मध्य प्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 04 मार्च, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(वर्ग
3
: गृह, जेल, लोक
स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण, चिकित्सा
शिक्षा, आयुष, भोपाल
गैस त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास, संसदीय
कार्य, खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं उपभोक्ता
संरक्षण, महिला
एवं बाल विकास)
खण्डवा
में यातायात व्यवस्था
का सुचारू
संचालन
1. ( *क्र. 175 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा यातायात पुलिस विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में कितने चालान बनाए गए तथा कितनी राशि का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है? दो पहिया एवं चार पहिया की पृथक-पृथक जानकारी दी जाए। (ख) क्या यातायात पुलिस की मनमानी से खण्डवा नगर के नागरिक एवं व्यापारियों ने परेशान होकर आन्दोलन किये थे? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? (ग) यातायात में बाधित कितने हरे वृक्षों को विभाग द्वारा कटवाया गया है? नगर के बड़े हरे-भरे वृक्षों को काटने के विरूद्ध यातायात/संबंधित विभाग द्वारा कहां-कहां एवं कब-कब क्षतिपूर्ति पौधारोपण किया गया? (घ) क्या यातायात पुलिस विभाग द्वारा वन-वे के नाम पर बाम्बे बाजार व्यवसायियों को प्रताड़ित किया गया तथा अवैध वसूली की गई? यदि हाँ, तो यातायात विभाग के ऐसे जिम्मेदार अधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। विगत दो वर्षों में यातायात खण्डवा द्वारा कुल चालान-7101 बनाये गये, जिसमें राशि रूपये 3070850/- की अर्थदण्ड के रूप में वसूली की गई है, जिसमें दो पहिया वाहन 4932 तथा चार पहिया वाहन 2043 चालान हैं। (ख) जी नहीं। यातायात पुलिस की मनमानी से नागरिकों एवं व्यापारियों को परेशान नहीं किया जा रहा है, अपितु यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध सख्ती से विधिवत कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी नहीं, यातायात पुलिस द्वारा शहर में हरे भरे वृक्ष की कटाई नहीं की गई है। (घ) जी नहीं, वर्तमान में इस प्रकार की कोई व्यवस्था लागू नहीं है, न ही इसके कारण व्यापारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है ना ही अवैध वसूली की जा रही है, किंतु नगर सड़क सुरक्षा समिति के द्वारा दिनांक 14.07.2015 को हुई बैठक में सर्वसम्मति से एकांकी मार्ग प्रायोगिक तौर पर घोषित किया गया था। व्यापारियों एवं नागरिकों की असुविधा के संबंध में चैम्बर्स आफ कॉमर्स एवं शिवसेना द्वारा दिये गये ज्ञापनों के आधार पर उक्त बाम्बे बाजार का वन-वे समाप्त कर दिया गया है। यातायात विभाग द्वारा किसी प्रकार की मनमानी एवं प्रताड़ना की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
मोतियाबिंद ऑपरेशन में लापरवाही
2. ( क्र. 3127 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में जिला बड़वानी एवं श्योपुर में आंखों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन शिविरों के पश्चात् मरीजों की आंखें खराब होने की प्राप्त शिकायतों के पश्चात् क्या-क्या कार्यवाही की गई? जिला बड़वानी एवं श्योपुर में शिविरों में ऑपरेशन हुए मरीजों के नाम, पिता का नाम, उम्र, निवास का पता सहित जानकारी दें। (ख) क्या माह नवंबर 2015 में जिला श्योपुर में आयोजित नेत्र ऑपरेशन शिविर में ऑपरेशन कराने वाले मरीजों द्वारा भी आंखों से धुंधला दिखाई देने, आँखों की रोशनी चले जाने की शिकायत पर मरीजों का परीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो किन-किन मरीजों का पुन: परीक्षण किया? ऑपरेशन में लापरवाही के कारणों का पता लगाने के लिये किस-किस अधिकारी द्वारा जाँच की गई? जाँच में क्या तथ्य सामने आए? किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने मरीजों की आंखों की रोशनी पूर्णत: चली गई है? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में ऑपरेशन असफल होने पर मरीजों की आंखों की रोशनी चले जाने पर उन्हें रूपये 5000.00 प्रतिमाह पेंशन दिए जाने की मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप जिला बड़वानी में किन-किन मरीजों को पेंशन स्वीकृत की गई है? क्या जिला श्योपुर के मरीजों को भी रूपये 5000.00 प्रतिमाह पेंशन स्वीकृत की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या भविष्य में आंखों के ऑपरेशन शिविरों में सर्जरी से बचने के लिये समस्त जिला चिकित्सालयों में लेज़र मशीन उपलब्ध कराने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गए पत्र पर क्या शासन गंभीरता से विचार कर जिला चिकित्सालयों को लेज़र मशीन उपलब्ध कराने का निर्णय लेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2015-16 में जिला बड़वानी एवं श्योपुर में आंखों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन शिविरों के पश्चात मरीजों की आंखें खराब होने की प्राप्त शिकायतों के पश्चात जिला बड़वानी मे निम्न कार्यवाही की गई :- 1. सभी संक्रमित मरीजों को बड़वानी से एम.व्हाय.एच. इंदौर तथा अरविन्दो चिकित्सालय इंदौर उपचार हेतु भेजा गया। 2. कलेक्टर बड़वानी द्वारा रेडक्रास सोसायटी बड़वानी से इंदौर भेजे गये मरीजों को राशि 5000/- रूपये एवं स्थानीय अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीजों को राशि 2000/- रूपये प्रति मरीज सहायता प्रदान की गई। 3. नेत्र शिविर मे दिनांक 16 नवम्बर, 2015 से 23 नवम्बर, 2015 तक कुल 86 मरीजों का ऑपरेशन किया गया, जिसमें से 68 मरीजों की आंखों मे संक्रमण हुआ, शासन द्वारा 68 रोगियों को प्रति रोगी राशि रूपये 2 लाख का भुगतान किया गया तथा सामाजिक एवं न्याय विभाग के माध्यम से 65 नेत्र रोगियों को आजीवन प्रति रोगी रूपये 5000/- प्रति माह सहायता राशि दिसम्बर 2015 से प्रदान की जा रही है। नेत्र शिविर में ऑपरेशन हुए मरीजों के (नाम, पिता/पति का नाम, उम्र, निवास का पता) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। 4. संचालक के निरीक्षण उपरांत प्रथम दृष्टया दोषी डॉ. अमर सिंह विश्नार, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय बड़वानी, डॉ. आर.एस. पलोड, नेत्र रोग विशेषज्ञ, श्री प्रदीप चोगडे नेत्र सहायक, श्रीमती लिली वर्मा स्टाफ नर्स, विनीता चौहान स्टाफ नर्स, शबाना मंसूरी, स्टाफ नर्स, माया चौहान, स्टाफ नर्स को दोषी पाया गया, जिनको निलंबित कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। 5. शासन स्तर से उच्च स्तरीय जाँच दल अपर मुख्य सचिव (वित्त विभाग), अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर एवं विभागाध्यक्ष, माइक्रोबाईलोजी विभाग, एम्स भोपाल द्वारा जाँच की गई। जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण किया जा रहा है। जिला श्योपुर मे निम्न कार्यवाही की गई :- 1. वर्ष 2015-16 में दिनांक 26 एवं 27 नवम्बर 2015 को जिला चिकित्सालय श्योपुर में नेत्र विशेषज्ञों के द्वारा 66 मरीजों के नेत्र ऑपरेशन किये गये थे। दिनांक 11.01.2016 को मरीजों के टांके काटे गये थे, उस समय कुछ मरीजों के द्वारा कम दिखने की शिकायत बताई गई थी। कैम्प के मरीजों का जिला चिकित्सालय श्योपुर की नेत्र ईकाई में पुन: परीक्षण कराया गया, जिसमें मरीजों की आँखों में नेत्र संक्रमण नहीं पाया गया तथा उनको चश्में प्रदाय किये गये। दिनांक 26-27 नवम्बर 2015 को आयोजित नेत्र शिविर में ऑपरेशन हुए मरीजों के (नाम, पिता/पति का नाम, उम्र, निवास का पता) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (ख) जी हाँ। पुनः परीक्षित मरीजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। जिला श्योपुर में संचालक तथा उप संचालक (नेत्र) तथा क्षेत्रीय संयुक्त संचालक ग्वालियर द्वारा जाँच की गयी। श्योपुर मे मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान प्रोटोकॉल का पालन पूर्णतः नहीं किया गया, परन्तु मरीजों की आंखों में किसी प्रकार का कोई संक्रमण नहीं पाया गया। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें मध्यप्रदेश द्वारा डॉ. एस.के. तिवारी, प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला श्योपुर, डॉ. निर्मला छत्रसाली, नेत्र चिकित्सक मेडिकल कॉलेज ग्वालियर, डॉ. आर.के. गुप्ता, नेत्र चिकित्सक, मेडिकल कॉलेज ग्वालियर को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार। श्योपुर में कैम्प डयूटी के दौरान मरीजों के पूर्ण रिकार्ड संधारण न करने के कारण श्री गंगासिंह जाटव उप स्वास्थ्य केन्द्र धीरोली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बडोदा एवं श्री मातादीन जाटव, उप स्वास्थ्य केन्द्र जावदेश्वर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बडोदा बहुउददेशीय कार्यकर्ता को एवं नेत्र सहायक महेन्द्र प्रताप सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कराहल को निलंबित किया गया तथा तीन नेत्र सहायकों क्रमशः रविकिशोर दीक्षित, संजीव यादव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बडोदा, आदर्श सक्सेना जिला चिकित्सालय श्योपुर को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये। किसी भी मरीज की आंखों की रोशनी पूर्णतः नहीं गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार। (ग) जी हाँ बड़वानी जिले में कुल 65 रोगियों को आजीवन मासिक सहायता राशि रू. 5000.00 स्वीकृत कर दिसम्बर 2015 से भुगतान किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार। जी नहीं प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नरसिंहपुर जिले में गेंहू की खरीदी
3. ( *क्र. 3689 ) श्री संजय शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2014-15 में गेंहू खरीदी के कितने केंद्र बनाये गये थे? केंद्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) इन केंद्रों पर कितनी मात्रा में गेंहू का उपार्जन किया गया? (ग) उक्त उपार्जित की गई गेंहू किस-किस परिवहन ठेकेदार के माध्यम से किस-किस गोदाम/वेयर हाउस में भेजी गई? (घ) क्या जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा परिवहनकर्ता ठेकेदारों के विरूद्ध जाँच संस्थापित की गई थी, की गई कार्यवाही का विवरण प्रदान करें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2014-15 में समर्थन मूल्य पर गेंहू उपार्जन हेतु 71 केन्द्र बनाये गये थे। केन्द्रवार उपार्जित गेंहू की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) नरसिंहपुर जिले में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपार्जन केन्द्रों पर 13,77,643.09 क्विंटल गेंहू का उपार्जन किया गया। (ग) नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2014-15 में उपार्जित गेंहू के परिवहन हेतु श्री नरेन्द्र राजपूत नरसिंहपुर गोटेगांव एवं करेली तेन्दुखेड़ा सेक्टर एवं श्री सुभाष ट्रांसपोर्ट गाडरवारा सेक्टर हेतु परिवहनकर्ता नियुक्त थे। परिवहनकर्ता द्वारा उपार्जन केन्द्रों से परिवहन कर गोदामवार भंडारण हेतु भेजी गई गेंहू की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनूपपुर जिले में पालन-पोषण, देख-रेख योजना का क्रियान्वयन
4. ( *क्र. 3274 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिले के विभिन्न महिला एवं बाल विकास परियोजनाओं के अंतर्गत वर्ष, 2013-14 से 2015-16 तक पालन पोषण देख-रेख योजना से वर्षवार परियोजनावार कितने-कितने लोगों को लाभ दिया गया? लाभार्थियों की संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला एवं परियोजनावार वर्षवार कितनी-कितनी धनराशि प्राप्त हुई तथा प्राप्त आवंटन किन-किन कार्यों में व्यय किया गया? (ग) पालन-पोषण, देख-रेख योजना से किस प्रकार लाभ दिया जाता है तथा प्रति व्यक्ति/बच्चा प्रतिमाह कितनी राशि दिये जाने का प्रावधान है? क्या योजना में नगद राशि भी बच्चों के माता-पिता को देने का प्रावधान है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '2' पर है। (ग) पालन-पोषण देखरेख योजना के अंतर्गत बच्चों का पालन पोषण करने में असमर्थ माता पिता के बच्चों एवं विपत्तिग्रस्त बच्चे जो अपने परिवार से बिछड़ गये हैं, को अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन पालन पोषण योजना में लाभ दिया जाता है। योजना के अंतर्गत 2000/- रूपये प्रति बच्चा/प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है। योजना में नगद राशि बच्चों के माता-पिता को देने का प्रावधान नहीं है।
विभागीय योजनाओं में बजट आवंटन
5. ( *क्र. 2761 ) श्री गोपाल परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर/आगर जिले को विभाग से वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि का आवंटन स्वीकृत किया गया है? मदवार जानकारी देवें एवं कार्यालय प्रमुख द्वारा किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) क्या स्वास्थ्य विभाग द्वारा निविदा प्रक्रिया के अंतर्गत किन-किन सामग्री/औजार हेतु निविदत्त दर निर्धारित की गई है? आगर/शाजापुर जिले में निविदत्त न्यूनतम दरों पर एवं निविदत्त संस्था सामग्री/औजार क्रय न किये जाकर नोडल ऐजेंसी/उपक्रमों एवं कोटेशन से क्रय की कार्यवाही की जा रही है? क्रय कार्य में वित्तीय अनियमितता रोकने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या ठोस कार्यवाही की जा रही है एवं निविदत्त दर से क्रय कार्यवाही न की जाकर नोडल ऐजेंसी/उपक्रम तथा स्थानीय कोटेशन से किन नियमों के अंतर्गत की जा रही है? (ग) क्या उक्त जिलों में नियमों के विरूद्ध खरीदी की गई है? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों में क्या सामग्री क्रय की गई है? क्रय की गई सामग्री की तादात एवं दर से अवगत करावें? जाँच में अनियमितता पाये जाने पर शासन अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शाजापुर/आगर जिले को विभाग से वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में मदवार आवंटन एवं कार्यालय प्रमुख द्वारा किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) अस्पतालों में लगने वाली आवश्यक सामाग्रियाँ एवं मशीन व उपकरणों में निविदा आमंत्रित कर दरें निर्धारित की गईं हैं। यदि उपरोक्त में से किसी सामग्री की दर निर्धारित नहीं हैं तो शासन की अन्य अधिकृत एजेन्सियों के द्वारा निर्धारित दर पर क्रय किया जा सकता है। अतिआवश्यक एवं समय कम होने पर स्थानीय स्तर पर निविदा/कोटेशन आमंत्रित कर, न्यूनतम दर पर सामग्रियाँ क्रय की जा सकती हैं। उपरोक्त कार्यवाही म.प्र. शासन के भण्डार क्रय नियमों के अंतर्गत की जाती है। वित्तीय अनियमितता पाये जाने पर संबंधित शासकीय सेवक के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं।
शास. चिकित्सालयों में दवाई/इंजेक्शन का नि:शुल्क वितरण
6. ( *क्र. 2304 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शास. चिकित्सालयों में मरीजों को नि:शुल्क दवाईयां/इंजेक्शन प्रदाय की जाती हैं, उनमें से कौन-कौन सी दवाईयां/इंजेक्शन शासन स्तर से या स्थानीय स्तर पर क्रय किये जाने के प्रावधान हैं? (ख) क्या नि:शुल्क दवाईयां/इंजेक्शन को स्टाक पंजी में सूचीबद्ध एवं इनकी उपलब्ध संख्या के मान से किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या स्टाक समाप्त होने के पूर्व ही दवाईयां/इंजेक्शन क्रय किये जाना चाहिए, जिससे मरीजों को हमेशा प्राप्त होती रहे? (घ) जिला चिकित्सालय शाजापुर में मरीजों को नि:शुल्क दवाईयां/इंजेक्शन क्यों नहीं प्राप्त होते हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में शासकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क दवांईयां एवं इंजेक्शन प्रदाय किये जाते हैं। जो दवांईयों एवं इंजेक्शन ई-औषधि की दर सूची में उपलब्ध नहीं है। उनका क्रय दवा नीति 2009 में निहित प्रावधान अनुसार आवंटित बजट की 20 प्रतिशत राशि से स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) जिला चिकित्सालय शाजापुर में मरीजों को निःशुल्क/दवांईयाँ/इंजेक्शन ई.डी.एल. सूची के अनुसार उपलब्ध रहते हैं एवं मरीजों को निःशुल्क वितरण किये जाते हैं।
शस्त्र लायसेंस बनवाने की प्रक्रिया का सरलीकरण
7. ( *क्र. 3451 ) श्री महेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र, बीना में विगत दो वर्षों में कितने शस्त्र लायसेंस जारी किये गये? (ख) शस्त्र लायसेंस बनवाने में कितनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है? बिन्दुवार अवगत करावें। (ग) क्या शस्त्र लायसेंस बनवाने की प्रक्रिया का सरलीकरण नहीं किया जा सकता?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) सागर जिले की बीना विधानसभा से संबंधित क्षेत्र में विगत दो वर्षों में 07 शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवेदक के द्वारा शस्त्र लायसेंस प्राप्त करने हेतु निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्रस्तुत करने के पश्चात आवेदन में प्रस्तुत जानकारी के संबंध में पुलिस अधीक्षक, सागर से निर्धारित प्रपत्र में प्रतिवेदन प्राप्त किया जाता है। पुलिस अधीक्षक की अनुशंसा किये जाने पर संबंधित तहसीलदार का प्रतिवेदन अनुविभागीय दण्डाधिकारी के माध्यम से प्राप्त होने पर जिला दण्डाधिकारी द्वारा शस्त्र लायसेंस स्वीकृति के संबंध में कार्यवाही की जाती है। (ग) गृह मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप विभाग द्वारा परिपत्र क्र. एफ 16-498/11/बी-1/दो, दिनांक 26.03.2011 के तहत शस्त्र लायसेंस बनवाने हेतु प्रक्रिया निर्धारित की गई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 69 पर लूट की घटना पर कार्यवाही
8. ( *क्र. 4297 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 23/01/2016 को राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 69 पर ब्यावरा-पवारखेड़ा के बीच लॉजिस्टिक हब के समीप लूट की घटना होने संबंधी एफ.आई.आर. भारतीय दंड विधान की धारा 394/397 अंतर्गत पंजीबद्ध की गई थी। (ख) यदि हाँ, तो उक्त घटना का संक्षेप में विवरण देते हुए यह भी बताएं कि घटना की जानकारी पुलिस को कब प्राप्त हुई एवं घटना स्थल पर पुलिस के कौन-कौन अधिकारी कब-कब पहुंचे। (ग) प्रश्न दिनांक तक घटना में लिप्त अपराधियों को पकड़ने हेतु क्या क्या कार्यवाही की गई है, कब तक अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। (घ) घटना में घायलों को चिकित्सा सुविधा एवं आर्थिक सहायता हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है।
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण के फरियादी श्री विजय कुमार राय चंदानी स्वयं की प्रायवेट कार से परिवार के सदस्यों के साथ भोपाल से इटारसी जा रहे थे। रात्रि लगभग 12:00 बजे घटना स्थल पर पहुंचने पर कार का टायर पंचर हो गया। टायर को बदलते समय तीन अज्ञात व्यक्तियों ने श्री विजय कुमार राय चंदानी एवं परिवार के सदस्यों के सिर में डंडे से गंभीर चोट पहुंचाई तथा नगदी दो लाख रूपये एवं पहने हुए सोने के जेवरात तथा मोबाईल फोन जर्बदस्ती लूट कर ले गये। घटना की सूचना थाना इटारसी में दिनांक 23.01.2016 को रात्रि करीब 00:50 बजे प्राप्त हुई। घटना स्थल पर थाना प्रभारी इटारसी रात्रि लगभग 02:00 बजे अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) इटारसी एवं होशंगाबाद लगभग 04:00 बजे प्रातः अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, होशंगाबाद करीब 05:00 बजे प्रातः पुलिस अधीक्षक, होशंगाबाद एवं एफ.एस.एल. अधिकारी व डॉग स्क्वाड लगभग 06:00 बजे प्रातः तथा पुलिस महानिरीक्षक, होशंगाबाद जोन, होशंगाबाद लगभग 10:00 बजे घटना स्थल पर पहुंचे थे। (ग) प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस अधीक्षक होशंगाबाद द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, होशंगाबाद के नेतृत्व में विवेचना टीम का गठन किया गया है। प्रकरण की विवेचना में घटना स्थल के आसपास एवं इस कार्य प्रणाली से संबंधित पूर्व अपराधियों से पूछताछ की गई है। घटना स्थल का निरीक्षण एफ.एस.एल.टीम एवं डाग स्क्वाड द्वारा किया गया है। प्रकरण में मोबाइल फोन डाटा विश्लेषण किया जा रहा है। पुलिस महानिरीक्षक, होशंगाबाद द्वारा अपराध के अभियुक्तों की सूचना देने एवं गिरफ्तारी हेतु 25,000/- रूपये के इनाम की उद्घोषणा की गई है। प्रकरण में विधि अनुरूप विवेचना की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) इस बिन्दु के संबंध में उपरोक्त प्रकरण में घायलों की एम.एल.सी. कराई गई एवं आर्थिक सहायता के संबंध में कोई आवेदन प्राप्त नहीं होने से सहायता प्रदान नहीं की गई।
नवीन पुलिस थाने की स्थापना
9. ( *क्र. 59 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली अंतर्गत वर्तमान में नये पुलिस थाने खोले जाने की शासन की योजना है? (ख) यदि हाँ, तो कहां-कहां कितने नये पुलिस थाने स्थापित किये जायेंगे और इनका भवन निर्माण आदि का कार्य कब तक पूरा कर लिया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला सिंगरौली में महिला थाना एवं नवानगर थाने की स्थापना का प्रस्ताव विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी सहायिकाओं की सेवानिवृत्ति में अनियमितता
10. ( *क्र. 4024 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है? यदि हाँ, तो शासन आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) विगत वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक कुक्षी विधानसभा में कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं को सेवानिवृत्ति प्रदाय की गई? (ग) क्या शासन को गलत तरीके से सेवानिवृत्त किये जाने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उत्तरदायी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक’ पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो’ पर है। (ग) जी नहीं। अपितु धार जिले में दिनांक 19/01/2016 की जनसुनवाई में एकीकृत बाल विकास परियोजना डही अंतर्गत ग्राम पीपलूद बरजनियापुरा की आंगनवाड़ी सहायिका को सेवानिवृत्त किये जाने संबंधी 01 शिकायत प्राप्त हुई, जिसकी जाँच प्रचलित है।
कटनी जिले के थानों में स्वीकृत पुलिस बल
11. ( *क्र. 3336 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कुल कितने थाने है तथा उक्त थानों में कितना बल स्वीकृत है? कितने कार्यरत हैं? कितने पद रिक्त हैं? पदवार थानावार पृथक-पृथक बताएं। (ख) कटनी जिले में डायल 100 योजना में किस-किस थाने में कितना बल तैनात किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पुलिस बल की कमी को दूर किए बिना डायल 100 में भी प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में पुलिस बल क्यों तैनात किया गया है? इससे अपराध नियंत्रण में और भी कठिनाई नहीं होगी? डायल 100 से जिले में अभी तक इस योजना से क्या लाभ हुआ? (घ) कटनी जिले में डायल 100 द्वारा कितने अपराध विगत एक वर्ष में पकड़े गये? थानावार विवरण दें।
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी निम्नानुसार है :- कोतवाली-4, कुठला-3, माधवनगर-4, एन.के.जे-4, स्लीमनाबाद-4, रीठी-3, बहोरीबंद-2, विजयराघवगढ़-2, बरही-4, कैमोर-2, बड़वारा-2, उमरियापान-3, ढीमरखेड़ा-4 (ग) डायल-100 योजना के लिए पृथक से बल का प्रावधान नहीं है। अतः उपलब्ध बल में तैनाती की गई है। थानों में उपलब्ध बल का डायल-100 में लगाने से अपराध नियंत्रण में कोई कठिनाई नहीं है, बल्कि कानून व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ हुई है तथा अपराधों पर तत्काल एवं प्रभावी नियंत्रण करना संभव हो सका है। (घ) अपराधों के पंजीबद्ध करने संबंधी कार्यवाही थाना स्तर पर की जाती है, डायल-100 एक First Response Vehicle है, जिसके द्वारा घटना की सूचना मिलने पर त्वरित कार्यवाही की जाती है। जिला कटनी में डायल-100 दिनांक 06.12.2015 से प्रभावशील है, जिसमें अभी तक राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम भोपाल से भेजी गई सूचनाओं के आधार पर समुचित कार्यवाही की गई। थानावार कार्यवाही निम्नानुसार है :- कोतवाली-851, माधवनगर-719, कुठला-355, एन.के.जे.-245, कैमोर-248, स्लीमनाबाद-287, बरही-477, बहोरीबंद-281, विजय राघवगढ़-290, बड़वारा-294, रीठी-441, उमरियापानप-270, ढीमरखेड़ा-200.
अपमिश्रित मिलावटी अमानक खाद्य/पेय पदार्थों के नमूनों की जांच
12. ( *क्र. 2204 ) श्री अंचल सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में पदस्थ किन-किन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत खाद्य पेय पदार्थ, डिब्बा बंद व बोतल बंद पेय पदार्थों, दुग्ध निर्मित पदार्थों के नमूने लिये गये? कितनी मात्रा में नकली देशी घी एवं मावा जप्त किया गया एवं किन-किन पर कार्यवाही की गई? वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की सूची माहवार पृथक-पृथक देवें। (ख) प्रश्नांकित नमूनों को जाँच हेतु कब भेजा गया, इनकी जाँच रिपोर्ट कब प्राप्त हुई? कौन-कौन से नमूने जाँच में अपमिश्रित मिलावटी अमानक गुणवत्ताविहीन व मिथ्याछाप पाये गये हैं तथा नमूनों के किन-किन प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई? किन-किन प्रकरणों में अभियोजन की स्वीकृति किससे ली गई एवं किन प्रकरणों में स्वीकृति नहीं ली गई? स्वीकृति न लेने का कारण बतावें। (ग) प्रश्नांकित किन-किन प्रकरणों में न्यायालय में चालान कब किस अधिकारी द्वारा पेश किया गया एवं वर्तमान में कितने प्रकरणों में चालान पेश नहीं किया गया है, क्यों कारण बतावें? न्यायालय से दोष मुक्त किन-किन प्रकरणों में अपील की गई एवं किन-किन प्रकरणों में अपील नहीं की गई क्यों? क्या ऐसे दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर शासन कार्यवाही करेगा, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। कार्यवाही नियमानुसार होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इंदौर जिले में महिला अपराध के दर्ज प्रकरण
13. ( *क्र. 1556 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 3 वर्षों में इंदौर जिले में महिलाओं पर हुए अपराधों (बलात्कार, चेन स्नेचिंग, छेड़खानी, मानव तस्करी, खुदकुशी) की संख्या बढ़ी हैं? विगत 3 वर्षों में इंदौर जिले के थानेवार महिलाओं पर हुए अपराधों के दर्ज प्रकरणों की संख्या बतावें? (ख) प्रश्न (क) अनुसार इंदौर जिले में महिलाओं पर बढ़ रहे अपराधों को रोकने हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। यह सही है कि विगत तीन वर्षों में इंदौर जिले में घटित हुए बलात्कार, चैन स्नेचिंग, छेड़खानी, मानव तस्करी, खुदकुशी के महिला अपराधों की कुल संख्या में वृद्धि हुई है। विगत तीन वर्षों में इंदौर जिले में महिलाओं पर हुए अपराधों के दर्ज प्रकरणों की थानावार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) महिलाओं पर हो रहे अपराधों की रोकथाम के लिये जिले में जिला महिला प्रकोष्ठ, निर्भया पेट्रोलिंग मोबाईल, महिला हेल्पलाईन, महिला डेस्क, महिला परामर्श केन्द्रों की स्थापना की गई है जो महिलाओं पर होने वाले अपराधों को नियंत्रण करने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
सामग्री क्रय हेतु राशि का आवंटन
14. ( *क्र. 4227 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में विभाग में एक अप्रैल 2013 से प्रश्नतिथि तक क्या-क्या सामग्री खरीदे जाने हेतु कितनी-कितनी राशि का आवंटन किस-किस स्थान हेतु हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार कितनी संख्या में क्या-क्या सामग्री खरीदी गयी? प्राप्त सभी निविदाओं की दरें एवं फर्मों/संस्थाओं के नाम/पते दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित खरीदी गयी सामग्रियों को किस-किस स्थान पर दिया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार खरीदी गयी सामग्रियों का भुगतान किसको, कितना-कितना किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भिण्ड जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन को एक अप्रैल 2013 से प्रश्न तिथि तक क्या-क्या सामग्री खरीदे जाने हेतु कितनी-कितनी राशि का आवंटन हुआ , जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत कर्मचारियों को भुगतान
15. ( *क्र. 3001 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में किन-किन कार्यों हेतु कौन-कौन सी आउटसोर्सिंग ऐजेंसी को अनुबंधित किया गया है? टेण्डर की शर्तें क्या हैं। किस दर पर आउटसोर्स किया गया है एवं टेण्डर की अवधि कब तक है? चिकित्सालयवार, कार्यवार संपूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या उज्जैन जिले में जिला चिकित्सालय एवं अन्य अस्पतालों में आउटसोर्सिंग ऐजेंसी को अनुबंधित किया गया है, टेण्डर शर्तों के अनुसार उक्त एजेंसियों में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को किस दर पर भुगतान किया जाना था, कर्मचारियों को हुए भुगतान को किस अधिकारी ने कब-कब जांचा? (ग) क्या टेण्डर में चेक द्वारा भुगतान की शर्त होने के बाद भी सफाई कर्मचारियों को व्हाउचर द्वारा भुगतान करके उनका शोषण किया जा रहा है एवं टेण्डर अवधि समाप्त होने के पश्चात भी बिना टेण्डर निकाले आज दिनांक तक उन्हीं आउटसोर्स ऐजेंसी से कार्य करवाया जा रहा है? ऐसे नियम विरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कर्मचारियों को प्रचलित कलेक्टर दर पर भुगतान किया जाता है। जिला चिकित्सालय उज्जैन में आउटसोर्स ऐजेंसी के कर्मचारियों को भुगतान हेतु प्रतिमाह ऐजेंसी द्वारा प्रस्तुत देयकों का नोडल अधिकारी/आर.एम.ओ. द्वारा परीक्षण एवं जाँच के उपरान्त भुगतान की स्वीकृति दी जाती है। इसके अतिरिक्त विकासखण्ड के अन्य चिकित्सालयों में कर्मचारियों को किये गये भुगतान को खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं जाँच उपरान्त भुगतान किया जाता है। संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें, इन्दौर संभाग इन्दौर के ऑडिटर दल द्वारा दिनांक 25.8.2015 एवं राज्य स्वास्थ्य समिति मध्यप्रदेश से नियुक्त ऑडिट दल द्वारा दिनांक 31/12/2015 को ऑडिट किया जा चुका है। (ग) भुगतान के संबंध में विभागीय ऑडिट दल द्वारा किये गये अंकेक्षण में कर्मचारियों को ई-पेमेन्ट द्वारा भुगतान नहीं किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उज्जैन को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उज्जैन द्वारा अनुबंध अवधि का विस्तार कर आउटसोर्स ऐजेंसी से कार्य कराया जा रहा है। जी हाँ। दोषी पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
छतरपुर जिलांतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
16. ( *क्र. 4124 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले के किस विकासखण्ड में कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है, इन आंगनवाड़ी केन्द्रों को गत तीन वर्षों में कितना आहार किस वर्ष में उपलब्ध करवाया है? (ख) उपलब्ध करावाये गये आहार की डिमांड विरूद्ध कितना पोषण आहार प्राप्त हुआ। (ग) किस सप्लायर को कितने पोषण आहार का किस दिनांक को कितनी राशि का भुगतान किया गया? भुगतान सप्लाई किये गये पोषण आहार के आधार पर किया गया या प्रेषित डिमांड के आधार पर किया गया।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) छतरपुर जिले के अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ अनुसार है। उक्त संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में विगत 3 वर्षों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत स्वसहायता समूहों द्वारा उपलब्ध कराये गये पेाषण आहार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘2’ अनुसार है। एम.पी. एग्रो के माध्यम से उपलब्ध कराये गये टेक होम राशन की विगत तीन वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘3’ अनुसार है। (ख) पोषण आहार की मांग के विरूद्ध सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत प्राप्त पोषण आहार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘4’ अनुसार है तथा एम.पी. एग्रो के माध्यम से मांग के विरूद्ध प्राप्त टेक होम राशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘5’ अनुसार है। (ग) सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वसहायता समूहों द्वारा पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। समूहों द्वारा वर्ष 2015-16 में प्रदाय पोषण आहार की राशि के भुगतान की दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘6’ अनुसार है। समूहों को प्रदाय पोषण आहार के आधार पर भुगतान की कार्यवाही की जाती है, डिमांड के आधार पर नहीं।
औषधियों की गुणवत्ता की जाँच
17. ( *क्र. 4231 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अतारांकित प्रश्न संख्या-70 (क्रमांक 1118) दिनांक 24 जुलाई, 2015 के प्रश्नांश (ग) में बताए अनुसार कि औषधि की गुणवत्ता नियंत्रण के लिये औषधि प्राप्त होने के 3 दिवस के भीतर चिन्हित एक्रीडेटेड प्रयोगशालाओं को सेंपल भेजना अनिवार्य है, तो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिण्ड/मुरैना/श्योपुर द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक कब कौन सी औषधि किस प्रयोग शाला में भेजी गई? क्या रिपोर्ट प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत समयावधि में प्रयोग शाला में न भेजने के कारण भिण्ड/मुरैना/श्योपुर के किस अधिकारी को कब कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया? प्रश्नांश दिनांक तक क्या उत्तर प्राप्त हुआ? क्या दण्ड निर्धारित किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिण्ड/मुरैना/श्योपुर द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक प्रयोगशाला में भेजी गई औषधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। रिपोर्ट में औषधि मानक स्तर की पाई गई। वर्ष 2012 में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की रिपोर्ट में कुछ दवाईयां अमानक स्तर की पाई गईं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अमानक स्तर की पाई गई दवाईयों के मूल्य की वसूली फर्म द्वारा की गई एवं संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को भी दण्डित किया गया।
सतना जिलांतर्गत पोषण आहार का वितरण
18. ( *क्र. 2798 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या एन.आई.एन. की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सतना जिले में 1,50,00 से अधिक बच्चे कुपोषित हैं? क्या यह सर्वे 0 से 05 वर्ष तक के बच्चों का किया गया था? (ख) क्या शासन द्वारा धात्रीमाता, गर्भवती माता एवं बच्चों के लिये पोषण आहार का वितरण आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है? क्या उक्त पोषण आहार एम.पी. एग्रो द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों को सप्लाई किया जा रहा है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो स्पष्ट है कि एम.पी. एग्रो द्वारा जो पोषण आहार आंगनवाड़ी केन्द्रों को वितरित किया जा रहा है, वह गुणवत्ताहीन है और कुपोषण को रोकने में सफल नहीं है? इस पोषण आहार का कब-कब प्रयोगशाला में गुणवत्ता परीक्षण कराया गया है? रिपोर्ट दें। (घ) गुणवत्ताविहीन पोषण आहार करने वाली संस्था को कब तक ब्लैक लिस्टेड कर दिया जावेगा? कुपोषण के लिये दोषी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं हेतु एम.पी. एग्रो के माध्यम से टेकहोम राशन के रूप में विभिन्न खाद्य सामग्री निर्धारित प्रोटीन/कैलोरी की मात्रा सहित फोर्टीफाईड एवं उच्च गुणवत्ता युक्त प्रदाय की जाती है। उक्त पोषण आहार से बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हुआ है तथा कुपोषण को रोकने में सफलता मिली है। उक्त पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) की प्रतिमाह प्रत्येक बैच की गुणवत्ता की जाँच भारत सरकार महिला बाल विकास खाद्य एवं पोषण आहार बोर्ड नई दिल्ली की प्रयोगशाला से कराई जाती है। नमूना जाँच की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) गुणवत्ताविहीन पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) का प्रदाय नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार का प्रदाय
19. ( *क्र. 3893 ) श्री दिनेश राय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों पर किस-किस स्वसहायता समूहों द्वारा मध्यान्ह भोजन का कार्य कब से कराया जा रहा है? उन समूहों के सदस्य एवं कार्यकारिणी से अवगत कराया जावे? क्या सभी सदस्य वास्तविकता में गरीबी रेखा के नीचे के हैं, उनकी वस्तुस्थिति की जाँच की गई है? विधानसभावार, वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अपने चहेते समूहों से वर्षों से आंगवाड़ी केंद्रों में भोजन का कार्य कराया जा रहा है, निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती जाती है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? यदि नहीं, तो पिछले 3 वर्षों में कब-कब निविदा बुलाई गई और कौन-कौन समूहों द्वारा निविदा प्रपत्र प्राप्त हुए संचालित समूहों को किस आधार पर प्राथमिकता दी गई है? (ग) मध्यान्ह भोजन का कार्य कर रहे समूहों की पिछले 3 वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं और उन पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गई, शिकायतकर्ता एवं जाँचकर्ता के नाम, पद सहित पृथक-पृथक विवरण दिया जावे? समूहों द्वारा बनाये जाने वाली भोजन के गुणवत्ता की जाँच की जाती है? यदि हाँ, तो पिछले 3 वर्षों में कब-कब जाँच की गई? विधानसभावार जानकारी दें। सिवनी जिले में वर्तमान की स्थिति में कितने स्व-सहायता समूह मध्यान्ह भोजन का कार्य कर रहे है? क्या संचालित समूहों का अंकेक्षण कराया जाता है? यदि हाँ, तो उनके द्वारा कितना-कितना लाभ अर्जित किया गया? क्या उस लाभांश को समूह के गरीब सदस्यों में वितरित किया जाता है? इस संबंध में समूह के सदस्यों एवं विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाकर उन्हें जानकारी दी जाती है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला सिवनी में कुल 11 परियोजना संचालित हैं, जिनमें स्व सहायता समूहों द्वारा नवम्बर 2009 से सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत कुल 2020 आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम संचालित नहीं किया जाता है। स्व सहायता समूह का गठन ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाता है तथा समूहों की जानकारी ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ही संधारित की जाती है। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में संलग्न स्व सहायता समूहों के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार प्रदाय कार्य किया जा रहा है। जिले में कुल 652 स्व सहायता समूह द्वारा पूरक पोषण आहार प्रदाय कार्य किया जा रहा है। समूहों का नाम एवं कार्यकारिणी अध्यक्ष एवं सचिव के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। सिवनी जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना सिवनी शहरी परियोजना नगर पालिका अंतर्गत क्षेत्र सिवनी में 01 परियोजना संचालित है। परियोजना सिवनी शहरी के आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार वितरण हेतु 03 वर्षों में बुलाई गई निविदा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। ग्रामीण क्षेत्र की कुल 10 परियोजनायें संचालित हैं, जिसमें पूर्व से शासकीय शाला में मध्यान्ह भोजन प्रदाय करने वाले स्व सहायता समूहों से ही आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के शासन निर्देशों के अंतर्गत स्व सहायता समूह से कार्य लिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में स्व सहायता समूह का चयन निविदा बुलाकर किए जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम संचालित नहीं किया जाता है। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में संलग्न स्व सहायता समूहों के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार प्रदाय कार्य किया जाता है। सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत कार्य कर रहे स्व-सहायता समूह के विरूद्ध पिछले 03 वर्षों में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शासन निर्देशानुसार सांझा चूल्हा अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र में प्रदाय पूरक पोषण आहार कार्यक्रम का अंकेक्षण मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अनुसार किए जाने का प्रावधान है। लाभांश वितरण समूह का आंतरिक विषय है। स्व सहायता समूहों की सामान्य बैठक प्रति 3 माह में पर्यवेक्षक द्वारा बुलायी जाती है।
आशा कार्यकर्ताओं को कार्य आधारित प्रोत्साहन राशि का भुगतान
20. ( *क्र. 2564 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में आशा कार्यकर्ताओं को कितनी राशि बतौर मानदेय प्रतिमाह भुगतान की जाती है? क्या मध्य प्रदेश के सभी जिलों में आशा कार्यकर्ताओं को समय पर प्रतिमाह मानदेय का भुगतान किया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) छिंदवाड़ा जिले में आशा कार्यकर्ताओं को कितने माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है? और क्यों? विकासखण्डवार जानकारी दें। (ग) क्या विकासखण्ड चौरई और विछुआ में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं को विगत 4 माह से उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? कब तक लंबित मानदेय का भुगतान कर दिया जावेगा? (घ) क्या शासन उक्त तथ्य को संज्ञान में लेकर छिंदवाड़ा जिले के आशा कार्यकर्ताओं को समय पर प्रतिमाह उनके मानदेय का भुगतान किये जाने का आदेश देगा और समय पर भुगतान नहीं करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों की जिम्मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, आशा कार्यकर्ताओं को मानदेय राशि नहीं बल्कि उन्हें कार्यआधारित प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जी हाँ, यथासंभव आशा कार्यकर्ताओं को प्रति माह कार्यआधारित प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाता है। कभी-कभी बजट राशि की अनुपलब्धता के कारण भुगतान विलंब से होता है। (ख) प्रश्न भाग की जानकारी निम्नांकित अनुसार है :-
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
लंबित भुगतान |
भुगतान नहीं करने का कारण |
1. |
अमरवाड़ा |
जनवरी 16 |
बजट राशि उपलब्ध नहीं होने से |
2. |
परासिया |
जनवरी 16 |
|
3. |
सौंसर |
जनवरी 16 |
|
4. |
तामिया |
जनवरी 16 |
|
5. |
जामई |
दिसंबर 15, जनवरी 16 |
|
6. |
मोहखेड़ |
दिसंबर 15, जनवरी 16 |
(ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अमानक दवाईयों की खरीदी पर कार्यवाही
21. ( *क्र. 3835 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक अमानक दवाईयों के खरीदने, वितरित करने, उपयोग करने, नष्ट करने, इत्यादि से संबंधित कितने मामले, सरकार के संज्ञान में आये? (ख) विभाग के भार साधक मंत्री ने उपरोक्त मामले की जाँच, परीक्षण, कार्यवाही करने हेतु कब-कब किसे-किसे, निर्देश दिये? (ग) मंत्री जी ने विभाग के अधिकारियों के साथ प्रश्नांश (क) में वर्णित मुद्दों पर, कौन-कौन सी, बैठक में निर्देश दिये? (घ) उपरोक्त क्रय में वे कौन-कौन से मामले हैं, जिसमें की दवाई गुणवत्ता रिपोर्ट प्राप्त होने की तिथि से पूर्व ही, उनका भुगतान कर दिया गया और किस-किस का पार्ट, में आंशिक रूप से दिया गया? क्या दोषी को दंडित किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 2012 से प्रश्न दिनांक तक अमानक पाईं गईं दवाईयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार है। विभाग द्वारा अमानक दवाई न खरीदी जाती हैं, न ही वितरित एवं उपयोग में ली जाती है। दवाईयों के नमूने जाँच हेतु भेजे जाते हैं। गुणवत्ता परीक्षण में अमानक पाये जाने पर दवाईयों का उपयोग नहीं किया जाता है। (ख) विभाग के माननीय मंत्री जी ने उपरोक्त मामले की जाँच, परीक्षण, कार्यवाही करने हेतु समय-समय पर विभाग के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये। (ग) मंत्री जी ने विभाग के अधिकारियों के साथ, प्रश्नांश (क) में वर्णित मुद्दों पर विभाग की बैठक में निर्देश दिये। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार है। दोषी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये थे।
विभागीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उम्र में विसंगति
22. ( *क्र. 3461 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्टाफ नर्स की प्रशिक्षण अवधि 4 वर्ष, ए.एन.एम. की प्रशिक्षण अवधि 18 माह तथा एल.एच.वी. की प्रशिक्षण अवधि 6 माह है और सभी की सेवानिवृत्ति उम्र 65 वर्ष निर्धारित है? (ख) क्या फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, रेडियो ग्राफर, नेत्र सहायक की प्रशिक्षण अवधि 2 वर्ष है और सेवा निवृत्त उम्र 60 वर्ष निर्धारित है? (ग) क्या उक्त विसंगति को दूर कर फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, रेडियो ग्राफर, नेत्र सहायकों की भी सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष की जाकर सेवानिवृत्ति की अवधि में विसंगति को दूर किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बी.एस.सी. नर्सिंग प्रशिक्षण की अवधि 4 वर्ष एवं जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण अवधि वर्ष 2015-16 से 3 वर्ष है। बी.एस.सी. नर्सिंग प्रशिक्षण एवं जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण से उत्तीर्ण उम्मीदवारों को स्टॉफ नर्स के पद पर नियुक्ति दी जाती है। इनकी शासन द्वारा सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष निर्धारित है। ए.एन.एम. की प्रशिक्षण अवधि 24 माह है एवं एल.एच.व्ही. प्रशिक्षण अवधि 06 माह है एवं इनकी सेवानिवृत्ति आयु शासन द्वारा 65 वर्ष निर्धारित है। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु शासन द्वारा 60 वर्ष निर्धारित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैरसिया विधानसभा अंतर्गत आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
23. ( *क्र. 4240 ) श्री विष्णु खत्री : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने नवीन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई थी? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से कितने आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण पूर्ण हो गया है एवं कितने का निर्माण कार्य शेष है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शेष आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण अब तक प्रारंभ नहीं होने के क्या कारण हैं और इनका निर्माण कब तक पूर्ण हो जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 19 नवीन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2015-16 में तेरहवें वित्त आयोग के अंतर्गत प्राप्त हुई थी। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समस्त 19 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य अप्रारंभ होकर अपूर्ण हैं। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है। (ग) आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य की तकनीकी स्वीकृति संबधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होते ही भवनों के निर्माण की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
24. ( *क्र. 37 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र सरदारपुर के अंतर्गत कितनी आंगनवाड़ियाँ स्वीकृत हैं? इनमें से कितनी आदिवासी क्षेत्रों में एवं कितनी अन्य क्षेत्रों में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी आंगनवाड़ियाँ शासकीय भवनों में संचालित हैं एवं कितनी भवनविहीन हैं? (ग) विधान सभा क्षेत्र सरदारपुर के अंतर्गत वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15 में विभाग द्वारा कितने आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया गया है? क्या इन निर्मित भवनों का सत्यापन किसी अधिकारी द्वारा किया गया है? (घ) क्या उक्त भवनों का निर्माण तकनीकी मापदण्डों के अनुसार नहीं किये जाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) धार जिले में विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर के अंतर्गत 02 परियोजनाएं (सरदारपुर-1 एवं सरदारपुर-2) में 411 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 10 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र इस प्रकार कुल 421 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं। इनमें से 347 आंगनवाड़ी केन्द्र आदिवासी क्षेत्र में तथा 74 अन्य क्षेत्रों में संचालित हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर अंतर्गत कुल 421 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 208 विभागीय भवनों में, 104 अन्य शासकीय भवनों में तथा 109 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में (भवनविहीन) संचालित हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर अंतर्गत वर्ष 2013-14 मे 16 आंगनवाड़ी सेक्टर स्तरीय कार्यालय सह आंगनवाड़ी केन्द्र (आंगनवाड़ी सह बैठक कक्ष भवन) की स्वीकृति दी गई है, इनमें से 13 भवन निर्माण पूर्ण हो चुके हैं तथा 03 भवन निर्माणाधीन हैं। वर्ष 2014-15 में भवनों के निर्माण की स्वीकृति नहीं दी गई है। निर्मित भवनों का सत्यापन अनुविभागीय अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सरदारपुर जिला धार द्वारा किया गया है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
स्वास्थ्य केन्द्रों में वाहनों का उपयोग
25. ( *क्र. 940 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा प्रदेश के स्वास्थ्य केन्द्रों पर मरीजों की सुविधा हेतु वाहनों का उपयोग किन-किन योजनाओं के लिये किया जाता है? नाम बतायें। (ख) मंदसौर जिले में कितने सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर वाहनों की सुविधा उपलब्ध है? अलग-अलग बतावें। (ग) जिले में जिन वाहनों का उपयोग मरीजों की सुविधा हेतु किया जा रहा है, उनमें कितने शासकीय कितने निजी वाहन हैं? (घ) विभाग द्वारा निजी वाहन ठेके पद्धति से लिए गये हैं या प्रतिदिन उपयोगिता से किराये पर लिये जाते हैं एवं इनका प्रति कि.मी. का क्या रेट तय किया गया है? राशि बतावें। अगर कोई ठेकेदार है तो ठेकेदार एवं मालिक का नाम बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासन द्वारा प्रदेश के स्वास्थ्य केन्द्रों पर मरीजों की सुविधा हेतु वाहनों का उपयोग जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम एवं आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं हेतु किया जाता है। (ख) मंदसौर जिले के अंतर्गत 4 सामु.स्वा. केन्द्रों (मल्हारगढ़, शामगढ़, सुवासरा, सीतामऊ) एवं 9 प्राथ. स्वास्थ्य केन्द्रों (धुंधड़का, कयामपुर, नाहरगढ़, नारायणगढ़, बुढ़ा, संधारा, मेलखेड़ा, निम्बोद, संजीत) पर वाहनों की सुविधा उपलब्ध है। (ग) 11 शासकीय एवं 31 निजी वाहन हैं। (घ) 31 निजी वाहन ठेके पद्धति से लिये गये हैं। 21 जननी एक्सप्रेस वाहनों के ठेकेदार श्री दीपक अग्रवाल, दित्या इन्टरप्राइजेस, इंदौर हैं एवं इनकी दर प्रति किलोमीटर रू. 16.90/- है। 10 वाहन आर.बी.एस.के. अंतर्गत ठेके से संचालित हैं। इनमें से श्री हेमेन्द्र पहाड़िया ’मल्हारगढ़’ के 03, श्री चिन्तामणि शर्मा ’बालाजी ट्रेवल्स’ के 02 एवं श्री संजय सोनी ’मंदसौर’, बृजमोहन बैरागी ’सांई ट्रेवल्स’, श्री महेन्द्र गौतम ’गौतम ट्रेवल्स’, श्री शोभाराम जाटव ’मेलखेड़ा’ तथा श्री पुरालाल गौड़ ’मेलखेड़ा’ के 01-01 वाहन हैं। इन सभी वाहनों की न्यूनतम दर प्रतिमाह 1500 किमी. संचालन हेतु रू. 23800/- है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
जिला
डिण्डोरी
में संचालित
गोदाम
1. ( क्र. 29 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वेयर हाऊस एण्ड लॉजिस्टिक कार्पो. द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक जिला-डिण्डोरी में कितने गोदाम कितने किराये पर किन-किन लोगों से, कब से कब तक के लिए लिये गये हैं? (ख) वेयर हाऊस एण्ड लॉजिस्टिक कार्पो. के जिला डिण्डोरी में कितने गोदाम, कहां-कहां, कितनी-कितनी क्षमता के संचालित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2013, 14, 15 में वर्षवार प्रत्येक गोदामों में क्षमता के विरूद्ध कितना-कितना भण्डारण किया गया? (घ) भंडार गृह किराये पर लेने के क्या-क्या मापदण्ड हैं? क्या कोई गोदाम ऐसा है, जिसके ऊपर से हाई टेंशन विद्युत लाईन जा रही है, क्या सुरक्षा की दृष्टि से यह उचित है? यदि नहीं, तो किसकी गलती से गोदाम किराये पर लिया गया है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा ‘प्रथम आओ प्रथम पाओ’ के सिद्धांत को दृष्टिगत रखते हुए ऑनलाईन आवेदन करने वाले गोदाम मालिकों से वरीयता के आधार पर गोदाम किराये पर लिये जाते हैं। जी हाँ, डिण्डोरी जिले के शहपुरा में श्री कपिल/कमल/जयप्रकाश गुप्ता का 1,575 मे. टन क्षमता का गोदाम है, जिसके ऊपर से हाई टेंशन विद्युत लाईन गई है। उक्त गोदाम पूर्व में किराये पर लिया गया था। तत्समय उसके ऊपर से हाई टेंशन विद्युत लाईन नहीं गई थी। उक्त गोदाम के ऊपर वर्तमान में हाई टेंशन लाईन है। हाई टेंशन लाईन चालू होने के पूर्व उक्त गोदाम को खाली कर दिया गया है एवं वह गोदाम म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के आधिपत्य में नहीं है।
चिकित्सा संबंधी निर्देश
2. ( क्र. 331 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छोटे शहरों, कस्बों एवं गांवों में (अस्पताल) में कार्यरत BAMS, BHMS चिकित्सकों को आकस्मिक दुर्घटनाओं (आग से जलना, करंट लगना, गिरना, हथियार की चोट, सड़क दुर्घटना) से ग्रसित मरीजों का ईलाज करना पड़ता है? क्या इन परिस्थितियों में प्रथम दृष्टया चिकित्सक को ऐसे मरीजों की वास्तविक स्थिति की जानकारी, परीक्षण, ईलाज, मरणासन्न बयान अथवा पुलिस रिपोर्ट (MLC) से संबंधित समस्त दस्तावेज बनाने की पात्रता है, अथवा नहीं? (ख) यदि पात्रता है तो प्रदेश में इनके लिये क्या निर्देश, नियम एवं प्रावधान हैं? (ग) यदि पात्रता नहीं है तो प्रदेश में इनके लिये क्या निर्देश, नियम एवं प्रावधान है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पात्रता नहीं है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जिला/राज्य बीमारी सहायता निधि के भुगतान में विलंब
3. ( क्र. 382 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला/राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत गरीबी रेखा के मरीजों को मान्यता प्राप्त निर्धारित अस्पतालों में ईलाज कराने पर सहायता राशि का भुगतान संबंधित अस्पताल को किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जबलपुर जिले में कितने ऐसे मरीजों की सहायता राशि भुगतान की गई है? अस्पतालवार विवरण देवें? (ग) क्या सहायता राशि के प्रकरण प्राप्त होने पर स्वीकृत करने तक की कोई समय-सीमा निर्धारित है? (घ) ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिन्हें सहायता राशि अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2014-15 में कुल 296 मरीजों के उपचार हेतु सहायता राशि रूपये 31661573/- एवं वर्ष 2015-16 में कुल 366 मरीजों के उपचार हेतु सहायता राशि रूपये 40530600/- स्वीकृत कर अस्पताल को भुगतान की गई। अस्पतालवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। 10 कार्य दिवस समय-सीमा निर्धारित है। (घ) जबलपुर जिले में जिला बीमारी सहायता निधि के अन्तर्गत 140 प्रकरण स्वीकृत हो चुके है जिसका भुगतान चिकित्सालय को किया जाना है।
आंगनवाड़ी भवन का निर्माण
4. ( क्र. 383 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पनागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों में आंगनवाड़ी केंद्र नहीं हैं? (ख) क्या ऐसे ग्रामों में आंगनवाड़ी केंद्र प्रारंभ करने हेतु कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) कितने आंगनवाड़ी केंद्रों के भवन हैं एवं कितने किराये के भवनों में संचालित हैं? (घ) क्या भवन विहीन आंगनवाड़ी केंद्रों के लिये भवन की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पनागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाड़ी विहीन ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘क’ अनुसार है। (ख) पनागर विधानसभा क्षेत्र में 33 ऐसे गाँव हैं जहां आँगनवाड़ी केन्द्र नहीं है। भारत सरकार द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में 400 से 800 की जनसंख्या पर 01 आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रावधान है परंतु इन ग्रामों में भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या मापदंडों की पूर्ति न कर पाने के कारण नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की कार्यवाही नहीं की जा सकती है। इसी प्रकार भारत सरकार द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु 150-400 की जनसंख्या पर 01 मिनी आँगनवाड़ी खोले जाने का प्रावधान है। उक्त मापदंड अनुसार ग्राम पंचायत बरौदा के ग्राम मचला जिसकी जनसंख्या 220 है, में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जा सकता है। चूंकि मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) पनागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना पनागर एवं बरगी में 398 स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 46 विभागीय आंगनवाड़ी भवन संचालित है, 197 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है एवं 155 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ अनुसार है। (घ) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई./गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंड में) आंगनवाड़ी भवन निर्माण की कार्य-योजना विचाराधीन हैं एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद में राशि उपलब्ध होने पर आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिए जाने की योजना हैं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता हैं। अतः समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं।
शासकीय अस्पताल में डॉक्टरों की कमी
5. ( क्र. 429 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा एवं खाचरौद जिला उज्जैन के शासकीय अस्पतालों में डॉक्टरों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (ख) क्या नागदा एवं खाचरौद शहर में सिंहस्थ की दृष्टि से शेष रिक्त पद कब तक भर दिये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिंहस्थ की दृष्टि से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन संचालनालय के आदेश दिनांक 04.02.2016 एवं 08.02.2016 के माध्यम से क्रमशः 106 एवं 223 विशेषज्ञ/चिकित्सकों की ड्युटी लगाई गई है। रिक्त पद की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत है, विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है, चिकित्सा अधिकारियों के 1896 पदों पर भर्ती हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से कार्यवाही प्रचलन में है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
समितियों/बोर्ड/विभागों में मनोनीत सदस्यों की जानकारी
6. ( क्र. 500 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास द्वारा जिला स्तर पर कौन-कौन सी समितियों का गठन किया जाता है एवं किन-किन समितियों/बोर्ड/विभागों में अध्यक्ष एवं सदस्य विभागीय अनुशंसा से मनोनीत किये जाते हैं? (ख) जिले स्तर पर गठित समितियों/बोर्ड/विभागों में कौन-कौन से पद हैं एवं इनकी योग्यता, चयन/मनोनीत की क्या प्रक्रिया है? (ग) सागर जिले में वर्तमान में महिला एवं बाल विकास द्वारा गठित समितियों/बोर्ड/विभागों के नाम व अध्यक्ष/उपाध्यक्ष/सचिव/मनोनीत सदस्यों के नाम, योग्यता एवं मानदेय की जानकारी देवें? (घ) सागर जिले में गठित समितियों/बोर्ड/विभागों के कार्यकाल की जानकारी से अवगत करायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग अन्तर्गत जिला स्तर पर गठित समितियों एवं इन समितियों/बोर्ड में सदस्यों के मनोनयन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ ‘2’ ‘3’ तथा ‘क’ व ‘ख’ अनुसार है। उपरोक्त सभी बोर्ड एवं समितियों के सदस्य शासन एवं कलेक्टर द्वारा नामांकित किये जाते हैं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘1’ ‘2’ ‘3’ तथा ‘क’ व ‘ख’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘1’ ‘2’ ‘3’ तथा ‘क’ व ‘ख’ अनुसार है। (ग) सागर जिले में जिला स्तर पर वर्तमान में महिला बाल विकास द्वारा गठित समितियों/बोर्ड के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव एवं मनोनीत सदस्यों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ ‘2’ ‘3’ तथा ‘क’ व ‘ख’ अनुसार है। उक्त गठित समितियों/बोर्ड के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव एवं मनोनीत सदस्यों के लिये मानदेय का प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ ‘2’ ‘3’ तथा ‘क’ व ‘ख’ अनुसार है। (घ) सागर जिले में प्रश्नांश ‘एक’ अनुसार गठित समितियों के कार्यकाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ ‘2’ ‘3’ तथा ‘क’ व ‘ख’ अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
