मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
गुरुवार, दिनांक 04 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
जिलों
में पदस्थ
जिला खनिज
अधिकारी
[खनिज साधन]
1. ( *क्र. 2574 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के कितने जिलों में जिला खनिज अधिकारी पदस्थ हैं एवं कितने जिलों में प्रभारी खनिज अधिकारी कार्यरत हैं? जिलों के नाम, प्रभारी अधिकारियों के समय सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या प्रदेश में अनेक जिलों में प्रशासनिक खनिज सेवा के जिला खनिज अधिकारी के पद पर पदस्थ किये गये, क्यों? तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) प्रदेश के कितने जिलों में टेक्निकल विंग (भौमकीय विधि) के खनिज अधिकारी कार्यरत हैं? क्या पूर्व में शासन द्वारा प्रशासनिक खनिज विंग के अधिकारियों को इन पदों से हटा दिया गया था, कब कितने ऐसे अधिकारियों को हटाया गया? स्थान, नाम सहित जानकारी दी जावे। (घ) क्या भौमिकीय विधि के जानकार खनिज अधिकारियों के अभाव में खनिज खोज की प्रगति धीमी पड़ गई है? क्या शासन सेवानिवृत्त हुए इस विंग के अधिकारियों को पुन: संविदा पर रखेगा? जानकारी दी जावे।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) विभागीय प्रशासनिक आवश्यकता के दृष्टिगत जिलों में पदस्थापनायें की गईं हैं। (ग) प्रदेश के 06 जिलों में टेक्निकल विंग (भौमिकीय विधि) के अधिकारी प्रभारी अधिकारी (खनि शाखा) के रूप में कार्यरत हैं। शासन द्वारा प्रशासनिक आवश्यकता के दृष्टिगत स्थानांतरण उपरांत हटाये गये खनिज विंग के अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत स्कूल/ सड़क की भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
2. ( *क्र. 2717 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्कूल बल्हवारा एवं पड़वार में स्कूल की जगह पर कब्जे किये गये हैं? (ख) क्या पड़वार बाजार की सड़क पर दुकानें निर्मित कर सड़क पर कब्जा कर लिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या दबंगों एवं आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों के कब्जे होने के कारण हटाने की कार्यवाही नहीं की जा रही है? (घ) यदि नहीं, तो क्या यह कब्जे हटाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
मनावर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित खदानें
[खनिज साधन]
3. ( *क्र. 2996 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कितनी खदानों से कितने प्रकार के खनिज प्राप्त होते हैं? कितनी खदानें गिट्टी क्रशर वर्तमान में संचालित हो रहे हैं? खदानों, गिट्टी क्रशर के आवंटन की तिथि, लीज़ समाप्त होने की तिथि एवं संचालकों के नाम सहित ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के खदानों, गिट्टी क्रशरों से जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त रॉयल्टी/राजस्व का वर्षवार ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (क) के खदानों, गिट्टी क्रशरों को किन नियमों/शर्तों के तहत किस दिनांक से कितने वर्ष के लिये लीज़ पर दिया गया, आवंटन किया गया? लीज़ समाप्त होने की तिथि एवं लीज़ नवीनीकरण के नियमों/शर्तों की प्रति सहित ब्यौरा दें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) के खदानों, गिट्टी क्रशरों के आवंटन/नीलामी से पूर्व ग्रामसभा की अनुमति ली थी? अनुमति नहीं ली गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। किसकी जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ड.) प्रश्नांश (क) के खदानों, गिट्टी क्रशरों के प्रदूषण जाँच एवं निगरानी किसके द्वारा किस नियम के तहत की है? छमाही या वार्षिक जाँच एवं निगरानी के लिये कोई कमेटी का गठन किया जाता है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें? किस नियम के उल्लंघन पर कितना जुर्माना किन खदानों, गिट्टी क्रशरों से जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस नियम के तहत वसूला गया? (च) प्रश्नांश (क) के खदानों, गिट्टी क्रशरों में क्या पंचायत अधिनियम 1996 की धारा 4 (घ), (ट), (ठ) का पालन किया गया? यदि हाँ, तो प्रति सहित उसका ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं? पंचायत अधिनियम 1996 के उल्लंघनकर्ताओं पर कब तक क्या कार्यवाही की जाएगी? (छ) प्रश्नांश (क) के खदानों, गिट्टी क्रशरों के आवंटन/नीलामी में आदिवासी/स्थानीय आदिवासी समितियों के लिये किस दिनांक को किस अधिसूचना के तहत कितना आरक्षण का प्रावधान किया गया? वर्तमान में क्या प्रावधान प्रचलित है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मनावर विधानसभा क्षेत्र में चूनापत्थर, पत्थर/गिट्टी एवं रेत खनिज उपलब्ध है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में चूनापत्थर के खनिपट्टों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, क्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर के उत्खनन पट्टों एवं रेत की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त रॉयल्टी/राजस्व का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में उल्लेखित क्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर के उत्खनन पट्टे मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियमों/शर्तों के तहत प्रदान की गई है। ये नियम अधिसूचित हैं। जिसमें लीज़ नवीनीकरण के प्रावधान भी दर्शित हैं। शेष जानकारी भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित हैं। (घ) नवीन खदानों में ग्राम सभा/ग्राम पंचायत की अनुमति प्राप्त की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) क्षेत्रीय अधिकारी, क्षेत्रीय कार्यालय, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, धार से प्राप्त जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र की खदानें गिट्टी क्रशरों के प्रदूषण की जाँच समय-समय पर की जाती है। वर्तमान में छमाही या वार्षिक जाँच एवं निगरानी के लिये कोई कमेटी गठित नहीं है। बोर्ड द्वारा जल एवं वायु अधिनियमों के तहत न्यायालयीन कार्यवाही करने व इकाई को बंद कराने का प्रावधान है। वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी क्रशर से जुर्माना वसूल नहीं किया गया। क्षेत्रीय अधिकारी, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। (च) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चूनापत्थर की खदानों अधिनियम में संशोधन दिनांक 12/01/2015 के पूर्व से स्वीकृत है। तत्समय खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 के तहत ऐसी स्वीकृति से पूर्व ग्राम सभा/ग्राम पंचायत का अभिमत लिये जाने का प्रावधान नहीं था। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधान अनुसार क्रशर द्वारा पत्थर से गिट्टी बनाने के लिये नये उत्खननपट्टा की स्वीकृति से पूर्व ग्राम सभा का अभिमत प्राप्त किया गया है। अभिमत की प्रतियां एकत्रित की जा रही हैं। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 में रेत की नवीन खदान घोषित करने से पूर्व अधिसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा का अभिमत लिये जाने का प्रावधान है। परंतु धार जिले के मनावर में रेत की खदानें पूर्व से स्वीकृत हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नियम/अधिनियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है। (छ) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में गिट्टी क्रशरों के आवंटन/नीलामी में, आदिवासी/स्थानीय आदिवासी समिति के लिये अधिसूचना के तहत आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
फतेहपुर तालाब का निर्माण
[जल संसाधन]
4. ( *क्र. 1705 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा के आदिवासी इलाके फतेहपुर तालाब का कार्य 2018 से क्यों बंद पड़ा हुआ है? (ख) तालाब निर्माण की वर्तमान स्थिति से अवगत करायें। (ग) फतेहपुर तालाब का निर्माण कब तक पूर्ण कर दिया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) विधान सभा चाचौड़ा के अंतर्गत फतेहपुर तालाब के डूब क्षेत्र से प्रभावित 4.50 हेक्टर वन भूमि की प्रथम चरण स्वीकृति वन विभाग से अपेक्षित होने के कारण वर्तमान में परियोजना का निर्माण कार्य बंद है। फतेहपुर तालाब का निर्माण कार्य वर्तमान में 25 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है। (ग) फतेहपुर तालाब का निर्माण कार्य वन विभाग से प्रथम चरण की स्वीकृति प्राप्त होने तथा पूर्व निविदाकार का अनुबंध विखण्डित होने के कारण पुन: निविदा आमंत्रित कर एजेंसी निर्धारित होने के पश्चात प्रारंभ किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मध्यप्रदेश के विभिन्न संभागों में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
5. ( *क्र. 2945 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर चंबल संभाग और मध्यप्रदेश के अनेक संभागों में प्रशासन की मिलीभगत से रेत माफियाओं द्वारा अवैध रेत उत्खनन निरंतर चल रहा है? (ख) यदि हाँ, तो मार्च 2019 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां रेत माफियाओं द्वारा कानून को अपने हाथ में लिया गया तथा माफियाओं के विरूद्ध क्या-क्या अपराध पंजीबद्ध किये गये? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त घटनाओं में अभी तक जिन अपराधियों को गिरफ्तार किया है? क्या उनके चालान न्यायालय में पेश किये गये? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। ग्वालियर/चंबल संभाग एवं अन्य संभागों में निविदा के माध्यम से सफल निविदाकार को खदान संचालन की अनुमति प्रदाय की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार सभी संभाग में सफल निविदाकार कार्य कर रहे हैं। रेत माफिया जैसी स्थिति नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
शास. लीज़/दान की भूमि पर निर्मित मसीही अस्पताल का विक्रय
[राजस्व]
6. ( *क्र. 1633 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मसीही हॉस्पिटल धार, तत्कालीन धार महाराज द्वारा क्रिश्चन समाज को दान में दी गई दो भूमियों में से एक पर बना हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रशासन द्वारा पिछले वर्ष इसे भू-माफिया विरोधी अभियान अंतर्गत अतिक्रमण मुक्त करवाया गया है? (ग) क्या इन भूमियों से संबंधित धार न्यायालय के वाद क्रमांक 18अ/80 में डॉ. रत्नाकार दास द्वारा अपने गवाह में उक्त सम्पत्ति को धार महाराज से दान में मिलना तथा अपने को सम्पत्ति का एडमिनिस्ट्रेटर बनाया जाना बताया था? (घ) यदि हाँ, तो क्या सम्पत्ति का एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. रत्नाकार दास की मृत्यु पश्चात उसका पुत्र सुधीर दास उक्त शासकीय दान की भूमि का भूस्वामी बन सकता है? क्या सुधीर दास द्वारा इस सम्पत्ति का मालिक बताते हुए विक्रय करने का अनुबंध किया गया है? (ड.) शासन द्वारा इस शासकीय दान की बहुमूल्य सम्पत्ति की अवैध बिक्री को रोकने हेतु क्या कदम उठाये जा रहे हैं? क्या शासन जनहित में इस भवन में शासकीय मोहल्ला क्लीनिक संचालित किये जाने पर विचार करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कार्यालय में इस संबंध में कोई दस्तावेज नहीं है। वर्तमान में जो खसरा है उसमें मसीही अस्पताल धार पटवारी हल्का ग्राम नौगांव में स्थित सर्वे नम्बर 770 रकबा 0.493 हेक्टेयर मद नजूल में बना हुआ है। (ख) उक्त भूमि उपलब्ध अभिलेख अनुसार नजूल की होने से अनुविभागीय अधिकारी धार के द्वारा नगरपालिका, धार एवं राजस्व अमले के साथ दिनांक 20.12.2019 को भूमाफिया विरोधी अभियान के अंतर्गत अतिक्रमण मुक्त कराया जाकर नगरपालिका, धार को आधिपत्य दिया गया। (ग) उक्त प्रकरण माननीय सिविल न्यायालय का होने से इस न्यायालय में कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है। (घ) वादग्रस्त भूमि पर एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में डॉ. रत्नाकार पीटरदास का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज नहीं रहा है। (ड.) उपरोक्त शासकीय भूमि बिना वैध अनुमति के सुधीरदास पिता रत्नाकर पीटरदास निवासी मिशन कंपाउंड धार द्वारा अंकित पिता उल्हासमल वडेरा निवासी हा.मु. छोटी ग्वालटोली इन्दौर को विक्रय अनुबंध निष्पादित करने की जाँच के संबंध में पूर्व में आवेदन प्राप्त होने पर अनुविभागीय दण्डाधिकारी धार के न्यायालय में राजस्व प्रकरण क्रमांक 488/बी-121/2017-18 पंजीबद्ध किया जाकर, अनावेदक सुधीरदास पिता रत्नाकर पीटरदास निवासी मिशन कंपाउंड धार एवं अंकित पिता उल्हासमल वडेरा निवासी हा.मु. छोटी ग्वालटोली इन्दौर को सूचना पत्र जारी किया जाकर जवाब चाहा गया। अनावेदक के द्वारा उक्त संबंध में माननीय जिला न्यायाधीश धार के दिवानी प्रकरण क्रमांक 23ए/2010 जो की चर्च ऑफ नार्थ इण्डिया ट्रस्ट ऐसोसिएशन के मुख्त्यारआम श्रीमती सुहासीनी रचेल दत्ता द्वारा डॉ. श्रीमती ईलापीटरदास, सुधीरदास व डॉ. आर. मोसेज तथा अंकित उल्हास वडेरा में पारित निर्णय दिनांक 21.06.2011 की प्रति प्रस्तुत की गई, जिसमें आवेदिका का उक्त वाद निरस्त किया गया। उसके पश्चात माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के सिविल रिट पिटीशन क्रमांक 527/2011 जो कि चर्च ऑफ नार्थ इण्डिया ट्रस्ट ऐसोसिएशन नई दिल्ली द्वारा अनावेदक डॉ श्रीमती ईलापीटरदास, सुधीरदास व डॉ .आर मोसेज तथा अंकित उल्हास वडेरा के विरूद्ध प्रस्तुत की गई, दिनांक 27.10.2016 को निरस्त की गई। उक्त आदेशों को दृष्टिगत रखते हुए, पूर्व पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रकरण क्रमांक 03/अ-68/2007-08 में पारित आदेश दिनांक 22/07/2008 के द्वारा अनावेदक सुधीरदास के विरूद्ध संस्थित कार्यवाही को निरस्त की जाने से रेस जुडीकेटा की बाधा होने से प्रकरण क्रमांक 488/बी-121/2017-18 की कार्यवाही भी नस्तीबद्ध की गई है। किंतु उक्त भूमि राजस्व अभिलेख में नजूल अंकित होने से वर्तमान में उक्त भूमि पर निर्मित अस्पताल एवं उसमें संचालित 6 दुकानों का आधिपत्य प्राप्त कर, शासनहित में नगरपालिका धार के संरक्षण में दी गई है।
श्रमिकों की समस्या का निराकरण
[श्रम]
7. ( *क्र. 689 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कुल कितनी निजी औद्योगिक इकाइयां, प्रतिष्ठान, फैक्ट्री एवं संस्थाएं संचालित हैं? इनमें कुल कितने कर्मचारी/अधिकारी/श्रमिक/कार्यकर्ता कार्यरत हैं? संस्थावार पृथक-पृथक विवरण दें तथा यह भी बतायें कि इनमें से कितनों को शासन द्वारा अनुदान/सहायता दी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों में कितने कर्मचारी सतना जिले के स्थानीय निवासी हैं? (ग) इन संस्थानों के संचालन में गड़बड़ी एवं श्रमिकों की समस्या से संबंधित कितने मामले वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक शासन को प्राप्त हुए एवं कितने मामलों में कार्यवाही हुई? शिकायतवार कार्यवाही का विवरण भी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सतना जिले में कुल 140 निजी औद्योगिक इकाइयां, प्रतिष्ठान, फैक्ट्री एवं संस्थाएं संचालित हैं। संचालित संस्थानों में कार्यरत नियोजित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इन संस्थाओं को श्रम विभाग द्वारा कोई सहायता/अनुदान नहीं दिया जाता है। (ख) संस्थाओं में कार्यरत सतना जिले के कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) उक्त संस्थाओं में श्रमिकों की समस्याओं से संबंधित प्राप्त शिकायतों की वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक की प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
जिला सहकारी बैंकों के बकाया ऋण की वसूली
[सहकारिता]
8. ( *क्र. 3153 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में कितने किसानों पर प्रश्न दिनांक तक जिला सहकारी बैंकों का ऋण बकाया है? विधानसभा क्षेत्रवार किसानों की संख्या एवं राशि बतायें। (ख) जिला सहकारी बैंकों का ऋण जमा नहीं करने पर विभाग ने 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक कर्ज वसूली को लेकर क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) जिला सहकारी बैंकों में ऋण जमा नहीं करने पर कितने किसानों के खाते एन.पी.ए. हो गये हैं? संख्या बतावें। (घ) शाजापुर जिले में कुल कितने किसानों की भूमि जिला सहकारी बैंकों के पास बंधक है? विधानसभा क्षेत्रवार संख्या बतायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. शाजापुर, प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं एवं जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक शाजापुर (परिसमापनाधीन) की जानकारी क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं की जानकारी क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं की जानकारी क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 02 एवं 03 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं की जानकारी क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 02 एवं 03 अनुसार है।
बाजरा खरीदी में अनियमित रूप से पंजीयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
