मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 03 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विद्युतीकरण
के अपूर्ण
कार्यों को पूर्ण
किया जाना
[ऊर्जा]
1. ( *क्र. 3375 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से धार जिले के सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र के कितने ग्रामों एवं मजरे/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं कितने ग्रामों एवं मजरे/टोलों में विद्युतीकरण किया जाना शेष है? (ख) वर्ष 2013 से धार जिले के सरदारपुर विधान सभा में कितने विद्युत सब स्टेशन स्थापित किए गए एवं कितने सब स्टेशन बनाये जाना शेष हैं? (ग) क्या कई ठेकेदार विद्युतीकण का कार्य अधूरा छोड़कर चले गए हैं? यदि हाँ, तो विभाग उन ठेकेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा एवं शेष रहे कार्यों को पूर्ण करने के लिए विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्ष 2013 से पूर्व ही धार जिले के सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी 193 राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित 693 मजरों/टोलों में से 688 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया था। वर्ष 2013 के बाद से उक्तानुसार शेष 5 चिन्हित मजरों/टोलों में से 2 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं 3 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है। (ख) वर्ष 2013 से धार जिले के सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में एक 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र खुटपला माह अक्टूबर, 2015 में स्थापित किया गया है एवं 33/11 के.व्ही. के 4 उपकेन्द्रों की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। उक्त में से 33/11 के.व्ही. के 3 उपकेन्द्रों यथा फुलगावड़ी, गुमानपुरा एवं तिरला का कार्य प्रगति पर है तथा 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र भरावदा का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है, जिसे टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु दिनांक 21.01.2017 को अवार्ड जारी किया गया है। (ग) जी नहीं, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के धार वृत्त के अंतर्गत कोई भी ठेकेदार विद्युतीकरण का कार्य अधूरा छोड़कर नहीं गया है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (क) में दर्शाए गए धार जिले के सरदारपुर विधानसभा के शेष 3 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य एवं उत्तरांश (ख) में दर्शाए गए 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र भरावदा का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है तथा उक्त कार्य सहित धार जिले हेतु स्वीकृत योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने के लिए दिनांक 21.01.2017 को अवार्ड जारी किया गया है। ठेकेदार एजेंसी से किए गए अनुबंध अनुसार उक्त कार्यों सहित योजना का कार्य, अवार्ड दिनांक से 2 वर्ष की अवधि में पूर्ण किया जाना है। उत्तरांश (ख) में उल्लेखित शेष 33/11 के.व्ही. के 3 उपकेन्द्रों में से फुलगावड़ी एवं तिरला उपकेन्द्र का कार्य मई, 2017 तक तथा गुमानपुरा उपकेन्द्र का कार्य जून, 2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
गोवारी जाति के व्यक्तियों को अनु. जनजाति के प्रमाण पत्र का प्रदाय
[सामान्य प्रशासन]
2. ( *क्र. 1719 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 11 जुलाई 2005 द्वारा गोवारी जाति के व्यक्तियों को जनजाति का प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश प्रदेश के समस्त कलेक्टर्स को जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले में तथा सिवनी जिले में प्रश्न दिनांक तक किन-किन गोवारी व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र दिया गया है? उनके पता सहित विवरण दिया जावे। (ग) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय के निर्देश क्र. एफ 7-7/2007/ आ.प्र./एक भोपाल, दिनांक 21/06/2016 अपर सचिव, सामान्य प्रशासन के आदेश का पालन नहीं हो रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या सामान्य प्रशासन गोवारी जाति के लोगों को जनजाति का प्रमाण पत्र प्रदान करने के समस्त कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश देगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 7-13/2004/आ.प्र./एक, दिनांक 11 जुलाई, 2005 द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने की प्रक्रिया संबंधी निर्देश जारी किये गए हैं। (ख) बालाघाट तथा सिवनी जिले में प्रश्न दिनांक तक गोवारी जाति के किसी भी व्यक्ति को अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। (ग) प्रश्न में सामान्य प्रशासन विभाग के जिस निर्देश का हवाला दिया गया है वह निर्देश दिनांक 21.06.2016 को नहीं बल्कि 17.06.2016 को जारी हुए हैं। इन निर्देशों का पालन न होने की कोई सूचना नहीं है। (घ) स्पष्ट निर्देश पूर्व से ही हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत् ग्रिड की स्वीकृति
[ऊर्जा]
3. ( *क्र. 1690 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में गत 5 वर्षों में कितने विद्युत ग्रिड की स्वीकृति प्रदान की गई है। ग्रिड का नाम, स्वीकृति की दिनांक, कार्य कब तक पूर्ण होना था, की दिनांक बतावें। (ख) जिन ठेकेदारों ने ग्रिड का कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं किया उनके तथा फर्म होने पर भागीदारों के नाम बतावें? (ग) ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध जिन्होंने समयावधि में कार्य नहीं किया, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में 4 नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। उक्त स्वीकृत नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के नाम, स्वीकृति दिनांक एवं कार्य पूर्णता की नियत दिनांक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) मनासा विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के कार्य जिन ठेकेदार एजेंसियों द्वारा निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये हैं, उनके नाम सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित ठेकेदार एजेंसियों द्वारा निविदा अनुबंध की शर्त अनुसार निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण उनके विरूद्ध निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की गई है, जिसके तहत मेसर्स भारत इलेक्ट्रिकल कॉन्ट्रेक्टर्स, एंड मेनुफेक्चरर्स प्रा.लि., सांगली एवं मेसर्स श्रीराम स्विचगियर्स प्रा.लि. रतलाम के बिलों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी स्वरूप क्रमश: रू.2.09 करोड़ एवं रू. 0.38 करोड़ की राशि काटी जा चुकी है।
जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को पेंशन की पात्रता
[वित्त]
4. ( *क्र. 1708 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को जी.पी.एफ. एवं पेंशन की पात्रता नहीं है? क्या जनवरी 2005 से नियुक्त कर्मचारियों का जी.पी.एफ. के बदले सी.पी.एफ. काटा जाता है? (ख) यदि सी.पी.एफ. काटा जा रहा है तो कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर क्या एक मुश्त राशि दी जाएगी या पेंशन के रूप में फिक्स पेंशन दी जाएगी? (ग) क्या कर्मचारी सी.पी.एफ. में जमा राशि सेवानिवृत्ति के पूर्व निकाल सकता है या नहीं? यदि हाँ, तो किस आधार पर तथा किस प्रक्रिया के माध्यम से?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। जनवरी, 2005 के पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों का परिभाषित पेंशन अंशदान काटा जाता है। (ख) सेवानिवृत्ति पर अभिदाता की कुल जमा राशि की 40 प्रतिशत राशि को एन्यूटी मासिक पेंशन के भुगतान के रूप में (Annuity Purchase) एवं शेष 60 प्रतिशत राशि अभिदाता को एकमुश्त भुगतान की जाएगी। (ग) जी नहीं।
जबलपुर संभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[ऊर्जा]
5. ( *क्र. 3630 ) श्री कमलेश शाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2004 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. विद्युत मंडल में कितनी अनुकंपा नियुक्तियां दी गईं हैं, उनमें से कितने प्रकरण हार्ट अटैक व दुर्घटना से हुई मृत्यु के थे, की जानकारी वर्षवार जबलपुर संभाग के संदर्भ में देवें। (ख) जबलपुर संभाग में अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित हैं? जिलेवार बतावें। (ग) जबलपुर संभाग में हार्ट अटैक से हुई मृत्यु के मामलों में संबंधितों के परिजनों को कब तक अनुकंपा नियुक्ति दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल की उत्तरवर्ती कंपनियों द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में दी गई अनुकंपा नियुक्तियों की संख्या एवं उनमें से प्रश्नाधीन उल्लेखित कारणों से हुई मृत्यु के प्रकरणों में दी गई अनुकंपा नियुक्तियों की वर्षवार एवं कंपनीवार संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल की उत्तरवर्ती कंपनियों के क्षेत्रांतर्गत जबलपुर संभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों की जिलेवार संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत जबलपुर संभाग में हार्ट अटैक से हुई मृत्यु के लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति के चिन्हित पदों पर वांछित अर्हता 3 वर्ष में पूर्ण करने का अभिवचन दिया गया है। अभिवचन अनुसार अर्हता पूर्ण करने पर नीति के प्रावधान अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जायेगी। म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में जबलपुर संभाग से संबंधित कर्मचारियों की हार्ट अटैक से हुई मृत्यु का एक मामला लंबित है। प्रकरण में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की संशोधित अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013 के प्रावधानानुसार आवेदक द्वारा चयनित विकल्प के आधार पर उन्हें तृतीय श्रेणी के पद हेतु वांछित न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता प्राप्त करने हेतु तीन वर्षों का समय प्रदान किया गया है। शैक्षणिक अर्हता अर्जित कर कंपनी को सूचित करने के उपरांत ही उन्हें अनुकंपा नियुक्ति दी जाना संभव हो सकेगी। म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत जबलपुर संभाग में हार्ट अटैक से हुई मृत्यु के तीन मामलों में संबंधितों के परिजनों को चिन्हित पदों की अनुपलब्धता एवं चिन्हित पद के अनुरूप योग्यताधारी आवेदकों की अनुपलब्धता के चलते नियुक्ति दे पाना वर्तमान में संभव नहीं हो रहा है। अत: उक्त तीनों कंपनियों में वर्तमान में प्रश्नाधीन लंबित प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति हेतु समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। म.प्र. पावर मैनेजमेन्ट कंपनी लिमिटेड में हार्ट अटैक से मृत्यु का कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना का क्रियान्वयन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
6. ( *क्र. 70 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री सोलर पंप योजनांतर्गत अब तक हुई कार्यवाही/प्रगति का ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त योजनांतर्गत किन क्षेत्रों में किसानों को सोलर पंप वितरित किये जायेंगे? क्या जिलेवार क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा क्या है? (ग) मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के क्रियान्वयन पर कितनी राशि व्यय की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' के तहत कृषि हेतु सोलर पम्प वितरण की योजना तैयार की गई है। सोलर पम्पों की दरों के निर्धारण के लिये निविदा कर ली गई है। (ख) इस योजना को प्रदेश के उन दूर-दराज के क्षेत्रों में क्रियान्वित किया जाना प्रस्तावित है, जहाँ ग्राम/टोले/वन क्षेत्र या स्थल वर्तमान में अविद्युतीकृत हैं और जहाँ अगले 2-3 वर्ष तक परंपरागत विद्युत पहुँचाने की संभावना नहीं है या ऐसे विद्युतीकृत ग्राम/टोले जिसमें प्रश्नाधीन स्थल विद्युत वितरण कम्पनियों की विद्युत लाइन से कम से कम 300 मीटर दूर स्थित हो, या नदी अथवा बांध के समीप ऐसे स्थान जहाँ पानी की पर्याप्त उपलब्धता हो एवं फसलों के चयन के कारण जहाँ वाटर पम्पिंग की आवश्यकता अधिक रहती हो। यह योजना राज्य के उन जिलों में भी क्रियान्वित की जाना प्रस्तावित है, जहाँ विद्युत वितरण कम्पनियों की वाणिज्यिक हानि काफी अधिक है। वर्तमान में जिलेवार क्षेत्रों को चिन्हित नहीं किया गया है। (ग) मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के तहत् 3 एच.पी. तक के सोलर पम्प पर कुल (राज्यांश + केन्द्रांश) 90 प्रतिशत का अनुदान व्यय देय होगा तथा 3 एच.पी. से 5 एच.पी. तक के सौर पम्पों पर 85 प्रतिशत का अनुदान व्यय देय होगा।
पुरातत्व महत्व के स्थलों का पर्यटन स्थल के रूप में विकास
[संस्कृति]
7. ( *क्र. 1770 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में पुरातत्व एवं ऐतिहासिक महत्व के कौन-कौन से स्थल किन-किन स्थानों पर स्थित हैं, स्थानों के नाम, स्थल का प्रकार सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त ऐतिहासिक तथा पुरातत्व महत्व के स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस दिशा में क्या पहल की है? आवागमन के रास्ते, सौंदर्यीकरण सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या उक्त स्थलों में से अधिकांश रख-रखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में जा पहुंचे हैं? यदि हाँ, तो इसके स्वरूप को विकसित एवं व्यवस्थित रखने हेतु शासन द्वारा वर्ष 2015, 2016 में कितनी राशि आवंटित की? (घ) मुरैना जिले को पर्यटन के नक्शे पर उभारने हेतु क्या शासन द्वारा कोई कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्य प्रस्तावित हैं?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) मुरैना जिले के पुरातत्व एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों की पूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ग) इन स्मारकों का समय-समय पर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण होता रहता है, उसी तरह से उसका रख-रखाव किया जाता है, परिवर्तित समय में मौसम के प्रभाव से कुछ स्मारक क्षतिग्रस्त हैं। उनका विभाग द्वारा समय-समय पर अनुरक्षण कार्य कराया जाता है। वर्ष 2015-16 के लिये सबलगढ़ का किला, सबलगढ़ हेतु राशि रूपये 99.00 लाख एवं हुसैनपुरा की गढ़ी एवं किला, हुसैनपुरा हेतु राशि रूपये 8.00 लाख आवंटित है। (घ) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
पन्ना विधान सभा क्षेत्रांतर्गत बिजली आपूर्ति
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 3113 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पन्ना के विधानसभा क्षेत्र पवई के विद्युत केन्द्र पवई अंतर्गत ग्राम बड़खेड़ा में कितनी अवधि से बिजली आपूर्ति बन्द है और क्या कारण हैं कि अब तक बिजली आपूर्ति शुरू नहीं की जा सकी है तथा कब तक बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी? (ख) लगभग 2000 की जनसंख्या वाले बड़खेड़ा ग्राम में बिजली के कितने उपभोक्ता हैं और उनमें से ऐसे कितने उपभोक्ता हैं जिन पर बिजली शुल्क बकाया है? (ग) विधानसभा क्षेत्र पवई जिला पन्ना अंतर्गत वर्ष 2011 से दिसम्बर 2016 तक कुल कितने अस्थाई दो एच.पी. एवं तीन एच.पी. टि.सी. एवं स्थाई विद्युत कनेक्शन किये गये हैं? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) उपरोक्त अवधि में कितने अस्थाई एवं स्थाई कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं? संख्या वितरण केन्द्रवार बतायें। क्या इन विद्युत कनेक्शनों में से कुछ मामलों में विद्युत चोरी की शिकायतें भी मिली हैं? यदि हाँ, तो शिकायतों की संख्या और उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला पन्ना के विधानसभा क्षेत्र पवई के अन्तर्गत ग्राम बड़खेड़ा में दिनांक 17 अप्रैल 2016 से बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने से बिजली आपूर्ति बंद है। उक्त कार्य हेतु प्राक्कलन तैयार कर सुधार कार्य प्रारम्भ किया गया था, किंतु कार्य के दौरान ट्रांसफार्मर की स्थिति के संबंध में विवाद के कारण गांव के लोगों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किये जाने से कार्य पूर्ण नहीं हो सका है एवं बिजली आपूर्ति शुरू नहीं की जा सकी है। इस संबंध में वितरण कंपनी के संबंधित अधिकारी द्वारा थाना प्रभारी को सहयोग हेतु पत्र लिखा गया है। व्यवधान खत्म होने पर कार्य पूर्ण कर बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से चालू की जा सकेगी। (ख) ग्राम बड़खेड़ा में 74 उपभोक्ता हैं जिनमें से 71 उपभोक्ताओं पर विद्युत बिलों की राशि बकाया है। (ग) पवई विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में प्रदाय किये गये 2 एच.पी. एवं 3 एच.पी. के अस्थायी एवं स्थायी विद्युत कनेक्शनों का वित्तीय वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पवई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आने वाले 4 वितरण केन्द्रों रैपुरा, शाहनगर,पवई एवं सिमरिया में प्रश्नाधीन अवधि में क्रमश: 3508, 2906, 3672 एवं 6806 इस प्रकार कुल 16892 अस्थाई एवं क्रमश: 2684, 5524, 5973 एवं 6925, इस प्रकार कुल 21106 स्थाई कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं। उपरोक्त कनेक्शनों में विद्युत चोरी की शिकायतें नहीं मिली हैं, अत: प्रश्न नहीं उठता।
जाँच प्रतिवेदन की अनुशंसाओं पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
9. ( *क्र. 1240 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा जीरो टॉलरेंस की मंशा के अनुरूप भारतीय प्रशासनिक सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों तथा लोकायुक्त के द्वारा दिए गए जाँच प्रतिवेदन जो विभिन्न विभागों में लंबित पड़े हैं, ऐसे जाँच प्रतिवेदन की अनुशंसाओं पर कार्यवाही न करने के लिए क्या शासन तथा विभाग प्रमुखों पर कार्यवाही की जाएगी। (ख) प्रधानमंत्री भारत सरकार द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच 90 दिन में पूरी करने संबंधी निर्देश का पालन क्या म.प्र. में भी किया जाएगा? (ग) जाँच प्रतिवेदन में की गयी अनुशंसा पर एक निश्चित समय-सीमा में कार्यवाही हो, इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग क्या कोई गाइड लाइन तैयार करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरोद में स्वीकृत कार्य
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 1233 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरोद के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विभाग अंतर्गत विगत तीन वर्षों में विभिन्न योजनाओं में कितने कार्य स्वीकृत हुए हैं? स्वीकृत कार्यों में कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने कार्य अपूर्ण एवं अप्रारम्भ हैं? अपूर्ण एवं अप्रारम्भ रहने का कारण बतावें? (ख) यदि ठेकेदार द्वारा अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण नहीं किया तो उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी, कार्य का नाम, स्वीकृत राशि सहित ग्रामवार एवं वार्डवार उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरोद के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर अंतर्गत विगत 3 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के तहत कुल 1460 कार्य स्वीकृत हुए हैं। उक्त स्वीकृत 1460 कार्यों में से 1354 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 106 कार्य अपूर्ण हैं एवं क्षेत्र में ऐसा कोई भी कार्य नहीं है जो स्वीकृत होकर प्रारंभ ही नहीं हुआ हो। विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरोद के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कार्य अपूर्ण रहने के मुख्य कारण राईट ऑफ वे की समस्या, ग्रामीणों द्वारा लाइन निर्माण के दौरान ट्रांसफार्मर स्थापना स्थल पर विवाद होने के कारण कार्य में व्यवधान उत्पन्न करना, निर्माण कार्य करने वाली एजेंसियों के पास कुशल श्रमिकों का पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं होना एवं समय से निर्माण सामग्री उपलब्ध नहीं होना आदि हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में स्वीकृत/पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में जिन ठेकेदार एजेंसियों द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किया गया है, उनके विरूद्ध अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही करते हुए, उनके द्वारा प्रस्तुत बिलों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनल्टी स्वरूप रू. 37.26 लाख की राशि काटी गई है, जिसका ठेकेदार एजेंसीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों के नाम एवं स्वीकृत राशि सहित, ग्रामवार/वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है।
विकासखण्ड कुसमी में कार्यालय भवन का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( *क्र. 2069 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सीधी जिले के अंतर्गत विकासखण्ड कुसमी में महिला एवं बाल विकास विभाग का कार्यालय भवन क्षतिग्रस्त है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यालय भवन हेतु नवीन भवन बनाने के लिये शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित हैं? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी? यदि नहीं, तो भवन निर्माण के लिये शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) सीधी/सिंगरौली जिले के अंतर्गत विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? सूची उपलब्ध करायें। कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन कब तक बना लिये जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। सीधी जिले के अंतर्गत विकासखण्ड कुसमी में परियोजना कार्यालय स्थानीय पंचायत भवन में संचालित है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में विभाग के कार्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति का कोई प्रावधान नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सीधी एवं सिंगरौली जिले के विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर में कुल 1000 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर में कुल संचालित 1000 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 185 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये पर संचालित) हैं। इनमें से विकासखण्ड देवसर में 49 भवन निर्माणाधीन हैं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
