मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
बुधवार, दिनांक 03 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अधीक्षिका
के पद पर
पदोन्नति की
जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
1. ( *क्र. 2633 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में अधीक्षक का पद किस वर्ष से स्वीकृत हुआ है? (ख) वर्तमान में अधीक्षक का पद किन-किन जिलों में स्वीकृत है, क्या जिला श्योपुर एवं उज्जैन में यह पद भरा हुआ है? यदि हाँ, तो श्योपुर एवं उज्जैन जिले में इस पद पर कौन-कौन कब से कार्यरत रहे हैं? (ग) श्योपुर एवं उज्जैन जिले में कार्यरत अधीक्षक की भर्ती मूल रूप से किस पद पर हुई थी तथा उस समय भर्ती के अधिकार तथा नियमावली क्या-क्या थी? क्या उक्त में भर्ती के समय हिंदी टंकण परीक्षा उत्तीर्ण तथा चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र लिया जाना अनिवार्य था? यदि हाँ, तो क्या यह कार्यवाही नियुक्तिकर्ता द्वारा नियमानुसार की गई थी? क्या प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया गया था? (घ) क्या अधीक्षक पद पर कार्यरत की प्रथम पदोन्नति तक उनके द्वारा हिंदी टंकण परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की गई थी? यदि हाँ, तो फिर किस आधार पर पदोन्नति की गई? (छ) क्या उक्त संबंध में विभाग को शिकायत प्राप्त हुई थी, क्या उस पर विभाग द्वारा संबंधित को सूचना पत्र जारी कर जाँच की गई थी? उस जाँच का क्या निष्कर्ष पाया गया? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा बिंदु क्रमांक-7 के संबंध में निष्पक्ष जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण कर अवगत कराया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में अधीक्षक का पद वर्ष 1989, 2007 एवं 2011 से स्वीकृत है। (ख) वर्तमान में अधीक्षक का पद जिला उज्जैन, बालाघाट, देवास, कटनी, खण्डवा, खरगौन, मण्डला, मंदसौर, नरसिंहपुर, राजगढ़, रतलाम, अशोकनगर, दतिया, नीमच, श्योपुर, हरदा, बुरहानपुर, अलीराजपुर, सिंगरौली, जबलपुर, इन्दौर एवं संचालनालय महिला एवं बाल विकास, म.प्र. भोपाल में स्वीकृत है। जिला श्योपुर में पद रिक्त है एवं उज्जैन जिले में श्री प्रकाशचन्द्र जैन, दिनांक 23.12.2015 से कार्यरत हैं। (ग) श्योपुर जिले में पद रिक्त है। उज्जैन जिले में कार्यरत अधीक्षक की भर्ती मूल रूप से निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर हुई थी। तत्समय जिला स्तर पर भर्ती के अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदत्त थे। शासन निर्देशानुसार रोजगार कार्यालय से नाम आमंत्रित कर पद पूर्ति किये जाने के प्रावधान थे। कलेक्टर द्वारा गठित समिति ने तत्समय हिन्दी टंकण परीक्षा उत्तीर्ण तथा चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र संबंधी कोई अनिवार्य शर्त नहीं रखी थी, अतः शेष प्रश्न नहीं उठता है। जी हाँ, अन्य प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया गया। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (छ) जी हाँ। जी हाँ। कलेक्टर, उज्जैन के जाँच प्रतिवेदन अनुसार श्री प्रकाशचंद्र जैन की निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर नियुक्ति एवं उच्च श्रेणी लिपिक के पद पर पदोन्नति तत्समय प्रसारित निर्देशों के अनुसार नियमानुकूल थी। कलेक्टर, उज्जैन के जाँच प्रतिवेदन में बिन्दु क्रं-7 का उल्लेख नहीं होने से शेष प्रश्न ही नहीं उठता।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का नियमितीकरण
[महिला एवं बाल विकास]
2. ( *क्र. 2663 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से 31.01.2021 तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नियमित करने संबंधी समस्त कार्यवाही की जानकारी देवें? (ख) इन्हें कब तक नियमित कर दिया जायेगा? (ग) यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में आई.सी.डी.एस. योजना भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वित की जा रही है। भारत सरकार के दिशा निर्देशों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का पद मानसेवी निर्धारित है। अतः इन्हें नियमित करने की कार्यवाही नहीं की जा सकती है। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगों की इंटर सब्सिडी के भुगतान में विलंब
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
3. ( *क्र. 2262 ) श्री आरिफ अक़ील (श्री मेवाराम जाटव) : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र के अनेक उद्योगों को उनके द्वारा चुकाए गए ऋण के ब्याज की इंटर सब्सिडी एक साल या उससे अधिक अवधि से रोक ली गई है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ख) इंटर सब्सिडी के भुगतान में विलंब का क्या कारण है? क्या शासन द्वारा उद्योगों को सब्सिडी प्रदान करने हेतु कोई कार्यवाही की गई है?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र के कुछ उद्योगों को देय ब्याज अनुदान की राशि विभाग द्वारा रोकी नहीं गई है। विभाग को निवेश प्रोत्साहन मद में समुचित बजट प्राप्त न होने के कारण कुछ इकाइयों को ब्याज अनुदान का भुगतान नहीं हो पाया है। (ख) उत्तर (क) अनुसार। औद्योगिक इकाइयों के अनुदान संबंधी देयताएं पूर्ण करने के लिये विभाग द्वारा अतिरिक्त बजट की मांग की गई है।
मण्डला जिलांतर्गत भवन विहीन आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( *क्र. 1389 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में ऐसे कितने आंगनवाड़ी एवं उप आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, जो भवन विहीन हैं? क्या सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन निर्माण सहित हैंडपंप खनन हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या संचालित दिनांक से अभी तक हैंडपंप खनन सहित भवन निर्माण में विलंब क्यों हुआ? ऐसे कितने केन्द्र हैं, जो भवन निर्माण की स्वीकृति होने पर भी भवन निर्माण नहीं हुए हैं? क्या जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है? विकासखण्डवार जानकारी प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मण्डला जिले में 635 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। जी नहीं। (ख) जी नहीं, आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति एक सतत् प्रक्रिया है, जो कि वित्तीय संसाधनों के आधार पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। 264 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की प्राप्त हुई थी, इनमें से 39 आंगनवाड़ी भवन निर्माणधीन हैं। 24 आंगनवाड़ी भवन कार्य अप्रारंभ हैं। जी नहीं। विकासखण्डवार भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सतना जिलांतर्गत कलेक्टर रेट पर की गई नियुक्तियों में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
5. ( *क्र. 2578 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 में सतना जिलें में महिला बाल विकास विभाग वन स्टाप सेन्टर में महिला केयर टेकर पद पर कलेक्टर द्वारा कलेक्टर दर पर नियुक्तियां की गईं थीं, जो निरन्तर कार्यरत रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो वनस्टाप सेन्टरवार महिला केयर टेकर की सूची उपलब्ध कराई जावे? साथ ही इन कर्मचारियों को निकालकर आउटसोर्सिंग से भर्ती की जा रही है, तो क्या शासनादेश हुए हैं, यदि हुए हैं, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे? (ग) क्या वनस्टाप सेन्टर में पूर्व से कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारी योग्य एवं वरीयता धारित पद के थे, यदि शासन को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती करना ही था तो अनुभवी को प्राथमिकता क्यों नहीं दी गई? (घ) कार्यरत महिला केयर टेकरों को सेवा से निष्कासन आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे? यदि नहीं, दी गई, तो किस प्रावधान के तहत संबंधित को सेवा समाप्त कर आदेश उपलब्ध नहीं कराया गया? क्या जिला कार्यक्रम अधिकारी सतना पूर्व में कार्यरत महिला केयर टेकरों के संबंध में शासन से मार्गदर्शन लिया गया था? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वन स्टॉप सेन्टर में आउटसोर्सिंग से भर्ती किये जाने हेतु जारी शासनादेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, शासन द्वारा वन स्टॉप सेन्टर के पदों पर नियुक्ति हेतु अनुभव व वरीयता के संबंध में शासनादेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) महिला केयर टेकरों को सेवा में रखे जाने का कोई भी नियुक्ति आदेश ही जारी नहीं हुआ है तो निष्कासन आदेश का प्रश्न हीं नहीं उठता।
पंचायतकर्मी/शिक्षाकर्मी/गुरूजी हेतु पुरानी पेंशन योजना पुन: प्रारंभ किया जाना
[वित्त]
6. ( *क्र. 2598 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना कब से समाप्त कर दी गई है तथा कौन सी दिनांक के पश्चात नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा? (ख) पंचायतकर्मी/शिक्षाकर्मी/गुरूजियों की नियुक्ति कब से प्रारंभ हुई थी? क्या वर्तमान में पंचायतकर्मी/शिक्षाकर्मी/गुरूजी राज्य सरकार के नियमित कर्मचारी हैं? यदि हाँ, तो क्या इन्हें पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है? नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या उक्त वर्णित समस्त कर्मचारियों की मांग को देखते हुए पुन: पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्या कारण है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01.01.2005 को या उसके पश्चात् नियुक्त शासकीय सेवकों को अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है। (ख) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पंचायतकर्मी योजना वर्ष 1995 से लागू की गई है। पंचायतकर्मियों को ग्राम पंचायत सचिव का पद दिया गया है। ग्राम पंचायत सचिवों के लिए अंशदायी पेंशन योजना मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-2/7/2013/22/पं-1, दिनांक 20.07.2013 लागू की गई है। मध्यप्रदेश पंचायत शिक्षाकर्मी (भर्ती एवं सेवा की शर्तें) नियम 1997 के अनुसार स्थानीय निकाय द्वारा वर्ष 1998 में शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति की गई तथा मध्यप्रदेश शिक्षा गारंटी योजना के अंतर्गत जनवरी 1997 से गुरूजियों की नियुक्ति प्रारंभ की गई। जी नहीं। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के नियम-2 के अनुसार राज्य शासन में संविदा एवं शिक्षाकर्मी के लिये यह पेंशन नियम लागू नहीं है। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के नियम-2 के अंतर्गत पात्रता नहीं होने से।
जनवरी, 2005 के बाद नियुक्त शास. कर्मियों हेतु पुरानी पेंशन स्कीम को पुनः लागू किया जाना
[वित्त]
7. ( *क्र. 2454 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01 जनवरी, 2005 से नियुक्त शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम (ओ.पी.एस.) को बन्द कर कर दिया गया है और उन्हें न्यू पेंशन स्कीम (एन.पी.एस.) के अन्तर्गत लाभ प्रदान किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो न्यू पेंशन स्कीम (एन.पी.एस.) लागू होने से प्रदेश के लाखों अधिकारी व कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद जीवन निर्वाह व परिवार का भरण-पोषण करने में अनेक असुविधाओं व परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि न्यू पेंशन स्कीम (एन.पी.एस.) पूर्णतः विसंगति पूर्ण है और इस पेंशन स्कीम की राशि भी बहुत कम है, जिसके कारण समस्त विभाग में पदस्थ अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा न्यू पेंशन स्कीम का निरंतर विरोध किया जा रहा है? (ग) क्या प्रदेश सरकार द्वारा लाखों अधिकारी व कर्मचारियों की मांग व असुविधाओं एवं परेशानियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, उन्हें पुनः पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ प्रदान किया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी, हाँ। (ख) जी नहीं। राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्ति पर अभिदाता के पूर्ण सेवाकाल में कुल जमा अंशदान राशि का 60 प्रतिशत अभिदाता को एकमुश्त भुगतान कर दिया जाता है, शेष 40 प्रतिशत राशि से अभिदाता पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा अधिकृत एन्युटी सर्विस प्रोवाईडर का चयन कर मासिक एन्युटी प्राप्त करता है। (ग) प्रश्नोत्तर (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दीनदयाल रसोई हेतु रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा दी गई राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
8. ( *क्र. 1163 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल में संचालित दीनदयाल रसोई के संचालन/प्रबंधन में रेडक्रॉस द्वारा क्या किसी प्रकार का दान/नगद राशि/डी.डी. चेक आदि दिया जाता है? यदि हाँ, तो 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक कितना-कितना दान कब-कब किस-किस रूप में रसोई को दिया गया? दान प्राप्त करने वाले व्यक्ति के नाम सहित पूरी जानकारी मय राशि के सूची उपलब्ध करावें। (ख) कलेक्टर बैतूल द्वारा प्रश्नांश (क) अवधि में रेडक्रॉस से रसोई में कब-कब किस-किसको कितनी-कितनी राशि दान स्वरूप दी गई? पूरी जानकारी सूची सहित मय राशि के उपलब्ध करावें। (ग) क्या रेडक्रॉस सोसायटी से रसोई योजना में राशि दी जा सकती है, यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो इस अपव्यय के लिए कौन दोषी है और उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्व-सहायता समूहों द्वारा पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
9. ( *क्र. 1904 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार वितरण हेतु स्व-सहायता समूहों को दायित्व सौंपा गया है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से समूहों को कहां-कहां का पोषण आहार वितरण का कार्य दिया गया है? कार्यादेश की प्रति, समूह का पता, सदस्यों की सूची, पोषण आहार हेतु खाद्यान्न कहां से लिया जा रहा है, की जानकारी एवं पोषण आहार वितरण का दायित्व निभा रही किन-किन संस्थाओं को कितना-कितना, कब-कब भुगतान किया गया? (ग) पोषण आहार वितरण में गड़बड़ी संबंधी कब-कब शिकायतें प्राप्त हुईं? शिकायतों की जाँच संबंधी जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। (घ) विभाग द्वारा पोषण आहार वितरण हेतु नियम/आदेश/निर्देश की स्वच्छ प्रतिलिपि देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) महिला एवं बाल विकास विभाग बालाघाट के अंतर्गत पोषण आहार प्रदायकर्ता स्व-सहायता समूह, के सदस्यों की नामवार सूची एवं कार्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2018-2019, वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में स्व-सहायता समूह को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) महिला एवं बाल विकास बालाघाट के अंतर्गत पोषण आहार वितरण में पाई गई गड़बड़ी, प्राप्त शिकायत, शिकायतों पर की गई कार्यवाही एवं शिकायत की जाँच का प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। (घ) पूरक पोषण आहार वितरण हेतु समय-समय पर जारी नियम, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
अन्य राज्यों की आरक्षित वर्ग की महिलाओं को आरक्षण का लाभ
[सामान्य प्रशासन]
10. ( *क्र. 21 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अन्य राज्यों की बेटियाँ जो बहु बनकर अपने ही वर्ग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति,पिछड़ा वर्ग से आती हैं, उन्हें अपने ही वर्ग में चुनाव लड़ने का अधिकार, सरकारी नौकरियों में आरक्षण आदि नहीं मिलता? (ख) यदि हाँ, तो किस नियम के तहत लाभ नहीं दिया जाता? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ग) क्या शासन मानता है कि प्रश्नांश (क) संदर्भित महिलाओं के साथ अपने ही वर्ग में विवाह उपरांत उनके अधिकारों का हनन हो रहा है? यदि हाँ, तो इनके अधिकार के लिए शासन स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही वर्तमान में की जा रही है? (घ) प्रदेश में उक्त नियमों को कब तक शिथिल कर दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) आरक्षित वर्ग के व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी न्याय दृष्टांतों एवं भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुक्रम में अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति का कोई व्यक्ति/परिवार राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद-341 एवं 342 के तहत जातियों की अधिसूचना जारी होने के वर्ष 1950 के बाद तथा अन्य पिछड़े वर्ग का कोई व्यक्ति/परिवार राज्य सरकार की अधिसूचना दिनांक 26 दिसम्बर, 1984 जारी होने के बाद किसी अन्य राज्य से प्रवृजित होकर मध्यप्रदेश में आया है, तो उसे उसकी संतान को मध्यप्रदेश में जाति प्रमाण पत्र पृथक प्रारूप-तीन में जारी किया जाएगा। भारत सरकार गृह मंत्रालय के आदेश NO. BC-16014/1/82-SC&BCD दिनांक 06 अगस्त, 1984 के अनुसार प्रारूप-तीन में जारी जाति प्रमाण पत्र पर आरक्षण की सुविधा उसी राज्य से प्राप्त होगी, जिस राज्य से आवेदक का मूल रूप से संबंध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला अस्पताल सिंगरौली में चिकित्सक निश्चेतन के पद की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( *क्र. 1460 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली में जिला अस्पताल सिंगरौली बैढ़न में (चिकित्सक) निश्चेतना के पद रिक्त होने से आपरेशन नहीं हो पा रहे हैं, जिससे क्षेत्र में मरीजों के परिजन एवं आमजन इलाज (ऑपरेशन) नहीं होने से अन्य अस्पतालों में रैफर कर दिये जाते हैं, ऐसी स्थिति में जिला अस्पताल होने का क्या औचित्य बनता है? जिला अस्पताल में डॉक्टर की पदस्थापना करने की आवश्यकता है? (ख) यदि हाँ, तो जिला अस्पताल सिंगरौली (बैढ़न) में डॉ. निश्चेतना की पदस्थापना कब तक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला चिकित्सालय सिंगरौली बैढ़न में निश्चेतना विशेषज्ञ के 02 पद स्वीकृत हैं, परंतु प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। निश्चेतना प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सक द्वारा निश्चेतना संबंधी कार्य संपादित किया जा रहा है, आमजन को अन्यत्र रैफर नहीं किया जाता है। उपलब्धता अनुसार निश्चेतना योग्यता के चिकित्सक की पदस्थापना यथाशीघ्र की जावेगी। (ख) उपलब्धता अनुसार यथाशीघ्र।
मैहर नगर में पर्यटन विकास हेतु योजना
[पर्यटन]
12. ( *क्र. 2698 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मां शारदा की नगरी मैहर में पर्यटन विकास हेतु क्या विभाग द्वारा विगत वर्षों में किसी प्रकार की कोई योजनाएं तैयार की गईं हैं? यदि हाँ, तो उन पर कार्यवाही/क्रियान्वयन की क्या स्थिति है? (ख) मां शारदा मंदिर मैहर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं व पर्यटकों हेतु सुविधा विस्तार पर क्या विभाग गंभीरता से योजनायें तैयार कराकर क्रियान्वयन करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बण्डा अंतर्गत प्रदत्त स्वास्थ्य सुविधाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( *क्र. 2614 ) श्री तरबर सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बण्डा एवं शाहगढ़ हैं, दोनों में आठ आठ डॉक्टर के पद स्वीकृत हैं, जबकि दोनों जगह एक-एक डॉक्टर ही पदस्थ है, क्या यह उचित है? यदि नहीं, तो रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ख) डॉक्टर की कमी से ग्रामीण क्षेत्रों से जो मरीज आते हैं, उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या दोनों ही केन्द्रों में नियमित साफ-सफाई एवं दवाई के वितरण में अनियमिततायें बरती जा रही हैं? यदि हाँ, तो केन्द्रों में व्यवस्थायें सुचारू रूप से चल सकें, इस हेतु क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बण्डा एवं शाहगढ़ में 08 नहीं, अपितु विशेषज्ञों के 03-03 यथा मेडिकल विशेषज्ञ-01, स्त्री रोग विशेषज्ञ-01 एवं सर्जरी विशेषज्ञ-01 तथा चिकित्सा अधिकारी के 02-02 पद स्वीकृत हैं। शाहगढ़ में 01 चिकित्सा अधिकारी एवं बण्डा में 02 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ के शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञों एवं ऐसे पदों जिन्हें शत-प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है, की पूर्ति में कठिनाई हो रही है। चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कारणों से विशेषज्ञों के पद रिक्त हैं। चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध चिकित्सकों एवं स्टाफ द्वारा आमजन को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा समीक्षा बैठक में अधिकारियों की अनुपस्थिति
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
14. ( *क्र. 2020 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 24.12.2020 को विधानसभा क्षेत्र छतरपुर की विधानसभा क्षेत्रवार विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आहूत की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो इस बैठक में उपस्थित होने हेतु किस-किस विभाग के सक्षम अधिकारी को निर्देश दिए गए थे? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में निर्देश देने के बाद किन-किन विभाग के अधिकारी अथवा उनके प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित नहीं हुए? उपस्थित नहीं होने के क्या कारण थे? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में बैठक में अनुपस्थित विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समीक्षा बैठक में मुख्य नगर पालिका अधिकारी छतरपुर प्रमुख सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेन्स होने के कारण एवं जिला सांख्यिकी अधिकारी टीकमगढ़ को जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय छतरपुर/निवाड़ी का अतिरिक्त प्रभार होने के कारण बैठक में उपस्थित नहीं हो सके। (घ) उक्त दोनों अधिकारियों को आगामी बैठकों में अनिवार्यतः उपस्थित रहने हेतु सचेत किया गया है।
जननी सुरक्षा एवं 108 एम्बुलेंस में संचालित वाहन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( *क्र. 2590 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक जननी सुरक्षा योजना एवं 108 एम्बुलेंस में कितने वाहन संचालित हैं? शासन द्वारा किन-किन अस्पतालों को जननी सुरक्षा योजना एवं 108 एम्बुलेंस के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि दी गई है? वर्षवार एवं विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन वाहनों पर कितना-कितना व्यय किया गया? विकासखण्डवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विदिशा जिले में किन-किन वाहन मालिकों के वाहनों का प्रयोग जननी एक्सप्रेस एवं 108 एम्बुलेंस के रूप में किया गया है? वाहन मालिक का नाम, वाहन नंबर सहित अस्पताल, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं इनको (क) अवधि में कितना-कितना भुगतान किया गया? (घ) विदिशा जिले में जननी सुरक्षा योजना से संचालित वाहनों के द्वारा विगत 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक कितनी प्रसूताओं को उनके स्थल से किस अस्पताल तक पहुँचाया? इसकी पुष्टि किस अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विदिशा जिले में 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक जननी सुरक्षा योजना एवं 108 एम्बुलेंस में संचालित वाहनों की जानकारी निम्नानुसार हैं :-
सेवा |
वर्ष 2018 |
वर्ष 2019 |
वर्ष 2020 |
वर्ष 2021 |
108 एम्बुलेंस |
12 |
12 |
12 |
12 |
जननी एक्सप्रेस |
16 |
17 |
17 |
19 |
शासन द्वारा अस्पतालों को जननी सुरक्षा योजना (जननी एक्सप्रेस वाहन) एवं 108 एम्बुलेंस वाहनों के अंतर्गत कोई भी राशि नहीं दी गई है। प्रश्न भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) यह कि वर्तमान में प्रदेश के समस्त जिलों में जननी एवं 108 एम्बुलेंस वाहनों का संचालन एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट प्रणाली अंतर्गत केन्द्रीयकृत 108 कॉल सेंटर के माध्यम से एक ही संस्था जिगित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। संस्था द्वारा वर्तमान में जननी एक्सप्रेस हेतु पुनरीक्षित दर राशि रू. 19.23/- प्रति किलोमीटर एवं 108 एम्बुलेंस हेतु पुनरीक्षित दर राशि रू. 22.19/- प्रति किलोमीटर के मान से प्रदेश में संचालित समस्त वाहनों के परिचालन व्यय हेतु प्रस्तुत देयकों पर अनुबंध की शर्त अनुसार निर्धारित शास्ति की गणना पृथक-पृथक वाहनों पर न करते हुये समस्त वाहनों द्वारा औसतन माह में किये गये कार्य के आधार पर करते हुये नियमानुसार सेवाप्रदाता संस्था को भुगतान की कार्यवाही की जाती है। प्रश्न भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। संबंधित अस्पताल से पुष्टि की जाती है।
पोषण आहार में अनियमितता की जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
16. ( *क्र. 2634 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाल ही में केग ने अपनी रिपोर्ट में टेक होम पोषण आहार में जो घोटाला पाया है, उस तर्ज पर प्रदेश स्तर पर बतावें कि पोषण आहार प्राप्त करने वाली बच्चियों की संख्या आलोच्य वर्ष में क्या-क्या है? (ख) पोषण आहार किस दर से किस फर्म/व्यक्ति द्वारा वर्ष 2014-15 से जनवरी 2021 तक दिया गया? केग ने किस वर्ष में चार जिलों का घोटाला पाया तथा यह विभाग के संज्ञान में कब आया? (ग) प्रश्नांश (ख) का घोटाला विभाग के संज्ञान में आने के बाद विभाग द्वारा की गई शेष जांच, निरीक्षण, परीक्षण आदि की दिनांक अनुसार जानकारी दें तथा बतावें कि विभागीय जाँच में क्या-क्या तथ्य पाये गये। (घ) लॉकडाउन अवधि में अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक जिलेवार माह अनुसार वितरित पोषण आहार टेकहोम की संख्या बतावें तथा रतलाम जिले में कितनी बच्चियों को पोषण आहार दिया गया? उनकी संख्यात्मक जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग को केग की रिपोर्ट अप्राप्त है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2014-15 से जनवरी 2021 तक पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) प्रदायकर्ता फर्म की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1" पर एवं दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "2" अनुसार है। केग की रिपोर्ट विभाग को अप्राप्त है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग को केग की रिपोर्ट अप्राप्त है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक जिलेवार, माहवार, वितरित टेकहोम राशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "3" एवं "4" अनुसार है तथा रतलाम जिले में कुल 1405 किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार दिया गया।
पर्यटन क्षेत्रों का निर्माण/विकास
[पर्यटन]
17. ( *क्र. 2477 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रैगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पर्यटन हेतु कौन-कौन से स्थल हैं? उक्त स्थलों के विकास हेतु क्या योजनायें हैं? (ख) क्या रैगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत रैगाँव तालाब, पचमठा आश्रम सोहौला, भरजुनाकला माँ आदिशक्ति की पावन स्थली, पचमठा आश्रम सोहौला, डेहुंटा गंगा जी, पटपरनाथ धाम आदि के पुरातात्विक महत्व को देखते हुये, इन क्षेत्रों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिये क्या योजना तैयार की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार रैगाँव विधानसभा क्षेत्र के उक्त स्थलों को पर्यटन के रूप में विकसित करने से शासकीय जमीनों को भी खुर्द-बुर्द होने से बचाया जा सकेगा? साथ ही पर्यटक स्थल निर्मित होने से शासन राजस्व की प्राप्ति होगी एवं पुरातात्विक धरोहरें भी सुरक्षित हो जावेंगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के अनुसार रैगाँव विधानसभा क्षेत्र के पुरातात्विक महत्व के क्षेत्र एवं पर्यटन के रूप में विकसित योग्य स्थलों को उनके विकास हेतु पर्यटन विभाग कब तक दल गठित करेगा तथा कब तक इन क्षेत्रों को पर्यटन के रूप में विकसित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? स्थलवार कारण बतावें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति के अंतर्गत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। (ख) उपरोक्त (क) अनुसार। (ग) उक्त कार्य विभाग के अंतर्गत नहीं आता। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य सेवायें
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
18. ( *क्र. 2470 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर किस प्रकार के स्वास्थ्य केन्द्र हैं तथा इन स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज हेतु कौन-कौन सी मशीनें उपलब्ध हैं? इनके संचालन हेतु कौन-कौन से तकनीकी कर्मचारी पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वास्थ्य केन्द्रों के संचालन हेतु कौन-कौन से किस प्रकार के पद स्वीकृत हैं तथा इन स्वीकृत पदों के अनुरूप कौन-कौन, कहां-कहां पर पदस्थ है? कितने पद भरे एवं कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं? स्वास्थ्य केन्द्रवार सम्पूर्ण सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या स्वास्थ्य केन्द्रों में स्टाफ की कमी होने के कारण अक्सर विषम परिस्थितियां उत्पन्न हो रही हैं? यदि हां, तो क्या शासन चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को भरेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या शासन स्तर पर नवगठित स्लीमनाबाद तहसील के स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में परिवर्तित करने हेतु पत्राचार हुआ था? यदि हाँ, तो क्या स्लीमनाबाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की संभावनायें हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। उपलब्ध चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही हैं। चिकित्सकों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एन.एच.एम. के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टव्यू के माध्यम से निरंतर जारी है। पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों पर माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण लंबित है। सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं। (घ) जी हाँ। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्लीमनाबाद को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किये जाने का प्रस्ताव ''शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट'' में सम्मिलित किया गया है।
निवाड़ी जिले में जिला कार्यालय एवं पदों की स्वीकृति
[वित्त]
19. ( *क्र. 2623 ) श्री अनिल जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कार्यालय एवं पदों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव विभाग द्वारा अनुमोदन अथवा स्वीकृत किये जाते हैं? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में निवाड़ी जिले में जिला कार्यालय एवं पदों की स्वीकृति हेतु किन-किन विभागों के प्रस्ताव कब-कब प्राप्त हुये हैं? विभागवार, प्रस्ताव प्राप्ति की दिनांक बतायी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त प्रस्तावों में से किन-किन विभागों के प्रस्ताव अनुमोदित या स्वीकृत किये जा चुके हैं? विभागवार कार्यालय एवं पदों का विवरण दिया जावे। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त प्रस्तावों में से जो अनुमोदित या स्वीकृत नहीं किये जा सके, उन्हें कब तक स्वीकृत किया जा सकेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। जिला कार्यालय एवं पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद् द्वारा दी जाती है। शेष प्रश्न उपस्िथत नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बनास नदी आधारित नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( *क्र. 1183 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत बनास नदी आधारित समूह नल-जल योजना मझौली की स्वीकृति कब प्रदान की गई थी? स्वीकृति दिनांक से आज दिनांक तक इस मद में कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त नल-जल योजना कब तक पूर्ण कर लेनी थी? समूह नल-जल योजना आज दिनांक तक पूर्ण क्यों नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में समूह नल-जल योजना के निर्माण में घटिया निर्माण की शिकायतें प्राप्त हुई हैं तो क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य की जाँच कराकर गुणवत्तायुक्त निर्माण कार्य, पाईप लाईन एवं नल कनेक्शन का कार्य कराया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नल-जल योजना से सभी टोले-मोहल्लों के सभी घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से आम जनता को कब तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 19.07.2013, प्रश्न दिनांक तक रूपये 57.66 करोड़। (ख) दिनांक 31.01.2016, योजना में प्रस्तावित कार्य सोन घड़ियाल वन्य प्राणी अभयारण्य एवं संजय दूबरी टाईगर रिजर्व अंतर्गत होने के फलस्वरूप कार्यों की अनुमति विलम्ब से प्राप्त होने के कारण कार्य में विलम्ब हुआ है। (ग) जी नहीं। गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया जा रहा है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) मार्च 2021 तक कराया जाना लक्षित।
सौर ऊर्जा से नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( *क्र. 786 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में किन-किन स्थानों पर कितनी लागत के सौर ऊर्जा प्लांट आधारित नल-जल योजना के कार्य कराये गये? उक्त कार्य किस योजना मद की राशि से कराये गये तथा उनकी गारण्टी अवधि कब तक की है। (ख) रायसेन जिले में सौर ऊर्जा प्लांट आधारित नल-जल योजना किन-किन स्थानों पर चालू है तथा किन-किन स्थानों पर कब से क्यों बंद है? बंद योजनाओं को चालू करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में सौर ऊर्जा प्लेट का कार्य गुणवत्तापूर्ण न होने के कारण उक्त योजना अनेक वर्षों से बंद है? यदि हाँ, तो विभाग के अधिकारियों ने उक्त योजनाओं का कब-कब निरीक्षण किया तथा उक्त योजनायें प्रारंभ करवाने हेतु कब-कब पत्र व्यवहार किया? उनकी प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (ख) की बंद नल-जल योजनायें कब तक प्रारंभ होंगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। योजना को प्रारंभ करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा नियमित क्षेत्र भ्रमण के दौरान निरीक्षण किया गया। योजना चालू करवाने हेतु किये गये पत्र व्यवहार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (घ) प्रयास किया जा रहा है, तथापि निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
इंदौर जिले में बैंक चालान घोटाले में राशि की वसूली
[वाणिज्यिक कर]
22. ( *क्र. 2204 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में बैंक चालान घोटाले में राज्य शासन/विभाग प्रश्नतिथि तक कितनी राशि की वसूली किस-किस नाम/फर्म से कर चुका है? सूची उपलब्ध करायें। किस-किस नाम/फर्म से कितनी राशि की वसूली प्रश्नतिथि तक शेष है? (ख) प्रश्नांक (क) में वर्णित समयानुसार हुए उक्त घोटाले में राज्य शासन द्वारा कराई गई जाँच में किस नाम/पदनाम को दोषी पाया गया है? क्या जाँच अभी चल रही है? क्या जाँच पूर्ण हो गई है? अगर पूर्ण हो चुकी है तो जाँच रिपोर्ट एवं निष्कर्षों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित वित्तीय वर्ष में हुये इस प्रकरण के मुख्य मास्टर माइंड तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त/जिला आबकारी अधिकारी के विरुद्ध विभाग में प्रश्नतिथि तक और कौन-कौन सी जाँच अभी चल रही है? प्रकरणवार विवरण दें। पूर्व में कौन-कौन सी जाँचें चल चुकी हैं और उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की है, का प्रकरणवार विवरण उपलब्ध करायें। (घ) राज्य शासन कब तक दोषी सहायक आबकारी आयुक्त/जिला आबकारी अधिकारी को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित कर प्रकरण को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में भेजकर आपराधिक प्रकरण दर्ज करवायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) इन्दौर जिले में बैंक चालान घोटाले से संबंधित प्रकरण में प्रश्नतिथि तक संबंधित नाम/फर्म के आरोपियों से रूपये 22,16,06,432/- की राशि वसूल की गई है एवं रूपये 19,57,21,828/- की बकाया राशि वसूल की जानी है। बिंदुवार जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा गठित पाँच सदस्यीय जाँच दल के प्रतिवेदन के आधार पर शासन आदेश दिनांक 23 जून, 2018 से संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच प्रकरणों में आयुक्त, विभागीय जांच, मध्यप्रदेश, वल्लभ भवन भोपाल को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है, जाँच वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। जांचोपरांत कौन अधिकारी दोषी है, संबंधी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जावेगा। (ग) उक्त प्रकरण में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जांच दल एवं शासन द्वारा लिये गये निर्णय में प्रारंभिक जाँच में किसी विशिष्ट अधिकारी को मुख्य मास्टर माइंड होने का उल्लेख नहीं किया गया है। अत: मास्टर माइंड के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं होने से प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी निरंक है। (घ) विभाग द्वारा गठित पाँच सदस्यीय जाँच दल के प्रतिवेदन के आधार पर शासन आदेश दिनांक 06 सितम्बर, 2017 में कुल 06 अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। जिसका विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शासन आदेश दिनांक 23 जून, 2018 से 08 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच प्रकरण में आयुक्त, विभागीय जांच, मध्यप्रदेश, वल्लभ भवन भोपाल को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा शराब निर्माण में यूरिया का उपयोग
[वाणिज्यिक कर]
23. ( *क्र. 2172 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी अंतर्गत विंध्याचल डिस्टलरी में दिनांक 30 जनवरी, 2021 को कृषि विभाग जिला राजगढ़ की एक टीम द्वारा छापामार कार्यवाही में 92 बैग यूरिया बरामद किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक उक्त औद्योगिक इकाई प्रबंधन के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा उनके पास उपलब्ध भूमि पर कृषि कार्य करने अथवा उक्त औद्योगिक इकाई हेतु विशेष रूप से प्रतिबंधित यूरिया अपने पास रखने हेतु विभाग से कोई अनुमति प्राप्त करने अथवा सूचना देने संबंधी प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा यूरिया क्रय करने, कृषि कार्य करने संबंधी सूचना अथवा कोई अनुमति विभाग से प्राप्त की गई थी? यदि नहीं, तो क्या यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि उक्त यूरिया के माध्यम से नकली एवं जहरीली शराब निर्मित कर विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा आमजन की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा उक्त संबंध में उचित संज्ञान लेकर कोई ठोस कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक उक्त औद्योगिक इकाई के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राजगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी अंतर्गत विंध्याचल डिस्टलरी में दिनांक 30 जनवरी, 2021 को 92 बैग यूरिया बरामद होने की जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं थी। सहायक संचालक कृषि (प्रभारी उर्वरक) कार्या. उ.स.कि.क तथा कृषि विभाग राजगढ़ द्वारा जाँच उपरांत विभाग के संज्ञान में आया। शराब निर्माता ईकाई में यूरिया नहीं रखी जा सकती है। प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर, राजगढ़ के आदेश पृ./उर्व/टी-6/2020/740, राजगढ़ दिनांक 02.02.2021 द्वारा 8 सदस्यीय जाँच समिति गठित कर जाँच जारी है तथा समिति द्वारा विधिवत कार्यवाही करते हुये ई.एन.ए. (एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल) के प्रयोगशाला, मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड इन्दौर को सेम्पल जाँच हेतु भेजे गये थे, जिसकी जाँच रिपोर्ट ई-मेल के माध्यम से दिनांक 16.02.2021 को प्राप्त हुई है। जाँच रिपोर्ट में सेम्पलों में यूरिया का उपयोग किये जाने का उल्लेख नहीं है। जाँच रिपोर्ट जाँच समिति के समक्ष प्रस्तुत की जा रही है। (ख) विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा उनके पास उपलब्ध भूमि पर कृषि कार्य करने अथवा औद्योगिक इकाई हेतु विशेष रूप से प्रतिबंधित यूरिया रखने अथवा सूचना दिये जाने का मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत कोई प्रावधान नहीं है। (ग) विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा यूरिया क्रय करने, कृषि कार्य करने संबधी सूचना अथवा कोई अनुमति विभाग से प्राप्त के संबध में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत कोई प्रावधान नहीं है। जाँच रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसमें ऐसा किसी प्रकार यूरिया के साथ-साथ जहरीले तत्व नहीं पाये गये हैं न ही आमजन की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। (घ) जाँच समिति द्वारा जाँच पूर्ण होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
कटनी जिलांतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( *क्र. 2631 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो वर्षवार किन-किन जनपदों की किन-किन ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हुये एवं कितने पूर्ण तथा कितने निर्माणाधीन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत हुये पूर्ण एवं निर्माणाधीन आंगनवाड़ी केन्द्रों का कितना भुगतान किया गया एवं कितना भुगतान किया जाना शेष है? केन्द्रवार जनपदवार जानकारी देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में शेष भवनों को कब तक पूर्ण कराकर लंबित राशियों का भुगतान किया जायेगा? अभी तक कार्य पूर्ण न कराने एवं विगत तीन वर्षों से जानबूझकर भुगतान लंबित रखे जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं? नाम एवं पदनाम का उल्लेख करें। (घ) इन अनियमितताओं के लिए उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी, नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क', 'ख' एवं 'ग' अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क', 'ख' एवं 'ग' अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। भवनों का निर्माण उपलब्ध वित्तीय संसाधनों पर निर्भर करता है, निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण करने की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। अत: शेष जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष जानकारी का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
प्रदेश में शराब की होम डिलीवरी पर रोक
[वाणिज्यिक कर]
25. ( *क्र. 1601 ) श्री विनय सक्सेना : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा शराब की होम डिलीवरी का निर्णय लिया गया है? (ख) क्या सरकार इस निर्णय के माध्यम से शराब पीने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने की नीति पर कार्य कर रही है? (ग) शराब की होम डिलीवरी से घरों में नव युवकों/छात्रों/नाबालिग बच्चों को शराब क्रय करने से पीने से रोकना कैसे संभव होगा? (घ) क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा अप्रैल 2017 में नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान नरसिंहपुर जिले में एक कार्यक्रम में कहा था कि पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी लागू की जाएगी? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा पर क्या-क्या अमल किया गया है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
बरगी
बांध की गैलरी
का कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
1. ( क्र. 210 ) श्री तरूण भनोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर स्थित बरगी बांध की गैलरी का कार्य जुगाड़ के कलपुर्जों से चल रहा है, जिसके फलस्वरूप कभी भी बड़ा हादसा होने की पूर्ण संभावना है? (ख) क्या विगत कई माहों से वर्णित (क) के कार्य के लिए आवश्यक सामग्री सप्लाई नहीं की गई, जिससे गैलरी के कई हिस्सों में अंधकार है एवं कर्मचारियों के टार्च से काम करना पड़ रहा है। (ग) वर्णित (क) की आपूर्ति एवं अन्य सामग्री के क्रय हेतु शासन द्वारा कितनी राशि का आंवटन किया गया है एवं उसमें क्या-क्या कार्य किये गये? (घ) अब कब तक वर्णित (क) का कार्य पूर्ण एवं नियमित रूप से कर दिया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। कार्य के लिए आवश्यक सामग्री समय-समय पर प्रदाय कराई गई है। गैलरी में स्थापित व्यवस्था अनुसार विगत वर्षों से ही प्रकाश व्यवस्था की जा रही है। प्रकाश व्यवस्था का आधुनिकीकरण प्रस्तावित है। (ग) गैलरी के लिये अलग से आवंटन प्राप्त नहीं होता है। डिवाटरिंग कार्य में लगे मोटर पम्पों, स्टार्टर, पाईप लाईन, जनरेटर सेट एवं स्टार्टर, कंट्रोल पेनल एवं विद्युत प्रकाश व्यवस्था से संबंधित कार्यों का सुधार कार्य कराया गया है। (घ) कार्य रख-रखाव से संबंधित है जिनका संधारण समय-समय पर आवश्यकतानुसार निरंतर कराया जाता है।
जल-जीवन मिशन के प्रावधान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( क्र. 342 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल-जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2024 तक हर घर को नल के माध्यम से पीने का पानी दिया जायेगा? यदि हाँ, तो इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में क्या-क्या कार्यवाही की गई। (ख) जल जीवन मिशन में क्या-क्या प्रावधान है तथा हर घर को जल की योजना बनाने हेतु जवाबदार अधिकारियों द्वारा रायसेन जिले के सांसद एवं विधायकों को कब-कब सूचना देकर उनसे सुझाव मांगे। (ग) 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को जल-जीवन मिशन की योजना के संबंध में क्या-क्या सुझाव कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई। (घ) किन-किन सुझावों को मान्य किया किन-किन सुझावों को किन-किन कारणों से किसने अमान्य किया तथा इस संबंध में संबंधित सांसद/विधायक को किस-किस माध्यम से कब-कब सूचना दी गई? पूर्ण विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश में वर्ष 2023 तक प्रत्येक ग्राम के हर घर को नल के माध्यम से जल दिये जाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन कार्यक्रम अंतर्गत रायसेन जिले में 254 एकल एवं 01 समूह नल-जल योजना स्वीकृत की गई है, समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है। (ख) जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2023 तक प्रत्येक घर में क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जाना है। मान. सांसदों/विधायकों से प्राप्त पत्रों/सुझावों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विधायक के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
3. ( क्र. 349 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2020 से फरवरी 2021 तक की अवधि में मान. मुख्मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (ख) उक्त पत्रों पर कार्यवाही हेतु मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा किन-किन अधिकारियों को कब-कब निर्देशित किया गया? (ग) मान. मुख्यमंत्री जी के निर्देशों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई यदि कार्यवाही नहीं की तो क्यों कारण बताये तथा कब तक कार्यवाही करेंगे? (घ) पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुख्यमंत्री कार्यालय के संधारित अभिलेख अनुसार प्रश्नांकित अवधि में प्राप्त पत्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट में दर्शाई गई है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संबंधित विभागों को लिखा गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्र एफ 6-20/2021/1/4 दिनांक 17/02/2021 द्वारा भी संबंधित विभागों को प्रश्नांश (ग) एवं (घ) में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी से माननीय विधानसभा सदस्य एवं इस विभाग को अवगत कराने हेतु लिखा गया है।
अनुकम्पा नियुक्तियों के लंबित प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
4. ( क्र. 379 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत सहायक ग्रेड-2, सहा.ग्रेड-3, लिपिक आदि के कितने पद रिक्त हैं? पदवार, स्थलवार जानकारी दी जाये। जिला दमोह अंतर्गत शास. सेवकों की मृत्यु उपरांत अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? प्रकरणवार, नाम, पतावार जानकारी दी जाये। (ख) क्या उक्त प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा? हाँ तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) पद रिक्त होने पर प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
नहरों के निर्माण कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
5. ( क्र. 451 ) श्री संजय शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नहरों के कौन-कौन से निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ किये जा रहे हैं? लागत एवं ठेकेदारों के नाम सहित निर्माण कार्यों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब-कब हुई एवं वर्तमान में कितने कार्य पूर्ण एवं अपूर्ण हैं? सूची उपलब्ध करायें। अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) क्या सड़ूमर शाखा नहर पर WBM सड़क का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कहाँ से कहाँ तक एवं कितनी लागत राशि से उक्त सड़क का निर्माण किया जा रहा है? जानकारी प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार, उक्त सड़क कब स्वीकृत हुई? एवं सड़क के निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु क्या समयावधि तय की गई थी? वर्तमान में इस सड़क की क्या स्थिति है? जानकारी प्रदान करें। (ङ) उक्त सड़क के निर्माण की गुणवत्ता किन मापदण्डों पर निर्धारित की गई है? गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण हेतु सम्बंधित ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्य की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आर.डी. 0.00 कि.मी. से आर.डी. 20.61 कि.मी. में लागत राशि रू 291.04 लाख का कार्य माह जनवरी 2021 में पूर्ण हो चुका है। (घ) निविदा दिनांक 30/09/2019 को स्वीकृत की गई है। बारह माह वर्षाकाल छोड़कर। निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण हो चुका है। सड़क गुणवत्ता पूर्ण एवं आवागमन योग्य है। (ङ) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण में प्रचलित मापदण्डों के अनुसार गुणवत्ता निर्धारित की गई है। सड़क निर्माण का कार्य गुणवत्ता पूर्ण है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के सम्बंध में
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
6. ( क्र. 453 ) श्री संजय शर्मा : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? हितग्राहियों का विवरण, ग्राम एवं प्रदान की गई राशि की जानकारी वर्षवार उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, क्या तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गरीबी रेखा एवं अति गरीबी रेखा वाले हितग्राहियों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो कुल कितने हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया है? वर्षवार सूची उपलब्ध करावें।
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं भारत सरकार की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अन्तर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा लाभांवित किये गये हितग्राहियों की जानकारी निम्नानुसार :-
योजना का नाम |
वित्तीय वर्ष |
लाभांवित हितग्राहियों की संख्या |
परियोजना राशि (लाख में) |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
2018-19 |
34 |
234.289 |
2019-20 |
44 |
291.320 |
|
2020-21 |
- |
- |
|
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
2018-19 |
06 |
99.240 |
2019-20 |
06 |
81.500 |
|
2020-21 |
02 |
12.820 |
|
योग |
|
92 |
719.169 |
उपरोक्तानुसार लाभांवित हितग्राहियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के अनुसार तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बीपीएल श्रेणी के 4 हितग्राहियों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अन्तर्गत लाभांवित किया गया है। वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
कर्मचारियों को प्रतिवर्ष वर्दी/गरम कोट एवं जूते का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( क्र. 716 ) श्री
पी.सी. शर्मा : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
कार्यपालन
यंत्री लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग भोपाल
परियोजना में
कार्यरत
कार्यभारित/नियमित
स्थापना के
कर्मचारियों
को प्रतिवर्ष
वर्दी/गरम कोट
एवं जूते
प्रदाय करने
संबंधी नियम है? (ख) यदि
हां, तो
वर्ष 2015 से
कर्मचारियों
को कब-कब
वर्दी/गरम कोट
एवं जूते
प्रदाय किये
गये यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि
वर्ष 2015 से
वर्दी/गरम कोट
एवं जूते
प्रदाय नहीं
किये गये तो
कब तक प्रदाय
किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) कार्यालय
कार्यपालन
यंत्री,
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी, भोपाल
परियोजना में
कार्यरत, कार्यभारित/नियमित
स्थापना के
कर्मचारियों
को प्रतिवर्ष
वर्दी, प्रति
तीन वर्ष में
गरम कोट देने
का प्रावधान हैl जूते
प्रदाय का
प्रावधान
नहीं हैl
(ख)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के अनुसार हैl (ग) आवंटन
की उपलब्धता
अनुसार वर्दी
प्रदाय की जाती
हैl निश्चित
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं हैl
पी.पी.ई. किट एवं अन्य उपकरण की खरीदी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
8. ( क्र. 761 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार द्वारा कोरोना महामारी से निपटने के लिए माह अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2020 तक कितने पी.पी.ई. किट, मास्क एवं सेनेटाईजर खरीदे गए? किन-किन फर्मों से किस दर पर खरीदे गये तथा खरीदी की क्या प्रक्रिया अपनाई गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त सामग्री का वितरण किस प्रकार से कितनों को किया गया? जिलेवार वितरण की जानकारी दें। (ग) कोरोना की महामारी के चलते कितने शासकीय कर्मचारी उक्त अवधि में इसके शिकार हुये एवं कितने कर्मचारियों को शहीद होना पड़ा एवं सरकार द्वारा उनके परिवार के लिए क्या सहायता प्रदान की गई? (घ) क्या शासन द्वारा कोरोना महामारी के लिए कार्य करने वाले कर्मचारियों को 10 हजार रूपये प्रतिमाह अतिरिक्त वेतन दिये जाने की घोषणा की गई थी यदि हां, तो अभी तक कितने कर्मचारियों को अतिरिक्त मानदेय दिया गया है, यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सरकार द्वारा कोरोना माहमारी से निपटने के लिए माह अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2020 तक पी.पी.ई. किट संख्या 527265, मास्क संख्या 999270 एवं सेनेटाईजर संख्या 398607 का क्रय किया गया है। उपरोक्त सामग्रियां जिन फर्मों से एवं जिस दर पर खरीदी गयी है उक्त की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है तथा उपरोक्त सामग्रियों की खरीदी संबंधी प्रक्रिया भण्डार क्रय नियम के तहत खुली निविदा के माध्यम से की गई। (ख) कार्पोरेशन द्वारा निष्पादित दरों पर संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें, भोपाल के माध्यम से सामग्री पी.पी.ई. किट एवं मास्क का क्रय किया गया है तथा भारत सरकार द्वारा मैसर्स एच.एल.एल. के माध्यम से उक्त सामग्रियों को प्रदेश के सहयोग हेतु प्रदान किया गया है, अतः उक्त सहायता प्राप्त सामग्रियों को प्रदेश स्तर से क्रय की गई सामग्रियों के आंकड़ों के साथ सम्मिलित कर वितरित किया गया है, केन्द्रीयकृत प्रक्रिया से क्रय की गई पी.पी.ई. किट एवं मास्क का वितरण प्रदेश के समस्त संभागीय स्तर के संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें द्वारा अधिनस्थ स्वास्थ्य संस्थाओं को आवश्यकता के आधार पर किया गया है जिसकी संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें द्वारा जिलेवार वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है तथा सेनेटाईजर जो कि कोविड-19 की केन्द्रीयकृत सूची में सम्मिलित नहीं है अतः उक्त सामग्री को संबंधित जिले के क्रयकर्ता प्राधिकारियों द्वारा आवश्यकतानुसार विकेन्द्रीयकृत पद्धति द्वारा ऑनलाइन माध्यम से क्रय कर वितरण किया गया। अतः सामग्री सेनेटाईजर के वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) कोरोना महामारी के चलते कुल 2808 शासकीय कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए एवं 37 कर्मचारियों की मृत्यु हुई जिन्हें पात्रता अनुसार कोविड योद्धा योजना के अंतर्गत सहायता प्रदान की गई। (घ) कोरोना महामारी के लिये कार्य करने वाले कर्मचारियों को राशि रूपये 10 हजार प्रतिमाह अतिरिक्त वेतन दिये जाने संबंधी कोई भी घोषणा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बन्द नल-जल योजना हेतु आवंटित राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
9. ( क्र. 789 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक जिला रायसेन को बंद नल जल योजना में कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय की गई उक्त अवधि में क्या-क्या सामग्री क्रय की गई तथा क्रय सामग्री का क्या उपयोग किया गया। (ख) रायसेन जिले में कौन-कौन सी नल-जल योजनायें चालू है, कौन-कौन सी योजना किस-किस कारण से कब से एवं क्यों बंद है बंद योजनाओं को प्रारंभ करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें। (ग) 1 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले में हैण्डपंप सुधारने पर कितनी राशि व्यय की गई तथा किस-किस ठेकेदार को किन-किन दिनांकों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) वर्तमान में रायसेन जिले में हैण्डपंप सुधारने का कार्य किस-किस व्यक्ति/संस्था/ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है, इस हेतु क्या प्रक्रिया निर्धारित है ग्रामवासियों को किस माध्यम से कहाँ सूचना देना पड़ती है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। ग्रामवासियों द्वारा हैण्डपंप सुधारने के कार्य के लिये सूचना उपखण्ड कार्यालय/उपयंत्री/हैण्डपंप तकनीशियन/सी.एम.हैल्पलाइन/जनपद कार्यालय के माध्यम से।
उज्जैन ज़िले में मिलावट खोरी के विरुद्ध की गयी कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( क्र. 844 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना काल में मिलावट खोरी के विरुद्ध प्रशासन की कड़ी कार्यवाही के बाद कितने मामले दर्ज़ हुए है? दर्ज़ मामलों में कितना अर्थदण्ड किन-किन संस्थानों में किया गया है? उज्जैन ज़िले में मिलावट खोरी के मामले में कौन-कौन से प्रतिष्ठानों को अभियुक्त बनाया गया है? कितने अभियुक्त प्रतिष्ठानों का लाइसेन्स निलंबित किया गया है? कितना जुर्माना कब लगाया गया है? (ख) उज्जैन ज़िले में खाद्य सुरक्षा और मानक जाँच पैकेजिंग लेबलिंग के संबंध में निरीक्षण, पर्यवेक्षण और जाँच के लिए कितना-कितना अमला कहाँ-कहाँ सक्रिय है? और विभाग प्रमुख द्वारा कौन-कौन सी जवाबदारियाँ उन्हें दी गयी हैं और जवाबदार अधिकारियों ने आज्ञापूर्ति के लिए क्या कार्यवाहियाँ की है? इस संबंध में कोरोना काल मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक विस्तृत प्रतिवेदन सहित विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कोरोना काल मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में मिलावट खोरी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए 48 मामले सक्षम न्यायालय में दर्ज किये गए है। माननीय सक्षम न्यायालय द्वारा 36 प्ररकणों में अर्थदण्ड आदेश पारित किये गए है जिसकी संस्थावार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। उज्जैन जिले में मिलावट खोरी के मामले में दर्ज प्रकरणों में अभियुक्त बनाये गए प्रकरणों की प्रतिष्ठानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 के कॉलम-01 में उल्लेख है। उज्जैन जिले में इस अवधि में कुल 24 प्रतिष्ठानों के लायसेंस निलंबित किये गए है। न्यायालय द्वारा लगाये गए जुर्माने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) उज्जैन जिले में खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 अंतर्गत खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को खाद्य पदार्थो के संबंध में पैकेजिंग लेबलिंग नियम निरीक्षण, पर्यवेक्षण के लिए शाक्तियां प्राप्त हैं उज्जैन जिले में कुल 06 खाद्य सुरक्षा अधिकारी पदस्थ है विभाग प्रमुख द्वारा विविध कार्य विभाजन आदेश की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02, 03, 04 एवं 05 अनुसार है। उज्जैन जिले में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा कोरोना काल मार्च 2020 से प्रश्नावधि तक खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 के अंतर्गत निम्नानुसार कार्यवाही की गई। विभिन्न खाद्य पदार्थों के कुल 412 नमूने संग्रहित कर राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल भेजे गये, जाँच उपरांत 92 नमूने मानक स्तर एवं 70 नमूने अवमानक/मिथ्याछाप/असुरक्षित एवं अन्य धाराओं में उल्लघंन होना पाया गया एवं 250 नमूने की जाँच रिपोर्ट आना शेष है। प्रश्नावधि तक 48 प्रकरण सक्षम न्यायालय में दायर किये गये। प्रश्नावधि तक विभिन्न खाद्य पदार्थ व्यवसायियों के प्रतिष्ठानों के 345 निरीक्षण किये गये एवं कमी पाये जाने पर उन्हें धारा 32 के अंतर्गत सुधार हेतु 54 खाद्य प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किये गये। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा जिले में सघन निरीक्षण कर कार्यवाही की गई है।
मांझी जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी करना
[सामान्य प्रशासन]
11. ( क्र. 938 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माझी जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 17/09/2018 एवं दिनांक 18/10/2019 के द्वारा मध्यप्रदेश जनजाति सूची क्रमांक 29 में माझी अधिसूचित होकर वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट में मांझी जनजाति के व्यक्ति किन-किन जिलों में निवासरत है? (ख) अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व के द्वारा ग्वालियर, भोपाल, भिण्ड, दतिया, शिवपुरी, मुरैना एवं उज्जैन आदि जिलों में मांझी समुदाय के व्यक्ति को मांझी जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी क्यों नहीं किये जा रहे है? क्या सन् 1950 के साक्ष्य नहीं होने पर मांझी समुदाय को जनजाति के प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये जायेंगे? (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा मांझी जनजाति के अस्थायी प्रमाण-पत्रों को भी स्थायी नहीं किया जा रहा है? (घ) यदि हाँ तो क्यों जारी नहीं किये जा रहे है यदि नहीं, तो प्रदेश में लंबित प्रकरणों का निराकरण कितने समय में कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
नरसिंहपुर जिले में हथनापुर बांध का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
12. ( क्र. 1077 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम हथनापुर तहसील गाडरवारा जिला नरसिंहपुर में बांध बनाने हेतु सर्वे कार्य पूर्ण हुआ है या नहीं? (ख) उक्त बांध का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जाना है एवं उक्त बांध का कार्य पूर्ण होने में कितना समय लगेगा एवं कब तक बांध कार्य पूर्ण हो जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पूर्ण हो गया है। (ख) वित्तीय प्रबंधन एवं निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है। समयावधि अनुबंध निष्पादन के पश्चात 4 वर्ष निर्धारित की गई है।