9. ( *क्र. 1624 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समर्थन मूल्य बाजरा खरीदी खरीफ वर्ष 2020-21 में मुरैना जिले में ऐसे कितने किसान हैं, जिन्हें बाजरा विक्रय कर पावती प्राप्त करने के उपरान्त भी आज दिनांक तक भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है? कारणों सहित खरीद केन्द्रवार भुगतान हेतु कुल राशि का विवरण देवें। (ख) क्या किसानों द्वारा फसल तुलाई के समय पंजीयन सत्यापित थे, किन्तु तुलाई उपरान्त संबंधितों द्वारा किसानों से अवैध लाभ कमाने के उद्देश्य से असत्यापित कर दिये गये? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो फसल पंजीयन करने का तहसीलदारों का उद्देश्य क्या था? (ग) फसल तुलाई तक दर्शित गिरदावरी एप में सत्यापित पंजीयन किस अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा किये गये थे एवं फसल तुलाई उपरान्त उन्ही पंजीयन को किस अधिकारी द्वारा असत्यापित किया गया था? तुलाई पूर्व सत्यापन करने का आधार एवं तुलाई उपरान्त असत्यापित करने का आधार क्या था? स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में फसल पंजीयन को असत्यापित करने से किसानों को होने वाली परेशानी एवं समय पर भुगतान न होने के लिए जिम्मेदार कौन होगा? क्या संबंधितों पर कार्यवाही की जायेगी तथा किसानों का भुगतान कब तक किया जावेगा।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खरीफ में खराब हुई फसलों की बीमा राशि का भुगतान
[सहकारिता]
10. ( *क्र. 119 ) श्री सुदेश राय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर में वर्ष 2019 में खरीफ सीजन में खराब हुई फसलों की कितनी प्रीमियम राशि किन-किन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखाओं द्वारा कृषकों के खातों से नियमानुसार काटी गई है? समितिवार बैंक शाखावार, कृषकों की संख्यावार राशि सहित बतावें। (ख) काटी गई राशि निश्चित समय में बीमा कंपनी को ट्रान्सफर नहीं किये जाने के पीछे क्या कारण है? बैंक प्रबंधन की इतनी बड़ी गलती के लिए कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार है? काटी गई राशि का क्या हुआ तथा केन्द्र की योजना का लाभ किसानों को समय पर नहीं मिले पाने से इसके लिए उत्तरदायी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रीमियम राशि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीहोर द्वारा निर्धारित समय पर बीमा कम्पनी को भेजी गई थी, परन्तु फसल बीमा पोर्टल पर बैंक की 13 शाखाओं के 34,611 किसानों की जानकारी की प्रविष्टि करते समय प्रीमियम राशि भेजे जाने के यू.टी.आर. नम्बर अटैच नहीं करने के कारण बीमा क्लेम प्राप्त नहीं हुये हैं। काटी गई राशि बीमा कम्पनी के पास है तथा भारत सरकार के पोर्टल में यू.टी.आर. नम्बर अटैच कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। योजना का लाभ समय पर नहीं मिलने का मुख्य कारण यू.टी.आर. नम्बर अटैच नहीं होना है, इस हेतु उत्तरदायी शाखा प्रबंधकों से स्पष्टीकरण मांगे गये हैं, जबाव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
पार्वती परियोजना डूब क्षेत्र के प्रभावित किसानों को विशेष पैकेज की स्वीकृति
[जल संसाधन]
11. ( *क्र. 2869 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित किसानों को वर्तमान कलेक्टर गाईड लाईन अनुसार स्वीकृत किया गया? मुआवजा अत्यधिक कम होने के साथ-साथ प्रभावित किसानों को भूमि के अलावा अन्य परिसंपत्तियों, जिसमें संतरे के बगीचे, टीन शेड, शौचालय, पी.एम. आवास, पाईप लाईन, मकान का निचला हिस्सा पक्का होने के बावजूद केवल छत कच्ची, कबेलू, तिरपाल की होने से उसी को आधार मानकर मुआवज़ा निर्धारण जैसी विसंगतियां भी उत्पन्न हो रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान कलेक्टर गाईड लाईन में मुआवजा दिए जाने हेतु प्रावधान नहीं होने आदि समस्याओं के स्थाई निराकरण हेतु राजगढ़ जिले की अन्य सिंचाई परियोजनाओं में मंत्री परिषद से स्वीकृत विशेष पैकेज की भांति पार्वती परियोजना से प्रभावित किसानों को 20.00 लाख प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिये जाने हेतु विशेष पैकेज स्वीकृत किये जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र क्रमांक 630, दिनांक 12.01.2021 से आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया था, तो क्या विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में कोई कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विभाग प्रभावित किसानों की पुरजोर मांग एवं प्रश्नकर्ता के अनुरोध पत्र के आधार पर 20.00 लाख प्रति हेक्टयेटर के मान से मुआवजा हेतु विशेष पैकेज की स्वीकृति बाबत् प्रस्ताव तैयार कर मंत्री परिषद की बैठक में प्रस्तुत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित भूमि एवं परिसंपत्तियों का मुआवजा ''भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013'' अनुसार दिया जाना प्रतिवेदित है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र द्वारा नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश हैं। प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित प्रावधान अनुसार विधि सम्मत कार्यवाही जारी है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राज्य स्तरीय सहकारी संस्थाओं में अर्दली भत्ते का भुगतान
[सहकारिता]
12. ( *क्र. 2285 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में राज्य स्तरीय कौन-कौन सी सहकारी संस्था या समिति वर्तमान में पंजीबद्ध है, उसमें से किस संस्था के किस श्रेणी एवं वर्ग के अधिकारियों को प्रतिमाह कलेक्टर रेट से अर्दली भत्ते का भुगतान के प्रावधान लागू हैं? (ख) सहकारिता विभाग ने किस कानून, नियम, उपविधि, मैन्युअल कोड के अनुसार किस संस्था में पदस्थ शासकीय अधिकारियों को अर्दली भत्ते का किस दर से भुगतान किए जाने की अनुमति या स्वीकृति या अनुमोदन दिया? प्रति सहित बतावें। (ग) म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ खेल परिसर भोपाल में वर्तमान में कितने अधिकारियों को किस दर से अर्दली भत्ते का भुगतान कर रहा है? यह भुगतान संघ किस प्रस्ताव, आदेश से कर रहा है? इसकी उपविधि की किस कंडिका में क्या प्रावधान है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल के लिए जारी सहकारिता विभाग के पत्र दिनांक 15.09.1999 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल में वर्तमान में 14 अधिकारियों को जिलाध्यक्ष दर से अर्दली भत्ते का भुगतान किया जा रहा है। यह भुगतान लघु वनोपज संघ के संचालक मण्डल की 36 वीं बैठक दिनांक 24.02.1996 के प्रस्ताव क्रमांक 36.14 पर दी गई स्वीकृति, वित्त विभाग से प्राप्त अभिमत, वन विभाग के पत्र क्रमांक/डी 3429/2992/10/3/97 दिनांक 24.12.1997 तथा कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें के पत्र क्रमांक/विप/वनो/99/3466 दिनांक 15.09.1999 के द्वारा प्रदान की गई स्वीकृति के अनुसार प्रथम श्रेणी तक के अधिकारियों को तथा संचालक मण्डल की 98 वीं बैठक दिनांक 23.11.2012 में पारित संकल्प क्रमांक 98.4 में लिये गये निर्णय अनुसार लघु वनोपज संघ में पदस्थ उप प्रबंधकों के कार्यालय एवं प्रवास हेतु जिलाध्यक्ष की दर से एक श्रमिक के पारिश्रमिक के समतुल्य राशि की प्रतिपूर्ति की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अर्दली भत्ता भुगतान के संबंध में लघु वनोपज संघ की उपविधि में कोई प्रावधान नहीं है।
सोलेशियम फण्ड योजना अंतर्गत प्रदत्त आर्थिक सहायता
[परिवहन]
13. ( *क्र. 3115 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अज्ञात वाहनों से दुर्घटना में राहगीरों के घायल होने एवं मृत्यु होने संबंधी लगातार बढ़ते मामलों में सोलेशियम फण्ड योजना अंतर्गत पीड़ितों एवं प्रभावित परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ, तो आर्थिक मदद के लिए क्या प्रावधान है? दिनांक 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक जिला सागर में हिट एण्ड रन के कुल कितने मामले वर्षवार दर्ज हुए हैं, उनमें घायलों एवं मृतकों की संख्या क्या है एवं कितने मामलों में योजना के तहत प्रभावितों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराई गई है? कितने मामले लंबित हैं? लंबित मामले कब तक निराकृत किए जायेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में किन कारणों से सागर जिले में हिट एण्ड रन मामलों के अधिकांश पीड़ितों एवं प्रभावित परिवारों को सोलेशियम फण्ड योजना का अपेक्षित लाभ प्राप्त नहीं हुआ है? क्या मामले में जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है? यदि हाँ, तो उक्त मामलों में क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्या विभाग हिट एण्ड रन के मामलों में वांछित वाहनों की तलाश, विभाग पीड़ितों को योजना का समुचित लाभ पहुँचाने के लिए योजना का प्रचार प्रसार एवं थाना स्तर पर दुर्घटना के उपरांत प्रकरण संबंधी आवेदन तैयार करने एवं जिला कलेक्टर को अनिवार्य रूप से भेजे जाने के निर्देश जारी करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या सागर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं फोरलेन सड़कों पर हिट एण्ड रन मामलों में विगत 03 वर्षों में ग्रामीणों की मौत के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में किन-किन थाना क्षेत्रों में कितने मामले दर्ज हुए हैं? उनमें से कितने मामलों में वांछित वाहन तलाशें गये हैं एवं ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिले में पीड़ितों को आर्थिक सहायता हेतु सोलेशियम फण्ड योजना का प्रावधान है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के सबंधित अंश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में हिट एण्ड रन के प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
प्रकरण |
2016 |
113 |
2017 |
139 |
2018 |
119 |
2019 |
116 |
2020 |
80 |
15 फरवरी 2021 तक हिट एण्ड रन के कुल 19 प्रकरण दर्ज किये गये। घायलों की संख्या 350 तथा मृतकों की संख्या 356 है। 50 प्रकरणों में आर्थिक मदद उपलब्ध कराई गई है। 14 प्रकरण लंबित हैं। जो अज्ञात वाहन संबंधी प्रकरण विवेचना में लंबित हैं, उन वाहनों की तलाश की जा रही है। वाहन पतारसी होने पर प्रकरण का अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जावेगा। वाहन की पतारसी न होने पर प्रकरण में खात्मा कता कर प्रकरण का निराकरण किया जावेगा। निश्चित् समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जिन प्रकरणों में वाहन अज्ञात हैं और अनुसंधान के दौरान भी वाहन प्रकाश में नहीं आये हैं, ऐसे प्रकरणों में खात्मा कता कर प्रकरण के परिजनों को सोलेशियम फण्ड योजना के तहत आर्थिक मदद हेतु जिला दण्डाधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर अपेक्षित वैधानिक कार्यवाही कर आर्थिक सहायता प्राप्त करने हेतु सूचित किया जाता है। प्रकरण के परिजनों द्वारा जिला दण्डाधिकारी कार्यालय में आवेदन उपरांत राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। परिजनों द्वारा आवेदन न करने की दशा में सहायता राशि प्राप्त नहीं होती है,वर्णित स्थिति में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिये जनमानस में यातायात संबंधी नियमों का प्रचार प्रसार कराया गया है। मार्गों पर ऐसे स्थान जहां पर अधिक दुर्घटनाएं घटित होने की पुनरावृत्ति हुई है, उन स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित करने की कार्यवाही संबंधित विभागों द्वारा प्रचलित है। मार्गों पर मार्ग संकेतक एवं अन्य अपेक्षित कार्यवाही भी संबंधित विभाग द्वारा करने की कार्यवाही प्रचलित है।
विधान सभा क्षेत्र परासिया को जिले का दर्जा
[राजस्व]
14. ( *क्र. 2452 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का सबसे बड़ा जिला छिंदवाड़ा है? छिंदवाड़ा से परासिया, जुन्नारदेव व दमुआ तक की दूरी बहुत अधिक है तथा बहुत अधिक दूरी होने के कारण परासिया एवं जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के लोगों को जिले से संबंधित कार्यों को सम्पादित करने के लिए जिला छिंदवाड़ा तक जाने व आने में बहुत अधिक असुविधाओं व परेशानियों का सामना करना पड़ता है? क्या शासन/विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र परासिया को जिले का दर्जा प्रदान किए जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जायेगी? (ख) विधानसभा क्षेत्र परासिया को जिला बनाये जाने के संबंध में शासन/विभाग द्वारा कब तक आवश्यक कार्यवाही करते हुए, परासिया को जिले का दर्जा प्रदान कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। परासिया को जिला बनाने के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत्ा संचालित गिट्टी की खदानें
[खनिज साधन]
15. ( *क्र. 2901 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कुल कितनी संख्या में गिट्टी एवं रेत खदानें संचालित हैं? खदान का नाम, स्थान संबंधित मालिक/ठेकेदार के नाम एवं रकबा सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा वर्तमान में रेत एवं गिट्टी की रॉयल्टी दर क्या निर्धारित है तथा वर्तमान में संचालित गिट्टी खदानों की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) क्या सभी खदानों पर स्थल पर किये गये उत्खनन के नाप अनुरूप संबधित खदान मालिकों द्वारा शासकीय रॉयल्टी राशि जमा की गई है? नहीं तो किन-किन खदानों में अनियमितताएं पाई गई? खदान मालिक का नाम, स्थान के विवरण एवं की गई अनियमितताओं की जानकारी तथा आरोपित राशि के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा संबंधित के विरूध्द क्या कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में गिट्टी निर्माण हेतु स्वीकृत उत्खनिपट्टों की प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में रेत की कोई भी खदान स्वीकृत नहीं है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में रेत खनिज की रॉयल्टी दर रूपये 125/- प्रति घनमीटर एवं गिट्टी खनिज की रॉयल्टी रूपये 120/- प्रति घनमीटर अधिसूचित है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) खनिज के खदान क्षेत्र में उत्खनन पश्चात् खनिज के परिवहन पर नियमानुसार रॉयल्टी का भुगतान किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पन्ना जिले में कृषि भूमि बन्दोबस्ती रिकॉर्ड में सुधार
[राजस्व]
16. ( *क्र. 1934 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले की तहसील पन्ना के ग्राम इटवांखास के नवीन बन्दोबस्ती रिकॉर्ड के संबंध में मान. व्यवहार न्यायलय पन्ना के प्रकरण क्र. 1251/2007 निर्णय दिनांक 14.08.2012 में अपराध प्रमाणित न होने एवं जप्तशुदा अभिलेख जिला मजिस्ट्रेट पन्ना को निराकरण कर वापिस करने का आदेश दिया गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या ग्राम इटवांखास के नवीन बन्दोबस्ती रिकॉर्ड के अनुसार कुछ भूमि स्वामियों के अभिलेख अद्यतन किये गये है? यदि हाँ, तो क्या स्वप्रेरणा/आवेदकों के आवेदन पर शेष किसानों के भी अभिलेख अद्यतन किये गये? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अभिलेख अद्यतन रखना राजस्व अधिकारियों की जबावदारी है? यदि हाँ, तो स्वप्रेरणा में लेकर नवीन बन्दोबस्ती रिकॉर्ड के साथ अभिलेख अद्यतन क्यों नहीं किया गया? क्या जब तक रिकॉर्ड अद्यतन नहीं होता तब तक सीमांकन को रोका जावेगा? (घ) क्या ग्राम इटवांखास के किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ रिकॉर्ड विवादित बता कर नहीं दिया जा रहा है? क्या किसानों का अभिलेख नवीन बन्दोबस्ती रिकॉर्ड के अनुसार अद्यतन कराया जाकर लागू किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, कार्यालय कलेक्टर भू अभिलेख जिला पन्ना के आदेश क्रमांक 102, दिनांक 21.11.2014 द्वारा माननीय न्यायालय से जप्तसुदा प्राप्त अभिलेख के संबंध में आदेश जारी किया गया कि अभिलेख की सूची तैयार की जाकर नवीन अभिलेखागार में सुरक्षित रखा जावे। (ख) जी हाँ। जी नहीं। चूंकि ग्राम इटवांखास का नवीन बन्दोबस्ती अभिलेख अंतिम रूप से प्रकाशित नहीं हुआ है, जिससे वर्ष 1955-56 के अभिलेख अनुसार आवेदक के आवेदन पत्र पर अभिलेख सुधार की कार्यवाही होती है। नवीन बन्दोवस्ती प्रचलन में नहीं है जिससे नवीन बन्दोवस्ती के अनुसार कार्यवाही नहीं होती है। (ग) जी हाँ। ग्राम इटवांखास का नवीन बन्दोबस्ती अभिलेख अंतिम रूप से प्रकाशित नहीं हुआ है जिससे वर्ष 1955-56 के अभिलेख अनुसार आवेदक के आवेदन पत्र पर अभिलेख सुधार की कार्यवाही होती है। नवीन बंदोबस्त के अनुसार कोई सुधार/कार्यवाही नहीं होती। जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष उत्तर (ख) अनुसार।
सीमांकन, बंटवारा आदि के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