7. ( क्र. 508 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकाने है एवं इनके कार्य क्षेत्रान्तर्गत कितने ग्राम प्रत्येक सोसायटी के अंतर्गत आते है? (ख) शासन के नियमों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी आबादी पर दुकान संचालित किये जाने के शासन के निर्देश है आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या वर्तमान में पवई क्षेत्र में उचित मूल्य की दुकानों की संख्या पर्याप्त है यदि नहीं, तो क्या दुकानों की संख्या को बढ़ाने का प्रस्ताव विभाग के संबंद्ध विचाराधीन है यदि हाँ, तो स्पष्ट करें और नहीं तो कारण बतायें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) पवई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 172 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं। इनके कार्य क्षेत्रान्तर्गत आने वाले ग्राम एवं प्रत्येक सहकारी समिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानानुसार प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। साथ ही जिन पंचायतों में पात्र परिवारों की संख्या 800 से अधिक है, उन पंचायतों में एक अतिरिक्त दुकान खोले जाने का प्रावधान है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 में संशोधन की कार्यवाही प्रचलित है। संशोधन उपरांत नियमानुसार उचित मूल्य दुकानें खोलने की प्रक्रिया सक्षम अधिकारी द्वारा की जावेगी।
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरन
8. ( क्र. 525 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में स्वास्थ्य विभाग एवं विभिन्न परियोजना अंतर्गत कार्यरत समस्त संविदा कर्मचारियों को विगत कई वर्षों से सेवाएं देने के बावजूद भी नियमितीकरण की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (ख) क्या म.प्र. में विगत नौ वर्षों से भी ज्यादा समय से स्वास्थ्य विभाग एवं महत्वपूर्ण परियोजनाओं (NHM/IDSP/RNTCP/AIDS/NVBDCP) अंतर्गत 35000 से भी ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं जिनको एक निश्चित कार्यावधि पश्चात् नियमित किये जाने संबंध नियमावली नहीं बनाई गई क्यों कारण सहित बताएं? (ग) क्या इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को अपेजल सिस्टम सह वेतन अभिवृद्धि निर्धारण एवं संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों पर की जाने वाली अनुशासनात्मक/दण्डात्मक कार्यवाही की प्रकृति एवं प्रावधान नियमित कर्मचारियों की भॉति किये जाने के आदेश जारी किये जावेगें? (घ) क्या संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ म.प्र. द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में बिंदु क्रमांक 01 से 09 तक उल्लेखित मांगों का निराकरण करने हेतु शासन स्तर से कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रावधान नहीं होने से। (ख) 35000 नहीं, बल्कि लगभग 18000 कर्मचारी कार्यरत हैं। भारत शासन के दिशा निर्देश में संविदा नियुक्ति के पदों को नियमित नहीं किये जाने का उल्लेख है। इस कारण नियमित किये जाने संबंधी नियमावली नहीं बनाई गई। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। संचालक, एन.एच.एम. की अध्यक्षता में एक समिति का गठन दिनांक 19/02/2016 को किया गया है, जिसकी अनुशंसा अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की भर्ती में आरक्षण
9. ( क्र. 536 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की भर्ती में आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है? (ख) यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें, यदि नहीं, तो अ.जा./अ.ज.जा. एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को कब से आरक्षण की व्यवस्था लागू की जाएगी बताएं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका का पद पूर्णतः मानसेवी होने से आरक्षण की व्यवस्था लागू नहीं की गई है। किन्तु अजा./अजजा वर्ग की महिलाओं का उचित प्रतिनिधित्व रहे, इसलिये आदेश क्र./एफ-3-2/06/50-2 भोपाल, दिनांक 10.07.2007 अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की नियुक्ति के संशोधित निर्देशों में आंगनवाड़ी कार्यतकर्ता की नियुक्ति हेतु अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला के लिये 05 अंक तथा आंगनवाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला के लिये 10 अंक का प्रावधान रखा गया है। अन्य पिछड़े वर्ग हेतु इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लघुवन उपज संघ द्वारा संचालित उचित मूल्य दूकान
10. ( क्र. 564 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डोरी में वन विभाग के लघुवन उपज संघ या वन समिति द्वारा संचालित कौन से ग्रामों में कितनी समितियों द्वारा उचित मूल्य दुकान संचालित किये गये है? (ख) क्या उक्त समिति में किन दुकानों का संचालन कब से किन कारणों से बंद है? (ग) जिला डिण्डोरी में कितने दुकान वर्तमान में किस स्थान के कहां-कहां अटैच (संलग्न) है और क्यों? (घ) जिले के कितने संचालित उचित मूल्य दुकानों में केरोसीन तेल के टेंकर नहीं है? कितने जगह दो-दो या उपयोगहीन कितने टैंकर है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जिले में कोई भी शासकीय उचित मूल्य दुकान वर्तमान में दूसरी दुकान पर अटैच नहीं है। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जिले की 66 शासकीय उचित मूल्य दुकानों में केरोसीन संग्रहण हेतु टैंक नहीं हैं अथवा क्षतिग्रस्त होने से उपयोगहीन हैं। ऐसी दुकानों से संबंद्ध पात्र हितग्राहियों को समीपस्थ शासकीय उचित मूल्य दुकान से केरोसीन का प्रदाय किया जा रहा है। जिले की 14 शासकीय उचित मूल्य दुकानों में दो-दो केरोसीन टैंक हैं, जिनमें से एक-एक टैंक क्षतिग्रस्त होने से उपयोगहीन हैं।
सिंहस्थ 2016 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाएं
11. ( क्र. 625 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगामी सिंहस्थ 2016 हेतु इंदौर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा आपातकालीन स्थिति से निपटने हेतु क्या-क्या प्रबंधन किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा किन-किन अस्पतालों में आगामी सिंहस्थ 2016 को दृष्टिगत रखते हुये क्या-क्या उपाय किये जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में संभाग स्तर पर इस महा आयोजन हेतु मरीजों को क्या-क्या सुविधायें इंदौर जिला चिकित्सालय द्वारा प्रदान की जायेगी? किन-किन अस्पतालों को इस कार्य हेतु चयनित किया गया है व शासकीय अस्पतालों में कौन-कौन सा स्टॉफ व डॉक्टरों को विशेष ड्यूटी पर लगाया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कितने-कितने बिस्तरों के अस्पताल में कहां-कहां पर आपात स्थिति से निपटने हेतु आरक्षित किये जाकर संबंधितों को आपात स्थिति के निपटने हेतु तैयार रहने को कहा गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आगामी सिंहस्थ 2016 हेतु इंदौर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं हेतु विभाग द्वारा आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिये 24X7 सेवाएं देने हेतु कुल 12 स्वास्थ्य केन्द्र चिन्हित किये गये है जो निम्नानुसार है– 1. जिला चिकित्सालय इंदौर। 2. पी.सी. सेठी चिकित्सालय संयोगितागंज, इंदौर। 3. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांवेर जिला इंदौर। 4. उप स्वास्थ्य केन्द्र धरमपुरी (सांवेर) जिला इंदौर। 5. प्रा.स्वा.केन्द्र डाकाच्या (सांवेर) जिला इंदौर। 6. प्रा.स्वा.केन्द्र क्षिप्रा (सांवेर) जिला इंदौर। 7. सिविल हॉस्पिटल महू जिला इंदौर। 8. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर जिला इंदौर। 9. प्रा.स्वा.केन्द्र सिमरोल (मानपुर) जिला इंदौर। 10. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बेटमा जिला इंदौर। 11. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देपालपुर जिला इंदौर। 12. प्रा.स्वा.केन्द्र गौतमपुरा (देपालपुर) जिला इंदौर। इसके अतिरिक्त म.य.चिकित्सालय इंदौर को रैफरल सेंटर के रूप में चिन्हित किया गया है तथा निजी चिकित्सालयों को भी चिन्हित कर निर्देशित किया गया है। (ख) उपरोक्त कुल 12 स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक आकस्मिक चिकित्सा कक्ष जिसमें जीवनरक्षक दवाईयां एवं उपकरण की व्यवस्था रहेगी तथा आकस्मिक चिकित्सा पाँच बिस्तर का वार्ड की व्यवस्था रहेगी तथा 24X7 रोस्टर अनुसार चिकित्सक स्टॉफ नर्स/ए.एन.एम./फार्मासिस्ट/ डेसर/लैब टेक्नीशियन/एक्स-रे टेक्नीशियन/वार्डबॉय/सफाईकर्मी आदि की व्यवस्था रहेगी तथा 108 एम्बुलेंस भी ऑनकॉल उपलब्ध रहेगी। (ग) सिंहस्थ 2016 के महा आयोजन में जिला चिकित्सालय इंदौर द्वारा सभी प्रकार की आकस्मिक चिकित्सा सुविधाएं दी जावेगी जिसमें 24X7 रोस्टर अनुसार चिकित्सक स्टॉफ नर्स/ए.एन.एम. फार्मासिस्ट/ड्रेसर/ लैब टेक्नीशियन/एक्स-रे टेक्नीशियन/वार्डबॉय/सफाईकर्मी आदि की व्यवस्था रहेगी तथा 108 एम्बुलेंस भी ऑनकॉल उपलब्ध रहेगी तथा आवश्कयता अनुसार ऑनकॉल विशेषज्ञों की सुविधा की उपलब्ध रहेगी तथा इंदौर शहर में दो चिकित्सालय इस हेतु चिन्हित की गई है जो निम्नानुसार हैः – 1. जिला चिकित्सालय इंदौर। 2. पी.सी. सेठी चिकित्सालय संयोगितागंज, इंदौर। इसके अतिरिक्त म.य.चिकित्सालय इंदौर को रैफरल सेंटर के रूप में चिन्हित किया गया है तथा निजी चिकित्सालयों को भी चिन्हित कर निर्देशित किया गया है। (घ) सिंहस्थ 2016 हेतु निम्न अस्पतालों में जो निम्नानुसार बिस्तरों के है उनमें उनके सम्मुख दर्शाई बिस्तरों की संख्या विशेष व्यवस्था आपात स्थिति से निपटने हेतु तैयार करने के निर्देश दिये गये है। 1. जिला चिकित्सालय इंदौर (100 बिस्तर, 10 आरक्षित) 2. पी.सी.सेठी चिकित्सालय संयोगितागंज, इंदौर (60 बिस्तर, 5 आरक्षित) 3. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांवेर जिला इंदौर (30 बिस्तर, 5 आरक्षित) 4. प्रा.स्वा.केन्द्र डाकाच्या (सांवेर) जिला इंदौर (10 बिस्तर, 5 आरक्षित) 5. प्रा.स्वा.केन्द्र क्षिप्रा (सांवेर) जिला इंदौर (10 बिस्तर, 5 आरक्षित) 6. सिविल हॉस्पिटल महू जिला इंदौर (60 बिस्तर, 5 आरक्षित) 7. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर जिला इंदौर (30 बिस्तर, 5 आरक्षित) 8. प्रा.स्वा.केन्द्र सिमरोल (मानपुर) जिला इंदौर (10 बिस्तर, 5 आरक्षित) 9. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बेटमा जिला इंदौर (30 बिस्तर, 5 आरक्षित) 10. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देपालपुर जिला इंदौर (30 बिस्तर, 5 आरक्षित) 11. प्रा.स्वा.केन्द्र गौतमपुरा (देपालपुर) जिला इंदौर (10 बिस्तर, 5 आरक्षित) इसके अतिरिक्त म.य.चिकित्सालय इंदौर को रैफरल सेंटर के रूप में चिन्हित किया गया है तथा निजी चिकित्सालयों को भी चिन्हित कर आपातकालीन स्थिति से निपटने हेतु निर्देशित किया गया है।
स्कूल कॉलेजों में मैस/केंटिनों में अनियमितता
12. ( क्र. 626 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिला अंतर्गत इंदौर शहर, सांवेर तहसील, इंदौर तहसीलों में निजी कॉलेज की कौन-कौन से स्कूलों, कॉलेजों में संचालित मैस/केंटिंगन की खाद्य विभाग द्वारा जाँच की गई? क्या कुछ कॉलेजों में मैस में खराब खाद्य पदार्थ आदि पाये गये थे? यदि हाँ, तो कौन-कौन से स्कूल/कॉलेज की मैस संचालन के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? (ख) यदि नहीं, तो क्या खाद्य विभाग व प्रशासन इस संबंध में जल्द ही जाँच दल बनाकर जाँच करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों की जाँच किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत जाँच कार्यवाही समस्त प्रकार के खाद्य प्रतिष्ठानों पर होती रहती है।
सी.सी.टी.एन.एस. सिस्टम संबंधी
13. ( क्र. 719 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के गृह विभाग के सी.सी.टी.एन.एस. सिस्टम में बदलाव कब किया गया? (ख) सी.सी.टी.एन.एस. के किस भाग को पब्लिक डोमेन में लाने का निर्णय लिया गया है? तो क्यों एवं कब से? (ग) उक्त (क) एवं (ख) के निर्णय से विभाग एवं नागरिकों को क्या लाभ होगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) सी.सी.टी.एन.एस. सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। (ख) गृह मंत्रालय भारत सरकार के मिशन मोड प्रोजेक्ट सी.सी.टी.एन.एस की मूल अवधारणा में ही पुलिस विभाग द्वारा जनसामान्य को प्राप्त कुछ सेवाएं सिटीजन पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है, इनमें से कुछ मुख्य सेवाए निम्नानुसार सिटीजन पोर्टल विकास का कार्य प्रगति में है :- 1- गुमशुदा एवं दस्तयाब व्यक्तियों की जानकारी। 2- अज्ञात शवों की जानकारी। 3- चोरी गये एवं बरामद हुये वाहनों की जानकारी। 4- ऑनलाईन शिकायत दर्ज करना। 5- घरेलू सहायकों का सत्यापन। 6- किरायेदारों का सत्यापन। (ग) सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजेक्ट से विभाग को लाभ :- 1- प्रदेश के समस्त अपराधियों की जानकारी समस्त थानों को तत्काल उपलब्ध। 2- हस्तलिखित से इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख संधारण की ओर एक कदम। 3- विभिन्न रजिस्टर एवं रिपोर्ट सॉफ्टवेयर के माध्यम से तैयार। 4- थानों की कार्यवाही का सतत् एवं सघन पर्यवेक्षण संभव। 5- गिरफ्तार अपराधियों एवं बरामद संपत्ति की सूचना समस्त थानों में तत्काल प्रसारित। 6- चरित्र सत्यापन प्रदेश स्तर पर संभव। 7- अपराधियों का इतिहास एवं प्रवृत्ति की जानकारी प्रदेश स्तर पर उपलब्ध। 8- विभिन्न राज्यों से अपराधियों की सूचनाओं का आदान-प्रदान संभव। सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजेक्ट से नागरिको को लाभ :- 1- गुमशुदा एवं दस्तयाब व्यक्तियों की जानकारी। 2- अज्ञात शवों की जानकारी। 3- चोरी गये एवं बरामद हुये वाहनों की जानकारी। 4- नागरिकों को ऑनलाईन शिकायतें रजिस्टर कराने की सुविधा प्राप्त होगी। 5- नागरिकों हेतु घरेलू सहायक एवं किरायेदार का सत्यापन कराए जाने की सुविधा ऑनलाईन उपलब्ध होगी। 6- जन सामान्य उपयोगी विभिन्न सूचनाएं एवं परिपत्र।
पोषण मिशन योजना संबंधी
14. ( क्र. 737 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन योजना का ब्यौरा क्या है? वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं दिसम्बर 2015 तक कितनी-कितनी राशि उक्त योजना पर स्वीकृत कर व्यय की गई? वर्षवार ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त योजनान्तर्गत किन-किन जिलों का चयन किया गया? क्या मापदण्ड है? क्या रतलाम, मंदसौर, उज्जैन जिले को योजना में शामिल किया गया है? (ग) सुपोषण अभियान अंतर्गत विगत दो वर्षों में लगाये गये शिविरों का वर्षवार, जिलेवार, ब्यौरा क्या है? कितने स्थानों पर शिविरों में अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन की स्थापना प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बाल मृत्यु दर तथा कुपोषण में कमी लाने के उद्देश्य से वर्ष 2010 में की गई थी। जिसके अंतर्गत स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता आदि विषयों पर अन्तर विभागीय समन्वय के माध्यम से जिला स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर गतिविधियों का संचालन किया जाता है। वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं दिसम्बर 2015 तक स्वीकृत राशि एवं व्यय का ब्यौरा निम्नानुसार है –
क्रमांक
वर्ष स्वीकृत
राशि (लाख में) व्यय
राशि (लाख में)
1 2013-14 1526.88 743.61
2 2014-15 628.60
533.96
3 दिसम्बर
2015 तक 1268.12
654.86
(ख)
उपरोक्त
योजना
मध्यप्रदेश
के सभी 51
जिलों में
संचालित है, अतः
जिलों के चयन
हेतु पृथक से
कोई मापदण्ड
निर्धारित
नहीं है। इसमें
रतलाम, उज्जैन
एवं मंदसौर
जिले को शामिल
किया गया है। (ग)
सुपोषण
अभियान
अन्तर्गत
विगत दो वर्षों
में लगाये गये
शिविरों का
वर्षवार, जिलेवार
ब्यौरा संलग्न
परिशिष्ट
पर है।
अभियान के
संबंध में
किसी भी जिले
में अनियमितता
की कोई शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है।
स्वास्थ्य केन्द्रों में सुविधाओं विषयक
15. ( क्र. 941 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के शामगढ़ स्वास्थ्य केन्द्र में विगत कई वर्षों से सोनोग्राफी मशीन होने के बाद भी कोई प्रशिक्षक नियुक्त नहीं किया गया है? और न ही किसी चिकित्सक को प्रशिक्षण लेने हेतु आदेश प्रदान किया गया? (ख) शामगढ़ स्वास्थ्य केन्द्र में सोनोग्राफी मशीन की स्थाई रूप से कब तक मरीजों को सुविधा उपलब्ध करा दी जावेगी? (ग) सुवासरा स्वास्थ्य केन्द्र में मंत्री जी के द्वारा शीघ्र नवीन एक्स-रे मशीन भेजने की बात कही थी लेकिन आज तक नहीं आई। स्वास्थ्य केन्द्र सुवासरा को कब तक एक्स-रे मशीन की सुविधा प्राप्त हो जावेंगी? (घ) सीतामऊ स्वास्थ्य केन्द्र के नवीन भवन निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामगढ़ में सोनोग्राफी मशीन स्थापित करने के उपरांत प्रशिक्षित डॉ. अनुपमा मिश्रा (चिकित्सा अधिकारी) द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामगढ़ पर सोनोग्राफी कार्य सम्पादित किया जा रहा था। डॉ. अनुपमा मिश्रा का स्थानांतरण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहना जिला ग्वालियर हो जाने के कारण दिनांक 02.07.2015 से कोई प्रशिक्षित चिकित्सक उपलब्ध नहीं है। जी नहीं। (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामगढ़ पर सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध है। प्रशिक्षित विशेषज्ञ चिकित्सक की पदस्थापना होने पर सोनोग्राफी की सुविधा मरीजों को उपलब्ध कराई जा सकेगी। निशिचत समयावधि बताना संभव नहीं। (ग) सुवासरा स्वास्थ्य केन्द्र में नवीन एक्स-रे मशीन क्रय करने के निर्देश संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें से जारी कर दिये गये हैं। यथाशीघ्र। निशिचत समयावधि बताना संभव नहीं। (घ) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सीतामऊ के नवीन भवन निर्माण हेतु वर्ष 2007 में अस्पताल भवन के निर्माण हेतु 78.60 लाख एवं आवासीय भवन निर्माण हेतु 40.90 लाख की रूपये की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत निर्माण कार्य पूर्ण होकर वर्तमान में नवीन भवन में अस्पताल संचालित है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियुक्ति
16. ( क्र. 1032 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न परियोजनाओं (NHM/NVBDCP/DSP/RNTCP/AIDS) अंतर्गत विभिन्न पदों पर संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो उक्त पदों में कितने संविदा कर्मचारी पदस्थ हैं? (ख) क्या उक्त संविदा कर्मचारियों को शिक्षा विभाग के संविदा शिक्षकों की भॉति संविलियन एवं अन्य संविदा कर्मचारियों की भॉति नियमितीकरण या अन्य लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो यह कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रावधान नहीं होने से।
भूमि पर असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध कब्जा
17. ( क्र. 1081 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के तहसील भितरवार के ग्राम गोहिन्दा प.ह.नं. 15 के सर्वे नं. 127, 128, 129, 130 रकबा 4 - बीघा 18 विस्वा जो भगत सिंह पुत्र हाकिम सिंह जाति रावत एवं आसिक, आरिफ पुत्रगण स्व. श्री राजू खाँ आदि की भूमि स्वामित्व की है? क्या उक्त भूमि पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उनके नाम स्पष्ट करें? क्या इस बाबत् भूमि स्वामियों द्वारा शिकायत थाना प्रभारी भितरवार, एस.डी.ओ.पी. भितरवार, पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को कब-कब की गई है? शिकायतों पर दोषियों के प्रति क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नकर्ता क्षेत्रीय विधायक ने अपने पत्र क्र./153/दिनांक 29.01.2016 को मूल शिकायत सहित पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को पत्र लिखा था? उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या असामाजिक तत्वों द्वारा भूमि पर अवैध कब्जा करना सही पाया गया? यदि हाँ, तो उनके प्रति क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? अब कब उन असामाजिक तत्वों से भूमि मुक्त कराकर वास्वविक भूमि स्वामियों को कब्जा दिला दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) दिनांक 21.12.2015 को अनावेदक चन्द्रशेखर तिवारी, मदन तिवारी, किशन तिवारी, धीरेन्द्र उर्फ रवि तिवारी पुत्रगण श्री काशीराम तिवारी निवासी ग्राम गोहिन्दा एवं मनीष पण्डा पुत्र नारायण पण्डा निवासी सांखनी द्वारा खेत पर आकर गाली-गलौच करने, जान से मारने की धमकी देने एवं खेत पर लगे तार फेंसी के लगभग 70 पोल उखाड़ देने संबंधी शिकायत थाना प्रभारी भितरवार को एवं पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर को दिनांक 25.01.2016 को की गई थी। शिकायत जाँच में थाना प्रभारी ने पाया कि उक्त भूमि पर वर्तमान में आवेदक भगत सिंह का कब्जा है। असामाजिक तत्वों द्वारा उक्त जमीन पर कब्जा नहीं किय गया है। शिकायत जाँच में दोनों पक्षों पर शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये इस्तगासा क्रमांक 3821/15 एवं 3822/15 धारा 307, 116 (3) द.प्र.सं. के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। (ख) जी हाँ। उक्त पत्र की जाँच थाना प्रभारी भितरवार द्वारा की गई है जिसमें प्रश्नांश के भाग ’क’ के अनुसार ही कार्यवाही की गई है। यह सही नहीं है कि सर्वे क्र. 127, 128, 129 एवं 130 में असामाजिक तत्वों द्वारा कब्जा किया गया, वस्तुस्थिति यह है कि राजस्व निरीक्षक भितरवार द्वारा दिनांक 02.02.2016 को विधिवत् सीमांकन कर आवेदक को उक्त सर्वे की भूमि का कब्जा दिलाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली
18. ( क्र. 1201 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाड़रवारा विधानसभा क्षेत्र में कितने विभिन्न किस्म के कार्डधारियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है एवं प्रति व्यक्ति कितनी मात्रा में कौन-कौन सी वस्तु उपलब्ध करायी जाती है? (ख) क्षेत्र में कितने केन्द्र सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कहां-कहां संचालित है स्थान की नाम सहित जानकारी देवें? (ग) स्थापित वितरण केन्द्रों में प्रतिमाह कितनी कौन-कौन सामग्री उपलब्ध करायी जाती है सामग्री का नाम एवं मात्रा सहित जानकारी देवें? (घ) क्या बगैर बी.पी.एल. कार्डधारियों को भी खाद्यान्न एवं केरोसिन देने की सरकारी योजना है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाड़रवारा विधानसभा क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत दो श्रेणियों- (1) अन्त्योदय अन्न योजना एवं (2) प्राथमिकता परिवार को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। अन्त्योदय अन्न योजना के 6 सदस्य तक के परिवारों को 35 कि.ग्रा. खाद्यान्न (30 कि.गा. गेंहू एवं 5 कि.ग्रा. चावल), 1 कि.ग्रा. नमक एवं 1 कि.ग्रा. शक्कर तथा 5 लीटर केरोसीन प्रति माह उपलब्ध कराया जाता है। 6 से अधिक सदस्य वाले अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 5 कि.ग्रा. खाद्यान्न (4 कि.ग्रा. गेंहू एवं 1 कि.ग्रा. चावल) प्रति सदस्य एवं शेष राशन सामग्री 6 सदस्य वाले अन्त्योदय परिवारों की तरह प्रदान की जाती है। प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को 5 कि.ग्रा. खाद्यान्न (4 कि.गा. गेंहू एवं 1 कि.ग्रा. चावल), 1 कि.ग्रा. नमक एवं 1 कि.ग्रा. शक्कर तथा 4 लीटर केरोसीन प्रदान किया जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार है। (घ) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के क्रियान्वयन के पूर्व प्रदेश में ए.पी.एल., बी.पी.एल. एवं अन्त्योदय परिवारों की श्रेणियां थी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के क्रियान्वयन के पश्चात पात्र परिवारों की दो श्रेणियां हैं- (1) अन्त्योदय परिवार एवं (2) प्राथमिकता परिवार। प्राथमिकता परिवार के अंतर्गत बी.पी.एल. परिवारों के साथ-साथ 41 लाख जरूरतमंद गैर- बी.पी.एल. परिवारों को भी प्राथमिकता परिवार की अन्य विभिन्न श्रेणियों में शामिल कर खाद्यान्न एवं केरोसीन का लाभ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रश्नांश 'क' अनुसार दिया जा रहा है।
बड़ौदा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में स्टॉफ/सुविधाएं
19. ( क्र. 1504 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ौदा में स्त्री रोग सर्जरी व मेडीसन विशेषज्ञों के पद कब से व किन कारणों से रिक्त पड़े हैं? इन्हें भरने हेतु वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई, कब तक भरा जावेगा? (ख) क्या वर्तमान में केंद्र में 2 चिकित्सा अधिकारी पदस्थ है में से एक चिकित्सक बी.एम.ओ. शिप के प्रभार के कारण पूर्णकालिक कार्यलयीन कार्य में व्यस्त रहते हैं? शेष एक चिकित्सक से केंद्र में उपचार हेतु आने वाले सैकड़ों मरीजों का उपचार प्रतिदिन करना संभव नहीं हो पाता? (ग) क्या उक्त केंद्र में उपलब्ध एक्स-रे मशीन थ्रीफेस विद्युत कनेक्शन के अभाव में विगत 3-4 माह से बंद पड़ी है? सामुदायिक केंद्र स्तर पर 48 प्रकार की मरीजों की जांचों की व्यवस्था के स्थान पर लगभग 15 प्रकार की साधारण जांचों एवं 30 बिस्तर के स्थान पर मात्र 10 बिस्तर की ही सुविधा उपलब्ध है? इस कारण मरीजों को उपचार सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा मरीजों के हित में उक्त सभी सुविधाएं कब तक उपलब्ध करा दी जावेंगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभाग द्वारा विशेषज्ञ/चिकित्सकों के पदों का पुर्नआवंटन/पुनर्वितरण दिनांक 08.04.2011 के द्वारा किया गया है, उक्त दिनांक से बडौ़दा में मेडिसिन एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पद, प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण रिक्त हैं। रिक्त पद पूर्ति हेतु पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है परंतु स्वीकृत 3266 के विरूद्ध 1222 पदों पर विशेषज्ञ उपलब्ध हैं, अतः पदपूर्ति में कठिनाई हो रही है। (ख) जी नहीं, वर्तमान में 02 चिकित्सा अधिकारी नियमित रूप से जनता को स्वास्थ्य सुवधिाएं उपलबध करा रहें हैं तथा एक अन्य चिकित्सक डॉ. अशोक खरे, खण्ड चिकित्सा अधिकारी के पद के प्रभार में हैं। (ग) जी नहीं, एक्स-रे मशीन संचालित है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हेतु निर्धारित समस्त 28 जाँचें नि:शुल्क की जा रही है। वर्तमान में उपलब्ध भवन में उपलब्ध स्थान अनुसार 16 बिस्तर की सुविधा प्रदान की जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के मान से अन्य समस्त सुवधिाएं प्रदान की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग पदपूर्ति एवं सुविधाओं को प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़ौदा का उन्नयन
20. ( क्र. 1505 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बड़ौदा तहसील क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधा की दृष्टि से पिछड़ा क्षेत्र है तथा तहसील की लगभग 60 हजार जनसंख्या के स्वास्थ्य का दायित्व भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़ौदा पर ही है? (ख) क्या उक्त केन्द्र में प्रतिदिन 300 से 500 मरीज उपचार हेतु आते है मौसमी बीमारियों के सीजन में ये संख्या दो तीन गुना तक हो जाती है? (ग) क्या उक्त केन्द्र में वर्तमान में विशेषज्ञ चिकित्सकों सभी प्रकार के ऑपरेशन व अन्य आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं सहित जगह के अभाव में सभी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को तत्काल अन्यत्र रैफर भी कर दिया जाता है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त केन्द्र में नियमानुसार सभी व्यवस्था/सुविधाएं उपलब्ध कराकर बड़ौदा नगर व क्षेत्र की जनसंख्या/मरीजों की संख्या के मद्देनजर इस केन्द्र को 30 बिस्तरीय के स्थान पर 100 बिस्तरीय केन्द्र के रूप में उन्नयन करने हेतु प्रस्ताव तैयार कराकर इसे बजट में शामिल करके स्वीकृति प्रदान करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, बडौ़दा में 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है तथा सामान्य क्षेत्र में 1.20 लाख की जनसंख्या पर 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं, उक्त केन्द्र में लगभग 85-90 मरीज प्रतिदिन आते है एवं मौसमी बीमारियों के सीजन में करीब 150-200 रोगी आते हैं। (ग) जी हाँ, विशेषज्ञ चिकित्सकों (मेडिकल, सर्जरी, स्त्री रोग) के पद रिक्त होने से। (घ) जी नहीं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बडौ़दा की बाह्य एवं आंतरिक रोगियों की संख्या क्रमश: लगभग 85-90 व 10-11 प्रतिदिन की है। वर्तमान में संस्था का पूरा उपयोग नहीं हो रहा है एवं प्रदेश में चिकित्सकों की निरन्तर कमी भी है। अतः सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बडौ़दा का 100 बिस्तरीय स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किया जाना संभव नहीं है।
चिटफंड कंपनियों पर कार्यवाही
21. ( क्र. 1557 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में चिटफंड कंपनियों द्वारा आम जनता से किये गये धोखा व जालसाजी के प्रकरण बने हैं? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में किन-किन कंपनियों द्वारा धोखा व जालसाजी करने के प्रकरण बने हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बने चिटफंड कंपनियों के प्रकरणों में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश में चिटफंड कंपनियों द्वारा आम जनता से किये गये धोखा व जालसाजी के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। विगत तीन वर्षों में चिटफंड कंपनियों पर पंजीबद्ध अपराधिक प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) की जा रही कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पुलिस महानिरीक्षक महिला अपराध को प्रस्तुत आवेदन पर कार्यवाही
22. ( क्र. 1590 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऋतु तिवारी सिंह प्रभारी संभागीय प्रबंधक संभागीय कार्यालय, जबलपुर द्वारा पुलिस महानिरीक्षक महिला अपराध एवं अपराध अनुसंधान विभाग जबलपुर जोन जबलपुर को दिनांक 30/08/2014 को आवेदन पत्र दिया था? (ख) क्या आवेदन पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच की गई? यदि हाँ, तो जाँचकर्ता अधिकारियों ने क्या अभिमत प्रस्तुत किया? (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जबलपुर श्री शैलेन्द्र सिंह द्वारा शारीरिक एवं मानसिक शोषण किये जाने व प्रताडि़त किये जाने का प्रकरण पंजीकृत न किये जाने के क्या कारण रहे? क्या एफ.आई.आर. दर्ज की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) हाँ। (ख) हाँ। आवेदिका श्रीमती ऋतु तिवारी सिंह द्वारा प्रस्तुत आवेदन में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच जिला अध्यक्ष जबलपुर के आदेशानुसार उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार ’’कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोषण अधिनियम, 2013) रोकने हेतु गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा की गई। जाँच समिति (अध्यक्ष) द्वारा अपने अभिमत में आवेदिका द्वारा लगाये गये आरोप निराधार एवं असत्य पाये गये तथा किसी प्रकार से यौन उत्पीड़न होना नहीं पाया गया। (ग) श्रीमती ऋतु तिवारी द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, जबलपुर श्री शैलेन्द्र सिंह के विरूद्ध की गई शिकायत की जाँच, उपरांत लगाए गये आरोप असत्य एवं निराधार पाये जाने से प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का निरीक्षण
23. ( क्र. 1623 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के आपूर्ति अधिकारी द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय उचित मूल्य की दुकानों एवं अनुज्ञप्तिधारियों का निरीक्षण किया गया? वर्षवार विवरण दें? (ख) निरीक्षण के दौरान उन्होंने जाँच प्रतिवेदनों में क्या अभिमत दिया तथा कार्यालय द्वारा कितने नोटिस दिये गये? (ग) विकासखण्ड स्तर पर लवकुशनगर, राजनगर में पदस्थ अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किये गये और क्या-क्या कार्यवाही की गई जनवरी 13 से प्रश्न दिनांक तक का विवरण दें? (घ) निरीक्षण के दौरान वर्षवार अधिकारियों ने कितने यात्रा देयक प्रस्तुत किये तथा टूर प्रोग्राम की प्रतियां दें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) छतरपुर जिले के आपूर्ति अधिकारियों द्वारा कोई भी यात्रा देयक प्रस्तुत नहीं किये गए। जिले द्वारा कोई टूर प्रोग्राम नहीं बनाया गया है। शासकीय उचित मूल्य दुकानों का निरीक्षण समय-समय पर किया जाता है एवं अनियमितता पाये जाने पर प्रकरण निर्मित किये जाते हैं।
राजनगर थाना क्षेत्र में हुई हत्याओं के पंजीकृत प्रकरण
24. ( क्र. 1624 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के राजनगर थाने के अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने हत्या के प्रकरण पंजीकृत किये गये? (ख) ऐसे कितने प्रकरण 2013 से प्रश्न दिनांक तक चल रहे हैं जिनका खुलासा नहीं हुआ? उनका विवरण दें? (ग) क्या इस संबंध में थाना प्रभारी को वरिष्ठ कार्यालय से आदेश किये गये? (घ) क्या प्रकरणों के खुलासा किये जाने हेतु समय-सीमा निर्धारित है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला छतरपुर, थाना राजनगर में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक (दिनांक 01.01.2013 से दिनांक 10.02.2016) तक की अवधि में हत्या के कुल 03 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ख) पंजीबद्ध सभी 03 प्रकरणों में विधि अनुरूप विवेचना पूर्ण कर चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किये जा चुके हैं। वर्तमान में कोई भी प्रकरण विवेचना में लंबित नहीं है। (ग) उक्त अवधि के हत्या के सभी प्रकरणों का विधि अनुसार पुलिस द्वारा निराकरण कर सभी प्रकरण सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं जो विचराधीन है। अतः वरिष्ठ कार्यालय से थाना प्रभारी को इस संबंध में पृथक से कोई आदेश जारी नहीं किये गये। (घ) प्रकरणों की विवेचना हेतु समय-सीमा निर्धारित नहीं है।
इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना की राशि भुगतान हेतु
25. ( क्र. 1683 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत जब से इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना प्रारंभ की गई है तब से आज दिनांक तक कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ प्रदान किया जा चुका है? हितग्राहियों की सूची विकासखण्डवार पूर्ण जानकारी जनवरी 2012 से दिसम्बर 2015 तक की उपलब्ध करायें? (ख) क्या विभाग द्वारा इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना का लाभ हितग्राहियों को समय-सीमा में प्रदान किया जा रहा है? हां या नहीं? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है? (ग) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना के अंतर्गत विगत लगभग 19 महीनों से हितग्राहियों के खाते में राशि जमा नहीं की गई है? जिसका क्या कारण है? हितग्राहियों के खाते में कब तक राशि जमा कर दी जायेगी? समय-सीमा बतायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत जब से इंदिरा गाँधी मातृत्व सहायोग योजना प्रारंभ की गई है तब से आज दिनांक तक 1,17,453 हितग्राहियों को योजना का लाभ प्रदान किया जा चुका है। हितग्राहियों की सूची एवं विकासखण्डवार वर्षवार हितग्राहियों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ एवं ‘ख’ अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना का लाभ हितग्राहियों को समय-सीमा में प्रदान किया जा रहा है, किन्तु वित्तीय वर्ष 2014-15 के अंतिम त्रैमास में कोषालय सर्वर से अनुदान बजट राशि रूपये 1,99,99,600/- के देयक का भुगतान वित्तीय प्रतिबंध के कारण आहरण नहीं होने से राशि समर्पित कर दी गई थी। वित्तीय वर्ष 2015-16 में केन्द्र/राज्य के लागत अनुपात में परिवर्तन होने के कारण बजट स्वीकृति की प्रक्रिया प्रचलन में हैं। (ग) छिन्दवाड़ा जिले में इंदिरा गाँधी मातृत्व सहायोग योजना के अंतर्गत विगत माह जनवरी 2015 से हितग्राहियों के खाते में राशि जमा नहीं की गई है। जिसका कारण उत्तरांश ‘ख’ में अंकित है। बजट की स्वीकृति प्राप्त होते ही हितग्राहियों के खाते में अनुदान राशि शीघ्र जमा की जायेगी।
आपराधिक प्रकरणों में गिरफ्तारी
26. ( क्र. 1685 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायत उमरेठ के जनपद सदस्य कैलाश सोनी पिता अमरूलाल सोनी, निवासी उमरेठ के विरूद्ध थाना उमरेठ में अनेकों अपराधिक प्रकरण (शिकायत) दर्ज है? उक्त प्रकरणों पर पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कठोर कार्यवाही नहीं करने का क्या कारण है? दर्ज प्रकरणों पर कब तक कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी? (ख) कैलाश सोनी व उसके अन्य साथियों द्वारा ग्राम उमरेठ एवं आसपास के क्षेत्रों में किये जा रहे अपराधिक कृत्यों एवं अवैधानिक गतिविधियों के संचालन पर अंकुश लगाये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक छिन्दवाड़ा को पत्र लिखा गया था, उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या कुछ समय पहले कैलाश सोनी एवं उनके साथियों द्वारा उमरेठ क्षेत्र में एक ट्रक को जला दिया गया और बलवा कर क्षेत्र में अशांति फैलाई गई? जिसका प्रकरण उमरेठ थाने में दर्ज है, और उक्त प्रकरण में ये फरारी काट रहे हैं? उक्त प्रकरण में इनकी गिरफ्तारी कब तक की जायेगी? (घ) कैलाश सोनी व अन्य आपराधियों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं किए जाने के कारण पुलिस विभाग के कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं और उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत उमरेठ के जनपद सदस्य श्री कैलाश सोनी पिता अमरूलाल सोनी निवासी उमरेठ के विरूद्ध थाना उमरेठ में अपराध क्रमांक 128/14 धारा 435, 147, 186 भा.द.वि. एवं अपराध क्रमांक 332/15 धारा 341, 292, 323, 506, 34 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया है। उक्त दोनों प्रकरणों में नामजद सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाकर विवेचना पूर्ण कर चालान तैयार किये गये हैं। (ख) जी हाँ। प्रस्तुत शिकायत पत्र में आरोपी की गिरफ्तारी एवं कृत्यों पर अंकुश लगाने से संबंधित तथ्यों पर कार्यवाही करते हुये दोनों प्रकरणों में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है एवं सभी आरोपियों के विरूद्ध धारा 107/116 (3) द.प्र.सं. के तहत इस्तगाशा क्र. 38/16 सक्षम कार्यपालन दण्डाधिकारी के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित घटना के संबंध में थाना उमरेठ में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 128/14, धारा 435, 147, 186 भा.द.वि. में सभी नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। (घ) उक्त दोनों अपराधिक प्रकरणों में नामजद श्री कैलाश सोनी व अन्य नामजद अपराधियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। अतः पुलिस विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रभावित किसानों को खाद्यान्न कूपन प्रदान किये जाना
27. ( क्र. 1686 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा यह घोषणा कर निर्देश जारी कराये गये थे कि जिन किसानों की फसले खराब हुई हैं उन प्रभावित किसानों को शासन द्वारा खाद्यान्न प्राप्ति हेतु राशन के कूपन उपलब्ध कराये जायेंगे? (ख) अगर हाँ, तो क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2014-15 में परासिया तहसील एवं उमरेठ तहसील के अंतर्गत किसानों की सोयाबीन व मक्के की फसलें पीला मौजेक रोग एवं सूखा के कारण खराब हुई और परासिया तहसील को शासन द्वारा सूखाग्रस्त भी घोषित किया गया है? क्या ऐसे प्रभावित किसानों को राशन के कूपन प्रदान किए गये हैं? अगर हाँ तो, कितने हितग्राहियों के? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत यदि ऐसे प्रभावित किसानों को राशन के कूपन खाद्यान्न प्राप्ति हेतु प्रदान नहीं किये गये है तो इसका क्या कारण है? ऐसे प्रभावित किसानों को कब तक खाद्यान्न प्राप्ति हेतु कूपन प्रदान कर दिया जायेगा? (घ) जिन किसानों की फसलें खराब हुई है उन्हें शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं के अंतर्गत लाभ प्रदान किए जाने हेतु निर्देश जारी किए गये है और लाभ प्रदान किया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा रबी की फसल वर्ष 2014-15 एवं खरीफ की फसल वर्ष 2015 में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित ऐसे परिवार जिनकी फसलों की प्राकृतिक आपदा से क्षति 50 प्रतिशत या उससे अधिक हो, को प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित कर खाद्यान्न प्रदाय हेतु पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) उपलब्ध कराये जाने की घोषणा की गई थी। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 में तहसील परासिया एवं उमरेठ में सोयाबीन व मक्का की फसलें मौजेक रोग एवं सूखा के कारण 50 प्रतिशत या उससे अधिक क्षति नहीं होने के कारण प्राकृतिक आपदा श्रेणी अंतर्गत किसानों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) उपलब्ध नहीं कराई गई। वर्ष 2014-15 में उमरेठ तहसील में 558 ऐसे परिवार जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधान अनुसार पात्र परिवार नहीं थे एवं जिनकी रबी फसल ओलेवृष्टि से 50 प्रतिशत या उससे अधिक क्षति हुई थी, उनमें से 484 परिवारों को प्राकृतिक आपदा श्रेणी अंतर्गत खाद्यान्न प्राप्त करने हेतु पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की गई, कुछ किसानों के परिवार अन्यत्र निवासरत होने एवं कुछ किसान एक ही परिवार के सदस्य होने के कारण उन्हें पृथक से पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) प्रदाय नहीं की गई है। इस प्रकार, कोई भी पात्र परिवार पात्रता पर्ची प्राप्त करने से वंचित नहीं है। परासिया तहसील के किसी भी कृषक की रबी फसल की क्षति 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हुई है। वर्ष 2015-16 में परासिया तहसील को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिन किसानों की प्राकृतिक आपदा से फसल की क्षति 50 प्रतिशत या उससे अधिक हुई है, उनके सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) के आधार पर 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति सदस्य, शक्कर 1 किलोग्राम, नमक 1 किलोग्राम एवं 4 लीटर केरोसीन प्रति परिवार प्रतिमाह वितरण किया जा रहा है।
दुकान व लीड संस्थाओं के विरूद्ध कार्यवाही
28. ( क्र. 1733 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा), श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि दिनांक 18 मार्च 2015 के प्रश्न संख्या 11 (क्र.1813) प्रश्न संख्या 164 (क्र.5314) तथा प्रश्न संख्या 110 (क्र.4820) के संदर्भ में बताये कि अशोक नगर जिले में 18 मार्च के बाद जाँच में क्या प्रगति हुई है तथा शिकायतों का विवरण देते हुये प्रत्येक प्रकरण में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही हुई है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को शासकीय कर्मचारी घोषित करना
29. ( क्र. 1747 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश की आंगनवाडि़यों में कार्यरत कार्यकर्ता व सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करने तथा तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग का दर्जा दिये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या आंगनवाड़ी कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा जैसे मंहगाई भत्ता, भविष्य निधि, पेंशन, शासकीय अवकाश, स्थानांतरण, मेडीकल, बीमा आदि की सुविधाएं प्रदान है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या महिला सशक्तिकरण एवं एकीकृत बाल विकास विभाग की भर्तियों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को पदोन्नत किया जाता है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या भविष्य में शासन इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के भविष्य को देखते हुए इनकी मांगों पर विचार करेगा या नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का पद मानसेवी प्रकृति है। अतः इन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित किये जाने तथा तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग का दर्जा नहीं दिया जा सकता। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी होने से। (ग) जी नहीं। सीमित परीक्षा के माध्यम से पर्यवेक्षक पद पर नियुक्ति का प्रावधान है। (घ) वर्तमान में इस प्रकार की कोई योजना नहीं हैं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।।
उप स्वाथ्य केन्द्र भवन का निर्माण
30. ( क्र. 1748 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जलेरिया में शासन द्वारा ग्रामवासियों के बेहतर उपचार के लिये लाखों रूपये की लागत से उपस्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया है? (ख) क्या उक्त स्वास्थ्य केंद्र भवन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की घोर लापरवाही के करण आज दिनांक तक उपयोग में नहीं आ रहा है तथा अतिक्रमणकारियों द्वारा इस भवन पर कब्जा कर लिया गया है? (ग) क्या शासन ग्रामवासियों के बेहतर इलाज हेतु इस भवन का उपयोग कर स्वास्थ्य सेवाएं हेतु शीघ्र चालू करेगा और दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कोई ठोस कार्यवाही करेगा? जानकारी स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, लोक निर्माण विभाग, संभाग देवास द्वारा उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन का कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण विभाग को हस्तांतरित नहीं किया गया है तथा उक्त भवन पर किसी का अतिक्रमण/कब्जा नहीं है। (ग) जी हाँ, भवन में विद्युत फिटिंग का कार्य होने के बाद भवन का उपयोग प्रारम्भ हो जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राशन सामग्री का प्रदाय
31. ( क्र. 1771 ) श्री
संदीप श्री
प्रसाद
जायसवाल :
क्या खाद्य
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) लोक
सेवाओं के प्रदाय
की गारंटी
अधिनियम के
तहत खाद्य
विभाग की सेवा
क्रमांक 9.5 में कौन
सी सेवा किस
प्रकार दी
जाती है?
क्या
इस सेवा को
म.प्र. राजपत्र
दिनांक 18
अप्रैल,
2013
में अधिसूचित
किया गया है
एवं क्या
इसमें राशन
दुकानों से
सामग्री
प्राप्त
नहीं होने पर
पात्रतानुसार
दिलवाये जाने
का प्रावधान
है? (ख) क्या
विधानसभा
प्रश्न संख्या
93 (क्र.2070) दिनांक 27 जुलाई 2015 के
प्रश्नांश (घ)
का सी.एम. हेल्पलाईन
में
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली की
सामग्री
प्राप्त
होने वाली
शिकायतों को
लोक सेवा
गारंटी अधिनियम
के अंतर्गत
आवेदन के रूप में
मान्य करने
का प्रावधान
नहीं है उत्तर
दिया गया है, तो क्या
यह प्रश्नांश
(क) के
प्रावधानों
का उल्लंघन
नहीं है?
(ग)
प्रश्नांश
(क) से (ख) में
सी.एम. हेल्पलाईन
से प्राप्त
शिकायतों को
लोक सेवा
गारंटी
अधिनियम के तहत
नहीं लिये
जाने का क्या
कारण है?
कटनी
जिले में
हितग्राहियों
की शिकायतों
पर 15
दिवस में भी
कार्यवाही न
करने का
कौन-कौन जिम्मेदार
है? संबंधित
राशन दुकानों
एवं शासकीय
सेवकों पर, क्या
कार्यवाही की
गई? बतायें?
खाद्य
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) लोक
सेवाओं के
प्रदाय की
गारंटी
अधिनियम अंतर्गत
खाद्य विभाग
की सेवा
क्रमांक 9.5 में
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
दुकान से खाद्यान्न, शक्कर
एवं केरोसीन
प्राप्त
नहीं होने पर
उसे
पात्रतानुसार
दिलवाया जाना
मध्यप्रदेश
राजपत्र
दिनांक 10
अप्रैल,
2013
में अधिसूचित
किया गया है।
जिसके तहत
पात्रता
पर्चीधारी (ई-राशनकार्ड)
को राशन
सामग्री
प्राप्त न
होने पर आवेदक
द्वारा
पदाभिहित
अधिकारी के
समक्ष आवेदन
प्रस्तुत
करने पर 15
दिवस में राशन
सामग्री
उपलब्ध कराई
जाने का
प्रावधान है। (ख) सी.एम.
हेल्पलाईन
में
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली की
सामग्री
प्राप्त न
होने वाली
शिकायतों को
लोक सेवा के
प्रदाय की
गारंटी
अधिनियम के
अंतर्गत
आवेदन के रूप
में मान्य
करने का
प्रावधान न
होने के कारण
प्रश्नांश 'क' के
उत्तर में
उल्लेखित
प्रावधानों
का उल्लंघन
नहीं है।, (ग) लोक
सेवा के
प्रदाय की
गारंटी
अधिनियम
अंतर्गत
अधिसूचित
सेवाओं के
प्रदाय हेतु
लिखित में
आवेदन किये
जाने का
प्रावधान
होने तथा सेवा
प्रदाय हेतु
समय-सीमा की
भिन्नता
होने के कारण
सी.एम. हेल्पलाईन
में प्राप्त
शिकायतों को
लोक सेवा के
प्रदाय की
गारंटी अधिनियम
के अंतर्गत
लिया जाना
संभव नहीं
हैं। कटनी
जिले में लोक
सेवा के
प्रदाय की
गारंटी
अधिनियम के
अंतर्गत
अधिसूचित
सेवा 9.5 के
अंतर्गत कोई
आवेदन प्राप्त
न होने के
कारण शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
जननी सुरक्षा योजना
32. ( क्र. 1797 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जननी सुरक्षा योजना अंतर्गत विगत दो वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने हितग्राही लाभांवित हुए? (ख) क्या विगत एक वर्ष में दमोह जिले में संस्थागत प्रसव रजिस्टर में एक हितग्राही (जच्चा) का नाम 2 या 3 बार दर्ज किये जाने, प्रसव घर पर होने पर भी नाम सामुदायिक केन्द्र में दर्ज कर फर्जी भुगतान करने, फर्जी हितग्राही के चेक भुगतान होने संबंधी कितने प्रकरण शासन/प्रशासन की जानकारी में प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो विभाग ने क्या कार्यवाही की है? (ग) क्या प्रश्नांकित जिले में जननी सुरक्षा योजना में भारी भ्रष्टाचार किये जाने की शिकायतें विभाग के उच्च अधिकारियों को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही हुई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में जननी सुरक्षा अंतर्गत विगत दो वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कुल 1640480 हितग्राही लाभान्वित हुए है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दमोह जिले में सेवानिवृत्त वेतनमान का लाभ
33. ( क्र. 1798 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले में पदस्थ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ.आर.के. मिश्रा, डॉ. अनिल चौधरी, डॉ.आर.के. गांगर एवं पी.पी. शर्मा जो मार्च 2011 के पूर्व सेवानिवृत्त हुए थे, को समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया था, यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत लाभ दिया गया था? (ख) क्या दमोह जिले के मार्च 2011 के पश्चात् सेवानिवृत्त हुए आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ.के.के. तिवारी डॉ. देवेन्द्र प्रसाद विश्वकर्मा, डॉ.पी.के. खरे को समयमान वेमतनमान का लाभ न देते हुए मय ब्याज के कटौती कर ली गई है, यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत? क्या प्रदेश के अन्य जिलों के सेवानिवृत्त हुए आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों से भी समयमान वेतनमान का लाभ न देते हुए मय ब्याज के कटौती की गई है? (ग) शासन द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों के प्रकरणों में अपनाये गये दोहरे मापदण्ड, मनमानी एवं अनियमितता की समग्र रूप से जाँच कर वंचित लाभ से कब तक लाभांवित कर न्याय प्रदान किया जावेगा, समय-सीमा बतलावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। नियम की फोटोप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) लाभ दिया गया था। किन्तु संयुक्त संचालक कोष लेखा, सागर संभाग एवं जिला कोषालय अधिकारी, दमोह तथा अन्य जिलों में जहाँ-जहाँ संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं जिला कोषालय अधिकारी द्वारा आपत्ति ली गई है उन जिलों में ब्याज रहित वसूली की गई है। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रकरण विचाराधीन है, नियमानुसार उपयुक्त निर्णय शीघ्र लिया जावेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पन्ना जिले में दवा खरीद में अनियमितता
34. ( क्र. 1840 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना सी.एच.एस.ओ. द्वारा वित्तीय वर्ष 2012-2013, 2013-2014 एवं 2014-2015 में कितनी दवा खरीदी गयी? वर्षवार पृथक-पृथक आवंटित बजट राशि सहित बताएं? (ख) दवा आवंटित बजट की कितनी प्रतिशत राशि लोकल परचेस एवं कितनी प्रतिशत सी.एस.एम.ओ. द्वारा की जा सकती है? (ग) उपरोक्त वर्षों में क्रय की गई दवाओं के लोकल परचेस के टेण्डर किन-किन समाचार-पत्रों या माध्यमों से जारी किये गये? उपरोक्त वर्षों में किन-किन फर्मों ने टेण्डर भरे व किनके स्वीकृत हुये? (घ) क्या शासन ने लोकल परचेस की निर्धारित सीमा से अधिक की गई दवा खरीदी पर सी.एच.एम.ओ. पन्ना पर कोई कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो बताएं? यदि नहीं, तो क्यों जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना द्वारा वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में खरीदी गई दवा की जानकारी वर्षवार पृथक-पृथक आवंटन एवं व्यय का विवरण निम्नानुसार हैः-
क्रमांक |
वित्तीय वर्ष |
आवंटन |
खरीदी गई दवा की जानकारी |
1 |
2012-13 |
9360000 |
8505737 |
2 |
2013-14 |
7505100 |
6082358 |
3 |
2014-15 |
8013850 |
4948521 |
(ख) दवा नीति 2009 उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सिविल सर्जन औषधि हेतु आवंटित बजट की 20 प्रतिशत राशि से दवांईयों का स्थानीय क्रय कर सकते है। (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना द्वारा वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में लोकल पर्चेस के टेण्डरों के वर्षवार विज्ञापन जो समाचार पत्रों के माध्यम से जारी किये गये उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार है। उपरोक्त वर्षों में जिन फर्मों ने टेण्डर भरे एवं जिनके टेण्डर स्वीकृत हुये उनकी वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार है। (घ) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में स्थानीय क्रय 20 प्रतिशत से अधिक किये जाने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
आदिवासी उपयोजना मद की व्यय राशि
35. ( क्र. 1982 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना मद से विकास हेतु विभाग को बजट दिया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तथा किन-किन योजना/कार्यों में कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ की की गयी योजना/मदवार उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार/मदवार राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' ''ब'' ''स'' ''द'' एवं ''ई'' अनुसार।
बारदानों की निविदा
36. ( क्र. 1983 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रत्येक वर्ष बालाघाट जिले में धान एवं चावल हेतु बारदानों के लिए निविदा बुलाई जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक बुलाई गई निविदा का दिनांक, निविदा में भाग लेने वाले निविदाकारों का नाम, पता, दर, सफल निविदाकार का नाम, पता स्वीकृत दर की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) बारदाने की निर्धारित धान एवं चावल की भर्ती क्षमता एवं बारदाने का स्टेण्डर्ड वजन भी बतावें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान एवं चावल की भर्ती हेतु बारदाना क्रय केन्द्रीकृत क्रय व्यवस्था के तहत पूरे राज्य के लिए डी.जी.एस. एण्ड डी. (DGS&D) के माध्यम से किया जाता है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) धान की 37.50 किलोग्राम एवं चावल की 50 किलोग्राम प्रति बारदाना भर्ती हेतु क्षमता निर्धारित है। वर्तमान में बारदाने का स्टेण्डर्ड वजन 580 ग्राम प्रति बारदाना है।
सामग्री विरतण में अनियमितता
37. ( क्र. 2099 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न संख्या क्रमांक 170 (2596) तारांकित दिनांक 27/07/2015 के भाग (ग) के उत्तर के संलग्न परिशिष्ट 97 स के कॉलम में की गई कार्यवाही में सरल क्र. 08 व 09 में दिए गए उत्तर अनुसार सेवा सहकारी समिति पिपरसवा प्रबंधन एवं प्रियदर्शनी वार्ड 31 मुरैना शहर के खिलाफ प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाहियां हुई? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाहियां की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांकित सेवा सहकारी समिति पिपरसेवा के विरूद्ध प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी मुरैना के यहां विचाराधीन है। समिति प्रबंधक, राजीव सिंह तोमर के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु उपायुक्त, सहकारिता एवं महाप्रबंधक, जिला सहकारी बैंक मुरैना को दुकान आवंटन अधिकारी द्वारा पत्र लिखा गया है, जबकि प्रियदर्शनी वार्ड क्रमांक 31 मुरैना द्वारा अनियमितता किये जाने के फलस्वरूप कोतवाली थाना मुरैना में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। प्रकरण विवेचनाधीन है। उचित मूल्य दुकान भी निलंबित की गई है। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित कार्यवाही प्रचलित होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अर्द्धन्यायिक व विवेचना की कार्यवाही प्रचलन में होने से निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। समिति प्रबंधक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही यथाशीघ्र पूर्ण कराई जाएगी।
उचित मूल्य की दुकानों की स्वीकृति
38. ( क्र. 2100 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्य की दुकानों के प्रारम्भ हेतु नियम व निर्देश प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो नियम व निर्देशों की प्रति दी जावे? (ख) क्या उपरोक्त (क) में उल्लेखित नियमों अनुसार विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना अथवा जनपद पंचायत अम्बाह व मुरैना में सभी पंचायतों में उचित मूल्य दुकानें स्वीकृत होकर प्रारम्भ हैं? (ग) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ख) के अनुसार कहां-कहां, किन-किन पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें संचालित नहीं हैं? कारण बताते हुए कब तक उचित मूल्यों की दुकानें प्रारम्भ हो जायेंगी?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) ऐसी पंचायतें जिनमें उचित मूल्य दुकान संचालित नहीं हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 में संशोधन की कार्यवाही प्रचलित है। संशोधन उपरांत पंचायतवार उचित मूल्य दुकानें खोलने की प्रक्रिया सक्षम अधिकारियों द्वारा की जावेगी।
जबलपुर जिले में महिला उत्पीड़ण की घटनाएँ
39. ( क्र. 2210 ) श्री अंचल सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में महिलाओं/बालिकाओं, नाबालिक बच्चियों एवं स्कूली छात्राओं के साथ दुराचार सामूहिक दुष्कर्म, शारीरिक शोषण, घरेलू हिंसा, दहेज हत्या एवं प्रताड़ना, हत्या का प्रयास, लूट, राहजनी, छेड़खानी आदि से संबंधित कितनी आपराधिक घटनाएं पंजीकृत की गई? वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक की जानकारी थानावार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत कितनी-कितनी घटनाओं से संबंधित कितने अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, कितने अपराधियों को जेल भेजा गया एवं कितनी जघन्य घटनाओं से संबंधित अपराधियों को पकड़ा नहीं गया है? क्यों? गिरफ्तारी हेतु क्या प्रयास किये गये बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) में बलात्कार, सामूहिक दुष्कर्म, शारीरिक शोषण से संबंधित कितने मामलों में अपराध को पंजीकृत करने में आनाकानी करने, पीडि़तों के साथ असंवेदनशील व्यवहार व परेशान करने से संबंधित कितने प्रकरण है, जिनमें संबंधित पुलिस अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही कर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? थानावार जानकारी देवें। ऐसे कितने प्रकरण अनसुलझे व विवादित हैं जिन पर निर्णय नहीं लिया जा सका? कारण बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) पंजीबद्ध प्रकरणों की संख्यात्मक थानावार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में पंजीबद्ध घटनाओं से संबंधित अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही की संख्यात्मक, थानावार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। गिरफ्तारी हेतु विधि अनुसार नियमित प्रयास किये जा रहे हैं। यह एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) प्रश्नांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में बलात्कार, सामूहिक दुष्कर्म, शारीरिक शोषण के किसी भी मामले में अपराध पंजीबद्ध करने में आनाकानी करने, पीडि़तों से साथ संवेदनशील व्यवहार व परेशान करने से संबंधित कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया जिससे किसी पुलिस अधिकारी कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। ऐसा कोई प्रकरण नहीं है जो विवादित हो या उस पर निर्णय नहीं लिया जा सका हो।
लाड़ली लक्ष्मी योजना
40. ( क्र. 2254 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ जिले मे लाड़ली लक्ष्मी योजना का शासन द्वारा वर्ष 2015-16 में कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया था? (ख) उक्त लक्ष्य अनुसार अभी तक कितना लक्ष्य झाबुआ एवं रानापुर विकासखण्ड में प्राप्त किया गया? (ग) अगर लक्ष्य प्राप्त नहीं किया गया तो, लक्ष्य कब तक प्राप्त कर लेगें? (घ) लक्ष्य प्राप्त नहीं होता तो शासन क्या कार्यवाही करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : ( क) झाबुआ जिले में संभावित हितग्राही संख्या 4428 का निर्धारण वर्ष 2015-16 हेतु किया गया है। (ख) झाबुआ एवं रानापुर विकासखण्ड में क्रमशः 554 एवं 486 बालिकाओं को योजना में लाभान्वित किया गया है। (ग) 31 मार्च 2016 तक पात्र बालिकाओं को योजना का लाभ दिया जाना है। (घ) उपरोक्त के सन्दर्भ में प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता है !