दुधी सिंचाई परियोजना का कार्य प्रारंभ किया जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
12. ( *क्र. 2392 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 751/आर पिपरिया दिनांक 29/08/2016 द्वारा कार्यपालन यंत्री रानी अवंती बाई, लोधी नगर, नहर संभाग नरसिंहपुर को दुधी सिंचाई परियोजना बनखेड़ी जिला होशंगाबाद के संबंध में पत्र प्रेषित किया गया, जिसकी प्रतिलिपि सदस्य अभियांत्रिकी नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण भोपाल को प्रेषित की गई, उक्त पत्र में चाही गई जानकारी प्रेषित न करने का क्या कारण है? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार माननीय विधायकों द्वारा चाही गई जानकारी अनिवार्य रूप से 30 दिवस की समय-सीमा में प्रदान करने के आदेश हैं? यदि हाँ, तो आदेश का पालन न करने के लिये कौन उत्तरदायी हैं? (ग) क्या परियोजना के क्रियान्वयन हेतु सर्वे कार्य कराया गया ततपश्चात् दुधी सिंचाई परियोजना के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन की डी.पी.आर. हेतु दिसम्बर 2014 में सर्वेक्षण कार्य हेतु 03 माह का समय प्रदान किया गया था तथा 01 वर्ष के अन्दर डी.पी.आर. तैयार कर प्रस्तुत किये जाने का लक्ष्य था? यदि हाँ, तो डी.पी.आर. तैयार कर कब तक उक्त कार्य की निविदायें जारी कर कार्य प्रांरभ हेतु टेंडर आहूत किये जावेगें? (घ) वर्तमान में यह प्रोजेक्ट किस स्थिति में है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) कार्यपालन यंत्री, रानी अवंती बाई लोधी सागर नहर संभाग नरसिंहपुर के पत्र क्रमांक 1486 A /तकनीकी दिनांक 18/11/2016 द्वारा उत्तर प्रेषित किया जा चुका है। (ख) जी हाँ। माननीय सदस्य का पत्र सीधे कार्यपालन यंत्री को प्राप्त नहीं होने के कारण नियत समय-सीमा में उत्तर नहीं दिया जा सका। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) शेष सर्वेक्षण कार्य जून 2016 में पूर्ण किया जाकर डी.पी.आर. विभागीय तौर पर तैयार की जा रही है। डी.पी.आर. स्वीकृत होने के उपरांत निविदाएँ जारी कर टेण्डर आहूत किये जायेंगे।
सहायक ग्रेड-3 के वेतनमान में विसंगति
[सामान्य प्रशासन]
13. ( *क्र. 3304 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में शासन अंतर्गत विभिन्न शासकीय विभागों/मंत्रालय में सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति हेतु भर्ती नियम/वेतनमान अलग-अलग हैं? (ख) यदि नहीं, तो सामान्य प्रशासन विभाग और विधि एवं विधायी कार्य विभाग में कार्यरत सहायक ग्रेड-3 को म.प्र. शासन वित्त विभाग द्वारा वेतनमान 9300-34800+3600 (द्वितीय उच्चतर वेतनमान) एवं 9300-34800+4200 (तृतीय उच्चतर वेतनमान) संबंधी आदेश जारी किये गये हैं, जबकि अन्य विभागों को आदेश जारी नहीं किये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित दर्शाये गये आदेशों का पालन सभी विभागों में भी कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं (ख) दोनों विभागों में कार्यरत सहायक ग्रेड-3 को द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान राज्य शासन के नीतिगत निर्णय के आधार पर दिये गये हैं। (ग) जी नहीं, शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोकायुक्त मे दर्ज प्रकरणों में कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
14. ( *क्र. 3601 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त द्वारा वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक सागर संभाग में आय से अधिक संपत्ति के मामलों में कितने छापे मारे गये? रिश्वत लेने के कितने ट्रेप किये गये? जिला, विभाग, पद, शासकीय सेवक नाम सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने मामलों में कोर्ट में चालान प्रस्तुत किया गया? कितने मामलों में चालान किस कारण से प्रस्तुत नहीं किया गया? जिला, विभाग, पद, शासकीय सेवक के नाम सहित बतायें। कितने प्रकरणों में खात्मा लगाया गया है? (ग) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में रिश्वत में ट्रेप एवं आय से अधिक संपत्ति के छापे वाले प्रकरणों में सागर संभाग में कौन-कौन शासकीय सेवक, अपने स्थान पर यथावत पदस्थ हैं तथा उनका स्थान परिवर्तन नहीं किया गया, किस नियम से वह उसी स्थान पर पदस्थ हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शहडोल जिलांतर्गत कुपोषित बच्चे
[महिला एवं बाल विकास]
15. ( *क्र. 2082 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुपोषण दूर करने के लिए राज्य शासन क्या प्रयास कर रहा है? इस संबंध में शासन की योजनाओं व निर्देशों से अवगत करावें। (ख) क्या जिला शहडोल अंतर्गत कुपोषण की गंभीर समस्या है जिसके बारे में जिम्मेदार अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों व समाचार पत्रों के माध्यम से समय-समय पर अवगत कराया जाता है? फिर भी समस्या यथावत क्यों है? (ग) विगत 5 वर्ष में जिले में पाये गये कुपोषित बच्चों व शासन के प्रयास से कुपोषण मुक्त हुए बच्चों की जानकारी दें? (घ) क्या इस संवेदनशील मुद्दे पर लापरवाही बरती जा रही है? यदि हाँ, तो विभाग के लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही भी की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों में 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। कुपोषण की रोकथाम हेतु आई.सी.डी.एस. योजना का क्रियान्वयन, अटल बिहारी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इनके अंतर्गत अतिकम वजन वाले बच्चों को थर्डमील का प्रदाय, चिन्हित ग्रामों में स्नेह शिविरों का आयोजन किया जाता है। अतिकम वजन वाले बच्चों में से चिन्हित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में संदर्भित किया जाता है। अतिकम वजन वाले बच्चों के पोषण की देखभाल जनसमुदाय, जनप्रतिनिधियों एवं प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा जिम्मेदारी लिये जाने हेतु स्नेह सरोकार कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। (ख) कुपोषण के संबंध में प्राप्त प्रकरणों/शिकायतों के संबंध में समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के माध्यम से कुपोषण को कम करने के निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं, जिसके परिणाम शनैः शनैः परिलक्षित होना अपेक्षित हैं। कुपोषण हेतु कई कारक जिम्मेदार होते हैं यथा अपर्याप्त भोजन, स्वास्थ्य सुविधाओं की अनुपलब्धता/पहुंच, आर्थिक संरचना, संसाधन की कमी, अनुचित आहार-व्यवहार, बीमारियां, परिवार में सदस्यों की संख्या, रोजगार की कमी, सामाजिक कुरीतियां, शिक्षा का अभाव आदि। गंभीर कुपोषित बच्चों की रोग निरोधक क्षमता कम होने से अन्य बीमारियों का उन पर तुलनात्मक रूप से ज्यादा प्रभाव पड़ता है। जनसामान्य द्वारा पोषण विविधता का उपयोग न करना, स्वच्छता एवं व्यवहार परिवर्तन में कम रूचि जैसे अन्य कारक भी कुपोषण की समस्या बने रहने के प्रमुख कारण हैं। (ग) शहडोल जिले में विगत 5 वर्षों में कम वजन एवं अतिकम वजन के कुल 7290 बच्चे पाये गए। अटल बाल मिशन अंतर्गत सुपोषण अभियान के माध्यम से 379 स्नेह शिविर आयोजित कर अतिकम वजन वाले 3977 बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हुआ। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में 1142 बच्चों को पोषण प्रबंधन हेतु भर्ती कराकर फॉलोअप द्वारा पोषण स्तर में सुधार किया गया। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रशासनिक अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
16. ( *क्र. 3417 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जैसीनगर विकासखण्ड के ओंरिया ग्राम की विधवा महिला किसान के ऊपर एस.डी.एम. के द्वारा किये गये अभद्र व्यवहार, आवेदन फेंकना एवं जेल में बंद कर देने की घटना के संबंध में प्रश्नकर्ता के द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन को दिनांक 24.12.2016 को शिकायत की गयी थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में न्याय की प्रतीक्षा में संघर्षशील विधवा महिला किसान की जघन्य हत्या का कारण बने प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 19/12/2016 को प्राप्त रामकिशन अहिरवार की रिपोर्ट पर जमीन के विवाद पर से एक राय होकर गाली गलौच कर रॉड से मारपीट कर महिला किसान शारदा दांगी की हत्या कर देने पर आरोपी दरयाब सिंह ठाकुर (जेठ) एवं निशा सिंह (जेठानी) के विरूद्ध थाना जैसीनगर जिला सागर में अप. क्र. 307/16 धारा 294, 302, 34 भादवि का पंजीबद्ध किया गया तथा आरोपियों की क्रमश: दिनांक 26/12/16 एवं 01/01/17 को गिरफ्तारी कर माननीय न्यायालय पेश किया गया एवं विवेचना पूर्ण होने पर चालान क्रमांक 19/17 तैयार कर दिनांक 06/02/2017 को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फीडर विभक्तिकरण योजना के कार्य
[ऊर्जा]
17. ( *क्र. 2817 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत कार्य किये जा रहे हैं? (ख) भिण्ड जिले में फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत कितने फीडरों पर कार्य करवाया गया है एवं कितने फीडरों का कार्य शेष है, शेष कार्य कब तक करवा दिया जायेगा? (ग) भिण्ड जिले की तहसील मेहगांव, गोरमी, रौन के अन्तर्गत कौन-कौन से फीडरों पर फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत कार्य किया गया है? जानकारी दें। क्या उक्त कार्य के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) भिण्ड जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत 11 के.व्ही. के 151 फीडरों में से 57 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 94 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य शेष है, जिसे फरवरी 2018 तक पूर्ण किया जाना है। (ग) भिण्ड जिले की तहसील मेहगांव, गोरमी तथा रौन के अंतर्गत विभक्त किये गये 11 के.व्ही. फीडरों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्य सहित भिण्ड जिले के लिये तैयार की गई फीडर विभक्तिकरण योजना के कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एम.डी.पी.प्रा.लि., ग्वालियर को दिनांक 17.08.2016 को अवार्ड जारी किया गया है। ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य पूर्णता अवधि अवार्ड दिनांक से 18 माह निर्धारित है।
बंद/खराब विद्युत मीटरों को बदला जाना
[ऊर्जा]
18. ( *क्र. 2810 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी जबलपुर के तहत शहरी क्षेत्र जबलपुर व ग्रामीण क्षेत्रों में कितने बिजली उपभोक्ता हैं? इनमें से कितने उपभोक्ताओं के घरों में मीटर नहीं लगे हैं? कितने मीटर बंद या खराब हैं? कितने उपभोक्ताओं की बिजली काटी गई है? कितने उपभोक्ताओं के बंद/खराब मीटर बदले गये हैं? वर्ष 2016-17 जनवरी 2016 से दिसम्बर 2016 तक की माहवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उपभोक्ताओं से बिजली उपयोग की औसत बिलिंग से राशि वसूल करने का क्या प्रावधान है तथा इसके लिए क्या प्रक्रिया निर्धारित है वर्तमान में लाइन लॉस की क्या स्थिति है? लाइन लॉस को घटाने हेतु क्या उपाय किये हैं? (ग) जबलपुर शहरी क्षेत्रांतर्गत कितने बिजली उपभोक्ताओं के घरों में मीटर नहीं लगे हैं? कितने उपभोक्ताओं के मीटर बदले गये हैं? मीटर बंद खराब होने व मीटर को बदलने से संबंधित कितनी शिकायतें मिलीं, कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? 1 जनवरी 2016 से दिसम्बर 2016 तक की माहवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में कितने उपभोक्ताओं से औसत बिलिंग के नाम पर कितनी राशि की माहवार वसूली की गई? अनाप-शनाप बिजली बिल भेजने से संबंधित कितनी शिकायतें मिलीं? इनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माह दिसम्बर, 2016 की स्थिति में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के तहत् जबलपुर (शहर) वृत्त में कुल 300791 एवं जबलपुर (संचालन/संधारण) वृत्त में कुल 240095 विद्युत उपभोक्ता हैं। इनमें से 947 जबलपुर (शहर) वृत्त क्षेत्र के एवं 22517 जबलपुर (संचालन/संधारण) वृत्त क्षेत्र के उपभोक्ताओं के घरों में मीटर नहीं लगे हैं। दिसम्बर, 2016 की स्थिति में जबलपुर (शहर) वृत्त क्षेत्र के 14224 एवं जबलपुर (संचालन/संधारण) वृत्त क्षेत्र के 61007 उपभोक्ताओं के मीटर बंद/खराब स्थिति में हैं। जनवरी 2016 से दिसम्बर 2016 की अवधि में जबलपुर (शहर) वृत्त क्षेत्र के 95530 एवं जबलपुर (संचालन/संधारण) वृत्त क्षेत्र के 21339 उपभोक्ताओं की बिजली विद्युत बिल की बकाया राशि होने के कारण नियमानुसार काटी गई है। उक्त अवधि में जबलपुर (शहर) वृत्त क्षेत्र के 27194 एवं जबलपुर (संचालन/संधारण) वृत्त क्षेत्र के 9930 उपभोक्ताओं के बंद/खराब मीटर बदले गये हैं। जनवरी, 2016 से दिसम्बर, 2016 तक की प्रश्नाधीन माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) मीटर के बंद/खराब रहने के दौरान उपभोक्ता को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका क्रमांक 8.35 में निहित प्रावधानानुसार खपत का आंकलन कर आंकलित खपत के अनुसार विद्युत बिल जारी किये जाते हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2016-17 के माह दिसम्बर 2016 तक की स्थिति में जबलपुर जिले का औसत लाइनलॉस 21.51 प्रतिशत है। लाइन लॉस को घटाने हेतु वितरण कम्पनी द्वारा दैनिक सुधार/रख-रखाव कार्य के अलावा निम्न कार्य वृहद योजनाओं के तहत टर्न-की आधार पर किये जा रहे हैं :- (1) अधिक भार वाले विद्युत ट्राँसफार्मरों की क्षमता वृद्धि करना, अतिरिक्त ट्राँसफार्मर लगाया जाना। (2) विद्युत लाईनों के तारों की क्षमता वृद्धि का कार्य। (3) ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं के लिये 11 के.व्ही. फीडर विभक्तिकरण का कार्य। (4) अधिक हानि वाले क्षेत्र चयनित कर निम्न दाब लाईनों में नंगे तारों के स्थान पर केबिल डालने का कार्य। (5) बंद एवं खराब मीटरों को बदलना। (6) विद्युत चोरी रोकने हेतु सघन चेकिंग। (7) अधिक भार वाले फीडरों पर अतिरिक्त फीडर निर्माण कर भार वितरित किया जाना। (ग) जबलपुर (शहर) वृत्त क्षेत्रान्तर्गत 947 उपभोक्ताओं के घरों में मीटर नहीं लगे हैं। प्रश्नाधीन अवधि जनवरी 2016 से दिसम्बर 2016 तक 27194 मीटर बदले गये हैं। उक्त अवधि में मीटर बंद/खराब होने व मीटर को बदलने से संबंधित 6346 शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। उक्त सभी शिकायतों का निराकरण किया गया है। प्राप्त शिकायतों एवं निराकरण का माहवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि जनवरी 2016 से दिसम्बर 2016 तक की अवधि में जबलपुर (शहर) वृत्त क्षेत्रान्तर्गत औसत बिलिंग के विरूद्ध रू. 849.21 लाख की राशि वसूल की गई है, जिसका माहवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्रश्नांश में उल्लेखित बिजली बिल संबंधी 3954 शिकायतें प्राप्त हुईं तथा सभी शिकायतों का निराकरण किया गया।
श्योपुर जिलांतर्गत कुपोषित व्यक्तियों/बच्चों का सर्वेक्षण
[महिला एवं बाल विकास]
19. ( *क्र. 439 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2015 एवं 2016 में कुपोषण से किस-किस माह में कितनी-कितनी मौतें हुई हैं? (ख) क्या शासन द्वारा श्योपुर जिले में कुपोषित व्यक्तियों/बच्चों एवं महिलाओं का सर्वेक्षण करवाया गया है? कुपोषितों की पृथक-पृथक संख्या बतायी जाये। (ग) शासन द्वारा कुपोषण से हो रही मौतों को रोकने के लिए क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार श्योपुर जिले में 2015 व 2016 में कुपोषण से मृत्यु की जानकारी निरंक है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्र में प्रतिमाह 5 वर्ष तक के आयु के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। विभाग द्वारा 01.11.2016 से 20.01.2017 तक विशेष वजन अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान की अवधि 28.02.2017 तक बढ़ायी गई है। दिसम्बर 2016 की स्थिति में जिले में 5 वर्ष से कम आयु के 20,259 बच्चे मध्यम श्रेणी एवं 5004 बच्चे अतिकम वजन की श्रेणी में दर्ज किये गये हैं। विभाग द्वारा महिलाओं की पोषण स्थिति का निर्धारण नहीं किया जाता है। (ग) बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को पोषण आहार प्रदाय, अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत 59 डे-केयर सेंटर का संचालन, स्नेह सरोकार कार्यक्रम अंतर्गत अतिकम वजन वाले बच्चों की पोषण स्तर की देखभाल की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों एवं जनसमुदाय द्वारा लेने, सुपोषण अभियान अंतर्गत जनसमुदाय की भागीदारी से स्नेह शिविरों का आयोजन, एकीकृत बाल विकास सेवा योजना अंतर्गत पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी, स्वच्छता के संबंध में समुदाय को जागरुक किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों में कुपोषण की रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युत लाइन में जम्फर जोड़ कर विद्युत की आपूर्ति
[ऊर्जा]
20. ( *क्र. 633 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विकासखण्ड रायपुर कर्चुलियान अंतर्गत विद्युत वितरण केन्द्र मनिकवार के ग्राम खुरहा में विद्युतीकरण किया जाकर दो ट्रान्सफार्मर स्थापित किये गये हैं तथा सभी घरों में विद्युत कनेक्शन लगाया जाकर मीटर भी स्थापित किये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो किस योजना के तहत विद्युतीकरण किया गया है तथा कितने उपभोक्ताओं के यहां मीटर स्थापित किया गया? ठेकेदार का नाम भी बताएं। (ख) क्या ट्रान्सफार्मर से उपभोक्ताओं को दी जाने वाली विद्युत लाइन में अभी तक जम्फर नहीं जोड़ा गया है, जिससे उपभोक्ता विद्युत सुविधा से वंचित हैं, जिसके लिये उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत विभाग के अधिकारियों को विद्युत सुविधा दिये जाने बाबत् आवेदन पत्र भी दिया गया है? यदि हाँ, तो कब तक विद्युत जम्फर जोड़कर उपभोक्ताओं को विद्युत सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, रीवा जिले के विकासखण्ड रायपुर कर्चुलियान अंतर्गत विद्युत वितरण केन्द्र मनिकवार के ग्राम खुरहा में विद्युतीकरण का कार्य कर दो नहीं अपितु पाँच वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं तथा सभी घरों में नहीं अपितु 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों में 44 बी.पी.एल. हितग्राहियों को मीटरयुक्त विद्युत कनेक्शन दिया गया है। उपरोक्त कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत किया गया है तथा योजनांतर्गत उक्तानुसार उल्लेखित सभी 44 उपभोक्ताओं के यहाँ मीटर स्थापित किया गया है। उपरोक्त कार्य ठेकेदार एजेंसी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लिमिटेड, मुंबई द्वारा किया गया है। (ख) जी हाँ, पूर्व में स्थानीय अवरोध के कारण ग्राम-खुरहा में स्थापित 5 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 2 वितरण ट्रांसफार्मरों का जम्फर नहीं जोड़ा गया था एवं इस हेतु उपभोक्ताओं द्वारा पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में संबंधित कार्यालय के अधिकारियों को विद्युत सुविधा दिये जाने हेतु आवेदन पत्र दिया गया है। दिनांक 15/02/2017 को ग्राम-खुरहा में स्थापित शेष 2 वितरण ट्रांसफार्मरों को विद्युत लाइन से जोड़कर विद्युत प्रवाह चालू कर दिया गया है।
उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत का प्रदाय
[ऊर्जा]
21. ( *क्र. 3201 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मोहल्लों, कॉलोनियों के लिए 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने हेतु शासन की कोई योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में शाजापुर जिले की कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के कौन- कौन से गाँवों के मोहल्लों, कॉलोनियों के सर्वे किये जा चुके हैं? गाँववार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित योजना में कब तक गाँव के मोहल्लों, कॉलोनियों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पूर्व से ही नगरों एवं राजस्व ग्रामों के मुख्य आबाद क्षेत्रों को गैर-कृषि कार्य हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: नगर/ग्राम के मोहल्लों, कॉलोनियों के लिए 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने हेतु पृथक से किसी योजना की आवश्यकता नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत सब स्टेशनों का निर्माण
[ऊर्जा]
22. ( *क्र. 2106 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 2013 -2014 से वर्तमान तक कितने विदयुत सब स्टेशन स्वीकृत हैं? स्थानवार जानकारी प्रदान करें? (ख) कितने सब स्टेशन पूर्ण हो गये हैं? शेष स्वीकृत सब स्टेशनों का कार्य कब प्रारंभ किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) तेन्दुखेड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक 132 के.व्ही. के 2 एवं 33/11 के.वी. के 4 विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत हैं, जिनकी स्थानवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
स्वीकृत विद्युत उपकेन्द्र का नाम |
132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र |
|
1. |
तेन्दुखेड़ा |
2. |
पलोहा बड़ा (भटेरा) |
33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र |
|
1. |
सुनेहटी |
2. |
बिल्थरी |
3. |
नारगी |
4. |
लिलवानी |
(ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 6 विद्युत उपकेन्द्रों में से एक 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का कार्य ग्राम सुनेहटी में पूर्ण कर दिया गया है। 132 के.व्ही. के 2 उपकेन्द्रों का कार्य क्रमश: जायका-II योजना एवं ए.डी.बी-III सेविंग योजना के तहत् स्वीकृत है। इन उपकेन्द्रों के निर्माण हेतु कार्यादेश जारी कर दिया गया है। इन उपकेन्द्रों के निर्माण हेतु भूमि का चयन कर लिया गया है तथा भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष 33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्रों का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में शामिल है एवं इन कार्यों सहित योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर करने हेतु निविदा प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में इन 3 उपकेन्द्रों का कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( *क्र. 2179 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने पद परियोजना अधिकारी एवं कितने पद पर्यवेक्षक के स्वीकृत हैं? जिसमें कितने पद भरे हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? क्या रिक्त पदों के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही है? क्या कुछ पर्यवेक्षक मुख्यालय में निवास न कर भोपाल या विदिशा से अप-डाउन करते हैं, ऐसा क्यों? पदस्थ पर्यवेक्षकों का नाम एवं मुख्यालय की सूची उपलब्ध करावें। (ख) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र में तीन माह पूर्व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के पद पूर्ति हेतु क्या विज्ञापन जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो कौन-कौन केन्द्रों में पदों की पूर्ति की गई और कितने पद रिक्त हैं? रिक्त रहने का क्या कारण है? कब तक पूर्ति की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। जी नहीं। रिक्त पदों का प्रभार अन्य परियोजना अधिकारी/परियोजना में पदस्थ वरिष्ठ पर्यवेक्षक को सौंपकर कार्य सुचारू रूप से कराया जाता है। जी नहीं। सभी पर्यवेक्षक मुख्यालय में निवास करती हैं। उक्त परियोजनाओं में पदस्थ पर्यवेक्षकों के नाम एवं मुख्यालय संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
माचलपुर नगर में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
24. ( *क्र. 1614 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 3 (क्रमांक 1038), दिनांक 19 जुलाई, 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के नगर माचलपुर में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित करने की तकनीकी रूप से वर्तमान में कोई आवश्यकता नहीं है? यदि हाँ, तो क्या नगर माचलपुर एवं आसपास ग्रामीण क्षेत्र की तीव्रता से बढ़ रही जनसंख्या, विद्युत आपूर्ति की मांग एवं निरंतर अल्प वोल्टेज की समस्या से स्थाई निजात दिलाने हेतु निकट भविष्य में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना किया जाना परम आवश्यक है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संबंध में क्या विचार किया गया? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा भी क्षेत्रीय जनता व किसानों की मांग अनुरूप माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय ऊर्जा मंत्री जी, सहित वरिष्ठ अधिकारियों से अनेकों बार 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापना की मांग की गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन माचलपुर में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के नगर माचलपुर एवं आसपास के क्षेत्र में वर्तमान में स्वीकृत भार के अनुसार पर्याप्त विद्युत अधोसंरचना उपलब्ध है, अत: माचलपुर में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित करने की तकनीकी रूप से आवश्यकता नहीं है। भविष्य की मांग एवं भार प्रबंधन की दृष्टि से ए.डी.बी. योजनान्तर्गत, 132 के.वी. खिलचीपुर उपकेन्द्र से निर्गमित 33 के.व्ही. माचलपुर फीडर का कार्य प्रगति पर है। यह कार्य मार्च 2017 तक पूर्ण होने की संभावना है। इस कार्य के पूर्ण होने के उपरांत क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में और अधिक सुधार परिलक्षित होगा। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में माचलपुर में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित करने की वर्तमान में कोई आवश्यकता नहीं है।
विभाग द्वारा जारी निर्देशों की अवहेलना पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
25. ( *क्र. 3456 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्र. एफ.19-76/2007/1/4, भोपाल, दिनांक 27.11.2015 के आदेशानुसार शासन के समस्त विभागों को माननीय विधायकगणों को शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो जो अधिकारी/कर्मचारी इन निर्देशों की अवहेलना करते हैं, ऐसे अधिकारी/कर्मचारी के ऊपर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, खिरसाडोह (परासिया) के प्राचार्य श्री रोहित कुमार शाह के द्वारा पॉलिटेक्निक कॉलेज, खिरसाडोह में दिनांक 22 नवम्बर 2016 को चार अतिरिक्त कक्षों के निर्माण (लागत राशि 10.00 लाख) कार्यों का भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया और न ही प्रश्नकर्ता को उपरोक्त कार्यक्रम के संबंध में कोई जानकारी दी गई और न ही कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया। क्या यह सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों की अवहेलना नहीं है? (ग) अगर हाँ तो सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गये दिशा-निर्देशों की अवहेलना करने वाले शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, खिरसाडोह (परासिया) के प्राचार्य श्री रोहित कुमार शाह के ऊपर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? (घ) उपरोक्त प्राचार्य की शिकायत के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, संचालक, तकनीकी शिक्षा, भोपाल एवं जिलाध्यक्ष, छिन्दवाड़ा को क्रमश: पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2016/845, 846 एवं 847 दिनांक 23/11/2016 के माध्यम से प्रेषित किये गये हैं, जिस पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शासकीय निर्देशों की अवहेलना का कृत्य आचरण या सेवा नियमों के तहत अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान है। (ख) जनभागीदारी समिति की बैठक दिनांक 21/11/2016 के दौरान लंबित अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कार्य दिनांक 22/11/2016 को प्रारम्भ करने के निर्णय के मद्देनजर अल्पसमय में अनौपचारिक रूप से महाविद्यालयीन स्तर पर प्रात: 08.30 बजे भूमिपूजन का कार्यक्रम रखा गया था। जिसकी सूचना प्रश्नकर्ता माननीय विधायक को दूरभाष/एस.एम.एस. के माध्यम से दी गई थी। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सहकारिता
विभाग के
कर्मचारियों
द्वारा समितियों
में की गई
अनियमितता
[सामान्य प्रशासन]
1. ( क्र. 29 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 1 (क्रमांक 99) दिनांक 3 मार्च 2016 एवं प्रश्न संख्या 2 (क्रमांक 20) दिनांक 19 जुलाई 2016 के संदर्भ में बताएं कि क्या उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा खाद्य विभाग के सुकृति सिंह व श्री चंदेल की जाँच रिपोर्ट पर दोषियों के विरूद्ध जगदीश कुशवाह कर्मचारी के 20 अगस्त 2010 को पुलिस रिपोर्ट व कार्यवाही पर जो रोक लगाई थी उस स्थगन को 6 वर्ष हो गये अभी तक वेकेंट क्यों नहीं कराया जा सका है? (ख) क्या दोषी कर्मचारी जगदीश कुशवाह जिसे चंदेरी से गुना स्थानांतरण किया था क्या उसे पुनः चंदेरी भेज दिया गया है तथा उसके विरूद्ध पुलिस रिपोर्ट व सेवा समाप्ति के बारे में क्या कार्यवाही प्रचलन में है उसकी क्या प्रगति है? (ग) श्री अशोक वर्णवाल तत्कालीन प्रमुख सचिव खाद्य के अशोकनगर, गुना दौरे के बाद तथा खाद्य विभाग के अधिकारी सुकृति सिंह तथा श्री चंदेल की रिपोर्ट व प्रश्नकर्ता एवं अन्य राशन की दुकानों की शिकायत के बारे में शासन ने क्या कार्यवाही की है तथा राशन की दुकानों में अनियमितताओं के बारे में जो सहकारिता विभाग के कर्मचारी है उनको राशन वितरण से अलग करने व दण्डित करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है तथा अन्य पत्रों पर अब तक क्या कार्यवाही हुई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा दिए गए स्थगन पर माननीय उच्च न्यायालय में प्रकरण गतिशील है। प्रकरण में मध्यप्रदेश शासन की ओर से नियुक्त जिला आपूर्ति अधिकारी अशोक नगर ने प्रभारी अधिकारी के रूप में स्थगन समाप्त कराने हेतु दिनांक 20/10/2010, 05/05/2014, 23/08/2014, 03/12/2014, 23/06/2016, 18/01/2017 को माननीय उच्च न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किये है। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर में विचाराधीन है। (ख) श्री जगदीश कुशवाह समिति प्रबंधक डोंगर शाखा चन्देरी का स्थानान्तरण दिनांक 14.06.2016 को सेवा सहकारी संस्था पनवाडीहाट शाखा आरोन जिला गुना पर किया गया था। श्री जगदीश कुशवाह का स्थानांतर पुन: दिनांक 14.10.2016 को सेवा सहकारी संस्था महोली शाखा चन्देरी जिला अशोकनगर किया गया है। जाँच रिपोर्ट दिनांक 07/06/2010 पर माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर से स्थगन दिये जाने से वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
जाँच प्रकरण में कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
2. ( क्र. 31 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 5 (क्रमांक 76) दिनांक 09.07.13 एवं परि.अता.प्रश्न संख्या 23 (क्रमांक 788) दिनांक 27.02.15 के संदर्भ में कार्यालय लोकायुक्त संभागीय सर्तकता समिति उज्जैन संभाग द्वारा जाँच प्रकरण क्रमांक 83/2007 से संबंधित उत्तर में बताया गया कि पाँचों आरोप प्रमाणित नहीं पाये जाने से प्रकरण नस्तीबद्ध कर दिया गया जबकि लोकायुक्त संगठन संभागीय सर्तकता समिति उज्जैन के पत्र क्रमांक/ससस/2008/149 उज्जैन दिनांक 10.01.08 के साथ संलग्न जाँच के 6 में से 5 आरोप (डॉ. मोहन गुप्त अध्यक्ष संभागीय सर्तकता समिति) प्रमाणित पाये गये? अतः वास्तविक स्थिति से अवगत करावें? (ख) अता. प्रश्न संख्या 23 (क्र. 788) दिनांक 27.01.15 के उत्तर में बताया गया कि समस्त रिकार्ड 30.01.14 को विनिष्ट किया जा चुका है, जबकि लोकायुक्त कार्यालय म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 3073/564/नस्त/15 में विनिष्ट किये जाने की दिनांक 30.01.15 है, जबकि उक्त प्रकरण में प्रश्नकर्ता वर्ष 2013 से पत्राचार कर रहे हैं, किन्तु कोई कार्यवाही नहीं करते हुए प्रकरण विनिष्ट कर दिया गया क्यों? (ग) क्या 6 में से 5 आरोप प्रमाणित पाये जाने पर उक्त प्रकरण की पुनः जाँच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो कारण स्पष्ट करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शिकायत के संबंध में अध्यक्ष, संभागीय सतर्कता समिति, उज्जैन द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन में 6 में से 5 आरोप प्रमाणित थे। प्रकरण के परीक्षण एवं तत्कालीन उपलोकायुक्त महोदय द्वारा विचारोपरांत अनावेदकों को दोषी नहीं पाये जाने से प्रकरण दिनांक 07/11/2008 को संगठन स्तर पर समाप्त किया गया है। (ख) अप्रमाणित प्रकरणों की संरक्षण अवधि समाप्त हो जाने के कारण जाँच प्रकरण क्रमांक 83/2007 से संबंधित अभिलेख/नस्ती दिनांक 30/01/2015 को विनिष्ट की गई है। विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 788 के उत्तर में अभिलेखों/नस्ती के विनिष्टीकरण की तिथि 30/01/2015 के स्थान पर 30/01/2014 टंकण त्रुटि के कारण अंकित हो गई है। प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रत्येक पत्र पर लोकायुक्त संगठन द्वारा यथासमय यथोचित कार्यवाही की गई है। (ग) माननीय लोकायुक्त अथवा उप लोकायुक्त महोदय के आदेशानुसार संगठन स्तर पर समाप्त किये गये प्रकरण को पुन: प्रचलित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। माननीय सदस्य द्वारा लोकायुक्त संगठन में दिये गये आवेदन एवं उसके साथ संलग्न जाँच प्रतिवेदन के आधार पर लोकायुक्त संगठन द्वारा जाँच प्रकरण क्रमांक 824/16 पंजीबद्ध किया जाकर जाँच विचाराधीन है।
आँगनवाड़ी भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( क्र. 56 ) श्री
हरवंश राठौर :
क्या महिला
एवं बाल विकास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
वर्ष 2015—2016
एवं 2016—17
में कितने
आंगनवाड़ी
भवनों के
निर्माण हेतु कहाँ—कहाँ
राशि स्वीकृत
कर एजेंसी को
प्रदाय की जा चुकी
है। क्या राशि
जारी करने के
छह माह के पश्चात्
भी कार्य
एजेंसी को
प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी नहीं की
गई है जिसके
कारण एजेंसी
द्वारा भवनों
का निर्माण
कार्य
प्रारंभ नहीं
किया जा रहा
है। स्वीकृत
भवनों की
जानकारी एवं
प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी नहीं
करने का क्या
कारण हैं एवं
कब तक
प्रशासकीय
स्वीकृति जारी
की जावेगी?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना चिटनिस
) : विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 हेतु
मनरेगा योजना
के अभिसरण से
कुल स्वीकृत 33
आंगनवाड़ी
भवनों के
निर्माण की
स्वीकृति एवं
राशि उपलब्ध
कराने की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट पर है। मनरेगा
योजना के
अभिसरण से
आंगनवाड़ी
भवन निर्माण
हेतु निर्माण
एजेंसी ग्राम
पंचायत नियत
है। मनरेगा
योजना के
अभिसरण से
आंगनवाड़ी
भवनों के
निर्माण के
लिये राशि
सीधे पंचायत
राज
संचालनालय के
माध्यम से
संबंधित
ग्राम
पंचातयों को
उपलब्ध कराई
जाती हैं तथा
इन आंगनवाड़ी
भवनों के निर्माण
के लिये जिला
स्तर से
तकनीकी एवं
प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी की जाती
हैं। पंचायत
राज संचालनालय
द्वारा
संबंधित
ग्राम पंचायत
को राशि
उपलब्ध कराने
के उपरान्त इन
33
आंगनवाड़ी
भवनों के
निर्माण की
तकनीकी एवं प्रशासकीय
स्वीकृति की
कार्यवाही
जिला पंचायत
के माध्यम से
प्रक्रियाधीन
है। जिसे शीघ्र
पूर्ण करवाकर
निर्माण
कार्य
प्रारंभ किये जायेंगे।
अतः शेष का
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
नहरों का रख-रखाव
[नर्मदा घाटी विकास]
4. ( क्र. 87 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नुनियाकला, बम्हनौदा, उर्दुवाकला, लंहगी, धनपुरी, डूंडी, पहाड़ीखेड़ा आदि जगहों की नहरें जगह जगह से टूटी हैं? (ख) क्या नहरों के रख-रखाव की व्यवस्था नहीं होने से सिंचाई का पानी व्यर्थ जा रहा हैं? (ग) क्या किसानों के आखिरी खेतों तक पानी नहीं पहुँच पा रहा हैं? (घ) यदि हाँ, तो रख-रखाव का कार्य कब तक शुरू किया जायेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नुनियाकला, बम्हनौदा, उर्दुवाकला एवं डूंडी ग्राम की नहरें नर्मदा घाटी विकास विभाग की बरगी परियोजना से संचालित हैं। इनमें कोई टूट–फूट नहीं है, नहर के अंतिम छोर तक प्रवाह चालू है। ग्राम लंहगी, धनपुरी, डूंडी व पहाडीखेड़ा की नहरें जल संसाधन विभाग के जलाशयों से संचालित हैं। इनके संबंध में जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार नहरें टूटी नहीं हैं। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। काडा कार्य अपूर्ण होने से अंतिम खेतों तक पानी सुचारू रूप से पहुंचने में कठिनाई आ रही है। (घ) रख-रखाव प्रतिवर्ष जल उपभोक्ता संथा के माध्यम से किया जाता है। ग्राम लंहगी, धनपुरी, डूंडी व पहाडीखेड़ा की नहरों की लाइनिंग एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य आर.आर.आर (Repair Renuvation and Restroation ) मद के अंतर्गत कराया जा रहा है। काडा कार्य मद में आवंटन प्राप्त होने पर पूर्ण किया जा सकेगा।
नहरों की मेढ़ों का मुरमीकरण
[नर्मदा घाटी विकास]
5. ( क्र. 88 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नहरों के निर्माण वर्ष के बाद आज तक नहरों की मेढ़ों पर मुरमीकरण का कार्य नहीं किया गया हैं? (ख) यदि किया गया है तो कब-कब? (ग) यदि नहीं, किया गया हैं तो क्यों? क्या निरीक्षण टीम के साथ साथ अन्य लोगों को आने जाने में कठिनाई हैं? (घ) क्या मुरमीकरण न होने से मदना एवं बिलगवां नहरें जो अत्यंत जीर्णशीर्ण स्थिति में हैं, इनके मुरमीकरण हेतु कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) बरगी व्यपवर्तन परियोजना की मुख्य नहर कि.मी. 6.94 से 61.00 कि.मी. व नीमखेड़ा माइनर प्रणाली को छोड़कर अन्य किसी जगह यह कार्य नहीं किया गया है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्टि अनुसार है। अधिकांश स्थानों पर आवश्यकता नहीं होने एवं आवागमन में कठिनाई नहीं होने से कार्य आवश्यक नहीं है। केवल मदना एवं बिलगवां नहरें में जहाँ आवश्यक है वहाँ कार्य कराया जाना प्रस्तावित है।
सहायक संवर्ग के समयमान वेतनमान की विसंगति का निराकरण
[वित्त]
6. ( क्र. 236 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य के सिविल सेवा के सदस्यों को सेवा में आगे बढ़ाने के निश्चित अवसर उपलब्ध कराये जाने की दृष्टि से (स) संवर्ग के म.प्र. के सभी विभागों में कार्यरत लिपिक संवर्ग (सहायक ग्रेड-3) को वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11/1/2008/नियम/चार, दिनांक-24 जनवरी 2008 द्वारा प्रारम्भिक नियुक्त का वेतनमान (5200-20200+1900 ग्रेड पे) से द्वितीय उच्चतर वेतनमान (5200-20200+2800 ग्रेड-पे) एवं तृतीय उच्चतर वेतनमान (9300-34800+3200 ग्रेड-पे) दिये जाने का प्रावधान किया गया था? यह आदेश मंत्रालयीन एवं विधि विभाग में कार्यरत कर्मचारी पर लागू था या नहीं? (ख) क्या उक्त आदेश में अवैधानिक तरीके से पृथक-पृथक आदेश से मंत्रालयीन सहायक ग्रेड-3 एवं विधि विभाग (उच्च न्यायालय) में कार्यरत सहायक ग्रेड-3 को प्रारंभिक नियुक्त का वेतनमान (5200-20200+1900 ग्रेड-पे) से द्वितीय उच्चतर वेतनमान (9300-34800+3600 ग्रेड-पे) एवं तृतीय उच्चतर वेतनमान (9300-34800+4200 ग्रेड-पे) स्वीकृत किये जाने संबंधी आदेश प्रसारित किये है या नहीं? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव किस-किस अधिकारी द्वारा किस-किस आधार पर स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किये गये हैं? प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश शासन के सभी विभागों में कार्यरत सहायक ग्रेड-3 के द्वितीय एवं तृतीय उच्चतर वेतनमानों में विसंगति हुई है या नहीं? क्या यह दोहरी/भेदभाव की नीति हुई या नहीं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या शासन के पास इस दोहरी नीति/विसंगति के निराकरण के लिये कोई नीति है? यदि हाँ, तो बतावें? क्या इस विसंगति का निराकरण 7वां वेतनमान स्वीकृति के पूर्व किया जावेगा? स्कूल शिक्षा विभाग में प्रश्नोत्तर दिनाँक तक ऐसे कितने लिपिक संवर्ग के (सहायक ग्रेड-3/ग्रेड-2/गणक/लेखापाल आदि) कर्मचारी है जिन्हें 10 वर्ष एवं 20 वर्ष की सेवा पर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उच्चतर वेतनमान स्वीकृत किया है? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) मंत्रि-परिषद् की स्वीकृति उपरांत आदेश प्रसारित किये गये है। मंत्रि-परिषद् संक्षेपिका एवं निर्णय की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मंत्रालय तथा उच्च न्यायालय के लिपिकीय संवर्ग के वेतनमान अन्य विभागों के वेतनमान से भिन्न है। अत: भेदभाव की स्थिति नहीं है। (घ) उपर्युक्त ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेषांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जाति प्रमाण पत्र
[सामान्य प्रशासन]
7. ( क्र. 238 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 7.80/2014/आ.प्र./एक, भोपाल, दिनांक 27.03.15 एवं 19.02.2016 के द्वारा समस्त कलेक्टर म.प्र. को मोगिया, मोध्या, मोंग्या, अनुसूचित जनजाति के संबंध में जारी प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हां, है तो क्या उक्त पत्र में यह भी उल्लेखित है कि मोगिया, मोध्या, मोंग्या जाति संपूर्ण मध्यप्रदेश के लिए अनुसूचित जनजाति अधिसूचित है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर हां, तो विदिशा जिले के किस-किस अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व को 01 अप्रैल 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने आवेदकों के आवेदन प्राप्त हुये, कितनों के जाति प्रमाण पत्र बनाये गये हैं, कितने शेष हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर विदिशा को प्रेषित पत्र दिनांक 12.01.2017 पर क्या कार्यवाही हुई है? यदि नहीं, तो कारण देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) प्रश्नाधीन पत्र समस्त अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) को दिनांक 02.02.2017 द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु भेजा गया।
सांस्कृतिक विरासत सहजने संबंधी कार्य
[संस्कृति]
8. ( क्र. 263 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१३ से दिसम्बर २०१६ तक प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत सहेजने की दृष्टि से कहाँ-कहाँ उत्खनन कार्य किया गया? उक्त कार्य में क्या अवशेष व अन्य पुरातत्वीय वस्तुएं मिली एवं उक्त कार्य पर हुए व्यय का वर्षवार मदवार ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त अवधी में अनुरक्षण, लघुनिर्माण, मॉडलिंग कार्यों व उन पर व्यय का वर्षवार, मदवार ब्यौरा दें. (ग) वर्तमान में विभाग द्वारा कराये जा रहे प्रमुख कार्यों की जानकारी दें.
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) वर्ष 2013 से दिसम्बर, 2016 तक विभाग द्वारा ग्राम बिरजाखेड़ी जिला हरदा एवं कोषण सुरपुरा जिला भिण्ड में उत्खनन कार्य कराया गया. उक्त कार्य में मिले अवशेष व अन्य पुरातत्वीय वस्तुओं एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार. (ख) वर्ष 2013 से दिसम्बर 2016 तक अनुरक्षण कार्यों के वर्षवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार. लघु निर्माण के कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार. मॉडलिंग कार्यों व उन पर वर्षवार व्यय की जानकारी मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार. (ग) प्रश्नांश ‘‘ख’’ के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में विभाग द्वारा कराये जा रहे प्रमुख अनुरक्षण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘इ’’ अनुसार. उत्खनन शाखा द्वारा प्रदेश के जिलों का ग्रामवार सर्वेक्षण का कार्य कराया जा रहा है. मॉडलिंग शाखा द्वारा 1650 नग पुरातत्व महत्व की प्रतिकृतियों का निर्माण किया जा रहा है एवं नवीन मोल्ड यथा कुबेर, शिव एवं द्वारा शाखा का निर्माण किया गया है.
