मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
गुरुवार, दिनांक 04 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
जिलों
में पदस्थ
जिला खनिज
अधिकारी
[खनिज साधन]
1. ( *क्र. 2574 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के कितने जिलों में जिला खनिज अधिकारी पदस्थ हैं एवं कितने जिलों में प्रभारी खनिज अधिकारी कार्यरत हैं? जिलों के नाम, प्रभारी अधिकारियों के समय सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या प्रदेश में अनेक जिलों में प्रशासनिक खनिज सेवा के जिला खनिज अधिकारी के पद पर पदस्थ किये गये, क्यों? तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) प्रदेश के कितने जिलों में टेक्निकल विंग (भौमकीय विधि) के खनिज अधिकारी कार्यरत हैं? क्या पूर्व में शासन द्वारा प्रशासनिक खनिज विंग के अधिकारियों को इन पदों से हटा दिया गया था, कब कितने ऐसे अधिकारियों को हटाया गया? स्थान, नाम सहित जानकारी दी जावे। (घ) क्या भौमिकीय विधि के जानकार खनिज अधिकारियों के अभाव में खनिज खोज की प्रगति धीमी पड़ गई है? क्या शासन सेवानिवृत्त हुए इस विंग के अधिकारियों को पुन: संविदा पर रखेगा? जानकारी दी जावे।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) विभागीय प्रशासनिक आवश्यकता के दृष्टिगत जिलों में पदस्थापनायें की गईं हैं। (ग) प्रदेश के 06 जिलों में टेक्निकल विंग (भौमिकीय विधि) के अधिकारी प्रभारी अधिकारी (खनि शाखा) के रूप में कार्यरत हैं। शासन द्वारा प्रशासनिक आवश्यकता के दृष्टिगत स्थानांतरण उपरांत हटाये गये खनिज विंग के अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत स्कूल/ सड़क की भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
2. ( *क्र. 2717 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्कूल बल्हवारा एवं पड़वार में स्कूल की जगह पर कब्जे किये गये हैं? (ख) क्या पड़वार बाजार की सड़क पर दुकानें निर्मित कर सड़क पर कब्जा कर लिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या दबंगों एवं आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों के कब्जे होने के कारण हटाने की कार्यवाही नहीं की जा रही है? (घ) यदि नहीं, तो क्या यह कब्जे हटाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
मनावर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित खदानें
[खनिज साधन]
3. ( *क्र. 2996 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कितनी खदानों से कितने प्रकार के खनिज प्राप्त होते हैं? कितनी खदानें गिट्टी क्रशर वर्तमान में संचालित हो रहे हैं? खदानों, गिट्टी क्रशर के आवंटन की तिथि, लीज़ समाप्त होने की तिथि एवं संचालकों के नाम सहित ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के खदानों, गिट्टी क्रशरों से जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त रॉयल्टी/राजस्व का वर्षवार ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (क) के खदानों, गिट्टी क्रशरों को किन नियमों/शर्तों के तहत किस दिनांक से कितने वर्ष के लिये लीज़ पर दिया गया, आवंटन किया गया? लीज़ समाप्त होने की तिथि एवं लीज़ नवीनीकरण के नियमों/शर्तों की प्रति सहित ब्यौरा दें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) के खदानों, गिट्टी क्रशरों के आवंटन/नीलामी से पूर्व ग्रामसभा की अनुमति ली थी? अनुमति नहीं ली गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। किसकी जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ड.) प्रश्नांश (क) के खदानों, गिट्टी क्रशरों के प्रदूषण जाँच एवं निगरानी किसके द्वारा किस नियम के तहत की है? छमाही या वार्षिक जाँच एवं निगरानी के लिये कोई कमेटी का गठन किया जाता है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें? किस नियम के उल्लंघन पर कितना जुर्माना किन खदानों, गिट्टी क्रशरों से जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस नियम के तहत वसूला गया? (च) प्रश्नांश (क) के खदानों, गिट्टी क्रशरों में क्या पंचायत अधिनियम 1996 की धारा 4 (घ), (ट), (ठ) का पालन किया गया? यदि हाँ, तो प्रति सहित उसका ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं? पंचायत अधिनियम 1996 के उल्लंघनकर्ताओं पर कब तक क्या कार्यवाही की जाएगी? (छ) प्रश्नांश (क) के खदानों, गिट्टी क्रशरों के आवंटन/नीलामी में आदिवासी/स्थानीय आदिवासी समितियों के लिये किस दिनांक को किस अधिसूचना के तहत कितना आरक्षण का प्रावधान किया गया? वर्तमान में क्या प्रावधान प्रचलित है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मनावर विधानसभा क्षेत्र में चूनापत्थर, पत्थर/गिट्टी एवं रेत खनिज उपलब्ध है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में चूनापत्थर के खनिपट्टों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, क्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर के उत्खनन पट्टों एवं रेत की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त रॉयल्टी/राजस्व का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में उल्लेखित क्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर के उत्खनन पट्टे मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियमों/शर्तों के तहत प्रदान की गई है। ये नियम अधिसूचित हैं। जिसमें लीज़ नवीनीकरण के प्रावधान भी दर्शित हैं। शेष जानकारी भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित हैं। (घ) नवीन खदानों में ग्राम सभा/ग्राम पंचायत की अनुमति प्राप्त की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) क्षेत्रीय अधिकारी, क्षेत्रीय कार्यालय, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, धार से प्राप्त जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र की खदानें गिट्टी क्रशरों के प्रदूषण की जाँच समय-समय पर की जाती है। वर्तमान में छमाही या वार्षिक जाँच एवं निगरानी के लिये कोई कमेटी गठित नहीं है। बोर्ड द्वारा जल एवं वायु अधिनियमों के तहत न्यायालयीन कार्यवाही करने व इकाई को बंद कराने का प्रावधान है। वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी क्रशर से जुर्माना वसूल नहीं किया गया। क्षेत्रीय अधिकारी, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। (च) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चूनापत्थर की खदानों अधिनियम में संशोधन दिनांक 12/01/2015 के पूर्व से स्वीकृत है। तत्समय खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 के तहत ऐसी स्वीकृति से पूर्व ग्राम सभा/ग्राम पंचायत का अभिमत लिये जाने का प्रावधान नहीं था। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधान अनुसार क्रशर द्वारा पत्थर से गिट्टी बनाने के लिये नये उत्खननपट्टा की स्वीकृति से पूर्व ग्राम सभा का अभिमत प्राप्त किया गया है। अभिमत की प्रतियां एकत्रित की जा रही हैं। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 में रेत की नवीन खदान घोषित करने से पूर्व अधिसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा का अभिमत लिये जाने का प्रावधान है। परंतु धार जिले के मनावर में रेत की खदानें पूर्व से स्वीकृत हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नियम/अधिनियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है। (छ) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में गिट्टी क्रशरों के आवंटन/नीलामी में, आदिवासी/स्थानीय आदिवासी समिति के लिये अधिसूचना के तहत आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
फतेहपुर तालाब का निर्माण
[जल संसाधन]
4. ( *क्र. 1705 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा के आदिवासी इलाके फतेहपुर तालाब का कार्य 2018 से क्यों बंद पड़ा हुआ है? (ख) तालाब निर्माण की वर्तमान स्थिति से अवगत करायें। (ग) फतेहपुर तालाब का निर्माण कब तक पूर्ण कर दिया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) विधान सभा चाचौड़ा के अंतर्गत फतेहपुर तालाब के डूब क्षेत्र से प्रभावित 4.50 हेक्टर वन भूमि की प्रथम चरण स्वीकृति वन विभाग से अपेक्षित होने के कारण वर्तमान में परियोजना का निर्माण कार्य बंद है। फतेहपुर तालाब का निर्माण कार्य वर्तमान में 25 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है। (ग) फतेहपुर तालाब का निर्माण कार्य वन विभाग से प्रथम चरण की स्वीकृति प्राप्त होने तथा पूर्व निविदाकार का अनुबंध विखण्डित होने के कारण पुन: निविदा आमंत्रित कर एजेंसी निर्धारित होने के पश्चात प्रारंभ किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मध्यप्रदेश के विभिन्न संभागों में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
5. ( *क्र. 2945 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर चंबल संभाग और मध्यप्रदेश के अनेक संभागों में प्रशासन की मिलीभगत से रेत माफियाओं द्वारा अवैध रेत उत्खनन निरंतर चल रहा है? (ख) यदि हाँ, तो मार्च 2019 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां रेत माफियाओं द्वारा कानून को अपने हाथ में लिया गया तथा माफियाओं के विरूद्ध क्या-क्या अपराध पंजीबद्ध किये गये? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त घटनाओं में अभी तक जिन अपराधियों को गिरफ्तार किया है? क्या उनके चालान न्यायालय में पेश किये गये? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। ग्वालियर/चंबल संभाग एवं अन्य संभागों में निविदा के माध्यम से सफल निविदाकार को खदान संचालन की अनुमति प्रदाय की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार सभी संभाग में सफल निविदाकार कार्य कर रहे हैं। रेत माफिया जैसी स्थिति नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
शास. लीज़/दान की भूमि पर निर्मित मसीही अस्पताल का विक्रय
[राजस्व]
6. ( *क्र. 1633 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मसीही हॉस्पिटल धार, तत्कालीन धार महाराज द्वारा क्रिश्चन समाज को दान में दी गई दो भूमियों में से एक पर बना हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रशासन द्वारा पिछले वर्ष इसे भू-माफिया विरोधी अभियान अंतर्गत अतिक्रमण मुक्त करवाया गया है? (ग) क्या इन भूमियों से संबंधित धार न्यायालय के वाद क्रमांक 18अ/80 में डॉ. रत्नाकार दास द्वारा अपने गवाह में उक्त सम्पत्ति को धार महाराज से दान में मिलना तथा अपने को सम्पत्ति का एडमिनिस्ट्रेटर बनाया जाना बताया था? (घ) यदि हाँ, तो क्या सम्पत्ति का एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. रत्नाकार दास की मृत्यु पश्चात उसका पुत्र सुधीर दास उक्त शासकीय दान की भूमि का भूस्वामी बन सकता है? क्या सुधीर दास द्वारा इस सम्पत्ति का मालिक बताते हुए विक्रय करने का अनुबंध किया गया है? (ड.) शासन द्वारा इस शासकीय दान की बहुमूल्य सम्पत्ति की अवैध बिक्री को रोकने हेतु क्या कदम उठाये जा रहे हैं? क्या शासन जनहित में इस भवन में शासकीय मोहल्ला क्लीनिक संचालित किये जाने पर विचार करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कार्यालय में इस संबंध में कोई दस्तावेज नहीं है। वर्तमान में जो खसरा है उसमें मसीही अस्पताल धार पटवारी हल्का ग्राम नौगांव में स्थित सर्वे नम्बर 770 रकबा 0.493 हेक्टेयर मद नजूल में बना हुआ है। (ख) उक्त भूमि उपलब्ध अभिलेख अनुसार नजूल की होने से अनुविभागीय अधिकारी धार के द्वारा नगरपालिका, धार एवं राजस्व अमले के साथ दिनांक 20.12.2019 को भूमाफिया विरोधी अभियान के अंतर्गत अतिक्रमण मुक्त कराया जाकर नगरपालिका, धार को आधिपत्य दिया गया। (ग) उक्त प्रकरण माननीय सिविल न्यायालय का होने से इस न्यायालय में कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है। (घ) वादग्रस्त भूमि पर एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में डॉ. रत्नाकार पीटरदास का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज नहीं रहा है। (ड.) उपरोक्त शासकीय भूमि बिना वैध अनुमति के सुधीरदास पिता रत्नाकर पीटरदास निवासी मिशन कंपाउंड धार द्वारा अंकित पिता उल्हासमल वडेरा निवासी हा.मु. छोटी ग्वालटोली इन्दौर को विक्रय अनुबंध निष्पादित करने की जाँच के संबंध में पूर्व में आवेदन प्राप्त होने पर अनुविभागीय दण्डाधिकारी धार के न्यायालय में राजस्व प्रकरण क्रमांक 488/बी-121/2017-18 पंजीबद्ध किया जाकर, अनावेदक सुधीरदास पिता रत्नाकर पीटरदास निवासी मिशन कंपाउंड धार एवं अंकित पिता उल्हासमल वडेरा निवासी हा.मु. छोटी ग्वालटोली इन्दौर को सूचना पत्र जारी किया जाकर जवाब चाहा गया। अनावेदक के द्वारा उक्त संबंध में माननीय जिला न्यायाधीश धार के दिवानी प्रकरण क्रमांक 23ए/2010 जो की चर्च ऑफ नार्थ इण्डिया ट्रस्ट ऐसोसिएशन के मुख्त्यारआम श्रीमती सुहासीनी रचेल दत्ता द्वारा डॉ. श्रीमती ईलापीटरदास, सुधीरदास व डॉ. आर. मोसेज तथा अंकित उल्हास वडेरा में पारित निर्णय दिनांक 21.06.2011 की प्रति प्रस्तुत की गई, जिसमें आवेदिका का उक्त वाद निरस्त किया गया। उसके पश्चात माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के सिविल रिट पिटीशन क्रमांक 527/2011 जो कि चर्च ऑफ नार्थ इण्डिया ट्रस्ट ऐसोसिएशन नई दिल्ली द्वारा अनावेदक डॉ श्रीमती ईलापीटरदास, सुधीरदास व डॉ .आर मोसेज तथा अंकित उल्हास वडेरा के विरूद्ध प्रस्तुत की गई, दिनांक 27.10.2016 को निरस्त की गई। उक्त आदेशों को दृष्टिगत रखते हुए, पूर्व पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रकरण क्रमांक 03/अ-68/2007-08 में पारित आदेश दिनांक 22/07/2008 के द्वारा अनावेदक सुधीरदास के विरूद्ध संस्थित कार्यवाही को निरस्त की जाने से रेस जुडीकेटा की बाधा होने से प्रकरण क्रमांक 488/बी-121/2017-18 की कार्यवाही भी नस्तीबद्ध की गई है। किंतु उक्त भूमि राजस्व अभिलेख में नजूल अंकित होने से वर्तमान में उक्त भूमि पर निर्मित अस्पताल एवं उसमें संचालित 6 दुकानों का आधिपत्य प्राप्त कर, शासनहित में नगरपालिका धार के संरक्षण में दी गई है।
श्रमिकों की समस्या का निराकरण
[श्रम]
7. ( *क्र. 689 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कुल कितनी निजी औद्योगिक इकाइयां, प्रतिष्ठान, फैक्ट्री एवं संस्थाएं संचालित हैं? इनमें कुल कितने कर्मचारी/अधिकारी/श्रमिक/कार्यकर्ता कार्यरत हैं? संस्थावार पृथक-पृथक विवरण दें तथा यह भी बतायें कि इनमें से कितनों को शासन द्वारा अनुदान/सहायता दी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों में कितने कर्मचारी सतना जिले के स्थानीय निवासी हैं? (ग) इन संस्थानों के संचालन में गड़बड़ी एवं श्रमिकों की समस्या से संबंधित कितने मामले वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक शासन को प्राप्त हुए एवं कितने मामलों में कार्यवाही हुई? शिकायतवार कार्यवाही का विवरण भी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सतना जिले में कुल 140 निजी औद्योगिक इकाइयां, प्रतिष्ठान, फैक्ट्री एवं संस्थाएं संचालित हैं। संचालित संस्थानों में कार्यरत नियोजित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इन संस्थाओं को श्रम विभाग द्वारा कोई सहायता/अनुदान नहीं दिया जाता है। (ख) संस्थाओं में कार्यरत सतना जिले के कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) उक्त संस्थाओं में श्रमिकों की समस्याओं से संबंधित प्राप्त शिकायतों की वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक की प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
जिला सहकारी बैंकों के बकाया ऋण की वसूली
[सहकारिता]
8. ( *क्र. 3153 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में कितने किसानों पर प्रश्न दिनांक तक जिला सहकारी बैंकों का ऋण बकाया है? विधानसभा क्षेत्रवार किसानों की संख्या एवं राशि बतायें। (ख) जिला सहकारी बैंकों का ऋण जमा नहीं करने पर विभाग ने 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक कर्ज वसूली को लेकर क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) जिला सहकारी बैंकों में ऋण जमा नहीं करने पर कितने किसानों के खाते एन.पी.ए. हो गये हैं? संख्या बतावें। (घ) शाजापुर जिले में कुल कितने किसानों की भूमि जिला सहकारी बैंकों के पास बंधक है? विधानसभा क्षेत्रवार संख्या बतायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. शाजापुर, प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं एवं जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक शाजापुर (परिसमापनाधीन) की जानकारी क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं की जानकारी क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं की जानकारी क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 02 एवं 03 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं की जानकारी क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 01, 02 एवं 03 अनुसार है।
बाजरा खरीदी में अनियमित रूप से पंजीयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
9. ( *क्र. 1624 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समर्थन मूल्य बाजरा खरीदी खरीफ वर्ष 2020-21 में मुरैना जिले में ऐसे कितने किसान हैं, जिन्हें बाजरा विक्रय कर पावती प्राप्त करने के उपरान्त भी आज दिनांक तक भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है? कारणों सहित खरीद केन्द्रवार भुगतान हेतु कुल राशि का विवरण देवें। (ख) क्या किसानों द्वारा फसल तुलाई के समय पंजीयन सत्यापित थे, किन्तु तुलाई उपरान्त संबंधितों द्वारा किसानों से अवैध लाभ कमाने के उद्देश्य से असत्यापित कर दिये गये? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो फसल पंजीयन करने का तहसीलदारों का उद्देश्य क्या था? (ग) फसल तुलाई तक दर्शित गिरदावरी एप में सत्यापित पंजीयन किस अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा किये गये थे एवं फसल तुलाई उपरान्त उन्ही पंजीयन को किस अधिकारी द्वारा असत्यापित किया गया था? तुलाई पूर्व सत्यापन करने का आधार एवं तुलाई उपरान्त असत्यापित करने का आधार क्या था? स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में फसल पंजीयन को असत्यापित करने से किसानों को होने वाली परेशानी एवं समय पर भुगतान न होने के लिए जिम्मेदार कौन होगा? क्या संबंधितों पर कार्यवाही की जायेगी तथा किसानों का भुगतान कब तक किया जावेगा।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खरीफ में खराब हुई फसलों की बीमा राशि का भुगतान
[सहकारिता]
10. ( *क्र. 119 ) श्री सुदेश राय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर में वर्ष 2019 में खरीफ सीजन में खराब हुई फसलों की कितनी प्रीमियम राशि किन-किन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखाओं द्वारा कृषकों के खातों से नियमानुसार काटी गई है? समितिवार बैंक शाखावार, कृषकों की संख्यावार राशि सहित बतावें। (ख) काटी गई राशि निश्चित समय में बीमा कंपनी को ट्रान्सफर नहीं किये जाने के पीछे क्या कारण है? बैंक प्रबंधन की इतनी बड़ी गलती के लिए कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार है? काटी गई राशि का क्या हुआ तथा केन्द्र की योजना का लाभ किसानों को समय पर नहीं मिले पाने से इसके लिए उत्तरदायी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रीमियम राशि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीहोर द्वारा निर्धारित समय पर बीमा कम्पनी को भेजी गई थी, परन्तु फसल बीमा पोर्टल पर बैंक की 13 शाखाओं के 34,611 किसानों की जानकारी की प्रविष्टि करते समय प्रीमियम राशि भेजे जाने के यू.टी.आर. नम्बर अटैच नहीं करने के कारण बीमा क्लेम प्राप्त नहीं हुये हैं। काटी गई राशि बीमा कम्पनी के पास है तथा भारत सरकार के पोर्टल में यू.टी.आर. नम्बर अटैच कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। योजना का लाभ समय पर नहीं मिलने का मुख्य कारण यू.टी.आर. नम्बर अटैच नहीं होना है, इस हेतु उत्तरदायी शाखा प्रबंधकों से स्पष्टीकरण मांगे गये हैं, जबाव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
पार्वती परियोजना डूब क्षेत्र के प्रभावित किसानों को विशेष पैकेज की स्वीकृति
[जल संसाधन]
11. ( *क्र. 2869 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित किसानों को वर्तमान कलेक्टर गाईड लाईन अनुसार स्वीकृत किया गया? मुआवजा अत्यधिक कम होने के साथ-साथ प्रभावित किसानों को भूमि के अलावा अन्य परिसंपत्तियों, जिसमें संतरे के बगीचे, टीन शेड, शौचालय, पी.एम. आवास, पाईप लाईन, मकान का निचला हिस्सा पक्का होने के बावजूद केवल छत कच्ची, कबेलू, तिरपाल की होने से उसी को आधार मानकर मुआवज़ा निर्धारण जैसी विसंगतियां भी उत्पन्न हो रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान कलेक्टर गाईड लाईन में मुआवजा दिए जाने हेतु प्रावधान नहीं होने आदि समस्याओं के स्थाई निराकरण हेतु राजगढ़ जिले की अन्य सिंचाई परियोजनाओं में मंत्री परिषद से स्वीकृत विशेष पैकेज की भांति पार्वती परियोजना से प्रभावित किसानों को 20.00 लाख प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिये जाने हेतु विशेष पैकेज स्वीकृत किये जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र क्रमांक 630, दिनांक 12.01.2021 से आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया था, तो क्या विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में कोई कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विभाग प्रभावित किसानों की पुरजोर मांग एवं प्रश्नकर्ता के अनुरोध पत्र के आधार पर 20.00 लाख प्रति हेक्टयेटर के मान से मुआवजा हेतु विशेष पैकेज की स्वीकृति बाबत् प्रस्ताव तैयार कर मंत्री परिषद की बैठक में प्रस्तुत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित भूमि एवं परिसंपत्तियों का मुआवजा ''भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013'' अनुसार दिया जाना प्रतिवेदित है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र द्वारा नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश हैं। प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित प्रावधान अनुसार विधि सम्मत कार्यवाही जारी है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राज्य स्तरीय सहकारी संस्थाओं में अर्दली भत्ते का भुगतान
[सहकारिता]
12. ( *क्र. 2285 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में राज्य स्तरीय कौन-कौन सी सहकारी संस्था या समिति वर्तमान में पंजीबद्ध है, उसमें से किस संस्था के किस श्रेणी एवं वर्ग के अधिकारियों को प्रतिमाह कलेक्टर रेट से अर्दली भत्ते का भुगतान के प्रावधान लागू हैं? (ख) सहकारिता विभाग ने किस कानून, नियम, उपविधि, मैन्युअल कोड के अनुसार किस संस्था में पदस्थ शासकीय अधिकारियों को अर्दली भत्ते का किस दर से भुगतान किए जाने की अनुमति या स्वीकृति या अनुमोदन दिया? प्रति सहित बतावें। (ग) म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ खेल परिसर भोपाल में वर्तमान में कितने अधिकारियों को किस दर से अर्दली भत्ते का भुगतान कर रहा है? यह भुगतान संघ किस प्रस्ताव, आदेश से कर रहा है? इसकी उपविधि की किस कंडिका में क्या प्रावधान है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल के लिए जारी सहकारिता विभाग के पत्र दिनांक 15.09.1999 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल में वर्तमान में 14 अधिकारियों को जिलाध्यक्ष दर से अर्दली भत्ते का भुगतान किया जा रहा है। यह भुगतान लघु वनोपज संघ के संचालक मण्डल की 36 वीं बैठक दिनांक 24.02.1996 के प्रस्ताव क्रमांक 36.14 पर दी गई स्वीकृति, वित्त विभाग से प्राप्त अभिमत, वन विभाग के पत्र क्रमांक/डी 3429/2992/10/3/97 दिनांक 24.12.1997 तथा कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें के पत्र क्रमांक/विप/वनो/99/3466 दिनांक 15.09.1999 के द्वारा प्रदान की गई स्वीकृति के अनुसार प्रथम श्रेणी तक के अधिकारियों को तथा संचालक मण्डल की 98 वीं बैठक दिनांक 23.11.2012 में पारित संकल्प क्रमांक 98.4 में लिये गये निर्णय अनुसार लघु वनोपज संघ में पदस्थ उप प्रबंधकों के कार्यालय एवं प्रवास हेतु जिलाध्यक्ष की दर से एक श्रमिक के पारिश्रमिक के समतुल्य राशि की प्रतिपूर्ति की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अर्दली भत्ता भुगतान के संबंध में लघु वनोपज संघ की उपविधि में कोई प्रावधान नहीं है।
सोलेशियम फण्ड योजना अंतर्गत प्रदत्त आर्थिक सहायता
[परिवहन]
13. ( *क्र. 3115 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अज्ञात वाहनों से दुर्घटना में राहगीरों के घायल होने एवं मृत्यु होने संबंधी लगातार बढ़ते मामलों में सोलेशियम फण्ड योजना अंतर्गत पीड़ितों एवं प्रभावित परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ, तो आर्थिक मदद के लिए क्या प्रावधान है? दिनांक 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक जिला सागर में हिट एण्ड रन के कुल कितने मामले वर्षवार दर्ज हुए हैं, उनमें घायलों एवं मृतकों की संख्या क्या है एवं कितने मामलों में योजना के तहत प्रभावितों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराई गई है? कितने मामले लंबित हैं? लंबित मामले कब तक निराकृत किए जायेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में किन कारणों से सागर जिले में हिट एण्ड रन मामलों के अधिकांश पीड़ितों एवं प्रभावित परिवारों को सोलेशियम फण्ड योजना का अपेक्षित लाभ प्राप्त नहीं हुआ है? क्या मामले में जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है? यदि हाँ, तो उक्त मामलों में क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्या विभाग हिट एण्ड रन के मामलों में वांछित वाहनों की तलाश, विभाग पीड़ितों को योजना का समुचित लाभ पहुँचाने के लिए योजना का प्रचार प्रसार एवं थाना स्तर पर दुर्घटना के उपरांत प्रकरण संबंधी आवेदन तैयार करने एवं जिला कलेक्टर को अनिवार्य रूप से भेजे जाने के निर्देश जारी करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या सागर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं फोरलेन सड़कों पर हिट एण्ड रन मामलों में विगत 03 वर्षों में ग्रामीणों की मौत के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में किन-किन थाना क्षेत्रों में कितने मामले दर्ज हुए हैं? उनमें से कितने मामलों में वांछित वाहन तलाशें गये हैं एवं ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिले में पीड़ितों को आर्थिक सहायता हेतु सोलेशियम फण्ड योजना का प्रावधान है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के सबंधित अंश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में हिट एण्ड रन के प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
प्रकरण |
2016 |
113 |
2017 |
139 |
2018 |
119 |
2019 |
116 |
2020 |
80 |
15 फरवरी 2021 तक हिट एण्ड रन के कुल 19 प्रकरण दर्ज किये गये। घायलों की संख्या 350 तथा मृतकों की संख्या 356 है। 50 प्रकरणों में आर्थिक मदद उपलब्ध कराई गई है। 14 प्रकरण लंबित हैं। जो अज्ञात वाहन संबंधी प्रकरण विवेचना में लंबित हैं, उन वाहनों की तलाश की जा रही है। वाहन पतारसी होने पर प्रकरण का अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जावेगा। वाहन की पतारसी न होने पर प्रकरण में खात्मा कता कर प्रकरण का निराकरण किया जावेगा। निश्चित् समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जिन प्रकरणों में वाहन अज्ञात हैं और अनुसंधान के दौरान भी वाहन प्रकाश में नहीं आये हैं, ऐसे प्रकरणों में खात्मा कता कर प्रकरण के परिजनों को सोलेशियम फण्ड योजना के तहत आर्थिक मदद हेतु जिला दण्डाधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर अपेक्षित वैधानिक कार्यवाही कर आर्थिक सहायता प्राप्त करने हेतु सूचित किया जाता है। प्रकरण के परिजनों द्वारा जिला दण्डाधिकारी कार्यालय में आवेदन उपरांत राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। परिजनों द्वारा आवेदन न करने की दशा में सहायता राशि प्राप्त नहीं होती है,वर्णित स्थिति में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिये जनमानस में यातायात संबंधी नियमों का प्रचार प्रसार कराया गया है। मार्गों पर ऐसे स्थान जहां पर अधिक दुर्घटनाएं घटित होने की पुनरावृत्ति हुई है, उन स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित करने की कार्यवाही संबंधित विभागों द्वारा प्रचलित है। मार्गों पर मार्ग संकेतक एवं अन्य अपेक्षित कार्यवाही भी संबंधित विभाग द्वारा करने की कार्यवाही प्रचलित है।
विधान सभा क्षेत्र परासिया को जिले का दर्जा
[राजस्व]
14. ( *क्र. 2452 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का सबसे बड़ा जिला छिंदवाड़ा है? छिंदवाड़ा से परासिया, जुन्नारदेव व दमुआ तक की दूरी बहुत अधिक है तथा बहुत अधिक दूरी होने के कारण परासिया एवं जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के लोगों को जिले से संबंधित कार्यों को सम्पादित करने के लिए जिला छिंदवाड़ा तक जाने व आने में बहुत अधिक असुविधाओं व परेशानियों का सामना करना पड़ता है? क्या शासन/विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र परासिया को जिले का दर्जा प्रदान किए जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जायेगी? (ख) विधानसभा क्षेत्र परासिया को जिला बनाये जाने के संबंध में शासन/विभाग द्वारा कब तक आवश्यक कार्यवाही करते हुए, परासिया को जिले का दर्जा प्रदान कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। परासिया को जिला बनाने के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत्ा संचालित गिट्टी की खदानें
[खनिज साधन]
15. ( *क्र. 2901 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कुल कितनी संख्या में गिट्टी एवं रेत खदानें संचालित हैं? खदान का नाम, स्थान संबंधित मालिक/ठेकेदार के नाम एवं रकबा सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा वर्तमान में रेत एवं गिट्टी की रॉयल्टी दर क्या निर्धारित है तथा वर्तमान में संचालित गिट्टी खदानों की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) क्या सभी खदानों पर स्थल पर किये गये उत्खनन के नाप अनुरूप संबधित खदान मालिकों द्वारा शासकीय रॉयल्टी राशि जमा की गई है? नहीं तो किन-किन खदानों में अनियमितताएं पाई गई? खदान मालिक का नाम, स्थान के विवरण एवं की गई अनियमितताओं की जानकारी तथा आरोपित राशि के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा संबंधित के विरूध्द क्या कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में गिट्टी निर्माण हेतु स्वीकृत उत्खनिपट्टों की प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में रेत की कोई भी खदान स्वीकृत नहीं है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में रेत खनिज की रॉयल्टी दर रूपये 125/- प्रति घनमीटर एवं गिट्टी खनिज की रॉयल्टी रूपये 120/- प्रति घनमीटर अधिसूचित है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) खनिज के खदान क्षेत्र में उत्खनन पश्चात् खनिज के परिवहन पर नियमानुसार रॉयल्टी का भुगतान किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पन्ना जिले में कृषि भूमि बन्दोबस्ती रिकॉर्ड में सुधार
[राजस्व]
16. ( *क्र. 1934 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले की तहसील पन्ना के ग्राम इटवांखास के नवीन बन्दोबस्ती रिकॉर्ड के संबंध में मान. व्यवहार न्यायलय पन्ना के प्रकरण क्र. 1251/2007 निर्णय दिनांक 14.08.2012 में अपराध प्रमाणित न होने एवं जप्तशुदा अभिलेख जिला मजिस्ट्रेट पन्ना को निराकरण कर वापिस करने का आदेश दिया गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या ग्राम इटवांखास के नवीन बन्दोबस्ती रिकॉर्ड के अनुसार कुछ भूमि स्वामियों के अभिलेख अद्यतन किये गये है? यदि हाँ, तो क्या स्वप्रेरणा/आवेदकों के आवेदन पर शेष किसानों के भी अभिलेख अद्यतन किये गये? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अभिलेख अद्यतन रखना राजस्व अधिकारियों की जबावदारी है? यदि हाँ, तो स्वप्रेरणा में लेकर नवीन बन्दोबस्ती रिकॉर्ड के साथ अभिलेख अद्यतन क्यों नहीं किया गया? क्या जब तक रिकॉर्ड अद्यतन नहीं होता तब तक सीमांकन को रोका जावेगा? (घ) क्या ग्राम इटवांखास के किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ रिकॉर्ड विवादित बता कर नहीं दिया जा रहा है? क्या किसानों का अभिलेख नवीन बन्दोबस्ती रिकॉर्ड के अनुसार अद्यतन कराया जाकर लागू किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, कार्यालय कलेक्टर भू अभिलेख जिला पन्ना के आदेश क्रमांक 102, दिनांक 21.11.2014 द्वारा माननीय न्यायालय से जप्तसुदा प्राप्त अभिलेख के संबंध में आदेश जारी किया गया कि अभिलेख की सूची तैयार की जाकर नवीन अभिलेखागार में सुरक्षित रखा जावे। (ख) जी हाँ। जी नहीं। चूंकि ग्राम इटवांखास का नवीन बन्दोबस्ती अभिलेख अंतिम रूप से प्रकाशित नहीं हुआ है, जिससे वर्ष 1955-56 के अभिलेख अनुसार आवेदक के आवेदन पत्र पर अभिलेख सुधार की कार्यवाही होती है। नवीन बन्दोवस्ती प्रचलन में नहीं है जिससे नवीन बन्दोवस्ती के अनुसार कार्यवाही नहीं होती है। (ग) जी हाँ। ग्राम इटवांखास का नवीन बन्दोबस्ती अभिलेख अंतिम रूप से प्रकाशित नहीं हुआ है जिससे वर्ष 1955-56 के अभिलेख अनुसार आवेदक के आवेदन पत्र पर अभिलेख सुधार की कार्यवाही होती है। नवीन बंदोबस्त के अनुसार कोई सुधार/कार्यवाही नहीं होती। जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष उत्तर (ख) अनुसार।
सीमांकन, बंटवारा आदि के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
17. ( *क्र. 2378 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में विवादित, अविवादित, बंटवारे, नामांतरण, सीमांकन, डायवर्सन, नक्शा सुधार तथा आर.बी.सी. 6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के कितने प्रकरण क्यों लंबित हैं? उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक आर.बी.सी. 6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के संबंध में किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र जिले के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए? उक्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन के राहत राशि भुगतान के प्रकरण क्यों निरस्त किये गये? प्रकरणवार कारण बतायें। (ग) क्या आमजन की सुविधा के लिए व्यपवर्तन की सूचना घर बैठे ऑनलाईन प्रस्तुत करने की सुविधा भू-लेख पोर्टल पर प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में ऑनलाईन कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा किन-किन के प्रकरण क्यों लंबित हैं, उनका कब तक निराकरण होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में बंटवारे के 632, नामांतरण के 908, सीमांकन के 86, डायवर्सन के 80, नक्शा सुधार के 70 प्रकरण लंबित हैं तथा आर.बी.सी. 6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के प्रकरण लंबित नहीं हैं। लंबित प्रकरण न्यायालीन प्रक्रिया में गतिशील/प्रचलित हैं, जिनका विधिक प्रक्रिया अनुसार निराकरण किया जाता है। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक आर.बी.सी. 6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के संबंध में माननीय सांसद/विधायक महोदय के पत्र जिले के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए तथा इन पत्रों में उल्लेखित किन किन के राहत राशि भुगतान के प्रकरण में क्या कार्यवाही हुई, के संबंध में विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में 1305 आनलाईन आवेदन पत्र प्राप्त हुए। (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त 1305 आनलाईन प्राप्त आवेदन पत्रों में से 1250 का निराकरण किया जा चुका है, शेष 55 प्रकरणों का नियत समय-सीमा में निराकरण कर दिया जाएगा।
सहकारी संस्थाओं और समितियों में वित्तीय अनियमितता/गबन के मामलें
[सहकारिता]
18. ( *क्र. 980 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में विगत तीन वर्षों में वित्तीय अनियमितता, गबन, धोखाधड़ी के कितने मामले संज्ञान में आये हैं? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन दोषियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? पृथक-पृथक प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त संस्थाओं में प्रतिवर्ष वित्तीय अनियमितताएं संज्ञान में आने के बाद उनकी रोकथाम हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कदम उठाये गये हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सहकारी संस्थाओं में वित्तीय अनियमितताओं की रोकथाम हेतु नियमित अंकेक्षण कराया जा रहा है तथा अंकेक्षण में प्राप्त आपत्तियों के निराकरण हेतु पालन पूर्ति प्रतिवेदन प्राप्त कर लेखा समिति में निराकरण कराया जा रहा है। कलेक्टर की अध्यक्षता में गबन, धोखाधड़ी के प्रकरणों के निराकरण हेतु गठित कमेटी की बैठक आयोजित कर समीक्षा की जा रही है।
अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवज़ा भुगतान
[राजस्व]
19. ( *क्र. 1448 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में खरगोन जिले की महेश्वर व बड़वाह तहसील में अतिवृष्टि से हुई क्षति से कृषक प्रभावित हुए, उन्हें कुल कितनी राहत राशि स्वीकृत हुई है? कितनी आवंटित की गई है व कितनी शेष है? (ख) यदि शेष है तो कृषकों को राशि का वितरण कब तक होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2019-20 में खरगोन जिले की महेश्वर व बड़वाह तहसील में अतिवृष्टि से प्रभावित कृषकों को फसल क्षति की कुल राहत राशि रूपये 1,56,75,21,311/- स्वीकृत हुई है, 25 प्रतिशत राशि 39,18,80,327/- रूपये वितरित की गई है। 75 प्रतिशत राशि शेष है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र दिमनी में संचालित उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( *क्र. 2809 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी की कितनी ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें हैं तथा कितनी पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें नहीं खोली गईं हैं? उचित मूल्य की दुकान खोलने की क्या गाईड लाईन है? (ख) उचित मूल्य की दुकानों पर डीलर द्वारा खाद्य सामग्री में मिलावट एवं कम तोलने की शिकायतें अक्सर होती रहती हैं? खाद्य सामग्री के परीक्षण हेतु लैब एवं उपभोक्ताओं को खाद्य सामग्री का सही वजन मिल सके, इस दिशा में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 56 ग्राम पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं। उक्त विधानसभा के 19 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में उचित मूल्य दुकानें संचालित नहीं है। दुकान विहीन पंचायतों में उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत विहित है। राज्य शासन द्वारा इस संबंध में 25 सितंबर, 2017 को दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुरैना जिले में उचित मूल्य की दुकानों पर डीलर द्वारा खाद्य सामग्री में मिलावट एवं कम तोलने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। नापतौल कार्यालय के अमले द्वारा पात्र परिवारों को सही मात्रा में सामग्री दिलाने के लिए नाप एवं तौल का परीक्षण किया जाता है एवं वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक तौल-कांटे का उपयोग किया जा रहा है। सही गुणवत्ता की राशन सामग्री दिलाने के लिए म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन के गोदाम में गुणवत्ता की सामग्री उचित मूल्य दुकानों पर भेजने के पूर्व स्टैक का चयन करने हेतु रेण्डम निरीक्षण करने की व्यवस्था राज्य शासन द्वारा की गई है। उचित मूल्य दुकानों पर भी सामग्री के साथ सेम्पल देने का प्रावधान है। यदि किसी दुकान पर मानव उपभोग के अयोग्य राशन सामग्री किसी बारदाने में पाये जाने का संज्ञान होता है, तो उसके वितरण पर रोक लगाते हुए उसे उचित मूल्य दुकान से म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन को वापस कराया जाता है एवं उसके बदले अन्य सामग्री प्राप्त कर वितरित कराया जाता है।
सहकारी समितियों अनियमितता के दोषियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
21. ( *क्र. 1627 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौरव हाउसिंग सोसाइटी, गुलाबी हाउसिंग सोसाइटी, मंदाकिनी हाउसिंग सोसाइटी, हेमा गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल में दिनेश त्रिवेदी एवं दीपेश रघुवंशी किन-किन पदों पर रहे हैं? (ख) दिनेश त्रिवेदी और किन-किन गृह निर्माण सहकारी समितियों में पदाधिकारी रहे हैं? (ग) सहकारिता अधिनियम अनुसार दिनेश त्रिवेदी एवं दीपेश रघुवंशी गौरव हाउसिंग सोसाइटी, गुलाबी हाउसिंग सोसाइटी, मंदाकिनी हाउसिंग सोसाइटी, हेमा गृह निर्माण सहकारी समितियों में पदाधिकारी रहे हैं? सहकारिता अधिनियम अनुसार एक ही व्यक्ति कितनी समितियों में पदाधिकारी रह सकता है। (घ) दिनेश त्रिवेदी द्वारा महाकाली में वर्ष 2009 में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए कितने लोगों के भू-खण्ड की रजिस्ट्री की? उसकी सूची प्रस्तुत की जावे। (ड.) दिनेश त्रिवेदी पर सहकारिता एवं इ.ओ.डब्ल्यू. द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) गौरव हाउसिंग सोसायटी, हेमा गृह निर्माण सहकारी संस्था में श्री दिनेश त्रिवेदी एवं श्री दीपेश रघुवंशी किन्ही पदों पर नहीं रहे। गुलाबी हाउसिंग सोसायटी में श्री दीपेश रघुवंशी वर्ष 2010 एवं वर्ष 2015 के निर्वाचन में अध्यक्ष पद पर रहे हैं। मंदाकिनी हाउसिंग सोसायटी में श्री दिनेश त्रिवेदी, वर्ष 2003 में संचालक पद पर रहे हैं। (ख) श्री दिनेश त्रिवेदी सितारा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल में वर्ष 2002 के निर्वाचन में उपाध्यक्ष, महाकाली गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल में वर्ष 2007 के निर्वाचन में संचालक एवं दिनांक 10-05-2008 के सहयोजन में अध्यक्ष एवं दिनांक 17-04-2012 के निर्वाचन में अध्यक्ष तथा दिनांक 11-08-2017 के निर्वाचन में उपाध्यक्ष के पद पर रहे हैं। (ग) दिनेश त्रिवेदी गौरव गृह निर्माण सहकारी संस्था, गुलाबी हाउसिंग सोसायटी, हेमा गृह निर्माण सहकारी संस्था में पदाधिकारी नहीं रहे हैं। मंदाकिनी गृह निर्माण सहकारी संस्था में वर्ष 2003 में संचालक रहे हैं। दीपेश रघुवंशी गौरव गृह निर्माण सहकारी संस्था, मंदाकिनी गृह निर्माण सहकारी संस्था में पदाधिकारी नहीं रहे हैं। गुलाबी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. भोपाल में वर्ष 2010 एवं 2015 में अध्यक्ष पद पर पदाधिकारी रहे हैं। सहकारिता अधिनियमानुसार एक व्यक्ति, एक वर्ग की सोसायटी में पदाधिकारी रह सकता है। (घ) दिनेश त्रिवेदी द्वारा महाकाली गृह निर्माण सहकारी संस्था में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए वरिष्ठ जिला पंजीयक जिला भोपाल अनुसार 88 रजिस्ट्रियां की हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल द्वारा थाना शाहपुरा में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है तथा पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ई.ओ.डब्ल्यू.) के पत्र क्रमांक/प्रकोष्ठ/ई.भो./396, दिनांक 15.02.2021 द्वारा निरंक जानकारी बताई गई है।
जबेरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जलाशयों का निर्माण/सुधार
[जल संसाधन]
22. ( *क्र. 2218 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पारना जलाशय, रोहिणी स्टॉप डेम, भजिया जलाशय मरम्मत कार्य, लालपानी जलाशय मरम्मत एवं सुधार, झापान नाला जलाशय निर्माण, देवरी जलाशय निर्माण आदि योजनाएं जल संसाधन विभाग में लंबित/प्रस्तावित हैं? यदि हाँ, तो उक्त योजनाओं पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) जल संसाधन विभाग द्वारा उक्त योजनाओं की विभागीय स्वीकृतियां कब तक पूर्ण की जावेंगी तथा इन योजनाओं का निविदा आमंत्रण कब तक किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) शासन स्तर पर स्वीकृति का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। विभिन्न कार्यालयों में प्रक्रियाधीन परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय निविदा सूचकांक अधिक्रमित होने से निविदा आमंत्रण के लिए निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
उज्जैन जिलांतर्गत स्वीकृत पेयजल योजनाएं
[जल संसाधन]
23. ( *क्र. 2668 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2014 से 31.01.2021 तक उज्जैन जिले में सिंचाई व पेयजल की कितनी योजनाएं स्वीकृत की गईं? योजना का नाम, लागत सहित वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) इन योजनाओं की अद्यतन स्थिति देवें? कितनी योजनाएं तय समय से विलंब से चल रही हैं? उनकी सूची देवें। (ग) पेयजल योजनाओं से कितने ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं? उनकी सूची देवें। (घ) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों को कब तक इस योजना से जोड़ा जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत निर्मित/निर्माणाधीन परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार पेयजल से संबंधित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कोई भी परियोजना विलंब से चलना प्रतिवेदित नहीं है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा उनके अधीन प्रचलित परियोजनाओं में विलंब के लिए कोई टीप नहीं दी गई है। (ग) एवं (घ) लोक स्वास्थ्य यॉत्रिकी विभाग से प्राप्त जानकारी उत्तरांश (क) के परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्राप्त जानकारी अनुसार निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बैतूल जिले के ग्राम टिकारी/झगडिया का दर्ज रकबा
[राजस्व]
24. ( *क्र. 2273 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के ग्राम टिकारी एवं झगडिया की मिसल बन्दोबस्त, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं ऑनलाईन खसरा पंजी वर्ष 2020 से गैर खाते के किस खसरा नम्बर का कितना रकबा दर्ज है? इसमें से कितने रकबे पर वन विभाग का कब्जा है? यह कब्जा किस अधिकारी ने वन विभाग को सौंपा पंचनामें की प्रति सहित बतावें? (ख) टिकारी एवं झगडिया के किस खसरा नम्बर का कितना रकबा संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन में शामिल कर समस्त रकबा 15 सितम्बर, 1972 को राजपत्र में डीनोटीफाईड किया गया, इसके डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि प्रश्नांकित दिनांक तक भी संशोधन पंजी, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किन-किन कारणों से दर्ज नहीं की गई? (ग) टिकारी एवं झगडिया की खसरा पंजी में दर्ज गैर खाते की भूमि से वन विभाग का कब्जा हटाने राजस्व विभाग ने किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की हो तो कारण बतायें, कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील बैतूल के ग्राम टिकारी एवं झगडिया के राजस्व रिकॉर्ड में मिसल बंदोबस्त, निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख तथा खसरा पंजी 2020 के अनुसार गैर खाते में भूमि के संबंध में ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निम्नानुसार खसरा नंबर के समक्ष अंकित रकबे पर बैतूल परिक्षेत्र वनमण्डल उत्तर का कब्जा पूर्व से चला आ रहा है।
ग्राम |
कुल खसरा नं. |
कुल रकबा |
टिकारी |
04 |
197.866 हे. |
झगडिया |
09 |
115.295 हे. |
उल्लेखित रकबे का वन विभाग को राजस्व विभाग द्वारा कब्जा नहीं दिया गया है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (ख) ग्राम टिकारी एवं झगडिया में प्रश्न (क) के उत्तर में दर्शित भूमि आज पर्यन्त राजस्व विभाग के स्वामित्व एवं अधिकार में दर्ज है। राजपत्र दिनांक 15 सितंबर 1972 के डिनोटिफिकेशन दिनांक के पूर्व राजस्व रिकॉर्ड में वन विभाग की प्रविष्टि अंकित नहीं थी। अत: रिकॉर्ड दुरूस्त किया जाना शेष नहीं है। (ग) बैतूल तहसील के अंतर्गत ग्राम टिकारी एवं झगडिया की प्रश्न (क) के उत्तर में दर्शित भूमि पर वन विभाग का कब्जा चला आ रहा है। वन विभाग के द्वारा उक्त भूमि पर सामाजिक वानिकी के अंतर्गत वृक्षारोपण किया गया है। वृक्षारोपण पर शासकीय धन राशि के व्यय होने तथा सामाजिक वानिकी राष्ट्रीय कार्यक्रम होने के कारण कार्यवाही नहीं की गई थी।
बण्डा वृहद बांध परियोजना में प्रभावितों को मुआवजा भुगतान
[जल संसाधन]
25. ( *क्र. 3032 ) श्री तरबर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा वृहद बांध परियोजना जो ग्राम उल्दन में धसान नदी पर बनाई जा रही है, उसमें प्रभावितों को उनकी चल-अचल संपत्ति के मुआवजे का क्या निर्धारण किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के डूब क्षेत्र के सभी हल्कों में से जिस हल्के का शासकीय मूल्य अधिकतम हो, उसी को आधार मानकर उसका चार गुना मुआवजा सभी को दिया जाना उचित रहेगा? (ग) प्रश्नांश (क) प्रभावित कई ग्राम इस प्रकार हैं कि ग्राम की 90 प्रतिशत आबादी डूब क्षेत्र में आ रही है और उन्हीं को विस्थापित किया जा रहा है, बाकी 10 प्रतिशत क्या वहां निवास कर पायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) डूब क्षेत्र के किसानों की संपूर्ण भूमि को सिंचिंत मानते हुये वर्तमान में भूमि का जो शासकीय मूल्य है, उसका चार गुना मुआवजा दिया जाना क्या उचित है? यदि हाँ, तो किसानों को मुआवजा कब तक प्रदान किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बण्डा परियोजना से प्रभावितों को उनकी अचल संपत्ति का मुआवजा निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। (ख) जी नहीं। (ग) बांध के डूब क्षेत्र में अधिकतम जल भराव क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली समस्त आबादी क्षेत्र का नियमानुसार विस्थापन किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
गौचर
भूमि को
अतिक्रमण
मुक्त करने
हेतु
[राजस्व]
1. ( क्र. 48 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा एवं पटेरा विकासखण्ड में कुल कितनी गौचर भूमि (हेक्टे.) है। कितने हेक्टेयर रिक्त है। कितनी अतिक्रमण में है। अतिक्रमणकारियों के नाम सहित, स्थलवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे? (ख) हटा व पटेरा विकासखण्ड की गौचर भूमि को कब तक अतिक्रमण मुक्त कराया जावेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला दमोह अंतर्गत हटा अनुभाग की तहसील हटा अंतर्गत कुल गौचर भूमि 6396.92 हेक्टेयर जिसमें से 1070.08 हेक्टेयर अतिक्रमित है व तहसील पटेरा अंतर्गत कुल गौचर भूमि 4912.73 हेक्टेयर है जिसमे से 1525.93 हेक्टेयर अतिक्रमित है। अतिक्रमणकारियों के नाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अतिक्रमण की सूचना प्राप्त होने पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 अंतर्गत सतत कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों को बकाया राशि का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( क्र. 86 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक अब तक समर्थन मूल्य पर गेहूँ, चना, मूंग एवं धान का किन-किन संस्थाओं के माध्यम से कब-कब और कितना-कितना उपार्जन किया गया तथा उपार्जित किये गये अनाज को किन-किन वेयर हाउसों में कब-कब भंडारित किया गया? (ख) उक्त अवधि में किन-किन खरीदी केन्द्रों पर समय पर परिवहन तथा भंडारण न होने के कारण कौन-कौन अनाज, कितनी मात्रा में खराब हुआ? खराब अनाज का क्या उपयोग किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के किन-किन किसानों को उनकी उपज का भुगतान क्यों नहीं किया गया तथा इसके लिए कौन दोषी है? (घ) संबंधित किसानों को ब्याज सहित राशि का भुगतान कब तक किया जायेगा तथा इस संबंध में प्रश्नांश (क) अवधि में मान.मंत्री जी एवं विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रायसेन जिले में वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक उपार्जित गेहूं, चना, मूंग एवं धान की संस्थावार उपार्जन मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्षवार एवं उपजवार उपार्जित स्कंध का वेयर हाउसवार में भण्डारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) रबी विपणन वर्ष 2018-19 के उपार्जन के दौरान असमायिक वर्षा के कारण 1001.308 मे.टन चना तथा रबी विपणन वर्ष 2020-21 में निसर्ग तूफान के कारण हुई असमायिक वर्षा के कारण 1265.16 मे.टन गेहूं खराब हुआ है। उपार्जन केन्द्रवार खराब हुए चना एवं गेहूं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– स अनुसार है। वर्षा से प्रभावित स्कंध की विधिवत नीलामी कर निस्तारण किया गया है। (ग) वर्ष 2018-19 में वर्षा के कारण खराब हुए चने का 1498 किसानों को 202.43 लाख का आंशिक भुगतान शेष रहा है। किसानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) किसानों के बकाया राशि के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। किसानों को राशि के भुगतान के संबंध में विधानसभा क्षेत्र 143 सिलवानी के माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह के पत्र दिनांक 24.10.2019, 13.12.2019 एवं 25.08.2020 को प्राप्त हुए है। पत्रों पर उपार्जन एजेन्सी तथा जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक रायसेन के स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मत्स्य समिति द्वारा आखेट
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
3. ( क्र. 454 ) श्री संजय शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदुखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से जलाशय हैं जिसमें मत्स्य पालन किया जाता है एवं ये जलाशय कहाँ स्थित है तथा कितने–कितने रकबा में फैले हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, उक्त जलाशयों में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक मत्स्य पालन एवं आखेट की अनुमति किस-किस समिति को दी गई है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, मत्स्य पालन एवं आखेट की अनुमति हेतु समिति का चयन किस आधार पर किया गया? वर्तमान में अधिकृत समिति के पदाधिकारी, सदस्यों के नाम सहित जानकारी प्रदान करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सिंचाई जलाशयों की संख्या निरंक। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना
[राजस्व]
4. ( क्र. 455 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा मध्यप्रदेश में कुल कितने किसानों का पंजीयन मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत किया गया है एवं कितने किसानों का पंजीयन किया जाना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, शासन द्वारा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ लेने हेतु क्या-क्या मापदण्ड सुनिश्चित किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के कितने किसानों के खातों में कितनी राशि कब-कब डाली गई? सूची उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्य प्रदेश में कुल 7813091 किसान मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हेतु सूचीबद्ध किये गये हैं। हितग्राही की संख्या परिवर्तनशील होने के कारण शेष की जानकारी देना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार (ग) जानकारी SAARA.MP.GOV.IN पोर्टल पर अवलोकन हेतु उपलब्ध है।
मत्स्य नीति 2008 में जलाशय पट्टे का आवंटन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
5. ( क्र. 675 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा जारी मत्स्य नीति 2008 में जलाशय पट्टे पर आवंटित करने के लिए एक से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त होने पर पंजीयन दिनांक के आधार पर सबसे पुरानी तथा क्रियाशील वंशानुगत समिति को पट्टा दिये जाने का निर्देश है? (ख) क्या मत्स्य नीति 2008 में यह प्रावधान है कि म.प्र.सह.समि.अधि. 1960 की धारा 9 अनुसार एक ही समिति के कार्यक्षेत्र में पंजीयन सामान्यतः नहीं किया जावेगा? यदि किया जाना आवश्यक है तो पहले पंजीकृत समिति को प्राप्त प्रति व्यक्ति जल क्षेत्र के आधार पर सुने जाने के शासन के निर्देश हैं? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) यदि सही है तो बैतूल जिले के बुण्डाला जलाशय पट्टा आवंटन में उपरोक्त नियमों का पालन किया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं तो पट्टा निरस्त करने की कार्यवाही कब तक पूरी कर ली जावेगी? (घ) क्या मत्स्योद्योग सह.समि.मर्या. जम्बाडा एवं मतस्योद्योग सह.समि.मर्या. जौलखेडा के पंजीयन पूर्व मत्स्योद्योग विभाग द्वारा अनुशंसा की गई है? यदि हाँ, तो कब कब की गई? स्पष्ट कार्यक्षेत्र संघटक प्रतिवेदन अनुसार क्या है? (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) अनुसार शासन नीति, निर्देश का पालन नहीं किया गया है तो इसके लिए जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नियमों का पालन किया गया। पट्टा निरस्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जम्बाडा समिति के लिये वर्ष 1986 तथा जौलखेडा 2003 अनुशंसा की गई है। जम्बाडा समिति का कार्यक्षेत्र जम्बाडा एवं हरदोली जबकि जौलखेडा समिति का कार्यक्षेत्र जौलखेडा एवं हेटी है। (ड.) शासन नीति निर्देश का पालन किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
1971 के बांग्लादेशी शरणार्थियों को आवंटित भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
6. ( क्र. 679 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय बांग्लादेश से आए शरणार्थीयों को इंदौर में खजराना थाने के पीछे भूमि आवंटित की गई थी। (ख) यदि हाँ, तो कितनी भूमि आवंटित की गई थी? खसरा नम्बर सहित बतावें? वर्तमान में भूमि की क्या स्थिति है? क्या वहाँ पर अतिक्रमण हो चुका है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि पर अतिक्रमण है? (ग) आवंटित भूमि के सीमांकन के आदेश कब जारी किए जाएगें? जमीन को अतिक्रमण मुक्त कब किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय बांग्लादेश के आए शरणार्थियों को इन्दौर में खजराना थाने के पीछे ग्राम खजराना स्थित भूमि सर्वे नम्बर 435/1/1 की भूमि पर शरणार्थी बंगाली 80 परिवारों को बसाया गया था। भूमि आवंटन किए जाने संबंधी प्रविष्टि अभिलेखों पर अंकित नहीं हैं। (ख) भूमि आवंटन नहीं की गई हैं। ग्राम खजराना स्थित भूमि सर्वे नम्बर 435/1/1 की भूमि पर शरणार्थी बंगाली 80 परिवारों को बसाया गया था जो मौके पर वर्तमान में भी निवासरत हैं। भूमि आवंटन नहीं होने से शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) भूमि आवंटन नहीं होने से प्रश्न उद्भूत नहीं होता। सीमांकन किया जाना संभव नहीं हैं।
स्वीकृत तालाबों का निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
7. ( क्र. 724 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मोहनपुरा दांयी तट प्रेशराइज्ड पाईप प्रणाली से वित्तिय वर्ष 2020-21 में रबी की फसल के सिंचाई हेतु पानी दिया जा रहा है? क्या यह योजना केवल रबी की फसलों के लिए है? (ख) यदि हाँ, तो शासन की इस क्षेत्र में खरीफ एवं ग्रीष्मकालीन फसलों व निस्तार के पानी की आवश्यकता हेतु क्या योजना है? (ग) क्या शासन राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सूखा प्रभावित ग्रामों में प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त तालाब की निविदा आमंत्रित कर कार्य प्रारंभ कर देगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) डी.पी.आर. में रबी सिंचाई, पेयजल एवं उद्योग के लिए जल आरक्षित है। अन्य प्रायोजन के लिए पानी उपलब्ध नहीं होने से प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त 03 लघु सिंचाई परियोजनाओं में निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
गुमानसर्रा लिफ्ट इरीगेशन योजना का निर्माण
[जल संसाधन]
8. ( क्र. 755 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र मुलताई जिला बैतूल के ग्राम घाटपिपरिया विकासखण्ड मुलताई में गुमानसर्रा लिफ्ट इरीगेशन योजना स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृति का दिनांक एवं अनुमानित लागत एवं कार्य प्रारंभ होने का दिनांक तथा कब तक पूर्ण होना था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में अभी तक कुल कितना कार्य हुआ है एवं कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया है? (ग) क्या उक्त योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है यदि नहीं तो क्या वर्तमान में उक्त योजना का कार्य प्रारंभ है? यदि हाँ, तो योजना कब तक पूर्ण कर ली जाएगी, यदि नहीं तो कार्य कब से बंद है एवं उसके बंद होने के क्या कारण हैं? पुन: कार्य कब तक प्रारंभ कराया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
चंदौरा जलाशय की मुख्य नहर की मरम्मत कराई जाना
[जल संसाधन]
9. ( क्र. 757 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत चंदौरा जलाशय की मुख्य नहर का निर्माण कब किया गया था एवं प्रश्न दिनांक तक इसके रख रखाव/मरम्मत पर विगत 3 वर्ष में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) क्या यह सही है कि चंदौरा जलाशय की मुख्य नहर क्षतिग्रस्त होने के कारण टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है? ? (ग) क्या उक्त जलाशय का सीपेज रोकने के लिये क्या उपाय किये जा रहे हैं? क्या सीपेज रोकने हेतु इसका सीमेंटीकरण किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चंदोरा जलाशय की मुख्य नहर का निर्माण कार्य वर्ष 1989-90 में किया गया था। नहर रखरखाव/मरम्मत पर विगत 03 वर्षों में व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं अपितु तथ्यात्मक स्थिति यह है कि चंदोरा जलाशय की मुख्य नहर की लाईनिंग कार्य जगह जगह क्षतिग्रस्त होने एवं नहर पर कृषकों के द्वारा स्वयं के मोटर पम्प लगाकर सिंचाई करने से नहर के आखरी छोर में पानी पहुँचाने में कठिनाई आती है। (ग) सीपेज जलाशय से न होकर परियोजना की मुख्य नहर की लाइनिंग एवं माइनरों में होने से लाइनिंग कार्य कराने का प्रस्ताव मुख्य अभियंता बोधी को दिनांक 10.01.2018 को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है, जो परीक्षणाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आवास संघ द्वारा रचना टावर्स में बनाये गये प्रकोष्ठ
[सहकारिता]
10. ( क्र. 853 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रचना टावर्स में माननीय सांसदों, माननीय विधायकों, माननीय पूर्व सांसदों तथा माननीय पूर्व विधायकों को जो प्रकोष्ठ आवंटित किये गये है वह जमीन फ्री होल्ड न होने के कारण होम लोन होने में देरी के कारण आवास संघ द्वारा जो ब्याज की राशि वसूली गई है क्या शासन यह देखते हुए की भुगतान में देरी का कारण हितग्राहियों के नियंत्रण से बाहर था ब्याज की राशि वापस करने पर विचार करेगा? (ख) विषयांकित प्रकोष्ठ खरीदते समय जी.एस.टी के प्रावधान नहीं थे किन्तु बाद में जी.एस.टी लगने के कारण अतिरिक्त बोझ हितग्राही पर पडा है क्या शासन जी.एस.टी की राशि वापस करने पर विचार करेगा? (ग) जिन प्रकोष्ठों की रजिस्ट्री कर ली गयी है उन प्रकोष्ठों में जी.एस.टी की जो राशि आवास संघ को प्राप्त हुई होगी उसे कब तक संबंधित हितग्राही को लौटा दिया जायेगा? (घ) विषयांकित प्रकोष्ठों हेतु किन-किन के द्वारा पंजीयन कराया गया? किन-किन के द्वारा अब तक कितनी-कितनी राशि जमा की गयी है तथा बकाया राशि के संबंध में भी बतायें? ऐसे कितने पंजीकृत लोग हैं जिन्होंने राशि भुगतान न करने के कारण प्रकोष्ठ सरेन्डर कर दिया? क्या शासन इतनी बड़ी संख्या में मकान न लेने या सरेन्डर करने के कारणों की समीक्षा करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) माननीय सांसदों/विधायकों हेतु प्रस्तावित बहुमंजिला आवासीय प्रकोष्ठ परियोजना ''रचना टावर्स'' हेतु भूमि का आवंटन वर्ष 1996 में हुआ था, भूमि आवंटन उपरांत वर्ष 1997 में श्री रविन्द्र बाजपेयी पुत्र श्री भगवती धर बाजपेयी द्वारा याचिका क्रमांक 2853/1997 माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के समक्ष दायर की गई, माननीय न्यायालय से निराकरण वर्ष 2010 में आवास संघ के पक्ष में हुआ। तदुपरांत नवम्बर-2012 में विधानसभा स्तर पर सात सदस्यों की समिति का गठन किया गया एवं मार्च-2013 में रचना टावर्स नियमावली का समिति द्वारा अनुमोदन किया गया, कार्य प्रारंभ करने हेतु विभिन्न स्तरों से अनापत्तियां प्राप्त करने की कार्यवाही मार्च 2014 तक पूर्ण की गई। अप्रैल-2015 में झुग्गी विस्थापन हेतु कार्यवाही शुरू की गई, जून-2015 में झुग्गी विस्थापन कार्य पूर्ण कर भूखण्ड पर बाउण्ड्रीवॉल हेतु निविदा स्वीकृत की गयी। जुलाई-2015 में भवन अनुज्ञा नगर निगम भोपाल में स्वीकृत की गयी, नवम्बर-2016 से निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। रचना टावर्स नियमावली के अनुसार प्रकोष्ठों का निर्माण स्ववित्त योजनांतर्गत किया जा रहा था, जिसमें निर्माण के विभिन्न चरणों के आधार पर किश्तों का निर्धारण किया गया था जिसके अनुसार प्रकोष्ठ में पंजीयन कराने वाले हितग्राही को निर्धारित तिथि तक स्वयं के साधन से किश्त जमा करनी थी तथा किश्त अदायगी में होने वाले विलंब के लिये निर्धारित ब्याज जमा करना था। विधानसभा समिति द्वारा रचना टावर्स नियमावली में जमीन को फ्री-होल्ड कराने के संबंध में कोई शर्त या प्रावधान नहीं था परंतु माननीय हितग्राहियों द्वारा लीज भूमि पर ऋण की पात्रता कम आने के संबंध में विधानसभा आवास समिति द्वारा दिनांक 07.03.2018 को आवास संघ से इस भूमि को फ्री-होल्ड कराने का निर्णय लिया, जिसके आधार पर आवास संघ द्वारा राज्य शासन से दिनांक 18.06.2018 को ही भूमि फ्री-होल्ड करा दी गई थी। अतः यह कहना सही नहीं है कि जमीन फ्री होल्ड न होने के कारण होम लोन में देरी के कारण आवास संघ द्वारा ब्याज की राशि वसूली गई है। वस्तुतः प्रकोष्ठ आवंटित हितग्राही द्वारा नियमावली की कण्डिका 05 के अनुसार ठेकेदार को कार्यादेश जारी होने के दिनांक से 60 दिवस में प्रथम किश्त, 240 दिन में द्वितीय किश्त, 480 दिवस में तृतीय किश्त, 720 में चतुर्थ किश्त तथा अधिपत्य के पूर्व अंतिम किश्त जमा करनी थी। इस प्रकार कार्यादेश दिनांक 14.09.2016 को जारी होने से क्रमशः 14.11.2016 को प्रथम किश्त, 14.05.2017 को द्वितीय, 14.01.2018 को तृतीय एवं 14.09.2018 को चतुर्थ किश्त निर्धारित की गई थी। पंजीयन नियमावली की कण्डिका 02 के अंतर्गत योजना का स्वरूप स्ववित्तीय होकर पंजीयनकर्ता को निर्धारित दिनांक पर अपनी किश्त जमा करनी थी, हितग्राही द्वारा निर्धारित तिथि पर भुगतान में चूक करने की स्थिति में चूक अवधि के लिये 12 प्रतिशत ब्याज निर्धारित किया गया था। इस प्रकार ब्याज की वसूली का संबंध जमीन फ्री-होल्ड कराने से नहीं था। अतः यह कहना सही नहीं है कि भुगतान में देरी का कारण हितग्राहियों के नियंत्रण से बाहर था इसलिये ब्याज की राशि वापिस करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विषयांकित प्रकोष्ठ खरीदी की नियमावली की कण्डिका 19 (1) के अनुसार स्थानीय और केंद्र/राज्य शासन के करों या अन्य करों का भुगतान आवंटी को स्वयं निर्धारित समय पर करना अनिवार्य था क्योकि करों का निर्धारण विक्रय पत्र/लीज डीड संपादित करते समय निर्धारित कर देय होते है, क्योंकि प्रकोष्ठों के विक्रय पत्र 2020-21 में सम्पादित हो रहे है, अतः करों की दर एवं राशि का निर्धारण तत्समय अनुसार किया जा सकता है। प्रकोष्ठों के आरक्षण के समय की कर प्रणाली लागू नहीं होती है इसलिये प्रकोष्ठों के विक्रय पत्र संपादित करते समय लागू कर दरें ही वसूली गई है इसलिये यह कहना सही नहीं है कि जी.एस.टी का अतिरिक्त वित्तीय बोझ हितग्राही पर पड़ा है इसलिये शासन से जी.एस.टी की राशि वापिस करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) आवास संघ द्वारा विभिन्न चरणों में ली गई जी.एस.टी. की राशि नियमानुसार शासन को भुगतान या अन्य समायोजन किया गया है इसलिये जी.एस.टी. की राशि संबंधित को वापसी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विषयांकित प्रकोष्ठों हेतु पंजीयन कराने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, हितग्राहियों द्वारा जमा राशि और बकाया राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। हितग्राहियों द्वारा व्यक्तिगत कारणों से अपना आवंटन निरस्त करा कर जमा राशि वापिस प्राप्त की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वस्तुतः राशि भुगतान न कर सकने के कारण प्रकोष्ठ सरेंडर नहीं किये गये है अपितु निजी कारण से जमा राशि वापिस प्राप्त कर आवंटन निरस्त कराया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भू-माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही
[राजस्व]
11. ( क्र. 855 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड में भू-माफियाओं के खिलाफ बीते दो वर्षों तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या उच्च न्यायालय के द्वारा शासकीय भूमि को 15 दिवस के अंतर्गत अतिक्रमण हटाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो उच्च न्यायालय के पालन में किन-किन भू-माफियाओं पर कार्यवाही की गई? नामवार सहित बताएं? (ख) किन-किन स्थानों पर शासकीय भूमि को माफियाओं से खाली कराया गया? क्या भिण्ड में अन्य भी जगहों पर कोई भू-माफिया द्वारा अतिक्रमण है यदि है तो अब तक उन पर क्या कोई कार्यवाही की गई? विवरण देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भिण्ड नगर में भू-माफियाओं के खिलाफ की गई कार्यवाही की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में भू-माफियाओं पर की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है इसके अतिरिक्त भी अन्य शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर रिपोर्ट/शिकायत प्राप्त होने पर अतिक्रमण को म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 248 के अनुसरण में कार्यवाही करते हुए हटाने की कार्यवाही की जाती है।
वाहन सुविधाओं की जानकारी
[राजस्व]
12. ( क्र. 878 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर चार पहिया शासकीय वाहन उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से अधिकारी के पास उपलब्ध हैं और कौन-कौन से अधिकारियों पर वाहन उपलब्ध नहीं है तथा उनको कब तक वाहन उपलब्ध करा दिये जावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विदिशा जिले के अनुविभागीय अधिकारियों पर भ्रमण हेतु वाहन उपलब्ध नहीं है? यदि हाँ, तो अधिकारियों द्वारा किस वाहन से क्षेत्र में भ्रमण किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आवश्यकता के आधार पर एवं कार्य क्षेत्र को ध्यान में रखते हुये वाहन उपलब्ध कराया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में अनुभाग के अंतर्गत अधीनस्थ अधिकारियों के पास उपलब्ध वाहनों का पूल वाहन के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
खैरा-श्यामपुरा खदान पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
13. ( क्र. 966 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की खैरा-श्यामपुरा खदान पर कार्यवाही के दौरान मशीन/पनडुब्बी जप्त की गई? उक्त जप्तशुदा मशीन/पनडुब्बी पर क्या-क्या कार्यवाही किन-किन धाराओं के अंतर्गत की गई? (ख) उक्त खदान पर अवैध उत्खनन करने में लिप्त किन-किन लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए? विगत दो माह में हुई कार्यवाही की जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। दिनांक 21/01/2021 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), भिण्ड, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), भिण्ड, खनिज अधिकारी एवं खनि निरीक्षक, भिण्ड द्वारा मय दल-बल के रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन की जाँच के दौरान भिण्ड जिले के मौजा खैरा-श्यामपुरा में नदी के किनारे कार्यवाही के दौरान एक पोकलेन मशीन सीरियल नंबर S200-22621 जब्त की गई। उक्त जब्तशुदा मशीन द्वारा रेत का अवैध उत्खनन होना पाये जाने से मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 20 (1) के तहत जुर्माना प्रस्तावित किया गया है एवं इसके संबंध में मशीन मालिक को न्यायालय कलेक्टर के समक्ष में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) उक्त मौका स्थल पर मशीन द्वारा अवैध उत्खनन पाये जाने से मशीन मालिक श्री केशव सिंह मावई निवासी-गजराज बिहार कॉलोनी, भिण्ड रोड, ग्वालियर, मध्यप्रदेश के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया। विगत दो माह में कार्यवाही के दौरान अवैध उत्खनन में 01 तथा अवैध परिवहन में 25 प्रकरण तैयार किये गये।
किसानों को समय पर खाद्य एवं बीज की उपलब्धता
[सहकारिता]
14. ( क्र. 969 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में किसानों को समय पर खाद्य एवं बीज उपलब्ध कराने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 305 दिनांक 24.10.2020 पत्र क्र. 321 दिनांक 06.11.2020 पत्र क्र. 383 दिनांक 18.12.2020 एवं पत्र क्र. 384 दिनांक 18.12.2020 द्वारा सहायक आयुक्त (अंकेक्षण) सहकारिता जिला रीवा को रीवा जिले की समस्त समितियों के समिति प्रबंधकों, उप समिति प्रबंधकों, सहाकरी बैंक के शाखा प्रबंधकों एवं विक्रेताओं के ऊपर कितनी राशि की बकाया है की जानकारी चाही गई थी? (ख) उक्त जानकारी विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को आज दिनांक तक प्रदाय नहीं की गई है? (ग) क्या सरकार विभाग के मनमानी/विधि विरूद्ध कार्य कर रहे तत्कालीन सहायक आयुक्त (अंकेक्षण) सहकारिता जिला रीवा के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर प्रश्नकर्ता सदस्य को जानकारी प्रदाय कराना सुनिश्चित करेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा के पत्र क्रमांक 2251 दिनांक 04-01-2021 एवं बैंक के पत्र क्रमांक 2537 दिनांक 06-02-2021 से जानकारी माननीय सदस्य को प्रेषित की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
सेवा सहकारी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों पर बकाया सिल्क/राशि
[सहकारिता]
15. ( क्र. 975 ) श्री संजीव सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की कितनी सेवा सहकारी संस्थाओं के समिति प्रबंधक/सहा. समिति प्रबंधक/विक्रेताओं पर कितनी सिल्क/राशि बकाया है? (ख) क्या बकायादार कर्मचारी वर्तमान में किसी संस्था पर कार्यरत है यदि हाँ, तो क्या बकायादार कर्मचारी संस्था पर कार्य कर सकते हैं? यदि नहीं तो इनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या उक्त बकायादार कर्मचारियों से सिल्क/राशि वसूल की गई? यदि हाँ, तो कितनी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 127 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के समिति प्रबंधक/सहायक समिति प्रबंधक/विक्रेताओं पर राशि रूपये 741.05 लाख बकाया है। (ख) जी हाँ, जब तक कर्मचारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सेवा पृथक नहीं किया जाता तब तक कार्य कर सकता है। बकायादार कर्मचारियों पर समस्त आवश्यक वैधानिक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित राशि में से राशि रूपये 4.18 लाख की वसूली की गई है।
भिण्ड में सैनिक स्कूल खोला जाना
[राजस्व]
16. ( क्र. 977 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला भिण्ड में सैनिक स्कूल खोला जाना प्रस्तावित है? (ख) पूर्व में सैनिक स्कूल हेतु ग्राम डिड़ी में 22 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या ग्राम डिड़ी के स्थान पर सैनिक स्कूल को औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में खोला जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो क्या औद्योगिक क्षेत्र में जहां पर प्रदूषण का स्तर अन्य जगह से ज्यादा रहता है ऐसे में वहां पर सैनिक स्कूल खोला जाना उचित होगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या प्रदूषण विभाग से प्रदूषण के स्तर की जाँच की रिपोर्ट मांगी गई है? यदि हाँ, तो क्या वहां सैनिक स्कूल खोलना उचित है अथवा नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। पूर्व में सैनिक स्कूल खोलने हेतु ग्राम डिड़ी में 22 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई थी। जी हाँ। ग्राम डिड़ी के स्थान पर सैनिक स्कूल औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में खोला जाना प्रस्तावित है। जिला कलेक्टर द्वारा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार प्रस्तावित स्थल पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) संतोषजनक श्रेणी में पाया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रस्तावित स्थल पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) संतोषजनक पाया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी संस्था मर्या. टेहनगुर में विक्रेता की नियुक्ति
[सहकारिता]
17. ( क्र. 978 ) श्री संजीव सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राथमिक कृषि शाखा सहकारी संस्था मर्या. टेहनगुर पर दिनांक 14.06.2016 को किसी विक्रेता की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत नियुक्ति की गई? नियुक्ति के क्या प्रावधान हैं? (ख) क्या विक्रेता पद पर नियुक्त किये गये व्यक्ति द्वारा संस्था में किसी उचित मूल्य की दुकान पर कार्य किया गया है यदि हाँ, तो विवरण प्रस्तुत करें? (ग) क्या नियुक्त व्यक्ति की 5 वर्ष उपरान्त सुरक्षा अमानत दिनांक 28.01.2021 को शाखा भिण्ड में प्रातः एवं रात्रि कालीन में जमा की गई है? यदि हाँ, तो किसके आदेश से?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, संस्था का मूल अभिलेख पूर्व समिति प्रबंधक द्वारा नहीं दिये जाने से नियुक्त विक्रेता से प्राप्त जानकारी के आधार पर। पैक्स कर्मचारी सेवानियम के प्रावधान के अंतर्गत नियुक्ति नहीं की गई। पैक्स समितियों में नियुक्ति जिले के उप/सहायक आयुक्त सहकारिता की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति द्वारा किये जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (क) के अंतर्गत नियुक्त विक्रेता द्वारा स्वयं जमा की गई, किसी के आदेश से नहीं।
घाटाखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना की स्वीकृती
[जल संसाधन]
18. ( क्र. 1169 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 233 दिनांक 21/09/2020 में आश्वासन दिया गया था कि घाटाखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना, तहसील खिलचीपुर, जिला राजगढ़ का परीक्षण उपरांत गुण-दोष तथा बजट की उपलब्धता के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में निर्णय किया जायेगा। (ख) क्या वर्तमान में इस योजना पर परीक्षण उपरांत निर्णय किया गया है? (ग) बजट वर्ष 2021-22 में इस योजना हेतु कितने बजट का प्रावधान किया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ। राजगढ़ जिला अंतर्गत तह. खिलचीपुर की चिन्हित घाटाखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना के सर्वेक्षण कार्य की स्वीकृति दिनांक 09.09.2019 को प्रदान की गई थी। मुख्य अभियंता, चंबल बेतवा कछार द्वारा अवगत कराया गया कि सर्वेक्षण उपरांत चिन्हित घाटाखेड़ी मध्यम परियोजना में प्रस्तावित कमांड क्षेत्र को कुण्डालिया वृहद सिंचाई परियोजना में शामिल करने के कारण कोई कमांड शेष नहीं बचा है। उक्त पृष्ठभूमि में परियोजना की स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
नामांतरण एवं मुआवजे की राशि में अनियमितता
[राजस्व]
19. ( क्र. 1225 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के मझगवां अनुभाग के मौजा पोखरवार की आराजी नं. 47/3/2 एवं मौजा नयागांव की आराजी नं. 898/ब/3 स्व. दयाराम दास के नाम दर्ज थी उसे विशाल दास के नाम दर्ज किए जाने हेतु आदेश दिया गया। यदि हाँ, तो किस आधार पर समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरण में कितने दावें/आपत्तियां प्राप्त हुई एवं प्राप्त आपत्तियों पर क्या-क्या कार्यवाही/जांच की गई? दस्तावेज भी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन द्वारा उक्त आराजियों के अंशभाग का भू-अर्जन किया गया एवं प्रकरण के फैसले के तुरंत बाद आनन-फानन में मुआवजा दिया गया जबकि आपत्तिकर्ता के पास सक्षम न्यायालय में अपील करने का समय था? क्या यह न्यायिक प्रक्रिया की अवहेलना नहीं है? यदि हाँ, तो प्रकरण में कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि कार्यवाही की जायेगी तो कब तक? (घ) क्या उपरोक्त प्रकरण में भू-माफियाओं द्वारा की गई जालसाजी के विरूद्ध उच्च स्तरीय जाँच समिति का गठन कर मामले की संजीदगी व जाँच की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मौजा नयागांव की आराजी सुसंगत दस्तावेज की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तत्समय आपत्ति प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) मौजा नयागांव की आराजी नं 898/ब/3 का भू-अर्जन शासकीय प्रयोजन के लिये भू-अर्जन अधिनियम 2013 में निहित प्रावधानों की परिधि में किया गया है। इस प्रक्रिया में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं होने से शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) उपरोक्त प्रकरण में किसी भूमाफिया द्वारा जालसाजी करना प्रकाश में नहीं आया। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता
भू-खण्ड आवंटन के दोषियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
20. ( क्र. 1263 ) श्री राकेश मावई : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अल्प आय वर्ग सहकारी गृह निर्माण संस्था समिति रीवा के अध्यक्ष प्रबंधक के द्वारा भूखण्ड आवंटन सूची के क्रमांक 01 से 16 तक में किस-किस सदस्य को कितने गुणे कितने का भूखण्ड आवंटित किया गया है? सदस्य का नाम उसके पिता/पति का नाम सदस्यता देने का दिनांक, सदस्यता दिनांक को क्या उम्र, थी व्यवसाय, स्थायी पता अंकित कर आधार कार्ड की प्रति के साथ सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संस्था के आदर्श उप विधि के क्रमांक 5 अ के बिन्दु 9, 10, 11, 12 एवं ब बिन्दु 1,2,3,4 उप विधि के क्रमांक 7 (4) उप विधि क्रमांक 8 (1), उप विधि क्रमांक 43 (1) उप विधि क्रमांक 43 (2) का पालन प्रश्नांश (क) के भूखण्ड आवंटन एवं सदस्यता देने में किया गया है? यदि हाँ, तो सहपत्रों के साथ विवरण सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के उप विधि का वर्णन उल्लेख करते हुये यह बतायें कि उप विधि क्रमांक 8 में सदस्यता देने के पूर्व शपथ पत्र लिया गया है? यदि हाँ, तो शपथ पत्र की प्रति देवें? साथ ही यह बतायें कि यदि नियम विरूद्ध सदस्यता एवं भूखण्ड आवंटन किया गया है तो सदस्यता समाप्त करते हुये भूखण्ड सोसायटी के पक्ष में वापस लेते हुये अपराधिक प्रकरण संचालक मण्डल/सदस्यों के ऊपर दर्ज करा देगें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) यदि हाँ, तो क्या यह माना जावेगा कि अध्यक्ष, प्रबंधक, शासन/विभाग को भ्रम में रखकर व्यापक स्तर पर आर्थिक, वित्तीय अनियमितता करते हुये अपने सगे संबंधियों को बेश कीमती भूखण्ड सस्ते दर पर उपलब्ध कराते हुये आर्थिक क्षति पहुँचाई गयी है? जो आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है? क्या अध्यक्ष प्रबंधक के विरूद्ध धोखाधड़ी का अपराधिक प्रकरण संबंधित पुलिस थाना में दर्ज करा देगें? यदि हाँ, तो कब तक?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) अल्प आय वर्ग सहकारी गृह निर्माण संस्था रीवा के संचालक मण्डल द्वारा भूखण्ड आवंटन सूची के क्रमांक 01 से 16 तक के सदस्य का नाम, पिता/पति का नाम, सदस्य का पता, सदस्यता देने हेतु दिये गये आवेदन में दर्ज उम्र, सदस्यता क्रमांक, सदस्यता देने का दिनांक तथा आवंटित भूखण्ड के साईज की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सदस्यता आवेदन में सदस्य द्वारा व्यवसाय की जानकारी नहीं दी गई थी एवं संस्था में सदस्यों से आधार कार्ड लेने का कोई प्रावधान न होने से आधार कार्ड नहीं लिये गये है, अत: आधार कार्ड देना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) की संस्था की आदर्श उपविधि क्रमांक 05 में 5 (अ) प्रावधान ही नहीं है। यदि उपविधि क्रमांक 5 में प्रथम भाग को 5 (अ) माना जाये तो उसमें बिन्दु 09, 10, 11, 12 भी नहीं है। इसी प्रकार उपविधि 5 (ब) में भी बिन्दु 2, 3, 4 नहीं है, जहां तक उपविधि क्रमांक 5 (बी) (1) का प्रश्न है सदस्य बनने की निर्हरता है। इस संबंध में सदस्य बनाते समय लिये गये घोषणा पत्र राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के पास जप्त है, अत: उनके अभाव में स्पष्ट उत्तर देना संभव नहीं है। वहीं उपविधि क्रमांक 7 (4) एवं 8 (1) से संबंधित अभिलेख भी राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के पास जप्त होने से उत्तर देना संभव नहीं है। जहां तक उपविधि क्रमांक 43 (1) व 43 (2) का संदर्भ है, प्रश्नांश के 16 सदस्यों पर लागू नहीं होता है, क्योंकि इन सदस्यों को संस्था द्वारा सीधे भूखण्ड आवंटित कर विक्रय पत्र सम्पादित किये गये है तथा इनके द्वारा भूखण्ड का अन्य सदस्यों को हस्तांतरण नहीं किया गया है तथा इन सदस्यों द्वारा उनके भूखण्डों पर अपने भवन निर्मित किये गये है क्योंकि संबंधित अभिलेख राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में जप्त है अत: इनके शपथ पत्र देना, भूखण्ड आवंटन वापस लेना या अन्य कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सदस्यता देने हेतु उपविधि में निर्धारित शपथ पत्र/घोषणा पत्र आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जप्त किये गये है इसलिये रिकॉर्ड के अभाव में इस संबध में कोई जवाब देना संभव नहीं है। जाँच हेतु दिये गये आदेश के आधार पर जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर इस संबध में निर्णय लिया जा सकेगा। (घ) सदस्यों को भूखण्ड आवंटन से प्राप्त आय, किये गये व्ययों की जाँच के आदेश दिये गये है। अत: जाँच उपरांत पाये गये निष्कर्षों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संबल योजना के पात्र हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया जाना
[श्रम]
21. ( क्र. 1358 ) श्री
कुँवरजी
कोठार : क्या
खनिज साधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मुख्यमंत्री
जन कल्याण (संबल)
योजना वर्ष 2019-20 में
लागू थी?