सरकारी आवासों का आवंटन
41. ( क्र. 2271 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले में ग्वालियर शहर के ठाटीपुर क्षेत्र में कितने शासकीय आवास बने हुये हैं? उनमें से कितने आवास वर्ष जनवरी 2005 से किस-किस को कब-कब आवंटित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) ग्वालियर शहर के ठाटीपुर क्षेत्र में बने सरकारी आवासों को जिन-जिन व्यक्तियों को आवंटित किये गये है? क्या उन सभी को आवास आवंटित करने की पात्रता थी तो किस व्यक्ति को किस अधिकारी के द्वारा आवास आवंटित किये गये और नहीं तो नियम विरूद्ध किये गये आवंटन में कौन अधिकारी दोषी है और उसके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी और आवंटन निरस्त किये जावेंगे?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) थाटीपुरा में सामान्य पूल के 647 शासकीय आवास बने हुये है। वर्ष 2005 से आवंटित आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। कोई अधिकारी दोषी न होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जुआं/सट्टा संचालाकों एवं ब्याज पर पैसा बांटने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
42. ( क्र. 2350 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन के विभिन्न थाना क्षेत्रों में वर्ष 2013 की स्थिति में असामाजिक तत्वों द्वारा जुआं/सट्टा खिलाने एवं ब्याज पर पैसा बांटन वालों की शिकायतें प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में रायसेन जिले के किन-किन थाना क्षेत्रों में कब-कब, कहां-कहां, किन-किन जुआं/सट्टा संचालकों के द्वारा जुआं/सट्टा कराया जा रहा था? उनके नाम, पता सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितने जुआंरी/सटोरियों के विरूद्ध जिला बदर एवं धारा 110 की कार्यवाही की गई, थानेवार नाम व पता बतावें? (घ) रायसेन जिले में गत दो वर्षों में ब्याज पर पैसे बांटने वालों के विरूद्ध किन-किन थानों में कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए? ब्याज पर पैसा बांटने वालों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों में से किस-किस थानों में किस धारा में अपराध पंजीबद्ध किया गया? किस-किस पर किन कारणों से अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला रायसेन में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक (दिनांक 01.01.2013 से 31.01.2016) तक असामाजिक तत्वों द्वारा जुआं/सट्टा खिलाने संबंधी एक शिकायत प्राप्त हुई है, जिस पर पुलिस द्वारा वैधानिक कार्यवाही की गई है। ब्याज पर पैसा बांटने वालों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में जिला रायसेन के सभी थाना क्षेत्रों में जुआं/सट्टा संचालकों द्वारा जुआं/सट्टा संचालित किये जाने के संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। जुआं/सट्टा खेलने वाले असामाजिक तत्वों के विरूद्ध पुलिस द्वारा वैधानिक कार्यवाही की गई है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में जिला रायसेन के थानों द्वारा जुआं एवं सट्टा के अपराधों से संबंधित 15 आरोपियों के विरूद्ध जिला बदर एवं कुल 103 आरोपियों के विरूद्ध धारा 110 द.प्र.सं. के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिला रायसेन में गत दो वर्षों (दि. 01.01.14 से 31.12.2015 तक) में ब्याज पर पैसा बांटने वालों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
उचित मूल्य दुकानों का संचालन
43. ( क्र. 2351 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कहां-कहां उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं? दुकानों का पता/सेल्समेन का नाम सहित बताएं? (ख) उदयपुर विधानसभा क्षेत्र में कहां-कहां नई दुकानें खोलने के प्रस्ताव लंबित हैं और कब तक दुकानें खोल दी जाएंगी? (ग) क्या रायसेन जिले में संचालित उचित मूल्य की दुकानों की शिकायत हुई है? यदि हाँ, तो शिकायतों पर किन शासकीय सेवकों द्वारा जाँच की गई? जाँच में दोषी पाये गये संचालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में तहसील उदयपुरा में ग्राम पंचायत देवरी तथा तहसील बरेली में ग्राम पंचायत सोजनी में नई उचित मूल्य दुकान प्रारंभ किये जाने का प्रस्ताव लंबित है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 में संशोधन की कार्यवाही के उपरांत नियमानुसार दुकान खोले जाने की कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ, जिले में विगत तीन माह में प्राप्त शिकायत की जाँचकर्ता अधिकारी व की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
थाना बरघाट व थाना सिवनी में सांप्रदायिक घटना
44. ( क्र. 2499 ) श्री रजनीश सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के बरघाट व सिवनी थाना क्षेत्रों में अक्टूबर 2015 से लगातार सांप्रदायिक घटनाएं हो रही है? यदि हाँ, तो अक्टूबर 2015 से लेकर 20 जनवरी तक इस दौरान हुए सांप्रदायिक घटनाक्रमों में बरघाट व सिवनी थाना अंतर्गत कितनी एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? संख्या बतावें। (ख) उक्त एफ.आई.आर. में कितने नामजद व कितने अज्ञात लोगों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? आरोपियों के नाम व उन पर किन धाराओं के तहत मामले कायम किये गये हैं? (ग) उक्त आरोपियों में से जिन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है उनके नाम व शेष आरोपियों को कब तक गिरफ्तार कर लिया जायेगा जानकारी दे? (घ) ऐसी घटनाएं घटित ना हो इसके लिए क्या प्रशासन ने ठोस रणनीति बना ली है? यदि हाँ, तो बार-बार उक्त थाना अंतर्गत ऐसी घटनायें क्यों घट रही हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) बरघाट व सिवनी थाना क्षेत्रो में लगातार साम्प्रदायिक घटनायें नहीं हो रही है, बल्कि अक्टूबर 2015 से 20 जनवरी तक दिनांक 03.10.2015, 01.11.2015, 19.11.2015, 28.11.2015 एवं 13.01.2016 को दो पक्षों के मध्य विवाद एवं मारपीट की घटनायें घटित हुई है। उपरोक्त घटनाओं में कुल 39 एफ.आई.आर. दर्ज हुई है। (ख) उपरोक्त घटनाओं में 254 नामजद एवं 478 अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ग) गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रदेश में साम्प्रदायिक घटनाओं की रोकथाम के लिये समय-समय पर पुलिस मुख्यालय द्वारा अलर्ट/एडवाईजरी जारी की जाती है। इस संबंध में शासन द्वारा घटनाओ की रोकथाम हेतु गाईड लाईन्स जारी कर समस्त पुलिस अधीक्षकों को पुलिस मुख्यालय द्वारा भेजी गई है। साथ ही घटनाओं के नियत्रंण हेतु पुलिस मुख्यालय द्वारा भी वर्ष 2014 में मार्गदर्शिका जारी की गई है। जिला स्तर पर दंगा प्रतिरोधक योजना तैयार की गई है। तथा समय-समय पर किसी भी स्थान पर दो पक्षों के बीच विवाद/मारपीट की सूचना मिलने पर तत्परता से नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पैथोलॉजी एक्स-रे, ई.सी.जी. की सुविधा
45. ( क्र. 2505 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एक्स-रे मशीन ई.सी.जी. मशीन तथा पैथोलॉजी सुविधा उपलब्ध है तथा कौन सा ऐसा स्वास्थ्य केन्द्र है जहां उक्त सुविधाओं का अभाव है? उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार उनके आपरेटर तथा लेब टेक्नीशियन की पदस्थापना कौन-कौन सी सामुदायिक केन्द्रों में की गई है? (ख) कौन-कौन से ऐसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं, जहां उपर्युक्त सुविधाएं होने के बाद भी आपरेटर लेब टेक्नीशियन के अभाव में सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, रिक्त स्थानों पर कब तक नियुक्तियां कर दी जावेंगी? साथ ही कौन सा ऐसा स्वास्थ्य केन्द्र है जहां पद पूर्ति तथा मशीनों की उपलब्धता के बाद भी सुविधाओं का लाभ मरीजों को नहीं दिया जा रहा है, उसके क्या कारण है? (ग) जिन स्वास्थ्य केन्द्रों में एक्स-रे ई.सी.जी. पैथोलॉजी सुविधा नहीं है वहां भविष्य में जन सुविधा को ध्यान में रखते हुये कार्ययोजना को मूर्तरूप देने हेतु कोई योजना है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मण्डला जिले में समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ई.सी.जी. एवं पैथोलॉजी सुविधाएं उपलब्ध है। लेब टेक्नीशियन समस्त केन्द्रों में पदस्थ है। ई.सी.जी. टेक्नीशियन का कोई पद सृजित नहीं है। प्रशिक्षित स्टॉफ से ई.सी.जी. करवाई जाती है। एक्स-रे मशीन एवं आपरेटर संबंधी जानकारी समस्त विकासखण्डवार निम्नानुसार है-
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
एक्स-रे मशीन |
रिमार्क |
|
|
|
हाँ/नहीं |
ऑपरेटर |
|
1. |
बम्हनी |
हाँ |
हाँ |
- |
2. |
नैनपुर |
हाँ |
हाँ |
- |
3. |
बिछिया |
हाँ |
हाँ |
- |
4. |
बीजाडाण्डी |
हाँ |
हाँ |
- |
5. |
निवास |
हाँ |
नहीं |
अन्य प्रशिक्षित कर्मचारी से कार्य कराया जा रहा है। कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। |
6. |
नारायणगंज |
हाँ |
नहीं |
अन्य प्रशिक्षित कर्मचारी से कार्य कराया जा रहा है। कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। |
7. |
मवई |
हाँ |
नहीं |
वर्तमान में प्रशिक्षित ऑपरेटर न होने के कारण कार्य नहीं कराया जा रहा है। एक्स-रे जाँच की वैकल्पिक व्यवस्था निकट के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजकर कराई जाती है। |
8. |
घुघरी |
नहीं |
हाँ |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घुघरी में एक्स-रे मशीन उपलब्ध कराने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। |
9. |
मोहगांव |
हाँ |
नहीं |
अन्य प्रशिक्षित कर्मचारी से कार्य कराया जा रहा है। कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। |
(ख)
मण्डला
जिलें में
समस्त सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों
में पैथोलॉजी
एवं ई.सी.जी.
सुविधायें
उपलब्ध है।
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द मवई में
एक्स-रे मशीन
पूर्व से
उपलब्ध है
लेकिन आपरेटर
के अभाव में एक्स-रे
की सुविधा का
लाभ नहीं मिल
पा रहा है।
एक्स-रे जाँच
की वैकल्पिक
व्यवस्था
रोगियों के
निकट के सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
भेजकर कराई जाती
है।
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र-निवास, नारायणगंज, मवई, मोहगांव
में एक्स-रे
टेक्नीशियन
पदस्थ न होने
के बावजूद
अन्य प्रशिक्षित
कर्मचारियों
से कार्य
संपादित कराते
हुये
सुविधाओं का
लाभ दिया जा
रहा है। रिक्त
स्थानों की
पूर्ति
यथासंभव
शीघ्र की
जावेगी। ऐसा
कोई सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र नहीं
है जहाँ पर
पदपूर्ति तथा
मशीन की उपलब्धता
के पश्चात भी
सुविधाएं नहीं
दी जा रही है। (ग) मण्डला
जिले के
अन्तर्गत
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र
घुघरी में एक्स-रे
मशीन उपलब्ध
नहीं है।
जिसको क्रय
करने की कार्यवाही
प्रचलन में
है।
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र मवई
में
रेडियोग्राफर
के पदपूर्ति की
कार्यवाही
प्रचलन में
है। शेष
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र में
सुविधाएं
उपलब्ध है।
प्रसूति सहायता योजना की राशि का भुगतान
46. ( क्र. 2541 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा लोक सेवा ग्यारंटी योजना में शासन की किन-किन योजनाओं को शामिल किया गया है उसकी सूची दी जावे? क्या यह सही है कि लोक सेवा ग्यारंटी योजना में प्रसूति सहायता योजना भी शामिल है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो बड़वाहा विधान सभा में प्रसूति सहायता हेतु जनवरी 2015 से वर्तमान तक कितने प्रकरण किस दिनांक को प्राप्त हुए हैं एवं विभाग द्वारा इन प्राप्त प्रस्तावों पर किस दिनांक को राशि स्वीकृत की गई है एवं राशि का भुगतान कब हुआ, भुगतान में विलम्ब हुआ है तो क्या कारण रहे हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम टोकलाय निवासी श्रीमती पूजाबाई पति श्री भैयालाल को प्रसूति सहायता का प्रकरण समय-सीमा में किये जाने के संबंध में कब-कब पत्र जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन को जारी किये गये हैं? विभाग द्वारा प्राप्त पत्र के संबंध में कब-कब क्या कार्यवाही की गई? क्या उपरोक्त उल्लेखित प्रार्थिनी को दो वर्ष उपरान्त भी राशि का भुगतान नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो लोक सेवा ग्यारंटी में कितने दण्ड करने का प्रावधान है? यह दण्ड राशि कितनी की गई एवं किन-किन लम्बित प्रकरणों में की गई है? उसकी सूची दी जावे। क्या इस प्रकार के अन्य प्रकरणों में भी प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो तद्नुसार क्या कार्यवाही की गई।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा लोकसेवा गारंटी में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की 08 सेवाओं को शामिल किया गया है। प्रसूति सहायता योजना लोकसेवा गारंटी में श्रम विभाग के अन्तर्गत शामिल है।
स.क्र. |
सेवाएं |
1 |
राज्य बीमारी सहायता निधि के अधीन रू 2.00 लाख तक के प्रकरण जिला स्तर से स्वीकृत किया जाना |
2 |
विकलांगता प्रमाण पत्र दिया जाना |
3 |
दीनदयाल अन्त्योदय उपचार कार्ड जारी करना |
4 |
राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत टीकाकरण |
5 |
आवेदक की आयु का चिकित्सीय सत्यापन |
6 |
मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के प्रकरण स्वीकृत किया जाना |
7 |
प्रदेश में संचालित निजी उपचर्यागृह/रूजोपचार्य संबंधी स्थापनाओं का रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन |
8 |
प्रदेश में संचालित निजी उपचर्यागृह/रूजोपचार्य संबंधी स्थापनाओं का रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन का नवीनीकरण |
(ख) हाँ, प्रसूति सहायता योजना लोकसेवा गारंटी में श्रम विभाग के अन्तर्गत शामिल है। इसके अन्तर्गत कुल आवेदन 111 प्राप्त हुये हैं, इसमें से 49 केस का भुगतान दिनांक 23.09.2015 को जिला कोषालय खरगोन के माध्यम से एवं 21 केस का भुगतान दिनांक 18.12.2015 को स्थानीय कार्यालय की आर.सी.एच.शाखा बड़वाह से किया गया है एवं 41 केस की राशि स्वीकृत है जिसका भुगतान बजट आवंटन के आभाव में लंबित है। आवंटन प्राप्त होते ही लंबित हितग्राहियों का भुगतान किया जा सकेगा। (ग) श्रीमती पूजा पति श्री भैयालाल निवासी टोकलाय का आवेदन अपूर्ण था तथा समग्र पोर्टल आई.डी. में इनका नाम इंद्राज नहीं था। इनके आवेदन को पूर्ण करवा कर राशि स्वीकृत की जा चुकी है, परंतु बजट आवंटन प्रसूति सहायता योजना के अन्तर्गत बजट आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। बजट आवंटन प्राप्त होते ही शीघ्र भुगतान किया जा सकेगा। किसी भी प्रकरण में अनावश्यक विलम्व नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर सनावद में 3600 मैट्रिक टन क्षमता के गोडाउन का निर्माण
47. ( क्र. 2542 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर सनावद में मध्यप्रदेश वेअर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा वर्ष 2010 में कृषि उपज मण्डी परिसर में 54 लाख 50 हजार 806 रूपये में 3600 मैट्रिक टन का गोडाउन निर्माण की अनुमति/स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो प्रश्नकर्त्ता द्वारा 21 फरवरी 2013 को विधान सभा में प्रश्न क्रमांक 174 से गोडउन अपूर्ण होने के संबंध में प्रश्न पूछा गया था, जिसमें विभाग द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण होने की जानकारी दी गई है निविदा की शर्तें के अनुसार गोडाउन के पूर्ण होने के अवधि दिनांक से आज दिनांक तक गोडाउन निर्माण न होने से राज्य शासन को नगर सनावद में अनाज भण्डारण में शासकीय अथवा कितने निजी गोडाउन किराये पर लिये गये है एवं इन वर्षों में कितनी राशि का गोडाउन का भुगतान किया गया है अर्थात् शासन को प्रतिवर्ष कितनी राशि की क्षति हुई है? इस क्षति के लिये जिम्मेदार अधिकारी कौन है उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्रश्नकर्त्ता द्वारा राज्य शासन के जिला स्तर संभाग स्तर एवं शासन स्तर पर पत्र लिखकर ध्यान आकर्षित कराया गया है, यदि हाँ, तो उक्त विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या प्रश्नकर्त्ता के पत्रों पर शासन कोई अपराधिक/लापरवाही का प्रकरण दर्ज करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, गोदाम निर्माण की स्वीकृति नहीं, अपितु प्रश्नांकित क्षमता के कनवर्टीबल केप तथा 10 फीट ऊंचाई तक के कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई थी।, (ख) प्रश्नांकित विधानसभा के उत्तर में विभाग द्वारा कनवर्टीबल केप तथा 10 फीट ऊंचाई के निर्माण-कार्य के पूर्ण होने की जानकारी दी गई है न कि गोदाम के पूर्ण होने की। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।, (ग) जी हाँ। कार्य स्वीकृति अनुसार पूर्ण हुआ है। वर्तमान में आगे निर्माण न करने का फैसला निगम द्वारा व्यावसायिक सिद्धांत के आधार के आधार पर लिया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिला स्व-सहायता समूहों को दुकानों का आवंटन
48. ( क्र. 2549 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 में छतरपुर जिले की तहसील बड़ामलहरा के तत्का. अनु.अधि./एस.डी.एम. द्वारा म.प्र. सार्व. वि. प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के तहत महिला स्व.सहायता समूहों को दुकानें आवंटित की गयी थी? यदि हाँ, तो कुल आवंटित महिला स्व-सहायता समूहों के नाम व उनके प्रसारित आदेश की प्रतियां अवलोकनार्थ पटल पर रखे? (ख) क्या उक्त समूहों को अपात्रता के प्रकरण प्रकाश में आने के कारण कलेक्टर, छतरपुर द्वारा जाँच समिति गठित कर जाँच कराई गई थी व समिति के जाँच प्रतिवेदन आने पर अधिकांश महिला समूहों को आवंटित उक्त दुकानें निरस्त की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में महिला स्व. समूहों के नाम एवं अपात्रता का कारण बताएं? (ग) क्या उक्त आवंटितों में जय माँ शैलपुत्री समूह का नाम सम्मिलित है? यदि हाँ, तो इस संस्था का आवंटन आदेश निरस्त करने हेतु प्रबंधक बजरंग प्रा.उ.स.भं.मर्या., घुवारा द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक अपात्र/अकार्यशील जय मां शैलपुत्र समूह का आवंटन आदेश निरस्त कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन, अपात्र/अकार्यशील जय मां शैलपुत्री महिला स्व-समूह घुवारा का भी आवंटन आदेश निरस्त करते हुए प्रश्रय में लिप्त दोषी अधिकारी के विरूद्ध सकारात्मक कार्यवाही करेगा? हां, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’अनुसार हैं। (ख) जी हाँ। जाँच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर 15 शासकीय उचित मूल्य दुकानों का आवंटन निरस्त किया गया है। प्रश्न के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार हैं। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। अनुविभागीय अधिकारी, बड़ामलहरा द्वारा महिला समूहों को आवंटित 6 अन्य दुकानों की जाँच भी एक जाँच समिति द्वारा की जा रही है। जाँच समिति से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) प्रश्नांकित महिला स्व-सहायता समूह की जाँच का प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
भण्डारों को कार्य क्षेत्र के अनुसार दुकानें आवंटित करना
49. ( क्र. 2550 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 प्रभावशील है? यदि हाँ, तो उक्त प्रणाली के अंतर्गत भण्डारों को उनके कार्य क्षेत्र के अन्दर ही शा.उ.मू.दु. आवंटित किए जाने के प्रावधान रखे गए हैं? स्पष्ट उल्लेख करते हुए छतरपुर जिले में उक्त आदेश के प्रभावशील दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में संचालित भण्डारों के नाम, पंजीयन क्र.,पंजीयन अनुसार कार्यक्षेत्र (वार्ड क्र.), आवंटित दुकान का कार्यक्षेत्र (वार्ड क्र.), क्षेत्र के बाहर आवंटित दुकान का कार्यक्षेत्र (वार्ड क्र.), कार्य क्षेत्र के बाहर दुकान आवंटित/संलग्न करने वाले अधिकारी का नाम, व पदनाम सहित जानकारी पटल पर अवलोकनार्थ प्रस्तुत करें? (ख) क्या प्रश्न दिनांक को कार्य क्षेत्र से बाहर दुकानें आवंटित हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी विवरण दें, इन्हें प्रश्न दिनांक तक निरस्त कर दिया गया हो, तो तत्संबंधी आदेशों की प्रतियां प्रस्तुत करें? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारी का नाम/पदनाम उल्लेखित करें। (ग) शासन, उक्त प्रावधान का अक्षरश: पालन न करने वाले उक्त अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो अवधि बताएं?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, किन्तु सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत संशोधन की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण दुकान आवंटन की प्रक्रिया अभी स्थगित है। जी हाँ, भण्डारों को उनके कार्यक्षेत्र के अंदर ही दुकान आवंटित होने की पात्रता का प्रावधान उक्त नियंत्रण आदेश में प्रथम बार किया गया है। उपभोक्ता भण्डारों के नाम, पंजीयन क्रमांक, पंजीयन अनुसार कार्यक्षेत्र एवं वर्तमान कार्यक्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त जानकारी के अवलोकन से स्पष्ट है कि कुछ उपभोक्ता भण्डारों द्वारा कार्यक्षेत्र के बाहर दुकानें संचालित की जा रही हैं। परन्तु उक्त दुकानें सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रभावी होने के पूर्व से संचालित हैं। तत्समय कार्यक्षेत्र का कोई प्रावधान नहीं था। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन उपरांत सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्यक्षेत्र के प्रावधान का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्यक्षेत्र के बाहर संचालित दुकानों को अभी निरस्त नहीं किया गया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन उपरांत सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्यक्षेत्र के प्रावधान का पालन करते हुए दुकान आवंटन की कार्यवाही हो सकेगी। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सकों की पदस्थापना
50. ( क्र. 2565 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के विकासखण्ड चौरई और बिछुवा में किन-किन स्वास्थ्य केन्द्रों में किन-किन पदों के विरूद्ध कौन-कौन से चिकित्सक वर्तमान में पदस्थ हैं और कार्यरत हैं? कौन-कौन से चिकित्सकों के पद रिक्त हैं? (ख) विकासखण्ड चौरई के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विगत कितने वर्षों से कोई चिकित्सक पदस्थ नहीं है? जानकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रवार दें? (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई विगत कितने वर्षों से एक चिकित्सक के भरोसे संचालित हो रहा है? (घ) क्या शासन विकासखण्ड चौरई के स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वीकृत पदों के अनुसार चिकित्सकों की पदस्थापना करने तथा जब तक पदस्थापना नहीं हो जाती जिले के अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई में विशेषज्ञ चिकित्सकों को संलग्न कर नागरिकों को चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदाय किये जाने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई में 01 नियमित व 02 संविदा चिकित्सा अधिकारी, कुल 03 चिकित्सक पदस्थ होकर कार्यरत है। (घ) प्रदेश/छिन्दवाड़ा जिले में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी एवं संलग्नीकरण पर प्रतिबंध के कारण वर्तमान में विशेषज्ञ उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। लोक सेवा आयोग से 1896 चिकित्सकों की चयन सूची में विशेषज्ञता के चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी।
परियोजना कार्यालय में प्राप्त आवंटन तथा व्यय
51. ( क्र. 2605 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जनपद भीकनगांव एवं झिरन्या में महिला बाल विकास परियोजना कार्यालय के संचालन एवं अन्य कार्यालयीन की संपूर्ण गतिविधियों के संचालन के लिये शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है? यदि हाँ, तो भीकनगांव एवं झिरन्या परियोजना कार्यालय हेतु वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक कितना अनुदान प्रदाय किया गया है, तथा उसका क्या उपयोग किया जाना था? (ख) प्राप्त अनुदानों के परिप्रेक्ष्य में परियोजना कार्यालय भीकनगांव/झिरन्या द्वारा कौन-कौन से मदों में राशि व्यय की गई? (ग) क्या पंचायतीराज अधिनियम के अंतर्गत जनपद पंचायत अंतर्गत निर्मित महिला बाल विकास समिति की बैठक प्रतिमाह आयोजन होना चाहिए? यदि हाँ, तो क्या जनपद पंचायत झिरन्या में गठित जनपद स्तरीय महिला बाल विकास समिति की बैठक का नियमित प्रतिमाह आयोजन किया गया है, यदि नहीं, आयोजित की गई तो क्या कारण है? क्या यह शासकीय कार्य के प्रति गंभीर लापरवाही नहीं है? यदि हाँ, तो सम्बधित दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही प्रस्तावित करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जनपद भीकनगांव एवं झिरन्या के बाल विकास परियोजना कार्यालय के संचालन हेतु एवं अन्य कार्यालयीन गतिविधियों के लिये शासन द्वारा अनुदान नहीं दिया जाता है। अपितु आवंटन प्राप्त होता है जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। पंचायत अधिनियम के अध्याय 4 के बिन्दु क्र. 1.9 में स्थाई समिति के सम्मिलन का अधिकार समिति के सभापति को है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। शासकीय कर्मचारी का दायित्व न होने से उत्तर अपेक्षित नहीं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की नियुक्ति
52. ( क्र. 2606 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015-16 में कितनी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की नियुक्ति हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित की गई तथा प्रकाशन के पश्चात् कितने आवेदन पत्र पदपूर्ति हेतु प्राप्त हुए हैं? (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति हेतु वरियता सूची बनाने हेतु कौन सी कक्षा के अंकों के प्रतिशत की गणना की गई है? क्या कक्षा 10वीं के अंकों के आधार पर गणना की गई है? यदि हाँ, तो शासन के कौन से नियमानुसार यह कार्यवाही सम्पादित की गई है? कृपया नियम की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) क्या आदिवासी विकासखण्डों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति में कक्षा 8वीं की अंकसूची के अंकों के आधार पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाना है? यदि हाँ, तो इस नियम का उपयोग भीकनगांव विधान सभा अन्तर्गत की गई नियुक्तियों में किया गया है? (घ) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति पश्चात् प्रकाशित चयन सूची के विरूद्ध कितने आवेदकों द्वारा आपत्ति लगाई गई है तथा आपत्ति के पश्चात् अगर निराकरण हो गया है तो उसकी जानकारी उपलब्ध कराएं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में विज्ञप्ति क्रमांक 1941 दिनांक 10.11.2015 द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 17, आंगनवाड़ी सहायिका के 23 एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 01 पद हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित की गई तथा प्रकाशन के पश्चात 243 आवदन पदपूर्ति हेतु प्राप्त हुए। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति हेतु कक्षा 12 वी के अंकों के प्रतिशत की गणना की गई। जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। नियुक्ति नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। (ग) जी हाँ। आदिवासी क्षेत्र विकासखंडों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति हेतु न्युनतम शैक्षणिक योग्यता कक्षा 8 है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की नियुक्ति हेतु विभाग के निर्देशों का पालन किया गया है। (घ) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 07 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, 08 आंगनवाड़ी सहायिका के पदों पर नियुक्ति हेतु कुल 29 आवेदकों द्वारा आपत्ति लगाई गई तथा आपत्ति की सुनवाई के पश्चात 03 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा 02 आंगनवाड़ी सहायिका के पद पर आपत्ति का निराकरण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। शेष पदों पर जिला स्तरीय समिति द्वारा आपत्तियों के संबंध में परीक्षण हेतु निर्देशित किया गया।
फर्जी प्रकरण पंजीबद्ध किया जाना
53. ( क्र. 2620 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की झुण्डपुरा पुलिस चौकी प्रभारी (ए.एस.आई.) के खिलाफ माह नवम्बर 2015 प्रश्न दिनांक तक किस-किस के द्वारा कब-कब तथा किस-किस संबंध में शिकायतें की गई और इन शिकायतों की जाँच किस-किस अधिकारी से कराई गई तथा जाँच के क्या परिणाम रहे? (ख) क्या झुण्डपुरा चौकी प्रभारी द्वारा दिनांक 16.12.2015 को असामाजिक तत्वों लवकुश शर्मा, चंदू शर्मा, रिंकू रावत एवं प्रभात जगा को भेजकर श्री बाबूलाल त्रिपाठी, अध्यक्ष, नगर परिषद् के घर में श्री त्रिपाठी पर जानलेवा हमला कराया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या श्री बाबूलाल त्रिपाठी ने हमला कराने वाले चौकी प्रभारी के विरूद्ध दिनांक 16.12.2015 को अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सबलगढ़ जिला मुरैना तथा पुलिस महानिरीक्षक चंबल रेंज ग्वालियर को 18.12.2015 को शिकायत कर कार्यवाही करने तथा सुरक्षा की मांग की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो क्या चौकी प्रभारी द्वारा चिकित्सक से मिलीभगत कर झुण्डपुरा चौकी में पदस्थ हवलदार श्री रावत के हाथ में चोट पाए का मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करवाकर श्री बाबूलाल त्रिपाठी को बदले की भावना से अपराध दर्ज कराने की योजना बनाई गई थी? (ड.) यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उच्च स्तरीय जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला मुरैना की झुण्डपुरा पुलिस चौकी प्रभारी उप निरीक्षक अमर सिंह गुर्जर के विरूद्ध माह नवम्बर, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 02 शिकायतें आवेदक बाबूलाल त्रिपाठी, अध्यक्ष, नगर परिषद् झुण्डपुरा द्वारा प्रस्तुत की गई है। आवेदक के द्वारा दिनांक 18.12.2015 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय मुरैना में एवं दिनांक 23.12.2015 को पुलिस महानिरीक्षक, चम्बल जोन ग्वालियर के यहां प्रस्तुत किया था। उपरोक्त आवेदन पत्रों की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, मुरैना से कराई गई जिसमें आवेदक द्वारा आवेदन पत्र में वर्णित तथ्य जाँच के दौरान प्रमाणित नहीं पाये गये हैं। (ख) जी नहीं। (ग) यह सही है कि आवेदक बाबूलाल त्रिपाठी ने दिनांक 16.12.15 को घटित घटना के संबंध में चौकी प्रभारी झुण्डपुरा उप निरीक्षक अमर सिंह गुर्जर के विरूद्ध शिकायत एस.डी.ओ.पी. कैलारस एवं पुलिस महानिरीक्षक चंबल जोन ग्वालियर को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। शिकायत की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुरैना से कराई गई थी, वर्णित तथ्य प्रमाणित नहीं पाये गये। (घ) जी नहीं। (ड.) आवेदक बाबूलाल त्रिपाठी के द्वारा प्रेषित आवेदन पत्र की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, मुरैना से कराई जा चुकी है जिसमें लगाये गये आरोप प्रमाणित नहीं पाये गए। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
अमानक दवाई खरीदी का भुगतान
54. ( क्र. 2681 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्र.सं. 57 (क्र. 1020) दिनांक 24.7.15 के उत्तर में यह स्वीकार किया गया है कि प्रकरण की जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो जाँच के आदेश प्रकरण के सामने आने के कितने दिन पश्चात् और क्यों दिये गये? (ख) उत्तर में यह भी स्वीकार किया गया है कि (1) 2,05,76,838/- रूपये की दवाईयां अमानक पाई गई है? राशि का भुगतान कब किसने किया, दवाई कंपनी के चयन से भुगतान तक की प्रक्रिया में कौन-कौन शासकीय सेवक की भागीदारी थी उनका नाम, पद कार्यालय बतायें? इनके विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं कराई गई? यदि आरोप पत्र जारी किये गये हैं तो किसे-किसे कब-कब? (ग) उत्तर के परिशिष्ट (अ) में उल्लेखित अधिकारियों में से किसे-किसे अन्यत्र स्थानांतरित किया गया ताकि वे जाँच और गवाही को प्रभावित न कर सके तथा किसे-किसे कब-कब आरोप पत्र जारी किये गये? जिन फर्मों ने अमानक दवाईयां प्रदाय की थी उनके नाम, पते, भागीदारों के नाम तथा इनके विरूद्ध अमानक दवाई प्रदाय करने के जुर्म में क्या कार्यवाही विभाग ने कब-कब की?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टर एवं अन्य स्टाफ की पूर्ति
55. ( क्र. 2698 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिवनी के अंतर्गत केवलारी, उगली, कान्हीवाड़ा, छपारा, धनौरा, पलाटी, ढुटेरा, रूमाल आदि स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप स्वा. केन्द्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए डाक्टर एवं अन्य स्टॅाफ के पद भरे हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत उगली क्षेत्र से जहां 32 ग्राम पंचायतें समाहित है? डॉक्टर एवं अन्य स्टाफ के रिक्त पदों के लिए 5000 (पाँच हजार) व्यक्तियों के स्व-हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन शासन को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो शासन ने उगली प्रा.स्वा.केन्द्र में क्या कोई डॉक्टर एवं अन्य स्टाफ को नियुक्त किया है? यदि हाँ, तो सूची देवें और नहीं तो कब तक यहां रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं है। प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों की कमी के कारण एवं तृतीय संवर्ग भर्ती प्रक्रिया निरंतर जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी हाँ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में 01 चिकित्सक डॉ. ग्लोरिया लकरा की ड्युटी आदेश दिनांक 04.01.2016 के माध्यम लगाई गई है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत् है, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से 1896 चिकित्सकों की चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार चिकित्सक के पदस्थापना के संबंध में कार्यवाही की जा सकेगी। अन्य संवर्ग में पर्याप्त मात्रा में स्टॉफ उपलब्ध है एवं प्रसूति का कार्य भी संपादित किया जा रहा है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिपराही एवं खटखरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति
56. ( क्र. 2780 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र - 71 मऊगंज द्वारा पत्र दिनांक 18.12.2015 से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रीवा को ग्राम पिपराही एवं खटखरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने हेतु प्रस्ताव दिया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रीवा के पत्र क्र./ए.एस.ओ./2015/16368 दिनांक 20.12.2015 के द्वारा विकासखण्ड हनुमना के ग्राम पिपराही एवं खटखरी में तकनीकी मापदण्ड अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने के संबंध में उपसंचालक (विकास) संचालनालय स्वास्थ्य सेवा भोपाल को प्रस्ताव भेजा गया है? (ग) यदि हाँ, तो रीवा जिले के हनुमना ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पिपराही एवं खटखरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो कारण बतायें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रीवा के पत्र द्वारा केवल ग्राम पिपराही में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का प्रस्ताव भेजा था। (ग) जी नहीं। जनसंख्या के मापदण्ड अनुसार पात्रता नहीं होने के कारण।
स्वीकृत पद अनुसार थानों में पुलिस बल की पदस्थी
57. ( क्र. 2826 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में थानावार कितने-कितने पुलिस बल की स्वीकृति है? (ख) क्या नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के सभी थानों में स्वीकृत पद अनुसार पुलिस बल पदस्थ है? यदि नहीं, तो सभी थानों में स्वीकृत पद अनुसार पुलिस बल कब तक पदस्थ किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के सभी थानों में निरीक्षक एवं सहायक उप निरीक्षक के स्वीकृत पद अनुसार बल उपलब्ध है। जिला राजगढ़ के 181 नव आरक्षक प्रशिक्षणरत् है। नव आरक्षकों के द्वारा प्रशिक्षण उपरान्त जिले में आमद दिये जाने पर तथा नियमित पदोन्नति से उपनिरीक्षक एवं प्रधान आरक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति निरन्तर की जाएगी। रिक्त पदों की पूर्ति की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
28 जनवरी 2016 को राजगढ़़ थाना में पंजीकृत अपराध
58. ( क्र. 2829 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 28/01/2016 को राजगढ़ जिला मुख्यालय पर कांग्रेस पदाधिकारियों के विरूद्ध थाना राजगढ़ में कोई अपराध पंजीकृत किया गया? यदि हाँ, तो किन-किन के विरूद्ध कौन-कौन सी धारा में पंजीकृत किया गया तथा क्यों? जानकारी देवें? (ख) प्रश्न की कंडि़का (क) अनुसार किस घटना के कारण अपराध पंजीकृत किया गया? उस घटना का क्या कारण था? (ग) क्या प्रश्न की कंडि़का (ख) अनुसार घटना के पूर्व एस.डी.एम. राजगढ़ अथवा अन्य किसी अधिकारी को पुलिस अथवा किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से सूचना दी गई थी, की घटना स्थल पर आप आ जावे?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। थाना कोतवाली राजगढ़ में अपराध क्रमांक 52/16 धारा 188, 147, 341 भा.द.वि. का प्रकरण आरोपीगण 1- राधेश्याम सोमतिया जिलाध्यक्ष, 2- अशोक वर्मा, 3- रामचन्दर दांगी, 4- राशिद जमील एवं अन्य के विरूद्ध कायम कर विवेचना में लिया गया। (ख) राजमार्ग-12 पर स्थित खिलचीपुर नाके पर चक्काजाम कर आवागमन अवरूद्ध कर देने के कारण उत्पन्न स्थिति के कारण उक्त अपराध पंजीबद्ध किया गया था। (ग) जी हाँ। प्रश्न की कंडिका ’ख’ के अनुसार घटना के पूर्व एस.डी.एम. राजगढ़ को पुलिस अधिकारियों के द्वारा ही धरना स्थल पर ज्ञापन लेने हेतु उपस्थित होने बाबत् सूचना दी गई थी।
मुरैना जिला अस्पताल का उन्नयन
59. ( क्र. 2896 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिला अस्तपाल में वर्ष 2014, 2015 में कितने संस्थागत प्रसव कराये गये उनकी संस्था की वर्षवार जानकारी दी जावे? (ख) मुरैना जिला अस्पताल में मेटरनिटी वार्ड में पलंगों की संख्या क्या है, मेटरनिटी वार्ड में प्रतिदिन औसतन कितने मरीजों की संख्या उपचार हेतु रहती है? (ग) क्या जिला अस्पताल में मेटरनिटी वार्ड में पलंगों की संख्या कम एवं आई.सी.यू. वार्ड में मात्र एक कमरा है? क्या शासन उक्त वार्डों में पलंगों की संख्या तथा कमरा बढ़ाने का प्रावधान करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुरैना जिला अस्पताल में वर्ष 2014 में 10819 एवं वर्ष 2015 में 10797 संस्थागत प्रसव कराये गये। (ख) मुरैना जिला अस्पताल में मेटरनिटी वार्ड में स्वीकृत पलंगों की संख्या 70 है। मेटरनिटी वार्ड में प्रतिदिन औसतन 82 मरीज उपचार हेतु भर्ती रहते है। (ग) जी हाँ। जी हाँ।
पुलिस चौकी की स्थापना
60. ( क्र. 2935 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितने पुलिस थाने/पुलिस चौकी स्थापित है? पुलिस थानों के नाम सहित जानकारी दें? (ख) क्या बढ़ती हुयी जनसंख्या एवं अपराध को देखते हुए नये पुलिस थाने/पुलिस चौकी खोली जाना आवश्यक है? (ग) क्या जनता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा नयी पुलिस चौकी या थाना की मांग की गई है? यदि हाँ, तो इस पर कब तक अमल किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) चितरंगी विधानसभा क्षेत्र में थाना चितरंगी एवं गढवा तथा पुलिस चौकी बगदरा एवं नौडिहवा स्थापित है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने से अमान्य किये गये है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का नियमितीकरण
61. ( क्र. 2936 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य अमले के तहत विभाग में संविदा पर (NHM/IDSP/RNTCP/AIDS/NVBCDCP) स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्ती व्यापम के माध्यम से की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उनकी नियुक्ति के पूर्व शासन से स्वीकृत सेटअप अनुसार निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के मापदण्डों का पालन किया गया? (ग) यदि हाँ, तो एक बार व्यापम से चयनित संविदा पर कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिये विभाग द्वारा कोई नीति का निर्धारण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या? (घ) क्या विभाग द्वारा व्यापम के माध्यम से शिक्षा विभाग की भांति स्वास्थ्य कर्मचारियों के पदों पर नियमित वेतनमान में नियुक्ति की प्रक्रिया की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या 9-10 वर्षों से निर्धारित एवं कम वेतन पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ अन्याय नहीं है? इसके लिए कौन दोषी है? क्या शासन इस ओर गंभीरता से विचार कर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (घ) जी नहीं, प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औषधि का गुणवत्ता परीक्षण एवं वितरण
62. ( क्र. 2945 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2014-15 एवं चालू वर्ष में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी औषधि तथा चिकित्सा सामग्री/उपकरण कितनी राशि के जिला स्तर से खरीदे गये है? (ख) कौन-कौन सी दवा गुणवत्ता परीक्षण हेतु चिन्हित प्रयोगशालाओं को भेजी गई है एवं क्या परिणाम प्राप्त हुए हैं? (ग) कौन सी दवा गुणवत्ता परीक्षण के बिना मरीजों को दी गई है? दवा का नाम, दवा निर्माता का नाम एवं स्थान बतायें? क्या गुणवत्ता परीक्षण पूर्व दवा मरीजों को देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति बतायें? कौन सी दवा किस कंपनी की अमानक स्तर की पाई गई तथा उस दवा का निर्माता को कितना भुगतान किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्सिंग कालेजों द्वारा निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति
63. ( क्र. 2975 ) श्री
शंकर लाल
तिवारी :
क्या लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सतना
जिले में
कितने
नर्सिंग
कालेज चल रहे
है? शासकीय
एवं प्राइवेट
नर्सिंग
कॉलेज की जानकारी
दें? (ख) क्या
नर्सिंग
कॉलेजों में
स्वास्थ्य
विभाग द्वारा
निर्धारित
मापदण्डों
का पालन किया
जा रहा है? सी.एम.एच.ओ.
का जाँच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
करें? (ग) यदि
नर्सिंग
कालेज
निर्धारित
मापदण्डों
को पूरा नहीं
करते हैं तो
इनकी मान्यता
कब तक समाप्त
कर दी जायेगी? (घ) नर्सिंग
कालेज के
फर्जी पाये
जाने पर मान्यता
देने वाले
दोषी
अधिकारियों
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
सिविल सर्जन के पद पर संविदा नियुक्ति
64. ( क्र. 3002 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिला चिकित्सालय में संविदा चिकित्सक की नियुक्ति सिविल सर्जन के पद पर किस नियम के तहत की गई? सिविल सर्जन के ऊपर ई.ओ.डब्ल्यू. जाँच लंबित एवं उनके सेवानिवृत्त होने के पश्चात् भी उन्हें प्रभारी सिविल सर्जन बनाना क्या उचित था? क्या उनके द्वारा सिविल सर्जन के पद पर रहते हुए एक स्थानीय मेडिकल स्टोर से करोड़ों रूपये का स्थानीय स्तर पर क्रय कर मनमानी कीमत पर भुगतान कर लाभ पहुंचाया गया है? फिर भी उन्हें सिविल सर्जन बनाने के पीछे शासन की क्या मंशा थी? (ख) क्या सिविल सर्जन पर संविदा पद पर रहते हुए करोड़ों रूपये के क्रय आदेश जारी किये गये तथा शासन द्वारा भुगतान के निर्देश नहीं दिये जाने के उपरांत भी उनके द्वारा भुगतान किया गया? (ग) एन.आर.एच.एम./जननी शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला उज्जैन को गर्भवती महिलाओं की जाँच, सामान्य प्रसव में औषधियों एवं कन्ज्यूमेबल हेतु आवंटन उपलब्ध कराया गया था? उक्त आवंटन में से क्रय हेतु सामान्य प्रसव एवं सिजेरियन प्रसव हेतु क्रमश: 17 एवं 43 प्रकार की औषधी एवं सामग्री की सूची तय की गई थी किन्तु सिविल सर्जन द्वारा कुछ ही औषधी और सामग्री क्रय की गई तथा लगभग रूपये 24 लाख का कपड़ा क्रय किया गया, उसमें अनाधिकृत फर्म भी शामिल थी? उक्त आवंटन में क्रय किये गये कपड़े, सामग्री, औषधी आदि समस्त क्रय की सूची उपलब्ध आवंटन हेड अनुसार सप्लाई फर्म के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-12/2011/3/एक दिनांक 03 सितम्बर 2011 अनुसार अधिवार्षिकी आयु पूर्ण कर सेवा निवृत्त हो चुके शासकीय सेवकों की संविदा नियुक्ति हेतु निर्धारित मापदण्ड अनुसार प्रक्रिया का पालन कर डॉ. डी.पी. सिंह गहरवार को शासन आदेश दिनांक 25/7/2015 के द्वारा संविदा नियुक्ति प्रदान की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। डॉ. डी.पी. सिंह गहरवार, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक उज्जैन एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन में आर-1298/2015 से शिकायत क्रमांक 204/2015 दिनांक 25/08/2015 दर्ज कर सत्यापन की कार्यवाही प्रचलन में है पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ ‘’अ-1’’। डॉ. डी.पी. सिंह गहरवार द्वारा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला उज्जैन के पद पर रहते हुये स्थानीय क्रय की कार्यवाही भण्डार क्रय नियम अनुसार टेण्डर प्रक्रिया से ही की गई है। मनमानी तरीके से स्थानीय क्रय से किसी एक फर्म से क्रय न होकर टेन्डर की न्यूनतम दर पर ही क्रय की कार्यवाही की गई है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, उज्जैन में कार्यवाही प्रचलन में है, निर्णय होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी नहीं, शासन आदेश क्रमांक/8044/4142/2015/सत्रह/मेडि-1 दिनांक 20/10/2015 के द्वारा,आहरण एवं संवितरण संबंधी अधिकार डॉ. रविन्द्र श्रीवास्तव, चि.अ., जिला चिकित्सालय उज्जैन को प्रदत्त किए गए हैं। आदेश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’स’’ अनुसार है।
स्वास्थ्य केन्द्रों का व्यवस्थापन
65. ( क्र. 3033 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिलांतर्गत कुल कितने चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं एवं इनमें से कितने भरे हैं? (ख) जिला आगर अंतर्गत स्टाफ नर्स व ए.एन.एम. के स्वीकृत व भरे पदों का स्वास्थ्य केन्द्रवार विवरण देवें? (ग) क्या स्टाफ नर्स जिला मुख्यालय पर आधिक्य में कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो क्या समायोजन कर रिक्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर व्यवस्था की जावेगी और कब तक? (घ) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसनेर एवं जलखेड़ा के उन्नयन/सिविल हॉस्पिटल का दर्जा दिए जाने संबंधी प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आगर जिलांतर्गत चिकित्सकों के कुल 56 पद स्वीकृत एवं 30 चिकित्सक कार्यरत हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, केवल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसनेर एवं नलखेड़ा के उन्नयन के संबंध में मांग प्राप्त हुई थी। परीक्षण उपरांत उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्र नहीं होने एवं चिकित्सकों की कमी के कारण, उन्नयन प्रस्ताव मान्य करने योग्य नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन
66. ( क्र. 3034 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन हैं? कितने केन्द्रों के भवन हैं, कृपया सूची उपलब्ध करावें? (ख) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी व कब तक भवन बनेंगे? क्या मनरेगा के माध्यम से भवन बनवाये जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना सुसनेर व नलखेड़ा में कुल 309 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें से 135 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों मे संचालित है तथा 174 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये के भवनों में/अन्य शासकीय भवनों में) है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत 174 भवनविहीन (किराये के भवनों में/अन्य शासकीय भवनों में) आंगनवाड़ी केन्द्रों मे से 20 आंगनवाड़ी केन्द्रो हेतु 13वें वित्त आयोग अतंर्गत भवन निर्माण के लिये प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों के निर्माण हेतु आई.पी.पी.ई. विकासखण्ड/स्निप जिले में मनरेगा योजना के अभिसरण से ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की योजना विचाराधीन है। भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर इन भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी जा सकेगी एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद में राशि उपलब्ध होने पर आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिए जाने की योजना हैं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता हैं। अतः समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं।
बी.एन.पी. इंडिया ग्रुप ऑफ कंपनीज़ की धोखाधड़ी
67. ( क्र. 3045 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर व आगर (मालवा) जिले के पुलिस अधीक्षक को बी.एन.पी. इंडिया ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के द्वारा धोखाधड़ी से राशि हड़पने संबंधी शिकायत नागरिकों द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो क्या उसकी जाचं करायी गर्इ है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कम्पनी के विरूद्ध क्या पुलिस थाना कालापीपल, अकोदिया, सलसलाई व नलखेड़ा में प्रभावित नागरिकों द्वारा शिकायतें की गई हैं, उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कम्पनी के मैनेजर एवं डायरेक्टर के विरूद्ध क्या नलखेड़ा थाना जिला आगर (मालवा) में प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को किन-किन धाराओं में किया गया, तथा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शाजापुर जिले के नागरिकों द्वारा की गई शिकायतों के आधार पर कंपनी के मेनेजर एवं डायरेक्टर के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। शाजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक को बी.एन.पी. इंडिया ग्रुप आफ कम्पनीज के द्वारा धोखाधड़ी से राशि हड़पने संबंधी शिकायत नागरिकों द्वारा की गई है। जिला आगर (मालवा) के पुलिस अधीक्षक को नागरिकों द्वारा उक्त कम्पनी के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पुलिस अधीक्षक, शाजापुर को प्राप्त उपरोक्त सभी शिकायतों के संबंध में विधि अनुसार कार्यवाही की गई है। शिकायतों तथा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) बी.एन.पी. इंडिया ग्रुप आफ कम्पनीज के विरूद्ध अकोदिया, सलसलाई व नलखेड़ा में प्राप्त शिकायतों तथा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ में समाहित है। थाना कालापीपल पर उक्त कम्पनी के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) जी हाँ। थाना नलखेड़ा, जिला आगर (मालवा) पर उपरोक्त कम्पनी के संचालक सहित तीन व्यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। सभी संबंधित शिकायतों पर विधिसम्मत् कार्यवाही की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
थाना बनाया जाना
68. ( क्र. 3169 ) श्री सचिन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पुलिस चौकी खलटाका बाम्बे-आगरा मार्ग के अंतर्गत 72 ग्राम एवं पुलिस चौकी बलकवाड़ा के अंतर्गत 19 ग्राम आते हैं, तो क्या उक्त पुलिस चौकियों को थाना बताये जाने की कार्यवाही की संबंधित विभाग द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो कब? नहीं, तो क्यों, कारण सहित जानकारी दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों में कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने हेतु पर्याप्त पुलिस स्टाप मौजूद है? हां, तो कैसे एवं उक्त पुलिस चौकियों से प्रत्येक सभी ग्रामों की दूरी कितनी-कितनी है, उक्त ग्रामों में तुरंत कार्यवाही की जा सकती है? हां, तो कैसे? नहीं, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है, समीक्षावार जानकारी दें? (ग) क्या उक्त ग्रामों में कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु उक्त चौकियों को पुलिस थाना बनाने की प्रक्रिया को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा, समय-सीमा बतायें? नहीं, तो कारणों एवं नियमों का उल्लेख करें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) पुलिस चौकी खलटाका के अंतर्गत 37 ग्राम तथा थाना बलकवाड़ा के अंतर्गत 44 ग्राम आते है। चौकी खलटाका को थाने में उन्नयन करने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड अनुरूप नहीं होने के कारण अमान्य किया गया तथा थाना बलकवाड़ा पूर्व से ही स्वीकृत है। (ख) जी हाँ। चौकी खलटाका एवं बलकवाड़ा हेतु पर्याप्त बल स्वीकृत किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामप्रदायिक घटनाओं पर कार्यवाही
69. ( क्र. 3170 ) श्री सचिन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी सामप्रदायिक घटनाएं हुईं? कितने-कितने समय के लिए कब-कब, कहां-कहां कर्फ्यू लगाया गया, जिलेवार जानकारी दें? (ख) उक्त घटनाओं के दौरान कितनी-कितनी जन हानि हुई और सरकार द्वारा उन्हें किस प्रकार की कितनी-कितनी आर्थिक सहायता दी? जिलेवार दी गई सहायतावार जानकारी दें? (ग) उक्त घटनाओं में दोषी के खिलाफ प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या सामप्रदायिक घटनाओं को पूर्ण रूप से रोकने हेतु कोई विशेष कार्ययोजना बनाई गई है? हां, तो बतावें? नहीं, तो क्यों? कब तक बनाई जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) अप्रैल 2014 से जनवरी 2016 तक 49 साम्प्रदायिक घटनायें घटित हुई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं ’’ब’’ अनुसार। (ख) 06 लोगों की जनहानि हुई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार। सूंची ’’स’’ में उल्लेखित खण्डवा जिले के मृतक स्व. श्री सुशील पिता नारायण राव को कलेक्टर खण्डवा के प्रस्तावानुसार शासन आदेश दिनांक 05.02.2015 द्वारा रू. 1.00 (एक लाख) स्वीकृत किया गया है। देवास जिले के मृतक स्व.श्री नरेन्द्र राजौरिया को कलेक्टर देवास के प्रस्तावानुसार शासन आदेश दिनांक 30.01.2016 द्वारा रू. 4.00 (चार लाख) राशि स्वीकृत की गई है। शेष मृतकों के संबंध में संबंधित जिला कलेक्टर से प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण कर कार्यवाही की जावेगी। (ग) दोषी आरोपियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ में उल्लेखित है। (घ) साम्प्रदायिक घटनाओं को रोकने हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 1999 में गाईड लाईन जारी की गई है। समय-समय पर पुलिस मुख्यालय द्वारा अलर्ट/एडवाईजरी जारी की जाती है एवं नियमानुसार आरोपियों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाती है।
देश की रक्षा में हुए सैनिकों की याद में पार्क, मूर्ति स्थापना
70. ( क्र. 3188 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अम्बाह विधानसभान्तर्गत 01.01.2012 से 30.01.2016 तक कितने सैनिक देश की सुरक्षा में तैनात होने के दरम्यान शहीद हो चुके हैं, नाम, पते तथा शहीद होने की तिथि सहित जानकारी पृथक-पृथक दी जावे? (ख) क्या शासन द्वारा ऐसे शहीद होने वाले सैनिकों की यादगार में पार्क, मूर्ति स्थापना करवाने का कोई प्रावधान है? (ग) 01.01.2012 से प्रश्न दिनांक तक (अम्बाह विधानसभान्तर्गत) शहीद हुए कितने सैनिकों के पार्क, मूर्ति स्थापित कराई जा चुकी है? कितने सैनिकों की मूर्ति के पार्क बनाना शेष है, शेष रहने का कारण क्या है? जिनकी मूर्ति शासन स्तर से लगाई गई है, उनके नाम, पते व जिनकी नहीं लगाई गई है, उनके नाम, पते सहित जानकारी दी जावे तथा कब तक शेष रहने वाले सैनिकों की मूर्ति स्थापना करायी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिला सशक्तिरण
71. ( क्र. 3275 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर में महिला सशक्तिकरण में पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारी की जानकारी कहां-कहां और कब से पदस्थ है, परियोजनावार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या अनूपपुर जिले की विभिन्न परियोजनाओं में स्वीकृत पद में कम कर्मचारी/अधिकारियों की कमी के कारण शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ग) पद पूर्ति के लिये शासन द्वारा कब तक विभिन्न वर्गों के रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी? समय-सीमा बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रश्नांश 'क' की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) शासन की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
माननीय उच्चतम न्यायालय में दर्ज प्रकरण
72. ( क्र. 3317 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 372/15 में 9 जुलाई, 2015 के दिन राज्य शासन द्वारा व्यापम घोटाले के कितने प्रकरण प्रस्तुत किये गये थे? उनके क्रमांक तथा दिनांक सहित सूची देवें? (ख) क्या मा. उच्चतम न्यायालय ने उक्त प्रकरण में मात्र 185 प्रकरणों की जाँच C.B.I से करने का आदेश दिया था? यदि हाँ, तो बतावें कि उस दिनांक तक S.T.F. में दर्ज 212 प्रकरण क्यों नहीं दिये गये? (ग) शेष 27 प्रकरण कौन-कौन से थे? उनकी सूची प्रस्तुत करें तथा बतावें कि 185 के अलावा इन प्रकरणों की मा. उच्चतम न्यायालय में क्यों नहीं पेश किया गया, कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या सी.बी.आई. मात्र 157 प्रकरण पर ही जाँच/विवेचना करेगी? यदि हाँ, तो बतावें कि शेष 55 प्रकरण की जाँच किसके द्वारा की जावेगी? क्या शासन मा. उच्चतम न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सी.बी.आई. से सारे प्रकरणों की जाँच तथा नये प्रकरण दर्ज करने का आदेश देने का अनुरोध करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) माननीय उच्चतम न्यायालय में दिनांक 09 जुलाई, 2015 को याचिका क्रमांक 372/15 में राज्य शासन द्वारा व्यापम घोटाले के प्रकरणों की कोई संख्या प्रस्तुत नहीं की गई थी। (ख) माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 372/15 में दिनांक 09 जुलाई 2015 को दिये गये आदेश में व्यापम से संबंधित अपराधिक प्रकरणों की विवेचना तथा उनसे संबंधित मृत्यु के प्रकरणों को 13 जुलाई 2015 से सी.बी.आई. को हस्तांतरित किया गया था। माननीय न्यायालय के आदेश में प्रकरणों की संख्या का उल्लेख नहीं था। व्यापम घोटाले से संबंधित कई प्रकरण राज्य के विभिन्न जिलों के थानों में पंजीबद्ध थे जिनमें से कई प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन थे तथा कुछ प्रकरणों में न्यायालयों से निर्णय हो चुका था जिनकी जानकारी संबंधित जिलों से बाद में प्राप्त होने पर माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष समस्त 212 प्रकरण सी.बी.आई. को हस्तांतरित किये जाने का आवेदन दिनांक 21.08.2015 को प्रस्तुत किया गया है। (ग) व्यापम घोटाले से संबंधित कुल 212 प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं ’ब’ अनुसार। माननीय उच्चतम न्यायालय में दिनांक 21.08.2015 को समस्त 212 प्रकरणों की सूची ही प्रस्तुत की गई है। चूंकि माननीय उच्चतम न्यायालय में समस्त प्रकरण प्रस्तुत किये गये हैं। अतः इस हेतु कोई जिम्मेदार नहीं है। (घ) माननीय उच्चतम न्यायालय में लंबित प्रकरण क्रमांक 372/15 में प्रश्नांश ’ख’ अनुसार समस्त प्रकरण सी.बी.आई. को सौंपने का आवेदन विचाराधीन है, प्राप्त निर्देशानुसार कार्यवाही की जावेगी।
प्रदेश में केरोसिन फुटकर बिक्री दर निर्धारण की जानकारी
73. ( क्र. 3337 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में मार्च, 2014 से आयल कंपनी के डिपो से राशन दुकानों तक सीधी दूरी के आधार पर थोक डीलर की दर से परिवहन व्यय निर्धारित करके एवं सेमी होल सेलर हटाकर केरोसिन फुटकर बिक्री दर निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो प्रदेश के अन्य कौन-कौन जिलों में इस प्रकार केरोसिन फुटकर बिक्री दर निर्धारित है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो व्यवस्था कटनी जिले में चल रही है, वह पूरे प्रदेश में क्यों लागू नहीं की जा सकती है, बतावें? (ग) क्या शासन केरोसिन डिपों से फुटकर बिक्री स्थल तक लघुतम सड़क मार्ग से न्यूनतम दूरी का न्यूनतम परिवहन व्यय सिद्धांत के आधार पर केरोसिन फुटकर बिक्री दर के निर्धारण पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा शासन को प्रश्नांश (क) से (ग) तक विषय में पत्र क्र. 2650, दिनांक 22.12.2015 लिखा गया है? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो नियमानुसार कार्यवाही न करने के लिये कौन दोषी है? शासन उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। तेलदूत योजना अंतर्गत जिला भोपाल, बुरहानपुर, ग्वालियर, इन्दौर, जबलपुर, मुरैना, रतलाम, रीवा एवं उज्जैन के जिला मुख्यालय के नगरीय क्षेत्रों में भी ऑयल कंपनी के डिपो से राशन दुकानों तक केरोसीन सेमीहोलसेलर को हटाकर सीधी दूरी के मान से थोक डीलर की दर से परिवहन व्यय के आधार पर केरोसीन फुटकर दर का निर्धारण किया गया है। शेष क्षेत्रों की दूरस्थ उचित मूल्य दुकानों तक टेंकर द्वारा केरोसीन का परिवहन सम्भव नहीं होने, सेमीहोलसेलर कार्यरत होने आदि कारणों से थोक डीलर के माध्यम से सीधे सभी उचित मूल्य दुकानों पर केरोसीन प्रदाय की व्यवस्था लागू नहीं की गई है। (ख) कटनी जिले में केरोसीन प्रदाय हेतु भाव निर्धारण व्यवस्था का परीक्षण किया जाकर अन्य क्षेत्रों में लागू करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। (ग) यथासंभव न्यूनतम दूरी के मान से निर्धारण किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं का परीक्षण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित
74. ( क्र. 3368 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र-23, करैरा अंतर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, आरोग्य केन्द्र आदि में कितने-कितने पद महिला एवं पुरूष वर्ग के स्वीकृत हैं? (ख) क्या सभी स्वास्थ्य सेवाओं में पुरूष और महिला वर्ग के अधिकारी/कर्मचारी स्वीकृति अनुसार पदस्थ है? (ग) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करैरा एवं नरवर में स्वीकृत महिला विशेषज्ञ एवं महिला सहायक शल्य चिकित्सक के पद रिक्त है? यदि हाँ, तो कब से रिक्त है व उनकी पूर्ति (पदस्थापना) कब तक कर दी जायेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) (ख) में वर्णित स्वास्थ्य सेवाओं में कई स्थानों पर स्टाफ के अतिरिक्त उपकरण जैसे एक्स-रे मशीन, ब्लड बैंक उपकरण, बी.पी. मशीन आदि का भी अभाव है? यदि हाँ, तो जनहित में इनकी पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आरोग्य केन्द्रों पर कोई पद स्वीकृत नहीं है। (ख) जी नहीं, समस्त केन्द्रों पर शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं है। (ग) करेरा एवं नरवर में स्त्रीरोग विशेषज्ञ का एक-एक पद स्वीकृत एवं वर्ष 2010 से रिक्त है। विभाग अंतर्गत महिला सहायक शल्य चिकित्सक के पदनाम से पद स्वीकृत नहीं है। स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा प्रश्न का असत्य उत्तर
75. ( क्र. 3385 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या 135 (क्र. 2120) दिनांक 14 दिसंबर, 2015 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर के तारतम्य में वेंडर से अनुबंध कब और किन शर्तों पर किया गया? कार्य की निविदा की कार्यवाही कब की गई, किन-किन के द्वारा टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया गया था एवं कार्यालय नगरपालिका निगम कटनी के बजाय ई-गवर्नेंस कार्यालय में यह कार्य जनवरी, 2014 से दिसंबर 2015 तक शासन नियमों के विपरीत कराये जाने के क्या कारण थे? किस सक्षम प्राधिकारी के किस आदेश के तहत ऐसा किया गया? (ख) शासनादेशों के स्पष्ट उल्लंघन का कौन-कौन जिम्मेदार है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नगरपालिका कटनी द्वारा कम्प्यूटराईजेशन कार्य हेतु दिनांक 14.05.2012 को कटनी कम्प्यूटर सिस्टम कटनी से किया गया। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नगरपालिका कटनी के कम्प्यूटराईजेशन कार्य हेतु निविदा माह मार्च, 2012 में आमंत्रित की गई थी, जिसमें लाईफ लाईन इन्फोकॉम, जबलपुर, के. आदित्य सेल, कटनी एवं कटनी कम्प्यूटर सिस्टम, कटनी द्वारा भाग लिया गया। समग्र पोर्टल पर परिवारों की आई.डी. का निर्माण एवं पात्र परिवारों का सत्यापन का दायित्व स्थानीय निकाय को दिया गया है। शासन द्वारा पात्र परिवारों का सत्यापन के स्थान के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किए जाने के कारण नियमों के विपरित कार्य कराए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय अधिकारियों द्वारा उपार्जन केन्द्र की जाँच