विद्युत बिलों में अनियमितता
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 428 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन संभाग में विद्युत बिल की रीडिंग, बिल प्रिंट,एव विद्युत बिल वितरण का कार्य ठेके से करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग में कौन-कौन सी कम्पनियां (ठेकेदार) कहाँ-कहाँ पर किस-किस कार्य को संपादित कर रही हैं कंपनी के नाम, शहर के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नकर्ता के परिवर्तित अता. प्रश्न संख्या-1 (क्रमांक-1) दिनांक 6 दिसम्बर 2016 के खंड (क) के उत्तर में बताया गया की मंदसौर, रतलाम, नीमच जिले में 1 वर्ष में 15,884 शिकायतों का निराकरण कर 12,668 बिलों में 40.73 लाख का संशोधन विभाग द्वारा किया गया, क्या इतनी बड़ी त्रुटी के लिए विभाग द्वारा ठेकेदार से कोई राशि काटी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? इन निजी कम्पनियों के कार्यों की मॉनीटिरिंग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई या की जायेगी? (ग) उक्त जिलों में बिलों में लगातार ज्यादा यूनिट एवं राशि दिए जाने के क्या कारण हैं क्या दोषी अधिकारी को दण्डित तथा ठेका कम्पनियों के लायसेंस निरस्त किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? क्या विभाग उक्त जिलों में लगातार बिलों की शिकायतों के बाद, गत 1 वर्ष के सभी बिलों की जाँच करवाकर उपभोक्ताओं को न्याय दिलवाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उज्जैन संभाग में केवल विद्युत बिल प्रिटिंग का कार्य निविदा प्रक्रिया उपरांत चयनित ठेकेदारों के माध्यम से कराया जा रहा है, जिसकी वृत्तवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मीटर की रीडिंग (बिल की रीडिंग नहीं) एवं बिल वितरण का कार्य निविदा आधारित नहीं होकर ऑउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवा प्रदाता फर्मों द्वारा उपलब्ध कराये गये श्रमिकों से अन्य अनुषांगी विभागीय कार्यों के साथ-साथ कराये जाते हैं। इसके अतिरिक्त संचालन/संधारण वृत्त उज्जैन, रतलाम एवं नीमच की रीडिंग एवं बिल वितरण का कार्य स्वतंत्र रूप से अनुबंधित व्यक्ति के द्वारा अनुबंध के आधार पर कराया जा रहा है जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। विद्युत देयक बनाने में विभिन्न मानवीय कारक लगते है जैसे मीटर रीडिंग, मीटर रीडिंग की कम्प्यूटर में एन्ट्री, पुराने भुगतान को सिस्टम में इन्द्राज करना इत्यादि। अत: बिल तैयार करने की प्रक्रिया में मानवीय त्रुटि होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। प्रश्नाधीन उल्लेखित बिलों की राशि का संशोधन 8 प्रकार की विभिन्न त्रुटियों के कारण हुआ था। प्रश्नाधीन तीनों जिलों में विगत विधानसभा सत्र के प्रश्न में उल्लेखित लगभग 22 माह की अवधि में उपभोक्ताओं को कुल 182.39 लाख विद्युत बिल जारी किये गये थे, जिसकी कुल राशि रू. 1626.97 करोड़ थी। उक्त बिलों में से केवल 12668 बिलों में ही संशोधन की स्थिति निर्मित हुई जो कि जारी किये गये बिलों की तुलना में नगण्य है। मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण के कार्य निविदा आधारित नहीं होने के कारण कोई भी राशि नहीं काटी गई है, केवल मीटर रीडिंग के कार्य में अनियमितता पाये जाने पर रतलाम, मंदसौर एवं नीमच में सेवा प्रदाता फर्म द्वारा उपलब्ध कराये गये क्रमश: 12, 29 एवं 6 श्रमिकों को कार्य से मुक्त कर हटा दिया गया है। इसके अतिरिक्त नीमच वृत्त के अन्तर्गत नियमित कार्यरत कर्मचारी श्री पवन पिता ओमप्रकाश गंधर्व, लाईन हेल्पर को निलंबित किया गया है। साथ ही स्वतंत्र रूप से अनुबंधित 4 मीटर वाचकों का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। मानवीय/तकनीकी त्रुटियों के कारण विद्युत बिलों में हुई गलती संबंधित अधिकारी के संज्ञान में आने पर, बिलों में सुधार किया जाता है एवं सक्षम अधिकारी द्वारा अनियमितता करने वाले श्रमिकों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। अत: संबंधित मॉनीटरिंग अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) मंदसौर, रतलाम एवं नीमच जिलों में नियमानुसार ही विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं एवं उत्तरांश-ख में वर्णित कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध अन्य कोई कार्यवाही किया जाना शेष नहीं है। उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने पर तुरंत ही संबंधित अधिकारी द्वारा जाँचकर उचित कार्यवाही की जाती है जो कि एक सतत प्रक्रिया है, अत: अन्य कोई जाँच कराया जाना आवश्यक नहीं है।
विद्युत उप केन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 1027 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पहाड़ली व राजपुरा के मध्य व इसके आस-पास बसे दो दर्जन से अधिक ग्रामों में कृषि सीजन में प्रतिवर्ष सुचारू विद्युत व्यवस्था व लो वोल्टेज की समस्या गहरा जाती है इस कारण उक्त ग्रामों के कृषक खासे परेशान रहते है? (ख) कृषकों की उक्त समस्या का हल तभी संभव है जब पहाड़ली व राजपुरा के मध्य नवीन 33/11 विद्युत सब स्टेशन स्वीकृत कर स्थापित करवा दिया जावे? (ग) प्रश्नकर्ता के अता.प्र.सं. 87 (क्रमांक 1034) दिनांक 06.12.2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में उक्त समस्या को अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकारते हुए प्रश्नांश (ग) के उत्तर में जानकारी दी थी कि उक्त सब स्टेशन का निर्माण कार्य एस.एस.टी.डी. योजना में प्रस्तावित है फंड की उपलब्धतानुसार अग्रिम कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो फंड की उपलब्धता हेतु वर्तमान तक क्या प्रयास किये गये? (घ) क्या विद्युत कंपनी क्षेत्र हित के मद्देनजर यथाशीघ्र फंड की उपलब्धता सुनिश्चित करके अथवा शासन से आर्थिक सहायता प्राप्त करके अविलंब उक्त सब स्टेशन को स्वीकृति प्रदान कर इसकी स्थापना करवाएगी, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पहाड़ली व राजपुरा के मध्य व इसके आस-पास के ग्रामों में कृषि सीजन में विद्युत भार/मांग अधिक होने के कारण कतिपय अवसरों पर सुचारू विद्युत प्रदाय/लो वोल्टेज की समस्या आती है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्राम पहाड़ली एवं राजपुरा के मध्य 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण कार्य की आवश्यकता है। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी विगत विधानसभा सत्र के प्रश्न क्रमांक 1034 (सरल क्र.87) दिनांक 6.12.16 में दी गई थी। वित्तीय उपलब्धता हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) जी हाँ, वित्तीय उपलब्धता हेतु प्रयास किये जा रहे हैं एवं वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप प्रश्नाधीन विद्युत उपकेन्द्र के कार्य की स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी।
विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 1028 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि बाहुल्य श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम ढोढपुर व इसके आस-पास के दर्जनभर से अधिक ग्रामों में हमेशा कृषि सीजन में समुचित विद्युत प्रदाय व लो वोल्टेज की गंभीर समस्या व्याप्त रहती है इस कारण कृषकों को कृषि कार्य में कई समस्याएं आती है? (ख) उक्त समस्या के हल हेतु क्या ग्राम ढोढपुर में नवीन 33/11 विद्युत सब स्टेशन अविलंब स्वीकृत कर स्थापित कराये जाने की अत्यंत आवश्यकता है? (ग) प्रश्नकर्ता के अता.प्र.सं. 87 क्रमांक 34 दिनांक 06.12.2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में स्वीकारा है कि ग्राम ढोढपुर सहित आस-पास के क्षेत्रों में कृषि सीजन में प्रतिवर्ष विद्युत भार व मांग अधिक रहने के कारण सुचारू विद्युत प्रदाय व लो वोल्टेज की समस्या आती है प्रश्नांश (ग) में ढोढपुर में उक्त सब स्टेशन की स्थापना का कार्य एस.एस.टी.डी. योजना में प्रस्तावित है फंड की उपलब्धतानुसार अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी ये भी स्वीकारा है यदि हाँ, तो फंड की उपलब्धता हेतु वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या विद्युत कंपनी फंड की उपलब्धता हेतु मजबूत प्रयास करके फंड की उपलब्धता सुनिश्चित करके ग्राम ढोढपुर में उक्त सब स्टेशन के कार्य को यथाशीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगी, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम ढोढपुर व इसके आस-पास के ग्रामों में कृषि सीजन में विद्युत भार/मांग अधिक होने के कारण कतिपय अवसरों पर सुचारू विद्युत प्रदाय/लो वोल्टेज की समस्या आती है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्राम ढोढपुर में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण कार्य की आवश्यकता है। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी विगत विधानसभा सत्र के प्रश्न क्रमांक 1034 (सरल क्रमांक 87) दिनांक 06.12.2016 में दी गई थी। वित्तीय उपलब्धता हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) जी हाँ, वित्तीय उपलब्धता हेतु प्रयास किये जा रहे हैं एवं वित्तीय उपलब्धता के अनुसार प्रश्नाधीन विद्युत उपकेन्द्र के कार्य को स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी।
तत्कालीन महिला बाल विकास अधिकारी नागदा के विरूद्ध जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
12. ( क्र. 1234 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 20 (क्रमांक 1409) दिनांक 6 दिसम्बर 2016 में तत्कालीन महिला बाल विकास अधिकारी नागदा की जाँच संयुक्त आयुक्त उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक 5211 दिनांक 13.08.16 द्वारा विभाग को भेजने एवं उस पर कार्यवाही विचाराधीन, जवाब दिया गया था? (ख) क्या उक्त कार्यवाही जाँच विभाग द्वारा क्या पूर्ण कर ली गयी है? यदि हाँ, तो जाँच की प्रति उपलब्ध करावे। इसके लिये कौन दोषी है? विभाग द्वारा यदि जाँच पूर्ण नहीं हुई तो कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री मृदुल मालवीय, तत्कालीन परियोजना अधिकारी नागदा जिला उज्जैन को विभाग के पत्र क्र. 2343/1718/2016/50-1 दिनांक 24.12.2016 द्वारा कारण बताओ सूचनापत्र जारी कर जवाब चाहा गया था। श्री मालवीय से उत्तर प्राप्त हो गया है, जिसका परीक्षण कर आगामी कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
राजीव गांधी विद्युतीकरण तथा फीडर सेपरेशन के कार्य
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 1365 ) श्री हरवंश राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अविद्युतीकरण के कितने ग्राम शेष हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत फीडर सेपरेशन तथा राजीव गांधी विद्युतीकरण योजनान्तर्गत कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ एवं अपूर्ण हैं तथा कब तक पूर्ण करा लिए जाएंगे। (ग) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन ग्रामों की विद्युत सप्लाई किन कारणों से बंद है एवं किन-किन ग्रामों में ट्रांसफार्मर जले एवं खराब हैं? उनको कब तक बदल दिया जाएगा? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। (ख) बंडा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत 6 फीडरों के कार्य अपूर्ण हैं, जिनकी फीडरवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। ठेकेदार एजेंसी को दिये गये कार्यादेश की शर्तों के अनुसार उक्त शेष कार्य वित्तीय वर्ष 2016-17 में पूर्ण किया जाना संभावित है। बंडा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में प्रचलित 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में किसी भी अविद्युतीकृत ग्राम के विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्राम के सघन विद्युतीकरण का कोई भी कार्य अप्रारंभ अथवा अपूर्ण नहीं है। (ग) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मात्र 1 ग्राम-सिमरिया खुर्द में विद्यमान फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से सम्बद्ध शत्-प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बिजली के बिलों का भुगतान नहीं किये जाने के कारण ग्राम का विद्युत प्रदाय बन्द है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत 12 ग्रामों के 13 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का भुगतान नहीं किये जाने के कारण इन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला नहीं जा सका है। उक्त सभी जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का भुगतान किये जाने पर इन्हें बदला जाना संभव हो सकेगा, अत: वर्तमान में समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। उक्त 12 ग्रामों के 13 फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
पवन चक्की से विद्युत उत्पादन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
14. ( क्र. 1485 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पवन चक्की से विद्युत उत्पन्न होने के प्रोजेक्ट जगह-जगह पंचायत क्षेत्रों में स्थापित किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों की पंचायत क्षेत्रों में पवन चक्की स्थापित की गई है, जिले की पंचायत व स्थापित पवन चक्की की संख्या की सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार पवन चक्की स्थापित करने पर पंचायत राजस्व अधिनियम के तहत कुछ राशि पंचायत अथवा शासन के खाते में जमा की जाना है? यदि हाँ, तो किस धारा के तहत कितनी राशि जमा की जाना निर्धारित है? स्पष्ट करें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार पवन चक्की स्थापित करने पर संबंधित से निर्धारित राशि जमा कराई जा रही है? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें व कब तक जमा कराई जावेगी? स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। स्थापित पवन चक्कियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। राशि जमा कराने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत ट्रंसफार्मरों का लोड कम करने हेतु कार्य योजना
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 1489 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले में ऐसे कई विद्युत ट्रांसफार्मर हैं जहाँ उनकी क्षमता से अधिक लोड है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने विद्युत ट्रांसफार्मर है, संख्या स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा ऐसे ट्रांसफार्मर का लोड कम करने हेतु क्या कार्य योजना बनाई गई है व इसे कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कुल 158 वितरण ट्रांसफार्मरों पर क्षमता से अधिक भार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में अति उच्चदाब उपकेन्द्रों एवं 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों पर स्थापित कोई भी पॉवर ट्रांसफार्मर अतिभारित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कुल 158 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों में से 62 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि एवं 96 स्थानों पर अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने का कार्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना वर्ष 2016-17 के अंतर्गत किये जाने हेतु स्वीकृत है। उक्त कार्य माह जून-2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
महिला बाल विकास विभाग गुना में चल रही अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
16. ( क्र. 1521 ) श्रीमती ममता मीना : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले में वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक विकासखण्डवार कितने-कितने कुपोषित बच्चे चिन्हांकित किये गये हैं तथा इन चिन्हांकित बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिये क्या कलेक्टर गुना से कार्य योजना अनुमोदित कराई है तथा इस कार्य योजना अनुसार माहवार तथा विकासखण्डवार एन.आर.सी. में कितने कितने बच्चे भर्ती कराये गये है तथा वर्तमान में इन चिन्हित बच्चों का कुपोषण दूर कर दिया है अथवा नहीं? अन्य जिलो में भी क्या यही स्थिति है? विकासखण्डवार स्थिति बताए? (ख) कितने जिलों में जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं महिला बाल विकास अधिकारियों के पदों पर जूनियर सहायक संचालक पदस्थ हैं तथा वरिष्ठता के आधार पर इन पदों पर सहायक संचालकों को क्यों पदस्थ नहीं किया गया? (ग) गुना जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका के कितने-कितने पद किस दिनांक से रिक्त हैं तथा इनकी पूर्ति कब तक कर ली जावेगी। आगामी तारीख सहित बताएं। (घ) उक्त विसंगति/मापदण्ड के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उसे हटाकर उसके विरूद्ध विभागीय जाँच कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी तथा उक्त विसंगति को कब तक दूर कर दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) गुना जिले में वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक विकासखण्ड गुना में 1978, बमोरी में 967, आरोन में 353, राघौगढ़ में 867 तथा चांचौडा में 648 इस प्रकार कुल 4813 बच्चें चिन्हांकित किये गए। जी हाँ। गुना जिले में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराये गए बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इनमें से 1801 बच्चों के पोषण स्तर में परिवर्तन हुआ है। अन्य जिलों में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराये गए बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) उपसंचालक/ जिला कार्यक्रम अधिकारी संवर्ग के पद रिक्त होने के कारण प्रदेश में कुल 15 जिलों में सहायक संचालक संवर्ग के अधिकारियों को प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी के रूप में पदस्थ किया गया है। प्रदेश के 02 जिलों जबलपुर एवं गुना में एक साथ वर्ष 2014 में सहायक संचालक पद पर पदोन्नत अधिकारियों में से एक को प्रभार दिया गया है। प्रदेश के किसी भी जिले में एक साथ पदस्थ 02 सहायक संचालक संवर्ग के अधिकारियों में से बाद में पदोन्नत/ नियुक्त अधिकारी को पूर्व में पदोन्नत/ नियुक्त अधिकारी के अधीन पदस्थ नहीं किया गया है। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 69 पद आंगनवाड़ी सहायिका के 52 पद एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 15 पद रिक्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) जिलें में रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में कोई विसंगति नहीं है। अतः शेष का प्रश्न नहीं।
उप संभागों एवं संभागों का पुनर्गठन
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 1555 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में (संचा/संधा) उपसंभागों एवं (संचा/संधा) संभागों का पुनर्गठन हेतु कार्यालय अधीक्षण अभियंता (संचा/संधा) वृत म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंमनी लिमिटेड नरसिंहपुर ने मुख्य महाप्रबंधक (मा.सं.एवं.प्रषा), म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क.लि. जबलपुर को पत्र क्र/अअन/सं.सं./कार्य/2954/ नरसिंहपुर दिनांक 15-07-2016 को लेख किया था? उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अधीक्षण अभियंता के द्वारा (संचा/संधा) उपसंभागों एवं (संचा/संधा) संभागों का पुनर्गठन के संबंध में अपना अभिमत साध्य बताया था? गोटेगांव में उपसंभाग का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नरसिंहपुर जिले के संचालन एवं संधारण उप संभागों तथा संचालन एवं संधारण संभागों के पुनर्गठन हेतु अधीक्षण अभियन्ता (संचालन/संधारण) नरसिंहपुर के प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्र क्रमांक 2954 दिनांक 15.07.2015 द्वारा प्रस्ताव मुख्य महाप्रबंधक (मा.सं. एवं प्रशा.) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को प्रेषित किया गया था। नरसिंहपुर जिले में अधीक्षण अभियंता, संचालन एवं संधारण सहित पर्याप्त संख्या में संचालन एवं संधारण संभाग, संचालन एवं संधारण उप संभाग व वितरण केन्द्र कार्यरत हैं, अत: उक्त प्रस्ताव पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) जी हाँ, साध्य प्रतीत होना बताया गया था। गोटेगांव में पूर्व से ही उप संभाग कार्यरत है, अत: कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
विभागीय परिपत्रों अनुसार माझी प्रमाणपत्र धारकों को संरक्षण
[सामान्य प्रशासन]
18. ( क्र. 1592 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री को प्रश्नकर्त्ता द्वारा पत्र दिनांक 20-1-2016 के साथ माझी जनजाति के प्रमाणपत्र धारक धीमर, केवट आदि जातियों के शासकीय सेवकों के विरूद्ध किन्हीं प्रकार की कोई कार्यवाही न किये जाने विषयक किन्हीं विभागों के किन्हीं दिनांकों के परिपत्रों को संलग्न किया है। (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) से संबंधित विषय पर अभी तक किन-किन तिथियों में परिपत्र जारी किये हैं। (ग) क्या विभाग ने किन्हीं न्याय दृष्टान्तों और महाधिवक्ता के अभिमतों के आधार पर किन्हीं जनजातियों के प्रमाणपत्रधारकों, जो पिछड़ावर्ग की जातियों की सूची के किन्हीं सरल क्रमांकों में अंकित हैं और जिनके लोगों के शासकीय सेवाओं में नियोजन अंतिम हो चुके हैं, उन्हें कोई संरक्षण प्रदान किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) परिपत्रों व मा. मुख्यमंत्री द्वारा प्रदत्त सहमति व अनुमोदन और प्रश्नांश (ग) न्यात दृष्टान्तों व महाधिवक्ताओं के अभिमतों के आधार पर माझी जनजाति के प्रमाण-पत्र धारक धीमर, केवट आदि जिनके विभागीय परिपत्र दिनांक 11-11-2005 के पूर्व शासकीय सेवाओं में नियोजन अंतिम हो चुके हैं, उन्हें कब तक संरक्षण प्रदान कर दिया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पत्र दिनांक 20.01.2016 इस विभाग में आना नहीं पाया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लिफ्टइरीगेशन से लाभान्वित ग्राम
[नर्मदा घाटी विकास]
19. ( क्र. 1593 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यगमंत्री द्वारा माह अगस्त, सितम्बर, अक्टू्बर 2016 के किन दिनांकों में बड़वारा विधानसभा क्षेत्र के किन ग्रामों की जनदर्शन यात्रा के सार्वजनिक कार्यक्रमों में दायीं तट नहर के किसी स्थान से किन विकासखण्डों के किन ग्रामों के खेतों तक लिफ्ट इरीगेशन के द्वारा पानी पहुंचाने की घोषणा की है? (ख) क्या विभाग द्वारा वि.खं. ढीमरखेड़ा, कटनी और बड़वारा के किन-किन ग्रामों को माइक्रोइरीगेशन योजना से जोड़ा है और ऐसे कौन से ग्राम हैं, जो किन कारणों से लाभान्वित नहीं हो पायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) क्षेत्र के किन-किन जलाशयों से नहरों के माध्यम से सिंचाई होती है, उनके जलभण्डारण में वृद्धि कर अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने और सिंचाई रकबे के विस्तार के लिये क्या योजना बनायी गई है। (घ) प्रश्नांश (ख) के वंचित ग्रामों में पानी पहुंचाने की क्या योजना बनायी जावेगी। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) से कितने हेक्टेयर रकबे को सिंचित किया जावेगा।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा बरगी व्यपवर्तन परियोजना की मुख्य नहर से उद्वहन सिंचाई योजनाएं बनाकर सिंचाई सुविधाएं देने की घोषणाओं का विवरण निम्नानुसार है:- (1) दिनांक 10/08/2016 को मुख्य नहर के 85 से 102 किलोमीटर से ढीमरखेड़ा विकासखण्ड के 98 ग्रामों में लगभग 15,000 हेक्टेयर में सिंचाई देना। (2) . दिनांक 11/09/2016 को मुख्य नहर के 104 किलोमीटर से स्लीमनाबाद-बडवारा परियोजना बनाकर ढीमरखेड़ा, बहोरीबंद, मुडवारा एवं बडवारा विकासखण्डों के क्रमश: 6,15,55 एवं 59 ग्रामों में लगभग 35,000 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा देना। (3) दिनांक 15/10/2016 को ढीमरखेड़ा विकासखण्ड के ग्राम पौनिया में सिंचाई सुविधा देना। (ख) वर्तमान में प्रश्नाधीन ग्रामों में कोई माईक्रो इरीगेशन परियोजना नहीं है। प्रश्नांश ‘’क’’ के उत्तर में वर्णित परियोजनाओं में प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्रामों का सैच्य क्षेत्र शामिल है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में नर्मदा घाटी विकास विभाग की कोई सिंचाई परियोजना नहीं है। (घ) जानकारी उपरोक्त उत्तर ‘’क’’ एवं ‘’ख’’ अनुसार है। (ड.) जानकारी उपरोक्त उत्तर ‘’क’’ अनुसार है।
आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( क्र. 1628 ) श्री अंचल सोनकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर पूर्व विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों को खोला गया है? इन केन्द्रों में कुल कितने बच्चे हैं? केन्द्रवार बच्चों की संख्या, बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में संचालित कितनी आंगनवाड़ी शासकीय भवन एवं कितनी आंगनवाड़ी किराये के भवनों में संचालित हो रही है? किराये पर संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितना किराया मासिक दिया जा रहा है? शासकीय एवं अशासकीय भवनों की जानकारी अलग-अलग पता सहित बतावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा क्षेत्र में आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति हेतु संबंधित विभाग को लेख किया गया था? यदि हाँ, तो कब? क्या पत्र पर कार्यवाही करते हुये आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो कितने भवनों की? भवन कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के निर्मित होंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जबलपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल 169 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। केन्द्रवार बच्चों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा दिनांक 26.10.2016 के पत्र में पूर्व विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत सुभाष वार्ड में, पानी की टंकी के पास आंगनवाड़ी भवन निर्माण का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। उक्त आंगनवाड़ी केन्द्र नगरीय क्षेत्रान्तर्गत आता है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति उपलब्ध वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर दी जाती है, अतः समय सीमा दी जाना संभव नहीं है।
कुपोषित बच्चों को खोजने हेतु शिविर का आयोजन
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( क्र. 1629 ) श्री अंचल सोनकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले अंतर्गत कुल कितने कुपोषित बच्चे वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक कहाँ-कहाँ किस स्थिति में पाये गये? कुपोषित बच्चों को खोजने के लिये विभाग द्वारा कितने शिविरों का आयोजन कहाँ-कहाँ पर किया गया? स्थान सहित बतावें। क्या ऐसे आयोजनों के दौरान विभाग द्वारा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क कर कुपोषित बच्चे बालिकाएं एवं गर्भवती महिलाओं को खोजने में मदद ली? यदि हाँ, तो कब-कब किस-किस से? (ख) क्या शासन की ऐसी महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी संबंधित विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों को प्रदाय नहीं की जाती है? कारण बतावें? क्या ऐसे लोक हित के शिविरों में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने का शासन द्वारा कोई आदेश विभाग को प्रदाय नहीं किया गया है? कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्रश्नकर्ता की विधान सभा क्षेत्र पूर्व जबलपुर में वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक कुल कितने शिविरों का आयोजन किया गया, कितने शिविरों की जानकारी प्रश्नकर्ता को दी गई? कुपोषित बच्चे, बालिकाएं एवं महिलाओं को चिन्हित करने हेतु आयोजित शिविरों में किस-किस अधिकारी/कर्मचारी ने भाग लिया, शिविरों में कुल कितनी राशि का व्यय किया गय वर्षवार क्षेत्रवार बतावें? व्यय राशि का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांकित अवधि में चिन्हांकित अतिकम वजन के बच्चों का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रत्येक माह की 1 से 4 तारीख तक 5 वर्ष की उम्र तक के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। अतिकम वजन के बच्चों, किशोरी बालिकाएं एवं गर्भवती माताओं को खोजने हेतु पृथक से शिविरों का आयोजन नहीं किया जाता हैं। विभाग की समस्त महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी समय-समय पर विभिन्न माध्यमों से जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध करायी जाती है विभाग द्वारा आयोजित विशेष शिविरों में भी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किये जाने के निर्देश हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के सदंर्भ में अतिकम वजन के बच्चों को खोजने हेतु शिविर का आयोजन न होने से शेष का प्रश्न नहीं।
विद्युत बिलों के संबंध में
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 1644 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 1 जनवरी, 2015 से 31 जनवरी, 2017 तक बिलों की राशि में अनियमितता को लेकर कितने लोगों ने शिकायत दर्ज की इनमें कितनी शिकायतों का निराकरण कर कितनी राशि का संशोधन कितने बिलों में किया गया? वितरण केन्द्रवार संख्या देवें? (ख) प्रश्नांकित अवधि में कितने उपभोक्ताओं ने मीटर खपत एवं आंकलित खपत के बिलों में अधिक राशि भेजे जाने की शिकायत दर्ज कराई? (ग) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने बी.पी.एल. परिवारों के घरेलू कनेक्शन एवं अन्य कितनों के घरेलू तथा कृषि कनेक्शन दिसम्बर-16 की स्थिति में विद्यमान है? वितरण केन्द्रवार संख्या देवें एवं यह भी बतलावें कि उल्लेखित कनेक्शन धारियों को प्रतिमाह किस दर पर कितना ऊर्जा प्रभार, नियत प्रभार, ईधन समायोजन प्रभार, मीटर प्रभार के साथ-साथ राज्य शासन के द्वारा जारी विभिन्न श्रेणियों हेतु प्रायोज्य विद्युत शुल्क वसूल किया जाता है? इन प्रभारों में राज्य शासन द्वारा विभिन्न श्रेणियों को दी जाने वाली कौन-कौन सी किस दर से सब्सिडी दी जाती है? इन प्रभारों में जमा सुरक्षा निधि पर देय ब्याज की राशि का किस दर पर समायोजन किया जाता है? उल्लेखित कनेक्शनों पर श्रेणीवार विस्तृत विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कनेक्शन धारियों में से कितने कनेक्शन बिना मीटर के किन कारणों से संचालित हैं? वितरण केन्द्रवार संख्या देवें एवं यह भी बतलावें कि इन उपभोक्ताओं को किस आधार पर बिजली के बिल दिये जा रहे हैं? प्रश्न दिनांक की स्थिति में पाटन विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु कोन-कौन सी योजनाएँ किन शर्तों के अधीन संचालित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जबलपुर जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 01 जनवरी, 2015 से 31 जनवरी, 2017 तक बिलों की राशि में त्रुटि के संबंध में 1380 शिकायतें प्राप्त हुई एवं इन सभी शिकायतों का निराकरण कर रू. 29,53,238/- की राशि का सभी 1380 बिलों में संशोधन किया गया है। उक्त प्राप्त शिकायतों, निराकृत शिकायतों तथा संशोधित की गई राशि की वितरण केन्द्रवार संख्या निम्नानुसार है :-
क्र. |
वितरण केन्द्र का नाम |
प्राप्त शिकायतों की संख्या |
निराकृत शिकायतों की संख्या |
संशोधित राशि (रूपये में) |
1 |
कटंगी |
19 |
19 |
85270 |
2 |
पाटन-1 |
215 |
215 |
679365 |
3 |
पाटन-2 |
124 |
124 |
301579 |
4 |
बोरिया |
48 |
48 |
113170 |
5 |
मझोली |
247 |
247 |
487318 |
6 |
मढ़ोताल ग्रामीण |
1 |
1 |
23448 |
7 |
गोसलपुर |
415 |
415 |
720240 |
8 |
सिहोरा ग्रामीण |
311 |
311 |
542848 |
योग |
1380 |
1380 |
2953238 |
(ख) प्रश्नांकित अवधि में 1292 उपभोक्ताओं ने मीटर खपत एवं आंकलित खपत के बिलों में अधिक राशि अंकित किये जाने की शिकायत दर्ज कराई। (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दिसम्बर, 2016 की स्थिति में विद्यमान बी.पी.एल. परिवारों के घरेलू कनेक्शनों एवं अन्य घरेलू तथा कृषि कनेक्शनों की वितरण केन्द्रवार संख्या निम्नानुसार है :-
क्र. |
वितरण केन्द्र का नाम |
बी.पी.एल. घरेलू कनेक्शन |
अन्य घरेलू कनेक्शन |
कृषि पंप कनेक्शन |
1 |
कटंगी |
242 |
0 |
255 |
2 |
पाटन-1 |
491 |
0 |
492 |
3 |
पाटन-2 |
248 |
0 |
201 |
4 |
बोरिया |
145 |
0 |
254 |
5 |
मझोली |
1456 |
997 |
669 |
6 |
मढ़ोताल ग्रामीण |
121 |
565 |
330 |
7 |
गोसलपुर |
0 |
0 |
357 |
8 |
सिहोरा ग्रामीण |
0 |
0 |
625 |
योग |
2703 |
1562 |
3183 |
प्रश्नाधीन उल्लेखित श्रेणी के उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के तहत् राज्य शासन द्वारा प्रयोज्य होने वाली सब्सिडी को समायोजित कर प्रतिमाह बिल प्रेषित किये जाते हैं। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित त्रैमासिक आधार पर ईधन प्रभार समायोजन की राशि को भी बिलों में समाहित किया जाता है। राज्य शासन को देय विद्युत शुल्क एवं उपभोक्ता की जमा सुरक्षा निधि पर वर्तमान में 7.75 प्रतिशत की दर से ब्याज भी उपभोक्ताओं के बिलों में समाहित रहता है। घरेलू कनेक्शनों तथा कृषि उपभोक्ताओं को वर्तमान में प्रायोज्य होने वाले ऊर्जा प्रभारों का विवरण, ईधन प्रभार समायोजन तथा मीटर प्रभार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', राज्य शासन को देय विद्युत शुल्क पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी संबंधी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित उपभोक्ताओं में से मीटरों की कमी के कारण 271 कनेक्शन बिना मीटर के हैं, जिनका वितरण केन्द्रवार संख्या निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
वितरण केन्द्र का नाम |
बिना मीटर वाले कनेक्शनों की संख्या |
1 |
कटंगी |
0 |
2 |
पाटन-1 |
0 |
3 |
पाटन-2 |
0 |
4 |
बोरिया |
0 |
5 |
मझोली |
12 |
6 |
मढ़ोताल ग्रामीण |
0 |
7 |
गोसलपुर |
177 |
8 |
सिहोरा ग्रामीण |
82 |
योग |
271 |
बिना मीटर वाले उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के आधार पर खपत का आंकलन कर बिजली के बिल दिये जा रहे हैं। प्रश्न दिनांक की स्थिति में पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) संचालित है, जिसके अन्तर्गत 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरो/टोलों/बसाहटों को विद्युतीकृत कर ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली तार की चोरी
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 1682 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली तार चोरी की घटनायें बढ़ी हैं, क्या राजीव गांधी फिडर बाबूपुर से रामस्थान के बीच तार चोरी को एक साल हो गये है किन्तु इस मामले में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी है? (ख) क्या ग्राम कुआं में 10 पोल की बिजली तार चोरों ने काट ली है जिससे विद्युत अवरोध उत्पन्न हुआ है? (ग) क्या बिजली तार चोरी की घटनायें, ठेकेदार एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से हो रही है? यदि नहीं, तो तार चोरी की घटनायें रोकने के लिए विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की है? (घ) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो दोषी ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? बतायें? पिछले 05 वर्षों में बिजली तार चोरी से विभाग को कितना आर्थिक नुकसान हुआ है? इसकी वसूली दोषियों से कब तक कर ली जायेगी बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। सतना जिले के बाबूपुर से रामस्थान फीडर का कार्य फीडर विभक्तिकरण योजना (राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना नहीं) के अंतर्गत किया जा रहा था तथा कार्य के दौरान दिनांक 05.10.2015 को इस फीडर का तार चोरी हो गया था। उक्त कार्य टर्न-की आधार पर ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एरा इंफ्रा कंपनी लिमिटेड नोएडा से करवाया जा रहा था। कार्य के दौरान तार चोरी होने पर थाने में रिपोर्ट करना, तार पुनः खींचना आदि समस्त कार्यवाही ठेकेदार एजेंसी द्वारा की जानी थी, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नहीं। किन्तु उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा उक्त चोरी हुआ तार पुनः नहीं लगाया गया। योजनांतर्गत कार्य समय से पूर्ण नहीं किये जाने के कारण उक्त ठेकेदार एजेंसी को जारी किया गया अवार्ड दिनांक 17.06.2016 को निरस्त कर ठेकेदार द्वारा जमा की गई परफार्मेंस बैंक गारंटी रू. 7.89 करोड़ का नगदीकरण पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अकाउण्ट में करते हुए पुनः निविदा प्रक्रिया उपरांत चयनित ठेकेदार एजेंसी मेसर्स विन्ध्या टेलीलिंक्स, न्यू दिल्ली को दिनांक 29.10.2016 को अवार्ड जारी कर दिया गया है। वर्तमान में प्रश्नाधीन कार्य सहित उक्त योजनांतर्गत शेष कार्य प्रगति पर है। (ख) जी हाँ, ग्राम कुआं क्षेत्रान्तर्गत विद्यमान 10 पोलों के तार दिनांक 24.01.2017 को अज्ञात चोरों द्वारा काट लिए गए थे। जानकारी प्राप्त होने पर संबंधित थाने में प्रथम सूचना क्रमांक 875, दिनांक 25.01.2017 दर्ज कराकर दिनांक 27.01.2017 को पुनः तार लगाने का कार्य पूर्ण कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया गया है। (ग) जी नहीं। सतना जिले में तार चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने एवं सामग्री की शीघ्र बरामदगी हेतु पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पदस्थ अधिकारियों द्वारा संबंधित पुलिस थानों में लिखित सूचना दी जाती है तथा वितरण कंपनी के कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर लाईनों की देख-रेख के लिये रात्रि में गश्त की जाती है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा विद्युत सामग्री की चोरी के जिम्मेदार आपराधिक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही हेतु निरन्तर पुलिस अधीक्षक एवं जिला कलेक्टर, सतना को लिखित/व्यक्तिगत रूप से अनुरोध किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का प्रश्न नहीं उठता। पिछले 5 वर्षों में विद्युत तार की चोरी हो जाने के कारण, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को रू. 95.03 लाख का आर्थिक नुकसान हुआ है। उक्त चोरी गये तार की बरामदी हेतु पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी कर्मचारी/अधिकारी के दोषी होने अथवा उनसे आर्थिक नुकसान की राशि वसूल किए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
गंजाल एवं मोरन नदी पर डेम बनवाया जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
24. ( क्र. 1701 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले की गंजाल एवं मोरन नदी पर डेम बनवाये जाने की प्रस्तावित योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) उक्त योजना अभी तक लंबित रहने का क्या कारण है व योजना पर कितनी राशि व्यय होना संभावित है? (ग) कब तक उक्त लंबित कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) उक्त योजनानुसार डेम बनवाये जाने से कितने किसानों की कितनी कृषि भूमि अधिगृहित की जावेगी व योजना पूर्ण होने पर कुल कितना हेक्टयर क्षेत्र सिंचित होगा। जिले व तहसीलवार बतायें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) हरदा जिले की गंजाल एवं मोरण्ड परियोजना की केन्द्रीय जल आयोग एवं कृषि मंत्रालय के सभी संचालनालयों से स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है, अंतिम स्वीकृति अपेक्षित है। परियोजना की पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु MoEF & CC, नई दिल्ली की बैठक दिनांक 30/01/2017 को संपन्न हुई, जिसका कार्यवाही विवरण प्रतीक्षित है। भूमि-अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन (R&R) हेतु प्रकरण आदिम जाति कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली (MoTA) को तैयार कर प्रस्तुत करने के पश्चात् उठाई गई आपत्तियों का निराकरण भी प्रस्तुत कर दिया गया है, स्वीकृति प्रतीक्षित है। (ख) वृहद परियोजना होने के कारण विभिन्न स्वीकृतियाँ प्राप्त किये जाने के कारण विलंब हो रहा है। केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली द्वारा परियोजना की लागत रूपये 2427.02 करोड़ आंकी गई है। (ग) पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (MoEF) नई दिल्ली एवं आदिम जाति कल्याण मंत्रालय (MoTA) नई दिल्ली से स्वीकृति उपरांत। (घ) मोरण्ड बांध के डूब क्षेत्र से 317 कृषकों की 532.33 हेक्टेयर भूमि एवं गंजाल बांध के डूब क्षेत्र से 111 कृषकों की 108.91 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित किया जाना अनुमानित है। प्रस्तावित परियोजना से होशंगाबाद जिले की सिवनी-मालवा तहसील का 4617 हेक्टेयर एवं हरदा जिले की रहटगांव तहसील का 8439 हेक्टेयर, हरदा तहसील का 4377 हेक्टेयर, खिड़किया तहसील का 7243 हेक्टेयर, सिराली तहसील का 9851 हेक्टेयर तथा खंडवा जिले की हरसूद तहसील का 17678 हेक्टेयर (कुल 52205 हेक्टेयर) क्षेत्र सिंचित किया जाना प्रस्तावित है।
अटल ज्योति योजना द्वारा ऊर्जाकृत गांव
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 1759 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में अटल ज्योति योजना के द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने ग्राम फीडर विभक्तिकरण योजना अन्तर्गत विभक्त फीडर से जोड़े गये एवं कितने ग्राम उक्त योजना अन्तर्गत जोड़ना शेष है? सूची प्रदान करें? (ख) मुख्यमंत्री द्वारा गांवों को 24 घंटे बिजली देने की घोषणा के अनुसार अटल ज्योति योजना में ऐसे कितने गांव हैं जिनको 24 घंटे बिजली दी जा रही है तथा शेष गांवों में कब तक पूर्ण रूप से 24 घंटे बिजली प्रदान कर दी जावेगी? (ग) गाडरवारा वि.स. में दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत कितने ग्राम स्वीकृत हैं उनकों कब तक विद्युत प्रदाय कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अटल ज्योति योजना नहीं अपितु फीडर विभक्तिकरण योजना के अन्तर्गत प्रश्न दिनांक तक 166 ग्राम विभक्त किये गये फीडरों से जोड़े गये हैं तथा 11 ग्राम विभक्त किये गये फीडरों से जोड़ना शेष है। उक्त ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के समस्त 177 ग्रामों के गैर-कृषि फीडरों पर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत् 7 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत है, जिनमें से 3 ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा एक ग्राम में विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है, जिसे मार्च-17 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। शेष 3 ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु वन विभाग से स्वीकृति प्रतीक्षित है। वन विभाग से स्वीकृति प्राप्त होने पर इनके विद्युतीकरण का कार्य किया जाना संभव हो सकेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
26. ( क्र. 1775 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि जिला सिंगरौली में बहुत से नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित नहीं हैं, तो इन्हें कब तक संचालित किया जायेगा तथा कितने नये केन्द्र खोले जाने है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सिंगरौली जिले अन्तर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 1421 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 114 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर कुल 1449 आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें नवीन स्वीकृत 86 आंगनवाड़ी केन्द्र वर्तमान में संचालित नहीं है इन नवीन स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद पर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। पदपूर्ति की कार्यवाही पूर्ण होते ही संचालन प्रारंभ किया जाएगा। नियुक्ति की प्रक्रिया सतत है अतः समय सीमा दिया जाना संभव नहीं है। भारत सरकार द्वारा जनसंख्या के निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति होने पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति द्वारा दी जाती है। वर्तमान में नये आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित नहीं है।
जिला सिंगरौली अंतर्गत एयरपोर्ट का संचालन
[विमानन]
27. ( क्र. 1777 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली अंतर्गत हवाई पट्टी हेतु भूमि के अधिग्रहण की संपूर्ण कार्यवाही कब तक पूरी की जावेगी? सिंगरौली जिला औद्योगिक क्षेत्र है जिसमें हवाई पट्टी का कार्य पूर्ण किया जाना आवश्यक है? (ख) यह कार्य कब तक में पूरा किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) समय सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
बाल संरक्षण संस्था
[महिला एवं बाल विकास]
28. ( क्र. 1796 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुष्ठ रोगियों के स्वस्थ बच्चों की देखभाल करने हेतु विभाग की क्या योजना है? (ख) उज्जैन संभाग मुख्यालय पर उक्त बच्चों की देखभाल करने हेतु कौन सी संस्था कार्यरत है? (ग) उक्त बच्चों की देखभाल करने हेतु पूर्व से संचालित बाल संरक्षण संस्था उज्जैन को किन कारणों से कब बन्द किया गया? बन्द करने के वर्ष में कितने बच्चे बाल संरक्षण संस्था में दर्ज थे? उन बच्चों की देखभाल का जिम्मा किसे सौंपा गया? (घ) क्या किसी एन.जी.ओ. को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उक्त संस्था को बंद किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) किशोर न्याय अधिनियम, के तहत् देख-रेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बालकों को संरक्षण प्रदान किया जाता है। कुष्ठ रोगियों के देख-रेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बच्चों को भी संस्थागत और गैर-संस्थागत कार्यक्रम के तहत् लाभान्वित किया जाता है। (ख) वर्तमान में उज्जैन संभाग मुख्यालय पर एक शासकीय बाल गृह (बालकों हेतु) एवं एक बाल संरक्षण आश्रम (बालिकाओं हेतु) संचालित है। (ग) बाल संरक्षण आश्रम को बंद नहीं किया गया हैं। संस्था का पंजीयन किशोर न्याय अधिनियम की धारा 41 के तहत किया गया है और वित्तीय व्यवस्था समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत् की गई है। किशोर न्याय अधिनियम की धारा 2 (9) अनुसार बच्चों के सर्वोत्तम हित को दृष्टिगत रखते हुये संस्था में निवासरत 45 बच्चों को परिवारों में सौंपा गया है। वर्तमान में संस्था संचालित हैं। शेष का प्रश्न ही नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश "ग" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युत फीडर सेपरेशन कार्य में अनियमितता
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 1797 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत फीडर सेप्रेशन का कार्य किस-किस संचा-संधा संभाग में किन-किन ठेकदार/फर्म/विभाग द्वारा कराया गया है। जिले के अंतर्गत कितने फीडरों का विभक्तिकरण कार्य किया गया है संख्या बतावें? (ख) क्या जिले में विद्युत फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) क्या उक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया गया? यदि हाँ, तो किन अधिकारियों द्वारा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) भौतिक सत्यापन के दौरान सेपरेशन कार्यों में क्या अनियमितता पाई गई एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार ब्यौरा देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालन-संधारण संभाग, उज्जैन, तराना, नागदा, बड़नगर एवं महिदपुर में फीडर विभक्तिकरण का कार्य कराया गया है। फीडर विभक्तिकरण के कार्य हेतु संचालन-संधारण संभाग उज्जैन, तराना एवं बड़नगर को मिलाकर एक कार्यादेश ठेकेदार एजेंसी मेसर्स विश्वनाथ प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया था तथा संचालन-संधारण संभाग नागदा एवं महिदपुर को मिलाकर एक कार्यादेश ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एन.सी.सी. लिमिटेड, हैदराबाद को दिया गया था। उज्जैन जिले के अंतर्गत कुल 407, 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य किया गया है। (ख) जी हाँ, उज्जैन जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना में स्वीकृत समस्त कार्य पूर्ण हो चुका है। तथापि संचालन एवं संधारण संभाग तराना के अंतर्गत 41 ग्रामों हेतु फीडर विभक्तिकरण का कार्य तकनीकी रूप से एवं उपलब्ध संसाधनों के अन्तर्गत आर्थिक रूप से साध्य नहीं होने के कारण पूर्व में फीडर विभक्तिकरण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया था। वर्तमान में उक्त कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। उक्त योजना का क्रियान्वयन टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत ठेकेदार एजेंसी मेसर्स के.एम.सी. कन्सट्रक्शन लिमिटेड, हैदराबाद को दिनांक 24.11.2016 को अवार्ड जारी किया गया है तथा अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्त योजनान्तर्गत कार्य अवार्ड दिनांक से 2 वर्ष की अवधि में पूर्ण किया जाना है। (ग) जी हाँ, उक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों श्री मोहम्मद आमिर सहायक यंत्री, श्री रवि पाठक, सहायक यंत्री एवं श्री एन.सी.गुप्ता, अधीक्षण यंत्री द्वारा किया गया है। (घ) उज्जैन जिले में फीडर विभक्तिकरण के कार्य के भौतिक सत्यापन के दौरान कोई भी अनियमितता नहीं पाई गई अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