यदि
हाँ, तो 01 मार्च 2019 से
प्रश्न
दिनांक तक
पात्र
हितग्राही की
सामान्य
मृत्यु होने
पर सारंगपुर
विधानसभा क्षेत्र
अंतर्गत
नगरीय एवं
ग्रामीण
क्षेत्र के
कितने
हितग्राहियों
को अनुग्रह
राशि स्वीकृत
की गई है?
(ख)
प्रश्नांश (क) में
दर्शित
स्वीकृत
पात्र
हितग्राहियों
में से कितने
हितग्राहियों
की राशि
वितरित कर दी
गई है एवं
कितने
हितग्राहियों
को राशि वितरित
करना शेष है? (ग) प्रश्नांश (ख) में
दर्शित शेष
पात्र
हितग्राहियों
को उनकी
स्वीकृत राशि
कब तक उनके
खातों में जमा
कराकर भुगतान
किया जावेगा?
खनिज
साधन मंत्री (
श्री
बृजेन्द्र
प्रताप सिंह ) : (क) जी
हाँ। 01
मार्च 2019 से
प्रश्न
दिनांक तक
पात्र
हितग्राहियों
की सामान्य
मृत्यु होने
पर सारंगपुर
विधानसभा
क्षेत्र अन्तर्गत
नगरीय एवं
ग्रामीण
क्षेत्र में 269
हितग्राहियों
को 5 करोड़
38 लाख
अनुग्रह राशि
स्वीकृत की
गई। (ख) प्रश्नांश (क) में
दर्शित स्वीकृत
पात्र
हितग्राहियों
में से 184
हितग्राहियों
को 3 करोड़
68 लाख की
राशि वितरित
कर दी गई है
एवं 85
हितग्राहियों
को राशि रूपये
1 करोड़ 70 लाख
वितरित करना
शेष है। (ग)
पर्याप्त
बजट प्राप्ति
पर स्वीकृत
शेष पात्र
प्रकरणों में
भुगतान संबंधी
आगामी
कार्यवाही की
जावेगी।
उपार्जन केन्द्रों द्वारा गेहूँ खरीदी में लापरवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 1363 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत रबी विपणन वर्ष 2020 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपर्जन केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी किया गया था? यदि हाँ, तो उर्पाजन केन्द्रवार खरीदे गये गेहूँ की मात्रा एवं भुगतान की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपार्जन केन्द्रों पर आकस्मिक वर्षा परिवहन की लापरवाही के कारण गेहूँ खराब होने का प्रस्ताव जिला उपार्जन केन्द्र पर भेजा गया? केन्द्रवार गेहूँ की मात्रा एवं राशि की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उपार्जन केन्द्रों द्वारा जिला उपार्जन केन्द्र को भेजे गये प्रस्ताव में से कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ खराब होने का प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा दिया गया? केन्द्रवार गेहूँ की मात्रा, अधिकारी के नाम एवं दिनांक की जानकारी देवें? (घ) क्या पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ से खराब गेहूँ का विनिष्टीकरण प्रमाणीकरण कराया गया है जो एफ.सी.आई.की गाईड लाइन के अनुसार है? यदि नहीं तो नियम विरुद्ध अनुभवहीन विषय विशेषज्ञ के बगैर खराब गेहूँ घोषित कराये जाने से शासन को जो लाखों रुपये की हानि हुई है उसका जिम्मेदार कौन है? क्या नियम विरुद्ध करवाये गये कार्य की जाँच करायी जाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जिला राजगढ़ में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपर्जन केन्द्रवार उपार्जित गेहूं की मात्रा एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) रबी विपणन वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के संक्रमण के कारण समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन का कार्य माह मार्च के स्थान पर अप्रैल से प्रारम्भ किया जा सका। समस्त पंजीकृत किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय का अवसर प्रदान करने हेतु उपार्जन एवं परिवहन का कार्य माह जून, 2020 में भी जारी रहा। माह मई के अंतिम सप्ताह में 'निसर्ग' चक्रवात के कारण पूरे प्रदेश में भारी बारिश हुई। साथ ही, मानसून समय से पूर्व आने के कारण के कारण राजगढ़ जिले के 52 खरीदी केन्द्रों पर 1,711.10 मे.टन गेहूं वर्षा से प्रभावित होने का प्रमाणीकरण उपायुक्त, सहकारिता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, राजगढ़ द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जिसकी कुल राशि रू. 329.39 लाख होती है। उपार्जन केन्द्रवार खराब हुए गेहूं की मात्रा एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जिला उपार्जन समिति के समक्ष 1,711.10 मे.टन गेहूं वर्षा से प्रभावित में से 1,301.31 मे.टन गेहूं पूर्णत: खराब हुआ है। उपार्जन केन्द्रवार खराब हुए गेहूं की मात्रा, प्रमाणीकरण करने वाले अधिकारी का नाम एवं प्रमाणीकरण की दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ। राजगढ़ जिले में खराब हुए गेहूं के विनिष्टिकरण का कार्य जिला प्रशासन के निर्देशन में पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी/चिकित्सकों के प्रमाणीकरण उपरांत कराया गया। विनिष्टिकरण का कार्य नियम एवं निर्देशों के अनुरूप कराए जाने के कारण जाँच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग हेतु भूमि अधिग्रहण तथा मुआवजा वितरण
[राजस्व]
23. ( क्र. 1365 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्र 03 (वर्तमान-52) के चौड़ीकरण उन्नयन में ब्यावरा से देवास के मध्य ग्राम बिलापुरा (पचोर) की भूमि अर्जन हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं सक्षम प्राधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग क्र 03 सारंगपुर द्वारा कब-कब 3डी अधिसूचना का प्रकाशन भारत सरकार के राजपत्र में करवाया गया? (ख) उपर्युक्त 3डी अधिसूचना ग्राम बिलापुरा (पचोर) में उल्लेखित किन-किन सर्वे नं. का अब तक अधिग्रहण नहीं किया गया है? (ग) ग्राम बिलापुर (पचोर) में राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण उन्नयनीकरण में राजमार्ग से प्रभावित हुवे बगैर किन-किन सर्वे नं. का अधिग्रहण किया जाकर उनको मुआवजा दिया गया है? (घ) राष्ट्रीय राजमार्ग क्र 03 के चौड़ीकरण उन्नयनीकरण में उक्त क्षेत्र बिलापुरा (पचोर) में किन-किन सर्वे नं. पर अवैध कब्जा कर के राजमार्ग का निर्माण कर दिया गया है, जबकि उनका 3डी प्रकाशन नहीं हुआ है और ना ही उनको मुआवजा दिया गया है? (ड.) क्या यह सही है कि उक्त भूमि ग्राम बिलापुर (पचोर) क्षेत्र में राजमार्ग हेतु भूमि अधिग्रहण तथा मुआवजा वितरण के बाद भी नक्शे में राजमार्ग का सीमांकन (तरमीन) नहीं किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 03 (वर्तमान-52) के चौड़ीकरण उन्नयन में ब्यावरा से देवास के मध्य ग्राम बीलापुरा (पचोर) की भूमि अर्जन हेतु परियोजना निर्देशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण गुना/इंदौर के प्रस्ताव अनुसार धारा-3डी अधिसूचना का प्रकाशन भारत सरकार के राजपत्र में दिनांक 09 जुलाई 2012, दिनांक 14 जनवरी 2013, दिनांक 22 मार्च 2016 एवं दिनांक 28 दिसम्बर 2018 को करवाया गया है। (ख) उपर्युक्त धारा-3डी ग्राम बीलापुरा (पचोर) के अधिसूचना में प्रकाशित सभी सर्वे नम्बरों का अधिग्रहण किया जा चुका है। (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 03 (वर्तमान-52) के चौड़ीकरण उन्नयन में ब्यावरा से देवास के मध्य ग्राम बीलापुरा (पचोर) की भूमि का राजमार्ग से प्रभावित हुवे बगैर कोई भी सर्वे नबंर का मुआवजा नहीं दिया गया है और न ही ऐसा कोई प्रकरण अब तक संज्ञान में आया है। (घ) अवैध कब्जा करके राजमार्ग निर्माण संबंधी कोई प्रकरण संज्ञान में अब तक नहीं आया है। (ड.) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-52 के चौड़ीकरण उन्नयनीकरण (चार लेन) के लिए भू-अर्जन हेतु ग्राम बीलापुरा में भूमि अधिग्रहण तथा मुआवजा वितरण पश्चात राजस्व खसरे में प्रविष्टि की जा चुकी है।
शासकीय भूमियों का निजी स्वामित्व में बदल कर प्लाटिंग होना
[राजस्व]
24. ( क्र. 1378 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की तहसील मझगवां के ग्राम नयागांव पटवारी हल्का नया गांव सर्किल चित्रकूट स्थित आराजी नं. 516 एवं 518 में क्या वर्ष 1958-59 की जमाबंदी खतौनी में चरनाई की भूमि दर्ज था? प्रश्नतिथि तक उक्त भूमि खसरे में किसके नाम पर दर्ज है? उक्त भूमि पर कौन कितने एकड़ में प्लाटिंग कर रहा है? किस नियम के तहत उक्त शासकीय भूमि किस नाम/पदनाम के आदेश से निजी भूमि में कब परिवर्तित हुई? (ख) क्या ग्राम रजौला की आराजी 274 एवं 282 वर्ष 1958-59 की खतौनी में शासकीय थी? क्या उक्त भूमि प्रश्नतिथि तक निजी भूमि में परिवर्तित हो गई है? कैसे किस नाम/पदनाम के आदेशों से एवं कब? क्या पटवारी हल्का कामता सर्किल चित्रकूट तहसील मझगवां की उक्त आराजी पर प्रश्नतिथि तक प्लाटिंग का कार्य चल रहा है? कौन करवा रहा है? कितने एकड़ में? बिन्दुवार दें। (ग) चित्रकूट में नगर पंचायत जिला सतना में शासन एवं सार्वजनिक निस्तार के लिये वर्ष 1958-59 में कितने हेक्टेयर भूमि शासकीय दस्तावेजों में दर्ज थी? कुल रकबा अलग स्पष्ट रूप से दें। प्रश्नतिथि तक कितनी भूमि शासकीय (शासन की) एवं सार्वजनिक निस्तार की शेष (बची) दस्तावेजों में दर्ज है? खसरा क्रमांकों एवं कुल रकबा अलग-अलग दें। (घ) तहसील मझगवां की शासकीय भूमियां जो दस्तावेजों में कूट रचना कर निजी स्वामित्व में दर्ज हो गई है, उन्हें कब तक जिला प्रशासन/राज्य शासन पुन: शासकीय घोषित कर दस्तावेजों में दर्ज करेगा? समय-सीमा दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। भूमि स्वामी भैरव प्रसाद वल्द मथुरा प्रसाद कौम अग्रवाल सा. देह के नाम दर्ज थी। उक्त भूमि पर कोई प्लाटिंग का कार्य नहीं कर रहा है। उक्त भूमि वर्ष 1958-59 से ही भूमि स्वामी के नाम दर्ज रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नतिथि तक उक्त भूमि खसरे में दर्ज भूमि स्वामी के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जी नही। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नगर पंचायत चित्रकूट जिला सतना में शासन एवं सार्वजनिक निस्तार के लिए वर्ष 1958-59 में 4453 बीघा 12 बीघा अर्थात 10908.95 एकड़ भूमि शासकीय दर्ज थी। प्रश्नतिथि तक 5343.821 हे. भूमि शासकीय एवं सार्वजनिक निस्तार की शेष बची है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 अनुसार है। (घ) तहसील मझगवां की शासकीय भूमियाँ जो दस्तावेजों में कूट रचना कर निजी स्वामित्व में दर्ज हो गई है का मामला संज्ञान में नहीं आया है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बालाघाट जिले में धान खरीदी केन्द्र प्रारंभ किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( क्र. 1406 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के पास बालाघाट जिले में रबी के सीजन में सर्वाधिक धान उत्पादन की जानकारी है? यदि नहीं तो शासन क्या इस संबंध में संज्ञान लेगा? (ख) क्या विषयांकित जिले में रबी के सीजन में धान का प्रति एकड़ उत्पादन खरीफ की तुलना में ज्यादा होता है, फिर भी शासन की जानकारी में नहीं होने के कारण शासन यहाँ धान की खरीदी नहीं करता है जिससे कृषकों को अपनी धान औने-पौने दामों पर बेचने हेतु मजबूर होना पड़ता है, जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र रबी में उत्पादित धान की शासकीय खरीदी करता हैं? (ग) क्या आगामी समय में यह देखते हुए कि बालाघाट जिले में रबी के सीजन में धान ही उपयुक्त फसल है इसकी वैधता पर विचार करते हुए खरीदी केन्द्र स्थापित करेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) बालाघाट जिले में खरीफ सीजन में लगभग 2.65 से 2.70 लाख हेक्टेयर में धान की फसल बोई जाती है जबकि रबी सीजन में लगभग 25 हजार हेक्टेयर में धान की फसल बोई जाती है। इस प्रकार, बालाघाट जिले में खरीफ सीजन में ही मुख्य रूप से धान की बुवाई की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) खरीफ सीजन में बोई गई फसल की उत्पादकता 18 क्विंटल प्रति एकड़ एवं रबी सीजन में 25 से 30 क्विंटल प्रति एकड़ धान का उत्पादन किया जाता है। रबी सीजन में धान का बोया गया रकबा सीमित होने एवं परम्परागत रूप से प्रदेश में खरीफ सीजन में बोई गई धान का ही उपार्जन प्रदेश में किया जाता है। (ग) प्रदेश में खरीफ सीजन में ही उत्पादित धान का उपार्जन किए जाने के कारण रबी में उत्पादित धान का उपार्जन किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है।
पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामों में लिफ्ट एरिगेशन योजना
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 1423 ) श्री राम दांगोरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत घाटाखेड़ी क्षेत्र से लगे हुए अनुसूचित जन जाति, के लगभग 18 ग्रामों की कृषि भूमि सिंचित नहीं हो पा रही है जिससे इन ग्रामों के किसानों को सूखी खेती एवं बारिश पर ही निर्भर होना पड़ता है। जिससे यह किसान आर्थिक रूप से काफी पिछड़ गए हैं। (ख) यदि हाँ, तो क्या इन ग्रामों के किसानों की असिंचित भूमि के लिए भगवंत सागर जलाशय से लिफ्ट एरिगेशन योजना स्वीकृत की जाएगी या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत होकर प्रारंभ की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, यह सही है कि प्रश्नाधीन क्षेत्र में जल संसाधन विभाग की वर्तमान में कोई परियोजना निर्मित/निर्माणाधीन नहीं होना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। भगवंत सागर जलाशय से लिफ्ट इरिगेशन की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
संबल योजना के लाभ वरिष्ठता के आधार पर प्रदान किया जाना
[श्रम]
27. ( क्र. 1444 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सिवनी, मण्डला एवं डिण्डौरी जिलों में तथा इन जिलों के सभी जनपद पंचायतों में संबल योजना का लाभ बजट अभाव में प्रदान नहीं किया जा रहा है? सन् 2018 से 2020 तक के आवेदकों को संबल योजना का लाभ प्राप्त नहीं हुआ, बजट का आवंटन कब तक किया जायेगा? (ख) वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 के आवेदकों को संबल योजना का लाभ वरियता के आधार पर 2018 से 2020 तक के आवेदकों को कब तक प्रदान किया जायेगा तथा इस संबंध में जनपद पंचायत द्वारा बजट हेतु अनुरोध करने पर कब तक बजट का आवंटन किया जायेगा? (ग) संबल योजना के सिवनी, मण्डला एवं डिण्डौरी के जनपदों में वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 में कितने आवेदन प्राप्त हुए, उन आवेदनों तथा उनके बजट पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई तथा आवेदकों को लाभ प्राप्त हो सके, उनके अभ्यावेदनों को दृष्टिगत रखते हुए 2018 से 2020 तक का बजट प्रदान किया जायेगा ताकि संबल योजना का लाभ सभी आवेदकों को प्राप्त हो सके? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सिवनी, मण्डला एवं डिडोरी जिलों में तथा इन जिलों की सभी जनपद पंचायतों में संबल योजना का लाभ सतत रूप से प्रदान किया जा रहा है। योजना प्रारंभ से 05 दिसम्बर 2019 तक विहित प्राधिकारियों द्वारा स्वीकृत आवेदनों के आधार पर योजना अन्तर्गत बजट आवंटन किया जाता था, 06 दिसम्बर 2019 से विहित प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत पात्र प्ररकणों में सीधे हितग्राही के खाते में डीबीटी प्रणाली के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है। 05 दिसम्बर 2019 तक सिवनी, मण्डला एवं डिडोरी जिलों को दिये गये बजट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 27 अक्टूबर 2020 तक के स्वीकृत पात्र प्रकरणों में हितग्राही को हितलाभ भुगतान सिंगल क्लिक द्वारा किया जा चुका है। उक्त अवधि के पश्चात के स्वीकृत पात्र प्रकरणों में पर्याप्त बजट उपलब्ध होने पर आगामी सिंगल क्लिक में भुगतान किया जायेगा। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार (ग) संबल योजना के सिवनी, मण्डला एवं डिडोरी के जनपदों में वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 में प्राप्त आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्या. सिंगरौली में बनाया जाना
[सहकारिता]
28. ( क्र. 1461 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्या. सीधी में है? क्या सिंगरौली जिला बन जाने से सीधी से सिंगरौली के पृथक जिला सहकारी बैंक की मांग कई वर्षों से की जा रही है? (ख) क्या जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्या. सीधी से जिला सिंगरौली अंतर्गत बैंकों के पृथक कर जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्या. सिंगरौली कब तक बनाया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) नाबार्ड द्वारा निर्धारित मापदण्ड अंतर्गत प्रस्ताव प्राप्त न होने से मापदण्ड अंतर्गत प्रस्ताव भेजने हेतु निर्देश दिये गये हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
शासकीय
भूमि पर लंबे
समय के
काबिजदारों
को पट्टा
प्रदाय
[राजस्व]
29. ( क्र. 1464 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शास. राजस्व मंत्री महोदय द्वारा भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 162 का संशोधन किया गया है, कि लंबे समय अर्थात् 15-20 वर्ष से काबिज अतिक्रामकों को पट्टा दिये जाने हेतु संशोधन किया गया था? यदि हाँ, तो कब तक पट्टा दिये जाने हेतु आदेश जारी होंगे? क्या बाजार प्रीमियम दर तय किया गया? (ख) क्या शासकीय भूमि पर गरीब आबादी के रूप में बसे हुए है, उन्हें अभी भी आबादी का पट्टा नहीं मिल पा रहा है, पुन: पट्टा हेतु आदेश जारी किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 (संशोधित) धारा 162 को विलोपित किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) जी नहीं। ग्रामीण क्षेत्र में आबादी भूमि में बसे संपत्तिकर्ता को पात्रता अनुसार भूमिस्वामी अधिकार में मालिकाना हक आबादी सर्वे कर दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राशन कार्डों में प्रदाय खाद्यान्न
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
30. ( क्र. 1467 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में गरीबी रेखा/अति गरीबी रेखा एवं सामान्य राशन कार्डों में प्रति कार्ड कितने-कितने किलों का कौन-कौन सा खाद्यान्न मिट्टी तेल अथवा वस्तु दी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के जिले अंतर्गत संचालित उचित मूल्य की दुकानों/स्व-सहायता समूहों के द्वारा संचालित दुकानों में क्या राशन कार्ड पर खाद्यान्न नहीं दिया जाता, यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं तो वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन जनपदों में किन-किन दुकानों से कितने कार्डधारियों को कौन-कौन सा खाद्यान्न मिट्टी तेल अथवा वस्तु उपलब्ध कराई गई है? दुकानवार जानकारी देवें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) (ख) हाँ तो यह बतायें कि यदि राशन कार्ड में खाद्यान्न नहीं दिया जाता तो राशन कार्ड बनाने का औचित्य क्या है तथा उपभोक्ताओं को किस नियम से कब कितना खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है? वर्षवार माहवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के खाद्यान्न न देने में कौन-कौन दोषी है? दोषी पर कब क्या कार्यवाही करेगें तथा खाद्यान्न पाने से वंचित परिवार को कब तक खा़द्यान उपलब्ध करा देंगे? यदि नहीं तो क्यों कारण बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहायता राशि का भुगतान
[श्रम]
31. ( क्र. 1468 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी एवं रीवा जिले की जनपद पंचायतों में संबल योजना अंतर्गत आकस्मिक मृत्यु उपरांत मिलने वाली सहायता राशि के कितने प्रकरण वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए हैं? कितनों का निराकरण कर संबंधितों को राशि का भुगतान कर दिया गया हैं? कितनों का लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के जिलों, जनपदों में संबल योजना के भुगतान हेतु प्रश्नांश (क) अवधि में किन-किन जनपदों को कितनी-कितनी राशि का बजट प्राप्त हुए है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के योजना की राशि प्राप्त करने के लिये उक्त अवधि में कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदन निराकृत हुए संख्या दें। (घ) प्रश्नांश (क) के जिलों, जनपदों में प्राप्त आवेदन पत्रों में कितने ऐसे आवेदन है जो लंबित है? लंबित होने का कारण बतायें तथा उक्त प्रकरणों का निराकरण कर हितग्राहियों को उक्त योजना की राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शिवपुरी एवं रीवा जिले की जनपद पंचायतों में संबल योजना अन्तर्गत मृत्यु उपरान्त मिलने वाली सहायता राशि के वर्ष 2018 (योजना प्रांरभ) से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त, स्वीकृत, लंबित आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के जिलों की जनपदों में योजना प्रांरभ 01 अप्रैल 2018 से 05 दिसम्बर 2019 तक श्रम विभाग द्वारा बजट आवंटित किया गया था तत्पश्चात से नोडल खाते से सीधे पात्र हितग्राही के खाते में डीबीटी प्रणाली से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान किया जा रहा है। 01 अप्रैल 2018 से 05 दिसम्बर 2019 तक की अवधि में जनपदवार बजट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त एवं निराकृत आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के जिलों जनपदों लंबित आवेदन की कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। पर्याप्त बजट प्राप्ति पर भुगतान संबंधी कार्यवाही की जायेगी।
स्वीकृत मोहनी बांध की फीडर केनाल
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 1474 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला के ग्राम कैरूआ गांव की जमीन की सिंचाई के लिये मोहनी बांध की फीडर केनाल से वर्ष 2009 में माईनर स्वीकृत की गई थी, उसे आज दिनांक तक नहीं बनाया गया क्यों? क्या कैरूआ ग्राम हर्सी बांध एवं मोहनी बांध के नीचे पड़ता है और वह अकेला ग्राम है इसकी सिंचाई के लिये कोई व्यवस्था नहीं है, जबकि वहीं के किसानों की जमीन हर्सी हाई लेवर नहर का पानी बढ़ाने के लिये फीडर केनाल से पाईप लाईन द्वारा पानी निकाला जा रहा है? (ख) यह भी बतायें कि मोहनी बांध की फीडर कैनाल से कैरूआ ग्राम के लिये सिंचाई के लिये पाईप लाईन निकाली जायेगी, जिससे किसानों की जमीन की सिंचाई हो सके जबकि उन्हीं की जमीन से पाईप लाईन डाल कर हर्सी हाई लेवल नहर में पानी बढ़ाने के लिये उन्हीं की जमीन से पानी निकाला जा रहा है, तो ग्राम की सिंचाई के लिये माईनर क्यों नहीं निकाली जा रही है? यदि हाँ, तो क्या माईनर निकाली जावेगी? कब तक? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में कैरूआ ग्राम के किसानों की जमीन की सिंचाई के लिये माईनर न निकालने से किसानों की फसल नहीं हो पा रही है, जिससे किसानों में काफी आक्रोश है? (घ) तो क्या कैरूआ के किसानों की सिंचाई के लिये माईनर निकाली जावेगी? कब तक निकाली जावेगी? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं, कैरूआ ग्राम की जमीन की सिंचाई हेतु कोई माइनर निर्माण हेतु प्रस्तावित नहीं है। जी हाँ। यह सही है कि कैरूआ ग्राम की जमीन से होकर हरसी उच्च स्तरीय फीडर (बायपास) भूमिगत पाईप लाईन नहर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन फीडर नहर से कैरूआ ग्राम में सिंचाई के लिए पृथक से पाईप लाईन निकाले जाने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। जी हाँ। हरसी उच्च स्तरीय फीडर नहर भूमिगत पाईप लाईन के रूप में निकाली जा रही है तथा उक्त भूमिगत हरसी उच्च स्तरीय फीडर नहर में उपयोग किये जा रहे पाईप की डिजाइन आदि अंतिम रूप से स्वीकृत हो चुकी है तथा इन पाईपों का निर्माण एवं बिछाये जाने का कार्य प्रगति पर है। ऐसी स्थिति में भूमिगत पाईप नहर से कैरूआ ग्राम की सिंचाई के लिए माईनर निकाला जाना तकनीकी एवं व्यवहारिक रूप से साध्य नहीं पाया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार हरसी उच्च स्तरीय फीडर भूमिगत पाईप लाईन नहर से माईनर निकाला जाना तकनीकी एवं व्यवहारिक रूप से साध्य नहीं पाई गई है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना
[राजस्व]
33. ( क्र. 1493 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि वृत्त नोहटा तहसील जबेरा जिला दमोह की राजस्व प्रकरण पंजी वर्ष 2007-08 मंडल नोहटा में अनुक्रमांक 492 पर शोभित पुत्र खूबचंद का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना संधारित है अर्थात जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है? प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु श्री शोभित अथवा उनके अभिभावक द्वारा क्या-क्या शैक्षणिक व अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किये, दस्तावेजों का विवरण प्रदाय करावें। (ख) क्या यह भी सत्य है कि जब शोभित पुत्र खूबचंद को तहसील जबेरा जिला दमोह से वर्ष 2007-08 में जाति प्रमाण पत्र जारी हो गया था तो दिनांक 09.02.18 को तहसीलदार जबेरा जिला दमोह के न्यायालय में शपथ पत्र पर श्री शोभित द्वारा यह कहकर लिखित आवेदन प्रस्तुत किया कि उनका जाति प्रमाण पत्र तो 1991 में जारी हुआ है? वर्ष 1991 में जारी प्रमाण पत्र में जो भी दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं उनका विवरण प्रदाय करावें। (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनांक एफ-7/1/आ.प्र./91 दिनांक 20.2.1991 के द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार शोभित पुत्र खूबचंद को जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ।
राजगढ़ जिले में जल संसाधन विभाग की योजनाओं में भू-अर्जन
[जल संसाधन]
34. ( क्र. 1545 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत विगत दस वर्षों में कितने तालाब तथा डेम के निर्माण कार्य स्वीकृत हुए है? इनमें से कितने पूर्ण हो चुके हैं, कितनों का कार्य प्रगतिरत है कितने अप्रारंभ हैं, विधानसभा क्षेत्रावार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) इनमें से कितनों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है और कितनों में अपूर्ण हैं? ऐसे कितनों में भू-अधिग्रहण प्रारंभ नहीं किया गया है? (ग) लंबित भू-अर्जन प्रकरणों में विलंब के क्या कारण हैं, परियोजनावार स्पष्ट करें। इस प्रक्रिया में क्या जनप्रतिनिधि एवं विस्तापितों से विभाग के अधिकारियों की कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो इन शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत विगत 10 वर्षों में 96 परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(अ) (ब) (स) (द) अनुसार है। (ख) स्वीकृत 96 परियोजनाओं में से 52 परियोजनाओं के भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है एवं 02 वृहद परियोजनांए क्रमश: मोहनपुरा एवं कुण्डलिया बांध में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया 98 प्रतिशत पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। 07 परियोजनाओं में कार्यवाही प्रगतिरत एवं 04 परियोजनाओं में एजेंसी का निर्धारण नहीं होने से कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई है। 31 स्टापडेम/बैराज लघु परियोजनाओं के अंतर्गत कोई भी भूमि प्रभावित नहीं हुई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
35. ( क्र. 1566 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी/सिंगरौली जिले के विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत कितने हितग्राहियों को खाद्यान्न दिया जा रहा है? कितने को अभी तक पात्रता के बावजूद खाद्यान्न पर्ची जारी नहीं की गयी है? विकासखण्डवार संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को खाद्यान्न/कोराना काल का नि:शुल्क खाद्यान्न का आवेदन कितनी-कितनी मात्रा में किया गया है? वर्ष 2020 में माहवार शासकीय उचित मूल्य की दुकानवार खाद्यान्न आवंटन की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में माह के अंत एवं माह के प्रारंभ में उचित मूल्य के दुकानों का वर्ष 2020 के शेष स्टॉक की जानकारी माहवार उपलब्ध करायें। ऑफलाईन कितनी उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न का वितरण किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ऑफलाईन खाद्यान्न वितरण में अनियमितता के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुयी एवं शिकायतों की जाँच की गयी? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतायें। यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गयी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'अ' अनुसार है। मझौली विकासखण्ड में 22, कुसमी विकासखण्ड में 106 पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं हुई है। देवसर में सभी पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी है। नवीन चिन्हित पात्र परिवारों को सत्यापन उपरांत पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में समाहित है। विकासखण्ड देवसर अंतर्गत 08 उचित मूल्य की दुकान, विकासखण्ड कुसमी अंतर्गत 13 एवं विकासखण्ड मझौली अंतर्गत 01 उचित मूल्य दुकानों से ऑफलाईन वितरण किया गया है। (घ) विकासखण्ड कुसमी में 03, विकासखण्ड मझौली में 18 एवं विकासखण्ड देवसर में 06 शिकायतें प्राप्त हुईं थी। विकासखण्ड कुसमी की तीनों दुकानों की जाँच में तीनों उचित मूल्य दुकानों को निलंबित किया गया है। विकासखण्ड मझौली की 01 दुकान में अनियमितता पाये जाने के कारण प्रकरण निर्मित किया गया है। देवसर की शिकायतों की जाँच में अनियमितता न पाये जाने के कारण कोई प्रकरण निर्मित नहीं किया गया है।
खिचलीपुर जिला राजगढ़ में अवैध कालोनी निर्माण
[राजस्व]
36. ( क्र. 1599 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कस्बा खिचलीपुर में स्थित सर्वे नम्बर 1127 पूर्व में शासकीय होकर पट्टा वितरण में उपयोग की गयी थी? यदि हाँ, तो पट्टा संबंधित पूर्ण विवरण प्रदान करें। (ख) क्या कस्बा खिचलीपुर में स्थित सर्वे नम्बर 1127 के अंतर्गत नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से स्वीकृत आवासीय कालोनी प्रगतिरत है? यदि हाँ, तो क्या नगर तथा ग्राम निवेश के तहत समस्त नियमों का पालन किया गया है? (ग) क्या कस्बा खिचलीपुर में स्थित सर्वे नम्बर 1127 में आवासीय उपयोग हेतु या छोटे भूखण्ड का क्रय विक्रय हुआ है? यदि हाँ, तो क्रय विक्रय से संबंधित पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें एवं क्या इसमें नगर तथा ग्राम निवेश के समस्त नियमों का पालन किया जा रहा है या नही? (घ) यदि कस्बा खिचलीपुर में स्थित सर्वे नम्बर 1127 के रकबे के अंतर्गत क्रय विक्रय में भू-राजस्व संहिता की धाराओं तथा नगर व ग्राम निवेश के समस्त नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, तो सक्षम अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी एवं क्या नियम विरुद्ध क्रय विक्रय को निरस्त किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, कस्बा खिलचीपुर में स्थित सर्वे नम्बर 1127 पूर्व में शासकीय होकर पट्टा वितरण में उपयोग की गई थी, उपलब्ध खसरा वर्ष 1982-83 के अनुसार वर्ष 1968-69 में 38 व्यक्तियों को उक्त खसरा क्रमांक में से भूमि आवंटन दर्ज है और वर्ष 1958-59 में 15 व्यक्तियों के नाम उक्त सर्वे क्रमांक में पूर्व के पट्टे या भूमिस्वामी दर्ज है इस प्रकार कुल 53 पट्टे उक्त खसरे में दर्ज है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ, क्रय विक्रय से संबंधित पूर्ण विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधान अंतर्गत खिलचीपुर हेतु निवेश क्षेत्र का गठन व विकास योजना प्रभावशील नहीं होने से नियमों के पालन का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) क्रय विक्रय में भू-राजस्व संहिता की धाराओं का पालन किया गया है। मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधान अंतर्गत खिलचीपुर हेतु निवेश क्षेत्र का गठन व विकास योजना प्रभावशील नहीं होने से नियमों के पालन का एवं अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सिंचाई रकबा में वृद्धि हेतु कार्य योजना
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 1616 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में सिंचित भूमि का रकबा बढ़ाने हेतु विभाग की क्या कार्य योजना है? इसे कैसे क्रियान्वित किया जावेगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत सिंचाई का रकबा बढ़ाने हेतु विभाग ने क्या कार्ययोजना बनाई है? विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसी कौन-कौन सी योजना है जो तकनीकी, प्रशासनिक स्वीकृति हेतु लंबित है? कौन-कौन सी योजनाएँ साध्यता स्वीकृति हेतु लंबित है? कौन-कौन सी योजना का DPR तैयार किया जा रहा है? सभी की विस्तृत जानकरी प्रदाय करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) छतरपुर जिले में सिंचित भूमि का रकवा बढ़ाने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त परियोजनाएं, साध्यता स्वीकृति प्राप्त परियोजनाएं एवं चिन्हित परियोजनांए की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। समस्त प्रक्रिया पूर्ण होने पर निविदा के माध्यम से। (ख) जी हाँ। बिजावर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई का रकवा बढ़ाने हेतु सिंचाई योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
शासकीय लीज की भूमि का डायवर्सन कर अवैध विक्रय
[राजस्व]
38. ( क्र. 1635 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार नगर स्थित प.ह.न. 69 के सर्वे नम्बर 1055/1 की भूमि अभिलेख अनुसार वर्ष 1958 के पूर्व शासकीय भूमि थी तथा क्या शासन द्वारा लगभग वर्ष 1958-59 में जड़ी-बूटी उगाने हेतु रामानुज सरस्वती नाम व्यक्ति को लीज पर प्रदान की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त भूमि की लीज का नवीनीकरण हुआ है? यदि नहीं तो क्या लीज नवीनीकरण नहीं होने से लीज शर्तों का उल्लंघन होता है? यदि हाँ, तो भूमि को पुन: शासन आधिपत्य में क्यों नहीं लिया गया? (ग) क्या उक्त भूमि का वाद उच्च न्यायालय में प्रचलित था तथा क्या न्यायालय में कोर्ट के बाहर समझौता करने संबंधी शासन की ओर से अधिकृत अभिभाषक द्वारा स्वीकृति दिये जाने से शासन के खिलाफ निर्णय प्राप्त हुआ? क्या इस हेतु संबंधितों द्वारा विधि विभाग से विधिवत अनुमति प्राप्त की गई थी? (घ) यदि नहीं तो क्या तत्कालीन SDM (R) धार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के वकील से मात्र चर्चा करने तथा उनकी कथित, सलाह पर इस निर्णय के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील अभी तक नहीं की गई तथा क्या इससे उक्त बहुमूल्य शासकीय भूमि निजी हाथों में जा सकती है? क्या जिला प्रशासन द्वारा इस विवादित भूमि का डायवर्सन किया गया है? (ड.) यदि हाँ, तो क्या शासन इस लीज की भूमि का डायवर्सन निरस्त करने की कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। तहसीलदार धार के द्वारा दिनांक 08.05.1958 को रामानुज सरस्वती पिता यतिन्द्र देव निवासी धार को सशर्त पट्टे पर दी गई थी। (ख) जी नहीं। लीज नवीनीकरण नहीं हुआ। उक्त भूमि को पट्टे की शर्त का उल्लघंन मानते हुये, तत्कालिन कलेक्टर जिला-धार द्वारा रा.प्र.क्र.02/1996-97/अ-74 में पारित निर्णय दिनांक 08.05.2005 को उक्त भूमि का पट्टा निरस्त किया गया था एवं तहसीलदार, धार को निर्देशित किया गया था कि उक्त भूमि पर पुनः म.प्र.शासन का नाम अंकित किया जावे। उक्त आदेश के पालन में तहसीलदार धार द्वारा रा.प्र.क्र. 02/अ-74/1996-97 आदेश दिनांक 18.08.2005 से भूमि पर म.प्र.शासन अंकित किया गया था। परन्तु उच्च न्यायालय में शासन याचिका निरस्त होने से अधिपत्य में नहीं लिये गये (ग) जी हाँ। याचिका क्रमांक 7137/2006 प्रचलित था जो दिनांक 02.03.2017 को याचिका निरस्त की गई। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) जी नहीं। उक्त याचिका के विरूद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एस.एल.पी. प्रस्तुत करने के संबंध में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा अनुमति चाही गई थी। उसके पश्चात शासकीय अभिभाषक द्वारा मार्ग दर्शन दिया कि प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर की द्वितीय बैंच में रिट अपील प्रस्तुत की जावे। अपील प्रस्तुत करने की प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलित है। (ङ) आवेदक द्वारा धारा 59 में हुये नवीन संशोधन अनुसार भूमिस्वामी स्वयं के द्वारा भू-राजस्व का पुनर्निर्धारण अपनी भूमि का किया गया है एवं इस न्यायालय द्वारा गणना की पुष्टि की गई है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय क्षेत्रों के विस्तार में सम्मिलित किये गये ग्रामों की आबादी के व्यवस्थापन
[राजस्व]
39. ( क्र. 1638 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों के विस्तार के कारण सम्मिलित किये गये ग्रामों की आबादी के धारकों के व्यवस्थापन के लिए शासन की क्या नीति है? इस संबंध में जारी निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या जबलपुर नगर निगम सीमा में सम्मिलित ग्रामों की आबादी के सर्वेक्षण तथा आधिपत्य धारकों को मालिकाना हक दिये जाने के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो तत्संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही हुई है तथा इसकी क्या कार्य योजना है? स्पष्ट की जावे, साथ ही यह कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना प्रावधानों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी के सर्वेक्षण तथा अधिकार अभिलेख बनाये जाने के लिए दिये गये निर्देशों के अनुरूप ही क्या नगरीय क्षेत्रों में सम्मिलित ग्रामों की आबादी के धारकों का भी अधिकार अभिलेख बनाया जावेगा? यदि नहीं तो इसका कारण बताया जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परिपत्र क्रमांक एफ 6-75/2019/सात/शा.3 दिनांक 24 सितम्बर 2020 की नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जबलपुर नगर निगम सीमा में सम्मिलित ग्रामों की आबादी के सर्वेक्षण तथा आधिपत्य धारकों को मालिकाना हक दिये जाने के लिये सर्वेक्षण हेतु दल गठित किया जाकर सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ किया गया। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार नीति के अनुसार कार्यवाही का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
40. ( क्र. 1650 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन की अवधि के दौरान अप्रैल से दिसम्बर 2020 तक मुरैना जिले में उचित मूल्य की दुकानों एवं समूहों से वितरित होने वाला खाद्यान्न गेहूँ, चावल एवं अन्य सामग्री का कितना-कितना आवंटन दिया गया? दुकानवार माहवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिलों में राशन कार्ड एवं पर्चियों के आधार पर कितने खाद्यान्न की माहवार एवं समूह/दुकानवार कितनी-कितनी आवश्यकता थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में यदि कार्ड/पर्ची से अधिक मात्रा में खाद्यान्नन उठाव किया गया है तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है तथा वर्तमान में मुरैना जिले में समितियों/समूहों पर कितना-कितना खाद्यान्न शेष है? दुकानदारवार जानकारी दें। (घ) क्या यह भी सही है कि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक 111/2021 दिनांक 18.01.2021 को पत्र प्रेषित किया गया? यदि हाँ, तो उस पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) पात्रता पर्चीधारियों की आवश्यकता से अधिक मात्रा से खाद्यान्न का उठाव नहीं किया गया है। जिले में 01 फरवरी, 2021 की स्थिति में दुकानों पर शेष मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश में संदर्भित पत्र क्रमांक 111/2021 दिनांक 18.01.2021 की जाँच हेतु जिला कलेक्टर को संचालनालय, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण के पत्र क्रमांक 3326/शिकायत/2021 भोपाल दिनांक 10.02.2021 द्वारा जाँच कराकर प्रतिवेदन भेजने हेतु लिखा गया है।
कार्यालय अनुविभागीय (राजस्व) पिपरिया जिला होशंगाबाद की अधिसूचना
[राजस्व]
41. ( क्र. 1697 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन 1981 में अनुविभाग (राजस्व) का कार्यालय पिपरिया जिला होशंगाबाद में संचालित किया गया हैं। (ख) क्या यह अनुविभाग शासन द्वारा अधिसूचित (नोटिफाईड) नहीं किया गया हैं न ही कार्यालय संचालन हेतु निर्धारित अमला स्वीकृत किया गया हैं। (ग) क्या कार्यालय का कार्य संचालन हेतु विभिन्न विभाग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को संलग्नीकरण कर रखे गये हैं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्तर यदि हाँ, में है तो अनुविभाग (राजस्व) कार्यालय पिपरिया जिला होशंगाबाद को कब तक अधिसूचित कर दिया जावेगा तथा अनुविभाग (राजस्व) कार्यालय को आज दिनांक तक नोटिफाईड न किये जाने का क्या कारण हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। पिपरिया अनुविभाग अधिसूचित है तथा कार्य संचालन हेतु अमला भी विभाग के आदेश क्र. एफ 1-8/2018/सात-6, दि. 30.07.2018 द्वारा स्वीकृत किया गया है (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा पर अमल
[राजस्व]
42. ( क्र. 1735 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 26.04.2013 को मंदसौर में पत्रकार भवन हेतु भूमि आवंटन की घोषणा की थी क्या म.प्र शासन राजस्व विभाग द्वारा मंदसौर में जिला प्रेस क्लब को विभागीय आदेश क्रमांक F6-122/2007/सात/नजूल दिनांक 11/08/2009 के द्वारा भूमि आवंटन की स्वीकृति प्रदान की गयी थी? क्या प्रेस क्लब द्वारा समयावधि में राशि जमा ना करने के कारण आवंटन आदेश स्वत: निरस्त हो चुका है? (ख) क्या अध्यक्ष/सचिव जिला प्रेस क्लब द्वारा प्रीमियम राशि का 10% राशि चालान नं 130 दिनांक 02.07.2007 को रु 37280/- रु जमा कराये गये थे तथा शेष राशि 2,04,603/- राशि आवंटन आदेश अनुसार 3 माह में जमा की जानी थी संस्था द्वारा यह राशि जमा नहीं की जाने के कारण यह आवंटन स्वत: निरस्त हो गया यदि हाँ, तो संस्था ने पुन: आवंटन राशि प्रीमियम जमा करने की अवधि बढ़ाने हेतु कोई पत्र विभाग को प्राप्त हुया, उस पर विभाग ने क्या कार्यवाही की? (ग) क्या कलेक्टर मंदसौर ने अपने पत्र क्रमांक 394/आर.टी.सी/2018/रेपा तथा प्रकरण क्रमांक 44/अ-20 (1) /2006-07/नजूल के माध्यम से प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल म.प्र (द्वारा आयुक्त उज्जैन) पत्र प्रेषित किया था उस पर क्या कार्यवाही की गयी? की गयी कार्यवाही से अवगत कराये?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय मुख्यमंत्रीजी, मध्यप्रदेश शासन द्वारा घोषणा इस प्रकार है- घोषणा क्रमांक ए 3624 दिनांक 26/04/2013 ''मंदसौर में पत्रकारों के भवन हेतु स्वीकृत भूखण्ड के लिये भूभाटक एवं प्रीमियम राशि जमा कराये जाने की अवधि बढ़ाई जावेगी।'' जी हाँ, म.प्र.शासन, राजस्व विभाग द्वारा मंदसौर में अध्यक्ष प्रेस क्लब मंदसौर को विभागीय आदेश क्रमांक एफ 6-122/2007/सात/नजूल दिनांक 11/08/2009 के द्वारा भूमि आवंटन की स्वीकृति प्रदान की गई थी। उक्त आदेश द्वारा सशर्त भूमि आवंटन कर प्रथम शर्त यह उल्लेखित की गई कि आदेश जारी होने की तिथि से आवेदक/संस्था प्रब्याजी एवं भूभाटक की राशि 03 माह के अंदर जमा करावे, यदि वे निर्धारित अवधि तक प्रब्याजी एवं भूभाटक जमा नहीं करते है तो आवंटन आदेश स्वमेव निरस्त माना जावेगा और इस हेतु पृथक से कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन एवं कलेक्टर जिला मंदसौर के पत्र क्रमांक 44/अ-20 (1) /2006-07 नजूल कलेक्टर न्यायालय मंदसौर के पत्र क्रमांक 394/आरटीसी/रेपा/2018 दिनांक 11/10/2018 का पत्र प्राप्त हुआ। वैधानिक रूप से भूमि आवंटन आदेश का कोई अस्तित्व नहीं होने के कारण राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक 98/96/2018/7/शाखा-3 दिनांक 25/02/2019 के द्वारा प्रकरण नस्तीबद्ध करने की सूचना कलेक्टर जिला मंदसौर को दी गई।
नियुक्ति हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
43. ( क्र. 1747 ) श्री विनय सक्सेना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन मंत्री द्वारा मत्स्य विभाग में नियुक्ति हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता चार वर्षीय डिग्री बी.एफ.एस.सी. को निर्धारित करने, विभागीय पदों के सेवा शर्तों में संशोधन का प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु पत्र क्रमांक 1589 दिनांक 04/09/19 को संचालक को प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो, उक्त पत्र के तारतम्य में संचालक द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा समस्त प्रदेशो को उक्त विषय पर पत्र प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उस पर म.प्र.शासन द्वारा क्या निर्णय किया गया? निर्णय की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) जब अन्य प्रदेशों में मत्स्य विभाग में नियुक्ति हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता चार वर्षीय डिग्री बी.एफ.एस.सी.निर्धारित है तो म.प्र. में आज दिनांक तक प्रावधानों में परिवर्तन क्यों नहीं किया गया है? इसका क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालक मत्स्योद्योग द्वारा उक्त पत्र के तारतम्य में एकल नस्ती के माध्यम से प्रशासकीय विभाग को प्रस्तुत किया गया। नस्ती पर वर्तमान में भर्ती नियम 2015 व्यवहारिक एवं संतुलित होने से संशोधन करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होने का अनुमोदन प्रशासकीय विभाग द्वारा किया गया है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र प्राप्त नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रचलित नियम व्यवहारिक एवं संतुलित होने से उनमें कोई परिवर्तन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। अन्य प्रदेशों के संबंध में जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
मछुआ कल्याण द्वारा संचालित प्रावधान
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
44. ( क्र. 1816 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग द्वारा मत्स्य पालन हेतु क्या-क्या गतिविधियां संचालित किये जाने के प्रावधान हैं, इस हेतु क्या-क्या मार्ग दर्शिका आदेश निर्देश प्रचलन में हैं? फोटो प्रति दी जावे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ जिला-मुरैना में विगत चार वर्ष में क्या-क्या कार्यक्रम/गतिविधियां हुई जानकारी विस्तार से बतावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़, जिला-मुरैना में विभाग द्वारा किये गये कार्य की विगत 3 वर्ष की जानकारी दी जावे। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित विभाग द्वारा कोई कार्य नहीं किये गये हैं? यदि हाँ, तो कारण बताते हुए इस हेतु कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी जिम्मेदार एवं जबावदेह हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुरस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) विभाग द्वारा योजना अनुसार कार्य किया गया है अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा श्रमिकों को देय सुविधा
[श्रम]
45. ( क्र. 1817 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों को क्या-क्या सुविधाएं दिये जाने का प्रावधान है व इसके क्रियान्वयन/संचालन हेतु शासन की कोई मार्गदर्शिका हो तो उसकी फोटो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़, जिला-मुरैना में 4 वर्षों में विभाग के निर्देशों के अनुसार कितने श्रमिकों को योजनाओं का लाभ दिया गया? (ग) यदि विगत 4 वर्ष में श्रमिकों को विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3, सबलगढ़, जिला-मुरैना में योजना का लाभ नहीं दिया गया है। तो उसका कारण बतावें व इस हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों को निम्नानुसार योजनाओं में सुविधाएं दिये जाने का प्रावधान है- 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं इसके क्रियान्वयन/संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 2. मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं इसके क्रियान्वयन/संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। 3. म.प्र. श्रम कल्याण मंडल योजना के अंतर्गत श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं इसके क्रियान्वयन/संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। 4. म.प्र. स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मंडल, (मंदसौर) योजना के अंतर्गत श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं एवं इसके क्रियान्वयन/संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़, जिला-मुरैना में 4 वर्षों में (1) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की विभिन्न योजनाओं में 2900 हितग्राहियों को एवं (2) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत 318 हितग्राहियों को लांभावित किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सर्वेक्षित सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
46. ( क्र. 1908 ) श्री सुदेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले के विधानसभा क्षेत्र सीहोर में सिंचाई रकबा बढ़ाये जाने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं प्रशांकित दिनांक तक सर्वेक्षित हैं? इनमें से कौन-कौन सी योजनाएं साध्य पाई जाकर डी.पी.आर. तैयार की जा चुकी है? इनमें से किन-किन योजनाओं की डी.पी.आर. प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन को भेजी जा चुकी है, कौन सी नहीं एवं क्यों? कारण सहित बतावें एवं कौन-कौन सी योजनाएं सर्वेक्षण उपरांत असाध्य पाई गई? (ख) प्रशासकीय स्वीकृति उपरान्त किन-किन योजनाएं के टेण्डर बुलाये गये है तथा कार्य कब प्रारम्भ कराये जाकर उसके पूर्ण किये जाने की समयावधि क्या होगी? योजना की पृथक-पृथक जानकारी कार्य की समय अवधि एवं ठेकेदार के नाम सहित बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब-1 एवं ब-2 अनुसार है। एजेंसी का निर्धारण नहीं होने से ठेकेदार का नाम बताना संभव नहीं है।
पार्वती वृहद परियोजना अन्तर्गत अधिग्रहित जमीन के मुआवजा राशि का प्रदाय
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 1909 ) श्री सुदेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के तहसील श्यामुपर में उक्त विषयांकित परियोजना अन्तर्गत डूब में आने वाले 19 गांवों में से कितने गांवों में भूमि का विधिवत अधिग्रहण कर कृषकगणों को मुआवजा राशि का प्रदाय किया गया है तथा कितने को भुगतान किया जाना शेष? कृषकवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या कृषकगणों की सिंचित भूमि को असिंचित बताकर मुआवजा राशि का निर्माण किया गया है उसका आधार क्या है यदि भूमि सिंचित है तो कृषकगणों को होने वाली आर्थिक हानि के लिए कौन जिम्मेदार हैं तथा इस त्रुटि को सुधार करने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा पुन: निर्धारण कर कृषकगणों उनकी शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित जिला सीहोर के तहसील श्यामपुर के 20 गांव प्रभावित हो रहे हैं, जिनमें से 01 ग्राम गवा की भूमि का मुआवजा वितरण ''भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013'' के अनुसार किया जा चुका है, शेष 19 गांवों की भू-अर्जन की धारा-20 की कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। कृषकवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) जी नहीं। भूमि के सिंचित अथवा असिंचित होने का निर्धारण जल संसाधन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। सिंचित एवं असिंचित भूमि का निर्धारण राजस्व विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण पश्चात किए जाने से किसी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जलाशयों के पट्टा आवंटन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
48. ( क्र. 1915 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जलाशयों के मछली पालन हेतु पट्टे आवंटित किये जाते हैं? यदि हाँ, तो पट्टा आवंटन हेतु क्या मापदण्ड प्रक्रिया एवं शर्तें हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अशोकनगर जिले में विभाग द्वारा कौन-कौन से जलाशयों पर पट्टे कितनी-कितनी अवधि व कितनी-कितनी राशि पर आवंटित किये गये हैं संस्थाओं/समितियों के पंजीयन दिनांक, पंजीयन क्रमांक, पंजीयन की अवधि क्या है? नाम पता सहित विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ग) क्या पट्टा आवंटन हेतु जलाशय क्षेत्र के लोगों की प्राथमिकता देने संबंधी कोई नियम हैं? क्या प्रश्नांश (ख) में आवंटित पट्टेधारी नियमित रूप से पट्टे की राशि जमा कर रहे हैं? यदि हाँ, तो जमा की गई राशि से अवगत करावें। (घ) विगत 05 वर्षों में अशोकनगर जिले के अंतर्गत पट्टा आवंटन से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार/विधानसभा क्षेत्रवार पूर्ण विवरण देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) अनुसार पट्टा राशि नियमित रूप से जमा की जा रही। (घ) जानकारी निरंक।
भूमिहीनों को वितरित पट्टों की जानकारी
[राजस्व]
49. ( क्र. 1918 ) श्री
जजपाल सिंह
जज्जी : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सन् 2015 से आज
दिनांक तक
अशोकनगर विधान
सभा क्षेत्र
अंतर्गत
कितने
भूमिहीनों को शासन
द्वारा पट्टे
वितरित किये
गये? (ख) क्या
इन सभी
पट्टेधारियों
के नामांतरण
कर खसरे में
अमल कर दिये
गये हैं यदि
नहीं तो क्यों? (ग) ऐसे
पट्टेधारियों
की संख्या
बताएं जिनके
पट्टों का अमल
अभी तक नहीं
हो सका है और
नहीं हुआ तो
क्यों?