76. ( क्र. 3386 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की मुड़वारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत की राशन दुकानों से किस-किस श्रेणी के कितने-कितने प्राथमिकता परिवारों का सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सामग्री 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हो रही है? (ख) क्या 14 मई 2015 को विभाग के प्रमुख सचिव महोदय एवं आयुक्त महादय द्वारा ग्राम पिपरौध तहसील व जिला कटनी की उचित मूल्य दुकान एवं उपार्जन केंद्र की जाँच की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो उचित मूल्य दुकान की जाँच में क्या पाया गया, कितने परिवारों को किन-किन कारणों से अपात्र पाया गया था एवं क्या पायी गई अनियमितता के संबंध में अपात्र परिवारों का सत्यापन करने वाले आवंटन जारी करने वाले, वितरण करने वाले, वितरण की जाँच करने वाले, शासकीय सेवकों के विरूद्ध निर्धारित समयावधि में कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कार्यवाही का विवरण दें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बताये कि विभागीय अधिकारियों द्वारा उपार्जन केंद्र की जाँच में खरीदी केंद्र से खरीदी कब से कब तक, किन कारणों से बंद होना पाया गया था एवं जाँच दिनांक के पश्चात किस दिनांक तक केंद्र में खरीदी बंद रही थी? क्या वरिष्ठ अधिकारियों के भ्रमण के दौरान दिये गये निर्देशों के पश्चात् भी खरीदी प्रारंभ न होना गंभीर अनियमितता नहीं है? यदि हाँ, तो इसका कौन जिम्मेदार है? इस पर क्या कार्यवाही की गई बतायें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 का क्रियान्वयन प्रदेश में दिनांक 01 मार्च, 2014 से प्रारम्भ किया गया है जिसके अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकता परिवार श्रेणी में 23 श्रेणी के परिवारों को सम्मिलित किया गया है। कटनी जिले की मुड़वारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मार्च, 2014 से जनवरी, 2016 तक उचित मूल्य दुकानों से राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु संलग्न पात्रता पर्चीधारी (ई-राशनकार्ड) प्राथमिकता परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्तमान में मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत श्रेणीवार प्राथमिकता परिवारों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रमुख सचिव खाद्य, आयुक्त, खाद्य एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा दिनांक 14 मई, 2015 को ग्राम पिपरौध तहसील जिला कटनी के गेंहू उपार्जन केन्द्र का निरीक्षण किया गया। उपार्जन केन्द्र के निरीक्षण के समय उचित मूल्य दुकान पिपरौध से संलग्न उपभोक्ताओं द्वारा राशन वितरण के संबंध में की गई शिकायत के आधार पर सहायक आपूर्ति अधिकारी कटनी द्वारा उचित मूल्य दुकान पिपरौध की जाँच की गई। (ग) उचित मूल्य दुकान की जाँच में पाई गई अनियमितता एवं अपात्र पाये गये परिवारों का प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उचित मूल्य दुकान पर पाई गई अनियमितताओं के कारण प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतु लिखा गया था। जिसके विरूद्ध श्री राजेन्द्र सिंह विक्रेता उचित मूल्य दुकान पिपरौध द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत याचिका पर स्थगन दिये जाने के कारण आगामी कार्यवाही नहीं की जा सकती है। अपात्र व्यक्तियों का सत्यापन करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी कटनी को लिखा गया है। जारी पात्रता पर्ची का वितरण न करने तथा अपात्र व्यक्तियों का पात्र परिवार के रूप में सत्यापन करने के कारण पंचायत सचिव ग्राम पंचायत पिपरौध को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही प्रचलित होने कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपार्जन केन्द्र पिपरौध की जाँच तहसीलदार कटनी द्वारा की गई जिसमें दिनांक 06.05.2015 से 18.05.2015 तक उपार्जन केन्द्र पर बारदाना उपलब्ध न होने के कारण उपार्जन कार्य बंद होना पाया। उपार्जन केन्द्र पर बारदाने प्रदाय न करने के कारण जिला विपणन अधिकारी कटनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
नियम विरूद्ध ठेका दिया जाना
77. ( क्र. 3421 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष, 2015 में बैरल ड्रग कंपनी को कितनी राशि का ठेका दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उक्त कंपनी की नेटवर्थ वैल्यू ठेका देते समय कितनी थी, प्रमाण पत्र सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या किसी भी कंपनी को ठेका देते समय पहले उसकी वैल्यू और मैन्यूफैक्चरिंग पॉवर आदि देखे जाने का नियम है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के तहत क्या उक्त कंपनी को नियम विरूद्ध ठेका दिया गया था?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कारपोरेशन द्वारा वर्ष 2015 में बैरल ड्रग कंपनी के साथ राशि रू. 5,45,56,482.80 के ठेके के लिये दर अनुबंध किया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन की निविदा की नियम व शर्त में ठेका देते समय कंपनी की नेटवर्थ वेल्यु मांगना उल्लेखित नहीं है। किंतु कंपनी का विगत तीन वर्षों का वार्षिक टर्नओवर स्टेटमेन्ट लिया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) ठेका देते समय कंपनी की मेन्युफेक्चरिंग पॉवर हेतु कंपनी की उत्पादन क्षमता देखी जाती है। जो की निविदा में उल्लेखित नियम व शर्त के अनुरूप है। संलग्न जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं।
शासन नियमों के विरूद्ध संविदा नियुक्ति
78. ( क्र. 3422 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न परि. अता. संख्या 12 (क्र.199), दिनांक 11 दिसम्बर, 2015 के तहत क्या जिस विभाग या संस्थान में नियम/उपनियम नहीं होते हैं, वहां शासन के नियम प्रचलन में रहते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या म.प्र. शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्र. सी-3-12/2011/3/ एक, दि. 3 सितम्बर, 2011 के बिन्दु (2) (ड.), (च) के अनुसार 67 वर्ष तक के लिए ही संविदा नियुक्ति निर्धारित शर्तों के अधीन दी जाने का नियम हैं? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या प्रश्न दिनांक को पदस्थ रजिस्ट्रार की आयु 67 वर्ष 5 महीने से अधिक है? यदि हाँ, तो क्या उक्त नियुक्ति नियम विरूद्ध है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस द्वारा फरार अपराधियों को पकड़ने हेतु अभियान
79. ( क्र. 3462 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी, 2013 के पश्चात् तक कुल कितनी इनामी तथा घोषित अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं, तथा उक्त अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिये कब-कब अभियान चलाये गये, जिलेवार जानकारी देवें? (ख) प्रदेश में 1 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने लोगों के लापता होने के प्रकरण पुलिस में दर्ज हुए हैं? (ग) उक्त अवधि में प्रदेश में कुल कितने अपराधी पैरोल लेकर बाहर आये हैं और फरार हो गये हैं, तथा सरकार द्वारा फरार हुए अपराधियों की पैरोल की अभिशंसा करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी, जिलेवार जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रदेश में प्रश्नांकित अवधि (दि. 01.01.2013 से दि. 10.02.16) में इनामी एवं घोषित अपराधी जिनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है, का जिलावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) प्रदेश में प्रश्नांकित अवधि में कुल 91463 व्यक्तियों के गुम होने के संबंध में गुम इंसान/प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार।
ऑनलाईन साफ्टवेयर द्वारा राशन दुकानों पर वितरण
80. ( क्र. 3463 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार द्वारा राशन डीलरों के राशन सामग्री वितरण पर प्रभावी मॉनिटरिंग करने हेतु क्या व्यवस्था प्रचलन में है? क्या सरकार द्वारा राशन डीलरों को कम्प्यूटर संचालित मशीनों द्वारा राशन सामग्री वितरण करने के आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कब? (ख) क्या उक्त कम्प्यूटर मशीनों को संचालित करने के लिए डीलरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, तथा उक्त कम्प्यूटर संचालित मशीनों का व्यय किसके द्वारा वहन किया जायेगा व क्या उक्त मशीनों के संचालन हेतु राशन डीलरों को अलग से कोई भत्ता या मानदेय स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो कितना व नहीं, तो क्यों? (ग) राशन सामग्री का ऑनलाईन सॉफ्टवेयर द्वारा वितरण कब से प्रारंभ किया जाना था, तथा वर्तमान में कहां-कहां डीलरों द्वारा ऑनलाईन साफ्टवेयर द्वारा वितरण किया जा रहा है? (घ) जिन क्षेत्रों में ऑनलाईन साफ्टवेयर द्वारा वितरण नहीं किया जा रहा है? उक्त क्षेत्रों में विलम्ब के क्या कारण हैं? सरकार द्वारा उक्त क्षेत्रों में ऑनलाईन साफ्टवेयर द्वारा राशन सामग्री का वितरण कब तक प्रारंभ होगा?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत संचालित उचित मूल्य दुकानों से पात्र परिवारों को राशन सामग्री वितरण पर प्रभावी मॉनीटरिंग हेतु प्रावधान मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में किए गए हैं जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्वाइंट ऑफ सेल मशीन से सामग्री वितरण की तैयारी हेतु जिलों को जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। मशीन के किराए पर होने वाले व्यय की राशि का वहन भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा 50-50 प्रतिशत के अनुपात में किया जाएगा। उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली संस्थाओं को खाद्यान्न पर कमीशन की बढ़ोत्तरी राज्य सरकार द्वारा दिनांक 01 अप्रैल, 2015 से की गई है। जी नहीं। दुकान संचालन करने वाली संस्था को राशन सामग्री पर देय कमीशन में से उचित मूल्य दुकान के विक्रेता को वेतन का भुगतान किया जाता है। पी.ओ.एस. मशीन से सामग्री वितरण करना उचित मूल्य दुकान संचालन प्रक्रिया का भाग होने के कारण दुकानदारों को पृथक से कोई भत्ता या मानदेय दिए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पी.ओ.एस. मशीन लगाने हेतु सेवाप्रदाता से किए गए अनुबंध अनुसार मेसर्स डी.एस.के. डिजिटल को आवंटित जिलों में माह सितम्बर, 2015 से तथा मेसर्स विजनटेक को आवंटित जिलों में माह दिसम्बर, 2015 से पी.ओ.एस. मशीन लगाई जाकर आगामी माह से पी.ओ.एस. मशीन से राशन सामग्री का वितरण किया जाना था। माह फरवरी, 2016 में पी.ओ.एस. मशीन से जिन जिलों में राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) सेवाप्रदाता द्वारा समय-सीमा में पी.ओ.एस. मशीन उचित मूल्य दुकानों पर न लगाए जाने के कारण शेष जिलों में पी.ओ.एस. मशीन से राशन सामग्री वितरण प्रारम्भ करने में विलम्ब हुआ है। शेष जिलों में यथासंभव माह मार्च, 2016 तक पी.ओ.एस. मशीन लगाई जाकर माह अप्रैल, 2016 से राशन सामग्री का वितरण प्रारम्भ किया जाएगा।
100 बिस्तर के अस्पताल निर्माण हेतु भूमि की व्यवस्था
81. ( क्र. 3485 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 100 बिस्तर के अस्पताल के निर्माण के लिये विभाग को कितनी जगह की आवश्यकता है और क्या उतनी खुली भूमि शास. चिकित्सालय में है? विभाग द्वारा 100 बिस्तर के अस्पताल के संदर्भ में क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा कितने पत्र किस-किस विभाग को कब-कब लिखे गये हैं, तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) 100 बिस्तर के अस्पताल के संदर्भ में किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब दौरा किया गया, तथा उनके द्वारा दी गई टीप के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना में जन प्रतिनिधियों को नजर अंदाज करके कार्य किया जा रहा है यदि नहीं, तो बताये कि 100 बिस्तर अस्पताल के संदर्भ में किये गये अधिकारियों के दौरे के संदर्भ में किन-किन जनप्रतिनिधियों को सूचित किया गया तथा कौन जन प्रतिनिधि दौरे के समय उपस्थित रहा? (ग) उज्जैन कलेक्टर द्वारा भूमि सर्वें क्रमांक 337, रकबा 5 हेक्टेयर में से 2 हेक्टेयर अस्पताल के उपयोगार्थ दिनांक 12/10/2015 को स्वीकृत किया गया है? उपरोक्त भूमि पर निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया जायेगा? जन प्रतिनिधियों के पत्रों के त्वरित जवाब देने के शासन का स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद भी प्रश्नकर्ता विधायक कार्यालय के पत्र क्र. 267, दिनांक 14/1/2016 का जवाब देरी से दिये जाने हेतु कौन अधिकारी दोषी हैं, उस पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भारतीय भवन मानक 2005 की अनुशंसा के अनुसार लगभग 2.70 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, और इतनी खुली भूमि शासकीय अस्पताल बड़नगर में नहीं है। विभाग द्वारा दिनांक 17.07.13 को भवन निर्माण हेतु रूपये 11.5 करोड़ राशि की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई, दिनांक 15.07.15 को मुख्य अभियंता (स्वास्थ्य) द्वारा संशोधित मानचित्र प्रस्तुत करने हेतु मुख्य वास्तुविद, लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा गया, मुख्य वास्तुविद द्वारा प्रस्तुत संशोधित कॉन्सेप्ट प्लान का अनुमोदन विभाग द्वारा दिनांक 18.09.15 को किया गया है। इसी आधार पर पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग द्वारा भवन निर्माण हेतु एजेन्सी तय की गई। (ख) दिनांक 31.5.15 एवं 11.10.15 को परियोजना संचालक पी.आई.यू लोक निर्माण विभाग एवं मुख्य वास्तुविद लोक निर्माण विभाग द्वारा एवं दिनांक 23.12.15 को संचालक (भवन) स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी एवं सहायक यंत्री उज्जैन के साथ द्वारा दौरा किया गया। संचालक द्वारा भ्रमण पश्चात निरीक्षण टीप दिनांक 26.12.15 को उचित निर्णयार्थ स्वास्थ्य आयुक्त के माध्यम से शासन की ओर प्रेषित की गई। जी नहीं, परियोजना संचालक पी.आई.यू द्वारा दिनांक 11.10.15 को निरीक्षण के दौरान माननीय विधायक से दूरभाष पर चर्चा की, क्योंकि विधायक महोदय उस समय अस्वस्थ्य थे, अतः योजना में जन प्रतिनिधियों को नजर अंदाज नहीं किया गया। (ग) जी हाँ। यथाशीघ्र, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। माननीय विधायक का पत्र क्रमांक 14.01.16 विभाग में अप्राप्त है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इंदौर-उज्जैन संभागांतर्गत अपराधों में वृद्धि
82. ( क्र. 3511 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन संभाग प्रारंभ से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र होकर आपराधिक गतिविधियों का केन्द्र बनते जा रहे हैं? (ख) साथ ही क्या उक्त संभाग में गांजा, भांग, चरस, स्मैक, हेरोईन, अफीम, अवैध शराब एवं मादक पदार्थों की तस्करी का प्रमुख कार्य क्षेत्र भी लगातार बनते हुए अपराधों में वृद्धि होती जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त आशय के कारणों से लूट, नकबजनी, चोरी, डाके एवं हत्याओं तथा मारपीट की गंभीर घटनाओं में भी लगातार वृद्धि होकर जनता में भय एवं असुरक्षा का वातावरण बनता जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त संभाग में सुरक्षा की दृष्टि से विभागीय स्वीकृत पदों की पर्याप्त पूर्ति होकर पर्याप्त बल उपलब्ध है? साथ ही वर्ष, 2014-15 एवं वर्ष, 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक उक्त संभाग में उक्त आशय की कितनी घटनाएं होकर प्रकरण पंजीबद्ध हुए, उन पर क्या कार्यवाहियां की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। उज्जैन जोन सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील है जहां छोटी-छोटी घटनाओं को लेकर सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो जाता है किंतु पुलिस प्रशासन की सजगता एवं सतर्कता से अपराधों पर नियंत्रण किया जाता रहा है। विगत वर्षों में कानून व्यवस्था सामान्य रही है। (ख) जी नहीं। उज्जैन जोन में मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है-
जोन |
वर्ष |
एन.डी.पी.एस. एक्ट के प्रकरणों की संख्या |
आबकारी एक्ट के प्रकरणों की संख्या |
उज्जैन जोन |
2013 |
118 |
7086 |
उज्जैन जोन |
2014 |
103 |
7477 |
---------- |
2015 |
81 |
6978 |
---------- |
2016 |
11 |
520 |
(ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मरीजों के उपचार की योजनाएं
83. ( क्र. 3512 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य सरकार प्रवर्तित अनेक स्वास्थ्य योजनाएं मरीजों के उपचार हेतु प्रदेश भर में सफलतापूर्वक क्रियान्वित की जा रही हैं? साथ ही मुख्यमंत्री जी द्वारा एवं दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना के माध्यम से भी मरीजों की गंभीर बिमारियों का उपचार किया जा रहा है? (ख) क्या इंदौर एवं उज्जैन संभागांतर्गत आने वाले हजारों मरीजों के उपचार का सर्व-सुविधायुक्त एकमात्र इंदौर नगर के ख्याति प्राप्त चिकित्सक, विशेषज्ञ एवं चिकित्सालयों का ही मुख्य आधार केन्द्र हैं? (ग) साथ ही शासन/विभागीय योजनाओं के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले मरीजों के साथ ही मा. मुख्यमंत्री जी से अनुशंसित/स्वीकृत प्रकरण भी तैयार किये जाते हैं? (घ) यदि हाँ, तो प्रकरणों को तैयार करने से पूर्व मरीजों की जाँच स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार हेतु स्टीमेट (प्राक्कलन) भी तैयार किये जाते हैं? यदि हाँ, तो उक्त दोनों संभागों के अंतर्गत आने वाले मरीजों के उपचार का मुख्य केन्द्रीय स्थल इंदौर केन्द्रित कर योजनाओं के क्रियान्वयन पर शासन/विभाग विचार कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। इंदौर एवं उज्जैन संभाग अंतर्गत आने वाले मरीजों का उपचार बिमारियों के अनुरूप ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वास्थ्य, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल अस्पताल एवं जिला चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सकों द्वारा किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की अनेक योजनाओं के अंतर्गत इंदौर नगर के ही नहीं अपितु अन्य शहरों के शासन से मान्यता प्राप्त सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालयों एवं शासकीय चिकित्सा महाविद्यायालयों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले मरीजों को योजनांतर्गत उपचार दिया जाता है। (ग) जी हाँ। नियमानुसार (घ) जी हाँ। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
सरकार एवं एन.जी.ओ. द्वारा लगाये जाने वाले मेडिकल कैम्पों में लापरवाही
84. ( क्र. 3589 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार और एन.जी.ओ. द्वारा लगाये जाने वाले मेडिकल कैम्प में डॉक्टरों द्वारा लापरवाही और मरीजों को दी जाने वाली घटिया दवाईयों के मद्देनजर सरकार की इन कैम्पों पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना है? (ख) हाल ही में बड़वानी एवं सतना जिले में लापरवाही/घटिया दवाई से कितने मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई? नामवार आंकड़ा दें? बड़वानी एवं सतना जिले में पीडि़तों को कितना मुआवजा राशि देने की घोषणा की गई? (ग) क्या पीडि़तों को मुआवजा राशि प्राप्त हो गई? यदि नहीं, तो देरी के क्या कारण रहे? (घ) क्या यह सही है कि कुछ दवा कंपनियाँ इन मेडिकल कैम्पों को अपनी दवाईयों की ट्रायल हेतु इस्तेमाल कर रही है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। शासन द्वारा ग्रामीण स्तर पर मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर आयोजित नहीं किये जाते है, स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से अनुमति उपरांत ग्रामीण स्तर पर मोतियाबिंद ऑपरेशन के चयन हेतु रोगियों के नेत्र परीक्षण शिविर आयोजित किये जाते है। (ख) बड़वानी जिले में निर्धारित प्रोटेाकॉल के पालन न करने के कारण मोतियाबिंद ऑपरेशन के पश्चात कुल 68 मरीजों की आँखों में संक्रमण हुआ एवं वे दृष्टिबाधित हुए। दवाईयों के कारण किसी भी मरीज की दृष्टिबाधित नहीं हुई। सतना जिले में कोई लापरवाही परिलक्षित नहीं हुई और न ही दवाईयों के कारण किसी भी मरीज की दृष्टिबाधित हुई। बड़वानी जिले के मरीजों का नामवार आंकड़ा जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ केवल बड़वानी जिले में पीडितों को राशि रू. 2.00 लाख मुआवजा तथा सहायता राशि रू. 5000.00 प्रतिमाह आजीवन के लिए स्वीकृत की गयी है। सतना जिले में किसी भी मरीज के आँखों की रोशनी नहीं गयी है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।
फूड कूपनों के खाद्यान्न वितरण
85. ( क्र. 3590 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वार गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को राशन के लिए फूड कूपन जारी किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इसकी क्या प्रक्रिया है? (ख) क्या पिछले 3 वर्षों में भोपाल संभाग में राशन वितरण में गड़बड़ी के कितने मामले सामने आए हैं? (ग) पिछले 3 वर्षों में भोपाल में फर्जी फूड कूपन के माध्यम से खाद्यान्न में गड़़बड़ी किए जाने के कितने मामले सामने आए हैं? (घ) क्या शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से राशन खरीदी करने वालों को बिल (कैश मेमो) देने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो इस पर अमल की क्या स्थिति है? किन-किन जिलों में बिल दिए जा रहे हैं?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 24 श्रेणियों के परिवारों को पात्र परिवार के रूप में शामिल किया गया है, जिसमें गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के सर्वे सूची में दर्ज परिवार भी सम्मिलित है। स्थानीय निकाय द्वारा इन परिवारों का सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। (ख) विगत तीन वर्षों में राशन वितरण में अनियमितता के कारण भोपाल में 65, विदिशा में 03, सीहोर में 84, रायसेन में 43 एवं राजगढ़ में 27 प्रकरण निर्मित किए गए। (ग) भोपाल जिले में फर्जी पात्रता पर्ची के माध्यम से खाद्यान्न वितरण का कोई प्रकरण निर्मित नहीं किया गया है तथापि अपात्र परिवारों का सतत् रूप से चिन्हांकन करने हेतु परिवारों की पहचान एवं निवास के प्रमाण का दस्तावेज प्रस्तुत न करने वाले 40,749 परिवारों को राशन सामग्री का आवंटन जारी नहीं किया गया है इनमें से जो परिवार पहचान एवं निवास के प्रमाण प्रस्तुत कर रहे हैं उनको पुन: उचित मूल्य दुकान से मेप कर सामग्री का प्रदाय किया जा रहा है। (घ) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन (पाइंट आफ सेल) लगाई जाना है। पी.ओ.एस. मशीन से पात्र परिवारों को राशन सामग्री के वितरण के समय बिल (कैश मेमो) दिये जाने का प्रावधान है। माह फरवरी, 2016 में प्रदेश के 26 जिलो में पी.ओ.एस. मशीन से राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। जिनमें पात्र परिवारों को बिल (कैश मेमो) जारी किया जा रहा है। जिलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष जिलों में माह फरवरी एवं मार्च, 2016 तक मशीन लगाई जाकर क्रमश: माह मार्च एवं अप्रैल, 2016 से राशन सामग्री का वितरण पी.ओ.एस. मशीन से किया जाएगा।
प्रदेश के शास. चिकित्सालयों में जननी सुरक्षा वाहनों का संचालन
86. ( क्र. 3614 ) श्री
चैतराम
मानेकर :
क्या लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश के सभी
चिकित्सालयों
में जननी
सुरक्षा
वाहनों को
चलाये जाने
हेतु एक जैसे
मापदण्ड
बनाये गये हैं? (ख) यदि
हाँ, तो
क्या इन
मापदण्डों
का पालन बैतूल
जिले के
चिकित्सालयों
में हो रहा है? (ग) यदि
नहीं, तो
जननी सुरक्षा
वाहनों के
अनियमित
संचालन हेतु
दोषियों के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई?
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) एवं (ख)
जी हाँ। (ग) प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
शास. प्राथ. स्वास्थ्य केंद्रों का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन
87. ( क्र. 3615 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शास. प्राथ. स्वास्थ्य केन्द्र का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन के क्या प्रावधान है? क्या जनसंख्या के आधार पर भी उन्नयन का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो सारणी नगरीय एवं ग्रामीण आबादी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का लाभ कब तक मिल जायेगा? (ग) क्या इस संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु जनसंख्या के निर्धारित मापदण्डानुसार सामान्य क्षेत्र में 1.20 लाख एवं आदिवासी क्षेत्र में 80 हजार की जनसंख्या का प्रावधान है। (ख) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बैतूल से प्रस्ताव मंगाकर परीक्षण उपरांत निर्णय लिया जावेगा। (ग) जी नहीं। यथा शीघ्र।
खाद्यान्न वितरण
88. ( क्र. 3626 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की सेवा सहकारी समिति ढिकोली द्वारा कौन-कौन सी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में 1 मार्च 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना खाद्यान्न और केरोसिन का आवंटन किया गया? माहवार बतायें? (ग) सेवा सहकारी समिति ढिकोली द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानों द्वारा 1 मार्च 2014 से प्रश्न दिनांक तक परिवार आई.डी. एवं पर्ची द्वारा कितनों को कितना-कितना खाद्यान्न दिया गया?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार है।
चिकित्सालय में जाँच लैब एवं उपचार की सुविधा
89. ( क्र. 3655 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना शहर में संक्रमण बीमारियों जैसे स्वाईन फ्लू, एड्स आदि अन्य की जाँच हेतु लैब उपलब्ध है? यदि हाँ, तो गुना और आसपास के जिलों में इन बीमारियों वाले मरीजों के जाँच लैब एवं उपचार व्यवस्था हेतु गुना जिले को शामिल किया जावेगा? (ख) गुना शहर में विभाग द्वारा उक्त बीमारियों की जाँच और उपचार की व्यवस्था कब से की जायेगी? (ग) क्या गुना चिकित्सालय में एड्स की जाँच और उपचार की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो क्या इसके लिए सुरक्षित वार्ड एवं डॉक्टर उपलब्ध हैं? गत 3 वर्षों में प्रतिमाह कितने मरीजों का उपचार किया है? गुना जिले में एड्स के कुल कितने मरीज चिन्हित हैं? गुना में इलाज की सुविधा के प्रचार-प्रसार एवं जाँच कराने हेतु विभाग ने कोई कार्यवाही की है? (घ) यदि गुना शहर में प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के अंतर्गत संक्रमित बीमारियों की जाँच और उपचार की व्यवस्था नहीं है तो गत तीन वर्षों में इन बीमारियों से कितने मरीजों की मौत हुई है? कितने उपचार हेतु गुना में भर्ती हुए? यह भी बतायें कि कब तक यह सुविधा उपलब्ध करायेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) गुना शहर में स्वाईन फ्लू के मरीजों की जाँच हेतु लेख उपलब्ध नहीं है। किन्तु एच.आई.वी एड्स की जाँच के लिये लैब की सुविधा उपलब्ध है। वर्तमान में गुना शहर में स्वाईन फ्लू की लैब शुरू करना प्रस्तावित नहीं है। (ख) गुना शहर के जिला चिकित्सालय में स्वाईन फ्लू के उपचार एवं एच.आई.वी एड्स के मरीजों की जाँच की व्यवस्था है। शेष प्रश्नांश 'क' की परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) गुना जिला चिकित्सालय में एच.आई.वी. की जाँच उपलब्ध है एवं एच.आई.वी. की जाँच के लिये प्रशिक्षित स्टॉफ उपलब्ध है। विगत 3 वर्षों में कुल 115 व्यक्ति एच.आई.वी. संक्रमित पाये गये हैं एवं कुल 157 एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति एन्टी रेट्रो वायरल उपचार ए.आर.टी. सेन्टर से प्राप्त कर रहे है। गुना जिले में एच.आई.वी. एड्स की जागरूकता हेतु निम्नांकित कार्य किये गये:-
क्र. |
कार्यक्रम विवरण |
वित्तीय वर्ष |
||
2012-13 |
2013-14 |
2014-15 |
||
1 |
आकाशवाणी केन्द्र भोपाल से प्रसारित कार्यक्रम |
156 |
104 |
52 |
2 |
दूरर्दशन केन्द्र भोपाल से प्रसारित कार्यक्रम |
12 |
06 |
06 |
3 |
विश्व एड्स दिवस, राष्ट्रीय युवा दिवस एवं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम |
04 |
03 |
03 |
4 |
रेड रिबन क्लब |
11 |
11 |
10 |
5 |
होर्डिंग्स प्रदर्शन |
- |
05 |
- |
6 |
लोक कला प्रस्तुतियां |
- |
20 |
- |
(घ) गुना जिले में स्वाईन फ्लू का उपचार एवं एच.आई.वी. जाँच व्यवस्था। गुना जिले में स्वाईन फ्लू की विगत तीन वर्षों की जानकारी :- वर्ष 2013 एवं 2014 में स्वाईन फ्लू कोई प्रकरण एवं मृत्यु नहीं थी। वर्ष 2015 में स्वाईन फ्लू के 09 प्रकरण हुये जिनमें से 04 मरीजों की मृत्यु भोपाल में हुई एवं जिला अस्पताल गुना में 06 मरीज उपचारी थे। स्वाईन फ्लू की जाँच हेतु बायोसेफ्टी लेबल - 3 लैब की आवश्यकता होती है। जो वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस चौकी का पुलिस थाना में उन्नयन
90. ( क्र. 3656 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले का मकसूदनगढ़ कस्बा चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र क्रं. 30 में आता है एवं इसमें तहसील एवं कृषि उपज मंडी संचालित है तथा क्या मकसूदनगढ़ क्षेत्र अन्य विधानसभा क्षेत्र के पुलिस थाना क्षेत्रांतर्गत है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) सत्य है तो मकसूदनगढ़ कस्बे को पुलिस थाना घोषित कर संचालित करने के लिए कौन-कौन से नियम और प्रक्रिया लागू है? यह भी बतायें कि मकसूदनगढ़ क्षेत्र में हो रहे अपराधों का नियंत्रण चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के कौन से अधिकारी करते हैं? (ग) गुना जिले के मकसूदनगढ़ कस्बे की पुलिस चौकी को पुलिस थाना घोषित कर स्टॉफ की स्थापना कर कब तक संचालित करायेंगे?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। मकसूदनगढ़ कस्वा थाना जामनेर के अंतर्गत आता है। जिसका विधान सभा क्षेत्र चांचौडा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। चौकी प्रभारी मकसूदनगढ़ थाना प्रभारी जामनेर, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) चांचौडा एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) चांचौडा द्वारा की जाती है। (ग) प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बीमारी सहायता राशि से लाभान्वित की जानकारी
91. ( क्र. 3693 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला एवं राज्य बीमारी सहायता के अंतर्गत किन-किन बीमारियों को चिन्हित किया गया है? (ख) चिन्हित बीमारियों का उपचार कौन-कौन से चिकित्सालयों में कराया जा सकता है राज्य के भीतर एवं राज्य के बाहर के चिकित्सालयों की सूची प्रदान करें? (ग) जिला एवं राज्य बीमारी सहायता के अंतर्गत तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के कितने हितग्राही वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक लाभान्वित हुए हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) म.प्र. राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत - 1. कैंसर रोग 2. हृदय शल्य क्रिया 3. गुर्दा प्रत्यारोपण 4. घुटना बदलना 5. कूल्हा बदलना 6. थोरेसिक सर्जरी 7. सिर की चोटे 8. स्पाइन सर्जरी 9. रेटीनल डिटेचमेंट 10. प्रसवोत्तर जटिलतायें 11. ब्रेन सर्जरी 12. न्यूरो सर्जरी 13. एम.डी.आर. 14. पैस मेकर 15. वेसकुलर सर्जरी 16. कंजेनेटल मेलफार्मेशन 17. एप्लीस्टिक एनीमिया 18. बर्न एण्डर पोस्ट बर्न कॉन्ट्रेक्चर 19. क्रॉनिक रीनल डिसिसेज (अ. नेफ्रोटिक सिन्ड्रॉम ब. पैरिटोनियल डायलीसिस स. हिमोडायलीसिस) 20. स्वाईन फ्लू (सी-कैटेगरी) 21. बाझपन बीमारियों को चिन्हित किया गया है। (ख) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। बाझपन बीमारी के उपचार हेतु चिकित्सालयों को मान्यता दिये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार की उपलब्धता
92. ( क्र. 3704 ) श्री लखन पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दमोह जिले में विकासखंड पथरिया बटियागढ़ एवं दमोह में खंडवार कितने स्व-सहायता समूह हैं, जो आंगनवाड़ी केंद्रों को खाद्यान्न स्कंध उपलब्ध कराते हैं? (ख) प्रत्येक स्व-सहायता समूह द्वारा जनवरी 2015 से मार्च 2015 इसी क्रम में तीन-तीन (त्रिमासिक) खाद्यान्न का उठाव (राशन दुकान से) किस-किस दिनांक को किया? 31 दिसम्बर 2015 तक की उठाव (खाद्यान्न) जानकारी देवें? (ग) उपरोक्त विकासखंडों के अंतर्गत स्व-सहायत समूहों द्वारा खाद्यान्न हर त्रिमास में ही उठाया गया है, यदि नहीं, तो कब या अगले त्रिमास में उठाया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) दमोह जिले में विकासखंड पथरिया, बटियागढ़ एवं दमोह में खंडवार निम्नानुसार स्व-सहायता समूह जो कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराते है :-
क्र |
विकासखण्ड का नाम |
विकासखण्ड अंतर्गत कार्यरत परियोजना का नाम |
अनुबंधित स्व-सहायता समूहों की संख्या |
आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या |
1 |
पथरिया |
पथरिया |
128 |
189 |
2 |
बटियागढ़ |
बटियागढ़ |
149 |
174 |
3 |
दमोह |
दमोह ग्रामीण |
203 |
274 |
|
|
दमोह शहरी |
07 |
81 |
|
|
योग |
487 |
718 |
विकासखण्डवार/परियोजनावार/स्व-सहायता समूहवार एवं आंगनवाड़ी केन्द्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ अनुसार है। (ख) दमोह जिले में विकासखण्ड पथरिया, बटियागढ़ एवं दमोह में खंडवार/परियोजनावार अनुबंधित स्व-सहायता समूहों को जनवरी 2015 से मार्च 2015 इसी क्रम में त्रैमासिक अप्रैल 2015 से जून 2015 त्रैमासिक जुलाई 2015 से सितम्बर 2015 एवं त्रैमासिक अक्टूबर 2015 से दिसम्बर 2015 तक खाद्यान्न का उठाव की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘2’ अनुसार है। (ग) स्व-सहायता समूहों द्वारा त्रैमासिक अंतर्गत खाद्यान्न उठाव एवं स्व-सहायता समूहों द्वारा अगले त्रैमास में खाद्यान्न उठाव संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘3’ अनुसार है।
पोषण आहार (सांझा चूल्हा) योजना
93. ( क्र. 3705 ) श्री लखन पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र पथरिया में माह जनवरी, फरवरी एवं मार्च 2016 के लिए किस-किस राशन दुकान को सांझा चूल्हा योजना में खाद्यान्न का कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) वर्णित योजना अंतर्गत आवंटन अनुसार अब तक राशन दुकानों द्वारा किस-किस स्व-सहायता समूहों को खाद्यान्न उपलब्ध करा चुके हैं? (ग) यदि नहीं, तो किस-किस को कब तक खाद्यान्न पहुंचा दिया जावेगा? (घ) यदि माह जनवरी 2016 को स्व-सहायता समूहों को खाद्यान्न नहीं दिया गया, तब की स्थिति में आंगनवाड़ी केंद्रों को आहार कैसे पहुंचाया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पथरिया में माह जनवरी, फरवरी एवं मार्च 2016 के लिए राशन दुकानों को को सांझा चूल्हा योजना अंतर्गत आवंटित खाद्यान्न का विवरण निम्नानुसार हैः-
क्र. विकास
खंड राशन
दुकान आवंटित
खाद्यान्न
का
नाम की संख्या
गेंहू चावल
1. पथरिया
17 393.00 132.32
2. बटियागढ़
13 243.43 68.88
----- ------- -------------
योग
- 30 636.43 201.20
------ -------
-------------
विकासखण्डवार/परियोजनावार/स्व-सहायता
समूहवार एवं आंगनवाड़ी
केन्द्रवार सूची
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) प्रश्नांक
'क'
में
दर्शित राशन
दुकानों को
माह जनवरी, फरवरी
एवं मार्च 2016 का खाद्यान्न
उपलब्ध करा
दिया गया है, स्व-सहायता
समूहों के
द्वारा खाद्यान्न
उठाने की
कार्यवाही
प्रचलन में है।
(ग) राशन
दुकानवार खाद्यान्न
पहुंचा दिया
गया है। (घ) माह
जनवरी 2016 को स्व-सहायता
समूहों को खाद्यान्न
दिया गया है। स्व-सहायता
समूहों को आंगनवाड़ी
केन्द्र में
दर्ज
हितग्राहियों
के मान से तीन
माह हेतु
अनुमानित खाद्यान्न
(गेंहू-चावल) उपलब्ध
कराया जाता है।
स्व-सहायता
समूहों के पास
उपलब्ध खाद्यान्न
से आंगनवाड़ी
केन्द्रों
में पूरक पोषण
आहार
पहुंचाया जाता
है। माह
दिसम्बर 2015 के अंत
में समूहों के
पास उपलब्ध गेंहू/चावल
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-02 अनुसार है।
दोषी पर कार्यवाही
94. ( क्र. 3738 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 01.10.15 को संजय गांधी अस्पताल में इलाज कराने हेतु पहुंचे पूर्व विधायक रामगरीब कोल और उनकी पत्नी के साथ डॉ. मिथुन जैन एवं डॉ. उमेश पटेल द्वारा गाली गलौच, जाति सूचक अपमानित शब्दों का प्रयोग करते हुये धक्का मुक्की की जिसकी शिकायत पुलिस महानिरीक्षक रीवा एवं अन्य पुलिस अधिकारियों से पीडि़त द्वारा अपने शिकायती पत्र में की गई है? यदि हाँ, तो उक्त पत्र के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाही दोषियों पर की गई? (ख) यदि प्रश्नांश (क) सही है तो अभी तक पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज न करने मुल्जिमों की गिरफ्तारी न होने में कौन-कौन दोषी उनके विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में कब तक अपराध पंजीबद्ध कराकर उनकी गिरफ्तारी करा ली जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) पूर्व विधायक श्री रामगरीब कौल और उनकी पत्नी के साथ डॉ. मिथुन जैन एवं डॉ. उमेश पटेल द्वारा गाली गलौच, जाति सूचक अपमानित शब्दों का प्रयोग करते हुए धक्का मुक्की करने संबंधी शिकायत आवेदन पत्र पुलिस महानिरीक्षक रीवा एवं पुलिस अधीक्षक रीवा एवं अन्य पुलिस अधिकारियों को दिया गया था। आवेदन पत्र की जाँच पर आवेदक के साथ किसी प्रकार के अपराध का घटित होना एवं जातिगत भावना से अपमानित करना नहीं पाया गया। (ख) उत्तरांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में आवेदन जाँच पर किसी प्रकार का अपराध घटित होना नहीं पाया गया। (ग) उत्तरांश ’क’ एवं ’ख’ अनुसार।
आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण
95. ( क्र. 3763 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण किस-किस संस्था द्वारा किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त वर्ष में संस्था को कितना भुगतान किया गया? मदवार विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार उपरोक्त वर्षों में संस्था ने कितना भुगतान किस-किस को कब-कब किया? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त प्रशिक्षण से प्रशिक्षणार्थियों को क्या-क्या लाभ हुआ?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नावधि में दर्शाना महिला कल्याण समिति द्वारा छतरपुर जिले में आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण किया गया है। (ख) प्रश्नावधि में कुल रू. 19652591/- वर्षवार एवं मदवार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' अनुसार है। (ग) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''02'' अनुसार है। (घ) प्रशिक्षण मॉड्यूल 6 एवं 7 से आशाओं में नवजात शिशु की घर पर देखभाल संबंधी कौशल का विकास हुआ है।
खाद्यान्न भण्डारण हेतु दिशा निर्देश
96. ( क्र. 3764 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में निजी/शासकीय/अर्द्धशासकीय भण्डार गृह में विभिन्न योजनाओं के तहत खाद्यान्न भण्डारण हेतु शासन ने क्या नियम एवं दिशा-निर्देश दिए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त भण्डार गृहों में कितनी अवधि तक खाद्यान्न भण्डारित करने का नियम है? (ग) विगत एक वर्ष में छतरपुर जिलांतर्गत ऐसे कितने निजी/शासकीय/अर्द्धशासकीय भण्डार गृह हैं जिनमें खाद्यान्न का भण्डारण शासन द्वारा तय समय-सीमा से अधिक समय तक रखा हुआ पाया गया? इनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) छतरपुर जिले में ऐसे कितने निजी/शासकीय/अर्द्धशासकीय भण्डार गृह हैं जो वर्ष भर भरे रहते हैं एवं ऐसे कितने भण्डार गृह हैं जिनमें वर्ष के कुछ दिनों तक ही खाद्यान्न भण्डारण होता है? ऐसा किन कारणों से किया जाता है? क्या यह कारण विधि के अनुरूप है? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही होगी?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांकित भण्डार गृहों में विभिन्न योजनाओं के तहत खाद्यान्न भण्डारण हेतु जारी नीति/निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) भण्डारगृहों में भण्डारण हेतु कोई समय-सीमा नियत नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) छतरपुर जिले में 68 शासकीय/अर्द्धशासकीय एवं 6 निजी भण्डारगृहों में वर्ष 2015-16 में खाद्यान्न का भण्डारण किया गया। कोई भी गोदाम ऐसा नहीं है, जो वर्ष पर्यन्त भरा रहा हो। उक्त गोदामों में न्यूनतम साढ़े चार माह से पाँच माह तक खाद्यान्न भण्डारित रहा है। खाद्यान्न भण्डारण के पश्चात जमाकर्ता अभिकरणों की मांग (सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य शासकीय योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों के वितरण हेतु) के अनुरूप खाद्यान्न का उठाव कराया जाता है। जी हाँ। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
संविदाकर्मियों की समस्याओं का निराकरण
97. ( क्र. 3800 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश, जिला इकाई कटनी के द्वारा दिनांक 21.12.2015 को मान. मुख्यमंत्री जी एवं दिनांक 04.01.2016 को मान. मंत्री जी को कोई अभ्यावेदन दिये हैं? और उनमें कतिपय समस्याओं और मांगों की ओर ध्यान आकर्षित कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) द्वारा अपने मानदेय, नियमितिकरण, अप्रेजल सिस्टम-सह-वेतनवृद्धि निर्धारण तथा अनुशासनात्मक व दण्डात्मक प्रावधानों के विषय में क्या मांगे उठायी हैं? विभाग द्वारा विचार कर कब तक मांग पूर्ति कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में दर्शाई मांगों के निराकरण हेतु संचालक, एन.एच.एम. की अध्यक्षता में एक समिति का गठन दिनांक 19/02/2016 को किया गया है, समिति की अनुशंसा प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ट्रामा सेंटर की स्वीकृति
98. ( क्र. 3883 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय प्रभारी मंत्री महोदया जिला राजगढ़ की अध्यक्षता में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक दिनांक 1 जुलाई, 2015 में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ को निर्देश दिये गये थे, कि संपूर्ण उपयोगिता दर्शाते हुये ब्यावरा में ट्रामा सेंटर खोले जाने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जाये? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्देशों के पालन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ द्वारा प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है तथा प्रेषित प्रस्ताव में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो उक्त प्रस्ताव किन कारणों से किस स्तर पर लंबित है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। संपूर्ण उपयोगिता दर्शाते हुये कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ को निर्देशित किया गया है कि संपूर्ण उपयोगिता दर्शाते हुये प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत करें। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
99. ( क्र. 3884 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की सिविल अस्पताल ब्यावरा में शिशु रोग विशेषज्ञ एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुठालिया में स्त्री रोग विशेषज्ञ व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मलावर, नापानेरा, टोड़ी में लंबे समय से चिकित्सक नहीं है? (ख) क्या स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण जनता की स्वास्थ्य सेवाओं हेतु शीघ्र उपरोक्तानुसार रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। विशेषज्ञों के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। रिक्त पद की पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति/जनजाति परिवारों को जारी खाद्यान्न पर्ची
100. ( क्र. 3896 ) श्री दिनेश राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार की अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों के शासकीय योजनानुसार बी.पी.एल., ए.पी.एल. कार्ड एवं अन्य कार्ड बनाने की योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिवनी जिले के विकासखण्ड सिवनी, छपारा, कुरई व लखनादौन के जनपद/नगरीय क्षेत्र में कितने अनुसूचित जाति, जनजाति के परिवार निवासरत हैं, कितने परिवारों को खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी गई है, कितने शेष परिवारों की पर्ची कब तक जारी की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिनकी पात्रता पर्ची अभी तक जारी नहीं की गई है, इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदेश के समस्त अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों को (प्रथम/द्वितीय/तृतीय श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी तथा आयकर दाता को छोड़कर) प्राथमिकता परिवार श्रेणी में सम्मिलित किया गया है, जिनको स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी करने का प्रावधान है।, (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आवेदन करने वाले पात्र परिवार को पात्रता पर्ची जारी की गई है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।, (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरक्षक से प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नति में अनियमितता
101. ( क्र. 3932 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ, बड़वानी एवं अलीराजपुर जिले में वर्ष 2012 से कितने आरक्षकों को प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया? क्या इन तीनों जिलों में पदोन्नति के समय रोस्टर का पालन किया गया है? पदोन्नत आरक्षकों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या यह सही है कि उपरोक्त जिलों में आरक्षकों के पदोन्नति में रोस्टर का पालन नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि रोस्टर का पालन नहीं किया जाकर पदोन्नति की गई है, तो इससे संबंधित अन्य प्रभावित आरक्षकों को पदोन्नत किये जाने हेतु विभाग क्या कार्यवाही करेगा, अवगत करावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' ''ब'' एवं ''स'' अनुसार। पदोन्नति सूचियों का पुलिस मुख्यायल स्तर पर परीक्षण के दौरान परिलक्षित हुई विसंगतियों के संबंध में उपयुक्त कार्यवाही हेतु पुलिस महानिरीक्षक, इन्दौर जोन को निर्देशित किया गया है।
दोषियों पर कार्यवाही करना
102. ( क्र. 3958 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के खाद्य अधिकारी द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का निरीक्षण किया गया? निरीक्षण के दौरान दुकानों में खाद्यान्न के अनियमित भुगतान, खाद्यान्न की चोरी, खाद्यान्न पर्ची न मिलने, पचासी-नब्बे वर्ष के कार्डधारियों के आधार कार्ड न बनने पर खाद्यान्न न मिलने जैसे कुल किनती शिकायतें प्राप्त हुई तथा किन-किन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान अंतर्गत संचालित उचित मूल्य की दुकान बड़ागांव की खाद्य नागरकि आपूर्ति विभाग द्वारा गठित टीम द्वारा भी जाँच की गई थी? इस दुकान की अनियमितता के लिये संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला खाद्य अधिकारी द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान वाहन एवं तेल में व्यय की गई राशि की जानकरी देवें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अधिकारियों द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का निरीक्षण किया गया तो खाद्यान्न की चोरी की शिकायतों पर संबंधित समिति प्रबंधक एवं सेल्समेनों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अधिकारियों द्वारा अगर अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन न कर शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का समय-समय पर निरीक्षण न करने के लिये दोषी मानते हुए संबंधितों के विरूद्ध क्या एवं किस तरह की कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रीवा जिले के खाद्य अधिकारियों द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक में कुल 203 शासकीय उचित मूल्य दुकानों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान दुकानों में खाद्यान्न के अनियमित वितरण की 47, खाद्यान्न चोरी की 1 व खाद्यान्न पर्ची न मिलने की 5 शिकायतें प्राप्त हुई। पचासी-नब्बे वर्ष के कार्डधारियों के आधारकार्ड न बनने पर खाद्यान्न न मिलने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। जिले में उक्त अवधि में उचित मूल्य दुकान बंद मिलने के 6 प्रकरण निर्मित किये गये। दुकान में अनियमितता पाये जाने के 41 प्रकरण निर्मित किये गये, जिसमें 2 उचित मूल्य दुकानें, रीवा नगर की निलंबित की गई, 11 उचित मूल्य दुकानों के विरूद्ध निर्मित प्रकरण में जमा प्रतिभूति राशि में से राशि रूपये 12000 समपहृत की गई एवं 30 उचित मूल्य दुकानों के प्रकरण संबंधित अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में प्रचलित है। पात्रता पर्ची न मिलने, राशि लेकर पात्रता पर्ची जारी करने, अपने परिवार के व्यक्तियों को पात्रता पर्ची दिये जाने व पात्रता पर्ची में काट-छांट कर अन्य व्यक्ति को दिये जाने पर 4 सचिवों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु प्रकरण मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, रीवा को भेजा गया। ग्राम पंचायत परिहारिनपुर्वा (विकासखण्ड जवा) के प्रकरण में पंचायत सचिव, सरपंच एवं सरपंच/सचिव प्रतिनिधि के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई। ग्राम पंचायत डभौरा के सचिव द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर अपने परिवार को पात्रता पर्ची दिये जाने, पात्र परिवार को समग्र पोर्टल से हटाकर पात्रता पर्ची निरस्त किये जाने एवं राशि लेकर पात्रता पर्ची जारी किये जाने पर पंचायत सचिव को निलंबित किया जाकर ब्लॉक मुख्यालय में संलग्न किया गया। जी हाँ, जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान अंतर्गत संचालित उचित मूल्य दुकान बड़ागाँव की जाँच दल द्वारा जाँच की गई। जाँच में अनियमितता पाये जाने पर उचित मूल्य दुकान के विक्रेता के विरूद्ध प्रकरण सक्षम न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी, अनुविभाग गुढ़ को भेजा गया। वर्तमान में उक्त प्रकरण न्यायालयीन प्रकिया के अंतिम चरण में होकर 08 मार्च 2016 को अनुविभागीय अधिकारी द्वारा आदेश हेतु नियत है। (ख) उपरोक्त ’क’ के संदर्भ में जिला आपूर्ति अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान विभागीय आवंटित वाहन में उपयोग किये गये पेट्रोल में राशि रूपये 1,27,994/- व्यय की गई। (ग) खाद्यान्न चोरी होने के एक प्रकरण में समिति दुआरी की उचित मूल्य दुकान, उमरिहा में खाद्यान्न एवं शक्कर चोरी होने की शिकायत विक्रेता द्वारा पुलिस थाना, गुढ़ में की गई थी, जिसकी विभागीय जाँच में दुकान से ताला टूटने व चोरी होने की पुष्टि नहीं हुई है। जिले में उचित मूल्य दुकानों से चोरी होने पर पुलिस में रिर्पोट एवं विभाग को सूचना के आधार पर आदेश क्रमांक 17/खाद्य/ 16 दिनांक 05.01.16 द्वारा निर्देश जारी किये गये है कि जिस उचित मूल्य दुकानों से सामग्री चोरी होने की शिकायत प्राप्त हुई थी, उन दुकानों के समिति अध्यक्ष/समिति प्रबंधक/विक्रेता द्वारा चोरी गई सामग्री को बाजार से क्रय कर उपभोक्ताओं को वितरण करने के निर्देश दिये गये हैं। (घ) जिला/ सहायक/कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों द्वारा अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन किया जाकर व्यक्तिगत एवं जाँच दल में उचित मूल्य दुकानों का नियमित रूप से जिले में निरीक्षण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वर्तमान संचालक चिकित्सा शिक्षा के विरूद्ध कार्यवाही
103. ( क्र. 4011 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक जयारोग्य चिकित्सालय ग्वालियर ने माह जुलाई 2015 को अधिक भुगतान के अंतर की वसूली हेतु सहमति प्रदान करने बाबत् ग्वालियर के विभिन्न सप्लायरों को पत्र जारी किया है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013 में 211.90 की कीमत के इंजेक्शन का भुगतान 385 रूपये की दर से करने के पश्चात् माह जुलाई 2015 में नोटिस जारी करने का क्या औचित्य है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासन को 1,14,59,220/- रूपये की वित्तीय हानि पहुंचाने वालों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करते हुए राशि की वसूली और पदावनत करने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ग) के परिप्रेक्ष्य में संचालक चिकित्सा शिक्षा के विरूद्ध कौन-कौन सी जांचे कब-कब से प्रचलन में तथा जब भ्रष्टाचार एवं नियम विरूद्ध कार्यवाही की जांचे प्रचलन हैं, तो उन्हें किस नियम के तहत पदोन्नति प्रदान की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) लोकायुक्त प्रकरण क्रमांक 270/2013 पंजीबद्ध है तथा प्रकरण की जानकारी महालेखाकार प्रतिवेदन के माध्यम से प्राप्त होने पर मेरोपेनम इंजेक्शन प्रदायकर्ता संस्थाओं को अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर द्वारा अधिक भुगतान की गई राशि एवं ब्याज की राशि की वसूली हेतु नोटिस जारी किया गया हैं। (ग) अतिरिक्त भुगतान की गई राशि की वसूली की जा चुकी हैं तथा ब्याज की राशि की वसूली की कार्यवाही अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर द्वारा की जा रही हैं। संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित अधिकारियों के विरूद्ध आरोप-पत्र जारी किए गए हैं तथा विभागीय जाँच में प्रतिवेदन प्राप्त होने पर निर्णय लिया जाएगा यथाशीघ्र निश्चित समयावधि दी जाना संभव नहीं है। (घ) वर्तमान में प्रभारी संचालक, चिकित्सा शिक्षा के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में नहीं है तथा संचालक, चिकित्सा शिक्षा के पद पर प्रश्न दिनांक तक किसी की नियमित पदोन्नति नहीं की गई हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धर्मशाला, रैनबसैरा व आयुष्मति भवन पर अवैध कब्जा
104. ( क्र. 4012 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में भर्ती रोगियों व उनके परिजनों के ठहरने हेतु चिकित्सालय के आधिपत्य के भवन, रैनबसैरा, धर्मशाला, आयुष्मति भवन आदि का उपयोग रोगियों व उनके परिजनों की अपेक्षा अनाधिकृत रूप से पुलिस चौकी व अन्य लोगों/संस्थाओं के द्वारा अवैध कब्जा कर निवासरत है? (ख) यदि नहीं, तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा उक्त भवनों का आवंटन किन-किन को कब-कब तथा किस अनुबंध/नियम के तहत किया गया? (ग) यदि नहीं, तो क्या अस्पताल प्रबंधन द्वारा उक्त अनाधिकृत लोगों को आवास रिक्त करने हेतु नोटिस जारी किए गए है? यदि हाँ, तो कब-कब किस-किस को और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? कब उक्त तक भवनों को रिक्त करा लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा दिनांक 17 जुलाई 2014 को चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव (अजय तिर्की),उप सचिव (एस.एस. कुमरे) और अधिष्ठाता गांधी मेडिकल कॉलेज को शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो कार्यवाही नहीं करने का क्या कारण है व लापरवाही करने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में भर्ती रोगियों के परिजनों के ठहरने हेतु चिकित्सालय परिसर में नगर निगम भोपाल द्वारा रैन बसेरा का निर्माण किया गया हैं, जिसमें महिलाओं एवं पुरूषों के रूकने की अलग-अलग निःशुल्क व्यवस्था हैं, इसके साथ ही माननीय सांसद निधि से भी एक रैन बसेरा का निर्माण किया गया हैं, जिसका प्रेरणा सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालन किया जा रहा हैं। हमीदिया चिकित्सालय में दो धर्मशाला भवन संचालित हैं, जिसमें एक धर्मशाला में प्रेरणा सेवा ट्रस्ट द्वारा मरीजों हेतु भोजन वितरित करने संबंधी कार्यों हेतु किया जाता हैं तथा दूसरी धर्मशाला में महिला बाल विकास विभाग द्वारा झूला घर संस्था संचालित हैं। इसके अतिरिक्त आयुष्मति भवन में थाना तलैया की पुलिस चैकी पुलिस अधीक्षक भोपाल के आदेश क्रमांक स्था/पु.अ.भो./एसी-1/चैकी-91/2980-ए/91 दिनांक 29-9-1999 के परिप्रेक्ष्य में की गई हैं। थाना प्रभारी थाना तलैया भोपाल के पत्र क्रमांक थानाप्र/तलैया/भो/एम-35/15 दिनांक 3-4-2015 के पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) चिकित्सालय परिसर में रैन बसेरा भवन की अनुमति नगर निगम भोपाल को निर्माण कार्य हेतु दी गई हैं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार एवं प्रेरणा सेवा ट्रस्ट द्वारा रैन बसेरा संचालित किया जा रहा हैं। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) हमीदिया चिकित्सालय भोपाल की धर्मशाला में श्री देवादीन श्रीवास कक्ष सेवक को आदेश क्रमांक 19106-09 दिनांक 16-10-1995 एवं श्री तिलकराज साहू को आदेश क्रमांक 10683-85 दिनांक 23/08/2004 के द्वारा इन दोनो कर्मचारियों को धर्मशाला में चैकीदारों का कार्य करने हेतु आदेशित किया गया था। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार एवं पाँच अनुसार है। उन्हें धर्मशाला के कमरा रिक्त करने के लिए अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के पत्र क्रमांक 5770-71 दिनांक 11/06/2009 एवं पत्र क्रमांक 5768-69 दिनांक 11/06/2009 द्वारा लेख किया गया था, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छः एवं सात अनुसार है। हमीदिया चिकित्सालय के पत्र क्रमांक 2545-46 दिनांक 19/02/2016 एवं पत्र क्रमांक 2547-48 दिनांक 19/02/2016 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-आठ एवं नौ द्वारा उन्हें पुनः रिक्त करने हेतु निर्देश जारी कर दिये गये हैं। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित दिनांक को चिकित्सा महाविद्यालय में ऐसी शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग पर हो रही दुर्घटनाएं
105. ( क्र. 4026 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय मार्ग क्रमांक-3 मुंबई-आगरा पर मानपुर एवं धामनोद के बीच स्थिति भेरूघाट एवं बाकानेर घाट पर दिनांक 01.01.2010 से प्रश्न दिनांक तक दुर्घटना में कितनी मौते हो चुकी हैं? (ख) प्रश्न (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन ने निर्मित सड़क में दुर्घटना का कारण बनने वाली तकनीकी त्रुटियों की जाँच के लिये क्या कदम उठाये हैं? यदि नहीं, तो कब तक कदम उठाये जायेंगे? (ग) इस तकनीकी त्रुटियों के लिये जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम, सहित बतावें? इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) तकनीकी त्रुटियां दूर करने तक इस मार्ग पर दुर्घटना स्थलों के समीप सांकेतक कब तक लगाये जायेंगे समय-सीमा बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) कुल 89 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। (ख) उपरोक्त निर्मित सड़क में दुर्घटनाओं का मूल कारण है ढलान में बड़े वाहन चालकों द्वारा न्यूट्रल पर गाड़ी चलाना। न्यूट्रल पर गाड़ी चलाने के कारण चालक अक्सर अपना संतुलन खो बैठते हैं एवं इसके कारण अनेक दुर्घटनाएं देखी गयी हैं। इस समस्या से निपटने के लिए पूर्व में ही अनेक कदम उठाए गये जैसे कि अधिक से अधिक रोड संकेतक, हाईमास्ट लाईट एवं रम्बल स्ट्रीप, क्रैस बैरियर इत्यादि लगाये गये हैं। भविष्य में इस सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने हेतु चौड़ीकरण एवं सेंड अरेस्टर बेड का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है, जिसके लिए कुल रू. 8.95 करोड़ का प्रावधान कर सक्षम प्राधिकारी को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जा चुका है एवं स्वीकृति उपरांत इस पर तुरंत कार्यवाही कर दी जाएगी। (ग) चूंकि अधिकांश दुघटनाएं मानवीय भूल के कारण घटित हो रही हैं अतः इसके लिए किसी व्यक्ति की जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकती है। यद्यपि इसको कम करने हेतु उपरोक्तानुसार आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। (घ) बाकानेर एवं भेरू घाट पर कुल 87 सांकेतक लगाए गये है। (63 नं. बाकानेर घाट, 21 नं. केंटीलीवर एवं 22 नं. भेरूघाट)
फटाका व्यवसायियों के संबंध में
106. ( क्र. 4027 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार में फटाकों के स्थाई लायसेंस, अस्थाई लायसेंस, विस्फोटक क्रय करने, विस्फोटक संग्रहित करने के लायसेंस एवं इन सभी के गोडाउन की पूर्ण जानकारी देवें? (ख) स्थाई फटाके का लायसेंस लेने के बाद शासन द्वारा कितने समय में इनमें निरीक्षण की प्रक्रिया की जाती है? (ग) क्या निरीक्षण अवधि पूरी होने के पहले भी बार-बार निरीक्षण किया जा सकता है? यदि नहीं, तो किस आधार पर स्थाई फटाका व्यवसायियों का बार-बार निरीक्षण किया जाता है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) विस्फोटक अधिनियम 1884 के अंतर्गत निर्मित विस्फोटक नियम 2008 के नियम 128 (4) के अनुसार कार्यपालिक दण्डाधिकारी या उप निरीक्षक से अग्रिम पंक्ति के पुलिस अधिकारी अपनी अधिकारिता के भीतर 6 माह में एक बार निरीक्षण कर सकता है। (ग) विस्फोटक नियम 2008 के नियम 128 (ख) के अनुसार उत्तर ‘ख’ में उल्लेखित अधिकारी आवश्यकता पड़ने पर विस्फोटों अथवा उनके संघटकों के लिये तलाशी ले सकता है।
खाद्य तेल के अपमिश्रण प्रकरण पर की गई कार्यवाही
107. ( क्र. 4098 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में खाद्य तेलों के अपमिश्रण के कितने प्रकरण वर्ष जून 2014 एवं 2015 तक पंजीबद्ध किये गये? तहसीलवार, वर्षवार जानकारी फर्मों के मालिक व प्रतिष्ठान सहित जानकारी दी जावे? (ख) उक्त अवधि में खाद्य तेलों में अन्य तेलों के मिश्रण के प्रकरणों की टेस्ट किस लेबोरेट्रियों में कराई गई, कितने मिश्रणों में शुद्धता पाई गई? मिश्रण वाले प्रकरणों में किस प्रकार के तेलों का मिश्रण किया गया? (ग) उक्त फर्मों के खिलाफ क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई तथा कितनों के खिलाफ क्रियान्वयन किया गया, वर्ष सहित पूर्ण जानकारी दी जावे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ‘ब’ अनुसार है।
राशन की दुकानों के आवंटन में गड़बड़ी
108. ( क्र. 4112 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर में नगरीय क्षेत्र में कितनी खाद्यान्न दुकानों का संचालन हो रहा है। स्थान, वार्ड, संचालन समिति, संचालक का नाम सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में दुकानों के संचालन के लिये शासन के क्या नियम हैं और एक समिति कितनी दुकानों का संचालन कर सकती है? (ग) नगरीय क्षेत्र की किस-किस दुकान को 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना राशन, केरोसिन दिया गया माहवार, वार्डवार, समिति सहित बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कौन-कौन सी समितियों के विरूद्ध वितरण में गड़बड़ी की शिकायतें 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई उन पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई बतायें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) छतरपुर के नगरीय क्षेत्र में कुल 92 उचित मूल्य दुकानों का संचालन हो रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की कंडिका 8 एवं 10 में उचित मूल्य दुकानों के संचालन से संबंधित प्रावधान हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। नगरीय क्षेत्र में नियमानुसार एक समिति केवल एक दुकान का संचालन कर सकती है। उक्त आदेश में संशोधन प्रस्तावित होने से अभी उक्त प्रावधान का अमल रोका गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘द’ अनुसार है।
कुपोषित बच्चों की जानकारी