देशी एवं अंग्रजी मदिरा दुकान का स्थानांतरण
[वाणिज्यिक कर]
30. ( क्र. 1803 ) श्री रजनीश सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी देशी एवं अंग्रेजी मदिरा दुकानें कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? संचालित स्थल के पूर्ण पता सहित सूची उपलब्ध कराई जाये एवं संचालित दुकान राज्यमार्ग मुख्य सड़क से कितनी दूरी पर स्थित है? दूरी एवं दुकानदार सहित सूची दी जावें। (ख) विगत 02 वर्षों में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुकानों के आस-पास शाला अध्ययन केन्द्र एवं अन्य शासकीय/सामाजिक कार्यालय होने के फलस्वरूप इन्हें अन्यत्र स्थानांतरित करने की शासन स्तर पर कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत छपारा वि.ख. मुख्यालय पर स्थित मदिरा दुकानों को स्थानांतरित किये जाने की मांग स्थानीय नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकानें के स्थान, पता एवं राष्ट्रीय राजमार्ग/राज्य राजमार्ग से दूरी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन स्तर से देशी मदिरा दुकान केवलारी वर्तमान स्थल से हटाने के संबंध में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी मंत्री मध्यप्रदेश शासन वित्त से शिकायत प्राप्त हुई थी जिसकी जाँच कराये जाने पर उक्त दुकान मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत बनाये गये ‘’सामान्य प्रयोग के नियम’’ के नियम 1 ‘’दुकानों का अवस्थापन’’ के नियम का पूर्णत: पालन करने के कारण शिकायत नस्तीबद्ध की गई। (ग) छपारा विकासखण्ड मुख्यालय पर स्थित देशी मदिरा दुकान छपारा को उसके स्थापित स्थल से अन्यत्र स्थानांतरित कराये जाने हेतु श्री नवनीत सिंह निवासी छपारा द्वारा दिनांक 26.02.2016 को छपारा की मूलभूत समस्याओं के संबंध में प्रस्तुत पत्र में वर्तमान स्थल से हटाये जाने हेतु उल्लेख किया था। शिकायत की जाँच सहायक जिला आबकारी अधिकारी लखनादौन वृत्त से कराई गई, संचालित मदिरा दुकान मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत बनाये गये ‘’सामान्य प्रयोग के नियम’’ के नियम 1 ‘’दुकानों का अवस्थापन’’ के नियम के अनुसार स्थापित एवं संचालित होना पाई गई।
भीमगढ़ बांध एवं ढूटी बांध को पर्यटन स्थल में शामिल करना
[पर्यटन]
31. ( क्र. 1804 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन की पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु क्या कार्य योजना प्रस्तावित है? यदि है तो योजना को विस्तार से बतायें? (ख) क्या जिला सिवनी के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बांध भीमगढ़ बांध एवं ढूटी बांध को विकसित करने हेतु कोई कार्ययोजना लंबित है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के अनुसार लंबित है तो पर्यटन विभाग द्वारा उक्त दोनों बांध को पर्यटन स्थल के रूप में कब तक विकसित किया जावेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) नवीन पर्यटन नीति 2016 के तहत प्रदेश में पर्यटन विकास की समग्र योजना है। किसी विशेष पर्यटन स्थलों को विकसित करने का प्रावधान नहीं है। (ख) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
एन.वी.डी.ए. की प्रदेश स्तरीय समीक्षा बैठकों के कार्यवृत्त
[नर्मदा घाटी विकास]
32. ( क्र. 1828 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2009 से 2011 तक इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर आर.डी. 96.030 कि.मी. से 107.330 कि.मी. तक डब्ल्यू.बी.एम. रोड, लाईनिंग कार्य एवं मिट्टी कार्य निर्माण कंपनी द्वारा कब-कब कितना कार्य किया गया, इस कार्य का किस अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण, मुल्यांकन किया गया। भुगतान व कार्य प्रगति की सप्ताहवार सूची देवें। यह कार्य कब पूर्ण हुआ दिनांक बतायें? इस निविदा कार्य की सीसी कब जारी की गई? दिनांक बतायें तथा सीसी की प्रति देवें। (ख) उक्त निर्माण कंपनी द्वारा नहर निर्माण के अधूरे कामों की शिकायत कब-कब किस-किस शिकायतकर्ता द्वारा विभिन्न माध्यमों से विभाग को प्राप्त हुई, शिकायती पत्र तथा पत्र पर की गई कार्यवाही की प्रति देवें। कार्य पूर्ण होने के बाद कब तक सुरक्षा निधि कंपनी को देना चाहिए था, कब प्रदान की गई। यदि नियमों का उल्लंघन हुआ है तो कारण एवं कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) एन.वी.डी.ए. की समीक्षा बैठकों में उक्त कार्य संबंधी प्राप्त जानकारी प्रपत्रों की प्रतियां देवें। इस कार्य पर बैठक में की गई टिप्पणियों की जानकारी बैठकवार देवें। वर्ष 2009 से 2011 तक एन.वी.डी.ए. की प्रदेश स्तरीय समीक्षा बैठकों के कार्यवृत्त (प्रोसीडींग) की प्रति देवें। (घ) किसी भी अधीक्षण यंत्री या कार्यपालन यंत्री द्वारा कब-कब मेसर्स करण डेवलपमेंट सर्विसेस प्रा. लि. ग्वालियर के कार्यों व भुगतान संबंधी जाँच की गई, जाँच आदेश, जाँच प्रतिवेदन, जांच उपरांत दल की टिप्पणी सहित जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ में है। (ख) शासन को प्रश्नाधीन कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र के 12 माह के पश्चात् सुरक्षा निधि राशि, लौटाई जाने का प्रावधान अनुबंध में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जी हाँ। प्रकरण में एक कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध कार्यवाही संस्थित की गई है एवं दूसरे कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध कार्यवाही संस्थापन प्रस्तावित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है।
नगर पचोर में उप-पंजीयक कार्यालय खोलना
[वाणिज्यिक कर]
33. ( क्र. 1841 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ की तहसील पचोर में उप-पंजीयक कार्यालय खोलने हेतु गजट नोटिफिकेशन (प्रकाशन) जारी किया गया है? यदि हाँ, तो गजट नोटिफिकेशन की प्रति देवें। यदि नहीं, किया गया है तो कब तक जारी किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया है तो पचोर में उप-पंजीयक कार्यालय कब से अस्तित्व में आ जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या भूस्वामियों के द्वारा समय पर रजिस्ट्री नहीं होने के कारण 50/100 रु के स्टॉम्प पर भूमि खरीदी की नोटरी करवाई जाती है जिस कारण शासन को लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। नवीन उप पंजीयक कार्यालय खोलने हेतु प्राप्त प्रस्तावों का इस हेतु निर्धारित मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण कर उपयुक्त पाए जाने पर तद्-विषयक निर्णय उपरांत गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) पचोर में उप पंजीयक कार्यालय खोलने के संबंध में प्राप्त प्रस्ताव पर जिला कलेक्टर से जानकारी चाही गई है जो प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। (ग) भूस्वामियों के द्वारा समय पर रजिस्ट्री नहीं होने के कारण 50/100 रू. के स्टॉम्प पर भूमि खरीदी की नोटरी करवाए जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कॉक्स डिस्लरी नौगाँव के संबंध में
[वाणिज्यिक कर]
34. ( क्र. 1878 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कॉक्स डिस्लरी नौगाँव में शासन द्वारा लीज देने के बाद क्या-क्या चल-अचल संपत्ति अस्तित्व में है? जब इस व्यावसायिक कंपनी ने व्यापार प्रारंभ किया तो कंपनी में कौन-कौन भागीदार थे? उनके नाम पते उपलब्ध करायें। (ख) कॉक्स डिस्लरी का वर्तमान में भागीदारों एवं संचालन करने वालों के नाम पते उपलब्ध करायें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) शासन द्वारा लीज देने के बाद वर्तमान में कॉक्स डिस्टलरी (वर्तमान नाम मेसर्स जैगपिन ब्रेवरीज लिमिटेड नौगांव) परिसर के अन्दर (डी-1) आसवनी प्लांट (एफ.एल.9) विदेशी मदिरा बॉटलिंग प्लांट, (सी.एस.1-बी) देशी मदिरा बॉटलिंग प्लांट एवं (बी-3) बीयर प्लांट स्थापित है। कॉक्स डिस्टलरी के व्यापार प्रारंभ के समय में भागीदारों की जानकारी कार्यालयीन अभिलेखों में उपलब्ध नहीं है। (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ के उत्तर में वर्णित अनुसार कॉक्स डिस्टलरी (वर्तमान नाम मेसर्स जैगपिन ब्रेवरीज लिमिटेड नौगांव) के वर्तमान भागीदारों की नाम एवं पते की जानकारी निम्नानुसार है :- (1) श्री जगदीश चन्द्र अग्रवाल, पुत्र श्री ओ.पी. अग्रवाल, नौगांव जिला छतरपुर (म.प्र.)। (2) श्री विपिन चन्द्र अग्रवाल, पुत्र श्री ओ.पी. अग्रवाल, नौगांव, जिला छतरपुर (म.प्र.) (3) श्रीमती क्षमा अग्रवाल, पत्नी श्री जगदीश चन्द्र अग्रवाल, नौगांव, जिला छतरपुर (म.प्र.) (4) श्रीमती राधा अग्रवाल, पत्नी श्री विपिन चन्द्र अग्रवाल, नौगांव जिला छतरपुर (म.प्र.)
किसानों से विद्युत के अस्थाई कनेक्शन के नाम पर अधिक वसूली
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 1913 ) श्री के.पी. सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा किसानों से अस्थाई कनेक्शन के नाम पर किस-किस जिले में किस-किस दर पर राशि वसूल की जा रही है? जिलेवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रदेश में किसानों के अस्थाई कनेक्शन के संबंध में अलग-अलग जिलों में अलग-अलग व्यवस्था संचालित हुई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या यह भी सत्य है कि शिवपुरी जिले में अन्य जिलों की तुलना में म.प्र. मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किसानों से अस्थाई कनेक्शन के नाम पर अधिक राशि की वसूली कर लूटा जा रहा है? (घ) शिवपुरी जिले में अन्य जिलों की तुलना में किसानों से अस्थाई कनेक्शन के नाम पर अधिक वसूली के कारण क्या हैं? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? क्या शासन किसानों से ली गई विद्युत अस्थाई कनेक्शन की अधिक राशि को वापिस करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा उनके क्षेत्रान्तर्गत आने वाले सभी जिलों में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2016-17 के लिये जारी टैरिफ आदेश दिनांक 05 अप्रैल, 2016 के अनुसार अस्थाई कनेक्शन के लिये निर्धारित दर के अनुसार राज्य शासन द्वारा देय सब्सिडी को समायोजित करते हुए राशि वसूल की जा रही है। प्रयोज्य दरों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सहकारिता एवं विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त प्रकरणों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
36. ( क्र. 1990 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन ग्वालियर संभाग अंतर्गत गत 1 जनवरी 2014 से बनाये गये ट्रैप के प्रकरणों की जानकारी आरोपी के नाम, पद तथा प्रकरण क्रमांक, दिनांक सहित देवें। इनमें से किन-किन आरोपियों के प्रकरण में चालान किस-किस न्यायालय में प्रस्तुत हो गये हैं। किन-किन के चालान प्रस्तुत नहीं हुए है? नामवार बतावें। (ख) महेन्द्र जैन सहकारी निरीक्षक कार्यालय उपायुक्त सहकारिता अशोकनगर के विरूद्ध लोकायुक्त ग्वालियर अंतर्गत न्यायालय में चालान पेश नहीं होने के कारण बतावें। चालान कब तक पेश किया जावेगा समयावधि बतावें। महेन्द्र जैन के खिलाफ प्रकरण चलाने की अनुमति हेतु सहकारिता विभाग को प्रेषित पत्र की प्रति उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार। (ख) सहकारिता विभाग में अभियोजन स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। अभियोजन स्वीकृति हेतु विधि एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा सहकारिता विभाग को लिखे गये पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार।
विद्युत बिलों की राशि में अनियमितता
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 1997 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में 1 जनवरी 2015 के पश्चात् कितने बिलों की राशि में अनियमितता को लेकर कितने व्यक्तियों ने कहाँ-कहाँ शिकायत की? इनमें कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? कितनी राशि का संशोधन कितने बिलों में किया गया? (ख) क्या उक्त जिले में विद्युत कम्पनी द्वारा उपभोक्ताओं को जानबूझकर मीटर खपत एवं आंकलित खपत की रीडिंग समान देकर दुगनी राशि वसूली जा रही है, जिनकी संख्या हजारों में है? इस तरह की कितनी शिकायतें उक्त अवधि में विभाग को प्राप्त हुई? कितने बिलों में मीटर खपत एवं आंकलित खपत के बिलों में संशोधन कर बिलों में संशोधन कर बिलों को कम किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित जिन उपभोक्ताओं की मीटर खपत एवं आंकलित खपत दोनों समान बताकर बिलों को दुगना दिया गया है तथा इन उपभोक्ताओं ने दुगनी राशि भर भी दी है, क्या इनकी राशि अगले बिल में समायोजित कर ली जायेगी? यदि हाँ, तो ऐसे उपभोक्ताओं के नाम, पते सहित सूची दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ग्वालियर जिले में प्रश्नाधीन अवधि में बिलों की राशि में संशोधन हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के विभिन्न जोन/वितरण केन्द्र कार्यालयों में कुल 118139 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उपरोक्तानुसार सभी शिकायतों का निराकरण कर विद्युत देयकों में राशि रू. 1451.02 लाख का संशोधन किया गया है। जोन/वितरण केन्द्रवार प्राप्त शिकायतों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
अनुदान प्राप्त बाल संरक्षण संस्थाओं के विरूद्ध कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
38. ( क्र. 1998 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत कितने बाल संरक्षण गृह संचालित हैं, जिन्हें शासन से वित्तीय अनुदान प्राप्त है? बाल संरक्षण गृहों का नाम एवं पता तथा वर्तमान में दर्ज बच्चों की संख्या बताए? वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक शासन/जिला स्तर से कितनी-कितनी वित्तीय सहायता राशि प्रदाय की गई? बाल संरक्षण गृहवार एवं वर्षवार राशि का ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला अंतर्गत ऐसी कितनी संस्थाएं हैं जहाँ उनके स्वयं के नाम से न तो भवन है और न ही बच्चों को रहने की व्यवस्था है? मात्र कागजी खानापूर्ति करके घरों में संस्था पंजीकृत होकर चल रही है? शासन से संस्था के मालिकों द्वारा अनुदान प्राप्त किया जाकर राशि का दुरूपयोग किया जा रहा? विभागीय अधिकारियों द्वारा कब-कब ऐसी संस्थाओं का निरीक्षण करने वाले अधिकारी का नाम, निरीक्षण दिनांक एवं कितने-कितने बच्चे उपस्थित पाये गये? (ग) क्या विभाग ऐसी संस्थाएं जो कागजी खानापूर्ति से चल रही हैं एवं शासन का लाखों रूपये अनुदान के रूप में प्राप्त कर रहे हैं, उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा से अवगत करावें? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ग्वालियर जिला अंतर्गत आश्रम शांति निकेतन शिक्षा समिति द्वारा बाल गृह संचालित है। जिसे वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "1" पर है। (ख) संस्था का स्वयं का भवन है जिसमे बच्चों के रहने की पर्याप्त व्यवस्था है। संस्था द्वारा अनुदान राशि का नियमानुसार उपयोग किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “2” पर है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 2091 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों एवं गरीब परिवारों को विद्युत प्रदाय के कामों में सी.बी.सी. (सेंट्रल बिजलेंस कमीशन) द्वारा निर्धारित मापदंड़ों का उल्लंघन हुआ हैं? (ख) क्या इन अनियमितताओं की जाँच रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो जाँच का विवरण दें। (ग) क्या भारत सरकार द्वारा विद्युत प्रदाय के कामों में लगी इन कम्पनियों/ ठेकेदारों द्वारा समय पर काम पूरा नहीं करने एवं अन्य गड़बडि़यों के कारण काम पर मिलने वाली 15 प्रतिशत की सब्सिडी रोक दी गई? (घ) क्या विद्युत वितरण में हुए नुकसान की भरपाई आम आदमी को बिजली टैरिफ में वृद्धि कर की गयी है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों एवं गरीब परिवारों को विद्युत प्रदाय के कार्य टर्न-की आधार पर कराये जाने हेतु अपनाई गई टेण्डर प्रक्रिया सी.व्ही.सी. द्वारा दर्शायें गये मार्गदर्शक बिन्दुओं के आधार पर संपादित की गई है। (ख) जी नहीं, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा उक्त संदर्भ में कोई जाँच नहीं की गई है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। विद्युत दरों का निर्धारण म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है। आयोग द्वारा दर निर्धारण हेतु वितरण हानियों के लिये निर्धारित मापदण्ड़ों के आधार पर आंकलित हानियों को दृष्टिगत रखा जाता है, न कि वास्तविक हानियों को। निर्धारित मापदण्ड़ों के अनुसार आंकलित हानियों से अधिक हानि होने पर बढ़ी हुई हानि के कारण पड़ने वाले वित्तीय भार का उपभोक्ता पर कोई असर नहीं पड़ता है, अपितु यह वित्तीय भार वितरण कंपनी को स्वयं वहन करना पडता है।
सेस उपकर वसूली
[वित्त]
40. ( क्र. 2092 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सेस उपकर विभिन्न वस्तुओं पर लगाया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन वस्तुओं और सेवाओं में कितने-कितने प्रतिशत सेस कर की वसूली की जा रही है? (ख) क्या शासन द्वारा विद्युत, डीजल, पेट्रोल, गैस सिलेण्डर आदि पर भी सेस कर वसूला जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने-कितने प्रतिशत ब्यौरा दें। क्या केन्द्र शासन द्वारा भी सेस उपकर रोपित किया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ग) क्या शासन द्वारा नर्मदा सेवा के नाम पर भी सेस उपकर लगाने की कोई योजना बनाई जा रही है यदि हाँ, तो किन-किन वस्तुओं और सेवाओं पर कितने-कितने प्रतिशत सेस कर रोपित किया जाएगा? (घ) गत वित्तीय वर्ष में सभी स्त्रोतों से कुल कितनी राशि सेस उपकर के तौर पर वसूली गई और इस वर्ष कुल कितने राजस्व की वसूली किए जाने का प्रावधान रखा गया है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ वन विभाग अन्तर्गत निम्नानुसार वस्तु पर उपकर अधिरोपित है-इमारती काष्ठ, बांस एवं जलाउ लकडी पर उपकर अधिरोपित है। इमारती काष्ठ पर 3 प्रतिशत, बांस पर 3 प्रतिशत एवं जलाऊ लकड़ी पर 3 प्रतिशत वन विकास उपकर अधिरोपित है। ऊर्जा विभाग अंतर्गत राज्य में विद्युत कंपनी द्वारा बेची गई या प्रदाय की गई अथवा स्वयं उपभुक्त की गई विद्युत पर 15 पैसे प्रति यूनिट की दर से ऊर्जा विकास उपकर देय है, परंतु ऐसी उत्पादन कंपनी, जिसमें मध्यप्रदेश शासन का 51 प्रतिशत या उससे अधिक का हिस्सा हो, द्वारा यह देय नहीं है। राज्य में कैप्टिव उत्पादन सयंत्र से बेची गई या प्रदाय की गई विद्युत पर 15 पैसे प्रति यूनिट की दर से ऊर्जा विकास उपकर देय है, परंतु इन संयंत्र द्वारा स्वयं उपभुक्त विद्युत पर इससे छूट है। राज्य के बाहर से विद्युत ले रहे ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं द्वारा भी 15 पैसे प्रति यूनिट की दर से ऊर्जा विकास उपकर देय है। (ख) विद्युत पर "क" अनुसार ऊर्जा विकास उपकर अधिरोपित है। (ग) जी नहीं। (घ) इमारती काष्ठ, बांस एवं जलाऊ लकड़ी पर गत वर्ष 2015-16 में वन विकास उपकर रूपये 50.85 करोड़ प्राप्त किया गया एवं वर्ष 2016-17 में रूपये 50.00 करोड़ वन विकास उपकर प्राप्त करने का बजट अनुमान रखा गया है। गत वित्तीय वर्ष (2015-16) में ऊर्जा विकास उपकर की प्राप्त राशि रूपये 313.13 करोड़ थी तथा इस वित्तीय वर्ष में रूपये 516.72 करोड़ प्राप्ति का बजट अनुमान रखा गया है।
शराब की अवैध बिक्री पर रोक
[वाणिज्यिक कर]
41. ( क्र. 2117 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में कुल कितनी देशी/विदेशी शराब की शासकीय दुकानें संचालित हैं। इनमें से कितनी व कौन-कौन सी दुकानें राष्ट्रीय राज मार्ग व मुख्य सड़कों के किनारे संचालित हो रही हैं। विधानसभा क्षेत्रवार बताएं। (ख) हरदा जिले में ऐसे बहुत से ग्रामों में जहां निर्धारित शासकीय दुकानें आवंटित व संचालित नहीं हैं वहां पर संबंधित ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से देशी/विदेशी शराब की दुकानों का संचालन एवं विक्रय किया जा रहा है? तत्संबध में विभाग द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) शासकीय देशी एवं विदेशी शराब दुकानों का संचालन किये जाने के क्या नियम हैं तथा क्या निर्धारित मात्रा से अधिक शराब का स्टॉक किये जाने अथवा निर्धारित समय से अधिक समय तक दुकानों का संचालन कर नियमों का उल्लघंन किये जाने के संबंध में विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या किस प्रकार की कार्यवाही किस अधिकारी के द्वारा की गई। (घ) वर्ष 2013-14, 14-15, 15-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनाँक तक हरदा जिले में अवैध रूप से देशी/विदेशी शराब विक्रय किये जाने के कुल कितने प्रकरण बनाये गये वर्षवार व विधान सभावार बतायें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्तमान में हरदा जिले में 12 देशी एवं 8 विदेशी कुल 20 शराब की दुकानें संचालित है। इनमें से राष्ट्रीय राजमार्ग एवं मुख्य सड़कों के किनारे संचालित दुकानें विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) हरदा जिले के अंतर्गत विभाग द्वारा निष्पादित मदिरा दुकानों के लायसेंसियों/ठेकेदारों द्वारा निर्धारित अवस्थिति में ही मदिरा दुकानें स्थापित कर, संचालन किया जा रहा है। संबंधित लायसेंसी/ठेकेदार द्वारा किसी भी गांव में अवैध रूप से देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन नहीं किया जा रहा है। यह कहना सही नहीं है कि, जिले की मदिरा दुकानों के लायसेंसियों द्वारा गांव-गांव में मदिरा दुकानों के अतिरिक्त देशी एवं विदेशी शराब बेची जा रही है। जिले के अंतर्गत ग्रामों में अवैध रूप से मदिरा विक्रय किये जाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध आबकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा कर, आबकारी विभाग द्वारा प्रश्नांश दिनांक तक 1446 प्रकरण दर्ज किये गये है जिनकी सूची विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) मदिरा दुकानों का संचालन मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 एवं मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक-73 दिनांक 05.02.2016 की शर्तों एवं निबंर्धनों के अंतर्गत तथा सामान्य प्रयुक्ति नियमों/शर्तों तथा विभागीय निर्देशों के अनुरूप किया जाता है। निर्धारित स्टाक से अधिक शराब स्टॉक किये जाने एवं निर्धारित समय से अधिक समय तक दुकानों का संचालन के संबंध में विभागीय अधिकारियों द्वारा निरंतर निरीक्षण किया जाता है। उक्त अवधि के दौरान ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (घ) वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15 वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्नांश दिनांक तक हरदा जिले में अवैध रूप से देशी/विदेशी शराब विक्रय, धारण, परिवहन एवं संग्रहण के कुल 1446 प्रकरण दर्ज किये गए है। वर्षवार व विधानसभावार जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–दो एवं तीन अनुसार है। इसके अतिरिक्त पुलिस द्वारा बनाये गये प्रकरणों की जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
