर ठेकेदार से सांठ-गांठ कर पूर्व से अधिक निविदा दरों को स्वीकृत कर अप्रत्यक्ष रूप से शामिल जवाबदेह अधिकारी के विरूद्ध आज दिनांक क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो तत्काल कार्यवाही कर इस प्रकार के भ्रष्ट अधिकारी को निलंबित कर विभागीय जाँच कब तक प्रारंभ की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति के पश्चात् प्रथम आमंत्रण में न्यूनतम दर 24.95 प्रतिशत कम एस.ओ.आर. प्राप्त हुई जबकि मूल अनुबंध के हर्जे-खर्चे पर आमंत्रित निविदा के प्रथम आमंत्रण में न्यूनतम निविदा दर 17.11 प्रतिशत अधिक (एस.ओ.आर. 15.04.2009) पर प्राप्त हुई। (ख) वैद्यता अवधि समाप्त होने पर एवं ठेकेदार द्वारा वैद्यता अवधि न बढ़ाये जाने के कारण। (ग) प्रशासकीय स्वीकृति के पश्चात प्रथम आमंत्रण में न्यूनतम दर 24.95 प्रतिशत कम (एस.ओ.आर. 15.04.2009) पर प्राप्त हुई जबकि मूल अनुबंध के हर्जे खर्चे पर आमंत्रित निविदा के प्रथम आमंत्रण में न्यूनतम निविदा दर 17.11 प्रतिशत अधिक (एस.ओ.आर. 15.04.2009) पर प्राप्त हुई। हर्जे खर्चे पर कार्य कराये जाने हेतु निविदा के द्वितीय आमंत्रण में न्यूनतम निविदा दर 48.14 प्रतिशत अधिक (एस.ओ.आर. 15.04.2009) पर प्राप्त हुई। जो स्वीकृत की गई। (घ) दोषियों के विरूद्ध आरोप पत्र तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। कार्यवाही प्रचलन में होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।
कार्यवार कार्यादेश
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 1407 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 390, दिनांक 24 जुलाई 2017 के बिंदु (क) के उत्तर में प्रस्तुत समस्त कार्यों को किन-किन व्यक्ति/संस्था/ठेकेदार द्वारा किन शर्तों पर किया गया? (ख) उक्त समस्त कार्यों को किन कारणों से संबंधित व्यक्ति/संस्था को प्रदान किये गये? क्या कार्यवार कार्यादेश दिए गए यदि कार्यादेश नहीं दिये गये हैं तो विभाग ने किस प्रकार यह कार्य कराये गये? यदि मजदूरों से कराए तो क्या उनका रिकार्ड संधारित किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
अनुदान राशि प्राप्त कंपनियां
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
27. ( क्र. 1408 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1020 दिनांक 24 जुलाई 2017 के बिंदु (ख) के उत्तर में उल्लेखित अनुदान की 20 प्रतिशत रोकी गई राशि की सूची कृषक के नाम, पता, प्रदत्त अनुदान राशि, प्रदत्त अनुदान राशि की दिनांक, संबंधित ड्रिप कंपनी का नाम, रोकी गई राशि की सूची देवें? (ख) इन कृषकों द्वारा ड्रिप संयंत्र लगा लिया गया है, यह सूचना किस प्रकार से विभाग द्वारा प्राप्त हुई इसकी प्रति देवें तथा इन कृषकों के अनुदान की 20 प्रतिशत राशि कब प्रदान की गई इसकी सूची कृषक के नाम, प्रदत्त राशि, प्रदत्त राशि की दिनांक सहित देवें? (ग) सत्र 2016-17 में खरगोन जिले में ड्रिप इरीगेशन अंतर्गत ऐसे हितग्राहियों की सूची कृषक के नाम व पता सहित देवें जिनके स्वयं के खाते या हितग्राही के बैंक ऋणखाते में अनुदान भुगतान किया गया है। (घ) सत्र 2016-17 में ड्रिप इरीगेशन अंतर्गत जिला एवं विकासखण्ड खरगोन के ग्राम अकावल्या एवं टेमला के समस्त हितग्राहियों के शपथपत्रों की प्रति देवें? क्या यह शपथ पत्र नोटरी द्वारा सत्यापित है। यदि है तो इस शपथ पत्र के दोनों तरफ के पृष्ठों की प्रति देवें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) विकासखण्ड स्तरीय अमले से कृषकों के यहँ ड्रिप संयंत्र स्थापना की प्राप्त रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है एवं शेष उत्तरांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' एवं ''ई'' अनुसार है। कृषकों के शपथ पत्र नोटरी द्वारा सत्यापित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ड्रिप इरीगेशन संबंधित शिकायत
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
28. ( क्र. 1409 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभागीय जिला खरगोन द्वारा ड्रिप निर्माता कंपनियों को वर्ष 2017 में प्रेषित समस्त पत्र/आदेश की प्रति देवें। इन पत्र/आदेश पर कंपनियों द्वारा प्रेषित जवाब की प्रति देवें। (ख) उपसंचालक उद्यानिकी जिला खरगोन एवं संचालक उद्यानिकी भोपाल के मध्य वर्ष 2017 में हुए समस्त पत्राचार की प्रति सह संलग्न दस्तावेजों सहित देवें। वर्ष 2017 में खरगोन जिले की ड्रिप इरीगेशन संबंधित शिकायत पर की गई जाँच का जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ग) खरगोन जिले में सत्र 2016-17 में ड्रिप इरीगेशन अंतर्गत ग्राम सगुर की रीना यादव का एक पंजीयन/आशय पत्र निरस्त होने के बावजूद अनुदान क्यों दिया गया? (घ) सत्र 2016-17 में ड्रिप इरीगेशन अंतर्गत खरगोन जिले के हार्वेल एग्वा ड्रिप निर्माता कंपनी ने 10 कृषकों से नियम विरूद्ध कृषक अंश चेक से लेना बताया है। के.के.पाईप्स एण्ड प्रोडक्ट इंदौर द्वारा प्रदत्त कृषक संतुष्टि पत्रक में कपास की फसल दर्ज है। टेक्समों पाईप्स एण्ड प्रोडक्ट बुरहानपुर द्वारा प्रदत्त कृषक संतुष्टि पत्रक में 59 कृषकों के कृषक अंश के डी.डी./आर.टी.जी.एस. क्रमांक एवं दिनांक वाले स्थान पूर्णतः रिक्त हैं। उक्त तीनो कंपनियों के प्रपत्रों को जांचे बिना अनुदान क्यों एवं किस कारण दिया गया?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि एवं ग्राम में रीना यादव नाम से दो हितग्राही पृथक-पृथक है। जिसमें नाम एक समान होने से एक आशय पत्र निरस्त कर दिया गया था, किंतु पुन: जाँच में ज्ञात होने पर आधार नम्बर/मोबाइल नम्बर/फोटो पृथक होने से निरस्त आशय पत्र पुनर्जीवित कराया जाकर अनुदान भुगतान किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (घ) उक्त अवधि में वर्ष 2016-17 में 10 कृषकों से कृषक अंश की राशि डी.डी. द्वारा ली गई है। के.के. पाईप्स एण्ड प्रोडक्ट इंदौर द्वारा प्रदत्त कृषक संतुष्टि पत्रक में किसान के यहाँ तत्समय कपास फसल होने से कपास की फसल दर्ज है। टेक्समों पाईप्स एण्ड प्रोडक्ट बुरहानपुर द्वारा प्रदत्त कृषक संतुष्टि पत्रक में 59 कृषकों के कृषक अंश के डी.डी./आर.टी.जी.एस. क्रमांक एवं दिनांक जानकारी पृथक से प्रस्तुत किये जाने के कारण आर.टी.जी.एस./डी.डी. एवं दिनांक वाले स्थान रिक्त हैं। उक्तानुसार तीनों कम्पनियों के प्रपत्रों की जाँच उपरान्त ही अनुदान दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ई'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वर्ष 2014 से वर्तमान तक स्वीकृत सड़के
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 1457 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी सड़कें स्वीकृत हुई हैं? इनमें से कितनी सड़कें निर्मित हुई और वर्तमान में इनकी क्या स्थिति है? राशि सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) वर्तमान में कितनी सड़कें प्रस्तावित हैं? राशि सहित सूची उपलब्ध करावें? (ग) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कों का चौड़ीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया है और इनमें से कितनी सड़कों का चौड़ीकरण किया गया? कितनी सड़कों का चौड़ीकरण कार्य जारी है? राशि सहित सूची उपलब्ध करावें? (घ) वर्तमान में कितनी सड़कें चौड़ीकरण हेतु प्रस्तावित हैं? राशि सहित सूची उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) कोई सड़कें प्रस्तावित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) कोई सड़कें चौड़ीकरण हेतु प्रस्तावित नहीं है।
कृषि उपज मंडी तेंदूखेड़ा में तुअर एवं मूंग खरीदी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
30. ( क्र. 1458 ) श्री संजय शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मंडी तेंदूखेड़ा में मूंग एवं तुअर की खरीदी के समय कृषकों का पंजीयन हो गया था? यदि नहीं, तो मूंग एवं तुअर की खरीदी क्यों की गई? खरीदी करने वाली समिति का नाम बतायें? (ख) क्या किसानों के नाम पर व्यापारियों से मूंग एवं अरहर खरीदी गई? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या किसानों की फसल का रकवा सत्यापित किया गया था? यदि नहीं, तो फिर किस आधार पर खरीदी की गई? क्या खरीदी में (एफ.ए.क्यू.) मापदंड का पालन किया गया? (घ) क्या ३० क्विंटल तक के किसानों का भुगतान क्रमानुसार किया जाना था? फिर क्रम तोड़कर भुगतान क्यों किया गया? संबंधित पर क्या कार्यवाही होगी? (ङ) क्या शासन द्वारा उपरोक्त बिंदुओं की जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति तेन्दूखेड़ा में समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग एवं तुअर की खरीदी समय विक्रेता से कृषक होने संबंधी दस्तावेज एवं घोषणा पत्र लेने के निर्देश थे इन्हीं निर्देशों के अंतर्गत कृषि उपज मंडी तेंदूखेड़ा में ग्रीष्मकालीन मूंग एवं तुअर की खरीदी की गई है। तेंदूखेड़ा केन्द्र पर खरीदी सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया सहकारी समिति मर्यादित चांवरपाठा (खुलरी) द्वारा की गई है। (ख) विपणन एवं प्रक्रिया सहकारी समिति चांवरपाठा (खुलरी) द्वारा जिन विक्रेताओं से ग्रीष्मकालीन मूंग एवं तुअर की खरीदी की गई है, उनमें से ग्रीष्मकालीन मूंग विक्रय करने वाले 116 विक्रेता मात्रा 4493.36 क्विं. एवं तुअर विक्रय करने वाले 189 विक्रेता मात्रा 6233.23 क्विं. के किसान होने की पुष्टि नहीं हो पाई है। (ग) किसानों की फसल के रकवा का सत्यापन कार्य राजस्व विभाग द्वारा किसानों से दलहन खरीदी के पश्चात फसल के रकवा का सत्यापन किया गया है तथा खरीदी में एफ.ए.क्यू. मापदण्ड का पालन किया गया है। (घ) म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा क्रय मूंग एवं तुअर का भुगतान सीधे कृषकों को न कर समिति को किया जाता है। (ड.) राज्य शासन द्वारा जाँच करवाई गई है, जाँच उपरांत म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित, भोपाल द्वारा जिला विपणन अधिकारी नरसिंहपुर को निलंबित किया गया है। आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/2673 दिनांक 13.09.2017 के परिपालन में दिनांक 14.09.2017 को दोषी पाये गये संस्था प्रबंधक,श्री धन्नजय पटेल एवं विक्रता श्री अभिषेक पटेल को संस्था अध्यक्ष द्वारा निलंबित किया गया। आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक 2774 दिनांक 14 सिंतम्बर 2017 द्वारा श्री चन्द्रशेखर पटेल सहकारी निरीक्षक एवं आदेश क्रमांक 2773 दिनांक 14 सिंतम्बर 2017 श्री अमित ठाकुर सहकारी निरीक्षक, (एफ.ए.क्यू. कमेटी सदस्य) को आयुक्त सहकारिता विभाग द्वारा निलंबित किया गया। आयुक्त खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण म.प्र. द्वारा श्री अशोक कुमार सत्यार्थी, सहायक आपूर्ति अधिकारी नरसिंहपुर को निलंबित किया गया।
निर्माण कार्य कराया जाना
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 1510 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चन्दला विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्य कराये गये? सूचीवार जानकारी देवें? (ख) सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र.एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 27/11/15 के अनुसार क्या विधायकों के पत्रों की समय-सीमा में जानकारी एवं भूमि पूजन एवं लोकार्पण कराने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो चन्दला विधान सभा क्षेत्र में उक्त अवधि से प्रश्न दिनांक तक कितने भूमि पूजन, लोकार्पण क्षेत्रीय विधायक से करवाये गये। सूचीवार दिनांकवार, निर्माण कार्य का नाम सहित सूची भी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार संबंधित आवेदन का पालन ना करने पर संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) आदेशों का पालन किया जा रहा है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
केन बेतवा लिंक परियोजना के संबंध में
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 1511 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन बेतवा लिंक परियोजना कब तक पूर्ण हो जावेगी? (ख) उक्त योजना से चन्दला विधानसभा क्षेत्र के कितने क्षेत्रफल पर सिंचाई का लाभ किसानों को होगा? (ग) चन्दला विधानसभा क्षेत्र से उक्त परियोजना अंतर्गत कितनी नहरे निकाली जावेगी? सूचीवार जानकारी प्रदान करें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) परियोजना की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से प्रश्नांशों का उत्तर दिया जाना संभव नहीं है।
कृषि उपज मण्डी समिति सिरोंज में आवंटित दुकानें
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
33. ( क्र. 1546 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज के कृषि उपज मण्डी समिति सिरोंज के कार्यालय के नीचे स्थित दुकानों को आवंटित की कार्यवाही की गई है, यदि हाँ, तो बिना किसी टेण्डर, बिना किसी विज्ञप्ति, बिना किसी जन सूचना के कृषि उपज मण्डी समिति की बैठक में भी नहीं रखते हुए गलत तरीके से आवंटन किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 28.06.2017 को पत्र जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा अभी क्या कार्यवाही कब-कब की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त संबंध में मण्डी समिति द्वारा किन-किन लोगों को दुकान आवंटित की गई है? क्या गलत तरीके से आवंटित दुकानों को निरस्त कर पुन: नियमानुसार नीलामी की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? अब तक क्यों कार्यवाही नहीं की गई? निरस्त न करने का क्या कारण रहा? क्या दोषी पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। मण्डी समिति सिरोंज द्वारा दो स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञप्ति दिनांक 10.03.2017 को जारी की गई तथा स्थानीय कार्यालय के सूचना पटल पर चस्पा उपरांत दिनांक 30.03.2017 को नीलामी की गयी। प्रश्नकर्ता का पत्र दिनांक 28.06.2017 मण्डी कार्यालय सिरोंज को प्राप्त नहीं हुआ। (ख) प्रश्नांश 'क' के अंतर्गत नीलामी कार्यवाही में कृषि उपज मण्डी समिति सिरोंज द्वारा निम्नांकित व्यक्तियों को सेण्ड्रीशाप आवंटित की गई है- 1. श्री मनीष शर्मा पिता श्री विजय शर्मा, 2. संतोष यादव पिता श्री फुन्दीलाल, 3. श्री मनोज त्यागी पिता श्री हिरीका त्यागी, 4. श्री राम पाटीदार पिता श्री चन्द्रशेख पाटीदार, 5. श्री नदीम भाई पिता श्री इल्यास। दुकान आवंटन की शिकायत प्राप्त होने पर म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक/बोर्ड/सतर्कता/2731 दिनांक 23.10.2017 से कलेक्टर विदिशा को पत्र लिखा जाकर अपर कलेक्टर विदिशा की अध्यक्षता में जाँच दल गठित कर जाँच करने के निर्देश दिये गये है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
रामपुर घाटी स्थित गांवों में पीने एवं सिंचाई हेतु पानी की आपूर्ति
[जल संसाधन]
34. ( क्र. 1588 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सबलगढ़ विधान सभा अंतर्गत रामपुर घाटी नीचे स्थित 12 पंचायतों में विगत 5 वर्षों से अल्पवर्षा होने के कारण पीने के पानी एवं सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध न होने के कारण भीषण जल संकट पैदा हो गया है? किसानों की भूमि बंजर होने एवं पीने के पानी की समस्या होने के कारण किसानों द्वारा आक्रोशित होकर आंदोलन भी किया गया था? क्या शासन द्वारा उक्त गांवों को भीषण जल संकट से मुक्ति दिलाने हेतु शासन द्वारा कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार मौखिक एवं लिखित एवं विधान सभा में प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण के द्वारा शासन प्रशासन को बताया गया है कि क्वारी नदी पर वामसौली के शालेय घाट, भामचौन पर स्टॉप डेम, डुंगरावली एवं वेरखेड़ा के मध्य सोंप नाले पर स्टॉप डेम, क्वारी नदी पर नैपटी पर स्टॉप डेम, क्वारी नदी पर जरैना मानगढ़ पर स्टॉप डेम, वाँसरई नाले पर स्टॉप डेम, बनने से जलस्तर बढ़ने से आज इतनी भीषण जल समस्या उत्पन्न नहीं होती। क्या इन पर भविष्य में स्टॉप डेम स्वीकृत किए जावेंगे और कब तक? (ग) क्या वारदाडेम या चेटी खेड़ा तहसील विजयपुर से रामपुर के लिए छोटी केनाल निकालकर भी उक्त समस्या का स्थाई रूप से समाधान भी हो जायेगा? क्या इसकी कार्ययोजना एवं सर्वे कराकर कार्य कब तक करा दिया जायेगा? क्या उक्त क्षेत्र को सूखा घोषित कर किसानों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जायेगी? समयावधि बतावें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा विगत पाँच वर्षों से प्रस्ताव देने के बाद भी प्रशासन द्वारा आज दिनांक तक कोई कार्यवाही एवं सर्वे न कराकर प्रारंभ क्यों नहीं किया है। इस हेतु जिम्मेदारी तय कर अधिकारियों के प्रति कब तक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क), (ख) एवं (घ) जी नहीं। इस वर्ष औसत वर्षा की तुलना में कम वर्षा होने के कारण भू-जल स्तर में गिरावट होने के फलस्वरूप पीने के पानी की समस्या उत्पनन हुई है। किंतु रामपुरघाटी क्षेत्र में निर्मित लघु सिंचाई योजनाओं में उपलब्ध जल भण्डारण एवं चंबल निचली मुख्य नहर की 4 आर.सी.शाखा नहर से कमाण्ड क्षेत्र के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। क्षेत्रीय लोगों द्वारा मुख्यत: पीने के पानी की समस्या को हल करने के लिए प्रश्नांश उल्लेखानुसार रामपुर में धरना का आयोजन किया गया था। विभाग द्वारा मा. प्रश्नकर्ता विधायक के द्वारा पूर्व से ही चिन्हित स्थलों पर तथा प्रश्नांश में उल्लेखित माध्यमों से रामपुर घाटी क्षेत्र की क्वारी एवं सहायक नदी/नालों पर, चिन्हित/प्रस्तावित स्थलों पर विभाग द्वारा पंचायतवार निर्मित एवं प्रस्तावित 08 स्टॉप डेम का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रस्तावित 08 स्टॉप डेम में से 01 की साध्यता स्वीकृति उपरांत डी.पी.आर. तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। शेष 07 प्रस्तावों के लिए विभागीय पत्र दिनांक 24.11.2017 द्वारा कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, सबलगढ़ को विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। विभाग द्वारा मा. प्रश्नकर्ता विधायक के द्वारा दिए गये प्रस्तावों पर कार्यवाही किए जाने के संदर्भ में किसी भी अधिकारी के प्रति कार्यवाही किए जाने का प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जिला श्योपुर की तहसील विजयपुर में प्रस्तावित चेंटीखेड़ा मध्यम सिंचाई परियोजना के रामपुरघाटी क्षेत्र की 370 हे. भूमि में सिंचाई सुविधा प्रस्तावित की गई है। इस योजना का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है। डी.पी.आर. की स्वीकृति नहीं होने से कार्य प्रारंभ का समय बतलाया जाना संभव नहीं है। विभाग द्वारा सूखा घोषित कर किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाती है।
जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 1589 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा जिला योजना समिति मुरैना की बैठक में इटोरा से सुजरमा मार्ग के क्वारी नदी पर पुल निर्माण, चौली से पलकिनी क्वारी नदी पर पुल, मामचौन से गोल्हारी क्वारी नदी पर पुल, नगावनी से देवरी क्वारी नदी पर पुल, मुरैना जौरा रोड पर जौरा क्रॉसिंग पर आर.ओ.बी. का निर्माण का प्रस्ताव दिया गया था? उक्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्थानों पर पुल कब तक स्वीकृत कर दिये जावेंगे और आज दिनांक तक कितने पुल स्वीकृत कर दिये गये हैं? (ग) क्या प्रस्तावों को दिये काफी वर्ष बीत जाने के बाद भी विभाग द्वारा कोई कार्य योजना अथवा सर्वे नहीं कराया है? इसमें दोषी अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला योजना समिति मुरैना के माध्यम से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
बटान दर्ज करने बाबत्
[सहकारिता]
36. ( क्र. 1620 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न क्र. 2241 दि. 24/7/17 के उत्तर (क) में बताया गया है कि शास. शिक्षक, कर्म. गृह निर्माण समिति लक्ष्मीपुर (जबलपुर) की भूमि का सीमांकन दि. 13/2/16 को तह. नजूल कोतवाली के अनुसार कर प्रमाणीकरण 21.3.16 को किया जाकर सीमांकन के सीमा चिन्हों की जानकारी संस्था के प्रशासक को मौके पर दी जा चुकी है? यदि हाँ, तो उक्त संस्था की कुल भूमि 1.817 हे. का बटान नक्शों में 30 वर्ष बीतने पर भी आज तक क्यों नहीं किया गया? संस्था द्वारा छोटे-छोटे भू-खण्डों का नहीं संस्था की पूरी 1.817 हे. (4.5 एकड़) भूमि का बटान नक्शे में दर्ज करना चाहा है, उक्त बटान नियमानुसार कब तक दर्ज होगा? (ख) आयुक्त सहकारिता ने पत्र क्र. 530 दि. 12.7.17 एवं पत्र क्र. 537 दि. 13.7.17 के द्वारा कलेक्टर जबलपुर से उक्त संस्था की भूमि एवं सीमांकन प्रतिवेदन चाहा था? क्या उक्त प्रतिवेदन सहकारिता विभाग को दिया गया है? नहीं तो कब तक दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर जिला जबलपुर द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार संस्था की कुल भूमि संस्था के द्वारा अर्जन वर्ष 1984 से ही खसरा नम्बर 223/8 में शामिल नम्बर 223/9, 223/10, 223/11 223/12, 223/13, 223/14, 223/15, 223/16, 223/17, 225/2, 225/5, 255/8, 255/9, के रूप में दर्ज है। उक्त सर्वे नम्बरों में विभाजित भूमि को समाहित करते हुये एकजाई तरमीम करने की सहमति का विधिवत आवेदन संस्था के द्वारा तहसीलदार कोतवाली जबलपुर के समक्ष पेश नहीं किया गया है। यदि संस्था पूरी भूमि को एकजाई तरमीम करना चाहती है तो, संस्था के आवेदन पेश करने पर यथाशीघ्र नियमानुसार तरमीम कर दी जावेगी। (ख) जी हाँ। उक्त पत्रों के अनुक्रम में संस्था की भूमि एवं सीमांकन प्रतिवेदन के संबंध में तहसीलदार कोतवाली जबलपुर के द्वारा पत्र दिनांक 07.07.2017 से जवाब उपायुक्त सहकारिता जिला जबलपुर को प्रदान किया जा चुका है। तहसीलदार कोतवाली जबलपुर द्वारा प्रेषित पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गृह निर्माण समिति की भूमि का सीमांकन
[सहकारिता]
37. ( क्र.
1624 ) श्रीमती
प्रतिभा सिंह
: क्या राज्यमंत्री, सहकारिता
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता
के प्र.क्र. 2253, दिनांक
24.07.2017
के उत्तर (क) में
बताया है कि
कमजोर आय वर्ग
हेतु आरक्षित 19200
व.फु. भूमि में
से लगभग 10,000 वर्ग
फुट भूमि पर
अवैध
अतिक्रमण है? प्राप्त
सीमांकन
प्रतिवेदन
में संस्था
की भूमि की
सीमाएं कहाँ
से कहाँ तक है, की
स्थिति स्पष्ट
नहीं होने के
कारण अनु.अधि.
राजस्व
कोतवाली, जबलपुर
को सूचित किया
गया है? तो क्या यह
भी सही है कि
प्रश्नकर्ता
के प्र.क्र. 2241
दिनांक 24.7.2017 के उत्तर
(क) में बताया
गया है कि शास.
शिक्षक, कर्म. गृह
निर्माण संस्था
की भूमि का
सीमांकन
दिनांक 13.02.16 कर
प्रमाणीकरण
दिनांक 21.03.2016 को किया
जा चुका है
सीमांकन
उपरांत सीमा
चिन्हों की
जानकारी संस्था
प्रशासक को
मौके पर दी जा
चुकी है? यदि हाँ, तो
भूमि की सीमा
चिन्हों की
विरोधाभाषी
जानकारी क्यों
दी जा रही है? क्या
संस्था के
तत्कालीन
प्रशासक से
मौके पर दी
गयी सीमाओं की
जानकारी के
अनुसार
अतिक्रमण चिन्हित
कब तक किये जा
कर अतिक्रमण
मुक्त
करायेंगे? (ख) शास.
शिक्षक, कर्म.सह. गृह
निर्माण
समिति की कुल
भूमि 1.817
हे.
भूमि घट कर (कम
हो कर) 1.637
हे. कब हुई एवं
क्यों? संस्था की
भूमि से खनन 223/1 क
कब विलोपित
हुआ एवं क्यों
उक्त खसरे की
भूमि कहाँ गयी?
राज्यमंत्री, सहकारिता
( श्री
विश्वास
सारंग ) : (क) प्रश्न
क्रमांक 2253
दिनांक 24.07.2017 के उत्तर
"क" में यह उल्लेखित
किया गया था
कि "तहसीलदार, कोतवाली
जबलपुर से
सीमांकन
प्रतिवेदन
प्राप्त हुआ
है, संस्था
की भूमि पर
अतिक्रमण
संबंधी
प्रतिवेदन
अप्राप्त
है"। सीमांकन
प्रतिवेदन
में भूमि की
सीमायें स्पष्ट
नहीं होने के
कारण
अनुविभागीय
अधिकारी, राजस्व
कोतवाली
जबलपुर को
उपायुक्त सहकारिता, जिला
जबलपुर
द्वारा पत्र
क्रमांक/260
दिनांक 02.02.2017 से
सूचित किया
गया था। संस्था
की भूमि का
सीमांकन का
पंचनामा
दिनांक 13.02.2016 को संस्था
के प्रशासक को
मौके पर
जानकारी दी गई
थी। भूमि के
सीमांकन
प्रतिवेदन
अनुसार सीमा
में स्थाई
सीमा चिन्ह न
होने के कारण
उक्त भूमि पर
किसका कितना
अतिक्रमण है, सीमा
का चिन्हांकन
न होने से
तहसीलदार
कोतवाली
जबलपुर के
पत्र क्रमांक 287
दिनांक 03.02.2017 से एक
जाँच दल गठित
करते हुये
निर्देश दिये
गये है कि
सीमांकन करके
किस व्यक्ति/संस्था
का कितने भाग पर
कब्जा है, प्रतिवेदन
प्रस्तुत
करे। जाँच दल
का प्रतिवेदन
अप्राप्त
है। (ख) जी हाँ, न्यायालय
तहसीलदार
(नजूल)
कोतवाली
जबलपुर
द्वारा विधान
सभा अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 1619 के
संबंध में
कलेक्टर
जबलपुर को
अवगत कराया
गया है कि
प्रश्नांश
में दर्शित
रकवा में
त्रुटि के
निराकरण हेतु
पूर्व के
अभिलेख
अभिलेखागार
से आहूत किये
जा रहे है, जिसका
निराकरण
अभिलेख मिलान
करने के
उपरांत विधि
अनुसार किया
जावेगा।
घुघरा नाला एवं उर्रम लघु सिंचाई योजना का कार्य
[जल संसाधन]
38. ( क्र.
1625 ) श्रीमती
प्रतिभा सिंह
: क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बरगी
विधान सभा
क्षेत्र के
चरगंवा
क्षेत्र के
निर्माणाधीन
घुघरा नाला
लघु सिंचाई
योजना
हीरापुर के निर्माण
का कितना
कार्य पूर्ण
हुआ है? कितना शेष
है? योजनांतर्गत
आने वाली वन
भूमि की
अनुमति हेतु
विभाग द्वारा
अब तक क्या-क्या
कार्यवाही की
गयी वन विभाग
से बांध
निर्माण हेतु
अनापत्ति/अनुमति
कब तक प्राप्त
हो सकेगी? (ख) बरगी
विधान सभा
क्षेत्र के
उर्रमनाला
लघु सिंचाई
परियोजना से
प्रथम वर्ष
में कितनी
सिंचाई हुयी
है? कुल
कितने रकवे की
सिंचाई प्रस्तावित
है?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) विस्तृत
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
(ख) बरगी
विधानसभा
क्षेत्र में
उर्रमनाला
जलाशय लघु
सिंचाई
परियोजना के
प्रथम वर्ष 2016-17
में 40
हे. क्षेत्र
में रबी
सिंचाई हुई
थी। वर्ष 2017-18
में जलाशय में
जल भराव कम
होने के कारण
लक्ष्य
निर्धारित
नहीं किया
गया। उपलब्ध
पानी को निस्तार
हेतु
सुरक्षित रखा
गया है।
सरस्वती घाट (नर्मदा नदी) पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
39. ( क्र.
1626 ) श्रीमती
प्रतिभा सिंह
: क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
माननीय मुख्यमंत्री
की नर्मदा
परिक्रमा के
दौरान माननीय
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
जबलपुर जिले
के शहपुरा विकास
खण्ड के सरस्वती
घाट पर नर्मदा
नदी पर पुल
निर्माण
कराने की
घोषणा
क्षेत्रीय
जनता की मांग
पर की थी? (ख) यदि
हाँ,
तो उक्त पुल
निर्माण हेतु
विभाग एवं
शासन द्वारा
अब तक क्या-क्या
कार्यवाही की
गयी? पुल
निर्माण की स्वीकृति
कब तक प्रदान
की जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) :
(क) जी हाँ। (ख) विस्तृत
सर्वेक्षण
एवं बोरिंग का
कार्य पूर्ण।
वर्तमान में
सामान्य
संरचना का
कार्य प्रक्रियाधीन
है, निश्चित
तिथि बताना
संभव नहीं है।
घुनवारा टैंक योजना की स्वीकृति.