17. ( *क्र. 2378 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में विवादित, अविवादित, बंटवारे, नामांतरण, सीमांकन, डायवर्सन, नक्शा सुधार तथा आर.बी.सी. 6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के कितने प्रकरण क्यों लंबित हैं? उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक आर.बी.सी. 6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के संबंध में किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र जिले के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए? उक्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन के राहत राशि भुगतान के प्रकरण क्यों निरस्त किये गये? प्रकरणवार कारण बतायें। (ग) क्या आमजन की सुविधा के लिए व्यपवर्तन की सूचना घर बैठे ऑनलाईन प्रस्तुत करने की सुविधा भू-लेख पोर्टल पर प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में ऑनलाईन कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा किन-किन के प्रकरण क्यों लंबित हैं, उनका कब तक निराकरण होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में बंटवारे के 632, नामांतरण के 908, सीमांकन के 86, डायवर्सन के 80, नक्शा सुधार के 70 प्रकरण लंबित हैं तथा आर.बी.सी. 6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के प्रकरण लंबित नहीं हैं। लंबित प्रकरण न्यायालीन प्रक्रिया में गतिशील/प्रचलित हैं, जिनका विधिक प्रक्रिया अनुसार निराकरण किया जाता है। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक आर.बी.सी. 6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के संबंध में माननीय सांसद/विधायक महोदय के पत्र जिले के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए तथा इन पत्रों में उल्लेखित किन किन के राहत राशि भुगतान के प्रकरण में क्या कार्यवाही हुई, के संबंध में विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में 1305 आनलाईन आवेदन पत्र प्राप्त हुए। (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त 1305 आनलाईन प्राप्त आवेदन पत्रों में से 1250 का निराकरण किया जा चुका है, शेष 55 प्रकरणों का नियत समय-सीमा में निराकरण कर दिया जाएगा।
सहकारी संस्थाओं और समितियों में वित्तीय अनियमितता/गबन के मामलें
[सहकारिता]
18. ( *क्र. 980 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में विगत तीन वर्षों में वित्तीय अनियमितता, गबन, धोखाधड़ी के कितने मामले संज्ञान में आये हैं? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन दोषियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? पृथक-पृथक प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त संस्थाओं में प्रतिवर्ष वित्तीय अनियमितताएं संज्ञान में आने के बाद उनकी रोकथाम हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कदम उठाये गये हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सहकारी संस्थाओं में वित्तीय अनियमितताओं की रोकथाम हेतु नियमित अंकेक्षण कराया जा रहा है तथा अंकेक्षण में प्राप्त आपत्तियों के निराकरण हेतु पालन पूर्ति प्रतिवेदन प्राप्त कर लेखा समिति में निराकरण कराया जा रहा है। कलेक्टर की अध्यक्षता में गबन, धोखाधड़ी के प्रकरणों के निराकरण हेतु गठित कमेटी की बैठक आयोजित कर समीक्षा की जा रही है।
अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवज़ा भुगतान
[राजस्व]
19. ( *क्र. 1448 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में खरगोन जिले की महेश्वर व बड़वाह तहसील में अतिवृष्टि से हुई क्षति से कृषक प्रभावित हुए, उन्हें कुल कितनी राहत राशि स्वीकृत हुई है? कितनी आवंटित की गई है व कितनी शेष है? (ख) यदि शेष है तो कृषकों को राशि का वितरण कब तक होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2019-20 में खरगोन जिले की महेश्वर व बड़वाह तहसील में अतिवृष्टि से प्रभावित कृषकों को फसल क्षति की कुल राहत राशि रूपये 1,56,75,21,311/- स्वीकृत हुई है, 25 प्रतिशत राशि 39,18,80,327/- रूपये वितरित की गई है। 75 प्रतिशत राशि शेष है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र दिमनी में संचालित उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( *क्र. 2809 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी की कितनी ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें हैं तथा कितनी पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें नहीं खोली गईं हैं? उचित मूल्य की दुकान खोलने की क्या गाईड लाईन है? (ख) उचित मूल्य की दुकानों पर डीलर द्वारा खाद्य सामग्री में मिलावट एवं कम तोलने की शिकायतें अक्सर होती रहती हैं? खाद्य सामग्री के परीक्षण हेतु लैब एवं उपभोक्ताओं को खाद्य सामग्री का सही वजन मिल सके, इस दिशा में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 56 ग्राम पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं। उक्त विधानसभा के 19 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में उचित मूल्य दुकानें संचालित नहीं है। दुकान विहीन पंचायतों में उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत विहित है। राज्य शासन द्वारा इस संबंध में 25 सितंबर, 2017 को दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुरैना जिले में उचित मूल्य की दुकानों पर डीलर द्वारा खाद्य सामग्री में मिलावट एवं कम तोलने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। नापतौल कार्यालय के अमले द्वारा पात्र परिवारों को सही मात्रा में सामग्री दिलाने के लिए नाप एवं तौल का परीक्षण किया जाता है एवं वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक तौल-कांटे का उपयोग किया जा रहा है। सही गुणवत्ता की राशन सामग्री दिलाने के लिए म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन के गोदाम में गुणवत्ता की सामग्री उचित मूल्य दुकानों पर भेजने के पूर्व स्टैक का चयन करने हेतु रेण्डम निरीक्षण करने की व्यवस्था राज्य शासन द्वारा की गई है। उचित मूल्य दुकानों पर भी सामग्री के साथ सेम्पल देने का प्रावधान है। यदि किसी दुकान पर मानव उपभोग के अयोग्य राशन सामग्री किसी बारदाने में पाये जाने का संज्ञान होता है, तो उसके वितरण पर रोक लगाते हुए उसे उचित मूल्य दुकान से म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन को वापस कराया जाता है एवं उसके बदले अन्य सामग्री प्राप्त कर वितरित कराया जाता है।
सहकारी समितियों अनियमितता के दोषियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
21. ( *क्र. 1627 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौरव हाउसिंग सोसाइटी, गुलाबी हाउसिंग सोसाइटी, मंदाकिनी हाउसिंग सोसाइटी, हेमा गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल में दिनेश त्रिवेदी एवं दीपेश रघुवंशी किन-किन पदों पर रहे हैं? (ख) दिनेश त्रिवेदी और किन-किन गृह निर्माण सहकारी समितियों में पदाधिकारी रहे हैं? (ग) सहकारिता अधिनियम अनुसार दिनेश त्रिवेदी एवं दीपेश रघुवंशी गौरव हाउसिंग सोसाइटी, गुलाबी हाउसिंग सोसाइटी, मंदाकिनी हाउसिंग सोसाइटी, हेमा गृह निर्माण सहकारी समितियों में पदाधिकारी रहे हैं? सहकारिता अधिनियम अनुसार एक ही व्यक्ति कितनी समितियों में पदाधिकारी रह सकता है। (घ) दिनेश त्रिवेदी द्वारा महाकाली में वर्ष 2009 में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए कितने लोगों के भू-खण्ड की रजिस्ट्री की? उसकी सूची प्रस्तुत की जावे। (ड.) दिनेश त्रिवेदी पर सहकारिता एवं इ.ओ.डब्ल्यू. द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) गौरव हाउसिंग सोसायटी, हेमा गृह निर्माण सहकारी संस्था में श्री दिनेश त्रिवेदी एवं श्री दीपेश रघुवंशी किन्ही पदों पर नहीं रहे। गुलाबी हाउसिंग सोसायटी में श्री दीपेश रघुवंशी वर्ष 2010 एवं वर्ष 2015 के निर्वाचन में अध्यक्ष पद पर रहे हैं। मंदाकिनी हाउसिंग सोसायटी में श्री दिनेश त्रिवेदी, वर्ष 2003 में संचालक पद पर रहे हैं। (ख) श्री दिनेश त्रिवेदी सितारा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल में वर्ष 2002 के निर्वाचन में उपाध्यक्ष, महाकाली गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल में वर्ष 2007 के निर्वाचन में संचालक एवं दिनांक 10-05-2008 के सहयोजन में अध्यक्ष एवं दिनांक 17-04-2012 के निर्वाचन में अध्यक्ष तथा दिनांक 11-08-2017 के निर्वाचन में उपाध्यक्ष के पद पर रहे हैं। (ग) दिनेश त्रिवेदी गौरव गृह निर्माण सहकारी संस्था, गुलाबी हाउसिंग सोसायटी, हेमा गृह निर्माण सहकारी संस्था में पदाधिकारी नहीं रहे हैं। मंदाकिनी गृह निर्माण सहकारी संस्था में वर्ष 2003 में संचालक रहे हैं। दीपेश रघुवंशी गौरव गृह निर्माण सहकारी संस्था, मंदाकिनी गृह निर्माण सहकारी संस्था में पदाधिकारी नहीं रहे हैं। गुलाबी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. भोपाल में वर्ष 2010 एवं 2015 में अध्यक्ष पद पर पदाधिकारी रहे हैं। सहकारिता अधिनियमानुसार एक व्यक्ति, एक वर्ग की सोसायटी में पदाधिकारी रह सकता है। (घ) दिनेश त्रिवेदी द्वारा महाकाली गृह निर्माण सहकारी संस्था में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए वरिष्ठ जिला पंजीयक जिला भोपाल अनुसार 88 रजिस्ट्रियां की हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल द्वारा थाना शाहपुरा में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है तथा पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ई.ओ.डब्ल्यू.) के पत्र क्रमांक/प्रकोष्ठ/ई.भो./396, दिनांक 15.02.2021 द्वारा निरंक जानकारी बताई गई है।
जबेरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जलाशयों का निर्माण/सुधार
[जल संसाधन]
22. ( *क्र. 2218 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पारना जलाशय, रोहिणी स्टॉप डेम, भजिया जलाशय मरम्मत कार्य, लालपानी जलाशय मरम्मत एवं सुधार, झापान नाला जलाशय निर्माण, देवरी जलाशय निर्माण आदि योजनाएं जल संसाधन विभाग में लंबित/प्रस्तावित हैं? यदि हाँ, तो उक्त योजनाओं पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) जल संसाधन विभाग द्वारा उक्त योजनाओं की विभागीय स्वीकृतियां कब तक पूर्ण की जावेंगी तथा इन योजनाओं का निविदा आमंत्रण कब तक किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) शासन स्तर पर स्वीकृति का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। विभिन्न कार्यालयों में प्रक्रियाधीन परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय निविदा सूचकांक अधिक्रमित होने से निविदा आमंत्रण के लिए निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
उज्जैन जिलांतर्गत स्वीकृत पेयजल योजनाएं
[जल संसाधन]
23. ( *क्र. 2668 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2014 से 31.01.2021 तक उज्जैन जिले में सिंचाई व पेयजल की कितनी योजनाएं स्वीकृत की गईं? योजना का नाम, लागत सहित वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) इन योजनाओं की अद्यतन स्थिति देवें? कितनी योजनाएं तय समय से विलंब से चल रही हैं? उनकी सूची देवें। (ग) पेयजल योजनाओं से कितने ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं? उनकी सूची देवें। (घ) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों को कब तक इस योजना से जोड़ा जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत निर्मित/निर्माणाधीन परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार पेयजल से संबंधित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कोई भी परियोजना विलंब से चलना प्रतिवेदित नहीं है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा उनके अधीन प्रचलित परियोजनाओं में विलंब के लिए कोई टीप नहीं दी गई है। (ग) एवं (घ) लोक स्वास्थ्य यॉत्रिकी विभाग से प्राप्त जानकारी उत्तरांश (क) के परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्राप्त जानकारी अनुसार निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बैतूल जिले के ग्राम टिकारी/झगडिया का दर्ज रकबा
[राजस्व]
24. ( *क्र. 2273 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के ग्राम टिकारी एवं झगडिया की मिसल बन्दोबस्त, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं ऑनलाईन खसरा पंजी वर्ष 2020 से गैर खाते के किस खसरा नम्बर का कितना रकबा दर्ज है? इसमें से कितने रकबे पर वन विभाग का कब्जा है? यह कब्जा किस अधिकारी ने वन विभाग को सौंपा पंचनामें की प्रति सहित बतावें? (ख) टिकारी एवं झगडिया के किस खसरा नम्बर का कितना रकबा संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन में शामिल कर समस्त रकबा 15 सितम्बर, 1972 को राजपत्र में डीनोटीफाईड किया गया, इसके डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि प्रश्नांकित दिनांक तक भी संशोधन पंजी, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किन-किन कारणों से दर्ज नहीं की गई? (ग) टिकारी एवं झगडिया की खसरा पंजी में दर्ज गैर खाते की भूमि से वन विभाग का कब्जा हटाने राजस्व विभाग ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की हो तो कारण बतायें, कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील बैतूल के ग्राम टिकारी एवं झगडिया के राजस्व रिकॉर्ड में मिसल बंदोबस्त, निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख तथा खसरा पंजी 2020 के अनुसार गैर खाते में भूमि के संबंध में ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निम्नानुसार खसरा नंबर के समक्ष अंकित रकबे पर बैतूल परिक्षेत्र वनमण्डल उत्तर का कब्जा पूर्व से चला आ रहा है।
ग्राम |
कुल खसरा नं. |
कुल रकबा |
टिकारी |
04 |
197.866 हे. |
झगडिया |
09 |
115.295 हे. |
उल्लेखित रकबे का वन विभाग को राजस्व विभाग द्वारा कब्जा नहीं दिया गया है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (ख) ग्राम टिकारी एवं झगडिया में प्रश्न (क) के उत्तर में दर्शित भूमि आज पर्यन्त राजस्व विभाग के स्वामित्व एवं अधिकार में दर्ज है। राजपत्र दिनांक 15 सितंबर 1972 के डिनोटिफिकेशन दिनांक के पूर्व राजस्व रिकॉर्ड में वन विभाग की प्रविष्टि अंकित नहीं थी। अत: रिकॉर्ड दुरूस्त किया जाना शेष नहीं है। (ग) बैतूल तहसील के अंतर्गत ग्राम टिकारी एवं झगडिया की प्रश्न (क) के उत्तर में दर्शित भूमि पर वन विभाग का कब्जा चला आ रहा है। वन विभाग के द्वारा उक्त भूमि पर सामाजिक वानिकी के अंतर्गत वृक्षारोपण किया गया है। वृक्षारोपण पर शासकीय धन राशि के व्यय होने तथा सामाजिक वानिकी राष्ट्रीय कार्यक्रम होने के कारण कार्यवाही नहीं की गई थी।
बण्डा वृहद बांध परियोजना में प्रभावितों को मुआवजा भुगतान
[जल संसाधन]
25. ( *क्र. 3032 ) श्री तरबर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा वृहद बांध परियोजना जो ग्राम उल्दन में धसान नदी पर बनाई जा रही है, उसमें प्रभावितों को उनकी चल-अचल संपत्ति के मुआवजे का क्या निर्धारण किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के डूब क्षेत्र के सभी हल्कों में से जिस हल्के का शासकीय मूल्य अधिकतम हो, उसी को आधार मानकर उसका चार गुना मुआवजा सभी को दिया जाना उचित रहेगा? (ग) प्रश्नांश (क) प्रभावित कई ग्राम इस प्रकार हैं कि ग्राम की 90 प्रतिशत आबादी डूब क्षेत्र में आ रही है और उन्हीं को विस्थापित किया जा रहा है, बाकी 10 प्रतिशत क्या वहां निवास कर पायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) डूब क्षेत्र के किसानों की संपूर्ण भूमि को सिंचिंत मानते हुये वर्तमान में भूमि का जो शासकीय मूल्य है, उसका चार गुना मुआवजा दिया जाना क्या उचित है? यदि हाँ, तो किसानों को मुआवजा कब तक प्रदान किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बण्डा परियोजना से प्रभावितों को उनकी अचल संपत्ति का मुआवजा निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। (ख) जी नहीं। (ग) बांध के डूब क्षेत्र में अधिकतम जल भराव क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली समस्त आबादी क्षेत्र का नियमानुसार विस्थापन किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
गौचर
भूमि को
अतिक्रमण
मुक्त करने
हेतु
[राजस्व]
1. ( क्र. 48 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा एवं पटेरा विकासखण्ड में कुल कितनी गौचर भूमि (हेक्टे.) है। कितने हेक्टेयर रिक्त है। कितनी अतिक्रमण में है। अतिक्रमणकारियों के नाम सहित, स्थलवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे? (ख) हटा व पटेरा विकासखण्ड की गौचर भूमि को कब तक अतिक्रमण मुक्त कराया जावेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला दमोह अंतर्गत हटा अनुभाग की तहसील हटा अंतर्गत कुल गौचर भूमि 6396.92 हेक्टेयर जिसमें से 1070.08 हेक्टेयर अतिक्रमित है व तहसील पटेरा अंतर्गत कुल गौचर भूमि 4912.73 हेक्टेयर है जिसमे से 1525.93 हेक्टेयर अतिक्रमित है। अतिक्रमणकारियों के नाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अतिक्रमण की सूचना प्राप्त होने पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 अंतर्गत सतत कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों को बकाया राशि का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( क्र. 86 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक अब तक समर्थन मूल्य पर गेहूँ, चना, मूंग एवं धान का किन-किन संस्थाओं के माध्यम से कब-कब और कितना-कितना उपार्जन किया गया तथा उपार्जित किये गये अनाज को किन-किन वेयर हाउसों में कब-कब भंडारित किया गया? (ख) उक्त अवधि में किन-किन खरीदी केन्द्रों पर समय पर परिवहन तथा भंडारण न होने के कारण कौन-कौन अनाज, कितनी मात्रा में खराब हुआ? खराब अनाज का क्या उपयोग किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के किन-किन किसानों को उनकी उपज का भुगतान क्यों नहीं किया गया तथा इसके लिए कौन दोषी है? (घ) संबंधित किसानों को ब्याज सहित राशि का भुगतान कब तक किया जायेगा तथा इस संबंध में प्रश्नांश (क) अवधि में मान.मंत्री जी एवं विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रायसेन जिले में वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक उपार्जित गेहूं, चना, मूंग एवं धान की संस्थावार उपार्जन मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्षवार एवं उपजवार उपार्जित स्कंध का वेयर हाउसवार में भण्डारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) रबी विपणन वर्ष 2018-19 के उपार्जन के दौरान असमायिक वर्षा के कारण 1001.308 मे.टन चना तथा रबी विपणन वर्ष 2020-21 में निसर्ग तूफान के कारण हुई असमायिक वर्षा के कारण 1265.16 मे.टन गेहूं खराब हुआ है। उपार्जन केन्द्रवार खराब हुए चना एवं गेहूं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– स अनुसार है। वर्षा से प्रभावित स्कंध की विधिवत नीलामी कर निस्तारण किया गया है। (ग) वर्ष 2018-19 में वर्षा के कारण खराब हुए चने का 1498 किसानों को 202.43 लाख का आंशिक भुगतान शेष रहा है। किसानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) किसानों के बकाया राशि के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। किसानों को राशि के भुगतान के संबंध में विधानसभा क्षेत्र 143 सिलवानी के माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह के पत्र दिनांक 24.10.2019, 13.12.2019 एवं 25.08.2020 को प्राप्त हुए है। पत्रों पर उपार्जन एजेन्सी तथा जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक रायसेन के स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मत्स्य समिति द्वारा आखेट