109. ( क्र. 4118 ) श्री संजय पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में विगत तीन वर्षों में कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में जाँच के समय कुपोषण से प्रभावित बच्चे प्राप्त हुये वर्षवार जानकारी देवें कितने कुपोषित बच्चों का पंजीयन पश्चात् क्या र्कावाही की गई? (ख) प्रश्नांश ‘क’ के कुपोषित बच्चों को सामान्य स्थिति में लाने हेतु क्या-क्या विशेष सुविधा दी गई तथा किन कुपोषित केन्द्रों में कितने अवधि तक उपचार किया गया? (ग) प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने बच्चे हैं जिन्हे उपचार पश्चात् भैसज परीक्षण पश्चात् स्वस्थ घोषित किया गया? (घ) ऐसे कितने कुपोषित बच्चे शेष हैं जिनका अभी तक उपचार नहीं किया गया है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ अंतर्गत कुल 403 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है जिनमें वर्ष 2012-13 अंतर्गत 1433 बच्चे वर्ष 2013-14 अंतर्गत 1126 बच्चे व वर्ष 2014-15 अंतर्गत 714 बच्चे स्वास्थ्य जाँच के दौरान कुपोषण की श्रेणी में पाये गये। बच्चों का पंजीयन कर उपलब्ध निम्नांकित सुविधाएं दी गयीः-1. पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती, 2. स्नेह शिविर में पंजीकृत, 3. थर्ड मील भोजन प्रदाय, 4. गृह भेंट के दौरान परामर्श, 5. अटल बाल मिशन अंतर्गत अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम, 6. स्नेह सरोकार योजना अंतर्गत कुपोषित बच्चों को गोद दिलवाना। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कुपोषित बच्चों को सामान्य स्थिति में लाने हेतु वर्ष 2012-13 से निम्नांकित सुविधाएं दी गयीः-1.पोषण पुनर्वास केन्द्र : वर्ष 2012-13 अंतर्गत कुल 324 पात्र कुपोषित बच्चों को भर्ती कराया गया जिनमें से 251 बच्चों का सकारात्मक श्रेणी परिवर्तन हुआ। वर्ष 2013-14 अंतर्गत कुल 429 पात्र बच्चों को भर्ती कराया गया जिनमें से कुल 269 बच्चों का सकारात्मक श्रेणी परिवर्तन हुआ। वर्ष 2014-15 अंतर्गत कुल 360 पात्र बच्चों को भर्ती कराया गया जिनमें से 277 बच्चों का सकारात्मक श्रेणी परिवर्तन हुआ। गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्रों में भर्ती कराया जाकर उपचार किया जाता है जहाँ भर्ती किये गए बच्चों के पोषण प्रंबधन की अवधि 14 दिवस की होती है। 2.स्नेह शिविर : वर्ष 2013-14 से प्रांरभ इस कार्यक्रम में उक्त वर्ष में कुल 175 कुपोषित बच्चों का पंजीयन किया गया जिनमें से कुल 95 बच्चों का सकारात्मक श्रेणी परिवर्तन हुआ। वर्ष 2014-15 अंतर्गत कुल 812 बच्चों का पंजीयन किया गया जिनमें से कुल 569 बच्चों का सकारात्मक श्रेणी परिवर्तन हुआ। स्नेह शिविर की कार्ययोजना अनुसार पंजीकृत किये गये बच्चों को निरंतर 06 माह सेवाएं देते हुए उनकी देखभाल की जाती है। 3. थर्ड मील प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र में पंजीकृत गंभीर कुपोषित बच्चों को सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत पोषण आहार प्रदाय कर रहे स्व-सहायता समूहों के माध्यम से प्रदायित थर्डमील का प्रदाय किया जाता है। 4. गृह भेंट प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन दिवस में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा दोपहर 2.00 बजे से कुपोषित बच्चों के परिवार को गृह भेंट देते हुये कुपोषण निवारण के संबंध में समझाइश दी जाती है। 5. अटल बाल मिशन अंतर्गत अभिभावक प्रशिक्षण- इस योजना अंतर्गत वर्ष के प्रत्येक त्रैमास में गंभीर कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को कुपोषण के प्रति जागरूकता एवं उसके निवारण हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है। 6. स्नेह सरोकार कार्यक्रम- इस कार्यक्रम अंतर्गत जनप्रतिनिधि जागरूक नागरिक, सरकारी अधिकारी/कर्मचारी को कुपोषित बच्चों की देखरेख हेतु जिम्मेदारी लेने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है। वर्तमान में विजयराघवगढ़ विधानसभा अंतर्गत कुल 568 कुपोषित बच्चों को कुपोषणमुक्त करने की जिम्मेदारी समुदाय द्वारा ली गई है, जिनमें से 182 बच्चों का सकारात्मक श्रेणी परिवर्तन हुआ है। (ग) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक उपचार पश्चात बच्चों के पोषण स्तर में सकारात्मक श्रेणी परिवर्तन वाले स्वस्थ बच्चों की जानकारी निम्नानुसार हैः- 1. पोषण पुनर्वास केन्द्रः- वर्ष 2012-13 अंतर्गत कुल 251 बच्चों का सकारात्मक श्रेणी परिवर्तन हुआ। वर्ष 2013-14 अंतर्गत कुल 369 बच्चों का सकारात्मक श्रेणी परिवर्तन हुआ। वर्ष 2014-15 अंतर्गत कुल 277 बच्चों का सकारात्मक श्रेणी परिवर्तन हुआ। 2. स्नेह शिविरः- वर्ष 2012-13 अंतर्गत कुल 95 बच्चों का सकारात्मक श्रेणी परिवर्तन हुआ। वर्ष 2014 -15 अंतर्गत कुल 569 बच्चों का सकारात्मक श्रेणी परिवर्तन हुआ। (घ) अतिकम वज़न वाले चिन्ह्ति बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में संदर्भित किया गया। तत्समय उपचार हेतु कोई बच्चा शेष नहीं।
पुलिस थानों में पंजीबद्ध अपराधों में कार्यवाही
110. ( क्र. 4161 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक पुलिस थाना, अवंतीपुर बड़ोदिया, शुजालपुर, अकोदिया, सलसलाई में कितने चोरी, लूट, झगड़े दहेज, घरेलु व साम्प्रदायिक हिंसा आदि के प्रकरण पंजीबद्ध हुए है? थानेवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित थानों में पंजीकृत अपराधों में से चोरी एवं लूट के प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? थानेवार बतायें। (ग) क्या चोरी एवं लूट की घटनाओं को नहीं रोकने के लिए थाना अवंतीपुर बड़ोदिया व थाना अकोदिया में पदस्थ अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) जिला शाजापुर के थाना अवंतिपुर बड़ोदिया एवं थाना अकोदिया में चोरी एवं लूट के अपराधों के नियंत्रण हेतु थानों में बीट व्यवस्था एवं गश्त को प्रभावी बनाया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपराधों के नियंत्रण हेतु नियमानुसार समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं। नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
सिविल अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव
111. ( क्र. 4187 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स्तर एवं विकासखंड स्तर पर संचालित सिविल अस्पतालों (50 विस्तरीय एवं उससे अधिक एवं 100 विस्तरीय एवं उससे अधिक) कितने विशेषज्ञ/चिकित्सक नियुक्त करने एवं कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है? शासनादेशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्कर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत किस-किस स्थानों पर सिविल अस्पताल संचालित है, इन संचालित अस्पतालों में प्रश्नांश ‘क’ के प्रावधानानुसार विशेषज्ञ/चिकित्सक नियुक्त होकर सुविधायें उपलब्ध है या नहीं? यदि नहीं, तो कौन-कौन से विशेषज्ञ/चिकित्सक के पद रिक्त है, कौन-कौन सी सुविधायें उपलब्ध नहीं है? (ग) प्रश्नांश ‘क’ के प्रावधान अनुसार चिकित्सक नियुक्ति करने एवं सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु विगत एक वर्ष में किस अधिकारी को पत्र प्राप्त हुये, प्राप्त पत्रों के क्रम में क्या-क्या कार्यवाही की जाकर कौन-कौन से चिकित्सक नियुक्त किये एवं कौन-कौन सी सुविधायें उपलब्ध कराई गई? (घ) शासन द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई, बतावें? रिक्त पदों की पूर्ति एवं सुविधायें कब तक उपलब्ध कराई जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पद स्वीकृति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने संबंधी परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ एवं ’’स’’ अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत सिविल अस्पताल बासौदा संचालित है। जी नहीं, विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं की जा सकी है, 03 विशेषज्ञ पदस्थ है एवं चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत 07 पदों के विरूद्ध 07 चिकित्सक पदस्थ हैं। विशेषज्ञों के स्वीकृत रिक्त पद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार है। निर्धारत मापदण्ड अनुसार समस्त सुवधिाएं उपलब्ध हैं। (ग) सामान्यतः माननीय जनप्रतिनिधियों से प्राप्त मांग अनुसार पद पूर्ति हेतु रिक्तता सूची तैयार की जाती है। वर्ष 2015 में लोक सेवा आयोग से चयन उपरांत पदस्थापना हेतु सि.अ. बासौदा हेतु ऑनलाईन काउन्सिलिंग में निश्चेतना, सर्जरी, मेडिसिन योग्यता के लिए रिक्तियां प्रदर्शित की गई थी एवं विभिन्न आदेशों से लोक सेवा आयोग से चयनित निश्चेतना, सर्जरी, मेडिसिन योग्यता के चिकित्सकों की पदस्थापना भी की गई परंतु उक्त चिकित्सकों द्वारा कार्यग्रहण नहीं किया गया। इनके अतिरिक्त बंधपत्र चिकित्सक डॉ. सोनवीर गौतम एवं डॉ. अंकित अग्रवाल की पदस्थापना की गई है। बासौदा में सीजर ऑपरेशन की सुविधा प्रारम्भ हो चुकी है तथा सोनोग्राफी सुविधा उपलब्ध कराये जाने की दृष्टि से एक चिकित्सक डॉ. एस.एस.तौमर को प्रशिक्षण हेतु भेजा गया है माह मार्च 2016 तक सोनोग्राफी सुविधा प्रारम्भ कर दी जावेगी। चिकित्सालय परिसर में आवश्यक मरम्मत कार्य भी कराया गया है। (घ) उत्तरांश ‘‘ग’’ अनुसार। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत् है विशेषज्ञ के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है एवं चिकित्सा अधिकारी के 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है, शैक्षणिक योग्यता की उपयोगिता अनुसार उपलब्धता के आधार पर पदस्थापना की कार्यवाही की जावेगी, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
लाभान्वित हितग्राहियों की सूची प्रदर्शन करना
112. ( क्र. 4188 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भारत सरकार के निर्देशानुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार से लाभान्वित हितग्राहियों (महिलाओं एवं बच्चों) की सूची कार्यालय ग्राम पंचायत एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में नियमित अन्तराल से प्रदर्शित किये जाने के निर्देश है या नहीं? (ख) प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित निर्देशों कि सूचना समाचार पत्रों में भी प्रकाशित कराई जाने के भी निर्देश है या नहीं? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में विदिशा जिलें में उक्त आशय का समाचार पत्र कब किस-किस दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया गय है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत संचालित किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्र के द्वारा पोषण आहार से लाभान्वित हितग्राहियों की सूची किस-किस दिनांक ग्राम पंचायत एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदर्शित की गई है? केन्द्रवार बतावें? वर्ष 2014-15-16 की जानकारी बतावें? (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत किस-किस अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों के द्वारा किस-किस दिनांक को किस केन्द्र का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के समय कितने केन्द्रों पर सूची प्रदर्शित करना नहीं पाया गया? नगरीय क्षेत्र में भी सूची प्रदर्शित किये जाने के निर्देश हो तो बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) हाँ है। विगत 01 वर्ष में विदिशा जिले में उक्त आशय का समाचार पत्रों में प्रकाशन नहीं किया गया है। (ग) विधानसभा बासौदा अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में पंचायत एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार से लाभान्वित हितग्राहियों की सूची प्रदर्शित की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क‘ अनुसार है। (घ) विधानसभा बासौदा अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विभागीय अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों द्वारा किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख‘ अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत निरीक्षण में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सूची प्रदर्शित करना पाया गया है। नगरीय क्षेत्र में सूची प्रदर्शित किये जाने का प्रावधान है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों में खरीदकर बायोमैट्रिक मशीन लगाना
113. ( क्र. 4210 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत संचालित सभी उचित मूल्य की दुकानों में हितग्राही को वितरण हेतु बायोमैट्रिक मशीन लगाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्या इसकी कीमत दस हजार के आप-पास है? (ख) प्रश्नांश के प्रकाश में क्या यह बायोमैट्रिक मशीन 1500/-प्रतिमाह की दर से किराय पर ली जाकर दुकानों में लगाई गई है? यदि हाँ, तो क्या किराये पर लेकर विभाग द्वारा की जा रही वित्तीय अनियमितता में रोक लगाई जावेगी यदि हाँ, तो कब तक बतावे? (ग) प्रदेश में कब तक सभी दुकानों में खरीदकर वायो मैट्रिक मशीन लगा दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्वाइंट ऑफ सेल (पी.ओ.एस.) मशीन को विभाग द्वारा क्रय नहीं किए जाने के कारण उसकी कीमत बताई जाना सम्भव नहीं है। (ख) विभाग द्वारा मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक डव्लपमेंट कार्पोरेशन के माध्यम से उचित मूल्य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन किराए पर लगाए जाने हेतु एक से अधिक बार खुली निविदा आमंत्रित की गई जिसमें मेसर्स डी.एस.के. डिजिटल की रू. 1191.30 तथा मेसर्स विजनटेक की रू. 1254 प्रतिमाह प्रति मशीन (कर सहित) न्यूनतम दर होने से अनुबंध किया गया है। कार्पोरेशन द्वारा पी.ओ.एस. मशीन का किराया निर्धारण निविदा के माध्यम से किये जाने के कारण अनियमितता किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पी.ओ.एस. मशीन किराए पर ली जाकर यथासंभव माह मार्च, 2016 तक सभी उचित मूल्य दुकानों पर लगाई जाएगी।
आंगनवाड़ी भवन स्वीकृति में अनियमितता
114. ( क्र. 4222 ) श्री हर्ष यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक किने आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के निजी भवनों में चल रहे है? इन पर कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने आंगनवाड़ी केन्द्र जो किराये के निजी भवनों में चल रहे हैं, उनके विरूद्ध भवन निर्माण स्वीकृत किये गये? (घ) प्रश्नांश (क) प्रश्नावधि में स्वीकृति भवन विवादित भूमि पर स्वीकृत होने के कारण अधूरे पड़े है? कितने भवन शत्-प्रतिशत उन ग्रामों के क्षेत्र में स्वीकृत नहीं जहां किराये के भवन में केन्द्र चल रहे है? इसके लिये दोषी कौन है? मनमानी कर लोकनिधि का नुकसान करने वालों के खिलाफ शासन वसूली की कार्यवाही कब तक करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला सागर में प्रश्न दिनांक तक वित्तीय वर्ष 2015 -16 में 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत वर्ष 2014- 15 के कुल 33 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये है। स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिले में 978 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। इन केन्द्रों के संचालन के लिये राशि रूपये 78,15,492/- भवन किराया भुगतान किया गया। (ग) जिले में वर्ष 2015-16 में स्वीकृत 33 आंगनवाड़ी भवनों में से किराये पर संचालित 09 आंगनवाड़ी भवनों के विरूद्ध भवन निर्माण स्वीकृत किये गये है। (घ) विवादित भूमि के कारण कोई भी भवन अधूरा नहीं है। जिले में कुल 978 आंगनवाड़ी केन्द किराये के भवन में संचालित हैं जिनमें से अब तक 152 किराये के भवनों में संचालित केन्द्रों के लिये भवन निर्माण स्वीकृत किये जा चुके है जो निर्माणाधीन है। शेष 826 किराये के भवनों मे संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन स्वीकृत किये जाने है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण की स्वीकृति ग्राम पंचायत के प्रस्ताव एवं माननीय सांसद, विधायक एवं जन प्रतिनिधियों की सहमति एवं सर्वसुविधायुक्त भवन में केन्द्र संचालित किये जाने संबंधी निर्देशों के अनुरूप ही जारी की गई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों हेतु व्यय राशि
115. ( क्र. 4228 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्वास्थ्य विभाग द्वारा भिंड जिले में 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक निर्माण कार्य हेतु, कितनी राशि आवंटित की गयी? (ख) भिण्ड जिले में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार कितने निर्माण किस-किस स्थान पर कितना-कितना व्यय कर बनाये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित निर्माण के किस प्रकार के कितनी स्वीकृत राशि के कार्यों का कितना भुगतान किसको कैसे किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) प्रश्नांश भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सिविल अस्पताल की घोषणा
116. ( क्र. 4239 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दिनांक 03.11.2015 को बैरसिया में सिविल अस्पताल के रूप उन्नयन किये जाने की घोषणा की गयी थी। उक्त घोषणा के क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) बैरसिया में सिविल अस्पताल के रूप उन्नयन किया जाना कब से प्रारंभ हो जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी द्वारा दिनांक 03.11.2015 को घोषणा की गई थी। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैरसिया में अतिरिक्त 30 बिस्तरीय वार्ड का निर्माण कराने हेतु रूपये 103.46 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 14.08.2015 को जारी की गई है। वर्तमान में 50 बिस्तरीय अस्पताल के मान से भवन निर्माण करा दिया गया है। (ख) निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
राजगढ़ विधानसभा में खाद्यान्न वितरण
117. ( क्र. 4259 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में खाद्य विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर राशन की दुकानें संचालित की जा रही है? ग्राम का नाम एवं सेल्समेन का नाम देवें? (ख) उक्त राशि की विभिन्न दुकानों पर कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में प्रति राशन कार्ड अथवा सदस्य के मान से वितरित की जाती है? (ग) माह जनवरी 2016 में उक्त राशन की विभिन्न दुकानों पर कौन-कौन सी सामग्री, कितनी-कितनी मात्रा में वितरण हेतु उपलब्ध कराई गई है? उसमें से कितनी वितरित हो पाई है और कितनी नहीं हो पाई? वितरित नहीं होने का क्या कारण है? (घ) क्या राशन की विभिन्न दुकानों पर सामग्री मशीनों के माध्यम से वितरित की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या सेल्समेनों को मशीनों के माध्यम से वितरण हेतु प्रशिक्षण दिया गया था? यदि हाँ, तो फिर मशीनों के माध्यम से वितरण करने में उन्हें क्यों परेशानी आ रही है? कारण बतावें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’अनुसार है। (ग) उचित मूल्य दुकानों को प्रदाय की गई सामग्री की मात्रा, वितरित मात्रा एवं शेष मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’अनुसार है। पी.ओ.एस. मशीनें माह के प्रारंभ में उचित मूल्य दुकानों पर लगाये जाने के कारण मशीन से राशन सामग्री वितरण करने में विलंब हुआ है। तथापि सामग्री प्राप्त करने आने वाले किसी हितग्राही को वंचित नहीं किया गया है। नवीन वितरण व्यवस्था के प्रारम्भ में पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से वितरण में छोटी-छोटी कमी परिलक्षित हो रही है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की नवीन वितरण व्यवस्था के प्रारम्भ में पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से वितरण में परिलक्षित होने वाली छोटी-छोटी कमी का सुधार सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा किया जा रहा है। नवीन वितरण व्यवस्था के पूर्णत: स्थापित होने पर यह कमियां दूर हो जाएंगी।
प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलना
118. ( क्र. 4260 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा राजगढ़ जिले में वर्तमान में कहां-कहां पर प्राथमिक एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र संचालित है? (ख) क्या राष्ट्रीय मिशन अंतर्गत राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के ग्राम कचनारिया, टूनी, गोरखपुरा, खजूरी, बांकपुरा, देहरीबामन, धनवासकलां, टांडीकलां, बरखेड़ा, कालीतलाई, बलबहादुरपुरा, पाडलीखाती, खरना, पीपलबे पुरोहि आदि में प्राथमिक/उपस्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये थे? (ग) क्या उक्त स्वीकृत प्राथमिक/उपस्वास्थ्य केन्द्रों के भवन हेतु टेण्डर भी आमंत्रित किये गये थे? जो कि स्वीकृत भी हो गये थे? (घ) यदि हाँ, तो उक्त स्वीकृत नवीन प्राथमिक/उपस्वास्थ्य केन्द्रों के भवन आज दिनांक तक नहीं बनने के क्या कारण है? क्या टेण्डर निरस्त किये गये है? क्या नये सिरे से टेण्डर आंमत्रित किये जावेंगे? कब तक नवीन प्राथमिक/उपस्वास्थ्य केन्द्रों संचालित हो जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। उपस्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति की प्रत्याशा में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित 14 स्थानों में से 10 स्थानों पर एवं अन्य दो अन्य स्थानों पर भवन निर्माण हेतु टेण्डर आमंत्रित किये गये थे, जो स्वीकृत नहीं किये गये है। (घ) परियोजना परीक्षण समिति के अनुमोदन उपरांत मंत्री परिषद् की स्वीकृति के बाद उपस्वास्थ्य केन्द्र की प्रशासकीय स्वीकृति जारी होना है। जी नहीं। जी नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी
119. ( क्र. 4263 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य विभाग द्वारा जिला छतरपुर के नगरीय क्षेत्र में संचालित शा.उचित मूल्यों की दुकानों को केरोसिन का प्रदाय कराया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त दुकानों से केरोसिन का उपभोक्ताओं को वितरण राशन कार्डों से किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जिले के नगरीय निकायों में स्थित शासकीय दुकानों में वर्ष 2012-13 से 2015-16 (जनवरी - 2016 तक) में दुकानदार एवं वर्षवार राशन कार्डधारियों की संख्या कितनी-कितनी थी? उक्त कार्डधारियों में से ए.पी.एल., बी.पी.एल., ए.ए. कार्ड के कितने-कितने कार्डधारी थे? (घ) उक्त दुकानदारों को वर्ष 2012-13 से 2015-16 (जनवरी 2016 तक) तक माहवार एवं दुकानवार कितना-कितना केरोसिन आवंटित था और आवंटन के विरूद्ध उन्हें माहवार कितना-कितना केरोसिन कब-कब एवं किन-किन केरोसिन थोक डीलरों से प्रदाय कराया गया?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मार्च, 2014 से उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची/ई-राशनकार्ड के आधार पर केरोसीन का वितरण किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 4 से लेकर कॉलम 7 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 8 से लेकर कॉलम 11 अनुसार है।
नियम विरूद्ध केरोसीन प्रदायगी
120. ( क्र. 4264 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य विभाग द्वारा जिला छतरपुर को वर्ष 2010-11 से 2015-16 (जनवरी 2016) तक में माहवार कितना-कितना केरोसीन का आवंटन स्वीकृत किया गया था? (ख) उक्त स्वीकृत आवंटन के विरूद्ध जिले की शासकीय उचित मूल्य दुकानों को वर्ष 2010-11 से 2015-16 में माहवार कितना-कितना केरोसीन प्रदाय कराया गया है? (ग) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ के संदर्भ में जिले की दुकानों को केरोसीन का प्रदाय किन-किन केरोसीन थोक डीलरों से कराया गया है? थोक केरोसिन डीलरों ने क्या स्वीकृत आवंटन से अधिक केरोसीन का प्रदाय मनमाने ढंग से शासकीय दुकानों को उक्त अवधि में किया है? यदि हाँ, तो कब-कब कितना-कितना नियम विरूद्ध प्रदाय दुकानों से किया गया है? (घ) नियम विरूद्ध शासकीय दुकानों को केरोसीन प्रदाय करने वाले केरोसीन थोक डीलरों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ के कॉलम 5 अनुसार है। जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अधिकारी/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति
121. ( क्र. 4273 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा एक ही स्थान पर तीन वर्षों से अधिक अधिकारी/कर्मचारियों को हटाने का नियम है। यदि हाँ, तो गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के अधीन हमीदिया चिकित्सालय के केन्द्रीय औषधि भंडार एवं क्रय शाखा का प्रभार किस अधिकारी के पास है उनकी पदस्थापना दिनांक बतावें। क्या उनको तीन वर्ष हो गये हैं? (ख) विधानसभा सत्र दिसम्बर 2015 की दिनांक 11/12/2015 के अतारांकित प्रश्न क्र. 67 (क्र.980) में शासन द्वारा जानकारी एकत्रित की जा रही है दर्शाया गया है। पूर्ण जानकारी देवें? (ग) विभाग तत्काल ऐसे भ्रष्ट अधिकारी एवं कर्मचारी जो लगातार एक ही स्थान पर रहकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं, उनको (क) अनुसार नियम के तहत कब तक हटायेगा।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। डॉ. आसिफ खान, सहायक अधीक्षक की पदस्थापना चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा केन्द्रीय औषधि भंडार में आदेश दिनांक 21/02/2010 द्वारा की गई है। डॉ. खान को आदेश दिनांक 08/10/2012 द्वारा क्रय शाखा का भी कार्य करने हेतु निर्देश दिये गये हैं। जी हाँ। संबंधित अधिकारी को केन्द्रीय औषधि भंडार एवं क्रय शाखा में तीन वर्ष से अधिक समय हो चुका है। (ख) पूर्ण जानकारी भेजी गई। (ग) हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों से प्रशासनिक कार्य एवं सुविधा की दृष्टि से चिकित्सालय का कार्य सुचारू रूप से संपन्न हों, इस आधार पर कार्य लिया जा रहा हैं। तीन वर्ष से अधिक समय तक लगातार एक ही स्थान पर पदस्थ रहने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के संबंध में
122. ( क्र. 4274 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं? इन केन्द्रों पर विगत 3 वर्षों से कितने महिलाएं एवं पुरूष रसोईया के रूप में कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कार्यरत रसोईयों का शासन द्वारा प्रत्येक माह वेतन क्या निर्धारित किया गया है? (ग) क्या प्रत्येक माह का वेतन मात्र एक हजार रूपये निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या शासन इसे बढ़ाये जाने हेतु कोई प्रयास कर रहा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिले के विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव के अंतर्गत 399 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 50 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। उक्त केन्द्रों में विगत 03 वर्षों से निम्नानुसार महिला रसोईया कार्यरत है :- वर्ष 2013-14 - निरंक, वर्ष 2014-15 - 300, वर्ष 2015-16 - 379, पुरूष रसोईया की संख्या निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यरत रसोइया को शासन निर्देशानुसार प्रति केन्द्र प्रति माह राशि रूपये 500/- पारिश्रमिक महिला बाल विकास की ओर से दिए जाने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। क्योंकि राशि का व्यय पूरक पोषण आहार हेतु निर्धारित प्रतिहितग्राही प्रति दिवस व्यय सीमा के अंदर किया जाना होता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय कर्मचारियों के संबंध में
123. ( क्र. 4275 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एफ 9-1/86 क्र.-क/एफ, दिनांक 12.11.1988 क्र. 1631/282/15/09, दिनांक 01/11/1991, स्मरण पत्र क्र. 233/3652/1/5, दिनांक 16/01/1993 एवं क्र. एफ-6/2/94/ 1/5, दिनांक 02/06/1994 के अंतर्गत स्थापना, क्रय एवं भण्डार शाखा से तीन वर्ष से अधिक या निरंतर कार्य करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को स्थानांतरण किये जाने के आदेश दिये गये हैं? (ख) क्या हमीदिया चिकित्सालय को सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का पालन न करने के आदेश दिये गये हैं? क्या कारण है, अभी तक यह कर्मचारी एवं अधिकारी विगत 05 वर्षों से एक ही जगह पर कार्य कर रहे हैं एवं भ्रष्टाचार को प्रबंधन द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है? क्या कारण है? इनको अभी तक हटाया नहीं गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। अस्पताल प्रबंधन द्वारा भ्रष्टचार को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा हैं, अपितु विगत पाँच वर्ष से अधिक समय तक लगातार एक ही स्थान पर पदस्थ रहने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों से प्रशासनिक कार्य एवं सुविधा की दृष्टि से चिकित्सालय का कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न करने को दृष्टिगत रखते हुये कार्य लिया जा रहा हैं, विगत 05 वर्ष से पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध किसी भी स्तर से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर वि.स.क्षेत्र में ट्रेक्टर चोरी प्रकरण
124. ( क्र. 4284 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स.क्षेत्र में दिनांक 01/01/2013 से 31/12/2015 तक ट्रेक्टर चोरी के कितने प्रकरण दर्ज हुए? माहवार, ट्रेक्टर स्वामी नाम, नंबर, प्रकरण क्रमांक सहित बतावें। (ख) इनमें से कितने ट्रेक्टर बरामद हुए कितने नहीं? (ग) ग्राम रूपेरा के ट्रेक्टर चोरी प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें। (घ) जो ट्रेक्टर बरामद नहीं हुए वे कब तक बरामद कर लिए जाऐगे?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ’क’ में उल्लेखित अवधि में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र से ट्रेक्टर चोरी जाने के कुल 07 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। जिनमें से कुल 05 प्रकरणों में ट्रेक्टर एवं एक प्रकरण में ट्रेक्टर के पार्टस तथा कागजात बरामद किये गये हैं। थाना महिदपुर के अपराध क्रमांक 397/14 में चोरी गया ट्रेक्टर बरामद नहीं हुआ है। (ग) विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरोद के थाना नागदा अंतर्गत ग्राम रूपेटा से दिनांक 05-06-12-15 की दरम्यानी रात को ट्रेक्टर नम्बर एम.पी.15-एए-5336 चोरी होने की घटना के संबंध में फरियादी श्री ईश्वर लाल पाटीदार निवासी ग्राम रूपेटा की रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 564/15, 379 आई.पी.सी. थाना नागदा में पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण में अभी तक ट्रेक्टर की बरामदगी नहीं हुई है। वर्तमान में प्रकरण विवेचनाधीन है। (घ) पुलिस द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सुविधाएं
125. ( क्र. 4285 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झारड़ा कितने बिस्तर का है? (ख) क्या यहाँ पर पलंग, बेडशीट, गादी, तकिये, पेयजल व्यवस्था पूर्ण रूप से उपलब्ध है? यदि नहीं, तो इनकी पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) इस अस्पताल का उन्नयन कब तक कर दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 30 बिस्तर का। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में इस अस्पताल का उन्नयन करने की कोई योजना नहीं है।
पी.एम.टी. परीक्षा में आवंटन हेतु गठित कमेटी
126. ( क्र. 4290 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऑल इण्डिया पी.एम.टी. परीक्षा 2014, 2015 एवं पी.एम.टी. परीक्षा 2004 से 2013 तक मेडीकल कॉलेज आवंटन हेतु गठित कॉउन्सलिंग कमेटी के अध्यक्ष, सदस्यों एवं कर्मचारियों के नाम पद सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉउन्सलिंग कमेटी की गठन प्रति वर्ष किसके द्वारा किया गया एवं यह जानकारी देवे कि गठित कमेटी का कार्य सिर्फ दस्तावेज प्राप्त करना है दस्तावेजों में लगे फोटो का उपस्थित अभ्यर्थी से मिलान करना नहीं है? (ग) पूर्व विधायक पारस सकलेचा के बयान के आधार पर एस.टी.एफ. द्वारा जून 2015 में भेजे गये पत्र का उत्तर कौन सी दिनांक को दिया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ऑल इण्डिया पी.एम.टी. 2014, 2015 एवं पी.एम.टी. 2009 से 2013 तक मेडिकल कॉलेज आवंटन हेतु गठित काउंसिलिंग कमेटी के अध्यक्ष, सदस्य एवं कर्मचारियों के नाम सूची निम्नानुसार है :- (i) वर्ष 2009 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ii) वर्ष 2010 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (iii) वर्ष 2011 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (iv) वर्ष 2012 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (v) वर्ष 2013 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। (vi) वर्ष 2014 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छः अनुसार है। (vii) वर्ष 2015 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-सात अनुसार है। वर्ष 2004 से वर्ष 2008 तक की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) वर्ष 2009 से वर्ष 2015 तक संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा काउंसिलिंग समिति का गठन किया गया था वर्ष 2004 से वर्ष 2008 तक की जानकारी एकत्रित की जा रही है। गठित कमेटी का कार्य सिर्फ दस्तावेज प्राप्त करना, दस्तावेजों में लगे फोटो का उपस्थित अभ्यार्थी से मिलान करना नहीं है अपूति काउंसलिंग से संबंधित समस्त प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित कराना होता है। (ग) एस.टी.एफ. को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है।
नरसिंहपुर जिला अंतर्गत धाराएं
127. ( क्र. 4298 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में विगत दो वर्षों में चोरी, हत्या, लूट, डकैती, मारपीट के कितने प्रकरण दर्ज किए गए हैं एवं कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किए जा सके हैं। (ख) कितने प्रकरणों में अपराधियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, कितनों में शेष हैं उनकी गिरफ्तारी के क्या प्रयास किए जा रहे हैं, कब तक गिरफ्तारी कर दी जाएगी। (ग) आपराधिक प्रकरणों की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा क्या क्या कदम उठाए जा रहे हैं। (घ) नरसिंहपुर जिले में कितने पुलिस बल की आवश्यकता है एवं उसके विरूद्ध कितना कार्यरत है, कमी को पूरा करने के लिए विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है।
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला नरसिंहपुर में विगत दो वर्षों (01.01.2014 से 31.12.2015 तक) में चोरी, हत्या, लूट, डकैती एवं मारपीट के कुल 3922 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये तथा कुल 3510 प्रकरणों में चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं। (ख) कुल 3510 प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। कुल 5 प्रकरण विवेचना में लंबित होकर गिरफ्तारी शेष है। चोरी के 02 प्रकरणों में इनाम की उद्घोषणा की गई है एवं 03 प्रकरणों की विवेचना में आये तथ्यों एवं साक्ष्य के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) अपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों के विरूद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता एवं विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत प्रभावी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। थाना स्तर पर रात्रि गश्त एवं बीट व्यवस्था को प्रभावी बनाया गया है। अपराधों के नियंत्रण हेतु सामुदायिक पुलिस प्रणाली के अंतर्गत जिले में नशामुक्ति शिविर आयोजित किए गए हैं। (घ) जिला नरसिंहपुर में स्वीकृत बल, पदस्थ बल एवं कमी बल की जानकारीः-
विवरण |
पु.अ. |
अ.प.अ. |
उ.पु.अ. |
निरी. |
रक्षित |
सूबेदार |
उनि. |
स.उ.नि. |
प्र.आर. |
आरक्षक |
स्वीकृत बल |
1 |
1 |
5 |
14 |
1 |
4 |
50 |
78 |
156 |
474 |
पदस्थ बल |
1 |
1 |
4 |
14 |
1 |
2 |
40 |
80 |
156 |
359 |
कमी बल |
0 |
0 |
1 |
0 |
0 |
2 |
10 |
0 |
0 |
115 |
उक्त पदों की पूर्ति स्थानांतरण पदोन्नति व सीधी भर्ती से किए जाते हैं। यह सतत् प्रक्रिया है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
बन्दूक
एवं शस्त्र
लायसेंस
1. ( क्र. 153 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में बंदूक व अन्य शस्त्र लाइसेंस प्रदान किये जाने के क्या नियम एवं प्रावधान है? 1 जनवरी, 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तियों के आवेदन प्राप्त हुए? इंदौर, उज्जैन संभाग की जिलेवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित कितने व्यक्तियों को शस्त्र लाइसेंस प्रदान कर दिये गये कितनों को नहीं? जिन व्यक्तियों को लाइसेंस प्रदान नहीं किये हैं? उनके क्या कारण रहे? इंदौर, उज्जैन संभाग की जिलेवार जानकारी उक्त अवधि की देवें? (ग) क्या उक्त संभाग में अनेक ऐसे पात्र व्यक्ति हैं जिन्होंने मापदण्ड के अनुरूप आवेदन करने के पश्चात भी उन्हें 2-3 वर्षों से लाइसेंस नहीं दिये जा रहे हैं? जबकि कई अपात्र व्यक्तियों को अधिकारियों से सांठ-गांठ के कारण लाइसेंस प्रदान कर दिये गये हैं। इस संबंध में विभाग के पास कितनी शिकायतें लंबित हैं? शिकायतकर्ता का नाम, अधिकारी का नाम, पद सहित जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
2. ( क्र. 157 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अतारांकित प्रश्न संख्या 1 (क्रमांक 29) दिनांक 14 दिसम्बर 2015 तथा परि.अतारांकित प्रश्न संख्या 2 (क्रमांक 32) दिनांक 14 दिसम्बर 2015 के उत्तर में जानकारी दी गई है कि अनुविभागीय अधिकारी चंदेरी के आदेश से डूंगासरा व मोहोली उचित मूल्य की दुकान का संचालन रामनगर से अनुचित रूप से किया जा रहा है। इसी प्रकार के आदेश हिरावल, गरेठी व अन्य दुकानों के जो किये उनके विरूद्ध संचालक खाद्य सुकृति सिंह ने चंदेरी एस.डी.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही करने व समस्त दस्तावेज आयुक्त ग्वालियर को भेजने की सिफारिश 5 वर्ष पूर्व 2010 में की थी, उसका क्या हुआ तथा जगदीश कुशवाह पूर्व समिति प्रबंधक रामनगर व उनके सभी रिश्तेदारों जिनका नाम उत्तर में है, उन पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित प्रश्न के प्रश्नांश (ख) में जिन राशन दुकानों के विरूद्ध शिकायतों का जिक्र है जिलाधीश गुना व अशोकनगर खाद्य अधिकारी व उप पंजीयक सहकारिता के यहां क्या कार्यवाही हुई? (ग) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या 2 (क्रमांक 32) दिनांक 14 दिसम्बर के उत्तर (ख) में जिन लोगों पर प्रकरण दर्ज किया उनकी एफ.आई.आर. किस तिथि को दर्ज कराई व कार्यवाही की क्या प्रगति है, विवरण दें तथा इन सबको राशि वितरण से कब अलग किया जावेगा? (घ) तत्कालीन खाद्य मंत्री पारस जैन जी के आदेश पर संचालक खाद्य ने 2010 में जो जाँच प्रतिवेदन व कार्यवाही के निर्देश जिलाधीश गुना को दिये थे, उस पर स्थगन कहाँ से किस न्यायालय से किसको मिला तथा 2010 को मिले स्थगन को वेकैट कराने के क्या प्रयास किये गये तथा 5 वर्ष बाद भी विभाग स्थगन निरस्त क्यों नहीं करा पाया?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सेवा सहकारी संस्था रामनगर द्वारा डूंगासरा व महोली की उचित मूल्य दुकानों का संचालन करने की जानकारी में संस्था रामनगर द्वारा संचालन अनुचित रूप से न किया जाकर अनुविभागीय अधिकारी के आदेश द्वारा किये जाने संबंधी जानकारी दी गई थी। अनुविभागीय अधिकारी चंदेरी के विरूद्ध कार्यवाही करने व समस्त दस्तावेज आयुक्त, ग्वालियर को भेजने के आयुक्त, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के आदेश पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन होने से कार्यवाही नहीं की जा सकी। पूर्व समिति प्रबंधक जगदीश कुशवाह के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, रामनगर समिति में उनके रिश्तेदार जो संचालक मण्डल में हैं, उन पर कार्यवाही हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला अशोकनगर को लिखा गया है एवं उनसे प्राप्त जानकारी अनुसार जगदीश कुशवाह की पत्नि उमादेवी को संचालक मण्डल सदस्य पद से पृथक करने का सूचना पत्र सोसायटी अधिनियम 1960 के तहत जारी किया गया है। अनेक सिंह पुत्र रज्जूलाल कुशवाह संचालक को पद से पृथक करने हेतु संस्था के संचालक मण्डल को लिखा गया है। चिन्हेराम पुत्र मर्दन सिंह कुशवाह, पूर्व समिति प्रबंधक के रिश्तेदार नहीं होने से कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 29 में उचित मूल्य दुकान घाटबमूरिया, बडेरा, बीलाखेडा, बम्म्नखिरिया, डोंगरा, मदउखेडी एवं जसैया के विरूद्ध शिकायतों का उल्लेख है। उचित मूल्य दुकान घाटबमुरिया (भ्याना लपतौरा) की जाँच करने में अनियमितताएं पाई जाने से दोषी कर्मचारियों अरविन्द शर्मा एवं गजेन्द्र सिंह के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाकर दुकान संचालन का कार्य नरखेड़ा संस्था को दिया गया। बडेरा उचित मूल्य दुकान में समिति प्रबंधक जगदीश कुशवाह एवं विक्रेता संजीव खरे के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई। बीलाखेड़ा में अनियमितता पाए जाने से प्रकरण बनाया गया। उचित मूल्य दुकान बम्म्नखिरिया में प्रबंधक देवदत्त सल्या एवं विक्रेता देवेन्द्र सिंह, उचित मूल्य दुकान डोंगरा में प्रबंधक जगदीश कोरकू व विक्रेता गोपाल सिंह, उचित मूल्य दुकान मदउखेड़ी में प्रबंधक मलखान सिंह दांगी व विक्रेता राजा यादव के विरूद्ध प्रकरण निर्मित किया जाकर प्राथमिकी दर्ज की गई। उचित मूल्य दुकान जसैया का प्रकरण निर्मित किया गया है, जो कि अनुविभागीय अधिकारी मुंगावली न्यायालय में प्रचलित है। उपरोक्त कार्यवाही खाद्य विभाग अशोकनगर द्वारा की गई है। सहकारिता विभाग द्वारा संबंधित दोषी कर्मचारियों को कार्य से पृथक करने हेतु महाप्रबंधक, जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक जिला गुना को लिखा गया। कलेक्टर गुना द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक जिला गुना के प्रभारी अधिकारी के रूप में कलेक्टर अशोकनगर को कार्यवाही हेतु लिखा गया। (ग) जगदीश कुशवाह (दिनांक 04.11.2015), जगदीश कोरकू (दिनांक 19.09.2015), अरविन्द शर्मा (दिनांक 20.07.2015), दिनेश यादव (दिनांक 09.01.2015) के विरूद्ध प्राथमिकी उक्त दिनांकों में दर्ज की गई। उक्त में तीन प्राथमिकी में पुलिस द्वारा चालान पेश किये जाकर प्रकरण न्यायालय में प्रचलित है। दिनेश यादव के प्रकरण (उचित मूल्य दुकान, केनवरा) में प्राथमिकी दर्ज की गई, माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर द्वारा पारित निर्णय में प्रतिवादी को सक्षम स्तर से निर्णय लेने के आदेश दिए गए हैं। वर्तमान में जगदीश कुशवाह, जगदीश कोरकू एवं दिनेश यादव किसी भी उचित मूल्य दुकान का संचालन नहीं कर रहे हैं। (घ) आयुक्त, खाद्य द्वारा कलेक्टर अशोकनगर को दिये निर्देश पर दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा जगदीश कुशवाह एवं कल्याण सिंह भील द्वारा दायर रिट पिटीशन क्रमांक 4747/2010 में आयुक्त, खाद्य के पत्र क्रमांक 3405/शिकायत दिनांक 07-06-2010 का क्रियान्वयन स्थगित किया गया है। स्थगन आदेश को वैकेट कराने एवं अर्जेन्ट हियरिंग के लिए विभाग द्वारा अतिरिक्त महाधिवक्ता मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर को पत्र दिनांक 28 जुलाई 2014 से लिखा गया। प्रभारी अधिकारी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, जिला अशोकनगर द्वारा दिनांक 05.05.2014, 23.08.2014 एवं 03.12.2014 में माननीय उच्च न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किये गये। दिनांक 18-02-2016 को प्रभारी अधिकारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, ग्वालियर में स्टे वेकेट कराने हेतु उपस्थिति दी गई। प्रकरण में स्टे वैकेट कराने के निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
दलित नेता के साथ घटित वारदात
3. ( क्र. 253 ) श्री मोती कश्यप : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर की संतशिरोमणि सदगुरू रविदास आश्रम बाल्मीकि समाज एवं म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल आरक्षित वर्ग अधिकारी/कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने दिनांक 07.12.2015 को पुलिस अधीक्षक जबलपुर को पृथक-पृथक अभ्यावेदन सौंपकर दिनांक 06.12.2015 को गोहलपुर थाना क्षेत्र में किसी दलित व राजनीतिक नेता के साथ घटित वारदात पर कोई चर्चा की है? (ख) क्या पुलिस अधीक्षक ने किसी वरिष्ठ अधिकारी को जाँच निर्देशित की है और जिस पर किस दिनांक को जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर आरोपियों एवं प्रत्यक्षदर्शी थाना प्रभारी व पुलिसकर्मियों के विरूद्ध किस प्रकार की कार्यवाही की गई है? (ग) क्या आरोपियों को सांठ-गांठवश अभी तक गिरफ्तार न किये जाने पर थाना प्रभारी और थाना में पीडि़त को फेंकते समय गिरफ्तार न करने वाले प्रत्यक्षदर्शी व दोषी पुलिसकर्मियों को किस आधार पर दण्डित व स्थानांतरित नहीं किया गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उपरोक्त प्राप्त अभ्यावेदनों को पुलिस अधीक्षक, जबलपुर के द्वारा जाँच हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर-पश्चिम) जबलपुर को दिया गया जिस पर नगर पुलिस अधीक्षक, गोहलपुर क्षेत्र जबलपुर द्वारा जाँच कर दिनांक 15.02.2016 को जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिस पर थाना गोहलपुर में अप.क्र. 908/15, धारा 147/148/294/323/506 भादवि एवं 3 (1-10) अनु.जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का प्रकरण आरोपीगण गगन यादव, स्वपनिल पटेल, बीनू पटेल तथा उनके अन्य 8-10 साथियों के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में दिनांक 07.12.2015 को आरोपी चिना उर्फ अरूण चौधरी पिता श्री जगदीश प्रसाद चौधरी को गिरफ्तार किया गया, दिनांक 08.12.2015 को गगन यादव पिता श्री हीरालाल यादव, दिनांक 10.12.2015 को बीनू पटेल पिता श्री पन्ना लाल पटेल सभी निवासी जबलपुर को गिरफ्तार किया जाकर न्यायालय प्रस्तुत किया गया। नामजद आरोपी स्वपनिल पटेल की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं, तथा विवेचना कर घटना में लिप्त अन्य अरोपियों की पतारसी की जा रही है। जाँच पर घटना के संबंध में थाना प्रभारी एवं पुलिसकर्मियों के विरूद्ध अभ्यावेदन में लगाये गये आरोप प्रमाणित नहीं पाये जाने से किसी पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई। (ग) उत्तरांश ’ख’ अनुसार।
चिकित्सकों के अधिकार
4. ( क्र. 332 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि एक MBBS चिकित्सक, जिन्हें 10 वर्ष या उससे अधिक समय का कार्यानुभव हो, ऐसे चिकित्सक को किसी मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में स्वतंत्र रूप से सामान्य प्रसूती, ऑपरेशन द्वारा प्रसूती एवं गर्भपात जैसी प्रकियाएं करवाने के लिये अधिकृत किया जा सकता है अथवा नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : स्टेट मेडिकल रजिस्टर में पंजीकृत एम.बी.बी.एस. अर्हताधारी चिकित्सक भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम 1956 की धारा 15 (2) (बी) सहपठित धारा 2 (एफ) के प्रावधान अनुसार सामान्य प्रसूति करा सकते है, किंतु ऑपरेशन द्वारा प्रसूति के लिए एम.बी.बी.एस. अर्हताधारी तभी पात्र है जब भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद् के क्रमांक एमसीआई-211 (2) / (आरटीआई)/2014-ईथिक्स/110199-200 दिनांक 30.05.2014 में जारी स्पष्टीकरण अनुसार भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद् द्वारा मान्य किसी चिकित्सीय संस्थान में संबंधित विशेषज्ञता (आब्स्टेट्रिक्स एवं गायनिकोलॉजी) में उनके द्वारा अभिलिखित प्रशिक्षण/प्रदर्शन उपरांत उपयुक्त क्षमता एवं अनुभव अर्जित कर लिया हो। गर्भपात प्रक्रिया (चिकित्सीय गर्भ समापन) की पात्रता हेतु एम.बी.बी.एस. अर्हताधारी चिकित्सकों का ‘‘गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम 1971‘‘ के नियम 2003 के नियम 4 (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित संलग्न परिशिष्ट अनुसार अनुभव अथवा प्रशिक्षणधारी होना अनिवार्य है।
स्टॉफ नर्स भर्ती प्रक्रिया में मेल नर्सों को स्थान दिया जाना
5. ( क्र. 368 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में विगत चार वर्षों से सरकारी क्षेत्रों में स्टॉफ नर्स में मेल नर्स की भर्ती नहीं की जा रही है? क्या मान. मुख्यमंत्री जी, स्वास्थ्य मंत्री ने भी नर्सिंग छात्र संगठन म.प्र. इकाई को सरकारी क्षेत्रों में मेल नर्सों की भर्ती प्रक्रिया का आश्वासन दिया था? (ख) क्या दिनांक 27.07.2015 को सभी नर्सिंग भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी, किन्तु दो माह पश्चात् दिनांक 26.09.2015 को पुन: फीमेल नर्सों की भर्तियां निकाली गई, जिसमें मेल नर्सों को स्थान नहीं दिया गया यदि हाँ, तो क्यों? (ग) यदि वर्णित (क) (ख) सही है तो सरकारी क्षेत्रों में अन्य राज्यों की तरह स्टॉफ नर्स भर्ती प्रक्रिया में मेल नर्सों की भर्तियां की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत मेल नर्स की भर्ती नहीं की जा रही है। विभागीय भर्ती नियम के अंतर्गत स्टाफ नर्स के पद पर मेल नर्स की भर्ती का कोई प्रावधान नहीं है। माननीय मुख्यमंत्री जी, स्वास्थ्य मंत्री जी द्वारा नर्सिंग छात्र संगठन मध्यप्रदेश इकाई को सरकारी क्षेत्रों में मेल नर्सों की भर्ती प्रक्रिया का आश्वासन दिये जाने के संबंध में विभाग को जानकारी नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जिला विदिशा के थाना सिरोंज में अपराध क्र.165/15 की जाँच
6. ( क्र. 448 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा के थाना सिरोंज में अपराध क्र.165/15 भ.द.सं. धारा 302 के तहत पंजीबद्ध किया गया था? यदि हाँ, तो क्या मृतक के परिजनों के द्वारा दिए गए कथन में संदेही व्यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रक्ष्य में क्या मध्यप्रदेश के माननीय राज्यपाल महोदय ने अपने अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 264/पीएसजी/145 दिनांक 04.09.2015 द्वारा माननीय गृहमंत्री को प्रकरण की निष्पक्ष जाँच कराए जाने के संबंध में लिखा था तथा पृष्ठांकन क्रमांक 265/पीएसजी/15 दिनांक 04.09.2015 अंकित कर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय भोपाल को भी निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो माननीय राज्यपाल महोदय के उक्त पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। जिला विदिशा के थाना सिरोंज में अपराध क्रमांक 165/2015 धारा 302 भा.द.वि. के अधीन पंजीबद्ध किया गया था। मृतक के परिवारजनों द्वारा दिये गये कथन व अन्य साक्ष्यों के आधार पर संदेही व्यक्तियों के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य न होने से उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। (ख) जी हाँ। माननीय राज्यपाल महोदय के उक्त पत्र पर पुलिस अधीक्षक, विदिशा को पुलिस मुख्यालय से पत्र क्रमांक अअवि/अनु./भोरे/डीजीपी-ए/24/15/6899/15, दिनांक 08.10.2015 जारी करके गंभीरता पूर्वक विवेचना करने के निर्देश दिये गये थे। प्रकरण की विवेचना अति. पुलिस अधीक्षक, विदिशा के नेतृत्व में गठित एस.आई.टी. के द्वारा गंभीरता एवं तत्परता से की जा रही है।
खंडवा में बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण
7. ( क्र. 481 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा नगरीय क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में कितने हत्याकांड हुए? मृतकों के नाम पता एवं उनके पकड़े गए अपराधियों की जानकारी दी जाए? (ख) उक्त घटनाओं में कितने प्रकरण अवैध शराब, अवैध संबंध, अवैध जुएं सट्टे के व्यवसाय से सम्बंधित थे? पुलिस विभाग के पास संसाधन बढ़ने के बाद भी अपराधों पर नियंत्रण क्यों नहीं हो पा रहा है? (ग) क्या विगत दिनों शराब माफियाओं द्वारा खंडवा में राजा ठाकुर नामक एक व्यक्ति की हत्या दिन दहाड़े चाकू से गोदकर की गई थी? यदि हाँ, तो पुलिस द्वारा नगर में मुख्य अवैध शराब माफियाओं पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इन्हें पुलिस का प्रश्रय मिला है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) हत्याकांड के मुख्य आरोपी पकड़ लिए गए हैं? यदि नहीं, तो कब तक पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर मान. न्यायालय में प्रस्तुत करेंगी? (ड.) क्या पुलिस की मिलीभगत से अवैध शराब माफिया के सरगनाओं पर कार्यवाही न करते हुए अन्य लोगों पर कार्यवाही की जाती है जिससे उनके हौसले बुलन्द है? यदि हाँ, तो ऐसे पुलिस अधिकारियों पर विभाग द्वारा कार्यवाही कब तक की जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त प्रकरणों में से केवल 01 प्रकरण अवैध शराब की प्रतिद्वंद्विता के कारण घटित हुआ है। जिला खण्डवा पुलिस द्वारा उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी उपयोग अपराधों के नियंत्रण हेतु किया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप विगत वर्ष की तुलना में वर्ष 2015 में अपराधों में कमी परिलक्षित हुई है। (ग) दिनांक 16.01.2016 को स्व. राजा ठाकुर की हत्या के संबंध में थाना मोघट रोड में अपराध क्रमांक 27/16 धारा 302, 34 भा.द.वि. का प्रकरण नामजद आरोपी श्री सुधीर दराड़े एवं 01 अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण की विवेचना में आये साक्ष्यों के आधार पर आरोपी 1- सुधीर दराड़े, 2- टिन्ना यादव द्वारा अवैध शराब की प्रतिद्वंद्विता के कारण घटना घटित किया जाना पाया गया है। जिला खण्डवा नगरीय क्षेत्र के थानों 1- मोघट रोड, 2- कोतवाली, 3- पदम नगर में 01.01.2013 से 31.12.2015 की अवधि में अवैध शराब व्यवसाय में लिप्त अपराधियों के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही करते हुए आबकारी अधिनियम के तहत कुल 438 प्रकरण कुल 450 आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किये गये हैं जिनमें से 438 आरोपियों को सक्षम न्यायालय द्वारा दण्डित भी किया गया है। शराब माफियाओं, आरोपियों को पुलिस का किसी प्रकार का प्रश्रय नहीं मिला है। (घ) जी हाँ। प्रकरण में दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। प्रकरण विवेचनाधीन है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
खंडवा जेल ब्रेक मामले में कार्यवाही
8. ( क्र. 482 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिला जेल से सिमी के कितने खूंखार आतंकी किस दिनांक को जेल से किस मार्ग/माध्यम से भागे थे? (ख) घटना के पूर्व किन-किन अधिकारियों द्वारा जेल का निरीक्षण किया? क्या उनके द्वारा जिला जेल की दीवार असुरक्षित होने एवं उन्हें एक ही लाकअप में नहीं रखे जाने संबंधी कोई प्रतिवेदन किया था? (ग) यदि हाँ, तो इसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया? यदि नहीं, तो क्या यह माना जाए कि अधिकारियों का निरीक्षण मात्र औपचारिक था? निरीक्षण करने वाले पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के नाम व पद बतायें? (घ) देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण मामलों में दोषियों के विरूद्ध क्या विभागीय कार्यवाही की गई? क्या इसमें विभागीय कार्यवाही जैसी छोटी सजा पर्याप्त है? (ड.) क्या गृह विभाग स्वत: संज्ञान लेकर दोषियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक आदेश पारित करेगा ताकि भविष्य में ऐसी गंभीर घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला जेल खण्डवा से 07 सिमी बंदी दिनांक 30/09/2013 की दरमियानी रात्रि में बैरिक नं. 2 की रात्रिकालीन शौचालय की दीवार तोड़कर बाहरी दीवार फांदकर फरार हुए थे। (ख) घटना के पूर्व जिला जेल खण्डवा का निरीक्षण करने वाले अधिकारियों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी नहीं। (ग) उत्तर ''ख'' के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अधिकारियों के द्वारा जेल मैन्युअल के नियम, 820 में उल्लेखित प्रावधानों के अंतर्गत निरीक्षण किया जाता है, निरीक्षण करने वाले अधिकारियों के नाम व पद का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के अंतर्गत दीर्घ शास्ति एवं लघुशास्ति दी गई है। (ड.) समुचित कार्यवाही की गई है तथा भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो इस हेतु सुरक्षा के समुचित निर्देश जारी किये गए हैं।
कुपोषित बच्चों के सुधार हेतु गुणवत्ता पूर्ण आहार देने
9. ( क्र. 552 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना जिले में कुपोषण की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण करने वाले राष्ट्रीय संस्थान नेशनल इंस्टीट्रयूट ऑफ न्यूट्रीशियन्स (एन.आई.एन.) के सर्वे रिपोर्ट में जिले के भीतर डेढ़ लाख से भी अधिक बच्चे कुपोषित पाये गये है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त सर्वे में शून्य से पाँच वर्ष तक के बच्चों का किया गया है, जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस रिपोर्ट के उलट अधिकृत तौर पर कहाँ जा रहा है कि जिले में मात्र 5200 बच्चे ही कुपोषित हैं? (ग) क्या एन.आई.एन. हैदराबाद की रिपोर्ट बताती है कि सतना जिले में लगभग 60 फीसदी बच्चे कुपोषण की श्रेणी में आते है? क्या सतना जिला कुपोषण के मामले में प्रदेश में सबसे अव्वल रहा है लेकिन इसके बाद भी किसी तरह का कोई सुधार अभी तक क्यों नहीं हुआ? (घ) क्या जिले के भीतर कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने के लिए पोषण पुनर्वास केन्द्र स्थापित किए गये है जहाँ पर 60 प्रतिशत बच्चों की उम्र दो वर्ष से कम होती है, जबकि आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से जो बच्चे एन.आर.सी में ले आए जाते है उनकी उम्र तीन वर्ष से छ: वर्ष के बीच होती है? तीन वर्ष से कम उम्र के जो बच्चे एन.आर.सी. पहुँचते है वह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों अथवा उपस्वास्थ्य केन्द्रों के मार्फत तक आते है जब कुपोषण के कारण वह किसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाते है? ऐसा क्यों संपूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) राष्ट्रीय पोषण संस्थान हैदराबाद (एन.आई.एन.) द्वारा वर्ष 2010 में 0 से 05 वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर के किये गए अध्ययन में सतना जिले में 492 बच्चों का रेण्डम सर्वे किया गया जिसमें लगभग 67 प्रतिशत कम वज़न के बच्चें पाये गए। (ख) विभागीय एम.आई.एस. अनुसार माह दिसम्बर 2015 की स्थिति में मध्यम कम वज़न के 43,906 बच्चे तथा अतिकम वज़न के 5,224 बच्चे कुल कम वज़न वाले 49,130 बच्चें पाये गए। (ग) राष्ट्रीय पोषण संस्थान, हैदराबाद के वर्णित सर्वे में जिले में कम वज़न के 67 प्रतिशत बच्चे पाये गए है। जी हाँ। विभाग द्वारा बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु किये जा रहे विभिन्न प्रयासों के परिणामस्वरूप बच्चों के पोषण स्तर में सुधार परिलक्षित हुआ है-
वर्ष मध्यम वज़न के अतिकम वज़न के
बच्चों की संख्या बच्चों की संख्या
दिसम्बर 2012 46,714 6,182
दिसम्बर 2013 47,078 5,580
दिसम्बर 2014 45,784 6,236
दिसम्बर 2015 43,906 5,224
(घ) जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित 09 पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 05 वर्ष तक के बच्चों को पोषण प्रबंधन हेतु संदर्भित किया जाता है। माह अप्रैल 2015 से माह दिसम्बर 2015 तक कुल 1,536 बच्चों को भर्ती किया जाकर उनका पोषण प्रबंधन किया गया, इनमें से 02 वर्ष तक की आयु के 1,297 तथा 02 वर्ष से 05 वर्ष तक के 239 बच्चें सम्मिलित थे। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में लगभग 55 प्रतिशत बच्चों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा संदर्भित किया जाता है।
अवैध शराब बेचने वालों के ऊपर कार्यवाही
10. ( क्र. 553 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के रामनगर थाना क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बेनामी शराब की भट्टियां, दुकानें/अवैध अहातें चल रहे हैं, जिसकी शिकायतें पुलिस, आबकारी विभाग तथा मुख्यमंत्री ऑनलाईन में करने के बाद भी कारोबार पर लगाम नहीं लगाई जा रही है, क्यों? (ख) क्या सगौनी बस स्टेण्ड, अमिलिया तिराहे के आस-पास बड़ी संख्या में अवैध कलारी चल रही है? इसके अलावा मिरगौती, मडकरा, रामनगर, कर्रा, मोहवा, नौगांव नं. 4, झिन्ना एवं मर्यादपुर में भी अघोषित शराब की दुकानें चल रही है? (ग) क्या ग्रामीणों द्वारा शिकायत करने पर अवैध शराब बेचने वालों द्वारा परेशान किया जाता है एवं इनके खिलाफ पुलिस में झूठी शिकायत की जाती है? लेकिन पुलिस द्वारा अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्यवाही न कर उल्टा ग्रामीणों को परेशान किया जाता है, क्यों? (घ) क्या अमिलिया तिराहे में शराब की अवैध दुकान चलने से शराबियों के जमावड़े से एवं इनके द्वारा छीटाकशी करने के कारण सरस्वती स्कूल की छात्राएं, दुकानदार, स्थानीय नागरिक, महिलाएं और यात्री त्रस्त है? यदि हाँ, तो इन अवैध दुकानों को पुलिस कब तक बंद करायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) यह सही नहीं है कि जिला सतना के थाना रामनगर क्षेत्र में दर्जनों गावों में बेनामी शराब की भट्टियां, दुकानें एवं अवैध शराब के अहाते चल रहे हैं बल्कि वस्तुस्थिति यह है कि विगत दो वर्षों में उपरोक्त थाना क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री रोकने के उद्देश्य से पुलिस बल द्वारा कार्यवाही की गई है। मदिरा के अवैध धारण व विनिर्माण से संबंधित प्राप्त सूचनाओं के आधार पर राम नगर थाना क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 01.04.2015 से 19.02.2016 तक कुल 60 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ख) जी नहीं। (ग) ग्रामीणों द्वारा सूचना दिये जाने पर तत्काल कार्यवाही की जाती है। अवैध शराब बेचने वालों के द्वारा ग्रामीणों को परेशान करने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है और न ही ग्रामीणों के विरूद्ध झूठी कार्यवाही की गई है। (घ) जी नहीं। पुलिस द्वारा नियमित गश्त की जाती है।
इन्दौर में एम.टी.एच. अस्पताल निर्माण
11. ( क्र. 647 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर के अधीनस्थ एम.टी.एच. अस्पताल में कुल कितने बिस्तरों के अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अस्पताल निर्माण की कुल लागत कितनी है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या एम.टी.एच. अस्पताल प्रारंभ होने की स्थिति में महाराजा यशवंतराव अस्पताल में संचालित स्त्री रोग विभाग को बंद किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो एम.वाय.एच. अस्पताल में आने वाले मरीजों को आकस्मिक एवं सामान्य स्थिति में अन्य विभागों द्वारा स्त्री रोग से संबंधित परामर्श हेतु रेफर करने पर इन मरीजों के लिये विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एम.टी.एच. अस्पताल इंदौर में कुल 150 बिस्तरों के अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। (ख) एम.टी.एच. अस्पताल इंदौर के निर्माण की कुल लागत रूपये 16,67,60,000/- हैं। (ग) जी नहीं। एम.टी.एच. अस्पताल प्रारंभ होने की स्थिति में एम.वाय. चिकित्सालय में संचालित स्त्रीरोग विभाग को बंद नहीं किया जायेगा। (घ) उत्तरांश ‘‘ग’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम
12. ( क्र. 740 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम कब से प्रारंभ किया गया? उसकी उपलब्धि एवं कार्यक्रम का ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त (क) कार्यक्रम के प्रशिक्षण का मापदण्ड क्या है एवं प्रदेश के किन-किन जिलों में उक्त विकास कार्यक्रम प्रारंभ है? किन-किन जिलों में अब तक प्रारंभ है? किन-किन जिलों में अब तक किस कारण से प्रारंभ नहीं हुआ?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के तहत प्रथम वर्ष की कक्षाओं का संचालन दिनांक 05 जुलाई, 2015 से प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की उपलब्धियां व ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के प्रशिक्षण के मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ अनुसार है। यह कार्यक्रम प्रदेश के समस्त 51 जिलों में प्रारंभ है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शांति समितियाँ
13. ( क्र. 958 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामों एवं शहरों में स्थानीय तौर पर गठित शांति समिति से किन-किन व्यक्तियों को समिति में लिया जाता है? (ख) शांति समिति में सम्मिलित किये गये व्यक्तियों का रिकॉर्ड देखना अनिवार्य है या नहीं बतावें? (ग) मंदसौर जिले में प्रत्येक थानों एवं तहसीलों में शांति समिति में सम्मिलित व्यक्तियों की सूची उपलब्ध करावें? (घ) समिति द्वारा विगत दो वर्ष में लिए गये निर्णय की जानकारी भी उपलब्ध करावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) ग्रामों एवं शहरी स्थानीय तौर पर गठित शांति समिति में स्थानीय सभी समुदाय के गणमान्य नागरिकों एवं जन प्रतिनिधियों तथा पत्रकारों को समिति मे सम्मिलित किया जाता है। (ख) शांति समिति में सम्मिलित किये जाने के पूर्व सभी व्यक्तियों का रिकार्ड देखा जाता है। तत्पश्चात् ही उन्हें शांति समिति के सदस्य के रूप में सम्मिलित किये जाते हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (घ) वर्ष 2014-2015 के कार्यवाही विवरण पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
आंगनवाडि़यों के भवन