त्योंथर में स्वीकृत 100 बिस्तर अस्पताल के भवन का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( क्र. 1094 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला अंतर्गत विकासखंड त्योंथर में वर्ष 2007 से स्वीकृत 100 बिस्तरा सिविल अस्पताल की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) से संबन्धित अस्पताल भवन निर्माण कार्य के लिए आज तक बजट उपलब्ध नहीं होने का प्रमुख कारण क्या है? बजट आवंटन के अभाव में लोक महत्व का यह विषय विलम्बित होने से आम जनमानस में क्या आक्रोश का प्रमुख कारण नहीं बन रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) को लोक महत्व का विषय मान्य कर वर्तमान बजट सत्र में त्योंथर में स्वीकृत 100 बिस्तरीय अस्पताल भवन निर्माण के लिए समुचित बजट का प्रावधान करेंगे? यदि, हाँ तो समय-सीमा सुनिशिचित करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) राज्य शासन द्वारा स्थाई वित्त समिति की अनुशंसा पर राशि रूपये 894.00 लाख से 50 बिस्तरीय अस्पताल निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। वर्तमान में 30 बिस्तरीय अस्पताल संचालित है। (ख) संस्था उन्नयन की स्वीकृति, उपरांत भूमि चिन्हित न होने के कारण भवन निर्माण की स्वीकृति तत्समय नहीं हो सकी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय अधिकारियों द्वारा शासनादेश का उल्लंघन
[सामान्य प्रशासन]
14. ( क्र. 1323 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-19-44 भोपाल दिनांक 29 मई 1995 एवं एम-19-58/1992/1/4 दिनांक 23 मई 1997 के अनुसार प्रदेश के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का उद्घाटन/अनावरण/शिलान्यास नहीं करेंगे तथा मुख्य अतिथि/विशेष अतिथि/अध्यक्ष नहीं बन सकते? (ख) 01 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2020 तक भिण्ड जिले में कहाँ-कहाँ, किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों ने शिलान्यास/उद्घाटन कर शिला पट्टिका पर नाम लिखाया है? नाम पता व पद सहित बताएं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुपालन में भिण्ड जिले में अनेक शासकीय कार्यक्रम में शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा उक्त आदेश के उल्लंघन करने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश क्रमांक एफ 19-44/1995/1/4 दिनांक 29 मई 1995 द्वारा उक्त निर्देश जारी किया गया है एवं निर्देश क्रमांक एफ 19-58/1992/1/4 दिनांक 23 मई 1997 इस विभाग द्वारा जारी होना नहीं पाया जाता है लेकिन 23.5.1995 द्वारा जारी किया गया है। (ख) भिण्ड जिले में 01 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2020 तक नगर परिषद गोरमी के कॉम्पलेक्स निर्माण का लोकार्पण माननीय विधायक महोदय द्वारा किया गया है जिसमें लोकार्पण पटि्टका पर तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी शियाशरण यादव द्वारा अपना नाम निवेदक के स्थान पर लिखवाया गया था। (ग) पटि्टका पर तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी शियाशरण यादव का नाम निवेदक के स्थान पर लिखा होने के कारण शासन आदेश का उल्लंघन नहीं किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समेकित बाल संक्षरण योजनांतर्गत कार्यरत संविदा कर्मचारियों की वेतन वृद्धि
[महिला एवं बाल विकास]
15. ( क्र. 1332 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत संविदा कर्मियों हेतु जारी 05 जून, 2018 की नीति का लाभ प्रश्न दिनांक तक समेकित बाल संरक्षण योजना (ICPS) के संविदा अधिकारी/कर्मचारियों को क्यों नहीं दिया गया? क्या इस संदर्भ में कार्मिकों को उक्त नीति का लाभ दिया जाना प्रस्तावित है? यदि हां, तो अवधि बतावें। (ख) क्या उक्त कार्मिकों के मानदेय में अक्टूबर 2014 के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक कोई वेतन वृद्धि की गई है? यदि नहीं, तो उक्त कार्मिकों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ अन्य संविदा कर्मचारियों की तरह न दिये जाने का कारण बतावें? (ग) क्या उक्त कार्मिकों को एन.पी.एस. का लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो इस संबंध में विभाग की क्या नीति है एवं न दिये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या उक्त कार्मिकों को मणिपुर, पश्चिम बंगाल व बिहार राज्य की तरह नियमितीकरण का लाभ दिया जायेगा? क्या अन्य राज्यों में ICPS संविदा कार्मिकों के वेतन में वृद्धि हुई है? क्या मध्यप्रदेश में भी वेतन वृद्धि का लाभ दिया जायेगा? (घ) क्या उक्त संविदा अधिकारी/कर्मचारियों के लिये वर्तमान में कोई स्थानांतरण नीति है? यदि नहीं, तो कब तक बनायी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) महिला एवं बाल विकास अंतर्गत संविदा कर्मियों हेतु जारी 05 जून 2018 की नीति का लाभ प्रश्न दिनांक तक समेकित बाल संरक्षण योजना (ICPS) के संविदा अधिकारी/कर्मचारियों को नहीं दिया गया है क्योंकि समेकित बाल संरक्षण योजना भारत सरकार द्वारा स्वीकृत योजना है एवं भारत सरकार द्वारा योजना का क्रियान्वयन समाप्त किये जाने पर प्रदेश में योजनान्तर्गत कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों के साथ संपादित अनुबंध भी समाप्त हो जायेगा। भारत सरकार द्वारा वर्तमान में योजना की स्वीकृति 31 मार्च 2021 तक है। जी हाँ। कार्मिकों को उक्त नीति का लाभ दिये जाने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। नीतिगत निर्णय होने से समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। समेकित बाल संरक्षण योजना भारत सरकार द्वारा स्वीकृत योजना है एवं भारत सरकार द्वारा वेतन में वृद्धि किये जाने की दशा में प्रदेश स्तर पर वेतन में वृद्धि की जाती है। (ग) जी नहीं। संविदाकर्मियों को एनपीएस का लाभ दिये जाने के संबंध में के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। (घ) उक्त कर्मियों का नियमितीकरण अथवा राज्य की संविदा नीति के तहत समकक्ष पद का 90 प्रतिशत वेतन दिये जाने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। अन्य राज्यों की जानकारी नहीं है। (ड.) जी नहीं। स्थानान्तरण नीति प्रक्रियाधीन है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
शासकीय सेवकों के लिये निर्धारित मापदण्ड/नियमों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( क्र. 1375 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय सेवा में आने के पश्चात दिनांक 26.01.2001 से प्रश्नतिथि के दौरान शासकीय सेवारत अधिकारियों कर्मचारियों की तीसरी संतान के पैदा होने के क्या नियम निर्धारित है? नियमों की एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) कोई कर्मचारी/अधिकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों का पालन नहीं करता है तो क्या दण्ड शासन द्वारा निर्धारित है? नियमों एवं दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने का प्रारूप एवं विवरण उपलब्ध करायें? (ग) खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थ किस-किस अधिकारी/कर्मचारी ने अपनी तीसरी संतान का विवरण विभाग को प्रश्नतिथि तक दिया है? नाम/पदनाम दें? अगर नहीं दिया है तो जानकारी मिलने के बाद शासन उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? नियमों का उल्लेख करते हुये की जाने वाली कार्यवाही का बिन्दुवार विवरण उपलब्ध करायें? (घ) खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थ औषधी निरीक्षक प्रेम कुमार डोंगरे ने क्या अपने विभाग को अपनी तीसरी संतान के बारे में प्रश्नतिथि तक जानकारी दी है? अगर हां, तो उक्त जानकारी का विवरण दें? अगर नहीं दी है तो राज्य शासन उक्त अधिकारी के विरूद्ध कब व क्या कार्यवाही करेगा? कब तक सेवा से बरखास्त किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 का पालन ना होने पर मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के अनुरूप अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है। (घ) औषधि निरीक्षक श्री प्रेम कुमार डोंगरे, द्वारा विभाग को अपनी तीसरी संतान के बारे में प्रश्नतिथि तक दी गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों पर दर्ज प्रकरणों की जांच
[वाणिज्यिक कर]
17. ( क्र. 1376 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्य कर (आबकारी विभाग) के किन-किन नाम/पदनाम के जिला आबकारी अधिकारी/सहायक आयुक्त/उपायुक्त के विरूद्ध प्रश्नतिथि तक विभागीय जाँच/लोकायुक्त में दर्ज प्रकरणों पर जाँच/ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज प्रकरणों पर जाँच एवं अन्य एजेंसियों द्वारा कही जा रही जाँचे प्रश्नतिथि तक चल रही हैं एवं प्रकरण पंजीबद्ध है प्रकरणवार/जाँच एजेंसीवार/प्रकरणों के कारण (शिकायत ) वार/अधिकारियों के नाम/पदनामवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों में से किन-किन अधिकारियों के द्वारा अपने गलत आदेशों के जरिये। पद का स्पष्ट दुरूपयोग करते हुये/लायसंसियों को जानबूझकर आर्थिक फायदा पहुंचाने की नियत से/शासन को राजस्व क्षति पहुंचाने पर (जो हो गई)। नियम विरूद्ध ट्रांजिट पास जारी करने पर (जब हाथ से जारी टी.पी. पर रोक लगी तो तब) बैंक चालानों में कूट रचना करने वाले लायसेंसियों के फर्जी दस्तावेजों को सही मानकर उन्हें अपने हस्ताक्षर से लाभ दिलाना/शराब का अवैध ट्रांसपोर्टटेशन करने पर पुलिस द्वारा विभिन्न जगहों पर पकड़े जाने पर जांचे/प्रकरण (विभिन्न एजेंसियों में) दर्ज हैं? (ग) उन्हें मैदानी पदस्थापना से कब तक हटाया जायेगा? अगर नहीं तो क्यों? कारण दें। (घ) राज्य शासन ऐसे किन-किन अधिकारियों को चिन्हित (नाम/पदनाम दें) कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देगी जो आद्यतन पद का दुरूपयोग करने के आदी हों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) आबकारी विभाग में जिला आबकारी अधिकारी/सहायक आयुक्त/उपायुक्त के विरूद्ध प्रश्नतिथि तक विभागीय जाँच के कुल 07 प्रकरण पंजीबद्ध हैं जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। विभाग के 04 अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त द्वारा प्रकरण कायम किये गये हैं जिनका विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध जिन आरोपों के आधार पर विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक के कॉलम 4 पर अंकित है। (ग) श्री बृजेन्द्र कोरी, जिला आबकारी अधिकारी को जिला डिण्डोरी में पदस्थ किया गया है। क्योंकि राज्य शासन द्वारा लोकायुक्त में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 70/2015 में आदेश पृष्ठाकंन क्रमांक बी-7 (ए)/22/2016/2/पांच दिनांक 03 मार्च 2020 से अभियोजन स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है। (घ) ऐसे प्रकरण प्रकाश में नहीं आये है। अत: अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
लॉकडाउन के दौरान संचालित रेडी-टू-ईट कार्यक्रम
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( क्र. 1391 ) श्री संजीव सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन के दौरान भिण्ड जिले में किन-किन समूहों को जिला कार्यक्रम अधिकारी/परियोजना अधिकारियों के द्वारा रेडी-टू-ईट का कार्य किस आदेश/नियम के द्वारा दिया गया? कितनी-कितनी राशि का दिया गया? (ख) लॉकडाउन के दौरान रेडी-टू-ईट कार्यक्रमों के तहत सूखा खाना देने का आदेश किस दिनांक को हुआ कितने दिवस के लिए हुआ एवं भुगतान कितने दिवस का किया गया? (ग) आंगनबाड़ियों में रेडी-टू-ईट/सूखा राशन पहुंचाया अथवा बांटा गया इसका भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भिण्ड जिले में संचालनालय महिला एवं बाल विकास म.प्र.भोपाल के पत्र क्र/मबावि/पोआ/2019-20/541,दिनांक 27.03.2020 के अनुसार एवं कलेक्टर भिण्ड के आदेश क्र.1814-15, दिनांक 27.03.2020 के परिपालन में बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा लॉकडाउन अवधि से पूर्व से कार्यरत महिला स्व-सहायता समूह/महिला मंडलों को रेडी टू ईट प्रदाय हेतु कार्य आदेश प्रदाय किया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1" अनुसार है राशि रू.599.64 लाख का रेडी टू ईट का वितरण महिला स्व-सहायता समूह/महिला मंडलों के माध्यम 2451 आंगनवाड़ियों पर किया गया। समूहवार भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "2" अनुसार है (ख) संचालनालय महिला एवं बाल विकास म.प्र.भोपाल के पत्र क्र/मबावि/पोआ/2019-20/541, दिनांक 27.03.2020 कार्यालय कलेक्टर (महिला एवं बाल विकास) जिला- भिण्ड के आदेश क्र.1814-15, दिनांक 27.03.2020 परियोजना अधिकारी भिण्ड ग्रामीण/शहरी/अटेर/गोरमी/मेहगांव/रौन/लहार/बरोही/गोहद/एवं मौ के आदेश दिनांक 28.03.2020 के द्वारा 03 सप्ताह हेतु एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी भिण्ड के आदेश दिनांक 03.04.2020 द्वारा 01 सप्ताह हेतु रेडी टू ईट पूरक पोषण प्रदाय करने के निर्देश जारी किये गये थे। संचालनालय महिला एवं बाल विकास भोपाल के पत्र दिनांक 15.04.2020 एवं कार्यालय कलेक्टर भिण्ड के आदेश दिनांक 15.04.2020 के द्वारा 03 सप्ताह हेतु रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के निर्देश जारी किये गये थे। कार्यालय कलेक्टर जिला भिण्ड के पत्र दिनांक 06.05.2020 के द्वारा 01 सप्ताह हेतु रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के निर्देश जारी किये गये थे। संचालनालय के पत्र क्र.4621, दिनांक 29.05.2020 एवं कार्यालय कलेक्टर (मबावि) भिण्ड के पत्र क्र. 3233 दिनांक 03.06.2020 के द्वारा कम से कम 02 सप्ताह हेतु रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के निर्देश 01 अप्रैल 2020 से 18 जनवरी 2021 तक जारी किये गये थे। इस प्रकार कुल 246 दिवस का रेडी टू ईट का वितरण कराया जाकर, भुगतान किया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "3" अनुसार है। (ग) जी हाँ। परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों के माध्यम से भौतिक सत्यापन किया गया है।
विभागीय योजनाओं के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
19. ( क्र. 1403 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऐसे बच्चे या किशोर जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है तथा जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है, शासन की ऐसे बच्चों तथा किशोरों के लिये अपने करीबी परिवार जनों के बीच रहते हुए जीवन-यापन करने की क्या योजना है? (ख) यदि ऐसे बच्चों तथा किशोरों के लिये कोई योजना नहीं है तो क्या शासन इनके लिये कोई योजना बनाने पर विचार करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ऐसे बच्चे या किशोर जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है तथा जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है, शासन की ऐसे बच्चों तथा किशोरों के लिए अपने करीबी परिवारजनों के बीच रहते हुए जीवन यापन करने हेतु शासन की स्पॉन्सरशिप योजना है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों की पुरानी पेन्शन स्कीम की बहाली
[वित्त]
20. ( क्र. 1419 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को पुरानी पेन्शन स्कीम बन्द की गई है? यदि हाँ तो क्यों? क्या इसमें कर्मचारी/अधिकारी संगठनों से चर्चा की गई थी? यदि हाँ तो कब-कब किन-किन संगठनों से क्या-क्या चर्चा की गई? क्या कर्मचारी/अधिकारी संगठनों द्वारा न्यू पेन्शन स्कीम अंशदायी शेयर बाजार आधारित योजना को लागू करने हेतु स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ? तो उनकी स्वीकृति की हस्ताक्षरित प्रति उपलब्ध करावें। यदि स्वीकृति नहीं दी गई थी तो फिर किस आधार पर यह योजना लागू की गई? (ख) क्या न्यू पेन्शन स्कीम में शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को 500 से 1000 रूपये तक कुल पेन्शन मिलती है यदि हाँ? तो क्या यह भी सत्य है कि यह पेन्शन वृद्धावस्था पेन्शन से भी कम है? यदि हाँ, तो क्या यह शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों के जीवन से खिलवाड नहीं है? यदि है तो क्या शासन इस अंशदायी पेन्शन स्कीम जो शेयर बाजार आधारित है उसको समाप्त कर पुरानी पेन्शन व्यवस्था को बहाल करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) शासकीय संगठनों द्वारा नवीन सरकार गठन पश्चात न्यू पेन्शन स्कीम को खत्म कर पुरानी पेन्शन स्कीम बहाल करने हेतु ज्ञापन पत्रों अभी तक शासन द्वारा की गई कार्यवाहियाँ की जानकारी देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा लागू की गई पुर्नसंरचित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली अनुसार ही मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत अभिदाता के कुल जमा अंशदान राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान तथा 40 प्रतिशत से पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा अधिकृत एन्युटी सर्विस प्रोवाईडर से एन्युटी क्रय कर मासिक पेंशन प्राप्त की जाती है। अभिदाता द्वारा स्वयं एन्युटी प्रोवाईडर का चयन करता है तथा पेंशन सीधे उसके खाते में जमा होती है। पेंशन की राशि शासकीय कर्मचारी के कुल संचित फंड पर आधारित होती है तथा अलग-अलग कर्मचारी हेतु मूल वेतन तथा सेवा अवधि अलग-अलग होने से अलग-अलग होती है। अत: तुलना करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। नवीन सरकार गठन से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न माध्यमों से प्राप्त पुरानी पेंशन बहाल के आवेदन पत्र प्राप्त हुए है परंतु केन्द्रीय शासन की राष्ट्रीय पेंशन योजना के अनुक्रम में अन्य राज्यों के समान मध्यप्रदेश में भी लागू इस योजना के संशोधन पर वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
ओंकारेश्वर परियोजना के द्वितीय चरण का कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
21. ( क्र. 1447 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ओंकारेश्वर परियोजना द्वितीय चरण का कार्य कब प्रारंभ हुआ एवं कार्य पूर्ण की दिनांक क्या थी तथा आज दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य हुआ है? एवं कितना कार्य शेष बचा है? यदि कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, तो क्या कारण है? (ख) इस परियोजना में महेश्वर विधान सभा का कितना कमाण्ड एरिया है? एवं आज दिनांक तक कितने रकबे में पानी दिया जा रहा है एवं कितना रकबा शेष है? (ग) क्या परियोजना का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब किस दिनांक को? (घ) क्या परियोजना की नहरों की मरम्मत की गई है? यदि हाँ तो कहाँ-कहाँ मरम्मत की गई है और कितनी धनराशि व्यय की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) द्वितीय चरण का अनुबंध दिनांक 27/03/2008 को किया गया। दिनांक 26/09/2010 तक पूर्ण किया जाना था। वर्तमान में 94.10 प्रतिशत कार्य हुआ है एवं 5.90 प्रतिशत कार्य शेष बचा है। माननीय न्यायालय द्वारा 01/07/2009 से 25/02/2010 तक स्थगन आदेश तथा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार ग्राम सभाओं से नहर निर्माण की सहमति के आधार पर नहर निर्माण एवं नर्मदा नदी से 2 कि.मी. की पट्टी में आने वाली 17 ग्रामों की ग्राम सभाओं से नहर निर्माण की असहमति के कारण निर्माण कार्य नहीं हो सका है। (ख) द्वितीय चरण में महेश्वर विधानसभा क्षेत्र का 18,676 हेक्टेयर कमाण्ड क्षेत्र आता है। निर्मित कमांड क्षेत्र 15,041 हेक्टेयर में से 14,780 हेक्टेयर में पानी दिया जा रहा है। नर्मदा नदी के 2 कि.मी. की पट्टी में 3,635 हेक्टेयर कमाण्ड क्षेत्र विकसित होना शेष है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) द्वितीय चरण निर्माणाधीन होने एवं अनुबंध अनुसार निर्माण एजेंसी द्वारा एक वर्ष तक रख-रखाव एवं संचालन का कार्य किये जाने के कारण रख-रखाव पर विभाग द्वारा कोई व्यय नहीं किया गया है।
बाल कल्याण समिति सिंगरौली के सदस्य का चयन
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( क्र. 1462 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली में महिला एवं बाल विकास अंतर्गत बाल कल्याण समिति संचालित है, समिति के अध्यक्ष व दो सदस्य का कार्यकाल बीत गया है, मात्र दो सदस्य का समय चल रहा है, जबकि अध्यक्ष ही नहीं है व कार्य के निर्णय तीन सदस्य आवश्यक है, तो ऐसी स्थिति में कैसे निर्णय होगें? (ख) इसके संबंध में बाल कल्याण समिति के नये चयन प्रक्रिया कब तक होगी, या पूर्व के जो दो सदस्य हैं, के द्वारा ही किए गए निर्णय का समिति का निर्णय मानकर किया जावेगा? नहीं तो क्या समिति के नये सदस्यों का गठन किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं 02 सदस्यों का कार्यकाल दिनांक 4 जनवरी 2021 को समाप्त हो गया है। वर्तमान में दो सदस्य कार्यरत है। किशोर न्याय नियम, 2016 के नियम 19 (14) के प्रावधान के तहत किसी प्रकरण के अंतिम निराकरण हेतु अध्यक्ष सहित कम से कम 03 सदस्य का होना आवश्यक है। शेष कार्यवाहियां 02 सदस्यों द्वारा की जा सकती है। अधिनियम की धारा 36 (7) के तहत नवीन अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति होने तक पास के जिले की समिति अध्यक्ष/सदस्यों को प्रभार दिया जाता है। (ख) किशोर न्याय अधिनियम एवं नियम में निहित प्रक्रिया के तहत चयन की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा निर्धारित की जाना संभव नहीं है। नियम 19 (14) के प्रावधान के तहत प्रकरण के अंतिम निराकरण को छोड़कर शेष कार्यवाही 02 सदस्यों द्वारा की जा सकती है। जी हां, नवीन अध्यक्ष/सदस्यों का चयन प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
योजनाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( क्र. 1479 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला अंतर्गत विकासखण्डवार 1 जनवरी 2018 प्रश्न दिनांक तक लाड़ली लक्ष्मी योजना समेकित बाल संरक्षण योजना दत्तक ग्रहण योजना, पालन पोषण योजना, प्रर्वतकता योजना, ऊषा किरण योजना, शौर्य दल योजना, बेटी बचाओं योजना, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना एवं सशक्त वाहिनी योजना अंतर्गत योजनावार कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ तथा कितना-कितना हितग्राहियों को भुगतान देने में व्यय किया गया है? आय-व्यय के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त विभिन्न योजनाओं के संचालन हेतु विगत दो वर्ष में शासन स्तर से योजनावार कितना-कितना बजट शासन स्तर से प्राप्त हुआ तथा किस योजना में कितनी-कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? योजनावार जानकारी उपलब्ध करायी जावें। (ग) यह भी बताये कि लाड़ली लक्ष्मी योजना में विकासखण्डवार कितनी-कितनी बालिकाओं को पूर्ण राशि का भुगतान हो चुका है तथा कितने आवेदन लंबित है? उक्त लंबित आवेदन पत्रों का योजनावार कब तक निराकरण कराकर हितग्राहियों को लाभ दे दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) लाड़ली लक्ष्मी योजना में बालिका का 18 वर्ष की आयु के पूर्व विवाह न होने तथा कक्षा 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित होने की स्थिति में उसकी 21 वर्ष की आयु में अंतिम पूर्ण राशि के भुगतान की पात्रता होती है। वर्तमान में आयु पात्रता न होने से किसी भी बालिका को पूर्ण राशि का भुगतान नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं है।
पठनीय प्रति का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 1496 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किविगत विधान सभा सत्र वर्ष 2019 में दिनांक 20-2-2019 को तारांकित प्रश्न क्रमांक 319 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट (ख) पठनीय नहीं है? कार्यालय के रिकार्ड के अनुसार जानकारी प्रदाय करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कार्यालय के रिकार्ड के अनुसार जानकारी प्रदाय करें कार्यालय के रिकार्ड के अनुसार यथा तथ्य स्वच्छतम प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कोविड-19 में हुए व्यय राशि की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( क्र. 1518 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में कोरोना महामारी के दौरान प्रश्न दिनांक तक कितनी सेम्पल जाँच हुई? कितने सेम्पल पॉजिटिव एवं कितने सेम्पल नेगेटिव पाये गये? (ख) इनमें से कितने मरीजों का उपचार जिला चिकित्सालय में किया गया? इन मरीजों के उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं पर कितनी राशि व्यय की गई? (ग) कोविड-19 में प्राप्त आवंटन एवं व्यय की मदवार जानकारी उपलब्ध कराये? (घ) क्या खण्डवा जिला चिकित्सालय में सिटी स्कैन मशीन एवं प्रशिक्षित ऑपरेटर उपलब्ध है? मशीन पर विगत 2 वर्षों में कितनी जाँच की गई है? (ङ) खण्डवा जिला चिकित्सालय में स्थित/अनुबंधित पैथोलॉजी लेब में कौन-कौन की जाँच किस-किस दर पर की जा रही है? क्या जाँच दर की सूची प्रदर्शित की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) खण्डवा जिले में कोरोना महामारी के दौरान प्रश्न दिनांक तक कुल 74162 सेम्पल जाँच हुई। 2350 सेम्पल पॉजिटिव एवं 70760 सेम्पल नेगेटिव पाये गये। (ख) इनमें से 1405 मरीजों का उपचार जिला चिकित्सालय में किया गया। शासकीय अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के उपचार हेतु प्रति मरीज व्यय की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। इसलिये प्रति मरीज व्यय की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मशीन पर विगत 2 वर्षों में 2580 जाँच की गई है। (ङ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। सभी मरीजों की जाँच निःशुल्क की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खिलचीपुर विधान सभा अंतर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
26. ( क्र. 1544 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के खिलचीपुर विधान सभा के अंतर्गत विभाग द्वारा कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के उन्नयन हेतु प्रस्ताव तैयार किये गये हैं? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री विभागीय मंत्री महोदय से इस आशय में विभिन्न केन्द्रों के उन्नयन हेतु पत्राचार किया गया? इसका पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराएं व उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है। (ग) स्वास्थ्य सुविधाओं को देखते हुये शासन द्वारा खिलचीपुर विधान सभा क्षेत्र की तहसील जीरापुर एवं खिलचीपुर हेतु क्या कार्य योजना तैयार की जा रही है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग द्वारा प्रदेश की जनता को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ''शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट'' तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत जनसंख्या के निर्धारित मापदण्ड एवं स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना हेतु प्राथमिकता निर्धारित की गई है। इसके तहत विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के विकास खण्ड खिलचीपुर एवं जीरापुर अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन के प्रस्ताव सम्मिलित है। शेष जानकारी प्रश्नांश (क) के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो द्वारा नस्तीबद्ध शिकायत का प्रतिवेदन
[सामान्य प्रशासन]
27. ( क्र. 1602 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो द्वारा शिकायत क्रमांक 07/2017 पुलिस अधीक्षक इंदौर के जिस प्रतिवेदन पर नस्तीबद्ध की गयी है उस प्रतिवेदन की प्रति देवें? (ख) आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो द्वारा प्रारंभिक जाँच भारतीय दंड संहिता या भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की किस धारा के तहत की जाती है विवरण दें? (ग) यदि किसी कानून या नियम में प्रारंभिक जाँच का प्रावधान नहीं है तो पी.ई. किसके आदेश व किस नियम के तहत की जाती है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में शिकायत क्रमांक 07/2017 वर्तमान में सत्यापनाधीन है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्मदा नदी के समीप सौन्दर्यीकरण
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
28. ( क्र. 1628 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डिण्डौरी जिला नर्मदा नदी से घिरा हुआ है तथा डिण्डौरी जिले से नर्मदा परिक्रमावासी निकलते है? यदि हाँ, तो नर्मदा सौंदर्यीकरण के नाम से क्या विकास कार्य हुये है? (ख) शहपुरा विधानसभा के ग्राम कुररई, कोसमघाट, सलैयाघाट, डाकिन घाट, मरवारी घाट, धरमपुर घाट, खाम्ही विदयपुर, सालीवाडा, मुडिमा कला खुर्द, चौरा छिरगांव में नर्मदा जी का सौंदर्यीकरण कब से होगें और घाट निर्माण कब तक होगें? (ग) नर्मदा नदी के समीपों में घाटों का विस्तार तथा सौंदर्यीकरण नहीं किये जाने का क्या कारण है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) नर्मदा नदी डिण्डौरी से होकर प्रवाहित होती है। यह सत्य है कि डिण्डौरी जिले से नर्मदा परिक्रमावासी होकर गुजरते है। जनता के मांग के अनुसार समय-समय पर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जहां से नर्मदा नदी निकलती है वहां घाट बनाए गए है। (ख) शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कुटरई, कोसमघाट, धरमपुराघाट मुडियाकला, खाम्हीविदयपुर, सालीवाडा मुडियाखुर्द, चौरा छिदगांव में नहानीघाट बने हुए है। नर्मदा नदी के सौंदर्यीकरण के लिए पृथक से कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है। (ग) स्थानीय निकायों द्वारा नर्मदा जी के घाटों का विस्तार एवं सौंदर्यीकरण का कार्य आवश्यकतानुसार कराया जाता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में कोदो पट्टी का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
29. ( क्र. 1629 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डोरी जिले के शाहपुरा क्षेत्र में कोविड-19 के कारण लॉक डाउन में माह मई 2020 से जून 2020 में आंगनवाड़ी केन्द्रों में कोदो पट्टी का वितरण प्रत्येक सप्ताह होना था, जो कि 2 सप्ताह न होकर (बंटकर) केवल 1 सप्ताह ही बंटा है? इसका क्या कारण है, अगर कारण प्रश्नगत है तो संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही होगी? (ख) साथ ही उक्तावधि में प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र में कब-कब बांटा गया इसकी भी जानकारी उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बायो मेडिकल वेस्ट का निष्पादन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 1634 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में बायो मेडिकल वेस्ट के निष्पादन हेतु क्या व्यवस्थाएं है तथा इन्दौर संभाग में कौन-कौन सी शासकीय एवं अशासकीय इकाईयां मेडिकल बायोवेस्ट के निष्पादन में कार्यरत है एवं उनकी पृथक-पृथक क्षमता कितनी है व इनमें औसत प्रतिमाह कितना-कितना मेडिकल वेस्ट पहुँचता है? (ख) बायो मेडिकल वेस्ट इकाई स्थापना हेतु क्या प्रक्रिया है तथा इसके लाईसेंस हेतु किन-किन मापदंडों की पूर्ति करना आवश्यक होता है? (ग) क्या बायो मेडिकल वेस्ट निष्पादन इकाईयां शासकीय/अशासकीय चिकित्सालयों से शासन द्वारा स्वीकृत प्रति पंलग/बिस्तर के आधार पर राशि आरोपित करती है? यदि हाँ तो यह राशि कितनी है तथा इसमें कब-कब, किस स्तर से राशि में वृद्धि की जाती एवं राशि में वृद्धि की मॉनिटरिंग किस स्तर पर किस प्रकार से होती है? (घ) औसत प्रति बिस्तर/पलंग कितना बायो मेडिकल वेस्ट उत्सर्जन होना माना जाता है तथा इस मानक का निर्धारण किस शासकीय विभाग द्वारा किया जाता है एवं क्या यह संपूर्ण भारत में यही मानक विद्यमान है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्तमान इंदौर संभाग में बायो मेडिकल वेस्ट के निष्पादन हेतु 02 अशासकीय कॉमन बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसलिटी (सी.बी.डब्ल्यू.टी.एफ.) मेसर्स हॉस्विन इन्सीनरेटर प्रा.लि. इन्दौर एवं मेसर्स मेडिश्योर खण्डवा कार्यरत है। जिनकी भस्मक क्षमता क्रमशः 500 किलोग्राम प्रति घंटा एवं 100 टन/माह बायो मेडिकल वेस्ट का निष्पादन किया जाता है। (ख) सी.बी.डब्ल्यू.टी.एफ. की स्थापना हेतु ई.आई.ए. नोटिफिकेशन 2006 के अन्तर्गत भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा गठित राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करना व म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल (प्रदूषण नियंत्रण एवं सीमापार संचलन) नियम 2016 के प्रावधानों के अंतर्गत स्थापना सम्मति एवं तत्पश्चात उत्पादन सम्मति प्राप्त करना एवं जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 एवं परिसंकटमय अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम 2016 के अंतर्गत प्राधिकार प्राप्त करना एवं अधिनियमों/नियमों के प्रावधानों का पालन आवश्यक है। जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 में प्रावधानित एवं समय-समय पर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी की गई गाईडलाईन्स अनुसार निर्धारित मानक स्तर के उपकरण तथा निर्धारित प्रदूषण मानकों का पालन करना भी अनिवार्य है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (घ) प्रति बिस्तर/पलंग उत्पन्न होने वाले जैव चिकित्सा अपशिष्ट की मात्रा के संबंध प्रभावशील किसी मानक नहीं है, सामान्यतः अस्पताल/उपचार के प्रकार पर इसकी मात्रा प्रति बिस्तर भिन्न-भिन्न हो सकती है, तथापि किसी अस्पताल से उत्पन्न होने वाले कचरे का 10-15 प्रतिशत भाग जैव चिकित्सा अपशिष्ट का होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्नान घाट व श्मशान आदि संरचनाओं का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
31. ( क्र. 1636 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में धरमपुरी में इस वर्ष नर्मदा नदी का अधिकतम जल स्तर कितने मीटर तक रहा? क्या यह जल स्तर नर्मदा नदी की अधिकतम सीमा है? यदि नहीं, तो अधिकतम सीमा क्या है? (ख) क्या धमरपुरी में नर्मदा नदी पर निर्मित प्राचीन स्नान घाट व श्मशान घाट आदि संरचनाएं नर्मदा नदी के बढे हुए जल स्तर के कारण पिछले वर्ष डूब गये थे? (ग) क्या तीज त्यौहारों पर धार्मिक स्नान व अंतिम संस्कार आदि प्रयोजन हेतु आस-पास के ग्रामों से बड़ी संख्या में नागरिक नर्मदा के तट पर इन घाटों पर आते है? (घ) यदि हां, तो नगरवासियों की इन मूलभूत सुविधाओं को बढ़े हुए जल स्तर को ध्यान में रखते हुए उच्चतम जल स्तर के बाहर नवीन स्नानघाट एवं श्मशान घाट बनाने हेतु शासन स्तर पर नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा क्या कोई कार्य-योजना निर्मित की गई है? तथा कब तक नये निर्माण कार्य किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 31.08.2020 को अधिकतम जल स्तर 140.90 मी. रहा था। जी नहीं। नवीन बैक वाटर लेवल 143.43 है, जो नदी के अधिकतम जल स्तर की सीमा है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं, कोई योजना स्वीकृत नहीं है।
वाणिज्यिक कर चौकियों का डिजिटाईजेशन
[वाणिज्यिक कर]
32. ( क्र. 1637 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पड़ोसी राज्यों में वाणिज्यिक कर चौकियां बंद की जा चुकी है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकियों को बंद किये जाने के प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है? (ख) क्या यह सच है कि सेंधवा वाणिज्यिक कर चौकी पर तैनात अमला ट्रक चालकों से अवैध वसूली करता है? जैसा कि समाचार पत्रों में प्रकाशित व इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एण्ड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा ज्ञापित किया गया है? (ग) यदि नहीं, तो क्या इस संबंध में विभाग द्वारा अपने स्तर से कोई स्वतंत्र जाँच दल भेजकर इन आरोपों की जाँच कर संतुष्टि कर ली गई है? यदि नहीं, तो क्या विभाग इस हेतु एक दल बनाकर भेजेगा? जिसमें जनप्रतिनिधि, विषय विशेषज्ञ सहित सचिव स्तरीय अधिकारी हो। (घ) क्या शासन इन समस्याओं से निजाद पाने हेतु वाणिज्यिक कर चौकियों के डिजिटाईजेशन पर विचार कर रही है? (ड.) यदि हाँ तो यह प्रक्रिया कब तक प्रारंभ होने जा रही है तथा इसका स्वरूप क्या होगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वाणिज्यिक कर विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ ए 3-20/2017/1/पाँच (29) दिनांक 24 जून, 2017 के द्वारा मध्यप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित समस्त वाणिज्यिक कर जाँच चौकियों को दिनांक 01 जुलाई, 2017 से बंद कर दिया गया है। पड़ोसी राज्यों में वाणिज्यिक कर जाँच चौकियों के संबंध में कोई जानकारी विभाग को नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एण्ड एसोसिएशन द्वारा सेंधवा की इस प्रकार की शिकायत अथवा कोई ज्ञापन विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) से (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध लगाए गए हैण्डपंपों की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
33. ( क्र. 1647 ) श्री राकेश मावई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य ने पत्र क्रमांक 69/2020 दिनांक 26.12.2020 के परिप्रेक्ष्य में उप सचिव मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने अपने पत्र क्रमांक 3950/आर2459/2/34 दिनांक 29.12.2020 से प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी भोपाल को प्रेषित कर प्रश्नकर्ता सदस्य को जानकारी अवगत कराने को लिखा गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ है तो प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल के द्वारा प्रश्नकर्ता सदस्य को चाही गई जानकारी एवं पत्र में अंकित तथ्यों की जानकारी से अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) हाँ तो चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता सदस्य को कब तक उपलब्ध करायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या पत्र में लिखे तथ्यों की जाँच करायी जाकर नियम विरूद्ध लगाये गये नवीन हैण्डपंपों के खनन पर भुगतान की गई राशि की वसूली के साथ-साथ दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) हाँ तो अभी तक जानकारी उपलब्धन कराने के लिये कौन दोषी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? ऐसे निष्क्रिय और लापरवाह अधिकारियों को उक्त पद प्रभार से कब तक हटा देगें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यपालन यंत्री, खंड मुरैना द्वारा उनके पत्र क्रमांक-7466 दिनांक 31.12.2020 से आंशिक जानकारी से अवगत करा दिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी उपलब्ध करा दी गई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्थानान्तरण हेतु बनाई गई नीति
[सामान्य प्रशासन]
34. ( क्र. 1693 ) श्री संजय उइके, श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानान्तरण हेतु प्रतिवर्ष नीति बनाई जाती है? (ख) यदि हाँ, तो स्थानान्तरण नीति अनुसार जिस अधिकारी/कर्मचारी का स्थानान्तरण एक स्थान से दूसरे स्थान पर किया जाता है और अधिकारी/कर्मचारी द्वारा अपने स्थानान्तरित स्थान पर पदभार ग्रहण करने के उपरान्त स्थानान्तरण आदेश निरस्त होने पर वह अधिकारी/कर्मचारी पुनः पूर्व पदस्थापना स्थल पर वापस होकर कार्यभार ग्रहण कर सकता है या नहीं?
मुख्यमंत्री (श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ।
शासकीय चिकित्सालयों को पी.पी.पी. अनुबंध बावत्
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
35. ( क्र. 1703 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय चिकित्सालयों को पीपीपी के आधार पर चलाने की कोई योजना शासन द्वारा बनाई गई है? (ख) अगर हाँ तो कितने शासकीय चिकित्सालयों को इस योजना अंतर्गत सम्मिलित किया गया है? (ग) कौन-कौन से निजी अस्पतालों के साथ पीपीपी का अनुबंध किया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ताहीन पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
36. ( क्र. 1704 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आंगनवाड़ियों के माध्यम से बांटे जा रहे पोषण आहार की गुणवत्ता मानक स्तर की नहीं है जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा निरंतर की जा रही है। (ख) अगर हाँ तो उसमें सुधार लाने हेतु शासन स्व-सहायता समूह को मध्यान्ह भोजन का कार्य जिले स्तर पर देने हेतु कोई निर्णय ले रहा है जिससे इसकी गुणवत्ता में सुधार हो सकें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के हितग्राहियों को निर्धारित प्रोटिन, कैलोरी के अनुरूप गुणवत्तायुक्त पूरक पोषण आहार का प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागों एवं कार्यालयों में हिन्दी भाषा का उपयोग
[संस्कृति]
37. ( क्र. 1724 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में शासकीय कार्यों हेतु किन-किन भाषा का उपयोग किए जाने के वर्तमान में क्या शासनादेश/निर्देश लागू हैं और विधि राजस्व तथा पुलिस विभाग द्वारा किस-किस भाषा और किन-किन भाषाओं के शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं? (ख) क्या कटनी जिला सहित मध्यप्रदेश में राजस्व,पुलिस और अन्य शासकीय विभागों द्वारा हिन्दी भाषा से हटकर अन्य भाषाओं के मिश्रित शब्दों का उपयोग प्रतिवेदनों/सूचना पत्रों आदि में लंबे समय से किया जा रहा हैं? और वर्तमान में भी प्रचलन में हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) विभागों के शासकीय सेवकों द्वारा अपने प्रतिवेदनों आदि में हिन्दी भाषा से हटकर अन्य भाषा के शब्दों के बहुतायत में उपयोग करने और आम नागरिकों को इनका अर्थ समझ में आने वाली परेशानियों का शासन स्तर पर संज्ञान लिया जाएगा? (घ) प्रदेश के शासकीय विभागों/कार्यालयों में हिन्दी भाषा का उपयोग सुनिश्चित किए जाने के लिए शासन द्वारा विगत समय में क्या कार्यवाही की गयी और क्या निर्देश दिये गए? (ङ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में नागरिकों को शब्दों का भावार्थ सरलता से ज्ञात हो सके, इसके लिए क्या हिन्दी भाषा और हिन्दी भाषा के शुद्ध और सरल शब्दों का उपयोग सुनिश्चित किए जाने हेतु शासन स्तर से समुचित निर्देश जारी किए जायेंगे? हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
कटनी जिले में जल निगम के कार्य और योजनाओं का क्रियान्वन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
38. ( क्र. 1725 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल निगम द्वारा किन-किन कार्यों एवं योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता हैं और कटनी जिले हेतु जल निगम के किस नाम/पदनाम के शासकीय अधिकारी/कर्मचारी वर्तमान में कब से कहाँ पदस्थ/कार्यरत हैं? इनके पदीय दायित्व क्या हैं तथा जल निगम का कार्यालय वर्तमान में कहाँ से कब से संचालित हैं? (ख) कटनी जिले में जल निगम द्वारा विगत-03 वर्षों में किस मांग एवं आवश्यकता पर किन-किन कार्यों/योजनाओं को कब-कब प्रस्तावित किया गया? किन-किन कार्यों को कब-कब स्वीकृत तथा अस्वीकृत किया गया? (ग) क्या जल निगम के कार्यों के प्रस्ताव तैयार किए जाने में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की भूमिका हैं तथा विचार-विमर्श कर अवगत कराया जाता हैं? हाँ, तो किस प्रकार? एवं क्या नियम/निर्देश जारी हैं? नहीं तो,क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से कार्य वर्तमान में प्रचलन में हैं? कार्य/योजना की लागत, लाभान्वित क्षेत्र/ग्रामों, कार्य की प्रगति एवं निर्माणकर्ता-एजेंसी की जानकारी सहित बताइये? (ङ) प्रश्नांश (घ) प्रचलित और पूर्ण कार्यों के पर्यवेक्षण/निरीक्षण एवं माप/सत्यापन की ज़िम्मेदारी किन-किन संस्था एवं शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों की हैं और इनके द्वारा दिनांक 1.4.2019 से कार्यों का पर्यवेक्षण/निरीक्षण एवं माप/सत्यापन कब-कब किया गया और किस ठेकेदार कंपनी को किस-किस कार्य हेतु, कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? (च) प्रश्नांश (क) से (ड.) के परिप्रेक्ष्य में जल निगम के कार्यों के प्रस्ताव तैयार करने एवं योजना बनाने में म.प्र. विधानसभा के क्षेत्रीय सदस्यों की भूमिका सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए जायेंगे? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत सतही स्त्रोत आधारित समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है, शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। दायित्व-समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन के पर्यवेक्षण एवं प्रबंधन का कार्य है, परियोजना क्रियान्वयन इकाई, जबलपुर का कार्यालय जिला जबलपुर में दिनांक 20.12.2018 से संचालित है, इसके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत कटनी जिला है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जल निगम द्वारा स्त्रोत से जल की उपलब्धता, स्थानीय आवश्यकता, जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा एवं तकनीकी साध्यता आदि को दृष्टिगत रखकर योजनाओं के प्रस्ताव बनाये जाते हैं। जी हाँ, निर्देश जारी हैं। (घ) प्रश्नांकित अवधि में जल निगम द्वारा प्रस्तावित कोई भी कार्य वर्तमान में प्रचलन में नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ङ) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) उत्तरांश (ग) अनुसार निर्देश जारी हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मुरैना जिला के ग्राम खाण्डौली (बहरारा) में मिले शिलालेख
[संस्कृति]
39. ( क्र. 1764 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिला के ग्राम-खाण्डौली (बहरारा) तह-जौरा एवं ग्राम-कौथर तहसील अम्बाह में अक्टूबर 2015-16 में एक शिलालेख मिला था जिसमें ''ग्वालियर स्टेट खाण्डौली फ्रोम दिस विलेज 12 मैन बेन्ट टू द गेट बार ऑफ 1914-1919 लिखा है'' शासन द्वारा इन शिलालेखो के बारे में क्या जाँच कराई? जानकारी दी जावे। (ख) क्या वरिष्ठ मार्गदर्शक गूजरी महल ग्वालियर मार्गदर्शक बिस्मिल संग्रहालय मुरैना के द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया गया था? उनकी क्या रिपोर्ट है? (ग) मुरैना सुमावली विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक द्वारा प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग भोपाल, आयुक्त चम्बल संभाग, कलेक्टर मुरैना को दिनांक 24.05.2017 को पत्रों के माध्यम से कहा गया था कि शिलालेख के बारह लोगों की जानकारी दी जावे? (घ) इसी तरह का शिलालेख ग्राम-कौथर तहसील अम्बाह में 17 लोगों के 1914-1919 के प्रथम विश्वयुद्ध में जाने का उल्लेख है? शासन इन शहीदों के बारे में जानकारी कैसे प्राप्त होगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। ग्राम खाण्डौली (बहरारा) में खुदाई में प्राप्त शिलालेख का स्थल निरीक्षण दिनांक 09.06.2017 को तत्कालीन उपसंचालक, पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय, ग्वालियर एवं वरिष्ठ मार्गदर्शक द्वारा किया गया था। (ख) जी हां। निरीक्षण प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) उपरोक्त शिलालेख में केवल 12 लोगों के युद्ध में जाने का उल्लेख है किन्तु उनके नामों का उल्लेख नहीं है। शिलालेख की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम-कौथर, तहसील अम्बाह स्थित शिलालेख का निरीक्षण किया गया। शिलालेख में कौथर ग्राम से 17 लोगों के 1914-1919 के प्रथम विश्वयुद्ध में जाने का उल्लेख है। शिलालेख में नामों का उल्लेख नहीं है। शिलालेख की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग इकाइयों में सब्सिडी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
40. ( क्र. 1769 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा पूर्व में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग इकाईयों को क्वालिटी कंट्रोल हेतु टेस्टिंग इक्विपमेन्ट लगाये जाने पर उद्योगों को कम ब्याज दर फाइनेन्स की सुविधा एवं 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती थी, उसे क्या बंद कर दी है? जनवरी 2021 के स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाईयों को उक्त सुविधा मिल जावे तो उत्तम गुणवत्ता के अपने उत्पादों को चाईना जैसे देश के उत्पादों की तुलना में अधिक निर्यात करने में सक्षम होंगे? क्या शासन ऐसी नीति बनायेगा? (ग) क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग इकाईयों को अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी एवं प्रोडक्शन के लिये देश के बाहर जैसे ताईवान, कोरिया आदि से मशीनें आयात करने पर आयात शुल्क यदि समाप्त हो जावे तभी अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्टस बना पायेंगे? क्या शासन ऐसी सुविधा इकाईयों को देगा? यदि हाँ तो कब तक? जानकारी तत्थों सहित दी जावे।
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी नहीं। ऐसी कोई सुविधा विभाग द्वारा नहीं दी जाती थी। (ख) मध्यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना, 2019 की कण्डिका 7.1 अनुसार सूक्ष्म श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को गुणवत्ता प्रमाणन (आईएसओ/बीआईएस/बीईई) हेतु 100 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रूपये की प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। (ग) राज्य शासन का विषय न होकर विषयवस्तु भारत सरकार के कार्यक्षेत्र की है।
संजीवनी क्लीनिकों का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 1779 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा संजीवनी क्लीनिक खोला जाना प्रावधानित किया गया है? यदि हाँ, तो सागर विधान सभा क्षेत्र में कितनी तथा कहाँ-कहाँ संजीवनी क्लीनिक खोला जाना प्रस्तावित है तथा प्रश्न दिनांक तक सागर में कितनी क्लीनिकों का संचालन शुरू हो गया है? (ख) क्या सागर नगर में प्रश्नांश दिनांक तक मात्र एक ही संजीवनी क्लीनिक का शुभारंभ हुआ है? यदि हाँ, तो शेष प्रस्तावित क्लीनिक कब तक शुरू हो जायेंगी? (ग) सागर नगर के संत रविदास वार्ड में संचालित संजीवनी क्लीनिक में मरीजों को क्या-क्या सुविधायें प्रदाय की जा रही है तथा प्रश्न दिनांक तक कितने मरीजों को इलाज की सुविधा प्रदान की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी, हाँ। सागर शहरी क्षेत्र में 05 संजीवनी क्लीनिक संचालित किया जाना प्रस्तावित है तथा सागर विधान सभा क्षेत्र में संत रविदास वार्ड, बाघराज वार्ड, सुभाष वार्ड, पुरव्याऊ वार्ड एवं संत कबीर वार्ड स्थानों में संजीवनी क्लीनिक खोला जाना प्रस्तावित किया गया है तथा प्रश्न दिनांक तक सागर विधान सभा क्षेत्र में 01 संजीवनी क्लीनिक संत रविदास वार्ड में संचालित की जा रही है। (ख) जी, हाँ। शेष 04 संजीवनी क्लीनिक चिकित्सा अधिकारी की उपलब्धता होने पर मार्च 2021 तक संचालित कर ली जायेगी। (ग) संत रविदास वार्ड संजीवनी क्लीनिक में मरीजों को चिकित्सक परामर्श, जाँच सुविधा, गर्भवती महिलाओं की जाँच एवं ए.एन.सी. परामर्श, शिशु टीकाकरण, नि:शुल्क दवा वितरण, असंचारी रोग परामर्श, मलेरिया जाँच एवं रेफरल सुविधा उपलब्ध है। प्रश्नांश दिनांक तक कुल 14969 मरीजों को इलाज की सुविधा प्रदान की गई है।
सागर जिला मुख्यालय में रवीन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक संकुल/सभागृह का निर्माण
[संस्कृति]
42. ( क्र. 1780 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर जिला मुख्यालय में टी.सी.सी. योजनांतर्गत रवीन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक संकुल/सभागृह के निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव शासन के समक्ष स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या रवीन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक संकुल/सभागृह की डी.पी.आर. तैयार करा ली गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि की डी.पी.आर. तैयार की गई है? (ग) क्या उक्त सांस्कृतिक संकुल/सभागृह निर्माण हेतु भूमि का आरक्षण कर लिया गया है? यदि हाँ तो कहाँ और कितनी भूमि आवंटित की गई है? (घ) शासन से उक्त कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदान करा ली जायेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ. पी.आई.यू. द्वारा पत्र क्र. एफ 30-3-9/2018/ रा.टे.भ.साग./कार्य-2/पीडी./222 दिनांक 23.02.2018 के माध्यम से भारत सरकार के मापदण्डों के अंतर्गत राशि रू. 1416.10 लाख की संशोधित डी.पी.आर. उपलब्ध करा दी गई है जो भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई थी. भारत सरकार द्वारा सागर में टी.सी.सी. हेतु पूर्व की डी.पी.आर. में संशोधन सहित नवीन डी.पी.आर. चाही गई थी, जिसके पालन में लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू) द्वारा राशि रू. 1179.57 लाख की संशोधित डी.पी.आर. मय तकनीकी स्वीकृति उपलब्ध कराई गई है, जो भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित की जा चुकी है. (ख) जी हां. भारत सरकार के नवीन दिशा निर्देशों के अनुसार राशि रू. 1179.57 लाख की संशोधित डी.पी.आर तैयार की गई है. (ग) जी हां. सभागृह निर्माण हेतु मौजा तिली माफी प.ह.नं. 63, जिला सागर में स्थित शासकीय भूमि 4.40 एकड़ भूमि आवंटित की गई है. (घ) टी.सी.सी. योजनांतर्गत स्वीकृति का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाना है. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
सी.एच.सी.पी.एच.सी. द्वारा सुविधा का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
43. ( क्र. 1814 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के नियमों के अंतर्गत सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपकेन्द्र आदि में क्या-क्या सुविधायें देने के प्रावधान हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वि.स.क्षेत्र सबलगढ़ में सभी सुविधाएँ दी जा रही हैं? यदि नहीं, तो ऐसे कितने केन्द्र हैं, जहां सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं? उन केन्द्रों के नाम, स्थान, पता सहित जानकारी दी जावे।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विभाग द्वारा विभिन्न स्तरीय चिकित्सालयों में निःशुल्क जाँच, निःशुल्क औषधि, चिकित्सकीय परामर्श तथा उपचार एवं मूलभूत सुविधा देने का प्रावधान है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले मरीजों को समस्त सुविधायें निःशुल्क प्रदान की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल समस्या का निराकरण हेतु दिशा निर्देश
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
44. ( क्र. 1815 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन (PHE) डिपार्टमेंट द्वारा पेयजल व्यवस्था के निराकरण हेतु विभाग के क्या दिशा निर्देश हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा वर्ष 2017 से 2020-21 तक जिला मुरैना को कितनी राशि आवंटित की गई? नियमानुसार यह राशि सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड वाईज प्राप्त होकर व्यय की गई। (ग) मुरैना जिले को प्राप्त राशि में से विधान सभा क्षेत्र सबलगढ़ में किन-किन ग्राम, मजरे, टोलों में हैण्डपम्प लगाये गये? इन हैण्डपम्पों के खनन ठेकेदारों द्वारा अथवा विभागीय स्तर पर कराये गये, की जानकारी दी जावे। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में खनित हैण्डपम्प माननीय सांसद, विधायक या अन्य जन प्रतिनिधियों की अनुशंसा के आधार पर किए गए अथवा पी.एच.ई. खण्ड मुरैना के कार्यालय द्वारा अपनी इच्छा अनुसार खनन किये गये, की जानकारी विस्तार से बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी नहीं, राशि जिलेवार आवंटित की जाती है, विकासखण्डवार नहीं। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) मान. सांसद मान. विधायक या अन्य जनप्रतिनिधियों से प्राप्त अनुशंसा को प्राथमिकता देते हुये आंशिक पूर्ण श्रेणी की पेयजल समस्याग्रस्त ग्रामों/बसाहटों में आवश्यक होने पर विभागीय मापदण्डानुसार नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य किया गया है।
नलकूप खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
45. ( क्र. 1850 ) श्री राम दांगोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा कराए गए हैंडपंप, नलकूप कितनी गहराई तक खोदे जाते हैं? नलकूप खुदाई के दौरान क्या विभाग के कर्मचारी या इंजीनियर मौजूद रहते हैं या ग्राम के सचिव, रोजगार सहायक या सरपंच की उपस्थिति को निश्चित किया जाता है? (ख) बाजार में 6 इंच नलकूप खनन ₹70 फिट में किए जाते हैं जबकि विभाग में इनकी खुदाई के रेट ₹90 से ₹110 फिट में वह भी 5 इंच नलकूप खुदाई के दिये जाते हैं, क्यों? (ग) क्या इस रेट डिफरेंस से शासन को अरबों खरबों का नुकसान हो रहा है या नहीं? क्या इसकी जाँच करवाई जाएगी? साथ ही शासन द्वारा निर्धारित खुदाई न कर कम खोद कर पूरी राशि भुगतान किए जाने या इसके भौतिक सत्यापन हेतु कोई समिति गठित की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग द्वारा भूमिगत स्ट्रेटा तथा भूजल उपलब्धता के अनुसार विभिन्न गहराई के नलकूप खोदे जाते हैं। नलकूप की गहराई, व्यास आदि के माप विभाग के उपयंत्री द्वारा कार्यस्थल पर उपस्थित होकर लिये जाते हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) भूमिगत स्ट्रेटा, नलकूप की गहराई तथा व्यास एवं कार्य के लिये निर्धारित तकनीकी मापदण्डों के अनुसार कार्य की दरें भिन्न होती हैं। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
46. ( क्र. 1907 ) श्री सुदेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर के ग्रामीण अंचलों की बस्ती में अभी से पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है, ऐसे कितने स्थल हैं, जहां पर बोर पेयजल स्तर नीचे चले जाने से बंद हो गये हैं? यदि कोई ऐसा स्थान जहां पर सभी बोर बंद हो गये है, तो वहां पर पेयजल व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) ग्रामीण अंचलों में संचालित ऐसी कितनी नलजल योजनाएं हैं, जिनके बोर जल स्तर नीचे चले जाने से बंद हो गये हैं? ऐसे स्थलों पर नलजल योजना को चालू किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट और बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, 146 हैण्डपंप जलस्तर नीचे जाने से बंद हैं। जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) एक भी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट प्रभावित बसाहटों में आवश्यकता अनुसार नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने, सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रो फ्रैक्चरिंग कर पेयजल व्यवस्था की जाती है।
अशोकनगर ट्रामा सेन्टर की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
47. ( क्र. 1919 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में ट्रामा सेंटर हेतु विशेषज्ञ चिकित्सकों, मेडिकल ऑफिसरों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के कितने पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद संवर्गवार भरे हुये हैं तथा कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों को भरे जाने हेतु क्या आगामी योजना है? (ख) ट्रामा सेंटर के शुभारंभ दिनांक 22/07/17 से आज दिनांक तक ट्रामा हेतु उपलब्ध चिकित्सकीय उपकरण एवं आवश्यक संसाधनों की जानकारी प्रदान करें। तत्कालीन मंत्री महोदय ने जिला चिकित्सालय अशोकनगर में रिक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों, मेडिकल ऑफिसरों एवं रिक्त पैरामेडिकल स्टॉफ के पदों को भरे जाने हेतु पिछले विधानसभा सत्र के दिवस 24/07/2019 को प्रश्नकर्ता को आश्वस्त किया था? (ग) जिला चिकित्सालय अशोकनगर में विशेषज्ञ चिकित्सक, मेडिकल ऑफिसर, स्टॉफ नर्स एवं अन्य तृतीय श्रेणी पैरामेडिकल स्टॉफ के कितने पद स्वीकृत हैं, कितने भरे हुये हैं एवं कितने रिक्त हैं? (घ) अप्रैल 2018 से आज दिनांक तक रोगी कल्याण समिति जिला चिकित्सालय अशोकनगर कि कितनी बैठकें आयोजित की गई? क्या इन बैठकों में रोगी कल्याण समिति से कर्मचारी लगाने के प्रस्ताव अनुमोदित किये गये? यदि हाँ, तो कितने कर्मचारी लगाये गये? नाम सहित बतावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (ख) मानव संसाधन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। चिकित्सकीय उपकरण/संसाधन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विगत विधानसभा सत्र में दिनांक 24.07.2019 के पश्चात अशोकनगर जिला चिकित्सालय में 02 चिकित्सकों, 01 संविदा दंत चिकित्सक एवं 11 स्टॉफ नर्स की पदस्थापना की गई है। पदस्थ किए गए चिकित्सक/स्टॉफ नर्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) माह अप्रैल 2018 तक की अवधि में 02 कार्यकारिणी बैठक दिनांक 25.09.2018 एवं 23.11.2020 को आयोजित की गई। जी नहीं, कर्मचारियों को लगाये जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति और नियमित महानिदेशक के निर्धारित वेतन भुगतान
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
48. ( क्र. 1928 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह, श्री आरिफ अक़ील : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. विज्ञान एवं प्रोद्योगिक परिषद के वर्तमान महानिदेशक को प्रतिनियुक्ति पर आये महानिदेशक के लिए नियमानुसार निर्धारित वेतन के स्थान पर नियमित महानिदेशक के लिए निर्धारित वेतन भुगतान किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो प्रतिनियुक्ति पर आये महानिदेशक और नियमित महानिदेशक के वेतन के भुगतान में कितना अंतर है? (ग) क्या वित्त विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति पर आये महानिदेशक के लिये निर्धारित वेतन के स्थान पर नियमित महानिदेशक के लिए निर्धारित वेतन भुगतान दिये जाने पर आपत्ति उठाई गई है? (घ) वित्त विभाग की आपत्ति के बाद क्या-क्या कार्यवाही की गई?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रोद्योगिक परिषद के सेवा भर्ती नियम, 1997 एवं सेवा भर्ती नियम, 2013 के अनुसार राज्य शासन द्वारा नियुक्त महानिदेशक को मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के समान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है। (ख) (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्रापुर नलजल आवर्धन योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
49. ( क्र. 1969 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत कर्रापुर नलजल योजना की स्वीकृति की घोषणा मान. मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी? इस घोषणा के परिपालन में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) मान. मुख्यमंत्री की घोषणा के उपरांत ग्राम पंचायत कर्रापुर नलजल आवर्धन योजना प्रारंभ किये जाने हेतु विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा नलजल योजना में स्त्रोत जैसे कुआँ, स्कीम बोर एवं अन्य साधनों का खनन कार्य एवं निर्माण कार्य करा लिया गया है तथा नलजल योजना में पर्याप्त पानी है? तो नलजल योजना प्रारंभ कराने में विलंब का क्या कारण है? (घ) यदि मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर विभाग द्वारा क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है तो उसका क्या कारण है एवं विभाग मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर क्रियान्वयन कर ग्राम पंचायत कर्रापुर नलजल आवर्धन योजना कब तक प्रारंभ की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। योजना की मूल प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 24.09.2013 को प्राप्त हुई जिसमें स्त्रोत निर्माण उपरांत निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की गई किंतु दरों में वृद्धि के कारण योजना को पुनरीक्षित किया गया, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति 01.03.2019 को प्राप्त हुई। निविदा आमंत्रित की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
अवैध शराब की बिक्री पर रोक
[वाणिज्यिक कर]
50. ( क्र. 1970 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी अंग्रेजी शराब दुकान एवं कितनी देशी शराब/मदिरा दुकान संचालित/स्वीकृत हैं? कितनी मदिरा दुकानें अहाता सहित संचालित हैं? नाम व स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्रामों, नगरीय क्षेत्र मकरोनिया एवं केंट क्षेत्र में कितने अवैध शराब के प्रकरण एवं छापामार कार्यवाही विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक की गई? क्या विभाग द्वारा नकली शराब निर्मित किये जाने संबंधी प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? (ग) उपरोक्त कितने प्रकरणों में विभाग द्वारा न्यायालयीन कार्यवाही की गई? प्रकरण सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (घ) क्या अवैध शराब बिक्री को रोकने एवं नकली शराब निर्मित न हो इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 06 विदेशी एवं 12 देशी मदिरा दुकानें शासन द्वारा स्वीकृत है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। वर्ष 2020-21 हेतु किसी भी मदिरा दुकान में अहाता स्वीकृत नहीं किया गया है। (ख) नरयावली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मकरौनियां एवं केंट क्षेत्र एवं आने वाले गांव में अवैध शराब के कायम प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। उक्त अवधि दौरान विभाग द्वारा नकली शराब बनाये जाने संबंधी कोई प्रकरण कायम नहीं किया गया है। (ग) उपरोक्तानुसार वर्ष दौरान कायम सभी प्रकरणों में धारा- 34 (1) (2) के तहत कार्यवाही की जाकर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) अवैध मदिरा विक्रय एवं नकली शराब विनिर्माण की रोक-थाम हेतु आबकारी विभाग द्वारा सतत निगरानी एवं सूचकों से प्राप्त सूचनाओं/शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जाती है साथ ही समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाकर आबकारी अपराधों पर नियंत्रण रखा जा रहा है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की स्थानान्तरण नीति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
