मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
बुधवार, दिनांक 03 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अधीक्षिका
के पद पर
पदोन्नति की
जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
1. ( *क्र. 2633 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में अधीक्षक का पद किस वर्ष से स्वीकृत हुआ है? (ख) वर्तमान में अधीक्षक का पद किन-किन जिलों में स्वीकृत है, क्या जिला श्योपुर एवं उज्जैन में यह पद भरा हुआ है? यदि हाँ, तो श्योपुर एवं उज्जैन जिले में इस पद पर कौन-कौन कब से कार्यरत रहे हैं? (ग) श्योपुर एवं उज्जैन जिले में कार्यरत अधीक्षक की भर्ती मूल रूप से किस पद पर हुई थी तथा उस समय भर्ती के अधिकार तथा नियमावली क्या-क्या थी? क्या उक्त में भर्ती के समय हिंदी टंकण परीक्षा उत्तीर्ण तथा चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र लिया जाना अनिवार्य था? यदि हाँ, तो क्या यह कार्यवाही नियुक्तिकर्ता द्वारा नियमानुसार की गई थी? क्या प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया गया था? (घ) क्या अधीक्षक पद पर कार्यरत की प्रथम पदोन्नति तक उनके द्वारा हिंदी टंकण परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की गई थी? यदि हाँ, तो फिर किस आधार पर पदोन्नति की गई? (छ) क्या उक्त संबंध में विभाग को शिकायत प्राप्त हुई थी, क्या उस पर विभाग द्वारा संबंधित को सूचना पत्र जारी कर जाँच की गई थी? उस जाँच का क्या निष्कर्ष पाया गया? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा बिंदु क्रमांक-7 के संबंध में निष्पक्ष जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण कर अवगत कराया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में अधीक्षक का पद वर्ष 1989, 2007 एवं 2011 से स्वीकृत है। (ख) वर्तमान में अधीक्षक का पद जिला उज्जैन, बालाघाट, देवास, कटनी, खण्डवा, खरगौन, मण्डला, मंदसौर, नरसिंहपुर, राजगढ़, रतलाम, अशोकनगर, दतिया, नीमच, श्योपुर, हरदा, बुरहानपुर, अलीराजपुर, सिंगरौली, जबलपुर, इन्दौर एवं संचालनालय महिला एवं बाल विकास, म.प्र. भोपाल में स्वीकृत है। जिला श्योपुर में पद रिक्त है एवं उज्जैन जिले में श्री प्रकाशचन्द्र जैन, दिनांक 23.12.2015 से कार्यरत हैं। (ग) श्योपुर जिले में पद रिक्त है। उज्जैन जिले में कार्यरत अधीक्षक की भर्ती मूल रूप से निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर हुई थी। तत्समय जिला स्तर पर भर्ती के अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदत्त थे। शासन निर्देशानुसार रोजगार कार्यालय से नाम आमंत्रित कर पद पूर्ति किये जाने के प्रावधान थे। कलेक्टर द्वारा गठित समिति ने तत्समय हिन्दी टंकण परीक्षा उत्तीर्ण तथा चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र संबंधी कोई अनिवार्य शर्त नहीं रखी थी, अतः शेष प्रश्न नहीं उठता है। जी हाँ, अन्य प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया गया। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (छ) जी हाँ। जी हाँ। कलेक्टर, उज्जैन के जाँच प्रतिवेदन अनुसार श्री प्रकाशचंद्र जैन की निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर नियुक्ति एवं उच्च श्रेणी लिपिक के पद पर पदोन्नति तत्समय प्रसारित निर्देशों के अनुसार नियमानुकूल थी। कलेक्टर, उज्जैन के जाँच प्रतिवेदन में बिन्दु क्रं-7 का उल्लेख नहीं होने से शेष प्रश्न ही नहीं उठता।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का नियमितीकरण
[महिला एवं बाल विकास]
2. ( *क्र. 2663 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से 31.01.2021 तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नियमित करने संबंधी समस्त कार्यवाही की जानकारी देवें? (ख) इन्हें कब तक नियमित कर दिया जायेगा? (ग) यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में आई.सी.डी.एस. योजना भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वित की जा रही है। भारत सरकार के दिशा निर्देशों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का पद मानसेवी निर्धारित है। अतः इन्हें नियमित करने की कार्यवाही नहीं की जा सकती है। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगों की इंटर सब्सिडी के भुगतान में विलंब
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
3. ( *क्र. 2262 ) श्री आरिफ अक़ील (श्री मेवाराम जाटव) : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र के अनेक उद्योगों को उनके द्वारा चुकाए गए ऋण के ब्याज की इंटर सब्सिडी एक साल या उससे अधिक अवधि से रोक ली गई है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ख) इंटर सब्सिडी के भुगतान में विलंब का क्या कारण है? क्या शासन द्वारा उद्योगों को सब्सिडी प्रदान करने हेतु कोई कार्यवाही की गई है?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र के कुछ उद्योगों को देय ब्याज अनुदान की राशि विभाग द्वारा रोकी नहीं गई है। विभाग को निवेश प्रोत्साहन मद में समुचित बजट प्राप्त न होने के कारण कुछ इकाइयों को ब्याज अनुदान का भुगतान नहीं हो पाया है। (ख) उत्तर (क) अनुसार। औद्योगिक इकाइयों के अनुदान संबंधी देयताएं पूर्ण करने के लिये विभाग द्वारा अतिरिक्त बजट की मांग की गई है।
मण्डला जिलांतर्गत भवन विहीन आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( *क्र. 1389 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में ऐसे कितने आंगनवाड़ी एवं उप आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, जो भवन विहीन हैं? क्या सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन निर्माण सहित हैंडपंप खनन हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या संचालित दिनांक से अभी तक हैंडपंप खनन सहित भवन निर्माण में विलंब क्यों हुआ? ऐसे कितने केन्द्र हैं, जो भवन निर्माण की स्वीकृति होने पर भी भवन निर्माण नहीं हुए हैं? क्या जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है? विकासखण्डवार जानकारी प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मण्डला जिले में 635 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। जी नहीं। (ख) जी नहीं, आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति एक सतत् प्रक्रिया है, जो कि वित्तीय संसाधनों के आधार पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। 264 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की प्राप्त हुई थी, इनमें से 39 आंगनवाड़ी भवन निर्माणधीन हैं। 24 आंगनवाड़ी भवन कार्य अप्रारंभ हैं। जी नहीं। विकासखण्डवार भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सतना जिलांतर्गत कलेक्टर रेट पर की गई नियुक्तियों में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
5. ( *क्र. 2578 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 में सतना जिलें में महिला बाल विकास विभाग वन स्टाप सेन्टर में महिला केयर टेकर पद पर कलेक्टर द्वारा कलेक्टर दर पर नियुक्तियां की गईं थीं, जो निरन्तर कार्यरत रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो वनस्टाप सेन्टरवार महिला केयर टेकर की सूची उपलब्ध कराई जावे? साथ ही इन कर्मचारियों को निकालकर आउटसोर्सिंग से भर्ती की जा रही है, तो क्या शासनादेश हुए हैं, यदि हुए हैं, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे? (ग) क्या वनस्टाप सेन्टर में पूर्व से कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारी योग्य एवं वरीयता धारित पद के थे, यदि शासन को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती करना ही था तो अनुभवी को प्राथमिकता क्यों नहीं दी गई? (घ) कार्यरत महिला केयर टेकरों को सेवा से निष्कासन आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे? यदि नहीं, दी गई, तो किस प्रावधान के तहत संबंधित को सेवा समाप्त कर आदेश उपलब्ध नहीं कराया गया? क्या जिला कार्यक्रम अधिकारी सतना पूर्व में कार्यरत महिला केयर टेकरों के संबंध में शासन से मार्गदर्शन लिया गया था? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वन स्टॉप सेन्टर में आउटसोर्सिंग से भर्ती किये जाने हेतु जारी शासनादेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, शासन द्वारा वन स्टॉप सेन्टर के पदों पर नियुक्ति हेतु अनुभव व वरीयता के संबंध में शासनादेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) महिला केयर टेकरों को सेवा में रखे जाने का कोई भी नियुक्ति आदेश ही जारी नहीं हुआ है तो निष्कासन आदेश का प्रश्न हीं नहीं उठता।
पंचायतकर्मी/शिक्षाकर्मी/गुरूजी हेतु पुरानी पेंशन योजना पुन: प्रारंभ किया जाना
[वित्त]
6. ( *क्र. 2598 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना कब से समाप्त कर दी गई है तथा कौन सी दिनांक के पश्चात नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा? (ख) पंचायतकर्मी/शिक्षाकर्मी/गुरूजियों की नियुक्ति कब से प्रारंभ हुई थी? क्या वर्तमान में पंचायतकर्मी/शिक्षाकर्मी/गुरूजी राज्य सरकार के नियमित कर्मचारी हैं? यदि हाँ, तो क्या इन्हें पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है? नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या उक्त वर्णित समस्त कर्मचारियों की मांग को देखते हुए पुन: पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्या कारण है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01.01.2005 को या उसके पश्चात् नियुक्त शासकीय सेवकों को अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है। (ख) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पंचायतकर्मी योजना वर्ष 1995 से लागू की गई है। पंचायतकर्मियों को ग्राम पंचायत सचिव का पद दिया गया है। ग्राम पंचायत सचिवों के लिए अंशदायी पेंशन योजना मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-2/7/2013/22/पं-1, दिनांक 20.07.2013 लागू की गई है। मध्यप्रदेश पंचायत शिक्षाकर्मी (भर्ती एवं सेवा की शर्तें) नियम 1997 के अनुसार स्थानीय निकाय द्वारा वर्ष 1998 में शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति की गई तथा मध्यप्रदेश शिक्षा गारंटी योजना के अंतर्गत जनवरी 1997 से गुरूजियों की नियुक्ति प्रारंभ की गई। जी नहीं। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के नियम-2 के अनुसार राज्य शासन में संविदा एवं शिक्षाकर्मी के लिये यह पेंशन नियम लागू नहीं है। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के नियम-2 के अंतर्गत पात्रता नहीं होने से।
जनवरी, 2005 के बाद नियुक्त शास. कर्मियों हेतु पुरानी पेंशन स्कीम को पुनः लागू किया जाना
[वित्त]
7. ( *क्र. 2454 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01 जनवरी, 2005 से नियुक्त शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम (ओ.पी.एस.) को बन्द कर कर दिया गया है और उन्हें न्यू पेंशन स्कीम (एन.पी.एस.) के अन्तर्गत लाभ प्रदान किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो न्यू पेंशन स्कीम (एन.पी.एस.) लागू होने से प्रदेश के लाखों अधिकारी व कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद जीवन निर्वाह व परिवार का भरण-पोषण करने में अनेक असुविधाओं व परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि न्यू पेंशन स्कीम (एन.पी.एस.) पूर्णतः विसंगति पूर्ण है और इस पेंशन स्कीम की राशि भी बहुत कम है, जिसके कारण समस्त विभाग में पदस्थ अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा न्यू पेंशन स्कीम का निरंतर विरोध किया जा रहा है? (ग) क्या प्रदेश सरकार द्वारा लाखों अधिकारी व कर्मचारियों की मांग व असुविधाओं एवं परेशानियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, उन्हें पुनः पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ प्रदान किया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी, हाँ। (ख) जी नहीं। राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्ति पर अभिदाता के पूर्ण सेवाकाल में कुल जमा अंशदान राशि का 60 प्रतिशत अभिदाता को एकमुश्त भुगतान कर दिया जाता है, शेष 40 प्रतिशत राशि से अभिदाता पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा अधिकृत एन्युटी सर्विस प्रोवाईडर का चयन कर मासिक एन्युटी प्राप्त करता है। (ग) प्रश्नोत्तर (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दीनदयाल रसोई हेतु रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा दी गई राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
8. ( *क्र. 1163 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल में संचालित दीनदयाल रसोई के संचालन/प्रबंधन में रेडक्रॉस द्वारा क्या किसी प्रकार का दान/नगद राशि/डी.डी. चेक आदि दिया जाता है? यदि हाँ, तो 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक कितना-कितना दान कब-कब किस-किस रूप में रसोई को दिया गया? दान प्राप्त करने वाले व्यक्ति के नाम सहित पूरी जानकारी मय राशि के सूची उपलब्ध करावें। (ख) कलेक्टर बैतूल द्वारा प्रश्नांश (क) अवधि में रेडक्रॉस से रसोई में कब-कब किस-किसको कितनी-कितनी राशि दान स्वरूप दी गई? पूरी जानकारी सूची सहित मय राशि के उपलब्ध करावें। (ग) क्या रेडक्रॉस सोसायटी से रसोई योजना में राशि दी जा सकती है, यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो इस अपव्यय के लिए कौन दोषी है और उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्व-सहायता समूहों द्वारा पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
9. ( *क्र. 1904 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार वितरण हेतु स्व-सहायता समूहों को दायित्व सौंपा गया है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से समूहों को कहां-कहां का पोषण आहार वितरण का कार्य दिया गया है? कार्यादेश की प्रति, समूह का पता, सदस्यों की सूची, पोषण आहार हेतु खाद्यान्न कहां से लिया जा रहा है, की जानकारी एवं पोषण आहार वितरण का दायित्व निभा रही किन-किन संस्थाओं को कितना-कितना, कब-कब भुगतान किया गया? (ग) पोषण आहार वितरण में गड़बड़ी संबंधी कब-कब शिकायतें प्राप्त हुईं? शिकायतों की जाँच संबंधी जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। (घ) विभाग द्वारा पोषण आहार वितरण हेतु नियम/आदेश/निर्देश की स्वच्छ प्रतिलिपि देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) महिला एवं बाल विकास विभाग बालाघाट के अंतर्गत पोषण आहार प्रदायकर्ता स्व-सहायता समूह, के सदस्यों की नामवार सूची एवं कार्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2018-2019, वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में स्व-सहायता समूह को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) महिला एवं बाल विकास बालाघाट के अंतर्गत पोषण आहार वितरण में पाई गई गड़बड़ी, प्राप्त शिकायत, शिकायतों पर की गई कार्यवाही एवं शिकायत की जाँच का प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। (घ) पूरक पोषण आहार वितरण हेतु समय-समय पर जारी नियम, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
अन्य राज्यों की आरक्षित वर्ग की महिलाओं को आरक्षण का लाभ
[सामान्य प्रशासन]
10. ( *क्र. 21 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अन्य राज्यों की बेटियाँ जो बहु बनकर अपने ही वर्ग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति,पिछड़ा वर्ग से आती हैं, उन्हें अपने ही वर्ग में चुनाव लड़ने का अधिकार, सरकारी नौकरियों में आरक्षण आदि नहीं मिलता? (ख) यदि हाँ, तो किस नियम के तहत लाभ नहीं दिया जाता? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ग) क्या शासन मानता है कि प्रश्नांश (क) संदर्भित महिलाओं के साथ अपने ही वर्ग में विवाह उपरांत उनके अधिकारों का हनन हो रहा है? यदि हाँ, तो इनके अधिकार के लिए शासन स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही वर्तमान में की जा रही है? (घ) प्रदेश में उक्त नियमों को कब तक शिथिल कर दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) आरक्षित वर्ग के व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी न्याय दृष्टांतों एवं भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुक्रम में अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति का कोई व्यक्ति/परिवार राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद-341 एवं 342 के तहत जातियों की अधिसूचना जारी होने के वर्ष 1950 के बाद तथा अन्य पिछड़े वर्ग का कोई व्यक्ति/परिवार राज्य सरकार की अधिसूचना दिनांक 26 दिसम्बर, 1984 जारी होने के बाद किसी अन्य राज्य से प्रवृजित होकर मध्यप्रदेश में आया है, तो उसे उसकी संतान को मध्यप्रदेश में जाति प्रमाण पत्र पृथक प्रारूप-तीन में जारी किया जाएगा। भारत सरकार गृह मंत्रालय के आदेश NO. BC-16014/1/82-SC&BCD दिनांक 06 अगस्त, 1984 के अनुसार प्रारूप-तीन में जारी जाति प्रमाण पत्र पर आरक्षण की सुविधा उसी राज्य से प्राप्त होगी, जिस राज्य से आवेदक का मूल रूप से संबंध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला अस्पताल सिंगरौली में चिकित्सक निश्चेतन के पद की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( *क्र. 1460 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली में जिला अस्पताल सिंगरौली बैढ़न में (चिकित्सक) निश्चेतना के पद रिक्त होने से आपरेशन नहीं हो पा रहे हैं, जिससे क्षेत्र में मरीजों के परिजन एवं आमजन इलाज (ऑपरेशन) नहीं होने से अन्य अस्पतालों में रैफर कर दिये जाते हैं, ऐसी स्थिति में जिला अस्पताल होने का क्या औचित्य बनता है? जिला अस्पताल में डॉक्टर की पदस्थापना करने की आवश्यकता है? (ख) यदि हाँ, तो जिला अस्पताल सिंगरौली (बैढ़न) में डॉ. निश्चेतना की पदस्थापना कब तक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला चिकित्सालय सिंगरौली बैढ़न में निश्चेतना विशेषज्ञ के 02 पद स्वीकृत हैं, परंतु प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। निश्चेतना प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सक द्वारा निश्चेतना संबंधी कार्य संपादित किया जा रहा है, आमजन को अन्यत्र रैफर नहीं किया जाता है। उपलब्धता अनुसार निश्चेतना योग्यता के चिकित्सक की पदस्थापना यथाशीघ्र की जावेगी। (ख) उपलब्धता अनुसार यथाशीघ्र।