14. ( क्र. 959 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर जिले के सीतामऊ विकासखण्ड में स्वीकृत 303 नवीन आंगनवाड़ी भवन का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड गरोठ में कौन-कौन से ग्राम में आंगनवाड़ी भवन नहीं है? (ग) विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य हो चुका है या कार्य प्रगति पर है? (घ) क्षेत्र में कितने भवनों का उन्नयन एवं मरम्मत का कार्य हो चुका है या होना है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मंदसौर जिले के सीतामऊ विकासखंड (आई.पी.पी.ई. विकासखण्ड) में 272 नवीन आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण मनरेगा योजना के अभिसरण से कराने संबंधी प्रस्ताव वित्तीय वर्ष 2015-2016 के लिए प्राप्त हुआ है प्रदेश के आई.पी.पी.ई. विकासखण्ड/स्निप जिले में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की योजना विचाराधीन है। भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर इन भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी जा सकेगी। (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड गरोठ में 81 ग्राम में आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए विभागीय भवन नहीं है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में 28 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य स्वीकृत है। जिसमें से 20 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण एवं 8 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। (घ) विधान सभा क्षेत्र में 70 आंगनवाड़ी भवनों के उन्नयन एवं मरम्मत कार्य स्वीकृत है। जिसमें से 11 आंगनवाड़ी भवनों का कार्य पूर्ण एवं 59 आंगनवाड़ी भवनों का कार्य प्रगति पर है।
खाद्यान्न पात्रता पर्ची का वितरण
15. ( क्र. 1057 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंह नगर जनपद पंचायत अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में खाद्यान्न वितरण हेतु पात्रता पर्ची संपूर्ण परिवारों को वितरित कराया जाकर, संबंधित परिवारों को खाद्यान्न की आपूर्ति की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार हाँ, तो कितने परिवारों को पात्रता पर्ची वितरित की जा चुकी है एवं कितने परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण नहीं किया जा सका है? और क्यों? यदि कराया जावेगा तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किया जाकर राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। (ख) जनपद पंचायत ब्यौहारी के 45,981 एवं जयसिंह नगर के 37,776 सत्यापित पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) का वितरण किया जा चुका है। आवेदन करने वाले सत्यापित समस्त पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण किए जाने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है।
समिति की अनुशंसा का पालन
16. ( क्र. 1277 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्रम्हस्वरूप समिति, सचिव स्तरीय समिति एवं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा पर विचार करते हुए सामान्य प्रशासन द्वारा जारी आदेश दिनांक 05.10.2006 के पालन में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा कार्यालयों में पदस्थ संबंधित शासकीय सेवकों को उसका लाभ प्रदान किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 05.10.2006 के अनुपालन में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा अपने विभागीय भर्ती नियमों में संशोधन कर लिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर लिया जावेगा? उपरोक्त आदेशानुसार संबंधित शासकीय सेवकों को किस दिनांक से वित्तीय लाभ प्रदान किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन प्रचलित भर्ती नियमों क्रमशः मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अलिपिकीय (संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें से संबंधित) तृतीय श्रेणी सेवा भरती नियम, 1989 एवं मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं) तृतीय श्रेणी परिचारिका सेवा भरती नियम, 1989 में संशोधन किये जा चुके हैं। मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग लिपिकीय (संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं से संबंधित) तृतीय श्रेणी सेवा भरती नियम, 1989 में संशोधन हेतु नस्ति प्रचलित है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 05.10.2006 के पालन में दिनांक 01.04.2006 से।
महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाएं
17. ( क्र. 1419 ) श्री सतीश मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? क्या योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु सक्षम अधिकारियों द्वारा सतत् निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो निरीक्षण कितने समय उपरांत किन-किन अधिकारियों द्वारा करने का प्रावधान है? (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विभाग की संचालित लाड़ली लक्ष्मी, पूरक पोषण आहार, साझा चूल्हा की जानकारी प्रदाय की जावे? योजनाओं का क्रियान्वयन किन-किन संस्थाओं/एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है? ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में सन 2013 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न संचालित योजनाओं के संबंध में कहाँ-कहाँ से शिकायतें प्राप्त हुई? इन शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। जी हाँ। आई.सी.डी.एस. परियोजनाओं की निगरानी एवं पर्यवेक्षण के निर्देश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘तीन‘ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘चार‘ अनुसार है। (ग) प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘पाँच‘ अनुसार है।
राजगढ़ जिला मुख्यालय पर मेडीकल कॉलेज की स्थापना
18. ( क्र. 1476 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में कितने मेडीकल कॉलेज संचालित हैं? (ख) क्या राजगढ़ जिले के जिला मुख्यालय पर जनता की मांग अनुसार मेडीकल कॉलेज खोला जाना प्रस्तावित है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक खोला जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रदेश में 06 शासकीय तथा 07 निजी चिकित्सा महाविद्यालय संचालित हैं। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ‘‘ख’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्टाफ/सुविधाएं
19. ( क्र. 1533 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के अधीन संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में शासन निर्देशानुसार कितने चिकित्सक/स्टॉफ, क्या-क्या जाँच/अन्य सुविधा व्यवस्थाएं होना चाहिए? (ख) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र राड़ेप, प्रेमसर, दांतरदा, ढोढर, दुर्गापुरी एवं शहर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उक्त निर्देशानुसार कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध/अनुपलब्ध है केन्द्रवार जानकारी देवें? (ग) क्या वर्तमान में उक्त केन्द्रों में उक्त निर्देशानुसार चिकित्सकों की पूर्णकालिक पदस्थी, स्टॉफ/अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं नतीजन उक्त केन्द्रों से संबंध क्षेत्रीय नागरिकों को उपचार कराने हेतु जिला चिकित्सालय श्योपुर अथवा अन्यत्र जाना पड़ता है? (घ) क्या श्योपुर शहर के पुराने जिला चिकित्सालय कैम्पस में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कई माह से चिकित्सक नहीं है और ये स्टॉफ नर्स के भरोसे संचालित हो रहा है? जाँच व अन्य सुविधाओं का अभाव है नतीजन शहरवासियों को उपचार हेतु जिला चिकित्सालय में ही जाना पड़ रहा है यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त समस्त केन्द्रों में शासन निर्देशानुसार प्रश्नांश (क) में वर्णित सुविधा व्यवस्था शीघ्र उपलब्ध करवाएगा? इस हेतु समय-सीमा बतावे, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) निर्धारित मापदण्ड अनुसार बीमॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 02 चिकित्सा अधिकारी एवं नान बीमॉक संस्था में 01 चिकित्सा अधिकारी का पद स्वीकृत होता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्टॉफ स्वीकृति संबंधी मापदण्ड समय-समय पर परिवर्तित होते हैं, प्रश्नांश ’’ख’’ में प्रश्नांकित संस्थाओं पर समय-समय पर निर्धारित मापदण्ड अनुसार स्वीकृत पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार 16 प्रकार की निःशुल्क जॉच एवं 71 प्रकार की निःशुल्क दवाईयाँ उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त 108 एम्बूलेंस एवं जननी एक्सप्रेस वाहन सुविधा, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर कराये जाने संबंधी प्रावधान है। (ख) स्टॉफ संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है एवं सुविधाओं के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। उक्त संस्थाओं अंतर्गत निःशुल्क जननी एक्सप्रेस वाहन एवं 108 एम्बूलेंस वाहन सुविधा भी प्रदान की जा रही है। (ग) प्रश्नांकित स्वास्थ्य केन्द्रों पर शतप्रतिशत पदपूर्ति नहीं की जा सकी है किन्तु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार उपलब्ध सुविधाओं अनुसार पदस्थ चिकित्सकों/स्वास्थ्य सहायक स्टॉफ द्वारा आमजन को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है, केवल गंभीर बीमारी के मरीजों को ही आवश्यकतानुसार आगामी उपचार हेतु जिला चिकित्सालय श्यौपुर निःशुल्क वाहन द्वारा रैफर किया जाता है। (घ) जी नहीं, डॉ. किर्ती अग्रवाल, संविदा एन.एच.एम./आर.सी.एच. चिकित्सक, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ हैं। इनके अतिरिक्त एक संविदा स्टॉफ नर्स, एक संविदा एम.आई.एस. डाटा असिस्टेंट, एक स्वीपर की पदस्थापना है। यथाशीघ्र, निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शासकीय अस्पतालों व औषधालय में स्वीकृत एवं कार्यरत स्टाफ
20. ( क्र. 1559 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शासकीय अस्पताल व औषधालय संचालित किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इन शासकीय अस्पतालों व औषधालयों में स्वीकृत स्टाफ व कार्यरत स्टाफ की सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्न (क) अनुसार शासकीय अस्पतालों व औषधालयों में कई पद रिक्त है? यदि हाँ, तो विभाग पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है व कब तक सभी पदों की पूर्ति हो जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग के अधीन लोक सेवा आयोग तथा व्यापम के माध्यम से सीधी भर्ती एवं सक्षम स्तर से नियमानुसार पदोन्नति के माध्यम से पद पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शिशु मृत्यु दर
21. ( क्र. 1576 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में कुपोषण से शिशु मृत्यु दर संख्या क्या है? क्या प्रदेश में कुपोषण से शिशु मृत्यु दर विगत वर्षों की तुलना में बढ़ती जा रही है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें? मध्यप्रदेश में विगत पाँच वर्षों की कुपोषण से शिशु मृत्यु दर की संख्या जिलावार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मध्यप्रदेश में कुपोषण से शिशु मृत्यु दर की संख्या कम करने हेतु संबधित विभाग द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रदेश में कुपोषण से शिशु मृत्यु दर की पृथक से गणना नहीं की जाती है। (ख) एकीकृत बाल विकास सेवा अन्तर्गत अतिकम वज़न वाले बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु उन बच्चों को थर्ड मील देने, चिन्ह्ति ग्रामों में सुपोषण अभियान अन्तर्गत स्नेह शिविरों का आयोजन, स्नेह सरोकार कार्यक्रम अन्तर्गत जनसमुदाय/जनप्रतिनिधियों/इच्छुक व्यक्तियों को बच्चों के पोषण सुधार की जिम्मेदारी देना, निर्धारित मापदण्ड वाले बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में संदर्भित किया जाना आदि गतिविधियाँ की जा रही है। बच्चों के पोषण स्तर में सुधार से उनके समग्र स्वास्थ्य में सुधार अपेक्षित है।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मी की मूल विभाग में वापसी
22. ( क्र. 1651 ) श्री के.पी. सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्नोत्तरी दि. 16.12.2015 के प्रश्न संख्या 111 (क्रं. 2441) के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रं. सी/3-14/06/3/एक दिनांक 29.02.2008 द्वारा जारी निर्देशों की कण्डिका-2 के अनुसार प्रतिनियुक्ति सेवाओं में वृद्धि की गई है, दर्शाया गया है? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में दर्शायी गई अन्य कण्डिकाओं का भी पालन किया गया है? यदि हाँ, तो कण्डिका का पालन प्रतिवेदन से अवगत करावें? यदि नहीं, तो क्यों? दोषी कौन है? (ग) क्या व्यक्ति विशेष को उपकृत करने हेतु प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उक्त शासनादेश के संदर्भ में सदन को भ्रामक व आधी अधूरी जानकारी देकर शासन के निर्देशों का जानबूझकर उल्लंघन/अवहेलना की जा रही है? दोषी कौन है? (घ) क्या शासन/विभाग शासन के प्रचलित नियम/निर्देशों व पारदर्शिता के अधीन अपने व्यक्तिगत लाभ हेतु कई वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ/कार्यरत कर्मचारियों की सेवायें उनके मूल विभाग में वापस करते हुये उनके कार्यकाल की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये उनके स्थान पर अन्य योग्य अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर लिया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अन्य कंडिकाओं का पालन निम्नानुसार किया गया है:-कंडिका 1 (एक) -मूल विभाग से प्रतिनियुक्ति के प्रत्येक पद के लिए 3-3 शासकीय सेवकों का पैनल तथा मूल्यांकन पत्रक प्राप्त किया गया। कंडिका 1 (दो) -मूल विभाग की सहमति प्रतिनियुक्ति हेड प्राप्त की गयी। कंडिका 1 (तीन)-पैनल से उपयुक्त शासकीय सेवक का चयन किया गया। कंडिका 1 (चार)-मूल विभाग द्वारा लोकसेवक की सेवाएं सौंपने के औपचारिक आदेश जारी किए गए। तत्पश्चात् कार्पोरेशन द्वारा प्रतिनियुक्ति कर सेवाएं लेने के औपचारिक आदेश जारी किए गए इसके पश्चात् ही पैत्रिक विभाग द्वारा संबंधित लोक सेवक को कार्यमुक्त किया गया। कंडिका 1 (पाँच)-लागू नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ’क’ ’ख’ एवं ’ग’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परासिया में उपजेल का निर्माण
23. ( क्र. 1706 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र में उप-जेल खोले जाने का प्रस्ताव स्वीकृत है? इसकी स्वीकृति कब की गई? (ख) यदि उप-जेल स्वीकृत है तो उप-जेल का निर्माण अभी तक नहीं किए जाने का क्या कारण है? उप-जेल के निर्माण हेतु विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) स्वीकृत उप-जेल का निर्माण कब तक किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। स्वीकृति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तर 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तर 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों को भोजन व नाश्ता प्रदान नहीं किया जाना
24. ( क्र. 1707 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत अप्तरा में स्व-सहायता समूह द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों को लगभग एक माह से भोजन व नाश्ता नहीं दिया गया? भोजन व नाश्ता नहीं दिए जाने का क्या कारण है? (ख) क्या विभाग के अधिकारियों द्वारा इसकी जाँच की गई? अगर जाँच की गई है, तो उक्त संबंध में अभी तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) अगर जाँच नहीं की गई है, तो इस अनुचित कार्यवाही के लिये क्या विभाग द्वारा उच्चस्तरीय जाँच कराई जायेगी और संबंधित दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी पर विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। यह सही है कि परासिया विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत अप्तरा में स्वसहायता समूह को रसोईया के परिवार में उसके देवर का देहान्त हो जाने के कारण आंगनवाड़ी केन्द्र में नाश्ता भोजन नहीं दिया गया, किन्तु इस अवधि में दिनांक 01/01/2016 से दिनांक 18/01/2016 के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पूरक पोषण आहार में बच्चों को हलुआ, खिचड़ी, बाल आहार बनाकर वितरण किया गया है। समूह द्वारा दिनांक 19/01/2016 से आंगनवाड़ी केन्द्र पर पुन: नियमित नाश्ता एवं भोजन का प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। पर्यवेक्षक द्वारा दिनांक 09/01/2016 को केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण के दौरान उक्त स्थिति पाई जाने पर संबंधित समूह से स्पष्टीकरण लिया गया था। इसके उपरान्त परियोजना अधिकारी परासिया-2 द्वारा पत्र क्रमांक/809, दिनांक 09/01/2016 के अनुसार समूह की अध्यक्ष को कारण बताओ पत्र जारी किया गया था। जिला कार्यालय के संज्ञान में दिनांक 12/02/2016 को आने पर संबंधित परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। संबंधित समूह को पृथक करने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
शा. नेता जी सुभाष चंद बोस चिकित्सालय से पृथक किये गये कर्मचारियों की योग्यता
25. ( क्र. 1765 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय नेता जी सुभाषचंद बोस चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर में पूर्व में पृथक किये गये 341 आकस्मिक श्रमिकों में कितने तकनीकी एवं गैर तकनीकी कर्मचारी थे? पृथक-पृथक जानकारी दी जावे? (ख) वर्णित (क) के निकाले गये उक्त आकस्मिक श्रमिकों की क्या योग्यताएं थी एवं उनके द्वारा क्या-क्या कार्य संपादित किये जाते रहे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खाद्य सामग्री के वितरण में अनियमितता
26. ( क्र. 1841 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिलान्तर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कितना-कितना आवंटन राशन की दुकानों को किया गया है एवं उनके द्वारा कितना-कितना वितरण किया गया है? विधान सभा क्षेत्रवार पूर्ण ब्यौरा दें? (ख) क्या विगत तीन माह से राशन की दुकानों से वितरण न होने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें? (ग) उक्त दुकानों से वितरण संबंधी अनियमितताएं होने के कुल कितने मामले प्रकाश में आए हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
कुपोषण निवारण के लिये आवंटित धनराशि और उसका उपयोग
27. ( क्र. 1854 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड अंचल के टीकमगढ़, छरतपुर, दमोह, सागर और पन्ना जिलों में बच्चों में कुपोषण के निवारण के लिये वर्ष 2014-2015 और 2015-2016 में कुल कितनी-कितनी धनराधि आवंटित की गई और इस अवधि में कितनी धनराशि वास्तव में खर्च की गई? (ख) उपरोक्त अवधि में इन जिलों में कुपोषण ग्रस्त बच्चों की संख्या कितनी थी और शासन के प्रयासों से कितने बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने में सफलता मिली?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है।
पुलिस कर्मचारियों के इलाज हेतु अधिकृत निजी अस्पताल
28. ( क्र. 1961 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पुलिस के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के इलाज हेतु म.प्र. पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना 2014 या अन्य नाम की कोई योजना शुरू है? इस योजना के क्या लाभ है? विवरण योजना सहित बिन्दुवार दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना के तहत प्रदेश के किन-किन जिलों में किस-किस स्थान पर किन-किन निजी अस्पतालों को इलाज हेतु अधिकृत किया है? क्या उक्त योजना में कई पेचीदा शर्तें/नियम होने से उक्त योजना का सही लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा है? (ग) क्या ग्वालियर चंबल संभाग में केवल एक निजी अस्पताल को विभाग द्वारा अधिकृत किया है? जबकि ग्वालियर-चंबल संभाग में पुलिस के हजारों कर्मचारी पदस्थ हैं? उनके इलाज हेतु और अन्य निजी चिकित्सालयों को अधिकृत किये जाने के क्या प्रयास/निर्णय शासन कब तक लेगा? (घ) उक्त योजना के शुरू होने से प्रश्न तिथि तक किन-किन स्थानों पर कितनी संख्या में रोगियों को इसका लाभ मिला?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। इस योजना का उद्देश्य पुलिस विभाग के विभिन्न श्रेणियों (भा.पु.से को छोड़कर) के अधिकारियों/कर्मचारियों तथा उनके आश्रित पारिवारिक सदस्यों को कैशलेस उपचार की सुविधा प्रदत्त की जाना है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। योजना के अंतर्गत राज्य शासन के निर्देशानुसार म.प्र.पुलिस सेवा चिकित्सा परिचर्या नियम 1958 में दिये प्रावधानों के अनुरूप ही लाभ दिया जा रहा है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राज्य शासन के निर्देशानुसार केवल उन्हीं चिकित्सालयों से अनुबंध किया जा सकता है, जिन्हें राज्य शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों तथा उनके आश्रित सदस्यों को उपचार की अनुमति प्रदान की गई हो। ग्वालियर संभाग में केवल एक मात्र कैंसर अस्पताल ग्वालियर को मान्यता प्राप्त होने के कारण उसी चिकित्सालय से अनुबंध किया जा सका है। निजी चिकित्सालयों के पास एन.ए.बी.एच. की मान्यता नहीं होने से अनुबंध में कठिनाई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार।
पूरक पोषण आहार
29. ( क्र. 2000 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार के अंतर्गत सामग्री प्रदाय की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष, 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस एजेंसी से किस-किस दर पर प्रदाय किया जा रहा है? (ग) सामग्री प्रदाय हेतु निविदा कब-कब बुलाई गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राज्य मंत्री परिषद द्वारा लिए निर्णय अनुसार 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को पूरक पोषण आहार का प्रदाय मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूह के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से जिला स्तर से संचालित की जाती हैं। 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं को टेकहोम राशन का प्रदाय आंगनवाड़ी केन्द्रों में एम.पी.एग्रो के माध्यम से किया जा रहा है। एम.पी.एग्रो म.प्र.शासन का उपक्रम है।
धान भण्डारण की व्यवस्था
30. ( क्र. 2005 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2014-15 में बालाघाट जिले में उपार्जित धान के भण्डारण व्यवस्था हेतु गोदाम/केप कर निर्धारित किया गया? (ख) यदि हाँ, तो प्रत्येक गोदाम की क्षमता सहित सूची, किन-किन उपार्जन केन्द्रों के धान का भण्डारण कहाँ-कहाँ किया गया एवं परिवहन व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के भंडारण हेतु निर्धारित गोदामों की क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उपार्जन केन्द्रवार उपार्जित धान को जिन गोदामों/केप में भंडारित किया गया है, उक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उपार्जित धान के परिवहन पर कुल व्यय राशि रू. 11,04,24,793 हुआ है।
किशोरी शक्ति योजना
31. ( क्र. 2116 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित किशोरी शक्ति योजना के क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या मार्गदर्शिका प्रचलन में है? मार्गदर्शिका की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विगत 3 वर्ष में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के लिये जिला मुरैना को कितनी राशि किन-किन जनपद पंचायतों को दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में आवंटन राशि से जनपद पंचायत अम्बाह व जिला मुरैना में योजनाओं का कहाँ-कहाँ क्रियान्वयन होकर क्या-क्या कार्य किये गये, की जानकारी व्यय राशि सहित दी जावे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) किशोरी शक्ति योजना के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के लिये शासन से जनपद पंचायत को आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता है, अपितु जिले की बाल विकास परियोजनाओं को आवंटन उपलब्ध कराया जाता है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। (ग) परियोजना अम्बाह एवं जिला मुरैना के प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है तथा योजना अन्तर्गत प्राप्त आवंटन राशि से खंड स्तरीय प्रशिक्षण में पर्यवेक्षक/स्वास्थ्य विभाग/शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियो द्वारा स्वास्थ्य, पोषण शिक्षा, स्वच्छता, सन्तुलित भोजन, किशोर अवस्था में स्वास्थ्य की देखभाल, आर्थिक स्वावलंबन इत्यादि विषयों की जानकारी दी जा कर किशोरी बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। इसी प्रकार पंचायत स्तरीय प्रशिक्षण में 18 किशोरी बालिकाओं को प्रशिक्षण, विभाग की पर्यवेक्षकों, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा किशोरी स्वास्थ्य, सन्तुलित आहार, महिला स्व-सहायता समूह तथा आर्थिक स्वावलंबन संबंधी योजनाएं, स्वास्थ्य परीक्षण, बाल-विवाह के दुष्परिणाम, जनसंख्या स्थिरीकरण, माँ का स्वास्थ्य, किशोर अवस्था की समस्याएं और उनका निदान संबंधी विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है।
जप्तशुदा वाहनों का निराकरण
32. ( क्र. 2219 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में विभिन्न थानों पर वर्ष 2014-15 से प्रश्नांश दिनांक तक कुल कितने वाहन विभिन्न धाराओं के अंतर्गत जप्त कर रखे गये हैं? (ख) थानों पर जप्त कर रखे गये सामानों एवं वाहनों के निराकरण की क्या व्यवस्था है? न्यायालयीन प्रकरण कौन से विचाराधीन हैं? जानकारी दें। (ग) क्या शहर के थानों पर जप्त वाहनों को थानों को छोड़कर अन्यत्र एक ही स्थान पर रखे जाने हेतु शासन की क्या कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो क्या? कार्य योजना किस स्तर पर विचाराधीन है? (घ) यदि कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई तो जप्त वाहनों के कारण थाना परिसरों में लगातार कम पड़ती जगह के संबंध में शासन द्वारा क्या कार्य योजना बनाई जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) भिण्ड जिले के विभिन्न थानों में प्रश्नांकित अवधि (01.01.2014 से 10.02.2016 तक) में कुल 129 जब्त वाहन थानों में रखे हुए हैं। एवं इनसे संबंधित प्रकरण समक्ष न्यायालयों में विचाराधीन है। (ख) पुलिस एक्ट के अंतर्गत जब्त लावारिस संपत्ति (वाहन) को उद्घोषणा दिनांक से 06 माह की अवधि के पश्चात् एवं अपराधों में जब्त वाहनों के संबंध में न्यायालयीन निर्णयों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में विभिन्न थानों में रखे गए कुल 129 जब्त वाहनों से संबंधित प्रकरण जो न्यायालय में विचाराधीन है, का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जब्त वाहनों के संबंधित न्यायालय से शीघ्र निराकरण हेतु विधि अनुरूप कार्यवाही की जाती है।
उमरियापान के आयुर्वेदिक औषधालय में अतिक्रमण
33. ( क्र. 2292 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा के ग्रा./ग्रा.पं. उमरियापान में आयुर्वेदिक औषधालय संचालित है और उसमें किन पदों पर कौन पदस्थ है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) का कोई भवन है और उसके कक्षों और रिक्त भूमि का किनके द्वारा उपयोग किया जा रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) भूमि में क्या किसी के द्वारा अतिक्रमण और अवैध निर्माण कर कोई व्यवसाय किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) की अतिक्रमित भूमि की कीमत आज दिनांक में क्या है? (ड.) क्या किसी दिनांक तक अतिक्रमण व अवैध निर्माण हटा दिया जावेगा और दोषी के विरूद्ध वसूली और कानूनी कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पदस्थापना संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। वर्तमान में ग्राम पंचायत द्वारा भवन निर्माण कर औषधालय हेतु दिया गया है, जिसमें 2011-12 से आयुर्वेद औषधालय उमारियापान संचालित है तथा औषधालय उपयोग में सभी कक्ष है तथा औषधालय भवन में रिक्त भूमि नहीं है। किसी अन्य के द्वारा उपयोग नहीं किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय जाँच
34. ( क्र. 2334 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.07.2014 को अतारांकित प्रश्न संख्या 5 क्रमांक 56 के उत्तर की कंडिका (क) में यह अवगत कराया गया था कि नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन म.प्र.भोपाल के पत्र दिनांक 29.07.2013 के संदर्भ में श्री शिवराज पावक, खाद्य निरीक्षक के विरूद्ध संस्थित दो विभागीय जाँच प्रकरणों में जारी किये गये आरोप पत्रों के परीक्षण उपरांत दोनों प्रकरणों में विभागाध्यक्ष के आदेश दिनांक 14.08.2013 द्वारा विभागीय जाँच संस्थापित की गई है? (ख) लोकायुक्त में पंजीबद्ध प्रकरण क्रमांक 460/10 व 88/11 के जाँच प्रतिवेदन के अनुसार उक्त दोनों विभागीय जांचों में जाँच प्रतिवेदन के किन-किन बिन्दुओं को सम्मिलित किया गया है तथा जाँच प्रतिवेदन में उल्लेखित साक्षियों में से किन-किन को विभागीय जाँच में साक्षी बनाया गया है? (ग) क्या प्रकरण क्रमांक 88/11 में लोकायुक्त से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन दिनांक 27.02.2013 के आधार पर विभागाध्यक्ष ने कोई कार्यवाही नहीं की है? क्या इस हेतु दोषी अधिकारी को दण्डित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रेफलर लेबोरेटरी मैसूर की रिपोर्ट पर कार्यवाही
35. ( क्र. 2337 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला होशंगाबाद में फूड सेफ्टी एक्ट के अंतर्गत 46 (4) के पालन में पनीर के खाद्य नमूना क्र. एस.आर.पी./एच.बी. 10.12.6297 का द्वितीय भाग रैफलर लेबोरेटरी मैसूर जाँच हेतु भेजा तो मैसूर की प्रयोगशाला में नमूने की जाँच न होकर प्रयोगशाला द्वारा दिनांक 07.05.2012 की रिपोर्ट के द्वारा अभिहित अधिकारी होशंगाबाद को यह अवगत कराया गया कि नमूना जाँच के लिये उपयुक्त नहीं है? मैसूर की रिपोर्ट दिनांक 07.05.2012 की प्रति प्रदाय करावें? (ख) क्या फूड सेफ्टी एक्ट एवं नियम 2011 केनियम 2.4.6 में स्पष्ट प्रावधान है कि रैफरल लेबोरेटरी की रिपोर्ट अंतिम होगी तो बतावें कि इन नियम के विरूद्ध डी.ओ. होशंगाबाद द्वारा किस नियम के अंतर्गत मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई? (ग) क्या प्रकरण में खाद्य सुरक्षा अधिकारी होशंगाबाद एवं डी.ओ. होशंगाबाद दोनों ने मिल कर व्यवसायी को क्षति पहुंचाने की कार्यवाही की है तो क्यो? (घ) वर्तमान में प्रकरण की अद्यतन जानकारी प्रदाय कराई जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। मैसूर की रिपोर्ट दिनांक 07.05.2012 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अभिहित अधिकारी, होशंगाबाद द्वारा किसी नियम के विरूद्ध मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी गई बल्कि खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम की धारा 36 (3) (ई) के अंतर्गत मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई क्योंकि रेफरल लेब द्वारा नमूने का परिणाम मानक या अवमानक होना प्रतिवेदित नहीं किया। खाद्य नमूने की प्रथम भाग की जाँच रिपोर्ट अवमानक पाई गई और उसी नमूने के द्वितीय भाग को अपीलार्थी की अपील अनुसार केवल मिल्क फेट का प्रतिशत के संबंध में रेफरल लेबोरेटरी भेजा गया। जिसमें नमूने का द्वितीय भाग ‘‘नाट फिट फार एनालायसिस‘‘ पाया गया था। रैफरल लेब के द्वारा नमूने के द्वितीय भाग की कोई रासायनिक पैरामीटर के अनुसार परीक्षण न कर केवल नमूने की स्थिति के बारे में मत दिया था। रेफरल लेब द्वारा नमूने के द्वितीय भाग की ‘‘रासायनिक जाँच/परीक्षण न किये जाने‘‘ के कारण, जो मत दिया गया है वह खाद्य विश्लेषक की रिपोर्ट को खण्डित नहीं करता है। ऐसी स्थिति में खाद्य विश्लेषक की रिपोर्ट अखण्डनीय है। तथा खाद्य कारोबारकर्ता को भेजी गई संसूचना अनुसार भी कोई निवेदन खाद्य कारोबारकर्ता द्वारा तृतीयक भाग के संबंध मे अभिहित अधिकारी होशंगाबाद को नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। प्रकरण में खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं डी.ओ. होशंगाबाद दोनों ने मिलकर व्यवसायी को क्षति की कार्यवाही नहीं की है। दोनों के द्वारा ‘‘लोकहित में सद्भाविक कार्यवाही‘‘ की गई है। डी.ओ. द्वारा लोकहित में अभियोजन स्वीकृति, जारी की गई तथा अभियोजन स्वीकृति आदेश के ‘‘आज्ञापक प्रावधान‘‘ के पालन में प्रकरण माननीय न्यायालय श्रीमान न्यायनिर्णायक अधिकारी एवं ए.डी.एम. होशंगाबाद के द्वारा संज्ञान लिया जाकर, सम्पूर्ण विचारण उपरांत निर्णय दि. 01.10.13 द्वारा आरोपी पर 2.00 लाख रूपये की शास्ति आरोपित की जा चुकी है। (घ) वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय अपीलीय अधिकरण एवं जिला जज होशंगाबाद के समक्ष लंबित है।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
36. ( क्र. 2445 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड कुण्डम में आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु भवन निर्माण 2.40 लाख की लागत से कब स्वीकृत किये गये हैं? कितने भवन कहाँ-कहाँ बनाये जाना है? स्वीकृति का वर्ष, केन्द्रों के नाम सहित सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) क्या भवनों की कम लागत होने के कारण अभी तक नहीं बनाये जा सके भवन की लागत पुनरीक्षित करते हुये कब तक प्रश्नांश (क) भवनों का निर्माण पूर्ण करा लिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुण्डम में वित्तीय वर्ष 2007-08 से वित्तीय वर्ष 2009-2010 तक कुल 33 आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य राशि रूपये 2.40 लाख प्रति भवन की लागत से स्वीकृत किये गये है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कुल स्वीकृत 33 आंगनवाड़ी भवनों में से 24 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण, 06 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन एवं 3 आंगनवाड़ी भवन अप्रारंभ है। कुल 09 निर्माणधीन एवं अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण कराने के लिये जिले द्वारा अतिरिक्त राशि चाही गई है। राज्य आयोजना मद में राशि उपलब्ध होने पर इन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिये अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाकर, निर्माण कार्य पूर्ण कराया जा सकेगा। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं।
सिविल अस्पताल सिहोरा में स्टाप की पूर्ति
37. ( क्र. 2446 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर तहसील सिहोरा अंतर्गत सिविल अस्पताल सिहोरा का उन्नयन कर 100 बिस्तर का किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें एवं स्वीकृत अमले की प्रति भी उपलब्ध करायें? (ख) कंडिका (क) सूची अनुसार स्टाफ की पदस्थापना कब तक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। प्रश्न भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अतिरिक्त स्वीकृत किये गये पदों की पदस्थापना 100 बिस्तरीय अस्पताल के भवन निर्माण होने के बाद की जावेगी, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
मझगवां स्वा.केन्द्र का उन्नयन
38. ( क्र. 2447 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 62 क्रमांक 1307 दिनांक 24/7/2015 के द्वारा अवगत कराया गया था, कि मझगवां पी.एच.सी. को सामुदायिक स्वा. केन्द्र में उन्नयन किये जाने के संबंध में परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी? (ख) कंडिका (क) के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? कब तक पी.एच.सी. का उन्नयन कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रस्ताव का परीक्षण किया गया है। 10 बिस्तरीय, बीमॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगंवा की बाह्य रोगी लगभग 40-50 एवं आंतरिक रोगी 1-2 प्रतिदिन की है। वर्तमान में संस्था का पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है। मझगंवा से 15 किमी की दूरी पर 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल सिहोरा स्वीकृत है। प्रदेश में चिकित्सको की निरन्तर कमी भी है। अतः प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मझगंवा का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किया जाना संभव नहीं है।
दुकानों फर्मों पर अमानक खाद्यान्न की कार्यवाही एवं वसूली
39. ( क्र. 2482 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न संख्या 101 क्र. 2650 दिनांक 31.07.2015 में जिन दुकानों फर्मों पर अमानक मिथ्याछाप नकली के प्रकरण दर्ज हैं उनसे कितनी वसूली की गई है एवं कितनी की जाना है? प्रकरणवार दिनांक सहित जानकारी देवें? (ख) शेष वसूली कब तक कर ली जावेगी? समय-सीमा बतावें? न्यायालयीन प्रकरणों की प्रकरणवार अद्यतन जानकारी बतावें? (ग) इस संबंध में जुर्माने, न्यायालयीन प्रकरण लगाने, प्रतिबंधित करने एवं अन्य निषेधात्मक कार्यवाही के नियमों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावे? (घ) समय पर जुर्माने की राशि वसूल न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शास्ति अधिरोपित करना एवं वसूल करना सक्षम न्यायालय की एक न्यायिक प्रक्रिया है। जिन प्रकरणों में शास्ति राशि की वसूली शेष है, ऐसे प्रकरणों में वसूली हेतु सक्षम न्यायालय को पत्र लिखा गया है। समय बताया जाना संभव नहीं है। (ग) खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 42 में अभियोजन चलाने की प्रक्रिया, धारा 68 एवं तथ्यहीन बने खाद्य सुरक्षा और मानक नियम, 2011 के नियम 3.1.1 में दी गई प्रक्रिया का अनुसरण करते हुये नियम 3.1.2 में जुर्माना अधिरोपित करना तथा किसी खाद्य पदार्थ को धारा 30 में आयुक्त, खाद्य सुरक्षा तथा धारा 33 में सक्षम न्यायालय द्वारा प्रतिषेध आदेश जारी किये जा सकते हैं। धारा एवं नियमों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) शास्ति अधिरोपित करना एवं वसूल करना सक्षम न्यायालय की एक न्यायिक प्रक्रिया होने से प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पैथोलॉजी एक्सरे, ई.सी.जी. की सुविधा
40. ( क्र. 2520 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एक्सरे मशीन ई.सी.जी. मशीन तथा पैथोलॉजी सुविधा उपलब्ध है तथा कौन-सा ऐसा स्वास्थ्य केन्द्र है जहाँ उक्त सुविधाओं का अभाव है? उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार उनके आपरेटर तथा लेब टेक्नीशियन की पदस्थापना कौन-कौन सी सामुदायिक केन्द्रों में की गई है? (ख) कौन-कौन से ऐसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं जहाँ उपर्युक्त सुविधाएं होने के बाद भी आपरेटर लेब टेक्नीशियन के अभाव में सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, रिक्त स्थानों पर कब तक नियुक्तियां कर दी जावेगी? कौन-सा ऐसा स्वास्थ्य केन्द्र है जहाँ पद पूर्ति तथा मशीनों की उपलब्धता के बाद भी सुविधाओं का लाभ मरीजों को नहीं दिया जा रहा है, उसके क्या कारण हैं? (ग) जिन स्वास्थ्य केन्द्रों में एक्सरे ई.सी.जी. पैथालॉजी सुविधा नहीं है वहां भविष्य में जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना को मूर्तरूप देने हेतु कोई योजना है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मण्डला जिले में समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ई.सी.जी. एवं पैथॉलाजी सुविधाएं उपलब्ध है। लेब टेक्नीशियन समस्त केन्द्रों में पदस्थ है। ई.सी.जी. टेक्नीशियन का कोई पद सृजित नहीं है। प्रशिक्षित स्टॉफ से ई.सी.जी. करवाई जाती है। एक्सरे मशीन एवं आपरेटर संबंधी जानकारी समस्त विकासखण्डवार निम्नानुसार है-
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
एक्सरे मशीन |
रिमार्क |
|
|
|
हाँ/नहीं |
ऑपरेटर |
|
1. |
बम्हनी |
हाँ |
हाँ |
- |
2. |
नैनपुर |
हाँ |
हाँ |
- |
3. |
बिछिया |
हाँ |
हाँ |
- |
4. |
बीजाडाण्डी |
हाँ |
हाँ |
- |
5. |
निवास |
हाँ |
नहीं |
अन्य प्रशिक्षित कर्मचारी से कार्य कराया जा रहा है। कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। |
6. |
नारायणगंज |
हाँ |
नहीं |
अन्य प्रशिक्षित कर्मचारी से कार्य कराया जा रहा है। कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। |
7. |
मवई |
हाँ |
नहीं |
वर्तमान में प्रशिक्षित ऑपरेटर न होने के कारण कार्य नहीं कराया जा रहा है। एक्सरे जाँच की वैकल्पिक व्यवस्था निकट के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजकर कराई जाती है। |
8. |
घुघरी |
नहीं |
हाँ |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घुघरी में एक्सरे मशीन उपलब्ध कराने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। |
9. |
मोहगांव |
हाँ |
नहीं |
अन्य प्रशिक्षित कर्मचारी से कार्य कराया जा रहा है। कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। |
(ख) मण्डला जिले में समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पैथॉलाजी एवं ई.सी.जी. सुविधाएं उपलब्ध है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द मवई में एक्सरे मशीन पूर्व से उपलब्ध है लेकिन ऑपरेटर के अभाव में एक्सरे की सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। एक्सरे जाँच की वैकल्पिक व्यवस्था रोगियों के निकट के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजकर कराई जाती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-निवास, नारायणगंज, मवई, मोहगांव में एक्सरे टेक्नीशियन पदस्थ न होने के बावजूद अन्य प्रशिक्षित कर्मचारियों से कार्य संपादित कराते हुये सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है। रिक्त स्थानों की पूर्ति यथासंभव शीघ्र की जावेगी। ऐसा कोई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है जहाँ पर पदपूर्ति तथा मशीन की उपलब्धता के पश्चात भी सुविधाएं नहीं दी जा रही है। (ग) मण्डला जिले के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घुघरी में एक्सरे मशीन उपलब्ध नहीं है। जिसको क्रय करने की कार्यवाही प्रचलन में है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मवई में रेडियोग्राफर के पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सुविधाएं उपलब्ध है।
स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ डॉक्टरों को रात्रिकालीन कार्य का मानदेय भुगतान
41. ( क्र. 2587 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा जिला चिकित्सालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ डॉक्टरों से रात्रिकालीन सेवा कार्य लिया जाता है? यदि हाँ, तो आदेश बतावें? (ख) यदि हाँ, तो जिला चिकित्सालय सीधी एवं उनके अधीनस्थ समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ जिन डॉक्टरों को रात्रिकालीन सेवा का मानदेय दिया जा रहा है, उनकी सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्नांश (ख) में अंकित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जिन डॉक्टरों को रात्रिकालीन सेवा करने पर मानदेय भुगतान नहीं दिया जा रहा है? उन्हें कब तक भुगतान किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला चिकित्सालय व सिविल अस्पताल में रात्रिकालीन आपातकालीन सेवाएं चौबीस घंटे उपलब्ध कराने के आदेश है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की उपलब्धता के अनुसार काल ड्यूटी लगाने के निर्देश है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जिला चिकित्सालय सीधी में रात्रिकालीन सेवायें देने वाले चिकित्सकों की सूची (जिन्हे मानदेय दिया जा रहा है) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में यह व्यवस्था लागू नहीं है। (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टर्स से रात्रिकालीन आपातकालीन ड्यूटी नहीं कराई जाती। अतः मानदेय देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्पताल परिसर की भूमि पर अतिक्रमण
42. ( क्र. 2608 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत भीकनगांव शासकीय अस्पताल के समीप मिर्ची के व्यापारियों एवं कपास जीनिंग होने से बड़े वाहनों के आवागमन होने से धूल-मिट्टी दिन-रात अस्पताल परिसर में उड़ती रहती है जिससे मरीजों को बहुत कठिनाई एवं परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो इस समस्या के निदान हेतु शासन द्वारा अस्पताल परिसर की बाउंड्रीवॉल निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की गई/की जा सकती है? (ख) क्या भीकनगांव अस्पताल परिसर के दक्षिण दिशा में एक जीनिंग मालिक द्वारा अस्पताल की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है तथा उनके द्वारा अपने वाहनों को निकालने हेतु अस्पताल द्वारा निर्मित बाउंड्रीवॉल को ताड़ी गई है? यदि हाँ, तो इस अतिक्रमण को हटाने हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या इस प्रकार शासकीय भूमि का दुरूपयोग एवं सार्वजनिक हितों की रक्षा हेतु जिला प्रशासन द्वारा स्वयं अपनी निगरानी में अस्पताल परिसर भीकनगांव की विवादित भूमि का निराकरण किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, सीमित वित्तीय संशोधन के कारण बाउंड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति प्रदान करना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। अतिक्रमण हटाने हेतु जिला कलेक्टर खरगोन एवं अनुविभागीय अधिकारी भीकनगांव को पत्र लिखे गये है। (ग) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
लामता में फर्जी रजिस्ट्री के मामले में अपराध दर्ज करना
43. ( क्र. 2616 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम लामता खसरा नं. 161 में मंजुला कोठारी द्वारा लामता के अनूप स्वरूप एवं रूपलाल सराठे को बिना पटवारी की चतुर्सीमा के फर्जी रजिस्ट्री की गई? इस मामले में शिकायतकर्ता लखन किल्हाटे ग्राम लामता की शिकायत पर लामता पुलिस द्वारा अपराध दर्ज नहीं करने का कारण बताया जावे? (ख) तहसीलदार बालाघाट ने इस रजिस्ट्री को फर्जी बताते हुये नामांतरण करने से मना कर दिया किन्तु पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करायी? पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज होने पर तहसीलदार बालाघाट के विरूद्ध अपराध दर्ज क्यों नहीं कराया गया? (ग) तहसीलदार बालाघाट द्वारा क्रेता अनूप स्वरूप एवं रूपलाल द्वारा खसरा नं. 163 की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया? तहसीलदार बालाघाट द्वारा 22.1.2016 एवं 23.1.2016 को लामता थाने से पुलिस बल बुलाकर दिन भर पुलिस जवानों को खड़ा रख अतिक्रमणकारियों से रिश्वत लेकर बिना अतिक्रमण हटाये बालाघाट वापिस लौटने के मामले में लामता थाने में दर्ज रोजनामचे के आधार पर तहसीलदार बालाघाट के विरूद्ध अपराध दर्ज क्यों नहीं किया गया?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) श्रीमती मंजूला कोठारी निवासी लामटा, थाना परसवाड़ा जिला बालाघाट ने अपनी भूमि खसरा नंबर 161 रकबा 0.07 हेक्टेयर अनूप, स्वरूप एवं रूपलाल सराठे को दिनांक 28.06.2014 को रजिस्ट्री क्रमांक 2708 के माध्यम से विक्रय की थी। जिसमें चौहदी सीमा हल्का पटवारी द्वारा नहीं लगवायी गयी थी। आवेदक लखन लिल्लारे ग्राम लामटा के शिकायत पत्र की जाँच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस परसवाड़ा से कराई गई। जाँच में आवेदन पत्र में लगाये गये आरोप असत्य पाये गये तथा प्रकरण सिविल न्यायालय में लंबित होने के कारण पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया है। (ख) तहसीलदार द्वारा उक्त भूमि की रजिस्ट्री को फर्जी बताया गया है, वस्तुस्थिति यह है कि उक्त भूमि के नामांतरण संबंधी रा.प्र.क्र. 23/अ-6 वर्ष 2014-15 नामांतरण का प्रकरण न्यायालय (द्वितीय सत्र न्यायाधीश वर्ग-2) में लंबित होने के कारण नामांतरण नहीं किया गया। प्रकरण वर्तमान में अपील उपरांत द्वितीय सत्र न्यायाधीश वर्ग-2 के न्यायालय में लंबित है। (ग) खसरा नंबर 163 की कुछ शासकीय भूमि पर अनूप सराठे, स्वरूप सराठे एवं रूपलाल सराठे द्वारा अतिक्रमण कर मकान बना लिये गये हैं जिन्हें तहसीलदार लामटा जिला बालाघाट द्वारा दिनांक 22, 23 जनवरी 2016 को थाना लामटा से पुलिस बल लेकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करने हेतु गये थे लेकिन मौके पर विवाद की स्थिति उत्पन्न होने, अतिक्रमित मकान से महिलाओं एवं पुरूषों के अंदर से बाहर न निकलने के कारण एवं माननीय जिला सत्र न्यायालय बालाघाट के न्यायालय में व्यवहारवाद प्रस्तुत होने के कारण जिसकी अपील क्रमांक 23अ वर्ष 2015 की पेशी दिनांक 15.02.2016 उल्लेखित होने के कारण अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही रोकी गई थी। तहसीलदार का आदेश दिनांक 6 जनवरी 2016, संलग्न परिशिष्ट अनुसार। यह सही नहीं है कि अतिक्रमणकारियों से तहसीलदार बालाघाट द्वारा पैसों का लेनदेन किया जाकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही नहीं की गई। वस्तुस्थिति यह है कि मौके पर अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराने के संबंध में प्रकरण माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय में लंबित होने की जानकारी मिलने के कारण अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही रोक दी गई थी। उपरोक्तानुसार अपराध दर्ज करने की स्थिति न होने से अपराध दर्ज नहीं किया गया।
लंबित बिलों/देयकों का भुगतान
44. ( क्र. 2675 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आरक्षक स्व. श्री वीरेन्द्र कुमार शुक्ला एम.टी.एस. रीवा में पदस्थ थे? क्या पदस्थापना के दौरान ही नवम्बर 2014 में अचानक बीमार हुये और अगस्त 2015 में उनकी मृत्यु हो गई? क्या उपचार से लेकर मृत्यु दिनांक तक के सभी बिल एम.टी.एस. रीवा में प्रस्तुत हुये किन्तु आज दिनांक तक एस.पी. एम.टी.एस. रीवा के द्वारा किसी भी बिल का भुगतान नहीं किया गया? यदि हाँ, तो एस.पी. एम.टी.एस. के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) क्या उक्त मृतक आरक्षक के परिजनों को अंतरिम पेंशन, विभागीय बीमा, जी.पी.एफ. की राशि, अवकाश की राशि, ग्रेज्युटी की राशि आदि का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं और उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उपनिरीक्षक एम.टी.एस. रमेश पाण्डे 21.12.14, एस.आई. एम.टी.एस. दशरथ प्रसाद विश्वकर्मा 31.03.15, एम.टी.ओ. सुरेश प्रसाद वर्मा 31.07.15, एम.टी.ओ. राजेन्द्र पटेल 30.08.15 को सेवानिवृत्त हुये हैं? सेवानिवृत्ति के इतने समय पश्चात भी उक्त व्यक्तियों को पेंशन, विभागीय बीमा, जी.पी.एफ. की राशि, अवकाश की राशि, ग्रेज्यूटी की राशि आदि का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है और उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। स्व. श्री वीरेन्द्र कुमार शुक्ला आर. चालक को उपचार से लेकर मृत्यु दिनांक तक के बिल जो एम.टी.एस. में पेश किए गए उसमें से 1,48,334.00 रूपये स्व. आर. चालक वीरेन्द्र शुक्ला के इलाज में खर्च हुई राशि का आहरण दो बिलों से बिल क्र. 284 दि. 8.12.15 से रूपये 136634.00 एवं बिल क्र. 2277 दि. 9.7.15 से रूपये 11700.00 भुगतान किया जा चुका है। शेष राशि रूपये 149315.00 के बिल भुगतान के लिए बजट की मांग की गई है। राज्य से बाहर इलाज होने के कारण 10500.00 रूपये का बिल द्वितीय अभिमत हेतु अधिष्ठाता संजय गांधी हास्पिटल को भेजा गया है। एसपी एम.टी.एस. के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) स्व. श्री वीरेन्द्र शुक्ला आर. चालक के विभागीय बीमा की रिस्क कवर रूपये 2,50,00.00/- बिल क्र. 305 दि. 25.1.16 द्वारा एवं एक्सग्रेसिया का रूपये 50,000.00/- बिल क्र. 265 दि. 6.10.15 द्वारा भुगतान किया गया है। वेतन निर्धारण की जाँच हेतु सेवापुस्तिका संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा की ओर भेजी गई है। अंतरिम पेंशन का आदेश दि. 18.1.16 को जारी किया जा चुका है। जीपीएफ राशि के भुगतान हेतु कार्यवाही की जा रही है। लम्बी अवधि तक बीमार रहने के कारण आर. के पास अर्जित अवकाश की पात्रता निरंक है। उक्त प्रकाश में किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उप निरीक्षक एमटी रमेश पाण्डेय का जी.पी.ओ./पी.पी.ओ. जारी क्र. डी.पी.ओ. क्र. 16/32/0032 दिनांक 18.1.16, उनि दशरथ प्रसाद विश्वकर्मा का डी.पी.ओ. क्र. 15/32/0711 दिनांक 31.10.15 एवं उनि एमटी सुरेश प्रसाद वर्मा का डीपीओ क्र. 16/32/0031 दिनांक 18.1.16 है तथा उनि एमटी श्री सुरेश प्रसाद वर्मा, उनि एमटी श्री राजेन्द्र सिंह, उनि एमटी श्री दशरथ प्रसाद विश्वकर्मा एवं उनि एमटी रमेश प्रसाद पाण्डे इन चारों का विभागीय बीमा सह-बचत योजना 2003 बिल क्र. 523, दि.18.9.15 से, बिल क्र. 254 दि. 18.9.15 से जी.आई.एस. का अंतिम भुगतान एवं बिल क्र. 255 दि. 18.9.15 से एफ.बी.एफ. का अंतिम भुगतान किया गया है। अवकाश नगदीकरण का भुगतान उनि एमटी सुरेश प्रसाद वर्मा देयक क्र. 289 दि. 18.9.15 से उनि एमटी दशरथ प्रसाद विश्वकर्मा देयक क्र. 288 दि. 8.12.15 से एवं उनि रमेश प्रसाद पाण्डे देयक क्र. 287 दि. 8.12.15 से पूर्व में भुगतान किया जा चुका है। इन सभी का जी.पी.एफ. का अंतिम भुगतान हेतु प्रकरण महालेखाकार कार्यालय ग्वालियर को पत्र दि. 15.1.16 द्वारा भेजा गया है। उनि एमटी राजेन्द्र सिंह पटेल का 100 प्रतिशत पेंशन स्वीकृत की गई एवं प्रत्याशित पेंशन माह 9/2016 से भुगतान की जा रही है। श्री पटेल का पेंशन प्रकरण पर पेंशन अधिकारी द्वारा उठाई गए आपत्ति की पूर्ति कर कोषालय में भेजा जा रहा है। श्री पटेल का जीपीएफ का प्रकरण अंतिम भुगतान हेतु महालेखाकार कार्यालय ग्वालियर भेजा गया है। उक्त के प्रकाश में किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नकली घी फैक्ट्री पर कार्यवाही
45. ( क्र. 2728 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में विगत वर्ष ग्राम गुजरी में स्थित नकली घी की फैक्ट्री (प्रगति शुद्ध घी) पर छापामार कार्यवाही की गई थी, जिसमें काफी मात्रा में नकली घी एवं निर्माण सामग्री जप्त की गई थी? यदि हाँ, तो जप्त सामग्री (कच्ची एवं तैयार सामग्री) की मात्रा पृथक-पृथक बतावें तथा विभाग द्वारा किन्हें जाँच सौंपी गई है तथा नियुक्त जाँचकर्ता द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है अथवा नहीं, तथा जाँच में क्या बताया गया है? अब तक उक्त नकली घी फैक्ट्री के संचालक के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या उक्त फैक्ट्री के विरूद्ध छापामार कार्यवाही होने के पश्चात विभागीय मिलीभगत से अवैध कारोबार पुन: चालू हो चुका है? शासन जप्त सामग्री की उच्चस्तरीय जाँच करवाकर क्या दोषी फैक्ट्री संचालक के विरूद्ध कड़ी दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करेगा व उपरोक्त अवैध फैक्ट्री की परिसम्पत्ति को राजसात करने की कार्यवाही भी करेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें तथा अब तक कोई कार्यवाही नहीं किये जाने का कारण भी बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, अपितु मेसेर्स कृति फूड्स पर कार्यवाही की गई थी, जिससे संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जाँच उपरांत सभी नमूने मानक पाये जाने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चिकित्सालयों में स्वीकृत पद
46. ( क्र. 2836 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक यूनानी औषधालय किन-किन स्थानों पर संचालित हैं? इन चिकित्सालयों/औषधालयों में वर्ग-2, वर्ग-3, वर्ग-4 के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं तथा वर्गवार चिकित्सालयों में कब से पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार आयुर्वेदिक एवं होम्योपेथिक युनानी चिकित्सालय/औषधालयों में से किस स्थान पर बिना डॉक्टर के चिकित्सालय/औषधालयों कब से संचालित हैं? जिनका प्रभार कब से किस डॉ. को दिया गया है? (ग) आयुर्वेदिक एवं होम्योपेथिक/युनानी चिकित्सालयों/औषधालयों के दवाई एवं उपकरण क्रय करने के क्या नियम/आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के आयुर्वेदिक/होम्योपेथिक/यूनानी चिकित्सालयों/औषधालयों हेतु कब-कब कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन सी दवाइयां व उपकरण किस-किस फर्म से किसके द्वारा खरीदी गई जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत निम्न स्थानों पर आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधालय संचालित है:- नरसिंहगढ़, झाड़ला, कोटरीकला, मंडावर, पिपल्या रसोड़ा, अमलार, नाहली, सींका, पानिया, रोसला जागीर, (यूनानी) नरसिंहगढ, होम्योपैथी औषधालय संचालित नहीं है। स्वीकृत/ कार्यरत/रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार।
राजगढ़ जिले में एन.आर.एच.एम. के तहत आवंटित बजट
47. ( क्र. 2837 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.आर.एच.एम. (N.R.H.M.) योजना के तहत वर्ष 2014-15 व वर्ष 2015-16 में राजगढ़ जिले को कितनी राशि आवंटित हुई है? (ख) आवंटित राशि से कौन-कौन से कार्य/खरीदी की गयी? तहसीलवार जानकारी देवें? क्या आवंटित राशि पूर्ण रूप से व्यय हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एन.आर.एच.एम. (N.R.H.M) योजना के तहत वर्ष 2014-15 व वर्ष 2015-16 में राजगढ़ जिले को आवंटित राशि का विवरण निम्नानुसार है:-
वर्ष |
मद |
राशि |
2014-15 |
एन.आर.एच.एम. |
7,94,90,000 |
2015-16 |
एन.आर.एच.एम; |
5,87,67,380 |
(ख) जिले से अधीनस्थ संस्थाओं को आवंटन विकासखण्डवार दिया जाता है। विकासखण्डवार किए गए कार्य एवं खरीदी पर किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मलेरिया, डेंगू, स्वाईन फ्लू की रोकथाम
48. ( क्र. 2852 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में विगत एक वर्ष की अवधि में डेंगू, स्वाईन फ्लू एवं मलेरिया के कितने मरीजों की जाँच की गई तथा उनमें से कितने चिन्हित किये गये? कितनों का जिला अस्पताल में उपचार किया गया? कितनों को अन्य जिलों में उपचार हेतु भेजा गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बीमारियों के प्रकोप के रोकथाम के लिए प्रशासन एवं शासन द्वारा प्राथमिक स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? रोकथाम हेतु प्रथम कार्यवाही कब प्रारंभ की गई? (ग) चिन्हित किये गये मरीजों में से कितने स्वास्थ्य हुए तथा कितनों की मृत्यु हो गई? मृतक मरीजों के नाम और पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) मलेरिया से बचाव हेतु प्रशासन स्तर पर कहाँ-कहाँ डी.डी.टी. का छिड़काव किया गया? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की जानकारी पृथक-पृथक देवें एवं इस कार्य के सम्पादन हेतु कितनी राशि का आवंटन किया गया एवं कितनी राशि व्यय की गई, बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क)
क्र. |
विगत |
जाँच की गई मरीजों की संख्या |
चिन्हित किये गये मरीजों की संख्या |
जिला अस्पताल में उपचार किये गये मरीजों की संख्या |
अन्य जिलों में उपचार हेतू भेजे गए मरीजों की संख्या |
1 |
डेंगू |
315 |
07 |
04 |
03 |
2 |
स्वाईनफ्लू |
33 |
05 |
05 |
0 |
3 |
मलेरिया |
179039 |
1199 |
07 |
0 |
(ख) प्रशासन एवं शासन द्वारा प्राथमिक स्तर पर डेंगू, स्वाईन फ्लू एवं मलेरिया से प्रकोप के रोकथाम के लिए रेपिड फीवर सर्वे, लार्वा सर्वे, छिड़काव कार्य एवं प्रचार प्रसार किया गया तथा अन्य कार्य जैसे:- गम्बूसिया मछली का संचयन, मलेरिया रथ का भ्रमण, बीमारियों की रोकथाम हेतु प्रथम कार्यवाही माह फरवरी 2015 से आरंभ की गई। जिला चिकित्सालय सिवनी में स्वाईन फ्लू, डेंगू रोकथाम के लिए ओ.पी.डी. भवन में एक अलग से काउन्टर बनाया गया है एवं आने वाले मरीजों का उपचार किया जाता है। अलग से स्वाईन फ्लू, के मरीजों के लिए वार्ड की व्यवस्था की गई। (ग) मलेरिया से विगत वर्षों में 1198 मरीज स्वस्थ हुए, 01 की मृत्यु हुई है। डेंगू से विगत वर्षों में 06 मरीज स्वस्थ हुए, 01 की मृत्यृ हुई है। स्वाईन फ्लू से विगत वर्षों में 05 मरीज स्वस्थ हुए एवं 01 की मृत्यृ हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) मलेरिया से बचाव हेतु प्रशासन स्तर से अल्फासाइपर मेथ्रिन 5 प्रतिशत कीटनाशक दवा का छिड़काव किया गया है। इस कार्य के संपादन हेतु 8,07,224/-रूपये प्राप्त हुई, जिसमें रू.7,19,439/- व्यय हुए एवं रू.87,424/- समर्पित किये गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
राज्य बीमारी सहायता निधि से स्वीकृति राशि
49. ( क्र. 2853 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में विधान सभा क्षेत्र केवलारी में कितने हितग्राहियों को राज्य बीमारी निधि, बाल ह्दय उपचार योजना मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से कितनी राशि उपलब्ध कराई गई एवं कितने हितग्राहियों का सफल आपरेशन/उपचार किया गया? लाभान्वित हितग्राहियों की सूची नाम सहित प्रदान करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विगत तीन वर्षों में विधान सभा क्षेत्र केवलारी में राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत कुल 21 हितग्राहियों का सफल ऑपरेशन, मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के कुल 2 हितग्राही का सफल ऑपरेशन तथा मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से कुल 3 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पॉली क्लीनिक चमेली चौक अस्पताल को विकसित करना
50. ( क्र. 2955 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1996 में तत्कालीन नगर निगम पार्षदों एवं जागरूक मंच द्वारा पॉली क्लीनिक चमेली चौक अस्पताल को विकसित कर सर्वसुविधायुक्त अस्पताल बनाये जाने की मांग की थी एवं पिछले वर्षों में जिला चिकित्सालय सागर द्वारा भी इस हेतु प्रस्ताव भेजा था? प्रश्न दिनांक तक इस विषय पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या बुन्देलखण्ड मेडीकल कॉलेज द्वारा पॉली क्लीनिक चमेली चौक अस्पताल को एक अर्बन सेन्टर के रूप में विकसित कर 30 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया जाना था? यदि हाँ, तो इस हेतु अभी तक क्या कार्य योजना अमल में लाई गई? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन सागर शहर के मध्य घनी आबादी वाले क्षेत्र में स्थित चिकित्सा के महत्वपूर्ण आवश्यकता को ध्यान में रखते हुये पॉली क्लीनिक चमेली चौक अस्पताल विकसित कराये जाने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, सर्वसुविधायुक्त अस्पताल भवन बनाने हेतु कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग जिला सागर को प्राक्कलन तैयार करने हेतु पत्र भेजा गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, पॉली क्लीनिक चमेली चौक अस्पताल को बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज से संबद्ध किया गया है। अस्पताल के बिस्तार की कार्यवाही लम्बित है। (ग) जी नहीं, चमेली चैक से जिला चिकित्सालय सागर मात्र 05 किमी, नेत्र चिकित्सालय जिसमें अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 03 कि.मी. तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया 10 किमी की दूरी पर संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान स्थापित की जानकारी
51. ( क्र. 2978 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य की दुकान ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित करने का क्या प्रावधान है? दुकान की स्थापना ग्राम पंचायत मुख्यालय में किये जाने का प्रावधान है या नहीं? (ख) सतना जिले में कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें ग्राम पंचायत मुख्यालय में स्थापित हैं तथा कितनी दुकानें ग्राम पंचायत क्षेत्र के ग्रामों में स्थापित हैं? ग्राम पंचायतवार, ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की कंडिका 7 (2) के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। जी नहीं। (ख) सतना जिले में 684 शासकीय उचित मूल्य दुकानें ग्राम पंचायत मुख्यालय पर तथा 32 उचित मूल्य की दुकानें ग्राम पंचायत मुख्यालय से इतर अन्य ग्रामों में स्थापित हैं। पंचायत मुख्यालय पर स्थापित दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं पंचायत के ग्रामों में स्थापित दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
सतना शहर में चोरी की वारदातें
52. ( क्र. 2980 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत एक-दो वर्ष से सतना शहर में आये दिन दस-पन्द्रह चोरियां हो रही हैं और वे दिन-दहाड़े चोरियां कर रहे हैं? कितने प्रकरण थाने में दर्ज है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई है थानावार पकड़े गये चोरों की जानकारी बतायें? (ग) सतना शहर को चोरों के आतंक से मुक्त करने की दिशा में पुलिस प्रशासन द्वारा क्या कोई ठोस कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। सतना शहर में स्थित थाना कोलगवां, थाना सिविल लाईन, थाना कोतवाली, में वर्ष 2014 में कुल 241 चोरी, नकबजनी तथा वर्ष 2015 में कुल 192 चोरी, नकबजनी के प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शहर में चोरी की घटनाओं को नियंत्रित किये जाने हेतु गश्त एवं बीट व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया गया है। पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों की नियमित चेकिंग व प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है।
संविदा कर्मचारियों/कम्प्यूटर ऑपरेटर के स्वीकृत पद