51. ( क्र. 2055 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन म.प्र. भोपाल के तहत पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का स्थानांतरण हेतु नीति क्या निर्धारित की है एवं इस संबंध में कब क्या दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) जिला जबलपुर में वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक की अवधि में कौन-कौन खाद्य सुरक्षा अधिकारी कब से पदस्थ हैं? इनमें से किस-किस को कब-कब किस आरोप में निलंबित किया गया? निलंबन से बहाली के पश्चात इनकी कब कहां-कहां पर पदस्थापना की गई? किस-किस का कब-कब, कहां-कहां का स्थानांतरण किया गया एवं किस-किस का कब-कब, कहां-कहां से पुन: जबलपुर स्थानांतरित किया गया एवं क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रदेश शासन ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन म.प्र. भोपाल के तहत पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का स्थानांतरण हेतु पृथक से कोई नीति निर्धारित नहीं की है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला जबलपुर में वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक की अवधि में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। इनमें से श्रीमती देवकी सोनवानी को दिनांक 09.08.2007 एवं 14.06.2013, श्री अमरीश दुबे को दिनांक 06.03.2013 एवं श्रीमती माधुरी मिश्रा को दिनांक 28.12.2011 को निलंबित किया गया। आरोपों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। निलंबन से बहाली पश्चात श्रीमती देवकी सोनवानी को प्रथम निलंबन पश्चात जबलपुर एवं द्वितीय निलंबन पश्चात रीवा, श्री अमरीश दुबे को कटनी एवं श्रीमती माधुरी मिश्रा को शहडोल पदस्थ किया गया। स्थानांतरण सम्बन्धी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
52. ( क्र. 2056 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला जबलपुर को कोरोना लॉकडाउन के दौरान बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को कुपोषण से बचाने हेतु कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सा पोषण आहार आवंटित किया गया है एवं कब-कब, कितना-कितना वितरित किया गया है? इसका भौतिक सत्यापन कब किसने किया है? वर्ष 2020-21 तक की माहवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कितने-कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों को कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सा पोषण आहार प्रदाय किया गया है तथा कितनी-कितनी गर्भवती, धात्री महिलाओं व बच्चों को कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में टेक होम पोषण आहार वितरित किया गया है? इसका सत्यापन कब किसने किया है? जनपद पंचायतवार जानकारी दें। (ग) क्या शासन टेक होम पोषण आहार के वितरण में की गई गड़बड़ी व भ्रष्टाचार की जाँच करवाकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला जबलपुर में करोना लॉकडाउन के दौरान बच्चों गर्भवती व धात्री महिलाओं को रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार सत्तू एवं गेहूँ, मूंगफली, चना, चक्की चूरा तथा टेकहोम राशन का प्रदाय किया गया। मात्रा एवं वितरण दिनांक तथा सत्यापन की विस्तृत जानकारी वर्ष 2020-21 तक की माहवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में करोना लॉकडाउन के दौरान बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार सत्तू एवं गेहूँ, मूंगफली, चना, चक्की चूरा का प्रदाय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है तथा टेक होम राशन गर्भवती धात्री माताओं को गेहूँ सोया बर्फी, आटा बेसन लड्डू, खिचड़ी एवं बच्चों हेतु हलुआ, बाल आहार, खिचड़ी वितरित किया गया है, मात्रा एवं भौतिक सत्यापन की जनपद पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में टेक होम पोषण आहार के वितरण में गड़बड़ी व भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः जाँच का प्रश्न ही नहीं उठता है।
चिरायु, अरविन्दों एवं इंडेक्स मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
53. ( क्र. 2098 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज, इंदौर के अरविन्दों एवं इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत चिकित्सालयों में मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कोविड-19 महामारी के कितने-कितने का उपचार किया गया है? इन मरीजों के उपचार के लिये राज्य सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त किन-किन चिकित्सालयों में कोविड-19 महामारी के कितने-कितने मरीजों की मृत्यु हुई है? मृतकों के नाम, उम्र पते सहित सूची दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
श्री राधाकृष्ण मन्दिर कछौआ के पुजारी को पद से हटाया जाना
[अध्यात्म]
54. ( क्र. 2144 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पत्र क्र. 169 दिनांक 29/12/2020 को श्री राधाकृष्ण मन्दिर कछौआ जिला ग्वालियर के पुजारी श्री रविन्द्र कुमार शर्मा द्वारा ग्रामवासियों के साथ की गई अनियमितताएं, छुआछूत एवं झूठी एफ.आई.आर. करने के कारण पुजारी पद से हटाकर अन्य पुजारी को नियुक्त करने हेतु कलेक्टर ग्वालियर को पत्र लिखा था? उक्त पत्र में लिखित शिकायतों पर 29/12/2020 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या इस पुजारी को हटाने बाबत दिनांक 22/12/2020 को समस्त ग्रामवासी ग्राम कछौआ वालो ने कलेक्टर ग्वालियर को शिकायत की थी? क्या पंचायत का प्रस्ताव ठहराव भी था तथा पंचनामा भी था? यदि हाँ, तो सभी का विवरण दें। उक्त शिकायत पर शिकायत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या इस मन्दिर के पुजारी को हटाकर अन्य पुजारी को नियुक्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) मन्दिर कछौआ के इस मन्दिर में कितनी भूमि लगी हुई है? भूमि का रकवा खसरा न. सहित बतावें। इस भूमि से कतनी-कितनी फसल द्वारा कितना-कितना राजस्व विगत 5 वर्षों से प्राप्त हुआ है? राजस्व का किस किस कार्य में उपयोग किया गया है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) माननीय विधायक महोदय के पत्र दिनांक 29/12/2020 श्री राधाकृष्ण मंदिर कछौया जिला ग्वालियर के संबंध में प्राप्त होने पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) भितरवार, को प्रेषित किया गया जिसके परिप्रेक्ष्य में नायब तहसीलदार आंतरी द्वारा उसकी जाँच कराई गई। जाँच का पंचनामा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' पर है। (ख) जी हाँ। श्री राधाकृष्ण मंदिर कछौआ के पुजारी श्री रविन्द्र कुमार शर्मा को हटाकर अन्य पुजारी को नियुक्त किये जाने के संबंध में दिनांक 22/12/2020 को ग्राम वासियों के द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया जिसके साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। वर्तमान जांचों में पुजारी दोषी नहीं पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मंदिर श्री राधाकृष्ण जी स्थित ग्राम कछौआ से लगी कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 652,769,1165,1170,1176,1807,1818 एवं 1927 रकवा क्रमश: 0.199 हे.,0.188 हे.,0.857 हे.,0.794 हे.,0.345 हे.,2.330 हे., 0.973 हे. एवं 1.264 हे. कुल किता 8 कुल रकवा 6.950 हे. है। मंदिर की भूमि से शासन को कोई राजस्व प्राप्त नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामूदायिक स्वस्थ्य केन्द्र मोहना में पदस्थ डाँ. रवि शर्मा को हटाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
55. ( क्र. 2145 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रशनकर्ता विधायक द्वारा पत्र क्र. 183 दिनांक 5/01/2021 को विषय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहना जिला ग्वालियर में पदस्थ डाँ. रवि शर्मा जो संविदा पर हैं उनके कार्य में लापरवाही के कारण हटाकर डा. संजीव नरवरिया पी.एस.सी. सिलेक्ट स्थाई चिकित्सा को पदस्त करने बावत् मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर को पत्र लिखा था? उक्त पत्र में लिखित शिकायतें एवं अनियमिताओं पर पत्र दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या डाँ. रवि शर्मा को हटाकर डाँ संजीव नरवरिया को पदस्थ किया गया है? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नकर्ता वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री के पत्र पर कार्यवाही न करना लापरवाही है? यदि हाँ तो इस प्रकार की लापरवाही के लिये कौन अधिकारी दोषी है? क्या दोषी के प्रति दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में कौन-कौन कर्मचारी, अधिकारी/डॉक्टर पदस्थ हैं? उनका नाम,पद पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय एवं कार्य क्षेत्र बताएं। कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद भरे हैं तथा कितने रिक्त हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। डॉ रवि शर्मा, संविदा चिकित्सक को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहना के प्रभार से मुक्त करते हुए, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला ग्वालियर के आदेश दिनांक 17.02.2021 के द्वारा डॉ संजीव नरवरिया, चिकित्सा अधिकारी को मोहना का प्रभार सौंपा गया है। आदेश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। डॉ रवि शर्मा, के विरूद्ध प्राप्त शिकायत की जाँच हेतु जाँच अधिकारी की नियुक्ति की गई है, जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
आयुष्मान कार्ड बनाना की रणनीति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
56. ( क्र. 2149 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष्मान भारत योजनांतर्गत हितग्राहियों के चयन करने का आधार क्या है? क्या उक्त आधार का डाटा सरकार के पास हैं? यदि हाँ तो आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत बिजावर विधानसभा अंतर्गत कितने परिवार को शामिल किया जा सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में इनमें से कितने परिवार के आयुष्मान कार्ड बन चुके है? कितने शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में शेष बचे लोगों के आयुष्मान कार्ड कब तक किस रणनीति के अंतर्गत बनेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) आयुष्मान भारत योजना के हितग्राही का नाम वर्ष 2011 की जनगणना SECC (सामाजिक, आर्थिक, जातिगत जनगणना) के डाटा में D1 से D7 तक (D6 को छोड़कर), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक परिवार या संबल योजना में शामिल होना आवश्यक है। जी हाँ। छतरपुर जिले में 1140165 पात्र हितग्राही है। पोर्टल में किसी जिले, विकासखण्ड एवं विधानसभावार विशेष के हितग्राहियों की सूची निकालने का कोई मैकेनिजम/व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। जिस कारण से बिजावर विधानसभा अंतर्गत परिवारों की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) छतरपुर जिले में 396389 आयुष्मान हितग्राही कार्ड बनाये जा चुके है एवं 743776 हितग्राहियों के कार्ड बनाये जाना शेष है। (ग) आयुष्मान भारत योजना के हितग्राही कार्ड बनाने हेतु ग्राम स्तर पर शिविर लगाये जा रहे है। लक्ष्य प्राप्ति होने तक शिविर निरंतर जारी रहेंगे।
विधानसभा खरगापुर में हैण्डपम्प खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
57. ( क्र. 2154 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में विधायक के अनुमोदन पर दिनांक 01.04.2019 से आज दिनांक तक कितने हैण्डपम्प खनन कराये गये हैं? (सूची देवें) (ख) क्या पी.एच.ई. विभाग द्वारा हैण्डपम्प लगाने के पश्चात पत्र लिखकर विधायक जी को सूचना दी गई थी? यदि हाँ, तो पत्रों का विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कार्य की आवश्यकता एवं मान. विधायक की अनुशंसा के आधार पर नलकूपों के खनन व हैण्डपंप स्थापना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री टीकमगढ़ के पत्र क्र 307 दिनांक 12.02.2021 से सूचना दी गई है।
आबकारी विभाग द्वारा जाँच में की गई अनियमिततायें
[वाणिज्यिक कर]
58. ( क्र. 2205 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के सेहतगंज में स्थित सोम डिस्टलरीज प्रा.लि.के द्वारा क्या खुले में स्प्रिट रिसीवर टैंक एवं स्टोरेज टैंक स्थापित किये थे? अगर हाँ तो कब? क्या भोपाल के उपायुक्त आबकारी विभाग द्वारा की गई जाँच में अनियमिततायें सामने आई हैं? अगर हाँ तो उक्त जाँच रिपोर्ट की एक-एक स्वच्छ प्रतिलिपि एवं जाँच रिपोर्ट का निष्कर्ष एवं प्रतिवेदन एवं अनुशंसा जो की गई है उसकी एक प्रतिलिपि दें? (ख) क्या आबकारी विभाग के द्वारा सोम डिस्टलरीज के स्प्रिट रिसीवर टैंक क्रमांक आर-01 से 12 तथा स्पिरिट स्टोरेज टैंक क्र.एस बी 12 से एस बी 19 तक के उपयोग पर रोक लगाते हुये सीज कर दिया है? उक्त जारी सभी आदेशों की एक प्रति उपलब्ध करायें? अगर प्रश्नतिथि तक सील एवं सीज नहीं किया है तो कारण बताएं नियमों की एक प्रति दें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शराब कंपनी ने नई यूनिट या अन्य के लिये राज्य शासन/विभाग से अनुमति ली थी? अगर हाँ तो जारी अनुमतियों की एक प्रति उपलब्ध करायें। अगर नहीं ली थी तो प्रश्नतिथि तक शासन द्वारा उक्त कंपनी के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण एवं अन्य कार्यवाहियां क्यों नहीं की? नियमों की एक प्रति दें। कब तक प्रकरण दर्ज करवाया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा सदस्यों के प्रोटोकाल नियम
[सामान्य प्रशासन]
59. ( क्र. 2216 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा विधायकों के प्रोटोकाल नियम बनाये गए हैं? यदि हाँ तो नियम की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शासकीय कार्यक्रम में प्रोटोकाल का पालन करना शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी की जवाबदारी है? यदि हाँ तो पालन नहीं करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या जनप्रतिनिधि के रहते हुए शासकीय कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित न करते हुए अनुविभागीय अधिकारी स्वयं कार्यक्रम में फीता काटकर उद्घाटन कर सकते हैं? यदि नहीं, तो ऐसा करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (घ) क्या बड़नगर तहसील के खरसोदकलां ग्राम में टप्पा कार्यालय के उद्घाटन में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया गया था? अगर नहीं तो दोषी अधिकारी, तहसीलदार व अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 11 दिसम्बर 2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। निर्देशों का उल्लंघन होने पर शासन द्वारा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कड़ा रूख अपनाये जाने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। निर्देशों का उल्लंघन होने पर शासन द्वारा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कड़ा रूख अपनाये जाने का प्रावधान है। (घ) राजस्व विभाग भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 1-3/2015/सात/सा6 दिनांक 16 जनवरी 2015 में दिये गये प्रावधान अनुसार कलेक्टर जिला उज्जैन के आदेश क्रमांक 409/भू.अ./रा.नि./2020 उज्जैन दिनांक 05.02.2020 के परिपालन में दिनांक 03.02.2021 को कार्य सुविधा की दृष्टि से सप्ताह में दो दिवस (सोमवार एवं शुक्रवार) अस्थाई रूप से स्थानीय कृषि उपज मण्डी समिति के भवन में अस्थाई टप्पा कार्यालय प्रारम्भ किया गया है। यह शासकीय कार्यक्रम नहीं होने से किसी भी जनप्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया था। कृषकों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए अस्थाई रूप से टप्पा कार्यालय संचालित करने की कार्रवाई अनुविभागीय अधिकारी द्वारा की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन स्कीम
[वित्त]
60. ( क्र. 2224 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा दिनांक 01-01-2005 से नियुक्ति शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों की पेंशन स्कीम ओ.पी.एस. को क्या बंद कर दिया गया है? यदि हाँ तो क्यों? कारण बताएं। क्या नई पेंशन स्कीम शेयर बाजार पर आधारित है? (ख) यदि हाँ तो किस नियम से शासन कर्मचारियों की पेंशन शेयर बाजार में लगा रहा है? क्या शेयर बाजार में लगान के पहले कर्मचारियों की सहमति ली गई है? (ग) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार कोई अनियमितता होती है व शेयर बाजार कम होने से कर्मचारियों का नुकसान होता है, तो क्या शासन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? (घ) क्या शासन पुरानी पेंशन स्कीम को प्रारंभ करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार वित्त मंत्रालय के अधिसूचना दिनांक 22-12-2003 के द्वारा दिनांक 01-01-2004 से राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू करने के क्रम में मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-9/3/2003/नियम/चार, दिनांक 13-04-2005 द्वारा राज्य शासन के अधीन सिविल सेवा और सिविल पदों पर दिनांक 01-01-2005 के पश्चात् नवनियुक्त शासकीय सेवकों पर नवीन पुर्नसंरचित राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू की गई है। (ओल्ड पेंशन स्कीम बंद नहीं की गई यह दिनांक 01-01-2005 के पूर्व के शासकीय सेवकों के लिए निंरतर है।) राष्ट्रीय पेंशन योजना पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा चयनित सक्षम फंड मैनेजरों के माध्यम से निवेश के सिद्धांत पर क्रियान्वित है। (ख) मध्यप्रदेश शासन के ज्ञापन क्रमांक आर नं. 2791/08/ई/चार, भोपाल दिनांक 24-09-2008/26-09-2008 के अनुसार पेंशन अंशदान की सम्पूर्ण राशि पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा चयनित सक्षम फंड मैनेजरों को उपलब्ध कराई जाती है, फंड मैनेजर चयन करने का विकल्प अभिदाता के पास है। (ग) शासन की योजना होने से अभिदाता की सहमति का प्रश्न उपस्िथत नहीं होता है, फंड मैनेजर चयन करने का विकल्प अभिदाता के पास है। पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा चयनित सक्षम फंड मैनेजर के अधीन होने से अनियमितता या नुकसान की स्थिति सामान्यत: नहीं है। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
विधान सभा प्रश्न क्रमांक 111 दिनांक 22-09-2020 की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
61. ( क्र. 2242 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 22-09-2020 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक 111 के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ दिया गया है तो श्री यशवंत वर्मा का मूलपद क्या है? क्या वे प्रश्न दिनांक को प्रथम श्रेणी नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं या नहीं? यदि नहीं हैं, तो प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों के पदस्थ रहते हुए उनको सिविल सर्जन क्यों बनाए हुए हैं? जिला चिकित्सालय में कितने प्रथम श्रेणी चिकित्सा विशेषज्ञ कार्यरत हैं? वरिष्ठता क्रम से नाम बताएं। (ख) उक्त विषयांकित प्रश्न के प्रश्नांश (घ) में संलग्न परिशिष्ट 01 से 10 तक जो संलग्न की है, उसकी पठनीय प्रति उपलब्ध करावें। उक्त सामग्री क्रय करने के लिए क्रय समिति की बैठक होती है? उक्त बैठक कार्यवाही का विवरण देवें तथा दिनांक 22-09-2020 के बाद सी.एम.एच.ओ. एवं सी.एस. कार्यालय द्वारा और क्या-क्या सामग्री एवं दवाई क्रय की गई है? उसकी भी सूची कीमत/दर सहित क्रय संस्था का नाम भी बताएं। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में पात्र और जिला अस्पताल में कार्यरत प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ को कब तक सिविल सर्जन के पद पर पदस्थ कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नकर्ता सदस्य ने अपात्र प्रभारी सिविल सर्जन को हटाने के लिए मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग को जो पत्र लिखा था, उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? कारण सहित बताएं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। डॉ. यशवंत का मूल पद चिकित्सा अधिकारी है। जी नहीं। डॉ. यशवंत वर्मा को संचालनालय आदेश दिनांक 10.07.2018 द्वारा प्रभारी नेत्र रोग विशेषज्ञ बनाया गया है। डॉ. यशवंत शर्मा की प्रथम नियुक्ति दिनांक 25.05.1987 है तथा वर्तमान में सिविल सर्जन सह मुख्य अस्तपाल अधीक्षक के वेतनमान से अधिक वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं। सिविल सर्जन का पद 100 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है, 30 अप्रैल 2016 से मान. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति का प्रकरण विचाराधीन/विलंबित होने के कारण पदोन्नति नहीं की जा सकी है। इसलिए पात्रता, योग्यता एवं कार्यक्षम अनुसार प्रभार सौंपा जाता है। जिला चिकित्सालय कटनी में 07 प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ पदस्थ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जिला चिकित्सालय कटनी में पदस्थ प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों में से पात्रता, योग्यता एवं कार्यक्षमता अनुसार परीक्षण कर प्रशासकीय स्तर पर निर्णय लिया जावेगा। यथा संभव शीघ्र। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजना का प्रभार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
62. ( क्र. 2271 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में ग्रामीण नल-जल योजनाओं का विभाग एवं उसके ठेकेदारों ने विधिवत ग्राम पंचायतों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रभार नहीं सौंपा? (ख) गत तीन वर्षों में किस ग्राम के लिए कितनी लागत से किस ठेकेदार द्वारा निर्मित नल-जल योजना का प्रभार किस दिनांक को ग्राम पंचायत को सौंपा गया? प्रभार सौंपे जाने के आदेश एवं पंचनामें की प्रति सहित बतावें। (ग) किस नल-जल योजना का विधिवत प्रभार प्रश्नांकित दिनांक तक भी ग्राम पंचायत को नहीं सौंपा गया? ऐसी योजनाओं के बिजली बिलों का कितना भुगतान विभाग एवं ठेकेदार के द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं किया गया? (घ) जिन योजनाओं का प्रभार पंचायत को नहीं सौंपा उन योजनाओं के बिजली बिलों का भुगतान विभाग कब तक करवाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पूर्ण की गई नल-जल योजनाओं का विभाग द्वारा विधिवत ग्राम पंचायतों को प्रभार सौंपा गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) पूर्ण की गई नल-जल योजनाओं का विभाग द्वारा विधिवत ग्राम पंचायतों को प्रभार सौंप दिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिसूचित क्षेत्रों में महुआ शराब की तलाशी
[वाणिज्यिक कर]
63. ( क्र. 2272 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविधान की 5वीं अनुसूची के तहत अधिसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों के घरों की तलाशी लेकर महुआ शराब पकड़े जाने के संबंध में क्या प्रक्रिया राज्य में लागू है? आदिवासियों के विरूद्ध बनाए गए महुआ शराब के प्रकरणों को न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने के संबंध में क्या प्रक्रिया लागू है? प्रक्रियाओं की प्रति सहित बतावें। (ख) बैतूल जिले में गत एक वर्ष में किस अधिसूचित क्षेत्र के किस ग्राम में छापामारा जाकर किस आदिवासी के विरूद्ध कितनी लीटर महुआ शराब का प्रकरण बनाया? उस प्रकरण को किस दिनांक को न्यायालय में प्रस्तुत किया? छापा मारने एवं प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करने की अनुमति कलेक्टर ने किस दिनांक को प्रदान की? यदि कलेक्टर से अनुमति नहीं ली गई हो तो कारण बतावें। (ग) कलेक्टर की अनुमति के बिना छापा मारने एवं प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करने की अनुमति आबकारी विभाग के किस अधिकारी ने किस दिनांक को प्रदान की है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्नानुसार अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों (आदिवासियों) के लिये मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत अध्याय 8 (क) में विशेष उपबंध किये गये हैं। तदानुसार धारा 61 (ग) में अनुसूचित जनजाति सदस्यों को अधिनियम के कतिपय उपबंधों में छूट दी गई है। इन निर्धारित छूट से हटकर अधिनियम का कोई उल्लंघन होना पाया जाता है तो मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत गिरफ्तारी, तलाशी तथा निरूद्ध करने के लिये दिये गये प्रावधानों एवं प्रक्रिया का पालन किया जाता है। मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 58 में तलाशी आदि किस प्रकार की जायेगी, इसकी प्रक्रिया वर्णित है, जिनके साथ इस हेतु शासन के विभागीय मार्गदर्शी निर्देशों का भी पालन किया जाता है। मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के प्रावधान अन्तर्गत अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों (आदिवासियों) के विरूद्ध बनाये गये प्रश्नांतर्गत जैसे प्रकरणों में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के अंतर्गत अन्वेषण के मामलों में आबकारी अधिकारी की शक्तियों का उल्लेख मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 55 में वर्णित है। क्रमशः धारा 56 के अंतर्गत अन्वेषण अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट की जाती है। विधि अनुसार न्यायालय के समक्ष अभियोजन की कार्यवाही की जाती है। मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 61 के अंतर्गत अभियोजन के लिये परिसीमा का निर्धारण किया गया है। तदानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रश्नांतर्गत प्रकरणों में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 में दिये गये प्रावधानों का अनुसरण किया जाता हैं। तदानुसार प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये जाते हैं। इस हेतु मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 61 (1) में दिये गये ''धारा 61 अभियोजन के लिये परिसीमा'' के प्रावधानों का पालन करने की व्यवस्था का पालन किया जाता है।
अधिकारियों को अर्दली भत्ते का भुगतान
[वित्त]
64. ( क्र. 2288 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा नियंत्रित निगम, मण्डल बोर्ड, राज्य स्तरीय सहकारी समितियों में पदस्थ आई.ए.एस., आई.पी.एस. एवं आई.एफ.एस. अधिकारियों को कलेक्टर रेट से अर्दली भत्ते के भुगतान का राज्य में क्या प्रावधान किस कानून, मैन्युअल या कोड के तहत प्रचलित है? (ख) आई.एफ.एस. अधिकारियों को किस-किस निगम, मण्डल, बोर्ड प्राधिकरण एवं सहकारी संस्थाओं में पदस्थ होने पर कलेक्टर रेट से अर्दली भत्ते का भुगतान प्राप्त किए जाने की वित्त विभाग ने किस दिनांक को अनुमति या स्वीकृति प्रदान की है? यदि अनुमति या स्वीकृति नहीं दी हो तो उसका कारण बतावें। (ग) आई.एफ.एस. अधिकारियों के द्वारा कलेक्टर रेट से प्राप्त किए जा रहे अर्दली भत्ते के भुगतान की वसूली किए जाने के संबंध में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय चिकित्सालयों में मूलभूत सुविधा एवं चिकित्सकों की कमी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
65. ( क्र. 2326 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र कसरावद में शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र उक्त सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वीकृत पदों के मान से कितने कर्मचारी अधिकारी पदस्थ हैं, कितने पद रिक्त हैं और कब से? प्रश्न दिनांक की स्थिति में जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) से संदर्भ में प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 76, दिनांक 18 जुलाई, 2016 के विभागीय उत्तर के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई तथा प्रश्नांश (क) में दर्शित उक्त स्वास्थ्य केंद्रों में रिक्त पदों की पूर्ति किस-किस दिनांक को की गई तथा संसाधन क्या-क्या उपलब्ध कराये गये? केन्द्रवार जानकारी प्रश्न दिनांक की स्थिति में दें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 46, दिनांक 16 जनवरी, 2020 एवं अन्य समय-समय पर चिकित्सकों महिला चिकित्सकों एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारियों को पदस्थ करने के लिये प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कितने पत्राचार किये गये तथा तत्संबंध में विभागीय स्तर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में कार्यवाही पूर्ण कर क्या जनहित में त्वरित निर्णय लेते हुए उक्त रिक्त पदों एवं संसाधनों की पूर्ति प्रश्न दिनांक तक कर दी जायेगी? यदि हाँ, तो बताएं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत पदस्थ किये गये अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ के शत्-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञों एवं ऐसे पदों जिन्हें शत्-प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान होने से पदपूर्ति में कठिनाई हो रही है। चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। चिकित्सकों के पदपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को मांग-पत्र प्रेषित किया गया है। पदपूर्ति निरंतर प्रक्रिया है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
देव स्थानों का जीर्णोद्धार
[अध्यात्म]
66. ( क्र. 2334 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधान सभा अंतर्गत विगत पाँच वर्षों में किन-किन देव स्थानों का जीर्णोद्धार किया गया है? (ख) उपरोक्त में से कितने देव स्थानों पर जीर्णोद्धार हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई और उस राशि का कितना उपयोग जीर्णोद्धार में किया गया? (ग) ऐसे कितने देव स्थान हैं, जिनके जीर्णोद्धार की राशि स्वीकृत होने के पश्चात भी कार्य नहीं किया गया था अथवा अधूरा है? इसके लिये कौन उत्तरदायी है तथा अधूरे निर्माण कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में पुष्पराजगढ़ विधान सभा अंतर्गत विभागीय मद से किसी भी शासन संधारित मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं कराया गया है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) तदैव।
मेगा डेस्टीनेशन के तहत कराये गये कार्यों की जांच
[पर्यटन]
67. ( क्र. 2354 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के चित्रकूट में मेगा डेस्टीनेशन डेवलपमेंट के तहत एम.पी. टूरिज्म को निर्माण एजेंसी बनाकर वर्ष 2010 से नवम्बर 2018 तक किन-किन कार्यों के डी.पी.आर. कब-कब, कितनी-कितनी राशि के बनाए गए? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों को कब-कब कितनी-कितनी राशि के अंतिम भुगतान किए गए? बजट में कितनी राशि का प्रावधान था? कार्यों का भौतिक सत्यापन किसके द्वारा किया गया? कार्यवार, राशिवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) निर्माण कार्यों में भारी डी.पी.आर. तैयार कर एन.आई.टी. के विपरीत कार्य कर भारी अनियमितता की गई है, उक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन आज की स्थिति में कराया जायेगा तो ज्यादातर कार्यों के अवशेष भी नहीं दिखाई देंगे क्योंकि वास्तवकि रूप से कार्य नहीं किए गए और फर्जी देयक तैयारी कर राशि का आहरण एजेंसी द्वारा नियुक्त उपयंत्री द्वारा अघोषित रूप से करवाकर संस्था को हानि पहुंचाई गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन द्वारा उच्च स्तरीय जाँच समिति गठित कर जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) वर्ष 2010 से नवम्बर 2018 तक सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में मेगा डेस्टीनेशन डेवलेपमेंट के तहत म.प्र. पर्यटन निगम द्वारा निर्माण एजेंसी के रूप में कोई डी.पी.आर. नहीं बनाई गई है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
नर्मदा विकास प्राधिकरण एवं नेशनल हाइड्रो कॉरपोरेशन के मध्य अनुबंध की शर्तें
[नर्मदा घाटी विकास]
68. ( क्र. 2399 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा नदी पर पुनासा में निर्मित इंदिरा सागर बांध निर्माण के लिये विद्युत उत्पादन हेतु नर्मदा विकास प्राधिकरण (NVDA) और नेशनल हाइड्रो कॉरपोरेशन (NHDC) के बीच कुल कितने वर्षों का अनुबंध हुआ था? इस अनुबंध की मुख्य शर्तें क्या-क्या थीं? दोनों संस्थाओं के बीच खर्चे का अनुपात कितना-कितना था? (ख) बांध से वर्ष 2016 से प्रतिवर्ष में कुल कितनी बिजली का उत्पादन हो रहा है? वर्षवार बाजार मूल्य बताया जाये। (ग) बांध की नहरों में हो रही सिंचाई, मछली उत्पादन और लीज, पर कराई जा रही खेती से हर साल कुल कितनी आय हो रही है? यह आमदनी NHDC के हिस्से में जा रही है, अथवा NVDA के खाते में जा रही है? (घ) एन.व्ही.डी.ए. (NVDA) और एन.एच.डी.सी. (NHDC) की आय-व्यय का नियमानुसार हर वर्ष ऑडिट हो रहा है अथवा नहीं? यदि ऑडिट हो रहा है तो कौन कर रहा है और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विद्युत क्रय अनुबंध 35 वर्षों हेतु निष्पादित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। निर्माण में हुए व्यय को एन.एच.डी.सी. के द्वारा शत्-प्रतिशत अपने संसाधनों एवं वित्तीय संस्थाओं से लिए गए ऋण के माध्यम से वहन किया गया है। इसमें 1, 350 करोड़ की अंश सहभागिता भी शामिल है जिसको एन.एच.पी.सी. एवं मध्यप्रदेश शासन की हिस्सेदारी के अनुसार क्रमश: 51 प्रतिशत एवं 49 प्रतिशत वहन किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' एवं 'द' अनुसार है। वर्तमान में भू-अर्जन रिफरेंस प्रकरण विभिन्न न्यायालय में प्रचलन में हैं। अत: लीज पर खेती हेतु कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) जी हाँ। एन.एच.डी.सी. के आय-व्यय का ऑडिट सी.ए.जी., वैधानिक अंकेक्षक इत्यादि के माध्यम से एवं नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण का महालेखाकार द्वारा।
संविदा नीति का पालन
[सामान्य प्रशासन]
69. ( क्र. 2442 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 05 जून 2018 द्वारा संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किए जाने हेतु नीति-निर्देश जारी किये गये थे? क्या उक्त नीति-निर्देश मध्यप्रदेश सर्वशिक्षा अभियान मिशन तथा राज्य/जिला स्वास्थ्य समिति पर भी लागू किये गये थे? (ख) क्या इन निर्देशों के अनुसार संविदा कर्मचारियों का मासिक पारिश्रमिक, समकक्ष नियमित पदों के वेतनमान के न्यूनतम का 90 प्रतिशत निर्धारित किया जाय ऐसे निर्देश थे? (ग) क्या उक्त निर्देशों के जारी होने के लगभग 02 वर्ष 06 माह से भी अधिक समय व्यतीत होने तथा सामान्य प्रशासन विभाग के बार-बार निर्देशित करने, जनप्रतिनिधियों के द्वारा बार-बार अनुरोध के उपरांत भी प्रश्नांश (क) में उक्त विभागों द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का न तो पालन किया जा रहा है, और न ही उनके पत्रों का उत्तर दिया जा रहा हैं? (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों की घोर अवहेलना करने, मनमाना व्यवहार वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में रिक्त पद
[महिला एवं बाल विकास]
70. ( क्र. 2448 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अन्तर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, इनमें ऐसे कितने आगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनके कार्यकर्ता एवं सहायकर्ताओं के पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों को भरने हेतु विभाग क्या कर्यावाई कर रहा है? (ख) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित हैं। किराये के भवनों में संचालित केंद्रों पर आंगनवाड़ी भवन कब तक निर्माण किये जावेंगे। नवीन आंगनवाड़ी भवन हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी अन्तर्गत 330 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 81 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में 05 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के तथा 01 पद आंगनवाड़ी सहायिका का पद रिक्त है। रिक्त पदों पर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी अन्तर्गत 61 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 34 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं।
पेयजल पूर्ती हेतु नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
71. ( क्र. 2449 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में विगत 5 वर्षों से नल-जल योजना के तहत कितनी पानी की टंकियों के निर्माण की स्वीकृति दी गई? उनमें से कितनी पूर्ण हो चुकी हैं तथा कितनी शेष हैं? जो पानी की टंकियां पूर्ण हो चुकी हैं उनसे पेयजल सप्लाई किया जा रहा है अथवा नहीं? अगर नहीं, तो क्यों? पानी टंकी की निर्माण एजेन्सी का नाम, पता व निर्माण लागत सहित जानकारी देवें। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अन्तर्गत पेयजल की समस्या को देखते हुये नल-जल योजना के तहत शेष ग्राम पंचायत में पानी की टंकी का निर्माण किया जाना आवश्यक है, यदि हाँ, तो इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, आवश्यक होने पर योजना में टंकी निर्माण कार्य प्रस्तावित एवं स्वीकृत किया जाता है।
जबलपुर जिले में शासकीय चिकित्सकों की कमी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
72. ( क्र. 2463 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय चिकित्सकों की कमी होने के कारण उपचार में विलंब होता है? (ख) क्या डब्ल्यू.एच.ओ. के मानक अनुसार प्रति एक हजार व्यक्तियों पर एक चिकित्सक होना चाहिए? (ग) यदि हाँ तो क्या जबलपुर जिले में मानक अनुसार शासकीय चिकित्सक पदस्थ हैं? (घ) यदि नहीं, तो चिकित्सकों की कमी कब तक दूर की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) डब्लू.एच.ओ. द्वारा प्रति 1 हजार व्यक्तियों पर एक चिकित्सक की अनुशंसा की गई है परंतु कोई मानक निर्धारित नहीं किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ के शत्-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञों के पद जिन्हें शत्-प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है की पूर्ति में कठिनाई हो रही है। म.प्र. लोक सेवा आयोग को 727 चिकित्सकों पदपूर्ति हेतु मांग-पत्र प्रेषित किया गया है। पदपूर्ति हेतु बंधपत्र अंतर्गत एवं संविदा एन.एच.एम. चिकित्सकों की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
जबलपुर जिले में शिशु गृहों के बच्चों की परवरिश
[महिला एवं बाल विकास]
73. ( क्र. 2464 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में शिशु गृहों की ग्रांट क्षमता से कम एवं समय पर नहीं दी जा रही है? (ख) क्या इसी कारण बच्चों की परवरिश समुचित नहीं हो रही है? (ग) क्या शिशु गृहों की क्षमता निर्धारित नहीं की गई है? (घ) यदि हाँ तो क्या क्षमता निर्धारित की जावेंगी? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा अनुदान स्वीकृति उपरांत विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण (शिशुगृह) को अनुदान दिया जाता है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण (शिशुगृह) की क्षमता योजनान्तर्गत निर्धारित है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शुद्ध पेयजल की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
74. ( क्र. 2474 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2021 की स्थिति में सिवनी जिले की ग्रामीण क्षेत्र में कौन-कौन से ग्राम के नागरिक फ्लोराइड युक्त पानी पी रहे हैं तथा क्यों? (ख) उक्त गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की गई? (ग) सिवनी जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों को वर्ष 2018-19 से जनवरी 2021 तक की अवधि में विभाग द्वारा किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि किस आधार पर दी? (घ) उक्त राशि से ग्राम पंचायतों द्वारा क्या-क्या कार्य कितनी राशि के कहाँ-कहाँ करवाये गये? उक्त कार्यों का मूल्यांकन एवं अंतिम मूल्यांकन कब-कब किस अधिकारी ने किया? वर्तमान में किन-किन ग्राम पंचायतों द्वारा राशि व्यय नहीं की गई है तथा क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) फ्लोराइड प्रभावित प्रत्येक ग्राम में सुरक्षित पेयजल स्त्रोत उपलब्ध होने के कारण, किसी भी ग्राम के नागरिक फ्लोराइडयुक्त पानी नहीं पी रहे हैं। (ख) जिन नलकूपों में फ्लोराइड की मात्रा निर्धारित मापदण्ड से अधिक पाई गई हैं उन्हें चिन्हित कर उन नलकूपों का पानी पेयजल के लिये उपयोग नहीं करने की समझाइश ग्रामवासियों को दी गई है। इस प्रकार के चिन्हित स्त्रोतों में फ्लोराइड रिमूवल संयंत्र लगाने की कार्यवाही की जा रही है इसके अतिरिक्त ग्राम केवलारी के लिए सतही जल स्त्रोत आधारित योजना तैयार कर निविदा आमंत्रित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में विभाग द्वारा सिवनी जिले में पेयजल कार्यों पर रू. 6499.09 लाख की राशि व्यय की गयी है, विभाग ने ग्राम पंचायतों को राशि नहीं दी है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्द्र हेतु क्रय की गई सामग्री में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
75. ( क्र. 2491 ) श्री राकेश गिरि : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिला मुख्यालय स्थित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण केन्द्र के लिये वर्ष 2013-14 में प्रशिक्षणार्थियों के उपयोग हेतु पलंग, गद्दा, कम्बल, खाने के वर्तन, टेविल कुर्सी एवं संदूक सहित विभिन्न उपयोगी सामग्री क्रय की गई थी? यदि हाँ तो मदवार क्रय सामग्री आदेश एवं सामग्री की मूल्य सहित सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या आदेशानुरूप पूर्ण सामग्री सप्लाई की गई थी? यदि हाँ तो भण्डार सत्यापन प्रतिवेदन तथा भौतिक रूप में सामग्री के बाबत्, विवरण उपलब्ध कराये। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार आदेशित सामग्री के विरूद्ध यदि कम मात्रा में सामग्री सप्लाई की गई तो इस अनियमितता के लिये कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) अनुसार विभिन्न अनियमितताओं के चलते ही क्या प्रशिक्षण केन्द्र का स्थानांतरण सागर किया गया है? यदि हाँ तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? यदि नहीं, तो टीकमगढ़ में प्रशिक्षण केन्द्र कब पुर्नस्थापित होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं। विभागीय आदेश क्र. 2040/610/2019/50-2 (ए.एन.) भोपाल दिनांक 08.03.2019 द्वारा टीकमगढ़ जिले में प्रशिक्षणार्थियों का पर्याप्त बैकलॉग न होने के कारण आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण केन्द्र टीकमगढ़ को अमले सहित जिला सागर स्थानांतरित किया गया है। टीकमगढ़ जिले में प्रशिक्षण केन्द्र पुर्नस्थापित किये जाने हेतु वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
दोषी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
76. ( क्र. 2530 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रजिस्ट्रीकरण के लिये प्रस्तुत किसी विक्रय पत्र में साशय कोई मिथ्या अभिवचन या दस्तावेज़ प्रस्तुत करना आपराधिक कृत्य है? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति देवें। (ख) क्या ग्राम बाग तहसील कुक्षी जिला धार स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 247. 248. 249 व 250 कुल का विक्रय-पत्र कमांक MP11132020A1384082 उप पंजीयक कार्यालय कुक्षी जिला-धार में दिनांक 10/07/2020 को दर्ज हुआ है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के विक्रय पत्र की शिकायत की जाँच के सम्बन्ध में प्रतिवेदन, कथन, पंचनामा, पटवारी रिपोर्ट, मोके के फोटो जिला पंजीयक, धार को प्रस्तुत किये गये थे? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में वर्णित दस्तावेज़ों से यह तथ्य प्रकट हुआ है कि प्रश्नांश (ख) में वर्णित भूमिया सिंचित हैं। मुख्य मार्ग पर अनेकों वृक्ष, नाला और भवन मौजूद हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (ख) का विक्रय पत्र मिथ्या अभिवचन एवं कुटरचित फोटो प्रस्तुत कर निष्पादित हुआ है? (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि सत्य है तो प्रश्नांश (क) के अनुसार दोषियों पर एफ.आई.आर. दर्ज किया जाएगा या नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित दस्तावेजों से प्रकट हुआ है कि प्रश्नांश (ख) में वर्णित भूमि ऊबड़-खाबड़, बंजर, असंचित व पड़त है। खसरा नकल एवं भू-अधिकार ऋण पुस्तिका में भूमि पड़त दर्ज है। इसका आंशिक भाग मुख्य मार्ग पर तथा शेष भाग अंदर स्थित है। इसमें वृक्ष व नाला मौजूद हैं किन्तु भवन स्थित नहीं है। उप पंजीयक के समक्ष दस्तावेज के निष्पादन के संबंध में मिथ्या अभिवचन एवं कूटरचित फोटो प्रस्तुत किये जाने संबंधी तथ्य प्रमाणित नहीं हुआ है। (ड.) शिकायतकर्ता द्वारा स्वयं पुलिस थाना कुक्षी में आवेदन किया गया है। सिविल मामला अतिरिक्त जिला न्यायाधीश कुक्षी के समक्ष प्रचलित है। जहां तक पंजीयन विभाग की कार्यवाही का प्रश्न है भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा 40 एवं मध्यप्रदेश असम्यक रूप से मुद्रांकित लिखतों एवं न्यून मूल्यांकित लिखतों का निवारण नियम, 2018 के प्रावधानों के अधीन सम्पत्ति के बाजार मूल्य निर्धारण एवं उचित शुल्क अवधारण हेतु कलेक्टर ऑफ स्टाम्प द्वारा प्रकरण दर्ज किया गया है। उक्त परिप्रेक्ष्य में पंजीयन विभाग द्वारा FIR दर्ज कराए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोरोल काल में की गई खरीददारी एवं भर्तियों का ब्यौरा
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
77. ( क्र. 2580 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले अन्तर्गत कोरोना काल के दौरान मार्च महीने से अब तक कोराना संबंधी क्या-क्या खरीददारी और किस जगह से की गई है? पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करें। (ख) कोराना महामारी के दौरान जिला अस्पताल में आवश्यक सेवा के तहत या इसके विभिन्न पोस्टों में कितनी भर्तियां की गई? वह सभी भर्ती जो इस दौरान की गई उनकी योग्यता का निर्धारण किस आधार पर किया गया था व उसका तय पैमाना अर्थात योग्यता व अनुभव आदि की क्या अनिवार्य शर्तें थीं? (ग) चयनित अभ्यर्थियों समेत सभी आवश्यक ब्यौरा प्रस्तुत करें। साथ ही भर्ती करने वाले पैनल की सूची व उनकी योग्यता का ब्यौरा भी प्रस्तुत करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। उपरोक्तानुसार जानकारी संबंधित संस्था से प्राप्त कर पत्र में सम्मिलित की गयी है। अतः प्राप्त जानकारी अनुसार जवाब प्रस्तुत है।
सिविल हॉस्पिटल में विद्युत व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
78. ( क्र. 2582 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित हॉस्पिटल में निरंतर विद्युत प्रवाह हेतु स्वतंत्र फीडर अब तक नहीं लगने के क्या कारण हैं? यह कार्य कब तक कर दिया जयेगा? (ख) क्या वर्ष 2017 में जिला चिकित्सालय बालाघाट में विद्युत बाधित होने के कारण बच्चों की मौत के बाद भविष्य में ऐसी घटना रोकने के लिए विषयांकित हॉस्पिटल में निरंतर विद्युत प्रवाह हेतु स्वतंत्र फीडर लगाने का निर्णय लिया गया था? क्या विद्युत विभाग द्वारा समय पर प्राक्कलन प्राप्त नहीं होने के कारण यह राशि का आवंटन नहीं हो सका हैं? (ग) विषयांकित में अब तक स्वतंत्र फीडर न लगने हेतु कौन दोषी है तथा उन पर क्या कार्यवाही की जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विद्युत प्रवाह हेतु स्वतंत्र फीडर लगाने का कोई प्राक्कलन म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी से स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त नहीं हुआ, विद्युत लोड की आवश्यकता का आंकलन कर मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा बाह्य विद्युतीकरण कार्य हेतु दिनांक 02.01.2020 को राशि रूपये 13, 14, 884/-का प्राक्कलन प्रस्तुत किया था, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति विभाग द्वारा दिनांक 06.07.2020 को जारी की जा चुकी है। जिसका यथाशीघ्र कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा। (ख) जी हाँ, जिला स्तर पर। प्रश्न भाग की जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है। (ग) स्वंतत्र फीडर न लगने हेतु स्वास्थ्य विभाग का कोई अधिकारी दोषी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्रों का विकास
[पर्यटन]
79. ( क्र. 2586 ) श्री सुनील उईके : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में कलेक्टर छिन्दवाड़ा के द्वारा पत्र क्रमांक/30/डी.ए.टी.सी/2019 दिनांक 26.10.2019 के द्वारा 15 प्रोजेक्ट लागत 1397 लाख के भेजे गये थे, वे कब-तक स्वीकृत होंगे? (ख) पत्र क्रमांक म.प्र. राज्य पर्यटन विकास विभाग के पत्र क्रं/MBD-317 दिनांक 15.02.2019 के चाहे गये प्रस्ताव कलेक्टर छिन्दवाड़ा द्वारा भोपाल भेज दिये गये हैं? (ग) प्रबंध संचालक म.प्र. पर्यटन विकास निगम को पत्र क्रमांक/2019/10/10/19 से विकास कार्य हेतु पत्र से प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं? (घ) प्रस्तावित पर्यटन केन्द्र के कार्य कब तक स्वीकृत होंगे, जिससे आदिवासी ग्रामीणों को रोजगार मिल सकेगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) बजट की उपलब्धता के आधार पर कार्यों की स्वीकृति दी जाती है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्त्रोत आधारित समूह नल-जल योजना की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
80. ( क्र. 2594 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 646 दिनांक 29.12.2020 के उत्तर में राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ अंतर्गत समस्त घरों में नल के माध्यम ( स्त्रोत आधारित समूह नल-जल योजना ) से पेयजल प्रदाय करने हेतु डी.पी.आर. तैयार कराई जा रही है, संबंधी जानकारी दी गई थी? यदि हाँ तो क्या महाप्रबंधक मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित पी.आई.यू. राजगढ़ द्वारा 698 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार कराई जाकर स्वीकृति हेतु फरवरी 2020 में प्रेषित की जा चुकी है? यदि हाँ तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त डी.पी.आर. अनुसार आवश्यक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? (ख) क्या राजगढ़ जिले में एक मात्र विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ ही उक्त योजना के लाभ से प्रश्न दिनांक तक वंचित है तथा प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय से उक्त योजना की स्वीकृति हेतु मांग पत्र प्रेषित किया हुआ है? यदि हाँ तो क्या शासन विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ अंतर्गत समस्त घरों में नल के माध्यम से पेयजल प्रदाय योजना की स्वीकृति जल जीवन मिशन अंतर्गत सम्मिलित करने की अपेक्षा राजगढ़ जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में प्रदान की गई? स्वीकृति अनुसार ही उक्त वर्णित डी.पी.आर. की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। योजना जल जीवन मिशन के मापदण्ड अनुसार तैयार की जा रही है, डी.पी.आर. तैयार होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) जी हाँ। जी नहीं। योजना की तकनीकी व्यवहार्यता अनुसार स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में मेटरनिटी वार्ड एवं शव परीक्षण गृह
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
81. ( क्र. 2595 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 651 दिनांक 30.12.2020 के उत्तर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन में अतिरिक्त 10 बिस्तर मेटरनिटी वार्ड हेतु परियोजना परीक्षण समिति में उक्त प्रस्ताव सम्मिलित होने पर उन्नयन कार्य की स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी, संबंधी जानकारी दी गई थी? तो क्या प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा उक्त प्रस्ताव को परियोजना परीक्षण समिति में सम्मिलित कर वांछित स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ तो बतावें। यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से लंबित है? (ख) उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन के अंतर्गत वर्तमान में शव परीक्षण हेतु क्या व्यवस्था है? क्या उक्त केन्द्र पर शव परीक्षण गृह ( पी.एम.रूम ) नहीं होने से पी.एम. हेतु शासकीय वाहन से शव अन्यत्र भेजने अथवा मृतक के परिजनों द्वारा निजी वाहन से ले जाने पर दोनों ही प्रकार से अनावश्यक व्यय भार आता है? यदि हाँ तो उक्त समस्या के स्थाई निराकरण हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन अंतर्गत अतिरिक्त 10 बिस्तर मेटरनिटी वार्ड एवं शव परीक्षण गृह ( पी.एम.रूम ) की आवश्यक स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। वित्तीय उपलब्धता अनुसार परियोजना समिति में आगामी वित्तीय वर्ष में उक्त प्रस्ताव सम्मिलित होने पर उक्त कार्य की स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी। (ख) जी नहीं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन से शव परीक्षण हेतु नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोडा एवं पचोर में शासकीय वाहन से शव भेजा जाता है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'ग' भाग का उत्तर 'क' एवं 'ख' में समाहित है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
भीकनगॉव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
82. ( क्र. 2599 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत भीकनगाँव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र वर्तमान में कितने बिस्तर का संचालित हैं तथा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में होने एवं जिला अस्पताल की दूरी अधिक होने से क्या बिस्तर की संख्या उन्नयन करने संबंधी मांग प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ तो वर्तमान में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या क्षेत्रवासियों की मांग एवं आवश्यकता को देखते हुए इसी वित्तीय वर्ष में भीकनगाँव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन का 30 बिस्तर से 100 बिस्तर किया जा सकता है? नहीं तो क्या कारण है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्तमान में भीकनगाँव में 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं। उन्नयन के संबंध में मांग प्राप्त नहीं हुई हैं। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मांग प्राप्त होने पर उन्नयन संबंधी कार्यवाही किये जाने पर विचार किया जायेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामग्री सप्लाई तथा टैक्स की चोरी करने पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
83. ( क्र. 2602 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सरदारपुर जिला धार द्वारा वाणिज्य कर अधिकारी जिला धार को पत्र क्रमांक 424 दि. 22.02.2020 से अवगत करवाया गया कि सप्लायर फर्जी टिन नम्बर से सामान दे रहे हैं? यदि हाँ तो बताएं कि इस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के आधार पर विभाग द्वारा एक वर्ष की अवधि में खरीदी बिलों के टिन नम्बर की जांच की गई तथा उसमें क्या पाया गया? (ग) फर्जी टिन नम्बर से सामग्री सप्लाई करने तथा टैक्स की चोरी करने पर कानून में किस प्रकार की सजा का प्रावधान हैं? उसकी प्रति देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सरदारपुर जिला धार का प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र धार वृत कार्यालय में प्राप्त हुआ है, उक्त पत्र के संलग्न सूची में वेंडरों के नाम तथा पी.एफ.एम.एस. कोड के अतिरिक्त कोई जानकारी उपलब्ध नहीं थी। अत: सत्यापन हेतु आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराए जाने बाबद वाणिज्यिक कर अधिकारी, धार वृत के द्वारा पत्र क्रमांक वाक/सा./2020/1345 धार दिनाँक 24-08-2020, पत्र क्रमांक/वाक/सा./2020/1711 धार, दिनाँक 16-12-2020 एवं पत्र क्रमांक/वाक/सा./21/327/धार, दिनाँक 06-02-2021 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सरदारपुर जिला धार को संबंधित वेंडरों के प्रोपराईटर नाम, पता, जी.एस.टी. पंजीयन क्रमांक पेन नम्बर एवं सप्लाई पर भुगतान राशि एवं टी.डी.एस. कटोत्रे की जानकारी उपलब्ध कराए जाने हेतु अनुरोध किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित अनुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सरदारपुर जिला धार द्वारा प्रेषित पत्र के संलग्न सूची में केवल वेंडरों के नाम तथा पी.एफ.एम.एस. कोड का उल्लेख है। अत: वाणिज्यिक कर अधिकारी, धार वृत के द्वारा पत्र क्रमांक वाक/सा./2020/1345 धार दिनाँक 24-08-2020, पत्र क्रमांक/वाक/सा./2020/1711 धार, दिनाँक 16-12-2020 एवं पत्र क्रमांक/वाक/सा./21/327/धार, दिनाँक 06-02-2021 द्वारा पंचायत वेंडरों के प्रोपराईटर नाम, पता, जी.एस.टी. पंजीयन क्रमांक/पेन नम्बर एवं सप्लाई पर भुगतान राशि एवं टी.डी.एस. कटोत्रे की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सरदारपुर जिला धार को अनुरोध किया गया है। (ग) फर्जी टिन नंबर से व्यवसाय करने तथा टैक्स चोरी स्थापित होने की स्थिति में माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के अंतर्गत शास्ति एवं अभियोजन के प्रावधान हैं। अपराध और शास्तियां संबंधी प्रावधानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्र विहीन ग्राम एवं मजरे
[महिला एवं बाल विकास]
84. ( क्र. 2604 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में संचालित हो रहे हैं तथा कितने निजी भवनों में संचालित हो रहे हैं। निजी भवनों में संचालित होने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों के शासकीय भवन हेतु क्या कार्यवाही की गई हैं। (ख) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्राम एवं मजरें में आंगनवाड़ी केन्द्र व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र से विहीन हैं? पात्रता रखने वाले ग्रामों में कब तक मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत कर दिये जावेंगे। (ग) धार जिले में बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य सर्वेक्षण में 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया? चिन्हित किये गये बच्चों में से कितने बच्चें कुपोषण मुक्त हुये तथा कितने बच्चे कुपोषण से मुक्त नहीं हुये? कुपोषण से मुक्त नहीं होने का क्या कारण है? (घ) उपरोक्त अनुसार ऐसे कितने कुपोषित बच्चें हैं जो पिछले लम्बे समय से कुपोषित हैं तथा उनके संदर्भ में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? कुपोषण की दृष्टि से धार जिले का प्रदेश में व देश में कौन सा स्थान है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 296 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में संचालित हो रहे हैं तथा 133 निजी भवनों में संचालित हो रहे है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण एक सतत् प्रकिया है जो कि वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। जिलों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर वर्तमान में राज्य आयोजना मद अन्तर्गत नवीन आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति दी जा रही है। (ख) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में 02 ग्राम के 03 मजरे आंगनवाड़ी केन्द्र व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र से विहीन हैं। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति नहीं दी जा रही है, जिसकी समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है। (ग) धार जिले में बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य सर्वेक्षण में 2015 से प्रश्न दिनांक तक मध्यम कम वजन में 414909 एवं अति कम वजन में 39362 बच्चों को चिन्हित किया गया। चिन्हित किये गये बच्चों में से मध्यम कम वजन के 380240 एवं अति कम वजन के 35644 बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए। मध्यम कम वजन में 34669 तथा अति कम वजन में 3718 बच्चे सामान्य वजन में आना शेष हैं। बच्चे का बार-बार बीमार होना, पलायन आदि कारणों से बच्चे कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाते हैं। (घ) पिछले लम्बे समय से कुपोषित बच्चों की जानकारी निंरक है। NFHS-IV वर्ष 2015-16 सर्वे अनुसार प्रदेश की जिलों की उपलब्ध जानकारी अनुसार प्रदेश में धार जिला सामान्य से कम वजन (0-5 वर्ष) के प्रतिशत में 11वें स्थान पर है।
क्षेत्रीय स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
85. ( क्र. 2610 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर, पिपलोदा तहसील व जावरा तहसील अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं हेतु सिविल हॉस्पिटल, महिला चिकित्सालय, शहरी केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र किन-किन स्थानों पर कार्यरत होकर संचालित किये जा रहे हैं? (ख) उपरोक्त उल्लेखित अथवा अन्य भी जहां से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं, क्या वे स्वयं के भवनों में संचालित किए जा रहे हैं अथवा अन्य स्थानों पर कार्यरत हैं? (ग) उपरोक्त उल्लेखित कार्यरत केन्द्रों हेतु किस-किस प्रकार के कितने पदों का सृजन होकर उनके विरुद्ध कितने पद भरे गये व कितने पद कितने वर्षों से रिक्त पड़े हैं? (घ) अवगत कराएं कि वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त केन्द्रों के रख-रखाव, मरम्मत, फर्नीचर, विद्युती, पेयजल, आंतरिक सड़क मार्ग इत्यादि अन्य भी निर्माण अधोसरंचना के कार्यों हेतु वर्षवार कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर उससे क्या-क्या कार्य किये गये? कितने पूर्ण, कितने अपूर्ण रहे कितने लंबित है? प्राप्त बजट राशि, व्यय के भौतिक सत्यापन सहित बतावेंl
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) के परिशिष्ट में सम्मिलित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
संविदा नियुक्ति के प्रकरणों का निपटान
[सामान्य प्रशासन]
86. ( क्र. 2611 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न कारणों से शासन/विभाग द्वारा अपने–अपने आवश्यक विभागीय कार्य किये जाने हेतु संविदा नियुक्तियां प्रदान कर शासकीय कार्यों का निपटान प्रारम्भ किया है? (ख) यदि हाँ तो शासन/विभाग द्वारा विगत किस व किन वर्षों से विभागीय कार्य किये जाने हेतु संविदा नियुक्तियां दी जाना प्रारम्भ की? (ग) संविदा द्वारा भर्ती कर्मियों का वेतन निर्धारण, पदोन्नति, नियमितीकरण भविष्य निधि, दुर्घटना/बीमारी की दशा में सहायता, पेंशन इत्यादि के निर्धारण के संबंध में क्या विचार किया जा रहा है? किन नीति, नियमों के अंतर्गत कब तक किया जा सकेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) संविदा पर नियुक्त कर्मियों को उनके सेवा शर्तें एवं शासन की संविदा नीति-निर्देश दिनांक 05 जून, 2018 अनुसार सुविधाएं देय हैं।
देशी शराब के ठेकेदारों के द्वारा गाँव-गाँव शराब की अवैध बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
87. ( क्र. 2616 ) श्री तरबर सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जो शासकीय देशी शराब की दुकानें है उन्हें शराब बेचने का अधिकार दुकान से है या दुकान के बाहर, दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में गाँव-गाँव ले जाकर? (ख) क्या आबकारी विभाग इन पर कोई कार्यावाही नहीं कर सकता है। (ग) क्या ऐसे देशी शराब ठेकेदारों के लाईसेंस निरस्त नहीं किये जा सकते? (घ) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बण्डा में सभी देशी शराब दुकानों के ठेकेदारों के द्वारा गाँव-गाँव में अवैध शराब का व्यापार कराया जा रहा है? जिससे गाँव में अशांति का माहौल बना हुआ है। इन सभी देशी शराब दुकानों के ठेकेदारों के लाईसेंस कब तक निरस्त किये जावेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत बनाये गये सामान्य अनुज्ञप्त शर्तों के नियम-3 अनुसार मदिरा दुकान परिसर के बाहर मदिरा का विक्रय किया जाना प्रतिबंधित है। (ख) अनुज्ञप्त परिसर के बाहर अवैध रूप से मदिरा का विक्रय, परिवहन, संग्रहण होना पाये जाने पर आबकारी अधिनियम, 1915 की धारा 34 (1) एवं 34 (2) के तहत कार्यवाही की जाती है। (ग) अनुज्ञापन अधिकारी लायसेन्स शर्तों का उल्लंघन पाये जाने पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 की धारा 31 के अंतर्गत लायसेन्स निरस्त किया जाना प्रावधानित है। (घ) यह कहना असत्य है कि ठेकेदार द्वारा बण्डा विधानसभा क्षेत्रातर्गत गाँव-गाँव अवैध शराब का व्यापार करवाया जा रहा है। किसी गाँव में अशांति का माहौल जैसी स्थिति निर्मित नहीं हुई है। इस तरह के कोई प्रकरण देशी शराब दुकानों के ठेकेदारों के विरूद्ध कायम न होने से जानकारी निरंक है।
लोकार्पण एवं भूमि पूजन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