मैहर नगर में पर्यटन विकास हेतु योजना
[पर्यटन]
12. ( *क्र. 2698 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मां शारदा की नगरी मैहर में पर्यटन विकास हेतु क्या विभाग द्वारा विगत वर्षों में किसी प्रकार की कोई योजनाएं तैयार की गईं हैं? यदि हाँ, तो उन पर कार्यवाही/क्रियान्वयन की क्या स्थिति है? (ख) मां शारदा मंदिर मैहर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं व पर्यटकों हेतु सुविधा विस्तार पर क्या विभाग गंभीरता से योजनायें तैयार कराकर क्रियान्वयन करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बण्डा अंतर्गत प्रदत्त स्वास्थ्य सुविधाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( *क्र. 2614 ) श्री तरबर सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बण्डा एवं शाहगढ़ हैं, दोनों में आठ आठ डॉक्टर के पद स्वीकृत हैं, जबकि दोनों जगह एक-एक डॉक्टर ही पदस्थ है, क्या यह उचित है? यदि नहीं, तो रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ख) डॉक्टर की कमी से ग्रामीण क्षेत्रों से जो मरीज आते हैं, उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या दोनों ही केन्द्रों में नियमित साफ-सफाई एवं दवाई के वितरण में अनियमिततायें बरती जा रही हैं? यदि हाँ, तो केन्द्रों में व्यवस्थायें सुचारू रूप से चल सकें, इस हेतु क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दो शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बण्डा एवं शाहगढ़ में 08 नहीं, अपितु विशेषज्ञों के 03-03 यथा मेडिकल विशेषज्ञ-01, स्त्री रोग विशेषज्ञ-01 एवं सर्जरी विशेषज्ञ-01 तथा चिकित्सा अधिकारी के 02-02 पद स्वीकृत हैं। शाहगढ़ में 01 चिकित्सा अधिकारी एवं बण्डा में 02 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ के शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञों एवं ऐसे पदों जिन्हें शत-प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है, की पूर्ति में कठिनाई हो रही है। चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कारणों से विशेषज्ञों के पद रिक्त हैं। चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध चिकित्सकों एवं स्टाफ द्वारा आमजन को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा समीक्षा बैठक में अधिकारियों की अनुपस्थिति
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
14. ( *क्र. 2020 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 24.12.2020 को विधानसभा क्षेत्र छतरपुर की विधानसभा क्षेत्रवार विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आहूत की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो इस बैठक में उपस्थित होने हेतु किस-किस विभाग के सक्षम अधिकारी को निर्देश दिए गए थे? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में निर्देश देने के बाद किन-किन विभाग के अधिकारी अथवा उनके प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित नहीं हुए? उपस्थित नहीं होने के क्या कारण थे? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में बैठक में अनुपस्थित विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समीक्षा बैठक में मुख्य नगर पालिका अधिकारी छतरपुर प्रमुख सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेन्स होने के कारण एवं जिला सांख्यिकी अधिकारी टीकमगढ़ को जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय छतरपुर/निवाड़ी का अतिरिक्त प्रभार होने के कारण बैठक में उपस्थित नहीं हो सके। (घ) उक्त दोनों अधिकारियों को आगामी बैठकों में अनिवार्यतः उपस्थित रहने हेतु सचेत किया गया है।
जननी सुरक्षा एवं 108 एम्बुलेंस में संचालित वाहन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( *क्र. 2590 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक जननी सुरक्षा योजना एवं 108 एम्बुलेंस में कितने वाहन संचालित हैं? शासन द्वारा किन-किन अस्पतालों को जननी सुरक्षा योजना एवं 108 एम्बुलेंस के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि दी गई है? वर्षवार एवं विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन वाहनों पर कितना-कितना व्यय किया गया? विकासखण्डवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विदिशा जिले में किन-किन वाहन मालिकों के वाहनों का प्रयोग जननी एक्सप्रेस एवं 108 एम्बुलेंस के रूप में किया गया है? वाहन मालिक का नाम, वाहन नंबर सहित अस्पताल, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं इनको (क) अवधि में कितना-कितना भुगतान किया गया? (घ) विदिशा जिले में जननी सुरक्षा योजना से संचालित वाहनों के द्वारा विगत 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक कितनी प्रसूताओं को उनके स्थल से किस अस्पताल तक पहुँचाया? इसकी पुष्टि किस अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विदिशा जिले में 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक जननी सुरक्षा योजना एवं 108 एम्बुलेंस में संचालित वाहनों की जानकारी निम्नानुसार हैं :-
सेवा |
वर्ष 2018 |
वर्ष 2019 |
वर्ष 2020 |
वर्ष 2021 |
108 एम्बुलेंस |
12 |
12 |
12 |
12 |
जननी एक्सप्रेस |
16 |
17 |
17 |
19 |
शासन द्वारा अस्पतालों को जननी सुरक्षा योजना (जननी एक्सप्रेस वाहन) एवं 108 एम्बुलेंस वाहनों के अंतर्गत कोई भी राशि नहीं दी गई है। प्रश्न भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) यह कि वर्तमान में प्रदेश के समस्त जिलों में जननी एवं 108 एम्बुलेंस वाहनों का संचालन एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट प्रणाली अंतर्गत केन्द्रीयकृत 108 कॉल सेंटर के माध्यम से एक ही संस्था जिगित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। संस्था द्वारा वर्तमान में जननी एक्सप्रेस हेतु पुनरीक्षित दर राशि रू. 19.23/- प्रति किलोमीटर एवं 108 एम्बुलेंस हेतु पुनरीक्षित दर राशि रू. 22.19/- प्रति किलोमीटर के मान से प्रदेश में संचालित समस्त वाहनों के परिचालन व्यय हेतु प्रस्तुत देयकों पर अनुबंध की शर्त अनुसार निर्धारित शास्ति की गणना पृथक-पृथक वाहनों पर न करते हुये समस्त वाहनों द्वारा औसतन माह में किये गये कार्य के आधार पर करते हुये नियमानुसार सेवाप्रदाता संस्था को भुगतान की कार्यवाही की जाती है। प्रश्न भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। संबंधित अस्पताल से पुष्टि की जाती है।
पोषण आहार में अनियमितता की जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
16. ( *क्र. 2634 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाल ही में केग ने अपनी रिपोर्ट में टेक होम पोषण आहार में जो घोटाला पाया है, उस तर्ज पर प्रदेश स्तर पर बतावें कि पोषण आहार प्राप्त करने वाली बच्चियों की संख्या आलोच्य वर्ष में क्या-क्या है? (ख) पोषण आहार किस दर से किस फर्म/व्यक्ति द्वारा वर्ष 2014-15 से जनवरी 2021 तक दिया गया? केग ने किस वर्ष में चार जिलों का घोटाला पाया तथा यह विभाग के संज्ञान में कब आया? (ग) प्रश्नांश (ख) का घोटाला विभाग के संज्ञान में आने के बाद विभाग द्वारा की गई शेष जांच, निरीक्षण, परीक्षण आदि की दिनांक अनुसार जानकारी दें तथा बतावें कि विभागीय जाँच में क्या-क्या तथ्य पाये गये। (घ) लॉकडाउन अवधि में अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक जिलेवार माह अनुसार वितरित पोषण आहार टेकहोम की संख्या बतावें तथा रतलाम जिले में कितनी बच्चियों को पोषण आहार दिया गया? उनकी संख्यात्मक जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग को केग की रिपोर्ट अप्राप्त है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2014-15 से जनवरी 2021 तक पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) प्रदायकर्ता फर्म की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1" पर एवं दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "2" अनुसार है। केग की रिपोर्ट विभाग को अप्राप्त है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग को केग की रिपोर्ट अप्राप्त है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक जिलेवार, माहवार, वितरित टेकहोम राशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "3" एवं "4" अनुसार है तथा रतलाम जिले में कुल 1405 किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार दिया गया।
पर्यटन क्षेत्रों का निर्माण/विकास
[पर्यटन]
17. ( *क्र. 2477 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रैगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पर्यटन हेतु कौन-कौन से स्थल हैं? उक्त स्थलों के विकास हेतु क्या योजनायें हैं? (ख) क्या रैगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत रैगाँव तालाब, पचमठा आश्रम सोहौला, भरजुनाकला माँ आदिशक्ति की पावन स्थली, पचमठा आश्रम सोहौला, डेहुंटा गंगा जी, पटपरनाथ धाम आदि के पुरातात्विक महत्व को देखते हुये, इन क्षेत्रों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिये क्या योजना तैयार की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार रैगाँव विधानसभा क्षेत्र के उक्त स्थलों को पर्यटन के रूप में विकसित करने से शासकीय जमीनों को भी खुर्द-बुर्द होने से बचाया जा सकेगा? साथ ही पर्यटक स्थल निर्मित होने से शासन राजस्व की प्राप्ति होगी एवं पुरातात्विक धरोहरें भी सुरक्षित हो जावेंगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के अनुसार रैगाँव विधानसभा क्षेत्र के पुरातात्विक महत्व के क्षेत्र एवं पर्यटन के रूप में विकसित योग्य स्थलों को उनके विकास हेतु पर्यटन विभाग कब तक दल गठित करेगा तथा कब तक इन क्षेत्रों को पर्यटन के रूप में विकसित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? स्थलवार कारण बतावें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति के अंतर्गत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। (ख) उपरोक्त (क) अनुसार। (ग) उक्त कार्य विभाग के अंतर्गत नहीं आता। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य सेवायें
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
18. ( *क्र. 2470 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर किस प्रकार के स्वास्थ्य केन्द्र हैं तथा इन स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज हेतु कौन-कौन सी मशीनें उपलब्ध हैं? इनके संचालन हेतु कौन-कौन से तकनीकी कर्मचारी पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वास्थ्य केन्द्रों के संचालन हेतु कौन-कौन से किस प्रकार के पद स्वीकृत हैं तथा इन स्वीकृत पदों के अनुरूप कौन-कौन, कहां-कहां पर पदस्थ है? कितने पद भरे एवं कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं? स्वास्थ्य केन्द्रवार सम्पूर्ण सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या स्वास्थ्य केन्द्रों में स्टाफ की कमी होने के कारण अक्सर विषम परिस्थितियां उत्पन्न हो रही हैं? यदि हां, तो क्या शासन चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को भरेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या शासन स्तर पर नवगठित स्लीमनाबाद तहसील के स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में परिवर्तित करने हेतु पत्राचार हुआ था? यदि हाँ, तो क्या स्लीमनाबाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की संभावनायें हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। उपलब्ध चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही हैं। चिकित्सकों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एन.एच.एम. के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टव्यू के माध्यम से निरंतर जारी है। पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों पर माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण लंबित है। सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं। (घ) जी हाँ। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्लीमनाबाद को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किये जाने का प्रस्ताव ''शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट'' में सम्मिलित किया गया है।
निवाड़ी जिले में जिला कार्यालय एवं पदों की स्वीकृति
[वित्त]
19. ( *क्र. 2623 ) श्री अनिल जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कार्यालय एवं पदों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव विभाग द्वारा अनुमोदन अथवा स्वीकृत किये जाते हैं? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में निवाड़ी जिले में जिला कार्यालय एवं पदों की स्वीकृति हेतु किन-किन विभागों के प्रस्ताव कब-कब प्राप्त हुये हैं? विभागवार, प्रस्ताव प्राप्ति की दिनांक बतायी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त प्रस्तावों में से किन-किन विभागों के प्रस्ताव अनुमोदित या स्वीकृत किये जा चुके हैं? विभागवार कार्यालय एवं पदों का विवरण दिया जावे। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त प्रस्तावों में से जो अनुमोदित या स्वीकृत नहीं किये जा सके, उन्हें कब तक स्वीकृत किया जा सकेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। जिला कार्यालय एवं पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद् द्वारा दी जाती है। शेष प्रश्न उपस्िथत नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बनास नदी आधारित नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( *क्र. 1183 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत बनास नदी आधारित समूह नल-जल योजना मझौली की स्वीकृति कब प्रदान की गई थी? स्वीकृति दिनांक से आज दिनांक तक इस मद में कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त नल-जल योजना कब तक पूर्ण कर लेनी थी? समूह नल-जल योजना आज दिनांक तक पूर्ण क्यों नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में समूह नल-जल योजना के निर्माण में घटिया निर्माण की शिकायतें प्राप्त हुई हैं तो क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य की जाँच कराकर गुणवत्तायुक्त निर्माण कार्य, पाईप लाईन एवं नल कनेक्शन का कार्य कराया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नल-जल योजना से सभी टोले-मोहल्लों के सभी घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से आम जनता को कब तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 19.07.2013, प्रश्न दिनांक तक रूपये 57.66 करोड़। (ख) दिनांक 31.01.2016, योजना में प्रस्तावित कार्य सोन घड़ियाल वन्य प्राणी अभयारण्य एवं संजय दूबरी टाईगर रिजर्व अंतर्गत होने के फलस्वरूप कार्यों की अनुमति विलम्ब से प्राप्त होने के कारण कार्य में विलम्ब हुआ है। (ग) जी नहीं। गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया जा रहा है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) मार्च 2021 तक कराया जाना लक्षित।
सौर ऊर्जा से नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( *क्र. 786 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में किन-किन स्थानों पर कितनी लागत के सौर ऊर्जा प्लांट आधारित नल-जल योजना के कार्य कराये गये? उक्त कार्य किस योजना मद की राशि से कराये गये तथा उनकी गारण्टी अवधि कब तक की है। (ख) रायसेन जिले में सौर ऊर्जा प्लांट आधारित नल-जल योजना किन-किन स्थानों पर चालू है तथा किन-किन स्थानों पर कब से क्यों बंद है? बंद योजनाओं को चालू करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में सौर ऊर्जा प्लेट का कार्य गुणवत्तापूर्ण न होने के कारण उक्त योजना अनेक वर्षों से बंद है? यदि हाँ, तो विभाग के अधिकारियों ने उक्त योजनाओं का कब-कब निरीक्षण किया तथा उक्त योजनायें प्रारंभ करवाने हेतु कब-कब पत्र व्यवहार किया? उनकी प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (ख) की बंद नल-जल योजनायें कब तक प्रारंभ होंगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। योजना को प्रारंभ करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा नियमित क्षेत्र भ्रमण के दौरान निरीक्षण किया गया। योजना चालू करवाने हेतु किये गये पत्र व्यवहार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (घ) प्रयास किया जा रहा है, तथापि निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