53. ( क्र. 3043 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कम्प्यूटर ऑपरेटर के पदों की क्या स्थिति हैं? स्वीकृत व रिक्त पदों की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों की पूर्ति हेतु किस प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है? क्या विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कम्प्यूटर ऑपरेटर व्यवस्था है? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत विभाग में संविदा पर कितने कर्मचारी कार्यरत हैं, कृपया संख्या उपलब्ध करावें? (घ) क्या शासन संविदा कर्मचारी को नियमित करने या मानदेय बढ़ाने संबंधी कोई कदम उठाने जा रही है? यदि हाँ, तो क्या?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कम्प्यूटर ऑपरेटर के रिक्त पदों की पूर्ति राज्य स्तर से एम.पी.ऑनलाईन के माध्यम से की जाती है। जी हाँ। (ग) आगर जिले अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर संविदा आधार पर 05 कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्यरत है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सकों का चयन व कार्यक्षेत्र
54. ( क्र. 3044 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभागांतर्गत विगत 3 वर्षों में कितने छात्रों ने एम.बी.बी.एस. पूर्ण किया है, कृपया जिलेवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छात्रों में से कितने एम.पी.पी.एस.सी. के माध्यम से चयनित हुए हैं और अपना कार्यक्षेत्र उज्जैन संभागांतर्गत ही लिया है, कृपया सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या चयनित चिकित्सक को अपनी प्रारंभिक सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में देना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी की पूर्ति हेतु क्या कोई ठोस नियम बनाये जावेंगे? यदि हाँ, तो किस प्रकार के, कृपया विवरण देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) उज्जैन संभाग के अन्तर्गत निजी क्षेत्र में आर.डी.गार्डी चिकित्सा महाविद्यालय, उज्जैन में संचालित है। विगत 03 वर्षों में इस चिकित्सा महाविद्यालय से एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम में 212 छात्र उत्तीर्ण हुये हैं, जिसकी सूची संबंधित निजी संस्था से प्राप्त की जा रही है। (ख) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी हाँ, एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम के लिये स्टेट कोटा, अखिल भारतीय कोटा एवं भारत सरकार द्वारा नामांकन के आधार पर छात्रों के लिये प्रारंभिक सेवायें एक वर्ष के लिए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में दी जाना अनिवार्य हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम के लिये स्टेट कोटा, अखिल भारतीय कोटा एवं भारत सरकार द्वारा नामांकन के आधार पर छात्रों के लिये प्रारंभिक सेवायें एक वर्ष के लिए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में दी जाना अनिवार्य हैं, तथा रिक्त पदों की पूर्ति के प्रयास निरंतर किए जा रहे है, इसी आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी पूर्ति हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
बरगी नगर स्थित नर्मदा घाटी विकास प्राधि. के चिकित्सालय का अधिग्रहण
55. ( क्र. 3104 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के बरगी नगर स्थित नर्मदा घाटी विकास प्राधि. के 30 बिस्तरीय चिकित्सालय को लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को सौंपनें हेतु नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा स्वास्थ्य विभाग को कब-कब पत्राचार किया गया? (ख) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उक्त प्रस्ताव पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ग) बरगी नगर चिकित्सालय का अधिग्रहण कब तक किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र में 30 बिस्तरीय चिकित्सालय लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को सौंपनें हेतु दिनांक 29.07.2015 को उपाध्यक्ष/प्रमुख सचिव नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा पत्राचार किया गया। (ख) संभागीय संयुक्त संचालक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर को संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें द्वारा दिनांक 19.10.2015 एवं 03.02.2016 को पत्र भेजा गया है। 30 बिस्तरीय चिकित्सालय को स्वास्थ्य विभाग को सौपने हेतु भवन, उपकरण, फर्नीचर, पदों के संबंध में आवश्यक विस्तृत जानकारी मंगवाई गई है। (ग) यथाशीघ्र, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
मान. न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन न किया जाना
56. ( क्र. 3151 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 8 अक्टूबर, 2015 को सम्पन्न डी-मेट परीक्षा 32 केन्द्रों पर निर्धारित समय के बाद होने के संदर्भ में केन्द्र अनुसार डाटाबेस एडमिस्ट्रेटर तथा परीक्षा केन्द्र के सुपरवाईजर के बीच कम्प्यूटर पर हुए संदेशों के आदान-प्रदान की सम्पूर्ण प्रतियां उपलब्ध कराई जावे? (ख) प्रश्नाधीन परीक्षा के 52 केन्द्रों से बायोमैट्रिक डाटा कितने बजे किस दिनांक को प्राप्त हुआ? केन्द्र अनुसार सम्पूर्ण जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) की परीक्षा के लिए उच्च न्यायालय द्वारा किस-किस दिनांक को क्या-क्या निर्देश दिए गए, उनकी प्रतिलिपि उपलब्ध करावें तथा बतावें कि उसमें से किन-किन निर्देशों का पालन हुआ है? (घ) डी-मेट परीक्षा, 2015 की उत्तर कुंजी किस दिनांक को कितने बजे अपलोड की गई, तथा उसमें कौन-कौन से उत्तर गलत थे तथा गलत उत्तरों के ज्ञात होने के बाद परीक्षा परिणाम का पुनर्मूल्यांकन क्यों नहीं किया गया, बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) डीमेट परीक्षा 2015 का आयोजन चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा नहीं किया गया हैं, प्रश्नांश की जानकारी ए.एफ.आर.सी. से एकत्रित की जा रही हैं। (ख) प्रश्नांश की जानकारी ए.एफ.आर.सी. से एकत्रित की जा रही हैं। (ग) डीमेट परीक्षा के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों की जानकारी संचालनालय के अभिलेखों में उपलब्ध न होने से जानकारी ए.एफ.आर.सी. प्राप्त की जा रही हैं। (घ) प्रश्नांश की जानकारी ए.एफ.आर.सी. से एकत्रित की जा रही हैं।
100 डायल योजना के संबंध में
57. ( क्र. 3175 ) श्री सचिन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पुलिस विभाग की 100 डायल योजना प्रारंभ करने में कुल कितनी राशि खर्च की गई, खर्चवार जानकारी दें? (ख) उक्त योजना के लिए क्या चार पहिया वाहन खरीदे गये हैं? हाँ, तो कितने और इस पर कितनी राशि खर्च की गई? नहीं, तो कुल वाहनों की संख्या अनुसार कितना खर्च प्रतिमाह किस प्रकार हो रहा है? साथ ही क्या वाहन चालक शासकीय हैं? हाँ, तो बतावें? नहीं, तो इन्हें किस प्रकार कितने वेतनमान पर पदस्थ किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित वाहनों की प्रस्तावित खरीदी राशि एवं वर्तमान व्यवस्थांतर्गत जितनी राशि खर्च की जा रही है, तो दोनों में कितनी-कितनी राशि का अंतर है और इससे शासन को कितनी राशि का लाभांश हो रहा है, विस्तृत जानकारी दें? (घ) उक्त योजनांतर्गत हो रहे संसाधनों पर कितनी-कितनी राशि खर्च की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) अभी तक व्यय हुई राशि निम्नानुसार है :- 1-केन्द्रीयकृत डॉयल-100 के फलीट ऑपरेशन (माह अक्टूबर एवं नवम्बर-2015) रू. 3,15,70,198/- (M/S-BVG India Pvt.Ltd को भुगतान) 2-कंट्रोल रूम भवन निर्माण:- रू. 7,95,00,000/- (म.प्र.पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को हस्तांतरित) 3-जिलों के कंट्रोल रूम हेतु डॉयल-100 उपकरणः- 2,39,61,949/- (म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से) 4-प्रशिक्षण सामग्री:- रू.29,69,330/- 5-विज्ञापन एवं प्रचार-प्रसार सामग्री:- रू. 4,88,443/-6-विद्युत व्यय:- 16,91,269/- (म.प्र.म.क्षैत्र विद्युत कंपनी लिमिटेड को भुगतान) 7-जी.आई.एस. मैपिंग:- 15,00,000/- (म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद को भुगतान) 8-संचार एवं डॉटा नेटवर्किंग:- रू. 29.43,481/- 16 फरवरी-2016 तक कुल व्यय राशि रू. 14,46,24,670/- (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रोजेक्ट के अंतर्गत मार्च-2020 तक के लिये मासिक किराया आधार पर कुल 1000 वाहन अनुबंधित किए गये है। प्रतिवाहन प्रतिमाह किराया राशि रू.68,500/- हैं। इसमें प्रतिवाहन 03 चालकों का वेतन, चालकों एवं गाडि़यों के अनुरक्षण आदि कार्य के लिये प्रति जिला 1-1 जिला प्रबंधक, 4 जोनल पर्यवेक्षकों एवं अन्य कंपनी स्टॉफ के वेतन, वाहन का मेन्टेनेन्स, बीमा, VAT एवं सर्विस टैक्स आदि शामिल है। सेवा में कमी पर पेनॉल्टी का भी प्रावधान है। वाहन चालक शासकीयकर्मी नहीं है। वाहन चालक संबंधित कंपनी द्वारा ही उपलब्ध कराये गये हैं। निजी कंपनी के कर्मचारी होने से इनके वेतन की जानकारी देना संभव नहीं है। (ग) वाहन खरीदी का कोई प्रस्ताव ही नहीं है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) योजनान्तर्गत अद्यतन खर्च का विवरण प्रश्नांश ’क’ के उत्तर अनुसार है। राज्य शासन द्वारा स्वीकृत डी.पी.आर. में कुल रू. 632.94 करोड़ योजना अवधि मार्च 2020 तक के लिये स्वीकृत है।
आशा कार्यकर्ताओं को मानदेय का भुगतान
58. ( क्र. 3176 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में आशा कार्यक्रम के कार्य संचालन में निपुण आशा कार्यकर्ताओं को कितना मानदेय प्रतिमाह दिया जा रहा है? क्या पश्चिम निवाड़ (खरगौन) जिले में विगत कई माह के मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है? हाँ, तो क्यों, कारण दें? साथ ही बतायें कि इसका भुगातन कब तक कर दिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित बकाया मानदेय राशि किस-किस माह से नहीं दी गई है,? (ग) आशा कार्यकर्ता के कार्य को देखते हुये क्या इनके प्रतिमाह मानदेय राशि में वृद्धि की जायेगी? हाँ, तो कब तक? नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आशा कार्यकर्ताओं को मानदेय राशि नहीं बल्कि उन्हें कार्य आधारित प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जी हाँ। बजट राशि के अभाव में। यथाशीघ्र। (ख) प्रश्नभाग की जानकारी निम्नांकित अनुसार है :-
क्र. |
विकासखण्ड का नाम |
विगत वर्ष |
लंबित भुगतान |
1 |
सेगांव |
वर्ष 2014-15 (3 माह) |
नवंबर 15 से जनवरी 16 |
2 |
भगवानपुरा |
|
नवंबर 15 से जनवरी 16 |
3 |
कसरावद |
|
दिसंबर 15 से जनवरी 16 |
4 |
झिरन्या |
|
अक्टूबर 15 से जनवरी 16 |
5 |
महेश्वर |
|
अक्टूबर 15 से जनवरी 16 |
6 |
भीकनगांव |
|
नवंबर 15 से जनवरी 16 |
7 |
गोगांवा |
|
दिसंबर 15 से जनवरी 16 |
8 |
बड़वाह |
|
अक्टूबर 15 से जनवरी 16 |
9 |
ऊन |
|
नवंबर 15 से जनवरी 16 |
(ग) जी नहीं। प्रावधान नहीं होने से।
शासकीय आवास आवंटन में अनियमितता
59. ( क्र. 3183 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिला मुख्यालय में विगत तीन वर्ष से कुल कितने शासकीय आवास गृह विभिन्न श्रेणी के रिक्त रहे एवं रिक्तियां दिनांक के समय कितने शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों/चिकित्सकों के आवास आंवटन हेतु आवेदन प्राप्त हुए, उनमें से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या वरिष्ठता का ध्यान रखा गया है? (ग) क्या दिनांक 26 अगस्त 2015 को आदेश क्रमांक 7529 द्वारा अपर कलेक्टर बैतूल के द्वारा सदर स्थित आवास क्रमांक एफ-06 डॉ. संध्या नेमा स्त्री रोग विशेषज्ञ को आवंटित किया गया, इसके पूर्व इन्हें जी-32 आवास आंवटित किया गया था, जबकि यह आवास हेतु अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी आवेदन किया था, जो कि डॉ. संध्या नेमा से वरिष्ठ होने के बाद भी उक्त आवास आवंटित नहीं किया गया? क्या यह नियमानुकूल है तो किस नियम के तहत? (घ) आवंटन आदेश के बिन्दु 6 में स्पष्ट उल्लेख है कि आवास परिवर्तन 6 माह तक नहीं किया जायेगा, इसके बावजूद भी आदेश क्रमांक 7530 दिनांक 26 अगस्त 2016 द्वारा आवास परिवर्तित कर दिया गया? (ड.) क्या आवंटित उक्त आदेश निरस्त किया जाकर वरिष्ठ चिकित्सक को एफ-6 सदर स्थित आवास आवंटित किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला बैतूल में विगत तीन वर्ष में विकास नगर स्थित एफ-20 कंडम होने से रिक्त है। आवास आवंटन हेतु कुल-54 आवेदन पत्र प्राप्त हुये, जिसमें 26 का निराकरण किया गया है। (ख) जी नहीं। आवेदकों की आवश्यकता तथा मानवीयता के आधार पर प्राथमिकता देकर आवंटित किये गये है। (ग) कलेक्टर बैतूल के आदेश दिनांक 27.6.2015 द्वारा डॉ. संध्या नेमा, स्त्रीरोग विशेषज्ञ को विकास नगर स्थित जी-३२ आवंटित किया गया था तथा कलेक्टर बैतूल के आदेश दिनांक 27.6.2015 द्वारा एफ-6 सदर स्थित श्री डी.एल.वाडिवा, डिप्टी कलेक्टर बैतूल को आवंटित किया गया था। दोनों के द्वारा उक्त आवास गृहों का अधिपत्य नहीं लेने के कारण महिला चिकित्सक होने से मानवीयता के आधार पर प्राथमिकता देते हुए डॉ. संध्या नेमा को आदेश दिनांक 26.8.2015 द्वारा आवास क्रमांक एफ-6 आवंटित किया गया। (ध) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) आवास एफ-6 पूल का है। इसके आवंटन के लिए विभागीय वरिष्ठता आवश्यक नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए उनके विभागीय आवास पृथक से उपलब्ध है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ए.पी.एल. खाद्यान्न वितरण में करोड़ों का घोटाला
60. ( क्र. 3190 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितने A.P.L. कार्डधारी हैं? (ख) कुल कितना खाद्यान्न (गेहूँ) A.P.L. कार्डधारियों के नाम से वितरित किया गया है (मार्च 2011 से मार्च 2013 तक में) जानकारी दें। (ग) क्या A.P.L. कार्डधारियों के नाम से गेहूँ को कार्डधारियों को न बांटते हुए सीधे-सीधे बाजार में बिक्री कर दिया गया है, जिसके कारण शासन को करोड़ों रूपये की क्षति हुई है? इसके लिये जिम्मेदार कौन है? जाँच करावें। (घ) मुरैना जिले को छोड़कर संपूर्ण जानकारी दी जावे?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश में मार्च, 2014 से खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के क्रियान्वयन के पश्चात कोई भी A.P.L. कार्डधारी नहीं है। (ख) मुरैना जिले को छोड़कर प्रदेश में प्रश्नांकित अवधि में A.P.L. कार्डधारियों को कुल 13,31,399.94 मे.टन गेहूँ वितरित किया गया है। (ग) इस प्रकार का मामला शासन के संज्ञान में न आने से जाँच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य लाभ कार्ड
61. ( क्र. 3193 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पुलिस में कार्यरत कर्मचारी/ अधिकारियों को स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से प्रतिवर्ष 600/- वेतन से काट लिये जाते हैं? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रदेश में ऐसे कुल कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं, जिनके स्वास्थ्य लाभ कार्ड बनाकर दे दिये गये हैं, तथा कितनों को नहीं दिये हैं? स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त करने से वंचित रहने वालों को कब तक स्वास्थ्य कार्ड जारी कर दिये जायेंगे? (ख) स्वास्थ्य लाभ कार्डधारी को म.प्र. के या अन्य प्रांत के कौन-कौन से चिकित्सालयों में स्वास्थ्य लाभ लेने की सुविधा दी गई है? (ग) स्वास्थ्य कार्डधारी को अन्य कौन-कौन सी सुविधाएं शासन की ओर से मुहैया कराई जाती हैं, स्पष्ट उल्लेख करें? (घ) 1.4 2013 से प्रश्न दिनांक तक स्वास्थ्य लाभ कार्ड से कितने कर्मचारी/अधिकारी वास्तविक रूप से लाभांवित हुए हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में योजना में शामिल 63,325 कर्मचारियों को परिचय पत्र (स्वास्थ्य लाभ कार्ड) जारी किये जा चुके हैं, शेष 31,634 सदस्यों को यथाशीघ्र उपलब्ध कराये जा रहे है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) कार्डधारी को मध्यप्रदेश सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्या नियम-1958 में दिये प्रावधानों के अनुरूप ही लाभ दिया जा रहा है। अन्य कोई सुविधा पृथक से नहीं दी जा रही है। (घ) योजना के प्रारम्भ से आज दिनांक तक प्रदेश की विभिन्न इकाइयों में पदस्थ 695 कर्मचारियों एवं उनके आश्रित पारिवारिक सदस्यों को इस सुविधा का लाभ मुहैया कराया जा चुका है।
रेडक्रॉस सोसायटी अम्बाह द्वारा किए गए कार्य
62. ( क्र. 3194 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैनान्तर्गत किन-किन तहसीलों में रेडक्रॉस सोसायटी संचालित हैं? (ख) क्या अम्बाह तहसील में सिविल अस्पताल अम्बाह में रेडक्रॉस सोसायटी निष्क्रिय/भंग पड़ी है? यदि हाँ, तो कब से? इसके निष्क्रिय या भंग होने का वास्तविक कारण क्या है? (ग) क्या अम्बाह रेडक्रॉस सोसायटी की वर्ष, 2001 से प्रश्न दिनांक तक एक भी मीटिंग नहीं बुलाई गई है, जबकि आय तथा व्यय भी लगातार हो रहा है? यह आय/व्यय किसके आदेश एवं हस्ताक्षरों से किसके निर्देशन में कार्य हो रहा है? बिना सोसायटी की स्वीकृति के कार्य कैसे हो रहा है, स्पष्ट करें? दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुरैना जिले में तहसील स्तर पर अम्बाह एवं पोरसा में रेडक्रास सोसायटी संचालित है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। रेडक्रास सोसायटी की मीटिंग दिनांक 25/10/2001, 06/02/2002, 18/10/2002, 07/04/2004, 15/04/2005, 08/04/2006, 18/04/2007, 03/04/2008, 20/04/2009, 28/04/2010, 03/05/2011, 07/06/2012, 05/04/2013, 06/05/2014/ एवं 18/01/2016 को आयोजित हुयी है। आयोजित मीटिंग में लिये गये निर्णयानुसार आय-व्यय का निर्धारण होता है। रेडक्रास सोसायटी के निर्देशन में आय-व्यय किया जाता है, व्यय हेतु चैक पर पदेन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (अम्बाह) के हस्ताक्षर होते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
NRHM के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों का स्थानांतरण
63. ( क्र. 3200 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या NRHM योजनांतर्गत कार्यरत संविदा कर्मचारी/अधिकारी के स्थानांतरण शासन द्वारा वर्ष 2015 में किये गये हैं? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन फार्मासिस्ट सपोर्ट स्टाफ, कम्प्यूटर ऑपरेटर, चिकित्सक आदि के स्थानांतरण करने हेतु कोई योजना बनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनूपपुर जिले में जारी परियोजनाएं
64. ( क्र. 3286 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिले में स्पांसरशिप योजना अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं में इस योजना से लाभार्थियों की जानकारी पिछले तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक कितने बच्चे के जीवन स्तर में सुधार किया गया, वर्षवार परियोजनावार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार तीन वर्षों में जिला/परियोजनाओं को प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी देवें? (ग) उक्त योजना में कितने बच्चों को पिछले तीन वर्षों में पुनर्वास व रोकथाम किया गया, परियोजनावार/ वर्षवार जानकारी देवें? (घ) स्पांसरशिप योजना में परिवार की आय सीमा कितनी होनी चाहिए, जिसे लाभ दिया जा सकेगा तथा किस प्रकार लाभ दिया जाता है? एक परिवार के कितने व्यक्तियों को अधिकतम इस येाजना से लाभ दिया जा सकता है? प्रति माह प्रति संतान कितनी-कितनी राशि व्यय शासन द्वारा निर्धारित किया गया है फर्जी तौर से बिल आहरण का शासकीय राशि का बंदरबांट किया जा रहा है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक, समय-सीमा बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले में स्पांसरशिप योजना अंतर्गत जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) स्पांसरशिप योजना अंतर्गत परिवार की आय सीमा 36000/- रूपये प्रति वर्ष मेट्रो शहर में 30000/- रूपये प्रति वर्ष आय अन्य शहरों में एवं 24000/- रूपये प्रति वर्ष आय ग्रामीण क्षेत्र में से अधिक नहीं होना चाहिये जो बच्चे अपने परिवारों की गरीबी, सामाजिक एवं आर्थिक परिस्थितियों के कारण परितियक्त किये जाने शोषण उपेक्षा और बेसहारा हो जाने के कारण 6 माह से अधिक समय से संस्था में निवास कर रहे है उनका पुन: परिवार में पुनर्वास करने के लिए स्पांसरशिप योजना में चिन्हित कर लाभ दिया जा सकता है, इस योजना का लाभ दिये जाने हेतु एक परिवार के अधिकतम बच्चों की संख्या निर्धारित नहीं है, प्रति माह प्रति संतान 2000/- रूपये की राशि का व्यय शासन द्वारा निर्धारित किया गया है, व्यय की जाने वाली राशि बालक को चिन्हित एवं परिक्षण कर बाल कल्याण समिति से अनुमोदित करा कर देयक तैयार कर संबंधित को ई-Payment के माध्यम से राशि का भुगतान किया जाता है। अत: फर्जी तौर से बिल आहरण कर शासकीय राशि का बंदरवाट किये जाने का प्रश्न उद्भुत नहीं होता है। अतिरिक्त जानकारी - स्पांसरशिप में लाभान्वितों की संख्या निरंक है, जबकि प्रश्न क्रमांक (ख) में योजना के मद में व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। फॉस्टरकेयर-स्पांसरशिप योजना हेतु एक ही मद से राशि जारी की जाती है, जिले में इसके लिये दी गयी राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है उक्त सम्पुर्ण राशि फॉस्टरकेयर योजना के लाभान्वितों हेतु व्यय की गयी है। अत: स्पांसरशिप योजना की जानकारी निरंक है।
जनजागरुकता अभियान
65. ( क्र. 3289 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनुपपुर महिला एवं बाल विकास विभाग को वर्ष, 2011-12 से 2015-16 तक पाँच वर्षों में जिले को जनजागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार मद में वर्षवार कितनी-कितनी आवंटन राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन में से वर्षवार परियोजनावार कितनी-कितनी राशि विभिन्न परियोजनाओं को दी गयी? प्रदाय की गई धनराशि में से व्यय राशि की भी जानकारी देवें? (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जनजागरूकता शिविर व प्रचार-प्रसार में व्यय किया गया हो, तो वर्षवार परियोजनावार शिविर का नाम, दिनांक, प्रति शिविर, प्रचार-प्रसार स्थल में किया गया, व्यय राशि की जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला अनूपपुर महिला एवं बाल विकास विभाग को वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक 5 वर्षों में जिले को जन जागरुकता के लिये प्रचार-प्रसार मद में वर्षवार आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन में से परियोजनाओं को जिला स्तर पर दी गई जानकारी की राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘2’ अनुसार है। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) विभाग के अंतर्गत वर्ष 2011-12 में जिले में शिविर का आयोजन किया गया। शेष वर्ष 2012-13 से 2015-16 में शिविर का आयोजन नहीं किया गया। तद्नुसार एवं अन्य गतिविधियों के प्रचार-प्रसार मद में व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘2’ एवं ‘3’ अनुसार है।
जैन इरिगेशन जलगांव के खिलाफ प्रकरण दर्ज करना
66. ( क्र. 3323 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जैन इरिगेशन सिस्टम लिमिटेड जलगांव द्वारा रतलाम में महिला कृषक श्रीमती रामकन्या बाई शर्मा के ग्राम हरथली स्थित कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 354/16 में 2016 वर्ग मीटर का पॉलीहाउस बनाने में अनुबंध के विपरीत घटिया सामग्री का निर्माण करने, एक ही कार्य के दो विभिन्न राशि के बिल देकर धोखाधड़ी करने पर कंपनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के आवेदन दिनांक 20.08.2015 पर किन-किन बिंदुओं की विवेचना कर किन-किन के बयान लिये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पॉलीहाउस जैन इरिगेशन सिस्टम लिमिटेड जलगांव द्वारा उद्यानिकी विभाग में प्रस्तुत बिल क्रमांक MP/SRACS/02 दिनांक 26.03.2014 रूपये 20,18,111.00 तथा उनके डीलर श्रीराम एग्रो कन्सलटेन्सी सर्विस रतलाम द्वारा केनरा बैंक रतलाम में बिल क्रमांक 14 दिनांक 15.09.2014 रूपये 21,66,030.00 का अलग-अलग बिल, दिनांक में 6 माह का अंतर तथा राशि में रूपये 1.50 लाख के अंतर की जाँच क्यों नहीं की गई? (ग) पुलिस थाना दिन दयाल नगर रतलाम द्वारा पत्र क्रमांक 164-ए/15 दिनांक 15.11.15 द्वारा महिला कृषक को किन-किन दस्तावेजों के अवलोकन के आधार पर मामला सिविल प्रकृति का बताया गया उन दस्तावेजों की सूची देवें तथ बतावें कि उप संचालक अभियोजन की राय दिनांक 05.12.15 याने इसके 20 दिन बाद क्यों प्राप्त हुई? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदन पर शिकायतकर्ता महिला कृषक जैन इरिगेशन के डायरेक्टर नंदन जैन तथा उनके डीलर सौमित्र उपाध्याय, उद्यानिकी विभाग के संबंधित अधिकारी के बयान क्यों नहीं लिये गये?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) श्रीमती रामकन्या बाई द्वारा दिनांक 20.08.2015 को आवेदन पत्र पर थाना प्रभारी द्वारा दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के अवलोकन पर मामला सिविल प्रकृति का पाया गया तत्समय आवश्यकता प्रतीत न होने से किसी व्यक्ति के कथन नहीं लिये गये। (ख) मामला सिविल प्रकृति का होने से तत्समय उक्त बिन्दु की जाँच नहीं की गई थी। इसी बिन्दु के संबंध में जन सुनवाई के दौरान श्रीमती रामकन्या बाई का एक आवेदन पत्र दिनांक 16.02.2016 को प्राप्त हुआ था। इसकी जाँच नगर पुलिस अधीक्षक रतलाम से कराई गई। दो बिल पेश कर अवैधानिक लाभ लिया जाना नहीं पाया गया है। (ग) दस्तावेजों की सूची जिनके अवलोकन से मामला सिविल प्रकृति का बताया गया था, संलग्न परिशिष्ट अनुसार। उप संचालक अभियोजन का अभिमत तत्समय आवेदिका द्वारा प्रस्तुत आवेदन की जाँच के समय नहीं लिया गया बल्कि शीतकालीन सत्र के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2638 में जिला रतलाम में दिनांक 30.11.2015 को प्राप्त होने पर लिया गया। विधिक राय लेने की समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (घ) आवेदिका श्रीमती रामकन्या बाई जैन इरिगेशन के डायरेक्टर नंदन जैन तथा डीलर सुमित उपाध्याय उद्यानिकी विभाग द्वारा आवेदन पत्र की जाँच के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत किये गये थे। जाँच में मामला पुलिस अहस्तेक्षप योग्य होने से तत्समय कथन नहीं लिये गये।
महिला एवं बाल विकास को योजनाएं
67. ( क्र. 3344 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में 06 वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु आई.सी.डी.एस. योजना एवं अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य मिशन के अंतर्गत स्नेह शिविर, थर्ड मील, स्नेह सरोकार योजनाओं के तहत विकासखण्डवार, स्थानवार कहाँ-कहाँ शिविर लगाए गए तथा उक्त शिविरों की पुष्टि हेतु क्या सरपंच या अन्य जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया था या नहीं बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के शिविरों में कुल कितने बच्चे आये? (ग) प्रश्नांश (क) के शिविरों में कुल कितनी राशि या सामग्री खर्च की गई? (घ) प्रश्नांकित अवधि में कुपोषित बच्चों की सूची उक्त अवधि की उपलब्ध कराते हुए बताएं कि बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में स्नेह सरोकार कार्यक्रम के तहत कितने कुपोषित बच्चों को किसके द्वारा गोद लिया गया तथा गोद लिए बच्चों का कुपोषण गोद लेने के बाद कितने प्रतिशत सुधार हुआ बताएं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। (ख) उक्त शिविर/सम्मेलन में कुल 5597 बच्चे उपस्थित हुए। (ग) आयोजित स्नेह शिविरों में कुल राशि रूपये 27,06,330/- खर्च की गई। (घ) स्नेह सरोकार अंतर्गत गोद लिये गये बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है। स्नेह सरोकार कार्यक्रम अतिकम वज़न वाले बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु समुदाय को संवेदनशील बनाने एवं उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु है। गोद लिये गये बच्चों के पोषण सुधार हेतु विभिन्न गतिविधियाँ सम्मिलित है, साथ ही विभाग द्वारा बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु विभिन्न प्रयास यथा थर्ड मील, सुपोषण अभियान अन्तर्गत स्नेह शिविरों का आयोजन, पोषण पुनर्वास केन्द्रों के माध्यम से बच्चों के पोषण स्तर का प्रबंधन आदि किये जा रहे है, जिसमें किसी एक प्रयास से होने वाले परिणामों का आंकलन किया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश सरकार/केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाएं
68. ( क्र. 3345 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कुष्ठ रोग नियंत्रण एवं अन्धत्व निवारण हेतु प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार के सहयोग से क्या-क्या योजनाएं/कार्यक्रम संचालित है? पृथक-पृथक बताएं तथा उक्त योजनाओं हेतु कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ? पृथक-पृथक बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) की योजनाओं में कुल कितने कर्मचारी कहाँ-कहाँ कब-कब से कार्यरत है? (ग) प्राप्त आवंटन को खर्च करने के लिये कितनी राशि कैंप व अन्य कार्य में प्रश्नांकित अवधि में लगाए गये कैंपवार, खर्च की राशि उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांकित अवधि में कुल कितने कुष्ठ रोगी कहाँ-कहाँ चिन्हित किये गये? ग्रामवार विवरण दें तथा उक्त रोगियों के उपचार की क्या व्यवस्था की गई बताएं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कटनी जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कुष्ठ रोग नियंत्रण हेतु प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित योजनायें/कार्यक्रम की जानकारी एवं उक्त योजनओं हेतु प्राप्त बजट की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - '1' अनुसार है एवं अंधत्व निवारण हेतु राष्ट्रीय अंधत्व निवारण योजना संचालित है। प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' एवं '2 (1) ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) की योजनाओं में कुष्ठ रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कुल कर्मचारियों की कहाँ-कहाँ कब-कब से कार्यरत है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - '3' अनुसार है एवं राष्ट्रीय अंधत्व निवारण की योजनाओं में कुल कितने कर्मचारी कहाँ-कहाँ कब-कब से कार्यरत है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - '4' अनुसार है। (ग) कुष्ठ रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कुल प्राप्त आवंटन को खर्च करने की एवं अन्य व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - '5' अनुसार है एवं राष्ट्रीय अंधत्व निवारण योजना के कैम्पवार व्यय व अन्य व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - '6' एवं '6 (1) ' अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में चिन्हित किये गये कुष्ठ रोगियों की विकासखण्डवार, ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'7' अनुसार एवं उक्त कुष्ठ रोगियों के उपचार की व्यवस्था हेतु जिला चिकित्सालय एवं प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा उप स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों द्वारा निःशुल्क की जाती है। इस हेतु इन संस्थाओं में एम.डी.टी. (कुष्ठ रोग की दवा) की दवा हमेशा उपलब्ध रहती है। घाव के प्रबंधन हेतु आवश्यक औषधि उपरोक्त संस्थाओं से निःशुल्क प्रदाय की जाती है। सभी मरीजों को कुष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा विकृति बचाव की जानकारी प्रदाय की जाती है। आवश्यकतानुसार पदरक्षक सैंडिल भी उपलब्ध कराये जाते है। विकृति से बचने के लिये जल-तेल उपचार की जानकारी भी निःशुल्क दी जाती है।
आंगनवाडि़यों से संबंधित
69. ( क्र. 3378 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा अंतर्गत कितनी आंगनवाडि़यां संचालित होकर कितने-कितने समूहों द्वारा मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम संचालित हो रहा है? समूहों के नाम, अध्यक्ष/सचिव का नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) शासन के नियमानुसार आंगनवाडि़यों को मध्यान्ह भोजन में क्या-क्या मीनू किस-किस दिवस को देने का प्रावधान है? (ग) क्या अधिकांश आंगनवाडि़यों में कुछ ऐसे भी बालक/बालिकाओं के नाम दर्ज है, जो स्कूल शाला में भी दर्ज है व आंगनवाडि़यों में भी दर्ज है? यदि हाँ, तो इस हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या मीनू के आधार पर निर्धारित मध्यान्ह भोजन में जो सामग्री प्रदाय की जाती है? उसकी मात्रा इतनी कम है कि प्रति बालक-बालिकाओं को एक-एक रोटी व नाम मात्र की सब्जी ही उपलब्ध हो पाती है? यदि हाँ, तो क्या शासन स्तर से इस कार्यक्रम की प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में बालक-बालिकाओं एवं पालकों के समक्ष जाँच कराई जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा अंतर्गत विकासखण्ड करैरा में 250 आंगनवाडि़यां तथा विकासखण्ड नरवर में 195 आंगनवाडि़यां कुल 445 आंगनवाडि़यां संचालित होकर करैरा में 126 तथा नरवर में 141 समूहों द्वारा सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। समूहों के नाम,अध्यक्ष/सचिव का नाम,पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) शासन के नियमानुसार आंगनवाडियों को पूरक पोषण आहार में प्रावधानित मीनू, दिवस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। प्रत्येक बच्चे को निर्धारित औसत मात्रा के आधार पर नाश्ता एवं भोजन प्रतिदिवस दिया जाता है। अवयव एवं मात्रा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
पुलिसकर्मियों के आवास निर्माण एवं मरम्मत
70. ( क्र. 3395 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कितने पुलिस अधिकारी, कर्मचारी वर्तमान में पदस्थ होकर कार्यरत है? इनके नाम, पदनाम सहित कार्यालय/थानावार विवरण देवें एवं बतायें कि इनके निवास हेतु पुलिस विभाग के कितने-कितने शासकीय आवास गृह कहाँ-कहाँ उपलब्ध है? इनका निर्माण कब किया गया? वर्तमान में इन आवास गृहों की क्या स्थिति है? वर्तमान में कितने आवास, निवास योग्य है, कितने जर्जर है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत आवास गृहों की मरम्मत एवं निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि विगत तीन वर्षों में किस-किस मद से प्राप्त हुई? वर्ष 2015-16 में कितनी राशि प्रस्तावित है? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत जिला कटनी में पुलिस विभाग हेतु कितनी-कितनी भूमि कहाँ-कहाँ आवंटित है? इन भूमियों का क्या उपयोग किया जा रहा है? क्या शासन जर्जर आवासों के स्थान पर नवीन आवास गृहों के निर्माण हेतु राशि आवंटित कर कार्य करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं ’ब’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ अनुसार। जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कुपोषण की रोकथाम के कार्य
71. ( क्र. 3396 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारत सरकार एवं म.प्र.शासन द्वारा संचालित किन-किन योजनाओं, कार्यक्रमों के तहत कटनी जिले में बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं में कुपोषण एवं अल्प रक्तता रोकने के लिये वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितनी-कितनी राशि का आवंटन एवं सामग्री प्राप्त हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) में कितनी-कितनी राशि, किस योजना, कार्यक्रम के अंतर्गत किस-किस कार्य, मद में व्यय की गई? और प्राप्त राशि से क्या-क्या सामग्री किस-किस फर्म/संस्था से, किस-किस मूल्य पर खरीदी गई? (ग) कटनी जिले में बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य सर्वेक्षण में वर्ष 2013-14 से क्या-क्या नतीजे रहे? वर्तमान में कुपोषित बच्चों और महिलाओं को स्वस्थ करने के लिये क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं एवं जिले में पोषण पुनर्वास केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? इन केन्द्रों के प्रभारी एवं पदस्थ शासकीय सेवकों के नाम, पदनाम सहित बतावें तथा यह भी बतावें कि इन केन्द्रों में वर्तमान में क्या-क्या सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बच्चों के पोषण स्तर में सुधार एवं हितग्राहियों को प्रदाय किये जाने वाले पूरक पोषण आहार हेतु कटनी जिले को प्राप्त आंवटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। महिलाओं में कुपोषण एवं अल्परक्तता रोकने के लिए किसी प्रकार की राशि प्राप्त नहीं हुई। (ख) व्यय की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (ग) वर्णित अवधि में विभाग द्वारा स्वास्थ्य सर्वेक्षण नहीं कराया गया है अतः शेष का प्रश्न नहीं। अतिकम वज़न वाले बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु थर्ड मील देने, चिन्ह्ति ग्रामों में सुपोषण अभियान अन्तर्गत स्नेह शिविरों का आयोजन, स्नेह सरोकार कार्यक्रम अन्तर्गत जनसमुदाय/जनप्रतिनिधियों/इच्छुक व्यक्तियों को बच्चों के पोषण सुधार की जिम्मेदारी देना, निर्धारित मापदण्ड वाले बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में संदर्भित किया जाना आदि गतिविधियाँ की जा रही है। जिले में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है।
स्वास्थ्य केन्द्रों में महिला चिकित्सक की व्यवस्था
72. ( क्र. 3405 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के किसी भी सामुदायिक/प्राथमिक/उप स्वास्थ्य केन्द्र पर कोई भी महिला चिकित्सक पदस्थ नहीं है? (ख) क्या महिला चिकित्सक पदस्थ न होने से महिला प्रसूताओं/रोगियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है? विशेषकर डिलेवरी/अन्य रोगों के दौरान बाल चिकित्सक भी नहीं हैं? (ग) क्या महिला चिकित्सक की पदस्थापना हेतु समय-समय पर आमजन/जनप्रतिनिधियों ने मांग की है? (घ) यदि हाँ, तो महिला चिकित्सक की पदस्थापना न होने के लिए कौन जिम्मेदार है और कब तक महिला चिकित्सक की पदस्थी हो जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, भाण्डेर विधानसभा अंतर्गत 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भाण्डेर संचालित है जिसमें स्त्रीरोग विशेषज्ञ का पद स्वीकृत एवं रिक्त है। विभाग अंतर्गत महिला चिकित्सक नाम से पद स्वीकृत नहीं है, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सा अधिकारी के पद स्वीकृत होते हैं, स्त्रीरोग विशेषज्ञ का पद स्वीकृत नहीं होता है। उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में चिकित्सा अधिकारी के पद स्वीकृत नहीं होते हैं। (ख) जी नहीं, संस्थाओं में पदस्थ चिकित्सक/स्टॉफ द्वारा आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाऍ/प्रसूति सुविधाऍ प्रदान की जा रही है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है अतः सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति में कठिनाई हो रही है। स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है, स्त्रीरोग योग्यता/शिशुरोग योग्यता के चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है अतः सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति में कठिनाई हो रही है। स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है, स्त्री रोग योग्यता के चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन शस्त्र लायसेंस
73. ( क्र. 3414 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले में नवीन शस्त्र लायसेंस आवेदनों को स्वीकृत कर अनुशंसा न करने हेतु पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं? (ख) यदि नहीं, तो वर्ष, 2014-15 में कितने आवेदन नवीन शस्त्र हेतु किस-किस थाने में प्राप्त हुए और कितने आवेदनों को स्वीकृत और कितनों को अस्वीकृत किया गया और कितने आवेदन लंबित हैं? (ग) जिन आवेदनों को अभी तक लंबित रखा या थानों द्वारा अस्वीकृत किया गया, उसका भी औचित्य बताया जाय?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। (ख) वर्ष 2014-15 में नवीन शस्त्र लायसेंस की थानेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लंबित आवेदनों की थाना प्रभारी/अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) स्तर पर जाँच की जा रही है। जाँच उपरांत गुणदोष के आधार पर निराकरण किया जाता है।
विभिन्न अपराधों की जानकारी
74. ( क्र. 3431 ) श्री विश्वास सारंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर के सभी थानों में 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने लूट, डकैती, चोरी, जुंआ-सट्टा, मारपीट, हत्या, बलात्कार व महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज हुए हैं, थानेवार, जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों की विवेचना पूर्ण हो चुकी है, कितने मुलजिम गिरफ्तार हुए, कितने मामले न्यायालय में प्रस्तुत हुए, कितने मामलों की विवेचना जारी है जानकारी दें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरणों में पीडि़तों की एफ.आई.आर. दर्ज करने में संबंधित थानों में देरी की जाती है? यदि हाँ, तो क्या इस प्रकार की शिकायतें एस.पी./आई.जी./डी.जी.पी./शासन को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो किस-किस थानों की? क्या संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्रश्न दिनांक तक कोई नोटिस या कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश ’क’ में वर्णित प्रकरणों में पीडि़तों की एफ.आई.आर. दर्ज करने में संबंधित थानों में देरी नहीं की जाती है। किसी भी संज्ञेय अपराध की रिपोर्ट होने पर द.प्र.सं. की धारा-154 के अंतर्गत प्रथम सूचना पत्र एवं असंज्ञेय अपराध की रिपोर्ट होने पर धारा 155 जा.फौ. के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है, तथापि दिनांक 01.01.2015 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल शहर के कुल 07 थानों में विलंब से एफ.आई.आर. दर्ज करने के संबंध में कुल 08 शिकायतें एवं सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जिनके संबंध में संबंधित अधिकारियों का दायित्व निर्धारण कर उनके विरूद्ध उचित विभागीय दण्डात्मक कार्यवाही की गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है।
ई-पेमेंट से किराए का भुगतान
75. ( क्र. 3432 ) श्री विश्वास सारंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल शहर में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराए के भवन में संचालित किए जा रहे हैं? कितना-कितना किराया दिया जा रहा है? क्या किराया प्रतिमाह दिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या किराए की राशि नगद प्रदान की जाती हैं, क्यों, कारण दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत राशि का भुगतान र्इ-पेमेंट से क्यों नहीं किया जाता, कारण दें? क्या अब किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब से, समय-सीमा दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल शहर में 893 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित किए जा रहे है। शहरी क्षेत्रों हेतु शासन द्वारा निर्धारित राशि रूपये 3000/- प्रतिमाह अधिकतम के मान से प्रतिमाह किराया दिया जाता है। अर्थात प्रत्येक आंगनवाड़ी हेतु पृथक पृथक किराया जो अधिकतम रूपये 3000/- प्रतिमाह हो सकता है। (ख) 111 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन किराये की राशि ई-पेमेन्ट द्वारा मकान मालिक के खाते में व शेष 782 आंगनवाड़ी केन्द्रों की राशि आंगनवाड़ी कायकर्ता के खाते में ई-पेमेन्ट से जमा की जाती है जिसे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आहरित कर मकान मालिक को आंगनवाड़ी केन्द्रों का किराया भुगतान की रसीद प्राप्त कर सेक्टर स्तर पर किराए की जानकारी संधारित की जाती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में समस्त मकान मालिकों के खाते उपलब्ध न होने के कारण ई-पेमेन्ट से भुगतान नहीं किया जा सकता है। सभी मकान मालिकों के खाते खुलवाकर ई-पेमेन्ट से भुगतान किये जाने के निर्देश जारी किए गए है। जी हाँ, आगामी वित्तीय वर्ष के प्रथम त्रैमास से भुगतान किया जायेगा।
पुलिसकर्मियों को अवकाश की सुविधा
76. ( क्र. 3479 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी, 2013 के पश्चात् कितने पुलिसकर्मियों ने या उनके परिवार सदस्य ने आत्महत्या की या कोशिश की, तथा कितने पुलिसकर्मियों ने अपनी ही बंदूक से हत्या का प्रयास किया? (ख) क्या प्रदेश में पुलिसकर्मियों द्वारा आत्महत्या करने एवं डिप्रेशन जैसी बिमारी का मुख्य कारण परिवार के साथ समय न बिताना है? यदि हाँ, तो विभाग स्तर पर इसके लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) क्या प्रदेश के सभी विभागों में रविवार का अवकाश रखा जाता है? यदि हाँ, तो गृह विभाग में कार्यरत किन-किन प्रकार के कर्मचारियेां को साप्ताहिक अवकाश किन कारणों से देय नहीं है? (घ) क्या समय-समय पर अवकाश की पात्रता रखने वाले पुलिसकर्मियों को विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से अवकाश न देकर प्रताडि़त किया जाता है? यदि हाँ, तो ऐसी कितनी शिकायतें विभाग के पास लंबित हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) 1-पुलिसकर्मियों द्वारा आत्महत्या-58, 2-परिवार के सदस्यों द्वारा आत्महत्या-12, 3-पुलिसकर्मियों द्वारा आत्महत्या की कोशिश-04, 4- परिवार के सदस्यों द्वारा आत्महत्या की कोशिश-01, 5-पुलिसकर्मियों द्वारा स्वयं की बंदूक से हत्या का प्रयास-01 (ख) इकाई स्तर पर अधि./कर्म. का दरबार आयोजित कर समस्याओं से रूबरू होकर निराकरण किया जाता है एवं समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है। (ग) अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर शेष विभागों में रविवार का अवकाश रखा जाता है। कार्यपालिक बल के कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देय नहीं है। प्रतिवर्ष इन अवकाशों के स्थान पर इन्हें 30 दिन अर्जित अवकाश, 30 दिन लघुकृत अवकाश व 16 दिन आकस्मिक अवकाश एवं 15 दिन विशेष अवकाश एवं 01 माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाता है। (घ) जी नहीं। कर्मचारियों को उनकी पात्रतानुसार एवं आवश्यकतानुसार क्रमवार अवकाश स्वीकृत किया जाता है। उक्त संबंध में कोई शिकायत लंबित नहीं है।
डुमना क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा
77. ( क्र. 3498 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर की डुमना क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या स्थिति है? शासन ने इस क्षेत्र के आसपास के गावों की जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या व्यवस्था की है? (ख) क्या डुमना क्षेत्र के आसपास चिकित्सा की सुविधा न होने के कारण यहां की जनता को लगभग 10 से 15 कि.मी. दूर जबलपुर शहर इलाज कराने हेतु आना-जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या शासन इस क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्राथमिक उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलना निश्चित करेगा? (ग) क्या इस क्षेत्र की जनता दीर्घकाल से चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था हेतु प्राथमिक उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की मांग कर रही हैं? यदि हाँ, तो अभी तक प्राथमिक उप स्वास्थ्य केन्द्र न खोलने का कारण क्या है? प्राथमिक उप स्वास्थ्य केन्द्र कब तक खोला जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जबलपुर शहर के डूमना क्षेत्र की जनसंख्या 203 है। यहां से लगभग 1.5 कि.मी. की दूरी पर उप स्वास्थ्य केन्द्र ककरतला संचालित है। जिसमें पुरूष एम.पी.डब्लू, महिला ए.एन.एम. एवं आशा कार्यकर्ता द्वारा आश्रित ग्रामों का भ्रमण कर चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही है। आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं हेतु आसपास ग्रामों के मरीजों हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनपुर, सिविल अस्पताल रांझी व सिविल अस्पताल केन्ट से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) जी नहीं। जनसंख्या के मापदण्ड अनुसार पात्रता नहीं होने के कारण। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
78. ( क्र. 3506 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? केन्द्रों पर कितने-कितने शिशुओं की संख्या दर्ज है? क्या शिशुओं की दर्ज संख्या के मान से पूरक पोषण आहार वितरित किया जा रहा है? कृपया वर्ष, 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कितना-कितना पूरक पोषण आहार का आवंटन प्रदाय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण में अनियमितता की शिकायत प्राप्त की गई, उक्त शिकायत के विरूद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत 376 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 19 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। केन्द्रों पर दर्ज संख्या के मान से औसत उपस्थिति के आधार पर पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। केन्द्रों पर 6 माह से 3 वर्ष के शिशुओं की दर्ज संख्या एवं वर्ष 2015-16 में जनवरी 16 तक आवंटित पोषण आहार (टेकहोम राशन) के बेग की संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ अनुसार एवं 03 से 06 वर्ष के दर्ज शिशुओं की संख्या एवं वर्ष 2015-16 में जनवरी 16 तक सांझा चूल्हा अंतर्गत नाश्ता एवं भोजन से लाभांवित बच्चों की कुल संख्या (कुल व्यक्ति पोषण दिवस) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य सेवाओं हेतु स्वीकृत बजट
79. ( क्र. 3523 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संपर्णू प्रदेश के साथ ही जावरा विधान सभा क्षेत्र के जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील में केन्द्र राज्य प्रवर्तित स्वास्थ्य योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है? साथ ही इस हेतु केन्द्र/राज्य द्वारा पर्याप्त बजट भी उपलब्ण्ध करावाया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक उक्त वर्षों में कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर प्राप्त हुआ? प्राप्त बजट में से कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ग) क्या प्राप्त बजट के माध्यम से दवाइयों, उपकरणों अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की खरीदी के साथ ही निर्माण कार्य भी किये जाते हैं? (घ) यदि हाँ, तो जावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उपरोक्त वर्षों में किन-किन वस्तुओं की खरीदी होकर किस-किस प्रकार के किन आवश्यकताओं के निर्माण कार्य पूर्ण हुए/अपूर्ण रहे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जावरा एवं पिपलौदा को आवंटित बजट की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
वर्ष |
प्राप्त बजट |
व्यय |
1 |
2014-15 (जावरा) |
1,85,86,360 |
1,58,91,370 |
2 |
2014-15 (पिपलौदा) |
13345535 |
12139580 |
3 |
2015-16 (15.02.2016) (जावरा) |
2,37,68,725 |
87,40,869 |
4 |
2015-16 (पिपलौदा) |
12676074 |
8780897 |
(ग) जी नहीं, उक्त बजट से निर्माण कार्य नहीं कराये जाते हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपभोक्ता संरक्षण
80. ( क्र. 3524 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग उपभोक्ताओं को समस्त वस्तुएं उचित मूल्य एवं गुणवत्तायुक्त प्राप्त हों, इस हेतु लगातार प्रयास करता है, तो इसी के साथ उपभोक्ताओं का संरक्षण भी प्रदान करने हेतु अनेक कदम उठाता है? (ख) यदि हाँ, तो उज्जैन संभागांतर्गत उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त उचित मूल्यों पर विभिन्न वस्तुएं, सामग्रियां प्राप्त हो सकें और यदि शिकायत हो, तो उपभोक्ता फोरम एवं विभागीय व्यवस्थाओं द्वारा उचित निर्णय/कदम उठाये जाते हैं? (ग) यदि हाँ, तो उज्जैन संभागांतर्गत उपभोक्ताओं के संरक्षण हेतु किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार के केन्द्र/फोरम कार्यरत होकर संपूर्ण व्यवस्थाओं पर कार्य कर रहे हैं? (घ) साथ ही वर्ष, 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक उपभोक्ताओं द्वारा कितनी शिकायतें प्राप्त होकर क्या कार्यवाहियां की गईं तथा विभागीय स्तर पर भी क्या कार्यवाहियां की गईं?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : क) जी हाँ, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्रावधान अंतर्गत उपभोक्ताओं के संरक्षण हेतु जिला स्तर पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम के समक्ष 20 लाख रूपये मूल्य तक की शिकायत एवं राज्य स्तर पर राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में 20 लाख से रूपये 1 करोड़ तक के मूल्य की शिकायत एवं राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में रूपये 1 करोड़ से अधिक मूल्य की शिकायत की जा सकती है। राज्य स्तर पर विभिन्न विभागों से संबंधित शिकायतों का निराकरण सीएम हेल्प लाईन (टोल फ्री दूरभाष क्रमांक 181) एवं राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता से संबंधित शिकायतों का निराकरण उपभोक्ता हेल्प लाईन (टोल फ्री दूरभाष क्रमांक 1800-11-4000) पर किया जाता है। साथ ही संबंधित विभाग में भी उपभोक्ता अपनी शिकायत कर सकता है। (ख) उज्जैन संभागांतर्गत विभिन्न खाद्य वस्तुओं की गुणवत्तायुक्त निगरानी खाद्य एवं औषधी प्रशासन द्वारा की जाती है। विभिन्न सामग्रियों के उचित मूल्यों एवं नाप-तौल की निगरानी नाप-तौल कार्यालय द्वारा की जाती है। संबंधित विभागों के अलावा उपभोक्ता अपनी शिकायत उपभोक्ता फोरम में भी दायर कर सकता है। (ग) उज्जैन संभाग अंतर्गत उपभोक्ताओं के संरक्षण हेतु जिला स्तर पर उपभोक्ता फोरम देवास, रतलाम, मंदसौर, नीमच, शाजापुर तथा उज्जैन में गठित है। वर्तमान में जिला आगर-मालवा के उपभोक्ताओं द्वारा शिकायतें जिला शाजापुर में कार्यरत उपभोक्ता फोरम में दायर की जा रही है। जिला स्तर पर उपभोक्ता फोरम के समक्ष शिकायत दायर करने के उपरान्त उपभोक्ता उसकी अपील राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर कर सकता है। (घ) उज्जैन संभाग अंतर्गत गठित जिला उपभोक्ता फोरम में वर्ष 2013-2014, 2014-2015, 2015-2016 के प्रश्न दिनांक तक उपभोक्ताओं ेद्वारा प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में पौष्टिक आहार
81. ( क्र. 3551 ) श्री अंचल सोनकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जबलपुर के तहत कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इन केन्द्रों में कुल कितने बच्चे दर्ज हैं? 3 वर्ष से 5 वर्ष तक के कितने बच्चे/बालिकाएं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में बच्चों को नाश्ते एवं भोजन में मीनू के अनुसार क्या-क्या सम्मिलित हैं एवं इन्हें मौके पर क्या दिया जा रहा? क्या इसकी जाँच आंगनवाड़ी केन्द्रों जाकर किसी अधिकारी द्वारा की जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने केन्द्रों की जाँच की गई, कितने केन्द्रों में अनियमितता पाई गई? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में सबला योजना के अंतर्गत 11 वर्ष से 14 वर्ष तक की स्कूल त्यागी एवं 14 वर्ष से 18 वर्ष तक की किशोरी बालिकाओं के लिये पौष्टिक आहार के पैकेट्स का वितरण कितनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में किया जाता है? पौष्टिक आहार को क्रय करने में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कुल कितनी राशि व्यय की गई? व्यय राशि का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया? (घ) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों, किशोरी बालिकाओं को एक्सपायरी डेट अथवा बिना तिथि वाले व खराब हो चुके पैकेट्स के वितरण की शिकायतें आई थी? यदि हाँ, तो इन शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में कुल 2101 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 285 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है, इन केन्द्रों में 06 माह से 06 वर्ष तक के कुल 219516 बच्चे दर्ज हैं इनमें 03 वर्ष से 05 वर्ष तक के कुल बालक 34590 एवं बालिका 35537 दर्ज है। (ख) प्रश्नांक (क) में बच्चों को नाश्ते एवं भोजन का मीनू की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। समस्त हितग्राहियों को निर्धारित मीनू अनुसार ही पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। प्रदाय किए जा रहे पेाषण आहार की जाँच जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी तथा पर्यवेक्षक एवं ग्राम के जनप्रतिनिधियों के समक्ष पंचनामा तैयार किया जाकर की जाती है। पंचनामा आंगनवाड़ी केन्द्र पर सुरक्षित रखा जाता है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी तथा पर्यवेक्षक द्वारा किये गये केन्द्रों के निरीक्षण (जाँच) की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों की कुल 15 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनका निराकरण परियोजना स्तर पर शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) में सबला योजनान्तर्गत 11 वर्ष से 14 वर्ष तक की स्कूल त्यागी एवं 14 वर्ष से 18 वर्ष तक की किशोरी बालिकाओं के लिये पौष्टिक आहार के पैकेटस का वित्रण जबलपुर जिले के समस्त 2386 केन्द्रों में किया जाता है। किशोरी बालिकाओं हेतु सबला योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 में कुल राशि रूपये 1134.35 लाख एवं 2015-16 में कुल राशि रूपये 790.23 लाख, व्यय की गई। देयकों का सत्यापन जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया जाता है। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों, किशोरी बालिकाओं को एक्सपायरी डेट अथवा बिना तिथि वाले खराब हो चुके पैकेटस के वितरण के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
रायसेन जिले में दवा एवं उपकरण खरीदी
82. ( क्र. 3563 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में स्वास्थ्य केन्द्रवार कितनी-कितनी राशि दवाइयां, उपकरण आदि की स्थानीय खरीदी हेतु प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त राशि के विरूद्ध विभाग द्वारा जिले में कब-कब किन-किन एजेंसियों/फर्मों से कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन सी दवाओं/उपकरणों का क्रय किया गया? क्या इस खरीदी में विभागीय दवा क्रय नीति एवं नियम का पालन किया गया? (ग) नियम विरूद्ध दवा क्रय एवं उपकरण खरीदी का क्या जाँच की जावेगी? वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उपकरण खरीदी किस संस्था/फर्म से की गई? नामवार, दिनांकवार जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) स्वास्थ्य केन्द्रवार बजट आवंटित नहीं किया जाता है। अतः केन्द्रवार औषधि/उपकरण के क्रय हेतु राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। क्रय नियमानुसार किया गया है। अतः जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विधानसभा क्षेत्रवार औषधि/उपकरण क्रय नहीं किये जाते है। उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत प्रदाय किये गये उपकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाना
83. ( क्र. 3616 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शा. प्राथ. स्वास्थ्य केन्द्र में विस्तार एवं स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के संबंध में कोई नीति/प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो शा. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बोरदेही में लगभग 25 ग्रामों के लोग जिनकी जनसंख्या लगभग 50 हजार है? इलाज कराने आते हैं? वह वर्तमान में 06 बेड एवं 1 चिकित्सक के भरोसे चल रहा है? (ग) क्या इतनी व्यवस्था में बोरदेही अस्पताल 25 ग्रामों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने में सक्षम है? (घ) यदि नहीं, तो शा. प्राथ. स्वास्थ्य केंद्र बोरदेही के अस्पताल का विस्तार एवं स्वास्थ्य सुविधाएं कब तक बढ़ा दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लाड़ली लक्ष्मी योजना में परिवर्तन
84. ( क्र. 3620 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार लाड़ली लक्ष्मी योजना में कुछ परिवर्तन का विचार कर रही है? यदि हाँ, तो क्या? ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) योजना के तहत सीहोर जिले में प्रश्नावधि तक कुल कितने लाभार्थी हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3 – 11 / 2007 / 50-2 द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना में आंशिक परिवर्तन किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘क” योजना के तहत सीहोर जिले में प्रश्नावधि तक कुल 39501 लाभार्थी है।
रोगी कल्याण समिति का गठन
85. ( क्र. 3674 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत रोगी कल्याण समिति गठित कर समिति की बैठक बुलाये जाने का क्या प्रावधान है? (ख) सागर जिले के स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत जिला, तहसील, ब्लॉक स्थित कौन-कौन से चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समिति का गठन अब तक नहीं किया गया है? ऐसे चिकित्सालयों के प्रभारी अधिकारी के नाम बतावें एवं इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समिति का गठन हो चुका है, उन चिकित्सालयों में नियमानुसार समिति की बैठक का आयोजन किया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? उन चिकित्सालयों के नाम, प्रभारी का नाम एवं रोगी कल्याण समिति की विगत बैठक का दिनांक बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार रोगी कल्याण समिति की बैठक नियमानुसार आयोजित न करने वाले प्रभारी चिकित्सक के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा की बैठक वर्ष में एक बार तथा कार्यकारणी समिति की बैठक तीन माह में एक बार करने का प्रावधान है। (ख) जिले के सभी चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समिति गठन किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला चिकित्सालय सागर, सिविल अस्पताल बीना, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शाहगढ़, देवरी, केसरी, खुरई, बण्डा एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरकोटी, गौरझामर, खिमलासा, कर्रापुर में रोगी कल्याण समितियों की बैठक इस वित्तीय वर्ष में आयोजित की गई है। शेष संस्थाओं में प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों का पद रिक्त होने के कारण बैठकें नहीं हो पाई। संस्थावार प्रभारी का नाम एवं रोगी कल्याण समिति की विगत बैठक का दिनांक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिन संस्थाओं द्वारा बैठकों का नियमानुसार आयोजन नहीं किया गया है, उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है। बैठकें आयोजित नहीं करने के कारण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं संबंधित बी.एम.ओ. को चेतावनी दी गई है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरिया एवं बटियागढ़ में एक्सरे मशीन का संचालन
86. ( क्र. 3717 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पथरिया एवं बटियागढ़ में एक्स-रे मशीन संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो कब से, वर्तमान में चालू हालत में है क्या? वर्ष 2013-2014 एवं 2014-15 एवं 2015-16 में 31 जनवरी 2016 तक संचालन संधारण हेतु कितना व्यय किया गया? (ग) यदि मशीन बंद स्थिति में है तो उसकी मरम्मत कब तक की जावेगी? कितना व्यय होगा? व्यय हेतु यदि प्रस्ताव भेजा गया है तो किस स्तर पर लंबित है? (घ) एक्स-रे मशीन में ऑपरेटर का पद क्या रिक्त है? यदि नहीं, तो कब से पदस्थ है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दमोह जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पथरिया एवं बटियागढ़ में एक्सरे मशीन उपलब्ध है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पथरिया की एक्सरे मशीन क्रियाशील है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बटियागढ़ की मशीन वर्तमान में अक्रियाशील है। (ख) वर्ष 2005 से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पथरिया की एक्सरे मशीन क्रियाशील है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बटियागढ़ की मशीन वर्ष 2005 से स्थापित है एवं वर्तमान में अक्रियाशील है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पथरिया में एक्सरे मशीन संचालन संधारण हेतु वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 17560 वर्ष 2014-15 में राशि रू. 2600 तथा वर्ष 2015-16 में राशि रू. 2000 व्यय किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बटियागढ़ में प्रश्नांकित वर्षों में एक्सरे मशीन के संचालन संधारण हेतु व्यय निरंक है। (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बटियागढ़ में एक्सरे मशीन बंद है तथा संबंधित फर्म को सुधार कार्य हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दमोह द्वारा मशीन सुधारने के आदेश दिये गये है। मशीन का सुधार कार्य यथाशीघ्र कराया जायेगा। फर्म से एस्टीमेट अप्राप्त है। शेष् प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पथरिया एवं बटियागढ़ में रेडियोग्राफर के नियमित स्वीकृत एवं रिक्त है। वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पथरिया में रोगी कल्याण समिति के माध्यम से रेडियोग्राफर कार्यरत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस थानों में पदस्थ स्टॉफ हेतु आवास निर्माण