88. ( क्र. 2618 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विगत 3 महीनों में जो भूमि पूजन कराए गए वह किसके द्वारा किन से कराए गए व कहाँ-कहाँ कराए गए? आमंत्रण पत्र व शिलालेख का विवरण छायाप्रति कार्यवार देवें। (ख) क्या भूमि पूजन या लोकार्पण की सूचना कम से कम सात दिवस पूर्व मिलनी चाहिए? ऐसा प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में जिला कलेक्टर को पत्र/मेल द्वारा अवगत करा दिया गया था? यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता को प्रश्नांश (क) अनुसार किए गए लोकार्पण व भूमि पूजन की सूचना कितने दिवस पूर्व दी गई? (ग) क्या लोकार्पण/भूमि पूजन में मान. सांसद व मा. विधायक दोनों उपस्थित हैं तो मा. सांसद व मा. विधायक दोनों द्वारा लोकार्पण/भूमि पूजन कराया जाएगा या विधायक की उपस्थिति रहेगी? (घ) विगत 3 माह में हुए लोकार्पण भूमि पूजन मा. सांसद द्वारा कराए गए एवं मा. विधायक की सिर्फ उपस्थिति रही? क्या यह प्रोटोकॉल अनुसार सही है? यदि है तो कैसे और नहीं तो दोषी अधिकारियों पर कब तक व क्या कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जी हाँ। 02 दिवस पूर्व। (ग) प्राटोकाल अनुसार (म.प्र.राजपत्र असाधारण प्राधिकार दिनांक 23.12.2011 क अनुसार) (घ) जी हाँ। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आहरण पर प्रतिबंध होने से लेप्स आवंटन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
89. ( क्र. 2620 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 में दिनांक 28 मार्च 2020 से आहरण पर प्रतिबंध होने के कारण जिला कोषालयों में देयक स्वीकार नहीं होने के कारण विधायक निधि से कितनी राशि लेप्स हुई तथा कितनी राशि जिला कोषालय से आहरित होने के उपरान्त भी क्रियान्वयन एजेंसी (बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ.) को आज दिनांक तक अंतरित नहीं हो पाई है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाई गयी लेप्स राशि एवं क्रियान्वयन एजेंसी (बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ.) को अंतरित राशि की जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में दर्शाई गई राशि आगामी वित्तीय वर्ष में उपलब्ध हो सकेगी? यदि हाँ तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत राशि रू. 59, 18, 76, 513/- लेप्स हुई, जिसमें से राशि रू. 2, 97, 54, 733/- बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ. प्रक्रिया के तहत भुगतान नहीं हो सकी। (ख) जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राशि आवंटित कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
90. ( क्र. 2646 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के संविदा कर्मचारी जो 05 वर्षों से अधिक की सेवाएं शासकीय विभागों में दे चुके हैं उन्हें कब तक नियमित कर दिया जावेगा? (ख) संविदा कर्मचारी जिस पद पर 05 वर्षों से अधिक की सेवाएं शासकीय विभागों में कार्यरत हैं, यदि संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाता है तो क्या उनकी परिवीक्षा अवधि होगी? यदि हाँ तो परिवीक्षा अवधि कितने वर्ष की होगी? (ग) जिन संविदा कर्मचारी को शासकीय विभागों में 05 वर्षों से अधिक की सेवाएं हो चुकी हैं उनकी परिवीक्षा अवधि का क्या औचित्य है? कारण सहित बतायें। (घ) क्या शासन संविदा कर्मचारियों के कार्य, अनुभव, व्यवहार, कुशलता के आधार पर परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं कर सकती? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 05 जून, 2018 को जारी संविदा नीति-निर्देश में नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किए जाने का प्रावधान है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। तीन वर्षों के लिये। (ग) संविदा/नियमित सेवा में नियुक्त कर्मचारियों की सेवा शर्तें पृथक-पृथक होने के कारण। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोकायुक्त में दर्ज प्रकरणों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
91. ( क्र. 2659 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1695 दि. 21/07/17 के प्रश्नांश (क) के परिशिष्ट 'अ' में वर्णित क्रमांक 40 प्रकरण क्रमांक 17/11 में क्या जांचकर्ता अधिकारी से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है? यदि नहीं, तो इस संबंध में हुए पत्र व्यवहार का विवरण देकर बतावें कि यह जाँच कब तक पूर्ण होगी? (ख) इसी अनुसार क्रमांक 20 प्रकरण क्रमांक 56/12 से विभाग के पत्र क्रमांक एफ 12-9/ 2012/सत्रह/मेडि-1 दिनांक 14/12/15 में उल्लेख है कि प्रकरण के एक आरोपी ने स्वयं ही लोकायुक्त प्रकरण समाप्त होने की जानकारी दी है तो क्या विभाग ने इसे स्वीकार कर लिया है? यदि हाँ तो कारण बतावें। (ग) यदि नहीं, तो विभाग ने इसकी वस्तुस्थिति जानने के लिए जो पत्राचार किया है उसका विवरण देवें। (घ) भ्रष्टाचार के प्रकरणों को लंबे समय से लंबित कर ध्यान न देने वाले इससे संबंधित अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। लोकायुक्त कार्यालय के पत्र क्र.4229/जा.प्र.56/12 दिनांक 20.10.2014 उक्त प्रकरण की कार्यवाही समाप्त की जाने की सूचना दी गयी है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रकरणों में अद्यतन स्थिति की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
92. ( क्र. 2660 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1695, दि. 21-07-17 के अनुसार विभाग द्वारा शासन को भेजे गये पत्रों की प्रमाणित प्रति पत्रवार देवें। (ख) उपरोक्तानुसार प्रकरण क्र. EOW-R-646/12, EOW R-1169/ 3, EOW R-892/13, EOW R-1134/13 के प्रकरणों में अद्यतन स्थिति की जानकारी देकर बतावें कि विगत 7 वर्षों में इन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कारण है कि 7 वर्षों से अधिक समय से लंबित कार्यवाहियां पूर्ण करने में कितना समय लगेगा? (घ) कार्यवाही लंबित कर आरोपी अधिकारियों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि पर अतिक्रमण एवं अवैध कब्जे
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
93. ( क्र. 2667 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के ग्राम भीमाखेड़ा के ताजपुरा के हल्का नंबर 28 सर्वे नंबर 189/9 के तहत भूमि किन-किन लोगों को पट्टे या लीज पर दिए हैं? प्रत्येक आदेश की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) वर्तमान में विभाग की इस भूमि पर कितने अतिक्रमण एवं अवैध कब्जे हैं? कब्जेदार का नाम, रकबे सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किस नियम/आदेश के तहत भूमि पट्टा या लीज पर दी गयी है, उस नियम/आदेश की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार नियमों का उल्लंघन कर दिए पट्टे/लीज कब तक निरस्त की जाएगी? प्रश्नांश (ख) अनुसार अतिक्रण एवं अवैध कब्जे कब तक हटा दिए जाएंगे?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3, 4 एवं 5 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार नियमों का उल्लंघन कर किसी भी इकाई को पट्टा/लीज नहीं दी गई है। अत: निरस्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अतिक्रमण हटाने का कार्य राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है। अत: समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
तकायमी कारखानों हेतु प्रदान की गई जिलेवार भूमि
[संस्कृति]
94. ( क्र. 2685 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य अभिलेखागार स्थित बाणगंगा मार्ग, भोपाल में उज्जैन जिले के ग्वालियर स्टेट द्वारा तकायमी कारखानों हेतु प्रदान की गई भूमि संबंधित अभिलेख एवं गजट नोटिफिकेशन कितने वर्षों का उपलब्ध है? (ख) राज्य अभिलेखागार में उज्जैन जिले के ग्वालियर स्टेट द्वारा निजी व्यक्तियों, कम्पनियों, फर्मों को भूमि के औद्योगिक उपयोग हेतु जारी किये गये तकायमी कारखानों की श्यार्त पर जीनिंग फैक्ट्रियों व अन्य उद्योगों से संबंधित कितने प्रकरण एवं कबुलियत नामा एवं पट्टे गजट नोटिफिकेशन उपलब्ध है? स्थान, दिनांक, नाम, गजट नोटिफिकेशन सहित पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) आजादी के पूर्व ग्वालियर स्टेट द्वारा कारखानों हेतु भूमि प्रदान करने हेतु तकायमी कारखाने व अन्य उद्योगों हेतु उज्जैन जिले की तहसीलों में किन-किन व्यक्तियों/फर्मों/कम्पनियों को पट्टा प्रदान किया गया? नाम, पट्टा की छायाप्रति, गजट नोटिफिकेशन की छायाप्रति तहसीलवार उपलब्ध कराते हुए विवरण दें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) ग्वालियर स्टेट द्वारा तकायमी कारखानों हेतु प्रदान की गई जिलेवार भूमि अथवा उज्जैन जिले के तकायमी कारखानों की भूमि से संबंधित अभिलेखों एवं गजट नोटिफिकेशन की सूची विभाग अंतर्गत अभिलेखागार प्रभाग में उपलब्ध नहीं है. (ख) तकायमी कारखानों हेतु प्रदान की गई भूमि से संबंधित अभिलेखों एवं गजट नोटिफिकेशन की जानकारी विभाग अंतर्गत अभिलेखागार प्रभाग में उपलब्ध नहीं है. (ग) तकायमी कारखानों हेतु प्रदान की गई भूमि से संबंधित अभिलेखों एवं गजट नोटिफिकेशन की जानकारी विभाग अंतर्गत अभिलेखागार प्रभाग में उपलब्ध नहीं है.
झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
95. ( क्र. 2694 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेडिकल क्लीनिक खोलने हेतु शासन के नियमानुसार क्या-क्या आवश्यक अर्हता होना चाहिए? (ख) क्या भोपाल नगर निगम सीमा में वार्ड क्र. 53 के मकान नं. 232 जाटखेड़ी में गोपाल क्लीनिक संचालित है? यदि हाँ तो क्लीनिक संचालन हेतु न्यूनतम योग्यता, रजिस्ट्रेशन, क्लीनिक चलाने वाले के पास है? यदि है, तो क्लीनिक के बोर्ड पर अंकित क्यों नहीं किया गया है? (ग) क्या किसी फर्जी व्यक्ति द्वारा क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है, जिस कारण गरीब जनता से दवाई के नाम पर अनाप-शनाप पैसे लिये जा रहे हैं? यदि हाँ तो ऐसे फर्जी क्लीनिक संचालन करने वाले के विरूद्ध शासन एफ.आई.आर. कराकर दण्डात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं? (घ) भोपाल जिले में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा ऐसी कितनी क्लीनिक संचालित हैं, जिनकी न्यूनतम योग्यता एवं शासकीय मापदण्ड़ अनुरूप रजिस्ट्रेशन वैध नहीं है? इनकी संख्या बतावें एवं शासन के मापदण्ड अनुरूप संचालन न करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों का क्लीनिक कब तक बंद कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) मेडिकल क्लीनिक खोलने हेतु शासन के नियमानुसार अर्हतायें म.प्र उपचर्या तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 के अनुसूची-तीन (नियम 18) अनुसार होनी चाहिए। (ख) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। दिनांक 13/02/2021 को संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध थाना मिसरौद में प्राथमिकी दर्ज की गई है। (घ) भोपाल जिले में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा संचालित किसी भी क्लीनिक को शासकीय मापदण्ड अनुरूप रजिस्ट्रेशन जारी नहीं किया गया है। संख्या का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शासन के मापदण्ड अनुरूप संचालन न करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों की सूचना प्राप्त होते ही उनके विरूद्ध तत्काल विधिसम्मत कार्यवाही की जाती है/की जावेगी। इस हेतु कोई निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
मंदिरों एवं मौलवियों को मानदेय देने का प्रावधान
[अध्यात्म]
96. ( क्र. 2701 ) श्री हर्ष यादव : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा नियंत्रित मंदिरों के पुजारियों एवं ओकाफ बोर्ड की मस्जिदों के मौलवियों को प्रतिमाह मानदेय देने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ तो सागर जिले में कितने मंदिर एवं मस्जिदों में पुजारियों एवं मौलवियों को किस मानदेय पर नियुक्त किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या सागर जिले में ऐसे कितने मंदिर मस्जिद है जिनमें पुजारी/मौलवी नियुक्त नहीं है, उक्त मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति कब तक की जायेगी? वर्तमान में उक्त मंदिरों में पूजा अनुष्ठान एवं प्रबंधन कार्य की क्या व्यवस्था की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में मंदिरों एवं मस्जिदों में पुजारियों एवं मौलवियों के मानदेय में कब-कब और कितनी-कितनी वृद्धि की गई है, उन्हें आवास निर्माण एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए क्या प्रावधान किये गये हैं? क्या शासन द्वारा अतिरिक्त सुविधायें देने की योजना है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
97. ( क्र. 2702 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के विभिन्न शासकीय विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के बहुत से प्रकरण अनिर्णीत पड़े हुये हैं? यदि हाँ तो किस-किस विभाग में किस-किस के अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण अनिर्णीत पड़े हैं? विभागवार प्रकरण ओर प्रकरणवार लंबित रहने के कारण सहित जानकारी देवें। (ख) ऐसे अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण जो पद रिक्त न रहने के कारण निराकरण होना संभव नहीं होता है, उन प्रकरणों में आवेदक को मृत शासकीय कर्मचारी को मिले हुए अंतिम वेतन के आधार पर पाँच वर्ष तक नियमित वेतन दिये जाने का कोई नियम है? 1 जनवरी 2014 से अब तक सागर जिले में कितने प्रकरणों में कितने और किस-किस विभाग के किस-किस आवेदक को उक्त नियम के तहत लाभान्वित किया गया है? उनकी जानकारी विभागवार प्रकरणवार देंवे। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का कब तक निराकरण करा दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भवन एवं स्टॉफ विहीन उप स्वास्थ्य केन्द्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
98. ( क्र. 2705 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कहाँ-कहाँ स्वास्थ्य संस्थान हैं? सिविल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र आदि का पृथक-पृथक विवरण दें व बतावें कि यहां स्वीकृत स्टॉफ के विरूद्ध कितने-कितने पद कब से रिक्त हैं? वर्गवार जानकारी दें। (ख) डबरा विधानसभा क्षेत्र में कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन व स्टॉफ विहीन हैं? इन केन्द्रों के भवन स्वीकृत किये जाने व स्टॉफ की पदस्थी हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) डबरा विधान सभा क्षेत्र में भवन विहीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। भवन विहीन 08 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में से 02 उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर एजेंसी नियुक्त की जा चुकी है। उप स्वास्थ्य केन्द्रों में ए.एन.एम. के रिक्त पदों को भरने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है।
लिफ्ट ऐरीकेशन (एल.आई.एस.) परियोजना की स्वीकृति
[नर्मदा घाटी विकास]
99. ( क्र. 2708 ) श्री संजय यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी-चरगवां क्षेत्र में लिफ्ट ऐरीकेशन (एल.आई.एस.) बड़ादेव बरगी चरगवां परियोजना का प्रस्ताव विभाग में लंबित है? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करते हुए किये गये समस्त पत्राचार/नस्ती/प्रस्ताव का विवरण उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त परियोजना से संबंधित सभी वांछित कार्यवाही एवं प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। केवल नर्मदा घाटी विकास की बैठक में स्वीकृत होना शेष है? यदि हाँ तो बैठक में अनुमोदन के लिए क्यों नहीं भेजा जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक मिल पायेगी? यह योजना कब तक प्रारंभ होगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी को प्रेषित पत्र क्र. 1471/वि.बरगी/2020, दिनांक 24.12.2020 की मूल प्रति विभाग को प्राप्त हो गई है? यदि हाँ तो उक्त पत्र पर की गई कार्यवाही से अवगत करायें एवं उसकी सत्यापित प्रति उपलब्ध करायें। यदि मूल पत्र प्राप्त नहीं हुआ है तो मुख्यमंत्री जी द्वारा अनुमोदित पत्र कहा गुम गया है? इस प्रकार की लापरवाही के कौन जिम्मेदार है? दोषी पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नहर का मरम्मतीकरण कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
100. ( क्र. 2709 ) श्री संजय यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा बरगी क्षेत्रान्तर्गत रानी अवंतिबाई लोधी सागर परियोजना बरगी, बांध की बांयी तट नहर से नरसिंहपुर, गोटेगाँव एवं शहपुरा पाटन तक मुख्य नहर की मरम्मत का कार्य वर्ष 2010 से अब तक कितनी बार हुआ? किसके द्वारा किया गया एवं कितनी लागत आई? सूची उपलब्ध कराई जाये। साथ ही यह भी बताएं कि नहर रख-रखाव (मरम्मत) हेतु शासन से अब तक कितनी राशि प्राप्त हुई है एवं उसमें से कितनी राशि खर्च की गई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नहर की मरम्मत हेतु शासन के क्या दिशा-निर्देश हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करायें। गत 3 वर्षों में नहर के पानी हेतु किसानों से कितना राजस्व प्राप्त किया गया एवं उक्त राजस्व को कहाँ-कहाँ खर्च किया गया? (ग) क्या वर्तमान में नहर फूट गई है? यदि हाँ तो मरम्मत किसके द्वारा की जा रही है? क्या नहर फूटने से हुए नुकसान का सर्वे किया गया है? यदि हाँ तो कितने किसानों का कितना-कितना नुकसान हुआ है एवं किसानों को मुआवजे की राशि कब तक मिलेगी? सूची देवें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। प्राप्त राशि राजस्व मद में जमा की जाती है जिसे कार्य मद में सीधे व्यय नहीं किया जाता। (ग) बांयी तट मुख्य नहर आर.डी. 16.88 कि.मी. पर दिनांक 05/01/2021 को क्षतिग्रस्त हुई थी। मरम्मत कार्य ठेकेदार श्री सुमित सिंह, मेसर्स इनवेनिको इन्टर प्राईसेस एवं मेसर्स व्ही.एस. कंस्ट्रक्शन जबलपुर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। किसी भी कृषक से क्षति की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: नुकसान का सर्वे नहीं कराया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय जाँच के पूर्व या उपरांत निलंबन
[सामान्य प्रशासन]
101. ( क्र. 2748 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1286 दिनांक 19-12-2019 को मौखिक चर्चा में उत्तर दिया था कि उक्त अधिकारी के विरुद्ध विभागीय जाँच एवं कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है तो शासन के नियम-निर्देशों के अनुसार उक्त अधिकारी को विभागीय जाँच के पूर्व निलंबित किया गया या उपरांत निलंबित किया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त अधिकारी को निलंबित किया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? क्या कलेक्टर जिला छतरपुर के पत्र क्रमांक/813/ स्थापना/दिनांक/18/12/2020 को बी.के. पांडे के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई कर दंडित किया जाना उचित है? (ग) मध्यप्रदेश शासन के नियम-निर्देशों के अनुसार कितने दिवस में विभागीय जाँच को पूर्ण कर कार्यवाही करने के नियम निर्देश हैं? उल्लेख करें। उक्त नियम-निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त अधिकारी की विभागीय जाँच के पूर्व कब-कब किस-किस के आदेश से किस-किस के द्वारा जाँच की गई थी? उक्त आदेश एवं जाँच प्रतिवेदन में संलग्न दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1286 दिनांक 19.12.2019 को मौखिक चर्चा में उत्तर दिया था कि ''उनके खिलाफ विभागीय जाँच शुरू हो चुकी है और उसका आरोप पत्र भी जारी कर दिया गया है।'' उक्त अधिकारी को निलंबित नहीं किया गया है। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी 6-4-84-3-1, दिनांक 22 नवम्बर, 1984 के परिप्रेक्ष्य में संबंधित अधिकारी को निलंबित करना आवश्यक नहीं पाया गया। कलेक्टर छतरपुर के पत्र क्रमांक 813/स्थापना/दिनांक 18.12.2020 से प्राप्त अभिमत के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण गुण-दोष के आधार पर निर्णयाधीन है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी 6-1- 2017-3-एक, दिनांक 16 मार्च, 2017 के अनुसार मुख्य शास्ति हेतु नियम 14 के अंतर्गत एक वर्ष की समयावधि तथा लघुशास्ति हेतु नियम 16 के अंतर्गत 5 माह की समयावधि का प्रावधान है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) आयुक्त, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मध्यप्रदेश के आदेश क्रमांक 3953/खाद्य/2017, दिनांक 11 जुलाई, 2017 के अनुक्रम में श्री हरेन्द्र सिंह, संयुक्त संचालक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, संचालनालय, भोपाल द्वारा जाँच कर, जाँच प्रतिवेदन दिनांक 25.11.2017 आयुक्त, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय, भोपाल को प्रेषित किया गया। आदेश एवं जाँच प्रतिवेदन की प्रति क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
म.प्र. अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग का वेतनमान
[वित्त]
102. ( क्र. 2751 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग का दिनांक 1/9/2007 के पूर्व वेतनमान क्या था? क्या उक्त वेतनमान पांचवें वेतनमान में अन्य संवर्गों जैसे नायब तहसीलदार उप निरीक्षक पुलिस आबकारी आदि संवर्गो से अधिक था? यदि हाँ तो क्या इन संवर्गो के वेतन उन्नयन के समय मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग के दायित्व के अनुरूप उनके वेतनमान का भी उन्नयन किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। क्या राज्य सरकार अन्य संवर्गो की भांति अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग के वेतनमान का उन्नयन करेगी? यदि हाँ तो कब तक समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या अग्रवाल वेतन आयोग के माध्यम से विभिन्न विभागों के विभिन्न संवर्गों के वेतनमान का दिनांक 1/1/2016 से उन्नयन किया गया है? (ग) यदि हाँ तो खाद्य निरीक्षक का वेतनमान ग्रेड पे रूपये 2800 से 4200 एवं सहायक लोक अभियोजन अधिकारी का ग्रेड पे रूपये 3600 से 4200 एवं कार्यालय अधीक्षक का वेतनमान ग्रेड पे रूपये 3600 से 4200 सम्मिलित है? (घ) यदि हाँ तो मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग के वेतनमान का उन्नयन ग्रेड पे 3600 से 4200 क्यों नहीं किया गया? कारण स्पष्ट करें। क्या मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग के वेतनमान का उन्नयन ग्रेड पे रूपये 3600 से 4200 किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग का दिनांक 01-09-2007 के पूर्व वेतनमान 9300-34800+3200 ग्रेड पे था। उक्त वेतनमान पांचवे वेतनमान में नायब तहसीलदार के वेतनमान के बराबर था तथा उप निरीक्षक संवर्ग से अधिक था। जी हाँ। इन संवर्गो के वेतनमान उन्नयन के समय म.प्र. अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग के पदीय दायित्वों के अनुरूप उनके वेतनमान का दिनांक 01-04-2013 से वेतन बैण्ड 9300-34800+3600 ग्रेड-पे वेतनमान का उन्नयन म.प्र. शासन वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक 2392/2115/2013/नियम/चार, भोपाल दिनांक 20-01-2013 द्वारा किया गया। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। वित्त विभाग के आदेश दिनांक 07-06-2018 द्वारा विभिन्न संवर्गो के वेतनमान का उन्नयन किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) म.प्र. अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग के पदीय दायित्वों के अनुरूप उनके वेतनमान 9300-34800+3200 ग्रेड-पे का उन्नयन करते हुए दिनांक 01-04-2013 द्वारा 9300-34800+3600 ग्रेड-पे स्वीकृत किया गया है। पदीय दायित्वों के अनुरूप वेतनमान स्वीकृत है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग की योजनाओं अंतर्गत व्यय की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
103. ( क्र. 2765 ) श्री कमलेश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना अंतर्गत विभाग की किन-किन योजनाओं के तहत वर्ष 2019 से प्रश्न किये जाने के दिनांक तक किस मद में कितना आवंटन प्राप्त हुआ है तथा कितनी राशि का व्यय किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार किन-किन योजनाओं के प्रचार-प्रसार में शिविरों के आयोजन, प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा अन्य कार्यक्रमों में कितनी राशि कब-कब एवं कहाँ-कहाँ व्यय की गई? योजनावार, वर्षवार, गतिविधिवार व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें तथा लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत विगत पाँच वर्षों में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार हितग्राहीमूलक कौन-कौन सी योजनाओं के तहत कितने-कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? कितनी अनुदान राशि प्रदाय की गई? क्या किसी हितग्राही को अनुदान राशि का भुगतान किया जाना शेष है? यदि हाँ तो क्यों? सभी हितग्राही मूलक योजनाओं में पात्रता के लिये शासन के नियम अथवा नवीन नियमों एवं शर्तों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला मुरैना की आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गोदभराई, महिला सशक्तिकरण प्रशिक्षण, किशोर शक्ति योजना एवं जागरूकता आदि कार्यक्रमों में कुल कितनी राशि व्यय की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "क" अनुसार हैI (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार हैI लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत विगत पाँच वर्षों में 38258 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया हैI (ग) हितग्राहीमूलक योजनाओं के तहत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ग" अनुसार हैI किसी हितग्राही को अनुदान राशि का भुगतान किया जाना शेष नहीं है I शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होताI हितग्राही मूलक योजनाओं के नियम एवं निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "घ" अनुसार हैI (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ड" अनुसार हैI
जानकारी उपलब्ध कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
104. ( क्र. 2767 ) श्री कमलेश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 87/नि.स./पी.एच.ई./सा.जा./04/20-21 दिनांक 15.01.2021 के माध्यम से कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विभाग, मुरैना से कोई जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ तो उक्त बिन्दुवार जानकारी प्रश्न पूछे जाने के दिनांक तक क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उक्त पत्र द्वारा जो जानकारी विभाग से चाही गई थी उस जानकारी को बिन्दुवार प्रस्तुत करें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराए जाने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? क्या दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो क्या और कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
टेकहोम राशन में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
105. ( क्र. 2771 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केग ने पोषण आहार के टेक होम राशन में चार जिलों में 4.27 करोड़ का घोटाला पाया? यदि हाँ, तो बतावें कि इस घोटाले में किन-किन पर प्रकरण दर्ज किया गया है या कौन-कौन अधिकारी तथा सप्लायर जाँच के दायरे में है? (ख) क्या विभाग ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को ग्यारह से चौदह साल की स्कूल नहीं जाने वाली बच्चियों की संख्या 217211 बताई? यदि हाँ, तो उक्त संख्या कि जिलेवार जानकारी दें? (ग) वर्ष 2020 में किस जिले में कितनी बच्चियों को टेक होम राशन दिया जा रहा है? सप्लायर का नाम बतावें। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संख्या किन दस्तावेजों के आधार पर तय की गई? विवरण देवें तथा वर्ष 2014-2015 से 2020-2021 तक कितनी बच्चियों को टेक होम राशन दिया जा रहा था? उनकी वर्षवार संख्या तथा लागत राशि बतावें। (ड.) सीहोर तथा रतलाम जिले में जनवरी 2020 को कितनी-कितनी बच्चियों को टेक होम राशन प्रदान किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) केग की रिपोर्ट विभाग को अप्राप्त है। (ख) जी हाँ। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ग) वर्ष 2020 में शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार एवं टेक होम राशन सप्लायर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (घ) हितग्राहियों की संख्या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर एम.पी.आर. में की गई प्रविष्टि के अनुसार तय की की गई है। भारत सरकार महिला बाल विकास के नार्मस अनुसार वर्ष 2014-2015 से वर्ष 2017-18 तक सबला योजना अंतर्गत चयनित 15 जिलों में संचालित थी, जिसमें समस्त 11 से 18 वर्ष की बालिकाओं को टेक होम राशन दिए जाने का प्रावधान था। वर्ष 2018-19 से प्रदेश के समस्त जिलों की 11 से 14 वर्ष तक की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को टेक होम राशन दिए जाने का प्रावधान है। वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक टेक होम राशन वितरित किशोरी बालिकाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द" अनुसार है। लागत राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "इ" अनुसार है। (ड.) जनवरी 2020 में सीहोर जिले में 747 एवं रतलाम जिले में 2748 शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को टेक होम राशन का वितरण किया गया।
कोरोना इलाज के लिए अनुबंधित अस्पताल
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
106. ( क्र. 2775 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोरोना इलाज के लिये अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को अक्टूबर 2020 तक फिक्सड चार्ज के रूप के 110 करोड़ तथा वेरेबल चार्ज के रूप में 90 करोड़ का भुगतान किया गया? याने कुल मिलाकर 200 करोड़ का भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रति मरीज कितना खर्च हुआ। (ख) क्या अनुबंधित आठ अस्पतालों में से एक अस्पताल चिरायु हॉस्पिटल को कुल 200 करोड़ में से 100 करोड़ का भुगतान हुआ? यदि हाँ तो बतावें कि प्रति मरीज कितना खर्च आया? (ग) क्या मुख्यमंत्री जी कोविड ईलाज के लिये चिरायु हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे? क्या चिरायु हॉस्पिटल का मालिक व्यापक घोटाले में दो बार जेल जा चुका है? (घ) चिरायु हॉस्पिटल द्वारा अक्टूबर 2020 तक कितने मरीजों का कोविड का इलाज किया गया? मरीजों का नाम, पिता का नाम, उम्र, पता, भर्ती होने की दिनांक तथा डिस्चार्ज की दिनांक इलाज का फिक्सचार्ज तथा वेरेबल चार्ज सहित सूची देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। विभाग से असंबंधित। (घ) चिरायु हॉस्पिटल द्वारा अक्टूबर 2020 तक 8602 मरीजों का कोविड का ईलाज किया गया। मरीजों की व्यक्तिगत जानकारी दी जाना संभव नहीं है। कोविड-19 मरीजों के ईलाज पर व्यय हुये फिक्स चार्ज एवं वेरियेबल चार्जेस की सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति न करने वालों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
107. ( क्र. 2778 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वीकृत पदों अनुसार डॉक्टरों की पदस्थापना है तो स्वीकृत पद व पदस्थ डॉक्टरों की जानकारी देवें? ब्यौहारी विधान सभा क्षेत्र में कितने अस्पताल संचालित हैं की जानकारी देते हुये बतावें कि इनमें कितने पद किन डॉक्टरों के स्वीकृत हैं? पद स्वीकृत अनुसार डॉक्टरों की पदस्थापना क्या है? अगर नहीं है तो क्यों? इनकी पूर्ति बाबत् क्या कार्यवाही करेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है इनकी पूर्ति बाबत् क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में संचालित अस्पतालों में स्वीकृत पदों अनुसार डॉक्टरों की पदस्थापना न किये जाने से आये दिन मरीजों को दूसरे जिलों में उपचार हेतु जाना पड़ रहा है, स्वास्थ्य सुविधा से लोग वंचित हो रहे हैं, इस बाबत क्या निर्णय लेंगे ताकि लोगों को अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधा मिल सके? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार कितने अस्पताल ऐसे हैं जो भवनविहीन एवं अन्य उपचार हेतु प्राप्त सुविधाओं से वंचित हैं? उनके भवन निर्माण व उपयोगी सामग्री की उपलब्धता कराये जाने बाबत् क्या निर्देश जारी करेंगे? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में लिखे गये बिन्दुओं पर संबंधितों द्वारा कार्यवाही न किये जाने के लिये किनको जिम्मेदार मानेंगे? जिम्मेदारों द्वारा उल्लेखित तथ्यों अनुसार कार्यवाही न करने के लिये क्या दोषी मानकर कार्यवाही करेंगे एवं कब तक पद पूर्ति करा देंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शहडोल जिले में संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों के स्वीकृत/कार्यरत/रिक्त संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। ब्यौहारी विधानसभा अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों के स्वीकृत/कार्यरत/रिक्त पदों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। संस्थाओं में शतप्रतिशत पदपूर्ति नहीं है, रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ के शतप्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञों के पद भरे जाने में कठिनाई हो रही है। चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) संस्थाओं में पदस्थ चिकित्सक एवं स्टॉफ द्वारा आमजन को आवश्यक स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही है, ऐसे स्वास्थ्य केन्द्रों पर जहाँ स्वीकृत पद अनुसार चिकित्सक उपलब्ध नहीं है, में मरीजों के उपचार हेतु सप्ताह में 03 दिवस के लिए अन्य संस्था के चिकित्सक की ड्युटी लगाई जा रही है एवं स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है। (घ) जिला शहडोल के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत भवन विहीन स्वास्थ्य संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। भवन विहिन संस्था के निर्माण के लिये वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार निर्माण की स्वीकृतियां समय-समय पर शासन द्वारा जारी की जाती हैं। (ड.) विभाग आमजन को सूचारू स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है, इस हेतु उपलब्धता अनुसार चिकित्सक/स्टॉफ की पदस्थापना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से संविदा नियुक्ति की कार्यवाही जारी है। इसी प्रकार स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन संबंधी कार्यवाही एवं भवन निर्माण संबंधी कार्यवाही निरंतर जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन के जारी निर्देशों का पालन न करने वालों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
108. ( क्र. 2779 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण समाप्त किये जाने बावत् आदेश/निर्देश जारी किये गये हैं यदि हाँ तो प्रति देते हुए बतावें। अगर नहीं जारी किए गए तो इस पर कार्यवाही किऐ जाने बावत् क्या नीति है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अगर प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण समाप्त किये जाने बावत् निर्देश/आदेश जारी है जो शहडोल जिले में कितने अधिकारी/कर्मचारी किन-किन विभाग व पदों पर प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण के तहत कब से पदस्थ होकर कार्य कर रहे हैं? लेकिन उनको मूल पद के विभाग में वापस नहीं किया गया तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के पालन के प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण में पदस्थ होकर कार्य कर रहे अधिकारी/कर्मचारियों की कब तक मूल पद पर वापस पदांकन किया जावेगा? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी निर्देश का पालन एवं प्रश्नांश (ख) के प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण के तहत कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की प्रश्नांश (ग) अनुसार मूल पद व विभाग के मूल पद पर वापस न करने के लिये किन-किन की जिम्मेदारी है? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। प्रतिनियुक्ति के निर्देश दिनांक 29 फरवरी, 2008 (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1) एवं संलग्नीकरण समाप्त किये जाने के संबंध में परिपत्र दिनांक 04 जून, 2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गलत शिकायतकर्ता पर कार्यवाही किया जाना
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
109. ( क्र. 2782 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली एवं रीवा जिले में मोबांयील टावरों के माध्यम से आम जनता को सुविधाएं प्रदान करने का कार्य विभिन्न कंपनियों द्वारा कराये जा रहे हैं, लेकिन कुछ असामाजिक व राजनैतिक कारणोंवश मोबांयील टावरों को स्थापित कर संचालित करने पर अवैधानिक शिकायतें की जाती है, इस पर शिकायतकर्ताओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संचालित मोबांयील टावरों पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा क्षति पहुंचाये जाने एवं चोरी की शिकायतें भी प्राप्त होती है, इस पर भी शासन एवं प्रशासन द्वारा कोई ठोस निर्णय लेकर कार्यवाही नहीं की जा रही, इस पर कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश कब तक जारी करेंगे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के मोबांयील टावरों की सिंगरौली व रीवा जिलों में कमी होने के कारण आम जनता को मोबांयील की नेटवर्क सेवा प्रभावित हो रही है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित विभिन्न मोबांयील कंपनी की टावरों की सुरक्षा बाबत् निर्देश के साथ अवैधानिक टावरों की संबंधित शिकायतकर्ताओं पर क्या वैधानिक कार्यवाही करेंगे, जिससे विद्वेषवश की जा रही शिकायतों पर कमी हो? इसके अलावा सिंगरौली एवं रीवा जिले में टावरों के नवीन स्थापना बाबत क्या निर्देश जारी करेंगे?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी हाँ। मोबांयील टावर से संबंधित शिकायत के निराकरण हेतु स्थानीय प्रशासन द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। आवश्यकतानुसार कार्यवाही हेतु जिला प्रशासन को निर्देशित किया जाता है। (ख) मोबांयील टावर से संबंधित शिकायत के निराकरण हेतु स्थानीय प्रशासन द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। आवश्यकतानुसार कार्यवाही हेतु जिला प्रशासन को निर्देशित किया जाता है। (ग) प्रश्न में पूछी गई जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (घ) अवैधानिक शिकायतों में लिप्त पाये गये लोगों के विरूद्ध जिला प्रशासन को वैधानिक कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया जाता है। प्रदेश में टावर स्थापना के संबंध में विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में दूरसंचार सेवा/इंटरनेट सेवा/अवसंरचना प्रदाताओं द्वारा वायर लाइन या वायरलेस आधरित वाइस या डाटा पहुँच सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अधोसंरचना की स्थापना को सुगम बनाने हेतु नीति 2019 एवं दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
कोरोना महामारी के जाँच केन्द्र बंद किये जाने से उत्पन्न स्थिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
110. ( क्र. 2786 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोरोना के एक्टिव मरीजों और नये पॉजिटिव मरीजों की संख्या में आई गिरावट के चलते आयुक्त लोक स्वास्थ्य, मध्यप्रदेश द्वारा 09.11.2020 को निर्देश जारी कर प्रदेश के जिलों में कार्यरत कोविड केयर सेन्टर बंद करने के निर्देश जारी किये थे? यदि हाँ तो कितने सेन्टर बंद हुए और बाद में 31 दिसम्बर, 2020 को जारी निर्देशों के तहत कितने कोविड केयर सेन्टर बंद कराये गये? भोपाल के कोविड केयर सेन्टर में 31 दिसम्बर 2020 से 01 फरवरी 2021 तक बैड आक्यूपेंसी क्या रही? मरीजों के नाम सहित जानकारी दें। (ख) दिनांक 27 दिसम्बर 2020 को, लोक स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कोरोना के प्रकोप पर प्रेजेन्टेशन दिया था, यह प्रेजेन्टेशन उन्होंने कहाँ पर किसके निर्देश/आदेश पर दिया गया था?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। दिनांक 09.11.2020 के निर्देश के परिपालन में 210 कोविड केयर सेन्टर बंद हुये। दिनांक 31 दिसम्बर, 2020 को जारी निर्देशों के तहत 51 कोविड केयर सेन्टर बंद कराये गये। भोपाल के कोविड केयर सेन्टर में 31 दिसम्बर 2020 से 01 फरवरी 2021 तक बैड आक्यूपेंसी 17.16 रही है। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के परिपत्र क्रमांक-आई.डी.एस.पी./2020/666, दिनांक 19.05.2020 एवं विभाग के आदेश क्रमांक एफ/IDSP/2020/सत्रह/मेडि-1045, दिनांक 03.07.2020 में दिये गये निर्देशानुसार कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की सूचना गोपनीय रखी जाना है। परिपत्र एवं आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) दिनांक 27 दिसम्बर, 2020 को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा राज्य में कोरोना के प्रभाव के संबंध में जानकारी देने के लिए कहा गया था यह जानकारी माननीय विधानसभा अध्यक्ष के संज्ञान में लाकर सर्वदलीय बैठक के पूर्व दी गई थी।
सी.पी.सी.टी. परीक्षा में समय-सीमा वैधता में वृद्धि
[सामान्य प्रशासन]
111. ( क्र. 2790 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासकीय पदों पर उम्मीदवारों से कम्प्यूटर दक्षता एवं टाइपिंग कौशल के आंकलन हेतु CPCT परीक्षा आयोजित करने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी 3-15/2010/01/03, दिनांक 26 फरवरी, 2015 के परिपालन में लागू किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र के अनुपालन में विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या आदेश/निर्देश के पालन करते हुए परीक्षा आयोजित करने के नियम/निर्देश जारी किये गये हैं? पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे शासकीय कर्मचारी, जिनके CPCT प्रमाण-पत्रों की वैधता शासकीय सेवा में आने के उपरांत समाप्त हो गई है उन शासकीय कर्मचारियों से प्रमाण पत्र वैधता में वृद्धि हेतु शासन की क्या कार्य योजना है? (ग) क्या CPCT परीक्षा की वैधता हेतु समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो वैधता निर्धारण के क्या नियम हैं? यह नियम स्थायी प्रकृति के हैं? यदि हाँ, तो प्रदेश में ओर कौन सी परीक्षायें हैं, जो निर्धारित समय-सीमा वैधता के साथ संचालित की जा रही हैं, जिसको उदाहरण मानकर यह परीक्षा आयोजित की जा रही है? विगत 3 वर्षों में वैधता समाप्त करने को लेकर जनप्रतिनिधियों, छात्रों से कोई आवेदन/शिकायत पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, उक्त निर्देश स्वंय स्पष्ट है। (ख) सी.पी.सी.टी. प्रमाण-पत्र शासकीय सेवा में नियुक्ति हेतु आवश्यक है! शासकीय सेवा में आने के पश्चात सी.पी.सी.टी. प्रमाण पत्र की वैद्यता में वृद्धि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला चिकित्सालय शहडोल में कुप्रबंधन से हुई बच्चों की मौतें
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
112. ( क्र. 2791 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक जिला चिकित्सालय शहडोल में उपचार हेतु भर्ती कितने बच्चों की मौत किन-किन कारणों से कब-कब हुई? मृतकों के नाम, आयु, पिता का नाम एवं पते सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या जिला चिकित्सालय शहडोल में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव, कुप्रबंधन एवं चिकित्सकों की लापरवाही से बच्चों की मौतें हुई है? (ग) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उच्च स्तरीय जाँच कराकर संबंधित जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) जिला चिकित्सालय शहडोल में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरूस्त करने हेतु क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रश्नावधि में जिला चिकित्सालय शहडोल में कुल 459 बच्चों की मौतें हुई, जिनके कारण-समय पूर्व जन्म, कम वज़न आर.डी.एस., बर्थ एस्फिक्सिया, संक्रमण, जन्मजात विकृति, निमोनिया, दस्तरोग इत्यादि रहे। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न (क) के संबंध में उच्च स्तरीय जाँच में स्वास्थ्य सेवाओं एवं चिकित्सकों की लापरवाही नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
लॉकडाउन अवधि में पूरक पोषण आहार एवं टेक होम राशन वितरण में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
113. ( क्र. 2794 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग अन्तर्गत बाल विकास परियोजना, आंगनवाड़ी केन्द्र, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से लॉकडाउन अवधि में पूरक पोषण आहार एवं टेकहोम राशन का वितरण किया गया था? यदि हाँ, तो कुल कितनी-कितनी राशि का पूरक पोषण आहार एवं टेकहोम राशन का वितरण किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित स्थान में लॉकडाउन अवधि में उक्त पूरक पोषण आहर एवं टेकहोम राशन वितरण में अधिकांश जगहों में कागजों पर वितरण किया जाकर आर्थिक अनियमितताएं विभाग के अधिकारियों एवं माफियों के माध्यम से किये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है यदि हाँ तो क्या शासन इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। इन्दौर संभाग अंतर्गत केवल खण्डवा जिले में रेडी-टू-ईट पूरक पोषण आहार वितरण की गई मात्रा के संबंध में शिकायत मिलने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी, खण्डवा एवं परियोजना अधिकारी खालवा को प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर निलंबित किया गया तथा विभागीय कार्यवाही संस्थित कर कार्यवाही प्रचलन में है।
पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस की मूल्य में वृद्धि
[वाणिज्यिक कर]
114. ( क्र. 2795 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्तमान में प्रति लीटर पेट्रोल, डीजल एवं प्रति सिलेण्डर रसोई गैस पर कितने-कितने प्रतिशत वैट, सैस तथा अतिरिक्त कर वसूला जा रहा है? (ख) क्या राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की आम जनता के हित में पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस पर प्रदेश सरकार के हिस्से के वेट, सैस तथा अतिरिक्त कर में कमी कर आम जनता को राहत पहुंचाई जाएगी एवं केन्द्र सरकार के हिस्से के वेट टैक्स को कम करने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस पर लिए जा रहे वेट टैक्स, सैस एवं अतिरिक्त कर से सरकार को कितनी-कितनी आय हुई है? पृथक-पृथक विवरण दें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में डीजल पर वैट की दर 23 प्रतिशत, रूपये 3 प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर देय है। इसी प्रकार पेट्रोल पर वैट की दर 33 प्रतिशत, 4 रूपये 50 पैसे प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर देय है। रसोई गैस पर जी.एस.टी. के अंतर्गत कर देयता आती है। वर्तमान में रसोई गैस पर 5 प्रतिशत की दर से जी.एस.टी. देय है, इसमें 2.5 प्रतिशत सीजी.एस.टी. एवं 2.5 प्रतिशत एसजी.एस.टी. है। (ख) पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस से प्राप्त कर राजस्व से शासन की विभिन्न योजनाओं तथा कार्यक्रमों को वित्त पोषित किया जाता है अत: इन पर कर की दरें राज्य शासन की आवश्यकता अनुरूप यथोचित रखी जाती है। केन्द्र सरकार द्वारा कोई वेट कर निरूपित नहीं किया जाता है। रसोई गैस पर जी.एस.टी. के तहत कर देयता है। जी.एस.टी. के संबंध में निर्णय जी.एस.टी. काउंसिल द्वारा लिए जाते हैं। (ग) 01 अप्रैल, 2020 से 06 फरवरी, 2021 तक की अवधि में पेट्रोल से रूपए 4238.86 करोड़, डीजल से रूपए 5205.48 करोड़ तथा डीजल एवं पेट्रोल पर देय सेस से रूपए 394.77 करोड़ की आय प्राप्त हुई है। वेट राशि में अतिरिक्त कर की राशि सम्मिलित है। दिनांक 01.07.2017 से जी.एस.टी. लागू होने के कारण रसोई गैस पर उक्त दिनांक के पश्चात वेट देय नहीं है।
कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
115. ( क्र. 2799 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जयप्रकाश चिकित्सालय, भोपाल के नियमित कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित पद पर समायोजन करने हेतु तत्कालीन सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अध्यक्षता में दिनांक 25 जनवरी 2020 को बैठक हुई थी? (ख) यदि हाँ तो उक्त बैठक में क्या निर्णय लिया गया था एवं उसकी कार्यवाही का विवरण शासन को किस दिनांक को भेजा गया? (ग) यदि नहीं, तो क्या उक्त प्रकरण स्वास्थ्य संचालनालय एन.जी.शाखा में लंबित है? यदि हाँ तो क्यों और इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है एवं उनके विरूद्ध आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्तानुसार नियमित कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित पद पर समायोजन कब तक कर दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नही, दिनांक 25 जनवरी 2020 को सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अध्यक्षता में तृतीय श्रेणी के तदर्थ कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में बैठक हुई थी। जिला भोपाल में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी/अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में दिनांक 02.03.2016 एवं दिनांक 24.03.2016 को सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अध्यक्षता में संपादित हुई थी। (ख) दिनांक 02.03.2016 एवं दिनांक 24.03.2016 को सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में जिला भोपाल में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी/अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु पात्रता का परीक्षण कर कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु पात्र/अपात्र संबंधी आदेश मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 03-01/2016/सत्रह/मेडि-1, भोपाल दिनांक 23.06.2016 को जारी किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नही। उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार बैठक में कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु पात्रता का परीक्षण कर कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु पात्र/अपात्र संबंधी आदेश जारी किये जा चुके है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
इन्दौर
स्थित
कम्पनियों
द्वारा
स्थानीय युवाओं
को रोजगार
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
1. ( क्र. 180 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर स्थित सुपर कॉरिडोर पर टी.सी.एस./इंफोसिस कम्पनी को भूमि आवंटन की गई है? यदि हाँ तो कितनी और इनमें से कंपनी द्वारा कितनी भूमि का उपयोग किया जा रहा है? (ख) कम्पनी को जिन शर्तों पर जमीन दी गई थी, उनमें से कितनी शर्तों का कम्पनी द्वारा पालन किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। कम्पनी ने कितने युवाओं को नौकरी दी? उनमें से मध्यप्रदेश एवं इन्दौर जिले के कितने युवाओं को रोजगार मिला? दोनों कम्पनियों का अलग-अलग बतावें।
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओम.प्र.काश सखलेचा ) : (क) जी हाँ। इंदौर स्थित सुपर कॉरिडोर पर टाटा कन्सलटेन्सी सर्विसेस लिमिटेड (टी.सी.एस.) को आवंटित 100 एकड़ भूमि पर कंपनी द्वारा बाऊंड्रीवाल निर्मित करते हुए कैम्पस में कार्यालय स्थापित कर भूमि का उपयोग किया जा रहा है। इन्फोसिस टेक्नॉलाजीस लिमिटेड (इंफोसिस) को आवंटित 130.08 एकड़ भूमि में कंपनी द्वारा बाऊंड्रीवाल निर्मित करते हुए कैम्पस में कार्यालय स्थापित कर भूमि का उपयोग किया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
एन.पी.एस. में अंशदान की वृद्धि
[वित्त]
2. ( क्र. 184 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार में 1 जनवरी 2004 एवं मध्यप्रदेश सरकार में 1 जनवरी 2005 से न्यू पेंशन सिस्टम लागू है? (ख) क्या केंद्र सरकार द्वारा न्यू पेंशन सिस्टम में सरकारी अंशदान 10 प्रतिशत के स्थान पर 14 प्रतिशत कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश के न्यू पेंशन सिस्टम के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए मध्यप्रदेश सरकार का एन.पी.एस. में अंशदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कब किया जावेगा? इस बावत् आदेश कब जारी किए जाएंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नीतिगत निर्णय होने से आदेश जारी करने संबंधी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गजेटियर उपलब्ध कराना
[संस्कृति]
3. ( क्र. 185 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले का गजेटियर का प्रकाशन सरकार द्वारा किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो राजगढ़ (ब्यावरा) जिले का अभी तक के प्रकाशित गजेटियरों की प्रति उपलब्ध करावें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) राजगढ़ जिले के प्रकाशित गजेटियर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रदूषण पर रोक
[नर्मदा घाटी विकास]
4. ( क्र. 360 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मॉ नर्मदा नदी अपने उद्गम स्थल से किन-किन सहायक नदियां सहित राज्य की सीमा तक कितने किमी. बहती है उनके तटवर्ती शहर कौन-कौन से है? (ख) 1 जनवरी 2018 से फरवरी 2021 तक की अवधि में मॉ नर्मदा नदी के घाटों की रेत नीलामी तथा नोकघाट नीलाम से प्रतिवर्ष क्या आय प्राप्त होती है तथा नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए शासन की क्या-क्या योजना है तथा बजट प्रावधान क्या है? (ग) मॉ नर्मदा के किनारे बसे शहरों, ग्रामों उद्योगों द्वारा प्रदूषित किये जाने, गंदे नालों का पानी मॉ नर्मदा मिलने से रोकने हेतु शासन क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है पूर्ण विवरण दें। (घ) ''नमामि गंगे'' प्रोजेक्ट के तहत भारत सरकार द्वारा गंगा को प्रदूषण मुक्त किया जा रहा है इसी भांति ''नमामि नर्मदे'' प्रोजेक्ट हेतु मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन सांसद/विधायकों को पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बाउण्ड्रीवॉल में शापिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
5. ( क्र. 768 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुलताई जिला बैतूल को 100 बिस्तरीय चिकित्सालय में उन्नयन करने के संदर्भ में रोगी कल्याण समिति की बैठक में कोई निर्णय लिया गया था? (ख) क्या उक्त बैठक के आधार पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुलताई द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बैतूल को कार्यवाही हेतु लिखा गया था? (ग) उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) मुलताई के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का 100 बिस्तरीय चिकित्सालय में उन्नयन कब तक किया जाएगा? (ड.) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुलताई आर्थिक आय हेतु मेन रोड पर शापिंग कॉम्प्लेक्स बनाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की आय बढ़ाई जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बैतूल द्वारा विभाग को दिनांक 17/02/2021 को पत्र प्रेषित किया गया है। पात्रता आधार पर आगामी उन्नयन के प्रस्तावों में सम्मिलित किये जाने पर विचार किया जावेगा। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ड.) जी हाँ, अतिक्रमण होने के कारण कार्यवाही लंबित हैं।
डिजिटल एक्स-रे मशीन की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
6. ( क्र. 769 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुलताई जिला बैतूल को 100 बिस्तरीय चिकित्सालय में एक डिजिटल एक्स-रे मशीन (300 एमए) के परिप्रेक्ष्य में रोगी कल्याण समिति की बैठक में कोई निर्णय लिया गया था? (ख) क्या उक्त बैठक के आधार पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुलाताई द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बैतूल को कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया था? (ग) उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई तथा मुलताई के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को डिजिटल एक्स-रे मशीन कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पत्र क्र./स्टोर/2020/1485 दिनांक 03/02/2021 द्वारा नोटिफिकेशन ऑफ अवार्ड जारी कर एक्सरे मशीन क्रय करने हेतु टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर एल-01 फर्म का चुनाव कर संबंधित फर्म को पत्र जारी किया जा चुका है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों का सरलीकरण
[सामान्य प्रशासन]
7. ( क्र. 771 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के अधिकारियों/कर्मचारियों के शासकीय सेवा में रहने के दौरान दिवंगत होने पर उनके आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने में सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीर्ण करने की शर्त के साथ नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो कितने समय में लाभार्थी को सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है? निर्देशों की प्रति के साथ जानकारी दें। (ख) यदि निश्चित समय-सीमा में लाभार्थी द्वारा सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की जाती है तो क्या उन्हें सेवा से पृथक करने का कोई नियम है अथवा इस संबंध में शासन कोई नियम बनाने जा रहा है? (ग) क्या सी.पी.सी.टी. परीक्षा प्रणाली लागू होने के पूर्व लिपिक संवर्ग के अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त कर्मचारियों को मान्यता प्राप्त संस्था से मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता थी? क्या ऐसे अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त शासकीय सेवकों को एक निश्चित आयु के पश्चात मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से छूट प्रदान किए जाने का प्रावधान था/है, नियम की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर हाँ है तो क्या इसी प्रकार का प्रावधान अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त शासकीय सेवकों को सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से एक निश्चित आयु सीमा तक वेतन वृद्धि न दिए जाने की शर्त के साथ निश्चित आयु सीमा के पश्चात छूट प्रदान करने का प्रावधान किया जाएगा? यदि नहीं, तो ऐसे शासकीय सेवकों को अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने का क्या औचित्य रह जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। निर्देश दिनांक 29.09.2014 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। पूर्व से नियमों में प्रावधान होने के कारण पृथक से कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। (ग) जी हाँ। निर्देश दिनांक 16.01.1992 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) शासकीय कार्य में कम्प्यूटर की अनिवार्यता को दृष्टिगत रखते हुए इस संबंध में शासन द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
8. ( क्र. 792 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन है तथा उनके भवन निर्माण की क्या-क्या योजना है? (ख) रायसेन जिले में किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्र भवन का निर्माण कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों कार्यवार कारण बतायें? (ग) रायसेन जिले में किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्र भवन का निर्माण कार्य प्रथम एवं द्वितीय किश्त के भुगतान न होने के कारण अपूर्ण एवं अप्रारंभ है इस हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के कार्यों के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई किश्त भुगतान के संबंध में शासन के क्या निर्देश है? कब तक किश्तों का भुगतान हो जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में 895 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन है। भवनवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। समस्त भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु राज्य आयोजना मद में सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (ख) रायसेन जिले में 150 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार विभिन्न किश्तों में राशि जारी की जाती है। इसके लिए कोई दोषी नहीं है। (घ) विभाग द्वारा जिला स्तर पर स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु पंचायत राज संचालनालय से समय-समय पर समन्वय किया गया है। विभाग द्वारा अपूर्ण/अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण कराये जाने हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास को समय-समय पर स्मरण कराया गया है। निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द" अनुसार है। किश्तों के भुगतान हेतु समय-सीमा देना संभव नहीं है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[वित्त]
9. ( क्र. 796 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेवानिवृत्त कर्मचारियों, मृत कर्मचारियों के आश्रितों के पेंशन प्रकरण तैयार करने तथा अन्य लंबित देयकों के भुगतान के संबंध में विभाग के क्या-क्या निर्देश है, उक्त निर्देशों की प्रति दें। (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन के प्रकरण किस कार्यालय में कब से क्यों लंबित है इसके क्या-क्या कारण हैं? (ग) उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? (घ) सेवानिवृत्ति के पूर्व प्रकरण तैयार करने के संबंध में विभाग के क्या-क्या निर्देश है तथा उनका संभाग के जिलों में पालन क्यों नहीं हो रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्त विभाग द्वारा जारी ज्ञाप क्रमांक एफ 9-2/2019/ नियम/चार दिनांक 16-10-2019 द्वारा पेंशन स्वीकृति एवं भुगतान प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किये गये है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विभिन्न कार्यालयों से पेंशन प्रकरण प्राप्त होने पर निर्धारित समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार निर्देश प्रसारित किये गये है। निर्देशों का पालन किया जाकर संभागीय/जिला स्तरों पर पेंशन प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है।
जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
10. ( क्र. 828 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 229 दिनांक 18.12.2019 में अवगत कराया गया था कि समान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 08 जुलाई 2019 में समस्त अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि बागरी जाति परिवार के किसी एक सदस्य के पूर्व में जाति प्रमाण पत्र जारी किये गये है तो अन्य सदस्यों के भी जारी किये जावे, यह भी बताया गया था कि जबलपुर जिले में इसका पालन किया जा रहा है? (ख) क्या शासन के संज्ञान में है कि प्रश्नांश (क) निर्देशों का जबलपुर जिले के विकासखंड सिहोरा एवं कुंडम में पालन नहीं किया जा रहा है, यदि हाँ तो पालन सुनिश्चित कराने के लिये पृथक से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सिहोरा एवं कुंडम को अभी तक निर्देश जारी क्यों नहीं किये गये? कब तक जारी कर दिये जावेंगे? (ग) दिनांक 01.01.2017 से प्रश्नांश दिनांक तक अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सिहोरा एवं कुंडम कार्यालय में कितने आवेदन कब-कब प्रस्तुत किये गये प्रश्नांश (क) अनुसार कितने प्रमाण पत्र जारी किये गये, कितने निरस्त किये गये सूची उपलब्ध करावे जो निरस्त किये गये हैं उन्हें कब तक प्रमाण पत्र जारी कर दिये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्न क्रमांक 229, दिनांक 18.12.2019 में दिया गया विभागीय उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 8 जुलाई 2019 द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं विमुक्त, घुमक्कड़, अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति के व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने के संबंध में जारी निर्देश जारी किए गए है। ''बागरी'' जाति के संबंध में पृथक से कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सिहोरा के कार्यालय में दिनांक 01.01.2017 से प्रश्नांश दिनांक तक 25 आवेदन पत्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जाँच उपरांत नियमानुसार पात्रता न होने के कारण 23 आवेदन पत्र निरस्त किए गए तथा 02 आवेदन पत्र लंबित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, कुण्डम की जानकारी निरंक है।
शराब की दुकानों एवं आहाते संबंधी जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
11. ( क्र.