इंदौर जिले में बैंक चालान घोटाले में राशि की वसूली
[वाणिज्यिक कर]
22. ( *क्र. 2204 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में बैंक चालान घोटाले में राज्य शासन/विभाग प्रश्नतिथि तक कितनी राशि की वसूली किस-किस नाम/फर्म से कर चुका है? सूची उपलब्ध करायें। किस-किस नाम/फर्म से कितनी राशि की वसूली प्रश्नतिथि तक शेष है? (ख) प्रश्नांक (क) में वर्णित समयानुसार हुए उक्त घोटाले में राज्य शासन द्वारा कराई गई जाँच में किस नाम/पदनाम को दोषी पाया गया है? क्या जाँच अभी चल रही है? क्या जाँच पूर्ण हो गई है? अगर पूर्ण हो चुकी है तो जाँच रिपोर्ट एवं निष्कर्षों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित वित्तीय वर्ष में हुये इस प्रकरण के मुख्य मास्टर माइंड तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त/जिला आबकारी अधिकारी के विरुद्ध विभाग में प्रश्नतिथि तक और कौन-कौन सी जाँच अभी चल रही है? प्रकरणवार विवरण दें। पूर्व में कौन-कौन सी जाँचें चल चुकी हैं और उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की है, का प्रकरणवार विवरण उपलब्ध करायें। (घ) राज्य शासन कब तक दोषी सहायक आबकारी आयुक्त/जिला आबकारी अधिकारी को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित कर प्रकरण को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में भेजकर आपराधिक प्रकरण दर्ज करवायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) इन्दौर जिले में बैंक चालान घोटाले से संबंधित प्रकरण में प्रश्नतिथि तक संबंधित नाम/फर्म के आरोपियों से रूपये 22,16,06,432/- की राशि वसूल की गई है एवं रूपये 19,57,21,828/- की बकाया राशि वसूल की जानी है। बिंदुवार जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा गठित पाँच सदस्यीय जाँच दल के प्रतिवेदन के आधार पर शासन आदेश दिनांक 23 जून, 2018 से संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच प्रकरणों में आयुक्त, विभागीय जांच, मध्यप्रदेश, वल्लभ भवन भोपाल को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है, जाँच वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। जांचोपरांत कौन अधिकारी दोषी है, संबंधी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जावेगा। (ग) उक्त प्रकरण में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जांच दल एवं शासन द्वारा लिये गये निर्णय में प्रारंभिक जाँच में किसी विशिष्ट अधिकारी को मुख्य मास्टर माइंड होने का उल्लेख नहीं किया गया है। अत: मास्टर माइंड के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं होने से प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी निरंक है। (घ) विभाग द्वारा गठित पाँच सदस्यीय जाँच दल के प्रतिवेदन के आधार पर शासन आदेश दिनांक 06 सितम्बर, 2017 में कुल 06 अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। जिसका विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शासन आदेश दिनांक 23 जून, 2018 से 08 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच प्रकरण में आयुक्त, विभागीय जांच, मध्यप्रदेश, वल्लभ भवन भोपाल को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा शराब निर्माण में यूरिया का उपयोग
[वाणिज्यिक कर]
23. ( *क्र. 2172 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी अंतर्गत विंध्याचल डिस्टलरी में दिनांक 30 जनवरी, 2021 को कृषि विभाग जिला राजगढ़ की एक टीम द्वारा छापामार कार्यवाही में 92 बैग यूरिया बरामद किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक उक्त औद्योगिक इकाई प्रबंधन के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा उनके पास उपलब्ध भूमि पर कृषि कार्य करने अथवा उक्त औद्योगिक इकाई हेतु विशेष रूप से प्रतिबंधित यूरिया अपने पास रखने हेतु विभाग से कोई अनुमति प्राप्त करने अथवा सूचना देने संबंधी प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा यूरिया क्रय करने, कृषि कार्य करने संबंधी सूचना अथवा कोई अनुमति विभाग से प्राप्त की गई थी? यदि नहीं, तो क्या यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि उक्त यूरिया के माध्यम से नकली एवं जहरीली शराब निर्मित कर विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा आमजन की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा उक्त संबंध में उचित संज्ञान लेकर कोई ठोस कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक उक्त औद्योगिक इकाई के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राजगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी अंतर्गत विंध्याचल डिस्टलरी में दिनांक 30 जनवरी, 2021 को 92 बैग यूरिया बरामद होने की जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं थी। सहायक संचालक कृषि (प्रभारी उर्वरक) कार्या. उ.स.कि.क तथा कृषि विभाग राजगढ़ द्वारा जाँच उपरांत विभाग के संज्ञान में आया। शराब निर्माता ईकाई में यूरिया नहीं रखी जा सकती है। प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर, राजगढ़ के आदेश पृ./उर्व/टी-6/2020/740, राजगढ़ दिनांक 02.02.2021 द्वारा 8 सदस्यीय जाँच समिति गठित कर जाँच जारी है तथा समिति द्वारा विधिवत कार्यवाही करते हुये ई.एन.ए. (एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल) के प्रयोगशाला, मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड इन्दौर को सेम्पल जाँच हेतु भेजे गये थे, जिसकी जाँच रिपोर्ट ई-मेल के माध्यम से दिनांक 16.02.2021 को प्राप्त हुई है। जाँच रिपोर्ट में सेम्पलों में यूरिया का उपयोग किये जाने का उल्लेख नहीं है। जाँच रिपोर्ट जाँच समिति के समक्ष प्रस्तुत की जा रही है। (ख) विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा उनके पास उपलब्ध भूमि पर कृषि कार्य करने अथवा औद्योगिक इकाई हेतु विशेष रूप से प्रतिबंधित यूरिया रखने अथवा सूचना दिये जाने का मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत कोई प्रावधान नहीं है। (ग) विंध्याचल डिस्टलरी द्वारा यूरिया क्रय करने, कृषि कार्य करने संबधी सूचना अथवा कोई अनुमति विभाग से प्राप्त के संबध में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत कोई प्रावधान नहीं है। जाँच रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसमें ऐसा किसी प्रकार यूरिया के साथ-साथ जहरीले तत्व नहीं पाये गये हैं न ही आमजन की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। (घ) जाँच समिति द्वारा जाँच पूर्ण होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
कटनी जिलांतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( *क्र. 2631 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो वर्षवार किन-किन जनपदों की किन-किन ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हुये एवं कितने पूर्ण तथा कितने निर्माणाधीन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत हुये पूर्ण एवं निर्माणाधीन आंगनवाड़ी केन्द्रों का कितना भुगतान किया गया एवं कितना भुगतान किया जाना शेष है? केन्द्रवार जनपदवार जानकारी देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में शेष भवनों को कब तक पूर्ण कराकर लंबित राशियों का भुगतान किया जायेगा? अभी तक कार्य पूर्ण न कराने एवं विगत तीन वर्षों से जानबूझकर भुगतान लंबित रखे जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं? नाम एवं पदनाम का उल्लेख करें। (घ) इन अनियमितताओं के लिए उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी, नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क', 'ख' एवं 'ग' अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क', 'ख' एवं 'ग' अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। भवनों का निर्माण उपलब्ध वित्तीय संसाधनों पर निर्भर करता है, निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण करने की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। अत: शेष जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष जानकारी का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
प्रदेश में शराब की होम डिलीवरी पर रोक
[वाणिज्यिक कर]
25. ( *क्र. 1601 ) श्री विनय सक्सेना : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा शराब की होम डिलीवरी का निर्णय लिया गया है? (ख) क्या सरकार इस निर्णय के माध्यम से शराब पीने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने की नीति पर कार्य कर रही है? (ग) शराब की होम डिलीवरी से घरों में नव युवकों/छात्रों/नाबालिग बच्चों को शराब क्रय करने से पीने से रोकना कैसे संभव होगा? (घ) क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा अप्रैल 2017 में नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान नरसिंहपुर जिले में एक कार्यक्रम में कहा था कि पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी लागू की जाएगी? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा पर क्या-क्या अमल किया गया है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
बरगी
बांध की गैलरी
का कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
1. ( क्र. 210 ) श्री तरूण भनोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर स्थित बरगी बांध की गैलरी का कार्य जुगाड़ के कलपुर्जों से चल रहा है, जिसके फलस्वरूप कभी भी बड़ा हादसा होने की पूर्ण संभावना है? (ख) क्या विगत कई माहों से वर्णित (क) के कार्य के लिए आवश्यक सामग्री सप्लाई नहीं की गई, जिससे गैलरी के कई हिस्सों में अंधकार है एवं कर्मचारियों के टार्च से काम करना पड़ रहा है। (ग) वर्णित (क) की आपूर्ति एवं अन्य सामग्री के क्रय हेतु शासन द्वारा कितनी राशि का आंवटन किया गया है एवं उसमें क्या-क्या कार्य किये गये? (घ) अब कब तक वर्णित (क) का कार्य पूर्ण एवं नियमित रूप से कर दिया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। कार्य के लिए आवश्यक सामग्री समय-समय पर प्रदाय कराई गई है। गैलरी में स्थापित व्यवस्था अनुसार विगत वर्षों से ही प्रकाश व्यवस्था की जा रही है। प्रकाश व्यवस्था का आधुनिकीकरण प्रस्तावित है। (ग) गैलरी के लिये अलग से आवंटन प्राप्त नहीं होता है। डिवाटरिंग कार्य में लगे मोटर पम्पों, स्टार्टर, पाईप लाईन, जनरेटर सेट एवं स्टार्टर, कंट्रोल पेनल एवं विद्युत प्रकाश व्यवस्था से संबंधित कार्यों का सुधार कार्य कराया गया है। (घ) कार्य रख-रखाव से संबंधित है जिनका संधारण समय-समय पर आवश्यकतानुसार निरंतर कराया जाता है।
जल-जीवन मिशन के प्रावधान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( क्र. 342 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल-जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2024 तक हर घर को नल के माध्यम से पीने का पानी दिया जायेगा? यदि हाँ, तो इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में क्या-क्या कार्यवाही की गई। (ख) जल जीवन मिशन में क्या-क्या प्रावधान है तथा हर घर को जल की योजना बनाने हेतु जवाबदार अधिकारियों द्वारा रायसेन जिले के सांसद एवं विधायकों को कब-कब सूचना देकर उनसे सुझाव मांगे। (ग) 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को जल-जीवन मिशन की योजना के संबंध में क्या-क्या सुझाव कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई। (घ) किन-किन सुझावों को मान्य किया किन-किन सुझावों को किन-किन कारणों से किसने अमान्य किया तथा इस संबंध में संबंधित सांसद/विधायक को किस-किस माध्यम से कब-कब सूचना दी गई? पूर्ण विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश में वर्ष 2023 तक प्रत्येक ग्राम के हर घर को नल के माध्यम से जल दिये जाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन कार्यक्रम अंतर्गत रायसेन जिले में 254 एकल एवं 01 समूह नल-जल योजना स्वीकृत की गई है, समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है। (ख) जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2023 तक प्रत्येक घर में क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जाना है। मान. सांसदों/विधायकों से प्राप्त पत्रों/सुझावों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विधायक के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
3. ( क्र. 349 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2020 से फरवरी 2021 तक की अवधि में मान. मुख्मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (ख) उक्त पत्रों पर कार्यवाही हेतु मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा किन-किन अधिकारियों को कब-कब निर्देशित किया गया? (ग) मान. मुख्यमंत्री जी के निर्देशों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई यदि कार्यवाही नहीं की तो क्यों कारण बताये तथा कब तक कार्यवाही करेंगे? (घ) पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुख्यमंत्री कार्यालय के संधारित अभिलेख अनुसार प्रश्नांकित अवधि में प्राप्त पत्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट में दर्शाई गई है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संबंधित विभागों को लिखा गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्र एफ 6-20/2021/1/4 दिनांक 17/02/2021 द्वारा भी संबंधित विभागों को प्रश्नांश (ग) एवं (घ) में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी से माननीय विधानसभा सदस्य एवं इस विभाग को अवगत कराने हेतु लिखा गया है।
अनुकम्पा नियुक्तियों के लंबित प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
4. ( क्र. 379 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत सहायक ग्रेड-2, सहा.ग्रेड-3, लिपिक आदि के कितने पद रिक्त हैं? पदवार, स्थलवार जानकारी दी जाये। जिला दमोह अंतर्गत शास. सेवकों की मृत्यु उपरांत अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? प्रकरणवार, नाम, पतावार जानकारी दी जाये। (ख) क्या उक्त प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा? हाँ तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) पद रिक्त होने पर प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
नहरों के निर्माण कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
5. ( क्र. 451 ) श्री संजय शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नहरों के कौन-कौन से निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ किये जा रहे हैं? लागत एवं ठेकेदारों के नाम सहित निर्माण कार्यों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब-कब हुई एवं वर्तमान में कितने कार्य पूर्ण एवं अपूर्ण हैं? सूची उपलब्ध करायें। अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) क्या सड़ूमर शाखा नहर पर WBM सड़क का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कहाँ से कहाँ तक एवं कितनी लागत राशि से उक्त सड़क का निर्माण किया जा रहा है? जानकारी प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार, उक्त सड़क कब स्वीकृत हुई? एवं सड़क के निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु क्या समयावधि तय की गई थी? वर्तमान में इस सड़क की क्या स्थिति है? जानकारी प्रदान करें। (ङ) उक्त सड़क के निर्माण की गुणवत्ता किन मापदण्डों पर निर्धारित की गई है? गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण हेतु सम्बंधित ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्य की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आर.डी. 0.00 कि.मी. से आर.डी. 20.61 कि.मी. में लागत राशि रू 291.04 लाख का कार्य माह जनवरी 2021 में पूर्ण हो चुका है। (घ) निविदा दिनांक 30/09/2019 को स्वीकृत की गई है। बारह माह वर्षाकाल छोड़कर। निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण हो चुका है। सड़क गुणवत्ता पूर्ण एवं आवागमन योग्य है। (ङ) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण में प्रचलित मापदण्डों के अनुसार गुणवत्ता निर्धारित की गई है। सड़क निर्माण का कार्य गुणवत्ता पूर्ण है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के सम्बंध में
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
6. ( क्र. 453 ) श्री संजय शर्मा : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? हितग्राहियों का विवरण, ग्राम एवं प्रदान की गई राशि की जानकारी वर्षवार उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, क्या तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गरीबी रेखा एवं अति गरीबी रेखा वाले हितग्राहियों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो कुल कितने हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया है? वर्षवार सूची उपलब्ध करावें।