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
3. ( क्र. 454 ) श्री संजय शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदुखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से जलाशय हैं जिसमें मत्स्य पालन किया जाता है एवं ये जलाशय कहाँ स्थित है तथा कितने–कितने रकबा में फैले हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, उक्त जलाशयों में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक मत्स्य पालन एवं आखेट की अनुमति किस-किस समिति को दी गई है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, मत्स्य पालन एवं आखेट की अनुमति हेतु समिति का चयन किस आधार पर किया गया? वर्तमान में अधिकृत समिति के पदाधिकारी, सदस्यों के नाम सहित जानकारी प्रदान करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सिंचाई जलाशयों की संख्या निरंक। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना
[राजस्व]
4. ( क्र. 455 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा मध्यप्रदेश में कुल कितने किसानों का पंजीयन मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत किया गया है एवं कितने किसानों का पंजीयन किया जाना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, शासन द्वारा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ लेने हेतु क्या-क्या मापदण्ड सुनिश्चित किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के कितने किसानों के खातों में कितनी राशि कब-कब डाली गई? सूची उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्य प्रदेश में कुल 7813091 किसान मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हेतु सूचीबद्ध किये गये हैं। हितग्राही की संख्या परिवर्तनशील होने के कारण शेष की जानकारी देना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार (ग) जानकारी SAARA.MP.GOV.IN पोर्टल पर अवलोकन हेतु उपलब्ध है।
मत्स्य नीति 2008 में जलाशय पट्टे का आवंटन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
5. ( क्र. 675 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा जारी मत्स्य नीति 2008 में जलाशय पट्टे पर आवंटित करने के लिए एक से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त होने पर पंजीयन दिनांक के आधार पर सबसे पुरानी तथा क्रियाशील वंशानुगत समिति को पट्टा दिये जाने का निर्देश है? (ख) क्या मत्स्य नीति 2008 में यह प्रावधान है कि म.प्र.सह.समि.अधि. 1960 की धारा 9 अनुसार एक ही समिति के कार्यक्षेत्र में पंजीयन सामान्यतः नहीं किया जावेगा? यदि किया जाना आवश्यक है तो पहले पंजीकृत समिति को प्राप्त प्रति व्यक्ति जल क्षेत्र के आधार पर सुने जाने के शासन के निर्देश हैं? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) यदि सही है तो बैतूल जिले के बुण्डाला जलाशय पट्टा आवंटन में उपरोक्त नियमों का पालन किया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं तो पट्टा निरस्त करने की कार्यवाही कब तक पूरी कर ली जावेगी? (घ) क्या मत्स्योद्योग सह.समि.मर्या. जम्बाडा एवं मतस्योद्योग सह.समि.मर्या. जौलखेडा के पंजीयन पूर्व मत्स्योद्योग विभाग द्वारा अनुशंसा की गई है? यदि हाँ, तो कब कब की गई? स्पष्ट कार्यक्षेत्र संघटक प्रतिवेदन अनुसार क्या है? (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) अनुसार शासन नीति, निर्देश का पालन नहीं किया गया है तो इसके लिए जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नियमों का पालन किया गया। पट्टा निरस्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जम्बाडा समिति के लिये वर्ष 1986 तथा जौलखेडा 2003 अनुशंसा की गई है। जम्बाडा समिति का कार्यक्षेत्र जम्बाडा एवं हरदोली जबकि जौलखेडा समिति का कार्यक्षेत्र जौलखेडा एवं हेटी है। (ड.) शासन नीति निर्देश का पालन किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
1971 के बांग्लादेशी शरणार्थियों को आवंटित भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
6. ( क्र. 679 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय बांग्लादेश से आए शरणार्थीयों को इंदौर में खजराना थाने के पीछे भूमि आवंटित की गई थी। (ख) यदि हाँ, तो कितनी भूमि आवंटित की गई थी? खसरा नम्बर सहित बतावें? वर्तमान में भूमि की क्या स्थिति है? क्या वहाँ पर अतिक्रमण हो चुका है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि पर अतिक्रमण है? (ग) आवंटित भूमि के सीमांकन के आदेश कब जारी किए जाएगें? जमीन को अतिक्रमण मुक्त कब किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय बांग्लादेश के आए शरणार्थियों को इन्दौर में खजराना थाने के पीछे ग्राम खजराना स्थित भूमि सर्वे नम्बर 435/1/1 की भूमि पर शरणार्थी बंगाली 80 परिवारों को बसाया गया था। भूमि आवंटन किए जाने संबंधी प्रविष्टि अभिलेखों पर अंकित नहीं हैं। (ख) भूमि आवंटन नहीं की गई हैं। ग्राम खजराना स्थित भूमि सर्वे नम्बर 435/1/1 की भूमि पर शरणार्थी बंगाली 80 परिवारों को बसाया गया था जो मौके पर वर्तमान में भी निवासरत हैं। भूमि आवंटन नहीं होने से शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) भूमि आवंटन नहीं होने से प्रश्न उद्भूत नहीं होता। सीमांकन किया जाना संभव नहीं हैं।
स्वीकृत तालाबों का निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
7. ( क्र. 724 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मोहनपुरा दांयी तट प्रेशराइज्ड पाईप प्रणाली से वित्तिय वर्ष 2020-21 में रबी की फसल के सिंचाई हेतु पानी दिया जा रहा है? क्या यह योजना केवल रबी की फसलों के लिए है? (ख) यदि हाँ, तो शासन की इस क्षेत्र में खरीफ एवं ग्रीष्मकालीन फसलों व निस्तार के पानी की आवश्यकता हेतु क्या योजना है? (ग) क्या शासन राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सूखा प्रभावित ग्रामों में प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त तालाब की निविदा आमंत्रित कर कार्य प्रारंभ कर देगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) डी.पी.आर. में रबी सिंचाई, पेयजल एवं उद्योग के लिए जल आरक्षित है। अन्य प्रायोजन के लिए पानी उपलब्ध नहीं होने से प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त 03 लघु सिंचाई परियोजनाओं में निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
गुमानसर्रा लिफ्ट इरीगेशन योजना का निर्माण
[जल संसाधन]
8. ( क्र. 755 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र मुलताई जिला बैतूल के ग्राम घाटपिपरिया विकासखण्ड मुलताई में गुमानसर्रा लिफ्ट इरीगेशन योजना स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृति का दिनांक एवं अनुमानित लागत एवं कार्य प्रारंभ होने का दिनांक तथा कब तक पूर्ण होना था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में अभी तक कुल कितना कार्य हुआ है एवं कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया है? (ग) क्या उक्त योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है यदि नहीं तो क्या वर्तमान में उक्त योजना का कार्य प्रारंभ है? यदि हाँ, तो योजना कब तक पूर्ण कर ली जाएगी, यदि नहीं तो कार्य कब से बंद है एवं उसके बंद होने के क्या कारण हैं? पुन: कार्य कब तक प्रारंभ कराया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
चंदौरा जलाशय की मुख्य नहर की मरम्मत कराई जाना
[जल संसाधन]
9. ( क्र. 757 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत चंदौरा जलाशय की मुख्य नहर का निर्माण कब किया गया था एवं प्रश्न दिनांक तक इसके रख रखाव/मरम्मत पर विगत 3 वर्ष में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) क्या यह सही है कि चंदौरा जलाशय की मुख्य नहर क्षतिग्रस्त होने के कारण टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है? ? (ग) क्या उक्त जलाशय का सीपेज रोकने के लिये क्या उपाय किये जा रहे हैं? क्या सीपेज रोकने हेतु इसका सीमेंटीकरण किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चंदोरा जलाशय की मुख्य नहर का निर्माण कार्य वर्ष 1989-90 में किया गया था। नहर रखरखाव/मरम्मत पर विगत 03 वर्षों में व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं अपितु तथ्यात्मक स्थिति यह है कि चंदोरा जलाशय की मुख्य नहर की लाईनिंग कार्य जगह जगह क्षतिग्रस्त होने एवं नहर पर कृषकों के द्वारा स्वयं के मोटर पम्प लगाकर सिंचाई करने से नहर के आखरी छोर में पानी पहुँचाने में कठिनाई आती है। (ग) सीपेज जलाशय से न होकर परियोजना की मुख्य नहर की लाइनिंग एवं माइनरों में होने से लाइनिंग कार्य कराने का प्रस्ताव मुख्य अभियंता बोधी को दिनांक 10.01.2018 को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है, जो परीक्षणाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आवास संघ द्वारा रचना टावर्स में बनाये गये प्रकोष्ठ
[सहकारिता]
10. ( क्र. 853 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रचना टावर्स में माननीय सांसदों, माननीय विधायकों, माननीय पूर्व सांसदों तथा माननीय पूर्व विधायकों को जो प्रकोष्ठ आवंटित किये गये है वह जमीन फ्री होल्ड न होने के कारण होम लोन होने में देरी के कारण आवास संघ द्वारा जो ब्याज की राशि वसूली गई है क्या शासन यह देखते हुए की भुगतान में देरी का कारण हितग्राहियों के नियंत्रण से बाहर था ब्याज की राशि वापस करने पर विचार करेगा? (ख) विषयांकित प्रकोष्ठ खरीदते समय जी.एस.टी के प्रावधान नहीं थे किन्तु बाद में जी.एस.टी लगने के कारण अतिरिक्त बोझ हितग्राही पर पडा है क्या शासन जी.एस.टी की राशि वापस करने पर विचार करेगा? (ग) जिन प्रकोष्ठों की रजिस्ट्री कर ली गयी है उन प्रकोष्ठों में जी.एस.टी की जो राशि आवास संघ को प्राप्त हुई होगी उसे कब तक संबंधित हितग्राही को लौटा दिया जायेगा? (घ) विषयांकित प्रकोष्ठों हेतु किन-किन के द्वारा पंजीयन कराया गया? किन-किन के द्वारा अब तक कितनी-कितनी राशि जमा की गयी है तथा बकाया राशि के संबंध में भी बतायें? ऐसे कितने पंजीकृत लोग हैं जिन्होंने राशि भुगतान न करने के कारण प्रकोष्ठ सरेन्डर कर दिया? क्या शासन इतनी बड़ी संख्या में मकान न लेने या सरेन्डर करने के कारणों की समीक्षा करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) माननीय सांसदों/विधायकों हेतु प्रस्तावित बहुमंजिला आवासीय प्रकोष्ठ परियोजना ''रचना टावर्स'' हेतु भूमि का आवंटन वर्ष 1996 में हुआ था, भूमि आवंटन उपरांत वर्ष 1997 में श्री रविन्द्र बाजपेयी पुत्र श्री भगवती धर बाजपेयी द्वारा याचिका क्रमांक 2853/1997 माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के समक्ष दायर की गई, माननीय न्यायालय से निराकरण वर्ष 2010 में आवास संघ के पक्ष में हुआ। तदुपरांत नवम्बर-2012 में विधानसभा स्तर पर सात सदस्यों की समिति का गठन किया गया एवं मार्च-2013 में रचना टावर्स नियमावली का समिति द्वारा अनुमोदन किया गया, कार्य प्रारंभ करने हेतु विभिन्न स्तरों से अनापत्तियां प्राप्त करने की कार्यवाही मार्च 2014 तक पूर्ण की गई। अप्रैल-2015 में झुग्गी विस्थापन हेतु कार्यवाही शुरू की गई, जून-2015 में झुग्गी विस्थापन कार्य पूर्ण कर भूखण्ड पर बाउण्ड्रीवॉल हेतु निविदा स्वीकृत की गयी। जुलाई-2015 में भवन अनुज्ञा नगर निगम भोपाल में स्वीकृत की गयी, नवम्बर-2016 से निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। रचना टावर्स नियमावली के अनुसार प्रकोष्ठों का निर्माण स्ववित्त योजनांतर्गत किया जा रहा था, जिसमें निर्माण के विभिन्न चरणों के आधार पर किश्तों का निर्धारण किया गया था जिसके अनुसार प्रकोष्ठ में पंजीयन कराने वाले हितग्राही को निर्धारित तिथि तक स्वयं के साधन से किश्त जमा करनी थी तथा किश्त अदायगी में होने वाले विलंब के लिये निर्धारित ब्याज जमा करना था। विधानसभा समिति द्वारा रचना टावर्स नियमावली में जमीन को फ्री-होल्ड कराने के संबंध में कोई शर्त या प्रावधान नहीं था परंतु माननीय हितग्राहियों द्वारा लीज भूमि पर ऋण की पात्रता कम आने के संबंध में विधानसभा आवास समिति द्वारा दिनांक 07.03.2018 को आवास संघ से इस भूमि को फ्री-होल्ड कराने का निर्णय लिया, जिसके आधार पर आवास संघ द्वारा राज्य शासन से दिनांक 18.06.2018 को ही भूमि फ्री-होल्ड करा दी गई थी। अतः यह कहना सही नहीं है कि जमीन फ्री होल्ड न होने के कारण होम लोन में देरी के कारण आवास संघ द्वारा ब्याज की राशि वसूली गई है। वस्तुतः प्रकोष्ठ आवंटित हितग्राही द्वारा नियमावली की कण्डिका 05 के अनुसार ठेकेदार को कार्यादेश जारी होने के दिनांक से 60 दिवस में प्रथम किश्त, 240 दिन में द्वितीय किश्त, 480 दिवस में तृतीय किश्त, 720 में चतुर्थ किश्त तथा अधिपत्य के पूर्व अंतिम किश्त जमा करनी थी। इस प्रकार कार्यादेश दिनांक 14.09.2016 को जारी होने से क्रमशः 14.11.2016 को प्रथम किश्त, 14.05.2017 को द्वितीय, 14.01.2018 को तृतीय एवं 14.09.2018 को चतुर्थ किश्त निर्धारित की गई थी। पंजीयन नियमावली की कण्डिका 02 के अंतर्गत योजना का स्वरूप स्ववित्तीय होकर पंजीयनकर्ता को निर्धारित दिनांक पर अपनी किश्त जमा करनी थी, हितग्राही द्वारा निर्धारित तिथि पर भुगतान में चूक करने की स्थिति में चूक अवधि के लिये 12 प्रतिशत ब्याज निर्धारित किया गया था। इस प्रकार ब्याज की वसूली का संबंध जमीन फ्री-होल्ड कराने से नहीं था। अतः यह कहना सही नहीं है कि भुगतान में देरी का कारण हितग्राहियों के नियंत्रण से बाहर था इसलिये ब्याज की राशि वापिस करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विषयांकित प्रकोष्ठ खरीदी की नियमावली की कण्डिका 19 (1) के अनुसार स्थानीय और केंद्र/राज्य शासन के करों या अन्य करों का भुगतान आवंटी को स्वयं निर्धारित समय पर करना अनिवार्य था क्योकि करों का निर्धारण विक्रय पत्र/लीज डीड संपादित करते समय निर्धारित कर देय होते है, क्योंकि प्रकोष्ठों के विक्रय पत्र 2020-21 में सम्पादित हो रहे है, अतः करों की दर एवं राशि का निर्धारण तत्समय अनुसार किया जा सकता है। प्रकोष्ठों के आरक्षण के समय की कर प्रणाली लागू नहीं होती है इसलिये प्रकोष्ठों के विक्रय पत्र संपादित करते समय लागू कर दरें ही वसूली गई है इसलिये यह कहना सही नहीं है कि जी.एस.टी का अतिरिक्त वित्तीय बोझ हितग्राही पर पड़ा है इसलिये शासन से जी.एस.टी की राशि वापिस करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) आवास संघ द्वारा विभिन्न चरणों में ली गई जी.एस.टी. की राशि नियमानुसार शासन को भुगतान या अन्य समायोजन किया गया है इसलिये जी.एस.टी. की राशि संबंधित को वापसी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विषयांकित प्रकोष्ठों हेतु पंजीयन कराने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, हितग्राहियों द्वारा जमा राशि और बकाया राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। हितग्राहियों द्वारा व्यक्तिगत कारणों से अपना आवंटन निरस्त करा कर जमा राशि वापिस प्राप्त की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वस्तुतः राशि भुगतान न कर सकने के कारण प्रकोष्ठ सरेंडर नहीं किये गये है अपितु निजी कारण से जमा राशि वापिस प्राप्त कर आवंटन निरस्त कराया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भू-माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही
[राजस्व]
11. ( क्र. 855 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड में भू-माफियाओं के खिलाफ बीते दो वर्षों तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या उच्च न्यायालय के द्वारा शासकीय भूमि को 15 दिवस के अंतर्गत अतिक्रमण हटाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो उच्च न्यायालय के पालन में किन-किन भू-माफियाओं पर कार्यवाही की गई? नामवार सहित बताएं? (ख) किन-किन स्थानों पर शासकीय भूमि को माफियाओं से खाली कराया गया? क्या भिण्ड में अन्य भी जगहों पर कोई भू-माफिया द्वारा अतिक्रमण है यदि है तो अब तक उन पर क्या कोई कार्यवाही की गई? विवरण देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भिण्ड नगर में भू-माफियाओं के खिलाफ की गई कार्यवाही की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में भू-माफियाओं पर की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है इसके अतिरिक्त भी अन्य शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर रिपोर्ट/शिकायत प्राप्त होने पर अतिक्रमण को म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 248 के अनुसरण में कार्यवाही करते हुए हटाने की कार्यवाही की जाती है।