[जल संसाधन]
40. ( क्र. 1715 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिलांतर्गत मैहर तहसील के ग्राम घुनवारा में तालाब निर्माण की मांग लम्बे समय से ग्रामीणों द्वारा की जा रही है? क्या घुनवारा टैंक के निर्माण से लगभग 390 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई संभव हो सकेगी? (ख) यदि हाँ, तो क्या घुनवारा टैंक के निर्माण हेतु विभाग द्वारा प्राथमिक सर्वेक्षण कर कोई योजना तैयार की गई है? क्या यह योजना साध्य है? (ग) यदि हाँ, तो किसान हित में कब तक घुनवारा टैंक योजना को स्वीकृत किया जाकर निर्माण कराया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) मा. क्षेत्रीय विधायक द्वारा घुनवारा तालाब का निर्माण कार्य प्रस्तावित किया गया है। प्रस्ताव की साध्यता स्वीकृति विभागीय पत्र दिनांक 25/11/2017 द्वारा प्रदान कर दी गई है। सर्वेक्षण कार्य उपरांत डी.पी.आर. प्राप्त होने पर उत्तरवर्ती कार्यवाही की जावेगी।
भावान्तर योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
41. ( क्र. 1756 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा किसानों को भावान्तर योजना का समुचित लाभ मिले इस संबंध में मा. मुख्यमंत्री को लिखे गये पत्र दिनांक 17.10.2017 जिसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मध्य प्रदेश शासन भोपाल, आयुक्त नर्मदापुरम संभाग, होशंगाबाद सहित कलेक्टर हरदा को भी प्रेषित की गई थी पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) भावान्तर योजनांतर्गत किसानों को कृषि उपज मूंग व उड़द सहित अन्य फसलों का भी समुचित मूल्य मिले इस संबंध में योजना में शासन क्या कोई सुधार कर रहा है? हरदा जिला व होशंगाबाद सटे हुये है व दोनों ही जिलों की भौगोलिक स्थिति एक सी होने के बाद भी औसत उत्पादन में अंतर होने का क्या कारण है? (ग) यदि हाँ, तो मूंग व उड़द सहित अन्य कृषि उपजों का औसत मॉडल मूल्य व औसत उत्पादन प्रति है? कितना-कितना किया जावेगा? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है? (घ) भावान्तर योजना में अंतर की राशि व्यापारी के पेमेन्ट के साथ ही किसानों को भुगतान नहीं किये जाने का क्या कारण है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। भावांतर योजना के अंतर्गत औसत उत्पादन का निर्धारण कृषि जलवायु क्षेत्रवार किया गया है एवं औसत उत्पादन के अनुसार ही कृषि उपज मूंग एवं उड़द का प्रति हेक्टेयर उत्पादन निर्धारित किया गया है। (ख) शासन द्वारा भावांतर योजना अंतर्गत कृषि उपज मूंग एवं उड़द सहित अन्य फसलों के समूचित मूल्य का लाभ किसानों को देने के लिए कृषक हित में सुधार किये गये है। औसत उत्पादन का निर्धारण कृषि जलवायु क्षेत्रवार किया गया है। हरदा जिला व होशंगाबाद जिला पृथक-पृथक जलवायु क्षेत्र में आते है। जिससे औसत उत्पादन में अंतर हुआ है। (ग) औसत मॉडल मूल्य की गणना विक्रय अवधि की समाप्ति उपरांत तीन राज्यों के औसत मॉडल मूल्य के आधार पर निकाला जाना है, जिसे विक्रय अवधि उपरांत ही कितना होगा, बताया जा सकेगा। औसत उत्पादकता प्रति हे. होशंगाबाद जिले के लिए मूंग 6.00 क्विं. व उड़द 7.00 क्विं. प्रति हे. एवं हरदा जिले के लिए मूंग 7.00 क्विं. व उड़द 7.00 क्विं. प्रति हे. निर्धारित की गई है। (घ) भावांतर भुगतान योजना में अंतर की राशि की गणना विक्रय अवधि उपरांत तीन राज्यों के औसत मॉडल दरों की गणना उपरांत ही किया जाना संभव होने से व्यापारी के पेमेंट के साथ ही किसानों को भुगतान किया जाना संभव नहीं है।
किसान महोत्सव का आयोजन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
42. ( क्र. 1779 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 में किन तिथियों में किन उद्देश्यों के लिए कृषि महोत्सव मनाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आयोजन हेतु विधानसभा क्षेत्र हेतु कितनी राशि किन-किन गतिविधियों के लिए आवंटित की गई? विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड गोटेगांव एवं विकासखण्ड नरसिंहपुर में पंचायतवार किन-किन उद्देश्यों हेतु, कितनी कितनी राशि जारी की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत विकासखण्ड गोटेगांव एवं नरसिंहपुर में किन अधिकारियों के नेतृत्व में कितने किसान रथ किन-किन स्थानों पर, किन-किन दिनांकों पर चलाये गये? कहाँ-कहाँ दीवाल पेंटिंग, प्रचार, ग्राम किसान संगोष्टियां आयोजित की गई? कितने कृषकों को सम्बोधित किया गया? जिन्होंने किसानों को प्रतिदिन चाय नाश्ता कराया? कितने वैज्ञानिकों को मानदेय, कितने एवं किसके टेन्ट लगाये गये एवं कितना भुगतान किया गया, कितने प्रगतिशील कृषकों को पुरूस्कार वितरण किया गया? किन अधिकारियों ने रात्रि विश्राम किया? क्या प्रत्येक गतिविधि का फिल्मांकन किया गया एवं किस अधिकारी द्वारा उसका प्रमाणीकरण किया गया? विस्तृत जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार गतिविधियों के देयक एवं हिसाब कब प्रस्तुत किये गये एवं किनके द्वारा उनका ऑडिट कब एवं कहाँ किया गया? जानकारी देवें। (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) की जाँच किस एजेंसी से कराई जाकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो, कब तक अवगत करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2017 में ग्रामोदय से भारत उदय अंतर्गत 15 अप्रैल से 2 मई 2017 तक कृषि महोत्सव का आयोजन किया गया। कृषि महोत्सव 2017 का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं कृषि से संबद्ध विषयों जैसे पशुपालन, उद्यानिकी, मछलीपालन पर किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों के मध्य सीधा सपंर्क कर नवीन एवं वैज्ञानिक तकनीकी सुधार से वर्तमान फसलों की उत्पादकता बढ़ाना एवं नवीन फसल (किस्मों) की संभावनाओं के आधार पर भविष्य में प्रदेश के फसल चक्र में परिवर्तन कर कृषि को लाभ का धंधा बनाना। कृषि महोत्सव 2017 के मुख्य आधार स्तम्भ कृषकों की आय पाँच वर्षों में दोगुनी किये जाने का ग्राम पंचायत स्तरीय रोडमैप तैयार करना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजनान्तर्गत नि:शुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण, एकीकृत पोषक तत्व प्रबन्धन, जैविक खेती का चयनित क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार, दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी, मत्स्य पालन, उद्यानिकी क्षेत्र तथा कृषि उत्पादकता एवं गुणवत्ता में बढ़ोतरी, प्रधानमंत्री फसल बीमा एवं कृषि वानिकी का प्रचार-प्रसार, नर्मदा के किनारे के गावों में कृषि वानिकी एवं कृषि उद्यानिकी का प्रचार-प्रसार, उन्नत कृषि तकनीकों एवं वैज्ञानिक तकनीकी सुधार से फसलों की उत्पादकता एवं उत्पादन बढ़ाना था। (ख) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव के अंतर्गत विकासखण्ड गोटेगांव एवं नरसिंहपुर हेतु ग्राम स्तरीय कार्यक्रम एवं विकासखंड स्तरीय कृषि संगोष्ठी हेतु आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। ग्राम स्तरीय कार्यक्रम हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायतवार राशि 4565 रू. कृषि वैज्ञानिकों के मानदेय, सांस्कृतिक कार्यक्रम, तकनीकी दल हेतु वाहन व्यवस्था, किसान संगोष्ठी/प्रशिक्षण हेतु व्यय, प्रगतिशील कृषक के मानदेय एवं अन्य आकस्मिक व्यय हेतु राशि जारी गई। (ग) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत दो रथ श्रीमति सीमा डेहरिया संहायक संचालक कृषि तथा श्रीमति दीप्ति यादव सहायक संचालक कृषि के नेतृत्व में चलाये गये। इसी प्रकार विकासखण्ड नरसिंहपुर में डॉ. आर.एन.पटेल सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी एवं श्री आशुतोष दुबे सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी के नेतृत्व में दिनांक 15 अप्रैल 2017 से 2 मई 2017 तक चलाये गये। दिनांकवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 (क एवं ख) अनुसार है। गोटेगांव विकासखंड की 90 ग्राम पंचायत एवं नरसिंहपुर विकासखंड की 49 ग्राम पंचायत में दीवार पेंटिंग्स, प्रचार, ग्राम स्तरीय किसान संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। विकासखंड नरसिंहपुर के 5270 कृषक एवं विकासखंड गोटेगांव के 10502 कृषको को संबोधित किया गया एवं कृषकों को चाय नास्ता कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। कुल चार वैज्ञानिकों को कुल 43 हजार मानदेय दिया गया। लगाये गये टेन्ट एवं भुगतान की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। रात्रि विश्राम करने वाले अधिकारी एवं ग्राम की जानकारी रूट चार्ट जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 (क एवं ख) अनुसार है। रथ प्रभारियों ने रात्रि विश्राम किया। प्रगतिशील कृषकों को पुरूस्कार वितरण नहीं किया अपितु मानदेय भुगतान किया गया। प्रत्येक गतिविधियों का फिल्मांकन किया गया एवं जिसका प्रमाणीकरण वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा किया गया। (घ) दिनांक 28-06-2017 एवं 10-07/2017 को देयक परियोजना संचालक आत्मा एवं उप संचालक कृषि कार्यालय में प्रस्तुत किये गये जहां पर देयकों का परीक्षण किया गया। देयकों की जाँच परियोजना संचालक आत्मा एवं उप संचालक कृषि कार्यालय के लेखापाल द्वारा करायी गई। ऑडिट वर्षवार की जाती है, जो सतत् प्रक्रिया है। (ड.) जाँच किसी एजेंसी से नहीं कराई गई और न ही शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत प्राप्त होने पर जाँच की जाएगी। अतएव कार्यवाही करने का कोई औचित्य नहीं हैं।
उद्यानिकी विभाग की संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
43. ( क्र. 1780 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में उद्यानिकी विभाग द्वारा राज्य योजनाओं में वर्ष 2016-17 से डी.बी.टी. योजना लागू की गयी है? यदि हाँ, तो योजनावार प्रश्न दिनांक तक भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य पूर्ति की जानकारी दी जावे? (ख) प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में उक्त योजना में कितना लक्ष्य रखा गया? क्या लक्ष्य प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) क्या योजनाओं के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा कृषकों को बीज आदान सामग्री की व्यवस्था कर सीधे कृषकों को उपलब्ध कराया जा राह है? यदि हाँ, तो उद्यानिकी विभाग द्वारा कृषकों को समय पर बीज आदान सामग्री की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विधानसभावार लक्ष्य आवंटित नहीं किये जाते हैं। विकासखण्ड गोटेगांव की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में वर्ष 2016-17 से डी.बी.टी. लागू की गई है। कृषकों को योजनाओं का लाभ देने हेतु ऑनलाईन पंजीयन कराकर आवेदन प्राप्त किये जाते हैं। प्राप्त आवेदनों से ''प्रथम आओ प्रथम पाओ'' के आधार पर आशय पत्र जारी किये जाते हैं। योजनान्तर्गत आदान व्यवस्था जैसे पौधे, बीज, खाद, दवा आदि की व्यवस्था कृषक द्वारा स्वयं की जाकर देयक प्रस्तुत किये जाते हैं। देयक एवं फील्ड के भौतिक सत्यापन उपरांत नियमानुसार अनुदान की राशि कृषक के NEFT के माध्यम से बैंक खाते में जमा की जाती है।
पत्रकारिता विश्वविद्यालयों द्वारा संबद्धता प्राप्त महाविद्यालयों की जानकारी
[जनसंपर्क]
44. ( क्र. 1811 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी में ग्राम पंचायत किरनापुर तथा नगर पंचायत लांजी सहित अन्य स्थानों में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, महर्षि महेश योगी विश्वविद्यालय तथा अन्य पत्रकारिता विश्वविद्यालयों द्वारा कौन-कौन से कालेज संचालित हो रहे है? इनकी मान्यता तथा संबद्धता संबंधी आदेश उपलब्ध कराए? (ख) क्या बालाघाट शहर की मान्यता तथा संबद्धता पर जिले में गैर कानूनी रूप से अनेकों कॉलेज संचालित हो रहे हैं, यहि हाँ तो इन पर कब तक प्रतिबंध लगा दिया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्राम पंचायत किरनापुर में कुल 02 एवं नगर पंचायत लांजी में कुल 02 अध्ययन संस्थाएं संचालित हैं जो कि माखनलाल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हैं। (ख) जी नहीं।
मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 1815 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. की समस्त तहसीलों में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालायें स्थापित की गई है? (ख) क्या प्रयोगशालाओं में कृषि स्नातक स्तर के कर्मचारी पदस्थ हैं? यदि नहीं, तो पदस्थ कृषि स्नातक एवं अन्य स्नातक कर्मचारियों का संख्यात्मक विवरण दें? (ग) क्या कृषि स्नातक स्तर के कर्मचारियों की पदस्थापना प्रयोगशालाओं में की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) वर्ष 2017-18 में कितने मिट्टी नमूनों की जाँच की गई? संख्या बतावें.
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में जिला एवं विकासखण्डो में 42 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालायें एवं 08 मृदा सर्वेक्षण इकाइयां स्थापित है जिनमें मिट्टी नमूनों का परीक्षण किया जाता है। 265 नवीन मिट्टी प्रयोगशालाएं स्थापित किये जाने का कार्य प्रगति पर है। (ख) जी हाँ। प्रदेश में स्थापित 16 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं एवं 08 मृदा सर्वेक्षण इकाइयों में स्वीकृत पदों के विरूद्ध पदस्थ कर्मचारियों एवं मंडी बोर्ड से विभाग को हस्तांतरित 26 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में संविदा पर पदस्थ कृषि स्नातक एवं अन्य स्नातक कर्मचारियों की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभागीय मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं एवं मृदा सर्वेक्षण इकाइयों हेतु कृषि स्नातक स्तर के स्वीकृत पदों के विरूद्ध कर्मचारियों की पदस्थापना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं एवं मृदा सर्वेक्षण इकाइयों में रिक्त पदों के विरूद्ध पदस्थापना समय-समय पर की जाती है। मंडी बोर्ड से विभाग को हस्तांतरित 26 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में मंडी बोर्ड की संविदा शर्तों पर कृषि स्नातकों की सेवायें ली गई है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। नवीन 265 नवीन मिट्टी प्रयोगशालाओं को आउटसोर्सिंग के माध्यम से संचालित किये जाने हेतु निविदा जारी किये जाने का कार्य प्रगति पर है। (घ) वित्तीय वर्ष 2017-18 अंतर्गत दिनांक 17.11.2017 की स्थिति में प्रदेश में 3,55,245 मिट्टी नमूनों की जाँच की गई है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
46. ( क्र. 1816 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत आने वाली तहसीलों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना समस्त पटवारी हल्कों में क्रियान्वित की गई है? (ख) यदि नहीं, तो कौन-कौन से पटवारी हल्के सम्मिलित नहीं किये गये हैं एवं क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में विधानसभा क्षेत्र पनागर के 98 पटवारी हल्कों में फसल 100 हेक्टे. से अधिक होने पर फसल अधिसूचित की गई। (ख) जिन पटवारी हल्कों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सम्मिलित नहीं किया गया उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। विधानसभा क्षेत्र पनागर के 17 पटवारी हल्कों में कोई भी एक फसल 100 हेक्टे. या 100 हेक्टे. से अधिक न होने के कारण उन पटवारी हल्कों को अधिसूचित नहीं किया गया है।
एम.पी.आर.डी.सी. सड़क रामबाग से चिल्ला तक निर्माणाधीन मार्ग की जाँच
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 1850 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा के विकासखण्ड जवा में एम.पी.आर.डी.सी. सड़क रामबाग से चिल्ला तक निर्माणाधीन है, जिसमें घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है तथा निर्धारित मापदण्ड के अनुरुप गिट्टी एवं अन्य आवश्यक सामग्री का उपयोग नहीं किया जा रहा है, जिस कारण निर्माण अत्यंत घटिया श्रेणी का है, जिसके जल्दी उखड़ जाने की संभावना है। यदि हाँ, तो क्या उक्त मार्ग के गुणवत्ताविहीन निर्माण सामग्री की जाँच विभाग द्वारा कराई जावेगी? (ख) उक्त मार्ग के गुणवत्ताविहीन निर्माण में संलिप्त संबंधित जिम्मेदार ठेकेदार एवं विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? उक्त मार्ग की जाँच कर पुनः गुणवत्तापूर्वक सड़क निर्माण किया जावेगा, अथवा नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं, जी नहीं, जी नहीं, जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सड़क निर्माण कार्य मापदण्ड अनुसार ही किया जा रहा है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मुख्य मार्गों के किनारे पूर्व निर्मित नालियों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
48. ( क्र. 1851 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह बताने का कष्ट करेंगे कि जिला रीवा की जनपद पंचायत मुख्यालय जवा में मुख्य मार्गों के किनारे पूर्व में नाली का निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो वर्तमान में उन नालियों की क्या स्थिति है? (ख) क्या उक्त नालियां वर्तमान में पूरी तरह से अतिक्रमण से ग्रसित हैं? यदि हाँ, तो क्या उन सभी पूर्व निर्मित नालियों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर पुनः निर्मित किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। अच्छी है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
नवीन बांध के मुआवजों के संबंध में
[जल संसाधन]
49. ( क्र. 1866 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर एवं शिवपुरी की सीमा पर और नदी पर नवीन बांध बनने की प्रशासन द्वारा जो स्वीकृति प्रदान की गई है, उसका कार्य कब तक आरंभ कर दिया जावेगा? (ख) नवीन बांध के बनने से जो किसानों की जमीन पानी में डूब रही है, उसका किस दर से मुआवजा दिया जावेगा? (ग) नवीन बांध में डूब रही जमीन का सर्वेक्षण कब तक करा लिया जावेगा एवं मुआवजे की राशी बांध बनने से पहले वितरण की जावेगी या बाद में वितरित की जावेगी? (घ) नवीन बांध से जिला अशोकनगर एवं शिवपुरी के किन-किन ग्रामों को पानी का लाभ दिया जावेगा, सूची उपलब्ध करावे? (ड.) नवीन बांधा निर्माण में जिन किसानों की जमीन डूब रही है, उनके पवर्वास एवं विस्थापन की सरकार द्वारा क्या कोई योजना तैयार की जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) लोअर और वृहद सिंचाई परियोजना के अंतर्गत ओर नदी पर बांध का कार्य टर्न-की पद्धति पर किए जाने हेतु निविदा प्रक्रियाधीन है। निविदा स्वीकृति नहीं हुई है, अत: कार्य प्रारंभ किए जाने का समय बतलाया जाना संभव नहीं है। (ख) भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर ओर पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुरूप मुआवजा दर का निर्धारण भू-अर्जन अधिकारी द्वारा अवार्ड पारित करते समय किया जाएगा। (ग) निविदा स्वीकृत नहीं होने से सर्वेक्षण की समयावधि बतलाया जाना संभव नहीं है। मुआवजा राशि का वितरण निर्माण कार्य के साथ-साथ किया जावेगा। (घ) जिला शिवपुरी एवं दतिया के लगभग 258 गांवों को पानी का लाभ दिया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) परियोजना के निर्माण के समय भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनव्यर्वस्थापन में उचित प्रतिकर ओर पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधान के अनुरूप विस्थापितों के पुनर्वास की योजना तैयार की जाएगी।
तालाबों की जानकारी
[जल संसाधन]
50. ( क्र. 1867 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले के कदवाया फीडर के अंतर्गत आने वाले कुल तालाबों की संख्या कितनी है और इन तालाबों की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) यदि तालाब गंदा है तो क्या विभाग के कर्मचारी अधिकारी तालाबों की नहरों, पुलियाओं, तालाब के गेट एवं गहरीकरण व साफ-सफाई आदि करवाने का कोई विचार कर रहे हैं? जिससे किसान आसानी से तालाब का पानी उपयोग कर सकें? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अशोकनगर जिले के कदवाया फीडर के अंतर्गत सिर्फ एक ही कदवाया तालाब है। इस तालाब की वर्तमान स्थिति संतोषजनक है। वर्तमान में तालाब की नहरों से सिंचाई की जा रही है। (ख) वर्तमान में तालाब साफ है। उक्त तालाब की नहरों की साफ-सफाई जल उपभोक्ता संथा द्वारा कराई जा रही है। तालाब के गहरीकरण का कोई प्रावधान नहीं है। कृषकों को सुगमता पूर्वक जल प्रदाय किया जा रहा है।
निर्माण एवं पुरानी सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
51. ( क्र. 1880 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा शासन को वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन सड़कों के प्राक्कलन भेजे गये थे? कितनी सड़कों की स्वीकृति दी गई? कितनी लंबित हैं? क्या उनका बजट आवंटन होगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों के अनुसार बालाघाट जिले में स्वीकृत सड़कों के लिये पर्याप्त स्टॉफ है? यदि नहीं, तो क्या स्वीकृत सड़कों के निर्माण और मरम्मत कार्यों में विभाग नवीन स्टॉफ रखेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) लोक निर्माण विभाग बालाघाट द्वारा शासन को बालाघाट जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक भेजे गये सड़कों भवनों के प्राक्कलनों में से कितने लंबित हैं? उनकी स्वीकृति एवं आवंटन तथा निर्माण कब तक करायेंगे? (घ) बालाघाट जिले में अंतर्राज्यीय एवं अंतर्जिलों की सड़कों के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं या स्वीकृत हैं? यदि नहीं, तो उन प्रस्तावों की स्वीकृति कब तक होगी? कारण सहित विवरण देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़वारा में लिंक कोर्ट की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
52. ( क्र. 1899 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 11-11-2012 एवं 11-9-2016 द्वारा मा. मुख्यमंत्रीजी एवं पत्र दिनांक 12-3-2012 द्वारा मा. विभागीय मंत्रीजी से विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के तहसील/ विकासखण्ड/थाना बड़वारा मुख्यालय में लिंककोर्ट की स्थापना की मांग उठाई है? (ख) प्रश्नांश (क) तहसील/विकासखण्ड की जनसंख्या कितनी है और ग्राम कौन-कौन हैं तथा उनकी मुख्यालय से दूरी कितनी-कितनी है? (ग) जिला न्यायालय कटनी में थाना बड़वारा के कितने आपराधिक प्रकरण लम्बित हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (क) में लिंककोर्ट की स्थापना की जाने की कार्यवाही कब तक की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जिला न्यायालय कटनी में थाना बड़वारा, क्षेत्र के 763 आपराधिक प्रकरण लंबित है। (घ) निश्चित समयावधि बतलाई जाना संभव नहीं है।
अनियमितता/घपलों की शिकायतों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
53. ( क्र. 1914 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग इन्दौर को हाउसिंग सोसायटियों में अनियमितता/घपलों की शिकायतें पिछले 03 वर्षों में प्राप्त हुई? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन हाउसिंग सोसायटियों में अनियमितता/घपलों की शिकायतों पर सहकारिता विभाग द्वारा कोई कार्यवाही/जाँच की गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो किन-किन हाउसिंग सोसायटियों में अनियमितता पाई गई? क्या सहकारिता उपायुक्त द्वारा किसी संस्था की दोबारा जाँच के लिये कहा गया था? यदि हाँ, तो क्या कारण है? स्पष्ट करें? क्या किसी सोसायटी में गलत ढंग से नये सदस्य बना लिये गये थे? नये सदस्य बनाने के क्या मापदण्ड हैं? किन परिस्थितियों में नये सदस्य बनाये जा सकते हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इन्दौर शहर में कई हाउसिंग सोसायटी ऐसी हैं? जिनके सदस्य वर्षों से प्लाट नहीं मिलने के कारण भटक रहे हैं? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी हाउसिंग सोसायटियों के सदस्य प्लाट से वंचित है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में वर्णित प्रावधानांतर्गत की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 अनुसार है। (ग) जिन हाउसिंग सोसायटियों में अनियमितता पायी गई है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 03 अनुसार है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 04 अनुसार है। ग्रीन पार्क गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, इंदौर के विरूद्ध गलत ढंग से सदस्य बनाने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जाँच करायी जा रही है, जाँच प्रक्रियाधीन है। गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की उपविधि क्रमांक 5 (अ) एवं 5 (ब) में सदस्य बनाने के मापदण्ड निर्धारित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है। (घ) जी हाँ, हाउसिंग सोसायटियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-06 अनुसार है।
मुख्य मार्गों के निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 1917 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पीरकराडिया, क्षिप्रा से पुर्वाड़ा हप्पा, पानोड, सांवेर पहुंच मार्ग (2) चन्द्रगुप्त मौर्य प्रतिमा, जस्साकराडि़या धनखेड़ी, दर्जीकराडि़या, हिरली मार्ग (3) ग्राम खेड़ी, आदर्श ग्राम पोटलोद से बलगारा, चित्तोड़ा मार्ग (4) ग्राम खुडैल मंदिर मार्ग से हांसाखेड़ी, असरावद बुजुर्ग, कनाडि़या मार्ग (5) सांवेर बायपास मार्ग सांवेर, जो कि स्टेट हाइवे इन्दौर कोटा को मुख्य जिला मार्ग सांवेर-चन्द्रावतीगंज, गौतमपुरा और सांवेर देपालपुर मार्ग से जोड़ता है, इन मार्गों में कौन-कौन से मार्ग मुख्य जिला मार्ग घोषित हैं एवं कौन-कौन से मार्ग स्वीकृत भी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त पांचों मार्गों में किस-किस मार्ग की डी.पी.आर. तैयार की जा चुकी है एवं किस-किस की डी.पी.आर. लंबित है? लंबित होने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मार्ग केन्द्रीय सड़क निधि में प्रस्तावित हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मार्ग कौन-कौन सी योजनाओं में प्रस्तावित हैं एवं कब तक स्वीकृत हो जायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ग्राम शिप्रा से पुर्वाडा हप्पा, पानोद, सांवेर, पहुंच मार्ग मुख्य जिला मार्ग MP-MDR-45-03 घोषित है। वर्तमान में कोई मार्ग स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' में वर्णित 5 मार्गों से क्षिप्रा से पुर्वाडा हप्पा, पानोद, सांवेर, की डी.पी.आर. तैयार की जा चुकी है। वर्तमान में शेष 4 मार्गों की डी.पी.आर. प्रस्तावित नहीं है। (ग) जी नहीं। प्राथमिकता सूची में सम्मिलित नहीं। (घ) प्रश्नांश 'ख' के संदर्भ में क्षिप्रा से पुर्वाडा हप्पा पानोद सांवेर मार्ग प्लान मद में प्रस्तावित है। शेष मार्ग वर्तमान में किसी योजना में प्रस्तावित नहीं है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
तालाब से नहरों का कार्य एवं सिचाई के संबंध में
[जल संसाधन]
55. ( क्र. 1970 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र के किस-किस लघु, मध्यम एवं वृहद सिंचाई तालाब/ डेम में वित्तीय वर्ष 2014-5 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना, जल भराव हुआ था, बतावें वर्तमान में कौन-कौन सी सिंचाई परियोजना किस-किस लागत की रूपांकन क्षमता, सिंचाई क्षमता की कब से निर्माणाधीन हैं एवं कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? (ख) विभाग द्वारा निर्मित लूद जलाशय वर्ष 2009, गायमुख डेम वर्ष 2012 के पूर्व पूर्ण होने के उपरान्त भी वर्ष 2016-17 तक भी नहरों का कार्य किन कारणों से पूर्ण नहीं किया गया है? गायमुख डेम के नहरों का कार्य कितना पूर्ण किया गया है? कितना किन कारणों से शेष हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जलाशयों के नहरों का कार्य लम्बे समय से पूर्ण नहीं होने से कृषकों को सिचाई का लाभ नहीं मिलने का कारण शासन/विभाग की लापरवाही का परिणाम है? आगामी कितने वर्षों में नहरों का कार्य पूर्ण किया जावेगा? (घ) पचामा बांध, जमुनिया बांध, मीनकुर जलाशय की स्वीक़ृति कब तक जारी कर दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' तथा ''2'' अनुसार है। (ख) लूद जलाशय वर्ष 2009 में पूर्ण किया गया तथा नहरों का कार्य नाबार्ड के दसवें चरण में पूर्ण किया जाना था। किंतु नाबार्ड की समय-सीमा दिसंबर-2010 में समाप्त होने के कारण नहर कार्य यथास्थिति बंद करने के उपरांत पूर्णता प्रमाण पत्र, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' नाबार्ड को प्रेषित किया गया। परियोजना के अपूर्ण शेष कार्य हेतु पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है। गायमुख जलाशय के बांध एवं नहर के कार्य वर्ष 2012-13 में पूर्ण किया जा चुका है। (ग) नाबार्ड मद की समय-सीमा दिसंबर 2010 में समाप्त हो जाने के कारण लूद जलाशय के नहरों का कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका। अत: विभाग की लापरवाही का प्रश्न नहीं उठता। शेष कार्य के डी.पी.आर. की प्रशासकीय स्वीकृति नहीं दी गई है। अत: समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। (घ) पचामा बांध जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 25.05.2016 को प्रदान की जा चुकी है। जमुनिया बांध तथा मीनकुर लघु जलाशय का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण किया जाकर डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। डी.पी.आर. अंतिम होने पर।
मसाला क्षेत्र विस्तार योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
56. ( क्र. 2019 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017-18 में टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिले में मसाला क्षेत्र विस्तार योजना के तहत लहसुन एवं अदरक क्षेत्र विस्तार के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य जिलों को जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो फसलवार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों एवं लहसुन, अदरक फसल के पंजीयन विभाग द्वारा ऑनलाईन किये गये थे? उन पंजीयनों के आशय पत्रों का विवरण संपूर्ण जानकारी सूचीबद्ध उपलब्ध करायें। (ख) क्या शासन द्वारा आशय पत्र एवं पंजीयन करने के पश्चात अदरक एवं लहसुन की फसल का अनुदान दिया जाना बंद कर दिया और योजना बंद हो जाने के बाद भी प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त किया गया, तो ऐसी परिस्थिति में इसका दोषी या जिम्मेदार कौन हैं? (ग) क्या किसानों को लहसुन एवं अदरक फसल पर अनुदान बंद कर दिया जाना किसानों के साथ धोखाधड़ी एवं छलावे की परिधि में आता है तथा अनुदान नहीं दिया जाना था तो किसानों के ऑनलाईन पंजीयन क्यों कराये गये? इसका क्या औचित्य था? ऐसा कृत्य करने वाले विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2017-18 में टीकमगढ़ जिले को मसाला क्षेत्र विस्तार योजना के तहत लहसुन एवं अदरक क्षेत्र विस्तार के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य जारी किये गये थे तथा छतरपुर जिले को मसाला क्षेत्र विस्तार योजना के तहत लहसुन क्षेत्र विस्तार के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य जारी किये गये थे। जी हाँ। फसलवार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों एवं लहसुन, अदरक फसल के पंजीयन विभाग द्वारा ऑनलाईन किये गये थे। पंजीयनों के आशय पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। उद्यानिकी विभाग द्वारा सब्जियों के क्षेत्रफल विस्तार करने के लिए नये कृषकों को प्रोत्साहन स्वरूप अनुदान दिया जाता है। कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में दिनांक 14 जून 2017 को प्रदेश में रबी 2016-17 की समीक्षा एवं खरीफ 2017 की तैयारी हेतु आयोजित वीडियो कांफ्रेसिंग में जिलों द्वारा यह बताया गया कि लहसुन, प्याज एवं अदरक की प्रदेश में उत्पादन में अधिकता के कारण कृषकों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। इस कारण यह निर्णय लिया गया कि इन फसलों के क्षेत्र विस्तार को अनुदान के जरिये प्रोत्साहन न दिया जाय। प्रतिबंध के बावजूद जिन सहायक संचालकों ने आशय पत्र जारी किये हैं, उनके विरूद्ध कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। (ग) निर्णय परिस्थितिजन्य होने से और बाजार भाव गिरने की जानकारी बाद में मिलने से प्रतिबंध के निर्णय में किसी की गलती नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालित सिंचाई योजना
[जल संसाधन]
57. ( क्र. 2055 ) श्री रजनीश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत कितनी, कौन-कौन सी वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनाएं संचालित हैं? इन परियोजनाओं की रूपांकन सिंचाई क्षमता निर्माण कार्य के समय कितनी थी एवं वर्तमान समय में इनके द्वारा कितने क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है? क्या कोई नई सिंचाई परियोजना स्थापित करने के संबंध में प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो प्रस्तावित परियोजनाएं कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पूर्व से संचालित सिंचाई परियोजनाओं के बांध एवं नहरें क्या वर्तमान समय में क्षतिग्रस्त हैं जिस कारण से इनका शत-प्रतिशत उपयोग नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो नाम सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ, तो इसके मरम्मत हेतु किस मद से कितनी राशि द्वारा कब तक क्या कार्य कराया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्षतिग्रस्त, कच्ची नहरों को पक्की नहरों (लाइनिंग में) में परिवर्तन हेतु कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो, प्रस्तावित योजना कितनी लागत से कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधान सभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत 01 वृहद, 01 मध्यम एवं 09 लघु सिंचाई परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार तथा प्रस्तावित परियोजनाओं का विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। (ख) से (ग) जी नहीं। प्रपत्र-''1'' में दर्शित परियोजनाओं के बांध एवं नहरों के शत-प्रतिशत उपयोग हेतु विभाग द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है। उपलब्ध संसाधनों के द्वारा रबी सिंचाई के पूर्व आवश्यक लघु सिंचाई कार्य कराये जाकर सिंचाई की जा रही है। (घ) जी नहीं। वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
सिंचाई योजनाओं का सर्वेक्षण एवं स्वीकृति
[जल संसाधन]
58. ( क्र. 2056 ) श्री रजनीश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र केवलारी में सिंचाई रकवा में वृद्धि के लिए शासन द्वारा किन-किन नदियों या नालों पर बांध बनाने के लिए सर्वेक्षण कराया गया है एवं सर्वेक्षण उपरांत किन-किन बांधों की डी.पी.आर. तैयार कर ली गई है? इनमें से कौन-कौन सी योजनाएं शासन की स्वीकृति हेतु लंबित है? (ख) क्या लंबित योजनाओं को स्वीकृत किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जिला सिवनी, विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत सिंचाई रकबे में वृद्धि किए जाने हेतु कोई भी नदियों या नालों पर बांध बनाने हेतु सर्वेक्षण नहीं कराया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है।
सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 2088 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बारछी से ग्राम राजेगांव मार्ग पिछले बजट में स्वीकृत किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो इस मार्ग के निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी कर दी जायेगी? (ग) क्या सोनेगांव से सोनोली बुण्डाला होते हुए मुलताई मार्ग पर उमरिया-खरपड़ाखेड़ी के बीच खरपड़ा नदी पर ऊंची पुलिया निर्माण हेतु पिछले बजट में राशि स्वीकृत कर दी गयी थी? (घ) यदि हाँ, तो पुलिया निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक करा दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 29.06.2017 को जारी की जा चुकी है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू.155.73 लाख शासन के पत्र दिनांक 30.10.2017 द्वारा जारी।
सड़कों के गुणवत्ताविहीन निर्माण की जाँच
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 2095 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत विभाग द्वारा निर्मित सड़कों का निर्माण गुणवत्ताविहीन होने से पूरी तरह से उखड़ चुकी हैं, जबकि विभाग द्वारा सड़कों के रख-रखाव अवधि होने के बाद भी ठेकेदारों से सड़कों का रख-रखाव नहीं कराया जा रहा है? इन सड़कों से प्रश्नकर्ता के क्षेत्र विदिशा की ग्रामीण जनता परेशान एवं आक्रोशित भी है? (ख) क्या सड़कों का निर्माण गुणवत्तापूर्ण नहीं कराया गया? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र की गुणवत्ताविहीन सड़कों के निर्माण हेतु कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं इन सड़कों का निरीक्षण कराकर सड़कों की जाँच प्रश्नकर्ता के समक्ष जाँच कराई जाकर अतिशीघ्र सड़कों का निर्माण कार्य समय-सीमा में कराया जावे? जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों पर कठोर से कठोर कार्यवाही स्थापित की जाये? की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध कराई जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। परफारमेंस ग्यारंटी की अवधि में संबंधित ठेकेदार से रख-रखाव कराया जाता है। इस विषयक कोई शिकायत प्राप्त नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपर सत्र न्यायालय जतारा में शासकीय अधिवक्ता की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
61. ( क्र. 2105 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद जतारा में अपर सत्र न्यायालय को संचालित हुये लगभग 2 वर्ष हो गये हैं? (ख) अपर सत्र न्यायालय जतारा में इन 2 वर्षों में शासकीय अधिवक्ता (ए.जी.पी.) की नियुक्ति क्यों नहीं की गई? (ग) जिला न्यायालय टीकमगढ़ से सप्ताह में तीन दिवस के लिये शासकीय अधिवक्ता आते हैं जबकि शेष दिनों में कार्य प्रभावित होता है और जनता परेशान रहती हैं यदि हाँ, तो क्या सत्र न्यायालय का कार्य प्रभावित न हो इसके लिये शीघ्र ही शासकीय अधिवक्ता की नियुक्ति करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है शीघ्र ही राज्य शासन द्वारा नियुक्ति कर दी जावेगी।
गृह निर्माण संस्था द्वारा प्लाट आवंटन
[सहकारिता]
62. ( क्र. 2118 ) पं. रमेश दुबे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन कल्याण गृह निर्माण सहकारी संस्था इन्दौर के द्वारा वर्तमान में कितने सदस्यों को प्लाट देना बाकी है? (ख) क्या संस्था में नाबालिग सदस्य भी है? (ग) क्या प्रेम छपरवाल ने इस संस्था में एक प्लाट की राशि जमा की किन्तु उसे इसलिये प्लाट नहीं दिया गया कि वह बालिग नहीं है यदि हाँ, तो संस्था ने राशि क्यों प्राप्त की?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 202 सदस्यों को। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, अपितु श्री प्रेम छपरवाल की नाबालिग पुत्री कु. पायल को संस्था द्वारा दिनांक 12/04/1988 को सदस्यता प्रदान कर भूखण्ड पेटे राशि प्राप्त की गई थी, जिसके तत्समय नाबालिग होने से संस्था द्वारा दिनांक 06/05/2013 को संस्था की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। तत्कालीन संचालक मण्डल द्वारा एक नाबालिग को सदस्यता प्रदान कर नियम विरूद्ध कार्य किया गया था।
म.प्र. राज्य तिलहन संघ के सेवायुक्तों को स्वत्वों का भुगतान
[सहकारिता]
63. ( क्र. 2134 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तिलहन संघ का परिसमापन कब किया गया है वर्ष 2015 से वर्तमान तक (समयावधि) में परिसमापक द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या परिसमापक द्वारा तिलहन संघ की कुल संपत्तियों का मूल्यांकन कितना किया गया? इनमें से कितनी संपत्तियां का विक्रय किया जा चुका है? शेष संपत्तियों का विक्रय कब तक होगा? पूर्ण विवरण देवें। (ग) तिलहन संघ में वर्ष 2010 से अक्टूबर 2017 तक कितने कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं? इनमें कितने कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति स्वत्वों (ग्रेच्युटी/अवकाश नगरीकरण) का भुगतान कब-कब व कितना-कितना किया गया? कर्मचारीवार बतावें? शेष कर्मचारियों को कब तक भुगतान किया जावेगा? पूर्ण विवरण देवें। (घ) ग्रेच्युटी एक्ट अनुसार कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान कर्मचारी के अंतिम वेतन अनुसार करने का प्रावधान है, लेकिन परिसमापक द्वारा तिलहन संघ में प्रचलित वेतनमान अनुसार इसका भुगतान किया जा रहा है? इस हेतु कौन जिम्मेदार है? (ड.) क्या शासन तिलहन संघ से वर्षों से सेवानिवृत्त सेवायुक्तों के स्वत्वों के भुगतान हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) म.प्र. राज्य सहकारी तिलहन उत्पादक संघ को कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. के आदेश क्रमांक विपणन/ते.प्र./ 2013/1805, दिनांक 12.11.2013 के द्वारा परिसमापन में लाया गया। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" अनुसार है। (ख) सम्पत्तियों के मूल्यांकन की कार्यवाही हेतु मध्यप्रदेश वित्त निगम को ट्रांजेक्शन एडवाइजर नियुक्त किया गया है। सम्पत्तियों के मूल्यांकन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। मूल्यांकन पूर्ण न होने से सम्पत्ति के विक्रय का प्रश्न उपस्थित नहीं होता, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) 303 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए है। कर्मचारीवार भुगतान की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है। सभी कर्मचारियों को भुगतान नियमानुसार करना होगा। (घ) ग्रेच्युटी की गणना ग्रेच्युटी एक्ट के अनुसार की जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ङ) जी नहीं। तिलहन संघ परिसमापनाधीन है। अत: परिसमापक द्वारा संघ की लेनदारियों की वसूली के उपरांत परिसमापक द्वारा निर्धारित किये गये प्राथमिकता क्रम को दृष्टिगत रखते हुए स्वत्वों का भुगतान किए जाने का प्रावधान है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
उद्यानिकी फसलों के विकास के लिये संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
64. ( क्र. 2174 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों के विकास के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक संचालित योजनाओं में किन-किन योजनाओं के लिये शासन से कितना-कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ है? योजनावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) छिंदवाड़ा जिले में प्रश्नांश (क) से संबंधित योजनाओं के लिये कितना लक्ष्य निर्धारित था? निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कितनी पूर्ति की गई? कितने कृषकों को किस-किस योजना का कौन-कौन सा लाभ दिया गया? (ग) छिंदवाड़ा जिले के विकासखण्डों में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा कितने ग्रामों का भ्रमण कर योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया है? वित्तीय वर्ष 2016-17 में एवं 2017-18 में कृषकों को योजनाओं की जानकारी देने एवं उन्हें जागरूक करने के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये? (घ) छिंदवाड़ा जिले में उद्यानिकी विभाग को वर्ष 2017-18 में किस योजना में कितने कृषकों के ऑनलाईन एवं कितने कृषकों के ऑफलाईन आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितने कृषकों को लाभ दिया गया तथा कितने कृषकों के आवेदन पत्र किस कारण से निरस्त किये गये?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा जिले के समस्त ग्रामों का भ्रमण कर योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया है। प्रश्नाधीन अवधि में कृषकों को योजनाओं की जानकारी से अवगत कराने हेतु विकासखण्ड स्तर पर मेला प्रदर्शनी आयोजित कर योजनाओं के लीफलेट्स वितरित किये गये हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
टोल नाके पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराये जाना
[लोक निर्माण]
65. ( क्र. 2175 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सतनूर में स्थित के.टी.टोल प्लाजा में शौचालय पेयजल एम्बुलेंस में कोई मेडिकल स्टॉफ के साथ-साथ निर्धारित मापदण्डों के अनुसार आवश्यक सुविधायें प्रदान नहीं किये जाने के क्या कारण है? क्या उपरोक्त संबंध में उचित जाँच कराकर संबंधित कम्पनी पर कार्यवाही की जायेगी? (ख) क्या शासन द्वारा लगभग 06 करोड रूपये की पेनाल्टी के.टी. कम्पनी के ऊपर लगाई गई है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या जिस जगह पर टोल नाका स्थित होता है उसके आसपास के लगभग 20 कि.मी. की दूरी पर निवासरत स्थानीय लोगों के वाहनों के मासिक पास बनाये जाने का प्रावधान है? अगर हाँ तो उपरोक्त टोल नाका में अभी तक कितने स्थानीय लोगों के मासिक पास बनाये गये हैं? अगर नहीं तो स्थानीय लोगों के मासिक पास नहीं बनाये जाने का क्या कारण हैं? (घ) के.टी. कम्पनी के द्वारा बनाई गई सड़क का मेन्टेनेंस कार्य कब तक प्रारंभ कर, कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सतनूर में स्थित के.टी. टोल प्लाजा में शौचालय, पेयजल, एम्बुलेंस में फर्स्ट एड बॉक्स सुविधा उपलब्ध है। सुविधायें अनुबंधानुसार उपलब्ध है। अतः जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अनुबंध के प्रावधान अनुसार टोल प्लाजा के दोनों ओर 10-10 कि.मी. कुल 20 कि.मी. के पास का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार। कंसेशनायर द्वारा जारी किये गये मासिक पासों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार। (घ) बी.ओ.टी. अनुबंध में निवेशकर्ता को कंसेशन अवधि तक सड़क का मेंटेनेंस करना है। मेंटनेंस एक निरंतर प्रक्रिया है तथा आवश्यकतानुसार किया जाता है। अतः प्रारंभ एवं पूर्ण करने का कोई समय दिया जाना संभव नहीं है।
नियम विरूद्ध ऋण वितरण करने वालों को दण्डित करना
[सहकारिता]
66. ( क्र. 2224 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा की शाखा डभौरा, चाकघाट त्यौंथर, गुढ़, मनगवां एवं गोविन्दगढ़ से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा वर्ष 2014-15 से खरीफ 2017 तक कितने-कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि खरीफ एवं रबी फसलों हेतु फसल ऋण के रूप में दी गई? समितिवार, मौसमवार, कृषक संख्यावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में समितियों द्वारा दी गई ऋण राशि में शासन द्वारा निर्धारित हिस्से की राशि का अंतर क्या है? कुल वितरित ऋण राशि, हिस्से में जमा राशि, शासन/विभाग द्वारा निर्धारित हिस्से की राशि में अंतर राशि अंकित कर जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में समितियों द्वारा (क) की अवधि में वितरित ऋण में हिस्से की राशि कम जमा है तो क्या यह माना जाएगा कि संबंधित समिति प्रबंधक/शाखा प्रबंधक मिलकर शासन/विभाग को आर्थिक क्षति पहुंचाई है? यदि हाँ, तो अंतर राशि की वसूली ब्याज राशि के साथ करते हुए दोषियों को दण्डित करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) के संबंध में संलिप्त समिति प्रबंधकों को नियम विरूद्ध कार्य करने अन्य वित्तीय अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुई है? उन शिकायतों की वर्तमान स्थिति क्या है? जाँच प्रतिवेदन के साथ की गई कार्यवाही की प्रति देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) समितिवार, मौसमवार, कृषक संख्यावार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ख) समितियों द्वारा वितरित ऋण राशि के अनुपात में निर्धारित अंशपूंजी से राशि रूपये 562.91 लाख अधिक जमा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) उत्तरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ’ख’ एवं ’ग’ के संदर्भ में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिकायतों की जाँच एवं कार्यवाही
[जल संसाधन]
67. ( क्र.