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं भारत सरकार की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अन्तर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा लाभांवित किये गये हितग्राहियों की जानकारी निम्नानुसार :-
योजना का नाम |
वित्तीय वर्ष |
लाभांवित हितग्राहियों की संख्या |
परियोजना राशि (लाख में) |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
2018-19 |
34 |
234.289 |
2019-20 |
44 |
291.320 |
|
2020-21 |
- |
- |
|
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
2018-19 |
06 |
99.240 |
2019-20 |
06 |
81.500 |
|
2020-21 |
02 |
12.820 |
|
योग |
|
92 |
719.169 |
उपरोक्तानुसार लाभांवित हितग्राहियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के अनुसार तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बीपीएल श्रेणी के 4 हितग्राहियों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अन्तर्गत लाभांवित किया गया है। वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
कर्मचारियों को प्रतिवर्ष वर्दी/गरम कोट एवं जूते का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( क्र. 716 ) श्री
पी.सी. शर्मा : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
कार्यपालन
यंत्री लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग भोपाल
परियोजना में
कार्यरत
कार्यभारित/नियमित
स्थापना के
कर्मचारियों
को प्रतिवर्ष
वर्दी/गरम कोट
एवं जूते
प्रदाय करने
संबंधी नियम है? (ख) यदि
हां, तो
वर्ष 2015 से
कर्मचारियों
को कब-कब
वर्दी/गरम कोट
एवं जूते
प्रदाय किये
गये यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि
वर्ष 2015 से
वर्दी/गरम कोट
एवं जूते
प्रदाय नहीं
किये गये तो
कब तक प्रदाय
किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) कार्यालय
कार्यपालन
यंत्री,
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी, भोपाल
परियोजना में
कार्यरत, कार्यभारित/नियमित
स्थापना के
कर्मचारियों
को प्रतिवर्ष
वर्दी, प्रति
तीन वर्ष में
गरम कोट देने
का प्रावधान हैl जूते
प्रदाय का
प्रावधान
नहीं हैl
(ख)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के अनुसार हैl (ग) आवंटन
की उपलब्धता
अनुसार वर्दी
प्रदाय की जाती
हैl निश्चित
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं हैl
पी.पी.ई. किट एवं अन्य उपकरण की खरीदी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
8. ( क्र. 761 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार द्वारा कोरोना महामारी से निपटने के लिए माह अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2020 तक कितने पी.पी.ई. किट, मास्क एवं सेनेटाईजर खरीदे गए? किन-किन फर्मों से किस दर पर खरीदे गये तथा खरीदी की क्या प्रक्रिया अपनाई गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त सामग्री का वितरण किस प्रकार से कितनों को किया गया? जिलेवार वितरण की जानकारी दें। (ग) कोरोना की महामारी के चलते कितने शासकीय कर्मचारी उक्त अवधि में इसके शिकार हुये एवं कितने कर्मचारियों को शहीद होना पड़ा एवं सरकार द्वारा उनके परिवार के लिए क्या सहायता प्रदान की गई? (घ) क्या शासन द्वारा कोरोना महामारी के लिए कार्य करने वाले कर्मचारियों को 10 हजार रूपये प्रतिमाह अतिरिक्त वेतन दिये जाने की घोषणा की गई थी यदि हां, तो अभी तक कितने कर्मचारियों को अतिरिक्त मानदेय दिया गया है, यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सरकार द्वारा कोरोना माहमारी से निपटने के लिए माह अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2020 तक पी.पी.ई. किट संख्या 527265, मास्क संख्या 999270 एवं सेनेटाईजर संख्या 398607 का क्रय किया गया है। उपरोक्त सामग्रियां जिन फर्मों से एवं जिस दर पर खरीदी गयी है उक्त की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है तथा उपरोक्त सामग्रियों की खरीदी संबंधी प्रक्रिया भण्डार क्रय नियम के तहत खुली निविदा के माध्यम से की गई। (ख) कार्पोरेशन द्वारा निष्पादित दरों पर संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें, भोपाल के माध्यम से सामग्री पी.पी.ई. किट एवं मास्क का क्रय किया गया है तथा भारत सरकार द्वारा मैसर्स एच.एल.एल. के माध्यम से उक्त सामग्रियों को प्रदेश के सहयोग हेतु प्रदान किया गया है, अतः उक्त सहायता प्राप्त सामग्रियों को प्रदेश स्तर से क्रय की गई सामग्रियों के आंकड़ों के साथ सम्मिलित कर वितरित किया गया है, केन्द्रीयकृत प्रक्रिया से क्रय की गई पी.पी.ई. किट एवं मास्क का वितरण प्रदेश के समस्त संभागीय स्तर के संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें द्वारा अधिनस्थ स्वास्थ्य संस्थाओं को आवश्यकता के आधार पर किया गया है जिसकी संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें द्वारा जिलेवार वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है तथा सेनेटाईजर जो कि कोविड-19 की केन्द्रीयकृत सूची में सम्मिलित नहीं है अतः उक्त सामग्री को संबंधित जिले के क्रयकर्ता प्राधिकारियों द्वारा आवश्यकतानुसार विकेन्द्रीयकृत पद्धति द्वारा ऑनलाइन माध्यम से क्रय कर वितरण किया गया। अतः सामग्री सेनेटाईजर के वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) कोरोना महामारी के चलते कुल 2808 शासकीय कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए एवं 37 कर्मचारियों की मृत्यु हुई जिन्हें पात्रता अनुसार कोविड योद्धा योजना के अंतर्गत सहायता प्रदान की गई। (घ) कोरोना महामारी के लिये कार्य करने वाले कर्मचारियों को राशि रूपये 10 हजार प्रतिमाह अतिरिक्त वेतन दिये जाने संबंधी कोई भी घोषणा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बन्द नल-जल योजना हेतु आवंटित राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
9. ( क्र. 789 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक जिला रायसेन को बंद नल जल योजना में कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय की गई उक्त अवधि में क्या-क्या सामग्री क्रय की गई तथा क्रय सामग्री का क्या उपयोग किया गया। (ख) रायसेन जिले में कौन-कौन सी नल-जल योजनायें चालू है, कौन-कौन सी योजना किस-किस कारण से कब से एवं क्यों बंद है बंद योजनाओं को प्रारंभ करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें। (ग) 1 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले में हैण्डपंप सुधारने पर कितनी राशि व्यय की गई तथा किस-किस ठेकेदार को किन-किन दिनांकों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) वर्तमान में रायसेन जिले में हैण्डपंप सुधारने का कार्य किस-किस व्यक्ति/संस्था/ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है, इस हेतु क्या प्रक्रिया निर्धारित है ग्रामवासियों को किस माध्यम से कहाँ सूचना देना पड़ती है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। ग्रामवासियों द्वारा हैण्डपंप सुधारने के कार्य के लिये सूचना उपखण्ड कार्यालय/उपयंत्री/हैण्डपंप तकनीशियन/सी.एम.हैल्पलाइन/जनपद कार्यालय के माध्यम से।
उज्जैन ज़िले में मिलावट खोरी के विरुद्ध की गयी कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( क्र. 844 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना काल में मिलावट खोरी के विरुद्ध प्रशासन की कड़ी कार्यवाही के बाद कितने मामले दर्ज़ हुए है? दर्ज़ मामलों में कितना अर्थदण्ड किन-किन संस्थानों में किया गया है? उज्जैन ज़िले में मिलावट खोरी के मामले में कौन-कौन से प्रतिष्ठानों को अभियुक्त बनाया गया है? कितने अभियुक्त प्रतिष्ठानों का लाइसेन्स निलंबित किया गया है? कितना जुर्माना कब लगाया गया है? (ख) उज्जैन ज़िले में खाद्य सुरक्षा और मानक जाँच पैकेजिंग लेबलिंग के संबंध में निरीक्षण, पर्यवेक्षण और जाँच के लिए कितना-कितना अमला कहाँ-कहाँ सक्रिय है? और विभाग प्रमुख द्वारा कौन-कौन सी जवाबदारियाँ उन्हें दी गयी हैं और जवाबदार अधिकारियों ने आज्ञापूर्ति के लिए क्या कार्यवाहियाँ की है? इस संबंध में कोरोना काल मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक विस्तृत प्रतिवेदन सहित विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कोरोना काल मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में मिलावट खोरी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए 48 मामले सक्षम न्यायालय में दर्ज किये गए है। माननीय सक्षम न्यायालय द्वारा 36 प्ररकणों में अर्थदण्ड आदेश पारित किये गए है जिसकी संस्थावार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। उज्जैन जिले में मिलावट खोरी के मामले में दर्ज प्रकरणों में अभियुक्त बनाये गए प्रकरणों की प्रतिष्ठानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 के कॉलम-01 में उल्लेख है। उज्जैन जिले में इस अवधि में कुल 24 प्रतिष्ठानों के लायसेंस निलंबित किये गए है। न्यायालय द्वारा लगाये गए जुर्माने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) उज्जैन जिले में खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 अंतर्गत खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को खाद्य पदार्थो के संबंध में पैकेजिंग लेबलिंग नियम निरीक्षण, पर्यवेक्षण के लिए शाक्तियां प्राप्त हैं उज्जैन जिले में कुल 06 खाद्य सुरक्षा अधिकारी पदस्थ है विभाग प्रमुख द्वारा विविध कार्य विभाजन आदेश की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02, 03, 04 एवं 05 अनुसार है। उज्जैन जिले में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा कोरोना काल मार्च 2020 से प्रश्नावधि तक खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 के अंतर्गत निम्नानुसार कार्यवाही की गई। विभिन्न खाद्य पदार्थों के कुल 412 नमूने संग्रहित कर राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल भेजे गये, जाँच उपरांत 92 नमूने मानक स्तर एवं 70 नमूने अवमानक/मिथ्याछाप/असुरक्षित एवं अन्य धाराओं में उल्लघंन होना पाया गया एवं 250 नमूने की जाँच रिपोर्ट आना शेष है। प्रश्नावधि तक 48 प्रकरण सक्षम न्यायालय में दायर किये गये। प्रश्नावधि तक विभिन्न खाद्य पदार्थ व्यवसायियों के प्रतिष्ठानों के 345 निरीक्षण किये गये एवं कमी पाये जाने पर उन्हें धारा 32 के अंतर्गत सुधार हेतु 54 खाद्य प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किये गये। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा जिले में सघन निरीक्षण कर कार्यवाही की गई है।
मांझी जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी करना
[सामान्य प्रशासन]
11. ( क्र. 938 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माझी जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 17/09/2018 एवं दिनांक 18/10/2019 के द्वारा मध्यप्रदेश जनजाति सूची क्रमांक 29 में माझी अधिसूचित होकर वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट में मांझी जनजाति के व्यक्ति किन-किन जिलों में निवासरत है? (ख) अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व के द्वारा ग्वालियर, भोपाल, भिण्ड, दतिया, शिवपुरी, मुरैना एवं उज्जैन आदि जिलों में मांझी समुदाय के व्यक्ति को मांझी जनजाति के जाति प्रमाण-पत्र जारी क्यों नहीं किये जा रहे है? क्या सन् 1950 के साक्ष्य नहीं होने पर मांझी समुदाय को जनजाति के प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये जायेंगे? (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा मांझी जनजाति के अस्थायी प्रमाण-पत्रों को भी स्थायी नहीं किया जा रहा है? (घ) यदि हाँ तो क्यों जारी नहीं किये जा रहे है यदि नहीं, तो प्रदेश में लंबित प्रकरणों का निराकरण कितने समय में कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
नरसिंहपुर जिले में हथनापुर बांध का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
12. ( क्र. 1077 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम हथनापुर तहसील गाडरवारा जिला नरसिंहपुर में बांध बनाने हेतु सर्वे कार्य पूर्ण हुआ है या नहीं? (ख) उक्त बांध का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जाना है एवं उक्त बांध का कार्य पूर्ण होने में कितना समय लगेगा एवं कब तक बांध कार्य पूर्ण हो जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पूर्ण हो गया है। (ख) वित्तीय प्रबंधन एवं निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है। समयावधि अनुबंध निष्पादन के पश्चात 4 वर्ष निर्धारित की गई है।
त्योंथर में स्वीकृत 100 बिस्तर अस्पताल के भवन का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( क्र. 1094 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला अंतर्गत विकासखंड त्योंथर में वर्ष 2007 से स्वीकृत 100 बिस्तरा सिविल अस्पताल की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) से संबन्धित अस्पताल भवन निर्माण कार्य के लिए आज तक बजट उपलब्ध नहीं होने का प्रमुख कारण क्या है? बजट आवंटन के अभाव में लोक महत्व का यह विषय विलम्बित होने से आम जनमानस में क्या आक्रोश का प्रमुख कारण नहीं बन रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) को लोक महत्व का विषय मान्य कर वर्तमान बजट सत्र में त्योंथर में स्वीकृत 100 बिस्तरीय अस्पताल भवन निर्माण के लिए समुचित बजट का प्रावधान करेंगे? यदि, हाँ तो समय-सीमा सुनिशिचित करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) राज्य शासन द्वारा स्थाई वित्त समिति की अनुशंसा पर राशि रूपये 894.00 लाख से 50 बिस्तरीय अस्पताल निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। वर्तमान में 30 बिस्तरीय अस्पताल संचालित है। (ख) संस्था उन्नयन की स्वीकृति, उपरांत भूमि चिन्हित न होने के कारण भवन निर्माण की स्वीकृति तत्समय नहीं हो सकी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय अधिकारियों द्वारा शासनादेश का उल्लंघन
[सामान्य प्रशासन]
14. ( क्र. 1323 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-19-44 भोपाल दिनांक 29 मई 1995 एवं एम-19-58/1992/1/4 दिनांक 23 मई 1997 के अनुसार प्रदेश के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का उद्घाटन/अनावरण/शिलान्यास नहीं करेंगे तथा मुख्य अतिथि/विशेष अतिथि/अध्यक्ष नहीं बन सकते? (ख) 01 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2020 तक भिण्ड जिले में कहाँ-कहाँ, किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों ने शिलान्यास/उद्घाटन कर शिला पट्टिका पर नाम लिखाया है? नाम पता व पद सहित बताएं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुपालन में भिण्ड जिले में अनेक शासकीय कार्यक्रम में शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा उक्त आदेश के उल्लंघन करने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश क्रमांक एफ 19-44/1995/1/4 दिनांक 29 मई 1995 द्वारा उक्त निर्देश जारी किया गया है एवं निर्देश क्रमांक एफ 19-58/1992/1/4 दिनांक 23 मई 1997 इस विभाग द्वारा जारी होना नहीं पाया जाता है लेकिन 23.5.1995 द्वारा जारी किया गया है। (ख) भिण्ड जिले में 01 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2020 तक नगर परिषद गोरमी के कॉम्पलेक्स निर्माण का लोकार्पण माननीय विधायक महोदय द्वारा किया गया है जिसमें लोकार्पण पटि्टका पर तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी शियाशरण यादव द्वारा अपना नाम निवेदक के स्थान पर लिखवाया गया था। (ग) पटि्टका पर तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी शियाशरण यादव का नाम निवेदक के स्थान पर लिखा होने के कारण शासन आदेश का उल्लंघन नहीं किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समेकित बाल संक्षरण योजनांतर्गत कार्यरत संविदा कर्मचारियों की वेतन वृद्धि
[महिला एवं बाल विकास]