कब
तक अमल कर
दिये जावेंगे?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) वर्ष
2015 से
प्रश्न
दिनांक तक
किसी भी
भूमिहीनों को
शासन द्वारा
पट्टे वितरित
नहीं किये। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश
(क) के
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
बीड़ी उद्योग में कार्यरत श्रमिकों का हित संवर्धन
[श्रम]
50. ( क्र. 1955 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना No. F.No. P. 1611/04/2020/TC दिनांक 01/01/2021 के द्वारा कोटपा 2003 में संशोधन प्रस्तावति किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कितने कर्मचारी/श्रमिक बीड़ी उद्योग से रोजगार पाए हुए हैं? क्या उपरोक्त अध्यादेश से इनके रोजगार को संकट उत्पन्न हो रहा है? यदि हाँ, तो इन उद्योगों के कार्यरत श्रमिकों के हितो की रक्षा के लिए शासन के पास कोन से विकल्प है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्न का विषय राज्य शासन का विषय नहीं है। प्रश्न केन्द्र शासन से संबंधित है। (ख) उत्तर (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्रमिक शेड निर्माण की स्वीकृति
[श्रम]
51. ( क्र. 1973 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में विभाग द्वारा श्रमिक शेड वर्ष 2019-20, 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कितने श्रमिक शेड की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई है? विधानसभावार एवं विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) श्रमिक शेड की स्वीकृति का विभाग द्वारा क्या मापदण्ड तय है? जानकारी देवें तथा कितनी लागत से कहां-कहां स्थापित किये गये? (ग) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में श्रमिक शेड निर्माण स्वीकृत हुये है? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या नरयावली विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड की वृहद ग्राम पंचायतों में श्रमिक शेड निर्माण/स्वीकृति का कोई प्रस्ताव विभाग में लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक श्रमिक शेड निर्माण विभाग द्वारा कराये जावेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सागर जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की ''निर्माण पीठा श्रमिक आश्रय (शेड) योजना 2019'' अंतर्गत वर्ष 2019-20, 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किये गये श्रमिक शेड की संख्या निरंक है। (ख) मण्डल की मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 15 फरवरी 2019 में प्रकाशित ''निर्माण पीठा श्रमिक आश्रय (शेड) योजना 2019'' में शेड स्वीकृति के प्रावधान दिये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। । प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में श्रमिक शेड निर्माण के कोई भी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुये है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसान सम्मान निधि का वितरण
[राजस्व]
52. ( क्र. 1981 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री एवं मुख्य मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के प्रारम्भ किये जाने के दिनांक से प्रश्न किये जाने के दिनांक तक, कुल वर्षवार जिला मुरैना की तहसील अम्बाह एवं पोरसा में कितने किसानों को उक्त योजना में लाभान्वित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्षवार योजना से लाभ प्राप्त किये जाने हेतु अम्बाह पोरसा के कुल कितने किसानों के आवेदन फार्म प्राप्त हुए, जिनमें से कितने पात्र एवं कितने अपात्र पाऐ गए। उक्त योजना से लाभान्वित किये जाने के शासन के नियम एवं शर्तों की छायाप्रति प्रदाय करें। (ग) क्या विभागीय पोर्टल अथवा कम्प्यूटर सिस्टम पर जिन किसानों को इस योजनान्तर्गत लाभान्वित किया गया है, उनका समस्त डाटा (आवेदन फर्मा, स्वीकृति आदेश) आदि को पोर्टल (सिस्टम) से डिलीट (हटाए जाने) किये जाने का कोई शासन का नियम अथवा प्रावधान है। यदि हाँ, तो उक्त जानकारी को कितने समयावधि हेतु पोर्टल पर सुरक्षित रखा जाता है।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-2021 में तहसील अम्बाह में 29956 एवं पोरसा में 23995 हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत तहसील अम्बाह में 14952 एवं पोरसा में 11580 हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया है। (ख) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत अम्बाह में 31331 आवेदन प्राप्त हुये जिसमें से 29956 पात्र 1357 आपत्रा पोरसा में 25226 आवेदन प्राप्त हुये जिसमें से 23995 पात्र 1231 अपात्र पाये गये एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत अम्बाह में 26032 पोरसा में 21984 आवेदन प्राप्त हुये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का पोर्टल भारत सरकार द्वारा संचालित है जिसमें निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित परियोजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
53. ( क्र. 2021 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की विभाग की कौन-कौन सी परियोजनाएं प्रश्न दिनांक तक ऐसी है, जिनकी साध्यता स्वीकृति लंबित है, डी.पी.आर. निर्माण की प्रक्रिया प्रचलन में है, तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति लंबित है, निविदा आंमत्रण की प्रक्रिया प्रचलन में है। प्रत्येक से कितनी भूमि सिंचित होगी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त सभी परियोजनाओं की स्वीकृति कब तक मिल जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृति हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
खाद्यान्न से वंचित बी.पी.एल. कार्डधारी उपभोक्ता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
54. ( क्र. 2053 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर सीमान्तर्गत बी.पी.एल. कार्डधारक उपभोक्ताओं का सर्वे (सत्यापन) कार्य डोर-टू-डोर कब से कब तक चलाया गया? इसमें कितने कार्डधारक उपभोक्ता फर्जी/अपात्र पाये गये? इनमें से कितने उपभोक्तओं के नाम काटे गये एवं कितने उपभोक्ताओं के नाम जोड़े गये तथा कितने नाम जोड़ना बकाया है एवं क्यों? कितने कार्डधारक उपभोक्ता के मुखिया का नाम परिवर्तित किया गया एवं कितने शेष हैं एवं क्यों? वार्डवार फरवरी 2021 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कार्डधारक कितने उपभोक्ता पात्रता पर्ची से वंचित हें एवं क्यों? कितने उपभोक्ताओं का नाम खाद्यान्न वितरण करने वाली सूची में दर्ज न होने से खाद्यान्न से वंचित हैं तथा कितने उपभोक्ताओं का पात्रता फर्जी बनाकर उनके नाम खाद्यान्न वितरण करने वाली सूची में जोड़े गए हैं? वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत कितने कार्डधारक उपभोक्ताओं को आधार कार्ड रीडिंग से जोड़ा गया है एवं कितने कार्ड धारकों का नाम जोड़ना बकाया है एवं क्यों? बतलावें। वार्डवार मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक की जानकारी दें। (ग) जिला प्रशासन जबलपुर ने डोर-टू-डोर सर्वे कार्य में लापरवाही करने भेदभाव पूर्वक नाम काटने अनियमितता करने की प्राप्त शिकायतों पर दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों पर कब क्या कार्यवाही की है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समर्थन मूल्य पर धान व गेहूं का उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
55. ( क्र. 2054 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने जिला जबलपुर में किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान व गेहूं का किस दर पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का उपार्जन करने, संग्रहक एवं भण्डारण की कहां-कहां पर क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई एवं खरीदी केन्द्रों में क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई गई? निर्धारित लक्ष्य के तहत कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का धान, गेहूं का उपार्जन किया गया? वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कहां-कहां की किन-किन गोदामों, भण्डार गृहों वेयर हाउस ओपन कैंप में कितनी-कितनी मात्रा में भण्डारित रखा गया है। इनकी क्षमता कितनी-कितनी है? कहां-कहां पर भण्डारित, ओपन कैंप में रखा गया, वे मौसम बरसात से गीला, खराब हुआ व चोरी हुआ है किन-किन भण्डार गृहों वेयर हाउस में रखा कितनी-कितनी मात्रा में अमानक धान, गेहूं को कब-कब किसने जब्त किया है एवं निरीक्षण में कहां-कहां पर क्या-क्या अनियमितताएं व अव्यवस्था पाई गई है शासन व जिला प्रशासन ने दोषी अधिकारियों पर कब क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन खरीदी केन्द्रों में किसानों/व्यापारियों से अमानक व घटिया किस्म का धान, गेहूं का उपार्जन करने से अवैध राशि की वसूली करने राशि का समय पर भुगतान न करने की शिकायतों पर जिला प्रशासन ने दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रतनगढ़ परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति
[जल संसाधन]
56. ( क्र. 2089 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है, कि भिण्ड जिले में खिरिया आलमपुर स्टॉपडेम कम कॉजवे लहार शाखा नहर फीडर पाईप लाईन स्कीम की प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र. शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्र. एफ-22/3/2018/ल.सि./31/1924 दिनांक 28.08.2018 को जारी किए जाने के उपरांत मुख्य अभियंता भोपाल ने निविदा सूचना क्र. 691/2019-20/प्र.अ./ई-टेण्डरिंग भोपाल दिनांक 07.09.2019 को द्वितीय आमंत्रण प्रकाशित की गई तथा पत्र क्र. 271/ई-टेण्डरिंग/प्र.अ./2019-20/5487 भोपाल दिनांक 04.02.2020 द्वारा प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा उक्त कार्य की निविदा निरस्त कर दी गई? यदि हाँ, तो निविदा निरस्त करने के क्या कारण हैं तथा पुन: निविदा स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कराया जाएगा? (ख) क्या यह भी सही है कि लहार शाखा नहर फीडर पाईप लाईन स्कीम लागत रू. 1754.48 लाख के अंतर्गत माँ रतनगढ़ परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक 22 (ए) /362/2018/एमपीएस/31/1112 भोपाल, दिनांक 26.06.2018 राशि रू. 2244.97 करोड़ रूपए में सम्मिलित कर प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग द्वारा निविदा सूचना क्र. 687/मु.अ./2019-2020/ई-टेण्डरिंग भोपाल, दिनांक 25.07.2019 को प्रकाशित की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त दोनों कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति के बाद भी अभी तक कार्य प्रारंभ न कराने का कारण बताऐं तथा उपरोक्त कार्यों को कब तक प्रारंभ करा दिया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। खिरिया स्टॉपडेम कम कॉजवे योजना के बजट में सम्मिलित न होने के कारण निविदा निरस्त की गई। निविदा स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कराये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) यह सही है कि लहार शाखा नहर फीडर पाईप लाईन स्कीम की निविदा रू.1754.48 लाख के स्थान पर रू.1784.48 लाख की प्रकाशित की गई थी। तथ्यात्मक स्थिति यह है कि लहार शाखा नहर के लिए पानी उपलब्ध कराने संबंधी कोई प्रस्ताव माँ रतनगढ़ परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति में शामिल नहीं है, अपितु प्रश्नाधीन योजना, माँ रतनगढ़ के जलाशय से पानी उद्वहन कर राजघाट नहर परियोजना की लहार शाखा नहर में उपलब्ध कराने की परिकल्पित थी। (ग) बजट में सम्मिलित न होने के कारण खिरिया स्टॉपडेम कम कॉजवे का कार्य प्रारंभ किए जाने के लिए समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। माँ रतनगढ़ जलाशय में लहार शाखा नहर फीडर पाइप लाईन स्कीम के लिए पानी की उपलब्धता का परीक्षण किया जा रहा है, अत: प्रश्नाधीन योजना के प्रारंभ होने के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
त्योंथर जल बहाव योजना अंतर्गत लोनी बांध में कराये गये निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
57. ( क्र. 2123 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) त्योंथर जल बहाव योजना अंतर्गत कुल कितने माइनर एवं सब माइनर निर्मित हुए एवं कितने निर्माणाधीन हैं? माइनर एवं सब माइनर नहरों से कितना रकवा सिंचाई हेतु प्रस्तावित है? प्रस्तावित रकवे में कितना रकवा सिंचित हो चुका है तथा कितना अभी तक छूटा हुआ है? ग्रामवार सिंचित एरिया का विवरण उपलब्ध करावें। (ख) त्योंथर बहाव योजना अंतर्गत लोनीबांध (सूती) से सत्र 2015 से प्रश्न दिनांक तक सिंचाई हेतु कुल कितने निर्माण कार्य कराये जा चुके हैं तथा कितने निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं? कार्य एवं राशि विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन द्वारा निर्मित खभरा बांध विभाग की उदासीनता के कारण वर्तमान में क्षतिग्रस्त है? यदि हाँ, तो क्या खभरा बांध का मरम्मतीकरण कार्य विभाग के द्वारा प्रस्तावित किया जावेगा? क्या खभरा बांध को जलभराव हेतु लोनीबांध से जोड़ा जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) त्योंथर बहाव योजना अंतर्गत अभी तक कोई भी माइनर एवं सबमाइनर पूर्णत: निर्मित न होकर निर्माणाधीन है। माइनर एवं सबमाइनर नहरों के द्वारा कुल 40,050 हेक्टर रकबा सिंचाई हेतु प्रस्तावित है। प्रस्तावित रकबे में महाना वितरक नहर से अभी तक कुल 2,100 हेक्टर रकबा सिंचित होना प्रतिवेदित है तथा 37,950 हेक्टर रकवा शेष है। ग्रामवार सिंचित एरिया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) त्योंथर बहाव योजना अंतर्गत लोनी बांध (सूती) से सीधे कोई भी निर्माण कार्य अनुबंधित नहीं है। लोनी बांध से वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक सिंचाई हेतु न तो कोई निर्माण कार्य कराया गया है और न ही प्रस्तावित है। अत: कार्य एवं राशि विवरण का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। लोनी बांध के कमाण्ड से बचे हुए शेष एक हजार हेक्टर क्षेत्र में त्योंथर बहाव योजना से सिंचाई हेतु पानी प्रदाय करने की योजना है, जो निर्माणाधीन है। (ग) जी नहीं, खभरा बांध वर्ष 1967 से क्षतिग्रस्त है। खभरा बांध के मरम्मत के लिए रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव दिनांक 31.01.2008 द्वारा जिला पंचायत, रीवा को प्रेषित किया गया, किन्तु प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से कार्य कराना संभव नहीं हो सका। अत: उदासीनता बरतने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। खभरा बांध के मरम्मतीकरण कार्य हेतु प्रस्ताव तैयार किया जाना प्रतिवेदित है, जो मैदानी कार्यालयों में परीक्षणाधीन है। जी नहीं। खभरा बांध का सतही लेवल लोनी बांध के सतही लेवल से दो मीटर ऊपर होने के कारण जोड़ा जाना संभव नहीं है।
सुजानपुरा तालाब की प्रशासनिक स्वीकृति
[जल संसाधन]
58. ( क्र. 2155 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 2.3.2019 को सुजानपुरा तालाब की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई थी? जिससे 920 हेक्टेयर रकवा सिन्चित होने का अनुमान था? (ख) क्या आज दिनांक तक सुजानपुरा तालाब के टेन्डर लगने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है? यदि नहीं तो कब तक की जायेगी? (ग) क्या भू-अर्जन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? यदि नहीं तो कब कर ली जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। सुजानपुरा लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 02.03.2019 को रू.1682.13 लाख की 920 हेक्टर हेतु प्रदान की गई। (ख) जी नहीं। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
59. ( क्र. 2213 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यह कहना सही है कि न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वानी, जिला-बड़वानी में प्रकरण क्रमांक/6/बी-121/85-86 दर्ज हुआ था? यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण की आदेश की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्ज प्रकरण में संबद्ध पक्षों के द्वारा प्रस्तुत समस्त दावे, आपत्तियों की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्ज प्रकरण के समस्त रिकार्ड वर्तमान में किस अधिकारी के कार्यालय में सुरक्षित रखे गये हैं? उस अधिकारी का नाम एवं कार्यालय का नाम बतावें। (घ) प्रश्नांश (ख) में प्रस्तुत समस्त दावे, आपत्तियों के पश्चात प्रश्नांश (क) में दर्ज प्रकरण में पारित आदेश की प्रति देवें, यदि कार्यालय के रिकार्ड में आदेश कि प्रति नहीं है, तो क्या प्रकरण से संबंधित रिकार्ड गायब कर दिया गया है, यदि हाँ, तो क्या ऐसा आपराधिक कृत्य करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वानी जिला बड़वानी के दायरा पंजी अनुसार राजस्व प्रकरण क्रमांक/6/बी-121/85-86, दिनांक 17.10.85 पर पक्षकार अध्यक्ष सुन्नत मुस्लिम जमात बड़वानी विरूद्ध शासन मध्यप्रदेश की प्रविष्ठि दर्ज है। दिनांक 26-8-1987 को तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़वानी जिला बड़वानी द्वारा आपत्तियां मान्य संशोधित सर्वेक्षण प्रपत्र मय मूल प्रकरण के कलेक्टर जिला खरगोन को जाव क क्रमांक 658 दिनांक 30/08/1987 को प्रेषित किया गया था। परन्तु वर्तमान में उक्त प्रकरण खरगोन एवं बड़वानी दोनों जिलों के अभिलेखागार में उपलब्ध नहीं है। अत: प्रतिलिपि दी जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार प्रकरण उपलब्ध न होने से प्रतिलिपि दी जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रकरण उपलब्ध न होने से जानकारी निरंक है। (घ) जाँच उपरांत वस्तुस्थिति ज्ञात की जा सकेगी।
राजस्व परिपत्र 6-4 के संबंध में कार्यवाही
[राजस्व]
60. ( क्र. 2214 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व परिपत्र 6-4 के क्रियान्वयन के लिये एक मार्च 2018 से प्रभावशील यथा संशोधित जारी नीति/निर्देशों की प्रति देवें। (ख) दिनांक 01-10-2020 से प्रश्न दिनांक तक जिलेवार कुल कितने प्रकरण राजस्व परिपत्र 6-4 के संबंध में दर्ज किए गए। (ग) दिनांक 01.01.2020 से प्रश्न दिनांक तक जिलेवार डूबने से होने वाली मौत जिसका प्रकरण दर्ज नहीं हो सका है, उस संबध में वारिस के द्वारा या विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की जा सकती है। नीति नियम के तहत स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के क्रियान्वयन के लिये एक मार्च 2018 से प्रभावशील यथा संशोधित जारी नीति/निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) ऐसे प्रकरण संज्ञान में नहीं आये है। इस प्रकार के प्रकरण संज्ञान में आने पर अथवा आवेदक द्वारा आवेदन दिये जाने पर प्रकरण का गुण दोषों के आधार पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मापदण्ड अनुसार कार्यवाही की जाती है।
अधिकारियों द्वारा की जा रही नियम विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
61. ( क्र. 2229 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में सहकारिता विभाग अन्तर्गत ऐसे कितने समिति प्रबंधक एवं उपसमिति प्रबंधक है, जिनके विरूद्ध गबन का आरोप/प्रकरण है? नाम, पद/पदस्थापना एवं गबन की राशि सहित जानकारी देवे? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ऐसे गबन के आरोपी समिति प्रबंधक एवं उप समिति प्रबंधकों को कहां-कहां पर खरीदी केन्द्र का प्रभारी बनाया गया है? नाम पदस्थापना स्थान तथा दिनांक सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में ऐसे गबन के आरोपी समिति प्रबंधक एवं उपसमिति प्रबंधकों के साथ विभाग के अधिकारियों द्वारा पक्षपात पूर्ण/मनमानी कार्यवाही किए जाने के कारण क्या जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता सदस्य को अवगत कराया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित किसी भी गबनकर्ता को खरीदी केन्द्र प्रभारी नहीं बनाया गया है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
कलेक्टर न्यायालय कटनी के निर्णय पर कार्यवाही
[राजस्व]
62. ( क्र. 2245 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के न्यायालय कलेक्टर कटनी के प्रकरण क्रमांक 25/अ-21/17-18 विषय आदिवासी भूमि की विक्रय के संबंध में दिनांक 16.07.2018 में निर्णय पारित करते हुये आदेश दिया था कि आदिवासी भूमि स्वामी श्री संतराम के स्वतत्व की भूमि मेहरूनिशा के नाम कैसे आई। इस संबंध में जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश थे। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 777 दिनांक 14.10.2020 जो कलेक्टर कटनी पुलिस अधीक्षक एवं एस.डी.एम. कटनी/बड़वारा को लिखा गया एवं पुलिस अधीक्षक को दिनांक 19.09.2020 को कूट रचना कर आदिवासी जमीन विक्रय करने वालों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने हेतु लिखा गया था तथा बैनाम को शून्य कराने के लिये एस.डी.एम. कटनी द्वारा सिविल न्यायालय में कब प्रकरण प्रस्तुत किया गया। यदि नहीं किया तो कब करेंगे? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य ने कलेक्टर कटनी को पत्र क्र. 793 दिनांक 07.11.2020 को पत्र लिखकर श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री ''राजगुरू'' निवासी रचना नगर कटनी की शिकायत संलग्न कर जाँच हेतु भेजा था? उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई बताएं? (घ) कटनी जिले के पिपरौध जलाशय की देवरी माइनर नहर के अंतिम भाग ग्राम पडुआ में 36 मी. की लंबाई में श्री राकेश महानी शांति नगर कटनी द्वारा जल संसाधन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण कर फेयर फूड राइस मिल द्वारा बाउण्ड्रीवाल का निर्माण करा लिया है। अतिक्रमण हटाने के लिये कार्यपालन यंत्री जल संसाधन कटनी ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पत्र क्रं.4213 दिनांक 18.12.2019 लिखा था। उक्त पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई बताएं। (ड.) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय भूमि पर किन-किन द्वारा अतिक्रमण किया है? उनकी जो भी शिकायतें प्राप्त हुई है, शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ (ख) पत्र क्रमांक 777 दिनांक 14/10/2020 के संबंध में तहसीलदार बड़वारा/अनुविभागीय अधिकारी कटनी से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। उक्त प्रतिवेदन में हितबद्ध पक्षकारों की सुनवाई की जाकर निर्णय लिया जायेगा। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) तहसीलदार ग्रामीण कटनी द्वारा, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग कटनी के प्रश्नांश में संदर्भित पत्र के तारतम्य में, हल्का पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा मौके पर जाकर अतिक्रमित भूमि का चिन्हांकन किया गया। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खनिपट्टा आवंटन में अनियमितता करने की जांच
[खनिज साधन]
63. ( क्र. 2246 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में खनिज लेटराइट, ओकर्स एवं ब्हाइट अर्थ हेतु कितने खनिज पट्टा कब-कब, किस-किस खसरा रकवा में किस-किस को आवंटित किए गए हैं। (ख) सतना जिले की तहसील बिरसिंहपुर के ग्राम प्रतापपुर में खसरा क्र. 83 के रकवा 33.50 एकड़ क्षेत्र पर खनिज लेटराइट, ओकर्स एवं ब्हाइट अर्थ हेतु फर्म मेसर्स मेकल मिनरल्स निवासी जैतवारा जिला सतना को मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग भोपाल के आदेश क्र. 2-384/91/12/2/3 दिनांक 14.07.1994 से पूर्ववेक्षण अनुज्ञप्ति स्वीकृत हुई थी? जिसका अनुबंध दिनांक 23.09.1998 को निष्पादन किया गया है? उक्त स्वीकृत क्षेत्र पर खनिज पट्टा प्राप्त करने हेतु दिनांक 13.11.2013 से कलेक्टर सतना के यहाँ उक्त फर्म का आवेदन विचाराधीन है? (ग) प्रश्नांश (ख) के रकवे में पूर्ववेक्षण स्वीकृत मिनरल्स पर पहले से विचाराधीन आवेदन पर स्वीकृत न देते हुए मनमानी करते हुए कलेक्टर सतना ने पुष्पेन्द्र सिंह पिता छोटे लाल सिंह निवासी नीमी तहसील रघुराजनगर जिला सतना को खनिज मुरूम हेतु 10 वर्ष के लिए उत्खनिपट्टा स्वीकृत करते हुए 15.12.2020 को उत्खनन हेतु भू प्रवेशन दिया है? जबकि उक्त रकवे में मुरूम है ही नहीं, उक्त रकबे से लेटराइटर का उत्खनन कर सीमेंट प्लाटों को सप्लाई किया जा रहा है? शासन जाँच कराकर खनिपट्टा तत्काल निरस्त कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक बताएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रश्न में उल्लेखित फर्म द्वारा पूर्वेक्षण अनुबंधित अवधि समाप्ति उपरांत लगभग 13 वर्ष पश्चात् दिनांक 13/11/2013 को खनिपट्टा आवेदन प्रस्तुत किया गया है। खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 10-क (ख) (iv) अनुसार नियत अवधि में आवेदन प्रस्तुत करने पर ही पूर्वेक्षण अनुज्ञप्तिधारी को खनिपट्टा प्राप्त किये जाने का अधिकार है। यह आवेदन अधिनियम के इस प्रावधान एवं खनिज (परमाणु तथा हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न) रियायत नियम, 2016 के नियम 7 (1) के अधीन नियत समय-सीमा से बाहर होने के कारण विचार योग्य नहीं है। (ग) संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म के आदेश क्रमांक 8504 दिनांक 28/08/2020 द्वारा कलेक्टर, सतना के प्रस्ताव के आधार पर प्रश्न में उल्लेखित व्यक्ति को मुरम खनिज का उत्खनिपट्टा स्वीकृत किया गया था। जिसका भू-प्रवेश दिनांक 15/12/2020 को कलेक्टर, सतना द्वारा दिया गया था। स्वीकृत रकबे से सीमेंट प्लांट को मुरम के स्थान पर लेटेराईट सप्लाई करने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। कलेक्टर, सतना द्वारा स्वीकृत क्षेत्र की जाँच उपरांत शर्तों के उल्लंघन के आधार पर आदेश क्रमांक 837 दिनांक 12/02/2021 से उत्खनिपट्टा निरस्त किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
[राजस्व]
64. ( क्र. 2266 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत वर्ष 2021 में जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में कितने हितग्राही लाभान्वित हैं? कितने शेष हैं? अगर शेष है तो कब तक इसका लाभ प्रदान किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत शेष हितग्राहियों को भुगतान न होने में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2021 में जिला नरसिंहपुर में 139867, जिला सागर में 282363 एवं जिला दमोह में 178477 हितग्राही लाभान्वित हुये है। हितग्राही संख्या परिवर्तनशील होने के कारण शेष संख्या बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सीमांकन की कार्यवाही
[राजस्व]
65. ( क्र. 2274 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी बड़वाह के आदेश क्रमांक 4431/री-1/20 दिनांक 27/10/2020 में ग्राम मोयदा के सीमांकन हेतु दिए आदेश के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक भी सीमांकन की कार्यवाही नहीं की गई? (ख) ग्राम मोयदा की मिसल बन्दोबस्त एवं पटवारी मानचित्र वर्ष 1980-81 एवं ऑनलाईन खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र वर्ष 2020 में कितनी निजी भूमि कितने किसानों के नाम पर दर्ज है कितनी निस्तार मद की भूमि एवं कितनी जंगल मद की भूमि दर्ज है इनमें से कितनी निजी भूमि से कितने किसानों को बेदखल किया है? (ग) ग्राम मोयदा के पटवारी मानचित्र एवं मोयदा वनकक्ष क्रमांक 246 के मानचित्र के आधार पर प्रश्नांकित दिनांक तक भी सीमांकन नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है सीमांकन हेतु किस किसान ने गत एक वर्ष में आवेदन प्रस्तुत किया है? (घ) सीमांकन की कार्यवाही कब तक की जाकर निजी भूमि पर किसानों को कब्जा दिलवाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम मोयदा की मिसल बन्दोबस्त वर्ष 1948 व 1949 की उपलब्ध है। निजी भूमि 137.91 हे. निस्तार मद की भूमि 37.438 हे. जंगल मद की भूमि 32.953 हे. है। किसानो को बेदखल संबंधी कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा नहीं की गई है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बडवाह के पत्र क्रमांक 4431/रीडर 1/20 दिनांक 27-10-2020 से राजस्व विभाग एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त सीमांकन किये जाने हेतु दल गठित किया गया था गठित दल द्वारा सीमांकन की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शपथ पत्र पर की गई शिकायत की जांच
[खनिज साधन]
66. ( क्र. 2286 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला खनिज कार्यालय बैतूल में श्री राजेश ओझा शंकर नगर भग्गूढाना बैतूल द्वारा शपथ पत्र सहित सैनिक फुड एवं डिजियाना के विरूद्ध की गई, शिकायत की जाँच कर प्रश्नांकित दिनांक तक भी आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं करवाया है। (ख) राजेश ओझा द्वारा जिला खनिज कार्यालय बैतूल में प्रस्तुत दो पृथक-पृथक शपथ पत्रों में किस-किस विषय का उल्लेख कर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवाने का अनुरोध किया था, उन शपथ पत्रों की जाँच कर प्रकरण पंजीबद्ध नहीं करवाए जाने का क्या-क्या कारण रहा है। (ग) कब तक शपथ पत्रों में उल्लेखित तथ्यों की जाँच कर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवाए जावेंगे।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया है। अपितु सैनिक फूड्स प्रायवेट लिमिटेड़, नई दिल्ली पर रेत खदान से बाहर अवैध उत्खनन पाये जाने पर 1376 घनमीटर अवैध उत्खनन का प्रकरण एवं मेसर्स डिजियाना इण्डस्ट्रीज प्रायवेट लिमिटेड, इंदौर के विरूद्ध 7000 घनमीटर अवैध भंडारण का प्रकरण बनाया जाकर दोनों कंपनियों के प्रकरण वर्तमान में कलेक्टर न्यायालय में प्रचलित हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार है। (ग) प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया अनुसार प्रचलित है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तालाबों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
67. ( क्र. 2327 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद के अगर बगवा तालाब धामनोदनाला तालाब, बेगन्दी तालाब, बिलीदड तालाब, दोमारा तालाब, सादडबन तालाब, हीरापुर तालाब एवं जलखां तालाब के लिए आर.आर. मद में प्रस्तावित तालाबों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 164 दिनांक 22.2.20 व अन्य कितने पत्र विभागीय स्तर पर प्राप्त हुए और तत्संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कब तक स्वीकृति आदेश जारी किए जायेगें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र कसरावद से संबंधित प्रश्नाधीन तालाबों एवं नहरों के मरम्मत एवं लाईनिंग कार्य के प्रस्ताव आरआरआर मद में प्रस्तावित न होकर राज्य आपदा मोचन निधि मद में प्रस्तावित किया जाकर राहत आयुक्त कार्यालय को प्रेषित किया गया है। स्वीकृति अपेक्षित होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मान. सदस्य का पत्र क्र. 164 दिनांक 22.02.2020 कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग खरगोन को प्राप्त होना प्रतिवेदित है। प्रश्नाधीन पत्र एवं अन्य पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जल संसाधन विभाग के स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
खाद्यान्न वितरण में की जा रही अनियमितताएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
68. ( क्र. 2379 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में कहाँ-कहाँ शासकीय उचित मूल्य की दुकानें किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही है? सूची दें। (ख) 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक उक्त दुकानों को कितना-कितना खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल कब-कब, किस-किस योजना में आंवटित किया गया तथा परिवहनकर्ता द्वारा उक्त माहों में किस-किस दुकान पर क्या-क्या सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में पहुँचाई? (ग) उक्त दुकान संचालकों द्वारा उपभोक्ताओं को उक्त माहो में क्या-क्या सामग्री किस-किस दर प्रदान की गई? क्या सत्य है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का नि:शुल्क राशन वितरित नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्यों। (घ) किस-किस दुकान संचालक द्वारा खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल विक्रय की राशि जमा नहीं की है तथा क्यों कारण बतायें तथा इसके लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत सभी पात्र परिवारों को गेहूं, चावल एवं नमक 01 रुपये प्रति किग्रा. एवं अंत्योदय परिवारों को शक्कर 20 रुपये प्रति किग्रा. की दर से तथा केरोसीन कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर पर वितरित कराया गया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत गेहूं, चावल एवं दालें नि:शुल्क वितरित कराई गईं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दुकान संचालकों द्वारा खाद्यान्न एवं केरोसीन तेल विक्रय की जमा नहीं की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। सहकारी संस्थाओं द्वारा लिमिट न होने की स्थिति में राशि जमा नहीं कराई गई। उक्त राशि वसूली के संबंध में अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही के संबंध में वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन जिला कलेक्टर से प्राप्त किया जा रहा है।
स्थानांतरण आदेश में सिविल सेवा नियमों का उल्लंघन
[राजस्व]
69. ( क्र. 2413 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय प्रक्रिया में राजनैतिक दबाव से आदेश प्रसारित करना कदाचार की श्रेणी में आता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, खिलचीपुर-जीरापुर द्वारा हलका पटवारी के स्थानांतरण आदेश क्रमांक 1148/स्टेनो/2020, दिनांक 04/09/2020 में पूर्व विधायक के प्रस्ताव का उल्लेख कर पटवारियों के स्थानांतरण आदेश पारित किये गये हैं? (ग) उक्त आदेश कलेक्टर द्वारा भी अनुमोदित नहीं होना एवं पूर्व विधायक का आदेश में उल्लेख होना सिविल सेवा नियमों का सरासर उल्लंघन किये जाने पर दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विभागीय स्थानांतरण प्रशासनिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए किये जाते है। (ख) (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुविभाग अन्तर्गत पटवारी हल्का के आवंटन हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सक्षम अधिकारी होते है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
प्रवासी मजदूरों को प्रदान किए गये रोजगार
[श्रम]
70. ( क्र. 2457 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में कुल कितने श्रमिक कौन-कौन सी योजनाओं के अन्तर्गत पंजीकृत है? वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2020-21 माह जनवरी तक परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभाग द्वारा कितने श्रमिकों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया है? हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी योजना सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या विभाग द्वारा पंजीकृत श्रमिकों को शासन की योजनाओं का लाभ समय-सीमा पर प्रदान किया जा रहा है? क्या अनेकों श्रमिकों द्वारा समय-सीमा पर योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं होने की शिकायतें प्राप्त हो रही है? जिसका क्या कारण है? (ग) कोविड-19 माहमारी के कारण कितने प्रवासी मजदूर छिन्दवाड़ा जिले में अन्य राज्य एवं मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से वापिस आये है? संख्या बताये, इन प्रवासी मजदूरों के लिए क्या श्रम विभाग द्वारा रोजगार दिये जाने हेतु कोई योजना बनाई गई है? अभी तक छिन्दवाड़ा जिले में कितने प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया गया है? प्रदेश सरकार के द्वारा अभी तक प्रवासी मजदूरों के जीवन-यापन के लिए क्या व्यवस्था बनाई गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल- छिंदवाड़ा जिले में म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल योजना अंतर्गत कुल पंजीकृत श्रमिक 28894 है। वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-2021 तक परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत लाभान्वित श्रमिकों की संख्या निम्नानुसार है:-
वर्ष |
विवाह सहायता |
शिक्षा हेतु प्रोत्साहन |
मेधावी सहायता |
अंत्येष्टि सहायता |
अनुग्रह सहायता |
2018-19 |
79 |
743 |
71 |
16 |
03 |
2019-20 |
38 |
203 |
80 |
29 |
08 |
2020-21 |
13 |
- |
- |
42 |
25 |
2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल - छिन्दवाड़ा जिले में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अन्तर्गत 494205 पंजीकृत श्रमिक हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2020-21 माह जनवरी तक परासिया विधानसभा क्षेत्र में लाभान्वित श्रमिकों की संख्या निम्नानुसार है :-
क्र. |
योजना का नाम |
प्रकरणों की संख्या |
1 |
अन्त्येष्टि सहायता |
1312 |
2 |
अनुग्रह सहायता सामान्य मृत्यु |
572 |
3 |
अनुग्रह सहायता दुघर्टना मृत्यु |
72 |
4 |
अनुग्रह सहायता अस्थाई अपंगता |
01 |
5 |
अनुग्रह सहायता स्थाई अपंगता |
02 |
(ख) 1. म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल - जी हाँ। छिंदवाड़ा में श्रमिकों को समय-सीमा में योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। 2. म.प्र. संगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल - जी हाँ। यदा कदा भौतिक सत्यापन न हो पाने, योजना अन्तर्गत अपात्र चिन्हित होने, पर्याप्त बजट उपलब्ध न होने के कारण लाभ न मिल पाने की शिकायतें प्राप्त होती हैं। जिनका यथोचित निराकरण यथाशीघ्र किया जाता है। (ग) कोविड-19 के कारण छिंदवाड़ा जिले में अन्य राज्यों से प्रवासी श्रमिक 13,312 वापस आए है। इसी प्रकार म.प्र. के अन्य जिलों से 30,295 श्रमिक छिंदवाड़ा जिले में वापस आए है। प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार सेतु पोर्टल को बनाया गया है। जिसमें भवन एवं अन्य संनिर्माण, असंगठित श्रमिकों एवं कारखानों में नियोजित श्रमिकों का पंजीयन है। जिसे कर्मकार अपने रोजगार हेतु उपयोग कर सकते है। नियोक्ता अपने कर्मकरों को योग्यातानुसार चयन कर सकते है। मनरेगा में 5,742 श्रमिकों को रोजगार दिया गया है एवं अन्य नियोजनों में 271 श्रमिकों को आज दिनांक तक रोजगार प्रदान किया गया है। छिंदवाड़ा जिले में प्रवासी मजदूरों के वन-यापन के लिए खादय विभाग के द्वारा कुल 1258 परिवार को खादयान उपलब्ध कराया गया है।
अवैध निर्माण किए जाने पर दोषियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
71. ( क्र. 2478 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एंटी भूमाफिया अभियान में किस प्रकार के एवं किनके भवन ध्वस्त किए जा रहे हैं? ध्वस्त किए गए भवन की संख्या बताएँ। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में ध्वस्त किए गए भवन में क्या बिजली,पानी आदि कनेक्शन थे? यदि हाँ, तो कितने में वैध क्या कनेक्शन हेतु मकान के वैध दस्तावेज लेने का प्रावधान है? हाँ तो क्या भवन के वैध दस्तावेज विभाग को उपलब्ध कराए गए? हाँ तो कितने के? नहीं तो कनेक्शन किस नियम से दिया गया? अनुमति देने वाला दोषी क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में कितने भवनों की रजिस्ट्री थी? जमीन सरकारी थी तो उसकी रजिस्ट्री किस नियम से की गई? रजिस्ट्री करने वाला दोषी क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में अवैध निर्माण की जानकारी अधिकारी को देने की जिम्मेदारी किसकी है? जब भवनों का निर्माण किया जा रहा था तो अधिकारी ने क्यों नहीं रोका? यदि जबरदस्ती मकान निर्माण किया जा रहा था तो उस समय शासन ने बलपूर्वक क्यों नहीं रोका? अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करने वाले अधिकारी दोषी क्यों नहीं? (ड.) अवैध मकान को तोड़ने से देश के लाखो रू. बर्बाद होते है साथ ही प्राकृतिक संसाधन भी नष्ट होते हैं। इसकी जिम्मेदारी किसकी है? अवैध मकान को तोड़ने के स्थान पर शासन उसे अधिग्रहित कर अन्य कार्य हेतु क्यों नहीं लेता?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एंटी भूमाफिया अभियान में शासकीय भूमि पर बने अतिक्रमण ध्वस्त किए जा रहे है। प्रश्न दिनांक तक ध्वस्त किए गए अवैध भवनों की संख्या 1207 है। (ख) विभाग द्वारा अतिक्रमण में निर्मित भवनों को 248 के तहत कार्यवाही की जाती है। बिजली/पानी के कनेक्शन है कि नहीं इसका परीक्षण नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में 25 भवनों की रजिस्ट्री थी। पक्षकारों (क्रेता- विक्रेता) द्वारा निजी भूमि हक के राजस्व अभिलेख प्रस्तुत करने पर उपपंजीयक द्वारा रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 के प्रावधानों के अनुसार दस्तावेजों का पंजीयन किया जाता है तथा म.प्र. रजिस्ट्रीकरण नियम 1939 के नियम 35 के आधार पर ही उपपंजीयक द्वारा किसी दस्तावेज को पंजीयन से इंकार किया जा सकता है। अन्य कारणों से नहीं। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में अवैध निर्माण की जानकारी अधिकारी को देने की जिम्मेदारी संबंधित मैदानी अमले की है। जानकारी प्राप्त होने पर यथा समय कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ड.) अवैध निर्माण के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। कतिपय प्रकरणों में गुणदोष के आधार पर भवन अधिग्रहीत किए जाने की कार्यवाही भी की जाती है।
राजस्व ग्राम घोषित किये जाना
[राजस्व]
72. ( क्र. 2485 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला होशंगाबाद की तहसील पिपरिया अन्तर्गत ग्राम पंचायत समनापुर एवं ग्राम पंचायत पनारी के मार्ग के मध्य में ग्राम अंजनढ़ाना के 27 परिवार, ग्राम मोगरा के 41 परिवार, ग्राम राईखेड़ा एवं सागौन फार्म के 118 परिवार, विनौरा के 34 परिवार, चपटाढाना के 19 परिवार एवं जामनढोंगा के 59 परिवार विस्थापित होकर निवासरत हैं जो राईखेड़ा टोला के नाम से जाना जाता हैं। (ख) यदि हाँ, तो, क्या राईखेड़ा टोला की जनसंख्या लगभग 1000 से अधिक हैं फिर भी यह ग्राम राजस्व ग्राम घोषित न होने के कारण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हाँ, हैं तो ग्राम राईखेड़ा टोला को राजस्व ग्राम कबतक घोषित कर दिया जावेगा यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतपुड़ा टाईगर रिजर्व से विस्थापन उपरान्त ग्राम पंचायत समनापुर एवं पनारी में विभिन्न ग्रामों से विस्थापित होकर आने वाले व्यक्तियों के द्वारा राजस्व ग्राम समनापुर, पनारी, बारीदेवी एवं डोकरीखेड़ा में एक साथ टोलों/समूह में व्यवस्थापित हुए है, जिसमें ग्राम बारीदेवी में मांगरा एवं अंजनढाना, ग्राम डोकरीखेड़ा में राईखेडा, बिनौरा एवं चपटाढाना, ग्राम समनापुर में राईखेडा, ग्राम पनारी में मोगरा, राईखेड़ा एवं जामुनढ़ोंगा जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी बसाहटों को राईखेडा टोला के नाम से नहीं पहचाना जाता है। सभी विस्थापन पूर्व के नाम से संबोधित किये जाते है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता।
सागर जिले में श्रमोदय विद्यालय खोला जाना
[श्रम]
73. ( क्र. 2546 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने कहाँ-कहाँ तथा कब से श्रमोदय विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में किन-किन श्रेणी के कितने छात्र प्रवेशित है? (ख) क्या सागर जिला एवं संभाग अत्याधिक पिछड़ा है और समूचे क्षेत्र में बीड़ी श्रमिक एवं अन्य श्रमिकों की बहुत बड़ी संख्या है? क्या शासन इनके बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के लिये सागर जिले में श्रमोदय विद्यालय खोले जाने पर विचार करेगा? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण सहित बताएँ।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में कुल 04 श्रमोदय विद्यालय भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में शैक्षणिक सत्र 2018-2019 से संचालित है। इन विद्यालयों में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के कुल 3392 पुत्र-पुत्रियां प्रवेशित हैं। विद्यालयवार तथा श्रेणीवार प्रवेशित छात्र-छात्राओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्रमोदय विद्यालय मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल भोपाल द्वारा निर्माण कार्यों की लागत से प्राप्त उपकर निधि से संचालित किये जा रहे है। श्रमोदय विद्यालय में मात्र निर्माण श्रमिकों के बच्चों को ही प्रवेश दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त बीड़ी श्रमिकों के अथवा अन्य श्रमिकों के बच्चों को प्रवेश दिया जाना संभव नहीं है। सागर जिले में श्रमोदय विद्यालय स्थापित किये जाने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में निहित है।
मछुआ परिवारों को वैकल्पिक रोजगार
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
74. ( क्र. 2547 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कितने मछुआ परिवार निवासरत हैं एवं इनकी जीविकोपार्जन का मुख्य साधन क्या है? (ख) क्या सागर नगर के तालाब में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत संरक्षण एवं विकास कार्य किये जा रहे हैं? तालाब में मत्स्य पालन एवं आखेट संबंधी गतिविधियों पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है? ऐसे में यह परिवार भूखों मरने की कगार पर है, तो क्या शासन इनको वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था करेगा तथा कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लगभग 280 परिवार निवासरत है। इनके जीविकोपार्जन का मुख्य साधन तालाबों/नदियों में मत्स्याखेट एवं अन्य व्यवसाय है। (ख) जी हाँ। लाखा बंजारा झील का सौन्दर्यीकरण एवं गहरीकरण कार्य कराये जाने से मत्स्यपालन से संबंधित समस्त गतिविधियां बंद है। तालाब में मत्स्यपालन करने वाले मछुआरों को सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा प्राथमिक रूप से रोजगार उपलब्ध कराया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माइक्रो लिफ्ट सिंचाई योजना का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
75. ( क्र. 2557 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले के तहसील घाटीगाँव स्थित हिम्मतगढ़ फीडर एवं आरौन-पाटई माइक्रो लिफ्ट सिंचाई योजना की डी.पी.आर. लागत 179.88 करोड़ की लागत से तैयार कर कार्यालय प्रमुख अभियन्ता जल संसाधन विभाग, भोपाल द्वारा दिनांक 9/3/2020 को उप-सचिव म.प्र. शासन जल संसाधन विभाग, भोपाल को भेजा गया था तथा पत्र दिनांक 9/3/2020 से प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना की स्वीकृति में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या हिम्मतगढ़ फीडर एवं आरौन-पाटई क्षेत्र में फसलों की सिंचाई की भयंकर समस्या है? क्या इन क्षेत्रों में वाटर लेवल बहुत नीचे चला गया है? यदि हाँ, तो इन क्षेत्रों के किसान सिंचाई एवं पेयजल समस्या से भयंकर पीड़ित है? यदि हाँ, तो क्या इस योजना जिसकी लागत 179.88 करोड़ है तुरन्त स्वीकृत कर उक्त क्षेत्र के किसानों की समस्याओं का निराकरण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्या इस क्षेत्र के कृषकों को पलायन करने के लिये मजबूर किया जावेगा? (ग) ग्वालियर जिले में जल संसाधन विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। वित्तीय सूचकांक अधिक्रमित होने के कारण वर्तमान में प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बायोमैट्रिक प्रणाली से राशन वितरण में आ रही नेटवर्क की समस्या
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
76. ( क्र. 2558 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किन-किन केन्द्रों पर किन-किन कर्मचारियों/अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में राशन वितरण किया जा रहा है? उनके नाम बतावें। राशन वितरण केन्द्रों में सही समय में राशन नहीं पहुंच पाने की शिकायतें 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन केन्द्रों से किन-किन शिकायतकर्ता द्वारा प्राप्त हुई है? उनके नाम, पता एवं शिकायत की छायाप्रति दें। नियत समय पर कोटा वितरण केन्द्रों पर राशन नहीं पहुंच पाने के लिए कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? नाम/पद बतावें। (ख) क्या बायोमैट्रिक मशीन के माध्यम से राशन वितरण प्रणाली लागू कर दी गयी है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से? क्या ग्रामीण अंचलों में नेटवर्क/सर्वर की समस्या बनी रहती है? यदि हाँ तो भितरवार विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन से वितरण केन्द्र हैं जहां नेटवर्क की ज्यादातर समस्या बनी रहती है उनके नाम बतावें। बिना नेटवर्क और अन्य अधोसरंचना के यह व्यवस्था लागू करने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? नाम, पद बतावें। क्या जब तक नेटवर्क/सर्वर की समस्या ठीक नहीं होती तब तक राशन वितरण की वैकल्पिक व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ तो कब से? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतावें। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय (कार्यक्षेत्र) बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में संचालित 123 शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर नियुक्त नोडल अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भितरवार विधानसभा क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों पर राशन समय पर नहीं पहुंचने संबंधी शिकायतें प्राप्त नहीं हुई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। ग्वालियर जिले में दिनांक 01 अक्टूबर 2019 से सभी 555 शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर आधार आधारित लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था अंतर्गत हितग्राही के बायोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन वितरण किया जा रहा है। भितरवार विधानसभा क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों पर लगाई गई पी.ओ.एस. मशीनों में नेटवर्क/सर्वर की समस्या नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अनुविभाग घाटीगांव में श्री महावीर सिंह राठौर, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी दिनांक 13 जून 2019 से पदस्थ है, इनका मुख्यालय ग्वालियर है एवं अनुविभाग भितरवार में सुश्री सुरभि जैन, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी दिनांक 05 फरवरी 2021 से पदस्थ है, इनका मुख्यालय भितरवार है।
गेहूँ उपार्जन केन्द्रों पर गेहूँ की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 2565 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर तहसील में पिछले 2 वर्ष में गेहूँ उपार्जन केन्द्र पर कितना-कितना गेहूँ खरीदा गया एवं कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? उपार्जन केन्द्र व नामवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें (ख) क्या पिछले वर्ष गेहूँ उपार्जन केन्द्र से गेहूँ का परिवहन समय पर नहीं होने से वर्षा में किस किस सहकारी समिति में कितना-कितना गेहूँ खराब हुआ? उपार्जन केन्द्र की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन बड़नगर विधानसभा में गेहूँ उपार्जन भण्डारण के लिए कितने-कितने गोदाम का निर्माण किस-किस गांव में कराया जा रहा है? नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या शासन गेहूँ उपार्जन केन्द्र पर खराब हुए गेहूँ के लिए परिवहन ठेकेदार/दोषी कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) उज्जैन जिले की बड़नगर तहसील में विगत 2 उपार्जन मौसम में समर्थन मूल्य पर उपार्जन केन्द्र के नामवार, उपार्जित गेहूँ की मात्रा एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) रबी विपणन वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के संक्रमण के कारण समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन का कार्य माह मार्च के स्थान पर अप्रैल से प्रारम्भ किया जा सका। समस्त पंजीकृत किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय का अवसर प्रदान करने हेतु उपार्जन एवं परिवहन का कार्य माह जून, 2020 में भी जारी रहा। माह मई के अंतिम सप्ताह में 'निसर्ग' चक्रवात के कारण पूरे प्रदेश में भारी बारिश हुई। साथ ही, मानसून समय से पूर्व आने के कारण गेहूँ पानी से प्रभावित हुआ, उज्जैन जिले में गेहूँ का उपार्जन अनुमान से अत्यधिक होने के कारण उपार्जित मात्रा को अन्य जिलों में भंडारण कराया गया। समितिवार वर्षा से खराब हुए गेहूँ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ के भंडारण हेतु बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा नवीन गोदामों का निर्माण नहीं कराया जा रहा है। यद्यपि निजी क्षेत्र में गोदाम का निर्माण हो रहा है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) वर्ष 2020-21 में 'निसर्ग' चक्रवात के कारण हुई असामयिक वर्षा से उपार्जित गेहूँ प्रभावित होकर क्षतिग्रस्त/अमानक हुआ है तथा परिवहनकर्ता द्वारा समय पर गेहूँ का परिवहन नहीं करने पर जिला उपार्जन समिति द्वारा संबंधित परिवहनकर्ताओं पर राशि रू. 5.09 करोड़ की पेनाल्टी अधिरोपित की गई है एवं संबंधित परिवहनकर्ता फर्म को ब्लेक लिस्टेड करने का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनांतर्गत राशन का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
78. ( क्र. 2575 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का राशन कितना आवंटित किया गया था तथा इसे खुले बाजार में बेचने की कितनी राशि थी? 1 दिसम्बर 2020 की स्थिति की जानकारी दी जावे। (ख) ग्वालियर शहर के तीन सेक्टरों में एक लाख पच्चीस हजार परिवारों को जो राशन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत आवंटित हुआ था, जब लम्बे समय तक राशन की दुकानों पर नहीं पहुंचा तो खाद्य एवं प्रशासनिक अधिकारियों की जानकारी में क्यों नहीं आया? जिम्मेदार अधिकारियों पर क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही हैं? (ग) क्या कंट्रोल की दुकानों पर पात्र हितग्राहियों को राशन पहुंच रहा है? वितरण हो रहा है या नहीं? इसकी देखरेख की जिम्मेदारी खाद्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की होती है, जिनकी अनदेखी के कारण गरीब परिवारों को खाद्यान्न नहीं मिल पाया। शासन इनके खिलाफ क्या कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि तक जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत परिवहनकर्ताओं द्वारा गोदामों से उठाने के पश्चात् भी 4289.05 क्विंटल गेहूँ, 1549.17 क्विंटल चावल, 63.30 क्विंटल चना एवं 1.67 क्विंटल तुअर दाल उचित मूल्य दुकानों तक न पहुंचाने के कारण पेनाल्टी सहित इस योजना अंतर्गत कुल राशि 1, 96, 03, 590 रुपये की वसूली सहित दाण्डिक अपराध करने के कारण परिवहनकर्ता के विरुद्ध एफ.आई.आर दर्ज की गई है। (ख) आवंटित सामग्री को दुकानों पर समय पर न पहुंचाने का तथ्य संज्ञान में आने पर सक्षम अधिकारियों द्वारा म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के अधिकारी के माध्यम से ही एफ.आई.आर दर्ज कराई गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार नियंत्रण आदेश के प्रावधानों के उल्लंघन के फलस्वरूप निरीक्षण उपरांत प्रतिवेदन सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने का दायित्व खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, सहकारिता विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की है। फिर भी खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग एवं म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के अधिकारियों का यह संयुक्त दायित्व है कि राशन सामग्री डिस्पैच होने के पश्चात् यदि दुकानों पर नहीं पहुंचती है तो इस संबंध में त्वरित कार्यवाही की जाये। शेष प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
उपभोक्ता न्यायालयों में लंबित प्रकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
79. ( क्र. 2630 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में उपभोक्ता न्यायालय में कितने वाद लम्बित हैं? (ख) सरकार की नीति के अनुसार तहसील स्तर तक एक उपभोक्ता न्यायालय खोलने के लिए कितने मुकदमों की संख्या आवश्यक हैं? (ग) क्या सरकार इंदौर उज्जैन संभाग के जिला उपभोक्ता न्यायालय में बढ़ते हुए वादों की संख्या को देखते हुए तहसील स्तर तक और उपभोक्ता न्यायालय खोलने का विचार कर रही हैं? यदि हाँ, तो कब तक व नहीं, तो क्यों? क्या प्रदेश में बढती स्वास्थ्य बीमा कम्पनिया भारी प्रीमियम भरवाकर उन्हें सुविधाओं का लाभ नहीं दे रही है, जिससे उपभोक्ता न्यायालय में लगातार स्वास्थ्य बीमा प्रकरण बढ़ रहे हैं। क्या विभाग ऐसी फर्जी कंपनियों के प्रदेश में व्यापार में रोक लगाने का विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या प्रदेश में उपभोक्ता न्यायालय में लंबित वादों के निस्तारण हेतु विशेष अभियान चलाने का विचार विभागीय स्तर पर चल रहा है? यदि हाँ, तो कब तक व नहीं, तो क्यों? क्या बढ़ते हुये प्रकरणों के मद्देनजर केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप तहसील एवं नगर पंचायत स्तर पर सप्ताह में 2 दिन उपभोक्ता न्यायालयों की स्थापना की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रदेश में उपभोक्ता न्यायालयों में दिनांक 31.01.2021 की स्थिति में लम्बित वादों की संख्या राज्य उपभोक्ता आयोग में 11240 एवं समस्त जिला उपभोक्ता आयोग में 32297 है। (ख) प्रश्नाधीन के संबंध में वर्तमान में कोई नीति नहीं है। (ग) अधिनियम अंतर्गत जिले में उपभोक्ता आयोग स्थापना का प्रावधान है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। बीमा कंपनियां नियामक प्राधिकरण के द्वारा निर्धारित नीति निर्देशों के अनुसार संचालित होती हैं, उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अंतर्गत बीमा कंपनियों पर नियंत्रण नहीं है। (घ) लम्बित प्रकरणों के निराकरण के संबंध में प्रतिवर्ष लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2021 में भी शीघ्र ही लोक अदालत का आयोजन सम्भावित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। तहसील व नगरपंचायत स्तर पर उपभोक्ता न्यायालय स्थापित करने का प्रावधान नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि पर कब्जा
[राजस्व]
80. ( क्र. 2637 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में ग्राम पीपलनेर के खसरा नं. 137 एवं 139 में कितनी कॉलोनियों विकसित हुई है? कितने प्लाटों की बिक्री किस बिल्डर ने की है? क्रेता एवं विक्रेता के नाम बतायें। (ख) खसरा नं. 137 एवं 139 में कितनी भूमि शासकीय होकर रक्षा विभाग के नाम पर दर्ज है? रकबा बतायें। इन दोनों खसरों की कितनी शासकीय जमीन पर्णकुटी कॉलोनी के कब्जे में है? (ग) खसरा नं. 137 एवं 139 में कितनी शासकीय जमीन पर पर्णकुटी बिल्डर्स द्वारा कब्जा कर अतिक्रमण किया गया है, अतिक्रमणकर्ताओं के नाम बतायें। ये अतिक्रमण कब तक हटाया जायेगा? (घ) जिला प्रशासन के पास खसरा नं. 137 एवं 139 पर निर्मित पर्णकुटी कॉलोनी में अतिक्रमण से संबंधित कितनी शिकायतें दिनांक 01/01/2019 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई है? उन पर क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम पीपलनेर के खसरा न. 137 एवं 139 में वर्ष 2009-2010 में पर्णकुटी कॉलोनी विकसित की गई, जिस पर वर्तमान में मकानात बने हुए हैं। श्रीमती सुधा सिघंल पत्नि श्री प्रबोध सिघंल प्रोपराईटर मेसर्स निर्माण सुधा के द्वारा पर्णकुटी कॉलोनी विकसित की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खसरा नं. 137 में भूमि रक्षा विभाग के नाम से दर्ज नहीं है एवं 139/1/2 रकबा 3.1210 हेक्टर भूमि वर्तमान राजस्व अभिलेख में रक्षा विभाग (भारत सरकार) भारतीय नौसेना अध्यक्ष संस्था के नाम अंकित है। खसरा नं. 137 में से रकबा 2.45 एकड़ तथा खसरा नबंर 139 में से 0.36 एकड़ भूमि पर पर्णकुटी कॉलोनी का कब्जा पाया गया था। (ग) तहसीलदार बैरागढ वृत्त, भोपाल के राजस्व प्रकरण क्रमांक– 01/अ-68/2010-11 में किये गये सीमांकन दिनांक 22/10/2010 में सीमांकन दल द्वारा खसरा नं. 137 में से रकबा 2.45 एकड़ तथा खसरा नं. 139 में से 0.36 एकड़ भूमि पर बिल्डर का कब्जा प्रतिवेदित किया गया था, परंतु न्यायालय आयुक्त, भोपाल संभाग, भोपाल के प्रकरण क्रमांक -36/निगरानी/2010-11 में पारित आदेश दिनांक 06 मई 2014 के द्वारा बिल्डर की निगरानी आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए पुन: सीमांकन के आदेश दिये गये हैं। उक्त के क्रम में पुन: सीमांकन किये जाने के आदेश, आदेश क्रमांक 357/भू-अभि/2021 दि.19/02/2021 द्वारा दिये जा चुके है। सीमांकन में अतिक्रमण पाये जाने पर विधि अनुकूल अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही की जायेगी। (घ) जिला प्रशासन के पास खसरा नं. 137 एवं 139 पर निर्मित पर्णकुटी कॉलोनी में अतिक्रमण से संबंधित कोई शिकायतें दिनांक 01/01/2019 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है।
डिस्ट्रिक्ट माईनिंग फंड से राशि का प्रदाय
[खनिज साधन]
81. ( क्र. 2645 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कलेक्टर अनूपपुर द्वारा डी.एम.एफ. (डिस्ट्रिक्ट माईनिंग फंड) से कोचिंग क्लासेस हेतु किन व्यक्तियों/फर्मों को कितनी राशि किन-किन एकाउण्ट में प्रदान की? व्यक्ति/फर्म नाम, राशि, एकाउण्ट नंबर सहित दिनांक 01/01/2019 से 31/01/2021 तक के संदर्भ में देवें। (ख) फर्मों के चयन की प्रक्रिया कार्यवार देवें। इसके लिए जिन अखबारों में विज्ञप्ति प्रकाशित की गई उनका विवरण देवें। (ग) क्या कारण है कि उपरोक्त टेंडर में इंडिया आनलाईन मार्ट ने 56, 64, 000/- रूपये की राशि भरी जबकि Knoctowl technologies ने 79, 80, 000/- रूपये की राशि भरी तो कम राशि वाली फर्म को छोड़कर अधिक राशि भरने वाली फर्म को टेंडर दे दिया गया? क्यों? (घ) अधिक राशि प्रदान करके शासन को नुकसान करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला कलेक्टर अनूपपुर द्वारा जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से कोचिंग क्लास हेतु किसी भी व्यक्तियों अथवा फर्मों को किसी भी खाते में सीधे राशि प्रदाय नहीं किया गया है। उक्त कार्य हेतु क्रियान्वयन एजेंसी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग अनूपपुर को अधिकृत कर बैंक खाते में राशि अंतरित किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) क्रियान्वयन एजेंसी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग अनूपपुर द्वारा जेई मेन्स, पी.ई.बी., एम.पी.पी.एस.सी., बैंकिंग, एस.एस.सी., रेलवे कोचिंग क्लास हेतु ऑनलाइन निविदा आमंत्रण एवं समाचार पत्र के माध्यम से सूचना पत्र क्रमाँक 5406 दिनाँक 14/10/2019 द्वारा प्रकाशित की गई। निविदा प्रकाशन उपरांत इंडिया ऑनलाइन मार्ट एवं Knoctowl Technologies Pvt. Ltd Benture ऑनलाइन बिड में सम्मिलित हुए। उपरोक्त निविदा की विज्ञप्ति दैनिक भास्कर समाचार पत्र में प्रकाशित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में दो प्रकार की बिड निर्धारित की गयी थी। जिसमें टेक्निकल बिड और फाइनेंशियल बिड। उक्त के अनुक्रम में फाइनेंशियल बिड में इंडिया मार्ट द्वारा 5664000.00 तथा Knoctowl Technologies Pvt. Ltd Benture द्वारा 7980000.00 राशि भरी गई। तत्पश्चात ऑनलाइन निविदा आमंत्रण में निर्धारित की गई। समय-सीमा पर गठित समिति के समक्ष दोनों बिडर की उपस्थिति में निविदा में दिये गये शर्तों के आधार पर टेक्निकल एवं फाइनेंशियल बिड का तुलनात्मक मूल्यांकन किया गया। जिसमें टेक्निकल मूल्यांकन को 75 प्रतिशत एवं फाइनेंशियल मूलयांकन को 25 प्रतिशत वेटेज दिये जाने हेतु निविदा शर्तों में निहित था। संयुक्त मूल्यांकन में सर्वाधिक अंक प्राप्तकर्ता/बिडर को टेंडर दिये जाने की शर्त निहित थी। उक्तानुसार इंडिया ऑनलाइन मार्ट को टेक्निकल स्कोर 61 का (45.75 वेटेज के आधार पर) तथा फाइनेंशियल स्कोर 100 का (25 वेटेज के आधार पर) इस प्रकार संयुक्त स्कोर 45.75 + 25 = 70.75 प्राप्त हुए तथा Knoctowl Technologies Pvt. Ltd Benture को टेक्निकल स्कोर 78 का (58.5 वेटेज के आधार पर) एवं फाइनेंशियल स्कोर 70.98 का (17.74 वेटेज के आधार पर) इस प्रकार संयुक्त स्कोर 58.5 + 17.74 = 76.24 प्राप्त हुए। चूंकि संयुक्त मूल्यांकन में Knoctowl Technologies Pvt. Ltd Benture को सर्वाधिक अंक प्राप्त हुए हैं, इसलिए इंडिया ऑनलाइन मार्ट द्वारा फाइनेंशियल बिड में कम राशि भरे जाने के बाद भी Knoctowl Technologies Pvt. Ltd Benture को टेंडर दे दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) चूंकि कोचिंग क्लास कार्य हेतु फर्म का चयन पारदर्शी प्रक्रिया एवं मूल्यांकन के आधार पर किया गया है, जिसमें शासन को किसी प्रकार का नुकासान नहीं है तथा उक्त कार्य हेतु किसी भी कर्मचारी पर कार्यवाही किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता।
म.प्र. कोटवार वेलफेयर सोसायटी शहडोल संभाग की मांगें
[राजस्व]
82. ( क्र. 2672 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. कोटवार वेलफेयर सोसायटी संभाग शहडोल एवं जिला इकाई अनूपपुर द्वारा दिनांक 15.10..2019 एवं 15.12.2020 के माध्यम से पांच सूत्री मागों को लेकर कमिश्नर शहडोल एवं कलेक्टर अनूपपुर को ज्ञापन सौंपा गया था तो कोटवार वेलफेयर सोसायटी के किन-किन मांगों को पूर्ण किया गया? (ख) क्या कोटवारों की मांग अनुसार नीली वर्दी से खाकी वर्दी किन-किन संभागों में कब से लागू किया जा चुका है? यदि म.प्र. के अन्य संभाग जिलों में नीली वर्दी परिवर्तन कर खाकी वर्दी किया गया हो तो शहडोल संभाग में सेवा दे रहे कोटवार का भी खाकी वर्दी किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक आदेश जारी कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कोटवारों की नियुक्ति मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित दिनांक 27.07.2018 की धारा-230 के तहत एवं कोटवारों के पारिश्रमिक के संबंध में संहिता की धारा-231 के तहत प्रावधानित है। प्रावधानों के अनुसार यथोचित कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनसुनवाई में शिकायत के बाद समस्या का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
83. ( क्र. 2684 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसुनवाई कार्यक्रम के अंतर्गत 1 मार्च 2020 से 05 फरवरी 2021 तक कलेक्टर उज्जैन व कमिश्नर उज्जैन को जनसुनवाई में कितने लोगों की शिकायतें/समस्याएं प्राप्त हुई? शिकायतकर्ता के नाम तथा समस्या तथा निराकरण करने का प्रति सप्ताहवार, माहवार विवरण दें। (ख) उपरोक्त समय-सीमा में कलेक्टर उज्जैन व कमिश्नर उज्जैन को नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र की कितनी शिकायतें/समस्याएं प्राप्त? उसके निराकरण हेतु क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता के नाम व समस्या सहित विवरण दें तथा कितनी शिकायतें लंबित है? (ग) उपरोक्त समय-सीमा में खाचरौद विकासखण्ड में किस-किस कार्यालय को क्या-क्या समस्याएं प्राप्त? उनका क्या निराकरण किया गया? कितनी शिकायतें लंबित है? प्रत्येक का अलग-अलग सप्ताहवार, वर्षवार विवरण दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जनसुनवाई कार्यक्रम के अंतर्गत 1 मार्च 2020 से 05 फरवरी 2021 तक कलेक्टर उज्जैन को कुल 435 शिकायतें व कमिश्नर उज्जैन को कुल 27 शिकायतें प्राप्त हुई है। शिकायतकर्ता का नाम, समस्या व निराकरण का प्रति सप्ताहवार माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "क" अनुसार। (ख) कलेक्टर उज्जैन एवं कमिश्नर उज्जैन को नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र की 21 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 11 का निराकरण किया जा चुका है, 10 शिकायतें लंबित है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार। (ग) खाचरौद विकासखण्ड में विभागवार कुल 13 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिसमें से 7 का निराकरण किया जा चुका है, 06 शिकायतें लंबित है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ग" अनुसार।
नियम विरूद्ध पदोन्नति की जाँच
[जल संसाधन]
84. ( क्र. 2718 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 24 (ग) एवं (घ) दिनांक 21 सितम्बर 2020 के प्राप्त प्रति उत्तर के संदर्भ में क्या तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी नरसिंहपुर दोषी पायें गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि दोषी नहीं पाये गये तो तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी नरसिंहपुर को जारी कारण बताओ सूचना पत्र एवं उनसे प्राप्त उत्तर प्रस्तुत करें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उत्तर परीक्षाणाधीन होने की स्थिति में कब तक परीक्षण किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) आंशिक रूप से दोषी पाए गए हैं। प्रकरण में आगामी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
85. ( क्र. 2725 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित योजना हेतु पात्र परिवारों को 5 किलो अनाज (चांवल या गेहूं) तथा 1 किलो दाल देने के प्रावधान थे? क्या जबलपुर संभाग में निर्धारित मात्रा से कम अनाज तथा दाले वितरित की गई। संभाग अन्तर्गत आने वाले जिले अनुसार कम आपूर्ति किए गए चांवल, गेहूं तथा दालों की मात्रा जिले अनुसार दें। क्या दालें खराब पाई जाने पर दाल मिलर्स पर कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? खराब दाल सप्लाई करने वाले मिलर्स के नाम बताएं? (ख) चावल, गेहूं तथा दालों की आपूर्ति कम करने के लिए म.प्र. नागरिक आपूर्ति निगम के दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई हैं? यदि नहीं तो क्यों नहीं की गई तथा यह कार्यवाही कब तक कर दी जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बालाघाट जिले में उपार्जन केन्द्रों में गड़बड़ी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
86. ( क्र. 2726 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपार्जन में गड़बड़ी को रोकने हेतु कोई सख्त कानून न होने के कारण इसके लिए दोषियों पर कार्यवाही करने में परेशानी होती हैं? क्या शासन उपार्जन नियंत्रण हेतु कोई सख्त कानून बनाने पर विचार करेगा? (ख) विषयांकित जिले में वर्ष 2020-21 में किन-किन उपार्जन केन्द्रों में अनियमितता पाई गई? क्या कोई एफ.आई.आर. की गई? क्या प्रबंधकों तथा प्रशासकों पर कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या विभाग द्वारा बालाघाट जिले में मनरेगा से बने केप की गुणवत्ता की जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो जाँच एजेंसी का नाम बताएं। यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या 0.5% से अधिक अंतर वाले उपार्जन केन्द्रों के स्थान पर जिन्हें उपार्जन का कार्य दिया गया हैं न तो वे स्व-सहायता समूह हैं न ही खाद्य उत्पादक संगठन इस संबंध में विस्तृत जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारिता विभाग के कर्मचारियों-अधिकारियों को पेंशन एवं ग्रेच्युटी का लाभ
[सहकारिता]
87. ( क्र. 2741 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सत्र 2019 में प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न कमांक 1929 पर सदन में चर्चा करते हुए, आश्वासन दिया गया था कि अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी से जाँच करा लूंगा और जाँच रिर्पोट जो आएगी तो कार्यवाही करेगें तो क्या जाँच कराने के आदेश दे दिए गए हैं? यदि दे दिए गए हैं, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें और यदि नहीं दिए गए तो क्यों एवं कब तक दिए जाएंगे? बताएं। (ख) क्या माननीय मंत्री महोदय द्वारा यह भी कथन किया गया था कि पुलिस विभाग में कर्मचारी-अधिकारियों को इस प्रकार की (पेंशन, ग्रेच्युटी आदि) सुविधा दी गई है तो सहकारिता विभाग में भी इसे लागू किया जायेगा? यदि हाँ, तो क्या सहकारिता विभाग में इसे लागू कर दिया गया है? यदि नहीं किया गया तो क्यों एवं कब तक लागू किया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, आश्वासन अनुसार कार्यवाही हेतु प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है, कार्यवाही प्रचलित है। (ख) तत्समय माननीय मंत्री जी द्वारा यह कथन किया गया था कि यदि इस नियम में आयेंगे तो हम उनका भी भुगतान करायेंगे। सेवानिवृत्ति के पश्चात अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच अथवा अन्य न्यायालयीन प्रकरणों के लंबित रहने पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के नियम 64 के तहत अंतरिम पेंशन तथा उपादान 1976 के नियम 74 की प्रक्रिया अनुसार देय होने संबंधी प्रावधान होने से सहकारिता विभाग में लागू नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिला अंतर्गत राजस्व अभिलेख के संबंध में
[राजस्व]
88. ( क्र. 2753 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम कौड़िया प.ह.नं. 63 तहसील स्लीमनाबाद जिला कटनी का वर्ष 1983 से वर्ष 1989 तक का राजस्व-अभिलेख तहसील एवं जिला कार्यालयों में उपलब्ध नहीं है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम के उल्लेखित कुछ आदिवासी भूमिहीनों को शासन से प्राप्त भूमि के पट्टे राजस्व-अभिलेख में दर्ज न होने की शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा अनुविभागीय-अधिकारी (राजस्व) बहोरीबंद में प्रेषित है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में यदि हाँ, तो तत्संबंध में समस्या के निराकरण हेतु शासन स्तर पर कब क्या कार्यवाही की जावेंगी एवं ग्राम कौड़िया में ऐसे कौन-कौन से आदिवासी हैं, जिन्हें शासकीय भूमि तो आवंटित है, परन्तु उनके पट्टे राजस्व-अभिलेख में दर्ज नहीं हैं? क्या शासन यहां पर शिविर लगाकर उनकी समस्याओं का निराकरण करेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) बहोरीबंद विधानसभा अंतर्गत कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से कृषकों की वित्त-वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक तहसील एवं जिले के लोक सेवा केन्द्रों के द्वारा राजस्व विभाग में रिकार्ड उपलब्ध न होने के कारण प्रकरण कृषकों को वापस किये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें एवं यह भी बतलावें कि इस समस्या का समाधान किस प्रकार से कब तक हो जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) ग्राम कोड़िया में कुल 122 आदिवासी है जिन्हें शासकीय भूमि पर पट्टे आवंटित है। जिसमें कुल 8 पट्टेधारियों के नाम खसरे में दर्ज है एवं 114 पट्टेधारियों के नाम दर्ज नहीं है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रकरण अभिलेख सुधार से संबंधित होने से स्थल पर शिविर लगाये जाने का कोई कारण नहीं है। अभिलेख एवं मूल प्रकरण से मिलान कर यदि पट्टे किसी न्यायालय द्वारा निरस्त नहीं होगे तो पट्टेधारियों से आवेदन प्राप्त कर दर्ज करने की कार्यवाही की जावेगी। (घ) बहोरीबंद विधानसभा अंतर्गत कृषकों की वित्त वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक जिन कृषकों के आवेदन वापिस किए गए है, उनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। इसका मुख्य कारण कम्प्यूटर में उस वर्ष का खसरा या नक्शा फीड नहीं होना है, जिसमें तकनीकी मार्गदर्शन लेकर समस्या का समाधान किया जायेगा।
जलाशयों में केज लगवाने की जांच
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
89. ( क्र. 2805 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मछली पालन विभाग द्वारा नियम-कायदों को दर-किनार कर नील क्रांति योजना एवं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत मछुवारों को या मछली पालन सहकारी समितियों को लाभ न पहुँचा कर अपने पंसद के व्यवसायियों को लाभ देने हेतु प्रदेश में कई जलाशयों में केज (cage) लगवाये जा रहे हैं? नाम सहित बताएं। (ख) भोपाल के बड़े तालाब में लगाए केज जो कि तालाब में कार्यरत सहकारी संस्था के सदस्यों को दिये जाने थे ऐसा न करते हुए निजी क्षेत्र के ठेकेदार को किराये पर दे दिये गए हैं, जो कि योजना का पूर्ण उल्लंघन है। ठेकेदार के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) भारत सरकार के सचिव के साथ संयुक्त बैठक में लिए गए निर्णय के विपरीत कार्य किए जाने तथा धनराशि के दुरूपयोग करने में लिप्त वरिष्ठ अधिकारियों की जाँच कर कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी? शासन स्पष्ट जवाब देवें। उक्त कार्यवाही अंतर्गत रेन्ट पर दिये गये केजों को वापस कर मछुवारों को दिये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। भोपाल के बड़े तालाब में लगाये केज सहकारी संस्था के सदस्यों को देने का प्रावधान नहीं है। बड़े तालाब में लगाये गये केज के संचालन हेतु हितग्राही चयन खुली निविदा से किया गया है एवं निविदा में अधिकतम किराया देने वाले निविदाकर्ता श्री संदीप परदेशी मंगलमूर्ति फार्म्स एंड फिशरीज इंदौर को आवंटित किया गया है। (ग) भारत सरकार के सचिव के साथ संयुक्त बैठक में लिए गए किसी भी निर्णय के विपरीत कार्य नहीं किये जाने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
अवैधानिक लीज प्रविष्टि को विलोपित किया जाना
[खनिज साधन]
90. ( क्र. 2817 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खनिज लीज स्वीकृत होने से लीज धारक को बिना प्रतिकर किसानों एवं निजी व्यक्तियों के खसरे में लीज की प्रविष्टि करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है जिससे किसानों को ऋण की सुविधा बंद हो जाती है, खरीद बिक्री पर रोक लग जाती है एवं किसान की भूमि पर लीज धारक को अधिकार प्राप्त हो जाता है? शासनादेशों सहित जानकारी देवें। (ख) क्या रैगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत रेवती सीमेंट को ग्राम शिवपुरवा में 292.979, टिकुरीकला में 48.803, टिकुरी कोठार में 50.561, उमरी में 181.007 एवं भरजुनाकला में 192.870 हे. भूमि लीज में आवंटित की गई है, इनमें से किन-किन खसरे नम्बर की कितनी आराजियों पर बिना प्रतिकर भुगतान किये खसरा खतौनी में 'लीज' किसके आदेश से अंकित की गई है? कब-कब कितना-कितना प्रतिकर लीजधारकों द्वारा लीज प्रदान करने से प्रश्न दिनांक तक भुगतान किया गया? इसकी जानकारी वर्षवार दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार प्रदान लीज का उपयोग नहीं करने एवं शासन राजस्व समय पर नहीं जमा करने पर कब तक लीजें निरस्त की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त अवैधानिक 'लीज' प्रविष्टि कब तक विलोपित कर दी जायेगी? समय-सीमा बतायें। साथ ही उक्त के लिये दोषियों पर क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो कारण बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) लीज धारक को खसरे में लीज प्रविष्टि का कोई अधिकार नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उचित मूल्य की दुकानों का निर्माण एवं संचालन की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
91. ( क्र. 2819 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आम जनता को सहूलियत के साथ खाद्य सामाग्री के वितरण हेतु उचित मूल्य की दुकानों की स्थापना शासन द्वारा की गई है? रैगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी विकासखण्डवार देवें। किन-किन ग्रामों में उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं एवं उनमें किन-किन ग्रामों को सम्मलित किया गया है? (ख) उचित मूल्य की दुकानों का संचालन का दायित्व किसे प्रदान किया गया है, नियुक्त कर्मचारियों/सेल्समैनों की जानकारी उचित मूल्य की दुकानवार देवें। (ग) क्या ग्रामों में उचित मूल्य की दुकानें दूर-दूर होने के कारण आम जनता को खाद्यान्न लेने हेतु दूर जाना पड़ता है, जिससे अत्यंत परेशानी होती है? साथ ही भवन विहीन उक्त दुकाने किराये के मकानों में संचालित होने के कारण नियमित रूप से खुलती/बंद नहीं होती है जिसके कारण आम जनता को अत्यंत परेशानी होती है? (घ) उचित मूल्य की दुकानों के लिये भवनों का निर्माण प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में कब तक कराया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? दुकानों के नियमित संचालन हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी? कोरोना काल में किन-किन दुकानों के विरूद्ध खाद्यान्न वितरण में अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतवार जानकारी देवें एवं बतावें कि शिकायतों पर सेल्समैन/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) योजना में पात्र परिवारों को रियायती दर पर खाद्य सामग्री एवं खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने का उद्देश्य सन्निहित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है, ताकि आम जनता को पंचायत के बाहर राशन सामग्री प्राप्त करने न जाना पड़े। किराये के मकानों में संचालित दुकानों हेतु भी उनके खुलने के दिन एवं समयावधि नियत है, ताकि पात्र परिवारों को कोई असुविधा न हो। इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु पोर्टेब्लिटी की व्यवस्था लागू की गई है जिसके अंतर्गत वह अपनी पात्रता की सामग्री आधार ऑथेन्टिकेशन के माध्यम से किसी भी दुकान से प्राप्त कर सकता है। (घ) उचित मूल्य दुकानों के निर्माण हेतु विभाग की कोई योजना नहीं है। उचित मूल्य दुकानों के नियमित संचालन हेतु सहकारी संस्थाओं में नियमानुसार विक्रेताओं की नियुक्ति किये जाने की कार्यवाही सहकारिता विभाग अंतर्गत की जाती है। इसके अतिरिक्त उचित मूल्य दुकानों के खुलने के दिन एवं समयावधि का प्रावधान भी म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में किया गया है। प्रश्नांकित अवधि में अनियमितता की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों द्वारा विक्रय की गई धान का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