864 ) श्री
राकेश मावई : क्या
वित्त मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्तमान
में मध्यप्रदेश
में देशी व
विदेशी मदिरा
दुकानों एवं
आहाते खोलने
की आबकारी
नीति क्या है? (ख) मुरैना
जिले में वर्ष
2017
से प्रश्न
दिनांक तक
कितनी-कितनी
संख्या में
देशी व विदेशी
शराब की
दुकानें एवं
आहाते किस-किस
स्थान पर स्वीकृत
किये गये? वर्षवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
उल्लेखित
वर्षों में
नयी शराब की
दुकान स्वीकृत
की गयी उनमें
से कौन-कौन सी
शराब की
दुकाने एवं
आहाते, धार्मिक स्थल
(मंदिर, मस्जिद)
शैक्षणिक
संस्थानों
से कितनी दूरी
पर है?
दुकानवार
जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश
(ख) अनुसार स्वीकृत
हुई देशी व
विदेशी शराब
दुकानों तथा
आहाते मध्यप्रदेश
आबकारी
अधिनियम की
किन-किन
धाराओं के तहत
स्वीकृत
किये गये?
वित्त
मंत्री ( श्री
जगदीश देवड़ा
) : (क)
मध्यप्रदेश
राजपत्र
(असाधारण)
क्रमांक 77
भोपाल दिनांक 25
फरवरी, 2020 की
कंडिका
क्रमांक 2
अनुसार
देशी/विदेशी
मदिरा
दुकानों में
वर्ष 2020-21
हेतु शॉपबार
लायसेन्स
वार्षिक
लायसेन्स
फीस मदिरा
दुकान के
वार्षिक मूल्य
का 2
प्रतिशत रखा
जायेगा एवं इस
वार्षिक
लायसेन्स
फीस के
विरूद्ध
मदिरा अनुमत
नहीं किया
जायेगा।
देशी/विदशी
मदिरा
दुकानों में
शॉपबार हेतु
निर्धारित
मापदण्डों
अनुसार
लायसेन्स
जारी किया
जायेगा।
राजपत्र की
छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार
है। (ख)
मुरैना
जिले में वर्ष
2017
से प्रश्न
दिनांक तक
देशी मदिरा की
41 व
विदेशी मदिरा
की 02
दुकानें ऑन
श्रेणी की है, दुकानवार
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार
है। मुरैना
जिले में वर्ष
2017
से प्रश्न
दिनांक तक
वर्षवार स्वीकृत
अहातों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार
है। (ग)
प्रश्नांश
'ख' अनुसार
उल्लेखित
वर्षों में
जिला मुरैना
में कोई नवीन
मदिरा दुकान
नहीं खोले
जाने से प्रश्नांश
की जानकारी
निरंक है। (घ) प्रश्नांश
'ख' अनुसार
जिला मुरैना
में मध्यप्रदेश
राजपत्र
(असाधारण)
दिनांक 14 नवम्बर, 2019
में वर्णित
प्रावधानों
के अनुक्रम
में ऑफ मदिरा
दुकानों के
अहाते स्वीकृत
किये गये हैं, राजपत्र
की छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-4 अनुसार
है।
जलजीवन मिशन योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
12. ( क्र. 976 ) श्री संजीव सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधानसभा के अंतर्गत जलजीवन मिशन योजना के अंतर्गत कितनी नलजल योजनाएं संचालित हैं? (ख) कितने ग्रामों में नवीन नलजल योजनाएं स्वीकृति हेतु लंबित हैं? कितनी नई योजनाएं प्रस्तावित हैं ग्राम सहित बताएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एक भी योजना संचालित नहीं है। (ख) कोई भी नवीन नलजल योजना स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है, अपितु जल जीवन मिशन अंतर्गत रेट्रोफिटिंग की 19 योजनाएं स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन हैं। अद्यतन स्थिति में कोई प्रस्तावित नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नलजल योजना की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
13. ( क्र. 1047 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की विकासखंड केवलारी के ग्राम बोथिया एवं विकासखण्ड छपारा के ग्राम चण्डी समूह नल-जल योजना के कोई प्रस्ताव विभाग के द्वारा प्रेषित किये गये है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को भेजे गये? क्या उक्त प्रस्ताव शासन की ओर अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजे गये है? (ख) विधानसभा क्षेत्र केवलारी के ग्राम बोथिया समूह नलजल योजना एवं विकासखण्ड छपारा चण्डी समूह नलजल योजना के प्रस्ताव पर कार्यवाही उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति शासन/विभाग के द्वारा कब तक प्रदान की जावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। स्टेज-1 के प्रस्ताव कार्यपालन यंत्री खंड सिवनी द्वारा दिनांक 04.10.2019 को प्रस्तुत किये गये। जी नहीं, जल जीवन मिशन के परिप्रेक्ष्य में निर्धारित मापदंडानुसार कार्यपालन यंत्री सिवनी द्वारा डी.पी.आर. तैयार कराये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
निजी चिकित्सालयों में व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 1107 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में कुल कितने पंजीकृत निजी चिकित्सालय हैं तथा क्या सभी ने पर्यावरण का एन.ओ.सी. प्राप्त कर लिया है पंजीकरण तथा पर्यावरण की एन.ओ.सी. की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चिकित्सालय में किस-किस चिकित्सालय भवन के अंदर मेडिकल की दुकानें हैं क्या कोई निजी चिकित्सालय अपने भवन में दवा की दुकान खोल सकता है यदि हाँ तो उस नियम की प्रति उपलब्ध कराएं (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चिकित्सालय में पिछले 3 वर्षों में कब-कब निरीक्षण किया गया तथा किस-किस चिकित्सालय में क्या-क्या कमियां पाई गई अवगत कराएं। (घ) निजी चिकित्सालय में पार्किंग हेतु क्या नियम है? नियम की प्रति देवें तथा बतावे की प्रश्न अधीन किस-किस चिकित्सालय में नियमानुसार पार्किंग की व्यवस्था नहीं है उन पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रतलाम जिले में कुल 35 निजी चिकित्सालय पंजीकृत है। उक्त पंजीकृत चिकित्सालयों में से 23 निजी चिकित्सालयों को पर्यावरण की एन.ओ.सी. प्राप्त है तथा शेष 12 चिकित्सालयों के पर्यावरण की एन.ओ.सी. की कार्यवाही म.प्र. पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, उज्जैन द्वारा प्रकियाधीन है। पंजीयन एवं पर्यावरण की एन.ओ.सी. की प्रतिलिपियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) रतलाम जिले के 23 निजी चिकित्सालयों के भवन के अंदर मेडिकल की दुकानें संचालित है। चिकित्सालयों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। चिकित्सालय भवन में दवा की दुकान खोलने संबंधी नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) रतलाम जिले में संचालित निजी चिकित्सालयों का विगत 3 वर्षों में की गई निरीक्षण एवं पाई गई कमियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) निजी चिकित्सालय में पार्किंग हेतु नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। समस्त पंजीकृत निजी चिकित्सालयों में नियमानुसार पार्किंग की व्यवस्थाएं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पी.एच.ई.) की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
15. ( क्र. 1126 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2020-21 प्रश्न दिनांक तक इन पाँच वर्षों में पेयजल व्यवस्था हेतु बजट में कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि में से अलीराजपुर जिले को कितनी राशि दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि में से विधानसभा क्षेत्र अलीराजपुर में राशि से क्या-क्या कार्य कराये गये? स्वीकृत प्रक्रियाधीन एवं प्रस्तावित कार्य की जानकरी देवे। (घ) प्रश्नांश (ग) में स्वीकृत कौन-कौन से निर्माण कार्य किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी राशि से किये जा रहे है? स्वीकृत दिनांक कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण करने का दिनांक, क्रियान्वयन एजेंसी ठेकेदार/कम्पनी आदि सहित जानकारी दी जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में पेयजल व्यवस्था हेतु रूपये 16453.93 करोड़ का प्रावधान किया गया है। (ख) रूपये 11332.24 लाख। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है।
उप पंजीयक एवं पंजीयक द्वारा फर्जी वसीयत तैयार करवाई जाना
[वाणिज्यिक कर]
16. ( क्र. 1255 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी एवं उसके अधीन आने वाली तहसीलों में वर्ष जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने रजिस्टर्ड एवं अनरजिस्टर्ड बिना खूनी रिश्ते के वसीयतनामा का लेख रजिस्टर्ड किया गया है? वसीयतनामा की प्रति उपलब्ध कराते हुए वर्षवार, तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) जिले में वसीयत रजिस्टर्ड करने के लिये शासन से क्या नियम निर्देश जारी किये गये हैं? प्रति उपलब्ध कराते हुये जानकारी देवें। क्या उक्त जिले में बिना खूनी रिश्ते के रजिस्टर्ड वसीयतनामा तैयार कर भू-माफियाओं के द्वारा गरीबों की भूमि हड़पने की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ तो इसके रोकथाम के लिये शासन/विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के जिले के तहसील नरवर में सोनचिरैया अभ्यारण एरिया में भूमि खरीदी एवं बिक्री पूर्णत: बंद है? जिस कारण वहां अनुचित तरीके से वसीयत तैयार कराकर भू-माफिया उक्त भूमि अर्जित करने के लिये बिना खूनी रिश्ते के वसीयत तैयार कराकर उक्त भूमि प्राप्त कर रहे हैं? क्या इसकी जाँच करायी जाकर उक्त वसीयत निरस्त करते हुये संबंधित दोषी अधिकारी एवं वसीयत प्राप्तकर्ता के विरूद्ध पुलिस प्रकरण दर्ज करायेंगे? यदि हाँ तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संबंध में तथा (क) के जिले में और कितनी ऐसी तहसीलें एवं अभ्यारण है जहां भूमि खरीदी एवं बिक्री पर पूर्णत: प्रतिबंध है और इसी तरीके से नियम विरूद्ध बिना खूनी रिश्ते के फर्जी वसीयत के नाम पर भूमियों का हस्तांतरण किया गया है? जानकारी सहपत्रों के साथ उपलब्ध करायें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वसीयतनों के पंजीयन में रक्त संबंध के तथ्यों को अनिवार्य रूप से उल्लिखित करने का प्रावधान नहीं है। अतः बिना खूनी रिश्तों के वसीयतनामों की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। पंजीबद्ध वसीयतनामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। अपंजीबद्ध वसीयतनामों की जानकारी विभाग के क्षेत्रांतर्गत न होने से दिया जाना संभव नहीं है। वसीयत एक व्यक्तिगत दस्तावेज है। पंजीयन अधिनियम, 1908 की धारा 57 (2) के तहत वसीयत की प्रति मात्र वसीयतकर्ता को ही दी जा सकती है तथा वसीयतकर्ता की मृत्यु होने के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर उपलब्ध कराई जा सकती है। अतः पंजीयन विधान की धारा 57 (2) के अनुसार वसीयत की प्रति उपलब्ध कराई जाना संभव नहीं है। पंजीयन अधिनियम, 1908 की धारा 57 (2) की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) पंजीयन अधिनियम 1908 की धारा 34 व 35 में निर्धारित प्रक्रिया के पालन के उपरांत धारा 52, 58, 59 व 60 के प्रावधान अनुसार दस्तावेजों का पंजीयन किया जाता है। वसीयत के पंजीयन के लिए भी यही प्रक्रिया है। बिना खूनी रिश्ते के रजिस्टर्ड वसीयतनामा तैयार कर भू-माफियाओं के द्वारा गरीबों की भूमि हड़पने की कार्यवाही संबंधी कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। यह सही है कि प्रश्नांश (क) के जिले के तहसील नरवर में सोनचिरैया अभ्यारण एरिया में भूमि खरीदी एवं बिक्री पूर्णतः बंद है। परंतु वसीयत एक इच्छापत्र है, जिसका पंजीयन अनिवार्य नहीं है। वसीयत के माध्यम से प्राप्त होने वाले अधिकार मरणोपरांत लागू होते हैं। वसीयत को निरस्त करना विभाग के क्षेत्राधिकार में नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शिवपुरी जिले की नरवर व करैरा तहसीलों के वे ग्राम व अभ्यारण जहां भूमि खरीदी एवं बिक्री पर पूर्णतः प्रतिबंध है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। नियम विरूद्ध बिना खूनी रिश्ते के फर्जी वसीयत के नाम पर भूमियों के हस्तांतरण संबंधी कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आई हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुपयोगी भूमि को राजस्व मद में दर्ज करना
[नर्मदा घाटी विकास]
17. ( क्र. 1289 ) श्री संजय यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता की विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली जनपद पंचायत शहपुरा भिटौनी ब्लाक के अंतर्गत चरगंवा अहमदपुर व कंचनपुरी में नर्मदाघाटी विकास विभाग की अनुपयोगी भूमि को राजस्व मद में दर्ज कराने का प्रस्ताव राजस्व विभाग शासन को भेजा जाना था? यदि हाँ तो क्या उक्त भूमि का प्रस्ताव शासन की ओर भेजा गया है अथवा लंबित है? (ख) यदि उक्त प्रस्ताव लंबित है तो लंबित रखने हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है? (ग) उक्त प्रस्तावित भूमि राजस्व विभाग के मद में कब तक दर्ज होगी? समय-सीमा सहित संपूर्ण किये गये पत्राचार एवं नस्ती भी उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परीक्षा 2013 में उतीर्ण अभ्यार्थियों की नियुक्ति
[वित्त]
18. ( क्र. 1346 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. अधीनस्थ लेखा सेवा (विभागीय) परीक्षा 2013 में कितने अभ्यार्थी उत्तीर्ण हुये थे? जातिवर्ग एवं विभागवार जानकरी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उत्तीर्ण अभ्यार्थियों में से कितने अभ्यार्थियों की एस.ए.एस. संवर्ग में नियुक्ति किन-किन आदेशों द्वारा की गई है। जाति वर्गवार आदेश की प्रति देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार कुल उतीर्ण अभ्यार्थियों में से अनुसूचित जन जाति के अभ्यार्थियों को एस.ए.एस. संवर्ग में नियुक्ति प्रश्न दिनांक तक नहीं की गई है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्यार्थियों को छोड़कर अन्य वर्ग के अभ्यार्थियों को नियुक्ति दी जा चुकी है ऐसा क्यों? यदि म.प्र. राजपत्र, क्र.22 भोपाल शुक्रवार दिनांक 27 मई 2016 द्वारा संशोधन के कारण हो तो उनकी सूची दी जावे। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि म.प्र. राजपत्र, क्र.22 भोपाल शुक्रवार दिनांक 27 मई 2016 द्वारा संशोधन के कारण नियुक्ति नहीं दिये जाने का कारण है, तो संशोधन के पूर्व इन्हें क्यों वंचित रखा गया है? आगामी समय में शेष अभ्यार्थियों को एस.ए.एस. संवर्ग में नियुक्ति कब तक दी जावेगी।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा सेवा (विभागीय) परीक्षा, 2013 में कुल 87 अभ्यार्थी उत्तीर्ण हुये थे। इनमें अनुसूचित जाति वर्ग के 11, अनुसूचित जनजाति वर्ग के 55 तथा अनारक्षित वर्ग के 21 अभ्यार्थी उत्तीर्ण हुए। म.प्र.अधीनस्थ लेखा सेवा (विभागीय) परीक्षा, 2013 का परिणाम विभागवार जारी नहीं किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कुल 72 अभ्यार्थियों को म.प्र.अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग में नियुक्ति प्रदान की गई। नियुक्ति आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नियुक्ति आदेश जाति वर्गवार जारी नहीं किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुसूचित जनजाति वर्ग के उत्तीर्ण 55 अभ्यार्थियों में से 45 अभ्यार्थियों को नियुक्ति प्रदान की गई है। शेष 10 अभ्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति वर्ग के पद उपलब्ध नहीं होने के कारण नियुक्ति प्रदान नहीं की गई है। अन्य वर्गों के पद उपलब्ध होने के कारण उन वर्गों के पात्र अभ्यार्थियों को मध्यप्रदेश अधीनस्थ लेखा संवर्ग में नियुक्ति प्रदान की गई थी। जी नहीं। म.प्र.राजपत्र क्रमांक 22 भोपाल दिनांक 27 मई, 2016 द्वारा प्रशासनिक आवश्यकता के दृष्टिगत म.प्र.अधीनस्थ लेखा सेवा भर्ती नियमों में संशोधन किया गया जिसके अनुसार म.प्र.अधीनस्थ लेखा सेवा में भर्ती निम्नलिखित दो रितियों से की जावेगी :- (i) अधीक्षक/लेखा सहायक (सहायक वर्ग-1) से पदोन्नति द्वारा (ii) प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा (म.प्र.लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से) (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार।
नगर पचोर में उप-पंजीयक कार्यालय की स्थापना
[वाणिज्यिक कर]
19. ( क्र. 1366 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के पचोर नगर में उप-पंजीयक कार्यालय खोले जाने की कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ तो कब तक उप-पंजीयक कार्यालय प्रारंभ होने की संभावना है? (ख) क्या यह सही है कि पंजीयक कार्यालय सारंगपुर में होने वाले पंजीयन (रजिस्ट्री) में पचोर तहसील की रजिस्ट्रियों का प्रतिशत ज्यादा है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं।
सेवायुक्तों के वेतन निर्धारण की सही प्रक्रिया न होना
[वित्त]
20. ( क्र. 1383 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य तिलहन संघ के सेवायुक्त जो राज्य शासन के अलग-अलग लगभग 25-30 विभागों में पदस्थ है, उनके वेतन निर्धारण हेतु वित्त विभाग द्वारा जारी परिपत्र 496/2031/2018/ नियम/चार दिनांक 23.03.2019 से भ्रामक स्थिति उत्पन्न हुई है? क्या उक्त आदेश को संविलियन एवं प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सेवायुक्तों, दोनों का वेतन निर्धारण किये जाने हेतु जारी किया गया है? क्या यह सही है स्पष्ट करें? यदि ऐसा है तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या आदेश में पांचवा वेतनमान का समाहन/लाभ स्वीकृत किया है अथवा नहीं? प्रतिनियुक्ति वाले तिलहन संघ सेवायुक्तों को राज्य शासन के सेवायुक्तों के समान वेतनमान का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? उक्त अतिरिक्त आदेश की आवश्यकता स्पष्ट करें? (ग) तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर शासन के विभिन्न विभागों में पदस्थ सेवायुक्तों के वेतन निर्धारण में पांचवा वेतनमान की गणना लाभ वर्ष 1996 (राज्य शासन के कर्मचारियों जैसा) व वास्तविक लाभ एवं एरियर्स प्रतिनियुक्ति दिनांक से दिये जाने की स्वीकृति प्रदान करेंगे? नहीं तो क्यों? (घ) तिलहन संघ के सेवायुक्तों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर में अलग-अलग एवं संयुक्त कितनी याचिकायें एवं अवमाननायें दायर की गई है, जो वित्त विभाग के संज्ञान में है? विभाग एवं सेवायुक्त व प्रकरण की जानकारी व अद्यतन स्थिति बतायें?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। वित्त विभाग का परिपत्र दिनांक 23-03-2019 सुस्पष्ट है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। यह आदेश तिलहन संघ से राज्य शासन में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थी अवधि में वेतन निर्धारण के लिये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ की कंडिका-2 एवं 3 में स्थिति स्पष्ट की है। (ग) राज्य शासन में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ होने पर उपरोक्त आदेश के अनुसार वेतन निर्धारण कर वेतन अंतर की राशि होने पर देय होती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
21. ( क्र. 1384 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी विभाग एवं वाणिज्यकर विभाग (कमर्शियल टैक्स/स्टेट जी.एस.टी. के प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के किस-किस नाम/वर्तमान पदस्थापना वाले अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्नतिथि तक लोकायुक्त/ईओडब्ल्यू/पुलिस में प्रकरण पंजीबद्ध हैं? प्रकरणवार/नामवार/पदवार/प्रकरण दर्ज करने वाली एजेन्सीवार/प्रकरणों में दर्ज धाराओंवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभिन्न जाँच एजेन्सियों के द्वारा किन-किन प्रकरणों में कोर्ट में चालान पेश करने राज्य शासन से अनुमति मांगी है? किस-किस प्रकरण में अनुमति नहीं दी गई है? क्यों कारण दें? किन-किन प्रकरणों में अनुमति दे दी गई है? प्रकरणवार दें? कब तक अनुमति दी जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) आबकारी विभाग के प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के वर्तमान पदस्थापना वाले अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्नतिथि तक लोकायुक्त द्वारा कुल 05 प्रकरण कायम किये, जिसका विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। पुलिस विभाग द्वारा कुल 01 प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है, जिसका विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वाणिज्यिक कर विभाग (कमर्शियल टैक्स/स्टेट जी.एस.टी.) के प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के वर्तमान पदस्थापना वाले अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्नतिथि तक लोकायुक्त/ ईओडब्ल्यू/पुलिस द्वारा कायम किये प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ख) आबकारी विभाग के प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। वाणिज्यिक कर विभाग (कमर्शियल टैक्स/स्टेट जी.एस.टी.) के प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में उल्लेखित प्रकरणों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
प्राचीन मंदिर भिण्डऋषि की भूमि पर हुए अतिक्रमण
[अध्यात्म]
22. ( क्र. 1394 ) श्री संजीव सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्राचीन मंदिर भिण्डऋषि की भूमि पर अतिक्रामकों के ऊपर कलेक्टर भिण्ड के द्वारा अर्थदण्ड लगाया गया था? यदि हाँ तो कितना वसूली हुई? यदि नहीं, तो उनके खिलाफ क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या अतिक्रामित भूमि को मुक्त कराकर भिण्डऋषि के मंदिर के पुजारी को सुपुर्द की गई थी? क्या अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा प्राचीन भिण्डऋषि मंदिर के पुजारी को हटाने का आदेश दिया गया? यदि हाँ तो किस नियम के तहत आदेश दिया गया?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) तहसीलदार न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 21/14-15/अ-68 आदेश दिनांक 28/12/2015 द्वारा 90,01,800/- रू. का अर्थदण्ड आरोपित किया गया। उक्त आदेश के विरूद्ध मान.उच्च न्यायालय में रि.पि.क्र.12844/2020 दर्ज होकर विचाराधीन है। (ख) जी हाँ। प्रकरण क्रमांक 177/20-21/बी 121 में पारित आदेश दिनांक 14/01/2021 से मंदिर के पुजारी श्री लक्ष्मणदास को हटाया जाकर श्री अवधूत चरणदास महंत को अस्थायी पुजारी नियुक्त किया गया है। निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आंगनवाड़ी का निर्माण एवं संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( क्र. 1411 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कहां-कहां पर संचालित हो रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में तथा कितने प्रायवेट भवनों में संचालित हो रहे हैं? प्रायवेट भवनों में संचालित हो रहे केन्द्रों को प्रतिमाह, कितना-कितना किराया भुगतान किया जा रहा है? केन्द्रवार बतावें। (ग) वर्तमान में आंगनवाड़ी भवन हेतु कितने प्रस्ताव प्राप्त हुये है? इन प्रस्तावों पर क्या शासन/विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा केवलारी क्षेत्र अंतर्गत कुल 461 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 435 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है एवं 09 आंगनवाड़ी केन्द्र जनसहयोग से संचालित है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। कुल 17 आंगनवाड़ी प्रायवेट भवनों में संचालित हो रहे है। जिनका किराया भुगतान किया जा रहा है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "द" अनुसार है। (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एक आंगनवाड़ी भवन निर्माण का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। (मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र के लिए भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं दी जाती है), पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ई" अनुसार है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति एक सतत् प्रक्रिया है, जो कि वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
मूल विभाग को पद वापस किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
24. ( क्र. 1480 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी एवं रीवा जिले में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विभागों में किस-किस श्रेणी के कितने अधिकारी/कर्मचारी अटैचमेंट कर पदस्थ रखे गये हैं? उनके पद प्रभार एवं अटैचमेंट का दिनांक अंकित विभागवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के कर्मचारी/अधिकारियों के अन्य विभागों में अटैचमेंट करने के लिये शासन स्तर पर क्या नियम बनाये गये हैं? नियम की प्रति एवं उक्त कर्मचारियों के अटैचमेंट करने संबंधी आदेशों की प्रति उपलब्ध कराते हुये जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के जिन कर्मचारी/अधिकारियों को जिन विभागों में अटैचमेंट किया गया है तो कितने अवधि तक के लिये किये गये थे? उक्त अवधि कितने कर्मचारी/अधिकारियों की पूरी हो चुकी है? जिनकी अटैचमेंट अवधि पूरी हो चुकी है, क्या उनके मूल पद एवं विभाग को वापस करेंगे? यदि हाँ तो किन-किन को, आदेश प्रति के साथ सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) यदि हाँ तो क्या स्कूल शिक्षा विभाग के सहायक अध्यापक, अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक या शैक्षणिक अन्य स्टाफों को अटैचमेंट करने का नियम है? यदि हाँ तो नियम की प्रति दें। यदि नहीं, तो (क) के अवधि में उक्त विभाग के कितने शैक्षणिक स्टाफ अटैचमेंट में है? जिलावार सूची देवें तथा उन्हें कब तक मूल पद विभाग को वापस कर देंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अस्पतालों में डेन्टल (बी.डीएस) की नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( क्र. 1491 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अस्पताल में डेन्टल (बी.डीएस) सभी की नियुक्त की जाती है। यदि हाँ तो ब्लाक स्तर पर क्यों नहीं की जाती? (ख) क्या विकासखण्ड स्तर के अस्पताल में एक आयुर्वेदिक चिकित्सक रखे जाने का प्रावधान है, तो क्या डेन्टल सर्जन की भी नियुक्ति विकासखण्ड पर की जावेगी यदि हाँ तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में विभाग अंतर्गत जिला चिकित्सालय एवं 20 बिस्तर से अधिक वाले सिविल अस्पतालों में पद स्वीकृत हैं, अधिकांश विकासखण्ड मुख्यालयों पर स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में पद स्वीकृत नहीं है। (ख) जी हाँ। आई.पी.एच.एम. मापदण्ड अनुसार दंत चिकित्सकों के पद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं तक सृजन संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है, पद सृजन संबंधी कार्यवाही हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
हल्वा/हल्वा कोष्ठा जाति के आरक्षण के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
26. ( क्र. 1497 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन के विभाग एवं सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार दिनांक 28.11.2000 के बाद हल्वा/हल्वा कोष्ठा किस आरक्षित जाति की श्रेणी में आता है? (ख) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 28.11.2000 एवं म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 07.03.2011 के बाद हल्वा/हल्वा कोष्ठा जाति को दिनांक 28.11.2000 के बाद अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में मान्य प्राप्त है? यदि हाँ तो संबंधित आदेश की प्रति एवं अनुसूची उपलब्ध करायें? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या हल्वा/हल्वा कोष्ठा जाति वर्ग को पदोन्नति में अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षण का लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ तो क्यों एवं यदि ना तो किस आधार पर आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) हल्वा/हल्वा कोष्ठा जाति अनारक्षित श्रेणी में आता हैं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कार्यालय में आगजनी की घटना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
27. ( क्र. 1499 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग अंतर्गत 5-6 नवम्बर, 2015 में आगजनी की घटना उपरांत कितने अधिकारी/कर्मचारी की सेवा पुस्तिकाएं तैयार की गई है एवं कितनी सेवा पुस्तिकाओं को मान्यता प्राप्त हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत जिन अधिकारी/ कर्मचारी की सेवा पुस्तिका तैयार नहीं की गई क्या उनको अग्रिम वेतन वृद्धियां व अवकाश एवं सातवें वेतनमान के अंतर्गत एरियर आदि का लाभ दिया जा रहा है यदि हाँ तो किस नियम के तहत किया जा रहा है किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों को सेवा पुस्तिका की मान्यता सत्यापन के बगैर लाभ दिया गया क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग अंतर्गत 5-6 नवम्बर, 2015 में आगजनी की घटना उपरांत 103 अधिकारी/कर्मचारी की सेवा पुस्तिकाएं तैयार की गई है एवं 87 सेवा पुस्तिकाओं को मान्यता प्राप्त हुई है। (ख) जी हां, द्वितीय सेवा पुस्तिका की मान्यता की प्रत्याशा में कार्यालय में उपलब्ध अभिलेखों एवं अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा उपलब्ध कराये गए अभिलेख के आधार पर वेतन वृद्धि तथा अवकाश का लाभ दिया गया। सातवें वेतनमान के अंतर्गत एरियर का लाभ द्वितीय सेवा पुस्तिका की मान्यता तथा सातवें वेतनमान का अनुमोदन संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा से प्राप्त होने के उपरांत दिया गया। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
जानकारी उपलब्ध कराना
[संस्कृति]
28. ( क्र. 1613 ) श्री संजय उइके : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक/1451/2019 दिनॉंक 24/12/2019 के द्वारा जानकारी की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराने हेतु संचालक संस्कृति संचालनालय को पत्र लिखा गया था? जिसके जवाब में उप संचालक/कार्यालय प्रमुख संस्कृति संचालनालय भोपाल द्वारा शासकीय ललित कला महाविद्यालय इन्दौर के भौतिक सत्यापन में कम पाये गये बर्तनों की जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है, दिया गया है? (ख) जाँच होने के कारण मांगे गए दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध नहीं कराने बाबत् कोई नियम/निर्देश, शासन/ विभाग के हों तो स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें? (ग) यदि नियम/निर्देश/आदेश नहीं हो तो जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जावेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं. प्रश्नांश (क) के अनुसार उप संचालक/ कार्यालय प्रमुख के पत्र के जवाब का आशय, जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण, वांछित जानकारी जाँच प्रकरण समाप्त होने के पश्चात् उपलब्ध कराये जाने से था। (ग) जी नहीं। जाँच प्रक्रिया अभी भी प्रचलित है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शहपुरा में व्याप्त समस्यायें
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
29. ( क्र. 1630 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शहपुरा में 100 बिस्तर का अस्पताल बना हुआ है, किन्तु वर्तमान में 30 बिस्तर ही संचालित होने का क्या कारण है? (ख) शहपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में महिला चिकित्सकों की पदस्थापना किन कारणों से क्यों नहीं की जा रही है? कौन जिम्मेवार है? (ग) क्या शहपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में संसाधनों का मशीनों के अभाव में उचित इलाज न हो पाने के कारण मृत्यु दर दिनों दिन बढ़ते जा रही है? यदि हाँ तो कौन जिम्मेदार हैं? क्या उचित उपकरण उपलब्ध करवायेंगे? (घ) शेष बिस्तरों का संचालन कब तक किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) 30 बिस्तर ही संचालित होने की स्वीकृति जारी है। (ख) विभाग में महिला चिकित्सक के नाम से पद स्वीकृति नहीं है। चिकित्सा अधिकारी के पद पर पुरूष एवं महिला दोनों की पदस्थापना की जा सकती है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य विभाग में व्यय राशि की जांच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 1660 ) श्री राकेश मावई : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले को स्वास्थ्य विभाग में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक जिलों में संचालित अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों के कायाकल्प एवं ओ.डी.एफ. कार्य मद में कितनी राशि व्यय करने का जिले में राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? आवंटन राशि के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के जिले में प्राप्त राशि से किन-किन अस्पतालों, उप स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य केंद्रों में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय की गई है? देय राशि एवं व्यय राशि के साथ जिले में कार्यवार, जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के राशि को व्यय करने के क्या नियम थे? नियम की प्रति देवें तथा उक्त अधिकारियों को उक्त कार्य के लिये कितनी राशि व्यय करने का अधिकार था? (घ) प्रश्नांश (क) के जिले में (ख) एवं (ग) के प्रयोजन में व्यय की गई राशि यदि पात्रता से अधिक है तो कौन दोषी है? क्या उक्त राशि वास्तविक रूप से न खर्च कर कागजों में खर्च दिखाया गया है? क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराते हुए दोषियों को दण्डित करेंगे? यदि हां, तो कब तक जाँच दल का गठन कर जाँच करा दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) व्यय की गई राशि प्रात्रता अनुसार उपयोग के परीक्षण/जांच हेतु राज्य स्तर से जाँच कमेटी का गठन किया गया है तथा जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। राज्य स्तर जाँच कमेटी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
विधायक निधि की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
31. ( क्र. 1678 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश के किस-किस विधानसभा क्षेत्र हेतु कितना-कितना आवंटन (विधायक निधि, स्वेच्छानुदान) दिया गया, प्रदेश के समस्त विधानसभा क्षेत्रों की आवंटन सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुछ विधानसभा क्षेत्रों में पूर्ण आवंटन तथा कुछ विधान सभा क्षेत्रों में 12 लाख रु. विधायक निधि तथा 1 लाख रु स्वेच्छानुदान कम दिया गया यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2020-21 पूर्ण होने के पश्चात भी 2019-20 की बची शेष राशि का आवंटन प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं दिया गया जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 का पूर्ण आवंटन विभाग को प्राप्त हो चुका है वित्तीय वर्ष 2019-20 की शेष राशि का आवंटन कब तक छुटी विधानसभा क्षेत्रों को किया जाएगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राशि आवंटन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तिय वर्ष 2019-20 में सेग्मेन्ट कोड 010 (सामान्य विधानसभा क्षेत्र) में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत राशि रूपये 1207323/- एवं विधायक स्वेच्छानुदान योजना के अंतर्गत राशि रूपये 98255/- कम आवंटित की गई। वित्तिय वर्ष 2019-20 की शेष राशि आवंटित कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर पद पर नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
32. ( क्र. 1691 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन म.प्र. हेल्थ एंड वैलनेस के अंतर्गत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के पद पर सत्र 2019-20 एवं 2020-21 में बी.ए.एम.एस. उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को शामिल किया गया था? हाँ या नहीं। (ख) यदि नहीं, तो इन्हें क्यों शामिल नहीं किया गया था? क्या आगामी सत्र में इन्हें शामिल किया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
33. ( क्र. 1694 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा नल-जल योजनाओं के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित की गई है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में नल-जल योजनाओं की निविदा कब-कब आमंत्रित की गई? निविदा में सफल निविदाकार की कितनी-कितनी दर, किस अधिकारी द्वारा स्वीकृत की गई? सफल निविदाकार द्वारा कब कार्य प्रारम्भ किया गया और किस दिनांक को पूरा किया गया? किस निविदाकार द्वारा समय-सीमा पर कार्य किया गया और किसके द्वारा नहीं किया गया, जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) नल-जल योजनाओं की कितनी-कितनी लागत की स्वीकृत की गई थी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
उद्योगों की स्थापना एवं स्वरोजगार
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
34. ( क्र. 1726 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कौन-कौन से उद्योग और बड़ी औद्योगिक इकाइयां वर्तमान में कहाँ-कहाँ स्थापित/संचालित हैं और जिले में कौन-कौन से औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जा सकती हैं और प्रस्तावित हैं? (ख) कटनी जिले में नवीन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए विभाग द्वारा क्या कार्य एवं कार्यवाही की गयी हैं और विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से किन-किन नवीन औधौगिक इकाइयों का संचालन प्रारम्भ किया गया हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) औद्योगिक इकाइयों में क्या स्थानीय नागरिकों को रोजगार दिये जाने का प्रावधान नियत हैं? यदि हाँ, तो नियमानुसार जिले में संचालित औद्योगिक इकाइयों में कितने स्थानीय एवं मध्यप्रदेश के निवासियों को रोजगार प्रदान किया गया है? औद्योगिक इकाइयोंवार बताएं। (घ) कटनी जिले से मजदूरों का पलायन रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विगत 03 वर्षों में क्या कार्ययोजना बनाई गयी एवं क्या कार्य किए गए और क्या इससे मजदूरों के पलायन में कमी आना परिलक्षित हुआ हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवे, यदि नहीं, तो पलायन रोकने के लिए शासन/जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाएंगी? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में बेरोजगारी की समस्या के निदान के लिए क्या-क्या प्रयास और कार्य किए गये तथा शासन/विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की जा रही हैं और क्या योजना हैं?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओम.प्र.काश सखलेचा ) : (क) कटनी जिले में स्थापित/संचालित उद्योगों के संबंध में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग तथा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। कटनी जिले में स्थापित की जाने वाले उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अनुसार कटनी जिले में एसीसी लि0 द्वारा ग्राम अमेहठा में वृहद स्तर का सीमेंट प्लांट प्रस्तावित है। (ख) 1- नवीन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के प्रोत्साहन हेतु विभाग द्वारा मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 लागू की गई है। प्रदेश में स्थापित होने वाली निर्माण श्रेणी की एम.एस.एम.ई. इकाइयों को मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 में निहित सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाता है। मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 का लाभ कटनी जिले में स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयों को भी प्राप्त होता है। 2- कटनी जिले में विगत तीन वर्षों में स्थापित नवीन औद्योगिक इकाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार विगत तीन वर्षों में उद्योग स्थापनार्थ आवंटित की गई भूमि की उद्योगवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पांच अनुसार है तथा संचालित (स्थापित) नवीन औद्योगिक इकाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है। (ग) ऐसी औद्योगिक इकाइयां जो मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 के अंतर्गत सुविधा प्राप्त करती है, को अपने कुल रोजगार का न्यूनतम 70 प्रतिशत मध्य प्रदेश के स्थानीय निवासियों को प्रदान करना अनिवार्य है। कटनी जिले में औद्योगिक इकाइयों में प्रदत्त कुल रोजगार एवं उसमें से स्थानीय लोगों को प्रदत्त रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-सात अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2020) अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली इकाइयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य होगा। औद्योगिक इकाइयों में इकाईवार स्थानीय (मध्यप्रदेश के निवासियों) को रोजगार प्रदान किये जाने की जानकारी प्रपत्र छ: के कालम-6 में उल्लेखित है। (घ) कटनी जिले में मजदूरों का पलायन रोकने के लिये जिला प्रशासन द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-आठ अनुसार है। (ड.) बेरोजगारी की समस्या के निदान के लिये विभाग द्वारा भारत सरकार के प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं राज्य शासन की स्वरोजगार योजनाओं (वर्तमान में स्थगित) का संचालन किया जाता है। साथ ही प्रदेश में स्थापित होने वाली ऐसी एम.एस.एम.ई. इकाइयां जो मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 के अंतर्गत सुविधाओं का लाभ लेना चाहती है, में 70 प्रतिशत स्थानीय व्यक्तियों के रोजगार की शर्त अनिवार्य की गई है।
डिजिटल जाति प्रमाण पत्र के आवेदन एवं कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
35. ( क्र. 1727 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन द्वारा आदेश दिनांक 27/11/2019 से सेवा क्रमांक – 6.5 के आवेदन में संलग्न किए जाने वाले दस्तावेजों के संबंध में कोई परिवर्तन किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या और क्या आवेदन के साथ हस्तलिखित जाति प्रमाण पत्र की मूल प्रति संलग्न करना आवश्यक हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो शासनादेशों/निर्देशों से अवगत कराइए? (ख) प्रश्नांश (क) आदेश के पश्चात् कटनी-जिले में किस प्रक्रिया से किन-किन दस्तावेजों के आधार पर आवेदन जमा और डिजिटल जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं तथा क्या आवेदन के समय हस्तलिखित जाति प्रमाण पत्र की मूल प्रति की मांग आवश्यक तौर पर की जाती हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्या ऐसा ना होना सत्यापित किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ग) क्या हस्तलिखित जाति प्रमाण पत्र की मूल प्रति संलग्न ना होने पर लोक सेवा केन्द्रों द्वारा आवेदन जमा नहीं किए जाते और पदभिहित अधिकारियों द्वारा आवेदनों को निरस्त किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्या ऐसा ना होना सत्यापित किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में नियम विपरीत तरीके से लोक सेवा केन्द्रों द्वारा आवेदन जमा करने से इंकार कर आवेदकों को भटकाने और आवेदनों को निरस्त करने का संज्ञान लेते हुये कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अशासकीय अस्पतालों की बिस्तर क्षमता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
36. ( क्र. 1743 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अशासकीय अस्पतालों की बिस्तर क्षमता कितनी कितनी है? अस्पतालवार विवरण देवें। (ख) अशासकीय अस्पतालों की बिस्तर क्षमता के आंकलन हेतु क्या नियम/मापदंड हैं? प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ग) जिले के अशासकीय अस्पतालों की बिस्तर क्षमता के सत्यापन हेतु कौन से अधिकारी अधिकृत है तथा अस्पताल की बिस्तर क्षमता के सत्यापन के पूर्व वह किस प्रक्रिया का पालन करते हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जबलपुर जिले के अशासकीय अस्पतालों की अस्पतालवार बिस्तर क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) अशासकीय अस्पतालों के बिस्तर क्षमता के आंकलन हेतु म.प्र. उपचर्या तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 का पालन किया जाता है। उक्त अधिनियम एवं नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) म.प्र. उपचर्या तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 के अंतर्गत बिस्तर क्षमता के सत्यापन हेतु जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अधिकृत हैं। जिला जबलपुर में अशासकीय अस्पताल के बिस्तर क्षमता के सत्यापन हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जिला स्तरीय सत्यापन दल का गठन किया गया है जिसमें डी.एच.ओ. तथा डी.एम.ओ. सम्मिलित हैं। उक्त दल द्वारा अशासकीय अस्पताल/नर्सिंग होम का निरीक्षण किए जाने के उपरान्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अधिनियम अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
37. ( क्र. 1752 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य कितनी राशि के स्वीकृत किये गए एवं उनकी निर्माण एजेंसी किस विभाग को बनाया गया है? वर्षवार कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, निर्माण एजेंसी (विभाग) की जानकारी से अवगत करावे। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित निर्माण एजेंसी (विभाग) द्वारा कौन-कौन से कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं? एवं अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर दिए जाएंगे? वर्षवार, एजेंसीवार, पूर्ण किए एवं अपूर्ण कार्य पूर्ण करने की दिनांक से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में अपूर्ण रहे कार्य में हुए विलंब के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 6 अनुसार है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराये जाने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु क्रियान्वयन एजेंसियों को निर्देशित किया गया है।
शासन द्वारा संधारित मंदिरों का जीर्णोद्धार
[अध्यात्म]
38. ( क्र. 1753 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार कार्य हेतु वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा कौन-कौन से मंदिरों के प्रस्ताव किस-किस दिनांक को कलेक्टर महोदय राजगढ़ को प्रेषित किए गए हैं? मंदिर के नाम, ग्राम का नाम तथा प्रस्ताव प्रेषित करने की दिनांक से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित मंदिरों में से कितने मंदिरों के जीर्णोद्धार प्रस्ताव को कलेक्टर राजगढ़ द्वारा शासन को प्रेषित किए गए हैं? ग्राम का नाम, मंदिर का नाम तथा शासन को प्रेषित पत्र का संदर्भ की जानकारी से अवगत करावें एवं कितने तथा कौन-कौन से मंदिरों के जीर्णोद्धार प्रस्ताव शासन को भेजा जाना शेष है? शेष प्रस्ताव कब तक शासन को भेजे जाएंगे? (ग) शासन द्वारा विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत मंदिर जीर्णोद्धार के प्राप्त प्रस्तावों में से संबंधित मंदिर जीर्णोद्धार हेतु कब तक राशि स्वीकृत कर दी जावेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। (ग) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत मंदिर जीर्णोद्धार के प्राप्त प्रस्तावों में से श्री राम मंदिर ग्राम निद्राखेड़ी हेतु राशि रूपये 42,37,000/- एवं श्री राम मंदिर मुकेरवाड़ी ट्रस्ट सारंगपुर हेतु राशि रूपये 51,05,000/- का आवंटन प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति सहीत निर्माण ऐजेन्सी मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल को प्रदाय की गई है। पर्याप्त बजट आवंटन उपलब्ध नहीं होने से शेष प्राप्त प्रस्तावों हेतु स्वीकृति प्रदाय नहीं की जा सकी।
प्राणघातक रोगों हेतु दी जाने वाली आर्थिक सहायता
[जनसंपर्क]