वाहन सुविधाओं की जानकारी
[राजस्व]
12. ( क्र. 878 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर चार पहिया शासकीय वाहन उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से अधिकारी के पास उपलब्ध हैं और कौन-कौन से अधिकारियों पर वाहन उपलब्ध नहीं है तथा उनको कब तक वाहन उपलब्ध करा दिये जावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विदिशा जिले के अनुविभागीय अधिकारियों पर भ्रमण हेतु वाहन उपलब्ध नहीं है? यदि हाँ, तो अधिकारियों द्वारा किस वाहन से क्षेत्र में भ्रमण किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आवश्यकता के आधार पर एवं कार्य क्षेत्र को ध्यान में रखते हुये वाहन उपलब्ध कराया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में अनुभाग के अंतर्गत अधीनस्थ अधिकारियों के पास उपलब्ध वाहनों का पूल वाहन के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
खैरा-श्यामपुरा खदान पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
13. ( क्र. 966 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की खैरा-श्यामपुरा खदान पर कार्यवाही के दौरान मशीन/पनडुब्बी जप्त की गई? उक्त जप्तशुदा मशीन/पनडुब्बी पर क्या-क्या कार्यवाही किन-किन धाराओं के अंतर्गत की गई? (ख) उक्त खदान पर अवैध उत्खनन करने में लिप्त किन-किन लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए? विगत दो माह में हुई कार्यवाही की जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। दिनांक 21/01/2021 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), भिण्ड, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), भिण्ड, खनिज अधिकारी एवं खनि निरीक्षक, भिण्ड द्वारा मय दल-बल के रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन की जाँच के दौरान भिण्ड जिले के मौजा खैरा-श्यामपुरा में नदी के किनारे कार्यवाही के दौरान एक पोकलेन मशीन सीरियल नंबर S200-22621 जब्त की गई। उक्त जब्तशुदा मशीन द्वारा रेत का अवैध उत्खनन होना पाये जाने से मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 20 (1) के तहत जुर्माना प्रस्तावित किया गया है एवं इसके संबंध में मशीन मालिक को न्यायालय कलेक्टर के समक्ष में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) उक्त मौका स्थल पर मशीन द्वारा अवैध उत्खनन पाये जाने से मशीन मालिक श्री केशव सिंह मावई निवासी-गजराज बिहार कॉलोनी, भिण्ड रोड, ग्वालियर, मध्यप्रदेश के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया। विगत दो माह में कार्यवाही के दौरान अवैध उत्खनन में 01 तथा अवैध परिवहन में 25 प्रकरण तैयार किये गये।
किसानों को समय पर खाद्य एवं बीज की उपलब्धता
[सहकारिता]
14. ( क्र. 969 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में किसानों को समय पर खाद्य एवं बीज उपलब्ध कराने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 305 दिनांक 24.10.2020 पत्र क्र. 321 दिनांक 06.11.2020 पत्र क्र. 383 दिनांक 18.12.2020 एवं पत्र क्र. 384 दिनांक 18.12.2020 द्वारा सहायक आयुक्त (अंकेक्षण) सहकारिता जिला रीवा को रीवा जिले की समस्त समितियों के समिति प्रबंधकों, उप समिति प्रबंधकों, सहाकरी बैंक के शाखा प्रबंधकों एवं विक्रेताओं के ऊपर कितनी राशि की बकाया है की जानकारी चाही गई थी? (ख) उक्त जानकारी विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को आज दिनांक तक प्रदाय नहीं की गई है? (ग) क्या सरकार विभाग के मनमानी/विधि विरूद्ध कार्य कर रहे तत्कालीन सहायक आयुक्त (अंकेक्षण) सहकारिता जिला रीवा के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर प्रश्नकर्ता सदस्य को जानकारी प्रदाय कराना सुनिश्चित करेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा के पत्र क्रमांक 2251 दिनांक 04-01-2021 एवं बैंक के पत्र क्रमांक 2537 दिनांक 06-02-2021 से जानकारी माननीय सदस्य को प्रेषित की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
सेवा सहकारी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों पर बकाया सिल्क/राशि
[सहकारिता]
15. ( क्र. 975 ) श्री संजीव सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की कितनी सेवा सहकारी संस्थाओं के समिति प्रबंधक/सहा. समिति प्रबंधक/विक्रेताओं पर कितनी सिल्क/राशि बकाया है? (ख) क्या बकायादार कर्मचारी वर्तमान में किसी संस्था पर कार्यरत है यदि हाँ, तो क्या बकायादार कर्मचारी संस्था पर कार्य कर सकते हैं? यदि नहीं तो इनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या उक्त बकायादार कर्मचारियों से सिल्क/राशि वसूल की गई? यदि हाँ, तो कितनी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 127 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के समिति प्रबंधक/सहायक समिति प्रबंधक/विक्रेताओं पर राशि रूपये 741.05 लाख बकाया है। (ख) जी हाँ, जब तक कर्मचारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सेवा पृथक नहीं किया जाता तब तक कार्य कर सकता है। बकायादार कर्मचारियों पर समस्त आवश्यक वैधानिक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित राशि में से राशि रूपये 4.18 लाख की वसूली की गई है।
भिण्ड में सैनिक स्कूल खोला जाना
[राजस्व]
16. ( क्र. 977 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला भिण्ड में सैनिक स्कूल खोला जाना प्रस्तावित है? (ख) पूर्व में सैनिक स्कूल हेतु ग्राम डिड़ी में 22 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या ग्राम डिड़ी के स्थान पर सैनिक स्कूल को औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में खोला जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो क्या औद्योगिक क्षेत्र में जहां पर प्रदूषण का स्तर अन्य जगह से ज्यादा रहता है ऐसे में वहां पर सैनिक स्कूल खोला जाना उचित होगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या प्रदूषण विभाग से प्रदूषण के स्तर की जाँच की रिपोर्ट मांगी गई है? यदि हाँ, तो क्या वहां सैनिक स्कूल खोलना उचित है अथवा नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। पूर्व में सैनिक स्कूल खोलने हेतु ग्राम डिड़ी में 22 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई थी। जी हाँ। ग्राम डिड़ी के स्थान पर सैनिक स्कूल औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में खोला जाना प्रस्तावित है। जिला कलेक्टर द्वारा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार प्रस्तावित स्थल पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) संतोषजनक श्रेणी में पाया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रस्तावित स्थल पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) संतोषजनक पाया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी संस्था मर्या. टेहनगुर में विक्रेता की नियुक्ति
[सहकारिता]
17. ( क्र. 978 ) श्री संजीव सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राथमिक कृषि शाखा सहकारी संस्था मर्या. टेहनगुर पर दिनांक 14.06.2016 को किसी विक्रेता की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत नियुक्ति की गई? नियुक्ति के क्या प्रावधान हैं? (ख) क्या विक्रेता पद पर नियुक्त किये गये व्यक्ति द्वारा संस्था में किसी उचित मूल्य की दुकान पर कार्य किया गया है यदि हाँ, तो विवरण प्रस्तुत करें? (ग) क्या नियुक्त व्यक्ति की 5 वर्ष उपरान्त सुरक्षा अमानत दिनांक 28.01.2021 को शाखा भिण्ड में प्रातः एवं रात्रि कालीन में जमा की गई है? यदि हाँ, तो किसके आदेश से?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, संस्था का मूल अभिलेख पूर्व समिति प्रबंधक द्वारा नहीं दिये जाने से नियुक्त विक्रेता से प्राप्त जानकारी के आधार पर। पैक्स कर्मचारी सेवानियम के प्रावधान के अंतर्गत नियुक्ति नहीं की गई। पैक्स समितियों में नियुक्ति जिले के उप/सहायक आयुक्त सहकारिता की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति द्वारा किये जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (क) के अंतर्गत नियुक्त विक्रेता द्वारा स्वयं जमा की गई, किसी के आदेश से नहीं।
घाटाखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना की स्वीकृती
[जल संसाधन]
18. ( क्र. 1169 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 233 दिनांक 21/09/2020 में आश्वासन दिया गया था कि घाटाखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना, तहसील खिलचीपुर, जिला राजगढ़ का परीक्षण उपरांत गुण-दोष तथा बजट की उपलब्धता के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में निर्णय किया जायेगा। (ख) क्या वर्तमान में इस योजना पर परीक्षण उपरांत निर्णय किया गया है? (ग) बजट वर्ष 2021-22 में इस योजना हेतु कितने बजट का प्रावधान किया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ। राजगढ़ जिला अंतर्गत तह. खिलचीपुर की चिन्हित घाटाखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना के सर्वेक्षण कार्य की स्वीकृति दिनांक 09.09.2019 को प्रदान की गई थी। मुख्य अभियंता, चंबल बेतवा कछार द्वारा अवगत कराया गया कि सर्वेक्षण उपरांत चिन्हित घाटाखेड़ी मध्यम परियोजना में प्रस्तावित कमांड क्षेत्र को कुण्डालिया वृहद सिंचाई परियोजना में शामिल करने के कारण कोई कमांड शेष नहीं बचा है। उक्त पृष्ठभूमि में परियोजना की स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
नामांतरण एवं मुआवजे की राशि में अनियमितता
[राजस्व]
19. ( क्र. 1225 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के मझगवां अनुभाग के मौजा पोखरवार की आराजी नं. 47/3/2 एवं मौजा नयागांव की आराजी नं. 898/ब/3 स्व. दयाराम दास के नाम दर्ज थी उसे विशाल दास के नाम दर्ज किए जाने हेतु आदेश दिया गया। यदि हाँ, तो किस आधार पर समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरण में कितने दावें/आपत्तियां प्राप्त हुई एवं प्राप्त आपत्तियों पर क्या-क्या कार्यवाही/जांच की गई? दस्तावेज भी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन द्वारा उक्त आराजियों के अंशभाग का भू-अर्जन किया गया एवं प्रकरण के फैसले के तुरंत बाद आनन-फानन में मुआवजा दिया गया जबकि आपत्तिकर्ता के पास सक्षम न्यायालय में अपील करने का समय था? क्या यह न्यायिक प्रक्रिया की अवहेलना नहीं है? यदि हाँ, तो प्रकरण में कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि कार्यवाही की जायेगी तो कब तक? (घ) क्या उपरोक्त प्रकरण में भू-माफियाओं द्वारा की गई जालसाजी के विरूद्ध उच्च स्तरीय जाँच समिति का गठन कर मामले की संजीदगी व जाँच की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मौजा नयागांव की आराजी सुसंगत दस्तावेज की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तत्समय आपत्ति प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) मौजा नयागांव की आराजी नं 898/ब/3 का भू-अर्जन शासकीय प्रयोजन के लिये भू-अर्जन अधिनियम 2013 में निहित प्रावधानों की परिधि में किया गया है। इस प्रक्रिया में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं होने से शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) उपरोक्त प्रकरण में किसी भूमाफिया द्वारा जालसाजी करना प्रकाश में नहीं आया। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता
भू-खण्ड आवंटन के दोषियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
20. ( क्र. 1263 ) श्री राकेश मावई : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अल्प आय वर्ग सहकारी गृह निर्माण संस्था समिति रीवा के अध्यक्ष प्रबंधक के द्वारा भूखण्ड आवंटन सूची के क्रमांक 01 से 16 तक में किस-किस सदस्य को कितने गुणे कितने का भूखण्ड आवंटित किया गया है? सदस्य का नाम उसके पिता/पति का नाम सदस्यता देने का दिनांक, सदस्यता दिनांक को क्या उम्र, थी व्यवसाय, स्थायी पता अंकित कर आधार कार्ड की प्रति के साथ सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संस्था के आदर्श उप विधि के क्रमांक 5 अ के बिन्दु 9, 10, 11, 12 एवं ब बिन्दु 1,2,3,4 उप विधि के क्रमांक 7 (4) उप विधि क्रमांक 8 (1), उप विधि क्रमांक 43 (1) उप विधि क्रमांक 43 (2) का पालन प्रश्नांश (क) के भूखण्ड आवंटन एवं सदस्यता देने में किया गया है? यदि हाँ, तो सहपत्रों के साथ विवरण सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के उप विधि का वर्णन उल्लेख करते हुये यह बतायें कि उप विधि क्रमांक 8 में सदस्यता देने के पूर्व शपथ पत्र लिया गया है? यदि हाँ, तो शपथ पत्र की प्रति देवें? साथ ही यह बतायें कि यदि नियम विरूद्ध सदस्यता एवं भूखण्ड आवंटन किया गया है तो सदस्यता समाप्त करते हुये भूखण्ड सोसायटी के पक्ष में वापस लेते हुये अपराधिक प्रकरण संचालक मण्डल/सदस्यों के ऊपर दर्ज करा देगें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) यदि हाँ, तो क्या यह माना जावेगा कि अध्यक्ष, प्रबंधक, शासन/विभाग को भ्रम में रखकर व्यापक स्तर पर आर्थिक, वित्तीय अनियमितता करते हुये अपने सगे संबंधियों को बेश कीमती भूखण्ड सस्ते दर पर उपलब्ध कराते हुये आर्थिक क्षति पहुँचाई गयी है? जो आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है? क्या अध्यक्ष प्रबंधक के विरूद्ध धोखाधड़ी का अपराधिक प्रकरण संबंधित पुलिस थाना में दर्ज करा देगें? यदि हाँ, तो कब तक?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) अल्प आय वर्ग सहकारी गृह निर्माण संस्था रीवा के संचालक मण्डल द्वारा भूखण्ड आवंटन सूची के क्रमांक 01 से 16 तक के सदस्य का नाम, पिता/पति का नाम, सदस्य का पता, सदस्यता देने हेतु दिये गये आवेदन में दर्ज उम्र, सदस्यता क्रमांक, सदस्यता देने का दिनांक तथा आवंटित भूखण्ड के साईज की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सदस्यता आवेदन में सदस्य द्वारा व्यवसाय की जानकारी नहीं दी गई थी एवं संस्था में सदस्यों से आधार कार्ड लेने का कोई प्रावधान न होने से आधार कार्ड नहीं लिये गये है, अत: आधार कार्ड देना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) की संस्था की आदर्श उपविधि क्रमांक 05 में 5 (अ) प्रावधान ही नहीं है। यदि उपविधि क्रमांक 5 में प्रथम भाग को 5 (अ) माना जाये तो उसमें बिन्दु 09, 10, 11, 12 भी नहीं है। इसी प्रकार उपविधि 5 (ब) में भी बिन्दु 2, 3, 4 नहीं है, जहां तक उपविधि क्रमांक 5 (बी) (1) का प्रश्न है सदस्य बनने की निर्हरता है। इस संबंध में सदस्य बनाते समय लिये गये घोषणा पत्र राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के पास जप्त है, अत: उनके अभाव में स्पष्ट उत्तर देना संभव नहीं है। वहीं उपविधि क्रमांक 7 (4) एवं 8 (1) से संबंधित अभिलेख भी राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के पास जप्त होने से उत्तर देना संभव नहीं है। जहां तक उपविधि क्रमांक 43 (1) व 43 (2) का संदर्भ है, प्रश्नांश के 16 सदस्यों पर लागू नहीं होता है, क्योंकि इन सदस्यों को संस्था द्वारा सीधे भूखण्ड आवंटित कर विक्रय पत्र सम्पादित किये गये है तथा इनके द्वारा भूखण्ड का अन्य सदस्यों को हस्तांतरण नहीं किया गया है तथा इन सदस्यों द्वारा उनके भूखण्डों पर अपने भवन निर्मित किये गये है क्योंकि संबंधित अभिलेख राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में जप्त है अत: इनके शपथ पत्र देना, भूखण्ड आवंटन वापस लेना या अन्य कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सदस्यता देने हेतु उपविधि में निर्धारित शपथ पत्र/घोषणा पत्र आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जप्त किये गये है इसलिये रिकॉर्ड के अभाव में इस संबध में कोई जवाब देना संभव नहीं है। जाँच हेतु दिये गये आदेश के आधार पर जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर इस संबध में निर्णय लिया जा सकेगा। (घ) सदस्यों को भूखण्ड आवंटन से प्राप्त आय, किये गये व्ययों की जाँच के आदेश दिये गये है। अत: जाँच उपरांत पाये गये निष्कर्षों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संबल योजना के पात्र हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया जाना
[श्रम]
21. ( क्र. 1358 ) श्री
कुँवरजी
कोठार : क्या
खनिज साधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मुख्यमंत्री
जन कल्याण (संबल)
योजना वर्ष 2019-20 में
लागू थी?
यदि
हाँ, तो 01 मार्च 2019 से
प्रश्न
दिनांक तक
पात्र
हितग्राही की
सामान्य
मृत्यु होने
पर सारंगपुर
विधानसभा क्षेत्र
अंतर्गत
नगरीय एवं
ग्रामीण
क्षेत्र के
कितने
हितग्राहियों
को अनुग्रह
राशि स्वीकृत
की गई है?
(ख)
प्रश्नांश (क) में
दर्शित
स्वीकृत
पात्र
हितग्राहियों
में से कितने
हितग्राहियों
की राशि
वितरित कर दी
गई है एवं
कितने
हितग्राहियों
को राशि वितरित
करना शेष है? (ग) प्रश्नांश (ख) में
दर्शित शेष
पात्र
हितग्राहियों
को उनकी
स्वीकृत राशि
कब तक उनके
खातों में जमा
कराकर भुगतान
किया जावेगा?