92. ( क्र. 2824 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी गई है जिसका भुगतान कृषकों को किया जाना शेष है? (ख) यदि हाँ, तो कितने कृषकों को कितने क्विंटल धान की कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है तथा यह भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2020-21 में कृषकों द्वारा बेची गई धान का भुगतान प्रश्न दिनांक तक न होने का क्या कारण रहा है? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? क्या संबंधित के प्रति उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अविवादित नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरण
[राजस्व]
93. ( क्र. 2827 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत वर्तमान स्थिति में तहसीलवार कितने अविवादित नामांतरण, बटवारे के प्रकरण एवं उनके अमल के प्रकरण लंबित हैं एवं कब से लंबित हैं की अवधि एवं लंबित रहने के कारण सहित तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में तहसीलवार कितने विवादित नामांतरण, बंटवारे के प्रकरण कब से लंबित हैं एवं उक्त प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जायेगा के संबंध में निश्चित अवधि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या जिला विदिशा अंतर्गत अधिकांश तहसीलों में अकारण ही अविवादित नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरणों को लंबित कर कृषकों को परेशान किया जा रहा है? यदि नहीं तो फिर अविवादित प्रकरणों के लंबे समय तक लंबित रखे जाने के कारण सहित स्पष्ट जानकारी उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा जिला अंतर्गत वर्तमान स्थिति में 01 माह से कम अवधि के 2048 अविवादित नामांतरण प्रकरण एवं 03 माह से कम अवधि के 1512 अविवादित बंटवारा प्रकरण गतिशील हैं। तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है :
क्रमांक |
तहसील |
गतिशील प्रकरण |
|
अविवादित नामांतरण |
अविवादित बंटवारा |
||
1 |
विदिशा नगर |
235 |
15 |
2 |
विदिशा ग्रामीण |
48 |
247 |
3 |
बासौदा |
94 |
187 |
4 |
त्योंदा |
91 |
27 |
5 |
कुरवाई |
221 |
120 |
6 |
पठारी |
177 |
153 |
7 |
ग्यारसपुर |
101 |
174 |
8 |
गुलाबगंज |
77 |
16 |
9 |
नटेरन |
152 |
157 |
10 |
शमशाबाद |
153 |
242 |
11 |
लटेरी |
252 |
134 |
12 |
सिरोंज |
447 |
40 |
कुल |
2048 |
1512 |
उक्त प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण कर दिया जावेगा। विदिशा जिले में अमल का कोई प्रकरण लंबित नहीं हैं। जिले में प्रकरणों का निरंतर अमल किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में विदिशा जिला अंतर्गत वर्तमान स्थिति में 6 माह से कम अवधि के 1668 विवादित नामांतरण प्रकरण एवं 1043 विवादित बंटवारे के प्रकरण गतिशील हैं एवं 35 विवादित नामांतरण एवं 51 विवादित बंटवारे के प्रकरण 06 माह से 01 वर्ष तक की अवधि गतिशील हैं। जिले में कुल 1703 विवादित नामांतरण प्रकरण एवं 1094 विवादित बंटवारे के प्रकरण गतिशील हैं। तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
तहसील |
गतिशील प्रकरण |
|
विवादित नामांतरण |
विवादित बंटवारा |
||
1 |
विदिशा नगर |
497 |
52 |
2 |
विदिशा ग्रामीण |
153 |
48 |
3 |
बासौदा |
372 |
91 |
4 |
त्योंदा |
30 |
133 |
5 |
कुरवाई |
48 |
59 |
6 |
पठारी |
5 |
18 |
7 |
ग्यारसपुर |
22 |
39 |
8 |
गुलाबगंज |
2 |
0 |
9 |
नटेरन |
7 |
25 |
10 |
शमशाबाद |
11 |
37 |
11 |
लटेरी |
99 |
187 |
12 |
सिरोंज |
457 |
405 |
कुल |
1703 |
1094 |
उक्त प्रकरणों में उभयपक्षों की सुनवाई उपरांत विधिक प्रक्रिया अनुसार निराकरण किया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। अविवादित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया जा रहा है।
रियायती दर पर कैरोसिन का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
94. ( क्र. 2831 ) श्री राकेश गिरि : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत शासन द्वारा थोक डीलर/सेमी होल सेल डीलर को रियायती दरों पर कैरोसिन उपलब्ध कराया जाता है? यदि हाँ, तो टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2017-18 से 2019-20 में कितना-कितना कैरोसिन कौन-कौन से डीलर को दिया गया? सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त कैरोसिन, डीलरों द्वारा क्या वितरण हेतु समितियों को दिया जाता है? यदि हाँ, तो किस-किस समिति को कब-कब और कितना-कितना कैरोसिन दिया गया? ब्यौरा उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त कैरोसिन, डीलरों द्वारा शत प्रतिशत मात्रा में समितियों को दिया गया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो इसके क्या कारण हैं? इस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या स्टॉक पंजी और वितरण पंजी का सत्यापन किया जाता है? यदि हाँ, तो सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम और माहवार किये गये सत्यापन का विवरण उपलब्ध करायें। यदि सत्यापन नहीं किया गया तो, इसके लिये कौन दोषी है? दोषी पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं तो, कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुरम उत्खनन हेतु दिये गये पट्टे
[खनिज साधन]
95. ( क्र. 2832 ) श्री राकेश गिरि : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के ग्राम उत्तमपुरा में खसरा नम्बर 156 में, वर्ष 2017 में मुरम उत्खनन हेतु 10 वर्ष के लिये पट्टे दिये गये थे? यदि हाँ, तो पट्टेदारों के नाम सहित उक्त खसरा में पट्टेदारों द्वारा किये गये उत्खनन क्षेत्र की लम्बाई/चौड़ाई/गहराई सहित क्षेत्र में आंकलित उत्खनित खनिज का पृथक-पृथक पट्टावार कुल परिमाण बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, खदान से खनिज ले जाते समय क्या उत्खनित परिमाण की मात्रा में पिटपास जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो, पट्टा तिथि से खदान खनन कार्य होने तक का पट्टावार ब्यौरा उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो, आंकलित खनिज और पिटपासों के अनुसार गौण खनिज में कितना अंतर है? राशि सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, क्या पट्टेदारों द्वारा पट्टा की समस्त शर्तों का पालन किया गया है? यदि नहीं तो अपालन की गई शर्तों का ब्यौरा दें। इसके लिये पट्टेदारो के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या चूककर्ता पट्टेदारों के पट्टे, शासन स्तर से निरस्त किये जायेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं तो कारण बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। पट्टेदारों के नाम निम्नानुसार है:- 1. श्री नारायण सिंह परमार, 2. श्री नितेन्द्र सिंह यादव। उत्खनित क्षेत्र की माप नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जारी किये गये अभिवहन पारपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 (3), 30 (11) एवं 30 (20) का उल्लंघन किया गया है। जिसके कारण प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पट्टेदारों के उत्खनिपट्टे कलेक्टर, जिला टीकमगढ़ द्वारा आदेश क्रमांक 11/खनिज/3-6/542 दिनांक 16/09/2020 (श्री नारायण सिंह परमार) एवं आदेश क्रमांक 11/खनिज/3-6/541 दिनांक 16/09/2020 (श्री नितेन्द्र सिंह यादव) से निरस्त किये गये हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशन कार्ड पात्रता की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
96. ( क्र. 2838 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कितने गरीबी एवं अतिगरीबी के राशन कार्ड जारी हुए हैं? वार्डवार एवं ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) उन हितग्राहियों के राशन का क्या किया जाता है जो वितरित नहीं होता है एवं जो राशन नहीं लेते हैं? क्या उन कार्डधारकों की पात्रता/अपात्रता की सत्यता की जाँच हुई है? यदि हाँ, क्या कार्यवाही हुई है? यदि नहीं, तो कब तक होगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्जीव तालाबों का पुनरूत्थान
[राजस्व]
97. ( क्र. 2839 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सतना अन्तर्गत शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में कितने तालाब हैं? कितने जीवित एवं निर्जीव हैं एवं उनका रकवा कितना है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) जिला सतना अन्तर्गत निर्जीव तालाब के पुनरुत्थान के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (ग) क्या सतना शहर अन्तर्गत वार्ड क्र. 1 बगहा स्थित तालाब, वार्ड क्र.2 स्थित बंजरहा तालाब, वार्ड क्र. 5 स्थित व्यंकटेश मंदिर तालाब, वार्ड क्र. 25 स्थित जगतदेव तालाब, शासकीय आराजी में है? यदि हैं, तो रकवा कितना है? क्या उक्त तालाब अतिक्रमित है? यदि हाँ, तो कब तक अतिक्रमणमुक्त कराया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले के विधानसभा क्षेत्र-63 सतना अंतर्गत शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर कुल 79 जीवित तालाब है। जिनका कुल रकवा 333.372 हेक्टेयर है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सतना जिले में निर्जीव तालाब नहीं होने से पुनरूत्थान का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) सतना शहर अंतर्गत प्रश्न में अंकित शासकीय तालाबों की जानकारी निम्नानुसार है -
तालाब का नाम |
आ.नं. |
रकवा |
तालाब का स्वरूप |
अतिक्रमण का रकवा |
वार्ड क्र.1 बगहा स्थित तालाब |
684/1 58 |
1.970 0.279 |
तालाब अगोर |
शासकीय भूमि स्वामी |
उमरी तालाब |
68 69/1 |
2.491 0.940 |
तालाब मेड |
शासकीय आबादी |
बगहा तालाब |
851 852 853 853/960 |
0.74 3.66 0.089 0.48 |
भीठा तालाब भीठा भीठा |
शासकीय |
वार्ड क्र.2 बंजरहा तालाब (अमौधाकला) |
265/1 265/2 266 |
3.395 5.087 |
तालाब तालाब मेड |
पूर्व से भूमि स्वामी स्वत्व में |
वार्ड क्र.25 स्थित जगतदेव तालाब सतना |
257 |
5.260 |
तालाब |
शासकीय |
वार्ड क्र.5 स्थित व्यंकटेश मंदिर तालाब |
99 |
व्यंकटेश मंदिर मौजा सतना की आ.नं. 99 रकवा 3.828 हे. में स्थित है। उसके अंशभाग में लगभग 50 बाई 70 में मंदिर निस्तार हेतु छोटी तलैया टाइप में पोखरी है। संपूर्ण रकवा शासकीय है। अतिक्रमण नहीं है। |
उपरोक्त वर्णित तालाबों के जलभराव क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
खनन सम्बन्धित संक्रियाओं को प्राप्त राशि
[खनिज साधन]
98. ( क्र. 2846 ) श्री संजय उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला खनिज प्रतिष्ठान का उद्देश्य खनन से संबंधित संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों के हित और फायदे के लिए बनाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से खनन सम्बन्धित संक्रियाओं से कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? मण्डल की कब-कब की बैठक में किन-किन कार्यों/वार्षिक/कार्य योजना का अनुमोदन किया गया? अनुमोदन अनुसार किन-किन कार्यों की कब-कब स्वीकृति आदेश जारी किया गया, किन किन कार्यों का बिना अनुमोदन प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी किया गया? कहाँ-कहाँ, कौन-कौन सी खनन संबंधित संक्रिया है? दस्तावेजों सहित जानकारी उपलब्धि करावें। (ग) क्या म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के नियम 12 उपनियम (3) एवं (4), (ड.) के अनुसार सूची का संधारण किया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। (घ) जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के नियमों के अनुसार स्वीकृत कार्य कौन-कौन से खनन संक्रिया प्रभावित क्षेत्र में किया गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। मंडल की बैठक में अनुमोदन उपरांत स्वीकृत किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। समस्त कार्यों का अनुमोदन प्राप्त करने के उपरांत ही स्वीकृति आदेश जारी किये जाते हैं। खनन संबंधी संक्रियाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश अनुसार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपूर्ण बालाघाट जिले को ही खनन प्रभावित क्षेत्र माना गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार संपूर्ण बालाघाट जिले में ही कार्य स्वीकृत किये गये हैं।
ग्राम पंचायत को वितरित की गई राशि
[खनिज साधन]
99. ( क्र. 2847 ) श्री संजय उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डावरण एवं व्यापार) नियम 2019 के अनुसार ठेकेदारों/फर्मों द्वारा निविदा में भाग लेकर सफल निविदाकार द्वारा कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो नियम 6 एवं 7 के अनुसार बालाघाट जिले की कहाँ-कहाँ की खदानों का कितना-कितना उपलब्ध मात्रा एवं प्रारंभिक आधार मूल्य का निर्धारण किया गया? निर्धारित आधार मूल्य से कितना अधिक निविदा में मूल्य प्राप्त किया गया? जानकारी देवें। (ग) बालाघाट जिले में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियम 21 के अनुसार रेत खनिज से प्राप्त राशि का अंतरण नियम 21 के उपनियम (1) के अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों को कब-कब कितनी-कितनी राशि दी गई? (घ) क्या नियमानुसार ग्राम पंचायतों को राशि नहीं दी है तो कब तक दी जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 21 के तहत रेत खनिज से प्राप्त संपूर्ण राशि ऑनलाईन मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा संधारित खाते में जमा होती है, प्रीमियम से प्राप्त राशि में से मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा 10 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि के रूप में रोक कर शेष राशि शासन को 0853 मद में जमा करा दी जाती है। इस राशि में पंचायत को अंतरित की जाने वाली राशि रूपये 75/- प्रति घनमीटर एवं खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि रूपये 50/- प्रति घनमीटर भी सम्मिलित है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 21 में कार्य सुविधा, लेखा, संधारण व उत्तरदायित्व के समुचित निर्धारण के दृष्टिगत संशोधन प्रस्तावित होने से ग्राम पंचायतों को राशि अंतरित नहीं की जा सकी है। (घ) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 21 में संशोधन उपरांत ग्राम पंचायतों को राशि अंतरण की कार्यवाही की जा सकेगी।
विदिशा जिले में लंबित राजस्व प्रकरण
[राजस्व]
100. ( क्र. 2861 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा जिले के अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालयों/कार्यालयों एवं तहसीलदार न्यायालयों/कार्यालयों में राजस्व के कितने-कितने प्रकरण लंबित हैं? बंटवारे, नामांतरण, फौती-नामांतरण, डायवर्सन, सीमांकन, राजस्व रिकार्ड सुधार, नक्शा सुधार, अनापत्ति प्रमाण-पत्र, आय, जाति, गरीबी रेखा की सर्वे सूची नाम जोड़ने आदि के कितने प्रकरण लंबित हैं? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाण-पत्र विभिन्न शिक्षण संस्थाओं द्वारा प्रदत्त रिकार्ड अनुसार अनुविभागीय अधिकारी कार्यालयों द्वारा बनाये जाते हैं? यदि हाँ, तो किस-किस विद्यालय के रिकार्ड किन-किन तिथियों से राजस्व अधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध हैं? क्या उनके जाति प्रमाण-पत्र बना दिये गये हैं? यदि नहीं तो क्यों? विलंब के लिए दोषी कौन है? क्या कुछ विद्यालयों द्वारा उपलब्ध कराये गये बच्चों का आवेदन चार-चार वर्ष से राजस्व कार्यालयों में जमा हैं, तब भी जाति प्रमाण-पत्र नहीं बनाये गये हैं? इसके लिए दोषी कौन है? बतलावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 जनवरी 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक कितने व्यक्तियों के अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय सिरोंज एवं लटेरी में जाति प्रमाण-पत्र बनवाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने जाति-प्रमाण पत्र बनाये गये? कितने जाति प्रमाण-पत्र नस्तीबद्ध किये गये हैं? ग्राम बजीरपुर एवं मदागन के निवासियों के मोगिया जनजाति एवं शंकरगढ़, भूखरी के सहरिया जनजाति तथा छापू ग्राम के खेरूआ एवं खेरवार जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र बनाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कितने-कितने जाति प्रमाण पत्र बनाये गये? यदि नहीं, तो क्यों? कब-तक बना दिये जावेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में समस्त प्रकरणों का निराकरण कब-तक कर दिया जावेगा? (ङ) क्या विभाग द्वारा पटवारियों से इस आशय का प्रमाण पत्र ले लिया गया है कि उनके पटवारी हल्का में कोई भी फौती नामांतरण शेष नहीं है? यदि शेष हैं? तो कितने प्रकरण शेष हैं? पटवारी हल्का एवं तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 1 जनवरी 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा जिले के अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं तहसीलदार न्यायालय में राजस्व के लंबित प्रकरणों की तहसीलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालयों द्वारा स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाण-पत्र बनाये जाते हैं। स्कूल शिक्षा अभियान अंतर्गत वर्ष 2014-15 से राजस्व अधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध रिकॉर्ड की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। है। स्कूल शिक्षा अभियान अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक प्राप्त समस्त आवेदन पत्रों का लोकसेवा गारंटी की समय-सीमा में निराकरण किया जा रहा है। किसी भी विद्यालय द्वारा उपलब्ध कराया गया बच्चों का कोई जाति प्रमाण-पत्र का आवेदन 04 वर्षों से लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 जनवरी 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक जाति प्रमाण–पत्र बनवाने हेतु लोकसेवा केंद्र सिरोंज के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय सिरोंज में 65409 एवं लोकसेवा केंद्र लटेरी के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय लटेरी में 62624 आवेदन प्राप्त हुए हैं। तहसील सिरोंज में 54650 एवं तहसील लटेरी में 52125 जाति प्रमाण-पत्र बनाये गये। तहसील सिरोंज में 9786 एवं तहसील लटेरी में 10499 आवेदन नस्तिबद्ध किये गए हैं। तहसील सिरोंज के ग्राम युसुफपुर उर्फ बजीरपुर के गौड़/मोगिया जनजाति के 02 आवेदन पत्र प्राप्त हुए जो जाति की पुष्टि ना होने से निरस्त किए गए हैं एवं ग्राम मदागन के गौड़/मोगिया जनजाति के 02 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे जो वर्ष 1950 की स्थिति में तहसील कुरवाई के निवासी होने से अनुविभागीय अधिकारी कुरवाई को स्थानांतरित किए गये। ग्राम नरखेड़ाजागीर का मजरा शंकरगढ़ के सहरिया जनजाति के 151 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे जिनमें से 140 आवेदन पत्र जाति की पुष्टि न होने से निरस्त किए गए एवं 11 आवेदकों के सहरिया जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी कर दिये गए हैं। ग्राम भूखरी के सहरिया जनजाति के कुल 117 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 111 जाति की पुष्टि न होने से आवेदन पत्र निरस्त किए गए हैं एवं 6 आवेदकों के सहरिया जनजाति के जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिये गए हैं। तहसील सिरोंज के ग्राम छापू के खेरवार के 245 आवेदन पत्र प्राप्त हुए जिनमें जाति की पुष्टि न होने से आवेदन पत्र निरस्त किए गए हैं। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में समस्त प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में कर दिया जावेगा। (ड.) विदिशा जिले में राजस्व विभाग द्वारा सतत रूप से बी-1 वाचन किया जाता है एवं बी-1 वाचन के दौरान मृत व्यक्तियों की जानकारी प्राप्त होने पर नियमानुसार फौती नामांतरण की कार्यवाही की जाकर समय-सीमा में निराकरण किया जा रहा है। फौती नामांतरण के शेष प्रकरणों की पटवारी हल्कावार एवं तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
मुआवजा राशि का वितरण
[राजस्व]
101. ( क्र. 2862 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 1 जनवरी 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक प्राकृतिक प्रकोप से हुई फसल क्षति, मकान क्षति, जनहानि, बाढ़, कीट ब्याधि, पशुहानि एवं अन्य क्षतियों के कितना प्रकरणों में मुआवजा वितरित किया गया है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2020-21 में उपरोक्त मदों में कितनी राशि स्वीकृत एवं कितनी वितरण हेतु शेष है। (ग) प्रश्नांश के संदर्भ में (क) 2017-18 की सूखा राहत राशि लटेरी तहसील में कितने कृषकों को स्वीकृत हुई? कितने कृषकों को वितरण किया गया? शेष रह गए कृषकों के लिए दोषी कौन हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? शेष कृषकों का मुआवजा कब तक वितरण कर दिया जावेगा? (घ) तहसील लटेरी में कितनी सूखा राहत राशि वर्ष 2017-18 की शासन को वापिस की गई है? कृषक प्रीतमसिंह पुत्र बादलसिंह, प्यारीबाई बेवा मानसिंह, खेलनसिंह पुत्र मानसिंह, सौदानसिंह पिता मानसिंह सर्व निवासी मजरा खेलनी ग्राम झूकरजोगी तहसील लटेरी, जसवंत साहू निवासी महोटी भूमि, ग्राम शेरगढ़ पटवारी हल्का बापचा सर्वे नंवर 82/2 सहित कितने कृषक शेष हैं तथा कब तक उनका सूखा राहत राशि का भुगतान कर दिया जावेगा? बतलावें। (ड.) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कीट व्याधि से क्षतिग्रस्त खरीफ फसलों की शेष मुआवजा राशि कब तक वितरित की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला विदिशा में वर्ष 2020-21 में कीट व्याधि हेतु आवंटित राशि रु. 1, 91, 34, 68, 000/- के विरुद्ध राशि रु. 66, 40, 11, 65/- भुगतान होना शेष है एवं अन्य क्षति में स्वीकृत राशि रु. 35504422/- के विरुद्ध व्यय शत्-प्रतिशत है। (ग) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है। (ड.) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मंदिर का डूब क्षेत्र से संरक्षण
[जल संसाधन]
102. ( क्र. 2870 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत प्राचीन ऐतिहासिक सांका श्याम जी मंदिर को जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत निर्माणाधीन पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र में आने से बचाने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्य योजना बनाई गई हैं? यदि हाँ, तो संपूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्तानुसार कार्य योजना को प्रश्न दिनांक तक प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो बतावें। यदि नहीं तो कब तक आवश्यक स्वीकृतियां प्रदान कर उक्त प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत प्राचीन ऐतिहासिक सांका श्याम जी मंदिर को जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत निर्माणाधीन पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से बचाने हेतु विभाग द्वारा प्रोटेक्शन बण्ड का निर्माण कार्य का प्रावधान किया गया है। सांका श्याम जी मंदिर के संरक्षण हेतु मंदिर के चारों ओर लगभग 1300 मीटर लम्बाई का प्रोटेक्शन बण्ड प्रस्तावित किया गया है, जिसके निर्माण कार्य की कुल लागत राशि रू.1342.52 लाख की निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। बांध की अधिकतम ऊंचाई 18.44 मीटर है। (ख) जी हाँ। सांका श्याम जी मंदिर के संरक्षण हेतु प्रोटेक्शन बण्ड का निर्माण पार्वती वृहद परियोजना की मूल प्रशासकीय स्वीकृति में शामिल है। पूर्ण जल भराव के पूर्व ही ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित कर लिया जाना लक्षित है।
किसानों को एक ही स्थान पर अधिक सुविधाएं देने की योजना
[सहकारिता]
103. ( क्र. 2874 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग किसानों को एक ही स्थान पर अधिक सुविधाएं देने के लिए प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को कॉमन सर्विस सेंटर में बदलने की कार्य योजना बना रहा है? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. भर में अपेक्स बैंक के साथ कुल कितने जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक व उसकी शाखाएं तथा कुल कितनी प्राथमिक सेवा साख सहकारी समितियां पंजीकृत होकर क्रियाशील हैं? (ग) बताएं कि किस प्रक्रिया के माध्यम से योजना में सम्मिलित कामन सर्विस सेंटर पर किस-किस प्रकार की सुविधाएं दिया जाना कार्ययोजना में लिया गया है? (घ) बताएं कि म.प्र. में किन-किन जिलो में कितनी–कितनी संख्या में इस प्रकार के सेंटर बनाए जाना प्रस्तावित है? रतलाम जिले में किन-किन स्थानों को चिन्हित कर उक्त कार्ययोजना में सम्मिलित किया जाना प्रस्तावित है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ (ख) अपेक्स बैंक के साथ 38 जिला सहकारी बैंक, 829 बैंक शाखाए व कार्यशील 4548 पैक्स समितियां है। (ग) कॉमन सर्विस सेंटर पर चयन मापदण्ड के आधार पर अधोसंरचना विकास, प्रशिक्षण, कृषि आदान पोर्टल के माध्यम से खाद विक्रय, किसान क्रेडिट कार्ड, मत्स्य पालकों, दुग्ध उत्पादकों को क्रेडिट कार्ड, उचित मूल्य दुकानों को बहुउद्देशीय बनाने, परामर्श केन्द्र की सेवाएं, उपार्जन हेतु अधोसंरचना निर्माण, प्रसंस्करण, ग्रेडिंग सार्टिंग आदि में से यथासंभव सुविधाएं दी जाएंगी। (घ) प्रदेश में 37 जिलों में 1844 समितियों में सेंटर प्रस्तावित है। रतलाम जिलें में 70 स्थानों को चिन्हित कर कार्ययोजना में सम्मिलित किया जाना प्रस्तावित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है।
सरदारपुर विधानसभा में शासन को प्रेषित की गई योजनाएं
[जल संसाधन]
104. ( क्र. 2888 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति हेतु वरिष्ठ कार्यालय/शासन को कितनी परियोजना प्रेषित की गई, परियोजना का नाम दर्शाते हुए जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह बतायें कि कितनी योजना स्वीकृत हो गई? स्वीकृत योजनाओं के नाम दर्शाते हुए जानकारी दें कि उत्तर दिनांक तक कितनी योजनाओं पर निविदा आमंत्रित कर ली गई? कितनी योजनाओं पर कार्य प्रारंभ हो गया? (ग) धार जिले में जल संरक्षण की प्रभावी योजना तैयार करने की दिशा में सरकार क्या करने जा रही है? सरदारपुर विधानसभा में एक बड़ा हिस्सा सूखे और बंजर होने के खतरे से जूझ रहा है। इस हेतु सरकार क्या कार्ययोजना अपनाने जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जल संसाधन विभाग द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु सिंचाई परियोजनाओं के कार्य कराए जाते हैं। किसी भी परियोजना की साध्यता उसकी जल ग्रहण क्षेत्र, जल की उपलब्धता, प्रति हेक्टर लागत, डूब क्षेत्र एवं जीवित जल क्षमता पर निर्भर होती है। वर्तमान में साध्यता स्वीकृति का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
आदिवासियों की गैर आदिवासी को विक्रय की गई जमीनें
[राजस्व]
105. ( क्र. 2889 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर तथा उज्जैन संभाग में वर्ष 2005 से 2019 तक में आदिवासियों की कुल कितनी जमीन की धारा 165 (6) के तहत गैर आदिवासी को विक्रय की गई? कुल प्रकरण की संख्या कितनी है तथा बतावें कि उक्त जमीन में से किसका डायवर्सन किस दिनांक को हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से कितने प्रकरण जाँच के दायरे में आये? उनके क्रेता, विक्रेता का नाम, जमीन का गांव, रकबा, खसरा तथा जाँच के बिन्दु सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में जाँच में अनियमितता नहीं पाई गई? उनकी सूची देवें तथा जिनमें अनियमितता पाई गई उन पर क्या कार्यवाही की गई? क्या जो कलेक्टर अथवा ए.डी.एम. द्वारा निरस्त कर दिये गए तथा उन प्रकरणों को संभागायुक्त ने स्वीकृति प्रदान कर दी? क्या धारा 165 (6) के प्रकरणों को स्वीकृत करने का संभागायुक्त को अधिकार है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : प्रश्नांश (क) की जानकारी निम्नानुसार है:-
जिले का नाम |
विक्रय भूमि का कुल रकबा |
प्रकरण संख्या |
डायवर्सन |
उज्जैन |
179.171 हे. |
165 |
2 प्रकरणों में डायवर्सन हुआ (1) रितेष पिता रमणलाल निवासी खाचरौद का प्रक.क्र. 4/अ-2/2016-2017 दिनांक 27/1/2017 को एवं (2) दषरथ पिता केषुराम धाकड़ निवासी खाचरौद के ग्राम बेडावन्या की भूमि प्र.क्र. 88/अ-2/2019-20 आदेश दिनांक 22/07/2020 को भूमि परिवर्तन हुआ है। |
रतलाम |
305.268 हे. |
373 |
4 प्रकरणों में डायवर्सन हुआ जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। |
नीमच |
278.172 हे. |
329 |
उक्त भूमि में से ग्राम जावी स्थित भूमि जिसका पुराना सर्वे नं. 765 व नया सर्वे नं. 1674 कुल रकबा 0.418 हे. को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उपखण्ड नीमच द्वारा प्र.क्र. 45/अ-2/2006-07 आदेश दिनांक 07.04.2007 से डायवर्सन किया गया। |
मंदसौर |
82.168 हे. |
107 |
उक्त भूमि के 107 प्रकरणों में से एक प्रकरण ग्राम मोल्याखेड़ी में सर्वे नं. 423/2 रकबा 0.110 का अनुविभागीय अधिकारी मल्हारगढ़ के प्रकरण क्रमांक 83/अ- 2/14-15 में आदेश दिनांक 05.01.2015 से 1100 वर्ग मीटर भूमि का व्यावसायिक डायवर्सन किया गया है। |
जिले का नाम |
विक्रय भूमि का कुल रकबा |
प्रकरण संख्या |
डायवर्सन |
शाजापुर |
67.222 हे. |
91 |
0 |
आगर मालवा |
15.612 हे. |
14 |
0 |
इंदौर |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
देवास |
141.99 हे. |
97 |
उक्त भूमि में से अनुभाग देवास के ग्राम अनवटपुरा स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 154 रकबा 0.255 हेक्टर एवं सर्वे क्रमांक 142/1 रकबा 0.713 हेक्टर का डायवर्सन दिनांक 28-12-2011 एवं सर्वे क्रमांक 139 रकबा 2.165 हेक्टर एवं सर्वे क्रमांक 141/3, 141/4 रकबा 1.139 हेक्टर का कुल रकबा 3.304 हे. का डायवर्सन दिनांक 29-08-2014, ग्राम कालुखेड़ी स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 283 रकबा 0.162 हेक्टर का डायवर्सन दिनांक 30-06-2013, ग्राम सुकल्या क्षिप्रा स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 31 रकबा 0.713 हेक्टर का डायवर्सन दिनांक 26-11-2014 एवं अनुभाग कन्नौद के ग्राम सतवास स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 421/6 रकबा 0.006 हेक्टर का डायवर्सन दिनांक 14-01-2011 को हुआ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -दो अनुसार है। |
धार |
148.415 हे. |
166 |
इसमें से ग्राम रिटोडा तहसील बदनावर की भूमि खसरा क्रमांक 142/1/2 क्षेत्रफल 0.012 हेक्टेयर का आवासीय प्रयोजन में दिनांक 04-07-2005 को डायवर्सन हुआ है। |
झाबुआ |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
खण्डवा |
282.361 हे. |
164 |
19 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।) |
खरगोन |
14.277 हे. |
12 |
6 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।) |
अलीराजपुर |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
बड़वानी |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
बुरहानपुर |
196.408 हे. |
66 |
0 |
(ख) इंदौर एवं उज्जैन संभाग से संबंधित जिलों से जानकारी निरंक है। आयुक्त इन्दौर संभाग की जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) इंदौर एवं उज्जैन संभाग से संबंधित जिलों से जानकारी निरंक है। आयुक्त उज्जैन कलेक्टर अथवा ए.डी.एम. द्वारा निरस्त कर दिये गये प्रकरणों में वर्ष 2005 से वर्ष 2019 तक दायरा पंजी अनुसार न्यायालय आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा 04 प्रकरण में स्वीकृति प्रदान की गई एवं न्यायालय अपर आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा 111 प्रकरणों में स्वीकृति प्रदान की गई है। इस प्रकार कुल 115 प्रकरणों में स्वीकृति प्रदान की गई है। धारा 165 (6) के अंतर्गत कलेक्टर द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध संभागायुक्त न्यायालय में म.प्र. भू.रा. संहिता 1959 की धारा 44 (1) के अंतर्गत अपील प्रस्तुत किये जाने पर अपील प्रकरणों का न्यायालीन प्रक्रिया के तहत गुणदोष के आधार पर विधिसम्मत निराकरण किया जाता है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पांच अनुसार है। यदि संबंधित न्यायालय द्वारा पारित निर्णय किसी को स्वीकार ना हो तो सक्षम न्यायालय में विधि अनुसार अपील/पुनरीक्षण प्रस्तुत की जा सकती है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
106. ( क्र. 2902 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें समस्त पंचायत स्तर पर राशन वितरण हेतु नवीन दुकानें खोले जाना था? यदि हाँ, तो यह आदेश किस दिनांक से जारी किये गये तथा इस आदेश के तहत भीकनगांव विधानसभा के अंतर्गत कुल कितनी नवीन दुकानें खोली जाना प्रस्तावित था तथा वर्तमान तक सभी ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली दुकानें क्यों नहीं खोली गयी हैं? (ख) भविष्य में कब तक नवीन दुकानें खोली जायेंगी? क्या इस विलंब के लिए कोई दोषी है? हाँ तो क्या संबंधित दोषी के खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? नहीं तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) संपूर्ण प्रदेश की दुकान विहीन पंचायतों में उचित मूल्य दुकानें खोलने का प्रावधान म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में किया गया है। राज्य शासन के पत्र क्रमांक 7-19/2014/29-1 दिनांक 25.09.2017 के द्वारा इस संबंध में निर्देश जारी किये गये थे। उक्त आदेश के परिपालन में प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में कुल 42 उचित मूल्य दुकानें दुकान विहीन पंचायतों में खोली जाना थीं। तहसील भीकनगांव अंतर्गत 07 उचित मूल्य दुकानें खोली जाना थीं जिसके लिए 35 आवेदन पत्र ऑनलाइन प्राप्त हुये। सभी आवेदन अपात्र पाये गये। उक्त विधानसभा की झिरन्या तहसील अंतर्गत 35 नवीन उचित मूल्य दुकानें खोली जाना थीं जिसके लिए 109 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुये जिसमें से केवल 04 पंचायतों हेतु 04 संस्थाओं के ही आवेदन पात्र पाये गये हैं। दुकान आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है। पात्र परिवारों के सत्यापन अभियान एवं लॉकडाउन के कारण दुकान आवंटन की कार्यवाही प्रभावित हुई थी। (ख) शेष 38 पंचायतों में उचित मूल्य दुकानों हेतु संस्थाओं के नियमानुसार आवेदन प्राप्त कर पात्रता का परीक्षण कर दुकान आवंटन की कार्यवाही की जायेगी। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उत्तर प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है।
प्रधान मंत्री कार्यालय के पत्र पर कार्यवाही
[लोक सेवा प्रबन्धन]
107. ( क्र. 2907 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली द्वारा No. PMOPG/D/2020/0198761 दिनांक 11.09.2020 मुख्य सचिव म.प्र.शासन भोपाल को प्रेषित किया गया था? इस पत्र के साथ किसका आवेदन पत्र किस कार्य के लिए अंतरित किया गया है? सम्पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) का पत्र किस स्तर पर है और इस पर क्या कार्यवाही की गई? क्या आवेदक को तत्संबंधित लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक और किस माध्यम से लाभ दिया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, आवेदक श्री लक्ष्मण प्रसाद शर्मा, उज्जैन का आवेदन पत्र प्रधानमंत्री आवास क्रय करने पर लिये गये ऋण का लाभ देने संबंधी पत्र कलेक्टर उज्जैन से संबंधित होने के कारण CPGRAMS पोर्टल के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही हेतु अंतरित किया गया था। (ख) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर उज्जैन द्वारा कार्यवाही की गई है। पत्र क्र 1413 दिनांक 18.02.21 द्वारा अग्रणी जिला प्रबंधक उज्जैन के प्रतिवेदन अनुसार आवेदक श्री लक्ष्मण प्रसाद शर्मा के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 2.67 लाख की सब्सिडी प्राप्त नहीं होने की शिकायत दर्ज की गई थी। आवेदक द्वारा एल.आई.जी. श्रेणी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा नागझिरी से आवास ऋण 2018 में शाखा से प्राप्त किया गया था। प्रधानमंत्री आवास योजना ( शहरी ) की एल.आई.जी. श्रेणी के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ पाने के लिए यह अनिवार्य है कि घर की महिला मुखिया या तो संपत्ति मालिक हो या सह-मालिक हो, परंतु उक्त प्रकरण में पात्रता नहीं होने के कारण आवेदक को सब्सिडी का लाभ इस योजना के तहत नहीं मिल सकता है।
सहकारिता निरीक्षकों के विरुद्ध शिकायतों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
108. ( क्र. 2912 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से 2020-21 की अवधि में सहकारिता निरीक्षकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार एवं अनियमितता संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त शिकायतों में से किन-किन शिकायतों के जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होकर संबंधितों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई? (ग) क्या नीमच जिले से श्री रामप्रसाद कुमावत, सहकारिता निरीक्षक के विरुद्ध कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? प्रतिवेदन उपलब्ध करायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) वर्ष 2018-19 से 2020-21 की अवधि में सहकारी निरीक्षकों के विरूद्ध कुल 59 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त शिकायतों में से अनुशासनात्मक कार्यवाही से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) श्री रामप्रसाद कुमावत सहकारी निरीक्षक के विरूद्ध वर्ष 2017-18 में शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जाँच संयुक्त आयुक्त सहकारिता उज्जैन संभाग को सौंपी गई है। जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है।
नजूल भूमि के स्थायी पट्टे का प्रदाय
[राजस्व]
109. ( क्र. 2929 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नजूल क्षेत्र बैतूल अंतर्गत वर्ष 1990 से वर्ष 2020 तक जिन लोगों को नजूल भूमि के अस्थायी पट्टे जारी किए गए? क्या उन्हें स्थायी पट्टे दिये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक जारी किए जायेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी किए गए अस्थायी पट्टेधारियों पर शासन द्वारा प्रीमियम एवं भू-भाटक की राशि कोरोना काल में आरोपित की गई है यह राशि जिन पट्टेदारों ने जमा नहीं की है, क्या ऐसे पट्टेधारियों की आरोपित प्रीमियम एवं भू-भाटक की राशि माफ की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो इस पक्ष में शासन क्या कोई आदेश पारित करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। यदि नहीं तो कोरोना काल को दृष्टिगत रख क्या इन पट्टेधारियों को कोई रियायत दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नजूल क्षेत्र बैतूल अंतर्गत वर्ष 1990 से वर्ष 2020 तक कुल 117 लोगों को नजूल भूमि के अस्थायी पट्टे जारी किए गए। मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 के प्रावधान अनुसार स्थाई पट्टे दिये जा सकेंगे। (ख) पट्टे के शर्तों के अनुसार प्रब्याजि तथा भू-भाटक अधिरोपित किया गया है। जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
110. ( क्र. 2944 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ की कौन-कौन सी सिंचाई योजनाएं प्रशासकीय स्वीकृति, साध्यता स्वीकृति एवं पुनरीक्षित प्राशासकीय स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर कहाँ कब से लंबित हैं? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सिंचाई योजनाओं कि स्वीकृति किस प्रकार से कब तक प्राप्त होगी तथा इनके निर्माण से कहाँ-कहाँ की कितनी कृषि भूमि सिंचित होगी? (ग) क्या कटनी जिला अंतर्गत ब्रिट्रिश कालीन निर्मित बहोरीबंद जलाशय की संरचनाएं जर्जर हो चुकी हैं, जिससे नहर के अंतिम छोर तक अब सिंचाई जल नहीं पहुंच पा रहा है? यदि हाँ, तो इसकी दोनों नहरों में लाइनिंग कार्य हेतु जिला स्तर से कितने का प्राक्कलन शासन स्तर पर प्रेषित है तथा कब तक इसके निर्माण कि स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र से संबंधित सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। (ग) जी हाँ, बहोरीबंद जलाशय के बांध एवं नहर की संरचनांए जर्जर होने के कारण नहर के अंतिम छोर तक सिंचाई हेतु पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंचाने में कठिनाई आती है। नहरों में लाइनिंग एवं सुधार कार्य हेतु प्राक्कलन मैदानी कार्यालयों में परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
टास्कफोर्स कमेटी की रिपोर्ट
[राजस्व]
111. ( क्र. 2954 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ए.सी.एस. वन की अध्यक्षता में गठित टास्कफोर्स कमेटी को शासन को प्रस्तुत 6 फरवरी 2020 की रिर्पोट पर राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव एवं प्रमुख राजस्व आयुक्त के भी हस्ताक्षर हैं। (ख) यदि हाँ, तो रिर्पोट पर किस विभाग के किस अधिकारी के हस्ताक्षर हैं? रिर्पोट में भूमि से संबंधित किस विषय पर क्या सुझाव दिए जाकर क्या-क्या सिफारिश की गई है? रिपोर्ट के साथ कौन-कौन सा अभिलेख प्रस्तुत किया है? (ग) रिर्पोट में दिए गए विषयों डीनोटीफाईड भूमियों, रैयतवारी ग्रामों की भूमियों, निजी भूमियों, पृथक की गई भूमियों, एक नागरी भूमियों से संबंधित राजस्व विभाग के पास कौन-कौन सी जानकारी, आदेश या निर्देश उपलब्ध है? प्रति सहित बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क), (ख), (ग) ए.सी.एस वन की अध्यक्षता में गठित टास्कफोर्स कमेटी द्वारा शासन को प्रस्तुत रिपोर्ट शासन के समक्ष विचाराधीन होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं नहीं है।
खाते एवं गैर खाते की राजस्व भूमि
[राजस्व]
112. ( क्र. 2955 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन भू-राजस्व द्वारा 1958 से 1965 तक खाते एवं गैर खाते की राजस्व भूमि और वन भूमि के आंकड़े तथा 1965 से 2000 तक खाते और गैर खाते एवं गैर खाते में मदवार भूमि तथा वन भूमि के आंकड़े वर्षवार प्रतिवेदित एवं प्रकाशित किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो 1956 से 2000 तक किस वर्ष में कितनी खाते की भूमि, कितनी गैर खाते की भूमि, गैर खाते में कितनी किस मद की भूमि एवं कितनी वन भूमि होना मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग ने प्रतिवेदित किया? खाते में कुल कितनी भूमि में वृद्धि होना एवं गैर खाते में कितनी भूमि में कमी होना पाया गया? (ग) गैर खाते की भूमि में कमी होने का क्या-क्या कारण रहा है, गैर खाते की कितनी भूमि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 धारा 4 एवं धारा 20 में अधिसूचित किए जाने के कारण कम होना प्रतिवेदित किया है? जिलेवार बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
पटवारियों का ग्रेड पे बढ़ाया जाना
[राजस्व]
113. ( क्र. 2976 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पटवारी संघ भोपाल द्वारा पटवारियों की ग्रेड पे 2800 किये जाने के संबंध में माननीय राजस्व मंत्री, वित्त मंत्री से वर्ष 2008 से 4 फरवरी 2021 तक लगातार मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) माननीय मुख्यमंत्री व राजस्व मंत्री द्वारा पटवारियों की ग्रेड पे 2800 किए जाने के संबंध में पटवारी संघ की मांग पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। उक्त वेतन के संबंध में वित्त विभाग ने परिक्षण उपरांत पटवारी ग्रेड-2100 के स्थान पर 2800 वेतन संशोधित न करके अग्रवाल वेतन आयोग द्वारा निर्धारित ग्रेड पे को यथावत रखा गया है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार।
डोकरिया चापा बांध का निर्माण
[जल संसाधन]
114. ( क्र. 2984 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी में डोकरिया चापा बांध निर्माण के लिये पूर्व में शासन के समक्ष मांग रखी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो बतायें कि (1) बांध निर्माण की स्वीकृति हेतु शासन स्तर पर अभी तक क्या कार्यवाही हुई है? (2) क्या योजना को बजट में सम्मिलित कर लिया गया है? कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? (3) बांध की जल ग्रहण क्षमता कितनी होगी तथा कितने कृषि क्षेत्र की सिंचाई की जा सकेगी एवं कितना क्षेत्र अधिग्रहण किया जावेगा? बिन्दुवार जानकारी प्रदान करें। (ग) यदि नहीं तो क्षेत्र की जनता की मांग के आधार पर जनहित में इस बहुउपयोगी योजना की स्वीकृति हेतु कार्यवाही कब तक कर ली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) डोकरिया मध्यम परियोजना की साध्यता दिनांक 16.05.2018 को स्वीकृत किया जाकर सर्वेक्षण कार्य का प्रस्ताव पृथक से तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। वर्तमान में परियोजना का सर्वेक्षण कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित होने से शेष प्रश्नांश की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
बाढ़ प्रभावितों को मुआवजे का प्रदाय
[राजस्व]
115. ( क्र. 2985 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट के विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी-खैरलांजी में विगत दिनों अगस्त-2020 में भारी वर्षा के कारण कितने गांव बाढ़ ग्रस्त घोषित किए गए थे एवं इन बाढ़ ग्रस्त ग्रामों में कितने घर क्षतिग्रस्त हुए तथा कितने कृषकों की फसलें क्षतिग्रस्त हुई? (ख) क्या बाढ़ प्रभावित लोगों एवं कृषकों को मुआवजे की कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कितने लोगों को कितनी राशि उपलब्ध कराई गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला बालाघाट के विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी एवं खैरलांजी में 53 ग्राम बाढ़ ग्रस्त घोषित किये गये थे एवं इन बाढ़ ग्रस्त ग्रामों में 1382 घर क्षतिग्रस्त हुए तथा 5303 कृषकों की फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं। (ख) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी एवं खैरलांजी अंतर्गत बाढ़ से मकान क्षतिग्रस्त होने से 1382 प्रभावित लोगों को राहत राशि 84, 80, 635/- रूपये एवं 5303 कृषकों की फसलें क्षतिग्रस्त होने से राहत राशि 2, 64, 99, 328/- रूपये का भुगतान कर दिया गया है। इस प्रकार कुल 6685 प्रभावितों को कुल राहत राशि 3, 49, 79, 963/- रूपये का भुगतान किया गया है।
आदिवासी विकासखण्डों की खनिज खदानें
[खनिज साधन]
116. ( क्र. 2997 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखण्डों में किस तरह के खनिज खदान के निर्धारण, आवंटन, नीलामी के लिए संविधान के किस अनुच्छेद या प्रचलित कानून के तहत क्या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है? (ख) क्या पंचायत अधिनियम 1996 की धारा 4 (घ), (ट), (ठ) के तहत आदिवासी विकासखण्डों में ग्राम पंचायत एवं स्वशासी जिला परिषद को माईनिंग लीज और गौण खनिज आक्शन पर लीज ग्रांट करने का अधिकार प्राप्त है? यदि हाँ, तो किन-किन संसाधनों पर ग्राम पंचायत एवं स्वशासी जिला परिषद को शासन द्वारा किस आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र या अधिसूचना के तहत कौन-कौन सा अधिकार एवं शक्तियां प्रदान कर दी हैं? प्रति सहित बताएं। यदि नहीं प्रदान की हैं, तो विधिसम्मत कारण बताएं। कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (ग) किस क्षेत्र की किस खनिज के निर्धारण, आवंटन, नीलामी के ग्राम पंचायत एवं स्वशासी जिला परिषद को कितना-कितना हस्तक्षेप करने का अधिकार किस-किस प्रावधान के अनुसार प्राप्त है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भारत सरकार द्वारा संविधान की अनुसूची-एक प्रविष्टी 54 के तहत खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 बनाये गये हैं। इसमें प्रदत्त अधिकारों के तहत भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा निर्मित नियमों में खदान के निर्धारण, आवंटन, नीलामी के प्रावधान हैं। यह प्रावधान समान रूप से सभी विकासखण्डों पर लागू होते हैं। (ख) प्रश्नाधीन अधिनियम में माईनिंग लीज और गौण खनिज ऑक्शन पर लीज आवंटन किये जाने के प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्नानुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में अधिसूचित गौण खनिज के समस्त क्षेत्रों में नवीन उत्खनिपट्टा स्वीकृति के पूर्व ग्राम सभा/ग्राम पंचायत से अभिमत/अनापत्ति प्राप्त किये जाने के प्रावधान हैं।
फौती नामांतरण के नियम
[राजस्व]
117. ( क्र. 3029 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.भू.रा. संहिता 1959 के नियम-निर्देशों के तहत फौती नामांतरण करना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो क्या न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर जिला छतरपुर में खसरा नंबर 155 एवं 156 की अपील दिनांक 22/12/2020 को निरस्त की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन के नियम के तहत उक्त भूमि मृतक के नाम दर्ज रहने के नियम है? यदि नहीं तो क्यों उक्त अपील को निरस्त किया गया था? उक्त अपील निरस्त करने वाले अधिकारी का मूल पद एवं नाम बताएं। (घ) क्या नगर पालिका छतरपुर के क्षेत्र अंतर्गत चौबे तिगड्डा से डाकखाना चौराहा पर जाने वाले रोड के बीच में संजय अग्रवाल रिकार्डो की बिल्डिंग एवं रूसिया बिल्डिंग की शिकायत एवं न्यूज़ पेपर में निकाली गई थी? यदि हाँ, तो उक्त बिल्डिंग का कब निर्माण किया गया था? उल्लेख करें। क्या उक्त बिल्डिंग का निर्माण शासन के नियम के तहत किया गया था? यदि हाँ, तो संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। क्या सक्षम अधिकारी उक्त व्यक्तियों पर कार्रवाई करेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या न्यायालय अनुविभागीय छतरपुर में प्रकरण क्रमांक/140/बी-121/2020-21 का निराकरण कर दिया गया है? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भू.रा. संहिता 1959 के तहत मृतक खातेदार का फौती नामांतरण किया जाना प्रावधानित है, प्रश्नाधीन खसरा नम्बर 155, 156 के संबंध में अपीलार्थी अरविन्द्र गिरी गोस्वामी द्वारा न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा0) छतरपुर में अपील विलम्ब से प्रस्तुत किये जाने के कारण परिसीमा अधिनियम 1963 की धारा 5 के तहत निरस्त की गई। (ख) मृतक खातेदार का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज रहना नियम में नहीं है। अपील बिलम्ब से प्रस्तुत किये जाने के कारण निरस्त की गई थी। प्रश्नाधीन अपील निरस्त करने के वाले तत्कालीन पीठासीन अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (रा.) छतरपुर का मूल पद डिप्टी कलेक्टर है एवं नाम सुश्री प्रियांशी भॅवर है। (घ) जी हाँ। प्रश्नाधीन दोनों बिल्डिंग निर्माणाधीन है। दोनों भवनों के मालिकों द्वारा निकाय से प्राप्त स्वीकृति के विरूद्ध निर्माण कराया गया है, जिस पर प्रश्नाधीन भवनों के मालिकों - श्री संजय अग्रवाल, श्री सजल अग्रवाल तनय स्व. मनोहर अग्रवाल तथा श्रीमति रंजना रूसिया को नोटिस जारी किया गया है, जिसके जबाव पर परीक्षण किया जा रहा है। (ड.) जी नहीं। न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत निराकरण किया जा रहा है।
प्रश्न क्रमांक 674 दिनांक 29.12.2020 के उत्तर पर कार्यवाही
[सहकारिता]
118. ( क्र. 3036 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 674 दिनांक 29.12.2020 के (ख) उत्तर अनुसार प्रकरण में दिनांक 12.04.19 से अभी तक सुनवाई तिथि नहीं लगी है तो विभाग के अधिकारियों ने इस पर अभी तक क्या कार्यवाही की है? (ख) इस प्रकरण का प्रकरण क्रमांक देकर बतावें कि यह किन शासकीय अधिवक्ता की निगरानी में है? (ग) इस संबंध में किए समस्त पत्राचार की छायाप्रति देवें। यदि विभाग के अधिकारियों ने दिनांक 12.4.2019 के बाद संबंधित शासकीय अधिवक्ता को कोई पत्राचार या प्रक्रिया नहीं की है तो इसके लिये शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ऋण माफी की राशि का भुगतान
[सहकारिता]
119. ( क्र. 3045 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में सहकारी बैकों/सोसायटियों को जय किसान फसल ऋण माफी योजना की द्वितीय किश्त अभी तक प्रदान नहीं की गई है, क्यों? (ख) उपरोक्तानुसार इससे प्रभावित हितग्राहियों की संख्या विधानसभावार देवें। (ग) कब तक यह द्वितीय किश्त प्रदान कर दी जाएगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हितग्राहियों को पट्टों का प्रदाय
[राजस्व]
120. ( क्र. 3046 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग द्वारा धार जिले की कुक्षी नगर परिषद् क्षेत्र में दिनांक 01.01.2018 से 31.01.2021 तक कितने हितग्राहियों के पट्टे प्रदाय हेतु जिला कार्यालय से अनुमोदन करवाए गए? हितग्राही नाम एवं पते सहित सूची वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्तानुसार जिन हितग्राहियों को पट्टा प्रदान कर दिया गया है, उनकी सूची देवें। (ग) जिन हितग्राहियों को प्रश्न दिनांक तक पट्टे आवंटित नहीं किए गए उन्हें कब तक पट्टे प्रदान कर दिए जाएंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले की नगर परिषद् कुक्षी क्षेत्र में दिनांक 01.01.2018 से दिनांक 31.01.2021 तक कुल 320 हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन जिला कार्यालय से करवाया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) नगर परिषद् कुक्षी द्वारा 118 हितग्राहियों को पट्टा प्रदान कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) 202 हितग्राही पट्टाधृति अधिनियम अनुसार पात्र पाये गये थे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संचालित स्कूल बसों की जानकारी
[परिवहन]
121. ( क्र. 3057 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, भोपाल जिले में 31-03-2020 तक कितनी स्कूल बसें संचालित थीं? (ख) दि. 1-1-18 से 31-03-2020 तक जी.पी.एस. एवं अन्य सुरक्षा उपकरण स्थापित होने की जाँच विभागीय अधिकारियों ने कब-कब की? जिलावार बतावें। प्रत्येक निरीक्षण की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) इस अवधि में इन जिलों में कितनी स्कूल बस दुर्घटनाएं हुईं? जिलावार विवरण देवें। (घ) इन दुर्घटनाओं के जिम्मेदारों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इन्दौर, भोपाल जिले में पंजीयन अनुसार 31.03.2020 तक इन्दौर जिले में 3694 स्कूल बसें तथा भोपाल जिले में कुल 1971 स्कूल बसें संचालित थीं। (ख) दिनांक 01.01.2018 से 31.03.2020 तक स्कूल बसों में जी.पी.एस. एवं अन्य सुरक्षा उपकरण स्थापित होने की जाँच बाबत् जिलावार इंदौर एवं भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) पुलिस उप महानिरीक्षक (शहर) इंदौर एवं पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) भोपाल द्वारा उपलब्ध कराई दुर्घटनाओं संबंधी जानकारी का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है।
अवैध रेत खनन पर रोक के अदालती आदेश का पालन
[खनिज साधन]
122. ( क्र. 3058 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 में मुरैना जिले में अवैध रेत खनन वाले 96 स्थानों सेटेलाइट इमेजरी तैयार कराई गई थी एवं हर तीन माह में इसकी समीक्षा के निर्देश शासन ने दिए थे तब से अब तक कितनी बैठकें हुई? प्रत्येक बैठक का विवरण देवें। (ख) क्या कारण है कि लंबे समय से इसकी समीक्षा नहीं हुई? इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही होगी? नियमित समीक्षा कब से प्रारंभ होगी? (ग) म.प्र. हाईकोर्ट के आदेश जिसमें चंबल के घाटों पर चौकियां बनाने व मुरैना जिला प्रशासन को अवैध रेत परिवहन के मार्गों को बंद करने का उल्लेख है की छायाप्रति देवें। इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में की गई कार्यवाही की जानकारी वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक देवें। (घ) प्रश्नांश (क) व (ग) अनुसार कब तक म.प्र. हाईकोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा एवं कब तक सेटेलाइट इमेजरी से अवैध खनन पर कार्यवाही व रोक लगाई जाएगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध उत्खनन कर रेत का भण्डारण
[खनिज साधन]
123. ( क्र. 3065 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह दिसम्बर 2020 से दिनांक 03.02.2021 के मध्य अनूपपुर रेत खदान ठेकेदार के.जी. डेवलपर को आवंटित सीतापुर रेत खदान की नाप कराई गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लिखित ठेकेदार द्वारा आवंटित रेत खदान के अलावा सीतापुर से अवैध उत्खनन कर रेत निकाली गई है? (ग) क्या मानपुर रेत खदान अनूपपुर से अवैध उत्खनन कर रेत का भण्डारण किया गया है? (घ) क्या मानपुर खदान से अवैध भण्डारित रेत को ठेकेदार को दी गई है? (ड.) क्या ठेकेदार द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से मानपुर रेत खदान से लगातार अवैध रूप से रेत उत्खनन कर बेची जा रही है? (च) क्या सीतापुर व मानपुर रेत खदान से निकाली गई अवैध रेत हेतु दोषी ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि की गई है तो क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं की गई तो कब तक की जाएगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। माह दिसंबर 2020 से दिनांक 03/02/2021 के मध्य प्रश्नाधीन रेत खदान ठेकेदार के.जी. डेवलपर को आवंटित सीतापुर रेत खदान की नाप कराई गई है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ठेकेदार द्वारा आवंटित रेत खदान सीतापुर में स्वीकृत खसरा क्रमांक 13 रकबा 4.000 हेक्टेयर की सीमा से बाहर अनाधिकृत उत्खनन कर रेत निकाली गई है। (ग) जी नहीं। प्राप्त शिकायतों के आधार पर निरीक्षण दिनांक 25/11/2020 अनुसार मानपुर रेत खदान स्वीकृत खसरा क्रमांक 75/78, 37/77 रकबा 5.360 हेक्टेयर की सीमा से बाहर अवैध उत्खनन कर रेत भंडारण शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 75/1 रकबा 2.784 के अंश भाग पर किया जाना पाया गया है। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों तथा मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग के पत्र क्रमांक 1951/865/2020/12/1 भोपाल दिनांक 26/05/2020 में दिये गये निर्देश के शर्त पर मानपुर खदान से अवैध भंडारित रेत को राजसात उपरांत अग्रिम राज्यांश प्रदान किये जाने की शर्त पर निवर्तन हेतु ठेकेदार को दी गई है। (ड.) जी नहीं। (च) जी हाँ। संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध खनिज रेत के अवैध उत्खनन का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर निराकरण हेतु न्यायालय कलेक्टर, अनूपपुर को प्रस्तुत किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नदी स्टाप डेम कम रपटा निर्माण की जानकारी
[जल संसाधन]
124. ( क्र. 3075 ) श्री संजय यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बरगी में आने वाली जनपद पंचायत शहपुरा भिटौनी अंतर्गत निर्मित होने वाली सिंचाई परियोजना में पटीचरगवों एवं टेमर नदी स्टाप डेम कम रपटा का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्माण कार्य से क्षेत्रीय जनों को क्या-क्या फायदे होने वाले हैं? पटीचरगवां से कितने हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई होगी एवं टेमर नदी स्टाप डेम से कृषकों को क्या फायदे होने वाले हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो पटीचरगवां एवं टेमर नदी स्टाप डेम की निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति निविदाएं आदि जारी की चुकी है? यदि हाँ, तो निविदा प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो प्रश्न दिनांक तक निविदाएं जारी न करने का कारण बतावें। क्या कृषकों के उत्थान हेतु शासन के पास राशि नहीं हैं? (ग) क्या विगत एक वर्ष से अधिक समय से स्वीकृत परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति जारी न करने से पटीचरगवां एवं टेमर नदी स्टाप डेम कम रपटा निर्माण न होने से क्षेत्रीय किसान/पशुपालकों एवं क्षेत्रीयजनों को जलपूर्ति नहीं होने से नुकसान हो रहा है? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है? निविदाएं कब तक जारी की जावेंगी? (घ) क्या यह सही है कि पटीचरगवां एवं टेमर नदी स्टाप डेम रपटा निर्माण कार्य की डी.पी.आर. एवं समस्त आपत्तियों का निराकरण किया जा चुका है किन्तु निविदाएं रोकी गई हैं? अथवा शासन के पास पैसा नहीं है? स्पष्ट करें कि उक्त निर्माण कार्य कब से प्रारंभ होंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन पटीचरगवां जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 02.03.2019 को रू.1194.39 लाख की 440 हेक्टर एवं टेमा नदी स्टाप डेम कम रपटा की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 02.03.2019 को रू.195.70 लाख की 190 हेक्टर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। परियोजनाओं से उनके समक्ष दर्शाए अनुसार क्षेत्र में कृषकों को सिंचाई लाभ प्राप्त होगा एवं आमदनी में वृद्धि होगी। (ख) दोनों परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति उत्तरांश ''क'' अनुसार है। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में होने से निविदा की प्रति उपलब्ध कराना संभव नहीं है। वित्तीय सूचकांक अधिक्रमित होने के कारण। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। निविदा आमंत्रण की प्रक्रिया प्रचलन में होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
खनिज मद से कराये गए विकास कार्य
[खनिज साधन]
125. ( क्र. 3076 ) श्री संजय यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बरगी के अंतर्गत जबलपुर/शहपुरा/चरगवां क्षेत्र से खनिज/गौण खनिज से खनिज विभाग को करोड़ों की आय होती है? यदि हाँ, तो गत 3 वर्षों में प्राप्त आय की वर्षवार जानकारी दी जाए एवं उक्त आय को जिला खनिज विभाग जबलपुर द्वारा किन-किन क्षेत्रों में व्यय किया जा रहा है? क्या उक्त आय का व्यय नियमानुसार क्षेत्रों में किया गया है? नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्र के निवासियों को मूलभूत सुविधाओं जैसे - स्वास्थ्य/शिक्षा/पानी के लिये अभी तक वित्तीय वर्ष 2019-2020 एवं 2020-2021 तक कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा गत 3 वर्षों में विभाग को कितने विकास कार्यों के प्रस्ताव भेजे हैं एवं उनमें से विभाग द्वारा कितने स्वीकृत कर कितनी-कितनी राशि कब-कब आवंटित की गई है? उन प्रस्तावों में से अभी तक कितने विकास कार्यों को लंबित रखा गया है और क्यों लंबित रखा गया है? (घ) जिला जबलपुर से खनिज की सेण्ड (रेत) मद में गत 3 वर्षों में कितनी आय हुई है? इससे संबंधित कितने प्रस्ताव प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये? उनमें से कितने स्वीकृत किये गये एवं कितने लंबित हैं? उक्त सेण्ड मद की राशि को किस क्षेत्र में एवं किस कार्य में खर्च किया जा सकता है? नियम उपलब्ध करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। गौण खनिज से गत 03 वर्षों में प्राप्त आय की जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
प्राप्त रॉयल्टी (रू.) |
2018-19 |
11, 63, 88, 892 |
2019-20 |
7, 19, 61, 457 |
2020-21 (15/02/2021 तक) |
7, 93, 16, 987 |
प्राप्त राशि राज्य की संचित निधि में जमा होती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार। (घ) रेत खनिज से गत 03 वर्षों में जबलपुर जिले में प्राप्त आय की जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
प्राप्त रॉयल्टी (रू.) |
2018-19 |
1, 83, 61, 504 |
2019-20 |
1, 22, 33, 090 |
2020-21 (15/02/2021 तक) |
2, 79, 80, 163 |
वर्तमान में प्राप्त राशि राज्य की संचित निधि में जमा होती है। इसका व्यय सीधे किया जाना प्रावधानित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खनन एवं अस्थाई अनुज्ञा पत्र जारी न करने वालों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
126. ( क्र. 3083 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश गौण खनिज अधिनियम 1996 नियम 68 (1) के अनुसार निर्दिष्ट खदानों व भूमियों पर किसी गौण खनिज के उत्खनन की आवश्यकता राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के उपक्रमों में कार्य करने, उत्खनन हटाने व परिवहन हेतु अस्थाई अनुज्ञा पत्र जारी किये जाने के नियम हैं, जिनके पालन में जिला सिंगरौली व रीवा में किन-किन संविदाकारों को किन-किन खनिज संपदा के उत्खनन बाबत अनुज्ञा पत्र जारी किये? विवरण वर्ष 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संविदाकारों को जिन खनिज संपदा के उत्खनन बाबत् अस्थाई अनुज्ञा पत्र जारी किये गये, कितनी रॉयल्टी अनुज्ञा पत्र जारी करने के पूर्व अग्रिम जमा करायी गई एवं कितनी बाद में? विवरण पृथक-पृथक देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के रीवा जिले में खनिज अधिकारी कितने वर्षों से एक ही जगह पदस्थ हैं? एक जगह पदस्थ होने के कारण इनके द्वारा अवैधानिक तरीके से संपदा का उत्खनन कराया जा रहा है, अगर विगत 3 वर्षों में मौके पर निरीक्षण व कार्यवाही की गई हो तो उसकी जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अस्थाई अनुज्ञा पत्र जारी न कर शासन की रॉयल्टी की चोरी कराने, उन पर कार्यवाही न कर व्यक्तिगत हितपूर्ति करने, एक ही जगह पर कई वर्षों से पदस्थ रहकर संविदाकारों को अवैध उत्खनन बाबत् बढ़ावा देने के जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? क्या उनको अन्यत्र हटाते हुये रॉयल्टी चोरी की उच्च स्तरीय जाँच करावेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के 1 एवं 2 पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के 1 एवं 2 पर दर्शित है। (ग) रीवा जिले में प्रभारी अधिकारी दिनांक 07/04/2017 से पदस्थ है। जी नहीं, शिकायतें प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाहियां की गई हैं। विगत तीन वर्षों में निरीक्षण उपरांत की गई कार्यवाहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) रीवा जिले में नियमानुसार अस्थाई अनुज्ञा पत्र जारी किये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय भूमि पर अवैध उत्खनन
[राजस्व]
127. ( क्र. 3084 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा एवं सिंगरौली में शासकीय जमीनों पर अवैध उत्खनन कर भूमियों का स्वरूप बदलने की कार्यवाही पर किन जिम्मेदारों द्वारा कब क्या कार्यवाही की गई? अवैधानिक उत्खनन करने वालों से रॉयल्टी की वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण क्या संबंधितों पर दर्ज कराये गये तो कब-कब का विवरण वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अवैध उत्खनन करने वालों में कितने संविदाकार/ठेकेदार हैं की जानकारी पृथक से देवें। इनके द्वारा अवैध उत्खनन किये गये सामग्री का उपयोग कहाँ किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में रीवा जिले के तहसील गुढ़ के ग्राम पंचायत ईटार पहाड़ की शासकीय आराजी नं. 395 में अवैध उत्खनन कराकर कैंप (ओपेन कैप) के निर्माण में मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है एवं कार्य गुणवत्ता विहीन अनुबंध से हटकर कराया जा रहा है जिसकी रॉयल्टी शासन को नहीं दी गई? जिसका मौके से सत्यापन अनुविभागीय अधिकारी गुढ़ जिला रीवा कानूनगो व पटवारी की उपस्थिति में किया गया लेकिन उत्खनन कर्ता जे.सी.बी., टैक्टर, डम्फर के उपयोग कर खनन करने वाले मालिक श्री रमेश सोनी व ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई जबकि श्री सोनी व उनके परिवार का नाम उक्त वाहनों के मालिक होने के बाद भी बी.पी.एल. सूची में है? उसका भी लाभ श्री सोनी ले रहे हैं। क्या इनसे रॉयल्टी वसूली के साथ उपयोग किये गये वाहनों की जप्ती के साथ प्रकरण पंजीबद्ध करावेंगे तो कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उल्लेखित तथ्यों अनुसार जिम्मेदारों द्वारा कार्यवाही न करने अवैधानिक उत्खनन को बढ़ावा देने के जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? कार्यवाही का स्वरूप बताते हुये प्रश्नांश (ग) पर कार्यवाही करेंगे तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले में अवैध उत्खनन की शिकायत प्राप्त होने पर विधि अनुसार कार्यवाहियॉ की गई, जिसमें वर्ष 2019-2020 से वर्तमान तक अवैध उत्खनन के प्रकरण पंजीबद्ध कर 4508330/- अर्थदण्ड राशि वसूली किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है । सिंगरौली जिले में शासकीय जमीनों पर अवैध उत्खनन कर भूमियों का स्वरूप बदलने की कार्यवाही पर जिम्मेदारों द्वारा 87 प्रकरण तैयार किया जाकर आरोपित अर्थदण्ड रू. राशि 12884725.00 की गई जिसमें से 6024725.00 आरोपित अर्थदण्ड की राशि जमा करायी गई। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) रीवा जिले में प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जानकारी निरंक है। सिंगरौली जिले में प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अवैध उत्खनन करने वाले संविदाकार/ठेकेदार के विरूद्ध 12 प्रकरण तैयार किया जाकर आरोपित अर्थदण्ड की राशि 10111000.00 की गई जिसमें से 3261000.00 आरोपित अर्थदण्ड की राशि जमा करायी गई। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उत्खनन के प्रकरण में किये गये अवैध खनन से निर्मित गड्ढों की पैमाइश कर प्रकरण बनाये गये हैं। जांच के समय खनिज सम्पदा जप्ती हेतु नहीं पाई गई है। (ग) रीवा जिले में प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 68 (3) के परन्तुक के अन्तर्गत निर्माण कार्यों में साधारण मिट्टी में रायल्टी देय नहीं होने के प्रावधान है। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक - 1 रीवा के पत्र क्रमांक 4955 दिनांक 06.01.2021 के पत्रानुसार कार्यवाही की गई है, जिसकी प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रश्नांश के माध्यम से श्री रमेश सोनी के गलत ढंग से बी.पी.एल. में नाम शामिल होने की सूचना पर शिकायत कर्ता बी.पी.एल. से नाम काटने का नोटिस दिनांक 17.02.2021 को, हल्का पटवारी के प्रतिवेदन दिनांक 15.02.2021 के आधार पर, दिया जाकर दिनांक 18.02.2021 को श्री रमेश सोनी बी.पी.एल. सूची सर्वे क्रमांक 168 ग्राम इटार ग्राम पंचायत इटार की बी.पी.एल. सूची से नाम काट दिया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में कृत कार्यवाही के विवरण के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता है।
रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना
[जल संसाधन]
128. ( क्र. 3096 ) श्री सुरेश राजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मां रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना में कितनी-कितनी लागत के क्या-क्या कार्य कब तक पूरे किये जाने हैं? विवरण दें। (ख) इस योजना के अंतर्गत जिगनिया-वारकरी नहर का कार्य कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य हैं? अब तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका हैं? कार्य एजेंसी कौन है? विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) वर्णित नहर से डबरा विधानसभा के कितने क्षेत्रफल को पानी उपलब्ध कराया जाना है और कब तक? लाभान्वित क्षेत्र का विवरण दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना में रू.370 करोड़ लागत से सिंध नदी पर ग्रेविटी बांध का निर्माण एवं रू.831 करोड़ लागत से प्रेशराईज्ड पाइप माइक्रो सिंचाई नहर प्रणाली का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। अनुबंध अनुसार बांध का निर्माण कार्य दिनांक 09.10.2021 तक तथा प्रेशराईज्ड पाईप माइक्रो सिंचाई नहर प्रणाली का निर्माण कार्य 21.07.2024 तक पूर्ण किया जाना है। (ख) माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना के अंतर्गत जिगनियां-वारकरी नहर का कार्य दिनांक 21.07.2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। जिगनियां-वारकरी नहर की प्लानिंग का कार्य अंतिम परीक्षण हेतु बोधी कार्यालय भोपाल में प्रक्रियाधीन होने से प्रगति निरंक है। उक्त कार्य की एजेन्सी मंटेना वशिष्ठा माइक्रो जे.व्ही हैदराबाद है। (ग) जिगनियां-वारकरी नहर से डबरा विधानसभा के 36 ग्रामों की 18987.35 हेक्टर भूमि सिंचाई हेतु प्रस्तावित है, जिसमें परीक्षण पश्चात बदलाव की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। अनुबंध अनुसार दिनांक 21.07.2024 तक नहर का कार्य पूर्ण होने पर।
नामांतरण प्रकरणों की जानकारी
[राजस्व]
129. ( क्र. 3097 ) श्री सुरेश राजे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अनुसार तहसीलदार को विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण करने के अधिकार है? यदि हाँ, तो क्या डबरा विधान सभा क्षेत्र में भू-राजस्व संहिता का पालन किया जा रहा है? नहीं तो क्यों? (ख) डबरा विधानसभा क्षेत्र में गत पांच वर्षों में कितने विवादित व कितने अविवादित नामांतरण किये गये? (ग) क्या डबरा विधान सभा क्षेत्र में पीठासीन अधिकारियों द्वारा नामांतरण प्रकरणों में खाता नं. 12 में अवैध कॉलोनी की जाँच प्रचलित है, दर्ज किया जा रहा है? ऐसा क्यों? ग्रामीण क्षेत्र की कृषि भूमियों के संबंध में भी इस प्रक्रिया का होना उचित है, क्या? (घ) प्रश्नांश (ग) वर्णित समस्या के क्षेत्रीय भू-स्वामियों व कृषकों को हो रही परेशानी का निराकरण करने हेतु विभाग की क्या योजना है? कब तक समस्या का निराकरण किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) डबरा विधानसभा क्षेत्र में गत पांच वर्षों में 4452 विवादित व 17648 अविवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण किया गया है। (ग) डबरा विधान सभा क्षेत्र में पीठासीन अधिकारियों द्वारा नामांतरण प्रकरणों का म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 के प्रवधानों का पालन करते हुये निराकरण किया जा रहा है जिन भूखण्डों में अवैध कालोनियों के संबंध में जाँच प्रचलित है उन भूखण्डों के नामांतरण प्रकरणों का निराकरण करते समय अवैध कॉलोनियों की जाँच प्रचलित है लेख कर निराकरण किया जा रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में जहां विना सक्षम स्वीकृति के अवैध कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है, वहां खसरा के कालम नं. 12 में अवैध कालोनी की जाँच प्रचलित है इन्द्राज किया जा रहा है। कृषि भूमियों के संबंध में शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संहिता के प्रावधानों के तहत नामांतरण किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में नामान्तरण के प्रकरणों के म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 के अनुसरण में, सतत् निराकरण के दृष्टिगत प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
भू-स्वामियों को मुआवजा
[राजस्व]
130. ( क्र. 3103 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत मार्गों, तालाबों हेतु भू-अर्जन के मामले में ऐसे कितने प्रभावित कृषक हैं, जिनका निराकरण प्रश्न, दिनांक तक नहीं किया जा सका है? विगत तीन वर्षों में प्रभावित भू-स्वामियों से प्राप्त आवेदनों के आधार पर योजनावार उनके निराकरण की स्थिति बतावें। (ख) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र के कितने प्रभावित भू-स्वामियों द्वारा कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय कलेक्टर छतरपुर के यहां मुआवजा प्रकरणों के निराकरण हेतु आवेदन दिये? विगत दो वर्षों की जानकारी दें व आवेदनवार निराकरण की स्थिति बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) महाराजपुर विधान सभा अन्तर्गत अनुभाग नौगांव में भा.रा.रा. 75-76 झांसी-खजुराहो फोर लाईन के निर्माण में कुल 16 ग्रामों के 1690 कृषक प्रश्न दिनाक तक प्रभावित होना पाये गये हैं जिन्हे मुआवजा राशि रूपये 596717257 स्वीकृत होकर 1608 कृषकों को राशि रुपये 578741188 भुगतान की जा चुकी 82 कृषक सह खातेदार होने तथा कुछ मृतक होने के साथ ही अभिलेख विसंगति के कारण शेष है जिन्हे भुगतान की कार्यवाही की जा रही है। विगत तीन वर्षों में उक्त रा.रा. में प्रभावित कृषकों द्वारा मुआवजा के सम्बंध में शिकायती आवेदनों का निराकरण किया गया है कुछ के निराकरण की कार्यवाही प्रचलन में है। महाराजपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत तालाबों/बांध के सम्बंध में जानकारी निम्नानुसार है:- महाराजपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत इस संभाग के अधीन सिंहपुर वैराज मध्यम परियोजना हेतु भू-अर्जन के मामले में 109 प्रभावित कृषकों का प्रश्न दिनांक तक निराकरण नहीं किया जा सका। विगत तीन वर्षों में प्रभावित भू-स्वामियों से प्राप्त आवेदनो के आधार पर सिंहपुर वैराज मध्यम परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित शेष भूमि 31.22 हे. के भू-अर्जन हेतु पूरक प्रकरण रूपये-346.72 लाख प्रस्ताव प्राप्त हुआ है जिसमें भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के तहत धारा-11 की अधिसूचना जारी की जा चुकी है जो राजपत्र एवं राज्य स्तरीय तथा स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशन हेतु प्रचलन में है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में 25 शिकायतें कलेक्टर कार्यालय छतरपुर में प्राप्त एवं 32 शिकायतें कार्यालय अनुभाग नौगांव में प्राप्त हुई है, जिनमें लगभग सभी शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। कुछ शिकायतों पर जाँच कर निराकरण की कार्यावाही प्रचलन में है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मैहर विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधन की योजनाएं
[जल संसाधन]
131. ( क्र. 3110 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग की कौन-कौन सी योजनाओं पर कार्य चल रहा है? विवरण दें व कार्य की भौतिक स्थिति बतावें। (ख) मैहर विधानसभा क्षेत्र से संबंधित किन-किन योजनाओं की स्वीकृति के प्रस्ताव शासन/विभाग स्तर पर लंबित हैं? इनकी स्वीकृति हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है? योजनावार विवरण दें। (ग) रामनगर माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट में चल रहे कार्यों में गुणवत्ता नियंत्रण की जिम्मेदारी किसकी है? गुणवत्ताहीन कार्यों को लेकर क्या कार्यवाही की जा रही है? गुणवत्तापूर्ण कार्य हो इस हेतु विभाग का क्या प्रयास है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग की रामनगर माइक्रो सिंचाई परियोजना दिनांक 03.11.2016 द्वारा रू.387.08 करोड़ की स्वीकृत होकर प्रगतिरत है। वर्तमान में परियोजना की ब्रांच लाईन न.1 के अंतर्गत कुल लम्बाई 20.41 कि.मी. के विरूद्ध 4.10 कि.मी. का कार्य पूर्ण है तथा शेष कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) गुणवत्ता नियंत्रण की जिम्मेदारी विभाग की है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता जाँच क्वालिटी कंट्रोल रीवा एवं एन.ए.बी.एल. यूनिट से कराई जाती है। विभागीय अधिकारियों द्वारा सतत् निरीक्षण किया जाता है तथा गुणवत्ता विहीन कार्य होने पर उसे तोड़कर पुन: कराये जाने की व्यवस्था है।
उत्तरप्रदेश के गेहूँ का मध्यप्रदेश में विक्रय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
132. ( क्र. 3116 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर से प्रकाशित दैनिक भास्कर के दिनांक 20 मई 2020 के अंक में ''सागर में बेचा गया उ.प्र. का गेहूँ लॉकडाउन प्रभावितों में बंटना था, माफिया ने किया खेल'' शीर्षक से प्रकाशित समाचार के अनुसार सागर जिले के सीहोरा गेहूँ खरीदी केन्द्र पर उ.प्र. से गरीबों को वितरित होने वाला गेहूँ विक्रय हेतु लाया गया था? जिस पर कार्यवाही करते हुये वाहन एवं गेहूँ जब्त कर लिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रकरण में कुल कितना गेहूँ और कितने, कौन-कौन से किस-किसके वाहन जब्त किये गये थे तथा प्रकरण में किस-किसके विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्यवाही की गयी है तथा कितनों की गिरफ्तारी हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रकरण में किसके द्वारा और कब जाँच की गयी? क्या फोन/मोबाइल रिकॉर्डिंग की भी जाँच की गयी थी? प्रकरण में अब तक क्या कार्यवाही हुई है? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार जब्त वाहन राजसात कर लिये गये हैं? यदि हाँ, तो कब और कौन-कौन से किस-किसके वाहन राजसात हुये हैं और यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में 959 बोरियों में 582.80 क्विंटल गेहूँ जब्त किया गया था। पकड़े गये वाहन की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