39. ( क्र. 1770 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के अधिमान्यता प्राप्त श्रमजीवी पत्रकारों की प्राणघातक रोग जैसे कैंसर, ह्रदय की बाईपास सर्जरी/एन्जियोप्लास्टी, न्यूरोसर्जरी को उपचार हेतु कितने पत्रकारों को 2019, 2020 में आर्थिक सहायता दी गई? नाम, पता सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या गंभीर रोगों के लिए राशि की जो योजना है व ना काफी है, जबकि इनके इलाज में लाखों रूपये खर्च होते है? क्या शासन इस राशि में बढ़ोत्तरी करेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ग) उक्त समयावधि में ग्वालियर डीन मेडीकल कॉलेज एवं संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, संचालक स्वास्थ्य (चिकित्सा) अथवा संभागीय मेडीकल बोर्ड द्वारा कितने प्रकरणों में अनुशंसा की है? पत्रकार का नाम, रोग का नाम, अनुमानित खर्च सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गंभीर रोगों के उपचार हेतु रूपये 50 हजार तक की आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान है। इसके अलावा अधिमान्य और गैर-अधिमान्य पत्रकारों को स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना में 2 लाख और 4 लाख रूपये के इलाज का प्रावधान है। साथ ही क्रमश: रूपये 5 लाख और 10 लाख का दुर्घटना में मृत्यु पर आर्थिक सहायता का प्रावधान है। (ग) डीन मेडीकल कालेज एवं संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, संचालक स्वास्थ्य (चिकित्सा) अथवा संभागीय मेडिकल बोर्ड से अनुशंसा प्राप्त करने में अनावश्यक विलंब होता है। प्रकरण में तुरंत इलाज किये जाने की गंभीरता एवं आवश्यकता के दृष्टिगत आवेदक को तुरंत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है ताकि उपचार में अनावश्यक विलंब न हो।
मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
40. ( क्र. 1771 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना अंतर्गत वर्ष 2019 एवं 2020 में कितने प्रकरणों में इलाज कराया गया? बच्चे की नाम, आयु, पिता का नाम, पता, तिथि सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले या अन्य लोगों को भी हृदय रोग के इलाज हेतु एक लाख रूपये दिये जायेंगे? कितने लोगों को इस योजना की सुविधा दी गई है? (ग) क्या वर्ष 2019 एवं 2020 में जिला स्तर पर कितने प्रकरण स्वीकृत हुए तथा तहसील अस्पतालों से कहां-कहां से प्रकरण जिला कमेटी को प्राप्त हुए? पूर्ण जानकारी दी जावे।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) ग्वालियर जिले में मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना अंतर्गत वर्ष 2019 में 55 एवं 2020 में 04 बच्चों को उपचार प्रदाय कराया गया। शेष प्रश्न भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2019 में 94 एवं 2020 में 13 प्रकरण स्वीकृत हुये, समस्त प्रकरण जिला स्तरीय समीति को डी.ई.आई.सी. जिला चिकित्सालय से प्राप्त हुये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यात्म विभाग द्वारा प्रदाय कराये गये वित्तीय आवंटन
[अध्यात्म]
41. ( क्र. 1778 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक अध्यात्म विभाग द्वारा कौन-कौन से मेन्टीनेन्स एवं निर्माण कार्य कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? उन निर्माण कार्यों के लिये कितनी-कितनी वित्तीय आवंटन स्वीकृत किया गया था? क्या निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि हाँ तो क्या उन निर्माण ऐजेन्सी को राशि का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? अब इनका भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ख) ग्वालियर जिले के भितरवार, चीनौर एवं घाटीगांव तहसील में कौन-कौन से शासकीय मंदिर हैं? उनकी सूची दें। किस-किस मंदिर से कितनी-कितनी भूमि लगी हुई है? उस भूमि पर कौन-कौन खेती या उपयोग कर रहा है तथा उस भूमि से कितना-कितना राजस्व प्राप्त हो रहा है? सम्पूर्ण मंदिर से लगी हुई भूमि का अलग-अलग विवरण दें। (ग) तहसील भितरवार, चीनौर एवं घाटीगाँव के मंदिरों पर कौन-कौन पुजारी है उनका नाम, पिता का नाम, किस दिनांक से नियुक्त किया गया हैं? क्या उनको पुजारी का नोमन्यू (मानदेय) उपलब्ध हो रहा है? यदि हाँ तो कब तक प्राप्त हो चुका है तथा कितनों का कब से शेष है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पर्यटन स्थलों की स्वीकृति
[पर्यटन]
42. ( क्र. 1826 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन के नियमानुसार नवीन पर्यटन स्थलों की स्वीकृति हेतु क्या-क्या नियम, मार्गदर्शिका प्रचलन में हैं? फोटो प्रति दी जावे। (ख) क्या तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना में पर्यटन स्थल की स्वीकृति हो चुकी है। यदि हाँ तो आदेश की प्रति दी जावे, इस हेतु कार्यालय आदि सुविधायें हेतु कौन सा स्थान चयन किया गया? (ग) क्या लोक निर्माण विभाग खण्ड़ मुरैना के उपखण्ड सबलगढ़ के विश्राम गृह कार्यालय एवं अधिकारी/कर्मचारियों के आवासीय भवनों हेतु भूमि का चयन किया गया हैं?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी नहीं, नवीन पर्यटन स्थलों की स्वीकृति हेतु कोई नियम अथवा मार्गदर्शिका प्रचलन में नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
43. ( क्र. 1827 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्र, उपकेन्द्रों की स्वीकृति की गाईड लाईन क्या है? नियमों की फोटो प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ जिला मुरैना में नियमों के अनुसार केन्द्र/ उपकेन्द्र संचालित हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में नियमान्तर्गत जो उपकेन्द्र/केन्द्र संचालित नहीं हैं उनके नाम, पता सहित बतावें एवं शेष स्थानों पर शासन द्वारा नवीन केन्द्रों की स्वीकृति हेतु शासन/विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से भी अवगत करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र/उप आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये जाने संबंधी निर्देशों की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) स्वीकृत सभी आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र नियमानुसार संचालित है। अतः शेष का प्रश्न नहीं। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान नहीं की जा रही है। अतः शेष का प्रश्न नहीं।
विवाहित महिलाओं के जाती प्रमाण पत्र की उपयोगिता
[सामान्य प्रशासन]
44. ( क्र. 1855 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दूसरे राज्यों से विवाहित होकर म.प्र में आने वाली विवाहिता को अपने ही समाज में विवाह के उपरांत भी अपने प्रदेश के जाति प्रमाण-पत्र से म.प्र में चुनाव, नौकरी में आरक्षण एवं अन्य लाभ नहीं मिलते हैं? यदि हाँ तो इस सम्बन्ध में क्या नियम हैं? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) से संदर्भित अन्य प्रदेशों के जाति प्रमाण पत्र का उपयोग म.प्र में नहीं करने के क्या कारण हैं? अवगत करायें। क्या जो दूसरे प्रदेश की बेटिया विवाह उपरांत म.प्र में आई हैं क्या विभाग मानता है कि यह उनके साथ अन्याय नहीं है? यदि हाँ तो विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) आरक्षित वर्ग के व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी न्याय दृष्टांतों एवं भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुक्रम में अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति का कोई व्यक्ति/ परिवार राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद-341 एवं 342 के तहत जातियों की अधिसूचना जारी होने के वर्ष 1950 के बाद तथा अन्य पिछड़े वर्ग का कोई व्यक्ति/परिवार राज्य सरकार की अधिसूचना दिनांक 26 दिसम्बर, 1984 जारी होने के बाद किसी अन्य राज्य से प्रवृजित होकर मध्यप्रदेश में आया है, तो उसे उसकी संतान को मध्यप्रदेश में जाति प्रमाण पत्र पृथक प्रारूप-तीन में जारी किया जाएगा। भारत सरकार, ग़ह मंत्रालय के आदेश No. BC-16014/1/82-SC&BCD-1, दिनांक 6 अगस्त 1984 के अनुसार प्रारूप-तीन में जारी जाति प्रमाण पत्र पर आरक्षण की सुविधा उसी राज्य से प्राप्त होगी, जिस राज्य से आवेदक का मूल रूप से संबंध है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा देय आरक्षण सुविधा की पात्रता नहीं होगी, किन्तु यह जाति प्रमाण पत्र केन्द्र सरकार की सेवाओं/ संस्थाओं आदि में आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिये मान्य होंगे। संबंधी निर्देश जारी किए गए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फूड इंस्पेक्टर पर कार्यवाही हेतु
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 1875 ) श्री सुनील सराफ : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य एवं औषधि विभाग के वरिष्ठ फूड इंस्पेक्टर पर ग्वालियर लोकायुक्त द्वारा कब एवं किस प्रकरण में नामजद F.I.R. दर्ज की है? (ख) क्या संबंधित अधिकारी इंदौर के नकली घी की सैंपल बदलने पर दो वर्ष से अधिक समय तक निलंबित रहे थे? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में इनको निंदा की शास्ति से दंडित किया गया था? क्या इन सभी दंडों की जानकारी लोकायुक्त पुलिस को विभाग ने दी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) में उल्लेखित अधिकारी के विरूद्ध नामजद F.I.R. होने पर भी सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार इनका निलंबन/स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया है? (घ) क्या उपरोक्त अधिकारी द्वारा पद का दुरूपयोग कर F.I.R. से संबंधित निंदा आदेश/नोटशीट/निलंबन आदेश गायब कर दिया है? यदि नहीं, तो विवरण उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संभाग, ग्वालियर द्वारा क्रमांक 139/2018 पर F.I.R.दर्ज है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में इनको निंदा की शास्ति से दण्डित नहीं किया गया। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) F.I.R. दर्ज होने पर निलंबन/स्थानांतरण के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश प्राप्त नहीं हैं। (घ) F.I.R.से संबंधित प्रकरण में निंदा आदेश/निलंबन आदेश जारी न होने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हैंडपम्प खनन करवाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
46. ( क्र. 1876 ) श्री सुनील सराफ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोतमा वि.स. क्षेत्र में कितने हैण्डपंप चालू हैं, कितने बंद हैं? प्रश्न दिनांक की स्थिति में ग्रामवार चालू/बंद की संख्या बतावें। (ख) उपरोक्तानुसार शासकीय विद्यालयों के परिसरों में स्थित हैंडपंपों की स्थिति भी ग्रामवार चालू/बंद की जानकारी स्कूलवार देवें। (ग) दिनांक 01-04-2020 से 31-01-2021 तक किन फर्मों को हैण्डपंप खनन का कार्य कोतमा विधान सभा क्षेत्र में दिया गया? उनकी टेंडर प्रक्रिया सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार बंद पड़े हैण्डपंप कब तक सुधारे जाकर चालू कर दिये जाएंगे? ग्रीष्मकाल के पूर्व नवीन हैण्डपंप स्वीकृत कर कब तक लगाएं जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 2925 चालू एवं 65 हैण्डपंप बंद हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों को विभाग द्वारा सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत् अधिकतम 15 दिवस में सुधारे जाने का प्रावधान है। आंशिक पूर्ण श्रेणी के पेयजल संकटग्रस्त वाले ग्रामों में आवश्यकतानुसार सर्वेक्षण उपरांत नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य करवाया जाता है। निश्चित समयावधि बाताया जाना संभव नहीं है।
स्वरोजगार योजनाओं में सब्सिडी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
47. ( क्र. 1877 ) श्री सुनील सराफ : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से 31.01.2021 तक अनूपपुर, उमरिया जिलों में कितनी स्वरोजगार योजनाओं में कितने हितग्राहियों को कितनी सब्सिडी दी गई? जिलावार बतावे। (ख) क्या कारण है कि इनकी सब्सिडी रोक दी गई है? उपरोक्त जिलों में जिन हितग्राहियों की सब्सिडी रोक दी गई है, उनकी विधानसभावार जानकारी देवें?। (ग) कब तक इनकी सब्सिडी प्रदान कर दी जाएगी?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओम.प्र.काश सखलेचा ) : (क) दिनांक 01.04.2020 से 31.01.2021 तक अनूपपुर, उमरिया जिलों में राज्य शासन की विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं में 43 हितग्राहियों को राशि रुपये 56.48 लाख की सब्सिडी दी गई, जिसकी जिलेवार जानकारी निम्नानुसार है:-
योजना का नाम |
हितग्राहियों की संख्या एवं दी गई सब्सिडी |
|||
अनूपपुर जिला |
उमरिया जिला |
|||
संख्या |
सब्सिडी राशि (लाख में) |
संख्या |
सब्सिडी राशि (लाख में) |
|
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
26 |
30.15 |
07 |
10.05 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
04 |
8.52 |
01 |
1.73 |
मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना |
04 |
5.28 |
01 |
0.75 |
योग |
34 |
43.95 |
09 |
12.53 |
(ख) किसी भी हितग्राही की सब्सिडी रोके जाने के आदेश नहीं दिये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रजिस्ट्री में स्टांप ड्यूटी चोरी पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
48. ( क्र. 1882 ) श्री सुनील सराफ : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रथम ट्रैडर्स नागदा जंक्शन जिला-उज्जैन द्वारा क्रय संपत्ति की रजिस्ट्री वार्ड नं. 16 (66) महिदपुर रोड के स्थान पर असत्य आधारों पर बलवत गुर्जर की गली में वार्ड 16 (72) पते पर रजिस्ट्री कराकर लाखों रू. की स्टांप ड्यूटी चोरी करने के प्रकरण की अद्यतन स्थिती बतावें। (ख) इन समस्त रजिस्ट्रियों की छायाप्रति देकर बतावें कि जिला पंजीयक उज्जैन द्वारा इनकी कोई जाँच करने हेतु इन रजिस्ट्रियों को मंगाया गया है? यदि हाँ तो इसकी जाँच कब तक पूर्ण होगी? (ग) कब तक मय दंड चोरी स्टांप ड्यूटी की वसूली की जाकर रजिस्ट्री स्वामितों पर F.I.R. कराए जाएगी? यदि नहीं, तो इन्हें संरक्षण क्यों दिया जा रहा है? कारण बतावें। (घ) गलत रजिस्ट्री करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्न से संबंधित 03 दस्तावेज क्रमांक क्रमश: 1619, 1765 एवं 1766 दिनांक क्रमश: 18.12.2013, 08.01.2014, 08.01.2014 को प्रकरण क्रमांक 149, 150 एवं 151/बी-103/20-21 पर दर्ज कर अनावेदकों को जवाब, साक्ष्य आदि प्रस्तुत करने हेतु सूचना पत्र जारी किये गये हैं। (ख) जी हॉं, रजिस्ट्रियों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। उक्त 03 रजिस्ट्रियों के प्रकरण क्रमांक 149, 150 एवं 151/बी-103/20-21 पर दर्ज कर अनावेदकों को जवाब, साक्ष्य आदि प्रस्तुत करने हेतु सूचना पत्र जारी किये गये हैं। उपरोक्त सभी प्रकरणों में नियमानुसार जवाब, साक्ष्य प्राप्त कर न्यायालयीन प्रक्रिया का पालन करते हुए आदेश पारित किये जाऐंगे। (ग) प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण प्रचलित हैं। (घ) दस्तावेजों का पंजीयन तत्कालीन उप पंजीयक श्री पी.के.सोनी द्वारा किया गया है। दोष सिद्ध होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
म.प्र. राज्य सहकारी जनऔषधि संघ को दवाओं का विक्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
49. ( क्र. 1900 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य सहकारी जन औषधि संघ को दवाओं के विक्रय के संबंध में दिनांक 01.06.2018 कब-कब कौन-कौन से थोक विक्रेता अनुज्ञप्ति जारी किये गये हैं? लाइसेंस जारी करने के संबंध में संघ द्वारा प्रस्तुत किये गये दस्तावेज का विवरण उपलब्ध कराएं? (ख) क्या यह सही है कि जारी किये लाइसेंस को शिकायतों के आधार पर निरस्त किया गया था? एक लाइसेंस स्थाई रूप से और दूसरा लाइसेंस केवल कुछ दिनों के लिये निरस्त किया गया था? दोनों लाइसेंस का संबंधित व्यक्ति संघ के अध्यक्ष द्वारा प्रबंधक को अधिकृत किया गया था? (ग) क्या यह निरस्त आदेशों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अनुज्ञप्ति जारी की गई थी और उसमें सत्य प्रमाणित पाए गए, उनको अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के लिये भी आदेश जारी किये गये थे? यदि हां, तो अपराधिक प्रकरण कब-कब और कहां-कहां दर्ज कराए गए हैं? एफ.आई.आर. का विवरण दिया जाए? यदि नहीं, तो प्रकरण दर्ज नहीं कराने के लिये कौन-कौन उत्तरदायित्व है, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या फर्जी ढंग से लाइसेंस लेने वाली संस्था के लिये अलग मापदण्ड अपनाये गए, इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? क्या जन औषधि संघ के लाइसेंस निरस्त होने के बाद भी संघ को नए लाइसेंस जारी कर व्यापार करने की अनुमति दी गई है? यदि हां, तो उसकी प्रति दी जावे। अनुमति किस अधिकारी द्वारा दी गई है? इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? संघ द्वारा दी गई मासिक क्रय-विक्रय पत्रक का विवरण उपलब्ध कराया जाये?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं प्रश्न के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। एक लाईसेंस निरस्त एवं एक लाईसेंस को निलंबित किया गया है। जी हाँ। (ग) जी नहीं, औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति प्रदाय हेतु वर्तमान प्रक्रिया अनुसार ऑनलाईन आवेदन प्राप्त होने पर प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर ही औषधि अनुज्ञप्तियां इस शर्त के साथ जारी की जाती हैं कि लायसेंस प्रदाय उपरांत आवेदन के साथ प्रस्तुत तथ्य सही नहीं पाये जाने पर अनुज्ञप्तियां निरस्त की जा सकेंगी। म.प्र. स्टेट कोऑपरेटिव जन औषधि मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड को प्रदत्त थोक औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति में योग्य व्यक्ति का अनुभव प्रमाण-पत्र सही नहीं पाये जाने के कारण अनुज्ञप्ति क्रमांक 20बी/2224/27/2019 एवं 20बी/2225/27/2019 को निरस्त किया गया। निरस्तीकरण आदेश की सूचना थाना शाहजहांनाबाद को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई थी। थाना शाहजहांनाबाद द्वारा जानकारी चाहे जाने पर उनको कार्यालयीन पत्र दिनांक 05.02.2021 के माध्यम से प्रकरण की जानकारी प्रेषित की गई। लाईसेंसी द्वारा निरस्तीकरण आदेश के विरूद्ध की राज्य शासन के समक्ष प्रस्तुत अपील शासन द्वारा निरस्त की गई है। इस प्रशासन द्वारा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के प्रावधानों के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की गई है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ) जी नहीं, अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। म.प्र. स्टेट कोऑपरेटिव जन औषधि मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड को प्रदत्त लाईसेंस निरस्त होने के बाद जिला भोपाल में जन औषधि संघ को कोई नया लाईसेंस प्रदाय नहीं किया गया है। जिला सागर में मेसर्स म.प्र. राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ मर्यादित के नाम से एक थोक औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति जारी की गई है, जारी अनुज्ञप्तियों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। अनुज्ञप्तियां औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी, जिला सागर द्वारा नियमानुसार प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर जारी की गई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। मासिक क्रय विक्रय पत्रक की मांग किये जाने की अनिवार्यता का प्रावधान औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 में नहीं है। अतः मासिक क्रय विक्रय पत्रक का संपूर्ण विवरण खाद्य एवं औषधि प्रशासन में उपलब्ध नहीं है।
जल निगम बोर्ड द्वारा प्रस्तावित नलजल योजनायें
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
50. ( क्र. 1979 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित परियोजना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत नरयावली विधानसभा के सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड के किन-किन ग्रामों को लाभान्वित करने के लिये कितनी समूह जल प्रदाय नलजल योजनायें प्रस्तावित की गई हैं? (ख) प्रस्तावित नलजल योजनाओं में किन-किन, समूह नलजल योजनओं में सम्मिलित किया गया है? सम्मिलित समूह नलजल योजना का नाम, उनमें सम्मिलित ग्रामों का नाम सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रस्तावित समूह जल प्रदाय नलजल योजना के जल स्त्रोत, लागत सहित जानकारी देवें। (घ) प्रस्तावित समूह जल प्रदाय नलजल योजना का क्रियान्वयन कब तक होगा एवं ग्रामों के ग्रामवासियों को कब तक इस योजना का लाभ प्राप्त होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत नरयावली विधानसभा क्षेत्र के राहतगढ़ एवं सागर विकासखण्डों हेतु 02 समूह जलप्रदाय योजना प्रस्तावित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नरयावली विधानसभा के ग्रामों को नरयावली समूह जलप्रदाय योजना एवं सनोधा समूह जलप्रदाय योजना में सम्मिलित किया गया है। दोनों योजनाओं की डी.पी.आर. बनाने का कार्य प्रगति पर है, अतः योजनावार ग्रामों के नाम वर्तमान में निश्चित नहीं है, संभावित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रस्तावित समूह जलप्रदाय योजनाओं के स्त्रोत मढ़िया बांध एवं बंडा बांध है। योजनाओं की डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। डी.पी.आर. तैयार होने पर लागत ज्ञात हो सकेगी। (घ) प्रस्तावित योजना की प्रशासकीय स्वीकृति एवं वित्तीय संयोजन उपरांत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी, क्रियान्वयन हेतु निश्चित समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र स्थित आंगनवाडि़यां
[महिला एवं बाल विकास]
51. ( क्र. 1988 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी आंगनवाडि़यां कार्यरत हैं? उनके पता एवं पर्यवेक्षक का नाम उनके दूरभाष तथा हितग्राहियों की संख्या आंगनवाड़ीवार बताया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आंगनवाडि़यों में 1 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक पोषण आहार के रूप में क्या-क्या सामग्री किस रूप में हितग्राहियों को प्रदान की गयी प्रति हितग्राही एवं आंगनवाड़ीवार बताया जाये। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की लम्बाई व वजन लेने वाली मशीन न होने की शिकायत प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवधि में प्राप्त हुई थी? यदि हाँ तो वर्तमान स्थिति बताई जाये। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आंगनवाडि़यों में मेडिकल किट एवं स्कूल एज्यूकेशन किट की क्या स्थिति है? आंगनवाड़ीवार बताई जाये।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 183 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली बाल विकास परियोजना बाणगंगा, गोविन्दपुरा, कोलार एवं चांदबड़ के़ अन्तर्गत आने वाली आंगनवाड़ी केन्द्रों में 01 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक पोषण आहार के रूप में गर्म ताजा पका भोजन, रेडी टू ईट एवं पूरक पोषण आहार (टी.एच.आर.) आंगनवाड़ी केन्द्रों के हितग्राहियों में 06 माह से 03 वर्ष, 03 से 06 वर्ष एवं गर्भवती/ धात्री महिलाओं को वितरण किया गया। दिनांक 01.03.2020 से दिनांक 15.03.2020 में गर्म पका ताजा भोजन दिया गया तथा दिनांक 16.03.2020 से 12.04.2020 के दौरान कोविड गाईड लाईन एवं लॉकडाउन के कारण गर्म पका ताजा भोजन नहीं दिया गया है। जिसके उपरान्त दि. 13.04.2020 से 25.01.2021 तक रेडी टू ईट का वितरण किया गया है एवं पूरक पोषण आहार का विवरण संलग्न है। दिनांक 01.02.2021 के उपरान्त गर्म पका ताजा भोजन दिया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की लम्बाई एवं वज़न मशीन न होने संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेष का कोई प्रश्न ही नही। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आंगनवाड़ी केन्द्रों में मेडिकल किट एवं स्कूल एज्युकेशन किट उपलब्ध है। आंगनवाड़ीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।
त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण के कारण ब्याज सहित वसूली
[वित्त]
52. ( क्र. 2014 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के प्रथम वेतन निर्धारण के परिणाम स्वरूप त्रुटि चिन्हित होने पर कर्मचारियों से ब्याज सहित वसूली की जाती है? यदि हाँ तो क्यों एवं कितने प्रतिशत ब्याज सहित वसूली की जाती है? (ख) कर्मचारी के वेतन निर्धारण में किन-किन की भूमिका होती है? क्या स्वयं के वेतन निर्धारण में कर्मचारियों की कोई भूमिका होती है? यदि नहीं, तो वसूली में ब्याज क्यों लिया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या ऐसे कर्मचारी जिनसे ब्याज सहित वसूली की गई उन्हें शासन कोई राहत देगा? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि कर्मचारी की इसमें कोई भूमिका नहीं होती।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। म.प्र.वित्त संहिता भाग-1 के नियम 57 के अनुसार लोक सेवक को हुआ अधिक भुगतान जनता को देय ऋण समझा जाना चाहिए और उसकी त्वरित वसूली हेतु हर संभव प्रयत्न किये जाने चाहिए। वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 12-06-2020 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पैरा 3.2 के अनुसार, सामान्य भविष्य निधि की निर्धारित ब्याज दर के अनुसार साधारण ब्याज दर से वसूली की जाना प्रावधानित है। (ख) कर्मचारी के स्वयं के अतिरिक्त सामान्यत: कार्यालय की स्थापना/लेखा शाखा तथा कार्यालय प्रमुख/वित्तीय अधिकारी/ सलाहकार/संभागीय संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा की भूमिका रहती है। जी हाँ। म.प्र.वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के वेतन निर्धारण संबंधी निर्देश वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 20 जुलाई 2017 के पैरा-12 (बी) अनुसार संबंधित शासकीय सेवक को आई.एफ.एम.आई.एस. प्रणाली में प्रविष्टि व विकल्प (यदि हाँ तो) कार्यवाही की जाना है। शेषांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (क) अनुसार।
कोरोना वायरस के समय प्रदत्त सामग्री एवं राशि का उपयोग
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
53. ( क्र. 2015 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिलातंर्गत कोरोना वायरस से लड़ने हेतु शासन से कितनी राशि तथा सेनटाइजर, साबुन, मास्क एवं अन्य सामग्री कितनी मात्रा में जिला प्रशासन को प्राप्त हुई? प्राप्त राशि में से कौन-कौन सी सामग्री कितनी मात्रा में खरीदी गई? खरीद की गई सामग्री की कीमत क्या थी एवं कहां से क्रय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त राशि एवं सामग्री को कहां-कहां वितरण किया गया एवं किस प्रकार उपयोग किया गया? विस्तृत जानकारी प्रदाय करें। (ग) छतरपुर प्रशासन को कोरोना के समय व्यक्तियों, संस्थानों आदि से कितनी राशि एवं सामग्री प्राप्त हुई? दानदाताओं के नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। उक्त राशि एवं सामग्री का कहां एवं किस प्रकार उपयोग किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) छतरपुर जिले को ई-औषधि पोर्टल के तहत एवं NHM Bhopal से कुल राशि रुपये 65,25,000/- प्राप्त हुई। जिला प्रशासन को सेनेटाइजर, साबुन, मास्क एवं अन्य सामग्री की प्राप्ति संबंधी जानकारी, प्राप्त राशि में से खरीदी गयी सामग्री की मात्रा एवं खरीद की गई सामग्री की कीमत तथा क्रय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) छतरपुर जिला चिकित्सालय के सभी वार्डों व जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में व स्क्रीनिंग सेम्पलिंग एवं चिकित्सा स्टाफ, अन्य कार्यालयों को एवं कर्मचारियों को कोविड-19 गाईडलाईन के अनुसार उक्त सामग्री एवं उपकरणों का उपयोग भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार किया गया। (ग) कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के तहत दान दाताओं (व्यक्तियों, संस्थानों) आदि से रोगी कल्याण समिति जिला चिकित्सालय छतरपुर के खाते में कुल राशि रूपये 38,18,610/- की राशि प्राप्त हुई जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है एवं दानदाताओं से प्राप्त सामग्री का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। दान दाताओं से प्राप्त राशि एवं सामग्री के उपयोग की जानकारी नाम सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
जियोजिकल पार्क और म्यूजियम की योजना
[पर्यटन]
54. ( क्र. 2066 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक पुरातत्वकालीन, धरोहरों स्मारकों व इतिहास से जुड़ी कलाकृतियों, स्मृतियों को संरक्षित करने सहेजने हेतु जिला प्रशासन, पुरातत्व व पर्यटन विभाग ने क्या योजना बनाई है? (ख) स्मार्ट सिटी योजना व इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एवं कल्चरल हेरीटेज (इंटेक) के सहयोग से जियोजिकल पार्क और म्यूजियम बनाने की कब क्या योजना बनाई गई है? (ग) पर्यटन को बढ़ावा देने, पर्यटकों को आकर्षित करने एवं उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु क्या योजना है? इसके लिये किन-किन पर्यटन स्थलों को चिन्हित कर विकास कार्य कराने की योजना क्या है? विश्व प्रसिद्ध धुआंधार (भेड़ाघाट) के प्राकृतिक सौंदर्य व पर्यटकों की सुविधा के लिये कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कब किस स्तर पर कराये गये हैं एवं कौन-कौन से कार्य स्वीकृत कराना प्रस्तावित है? वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की जानकारी दें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) वर्तमान में कोई योजना नहीं बनाई गई है। (ख) वर्तमान में कोई योजना नहीं बनाई गई है। (ग) वर्तमान में कोई योजना नहीं बनाई गई है, किन्तु पूर्व में विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट में संलग्न परिशिष्ट अनुसार कार्य कराये गये हैं।
पिछड़ा वर्ग को नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण
[सामान्य प्रशासन]
55. ( क्र.
2095 ) श्री
जालम सिंह
पटैल : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या
प्रदेश में
पिछड़ा वर्ग
के नागरिकों
को शासकीय
नौकरियों में 27
प्रतिशत
आरक्षण दिया
जा रहा है? अगर
हाँ तो कब से
कितनों को अगर
नहीं तो कब तक
दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश
(क) अंतर्गत
जिला
नरसिंहपुर, सागर
एवं दमोह में
आरक्षण प्रारंभ
होने के
उपरांत से
कितने
नागरिकों को
शासकीय
नौकरियों में
पिछड़ा वर्ग
आरक्षण का लाभ
प्रदान किया
है विभागवार
जानकारी उपलब्ध
करावें?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जी
हाँ। अन्य
पिछड़ा वर्ग
को 8
मार्च, 2019 से 27
प्रतिशत
आरक्षण का
प्रावधान
किया गया है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
स्वीकृत हुए उप स्वास्थ्य केन्द्रों की वर्तमान स्थिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
56. ( क्र. 2111 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2017-18 से 2020-21 के मध्य कुल कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड सिरमौर एवं विकासखण्ड जवा में स्वीकृत हुए हैं? (ख) क्या सभी स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्रों हेतु भवन निर्माण कराया जा चुका है? यदि नहीं, तो कुल कितने उप स्वास्थ्य केन्द्रों हेतु भूमि उपलब्ध हो चुकी है? कुल कितने उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा कुल कितने लंबित हैं? (ग) स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्रों का लंबित निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो सकेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सत्र 2017-18 से 2020-21 के मध्य विधान सभा क्षेत्र विकासखण्ड जवां में कुल 12 उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत है एवं 02 उप स्वास्थ्य केन्द्र सिरमौर ब्लाक अंतर्गत स्वीकृत है। (ख) जी नहीं, स्वीकृत 14 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में से 04 उप स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए भूमि उपलब्ध हुई, जिनके निर्माण कार्य प्रगति पर है। शेष 10 उप स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध न होने के कारण लंबित है। (ग) उपयुक्त भूमि उपलब्ध होने एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता होने पर निर्माण कार्य की शासन द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के उपरांत। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हाइड्रो पिक्चरिंग के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
57. ( क्र. 2128 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1.4.2019 से राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा में हाइड्रो पिक्चरिंग किन-किन गांव में किया गया है? क्या इसकी आवश्यकता थी? (ख) क्या गांव से इसके प्रस्ताव प्राप्त हुए थे? यदि हाँ तो किन-किन गांव से प्रस्ताव प्राप्त हुए थे? यदि नहीं, तो किस आदेश से उक्त कार्य करवाया गया? (ग) उक्त कार्य से राजगढ़ जिला के किन-किन गांव को लाभ हुआ? सूची उपलब्ध करवायें उक्त कार्य से पूर्व में कोई लाभ हुआ है? यदि हाँ तो किन-किन गांव को लाभ हुआ है? सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो इस कार्य की क्या आवश्यकता थी? (घ) उक्त कार्य के लिए शासन स्तर से कितना बजट दिया गया व कितना बजट खर्च खर्च हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी नहीं। आवश्यक होने पर हाइड्रोफ्रैक्चरिंग का कार्य आवश्यकतानुसार करवाया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) राजगढ़ जिले को रूपये 48.00 लाख का आवंटन दिया गया, जिसमें से रूपये 47.12 लाख व्यय किया गया है।
ग्वालियर जिलांतर्गत उद्योगों की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
58. ( क्र. 2146 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा प्रदेश में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? उद्योग स्थापित करने में विभाग किस प्रकार और कैसी मदद प्रदाय करता है? किस प्रकार के कार्यों/उद्योग स्थापित हेतु विभाग सहायता करता है? विभाग में ग्वालियर जिले में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय बताएं? (ख) ग्वालियर जिले में विभाग की कौन-कौन सी योजना/प्रोजेक्ट संचालित हैं? उक्त में क्या-क्या कार्य किये गए हैं? जिले में विगत 03 वर्ष में कितने व्यक्ति को क्या-क्या लाभ दिया गया है? लाभार्थी की सूची प्रदाय करें। (ग) ग्वालियर जिला अन्तर्गत 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों को उद्योग स्थापित करने हेतु विभाग द्वारा कितना-कितना अनुदान एवं कितनी-कितनी भूमि उपलब्ध करवाई गई? सभी की वर्तमान एवं भौतिक स्थिति क्या है? (घ) औद्योगिक अधोसंरचना विकास के अन्तर्गत कितना और कौन सा कार्य कहाँ किया गया? कार्य की लागत और भौतिक स्थिति क्या है? क्या सभी जगह विकास कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं, तो कहाँ कितना कार्य शेष है? शेष कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओम.प्र.काश सखलेचा ) : (क) विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित योजनायें निम्नलिखित है :-1. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019। 2. खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, भारत सरकार की स्वरोजगार योजना-प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)। 3. मध्यप्रदेश इन्क्यूबेशन स्टार्टअप योजना 2016। उद्योग स्थापित करने में विभाग द्वारा निम्नानुसार सहायता प्रदान की जाती है :-1. उद्योगों की सुगमता पूर्वक स्थापना के लिये औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण तथा उनमें उद्योगों को रियायती दरों पर भूमि का आवंटन किया जाता है। 2. विनिर्माण श्रेणी के उद्योगों को एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 के तहत निवेश प्रोत्साहन अनुदान एवं अन्य वित्तीय सहायता दी जाती है। 3. स्वरोजगार योजना के माध्यम से स्थापित होने वाले उद्यमों को मार्जिन मनी अनुदान सहायता दी जाती है। 4. इन्क्यूबेशन स्टार्टअप योजना अन्तर्गत इन्क्यूबेशन सेन्टर्स एवं स्टार्टअप्स को सुविधायें प्रदान करने का प्रावधान है। ऐसे उद्योग/गतिविधियां, जो उपरोक्त योजनाओं के अन्तर्गत प्रतिबंधित श्रेणी में नहीं आते है, को विभाग द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। ग्वालियर जिले में विभाग के पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले में विभाग का कोई भी प्रोजेक्ट संचालित नहीं है। जिले में विगत 3 वर्षों में रोजगार मूलक योजनाओं में लाभांवित व्यक्तियों एवं उनको दी गई वित्तीय सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में 119 उद्योगों को रूपये 1415.68 लाख, उद्योग निवेश अनुदान, पूंजी अनुदान, ब्याज अनुदान, उद्योग निवेश संवर्धन सहायता तथा परियोजना प्रतिवेदन व्यय प्रतिपूर्ति उपलब्ध कराई गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। उक्त अवधि में किसी भी इकाई को विभाग द्वारा भूमि उपलब्ध नहीं करवाई गयी है। अनुदान प्राप्त सभी इकाइयां वर्तमान में कार्यरत है। (घ) औद्योगिक अधोसंरचना विकास के अन्तर्गत किये गये कार्यों की जानकारी, जैसे लागत, भौतिक स्थिति आदि, का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
नलकूप खनन एवं विद्युत मोटर के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
59. ( क्र. 2232 ) सुश्री कलावती भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में 1 अप्रैल 2020 से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के हैण्डपंपों में कितनी सिंगल फेस विद्युत मोटर लगाई गई थी? यदि हाँ तो किसकी-किसकी अनुशंसा पर कहां-कहां लगाई गई है? ग्राम व विकासखण्डवार सूची देवें। (ख) वर्ष 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक अलीराजपुर जिले में कितने हैण्डपंप खनन किये गये? हैण्डपंप खनन हेतु कौन-सी फर्म का शासन द्वारा टेण्डर स्वीकृत किया गया? खनन किये गये हैण्डपंप की सूची ग्राम व विकासखण्डवार एवं फर्म की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) अनुसार क्या क्षेत्रीय विधायक की अनुशंसा पर विद्युत मोटर स्थापित और नवीन हैण्डपंप खनन किये गये हैं? यदि हाँ तो उसकी सूची देवें। यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है? लिखित में देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। आवश्यकता अनुसार, जलस्तर एवं आवक क्षमता को दृष्टिगत रखते हुए हैण्डपम्प निकालकर सिंगलफेज़ मोटर पंप लगाई जाती हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) हैण्डपंपों के लिए 137 नलकूप खनन किये गये, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) आंशिक पूर्ण श्रेणी की पेयजल संकटग्रस्त ग्रामों/बसाहटों में आवश्यक होने पर विभागीय मापदण्डानुसार नवीन नलकूप खनन कर विद्युत मोटरपंप एवं हैण्डपम्प स्थापना का कार्य किया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पीने के पानी की पाइप लाइन के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
60. ( क्र. 2328 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन कसरावद में तीस हजार एवं भीकनगांव में बीस हजार फीट पाईप प्रदाय किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा क्या स्वीकृति आदेश जारी कर पानी के पाइप प्रदाय किए गए हैं? यदि हाँ तो बतायें। यदि नहीं, तो प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 1273 दिनांक 1/6/19 के संदर्भ में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की? अद्यतन स्थिति से अवगत कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महत्वपूर्ण जनहित की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए कब तक पाइप प्रदाय किए जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र कसरावद के छः ग्रामों की बंद नलजल योजनाओं में क्रमशः पीपल झोपा में 2624 फिट, मलतार में 180 फिट, बोरावा में 3936 फिट, बेगदी में 2345 फिट, बेसरकुण्ड में 2276 फिट एवं सिनगुन में 1984 फिट पाईप बिछाकर योजनाओं को चालू किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जल जीवन मिशन योजना का लक्ष्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
61. ( क्र. 2329 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल जीवन मिशन योजना की कार्य योजना एवं लक्ष्य क्या है? इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि का प्रावधान है? (ख) उक्त योजनांतर्गत मध्यप्रदेश के जिलों में कार्य प्रारंभ किए जा चुके हैं? यदि हाँ तो खरगोन जिले में विधान सभा क्षेत्रवार कार्ययोजना की प्रगति की अद्यतन स्थिति प्रश्न दिनांक तक क्या है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2023 तक सभी ग्रामों में प्रत्येक घर में क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जाना है। राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा योजनान्तर्गत 50-50 प्रतिशत राशि का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अपूर्ण एवं अप्रारंभ योजनायें
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
62. ( क्र. 2389 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री पेयजल योजना के अंतर्गत दिनांक 2017-18 से रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों में पेयजल योजना स्वीकृत की गई? कौन-कौन सी योजनाओं का कार्य कब पूर्ण हुआ तथा ग्राम पंचायत को उक्त योजनायें कब हस्तांतरित की गईं तथा विद्युत कनेक्शन कब लिए गए? (ख) किन-किन ग्रामों में कार्य अप्रारंभ एवं अपूर्ण है? कार्य कब तक पूर्ण होगा? उक्त अपूर्ण तथा अप्रारंभ योजनाओं पर विद्युत कनेक्शन किन-किन दिनांकों में क्या लिया गया तथा किस-किस योजना पर कितना बिजली का बिल बकाया है? (ग) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में समूह नल-जल प्रदाय योजना में क्या-क्या कार्य किस-किस एजेंसी द्वारा करवाये जा रहे है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) 1 जनवरी 19 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में समूह नल-जल प्रदाय योजना तथा नल-जल योजना स्वीकृत करने के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को किन-किन सांसद/विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्याही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज एवं गैरतगंज में बेगमगंज-गैरतगंज समूह जलप्रदाय योजना के अंतर्गत इंटैकवेल, ट्रीटमेंट प्लांट, उच्चस्तरीय एवं भूस्तरीय टंकी, पाईपलाईन, पंप हाउस, घरेलू नल कनेक्शन इत्यादि समस्त कार्य निर्माण एजेंसी मैसर्स जल वरूड़ी इंफ्राकॉन प्रा.लि., अहमदाबाद द्वारा करवाये जा रहे हैं। उक्त कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मां मंगला देवी मेला को केलेण्डर में सम्मिलित किया जाना
[संस्कृति]
63. ( क्र. 2439 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लहार जिला भिण्ड में दिनांक 12/06/2019 को तीर्थ मेला प्राधिकरण, अध्यात्म विभाग द्वारा ''मां मंगला देवी'' मेले में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु म.प्र. शासन संस्कृति विभाग के पत्र क्र. 1375/873/2019/तीस भोपाल, दिनांक 07/09/2019 द्वारा 7.50 लाख रू. प्रदान किए गए थे? (ख) यदि हाँ तो प्रतिवर्ष लगाने वाले ''मां मंगला देवी'' मेला लहार जिला भिण्ड के आयोजन हेतु इस वर्ष भी शासन द्वारा राशि प्रदान की जाएगी? (ग) क्या यह सही है कि तत्कालीन संस्कृति मंत्री म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2018 में उक्त मेले को सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु अनुदान दिए जाने एवं संस्कृति विभाग के केलेण्डर में सम्मिलित किए जाने हेतु संचालक, संस्कृति को निर्देशित किया गया था? यदि हाँ माननीय मंत्री जी के निर्देश के पालन में क्या कार्यवाही हुई? (घ) क्या अनेक वर्षों से लगातार आयोजित किए जाने वाले धार्मिक महत्व के इस प्राचीन एवं ऐतिहासिक मेले को संस्कृति विभाग के केलेण्डर में शामिल कर प्रतिवर्ष ''उत्सव'' मनाने की शासन की कोई योजना है? नहीं तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हां। प्रश्नांश में अंकित मेले में विभाग अंतर्गत संस्कृति संचालनालय द्वारा मात्र भक्ति गायन की प्रस्तुति का संयोजन किया गया, इस हेतु आमंत्रित कलाकार को सीधे राशि रूपये 7.50 लाख का भुगतान किया गया। (ख) मेले संबंधी गतिविधियों का निर्वहन करना विभाग के कार्यक्षेत्र में सम्मिलित नहीं है। (ग) यह गतिविधि विभागीय आयोजनों के मापदण्डों के अनुसार न होने से प्रश्नांश (ख) के उत्तर में क्रियाशील विभाग का उल्लेख है। (घ) जी नही।
नियम विपरीत ट्रस्ट की संपत्ति को बेचे/लीज पर दिए जाना
[संस्कृति]
64. ( क्र.
2440 ) डॉ.
गोविन्द सिंह
: क्या
पर्यटन
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क)
भिण्ड
जिले की लहार
तहसील के कस्बा
आलमपुर के
सर्वे क्र. 759/1, सर्वे
क्र; 759/2
एवं सर्वे
क्र. 986
खासगी देवी
अहिल्याबाई
होल्कर
चैरिटीज
ट्रस्ट
इंदौर के
अंतर्गत 1. मारूति
मंदिर कटरा 2. लक्ष्मीनारायण
मंदिर 3. राममंदिर
गढ़ी 4.
मारूति
मंदिर छत्री
बगीचा म.प्र.
शासन तथा
सर्वे क्र. 1003 की
शासकीय नजूल
पी-II खसरा
पंचशाला में
दर्ज है? (ख) क्या
उक्त सर्वे
क्रमांकों की
शासकीय भूमि
लीज पर दी जा
सकती
है/विक्रय की
जा सकती है? यदि
नहीं,
तो क्या
खासगी ट्रस्ट
द्वारा नियम
विपरीत खासगी
ट्रस्ट की
संपत्तियां
लीज पर दी गई
हैं/विक्रय की
गई हैं? यदि हां, तो क्या
इसकी जाँच
कराकर
संबंधितों के
विरूद्ध कार्यवाही
की जाएगी? (ग) प्रश्न
दिनांक तक
उपरोक्त
संपत्ति की
देखरेख, मरम्मत
तथा सुरक्षा
किस शासकीय
अधिकारी
द्वारा की जा
रही है? नाम पद सहित
बताएं। (घ) क्या
प्रश्नकर्ता
की शून्यकाल
सूचना क्र. 1
विधानसभा
सत्र जुलाई 2015 के
उत्तर में
अवर सचिव
म.प्र. शासन, संस्कृति
विभाग ने
सुरक्षा
गार्ड तैनात
किये की जानकारी
दी थी?
यदि हां, तो
सुरक्षा
गार्ड का नाम, पता, वेतन
तथा तैनाती की
जानकारी दें? (ड.) पुरातत्व
महत्व की मल्हारराव
होल्कर
छत्री आलमपुर
की सुरक्षा
हेतु
रासायनिक संरक्षण
कार्य कब तक
किया जाएगा?
पर्यटन
मंत्री (
सुश्री उषा
ठाकुर ) : (क) जी
हां। भिण्ड
जिले की तहसील
अन्तर्गत
कस्बा
आलमपुर के
खसरा पंचशाला
में सर्वे
क्र. 759/1
रकवा 24.407
हे. आबादी
नजूल,
खासगीदेवी अहिल्याबाई
होल्कर
चैरिटीज
ट्रस्ट इन्दौर
के अन्तर्गत 1. मारुति
मंदिर कटरा 2.लक्ष्मीनारायण
मंदिर म.प्र.
शासन 'अहस्तांतरणीय' तथा
सर्वे क्र. 759/2
रकबा 809
आवादी नजूल
खासगीदेवी
अहिल्याबाई
होल्कर
चैरिटीज
ट्रस्ट इन्दौर
के अन्तर्गत 4. मारुति
मंदिर छत्री
बगीचा म.प्र.
शासन 'अहस्तांतरणीय' तथा
सर्वे
क्रमांक 1003 रकबा 1.499
हे.
शासकीय नजूल
श्री सूवेदार
होल्कर
छत्री आलमपुर
भूमि स्वामी
स्वत्व पर
दर्ज है। (ख) भूमि
लीज पर दिये
जाने अथवा
विक्रय किये
जाने संबंधी
किसी भी
प्रकार की
जाँच कराने का
कार्य विभाग
के
कार्यक्षेत्र
में सम्मिलित
नहीं है। (ग) उपरोक्त
संपत्ति की
सुरक्षा व्यवस्था/देखरेख
मरम्मत आदि
कार्य निजी
संस्था
द्वारा किया
जा रहा है. (घ) प्रश्नांश
'क' में
उल्लेखित
सर्वे
क्रमांक 986 में
विभाग का राज्य
संरक्षित स्मारक
मल्हारराव
होल्कर की
छत्री स्थित
है जिस पर
निजी संस्था
द्वारा
सुरक्षा
गार्ड तैनात
है जिसकी जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ड.)