नमामी देवी नर्मदे यात्रा में व्यय राशि
[संस्कृति]
42. ( क्र. 2123 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा चलाई जा रही ‘‘नमामी देवी नर्मदा यात्रा‘‘ में कुल कितनी राशि व्यय होना है व प्रश्न दिनाँक तक यात्रा पर कुल कितनी राशि किस-किस मद में व्यय की गई है? (ख) ‘‘नमामी देवी नर्मदा यात्रा‘‘ के दौरान किन-किन स्थानों पर मुख्य मंत्री शामिल हुये व उनके द्वारा कौन-कौन सी नई घोषणाएं की गई? (ग) इस यात्रा के दौरान हरदा जिले में किन-किन नवीन घाटों अथवा पुलों का निर्माण कराये जाने की मुख्य मंत्री द्वारा घोषणा की गई?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
दतिया जिले के आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
43. ( क्र. 2189 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले के सेवढ़ा विकासखण्ड में 2015-16 एव 2016-17 में कुल कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की नियुक्तियां विभाग द्वारा की गई ग्रामवार, नामवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की नियुक्ति के संबंध में शासन के क्या नियम हैं, नगर पंचायत इंदरगढ़ एवं नगर पंचायत सेंवढ़ा में चयन समिति में नगर पंचायत से सदस्य रहेगा या नहीं यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन के दिशा निर्देशों की जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) नियुक्ति के समय जो दस्तावेज अभ्यार्थियों द्वारा लगाये गये उनकी जाँच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई? जिनकी नियुक्ति की गई एवं जो दूसरे नंबर पर रहे उनके समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे? (घ) क्या यह सत्य है कि विभाग के अधिकारियों द्वारा फर्जी दस्तावेज बिना जाँच किये मान्यकर अपात्र व्यक्तियों को नियुक्ति दी गई व पात्र व्यक्ति को नीचे किया गया है यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की किसी वरिष्ठ अधिकारी से प्रश्नकर्ता के समक्ष जाँच कराई जावेगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) दतिया जिले के सेवढ़ा विकासखंड अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में 03 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं 17 आंगनवाड़ी सहायिकाओं की तथा वर्ष 2016-17 में 12 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं 25 आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति की गई। ग्रामवार, नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) विभाग के पत्र क्र./एफ 3-2/06/50-2 भोपाल दिनांक 10/07/2007 द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाती है। बाल विकास परियोजना सेवढ़ा एवं इन्दरगढ़ ग्रामीण प्रकृति की होने से चयन समिति में नगर पंचायत के सदस्यों को नहीं रखा गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/ सहायिका नियुक्ति निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) नियुक्ति के समय अभ्यर्थियों द्वारा लगाये गये दस्तावेजों की जाँच खण्ड स्तरीय चयन समिति तथा जिला स्तरीय दावा आपत्ति निवारण समिति द्वारा की गई है। नियुक्ति प्राप्त आवेदक एवं द्वितीय स्थान प्राप्त आवेदक के समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। (घ) जी नहीं। शासन के दिशा निर्देशों के तहत पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नरसिंहगढ़ उपकोषालय को बन्द करना
[वित्त]
44. ( क्र. 2208 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा म.प्र. स्थित तहसील स्तर के उपकोषालय को बन्द करने के आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार नरसिंहगढ़ स्थित उपकोषालय को किस नियम के अन्तर्गत बन्द किया गया? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? नरसिंहगढ़ के उपकोषालय कार्यालय को कब से पुन: चालू किया जावेगा? समय सीमा बतावें? नहीं तो? कारण बतावें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) उत्तरांश "क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्र खोलना
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 2209 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के क्या नियम है? (ख) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? ग्राम/नगरवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध नियम अनुसार नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम/नगर हैं, जहां आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के नियम में आते हैं? सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्न की कंडिका (ग) उपलब्ध जानकारी अनुसार उपरोक्त स्थानों पर कब तक नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत करने हेतु जनसंख्या के निम्नानुसार मापदण्ड निर्धारित किये गये है :-
(अ) |
आंगनवाड़ी केन्द्र :- |
|
1.1 |
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु :- |
400-800 (एक केन्द्र) |
|
|
800-1600 (दो केन्द्र) - |
|
|
1600- 2400 (तीन केन्द्र) |
|
|
(इसके पश्चात् प्रति 800 की जनसंख्या पर एक केन्द्र) |
1.2 |
आदिवासी क्षेत्र हेतु :- |
300-800 (एक केन्द्र) |
(ब) |
मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र :- |
|
1.1 |
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु :- |
150-400 (एक मिनी केन्द्र) |
1.2 |
आदिवासी क्षेत्र हेतु :- |
150-300 (एक मिनी केन्द्र) |
(ख) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत परियोजना नरसिंहगढ़, कुरावर एवं पचोर में 425 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 42 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र है। ग्रामवार, नगरवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क‘‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ख‘‘ अनुसार है। (घ) भारत सरकार द्वारा जनसंख्या के निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति होने पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति द्वारा दी जाती है। वर्तमान में नये आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाना प्रस्तावित नहीं है।
पालन पोषण योजना में अनियमितताएं
[महिला एवं बाल विकास]
46. ( क्र. 2314 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा अता.प्रश्न क्रमांक 474 दिनांक 06.12.2016 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दर्शाया गया कि छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ जिले के विकासखण्ड अधिकारियों द्वारा व्यय राशि की मॉनिटरिंग (पालन पोषण योजना) नहीं की गई? (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 474 दिनांक 06.12.2016 के परिशिष्ट 3 में भौतिक सत्यापन करने वाले विभाग के शासकीय कर्मचारी अधिकारी शामिल न किये जाने के क्या कारण रहें? जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही हुई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) समेकित बाल संरक्षण योजना एवं किशोर न्याय अधिनियम के तहत पालन-पोषण देखरेख कार्यक्रम के अंतर्गत योजना एवं अधिनियम की मॉनिटरिंग हेतु नियुक्त बाल कल्याण समिति, परिवीक्षा अधिकारी, संरक्षण अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, आउटरीच कार्यकर्ता द्वारा नियमानुसार भौतिक सत्यापन किया गया है। अतः यह कहना सही नहीं है कि भौतिक सत्यापन में शासकीय कर्मचारी शामिल नहीं है। भौतिक सत्यापन नियमानुसार किया गया है।
राजनैतिक बंदी होने के कारण लोक नायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि
[सामान्य प्रशासन]
47. ( क्र. 2337 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी छतरपुर के पत्र दिनांक 25.05.2013 को प्रस्तुत आवेदन लोक नायक जय प्रकाश नारायण (मीसा/डी.आई.आर.) सम्मान निधि स्वीकृति का आवेदन श्री राजेन्द्र दीक्षित बिलहरी का अमान्य किया गया था? (ख) क्या यह भी सच है कि तत्कालीन प्रभारी मंत्री, कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा भी अमान्य किया गया? (ग) क्या अपर सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक 72/593/2013/1/13 दिनांक 01.02.2014 को पुनर्विचार हेतु जिला समिति में रखने हेतु आदेश किया गया? (घ) इसको शासकीय रिकार्ड के आधार पर मान्य किया गया या मीसा बंदियों के शपथ पत्र के आधार पर? शासन प्रावधानों की प्रति दे तथा नियम विरूद्ध सम्मान निधि पर अब तक क्या कार्यवाही की गई बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी हाँ (घ) मीसाबंदियों के कथन एवं शपथ पत्र के आधार पर। शासन के राजपत्र दिनांक 04/01/2012 की प्रति संलग्न है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं एवं निर्माण कार्य
[महिला एवं बाल विकास]
48. ( क्र. 2357 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावरा नगर तहसील पिपलौदा एवं जावरा अतंर्गत स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन स्वयं के भवनों में हो रहा है अथवा अन्य व्यवस्थाओं के माध्यम से तो कहा-कहा? साथ ही संपूर्ण क्षेत्र में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ पर है? (ख) क्या समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों पर स्वयं के भवन है अथवा भवनों की आवश्यकता बड़े गांव एवं जनसंख्या अधिक होने के कारण नवीन केन्द्रों को प्रांरभ किये जाने की मांग के साथ ही स्वयं के भवन की कठिनाइयां महसूस की जा रही हैं? (ग) विगत वर्ष में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर कितने कार्य प्रांरभ हुए कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे पृथकत: कुल कितनी-कितनी राशि स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ? (घ) अवगत कराए कि उपरोक्त क्षेत्र में योजनाओं के क्रियान्वयन में आंगनवाड़ी केन्द्रवार कुल कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक केन्द्रवार जानकारी से अवगत करायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जावरा नगर, तहसील पिपलौदा एवं जावरा अंतर्गत स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। जावरा नगर, तहसील पिपलौदा एवं जावरा अंतर्गत संचालित कुल 423 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 134 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये स्वयं के विभागीय भवन उपलब्ध हैं, 189 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवन में एवं 100 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। बड़े गांव एवं जनसंख्या अधिक होने से नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र की मांग के कारण जिले में 19 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र की स्वीकृति दी जाकर संचालित किये जा रहे हैं तथा प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र के लिये स्वयं के विभागीय भवन उपलब्ध कराने में कठिनाई महसूस की जा रही हैं। (ग) विगत वर्ष में जावरा नगर, तहसील पिपलौदा एवं जावरा अंतर्गत 237 आंगनवाड़ी भवनों में से पूर्ण, अपूर्ण एवं अप्रारंभ भवनों एवं इन निर्माण कार्यों हेतु प्राप्त राशि एवं व्यय की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं 'स' अनुसार है। (घ) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक जावरा नगर, तहसील पिपलौदा एवं जावरा अंतर्गत प्राप्त आवंटन व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है।
सुविधाओं आवश्यकताओं एवं सौंदर्यीकरण
[पर्यटन]
49. ( क्र. 2358 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिपलौदा तहसील अतंर्गत (1) मगरे वाली माताजी सुजापुर एवं (2) रोग्यादेवी माताजी मामरखेड़ा तथा जावरा तहसील अतंर्गत (1) मिण्डाजी त्रिवेणी संगम एवं (2) बाबा रामदेव स्थल नंदावता अत्यंत प्राचीन एवं क्षेत्रीय आस्थाओं के प्रमुख केन्द्र है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि वर्षभर में त्यौहारों, उत्सवों के साथ ही अनेक बड़े धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों के समय हजारों की संख्या में श्रृद्धालुओं, पर्यटकों एवं आमजन का आवागमन लगातार बना रहता है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त स्थलों तक पर्यटकों एवं आमजन के पहुंचने के लिये सुविधाजनक मार्ग, स्थलों पर जन सुविधाएं यथा पेयजल सुविधा घर विद्युतीकरण पर्यावरण पार्क प्रतिक्षालय मनोरंजन के साधन, झूले, कुर्सी इत्यादि की कमियों की आवश्यकता की मांग लगातार की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त स्थलों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन/विभाग द्वारा कार्ययोजना बनाकर पर्यटकों को पर्याप्त सुविधाएं मिल सके इस हेतु क्या किया जा रहा है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) वर्तमान में उपरोक्त स्थलों में पर्यटन के विकास की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
वोल्टेज का सुधार
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 2431 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर तहसील क्षेत्रांतर्गत ग्राम रेउसा, पोडीकला, उफरी, बसही, पथरहटा, छतैनी सहित कई ग्रामों में विद्युत सप्लाई उमरिया जिले के मानपुर सब स्टेशन से की जा रही है, जहां वोल्टेज की समस्या निर्मित होने से सिंचाई सहित अन्य विद्युत आधारित कार्य प्रभावित हो रहे हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो उक्त समस्या के समाधान हेतु उक्त क्षेत्र में विद्युत वोल्टेज की पूर्णता के लिये नवीन सब स्टेशन सहित अन्य उपाय किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं वर्तमान में प्रश्नाधीन ग्रामों को उमरिया जिले के मानपुर उपकेन्द्र से नहीं अपितु अलग-अलग 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिसका विवरण निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
ग्राम का नाम |
33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का नाम, जहाँ से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। |
1 |
रेउसा, पोडीकला |
बल्होद (नव निर्मित) |
2 |
उफरी, बसही, पथरहटा |
करकी |
3 |
छतैनी |
मुड़रिया (नव निर्मित) |
प्रश्नाधीन ग्रामों की विद्युत आपूर्ति उपरोक्त दर्शायें गये उपकेन्द्रों से करने के पश्चात् वोल्टेज की कोई समस्या परिलक्षित नहीं हुई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत सब स्टेशन की स्थापना
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 2456 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में कितने 11 के.व्ही. फीडरों से शहर व ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत की सप्लाई की जा रही है? ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत प्रदाय कर रहे फीडर का नाम, फीडर से सम्बद्ध ग्रामों की संख्या पृथक-पृथक बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ऐसे कितने फीडर हैं जिनसे घरों को विद्युत अलग फीडर से एवं पम्पों को विद्युत अलग फीडर से सप्लाई की जा रही है? फीडर के नाम सहित बतायें? (ग) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था सुचारू करने के लिये कहाँ-कहाँ सब स्टेशन की स्थापना की मांग की गई है? यह मांग कब तक पूरी की जावेगी? (घ) क्या उदयपुरा विधानसभा अंतर्गत विजनहाई विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य नियत तिथि तक पूर्ण नहीं हो पाया है? इसका निर्माण कार्य पूर्ण कब तक कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शहरी क्षेत्र में 11 के.व्ही. के 4 फीडरों एवं ग्रामीण क्षेत्र में 30 घरेलू, 54 कृषि एवं 15 मिश्रित इस प्रकार कुल 11 के.व्ही. के 99 फीडरों के माध्यम से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। फीडरवार संबद्ध ग्रामों की संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में कृषि एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं को फीडर विभक्तिकरण के उपरान्त 11 के.व्ही. के पृथक-पृथक फीडर के माध्यम से विद्युत प्रदाय की जाती है, जबकि शहरी क्षेत्र में 11 के.व्ही. के एक ही फीडर से सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को विद्यु्त प्रदाय किया जाता है। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में 11 के.व्ही. के 30 घरेलू फीडरों एवं 54 कृषि फीडरों के माध्यम से गैर कृषि एवं कृषि उपभोक्ताओं को पृथक-पृथक विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। फीडरों के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत माननीय विधायक महोदय के द्वारा ग्राम लामटा, बेरखेड़ी, मोतलसिर एवं पिपरिया करण सिंह में 33/11 के.व्ही. के नवीन उपकेन्द्र स्थापित करने की मांग की गई है। परीक्षण उपरांत यह पाया गया है कि ग्राम लामटा, बेरखेड़ी एवं मोतलसिर में वर्तमान में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। ग्राम पिपरिया करण सिंह में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य प्रस्तावित है, जिसे वित्तीय उपलब्धता के अनुसार आगामी वर्षों में पूर्ण करने के प्रयास किये जावेंगे। (घ) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में ग्राम विजनहाई में 132 के.व्ही. अति उच्चदाब उपकेन्द्र का कार्य निर्माणाधीन है, जो कि नियत तिथि तक पूर्ण नहीं किया जा सका है। उक्त कार्य वित्तीय वर्ष 2017-18 में पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
संकल्प 2013 के पालन में
[सामान्य प्रशासन]
52. ( क्र. 2553 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2013 में जनहित की सुविधा की दृष्टि से सभी विभागों में आवश्यक कार्यों को मूर्तरूप देने हेतु संकल्प पारित कर निर्णय लिये गये थे। (ख) यदि हाँ, तो संकल्प की सभी विभागों की पारित प्रति उपलब्ध कराई जावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऊर्जा विभाग में कार्यरत शिवपुरी जिले के अधिकारी/कर्मचारियों से संबंधित
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 2563 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जन संकल्प 2013, भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र वर्ष 2013 एवं माननीय मुख्यमंत्री जी की बार-बार की गई घोषणाओं के तहत विद्युत वितरण कम्पनियों में संविदा नियुक्ति में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कदम उठाये जावेंगे। (ख) यदि हाँ, तो क्या म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. शिवपुरी में कार्यरत/पदस्थ समस्त संविदा अधिकारी/कर्मचारियों का नियमितीकरण हो चुका है। (ग) यदि नहीं, तो क्या मध्यप्रदेश शासन ऊर्जा विभाग प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घोषणाओं के वचन बद्धता अनुसार प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अधिकारी/कर्मचारियों को कब तक नियमित कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राज्य शासन द्वारा अनुमोदित संविदा सेवा नीति-2016 के अनुसार ही प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा कर्मियों की सेवाएं ली जा रही है। संविदा सेवा नीति-2016 में संविदा पर कार्यरत कार्मिकों के नियमितीकरण का प्रावधान नहीं है। तथापि संविदा कर्मियों की अन्य समस्याओं का निराकरण वितरण कंपनियों द्वारा संविदा नीति अनुसार समय-समय पर किया जाता रहा है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
अंग्रेजी एवं देशी शराब दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
54. ( क्र. 2598 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अंग्रेजी एवं देशी शराब की कितनी दुकानें संचालित हैं? ठेकेदार के नाम व स्थान सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान समय में अंग्रेजी एवं देशी शराब की दुकानें ऐसी हैं जो नेशनल हाईवे पर स्थित हैं? शासन की मंशा अनुसार क्या ऐसी दुकानों को हटाया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) गोटेगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत अंग्रेजी मदिरा की 04 दुकानें एवं देशी शराब की 09 दुकानें संचालित है। ठेकेदार के नाम व स्थान की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। गोटेगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में (1) देशी मदिरा दुकान मुंगवानी (2) देशी मदिरा दुकान डांगीढाना नेशनल हाईवे पर स्थित है, जिन्हें दिनांक 01.04.2017 से नेशनल हाईवे से निर्धारित दूरी 500 मीटर तक हटाया जावेगा।
विद्युत विभाग द्वारा विद्युत विक्रय
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 2695 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 (दिसम्बर,2016 तक) में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा कितनी विद्युत का उत्पादन किया? उक्त अवधि में से कितनी बिजली एक्सचेंज के माध्यम से विक्रय की गई है? उसकी औसत दर प्रति यूनिट क्या थी वर्षवार बताएं?। (ख) उक्त वर्षों में एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा अन्य राज्यों से कितनी बिजली क्रय की गई? उसकी दरें यूनिटवार क्या थी वर्षवार बतावें। (ग) उक्त वर्षों में प्रदेश के उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट किस दर पर बिजली उपलब्ध कराई गई। उपभोक्ता वर्गवार (कार्मिशियल, घरेलू, सिंचाई एवं उद्योग आदि) एवं वर्षवार जानकारी देवें। (घ) क्या एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के पास आधिक्य (सरप्लस) बिजली होते हुए मंहगे दरों पर अन्य प्रदेश से बिजली क्रय की गई एवं अन्य प्रदेशों को कम दर पर बिजली बेची गई जबकि मध्य प्रदेश के उपभोक्ताओं से अधिक दर पर बिजली प्रदाय कर राशि वसूली गई हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 (माह दिसम्बर 2016 तक) में विद्युत उत्पादन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। एक्सचेंज के माध्यम से विद्युत विक्रय एवं औसत दर प्रति यूनिट से संबंधित वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा अन्य राज्यों से वर्षवार क्रय की गई विद्युत की जानकारी निरंक है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेशानुसार विद्युत प्रदाय की उपभोक्ता श्रेणीवार औसत दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, आधिक्य (सरप्लस) बिजली होते हुए मंहगी दरों पर अन्य प्रदेश से विद्युत क्रय नहीं की गई। प्रदेश में विद्युत की न्यूनतम एवं अधिकतम मांग के मध्य अंतर के फलस्वरूप समय-समय पर तत्समय विद्युत उपलब्धता के अनुसार प्रणाली प्रबन्धन तथा फिक्स चार्ज कम करने के उद्देश्य से पावर एक्सचेंज/द्विपक्षीय अनुबंधों के माध्यम से विद्युत क्रय/विक्रय किया गया है। इस विद्युत क्रय/विक्रय से हुए लाभ अंतत: विद्युत उपभोक्ता को प्राप्त होते हैं। राज्य में विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर पर ही विद्युत विक्रय किया गया।
एस.टी.सी. द्वारा करायें गये कार्यों की जाँच
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 2713 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि.जिला राजगढ़ के एस.टी.सी. द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि के कार्य कराये गये? विद्युत वितरण केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस एजेन्सी से किन-किन कार्य के लिये अनुबंध किया गया? इस कार्य एजेन्सी को कार्य हेतु कितनी राशि भुगतान की गई? एजेन्सीवार, कार्यवार भुगतान राशि के विवरण से अवगत करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार एजेन्सी द्वारा उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता की जाँच शासकीय/एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला से कराई गई? उक्त जाँच की रिपोर्ट से अवगत करावें? यदि नहीं, तो क्या एजेन्सी द्वारा कम्पनी के लेबल लगे डुप्लीकेट सामग्री का उपयोग किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार एजेन्सी द्वारा लगाये गयी सामग्री उपयोग करने के तत्काल पश्चात् जो जल गये/खराब हो गये, इनको आज दिनांक तक नहीं बदला गया है? इसके लिये जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के एस.टी.सी. संभाग राजगढ़ द्वारा कराए गए कार्यों की राशि सहित वितरण केन्द्रवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कराए गए कार्यों की ठेकेदार एजेंसी के नाम एवं भुगतान की गई राशि की प्रश्नाधीन अवधि हेतु वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1', 'ब-2' एवं 'ब-3' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा नियमानुसार क्रय की गई सामग्री को क्षेत्रीय भंडार के माध्यम से एस.टी.सी. संभाग को मांग के अनुसार आवंटित करने के पश्चात् संबंधित एस.टी.सी. संभाग के द्वारा कार्यरत एजेंसी को स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। मुख्य सामग्री की जाँच राष्ट्रीय स्तर की एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला से कराने के पश्चात् निर्धारित मापदण्डों के अनुसार पाये जाने पर ही क्षेत्रीय भंडारों में पहुँचाने के उपरान्त एस.टी.सी. संभाग के माध्यम से संबंधित कार्य एजेंसी द्वारा सामग्री उपयोग में लाई जाती है। जाँच की गई सामग्री की नमूना जाँच प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। संबंधित कार्य एजेंसी द्वारा डुप्लीकेट सामग्री के उपयोग की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) उत्तरांश 'क' में दर्शाये गये कार्यों में प्रयुक्त सामग्री में से कोई भी सामग्री उपयोग करने के तत्काल पश्चात् जली/खराब नहीं हुई है अत: प्रश्न नहीं उठता।