ट्रक क्रमांक |
ट्रेक्टर क्रमांक |
01 |
यूपी 94 टी 4076 |
एमपी 15 एए 4025 |
02 |
एमपी 15 जी 2516 |
एमपी 15 एबी 7290 |
03 |
एमपी 15 जी 3247 |
एमपी 15 एबी 4960 |
04 |
- |
एक अन्य ट्राली बिना नम्बर की |
उपरोक्त ट्रक वाहनों के अतिरिक्त ट्रक क्रमांक एमपी 15 जी 3201 तथा एमपी 20 जी ए 7185 खाली पाये गये, जिनका गेहूँ उक्त ट्रेक्टरों में था। इस प्रकरण में निम्नानुसार व्यक्तियों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) दर्ज कराई गई है।
उपरोक्त के अतिरिक्त ट्रक एवं ट्रेक्टर के 05 अज्ञात ड्राईवर, अज्ञात वाहन मालिक एवं पकड़े गये गेहूँ के अज्ञात स्वामियों तथा राय वेयर हाउस के मालिक श्री मनीष राय के विरूद्ध भी थाना राहतगढ़ जिला सागर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई है। प्रथम सूचना रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण में 3 आरोपियों 1. प्रमोद कुमार पिता कुंदनलाल जोशी (ट्रक मालिक), 2. बसंत पिता रोशनलाल जोशी, 3. रोशनलाल पिता कुंदनलाल जोशी (ट्रक ड्राइवर) को गिरफ्तार किया गया है, शेष आरोपीगणों की गिरफ्तारी की कार्यवाही पुलिस द्वारा की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रकरण में तहसीलदार राहतगढ, जिला आपूर्ति नियंत्रक सागर, पुलिस चोकी प्रभारी एवं जिला प्रबंधक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन सागर के द्वारा दिनांक 18.05.2020 को जाँच की गई। फोन/मोबाइल रिकॉर्डिंग की जाँच पुलिस विवेचना में है। प्रकरण में जब्तशुदा कुल 8 वाहनों को माननीय न्यायालय जेएमएफसी सागर के आदेश से सुपुर्दगीनामा पर दिये गये है। समर्थन मूल्य पर अवैध बिक्री हेतु आया गेहूँ म.प्र. वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के अधीनस्थ गोदाम मेसर्स बालाजी वेयर हाउस सागर में संग्रहित है। जिसकी नीलामी कर राशि शासन मद में जमा कराने का निर्णय न्यायालय कलेक्टर द्वारा दिया गया है। नीलामी की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार वाहन राजसात करने की न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलन में है।
पटवारियों के स्वीकृत पदों को भरा जाना
[राजस्व]
133. ( क्र. 3127 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कुल कितनी ग्राम पंचायतें हैं? इन ग्राम पंचायतों में पटवारियों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने-कितने पटवारी कार्यरत हैं? कार्यरत पटवारियों की संख्या ग्राम पंचायतों की तुलना में कितने प्रतिशत कम है? ब्यौरा दें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक राजस्व विभाग में कितने-कितने आवेदकों के अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण जिन्होनें अनुकंपा नियुक्ति में पटवारी के पद पर पदस्थ किये जाने हेतु लेख किया है, लंबित है? जिलेवार पृथक-पृथक बतायें। क्या अनुकंपा नियुक्ति में पटवारी के पद पर पदस्थ करने हेतु विभाग के नियम/निर्देश हैं? यदि हाँ, तो अनुकंपा नियुक्ति की संपूर्ण प्रक्रिया प्रति सहित स्पष्ट करें। (ग) क्या पटवारियों के पदों को भरने हेतु सीधी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, विगत 10 वर्षों में पटवारी चयन हेतु कितने-कितने पदों के लिये पटवारी चयन परीक्षा कब-कब आयोजित कराई गई एवं चयन प्रक्रिया कितने वर्षों तक प्रभावशील रहेंगी? वर्षवार, परीक्षावार पृथक-पृथक बतायें। इस परीक्षा में कितने अभ्यार्थियों को प्रतिक्षा सूची में सम्मलित किया है? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या परीक्षा में मेरिट के आधार पर चयनित अभ्यार्थियों को नियुक्ति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो जिलेवार संख्या बतायें। अनुकंपा नियुक्ति हेतु उक्त सीधी पटवारी भर्ती परीक्षा में कोई प्रावधान किया गया था, यदि हाँ, तो कितने पदों के लिये? विवरण दें। (ड.) पटवारियों के रिक्त पदों को भरने की शासन की क्या कार्ययोजना है एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में कुल 22811 ग्राम पंचायते हैं। पटवारियों के 19163 पद स्वीकृत है, जिसके विरूद्ध 17533 पद भरे एवं 1630 पद रिक्त है। पटवारियों की पदस्थापना नगरीय एवं नगरेत्तर क्षेत्र में की जाती है इसलिये ग्राम पंचायतों की संख्या से तुलना करना उचित नहीं है। (ख) जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार अनुकंपा नियुक्ति के प्रदेश के विभिन्न जिलों में निम्नानुसार कुल 24 प्रकरण लंबित हैं। मंदसौर-1, खरगौन-2, खण्डवा-2, बुरहानपुर-1, सीहोर-1, राजगढ़-1, होशंगाबाद-1, सागर-1, टीकमगढ़-2, जबलपुर-5, नरसिंहपुर-1, मण्डला-1, रीवा-3, उमरिया-2। मध्य प्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक सी 3-12/2013/1/3 दिनांक 29/9/2014 के द्वारा शासकीय सेवकों की आकस्मिक मृत्यु होने पर उसके आश्रित सदस्यों को प्राथमिकता के आधार पर अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने के निर्देश है तथा म.प्र. शासन राजस्व विभाग, म.प्र. भू-अभिलेख नियमावली, म.प्र.राजपत्र दिनांक 23 अक्टूबर 2020 अध्याय-1 की कण्डिका 11 अनुसार अनुकम्पा नियुक्ति प्रावधानित है जिसके अनुसार ''पटवारी की शासकीय सेवा के दौरान मृत्यु होने पर उसके वारिसान को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता होगी तथा अनुकम्पा नियुक्ति शासन द्वारा समय-समय पर जारी नियम निर्देशों के अनुरूप की जावेगी। यदि मृत पटवारी के वारिसान को पटवारी पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दी जाती है और वह प्रशिक्षण उपरांत विभागीय परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहता है तो उसे पात्रता अनुसार रिक्त अन्य पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ, 1. वर्ष 2012 में रिक्त पद 2761, वर्ष 2012 में तीन वर्ष के लिये प्रक्रिया प्रभावशील रही। वर्ष 2017 में रिक्त 9235 पद, वर्ष 2017 की भर्ती परीक्षा की चयन प्रक्रिया 10.02.2020 को समाप्त की जा चुकी है। वर्ष 2017 की परीक्षा में प्रतीक्षा सूची में कुल 4919 अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) पटवारियों के रिक्त पदों की पूति मध्यप्रदेश भू-अभिलेख और बन्दोबस्त तृतीय श्रेणी, अराजपत्रित (कार्यपालिक एवं तकनीकी) सेवा भर्ती नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है।
मजरे एवं टोलों को राजस्व ग्राम बनाया जाना
[राजस्व]
134. ( क्र. 3128 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने घोषणा क्रमांक ए-0969 दिनांक 29/10/2010 को घोषण की थी? यदि हाँ, तो घोषणा क्या थी एवं घोषणा को मूर्त रूप या अमलीजामा देने के लिये विभाग ने क्या कार्य योजना, कब-कब, किस-किस जिले के लिये तैयार की थी एवं निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कितनी सफलता प्राप्त हुई? जिलेवार ब्यौरा दें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में गुना जिले के राघौगढ़, आरोन एवं मकसूदनगढ़ तहसील के अंतर्गत कितने-कितने मजरे एवं टोले हैं? तहसीलवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में माननीय मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप कब तक उन मजरे एवं टोलों को राजस्व ग्राम बनाया जायेगा? समयावधि बताये यदि नहीं तो क्यों? (घ) उपरोक्त के तारतम्य में क्या अद्योसरंचना विकास की विभिन्न योजनाओं से इस क्षेत्र के लोग लाभांवित नहीं हो पा रहे हैं, क्षेत्र का विकास एवं मूलभूत सुविधा नहीं मिलने से क्षेत्रीय जनता अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रही है? यदि हाँ, तो मजरे एवं टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु प्रस्ताव शासन को भेजे गये है? यदि हाँ, तो कब-कब? यदि नहीं तो कब तक भेजे जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा- ''मजरो टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किया जायेगा।'' की घोषणा की गई। घोषणा को मूर्त रूप या अमलीजामा देने के लिये म.प्र. शासन राजस्व विभाग द्वारा पत्र क्रमांक एफ 11-1/2010/सात/शा.6 भोपाल दिनांक 8 जुलाई 2011 एवं आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त के पत्र क्र.2082/11भू.प्रबंधन/ मा.चि.शा./म.टो./2011 ग्वालियर दिनांक 02.09.2011 द्वारा कलेक्टर जिला समस्त को लेख किया गया था। जिसके फलस्वरूप वर्तमान तक प्रदेश के 787 मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित किया जा चुका है। जिसका जिलेवार ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार मजरों से राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु गुना जिले की तहसील राघौगढ़, आरोन एवं मकसूदनगढ़ क्षेत्रांतर्गत कुल 08 मजरे टोले है। तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है-
तहसील का नाम |
शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार राजस्व ग्राम की पात्रता में आने वाले मजरों की संख्या |
राघौगढ़ |
02 |
आरोन |
05 |
मकसूदनगढ़ |
01 |
(ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित 8 मजरे/टोलों में से 5 मजरे/टोले राजस्व ग्राम अधिसूचित किए जा चुके है। शेष 3 के संबंध में कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। मजरा/टोला के मूल राजस्व ग्राम, अंतर्गत मजरा टोला के निवासियों को शासन की समस्त योजनाओं का लाभ प्राप्त होता है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
प्रदेश में गोदामों में रखा अनाज के खराब होने की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
135. ( क्र. 3142 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018, 2019, 2020 एवं प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के वेयर हाउस गोदामों/एग्रोटेक गोदामों में रखे गये गेहूँ, चावल खराब/सड़ गया था? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ और चावल खराब/सड़ गया? उसकी अनुमानित कीमत क्या थी? वर्षवार बतायें। (ख) क्या उक्त खराब/सड़े हुये गेहूँ, चावल की नीलामी की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन फर्मों/व्यक्ति/शराब कंपनियों को उक्त खराब अनाज किस-किस दर पर बेचा गया? उससे कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त अनाज के सड़ने/खराब होने के कारण क्या-क्या थे? (घ) क्या गोदामों में रखे गये अनाजों को विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर पानी डालकर खराब किया जाता है, ताकि ओने पौने दामों पर पशु आहार/मुर्गी दाने के नाम पर शराब माफियों को मोलासिस बनाने हेतु विक्रय किया जा सकें? यदि नहीं तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच करायी जायेगी एवं दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषकों की अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवजा
[राजस्व]
136. ( क्र. 3143 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल-इंदौर हाइवे के निर्माण में हरदा से हंडिया तक के 11 ग्राम एवं हरदा शहर के फोरलेन बायपास के लिए 04 गांव के 491 किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त किसानों के अवार्ड प्रशासन के खाते में जमा हो चुके हैं? (ग) यदि हाँ, तो किसानों को उनके मुआवजे की राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों और कब तक भुगतान कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल-इंदौर हाईवे के निर्माण हेतु हंडिया से पिडगाँव तक कुल 10 ग्राम तथा हरदा शहर के फोरलेन बायपास के लिये 04 गांव के 491 किसानों की भूमियां अधिग्रहित की गई है। जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हाँ, अधिग्रहित होने वाली भूमियों की अवार्ड राशि खाते में प्राप्त हो चुकी है। जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) किसानों को उनकी अधिग्रहित की गई भूमि की राशि का मुआवजा वितरण किया जा रहा है, शेष कास्तकारों के मुआवजा भुगतान की स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
हरदा के कृषकों को उनकी भूमि का मुआवजा दिया जाना
[राजस्व]
137. ( क्र. 3149 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर-बैतूल हाईवे निर्माण के लिए हरदा जिले के किन-किन ग्रामों के किसानों की कितनी-कितनी भूमि अधिग्रहित की गई? (ख) क्या किसानों की अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजें की राशि हरदा जिला प्रशासन के खाते में जमा हो चुकी है? यदि हाँ, तो यह कितनी राशि कब जमा कराई गई? (ग) क्या किसानों को उनकी अधिग्रहित की गई भूमि की राशि का मुआवजा वितरित कर दी गई? यदि नहीं तो क्यों और कब तक मुआवजा वितरित कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) हरदा जिले के हरदा राजस्व अनुविभाग अंतर्गत कुल 14 ग्रामों के कृषकों की कुल रकबा-60.408 हेक्टेयर निजि भूमियां अधिग्रहित की गई है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) किसानों की अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजें की राशि सक्षम प्राधिकारी (भू-अर्जन) अधिकारी हरदा एवं राष्ट्रीय राजमार्ग हरदा के संयुक्त खाते में पृथक-पृथक दिनांकों में प्राप्त हो चुकी है। जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) किसानों को उनकी अधिग्रहित की गई भूमि की राशि का मुआवजा वितरण किया जा रहा है, शेष कास्तकारों के मुआवजा भुगतान की स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कैडर अधिकारी की पदस्थापना
[सहकारिता]
138. ( क्र. 3152 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता आयुक्त के पत्र क्रमांक 2019/3635, भोपाल दिनांक 01.11.2019 के अनुसार सभी जिला सहकारी बैंक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर अपेक्स बैंक के कैडर अधिकारी पदस्थ होंगे। यदि हाँ, तो इस आदेश के पालन में आयुक्त, सहकारिता एवं प्रबंध संचालन अपेक्स की जवाबदेही है या नहीं? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में किन-किन जिला सहकारी बैंकों में बैंक के ही कमर्चारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ है? वहां पर कैडर अधिकारी के पदस्थापना क्यों नहीं की जा रही है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीहोर, विदिशा, होशंगाबाद एवं दतिया में जिला बैंक के कर्मचारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित पत्र (आदेश) के अंतर्गत विदिशा एवं होशंगाबाद बैंक के वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा अपेक्स बैंक कैडर में संविलियन हेतु दी गई सहमति के आधार पर उनके संविलियन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अपेक्स बैंक में अधिकारियों की कमी होने के कारण जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में कैडर अधिकारियों की पदस्थापना किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है।
प्रदेश में राशन की दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
139. ( क्र. 3154 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्षवार बतावें कि 2014 से 2021 के जून माह में कुल राशन की दुकानें प्रदेश में कितनी थी तथा उनमें हितग्राहियों की संख्या कितनी-कितनी थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उल्लेखित वर्ष के जनवरी माह में कुल कितना-कितना राशन उक्त दुकानों से वितरित किया गया? प्रदेश स्तर पर कैसे निगरानी रखी जाती है कि पात्रता पर्ची में फर्जीवाड़ा हो रहा है या नहीं? फर्जीवाड़े पर समुचित कानूनी कार्यवाही हो रही है या नहीं? क्या अपात्र पर्चियों को हटा दिया जाये तो पात्र हितग्राही को मिलने वाली मात्रा में वृद्धि होती है? (ग) क्या विभाग के यह संज्ञान में है कि रतलाम में 03 वर्षों तक 45 प्रतिशत अपात्र पर्ची पर 100 करोड़ से अधिक का राशन निकाला गया तथा मात्र 08 दुकानों पर प्रकरण दर्ज किया गया तथा 55 पर प्रकरण दर्ज नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्या यह न्यायोचित है? 100 करोड़ किससे वसूला गया? (घ) क्या प्रदेश में राशन माफियों का संगठित गिरोह अधिकारियों की सांठ-गांठ से कार्यरत है तथा इसकी उच्चस्तरीय जाँच कराई जावेगी? कोई कमेटी बनाई जावेगी जिसमें विधायकों को भी शामिल किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में बाटे गये खाद्यान्न की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
140. ( क्र. 3163 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2021 के प्रत्येक वर्ष के जनवरी माह में कंट्रोल की दुकान तथा हितग्राही एवं कूपन की संख्या जिलावार बतावें। (ख) क्या वर्ष 2014 से 2017 के मध्य जाँच में कई शहरों में हजारों की संख्या में काल्पनिक हितग्राही पाये गये? यदि हाँ, तो उन शहरों के नाम तथा काल्पनिक हितग्राही की संख्या बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में किस-किस शहर में जाँच में घोटाला पाया गया? क्या सभी घोटाले में शामिल दुकान तथा अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया? जिन पर प्रकरण दर्ज किया गया? उनकी सूची तथा जिन पर नहीं किया गया, उनकी सूची प्रदान करें। (घ) क्या रतलाम शहर की 63 दुकानों में लगभग 28 हजार काल्पनिक हितग्राही पाये गये, लेकिन मात्र 8 दुकानों पर 10 करोड़ के फर्जीवाड़े का प्रकरण दर्ज किया? शेष 55 दुकानों पर मात्र काल्पनिक हितग्राही हटाये लेकिन 100 करोड़ के संभावित फर्जीवाड़े पर प्रकरण दर्ज नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इसका कारण बतावें। (ड.) फर्जीवाड़े पर प्रकरण दर्ज करना आवश्यक है या अधिकारी अपने विवेक से निर्णय लेता है? संबंधित परिपत्र की प्रति देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अधिग्रहण बसों के देय भाड़ा
[परिवहन]
141. ( क्र. 3164 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग अन्तर्गत अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक शासन स्तर पर विभिन्न प्रयोजनों के लिये कुल कितनी बस अनुग्रहित की गई तथा उनका कुल देय भाड़ा कितना है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भाड़े की राशि का भुगतान किस-किस विभाग के किस मद संख्या से किया गया या किया जावेगा? क्या उस राशि का बजट में प्रावधान रखा गया है? (ग) नगर निगम इंदौर द्वारा संचालित स्काय बस (चार्टड बस) को अनुमति किस नियम से दी गई तथा उन बसों में सामग्री का परिवहन किस नियम से किया जा रहा है? क्या विभाग के संज्ञान में है कि इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के आर्टिकल आल एसोसिएशन में सिटी में आर्गनाइज्ड बस चलाने का उद्देश्य (ऑब्जेक्ट) है, फिर उसे शहर से बाहर बस चलाने की अनुमति कैसे दी गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विभिन्न प्रयोजनों के लिए बसों का अधिग्रहण इन्दौर संभाग के जिलों के कलेक्टरों के आदेश से किया गया है तथा कुल देय, भाडे का भुगतान भी कलेक्टर कार्यालयों द्वारा ही किया जाता है। अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक अधिग्रहित वाहनों तथा किये गये भुगतान की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) म.प्र.मोटरयान नियम 1994 के नियम 78 एवं 80 में मंजिली गाडी पर माल परिवहन किये जाने का प्रावधान है। पृथक से अनुमति लेने का नियमों में प्रावधान नहीं है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रश्न के शेष भाग के संबंध में अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड इन्दौर उपलब्ध कराई गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
ग्राम
सिद्धा तहसील
मझगांव जिला
सतना में पट्टा
वितरण
[राजस्व]
1. ( क्र. 1 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी द्वारा आवासीय प्लान तैयार किए बिना ग्राम पंचायत को पट्टे वितरित करने का अधिकार है? यदि नहीं तो ग्राम सिद्धा पटवारी हल्का अमीरती तहसील मझगांव जिला सतना द्वारा आराजी नंबर 25/2 में हितग्राहियों को पट्टे ग्राम पंचायत अमीरती द्वारा क्यों जारी किए गए हैं? उपरोक्त पट्टे कितनी जमीन के जारी किए गए हैं तथा कितनी जमीन पर हितग्राहियों द्वारा मकान निर्मित किए गए हैं? (ख) क्या हितग्राहियों द्वारा आराजी नंबर 25/2 पर ही मकान एवं झुग्गियों का निर्माण किया गया है? यदि नहीं तो राजस्व अधिकारियों द्वारा क्या कार्रवाई की गई है? (ग) ग्राम सिद्धा पटवारी हल्का अमीरती तहसील मझगांव जिला सतना की शासकीय आराजी नंबर 25/2 आबादी (गोठान) 25/1 (ख) रहोनी 25/1 (क) में मुर्दा मवेशी के खाल 23/1 गोठान, 23/2 आबादी गोठान में आम निस्तार पत्रक की जमीन पर भाईलाल पयासी द्वारा कब्जा कर खेती की जा रही है जिसे हटाने के लिए ग्रामवासियों द्वारा आवेदन पत्र जनसुनवाई में दिए जाने के बाद भी राजस्व विभाग द्वारा कब्जा हटाने की कार्रवाई क्यों नहीं की गई तथा कब्जे हटाने की कार्रवाई कब तक की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम पंचायत अंतर्गत आवासीय प्लान तैयार होने के पश्चात् कलेक्टर महोदय को आबादी घोषित करने एवं घोषित होने के पश्चात् आवासीय पट्टे वितरित करने के प्रावधान हैं। ग्राम सिद्धा पटवारी हल्का अमीरती तहसील मझगवां जिला सतना की आराजी नम्बर 25/2 में पूर्व से बसे हितग्राहियों के निर्मित मकानों के ''ग्राम क्षेत्र में भवन स्थल में भूमिस्वामी के अधिकार प्रमाण पत्र'' ग्राम पंचायत अमीरती द्वारा जारी किए गए हैं। (ख) हितग्राहियों द्वारा आराजी नम्बर 25/2 पर ही मकान एवं झुग्गियों का निर्माण किया गया हैं। (ग) ग्राम सिद्धा पटवारी हल्का अमीरती तहसील मझगवां जिला सतना की आवेदित आराजीयातों पर भाईलाल पयासी द्वारा कब्जा कर खेती की जा रही थी जिसके ख़िलाफ प्रकरण क्रमांक 0022/ अ-68/2020-21 आदेश दिनांक 08.02.2021 को पारित किया जा चुका है। मौके पर आवेदित आराजियातों पर किसी का कोई कब्जा नहीं हैं। भूमि रिक्त पड़ी हुई हैं।
सीतानगर सिंचाई परियोजना में रकबा जोड़ना
[जल संसाधन]
2. ( क्र. 60 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में सीतानगर सिंचाई परियोजना कब कितनी राशि से स्वीकृत हुई थी प्रशासकीय स्वीकृत आदेश की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त योजना का कार्य किस कार्य ऐजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है एवं इस योजना से कितने किसान लाभान्वित होंगे? (ख) सीता नगर सिंचाई परियोजना से हटा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों को लाभ प्राप्त होगा एवं कितने किसानों की भूमि सिंचित होगी तथा क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत किसानों के द्वारा प्रदाय किये गये ज्ञापनों के माध्यम से उक्त योजना का विस्तार हटा व पटेरा विकासखण्ड के ग्रामों में भी किये जाने का विभाग के द्वारा लेख किया गया था? हटा एवं पटेरा विकासखण्ड के किसानों को लाभ दिये जाने के उद्देश्य से योजना का विस्तार कब तक किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सीतानगर सिंचाई परियोजना को दिनांक 14.06.2018 को राशि रू.518.09 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त योजना का कार्य मेसर्स एल.सी.सी. प्रोजेक्ट, अहमदाबाद द्वारा कराया जा रहा है। योजना से 11500 किसान लाभांवित होंगे। (ख) परियोजना से हटा विधानसभा क्षेत्र के किसी भी ग्राम को लाभ प्राप्त नहीं होगा तथा किसी किसान की भूमि सिंचित नहीं होगी। प्रश्नकर्ता महोदय द्वारा क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत किसानों से प्राप्त ज्ञापनों के परिप्रेक्ष्य में उक्त योजना में हटा एवं पटेरा विकासखण्ड के ग्रामों को जोड़े जाने हेतु अनुरोध किया गया था। सीतानगर जलाशय में दमोह एवं पथरिया विकासखण्ड में सिंचाई हेतु आवश्यक तथा पेयजल हेतु आरक्षित किए गए जल के पश्चात अतिरिक्त जल शेष नहीं होने के कारण हटा एवं पटेरा विकासखण्ड के ग्रामों को सिंचाई हेतु इस परियोजना से जोड़ा जाना संभव नहीं है।
झुग्गीवासियों को पट्टों का प्रदाय
[राजस्व]
3. ( क्र. 105 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले के नगर बेगमगंज, सिलवानी तथा उदयपुरा में कौन-कौन व्यक्ति कब-कब से शासकीय भूमि पर कच्चा मकान/झुग्गी बनाकर रह रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की भूमि का खसरा नंबर, रकबा तथा नोईयत किस मद में दर्ज है? (ग) प्रश्नांश (क) के गरीब व्यक्तियों को शासन के निर्देशों के अनुरूप भूमि का पट्टा क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) के व्यक्तियों को काबिज भूमि पर पट्टा न देने की स्थिति में उनका अन्य शासकीय भूमि पर व्यवस्थापन क्यों नहीं किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले के नगर बेगमगंज में 261, सिलवानी में 106 तथा उदयपुरा में 25 व्यक्ति शासकीय भूमि पर कच्चा मकान/ झुग्गी बनाकर रह रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3 अनुसार है। (ख) प्रश्न क्रमांक (क) की भूमि का खसरा नंबर, रकबा तथा नोईयत मद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुरूप गरीब व्यक्तियों को शासन के निर्देशों के अनुरूप जिले के नगर बेगमगंज में पात्र 29, सिलवानी में 106 व्यक्तियों को पट्टा वितरण किया जा चुका है तथा नगर उदयपुरा में 25 पात्र व्यक्तियों को पट्टा वितरण की कार्यवाही प्रचलन में है तथा नगर बेगमगंज में 232 अपात्र होने के कारण पट्टा वितरण नहीं किया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
गौ-शालाओं को भूमि आवंटन
[राजस्व]
4. ( क्र. 106 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौशालाओं को भूमि आवंटन के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? आवेदन प्राप्ति के कितने दिन के भीतर प्रकरण का निराकरण होना चाहिए? (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में भोपाल संभाग के जिलों में किन-किन गौशालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरण कब से क्यों, किस स्तर पर लंबित हैं? उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? (ग) गौशालाओं के भूमि आवंटन के प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में हो इस हेतु विभाग क्या-क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 के अध्याय छ: अनुसार दिये जाने का प्रावधान है। मनरेगा से निर्मित की जाने वाली गौशालाओं को भूमि आवंटन के संबंध में म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 124/348/2019/पं-1/22 भोपाल दिनांक 06.02.2019 के बिन्दु क्रमांक 11 में निर्देश दिये गये है। भूमि को स्थानीय निकाय को आवंटित करने की आवश्यकता नहीं है। आवेदन पत्र के निराकरण हेतु समयसीमा/अवधि निर्धारित नहीं की गई है। (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में कलेक्टर कार्यालय जिला राजगढ़ में 15 प्रकरण एवं कलेक्टर कार्यालय जिला रायसेन में गौशालाओं की भूमि आवंटन हेतु 7 प्रकरण लंबित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष जिलों की जानकारी निंरक है। (ग) समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
खदानों की जानकारी एवं कार्यवाही
[खनिज साधन]
5. ( क्र. 380 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत वर्ष 2020-21 में कितनी रेत खदान व पत्थर खदान स्वीकृत हैं? स्थलवार, ठेकेदार के नाम सहित बतावें। (ख) क्या प्रधानमंत्री आवास एवं अन्य शास. कार्यों हेतु रेत, पत्थर, गिट्टी आदि ग्राम पंचायतों या अन्य कार्य एजेंसियां कहां से खरीदेंगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नाधीन निर्माण कार्यों के लिये ग्राम पंचायतों या अन्य कार्य एजेन्सियों के लिये मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है कि, वे किसी विशिष्ट ठेकेदार/ लीजधारी/भंडारणकर्ता से ही गौण खनिज गिट्टी/पत्थर क्रय कर उपयोग करें।
विवाह सहायता राशि में अनियमितता
[श्रम]
6. ( क्र. 403 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की जनपद पंचायत पहाड़गढ, कैलारस, नगर परिषद जौरा, नगर परिषद कैलारस में मुख्यमंत्री विवाह सहायता योजनान्तर्गत लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2010 के तहत सेवा 2.2 विवाह सहायता योजना के लिये कितने हितग्राहियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये? उनमें से कितने आवेदन स्वीकृत एवं कितने अस्वीकृत किये गये? मय मूल नस्ती की छायाप्रति सहित जानकारी दी जावे। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा के उपरांत किया गया है? यदि समय-सीमा उपरांत निराकरण किया गया है तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? पदनाम सहित जानकारी दी जावे। उक्त समय समस्त नस्ती कार्यालय में अवलोकन हेतु किस-किस कर्मचारी के प्रभार में थी? ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिन्हें भुगतान हो गया है मगर कार्यालय में नस्ती उपलब्ध नहीं है एवं शासन नियमानुसार शाखा का प्रभारी लिपिक होना चाहिये, उसके विपरीत शाखा का प्रभार अपने चहेते जैसे समग्र सामाजिक विस्तार अधिकारी, पी.सी.ओ. एवं अन्य कर्मचारियों को क्यों दिया गया? कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) की समयावधि में कितने प्रकरण किस-किस दिनांक को स्वीकृत किये गये, जिनमें से किस-किस हितग्राही के खाते में राशि डाली जा चुकी है और कितने हितग्राहियों के खातों में राशि डाली जाना शेष है? स्वीकृत प्रकरणों में आज दिनांक तक राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया है? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? (घ) विवाह सहायता राशि में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की अब तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर क्या-क्या कार्यवाहियां सम्पादित की गई हैं? अद्यतन जानकारी देवें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) के परिप्रेक्ष्य में लाखों रूपये की अनियमितताओं, भ्रष्टाचार एवं संबंधित रिकार्ड को खुर्दबुर्द करने में एवं मनमाने तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार करने जैसे कि भवन संनिर्माण कार्य एवं अन्य दस्तावेज तैयार कर राशि का बंदरबांट करने में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद अध्यक्ष, संबंधित शाखा प्रभारी एवं अन्य दोषियों के विरूद्ध उच्च स्तरीय जाँच समिति बनाकर जाँच संस्थित की जा सकेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत मुख्यमंत्री विवाह सहायता योजना नहीं अपितु लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2010 के तहत सेवा 2.2 विवाह सहायता योजना संचालित की जाती है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में किया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। भुगतान हेतु कोई भी स्वीकृत प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) विवाह सहायता राशि में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को धान का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
7. ( क्र. 708 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के सोहागपुर विधान सभा में वर्ष 2020 में कुल कितना धान का उत्पादन हुआ है? सोसायटीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिन किसानों के धान के पंजीयन हुये उनका अभी तक धान का भुगतान नहीं हो पाया है? किस कारण से भुगतान नहीं हो पा रहा है? (ग) ऐसे कितने किसान हैं जिनका धान का भुगतान नहीं हो पाया है, उनके नाम पते सहित सूची उपलब्ध करावें और किसानों का भुगतान कब तक हो जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) धान उत्पादन का समितिवार डाटा संकलित एवं संधारित नहीं किया जाता है। होशंगाबाद जिले के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर 43108.49 मे.टन धान का उपार्जन किया गया है। सोसायटीवार/ केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 3891 कृषकों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था। इन सभी कृषक सदस्यों को जे.आई.टी. पोर्टल के माध्यम से समर्थन मूल्य का सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान किया गया है। सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र के किसी भी कृषक सदस्य का भुगतान शेष नहीं है (ग) सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र के धान विक्रय करने वाले सभी किसानों को भुगतान हो जाने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डी.एम.एफ. निधि से कार्य कराया जाना
[खनिज साधन]
8. ( क्र. 827 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुंडम से खनिज एवं सम्पदा से रायल्टी की कितनी-कितनी राशि शासन को प्राप्त हुई। 1 अप्रैल 2017 से प्रश्नांश दिनांक तक वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा अंतर्गत ग्राम पंचायत रमखिरिया, खम्हारिया के मध्य बरनू नदी पर निर्मित स्टाप डेम वर्षा ऋतु में पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो जाने से आसपास के ग्रामों का आवागमन अवरूद्ध है, निर्माण कार्य कराये जाने की क्या कार्य योजना तैयार की गई है। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) कार्य जिला खनिज प्रतिष्ठान जिला जबलपुर के डी.एम.एफ. निधि से कार्य कराये जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सी.एम. मॉनिट से ए-प्लस पर कार्य कराने हेतु खनिज साधन विभाग को लेख किया गया है? हाँ तो उक्त कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) विभाग द्वारा निर्माण कार्य कराये जाने की कार्य योजना तैयार नहीं की जाती है। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 5 अनुसार मंडल के अध्यक्ष नियुक्त न होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिविर लगाकर ड्राइविंग लायसेंस बनाना
[परिवहन]
9. ( क्र. 829 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन सुविधा की दृष्टि से विकासखण्ड मुख्यालयों में ड्रायविंग लायसेंस बनाये जाने हेतु शिविर क्यो नहीं लगाये जाते? (ख) जिला जबलपुर अंतर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुंडम में प्रश्नकर्ता को आर.टी.ओ. जबलपुर के द्वारा मौखिक आश्वासन दिये जाने के बाद भी शिविर क्यों नहीं लगाये गये? जिससे खासकर महिलाओं को लायसेंस बनवाने में कठिनाई का सामना करना पडता है, कब तक शिविर लगाये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) चालक लायसेंस बनाने संबंधी कार्य पूर्णतया बायोमैट्रिक प्रणाली से होता है। जिसमें कम्प्यूटर के माध्यम से आवेदक के फोटो, फिंगरप्रिन्ट, अंगूठा निशानी एवं डिजिटल हस्ताक्षर लिये जाते हैं, यह कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम, स्थाई प्रकार का होता है। अतः उक्त प्रक्रिया पूर्ण करने के लिये आवेदक को परिवहन कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य होता है। कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम वहनीय प्रकृति (Portable Nature) का न होने के कारण उक्त प्रक्रिया विकासखण्ड मुख्यालय पर पूर्ण नहीं की जा सकती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अरूणाम घोष स्टेडियम का विस्तारीकरण
[राजस्व]
10. ( क्र. 830 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 929 दिनांक 17 जुलाई 2019 में अवगत कराया गया था कि अरूणाम घोष स्टेडियम के विस्तारीकरण के सबंध में कराये गये सर्वे में 75 परिवार प्रभावित पाये जाने से उनके विस्थापन की कार्यवाही प्रचलित है तो प्रश्नांश दिनांक तक काफी समय बीत जाने के बाद भी विस्थापन की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? खेल प्रतिभाओं की मांग के अनुरूप स्टेडियम का विस्तारीकरण नहीं हो पा रहा है? (ख) कब तक प्रभावित परिवारों का विस्थापन कर स्टेडियम का विस्तारीकरण कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला जबलपुर अन्तर्गत नगर पालिका सिहोरा के अधीन अरूणाम घोष स्टेडियम के विस्तारीकरण के अन्तर्गत लगभग 75 प्रभावित परिवारों का व्यवस्थापन किया जाना है। जिसके सम्बन्ध में ग्राम-सिहोरा प.ह.न.-6, रा.नि.मं.-खितौला में उक्त प्रभावित 75 परिवारों को विस्थापित किये जाने हेतु शासकीय आबादी भूमि उपलब्ध न होने से ग्राम-मनसकरा की भूमि खसरा नम्बर 522/1 मद-पहाड़-चट्टान जो नगर तथा ग्राम निवेश मास्टर प्लान के अनुसार सिहोरा विकास योजनान्तर्गत भूमि का उपयोग कृषि भूमि (ग्रीन बेल्ट) दर्ज है। जिसे आवासीय उपयोग में परिवर्तन किये जाने का प्रस्ताव संचालक नगर एवं ग्राम निवेश जबलपुर एवं अपर संचालक नगर तथा ग्राम निवेश मध्यप्रदेश भोपाल को दिनांक 14.08.2018 तथा स्मरण पत्र दिनांक 25.02.2020 एवं दिनांक 28.09.2020 को प्रेषित किये गये। संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल सिहोरा विकास योजना 2011 में प्रस्तावित उपांतरण की सूचना दिनांक 24.09.2020 म.प्र. राजपत्र दिनांक 02.10.2020 में प्रकाशित की जाकर दावा आपत्ति तथा सुझाव मंगाए गये हैं। अत: उपांतरण पश्चात शासन से उपयोग परिवर्तन की कार्यवाही पूर्ण होने पर व्यवस्थापन की कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) उपांतरण पश्चात शासन से उपयोग परिवर्तन की कार्यवाही पूर्ण होने पर विस्थापन एवं अन्य कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जप्तशुदा वाहनों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 974 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में भिण्ड जिले में अवैध परिवहन कार्यवाही के दौरान कितने डम्फर, ट्रक, ट्रैक्टर आदि जप्त किए गए? (ख) जप्तशुदा वाहनों के ऊपर क्या कार्यवाही की गई? कितना जुर्माना वसूला गया? गाड़ियों के नम्बरवार, दिनांक सहित सम्पूर्ण विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विगत दो वर्षों में भिण्ड जिले में अवैध परिवहन की कार्यवाही के दौरान 107 डम्फर, 364 ट्रक, 43 ट्राला एवं 387 ट्रेक्टर-ट्राली जप्त किए गए। (ख) जप्तशुदा वाहनों पर प्रकरण पंजीबद्ध कर कलेक्टर न्यायालय के निराकरण उपरांत अधिरोपित जुर्माना राशि जमा करने की कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
दोषी पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना
[सहकारिता]
12. ( क्र. 1270 ) श्री राकेश मावई : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अल्प आय वर्ग सहकारी गृह निर्माण समिति रीवा द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस- किस माध्यम से कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई है? उक्त प्राप्त राशि से समिति संस्था द्वारा कहां- कहां पर कितनी जमीन की खरीदी की गई है? विक्रय पत्र के साथ जानकारी देवें? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के अवधि में ऑडिट करायी गयी है तो ऑडिट रिपोर्ट की प्रति के साथ जानकारी देवें तथा समिति संस्था द्वारा उक्त अवधि में और कहॉ किस प्रयोजन में राशि व्यय की गई है? बैंक स्टेटमेंट, केश बुक, बिल व्हाउचर के साथ जानकारी देवें? यदि नियम विरूद्ध व्यय पाया जाता है तो अपराधिक प्रकरण दोषियों पर दर्ज करायेंगे? (ग) क्या समिति संस्था द्वारा रतहरी स्थित भूखण्ड राजस्व अभिलेख में तालाब जलाशय दर्ज होने के कारण नगर निवेश अधिकारी द्वारा प्लाट आवंटन की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त भूमि का प्लाट आवंटन कर कैसे बिक्री किया गया है? विवरण सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में यदि नियम विरूद्ध भूखण्ड आवंटन की कुल कितनी शिकायतें शासन विभाग को प्राप्त हुई हैं, उन शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही की गयी है? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें? क्या भूखण्ड आवंटन से प्राप्त राशि को अध्यक्ष प्रबंधक स्वयं हित में लेने की जाँच लोकायुक्त अथवा सी.बी.आई. से करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) अल्प आय वर्ग सहकारी गृह निर्माण संस्था रीवा को वर्ष 2015 से दिनांक 31.03.2020 तक प्राप्त वर्षवार आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। उक्त प्राप्त राशि से संस्था द्वारा क्रय की गई भूमि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। इन क्रय की गई भूमि के विक्रय पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ख) उत्तरांश "क" की अवधि में से वर्ष 2014-15, वर्ष 2015-16 तथा वर्ष 2016-17 का अंकेक्षण कराया गया है, अंकेक्षण टीप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। समिति द्वारा उक्त अवधि में व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार तथा बैंक स्टेटमेंट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-06 अनुसार है। उक्त जानकारी संस्था की कैशबुक एवं बिल वाउचर के आधार पर है। कैशबुक व वाउचर संस्था में उपलब्ध है। संस्था द्वारा किये गये व्यय नियमानुसार है या नहीं इसकी जाँच के आदेश दिये गये है। जाँच उपरांत ही व्यय के नियम विरूद्ध होने या न होने तथा किसी के दोषी होने या न होने की जानकारी प्राप्त होगी, उसके पश्चात कार्यवाही करने का निर्णय लिया जायेगा। (ग) संस्था की रतहरी स्थित भूमि में भूमि उपयोग की जांच, व्ययों की जाँच के साथ की जायेगी तथा जाँच में पाये गये तथ्यों के आधार पर ही अंतिम निष्कर्ष लिया जा सकेगा। (घ) प्रश्नांश "क", "ख", "ग" के संदर्भ में कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रकरण में किये गये व्यय, भूमि के उपयोग, प्लाट आवंटन से संबंधित जाँच आदेशित की गई है। अत: लोकायुक्त या सी.बी.आई. से जाँच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक सेवा प्रबंधन की अद्योसंरचना
[लोक सेवा प्रबन्धन]
13. ( क्र. 1281 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा प्रबंधन विभाग का गठन कब हुआ है एवं इसका गठन किस उद्देश्यों एवं कार्ययोजना, विभागीय संरचना को लेकर किया गया है? (ख) प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से विभागों की कौन-कौन सी सेवायें, सेवाओं के निराकरण की समयावधि, शुल्क सहित विभागवार पृथक-पृथक चार्ट बनाकर बताये। जैसे विभाग का नाम, विभाग से संबंधित सेवायें, निराकरण समयावधि, शुल्क एवं अन्य। यह भी स्पष्ट करें कि कौन-कौन सी सेवाएं सम्मिलित तो है, किन्तु उप सेवा का पंजीयन लोक सेवा केन्द्र में नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है। (ग) प्रदेश में लोक सेवा केन्द्र कहां-कहां पर खोले गये है? इन्दौर संभाग अन्तर्गत जिलेवार कार्यालय का पता, सम्पर्क नं. (मोबाइल/दूरभाष), की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में विभागीय संरचना विभागीय गठन की मंशा के अनुरूप है? यदि हाँ, तो इन्दौर संभाग की जानकारी जिलेवार पृथक-पृथक बतायें। यदि नहीं तो क्यों? विभागीय संरचना के विपरीत कार्यों को लेकर कौन-कौन जिम्मेदार है? बताये। यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? बतायें। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को किस प्रकार (सीधी भर्ती, प्रतिनियुक्ति, संविदा, कलेक्टर दर अन्य माध्यम) कार्यालय में लिया गया है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) लोक सेवा प्रबंधन विभाग का गठन वर्ष 2010 में किया गया। लोक सेवा प्रबंधन विभाग के गठन के उद्देश्य, कार्ययोजना एवं विभागीय संरचना के संबंध में विभागीय वार्षिक प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक तक लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं की जानकारी (अधिसूचित सेवाएं, पदाभिहित अधिकारी, समय-सीमा एवं अपीलीय अधिकारी) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। सेवाओं के प्रदाय हेतु सेवा शुल्क रूपये 40/- आवेदक से लिया जाता है (कुछ सेवाओं के प्रकरण में शुल्क भिन्न भी होता है) एवं इसके अतिरिक्त संबंधित विभाग द्वारा सेवा हेतु निर्धारित विभागीय शुल्क आवेदक द्वारा पृथक से देय होता है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम अन्तर्गत वर्तमान में 557 सेवाएँ अधिसूचित हैं, जिसमें से 312 सेवाएं ऐसी हैं जो लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से नागरिकों को प्रदान नहीं की जा रही हैं। जिम्मेदार/कारण अधिनियम अन्तर्गत यह कहीं भी वर्णित नहीं है कि सभी अधिसूचित सेवाओं को लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्रदाय किया जाना है। सेवाओं की प्रकृति एवं प्रदाय प्रक्रिया के अध्ययन उपरांत नागरिक केन्द्रित सेवाओं को ऑनलाईन कर समय-समय पर सेवाओं को लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से जोड़ा जाकर नागरिकों को उपलब्ध कराया जाता है। (ग) प्रदेश में लोक सेवा केन्द्र जिला, तहसील एवं विकासखण्ड स्तर पर खोले गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -"स" अनुसार है। (घ) जी हाँ, इंदौर संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"स" अनुसार है। शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को संविदा के माध्यम से नियुक्त किया गया है।
सिंचाई योजना की जानकारी
[जल संसाधन]
14. ( क्र. 1348 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा विगत पांच वर्षों (वर्ष 2016-17 से 2020-21) में बजट में सिंचाई योजना हेतु कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि में से अलीराजपुर जिले को कितनी राशि दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि में से विधानसभा क्षेत्र 191 अलीराजपुर में राशि से क्या-क्या कार्य कराये गये? स्वीकृत प्रक्रियाधीन एवं प्रस्तावित कार्य की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में स्वीकृत कौन-कौन से निर्माण कार्य किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी राशि से किये जा रहे है, की जानकारी मांग संख्या, लेखा शीर्ष, उपशीर्ष, स्वीकृत दिनांक कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण करने का दिनांक, क्रियान्वयन एजेंसी आदि सहित जानकारी दी जावे।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
बाढ़ से हुए फसल नुकसान का मुआवजा
[राजस्व]
15. ( क्र. 1360 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 में आई बाढ़ के कारण विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत खरीफ फसल को हुई हानि से कौन-कौन सी तहसील प्रभावित हुई हैं? उनमें हुए नुकसान की तहसीलवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) दर्शित वर्ष 2020 में खरीफ फसल के नुकसान की मुआवजा राशि किस-किस तहसील को कितनी-कितनी प्रदान की गयी है? शेष मुआवजा राशि कब तक प्रदान की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2020 में आई बाढ़ के कारण विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत तहसील सारंगपुर एवं पचौर में खरीफ फसल को किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
BPL सूची में नाम सम्मिलित करना
[राजस्व]
16. ( क्र. 1361 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माह जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की सूची में नाम जुड़वाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं तथा उनमें से कितने आवेदकों को पात्र मानते हुए बी.पी.एल. सूची में नाम सम्मिलित करने हेतु आदेशित किया है तथा कितने आवेदनों को अपात्र किया गया है अपात्र किये जाने के कारण दर्शाते हुए तहसीलवार प्राप्त नगरीय एवं ग्रामीण आवेदन की संख्या बताएं। (ख) क्या प्रश्नांश "क" में दर्शित पात्र बी.पी.एल. हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है एवं कितने शेष बचे हुए है? संख्या से नगर/ग्रामवार जानकारी देवे? (ग) प्रश्नांश "ख" में दर्शित शेष पात्र बी.पी.एल. धारी हितग्राहियों को कब तक खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माह जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की सूची में नाम जुड़वाने हेतु 351 आवेदन प्राप्त हुए हैं। उनमें से 93 आवेदकों के आवेदन पत्र पात्र मानते हुए बी.पी.एल. सूची में नाम सम्मिलित करने हेतु आदेशित किया गया है। नगरीय में 179 तथा ग्रामीण में 79 आवेदन शासन नियमानुसार बी.पी.एल. की पात्रता श्रेणी अर्थात 14 अंक से अधिक प्राप्त होने के कारण अपात्र पाये गये। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश 'क' में दर्शित पात्र बी.पी.एल. हितग्राहियों को जारी पात्रता पर्ची तथा शेष 42 (2 नगरीय क्षेत्र एवं 40 ग्रामीण क्षेत्र) बचे हितग्राहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खसरा खतौनी में दर्ज शासकीय भूमियों की जानकारी
[राजस्व]
17. ( क्र. 1377 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की तहसीलों में वर्ष 1958-59 की खसरा खतौनी में किन-किन ग्रामों में किस-किस क्रमांकों की आराजियों एवं कितने रकवे पर शासकीय/नजूल की भूमि दर्ज थी? तहसीलवार/ग्रामवार/आराजी क्रमांकवार/रकबेवार भूमियों के प्रकारवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नतिथि तक रीवा जिले के किन-किन तहसीलों में किन-किन ग्रामों में किस-किस क्रमांकों की आराजियों एवं कितने रकबे पर शासकीय/ नजूल की भूमि दर्ज है? (ग) प्रश्नांश (क) में जिले में कुल कितने हेक्टेयर शासकीय/नजूल की भूमि दर्ज थी? प्रश्नांश (ख) के अनुसार जिले में कितने हेक्टेयर शासकीय/नजूल की भूमि दर्ज है या शेष बची है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय/नजूल की कितने हेक्टेयर भूमि निजी स्वामित्व में बदली गई? तहसीलवार/ग्रामवार/आराजी/क्रमांकवार/रकवेवार/किसके नाम हस्तान्तरित हुई उसके पतेवार/वर्षवार जानकारी दें? उक्त भूमियों का निजी स्वामित्व में हुआ हस्तांतरण किस नाम/पदनाम के द्वारा उनके द्वारा जारी किन-किन आदेशों के तहत् हुआ? जारी सभी आदेशों का विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
कलेक्टर द्वारा की गई कार्यवाही की वैधता की जानकारी
[खनिज साधन]
18. ( क्र. 1386 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की मैहर स्थित मेसर्स के जे.एस. सीमेन्ट लिमिटेड द्वारा खान एवं खनिज (विकास तथा विनियम) अधिनियम 1957 की धारा 4 का एवं अन्य कई अधिनियमों का उल्लंघन करने तथा खनिज तौल के स्थापित वेब्रिजों में नापतौल द्वारा सत्यापित सील नहीं पाये जाने एवं बिना अग्रिम रायल्टी भुगतान खनिज परिवहन करने का दोषी पाते हुये 36 करोड़ रूपयों से ज्यादा राशि का जुर्माना लगाया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि का जुर्माना लगाये जाने के पूर्व क्या कलेक्टर एवं जिलादंडाधिकारी ने सभी दस्तावेजों जाँच दलों की सभी रिपोर्ट को पुख्ता/प्रमाणित पाकर ही उक्त कायवाही की है? क्या-क्या गलत पाया गया सभी जाँच रिपोर्टों का विवरण एवं जुर्माने के आदेशों का विवरण देवें। (ग) क्या अमिलिया की खदान में अनियमिततायें पाई गई? अगर हाँ तो विस्तृत जाँच रिपोर्ट एवं की गई कार्यवाही/आदेशों का विवरण उपलब्ध करायें। (घ) क्या राज्य शासन उक्त कार्यवाही को सही मानता है या गलत?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कलेक्टर, जिला सतना द्वारा पारित आदेश दिनांक 27/01/2021 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) जी हाँ। जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। पारित आदेश की जानकारी प्रश्नांश (ख) अनुसार है। (घ) अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया के तहत प्रकरण में पारित आदेशों पर प्रश्नानुसार जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
स्टॉक अनाज की जाँच उपरांत की गई कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
19. ( क्र. 1390 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मण्डला बालाघाट एवं अन्य जिलों में दिनांक 30/07/2020 से 2/8/2020 तक निरीक्षण के दौरान श्वेता वेयरहाउस, नेवरगांव, सी.डब्ल्यू.सी. गर्ग MPWLC बैहर जिला बालाघाट एवं संगम वेयरहाउस करंगी जिला मण्डला से उपायुक्त द्वारा 32 सेम्पल एकत्र किये गये थे जो जाँच हेतु (CGAL) प्रयोगशाला कृषि भवन, नई दिल्ली भेजे गये थे? (ख) यह उक्त वेयरहाउसों में स्टॉक अनाज जाँच में केवल रिजेक्शन लिमिट से परे पाई गई बल्कि FSSAI के अनुसार मानक से भी भिन्न पाई गई जो मानव उपयोग के लिए अनुपयोगी है, जो फीड-I, फीड-II की श्रेणी में आता है तथा जो पशुओं के लिए उपयुक्त है? (ग) क्या इन्हीं वेयरहाउसों में स्टॉक अनाज को शासकीय राशन दुकानों से उपभोक्ताओं को वितरण किया गया और कोविड-19 महामारी में कोरेन्टाईन सेन्टरों में भी मरीजों को खिलाया गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) यदि हाँ, तो क्या अमानक, अनाज वितरण करने एवं वेयरहाउसों में स्टॉक करने वाले संबंधित जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई है तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। यह उक्त वेअरहाउसों से लिए गए चावल के सैंपल FSSAI के अनुसार PFA Stantard से भिन्न पाए गए जो मानव उपयोग के लिए अनुपयोगी है जो सैम्पल की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। फीड-I, फीड-II एवं फीड-III की श्रेणी में आता है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वेअरहाउस में स्टाक रखने वाले निम्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। बालाघाट एवं मण्डला जिले में पदस्थ में निम्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निलंबित किया गया था:-
क्र. |
अधिकारियों एवं कर्मचारियों का नाम |
पद |
पदस्थी स्थल |
01 |
श्री आर.के. सोनी |
प्रभारी जिला प्रबंधक |
बालाघाट |
02 |
मनोज श्रीवास्तव |
प्रभारी जिला प्रबंधक |
मण्डला |
03 |
श्री नागेश उपाध्याय |
गोदाम सहायक |
बालाघाट |
04 |
श्री राकेश सेन |
गोदाम सहायक |
बालाघाट |
05 |
श्री मुकेश कन्हैरिया |
गोदाम सहायक |
बालाघाट |
06 |
श्री संदीप मिश्रा |
गोदाम सहायक |
मण्डला |
उक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रारंभ की गई है। इसके अतिरिक्त बालाघाट एवं मण्डला जिले में आउटसोर्सिंग से नियोजित 02 गुणवत्ता नियंत्रकों व 02 गुणवत्ता निरीक्षकों की सेवाऐं समाप्त की गई है।
निजी भूमि एवं शासकीय भूमि पर पत्थर की खदानें
[खनिज साधन]
20. ( क्र. 1400 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील गोहद में श्रीजी इन्फ्राटेक क्रशर संचालक द्वारा ग्राम पिपरसाना के सर्वे क्रमांक 4653, 4655 एवं 4656 कुल रकवा 3.280 हे. में गिट्टी एवं डस्ट का अवैध भण्डारण किया गया है और खदान मालिक पर अवैध भण्डारण का जुर्माना किया गया है क्या उनके द्वारा जुर्माना जमा किया गया है या नहीं तो उक्त संचालक पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) तहसील गोहद में ग्राम पाली में सर्वे क्रमांक 656, 677/3, 679, 680, 681 एवं 683 का कुल रकवा 3.56 हे. में अवैध गिट्टी का उत्खनन किया गया है जिसका जुर्माना जमा किया गया है क्या उनके द्वारा यह राशि जमा की गई है या नहीं तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) भिण्ड जिले में निजी भूमि एवं शासकीय भूमि पर पत्थर की कितनी खदानें स्वीकृत है कितनी खदानों पर भण्डारण स्वीकृत है अगर नहीं है तो क्यों कारण स्पष्ट करें। ? (घ) भिण्ड जिले में शासकीय एवं निजी भूमि पर पत्थर खदानों में कितने क्रशर लगे हैं और उन खदानों में कितना पत्थर खोदा गया है खनन हेतु क्या शासन से स्वीकृति ली गई थी यदि नहीं तो उन खदानों पर अवैध उत्खनन का प्रकरण बनाया गया है तो कितनी खदानों पर बनाया गया है।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) तहसील गोहद अंतर्गत ग्राम पिपरसाना के सर्वे क्रमांक 4653, 4655 एवं 4656 कुल रकबा 3.280 हेक्टेयर क्षेत्र गिट्टी/स्टोन डस्ट का अवैध भंडारण होना पाये जाने से श्रीजी इंफ्राटेक क्रशर संचालक प्रतीक खण्डेलवाल के विरूद्ध 2,28,96,000/- रूपये अर्थदण्ड प्रस्तावित किया जाकर प्रकरण न्यायालय कलेक्टर, भिण्ड में विचाराधीन है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) तहसील गोहद अंतर्गत ग्राम पाली के सर्वे क्रमांक 656, 677/3, 679, 680, 681 एवं 683 कुल रकबा 3.560 हेक्टेयर क्षेत्र पर आवेदन प्रस्तुत करने उपरांत स्वीकृति से पूर्व ओव्हर बर्डन (मिट्टी) का उत्खनन प्रारंभ कर दिये जाने के कारण अवैध रूप से खनिज मिट्टी का उत्खनन का प्रकरण दर्ज किया जाकर संबंधित (श्रीजी इंफ्राटेक क्रशर संचालक प्रतीक खण्डेलवाल) के विरूद्ध 7,56,00,000/- रूपये अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है। प्रकरण न्यायालय कलेक्टर, भिण्ड में विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भिण्ड जिले में निजी भूमि पर 10 खदानें एवं शासकीय भूमि पर 14 खदानें पत्थर की स्वीकृत है। खदानों पर पृथक से भंडारण स्वीकृत करने का प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) भिण्ड जिले में विभाग द्वारा पत्थर उत्खनन की अनुमति उपरांत शासकीय भूमि की 02 खदानों पर क्रशर एवं निजी भूमि की 01 खदान पर क्रशर स्थापित है। जिनसे कुल 6,54,600 घनमीटर खनिज पत्थर का उत्खनन किया गया है। खनन हेतु नियमानुसार अनुमति प्राप्त की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय उचित मूल्य में पदस्थ सेल्समेन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
21. ( क्र. 1412 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी-धनौरा-छपारा क्षेत्रान्तर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें किस-किस के नाम से है? प्रत्येक दुकान पर कितने सेल्समेन कार्यरत है? उनके नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) केवलारी, धनौरा, छपारा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर कौन-कौन सा खादयान्न, चावल, गेहूं, शक्कर, केरोसिन आदि कितनी मात्रा में प्रति व्यक्ति दिया जाता है? पृथक-पृथक सम्पूर्ण विवरण देवें। (ग) प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर कितने सेल्समेन कार्यरत है? प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर नियुक्त सेल्समेन का नाम, पदनाम सहित सम्पूर्ण विवरण का ब्यौरा देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) केवलारी, धनौरा एवं छपारा अंतर्गत क्रमश: 54, 34 एवं 50 उचित मूल्य दुकानें हैं। समितियों के नाम तथा प्रत्येक दुकान पर कार्यरत विक्रेताओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
बी.पी.एल. राशन कार्ड एवं खादयान्न पर्चियां जारी किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 1413 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में विगत एक वर्ष में कितने बी.पी.एल राशन कार्ड जारी किए गए है? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या विगत एक वर्ष में जारी सभी बी.पी.एल. कार्डधारियों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो क्या खाद्यान्न पर्चियों पर राशन प्रदाय किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं है तो अभी खाद्यान्न पर्चियां उपलब्ध क्यों नहीं कराई जा रही है? कब तक प्रदाय की जावेगी।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विगत 01 वर्ष में जारी सभी बी.पी.एल. कार्डधारियों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध कराई गई है एवं उन सभी पर्चियों पर राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाबों में मछली पालन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
23. ( क्र. 1425 ) श्री राम दांगोरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना में कितने तालाबों में मछली पालन का कार्य हो रहा है एवं कितनी मछुआ पालन समितियां पंजीकृत होकर काम कर रही है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) तालाब लीज पर देने के क्या नियम हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पंधाना में 70 तालाबों में मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
शासन द्वारा संचालित योजनाएं
[श्रम]
24. ( क्र. 1436 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा संबल योजना, नया सवेरा, मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना बैतूल जिले में संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो इस योजना के अंतर्गत योजना के प्रारंभ से प्रश्नांश दिनांक तक जिले की बैतूल एवं आठनेर जनपद पंचायत में कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया? (ग) योजनांतर्गत बैतूल एवं आठनेर जनपद पंचायतों में कितने हितग्राही पात्र एवं अपात्र की श्रेणी में चिन्हित किए गए? (घ) योजना की पात्रता की क्या कोई नियमावली बनी है? यदि हाँ, तो नियमावली की प्रति उपलब्ध करावें। (ड.) अपात्र हितग्राहियों के विषय में हितग्राही की अपात्रता हेतु कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार व्यक्ति पर किसी प्रकार की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो कारण बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। बैतूल जिले में संबल योजना संचालित की जा रही है। (ख) योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक जिले की बैतूल जनपद पंचायत में 747 हितग्राहियों को एवं आठनेर जनपद पंचायत में 571 हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया। (ग) बैतूल जनपद पंचायत में 34650 हितग्राही पात्र एवं 23230 अपात्र चिन्हित किये गये हैं। आठनेर जनपद पंचायत में 25212 हितग्राही पात्र एवं 8628 अपात्र चिन्हित किये गये हैं। (घ) राज्य शासन द्वारा योजना की पात्रता संबंधी निर्देश क्रमांक 589/पीएस/श्रम/2018 भोपाल दिनांक 29.05.2018 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) शासन के निर्देशानुसार पात्रता की शर्तें पूर्ण न करने वाले व्यक्ति ही अपात्र चिन्हांकित किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी पर कार्यवाही किया जाना
[जल संसाधन]
25. ( क्र. 1486 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के मोहनी बांध की फीडर केनाल से निकली दोआव केनाल पर मगरोनी माइनर, टूआर माइनर निकाली गई थी तथा टूआर माईनर को कुछ समय चलाने के बाद बन्द कर दिया है क्यों? (ख) क्या मगरोनी माईनर को बनाने में शासन का लाखों रूपये खर्च हुआ और एक दिन भी माईनर नहीं चलायी गयी जिसमें लगे विद्युत उपकरण भी कवाड में अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा बेच दिये गये? क्या कारण है कि माईनर में पानी नहीं चल पाया दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या दोआव से निकली टूआर माईनर एवं मगरोनी माईनर जिनमें पानी ठीक से नहीं चल पा रहा था इन माईनरों को दुरूस्त कर चलाया जायेगा या न चलने के अभाव में दोषी कर्मचारी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही कर शासन का जो व्यर्थ पैसा लगा है उसे अधिकारियों से वसूल किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। उद्वहन सिंचाई योजनाओं के कारण शासन को होने वाली अत्यधिक वित्तीय हानि को देखते हुए दिनांक 26.11.2012 को शासन स्तर पर लिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में प्रमुख अभियंता के पत्र दिनांक 26.11.2012 द्वारा जारी शर्तों का टूआर माइनर के कृषकों द्वारा पालन नहीं किए जाने के कारण कुछ समय पानी संचालन करने के पश्चात टूआर माइनर बंद कर दी गई। (ख) मगरोनी माइनर पर राशि रू.143.81 लाख का व्यय हुआ था। मगरोनी माइनर में लगे विद्युत उपकरण का विक्रय नहीं किया गया है। सभी उपकरण यथास्थिति में है केवल 250 के.व्ही. के ट्रांसफार्मर का समोहा बॉंध में उपयोग किया गया है। मगरोनी माइनर में भी उद्वहन सिंचाई योजनाओं के कारण शासन को होने वाली अत्यधिक वित्तीय हानि को देखते हुए दिनांक 26.11.2012 को शासन स्तर पर लिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में प्रमुख अभियंता के पत्र दिनांक 26.11.2012 द्वारा जारी शर्तों का कृषकों द्वारा पालन नहीं किए जाने के कारण मगरोनी माइनर अपूर्ण स्थिति में बंद कर दी गई। योजना का कार्य अपूर्ण होने से पानी का संचालन नहीं हो सका था। इस हेतु कोई अधिकारी दोषी नहीं है अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) टूआर माइनर को प्रश्नांश (क) अनुसार तथा मगरोनी माइनर को प्रश्नांश (ख) अनुसार बंद करना पड़ा न कि पानी ठीक से न चल पाने के कारण। इन दोनों माइनरों को दुरूस्त करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। प्रश्नाधीन माइनर से लाभांवित होने वाले कृषकों द्वारा शर्तों को न मानने के कारण प्रश्नाधीन माइनर को बंद करना पड़ा अत: इस हेतु कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी उपलब्ध कराए जाना
[राजस्व]
26. ( क्र. 1487 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के पटवारी हल्का गेदुरहा तहसील जवा में कितनी शासकीय राजस्व एवं वन भूमि खाली पड़ी है? खसरा एवं बी-1 की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के शासकीय भूमि में चालू वर्ष में लगभग दो हजार भूमिहीन हर जाति वर्ग के लोग निवासरत हए है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जवा, तहसीलदार जवा द्वारा कराई जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के बसे हुये लोगों के पास यदि जिले के किसी भी स्थान अथवा पटवारी हल्का में एक भी भूमि नहीं है तो क्या उन्हें (क) के शासकीय भूमि का भूमि स्वामित्व अधिकार पत्र देंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के संबंध में प्रदेश में निवासरत भूमिहीनों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए सरकार की क्या नीति है? सहपत्रों के साथ जानकारी दें? क्या प्रश्नांश (क) के भूमि में प्रश्नांश (ख) के निवासरत लोगों को वन विभाग एवं राजस्व विभाग झोपड़ी उजाड़ने की कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो क्या उक्त कार्यवाही को रोकते हुये सम्पूर्ण प्रकरण की जाँच कब तक कराकर भूमिहीनों को पट्टा दिला देंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले के पटवारी हल्का गेदुरहा तहसील जवा में निम्नानुसार शासकीय राजस्व एवं वन भूमि उपलब्ध है। शासकीय राजस्व भूमि का विवरण:-
ग्राम का नाम |
कुल खसरा नं. |
कुल रकवा |
गुमारी |
5 |
8.893 हे. |
गेदुरहा |
54 |
152.380 हे. |
जिरौहा |
52 |
63.666 हे. |
योग |
111 |
224.939 हे. |
(ब) शासकीय वन भूमि का विवरण:-
ग्राम का नाम |
कुल खसरा नं. |
कुल रकवा |
गुमारी |
4 |
250.504 हे. |
गेदुरहा |
7 |
57.662 हे. |
जिरौहा |
12 |
185.414 हे. |
योग |
23 |
493.600 हे. |
उक्त शासकीय खसरों की प्रति संलग्न है। शासकीय भूमि की बी-1 नहीं होती है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तहसील जवा के पटवारी हल्का गेदुरहा अन्तर्गत चालू वर्ष में शासकीय राजस्व भूमि में किसी भी जाति वर्ग के भूमिहीन लोग निवासरत नहीं पाए गए है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में लागू नहीं होता। (घ) प्रदेश के कई वर्षों से शासकीय नजूल भूमि पर निवासरत अधिभोगियों को उनके अधिभोग की भूमि के धारणाधिकार प्रदाय किए जाने के संबंध में परिपत्र दिनांक 24/09/2020 जारी किया गया। परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जाति प्रमाण पत्र जारी ना होना
[राजस्व]
27. ( क्र. 1503 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शोभित पुत्र खूबचंद निवासी जबेरा जिला दमोह द्वारा तहसीलदार जबेरा को शपथ पत्र के साथ दिनांक 09/02/2018 को लिखित आवेदन प्रस्तुत किया है कि उनका जाति प्रमाण पत्र तो वर्ष 1991 में जारी हुआ है परंतु यह उल्लेखित नहीं किया गया है कि उक्त प्रमाण पत्र किस अधिकारी द्वारा किस जावक क्रमांक से किस दिनांक को जारी किया है? (ख) दिनांक 11/10/2018 को तहसीलदार जबेरा जिला दमोह को सूचना के अधिकार के अंतर्गत जानकारी चाहे जाने पर तहसीलदार जबेरा जिला दमोह द्वारा उनके पत्र क्रमांक 164 दिनांक 12/10/2018 को लिखित में अवगत कराया हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ख) जी हां।
भूमि का डायवर्सन
[राजस्व]
28. ( क्र. 1610 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भूमि के डायवर्सन हेतु प्रीमियम राशि जमा करने पर भूमि का डायवर्सन मान लिया जाता हैं, या प्रीमियम राशि जमा करने के उपरांत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा आदेश होने पर डायवर्सन माना जाता हैं? (ख) यदि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पिपरिया के आदेश होने के उपरांत भूमि का डासवर्सन होना माना जाता है तो नियमानुसार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को कितने समय के अंदर आदेश किये जाने का प्रावधान हैं बताये?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम, 2018 के नियम 11 के अनुसरण में भूमिस्वामी द्वारा, निर्धारित प्रीमियम व पुनर्निर्धारण राजस्व जमा करते हुए, व्यपवर्तन की सूचना प्रस्तुत करने की दिनांक से डायवर्सन माना जाता है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा डायवर्सन के संबंध में कोई आदेश अपेक्षित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
तहसील स्तर पर लंबित प्रकरण
[राजस्व]
29. ( क्र. 1615 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील बिजावर अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण फौती नामांतरण, भूमि सीमांकन, अविवादित बंटवारे, नामांतरण, खसरा सुधार, बरिसाना आदि के कब से लंबित है? लंबित होने के क्या कारण है? ग्रामवार प्रकरणवार पृथक-पृथक जानकारी प्रदाय करें. उपरोक्त सभी प्रकरण कितनी समय-सीमा में निराकृत किए जाने के निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें सक्षम अधिकारी के द्वारा आदेश करने के बाद भी निराकरण नहीं हुआ, ऐसा किस कारण हुआ, क्या यह विधि अनुरूप है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील बिजावर अंतर्गत नामांतरण के 376 प्रकरण, सीमांकन के 03 प्रकरण बंटवारा के 151 प्रकरण एवं खसरा सुधार 64 प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत प्रचलित है। प्रकरणों की ग्रामवार प्रकरणवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नामांतरण अविवादित अधिकतम 01 माह, नामांतरण विवादित अधिकतम 05 माह, सीमांकन 01 माह एवं बंटवारा 06 माह में निराकृत करने के निर्देश है। (ख) तहसील बिजावर अंतर्गत ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
डेम या जलाशयों में भारी अनियमितता
[जल संसाधन]
30. ( क्र. 1631 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डोरी जिले के शहपुरा विधान सभा क्षेत्र के बिलगड़ा डेम में फरवरी 2017 को हुये निर्माण कार्य अभी भी अधूरे पड़े हैं, नाली नहीं बनी है। डेम में भारी अनियमितता एवं गुणवत्ताहीन कार्य किया गया है जिससे किसानों को सही लाभ नहीं मिल पा रहा है। क्या डेम के कार्यों में संलग्न संबंधित अधिकारियों तथा संबंधित एजेंसियों पर कार्यवाही करेंगे? (ख) नागदमन जलाशय शहपुरा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले जलाशय में भारी अनियमिततायें बरती गई है, न ही कैनाल बनी है, न ही पुलियों का निर्माण हुआ है, न ही सीमेंटीकरण हुआ है? कैनालों में या कटे नहरों में क्या संबंधितों में कोई कार्यवाही की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। बिलगढ़ा (बिलगॉंव) डैम का निर्माण कार्य दिनांक 31.12.2017 को पूर्ण किया जा चुका है। परियोजना की 9262 हेक्टेयर कमाण्ड़ क्षेत्र के विकास हेतु प्रदत्त राशि से नालियों का निर्माण कराया गया है। नालियों का शेष कार्य राशि की उपलब्धता होने पर पूर्ण किया जा सकेगा। डैम निर्माण में किसी प्रकार की अनियमितता एवं गुणवत्ता विहीन कार्य नहीं किया गया है। डैम निर्माण पश्चात से किसानों को निरंतर सिंचाई का लाभ प्राप्त हो रहा है तथा बांध में किसी प्रकार की कमी होना अथवा क्षति पहुंचना परिलक्षित नहीं होना प्रतिवेदित है। अत: डैम के कार्य से संबंधित किसी अधिकारी तथा एजेंसी पर कार्यवाही की स्थिति नहीं है। (ख) नागदमन जलाशय का कार्य मार्च 2014 में पूर्ण किया गया है। योजना में 5.35 कि.मी. नहर तथा 22 पुलियों का निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना में नहर की लाइनिंग का प्रावधान नहीं होने से सीमेंटीकरण का कार्य नहीं कराया गया है। योजना पूर्ण होने के पश्चात से बॉंध एवं नहर में कोई कमी अथवा क्षति परिलक्षित नहीं हुई है अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है।
बेराज एवं लघु सिंचाई तालाबों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
31. ( क्र. 1711 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र इछावर की इछावर तहसील में विभाग द्वारा विगत 05 वर्ष में कितने बेराज एवं लघु सिंचाई तालाब की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है? (ख) क्या प्रश्नांकित बेराज एवं लघु सिंचाई तालाब को आगामी बजट में सम्मिलित किया गया है? क्या स्वीकृत बेराज एवं लघु सिंचाई तालाब की टेंडर प्रक्रिया एवं भू-अर्जन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? (ग) इछावर तहसील में एक पनिया लघु सिंचाई योजना की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो चुकी है? क्या आगामी बजट में उक्त सिंचाई योजना को सम्मिलित किया जावेगा? (घ) एक पनिया जलाशय लघु सिंचाई योजना के भू-अर्जन की प्रक्रिया एवं कार्य प्रारम्भ कब तक किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आगामी वर्ष 2021-22 का बजट पारित न होने के कारण एकपनिया लघु सिंचाई तालाब के आगामी बजट में सम्मिलित किए जाने की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। जी नहीं। (ग) जी हाँ। एकपनिया लघु सिंचाई तालाब के टेण्डर एवं भू-अर्जन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रहवासी क्षेत्रों में गैस एजेंसी का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
32. ( क्र. 1748 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गैस एजेंसी का संचालन/भण्डारण/वितरण रहवासी क्षेत्रों में किया जा सकता है? (ख) गैस एजेंसी स्थापना हेतु शासन के क्या नियम निर्देश हैं? (ग) जबलपुर संभाग में कितनी गैस एजेंसिया रहवासी क्षेत्रों में संचालित हैं तथा उसी स्थल पर भण्डारण व वितरण का कार्य करती हैं? सूची देवें। (घ) क्या विभाग रहवासी क्षेत्रों में संचालित गैस एजेंसियों को हटाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नही, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र.लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अधिसूचित तथा वर्तमान में उपलब्ध सेवाएं
[लोक सेवा प्रबन्धन]
33. ( क्र. 1749 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत कितनी सेवायें अधिसूचित हैं? सूची देवें। (ख) वर्तमान में लोक सेवा केन्द्रों में नागरिकों को कितनी सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही है? सूची देवें? (ग) कितनी सेवायें अधिनियम में अधिसूचित होने के बावजूद लोक सेवा केन्द्रों में नागरिकों को प्रदान नहीं की जा रही है? सूची देवें तथा कारण बतावें। (घ) क्या अधिनियम में सेवाएं अधिसूचित होने व अधिनियम के प्रवृत्त होने के बावजूद नागरिकों को सेवायें उपलब्ध ना कराना उनके अधिकारों का अतिलंघन नहीं है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) म.प्र. लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत 557 सेवायें अधिसूचित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्तमान में लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से नागरिक हेतु 323 सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) लोक सेवा गारंटी अधिनियम अन्तर्गत अधिसूचित 312 सेवाएं ऐसी हैं जो वर्तमान में लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से नागरिकों को प्रदान नहीं की जा रही हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। कारण- अधिनियम अन्तर्गत यह कहीं भी वर्णित नहीं है की सभी अधिसूचित सेवाओं को लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से प्रदाय किया जाना है। सेवाओं की प्रकृति एवं प्रदाय प्रक्रिया के अध्ययन उपरांत नागरिक केन्द्रित सेवाओं को ऑनलाइन कर समय-समय पर सेवाओं को लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से जोड़ा जाकर नागरिकों को उपलब्ध कराया जाता है। (घ) जी हाँ। यदि लोक सेवा गारंटी अधिनियम की धारा 3 अन्तर्गत अधिसूचित किसी सेवा के लिए नागरिक पूर्ण आवेदन प्रस्तुत करता है तो अधिनियम की धारा 4 के तहत नागरिक को निश्चित समय-सीमा के भीतर सेवा प्राप्त करने का अधिकार है एवं निश्चित समय-सीमा में सेवा प्रदाय न किये जाने की स्थिति में अधिनियम की धारा 6 एवं 7 अन्तर्गत नागरिक के हित के लिए अपील एवं शास्ति का प्रावधान भी वर्णित है।
आदिवासियों को दिये भूमि पट्टों पर अमल
[राजस्व]
34. ( क्र.
1772 ) श्री
लाखन सिंह
यादव : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
तहसील चीनौर
जिला
ग्वालियर के
ग्राम सूरजपूर
ग्राम पंचायत
ककरधा में
प्रकरण क्र. 17/98-99/अ-19 में
बनवारी पुत्र
लख्खूराम, काशीराम
पुत्र देवलाल, गरीबा
पुत्र
फोसूराम, राजाराम
पुत्र
काशीराम, गोपाल
पुत्र चरनू, लालाराम
पुत्र
फोदलिया एवं
अन्य
आदिवासियों
को भूमि के
पट्टे दिये थे? यदि
हाँ,
तो किस-किस
व्यक्ति के
नाम से
कितने-कितने
रकवा के
किस-किस खसरा
न. से पट्टे
दिये थे क्या
आदिवासियों के
अलावा
सामान्य, पिछड़ा
वर्ग एवं
अनुसूचित
जाति को भी
पट्टे दिये थे? (ख) क्या
प्रश्न (क) में
दिये पट्टे
राजस्व
कर्मचारियों/अधिकारियों
द्वारा अमल
किये गये थे? यदि
अमल नहीं किये
तो किस
कर्मचारी/अधिकारी
द्वारा
लापरवाही की
गई है,यदि
किसी अन्य
व्यक्ति के
नाम से दर्ज
है तो किस
व्यक्ति के
नाम से तथा
किस सक्षम
अधिकारी के
आदेश से दर्ज
किया गया है? इसके
लिये कौन
कर्मचारी/अधिकारी
दोषी है? क्या दोषी
के प्रति कोई
दण्डात्मक
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ, तो
क्या और कब तक? यदि
नहीं तो क्यों? (ग) भितरवार, चीनौर
एवं घाटीगाँव
तेहसील में
राजस्व विभाग
के कौन-कौन
कर्मचारी/अधिकारी
पदस्थ है उनका
नाम, पद, पदस्थापना
दिनांक, कार्यक्षेत्र
(मुख्यालय)
एवं मोबाईल
नम्बर दें।
उक्त तहसीलों
में
कितने-कितने
पद किस-किस कर्मचारी/अधिकारी
के स्वीकृत पद
के विरूद्ध रिक्त
है उनको कब तक
भर लिया
जावेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ। तहसील
चीनौर जिला
ग्वालियर के
ग्राम सूरजपूर
ग्राम पंचायत
ककरधा में
प्रकरण क्र. 17/98-99/अ-19 में
कुल 19
व्यक्तियों
को खसरा
क्रमांक 216 में
पट्टे दिये
गये थे जिनमे 02
अनु.जाति, 17
आदिवासियों
वर्ग के व्यक्तियों
को पट्टे दिये
गये थे अन्य
वर्ग के व्यक्तियों
को पट्टे नहीं
दिये गये थे। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1
अनुसार है।
(ख)
जी हाँ। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2
अनुसार है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
स्थानान्तरण के संबंध में
[राजस्व]
35. ( क्र. 1773 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री गोपाल अग्रवाल सहायक वर्ग-3 का स्थानान्तरण शासकीय आधार पर म.प्र. शासन राजस्व विभाग भोपाल के आदेश क्र. एफ-10-1/2013/सात/4 दिनांक 18/05/2015 को दतिया किया गया था? यदि हाँ? तो अभी तक भारमुक्त क्यों नहीं किया गया? क्या कोई न्यायालय का स्टे हुआ है तो स्टे की प्रति दें। अभी तक स्टे के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? उक्त आदेश के पालन में श्री गोपाल अग्रवाल को भारमुक्त कर दिया जावेगा? (ख) क्या शासन का कोई ऐसा नियम है कि कोई सहायक वर्ग-3 एक ही शाखा में तीन वर्ष से अधिक पदस्थ न रखा जावें। यदि हाँ, तो श्री गोपाल अग्रवाल सहायक वर्ग 3 को काफी लम्बे समय तक पदस्थ रखने का क्या कारण है इनको अपनी सर्विस लाईफ में कब से कब तक किस-किस शाखा में पदस्थ रखा गया है सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) ग्वालियर कलेक्टर कार्यालय में कौन-कौन सहायक वर्ग-1, 2 एवं 3 कर्मचारी पदस्थ है उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं किस शाखा का कार्य देख रहे है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय के दिनांक 11.06.2015 में पारित आदेश के अनुक्रम में कार्यवाही प्रचलन में होने से उन्हें भारमुक्त नहीं किया गया। जी नही। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) शासन के निर्देश एक ही स्थान पर 03 वर्ष रखने का है। किन्तु 03 वर्ष के पश्चात स्थानांतरण करने की अनिवार्यता नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बंटवारे, नामांतरण एवं सीमांकन की जानकारी
[राजस्व]
36. ( क्र.
1828 ) श्री
बैजनाथ
कुशवाह : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) शासन
के नियमों के
अनुसार
विवादित/अविवादित
नामांतरण, बंटवारे
एवं सीमांकन
के निराकरण हेतु
कितनी
समय-सीमा
निर्धारित
है। अलग-अलग कार्यवार
जानकारी दी
जावे व क्या
निराकरण हेतु
कोई
अधिनियम/नियम
प्रचलन में है? की
फोटोप्रति भी
प्रस्तुत
करें। (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
तहसील
सबलगढ़/कैलारस
जिला मुरैना में
प्राप्त
कृषकों के
आवेदनों का
निराकरण समय-सीमा
में हो चुका
है। यदि नहीं
तो क्यों? शेष
आवेदनों को कब
तक निराकृत कर
दिया जावेगा।
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) म.प्र.