87. ( क्र. 3718 ) श्री लखन पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पथरिया एवं बटियागढ़ पुलिस थानों में वर्तमान में पदस्थ स्टॉफ कब-कब से पदस्थ हैं? (ख) प्रत्येक थाना परिसरों में निर्मित भवनों/आवास किन-किन पुलिस कर्मचारियों/सिपाहियों को कब-कब से आवंटित है? (ग) वर्णित थानों में नये पुलिस आवास निर्माण हेतु क्या योजना तैयार की गई है? (घ) आवास निर्माण हेतु प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार। (ग) एवं (घ) 25000 नवीन आवास निर्माण का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है।
एम्बुलेंस सेवाएं
88. ( क्र. 3725 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में कितने चिकित्सालयों में आज दिनांक तक कितनी एम्बुलेंस सेवाएं उपलब्ध हैं तथा कहाँ-कहाँ पर नहीं है? (ख) क्या उपलब्ध एम्बुलेंस वाहन सही स्थिति में होकर सभी जगह सुचारू रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं या नहीं? (ग) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के नगर पिपलरावा में एम्बुलेंस सेवाएं उपलब्ध कराने की कोई योजना है या नहीं है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में आने वाले सभी 05 चिकित्सालयों में एम्बुलेंस सेवाएं उपलब्ध है। विवरण निम्नानुसार हैं- सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनकच्छ में 03 एम्बुलेंस, उपलब्ध है :- एक 108 एम्बुलेंस, एक जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस, एक रोटरी क्लब द्वारा प्रदत्त की गयी एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध हैं। 1 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र टोंगखुर्द में 03 एम्बुलेंस उपलब्ध हैः- जिन में से एक 108 एम्बुलेंस, एक जननी एक्सप्रेस, कुल दो एम्बुलेंस सेवा में उपलब्ध है एवं एक एम्बुलेंस बंद हैं 2 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपलरावा- एक जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध हैं। 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द भौरासा एक जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध हैं। 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चैवारावीरा- एक जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र टोंगखुर्द की एक एम्बुलेंस छोड़कर शेष सभी उपलब्ध एम्बुलेंस वाहन सही स्थिति में होकर सभी जगह सुचारू रूप से अपनी सेवाएं दे रही हैं। (ग) जी नहीं ! प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपलरावा, में एक जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस, की सेवाएं उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी हेतु भवन निर्माण
89. ( क्र. 3766 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में ऐसे कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जिनका स्वयं का भवन नहीं है? यह कहां पर स्थित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र पर स्वंय के भवन बनाने हेतु शासन की क्या योजना है? इन स्थानों पर कब तक आंगनवाड़ी भवन निर्मित हो जावेंगे? (ग) आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के लिए शासन के क्या दिशा-निर्देश हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कुल 174 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये के भवनों में/अन्य शासकीय भवनों में) एवं 47 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई./गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंड में) आंगनवाड़ी भवन निर्माण की कार्य योजना विचाराधीन हैं एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद में राशि उपलब्ध होने पर आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिए जाने की योजना हैं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता हैं। अतः समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के संबंध में भारत सरकार के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
एन.आर.एच.एम. एवं आर.सी.एच.कार्यक्रम में टेण्डर
90. ( क्र. 3773 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मण्डला जिले में एन.आर.एच.एम. एवं आर.सी.एच. कार्यक्रम में मोबेलिटी सपोर्ट के टेन्डर में क्या प्रकिया अपनायी गयी और गाड़ी कहाँ-कहाँ से लगी? (ख) साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यवस्था हेतु कितना बजट स्वीकृत हुआ? म.प्र. शासन की गाईड लाईन क्या है? मण्डला जिले में क्या प्रक्रिया अपनाई गयी? (ग) प्रश्न (क) एवं (ख) से संबंधित सेवा प्रदाता संस्था कौन-कौन है? उनके नाम एवं पता तथा भुगतान की राशि पृथक-पृथक बतायें? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रं. 668 दिनांक 15/02/2015 के माध्यम से मुख्य स्वा. एवं चिकि. अधि. मण्डला से उपरोक्त जानकारी चाही गयी थी? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक जानकारी क्यों नहीं दी गयी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-15 में 154 लाख एवं 2015-16 में 120 लाख। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शासन के दिशा-निर्देश अनुसार प्रक्रिया अपनाई गई। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, पत्र अप्राप्त। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं आर.सी.एच. कार्यक्रम हेतु प्राप्त आवंटन राशि
91. ( क्र. 3779 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं आर.सी.एच. कार्यक्रम एवं अन्य मद से वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मदवार कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) प्राप्त आवंटन को कहाँ-कहाँ, किस-किस मद में कितना-कितना और कब-कब व्यय किया गया? प्राप्त आवंटन से जो सामग्री क्रय की गयी उसका मूल्य, मात्रा बतायें? (ग) विगत तीन वर्षों में अधीनस्थ संस्था, एन.जी.ओ. एवं अन्य को दिये गये अग्रिम का समायोजन कब किया गया? कितना अग्रिम शेष है? अग्रिम प्रदाय दिनांक एवं समायोजन दिनांक, राशि सहित बतायें एवं समायोजन न होने का कारण बतायें? (घ) उपरोक्त का समायोजन न होने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? नाम, पदनाम सहित बतायें? उन पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मण्डला जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं आर.सी.एच कार्यक्रम एवं अन्य मद से प्राप्त आवंटन वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मदवार निम्नलिखित है।
क्रं. |
वर्ष |
मद |
प्राप्त आवंटन |
1 |
2014-15 |
आर.सी.एच. |
111790000.00 |
एन.आर.एच.एम. |
84931740.00 |
||
टीकाकरण |
7497000.00 |
||
2 |
2015-16 |
आर.सी.एच. |
107500000.00 |
एन.आर.एच.एम |
63318000.00 |
||
टीकाकरण |
|
(ख) प्राप्त आवंटन को वर्षवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘1’ अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -‘2’ अनुसार है। (ग) अधीनस्थ संस्था, एन.जी.ओ. एवं अन्य को दिये गये अग्रिम के समायोजन का विवरण वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ‘3’ अनुसार है। मंडला जिले में विगत 3 वर्ष से एन.जी.ओ. परिवर्तन सेवा एवं शिक्षा समिति भोपाल के द्वारा आशा प्रशिक्षण वार्षिक अनुबंध अनुसार दिया गया हैं। ए.जी.ओ. संस्थान को अग्रिम दिये जाने का प्रावधान है, परन्तु जिले में परिवर्तन सेवा एवं शिक्षा समिति भोपाल को प्रशिक्षण पूर्ण कर सत्र अनुसार उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर भुगतान किया गया हैं, उक्त संस्था को विगत 3 वर्षों में कोई अग्रिम राशि जारी नहीं की गई हैं। जिले से अधीनस्थ संस्थाओं को दी गई अग्रिम राशि में से किसी गतिविधियों में व्यय उपरांत शेष राशि रहती है तो इसका उपयोग आगामी वर्ष में किया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। (घ) राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत वार्षिक स्वीकृत कार्ययोजना अनुसार बजट आवंटन प्राप्त होने पर नियमित गतिविधियों का संचालन करने हेतु जिले की अधीनस्थ संस्थाओं को राशि अग्रिम के रूप में दी जाती हैं तथा गतिविधि उपरांत व्यय की गई राशि का बुकिंग संस्था स्तर से किया जाता हैं। किसी मद/गतिविधि में राशि व्यय नहीं होती है तो वह आगामी वर्ष में व्यय/उपयोग की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
नर्सिंग स्टाफ के पदों पर पुरूषों की पदस्थापना
92. ( क्र. 3807 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय चिकित्सालयों, सब हेल्थ सेंटर, डिस्पेंसरी आदि स्थानों पर नर्सिंग स्टाफ के कुल कितने पद स्वीकृत हैं और वर्तमान में कितने पद भरे एवं रिक्त हैं? (ख) क्या प्रदेश में विभागीय अनुमति के उपरांत संचालित नर्सिंग कालेजों के द्वारा प्रति वर्ष हजारों छात्र एवं छात्राएं नर्सिंग की डिग्री प्राप्त कर रोजगार से वंचित हैं, जबकि प्रदेश की संस्थाओं में पद रिक्त है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ग) नर्सिंग स्टाफ के अन्तर्गत महिला एवं पुरूष दोनों को नर्सिंग सहायक के रूप में पदस्थ करने की नीति कब तक प्रभावशील होगी? जिस प्रकार प्रदेश में महिला एवं बाल विकास में महिलाओं के स्थान पर पुरूष पदस्थ है? उसी अनुरूप महिला नर्सिंग स्टाफ की अनुपलब्धता में पुरूष नर्सिंग स्टाफ की पदस्थापना किए जाने के बारे में कब तक निर्णय लिया जावेगा ताकि प्रदेश के प्रशिक्षित एवं डिग्रीधारी पुरूष नर्सिंग स्टाफ को रोजगार प्राप्त हो सके?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश के शासकीय जिला चिकित्सालयों एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में नर्सिंग स्टॉफ के कुल 8292 पद स्वीकृत हैं जिनके विरूद्ध 6303 कार्यरत एवं 1989 पद रिक्त है। (ख) मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के भर्ती नियमों के अंतर्गत शासन द्वारा संचालित नर्सिंग महाविद्यालय/विद्यालय से उत्तीर्ण नर्सिंग छात्राओं को ही स्टाफ नर्स के पद पर नियुक्ति दी जाती है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिला चिकित्सक की पदस्थापना
93. ( क्र. 3809 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनुपपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैतहरी में कुल कितने पद स्वीकृत है? स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने कार्यरत हैं? उक्त चिकित्सालय में महिला चिकित्सक पदस्थ है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विभाग उक्त संस्था में महिला चिकित्सक की पदस्थापना करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैतहारी में मेडिकल विशेषज्ञ, सर्जरी विशेषज्ञ एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ के एक-एक पद स्वीकृत हैं एवं चिकित्सा अधिकारी के 02 पद स्वीकृत हैं। विशेषज्ञों के 03 पद रिक्त है तथा 02 चिकित्सा अधिकारी पदस्थ होकर कार्यरत हैं, महिला चिकित्सक के पदनाम से विभाग में पद स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) स्त्रीरोग विशेषज्ञ का पद पर पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है, लोक सेवा आयोग से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। चयन सूची में चिकित्सक जो महिला है कि उपलब्धता अनुसार पदस्थापना के संबंध में कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
चिकित्सकों की पद पूर्ति
94. ( क्र. 3810 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कुल कितने औषधालय संचालित हैं? औषधालय का स्तर, किस ग्राम में संचालित हैं? संचालित औषधालय में कुल कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने कार्यरत हैं? (ख) जिला आयुर्वेदिक औषधालय में कुल कितने डॉ. पदस्थ हैं? रिक्त पदों की पूर्ति शासन कब तक करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अनूपपुर जिले में कुल 14 आयुष औषधालय संचालित है। जिसमें 10 औषधालय ग्रामीण तथा 04 शहरी क्षेत्र में संचालित है जो निम्नानुसार हैः-ग्रामीण क्षेत्रः- बम्हनी, धुरवासिन, धिरौल, मेडियारास, व्यंकटनगर, जर्राटोला, पुष्पराजगढ़, इटौर, देखल, पटना। शहरी क्षेत्रः- अनूपपुर, बिजुरी, जैतहरी, कोतमा। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 710 पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उचित मूल्य की दुकानें
95. ( क्र. 3811 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कुल कितने सहकारी समितियां है? एक समिति द्वारा कुल कितने उचित मूल्य की दुकानें संचालित किया जा रहा है? तहसीलवार दुकानों की जानकारी प्रदान करें? (ख) एक सेल्समैन द्वारा कितने-कितने दुकानें संचालित किया जा सकता है? एक सेल्समैन द्वारा अनेक दुकाने कैसे संचालित की जा रही है? विवरण देवें? (ग) क्या शासन अथवा खाद्य विभाग सेल्समैन भर्ती करने पर विचार कर रही है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बातवें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अनूपपुर जिले में कुल 131 सहकारी समितियां पंजीकृत हैं। उक्त समितियों में 30 सहकारी समितियों द्वारा उचित मूल्य दुकानों का संचालन किया जा रहा है। एक समिति द्वारा न्यूनतम 2 एवं अधिकतम 30 उचित मूल्य दुकानों का संचालन किया जा रहा है। तहसीलवार उचित मूल्य दुकानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा जारी निर्देशों के तहत एक विक्रेता 2 उचित मूल्य दुकाने संचालित कर सकता है। शासन द्वारा म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 की कंडिका 10 (2) में 400 पात्र परिवारों से कम संख्या वाली पंचायतों को छोड़कर प्रत्येक उचित मूल्य दुकान पर एक विक्रेता की नियुक्ति का प्रावधान कर दिया गया है। (ग) सेल्समैन की भर्ती की कार्यवाही सहकारिता विभाग अंतर्गत की जाना है। म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 में संशोधन प्रचलित है। संशोधन उपरांत दुकानें आवंटित होने के पश्चात उक्त कार्यवाही सहकारी समितियों द्वारा की जावेगी।
पुराना अस्पताल परिसर की मरम्मत व अतिक्रमण मुक्त करना
96. ( क्र. 3885 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्यावरा नगर के पुराने अस्पताल परिसर देख-रेख के अभाव में लावारिस बन चुके हैं तथा भवन के अनेक कक्षों में अनाधिकृत लोगों ने ताले लगाकर अवैध कब्जे जमा रखे हैं तथा परिसर में अवैध निर्माण भी निरंतर हो रहा है? यदि हाँ, तो कुछ समय से एक कक्ष में महिला एवं बाल विकास का कार्यालय संचालित हो रहा है तथा एक कक्ष में अस्थाई तौर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी के आदेश से पार्ट टाईम एक संविदा चिकित्सक की नियुक्ति कर नगर डिस्पेंसरी का संचालन किया जा रहा है? (ख) क्या यह भी सही है कि ब्यावरा नगर की आबादी लगभग 70 हजार है तथा सिविल अस्पताल ब्यावरा की नगर से दूरी लगभग 2 कि.मी. है? ऐसे में क्या आम नागरिकों दैनांदिन सामान्य चिकित्सा व फर्स्टएड हेतु उपरोक्त पुराने चिकित्सालय भवन को सुव्यवस्थित कर स्थाई डिस्पेंसरी में तब्दील नहीं किया जा सकता है? क्या शासन उक्त भवन के रख-रखाव व अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। अस्पताल भवन के एक भाग में महिला एवं बाल विकास का कार्यालय एवं एक भाग में स्वास्थ्य विभाग की एन.आर.एच.एम योजना के अंतर्गत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। शेष हिस्से के तीन कमरे एवं उसका बरान्डा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होने के कारण उपयोगी नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ, वर्तमान में आम नागरिकों दैनांदिन सामान्य चिकित्सा एवं फसर्टएड हेतु एन.आर. एच.एम योजना अंतर्गत प्रातः 08 बजे से रात्री 08 बजे तक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित किया जाकर स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही है। मरम्मत योग्य हिस्से को आवश्यकता अनुसार स्वीकृति उपरान्त मरम्मत की कार्यवाही की जावेगी। अतिक्रमण मुक्त के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सिवनी जेल में कैदियों की संख्या
97. ( क्र. 3900 ) श्री दिनेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जेल में कितने कैदी रखे जाने की क्षमता है? वर्तमान में कितने कैदी रखे गये हैं? कैदियों की संख्या को देखते हुये क्या शासन सिवनी कारागार बन्दीगृह की क्षमता बढ़ाने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या राज्य के कुछ जेलों में प्रशिक्षण सह-उत्पादक अंतर्गत औद्योगिक इकाइयां आई.टी.आई. संचालित की जा रही हैं? यदि हाँ, तो सिवनी जेल में बंदियों की कार्य कुशलता एवं उत्पादित सामग्री की गुणवत्ता के आधार पर शासन की नीति अनुसार दक्षता हेतु आई.टी.आई. खोलने पर शासन विचार करेगा? (ग) सिवनी के जेल में कितने अधिकारी, कर्मचारी सेवारत हैं? क्या उनके आवास की पर्याप्त व्यवस्था है? यदि नहीं, तो क्या शासन अधिकारी, कर्मचारियों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए अतिरिक्त नवीन आवास निर्माण करने पर विचार करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) सिवनी जेल में 182 कैदी रखे जाने की क्षमता है, जिसके विरूद्ध 459 कैदी परिरूद्ध हैं। जेल की क्षमता बढ़ाने के प्रयास आगामी योजनाओं में किये जावेंगे। समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। फिलहाल सिवनी जेल में आई.टी.आई. खोलने का कोई विचार नहीं है। (ग) सिवनी जेल में कुल 36 अधिकारी-कर्मचारी सेवारत हैं, उनके लिये 24 आवासगृह उपलब्ध है। अतिरिक्त नवीन आवासगृहों के निर्माण के संबंध में विचार किया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास झाबुआ में बच्चों को प्रदाय सामग्री
98. ( क्र. 3944 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ जिले में महिला बाल विकास विभाग में आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिये क्या-क्या सामग्री कहाँ-कहाँ से प्रदाय किया जाती है? सामग्री का नाम, दर एवं प्रदायकर्ता/संस्था का नाम तथा गुणवत्ता की जाँच किस एजेंसी द्वारा किया जाती है? (ख) झाबुआ जिले में कितने आंगनवाड़ी केंद्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों के जाँच के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) झाबुआ जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के कितने पद रिक्त हैं तथा इन रिक्त पदों को कब तक भरा जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निरंक। शेष का प्रश्न नहीं। (ग) जिले अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 26 पद एवं सहायिकाओं के 23 पद रिक्त है। इनकी पद पूर्ति नियमानुसार कर ली जावेगी।
रोगी कल्याण समिति की बैठकों एवं निधि के आय व्यय
99. ( क्र. 3945 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय जिला चिकित्सालय झाबुआ एवं जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गठित रोगी कल्याण समिति की बैठकें कब से नहीं हुई तथा क्यों? पिछले 2 वर्षों से रोगी कल्याण समिति की आय-व्यय का विवरण बताया जावे? (ख) इस समिति द्वारा उक्त अस्पतालों में क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही है? क्या इस समिति के आय-व्यय का विधिवत ऑडिट होता है? विगत 2 वर्षों में रोगी कल्याण समिति के माध्यम से क्या-क्या कार्य करवाये गये? (ग) यदि रोगी कल्याण समिति की बैठकें नियमित नहीं हो रही है, तो इसके लिये जिम्मेदारी किसकी है? दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासकीय जिला चिकित्सालय झाबुआ एवं जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति की अंतिम बैठकों की दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नियमित बैठकें आयोजित न करने के कारण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा समस्त खंड चिकित्सा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस व चेतावनी जारी की गई। पिछले दो वर्षों का रोगी कल्याण समिति की आय-व्यय विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) शासकीय अस्पतालों में शासन द्वारा उपचार व जाँच की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। रोगी कल्याण समिति से चिकित्सालयों में अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान की जाती है। जी हाँ। संस्थावार कराये गये कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) समय पर रोगी कल्याण समिति की बैठकें आयोजित करने की जिम्मेदारी समिति के सदस्य सचिव की होती है। संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ सूचना व चेतावनी जारी की गई है।
दोषियों की पहचान कर कार्यवाही करना
100. ( क्र. 3968 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा संभाग में विगत वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य कराये जाने की कार्ययोजना तैयार की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने आंगनवाड़ी केंद्र बनकर तैयार हो गये तथा कितने शेष हैं तथा कितने भवन अपूर्ण है? जमीन की उपलब्धता न होने के कारण जिनका निर्माण नहीं कराया जा सका? उनकी संख्या बताते हुए यह बतावें कि निर्माण हेतु जमीन कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण का कार्य किन-किन निर्माण एजेंसियों द्वारा कराया गया? अगर भवन गुणवत्ताविहीन एवं जर्जर है, छतें चू रही है, तो इसके लिये किसको दोषी मानते हुए कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या रीवा संभाग में झूला घरों के निर्माण का कार्य कराए जाने की शासन की मंशा थी तथा इनमें पिछले 3 वर्षों में शासन द्वारा कितना अनुदान प्राप्त हुआ तथा कितने झूलाघर संचालित है? अगर झूला घर संचालित न कर फर्जी रूप से प्राप्त राशि का गबन किया गया तो इसके लिये दोषी की पहचान कर क्या और कब तक किस स्वरूप की कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) रीवा संभाग में वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनांक तक कुल 2307 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के संदर्भ में कुल स्वीकृत 2307 आंगनवाड़ी भवनों में से 1186 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण है एवं 1121 आंगनवाड़ी भवन अपूर्ण है। समस्त स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों के लिये जमीन उपलब्ध कराई जा चुकी है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य, ग्राम पंचायत/ग्रामीण यांत्रिकी सेवा/लोक निर्माण विभाग (निर्माण एजेंसी ) द्वारा किया गया है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। इन भवनों के निर्माण में गुणवत्ता संबंधी कोई शिकायत नहीं पाई गई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। विभाग के माध्यम से कोई अनुदान नहीं दिया गया। अतः शेष का प्रश्न नहीं। झूलाघरों का संचालन भारत सरकार के निर्देशानुसार सीधे अशासकीय संस्थाओं द्वारा किये जा रहे थे। वर्तमान में ही भारत शासन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा उक्त संचालित झूलाघरों के भौतिक सत्यापन के निर्देश दिये गये हैं। इसके पूर्व राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग को उक्त झूलाघरों के संचालन अथवा पर्यवेक्षण की कोई जिम्मेदारी भारत सरकार द्वारा नहीं दी गई थी।
जन स्वास्थ्य रक्षकों को सुविधा
101. ( क्र. 3969 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा जन स्वास्थ्य रक्षकों का पद स्वीकृत कर उनसे स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कार्य कराये जा रहे हैं, लेकिन आरोग्य केंद्रों में इनकी नियुक्ति नहीं की गयी? सिर्फ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ही नियुक्ति की गयी, जबकि आकस्मिक दुर्घटना एवं अन्य संक्रमित रोगों के लिये पुरूष कार्यकर्ता की आवश्यकता होती है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या जन स्वास्थ्य रक्षकों से संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं फोल्डर बनाकर स्वास्थ्य संबंधी कार्य कराये जा रहे हैं? इन्हीं के माध्यम से बैक्सीन वितरण का कार्य भी लिया जाता है? इसके लिये कितना मासिक पारिश्रमिक दिया जा रहा है? अगर नहीं दिया जा रहा है तो शासन की क्या कार्य योजना है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में क्या जन स्वास्थ्य रक्षकों को आरोग्य केंद्रों में नियुक्ति की कार्यवाही करते हुये प्रोत्साहन राशि देने की कार्यवाही करेंगे? हाँ तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में जन स्वास्थ्य रक्षक का पद स्वीकृत नहीं है ना ही उनकी सेवायें विभाग द्वारा ली जा रही है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध कार्यवाही की जाना
102. ( क्र. 4017 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के शासकीय हमीदिया महाविद्यालय की केंटीन प्रारंभ करने हेतु नाश्ता सामग्री बनाने वालों से दिनांक 23 जून, 2014 को दोपहर 02 बजे तक निविदाएं आमंत्रित की गई थी और उसी दिन लगभग दोपहर 03:30 बजे निविदाएं ठेकेदारों एवं महाविद्यालय की कमेटी के सदस्यों की मौजूदगी में मोहरबंद निविदाएं खोली गई थी? यदि हाँ, तो प्राप्त समस्त निविदाएं डी.डी. सहित संपूर्ण प्रक्रिया के साथ उपलब्ध थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त केंटीन सामग्री विक्रय करने हेतु 5 ठेकेदारों की निविदाएं प्राप्त होकर श्री देवी प्रसाद मिश्रा के नाम का टेण्डर में सबसे कम राशि में सामग्री विक्रय करने की दरें प्राप्त हुई थी? (ग) यदि हाँ, तो क्या टेण्डर खोलने के 2 दिन पश्चात् यानि दिनांक 25 जून, 2014 को महाविद्यालय प्रबंधन ने अवगत कराया कि प्राप्त तीन टेण्डरों में डी.डी. नहीं है? इसलिये निविदा प्रक्रिया निरस्त की जाती है? यदि हाँ, तो क्या महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से यह षडयंत्र रचा है? यदि नहीं, तो क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित दिनांक में कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई थी। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘‘क’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ख’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मरीजों के सामान जप्ती में भारी भ्रष्टाचार किया जाना
103. ( क्र. 4018 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सड़क एवं अन्य दुर्घटनाओं में उपचार हेतु हमीदिया अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा विभाग में आने वाले मरीजों का सामान जब्ती कर सी.एम.ओ. की अभिरक्षा में वर्ष 1979-80 से 2010 तक सुरक्षित रखा जाता था? (ख) क्या उक्त अमानती सामान वापिस नहीं करने एवं गबन करने की शिकायत संचालक चिकित्सा शिक्षा विभाग, अधिष्ठाता गांधी मेडीकल कॉलेज ओर अधीक्षक हमीदिया अस्पातल को की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) (ग) के परिप्रेक्ष्य में मामले की निष्पक्ष जाँच कराने हेतु एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। संचालक, चिकित्सा शिक्षा के पत्र क्रमांक 95/सतर्कता/5/2016, दिनांक 11/01/2016 द्वारा श्री विनोद कुमार शाक्य मकान नं. 308 राम मंदिर के पास, टीला जमालपुरा भोपाल का शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है जिसकी जाँच अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल द्वारा कराई जा रही है। (ग) शिकायत की जाँच अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल द्वारा कराई जा रही है अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुपोषित बच्चों की योजनाओं का क्रियान्वयन
104. ( क्र. 4033 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में 01 जनवरी, 2013 से प्रश्नाधीन अवधि तक कुल कितने बच्चे कुपोषण का शिकार हुये तथा कुपोषण से प्रभावित कितने बच्चों की संख्या दर्ज की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदाय की जाये। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कुपोषण से प्रभावित बच्चों के लिये कौन-कौन से कारगर कदम उठाये गये? कुपोषण की रोकथाम हेतु किस-किस योजना के तहत कितनी-कितनी राशि जिले को आवंटित की गई आवंटित राशि में से किस योजना पर कितना व्यय हुआ? जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार, योजनावार, वर्षवार, व्यय राशि का विवरण बतायें? (ग) क्या प्रश्नावधि में धार जिले में कुपोषण की रोकथाम हेतु चलाई योजनाओं से कुपोषण के प्रकरणों में कमी पाई गई? यदि हाँ, तो कितनी विधान सभावार जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्यों, कारण बतायें? (घ) प्रश्नावधि में जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं से कुपोषण के प्रकरणों में कमी नहीं होने की स्थिति में विभाग के कौन-कौन अधिकारी/ कर्मचारी उत्तरदायी है, जिनके द्वारा सही एवं सार्थक प्रयास नहीं किये गये? क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रश्नावधि में कुपोषण से प्रभावित बच्चे एवं दर्ज बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। शेष का प्रश्न नहीं। (घ) प्रश्नांश ‘ग‘ के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न नहीं।
संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों का नियमितीकरण
105. ( क्र. 4034 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों के नियमितीकरण की कोई नीति शासन द्वारा बनाई गई है? यदि हाँ, तो कब तक इन संविदा कर्मियों को नियमित किया जावेगा? (ख) पूर्व में स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न योजनाओं में पदस्थ संविदा कर्मचारियों को बिना किसी उचित कारण सेवा से पृथक कर दिया गया? शासन उन्हें कब तक पुन: सेवा में लेगी? (ग) संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की वेतन वृद्धि वर्ष 2013-14, एवं 2015-16 का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया? शासन बताये कि कब तक इनका भुगतान कर दिया जायेगा और अभी तक क्यों नहीं किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2013-14 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतंर्गत कार्यरत कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का भुगतान किया गया। वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-2016 में भारत शासन की स्वीकृति नहीं होने के कारण वेतन वृद्धि नहीं दी गई। भारत शासन की स्वीकृति अनुसार वेतन वृद्धि का भुगतान किया जाता है, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
संयुक्त संचालक स्वास्थ्य कार्यालय को मुरैना में स्थापित किया जावे
106. ( क्र. 4102 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं चंबल संभाग मुरैना संभागीय मुख्यालय पर संचालित न होकर ग्वालियर से संचालित किया जा रहा है, क्यों? कारण सहित जानकारी दी जावे? (ख) क्या शासन उक्त कार्यालय को मुरैना संभागीय मुख्यालय पर स्थानांतरित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बताई जावे। (ग) क्या उक्त कार्यालय चंबल संभाग मुरैना में नहीं होने से सैकड़ों कर्मचारियों को कार्यालयीन कार्य से मुरैना से ग्वालियर जाना पड़ता है, जिसमें शासन का पैसा व कर्मचारियों का समय अधिक लगता है? उक्त समस्या हेतु कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, पूर्ण जानकारी दी जावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। मुरैना संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं कार्यालय की स्वीकृति नहीं होने के कारण। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई नहीं।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवनों की कमी
107. ( क्र. 4113 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हो रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में तथा कितने प्रायवेट भवनों में संचालित हो रहे हैं? (ग) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रायवेट भवनों में संचालित हो रही आंगनवाड़ी केन्द्रों को कितना किराया दिया जा रहा है? (घ) प्रायवेट भवनों में चल रही आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये शासकीय भवन निर्माण के लिये विभाग द्वारा क्या कोई योजना तैयार की गई है अगर हाँ तो कब तक एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये शासकीय भवन की आवश्यकता कब तक पूरी कर ली जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में एकीकृत बाल विकास परियोजना छतरपुर शहरी में 77, परियोजना छतरपुर ग्रामीण में 60 तथा परियोजना ईशानगर-1 में 140, इस प्रकार कुल 277 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 176 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में तथा 101 प्रायवेट (किराये के/अन्य शासकीय भवन) में संचालित है। (ग) शासन के मापदण्ड़ अनुसार शहरी क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु राशि रूपये 3000/- अधिकतम तथा ग्रामीण क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु राशि रूपये 750/- अधिकतम प्रतिमाह किराया भुगतान करने का प्रावधान है। (घ) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए, ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई./गैर आई.पी.पी.ई. विकास-खंड में) आंगनवाड़ी भवन निर्माण की कार्य-योजना विचाराधीन हैं एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद में राशि उपलब्ध होने पर आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिए जाने की योजना हैं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता हैं। अतः समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं।
राशि का ठीक से उपयोग न होना
108. ( क्र. 4116 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले को वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में किस-किस कार्य के लिये कितना-कितना बजट मिला वर्षवार, कार्यवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्राप्त बजट के एवज में किस-किस कार्य में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ग) खर्च की गई राशि के लिये समाचार पत्रों में निविदायें बुलाई गई थीं तो कब-कब किन-किन समाचार पत्रों में? (घ) निविदायें कब-कब उक्त अवधि में डाली गई, तुलनात्मक पत्रक सहित बतायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी छतरपुर का कार्यालय वर्ष 2013-14 से संचालित है। बजट एवं कार्य की एवं अन्य जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ एवं “ब” अनुसार है। (ग) वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक निविदाएं आमंत्रण योग्य सामग्री का क्रय नहीं किया गया। 1. टेक होम राशन के परिवहन कार्य एवं किराये के वाहन लिये जाने हेतु जिला स्तर से निविदा आमंत्रित करने के निर्देशों के अनुरूप वर्ष 2014-15 में टेकहोम राशि के परिवहन कार्य हेतु दिनांक 20.06.2014 से 24.06.2014 तक समाचार पत्र फौलादी कलम में निविदा प्रकाशित कर आमंत्रित की गई थी। निविदायें नियमानुसार प्राप्त न होने से समिति द्वारा निरस्त की गई। इसके पश्चात पुनः दिनांक 15.10.2015 से 21.10.2015 तक समाचार पत्र दैनिक जागरण में निविदा प्रकाशित कर आमंत्रित की गई थी जिससे जिले की 13 बाल विकास परियेाजनाओं में निविदा स्वीकृत कर टेक होम राशन का परिवहन कराया जा रहा है। इससे पूर्व शासन द्वारा निर्धारित दर रू.50/- प्रति क्विंटल के मान से स्थानीय स्तर से टेकहोम राशन के परिवहन का कार्य कराया गया है। 2. वाहन किराये पर लेने के लिये समाचार पत्र जनहित दर्शन, राज एक्सप्रेस एवं दैनिक जागरण में दिनांक 16.04.2015, समाचार पत्र दैनिक जागरण में दिनांक 15.05.2015 तथा समाचार पत्र शुभ भारत एवं छतरपुर भ्रमण में दिनांक 24.01.2015 को निविदा आमंत्रित की गई किन्तु कोई निविदा कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई। 3. शेष मदों पर राशि का व्यय भण्डार क्रय नियम का पालन करते हुये किया गया। 4. सामग्री पूर्ति मद में क्रय की गई सामग्री लघु उद्योग निगम के माध्यम से क्रय की गई जिसमें निविदा का प्रावधान नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार है।
पेंशन भोगी कर्मचारियों का उपचार
109. ( क्र. 4119 ) श्री संजय पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कितने सेवानिवृत्त कर्मचारी/ अधिकारियों को स्वास्थ्य उपचार हेतु जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय चिकित्सालय में पंजीयन किया गया जानकारी 31.01.2016 की स्थिति में देवें। (ख) प्रश्नांश 'क' में पंजीयन किये गये सेवानिवृत्त अधिकारियों को चिकित्सालय से डॉक्टर द्वारा दिये गये प्रिसक्रिप्शन अनुसार कर्मचारियों को एवं उनके परिवार को दवाई उपलब्ध कराई जाती है यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराई गई दवाई की जानकारी देवें। (ग) क्या शासकीय चिकित्सालय में दवाइयां जो उपलबध नहीं होती हैं उन दवाइयों को खुले बाजार से क्रय कर प्रदाय की गई यदि हाँ, तो कितने कर्मचारियों को बतायें। (घ) उक्त अवधि में एक वर्ष में खुले बाजार से दस हजार रूपये से अधिक का लाभ किस सेवानिवृत्त अधिकारी के परिवार को दिया गया क्या अन्य सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इसी तरह लाभ दवाइयों का खुले बाजार से दिया जायेगा बाजार से दवाई क्रय एवं वितरण कि क्या प्रक्रिया अपनाई गई जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कटनी जिले में कितने सेवानिवृत्त कर्मचारी/अधिकारियों को स्वास्थ्य उपचार हेतु जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय चिकित्सालय में 31.01.2016 की स्थिति में पंजीयन की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्रमांक |
जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय चिकित्सालय का नाम |
पंजीयन की संख्या |
1 |
जिला चिकित्सालय कटनी |
431 |
2 |
सिविल अस्पताल विजय राघवगढ़ |
निरंक |
3 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़वारा |
10 |
4 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरही |
निरंक |
5 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रीठी |
09 |
6 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उमरिया पान |
06 |
7 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बहोरीबन्द |
117 |
8 |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कन्हवार |
05 |
(ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
एवं (घ) जी
नहीं।
प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी
110. ( क्र. 4125 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता के द्वारा दिनांक 07.10.2015 को पत्र लिखकर सी.एम.एच.ओ. छतरपुर से चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता को प्रश्नांकित दिनांक तक उपलब्ध नहीं करावाई गई। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र में कौन-कौन सी जानकारी कर्मचारियों के स्थानान्तरण से संबंधित चाही गई थी वह जानकारी किन-किन कारणों से प्रश्नकर्ता को प्रश्नांकित दिनांक तक उपलब्ध नहीं करवाई गई। (ग) वर्ष 2015 में किस-किस कर्मचारी का किस स्थान से किस स्थान के लिए प्रशासकीय कारणों से या स्वेच्छा से स्थानान्तरण किया गया? (घ) प्रश्नकर्ता को चाही गई 06 बिन्दुओं की जानकारी कब तक उपलब्ध करवा दी जावेगी समय-सीमा सहित बतायें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय द्वारा पत्र दिनांक 05.10.2015 के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा चाही गई थी (प्रति संलग्न) । चाही गई जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय, छतरपुर के पत्र क्र.21702/स्था./स्थानांतरण/2016 दिनांक 15.02.2016 द्वारा प्रेषित की गई है। (ख) चाही गई जानकारी संबंधी पत्र एवं प्रेषित की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पी.डी.एस. का वितरण
111. ( क्र. 4126 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में खाद्यान्न वितरण की वर्तमान में कौन सी व्यवस्था लागू है यह व्यवस्था किस दिनांक से जिले में लागू की गई? (ख) वर्तमान में लागू व्यवस्था के अनुसार जिले की किस उचित मूल्य दुकान को कितने राशन कार्डों पर कितना खाद्यान्न वितरित किये जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है? (ग) दिनांक 1.04.13 से दिसम्बर, 2015 तक किस दुकान को कितना खाद्यान्न उपलब्ध करवाया गया उसमें से किस दुकान ने कितने खाद्यान्न का वितरण किया?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) छतरपुर जिले सहित पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की योजना दिनांक 1 मार्च, 2014 से प्रभावशील है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति
112. ( क्र. 4127 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग ने किस श्रेणी के कितने पद स्वीकृत है इनमें से किस श्रेणी के कितने पद वर्तमान में रिक्त है अलग-अलग स्वास्थ्य केन्द्रों की अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करवायें। (ख) किस श्रेणी के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए शासन क्या कार्यवाही कर रहा है, कब तक रिक्त पदों की पूर्ति कर ली जावेगी।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग के अधीन लोक सेवा आयोग से द्वितीय श्रेणी तथा व्यापम के माध्यम से तृतीय श्रेणी के सीधी भर्ती एवं सक्षम स्तर से नियमानुसार पदोन्नति के माध्यम से पद पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग के माध्यम से कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
आयुर्वेदिक (आयुष) औषधालय के नवीन भवन निर्माण
113. ( क्र. 4165 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कालापीपल व शुजालपुर विकासखण्ड में आयुर्वेदिक (आयुष) औषधालय संचालित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से गांव में? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित औषधालय के लिए किन-किन गांवों में स्वयं के भवन उपलब्ध है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विकासखण्डों में जिन आयुर्वेदिक (आयुष) औषधालयों के भवन जीर्ण-शीर्ण हो चुके है, उनके नवीन भवन निर्माण किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। शुजालपुर विकासखण्ड क्षेत्र में शासकीय आयुर्वेद औषधालय शुजालपुर मंडी, खाटसूर, जामनेर, अवन्तिपुर बडौदिया, पटलावदा, कैथलाय, कड़वाला तथा कालापीपल विकासखण्ड क्षेत्र में शासकीय आयुर्वेद औषधालय नांदनी, रनायल, बैरछादातार, अर्नियाकला, खरदोनकलां, बेहरावल, खरदोनखुर्द, तिलावद मेना, सेमलिया ओर पंचदेहरिया में औषधालय संचालित है। (ख) शुजालपुर विकास खण्ड क्षेत्र में शुजालपुर मंडी एवं कालापीपल विकासखण्ड में अरनिया कलॉ तिलावद मेना औषधालयों में स्वयं के भवन उपलब्ध है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित औषधालयों में से प्रश्नांश 'ख' के उत्तर में उल्लेखित औषधालयों के ही विभाग के भवन है। किसी विकासखण्ड में इतनी अधिक संख्या में औषधालयों के नवीन भवन निर्माण किया जाना संभव नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिला सशक्तिकरण में खण्डस्तरीय पदों की पूति
114. ( क्र. 4167 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत महिला सशक्तिकरण विभाग को खण्डस्तर पर भी अलग-अलग कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या खण्डस्तर पर सभी पदों की पूर्ति की जा चुकी है? (ख) उज्जैन संभाग में किन-किन जिलों में महिला सशक्तिकरण विभाग के खण्डस्तरीय पदों की पूर्ति की जा चुकी है? खण्डवार जानकारी देवें। (ग) यदि शाजापुर जिले में खण्डस्तरीय पदों की पूर्ति नहीं हुई है तो म.प्र. सरकार की अतिमहत्वपूर्ण योजना लाड़ली लक्ष्मी योजना, बाल विवाह, घरेलू हिंसा आदि का क्रियान्वयन कैसे किया जा रहा है? शाजापुर जिले में खण्डस्तरीय सभी पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत महिला सशक्तिकरण संचालनालय कार्यरत है। खण्डस्तर पर पदों की पूर्ति की कार्यवाही की जा रही है। (ख) प्रश्नांश 'ख' की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ अनुसार है। (ग) शाजापुर जिले में खण्डस्तरीय पदों की पूर्ति संबन्धित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘2’ अनुसार है। म.प्र. सरकार की अतिमहत्वपूर्ण योजना लाड़ली लक्ष्मी योजना, बाल विवाह, घरेलू हिंसा आदि का क्रियान्वयन विभाग के कार्यरत अमले के द्वारा किया जा रहा है। शाजापुर जिले में खण्डस्तरीय पदों की पूर्ति की कार्यवाही की जा रही है, निश्चित समय-सीमा बताना जाना संभव नहीं।
शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की पुष्टि कराना
115. ( क्र. 4199 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले की सीमा के अन्तर्गत कौन-कौन से जिले आते हैं? इन जिले में महिला बाल विकास विभाग अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर वर्ष 2005 से 2012 तक कितने कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की नियुक्तियां की गई है? तहसीलवार संख्यात्मक अद्यतन जानकारी देवें? (ख) विदिशा जिले के सिरोंज तहसील में फर्जी अंकसूची का मामला प्रकाश में आया है या नहीं? यदि हाँ, तो प्रकरण की अद्यतन/ वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश ‘ख’ का उत्तर हाँ है तो विदिशा जिले के सीमा अन्तर्गत प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकों की शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्रों की पुष्टि संबंधित जिला/राज्य बोर्ड/विश्वविद्यालयों आदि से कराई जावेगी या नहीं? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विदिशा जिले की सीमा के अन्तर्गत अन्य कोई जिला नहीं आता, अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं। (ख) वर्ष 2009 एवं वर्ष 2010 में आंगनवाड़ी भर्ती प्रक्रिया के दौरान कुल 15 आवेदिकाओं द्वारा फर्जी अंकसूची लगाये जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। जाँच उपरान्त अंकसूची फर्जी पाये जाने पर उक्त के आवेदन निरस्त किये गये। परियोजना सिरोंज के कार्यालयीन पत्र क्र. 344 दिनांक 30.06.2012 एवं पत्र क्र. 221 दिनांक 11.07.2014 के द्वारा 15 आवेदिकाओं के विरूद्ध विधिक कार्यवाही हेतु सिरोंज थाने में एफ.आई.आर. कराई गई। (ग) सिरोंज परियोजना के अतिरिक्त किसी भी अन्य परियोजना से फर्जी अंकसूची की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ता जाँचविहीन दवा वितरण
116. ( क्र. 4224 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला में 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक दवा खरीदी की राशिवार और वितरण की सुख्यावार जानकारी दें? प्रदेश मुख्यालय स्तर पर गुणवत्ता जाँचविहीन और बिना परीक्षण किये दवा तिवरण के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? (ख) क्या महालेखाकार की रिपोर्ट में गुणवत्ता जाँचविहीन और परीक्षण किये बिना दवा वितरण करने का मामला प्रकाश में आया है? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) अनुसार गुणवत्ता जाँचविहीन किन-किन दवाइयां का भुगतान किन-किन कम्पनियों को किया गया? सागर जिले के परिप्रेक्ष्य में बतायें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सागर जिले में वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक दवा खरीदी की राशिवार जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी |
सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक |
2010-11 |
9899695.00 |
730880.00 |
2011-12 |
5804117.00 |
10261600.00 |
2012-13 |
3134865.00 |
6200170.00 |
2013-14 |
28125756.00 |
11220738.00 |
2014-15 |
20214848.00 |
6254250.00 |
2015-16 |
14271705.00 |
4334115.00 |
दवा वितरण की संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रदेश मुख्यालय स्तर पर गुणवत्ता जाँचविहीन और बिना परीक्षण किये दवा वितरण के सबंध में प्राप्त शिकायत/ज्ञापन/मांगपत्र/सूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) सागर जिले द्वारा गुणवत्ता जाँचविहिन कम्पनियों को भुगतान नहीं किया गया है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना आवेदन फीडिंग में अनियमितता
117. ( क्र. 4225 ) श्री हर्ष यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला सशक्तिकरण अधिकारी सागर द्वारा अप्रैल 2014 से मई 2015 तक के लाड़ली लक्ष्मी योजना के आवेदनों की ऑनलाइन फीडिंग का कार्य शासकीय कार्यालय के कम्प्यूटर ऑपरेटरों से नहीं कराते हुए प्राइवेट तौर पर निजी दुकानदारों से कराया गया है? यदि हाँ, तो इसकी अनुमति देने वाले सक्षम अधिकारी का नाम-पद बतावें? कार्य पर किस मद की कितनी राशि खर्च हुई? विभाग में कार्यरत ऑपरेटरों की संख्या बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राइवेट कार्य के लिये निविदा जारी की गई? यदि हाँ, तो निविदा का तुलनात्मक पत्रक बतावें? यदि टेन्डर नहीं निकाला तो किस नियम निर्देश के तहत बिना निविदा काम कराया गया? शासन के नियम-प्रावधान की प्रति दें? (ग) निजी दुकानदारों को कितनी राशि का भुगतान किया गया तथा इनसे कुल कितने आवेदन फीड कराये? (घ) क्या एक कार्य का दो बार भुगतान किया गया? कम्प्यूटर ऑपरेटर होते हुए बाहर से कार्य कराने वालों के खिलाफ वसूली और अनुशासनात्मक कार्यवाही कब तक की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला कलेक्टर सागर की अनुमति उपरांत जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी सागर द्वारा कार्य कराया गया। उक्त कार्य में लाड़ली लक्ष्मी योजना मद 5067-51 अन्य प्रभार अंतर्गत कुल राशि रूपये 305850-00 (तीन लाख पाच हजार आठ सौ पचास रूपये) व्यय किये गए विभाग में महिला सशक्तिकरण जिला सागर अंतर्गत 11 ऑपरेटर पदस्थ है। (ख) शासन नियम/ प्रावधान की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त अवधि में निजी फर्मों को कलेक्टर सागर के अनुमोदन उपरांत कुल राशि रूपये 305850-00 (तीन लाख पांच हजार आठ सौ पचास रूपये) का भुगतान किया गया। उक्त राशि में कुल 10195 आवेदनों को ऑनलाइन फीडिंग कार्य किया गया। (घ) एक कार्य का भुगतान दो बार नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न का उत्तर उद्भूत नहीं होता है।
अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त पद
118. ( क्र. 4254 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के लहार विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत सिविल अस्पताल लहार सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा विशेषज्ञों, चिकित्सकों सहित कौन-कौन से पद स्वीकृत है एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने एवं कौन-कौन से पद रिक्त है? (ख) जिला चिकित्सालय भिण्ड एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोहद तथा मेहगांव में स्वीकृत पदों से अतिरिक्त पदों पर किन-किन की कब-कब से पदस्थापना की गई है? (ग) क्या सिविल अस्पताल लहार, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रौन एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दबोह, आलमपुर, मिहोना, असवार, बरहा, बिजौरा (रावतपुरा) एवं मछण्ड में पैथोलॉली लेब, एक्स-रे, एम्बुलेंस, आक्सीजन गैस सिलैण्डर आदि की सुविधा है? यदि नहीं, तो उक्त केन्द्र पर कब उक्त सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जिला चिकित्सालय भिण्ड एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोहद तथा मेहगांव में स्वीकृत पदों के अतिरिक्त किसी भी पद पर पदस्थापना नहीं की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिन सुविधाओं का अभाव है, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला भिण्ड से विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
चालान प्रस्तुत किए जाने के बाद भी कार्यवाही न करना
119. ( क्र. 4255 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के मिहोना थाना के अपराध क्रमांक 74/13 में अभियुक्त प्रधान आरक्षक 145 श्री देवेन्द्र सिंह को गिरफ्तार कर दिनांक 06.07.2015 को न्यायालय में चालान क्रमांक 15/5 प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो गंभीर अपराध में चालान प्रस्तुत करने के बाद निलंबित न करने के क्या कारण है? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जिला सैनिक कल्याण बोर्ड भिण्ड तथा म.प्र. सैनिक कल्याण बोर्ड भोपाल ने श्री सुरेन्द्र सिंह द्वारा देवेन्द्र सिंह के नाम से मिलट्री में सेवा पूरी कर पेंशन प्राप्त करने पर कार्यवाही न करने पर म.प्र. शासन का कार्यवाही करने दायित्व नहीं है? यदि नहीं, तो नियम प्रस्तुत करें? म.प्र. सैनिक कल्याण बोर्ड भोपाल तथा जिला सैनिक बोर्ड भिण्ड को म.प्र. शासन द्वारा क्या-क्या सुविधाएं प्रदत्त की जा रही हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ, प्रधान आरक्षक 145 श्री देवेन्द्र सिंह के विरूद्ध दिनांक 06.07.2015 को अभियोग पत्र सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है। पुलिस अधीक्षक भिण्ड द्वारा प्रधान आरक्षक देवेन्द्र सिंह कुशवाह को दिनांक 19.02.2016 को निलंबित किया जा चुका है। (ख) जानकारी एकत्र की जा रही है।
मध्यान्ह भोजन में चावल प्रदाय
120. ( क्र. 4267 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागरिक आपूर्ति निगम/खाद्य निगम जिला छतरपुर द्वारा जिले की सहकारी समितियों को वर्ष 2010-11 से 2015-16 में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का चावल प्रदाय किया गया है? यदि हाँ, तो वर्षवार कितना-कितना चावल प्रदाय किया गया है? (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में नागरिक आपूर्ति निगम/खाद्य निगम छतरपुर द्वारा जिले की सहकारी समितियों, लीड समिति/विपणन समिति/अन्य सहकारी संस्थाओं को माहवार जो चावल प्रदाय किया गया है, उसका विवरण समितिवार क्या है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
मध्यान्ह भोजन
121. ( क्र. 4268 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति संचालनालय मध्यप्रदेश के परिपत्र क्रमांक 4462/अ-4/खाद्य/92/880 भोपाल, दिनांक 25.04.92, 26.05.92 से प्रदेश में 1 मार्च, 1992 से खाद्यान्न एवं शक्कर के रिलीज आर्डर जारी करने की प्रक्रिया में संशोधन कर जिले की समस्त उचित मूल्य दुकानों हेतु रिलीज आर्डर जारी करने का अधिकार जिला सरकारी केन्द्रीय बैंक तथा उनके द्वारा अधिकृत उनके ब्रांचों को दिया गया है? (ख) क्या मध्यान्ह भोजन चावल उठाव के रिलीज आर्डर भी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक तथा उनके ब्रांचों द्वारा ही जारी किये जाते है? यदि हाँ, तो मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम स्कीम तथा उसे कार्यान्वित करने हेतु समय-समय पर जारी किये गये निर्देशों की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जिला छतरपुर के नागरिक आपूर्ति निगम व खाद्य निगम ने बैंक द्वारा जारी किये गये रिलीज आर्डरों से वर्ष 2010-11 से 2015-16 (जनवरी 15 तक) में वर्षवार मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का कितना-कितना चावल जिले की विपणन समितियों/लीड समितियों/अन्य को प्रदाय किया गया है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) उक्त प्रक्रिया अब प्रचलन में नहीं है। (ख) जी हाँ। मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत समय-समय पर जारी किये निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
विभागीय खरीदी के विषय में
122. ( क्र. 4279 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल से संबद्ध हमीदिया चिकित्सालय भोपाल में वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में किन-किन परमानेंट आर्टिकलों की खरीदारी की अनुशंसा क्रय शाखा से की गई तथा क्या यह अनुशंसा चिकित्सालयों में स्थित वार्डों के मांगपत्रों के आधार पर उनकी मांग पूर्ति हेतु की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त वर्षों में की गई खरीददारी हेतु कब-कब निविदायें आमंत्रित की गई? किस-किसके द्वारा निविदायें, दरें प्रस्तुत की गई एवं इनका तुलनात्मक पत्रक कब-कब किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा तैयार किया गया तथा इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदस्थापना दिनांक बतावें? क्या इनको भण्डार में तीन वर्ष का समय हो गया है? (ग) उक्त वर्षों में किन-किन प्रदायकर्ताओं की दरें न्यूनतम पाई गई एवं उनसे कितनी-कितनी राशि की खरीददारी का सामान प्राप्त किया गया एवं उनको कितना भुगतान किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में क्रय किये गये परमानेंट आर्टिकल्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन की स्वीकृति
123. ( क्र. 4286 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में कितनी आंगनवाडि़यां हैं, ग्रामवार एवं नगरीय क्षेत्र में वार्डवार बतावें? (ख) कितने आंगनवाड़ी केंद्र किराए के भवन में संचालित हो रही है? विगत 3 वर्ष में कितने भवन स्वीकृत किये गए? (ग) किराए के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए भवन कब तक स्वीकृत कर दिए जाएगें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 03 बाल विकास परियोजनाओं के अंतर्गत कुल 311 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। ग्रामवार एवं नगरीय क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित कुल 311 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 102 आंगनवाड़ी केन्द्र किराए के भवनों में संचालित है। विगत 03 वर्षों में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 62 आंगनवाड़ी भवन के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है। (ग) भवनविहीन (किराये/अन्य शासकीय भवनों में) संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए, ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई./गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंड में) आंगनवाड़ी भवन निर्माण की कार्ययोजना विचाराधीन हैं एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद में राशि उपलब्ध होने पर आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिए जाने की योजना हैं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता हैं। अतः समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं।
महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में अत्योदय कार्ड
124. ( क्र. 4287 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में 01-03-14 तक महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में प्रचलित अंत्योदय एवं प्राथमिक परिवारों की जानकारी ग्रामवार नगरीय क्षेत्र में वार्डवार पृथक-पृथक बतावें? (ख) दिनांक 31-12-2015 की जानकारी भी (क) अनुसार देवें। (ग) पात्र/अपात्र कार्ड निरस्ती किस आधार पर की जाती है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) पात्र परिवारों के विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत पात्रता की अर्हता समाप्त होने पर स्थानीय निकायों द्वारा उन्हें अपात्र घोषित किये जाने पर उनके ई-राशनकार्ड निरस्त किये जाते हैं।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों को स्वास्थ सुविधाएं
125. ( क्र. 4294 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में राज्य सरकार ग्रामीणों को मौलिक स्वास्थ सुविधायें प्रदान नहीं कर पा रही है? यदि हाँ, तो क्या कारण है। (ख) क्या राज्य सरकार द्वारा उपरोक्त क्षेत्र में स्वास्थ सुविधायें मुहैया कराने के उद्देश्य से किसी निजी कंपनी से अनुबंध किया गया है? यदि हाँ, तो नाम बतायें। (ग) अलीराजपुर, झाबुआ एवं धार जिले में सिलिकोसिस, फ्लोरोसिस, कुपोषण, एनीमियां नामक बीमारियों से कितने मरीज पीडित हैं? जिलेवार एवं बीमारी अनुसार मरीजों की संख्या बताते हुए यह बतावें कि राज्य सरकार द्वारा इन बीमारियों के रोकथाम हेतु क्या प्रबंध किये गये हैं। (घ) दिनांक 01/01/2013 से उत्तर दिनांक तक अलीराजपुर एवं झाबुआ जिलों में कुपोषण के कारण कितने बच्चों एवं महिलाओं की मृत्यु हो चुकी है? वर्षवार जानकारी प्रदान करते हुए बतावें कि राज्य सरकार द्वारा उपरोक्त जिलों में मृत्यु दर कम करने हेतु क्या प्रयास किये है एवं प्रश्न दिनांक तक कितनी सफलता प्राप्त हुई है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, जिले की सीमांक संस्थाओं (जिला अस्पताल अलीराजपुर व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जोबट) में विशेषज्ञ चिकित्सको के रिक्त पदों के कारण केवल प्रसव संबंधी चिकित्सा सेवाओं की अनुपलब्धता है। (ख) जी हाँ। दीपक फॉउन्डेशन, निजानन्द आश्रम, एल. एण्ड टी. नॉलेज सिटी, एनएच 8, बड़ौदरा, गुजरात। (ग) प्रश्नांश भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) दिनांक 1.1.2013 से प्रश्न दिनांक तक अलीराजपुर एवं झाबुआ जिले में कुपोषण के कारण एक भी बच्चों एवं महिलाओें की मृत्यु नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
रतलाम में शासकीय मेडिकल कॉलेज का संचालन
126. ( क्र. 4302 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में प्रस्तावित शासकीय मेडिकल कॉलेज कब तक प्रारंभ हो जायेगा। क्या इसके लिए कोई समय-सीमा निश्चित की गई है। (ख) कॉलेज के लिए मशीनें उपकरणों और फर्नीचर के लिए प्राक्कलन कितनी राशि का हुआ है। तथा इनकी उपलब्धता कब तक हो जाएगी। (ग) डीन, प्रध्यापकों और व्याख्याताओं सहित अन्य अधिकारियों तथा कर्मचारियों की नियुक्तियां कब से प्रारंभ होगी और कब तक कर दी जायेगी।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रतलाम में प्रस्तावित चिकित्सा महाविद्यालय को प्रारंभ करने की निश्चित समयावधि दी जाना संभव नहीं है। (ख) भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने पर उपकरण एवं फर्नीचर क्रय करने की कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
रिक्त पदों की पूर्ति
127. ( क्र. 4308 ) श्री उमंग सिंघार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. विशेष सशस्त्र बल की बटालियनों में प्रधान आर. सेक्शन कमाण्डर, प्लाटून कमाण्डर एवं कंपनी कमाण्डरों के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) 100 बिंदु रोस्टर अनुसार प्रधान आरक्षक से कंपनी कमाण्डर स्तर के कितने पद उपलब्ध व रिक्त हैं पदवार अलग-अलग बतायें? 100 बिंदु रोस्टर अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति की कब तक की जायेगी? (ग) म.प्र. विशेष सशस्त्र बल भोपाल रेंज में प्रधान आरक्षक से सेक्शन कमाण्डर के पदों पर पदोन्नति नहीं की जा रही है? 100 बिंदु रोस्टर अनुसार अनुसूचित जाति वर्ग के सेक्शन क्रमांक के कितने पद रिक्त हैं? क्या भोपाल रेंज में बाहर से स्थनान्तरण कर रिक्त पदों की पूर्ति कर दी जाती है जिससे भोपाल रेंज में पदस्थ कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं मिल पाती है, यदि हाँ, तो स्थानान्तरण प्रक्रिया पर प्रतिबंध लगाया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) म.प्र.विशेष सशस्त्र बल में प्रधान आरक्षक के 4510, सेक्शन कमाण्डर के 1411, प्लाटून कमाण्डर के 1000 एवं कंपनी कमांडर के 369 पद स्वीकृत है। (ख) म.प्र. विशेष सशस्त्र बल में प्रधान आरक्षक से कंपनी कमाण्डर स्तर तक उपलब्ध एवं रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है-
पदनाम |
स्वीकृति |
उपलब्ध |
रिक्त |
प्रधान आरक्षक |
4510 |
4287 |
223 |
सेक्शन कमाण्डर |
1411 |
1228 |
183 |
प्लाटून कमाण्डर |
1000 |
816 |
184 |
कम्पनी कमाण्डर |
369 |
357 |
12 |
100
बिन्दु
रोस्टर
अनुसार सीधी
भर्ती एवं
पदोन्नति से
भरे जाने वाले
सभी रिक्त
पदों की पूर्ति
हेतु
नियमानुसार
कार्यवाही
प्रचलन में है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) म.प्र. विशेष
सशस्त्र बल भोपाल
रेंज में प्र.आर. से
सेक्शन
कमांडर के
पदों पर
पदोन्नति
हेतु कार्यवाही
की गई है।
योग्यता सूची
के वरिष्ठता
क्रम में पद
रिक्त होने पर
नियमानुसार
पदोन्नतियां
दी जा रही है।
सेक्शन
कमाण्डर के पद
पर 100
बिन्दु
रोस्टर
अनुसार
अनुसूचित
जाति वर्ग के
वर्तमान में 02 पद
रिक्त है।
स्थानांतरण
नीति के तहत
एक रेंज से
दूसरे रेंज
में स्थानांतरण
पर कोई
प्रतिबंध
नहीं है।
तदनुसार
अतिमहत्वपूर्ण
प्रकरणों में
अन्य रेंजों
से भोपाल रेंज
में संबंधित
कर्मचारियों
की समस्याओं
को दृष्टिगत
उनके द्वारा
प्रस्तुत
आवेदन-पत्रों
के आधार पर
न्यूनतम
स्थानांतरण
किए गए है। इस
प्रक्रिया
में भोपाल
रेंज के कर्मचारियों
की पदोन्नति
प्रभावित
नहीं हुई है।
अतः शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।