म.प्र. शासन
द्वारा राज्य
संरक्षित स्मारक
मल्हारराव
होल्कर की
छत्री आलमपुर
का रासायनिक
संरक्षण कार्य
वर्ष 2008-2009
एवं वर्ष 2017-2018
में किया जा
चुका है।
उप स्वास्थ्य केन्द्रों के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
65. ( क्र. 2450 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अन्तर्गत कितने स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? इनमें कितना स्टॉफ कब से पदस्थ है? दिनांक सहित बतावें। (ख) क्या दिमनी विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या के अनुसार संचालित स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या काफी कम होने से अधिकतर क्षेत्रीय जनता को अम्बाह एवं मुरैना उपचार हेतु जाना पड़ता हैं तथा यहां उप स्वास्थ्य केन्द्र खोला जाना आवश्यक हैं। यदि हां, तो क्या विभाग नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने के संबंध में कोई कार्यवाही कर रहा हैं,? अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 03 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 50 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा प्रदेश की जनता को सुलभ स्वास्थ्य सेवाऐं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ''शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट'' तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत जनसंख्या के निर्धारित मापदण्ड एवं स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना हेतु प्राथमिकता निर्धारित की गई है, जिसमें दिमनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामों/संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन के प्रस्ताव सम्मिलित किये गये हैं। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ककन मठ मंदिर का रख-रखाव
[अध्यात्म]
66. ( क्र. 2451 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र दिमनी में सिहौनिया स्थित प्राचीन ककन मठ मंदिर की देखभाल न होने से आवारा पशु एवं असामाजिक तत्वों का जमघट लगा रहता है, मंदिर की देख-रेख व मरम्मत के अभाव में ककन मठ मंदिर की स्थिति काफी खराब हो रही हैं? (ख) सिहौनिया स्थित ककन मठ मंदिर के चारों ओर वृक्षारोपण, मुख्य द्वार बाउन्ड्री, पेयजल व्यवस्था, कैन्टीन, आवागमन हेतु सुगम रास्ता न होने से एवं मंदिर की सुरक्षाकर्मी आदि की कोई व्यवस्था न होने से पर्यटन पर आने-वालों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इन व्यवस्थाओं में सुधार हेतु तथा पर्यटन को बढ़ाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) प्रश्नाधीन सिहोनिया स्थित प्राचिन स्मारक ककन मठ मंदिर राज्य संरक्षित स्मारक नहीं है। यह स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
67. ( क्र. 2453 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विभाग के द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2020-21 माह जनवरी तक कौन-कौन से विभिन्न पेयजल कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वित्तीय वर्षों में स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं और कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण हैं एवं कौन-कौन से निर्माण कार्यों को प्रारंभ किया जाना शेष है? सम्पूर्ण स्वीकृत निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी से अवगत करायें। (ग) क्या उक्त वित्तीय वर्षों में विभाग द्वारा स्वीकृत किए गये निर्माण कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कराया जा रहा है? अगर नहीं कराया जा रहा है तो इसका क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश-'क' अनुसार। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रसिद्ध स्थलों को पर्यटक स्थल बनाना
[पर्यटन]
68. ( क्र. 2455 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत उक्त स्थल 01. जिल्हेरी घाट (ग्राम पंचा. इटावा) 02. देवरानी दाई मंदिर (ग्राम पंचा. तुरसी) 03. हिंगलाज मंदिर (ग्राम पंचा. अम्बाड़ा) 04. कोसमी हनुमान मंदिर (ग्राम पंचा. सोनापीपरी) 05. मां खेड़ापति मन्दिर (नगर पंचायत चांदामेटा) प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटक स्थल है। जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रृद्धालुओं/पर्यटकों/आमजनों का आना-जाना रहता है। क्या उपरोक्त प्रसिद्ध स्थलों को पर्यटक स्थल बनाये जाने के संबंध में विभाग द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपरोक्त सभी प्रसिद्ध स्थलों को विभाग द्वारा कब तक पर्यटक स्थल घोषित किये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करते हुए, श्रृद्धालुओं/पर्यटकों/आमजनों की सुविधा हेतु पर्यटक स्थल घोषित कर दिया जायेगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति के अंतर्गत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
पर्यटन स्थलों का विकास करना
[पर्यटन]
69. ( क्र. 2465 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर की पहचान विश्व पटल पर अंकित करने हेतु भेड़ाघाट धुंआधार के साथ-साथ गौमुख, मदनमहल पहाड़ी की बेलेन्सिंग रॉक के सौन्दर्यीकरण एवं विकास हेतु योजना हैं? (ख) यदि हाँ तो विभाग द्वारा क्या कदम उठाये गये हैं? (ग) क्या इन पर्यटन स्थलों को वर्ल्ड हैरीटेज में जोड़ने हेतु प्रयास किया गया है? (घ) यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) भेड़ाघाट को वर्ल्ड हेरिटेज में जोड़ने के संबंध में आवश्यक अध्ययन कर तथ्य एकत्रित करने हेतु वाईल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून को कार्य सौंपा गया है। यूनस्को वर्ल्ड हेरिटेज के मानको के अनुसार उचित पाये जाने पर भेड़ाघाट को विश्व धरोहरों की टेन्टेटिव सूची में सम्मिलित करने का प्रयास प्रचलन में है।
स्टॉफ को संविदा सेवा में लिया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
70. ( क्र. 2466 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोरोना महामारी के दौरान जबलपुर जिले में आयुष चिकित्सकों, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की आपातकालीन भर्ती की गई थी? (ख) क्या इन्हें संविदा सेवा में निरंतर रखे जाने पर विचार किया जायेगा? (ग) यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) माह मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के प्रारंभिक चरणों में बढ़ते हुये प्रकरणों को दृष्टिगत रखते हुये समस्त जिला कलेक्टरों को जिला स्तर पर आवश्यकतानुसार जिले में उपलब्ध मानव संसाधनों को बिना किसी आरक्षण एवं चयन प्रक्रिया के अस्थाई रूप से 03 माह के लिये आवश्यतानुसार रखने हेतु पत्र क्रमांक आईडीएसपी/2020/288 भोपाल दिनांक 25.03.2020 के द्वारा अधिकार प्रत्यायोजित किये गये थे। यह सेवाऐं पूर्ण रूप से अस्थायी होगी एवं आकस्मिक सेवाओं के रूप में ली जा रही है अतः इन सेवाओं को नियमित अथवा संविदा सेवा के लिए मान्य नहीं किया जावेगा।
जनप्रतिनिधियों के पत्राचार पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
71. ( क्र. 2467 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिला अंतर्गत जिले एवं तहसीलों के किन-किन विभाग के अधिकारियों को कब-कब, कौन-कौन से पत्र प्रेषित किये गये, बतलावें प्रेषित-पत्रों की पावती दिनांक सहित विभागवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि इन प्रेषित-पत्रों पर कब-कब, क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब-कब अवगत कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रेषित-पत्रों में से किन-किन पत्रों पर किन कारणों से कार्यवाही नहीं की गई बतलावें एवं यह भी बतलावें कि किन-किन पत्रों पर की गई कार्यवाही से किन कारणों से प्रश्नकर्ता को अवगत नहीं कराया गया? कब तक की गई कार्यवाही से अवगत करा दिया जावेगा? (ग) क्या एस.डी.एम., तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं अन्य तहसील स्तरीय कार्यालयों को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रेषित पत्रों को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र भेजे-गये थे? उत्तर में यदि हाँ, तो कब-कब, कौन-कौन से पत्र भेजे गये तथा इन भेजे गये पत्रों में से किन-किन पर कब-कब कार्यवाही की गई तथा किन-किन पर किन कारणों से कोई कार्यवाही नहीं की गई? बिन्दुवार सभी उत्तर-सूची में देवें। (घ) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सांसदों/विधायकों से प्राप्त पत्रों की अलग पंजी बनाने तथा निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही कर की गई कार्यवाही से जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने के निर्देश हैं? उत्तर में यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में दोषी कौन-कौन हैं? बतलावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधायक क्षेत्र विकास निधि के कार्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
72. ( क्र. 2468 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक विधायक क्षेत्र विकास निधि से स्वीकृत ऐसे कौन-कौन से निर्माण कार्य हैं, जो प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण या अप्रारंभ हैं? क्या ऐसे निर्माण कार्यों की कार्य एजेंसी या कार्य की प्रकृति परिवर्तित की जा सकती है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक अपनी विधायक निधि से कब-कब, कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? इनमें से कितने निर्माण कार्य पूर्ण, अपूर्ण या अप्रारंभ है? निर्माण एजेंसी के नाम सहित वर्षवार सम्पूर्ण सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अपूर्ण या अप्रारंभ कार्यों को शीघ्र पूरा करने हेतु क्या प्रयास किये गये या किये जावेंगे? (घ) विधायक क्षेत्र विकास निधि से कौन-कौन से कार्य कराये जा सकते हैं? नियमों की छायाप्रति देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। कार्यों को परिवर्तित करने हेतु विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका की कंडिका 3.3 में दिये निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु क्रियान्वयन एजेंसियों को निर्देशित किया गया है। (घ) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत कराये जा सकने वाले कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
कर्मचारियों का अटैचमेंट
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
73. ( क्र. 2471 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में जून 2018 से प्रश्न दिनांक तक ए.एन.एम. नियमित कर्मचारी एवं संविदा कर्मचारी के अटैचमेंट आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन के कहाँ-कहाँ पर किस-किस कार्य हेतु कब-कब अटैचमेंट आदेश जारी किये गये? उक्त कर्मचारी के मूल पदस्थापना कहाँ एवं किस पद पर थी? (ख) उक्त अटैचमेंट किये गये नियमित कर्मचारी, ए.एन.एम. एवं संविदा कर्मचारियों की जिस कार्य हेतु मूल पदस्थापना की गई है वह कार्य किन-किन कर्मचारियों का वर्तमान में कौन संपादित कर रहा है? इनके नाम, पद एवं स्थान सहित जानकारी देवें। (ग) जिन कर्मचारियों ए.एन.एम./संविदा/नियमित कर्मचारियों के अटैचमेंट करने के आदेश जारी किये गये हैं क्या उसकी अनुमति किसी से ली गई है? यदि हाँ, तो किससे एवं कब ली गई? (घ) क्या शासन द्वारा कर्मचारियों के अटैचमेंट करने पर रोक लगा रखी है? यदि हाँ, तो रोक के बावजूद अटैचमेंट क्यों एवं कैसे किये गये?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। सिवनी जिले में नियमित/संविदा ए.एन.एम. को अपने मूल पदस्थापना स्थान से अन्यत्र स्थान पर स्थान रिक्त होने के कारण चिकित्सा व्यवस्था एवं ग्रामीणजनों को स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने की दृष्टि से कार्य करने हेतु आदेशित किया गया था, जिन्हें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी के आदेश क्रमांक नर्सिग/2021/1600 दिनांक 17.02.2021 द्वारा निरस्त कर समस्त ए.एन.एम. को उनके मूल पदस्थापना स्थान पर कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आशा कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन राशि के भुगतान में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
74. ( क्र. 2473 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में आशा कार्यकर्ताओं को वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में कुल कितनी आशा कार्यकर्ता को कितना-कितना भुगतान वर्षवार किया गया? (ख) उक्त भुगतान कहाँ-कहाँ के कौन-कौन बी.सी.एस., लेखापाल एवं बी.एम.ओ. द्वारा किया गया? इनके विरूद्ध कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई? (ग) क्या सिवनी जिले में आशा कार्यकर्ताओं को अत्यधिक कार्य से अधिक प्रोत्साहन राशि भुगतान किये जाने की शिकायतें प्रश्नांश (क) अवधि के बीच प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो शिकायतों का वर्षवार विवरण एवं विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही किन-किन के विरूद्ध की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) सिवनी जिले में वर्तमान में ऐसी कौन-कौन सी आशा कार्यकर्ता हैं? जो 02-02 स्थानों पर कार्यरत हैं और उन्हे दोनों स्थानों पर प्रोत्साहन राशि भुगतान की जा रही है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
कुल आशा की संख्या |
कुल भुगतान की गई प्रोत्साहन राशि |
2015-16 |
1636 |
38720069 |
2016-17 |
1669 |
41990317 |
2017-18 |
1714 |
45593272 |
2018-19 |
1724 |
69782735 |
2019-20 |
1754 |
90757015 |
2020-21 |
1762 |
102053443 |
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार हैं। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं।
नल जल योजना एवं बंद नलकूपों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
75. ( क्र. 2476 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा नल जल योजना के तहत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कार्य कराये गये थे अगर हाँ तो रैगाँव विधानसभा अंर्तगत किन-किन ग्रामों में उक्त योजना से कितनी राशि व्यय कर कार्य कराये गये थे कार्य एजेन्सियों एवं कराये गये कार्यों के विवरण सहित पूर्ण जानकारी दें वर्तमान में कितनें ग्रामों में उक्त योजना का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है तथा किन-किन ग्रामों की योजनाये बंद पड़ी हैं। (ख) क्या बंद पड़ी नल जल योजनाओं को पुनः प्रारंभ कराने की कार्यवाही की जावेगी, अगर हाँ तो कब तक, नहीं तो क्या उक्त योजना के बंद होने का कारण गुणवत्ताविहीन है तो कार्य एजेन्सियों से वसूली की कार्यवाही एवं संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही कब तक और क्या की जावेगी? (ग) रैगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पेयजल सुविधा हेतु खनन कराये गये नलकूपों में कितने नलकूप बंद पडे हैं एवं कितने चालू हैं? कहाँ-कहाँ, किन-किन ग्रामों के कितने-कितनें नलकूप किन कारणों से बंद पड़े हैं नलकूपों के बंद होने के कारण आम जनता को हो रही पेयजल समस्या के निदान हेतु कब तक नवीन नलकूपों का खनन कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जल जीवन मिशन के अंतर्गत रेट्रोफिटिंग/पुनरीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक घर में क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जाना है। योजना के बंद होने का कारण गुणवत्ताविहीन कार्य नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। योजनाओं में नवीन नलकूपों का खनन आवश्यकतानुसार किया जावेगा। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
माध्यम द्वारा करोड़ों का भ्रष्टाचार
[जनसंपर्क]
76. ( क्र. 2483 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यम द्वारा वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक किस-किस कार्य के लिए किस एजेंसी, फर्म, व्यक्ति को 5 लाख से अधिक का भुगतान किस-किस दिनांक को किया गया? वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की सूची अनुसार बतावें कि उल्लेखित 5 वर्ष की अवधि में किस फर्म, ऐजेंसी, व्यक्ति को कुल मिलाकर 25 लाख से अधिक का भुगतान किया गया उस फर्म, एजेंसी के भागीदार/मालिक का नाम, पिता/पति का नाम, पता सहित सूची देवे तथा बिल की कापी देवे। (ग) सिंहस्थ 2016 में माध्यम द्वारा किये गये कार्य, कार्य करने वाली एजेंसी का नाम, भुगतान की राशि, दिनांक कार्य करने हेतु चयन की प्रक्रिया सहित सूची देवें तथा बिल की प्रति देवे। (घ) क्या माध्यम द्वारा पिछले 5 वर्षों में अपने चहेतो को लाखो-करोड़ों का भुगतान तीन से चार गुना दर पर किया गया, क्या शासन इसकी जाँच करायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक, दो, तीन, चार एवं पाँच अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ:, सात, आठ, नौ एवं दस अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग्यारह, बारह, तैरह एवं चौदह अनुसार है। (घ) जी नहीं। मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा निर्धारित दर एवं डी.ए.व्ही.पी. दरों पर ही फर्मों को कार्य दिया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में पूछ गये प्रश्न
[सामान्य प्रशासन]
77. ( क्र. 2532 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों के संबंध में उत्तर घोषित किए जाने के पश्चात उत्तर के गलत होने पर समावेदन प्रस्तुत करने का प्रावधान है? (ख) क्या योग्य विशेषज्ञों के द्वारा प्रश्न पत्र तैयार करने एवं मानक उत्तर तैयार करने के उपरान्त भी गलत उत्तर वाले प्रश्न तैयार किये जाते रहे हैं? यदि हाँ तो आज दिनांक तक विगत 05 वर्षों में इस प्रकार त्रुटिपूर्ण उत्तर तैयार करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कि गई है, या किया जाना प्रस्तावित है? (ग) क्या अंतिम उत्तर तालिका गलत होने एवं उक्त गलत उत्तर के आधार पर मूल्यांकन हो जाने के पश्चात ऐसे अभ्यर्थी जिसने सही उत्तर दिया हो, बावजूद गलत ठहराकर कर अंक काटे गये हो तो, अभ्यर्थी के पास विधिक उपचार क्या है? (घ) क्या नर्मदा और ताप्ती दोनों नदियां डेल्टा नहीं बनाती है? इस विषय पर दो विकल्प देते हुए कई बार प्रश्न पूछा गया है? यदि हाँ तो ऐसी त्रुटि दोबारा न हो उसके लिए विभाग क्या नीति बना रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रश्नपत्र में इस तरह की गंभीर त्रुटि होने पर आयोग द्वारा विषय विशेषज्ञों को परीक्षा कार्य से विवर्जित किया जाता है। विगत पाँच वर्षों में त्रुटिपूर्ण उत्तर तैयार करने वाले 06 विषय विशेषज्ञों को आगामी 2 वर्ष की परीक्षाओं से विवर्जित किया गया था तथा 02 विषय विशेषज्ञों को आयोग द्वारा आयोजित भविष्य की समस्त परीक्षाओं से विवर्जित किया गया है। (ग) जी नहीं। अंतिम उत्तर तालिका गलत नहीं होती है। विषय विशेषज्ञ से प्रावधिक उत्तर कुंजी को संशोधन के बाद अंतिम उत्तर कुंजी त्रुटि रहित होती है। (घ) नर्मदा और ताप्ती दोनों नदियां डेल्टा नहीं बनाती, इस विषय पर दो विकल्प देते हुए, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2015 से 2019 तक आयोजित राज्य सेवा एवं वन सेवा प्रारंभिक परीक्षाओं के प्रथम एवं द्वितीय प्रश्न-पत्रों में इस तरह का प्रश्न नहीं पूछा गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से संबंधित जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
78. ( क्र. 2572 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के अंतर्गत गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु म.प्र. के कौन-कौन से चिकित्सालय संबंद्ध किए गए हैं? चिकित्सालयों की सूची स्थान, बीमारी के नाम सहित उपलब्ध करावें। (ख) बैतूल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने आवेदन गंभीर बीमारी के इलाज हेतु मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान स्वीकृत किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के अंतर्गत कोई भी चिकित्सालय संबद्ध नहीं किये गए हैं शेष भाग का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
79. ( क्र. 2579 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सतना रीवा मऊगंज खण्ड में हैण्ड पम्प के सुधार कार्य हेतु ठेकेदारों से कार्य कराया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 1.4.2019 से ब्लाकवार सभी का विवरण प्रस्तुत करें। कितने लेबर मिस्त्री एवं वाहन लगाया गया है सभी विवरण प्रस्तुत करें। माहवार कितने हैण्डपम्प बनाये जाते हैं, कितना भुगतान किया गया हैं? (ग) क्या किसी ठेकेदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई है? (घ) सतना विधानसभा क्षेत्र में कितने हैंडपंप चालू है और जो बंद है वो कब तक में चालू होंगे, पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) कुल 813 चालू हैण्डपम्प तथा 11 हैण्डपम्प विभिन्न कारणों से बन्द है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कर्मचारियों का नियमितीकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
80. ( क्र. 2581 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सतना अन्तर्गत जिला चिकित्सालय सतना में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर-से-बेहतर बनाने की कड़ी में शासकीय कर्मियों के कमी को ध्यान में रखते हुए रोगी कल्याण समिति का गठन 1 अप्रैल, 1995 को किया गया था। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि रोगी कल्याण समिति के कर्मचारी शासकीय कर्मियों की भाँति कार्य करते हैं, तो इन्हें भी तकनीकी रुप से कुशल माना जाकर अर्द्धकुशल से कुशल श्रेणी का ग्रेड एवं शासकीय कर्मियों की भाँति नियमित किया जाकर इनके आश्रित परिवार को कार्य एवं अन्य सुविधाएं दी जावेंगी, यदि हां, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
विधायक विकास निधि की गाईड लाईन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
81. ( क्र. 2584 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय भवनों की रिपेरिंग हेतु विधायक निधि की राशि विगत कई वर्षों से अधिकतम एक लाख रूपये देने के प्रावधान हैं वर्तमान में यह लगभग अव्यवहारिक हो गया हैं। क्या इसे बढ़ाकर दस लाख रूपये करने पर शासन विचार करेगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र से बाहर दिए जाने वाली विधायक निधि की अधिकतम राशि 5 लाख रूपये से बढ़ाकर 15 लाख रूपये करने पर क्या शासन विचार करेगा? क्योंकि जिले में आवश्यक किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए समस्त विधायक यदि एक साथ मिलकर राशि देना चाहे तो रूपये 5 लाख की सीमा होने से परेशानी होती हैं? (ग) क्या बी.सी.ओ. से बी.सी.ओ. भुगतान प्रणाली से होने वाली परेशानियों तथा देरी को दृष्टिगत रखते हुए संबंधित जिले के अन्दर एक विभाग से दूसरे विभाग में या किसी निर्माण विभाग से योजना विभाग को राशि ट्रांसफर करने की प्रणाली से कार्य करने पर विचार किया जाएगा ताकि फण्ड ट्रांसफर में होने वाली जटिलता तथा देरी से बचा जा सके?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) वर्तमान में प्रावधान रूपये पाँच लाख है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आयुक्त कोष एवं लेखा मध्यप्रदेश के अनुसार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की राशि जिला स्तर पर ही कार्य विभाग को अंतरित की जाने की व्यवस्था आई.एफ.एम.एस. सॉफ्टवेयर में विकसित कर दी गई है। शेष प्रश्न उपथित नहीं होता है।
हैण्डपंप खनन तथा भुगतान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
82. ( क्र. 2585 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में बसाहटों में हैण्डपंप खनन के टेण्डर अंतिम बार कब लगे थे? विकाखण्ड अनुसार जानकारी दें। क्या इनमें वर्क ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं? यदि हाँ तो क्या हैण्डपंप खनन का कार्य पूर्ण हो चुका हैं? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) विषयांकित जिले में विभाग द्वारा ठेकेदारों से कार्य करा लिए गये हैं? उनमें ठेकेदारों को कितना भुगतान बाकी हैं? कार्यों तथा ठेकेदारों के नाम या फर्म सहित बकाया भुगतान की जानकारी दें। यह भी बताए कि भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (ग) जिले में संचालित नल-जल योजनाओं में बिजली के बिलों का भुगतान विभाग करेगा या ग्राम पंचायतें? यदि ग्राम पंचायतें भुगतान करेगी तो अब तक विभाग बिजली बिलों का भुगतान कैसे करता आया हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 02.01.2020 को। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय संयोजन की उपलब्धता अनुसार, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) ग्राम पंचायत को हस्तांतरित नलजल योजनाओं के बिजली बिल का भुगतान संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाना है। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बिजली बिलों का भुगतान विभाग द्वारा किया गया है।
मनोरंजन केन्द्र विकसित करने
[पर्यटन]
83. ( क्र. 2588 ) श्री सुनील उईके : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मनोरंजन एवं वन्य प्राणी अनुभव/नियम 2015 के अंतर्गत छिन्दवाड़ा वृत्त के सतधारा, तामिया रिजर्वर, भूरा भगत, जुन्नारदेव विशाला मंदिर, गिरजा माता मंदिर, पोआमा (कारावोह) स्थानों पर मनोरंजन क्षेत्र बनाने हेतु राज्य पर्यटन विभाग एवं वन विभाग द्वारा आज तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) पोआमा कारावोह एवं दोरियाखेडा, तामिया, खापा, भूराभगत को इस मनोरंजन केन्द्र विकसित करने हेतु क्या विचार करेंगे? अगर हाँ तो कब तक? (ग) जुन्नारदेव विधानसभा में तामिया पर्यटन केन्द्र के विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा कौन-कौन सी स्कीम प्रस्तावित हैं तथा कितना बजट स्वीकृत है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है। (ख) बजट की उपलब्धता के आधार पर विचारण किया जाता है। समय-सीमा बताये जाना संभव नहीं है। (ग) ग्रामीण पर्यटन के अंतर्गत परीक्षण किया जा रहा है। बजट स्वीकृति के संबंध में बताये जाना संभव नहीं है।
जल जीवन मिशन की योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
84. ( क्र. 2589 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत किन-किन पंचायतों में योजना स्वीकृत है एवं कितनी राशि स्वीकृत हुई है? (ख) वर्ष 2020-2021 एवं 2021-2022 में कहाँ-कहाँ, किन-किन ग्रामों में जल संरचनाओं का निर्माण प्रस्तावित है? (ग) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ हैण्डपंप खुदाई के प्रस्ताव किन-किन ग्रामों में प्रस्तावित है? (घ) जुन्नारदेव विधानसभा में जलजीवन मिशन के लिये क्या सर्वे कराकर दुधी, पेंच नदी के उदगम स्थल से क्षेत्र में बह रही नदियों पर स्टाप डेम, वियर बनाने हेतु प्रस्तावित है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में विभाग द्वारा जल संरचनाओं के निर्माण हेतु वर्तमान में कार्य प्रस्तावित नहीं है, तथापि स्वीकृत योजनाएं संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) वर्तमान में हैण्डपंपों के लिये नलकूप खनन के कोई प्रस्ताव प्रस्तावित नहीं है। (घ) जी नहीं।
कोविड-19 के मरीजों के उपचार की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
85. ( क्र. 2591 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में 1 अप्रैल, 2020 से प्रश्नांकित अवधि तक कोविड-19 के पीड़ित मरीजों का उपचार किन-किन अस्पतालों, कोविड सेंटरों में किया गया? शासन द्वारा शासकीय अस्पतालों, निजी अस्पतालों एवं कोविड सेंटरों को कितनी राशि शासन द्वारा प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मरीजों को कितनी राशि की दवाईयाँ एवं डाइट चार्ट (भोजन इत्यादि) परिवहन पर कितना-कितना व्यय किया गया? मदवार, जानकारी उपलब्ध करावें तथा किन-किन को भुगतान किया गया है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने मरीजों ने होम आईसोलेशन पर रहकर उपचार कराया? जिलेवार जानकारी देवें एवं इन मरीजों को क्या-क्या सुविधायें शासन द्वारा प्रदत्त कराई गई हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कोरोना संक्रमण से कितने मरीजों की मृत्यु हो गई है? जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कोविड-19 से पीड़ित मरीजों का उपचार जिन अस्पतालों एवं कोविड सेंटरों में किया गया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शासकीय अस्पतालों, निजी अस्पतालों एवं कोविड सेंटरों को कुल रूपये 1,02,58,18,873/- राशि शासन द्वारा प्रदान की गई है। विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) मरीजों को रूपये 3,64,51,439/- राशि की दवाईयां एवं रूपये 2,11,01,644/- डाइट चार्ट (भोजन इत्यादि) रूपये 2,11,88,815/- परिवहन व्यय किया गया। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) 23060 मरीजों ने होम आईसोलेशन में रहकर उपचार कराया जिलेवार जानकारी एवं शासन द्वारा प्रदत्त कराई गई सुविधाऐं कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कोरोना संक्रमण से 955 मरीजों की मृत्यु हो गई है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
आधार कार्ड बनवाने वाले केन्द्र
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
86. ( क्र. 2593 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज-लटेरी विकासखण्ड में आधार कार्ड बनाने हेतु कितने आधार केन्द्र संचालित हैं? क्या जनसंख्या के अनुपात में इन आधार केन्द्रों की संख्या पर्याप्त है? सरकार द्वारा कितने आधार केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या आधार कार्ड बनवाने के लिए शासन द्वारा प्रति व्यक्ति कितनी राशि का निर्धारण किया गया है? क्या आधार केन्द्रों पर व्यक्तियों से शासन द्वारा निर्धारित राशि से अधिक राशि वसूली जा रही है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? 1 अप्रैल, 2018 से किन-किन अधिकारियों द्वारा आधार केन्द्रों का निरीक्षण किन-किन दिनांकों में किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या आधार केंद्रों के विरूद्ध शिकायती आवेदन प्राप्त हुए हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? कृत कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि जनसंख्या के अनुपात में आधार केन्द्रों की संख्या कम है? तो कब तक आधार केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी जावेगी?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) विदिशा जिले के सिरोंज-लटेरी विकासखण्ड में 09 आधार केन्द्र संचालित हैं। जी नहीं। जिले के सिरोंज विकासखण्ड में जनसंख्या एवं प्रति 10 पंचायत पर एक आधार पंजीयन केन्द्र स्थापित करने के उद्देश्य से 16 केन्द्रों की आवश्यकता है। प्रदेश में नवीन आधार केन्द्रों के रजिस्ट्रेशन हेतु ऑन लाइन प्रक्रिया चालू की गई है जिले के आधार आपरेटरों के आवेदन प्राप्त होने पर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। (ख) नवीन आधार कार्ड बनवाने एवं आधार कार्ड संशोधन हेतु UIDAI, मुख्यालय नई दिल्ली के पत्र क्रमांक F.No.04 (4)/57/372/2016/E&U-I, Dated: 09.05.2020 द्वारा निम्नानुसार राशि हितग्राही से लिए जाने का प्रावधान है :- 1. आधार एनरोलमेंट-निशुल्क 2. आवश्यक बायोमेट्रिक अपडेशन-नि:शुल्क 3. संपूर्ण बायोमेट्रिक अपडेशन (डेमोग्राफिक सहित या रहित) -रूपए 100/- (GST सहित) 4. डेमोग्राफिक अपडेट रूपए 50/- (GST सहित) 5. रंगीन आधार प्रिंट रूपए 30/- (GSTसहित)। कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक आधार केंद्रों का निरीक्षण करने वाले अधिकारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रदेश में नवीन आधार केंद्रों के रजिस्ट्रेशन हेतु ऑनलाइन प्रक्रिया चालू की गयी है जिले के आधार आपरेटरों के आवेदन प्राप्त होने पर आवश्यक कार्यवाही हेतु UIDAI को अग्रेषित करने उपरांत आधार केंद्रों की स्थापना की जा सकती है।
जनसंपर्क निधि वर्ष 2020-21 के लंबित प्रस्ताव
[संस्कृति]
87. ( क्र. 2596 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा भजन/सत्संग मंडलियों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों हेतु वाद्य यंत्र क्रय किये जाने हेतु जनसम्पर्क निधि वर्ष 2020-21 का वित्तीय आवंटन राजगढ़ जिले को प्रदान कर दिया गया है? यदि हाँ तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत जनसम्पर्क निधि वर्ष 2020-21 से स्वीकृति हेतु प्रस्ताव अपने पत्र क्रमांक 1476 दिनांक 31.08.2020 से कलेक्टर जिला राजगढ़ को प्रेषित किये जा चुके हैं? यदि हाँ तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कर संबंधितों के खातों में राशि प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या जनसम्पर्क निधि वर्ष 2020-21 का जिले को प्रदाय किया गया आवंटन 31 मार्च 2021 के पूर्व उपयोग न करने की स्थिति में लेप्स हो जाएगा? यदि हाँ तो प्राप्त आवंटन का पूर्ण उपयोग समय-सीमा में हो सकें, इस हेतु कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा प्रश्न दिनांक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन जनसम्पर्क निधि वर्ष 2020-21 के वित्तीय आवंटन का समय-सीमा में पूर्ण उपयोग करने सहित प्रश्नकर्ता के लंबित प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान करने कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो क्या और कब तक?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा का आयोजन
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
88. ( क्र. 2597 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) का आयोजन अंतिम बार कब किया गया था तथा उक्त परीक्षा का आयोजन कितनी-कितनी अवधि में कराये जाने का प्रावधान रखा गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभाग द्वारा विगत एक वर्ष से उक्त परीक्षा का आयोजन नहीं कराये जाने से विभिन्न माध्यमों से आयोजित होने वाली शासकीय सेवा हेतु भर्ती परीक्षाओं कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता के कारण कई छात्र-छात्राएं उक्त अर्हता नहीं होने से सम्मिलित नहीं हो पाये हैं? यदि हाँ तो क्या उक्त संबंध में विभाग द्वारा उचित संज्ञान लेकर कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ तो क्या? (ग) उपरोक्तानुसार क्या विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को विभिन्न माध्यमों से आयोजित होने वाली शासकीय सेवा हेतु भर्ती परीक्षाओं में समुचित अवसर प्राप्त हो सके, इस हेतु प्रावधान अनुसार कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा का आयोजन करेगा? यदि हाँ तो आगामी संभावित परीक्षा कार्यक्रम से अवगत करावें।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) का आयोजन अंतिम बार दिनांक 01-3- 2020 को किया गया था। परीक्षा का आयोजन प्राय: हर दो माह में कराये जाने का प्रावधान है। (ख) विभाग द्वारा ऐसी जानकारी संधारित नहीं की जाती। जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। आगामी संभावित परीक्षा का आयोजन मार्च-अप्रैल, 2021 में करवाये जाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
अपरवेदा डेम की नहरों का सीमेंटीकरण
[नर्मदा घाटी विकास]
89. ( क्र. 2600 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अपरवेदा डेम की नहरों की टूटने एवं रिसने से विगत दिनों कितने किसानों की कितनी हेक्टेयर की फसल खराब हो गई है तथा उक्त किसान जिनकी फसलें प्रतिवर्ष खराब होती हैं, उनकी समस्या के समाधान के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) नहरों के रिसाव को रोकने हेतु किसानों की मांग अनुसार नहर का सीमेंटीकरण कार्य की स्वीकृति प्रदाय की जावेगी? यदि हाँ तो समयावधि बतायें। नहीं तो क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) किसी भी किसान की फसल खराब होने की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। नहरों में चयनित स्थानों पर लाईनिंग का कार्य किया गया है। (ख) नहरों के शेष लाईनिंग कार्य कराने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भगोरिया पर्व को संस्कृति विभाग अन्तर्गत सम्मिलित कर मनाने
[संस्कृति]
90. ( क्र. 2601 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आदिवासी संस्कृति अनुसार होली के पूर्व हाट बाजार के दिन भगोरिया पर्व मनाया जाता है? यदि हाँ तो वह कौन-कौन से हाट बाजार हैं जहां पर मनाया जाता है? नाम बतायें तथा यह भी बतायें कि, अनुमानित कितनी संख्या में आदिवासी भाई-बहन उक्त हाट बाजार में सम्मिलित होते हैं? (ख) क्या राज्य सरकार द्वारा आदिवासी संस्कृति को महत्व देते हुए हाट बाजारों में शासन द्वारा कोई व्यवस्था की जाती है? यदि हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या भविष्य में भगोरिया पर्व को संस्कृति विभाग द्वारा अनुदान प्रदाय कर सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जा सकते हैं? यदि हाँ तो कैसे? नहीं तो क्या कारण है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संस्कृति विभाग द्वारा भगोरिया पर्व का आयोजन नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में औचित्य नहीं है।
शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों के बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा
[अध्यात्म]
91. ( क्र. 2603 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों के बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा में एवं उनके परिवार का बीमा संबंधित सुविधाएं कब प्राप्त होगी? (ख) सरदारपुर तहसील में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक मंदिर जीर्णोद्धार हेतु कितनी-कितनी बजट राशि किन-किन स्थानों पर किन-किन कार्यों के लिये स्वीकृत की गई, कितने कार्य पूर्ण हैं कितने अपूर्ण हैं? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) शासन द्वारा संधारित मंदिरों के पुजारियों को कितना मानदेय दिया जाता हैं एवं वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक क्या सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी पुजारियों के मानदेय का भुगतान कर दिया हैं यदि नहीं, तो कारण बताते हुए कब तक का भुगतान शेष हैं?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) वर्तमान में विभाग अंतर्गत ऐसी कोई योजना संचालित नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' अनुसार। वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी पुजारियों को मानदेय का भुगतान कर दिया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
अंग्रेजी एवं देशी शराब का विक्रय
[वाणिज्यिक कर]
92. ( क्र. 2612 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में विगत वर्ष अंग्रेजी शराब व देशी शराब विक्रय का ठेका किस माह में किस विभागीय प्रक्रिया के माध्यम से किया व उससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ख) रतलाम जिला अंतर्गत दोनों प्रकार की शराब किस-किस के माध्यम से किन-किन स्थानों पर किन-किन कर्मचारियों की देखरेख में विक्रय की जा रही है? गाँव-गाँव व शहरों में भी डायरियों के माध्यम से जो शराब विक्रय की जाती है तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) रतलाम जिला गुजरात व राजस्थान की सीमा से लगा होने से अवैध दोनों प्रकार की शराब का विक्रय अवैधानिक रूप से किया जाता है तो लगातार जिन स्थानों से यह होता है तो क्या वे चिन्हित होकर उन पर निगरानी रखी जाती है तो विगत वर्ष से प्रश्न दिनांक तक किस-किस प्रकार की कहाँ-कहाँ कार्यवाही हुई? ब्लाकवार जानकारी देंl (घ) अवैध व कच्ची शराब बनाने के साथ ही जहरीले, विषैले पदार्थों का प्रयोग कर यह बनाई जाती है, जिसके कारण अंगघात, अज्ञात बीमारियां व मृत्यु भी हो जाती है तो विगत वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक इस प्रकार के दुखद घटनाक्रम कहाँ-कहाँ पर किन-किन वर्षों में हुए? वर्षवार बताए तथा विभागीय कार्यवाही क्या-क्या की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) रतलाम जिले में वर्ष 2020-21 हेतु अंग्रेजी व देशी शराब का विक्रय का ठेका माह मार्च, 2020 (16.03.2020) में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 77 दिनांक 25.02.2020 में दिये प्रावधान अनुसार ई-टेण्डर के माध्यम से किया गया। रूपये 2,18,00,00,000/- का राजस्व प्राप्त होना संभावित है। (ख) रतलाम जिले में देशी/विदेशी शराब का विकय अनुज्ञप्तिधारी द्वारा लायसेन्स प्राप्त कर पृथक-पृथक मदिरा दुकानों से किया जा रहा है। जिस पर वृत्त के विभागीय उपनिरिक्षकों का नियंत्रण रहता है। रतलाम जिले में गांव-गांव शहरों में डायरियों के माध्यम से मदिरा के विक्रय का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। यदि कोई प्रकरण प्रकाश में आता है तो मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 की युक्तियुक्त धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी। (ग) रतलाम जिला, गुजरात व राजस्थान की सीमा से लगा होने से अवैध दोनों प्रकार की शराब का विक्रय अवैधानिक रूप से होना पाये जाने पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 की युक्तियुक्त धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। चिन्हित स्थान सैलाना, बाजना, सुखेड़ा, पिपलोदा, आलोट उक्त स्थानों पर निगरानी रखी जाकर निरंरत गस्त की जा रही है। विगत वर्ष से प्रश्न दिनांक तक ब्लॉक-सैलाना, बाजना, पिपलोदा, आलोट में कार्यवाही का विवरण निम्नानुसार है:- ब्लॉक पिपलौदा-ग्राम सेमलखेडी और पिपलौदा रोड, आक्यादेह फण्टा, ब्लॉक आलोट- पिपलिया, सिसेदिया, कलूनी, रिछा रोड़, विक्रमगढ़, शेरपुर हिंगडी, मल्हारगढ़, कवरीयाखेडी, रिछा एवं पाटन, ब्लॉक सैलाना- सरवन, कोलपुरा, थेरीपापाडा उक्त स्थानों पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जाकर न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (घ) रतलाम जिले में कोई घटना नहीं होने से इस प्रश्नांश की जानकारी निरंक है।
क्षेत्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
93. ( क्र. 2613 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से स्वच्छ पेयजल आमजन को उपलब्ध किये जाने हेतु सतत प्रयास किये जा रहे है? (ख) यदि हाँ तो जावरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजना बनाई गई? योजनावार जानकारी दें। (ग) प्रत्येक घर परिवार को पर्याप्त स्वच्छ पेयजल प्राप्त हो सके, इस हेतु प्रस्तावित समूह जल प्रदाय योजना का मुख्य जल स्त्रोत माही डेम होगा तो योजना कितनी लागत की होकर कब प्रारम्भ होगी? (घ) प्रश्न दिनांक की बंद पड़ी योजनाए कितनी है, किस वर्ष से है? साथ ही स्वीकृत पायलेट प्रोजेक्ट की वित्तीय स्वीकृति कब दी जाकर कार्य कब प्रारम्भ होगा तथा क्या-क्या किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जावरा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों हेतु डेम स्त्रोत आधारित कोई योजना प्रस्तावित नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) एक योजना, वर्ष 2020-21 से। वित्तीय संयोजन उपलब्ध होने पर, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार।
बण्डा नगर में सिविल अस्पताल की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
94. ( क्र. 2615 ) श्री तरबर सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र में लगभग 4 लाख की आबादी निवास करती है तथा स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बण्डा एवं शाहगढ ही हैं, क्या इतनी आवादी के लिए क्या यह पर्याप्त है? (ख) यदि नहीं, तो क्या बण्डा नगर में सिविल अस्पताल की स्वीकृति हो सकती है? (ग) यदि हाँ, तो बण्डा नगर के लिए सिविल अस्पताल की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) आगामी परियोजना परिक्षण समिति की बैठक के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु सिविल अस्पताल में उन्नयन का प्रस्ताव सम्मिलित कर लिया गया है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
एनवीडीए के कार्यों की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
95. ( क्र. 2619 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में एनवीडीए विभाग के कितने कार्य प्रगतिरत हैं एवं कितने कार्य स्वीकृत है? जो कि अभी तक अप्रारंभ है? अप्रारंभ होने का क्या कारण है? जो कार्य प्रगतिरत हैं उनकी प्रारंभ होने की व पूर्ण होने की दिनांक क्या है? कुल लागत राशि, वर्तमान में कार्य की वित्तीय स्थिति कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और कब तक पूर्ण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन कार्यों की प्रगति में देरी हो रही है उन कार्यों में ठेकेदारों को कोई नोटिस दिया गया या कोई पेनल्टी लगाई गईl यदि हाँ तो पत्राचारों का विवरण देवें एवं नहीं तो कारण सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कोई कार्य हैं जिसमें देरी का कारण विभाग की कोई कमी रही है? क्या उन कार्यों में विभाग की कमी है? ऐसा जिक्र ठेकेदार द्वारा पत्र या और किसी माध्यम से कर विभाग को अवगत कराया गया? यदि नहीं, कराया तो क्यों और विभाग को ऐसी जानकारी कैसे लगेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) विभाग की कोई कमी नहीं है, न ही कोई पत्र प्राप्त हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला कोषालय प्रारम्भ होना
[वित्त]
96. ( क्र. 2624 ) श्री अनिल जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिले में अभी भी विभिन्न विभागों के द्वारा संचालित हितग्राही मूलक योजनाओं में हितग्राहियों के भुगतान टीकमगढ़ जिले में स्थित जिला कोषालय से किये जा रहे हैं जिससे उन्हें अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ तो निवाड़ी जिले के हितग्राहियों को योजनाओं संबंधी भुगतान निवाड़ी कोषालय के द्वारा कब तक प्रारम्भ कर दिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या निवाड़ी जिले में पदस्थ अमले के वेतन एवं स्वत्वों का भुगतान अभी भी जिला कोषालय टीकमगढ़ द्वारा किये जाने से कर्मचारी परेशान हो रहे हैं एवं सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के स्वत्वों का निराकरण सेवानिवृत्ति तिथि के कई महीनों तक नहीं हो पा रहा है। यदि हाँ तो यह व्यवस्था कब तक सुधार ली जावेगी।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। जिला निवाडी में संचालित जिन कार्यालयों में आहरण संवितरण अधिकारी घोषित नहीं है उन कार्यालयों के भुगतान जिला कोषालय टीकमगढ़ से किये जा रहे है। शेष कार्यालयों के भुगतान जिला कोषालय निवाड़ी से किये जा रहे है। संबंधित कार्यालयों में आहरण एवं संवितरण अधिकारियों की नियुक्ति उपरांत हितग्राहियों को योजनाओं संबंधित भुगतान जिला कोषालय निवाड़ी से संभव है। (ख) जी नहीं। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार कर्मचारियों/पेंशनर्स के स्वत्वों का भुगतान ऑन लाईन पद्धति से किया जा रहा है। अत: कर्मचारियों/पेंशनर्स के परेशान होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टेनो टाईपिस्ट को स्टेनोग्राफर पद का समयमान वेतनमान दिया जाना
[सामान्य प्रशासन]
97. ( क्र. 2627 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 07 वर्ष की शासकीय सेवा पूर्ण करने वाले ऐसे स्टेनो टाईपिस्ट जिनके द्वारा शासकीय सेवा में रहते हुए 100 शब्द प्रतिमिनट की गति से शीघ्रलेखन परीक्षा तथा नियोजक द्वारा ली जाने वाली शीघ्रलेखन परीक्षा उर्त्तीण कर ली गई है उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बिना रिक्तियों के बंधन के स्टेनोग्राफर के पद पर पदोन्नत करने हेतु दिनांक 18.02.1983 के परिपत्र जारी किया गया था? (ख) क्या दिनांक 04.02.1985 को परिपत्र जारी कर ऐसे स्टेनो टाईपिस्ट को पदोन्नत पद स्टेनोग्राफर के स्थान पर धारित पद स्टेनो टाईपिस्ट का ही दिये जाने तथा स्टेनोग्राफर के पद का वेतन निर्धारित क्रमोन्नत स्वरूप में करने हेतु स्पष्टीकरण दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योग्यता धारण करने वाले स्टेनो टाईपिस्ट को शासकीय सेवा में 10, 20 एवं 30 वर्ष पूर्ण करने पर स्टेनोग्राफर पद के समयमान वेतनमान दिये जाने हेतु क्या प्रावधान बनाये गये हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 24/01/2008 के अनुसार श्रेणी 'स' के शासकीय सेवको को सीधी भर्ती के शासकीय सेवकों को सीधी भर्ती के पदों पर क्रमश: 10 वर्ष एवं 20 वर्ष की सेवावधि पूर्ण करने पर प्रथम व द्वितीय समयमान तथा परिपत्र दिनांक 30/09/2014 के अनुसार शासकीय सेवा में प्रथम नियुक्ति की दिनांक से 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर तृतीय समयमान वेतनमान देय है।
शासकीय सेवकों का राष्ट्रीय पेंशन योजनांतर्गत भुगतान
[वित्त]
98. ( क्र. 2632 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2005 के पश्चात नियुक्त हुए राज्य शासन के शासकीय सेवकों को सेवा के दौरान बच्चों की शादी, शिक्षा, गृह निर्माण अथवा गंभीर स्वास्थ्य उपचार आदि हेतु राशि की आवश्यकता होने पर राष्ट्रीय पेंशन योजनांतर्गत राशि का आहरण किए जाने हेतु शासन के क्या-क्या नियम, निर्देश हैं तथा शासकीय सेवक पूर्ण सेवाकाल में एनपीएस खाते में जमा कितने प्रतिशत राशि का, कुल कितनी बार आहरण कर सकता है? आहरण की प्रक्रिया का सम्पूर्ण ब्यौरा देते हुए इस संबंध में समय-समय पर जारी समस्त नियमों, निर्देशों की स्वच्छ छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? (ख) राष्ट्रीय पेंशन योजनांतर्गत (एनपीएस) शासकीय सेवकों को वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक सेवानिवृत्ति/आकस्मिक निधन होने पर एन.पी.एस. की कितनी-कितनी राशि का अंतिम भुगतान किया जाचुका है? सेवानिवृत्ति होने पर कर्मचारी एन.पी.एस. अंतर्गत वर्तमान में कितनी राशि मासिक पेंशन के रूप में प्राप्त कर रहे हैं? अंतिम वेतन प्रमाण-पत्र अनुसार वे कितनी-कितनी राशि मूल वेतन/बेसिक-पे (बिना किसी भत्ते के) प्राप्त कर रहे थे?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) अंतर्गत राशि के आहरण संबंधी निर्देश वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 02-05-2018 तथा पेंशन निधि विनियामक प्राधिकरण द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 11-05-2005 संलग्न है। शासकीय सेवक पूर्ण सेवाकाल में अपने एन.पी.एस. खाते से तीन वार प्रत्याहरण कर सकता है जो तत्समय उपलब्ध कर्मचारी अंशदान का अधिकतम 25 प्रतिशत तक हो सकता है। ऐसे प्रत्येक प्रत्याहरण की अंतिम तिथि से कम से कम पाँच वर्ष के अंतराल का प्रावधान है। मध्यप्रदेश शासन के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 लेख अनुसार है। आहरण की प्रक्रिया वित्त विभाग के निर्देश क्रमांक एफ 9-11/2017/ नियम/चार, दिनांक 2 मई, 2018 के प्रावधान अनुसार है। (ख) कर्मचारीवार भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2-3 अनुसार है। एन.पी.एस. अंतर्गत कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने पर पूर्ण सेवाकाल में जमा अंशदान राशि का 40 प्रतिशत राशि पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा अधिकृत एन्युटी सर्विस प्रोवाईडर से व्यवहारिक होता है। पेंशन (एन्युटी) की जानकारी इस कार्यालय को उपलब्ध नहीं होती है। एन.पी.एस. हेतु अंतिम वेतन प्रमाण-पत्र के आधार पर पेंशन की गणना नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उप स्वास्थ्य केन्द्रों में अनियमिततायें
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
99. ( क्र. 2635 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पाढुंर्णा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्रों में हुये अतिरिक्त कार्यों में भारी अनियमिततायें बरती गई है? (ख) क्या उप स्वास्थ्य केन्द्रों में हुये काम में गुणवत्ताविहीन कार्यों का मूल्यांकन आम जनता कर रही है? (ग) क्या उप स्वास्थ्य केन्द्रों में हुये अमानक स्तर के कार्यों को लेकर उचित जाँच कमेटी बनाकर प्रश्नकर्ता के समक्ष उसका परीक्षण कर जाँच करवाई जायेगी? (घ) क्या उपरोक्त कार्यवाही में लिप्त एजेंसियों के अधिकारियों के उपर उचित कार्यवाही करेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) मरम्मत एवं उन्नयन का कार्य पूर्ण गुणवत्तायुक्त किया जा रहा है। (ग) कार्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार पूर्ण गुणवत्तायुक्त किये जा रहे है, किसी प्रकार की जाँच कमेटी की आवश्यकता नहीं है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महुआ शराब एवं उनके विरूद्ध प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
100. ( क्र. 2643 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविधान की 5वीं अनुसूची के तहत अधिसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों के घरों में घुसकर महुआ शराब पकड़े जाने और आदिवासियों के विरूद्ध महुआ शराब के प्रकरण बनाए जाने के संबंध में राज्य में कौन सी प्रक्रिया एवं नीति वर्तमान में प्रचलित है? प्रति सहित बतावें। (ख) बैतूल, भोपाल एवं रायसेन जिले में जनवरी 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस अधिसूचित क्षेत्र के आदिवासी ग्राम में महुआ शराब पकड़े जाने हेतु किस-किस आदिवासी के मकान की तलाशी ली जाकर कितने लीटर महुआ शराब का प्रकरण बनाया तथा इसकी अनुमति कलेक्टर से किस-किस दिनांक को प्राप्त की गई? (ग) कलेक्टर की पूर्व अनुमति के बिना अधिसूचित क्षेत्र के आदिवासियों के घरों में छापामारी करने के लिए शासन किसे जिम्मेदार एवं दोषी मानती है? पद एवं नाम सहित बतावें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा कर्मचारियों की अनुकम्पा नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
101. ( क्र. 2647 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासकीय विभागों में कार्यरत कर्मचारी जो कि सेवानिवृत्त हो चुके हैं क्या उनके रिक्त पद पर संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति की जा सकती है? यदि हाँ तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रदेश के संविदा कर्मचारी जिन्हें शासकीय विभागों में 5 वर्षों से अधिक हो चुके है यदि उनके साथ किसी भी प्रकार का आकस्मिक/दुर्घटना होती है तो क्या उनके परिवार में किसी भी व्यक्ति को अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकती है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ है तो नियुक्ति की समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्या संविदा कर्मचारी से साथ अन्याय नहीं होगा? उपरोक्त अनुकम्पा नियुक्ति हेतु शासन के क्या नियम हैं? यदि नहीं, तो शासन कोई नियम बनायेगा? यदि नहीं, बनायेगा तो क्यों? कारण सहित बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी नहीं। संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को उनकी सेवा शर्ते एवं शासन की संविदा नीति-निर्देश दिनांक 05 जून, 2018 के तहत् सुविधाएं देय हैं।
निगम मंडलों में 7वां वेतनमान
[वित्त]
102. ( क्र. 2648 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के कितने निगम मंडलों में 7वां वेतनमान लागू है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) कितने निगम मंडलों में वेतनमान समान रूप से दिया जा रहा है? यदि नहीं, दिया जा रहा है तो कितने निगम मंडलों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों के वेतनमान में विसंगतियां हैं? यदि हाँ तो कब दूर की जायेंगी? (ग) प्रदेश के कितने निगम मंडलों में 7वें वेतनमान का एरियर दिया गया है एवं कितनों में नहीं? शेष को कब तक प्रदान किया जायेगा? (घ) प्रदेश के कितने निगम मंडलों में 62 वर्ष सेवानिवृत्ति आयु की गई है एवं कितनों में नहीं? यदि नहीं, तो कब तक सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष की जायेगी? (ड.) निगम मंडलों में सेवानिवृत्त आयु 58 वर्ष, 60 वर्ष एवं 62 वर्ष है, ऐसा क्यों? सेवानिवृत्त की आयु में 62 वर्ष की समरूपता कब तक की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 06-04/2018 के राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों/मण्डलों/निगमों एवं विकास प्राधिकरणों के सेवायुक्तों को सातवें वेतनमान लागू करने के लिए संबंधित संस्था के प्रशासकीय विभाग को प्राधिकृत किया गया है। अत: जिन निगम मण्डलों द्वारा परिपत्र अनुसार निर्धारित मापदण्ड पूर्ण करा लिये है उन्हें सातवें वेतनमान की पात्रता है। (ख) निगम मण्डल का गठन पृथक नियम, अधिनियम के अंतर्गत रहता है एवं इन नियम, अधिनियम के अंतर्गत वर्णित सक्षम समिति को इन संस्थानों के सेवायुक्तों के अधिकार प्रत्यायोजित है। अत: पृथक-पृथक संस्थान में वेतनमान पृथक होने संभावित है। (ग) उपर्युक्त (क) अनुसार। (घ) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 27-04-2018 के अनुसार निगम/मण्डल के सेवायुक्तों की अधिवार्षिकी आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष किये जाने के प्रशासकीय विभाग निर्णय लेने हेतु प्राधिकृत है। (ड.) उपर्युक्त (घ) अनुसार।
सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों का पुनर्वास
[नर्मदा घाटी विकास]
103. ( क्र. 2655 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदार सरोवर बांध को पूर्ण भरने के बाद प्रदेश में जो डूब क्षेत्र आई है, उसमें से कितने नए परिवारों को पुनर्वास एवं मकान बनाने क लिए किन नियमों-शर्तों के तहत कितने रूपये दिए गए? नाम, पिता का नाम सहित ग्रामवार सूची पृथक-पृथक उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त विस्थापितों को 5.8 लाख रूपये पुनर्वास हेतु देना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो किस नियम/आदेश के तहत? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ग) बिना भू-अर्जन वाले मनावर विधानसभा के कितने गांवों की कितनी भूमि सरदार सरोवर परियोजना में डूब चुकी है? क्या विभाग ने उसे डूब क्षेत्र घोषित किया? यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं। डूब चुकी जमीन को कब तक डूब क्षेत्र घोषित कर पुनर्वास कर दिया जाएगा? (घ) क्या डूब चुके भूमियों के मालिकों को पुनर्वास हेतु मुआवजा वितरित किया गया है? यदि नहीं, तो विधि सम्मत कारण बताएं। यदि हाँ तो किस साल के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किन-किन विस्थापितों को कितना-कितना मुआवजा वितरित किया गया? नाम, पिता का नाम, ग्रामवार सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ड.) सरदार सरोवर बांध को पूर्ण भरने के बाद मनावर विधानसभा के डूब क्षेत्र के कितने परिवारों को टीनशेड्स में विभाग द्वारा रखा गया है? कितने परिवारों को टीनशेड्स से बाहर या अज्ञात स्थान पर हैं? नामवार, ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ 31-6/2017/सत्ताईस-एक दिनांक 05/06/2017 तथा समसंख्यक आदेश/स्पष्टीकरण दिनांक 01/08/2017, दिनांक 04/11/2019 तथा 14/07/2020 के अनुसार। रू 5.80 लाख प्राप्त कर चुके परिवारों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) एवं (घ) बिना अर्जित की गई भूमि डूब से प्रभावित नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। अज्ञात स्थान पर किसी भी परिवार को रखे जाने की सूचना प्राप्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्य सचिव को प्रेषित पत्रों का संधारण
[सामान्य प्रशासन]
104. ( क्र. 2657 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य के निर्वाचित माननीय विधायक एवं सांसद द्वारा प्रदेश के मुख्य सचिव को प्रेषित पत्रों की मुख्य सचिव कार्यालय में पंजी संधारित किए जाने एवं पत्रों का उत्तर दिए जाने के प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक मुख्य सचिव को किस-किस विषय पर लिखा पत्र मुख्य सचिव कार्यालय की पंजी में किस दिनांक को दर्ज किया गया एवं उस पत्र की पावती प्रश्नकर्ता को किस दिनांक को प्रेषित की गई? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गए पत्रों पर की गई कार्यवाही से संबंधित प्रतिवेदन या रिपोर्ट प्रश्नकर्ता को प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रेषित नहीं किए जाने का क्या कारण है? पत्रों पर प्रतिवेदन कब तक उपलब्ध करवाए जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा संबंधित विभागों को लिखा गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्र एफ 6-24/2021/1/4 दिनांक 18/02/2021 द्वारा भी संबंधित विभागों को प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी से माननीय विधानसभा सदस्य एवं इस विभाग को अवगत कराने हेतु लिखा गया है।
कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धियों एवं समयमान वेतनमान
[वित्त]
105. ( क्र. 2661 ) श्री बाला बच्चन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार ने प्रदेश के शासकीय एवं अर्द्धशासकीय कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धियों एवं समयमान वेतनमान आदि के देयकों पर प्रतिबंध लगा रखा है? (ख) यदि हाँ तो क्यों? यह प्रतिबंध कब तक समाप्त किए जाएंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्य शासन ने प्रदेश के शासकीय/अर्धशासकीय कर्मचारियों के समयमान वेतनमान देयकों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। वित्त विभाग के आदेश दिनांक 29-07-2020 एवं 30-07-2020 के द्वारा वार्षिक वेतन वृद्धि काल्पनिक रूप से गणना किये जाने के निर्देश है। (ख) कोविड-19 के कारण राज्य की वित्तीय स्थिति पर आये प्रभाव के मद्देनजर शासन द्वारा काल्पनिक वेतन वृद्धि का निर्णय लिया है। वित्तीय स्थिति के आधार पर निर्णय लिये जाने से समयावधि बताया जा पाना संभव नहीं है।
राज्य सरकार द्वारा लिये गए ऋण
[वित्त]
106. ( क्र. 2662 ) श्री बाला बच्चन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार ने दिनांक 01.04.2020 से 31.01.2021 तक कितने-कितने ऋण, किस-किस दिनांक को कहाँ-कहाँ से प्राप्त किए? (ख) वर्तमान में कितना ब्याज का भुगतान प्रति माह किया जा रहा है? (ग) क्या राज्य सरकार की स्थिति दयनीय हो गई है? यदि हाँ तो इस कुप्रबंधन के लिए कौन जिम्मेदार हैं? (घ) यदि नहीं, तो राज्य सरकार आर्थिक स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी करेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) म.प्र. सरकार द्वारा अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक भारतीय रिजर्व बैंक से लिए गए बाजार ऋण का विवरण दिनांकवार संलग्न परिशिष्ट पर अवलोकनीय है। अन्य ऋणों के संबंध में अंतिम लेखे महालेखाकार से प्राप्त नहीं होने के कारण दर्शाई अवधि में लिए गए कर्ज की जानकारी देना संभव नहीं है। (ख) ब्याज का भुगतान माहवार न होकर अर्धवार्षिक/वार्षिक आधार पर लिया जाता है जिसकी राशि हर बार पृथक-पृथक होती है। किसी अवधि विशेष का उल्लेख न होने के कारण प्रश्न का उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं।
आशा कार्यकर्ताओं का नियमितीकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
107. ( क्र. 2665 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/04/2020 से 31/01/2021 तक आशा कार्यकर्ताओं को नियमित करने संबंधी समस्त कार्यवाही की जानकारी देवें। (ख) इन्हें कब तक नियमित कर दिया जाएगा? (ग) यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) भारत शासन के दिशा- निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आशा कार्यकर्ता एक स्वैच्छिक सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता है जिसका चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है। अतः उन्हें नियमित किये जाने प्रावधान नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यवेक्षक मुख्यालय (सेक्टर) की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
108. ( क्र. 2666 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में विभाग में कितने पर्यवेक्षक मुख्यालय (सेक्टर) है? परियोजनावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रत्येक सेक्टर मुख्यालय पर पर्यवेक्षक आवास सह बैठक भवन का निर्माण हो चुका है? (ग) क्या पर्यवेक्षक उन भवनों में निवासरत हैं? यदि हाँ तो सूची देवें। (घ) यदि निवासरत नहीं हैं, तो शासन द्वारा उन्हें मुख्यालय पर निवास हेतु क्या एवं कब तक कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) धार जिले में 138 पर्यवेक्षक मुख्यालय (सेक्टर) है। परियोजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, धार जिले में आवास सह-बैठक भवन नहीं है बल्कि 138 सेक्टर मुख्यालय में से केवल 131 सेक्टर मुख्यालयों पर पर्यवेक्षक बैठक भवन का निर्माण किया गया है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