भू-राजस्व
संहिता में
निहित
प्रावधान तथा
उसके
आनुषंगिक
बनाए गए
नियमों एवं
लोकसेवा
गारंटी
अधिनियम 2010 के
अंतर्गत
विवादित/
अविवादित
नामांतरण, बंटवारा
एवं सीमांकन
के निराकरण
हेतु समय-सीमा
निर्धारित की
गई है जो
निम्नानुसार
है:- 1
अविवादित
नामांतरण- 01 माह, 2
विवादित
नामांतरण- 05 माह, 3
अविवादित
बंटवारा - 03 माह, 4
सीमांकन - 01 माह
विवादित
बंटवारा हेतु
समय-सीमा नियत
नहीं है। नियम
की छायाप्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) तहसील
सबलगढ़/कैलारस
जिला मुरैना
में कृषकों से
प्राप्त
आवेदनों का
निराकरण
निर्धारित
समय-सीमा में
किया जाता है।
कतिपय
विवादित
प्रकरणों, जिनमें
सिविलवाद
प्रचलित है
अथवा स्वत्व
का निराकरण अपेक्षित
हों, के
निराकरण में
समय-सीमा से
अधिक समय लग
जाता है। शेष
प्रश्नांश
उद्भूत नहीं
होता।
ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन हेतु परमिट का प्रदाय
[परिवहन]
37. ( क्र. 1829 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को आने जाने हेतु परमिट (अनुज्ञा पत्र) प्रदाय के शासन स्तर पर निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो नियम/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के पालन में विधान सभा क्षेत्र 03 सबलगढ़ स्थित सभी क्षेत्रों के यात्रियों को आने जाने की सुविधा हेतु अनुज्ञा पत्र (परमिट) जारी किये जा चुके है. यदि नहीं तो शेष मार्गों पर विभाग द्वारा कब तक वाहन संचालन के परमिट (अनुज्ञा पत्र) जारी कर दिये जावेंगे। (ग) क्या ग्रामीण मार्गों पर अनुज्ञा पत्र (परमिट) प्रदाय कार्यक्रम में आरक्षण प्रदाय सुविधा भी दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधान सभा सबलगढ़ क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न मार्गों के लिए अभी तक कुल 10 अस्थायी अनुज्ञा पत्र एवं 02 स्थाई अनुज्ञा पत्र जारी किये गये है, जिन पर जन सुविधा हेतु यात्री वाहन संचालित हो रहे हैं। (ग) मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 71 (3) (ख) में यह प्रावधान है कि ''जहाँ मंजिली गाडि़यों की संख्या खण्ड (क) के अधीन नियत की गई है, वहाँ राज्य सरकार, राज्य में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए मंजिली-गाड़ी परमिटों का कुछ प्रतिशत उसी अनुपात में, जैसा राज्य में लोक सेवाओं में सीधी भर्ती द्वारा की गई नियुक्तियों के मामले में है, आरक्षित रखेगी।'' उक्त प्रावधानों के प्रकाश में ग्रामीण मार्गों पर अनुज्ञा पत्र दिये जाने के लिये आरक्षण का पृथक से कोई प्रावधान नहीं है।
मर्जर की भूमि के नामांतरण एवं निर्देश
[राजस्व]
38. ( क्र. 1896 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग द्वारा दिनांक 03.04.2018 को जारी पत्र क्र. एफ. 06-16/ 2018/सात नजूल से जारी पत्र पर कलेक्टर भोपाल ने प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की? मर्जर की जमीनों के नामांतरण पर कब-कब निर्देश एस.डी.एम. एवं तहसीलदारों को जारी किये गये एवं इन निर्देशों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई,? (ख) कलेक्टर भोपाल के पत्र क्र. 3394/नजूल/02, भोपाल दिनांक 23.03.2002 पर प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग के पत्र क्र. एफ. 6-16/2018/सात नजूल भोपाल दिनांक 03.04.2018 के निर्देशों के पश्चात् भोपाल नवाब की जमीन से संबंधित 13 ग्रामों में कितने नामांतरण, किये गये हैं? प्रश्न दिनांक तक की संख्यात्मक जानकारी दी जाये। (ग) क्या प्रमुख सचिव राजस्व ने 06.04.2002 में प्रस्तुत प्रतिवेदन में ईदगाह ड्योरी की जमीन को शासकीय जमीन माने जाने के लिये तथा प्रस्तुत किये थे? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। शासन द्वारा प्रमुख सचिव की रिपोर्ट पर क्या कार्यवाही अब तक की गई है? कब-कब निर्देश जारी किये गये हैं? (घ) भोपाल मर्जर एग्रीमेंट के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय में कितने प्रकरण अभी तक लंबित हैं? कोर्ट में लंबित प्रकरणों पर प्रश्न दिनांक तक कितने में वादोत्तर प्रस्तुत किये गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग द्वारा दिनांक 03.04.2018 को जारी पत्र क्र. एफ. 06-16/2018/सात/नजूल पर कलेक्टर भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 691/री-कले./2018 दिनांक 11.05.2018 को भोपाल जिले के समस्त राजस्व अधिकारियों को नियमानुसार कार्यवाही के लिए निर्देश जारी किये गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उपरोक्त निर्देशों पर 04 ग्रामों में नामांतरण, हस्तांतरण, अंतरण एवं स्वत्व परिवर्तन किये गए है। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त निर्देशों के पालन में 04 ग्रामों में 187 नामांतरण किए गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शासन द्वारा प्रमुख सचिव की रिपोर्ट पर दिनांक 03.04.2018 एवं 19.09.2018 द्वारा निर्देश जारी किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द एवं ''इ'' अनुसार है। (घ) उपलब्ध जानकारी के आधार पर निरंक। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय याचिका क्र. 6054/2001
[राजस्व]
39. ( क्र. 1897 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक 6054/2001 के पालन में राजस्व विभाग की तात्कालीन प्रमुख सचिव द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन दिनांक 06/04/2002 में उल्लेखित बिन्दुओं पर राजस्व विभाग द्वारा क्या विभागीय कार्यवाही की गई? इस संबंध में जारी किये गये आदेश, निर्देश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक 6054/2001 में समय-समय पर क्या हाईकोर्ट में शासन द्वारा प्रति उत्तर प्रस्तुत किया है? (ग) मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक 6054/2001 में उच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय दिनांक 23/03/2002 की छायाप्रति सहित निर्णय के पालन में शासन स्तर से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से आदेश एवं निर्देश जारी किये गये हैं, उनकी प्रति उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ (ग) याचिका क्रमांक 6054/2001 में पारित अंतिम निर्णय दिनांक 31.08.2004 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शासन द्वारा जारी निर्देश उत्तरांश 'क' अनुसार है।
पात्र हितग्राहियों के नाम बी.पी.एल. सूची से काटे जाना
[राजस्व]
40. ( क्र. 1910 ) श्री सुदेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के नगर सीहोर में वर्ष 2020 में ऐसे कितने पात्र हितग्राही थे जिनके नाम बी.पी.एल. सूची से काटे गये हैं, नाम काटने का आधार क्या था और बिना सर्वे करे नाम काटे गये हैं तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? बतावें। (ख) काटे गये पात्र नामों को पुन: बी.पी.एल. सूची में जोड़ने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई हैं तथा अभी तक कितने नाम जोड़े गये है तथा कितने जोड़े जाने हेतु शेष हैं तथा कब तक जोड़े दिये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2020 में नगरीय निकाय सीहोर द्वारा किसी भी पात्र हितग्राही का नाम बी.पी.एल. सूची से नहीं हटाया गया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
सेवा सहकारी समिति में ग्रामों का संलग्नीकरण
[सहकारिता]
41. ( क्र. 1976 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में सेवा सहकारी समितियों में संलग्न ग्रामों का संलग्नीकरण कार्य विभाग द्वारा कब किया गया था तथा इसमें कब-कब सुधार कार्य किये गए? (ख) नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले ग्राम वर्तमान में किन-किन सेवा सहकारी समितियों में संलग्न हैं? (ग) क्या सेवा सहकारी समिति में संलग्न ग्रामों का संलग्नीकरण कार्य का पुन: विचार कर नवीन संलग्नीकरण कार्य प्रस्तावित/विचाराधीन हैं? (घ) क्या सेवा सहकारी समिति मोकलपुर में यदि ग्राम पिपरिया रामवन, जसराज, किशनपुरा ग्राम संलग्न हैं तथा इन ग्रामों के नजदीक/सुविधा के दृष्टि से सेवा सहकारी समिति चितौरा एवं ढ़ाना में संलग्नीकरण किया जा सकता हैं, तो कब तक?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 एवं म.प्र. सहकारी सोसाइटी नियम 1962 में सेवा सहकारी संस्थाओं में संलग्न ग्रामों का संलग्नीकरण करने का कोई प्रावधान नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सेवा सहकारी संस्थाओं में कुछ गांव हटाने अथवा कुछ गांव जोडने के संबंध में निर्धारित मापदण्ड के अंतर्गत दोनों संस्थाओं के सक्षम होने की स्थिति में प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जा सकती है।
संबल कार्डधारी परिवार को अनुग्रह राशि का भुगतान
[श्रम]
42. ( क्र. 1977 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में विभाग द्वारा वर्ष 2019-2020, 2020-2021 से प्रश्न दिनांक तक कितने संबल कार्डधारी परिवारों को सामान्य/दुर्घटना मृत्यु पर अनुग्रह राशि स्वीकृत की गई? (ख) संबल कार्डधारी परिवार को स्वीकृत सामान्य/दुर्घटना मृत्यु पर अनुग्रह राशि शतप्रतिशत परिवारों को विभाग द्वारा प्रदाय की जा चुकी है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्न दिनांक तक संबल कार्डधारी परिवार जिनको अनुग्रह राशि स्वीकृत की गई है उनके परिवार के बैंक खाता में विभाग द्वारा राशि समायोजित कर दी गई है? (घ) यदि नहीं तो क्यों? कब तक संबल कार्डधारी परिवार को सामान्य/ दुर्घटना मृत्यु पर अनुग्रह राशि परिवार के बैंक खातों में जमा/समायोजित कर दी जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सागर जिले में विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 तथा 2020-21 में 2884 संबल में पंजीकृत श्रमिकों के परिवारों को सामान्य/दुर्घटना मृत्यु पर अनुग्रह राशि स्वीकृत की गई। (ख) जी नहीं। स्वीकृत सामान्य/दुर्घटना मृत्यु पर अनुग्रह राशि विहित प्राधिकारी के डिजीटल साईन उपरान्त पर्याप्त बजट उपलब्धता पर प्रदान की जाती है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार। (घ) पर्याप्त बजट उपलब्धता पर राशि प्रदान किये जाने संबंधी कार्यवाही की जायेगी।
पैरवासा नहर परियोजना का निर्माण
[जल संसाधन]
43. ( क्र. 2004 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के बासौदा ब्लाक अंतर्गत पैरवासा नहर परियोजना (डेम) सिंचाई रकवा 170 हे. के लिये विस्तृत सर्वेक्षण एवं अनुसंधान हेतु आदेश क्रं. एफ-22/1/2017-18/ल.सि./ 31/1331 दिनांक 19.07.2017 हुआ था जिसमें प्रथम दृष्टया तकनीकी एवं वित्तीय रूप से साध्य पायी गई? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ तो उपरोक्त आदेश के परिपालन में क्या प्रगति हुयी बतावें। यदि कोई प्रगति नहीं हुयी तो क्यों कारण बतावें। (ग) क्या दानमढ़ी तालाब की दायी तट नहर की RM - 5 का 37% मिट्टी का कार्य एवं 5 नग स्ट्रक्चर का कार्य शेष है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या यह शेष कार्य कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विस्तृत सर्वेक्षण पश्चात विभागीय मापदण्ड से योजना की प्रति हेक्टेयर लागत अधिक होने के कारण योजना निरस्त कर दी गई। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जी नहीं, दानमढ़ी तालाब की दाँयी तट नहर की R.M.-5 योजना में प्रस्तावित नहीं है अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
केशरी बैराज के टेण्डर के संबंध में
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 2005 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा अंतर्गत गंजबासौदा के निकट केपटन नदी पर केशरी बैराज स्वीकृत है? यदि हाँ, तो इसके लिये कुल कितनी राशि स्वीकृत है? (ख) केशरी बैराज की कुल कितनी लम्बाई है तथा इस बैराज से कौन-कौन से ग्रामों की कितनी-कितनी हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी? (ग) क्या उक्त बैराज निर्माण के टेंडर हो गए हैं? यदि नहीं तो क्यों? टेंडर कब तक स्वीकृत होंगे एवं निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 216 दिनांक 06/06/23019 को ई.एन.सी. जलसंसाधन को दिये पत्र के क्रम में क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। राशि रू.1172.07 लाख। (ख) लंबाई 193.60 मीटर। ग्रामों एवं सिंचित जमीन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नकर्ता का पत्र दिनांक 06.06.2019 ई.एन.सी. को प्राप्त हुआ था। तत्पश्चात दिनांक 06.07.2019 को पोर्टल पर प्रश्नाधीन बैराज की निविदा आमंत्रित की गई थी। वर्तमान में वित्त विभाग द्वारा नियत निविदा सूचकांक की सीमा अधिक्रमित होने एवं वित्तीय संसाधनों को दृटिगत रखते हुए पुन: टेण्डर नहीं हुआ है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लॉक डाउन में प्रदत्त सामग्री एवं उसका वितरण
[राजस्व]
45. ( क्र. 2018 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन के समय कितने मजदूरों, छात्रों एवं अन्य व्यक्तियों को कहां से, कब एवं किस साधन से वापस छतरपुर बुलाया गया। सभी को वापस बुलाने पर शासन का कितना व्यय हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में वापस बुलाए गए मजदूरों को लॉकडाउन के समय कहां पर कितने दिनों का किस प्रकार का रोजगार दिया गया। इसका प्रत्येक मजदूर को कितना भुगतान किया गया? (ग) कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के समय छतरपुर जिला को कितनी खाद्य सामग्री वितरण हेतु शासन से प्राप्त हुई। जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत कितने लोगों को निःशुल्क कितनी खाद्य सामग्री प्रदाय की गई? व्यक्तियों, संस्थानों एवं अन्य माध्यम से कितनी मात्रा में खाद्य सामग्री प्राप्त हुई ओर कितनी वितरित हुई। इसे किस प्रकार वितरित किया गया।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लॉकडाउन के समय 48503 मजदूरों, छात्रों एवं अन्य को अन्य राज्य से अन्य जिलों, जिले के ही अन्य स्थान से गंतव्य तक परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई गई। बस, ट्रेन से लाये गए जिस पर कुल राशि रूपये, 2,25,32,158/- (दो करोड़ पच्चीस लाख बत्तीस हजार एक सौ अन्ठावन रूपये मात्र) का व्यय हुआ। (ख) मनरेगा में, मनरेगा द्वारा निर्धारित दर पर एवं अन्य मजदूरों को संबंधितों द्वारा भुगतान किया गया है संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के समय जिला छतरपुर को शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में शासन से प्राप्त खाद्य सामग्री वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। व्यक्तियों, संस्थानों एवं अन्य माध्यम से 34 क्विंटल 45 किलो प्राप्त खाद्य सामग्री को पॉंच किलो प्रति सदस्य के मान से 170 परिवारों के 689 सदस्यों को वितरित की गयी।
समितियों द्वारा की गई अनियमितताओं की जांच
[सहकारिता]
46. ( क्र. 2022 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिला में किसान ऋण माफी योजना के दौरान समितियों द्वारा की गयी अनिमितताओं की शिकायत जिला कलेक्टर से की गई थी? यदि हाँ, तो क्या-क्या शिकायत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या कलेक्टर ने उक्त शिकायत की जाँच का दायरा बड़ा कर जिले की सभी समितियों की जाँच करने का निर्णय लिया था? यदि हाँ, तो उक्त जाँच कहा तक पहुंची? किन-किन समितियों की जाँच की गई? जाँच प्रतिवेदन प्रदाय करे? (ग) क्या छतरपुर जिले में ऐसी समितियों से गेहूँ खरीद करवाया गया जिन पर वित्तीय अनिमितता की जाँच चल रही है? यदि है तो ऐसी समितियों के नाम प्रदाय करे? उक्त समितियों से खरीद करवाने का क्या कारण है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। सूची में दर्शित ऋण राशि प्राप्त न करना, दर्शाई गई ऋण राशि से कम ऋण प्राप्त करना, मृत अथवा लापता व्यक्तियों के नाम से ऋण दर्शाना, किसानों के नाम दो-दो बार ऋण राशि दर्शाने के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई थी। (ख) जी हाँ। जाँच कार्य पूर्ण। समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिला कलेक्टर द्वारा जिले की सभी 113 समितियों की जाँच कराई जाकर उनका परीक्षण जिला स्तरीय जाँच समिति द्वारा कराया गया, परीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के वितरण में अनियमितता
[राजस्व]
47. ( क्र. 2041 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के सभी जिलों में किसान सम्मान निधि के ₹.2000/- किसानों के खाते में पहुंच रही हैं? यदि हाँ, तो प्रमाणीकरण देवें। (ख) उज्जैन जिले में किसान सम्मान निधि योजना के शुरू होने के बाद कितने किसानों को अपात्र घोषित किया है? उज्जैन ज़िले के किसानों को योजना का लाभ कब से प्राप्त होना शुरू हुआ? योजना शुरू होने से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने किसान लाभान्वित हुए? तो अब क्या कारण है कि सरकार उन्हें अपात्र घोषित कर रही है? (ग) क्या किसान सम्मान निधि के आवेदन प्रस्तुत करते समय जिम्मेदार विभाग और अधिकारियों द्वारा सत्यापन नहीं किया गया था? यदि किया गया था तो किसानों को अधिकारियों की लापरवाही कि सजा किसानों को क्यों दी जा रही है? जिन दायित्वाधीन विभागीय अधिकारी के कारण किसानों को नुकसान पहुँच रहा है, उस नुकसान की भरपाई के लिए संबन्धित अधिकारी के वेतन से क्यों नहीं वसूल की जा रही है? (घ) क्या किसान हितैषी सरकार कहने वाली सरकार किसानों के हित में निर्णय लेगी? (ङ) क्या पूर्व के नियम अनुसार सम्मान निधि किसानों को दिये जाने का मसौदा तैयार किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक सदन में लाया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 23/02/2021 की स्थिति में 13735 किसानों को अपात्र अंकित किया गया है। फरवरी, 2019 से। प्रश्न दिनांक तक कुल 290898 किसान लाभान्वित हुये। किसानों द्वारा पात्रता संबंधी सही जानकारी नहीं दिये जाने के कारण अपात्र किसानों की अपात्रता अंकित की जा रही है। (ग) योजना हेतु कृषक परिवार के स्व-सत्यापित प्रमाण पत्र के आधार पर पंजीयन की कार्यवाही की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) भारत सरकार के निर्देशों के अनुक्रम में योजना का क्रियान्वयन प्रदेश में किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण मुक्त किया जाना
[राजस्व]
48. ( क्र. 2045 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुढ़ नगर परिषद क्षेत्र गुढ़ ग्राम/हल्का गुढ़ तहसील गुढ़ जिला रीवा अंतर्गत शासकीय भूमि आराजी क्र. 250 में भारी मात्रा में रोड तक अतिक्रमण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो शासकीय भूमि को अतिक्रमण से कब तक मुक्त करा दिया जावेगा? अतिक्रमण न हटाने के लिए कौन दोषी है? दोषियों के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) तहसीलदार तहसील गुढ़ जिला रीवा के पत्र क्रमांक 540 दिनांक 05.11.2020 के पालन में बेदखली की कार्यवाही पूर्ण कराने हेतु आदेशित किया गया था? यदि हाँ, तो कब तक अतिक्रमण मुक्त करा दिया जावेगा? (ग) क्या इसी प्रकार तहसीलदार गुढ़ जिला रीवा के पत्र क्र. 41 तहसील गुढ़ दिनांक 24.11.20 राष्ट्रीय राजमार्ग 39 के रीवा सीधी मार्ग पर खसरा क्र. 681 ग्राम पड़ेरूआ हल्का हरदुआ तहसील गुढ़ में अवैध कब्जा करने संबंधी निर्देश का पालन न करने एवं अवैध कब्जा न हटाने वाले दोषी कर्मचारी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जाकर अवैध कब्जा हटा दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) गुढ़ नगर परिषद क्षेत्र गुढ़ ग्राम/हल्का गुढ़ तहसील गुढ़ जिला रीवा अन्तर्गत शासकीय भूमि आराजी क्रमांक 250 में राजस्व निरीक्षक दुआरी व गुढ़ हल्का पटवारी गुढ़ एवं हल्का पटवारी बेला के द्वारा दिनांक 15.02.2020 को मौका निरीक्षण किया गया, जिसमें भारी मात्रा में अवैध अतिक्रमण नहीं पाया गया। प्रश्नांश (क) में वर्णित आराजी क्रमांक 250 रकवा 0.113 हे. को मौके पर चूना डालकर चिन्हांकित किया गया। चिन्हांकन अनुसार पाया गया कि श्रृगार पाण्डेय पति केदार पाण्डेय, कार्तिकेय पाण्डेय पिता कृष्ण कुमार पाण्डेय मुनिमहेश सोनी पिता लक्ष्मण प्रसाद सोनी का कब्जा है, जिसे हटाने का निर्देश दिए गए। उक्त शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त है, जिसमें स्थाई अतिक्रमण ना होने से वर्णित व्यक्तियों को समझाइस देकर अतिक्रमण हटा दिया गया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (ख) तहसीलदार तहसील गुढ़ जिला रीवा के पत्र क्रमांक 540 दिनांक 05.11.2020 के परिपालन में हल्का पटवारी गुढ़ ने मौका निरीक्षण किया गया, जिसमें आराजी क्रमांक 251/2 रकवा 0.049 हे. एवं आराजी क्रमांक 252/2 रकवा 0.036 हे. पर मौके पर राजेन्द्र प्रसाद तिवारी पिता श्री निवास तिवारी के अतिक्रमण से मुक्त पायी गयी। अतः उक्त पत्र के क्रम में कार्यवाही पूर्ण है। (ग) तहसीलदार तहसील गुढ़ जिला रीवा के पत्र क्रमांक 41/तह.गुढ़/2020 दिनांक 24.11.2020 के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 39 रीवा सीधी मार्ग पर खसरा क्रमांक 681 ग्राम पडेरूआ हल्का हरदुआ तहसील गुढ़ में अवैध कब्जा हटवाए जाने के संदर्भ में राजस्व निरीक्षक सक्रिल गुढ़ को निर्देशित किया गया था। इस निर्देश के परिपालन में राजस्व निरीक्षक गुढ़ ने मौके पर उपस्थित होकर मौका स्थल पर कोई पक्का अतिक्रमण नहीं पाया, अपितु कुछ घर निर्माण का मलवा पाया गया। जिसको रोड से हटाकर समतलीकरण करवाकर शासन के उपयोग में ले लिया गया है। वर्तमान में राष्ट्रीय राज्यमार्ग की भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है एवं जो अतिक्रमण था, उसे हटा दिया गया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
चावल वितरण की शिकायत
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
49. ( क्र. 2063 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बालाघाट एवं मण्डला जिले में आदिवासियों को पोल्ट्री ग्रेड का चावल वितरित किये जाने की शिकायत की, ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा की गई जाँच में कब से कब तक कितने क्विंटल चावल का वितरण करना पाया गया है? शासन ने इसमें दोषी किन-किन अधिकारियों पर कब क्या कार्यवाही की है? (ख) प्रदेश में कोरोना काल से माह मार्च से जून 2020 तक बालाघाट जिले के किन-किन मिलर्स द्वारा किन-किन जिलों को कब-कब, कितने-कितने क्विंटल केटल ग्रेड का चावल भेजा गया है? जाँच हेतु लिये गये सैम्पल में कितने क्विंटल चावल केटल ग्रेड का पाया गया है? इसमें किन-किन अधिकारियों व मिलर्स की क्या भूमिका रही है? शासन ने दोषी किन-किन अधिकारियों व मिलर्स पर क्या-क्या कार्यवाही की है? किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? (ग) जिला बालाघाट में माह मई 2019 में पोल्ट्री ग्रेड का कितने क्विंटल चावल रिजेक्ट किया गया था? गोदामों में कितने क्विंटल चावल भण्डारित था? इसमें से कितने-कितने क्विंटल चावल कब-कब किन-किन जिलों को भेजा गया है? शासन ने इसमें दोषी पाये गये किन-किन अधिकारियों व मिलर्स पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गौण खनिज रायल्टी की वसूली
[खनिज साधन]
50. ( क्र. 2064 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खनिज विभाग जबलपुर द्वारा गौण खनिज उत्खनन से संबंधित निर्धारित रायल्टी की कितनी-कितनी राशि में से कितनी-कितनी राशि की वसूली की गई है एवं कितनी-कितनी राशि वसूली नहीं की गई है एवं क्यों? लक्ष्य पूर्ति बतलावें। वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में ग्रामीण अधोसंरचना विकास, सड़क विकास एवं अन्य किन-किन मदों से संबंधित कितनी राजस्व राशि की वसूली की गई है एवं कितनी राशि वसूल करना बकाया है एवं क्यों? बतलावें वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) न्यायालय कलेक्टर जबलपुर में रायल्टी चोरी, गौण खनिज का अवैध परिवहन व भण्डारण से संबंधित प्रस्तुत कितने-कितने प्रकरणों में अर्थदण्ड की अधिरोपित कितनी-कितनी राशि की वसूली की गई एवं कितनी राशि वसूल नहीं की गई एवं क्यों? कितने प्रकरण लंबित हैं? वर्षवार जानकारी दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में समस्त गौण खनिजों की रॉयल्टी दर निर्धारित है। खदान क्षेत्र से गौण खनिज परिवहन से पूर्व निर्धारित दर से रॉयल्टी राशि अग्रिम में जमा करायी जाती है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गौण खनिजों में 31 गौण खनिजों में ग्रामीण अधोसंरचना विकास, सड़क विकास एवं मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में संशोधन दिनांक 22/01/2021 से जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में राशि जमा कराये जाने के प्रावधान किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है।
अंत्येष्टि सहायता राशि
[श्रम]
51. ( क्र. 2067 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने जिला पंचायत जबलपुर को अंत्येष्टि सहायता की कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? जनपद पंचायतों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई है? वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन जनपद पंचायतों की कितनी-कितनी ग्राम पंचायतों को अंत्येष्टि सहायता की कितनी-कितनी राशि दी गई है एवं किन-किन ग्राम पंचायतों ने निर्धन व निम्न वर्ग के कितने-कितने मृतकों के परिजनों को अंत्येष्टि सहायता की कितनी राशि का भुगतान किया है तथा किन-किन ग्राम पंचायतों ने कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया है एवं क्यों? जनपद पंचायतवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के अंत्येष्टि सहायता की राशि मृतकों के परिजनों को भुगतान न करने, राशि का दुरूपयोग करने से संबंधित प्राप्त शिकायतों पर जिला प्रशासन व जनपद पंचायतों ने दोषी किन-किन ग्राम पंचायतों के सरपंच/सचिव के विरूद्ध क्या कार्यवाही की है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश शासन द्वारा जिला पंचायत जबलपुर को अन्त्येष्टि सहायता के लिये 51,60,000/- (रूपये इक्यावन लाख साठ हजार मात्र) जनपद पंचायतों हेतु अग्रिम प्रदान की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रतिपूर्ति की राशि विहित प्रधिकारी की स्वीकृति उपरांत जारी हो जाती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है।
नाले पर बैराज का निर्माण
[जल संसाधन]
52. ( क्र. 2091 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अन्तर्गत कार्यपालन यंत्री लहार शाखा नहर संभाग लहार के अन्तर्गत कौन-कौन से कार्य मुख्य अभियंता/प्रमुख अभियंता के कार्यालय में स्वीकृति हेतु विचाराधीन है? (ख) क्या जल संसाधन संभाग लहार जिला भिण्ड के अन्तर्गत बिसारिया नाले पर तथा नरेला नाले पर बैराज के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु विचाराधीन है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) अनुसार बैराजों की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान की जाएगी? (घ) क्या जल संसाधन संभाग लहार जिला भिण्ड में कृषि भूमि की सिंचाई हेतु वाटर कोर्स निर्माण की योजना है? यदि हाँ, तो वह योजना कब तक प्रारंभ की जाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोटवारों/चौकीदारों के संबंध में
[राजस्व]
53. ( क्र. 2130 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में कोटवारों/चौकीदारों को शासकीय एवं नियमित कर्मचारी किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक व शासन स्तर इसके लिये क्या रणनीति बनाई गई? यदि नहीं तो क्या इन्हें कलेक्टर दर पर पारिश्रमिक दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब से यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें? क्या कोटवारों/चौकीदारों को दी गई भूमि को भूमि स्वामी हक होने के कोई स्पष्ट आदेश पारित किये गये हैं? (ख) क्या यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्ध करवायें? यदि नहीं तो कब तक भूमिस्वामी हक़ का स्पष्ट आदेश जारी किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। कोटवारों को उनकी सेवाओं के लिये सेवा भूमि उपलब्ध कराने या सेवा भूमि न होने पर पारिश्रमिक दिया जाता है। कोटवारों को दी गई सेवा भूमि उनके सेवा अवधि तक के लिए दी जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। कोटवारों को उनकी सेवाओं के लिए सेवा भूमि उपलब्ध कराने या पारिश्रमिक नियत करने के मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के तहत प्रावधान है।
अवैधानिक लीज के संबंध में कार्यवाही
[खनिज साधन]
54. ( क्र. 2134 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खनिज लीज स्वीकृत होने से लीज धारक को बिना प्रतिकर किसानों एवं निजी व्यक्तियों के खसरे में लीज की प्रविष्टि करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है जिससे किसानों को ऋण की सुविधा बंद हो जाती है, खरीद बिक्री पर रोक लग जाती है एवं किसान की भूमि पर लीज धारक को अधिकार प्राप्त हो जाता है? शासनादेशों सहित जानकारी देवें? (ख) सतना जिले के रैगॉंव,चित्रकूट एवं सतना विधानसभा में किन-किन पटवारी हल्कों की कितनी-कितनी भूमियों पर बिना प्रतिकर भुगतान किये खसरा खतौनी में 'लीज' किसके आदेश से अंकित की गई है, हल्कावार बतावें? कब-कब, कितना-कितना प्रतिकर लीजधारकों द्वारा वर्ष 2007 से वर्षवार भुगतान किया गया? (ग) उक्त अवैधानिक लीज प्रविष्टि कब तक विलोपित कर दी जायेगी? साथ ही उक्त कृत्यों के लिये दोषियों पर क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) लीज धारक को खसरे में लीज प्रविष्टि का कोई अधिकार नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंचाई रकवा बढ़ाये जाने योजनाओं का सर्वेक्षण
[जल संसाधन]
55. ( क्र. 2189 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना जिले की जौरा विधानसभा क्षेत्र में सिचाई का रकवा बढ़ाये जाने हेतु कौन-कौन सी योजनायें सर्वेक्षित है? इनमें से कौन-कौन सी योजनायें साध्य पायी जाकर डी.पी.आर. तैयार की जा चुकी है? इनमें किन-किन योजनाओं की डी.पी.आर. प्रशासनिक स्वीकृति हेतु शासन को भेजी जा चुकी है? कौन-कौन सी नहीं एवं क्यों? कौन-कौन सी योजनायें सर्वेक्षण उपरान्त असाध्य पाई गई? (ख) प्रशासनिक स्वीकृति उपरान्त किन-किन योजनाओं के टेंडर बुलाये गये है तथा कार्य कब प्रारंभ कराया जाकर उसके पूर्ण किये जाने की समयावधि क्या होगी? योजनाओं की पृथक-पृथक जानकारी कार्य समयावधि एवं ठेकेदार के नाम सहित बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना जिले की जौरा विधानसभा क्षेत्र की पैरा स्टॉप डैम कम काज़वे तथा बुढे़हरा स्टॉप डैम कम काज़वे योजनाएं सर्वेक्षण पश्चात साध्य पाई गईं। दोनों योजनाओं के डी.पी.आर. तैयार किए जा चुके हैं। पैरा स्टॉप डैम कम काज़वे का डी.पी.आर. शासन को प्राप्त है। बुढे़हरा स्टॉप डैम कम काज़वे का डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता स्तर पर परीक्षणाधीन होने के कारण शासन स्तर पर अप्राप्त है। कोई योजना सर्वेक्षण उपरांत असाध्य नहीं पाई गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अग्रिम खाद भण्डारण की जानकारी
[सहकारिता]
56. ( क्र. 2231 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा अंतर्गत आने वाली समस्त सहकारी समितियों एवं विपणन समितियों द्वारा खरीफ एवं रबी सीजन हेतु वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कितनी अग्रिम खाद का भण्डारण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अग्रिम भण्डारण से अग्रिम भंडारण अवधि में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से सम्बद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं एवं विपणन सहकारी संस्थाओं द्वारा वर्षवार कितने कृषकों को कितनी खाद प्रदाय की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) वर्ष 2019-20 में खरीफ सीजन में 2226.65 मे.टन, रबी सीजन में 6837.44 मे.टन, वर्ष 2020-21 में खरीफ सीजन में 3533.67 मे.टन, रबी सीजन में 6509.03 मे.टन अग्रिम खाद का भंडारण किया गया। (ख) अग्रिम भंडारण अवधि में वर्ष 2019-20 में खरीफ सीजन में 445.33 मे.टन 2780 कृषकों को, रबी सीजन में 5469.96 मे.टन 13,225 कृषकों को, वर्ष 2020-21 में खरीफ सीजन में 706.73 मे.टन 3922 कृषकों को, रबी सीजन में 5207.23 मे.टन 13,350 कृषकों को खाद प्रदान की गई।
रेत खदानों की लीज एवं अवैध रेत रायल्टी
[खनिज साधन]
57. ( क्र. 2233 ) सुश्री कलावती भूरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले की कुल 49 खदानों की लीज वीरेन्द्र सिंह जादौन को देना तय हुआ था लेकिन सिर्फ 17 खदानों की ही रजिस्ट्री की गयी है, शेष की रजिस्ट्री न करने का क्या कारण है? विगत जुलाई 2020 से दिसम्बर 2020 के बीच जिला प्रशासन अलीराजपुर या उनके संबंधित राजस्व पुलिस खनिज एवं राज्य खनिज निगम ने कितनी घनमीटर अवैध रेत बरामद की थी? कहां से बरामद की थी? क्या यह बरामदगी के फोटो या वीडियों उपलब्ध है, तो उपलब्ध करवाएं? बरामद की गयी रेत किसे दी गयी? किस नियम से दी गई और किस मूल्य में दी गई? (ख) बड़वानी जिले से इश्यू होना बताई जा रही रेत की रायल्टी में अलीराजपुर जिले के स्थानों का उल्लेख क्यों है? दिनांक 20 दिसम्बर से 27 दिसम्बर 2020 के बीच बड़वानी जिले से जो भी रायल्टी जारी हुई उनकी प्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करें? (ग) रेत की रायल्टी के लिए बने ई खनिज पोर्टल से क्या जारी हो चुकी रायल्टी विलोपित की गई है? अगर हाँ तो विलोपित क्यों की गयी? किसके आदेश से विलोपित हुई? अगर विलोपित होना अनियमितता है तो किसको जिम्मेदार मानकर कार्यवाही की गयी? (घ) जब अलीराजपुर जिले में वीरेन्द्र सिंह जादौन को आवंटित 17 खदानों में रेत विगत नवम्बर 2020 से खत्म हो चुकी है, तो जिले में राज्य खनिज निगम की चौकियां क्यों चलाई जा रही है? इनके संचालन में जो व्यय आ रहा है उसे कौन वहन कर रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन जिले की 49 खदानों में से 18 खदानों की वैधानिक स्वीकृति प्राप्त होने पर इन खदानों का अनुबंध पंजीयन कराया गया है। शेष खदानों की वैधानिक अनुमतियां प्राप्त नहीं हुई है, इसलिये इन खदानों का अनुबंध निष्पादन एवं पंजीयन नहीं हुआ है। प्रश्नाधीन अवधि में जिला प्रशासन द्वारा अवैध रेत भंडारण मात्रा 21761 घनमीटर रेत जप्त की गई थी। जप्त किये गये स्थान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। बरामदगी के फोटो या वीडियों उपलब्ध नहीं है। जप्तशुदा रेत को मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग के परिपत्र दिनांक 26/05/2020 अनुसार जिले की रेत समूह खदान के सफल निविदाकार को निवर्तन हेतु दी गई है। उनके द्वारा जमा की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) बड़वानी जिले में कलेक्टर, बड़वानी द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। जिसके उत्तर में सफल निविदाकार द्वारा यह अवगत कराया गया है कि, त्रुटिवश अलीराजपुर के स्थान पर अंबुआ का उल्लेख हो गया है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) रेत खनिज के परिवहन हेतु ई-खनिज पोर्टल से ई-टी.पी. जारी करने की व्यवस्था नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। अभिलेख अनुसार 18 रेत खदानों में रेत की मात्रा शेष है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
माईनिंग प्लान से अधिक उत्खनन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
58. ( क्र. 2256 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में प्रश्न दिनांक को गौण खनिज रेत, मार्बल, क्रशर आधारित गिट्टी की कितने वर्षों के लिए लीज किस-किस को आवंटित है? रकबा, खसरा नंबर सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के पट्टाधारियों ने अपने माईनिंग प्लान में उत्खनन की कितनी मात्रा दर्शाई है और कितना उत्खनन किया गया है? विगत पांच वर्ष का विवरण दें। (ग) यदि माईनिंग में दर्शाई मात्रा से अधिक उत्खनन किया है, तो इसके लिए नियमों में दर्शाई गई पेनाल्टी किस-किस पर कितनी अधिरोपित की गई? (घ) क्या एस.एल.एस. मिनरल्स फर्म पर रॉयल्टी बकाया रहते पोर्टल लॉक न करते हुए ई.टी.वी. दी जा रही है? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी हैं? (ड.) कटनी जिले में रेत की कितनी खदानें किसको और कितनी अवधि के लिए आवंटित हैं? क्या आवंटित खदानों के अतिरिक्त जिन रेत खदानों को आवंटित नहीं किया गया, उन रेत खदानों से भी उत्खनन ठेकेदार द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो जाँच दल गठित कर उत्खनन की मात्रा का निर्धारण करते हुए रॉयल्टी का निर्धारण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में विगत तीन वर्षों में (2018-19 से 2020-21 तक) माईनिंग प्लान में दर्शित उत्पादन मात्रा एवं खनन की गई मात्रा का उल्लेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक 10-11 पर है। वर्ष 2016-17 से 2017-18 की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित तीन वर्ष की अवधि में माईनिंग प्लान में दर्शित मात्रा से अधिक मात्रा में उत्खनन किया जाना संज्ञान में आया है। इनके विरूद्ध कार्यवाही करने के लिये जिला कार्यालय द्वारा कार्यवाही की जा रही है। अत: पेनॉल्टी अधिरोपित करने का अभी प्रश्न ही नहीं है। वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) कटनी जिले में एस.एल.एस. मिनरल्स फर्म के नाम से कोई खनि रियायत स्वीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) कटनी जिले में रेत की चिन्हित खदानें निविदा के माध्यम से मेसर्स विस्टा सेल्स प्रायवेट लिमिटेड को अवधि दिनांक 30/06/2022 तक के लिये आवंटित की गई है। ठेकेदार द्वारा आवंटित खदानों के अतिरिक्त अन्य खदानों से उत्खनन किये जाने के संबंध में प्रकरण संज्ञान में न आने से शेष प्रश्न की जानकारी निरंक है।
अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
59. ( क्र. 2257 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के तहसील बडवारा के मुख्य मार्ग (मिशिन चौक) से रूपौद रेल्वे स्टेशन के लिए जाने वाली पी.डब्ल्यू.डी. रोड के दोनों तरफ अतिक्रमण होने से वाहनों के चलने में काफी परेशानी है? (ख) सतना जिले के जैतवारा से विरसिंहपुर के मुख्य मार्ग में ग्राम पंचायत खांच के अंतर्गत मऊजा रेऊहान गांव में हरिजनों द्वारा शा.आ. क्र. 377 रकवा 6.593 हे. भूमि में अतिक्रमण किया है? जिन्हें हटाने के लिए एस.डी.एम. मझगवां जिला सतना द्वारा दिनांक 31.05.2019 को बेदखली आदेश पारित किया है? 15 माह व्यतीत होने के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो दोनों स्थानों का अतिक्रमण कब हटा दिया जायेगा बताएं और अब तक क्यों नहीं हटाया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। जी हाँ। सतना में मौजा रेउहान स्थित शासकीय आराजी क्रमांक 377 रकवा 6.593 हे. भूमि का वाद माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट पिटीशन क्रमांक 256/2021 के रूप में विचाराधीन होने से अतिक्रमण नहीं हटाया गया। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धान खरीदी का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
60. ( क्र. 2269 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरीफ फसल 2019-20 में जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में किसानों की कितनी मैट्रिक टन धान खरीदी गई है? लक्ष्य क्या है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में खरीदी गई धान का भुगतान कितने किसानों को किया गया? कितने का शेष है और कब तक इनको भुगतान किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जाता है। जिलों में ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के बोये गए रकबे एवं तहसील की उत्पादकता के आधार पर उपार्जन अनुमान लगाया जाता है, जिसके अनुसार उपार्जन की तैयारी की जाती है। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में नरसिंहपुर जिले में 80000, सागर जिले में 6800 एवं दमोह जिले में 80000 मे.टन धान उपार्जन की तैयारी की गई, जिसके विरूद्ध जिला नरसिंहपुर में 67940 मे.टन, सागर में 5636 मे.टन एवं दमोह में 46378 मे.टन धान का उपार्जन हुआ है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले नरसिंहपुर के 10478, सागर के 982 एवं दमोह के 11023 कृषकों को समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया है। समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले किसी भी किसान का भुगतान शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लिखित शिकायतों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
61. ( क्र. 2279 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले की गुवाड़ी रेत खदान पर दिनांक 18 मई 2020 को तहसीलदार द्वारा की गई कार्यवाही से संबंधित श्री दिलीप पण्डोले, जयहिंद चौक हमलापुर बैतूल द्वारा दिनांक 29 जून 2020 दिनांक 5/8/2020 द्वारा की गई लिखित शिकायत एवं विधायक डॉ. हीरालाल अलावा एवं डॉ. अशोक मर्सकोले द्वारा लिखे पत्रों पर प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) दिनांक 18 मई 2020 को गुवाड़ी रेत खदान पर की गई कार्यवाही से संबंधित जिला खनिज कार्यालय बैतूल एवं संचालक खनिकर्म और भौमिकी भोपाल और खनिज विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल को किस-किस दिनांक को आवेदन पत्र शिकायत किस-किस के प्राप्त हुए उनकी किस-किस ने प्रश्नांकित दिनांक तक जाँच की प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावें। (ग) गुवाड़ी रेत खदान से संबंधित तहसीलदार के विरूद्ध की गई शिकायतों की जाँच कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्री दिलीप पण्डोले, जयहिन्द चौक, हमलापुर, बैतूल द्वारा प्रस्तुत पत्र दिनांक 07/07/2020 की जाँच कराई जा चुकी है। शेष शिकायतों की जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है एवं जाँच प्रतिवेदनों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शाहपुर ब्लाक में जलाशय
[जल संसाधन]
62. ( क्र. 2293 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाहपुर ब्लॉक में किस-किस जलाशय का कार्य किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरा नहीं हो पाया है, जलाशय का निर्माण कब प्रारंभ हुआ था वर्तमान में कितना कार्य अधूरा है? (ख) शाहपुर ब्लॉक के झिरियाडोह जलाशय के लिए किस ग्राम की मिसल बन्दोबस्त, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी और पटवारी मानचित्र में दर्ज किस खसरा क्रमांक के कितने रकबे को वन भूमि बताएं जाने के कारण बांध का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है? (ग) राजस्व अभिलेखों में दर्ज जमीनों को किन कारणों से वनभूमि प्रतिवेदित किया जा रहा है इस संबंध में वन विभाग से विभाग ने क्या-क्या पत्राचार किया है? प्रति सहित बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शाहपुरा ब्लॉक में झिरियाडोल जलाशय का कार्य डूब क्षेत्र में वनभूमि के आने तथा वनभूमि की लागत अधिक होने से योजना की प्रति हेक्टेयर लागत अधिक होने के कारण प्रश्नांकित दिनांक तक पूरा नहीं हो पाया है। जलाशय का निर्माण दिनांक 07.02.1980 को प्रारंभ हुआ था। बांध कार्य 40 प्रतिशत एवं नहर कार्य 60 प्रतिशत अधुरा है। (ख) डूब प्रभावित ग्राम के संबंधित पटवारी से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार झिरियाडोल जलाशय का शीर्ष कार्य एवं डूब क्षेत्र हांडापानी वन ग्राम के अंतर्गत आने तथा वनग्राम हाण्डापानी की भूमि जंगल सरकार की भूमि के रूप में दर्ज होने के कारण भूमि का बंदोबस्त, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र नहीं बनाया जाता है। सम्पूर्ण डूब क्षेत्र 43.109 हेक्टेयर को वन भूमि बताए जाने के कारण बांध का कार्य पूर्ण नहीं होना प्रतिवेदित है। (ग) राजस्व अभिलेखों में दर्ज डूब की भूमि की कैफियत जंगल सरकार दर्ज है। भारत सरकार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पत्र दिनांक 12.07.2006 के द्वारा योजना के वन प्रकरण को प्रथम चरण की सैद्धांतिक सहमति जारी की गई थी। वनमण्डलाधिकारी, बैतूल के पत्र दिनांक 11.10.2007 के द्वारा विभाग से वैकल्पिक वृक्षारोपण, नेट प्रेजेंट वैल्यू तथा खड़े वृक्षों के अनुमानित मूल्य की कुल राशि रू.02.94 करोड़ की मांग की गई। प्रमुख अभियंता के पत्र दिनांक 26.02.2008 द्वारा सूचित किया गया कि स्थायी वित्तीय समिति की बैठक दिनांक 24.01.2008 में योजना की प्रति हेक्टेयर लागत अधिक होने के परिप्रेक्ष्य में योजना प्रस्ताव अमान्य करने की जानकारी दी गई। कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग क्र.-2, बैतूल के पत्र दिनांक 16.07.2020 के द्वारा योजना प्रस्ताव अमान्य होने के कारण वन विभाग को उनके द्वारा मांगी गई राशि नहीं देने बाबत् वन विभाग को सूचित किया गया। वन विभाग से विभाग द्वारा किए गए पत्राचार की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (पृ.-5) अनुसार है।
जांच की कार्यवाही संबंधी
[राजस्व]
63. ( क्र. 2294 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में अनुविभागीय अधिकारी बैतूल, मुलताई एवं भैंसदेही ने 1988 से भा.व.अ. 1927 की धारा 4 में अधिसूचित 482 वनखण्डों की धारा 5 से 19 तक की जाँच प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की है। (ख) राजपत्र में किस दिनांक को किस वनखण्ड में शामिल कितनी भूमियों की धारा 5 से 19 तक की जाँच के लिए किस अनुविभागीय अधिकारी को वन व्यवस्थापन अधिकारी अभिसूचित किया उनके कार्यालय में किस वनखण्ड का प्रकरण वर्तमान में उपलब्ध है किस वनखण्ड का जाँच प्रकरण उपलब्ध नहीं है पृथक-पृथक बतावें। (ग) धारा 5 से 19 तक की जाँच के लिए लंबित भूमि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किस-किस मद और किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज है, इसमें से कितनी भूमि पर वन विभाग का वर्तमान में कब्जा है। (घ) वन विभाग को वनखण्ड में शामिल दखल रहित भूमि का कब्जा किस राजस्व अधिकारी ने किस दिनांक को सौंपा यदि कब्जा नहीं सौंपा तो कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल जिले में अनुविभागीय अधिकारी बैतूल, मुलताई एवं भैंसदेही के प्रतिवेदन अनुसार 1988 से भा.व.अ. 1927 की धारा 4 में अधिसूचित 482 वनखण्डों की धारा 5 से 19 तक वनखण्डों की जाँच कार्यवाही प्रचलित है जिसमें से बैतूल अनुभाग के 31 वनखण्डों की जाँच कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। (ख) म.प्र. राजपत्र दिनांक 18 मार्च 1988 एवं 25 मार्च 1988 को जारी अधिसूचना से अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बैतूल व अनुविभागीय अधिकारी (रा.) भैंसदेही एवं म.प्र. राजपत्र दिनांक 25 मार्च 1988 को जारी अधिसूचना से अनुविभागीय अधिकारी (रा.) मुलताई को वन व्यवस्थापन अधिकारी अधिसूचित किया गया। वन व्यवस्थापन अधिकारी मुलताई के पास 51 बैतूल के पास 199 एवं भैंसदेही के पास 232 वनखण्डों के प्रकरण उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) धारा 5 से 19 तक जाँच के लिए लंबित भूमि निस्तार पत्रक अधिकार अभिलेख में बड़े झाड़ छोटे झाड़ पहाड़ चट्टान मद में एवं इमारती जलाउ लकड़ी के प्रयोजनार्थ दर्ज है। अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बैतूल के प्रतिवेदन के अनुसार तहसील बैतूल के ग्राम झगडि़या का रकबा 115.295 हे. एवं ग्राम टिकारी का रकबा 197.866 हे. पर वन विभाग का पूर्व से कब्जा चला आ रहा है। ग्राम टिकारी के ख.न. 32, 72, 73, 129, 138, 140, 154, 924, 925, सर्वे डिमार्केशन में कुल रकबा 87.71 एकड़ शामिल किया गया है। उक्त भूमि पर वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण का कार्य किया गया है तथा तहसीलदार घोड़ाडोंगरी के प्रतिवेदन के अनुसार तहसील घोड़ाडोंगरी के ग्राम खैरवानी का रकबा 23.002 हे. पर वन विभाग का पूर्व से कब्जा चला आ रहा है। (घ) जानकारी निरंक है, धारा 5 से 19 तक वनखण्डों की जाँच कार्यवाही प्रचलन में है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
64. ( क्र. 2386 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में तहसीदलार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक तथा पटवारी के कुल कितने पद स्वीकृत है उक्त स्वीकृत पदों में से कितने पद रिक्त है, पदोन्नति तथा सीधी भर्ती एवं विभागीय परीक्षा से भरे जाने वाले पदों की संख्या अलग-अलग बतायें। (ख) पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों का क्यों नहीं भरा जा रहा है, क्या तहसीलदार के पद रिक्त होने से किसानों का कार्य प्रभावित हो रहा है। (ग) सीधी भर्ती एवं विभागीय परीक्षा से भरे जाने वाले पदों को क्यों नहीं भरा जा रहा है कारण बतायें तथा उकत पदों को कब तक भरा जायेगा? (घ) क्या राजस्व निरीक्षक को नायब तहसीलदार के अधिकार दिये गये थे, यदि हाँ, तो उनसे नायब तहसीलदार के अधिकार क्यों वापस लिये गये कारण बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार तहसीलदारों के 606 पद स्वीकृत है, जिनके विरूद्ध 340 पद रिक्त है। नायब तहसीलदारों के 1234 पद स्वीकृत पद है, जिनके विरूद्ध 490 पद रिक्त है। पदोन्नति, सीधी भर्ती एवं विभागीय परीक्षा के भरे जाने वाले पदों की जानकारी निम्नानुसार है-
क्र. |
भर्ती का प्रकार |
तहसीलदार के पद |
नायब तहसीलदार के पद |
1 |
2 |
3 |
4 |
1 |
सीधी भरती |
|
740 |
2 |
पदोन्नति |
606 |
309 |
3 |
सीमित विभागीय परीक्षा रा.नि./ पटवारी |
- |
123 |
4 |
सीमित विभागीय परीक्षा लिपिक वर्ग |
- |
62 |
|
कुल योग |
606 |
1234 |
पदनाम |
कुल स्वी.पद |
स्वीकृत पद |
कुल भरे पद |
कुल रिक्त पद |
|||
|
|
सीधी भर्ती |
पदोन्नति |
सीधी भर्ती |
पदोन्नति |
सीधी भर्ती |
पदोन्नति |
राजस्व निरीक्षक |
2167 |
542 |
1625 |
266 |
1262 |
276 |
264 |
पटवारी |
19163 |
19163 |
|
17533 |
|
1630 |
|
(ख) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध दिनांक 30/04/2016 को राज्य शासन द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दायर सिविल अपील में दिनांक 12/05/2016 को यथास्थिति के आदेश पारित किये गये हैं। प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। जी नहीं। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मांग पत्र म.प्र.लोक सेवा आयोग एवं पी.ई.बी. को भेजे गए है, जो प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। शासन द्वारा नायब तहसीलदारों के रिक्त पदों को सीधी भर्ती एवं विभागीय परीक्षा के माध्यम से पूर्ति किये जाने उपरांत नायब तहसीलदार पर्याप्त संख्या में होने से सशक्त नायब तहसीलदारों के अधिकार वापस लिये गए।
नक्शाविहीन ग्रामों के संबंध में
[राजस्व]
65. ( क्र. 2387 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के किन-किन ग्रामों के भू राजस्व विभाग के नक्शे ऑनलाईन फीड नहीं है? क्या ऐसे ग्रामों के नक्शे किसानों को ऑनलाईन दिये जा रहे हैं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या ऑनलाईन एवं ऑफलाईन नक्शों की प्रति न मिल पाने के कारण किसानों की भूमियों का सीमांकन नहीं हो पा रहा है? (ग) जिन ग्रामों के भू राजस्व विभाग के नक्शे ऑनलाईन नहीं है उन ग्रामों के नक्शे निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) के ग्रामों में सीमांकन के कितने प्रकरण लंबित है उनका कैसे निराकरण होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला-भोपाल- भोपाल जिला अन्तर्गत बैरसिया तहसील के दो ग्राम आनंदीपुरा तथा खेडली के नक्शे ऑनलाईन फीड नहीं है जिला-राजगढ़- राजगढ़ जिले में सुल्तानिया खुर्द, पाटक्या, सोनखेडा कलां ग्रामों के नक्शे ऑनलाइन फीड नहीं है। जिला-विदिशा जिला विदिशा के तहसील कुरवाई अंतर्गत ग्राम बरवाई, खजुरिया जागीर, खेमखेडी, करई बैरखेडी, टेकू, सिकन्दरपुर एवं कूल्हन तहसील पठारी अंतर्गत ग्राम छपारा एवं किशनपुर तहसील त्योंदा के ग्राम भिलाए, जमनिया, कस्बा बागरोद, चक बागरोद तहसील ग्यारसपुर के ग्राम इंदरवास, केवटा तहसील नटेरन का ग्राम गूदनखेडी तहसील बासौदा का ग्राम सेमरा बासौदा तहसील लटेरी के ग्राम कुण्डलपुर, कल्याणपुर, भीला, आलमपुर, धूमगिर, बरखेडा, रानीधार, कर्राबर्री, न्यागांव, देहरी, इब्राहिमगंज, झीतरी, डुंगरावनी तहसील शमशावाद के ग्राम पिपलधार, पटटन, लाडपुर एवं तहसील सिरोंज के ग्राम कोरवाई, फजलपुर, घुटुवा, कंदराखेडी, धानोदा, समदपुर, नरखेडा जागीर, सेमरा, कोरवासा, धर्मपुर, बरेण्डा, सारंगपुर, सेमलखेडी, चकना, भोजपुर, संतोषपुर, नूरपुर, अमीरगढ, पठेरा, मिर्जापुर, चाठोली एवं हबीबगंज कुल 9 तहसीलों के 56 ग्रामों के नक्शे ऑनलाईन फीड नहीं जिला सीहोर-निरंक। जिला-रायसेन- निरंक ऐसे ग्रामों के नक्शे किसानो को आनलाईन नहीं दिये जा रहे हैं। (ख) जिला-भोपाल- जी नहीं। (ग) जिन ग्रामों के नक़्शे अत्यंत जीर्णशीर्ण है या नक्शाविहीन है उन ग्रामों के नक़्शे बनाये जाने हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 158 दिनांक 16/02/2021 द्वारा समस्त जिलों को निर्देशित किया गया है l (घ) जिला-भोपाल- सीमांकन के आवेदनों का निर्धारित समय-सीमा में निराकरण किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
थोक केरोसीन डीलरों को क्षतिपूर्ति की राशि प्रदान किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
66. ( क्र. 2456 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले के तीन थोक केरोसिन डीलरों (1. इंडियन ट्रेडर्स परासिया, 2. फ्रेन्डस् पेट्रालियम सौंसर, 3. मिनी ऑईल को. अमरवाड़ा) को वर्ष 1998-2002 के मध्य शासन की केरोसिन भावांतर योजना से बहुत अधिक नुकसान हुआ था? जिसकी भरपाई करने का शासन ने वायदा भी किया था? शासन ने थोक केरोसिन डीलरों का ऑडिट भी वर्ष 2005-06 में कराया था? (ख) छिंदवाड़ा जिले के तीनों थोक केरोसिन डीलरों ने जिन्होनें क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने हेतु माननीय उच्च न्यायालय में केस दायर नहीं किया है और विगत 18 वर्षों से क्षतिपूर्ति की राशि पाने हेतु अनेकों आवेदन पत्र शासन/विभाग में दे चुके है, जिसका प्रकरण खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिवालय में निर्णय हेतु अभी तक लम्बित है? प्रकरण में अभी तक निर्णय नहीं होने का क्या कारण है? (ग) छिंदवाड़ा जिले के उपरोक्त तीनों थोक केरोसिन डीलरों के आवेदन पत्रों/प्रकरण पर शासन/ विभाग द्वारा कब तक आवश्यक कार्यवाही कर निर्णय लेकर, थोक डीलरों को क्षतिपूर्ति की राशि प्रदान कर दी जायेगी? समय-सीमा निर्धारित कर, अवगत करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व रिकार्डों को जिला कानूनगो कार्यालय (रिकार्ड रूम) में उपलब्ध कराया जाना
[राजस्व]
67. ( क्र. 2458 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मिसल बन्दोबस्त वर्ष 1915 के बाद तहसील परासिया, अमरवाड़ा, चैरई, चांद, हर्रई के कृषि भूमि के नक्शे जिला कानूनगो कार्यालय (रिकार्ड रूम) में उपलब्ध है या नहीं? यदि नहीं हैं तो उसका क्या कारण है? कब तक नक्शे जिला रिकार्ड रूम में उपलब्ध करा दिये जायेंगे? (ख) वर्ष 1967 के अधिकार - अभिलेख के बाद तहसील परासिया, छिंदवाड़ा, सौंसर आदि के कृषि भूमि नक्शे जिला रिकार्ड रूम में उपलब्ध है या नहीं? अगर नहीं है तो उसका क्या कारण है? कब तक नक्शे जिला रिकार्ड रूम में उपलब्ध करा दिये जायेंगे? (ग) वर्ष 1967-68 के बाद परासिया उमरेठ सड़क सहित छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत बनी पी.डब्ल्यू.डी. की सभी सड़कें जो किसानों से कृषि भूमि अधिग्रहित कर बनाई गई है उन समस्त सड़कों का नक्शा, खसरा नंबर, रकबा व अन्य संबंधित जानकारी जिला (रिकार्ड रूम) कार्यालय में उपलब्ध है या नहीं? यदि नहीं है तो उसका क्या कारण है? कब तक ऐसी समस्त सड़कों का नक्शा, खसरा नंबर, रकबा व आदि जानकारी जिला रिकार्ड रूम में उपलब्ध करा दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 1915 में बंदोबस्त का कार्य संपूर्ण जिले में हुआ। वर्ष 1967-68 में जिले की प्रश्नांकित तहसीलों में से मात्र परासिया तहसील में ही बंदोबस्त हुआ। वर्तमान में 1915 के बंदोबस्त के नक्शों की डिजीटाइज्ड शीट तहसील अमरवाड़ा, चौरई, चांद, हर्रई की उपलब्ध है तथा तहसील परासिया की वर्ष 1967-68 के नक्शों की डिजीटाइज्ड शीट की प्रति जिला राजस्व अभिलेखागार में तथा ऑनलाईन पोर्टल पर उपलब्ध है। (ख) जी हाँ। नक्शे रिकार्ड रूम में उपलब्ध है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) तहसील परासिया एवं उमरेठ में सड़क सहित छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत बनी पी.डबल्यू.डी. की सभी सड़कें जो किसानों से कृषि भूमि अधिग्रहित कर बनाई गई है, उन समस्त सड़कों का नक्शा,खसरा नंबर, रकवा व अन्य संबंधित जानकारी चालू नक्शों के रूप में उपलब्ध है l वर्ष 1967-68 के नक्शों की डिजीटाइज्ड शीट की प्रति जिला राजस्व अभिलेखागार में तथा ऑनलाईन पोर्टल पर उपलब्ध है l शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
अनुबंधित वाहनों की जानकारी
[राजस्व]
68. ( क्र. 2528 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के समस्त तहसील कार्यालयों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार अनुबंधित वाहनों की जानकारी वर्षवार, कार्यालयवार, वाहन नंबर सहित देवें, अनुबंधित वाहनों में से कमर्शियल उपयोग के कितने वाहन थे एवं निजी उपयोग के कितने वाहन थे? जानकारी देवें व बिना टेण्डर के कितने वाहन अनुबंधित किए गए उनकी जानकारी पृथक से देवें व क्या वाहन मालिकों के द्वारा निजी वाहन का दुरूपयोग कमर्शियल करते हुए, नियमों के विपरीत कार्य किया है, यदि हाँ, तो विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में से वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक अनुबंधित वाहनों के संबंध में विभाग द्वारा जारी विभागीय निति नियम, निर्देशों की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के पालन में अनुबंधित वाहनों के संबंध में कार्यालय द्वारा जारी प्रकाशित विज्ञप्ति की कार्यालयीन प्रति एवं नोटशीट देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्षवार, वाहनवार, कार्यालयवार अनुबंधित वाहनों के कार्यादेश, वाहनों की आर.सी. बुक एवं अनुबंध के पूर्व कार्यालय नोटशीट की प्रति देवे एवं लॉगबुक की प्रति देवें। किए गए भुगतान की जानकारी देवें एवं टी.डी.एस. कटौत्रा किया गया या नहीं हों तो कटौत्रा से संबंधित अभिलेख देवें नहीं तो क्यों नहीं किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। अनुबंध कमर्शियल वाहनों का ही होने से यह प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संबल योजना में आवेदन पत्रों की जानकारी
[श्रम]
69. ( क्र. 2535 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2018 से अब तक कुल कितने आवेदन संबल योजना में अनुग्रह सहायता योजना के प्राप्त हुए है, उनमें स्वीकृत, अस्वीकृत एवं लंबित आवेदन की जानकारी बड़वानी, धार, अलिराजपुर जिले की हितग्राहियों की जानकारी दी जावें। (ख) संबल योजना में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जिन लोगों को अपात्र किया गया था, उसके लिये किस निकाय द्वारा क्या प्रणाली अपनाई गई थी। (ग) क्या जिन हितग्राहियों का पंजीयन निरस्त किया गया था, उन्हें ऐसे निरस्तीकरण की कोई सूचना पूर्व में या बाद में दी गई थी, यदि हाँ, तो ऐसी सूचना की प्रति प्राप्ति रसीद सहित दी जावें। (घ) इस योजना में पात्र हितग्राही की मृत्यु होने पर उसके परिवार को लाभांवित करने की जिम्मेदारी किसकी है? यदि निर्धारित अवधि में ऐसे परिवार को लाभ नहीं स्वीकृत किया जाता है तो इसके लिये दोषियों पर क्या कार्यवाही करने के प्रावधान है, आदेश/निर्देश की प्रति दी जावें। यदि नहीं तो ऐसी नीति कब तक निर्धारित की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 01 अप्रैल 2018 से बडवानी, धार, अलीराजपुर जिलों के प्राप्त, स्वीकृत, अस्वीकृत एवं लंबित आवेदनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सत्यापन कार्यवाही संबल योजना में राज्य शासन के निर्देश क्रमांक 1178/595/ 2019/ए-16 दिनांक 16.08.2019 के अनुसार की गई। निर्देश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) योजना में पात्र हितग्राहियों की मृत्यु होने पर उसके परिवार को अन्त्येष्टि सहायता राशि रूपये 5000 ग्राम पंचायत सचिव/वार्ड प्रभारी द्वारा प्रदाय की जाती है। अनुग्रह सहायता राशि प्रदान किये जाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत/आयुक्त नगर निगम/मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगरीय निकाय विहित प्राधिकारी हैं। यदि निर्धारित समय-सीमा में लाभ नहीं दिया जाता है तो समुचित जाँच उपरान्त मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के अन्तर्गत कार्यवाही की जाती है।
शासकीय भूमि पर हैरा-फेरी
[राजस्व]
70. ( क्र.
2556 ) श्री
मनोज चावला : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्रमांक 627
दिनांक 29/12/2020 के
बिंदु (ख) अंतर्गत
प्रकरण की
प्रचलित
कार्यवाही से
अवगत कराऐं। (ख) प्रकरण
क्रमांक 149/बी-121/2019- 20
में जाँच में
सर्वे
क्रमांक 1345/7
रकबा 0.379
हेक्टेयर
त्रुटिवश
वर्ष दर्ज
होने से विलोपित
कर दी गई, आदेश की
प्रतिलिपि
उपलब्ध
कराऐं। (ग) थाना
प्रभारी आलोट
द्वारा
दोषियों के
विरुद्ध
किन-किन
धाराओं में
अपराध
पंजीबद्ध
किया गया और
क्या
कार्रवाई की
गई है,
कार्रवाई
के संबंध में
समस्त
दस्तावेज की
प्रतियां उपलब्ध
कराऐं। (घ) क्या
इस संबंध में
शासन दोषियों
के विरुद्ध उच्च
स्तरीय जाँच
करवाएगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) न्यायालय
तहसीलदार
आलोट के
प्रकरण
क्रमांक 56/बी-121/20-21
में
प्रश्नाधीन
भूमि 1351
रकवा 1.181
हे. श्री
हनुमान मंदिर
प्रमिलागंज
प्रबंधक
कलेक्टर का
सीमांकन
दिनांक 23.12.2020 को किया
जाकर मंदिर की
भूमि
सुरक्षित
करने के आशय
से मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी आलोट
को सिमेंट पोल
लगाकर तार
फेंसिंग करने
हेतु पत्र क्रमांक
31/री-1/2021
दिनांक 11.1.2021 जारी
किया गया
जिसमें
दिनांक 8.02.21 को नगर
पालिका आलोट
के द्वारा
सिमेंट पोल
लगाकर तार
फेंसिंग की जा
चुकी है। (ख) आदेश
की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है।
(ग)
थाना
प्रभारी आलोट
द्वारा
दोषियों के
विरुद्ध
भारतीय दण्ड
संहिता की
धारा 420
के तहत प्रथम
सूचना
प्रतिवेदन
दर्ज किया
जाकर अन्वेषण
में है। थाना
प्रभारी आलोट
द्वारा दर्ज
की गई एफ.आई.आर.
की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब
अनुसार है।
(घ)
प्रश्नांश
(ग) के उत्तर
के प्रकाश में
जाँच पूर्व से
प्रचलित होने से
प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
गरीब परिवारों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
71. ( क्र. 2567 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब परिवारों को प्रति व्यक्ति कितना गेहूं, चावल, केरोसीन, चना, आदि उपलब्ध कराया जाता हैं। बड़नगर तहसील में कितने परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यापम कर रहे हैं दुकानवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने गरीब उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची जारी की गई है और कितने उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है जिन उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है उन्हें कब तक जारी करा कर राशन उपलब्ध करा दिया जावेगा। (ग) ऐसे कितने उपभोक्ता है जो उम्र अधिक होने से अंगूठे का निशान नहीं आ रहा है उनकी कितनी संख्या है दुकानवार नामवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे। शासन ऐसे उपभोक्ताओं को राशन प्रदान करने की क्या व्यवस्था है और इन्हें कब तक राशन उपलब्ध करा दिया जावेगा।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) उज्जैन जिले में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले प्राथमिकता परिवारों को प्रति व्यक्ति 04 किग्रा. गेहूं एवं 01 किग्रा. चावल उपलब्ध कराया जाता है। जिन माहों में मोटे अनाज का आवंटन जिले को उपलब्ध कराया जाता है उन माहों में प्रति व्यक्ति दिये जाने वाले मोटे अनाज की मात्रा के बराबर गेहूं की मात्रा कम की जाती है। अंत्योदय परिवारों को 30 किग्रा. गेहूं एवं 05 किग्रा.चावल जिले में उपलब्ध कराया जाता है। जिन माहों में मोटे अनाज का आवंटन जिले को उपलब्ध कराया जाता है उन माहों में प्रति परिवार दिये जाने वाले मोटे अनाज की मात्रा के बराबर गेहूं की मात्रा कम की जाती है। जिले में केरोसीन अंत्योदय परिवारों को 03 लीटर एवं बी.पी.एल. सहित प्राथमिकता परिवारों को 02 लीटर प्रति परिवार प्रतिमाह उपलब्ध कराया जाता है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वर्तमान में चने का आवंटन नहीं दिया जा रहा है। प्रश्नांकित तहसील में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों की दुकानवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में बी.पी.एल. एवं ए.ए.वाय. परिवारों को कुल 22691 तथा शेष प्राथमिकता परिवार श्रेणियों के 10140 पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। नवीन परिवार द्वारा पोर्टल पर आवेदन प्रस्तुत करना, आवेदकों की पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन तथा स्वीकृति एक सतत् प्रक्रिया है। परिवार की स्वीकृति उपरांत भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या सीमा तक वैध पात्रताधारी लाभार्थियों को मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची एवं राशन आवंटन जारी कर प्रदाय किए जाने की सुविधा दी गई है। (ग) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 16 ऐसे उपभोक्ता हैं जिनके अंगूठे का निशान मशीन में न आने के कारण उनके नॉमिनी बनाकर उन्हें पात्रता की राशन सामग्री नियमित उपलब्ध कराई जा रही है। ऐसे उपभोक्ताओं की दुकानवार सूची संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बैतूल द्वारा स्वीकृत ऋण
[सहकारिता]
72. ( क्र. 2573 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सह.केंद्रीय बैंक मर्या. बैतूल द्वारा अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक उद्यानिकी प्रकरणों, शासन एवं बैंक की समस्त योजनांतर्गत कितनी राशि के कितने लोगों के अकृषि ऋण वितरण किस-किस उद्देश्य से स्वीकृत किए गए? बैंक की शाखावार, वर्षवार, उद्देश्यवार राशि सहित संख्या की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उक्त ऋण स्वीकृति के दौरान समितियों की बैठक का क्या कोरम पूर्ण था? सभी कार्यवाही विवरणों के अंत में अध्यक्ष के हस्ताक्षर प्राप्त किए गए? यदि हाँ, तो कितनों में संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो संबंधित पर उत्तरदायित्व निर्धारित कर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) उपरोक्त प्रकरणों में कितने प्रकरण कालातीत हुए और इसके लिए कौन उत्तरदायी है उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हॉ, ऋण उप समिति तथा संचालक मण्डल की सभी संबंधित बैठकों में कोरम पूर्ण था तथा कार्यवाही विवरण के अंत में अध्यक्ष के हस्ताक्षर प्राप्त किये गये, उत्तरांश 'क' में दर्शित प्रकरणों में से कुछ प्रकरण ऋण उप समिति की बैठक में स्वीकृत किये गये तथा अधिकांश प्रकरण नोटशीट पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अध्यक्ष द्वारा स्वीकृत कर संचालक मण्डल की बैठक में पुष्टि कराये गये है। 05 ऋण उपसमिति तथा 07 संचालक मण्डल की बैठक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 1142 प्रकरण कालातीत हैं, प्रकरणों में बैंक द्वारा वसूली हेतु प्रयास किये जा रहे हैं परन्तु उसके पश्चात भी हितग्राहियों द्वारा वसूली की निर्धारित किश्त जमा नहीं की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृद्धाश्रमों में राशन का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
73. ( क्र. 2576 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड, श्योपुर में कितने लोगों का वृद्धाश्रमों का राशन, राशन की दुकानों से पहुंचाया जाता था, लोगों की संख्या, खाद्यान की मात्रा सहित जानकारी दी जावें। (ख) क्या अगस्त 2020 से वृद्धाश्रमों में खाद्यान की भरपूर उपलब्धता होने के बावजूद भी राशन की दुकानों से नहीं पहुंचाया गया? इस समस्या के कारण आश्रम में रह रहे वृद्धजनों को भोजन समय पर नहीं मिल पा रहा है? (ग) क्या वृद्धाश्रमों की तरह, नि:शक्त छात्रावासों महिला सुधार गृह, बालगृहों को भी कई महिनों से राशन नहीं दिया गया है क्यों? राशन किन परिस्थतियों में बंद किया गया, इस समस्या के लिये कौन अधिकारी, कर्मचारी जिम्मेदार है, उनके खिलाफ शासन क्या कार्यवाही करेगा तथ्यों सहित जानकारी दी जावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ग्वालियर जिले के किसी भी वृद्धाश्रम द्वारा कल्याणकारी एवं छात्रावास योजना के अंतर्गत पंजीयन न होने से आवंटन नहीं दिया जा रहा है। श्योपुर जिले में 02 वृद्धाश्रम हैं जिसमें प्रेरणा वृद्धाश्रम श्योपुर के 25 व्यक्तियों को 3.24 क्विंटल गेहूं एवं 0.81 क्विंटल चावल तथा स्व. गुलाबचंद वृद्धाश्रम के 18 व्यक्तियों को 2.28 क्विंटल गेहूं एवं 0.57 क्विंटल चावल का मासिक आवंटन जारी किया गया है। मुरैना जिले में 01 वृद्धाश्रम के 13 लोगों को प्रतिमाह 1.5 क्विंटल गेहूं एवं 0.39 क्विंटल चावल आवंटित है। भिंड जिले में 04 वृद्धाश्रमों में 77 व्यक्तियों को 12 कि.ग्रा. प्रति व्यक्ति के मान से गेहूं एवं 03 कि.ग्रा. प्रति व्यक्ति के मान से चावल का आवंटन जारी किया जाता है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांकित अवधि में पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न सभी उचित मूल्य दुकानों से आश्रम के अधिकृत व्यक्तियों के माध्यम से पहुंचाया गया है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कल्याणकारी एवं छात्रावास योजना के अंतर्गत पंजीकृत सभी पात्र संस्थाओं हेतु राशन का प्रदाय संस्थाओं को किया गया है। ग्वालियर जिले में 01 नि:शक्त छात्रावास के 58 रहवासियों को प्रतिमाह आवंटित सामग्री का प्रदाय किया जा रहा है। इसी प्रकार मुरैना जिले में नेत्रहीन आवासीय विद्यालय को 2.5 क्विंटल गेहूं, क्रांतिकला संगम छात्रावास को 1.50 क्विंटल गेहूं जनवरी माह में वितरण पंजी से वितरित किया गया है। इसके पूर्व लॉकडॉउन की अवधि में छात्रावास रिक्त होने के कारण खाद्यान्न का दुकानों से प्रदाय नहीं किया गया। शासकीय वृद्धाश्रम मुरैना को मेनका गांधी प्राथमिक उपभोक्ता भंडार द्वारा आवंटन अनुसार प्रतिमाह खाद्यान्न प्रदाय नहीं किये जाने के कारण दुकान निलंबित की जाकर संबंधित विक्रेता के विरुद्ध 15.12.2020 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
संचालित लोक सेवा प्रबंधन केन्द्र की जानकारी
[लोक सेवा प्रबन्धन]
74. ( क्र. 2577 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में लोक सेवा प्रबंधन के केन्द्र कहां-कहां पर कब से संचालित है तथा लोकसेवा प्रबंधन विभाग के गठन में कौन से अधिकारी नामांकित किये गये है? (ख) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2014 के अनुसार जिले में केन्द्रो पर कितने आवेदन वर्ष 2019, 2020 में जाति प्रमाण पत्र, मूल निवासी, आय प्रमाण पत्र आनलाईन, ऑफलाईन प्राप्त हुए इनका निराकरण समय-सीमा में कितनी संख्या में हुआ संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्त प्रकरणों का समय-सीमा में विलम्ब के लिये कितने अधिकारी, कर्मचारी दोषी पाये गये, जिन पर क्या कार्यवाही की गई पूर्ण जानकारी दी जावे।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) ग्वालियर जिले में लोक सेवा केन्द्र तहसीलवार- (1) ग्वालियर (2) मुरार (3) घाटीगांव (4) डबरा (5) तानसेन (6) सिटीसेंटर (7) भितरवार एवं (8) चिनौर में वर्ष 2012 से संचालित है। जिला स्तर पर लोक सेवा प्रबंधन विभाग के गठन में जिला प्रबंधक (लोक सेवा) एवं कार्यालय सहायक (लोक सेवा) कार्यरत है। (ख) ग्वालियर जिले में वर्ष 2019, 2020 में जाति प्रमाण पत्र, मूल निवासी, आय प्रमाण पत्रों के ऑनलाईन आवेदनों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में ऑनलाईन सुविधा होने से ऑफलाईन आवेदन दर्ज नहीं किये जाते है। (ग) कुल 11 अधिकारियों पर कार्यवाही की गई, जिसमें से 09 अधिकारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया एवं 02 अधिकारियों पर शास्ति अधिरोपित की गई।
पदोन्नति दिये जाने का शासकीय प्रावधान
[राजस्व]
75. ( क्र.
2628 ) श्री
रामलाल
मालवीय : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राजस्व
विभाग अंतर्गत
अधीक्षक से
डिप्टी
कलेक्टर अथवा
लेखाधिकारी, सहायक
अधीक्षक से
अधीक्षक एवं
स्टेनों टाईपिस्ट
से शीघ्र लेखक
वर्ग-3
(स्टेनोग्राफर)
के पद पर
पदोन्नति
हेतु शासन द्वारा
क्या
प्रावधान
बनाये गये हैं
तथा क्या
उक्त
पदोन्नति
किये जाने पर
कोई प्रतिबंध है? (ख) यदि
उक्त
पदोन्नति
किये जाने पर
प्रतिबंध है तो
क्या अधीक्षक, सहायक
अधीक्षक एवं
स्टेनों
टाईपिस्ट के
पद की पदक्रम
सूची जारी
करने पर भी
प्रतिबंध है? (ग) यदि
पदक्रम सूची
जारी करने पर
कोई प्रतिबंध
है तो क्या
अधीक्षक, सहायक
अधीक्षक एवं
स्टेनों टाईपिस्ट
के पद की
पदक्रम सूची
वर्ष 2014
से प्रतिवर्ष 01
अप्रैल की
स्थिति में
जारी की गई है? प्रसारित
पदक्रम सूची
की प्रति
देवें।
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ। (ख) जी
नहीं। (ग) जी
हाँ। जिलेवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार
है।
अधीक्षक/सहायक
अधीक्षक की
पदक्रम सूची की
प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'ब' अनुसार
है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत की जाने वाली खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
76. ( क्र. 2644 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत की जाने वाली खरीदी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि का आंशिक भुगतान नहीं मिल पा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो 31 जनवरी 2021 तक केन्द्र सरकार द्वारा कितनी राशि का भुगतान नहीं मिला है। (ग) केन्द्र सरकार द्वारा राशि का भुगतान नहीं किए जाने के क्या कारण है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क), (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नदियों के रेत खदानों का ठेका दिया जाना
[खनिज साधन]
77. ( क्र. 2673 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले अन्तर्गत विभिन्न नदियों के रेत खदानों को ठेकों में दिया गया है, यदि हाँ, तो किन-किन नदियों के किन-किन ग्राम पंचायतों के अन्तर्गत कितने-कितने राशि में ठेके पर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभिन्न वाहनों से रेत परिवहन किया जाता है तो रायल्टी का रेट निर्धारित किया गया? यदि किया गया है तो वाहन प्रकार अनुसार तय की गई रायल्टी रेट सूची उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्प्रदेश राजपत्र (असाधारण) द्वारा दिनांक 22/01/2021 से खनिज रेत की रॉयल्टी दर रूपये 125/- प्रति घनमीटर निर्धारित है। यद्यपि मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ठेकेदार की वर्तमान अनुबंधित दर रूपये 214.18 प्रति घन मीटर है। वाहन के प्रकार के आधार पर रॉयल्टी तय नहीं की जाती है।
ओरियंट पेपर मिल्स सोडा फैक्ट्री आदि में कार्यरत मजदूरों की संख्या
[श्रम]
78. ( क्र. 2674 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शहडोल/अनूपपुर क्षेत्र अंतर्गत संचालित ओरियंट पेपर मिल्स, सोडा फैक्ट्री मोजर वियर (पावर प्लांट) कोयला खद्यान (ओपन कास्ट) धनपुरी तथा अन्य संस्थाओं (व्यवसायिक) में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने मजदूर किन-किन संस्थाओं में कार्यरत है? प्रत्येक की पृथक-पृथक संख्या बताएं। (ख) उक्त सभी संस्थाओं में कार्यरत मजदूरों को शासन के नियमों के अनुरूप मजदूरी के अलावा और क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराने का प्रावधान है? (ग) क्या शासन के नियमों के अनुरूप सभी संस्थानों में एक समान मजदूरी या अन्य सुविधायें नहीं दी जाती है? यदि हां तो संबंधित संस्थाओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में जिला अनूपपुर/शहडोल क्षेत्र के संचालित सभी संस्थानों में अधिकारियों द्वारा कितने बार भ्रमण किया गया है एवं भ्रमण के दौरान क्या कमी पाई गई और क्या कार्यवाही की गयी है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शहडोल/अनुपपुर जिले में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक ओरियंट पेपर मिल्स, कास्टिक सोडा फैक्ट्री, मोजर वियर (पाॅवर प्लांट) एवं अन्य संस्थानों (व्यवसायिक) में कार्यरत मजदूरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। शहडोल जिले के कोयला खदान (ओपन कास्ट) धनपुरी केन्द्र सरकार के कार्य क्षेत्र में होने के कारण राज्य के श्रम विभाग के क्षेत्राधिकार में नहीं है। (ख) कारखाना अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत कारखानों में कार्यरत श्रमिको को कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों के अंतर्गत उनमें नियोजित श्रमिकों की संख्या के आधार पर पीने के पानी, हाथ धोने की व्यवस्था, शौचालय, मूत्रालय, रेस्ट रूम/लंच रूप, केंटिंन प्रथमोपचार, झूला घर एवं आक्यूपेशनल हेल्थ सेंटर, सवैतनिक अवकाश, त्यौहारी अवकाश आदि की सुविधाए उपलब्ध कराने का प्रावधान है। (ग) उपरोक्त संस्थानों में श्रम कानूनों के अनुसार निर्धारित एक समान मजदूरी एवं अन्य सुविधाए दी जाती है। यदि संबंधित संस्था के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उस पर नियमानुसार संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। शेष के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक जिला शहडोल एवं अनुपपुर क्षेत्र में संचालित संस्थानों में अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
चार्टर बसों में दिव्यांग हेतु आरक्षित सीट
[परिवहन]
79. ( क्र. 2677 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चार्टर बसों का संचालन म.प्र. के सभी सड़क मार्गों पर किया जा रहा है तथा चार्टर बसों में आरक्षित दिव्यांग यात्रियों की सीट पर सामान्य वर्ग के यात्रियों को टिकिट प्रदान की जा रही है तथा दिव्यांग यात्रियों को आरक्षित सीट प्रदान नहीं करते हुए अन्य सीट क्यों प्रदान की जा रही हैं, क्या इस प्रकार की अनियमितताएं रोकी जाएंगी? स्पष्ट करें। (ख) दिव्यांग यात्रियों को चार्टर बसों में ऑनलाईन बुकिंग की व्यवस्था क्यों नहीं है, जबकि अन्य यात्रियों के लिए ऑनलाईन की व्यवस्था है? इस प्रकार दिव्यांगों के साथ दोहरा मापदण्ड क्यों अपनाया जा रहा है? सभी बुकिंग काउन्टर पर दिव्यांग यात्रियों को ऑनलाईन बुकिंग की व्यवस्था हेतु आदेश जारी किया जाएगा? (ग) क्या दिव्यांग यात्रियों को जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रदान किया गया दिव्यांग प्रमाण-पत्र ही मान्य किया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सभी प्रकार की प्रकम बसों के साथ-साथ चार्टर बसों में भी दिव्यांगों के लिये सीट का चिंहाकन किया गया है। दिव्यांग यात्री के द्वारा यात्रा करते समय चिन्हाकिंत सीट, दिव्यांग यात्री को ही प्रदान की जाती है। यह कहना सही नहीं है कि दिव्यांग यात्री के होते हुये उनकी सीट सामान्य यात्री को दे दी जाती है। परिवहन कार्यालयो में इस प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित परिवहन अधिकारी द्वारा उस वाहन के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) यह कहना सही नहीं है कि ऑनलाईन बुकिंग की सुविधा में इस प्रकार का कोई विभेद है कि सामान्य यात्री बुकिंग करने में सक्षम है और दिव्यांग यात्री नही। ऑनलाईन बुकिंग सामान्य और दिव्यांग दोनो ही यात्रियों द्वारा की जा सकती है। (ग) जिला मेडीकल बोर्ड द्वारा प्रदत्त दिव्यांग प्रमाण- पत्र के साथ ही यूनिक डिसएबिलिटी कार्ड भी मान्य किया जा रहा है।
शासकीय भूमि पर जालसाजी के द्वारा अतिक्रमण
[राजस्व]
80. ( क्र. 2692 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के रघुराजनगर तहसील में भूमाफियाओं द्वारा बिना कलेक्टर की मंजूरी के शासकीय भूमि को निजी स्वामित्व में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर करा लिया? (ख) यदि हाँ, तो क्या पटवारी हल्का नम्बर-99, बिरूहली, बेला, डेलौरा, (घूटडांग, बदखर) कोलगवां, अमौधा, बरदाडीह, कृपालपुर, बगहा, सतनाशहर आदि हल्कों में वर्ष 1958-59 के वर्ग-6 में 255 एकड़ 5 डिसमिल तथा वर्ग-9 में 10 एकड़ 89 डिसमिल आराजीशासकीय दर्ज थी, जो आवंटित होकर प्रश्न दिनांक को भू-माफियाओं के कब्जे में है, उक्त हल्का की आराजी नं.-139/1 रकबा लगभग 12.60 एकड़ आवंटित आराजी भी भू-माफियाओं के नाम हो गई है? (ग) इसी तरह चित्रकूट के ग्राम रजौला की आराजी नं.-102/1/9 रकबा 3.23 हैक्टेयर आराजी नं.-274, 282, 364, 368, 369 के अलावा चित्रकूट से लगे पटवारी हल्कों में आवंटित आराजियों, निजी स्वामित्व में चली गई है जिन्हें पुन: म.प्र. शासन किया जाना चाहिए किन्तु अभी तक ऐसा क्यों नहीं किया गया? कब तक उक्त शासकीय भूमि को म.प्र.शासन के नाम से दर्ज किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क्) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत ग्राम सोनौरा की आराजी के मामले में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर शास0 भूमि को भू-स्वामी स्वत्व में परिवर्तित किये जाने के मामले प्रकाश में आने पर उक्त भूमि को पुन: म.प्र. शासन दर्ज किया जा चुका है। (ख) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत प्रशंनाकित पटवारी हल को/ग्रामों में वर्ष 1958-59 में शा0 आराजी निम्नानुसार है -
पटवारी हल्का का नाम |
वर्ष में दर्ज 1958-59 की स्थिति में रकबा (एकड़) |
बिरहुली |
133.98 |
बेला |
80.07 |
डेलौरा |
360.47 |
घूरडांग |
138.50 |
बदखर |
333.51 |
कोलगवां |
290.35 |
अमौधा |
73.84 |
कृपालपुर |
1015.48 |
बगहा |
116.99 |
सतना |
705.47 |
योग |
2915.09 |
मौजा ग्राम बेला की वर्ष 1958-59 की खतौनी के गोसवारे में वर्ग- 6 में 255 ए. 5 डिसमिल तथा वर्ग- 9 में 10 ए. 89 डिसमिल आराजी अंकित है। वर्ष 1958-59 की खतौनी के अनुसार मौजा बेला की आराजी नं 139/1 रकवा 12.62 एकड़ गैर हकदार के रूप में खाता क्रमांक अपठनीय कॉलम नं 2 में मालिक कास्तकार यदुवंश सिंह वल्द देव सिंह परिहार सा. घूरडांग तथा कॉलम नं 4 में बलराम सिंह बघेल साकिन घूरडांग वाहुक्म नायब तहसीलदार- साहब क्रमांक 19 ए/178 दिनांक 22/09/61 हश्व धारा 162 बनाम यदुवंश सिंह घूरडांग के नाम मंजूर हुआ अंकित है। वर्तमान में उक्त आराजी नं 139/1/क/1 रकवा 2.112 हे. श्रीमती सोनिया भल्ला पत्नी संजीव भल्ला सा. घूरडांग के नाम है इसी तरह 139/1/क/2 रकवा 2.112 हे. श्रीमती सुनीता भल्ला पत्नी राजीव भल्ला के नाम से है 139/1/ख रकवा 0.681 हे. सुभाष सिंह पिता रामसनेही सिंह एवं 139/2 रकवा 0.202 हे. में बिरला कारपोरेशन लिमि. सीमेंट डिवीजन सतना के नाम 4 बटा अंकों के रूप भू-स्वामित्व स्वत्व में दर्ज है। (ग) तहसील मझगवां अंतर्गत चित्रकूट के ग्राम रजौला की प्रश्नांकित आराजियों की जानकारी निम्नानुसार है –
क्र. |
आराजी क्र. |
रकवा (हे. में) |
वर्तमान स्थिति |
1 |
102/1/9 |
3.236 |
म.प्र. शासन दर्ज है। |
2 |
274 |
21.03 |
श्रीमती राजमाता साहिबा सा. देह दर्ज है। |
3 |
282 |
90.58 |
श्री राजव राजीव नंदन श्रीवास्तव सा. देह दर्ज है। |
4 |
364 |
18.58 |
देवीदीन वल्द कटो. बद्रीप्रसाद, वल्द जगन्नाथ, प्रयाग प्रहलाद कौम ब्रा. सा. सेमरिया दर्ज है। |
5 |
368 |
26.10 |
|
6 |
369 |
30.00 |
ग्राम रजौला की आ.नं. 102/1/9 वर्ष 1958-59 से शासकीय दर्ज है जबकि उक्त शेष आराजियां वर्ष 1958-59 की खतौनी में भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है। अत: शासकीय करने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर हो रही अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
81. ( क्र. 2693 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य की कितनी दुकाने किस-किस के द्वारा संचालित की जा रही हैं? दुकानवार सेल्समैंन एवं प्रबंधकों के नाम सहित विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) की दुकानों द्वारा मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सामग्री किस-किस माह में कितनी प्राप्त की गई? कितनी मात्रा मशीन से थम्ब इम्प्रेशन से वितरित की गई? कितनी मात्रा ऑफ लाईन दी गई? (ग) क्या मशीन से ही वितरण के आदेश हैं? फिर भी मशीन से सामग्री प्रदान न कर फर्जी तरीके से विवरण दर्शाया गया है? ऐसे दुकानदारों के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त होने के बाद क्या-क्या कार्यवाही किसके-किसके विरूद्ध कब-कब की गयी है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 110 उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' में समाहित है। (ग) जी हाँ। किसी कारणवश से बॉयोमेट्रिक सत्यापन से वितरण नहीं हो पाने की स्थिति में विक्रेता द्वारा रजिस्टर से वितरण करने पर भारत सरकार के अन्न वितरण पोर्टल पर उसकी मात्रा दर्ज की जाती है। फर्जी तरीके से वितरण का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। शेष भाग की जानकारी निरंक है।
तीन वर्ष से अधिक समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारी
[राजस्व]
82. ( क्र. 2696 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर एवं रायसेन जिले में ऐसे कौन-कौन से अधिकारी है जो कि तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ है? (ख) क्या किसी अधिकारी को किसी पद पर एक ही स्थान पर पदस्थापना की समय-सीमा शासन/विभाग द्वारा तय की गई है? यदि हाँ, तो कितने समय तक कोई अधिकारी एक स्थान पर एक पद पर पदस्थ रखा जा सकता है? (ग) क्या विभाग ऐसे अधिकारियों को अन्यत्र स्थानांतरित करने की कार्यवाही करेगा जो एक ही स्थान पर तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व स्थापना के अंतर्गत पदस्थ अधिकारियों की जानकारी निरंक है। (ख) जी हाँ। राज्य एवं जिला स्तर पर पदस्थापना के संबंध में कार्यवाही "स्थानान्तरण नीति" अनुसार की जाती है। जिसके अनुसार वर्कर्स एवं रेगुलेटरी विभागो को छोड़कर अन्य विभागो में मात्र 03 वर्ष की अवधि को स्थानान्तरण का आधार न बनाया जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पनागर में पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
83. ( क्र. 2720 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत सभी पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची वितरण कर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम पंचायतवार एवं नगर निगम वार्डवार अनुसार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) यदि नहीं तो कब तक वितरण की जावेगी? (घ) क्या सभी पात्र व्यक्तियों को पात्रता पर्ची मिल जाने की सुनिश्चतता की जावेंगी? यदि हाँ, तो किस आधार पर?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र पनागर में सभी वैध पात्र आवेदक परिवारों हेतु जारी पात्रता पर्ची का वितरण कर दिया गया है। (ख) विधानसभा क्षेत्र पनागर के पात्र परिवारों की ग्राम पंचायतवार एवं वार्डवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ तथा ब अनुसार है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत नवीन आवेदक परिवारों द्वारा आवश्यक वैध दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत करने पर उनकी पात्रता व दस्तावेजों के परीक्षण, सत्यापन उपरांत मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची एवं सामग्री आवंटन जारी कर प्रदाय किए जाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
एस.डी.एम. कार्यालय के भवन हेतु बजट प्रावधान
[राजस्व]
84. ( क्र. 2727 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अन्तर्गत एस.डी.एम. कार्यालय लांजी तथा एस.डी.एम. कार्यालय किरनापुर के भवन तथा एस.डी.एम. निवास हेतु बजट में प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो इस हेतु प्रशासकीय स्वीकृति कब तक कर दी जाएगी? (ख) बालाघाट जिले में लांजी और किरनापुर के अलावा और कहाँ-कहाँ एस.डी.एम. कार्यालय तथा एस.डी.एम. निवास हेतु बजट में प्रावधान हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के उपरांत ही बजट में प्रावधान प्रस्तावित किया जाता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के बाद ही बजट में प्रावधान प्रस्तावित किया जाता है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी बाहुल्य इलाके में सिंचाई सुविधा
[जल संसाधन]