2229 ) श्रीमती
शीला त्यागी
: क्या
जल संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) गंगाकछार
रीवा
परिक्षेत्र
के अधीन
कार्यरत जिले, संभागों
एवं
उपसंभागों
में 2014 -2015
से प्रश्न
दिनांक तक स्वीकृत
कार्यों की
स्थिति क्या
है कितने
कार्य पूर्ण, कितने
अपूर्ण कितने
प्रगतिशील
हैं? उपरोक्त
कार्यों के
लिये कौन
संविदाकार व
एजेंसी निर्धारित
है? (ख) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में कितने
कार्यों के
गुणवत्ता व
कार्य पद्धति
के लिये
शिकायतें
जाँच में हैं।
कितने में
कौन-कौन
अधिकारी एवं
संविदाकार
दोषी पाये गये
उनके विरूद्ध
क्या
कार्यवाही
हुई, की
गई
कार्यवाहियों
के प्रति के
साथ जानकारी देवें।
(ग) प्रश्नांश
(ग) के संदर्भ
में दोषियों
के विरूद्ध
कार्यवाही न
करने वाले कौन
अधिकारी हैं, उनके
विरूद्ध कौन
सी दण्डात्मक
कार्यवाही कब
तक की जावेगी।
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) से
(ग) प्रश्नानुसार
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
दोषी अधिकारी
श्री आर.एस.नट
अनुविभागीय
अधिकारी तथा
श्री ए.के.जैन
उपयंत्री को
प्रमुख
अभियंता के
आदेश दिनांक 15.09.2017
द्वारा
निलंबित किया
गया है।
अनुशासनिक
कार्यवाही
पूर्ण नहीं
होने से शेष
प्रश्नांश
का उत्तर
दिया जाना
संभव नहीं है।
गोलखेड़ी - निपानिया मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 2234 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत भोपाल-बैरसिया मुख्य मार्ग स्थित गोलखेड़ी से सूखा निपानिया मार्ग के जीर्ण-शीर्ण होने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माह अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2017 के मध्य माननीय मंत्री जी को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया था? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित क्षतिग्रस्त मार्ग को विभाग कब तक बनायेगा, समय-सीमा सहित यह भी अवगत करावें कि इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना तैयार की गयी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मजबूतीकरण हेतु स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताना संभव नहीं। वित्तीय संसाधन सीमित होने से प्राथमिकता अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
नहरों पर कराये गये कार्य की जाँच
[जल संसाधन]
69. ( क्र. 2243 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निर्वाचन अटेर को सिंचाई हेतु पानी अम्बाह कैनाल ६४,६५,३एल एवं ५एल के माध्यम से मिलता है किन्तु इन कैनाल का मरम्मत कार्य अत्यंत घटिया होने से यह कई स्थानों पर फूट गई है जिससे पानी व्यर्थ में बह रहा है, ऐसी स्थिति में क्या मैन कैनालों के घटिया निर्माण कार्य की जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर सूखाग्रस्त घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो इस क्षेत्र में कृषि के लिये पानी की अधिकता होने के कारण नहरों में पानी कब से कब तक छोड़ा जायेगा? (ग) क्या पूर्व में जल संसाधन विभाग द्वारा नहरों में पानी छोड़ने से पहले मुनादी कराई जाती थी? यदि हाँ, तो वर्तमान में मुनादी क्यों नहीं कराई जा रही है? क्या आगे कराई जावेगी।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अटेर विधानसभा क्षेत्र को 64, 65 3एल एवं 5एल के द्वारा पानी दिया जाता है। वर्तमान में कैनाल में कहीं पर भी कोई टूट-फूट नहीं हुई है और दिनांक 09.10.2017 से दिनांक 06.11.2017 तक पलेवा हेतु पानी प्रदाय किया गया है। अत: जाँच का प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हाँ, पलेवा हेतु अटेर क्षेत्र की नहरों को पानी दिनांक 09.10.2017 से 06.11.2017 तक दिया गया है एवं प्रथम पानी 05.12.2017 से 20.12.2017 तक दिया जावेगा। (ग) जी नहीं। नहरों का संचालन जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में सभी जल उपभोक्ता संथा, जन-प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी एवं विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्णय लिया जाता है और निर्णय को सभी जल उपभोक्ता संथा को सूचित कर नहरों का संचालन किया जाता है।
तालाब में पानी डालने की योजना
[जल संसाधन]
70. ( क्र. 2249 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदेरी राजघाट से नहर द्वारा साजनमहू तालाब मूंगावली में पानी डालने की योजना की प्रगति का विवरण देते हुये बतायें कि योजना की लागत क्या होगी तथा किस-किस गांव को सिंचाई का लाभ मिलेगा? गांवों के नाम देते हुये बतायें कि कब तक टेंन्डर हो जायेंगे? (ख) क्या जिन गांवों को सिंचाई का पानी मिल रहा वहाँ पीने के पानी की योजना भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से समन्वय कर बनाने की प्रश्नकर्ता माँग तथा लिखे पत्रों पर विचार कर करेंगे।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राजघाट नहर पर आधारित चंदेरी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की निविदा आमंत्रित की गई है। माह 12/2017 में निविदा खोली जावेगी। इस योजना से 20,000 हे. क्षेत्र में रबी सिंचाई प्रस्तावित है। साजनमहू तालाब से मूंगावली क्षेत्र में पूर्व से अशोकनगर जल संसाधन संभाग द्वारा सिंचाई की जाती है। सूक्ष्म सिंचाई परियोजना से साजनमहू तालाब में पानी डालने का प्रावधान नहीं है। वर्तमान में फोरेस्ट क्लीरेंस प्राप्त किया जा चुका है। इन्वायरमेंट क्लीरेंस की निविदा का अनुबंध किया जा चुका है। परियोजना का शिलान्यास मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 17.10.2017 को किया गया है। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू.389.77 करोड है। सिंचाई से लाभांवित ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। योजना में पीने के पानी का प्रावधान नहीं है। लोक-स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा अनुरोध करने पर उन्हें चिन्हित तालाब के पता उपलब्ध कराने पर विचार किया जाएगा।
तालाब व नहरों का पक्कीकरण व मरम्मत
[जल संसाधन]
71. ( क्र. 2266 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने ऐसे तालाब हैं, जिनसे नहरों के माध्यम से सिंचाई कार्य किया जा रहा है? जनपदवार सूची उपलब्ध करावें। उपरोक्त तालाबों का निर्माण कौन-कौन से वर्ष में हुआ है तथा वर्तमान में तालाबों की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) क्या किसी तालाब या नहर की मरम्मत की आवश्कता है? यदि हाँ, तो जनपदवार सूची उपलब्ध करावें? क्या तालाब के निर्माण के पश्चात नहरों का लाइनिंग कार्य लिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो कौन से तालाब में कितने मीटर नहरों में लाइनिंग कार्य किया गया तथा क्या लागत है? निर्माण की अवधि क्या थी तथा वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? जिन तालाबों की नहरें पक्की नहीं हुई हैं, उन्हें पक्की करने की विभाग की क्या कार्य योजना है? ऐसी कितनी नहरें है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 27 तालाबों में नहर से सिंचाई कार्य किया जा रहा है। योजनावार एवं जनपदवार विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। तालाबवार एवं जनपदवार सूची संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' में दर्शित है। जी हाँ। तालाब निर्माण पश्चात सरोज सरोवर (धोलावड़) मध्यम सिंचाई योजना एवं शिवगढ़ भेड़ली लघु सिंचाई योजना की नहरों में लाईनिंग कार्य किया गया है। (ग) नहरों में की गई लाईनिंग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। नहर का पक्कीकरण का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है।
किसान संगोष्टी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
72. ( क्र. 2267 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा सैलाना विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ कृषक संगोष्टियों का आयोजन कब-कब किया गया तथा इनके आयोजन में किस-किस कार्य पर कितना-कितना व्यय किया गया वर्षवार जानकारी प्रदान करें? (ख) इन आयोजनों के संबंध में शासन के क्या नियम निर्देश हैं? इन आयोजनों में कृषकों को क्या क्या सामग्री वितरित की गई? (ग) विभाग द्वारा इन आयोजनों के प्रचार प्रसार के लिए क्या प्रयास किए गए? इन पर कितना व्यय किया गया? जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन के निर्देशानुसार नवीनतम कृषि तकनीकी के साहित्य प्रचार-प्रसार सामग्री कृषकों को वितरित की गई। दिशा निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) आत्मा अंतर्गत संगोष्ठी आयोजन के लिये मैदानी कार्यकर्ताओं एवं किसान मित्रों के माध्यम से कृषकों को प्रचार-प्रसार किया गया। जिसमें वर्ष 2014 से आज दिनांक तक कुल व्यय राशि रूपये 1,84,955/- हैं।
भावांतर योजना के तहत किसानों का पंजीयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
73. ( क्र. 2284 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की भावांतर योजना क्या है? इस योजना का उद्देश्य क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित योजना के तहत विदिशा जिले में प्रश्नांश तिथि तक किन-किन समितियों में कितने किसानों द्वारा पंजीयन करवाया गया है, की जानकारी समितिवार विधानसभा क्षेत्रवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में पंजीकृत किसानों में से कितने किसानों द्वारा किस-किस मंडी में उनकी उपज का विक्रय किया गया है? समितिवार/मंडीवार/विधानसभा क्षेत्र वार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित किसानों को शासन द्वारा कितना लाभ दिया गया है? समितिवार किसान संख्यावार जानकारी उपलब्ध करावे? यदि नहीं, तो क्या कारण है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भावांतर भुगतान योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योजना का उद्देश्य मध्यप्रदेश के किसानों को कृषि उपज का उचित मूल्य प्रदान करना है। (ख) विदिशा जिले की समितियों/मंडियों में किसान पंजीयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विदिशा जिले की मंडियों में पंजीकृत किसानों के द्वारा किये गये विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित विदिशा जिले की मंडियों में दिनांक 22.11.2017 तक 2928 पंजीकृत किसानों के खातों में भावांतर की राशि रू. 36143961/- जमा करायी जा चुकी है।
भाटिया कुआं से कान्हावाडी मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 2287 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घोड़ाडोंगरी विकासखण्ड में भाटिया कुंआ से कान्हावाडी मार्ग का निर्माण बेहद घटिया किया गया है, सड़क 1 वर्ष से कम समय में पूर्वत: उखड़ गयी है? दो पुलिया एवं आधा किलोमीटर सड़क भी ठेकेदार द्वारा नहीं बनाई गयी, सीमेंट रोड की साईड पटरी भी नहीं भरी गई? (ख) क्या सड़क की उच्च स्तरीय जाँच की जावेगी, क्या दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, जी नहीं। 2 पुलियाँ एवं आधा किलोमीटर सड़क जो पुलियों का पहुंच मार्ग है वन विभाग द्वारा पुलियों के डायवर्सन नहीं बनाने देने के कारण नहीं बनाई गई, सीमेंट रोड की पटरी भरी गई है। (ख) सड़क गुणवत्तापूर्वक बनाई गई है, इसलिये उच्च स्तरीय जाँच की आवश्यकता नहीं है। इसलिये दोषी अधिकारी/ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रल्वे लाइन पर अंडर एवं ओवर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 2290 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उक्त विषयांकित जिलों में रेलवे लाइन पर किन-किन स्थानों पर ओवर एवं अंडर ब्रिज के प्रस्ताव विभाग के पास लंबित हैं, कितनों का निर्माण किस स्तर पर चल रहा है, कितनों में रेलवे की अनुमति/स्वीकृति विभाग को मिल गई है, कितनों में नहीं? (ख) क्या मंदसौर नगर में वर्तमान में "मिड इंडिया रेलवे फाटक" पर अंडर ब्रिज, संजीत रोड रेलवे फाटक एवं दलौदा (मंदसौर) में ओवर ब्रिज बनाने का कोई प्रस्ताव विभाग (सेतु निगम) के पास लंबित है इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा रेलवे से कोई पत्र व्यवहार किया गया है? यदि हाँ, तो अद्यतन स्थिति से अवगत करायें? (ग) क्या मंदसौर शहर में फोरलेन पर शिवना नदी पर छोटी रपट पर कोई ब्रिज का प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? कब तक इसका निर्माण किया जाएगा? समय-सीमा बतायें। (घ) मंदसौर जिले में 1 जनवरी 2014 के पश्चात कहाँ-कहाँ, कब-कब रेलवे ब्रिज (अंडर/ओवर) को लेकर नागरिकों ने आन्दोलन कर विभाग को ज्ञापन दिए?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, जी नहीं, केवल मंदसौर संजीत मार्ग पर रेल्वे विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। ब्रिक्स योजना अंतर्गत डी.पी.आर. तैयार। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) विभाग को कोई ज्ञापन प्राप्त नहीं हुए है।
बिना ट्रेप-छापे की कार्यवाही समाप्त करना
[सहकारिता]
76. ( क्र. 2293 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक आयुक्ता, सहकारिता कटनी ने पत्र दिनांक 29-5-2017 में आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाओं को सेवा सहकारी समिति मर्या. बड़वारा में लोकायुक्त संगठन के द्वारा किसी लीड सहायक पर ट्रैप एवं छापे पर प्रकरण पंजीबद्ध होने एवं किसी सहायक प्रबंधक के विरूद्ध ट्रैप व छापे न होने और किसी के द्वारा द्वेशवश की गई शिकायत होने की जानकारी दी है? (ख) क्या आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें ने पत्र दिनांक 18-8-2017 द्वारा सहायक आयुक्त, सहकारिता कटनी को किसी के विषय में कोई मार्गदर्शन दिया है और तदनुसार उसके निर्देशानुसार उसे प्रभारमुक्त कर दिया है? (ग) प्रश्नांश (क) के सहायक आयुक्त के पत्र में जब यह उल्लेख है कि सहायक प्रबंधक पर ट्रैप एवं छापे की कार्यवाही नहीं हुई है और न ही प्रकरण पंजीबद्ध है तथा शिकायत द्वेशवश की गई है, तब उसके विरूद्ध प्रश्नांश (ख) कार्यवाही की जाना किन आधारों पर न्यायोचित है? (घ) क्या विभाग उच्च स्तरीय जाँच दल गठित कर प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के तथ्यों की सूक्ष्म जाँच कर निर्दोष अधिकारी को न्याय प्रदान करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) सहायक प्रबंधक के विरूद्ध ट्रेप एवं छापे की कार्यवाही नहीं हुई, किन्तु सहायक प्रबंधक श्री संतोष पांडे के विरूद्ध कार्यालय पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त संगठन, जबलपुर, संभाग जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 282/15 धारा 13 (2) पी.सी. एक्ट 1988 तथा धारा 406, 420, 120-बी भा.द.वि. पंजीबद्ध होने के कारण प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित कार्यवाही की गई। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला सलाहकार/तकनीकी सहायकों के द्वारा किए गए कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
77. ( क्र. 2300 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन/गेहूं योजनान्तर्गत सतना जिले में पदस्थ जिला सलाहकार एवं तकनीकी सहायक के कार्य का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रत्येक माह में कितने भ्रमण किया जाना है? (ख) क्या तकनीकी सहायकों द्वारा जिले की विकासखंडों में कृषकों के यहाँ योजनान्तर्गत प्रदर्शन, फार्मफील्ड स्कूल का आयोजन कराया गया है? यदि हाँ, तो कृषक का नाम, फोटोग्राफ, जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें, इनके द्वारा कृषकों को क्या-क्या तकनीकी सलाह दी गई विगत तीन वर्षों का विवरण सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) योजना के तहत विगत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक पदस्थ किन-किन तकनीकी सहायकों द्वारा कहाँ-कहाँ जिले की किन-किन विकासखण्डों में भ्रमण किया गया? (घ) क्या तकनीकी सहायकों द्वारा जिला कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य संपादित किया जा रहा है और पूरे माह का वेतन भत्ता आदि का भुगतान उपसंचालक कृषि सतना द्वारा किया जाता है? वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक आयोजित प्रदर्शन में उपयोग की गई सहायक सामग्री का अनुदान किस-किस विकासखंड में कितने कृषकों को अनुदान का लाभ दिया गया है? यदि नहीं, दिया गया तो दोषी शाखा प्रभारी के ऊपर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन/ गेहूं योजनान्तर्गत सतना जिले में जिला परामर्शदाता एवं तकनीकी सहायक के कार्य का प्रावधान है। भारत सरकार की गाइडलाइन अनुसार जिला परामर्शदाता एवं तकनीकी सहायक के मासिक भ्रमणों की संख्या निर्धारित नहीं है। (ख) जी नहीं, तकनीकी सहायकों द्वारा जिले के विकासखण्डों में कृषकों के यहां योजनान्तर्गत प्रदर्शन, फार्म फील्ड स्कूल का आयोजन नहीं कराया गया है। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक जिले में पदस्थ तकनीकी सहायकों द्वारा विकासखंडों में भ्रमण नहीं किया गया। (घ) जी हाँ, तकनीकी सहायकों द्वारा जिला कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य सम्पादित किया जा रहा है। पूरे माह के वेतन का भुगतान उप संचालक कृषि, सतना द्वारा किया गया है, वित्तीय वर्ष 2016-17 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अन्तर्गत प्रदर्शनों में उपयोग की गई सहायक सामग्री के अनुदान भुगतान की विकासखंडवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2017-18 में आयोजित प्रदर्शनों के आदान सामग्री के देयक विकासखण्डों से प्राप्त नहीं होने के कारण कृषकों को अनुदान का लाभ नहीं दिया गया है। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों को सौंपे गए दायित्त्वों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
78. ( क्र. 2301 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत कृषि विकास विभाग में सहायक संचालक एवं अनुविभागीय अधिकारी कृषि, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी तथा फार्म मैनेजर के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? पदवार रिक्त एवं भरे पदों की जानकारी देवें? (ख) क्या सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी ओ.पी. तिवारी को अपने कार्य के अतिरिक्त और कहाँ-कहाँ का प्रभार सौंपा गया है? उक्त प्रभार किसके आदेश से सौंपा गया है? विवरण सहित बताएं। (ग) उक्त सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा अपने प्रभार कार्य से कब-कब दौरा किया गया, क्या टूर डायरी कलेक्टर सतना/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना से अनुमोदन कराई गई है? इनके अतिरिक्त प्रभार प्राप्त करने के दिनांक से आज दिनांक तक वर्षवार जानकारी देवें? (घ) क्या उक्त सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी सतना को उपसंचालक कृषि आहरण/संवितरण का भी अधिकार दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या उपसंचालक कृषि सतना में कोई अन्य राजपत्रित अधिकारी पदस्थ नहीं हैं? यदि हैं तो इन्हें आहरण संवितरण का अधिकार क्यों दिया गया? क्या रबी वर्ष 2017-18 में शासकीय कृषि प्रक्षेत्र गहवरा/ म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम रेवरा सतना में उपलब्ध प्रमाणित बीज का समितियों/ संस्थाओं द्वारा बीज का उपयोग न कर जिले के बाहर की संस्थाओं से बीज क्रय कर कमीशन के रूप में राशि वसूली गई है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरुद्ध की गई कार्यवाही का विवरण देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सतना जिले में विभाग अंतर्गत कृषि विकास विभाग में सहायक संचालक एवं अनुविभागीय अधिकारी कृषि, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी तथा फार्म मैनेजर के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्री ओ.पी. तिवारी, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी सतना को उनके कार्य के साथ-साथ कार्यालय उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सतना में सहायक संचालक कृषि (स्था/लेखा) एवं अनुविभागीय कृषि अधिकारी नागौद का अतिरिक्त प्रभार उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सतना के आदेश द्वारा सौंपा गया है एवं सहायक संचालक कृषि प्रक्षेत्र गहवरा का अतिरिक्त प्रभार संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास रीवा संभाग रीवा के अनुमोदन अनुरूप सौंपा गया है। (ग) सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी सतना द्वारा अपने प्रभार कार्य से समय-समय पर नियमानुसार दौरा किया जाकर कार्य संपादित किया गया है। संबंधित अधिकारी वर्ग-02 के अंतर्गत है। वर्ग-02 स्तर के अधिकारी के दौरा डायरी का अनुमोदन कलेक्टर सतना एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना के स्तर पर नहीं किया जाता है। (घ) जी हाँ, जिले में वर्ष 2015-16 में राजपत्रित अधिकारी वर्ग-02 के अधिकांश पद रिक्त थे, उप संचालक कार्यालय में संचालक संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास का पद रिक्त था, ऐसी स्थिति में सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी सतना को उनके कार्य के साथ-साथ कार्यालय उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सतना में सहायक संचालक कृषि (स्था./लेखा) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। रबी वर्ष 2017-18 में शासकीय प्रक्षेत्र गहवरा में उपलब्ध समस्त आधार एवं प्रमाणित बीज का उपयोग योजनाओं में कर लिया गया है। विभागीय योजनाओं में प्रक्षेत्र गहवरा का उपलब्ध 340.50 क्विं. विभिन्न बीजों का उपयोग किया गया है। म.प्र. राज्य बीज एवं प्रक्षेत्र निगम का उपलब्ध बीज मात्रा 19297.40 क्वि. में से 4826 क्विं. नगद विक्रय केन्द्र से एवं शासकीय सेवा सहकारी समितियों से 6646 क्वि. विभिन्न फसलों का बीज वितरण हेतु भण्डारित कराया गया है। विभागीय योजनाओं में 800 क्विं. बीज का उपयोग किया गया है। शेष बीज का विक्रय बीज निगम द्वारा विकासखण्ड स्तर पर संचालित नगद बीज विक्रय केन्द्र से वितरण जारी है। उपलब्ध बीज में से असिंचित एवं अर्द्धसिंचित किस्मों का उठाव सूखा को दृष्टिगत रखते हुये किसानों की मांग के अनुरूप किया गया है। जिले के बाहर की बीज संघ की सहकारी समितियों से कम पानी चाहने वाली किस्मों को वरीयता दी गई है। वहीं स्थानीय बीज संघ की बीज उत्पादन समितियो से भी उपलब्धता के आधार पर पर्याप्त बीज योजनाओं में भण्डारित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
प्रगतिरत कार्यों की पूर्णता
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 2304 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुए हैं? स्वीकृत कार्यों की अनुबंध अनुसार कार्य पूर्णता दिनांक क्या थी? कृपया कार्यवार पूर्णता अवधि, लागत, ठेकेदार आदि का विवरण दर्शाते हुए सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य निर्धारित समयावधि निकल जाने पर भी पूर्ण नहीं हुए हैं? विलंब के लिये जवाबदारों पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवार पूर्ण विवरण देवें। (ग) क्या ठिकरिया से दावतपुर मार्ग निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि निकल जाने पर भी पूर्ण नहीं हुआ हैं? यदि हाँ, तो संबंधित ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्य शीघ्र पूर्ण कराने हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 691 दिनांक 05.08.17 द्वारा उक्त मार्ग निर्माण कार्य की जाँच हेतु वरिष्ठ अधिकारियों से अनुरोध किया था? तत्संबंध में क्या कार्यवाही की गई पत्र के प्रति उत्तर में कोई पत्र लिखा हो तो उसकी प्रति कृपया उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सड़क कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार एवं भवन कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1', 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ। ठेकेदार का पंजीयन काली सूची में इंद्राज करने हेतु सूचना पत्र जारी किया गया है। कार्य का अनुबंध निरस्त कर दिया गया है। (घ) जी हाँ। पुन: निविदा आमंत्रण कर एजेन्सी तय करने की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। पत्र क्रमांक 691 दिनांक 05.08.2017 में जाँच हेतु नहीं अपितु ठेकेदार को एक माह का अतिरिक्त समय प्रदान करने हेतु लेखित था। तदानुसार ठेकेदार को समय भी प्रदान किया गया, किन्तु ठेकेदार द्वारा कार्य न करने के कारण अनुबंध दिनांक 22.11.2017 समाप्त कर एजेन्सी को ब्लेक लिस्ट करने हेतु नोटिस जारी किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि करना
[सहकारिता]
80. ( क्र. 2305 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर एवं शाजापुर अंतर्गत सहकारी साख संस्थाओं में कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) क्या संस्था की आमदानी अनुसार कर्मचारियों के मानदेय/वेतन में वृद्धि की जाती हैं? यदि हाँ, तो विगत 02 वर्षों में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन श्रेणी के कर्मचारियों के मानदेय/ वेतन में वृद्धि की गई हैं? (ग) क्या शासन स्तर पर सहकारी साख संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों के मानदेय/वेतन वृद्धि पर विचार किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलित है? यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से कर्मचारियों के अल्प मानदेय/वेतन की स्थिति पर गंभीरतापूर्वक निर्णय लेकर मानदेय/वेतन वृद्धि की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 840 (ख) जी हाँ। सभी श्रेणी के कर्मचारियों के मानदेय/वेतन में वृद्धि की गई है। (ग) जी नहीं। समय-समय पर संस्थाओं के कर्मचारी सेवानियम में संशोधन कर वृद्धि की जाती है। वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
कृषि मंत्री द्वारा सदन में की गई घोषणा का पालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
81. ( क्र. 2315 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय कृषि मंत्री महोदय द्वारा दिनांक 20 जुलाई 2017 व 25 जुलाई 2017 को सदन में घोषणा की थी कि नरसिंहगढ़ में मसूर खरीदी केन्द्र खोला जावेगा? (ख) यदि हाँ, तो नरसिंहगढ़ में किस दिनांक को मसूर खरीदी केन्द्र खोला गया? केन्द्र खोलने की दिनांक से खरीदी की अंतिम दिनांक तक किन-किन ग्रामों के लिये कितने किसानों से कितनी-कितनी मसूर खरीदी गई? मसूर का कुल वजन सहित जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सदन के कार्यवाही विवरण अनुसार नरसिंहगढ़ में मसूर खरीदी केन्द्र खोले जाने का उल्लेख नहीं है। (ख) उत्तरांश 'क' के अनुसार प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
सेवायुक्तों का सहकारी बैक में संविलियन
[सहकारिता]
82. ( क्र. 2316 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश राज्य/जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के सेवायुक्तों के सहकारी बैंकों/सहकारी सोसायटियों में संविलियन के आदेश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या राजगढ़ जिले की जिला सहकारी एवं कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के कितने सेवायुक्तों का संविलियन कर दिया गया है? अगर संविलियन नहीं किया गया तो क्यों नहीं? संविलियन कब तक कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., राजगढ़ में पद रिक्त न होने, कर्मचारियों के पात्र न होने एवं संविलियन होने पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., राजगढ़ का वित्तीय हित प्रभावित होने के कारणों का उल्लेख करते हुए जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., राजगढ़ द्वारा असहमति व्यक्त करने के कारण। संविलियन योजना दिनांक 30.06.2017 को समाप्त हो चुकी है। वर्तमान में कोई योजना नहीं है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियमित शाखा प्रबंधक की पदस्थी
[सहकारिता]
83. ( क्र. 2321 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहाकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट के अन्तर्गत कुल कितनी शाखाएं संचालित हैं? क्या सभी शाखाओं में नियमित शाखा प्रबंधक पदस्थ हैं? (ख) जिन शाखाओं में नियमित शाखा प्रबंधक नहीं हैं, उन शाखाओं में पदस्थ प्रभारी शाखा प्रबंधक को क्या बैंक में संधारित वरीयता सूची के अनुसार प्रभार दिया गया है? नियमावली उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन उन प्रभारी शाखा प्रबंधक को पदोन्नत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 19। जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, बैंक कर्मचारी सेवानियम के प्रावधानों के अंतर्गत। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग की योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
84. ( क्र.