15. ( क्र. 1332 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत संविदा कर्मियों हेतु जारी 05 जून, 2018 की नीति का लाभ प्रश्न दिनांक तक समेकित बाल संरक्षण योजना (ICPS) के संविदा अधिकारी/कर्मचारियों को क्यों नहीं दिया गया? क्या इस संदर्भ में कार्मिकों को उक्त नीति का लाभ दिया जाना प्रस्तावित है? यदि हां, तो अवधि बतावें। (ख) क्या उक्त कार्मिकों के मानदेय में अक्टूबर 2014 के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक कोई वेतन वृद्धि की गई है? यदि नहीं, तो उक्त कार्मिकों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ अन्य संविदा कर्मचारियों की तरह न दिये जाने का कारण बतावें? (ग) क्या उक्त कार्मिकों को एन.पी.एस. का लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो इस संबंध में विभाग की क्या नीति है एवं न दिये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या उक्त कार्मिकों को मणिपुर, पश्चिम बंगाल व बिहार राज्य की तरह नियमितीकरण का लाभ दिया जायेगा? क्या अन्य राज्यों में ICPS संविदा कार्मिकों के वेतन में वृद्धि हुई है? क्या मध्यप्रदेश में भी वेतन वृद्धि का लाभ दिया जायेगा? (घ) क्या उक्त संविदा अधिकारी/कर्मचारियों के लिये वर्तमान में कोई स्थानांतरण नीति है? यदि नहीं, तो कब तक बनायी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) महिला एवं बाल विकास अंतर्गत संविदा कर्मियों हेतु जारी 05 जून 2018 की नीति का लाभ प्रश्न दिनांक तक समेकित बाल संरक्षण योजना (ICPS) के संविदा अधिकारी/कर्मचारियों को नहीं दिया गया है क्योंकि समेकित बाल संरक्षण योजना भारत सरकार द्वारा स्वीकृत योजना है एवं भारत सरकार द्वारा योजना का क्रियान्वयन समाप्त किये जाने पर प्रदेश में योजनान्तर्गत कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों के साथ संपादित अनुबंध भी समाप्त हो जायेगा। भारत सरकार द्वारा वर्तमान में योजना की स्वीकृति 31 मार्च 2021 तक है। जी हाँ। कार्मिकों को उक्त नीति का लाभ दिये जाने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। नीतिगत निर्णय होने से समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। समेकित बाल संरक्षण योजना भारत सरकार द्वारा स्वीकृत योजना है एवं भारत सरकार द्वारा वेतन में वृद्धि किये जाने की दशा में प्रदेश स्तर पर वेतन में वृद्धि की जाती है। (ग) जी नहीं। संविदाकर्मियों को एनपीएस का लाभ दिये जाने के संबंध में के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। (घ) उक्त कर्मियों का नियमितीकरण अथवा राज्य की संविदा नीति के तहत समकक्ष पद का 90 प्रतिशत वेतन दिये जाने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। अन्य राज्यों की जानकारी नहीं है। (ड.) जी नहीं। स्थानान्तरण नीति प्रक्रियाधीन है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
शासकीय सेवकों के लिये निर्धारित मापदण्ड/नियमों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( क्र. 1375 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय सेवा में आने के पश्चात दिनांक 26.01.2001 से प्रश्नतिथि के दौरान शासकीय सेवारत अधिकारियों कर्मचारियों की तीसरी संतान के पैदा होने के क्या नियम निर्धारित है? नियमों की एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) कोई कर्मचारी/अधिकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों का पालन नहीं करता है तो क्या दण्ड शासन द्वारा निर्धारित है? नियमों एवं दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने का प्रारूप एवं विवरण उपलब्ध करायें? (ग) खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थ किस-किस अधिकारी/कर्मचारी ने अपनी तीसरी संतान का विवरण विभाग को प्रश्नतिथि तक दिया है? नाम/पदनाम दें? अगर नहीं दिया है तो जानकारी मिलने के बाद शासन उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? नियमों का उल्लेख करते हुये की जाने वाली कार्यवाही का बिन्दुवार विवरण उपलब्ध करायें? (घ) खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थ औषधी निरीक्षक प्रेम कुमार डोंगरे ने क्या अपने विभाग को अपनी तीसरी संतान के बारे में प्रश्नतिथि तक जानकारी दी है? अगर हां, तो उक्त जानकारी का विवरण दें? अगर नहीं दी है तो राज्य शासन उक्त अधिकारी के विरूद्ध कब व क्या कार्यवाही करेगा? कब तक सेवा से बरखास्त किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 का पालन ना होने पर मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के अनुरूप अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है। (घ) औषधि निरीक्षक श्री प्रेम कुमार डोंगरे, द्वारा विभाग को अपनी तीसरी संतान के बारे में प्रश्नतिथि तक दी गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों पर दर्ज प्रकरणों की जांच
[वाणिज्यिक कर]
17. ( क्र. 1376 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्य कर (आबकारी विभाग) के किन-किन नाम/पदनाम के जिला आबकारी अधिकारी/सहायक आयुक्त/उपायुक्त के विरूद्ध प्रश्नतिथि तक विभागीय जाँच/लोकायुक्त में दर्ज प्रकरणों पर जाँच/ई.ओ.डब्ल्यू. में दर्ज प्रकरणों पर जाँच एवं अन्य एजेंसियों द्वारा कही जा रही जाँचे प्रश्नतिथि तक चल रही हैं एवं प्रकरण पंजीबद्ध है प्रकरणवार/जाँच एजेंसीवार/प्रकरणों के कारण (शिकायत ) वार/अधिकारियों के नाम/पदनामवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों में से किन-किन अधिकारियों के द्वारा अपने गलत आदेशों के जरिये। पद का स्पष्ट दुरूपयोग करते हुये/लायसंसियों को जानबूझकर आर्थिक फायदा पहुंचाने की नियत से/शासन को राजस्व क्षति पहुंचाने पर (जो हो गई)। नियम विरूद्ध ट्रांजिट पास जारी करने पर (जब हाथ से जारी टी.पी. पर रोक लगी तो तब) बैंक चालानों में कूट रचना करने वाले लायसेंसियों के फर्जी दस्तावेजों को सही मानकर उन्हें अपने हस्ताक्षर से लाभ दिलाना/शराब का अवैध ट्रांसपोर्टटेशन करने पर पुलिस द्वारा विभिन्न जगहों पर पकड़े जाने पर जांचे/प्रकरण (विभिन्न एजेंसियों में) दर्ज हैं? (ग) उन्हें मैदानी पदस्थापना से कब तक हटाया जायेगा? अगर नहीं तो क्यों? कारण दें। (घ) राज्य शासन ऐसे किन-किन अधिकारियों को चिन्हित (नाम/पदनाम दें) कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देगी जो आद्यतन पद का दुरूपयोग करने के आदी हों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) आबकारी विभाग में जिला आबकारी अधिकारी/सहायक आयुक्त/उपायुक्त के विरूद्ध प्रश्नतिथि तक विभागीय जाँच के कुल 07 प्रकरण पंजीबद्ध हैं जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। विभाग के 04 अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त द्वारा प्रकरण कायम किये गये हैं जिनका विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध जिन आरोपों के आधार पर विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक के कॉलम 4 पर अंकित है। (ग) श्री बृजेन्द्र कोरी, जिला आबकारी अधिकारी को जिला डिण्डोरी में पदस्थ किया गया है। क्योंकि राज्य शासन द्वारा लोकायुक्त में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 70/2015 में आदेश पृष्ठाकंन क्रमांक बी-7 (ए)/22/2016/2/पांच दिनांक 03 मार्च 2020 से अभियोजन स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है। (घ) ऐसे प्रकरण प्रकाश में नहीं आये है। अत: अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
लॉकडाउन के दौरान संचालित रेडी-टू-ईट कार्यक्रम
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( क्र. 1391 ) श्री संजीव सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन के दौरान भिण्ड जिले में किन-किन समूहों को जिला कार्यक्रम अधिकारी/परियोजना अधिकारियों के द्वारा रेडी-टू-ईट का कार्य किस आदेश/नियम के द्वारा दिया गया? कितनी-कितनी राशि का दिया गया? (ख) लॉकडाउन के दौरान रेडी-टू-ईट कार्यक्रमों के तहत सूखा खाना देने का आदेश किस दिनांक को हुआ कितने दिवस के लिए हुआ एवं भुगतान कितने दिवस का किया गया? (ग) आंगनबाड़ियों में रेडी-टू-ईट/सूखा राशन पहुंचाया अथवा बांटा गया इसका भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भिण्ड जिले में संचालनालय महिला एवं बाल विकास म.प्र.भोपाल के पत्र क्र/मबावि/पोआ/2019-20/541,दिनांक 27.03.2020 के अनुसार एवं कलेक्टर भिण्ड के आदेश क्र.1814-15, दिनांक 27.03.2020 के परिपालन में बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा लॉकडाउन अवधि से पूर्व से कार्यरत महिला स्व-सहायता समूह/महिला मंडलों को रेडी टू ईट प्रदाय हेतु कार्य आदेश प्रदाय किया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1" अनुसार है राशि रू.599.64 लाख का रेडी टू ईट का वितरण महिला स्व-सहायता समूह/महिला मंडलों के माध्यम 2451 आंगनवाड़ियों पर किया गया। समूहवार भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "2" अनुसार है (ख) संचालनालय महिला एवं बाल विकास म.प्र.भोपाल के पत्र क्र/मबावि/पोआ/2019-20/541, दिनांक 27.03.2020 कार्यालय कलेक्टर (महिला एवं बाल विकास) जिला- भिण्ड के आदेश क्र.1814-15, दिनांक 27.03.2020 परियोजना अधिकारी भिण्ड ग्रामीण/शहरी/अटेर/गोरमी/मेहगांव/रौन/लहार/बरोही/गोहद/एवं मौ के आदेश दिनांक 28.03.2020 के द्वारा 03 सप्ताह हेतु एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी भिण्ड के आदेश दिनांक 03.04.2020 द्वारा 01 सप्ताह हेतु रेडी टू ईट पूरक पोषण प्रदाय करने के निर्देश जारी किये गये थे। संचालनालय महिला एवं बाल विकास भोपाल के पत्र दिनांक 15.04.2020 एवं कार्यालय कलेक्टर भिण्ड के आदेश दिनांक 15.04.2020 के द्वारा 03 सप्ताह हेतु रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के निर्देश जारी किये गये थे। कार्यालय कलेक्टर जिला भिण्ड के पत्र दिनांक 06.05.2020 के द्वारा 01 सप्ताह हेतु रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के निर्देश जारी किये गये थे। संचालनालय के पत्र क्र.4621, दिनांक 29.05.2020 एवं कार्यालय कलेक्टर (मबावि) भिण्ड के पत्र क्र. 3233 दिनांक 03.06.2020 के द्वारा कम से कम 02 सप्ताह हेतु रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के निर्देश 01 अप्रैल 2020 से 18 जनवरी 2021 तक जारी किये गये थे। इस प्रकार कुल 246 दिवस का रेडी टू ईट का वितरण कराया जाकर, भुगतान किया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "3" अनुसार है। (ग) जी हाँ। परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों के माध्यम से भौतिक सत्यापन किया गया है।
विभागीय योजनाओं के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
19. ( क्र. 1403 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऐसे बच्चे या किशोर जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है तथा जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है, शासन की ऐसे बच्चों तथा किशोरों के लिये अपने करीबी परिवार जनों के बीच रहते हुए जीवन-यापन करने की क्या योजना है? (ख) यदि ऐसे बच्चों तथा किशोरों के लिये कोई योजना नहीं है तो क्या शासन इनके लिये कोई योजना बनाने पर विचार करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ऐसे बच्चे या किशोर जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है तथा जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है, शासन की ऐसे बच्चों तथा किशोरों के लिए अपने करीबी परिवारजनों के बीच रहते हुए जीवन यापन करने हेतु शासन की स्पॉन्सरशिप योजना है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों की पुरानी पेन्शन स्कीम की बहाली
[वित्त]
20. ( क्र. 1419 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को पुरानी पेन्शन स्कीम बन्द की गई है? यदि हाँ तो क्यों? क्या इसमें कर्मचारी/अधिकारी संगठनों से चर्चा की गई थी? यदि हाँ तो कब-कब किन-किन संगठनों से क्या-क्या चर्चा की गई? क्या कर्मचारी/अधिकारी संगठनों द्वारा न्यू पेन्शन स्कीम अंशदायी शेयर बाजार आधारित योजना को लागू करने हेतु स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ? तो उनकी स्वीकृति की हस्ताक्षरित प्रति उपलब्ध करावें। यदि स्वीकृति नहीं दी गई थी तो फिर किस आधार पर यह योजना लागू की गई? (ख) क्या न्यू पेन्शन स्कीम में शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को 500 से 1000 रूपये तक कुल पेन्शन मिलती है यदि हाँ? तो क्या यह भी सत्य है कि यह पेन्शन वृद्धावस्था पेन्शन से भी कम है? यदि हाँ, तो क्या यह शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों के जीवन से खिलवाड नहीं है? यदि है तो क्या शासन इस अंशदायी पेन्शन स्कीम जो शेयर बाजार आधारित है उसको समाप्त कर पुरानी पेन्शन व्यवस्था को बहाल करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) शासकीय संगठनों द्वारा नवीन सरकार गठन पश्चात न्यू पेन्शन स्कीम को खत्म कर पुरानी पेन्शन स्कीम बहाल करने हेतु ज्ञापन पत्रों अभी तक शासन द्वारा की गई कार्यवाहियाँ की जानकारी देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा लागू की गई पुर्नसंरचित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली अनुसार ही मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत अभिदाता के कुल जमा अंशदान राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान तथा 40 प्रतिशत से पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा अधिकृत एन्युटी सर्विस प्रोवाईडर से एन्युटी क्रय कर मासिक पेंशन प्राप्त की जाती है। अभिदाता द्वारा स्वयं एन्युटी प्रोवाईडर का चयन करता है तथा पेंशन सीधे उसके खाते में जमा होती है। पेंशन की राशि शासकीय कर्मचारी के कुल संचित फंड पर आधारित होती है तथा अलग-अलग कर्मचारी हेतु मूल वेतन तथा सेवा अवधि अलग-अलग होने से अलग-अलग होती है। अत: तुलना करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। नवीन सरकार गठन से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न माध्यमों से प्राप्त पुरानी पेंशन बहाल के आवेदन पत्र प्राप्त हुए है परंतु केन्द्रीय शासन की राष्ट्रीय पेंशन योजना के अनुक्रम में अन्य राज्यों के समान मध्यप्रदेश में भी लागू इस योजना के संशोधन पर वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
ओंकारेश्वर परियोजना के द्वितीय चरण का कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
21. ( क्र. 1447 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ओंकारेश्वर परियोजना द्वितीय चरण का कार्य कब प्रारंभ हुआ एवं कार्य पूर्ण की दिनांक क्या थी तथा आज दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य हुआ है? एवं कितना कार्य शेष बचा है? यदि कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, तो क्या कारण है? (ख) इस परियोजना में महेश्वर विधान सभा का कितना कमाण्ड एरिया है? एवं आज दिनांक तक कितने रकबे में पानी दिया जा रहा है एवं कितना रकबा शेष है? (ग) क्या परियोजना का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब किस दिनांक को? (घ) क्या परियोजना की नहरों की मरम्मत की गई है? यदि हाँ तो कहाँ-कहाँ मरम्मत की गई है और कितनी धनराशि व्यय की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) द्वितीय चरण का अनुबंध दिनांक 27/03/2008 को किया गया। दिनांक 26/09/2010 तक पूर्ण किया जाना था। वर्तमान में 94.10 प्रतिशत कार्य हुआ है एवं 5.90 प्रतिशत कार्य शेष बचा है। माननीय न्यायालय द्वारा 01/07/2009 से 25/02/2010 तक स्थगन आदेश तथा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार ग्राम सभाओं से नहर निर्माण की सहमति के आधार पर नहर निर्माण एवं नर्मदा नदी से 2 कि.मी. की पट्टी में आने वाली 17 ग्रामों की ग्राम सभाओं से नहर निर्माण की असहमति के कारण निर्माण कार्य नहीं हो सका है। (ख) द्वितीय चरण में महेश्वर विधानसभा क्षेत्र का 18,676 हेक्टेयर कमाण्ड क्षेत्र आता है। निर्मित कमांड क्षेत्र 15,041 हेक्टेयर में से 14,780 हेक्टेयर में पानी दिया जा रहा है। नर्मदा नदी के 2 कि.मी. की पट्टी में 3,635 हेक्टेयर कमाण्ड क्षेत्र विकसित होना शेष है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) द्वितीय चरण निर्माणाधीन होने एवं अनुबंध अनुसार निर्माण एजेंसी द्वारा एक वर्ष तक रख-रखाव एवं संचालन का कार्य किये जाने के कारण रख-रखाव पर विभाग द्वारा कोई व्यय नहीं किया गया है।
बाल कल्याण समिति सिंगरौली के सदस्य का चयन
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( क्र. 1462 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली में महिला एवं बाल विकास अंतर्गत बाल कल्याण समिति संचालित है, समिति के अध्यक्ष व दो सदस्य का कार्यकाल बीत गया है, मात्र दो सदस्य का समय चल रहा है, जबकि अध्यक्ष ही नहीं है व कार्य के निर्णय तीन सदस्य आवश्यक है, तो ऐसी स्थिति में कैसे निर्णय होगें? (ख) इसके संबंध में बाल कल्याण समिति के नये चयन प्रक्रिया कब तक होगी, या पूर्व के जो दो सदस्य हैं, के द्वारा ही किए गए निर्णय का समिति का निर्णय मानकर किया जावेगा? नहीं तो क्या समिति के नये सदस्यों का गठन किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं 02 सदस्यों का कार्यकाल दिनांक 4 जनवरी 2021 को समाप्त हो गया है। वर्तमान में दो सदस्य कार्यरत है। किशोर न्याय नियम, 2016 के नियम 19 (14) के प्रावधान के तहत किसी प्रकरण के अंतिम निराकरण हेतु अध्यक्ष सहित कम से कम 03 सदस्य का होना आवश्यक है। शेष कार्यवाहियां 02 सदस्यों द्वारा की जा सकती है। अधिनियम की धारा 36 (7) के तहत नवीन अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति होने तक पास के जिले की समिति अध्यक्ष/सदस्यों को प्रभार दिया जाता है। (ख) किशोर न्याय अधिनियम एवं नियम में निहित प्रक्रिया के तहत चयन की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा निर्धारित की जाना संभव नहीं है। नियम 19 (14) के प्रावधान के तहत प्रकरण के अंतिम निराकरण को छोड़कर शेष कार्यवाही 02 सदस्यों द्वारा की जा सकती है। जी हां, नवीन अध्यक्ष/सदस्यों का चयन प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
योजनाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( क्र. 1479 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला अंतर्गत विकासखण्डवार 1 जनवरी 2018 प्रश्न दिनांक तक लाड़ली लक्ष्मी योजना समेकित बाल संरक्षण योजना दत्तक ग्रहण योजना, पालन पोषण योजना, प्रर्वतकता योजना, ऊषा किरण योजना, शौर्य दल योजना, बेटी बचाओं योजना, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना एवं सशक्त वाहिनी योजना अंतर्गत योजनावार कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ तथा कितना-कितना हितग्राहियों को भुगतान देने में व्यय किया गया है? आय-व्यय के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त विभिन्न योजनाओं के संचालन हेतु विगत दो वर्ष में शासन स्तर से योजनावार कितना-कितना बजट शासन स्तर से प्राप्त हुआ तथा किस योजना में कितनी-कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? योजनावार जानकारी उपलब्ध करायी जावें। (ग) यह भी बताये कि लाड़ली लक्ष्मी योजना में विकासखण्डवार कितनी-कितनी बालिकाओं को पूर्ण राशि का भुगतान हो चुका है तथा कितने आवेदन लंबित है? उक्त लंबित आवेदन पत्रों का योजनावार कब तक निराकरण कराकर हितग्राहियों को लाभ दे दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) लाड़ली लक्ष्मी योजना में बालिका का 18 वर्ष की आयु के पूर्व विवाह न होने तथा कक्षा 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित होने की स्थिति में उसकी 21 वर्ष की आयु में अंतिम पूर्ण राशि के भुगतान की पात्रता होती है। वर्तमान में आयु पात्रता न होने से किसी भी बालिका को पूर्ण राशि का भुगतान नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं है।
पठनीय प्रति का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 1496 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किविगत विधान सभा सत्र वर्ष 2019 में दिनांक 20-2-2019 को तारांकित प्रश्न क्रमांक 319 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट (ख) पठनीय नहीं है? कार्यालय के रिकार्ड के अनुसार जानकारी प्रदाय करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कार्यालय के रिकार्ड के अनुसार जानकारी प्रदाय करें कार्यालय के रिकार्ड के अनुसार यथा तथ्य स्वच्छतम प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कोविड-19 में हुए व्यय राशि की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( क्र. 1518 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में कोरोना महामारी के दौरान प्रश्न दिनांक तक कितनी सेम्पल जाँच हुई? कितने सेम्पल पॉजिटिव एवं कितने सेम्पल नेगेटिव पाये गये? (ख) इनमें से कितने मरीजों का उपचार जिला चिकित्सालय में किया गया? इन मरीजों के उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं पर कितनी राशि व्यय की गई? (ग) कोविड-19 में प्राप्त आवंटन एवं व्यय की मदवार जानकारी उपलब्ध कराये? (घ) क्या खण्डवा जिला चिकित्सालय में सिटी स्कैन मशीन एवं प्रशिक्षित ऑपरेटर उपलब्ध है? मशीन पर विगत 2 वर्षों में कितनी जाँच की गई है? (ङ) खण्डवा जिला चिकित्सालय में स्थित/अनुबंधित पैथोलॉजी लेब में कौन-कौन की जाँच किस-किस दर पर की जा रही है? क्या जाँच दर की सूची प्रदर्शित की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) खण्डवा जिले में कोरोना महामारी के दौरान प्रश्न दिनांक तक कुल 74162 सेम्पल जाँच हुई। 2350 सेम्पल पॉजिटिव एवं 70760 सेम्पल नेगेटिव पाये गये। (ख) इनमें से 1405 मरीजों का उपचार जिला चिकित्सालय में किया गया। शासकीय अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के उपचार हेतु प्रति मरीज व्यय की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। इसलिये प्रति मरीज व्यय की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मशीन पर विगत 2 वर्षों में 2580 जाँच की गई है। (ङ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। सभी मरीजों की जाँच निःशुल्क की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खिलचीपुर विधान सभा अंतर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
26. ( क्र. 1544 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के खिलचीपुर विधान सभा के अंतर्गत विभाग द्वारा कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के उन्नयन हेतु प्रस्ताव तैयार किये गये हैं? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री विभागीय मंत्री महोदय से इस आशय में विभिन्न केन्द्रों के उन्नयन हेतु पत्राचार किया गया? इसका पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराएं व उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है। (ग) स्वास्थ्य सुविधाओं को देखते हुये शासन द्वारा खिलचीपुर विधान सभा क्षेत्र की तहसील जीरापुर एवं खिलचीपुर हेतु क्या कार्य योजना तैयार की जा रही है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग द्वारा प्रदेश की जनता को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ''शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट'' तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत जनसंख्या के निर्धारित मापदण्ड एवं स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना हेतु प्राथमिकता निर्धारित की गई है। इसके तहत विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के विकास खण्ड खिलचीपुर एवं जीरापुर अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन के प्रस्ताव सम्मिलित है। शेष जानकारी प्रश्नांश (क) के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो द्वारा नस्तीबद्ध शिकायत का प्रतिवेदन
[सामान्य प्रशासन]
27. ( क्र. 1602 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो द्वारा शिकायत क्रमांक 07/2017 पुलिस अधीक्षक इंदौर के जिस प्रतिवेदन पर नस्तीबद्ध की गयी है उस प्रतिवेदन की प्रति देवें? (ख) आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो द्वारा प्रारंभिक जाँच भारतीय दंड संहिता या भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की किस धारा के तहत की जाती है विवरण दें? (ग) यदि किसी कानून या नियम में प्रारंभिक जाँच का प्रावधान नहीं है तो पी.ई. किसके आदेश व किस नियम के तहत की जाती है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में शिकायत क्रमांक 07/2017 वर्तमान में सत्यापनाधीन है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्मदा नदी के समीप सौन्दर्यीकरण
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
28. ( क्र. 1628 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डिण्डौरी जिला नर्मदा नदी से घिरा हुआ है तथा डिण्डौरी जिले से नर्मदा परिक्रमावासी निकलते है? यदि हाँ, तो नर्मदा सौंदर्यीकरण के नाम से क्या विकास कार्य हुये है? (ख) शहपुरा विधानसभा के ग्राम कुररई, कोसमघाट, सलैयाघाट, डाकिन घाट, मरवारी घाट, धरमपुर घाट, खाम्ही विदयपुर, सालीवाडा, मुडिमा कला खुर्द, चौरा छिरगांव में नर्मदा जी का सौंदर्यीकरण कब से होगें और घाट निर्माण कब तक होगें? (ग) नर्मदा नदी के समीपों में घाटों का विस्तार तथा सौंदर्यीकरण नहीं किये जाने का क्या कारण है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) नर्मदा नदी डिण्डौरी से होकर प्रवाहित होती है। यह सत्य है कि डिण्डौरी जिले से नर्मदा परिक्रमावासी होकर गुजरते है। जनता के मांग के अनुसार समय-समय पर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जहां से नर्मदा नदी निकलती है वहां घाट बनाए गए है। (ख) शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कुटरई, कोसमघाट, धरमपुराघाट मुडियाकला, खाम्हीविदयपुर, सालीवाडा मुडियाखुर्द, चौरा छिदगांव में नहानीघाट बने हुए है। नर्मदा नदी के सौंदर्यीकरण के लिए पृथक से कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है। (ग) स्थानीय निकायों द्वारा नर्मदा जी के घाटों का विस्तार एवं सौंदर्यीकरण का कार्य आवश्यकतानुसार कराया जाता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में कोदो पट्टी का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
29. ( क्र. 1629 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डोरी जिले के शाहपुरा क्षेत्र में कोविड-19 के कारण लॉक डाउन में माह मई 2020 से जून 2020 में आंगनवाड़ी केन्द्रों में कोदो पट्टी का वितरण प्रत्येक सप्ताह होना था, जो कि 2 सप्ताह न होकर (बंटकर) केवल 1 सप्ताह ही बंटा है? इसका क्या कारण है, अगर कारण प्रश्नगत है तो संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही होगी? (ख) साथ ही उक्तावधि में प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र में कब-कब बांटा गया इसकी भी जानकारी उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बायो मेडिकल वेस्ट का निष्पादन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 1634 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में बायो मेडिकल वेस्ट के निष्पादन हेतु क्या व्यवस्थाएं है तथा इन्दौर संभाग में कौन-कौन सी शासकीय एवं अशासकीय इकाईयां मेडिकल बायोवेस्ट के निष्पादन में कार्यरत है एवं उनकी पृथक-पृथक क्षमता कितनी है व इनमें औसत प्रतिमाह कितना-कितना मेडिकल वेस्ट पहुँचता है? (ख) बायो मेडिकल वेस्ट इकाई स्थापना हेतु क्या प्रक्रिया है तथा इसके लाईसेंस हेतु किन-किन मापदंडों की पूर्ति करना आवश्यक होता है? (ग) क्या बायो मेडिकल वेस्ट निष्पादन इकाईयां शासकीय/अशासकीय चिकित्सालयों से शासन द्वारा स्वीकृत प्रति पंलग/बिस्तर के आधार पर राशि आरोपित करती है? यदि हाँ तो यह राशि कितनी है तथा इसमें कब-कब, किस स्तर से राशि में वृद्धि की जाती एवं राशि में वृद्धि की मॉनिटरिंग किस स्तर पर किस प्रकार से होती है? (घ) औसत प्रति बिस्तर/पलंग कितना बायो मेडिकल वेस्ट उत्सर्जन होना माना जाता है तथा इस मानक का निर्धारण किस शासकीय विभाग द्वारा किया जाता है एवं क्या यह संपूर्ण भारत में यही मानक विद्यमान है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्तमान इंदौर संभाग में बायो मेडिकल वेस्ट के निष्पादन हेतु 02 अशासकीय कॉमन बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसलिटी (सी.बी.डब्ल्यू.टी.एफ.) मेसर्स हॉस्विन इन्सीनरेटर प्रा.लि. इन्दौर एवं मेसर्स मेडिश्योर खण्डवा कार्यरत है। जिनकी भस्मक क्षमता क्रमशः 500 किलोग्राम प्रति घंटा एवं 100 टन/माह बायो मेडिकल वेस्ट का निष्पादन किया जाता है। (ख) सी.बी.डब्ल्यू.टी.एफ. की स्थापना हेतु ई.आई.ए. नोटिफिकेशन 2006 के अन्तर्गत भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा गठित राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करना व म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल (प्रदूषण नियंत्रण एवं सीमापार संचलन) नियम 2016 के प्रावधानों के अंतर्गत स्थापना सम्मति एवं तत्पश्चात उत्पादन सम्मति प्राप्त करना एवं जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 एवं परिसंकटमय अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम 2016 के अंतर्गत प्राधिकार प्राप्त करना एवं अधिनियमों/नियमों के प्रावधानों का पालन आवश्यक है। जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 में प्रावधानित एवं समय-समय पर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी की गई गाईडलाईन्स अनुसार निर्धारित मानक स्तर के उपकरण तथा निर्धारित प्रदूषण मानकों का पालन करना भी अनिवार्य है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (घ) प्रति बिस्तर/पलंग उत्पन्न होने वाले जैव चिकित्सा अपशिष्ट की मात्रा के संबंध प्रभावशील किसी मानक नहीं है, सामान्यतः अस्पताल/उपचार के प्रकार पर इसकी मात्रा प्रति बिस्तर भिन्न-भिन्न हो सकती है, तथापि किसी अस्पताल से उत्पन्न होने वाले कचरे का 10-15 प्रतिशत भाग जैव चिकित्सा अपशिष्ट का होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्नान घाट व श्मशान आदि संरचनाओं का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
31. ( क्र. 1636 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में धरमपुरी में इस वर्ष नर्मदा नदी का अधिकतम जल स्तर कितने मीटर तक रहा? क्या यह जल स्तर नर्मदा नदी की अधिकतम सीमा है? यदि नहीं, तो अधिकतम सीमा क्या है? (ख) क्या धमरपुरी में नर्मदा नदी पर निर्मित प्राचीन स्नान घाट व श्मशान घाट आदि संरचनाएं नर्मदा नदी के बढे हुए जल स्तर के कारण पिछले वर्ष डूब गये थे? (ग) क्या तीज त्यौहारों पर धार्मिक स्नान व अंतिम संस्कार आदि प्रयोजन हेतु आस-पास के ग्रामों से बड़ी संख्या में नागरिक नर्मदा के तट पर इन घाटों पर आते है? (घ) यदि हां, तो नगरवासियों की इन मूलभूत सुविधाओं को बढ़े हुए जल स्तर को ध्यान में रखते हुए उच्चतम जल स्तर के बाहर नवीन स्नानघाट एवं श्मशान घाट बनाने हेतु शासन स्तर पर नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा क्या कोई कार्य-योजना निर्मित की गई है? तथा कब तक नये निर्माण कार्य किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 31.08.2020 को अधिकतम जल स्तर 140.90 मी. रहा था। जी नहीं। नवीन बैक वाटर लेवल 143.43 है, जो नदी के अधिकतम जल स्तर की सीमा है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं, कोई योजना स्वीकृत नहीं है।
वाणिज्यिक कर चौकियों का डिजिटाईजेशन
[वाणिज्यिक कर]
32. ( क्र. 1637 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पड़ोसी राज्यों में वाणिज्यिक कर चौकियां बंद की जा चुकी है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकियों को बंद किये जाने के प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है? (ख) क्या यह सच है कि सेंधवा वाणिज्यिक कर चौकी पर तैनात अमला ट्रक चालकों से अवैध वसूली करता है? जैसा कि समाचार पत्रों में प्रकाशित व इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एण्ड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा ज्ञापित किया गया है? (ग) यदि नहीं, तो क्या इस संबंध में विभाग द्वारा अपने स्तर से कोई स्वतंत्र जाँच दल भेजकर इन आरोपों की जाँच कर संतुष्टि कर ली गई है? यदि नहीं, तो क्या विभाग इस हेतु एक दल बनाकर भेजेगा? जिसमें जनप्रतिनिधि, विषय विशेषज्ञ सहित सचिव स्तरीय अधिकारी हो। (घ) क्या शासन इन समस्याओं से निजाद पाने हेतु वाणिज्यिक कर चौकियों के डिजिटाईजेशन पर विचार कर रही है? (ड.) यदि हाँ तो यह प्रक्रिया कब तक प्रारंभ होने जा रही है तथा इसका स्वरूप क्या होगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वाणिज्यिक कर विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ ए 3-20/2017/1/पाँच (29) दिनांक 24 जून, 2017 के द्वारा मध्यप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित समस्त वाणिज्यिक कर जाँच चौकियों को दिनांक 01 जुलाई, 2017 से बंद कर दिया गया है। पड़ोसी राज्यों में वाणिज्यिक कर जाँच चौकियों के संबंध में कोई जानकारी विभाग को नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एण्ड एसोसिएशन द्वारा सेंधवा की इस प्रकार की शिकायत अथवा कोई ज्ञापन विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) से (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध लगाए गए हैण्डपंपों की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
33. ( क्र. 1647 ) श्री राकेश मावई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य ने पत्र क्रमांक 69/2020 दिनांक 26.12.2020 के परिप्रेक्ष्य में उप सचिव मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने अपने पत्र क्रमांक 3950/आर2459/2/34 दिनांक 29.12.2020 से प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी भोपाल को प्रेषित कर प्रश्नकर्ता सदस्य को जानकारी अवगत कराने को लिखा गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ है तो प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल के द्वारा प्रश्नकर्ता सदस्य को चाही गई जानकारी एवं पत्र में अंकित तथ्यों की जानकारी से अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) हाँ तो चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता सदस्य को कब तक उपलब्ध करायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या पत्र में लिखे तथ्यों की जाँच करायी जाकर नियम विरूद्ध लगाये गये नवीन हैण्डपंपों के खनन पर भुगतान की गई राशि की वसूली के साथ-साथ दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) हाँ तो अभी तक जानकारी उपलब्धन कराने के लिये कौन दोषी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? ऐसे निष्क्रिय और लापरवाह अधिकारियों को उक्त पद प्रभार से कब तक हटा देगें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यपालन यंत्री, खंड मुरैना द्वारा उनके पत्र क्रमांक-7466 दिनांक 31.12.2020 से आंशिक जानकारी से अवगत करा दिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी उपलब्ध करा दी गई है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्थानान्तरण हेतु बनाई गई नीति
[सामान्य प्रशासन]
34. ( क्र. 1693 ) श्री संजय उइके, श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानान्तरण हेतु प्रतिवर्ष नीति बनाई जाती है? (ख) यदि हाँ, तो स्थानान्तरण नीति अनुसार जिस अधिकारी/कर्मचारी का स्थानान्तरण एक स्थान से दूसरे स्थान पर किया जाता है और अधिकारी/कर्मचारी द्वारा अपने स्थानान्तरित स्थान पर पदभार ग्रहण करने के उपरान्त स्थानान्तरण आदेश निरस्त होने पर वह अधिकारी/कर्मचारी पुनः पूर्व पदस्थापना स्थल पर वापस होकर कार्यभार ग्रहण कर सकता है या नहीं?