खनिज
साधन मंत्री (
श्री
बृजेन्द्र
प्रताप सिंह ) : (क) जी
हाँ। 01
मार्च 2019 से
प्रश्न
दिनांक तक
पात्र
हितग्राहियों
की सामान्य
मृत्यु होने
पर सारंगपुर
विधानसभा
क्षेत्र अन्तर्गत
नगरीय एवं
ग्रामीण
क्षेत्र में 269
हितग्राहियों
को 5 करोड़
38 लाख
अनुग्रह राशि
स्वीकृत की
गई। (ख) प्रश्नांश (क) में
दर्शित स्वीकृत
पात्र
हितग्राहियों
में से 184
हितग्राहियों
को 3 करोड़
68 लाख की
राशि वितरित
कर दी गई है
एवं 85
हितग्राहियों
को राशि रूपये
1 करोड़ 70 लाख
वितरित करना
शेष है। (ग)
पर्याप्त
बजट प्राप्ति
पर स्वीकृत
शेष पात्र
प्रकरणों में
भुगतान संबंधी
आगामी
कार्यवाही की
जावेगी।
उपार्जन केन्द्रों द्वारा गेहूँ खरीदी में लापरवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 1363 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत रबी विपणन वर्ष 2020 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपर्जन केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी किया गया था? यदि हाँ, तो उर्पाजन केन्द्रवार खरीदे गये गेहूँ की मात्रा एवं भुगतान की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपार्जन केन्द्रों पर आकस्मिक वर्षा परिवहन की लापरवाही के कारण गेहूँ खराब होने का प्रस्ताव जिला उपार्जन केन्द्र पर भेजा गया? केन्द्रवार गेहूँ की मात्रा एवं राशि की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उपार्जन केन्द्रों द्वारा जिला उपार्जन केन्द्र को भेजे गये प्रस्ताव में से कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ खराब होने का प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा दिया गया? केन्द्रवार गेहूँ की मात्रा, अधिकारी के नाम एवं दिनांक की जानकारी देवें? (घ) क्या पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ से खराब गेहूँ का विनिष्टीकरण प्रमाणीकरण कराया गया है जो एफ.सी.आई.की गाईड लाइन के अनुसार है? यदि नहीं तो नियम विरुद्ध अनुभवहीन विषय विशेषज्ञ के बगैर खराब गेहूँ घोषित कराये जाने से शासन को जो लाखों रुपये की हानि हुई है उसका जिम्मेदार कौन है? क्या नियम विरुद्ध करवाये गये कार्य की जाँच करायी जाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जिला राजगढ़ में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपर्जन केन्द्रवार उपार्जित गेहूं की मात्रा एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) रबी विपणन वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के संक्रमण के कारण समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन का कार्य माह मार्च के स्थान पर अप्रैल से प्रारम्भ किया जा सका। समस्त पंजीकृत किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय का अवसर प्रदान करने हेतु उपार्जन एवं परिवहन का कार्य माह जून, 2020 में भी जारी रहा। माह मई के अंतिम सप्ताह में 'निसर्ग' चक्रवात के कारण पूरे प्रदेश में भारी बारिश हुई। साथ ही, मानसून समय से पूर्व आने के कारण के कारण राजगढ़ जिले के 52 खरीदी केन्द्रों पर 1,711.10 मे.टन गेहूं वर्षा से प्रभावित होने का प्रमाणीकरण उपायुक्त, सहकारिता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, राजगढ़ द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जिसकी कुल राशि रू. 329.39 लाख होती है। उपार्जन केन्द्रवार खराब हुए गेहूं की मात्रा एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जिला उपार्जन समिति के समक्ष 1,711.10 मे.टन गेहूं वर्षा से प्रभावित में से 1,301.31 मे.टन गेहूं पूर्णत: खराब हुआ है। उपार्जन केन्द्रवार खराब हुए गेहूं की मात्रा, प्रमाणीकरण करने वाले अधिकारी का नाम एवं प्रमाणीकरण की दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ। राजगढ़ जिले में खराब हुए गेहूं के विनिष्टिकरण का कार्य जिला प्रशासन के निर्देशन में पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी/चिकित्सकों के प्रमाणीकरण उपरांत कराया गया। विनिष्टिकरण का कार्य नियम एवं निर्देशों के अनुरूप कराए जाने के कारण जाँच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग हेतु भूमि अधिग्रहण तथा मुआवजा वितरण
[राजस्व]
23. ( क्र. 1365 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्र 03 (वर्तमान-52) के चौड़ीकरण उन्नयन में ब्यावरा से देवास के मध्य ग्राम बिलापुरा (पचोर) की भूमि अर्जन हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं सक्षम प्राधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग क्र 03 सारंगपुर द्वारा कब-कब 3डी अधिसूचना का प्रकाशन भारत सरकार के राजपत्र में करवाया गया? (ख) उपर्युक्त 3डी अधिसूचना ग्राम बिलापुरा (पचोर) में उल्लेखित किन-किन सर्वे नं. का अब तक अधिग्रहण नहीं किया गया है? (ग) ग्राम बिलापुर (पचोर) में राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण उन्नयनीकरण में राजमार्ग से प्रभावित हुवे बगैर किन-किन सर्वे नं. का अधिग्रहण किया जाकर उनको मुआवजा दिया गया है? (घ) राष्ट्रीय राजमार्ग क्र 03 के चौड़ीकरण उन्नयनीकरण में उक्त क्षेत्र बिलापुरा (पचोर) में किन-किन सर्वे नं. पर अवैध कब्जा कर के राजमार्ग का निर्माण कर दिया गया है, जबकि उनका 3डी प्रकाशन नहीं हुआ है और ना ही उनको मुआवजा दिया गया है? (ड.) क्या यह सही है कि उक्त भूमि ग्राम बिलापुर (पचोर) क्षेत्र में राजमार्ग हेतु भूमि अधिग्रहण तथा मुआवजा वितरण के बाद भी नक्शे में राजमार्ग का सीमांकन (तरमीन) नहीं किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 03 (वर्तमान-52) के चौड़ीकरण उन्नयन में ब्यावरा से देवास के मध्य ग्राम बीलापुरा (पचोर) की भूमि अर्जन हेतु परियोजना निर्देशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण गुना/इंदौर के प्रस्ताव अनुसार धारा-3डी अधिसूचना का प्रकाशन भारत सरकार के राजपत्र में दिनांक 09 जुलाई 2012, दिनांक 14 जनवरी 2013, दिनांक 22 मार्च 2016 एवं दिनांक 28 दिसम्बर 2018 को करवाया गया है। (ख) उपर्युक्त धारा-3डी ग्राम बीलापुरा (पचोर) के अधिसूचना में प्रकाशित सभी सर्वे नम्बरों का अधिग्रहण किया जा चुका है। (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 03 (वर्तमान-52) के चौड़ीकरण उन्नयन में ब्यावरा से देवास के मध्य ग्राम बीलापुरा (पचोर) की भूमि का राजमार्ग से प्रभावित हुवे बगैर कोई भी सर्वे नबंर का मुआवजा नहीं दिया गया है और न ही ऐसा कोई प्रकरण अब तक संज्ञान में आया है। (घ) अवैध कब्जा करके राजमार्ग निर्माण संबंधी कोई प्रकरण संज्ञान में अब तक नहीं आया है। (ड.) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-52 के चौड़ीकरण उन्नयनीकरण (चार लेन) के लिए भू-अर्जन हेतु ग्राम बीलापुरा में भूमि अधिग्रहण तथा मुआवजा वितरण पश्चात राजस्व खसरे में प्रविष्टि की जा चुकी है।
शासकीय भूमियों का निजी स्वामित्व में बदल कर प्लाटिंग होना
[राजस्व]
24. ( क्र. 1378 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की तहसील मझगवां के ग्राम नयागांव पटवारी हल्का नया गांव सर्किल चित्रकूट स्थित आराजी नं. 516 एवं 518 में क्या वर्ष 1958-59 की जमाबंदी खतौनी में चरनाई की भूमि दर्ज था? प्रश्नतिथि तक उक्त भूमि खसरे में किसके नाम पर दर्ज है? उक्त भूमि पर कौन कितने एकड़ में प्लाटिंग कर रहा है? किस नियम के तहत उक्त शासकीय भूमि किस नाम/पदनाम के आदेश से निजी भूमि में कब परिवर्तित हुई? (ख) क्या ग्राम रजौला की आराजी 274 एवं 282 वर्ष 1958-59 की खतौनी में शासकीय थी? क्या उक्त भूमि प्रश्नतिथि तक निजी भूमि में परिवर्तित हो गई है? कैसे किस नाम/पदनाम के आदेशों से एवं कब? क्या पटवारी हल्का कामता सर्किल चित्रकूट तहसील मझगवां की उक्त आराजी पर प्रश्नतिथि तक प्लाटिंग का कार्य चल रहा है? कौन करवा रहा है? कितने एकड़ में? बिन्दुवार दें। (ग) चित्रकूट में नगर पंचायत जिला सतना में शासन एवं सार्वजनिक निस्तार के लिये वर्ष 1958-59 में कितने हेक्टेयर भूमि शासकीय दस्तावेजों में दर्ज थी? कुल रकबा अलग स्पष्ट रूप से दें। प्रश्नतिथि तक कितनी भूमि शासकीय (शासन की) एवं सार्वजनिक निस्तार की शेष (बची) दस्तावेजों में दर्ज है? खसरा क्रमांकों एवं कुल रकबा अलग-अलग दें। (घ) तहसील मझगवां की शासकीय भूमियां जो दस्तावेजों में कूट रचना कर निजी स्वामित्व में दर्ज हो गई है, उन्हें कब तक जिला प्रशासन/राज्य शासन पुन: शासकीय घोषित कर दस्तावेजों में दर्ज करेगा? समय-सीमा दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। भूमि स्वामी भैरव प्रसाद वल्द मथुरा प्रसाद कौम अग्रवाल सा. देह के नाम दर्ज थी। उक्त भूमि पर कोई प्लाटिंग का कार्य नहीं कर रहा है। उक्त भूमि वर्ष 1958-59 से ही भूमि स्वामी के नाम दर्ज रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नतिथि तक उक्त भूमि खसरे में दर्ज भूमि स्वामी के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी नही। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नगर पंचायत चित्रकूट जिला सतना में शासन एवं सार्वजनिक निस्तार के लिए वर्ष 1958-59 में 4453 बीघा 12 बीघा अर्थात 10908.95 एकड़ भूमि शासकीय दर्ज थी। प्रश्नतिथि तक 5343.821 हे. भूमि शासकीय एवं सार्वजनिक निस्तार की शेष बची है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 अनुसार है। (घ) तहसील मझगवां की शासकीय भूमियाँ जो दस्तावेजों में कूट रचना कर निजी स्वामित्व में दर्ज हो गई है का मामला संज्ञान में नहीं आया है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बालाघाट जिले में धान खरीदी केन्द्र प्रारंभ किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( क्र. 1406 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के पास बालाघाट जिले में रबी के सीजन में सर्वाधिक धान उत्पादन की जानकारी है? यदि नहीं तो शासन क्या इस संबंध में संज्ञान लेगा? (ख) क्या विषयांकित जिले में रबी के सीजन में धान का प्रति एकड़ उत्पादन खरीफ की तुलना में ज्यादा होता है, फिर भी शासन की जानकारी में नहीं होने के कारण शासन यहाँ धान की खरीदी नहीं करता है जिससे कृषकों को अपनी धान औने-पौने दामों पर बेचने हेतु मजबूर होना पड़ता है, जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र रबी में उत्पादित धान की शासकीय खरीदी करता हैं? (ग) क्या आगामी समय में यह देखते हुए कि बालाघाट जिले में रबी के सीजन में धान ही उपयुक्त फसल है इसकी वैधता पर विचार करते हुए खरीदी केन्द्र स्थापित करेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) बालाघाट जिले में खरीफ सीजन में लगभग 2.65 से 2.70 लाख हेक्टेयर में धान की फसल बोई जाती है जबकि रबी सीजन में लगभग 25 हजार हेक्टेयर में धान की फसल बोई जाती है। इस प्रकार, बालाघाट जिले में खरीफ सीजन में ही मुख्य रूप से धान की बुवाई की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) खरीफ सीजन में बोई गई फसल की उत्पादकता 18 क्विंटल प्रति एकड़ एवं रबी सीजन में 25 से 30 क्विंटल प्रति एकड़ धान का उत्पादन किया जाता है। रबी सीजन में धान का बोया गया रकबा सीमित होने एवं परम्परागत रूप से प्रदेश में खरीफ सीजन में बोई गई धान का ही उपार्जन प्रदेश में किया जाता है। (ग) प्रदेश में खरीफ सीजन में ही उत्पादित धान का उपार्जन किए जाने के कारण रबी में उत्पादित धान का उपार्जन किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है।
पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामों में लिफ्ट एरिगेशन योजना
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 1423 ) श्री राम दांगोरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत घाटाखेड़ी क्षेत्र से लगे हुए अनुसूचित जन जाति, के लगभग 18 ग्रामों की कृषि भूमि सिंचित नहीं हो पा रही है जिससे इन ग्रामों के किसानों को सूखी खेती एवं बारिश पर ही निर्भर होना पड़ता है। जिससे यह किसान आर्थिक रूप से काफी पिछड़ गए हैं। (ख) यदि हाँ, तो क्या इन ग्रामों के किसानों की असिंचित भूमि के लिए भगवंत सागर जलाशय से लिफ्ट एरिगेशन योजना स्वीकृत की जाएगी या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत होकर प्रारंभ की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, यह सही है कि प्रश्नाधीन क्षेत्र में जल संसाधन विभाग की वर्तमान में कोई परियोजना निर्मित/निर्माणाधीन नहीं होना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। भगवंत सागर जलाशय से लिफ्ट इरिगेशन की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
संबल योजना के लाभ वरिष्ठता के आधार पर प्रदान किया जाना
[श्रम]
27. ( क्र. 1444 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सिवनी, मण्डला एवं डिण्डौरी जिलों में तथा इन जिलों के सभी जनपद पंचायतों में संबल योजना का लाभ बजट अभाव में प्रदान नहीं किया जा रहा है? सन् 2018 से 2020 तक के आवेदकों को संबल योजना का लाभ प्राप्त नहीं हुआ, बजट का आवंटन कब तक किया जायेगा? (ख) वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 के आवेदकों को संबल योजना का लाभ वरियता के आधार पर 2018 से 2020 तक के आवेदकों को कब तक प्रदान किया जायेगा तथा इस संबंध में जनपद पंचायत द्वारा बजट हेतु अनुरोध करने पर कब तक बजट का आवंटन किया जायेगा? (ग) संबल योजना के सिवनी, मण्डला एवं डिण्डौरी के जनपदों में वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 में कितने आवेदन प्राप्त हुए, उन आवेदनों तथा उनके बजट पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई तथा आवेदकों को लाभ प्राप्त हो सके, उनके अभ्यावेदनों को दृष्टिगत रखते हुए 2018 से 2020 तक का बजट प्रदान किया जायेगा ताकि संबल योजना का लाभ सभी आवेदकों को प्राप्त हो सके? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सिवनी, मण्डला एवं डिडोरी जिलों में तथा इन जिलों की सभी जनपद पंचायतों में संबल योजना का लाभ सतत रूप से प्रदान किया जा रहा है। योजना प्रारंभ से 05 दिसम्बर 2019 तक विहित प्राधिकारियों द्वारा स्वीकृत आवेदनों के आधार पर योजना अन्तर्गत बजट आवंटन किया जाता था, 06 दिसम्बर 2019 से विहित प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत पात्र प्ररकणों में सीधे हितग्राही के खाते में डीबीटी प्रणाली के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है। 05 दिसम्बर 2019 तक सिवनी, मण्डला एवं डिडोरी जिलों को दिये गये बजट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 27 अक्टूबर 2020 तक के स्वीकृत पात्र प्रकरणों में हितग्राही को हितलाभ भुगतान सिंगल क्लिक द्वारा किया जा चुका है। उक्त अवधि के पश्चात के स्वीकृत पात्र प्रकरणों में पर्याप्त बजट उपलब्ध होने पर आगामी सिंगल क्लिक में भुगतान किया जायेगा। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार (ग) संबल योजना के सिवनी, मण्डला एवं डिडोरी के जनपदों में वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 में प्राप्त आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्या. सिंगरौली में बनाया जाना
[सहकारिता]
28. ( क्र. 1461 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्या. सीधी में है? क्या सिंगरौली जिला बन जाने से सीधी से सिंगरौली के पृथक जिला सहकारी बैंक की मांग कई वर्षों से की जा रही है? (ख) क्या जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्या. सीधी से जिला सिंगरौली अंतर्गत बैंकों के पृथक कर जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्या. सिंगरौली कब तक बनाया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) नाबार्ड द्वारा निर्धारित मापदण्ड अंतर्गत प्रस्ताव प्राप्त न होने से मापदण्ड अंतर्गत प्रस्ताव भेजने हेतु निर्देश दिये गये हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
शासकीय
भूमि पर लंबे
समय के
काबिजदारों
को पट्टा
प्रदाय
[राजस्व]
29. ( क्र. 1464 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शास. राजस्व मंत्री महोदय द्वारा भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 162 का संशोधन किया गया है, कि लंबे समय अर्थात् 15-20 वर्ष से काबिज अतिक्रामकों को पट्टा दिये जाने हेतु संशोधन किया गया था? यदि हाँ, तो कब तक पट्टा दिये जाने हेतु आदेश जारी होंगे? क्या बाजार प्रीमियम दर तय किया गया? (ख) क्या शासकीय भूमि पर गरीब आबादी के रूप में बसे हुए है, उन्हें अभी भी आबादी का पट्टा नहीं मिल पा रहा है, पुन: पट्टा हेतु आदेश जारी किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 (संशोधित) धारा 162 को विलोपित किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) जी नहीं। ग्रामीण क्षेत्र में आबादी भूमि में बसे संपत्तिकर्ता को पात्रता अनुसार भूमिस्वामी अधिकार में मालिकाना हक आबादी सर्वे कर दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राशन कार्डों में प्रदाय खाद्यान्न
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
30. ( क्र. 1467 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में गरीबी रेखा/अति गरीबी रेखा एवं सामान्य राशन कार्डों में प्रति कार्ड कितने-कितने किलों का कौन-कौन सा खाद्यान्न मिट्टी तेल अथवा वस्तु दी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के जिले अंतर्गत संचालित उचित मूल्य की दुकानों/स्व-सहायता समूहों के द्वारा संचालित दुकानों में क्या राशन कार्ड पर खाद्यान्न नहीं दिया जाता, यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं तो वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन जनपदों में किन-किन दुकानों से कितने कार्डधारियों को कौन-कौन सा खाद्यान्न मिट्टी तेल अथवा वस्तु उपलब्ध कराई गई है? दुकानवार जानकारी देवें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) (ख) हाँ तो यह बतायें कि यदि राशन कार्ड में खाद्यान्न नहीं दिया जाता तो राशन कार्ड बनाने का औचित्य क्या है तथा उपभोक्ताओं को किस नियम से कब कितना खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है? वर्षवार माहवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के खाद्यान्न न देने में कौन-कौन दोषी है? दोषी पर कब क्या कार्यवाही करेगें तथा खाद्यान्न पाने से वंचित परिवार को कब तक खा़द्यान उपलब्ध करा देंगे? यदि नहीं तो क्यों कारण बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहायता राशि का भुगतान