2330 ) डॉ.
मोहन यादव :
क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी
एवं खाद्य
प्रसंस्करण
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि (क) उज्जैन
दक्षिण
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत उद्यानिकी
एवं खाद्य
प्रसंस्करण
विभाग की
कौन-कौन सी
योजनाएं
प्रचलित हैं? (ख) विभाग
द्वारा
प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना
(पी.एम.के.एस.वाय.)
एवं माइक्रो
इरिगेशन तथा
नेट हाऊस, पेक
हाऊस एवं अन्य
कृषक अनुदान
योजनाओं की
वर्ष जनवरी 2016 से
नवम्बर 2017 तक के
समस्त
हितग्राहियों
की सूची तथा
उन्हें
भुगतान की गई
राशि का सम्पूर्ण
विवरण तथा
आर.टी.जी.एस.
एवं डी.डी.
होने की
स्थिति में
दिनांक सहित
सम्पूर्ण
विवरणमय दस्तावेज
प्रदान करें? (ग) उपरोक्त
योजनाओं के
लाभार्थी
हितग्राहियों
व्यक्ति/संस्था/कम्पनियों
का सम्पूर्ण
विवरण तथा
कृषकों
द्वारा जमा
किए कृषक अंश, कृषक
संतुष्टि
प्रमाण पत्र
एवं भौतिक सत्यापन
रिपोर्ट की
पृथक-पृथक
जानकारी
प्रदान करें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी
एवं खाद्य
प्रसंस्करण (
श्री सूर्यप्रकाश
मीना ) : (क) जानकारी
का विवरण निम्नानुसार
है :-
क्र. |
नाम योजना |
1 |
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना |
2 |
योज्य पोषित योजना |
3 |
राज्य उद्यानिकी मिशन योजना |
4 |
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना |
5 |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना |
6 |
खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए विशिष्ट वित्तीय सहायताएं |
7 |
नश्वर उत्पादों की भण्डारण क्षमता में वृद्धि की विशेष योजना |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं 'द' अनुसार है।
खाद्य बीज एवं कीटनाशक दवाइयों की नमूना जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 2331 ) डॉ. मोहन यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 (अक्टूबर 2017 तक) में विभागीय अधिकारियों के द्वारा उर्वरक, बीज एवं एवं कीटनाशक दवाइयों के कितने नमूने जाँच कराये गये, उनमें से किन-किन दुकानों के कितने नमूने अमानक श्रेणी के पाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी दुकानों के लायसेंस निरस्त हुए एवं कितने व्यापारियों एवं दुकानों, प्रतिष्ठानों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी? (ग) वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 (अक्टूबर 2017 तक) में उज्जैन जिले में कितने विक्रेताओं को उर्वरक विक्रय हेतु नवीन लायसेंस जारी किये गये हैं? (घ) उर्वरकों के नवीन लायसेंस जारी किये जाने संबंधी नियमावली में कोई संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 (अक्टूबर 2017 तक) में उर्वरक के 719 नमूने, बीज के 576 नमूने एवं कीटनाशक दवाइयों के 165 नमूने जाँच कराये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। आदानों के अमानक पाये गये नमूनों की संख्या की दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 (अक्टूबर 2017 तक) में 116 अमानक पाये गये आदानों के नमूनों के व्यापारियों एवं दुकानों के विरूद्ध कार्यवाही की गई। इनमें से 14 दुकानों के लायसेंस निरस्त किये गये। (ग) उज्जैन जिले में वर्ष 2015-16 में 119 वर्ष 2016-17 में 23 एवं वर्ष 2017-18 (अक्टूबर 2017 तक) में 30 नवीन प्राधिकार पत्र उर्वरक विक्रय हेतु जारी किये गये। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 2342 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 29.08.2017 में 07 सड़कों के मरम्मतीकरण की मांग पर माननीय मंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा मुख्य अभियंता रीवा को परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही हेतु अवगत कराने हेतु लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग रीवा द्वारा पत्र कार्यपालन यंत्री/अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग को पालन में पत्र लिखा गया? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक क्या परीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो परीक्षण की टीप उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के प्रकाश में परीक्षण किया गया तो आवश्यक कार्यवाही के निर्देश पर क्या किया गया? प्रश्न दिनांक की स्थिति तक अवगत करावें। नहीं किया गया तो कब तक किया जावेगा? नहीं किया जावेगा तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बॉंध (तालाब) की साध्यता का परीक्षण
[जल संसाधन]
87. ( क्र. 2343 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 627 उत्तर दिनांक 17 जुलाई 2017 के प्रश्नांश (क) के पूछा गया था कि विधान सभा क्षेत्र मऊगंज अंतर्गत ग्राम ब्रम्हागढ़ में सगराबांध (तालाब) ग्राम अतरैला रेहड़ा में तालाब, ग्राम लासा में लासा तालाब, के सर्वेक्षण निर्माण हेतु पत्राचार एवं ध्यानाकर्षण सूचना द्वारा शासन प्रशासन का सिंचाई एवं जल स्तर बढ़ाने की ओर लेख पर प्राप्त उत्तर में साध्यता का परीक्षण मैदानी स्तर पर प्रक्रियाधीन है? परीक्षण उपरांत प्रश्नकर्ता को अवगत कराया जावेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के ही प्रकाश में गोपला तालाब का डी.पी.आर. तैयार किये जाने का आदेश जारी कर दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो (क) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक किये गए परीक्षण एवं साध्यता से अवगत करावें एवं प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में डी.पी.आर. एवं निर्माण की प्रक्रिया तैयार कर ली गई है? यदि हाँ, तो विवरण की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कब तक कर लिया जावेगा? (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र मऊगंज 71 के तहसील हनुमना के ग्राम बामनगढ़ में चगदहई बांध (तालाब) निर्माण हेतु उपयुक्त स्थल है जहां पूर्व में मेंढ़ बंधान का कार्य कराया जा चुका है? उसका सर्वेक्षण कर साध्यता कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश-''क'' के परिप्रेक्ष्य में उल्लेखित योजनाओं की साध्यता हेतु कार्यपालन यंत्री द्वारा स्थल निरीक्षण किया जा चुका है। जल मात्रा की आमद एवं उसके भण्डारण हेतु उपलब्ध बेसिन की उपयुक्तता की गणना की जा रही है। प्रश्नांश-''ख'' के परिप्रेक्ष्य में गोपला तालाब का डी.पी.आर. तैयार कर दिनांक 31.12.2017 तक प्रमुख अभियंता को प्रेषित किए जाने के उपरांत मा. विधायक जी को अवगत कराया जाना प्रतिवेदित है। (घ) मुख्य अभियंता द्वारा चकदेही बांध के साध्यता परीक्षण के निर्देश कार्यपालन यंत्री को दिये गये हैं। साध्यता प्रदान नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
कन्या परिसर की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 2357 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के गंधवानी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत गंधवानी में कन्या परिसर की प्रशासकीय स्वीकृति एवं वर्क आर्डर कब किये गये थे? प्रशासकीय स्वीकृति एवं वर्क ऑर्डर की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार धार जिले के कन्या परिसर के टेंडर कॉल कितनी जगह किये गये थे और कितनी जगह टेंडर स्वीकृत किये गए एवं वर्तमान में कहाँ-कहाँ कार्य प्रारंभ हो चुके हैं? टेंडर की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) गंधवानी में कन्या परिसर के लिये टाउन एंड कंट्री से अप्रूवल लिया गया कि नहीं तथा कन्या परिसर निर्माण हेतु कितनी भूमि प्राप्त हुई एवं सुरक्षा की दृष्टि से इस एरिया को कितनी जगह बाउण्ड्रीवॉल से बंद किया जाएगा? अप्रूवल की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं कार्यादेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) धार जिले में 06 स्थानों धार, तिरला, धरमपुरी (धामनोद) गंधवानी, डही एवं बाग में कन्या शिक्षा परिसर निर्माण हेतु टेण्डर स्वीकृत किये गये है। इन सभी स्थानों पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। टेण्डर स्वीकृति की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
खरीदी केन्द्रों में भण्डारण क्षमता का निर्माण
[सहकारिता]
89. ( क्र. 2367 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कितने खरीदी केन्द्र संचालित हैं, तहसील गुढ़ के द्ववारी, बदवार सहित अन्य खरीदी केन्द्रों में अनाज के रख-रखाव सुरक्षा हेतु भवन/टीन सेट के निर्माण के साथ फर्श निर्माण बाबत् क्या केन्द्रों को राशि जारी की गई यदि हाँ, तो कब-कब? अगर राशि नहीं जारी की गयी तो इस हेतु शासन की क्या योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के खरीदी केन्द्रों के भवन/टीन शेड व फर्श नहीं होने के कारण जो अनाज जमीन में गिरकर धूल एवं कंकड में मिलकर नष्ट हो जाते हैं, इसी तरह भवन/टीन सेट न होने से शासन एवं किसान दोनों के अनाज का नुकसान हो रहा है इसके लिए कौन जबावदार है? (ग) प्रश्नांश (क) के खरीदी केन्द्रों के अनाज तौलाई एवं बोरी सिलाई व्यय हेतु प्रासंगिक मद शासन द्वारा उपलब्ध कराया जाता है? अगर हां, तो रीवा जिले में वर्ष 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितनी-कितनी राशि किन-किन केन्द्रों को प्रदान की गई? प्राप्त राशि एवं व्यय राशि का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के खरीदी केन्द्रों पर प्रश्नांश (ख) अनुसार भवन/टीन शेड एवं फर्श न होने से किसानों/शासन के अनाज की हो रही नुकसान से बचाने हेतु क्या गोदाम भवन/टीन शेड/फर्श निर्माण हेतु राशि जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? प्रश्नांश (ग) अनुसार राशि का दुरूपयोग संबंधितों द्वारा कर राशि का अपव्यय किया गया तो इस पर क्या कार्यवाही करेंगे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) रीवा जिले में धान के 60 एवं गेहूं के 69 खरीदी केंद्र संचालित हैं। तहसील गुढ़ अंतर्गत 3 धान खरीदी केंद्र - गुढ़, बदवार, दुआरी एवं 4 गेहूं खरीदी केंद्र - गुढ़, बदवार, मेहसांव, पड़रिया संचालित हैं, समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु खरीदी केंद्रों को अनाज के रख-रखाव सुरक्षा हेतु भवन/टीन शेड, फर्श निर्माण के लिये राशि देने का प्रावधान नहीं है इस हेतु शासन की कोई योजना नहीं है अपितु एकीकृत सहकारी विकास परियोजना अंतर्गत समिति गुढ़ को 200 मे.टन गोदाम हेतु दिनांक 08.07.2013 को 8.00 लाख रूपये, 500 मे.टन गोदाम हेतु दिनांक 06.08.2014 को 17.50 लाख रूपये, समिति दुआरी को 200 मे.टन गोदाम हेतु दिनांक 26.06.2013 को 8.00 लाख रूपये, समिति बदवार को 200 मे.टन गोदाम हेतु 8.00 लाख रूपये एवं 500 मे.टन हेतु दिनांक 08.04.2015 को 17.50 लाख रूपये स्वीकृत किये गये हैं। (ख) उपार्जन के दौरान अनाज का नुकसान न हो इस हेतु त्रिपाल आदि की व्यवस्था उपार्जन समिति द्वारा की जाती है, खरीदी के दौरान जमीन पर त्रिपाल बिछाकर खरीदी करने से अनाज का नुकसान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' अनुसार, प्रासंगिक व्यय हेतु प्राप्त राशि से अधिक व्यय की गई राशि का परीक्षण कराया जाकर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
सिंचाई नहरों का पक्कीकरण
[जल संसाधन]
90. ( क्र. 2383 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के अंतर्गत बकिया बांध, कोड़ार बांध, बरचर बांध एवं सेहरा एनीकट के सिंचाई नहर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्षतिग्रस्त नहरों का पक्कीकरण किये जाने हेतु क्या शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो उसकी स्वीकृति कब तक दी जाकर निर्माण कार्य पूर्ण करा दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि प्रस्ताव नहीं है तो क्या शीघ्र प्रस्ताव मंगाकर नहरों का पक्कीकरण कराने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि योजना नहीं है तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। नहरें 26 वर्ष पुरानी है इस कारण अनेक स्थानों पर मिट्टी कार्य पुल-पुलियों का कार्य आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है। अत: रबी सिंचाई के दौरान तात्कालिक व्यवस्था बनाते हुए कृषकों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जाता है। (ख) जी नहीं। अत: स्वीकृति तथा निर्माण कार्य की समयावधि बतलाया जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) बकिया बांध तथा कोलार बांध की नहरों के पक्कीकरण आर.आर.आर. मद में तथा बरचर बांध की नहरों का प्रस्ताव ई.आर.एम. मद में डी.पी.आर. अधीक्षण यंत्री द्वारा तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। सेहरा एनिकट की सिंचाई नहरों का प्रस्ताव विशेष मरम्मत मद के अंतर्गत कार्य पालन यंत्री द्वारा तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। प्रस्ताव शासन स्तर पर प्राप्त होने के उपरांत कार्यवाही की जावेगी, समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
क्षतिगस्त सड़क मार्ग
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 2384 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग के द्वारा निर्मित सड़क धुपखड़ से दुआरी मार्ग एवं तिलवारी-जनकपुर मार्ग के शेष भाग तिलवारी से पथरौला मार्ग वर्तमान में पूरी तरह क्षतिगस्त हो चुके हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्षतिग्रस्त मार्गों के निर्माण/मरम्मत का कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (ग) क्या सीधी जिले के अंतर्गत खाम्ह घाटी से पथरौला गिजवार-टिकरी तक का मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्षतिग्रस्त मार्गों के निर्माण हेतु काई प्रस्ताव प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत कराकर निर्माण कार्य पूर्ण करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, मार्ग में पेंच निर्मित हुए है। (ख) मरम्मत का कार्य प्रगति पर है एवं दिनांक 15.12.2017 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। (ग) जी नहीं, मार्ग को मोटरेबल बना दिया गया है। (घ) जी हाँ। विभाग में उपलब्ध सीमित संसाधन के अनुरूप प्राथमिकता क्रम में स्वीकृति की कार्यवाही संभव होगी।
कर्मचारियों को 7वां वेतनमान का लाभ
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
92. ( क्र. 2389 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन की अधिसूचना अंतर्गत प्रदेश में पुनरीक्षण नियम 2017 (7वां वेतनमान) गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग के अधीन कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को प्रदान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किन अधीनस्थ संस्थाओं द्वारा प्रदान कर दिया गया है? किन-किन संस्थाओं द्वारा प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से प्रदान नहीं किया गया है? (ख) क्या उक्त 7वें वेतनमान का लाभ कार्यभारित एवं आकस्मिक सेवा निधि के कर्मचारियों को भी दिया गया है? यदि हाँ, तो कितनों को दिया गया? कितनों को किस कारण से नहीं दिया गया/नहीं दिया जा रहा है? तथ्यात्मक जानकारी नियमयुक्त/विधियुक्त प्रत्याशा में बतावें। (ग) क्या जिन कार्यभारित कर्मचारियों को 7वें वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है/नहीं दिया जा रहा है, उन वंचित पात्र कर्मचारियों को एक विभागीय कतिपय विवादास्पद अधिकारियों के दबाव में एक सोची-समझी रणनीति के अधीन जानबूझकर शासन की छवि धूमिल करने हेतु नहीं दिया जा रहा है? (घ) क्या शासन/विभाग अनावश्यक रूप से 7वें वेतनमान मिलने से वंचित पात्र कर्मचारियों को भी 7वें वेतनमान का लाभ प्रदान करते हुए शासन की जानबूझकर छवि धूमिल करने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। संचालनालय व अन्य ईकाइयों कि जानकारी निम्नानुसार हैं :-01.संचालनालय गैस राहत एवं पुनर्वास कार्यालय के 20 कर्मचारियों में से तृतीय श्रेणी के 6 तदर्थ एवं चतुर्थ श्रेणी के 01 कार्यभारित श्रेणी के कर्मचारियों को 7वां वेतनमान देने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। 02.कलेक्टर, गैस राहत में पदस्थ 40 कर्मचारियों में से 02 कर्मचारियों की वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाने के कारण एवं 01 कर्मचारी को प्रथम समयमान वेतनमान में संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन द्वारा आपत्ति लेने से संबंधित कर्मचारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में यचिका प्रस्तुत की जाने व न्यायालय का स्थगन होने से 7वां वेतनमान प्रदान नहीं किया जा सका है। 03. गैस राहत के चिकित्सा इकाइयों के अंतर्गत इंदिरा गॉधी महिला एवं बाल्य चिकित्सालय, गैस राहत भोपाल के तृतीय श्रेणी के 89 कर्मचारियों में से 87 कर्मचारियों तथा चतुर्थ श्रेणी के 96 कर्मचारियों में से 94 कर्मचारियों को 7वां वेतनमान का लाभ दिया गया है। शेष कार्यालय/चिकित्सालयों में कर्मचारियों को 7वां वेतनमान का लाभ दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) 01.संचालनालय गैस राहत एवं पुनर्वास कार्यालय में कार्यभारित एवं आकास्मिता सेवा निधि में नियुक्त 13 कर्मचारियों में से मात्र 12 कर्मचारियों को 7वां वेतनमान प्रदान कर दिया गया है। शेष 01 कर्मचारी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। 02.कलेक्टर,गैस राहत में पदस्थ 32 कार्यभारित एवं आकस्मिकता सेवा निधि के कर्मचारियों में से 30 कर्मचारियों को 7वां वेतनमान प्रदान कर दिया गया है। शेष 02 कर्मचारियों की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। 03. गैस राहत के चिकित्सा इकाइयों के अंतर्गत इंदिरा गॉधी महिला एवं बाल्य चिकित्सालय, गैस राहत भोपाल में 14 कार्यभारित एवं आकस्मिकता सेवा निधि के कर्मचारियों में से 13 कर्मचारियों को 7वां वेतनमान का लाभ दे दिया गया है। शेष 01 की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। शेष स्थिति उत्तरांश (क) में स्पष्ट हैं। (ग) उत्तरांश (क) व (ख) में स्पष्ट किया गया है, शेष के संबंध में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता (घ) उत्तरांश (क) व (ख) में स्पष्ट किया गया है, शेष के संबंध में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
अनियमितता के संबंध में की गई शिकायत पर कार्यवाही
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
93. ( क्र. 2390 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 22-02-2017 के प्रश्न क्र. 230 एवं दि. 02-03-17 के प्रश्न क्रमांक 3170 के उत्तर के संदर्भ में बताएं कि शिकायतों पर संचालक गैस राहत एवं पुनर्वास को प्राप्त जाँच प्रतिवेदन पर संचालक द्वारा क्या निर्णय लिया गया? यदि नहीं, तो क्या विभागाध्यक्ष द्वारा जानबूझकर आधा-अधूरा प्राप्त कतिपय जाँच प्रतिवेदन पर अपना अभिमत/निर्णय/कार्यवाही नहीं देकर दोषियों को बचाया जा रहा है? (ख) क्या शिकायतकर्ता द्वारा प्राप्त कतिपय जाँच प्रतिवेदन एवं प्रश्नों का उत्तर/असत्य/गुमराह दिये जाने के संबंध में दिनांक 12-06-2017 को पुन: दस्तावेजी साक्ष्यों के अधीन शिकायत शपथ पत्र सहित करते हुए विभागीय मंत्री/प्रमुख सचिव/संचालक को स्पीड पोस्ट सेवा के माध्यम से अवगत कराया गया है? प्राप्त शिकायतों को बिन्दुवार बताते हुए उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन/विभाग की शिकायतों, शपथ पत्र एवं विधान सभा प्रश्नों के माध्यम से शासन का इस भ्रष्टाचार की ओर ध्यान आकर्षित करने की गंभीरता को देखते हुए प्रश्नांशों का उत्तर विभागाध्यक्ष कतिपय जाँच प्रतिवेदन पर प्राप्त शिकायत पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) श्री एम.वाय.खॉन द्वारा की गई शिकायत की जाँच हेतु इस कार्यालय के पत्र क्रमांक 3728 दिनांक 01.09.2016 को बिन्दुवार तथ्यात्मक स्थिति संचालक, कमला नेहरू चिकित्सालय से चाही गयी थी। संचालक, कमला नेहरू चिकित्सालय ने उनके पत्र क्रमांक 365 दिनांक 09.02.2017 द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के पत्र के साथ सभी गैस राहत चिकित्सा इकाइयों के अधिक्षकों से जानकारी मंगाकर, शिकायतकर्ता के शिकायती पत्र का परीक्षण कर यह पाया गया कि अनुबंधकर्ता अधिकारी तथा निजी एजेन्सी के मध्य प्रतिपादित अनुबंध का पालन किया जा रहा है। अत:शिकायत निराधार है। उपलब्ध प्रतिवेदन के आधार पर ही विधानसभा के पूर्व के प्रश्नों का उत्तर प्रेषित किया गया था। अत: दोषियों को बचाए जाने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ख) श्री एम.वाय.खॉन की शिकायत विभिन्न स्तर से प्राप्त हुई है। उक्त शिकायत के परीक्षण एवं जाँच के लिये संचालक, गैस राहत एवं पुनर्वास भोपाल से प्राप्त अनुमोदन दिनांक 07.07.2017 के अनुक्रम में संचालक, कमला नेहरू चिकित्सालय गैस राहत भोपाल की अध्यक्षता में दस सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। उक्त समिति की दिनांक 21.11.2017 तक 06 बैठकें आयोजित हो चुकी है। समिति की अनुशंसा पर शिकायतकर्ता से तीन बार लिखित पत्र भेज कर शिकायत में उदभूत 10 बिन्दुओं के साक्ष्य प्रस्तुत करने का अनुरोध संचालक कमला नेहरू चिकित्सालय, गैस राहत द्वारा समय-समय पर किया गया लेकिन आज दिनांक तक शिकायतकर्ता द्वारा वर्णित बिन्दुओं पर आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया हैं। अंततः समिति द्वारा जाँच प्रतिवेदन को अंतिम रूप देने के पूर्व शिकायतकर्ता को एक और अंतिम अवसर देकर दिनांक 18.07.2017 के पत्र में उल्लेखित 01 से 10 बिन्दुओं पर साक्ष्य प्रस्तुत करने हेतु दिनांक 22.11.2017 को संचालक, कमला नेहरू चिकित्सालय द्वारा पुन: पत्र जारी किया जा कर आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत करने हेतु 05.12.2017 तक समय दिया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शिकायतों का परीक्षण की कार्यवाही समिति द्वारा किया जा रहा है। परीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
स्वीकृत मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 2398 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कन्नौद खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अतंर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कौन-कौन से मार्गों के निर्माण हेतु स्वीकृति प्राप्त हुई है एवं कहाँ से कहाँ तक नाम बतावें? (ख) अगर वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में रोड निर्माण कार्य की स्वीकृति प्राप्त हुई है तो रोड निर्माण का कार्य कहाँ-कहाँ पूर्ण हो गया है? नाम बतावें। (ग) विभाग द्वारा मार्ग निर्माण हेतु किस-किस मार्ग हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? मार्गवार राशि बतावें। (घ) विभाग द्वारा उक्त मार्गों का निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने की समयावधि क्या थी अथवा क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
जनसंपर्क विभाग को आवंटित एवं व्यय राशि
[जनसंपर्क]
95. ( क्र. 2402 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक जनसंपर्क विभाग को कितनी राशि का बजट आवंटित किया गया है? (ख) प्राप्त बजट के विरुद्ध कितनी-कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना के प्रचार-प्रसार पर व्यय कर किस-किस को कितना-कितना भुगतान किया गया है? (ग) मुख्यमंत्री भावांतर योजना एवं म.प्र. स्थापना दिवस समारोह का प्रचार-प्रसार किस-किस माध्यम से कराया जाकर किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राशि रूपये 300 करोड़ (ख) विभाग द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं का समन्वित प्रचार-प्रसार किया जाता है। विज्ञापन एवं प्रचार प्रिंट मीडिया में राशि रूपये 56,94,85,693/-, इलेक्ट्रानिक मीडिया में राशि रूपये 23,98,93,055/-, विशेष अवसरों पर प्रचार में राशि रूपये 9,15,87,774 और प्रकाशन में राशि रूपये 2,62,12,275/- का प्रचार कार्य किया गया। भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) मुख्यमंत्री भावांतर योजना में प्रिंट मीडिया में राशि रूपये 2.31 करोड़ और इलेक्ट्रानिक मीडिया में राशि रूपये 60 लाख का विज्ञापन जारी किया गया। इसके अतिरिक्त मुद्रित सामग्री एवं होर्डिंग्स द्वारा भी प्रचार-प्रसार किया गया। इसी प्रकार स्थापना दिवसर पर प्रिंट मीडिया में राशि रूपये 76 लाख के विज्ञापन जारी किये गये। भुगतान की प्रक्रिया प्रचलन में है।
प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को प्राप्त राशि
[सहकारिता]
96. ( क्र. 2403 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में सभी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के अंतर्गत आने वाली प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को वर्ष 2005-06 या उनके बाद वैद्यनाथन पैकेज (योजना) के तहत कुल कितनी राशि केंद्र शासन/नाबार्ड से प्राप्त हुई? बैंकवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित राशि केंद्र शासन/नाबार्ड से एकमुश्त प्राप्त हुई? यदि नहीं, तो बैंकवार वर्षवार, समितियों को प्राप्त राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। क्या उक्त योजनान्तर्गत राशि का उपयोग योजना में दिये गये निर्देशानुसार ही किया गया है? (ग) समितियों को कुल कितनी राशि प्राप्त हुई? क्या यह राशि योजना के निर्देशानुसार मदों में जमा की गई? बैंकवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) यदि उक्त योजनान्तर्गत प्राप्त राशि अलग मदों में जमा खर्च की गयी है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) राशि रू. 9,85,09,53,292/-। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। बैंकवार वर्षवार एवं समितियों को प्राप्त राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ग) राशि रू. 9,85,09,53,292/-। जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वैद्यनाथन कमेटी की अनुशंसा के अंतर्गत प्राप्त राशि का उपयोग योजना में दिये गये निर्देशों के अनुसार किया गया है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी जिले में कृषकों को बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
97. ( क्र. 2407 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक खरीफ फसल सोयाबीन की राशि का कुल कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया गया है? तहसीलवार बतावें। (ख) प्रश्नांकित जिले में कितने बीमित किसानों को बीमा राशि का भुगतान किया जाना शेष है व इसके क्या कारण है? कब तक शेष रहे किसानों को बीमा राशि का भुगतान किया जावेगा? (ग) प्रश्नांकित जिले में बहुत से किसानों को बहुत कम बीमा राशि का भुगतान प्राप्त हुआ है, जिसकी शिकायत किसानों द्वारा शासन को की गई है, तो क्या इसकी जाँच कराई जाकर पुन: भुगतान की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांकित जिले में राजस्व विभाग के सर्वे में तहसीलवार क्षति के आंकलन का क्या आधार है तथा अनुपात में बीमा राशि का भुगतान किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) फसल कटाई के आंकड़ों के आधार पर बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार भुगतान किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) फसल कटाई प्रयोग के उत्पादन के आंकड़ों की औसत उपज के आधार पर क्षति का आंकलन किया जाता है एवं औसत पैदावार के आंकड़ों के आधार पर यदि थ्रेसहोल्ड उपज से वास्तविक उपज कम पाई जाती है तो क्षतिपूर्ति देय होती है अन्यथा नहीं।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के प्रस्ताव
[जल संसाधन]
98. ( क्र. 2410 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों के खेतों तक पानी की बूंद-बूंद को पहुँचाने की दृष्टि से ग्राम संसद के माध्यम से विषयांकित योजना के प्रस्ताव तैयार किये गये थे? यदि हाँ, तो जिलेवार प्रस्तावों की संख्यात्मक जानकारी तथा प्रस्तावित बजट की जानकारी दें। (ख) विषयांकित योजना के प्रस्तावों को क्या केन्द्र शासन को भेज दिया गया है? यदि हाँ, तो कब भेजा गया है? (ग) विषयांकित योजना के लिये भारत सरकार से कितना फण्ड प्राप्त हुआ है? प्रस्तावों पर कब तक क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) प्रेशराईज्ड़ पाईप पद्धति से कृषकों के खेत तक माईक्रो इरिगेशन की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान प्रदेश की सभी नवीन वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में किया जा रहा है। अद्यतन स्थिति में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत 8,98,927 हे. तथा नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत 4,11,355 हे. कुल 13,10,282 हे. सैच्य क्षेत्र की परियोजनाओं की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा दी गई है। परियोजनाओं की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत नईगढ़ी माईक्रो, रामनगर माईक्रो व जमुनिया माईक्रो परियोजनाओं के प्रस्ताव केन्द्रीय सहायता हेतु भारत-सरकार की ओर प्रेषित किए गये हैं। भारत सरकार से स्वीकृति अपेक्षित है। राज्य के संसाधनों से इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया गया है। शेष प्रश्नांश जल संसाधन विभाग से संबंधित नहीं है ।
परिशिष्ट - ''पचासी''
उमर नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 2413 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र नरसिंहपुर अंतर्गत ग्राम गरगटा से नयाखेड़ा के बीच उमर नदी पर पुल निर्माण की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी ने की थी उक्त घोषणानुसार क्या पुल स्वीकृत हो चुका है? यदि हाँ, तो कब तक टेन्डर लगाया जावेगा? (ख) यदि टेन्डर लग चुका है तो कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ हो जावेगा? (ग) पुल निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, दिनांक 21.09.2017 को निविदा आमंत्रित की गई। (ख) वर्तमान में निविदा परीक्षणाधीन है। निविदा स्वीकृति होने तक निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (ग) पुनरीक्षित स्वीकृति राशि रूपये 653.42 लाख।
उद्यानिकी फसलों का विकास
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
100. ( क्र. 2419 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा किन-किन ग्रामों में उद्यानिकी फसलों आदि के लिये किसानों को जागृत किया गया तथा किन-किन ग्रामों में कौन-कौन सी उद्यानिकी फसलें लगाई गई हैं? रकवावार, ग्रामवार बतावें। (ख) उद्यानिकी फसलों के विकास हेतु क्या कोई अनुदान के आधार पर भी फसलों के विकास की कोई योजना है? यदि हाँ, तो उन संचालित योजनाओं के परिप्रेक्ष्य में पन्ना जिले का तहसीलवार लक्ष्य तथा उपलब्धि बतावें? (ग) क्या पन्ना जिले में उद्यानिकी विभाग के कर्मचारियों द्वारा न तो कभी फील्ड प्रशिक्षण दिया जाता है और न ही फील्ड में किसानों से सम्पर्क किया जाता है जिससे किसान उन्हें पहचानते ही नहीं हैं और शासन की योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं हो पाता है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा जिले के समस्त ग्रामों का भ्रमण कर योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। तहसीलवार जानकारी संधारित नहीं की जाती अपितु विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभाग में अधिकारियों/कर्मचारियों की कमी है। जिले में 29 स्वीकृत पदों के विरूद्ध 14 ही पद भरे गये हैं, फिर भी विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर ग्रामों का भ्रमण कर यथासंभव योजना का प्रचार-प्रसार किया जाता है। योजनाओं की जानकारी से अवगत कराने हेतु विकासखण्ड स्तर पर मेला प्रदर्शनी आयोजित कर प्रचार-प्रचार से संबंधित सामग्री वितरित किये जाते हैं।
शासकीय आवास गृहों में मरम्मत/संधारण
[लोक निर्माण]
101. ( क्र. 2430 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तुलसी नगर स्थित एफ टाईफ शासकीय आवास गृहों के भीतरी व बाहरी भाग में मरम्मत/संधारण के कार्य कराए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कुल कितने आवासों में मरम्मत/संधारण कार्य होना शेष है? (ख) क्या उक्त सभी आवासों की बाहरी पुताई का कार्य भी कराया जाना है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने आवास शेष हैं, जिनमें बाहरी दीवारों की स्क्रेपिंग हो चुकी है और पुताई कार्य होना शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार शेष कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। तुलसी नगर स्थित एफ टाईप आवास गृहों में आवासी की मांग अनुसार आवासों में मरम्मत/संधारण कार्य निरंतर प्रक्रिया के अंतर्गत कराये जाते है। एफ टाईप के कुल 561 आवासों में से प्रश्न दिनांक तक 103 आवासों में मरम्मत/संधारण कार्य होना शेष है। (ख) जी नहीं, 408 आवासों की पुतायी कार्य पूर्ण 76 आवासों की बाहरी दीवारों की स्क्रेपिंग हो चुकी है। पुताई कार्य सतत् प्रक्रिया अंतर्गत कराये जा रहे है। 77 आवासों में पुताई कार्य शेष है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में शेष आवासों का संधारण एवं पुताई का कार्य सतत् प्रक्रिया अंतर्गत निर्धारित अनुबंधित अवधि वित्तीय वर्ष 2017-18 है जिसे दिसम्बर 2017 तक बढ़ाया जाना प्रस्तावित है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
102. ( क्र. 2444 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में वर्तमान में लो.नि. विभाग की कौन-कौन सी सड़कें निर्माणाधीन हैं? उक्त सड़के कब तक पूर्ण हो जायेगी? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में लो.नि.वि. द्वारा खुजनेर से गोमालपुरा, खुजनेर से पाडरमाखेडी, खुजनेर से बरवेड़, रसूलपुरा से सोनखेड़ा, चादूखेड़ा से रामपुरिया, रसूलपुरा से सोनखेड़ा, सवांसड़ा से गुना जिला, लिम्बौदा से खेड़ी विभाग द्वारा सड़क बनाया जाना प्रस्तावित है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त सड़कों का सर्वे कराया जाकर भेजा गया है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त सड़कों का निर्माण कब तक हो सकेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को अनुदान स्वीकृति
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