मुख्यमंत्री (श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ।
शासकीय चिकित्सालयों को पी.पी.पी. अनुबंध बावत्
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
35. ( क्र. 1703 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय चिकित्सालयों को पीपीपी के आधार पर चलाने की कोई योजना शासन द्वारा बनाई गई है? (ख) अगर हाँ तो कितने शासकीय चिकित्सालयों को इस योजना अंतर्गत सम्मिलित किया गया है? (ग) कौन-कौन से निजी अस्पतालों के साथ पीपीपी का अनुबंध किया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ताहीन पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
36. ( क्र. 1704 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आंगनवाड़ियों के माध्यम से बांटे जा रहे पोषण आहार की गुणवत्ता मानक स्तर की नहीं है जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा निरंतर की जा रही है। (ख) अगर हाँ तो उसमें सुधार लाने हेतु शासन स्व-सहायता समूह को मध्यान्ह भोजन का कार्य जिले स्तर पर देने हेतु कोई निर्णय ले रहा है जिससे इसकी गुणवत्ता में सुधार हो सकें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के हितग्राहियों को निर्धारित प्रोटिन, कैलोरी के अनुरूप गुणवत्तायुक्त पूरक पोषण आहार का प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागों एवं कार्यालयों में हिन्दी भाषा का उपयोग
[संस्कृति]
37. ( क्र. 1724 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में शासकीय कार्यों हेतु किन-किन भाषा का उपयोग किए जाने के वर्तमान में क्या शासनादेश/निर्देश लागू हैं और विधि राजस्व तथा पुलिस विभाग द्वारा किस-किस भाषा और किन-किन भाषाओं के शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं? (ख) क्या कटनी जिला सहित मध्यप्रदेश में राजस्व,पुलिस और अन्य शासकीय विभागों द्वारा हिन्दी भाषा से हटकर अन्य भाषाओं के मिश्रित शब्दों का उपयोग प्रतिवेदनों/सूचना पत्रों आदि में लंबे समय से किया जा रहा हैं? और वर्तमान में भी प्रचलन में हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) विभागों के शासकीय सेवकों द्वारा अपने प्रतिवेदनों आदि में हिन्दी भाषा से हटकर अन्य भाषा के शब्दों के बहुतायत में उपयोग करने और आम नागरिकों को इनका अर्थ समझ में आने वाली परेशानियों का शासन स्तर पर संज्ञान लिया जाएगा? (घ) प्रदेश के शासकीय विभागों/कार्यालयों में हिन्दी भाषा का उपयोग सुनिश्चित किए जाने के लिए शासन द्वारा विगत समय में क्या कार्यवाही की गयी और क्या निर्देश दिये गए? (ङ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में नागरिकों को शब्दों का भावार्थ सरलता से ज्ञात हो सके, इसके लिए क्या हिन्दी भाषा और हिन्दी भाषा के शुद्ध और सरल शब्दों का उपयोग सुनिश्चित किए जाने हेतु शासन स्तर से समुचित निर्देश जारी किए जायेंगे? हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
कटनी जिले में जल निगम के कार्य और योजनाओं का क्रियान्वन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
38. ( क्र. 1725 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल निगम द्वारा किन-किन कार्यों एवं योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता हैं और कटनी जिले हेतु जल निगम के किस नाम/पदनाम के शासकीय अधिकारी/कर्मचारी वर्तमान में कब से कहाँ पदस्थ/कार्यरत हैं? इनके पदीय दायित्व क्या हैं तथा जल निगम का कार्यालय वर्तमान में कहाँ से कब से संचालित हैं? (ख) कटनी जिले में जल निगम द्वारा विगत-03 वर्षों में किस मांग एवं आवश्यकता पर किन-किन कार्यों/योजनाओं को कब-कब प्रस्तावित किया गया? किन-किन कार्यों को कब-कब स्वीकृत तथा अस्वीकृत किया गया? (ग) क्या जल निगम के कार्यों के प्रस्ताव तैयार किए जाने में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की भूमिका हैं तथा विचार-विमर्श कर अवगत कराया जाता हैं? हाँ, तो किस प्रकार? एवं क्या नियम/निर्देश जारी हैं? नहीं तो,क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से कार्य वर्तमान में प्रचलन में हैं? कार्य/योजना की लागत, लाभान्वित क्षेत्र/ग्रामों, कार्य की प्रगति एवं निर्माणकर्ता-एजेंसी की जानकारी सहित बताइये? (ङ) प्रश्नांश (घ) प्रचलित और पूर्ण कार्यों के पर्यवेक्षण/निरीक्षण एवं माप/सत्यापन की ज़िम्मेदारी किन-किन संस्था एवं शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों की हैं और इनके द्वारा दिनांक 1.4.2019 से कार्यों का पर्यवेक्षण/निरीक्षण एवं माप/सत्यापन कब-कब किया गया और किस ठेकेदार कंपनी को किस-किस कार्य हेतु, कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? (च) प्रश्नांश (क) से (ड.) के परिप्रेक्ष्य में जल निगम के कार्यों के प्रस्ताव तैयार करने एवं योजना बनाने में म.प्र. विधानसभा के क्षेत्रीय सदस्यों की भूमिका सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए जायेंगे? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत सतही स्त्रोत आधारित समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है, शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। दायित्व-समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन के पर्यवेक्षण एवं प्रबंधन का कार्य है, परियोजना क्रियान्वयन इकाई, जबलपुर का कार्यालय जिला जबलपुर में दिनांक 20.12.2018 से संचालित है, इसके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत कटनी जिला है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जल निगम द्वारा स्त्रोत से जल की उपलब्धता, स्थानीय आवश्यकता, जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा एवं तकनीकी साध्यता आदि को दृष्टिगत रखकर योजनाओं के प्रस्ताव बनाये जाते हैं। जी हाँ, निर्देश जारी हैं। (घ) प्रश्नांकित अवधि में जल निगम द्वारा प्रस्तावित कोई भी कार्य वर्तमान में प्रचलन में नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ङ) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) उत्तरांश (ग) अनुसार निर्देश जारी हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मुरैना जिला के ग्राम खाण्डौली (बहरारा) में मिले शिलालेख
[संस्कृति]
39. ( क्र. 1764 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिला के ग्राम-खाण्डौली (बहरारा) तह-जौरा एवं ग्राम-कौथर तहसील अम्बाह में अक्टूबर 2015-16 में एक शिलालेख मिला था जिसमें ''ग्वालियर स्टेट खाण्डौली फ्रोम दिस विलेज 12 मैन बेन्ट टू द गेट बार ऑफ 1914-1919 लिखा है'' शासन द्वारा इन शिलालेखो के बारे में क्या जाँच कराई? जानकारी दी जावे। (ख) क्या वरिष्ठ मार्गदर्शक गूजरी महल ग्वालियर मार्गदर्शक बिस्मिल संग्रहालय मुरैना के द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया गया था? उनकी क्या रिपोर्ट है? (ग) मुरैना सुमावली विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक द्वारा प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग भोपाल, आयुक्त चम्बल संभाग, कलेक्टर मुरैना को दिनांक 24.05.2017 को पत्रों के माध्यम से कहा गया था कि शिलालेख के बारह लोगों की जानकारी दी जावे? (घ) इसी तरह का शिलालेख ग्राम-कौथर तहसील अम्बाह में 17 लोगों के 1914-1919 के प्रथम विश्वयुद्ध में जाने का उल्लेख है? शासन इन शहीदों के बारे में जानकारी कैसे प्राप्त होगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। ग्राम खाण्डौली (बहरारा) में खुदाई में प्राप्त शिलालेख का स्थल निरीक्षण दिनांक 09.06.2017 को तत्कालीन उपसंचालक, पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय, ग्वालियर एवं वरिष्ठ मार्गदर्शक द्वारा किया गया था। (ख) जी हां। निरीक्षण प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) उपरोक्त शिलालेख में केवल 12 लोगों के युद्ध में जाने का उल्लेख है किन्तु उनके नामों का उल्लेख नहीं है। शिलालेख की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम-कौथर, तहसील अम्बाह स्थित शिलालेख का निरीक्षण किया गया। शिलालेख में कौथर ग्राम से 17 लोगों के 1914-1919 के प्रथम विश्वयुद्ध में जाने का उल्लेख है। शिलालेख में नामों का उल्लेख नहीं है। शिलालेख की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग इकाइयों में सब्सिडी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
40. ( क्र. 1769 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा पूर्व में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग इकाईयों को क्वालिटी कंट्रोल हेतु टेस्टिंग इक्विपमेन्ट लगाये जाने पर उद्योगों को कम ब्याज दर फाइनेन्स की सुविधा एवं 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती थी, उसे क्या बंद कर दी है? जनवरी 2021 के स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाईयों को उक्त सुविधा मिल जावे तो उत्तम गुणवत्ता के अपने उत्पादों को चाईना जैसे देश के उत्पादों की तुलना में अधिक निर्यात करने में सक्षम होंगे? क्या शासन ऐसी नीति बनायेगा? (ग) क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग इकाईयों को अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी एवं प्रोडक्शन के लिये देश के बाहर जैसे ताईवान, कोरिया आदि से मशीनें आयात करने पर आयात शुल्क यदि समाप्त हो जावे तभी अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्टस बना पायेंगे? क्या शासन ऐसी सुविधा इकाईयों को देगा? यदि हाँ तो कब तक? जानकारी तत्थों सहित दी जावे।
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी नहीं। ऐसी कोई सुविधा विभाग द्वारा नहीं दी जाती थी। (ख) मध्यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना, 2019 की कण्डिका 7.1 अनुसार सूक्ष्म श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को गुणवत्ता प्रमाणन (आईएसओ/बीआईएस/बीईई) हेतु 100 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रूपये की प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। (ग) राज्य शासन का विषय न होकर विषयवस्तु भारत सरकार के कार्यक्षेत्र की है।
संजीवनी क्लीनिकों का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 1779 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा संजीवनी क्लीनिक खोला जाना प्रावधानित किया गया है? यदि हाँ, तो सागर विधान सभा क्षेत्र में कितनी तथा कहाँ-कहाँ संजीवनी क्लीनिक खोला जाना प्रस्तावित है तथा प्रश्न दिनांक तक सागर में कितनी क्लीनिकों का संचालन शुरू हो गया है? (ख) क्या सागर नगर में प्रश्नांश दिनांक तक मात्र एक ही संजीवनी क्लीनिक का शुभारंभ हुआ है? यदि हाँ, तो शेष प्रस्तावित क्लीनिक कब तक शुरू हो जायेंगी? (ग) सागर नगर के संत रविदास वार्ड में संचालित संजीवनी क्लीनिक में मरीजों को क्या-क्या सुविधायें प्रदाय की जा रही है तथा प्रश्न दिनांक तक कितने मरीजों को इलाज की सुविधा प्रदान की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी, हाँ। सागर शहरी क्षेत्र में 05 संजीवनी क्लीनिक संचालित किया जाना प्रस्तावित है तथा सागर विधान सभा क्षेत्र में संत रविदास वार्ड, बाघराज वार्ड, सुभाष वार्ड, पुरव्याऊ वार्ड एवं संत कबीर वार्ड स्थानों में संजीवनी क्लीनिक खोला जाना प्रस्तावित किया गया है तथा प्रश्न दिनांक तक सागर विधान सभा क्षेत्र में 01 संजीवनी क्लीनिक संत रविदास वार्ड में संचालित की जा रही है। (ख) जी, हाँ। शेष 04 संजीवनी क्लीनिक चिकित्सा अधिकारी की उपलब्धता होने पर मार्च 2021 तक संचालित कर ली जायेगी। (ग) संत रविदास वार्ड संजीवनी क्लीनिक में मरीजों को चिकित्सक परामर्श, जाँच सुविधा, गर्भवती महिलाओं की जाँच एवं ए.एन.सी. परामर्श, शिशु टीकाकरण, नि:शुल्क दवा वितरण, असंचारी रोग परामर्श, मलेरिया जाँच एवं रेफरल सुविधा उपलब्ध है। प्रश्नांश दिनांक तक कुल 14969 मरीजों को इलाज की सुविधा प्रदान की गई है।
सागर जिला मुख्यालय में रवीन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक संकुल/सभागृह का निर्माण
[संस्कृति]
42. ( क्र. 1780 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर जिला मुख्यालय में टी.सी.सी. योजनांतर्गत रवीन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक संकुल/सभागृह के निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव शासन के समक्ष स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या रवीन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक संकुल/सभागृह की डी.पी.आर. तैयार करा ली गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि की डी.पी.आर. तैयार की गई है? (ग) क्या उक्त सांस्कृतिक संकुल/सभागृह निर्माण हेतु भूमि का आरक्षण कर लिया गया है? यदि हाँ तो कहाँ और कितनी भूमि आवंटित की गई है? (घ) शासन से उक्त कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदान करा ली जायेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ. पी.आई.यू. द्वारा पत्र क्र. एफ 30-3-9/2018/ रा.टे.भ.साग./कार्य-2/पीडी./222 दिनांक 23.02.2018 के माध्यम से भारत सरकार के मापदण्डों के अंतर्गत राशि रू. 1416.10 लाख की संशोधित डी.पी.आर. उपलब्ध करा दी गई है जो भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई थी. भारत सरकार द्वारा सागर में टी.सी.सी. हेतु पूर्व की डी.पी.आर. में संशोधन सहित नवीन डी.पी.आर. चाही गई थी, जिसके पालन में लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू) द्वारा राशि रू. 1179.57 लाख की संशोधित डी.पी.आर. मय तकनीकी स्वीकृति उपलब्ध कराई गई है, जो भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित की जा चुकी है. (ख) जी हां. भारत सरकार के नवीन दिशा निर्देशों के अनुसार राशि रू. 1179.57 लाख की संशोधित डी.पी.आर तैयार की गई है. (ग) जी हां. सभागृह निर्माण हेतु मौजा तिली माफी प.ह.नं. 63, जिला सागर में स्थित शासकीय भूमि 4.40 एकड़ भूमि आवंटित की गई है. (घ) टी.सी.सी. योजनांतर्गत स्वीकृति का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाना है. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
सी.एच.सी.पी.एच.सी. द्वारा सुविधा का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
43. ( क्र. 1814 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के नियमों के अंतर्गत सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपकेन्द्र आदि में क्या-क्या सुविधायें देने के प्रावधान हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वि.स.क्षेत्र सबलगढ़ में सभी सुविधाएँ दी जा रही हैं? यदि नहीं, तो ऐसे कितने केन्द्र हैं, जहां सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं? उन केन्द्रों के नाम, स्थान, पता सहित जानकारी दी जावे।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विभाग द्वारा विभिन्न स्तरीय चिकित्सालयों में निःशुल्क जाँच, निःशुल्क औषधि, चिकित्सकीय परामर्श तथा उपचार एवं मूलभूत सुविधा देने का प्रावधान है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले मरीजों को समस्त सुविधायें निःशुल्क प्रदान की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल समस्या का निराकरण हेतु दिशा निर्देश
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
44. ( क्र. 1815 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन (PHE) डिपार्टमेंट द्वारा पेयजल व्यवस्था के निराकरण हेतु विभाग के क्या दिशा निर्देश हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा वर्ष 2017 से 2020-21 तक जिला मुरैना को कितनी राशि आवंटित की गई? नियमानुसार यह राशि सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड वाईज प्राप्त होकर व्यय की गई। (ग) मुरैना जिले को प्राप्त राशि में से विधान सभा क्षेत्र सबलगढ़ में किन-किन ग्राम, मजरे, टोलों में हैण्डपम्प लगाये गये? इन हैण्डपम्पों के खनन ठेकेदारों द्वारा अथवा विभागीय स्तर पर कराये गये, की जानकारी दी जावे। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में खनित हैण्डपम्प माननीय सांसद, विधायक या अन्य जन प्रतिनिधियों की अनुशंसा के आधार पर किए गए अथवा पी.एच.ई. खण्ड मुरैना के कार्यालय द्वारा अपनी इच्छा अनुसार खनन किये गये, की जानकारी विस्तार से बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी नहीं, राशि जिलेवार आवंटित की जाती है, विकासखण्डवार नहीं। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) मान. सांसद मान. विधायक या अन्य जनप्रतिनिधियों से प्राप्त अनुशंसा को प्राथमिकता देते हुये आंशिक पूर्ण श्रेणी की पेयजल समस्याग्रस्त ग्रामों/बसाहटों में आवश्यक होने पर विभागीय मापदण्डानुसार नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य किया गया है।