85. ( क्र. 2732 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन सर्वे संभाग बालाघाट के अन्तर्गत तहसील बहैर के 100% आदिवासी बाहुल्य ग्राम कुल्पा, कावेली, कोरका, चालीसबोडी, माटे, उस्कान चक, नया टोला, मोहनपुर, गुसलमारा तथा विकासखण्ड किरनापुर के अन्तर्गत कसंगी में लगभग 1500 एकड़ खेती में सिचाई हेतु उस्काल नाले पर कावेली बांध बनाने पर क्या शासन विचार करेगा? (ख) क्या कावेली बांध का कार्य वर्ष 1984 में प्रारंभ किया गया था किन्तु वन क्षेत्र आने के कारण इसे बंद कर दिया गया? (ग) क्या यह देखते हुए कि उक्त वर्णित क्षेत्र अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित इलाका हैं तथा केन्द्र शासन नक्सल इलाके में विकास कार्यों में वन क्षेत्र अनापति को विकास में बाधा नहीं बनने देती क्या कावेली बांध का कार्य प्राथमिकता पर पुन: प्रारंभ किया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। तथ्यात्मक स्थिति यह है कि कावेली बांध का निर्माण वर्ष 1981 में प्रारंभ किया गया था किंतु बांध से वन क्षेत्र प्रभावित होने के कारण वनसंरक्षण अधिनियम, 1980 के प्रभावशील होने के कारण कार्य बंद कर दिया गया। (ग) शासन स्तर पर ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
UCTCL से हुई बस चोरी के मामले में कार्यवाही
[परिवहन]
86. ( क्र. 2740 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व के शीतकालीन सत्र दिसंबर की बैठक दिनांक 19/12/19 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1376 में उज्जैन नगर निगम एवं सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड कंपनी की परिवहन संबंधी मामलों में RTO समिति में सदस्य होता है, यह तथ्य छुपाया गया था? यदि नहीं, तो पूर्व में दिये गए उत्तरों में परिवहन विभाग का कोई संबंध नहीं है, क्या इस प्रकार का कथन किया जाना उचित है? (ख) क्या विधानसभा सत्र बैठक दिनांक 19/12/2019 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1376 के जवाब में बसों के पंजीकृत वाहन स्वामी आर्या ई कनैक्ट इंटरसिटी प्रायवेट लिमिटेड द्वारा परमिट और NOC के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जाना बताया गया था? (ग) क्या वर्तमान में उक्त कंपनी के नाम से वाहन रजिस्टर्ड है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से वाहनों का रजिस्ट्रेशन जीवित हैं और कितने वाहनों का पंजीयन निरस्त किया जा चुका है? उपरोक्त बिन्दुओं पर समस्त प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 1376 के किसी भी प्रश्नांश के खण्ड में यह नहीं पूछा गया था, कि आर.टी.ओ. उज्जैन नगर निगम एवं सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड कंपनी की बैठकों में सदस्य होता है, अतः यह कहा जाना सही नहीं है कि प्रश्न क्रमांक 1376 के उत्तर में यह तथ्य छुपाया गया था। इसी तारतम्य में एक अन्य विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1010 के उत्तर में भी यह स्पष्ट किया गया था, कि नगर निगम एवं सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड कंपनी के स्वामित्व की यात्री बसों का नियंत्रण, वित्तीय प्रबंधन या बसों के संचालन के संबंध में इन संस्थाओ में आर.टी.ओ को किसी समिति में दायित्व नहीं दिया गया है। अतः यह कहा जाना सही नहीं है कि पूर्व में दिये गये उत्तरों में परिवहन विभाग का कोई संबंध नहीं है, इस प्रकार का कथन किया गया है। नगर निगम उज्जैन एवं सिटी ट्रासपोर्ट लिमिटेड कंपनी उज्जैन शासन के परिवहन विभाग से पृथक स्वशासी नियमों के अधीन एक पृथक संस्थान है तथा इन संस्थानों में आर.टी.ओ. को किसी समिति का सदस्य नहीं बनाया गया है। उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड के पत्र क्रमांक यूसीटीसीएल/2020/276 दिनांक 11.12.2020 (संलग्न) के अनुसार केवल वाहन संचालन के संबंध में उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड की बैठक में परिवहन अधिकारी या उनके प्रतिनिधी को आंमत्रित किये जाने पर परिवहन अधिकारी एवं उनके प्रतिनिधी उपस्थित होते हैं। (ख) जी हाँ। प्रश्न क्रमांक 1376 के खण्ड (ग) के जवाब में बसों के पंजीकृत वाहन स्वामी आर्य ई कनेक्ट इंटरसिटी प्रायवेट लिमिटेड द्वारा परमिट एवं एन ओ सी के लिये आवेदन प्रस्तुत किये जाने का उल्लेख किया गया है। (ग) उक्त कम्पनी के नाम से वर्तमान में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्जैन में कोई भी वाहन रजिस्टर्ड नहीं है, अतः शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है।
खनिज नियमावली की अनुसूची में विसंगति
[खनिज साधन]
87. ( क्र. 2743 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. गौण खनिज नियमावली 1996 को अनुसूची 02 के अनुक्रमांक 03 के खनिज पत्थर, मिट्टी रोड मेटल एवं अनुसूची 01 के अनुक्रमांक 06 के खनिज यांत्रिक क्रिया द्वारा निर्मित गिट्टी एक समान है? यदि हाँ, तो दोनो को अलग-अलग सूची में क्यों रखा गया है? यदि नहीं तो दोनों का केमिकल कम्पोजिशन बतावें तथा वह वैज्ञानिक तथ्य बतावें जो दोनों को विभिन्न करते हैं? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1479 दिनांक 12.07.2019 के सन्दर्भ में बतावें कि क्या धोलावाड़ के कैचमेन्ट एरिया में कोई खदान आंवटित की गई है यदि हाँ, तो उनकी विस्तृत जानकारी देवे तथा बतावें की 119 खदानों को पर्यावरण को अनुमति लेना जरूरी है या नही, यदि हाँ, तो पर्यावरण अनुमति की प्रति देवें। (ग) क्या इन्दौर उच्च न्यायालय में प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में कोई फैसला दिया है? यदि हाँ, तो बतावें कि उसके अनुसार क्या यांत्रिक क्रिया की खदान को भी नीलाम किया जाना चाहिए, यदि हाँ, तो क्या आदेश अनुसार पूर्व में आवंटित की गई खदान निरस्त की जाना चाहिए या नहीं? (घ) क्या रतलाम जिले में खनिज अधिकारियों की मिली भगत से जमकर अवैध उत्खनन हो रहा है क्या इसकी उच्चस्तरीय जाँच की जावेगी तथा मुम्बई दिल्ली 08 लेन के ठेकेदारो को बिना अनुमति अवैध उत्खनन करने पर जुर्माना लगाया जायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 की अनुसूची-एक के अनुक्रमांक 6-क में विनिर्दिष्ट खनिज पत्थर को यांत्रिक क्रिया द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु उत्खनिपट्टा प्रदान किये जाने के प्रावधान हैं। अनुक्रमांक 6-ख में विनिर्दिष्ट खनिज पत्थर/खण्डा/ढोका की स्वीकृतियां पत्थर उद्योग की स्थापना किये बगैर भी प्रदान करने के प्रावधान नियम में हैं। दोनों प्रकार के पत्थर में केवल उपयोग के आधार पर भिन्नता निर्धारित की गई है, भिन्नता का आधार केमिकल कम्पोजिसन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश अनुसार खदानों में खनन संक्रिया प्रारंभ के पूर्व पर्यावरण अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य है। प्रश्नांश अनुसार 119 खदानों में से 115 खदानों में प्राप्त पर्यावरण स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, 04 खदानों में पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इंदौर द्वारा पृथ्वी इंफ्रास्ट्रक्चर विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य में रिट याचिका क्रमांक 6215/2019 में पारित आदेश दिनांक 27/06/2019 के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 25364/2019 (मेसर्स ट्रिनिटी इंफ्रास्ट्रक्चर) एवं अन्य याचिकाऐं दायर की गई थीं। जिसमें माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा आदेश दिनांक 21/09/2020 से माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इंदौर द्वारा पारित आदेश दिनांक 27/06/2019 को अपास्त किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। वर्ष 2020-2021 में अवैध उत्खनन के कुल 51 प्रकरण दर्ज कर 25 प्रकरणों का निराकरण किया जाकर रूपये 11,17,750/- का अर्थदण्ड वसूल किया गया है तथा अवैध परिवहन के कुल 80 प्रकरण दर्ज किये जाकर निराकृत 69 प्रकरणों में रूपये 19,39,000/- का अर्थदण्ड किया गया है। वर्ष 2020-21 में जिले में 08 लेन निर्माण कर्ताओं के विरूद्ध अवैध उत्खनन के 04 प्रकरण दर्ज कर रूपये 19,11,248/- का अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है। इसी प्रकार अवैध परिवहन के 19 प्रकरणों में रूपये 4,56,000/- का अर्थदण्ड किया गया है। अत: उच्च स्तरीय जाँच कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान के विक्रेता से वसूली
[सहकारिता]
88. ( क्र. 2754 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन संयुक्त आयुक्त-सहकारिता जबलपुर-संभाग के जाँच प्रतिवेदन 2019 के अनुसार वर्ष 2012-13 में सहकारी उचित-मूल्य-दुकान हथकुरी जिला कटनी में आवंटन से अधिक उपभोक्ताओं को राशन वितरण करने का दोष तत्कालीन विक्रेता पर आरोपित कर राशि वसूली का नोटिस दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में यदि हाँ, तो वसूली-नोटिस के प्रतिउत्तर में तत्कालीन आरोपी सेल्समेन द्वारा दिनांक 07-12-2020 को सहायक-आयुक्त सहकारिता जिला कटनी को प्रेषित पत्र क्या है, प्रेषित पत्र की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें कि इस प्रेषित पत्र पर किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या आरोपित समयावधि में शासकीय उचित-मूल्य-दुकान हथकुरी जिला-कटनी से ग्रा.पं. बांधा (इमलाज) के अंतर्गत आने वाले ग्रामों बूढ़ा, ललितपुर, झनकपुर के 317 कार्डों के राशन का वंटन उचित-मूल्य-दुकान बांधा (इमलाज) से हटाकर हथकुरी से किया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या तत्कालीन-सेल्समेन के कथन प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जाँच में लिये गये थे? यदि हाँ, तो वे क्या थे? यदि नहीं, तो क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार सेल्समेन से वसूली की कार्यवाही को स्थगित किया जावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं तो क्यों नहीं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, जाँच प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर कटनी के पत्र क्र.-59/खाद्य/शिकायत/2020 दिनांक 16.1.2020 एवं क्र. 1178/सा.वि.प्र./ 2020-21 दिनांक 6.11.2020 के आधार पर सहायक आयुक्त सहकारिता जिला कटनी द्वारा पत्र क्र शिकायत/2020/2097 दिनांक 28.11.2020 द्वारा वसूली की कार्यवाही के निर्देश संबंधित सहकारी समिति को दिये गये, समिति द्वारा उचित मूल्य दुकान हथकुरी के पूर्व विक्रेता श्री रामकुमार श्रीवास (सेन) को पत्र दिनांक 27.1.2021 से राशि जमा कराने के निर्देश दिए गए। (ख) तत्कालीन आरोपी सेल्समेन के द्वारा पत्र दिनांक 7.12.2020 कलेक्टर जिला कटनी को प्रेषित किया गया, पत्र सहायक आयुक्त सहकारिता जिला कटनी को पृष्ठांकित है। छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सहायक आयुक्त सहकारिता जिला कटनी द्वारा पत्र क्र.-2292 दिनांक 29.12.2020 एवं स्मरण पत्र क्र.291 दिनांक 16.2.2021 से जिला आपूर्ति अधिकारी जिला कटनी को लेख किया गया। (ग) कार्यालय कलेक्टर (खाद्य शाखा) कटनी द्वारा प्रेषित उत्तर अनुसार उपभोक्ताओं की सुविधा के दृष्टिगत बूढा (झनकपुर एवं ललितपुर मोहल्ला सहित) उचित मूल्य दुकान हथकुरी से संबद्ध है। (घ) तत्कालीन संयुक्त आयुक्त सहकारिता, जबलपुर द्वारा पत्र क्र. 241 दिनांक 09.4.2019 के अंतरिम जाँच प्रतिवेदन अनुसार वर्ष 2007 से 2012 तक प्रचलित राशन कार्ड शिकायत के संबंध में श्री एम.एल. चौरसिया ए.एस.ओ द्वारा की गई जाँच के समय विक्रेताओं द्वारा जाँच से संबंधित विभिन्न रिकार्ड श्री चौरसिया को प्रदान करने का उल्लेख किया गया, जो उन्हें वापस नहीं दिया गया। उक्त पत्र में उचित मूल्य दुकान हथकुरी के विक्रेता श्री रामकुमार सेन के भी हस्ताक्षर है। वसूली स्थगित करने का क्षेत्राधिकार कलेक्टर जिला कटनी का है।
नायब तहसीलदार कार्यालय बाकल जिला कटनी की स्थापना
[राजस्व]
89. ( क्र. 2755 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नायब तहसीलदार कार्यालय बाकल जिला कटनी की स्थापना किन उद्देश्यों के लिये कब की गई तथा वर्तमान में इस कार्यालय में कौन-कौन कब से पदस्थ है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यालय अंतर्गत कौन-कौन से राजस्व ग्राम सम्मिलित हैं एवं यह भी बतलावें कि सम्मिलित इन ग्रामों के कितने कृषकों के कौन-कौन से प्रकरण निराकरण हेतु विगत 3 वर्षों में पंजीबद्ध हुये तथा कितनों का निराकरण हुआ एवं कौन-कौन से कितने प्रकरण निराकरण हेतु कब से लम्बित हैं? प्रकरणों का समय पर निराकरण न हो पाने के क्या कारण हैं, इसका दोषी कौन है? (ग) लोक-सेवा-केन्द्र बहोरीबंद में दर्ज राजस्व-प्रकरणों का क्या निराकरण समयावधि में कर प्रकरण लोक-सेवा-केन्द्र बहोरीबंद में भेजे जाते हैं? यदि हाँ, तो बनाई गई ऋण पुस्तिकाओं को प्राप्त करने हेतु हितग्राही को कई बार भटकाने के बाद ऋण पुस्तिका का प्रदाय लोक सेवा केन्द्र की जगह नायब तहसीलदार कार्यालय बाकल से क्यों किया जाता है? (घ) विगत 3-वर्षों में प्रश्नांश (ख) में सम्मिलित किन-किन ग्रामों में कहाँ-कहाँ के कितने कृषकों ने नामांतरण, आपसी बंटवारा, फौती, बटांक आदि के आवेदन प्रस्तुत किये एवं इन प्रस्तुत आवेदनों में से कितनों का निराकरण किया गया तथा कितनों का निराकरण किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक लम्बित है? इसका दोषी कौन है तथा दोषियों पर शासन-द्वारा कब क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील बहोरीबंद के अंतर्गत नायब तहसीलदार बाकल जिला कटनी की स्थापना आम जनता के कार्यों को सुगमता से पूर्ण करने के लिये वर्ष 2016 में की गयी थी। वर्तमान में नायब तहसीलदार कार्यालय में नायब तहसीलदार सुश्री निधि तिवारी दिनांक 05/10/2018 से,श्री सुनील कुमार कोल लिपिक -दिनांक 05/07/2020 से एवं भृत्य श्री पंजाब सिंह वर्ष 2016 से पदस्थ है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यालय अंतर्गत कुल 59 राजस्व ग्राम सम्मिलित है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 59 ग्राम के 4247 कृषको के नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, नक्शा बटांकन, निजी भूमि पर कब्जा हटाना, शासकीय भूमि पर से कब्जा हटाना, रास्ता विवाद, जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र एवं प्राकृतिक आपदा से सबंधित प्रकरण विगत 03 वर्षों में पंजीबद्ध हुये हैं, जिनमे से 4144 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है एवं कुल 103 प्रकरणों का निराकरण शेष हैं। शेष प्रकरणों में नामांतरण के 31 प्रकरण तीन माह से कम अवधि के एवं 25 प्रकरण 06 माह से कम अवधि के एवं बटवारा के 09 प्रकरण 06 माह से कम अवधि के, सीमांकन के 25 प्रकरण तीन माह से कम अवधि के, निजी भूमि पर कब्जे के 03 प्रकरण 06 माह से कम अवधि के शासकीय भूमि पर कब्जे का 01 प्रकरण 03 माह से कम अवधि का एवं 09 प्रकरण विविध मद के 03 माह से कम अवधि के है। प्रकरणो का निराकरण समय-सीमा पर किय जा रहा है। (ग) लोकसेवा केन्द्र बहोरीबंद में दर्ज राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया जाता है एवं तैयार ऋण पुस्तिकायें वितरण हेतु बहोरीबंद लोक सेवा केन्द्र में प्रदाय की जाती है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरणों का निराकरण विधिक प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए निर्धारित समय-सीमा में किया जाता है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
राजस्व रिकार्ड का बन्दोबस्त
[राजस्व]
90. ( क्र. 2802 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत राजस्व रिकार्ड का बंदोबस्त सन् 1992 में किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बंदोबस्त 1992 के पूर्व सारंगपुर/पचोर में कितनी-कितनी शासकीय भूमि थी? पटवारी हल्कावार, सर्वे नंबर, रकबा की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार बंदोबस्त 1992 के पश्चात वर्तमान में तहसील सारंगपुर/पचोर तथा नगर सांरगपुर एवं नगर पचोर में कितनी-कितनी शासकीय भूमि हैं? पटवारी हल्कावार सर्वे नं. रकबे की जानकारी से अवगत करावें। (घ) क्या नगरीय क्षेत्र सारंगपुर/पचोर में राजस्व पुस्तिका परिपत्र में दर्ज शासकीय भूमि को नगर पालिका/नगर पंचायत द्वारा बिना हस्तांतरित किये राजस्व एवं नजूल की भूमि पर अथवा अन्य विभाग को आवंटित भूमि पर व्यवसायिक प्रतिष्ठान दुकान, मकान इत्यादि स्थापित किये हैं? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ड.) क्या विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा अपनी नजूल या राजस्व संपत्तियों का संधारण समय-समय पर अपनी संधारण पंजियों में वर्षवार स्थल निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन किया जाकर सूचीबद्ध किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता (ग) ''क'' एवं ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में लागू नहीं होता। (घ) न्यायालय कलेक्टर राजगढ़ के प्रकरण 008/अ-20 (1) /2003-04 आदेश दिनांक 10.09.2004 के द्वारा नगर सांरगपुर में भूमि सर्वे नम्बर 1860/1 रकबा 3.052 हेक्टेयर में से रकबा 2.752 हेक्टेयर भूमि नगर पालिका परिषद सांरगपुर को ट्रेंचिग ग्राउड के उपयोग हेतु आवंटित की गई थी। जिस पर नगर पालिका सांरगपुर द्वारा बिना अनुमति के उक्त भूखण्ड पर 22 दुकानों का निर्माण किया जाने पर न्यायालय कलेक्टर राजगढ़ के प्रकरण क्रमांक 1/सी-144/20-21 के आदेश दिनांक 08.02.2021 द्वारा उक्त 22 दुकानों को राजसात किया गया है। जाँच उपरांत दोषी पाये जाने पर शासकीय प्रावधानों के अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) जी हाँ।
समिति सदस्यों द्वारा अवैध वसूली
[सहकारिता]
91. ( क्र. 2806 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोजपाल मत्स्योद्योग सह समिति भोपाल के कुछ सदस्यों द्वारा समिति के सदस्यों से अवैध वसूली की जा रही है, ऐसी शिकायत संस्था के सदस्यों द्वारा उप पंजीयक को वर्ष 2020 में की गई है? (ख) यदि हाँ, तो दोषी सदस्यों द्वारा अवैध वसूली किये जाने के संबंध में उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? क्या इनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा? (ग) पूर्व में कार्यरत आदर्श मत्स्योद्योग सह.संस्था जो छोटे से मिट्टी के गोलों में हानिकारक रसायनों का प्रयोग कर जनहानि पहुँचा रही थी, इस प्रकार की रिपोर्ट कमेटी द्वारा एन.जी.टी. कोर्ट में प्रस्तुत की गई है? (घ) प्रस्तुत की गई रिपोर्ट अनुसार सहकारिता विभाग द्वारा ऐसी संस्था के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की तो क्यों शासन इस संबंध में कड़े निर्देश जारी कर संस्था के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) ऐसी शिकायत वर्ष 2020 में उप पंजीयक को प्राप्त हुई है। (ख) शिकायत की जाँच कराई जाकर, जाँच प्रतिवेदन अनुसार संस्था सदस्यों द्वारा आपस में सहयोग कर राशि प्राप्त की गई है। उक्त राशि का उपयोग लीज रेन्ट जमा एवं मछली बीज जमा करने में किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, एन.जी.टी. कोर्ट में प्रकरण विचाराधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्वामित्व योजना का क्रियान्वयन
[राजस्व]
92. ( क्र. 2807 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वामित्व योजना क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में उक्त योजना का लाभ कब तक प्रदान किया जायेगा एवं इससे लाभान्वित होने की पात्रता शर्तें/मापदण्ड क्या है? (ग) सी.एम. जनसेवा एवं डीम्ड सेवा क्या है? (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में कितने नागरिकों को सेवाएं प्रदान की गई हैं? (ड.) लोक सेवाओं में भाजपा सरकार बनने के उपरांत कितनी नवीन सेवाओं को सम्मिलित किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) स्वामित्व योजना एक केंद्रीय योजना है। यह योजना पंचायत विभाग, राजस्व विभाग एवं भारतीय सर्वेक्षण विभाग की एक सम्मिलित योजना है जिसके माध्यम से ग्रामीण आबादी का रिकार्ड ऑफ राईट (ROR) बनाया जाकर निवासरत ग्रामीण जन को उनके स्वामित्व का अधिकार पत्र प्रदाय किया जाना है। (ख) स्वामित्व योजना के अंतर्गत जिला नरसिंहपुर एवं जिला सागर में प्रकरण दर्ज कर स्वामित्व योजना का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है एवं जिला दमोह में स्वामित्व योजना का कार्य आगामी चरण में प्रारंभ होगा। मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित 2018 के लागू होने के दिनांक 25-9-2018 को आबादी भूमि पर अधिभोगी थे अथवा जिन्हें इस दिनांक के पश्चात विधि पूर्वक आबादी भूमि में भूखण्ड का आवंटन किया गया है वे इस योजना के पात्र है। (ग) सी.एम.जनसेवा- सी.एम. हेल्प लाइन सेवाओं का विस्तार करते हुए 181 सी.एम. जनसेवा योजना प्रारंभ की गई है। इसके माध्यम से प्रदेश के नागरिक टोल फ्री नंबर 181 पर कॉल कर के स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, खसरे की नकल, खतौनी और नक्शे की प्रति अपने मोबाईल फोन पर प्राप्त कर सकते है। डीम्ड सेवा - मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 में संशोधन किया जा कर धारा 3 की उपधारा (2) अन्तर्गत ''मान्य अनुमोदन'' श्रेणी जोड़ा गया है, जिसके अनुसार– 1. राज्य सरकार समय-समय पर, उन सेवाओं को अधिसूचित कर सकेगी जिनको की मान्य अनुमोदन के उपबंध लागू होंगे। 2. यदि पदाभिहित अधिकारी, धारा 3 की उपधारा (2) के अधीन अधिसूचित किसी सेवा के लिए प्राप्त आवेदनों का, नियत समय-सीमा के भीतर विनिश्चय करने में असफल रहता है तो, ऐसी सेवा के लिए मान्य अनुमोदन पदाभिहित पोर्टल द्वारा उत्पन्न किया जायेगा। 3. ऐसे मान्य अनुमोदन की कानूनी वैधता, पदाभिहित अधिकारी द्वारा प्रदान किये गए अनुमोदन के सामान ही होगी। (घ) स्वामित्व योजना के अंतर्गत जिला नरसिंहपुर एवं जिला सागर में प्रकरण दर्ज कर स्वामित्व योजना का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है एवं जिला दमोह में स्वामित्व योजना का कार्य आगामी चरण में प्रारंभ होगा। (ड.) कुल 125 सेवाएं अधिसूचित की गई है। (दिनांक 23 मार्च 2020 से फरवरी 2021 की स्थिति में)
श्रमिक कार्डों की जानकारी
[श्रम]
93. ( क्र. 2812 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में विगत 5 वर्षों में कितने श्रमिकों के श्रमिक कार्ड बनाये गये हैं और कितने प्रकियाधीन हैं? (ख) श्रमिक कार्ड का विगत दो वर्षों में कितने श्रमिकों को लाभ मिला?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल-विधानसभा क्षेत्र दिमनी में विगत 5 वर्षों में निकायों द्वारा म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत 789 श्रमिक कार्ड बनाये गये तथा 48 प्रक्रियाधीन है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल-विधानसभा क्षेत्र दिमनी में विगत 2 वर्षों में निकायों द्वारा मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत 24,261 श्रमिक कार्ड बनाये गये तथा निरंक प्रक्रियाधीन है। (ख) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल-विधानसभा क्षेत्र दिमनी अंतर्गत विगत दो वर्षों (वर्ष 2019-20 तथा 2020-21) में 79 श्रमिक लाभांवित हुये। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल-विधानसभा क्षेत्र दिमनी अंतर्गत मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल) के अंतर्गत विगत दो वर्षों (वर्ष 2019-20 तथा 2020-21) में 400 श्रमिक लाभांवित हुये।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदस्थापना
[परिवहन]
94. ( क्र. 2818 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में जिला परिवहन कार्यालय में स्वीकृत पदों की पूर्ण जानकारी के साथ यह बतावें कि किन-किन पदों पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब-कब से पदस्थ हैं? (ख) क्या सतना जिले में जिला परिवहन अधिकारी के प्रभार के रूप में पदस्थ वर्तमान प्रभारी पूर्व में भी सतना जिले में उक्त पद पर पदस्थ रहे हैं? यदि हाँ, तो सतना जिले में संबंधित कब-कब कितनी अवधि तक पदस्थ रहे एवं सतना जिले के सीमावर्ती जिलों में कब-कब कितनी अवधि के लिये पदस्थ रहे? पूर्ण सेवा अवधि में संबंधित कितने वर्षों तक सतना जिले में पदस्थ रहे हैं? (ग) प्रभारी आर.टी.ओ. श्री संजय श्रीवास्तव का प्रशासनिक स्थानान्तरण सतना जिले से अन्यत्र कब-कब किन कारणों से किया गया। यह बतावें कि बार-बार प्रशासनिक स्थानान्तरण के उपरांत, सेवा अवधि के अधिकांश कालखण्ड में सतना जिले में पदस्थ करने का क्या कारण हैं? संबंधित को कब तक अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन के नियमों के तहत 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों को कब तक अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पात्र हितग्राहियों को बगैर सर्वे के अपात्र घोषित करना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
95. ( क्र. 2825 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने बी.पी.एल. के राशन कार्ड के आवेदन प्राप्त हुये? तहसीलवार सूची सहित देवें। (ख) बी.पी.एल. राशन कार्ड हेतु कुल प्राप्त आवेदनों में कुल कितने आवेदन पात्र हुये और कितने अपात्र पाये गये हैं? अपात्रता का क्या कारण है? वार्डवार एवं गांववार विवरण देवें। (ग) क्या बी.पी.एल. कार्ड हेतु दिये गये आवेदन की जाँच फील्ड पर जाकर नहीं करते हुये ऑफिस में बैठक कर अपात्र घोषित कर दिया जाता है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं तो पात्रता रखने वाले आवेदनकर्ताओं के भी आवेदन क्यों अपात्र घोषित किये जा रहे हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) अवधि के दौरान अनेक अपात्र व्यक्तियों के बी.पी.एल. राशन कार्ड बना दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं तो उक्त अवधि के प्राप्त आवेदन पत्रों, जॉचकर्ता अधिकारी/कर्मचारी का प्रतिवेदन सहित तहसीलवार, वर्षवार उपलब्ध करावें। (ड.) बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी करने संबंधी शासन स्तर से जारी आदेश/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुआवजा एवं बीमा राशि का भुगतान
[राजस्व]
96. ( क्र. 2826 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019-20 व 2020-21 में अत्यधिक वर्षा, अफलन, ईल्ली प्रकोप आदि से कितने किसानों की फसलें नष्ट हुई है? वर्षवार, तहसीलवार, विवरण दें। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कितने किसानों की सिंचित/असिंचित फसल खराब की कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? शासन द्वारा किसानों को प्रति हेक्टेयर कितनी राशि मुआवजे के रूप में दिये जाने का प्रावधान किया गया है? (ग) शासन के आदेश के तहत पात्र कितने किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया गया है? तहसीलवार कृषकों की संख्या, मुआवजा राशि विवरण सहित दें। कितने किसानों को मुआवजा राशि प्रदान करना शेष है? शेष रहने का क्या कारण है? तहसीलवार विवरण दें। भुगतान से वंचित किसानों को कब तक भुगतान कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019-20 व 2020-21 में अत्यधिक वर्षा से फसल क्षति से प्रभावित कृषकों की वर्षवार, तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में अत्यधिक वर्षा से 1287 कृषकों की खरीफ मौसम की फसल असिंचित फसल खराब होने पर राशि 1,55,50,943/- रूपये स्वीकृत की गई है। वर्ष 2020-21 में 39532 कृषकों को राशि 43,91,53,192/- रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। फसलक्षति हेतु राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में निर्धारित मापदण्ड अनुसार प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है। प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) शासन के आदेश के तहत समस्त कृषकों को 33 % का भुगतान कर दिया गया है। शासन आदेश तहत कोई भी किसान वितरण हेतु शेष नहीं है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गरीब भूमिहीनों को पट्टे दिया जाना
[राजस्व]
97. ( क्र. 2830 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिला अंतर्गत तहसील कुरबाई के ग्राम केथोरा में सर्वे नम्बर 448, 449 रकबा 0.617 हेक्टेयर लगभग 3 बीघा भूमि का पट्टा शासन द्वारा वर्ष 2000-2001 में ग्राम के भूमिहीन श्री कंछेदी अहिरवार पुत्र श्री मंशाराम अहिरवार को दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त भूमि पर श्री कंछेदी अहिरवार काबिज है के पट्टे को तत्कालीन तहसीलदार कुरबाई द्वारा दिनांक 24.12.2004 को उक्त पट्टा निरस्त किया गया? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी दें एवं इसके लिये दोषी अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ,? तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) क्या माननीय न्यायालय कुरबाई द्वारा आवेदक के दावे पर पट्टा निरस्ती के तहसीलदार के आदेश को गैर कानूनी एवं अवैधानिक मानते हुये श्री कंछेदी अहिरवार को भूमि का मालिक व काबिज घोषित किया जाकर राजस्व रिकार्ड में भूमि स्वामी के रूप में इंन्द्राज कराया गया? क्या राजस्व रिकार्ड में उक्त भूमि पुनः अशुद्ध प्रविष्टि कर आवेदक को परेशान किया जा रहा है? उक्त अशुद्ध प्रविष्टि को कब तक सुधारा जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। न्यायालय तहसीलदार कुरवाई के प्र.क्र. 147/बी-121/2003-04 आदेश दिनांक 24.12.2004 द्वारा पटटा की भूमि तालाब के रूप में ग्रामों के लोगों के उपयोग के आने के कारण पटटा निरस्त किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जी हाँ, मान. न्यायालय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 कुरवाई के व्यवहार बाद क्र. 42ए/ 2004 ई.दी निर्णय दिनांक 20.12.2007 द्वारा प्रश्नांश (ख) में वर्णित पटटा निरस्ती की कार्यवाही को गैर कानूनी मानते हुये कंछेदी अहिरवार को उक्त भूमि का मालिक एवं काबिज मानते हुये डिक्री की गई। उक्त डिक्री के आधार पर तहसीलदार के प्र.क्र. 16/अ-6/2009-10 आदेश दिनांक 24.02.2010 द्वारा कन्छेदी अहिरवार के पक्ष में नामांतरण स्वीकृत किया जाकर राजस्व रिकार्ड में अमल किया गया। कम्प्यूटर रिकार्ड में अपडेशन करते समय कन्छेदी अहिरवार का त्रुटिवश अमल न होकर शासकीय अंकित हो गई। उक्त त्रुटि की दुरूस्ती हेतु अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में प्र.क्र. 183/अ-6-अ/20-21 गतिशील है। समय-सीमा बताया जाना संभव नही।
विभागीय जांच
[राजस्व]
98. ( क्र. 2840 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील उचेहरा पटवारी हल्का एवं मौजा उचेहरा जिला सतना की आराजी न. 46/3 रकवा 21.266 हे. शासकीय दर्ज रिकार्ड था, तहसीलदार तहसील उचेहरा जिला सतना द्वारा रा.प्र.33.अ–27/2012-बी आदेश दिनांक 05/01/2013 को नागेश श्रीवास्तव बगैरह के वारिशों श्रीमती पुष्पा, शैलेष बगैरह के नाम बंटवारा कर दिया गया है। जबकि उक्त आराजी इन सबके पिता श्री गोविन्द प्रसाद श्रीवास्तव के नाम ही नहीं थी? (ख) क्या उक्त आराजी के अंश रकवा 5 एकड में करीब 45 वर्षों से मुन्नालाल प्रजापति पिता प्रेमलाल प्रजापति काबिज होकर खेती काश्तकारी करते हुए चले आ रहे हैं? खसरे के कालम न. 12 में 1995-96 से 2004-05 तक दर्ज है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शासकीय जमीन का बंटवारा तहसीलदार उचेहरा के द्वारा वर्णित व्यक्तियों के नाम की गई है जबकि उक्त आराजी कभी भी इन सबके पिता के नाम नहीं थी? (घ) यदि गलत तरीके से बंटवारा किया गया है तो दोषियों के विरुद्ध अपराध की कायमी कब तक की जावेगी तथा गलत बंटवारा किए जाने वाले तहसीलदार महोदय के विरुद्ध कार्यवाही निरुपित कर शासकीय भूखण्ड को अतिक्रमणमुक्त कराने की क्या समय-सीमा होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लेफ्टिनेन्ट गवर्नर विंध्यप्रदेश रीवा ने गोविन्द प्रसाद श्रीवास्तव को कृषि कार्य हेतु 60 बीघा वन भूमि बंटित की थी। गवर्मेन्ट ऑफ विन्ध्यप्रदेश होम डिपार्टमेण्ट फॉरेस्ट सेक्शन के पत्र क्र. 2776/VIIS/एफ-56 दिनांक 31.10.1956 चीफ कन्जर्वेटर को पालन हेतु पत्र प्रेषित किया गया था। आदेश के पालन में डी.एफ.ओ. जिला पन्ना द्वारा आदेश क्रमांक 10070 दिनांक 13.01.56 को रेंज आफिस नागौद भेजकर आदेश पालन हेतु निर्देश दिया गया था। शासन के निर्देश अनुसार कृषि योग्य भूमि राजस्व विभाग को हस्तांतरित कर दिये जाने से भूमि म.प्र. शासन दर्ज हो गई। म.प्र.भू.रा.सं. 1959 लागू होने के पूर्व से विवादित आराजी में काबिज दाखिल होने के कारण अनुविभागीय अधिकारी नागौद के रा0प्र0क्र0 1/अ1/95-96 आदेश दिनांक 30.04.2001 द्वारा धारा 57 (2) के तहत भूमिस्वामी घोषित किया गया था। जिसे कलेक्टर सतना के स्वप्रेरणा निगरानी प्र0क्र0 17/स्व.निग/05-06 आदेश दिनांक 27.03.06 द्वारा निरस्त किया गया। जिसके विरूद्ध आवेदक द्वारा अपर कमिश्नर महोदय रीवा के समक्ष प्रस्तुत निगरानी प्र0क्र0 356/निगरानी/05-06 आदेश दि0 28.08.06 द्वारा न्यायालय कलेक्टर सतना के 17/स्व.निग/05-06 आदेश दिनांक 27.03.06 को निरस्त किया जाकर अनुविभागीय अधिकारी के रा0प्र0क्र0 1/अ1/95-96 आदेश दिनांक 30.04.2001 से नागेश कुमार श्रीवास्वत तनय श्री गोविन्द प्रसाद श्रीवास्तव वगैरह के नाम ग्राम उंचेहरा की आ.नं. 46/3 जुज रकवा 60 बीघा म.प्र.भू.रा.सं. की धारा 57 (2) के अन्तर्गत भूमिस्वामी घोषित किये जाने के को विधि अनुकूल पाया गया। उक्त आदेश के पालन में तहसीलदार उंचेहरा के प्र0क्र0 404/अ74/07-08 आदेश दिनांक 17.06.08 से अभिलेख दुरूस्त कराया गया था। तत्पश्चात तहसीलदार उंचेहरा के प्र0क्र0 33/अ27/12-13 आदेश दिनांक 05.01.13 से आवेदकगणों के मध्य बंटवारा का आदेश पारित किया गया था। (ख) राजस्व अभिलेख में वर्ष 1996-97 से वर्ष 2002-03 तक मुन्नालाल प्रजापति पिता प्रेमलाल प्रजापति का प्रश्नाधीन आराजी के अंश भाग 1.200 हे0 खसरा के कॉलम नं0 12 में कब्जा दर्ज है। मौके से मुन्नालाल प्रजापति अतिक्रामक के रूप में काबिज हैं। (ग) अपर आयुक्त रीवा संभाग रीवा के प्र0क्र0 356/निगरानी/05-06 में पारित आदेश दिनांक 28.08.06 के अनुसार तहसीलदार उंचेहरा के प्र0क्र0 33/अ27/12-13 आदेश दिनांक 05.01.13 से ग्राम उंचेहरा की आ.नं. 46/3 रकवा 12.540 हे0 निजी भूमि होने के कारण आवेदकगणों के मध्य बंटवारा का आदेश पारित किया गया था। (घ) तहसीलदार उंचेहरा द्वारा उक्त बंटवारा म.प्र.भू.रा.सं.1959 की धारा 178/110 के प्रावधानों के तहत किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
शासकीय भूमि की जाँच एवं कार्यवाही
[राजस्व]
99. ( क्र. 2843 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम बदखर तहसील रघुराजनगर जिला सतना की आराजी न. 674 रकवा 25.98 एकड़ एवं आराजी न. 675 रकवा 39.42 एकड़ वर्ष 1958-59 में कृषि अयोग्य म.प्र.शासन दर्ज थी, जो वर्ष 1961-62 में मूल रकवा से 12.99 एकड़ श्रीमती रज्जन बाई पति श्री रुद्रप्रताप शुक्ला के नाम से किस सक्षम अधिकारी के आदेश से दर्ज हुई? (ख) आराजी न. 5/675 को म.प्र.शासन दर्ज कराने के लिए न्यायालय व्यवहारवाद सतना में प्रकरण चला, निर्णय जनहित के पक्ष में होने के कारण जिला के प्रशासनिक अमले द्वारा आराजी न. 5/675 को म.प्र. शासन दर्ज किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) की तरह मूल आराजी न. 4/674 के बटांकों की जाँच कराई जाकर म.प्र.शासन घोषित कराई जावेगी? उक्त आराजियातों में बसाहट है, जो लगभग सन् 1970 से आज दिनांक तक आबाद है, क्या रिक्त आराजियातों को खेल के मैदान के लिए घोषित कर सुरक्षित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) न्यायालय तहसीलदार तहसील रघुराजनगर जिला सतना के राजस्व प्रकरण क्रमांक 41अ19/1961-62 में पारित आदेश दिनांक 10.01.1962 के द्वारा मौजा ग्राम बदखर के आरजी न. 674 से 12.99 एकड़ श्रीमती रज्जन बाई पत्नी रूद्र प्रसाद शुक्ला के नाम भू-स्वामी स्वत्व में स्वीकृत की गई है। (ख) जी हाँ। माननीय अपर जिला सत्र न्यायधीश सतना के सिविल अपील क्रमांक 516/2012 में पारित आदेश दिनांक 13.01.2012 के पालन में तहसीलदार रघुराजनगर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 602अ74/2011-12 में पारित आदेश दिनांक 13.02.2012 द्वारा आरजी न. 5/675/1/1/क रकवा 0.376 हे. एवं 5/675/3 रकवा 4.047 हे. तथा आराजी न. 5/675/2/1 रकवा 2.239 हे. कुल रकवा 6.662 हे. यानि 16.45 एकड़ म.प्र. शासन नजूल दर्ज किये जाने का आदेश पारित किया गया एवं आ.नं. 5/675/4 रकबा 0.702 हे., आ.नं. 5/675/4/13 रकबा 0.405 हे. कुल दो किता कुल रकबा 1.107 हे. यानी 2.73 एकड़ पूर्व से म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है। आ.नं. 675 में कुल शासकीय रकबा 19.18 एकड़ दर्ज है इसके अतिरिक्त शेष रकबा 20.24 एकड़ वर्ष 1961-62 में बाहुक्म नायब तहसीलदार के आदेश दिनांक 22/4/1962 के द्वारा तीन व्यक्तियों के मध्य भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज अभिलेख है। (ग) मौजा बदखर के मूल आराजी न. 4/674 का रकवा 25.98 एकड़ था वर्ष 1961-62 में उत्तरांश (क) के आधार पर अंश रकवा 12.99 एकड़ भू-स्वामी स्वत्व में दर्ज है। शेष रकवा 12.98 एकड़ म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है। शासकीय आरजी में बसाहट है आम जनता से खेल मैदान के लिए ज्ञापन प्राप्त होने पर विधि संगत कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
खाद्यान का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
100. ( क्र. 2845 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अन्तर्गत खाद्यान (राशन) वितरण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक वितरण केन्द्रवार पात्र व्याक्ति/परिवार/ हितग्राही की संख्या, पात्र संख्यानुसार कितना-कितना खाद्यान चाहिये था, कितना-कितना प्राप्त हुआ? कितना-कितना वितरित कब-कब किया गया? योजना हेतु शासन द्वारा जारी किय गये आदेश/ निर्देश की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या योजनानुसार खाद्यान विवरण में कमी की गई? (घ) यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी के आदेश द्वारा कमी की गई? कमी करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गिरदावरी के संबंध में
[राजस्व]
101. ( क्र. 2848 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा फसलों की गिरदावरी कराई जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र में कब– कब कराई गई? राजस्व ग्राम/ ग्राम पंचायतवार कौन-कौन सी फसल, कितने-कितने रकबे में लगाई/बोई जाती है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र में निम्नानुसार गिरदावरी कराई गई -
क्र. |
मौसम |
अवधि |
विवरण |
1 |
खरीफ |
15 जून से 10 सितम्बर |
प्रति वर्ष |
2 |
रबी |
15 नवम्बर से 10 जनवरी |
प्रति वर्ष |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
केरोसिन विक्रेता डीलरों को लंबित केरोसिन भावांतर राशि का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
102. ( क्र. 2853 ) श्री सुनील उईके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 1998-2002 के मध्य शासन की केरोसिन भावांतर योजना से छिंदवाड़ा जिले के तीन थोक केरोसिन डीलरो को नुकसान हुआ था, जिसकी भरपाई करने का शासन ने वायदा भी किया था? (ख) क्या शासन ने थोक केरोसिन डीलरो का ऑडिट भी 2005-06 में कराया था? (ग) तीन थोक केरोसिन डीलरों ने जिन्होने क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने हेतु उच्च न्यायालय में केस दायर नहीं किया है, विगत अठारह वर्षों से क्षतिपूर्ति की राशि पाने हेतु अनेक आवेदन दे चुके थे, जो खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिवालय में निर्णय हेतु अभी तक लंबित हैं? (घ) इन तीन डीलरों को शासन कब तक क्षति पूर्ति राशि प्रदान कर देने की कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्मित तालाबों में मछुआ कल्याण समितियों का गठन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
103. ( क्र. 2855 ) श्री सुनील उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिले में मछुआरों के कल्याण के लिये कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? क्या मनरेगा या विभागीय मद से मछुआरों के लिये तालाब निर्माण की योजना है? अगर हाँ तो विगत 5 वर्ष में जुन्नारदेव विधानसभा में कहाँ-कहाँ कितने तालाब निर्माण कराये गये एवं उसकी निर्माण लागत बतायें? अगर नहीं तो नये तालाब बनाने की कोई योजना है तो लक्ष्य बतायें। (ख) जिलें में नव-निर्मित एवं पूर्व में निर्मित तालाबों में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी समितियों का निर्माण हो चुका है? शेष तालाबों में कब तक समितियों का गठन किया जायेगा? (ग) वर्तमान में छिन्दवाड़ा जिले में कहाँ-कहाँ मछली उत्पादन हेतु बीज संग्रहण के तालाब हैं एवं उनमें कितनी मात्रा में मछली बीज तैयार होने की क्षमता है? (घ) मछुआरों को कोराना काल में शासन द्वारा किसी तरह की राहत प्रदाय की गई? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिले में मछुआरों के कल्याण के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जिले में नील क्रांति योजना एवं मत्स्य कृषक विकास अभिकरण योजना के तहत कुल 07 तालाबों का निर्माण किया गया जिसकी कुल लागत 47.7 लाख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ख) जिले की समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (ग) जिले में मत्स्य बीज संग्रहण के तालाबों की जानकारी जिले की समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। (घ) जिले में कोरोना काल में शासन की योजना के तहत मछुआरो को नि:शुल्क राशन प्रदाय किया गया।
वर्षों से निवासरत परिवारों को विधिवत पट्टा प्रदाय
[राजस्व]
104. ( क्र. 2856 ) श्री सुनील उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संपूर्ण मध्यप्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में निजी एवं शासकीय भूमि पर वर्षों से निवासरत परिवार घर बनाकर स्थाई आवास में रह रहे हैं, उक्त आवासों में रहने वाले परिवारों को स्थाई पट्टा देने की घोषणा मुख्यमंत्री महोदय ने जगह-जगह आम सभाओं में कई बार की है? (ख) क्या उक्त आवासों में निवासरत परिवारों द्वारा विधिवत बिजली बिल, पानी बिल एवं टैक्स नगर निगम एवं पंचायतों में पटाया जा रहा है, लेकिन स्थाई पटटे नहीं दिये गये जो शासन की घोषणा के विपरित है? (ग) क्या माननीय मंत्री जी घोषणा के अनुरूप उक्त आवासों में निवासरत परिवारों को नगर निगम एवं पंचायतों के चुनाव के पूर्व आवासीय पट्टे प्रदाय करगें? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) शासकीय भूमि पर वर्षों से निवासरत परिवारों को नियमानुसार भूमिस्वामी अधिकार/पट्टा देने के संबंध में शासन द्वारा दिनांक 24.09.2020 को नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि में के धारकों को धारणाधिकार के निर्देश जारी किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पात्रता पर्ची जारी किये जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
105. ( क्र. 2863 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में 1 जनवरी 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत प्रदेश के कितने परिवारों की पात्रता-पर्ची जारी की गई हैं एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रति परिवार/सदस्य को किस मान से खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) 1 जनवरी 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक कितने पात्र परिवारों की पात्रता-पर्ची विलोपित की गई अथवा पोर्टल की तकनीकी कारण से पात्रता-पर्ची डिलीट की गई है? उनकी अपात्रता का कारण सहित विकासखण्डवार जानकारी देवें एवं पात्र हितग्राहियों को अपात्र करने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई? तो कब-तक की जावेगी? (ग) विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में कोविड-19 अर्थात् कोरोनाकाल में राज्य के अतिरिक्त केन्द्र द्वारा प्रतिव्यक्ति किस मान से शासन द्वारा कितना खाद्यान्न आवंटित किया गया? खाद्यान्न वितरित करने के क्या निर्देश/ नियम थे? छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं शासन की मंशानुरूप उचित मूल्य की दुकानों द्वारा कितना राशन वितरित किया गया? कितने परिवारों का राशन वितरित होना शेष है? माहवार विकासखण्डशः दुकानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी के अनुसूचित जाति/ जनजाति सभी परिवारों की पात्रता-पर्ची जनरेट हो गई है? यदि हाँ, तो कितनी? संख्या बतावें। यदि नहीं, तो कब-तक कर दी जावेगी? सामान्य या पिछड़ा वर्ग के परिवारों को अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग की पात्रता पर्ची जनरेट की गई? इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? शुगनबाई पत्नी भारतसिंह भील,निवासी ग्राम फतेहगढ़ विकासखण्ड लटेरी की पात्रता पर्ची कब-तक जनरेट कर प्रदाय कर दी जावेगी? (ङ) अंत्योदय (एएवाय) कार्ड धारियों की पात्रता-पर्ची बीपीएल श्रेणी में जनरेट की गई हैं? यदि हाँ,तो क्यों एवं सुधार उपरांत कब-तक अंत्योदय श्रेणी की पात्रता-पर्ची जारी की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ प्रदान करने
[श्रम]
106. ( क्र. 2864 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल 2019 से मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल एवं मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत कितने असंगठित श्रमिकों का पंजीयन किया गया है? जिला एवं विकासखण्ड वार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में कितने श्रमिकों का पंजीयन किया गया है तथा बिना सत्यापन के कितने श्रमिकों का पंजीयन निरस्त किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उपरोक्तानुसार योजना में श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत हितग्राही को क्या-क्या लाभ प्रदान किया गया है? (घ) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में अंत्येष्टि, अनुग्रह एवं विवाह सहायता अंतर्गत कितने प्रकरण लंबित/स्वीकृत हैं? लंबित रहने का कारण सहित सूची उपलब्ध करावें। स्वीकृत प्रकरणों का कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? मृतक आनंदीलाल शर्मा निवासी ग्राम सुनखेर, भारतसिंह पुत्र श्री नाथूसिंह निवासी ग्राम चमर उमरिया विकासखण्ड लटेरी की अनुग्रह सहायता राशि का प्रकरण कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल - म.प्र. में 1 अप्रैल, 2019 से 246904 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। जिलावार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल - म.प्र. में 01 अप्रैल 2019 से मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अन्तर्गत 218443 पंजीकृत किये गये है। श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल- मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में 3233 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। बिना सत्यापन के किसी भी श्रमिक का पंजीयन निरस्त नहीं किया गया है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल-विदिशा जिले में विकासखण्ड सिंरोज एवं लटेरी में 603 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है तथा बिना सत्यापन किसी का भी पंजीयन निरस्त नहीं किया गया है। (ग) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल-प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मण्डल की योजनाओं अंतर्गत पंजीकृत हितग्राहियों को प्रदान किये गये हितलाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल-प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में श्रम विभाग द्वारा योजना अंतर्गत दिये जाने वाले लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल-मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत विकासखण्ड सिंरोज एवं लटेरी में अंत्येष्टि अनुग्रह एवं विवाह सहायता अंतर्गत कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल-संबल योजना अन्तर्गत विवाह सहायता संचालित नहीं की जाती है। सिंरोज एवं लटेरी में अन्त्येष्टि, अनुग्रह सहायता अन्तर्गत लंबित व स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। दिनांक 27 अक्टूबर 2020 तक के स्वीकृत प्रकरणों में भुगतान कर दिया गया है उक्त अवधि के पश्चात के स्वीकृत पात्र स्वीकृत प्रकरणों में (आगामी सिंगल क्लिक पर) पर्याप्त बजट प्राप्ति पर भुगतान किया जायेगा। मृतक आनंदीलाल शर्मा निवासी ग्राम सुनखेर के पास 1 हेक्टेयर से अधिक भूमि होने के कारण वह संबल योजना के लिये अपात्र है। किंतु राष्ट्रीय परिवार सहायता के तहत इनको सहायता राशि 20000 रूपये प्रदाय की जा चुकी है। भारतसिंह पुत्र श्री नाथूसिंह निवासी ग्राम चमर उमरिया विकासखण्ड लटेली को अनुग्रह सहायता राशि रूपये 2 लाख स्वीकृत की जा चुकी है।
परिवहन विलंब एवं माल घटती कटोत्रा
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
107. ( क्र. 2871 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले अंतर्गत विभाग द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूँ एवं धान खरीदी परिवहन कब-कब, कहाँ-कहाँ, किन-किन परिवहनकर्ताओं से परिवहन कराया गया? निर्धारित रूट चार्ट, समय सीमा, परिवहन निगरानी एवं भौतिक सत्यापन करने वाले अधिकारियों के नाम/पद नाम सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में किन-किन परिवहनकर्ताओं से परिवहन विलंब एवं माल घटती को लेकर कितनी-कितनी राशि का कटौत्रा कब-कब किया गया? (ग) उपरोक्तानुसार क्या परिवहनकर्ता एवं सक्षम अधिकारी की मिलीभगत से परिवहन विलंब एवं माल घटती का कटोत्रा न कर शासन को वित्तीय हानि पहुँचाई गई है? यदि हाँ, तो इसमें कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पंचायतवार शासकीय उचित मूल्य की दुकाने खोले जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
108. ( क्र. 2872 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा पंचायत स्तर पर शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोले जाने का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त निर्णय अनुसार विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत किन-किन पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोली जा चुकी है तथा प्रश्न दिनांक तक किन-किन पंचायतों में दुकानें खोला जाना किन कारणों से कब से लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित शेष पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोले जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक दुकानें प्रारंभ करा दी जावेंगी? क्या जिस पंचायत हेतु दुकान आवंटित की गई है, उनका संचालन उसी पंचायत में किया जा रहा है? यदि नहीं तो इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में जिन 96 पंचायतों में उचित मूल्य दुकानें खोली जा चुकी हैं, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। 08 पंचायतों में उचित मूल्य की दुकान आवंटित की जा चुकी हैं जिनकी परिवारों से मैपिंग भी कर दी गई है, जिन्हें राशन अप्रैल, 2021 में आवंटित किया जायेगा। उक्त 08 पंचायतों में खोली गई दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। शेष अन्य 08 पंचायतों में पोर्टल पर ऑन लाईन आवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण उचित मूल्य दुकानों का आवंटन लंबित है। उक्त 08 पंचायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित पंचायतों में ऑनलाईन आवेदन पत्र पुन: आमंत्रित किया जाना है। पात्र संस्थाओं के आवेदन पत्र प्राप्त होने पर नियमानुसार दुकानें आवंटित की जायेंगी। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय कार्यों की जानकारी
[राजस्व]
109. ( क्र. 2875 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा आमजन की सुविधा हेतु पावती, नामान्तरण, सीमांकन व बटवारे संबंधी आवेदनों पर समयावधि में शीघ्र कार्यवाही की जाना सुनिश्चित किया है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2019-20 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रतलाम जिले में ब्लाकवार उपरोक्तानुसार उल्लेखित कितने आवेदन प्राप्त होकर उन पर कितने निर्णय होकर कितने आवेदन लंबित हैं? (ग) बताएं कि उल्लेखित कार्य समयावधि में पूर्ण किये जाने होते हैं तो किन-किन माह, दिनांक में आवेदन प्राप्त होकर कितनी अवधि में कुल कितने आवेदनों का निराकरण हुआ, कितने लंबित रहें? (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्ष अंतर्गत रतलाम जिले में ब्लाकवार प्राप्त आवेदनों को निराकृत करने संबंधी किस-किस प्रकार की अनियमितताओं की संबधितों के विरुद्ध शिकायतें प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतों पर किस प्रकार की जाँच व कार्यवाहियां की गई? ब्लाकवार जानकारी दें l
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिले में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) रतलाम जिले की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) रतलाम जिले में आवेदनों के निराकृत करने संबंधी अनियमितता की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
यात्री परिवहनों की जानकारी
[परिवहन]
110. ( क्र. 2876 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यात्रियों के परिवहन हेतु रतलाम जिला अंतर्गत किस-किस प्रकार के वाहनों का पंजीयन किया जाकर उनके आवागमन हेतु किन-किन मार्गों का निर्धारण किया गया है? (ख) वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल कितने वाहन यात्री परिवहन हेतु पंजीकृत होकर वे किन मार्गों पर चलायमान हैं? ग्रामीण मार्गों पर क्या सेवाएं निरंतर हैं? (ग) रतलाम जिला अंतर्गत इस आशय के कुल कितने वाहन क्रियाशील होकर संचालित किये जा रहे हैं, कितने बंद पड़े हैं? उनसे वर्षवार कितना राजस्व प्राप्त होकर कितना शेष है? (घ) बताएं कि उपरोक्त उल्लेखित वर्षों से अथवा पहले से भी यदि किसी वाहन पर राजस्व बकाया हो, ऐसे राजस्व के बकायादार कौन-कौन है, उन पर बकाया राशि कितनी-कितनी है? राजस्व वसूली की व बकाया की कुल कितनी राशि शेष है? वर्षवार, नामवार जानकारी देंl
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) यात्रियों के लोक परिवहन के लिये परिवहन विभाग द्वारा यात्री बस, मैजिक एवं ऑटो रिक्शा का पंजीयन किया जाता है। परिवहन विभाग द्वारा सूत्रीकृत मार्गों पर आवागमन हेतु मार्ग सुनिश्चित किए गए हैं। वर्तमान में रतलाम जिले के अंतर्गत 19 अस्थाई परमिट विभिन्न मार्गों पर संचालित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(अ) अनुसार है। (ख) वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल यात्री परिवहन हेतु पंजीकृत वाहन निम्नानुसार है :-
01 |
यात्री बस |
45 |
02 |
मैजिक |
49 |
03 |
ऑटो रिक्शा |
1155 |
वर्तमान में रतलाम जिले के अन्तर्गत 19 अस्थाई परमिट जिले के विभिन्न मार्गों पर संचालित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त स्थाई परमिट क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार उज्जैन एवं सचिव, राज्य परिवहन प्राधिकार म.प्र. के द्वारा जारी किये जाते हैं। ग्रामीण मार्गों पर ग्रामीण सेवा के अंतर्गत आवेदक के आवेदन अनुसार आवेदित मार्गों पर अस्थाई अनुज्ञा पत्र प्रदाय किये जाते हैं। वर्तमान में रतलाम परिवहन कार्यालय में इन मार्गों हेतु कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिए परमिट जारी भी नहीं किया गया है। (ग) रतलाम जिले के अंतर्गत इस आशय की वाहनों में मैजिक एवं ऑटो रिक्शा से जीवनकाल कर विभाग द्वारा जमा कराया जाता है। यात्री बसों में उक्त समयावधि में कुल 08 वाहनों से कुल रूपये राशि 1,19,116/- बकाया है एवं शेष वाहनों से उक्त समयावधि में 98,52,875/- रू. राशि का राजस्व वसूल किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) उक्त समयावधि में 08 वाहनों पर कुल 1,19,116/- रू कर बकाया है। उपरोक्त उल्लेखित वर्षों से पूर्व में कुल 3696 वाहनों पर बकाया राशि 4,94,56,573/- में से 2602 वाहनों से कुल 4,49,19,306/- रूपयें कि वसूली की गई थी। 18.11.2020 के पश्चात् शेष बचे 1094 वाहनों में से दिनांक 27.01.2021 तक 30 वाहनों से कुल 3,71,259/- रूपये राजस्व के रूप में ओर वसूली की गई एवं शेष 1064 वाहनों से बकाया राजस्व की वसूली की कार्यवाही निरंतर जारी है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
स्वीकृत पदों को शीघ्र भरे जाना
[राजस्व]
111. ( क्र. 2882 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों के कितने पद सृजित/स्वीकृत हैं? तहसीलवार, राजस्व निरीक्षकवार, पटवारी हल्कावार जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये कि इसमें कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? उनके नाम सहित जानकारी दें एवं यह भी बतायें कि कब से किस-किस के पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों का कार्य कौन-कौन देख रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इन रिक्त पदों को शासन कब तक भरेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मण्डला जिले में 08 तहसीलदार, 13 नायब तहसीलदार, 36 राजस्व निरीक्षक, 392 पटवारी के पद स्वीकृत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। 04 तहसीलदार, 01 नायब तहसीलदार, 02 राजस्व निरीक्षक, 28 पटवारी, रिक्त पदों का कार्य पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा ही सम्पादित किया जा रहा है। (ग) समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
मण्डला जिले का गजेटियर उपलब्ध कराये जाना
[राजस्व]
112. ( क्र. 2886 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले का गजेटियर का प्रकाशन सरकार द्वारा किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो मण्डला जिले के अभी तक के प्रकाशित गजेटियरों की प्रति उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता।
रजिस्टर्ड आवासीय प्रोजेक्ट/कालोनी का खूले बाजार में विक्रय
[सहकारिता]
113. ( क्र. 2890 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर उपायुक्त सहकारिता कार्यालय के अंतर्गत रजिस्टर्ड लक्ष्मण नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित एवं श्रीराम गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, जय हिन्द गृह निर्माण सहकारी संस्था, राजस्व ग्राम कर्मचारी सहकारी संस्था मर्यादित की भूमि अवैधानिक मिटिंग में स्वीकृत प्रस्ताव के आधार पर या अन्य अनियमितताओं के आधार पर विक्रय करने, बड़े भूखण्ड प्रायवेट कम्पनी/व्यक्तियों को विक्रय करने और उनके द्वारा निर्माण करने पर एवं संस्था की खजराना, छोटी खजरानी, निरंजनपुर, देवगुराडिया क्षेत्र व अन्य क्षेत्रों में स्थित भूमि पर बनाए जा रहे आवासीय प्रोजेक्ट, कालोनी को खुले बाजार में विक्रय करने पर क्या कार्यवाही की गई है एवं क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या कार्यवाही करने के लिए अन्य विभागों, पुलिस विभाग को पत्र आदि लिखे हैं तो उनकी और उन पत्रों पर प्राप्त जवाबों की प्रतिलिपियां देवें। (ग) उक्त संस्था के नाम से बनाई गई कालोनियो के कितनी बार और किन कारणों से पुनः/नक्शे स्वीकृत करवाए गए हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) इन्दौर के उपायुक्त सहकारिता के कार्यालय में पंजीकृत लक्ष्मणनगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या इन्दौर, श्री राम गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इन्दौर, जयहिन्द गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इन्दौर एवं राजस्व ग्राम गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. इन्दौर की भूमियों का विक्रय एवं बड़े-बड़े भूखण्ड को प्रायवेट कंपनियों/व्यक्तियों को विक्रय करने की जांच/सत्यापन करने हेतु विभागीय अधिकारियो/कर्मचारियों को उपायुक्त सहकारिता जिला इन्दौर के आदेश क्रमांक/वि.स./2021/472 दिनांक 11.02.2021 से आदेशित किया गया है, उन्हीं अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उपायुक्त सहकारिता जिला इंदौर द्वारा आदेश क्रमांक 583 दिनांक 19-02-2021 से प्रश्नांश के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु आदेश दिये गये है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर वास्तविक स्थिति ज्ञात हो सकेगी। आदेशों की प्रतियां संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) वर्तमान में कार्यवाही करने के लिये अन्य विभागों पुलिस विभाग को पत्र नहीं लिखे गये है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद प्रश्नांश के आधार पर तथ्य प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार प्रतिवेदन प्राप्त होने पर वास्तविक स्थिति ज्ञात हो सकेगी।
शासकीय जमीनों पर अवैध कब्जों पर कार्यवाही
[राजस्व]
114. ( क्र. 2895 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, उज्जैन संभागो में 1 जनवरी 2017 के पश्चात किस-किस विभाग के अधिकारियों ने विभाग की शासकीय भूमियों पर भूमाफियाओं के द्वारा अवैध कब्जे हटाने की शिकायत जिला एवं प्रदेश स्तर पर की? कब्जाधारियों के नाम, विभाग का नाम, कब्जा की गयी भूमि का क्षेत्रफल सहित समस्त जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित भूमियों में से उक्त अवधि में कहाँ-कहाँ भूमियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया? कितनी भूमि आज भी कब्जेधारियों के संरक्षण में है? कितनी भूमियों के प्रकरण मा. न्यायालय के पास लंबित हैं? उक्त अवधि में कितनों का निर्णय शासन के पक्ष में आया? समस्त जानकारी देवें। (ग) प्रदेश में उक्त अवधि में ऐसे कितने प्रकरण सामने आये जिनमें अन्य विभागों की भूमियों पर स्थानीय निकायों एवं भूमाफिया ने दुकानें, शापिंग माल अन्य कार्य भूमि सम्बन्धित विभाग के संज्ञान में लाये बिना कर दिए? उक्त अवधि में प्रदेश में एसे प्रकरणों कर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) विभाग से विभाग भूमि हस्तांतरित करने के क्या नियम हैं? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये। क्या जिला कलेक्टर को अन्य विभाग की भूमि हस्तांतरित करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? इंदौर-उज्जैन संभाग में ऐसी कितनी भूमियां हैं जो किसी प्रायोजन के लिए लीज रेंट पर दी गयी थी किन्तु अब वहाँ अन्य व्यावसायिक प्रायोजन शोरूम, रिसोर्ट, दुकाने लीज वाले व्यवसाई ने खोल दी? यह किस तरह से वैधानिक है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) इंदौर संभाग के धार जिले में अनुभाग बदनावर अंतर्गत मौजा पटवारी ग्राम खेडा द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत कर अवगत कराया गया की श्री चन्द्रभानसिंह पिता रतनसिंह जाति राजपूत निवासी बदनावर द्वारा शासकीय भूमि सर्वे नंबर 573 एवं 571 कुल रकबा 0.447 हैक्टेयर मद नजूल पर अतिक्रमण किया गया है। जिस पर से तहसीलदार, बदनावर द्वारा दिसम्बर 2019 में ग्राम बदनावर स्थित शासकीय भूमि सर्वे नम्बर 573 एवं 571 कुल रकबा 0.447 हैक्टेयर पर अतिक्रमण किये जाने की तथा क्षेत्रफल 10 हजार वर्गफीट पर एक पक्का दो मंजिला भवन, एक स्वीमिंग पूल एवं शेष खुली भूमि पर मैरिज गार्डन संचालित करने पर प्रकरण क्रमांक 11/अ-68/2019-20 पर दर्ज किया गया। उज्जैन संभाग की जानकारी निरंक है। (ख) इंदौर संभाग के धार जिले में प्रश्नांश (क) के उत्तर में संदर्भित शासकीय भूमि ग्राम बदनावर खसरा क्रमांक 573 एवं 571 कुल रकबा 0.447 हैक्टेयर अतिक्रमण से तथा क्षेत्रफल 10 हजार वर्गफिट पर निर्मित संरचना मेरीज गार्डन एवं खुली भूमि को अवैध कब्जेदार से मुक्त कराई गई। उक्त भूमि में से कोई वर्तमान में कब्जेदार के संरक्षण में नहीं है। माननीय न्यायालय में प्रकरण लंबित नहीं है। प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष में उज्जैन संभाग की जानकारी निरंक है। (ग) इंदौर संभाग के झाबुआ जिले की तहसील थादंला में कस्बा थादला पटवारी हल्का नं. 33 स्थित राजस्व भूमि पर स्थानीय निकाय नगर परिषद थादंला द्वारा कुल 29 दुकानो का निर्माण किया जा रहा है। तहसील न्ययालय थादंला के प्रकरण क्रमांक 0029/बी-121/2020-21 के तहत प्रकरण दर्ज कर अंतिम आदेश पारित किया जा चुका है। उज्जैन संभाग की जानकारी निरंक है। (घ) विभाग से विभाग को भूमि हस्तांतरित करने के लिए तथा जिला कलेक्टर को अन्य विभाग की भूमि हस्तांतरित करने के नियम मध्य प्रदेश नजूल भूमि निवर्तन निर्देश 2020 के अध्याय दो में उल्लेखित है जिसकी कण्डिका 16 एवं कण्डिका 18 के तहत जिला नजूल निवर्तन समिति की स्वीकृति पर किसी विभाग को हस्तांतरण करने की अधिकारिता जिला कलेक्टर को है। प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इंदौर संभाग के इंदौर जिले में भूमि के प्रयोजन में परिवर्तन कर व्यवसायिक उपयोग किये जाने के संबंध में जानकारी विस्तृत स्वरूप की हैं। जिसमें मौके की जाँच भी करवानी होगी। उक्त जानकारी संकलित की जारी है। धार जिले में कुल 71 व्यक्तियों/संस्थाओं, विभागों को नजूल भूमि लीज रेंट पर आवासीय, व्यवसायिक, शैक्षणिक, धार्मिक, कार्यालय इत्यादि प्रयोजन हेतु प्रदान की गई है। खण्डवा जिले में राजस्व प्रकरण क्रमांक 493-7/2 अ-20 (1) वर्ष 1946-47 में म.प्र. शासन राजस्व विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक-370/334/1329 भोपाल दिनांक 16/04/1948 के परिप्रेक्ष्य में निमाड़ एजुकेशन सोसायटी खण्डवा को खण्डवा शहर में स्थित नजूल भूमि ब्लॉक नंबर 70 प्लॉट नंबर 17 क्षेत्रफल 218210 वर्गफीट तथा ब्लॉक नंबर 73 प्लॉट नंबर 1 क्षेत्रफल 34834 वर्गफीट भूमि शून्य भू-भाटक पर अनुकूल शर्तों पर 5 वर्ष की अवधि अर्थात 1953 तक की अवधि के लिए लीज पर दी गई थी। न्यायालय कलेक्टर जिला खण्डवा के पुनरावलोकन (नजूल) प्रकरण क्रमांक-1अ/20 (1) वर्ष 2017-18 मूल नजूल प्रकरण क्रमांक 290 अ-20/2001-02 में कलेक्टर खण्डवा के पारित आदेश दिनांक 05/02/2018 के द्वारा उक्त आवंटित भूमि क्षेत्रफल 253044 वर्गफीट को शासन में वेष्ठित करने संबंधी प्रस्ताव एवं म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के क्रमांक 65/424/2018 सात/शाखा-3 के परिपालन में प्रश्नांधीन भूमि शासकीय घोषित कर दी गई है। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर रिट पिटिशन क्रमांक 26342/2018 दिनांक 07/01/2019 के द्वारा स्थगन आदेश के पालन में यथास्थिति बनी है। उज्जैन संभाग की जानकारी निरंक है।
मंदसौर विजय हाऊसिंग को-आपरेटिव सोसायटी के प्लाटों का नामांतरण
[राजस्व]
115. ( क्र. 2896 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर विजय हाऊसिंग को-आपरेटिव सोसायटी मर्या.ने (चौधरी कालोनी नाहर सैयद दरगाह के पास) मंदसौर में भूमि स्वामी से रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर 1980 में क्रय की, क्या जिसके नामांतरण के लिए आवेदन भू-अभिलेख को प्रस्तुत किया था? क्या अधीक्षक भू-अभिलेख ने नामांतरण पंजी अनुक्रमांक 72,73,74 पर दिनांक 18 जनवरी 2002 को संस्था के पक्ष में नामांतरण का आदेश पारित किया था? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या विक्रयकर्ता ने नामांतरण आदेश के विरुद्ध अनुविभागीय अधिकारी को अपील प्रस्तुत की थी? क्या अभिलेख अनुसार उक्त सोसायटी ने नामांतरण के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था? यदि हाँ, तो क्या विज्ञप्ति जारी होने के उपरांत भी कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई, जिस पर अधीक्षक भू अभिलेख ने दिनांक18 जनवरी को संस्था के पक्ष में नामांतरण की प्रविष्टि को प्रमाणित किया? क्या अनुविभागीय अधिकारी ने सोसायटी के नामांतरण को खारिज कर दिया? क्या आयुक्त उज्जैन ने तहसीलदार मंदसौर को प्रत्यावर्तित कर निर्देश दिए की विधिवत पक्षकारों को सुनवाई का अवसर देते हुये उक्त सोसायटी के नामांतरण के आवेदन गुण-दोष के आधार पर आदेश पारित करें। (ग) क्या मा. न्यायालय राजस्व मंडल ग्वालियर ने आयुक्त उज्जैन द्वारा पारित आदेश को वैधानिक एवं उचित आदेश होने से हस्तक्षेप योग्य नहीं माना? क्या तहसीलदार मंदसौर द्वारा पुन: उक्त सोसायटी का नामांतरण पंजी 72,73,74 2001-02 पुन: मंजूर की जायेगी? यदि हाँ, तो कब-तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, अनुविभागीय अधिकारी मंदसौर के न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 87, 88, 89/अपील/2001-02 में अधीक्षक भू अभिलेख के आदेश को निरस्त किया गया। न्यायालय अपर आयुक्त के प्रकरण क्रमांक 322, 323, 324/2003-04/अपील अंतर्गत पारित निर्णय में पक्षकारों को विधिवत सुनवाई का अवसर देते हुए सोसायटी के नामातंरण आवेदन का निराकरण किये जाने हेतु तहसीलदार मंदसौर को निर्देशित किया गया है। (ग) जी हाँ। न्यायालय अपर आयुक्त उज्जैन के निर्णय में दिये गये निर्देश के पालन में तहसील न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 1726/अ- 6/2020-21 प्रचलित है। प्रकरण में विधिक प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विभाग में संचालित योजनाएं
[सहकारिता]
116. ( क्र. 2906 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? योजनाओं के संचालन के क्या-क्या नियम निर्देश हैं? उज्जैन जिले में 1 जनवरी, 2016 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी योजना के लिए किस-किस मद में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) उज्जैन जिले में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य स्वीकृत कराये गये? प्राप्त आवंटन से किस-किस कार्य पर कितना-कितना व्यय किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों की प्रगति क्या है? स्वीकृत कार्यों में किन-किन कार्यों की शिकायत प्राप्त हुई है? शिकायत किसके द्वारा की गई है? शिकायत का क्या निष्कर्ष निकला है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं के नाम एवं संचालन के नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) स्वीकृत कार्यों के संबंध में किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं है।
ई-वाहन पोर्टल पर बीएस-4 टेक्नोलॉजी के वाहनों का रजिस्ट्रेशन नंबर
[परिवहन]
117. ( क्र. 2936 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीएस-4 टेक्नोलॉजी के वाहन जिनका विक्रय के उपरांत दिनांक 31.3.20 तक ई-वाहन पोर्टल पर डेटा फीड किया जा चुका था, क्या ऐसे सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर परिवहन कार्यालयों द्वारा जारी किए जा चुके हैं? शिवपुरी परिवहन कार्यालय शिवपुरी में दिनांक 31.3.2020 की स्थिति में ऐसे कितने बीएस-4 टेक्नोलॉजी के वाहनों की जानकारी ई-वाहन पोर्टल पर दर्ज है,किंतु कार्यालय द्वारा प्रश्न दिनांक तक रजिस्ट्रेशन नंबर जारी नहीं किए जा सके है व क्यों? वाहनों की संख्यावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किए जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा ई-वाहन पोर्टल पर दर्ज उक्त वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर कब तक जारी कर दिए जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 1. बीएस-4 टेक्नोलॉजी के वाहन जिनका विक्रय के उपरांत दिनांक 31.03.2020 तक परिवहन विभाग की स्मार्ट शाखा के पोर्टल पर डेटा फीड किया जा चुका था एवं जिनके आवेदन जिला परिवहन कार्यालयों में प्राप्त हो चुके थे, के रजिस्ट्रेशन नम्बर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित किये गये आदेश के पालन में परिवहन कार्यालयों से नियमानुसार जारी किये जा चुके हैं। जिला परिवहन कार्यालय शिवपुरी में दिनांक 31.03.2020 की स्थिति में 85 बीएस-4 टेक्नोलॉजी के वाहनों की जानकारी स्मार्ट शाखा के पोर्टल पर दर्ज है, किन्तु संबंधित वाहन विक्रेताओं द्वारा अभी तक पंजीयन हेतु विक्रित किये गये वाहनों के दस्तावेज और आवेदन जिला परिवहन कार्यालय शिवपुरी में प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण रजिस्ट्रेशन नंबर जारी नहीं किये जा सकें हैं। वाहनों की व्ही.आई.डी. की सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किये जाने हेतु वाहन डीलरों को संबंधित परिवहन कार्यालय से पत्र जारी किये गये हैं। पोर्टल पर दर्ज वाहनों के आवदेन तथा दस्तावेज डीलरों की ओर से प्राप्त होने पर रजिस्ट्रेशन नंबर नियमानुसार जारी किया जाना संभव हो सकेगा।
कुण्डेश्वर धाम के अवैध अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
118. ( क्र. 2939 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के कुण्डेश्वर धाम सीमा में टीकमगढ़-ललितपुर मुख्य मार्ग के दोनों ओर तथा मेला प्रांगण में कतिपय लोगों द्वारा अस्थाई/पक्की दुकानों का निर्माण कर अवैध कब्जा करके अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो अवैध कब्जा क्षेत्र सहित कब्जाधारियों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, क्या अवैध अतिक्रमण/कब्जे के कारण शासन द्वारा स्वीकृत कुण्डेश्वर धाम के सौन्दर्यीकरण एवं विकास के कार्य अवरूद्ध हो रहे हैं? (ग) क्या प्रश्न क्रमांक 276 दिनांक 20-2-2019 के उत्तर के लिखित जवाब में जिला प्रशासन/विभाग द्वारा शीघ्र ही उक्त अतिक्रमण हटाने का कथन किया गया था? यदि हाँ, तो अब तक अतिक्रमण न हटाने का क्या कारण है? इसके लिये कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार, कुण्डेश्वर धाम में जनसुविधाओं, सौन्दर्यीकरण तथा विकास कार्यों के लिये उक्त अवैध अतिक्रमण/कब्जा को जिला प्रशासन/विभाग द्वारा कब तक हटा दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) टीकमगढ़ जिले के कुण्डेश्वर धाम सीमा में टीकमगढ़-ललितपुर मार्ग के दोनों ओर 33 तथा मेला प्रांगण में 92 अस्थायी दुकानें एवं चद्दर की गुमटी रखकर अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रमण क्षेत्र सहित अतिक्रमणकर्ताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। कोरोना महामारी के कारण मौके पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही नहीं की जा सकी। तहसीलदार टीकमगढ़ के न्यायालय में अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध धारा 248 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर अर्थदण्ड अधिरोपित किये गये हैं तथा बेदखली आदेश पारित किये गये है। मौके पर से अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में लागू नहीं होता।
निवाड़ी जिले में रिक्त पदों को भरे जाना
[राजस्व]
119. ( क्र. 2942 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिले में अभी तक राजस्व विभाग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्वीकृत पदों की संख्या अनुसार पदस्थापना नहीं की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में जिला, अनुविभाग एवं तहसील स्तर पर तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत पदों की कार्यालयवार, पदवार संख्या बतायी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे एवं कितने पद रिक्त हैं? की जानकारी भी कार्यालयवार एवं पदवार संख्या बतायी जावे। साथ ही बताया जाये कि नवगठित जिले में क्या प्रश्नगत पदों के रिक्त होने के कारण शासकीय कार्य प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो रिक्त पदों पर पदस्थापना कब तक की जा सकेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार दिनांक 1 अक्टूबर 2018 के पश्चात जिले में स्वीकृत पदों पर किन-किन तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदस्थ किया गया है, की जानकारी पृथक से कार्यालयवार दी जावे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार। जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) दिनांक 01 अक्टूबर 2018 के पश्चात जिले में तृतीय श्रेणी (सहायक वर्ग-03) के पद पर कलेक्टर कार्यालय में सिर्फ 01 कर्मचारी स्थानान्तरण द्वारा पदस्थ हुआ।
ग्राम गीदगढ़ के वासियों को भू-अधिकार पुस्तिका का वितरण
[राजस्व]
120. ( क्र. 2949 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के आदेश क्र. 3263/10/62, दिनांक 26/4/1962 से रायसेन जिले में अन्तरित किए गए वनग्राम गीदगढ़ के किसानों को माननीय प्रभुराम जी चौधरी जी द्वारा वर्ष 2019 एवं 2020 में दो पत्र कलेक्टर रायसेन को लिखे जाने के बाद भी प्रश्नांकित दिनांक तक भू-अधिकार पुस्तिका का वितरण नहीं किया? (ख) माननीय मंत्री श्री प्रभुराम जी चौधरी ने ग्राम गीदगढ़ के संबंध में किस-किस के पत्र एवं किस-किस अभिलेख, मानचित्र के साथ कलेक्टर रायसेन को किस दिनांक को पत्र लिखा तथा पत्र पर कलेक्टर रायसेन द्वारा किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की गई? किन-किन कारणों से गीदगढ़ वासियों को किस दिनांक से प्रश्नांकित दिनांक तक भू-अधिकार पुस्तिका का वितरण नहीं किया? (ग) दिनांक 26/4/62 के आदेश से रायसेन जिले के किस वनग्राम का राजस्व विभाग को अन्तरण हुआ तथा किस ग्राम के कितने किसानों को भू-अधिकार पुस्तिका का वितरण हो चुका है? गीदगढ़ ग्रामवासियों को पुस्तिका का वितरण कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय मंत्री श्री प्रभुराम जी चौधरी ने ग्राम गीदगढ के संबंध में श्री फजल अली पूर्व विधायक प्रतिनिधि जनपद पंचायत सांची के पत्र दिनांक 08/08/2019 के साथ संलग्न सहपत्र कार्यालय वनमंडलाधिकारी सामान्य वनमंडल रायसेन के पत्र क्रमांक 693 रायसेन दिनांक 12/02/2001 एवं पत्र क्रमांक 2849 रायसेन दिनांक 31/10/2000 के साथ शासन आदेशानुसार वनग्राम राजस्व विभाग को हस्तांतरित हेतु चार्जलिस्ट, वन ग्राम गीदगढ के हस्तांतरण के समय (दिनांक 31/12/1976) वनभूमि के काश्तकारों की सूची एवं कार्यालय वनसंरक्षक भोपाल वृत्त भोपाल के पत्र क्रमांक 2313 दि. 06/03/1982 की प्रति प्रस्तुत की है एवं दिनांक 06/09/2019 को माननीय मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी जी द्वारा ग्राम गीदगढ के संबंध में श्री फजल अली पूर्व विधायक प्रतिनिधि जनपद पंचायत सांची का पत्र दिनांक 04/09/2019, पूर्व पत्र 08/08/2019 एवं कार्यालय कलेक्टर जिला भोपाल के पत्र क्रमांक 1311/भू-अभि./2019 दिनांक 22/08/2019 की प्रति सहित पुन: पत्र लिखा गया था। कलेक्टर रायसेन द्वारा आवेदन पत्र के संबंध में निम्नानुसार कार्यवाही की गई:- (i) जिला अभिलेखागार में ग्राम गीदगढ के उपलब्ध अभिलेख की जाँच करायी गर्इ। (ii) ग्राम गीदगढ के संबंध में दिनांक 28/12/2019 को जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया। (iii) दिनांक 10/02/2020 को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) दिनांक 26/04/1962 के आदेश से रायसेन जिले के जो वनग्राम राजस्व विभाग को अंतरण हुए थे इन ग्रामों के किसानों को भू-अधिकार पुस्तिका का वितरण हो चुका है। वे हैं:- जिले में राजस्व विभाग वितरित की गई भू-अधिकार ऋण पुस्तिका की संख्या को अंतरित वनग्राम 1 महूआखेडा 107, 2. भरदा 22, 3. सुरई 53, 4. मुक्तापुर 61, 5. गोपीसुर सतकुण्डा 176, 6. गीदगढ़ 0, 7. बोरपानी 107, 8 .सलेहपुर 83, 9. सागौर 85, 10. समनापुर 33, 11. मुलरमेटा 90, 12. पनझिरपा 36, 13. सीहोराकलां 217, 14 .खमरिया 162, 15. हेदरी 97, 16. जामनपानी 164, 17. बढेरा 11, 18. रसीदपुर 289, 19. घाना 33, 20. खोदरी 97, 21. जेत विनेका 4, 22. लुलका 28, 23. ककरूआ गुलाब 138, 24. झिरिया ता. चैका 122, 25. देवरी 96, 26. रमपुरा 110, 27. चनाकुण्डा 57, 28. डगडगा 108, 29. भजिया 17, 30. बेलगांव 46, 31. जेतगढ़ 24,32. सिमरिया 29, 33. केसली 36, 34. चोर पिपरिया 33, 35. गोपालपुर 11, 36. गगनबाड़ा 67, 37. सियलवाड़ा 153, 38. डुगरियाखुर्द 45, 39. रमपुरा 76, 40. वाजनी 18, 41. कोटाखजारी 12, 42. गगनबाड़ा 48, 43. बिलगंवा 25, 44. वीरपुर 36, 45. खमकुआ 19, 46. गुटोरी 41, 47. पुदद्र 27, 48. सर्रा 52, 49. सिंहपुरी 165, 50. आलनपुर डूब में 51. कटक 52, 52. हाथीडोल 104, 53. श्रबरा 60 54. इमलिया 28, 55. कैरीचैका 29, 56. जावरा मलखार 41, 57. तुमडा खेडा 19, 58. वरहखेड़ा 85, 59. करकवानी 41, 60. बोरपानी 187 61. रातापानी अभ्यारणय में योग (61 ग्राम) 4212 ग्राम गीदगढ के संबंध में विधि अनुसार कार्यवाही पूर्ण कर जाकर ऋण पुस्तिकाओं का वितरण किया जा सकेगा।
परिवहन अधिकारियों द्वारा टैक्स अनियमितता
[परिवहन]
121. ( क्र. 2950 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन को जिला शहडोल में एक ही वाहन के दो अलग-अलग बिल काटकर परिवहन विभाग के अफसरों की मिलीभगत से 297 वाहनों की खरीदी में टैक्स चोरी किए जाने का मामला सूचना आयोग द्वारा उजागर किए जाने की जानकारी मिली है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वाहनों में हुये इस टैक्स चोरी घोटाले पर क्या शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) उपरोक्त वाहन टैक्स चोरी में दोषी पाये गये अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) हाँ यह सही है कि माननीय राज्य सूचना आयोग द्वारा द्वितीय अपील क्रमांक ए.1027/एसआईसी/शहडोल/2020 में पारित आदेश दिनांक 07.07.2020 द्वारा यह मामला संज्ञान में आया था। (ख) एवं (ग) जाँच प्रकिया प्रचलन में है। पूर्ण होने पर, दोषी पाये जाने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाना संभव होगा। आर.टी.ओ द्वारा अभी तक दोषी वाहनों से मोटरयान कर की राशि रूपये 18,12,530/- के विरूद्ध रूपये 15,72,351/- जमा कराये जा चुके है। शेष रूपये 2,40,179/- जमा कराने के लिये डीलर को नोटिस जारी किया गया है।
बड़े झाड एवं छोटे झाड के जंगल मद में दर्ज जमीन
[राजस्व]
122. ( क्र. 2956 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग ने बड़े झाड, छोटे झाड के जंगल मद में दर्ज जमीनों के संबंध में सेन्ट्रल इम्पावर्ड कमेटी में आवेदन क्रमांक 513 एवं सर्वोच्च अदालत में याचिका क्रमांक 202195 के अंतर्गत आई.ए. क्रमांक 791/792 प्रस्तुत किया, जिन पर आदेश भी किए जा चुके है? (ख) यदि हाँ, तो आवेदन क्रमांक 513 एवं आई.ए. क्रमांक 791/972 में किस जिले में बड़े झाड़ के जंगल एवं छोटे झाड़ के जंगल मद में कितनी भूमि दर्ज होना प्रतिवेदित किया? इन जमीनों के संबंध में किस दिनांक को क्या-क्या आदेश दिए गये? (ग) आई.ए. क्रमांक 791/792 आदेश दिनांक 1 अगस्त, 2003 का पालन किए जाने के संबंध में राज्य मंत्रालय से किस-किस दिनांक को किस-किस को क्या-क्या निर्देश जारी किये गये? प्रति सहित बतायें। यदि निर्देश जारी नहीं किए गये हो तो कारण बतावें। (घ) कब तक आदेश का पालन किए जाने के संबंध में निर्देश जारी किए जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जिलेवार छोटे-बड़े झाड के जंगल की प्रतिवेदित स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 01/08/2003 को पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) आई.ए. क्रमांक-791/792 में आदेश दिनांक 1 अगस्त 2003 के अनुक्रम में विभाग द्वारा सचिव, भारत सरकार, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को पत्र दिनांक 26/10/2005 प्रेषित कर छोटे झाड, बडे झाड की भूमि को वन की परिभाषा से मुक्त करने का अनुरोध किया गया है तथा दिनांक 04/12/2009 एवं दिनांक 11/03/2019 को स्मरण पत्र भी भेजा गया है। जिसके अनुक्रम में भारत सरकार का निर्णय अपेक्षित है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में दिए गए विवरण अनुसार प्रेषित प्रस्ताव के अनुक्रम में भारत सरकार का निर्णय अपेक्षित होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
खसरा बी-1, पी-2 नकल हेतु निर्धारित शुल्क
[राजस्व]
123. ( क्र. 2981 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की किसानों को नि:शुल्क खसरा, बी-1, पी-2 दिए जाने की क्या योजना है? यदि नहीं तो यह योजना कब बंद की गयी? यदि योजना चल रही है तो साल में कितनी बार नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है? (ख) क्या लोक सेवा केन्द्र में भूमि के एक साल के एक सर्वे नम्बर का खसरा व बी-1 की सत्यापित प्रति निकालने पर किसानों को 60 रूपये किसानों को देना पड़ती है? (ग) क्या भूमि के पांच साला एक सर्वे नम्बर का खसरा व बी-1 की सत्यापित प्रति निकालने पर किसानों को 120 रूपये का भुगतान करना पड़ता है? (घ) उज्जैन जिले में किसानों द्वारा खसरा व बी-1, पी-2 व अन्य दस्तावेज निकालने से शासन को कितना राजस्व 1 जनवरी 2019 से 5 फरवरी 2021 तक प्राप्त हुआ? वर्षवार विवरण दें। (ड.) क्या शासन खसरा, बी-1, पी-2 की नकल हेतु निर्धारित शुल्क को कम कर किसानों को राहत प्रदान करेगा? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासन की योजना अनुसार किसानों को वर्ष में एक बार नि:शुल्क खसरा, बी-1 की प्रतिलिपि दी जाती है। योजना निरन्तर चल रही है। (ख) म.प्र. शासन, राजस्व विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 2-7/2019/सात/शा-7 दिनांक 19.07.2019 में म.प्र. राजस्व अभिलेख नियम, 1959 के भाग-3 अभिलेख की कम्प्यूटरीकृत प्रति के प्रदाय का नियम 56 में एकसाला/पाँच साला खसरा, बी-1, P2 के प्रथम पृष्ठ के लिए रू. 30/- एवं प्रत्येक अतिरिक्त पृष्ठ के लिए रू. 15/- निर्धारित है। (ग) म.प्र. शासन, राजस्व विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 2-7/2019/सात/शा-7 दिनांक 19.07.2019 में म.प्र. राजस्व अभिलेख नियम, 1959 के भाग-3 अभिलेख की कम्प्यूटरीकृत प्रति के प्रदाय का नियम 56 में एकसाला/पाँच साला खसरा, बी-1, P2 के प्रथम पृष्ठ के लिए रू. 30/- एवं प्रत्येक अतिरिक्त पृष्ठ के लिए रू. 15/- निर्धारित है। (घ) जिला उज्जैन में वेबसाइट www.mpbhulekh.gov.in पोर्टल से ऑनलाइन प्राप्त जानकारी अनुसार आई.टी. सेन्टर से राशि रुपए 5773339/- एवं लोकसेवा केन्द्र से राशि रुपए 916560/- का राजस्व प्राप्त हुआ है। (ड.) ऐसा कोई विषय वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
सहकारी बैंकों में पूर्णकालिक शाखा प्रबंधकों की नियुक्ति
[सहकारिता]
124. ( क्र. 2982 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित कौन-कौन सी जिला सहकारी बैंकों में पूर्णकालिक शाखा प्रबंधक कार्यरत हैं और कितनी बैंकों में कार्यवाहक है? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) उज्जैन जिले सहित नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र की सहकारी बैंकों में पूर्णकालिक/कार्यवाहक शाखा प्रबंधक कार्यरत हैं? नाम सहित कब-कब कितने वर्षों से कार्यरत हैं? शाखावार विवरण दें। (ग) क्या प्रदेश में संचालित जिला सहकारी बैंकों में पूर्णकालिक शाखा प्रबंधकों की नियुक्ति करने की शासन स्तर पर प्रक्रिया प्रचलित है? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों? (घ) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितनी सेवा सहकारी संस्थाओं के स्वयं कार्यालय भवन व गोडाउन हैं और कितनी संस्था के पास नहीं है? निर्माण करने की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? नाम सहित विवरण दें। (ङ) वर्ष 2018-19, 2019-20 में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक उज्जैन सहित नागदा, खाचरौद, घिनोदा, उन्हेल के माध्यम से किन-किन सहकारी संस्थाओं ने गेहूँ व सोयाबीन के बीज खरीदे गये हैं? कंपनियों व संस्थाओं के नाम सहित कितनी मात्रा में किस मूल्य पर खरीदे गये? खरीदे गये बीजों को कितने किसानों को वितरण किया गया? गांव का नाम सहित संस्थावार विवरण दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संबंध में जिला स्तर रोस्टर तैयार नहीं होने के कारण प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं की गई। (घ) 24 सेवा सहकारी संस्थाओं में स्वयं के कार्यालय सह-गोदाम है। 01 के पास नहीं है। सेवा सहकारी संस्था सर्वोदय की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ होने के बाद संस्था द्वारा भवन सह-गोदाम निर्माण का निर्णय लिया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
पचमढ़ी द्वारा पर्यटकों का मनोरंजन
[राजस्व]
125. ( क्र. 2988 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1970 में छावनी परिषद पचमढ़ी द्वारा पर्यटकों के मनोरंजन हेतु टॉकीज के लिये जमीन लीज पर दी गई थी? (ख) यह जमीन किन शर्तों पर किस प्रयोजन से, कितने वर्ष के लिये और किस लीज रेंट पर किसको आवंटित की गई थी? (ग) क्या इस पर वर्तमान में टाकीज का संचालन न होकर व्यवसायिक दुकान बनाकर किराये पर संचालित हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो लीज शर्तों के उल्लंघन को लेकर विभाग ने अथवा जिला प्रशासन ने क्या कार्यवाही की अथवा आगे क्या कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) रिहायशी व्यवसायिक एवं सिनेमा उददेश्य हतु 90 वर्षों हतु 28100 प्रीमियम एवं 300 सालाना लीज पर प्रत्येक 30 वर्षों में नवीनीकरण की शर्त पर वर्ष 1970 में छावनी क्षेत्र में स्थित भूमि सर्वे न 93/117 बी क्षेत्रफल 15000 वर्ग फुट भूमि श्री प्रेमनारायण जायसवाल को प्रदान की गई है। (ग) प्रश्नाधीन भूमि के कुछ हिस्से में होटल तथा दुकानो का व्यवसाय संचालित हो रहा है टाकीज में मरम्मत/रिनोवेशन कार्य हेतु अनुमति प्राप्त की गई है (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संस्कृति गार्डन का अवैध कब्जा हटाने
[राजस्व]
126. ( क्र.