103. ( क्र. 2460 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी, रीवा, सतना जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक संरक्षित खेती योजनांतर्गत निर्मित पाली हाउस निर्माण हेतु विभाग को किन-किन हितग्राहियों के प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिलेवार, हितग्राहीवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रस्तावों में से किस-किस के प्रस्ताव किस आधार पर मंजूर किए गए? पृथक-पृथक विवरण दें। कटनी जिले में वर्ष 2016-17 में जिन हितग्राहियों के प्रकरण विभाग में अनुदान स्वीकृत किए जाने हेतु लंबित है उनके प्रस्ताव प्रश्न दिनांक तक क्यों लंबित हैं उनको अनुदान भुगतान क्यों नहीं किया गया? कब तक किया जावेगा? कृषक हितैषी महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन में हीला-हवाली करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सक्षम कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) क्या रीवा में संयुक्त संचालक उद्यानिकी जो वर्तमान मुख्यालय में पदस्थ हैं रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए थे, उन्हें विभाग में महत्वपूर्ण कार्य सौंपे गए है, जबकि सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के निर्देश हैं ऐसे लोगों को महत्वपूर्ण कार्य न दिया जावे। तो उनको महत्वपूर्ण प्रभार किस कारण से दिए गए हैं? क्या संबंधित के विरूद्ध लोकायुक्त द्वारा चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया? यदि हाँ, तो विभाग ने अब तक उन्हें निलंबित क्यों नहीं किया?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) स्वीकृत किये गये प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। कटनी जिले के वर्ष 2016-17 में स्वीकृत किये गये 05 प्रस्ताव में से 04 कृषकों को अनुदान भुगतान कर दिया गया है। सिर्फ एक कृषक द्वारा निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में न करने के कारण आशय पत्र निरस्त किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन के निर्देश ट्रेप प्रकरणों में आरोपी अधिकारी/कर्मचारी को अन्यत्र स्थानांतरित करने के हैं, जिसका पालन किया गया है, संबंधित के विरूद्ध लोकायुक्त द्वारा चालान प्रस्तुत नहीं किया गया है। अत: निलंबन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 2462 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत विगत 05 वर्षों में कितने रोड प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री रोड स्वीकृत हुए हैं? कितने पूर्ण एवं कितने अपूर्ण हैं? जो अपूर्ण रोड हैं जिनके अनुबंध की सीमा समाप्त हो गई है ऐसी कितनी सड़कें हैं? ऐसी अपूर्ण सड़कों के लिये दोषी ठेकेदार एवं अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? अगर नहीं की गई तो क्यों? (ख) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कर्ताना से टिमरनी मार्ग, पोखरनी से बगवाह मार्ग, मनियाखेड़ी से सोडलपुर मार्ग, सोहागपुर से पानतलाई मार्ग की वर्तमान स्थिति क्या है? उक्त मार्गों में से कौन से मार्ग पूर्ण है एवं कौन से अपूर्ण है। अपूर्ण कार्य को पूर्ण क्यों नहीं किया जा रहा है? कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा। अपूर्ण होने के क्या कारण है? (ग) कर्ताना से टिमरनी मार्ग पूर्ण करने की समय-सीमा क्या थी? यदि समय-सीमा समाप्त हो चुकी है तो ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के मार्गों का गुणवत्ता का ध्यान दिया गया है तथा गुणवत्ता की किन-किन सक्षम अधिकारी द्वारा जाँच की गई है? जाँच का विवरण उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सड़क योजना विभाग में प्रचलन में नहीं है। महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई हरदा से प्राप्त उत्तर अनुसार विगत 05 वर्षों में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री योजना अंतर्गत जो मार्ग स्वीकृत हुए है, कितने पूर्ण/अपूर्ण है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) अनुबंधानुसार 11.01.2018 तक है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। महाप्रबंधक मध्यप्रदेश ग्रामीण विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई हरदा से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। लो.नि.वि. अंतर्गत प्रश्नांश (ख) व (ग) के मार्गों की गुणवत्ता का ध्यान दिया गया है विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
नहरों का पक्कीकरण
[जल संसाधन]
105. ( क्र. 2463 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विगत 5 वर्षों में कितनी नहरों को पक्कीकरण की स्वीकृति प्रदाय की गई है? इनका कितनी लागत से निर्माण किया जायेगा? इनकी पूर्ण होने की समयावधि क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नहरों का कार्य कितना पूर्ण हो चुका है और कितना शेष है? निर्माण गुणवत्तापूर्ण है? यदि हाँ, तो किन-किन सक्षम अधिकारी द्वारा समय-समय पर जाँच की गई? जाँच की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) निर्माणाधीन नहरों के संबंध में गुणवत्ताविहीन को लेकर समय-समय पर अनेकों शिकायतें की गई है? इसकी जाँच उच्च स्तरीय जाँच दल का गठन करके जाँच कराने का कष्ट करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) हरदा जिले में विगत 05 वर्षों में 03 नहरों को पक्कीकरण की स्वीकृति प्रदाय की गई है। इनमें जल संसाधन संभाग हरदा अंतर्गत 02 नहरें (तवा बांयी तट मुख्य नहर तथा आमाखाल तालाब योजना की नहर प्रणाली) तथा हंडिया शाखा नहर संभाग टिमरनी अंतर्गत 01 नहर (हंडिया शाखा नहर) सम्मिलित है। तवा बांयी तट मुख्य नहर की आर.डी. 90.24 से 128.50 कि.मी. के मध्य नहर के पक्कीकरण (सीमेंट कांक्रीट लाईनिंग कार्य) की अनुबंधित राशि रू.7254.49 लाख है तथा कार्य पूर्ण करने की समयावधि 30 माह अर्थात दिनांक 27.01.2019 निर्धारित है। आमाखाल तालाब योजना की नहर प्रणाली का पक्कीकरण (सीमेंट कांक्रीट लाईनिंग कार्य) रू.113.01 लाख की लागत का माह जनवरी 2015 में पूर्ण हो चुका है। हंडिया शाखा नहर की आर.डी.-0 से 55.50 कि.मी. के मध्य नहर के पककीकरण (सीमेंट कांक्रीट लाईनिंग कार्य) की अनुबंधित राशि रू.8544.06 लाख है तथा कार्य पूर्ण करने की समयावधि 30 माह अर्थात दिनांक 28.01.2019 निर्धारित है। (ख) तवा बांयी तट मुख्य नहर की सीमेंट कांक्रीट लाईनिंग का कार्य कुल लंबाई 38.268 में से 38.070 कि.मी. पूर्ण हो चुका है तथा 0.198 कि.मी. शेष है। आमाखाल तालाब योजना की नहर प्रणाली की सीमेंट कांक्रीट लाईनिंग का कार्य कुल लंबाई 8.89 में से 8.89 कि.मी. पूर्ण हो चका है, कोई कार्य शेष नहीं है। हंडिया शाखा नहर की सीमेंट कांक्रीट लाईनिंग का कार्य 55.50 में से 40.758 कि.मी. पूर्ण हो चुका है तथा 14.742 कि.मी. शेष है। निर्माणाधीन/संपादित लाईनिंग कार्य की गुणवत्ता संबंधी जाँच हेतु विभाग द्वारा मुख्य अभियंता बोधी जल संसाधन विभाग भोपाल कार्यालय के अनुसंधान अधिकारी के मार्गदर्शन में अनुविभागीय अधिकारी अनुसंधान एवं गुणवत्ता नियंत्रण द्वारा की जाती है। संपादित सीमेंट कांक्रीट लाईनिंग निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्डानुसार एवं गुणवत्तापूर्ण है। गुणवत्ता परीक्षण परिणाम की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निर्माणाधीन नहरों के संबंध में गुणवत्ताहीनता को लेकर एक शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसकी जाँच मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग होशंगाबाद द्वारा दिनांक 23.07.2017 एवं 24.07.2017 को की जा चुकी है। जाँच प्रतिवेदन अनुसार कार्य गुणवत्तापूर्ण होने से अन्य जाँच दल गठित कर जाँच कराये जाने की आवश्यकता नहीं है।
सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
106. ( क्र. 2468 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शक्कर नदी पर ग्राम कल्याणपुर एवं रायपुर के बीच पुल बनकर तैयार है? उसे बने हुये कितना समय हो गया है? (ख) क्या उक्त पुल के दोनों तरफ सड़क निर्माण नहीं हुआ है? इसके क्या कारण है? (ग) क्या उक्त पुल के दोनों तरफ सड़क निर्माण कराकर जनता के आवागमन की सुविधा हेतु शीघ्र सड़क निर्माण कराया जायेगा? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। पुल को बने हुए लगभग 9 माह हो चुका है। (ख) विभाग के अंतर्गत दोनों ओर 200-200 मीटर बी.टी. सड़क निर्माण कराया गया है। शेष सड़क का निर्माण कार्य सामुदायिक विकास निधि अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा नरसिंहपुर द्वारा किया जाना है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''सतासी''
किसानों को अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
107. ( क्र. 2469 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान कल्याण तथा कृषि विभाग किसानों को किन-किन कार्यों हेतु अनुदान प्राप्त कराता है? (ख) किसानों/हितग्राहियों को अनुदान का लाभ मिले, इसके क्या नियम प्रक्रिया है? (ग) क्या अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ मिले इस हेतु हितग्राहियों से आवेदन बुलाकर/लाटरी द्वारा अनुदान देने की विभाग व्यवस्था करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान कल्याण तथा कृषि विभाग किसानों को भारत सरकार तथा राज्य सरकार के द्वारा संचालित कृषकों के लिये चलाई जा रही योजनाओं के तहत बीज, कृषि यंत्र, सिंचाई उपकरण, पौध संरक्षण औषधि, पौध संरक्षण यंत्र, सूक्ष्म पोषक तत्व, बायो गैस संयंत्र, डीजल-विद्युत पंप, नलकूप खनन, बलराम तालाब एवं गहरी जुताई पर अनुदान प्राप्त कराता है। (ख) भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएँ किसान/ हितग्राहियों को अनुदान का लाभ मिले इसके लिये शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के मार्गदर्शी निर्देश अनुसार कृषकों को अनुदान देय होता है। कृषि यंत्र एवं सिंचाई उपकरणों के लिये ऑन-लाईन आवेदन करने की व्यवस्था है। (ग) शासन की सभी योजनाओं के मार्गदर्शी निर्देशों में हितग्राहियों का चयन पहले आये पहले पाये के आधार पर किये जाने की व्यवस्था है।
सिविल न्यायालय की स्वीकृति
[विधि और विधायी कार्य]
108. ( क्र. 2473 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बड़ौदा तहसील मुख्यालय पर वर्तमान तक सिविल न्यायालय स्वीकृत कर स्थापित न करने के क्या कारण हैं, इसकी स्थापना के संबंध में शासन की क्या नीति/निर्देश हैं? (ख) क्या बड़ौदा में वर्तमान तक सिविल न्यायालय न होने के कारण बड़ौदा नगर व क्षेत्रीय नागरिकों को दीवानी/फौजदारी केसो व अन्य न्यायालयीन कार्यों से 25 से 40 कि.मी. की दूरी तय कर अब भी श्योपुर आना जाना पड़ता है इस कारण उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है? (ग) उक्त समस्या के समाधान हेतु क्या विभाग द्वारा बड़ौदा में सिविल न्यायालय की स्थापना हेतु प्रस्ताव तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेजा है व कब? यदि नहीं, तो क्या शीघ्र भेजा जावेगा अथवा जनहित में शासन इसे मंगवाकर बजट में शामिल करेगा व इसकी स्वीकृति जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) श्योपुर जिले की तहसील बड़ौदा में सिविल न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रक्रियाधीन/विचाराधीन है। नवीन न्यायालयों की स्थापना हेतु म.प्र. उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति 2014 के अंतर्गत निर्देश जारी किये गये हैं। (ख) न्यायालय स्थापना का प्रस्ताव विचाराधीन है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) तहसील बड़ौदा जिला श्योपुर में सिविल न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग माननीय उच्च न्यायालय की प्रशासनिक कमेटी (एल.जे.एस.) के समक्ष रखे जाने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
तालाब/डेम निर्माण में डूब में गई भूमि के संबंध में
[जल संसाधन]
109. ( क्र. 2483 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा पानी रोकने हेतु करोड़ों रूपये नवीन तालाबों एवं डेमों के निर्माण तथा मुआवजे के रूप में व्यय किये जाते हैं किन्तु तालाबों के गेट खोलकर व्यर्थ पानी निकाले जाने का कारण बतावें। (ख) शासन के द्वारा पानी संरक्षित करने और सिंचाई का रकवा बढ़ाने हेतु तालाबों एवं डेमों के निर्माण के दौरान डूब में गई कृषकों की भूमि के एवज में मुआवजा या जमीन के बदले अन्य स्थान पर रिक्त पड़ी शासकीय भूमि प्रदान करने का प्रावधान है या नहीं जानकारी देवें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में तालाबों एवं बड़ौद व पानपुर तालाब/डेम में कितने किसानों की भूमि डूब में गई है, गांव व किसानों के नाम कितने हेक्टेयर या बीघा भूमि डूब में गई सहित जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में बड़ौदा व पानपुर तालाब निर्माण के दौरान डूब में गई किसानों की भूमि के एवज में भूमि शासन द्वारा अन्य स्थान पर भूमि उपलब्ध कराई है, जानकारी देवें तथा वंचित किसानों को कब तक भूमि आवंटित कर दी जावेंगी बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिंचाई जलाशयों के गेट खोलकर व्यर्थ पानी निकाले जाने का कोई प्रकरण विभाग में प्रतिवेदित नहीं है। (ख) सिंचाई जलाशयों के निर्माण के दौरान डूब में गई कृषकों की भूमि के एवज में मुआवजा या कृषक सहमत हो एवं शासकीय भूमि की उपलब्धता हो तो जमीन के बदले अन्य स्थान पर रिक्त शासकीय भूमि प्रदान करने का प्रावधान है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांकित पानपुर बड़ौद ''निमज्जित'' तालाब है जिसे विधि अनुसार वर्षाकाल में जल संग्रहण कर रबी फसल हेतु खाली कर दिया जाता है। निमज्जित तालाबों की डूब भूमि का मालिकाना अधिकार कृषकों का ही रहता है। अत: विभाग द्वारा प्रश्नाधीन निमज्जित तालाब की भूमि का मुआवजा देने का प्रश्न नहीं उठता। तथापि स्थानीय कृषकों की मांग पर इन्हें निमज्जित तालाब के स्थान पर नियमित सिंचाई जलाशय में परिवर्तित करने की दृष्टि से 78 कृषकों की डूब प्रभावित कुल 60.91 हे. भूमि के एवज में शासकीय भूमि उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कृषकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अभी तक 5 कृषकों को 10.11 हे. भूमि दी जा चुकी है। वैकल्पिक भूमि उपलब्ध होने पर ही दी जा सकेगी अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कयामपुर, सीतामऊ, चंबल सिंचाई योजना के संबंध में
[जल संसाधन]
110. ( क्र. 2484 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कयामपुर, सीतामऊ, चंबल वृहद सिंचाई योजना के अंतर्गत विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) इस योजना की प्रारंभिक कार्य गांधी सागर कार्यालय द्वारा या जल संसाधन संभागीय कार्यालय मंदसौर द्वारा किया गया है वर्तमान में इस योजना को किसके द्वारा संचालित किया जा रहा है? (ग) कयामपुर, सीतामऊ, चंबल वृहद सिंचाई योजना के सर्वे हेतु टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है या बाकी है? यदि पूर्ण कर ली गई है तो दिनांक सहित जानकारी देवें एवं यदि टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण की जाना बाकी है तो किस दिनांक तक पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) इस योजना का प्रारंभिक कार्य किस दिनांक से प्रारंभ किया गया है तथा वर्तमान स्थिति क्या है तथा इस योजना में कितने हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाना प्रस्तावित है? जानकारी देवें। योजना के क्रियान्वयन में विलंब का क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) प्रस्तावित कयामपुर-सीतामऊ, वृहद सिंचाई परियोजना का प्रारंभिक कार्य गांधीसागर बांध संभाग द्वारा किया गया था। वर्तमान में यह परियोजना जल संसाधन संभाग, मंदसौर द्वारा संचालित है। इस योजना के सर्वे कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया दिनांक 23.11.2017 को पूर्ण कर ली गई है। (घ) इस योजना के सर्वेक्षण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति मुख्य अभियंता, नर्मदा-ताप्ती कछार, इंदौर के पत्र दिनांक 28.06.2017 द्वारा प्रदाय कर दी गई है। यह योजना अभी सर्वेक्षण के प्रारंभिक चरण में है। योजना से 40,000 हे. क्षेत्र भूमि को सिंचित किया जाना प्रतिवेदित है। चूंकि अभी योजना प्राथमिक सर्वेक्षण की स्थिति में है, इसलिए योजना क्रियान्वयन में विलंब का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
विज्ञापन के संबंध में
[जनसंपर्क]
111. ( क्र. 2502 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय के सचिवालयीन पत्र क्र. 2589/सी.एम.एस/एम.एल.ए/80/ 17 दिनांक 09.10.2017 के अनुसार एवं पत्र क्र. 473/सी.एम.एस./एम.एल.ए/80/17 दिनांक 09/05/2017 तथ पत्र क्र. 859/सी.एम.एस/एम.एल.ए/80/17 दिनांक 31/05/2017 द्वारा विज्ञापन दिये जाने हेतु निर्देश दिये गये थे और विज्ञापन आदेश अभी तक नहीं दिये गये? कब तक दिये जायेंगे? स्पष्ट जानकारी देवें। (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी के पत्र क्र. 473/सी.एम.एस./एम.एल.ए./80/17 दिनांक 9/5/2017 के अनुसार विन्ध्य मुक्ति विकास जनकल्याण समिति को रूपये 1.00 लाख का विज्ञापन दिये जाने हेतु आदेश दिये गये थे एवं विगत वर्षों में भी रू. 1.00 लाख का विज्ञापन दिया जाता रहा है? तो वर्तमान में उपरोक्त निर्देश के बावजूद भी रूपये 50 हजार स्वीकृत किये गये हैं, इसका क्या कारण रहा है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ग) इसमें दोषी अधिकारी/कर्मचारी कौन है? इन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) झरनेश्वर झुग्गीवासी कल्याण समिति भोपाल को विज्ञापन दिये जाने संबंधी नस्ती प्रक्रिया में हैं। 2. प्रकरण बद्रीप्रसाद मिश्र सदभावना संस्था भोपाल से संबंधित हैं। संस्था 05 वर्ष से कम अवधि से कार्यरत होने के कारण इन्हें विज्ञापन की पात्रता नहीं हैं। (ख) बिन्ध्य मुक्ति विकास जनकल्याण समिति को रूपये 50000/- का विज्ञापन जारी किया गया हैं। बजट की उपलब्धता और आवश्यकतानुसार विज्ञापन जारी किये जाते हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कनिष्ठ यंत्रियों को उच्च पद का प्रभार दिये जाना
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 2516 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग विद्युत यांत्रिकी संभाग क्रमांक-1 भोपाल में कौन-कौन उपयंत्री पदस्थ हैं वरिष्ठता क्रमानुसार पदस्थापना सहित सूची प्रदान करें। (ख) क्या म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1-6/2004/स्था/-19 भोपाल, दिनांक 01 जुलाई, 2008 उच्च पद का प्रभार दिये जाने के संबंध में जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन वरिष्ठ उपयंत्रियों को अनुविभागीय अधिकारी का प्रभार कब-कब से दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में विभागीय आदेश का उल्लंघन कर (वि/यां.) संभाग क्रमांक-1 भोपाल में कनिष्ठ उपयंत्रियों को (वि/यां.) गैस राहत उपसंभाग भोपाल में उच्च पद का चालू प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत किस आधार पर उच्च पद का चालू प्रभार दिया गया है? (घ) क्या उक्त नियम विरूद्ध आदेश को निरस्त कर नियमानुसार वरिष्ठ उपयंत्रियों को अनुविभागीय अधिकारी को प्रभार दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 4, 5, 6 अनुसार उप संभाग में वरिष्ठ उपयंत्रीगण को अनुविभागीय अधिकारी का प्रभार दिया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''अठासी''
उप संचालक कृषि जिला खरगोन के द्वारा अग्रिम राशि का समायोजन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
113. ( क्र. 2518 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप संचालक कृषि जिला खरगोन के पद पर वर्ष 2008-09 अंत तक पदस्थ अवधि में उप संचालक कृषि, खरगोन द्वारा बरती गई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के लिये म.प्र. शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक 3249-3249/1978/2009/14-1, दिनांक 25 अक्टूबर, 2010 द्वारा राशि रूपये 4,45,980/- एवं राशि रूपये 4,52,980/- कुल राशि रूपये 898960/- योजनाओं के संचालन हेतु अग्रिम राशि का समायोजन न करने पर स्पष्टीकरण जारी किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त राशि का समायोजन प्रश्नांकित दिनांक तक नहीं किया गया है? यदि समायोजन किया है तो किस दिनांक/किस व्हाउचर नंबर से किया गया है? (ग) यदि समायोजन नहीं किया गया तो कब तक संबंधित अधिकारी से उक्त राशि की वसूली मय ब्याज सहित की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, जिला खरगोन के केश बुक रिकार्ड अनुसार दिनांक 31.03.2009 की स्थिति में राशि रूपये 4,52,980/- समायोजन हेतु शेष थी, जिसका समायोजन प्रश्नांकित दिनांक के पूर्व कर लिया गया है, राशि रूपये 4,45,980/- दिनांक 31.03.2009 की स्थिति में रिकार्ड अनुसार समायोजन शेष नहीं पाया गया। केश बुक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है एवं राशि रूपये 4,52,980/- समायोजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्ररिपेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता है।
प्राथमिक लघुवनोपज सहकारी संस्था के प्रबंधकों के संबंध में
[सहकारिता]
114. ( क्र. 2521 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्राथमिक लघुवनोपज सहकारी समितियों के प्रबंधकों के सेवा नियम क्रमांक-08 में संशोधन किया है? यदि हाँ, तो संशोधित नियम का ब्यौरा दें। (ख) क्या म.प्र. राज्य लघुवनोपज सहकारी संघ भोपाल के संचालक मण्डल की बैठक में समिति प्रबंधकों की वेतन वृद्धि हेतु प्रस्ताव पारित किया गया है? यदि हाँ, तो कब? (ग) क्या उक्त प्रस्ताव पर वेतन वृद्धि पर अंतिम स्वीकृति उपरांत लागू कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? (घ) क्या लघुवनोपज सहकारी समितियों के प्रबंधकों को नवीन वेतन प्रदाय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या संशोधित वेतन प्रदाय करने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा कराए जाने के लिए वेतन भुगतान लंबित है? यदि हाँ, तो मुख्यमंत्री द्वारा कब घोषणा की जाना संभावित है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. के आदेश क्रमांक/विप/वनो./2016/2798 भोपाल दिनांक 29.09.2016 के द्वारा संशोधित नियम का ब्यौरा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ के संचालक मण्डल की 110वीं बैठक दिनांक 13.04.2016 को। (ग) जी हाँ, उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) जी नहीं, म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ के संचालक मण्डल की 113वीं बैठक दिनांक 31.01.2017 एवं 115वीं बैठक दिनांक 21.08.2017 में लिये गये निर्णय अनुसार बढ़े हुये वेतन की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री से कराई जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण। (ड.) जी हाँ, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
अम्बाह तहसील में नोटरी की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
115. ( क्र. 2540 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की अम्बाह तहसील में अधिसूचना दिनांक 22.08.2015 तथा फाइल क्रमांक 2951-21 ब-दो-16 द्वारा नोटरी के कितने अलग-अलग पद रिक्त हैं तथा इन नोटरी के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु अधिवक्तागणों का अनुशंसित पैनल शासन को किस दिनांक को प्राप्त हुआ है? (ख) पैनल प्राप्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त दोनों अधिसूचनाओं के संदर्भ में नोटरी की नियुक्तियों क्यों नहीं की गई हैं, जबकि दो वर्ष से भी अधिक समय से ये नियुक्तियां लंबित हैं? (ग) क्या शासन जनहित को ध्यान में रखते हुए तहसील अम्बाह जिल मुरैना में नोटरी की नियुक्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं? (घ) क्या उक्त नोटरी नियुक्त नहीं होने से शासन को राजस्व की हानि नहीं पहुँची है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। तहसील-अम्बाह, जिला-मुरैना में नोटरी के कुल स्वीकृत 08 पदों में से 03 पद रिक्त है, जिन पर नियुक्ति हेतु अधिवक्ताओं का अनुशंसित पैनल दिनांक 20.11.2015 एवं दिनांक 01.06.2017 को प्राप्त हुआ है। (ख) नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
चंबल नदी पर उसैद घाट पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 2545 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उसैद घाट पुल जो कि म.प्र. को उ.प्र. से जोड़ने वाला पुल है, के निर्माण हेतु शासन द्वारा किस ठेकेदार के ठेका दिया है? यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि का ठेका है तथा निर्माण की समय-सीमा क्या रखी गई है? (ख) क्या उपरोक्त पुल के निर्माण हेतु अनेक बार टेण्डर हो चुके हैं, लेकिन अधिकारियों की मिली भगत से ठेकेदारों द्वारा कार्य को बीच-बीच में ही छोड़कर चले गये थे? कम से अधिक भुगतान लेकर सरकार को करोड़ों रूपये की हानि पहुंचाई गई है। (ग) यदि हाँ, तो ऐसे ठेकेदार व भुगतान करने वाले अधिकारी को चिन्हित कर उनके प्रति शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जा सकेगी? (घ) वर्तमान ठेकेदार भी पूर्व के ठेकेदारों की ' भागने की प्रवृत्ति ' का अनुसरण न कर सके, इसके लिए शासन ने क्या प्रबंध किये हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मेसर्स विनोद कुमार शुक्ला ठेकेदार भोपाल। ठेके की कुल राशि रूपये 4834.54 लाख है। अनुबन्धानुसार दिनांक 30.04.2020 नियत है। (ख) जी नहीं, जी नहीं, कोई ठेकेदार द्वारा ठेका नहीं छोड़ा गया, अत: नुकसान का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'ख' परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) पूर्व में कोई ठेकेदार द्वारा कार्य नहीं छोड़ा गया, अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश के पत्रकारों को पुरूस्कृत करने
[जनसंपर्क]
117. ( क्र. 2552 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1805 दिनांक 24.07.2017 के जवाब में बताया गया कि जनसम्पर्क विभाग द्वारा वर्ष 2015 के पत्रकारों के पुरस्कार वितरण संबंधी विज्ञापन जारी किये जा चुके हैं एवं वर्ष 2016 के विज्ञापन जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष कार्यवाही प्रचलन में है तो क्या शेष कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है? (ख) यदि हाँ, तो उज्जैन जिले सहित प्रदेश के पत्रकारों को कब तक पुरूस्कृत कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2016 सम्मान के लिये विज्ञापन जारी किया जा चुका हैं। तदनुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ख) तदनुसार शीघ्र।
पुराने राष्ट्रीय मार्ग क्र. 03 के शेष भाग का निर्माण
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 2564 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग की पुराने राष्ट्रीय मार्ग क्र. 03 के शेष भाग के निर्माण के तहत धामनोद, गुजरी एवं खलघाट के आवासीय क्षेत्र में स्वीकृत सी.सी. रोड का निर्माण निर्माणकर्ता एजेंसी को कितनी अवधि में पूर्ण करना निर्धारित है? (ख) निर्माण एजेंसी द्वारा अब तक बनाये गये रोड निर्माण का निरीक्षण किस-किस स्तर के अधिकारी द्वारा किया गया है एवं सड़क निर्माण में उपयोग की जा रही सामाग्री की प्रमाणिकता की जाँच किस एजेंसी द्वारा कब-कब की गई है, रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या धामनोद में बनाई गई एक साईड की अधूरी सड़क में चलने वाले वाहन, सड़क का लेवल ठीक नहीं होने से लहराते हैं? यदि हाँ, तो उसके सुधार के लिये विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी को क्या निर्देश दिये गये हैं व समय पर कार्य पूर्णता हेतु अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 20 माह अर्थात दिनांक 30.08.2017 तक पूर्ण करना था। कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण दिनांक 31.03.2018 तक दण्ड के अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए समयावृद्धि जारी की गई। (ख) मार्ग का निरीक्षण प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री द्वारा किया। गुणवत्ता नियंत्रण हेतु आवश्यक जाँच परीक्षण ठेकेदार द्वारा स्थापित लेबोरेटरी एवं लो.नि.वि. मटेरियल टेस्टिंग लेब वृत्त इन्दौर द्वारा किये गये। रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष कार्य पूर्ण करने हेतु निर्माण एजेंसी को सूचना पत्र जारी किये गये है तथा दण्ड के अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए समयावृद्धि जारी की गई।
प्रधानमंत्री सड़क को सी.सी. रोड से लिंक करना
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 2565 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्ष ग्राम लून्हेरा घाटी से भीलकुण्डा तक प्रधानमंत्री ग्रामीण रोड का निर्माण किया गया है? क्या नागदा से गुजरी तक बनाये जा रहे सी.सी. रोड निर्माण के दोरान लून्हैरा घाटी को लगभग 15-20 फीट काटकर सी.सी. रोड का निर्माण किया गया है? जिससे भीलकुण्डा प्रधानमंत्री सड़क 20 फीट उंची होने से सी.सी. रोड से लिंक नहीं हो पाई है? (ख) यदि हाँ, तो भीलकुण्डा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क से जुड़े 10-15 ग्रामों के निवासियों के आवागमन हेतु क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई है या क्या व्यवस्था कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत नहीं है। नागदा से गुजरी के बीच निर्मित की गई सीमेंट कांक्रीट रोड निर्माण के दौरान प्लान प्रोफाईल में सुधार किये गये है, फलस्वरूप लुन्हेरी घाटी को काटा गया है। इस सड़क से 112+400 बाई तरफ विद्यमान भीलकुण्डा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क धार-गुजरी सड़क से ऊँची हो गई है। जी हाँ। जी हाँ, परन्तु मुख्य मार्ग के समानान्तर अस्थाई विचलन मार्ग बनाकर आवागमन जारी है। (ख) जी हाँ। वैकल्पिक व्यवस्था की गई है एवं स्थाई व्यवस्था की जा रही है। निश्चित अवधि बताना संभव नहीं।
प्रोटोकाल उल्लंघन पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
120. ( क्र. 2571 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 27/08/2017 को आयोजित राज्य स्तरीय प्रधानमंत्री फसल बीमा दावा वितरण राशि कार्यक्रम एवं न्यू इंडिया मंथन संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम सह कृषक संगोष्ठी स्थान मेला ग्राउण्ड चंदेरी में जिला अशोकनगर में माननीय मुख्यमंत्री महोदय का कार्यक्रम हुआ था जिसमें प्रश्नकर्ता को स्थानीय विधायक होने के नाते विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया? इस कार्यक्रम में प्रश्नकर्ता को मंच तक किसके आदेश से नहीं जाने दिया गया? (ख) उस नियम का उल्लेख करें जिस नियम के तहत यह कार्यवाही की गई एवं उसकी प्रमाणित छायाप्रति देवें। यदि बिना नियम के इस कार्यवाही/आदेश को किया गया है तो इसमें दोषी प्रशासनिक अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें तथा यह भी बतावें कि प्रोटोकाल का उल्लंघन करने वाले उन अधिकारियों पर आज दिनाकं तक क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ग) प्रोटोकाल उल्लंघन के इस मामले की क्या उच्च स्तरीय जाँच करायेगें? जिससे भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो सके?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फसल बीमा की राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
121. ( क्र. 2573 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर की तहसील नईसराय के गांव डुंगासरा, घुरवार, पौरूखेडी, अखाई, रावसर-जागीर, आदि के किसानों का वर्ष 2016 खरीफ की फसल का प्रीमियम बैकों द्वारा काटा गया एवं बीमा कंपनी को भेजा गया, लेकिन बीमा कंपनी ने इन किसानों की बीमा राशि का भुगतान आज दिनांक तक क्यों नहीं किया? (ख) क्या बीमा कंपनी किसानों को बीमा का पैसा देगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला अशोकनगर की तहसील नईसराय के किसानों का वर्ष 2016 खरीफ की फसल का प्रीमियम बैंकों द्वारा काटा गया एवं बीमा कम्पनी एच.डी.एफ.सी. इरगो अशोकनगर को संबंधित बैंकों द्वारा प्रीमियम राशि भेजी गई जिसके आधार पर पात्र कृषकों को दावा राशि स्वीकृत की गई। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अशोकनगर जिले की तहसील नईसराय के 3257 पात्र कृषकों को राशि रू. 16.48 करोड़ के बीमा दावों का भुगतान संबंधित बैंक शाखाओं द्वारा किया गया है।
कम्प्यूटर ऑपरेटरों को मानेदय का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
122. ( क्र. 2575 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेसर्स प्रसाद कांट्रेक्टर एण्ड फेब्रीकेटर्स भोपाल द्वारा विभागांतर्गत पदस्थ सभी आपरेटरों को मानेदय प्रदाय किया जा चुका है या नहीं? यदि हाँ, तो कितना एवं किस माह तक प्रदाय किया है? सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो इन ऑपरेटरों को मानदेय प्रदाय हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या उक्त ऑपरेटरों द्वारा मानदेय प्रदाय न होने संबंधी प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें सी.एम. हेल्पलाईन विभागांर्तगत दर्ज की गई है एवं कितनी वरिष्ठ स्तर L4 पर तक पहुंची? समस्त शिकायत क्र. एवं की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ग) क्या उक्त सी.एम. हेल्पलाईन शिकायतों का विभाग द्वारा परीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो परीक्षण सही पाये जाने पर संबंधित दोषी अधिकारी/ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई एवं कितनी शिकायतों को श्रम विभाग को अग्रिम कार्यवाही हेतु ट्रांसफर की गई? (घ) क्या संस्था द्वारा निविदा क्र. 566 दिनांक 17/10/2012 के नियम एवं शर्तों अनुसार बिंदु क्र. 44 द्वारा प्रत्येक ऑपरेटर का प्रत्येक माह का वेतन भुगतान, कर्मचारी भविष्य निधि एवं ई.एस.आई. का कटौत्रा पत्रक संचालनालय को उपलब्ध कराया गया? यदि हाँ, तो जिले अशोकनगर एवं दतिया में प्रत्येक ऑपरेटरों के नियुक्ति माह से जब तक कार्य किया गया, उस माह तक के संपूर्ण भुगतान पत्रक उपलब्ध करायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मेसर्स प्रसाद कांट्रेक्टर एण्ड फेब्रीकेटर्स भोपाल द्वारा विभागांतर्गत उपलब्ध कराये गये सभी डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों के अंतिम स्वत्वों के भुगतान हेतु (अनुबंध समाप्त करने की तिथि 20/12/2014 तक) जिलो से मांग प्राप्त की जाकर प्रति डाटा एन्ट्री ऑपरेटर राशि रू. 6829/- प्रति माह के मान से जिला कार्यालयों को आवंटन प्रदाय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संबंधित संस्था द्वारा मानदेय देयक जिला कार्यालयों में प्रस्तुत किये जाने पर अनुबंध की शर्त अनुसार डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों के लंबित मानदेय हेतु भुगतान तदानुसार प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांकित ऑपरेटरों द्वारा सी.एम. हेल्पलाईन में दर्ज शिकायतों एवं की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। विभिन्न स्तरों से प्राप्त शिकायतों का परीक्षण किये जाने के उपरान्त गुण-दोष के आधार पर मेसर्स प्रसाद कांट्रेक्टर एण्ड फेब्रीकेटर्स भोपाल का अनुबंध 20/12/2014 को समाप्त कर दिया गया। विभाग कोई भी शिकायत श्रम विभाग को कार्यवाही हेतु ट्रांसफर नहीं की गई है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मण्डला जिले के निवास विधानसभा के सिंचाई डेमों
[जल संसाधन]
123. ( क्र. 2581 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले की निवास विधानसभा के सिंचाई डेमों की स्थिति अत्यंत खराब है जिसमें मलवाथर कोबरीकला खिन्हा भलवारा कापा बीजेगांव उक्त डेमों में निर्माण तारीख से आज दिनांक तक एक इंच भी सिंचाई नहीं हो पा रही है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ख) क्या उक्त डेमों को मात्र पानी भरने के लिये बनाया गया है इनका खेतों में सिंचाई की सुविधा का कोई वास्ता नहीं है? (ग) यदि सिंचाई नहीं हो पा रही है तो उसके क्या कारण हैं? डेमों से सिंचाई सुविधा हो सके इसके लिये अभी तक क्या प्रयास किये गये हैं उक्त डेमों से सिंचाई प्रारंभ हो, ऐसी स्थिति कब बन पायेगी? केनालों का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) उक्त सभी डेमों की स्वीकृत राशि से कार्य पूर्ण कराने की और कौन-कौन से कार्य कराने की योजना थी? क्या विभाग उक्त सभी डेमों का निर्माण पूर्ण मान रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ग) जी नहीं। मलवाथर, कोबरी कला, खिन्हा, भलवारा, कापा, बीजेगांव बांधों में निर्माण तारीख से आज दिनांक तक कापा (कापा चकदेही) डेम के अलावा शेष सभी बांधों से सिंचाई हो रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (घ) उक्त सभी बांधों की स्वीकृत राशि से बांध एवं नहर का निर्माण कार्य कराने की योजना थी। जी हाँ। विभाग कापा चकदेही के अतिरिक्त उक्त सभी बांधों का निर्माण पूर्ण मान रहा है।