नलकूप खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
45. ( क्र. 1850 ) श्री राम दांगोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा कराए गए हैंडपंप, नलकूप कितनी गहराई तक खोदे जाते हैं? नलकूप खुदाई के दौरान क्या विभाग के कर्मचारी या इंजीनियर मौजूद रहते हैं या ग्राम के सचिव, रोजगार सहायक या सरपंच की उपस्थिति को निश्चित किया जाता है? (ख) बाजार में 6 इंच नलकूप खनन ₹70 फिट में किए जाते हैं जबकि विभाग में इनकी खुदाई के रेट ₹90 से ₹110 फिट में वह भी 5 इंच नलकूप खुदाई के दिये जाते हैं, क्यों? (ग) क्या इस रेट डिफरेंस से शासन को अरबों खरबों का नुकसान हो रहा है या नहीं? क्या इसकी जाँच करवाई जाएगी? साथ ही शासन द्वारा निर्धारित खुदाई न कर कम खोद कर पूरी राशि भुगतान किए जाने या इसके भौतिक सत्यापन हेतु कोई समिति गठित की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग द्वारा भूमिगत स्ट्रेटा तथा भूजल उपलब्धता के अनुसार विभिन्न गहराई के नलकूप खोदे जाते हैं। नलकूप की गहराई, व्यास आदि के माप विभाग के उपयंत्री द्वारा कार्यस्थल पर उपस्थित होकर लिये जाते हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) भूमिगत स्ट्रेटा, नलकूप की गहराई तथा व्यास एवं कार्य के लिये निर्धारित तकनीकी मापदण्डों के अनुसार कार्य की दरें भिन्न होती हैं। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
46. ( क्र. 1907 ) श्री सुदेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सीहोर के ग्रामीण अंचलों की बस्ती में अभी से पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है, ऐसे कितने स्थल हैं, जहां पर बोर पेयजल स्तर नीचे चले जाने से बंद हो गये हैं? यदि कोई ऐसा स्थान जहां पर सभी बोर बंद हो गये है, तो वहां पर पेयजल व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) ग्रामीण अंचलों में संचालित ऐसी कितनी नलजल योजनाएं हैं, जिनके बोर जल स्तर नीचे चले जाने से बंद हो गये हैं? ऐसे स्थलों पर नलजल योजना को चालू किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट और बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, 146 हैण्डपंप जलस्तर नीचे जाने से बंद हैं। जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) एक भी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट प्रभावित बसाहटों में आवश्यकता अनुसार नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने, सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रो फ्रैक्चरिंग कर पेयजल व्यवस्था की जाती है।
अशोकनगर ट्रामा सेन्टर की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
47. ( क्र. 1919 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में ट्रामा सेंटर हेतु विशेषज्ञ चिकित्सकों, मेडिकल ऑफिसरों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के कितने पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद संवर्गवार भरे हुये हैं तथा कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों को भरे जाने हेतु क्या आगामी योजना है? (ख) ट्रामा सेंटर के शुभारंभ दिनांक 22/07/17 से आज दिनांक तक ट्रामा हेतु उपलब्ध चिकित्सकीय उपकरण एवं आवश्यक संसाधनों की जानकारी प्रदान करें। तत्कालीन मंत्री महोदय ने जिला चिकित्सालय अशोकनगर में रिक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों, मेडिकल ऑफिसरों एवं रिक्त पैरामेडिकल स्टॉफ के पदों को भरे जाने हेतु पिछले विधानसभा सत्र के दिवस 24/07/2019 को प्रश्नकर्ता को आश्वस्त किया था? (ग) जिला चिकित्सालय अशोकनगर में विशेषज्ञ चिकित्सक, मेडिकल ऑफिसर, स्टॉफ नर्स एवं अन्य तृतीय श्रेणी पैरामेडिकल स्टॉफ के कितने पद स्वीकृत हैं, कितने भरे हुये हैं एवं कितने रिक्त हैं? (घ) अप्रैल 2018 से आज दिनांक तक रोगी कल्याण समिति जिला चिकित्सालय अशोकनगर कि कितनी बैठकें आयोजित की गई? क्या इन बैठकों में रोगी कल्याण समिति से कर्मचारी लगाने के प्रस्ताव अनुमोदित किये गये? यदि हाँ, तो कितने कर्मचारी लगाये गये? नाम सहित बतावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (ख) मानव संसाधन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। चिकित्सकीय उपकरण/संसाधन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विगत विधानसभा सत्र में दिनांक 24.07.2019 के पश्चात अशोकनगर जिला चिकित्सालय में 02 चिकित्सकों, 01 संविदा दंत चिकित्सक एवं 11 स्टॉफ नर्स की पदस्थापना की गई है। पदस्थ किए गए चिकित्सक/स्टॉफ नर्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) माह अप्रैल 2018 तक की अवधि में 02 कार्यकारिणी बैठक दिनांक 25.09.2018 एवं 23.11.2020 को आयोजित की गई। जी नहीं, कर्मचारियों को लगाये जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति और नियमित महानिदेशक के निर्धारित वेतन भुगतान
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
48. ( क्र. 1928 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह, श्री आरिफ अक़ील : क्या सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. विज्ञान एवं प्रोद्योगिक परिषद के वर्तमान महानिदेशक को प्रतिनियुक्ति पर आये महानिदेशक के लिए नियमानुसार निर्धारित वेतन के स्थान पर नियमित महानिदेशक के लिए निर्धारित वेतन भुगतान किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो प्रतिनियुक्ति पर आये महानिदेशक और नियमित महानिदेशक के वेतन के भुगतान में कितना अंतर है? (ग) क्या वित्त विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति पर आये महानिदेशक के लिये निर्धारित वेतन के स्थान पर नियमित महानिदेशक के लिए निर्धारित वेतन भुगतान दिये जाने पर आपत्ति उठाई गई है? (घ) वित्त विभाग की आपत्ति के बाद क्या-क्या कार्यवाही की गई?
सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रोद्योगिक परिषद के सेवा भर्ती नियम, 1997 एवं सेवा भर्ती नियम, 2013 के अनुसार राज्य शासन द्वारा नियुक्त महानिदेशक को मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के समान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है। (ख) (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्रापुर नलजल आवर्धन योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
49. ( क्र. 1969 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत कर्रापुर नलजल योजना की स्वीकृति की घोषणा मान. मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी? इस घोषणा के परिपालन में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) मान. मुख्यमंत्री की घोषणा के उपरांत ग्राम पंचायत कर्रापुर नलजल आवर्धन योजना प्रारंभ किये जाने हेतु विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा नलजल योजना में स्त्रोत जैसे कुआँ, स्कीम बोर एवं अन्य साधनों का खनन कार्य एवं निर्माण कार्य करा लिया गया है तथा नलजल योजना में पर्याप्त पानी है? तो नलजल योजना प्रारंभ कराने में विलंब का क्या कारण है? (घ) यदि मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर विभाग द्वारा क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है तो उसका क्या कारण है एवं विभाग मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर क्रियान्वयन कर ग्राम पंचायत कर्रापुर नलजल आवर्धन योजना कब तक प्रारंभ की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। योजना की मूल प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 24.09.2013 को प्राप्त हुई जिसमें स्त्रोत निर्माण उपरांत निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की गई किंतु दरों में वृद्धि के कारण योजना को पुनरीक्षित किया गया, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति 01.03.2019 को प्राप्त हुई। निविदा आमंत्रित की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
अवैध शराब की बिक्री पर रोक
[वाणिज्यिक कर]
50. ( क्र. 1970 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी अंग्रेजी शराब दुकान एवं कितनी देशी शराब/मदिरा दुकान संचालित/स्वीकृत हैं? कितनी मदिरा दुकानें अहाता सहित संचालित हैं? नाम व स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्रामों, नगरीय क्षेत्र मकरोनिया एवं केंट क्षेत्र में कितने अवैध शराब के प्रकरण एवं छापामार कार्यवाही विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक की गई? क्या विभाग द्वारा नकली शराब निर्मित किये जाने संबंधी प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? (ग) उपरोक्त कितने प्रकरणों में विभाग द्वारा न्यायालयीन कार्यवाही की गई? प्रकरण सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (घ) क्या अवैध शराब बिक्री को रोकने एवं नकली शराब निर्मित न हो इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 06 विदेशी एवं 12 देशी मदिरा दुकानें शासन द्वारा स्वीकृत है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। वर्ष 2020-21 हेतु किसी भी मदिरा दुकान में अहाता स्वीकृत नहीं किया गया है। (ख) नरयावली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मकरौनियां एवं केंट क्षेत्र एवं आने वाले गांव में अवैध शराब के कायम प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। उक्त अवधि दौरान विभाग द्वारा नकली शराब बनाये जाने संबंधी कोई प्रकरण कायम नहीं किया गया है। (ग) उपरोक्तानुसार वर्ष दौरान कायम सभी प्रकरणों में धारा- 34 (1) (2) के तहत कार्यवाही की जाकर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) अवैध मदिरा विक्रय एवं नकली शराब विनिर्माण की रोक-थाम हेतु आबकारी विभाग द्वारा सतत निगरानी एवं सूचकों से प्राप्त सूचनाओं/शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जाती है साथ ही समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाकर आबकारी अपराधों पर नियंत्रण रखा जा रहा है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की स्थानान्तरण नीति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
51. ( क्र. 2055 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन म.प्र. भोपाल के तहत पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का स्थानांतरण हेतु नीति क्या निर्धारित की है एवं इस संबंध में कब क्या दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) जिला जबलपुर में वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक की अवधि में कौन-कौन खाद्य सुरक्षा अधिकारी कब से पदस्थ हैं? इनमें से किस-किस को कब-कब किस आरोप में निलंबित किया गया? निलंबन से बहाली के पश्चात इनकी कब कहां-कहां पर पदस्थापना की गई? किस-किस का कब-कब, कहां-कहां का स्थानांतरण किया गया एवं किस-किस का कब-कब, कहां-कहां से पुन: जबलपुर स्थानांतरित किया गया एवं क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रदेश शासन ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन म.प्र. भोपाल के तहत पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का स्थानांतरण हेतु पृथक से कोई नीति निर्धारित नहीं की है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला जबलपुर में वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक की अवधि में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। इनमें से श्रीमती देवकी सोनवानी को दिनांक 09.08.2007 एवं 14.06.2013, श्री अमरीश दुबे को दिनांक 06.03.2013 एवं श्रीमती माधुरी मिश्रा को दिनांक 28.12.2011 को निलंबित किया गया। आरोपों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। निलंबन से बहाली पश्चात श्रीमती देवकी सोनवानी को प्रथम निलंबन पश्चात जबलपुर एवं द्वितीय निलंबन पश्चात रीवा, श्री अमरीश दुबे को कटनी एवं श्रीमती माधुरी मिश्रा को शहडोल पदस्थ किया गया। स्थानांतरण सम्बन्धी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
52. ( क्र. 2056 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला जबलपुर को कोरोना लॉकडाउन के दौरान बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को कुपोषण से बचाने हेतु कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सा पोषण आहार आवंटित किया गया है एवं कब-कब, कितना-कितना वितरित किया गया है? इसका भौतिक सत्यापन कब किसने किया है? वर्ष 2020-21 तक की माहवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कितने-कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों को कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सा पोषण आहार प्रदाय किया गया है तथा कितनी-कितनी गर्भवती, धात्री महिलाओं व बच्चों को कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में टेक होम पोषण आहार वितरित किया गया है? इसका सत्यापन कब किसने किया है? जनपद पंचायतवार जानकारी दें। (ग) क्या शासन टेक होम पोषण आहार के वितरण में की गई गड़बड़ी व भ्रष्टाचार की जाँच करवाकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला जबलपुर में करोना लॉकडाउन के दौरान बच्चों गर्भवती व धात्री महिलाओं को रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार सत्तू एवं गेहूँ, मूंगफली, चना, चक्की चूरा तथा टेकहोम राशन का प्रदाय किया गया। मात्रा एवं वितरण दिनांक तथा सत्यापन की विस्तृत जानकारी वर्ष 2020-21 तक की माहवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में करोना लॉकडाउन के दौरान बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार सत्तू एवं गेहूँ, मूंगफली, चना, चक्की चूरा का प्रदाय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है तथा टेक होम राशन गर्भवती धात्री माताओं को गेहूँ सोया बर्फी, आटा बेसन लड्डू, खिचड़ी एवं बच्चों हेतु हलुआ, बाल आहार, खिचड़ी वितरित किया गया है, मात्रा एवं भौतिक सत्यापन की जनपद पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में टेक होम पोषण आहार के वितरण में गड़बड़ी व भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः जाँच का प्रश्न ही नहीं उठता है।
चिरायु, अरविन्दों एवं इंडेक्स मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
53. ( क्र. 2098 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज, इंदौर के अरविन्दों एवं इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत चिकित्सालयों में मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कोविड-19 महामारी के कितने-कितने का उपचार किया गया है? इन मरीजों के उपचार के लिये राज्य सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त किन-किन चिकित्सालयों में कोविड-19 महामारी के कितने-कितने मरीजों की मृत्यु हुई है? मृतकों के नाम, उम्र पते सहित सूची दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
श्री राधाकृष्ण मन्दिर कछौआ के पुजारी को पद से हटाया जाना
[अध्यात्म]
54. ( क्र. 2144 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा पत्र क्र. 169 दिनांक 29/12/2020 को श्री राधाकृष्ण मन्दिर कछौआ जिला ग्वालियर के पुजारी श्री रविन्द्र कुमार शर्मा द्वारा ग्रामवासियों के साथ की गई अनियमितताएं, छुआछूत एवं झूठी एफ.आई.आर. करने के कारण पुजारी पद से हटाकर अन्य पुजारी को नियुक्त करने हेतु कलेक्टर ग्वालियर को पत्र लिखा था? उक्त पत्र में लिखित शिका