[श्रम]
31. ( क्र. 1468 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी एवं रीवा जिले की जनपद पंचायतों में संबल योजना अंतर्गत आकस्मिक मृत्यु उपरांत मिलने वाली सहायता राशि के कितने प्रकरण वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए हैं? कितनों का निराकरण कर संबंधितों को राशि का भुगतान कर दिया गया हैं? कितनों का लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के जिलों, जनपदों में संबल योजना के भुगतान हेतु प्रश्नांश (क) अवधि में किन-किन जनपदों को कितनी-कितनी राशि का बजट प्राप्त हुए है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के योजना की राशि प्राप्त करने के लिये उक्त अवधि में कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदन निराकृत हुए संख्या दें। (घ) प्रश्नांश (क) के जिलों, जनपदों में प्राप्त आवेदन पत्रों में कितने ऐसे आवेदन है जो लंबित है? लंबित होने का कारण बतायें तथा उक्त प्रकरणों का निराकरण कर हितग्राहियों को उक्त योजना की राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शिवपुरी एवं रीवा जिले की जनपद पंचायतों में संबल योजना अन्तर्गत मृत्यु उपरान्त मिलने वाली सहायता राशि के वर्ष 2018 (योजना प्रांरभ) से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त, स्वीकृत, लंबित आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के जिलों की जनपदों में योजना प्रांरभ 01 अप्रैल 2018 से 05 दिसम्बर 2019 तक श्रम विभाग द्वारा बजट आवंटित किया गया था तत्पश्चात से नोडल खाते से सीधे पात्र हितग्राही के खाते में डीबीटी प्रणाली से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान किया जा रहा है। 01 अप्रैल 2018 से 05 दिसम्बर 2019 तक की अवधि में जनपदवार बजट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त एवं निराकृत आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के जिलों जनपदों लंबित आवेदन की कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। पर्याप्त बजट प्राप्ति पर भुगतान संबंधी कार्यवाही की जायेगी।
स्वीकृत मोहनी बांध की फीडर केनाल
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 1474 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला के ग्राम कैरूआ गांव की जमीन की सिंचाई के लिये मोहनी बांध की फीडर केनाल से वर्ष 2009 में माईनर स्वीकृत की गई थी, उसे आज दिनांक तक नहीं बनाया गया क्यों? क्या कैरूआ ग्राम हर्सी बांध एवं मोहनी बांध के नीचे पड़ता है और वह अकेला ग्राम है इसकी सिंचाई के लिये कोई व्यवस्था नहीं है, जबकि वहीं के किसानों की जमीन हर्सी हाई लेवर नहर का पानी बढ़ाने के लिये फीडर केनाल से पाईप लाईन द्वारा पानी निकाला जा रहा है? (ख) यह भी बतायें कि मोहनी बांध की फीडर कैनाल से कैरूआ ग्राम के लिये सिंचाई के लिये पाईप लाईन निकाली जायेगी, जिससे किसानों की जमीन की सिंचाई हो सके जबकि उन्हीं की जमीन से पाईप लाईन डाल कर हर्सी हाई लेवल नहर में पानी बढ़ाने के लिये उन्हीं की जमीन से पानी निकाला जा रहा है, तो ग्राम की सिंचाई के लिये माईनर क्यों नहीं निकाली जा रही है? यदि हाँ, तो क्या माईनर निकाली जावेगी? कब तक? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में कैरूआ ग्राम के किसानों की जमीन की सिंचाई के लिये माईनर न निकालने से किसानों की फसल नहीं हो पा रही है, जिससे किसानों में काफी आक्रोश है? (घ) तो क्या कैरूआ के किसानों की सिंचाई के लिये माईनर निकाली जावेगी? कब तक निकाली जावेगी? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं, कैरूआ ग्राम की जमीन की सिंचाई हेतु कोई माइनर निर्माण हेतु प्रस्तावित नहीं है। जी हाँ। यह सही है कि कैरूआ ग्राम की जमीन से होकर हरसी उच्च स्तरीय फीडर (बायपास) भूमिगत पाईप लाईन नहर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन फीडर नहर से कैरूआ ग्राम में सिंचाई के लिए पृथक से पाईप लाईन निकाले जाने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। जी हाँ। हरसी उच्च स्तरीय फीडर नहर भूमिगत पाईप लाईन के रूप में निकाली जा रही है तथा उक्त भूमिगत हरसी उच्च स्तरीय फीडर नहर में उपयोग किये जा रहे पाईप की डिजाइन आदि अंतिम रूप से स्वीकृत हो चुकी है तथा इन पाईपों का निर्माण एवं बिछाये जाने का कार्य प्रगति पर है। ऐसी स्थिति में भूमिगत पाईप नहर से कैरूआ ग्राम की सिंचाई के लिए माईनर निकाला जाना तकनीकी एवं व्यवहारिक रूप से साध्य नहीं पाया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार हरसी उच्च स्तरीय फीडर भूमिगत पाईप लाईन नहर से माईनर निकाला जाना तकनीकी एवं व्यवहारिक रूप से साध्य नहीं पाई गई है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना
[राजस्व]
33. ( क्र. 1493 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि वृत्त नोहटा तहसील जबेरा जिला दमोह की राजस्व प्रकरण पंजी वर्ष 2007-08 मंडल नोहटा में अनुक्रमांक 492 पर शोभित पुत्र खूबचंद का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना संधारित है अर्थात जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है? प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु श्री शोभित अथवा उनके अभिभावक द्वारा क्या-क्या शैक्षणिक व अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किये, दस्तावेजों का विवरण प्रदाय करावें। (ख) क्या यह भी सत्य है कि जब शोभित पुत्र खूबचंद को तहसील जबेरा जिला दमोह से वर्ष 2007-08 में जाति प्रमाण पत्र जारी हो गया था तो दिनांक 09.02.18 को तहसीलदार जबेरा जिला दमोह के न्यायालय में शपथ पत्र पर श्री शोभित द्वारा यह कहकर लिखित आवेदन प्रस्तुत किया कि उनका जाति प्रमाण पत्र तो 1991 में जारी हुआ है? वर्ष 1991 में जारी प्रमाण पत्र में जो भी दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं उनका विवरण प्रदाय करावें। (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनांक एफ-7/1/आ.प्र./91 दिनांक 20.2.1991 के द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार शोभित पुत्र खूबचंद को जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ।
राजगढ़ जिले में जल संसाधन विभाग की योजनाओं में भू-अर्जन
[जल संसाधन]
34. ( क्र. 1545 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत विगत दस वर्षों में कितने तालाब तथा डेम के निर्माण कार्य स्वीकृत हुए है? इनमें से कितने पूर्ण हो चुके हैं, कितनों का कार्य प्रगतिरत है कितने अप्रारंभ हैं, विधानसभा क्षेत्रावार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) इनमें से कितनों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है और कितनों में अपूर्ण हैं? ऐसे कितनों में भू-अधिग्रहण प्रारंभ नहीं किया गया है? (ग) लंबित भू-अर्जन प्रकरणों में विलंब के क्या कारण हैं, परियोजनावार स्पष्ट करें। इस प्रक्रिया में क्या जनप्रतिनिधि एवं विस्तापितों से विभाग के अधिकारियों की कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो इन शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत विगत 10 वर्षों में 96 परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(अ) (ब) (स) (द) अनुसार है। (ख) स्वीकृत 96 परियोजनाओं में से 52 परियोजनाओं के भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है एवं 02 वृहद परियोजनांए क्रमश: मोहनपुरा एवं कुण्डलिया बांध में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया 98 प्रतिशत पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। 07 परियोजनाओं में कार्यवाही प्रगतिरत एवं 04 परियोजनाओं में एजेंसी का निर्धारण नहीं होने से कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई है। 31 स्टापडेम/बैराज लघु परियोजनाओं के अंतर्गत कोई भी भूमि प्रभावित नहीं हुई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
35. ( क्र. 1566 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी/सिंगरौली जिले के विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत कितने हितग्राहियों को खाद्यान्न दिया जा रहा है? कितने को अभी तक पात्रता के बावजूद खाद्यान्न पर्ची जारी नहीं की गयी है? विकासखण्डवार संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को खाद्यान्न/कोराना काल का नि:शुल्क खाद्यान्न का आवेदन कितनी-कितनी मात्रा में किया गया है? वर्ष 2020 में माहवार शासकीय उचित मूल्य की दुकानवार खाद्यान्न आवंटन की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में माह के अंत एवं माह के प्रारंभ में उचित मूल्य के दुकानों का वर्ष 2020 के शेष स्टॉक की जानकारी माहवार उपलब्ध करायें। ऑफलाईन कितनी उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न का वितरण किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ऑफलाईन खाद्यान्न वितरण में अनियमितता के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुयी एवं शिकायतों की जाँच की गयी? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतायें। यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गयी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'अ' अनुसार है। मझौली विकासखण्ड में 22, कुसमी विकासखण्ड में 106 पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं हुई है। देवसर में सभी पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी है। नवीन चिन्हित पात्र परिवारों को सत्यापन उपरांत पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में समाहित है। विकासखण्ड देवसर अंतर्गत 08 उचित मूल्य की दुकान, विकासखण्ड कुसमी अंतर्गत 13 एवं विकासखण्ड मझौली अंतर्गत 01 उचित मूल्य दुकानों से ऑफलाईन वितरण किया गया है। (घ) विकासखण्ड कुसमी में 03, विकासखण्ड मझौली में 18 एवं विकासखण्ड देवसर में 06 शिकायतें प्राप्त हुईं थी। विकासखण्ड कुसमी की तीनों दुकानों की जाँच में तीनों उचित मूल्य दुकानों को निलंबित किया गया है। विकासखण्ड मझौली की 01 दुकान में अनियमितता पाये जाने के कारण प्रकरण निर्मित किया गया है। देवसर की शिकायतों की जाँच में अनियमितता न पाये जाने के कारण कोई प्रकरण निर्मित नहीं किया गया है।
खिचलीपुर जिला राजगढ़ में अवैध कालोनी निर्माण
[राजस्व]
36. ( क्र. 1599 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कस्बा खिचलीपुर में स्थित सर्वे नम्बर 1127 पूर्व में शासकीय होकर पट्टा वितरण में उपयोग की गयी थी? यदि हाँ, तो पट्टा संबंधित पूर्ण विवरण प्रदान करें। (ख) क्या कस्बा खिचलीपुर में स्थित सर्वे नम्बर 1127 के अंतर्गत नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से स्वीकृत आवासीय कालोनी प्रगतिरत है? यदि हाँ, तो क्या नगर तथा ग्राम निवेश के तहत समस्त नियमों का पालन किया गया है? (ग) क्या कस्बा खिचलीपुर में स्थित सर्वे नम्बर 1127 में आवासीय उपयोग हेतु या छोटे भूखण्ड का क्रय विक्रय हुआ है? यदि हाँ, तो क्रय विक्रय से संबंधित पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें एवं क्या इसमें नगर तथा ग्राम निवेश के समस्त नियमों का पालन किया जा रहा है या नही? (घ) यदि कस्बा खिचलीपुर में स्थित सर्वे नम्बर 1127 के रकबे के अंतर्गत क्रय विक्रय में भू-राजस्व संहिता की धाराओं तथा नगर व ग्राम निवेश के समस्त नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, तो सक्षम अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी एवं क्या नियम विरुद्ध क्रय विक्रय को निरस्त किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, कस्बा खिलचीपुर में स्थित सर्वे नम्बर 1127 पूर्व में शासकीय होकर पट्टा वितरण में उपयोग की गई थी, उपलब्ध खसरा वर्ष 1982-83 के अनुसार वर्ष 1968-69 में 38 व्यक्तियों को उक्त खसरा क्रमांक में से भूमि आवंटन दर्ज है और वर्ष 1958-59 में 15 व्यक्तियों के नाम उक्त सर्वे क्रमांक में पूर्व के पट्टे या भूमिस्वामी दर्ज है इस प्रकार कुल 53 पट्टे उक्त खसरे में दर्ज है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ, क्रय विक्रय से संबंधित पूर्ण विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधान अंतर्गत खिलचीपुर हेतु निवेश क्षेत्र का गठन व विकास योजना प्रभावशील नहीं होने से नियमों के पालन का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) क्रय विक्रय में भू-राजस्व संहिता की धाराओं का पालन किया गया है। मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधान अंतर्गत खिलचीपुर हेतु निवेश क्षेत्र का गठन व विकास योजना प्रभावशील नहीं होने से नियमों के पालन का एवं अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सिंचाई रकबा में वृद्धि हेतु कार्य योजना
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 1616 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में सिंचित भूमि का रकबा बढ़ाने हेतु विभाग की क्या कार्य योजना है? इसे कैसे क्रियान्वित किया जावेगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत सिंचाई का रकबा बढ़ाने हेतु विभाग ने क्या कार्ययोजना बनाई है? विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसी कौन-कौन सी योजना है जो तकनीकी, प्रशासनिक स्वीकृति हेतु लंबित है? कौन-कौन सी योजनाएँ साध्यता स्वीकृति हेतु लंबित है? कौन-कौन सी योजना का DPR तैयार किया जा रहा है? सभी की विस्तृत जानकरी प्रदाय करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) छतरपुर जिले में सिंचित भूमि का रकवा बढ़ाने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त परियोजनाएं, साध्यता स्वीकृति प्राप्त परियोजनाएं एवं चिन्हित परियोजनांए की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। समस्त प्रक्रिया पूर्ण होने पर निविदा के माध्यम से। (ख) जी हाँ। बिजावर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई का रकवा बढ़ाने हेतु सिंचाई योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
शासकीय लीज की भूमि का डायवर्सन कर अवैध विक्रय
[राजस्व]
38. ( क्र. 1635 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार नगर स्थित प.ह.न. 69 के सर्वे नम्बर 1055/1 की भूमि अभिलेख अनुसार वर्ष 1958 के पूर्व शासकीय भूमि थी तथा क्या शासन द्वारा लगभग वर्ष 1958-59 में जड़ी-बूटी उगाने हेतु रामानुज सरस्वती नाम व्यक्ति को लीज पर प्रदान की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त भूमि की लीज का नवीनीकरण हुआ है? यदि नहीं तो क्या लीज नवीनीकरण नहीं होने से लीज शर्तों का उल्लंघन होता है? यदि हाँ, तो भूमि को पुन: शासन आधिपत्य में क्यों नहीं लिया गया? (ग) क्या उक्त भूमि का वाद उच्च न्यायालय में प्रचलित था तथा क्या न्यायालय में कोर्ट के बाहर समझौता करने संबंधी शासन की ओर से अधिकृत अभिभाषक द्वारा स्वीकृति दिये जाने से शासन के खिलाफ निर्णय प्राप्त हुआ? क्या इस हेतु संबंधितों द्वारा विधि विभाग से विधिवत अनुमति प्राप्त की गई थी? (घ) यदि नहीं तो क्या तत्कालीन SDM (R) धार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के वकील से मात्र चर्चा करने तथा उनकी कथित, सलाह पर इस निर्णय के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील अभी तक नहीं की गई तथा क्या इससे उक्त बहुमूल्य शासकीय भूमि निजी हाथों में जा सकती है? क्या जिला प्रशासन द्वारा इस विवादित भूमि का डायवर्सन किया गया है? (ड.) यदि हाँ, तो क्या शासन इस लीज की भूमि का डायवर्सन निरस्त करने की कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। तहसीलदार धार के द्वारा दिनांक 08.05.1958 को रामानुज सरस्वती पिता यतिन्द्र देव निवासी धार को सशर्त पट्टे पर दी गई थी। (ख) जी नहीं। लीज नवीनीकरण नहीं हुआ। उक्त भूमि को पट्टे की शर्त का उल्लघंन मानते हुये, तत्कालिन कलेक्टर जिला-धार द्वारा रा.प्र.क्र.02/1996-97/अ-74 में पारित निर्णय दिनांक 08.05.2005 को उक्त भूमि का पट्टा निरस्त किया गया था एवं तहसीलदार, धार को निर्देशित किया गया था कि उक्त भूमि पर पुनः म.प्र.शासन का नाम अंकित किया जावे। उक्त आदेश के पालन में तहसीलदार धार द्वारा रा.प्र.क्र. 02/अ-74/1996-97 आदेश दिनांक 18.08.2005 से भूमि पर म.प्र.शासन अंकित किया गया था। परन्तु उच्च न्यायालय में शासन याचिका निरस्त होने से अधिपत्य में नहीं लिये गये (ग) जी हाँ। याचिका क्रमांक 7137/2006 प्रचलित था जो दिनांक 02.03.2017 को याचिका निरस्त की गई। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) जी नहीं। उक्त याचिका के विरूद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एस.एल.पी. प्रस्तुत करने के संबंध में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा अनुमति चाही गई थी। उसके पश्चात शासकीय अभिभाषक द्वारा मार्ग दर्शन दिया कि प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर की द्वितीय बैंच में रिट अपील प्रस्तुत की जावे। अपील प्रस्तुत करने की प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलित है। (ङ) आवेदक द्वारा धारा 59 में हुये नवीन संशोधन अनुसार भूमिस्वामी स्वयं के द्वारा भू-राजस्व का पुनर्निर्धारण अपनी भूमि का किया गया है एवं इस न्यायालय द्वारा गणना की पुष्टि की गई है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय क्षेत्रों के विस्तार में सम्मिलित किये गये ग्रामों की आबादी के व्यवस्थापन