स्टॉप डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
124. ( क्र. 2588 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में भयंकर सूखे की स्थिति में क्या ग्राम पंचायत तिलघना विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण के ग्राम रामप्रसाद का पुरा, गजीपुरा, नायकपुरा, सीता का पुरा, पंचा का पुरा, बीलपुरा, निरावली इत्यादि ग्रामों में फसलों की सिचाई हेतु सांक नदी के धोवटा घाट पर स्टॉप डेम का निर्माण कराकर उपरोक्त ग्रामीणों की फसलों की सिंचाई हेतु व्यवस्था कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें? (ख) नायकपुरा (ग्राम पंचायत निरावली) का तालाब जल संसाधन विभाग के अधीन था या है? यदि हाँ, तो यह तालाब कितने वर्षों से जीर्ण-शीर्ण हालत में है? क्या इस तालाब क्षेत्र के किसानों की फसलों की सिंचाई न हो पाने से कृषक परेशान हैं? यदि हाँ, तो उक्त नायकपुरा तालाब का फसलों की सिचांई हेतु कब तक निर्माण करा लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सांक नदी पर प्रश्नांकित धोवटा घाट पर सांकरे के हनुमान स्टॉप डेम को प्रस्तावित किया गया था लेकिन अपस्ट्रीम में साडा के उपयोग हेतु क्रमश: 9.50 कि.मी. तथा 14.00 कि.मी. पर दो स्टॉप डेम निर्मित है, अत: सांकरे के हनुमान स्टॉप डेम के प्रस्तावित स्थल पर जल ग्रहण क्षेत्र मात्र 43 वर्ग कि.मी. उपलब्ध जल 0.32 एम.सी.एम. होने के कारण परियोजना तकनीकी दृष्टि से असाध्य है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
ग्वालियर जिले में अमानक बीज का विक्रय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
125. ( क्र. 2589 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में किसानों को निजी पंजीकृत व्यापारियों द्वारा विगत 2 वर्षों से अमानक बीज बेचा जा रहा है? इसे रोकने के लिये जिला कृषि अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में 1 जून, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने बीज नमूने किस-किस कृषि अधिकारी द्वारा किस-किस बीज विक्रेता फर्मों के यहाँ से किस-किस दिनांक को लेकर प्रयोगशालाओं में परीक्षण हेतु भेजे गये? फर्मों का नाम, पता बतावें? इनमें से कितने नमूने मानक व कितने अमानक पाये गये? अमानक पाये गये फर्मों के नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में अमानक बीज विक्रेता फर्मों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कार्यवाही की जानकारी फर्मवार, दिनांकवार उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें? इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी जिम्मेदार हैं? क्या उनके खिलाफ कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? यदि की जावेगी तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। ग्वालियर जिले में बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968 तथा बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 के तहत बीज निरीक्षकों द्वारा बीज नमूने लिये जाकर संबंधित बीज परीक्षण प्रयोगशाला को भेजे गये है तथा अमानक नमूनों पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (ख) ग्वालियर जिले में दिनांक 1 जून, 2015 से प्रश्न दिनांक तक बीज निरीक्षकों द्वारा लिये गये बीज नमूनों की दिनांकवार एवं फर्मवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। अमानक पाये गये फर्मों के नाम, पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) ग्वालियर जिले में उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार पाये गये अमानक बीज नमूनों से संबंधित बीज विक्रेता फर्मों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
रेस्ट हाउस ब्यावरा एवं सुठालिया की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 2597 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 176 दिनांक 17 जुलाई, 2017 के उत्तर में बताया गया था कि राजगढ़ जिले ब्यावरा रेस्ट हाउस के दि्वतीय तल पर अतिरिक्त सूट निर्माण एवं नगर सुठालिया में नवीन रेस्ट हाउस निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु परियोजना संचालक, परियोजना क्रियान्वयन इकाई, लोक निर्माण विभाग भोपाल के यहाँ लंबित प्रस्तावों को वित्तीय संसाधन की उपलब्धता सीमित होने के कारण प्रथम अनुपूरक बजट 2017-18 में सम्मिलित नहीं किया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा दिनांक 03 सितम्बर, 2017 को ब्यावरा नगर के प्रवास के दौरान उक्त रेस्ट हाउसों के निर्माण की स्वीकृति शीघ्र ही दिये जाने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन माननीय मंत्री जी घोषणानुरूप उक्त रेस्ट हाउसों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) घोषणा नहीं, अपितु जनप्रतिनिधियों द्वारा उक्त के संबंध में निवेदन किया था। स्वीकृति के अभाव में कार्यवाही नहीं की गई। (ग) उत्तरांश 'ख' के उत्तर अनुसार। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सहकारी समितियों का पुनर्गठन
[सहकारिता]
127. ( क्र. 2598 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों के पुनर्गठन संबंधी क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत तीन वर्षों में राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत कब-कब समितियों का पुनर्गठन किया गया? (ग) उपरोक्तानुसार क्या प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित टोड़ी के अंतर्गत सम्मिलित ग्राम पंचायत सेमलापार एवं आश्रित ग्राम हूडा व कांकरियागुर्जर के ग्रामीणजनों को खाद, बीज एवं अन्य सुविधाओं हेतु 12-15 कि.मी. की दूरी तय करके समिति मुख्यालय टोड़ी पहुंचना पड़ता है, जिससें किसानों को काफी असुविधा तथा समय व धन की व्यर्थ बर्बादी होती है? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त ग्राम पंचायत को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति टोड़ी से परिर्वतन कर समीपस्थ महज 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित सहकारी समिति बगवाज में सम्मिलित किये जाने हेतु माननीय विभागीय मंत्री जी को दिनांक 03 अक्टूबर, 2017 को पत्र सौंपा गया था? (ड.) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक उक्त ग्राम पंचायत को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति बगवाज में सम्मिलित कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) कार्यालय आयुक्त सहकारिता द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पुनर्गठन के संबंध में मापदण्ड निर्धारित किये गये है। जिसके अनुसार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का न्यूनतम ऋण व्यवसाय रू. 3 करोड़ होना चाहिए, समितियों के गठन हेतु न्यूनतम 10 किलोमीटर की परिधि का कार्यक्षेत्र, 5000 हेक्टेयर कृषि रकवा तथा 1000 सदस्य संख्या होनी चाहिए। (ख) पुनर्गठन नहीं किया गया। (ग) एवं (घ) जी हाँ। (ङ) प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित पत्र के आधार पर प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या., टोड़ी के उक्त ग्रामों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या., बगवाज में संविलित करने हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., राजगढ़ से प्रस्ताव प्राप्त किया गया है। प्रस्ताव के परीक्षण उपरान्त उत्तरांश ’क’ अनुसार मापदण्ड पूर्ण नहीं करने से पुनर्गठन की कार्यवाही संभव नहीं है।
विभागीय कार्यों के संबंध में
[जल संसाधन]
128. ( क्र. 2603 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य स्वीकृत हुए? कितने पूर्ण हुए? कितने निर्माणाधीन हैं? कितनी स्वीकृत राशि के कार्य हैं? क्या दरें हैं? कार्य करने वाली एजेंसी या ठेकेदार कौन हैं? सूची प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कार्यों का विभागीय उत्तरदायित्व का कौन-कौन उपयंत्री, सहायक यंत्री व कार्यपालन यंत्री निर्वहन कर रहे हैं? कब से पदस्थ हैं? सूची उनके कार्यक्षेत्र सहित उपलब्ध करायें। (ग) बिजावर विधानसभा क्षेत्र में किन कार्यपालन यंत्री के कार्यक्षेत्र में है? नाम, पद नाम एवं कब से हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुए है। जनवरी 2014 से पूर्व स्वीकृत 01 कार्य श्यामरी मध्यम सिंचाई परियोजना निर्माणाधीन है। परियोजना की स्वीकृत राशि एजेंसी का नाम एवं निविदा स्वीकृति की दर आदि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) बिजावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत श्यामरी मध्यम परियोजना का कार्य कुटनी बांध जल संसाधन विभाग, छतरपुर के अंतर्गत आता हैं, इस संभाग में श्री आई.बी. नायक, कार्यपालन यंत्री के पद पर अप्रैल 2017 से पदस्थ है। शेष सभी कार्य जल संसाधन संभाग नौगांव के अंतर्गत आते है, इस संभाग में श्री सुनील प्रभाकर कार्यपालन यंत्री के पद पर सिंतबर 2014 से पदस्थ हैं।
परिशिष्ट - ''बानवे''
भवन निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 2604 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत बिजावर विधानसभा क्षेत्र में भवन निर्माण के कितने कार्य स्वीकृत हुए हैं? कितने कार्य चल रहे हैं? कितने पूर्ण हुए हैं? किसमें कितनी राशि स्वीकृत हुई है एवं किस दर पर कार्यादेश हुआ है? कौन एजेंसी/ ठेकेदार कार्य कर रहे है? कौन उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री के उत्तरदायित्व में कार्य हो रहा है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) शा.क.उ.मा.वि. गुलगंज जिला छतरपुर में अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत है? कौन ठेकेदार या निर्माण एजेंसी है वर्तमान में निर्माण कार्य की क्या प्रगति है? कितना भुगतान हुआ है? सीमेंट, सरिया, रेत, गिट्टी, मिट्टी ईट, दरवाजे एवं खिड़की, नल, सीट आदि के क्या मानक हैं? मानक स्तर की अलग-अलग जानकारी दे? निर्माण कार्य की मेजरमेंट लेने उसका अनुमोदन करने व भुगतान राशि स्वीकृत करने में किस-किस उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री के उत्तरदायित्व रहे हैं व हैं? नाम एवं पद नाम बतायें? (ग) यदि किसी भी निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कोई गंभीर अनियमितता की शिकायत मिलती है तो उसकी शिकायत किस-किस अधिकारी को की जा सकती है? क्या-क्या दंडात्मक कार्यवाही की जाती है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। सामग्री के मानक सी.पी.डब्ल्यू.डी. मानकों एवं भारतीय मानकों अनुसार। (ग) निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कोई गंभीर अनियमितता की शिकायत मिलती है तो उसकी शिकायत समस्त वरिष्ठ अधिकारियों से की जा सकती है। अनियमितता पाये जाने पर अनुबंधानुसार कार्यवाही की जाती है।
कटनी जिले में निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
130. ( क्र. 2620 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-731 दिनांक 22-02-2017 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर अनुसार क्या कार्यवाही की जा चुकी है? यदि हाँ, तो विवरण बतायें, यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें? (ख) क्या कटनी नगर के रिंग रोड निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो यह प्रस्ताव क्या है एवं किस स्तर पर क्या कार्यवाही हेतु कब से लंबित है और इस कार्य की कब तक स्वीकृति प्रदान की जायेगी? (ग) कटनी जिले में निर्मित किन-किन सड़कों का चौड़ीकरण का कार्य वर्तमान में प्रचलन में हैं? क्या इन सड़कों में आने वाली भूमियों का सीमांकन एवं भूमि स्वामियों को मुआवजा वितरण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो विवरण देवें, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में किन-किन सड़कों के उन्नयन, निर्माण का कार्य किया गया? क्या इन सड़कों के बाजू में वृक्षारोपण कार्य किया जाना था? यदि हाँ, तो किये गये वृक्षारोपण कार्य का ब्यौरा बताये और वृक्षारोपण की वर्तमान स्थिति से अवगत करायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक-731 दिनांक 22.02.2017 के प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में जानकारी निरंक। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है।
अनियमितताओं की जाँच एवं कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
131. ( क्र. 2621 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण समितियों के संबंध में क्या शासनादेश एवं विभागीय निर्देश हैं एवं कटनी जिलें में इन समितियों का गठन न होने के क्या कारण है और शासनादेश तथा विभागीय निर्देशों का पालन न करने पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा ता.प्रश्न क्रमांक 1770, दिनांक 24-02-2016 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर अनुसार क्या जाँच एवं कार्यवाही पूर्ण हो गयी? यदि हाँ, तो जाँच का प्रतिवेदन क्या था, क्या कार्यवाही अब तक की गई? बतायें, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्न, क्रमांक-1815 दिनांक 22-07-2016 में दी गयी जानकारी अनुसार, प्रचलित विभागीय कार्यवाहियों में बतायें कि किस प्रकरण में किन शासकीय सेवकों को जिम्मेदार पाया गया एवं इन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) के तहत जिन प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलन में है, अपूर्ण है, तो इसके क्या कारण है, कार्यवाही कब तक पूर्ण की जायेगी, प्रकरणवार बतायें? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में अनियमितताओं एवं प्रकरणों की जाँच में ढीलापन पर क्या शासन स्तर से समग्र एवं समय-सीमा में जाँच तथा कार्यवाही के आदेश दिये जायेंगे, यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण समितियों के गठन संबंधी कोई शासनादेश एवं विभागीय निर्देश प्रसारित नहीं हुये है अपितु जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति द्वारा जिले के अंदर खाद एवं बीज की काला बाजारी तथा अमानक नमूनों पर कार्यवाही की समीक्षा करने संबंधी शासनादेश जारी हुआ है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) विधानसभा ता.प्रश्न क्रमांक 1770 दिनांक 24-02-2016 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर के अनुक्रम में श्री जे.आर. हेडाउ, निलंबित तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, जिला कटनी के विरूद्ध म.प्र. शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय. म.प्र. भोपाल द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई है। जाँच अधिकारी द्वारा नियमानुसार विभागीय जाँच की कार्यवाही सतत् प्रचलन में है। उक्त प्रकरण से संबंधित शासनादेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1815 दिनांक 22-07-2016 में दी गई जानकारी के अनुक्रम श्री जे.आर. हेडाउ, निलंबित तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, जिला कटनी के विरूद्ध म.प्र. शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय. म.प्र. भोपाल द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई है। जाँच अधिकारी द्वारा नियमानुसार विभागीय जाँच की कार्यवाही सतत प्रचलन में है। उक्त प्रकरण से संबंधित शासनादेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (घ) विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन है। कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। (ड.) विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन है। कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं।
उप संचालक कृषि जिला उज्जैन द्वारा रबी बीज का क्रय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
132. ( क्र. 2632 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रबी वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में उप संचालक कृषि जिला उज्जैन द्वारा रबी बीज किन-किन संस्थाओं से क्रय किया गया? संस्थाओं के नाम एवं पता उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त बीज किन-किन योजनाओं में कितनी मात्रा में कितने हितग्राहियों को वितरण किया गया? (ग) उपरोक्त बीजों की जाँच हेतु किन-किन संस्थाओं से नमूने लिये गये? किन-किन अधिकारियों के द्वारा लिये गये, उनका क्या परिणाम प्राप्त हुआ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला उज्जैन द्वारा रबी वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में रबी बीज संचालित योजनान्तर्गत शासकीय/सहकारी संस्थाओं को बीज प्रदाय आदेश जारी किये गये। संस्थाओं के नाम एवं पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है।
आत्मा योजना एवं मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
133. ( क्र. 2633 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की आत्मा योजना क्या है और इस योजना का क्रियान्वयन कैसे किया जाता है? (ख) आत्मा योजना अंतर्गत उज्जैन जिले में सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार हेतु वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में किन-किन कृषकों को किस-किस विद्या में पुरस्कार प्राप्त हुआ उनकों चयनित करने का मापदण्ड क्या था तथा कितने कृषकों का चयन किया गया? सूची उपलब्ध करावें। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना अंतर्गत कितने भ्रमण हुए तथा इस हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई प्राप्त राशि का व्यय किस प्रकार किया गया तथा कितने कृषक इस योजना अंतर्गत लाभांवित हुए?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 में प्रदान किये गये सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार प्राप्त कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। वर्ष 2017-18 हेतु कृषक पुरस्कार चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पुरस्कार चयन के मापदण्ड निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत, मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना अंतर्गत, प्रश्न दिनांक तक कोई भ्रमण नहीं किया गया है।
उद्यानिकी फसलों एवं प्रसंस्करण इकाइयों का विस्तार
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
134. ( क्र. 2634 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक उद्यानिकी फसलों के उत्पादक हेतु जिले में कोई प्रसंस्करण ग्रेडिंग संख्याएं या उद्योग हैं? चालू है या बंद, अवगत करायें। (ख) क्या गुना जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किसानों को विभाग द्वारा दिये जाने वाले अंशदान की नीति में परिवर्तन किया गया है? यदि हाँ, तो नयी नीति में पर्याप्त बजट था? यदि हाँ, तो वह गत वर्ष पूर्ण हुआ या नहीं? कौन सी नीति से किसान लाभान्वित हुये? विवरण दें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्यों की समीक्षा विभाग करेगा? गुना जिला मसाला फसलों का उत्पादक है, यदि हाँ, तो क्या मसाला फसलों के कोई समर्थन मूल्य शासन द्वारा घोषित किया है? यदि नहीं, तो विभाग व शासन कोई नीति निर्धारित करेंगे? (घ) क्या विभाग और शासन द्वारा उद्यानिकी फसलों और प्रसंस्करण इकाइयों के विस्तार हेतु गुना जिले में किसानों को लाभान्वित कराने में सक्षम रहा है? यदि हाँ, तो समीक्षा करके प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों के अन्तर्गत जिले के किसानों की प्रगति हेतु अंशदान बढ़ाने हेतु जनप्रतिनिधियों या अन्य संस्थाओं से प्रस्ताव मांगेगा या स्वंय कोई नीति बनाकर लागू करेगा जिससे किसानों को लाभ हो?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। विवरण निम्नानुसार है:-
क्रं. |
नाम |
संस्था/उद्योग |
चालू अथवा बंद होने की स्थिति |
1. |
गीतांजली बीज अधोसंरचना |
बीज अधोसंरचना इकाई कुंभराज |
चालू है। |
2. |
में. सुआलाल रामगोपाल माहेश्वरी |
बीज अधोसंरचना इकाई |
चालू है। |
3. |
स्पाईस पार्क |
मावन |
चालू है। |
(ख) जी हाँ। नई नीति में पर्याप्त बजट था। उपलब्ध बजट का गत वर्ष में पूर्ण उपयोग किया गया। विवरण उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) जी हाँ। विभाग द्वारा लागू नीतियों कार्यक्रमों की समीक्षा समय-समय पर की जाती है। जी नहीं। मसाला फसलों का समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया गया। फसलों का समर्थन मूल्य सामान्यत: भारत सरकार द्वारा घोषित किया जाता है। (घ) जी हाँ। आर्थिक सहायता राशि बढ़ाने हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में की जा रही अनियमिताएं
[सहकारिता]
135. ( क्र. 2636 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, गुना के अंतर्गत गुना एवं अशोकनगर जिले की सेवा सहकारी समिति पारसोल, उमरी, भैंसरवास, अशोकनगर, हिनोतिया, रातीखेडा, खैजराकलां, पगारा, तरावटा, झागर तथा परवाह में वर्ष 2016 खरीफ एवं रबी मौसम में के.सी.सी. के तहत वितरित ऋणी कृषकों एवं फसल बीमा राशि का भुगतान प्राप्त करने वाले कृषकों की संख्या एवं राशि की जानकारी समितिवार उपलब्ध करावें? (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना द्वारा संयुक्त् आयुक्त, ग्वालियर को प्रेषित पत्र क्र./स्था./2016-2017/2478 गुना दि. 15/10/2016 एवं कार्यालय संयुक्त आयुक्त सहकारिता ग्वालियर के पत्र क्रमांक वि.सभा आश्वा.300/2016/1399 ग्वालियर दि. 20/10/2016 की प्रति उपलब्ध करावें। इन पत्रों के संबंध में स्वतंत्र प्रभार के आदेश जारी करने वाले बैंक शाखा प्रबंधको के विरूद्ध की कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) जिला सहकारी बैंक सेवा सहकारी समितियों में स्वतंत्र प्रभार देने संबंधी शासन, सहकारिता विभाग के स्पष्ट नियम, कर्मचारी सेवा नियमों के निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। वर्ष 2017 में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना अन्तर्गत कितनी सेवा सहकारी समितियों से आवेदन प्राप्त हुये हैं? (घ) आयुक्त सहकारिता, पंजीयक सहकारी संस्थाऐं म.प्र. एवं सहकारिता विभाग का पत्र क्रमांक 26982 दिनांक 21/8/17 की प्रतियां उपलब्ध करावें इन पत्रों के पालन में सहकारिता विभाग एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो कौन अधिकारी दोषी है बतायें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., गुना के 3 शाखा प्रबंधकों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये। जिनमें से 1 शाखा प्रबंधक के सेवानिवृत्त हो जाने से स्टॉफ उपसमिति के निर्णय अनुसार 20 प्रतिशत ग्रेच्यूटी राशि काटे जाने का दण्ड दिया गया, 1 शाखा प्रबंधक को 1 वार्षिक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोके जाने का दण्ड दिया गया तथा 1 शाखा प्रबंधक का प्रकरण प्रक्रियाधीन है। (ग) सेवा सहकारी समितियों के समिति प्रबंधक का स्वतंत्र प्रभार देने के संबंध में शासन/सहकारिता विभाग/सहकारी अधिनियम/नियम में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है अपितु प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की उपविधियों में समिति के वैतनिक कर्मचारियों को अधिकार देने की शक्ति संचालक मंडल को है। उपविधि की संचालक मंडल की शक्तियों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। 03 समितियों के। (घ) मध्यप्रदेश सहकारिता विभाग का पत्र क्र. 26982 दिनांक 21.08.2017 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। उक्त पत्र में उल्लेखित शिकायत की जाँच उपायुक्त सहकारिता, जिला अशोकनगर द्वारा करायी गई। जिसके अनुसार सेवा सहकारी संस्था मर्या., गदूली में नियुक्त सहायक समिति प्रबंधक श्री रूपेश शर्मा को संस्था का स्वतंत्र प्रभार नहीं दिया गया है। संस्था में समिति प्रबंधक के रूप में श्री मलखान सिंह पदस्थ हैं।
ता. प्रश्न (क्र. 764) के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
136. ( क्र. 2640 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि दिनांक 24/07/17 के ता. प्रश्न क्रमांक १२ (क्र.७६४) के तारतम्य में स्पष्ट जानकारी देवें कि स्मार्ट सिटी के तहत कृषि उपज मंडी लक्ष्मीगंज गोल पहाड़िया में समिति द्वारा वर्तमान स्थान पर ही थोक सब्जी व गल्ला का व्यापार का कार्य संचालित रहेगा या अन्य किसी सुविधा जनक जगह पर स्थानातरित होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत सब्जी एवं गल्ला मंडी (लक्ष्मीगंज) का शहर से बाहर व्यापार करने संबंधी बिन्दु के शामिल होने बावत जानकारी एकत्रित की जा रही है। कृषि उपज मंडी लश्कर (लक्ष्मीगंज) में अधिसूचित स्थान पर ही संचालन (क्रय-विक्रय) का कार्य हो रहा है तथा वर्तमान में मंडी समिति के पास मंडी प्रांगण को अन्यंत्र स्थानांतरित करने का कोई प्रस्ताव/योजना विचाराधीन नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगी का नियमितीकरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
137. ( क्र. 2645 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा सहायक संचालक को दैनिक वेतन भोगी को विनियमित करने के संदर्भ में पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित करने की क्या समय-सीमा है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ, सहायक संचालक उद्यान, नरसिंहपुर को दैनिक वेतन भोगी को विनियमित करने के संबंध में दिनांक 26.10.2017 को पत्र लिखा गया था, जिसका जवाब दिनांक 30.10.2017 को प्रेषित किया जा चुका है। (ख) शासन के इस बावत निर्देश में समय-सीमा का उल्लेख नहीं है।
संधारण संभाग को आवंटित राशि
[लोक निर्माण]
138. ( क्र. 2651 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चालू वित्तीय वर्ष में लोक निर्माण विभाग द्वारा भोपाल के संधारण संभाग के अंतर्गत आने वाली बस्तियों के मरम्मत कार्य हेतु राशि आवंटित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन संधारण संभाग को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई और किन-किन ठेकेदारों/फर्म को कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या कार्य निविदा के माध्यम से कार्यादेश जारी किए गए? प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन संधारण संभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की जा चुकी है और कितनी-कितनी राशि शेष है? संधारण संभागवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या कुछ कार्य ऐसे भी हैं जिन्हें अपने चहेते ठेकेदारों से करा लिए गए और निविदा बाद में आमंत्रित की गई? यदि नहीं, तो क्या शासन ऐसे नियम विपरीत कार्य करने वालों के विरूद्ध जाँच कराकर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
139. ( क्र. 2652 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 7826 दिनांक 31 मार्च, 2017 को उल्लेखित तथ्यों की जाँच कराई जाकर कार्यवाही किए जाने का उत्तर दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या जाँच पूर्ण हो गई है? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन दोषी पाए गए और यदि नहीं, तो जाँच को लंबित रखने के क्या कारण है और कब तक पूर्ण कर ली जावेगी बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) दुग्ध सहकारी समिति मर्यादित दीताखेड़ी विदिशा का निर्वाचन नियम सम्मत नहीं होने, सुनीता महिला बहुउद्देशीय सहकारी समिति विदिशा एवं प्राथमिक मत्स्य सहकारी समिति मर्यादित कागपुर विदिशा, विपणन सहकारी संस्था मर्यादित विदिशा की पात्र सदस्य न होने, के कारण श्री रामपाल, श्रीमती कुंती बाई एवं श्री विस्सू जो क्रमश: उक्त संस्थाओं से प्रतिनिधि होकर विपणन सहकारी संस्था विदिशा में संचालक निर्वाचित थे, संचालक पद हेतु अयोग्य पाये गये, उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक दतिया के संबंध में
[सहकारिता]
140. ( क्र. 2653 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक दतिया में पदस्थ वर्तमान महाप्रबंधक कब से पदस्थ हैं? शासन में एक ही जिले में महाप्रबंधक की पदस्थी के क्या नियम/निर्देश हैं? नियम की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में दतिया की वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक वसूली, डिपोजिट, डीजल व्यय, वाहन व्यय, स्वागत व्यय एवं प्रबंधकीय व्यय की वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या वर्तमान महाप्रबंधक की अकुशलता के कारण म.प्र. में स्थान रखने वाला बैंक बंद होने की कगार पर हैं जो उपभोक्ताओं को समय पर सावधि निक्षेप का भुगतान कृषकों का भुगतान (उपार्जन) करने में असफल हो रही हैं? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो पूरे प्रकरण की समिति बनाकर जाँच कराई जावेगी व दोषियों को दंडित किया जावेगा? (घ) बैंक की लगातार घटती वसूली बढ़ते हुये खर्चे डीजल, जीप, स्वागत एवं अन्य व्ययों के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके खिलाफ क्या एवं कब तक कार्यवाही की जायेगी? सभी समितियां डिफाल्टर होने से किसानों को शासन से मिलने वाले लाभ नहीं मिल पा रहे हैं, किसान परेशान हैं, इसके लिये क्या उपाय किये जायेगें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) दिनांक 11.04.2013 से। महाप्रबंधक की पदस्थी के संबंध में शासन के नियम लागू नहीं होते, अपितु अपेक्स बैंक कर्मचारी सेवानियम लागू होते है। अपेक्स बैंक कर्मचारी सेवानियम की मानव संसाधन नीति के प्रावधान अनुसार सामान्यतः अधिकारियों की पदस्थी 3 से 5 वर्ष के लिए होगी। किन्तु बैंक की प्रशासकीय आवश्यकताओं के अनुक्रम में परिवर्तित की जा सकेगी। कर्मचारी सेवानियम की प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., दतिया की वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार तथा डिपोजिट, डीजल व्यय, वाहन व्यय, स्वागत व्यय एवं प्रबंधकीय व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) यह सही है कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., दतिया की आर्थिक स्थिति खराब है, परन्तु उपभोक्ताओं को समय पर सावधि निक्षेप का भुगतान तथा कृषकों को उपार्जन राशि का भुगतान कर रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (घ) भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड, सहकारिता विभाग एवं अपेक्स बैंक द्वारा दिये गये निर्देशानुसार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., दतिया द्वारा वसूली हेतु कालातीत कृषकों/बड़े बकायेदारों की सूची का दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशन, फ्लैक्सी बोर्ड, पम्पलेट एवं बैंक वाहनों के माध्यम से ऋणों के वसूली की कार्ययोजना अमल में लायी गई है। बैंक द्वारा वाहन व्यय, डीजल व्यय, स्वागत व्यय तथा प्रबंधकीय व्यय वार्षिक साधारण सभा द्वारा स्वीकृत बजट सीमा के अंतर्गत किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ उन्हीं कृषकों को प्राप्त होता है, जो अपने द्वारा लिये गये ऋणों की वसूली देय तिथि तक करते है। दतिया जिले में उक्त विवरण अनुसार वसूली की कार्यवाही कर अधिक से अधिक किसानों को शासन की योजना से लाभान्वित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
भविष्य निधि एवं ग्रेच्युटी
[सहकारिता]
141. ( क्र. 2656 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग के अतंर्गत आने वाले समस्त जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के कर्मचारियों के नाम एवं पद की जानकारी जिला बैंकवार उपलब्ध करायें। (ख) उपरोक्त कर्मचारियों में कितने कर्मचारियों की भविष्य निधि एवं ग्रेच्युटी की राशि किस दिनांक से विभाग द्वारा जमा नहीं कराई गई है? कितने कर्मचारियों की कितनी-कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक जमा कराई जाना शेष है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) भविष्य निधि ग्रेच्युटी समय पर जमा न होने पर शासन को विभाग के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही करने के नियम है? क्या शासन द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से नियम की छायाप्रति सहित अवगत करायें। (घ) क्या उक्त समस्त कर्मचारियों की भविष्य निधि एवं ग्रेच्युटी तत्काल जमा कराने हेतु विभाग को निर्देशित करने की कृपा करेंगे। यदि हाँ, तो कब तक जमा की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में कर्मचारियों की भविष्य निधि एवं ग्रेच्यूटी की राशि शासन द्वारा जमा नहीं की जाती है बल्कि संबंधित विकास बैंक द्वारा जमा की जाती है। बैंकवार भविष्य निधि एवं ग्रेच्यूटी राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। बैंकों की वित्तीय स्थिति खराब होने से परिसमापन में लाया गया है। बैंकों की वित्तीय स्थिति खराब होने से राशि जमा नहीं हुई है। (ग) भविष्य निधि भुगतान में चूक करने के लिये भविष्य निधि अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत एवं ग्रेच्युटी की राशि भुगतान करने में चूक करने के लिये उपादान भुगतान अधिनियम में उल्लेखित प्रावधानों के अंतर्गत सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही की जाती है। बैकों की वित्तीय स्थिति खराब होने एवं अपनी देयताओं के निराकरण में सक्षम न होने के कारण ही उन्हे परिसमापन में लाया गया है बैंकों के परिसमापन में आ जाने के उपरान्त परिसमापक के समक्ष दावा प्रस्तुत करने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 69 एवं 71 के प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) बैंक परिसमापकों द्वारा बैंक की वसूली प्राप्त होने पर प्राप्त वसूली के आधार पर यथा-समय उक्त राशियां जमा कराई जा सकेगी। देय राशियों को जमा कराना प्राप्त वसूली पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बलराम तालाबों का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