2989 ) श्रीमती
रक्षा संतराम
सरोनिया : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
भाण्डेर में
संस्कृति
गार्डन
शासकीय भूमि
पर निर्मित
है? (ख)
यदि हाँ, तो क्या
उस पर श्री
रविन्द्र
सत्यार्थी
का अवैध कब्जा
है? (ग)
यदि हाँ, तो यह
गार्डन कब से
संचालित है? (घ) प्रशासन
द्वारा अवैध
कब्जा हटाने
की क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं तो कब तक
की जावेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी, नहीं।
(ख)
उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
(क) व
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (घ) उत्तरांश
(ख) व
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में लागू नहीं
होता।
जल संरक्षण एवं नल जल योजना
[जल संसाधन]
127. ( क्र. 3000 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के लिए विभाग द्वारा जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक की गई, स्वीकृतियों का ब्यौदा दें। उक्त में से कितनी स्वीकृतियां मनावर विधानसभा क्षेत्र के लिए थी? वर्तमान में उन स्वीकृतियों का क्या प्रोग्रेस है? तत्संबंधी ब्यौदा दें। (ख) सिंचाई के लिए तालाब निर्माण हेतु कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश में किया जा रहा है? उक्त योजनाओं की मनावर विधानसभा क्षेत्र में क्या स्थिति है? (ग) सिंचाई तालाबों के पुनर्वास एवं सुधार के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक उमरबन, मनावर एवं निसरपुर विकासखण्ड अंतर्गत किन-किन तालाबों के पुनर्वास एवं सुधार के कार्य किए गए? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (घ) कलेक्टर धार को सिंचाई तालाबों के पुनर्वास एवं निर्माण से संबंधित किस दिनांक को कितने पत्र प्राप्त हुए? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? तत्संबंधी ब्यौरा दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) धार जिले के लिए विभाग द्वारा जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक की गई स्वीकृतियों का ब्यौरा तथा प्रोग्रेस संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। उक्त स्वीकृतियों में से कोई भी स्वीकृति मनावर विधान सभा क्षेत्र के लिए नहीं है। (ख) केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP) के अंतर्गत केंद्र सरकार से प्राप्त आंशिक अनुदान से प्रदेश में सिंचाई के लिए तालाब निर्माण किया जाता है। मनावर विधान सभा क्षेत्र में AIBP अंतर्गत कोई योजना संचालित नहीं है। (ग) सिंचाई तालाबों के पुनर्वास एवं सुधार के लिए Dam Rehabilitation Improvement Project (DRIP) एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना संचालित हैं। उमरवन, मनावर एवं निसरपुर विकासखण्ड़ के किसी भी तालाब के पुनर्वास एवं सुधार का कार्य नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कलेक्टर धार के माध्यम से सिंचाई तालाबों के पुनर्वास से संबंधित विभाग को कोई पत्र प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है। सिंचाई तालाबों के निर्माण के संबंध में कलेक्टर धार के माध्यम से प्राप्त पत्र तथा उन पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि
[राजस्व]
128. ( क्र. 3001 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 932/2020 दिनांक 30/12/2020 प्रमुख सचिव राजस्व को बैतूल जिले में डीनोटीफाईड भूमियों बाबत् लिखा जिस पर की गई कार्यवाही की प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रश्नकर्ता को कोई सूचना या जानकारी नहीं दी गई। (ख) बैतूल जिले के 680 ग्रामों की संरक्षित वन सर्वे में शामिल भूमि में से 234 ग्रामों की समस्त भूमि 1972 में डीनोटीफाईड किए जाने के बाद भी डीनोटीफिकेशन की प्रविष्टि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं किए जाने, भूमि वन विभाग के कब्जें से मुक्त नहीं करवाए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 30 दिसम्बर 2020 और उसके साथ संलग्न सतपुड़ा रिसर्च एण्ड एडवोकेसी एलएलपी. (एस.आर.ए.) के पत्र क्रमांक 62 दिनांक 28/12/2020 की जाँच किसके द्वारा कब की गई? जाँच में क्या-क्या तथ्य सही पाए गए, जाँच कब तक पूरी की जाकर प्रतिवेदन प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उक्त पत्र की प्रति वन विभाग को, वन तथा राजस्व विभाग के मध्य भूमि विवादों के निराकरण हेतु अपर मुख्य सचिव, वन विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्य में आवश्यक कार्यवाही हेतु, विभाग के पत्र क्रमांक-130/2287/2019/सात-2 दिनांक 20.01/2021 द्वारा प्रेषित की गई। (ख) वन तथा राजस्व विभाग के मध्य भूमि विवादों के निराकरण हेतु गठित समिति का प्रतिवेदन शासन के समक्ष विचाराधीन होने से कोई अग्रेत्तर कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) कृत कार्यवाही की जानकारी प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
परियोजना की निर्धारण क्षमतानुसार सिंचाई सुनिश्चित की जाना
[जल संसाधन]
129. ( क्र. 3017 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मुलताई के पारसडोह बांध माईक्रो सिंचाई मध्यम परियोजना से माह नवम्बर 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सिंचाई प्रस्तावित थी? उक्त अवधि में कितनी सिंचाई की जा सकी? यदि इसी क्षमता से सिंचाई नहीं की जा सकी तो इसके क्या कारण हैं? (ख) क्या विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि उक्त बांधों से उसकी क्षमता अनुसार पूर्ण रूप से सिंचाई हो तथा किसानों को इसके पूर्ण लाभ मिले तथा शासन इसके लिए क्या काम करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रस्तावित सिंचाई 7056 हेक्टेयर। की गई सिंचाई 3495 हेक्टेयर। लक्षित 7056 हेक्टेयर क्षेत्र के विरूद्ध दिसंबर-2020 तक 2795 हेक्टेयर क्षेत्र में ही सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का कार्य पूर्ण होने के कारण प्रस्तावित लक्ष्य के अनुरूप सिंचाई नहीं की जा सकी। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन बांध से क्षमतानुसार किसानों को पूर्ण रूप से सिंचाई का लाभ प्राप्त होने के लिए विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी को जून-2021 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है।
सक्षम अधिकारी के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज
[राजस्व]
130. ( क्र. 3027 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के बिजावर अंतर्गत हल्का रगौली पटवारी नवल किशोर त्रिपाठी का स्थानांतरण होने के उपरांत उक्त पटवारी द्वारा नियम आदेश का पालन न करने के कारण सक्षम अधिकारी द्वारा अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए थे? उक्त आदेश पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था? (ख) क्या उक्त पटवारी को उक्त स्थानांतरण आदेश पर उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश दिया था? यदि हाँ, तो क्या सक्षम अधिकारी द्वारा उक्त आदेश का पालन किया था? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? क्या सक्षम अधिकारी द्वारा शासन के नियम कानून एवं उच्च न्यायालय के आदेश का पालन न करने वाले सक्षम अधिकारी के विरुद्ध अपराधी प्रकरण दर्ज किया जावेगा? हाँ या नहीं यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या उक्त पटवारी के परिजनों द्वारा पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित थानों में शिकायत की थी? हाँ या नहीं यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर क्या सक्षम अधिकारी द्वारा कार्रवाई की गई है? कार्रवाई की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? उक्त पटवारी के परिजनों के साथ घटना या दुर्घटना होती है तो कौन जवाब दे होगा। (ड.) क्या उक्त पटवारी की अल्प आयु में मृत्यु हुई है? यदि हाँ, तो क्यों किन कारण से स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। श्री नवल किशोर त्रिपाठी पटवारी हल्का रंगौली तहसील बिजावर के द्वारा स्थानांतरण एवं भारमुक्ति के बावजूद भी पटवारी अभिलेख का प्रभार वापिस न किए जाने के कारण अनुविभागीय अधिकारी (रा0) बिजावर द्वारा दिनांक 29/01/2021 को थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ड.) श्री नवल किशोर त्रिपाठी की 58 वर्ष से अधिक की आयु में बीमारी से दिनांक 03/02/2021 को मृत्यु हो चुकी है।
पट्टे की भूमि के विक्रय पर प्रतिबंध
[राजस्व]
131. ( क्र. 3028 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू.रा.संहिता 1959 के नियम के तहत शासन की भूमि निजी दर्ज की जाती है? यदि हाँ, तो जिला तहसील हल्का मौजा छतरपुर, सौरा, देरी, मौराहा, बगौता, पठापुर, बरकौहा, चंद्रपुरा में कितने व्यक्तियों को सक्षम अधिकारी द्वारा शासन की भूमि के पट्टे के आदेश जारी किए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त पट्टे की भूमि विक्रय पर प्रतिबंधित थी? यदि हाँ, तो उक्त मौजा से कितने व्यक्तियों द्वारा कितने खसरा नंबरों की किसके आदेश से किस नियम के तहत विक्रय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त मौजा में शासन के कितने खसरा नंबर की भूमि वर्ष 1959 के उपरांत बिना सक्षम अधिकारी के निजी दर्ज कर दी गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार उक्त कितने खसरा नंबरों के तहसीलदार न्यायालय से उच्चतम न्यायालय तक प्रकरण विचाराधीन एवं शासन दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं। क्या सक्षम अधिकारी द्वारा न्यायालय के आदेश का पालन किया गया था? हाँ या नहीं? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या उक्त खसरा नंबरों को सक्षम अधिकारी द्वारा शासन दर्ज करने के आदेश जारी करेगा? हाँ या नहीं यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन के नियम निर्देशों का उल्लंघन करने
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
132. ( क्र. 3030 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजनगर के आदेश क्रमांक 141 एवं 142 दिनांक 23/3/2010 को शा.उ. मू. दुकान की स्थिति, स्थान एवं संख्या का परिवर्तन किए जाने के आदेश किए गए थे? उक्त अधिकारी का मूल पद एवं नाम बताएं। उक्त आदेशों के संबंध में कब किस के द्वारा जाँच की गई थी? जाँच का विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) क्या न्यायालय कलेक्टर जिला छतरपुर के प्रकरण क्रमांक/98/अपील/आदेश, दिनांक 8/1/2013 को 7/5/2012 का आदेश निरस्त करते हुए सक्षम समिति को दिया जाना सुनिश्चित करें प्रत्यावर्ती किया गया था? यदि हाँ, तो 7/5/2012 को आदेश किसके द्वारा किया गया था? मूलपद एवं नाम बताएं। क्या7/5/2012 को आदेश करने वाले अधिकारी द्वारा शासन के नियम का उल्लंघन किया जाना उल्लेखित होता है? (ग) यदि हाँ, तो शासन के नियम के अनुसार कार्रवाई न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार उक्त अधिकारी द्वारा वर्ष 2010 से 2015 तक कब कहां पर अनुविभागीय अधिकारी के पद पर पदस्थ रहे हुए हैं। उक्त अधिकारी द्वारा कब शा.उ.मू. की दुकानों के आदेश संलग्नीकरण एवं आवंटन के आदेश जारी किए गए हैं? उक्त आदेशों की प्रति उपलब्ध कराएं।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सेवा समितियों की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
133. ( क्र. 3031 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश की शासकीय उचित मूल्य की दुकान में निगरानी एवं सतर्कता समिति गठित की गई है? उक्त सतर्कता समिति की बैठक दुकान संचालक विक्रेता एवं प्रबंधक द्वारा ही कराई जाती है? दुकान संचालक विक्रेता प्रबंधक उक्त संस्था में पदाधिकारी हैं? क्यों दुकान संचालक को समिति की बैठक के लिए प्रेरित किया जाता है? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या शासन के नियम अनुसार प्रदेश में किसी भी शासकीय उचित मूल्य दुकान से राशन ले सकता है? यदि शासन के नियम अनुसार शासकीय उचित मूल्य दुकान द्वारा 50% से अधिक अन्य दुकान के पात्रता धारी को खाद्यान्न देता है तो उक्त दुकान विक्रेता द्वारा अपने 50% पात्रता धारी हितग्राहियों को खाद्यान्न कैसे देगा? क्या उक्त दुकान विक्रेता को मांग अनुसार अतिरिक्त आवंटन दिया जाएगा? यदि हाँ, कितने दिवस में किसके द्वारा? (ग) जिला इंदौर एवं छतरपुर में वर्ष 2020 से प्रश्र दिनांक तक कब किस शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की जाँच कर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं? क्या इंदौर में सेवा सहकारी समिति द्वारा संचालित समस्त दुकानों की जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या शासकीय उचित दुकान में अनियमितता करने पर कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी प्रथम दृष्टया जवाब देह होगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। आधार ऑथेंटिकेशन के माध्यम से यदि किसी दुकान पर अन्य दुकान के हितग्राही पोर्टेबिलिटी के कारण अधिक संख्या में राशन सामग्री प्राप्त कर लेते हैं तो शहरी क्षेत्र होने की स्थिति में उस दुकान के हितग्राही अन्य दुकानों से राशन सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। फिर भी यदि उचित मूल्य दुकानों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अथवा नगरीय क्षेत्रों में दुकान अत्यधिक दूर होने के आधार पर अतिरिक्त आवंटन की मांग की जाती है तो अतिरिक्त आवंटन की मांग हेतु तकनीकी विकल्प उपलब्ध कराकर उस माह के विरूद्ध वितरण करने हेतु आवंटन जारी किया जाता है, जिन दुकानों में पोर्टेबिलिटी के कारण खाद्यान्न का संपूर्ण वितरण हो जाएगा, वहां एन.आई.सी. से उतनी मात्रा का आवंटन आगामी माहों के आवंटन में जारी कराया जाना विचाराधीन है। (ग) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक इंदौर जिले की 12 उचित मूल्य दुकानों एवं छतरपुर जिले की 6 उचित मूल्य दुकानों के विरूद्ध संलग्न परिशिष्ट अनुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए है। जिले में दुकानों की जाँच का रोस्टर निर्धारित है इसके अतिरिक्त शिकायत प्राप्त होने पर जाँच कराई जाती है। दुकान विशेष में अनियिमितता का तथ्य संज्ञान में आने पर जाँच कराई जाएगी। (घ) प्रकरण विशेष के तथ्यों के आधार पर दायित्व संबंधी निर्णय लिए जाते है।
अनु. जाति एवं अ.ज. जाति के लोगों को शासन द्वारा प्रदाय पट्टा
[राजस्व]
134. ( क्र. 3033 ) श्री तरबर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 1998 और 2000 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितने लोगों को मध्यप्रदेश शासन द्वारा पट्टे प्रदान किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) प्रदान किये पट्टों में से कितने पट्टों की कम्प्यूटर फीडिंग हो गई है और कितने पट्टे फीडिंग हेतु शेष हैं? (ग) यदि फीडिंग हेतु शेष हैं तो फीडिंग कब तक कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 3419 लोगों को। (ख) प्रदान किये गये सभी 3419 पट्टो की कम्प्यूटर फीडिंग हो गई है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों की दिए गए ऋण की जानकारी
[सहकारिता]
135. ( क्र. 3041 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01-01-09 से 31-12-13 तक कृषक सेवा सहकारी संस्था मर्या. बैजनाथ तह. महिदपुर जिला उज्जैन द्वारा कितने कृषकों को कितना लोन दिया गया? ग्रामवार, कृषक संख्या सहित बतावें। (ख) उपरोक्त अवधि में गेहूँ का कितना उपार्जन किया गया? वर्षवार देवें। इसमें हुई हानि की जानकारी वर्षवार देवें। (ग) इस हानि से संबंधित कलेक्टर ट्रिब्यूनल में जो प्रकरण चल रहा है उसकी अद्यतन स्थिति बतावें। इसका निराकरण कब तक होगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उपार्जन कार्य में हानि नहीं हुई है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
उद्योगों की जानकारी
[श्रम]
136. ( क्र. 3042 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा जंक्शन जिला उज्जैन में स्थापित उद्योगों के कितने प्रकरण कहाँ-कहाँ चल रहे हैं? प्रकरण क्रमांक, उद्योग नाम सहित देवें। (ख) दि. 01-01-19 से 06-02-21 तक इनमें कितनी तारीखे लगी? उद्योगवार बतावें। (ग) इनमें शासन की ओर से नियुक्त अधिकारी कब-कब उपस्थित/ अनुपस्थित रहे की जानकारी तारीखवार जानकारी प्रकरणवार देवें। (घ) जिन तारीखों में विभागीय अधिकारी अनुपस्थित रहे उनका कारण बतावें। प्रकरणवार देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) नागदा जंक्शन जिला उज्जैन में स्थापित उद्योगों के विरूद्ध मध्यप्रदेश औद्योगिक नियोजन (स्थानीय अज्ञाए) अधिनियम, 1961 के अंतर्गत 03 प्रकरण माननीय श्रम न्यायालय उज्जैन में तथा कारखाना अधिनियम, 1948 एवं सहपठित मध्यप्रदेश कारखाना नियम, 1962 के अंतर्गत 14 प्रकरण मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी उज्जैन तथा 02 प्रकरण माननीय श्रम न्यायालय उज्जैन के न्यायालय में प्रचलित है। प्रकरण क्रमांक, उद्योग का नाम आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) दिनांक 01.01.2019 से 06.02.2021 तक प्रकरणों में लगी तिथियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ग) इनमें शासन की ओर से नियुक्त अधिकारी की उपस्थिति/अनुपस्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (घ) इन प्रकरण में जिन तारीखों में विभागीय अधिकारी न्यायालय में अनुपस्थित रहे है उनका कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
पात्रता पर्ची में छूटे गये हितग्राहियों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
137. ( क्र. 3049 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में पात्रता पर्ची सर्वे के दौरान घर पर अनुपस्थित हितग्राहियों को अपात्र कर दिया गया है, क्यों? जबकि वे आजीविका कारणों से बाहर गए हुए थे। (ख) कब तक इनका पुन: सर्वे करवाकर उन्हें पात्रता पर्ची प्रदान कर दी जाएगी? (ग) यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) धार जिले की कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में सर्वे के दौरान घर पर अनुपस्थित पाए गए हितग्राहियों को अपात्र नहीं किया गया है। विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्य/मृत्यु/दोहरे होने आदि कारण से स्थानीय निकायों के द्वारा चिन्हांकित अपात्र हितग्राहियों को पोर्टल से अस्थाई रूप से पृथक किया गया है। उक्त परिवारों द्वारा आवश्यक वैध दस्तावेजों सहित पुन: आवेदन प्रस्तुत करने पर उनकी पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन उपरांत मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची एवं सामग्री आवंटन जारी कर प्रदाय किए जाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जानकारी का प्रदाय
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
138. ( क्र. 3050 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में दिनांक 01.01.2017 से 05.02.2021 तक कितने हितग्राहियों के किस-किस योजना में कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? वर्षवार जानकारी, हितग्राही संख्या, योजना का नाम, अनुदान राशि सहित बताएं। (ख) कितने प्रकरणों में अभी अनुदान राशि, पूर्ण या आंशिक तौर पर लंबित है? लंबित राशि का भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में हितग्राही के प्रकरण स्वीकृति के पूर्व व पश्चात अधिकारियों द्वारा किए निरीक्षण की टीप की प्रमाणित विवरण, प्रकरणवार, वर्षवार देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नांश अवधि से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी निरंक। (ग) प्रश्नांश अवधि से प्रश्न दिनांक तक हितग्राही मूलक योजनाओं के प्रकरण स्वीकृत के पूर्व एवं पश्चात अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है।
बड़वानी जिले में हितग्राही योजनाओं का क्रियान्वयन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
139. ( क्र. 3060 ) श्री बाला बच्चन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में दि. 01-01-17 से 05-02-2021 तक कितने हितग्राहियों के किस-किस योजना में कितने प्रकरण स्वीकृत किए गए? वर्षवार बतावें। (ख) हितग्राही संख्या, योजना का नाम, अनुदान राशि सहित जानकारी देवें। (ग) कितने प्रकरणों में अभी अनुदान राशि पूर्ण या आंशिक तौर पर लंबित है? लंबित राशि का भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में हितग्राही के प्रकरण स्वीकृति के पूर्व व पश्चात अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण की टीप का विवरण प्रकरणवार, वर्षवार देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार।
रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन
[खनिज साधन]
140. ( क्र. 3061 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-04-2020 से 31-01-21 तक चंबल संभाग में रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के कितने प्रकरण बनाये गये? जिलावार पृथक-पृथक बतावें। (ख) इनमें कितना जुर्माना लगाया गया? पृथक-पृथक बतावें। वसूल राशि, लंबित राशि की जानकारी जिलावार देवें। कितने वाहन जब्त किए गए? जिलावार बतावें। (ग) जिन प्रकरणों में राशि लंबित है उनके लिए कौन जिम्मेदार है? प्रकरणवार, जिलावार बतावें। (घ) कब तक लंबित राशि की वसूली की जाएगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार कुछ प्रकरणों में जुर्माना अधिरोपित कर वसूल किया जा चुका है। शेष प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार कुछ प्रकरणों में जुर्माना अधिरोपित कर वसूल किया जा चुका है। शेष प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलन में है। बकाया वसूली की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
141. ( क्र. 3068 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले की तहसील अनूपपुर अंतर्गत पटवारी हल्का अनूपपुर की खसरा नंबर 1082/1 रबा 0.081 हे. अंश भूमि जो म.प्र. शासन की है, अतिक्रमण मुक्त कराया गया था? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकर्ता का नाम, पिता/पति का नाम तथा शासकीय सेवक होने की स्थिति में पत्नि व पति का शासकीय पद अनुसार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) भूमि पर अतिक्रमित भूमि कितनी थी? वर्गफुट अनुसार स्पष्ट जानकारी देवें। (ग) क्या विधान सभा के तारांकित प्रश्न 2644 दिनांक 17.07.2019 सहित अनेकों प्रश्नों के उत्तर में अतिक्रमण हटाने की जानकारी दी गई है? यदि हाँ, तो पुन: पक्की बाउण्ड्रीवॉल बनाने की शिकायत कलेक्टर/तहसील अनूपपुर को की गई थी? पूर्ण विवरण देवें। (घ) क्या मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार दुस्साहसी शासकीय कर्मचारी द्वारा पुन: अतिक्रमण मुक्त भूमि से अतिक्रमण हटाने तथा अतिक्रमण से करोड़ों रूपये की भूमि को सुरक्षित कराया जाएगा? (ड.) क्या अतिक्रमण मुक्त भूमि का क्षेत्रफल, नजरी-नक्शा तथा उत्तर दिनांक तक एस.डी.एम. से भौतिक सत्यापन उपरांत प्रतिवेदन देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। बेलावती पति रमेश सिंह। बेलावती (शिक्षिका) पति रमेश सिंह, (पटवारी), वर्तमान से पदस्थापना तहसील जैतहरी। (ख) उक्त आराजी के कुल रकबा 0.081 हे0 भूमि पर अतिक्रमण रकबा वर्गफुट अनुसार 80×60=4800 वर्गफिट था। (ग) जी हाँ। पुन: बाउण्ड्रीवाल बनाने का उल्लेख नहीं है बल्कि पुन: अतिक्रमण करने की शिकायत की गई थी। मौके से अतिक्रमण हटवाने के बाद से पुन: अतिक्रमण नहीं किया गय है। (घ) मौके पर दोनो अतिक्रमणकारियो द्वारा पुन: अतिक्रमण नहीं किया गया है। (ड.) अनु. अधि. अनूपपुर के द्वारा भैतिक सत्यापन उपरांत वादग्रस्त स्थल का वर्तमान भौतिक स्थिति का नजरी नक्शा स्थल पंचनामा संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
142. ( क्र. 3072 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत अनूपपुर तहसील के पटवारी हल्का अनूपपुर के खसरा नंबर 1082/1 शासकीय भूमि पर तहसील न्यायालय ने अतिक्रमण प्रमाणित करते हुए निर्णय पारित किया है? यदि हाँ, तो न्यायालय के निर्णय की प्रति उपलब्ध कराते हुए अतिक्रमणकारी का नाम, उनके पति का नाम व शासकीय विभाग के कर्मचारी होने पर पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) भूमि पर कितनी बार अतिक्रमण हटाया गया, प्रत्येक कार्यवाही की पूर्ण जानकारी देवें तथा अतिक्रमण से प्रभावित भूमि कितनी थी? (ग) क्या अतिक्रमणकारी का पति पटवारी है? यदि हाँ, तो पुन: अतिक्रमण मुक्त भूमि 80x60=4800 वर्गफुट पर स्थायी व पक्की बाउण्ड्रीवॉल बना लिया है? (घ) क्या कलेक्टर न्यायालय ने बेलावती पति रमेश सिंह के नक्शा तरमीम प्रकरण क्र. 06/स्वमेव निगरानी/10-11 में पारित आदेश में नक्शा तरमीम निरस्त कर तत्कालीन हल्का पटवारी जो कथित भूमि स्वामी का पति है, को दोषी सिद्ध किया है? यदि हाँ, तो नक्शा तरमीम निरस्तगी पर दुबारा कब व किस अधिकारी ने तरमीम आदेश किया है? (ङ) क्या दोषी पटवारी पर कलेक्टर के निर्णय पर सक्षम कार्यवाही तथा प्रश्नांश (क) भूमि से अतिक्रमण हटाया जाएगा? यदि नहीं तो क्या मुख्यमंत्री की सार्वजनिक घोषाण का पालन अनूपपुर प्रशासन नहीं करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। निर्णय की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। बेलावती (शिक्षिका) पति रमेश सिंह, (पटवारी) वर्तमान में पदस्थापना जैतहरी है। (ख) एक बार दिनांक 29/05/2017 को अतिक्रमण हटाया गया, की गई कार्यवाही पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा वादग्रस्त भूमि पर अतिक्रमित रकबा वर्गफुट अनुसार 80 ×60 = 4800 वर्गफिट थी। (ग) जी हाँ। पुन: बाउण्ड्रीवॉल बनाने का उल्लेख नहीं है, बल्कि पुन: अतिक्रमण करने की शिकायत की गई थी। मौके से दिनांक 29/05/2017 को अतिक्रमण हटवाने के बाद से पुन: अतिक्रमण नहीं किया गया है। (घ) कलेक्टर न्ययायालय द्वारा नक्शा तर्मीम निरस्त किये जाने के बाद न्यायालय कमिश्नर शहडोल संभाग, शहडोल के समक्ष निगरानी पेश किये जाने के कारण, आयुक्त के रा.प्र.क्र.02/निग0/19-20 हेतु मांग प.क्र. 178 शहडोल दिनांक 10 जून 2019 के पालन में तहसीलदार अनूपपुर न्याया0 का रा.प्र.क्र. 4/अ-3/08-09 दिनांक 11.07.19 द्वारा भेजा गया है। (ड.) मौके पर दोनो अतिक्रमणकारियों द्वारा पुन: अतिक्रमण नहीं किया गया है, अत: प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
संलग्नीकरण प्रथा को बढ़ावा दिया जाना
[जल संसाधन]
143. ( क्र. 3079 ) श्री संजय यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग के अंतर्गत संलग्नीकरण प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है? शासन द्वारा पहले अधिकारी/कर्मचारी का स्थानांतरण करती है एवं बाद में उसे पुन: स्थानांतरित स्थान पर संलग्नीकरण कर देते हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या वर्ष 2015 में तारांकित प्रश्न क्रमांक 3857 दिनांक 13.03.2015 द्वारा इस संबंध में प्रश्न किया गया था? क्या शासन द्वारा तत्काल संलग्नीकरण प्रथा समाप्त कर कर्मचारियों को मूल पदस्थापना में पदस्थ कर दिया गया था? यदि हाँ, तो पुन: उन कर्मचारियों का संलग्नीकरण क्यों किया गया बतावें। इसका दोषी कौन है? क्या उन दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? (ग) कार्यपालन यंत्री हिरन जल संसाधन संभाग जबलपुर एवं अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मण्डल जबलपुर में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी संलग्न हैं जिनकी पदस्थापना अन्य जिले में है एवं कार्य जबलपुर में कर रहे हैं? क्या मूल पदस्थापना विभाग में कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है अथवा उन्हें कार्य नहीं आता है? क्या शासन ऐसे संलग्नीकरण प्रथा को समाप्त कर पुन: कर्मचारियों को मूल पदस्थापना पर वापिस करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जल संसाधन विभाग में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के कारण अधिकारियों/ कर्मचारियों की कमी होने से शासकीय कार्य को सुचारू रूप से संपादित किये जाने की दृष्टि से कार्य की आवश्यकता अनुसार कार्यवाही की गयी है, जिसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्यपालन यंत्री, हिरन जल संसाधन संभाग, जबलपुर एवं अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मंडल, जबलपुर में 26 अधिकारी/कर्मचारी को शासकीय कार्य को सुचारू रूप से संपादित किये जाने की दृष्टि से कार्य की आवश्यकता अनुसार लगाया गया हैं, जो कार्य हित में हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
शासकीय भूमि को आबादी भूमि घोषित करने
[राजस्व]
144. ( क्र. 3080 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के बरगी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाले जनपद पंचायत जबलपुर पंचायत जबलपुर/शहपुरा मिटौनी की अधिकांश ग्राम पंचायतों एवं शहरी क्षेत्र के नये वार्ड क्रमांक 71 में निवासियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ आवासीय भूमि के पट्टे नहीं होने के कारण प्राप्त नहीं होने की जानकारी देकर ग्रामों में स्थित शासकीय भूमि को आबादी भूमि घोषित करने हेतु लगातार मांग की जा रही है एवं प्रश्नकर्ता द्वारा भी जनहित की मांग के संदर्भ में लगातार पत्राचार कर ग्राम पंचायतों की शासकीय भूमि को आबादी भूमि घोषित करने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं, तो बताया जावे कि ग्राम पंचायतों के ग्रामों में स्थित गैर उपयोगी शासकीय भूमि को कब तक आबादी भूमि घोषित किया जावेगा? (ख) उक्त के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न दिनांक तक दिये गये प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत करते हुये किये गये समस्त पत्राचार/नस्ती/प्रस्ताव का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार बरगी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली जनपद पंचायत जबलपुर/शहपुरा मिटौनी की कितनी ग्राम पंचायतों एवं शहरी क्षेत्र के नये वार्ड क्रमांक 71 में स्थित शासकीय भूमि को आबादी भूमि घोषित किया गया है? आबादी भूमि घोषित होने के बाद कितने हितग्राहियों को अभी तक पट्टे का वितरण किया गया? कितने हितग्राही पट्टों के लिये शेष है? पट्टे वितरण की समय-सीमा बताई जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ भूमि उपलब्ध न होने से आबादी भूमि घोषित नहीं की जा सकी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में माननीय विधायक महोदय के पत्र क्र. 777/वि.स./2020 दिनांक 06/10/2020 546/वि.स./2020 दिनांक 14/07/2020, 551/वि.स./2020 दिनांक 14/07/2020, 548/वि.स./2020 दिनांक 14/07/2020 नायब तहसीलदार बरगी के न्यायालय में प्रकरण दर्ज किया गया चूंकि उक्त मकान आबादी भूमि पर स्थित न होने से आवासीय भूमिस्वामी अधिकार पत्र नहीं दिये जा सके एवं आवेदन निरस्त किया गया है। (ग) जिले की बरगी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आने वाली जनपद पंचायत जबलपुर में भूमि उपलब्ध नहीं होने से आबादी भूमि घोषित नहीं की जा सकी। पात्र हितग्राहियों को पात्रता अनुसार भूमिस्वामी अधिकार दिए जायेंगे। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
स्व-प्रमाणित शपथ पत्र पर पंजीयन श्रमिकों का न करने पर कार्यवाही
[श्रम]
145. ( क्र. 3088 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कर्मकार मण्डल के तहत पंजीयन बाबत् श्रमिकों के आवेदन पर स्व-प्रमाणित शपथ पत्र के आधार पर पंजीयन किये जाने बाबत् श्रम विभाग द्वारा आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो कब? प्रति देते हुए बतावें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो सिंगरौली एवं रीवा जिले में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने आवेदन किन-किन जनपद पंचायतों में दिये गये तथा कितने परिचय पत्र/कार्ड जारी किये गये। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार श्रमिकों के पंजीयन के आवेदन कितने जनपद पंचायतों द्वारा सीधे लिये गये एवं कितने आवेदन लोक सेवा गारंटी के माध्यम से प्राप्त किये गये, की जानकारी पृथक-पृथक प्रश्नांश (ख) अनुसार जिलों की वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक की देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी आदेशों एवं निर्देशों का पालन न करते हुये प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार श्रमिकों का पंजीयन स्व-प्रमाणित शपथ-पत्र पर न कर नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ-पत्र पर कर श्रमिकों को आर्थिक क्षति पहुँचाई गई। इसके अलावा लोक सेवा गारंटी से आवेदन लेकर आवेदकों से अनावश्यक रूप से राशि व्यय कराई गयी। ये आवेदन सीधे जनपद पंचायतों द्वारा लिये जा सकते थे। इसकी जाँच उच्च स्तरीय समिति बनाकर कराये जाने के साथ दोषियों के पद व नाम की जानकारी देते हुए बतावें कि संबंधितों के ऊपर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु वर्ष में 90 दिवस निर्माण कार्य में संलग्न होने के प्रमाण स्वरूप स्वप्रमाणित घोषणा पत्र लिये जाने के निर्देश दिनांक 15.12.2014 को जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) सिंगरौली एवं रीवा जिले में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक जनपद पंचायतों में दिये गये आवेदन पत्रों तथा जारी किये गये परिचय पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब एवं स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब एवं स अनुसार है। (घ) जिला रीवा एवं सिंगरौली से श्रमिकों का पंजीयन स्वप्रमाणित शपथ पत्र पर न कर नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ पत्र मांगने की कोई शिकायत संज्ञान में नहीं आई है। श्रमिकों के पंजीयन हेतु लोक सेवा गारंटी एवं जनपद पंचायत में आवेदन देने के विकल्प हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
काबिज किसानों को पट्टा वितरित न करने के दोषियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
146. ( क्र. 3089 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले की शासकीय जमीनों पर वर्ष 1974 के पूर्व किसानों द्वारा काबिज दाखिल होकर कास्त कर रहे हैं जिनको आज दिनांक तक अधिकार पत्र/पट्टा प्रदान नहीं किये गये? क्यों, जबकि शासन द्वारा पट्टा दिये जाने बाबत निर्देश जारी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में देवसर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम गोंदवाली, भलुगढ, दादर, जोगियानी, भाउखांड, सुहिरा, गुदरीखोली के किसान 1974 के पूर्व से भूमियों पर काबिज होकर कास्त कर रहे हैं इनको पट्टा दिये जाने बाबत क्या निर्देश जारी करेंगे तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) में उल्लेखित तथ्यों का पालन न कर कास्तकारों व कब्जेधारी किसानों को पट्टे वितरित न करने के लिये कौन-कौन कर्मचारी व अधिकारी जिम्मेदार है? उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही इनको कब तक पट्टा/भूमि स्वामित्व अधिकार पत्र उपलब्ध कराये जाने बाबत् कब तक निर्देश जारी करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। वर्ष 1947 के पूर्व से शासकीय जमीनों पर किसानों द्वारा कब्जा व कास्त किया गया था। शासन आदेशों व उपबंधों के क्रम में पात्रतानुसार समय-समय पर अधिकार पत्र/पट्टा प्रदान किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र देवसर के ग्राम गोंदवाली, भलुगढ़, दादर, जोगियानी, भाउखाड़, सुहिरा, गुदरीखोली में भी 1974 के पूर्व से काबिज कृषकों को समय-समय पर शासन निर्देश के अनुक्रम में पात्रतानुसार भूमिस्वामित्व अधिकार/पट्टे/आवासीय पट्टे वितरित किये गये हैं। (ग) शासन निर्देश प्रावधान के अनुक्रम में पात्रतानुसार कृषकों को पट्टे दिये गये हैं, कोई अधिकारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि अधिग्रहण में मुआवजा राशि का वितरण
[राजस्व]
147. ( क्र. 3094 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिंगरौली जिले के सिहावल विकासखण्ड अन्तर्गत किन-किन उपक्रमों हेतु किसानों/भूमि स्वामियों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है? कितने को अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा कितनी राशि का कर दिया गया है? कितने को मुआवजा कितनी राशि का दिया जाना शेष है? नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बाणसागर नहर, गुलाबसागर नहर, नेशनल हाईवे से प्रभावित भूमिस्वामियों को अभी तक मुआवजा राशि नहीं दिये जाने का क्या कारण है? कब तक मुआवजा राशि का भुगतान करा दिया जावेगा? (ग) मुआवजा राशि भुगतान न करने के लिए कौन-कौन दोषी है? जाँच कराई गई है? यदि नहीं तो क्यों? कब तक जाँच कराई जाकर मुआवजा राशि का भुगतान करा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सिंगरौली जिले की जानकारी निरंक है। सीधी जिले में सिहावल विकासखण्ड अन्तर्गत नेशनल हाइवे परियोजना, बाण सागर नहर परियोजना, गुलाब सागर नहर परियोजना एवं ललितपुर सिंगरौली रीवा-सीधी नई रेल लाईन परियोजना हेतु किसानो/ भूमिस्वामियों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिनका विवरण निम्नानुसार है:- 1. नेशलन हाईवे परियोजना अन्तर्गत 20 ग्रामों में कुल 1087 कृषक/भूमिस्वामियों की कुल पारित अवार्ड राशि 366118324.00 (छत्तीस करोड एकसठ लाख अठारह हजार तीन सौ चैबीस रुपये) में से 364716886.00 (छत्तीस करोड सैतालिस लाख सोलह हजार आठ सौ छियासी रुपये) का वितरण किया गया है तथा कुल 09 कृषकों को कुल राशि 1401438.00 (चैदह लाख एक हजार चार सौ अडतिस रुपये) का भुगतान शेष है। शेष की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। 2. बाण सागर नहर परियोजना अन्तर्गत 107 ग्रामों में कुल 3052 कृषक/भूमिस्वामियों के कुल पारित अवार्ड राशि 197833967.00 (उन्नीस करोड अठहत्तर लाख तैतीस हजार नौ सौ सतसठ रुपये) में से 190857825.00 (उन्नीस करोड आठ लाख संतावन हजार आठ सौ पच्चीस रुपये) का वितरण किया गया है तथा कुल 236 कृषकों को कुल राशि 1598399.00 (पन्द्रह लाख अंठानवे हजार तीन सौ निन्यानवे रुपये) का भुगतान शेष है, शेष की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। 3. गुलाब सागर नहर परियोजना (मुख्य नहर व माइनर नहर) अन्तर्गत मुख्य नहर में 25 ग्रामों के कुल 379 कृषकों को पारित अवार्ड राशि 157223985.00 (पन्द्रह करोड बहत्तर लाख तेइस हजार नौ सौ पचासी रुपये) में से 131464487.00 (तेरह करोड चौदह लाख चौसठ हजार चार सौ सतासी रुपये) का भुगतान किया जा चुका है तथा कुल 81 कृषकों की कुल राशि 25759498 (दो करोड संतावन लाख उनसठ हजार चार सौ अंठानवे रुपये) का भुगतान शेष है। माईनर नहर में कुल 31 ग्रामों में 517 कृषकों को कुल पारित अवार्ड राशि 103325751.00 (दस करोड तैतीस लाख पच्चीस हजार सात सौ इक्यावन रुपये) में से 136 कृषकों/भूमि स्वामियों को राशि 31435764.00 (तीन करोड चौदह लाख पैतीस हजार सात सौ चौसठ रुपये) का भुगतान किया गया है एवं 381 कृषक/ भूमिस्वामियों का कुल शेष राशि 71889987.00 (सात करोड अठारह लाख नवासी हजार नौ सौ सतासी रुपये) का भुगतान शेष है। शेष की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। 4. ललितपुर-सिंगरौली (रीवा-सीधी-सिंगरौली) नई रेल लाईन परियोजना में कुल 26 ग्राम प्रभावित है, जिनमें से 10 ग्रामों का अवार्ड पारित किया जा चुका है एवं 16 ग्रामों के अर्जन की कार्यवाही प्रचलन में है। कुल 10 ग्रामों के पारित अवार्ड अनुसार 395 कृषक/भूमि स्वामियों को कुल पारित राशि 138806690.00 (तेरह करोड अठासी लाख छः हजार छः सौ नब्बे रुपये) में से 345 कृषक/भूमिस्वामियों को 114393624.00 (ग्यारह करोड तैतालिस लाख तिरान्वे हजार छः सौ चौबिस रुपये) का भुगतान किया जा चुका है, शेष 50 कृषको/भूमिस्वामियों को राशि 24413066.00 (दो करोड चवालिस लाख तेरह हजार छयासठ रुपये) का भुगतान शेष है, शेष की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है। (ख) भूमि सहखाते की होने से आपसी विवाद व न्यायालयीन प्रकरण लंबित होने के कारण मुआवजा राशि का वितरण लंबित है। खातेदारों के बीच आपसी सहमति होने तथा न्यायालयीन निराकरण होने पर त्वरित भुगतान की कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) प्रश्न (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नंही होता।
पटवारी पदों की जानकारी
[राजस्व]
148. ( क्र. 3098 ) श्री सुरेश राजे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. द्वारा सहरिया, बैगा एवं भारिया विशेष आदिम जनजाति के उम्मीदवारों को पटवारी पद पर सीधी भर्ती 2018 आयोजित की गई थी? यदि हाँ, तो रिक्त पदों के विरूद्ध उल्लेखित विशेष जनजाति के कितने उम्मीदवारों का चयन कर भर्ती की गई? (ख) क्या उक्त परीक्षा के बावजूद घोषित रिक्त पद पूरे नहीं भरे जा सके हैं? कितने पद रिक्त हैं? क्या इन्हें उक्त भर्ती की तैयार प्रतीक्षा सूची से भरा जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित विशेष आदिम जातियों के अन्य शिक्षित उम्मीदवारों को शासकीय सेवा का अवसर देने हेतु विभाग की क्या योजना है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। 143 पद के विरूद्ध 76 उम्मीदवारों को चयन किया गया है। (ख) जी हाँ। 67 पद रिक्त है। जी नहीं। समय-सीमा पूर्ण होने से (ग) सहारिया, बैगा एवं भारिया विशेष आदिम जनजाति के उम्मीदवारों को पटवारी पद पर भर्ती हेतु म.प्र. भू-अभिलेख और बंदोबस्त तृतीय श्रेणी अराजपत्रित (कार्यपालिका एवं तकनीकी) सेवा भर्ती नियम दिनांक 04 मई 2012 तथा संशोधित दिनांक 07 नवम्बर 2017 के अंतर्गत चयन परीक्षा से मुक्त रखते हुए, सीधी भर्ती की छूट दी गई।
संचालित क्रशर की जानकारी
[खनिज साधन]
149. ( क्र. 3099 ) श्री सुरेश राजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ क्रशर संचालित हैं व उन्हें कहाँ-कहाँ कितनी भूमि खनन हेतु लीज पर दी गई है? क्या गत तीन वर्षों में खनन अनुमति प्राप्त क्षेत्र के बाहर अवैध उत्खनन किया गया है? खनन क्षेत्र का सीमांकन, जाँच कब-कब कराई गई? अवैध उत्खनन के मामलों में अब तक किस-किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? 02 वर्षों की संपूर्ण जानकारी दें। (ख) क्या क्रशर संचालकों ने खनन उपरांत खनन क्षेत्र की नियमानुसार रिफलिंग या फैंसिंग इत्यादि सुरक्षा हेतु कराई गई? यदि नहीं तो क्यों? कब तक खनन मापदण्डों का पालन कराया जायेगा? (ग) डबरा विधानसभा क्षेत्र में हो रहे भारी अवैध उत्खनन रोकने हेतु विभाग के प्रयासों की जानकारी दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में संचालित क्रशर संयंत्र की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। क्रशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु स्वीकृत उत्खनिपट्टों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। खनन क्षेत्र का सीमांकन, जाँच दिनांक 18/04/2017 को की गई है। अवैध उत्खनन मामलों में दो वर्ष में की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ख) खान बंद करने की योजना पट्टेदार द्वारा नियमानुसार लागू की जाती है। उत्खनन क्षेत्र में सभी लीजधारकों द्वारा तार फेंसिंग नहीं कराई गई है। जिसके संबंध में कलेक्टर, जिला ग्वालियर द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं। खनन का कार्य खनन योजना के अनुरूप किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2019-2020 में अवैध उत्खनन के 12 प्रकरण दर्ज किये गये। जिसमें से 01 प्रकरण का निराकरण कर रूपये 22,500/- का अर्थदण्ड वसूल किया गया। शेष प्रकरण अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया के तहत विचाराधीन है। वित्तीय वर्ष 2020-2021 में अवैध उत्खनन के 02 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। यह प्रकरण अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया के तहत विचाराधीन हैं।
महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
150. ( क्र. 3104 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रतिमाह किस-किस खाद्यान्न वितरण दुकान को कितना-कितना खाद्यान्न वितरण हेतु उपलब्ध कराया जा रहा है? विगत छ: माह की जानकारी दें। (ख) क्या आवंटित कोटा कूपन पर्चियों के हिसाब से पर्याप्त है? यदि नहीं तो जारी कूपनों के माप का खाद्यान्न क्यों उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है? (ग) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने पात्र खाद्यान्न प्राप्तकर्ता हितग्राही हैं, जिन्हें विगत तीन माह से खाद्यान्न उपलब्ध नहीं कराया जा सका? इसके क्या कारण रहे हैं व इस हेतु कौन उत्तरदायी हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। आवंटन जारी करते समय दुकान पर पूर्व माह के वितरण पश्चात् शेष बची मात्रा का समायोजन किया जाता है। जिलों से अतिरिक्त आवंटन की मांग प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत अतिरिक्त आवंटन जारी किया जाता है। (ग) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सामग्री लेने आने वाले पात्र परिवारों को पात्रता अनुसार उपलब्धता प्रतिमाह सुनिश्चित कराई जाती है। जिन दुकानों में विगत माहों की अवितरित मात्रा शेष है, उन दुकानों को वितरण हेतु आवश्यक मात्रानुसार ही खाद्यान्न का आवंटन पहुंचाने हेतु जारी किया जाता है। राज्य में पोर्टेबिलिटी के कारण अब उपभोक्ता किसी भी दुकान से राशन सामग्री प्राप्त कर सकता है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) भाग के उपरोक्त उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पटवारियों, राजस्व निरीक्षकों व नायब तहसीलदारों के स्वीकृत पद
[राजस्व]
151. ( क्र. 3105 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में पटवारियों, राजस्व निरीक्षकों व नायब तहसीलदारों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) वर्तमान में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद रिक्त हैं? इन पर पदस्थापना किये जाने हेतु विभाग का क्या प्रयास है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत तहसील नौगांव एवं महाराजपुर में नायब तहसीलदार के 2-2 पद, राजस्व निरीक्षक के 2-2 पद एवं पटवारी के नौगांव में 43 एवं महाराजपुर में 30 पद स्वीकृत है। (ख) नौगांव एवं महाराजपुर में नायब तहसीलदार का 1-1 पद रिक्त है, राजस्व निरीक्षक को कोई पद रिक्त नहीं है। नौगांव में पटवारियों के 05 पद रिक्त है। महाराजपुर में पटवारी का कोई पद रिक्त नहीं है। पदस्थापना किए जाने हेतु स्थानांतरण नीति के अनुसार यथोचित कार्यवाही की जाती है।
मुआवजा राशि का वितरण
[राजस्व]
152. ( क्र. 3117 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में खरीफ 2020 की सोयाबीन, उड़द, मूंग, मक्का फसलों के नुकसान पर कितनी मुआवजा राशि तय की गई व कितनी वितरित की गई? साथ ही किस मापदण्ड से मुआवजा का निर्धारण हुआ है? विधान सभा क्षेत्रवार, फसलवार बतावें। (ख) क्या कारण है कि अभी तक मुआवजा राशि का वितरण नहीं हुआ है? (ग) इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम, सहित देकर बतावें कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही होगी? (घ) मुआवजा राशि का वितरण कब तक होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सागर जिले में खरीफ 2020 की सोयाबीन, उड़द, मूंग, फसलों के नुकसान पर स्वीकृत राहत राशि एवं प्रथम किश्त के मान से वितरित राशि की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में दिये मापदण्ड अनुसार राहत राशि स्वीकृत की गई है। (ख) राहत राशि के वितरण की कार्यवाही प्रचलित हैं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भू्त नहीं होता। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
लोक सेवा केन्द्र की मनमानी फीस
[लोक सेवा प्रबन्धन]
153. ( क्र. 3118 ) श्री हर्ष यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के लोक सेवा केन्द्र, आवेदकों से मनमाफिक कई गुना अधिक फीस/राशि ले रहे है? यदि नहीं तो केन्द्रों पर देय फीस की सूचना फलक क्यों नहीं है? (ख) क्या केन्द्रों पर प्रतिदिन विभिन्न विभागों के प्राधिकृत शासकीय सेवक बैठते है? (ग) प्राधिकृत शासकीय सेवकों से फीस प्रतिदिन सत्यापित क्यों नहीं कराई जाती? फीस की देख-रेख का अधिकार इन्हें क्यों नहीं है? (घ) अधिक फीस लेने की शिकायत कहां होगी? इसकी सूचना केन्द्रों पर क्यों नहीं लिखी जाती?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं, सागर जिले में समस्त लोक सेवा केन्द्रों पर आवेदकों से मनमाफिक कई गुना अधिक फीस/राशि नहीं ली जा रही है। जिला सागर अंतर्गत समस्त लोक सेवा केन्द्रों पर देय फीस की सूचना चस्पा है। (ख) जी हाँ, केन्द्रों पर प्रतिदिन कार्यदिवस अनुसार विभिन्न विभागों के प्राधिकृत शासकीय सेवक बैठते है। (ग) प्राधिकृत शासकीय सेवकों से फीस प्रतिदिन सत्यापित किये जाने के संबंध में कोई प्रावधान न ही लोक सेवा गारंटी कानून में है एवं न ही इस संबंध में कोई निर्देश जारी किये गये है। प्राधिकृत शासकीय सेवकों द्वारा सेवाओं के आवेदन एवं नियमानुसार प्रक्रिया का पालन करते हुए सेवा प्रदाय करने का है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न नहीं उठता। (घ) अधिक फीस लेने की शिकायत दर्ज कराने का प्रावधान जिला प्रबंधक, लोक सेवा प्रबंधन कार्यालय जिला सागर के दूरभाष नंबर 8770422338 पर है। समस्त लोक सेवा केन्द्रों में सूचना पटल पर अधिक फीस लेने की शिकायत के संबंध में कार्यालय का दूरभाष नंबर अंकित किया गया है।
राजस्व न्यायालयों में कर्मचारियों की पदस्थापना
[राजस्व]
154. ( क्र. 3124 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले के राजस्व अभिलेखागार नकल शाखा अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के न्यायालय में कौन-कौन से कर्मचारी पदस्थ हैं? उनकी पदस्थी अवधि कार्यालयवार बताई जाये। (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग का यह निर्देश है कि एक ही शाखा में ऐसे कर्मचारियों को तीन वर्ष से अधिक अवधि तक न रखा जाये। यदि हाँ, तो सामान्य प्रशासन के आदेश के पालन में ऐसे कर्मचारियों का न बदलने का क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग का एक ही शाखा में कर्मचारियों को तीन वर्ष की अवधि तक रखने का है किन्तु तीन वर्ष के उपरांत शाखा बदलने की अनिवार्यता नहीं है।
रिक्त पदों पर भर्ती में अनियमितता
[सहकारिता]
155. ( क्र. 3129 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कनिष्ठ संविदा विक्रेता जूनियर सेल्समेन के रिक्त पदों को भरने हेतु भर्ती प्रक्रिया आयोजित की गई है? यदि हाँ, तो भर्ती प्रक्रिया विज्ञापन, कब तक आवेदन पत्र भरे जायेंगे, परीक्षा अथवा चयन प्रक्रिया क्या होगी? परीक्षा परिणाम कब आयेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में रिक्त पदों के विरूद्ध कितने बेरोजगार युवकों द्वारा भर्ती प्रक्रिया में आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये? परीक्षा का शुल्क कितना था तथा प्रदेश में परीक्षा कहाँ-कहाँ, किस-किस दिनांक को आयोजित की गई? (ग) उपरोक्त के अनुक्रम में क्या सम्मिलत परीक्षार्थियों में से चयनित एवं प्रतीक्षा सूची तैयार कर ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या चयनित अभ्यर्थियों को निर्धारित पद पर नियुक्ति पूर्व दस्तावेज सत्यापन की कोई कार्ययोजना थी? यदि हाँ, तो अभ्यर्थियों को इस हेतु कहाँ-कहाँ उपस्थित होना था? दस्तावेज सत्यापन उपरांत पात्र अभ्यर्थियों को कब तक पदस्थ किया जायेगा? (ड.) दस्तावेज सत्यापन एवं नियुक्ति की आगामी प्रक्रिया हेतु क्या विभिन्न माध्यमो से शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो इनके संबंध में क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। प्रकाशित विज्ञापन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आवेदन पत्र भरने की तिथि, चयन प्रक्रिया तथा अन्य जानकारी प्रकाशित विज्ञापन अनुसार है। परिणाम (चयन सूची) जारी किए जा चुके है। (ख) 98,330 आवेदक। परीक्षा शुल्क नहीं लिया गया अपितु एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से आवेदन करने हेतु पोर्टल चार्जेस रू. 200 आवेदकों से एम.पी. ऑनलाईन द्वारा लिया गया है। परीक्षा आयोजित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, शेष 43 रिक्त पदों हेतु चयन सूची जारी किया जाना शेष है। (घ) जी हाँ। दस्तावेज सत्यापन हेतु अभ्यर्थियों को संबंधित जिले के उप/सहायक आयुक्त सहकारिता के कार्यालय में उपस्थित होना था। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नही। (ड.) जी हाँ। आयुक्त सहकारिता कार्यालय द्वारा दस्तावेज सत्यापन एवं नियुक्ति की आगामी प्रक्रिया हेतु दिनांक 30.01.2021 को निर्देश जारी किए गए हैं।
रबी एवं खरीफ की फसलों के उपार्जन केन्द्रों द्वारा की गई कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
156. ( क्र. 3130 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में 2020-2021 में प्रदेश सरकार द्वारा रबी एवं खरीफ के फसलों के उपार्जन हेतु क्या-क्या कार्ययोजना, किस-किस कार्यालय को क्या-क्या जिम्मेदारी एवं लक्ष्य निर्धारित किये गये थे? फसलवार, वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में भण्डारण, बारदाना, परिवहन, खाद्यान्न सुरक्षा, वेयर हाऊस, तौल-कांटे, कृषकों का पंजीयन, समर्थन मूल्य, भुगतान, एस.एम.एस. द्वारा कृषकों को सूचना एवं उपार्जन से संबंधित समस्त कार्यों में लक्ष्य प्राप्ति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं कौन-कौन सी परंपरागत कृषि उपज हैं, जो समर्थन मूल्य की सूची में शामिल नहीं है? इसके क्या कारण है? क्या शासन परंपरागत कृषि को बढ़ावा देने के लिये उक्त कृषि उपजों को भी समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने की कोई योजना है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) उपरोक्त के संबंध में गुना जिले में क्या लक्ष्य निर्धारित किया गया था एवं यद्यपि लक्ष्य निर्धारण के अनुरूप सफलता प्राप्त नहीं हुई तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) उपरोक्त के संबंध में 181, सी.एम. हेल्पलाईन, एम.पी. ऑनलाईन अथवा किस-किस माध्यम से किस-किस स्तर, क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? पृथक-पृथक बतायें। यदि नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनूपपुर के हटाये गये श्रमिकों को पुन: कार्य पर रखा जाना
[श्रम]
157. ( क्र. 3136 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के अंतर्गत संयंत्र में कार्य कर रहे श्रमिकों को उनकी मजदूरी का कर नहीं देने पर कार्य से कभी भी निकाल दिया जाता है एवं संयंत्र के 210 मेगा वाट के बॉयलर, संचालन, अग्निशमन सेवा तथा स्टोर के ठेकेदार ने छ: श्रमिकों को जिसमें 3 बॉयलर संचालन 1 अग्निशमन सेवा 2 स्टोर से पैसे वापस नहीं करने पर कार्य से पृथक कर दिया गया है जिनसे व्यथित होकर तीन श्रमिकों ने आत्मदाह करने का पत्र प्रमुख सचिव ऊर्जा, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (शक्ति भवन) जबलपुर, श्रम आयुक्त इंदौर को दिया है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या बॉयलर संचालन के पूर्व ठेकेदार तथा मुख्य नियोक्ता के द्वारा ठेका समाप्त होने पर 03 माह का नोटिस दिया गया है? यदि नहीं तो कोविड 19 वैश्विक महामारी के दौरान बेरोजगार हुये, को फिर से कार्य पर रखवाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के मुख्य अभियंता (उत्पादन) को कार्य कर रहे ठेकेदारों से अवैध वसूली के संबंध में कब-कब किस-किस ठेकेदार द्वारा शिकायतें किस-किस स्तर पर प्राप्त हुई है? उक्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर संयंत्र में कार्य कर रहे श्रमिकों को उनकी मजदूरी का कर नहीं देने के कारण कार्य से नहीं निकाला जाता है। संयंत्र के 210 मेगवाट के बॉयलर, संचालन, अग्निशमन सेवा व स्टोर के ठेकेदारों ने 06 श्रमिक को कार्य से पृथक किया है। जिसके कारण निम्नानुसार हैः- (1) 3 ठेका श्रमिक बॉयलर संचालन से संबंधित मेसर्स अमर इन्टर प्राईजेस में कार्यरत थे। मेसर्स बालाजी कन्स्ट्रक्शन कैम्प चचाई को नया ठेका कार्य प्राप्त होने पर नये ठेकेदार द्वारा उक्त ठेका श्रमिकों को कार्य पर नहीं रखा गया है। (2) अग्निशमन सेवा में कार्यरत 01 ठेका श्रमिक जो मेसर्स बालाजी कन्स्ट्रक्शन के अधीन कार्यरत था, को ठेकदार द्वारा असंतोषजनक कार्य है, के कारण कार्य से पृथक कर दिया गया। (3) स्टोर में कार्यरत 2 ठेका श्रमिक जो ओम सॉई एसोसियेट्स के अंतर्गत कार्यरत थे, में से 01 ठेका श्रमिक द्वारा स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण स्वतः कार्य छोड़ दिया गया एवं 1 ठेका श्रमिक को कार्य के दौरान लापरवाही बरतने पर कार्य से पृथक किया गया। बॉयलर संचालन में कार्यरत 3 ठेका श्रमिकों द्वारा आत्मदाह करने का पत्र लिखा गया था जिसके पश्चात दिनॉक 09.06.2020 को कपंनी के मुख्य अभियंता एवं श्रम अधिकारी तथा उप निरीक्षक थाना चचाई, संबंधित ठेकदार एवं शिकायतकर्ता ठेका श्रमिकों की उपस्थिति में पुनः ठेका श्रमिकों को कार्य पर रखने संबंधी चर्चा की गई। जिसमें उक्त श्रमिकों द्वारा कार्य करने हेतु सहमति प्रदान की गई परन्तु चर्चा के पश्चात श्रमिकों द्वारा उनके अनुसार बॉयलरटर्बाइन में कार्य नहीं दिये जाने के कारण कार्य करने से मना कर दिया गया। उक्त श्रमिकों द्वारा आत्मदाह किये जाने संबंधी पत्र के संबंध में विवेचना अधिकारी श्री आस्तिक खॉन उपनिरीक्षक थाना चचाई द्वारा स्पष्ट लेख किया गया है कि ठेकेदार द्वारा श्रमिकों को कार्य पर रखे जाने की सहमति दे दी गई है। (ख) जी नहीं। बॉयलर संचालन के पूर्व ठेकेदार तथा मुख्य नियोक्ता के द्वारा ठेका समान होने पर 03 माह का नोटिस नहीं दिया गया। मुख्य नियोक्ता के द्वारा ठेका श्रमिकों को ठेकेदार के माध्यम से नियोजित किया जाता है एवं ठेकेदार द्वारा आवश्यकता के आधार पर ठेका श्रमिकों को नियोजित किया जाता है। कोविड 19 वैश्विक महामारी के दौरान बेरोजगार हुए ठेका श्रमिकों को फिर से कार्य पर रखवाने बाबद् श्रम कानूनों में प्रावधान नहीं है। तथापि उक्त 03 ठेका श्रमिकों के द्वारा सेवा समाप्ति के बावत औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत माननीय श्रम न्यायालय, शहडोल में प्रकरण प्रस्तुत किया है। जो विचाराधीन है। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर में कार्य कर रहे ठेकेदारों से अवैध वसूली के संबंध में पिछले 05 वर्षों में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
सहकारी संस्थाओं को किये गये भुगतान
[सहकारिता]
158. ( क्र. 3141 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-2020, 2020-2021 में जिला भिण्ड के गोहद विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत खरीदी केन्द्रपाली, सिरसौदा एवं गौहद सहकारी संस्थाओं को कितनी-कितनी कमीशन की राशि का भुगतान किया गया है एवं कितनी-कितनी शेष हैं? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को आयुक्त सहकारिता द्वारा दिनांक 19.02.2021 को राशि प्रदान करने हेतु लिखा गया है, राशि प्राप्त होने पर भुगतान कर दिया जायेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहकारी निरीक्षक देवास के द्वारा लॉकडाउन अवधि में फर्जी निर्वाचन किये जाने
[सहकारिता]
159. ( क्र. 3145 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त सहकारिता मध्यप्रदेश के आदेश क्रमांक/स्था./10/वि.जां./2020/1998 दिनांक 11/09/2020 से श्री एन.के. गुप्ता वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक देवास के विरूद्ध लॉकडाउन में फर्जी निर्वाचन करवाने, संस्थाओं का परिसमापन न करने, संस्थाओं का निरीक्षण न करने, फर्जी अंकेक्षण टीप तैयार करने एवं फर्जी यात्रा भत्ता देयक से राशि रूपये 16376/- आहरित करने के आरोप में विभागीय जाँच संस्थित कर संयुक्त आयुक्त सहकारिता उज्जैन को जाँच अधिकारी एवं सहायक आयुक्त अंकेक्षण देवास को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो आयुक्त सहकारिता के आदेश क्रमांक/3043 दिनांक 03/10/2020 से एवं पुन: आदेश क्रमांक/3703 दिनांक 15/12/2020 से विभागीय जाँच अधिकारी एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारी में परिवर्तन करने का क्या कारण है? (ग) क्या सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी के द्वारा लॉकडाउन में कराये गये फर्जी निर्वाचन को निरस्त किया जाकर उन संस्थाओं में नवीन निर्वाचन अधिकारी नियुक्त कर नये सिरे से पुन: निर्वाचन कराये गये थे तथा आरोप को सिद्ध पाया गया था? (घ) क्या विभागीय जाँच अधिकारी उप आयुक्त सहकारिता मंदसौर के द्वारा कोरोना वायरस से संक्रमण काल में जिला चिकित्सालय में भर्ती होते हुए उसी अवधि में उक्त विभागीय जाँच का प्रतिवेदन हस्ताक्षरित कर प्रेषित किया गया है तथा दस्तावेजी प्रमाण होते हुए भी आरोपी के पक्ष में प्रस्तुतकर्ता अधिकारी से मिली भगत कर जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है? (ड.) क्या उक्त फर्जी जाँच निरस्त कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रशासकीय आधार पर हुये निर्णय अनुसार। (ग) जी हाँ, म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी द्वारा पुन: निर्वाचन कराये गये परन्तु विभागीय जाँच के प्रतिवेदन में श्री एन.के. गुप्ता वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक देवास के विरूद्ध उक्त आरोप सिद्ध नहीं पाया जाना प्रतिवेदित है, जिसके कारण विभागीय जाँच रिमांड की गयी है। (घ) जी नही, विभागीय जाँच अधिकारी उप आयुक्त सहकारिता जिला मंदसौर कोरोना संक्रमित होकर दिनांक 29.12.2020 को चिकित्सालय में भर्ती होकर दिनांक 12.01.2021 को डिस्चार्ज होने के पश्चात जाँच प्रतिवेदन दिनांक 23.01.2021 को प्रेषित किया गया। (ड.) रिमाण्ड जाँच का आदेश किया गया है, उक्त जाँच के निष्कर्षाधीन।
ऋण माफी एवं राहत योजना 2008 में गबन राशि की वसूली
[सहकारिता]
160. ( क्र. 3150 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद में कृषि ऋण माफी एवं राहत योजना 2008 के अंतर्गत अनियमितता की तीन बार की गई जाँच में राशि रूपये 25,97,76,000/- एवं राहत योजना में रूपये 41000/- की अनियमितता प्रमाणित हुई थी तथा इस अनियमितता के बारे में मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा लेख किया गया था कि गबन की राशि किसानों के खातों में नाम कर दी गई है। (ख) यदि हाँ, तो किन-किन किसानों के खातों में उक्त राशि किन-किन बैंक के खातों में कब-कब जमा कराई गई? सूची दें। यदि जमा नहीं कराई गई तो क्यों और इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? (ग) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में किन-किन किसानों से कितनी-कितनी राशि की वसूली गई? सूचना दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, राशि का गबन नहीं किया गया था अपितु योजना में अपात्र सदस्यों को दिया गये लाभ को समाप्त करने के उददेश्य से राशि संबंधित अपात्र सदस्यों के खातों से रिवर्स की गई थी। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार राशि कृषकों के बैंक खातों में जमा नहीं कराई गई, अपितु संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था में उन कृषकों के ऋण खाते से ऋण राहत/ऋण माफी योजना में लाभ में दी गई राशि की प्रविष्टि रिवर्स की गई है। समितिवार रिवर्स की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उत्तरांश "ख" अनुसार अपात्र किसानों के ऋण खातों में रिवर्स की गई राशि की जानकारी (हरदा जिले की 20 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को छोड़कर, जिनका अभिलेख आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में जप्त होने से) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शासकीय जमीन का स्थानांतरण
[राजस्व]
161. ( क्र. 3158 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन इंदौर संभाग में पिछले वर्ष 2014 से 2020 तक में कौन सी तथा कितनी शासकीय जमीन किस-किस व्यक्ति संस्था तथा उद्योग को किस दर से दी गई? जमीन की विस्तृत जानकारी सहित, कुल राशि तथा आवंटन की दिनांक सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बतावें कि किस-किस शहर में किस शासकीय जमीन पर निजी नाम को लेकर विवाद रहा तथा बाद में उसे किस सक्षम न्यायालय के आदेश से निजी नाम पर नामांतरण किया गया? क्या उस आदेश को उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई? ऐसे दोनों संभाग मिलाकर कितने प्रकरण थे तथा शासन किस-किस न्यायालय में कितने-कितने प्रकरण में हारा तथा कितनों में जीता तथा कितने प्रकरण किस-किस न्यायालय में विचाराधीन है? (ग) उज्जैन इंदौर संभाग में 2014 से 2020 तक किस-किस गांव की कौन से खसरा तथा रकबा की जमीन को किस दिनांक को किस आदेश से अहस्तांतरणीय से हस्तांतरणीय कर निजी नाम पर कर दिया गया? (घ) उज्जैन इंदौर संभाग में 2014 से 2020 तक में किस व्यक्ति की किस गांव की कौन से खसरा तथा रकबा की निजी जमीन का शासकीय जमीन से अदला-बदली की गई? उसका कारण क्या था?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन संभाग के जिला उज्जैन, शाजापुर, देवास, मंदसौर एवं नीमच तथा इंदौर संभाग के जिला बड़वानी, इंदौर, खरगौन एवं धार में वर्ष 2014 से 2020 तक शासकीय जमीन व्यक्ति, संस्था तथा उद्योग को आवंटित की गई है। जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। अन्य जिलों की जानकारी निंरक है। (ख) प्रश्न (क) अनुसार उज्जैन संभाग के जिला उज्जैन की तहसील खाचरौद के ग्राम दडिया की भूमि सर्वै नंबर 192.194/2, 195/1, 200/1 में निजी से शासकीय दर्ज करने पर प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी खाचरौद के न्यायालय में विचाराधीन है तथा जिला देवास तहसील सतवास में सर्वै नंबर 329 रकवा 0.393 हे. भूमि पर माननीय उच्चतम न्यायालय की पिटीशन क्रमांक 21738/2015 में पारित आदेश दिनांक 14.12.2015 के पालन में रामनिवास पिता जयनारायण के नाम नामांतरण प्रकरण प्रचलित है। अन्य जिलों में कोई प्रकरण प्रचलन में नहीं है। (ग) उज्जैन संभाग के जिला उज्जैन में तहसील खाचरौद के ग्राम बडतन्या में सर्वे क्रमांक 1117/4 खसरे के कॉलम 12 में दिनांक 23.5.2016 तथा ग्राम खमरिया के सर्वे नंबर 64/2, 150, 176, 193 तथा 376 में दिनांक 26.12.2020 को अहस्तातंरणीय को हस्तांतरणीय किया गया है। जिला रतलाम के 12 प्रकरणों में अहस्तातंरणीय को हस्तांतरणीय किया गया है। इन्दौर संभाग के जिला खरगौन के 06 प्रकरणों में अहस्तातंरणीय को हस्तांतरणीय किया गया है। जिला रतलाम एवं खरगौन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (घ) उज्जैन संभाग के जिला उज्जैन में 02 प्रकरण, मंदसौर में 26 तथा शाजापुर में 09 प्रकरणों में तथा इंदौर संभाग के जिला झाबुआ में 01 प्रकरण तथा जिला धार के 14 प्रकरणों में निजी जमीन का शासकीय जमीन से अदला-बदली की गई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ग' अनुसार है। शेष जिलों की जानकारी निंरक है।
न्यायालय में लंबित प्रकरण
[राजस्व]
162. ( क्र. 3168 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन तथा व्यक्ति/संस्था आदि के मध्य जमीन/गठन की मिल्कियत को लेकर जनवरी 2014 में कुल कितने प्रकरण तथा उसमें प्रभावित जमीन का रकबा कुल कितना था? (ख) पिछले दस वर्षों में इंदौर एवं उज्जैन संभाग में विभिन्न न्यायालयों में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विवादों में कितने फैसले हुये तथा उसमें कितनी में शासन के खिलाफ निर्णय दिया गया? (ग) क्या कोई नीति निर्देशक सिद्धांत/नियम है कि जमीन विवाद में शासन के खिलाफ निर्णय को उससे संबंधित अगली कोर्ट में तथा उच्चतम न्यायालय तक वाद दायर करना चाहिये? यदि हाँ, तो ऐसा कितने प्रकरणों में किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) की अवधि में न्यायालय तहसीलदार, न्यायालय आयुक्त, रेवेन्यू बोर्ड तथा उच्च न्यायालय के कितने-कितने फैसलों को अगली कोर्ट में चुनौती नहीं दी गई, जिसमें फैसला शासन के खिलाफ आया? (ड.) प्रश्नाधीन अवधि में ऐसे कितने उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती नहीं दी तथा जबरन आदेश को लंबित कर अवमानना का प्रकरण बनवाया तथा निजी व्यक्ति के नाम जमीन पर नामांतरण कर दिया? अवमानना प्रकरण क्रमांक, जमीन का रकबा, गांव/शहर का नाम क्रमांक, व्यक्ति का नाम, आदेश की दिनांक, नामांतरण की दिनांक, सहित तथा उच्चतम न्यायालयों में वाद दायर न करने के कारण सहित सूची देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) इंदौर संभाग के जिला धार के अनुविभाग बदनावर अंतर्गत माह जनवरी 2014 माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के न्यायालय में कल 43 द्वितीय अपील लंबित थी, जिसका कुल रकवा 1110 बीघा था तथा माननीय व्यवहार न्यायालय वर्ग-2 बदनावर के न्यायालय में 20 प्रकरण लंबित थे, जिसका रकवा 41.670 हेक्टेयर है। इसी प्रकार माननीय विषेष न्यायाधीश के न्यायालय में 06 प्रकरण लंबित जिसका रकवा 48.412 हेक्टेयर है। इसी प्रकार उज्जैन संभाग के जिला मंदसौर में तहसील मल्हारगढ़ में म.प्र.शासन विरूद्ध नगर पंचायत पिपल्यामण्डी का वाद प्रचलित है, जिसका रकवा 2.428 हेक्टेयर है। जिला देवास अंतर्गत तहसील हाटपिपल्या के 4 प्रकरण जिनका रकबा 14.606 हे. कंन्नौद तहसील के 4 प्रकरण रकबा 10.182 हे. तथा तहसील खातेगांव के 7 प्रकरण रकबा 20 हे. प्रभावित है। इंदौर जिले में 13 मामले प्रचलित रहे जिनमें प्रभावित भूमि का रकबा 283.56 हे0 है। अन्य जिलों की जानकारी निंरक हैं। कलेक्टर जिला इंदौर द्वारा प्रश्न से संबंधित जानकारी तैयार करने हेतु दो माह का समय चाहा गया है। (ख) पिछले दस वर्षों में इंदौर एवं उज्जैन संभाग में जिला धार में प्रश्नांश (क) के उल्लेख में 26 प्रकरणों में शासन के विरूद्ध निर्णय हुये हैं। इसी प्रकार जिला देवास के अंतर्गत हाटपिपल्या एवं कन्नौद के 4-4 प्रकरण में शासन के विरूद्ध फैसले हुये है। इंदौर जिले में उत्तरांश (क) में उल्लेखित 13 मामलों सहित कुल 74 मामलों में शासन के विरूद्ध निर्णय पारित हुए अन्य जिलों की जानकारी निरंक है। (ग) जी हाँ, इस प्रकार की नीति एवं नियम हैं कि शासन के विरूद्ध निर्णय होने पर अगले सक्षम न्यायालय में अपील/वाद दायर करना चाहियें। जिला धार में तहसील बदनावर के 26 निर्णयों में समयावधि में अपील प्रस्तुत की गई, तहसील कुक्षी में 02 प्रकरण अपीलीय कार्यवाही में प्रचलित है। जिला देवास के 4 प्रकरणो में अगली कोर्ट तथा माननीय उच्चतम न्यायालय में वाद दायर है। इन्दौर जिले में उपलब्ध अभिलेख अनुसार उत्तरांश (ख) में उल्लेखित समस्त 74 मामलों में शासन के विरूद्ध हुए निर्णयों को वरिष्ठ न्यायालयों में चुनौती दी गई है। शेष अन्य जिलों की जानकारी निंरक है। (घ) उपलब्ध अभिलेख अनुसार जानकारी निरंक है। (ड.) उपलब्ध अभिलेख अनुसार उच्च न्यायालय के आदेश को जबरन लम्बित कर अवमानना प्रकरण वनवाने की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।