[राजस्व]
39. ( क्र. 1638 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों के विस्तार के कारण सम्मिलित किये गये ग्रामों की आबादी के धारकों के व्यवस्थापन के लिए शासन की क्या नीति है? इस संबंध में जारी निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या जबलपुर नगर निगम सीमा में सम्मिलित ग्रामों की आबादी के सर्वेक्षण तथा आधिपत्य धारकों को मालिकाना हक दिये जाने के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो तत्संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही हुई है तथा इसकी क्या कार्य योजना है? स्पष्ट की जावे, साथ ही यह कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना प्रावधानों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी के सर्वेक्षण तथा अधिकार अभिलेख बनाये जाने के लिए दिये गये निर्देशों के अनुरूप ही क्या नगरीय क्षेत्रों में सम्मिलित ग्रामों की आबादी के धारकों का भी अधिकार अभिलेख बनाया जावेगा? यदि नहीं तो इसका कारण बताया जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परिपत्र क्रमांक एफ 6-75/2019/सात/शा.3 दिनांक 24 सितम्बर 2020 की नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जबलपुर नगर निगम सीमा में सम्मिलित ग्रामों की आबादी के सर्वेक्षण तथा आधिपत्य धारकों को मालिकाना हक दिये जाने के लिये सर्वेक्षण हेतु दल गठित किया जाकर सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ किया गया। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार नीति के अनुसार कार्यवाही का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
40. ( क्र. 1650 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन की अवधि के दौरान अप्रैल से दिसम्बर 2020 तक मुरैना जिले में उचित मूल्य की दुकानों एवं समूहों से वितरित होने वाला खाद्यान्न गेहूँ, चावल एवं अन्य सामग्री का कितना-कितना आवंटन दिया गया? दुकानवार माहवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिलों में राशन कार्ड एवं पर्चियों के आधार पर कितने खाद्यान्न की माहवार एवं समूह/दुकानवार कितनी-कितनी आवश्यकता थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में यदि कार्ड/पर्ची से अधिक मात्रा में खाद्यान्नन उठाव किया गया है तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है तथा वर्तमान में मुरैना जिले में समितियों/समूहों पर कितना-कितना खाद्यान्न शेष है? दुकानदारवार जानकारी दें। (घ) क्या यह भी सही है कि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक 111/2021 दिनांक 18.01.2021 को पत्र प्रेषित किया गया? यदि हाँ, तो उस पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) पात्रता पर्चीधारियों की आवश्यकता से अधिक मात्रा से खाद्यान्न का उठाव नहीं किया गया है। जिले में 01 फरवरी, 2021 की स्थिति में दुकानों पर शेष मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश में संदर्भित पत्र क्रमांक 111/2021 दिनांक 18.01.2021 की जाँच हेतु जिला कलेक्टर को संचालनालय, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण के पत्र क्रमांक 3326/शिकायत/2021 भोपाल दिनांक 10.02.2021 द्वारा जाँच कराकर प्रतिवेदन भेजने हेतु लिखा गया है।
कार्यालय अनुविभागीय (राजस्व) पिपरिया जिला होशंगाबाद की अधिसूचना
[राजस्व]
41. ( क्र. 1697 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन 1981 में अनुविभाग (राजस्व) का कार्यालय पिपरिया जिला होशंगाबाद में संचालित किया गया हैं। (ख) क्या यह अनुविभाग शासन द्वारा अधिसूचित (नोटिफाईड) नहीं किया गया हैं न ही कार्यालय संचालन हेतु निर्धारित अमला स्वीकृत किया गया हैं। (ग) क्या कार्यालय का कार्य संचालन हेतु विभिन्न विभाग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को संलग्नीकरण कर रखे गये हैं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्तर यदि हाँ, में है तो अनुविभाग (राजस्व) कार्यालय पिपरिया जिला होशंगाबाद को कब तक अधिसूचित कर दिया जावेगा तथा अनुविभाग (राजस्व) कार्यालय को आज दिनांक तक नोटिफाईड न किये जाने का क्या कारण हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। पिपरिया अनुविभाग अधिसूचित है तथा कार्य संचालन हेतु अमला भी विभाग के आदेश क्र. एफ 1-8/2018/सात-6, दि. 30.07.2018 द्वारा स्वीकृत किया गया है (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा पर अमल
[राजस्व]
42. ( क्र. 1735 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 26.04.2013 को मंदसौर में पत्रकार भवन हेतु भूमि आवंटन की घोषणा की थी क्या म.प्र शासन राजस्व विभाग द्वारा मंदसौर में जिला प्रेस क्लब को विभागीय आदेश क्रमांक F6-122/2007/सात/नजूल दिनांक 11/08/2009 के द्वारा भूमि आवंटन की स्वीकृति प्रदान की गयी थी? क्या प्रेस क्लब द्वारा समयावधि में राशि जमा ना करने के कारण आवंटन आदेश स्वत: निरस्त हो चुका है? (ख) क्या अध्यक्ष/सचिव जिला प्रेस क्लब द्वारा प्रीमियम राशि का 10% राशि चालान नं 130 दिनांक 02.07.2007 को रु 37280/- रु जमा कराये गये थे तथा शेष राशि 2,04,603/- राशि आवंटन आदेश अनुसार 3 माह में जमा की जानी थी संस्था द्वारा यह राशि जमा नहीं की जाने के कारण यह आवंटन स्वत: निरस्त हो गया यदि हाँ, तो संस्था ने पुन: आवंटन राशि प्रीमियम जमा करने की अवधि बढ़ाने हेतु कोई पत्र विभाग को प्राप्त हुया, उस पर विभाग ने क्या कार्यवाही की? (ग) क्या कलेक्टर मंदसौर ने अपने पत्र क्रमांक 394/आर.टी.सी/2018/रेपा तथा प्रकरण क्रमांक 44/अ-20 (1) /2006-07/नजूल के माध्यम से प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल म.प्र (द्वारा आयुक्त उज्जैन) पत्र प्रेषित किया था उस पर क्या कार्यवाही की गयी? की गयी कार्यवाही से अवगत कराये?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय मुख्यमंत्रीजी, मध्यप्रदेश शासन द्वारा घोषणा इस प्रकार है- घोषणा क्रमांक ए 3624 दिनांक 26/04/2013 ''मंदसौर में पत्रकारों के भवन हेतु स्वीकृत भूखण्ड के लिये भूभाटक एवं प्रीमियम राशि जमा कराये जाने की अवधि बढ़ाई जावेगी।'' जी हाँ, म.प्र.शासन, राजस्व विभाग द्वारा मंदसौर में अध्यक्ष प्रेस क्लब मंदसौर को विभागीय आदेश क्रमांक एफ 6-122/2007/सात/नजूल दिनांक 11/08/2009 के द्वारा भूमि आवंटन की स्वीकृति प्रदान की गई थी। उक्त आदेश द्वारा सशर्त भूमि आवंटन कर प्रथम शर्त यह उल्लेखित की गई कि आदेश जारी होने की तिथि से आवेदक/संस्था प्रब्याजी एवं भूभाटक की राशि 03 माह के अंदर जमा करावे, यदि वे निर्धारित अवधि तक प्रब्याजी एवं भूभाटक जमा नहीं करते है तो आवंटन आदेश स्वमेव निरस्त माना जावेगा और इस हेतु पृथक से कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन एवं कलेक्टर जिला मंदसौर के पत्र क्रमांक 44/अ-20 (1) /2006-07 नजूल कलेक्टर न्यायालय मंदसौर के पत्र क्रमांक 394/आरटीसी/रेपा/2018 दिनांक 11/10/2018 का पत्र प्राप्त हुआ। वैधानिक रूप से भूमि आवंटन आदेश का कोई अस्तित्व नहीं होने के कारण राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक 98/96/2018/7/शाखा-3 दिनांक 25/02/2019 के द्वारा प्रकरण नस्तीबद्ध करने की सूचना कलेक्टर जिला मंदसौर को दी गई।
नियुक्ति हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
43. ( क्र. 1747 ) श्री विनय सक्सेना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन मंत्री द्वारा मत्स्य विभाग में नियुक्ति हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता चार वर्षीय डिग्री बी.एफ.एस.सी. को निर्धारित करने, विभागीय पदों के सेवा शर्तों में संशोधन का प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु पत्र क्रमांक 1589 दिनांक 04/09/19 को संचालक को प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो, उक्त पत्र के तारतम्य में संचालक द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा समस्त प्रदेशो को उक्त विषय पर पत्र प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उस पर म.प्र.शासन द्वारा क्या निर्णय किया गया? निर्णय की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) जब अन्य प्रदेशों में मत्स्य विभाग में नियुक्ति हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता चार वर्षीय डिग्री बी.एफ.एस.सी.निर्धारित है तो म.प्र. में आज दिनांक तक प्रावधानों में परिवर्तन क्यों नहीं किया गया है? इसका क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालक मत्स्योद्योग द्वारा उक्त पत्र के तारतम्य में एकल नस्ती के माध्यम से प्रशासकीय विभाग को प्रस्तुत किया गया। नस्ती पर वर्तमान में भर्ती नियम 2015 व्यवहारिक एवं संतुलित होने से संशोधन करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होने का अनुमोदन प्रशासकीय विभाग द्वारा किया गया है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र प्राप्त नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रचलित नियम व्यवहारिक एवं संतुलित होने से उनमें कोई परिवर्तन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। अन्य प्रदेशों के संबंध में जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
मछुआ कल्याण द्वारा संचालित प्रावधान
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
44. ( क्र. 1816 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग द्वारा मत्स्य पालन हेतु क्या-क्या गतिविधियां संचालित किये जाने के प्रावधान हैं, इस हेतु क्या-क्या मार्ग दर्शिका आदेश निर्देश प्रचलन में हैं? फोटो प्रति दी जावे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ जिला-मुरैना में विगत चार वर्ष में क्या-क्या कार्यक्रम/गतिविधियां हुई जानकारी विस्तार से बतावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़, जिला-मुरैना में विभाग द्वारा किये गये कार्य की विगत 3 वर्ष की जानकारी दी जावे। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित विभाग द्वारा कोई कार्य नहीं किये गये हैं? यदि हाँ, तो कारण बताते हुए इस हेतु कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी जिम्मेदार एवं जबावदेह हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुरस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) विभाग द्वारा योजना अनुसार कार्य किया गया है अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा श्रमिकों को देय सुविधा
[श्रम]
45. ( क्र. 1817 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों को क्या-क्या सुविधाएं दिये जाने का प्रावधान है व इसके क्रियान्वयन/संचालन हेतु शासन की कोई मार्गदर्शिका हो तो उसकी फोटो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़, जिला-मुरैना में 4 वर्षों में विभाग के निर्देशों के अनुसार कितने श्रमिकों को योजनाओं का लाभ दिया गया? (ग) यदि विगत 4 वर्ष में श्रमिकों को विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3, सबलगढ़, जिला-मुरैना में योजना का लाभ नहीं दिया गया है। तो उसका कारण बतावें व इस हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों को निम्नानुसार योजनाओं में सुविधाएं दिये जाने का प्रावधान है- 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं इसके क्रियान्वयन/संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 2. मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं इसके क्रियान्वयन/संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। 3. म.प्र. श्रम कल्याण मंडल योजना के अंतर्गत श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं इसके क्रियान्वयन/संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। 4. म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मंडल, (मंदसौर) योजना के अंतर्गत श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं इसके क्रियान्वयन/संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़, जिला-मुरैना में 4 वर्षों में (1) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की विभिन्न योजनाओं में 2900 हितग्राहियों को एवं (2) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत 318 हितग्राहियों को लांभावित किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सर्वेक्षित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
46. ( क्र. 1908 ) श्री सुदेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले के विधानसभा क्षेत्र सीहोर में सिंचाई रकबा बढ़ाये जाने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं प्रशांकित दिनांक तक सर्वेक्षित हैं? इनमें से कौन-कौन सी योजनाएं साध्य पाई जाकर डी.पी.आर. तैयार की जा चुकी है? इनमें से किन-किन योजनाओं की डी.पी.आर. प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन को भेजी जा चुकी है, कौन सी नहीं एवं क्यों? कारण सहित बतावें एवं कौन-कौन सी योजनाएं सर्वेक्षण उपरांत असाध्य पाई गई? (ख) प्रशासकीय स्वीकृति उपरान्त किन-किन योजनाएं के टेण्डर बुलाये गये है तथा कार्य कब प्रारम्भ कराये जाकर उसके पूर्ण किये जाने की समयावधि क्या होगी? योजना की पृथक-पृथक जानकारी कार्य की समय अवधि एवं ठेकेदार के नाम सहित बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब-1 एवं ब-2 अनुसार है। एजेंसी का निर्धारण नहीं होने से ठेकेदार का नाम बताना संभव नहीं है।
पार्वती वृहद परियोजना अन्तर्गत अधिग्रहित जमीन के मुआवजा राशि का प्रदाय
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 1909 ) श्री सुदेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के तहसील श्यामुपर में उक्त विषयांकित परियोजना अन्तर्गत डूब में आने वाले 19 गांवों में से कितने गांवों में भूमि का विधिवत अधिग्रहण कर कृषकगणों को मुआवजा राशि का प्रदाय किया गया है तथा कितने को भुगतान किया जाना शेष? कृषकवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या कृषकगणों की सिंचित भूमि को असिंचित बताकर मुआवजा राशि का निर्माण किया गया है उसका आधार क्या है यदि भूमि सिंचित है तो कृषकगणों को होने वाली आर्थिक हानि के लिए कौन जिम्मेदार हैं तथा इस त्रुटि को सुधार करने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा पुन: निर्धारण कर कृषकगणों उनकी शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित जिला सीहोर के तहसील श्यामपुर के 20 गांव प्रभावित हो रहे हैं, जिनमें से 01 ग्राम गवा की भूमि का मुआवजा वितरण ''भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013'' के अनुसार किया जा चुका है, शेष 19 गांवों की भू-अर्जन की धारा-20 की कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। कृषकवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) जी नहीं। भूमि के सिंचित अथवा असिंचित होने का निर्धारण जल संसाधन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। सिंचित एवं असिंचित भूमि का निर्धारण राजस्व विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण पश्चात किए जाने से किसी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जलाशयों के पट्टा आवंटन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
48. ( क्र. 1915 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जलाशयों के मछली पालन हेतु पट्टे आवंटित किये जाते हैं? यदि हाँ, तो पट्टा आवंटन हेतु क्या मापदण्ड प्रक्रिया एवं शर्तें हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अशोकनगर जिले में विभाग द्वारा कौन-कौन से जलाशयों पर पट्टे कितनी-कितनी अवधि व कितनी-कितनी राशि पर आवंटित किये गये हैं संस्थाओं/समितियों के पंजीयन दिनांक, पंजीयन क्रमांक, पंजीयन की अवधि क्या है? नाम पता सहित विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ग) क्या पट्टा आवंटन हेतु जलाशय क्षेत्र के लोगों की प्राथमिकता देने संबंधी कोई नियम हैं? क्या प्रश्नांश (ख) में आवंटित पट्टेधारी नियमित रूप से पट्टे की राशि जमा कर रहे हैं? यदि हाँ, तो जमा की गई राशि से अवगत करावें। (घ) विगत 05 वर्षों में अशोकनगर जिले के अंतर्गत पट्टा आवंटन से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार/विधानसभा क्षेत्रवार पूर्ण विवरण देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) अनुसार पट्टा राशि नियमित रूप से जमा की जा रही। (घ) जानकारी निरंक।
भूमिहीनों को वितरित पट्टों की जानकारी
[राजस्व]
49. ( क्र. 1918 ) श्री
जजपाल सिंह
जज्जी : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सन् 2015 से आज
दिनांक तक
अशोकनगर विधान
सभा क्षेत्र
अंतर्गत
कितने
भूमिहीनों को शासन
द्वारा पट्टे
वितरित किये
गये? (ख) क्या
इन सभी
पट्टेधारियों
के नामांतरण
कर खसरे में
अमल कर दिये
गये हैं यदि
नहीं तो क्यों? (ग) ऐसे
पट्टेधारियों
की संख्या
बताएं जिनके
पट्टों का अमल
अभी तक नहीं
हो सका है और
नहीं हुआ तो
क्यों?
कब
तक अमल कर
दिये जावेंगे?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) वर्ष
2015 से
प्रश्न
दिनांक तक
किसी भी
भूमिहीनों को
शासन द्वारा
पट्टे वितरित
नहीं किये। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश
(क) के
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
बीड़ी उद्योग में कार्यरत श्रमिकों का हित संवर्धन
[श्रम]
50. ( क्र. 1955 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना No. F.No. P. 1611/04/2020/TC दिनांक 01/01/2021 के द्वारा कोटपा 2003 में संशोधन प्रस्तावति किया गया? (ख)