142. ( क्र. 2686 ) श्री लखन पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के लिए वर्ष 2016-17 में बलराम तालाब के लिए कितना लक्ष्य किस दिनांक को प्राप्त हुआ? विधानसभावार इस लक्ष्य के अनुसार कितने-कितने बलराम तालाब स्वीकृत किये गये? (ख) विधानसभा क्षेत्र पथरिया में बलराम तालाब निर्माण हेतु कितने किसानों के द्वारा आवेदन किये गये? प्राप्त आवेदनों में लक्ष्य की संख्या के आधार पर विभाग द्वारा पात्र किसानों की क्या चयन प्रक्रिया है? कितने किसानों के आवेदन निरस्त किये गये एवं निरस्त करने का कारण स्पष्ट बतायें। (ग) क्या बलराम तालाब चयन प्रक्रिया चुनिंदा ठेकेदारों के अनुसार अपनायी जाती है? अधिकतर प्रशासकीय स्वीकृति पूरा ग्रीष्म काल निकल जाने के बाद व बारिश के समय दी जाती है जिससे चुनिदा ठेकेदार द्वारा राशि का आहरण करा लिया जाता है? (घ) क्या बारिश के पूर्व की गई बलराम बाताल की टी.एस. के बावजूद सितंम्बर माह में अलग से बलराम तालाब की प्रशासकीय स्वीकृति देकर तत्काल राशि का आहरण करा दिया गया। जबकि पूर्व के अधिकांश बलराम तालाब का मूल्यांकन नहीं कराया गया व राशि नहीं दी गई? टी.एस. जारी करने की दिनांक व इसकी राशि किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि दी गई? (ड.) प्रश्नांश (ग) व (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो क्या?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दमोह जिले के लिये वर्ष 2016-17 में 320 बलराम तालाब के लक्ष्य दिनांक 15.02.2017 को प्राप्त हुये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र पथरिया में बलराम तालाब निर्माण हेतु कुल 180 किसानों के द्वारा आवेदन दिये गये। प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही बलराम ताल की मार्गदर्शिका अनुसार की जाती है। मार्गदर्शिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में बलराम तालाब हेतु किसी भी आवेदन पत्र को निरस्त नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं, योजना में हितग्राहियों का चयन बलराम तालाब योजना की मार्गदर्शिका अनुसार किया जाता है मार्गदर्शिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। जी नहीं, प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति के पश्चात दी जाती है। योजना अंतर्गत अनुदान राशि हितग्राही के बैंक खाते में ई-पेमेंट द्वारा भुगतान की जाती है। ठेकेदार द्वारा राशि आहरण का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी नहीं। पूर्व वर्षों के निर्मित बलराम तालाब कार्य मूल्यांकन के आधार पर अनुदान भुगतान हेतु शेष नहीं है। विधानसभा क्षेत्र पथरिया अंतर्गत वर्ष 2016-17 में प्राप्त आवेदनों की तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति पश्चात कार्य मूल्यांकन के आधार पर अनुदान की राशि संबंधित हितग्राहियों के बैंक खाते में ई-पेमेंट के माध्यम से भुगतान की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है। (ड.) उत्तरांश (ग) व (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं।
त्यौंथर जल बहाव सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
143. ( क्र. 2691 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या त्योंथर बहाव सिंचाई परियोजना का कार्य विगत एक वर्ष से बंद है? इस परियोजना के कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? (ख) इस सिंचाई परियोजना के कार्य अवरूद्ध होने के क्या कारण हैं? (ग) रूके हुये कार्य को कब तक शुरू करायेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी नहीं। परियोजना के कार्य की पूर्णता अवधि दिनांक 30.06.2018 है। वर्षाकाल में निर्माण कार्य बंद था। निविदाकार द्वारा माह सिंतबर-2017 से कार्य पुन: प्रारंभ कर दिया गया है।
PWD उप संभाग त्यौंथर में किये गये कार्य
[लोक निर्माण]
144. ( क्र. 2692 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण उप संभाग त्यौंथर जिला रीवा में वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक किन कार्यों के लिये कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्राप्त राशि के विरूद्ध संबंधित कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई? (ग) क्या उपरोक्त व्यय राशियों का सत्यापन क्या उच्च पदाधिकारियों से कराया गया? सत्यापन की प्रति दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-15 अनुसार है। भुगतान की गई राशि से संबंधित अधिकारी का नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-15 में अंकित है। पृथक से सत्यापन कराये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि शक्ति कृषि यंत्र दूत योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
145. ( क्र. 2703 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि शक्ति योजना एवं कृषि यंत्र दूत योजनाओं का वितरण देते हुये बतायें कि इन योजनाओं से कृषकों को किस प्रकार से लाभांवित किया जा रहा है? गत दो वर्षों में अनूपपुर जिले को इन योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कितनी राशि उपलब्ध कराई गई वर्षवार व्यय का ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं में पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों के कितने कृषकों को चयनित कर उन्हें किस प्रकार लाभांवित किया गया? कितने कृषकों को प्रशिक्षण दिया गया? (ग) उक्त योजनाओं से विगत दो वर्षों में उक्त विधानसभा क्षेत्र में लाभांवित कृषकों व व्यय राशि की सूची उपलब्ध करावें। कितने कृषकों को किस-किस कार्य हेतु अनुदान दिया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि शक्ति योजना अंतर्गत कृषकों को दो प्रकार से लाभांवित किया जा रहा है। 1. पावर टिलर के क्रय पर कृषकों को मूल अनुदान के अतिरिक्त राशि रू.30000 का टॉपअप अनुदान दिया जा जाता है। 2. चयनित यंत्रदूत ग्रामों में उन्नत कृषि यंत्रीकरण के प्रोत्साहन हेतु निम्न कार्य किये जाते है:- 1. उन्नत कृषि यंत्र उपकरणों का प्रदर्शन, 2. प्रशिक्षण, 3. कृषक संगोष्ठी (सेमीनार), 4. कृषकों का भ्रमण (राज्य के भीतर/बाहर) अनूपपुर जिले को योजनांतर्गत उपलब्ध कराई गई राशि एवं व्यय का ब्यौरा जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित योजना अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लाभांवित किये गये कृषकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। कृषकों को उनके द्वारा क्रय किये गये पावर टिलर पर टॉपअप अनुदान दिया गया है। अनूपपुर जिले में गत दो वर्षों में यंत्रदूत ग्रामों का चयन न होने से कृषकों को प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। (ग) उत्तरांश (क) में वर्णित योजना अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कृषकों को पाव टिलर के क्रय पर मूल अनुदान के अतिरिक्त टॉपअप अनुदान दिया गया है। लाभांवित कृषक व देय टॉपअप अनुदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है।
ओव्हर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
146. ( क्र. 2704 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर मुख्यालय में ओव्हर ब्रिज निर्माण की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा दी गई है? यदि हाँ, तो उसकी लागत कितनी है तथा स्वीकृत ओव्हर ब्रिज में कितने खम्बे बनाने का प्रावधान है? ओव्हर ब्रिज निर्माण में कितनी शासकीय भूमि एवं कितनी निजी भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जमीन अधिग्रहण एवं मुआवजा वितरण के क्या नियम और प्रक्रिया है? जारी निर्देश/आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। उक्त ओवर ब्रिज के निर्माण में कौन-कौन से निजी भूमिस्वामियों की कितनी-कितनी जमीन अधिग्रहित की जा रही है, कितने भूमि स्वामियों के निर्मित घर एवं बाउण्ड्रीवॉल का कितना नुकसान हो रहा है? भूमि स्वामी के नाम, पते सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या अधिग्रहित भूमि के घर, दुकान की नुकसानी होने पर भूमि स्वामी को मुआवजा दिये जाने का शासन के नियमों में प्रावधान है? यदि हाँ, तो इस प्रकरण में कितने-कितने लोगों को कब तक मुआवजा दिया जायेगा। (घ) क्या निजी जमीन अधिग्रहित किये और बिना भूमि स्वामी की सहमति से ओव्हर ब्रिज का निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जा सकता है? यदि नहीं, तो ऐसे अधिकारियों जिन्होंने बिना निर्धारित औपचारिकता पूर्ण किये ओव्हर ब्रिज का कार्य प्रारंभ करा दिया है उनके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करने जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। स्वीकृति राशि रूपये 2103.95 लाख तथा 7 पियर व 2 अबटमेन्ट राज्य द्वारा एवं 2 पियर रेलवे पोर्शन में बनाने का प्रावधान है। शासकीय भूमि 0.9648 हेक्टेयर एवं निजी भूमि 0.144 हेक्टेयर अधिग्रहण की जा रही है। (ख) मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार अनिवार्य भू अर्जन/आपसी सहमति के जारी निर्देश/आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। कलेक्टर द्वारा आवार्ड पारित उपरांत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। निजी भूमि में कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सड़क/पुलियाओं का निर्माण
[लोक निर्माण]
147. ( क्र. 2707 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में लो.नि.वि. की कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है? क्या भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र की अनेक सड़कें पुल-पुलिया का निर्माण कार्य नहीं हो रहा है? (ख) क्या क्यौलारी-शुक्लाहारी के मध्य पुलिया ध्वस्त हो गई है। जिसकी मरम्मत आज दिनांक तक नहीं हो सकी तथा सड़क का निर्माण नहीं हो पाया? क्यों? (ग) इन्दरगढ़ -पण्डोखर, गौंदन-उड़ीना, उड़ीना-तालगांव, कामद से इंदरगढ़, कामद से उनाव तक बनने वाला रोड, मिहौना से भाण्डेर वाया चिरागांव रोड उखड़ा पड़ा है, आये दिन दुर्घटनाएं हो रही है, उक्त रोडो को कब तक ठीक कराने की कार्यवाही की जावेगी, नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के अंतर्गत नहीं है। कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा दतिया से प्राप्त उत्तर अनुसार क्यौलारी-शुक्लाहारी के मध्य पुलिया ध्वस्त की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मार्गों पर दुर्घटना के संबंध में कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। साथ ही मार्गों पर आवागमन सुचारू रूप से संचालन किये जाने हेतु उपलब्ध संसाधन अनुसार कार्य कराया जा रहा है। जो सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत है एवं मिहोना-लहार-भांडेर-चिरगांव मार्ग की विशेष मरम्मत कार्य प्रगति पर है अनुबंधानुसार यह कार्य अनुबंध दिनांक 07.07.17 से 09 माह में किये जाने की संभावना है।
घनपीपरी माइनर में पानी का अभाव
[जल संसाधन]
148. ( क्र. 2708 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घनपीपरी माईनर में सिंचाई हेतु पानी न पहुंचने तथा दतिया जल संसाधन विभाग द्वारा इस दिशा में क्या लापरवाही बरती जा रही हैं? (ख) क्या यह सही है कि दतिया जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ स्वयं विधायक द्वारा निरीक्षण किया गया परंतु 01 वर्ष के उपरांत कोई कार्यवाही की गई। नहीं तो क्यों? (ग) घनपीपरी, तेतना, हरदई, सहित लगभग 30 ग्रामों को सिंचाई के पानी से लाभान्वित कराने की क्या योजना है कब तक कार्यवाही की जायेगी तथा लापरवाह अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) धनपीपरी माईनर में सिंचाई हेतु वर्तमान में 11वें कि.मी. में पानी गोंदन, ऊँचिया, लोधीपुरा, मुरगवां, मैथानापाली, रानीपुरा, वार्गोदान फिरोज सोड़ा ग्रामों के खेतों में पहुंच रहा है तथा इसके उपरांत अन्य ग्रामों में सिंचाई हेतु विभाग प्रयासरत है। अत: लापरवाही नहीं बरती जा रही है। (ख) अधिकारियों के साथ मा. विधायक के द्वारा निरीक्षण एवं मा. विधायक की मांग पर धनपीपरी माईनर का प्राक्कलन स्वीकृत कराया गया तथा निविदा आमंत्रित कर दिनांक 03.11.2017 को निविदा की कार्यवाही ई-टेण्डरिंग सेल भोपाल द्वारा पूर्ण की जाकर दिनांक 14.11.2017 को निविदा स्वीकृत की जा चुकी है। (ग) उपरोक्त निविदा कार्य हो जाने के उपरांत धनपीपरी, तैतना, हरदई सहित अन्य ग्रामों में जो धनपीपरी माईनर के कमाण्ड क्षेत्र में है, सिंचाई सुविधा से लाभान्वित हो सकेगें। लाभांवित कराने की योजना जारी है। अत: अधिकारियों/ कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।
क्षतिग्रस्त डेमों की मरम्मत
[जल संसाधन]
149. ( क्र. 2716 ) श्री सुदेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर अंतर्गत ऐसे कितने स्टॉप डेम हैं जो वर्तमान में क्षतिग्रस्त हैं तथा उनका सर्वे विभाग द्वारा कब से नहीं किया गया है? डेम अनुसार विवरण देवें? (ख) क्षतिग्रस्त डेमों की मरम्मत हेतु क्या शासन को प्रस्ताव भेजे गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा कब तक प्रस्ताव भेज दिये जायेगें। (ग) क्षतिग्रस्त डेमों की मरम्मत हेतु विभाग को विगत 03 वर्षों में कितना बजट किस-किस डेम की मरम्मत हेतु प्राप्त हुआ है तथा प्राप्त बजट से क्या-क्या कार्य पूर्ण कराये गये हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर अंतर्गत विभाग के अधीन 6 बैराज क्षतिग्रस्त है। जिनका सर्वे/स्थल निरीक्षण वर्ष 2017-18 में किया गया है। (ख) क्षतिग्रस्त बैराजों के मरम्मत प्राक्कलन अधीक्षण यंत्री कार्यालय को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। विभागीय स्तर पर वर्तमान में कोई प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। (ग) क्षतिग्रस्त डेम/बैराज की मरम्मत हेतु विगत 03 वर्षों में पृथक से कोई बजट नहीं दिया जाता है, परंतु सामान्य वार्षिक अनुरक्षण मद में प्राप्त बजट से इन बैराजों के शटर्स खोलने एवं बंद करने कार्य कराया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''पचानवे''
तिलहन संघ के शेष कर्मचारियों का संविलियन
[सहकारिता]
150. ( क्र. 2730 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तिलहन संघ के शेष कर्मचारियों को अन्य विभागों में पदस्थ (संविलियन) करने की कार्यवाही विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कौन-कौन कर्मचारियों को कौन-कौन से विभाग में पदस्थ करने की कार्यवाही प्रस्तावित है? नाम, पद सहित जानकारी दी जावे? (ख) क्या तिलहन संघ के ऐसे कर्मचारियों जिन्हें अब तक अन्य विभागों में पदस्थ नहीं किया जा सका है उनके घरों में आर्थिक संकट पैदा हो गया है, क्या उनके प्रति सहानुभूति पूर्वक अतिशीघ्र निर्णय लिया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) की समस्या समाधान हेतु कब तक कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी नहीं, तिलहन संघ के ऐसे कर्मचारी जिनका संविलियन नहीं हुआ है और वे अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं तो वेतन प्रतिनियुक्ति विभाग से प्राप्त कर रहे हैं, जो सेवायुक्त तिलहन संघ में पदस्थ हैं उन्हें तिलहन संघ से वेतन प्राप्त हो रहा है। (ग) संविलियन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तृतीय समयमान-वेतनमान
[लोक निर्माण]
151. ( क्र. 2731 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग में 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर तृतीय समयमान वेतनमान देने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक 30 वर्ष की सेवापूर्ण करने पर भी कई कर्मचारी तृतीय समयमान वेतनमान के लाभ से वंचित है? (ग) यदि हाँ, तो तृतीय समयमान वेतनमान से वंचित इन कर्मचारियों को कब तक वेतनमान दिया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) तृतीय समयमान-वेतनमान नियमानुसार निर्धारित अर्हताओं की पूर्ति एवं विभागीय चयन समिति की अनुशंसा उपरांत समयमान-वेतनमान का लाभ दिया जायेगा। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश के किसानों की वार्षिक आय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
152. ( क्र. 2737 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से 2016 तक कुल कृषि आय वर्षवार बतावें तथा प्रतिवर्ष होने वाली प्रतिशत वृद्धि/कमी की जानकारी दें तथा उपरोक्त से प्रति कृषक वार्षिक आय कितनी है? उसकी वर्षवार जानकारी देवें? (ख) क्या वर्ष 2016-17 में कुल कृषि आय रूपये 2,22,174 करोड़ है तथा प्रदेश में इस वर्ष में अनुमानित ग्रामीण जनसंख्या 5.8 करोड़ (अनुमानित कुल जनसंख्या 8.0 करोड़ की 70 प्रतिशत) है इस मान से प्रति कृषक वार्षिक आय 40 हजार प्रतिवर्ष से भी कम है जो देश के प्रति व्यक्ति आय की एक तिहाई है? यदि हाँ, तो बतावे कि चार बार कृषि कर्मण पुरस्कार के बाद भी किसान की आय में यथोचित वृद्धि क्यों नहीं हुई है? शासन की टीप देवें। (ग) 5 साल में किसानों की आय दो गुनी करने का रोड मेप क्या है बतावें एवं अगले 5 वर्षों में किसानों की आय कितनी हो जायेगी? (घ) इन्दौर जिले में 31 अक्टूबर, 2017 की स्थिति में वर्ग 1 एवं वर्ग 2 के अधिकारियों की विभागीय जाँच (नियम-14) अनुशासनात्मक कार्यवाही (नियम 16) के अन्तर्गत लंबित प्रकरणों में अधिकारी का नाम पद, कार्य स्थल, जाँच/कार्यवाही की जानकारी देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
कृषि कर्मण पुरस्कार
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
153. ( क्र. 2738 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 5 साल में कृषि कर्मण पुरस्कार के लिये केन्द्र सरकार को भेजे गये प्रस्तुतीकरण की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ख) क्या कृषिण कर्मण पुरस्कार से यह कहा जा सकता है कि प्रदेश की उत्पादकता बढ़ी है? (ग) क्या मा.मुख्यमंत्री ने वर्ष 2017 में मेधावी छात्रों को संबोधित करते हुये कहा था कि खेती अब लाभ का धंधा नहीं है, नौजवान खेती का कार्य छोड़कर अंबानी, टाटा जैसे उद्योग पति बने? (घ) पिछले 5 वर्षों में किसानों के कल्याण के लिये किये गये पाँच प्रमुख कार्य बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संजय सागर बांध की क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत
[जल संसाधन]
154. ( क्र. 2744 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में संजय सागर बांध का निर्माण कब पूर्ण हुआ था तथा इससे कितने हेक्टेयर जमीन सिंचित हो रही है? इस वर्ष बांध में कितने मीटर पानी भर पाया है जिससे कितने हेक्टेयर जमीन सिंचित हो पायेगी? किसानों को रबी फसल के लिये कितनी बार पानी नहरों से दिया जायेगा? (ख) वित्तीय वर्ष 2006-07 से प्रश्न दिनांक तक संजय सागर बांध की गुना जिले में कितनी मीटर नहरों का रख-रखाव किया गया और उस पर कितनी राशि किन रास्तों (लाईनों) पर व्यय की गई है वर्षवार एवं उप-संभागवार बतायें। क्या पूर्व में नहरें पत्थरों की जुड़ाई से बनाई गई थी? क्या वर्तमान में सीमेंट, कांक्रीट से नहरें बनाई जा रही हैं? (ग) संजय सागर बांध की प्रश्न दिनांक तक कितनी मीटर नहरें क्षतिग्रस्त थी? इन टूटी और क्षतिग्रस्त नहरों को कब तक ठीक कर लिया जायेगा? समय पर नहरें ठीक नहीं कराने के लिये कौन दोषी है? उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या टूटी नहरों से पानी व्यर्थ बह रहा है और किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुँच पा रहा है जिससे किसानों में असंतोष है और समय पर नहरें ठीक नहीं होने से आक्रोश है? नहरों से पानी सप्लाई की व्यवस्था कब तक ठीक कर ली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) गुना जिले में संजय सागर बांध का निर्माण कार्य वर्ष 1999 में पूर्ण हुआ था इससे रूपांकित 5,002 हे. रबी सिंचाई के विरूद्ध 6,500 हे. क्षेत्र में रबी सिंचाई हो रही है। इस वर्ष बांध के पूर्ण जल भराव 449.10 मीटर आर.एल. की तुलना में बांध में भराव जल स्तर 440.25 मी. आर.एल. तक हुआ है। जिससे 2,366 हे. क्षेत्र में सिंचाई हो पायेगी, किसानों को रबी फसल के लिए केवल पलेवा हेतु पानी दिया जाना लक्षित है। (ख) वित्तीय वर्ष 2006-07 से प्रश्न दिनांक तक संजय सागर बांध की गुना जिले में 94,630 मीटर नहरों का रख-रखाव किया गया है। व्यय की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। यह व्यय संजय सागर शीर्ष कार्य उपसंभाग राघौगढ़ द्वारा वर्ष 2015-16 तक एवं जल संसाधन उपसंभाग राघौगढ़ द्वारा वर्ष 2016-17 से 2017-18 तक किया गया है। जो संपूर्ण 94,630 मी. लंबाई में किया गया है। वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। जी हाँ, पूर्व में नहरें पत्थर की फर्सियों (प्लेग स्टोन लाईनिंग) से बनाई गई थी। विशेष मरम्मत अंतर्गत नहर प्रणाली को ठीक कराने हेतु ठेकेदार को रू.34.71 लाख का कार्य आवंटित किया गया है। कार्य में एल.बी.सी. नहर की सब माईनर नहर में 1000 मी. लंबाई में सीमेंट कांक्रीट लाईनिंग का कार्य ठेकेदार से कराना है। पूर्व में निर्मित नहर में जहां-जहां पत्थर की फर्सी उखड़ गई है एवं टूट गई है वहां सीमेंट कांक्रीट से विशेष मरम्मत का कार्य ठेकेदार द्वारा किया जाना है। (ग) संजय सागर बांध की प्रश्न दिनांक तक कुल 13,529 मी. लंबाई में नहरें विभिन्न खण्डों में क्षतिग्रस्त थी इन टूटी एवं क्षतिग्रस्त नहरों को दिसंबर 2017 तक ठीक करा लिया जावेगा। नहरें ठीक करने हेतु ठेकेदार की अनुबंधित अवधि दिनांक 28.12.2017 तक है। अतएव कोई दोषी नहीं है। वर्तमान में नहरों से रबी सिंचाई हो रही है। दिनांक 28.12.2017 तक ठेकेदार द्वारा कार्य नहीं करने पर उसके विरूद्ध अनुबंध के तहत कार्यवाही की जावेगी। (घ) नहरों से पानी व्यर्थ नहीं बह रहा है जल उपभोक्ता संथाओं एवं विभाग द्वारा सूचना मिलने पर तुरंत दुरूस्त किया जाकर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। साथ ही साथ सामान्य रख-रखाव भी जल उपभोक्ता संथाओं द्वारा उनको उपलब्ध कराई गई राशि से किया जा रहा है। वर्तमान में नहरों से जल प्रवाह चालू है। नहरों से पानी सप्लाई की व्यवस्था ठेकेदार की अनुबंधित अवधि दिनांक 28.12.2017 तक और ठीक कराया जाना लक्षित है।
प्याज खरीदी
[सहकारिता]
155. ( क्र. 2745 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2016 और 2017 में प्याज की कुल कितनी खरीदी कितने जिलों में एवं कितने केन्द्रों पर की गई? इस पर कुल कितनी राशि व्यय की गई? जिलावार जानकारी देवें? (ख) उपरोक्त वर्षों में खरीदी गई प्याज का विक्रय किस दर पर, किस मात्रा में, किस फर्म को किया गया? जिलावार जानकारी देवें? (ग) प्याज की बिक्री में किस-किस जिले में अनियमितताएं पाई गई? इसमें कौन-कौन दोषी पाये गये? दोषी पाये गये अधिकारियों, कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? उन पर कितनी वसूली निकाली गई है और कितनी वसूली की गई है? (घ) प्याज खरीदी के लिये क्रय किये गये वारदानों की खरीदी की क्या प्रक्रिया अपनाई गई? किस-किस दर किस अधिकारी द्वारा खरीदी की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
156. ( क्र. 2756 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा में लोक निर्माण विभाग द्वारा करैरा एवं नरवर में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने रोड निर्माण कराये गये, की जानकारी रोड विवरण, लागत राशि, ठेकेदार के नाम, कार्य स्वीकृति दिनांक कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्ण दिनांक व कार्य की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें? (ख) क्या सभी उपरोक्त निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो चुके हैं व कितने शेष हैं व शेष निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे? (ग) क्या सभी कार्य प्राक्कलन सीमा में पूर्ण कराये गये हैं? अथवा री-स्टीमेट बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कार्यों की जानकारी अन्तर राशि सहित दी जावे? री-स्टीमेट हेतु कौन-कौन दोषी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। जी नहीं। म.प्र.स.वि.नि. द्वारा सम्पादित 2 कार्य शेष है। शेष निर्माण कार्यों के पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जल संसाधन विभाग की भूमिका
[जल संसाधन]
157. ( क्र. 2757 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा सूखाग्रस्त क्षेत्र के कृषकों के हितार्थ जल संसाधन विभाग का भी योगदान रहेगा? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या नीति निर्धारित है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत अभी तक विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी में जल संसाधन विभाग द्वारा सूखाग्रस्त नियमों के तहत कृषकों के क्या-क्या योजना दी गई? अथवा दी जायेंगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) विभाग द्वारा सूखाग्रस्त क्षेत्रों के कृषकों के हितार्थ जल उपलब्धता के अनुसार कृषि सिंचाई हेतु परियोजनाओं का निर्माण किया जाता है। विधानसभा क्षेत्र करैरा-23, के लिए वर्तमान में कोई विशिष्ट योजना प्रक्रियाधीन नहीं है।
सूखाग्रस्त क्षेत्रों में किसान कल्याण तथा कृषि विभाग की भूमिका
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
158. ( क्र. 2758 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा सूखाग्रस्त क्षेत्र के कृषकों के हितार्थ किसान कल्याण तथा कृषि विभाग का भी योगदान रहेगा? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या नीति निर्धारित है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत अभी तक विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी में किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा सूखाग्रस्त नियमों के तहत कृषकों को क्या-क्या योजना दी गई? अथवा दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में सूखा ग्रस्त क्षेत्र के कृषकों के हितार्थ पृथक से विभागीय योजना नहीं है। सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा आकस्मिकता योजना तैयार की जाती है तथा उक्तानुसार किसानों के द्वारा बीजों की मांग पर उक्त किस्मों के बीजों की व्यवस्था की जाती है तथा प्राकृतिक आपदा से फसलों की नुकसानी कम हो अथवा नहीं हो इसकी तकनीकी सलाहें किसानों को उपलब्ध कराई जाती है। (ख) उत्तरांश (क) के क्रम में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
सूखाग्रस्त क्षेत्रों में सहकारिता विभाग की भूमिका
[सहकारिता]
159. ( क्र. 2759 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा सूखाग्रस्त क्षेत्र के कृषकों के हितार्थ सहकारिता विभाग का भी योगदान रहेगा? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या नीति निर्मित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत विगत 3 वर्षों से अभी तक विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी में सहकारिता विभाग द्वारा सूखाग्रस्त नियमों के तहत कृषकों को क्या-क्या योजना दी गई? अथवा दी जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) भारतीय रिजर्व बैंक/नाबार्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आनावारी के आधार पर 33 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक फसल की उपज में कमी होने पर चालू फसल ऋण को 2 वर्षीय एवं 50 प्रतिशत या उससे अधिक फसल की उपज में कमी होने पर 3 वर्षीय मध्यावधि ऋणों में परिवर्तित किया जाता है। परिवर्तन के पश्चात कृषकों को पुनः ऋण प्राप्त करने की पात्रता होती है। परिवर्तित किये गये ऋण की किश्तों की अदायगी कृषकों द्वारा देय तिथि या उसके पूर्व किये जाने पर शून्य प्रतिशत ब्याज योजनांतर्गत ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। परिवर्तित किये गये ऋणों का 15 प्रतिशत अंशदान ऋण के रूप में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों को राज्य शासन द्वारा दिया जाता है साथ ही नाबार्ड से 60 प्रतिशत पुनर्वित्त प्राप्त करने हेतु राज्य शासन द्वारा शासकीय प्रत्याभूति उपलब्ध करायी जाती है। (ख) विगत 3 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 23 करैरा में भारतीय रिजर्व बैंक/ नाबार्ड के दिशा-निर्देशानुसार खरीफ 2015 मौसम में 1244 प्रभावित कृषक सदस्यों की राशि रूपये 407.52 लाख अल्पावधि कृषि ऋण को मध्यावधि ऋण में परिवर्तित कर देय तिथि या उसके पूर्व चुकाने वाले सदस्य को शून्य प्रतिशत ब्याज दर का लाभ दिया जा रहा है।
सुरपन नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
160. ( क्र. 2770 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के विकासखण्ड बिछिया अंतर्गत लो.नि.वि. की दिवरा से लफरा मार्ग के बीच सुरपन नदी में पुल निर्माण एवं लफरा कटंगा टोला, हिरदेनगर मार्ग के बीच सुरपन नदी के पुल निर्माण हेतु सेतु विकास निगम द्वारा सर्वे कब कराया गया? (ख) उक्त कार्य कराये जाने हेतु विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या लफरा कटंगा टोला मार्ग में सुरपन नदी पर पुल निर्माण हेतु अधीक्षण यंत्री कार्यालय जबलपुर से पत्र क्रमांक 0342 दिनांक 18.12.2014 को स्वीकृति हेतु प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग (सेतु निगम) भोपाल को भेजा गया है? यदि हाँ, तो शासन स्तर पर अभी तक स्वीकृत की क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त कार्य कब तक स्वीकृत कर दिये जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) विस्तृत प्रस्ताव नहीं, अपितु पुलों की प्राथमिक जानकारी थी। कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत भरे एवं रिक्त पद की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
161. ( क्र. 2785 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कृषि विभाग में वर्ग एक वर्ग दो वर्ग तीन एवं वर्ग चार के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद में कितने पद भरे हैं, कितने पद रिक्त हैं (ख) रिक्त पदों की पूर्ति अभी तक क्यों नहीं की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में स्वीकृत, पद एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) पदोन्नति नियम-2002 के विरूद्ध मान. सर्वोच्च न्यायालय में स्थगन होने के कारण विचाराधीन पदोन्नति से भरे जाने वाले पद की पूर्ति नहीं की जा सकी है। सहायक संचालक (क्षेत्रविस्तार) के 37 एवं सहायक संचालक (सांख्यिकी) के 01 रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मांग पत्र म.प्र. लोक सेवा आयोग इंदौर को भेजा गया है। विभाग के पत्र दिनांक 22 सितम्बर, 2017 द्वारा विभिन्न संवर्गों के सीधी भर्ती से नियुक्ति हेतु स्वीकृत पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। उक्त स्वीकृत पदों में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के 72 पद चयन हेतु नियंत्रक प्रोफेसनल एक्जामिनेशन बोर्ड भोपाल को दिनांक 26.10.2017 प्रस्ताव भेजा गया है। शेष पदों की भरती हेतु प्रस्ताव भेजने की कार्यवाही प्रचलन में है तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के 767 पदों की कार्यवाही प्रचलन में है।
न्यायालयों में हिन्दी भाषा में कार्य
[विधि और विधायी कार्य]
162. ( क्र. 2797 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में एवं इनके कार्यालयों में आदेश, निर्देश, स्टे, आदेश नोटिस निर्णय एवं अन्य सभी कार्य हिन्दी भाषा में अनिवार्यत: किये जाते है? (ख) क्या उक्त विभाग में अधिकतम कार्य अंग्रेजी भाषा में ही होता है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो बतावें कि हिन्दी भाषा में सभी कार्य संपादित करने संबंधी कौन-कौन से आदेश, निर्देश, नियम हैं? उपलब्ध करावें। (ग) क्या राष्ट्रभाषा हिन्दी में इस विभाग के सभी कार्य अनिवार्यत: करने के नियम हैं? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें। क्या इसका पालन पूर्ण रूप से हो रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या इस विभाग सहित सभी विभागों के सभी कार्य राष्ट्रभाषा हिन्दी में करने संबंधी कोई नियम, प्रस्ताव या निर्णय विगत 10 वर्षों में शासन द्वारा लिया गया? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या उक्त विभाग या न्यायालय से संबंधित सभी कार्य जनहित में हिन्दी भाषा में अनिवार्य कराये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अधिनस्थ न्यायालयों में एवं इनके कार्यालयों में आदेश, निर्देश, स्टे आदेश, नोटिस, निर्णय एवं अन्य सभी कार्य हिन्दी भाषा में अनिवार्यतः किये जाते हैं। (ख) जी नहीं। विधि विभाग में समस्त कार्य हिन्दी में ही किये जाते हैं एवं अधिनस्थ सभी न्यायालयों में हिन्दी भाषा में सभी कार्य संपादित करने संबंधी आदेश, निर्देश एवं नियम म.प्र. सिविल न्यायालय नियम 1961 के नियम 8 में दिये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इस विभाग के सभी कार्य अनिवार्यतः हिन्दी में करने के संबंध में प्रावधान म.प्र. आफिशियल लेंग्वेज एक्ट, 1957 में किया गया है, जिसकी धारा 3 में कार्यालयीन भाषा को राजभाषा हिन्दी (देवनागिरी लिपि) को घोषित किया गया है और इसका पालन पूर्ण रूप से विभाग में हो रहा है। (ग) विभाग के सभी कार्य अनिवार्यतः हिन्दी में करने के संबंध में प्रावधान म.प्र. आफिशियल लेंग्वेज एक्ट, 1957 में किया गया है, जिसकी धारा 3 में कार्यालयीन भाषा को राजभाषा हिन्दी (देवनागिरी लिपि) को घोषित किया गया है और इसका पालन पूर्ण रूप से विभाग में हो रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''अट्ठानवे''
फूड प्रोसेसिंग कार्य
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
163. ( क्र. 2816 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले में अंगूर, संतरा, अमरूद स्ट्राबेरी, पपीता, सीताफल, शरतूत, इमली इत्यादि सहित अनेक इत्यादि प्रकार की एवं आंवला, सफेद/काली मूसली, अश्वगंधा तथा टमाटर, मटर, आलू प्याज, लहसुन, हल्दी, सरसों इत्यादि फसलों का जिले के अनेक ग्रामों में पर्याप्त मात्रा में उत्पादन कृषकों के परिश्रम से हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इनकी गुणवत्ता अच्छी होने के कारण देश भर में इनकी मांग पर्याप्त बनी रहती है? अनेक कृषक एवं व्यापारी देश भर के विभिन्न राज्यों में स्थानीय स्तर से लेकर बाहर तक के अन्य राज्यों में क्रय-विक्रय करते है? (ग) यदि हाँ, तो क्या जिले की जावरा नगर की शुगर मिल भूमि जिले का मध्य केन्द्र होने से व्यापारियों से लेकर कृषकों एवं नजदीक रेलवे स्टेशन तथा रेल पटरी मिल परिसर के भीतर तक होने के कारण निवेशकों हेतु पूरी अनुकूलता है? (घ) अवगत कराएँ कि उपरोक्त समस्त अनुकूलताओं में मिल परिसर जावरा में फूड पार्क, फूड प्रोसेसिंग तथा कृषि प्रयोजन कार्य किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या किया जा रहा है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) विभाग द्वारा फूड पार्क और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विकास के लिए निजी निवेशकों को प्रोत्साहन देने हेतु नीति बनाई गई है और उसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। यदि निजी निवेशक इस हेतु आगे आते हैं, तो नीति अनुसार प्रोत्साहन दिया जाएगा।
नोटरियों के रिक्त पदों की पूर्ति
[विधि और विधायी कार्य]
164. ( क्र. 2817 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र के नगर जावरा, तहसील पिपलौदा एवं तहसील जावरा अंतर्गत विगत कई वर्षों से नोटरियों की कमी होने के कारण नगर एवं आस-पास के सैकडों नागरिकों को विधि, विधायी कार्यों में अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या क्षेत्र के उपरोक्त स्थानों के अंतर्गत नोटरियों के कई पद विगत कई वर्षों से रिक्त पड़े है? किन-किन स्थानों के कुल कितने पद रिक्त होकर कब-कब से रिक्त पड़े हैं? (ग) क्या रिक्त पड़े पदों को भरे जाने हेतु नियमानुसार शासन/विभाग द्वारा आवेदकों से आवेदन लेकर समय-समय पर बैठक कर शासकीय कार्य औपचारिकताएं भी पूरी कर जिले द्वारा वरिष्ठालय को कार्यवाही अग्रेषित की है? (घ) यदि हाँ, तो किस-किस वर्ष में पदों की रिक्तता की स्थिति में पदों को भरे जाने हेतु किस-किस अधिकारी की उपस्थिति में बैठक होकर वरिष्ठालय को कब-कब कार्यवाहियाँ अग्रेषित की गई एवं नोटरियों के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में तहसील-जावरा में कुल स्वीकृत 09 पदों में से 04 नोटरी एवं तहसील-पिपलौदा में कुल स्वीकृत 05 पदों में से 03 नोटरी कार्य कर रहे है। (ख) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। नगर एवं तहसील-जावरा में 05 एवं तहसील -पिपलौदा मे-02 पद नोटरी के रिक्त है। जिसमे तहसील-जावरा में 03 पद वर्ष 2014-15 से 02 नवीन आवंटित पद वर्ष 2016 से एवं तहसील-पिपलौदा में 02 पद नवीन आवंटित वर्ष 2016 से रिक्त है। (ग) जी हाँ। रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रतलाम से अधिवक्ताओं का अनुशंसित पैनल प्राप्त हो चुका है। नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) नोटरी की नियुक्ति संबंध में कोई बैठक आयोजित नहीं होती, रिक्त पदों के संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश से पैनल प्राप्त होते है, पैनल प्राप्त होने पर परीक्षण कर अनुमोदन उपरांत नस्ती उच्च स्तर पर अंकित की जाती है, नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