01 करोड़ से अधिक राशि की रजिस्ट्री की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
109. ( क्र. 2669 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2016 से 31.01.2021 तक उज्जैन नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत 1 करोड़ से अधिक राशि की जो रजिस्ट्रियाँ हुई उनकी जानकारी वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्त अवधि में महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में रूपये 25 लाख से अधिक की राशि की रजिस्ट्रियों की जानकारी वर्षवार देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
मंदिरों को स्वीकृत राशि
[संस्कृति]
110. ( क्र. 2670 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दि. 01-01-16 से 31-01-21 तक महिदपुर वि.स. क्षेत्र के कितने मंदिरों को कितनी राशि स्वीकृत की गई? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) यह भी बतावें कि कितने पुजारियों का मानदेय किस समय से लंबित है? प्रश्न दिनांक तक बतावें। (ग) इन्हें मानदेय कब तक प्रदान कर दिया जाएगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में महिदपुर वि.स. क्षेत्र के किसी भी मंदिर को कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधायकों की समीक्षा मीटिंग के निर्देशों का पालन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
111. ( क्र. 2686 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा विधायको को उनके स्वयं के विधानसभा क्षेत्रों में समस्त शासकीय विभागों के कार्यों की हर 3 माह में समीक्षा बैठक करने का अधिकार दिया गया है? यदि हाँ तो उसके क्या नियम, प्रक्रिया व अधिकार है? विवरण देते हुए नियमों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) समीक्षा मीटिंग के दौरान विधायकों द्वारा दिये गये निर्देशों के पालन हेतु क्या नियम, निर्देश है? छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या समीक्षा बैठक की प्रोसीडिंग/मिनिटस लिखे जाने के निर्देश है? यदि हाँ तो क्या निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि नियम निर्देशों का पालन न करने पर संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करने के निर्देश है? यदि हाँ तो विधानसभा क्षेत्र में हुई समीक्षा मीटिंग की प्रोसीडिंग की कॉपी उपलब्ध कराते हुए विवरण दें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विभाग द्वारा ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, अतः शेष प्रश्न उपथित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंदिर जीर्णोद्धार के प्रकरणों की स्वीकृति
[अध्यात्म]
112. ( क्र. 2687 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 2018-2019 में नागदा खाचरौद क्षेत्र के किन-किन गांवों के मंदिर जीर्णोद्धार के लिए राशि स्वीकृति प्रदान करने हेतु प्रस्ताव भेजे गए थे उनके नाम सहित संपूर्ण बतावें? (ख) प्रेषित प्रस्तावों में से किन-किन मंदिरों की राशि स्वीकृत कर दी गई है? किन-किन की शेष है? शेष का क्या कारण है? कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी? (ग) क्या भीकमपुर महादेव व बरखेड़ा जावरा श्री राम हनुमान मंदिर जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत कर दी गई है? यदि हाँ तो कब और नहीं तो क्यों और कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) वर्ष 2018-19 में तहसील नागदा व खाचरौद क्षेत्र के ग्राम पासलोद श्री राम मंदिर, ग्राम चापानेर श्री राम मंदिर, ग्राम बरखेड़ा जावरा श्री राम हनुमान मंदिर के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव आयुक्त, उज्जैन संभाग, उज्जैन के माध्यम से विभाग में प्राप्त हुये है। (ख) ग्राम चापानेर श्री राम मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु राशि रूपये 14,00,000/- का आवंटन प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति सहित निर्माण एजेन्सी मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल को प्रदाय की गई है। पर्याप्त बजट आवंटन उपलब्ध नहीं होने से शेष प्राप्त प्रस्तावों हेतु स्वीकृति प्रदाय नहीं की जा सकी। स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) भिकमपुर महादेव मंदिर का प्रस्ताव अप्राप्त। शेष उत्तर प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तरांश अनुसार।
पेयजल संकट का निवारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
113. ( क्र. 2690 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विधानसभा क्षेत्र चित्रकूट के अंतर्गत पानी समस्या मूलक चिन्हित ग्राम कौन-कौन से किन-किन पंचायतों में हैं? पंचायतवार व ग्रामवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ग्रामों में विगत 3 वर्षों में कितने हैण्डपम्प खोदे गये? खोदे गये हैण्डपम्पों में कितने चालू हालत में हैं, कितने बंद हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में खराब हैण्डपम्पों को चालू करने के लिए विभाग ने क्या कार्ययोजना बनाई है? क्योंकि गर्मी का मौसम शीघ्र आने वाला है, पानी की समस्या गंभीर है। इस दृष्टिकोण से की गई कार्यवाही का विवरण भी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में विगत एक वर्ष से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में हैण्डपम्पों के खराब होने की कितनी शिकायतें पंचायतवार प्राप्त हुई है? उसमें से कितनी शिकायतों पर कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी पेयजल समस्या मूलक ग्राम नहीं हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में विधानसभा क्षेत्र में 27 नलकूप खोदे गये जिनमें से 18 सफल तथा 09 असफल पाये गये। सभी सफल नलकूप चालू हैं। (ग) साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों को विभाग द्वारा सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत् वृहद सुधार योग्य हैण्डपंप अधिकतम 15 दिवस में सुधारे जाने का प्रावधान है। आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट प्रभावित ग्रामों/बसाहटों में आवश्यकता अनुसार नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने, सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग कर पेयजल व्यवस्था की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
समूह पेयजल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
114. ( क्र. 2699 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के मैहर व आस-पास के लगभग 1000 ग्रामों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु म.प्र. जल निगम की योजना कब स्वीकृत की गई थी? कितनी राशि से क्या-क्या कार्य इस समूह पेयजल योजना में किए जाने हैं? (ख) क्या कार्य एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य समयानुसार किया जा रहा है? यदि हाँ तो अब तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितना कार्य शेष है? शेष कार्य कब तक पूर्ण कराया जाकर ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 16.08.2017 को। राशि रूपये 1495.88 करोड़ के कार्य, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। 71 प्रतिशत कार्य पूर्ण तथा 29 प्रतिशत कार्य शेष है। दिनांक 31.03.2022 तक पूर्ण कराया जाना संभावित है
प्रदेश में नियुक्ति कोविड हेल्थ वर्कर्स
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
115. ( क्र. 2703 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने कोविड हेल्थ वर्कर की नियुक्ति शासन ने कितने समय के लिए की थी? जिलावार, संख्या देवें। (ख) क्या कारण है कि कोरोना महामारी समाप्त होने के पहले ही इन्हें हटा दिया गया? (ग) इन्हें अब तक वैक्सीन लगवाया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो जिलेवार संख्या देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) शासन द्वारा इन्हें मुफ्त वैक्सीन लगवाया जायेगा या नहीं? स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) माह मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के प्रारंभिक चरणों में बढ़ते हुये प्रकरणों को दृष्टिगत रखते हुये समस्त जिला कलेक्टरों को जिला स्तर पर आवश्यकतानुसार जिले में उपलब्ध मानव संसाधनों को बिना किसी आरक्षण एवं चयन प्रक्रिया के अस्थाई रूप से 03 माह के लिये आवश्यतानुसार रखने हेतु पत्र क्रमांक आईडीएसपी/ 2020/288 भोपाल दिनांक 25.03.2020 के द्वारा अधिकार प्रत्यायोजित किये गये थे। पत्र क्रमांक एनएचएम/एचआर/2020/8167 दिनांक 25.06.2020 अनुसार जिला स्तर पर नियोजित चिकित्सक, स्टॉफ नर्स एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को अस्थाई रूप से आगामी 03 माह हेतु वृद्धि हेतु कार्य अवधि हेतु भेजा गया। समय-समय पर कार्य अवधि बढ़ाई जाती रही। जुलाई माह में मरीजों की होम क्वोरेनटाईन की नई गाइड लाईन के कारण घर पर आईसोलेशन में रहकर स्वास्थ्य लाभ लेने लगे एवं कंटेन्टमेंट जोन समाप्त किये गये इसी प्रकार रेपिड रिस्पोंस टीम एवं एमएमयू भी सीमित की गई। जिलों में कोविड केस कम होने व होम क्वोरेनटाईन की नई गाईड लाईन आने से अस्थायी बनाये गये कोविड केयर सेंटर बंद होने से भी स्टॉफ की आवश्यकता सीमित होने एवं उनमें पदस्थ अस्थाई पैरामेडिकल स्टॉफ की आवश्यकता नहीं होने से केवल सीमित पैरामेडिकल स्टॉफ को कोविड-19 महामारी के नियंत्रण के अंतर्गत विभिन्न मापदण्डों के आधार पर निरंतर कार्य करने की अनुमति प्रदान की गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पत्र क्रमांक/एनएचएम/एचआर/सेल-01/2020/15339 भोपाल, दिनांक 25.11.2020 द्वारा चिकित्सक/स्टॉफ नर्स/पैरामेडिकल स्टॉफ को प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु अस्थायी मानव संसाधन को 01.12.2020 से 31.12.2020 तक कार्य में लगाया गया। प्रदेश में कोविड मरीजों की घटती संख्या के दृष्टिगत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पत्र क्रमांक/एनएचएम/एचआर/सेल-01/2021/1437 भोपाल, दिनांक 28.01.2021 एवं पत्र क्रमांक/एनएचएम/एचआर/सेल-01/2021/1604 भोपाल, दिनांक 30.01.2021 के द्वारा कर्मचारियों को पत्र में उल्लेखित मापदण्डों अनुसार रखने की अनुमति प्रदान की गई। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जुलाई माह में मरीजों की होम क्वोरेनटाईन की नई गाइड लाईन के कारण घर पर आईसोलेशन में रहकर स्वास्थ्य लाभ लेने लगे एवं कंटेन्टमेंट जोन समाप्त किये गये इसी प्रकार रेपिड रिस्पोंस टीम एवं एमएमयू भी सीमित की गई। जिलों में कोविड केस कम होने व होम क्वोरेनटाईन की नई गाईड लाईन आने से अस्थायी बनाये गये कोविड केयर सेंटर बंद होने से भी स्टॉफ की आवश्यकता सीमित होने एवं उनमें पदस्थ अस्थाई पैरामेडिकल स्टॉफ की आवश्यकता नहीं होने से केवल सीमित पैरामेडिकल स्टॉफ को कोविड-19 महामारी के नियंत्रण के अंतर्गत विभिन्न मापदण्डों के आधार पर कार्य करने की अनुमति प्रदान की गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पत्र क्रमांक/ एनएचएम/एचआर/सेल-01/2020/15339 भोपाल, दिनांक 25.11.2020 द्वारा चिकित्सक/स्टॉफ नर्स/ पैरामेडिकल स्टॉफ को प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु अस्थायी मानव संसाधन को 01.12.2020 से 31.12.2020 तक कार्य में लगाया गया। प्रदेश में कोविड मरीजों की घटती संख्या के दृष्टिगत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पत्र क्रमांक/एनएचएम/एचआर/सेल-01/2021/1437 भोपाल, दिनांक 28.01.2021 एवं पत्र क्रमांक/एनएचएम/एचआर/सेल- 01/2021/1604 भोपाल, दिनांक 30.01.2021 के द्वारा कर्मचारियों को पत्र में उल्लेखित मापदण्डों अनुसार रखने की अनुमति प्रदान की गई। (ग) जी हाँ, भारत सरकार द्वारा प्रदाय गाइड लाईन अनुसार समस्त शासकीय एवं अशासकीय हेल्थ वर्करों को भारत सरकार के पोर्टल पर जो पंजीकृत थे उन्हें कोविड-19 वैक्सीन का टीका संस्थाओं में उपस्थित होने पर निःशुल्क दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) भारत सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत सभी अशासकीय एवं शासकीय हेल्थ वर्करों को निःशुल्क कोविड-19 वैक्सीन प्रदाय किया जा रहा है।
निर्भया फंड से स्वीकृत कार्य
[महिला एवं बाल विकास]
116. ( क्र. 2704 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिनांक 01/04/2020 से 31/01/2021 तक निर्भया फंड का कितना उपयोग किन जिलों में किया गया? राशि सहित जिलावार बतावें। (ख) सागर संभाग में निर्भया फंड से कितने कार्य उपरोक्त अवधि में स्वीकृत किए गए? कार्य का नाम, लागत, स्वीकृत दिनांक सहित जिलावार बतावें। (ग) इन कार्यों की अद्यतन स्थिति बतावें। (घ) सागर संभाग में निर्भया फंड से कितनी महिलाओं को सहायता प्रदान की गई? संख्या, राशि सहित विधान सभाक्षेत्रवार, जिलावार बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार है। (ख) नवीन कार्य स्वीकृत नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है। (ग) ''ख'' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) कुल 1339 महिलाओं/बालिकाओ को सेवायें एवं सुविधा उपलब्ध करवाई गई। आर्थिक सहायता का प्रावधान नहीं है। विधानसभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
अनुकम्पा नियुक्ति का लंबित मामला
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
117. ( क्र. 2706 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डॉक्टर कुबेर सिंह, चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य केन्द्र, इन्दरगढ़ जिला दतिया की मृत्यु दिनांक 10 जनवरी, 2016 को ड्यूटी के दौरान हुई थी? यदि हाँ तो इनकी पत्नी श्रीमती नीलम गुर्जर को अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने हेतु विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (ख) क्या कलेक्टर दतिया के पत्र क्र.73-1/स्था/6-2/अ.नि./2019-20 दिनांक 03.01.2020 पर संचालक कौशल विकास, जबलपुर द्वारा पद रिक्त होने के बावजूद संबंधित को अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी गई? यदि हाँ तो क्यों? विभाग अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने हेतु सार्थक कार्यवाही कब तक करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। स्व. डॉक्टर कुबेर सिंह, की पत्नी श्रीमती नीलम गुर्जर द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दतिया को प्रस्तुत किया गया था, कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दतिया के अधीन अन्य पिछड़ा वर्ग में सहायक ग्रेड-3 का पद रिक्त नहीं होने के फलस्वरूप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दतिया के कार्यालयीन पत्र दिनांक 02.06.2018 द्वारा प्रकरण संचालनालय को प्रेषित किया गया। संचालनालय स्तर पर मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 29.09.2014 की कण्डिका 7.2 अनुसार विभाग में मृत्यु दिनांक से संधारित प्रदेश की एकजाई वरिष्ठता सूची में आवेदिका का क्रम 39 पर होने एवं विभाग अन्तर्गत अन्य पिछडा वर्ग में सहायक ग्रेड-3 के पद रिक्त नहीं होने तथा आवेदिका द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरण कलेक्टर जिला दतिया को प्रेषित किये जाने हेतु प्रस्तुत आवेदन के अनुक्रम में संचालनालय पत्र क्र. 1186-आर दिनांक 21.12.2018 द्वारा नियमानुसार नियुक्ति की कार्यवाही हेतु कलेक्टर जिला दतिया को प्रेषित किया गया, पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कलेक्टर दतिया के पत्र क्र. पत्र क्र. 73-6/स्था./6-2/अ.नि./2019-20 दतिया दिनांक 03.01.2020 द्वारा श्रीमती नीलम गुर्जर पत्नी स्व. डॉ कुबेर सिंह की अनुकम्पा नियुक्ति हेतु संचालक कौशल विकास म.प्र. (जबलपुर) को प्रेषित किया गया है, पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु प्रकरण कार्यालय, संचालक कौशल विकास म.प्र. (जबलपुर) में नियमानुसार कार्यवाही हेतु विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डबरा विधानसभा क्षेत्र की पेयजल योजनाओं की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
118. ( क्र. 2707 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत विगत 5 वर्षों में निर्मित नलजल योजनाएं कौन-कौन सी है? इनमें कितनी वर्तमान में चालू है व कितनी व कौन-कौन सी बंद हैं व क्यों? (ख) डबरा विधानसभा क्षेत्र में अब तक निर्मित जो नल-जल योजनाएं वर्तमान में चालू स्थिति में हैं? इनका संचालन किनके द्वारा किया जा रहा है? (ग) ग्वालियर जिले में ग्रामीण क्षेत्र में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु म.प्र. जल निगम द्वारा कौन-कौन सी योजनायें तैयार की गई हैं? इनकी स्वीकृति की स्थिति क्या हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कोई नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
बरगी विधानसभा क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
119. ( क्र. 2710 ) श्री संजय यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता की बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं? इसमें कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहिन है? कितने किराये के भवनों में संचालित है एवं कितने आंगनवाड़ी केन्द्र जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं? पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त समस्त भवनों का समय-समय पर निरीक्षण किया जा रहा है? यदि हाँ तो प्रमाण देवें एवं यह बताये कि कितने भवन जर्जर स्थिति में पाये गये? सूची दी जाए। यदि निरीक्षण नहीं किया जा रहा तो जर्जर भवनों में मासूम बच्चों के दुर्घटना ग्रसित होने पर कौन जिम्मेवार होगा? (ग) भवनविहिन एवं जर्जर भवनों में संचालित हो रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों के उचित संचालन की क्या व्यवस्था की जावेगी? (घ) जो आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित नहीं हो रहे हैं, उनके भवन निर्माण हेतु महिला बाल विकास विभाग क्या कार्य योजना बना रहा है? विभाग की कार्य योजना की संपूर्ण जानकारी दी जावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 468 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इसमें 255 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है, 93 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है तथा जर्जर भवनों में कोई भी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित नहीं है। पृथक-पृथक सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जी हाँ, आंगनवाड़ी भवनों का निरीक्षण समय-समय पर जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारियों एवं संबंधित क्षेत्र की पर्यवेक्षकों के द्वारा किया जाता है। विभागीय एम.आई.एस. अनुसार माह फरवरी 2020 से 15 फरवरी 2021 के मध्य तक जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा किए गए निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। निरीक्षण में कोई भी आंगनवाड़ी भवन जर्जर स्थिति में नहीं पाया गया है। (ग) भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों को अन्य शासकीय भवनों में उपलब्धता के आधार पर शिफ्ट किया जाता है। इसी प्रकार जर्जर भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित नहीं होने के कारण अन्य व्यवस्था का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) माननीय मुख्यमंत्री, माननीय विभागीय मंत्री, माननीय विधायक/जनप्रतिनिधि, शासन से, जिला कार्यालय आदि से आंगनवाड़ी भवन निर्माण के प्राप्त प्रस्ताव को प्राथमिकता के क्रम में नवीन आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दी जाती है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति एक सतत् प्रकिया है, जो कि वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
अभाव वाले कलाकारों, साहित्यकारों को दी जानी वाली वित्तीय राशि
[संस्कृति]
120. ( क्र. 2712 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में संस्कृति विभाग द्वारा कितने अभाव वाले कलाकारों तथा साहित्यकारों को पेंशन तथा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है? लाभान्वित व्यक्तियों के नाम, श्रेणी (कलाकार, साहित्यकार) को प्राप्त होने वाली प्रतिमाह राशि पूर्ण पता सहित बताया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) श्रेणी में उल्लेखित कलाकारों तथा साहित्यकारों द्वारा दिये गये, कितने आवेदन लंबित है? श्रेणीवार प्रकरणों की संख्या बताई जाये। इन प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वित्तीय सहायता की राशि में वृद्धि किये जाने की कोई योजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इसका विवरण दिया जाये।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में विभाग अंतर्गत संस्कृति संचालनालय द्वारा प्रदेश के कुल 254 कलाकारों/साहित्यकारों को राशि रू. 1500.00 प्रतिमाह के मान से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. आर्थिक रूप से अभावग्रस्त हितग्राही के संबंधित जिला कलेक्टर से अनुशंसित आवेदन को योजना के मापदण्ड के अनुरूप समिति द्वारा परीक्षण उपरांत वित्तीय सहायता स्वीकृत की जाती है। जिसमें कलाकारों की श्रेणी का उल्लेख नहीं होता है. वर्तमान में वित्तीय सहायता प्राप्त 253 साहित्यकारों/कलाकारों की नाम, प्राप्त होने वाली प्रतिमाह राशि, पूर्ण पता सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कलाकार कल्याण कोष योजनान्तर्गत अभावग्रस्त 192 कलाकारों को राशि रू. 5000/- प्रति कलाकार के मान से आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है। (ख) वर्तमान में योजनान्तर्गत 07 आवेदन लंबित है, चयन समिति द्वारा इन प्रकरणों पर विचारोपरान्त निर्णय लिया जाता है। (ग) वित्तीय सहायता की राशि रू. 1500.00 प्रतिमाह को बढ़ाकर राशि रू. 5000.00 प्रतिमाह किये जाने के प्रस्ताव पर वित्त विभाग से परामर्श प्राप्त हुआ है ''कोविड-19 महामारी के कारण राज्य के वित्तीय संसाधनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. अगर प्रावधानित राशि से व्यय पूर्ति नहीं हो पा रही है, तो वर्तमान में वृद्धि प्रस्ताव को स्थगित रखने का परामर्श है''।
मीसाबंदी घोषित किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
121. ( क्र. 2749 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1289 दिनांक 18/12/2019 को उत्तर दिया था कि पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि स्वर्गीय श्री स्वामी प्रसाद अग्रवाल को दिनांक 12/8/75 को धारा 151 जा.फौ. के तहत गिरफ्तार किया जाकर दाखिल कराया गया था, जो प्रतिबंधक कार्रवाई के तहत मात्र 1 सप्ताह जेल निरूद्ध रहे इस आधार पर मीसाबंदी की परिधि में नहीं आते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ तो धारा 151 की अपराधिक प्रकरण की उक्त व्यक्ति को किसके आदेश से जेल भेजा गया था? एफआईआर एवं उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त व्यक्ति को किसके आदेश पर छोड़ा गया था? उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (घ) क्या मध्यप्रदेश शासन के नियम-निर्देश अनुसार मीसाबंदी व्यक्ति 1 दिन भी जेल में रहा हो तो उसे मीसाबंदी पेंशन दिए जाने के नियम-निर्देश है? (ड.) प्रश्नांश (घ) के अनुसार यदि हाँ तो प्रतिबंधक कार्रवाई के तहत मात्र 1 सप्ताह जेल निरुद्ध रहे इस आधार पर मीसाबंदी की परिधि में नहीं आते हैं? उत्तर देने का क्या कारण है? स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) अधीक्षक, जिला जेल के संलग्न परिशिष्ट पत्र दिनांक 05/06/2012 अनुसार अपर कलेक्टर छतरपुर के आदेश से निरूद्व एवं रिहा हुए है। (घ) मध्यप्रदेश लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि नियम 2018 के नियम -2 (ज) में उल्लेखित कारणों के आधार पर नियम 4 (1) अनुसार ऐसे लोकतंत्र सेनानी जो एक माह से कम कालावधि के लिए निरूद्व रहे हो, उन्हें नियमानुसार निर्धारित पेंशन की पात्रता आती है। (ड.) स्वर्गीयश्री स्वामी प्रसाद अग्रवाल शांति भंग होने के आदेश के तहत धारा 151 जा0फौ0 के अंतर्गत दिनांक 12/08/1975 जेल में निरूद्व रहे हैं, जो कि मीसा/डी0आई0आर0 में नहीं आते हैं।
जांच का प्रतिवेदन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
122. ( क्र. 2750 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला ग्वालियर के बिरला हॉस्पिटल में दिनांक 24/11/2020 को गांधी अग्रवाल को भर्ती किया गया था? तथा क्या उक्त मरीज आयुष्मान योजना के तहत फ्री इलाज कराने की पात्रता रखता था? (ख) यदि हाँ तो क्या उक्त मरीज का आयुष्मान कार्ड़ हॉस्पिटल द्वारा ही बनाया गया था? तथा क्या उक्त हॉस्पिटल द्वारा भुगतान लिया गया था? यदि हाँ तो क्यों एवं कितना? उल्लेख करें। (ग) क्या शासन द्वारा उक्त हॉस्पिटल की जाँच के आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ तो जाँच अधिकारी द्वारा उक्त जाँच को पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। क्या शासन समय-सीमा में जाँच न करने वाले जाँच अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं, गांधी अग्रवाल पत्नी स्व.श्री स्वामी प्रसाद अग्रवाल निवासी गांधी चौक, बाजार वार्ड नंबर 28 छतरपुर को वरिष्ठ नागरिक श्रेणी में अस्पताल के अभिलेख अनुसार 23/11/2020 को बिरला अस्पताल के क्रेटिकल केयर मेडिसिन विभाग में भर्ती कर उपचारित किया गया था। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। तद्समय पर राशि रूपये 73,645/- अस्पताल प्रबंधन द्वारा ली गई। (ग) जी हाँ। जी हाँ। संबंधित हॉस्पिटल पर अनुबंध पत्र की शर्तों के अनुसार कार्यवाही करते हुये जुर्माना राशि रूपये 2,20,935 का अर्थदण्ड अद्यारोपित किया गया। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में अनियमितता
[सामान्य प्रशासन]
123. ( क्र. 2772 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3556 दिनांक 25.07.2019 के संदर्भ में बतावें कि कई परीक्षाओं में महिलाओं के कट ऑफ पाईन्ट पुरूषों से ज्यादा कैसे हैं? महिलाओं तथा आरक्षित वर्ग के पदों की संख्या नियमानुसार क्यों नहीं है? प्रारंभिक परीक्षा 15 गुना से अधिक तथा मुख्य परीक्षा में 03 गुना से अधिक क्यों सफल किए गए? परीक्षानुसार कारण बतावें। (ख) राज्य सेवा परीक्षा 2014 से 2018 में महिला आरक्षण में भिन्नता क्यों है? कहीं 5 पर 02 तथा 05 पर 01 कही 02 पर 01 तो कहीं 0 कहीं 25 पर-7 तथा कहीं 08, कहीं 14 पर 04 तो कही 05, ऐसा प्राध्यापक परीक्षा तथा अन्य सारी परीक्षाओं में देखा गया है? इसके लिये कौन जवाबदेह हैं तथा प्रश्नांश 3556 में उल्लेखित परीक्षाओं के प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में सफल विद्यार्थियों की प्राप्तांक सहित सूची देवें। (ग) वर्ष 2011 से 2020 तक आयोजित परीक्षा, लिखित परीक्षा (प्रारंभिक तथा मुख्य) केवल साक्षात्कार परीक्षा में विज्ञापित पद परीक्षाओं में कट ऑफ पाईन्ट सहित सूची देवें। (घ) लोक सेवा आयोग में फर्जीवाड़ा बड़े स्तर पर पाया गया है, प्रश्नांश (क) से (ग) तक से यह सिद्ध हो रहा है, क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पूर्व में पूछे गये प्रश्न क्रमांक 3556 के संदर्भ में वर्ष 2014-18 के बीच सम्पन्न हुई परीक्षाओं में महिलाओं के कट ऑफ अंक पुरूषों के कट ऑफ अंकों से अधिक प्रदर्शित है वस्तुत: यह उस वर्ग में अंतिम चयनित महिला के प्राप्तांक है उसके पश्चात् पुरूष कट ऑफ तक उस वर्ग की कोई भी महिला कॉमन मेरिट सूची में उपलब्ध ही नहीं है। अंतिम चयन स्तर पर कोई अधिक अंक प्राप्त महिला चयन से वंचित नहीं है। महिला आरक्षित वर्गों के पदों का निर्धारण संबंधित विभागों द्वारा विभाग में संधारित रोस्टर के अनुसार ही होता है। तद्नुसार विभाग द्वारा प्रेषित मांगपत्रों के आधार पर विज्ञापन प्रकाशन किया जाता है। आयोग स्तर पर पदों का आरक्षण निर्धारित नहीं होता है। राज्य सेवा परीक्षा नियमों के अनुसार समस्त परीक्षाओं में प्रारंभिक परीक्षा में 15 गुना इसके अंतिम अभ्यर्थी के प्राप्तांक के समान अंक प्राप्त करने वाले समस्त अभ्यर्थियों को एवं इसी प्रकार मुख्य परीक्षा में 03 गुना अभ्यर्थी इसके अंतिम अभ्यर्थी प्राप्तांक के समान अंक प्राप्त करने वाले अन्य समस्त अभ्यर्थियों को भी सूची में सम्मिलित किये जाने के कारण संख्या अधिक होती है। (ख) आरक्षण रोस्टर के आधार पर संबंधित विभागों से वर्गवार तथा प्रवर्गवार प्राप्त रिक्तियों एवं मांगपत्र अनुसार विज्ञापन जारी किया जाता है। अत: महिला आरक्षण में भिन्नता एवं जवाबदेही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश 3556 में उल्लेखित परीक्षाओं के प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में सफल विद्यार्थियों की प्राप्तांक सहित सूची सी.डी. में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वर्ष 2011 में राज्य सेवा परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया। वर्ष 2012 से 2019 तक आयोजित परीक्षा लिखित परीक्षा-प्रारंभिक परीक्षा के कट ऑफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब तथा मुख्य परीक्षा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं साक्षात्कार के कट ऑफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है। वर्ष 2020 में आयोजित राज्य सेवा परीक्षा (प्रारंभिक)-2019 के परीक्षा परिणाम के विरूद्ध मान. उच्च न्यायालय में विभिन्न याचिकाएं विचाराधीन होने से कट ऑफ की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती। (घ) जी नहीं, क्योंकि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में परीक्षा नियम तथा तत्समय आयोग द्वारा लिये गये निर्णय एवं समय-समय पर माननीय उच्च न्यायालयों द्वारा जारी आदेशों के अधीन ही परीक्षा परिणाम तैयार किये गये हैं। अत: प्रश्नांश (क) से (ग) तक के प्रश्न अनुसार फर्जीवाड़ा सिद्ध होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राजस्व प्राप्तियों एवं सहायता अनुदान
[वित्त]
124. ( क्र. 2773 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से वर्ष 2020-21 तक बजट में व्यय को वित्त पोषित करने के लिए राज्य की प्राप्तियां केन्द्र सरकार से प्राप्तियां, उधारियों का कितना-कितना प्रावधान किया गया था तथा वास्तविक प्राप्तियां कितनी-कितनी रही तथा राज्य कोषीय घाटा जी.एस.डी.पी. का कितना प्रतिशत रहा? (ख) क्या वर्ष 2020-21 के बजट में केन्द्रीय करों में राज्य का हिस्सा तथा केन्द्र से मिलने वाले सहायता अनुदान का जो प्रावधान किया गया था उससे 20 हजार करोड़ कम प्राप्त होंगे? यदि हाँ तो बतावें कि किस-किस मद में कितना-कितना कम क्यों प्राप्त होगा? (ग) क्या केन्द्र सरकार के केन्द्रीय करो में वित्त आयोग के सुझाव के विपरीत राज्य के हिस्से को कम कर रही है? यदि हाँ तो इससे 2020-21 के बजट में प्रदेश को अनुमान से कितनी कम राशियां प्राप्त होगी? (घ) वर्ष 2019-20 में पूर्व सरकार द्वारा लाए गये ऋण की किश्त तथा ब्याज के रूप में कुल कितना पैसा चुकाना पड़ा तथा वर्ष 2020-21 में कितना चुकाना पड़ेगा? यह बजट राशि का कितना-कितना प्रतिशत है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा प्रतिवर्ष जारी किये जाने वाले वित्त लेखे के खण्ड-1 में विवरण पत्रक संख्या-2 पर उपलब्ध है। उक्त अवधि के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वित्तीय वर्षवार जारी किये गये वित्त एवं विनियोग लेखे विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किये जा चुके है जो विधानसभा पुस्तकालय में उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अभी जारी नहीं किये गये है। अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) केन्द्र के बजट अनुमान अनुसार केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए म.प्र. के लिए राशि रूपये 61,841 करोड़ अनुमानित किया गया है। दिनांक 01-02-21 के केन्द्रीय बजट में इसे पुनरीक्षित अनुमानों में राशि रूपये 43,373 करोड़ अनुमानित है अर्थात राशि रूपये 18,468 करोड़ की कमी अनुमानित है। यह केन्द्र के बजट अनुमान अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) वित्तीय वर्ष 2019-20 के पुनरीक्षित बजट अनुमान के अनुसार राशि रूपये 11,005.42 करोड़ ऋणों के भुगतान हेतु प्रावधान किया गया है तथा राशि रूपये 13,751.38 करोड़ ब्याज के भुगतान के लिए प्रावधान किया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान के अनुसार राशि रूपये 16,346.13 करोड़ के ऋणों के भुगतान हेतु प्रावधान किया गया है तथा राशि रूपये 16,460.21 करोड़ ब्याज के भुगतान के लिए प्रावधान किया गया है। उक्त वित्तीय वर्षों के अंतिम लेखे महालेखाकार से प्राप्त होने शेष है।
प्रदेश में पोषण आहार की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
125. ( क्र. 2776 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पोषण आहार हेतु होम के सप्लायर्स 2015-16 से 2020-21 तक की फर्म का नाम मालिक अथवा भागीदार का नाम बतावें तथा इस अवधि में किस-किस दर से पोषण आहार दिया गया वर्षवार वितरित पोषण आहार की यूनिट संख्या तथा कुल देय भुगतान राशि बतावें। (ख) विभाग के अनुसार 2015-16 से 2020-21 तक 11 से 14 वर्ष की स्कूल न जाने वाले बच्चियों की संख्या क्या है? वर्षवार जिलेवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संख्या क्या स्कूल विभाग से प्राप्त की गई या विभाग स्तर पर सर्वे कर ज्ञात की गई? संख्या की प्रतिवर्ष पुनर्निर्धारित किस अनुसार किया गया? संख्या का सत्यापन किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया? (घ) जिले में टेक होम योजना के तहत किया जाने वाला पोषण आहार का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया जाता है? सप्लायर्स से प्राप्त बिल का वेरिफिकेशन कैसे और किसके द्वारा किया जाता है? (ड.) क्या केग ने पोषण आहार में जो घोटाला पाया है, वह सही है या गलत है? यदि सही है तो विभाग कितने वर्ष की अवधि की जाँच करेगा तथा अभी तक की गई जाँच की रिपोर्ट की प्रति देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2015-2016 से 2020-21 तक पोषण आहार (टेकहोम राशन) का प्रदायकर्ता फर्म के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1" अनुसार है। पोषण आहार (टीएचआर) की दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "2" अनुसार है। भुगतान राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "3" अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-2016 से 2020-21 तक 11 से 14 वर्ष की शाला त्यागी बालिकाओं की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "4" अनुसार है। (ग) उल्लेखित संख्या विभाग स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा सर्वे कर ज्ञात की गई है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हितग्राहियों की सतत् रूप से चिन्हांकित कर मासिक प्रगति प्रतिवेदन में दर्ज करती है। जानकारी का सत्यापन परियोजना अधिकारी/जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया जाता है। (घ) जिलों में परियोजना स्तर पर प्रदायकर्ता द्वारा टेकहोम राशन का प्रदाय किया जाता है, जिसका राजस्व अधिकारी की उपस्थिति में पंचनामा तैयार किया जाता है। परियोजनाओं से प्राप्त चालान एवं प्राप्त टेकहोम राशन की जानकारी के आधार पर जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा देयकों का सत्यापन किया जाता है। (ड.) केग से रिपोर्ट विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में डीजल, पेट्रोल पर अतिरिक्त चार्ज एवं बाजार मूल्य की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
126. ( क्र. 2777 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पेट्रोल डीजल पर कितना कर तथा अतिरिक्त सरचार्ज है? 31 जनवरी 2021 को भोपाल में पेट्रोल डीजल का बाजार मूल्य क्या था और उसमें राज्य सरकार का कुल टैक्स प्लस सर चार्ज मिलाकर कितना था? देश में पेट्रोल डीजल पर टैक्स प्लस सरचार्ज मिलाकर जनता से वसूलने में हमारा स्थान कौन सा है? (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक आबकारी पंजीयन शुल्क पेट्रोल डीजल पर कर तथा बिक्री कर/GST से आय कितनी है तथा प्रतिवर्ष होने वाली वृद्धि तथा कमी बताएं। (ग) क्या हमारे प्रदेश में देश का सर्वाधिक पंजीयन शुल्क होने से जमीनों के दाम बेतहाशा बढ़े हुए हैं तथा इस कारण विकास अवरूद्ध हो रहा है? अधिक पंजीयन शुल्क होने का कारण क्या है तथा इसे कम क्यों नहीं किया जाता जब कि विश्व बैंक से ऋण लेते वक्त तीन से पाँच प्रतिशत तक किये जाने का वचन दिया था? (घ) अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक आबकारी मुद्रांक शुल्क तथा पेट्रोल डीजल पर कर तथा सरचार्ज पर राजस्व प्राप्ति क्या रही तथा इसी अवधि में पिछले पाँच वर्षों में राजस्व प्राप्ति कितनी-कितनी थी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में डीजल पर वैट की दर 23 प्रतिशत, रूपये 3 प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर देय है। इसी प्रकार पेट्रोल पर वैट की दर 33 प्रतिशत, 4 रूपये 50 पैसे प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर देय है। प्रदेश में विक्रय होने वाले डीजल एवं पेट्रोल का प्रतिलीटर मूल्य निर्धारण विभिन्न पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा निर्धारित किया जाता है। विभाग द्वारा प्रतिलीटर विक्रय मूल्य की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अत: 31 जनवरी, 2021 को भोपाल में पेट्रोल-डीजल क्या था, यह जानकारी विभाग में संधारित नहीं है। राज्य शासन द्वारा राज्यहित में आवश्यक आर्थिक संसाधन जुटाने हेतु कर की दरों का निर्धारण किया जाता है। तदनुसार ही वर्तमान में डीजल, पेट्रोल पर वेट की दर प्रचलित है। (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक आबकारी, पंजीयन शुल्क एवं पेट्रोल-डीजल पर कर तथा बिक्री कर/जीएसटी से प्राप्त आय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ग) जी नहीं। जमीनों के दाम बेतहाशा नहीं बढ़े हैं बल्कि विगत 4-5 वर्षों से जमीनों की बाजार मूल्य गाइड लाइन दरें बढ़ाई नहीं गई हैं अपितु वर्ष 2029-20 में 20 प्रतिशत घटाई गई हैं। पंजीयन शुल्क अधिक नहीं है, यह विक्रय, पारिवारिक दान व पट्टे अंतरण के लिये गाइड लाइन मूल्य का 3 प्रतिशत तथा अन्य यथा मूल्य दर से प्रभार्य दस्तावेजों के लिए 0.8 प्रतिशत है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अप्रैल, 2020 से जनवरी, 2021 तक की अवधि में आबकारी से कुल राजस्व प्राप्ति रूपये 7490.79 करोड़, मुद्रांक शुल्क तथा सरचार्ज के रूप में रूपये 3729.22 करोड़ तथा पंजीयन फीस के रूप में रूपये 1348.41 करोड़ एवं पेट्रोल/डीजल पर कर से कुल राजस्व प्राप्ति रूपए 8885.19 करोड़ है। इसी अवधि में पिछले पाँच वर्षों में राजस्व प्राप्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
127. ( क्र. 2780 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में एस.डी.एम., तहसीलदार, नायब तहसीलदारों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के स्वीकृत पदों अनुसार पदस्थापना की गई है यदि हाँ तो विवरण पदवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत पदों अनुसार एस.डी.एम., तहसीलदार, नायब तहसीलदारवार पदस्थ अधिकारियों का नाम सहित विवरण देते हुए रिक्त पदों की जानकारी देते हुए इनकी पद पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार पद स्वीकृत अनुसार पद पूर्ति न किये जाने के लिये कौन-कौन जवाबदार हैं? कब तक पद पूर्ति कर देंगे? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति निरंतर प्रशासनिक प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) स्वीकृत पदों के विरूद्ध अधिकारियों की उपलब्धता के आधार पर जिलों में पद पूर्ति की कार्यवाही की जाती है। रिक्त पदों की पूर्ति सतत् प्रक्रिया है एवं इसके लिये कोई दोषी नहीं है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नये उद्योग स्थापित किये जाने
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
128. ( क्र. 2781 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के ब्योहारी विधानसभा क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम न होने के कारण क्षेत्र के बेरोजगार युवकों को क्षेत्र से बाहर रोजगार के लिये जाना पड़ता है, इस पर कार्यवाही करते हुये उद्योगों की स्थापना बाबत क्या कार्यवाही करेगें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या जिला प्रशासन द्वारा विगत 10 वर्षों में मध्यप्रदेश सरकार को उद्योगों को स्थापित कराये जाने बाबत प्रस्ताव भेजे गये तो कब-कब, अगर नहीं भेजे गये तो भेजे जाने वाले निर्देश जारी करेगें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्षेत्र के कितने बेरोजगारों के आवेदन उद्योगों के स्थापना बाबत् जिला प्रशासन एवं संबंधित विभागों में लंबित है, की जानकारी देते हुये बतावें कि इन पर कार्यवाही न करने के लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार कब तक कार्यवाही कराये जाने बाबत निर्देश जारी करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए विभाग द्वारा म.प्र. एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2019 जारी गई है, इस योजना में प्रावधानित सुविधाओं का लाभ शहडोल जिले में उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को प्राप्त हो रहा है। स्थानीय बेरोजगार युवकों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिये विभाग द्वारा भारत शासन की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। (ख) शासन द्वारा स्वयं उद्योगों की स्थापना नहीं की जाती है। शेष प्रश्नांश असंबंधित। (ग) शहडोल जिले के ब्यौहारी विधान सभा क्षेत्र में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, शहडोल में उद्योग स्थापनार्थ किसी बेरोजगार का आवेदन लंबित नहीं है। (घ) (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में असंबंधित।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
129. ( क्र. 2784 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली एवं रीवा में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? संचालित केन्द्रों में कितने पद रिक्त हैं, इनकी पूर्ति बाबत क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संचालित केन्द्रों में से कितने केन्द्र स्वत: के भवन पर संचालित हो रहे हैं एवं कितने किराये के भवन में? विवरण केन्द्रवार देते हुये बतावें कि वर्ष 2020-21 में कितने नवीन भवनों का निर्माण कराया गया? भवनों की वर्तमान स्थिति क्या है? संचालित केन्द्रों में शासन द्वारा जारी निर्देशों के पालन में बच्चों के लिये क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध करायी गई है इस बाबत् कितनी राशि किन-किन केन्द्रों पर खर्च की गई, का विवरण वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में उल्लेखित तथ्यों अनुसार कार्यवाहियां नहीं की गई तो कौन-कोन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों के पद व नाम सहित जानकारी देते हुये उन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सिंगरौली एवं रीवा जिलों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र तथा इनमें रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
जिला |
संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र |
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता |
आंगनवाड़ी सहायिका |
||
स्वीकृत पद |
रिक्त पद |
स्वीकृत पद |
रिक्त पद |
|||
1 |
सिंगरौली |
1421 |
1421 |
44 |
1421 |
43 |
2 |
रीवा |
2866 |
2866 |
12 |
2866 |
21 |
रिक्त पदों पर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) सिंगरौली एवं रीवा जिलों में संचालित केन्द्रों में से 2009 विभागीय आंगनवाड़ी भवनों में, 1129 किराये के भवनों में एवं 1846 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। वर्ष 2020-21 में जिला सिंगरौली में 165 एवं जिला रीवा में 129 इस प्रकार कुल 294 (पूर्व वर्षों के स्वीकृत एवं निर्माणाधीन ) नवीन आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। । संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में विभाग द्वारा जारी निर्देशों के पालन में बच्चों के लिये वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक प्री-स्कूल किट, मेडिसिन किट, वज़न मशीन प्रदान की गयी है। जिलेवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी होने से शेष का प्रश्न नही।
मनमानी फीस लेने वालों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
130. ( क्र. 2785 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली एवं रीवा जिले में संचालित प्रायवेट नर्सिंग होमों विभिन्न तरह की जाँच हेतु संचालित केन्द्रों सोनोग्राफी एवं एक्स-रे सेंटरों द्वारा मरीजों से लेने वाली फीस का उल्लेख बोर्ड/रेट सूची लगाकर या रसीद देकर किया जा रहा है या मनमानी राशि मरीजों से वसूली जा रही तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संबंधित जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा संचालित प्रायवेट नर्सिंग होमों, जाँच केन्द्रों, सोनोग्राफी सेंटरों व एक्स-रे सेंटरों का कब-कब मौके पर सत्यापन निर्देश व कार्यवाहियां प्रस्तावित की गई, की जानकारी वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक की देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संचालित केन्द्रों द्वारा मरीजों की फीस की रसीदें देने के निर्देश के साथ इनके द्वारा शासन को इनकम टैक्स का भुगतान बाबत् क्या निर्देश जारी किये गये हैं? किस आधार पर टैक्स की वसूली शासन द्वारा की जाती होगी, जब मरीजों को विभिन्न तरह की जांचों की रसीदें नहीं दी जाती? इस पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के संचालित विभिन्न जाँच केन्द्रों एवं प्रायवेट नर्सिंग होमों की मनमानी फीस वसूली का सत्यापन कराकर उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के साथ क्या निर्देश जारी करेंगे? क्या राज्य सरकार द्वारा सभी जांचों हेतु ली जाने वाली फीस तय किये जाने बाबत् भी निर्देश जारी किये? अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सिंगरौली एवं रीवा जिले में संचालित प्राईवेट नर्सिंग होमों, जाँच केन्द्रों, सोनोग्राफी सेन्टरों व एक्स-रे सेन्टर की जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा की गई निरीक्षण की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इंकम टैक्स का भुगतान संबंधी कार्यवाही लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से असंबंधित होने के कारण कोई निर्देश जारी नहीं की गई है और न ही इस संबंध में कोई विभागीय कार्यवाहियां प्रस्तावित की गई है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र. उपचर्या तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 के अनुसूची-दो (नियम 17) तथा अनुसूची-तीन (नियम-18) अनुरूप विधि सम्मत कार्यवाही एवं न्यायिक प्रकरण दर्ज करने के प्रावधान है। जी नहीं। जाँच हेतु फीस/दर का निर्धारण संबंधित केन्द्र द्वारा किया जाता है।
कार्यालयों में कार्यरत आऊटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी
[वित्त]
131. ( क्र. 2789 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार के शासकीय एवं अर्द्धशासकीय कार्यालयों में विभागीय अधिकारियों/ कर्मचारियों की कमी है? यदि हाँ तो उनकी पूर्ति हेतु क्या-क्या कार्ययोजना है एवं उसकी प्रश्न दिनांक तक क्या अद्यतन स्थिति है? पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या आऊटसोर्स कर्मचारियों को रखने हेतु निर्देश/आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ तो भोपाल स्थित किस-किस कार्यालय में, कितने-कितने कर्मचारी, किस-किस प्रयोजन से, कब-कब, किस-किस वेतन पर, किस-किस एजेंसी से, कितनी-कितनी अवधि के लिये रखे गये? ब्यौरा दें। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) तारतम्य में आऊटसोर्स कर्मचारियों को कार्यालय में प्रवेश पर कोई नियुक्ति आदेश अथवा कार्य सौंपे जाने के आदेश/दायित्व जारी किये जाते हैं? यदि हाँ तो किस-किस कार्यालय में, कितने-कितने कर्मचारियों को, कब-कब रखने एवं दायित्व के आदेश जारी किये गये? क्या उपरोक्त कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या मंत्रालय (वल्लभ भवन) सतपुड़ा एवं विंध्याचल, भोपाल कार्यालय में आऊटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं? यदि हाँ तो किस-किस कार्यालय में कितने-कितने कर्मचारी, किस-किस कार्य से, कब-कब से कार्यरत है? क्या उपरोक्त कार्यालय में प्रवेश हेतु उन्हें कोई प्रवेश पास जारी किया गया है? यदि हाँ तो किसके आदेश से कितनी अवधि के लिये, किस-किस दिनांक को, किस-किस कार्यालय के लिये किस-किस कर्मचारी के लिये पृथक-पृथक बतायें। (ङ) क्या आऊटसोर्स कर्मचारियों ने वेतन विसंगति अथवा वेतन समय से नहीं मिल पाने अथवा अन्य किसी समस्या को लेकर कोई शिकायत/आवेदन पत्र दिया है? यदि हाँ तो किस-किस कार्यालय में, कब-कब एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय पदों की भर्ती के लिये उम्मीदवारों को अनिवार्य सी.पी.सी.टी. की वैधता
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
132. ( क्र. 2792 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासकीय पदों की भर्ती के लिये उम्मीदवारों से कम्प्यूटर दक्षता एवं टाइपिंग कौशल के आंकलन हेतु CPCT परीक्षा आयोजित करने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी 3-15/2010/01/03, दिनांक 26, फरवरी, 2015 के परिपालन में लागू किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र के अनुपालन में विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या आदेश/निर्देश के पालन करते हुए परीक्षा आयोजित करने के नियम/निर्देश जारी किये गये हैं? पृथक-पृथक ब्यौरा दें। किस-किस परीक्षा (MSQ, MSQ+ET, MSQ+HT एवं MSQ +ET +HT) में उत्तीर्ण होकर किस-किस प्रमाण पत्र का उपयोग किस-किस सेवाओं हेतु पात्र है? (ख) फरवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितनी-कितनी परीक्षा, कब-कब, किस-किस स्थान पर आयोजित की गई, उस परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्रों की संख्या, छात्रों से ली गई परीक्षा शुल्क, परीक्षा आयोजित करने पर व्यय राशि, परीक्षावार (MSQ, MSQ+ET, MSQ+HT एवं MSQ +ET +HT) में सम्मिलित हुये छात्रों की उत्तीर्ण संख्या, अनुत्तीर्ण छात्रों की संख्या एवं उत्तीर्ण/अनुत्तीर्ण छात्रों की प्रतिशत गौशवारा बनाकर ब्यौरा दें। (ग) उपरोक्त के तारतम्य में MSQ हेतु क्या पाठ्यक्रम है? उस पाठ्यक्रम का समावेश करते हुए ऑफलाईन या ऑनलाईन शिक्षण सामग्री का संग्रह किया गया है? यदि हाँ, तो छात्रों को उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य योजना बनाई गई एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? क्या MSQ परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्रों से DCA अथवा PGDCA की अनिवार्यता समाप्त हो गई है? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त परीक्षा में सम्मिलित होने पर स्कोर कार्ड में किस-किस छात्र को किस-किस परीक्षा में उत्तीर्ण अथवा अनुत्तीर्ण होने के संबंध में निर्देश बताये गये हैं? पृथक-पृथक बतायें।
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में शासकीय पदों की भर्ती के लिए उम्मीदवारों से कम्प्यूटर दक्षता एवं टाइपिंग कौशल के आंकलन हेतु CPCT परीक्षा का आयोजन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी 3-15/2010/01/03, दिनांक 26 फरवरी 2015 के परिपालन में लागू किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा परीक्षा से संबंधित निम्नानुसार निर्देश जारी किये गये हैं :- 1. सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी-3-07/2015/1/3 दिनांक 18.08.2015 - कम्प्यूटर डिप्लोमा/डिग्री के अंतर्गत आने वाले विषयों के संबंध में स्पष्टीकरण। 2. सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी-3-15/2014/1-3, दिनांक 01.12.2016 - कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) में अभ्यर्थी को अपने प्रतिशतों/दक्षता में सुधार के लिए पश्चातवर्ती परीक्षाओं में बैठने हेतु निर्धारित की गई समयावधि में संशोधन। 3. सामान्य प्रशासन विभाग पत्र क्रमांक सी-3-07/2015/1/3 दिनांक 24.01.2017- कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) में इंग्लिश टाइपिंग की न्यूनतम गति में संशोधन। 4. सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी-3-07/2015/1/3 दिनांक 29.06.2017 - कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) हेतु न्यूनतम योग्यता निर्धारण के संबंध में। 5. सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-3-01/2018/26-1 दिनांक 30.01.2018 - कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) में दृष्टि बाधितो को परीक्षा में अतिरिक्त समय देने के संबंध में। 6. सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी-3-15/2014/1/3 दिनांक 24.07.2019 - कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) के प्रमाण पत्र (Score card) की वैधता अवधि में वृद्धि के संबंध में। उपरोक्त उल्लेखित पत्रों/आदेशो का पालन करते हुए परीक्षा आयोजित करने के नियम/निर्देश कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) की नियम पुस्तिका में आदेश उपरांत समय-समय पर समायोजित किए गये हैं। उम्मीदवारों की कम्प्यूटर दक्षता एवं टाइपिंग कौशल के आंकलन हेतु, एकांकी CPCT परीक्षा आयोजित की जाती है जिसमे दो अनुभाग होते हैं (1) कम्प्यूटर दक्षता (2) टाइपिंग कौशल (हिंदी एवं इंग्लिश)। उम्मीदवारों को मान्य CPCT परीक्षा स्कोर कार्ड धारण करने हेतु कम्प्यूटर दक्षता अनुभाग में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है तथा टाइपिंग कौशल अनुभाग में आवेदित पद के आधार अनुसार किसी भी एक हिंदी अथवा इंग्लिश टाइपिंग कौशल में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है, जिसके आधार पर उम्मीदवारों के MCQ+ET, MCQ+HT एवं MCQ+ET+HT अनुभागों में दक्षता स्कोर कार्ड द्वारा प्रदर्शित की जाती है। विभाग द्वारा केवल कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) की परीक्षा आयोजित कर परीक्षा उत्तीर्ण का प्रमाण पत्र (Score Card) प्रदान किया जाता है। प्रमाण पत्र का सेवाओं में उपयोग के संबंध में निर्णय संबंधित विभागों द्वारा किया जाता है। (ख) मध्यप्रदेश एजेन्सी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी (MAP_IT) द्वारा 26 परीक्षाएं भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, सागर, सतना, रीवा एवं उज्जैन में आयोजित की गई है जिसमे 3.72 लाख उम्मीदवारों द्वारा सम्मिलित होने हेतु आवेदन किया गया। इनसे राशि 24.55 करोड़ परीक्षा शुल्क प्राप्त किया गया तथा उक्त परीक्षाओं के आयोजन एवं संचालन हेतु मैप_आईटी द्वारा राशि 16.01 करोड़ का व्यय किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) के MCQ अनुभाग का विस्तृत पाठ्यक्रम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अभ्यर्थियों की सुविधा हेतु CPCTपोर्टल पर Mock Test की सुविधा उपलब्ध है जिसके द्वारा अभ्यर्थी वास्तविक CPCT परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के स्वरुप से अवगत हो सकते हैं, विभाग द्वारा उक्त पाठ्यक्रम का समावेश करते हुए ऑफलाइन या ऑन लाइन शिक्षण सामग्री का संग्रह नहीं किया गया है। छात्रों द्वारा CPCT परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए DCA अथवा PGDCA की अनिवार्यता नहीं है। कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) में MCQ अनुभाग हेतु भिन्न परीक्षा आयोजित नहीं की जाती, CPCT एक कौशल आधारित परीक्षा है जिसमे दो अनुभाग होते हैं:- (1) कम्प्यूटर दक्षता (2) टाइपिंग कौशल (हिंदी एवं इंग्लिश) (घ) कम्प्यूटर दक्षता प्रमाणीकरण परीक्षा (CPCT) की नियम पुस्तिका अनुसार CPCT स्कोर कार्ड धारण करने हेतु कम्प्यूटर दक्षता अनुभाग (MCQ) में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है तथा टाइपिंग कौशल अनुभाग में किसी भी एक हिंदी टाइपिंग (HT) अथवा इंग्लिश टाइपिंग (ET) कौशल में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। कम्प्यूटर दक्षता अनुभाग (MCQ) में उत्तीर्ण होने हेतु 50% स्कोर (38 अंक) अनिवार्य है। इंग्लिश टाइपिंग (ET) में उत्तीर्ण होने हेतु 30 शब्द प्रति मिनट गति अनिवार्य है। हिंदी टाइपिंग (HT) कौशल में उत्तीर्ण होने हेतु 20 शब्द प्रति मिनट गति अनिवार्य है।
मांडव में पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु उपलब्ध सुविधाएं
[पर्यटन]
133. ( क्र. 2793 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले के धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐतिहासिक पर्यटन स्थल मांडव में पर्यटकों को आकर्षित करने की दृष्टि से माडव नगर में राज्य सरकार की ओर से क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं? (ख) मांडव में पर्यटकों के मनोरंजन के लिये क्या साधन उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो सुविधाएं कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) धार जिले के धरमपुरी विधानसभा के अंतर्गत माण्डव में पर्यटकों की सुविधाओं हेतु निगम के 02 होटल हैं जिनमें पर्यटकों को आवास एवं खान-पान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। (ख) पर्यटकों के मनोरंजन हेतु प्रतिदिन सांयकाल जहाज महल परिसर माण्डव में ध्वनी एवं प्रकाश कार्यक्रम के दो शो का आयोजन किया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 वैश्विक महामारी के उपचार/बचाव हेतु सामग्री खरीदी में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
134. ( क्र. 2796 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कोविड-19 वैश्विक महामारी के उपचार/बचाव हेतु दिनांक 24.03.2020 से 31 जनवरी 2021 की अवधि में कौन-कौन से उपकरण व अन्य सामग्री कितनी-कितनी राशि की किस नियम प्रक्रिया के तहत खरीदी गई? इस पर कुल कितनी राशि व्यय हुई? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में कोरोना के उपचार हेतु केन्द्र सरकार द्वारा कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है एवं राज्य के आम नागरिकों एवं शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों से कुल कितनी राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में राशि प्राप्त हुई? (ग) क्या वेंटिलेटर व अन्य उपकरण खरीदी में विभाग की गाईड-लाईन का उल्लंघन कर मनमाने दामों पर खरीदी कर आर्थिक अनियमितताएं की गई हैं? यदि हाँ तो क्या इस प्रकरण की जाँच कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो कब तक कराई जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कार्पोरेशन लि. द्वारा निर्धारित दरों पर संचालनालय स्वास्थ्य सेवाऐं के माध्यम से अनुबंधित फर्मों से क्रय किया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्त सामग्री की खरीदी संबंधी प्रक्रिया निविदा शर्तानुसार की गई। (ख) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिश़न कार्यालय द्वारा प्रेषित उत्तर-कोरोना के उपचार हेतु केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को राशि रुपये 312.60 करोड़ (2019-20 में राशि रुपये 55.66 एवं 2020-21 में 256.94) राशि उपलब्ध कराई गई है एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष में आम नागरिकों एवं शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों से प्राप्त दान का पृथक-पृथक संधारण नहीं किया जाता है। (ग) जी नहीं, वेंटीलेटर व अन्य उपकरण खरीद में विभाग द्वारा भण्डार क्रय नियम़ का पूर्णतः पालन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उपरोक्तानुसार कार्पोरेशन से संबंधित जानकारी प्रदाय की गई है साथ ही, अन्य विभागों से प्राप्त जानकारी को भी सम्मिलित किया गया है। अतः प्राप्त जानकारी अनुसार जवाब प्रस्तुत है।
प्रदेश में वेब सीरीज एवं फिल्मों की शूटिंग
[पर्यटन]
135. ( क्र. 2797 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में फिल्म पर्यटन को प्रोत्साहित करने की क्या योजना है? इसके अंतर्गत किन-किन विभागों के आधिपत्य वाले स्थानों को चिन्हित किया गया एवं फिल्म शूटिंग के लिए निर्माताओं से कितनी-कितनी राशि किस-किस स्थान हेतु निर्धारित की गई है? विवरण दें। (ख) नई फिल्म नीति के अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा फिल्म के निर्माता/निर्देशकों को मध्यप्रदेश की ओर आकर्षित करने के लिए क्या-क्या सुविधाएं एवं छूट दी गई है? (ग) प्रदेश में वर्तमान में किन-किन वेब सीरीज एवं फिल्मों की शूटिंग की अनुमति दी गई है? इनका सीमांकन कहाँ-कहाँ पर किया जा रहा है? ब्यौरा दें। (घ) प्रदेश में नई नीति लागू होने के बाद कितनी वेब सीरीज एवं फिल्मी की शूटिंग पूर्ण हो चुकी है एवं कितनी वेबसीरीज एवं फिल्मों की शूटिंग के प्रस्ताव प्राप्त हुए है? अभी तक प्रदेश में वेब सीरीज एवं फिल्मों की शूटिंग से राज्य सरकार को कितनी आय हुई है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) प्रदेश में फिल्म पर्यटन को प्रोत्साहित करने हेतु म.प्र. पर्यटन विभाग द्वारा फिल्म पर्यटन नीति-2020 का निर्माण किया गया है, जिसके अंतर्गत अनुदान एवं अन्य सुविधाऐं प्रदान किये जाने की योजना है। सभी विभागों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) म.प्र. फिल्म पर्यटन नीति-2020 में फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के लिए वित्तीय अनुदान, भौतिक आधारभूत संरचना बनाने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन, फिल्म स्टूडियो एवं फिल्म निर्माण हेतु अधोसंरचना निर्माण एवं उपकरणों की स्थापना, नवीन सिनेमाघरों की स्थापना एवं मौजूदा सिनेमाघरों के पुर्नउद्धार एवं अद्धतन करने हेतु सहायता, प्रदेश के छात्र-छात्राओं को संबंधित संस्थानों में अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति आदि के साथ-साथ फिल्म शूटिंग में सहायता हेतु फिल्म फेसिलिटेशन सेल की स्थापना की गई है, जिसकी विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। (ग) वर्तमान में प्रदेश में 07 फिल्मों/वेब सीरीज की शूटिंग की अनुमति म.प्र. पर्यटन बोर्ड एवं विभिन्न विभागों द्वारा दी गई है, जिनका फिल्मांकन प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर किया जा रहा है। कई फिल्मों की अनुमति सीधे जिला प्रशासन/स्थानीय प्रशासन एवं अन्य विभागों द्वारा दी जाती है। (जिसकी जानकारी संबंधित विभागों/जिलों से प्राप्त की जा सकती है) (घ) प्रदेश में नई नीति लागू होने के बाद बोर्ड के माध्यम से 09 फीचर फिल्म/वेब सीरीज की शूटिंग पूर्ण हो चुकी हैं तथा 27 फिल्म/वेब सीरीज के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं एवं 36 अपकमिंग प्रोजेक्टस् की प्राइमरी रैकी की जा चुकी है प्रदेश में फिल्म शूटिंग से आय शूटिंग स्थलों के स्वामित्व वाले विभागों के पास जमा की जाती है। म.प्र. पर्यटन बोर्ड के स्वामित्व वाले स्थल बैनजीर पेलेस में फिल्मों की शूटिंग हुई है, जिससे 56,640/- (GST 18% सहित) शुल्क प्राप्त हुआ है। अन्य विभागों की जानकारी वर्तमान में संकलित नहीं है।
खारे पानी की समस्या का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
136. ( क्र. 2800 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले की गोहद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत खारे पानी की समस्या लंबे समय से होने से आम लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिलने से मजबूरी में खारा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिसके कारण उसका सेवन करने वाली जनता विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो खाने पानी की समस्या के निराकरण के लिये शासन द्वारा क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों तथा खारे पानी की समस्या का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, खारे पानी से प्रभावित ग्रामों में वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध है। (ख) गोहद विधानसभा क्षेत्र में खारे पानी से प्रभावित 04 ग्रामों हेतु जल जीवन मिशन अंतर्गत नलजल योजना स्वीकृत की गई हैं। स्वीकृत नलजल योजनाओं को वर्ष-2023 तक पूरा कराया जाना लक्षित है।