किसानों को राशि खाद बीज वितरण में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
165. ( क्र. 2827 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में कृषि विभाग का जिला प्रमुख अधिकारी कौन है और कब से पदस्थ है तथा विगत 3 वर्षों में जिले में कृषक संगोष्ठि कब-कब, कहाँ-कहाँ, किस उद्देश्य से कितने व्यय में आयोजित की गई? (ख) रबी फसल के लिये जिले में कितनी खाद, बीज, औजार, कीटनाशक कितने हितग्राहियों को उक्त जिलाधिकारी के निर्देशन नियंत्रण में बांटे गये? वितरण के संबंध में कितने आवेदन/शिकायतें प्राप्त हुई थी? उसका अंतिम निराकरण क्या किया गया? (ग) जिले में आत्मा परियोजना से संबंधित कार्यों में कितनी राशि प्राप्त हुई थी और कहाँ-कहाँ, किस-किस कार्यों में व्यय की गई? किसे, कितना भुगतान कब किया गया? क्या आत्मा परियोजना से संबंधित कार्यों में व्यय में भ्रष्टाचार तथा अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या वे सही पाई गई तो किसे दंडित किया गया? यदि सही नहीं पाई गई तो शिकायत नस्तीबद्ध के आदेश जारी करने के पत्र की प्रति शिकायतकर्ता को कब-कब भेजी गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिले में कृषि विभाग के जिला प्रमुख श्री रविन्द्र मोदी, उप संचालक, कृषि है, जो दिनांक 15.9.2016 से इस पद पर पदस्थ है। विगत 3 वर्षों में जिले में आयोजित कृषक संगोष्ठियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) रबी फसल के लिये जिले में खाद् बीज, औजार, कीटनाशक वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। वितरण के संबंध में इस कार्यालय को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ग) आत्मा परियोजना से संबंधित प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। जी हाँ, शिकायतें प्राप्त हुई थी, जो जाँच में मिथ्या एवं निराधार पाई गई, जिन्हें नस्तीबद्ध कर दिया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
किसान क्रेडिट कार्ड
[सहकारिता]
166. ( क्र. 2828 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के उद्देश्य क्या है और किसे बनवाने और बनाने का अधिकार है तथा उसका लाभ कितने दिन में मिल जाना चाहिये? क्या इसका उल्लेख नियमों और नीतियों में है, उनकी प्रति बतायें? यदि नियम नीतियों का पालन नहीं होना पाया जाता है तो किसे, किस नियम के तहत कितनी सजा दी जायेगी? (ख) जिला पन्ना के रैपुरा, शाहनगर, पवई और सिमरिया के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गये हैं जो कि वर्तमान में प्रचलित हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित किसानों के खाते में चेक की राशि आज दिनांक तक जमा नहीं हुई? यदि हाँ, तो वे कितने से हितग्राही/किसान हैं? राशि वलिंब के कारण सहित बतायें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) कृषकों को कृषि ऋण सुगमता से उपलब्ध हो इस हेतु किसान क्रेडिट कार्ड योजना प्रभावशील की गई है, कृषक सदस्यों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया जा सकता है, प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों द्वारा के.सी.सी. (किसान क्रेडिट कार्ड) बनाया जाता है तथा वर्तमान में किसान क्रेडिट कार्ड बनने के उपरांत उसका लाभ कितने दिनों में मिलने के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। किसान क्रेडिट कार्ड बनने के उपरांत कृषक पात्रता अनुसार खरीफ एवं रबी मौसम में नगद एवं वस्तु ऋण प्राप्त कर सकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कुल 5225 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गये है, जो वर्तमान में प्रचलित है। (ग) उत्तरांश ''ख’ में उल्लेखित सभी 5225 किसानों को समिति द्वारा चेक जारी किया गया है, उनके खाते में चेक की राशि जमा हो चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऋण संबंधी अनियमितता
[सहकारिता]
167. ( क्र. 2834 ) श्री कमलेश शाह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन एवं बड़वानी जिले में विगत 05 वर्षों में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित या इसकी शाखाओं/समितियों द्वारा विभिन्न संस्थाओं (व्यक्तिगत को छोड़कर) को कब-कब 10 लाख से अधिक राशि का ऋण प्रदान किया गया? संस्था का नाम, पता स्वीकृत करने वाले अधिकारी का नाम, ऋण राशि ब्याज दर सहित सूची देवें? (ख) उक्त ऋणों की वर्तमान स्थिति क्या है? प्रकरणवार नाम व राशि सहित सूची देवें। (ग) प्रो.पी.सी. फाउन्डेशन एवं जिला सहकारी बैंक के मध्य हुए समस्त पत्राचार/लेनदेन की प्रमाणित प्रति देवें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार 01 अप्रैल, 2017 की स्थिति में दो वर्षों से अधिक समय से ऋण किश्त जमा नहीं कराने वाले ऋणी खातेदारों के नाम, पता, ऋण की कुल ब्याज राशि सहित सूची देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रो. पी.सी. फाउन्डेशन को स्वीकृत लिमिट नियमित होने से बैंक द्वारा कोई पत्राचार नहीं किया गया, कैश क्रेडिट लिमिट के खाते की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
विभाग द्वारा प्रदत्त विज्ञापन संबंधी आदेश
[जनसंपर्क]
168. ( क्र. 2836 ) श्री कमलेश शाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसम्पर्क विभाग द्वारा 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक SCOM-MC-DI AMD INNOVATION AHMEDABAD नामक संस्था को स्वीकृत किये गये विज्ञापन आदेश की छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) उक्त संस्था द्वारा विज्ञापन कहाँ-कहाँ और किस दिनांक को प्रकाशित किया गया? (ग) उक्त संस्था द्वारा भुगतान के लिये जनसंपर्क विभाग में प्रश्न दिनांक तक प्रस्तुत किये गये बिल की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? (घ) उक्त संस्था को विभाग द्वारा किये गये भुगतान की जानकारी वर्षवार उपलब्ध करायें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) संस्था द्वारा एयर इंडिया बोर्डिंग पास पर सिंहस्थ उज्जैन से संबंधित विज्ञापन का मुद्रण कर 4 माहों के लिए प्रचार-प्रसार किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (घ) विज्ञापन शाखा द्वारा वर्ष 2015-16 में 71,82,000/- तथा क्षेत्र प्रचार शाखा द्वारा विशेष प्रचार मद से 80,15,000/- का भुगतान ई-पेमेन्ट के माध्यम से किया गया।
भावांतर योजनांतर्गत किसानों को दिये जाने वाली राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
169. ( क्र. 2839 ) श्री सचिन यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में भावांतर योजना के मापदण्ड तथा दिशा-निर्देश क्या हैं? इस योजना के प्रचार-प्रसार में कितनी राशि खर्च की गई और समय-समय पर क्या इनमें बदलाव किये गये हैं? (ख) उक्त योजनांतर्गत किसानों को वितरण करने के लिये कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? (ग) उक्त योजना के माध्यम से क्या किसानों को राशि का वितरण कर दिया गया है? हाँ तो जिलावार जानकारी दें? नहीं तो क्यों? (घ) क्या किसानों की फसलों को कम दामों में खरीदी करने के संदर्भ में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? हाँ तो क्या कार्यवाही की जा रही है? की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ड.) प्रदेश के किसानों को अंतर की राशि का भुगतान करने की प्रक्रिया क्या है और इसके मापदण्ड बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नगत जानकारी के लिये म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग भोपाल के ज्ञाप दिनांक 06 सितम्बर, 2017 से जारी भावांतर भुगतान योजना जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। प्रचार-प्रसार के व्यय की जानकारी एकत्र की जा रही है। योजना में मुख्यत: निम्न बदलाव किये गये है- 1. शासन के आदेश क्रमांक डी-15/44/2017/14-3 दिनांक 03.10.17 से किसानों की पंजीयन अवधि दिनांक 11 अक्टूबर, 2017 के स्थान पर दिनांक 15 अक्टूबर, 2017 तक बढ़ाई गई। 2. शासन के आदेश क्रमांक डी-15/44/2017/14-3 दिनांक 24.10.17 से सोयाबीन एवं मक्का की विक्रय अवधि क्रमशः 31 दिसम्बर, 2017 एवं 31 जनवरी, 2018 तक बढ़ाई गई। 3. मूल योजना में योजना समाप्ति उपरांत पंजीकृत किसानों को भावांतर का लाभ दिये जाने का उल्लेख था किन्तु दिनांक 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2017 के मध्य विक्रय करने वाले पंजीकृत किसानों को भावांतर का लाभ योजना समाप्ति पूर्व दिये जाने का निर्णय लिया गया। 4. शासन के आदेश क्रमांक डी-15/44/2017/14-3 दिनांक 09.11.17 से गोदाम भंडारण अनुदान के लिए पूर्व निर्धारित अवधि को संशोधित कर विक्रय अवधि को शामिल करते हुए गोदाम भंडारण अनुदान की राशि को रूपये 7 प्रति क्विंटल प्रति माह से बढ़ाकर रूपये 9.90 प्रति क्विंटल प्रति माह किया गया। 5. शासन के आदेश क्रमांक डी-15/44/2017/14-3 दिनांक15.11.17 से पंजीकरण नहीं करा सके किसानों हेतु दिनांक 15.11.17 से 25.11.17 पुनः पंजीयन का अवसर दिया गया। (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। ) (ख) मण्डला जिले में कृषि सेवा केन्द्र के रूप में कोई भी संस्था पंजीकृत नहीं है, अपितु प्राधिकार पत्रधारी/अनुज्ञप्तिधारी सहकारी एवं निजी विक्रेता उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक औषधियों का विक्रय करने की पात्रता रखते हैं। कंपनी द्वारा अधिकृत विक्रेता कृषि यंत्रों के वितरण की पात्रता रखते है। प्राधिकार पत्रधारी/अनुज्ञप्तिधारी सहकारी एवं निजी 159 विक्रेता उर्वरक, 127 विक्रेता बीज, 34 विक्रेता कीटनाशक एवं 25 विक्रेता कृषि यंत्रों के वितरण का काम करते है। (ख) विभाग द्वारा द्वितीय अनुपूरक में बजट स्वीकृत अपेक्षित होने से उत्तर दिये जाने दिनांक तक बजट प्रावधान बताया जाना संभव नहीं है। (ग) दिनांक 16 से 31 अक्टूबर, 2017 तक विक्रय करने वाले पंजीकृत किसानों को भावांतर की राशि भुगतान करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) कृषि उपज मंडियों में कृषि उपज की प्रतिस्पर्धात्मक घोष नीलामी उपरांत कृषक की सहमति से उच्चतम मूल्य पर कृषि उपज विक्रय की जाती है। विक्रय मूल्य का निर्धारण उपज की गुणवत्ता पर भी निर्भर करता है। बोर्ड मुख्यालय स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जिसमें प्राप्त होने वाले दैनिक सुझाव व समस्याओं के निराकरण हेतु तत्समय संबंधित मंडी सचिवों को निर्देशित कर निराकरण कराया जा रहा है। (ड.) भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत चयनित जिंसों की मॉडल विक्रय दर का निर्धारण योजना में विहित प्रक्रिया अपनाकर राज्य शासन द्वारा घोषित की जावेगी। इस योजना अन्तर्गत निर्धारित शर्तों के अध्याधीन पंजीकृत किसान द्वारा बेची गयी फसल की विक्रय दर समर्थन मूल्य से कम किन्तु राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (Wholesale) विक्रय दर से अधिक हुई तो समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अन्तर की राशि भावांतर के रूप में भुगतान योग्य होगी। पंजीकृत किसान द्वारा बेची गई फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल (Wholesale) विक्रय दर से कम हुई तो समर्थन मूल्य तथा माडल विक्रय दर के अन्तर की राशि का लाभ भावांतर के रूप में देय होगा परन्तु किसी उत्पाद के मॉडल (Wholesale) विक्रय दर औसत (तीन राज्यों का) यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य से उपर रहे तो उक्त फसल उत्पाद के लिये भावांतर भुगतान योजना लागू नहीं मानी जाएगी। यदि किसान द्वारा विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक या उसके बराबर हुई तो योजना का लाभ देय नहीं होगा।
सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता
[जल संसाधन]
170. ( क्र. 2840 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 965 एवं 966 दिनांक 08 दिसम्बर, 2015 एवं प्रश्न क्रमांक 2575 दिनांक 03 मार्च, 2016 में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति बतायें तथा क्या दर्शित अपूर्ण कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो बतायें? नहीं तो क्यों? (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सिंचाई एवं पीने के पानी की उपलब्धता हेतु किन परियोजनाओं के माध्यमों से किन तालाबों में पानी भरा जा रहा है? कितने शेष हैं और क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रश्नों के तत्समय से प्रश्नांकित दिनांक तक में क्या उक्त क्षेत्र में स्थित तालाबों एवं नहरों का परीक्षण एवं स्थल निरीक्षण किया गया? हाँ तो तत्समय खामियां मिलने पर जल संसाधन विभाग के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को उक्त मरम्मत एवं निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के दिशा-निर्देश दिये गये? हाँ तो बतायें? नहीं तो क्यों? उक्तानुसार कार्यवाही कर तालाबों एवं नहरों के मरम्मत एवं निर्माण कार्यों की वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए उक्त कार्यों को पूर्ण किये जाने के लिए संबंधितों की जवाबदेही सुनिश्चित कर दी गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (घ) उपरोक्त कार्यों के संबंध में की जा रही लापरवाही की जाँच कर जाँच प्रतिवेदन से अवगत करावें तथा उक्त गंभीर समस्याओं के निदान हेतु शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बीमाकृत किसानों की फसलों का निरीक्षण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
171. ( क्र. 2848 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की जौरा तहसील वर्ष 2017 में कितने किसानों द्वारा खरीफ की फसलों का बीमा कराया गया है? पटवारी हल्कावार संख्या, फसलवार पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त बीमाकृत फसलों का कटाई से पूर्व निरीक्षण नहीं किया गया है? यदि किया गया है तो कहाँ-कहाँ किया गया? (ग) क्या तहसील में औसत कम वर्षा होने से सूखाग्रस्त घोषित होने पर क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे, आंकलन कैसे किया जावेगा? अभी तक कहाँ-कहाँ सर्वे आंकलन कराया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मुरैना जिले की जौरा तहसील अंतर्गत वर्ष 2017 में 696 किसानों द्वारा खरीफ फसलों का बीमा कराया गया है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) संयुक्त सर्वे किया गया है। जिसमें 24 ग्रामों में फसल नुकसानी आंकलित हुई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो पर है।
मुरैना जौरा तहसील में फसल प्रदर्शन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
172. ( क्र. 2849 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की जौरा तहसील में वर्ष 2017 में कितने किसानों को फसल प्रदर्शन (प्लाट) हेतु चयनित किया गया है एवं खरीफ, रबी फसलों सहित, संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) उक्त वृहद प्रदर्शन, सामान्य प्रदर्शन हेतु किन-किन फसलों के लिये कितनी खाद, बीज, कीटनाशक दिये गये एवं अनुदान राशि कितनी जमा कराई गई थी? (ग) क्या किसानों को वृहद प्रदर्शन, सामान्य प्रदर्शन चयनित करने के बाद फसल उगने के बाद, विभाग द्वारा सुपरवीजन नहीं कराया जाता है? क्या शासन उक्त प्रदर्शन की सुपरवीजन रिपोर्ट अधिकारी/कर्मचारियों से लेना तय करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन डेमों/स्टॉप डेमों का निर्माण
[जल संसाधन]
173. ( क्र. 2864 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंबल संभाग में विगत 4 वर्षों में विभाग द्वारा कुल कितने नवीन डेमों/स्टाप डेमों के निर्माण की स्वीकृति कब-कब और किस स्थान के लिये जारी की गई है? (ख) उक्त स्वीकृत डेमों/स्टॉप डेमों में से कितने डेमों के निर्माण कराये जाने से विधानसभा क्षेत्र मेहगांव के कितने गांवों की कुल कितने हेक्टेयर भूमि को कृषि सिंचाई का लाभ मिलेगा? ग्राम के नामवार जानकारी दी जावे। (ग) उक्त डेमों/स्टॉप डेमों का निर्माण कब तक करा दिया जायेगा।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विगत 04 वर्षों में चंबल संभाग अंतर्गत कुल 20 नं. नवीन स्टॉप डेमों की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (ग) संलग्न परिशिष्ट में दर्शित स्टॉप डेमों में से कोई भी स्टॉप डेम मेहगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत निर्माणाधीन नहीं है। अत: स्टॉप डेम में मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ नहीं मिल पायेगा। निर्माणाधीन स्टॉप डेमों का निर्माण वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूर्ण किया जाना लक्षित है।
सड़कों के निर्माण व संधारण कार्य
[लोक निर्माण]
174. ( क्र. 2865 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में विभिन्न मदों से किन-किन सड़क मार्गों के निर्माण व संधारण के प्रस्ताव तैयार किये गये वर्तमान में उक्त प्रस्ताव किस-किस स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित हैं? कौन-कौन से कितनी लागत के कार्य स्वीकृत कर दिये गये हैं? कौन-कौन से शेष हैं? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) अवधि में किन-किन सड़क मार्गों के निर्माण के मांग पत्र विभिन्न माध्यमों से विभाग को प्राप्त हुए? उन पर अब तक किस स्तर से क्या-क्या कार्यवाही हुई? कब तक मांग अनुसार सड़कों का निर्माण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उद्यानिकी फसलों की बीमा राशि का भुगतान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
175. ( क्र. 2866 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में सतना जिले के किस-किस विकासखण्ड के कितने कृषकों ने वर्षवार कितना-कितना प्रीमियम जमा कर उद्यानिकी फसलों/ सब्जियों आदि का बीमा कराया गया था? उक्त कार्य किस बीमा कंपनी को दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में फसल नुकसानी की स्थिति में कितने कृषकों को कितना-कितना बीमा प्रतिफल/मुआवजा का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा दिया गया? (ग) क्या कई कृषकों को प्रीमियम राशि से भी कम राशि का मुआवजा दिया गया है? क्यों? इस हेतु कौन उत्तरदायी है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जिले में वर्ष 2015-16 में चोला मण्डलम एम.एस. इन्श्योरेंस कंपनी द्वारा फसल बीमा कार्य किया गया था विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। वर्ष 2016-17 में जिले में इफको टोकियो इन्श्योरेंस कंपनी द्वारा फसल बीमा कार्य किया गया था। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 में जिले में चोला मण्डलम एम.एस. इन्श्योरेंस कंपनी ने 01 कृषक को राशि रूपये 7033/- का दावा भुगतान किया गया तथा वर्ष 2016-17 में इफको टोकियो इन्श्योरेंस कंपनी द्वारा 1282 कृषकों को राशि रूपये 50,22,590/- का दावा भुगतान किया गया विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) बीमा दावा का भुगतान आंकलित क्षति के आधार पर होता है जो संबंधित मौसम केन्द्र से प्राप्त मौसम के आंकड़ों के विचलन से गणित की जाती है। योजना में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि प्रीमियम राशि से कम का दावा भुगतान नहीं किया जाएगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खस्ताहाल सड़क मार्गों का संधारण
[लोक निर्माण]
176. ( क्र. 2869 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के अधीन सागर जिले के कौन-कौन से मार्गों की स्थिति खस्ताहाल/ जीर्ण-शीर्ण है? विभाग द्वारा किन-किन मार्गों के संधारण/मरम्मत के कितनी-कितनी राशि के प्रस्ताव तैयार किये है? मार्गवार विवरण दें। (ख) क्या खराब सड़कों के संधारण हेतु प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से? इनके निर्माण का प्राथमिकता क्रम क्या है? (ग) क्या विभाग प्राथमिकता से खराब सड़कों का शीघ्र निर्माण/संधारण कार्य करायेगा, ताकि लोगों को आवागमन व परिवहन में सुविधा हो सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) जी हाँ। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप कार्य करवाया जा सकेगा।
माध्यम में अवैध नियुक्तियाँ
[जनसंपर्क]
177. ( क्र. 2870 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत आने वाली संस्था म.प्र. माध्यम में क्या वर्ष 2013-14 में विभिन्न पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया है? यदि हाँ, तो क्या इसमें कई उम्मीदवार अवैध प्रमाण-पत्रों जैसे अनुभव, जन्म तिथि के आधार पर नियुक्त किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या ऐसे अवैध प्रमाण-पत्रों पर नियुक्त उम्मीदवारों एवं नियुक्ति देने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) यदि नहीं, तो चयनित उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत/जमा किये गये समस्त अभिलेखों/दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लाभांवित हितग्राहियों की सूची
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
178. ( क्र. 2873 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2016-17 में PMKSY अंतर्गत ड्रिप अनुदान से लाभांवित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी? उज्जैन जिले के विषय में विधानसभावार देवें? (ख) उक्त हितग्राहियों का अनुदान किस-किस कंपनी को कब-कब, कितनी राशि का दिया गया। (ग) उक्त हितग्राहियों की अनुदान राशि का कितने-कितने प्रतिशत भाग किन कारणों से रोका गया? बाद में यह राशि कब-कब किन कंपनियों को प्रदान की गई?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) किसी का भुगतान नहीं रोका गया। अनुदान की समस्त राशि का भुगतान कर दिया गया है।
परिशिष्ट - ''एक सौ एक''
विभाग द्वारा बनाई गई फिल्मों की जानकारी
[जनसंपर्क]
179. ( क्र. 2876 ) श्री बाला बच्चन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश माध्यम नामक संस्था का गठन म.प्र. सोसाईटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के अंतर्गत किया गया है? यदि हाँ, तो कौन से कानून के अंतर्गत इस संस्था को जनसंपर्क विभाग की अनुषांगिक/सहयोगी संस्था बनाया गया है? (ख) क्या जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रचार फिल्मों के निर्माण के लिये विभिन्न संस्थाओं का इम्पेनलमेंट किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसी संस्थाओं के नाम, पते की सूची, संस्था प्रमुख के नाम एवं उनके द्वारा बनाई गई फिल्मों की नाम सहित सूची उपलब्ध कराएं? इन फिल्मों के लिये भुगतान की गई राशि का पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) क्या मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा प्रचार फिल्में बनाई जाती है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में कौन-कौन सी फिल्में किन-किन संस्थाओं ने बनाई, उनका विवरण फिल्म निर्माण की लागत, फिल्म की समय अवधि सहित पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) क्या जनसंपर्क विभाग और उसकी अनुशांगिक/सहयोगी संस्था मध्यप्रदेश माध्यम दोनों ही प्रचार फिल्में बनाते हैं? यदि हाँ, तो दोनों के काम में क्या अंतर या समानता है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। नियमानुसार म.प्र. सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के अंतर्गत बनाया गया है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ। जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार के लिए वीडियो स्पॉट एवं लघु फिल्मों का निर्माण किया जाता है। म.प्र. माध्यम द्वारा बड़ी फिल्मों का निर्माण किया जाता है।
मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
180. ( क्र. 2879 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लो.नि.वि. अंतर्गत कुक्षी वि.स. क्षेत्र के ग्राम उमरी व्हाया लुन्हेरा, बड़ग्यार-कापसी होते हुए कुक्षी रोड के निर्माण की D.P.R. तैयार हो चुकी है? यदि हाँ, तो इसकी कॉपी देवें। (ख) यदि नहीं, तो क्यों? इसका सर्वे कब तक कर लिया जावेगा? (ग) इसके निर्माण की स्वीकृति कब तक दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उक्त मार्ग किसी भी योजना अंतर्गत प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
प्याज खरीदी
[सहकारिता]
181. ( क्र. 2880 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1289 दिनांक 24-07-17 में उल्लेखित अनुसार वर्ष 2016 एवं 2017 में खरगोन, बड़वानी, धार जिलों में प्याज खरीदी के भंडारण व्ययों की जानकारी जिलावार देवें? (ख) उपरोक्तानुसार हम्माली तथा तुलाई व्ययों की जानकारी जिलावार देवें? (ग) उपरोक्त जिलों के परिवहन व्ययों की जानकारी परिवहनकर्ता के नाम सहित जिलावार देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्याज घोटाले पर कार्यवाही संबंधी
[सहकारिता]
182. ( क्र. 2881 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1289 दिनांक 24-07-17 में वर्णित उज्जैन, होशंगाबाद, हरदा जिलों में प्याज खरीद के भण्डारण व्यय की जानकारी जिलेवार देवें? भण्डारण गोदाम मालिकों को किये गये भुगतान की जिलावार जानकारी देवें? (ख) वर्ष 2017 में किये गये हम्माली तथा तुलाई पर व्ययों की जानकारी जिलावार देवें? (ग) उपरोक्तानुसार जिलों के परिवहन व्यय की जानकारी परिवहनकर्ता के नाम सहित जानकारी जिलावार देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जलाशयों का निर्माण
[जल संसाधन]
183. ( क्र. 2884 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई वि.स. क्षेत्र में कितने जलाशय निर्माणाधीन हैं? सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त सभी निर्माणाधीन जलाशयों के निर्माण कार्य प्रारंभ करने के पहले भू-स्वामियों को मुआवजा दिया गया? यदि नहीं, तो उक्त कार्यों के नाम दें। जिनमें मुआवजा नहीं दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में दिये गये निर्माणाधीन जलाशयों के मुआवजा प्रकरणों को कब तक विभाग द्वारा पूर्ण कर भू-स्वामियों को मुआवजा दे दिया जायेगा? स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भू-अर्जन की कार्यवाही आपसी क्रय नीति के तहत् ईश्तहार प्रकाशन के 15 दिवस पश्चात अवार्ड पारित एवं रजिस्ट्री होने के उपरांत।
परिशिष्ट - ''एक सौ दो''
बैराज की स्वीकृति
[जल संसाधन]
184. ( क्र. 2955 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले के बागली वि.स. के ग्राम सामगी के पास से निकलने वाली काली सिंध नदी पर बैराज की स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है? अगर हां, तो कब तक स्वीकृति प्राप्त होगी? (ख) प्रश्नांश (क) क्या विगत 15 वर्षों से उक्त प्रस्तावित बैराज से सैकड़ों कृषकों को सिंचाई हेतु जल उपलब्ध होगा परंतु बैराज की स्वीकृति नहीं होने से सैकड़ों कृषक आक्रोशित है? क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा बार-बार विभाग से बैराज स्वीकृति की मांग की जाती है, अगर हां, तो उक्त बैराज की स्वीकृति कब तक होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) विभागीय पत्र दिनांक 15.11.2017 द्वारा सामगी बैराज की साध्यता परीक्षण हेतु कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, देवास को विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है। कृषक आक्रोश की जानकारी प्रतिवेदित नहीं है। साध्यता स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। अत: समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
सामग्री व समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण न किया जाना
[लोक निर्माण]
185. ( क्र. 2958 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विधानसभा क्षेत्र के सबलगढ़ फारे से कनाड़ तक मार्ग की कुल लागत कितनी थी व कार्य प्रारम्भ व कार्य पूर्णत: दिनांक क्या थी, क्या उक्त मार्ग पर पक्की गिट्टी के स्थान पर कच्ची मुरम की गिट्टी डाली जा रही है? क्या पूर्व में भी समाचार पत्रों व जनप्रतिनिधियों ने उक्त मार्ग की शिकायत विभाग से की थी? यदि हाँ, तो विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की? (ख) प्रश्नांकित मार्ग पर अब तक किन-किन अधिकारियों ने जाँच निरीक्षण किया व ठेकेदार को कितनी बार किस प्रकार के नोटिस जारी किये? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में मार्ग की गुणवत्ता खराब होने पर किसे जिम्मेदार माना गया है? क्या लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा ठेकेदार का बचाव किया जा रहा है? अगर किया जा रहा है, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल लागत रू. 1087.23 लाख है। कार्य प्रारंभ दिनांक 02.11.2015 एवं कार्य पूर्ण करने की दिनांक 20.04.2017 थी। जी नहीं। जी हाँ। 1200 मीटर लंबाई में सी.आर.एम. का कार्य एवं 510 मीटर लंबाई में डामर का कार्य मानक स्तर का न पाया जाने पर अमान्य किया गया। (ख) मुख्य अभियता, लोक निर्माण विभाग उज्जैन परिक्षेत्र उज्जैन, अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग मण्डल उज्जैन एवं कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग देवास द्वारा समय-समय पर कार्य का निरीक्षण किया गया है। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग देवास द्वारा ठेकेदार को प्रगति बढ़ाने एवं गुणवत्ता सुधारने के लिए 04 बार, कारण बताओं नोटिस एवं अनुबंध निरस्त करने हेतु नोटिस दिये गये। मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग उज्जैन द्वारा ठेकेदार का पंजीयन काली सूची में इन्द्राज हेतु नोटिस दिया गया है। (ग) मार्ग की कुछ लंबाई में गुणवत्ता मानक अनुसार न होने के लिए ठेकेदार जिम्मेदार है। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
M.P.R.D.C. की सड़क के घटिया व अपूर्ण निर्माण के संदर्भ में
[लोक निर्माण]
186. ( क्र. 2959 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की बागली वि.स. में M.P.R.D.C. के द्वारा निर्मित कांटा फोड़ से नाचन बोर घाट तक की कुल लागत क्या है? उक्त सड़क पर कुल कितने पुल-पुलिया का निर्माण किया गया और अभी तक कितने पुल-पुलिया का निर्माण शेष है? सड़क मार्ग में किन-किन गांवों में नाली का निर्माण कार्य होना था? कितने गांव में नाली निर्माण हो गया और कहाँ-कहाँ शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) उक्त मार्ग में किस-किस ग्राम से C.C. रोड बनाये जाने थे? कितने बने हैं और कितने ग्राम में C.C. रोड अपूर्ण हैं? किस-किस जगह पर डामरीकरण किया जाना था? किस जगह कर दिया गया है और कहाँ-कहाँ शेष है? सड़क निर्माण का स्तर काफी घटिया था वर्षाकाल में सड़क में अनेकों जगह पर टूट-फूट हुई है, परन्तु आज दिनांक तक रिपेयरिंग कार्य नहीं किया गया है, क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) उक्त सड़क के निर्माण का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों के द्वारा किया गया? सड़क मेंटेनेन्स की जिम्मेवारी किस एजेन्सी की थी? उक्त एजेन्सी व ठेकेदार द्वारा सड़क मेंटेनेन्स का कार्य क्यों नहीं कराया गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) M.P.R.D.C. के तहत निर्मित उक्त घटिया सड़क व निर्माण कार्य अपूर्णता की जाँच करवाकर कार्यवाही करने का कष्ट करें और संबंधित एजेन्सी द्वारा अपने कार्य के प्रति उदासीनता के लिए उचित कार्यवाही करेंगे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल लागत (प्रशासकीय स्वीकृति) रू. 90.95 करोड़ है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी नहीं, सड़क निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किया गया है। वर्षाऋतु में क्षतिग्रस्त मार्ग की मरम्मत का कार्य प्रगतिरत् है। मरम्मत कार्य सतत् प्रक्रिया है। (ग) मार्ग निर्माण का कार्य स्वतंत्र इंजीनियर मेसर्स आजाद जैन एण्ड एसोसिट्स इन्दौर की देखरेख में निवेशकर्ता कंपनी मेसर्स जी.व्ही.आर. कांटाफोड-बीजवाड रोड प्रोजेक्टस प्रा.लि. के माध्यम से कराया गया था। मार्ग निरीक्षण का कार्य निम्न अधिकारियों द्वारा किया गया (1) श्री बी.एस. मीणा, संभागीय प्रबंधक (2) श्री आशीष पाठक, सहायक महाप्रबंधक (3) श्री उमेश सिंह, मैनेजर अनुबंधानुसार सड़क के मरम्मत का दायित्व निवेशकर्ता का है। एजेन्सी द्वारा समय-समय पर सड़क की मरम्मत का कार्य कराया जाता है। (घ) सड़क निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार एवं कंसेशन अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार पूर्ण किया जा चुका है अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खनिज परिवहन में भ्रष्टाचार पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
187. ( क्र. 3445 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मार्ग निर्माण करने वाले ठेकेदार को ग्राम पंचायत से N.O.C. (मुख्य आदि की) कार्य प्रारंभ करने के पूर्व लेना होती है या कार्य के मध्य में/कार्य समाप्त होने के बाद भी ली जा सकती है? जानकारी नियम की प्रमाणित प्रति सहित दें। (ख) प्र.क्र. 3191 दिनांक 24/07/17 में प्राप्त जानकारी अनुसार श्री अजय यादव को जारी अभिवहन पासों में समय का उल्लेख नहीं है जबकि इसी पास पर अंकित टिप्पणी 3 में बताया गया कि समय का उल्लेख न करना दंडनीय है, तो फिर इस पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) इसी उत्तर में मिथिलेश सुभाष जोशी के अभिवहन पास की संपूर्ण जानकारी से ज्ञात हुआ कि ये आने-जाने के समय के मापदण्डों का पालन इसमें नहीं हुआ है, वाहन हवाई गति से परिवहन करना पाये गये। इस पर संबंधित पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) की अनियमितता की अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? इनके नाम, पदनाम सहित समय-सीमा देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विभाग में निर्माण कार्य हेतु ठेकेदार को ग्राम पंचायत से पूर्व या पश्चात (एन.ओ.सी.) प्राप्त करने का कोई प्रावधान नहीं है। नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्री अजय यादव को अभिवहन पास, कार्यालय कलेक्टर, खनिज शाखा, बड़वानी द्वारा जारी किये गये है। विभाग द्वारा कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) अभिवहन पास से संबंधित जानकारी मिथिलेश सुभाष जोशी इस विभाग को प्रस्तुत नहीं की गई है। अत: विभाग द्वारा कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) तथा (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''एक सौ चार''