बागरी जाति द्वारा अनुचित तरीके से अनुसूचित जाति की सुविधाएँ लेना
[सामान्य प्रशासन]
57. ( क्र. 2715 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में अनुसूचित जाति की सूची के अनुसार सतना एवं पन्ना जिले में अनुसूचित जाति बागरी एवं सामान्य बागरी जाति पाई जाती है? यदि राजस्व अभिलेख में दोनों जातियों में बागरी दर्ज है तो जाति प्रमाणपत्र जारी करने वाला अधिकारी यह कैसे पता करता है कि कौन सी बागरी सामान्य बागरी जाति है या अनुसूचित जाति है? (ख) क्या आदिम जाति, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र.F23-55/98/25/4 भोपाल दिनांक 14/07/2003 द्वारा स्पष्ट किया गया है कि महाकौशल, बुंदेलखंड एवं विन्धप्रदेश क्षेत्रों में सामान्यतः बागरी कहलाने वाले व्यक्ति अनुसूचित जाति में सम्मलित होने की पात्रता नहीं रखते तथा उन क्षेत्रों में गहन छानबीन के पश्चात् ही अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र जारी किए जावें? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त आदेश का सतना पन्ना जिलों में पालन कराया जा रहा है या सिर्फ राजस्व भू-अभिलेख में बागरी लिखा होने मात्र से अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है? (घ) क्या सतना एवं पन्ना जिले में बागरी जाति विमुक्त जाति, घुमक्कड़ या अर्द्ध घुमक्कड़ जाति रहती है या सामान्य कृषक मालगुजार जो अपने आप को राजपूत श्रेणी में मानते हैं? (ड.) क्या अनुसूचित जाति बागरी का मुख्य व्यवसाय छींद की टोकरी बनाना है, विमुक्त तथा घुमक्कड़ आपराधिक पृष्ठभूमि की जाति है? क्या उक्त जिलों में इस व्यवसाय का काम अनुसूचित जाति बागरी जाति के द्वारा किया जाता है? यदि नहीं, तो क्या सामान्य वर्ग की जाति को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र व सुविधाएँ न दिए जाने के आदेश जारी किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सतना एवं पन्ना जिले सहित मध्यप्रदेश में बागरी जाति (राजपूत एवं ठाकुर की उपजातियों को छोड़कर) अनुसूचित जाति में सम्मिलित है। जाति प्रमाण पत्र समुचित जाँच के पश्चात् प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किया जाता है। (ख) एवं (ग) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 13.01.2014 को निर्देश जारी कर जाति प्रमाण पत्रों के आवेदनों के निराकरण की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युत सब स्टेशन निर्माण
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 2759 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत गत तीन वर्षों में कौन-कौन से विद्युत सब स्टेशन निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से ग्रामों को लाभान्वित करने के लिए प्रस्तावित किये गये, विकासखण्डवार जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तावित कार्यों की वर्तमान में भौतिक व वित्तीय स्थिति क्या है? क्या कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा में होने पर भी कार्य प्रारंभ ही नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कार्य विलंब के लिऐ दोषी ठेकेदारों पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई, तो कारण स्पष्ट करें? यदि की जायेगी, तो क्या और कब तक? (ग) क्या ग्राम विजनहाई, तहसील उदयपुरा, जिला रायसेन में 132 के.व्ही. का विद्युत सब स्टेशन का कार्य पूर्ण करने की निर्धारित अवधि मई 2016 थी? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में इसका कार्य पूर्ण क्यों नहीँ किया गया है? कार्य विलंब के लिऐ दोषी ठेकेदार पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई, तो कारण स्पष्ट करें? यदि की जायेगी, तो क्या और कब तक? उक्त कार्य पूर्ण कब तक होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत तीन वर्षों में 33/11 के.व्ही. के 3 उपकेन्द्रों की स्थापना का कार्य महेश्वर (नयागांव), अनघोरा एवं डूमर में एवं 132 के.व्ही. के एक उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य विजनहाई में प्रस्तावित किया गया है। उक्त उपकेन्द्रों के निर्माण की अनुमानित लागत एवं इनके निर्माण से लाभान्वित होने वाले ग्रामों का विकासखण्डवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' में वर्णित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र महेश्वर (नयागांव) का निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो गया हैं। ग्राम अनघोरा में कार्यस्थल विवादित होने के कारण प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में लंबित होने से प्रस्तावित कार्य आस्थागित किया गया है। 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र डूमर के कार्य हेतु प्रस्ताव राज्य शासन के माध्यम से ए.डी.बी. को प्रेषित किया गया है। उक्त तीनों उपकेन्द्रों के कार्य ए.डी.बी. द्वारा वित्त पोषित योजना में प्रस्तावित हैं। ग्राम विजनहाई, तहसील उदयपुरा जिला रायसेन में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र के कार्य पूर्ण होने की निर्धारित अवधि मई 2016 थी। संबंधित ठेकेदार द्वारा उक्त अवधि में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण, कार्यादेश निरस्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त कार्य अन्य ठेकेदार एजेंसी से वर्ष 2017-18 में पूर्ण कराने के प्रयास किये जायेंगे। उक्त चारों उपकेन्द्रों के कार्य ए.डी.बी. द्वारा वित्त पोषित योजना में किए जाने हेतु स्वीकृत/प्रस्तावित है।
अन्य विभागों से प्राप्त आवंटन से किये गये कार्य
[ऊर्जा]
59. ( क्र. 2765 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर को विगत तीन वित्तीय वर्षों में विद्युतीकरण कार्य हेतु राज्य शासन के अन्य विभागों से कितनी राशि प्राप्त हुई एवं इसके विरूद्ध क्या-क्या कार्य किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग से पम्पों के ऊर्जीकरण योजना/बस्ती विकास योजना अंतर्गत कितनी राशि प्राप्त हुई है एवं इसके विरूद्ध कौन-कौन से कार्य किए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) उल्लेखित कार्यों के स्वीकृत प्राक्कलन की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (घ) प्रावधान अनुसार कार्यों के क्रियान्वन हेतु मॉनीटरिंग किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब की गई? क्या मॉनीटरिंग के दौरान ठेकेदार/कार्य एजेन्सी प्रावधान अनुसार कार्य न करने के लिए दोषी पाये गये? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार पूर्ण विवरण देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के अंतर्गत आगर जिले में विगत 3 वित्तीय वर्षों में राज्य शासन के अन्य विभागों से विद्युतीकरण कार्य हेतु केवल वित्तीय वर्ष 2015-16 में परियोजना क्रियान्वयन इकाई आगर से रू. 9.25 लाख की राशि प्राप्त हुई है। प्राप्त राशि के विरूद्ध 3 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना तथा 0.87 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन एवं 0.10 कि.मी. निम्न दाब लाईन के निर्माण का कार्य कराया गया है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत विगत 3 वित्तीय वर्षों में राज्य शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग से सिंचाई पम्पों के ऊर्जीकरण एवं बस्तियों के विद्युतीकरण हेतु कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है तथापि उक्त अवधि में नियमानुसार सुपरविजन चार्जेस के तहत राशि रू. 56.93 लाख एवं उस पर देय सर्विस टैक्स की राशि रू. 7.40 लाख विद्युत कंपनी को प्राप्त हुई है। इनमें से म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युतीकरण का कोई भी कार्य नहीं कराया गया है अपितु उक्त कार्य संबंधित विभाग द्वारा अपने स्तर पर संपादित करवाये गये है एवं नियमानुसार वितरण कंपनी में सुपरविजन चार्ज एवं उस पर देय सर्विस टैक्स की राशि जमा कराई गई है। (ग) उत्तरांश-ख में उल्लेखित कार्यों के स्वीकृत प्राक्कलनों की सत्यापित प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित कार्यों का पर्यवेक्षण संबंधित सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री द्वारा समय-समय पर किया गया है, जिसका वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। जी नहीं, मॉनीटरिंग के दौरान ठेकेदार/कार्य एजेंसी द्वारा प्रावधान अनुसार कार्य नहीं करने का कोई प्रकरण नहीं पाया गया। अत: प्रश्न नहीं उठता।
विद्युतीकृत ग्रामों की जानकारी
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 2784 ) श्री
संजय उइके :
क्या ऊर्जा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
बालाघाट जिले
की बैहर
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
राजीवगांधी
ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना
(वर्तमान में
दीनदयाल
उपाध्याय
ग्राम ज्योति
योजना) के अन्तर्गत
अविद्युतिकृत
ग्रामों का
विद्युतीकरण
एवं
विद्युतीकृत
ग्रामों का
सघन विद्युतीकरण
का कार्य किया
जा रहा है? (ख) यदि
हाँ, तो
जिन ग्रामों
का
विद्युतीकरण
एवं सघन विद्युतीकरण
का कार्य उक्त
योजना में
किया गया है, क्या आज
दिनाँक तक भी
कई टोले पारे
छूट गये हैं? कारण
बतावें?
(ग)
विद्युतीकृत
एवं सघन
विद्युतीकृत
किये गये ग्रामों
का
विद्युतीकरण
का प्राक्कलन
किन अधिकारियों
द्वारा किया
गया? सर्वे
का कार्य किन
अधिकारियों
द्वारा किया गया? सर्वे की
जानकारी
देवें? सर्वे
एवं
प्राक्कलन
बनाने एवं स्वीकृति
में टोले पारे
छोड़ने के
कारण संबंधित
अधिकारी/कर्मचारियों
पर क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
(घ)
योजनान्तर्गत
पूर्ण किये
गये ग्रामों
के छूटे टोले
पारे में कब
तक विद्युतीकरण
पूर्ण किया
जावेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) जी हाँ, बालाघाट
जिले की बैहर
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
11वीं एवं 12वीं
पंचवर्षीय
योजना में स्वीकृत
राजीव गांधी
ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना (वर्तमान
में दीनदयाल
उपाध्याय
ग्राम ज्योति
योजना में
समाहित) के
अन्तर्गत
अविद्युतीकृत
ग्रामों के
विद्युतीकरण
एवं
विद्युतीकृत
ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक
आबादी वाले
मजरो/टोलों के
विद्युतीकरण
सहित सघन
विद्युतीकरण
का कार्य किया
जा रहा है। (ख) जी
हाँ, प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
जिन ग्रामों
के
विद्युतीकरण एवं
सघन
विद्युतीकरण
का कार्य उक्त
योजना में
किया गया है, उन
ग्रामों के 100 से कम
आबादी वाले
मजरो/टोलों
में योजना के
प्रावधानों/स्वीकृति/आवंटन
के
परिप्रेक्ष्य
में
विद्युतीकरण
का कार्य किया
जाना संभव नहीं
हो सका है। (ग) जिला
बालाघाट की
बैहर
विधानसभा
क्षेत्र में प्रश्नाधीन
योजनाओं के
अन्तर्गत
विद्युतीकृत
एवं सघन
विद्युतीकृत
किये गये
ग्रामों के
विद्युतीकरण
हेतु प्राक्कलन
बनाने एवं
सर्वे किये
जाने की प्रश्नाधीन
चाही गई जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
उत्तरांश (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में किसी
अधिकारी/कर्मचारी
के दोषी होने
अथवा किसी के
विरूद्ध
कार्यवाही
करने का प्रश्न
नहीं उठता। (घ) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में वर्तमान
में निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
मांग संख्या 41 अंतर्गत प्राप्त राशि
[महिला एवं बाल विकास]
61. ( क्र. 2785 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालाघाट जिले को विभाग द्वारा मांग संख्या 41 आदिवासी उपयोजना में विभिन्न योजनाओं हेतु वित्तिय वर्ष 2012-13 में 702.08 लाख, वित्तीय वर्ष 2013-14 में 346.84 लाख, वित्तीय वर्ष 2014-15 में 1241.05 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में 1106.01 लाख रूपये की राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्राप्त राशि कहाँ-कहाँ, कितना-कितना, किन-किन कार्यों/योजनाओं में कब-कब व्यय की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है। (ख) आदिवासी उप योजना में वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक विभिन्न योजना अंतर्गत प्राप्त राशि का व्यय घरेलू हिंसा के विरूद्ध महिलाओं को सुरक्षा एवं सहायता केन्द्र, लाड़ली लक्ष्मी योजना, ऊषा किरण योजना, स्वागतम लक्ष्मी योजना, समेकित बाल संरक्षण योजना, लाडो अभियान, मंगल दिवस, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को अतिरिक्त मानदेय, एकीकृत बाल विकास सेवा योजना, अटल बाल आरोग्य मिशन, म.प्र. स्वास्थ्य क्षेत्र सुधार कार्यक्रम मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास योजना एवं न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम, बेटी बचाओं अभियान एवं न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम, विशेष पोषण आहार योजना के क्रियान्वयन में किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 एवं 2 अनुसार है।
लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के वेतन विसंगति
[वित्त]
62. ( क्र. 2798 ) श्री अरूण भीमावद : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 07 मई 2016 को लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की वेतन/विसंगति दूर करने हेतु शासन द्वारा समिति का गठन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त समिति द्वारा लिपिक वेतन विसंगति दूर करने संबंधी प्रतिवेदन शासन को कब सौंपा गया है? तिथि बतावें। (ग) उक्त वेतन विसंगति दूर करने हेतु शासन स्तर पर क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) लिपिकों के वेतनमानों की वेतन विसंगति कब तक दूर कर दी जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) समिति का अधिकृत प्रतिवेदन राज्य शासन को नहीं सौंपा गया है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राज्य के वित्तीय संसाधनों एवं अन्य परिणामों के परिप्रेक्ष्य निर्णय लिया जा सकेगा। अत: समय सीमा बताना संभव नहीं है।
बिजली बनाने और बचत करने की योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
63. ( क्र. 2811 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली की बचत करने हेतु शासकीय चिकित्सालयों में सोलर सिस्टम लगाने की क्या योजना बनाई थी? इसके तहत जबलपुर के किन-किन चिकित्सालयों का चयन कब किया गया और कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी मात्रा में सोलर पैनल/सोलर प्लेट एवं अन्य कौन-कौन सी सामग्री, उपकरण आदि कब-कब भेजे गये? (ख) ऊर्जा विकास निगम भोपाल ने सोलर सिस्टम का स्टालेशन का ठेका कब किस एजेन्सी/कंपनी को किन शर्तों पर कितनी अवधि के लिए दिया। संबंधित एजेन्सी/कंपनी को किस-किस कार्य से संबंधित कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया वर्ष 2013-14 से 2016-2017 तक की जिलावार जानकारी दें। (ग) जबलपुर जिले के किन-किन चिकित्सालयों में भेजे गये सोलर पैनल/सोलर प्लेट का स्टालेशन कब, किस एजेन्सी/कंपनी ने किया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है। इससे शासन को कितनी राशि की क्षति हुई वर्तमान में उक्त सोलर पैनल/सोलर प्लेटों की स्थिति क्या है? इसकी जाँच कब किसने की है तथा यह कहाँ-कहाँ पर रखे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा प्रदेश के 98 शासकीय चिकित्सालयों में सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना की योजना प्रस्तुत की गई थी, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योजना के अन्तर्गत सौर संयंत्रों की स्थापना के लिए जबलपुर जिले के चयनित चिकित्सालय एवं उनमें प्रदायिक एवं स्थापित सामग्री का विवरण, स्थापना दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रदेश के चयनित चिकित्सालयों में सौर संयंत्रों की स्थापना के कार्य के आवंटन दिनांक, आवंटी इकाई, अनुबंध शर्तें, कार्य पूर्णता की अवधि एवं भुगतान की गई राशि का वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले के चिकित्सालयों में स्थापित संयंत्रों की सामग्री एवं स्थापनाकर्ता इकाइयों का विवरण उत्तरांश-(क) में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। स्थापनाकर्ता इकाइयां, जिन्होंने जबलपुर जिले के अन्य चयनित चिकित्सालयों में संयंत्र स्थापनायें नहीं की है, का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। संयंत्र की स्थापना का कार्य टर्न-की आधार पर आवंटित किया गया था। जिन इकाइयों ने निर्धारित समयावधि में संयंत्र स्थापना का कार्य पूर्ण नहीं किया, उन्हें आवंटित कार्य निरस्त कर दिये गये और उन्हें किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया। इसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व आवंटी इकाई का है। इससे शासन को कोई वित्तीय हानि नहीं हुई है। कार्यस्थलों पर प्रदायित सामग्री के, संयंत्र की स्थापना एवं हस्तांतरण के पूर्व तक की पूर्ण जवाबदारी आवंटी इकाई की होने के परिप्रेक्ष्य में, सामग्री की स्थिति, उनकी जाँच एवं उनके रखे जाने के स्थान के विषय से संबंधित प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार वितरण व्यवस्था में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
64. ( क्र. 2818 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में पोषण आहार के अंतर्गत क्या-क्या, कितना-कितना आहार प्रति बच्चे के मान से किस-किस एजेंसी के माध्यम से वितरण कराया जा रहा है? आहारवार, मात्रावार, एजेंसीवार जानकारी दें। (ख) क्या आहार के वितरण कार्य एजेंसियों को कार्य आवंटन के संबंध में कोई दिशा निर्देश निर्धारित है? यदि हाँ, तो उनकी प्रति उपलब्ध करावें? क्या तहसील मेहगांव एवं गोरमी में पोषण आहार का वितरण स्थानीय एजेंसी से न कराया जाकर क्षेत्र से बाहर की एजेंसियों से कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नियम से और किसके निर्देश से? नियम निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2016-17 में भिण्ड जिले की तहसील मेहगांव, गोरमी एवं रौन के अंतर्गत प्रति माह कितना-कितना पोषण आहार का आवंटन किया गया है? माहवार, पोषण आहारवार जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) भिण्ड जिले में पोषण आहार के अंतर्गत आहारवार, मात्रावार, एजेंसीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। तहसील मेहगांव एवं गोरमी के ग्रामीण क्षेत्र में पोषण का वितरण कार्य सांझा चूल्हा अंतर्गत स्व-सहायता समूह/ग्राम तदर्थ पोषण समिति के माध्यम से कराया जा रहा है तथा मेहगांव एवं गोरमी के नगरीय क्षेत्र में तथागत समाज कल्याण समिति के माध्यम से पोषण आहार प्रदाय का कार्य कराया जा रहा है। यह संस्था मेहगांव की स्थानीय पंजीकृत संस्था है, संस्था का कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश है। जिला स्तरीय पोषण समिति के निर्णय अनुसार जिला स्तर से जारी एक्सप्रेस आफ इन्ट्रेट तथा आवेदन के साथ संस्थाओं के चयन हेतु निर्धारित मापदण्ड में प्रथम शर्त है कि ‘‘ महिला मण्डल/स्व-सहायता समूह संबंधित स्थानीय नगरीय निकाय का अथवा उस क्षेत्र में कार्य हेतु पंजीकृत होना चाहिए’’। तथागत समाज कल्याण समिति मेहगांव उसी स्थानीय क्षेत्र मेहगांव में पंजीकृत होने से व अन्य मापदण्डों की पूर्ति किए जाने से जिला स्तरीय समिति द्वारा संस्था का चयन किया गया है। आवेदन के साथ संलग्न मापदण्ड एवं शर्तों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। (ग) वर्ष 2016-17 में भिण्ड जिलें की तहसील मेहगांव, गोरमी एवं रौन के अंतर्गत प्रति माह प्राप्त पोषण आहार (टेकहोम राशन) की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार है।
संस्कृति विभाग के कार्यक्रमों का आयोजन
[संस्कृति]
65. ( क्र. 2826 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत संस्कृति विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्यक्रमों का आयोजन माह जनवरी 2014 से दिसम्बर 2016 के मध्य किया गया है? किये गये कार्यक्रमों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) यदि विभाग द्वारा अभी तक बैरसिया विधान सभा क्षेत्र में कोई कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया है, तो इसके कारण रहे हैं, विभाग बैरसिया में कोई कार्यक्रम आयोजित किये जाने की मंशा रखता है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो समय सीमा बतायें।
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) संचालनालय द्वारा विधानसभा क्षेत्र के आधार पर कार्यक्रम संयोजित नहीं किए जाते हैं. भोपाल जिले में संचालनालय द्वारा निरंतर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार. (ख) जानकारी प्रश्नांश ‘‘क’’ अनुसार.
नवीन आंगनवाड़ियों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
66. ( क्र. 2827 ) श्री
विष्णु
खत्री : क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता
के विधान सभा
क्षेत्र
बैरसिया
अंतर्गत
विभिन्न
निर्माण
एजेंसियों
द्वारा
कहाँ-कहाँ पर
नवीन
आंगनवाड़ियां
स्वीकृत की
गयी हैं?
निर्माण
एजेन्सीवार
सूची उपलब्ध
करावें?
(ख)
प्रश्नांश
(क) में
दर्शित
आंगनवाड़ियों
में कौन-कौन
से आंगनवाड़ियों
का निर्माण
पूर्ण हो गया
है एवं
कौन-कौन से
आंगनवाड़ियां
अधूरी है एवं
कितनी
आंगनवाड़ियों
का निर्माण
कार्य अभी तक
प्रारंभ नहीं
हुआ है? (ग) प्रश्नांश
(ख) में
दर्शित अधूरी
आंगनवाड़ियों
को कब तक
पूर्ण कर लिया
जावेगा?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना चिटनिस
) : (क) विधानसभा
क्षेत्र
बैरसिया में 13 वें वित्त
आयोग अंतर्गत 19
आंगनवाड़ी
भवन निर्माण
स्वीकृत
किये गये है।
विस्तृत जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ'
अनुसार
है। (ख) प्रश्नांश
(क) में
दर्शित 19
नवीन स्वीकृत
आंगनवाड़ी
भवनों में से 03
आंगनवाड़ी
भवनों का
निर्माण
कार्य पूर्ण
हो चुका है
एवं शेष 16
आंगनवाड़ी
भवनों का
कार्य
निर्माणाधीन
है। आंगनवाड़ीवार
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब'
अनुसार
है। (ग) आंगनवाड़ी
भवनों का
निर्माण
कार्य विभाग
द्वारा ग्राम
पंचायतों के
माध्यम से
कराया जा रहा
है, समस्त
कार्य
प्रगतिरत है।
समय-सीमा दिया
जाना संभव
नहीं है।
उज्जैन, इंदौर संभाग में घटिया कम्पनी के विद्युत मीटर
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 2855 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत वर्ष 1 जनवरी, 2014-15, 2015-16 में गारंटी अवधि में कुल कितने विद्युत मीटर खराब हुये? ये मीटर किस-किस कंपनी के थे? क्या उक्त गांरटी अवधि में खराब हुये विद्युत मीटर प्रदायकर्ता कंपनी द्वारा बदलवायें जाने थे? यदि हाँ, तो म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत कितने इस प्रकार के खराब मीटर प्रदायकर्ता कंपनियों ने बदलकर विद्युत कंपनी का प्रदाय किये? कितने मीटर प्रदाय करना शेष है? प्रदायकर्ता कंपनियों द्वारा खराब मीटर के बदले नये मीटर प्रदाय नहीं करने पर उक्त प्रदायकर्ता कंपनियों से कितनी राशि की वसूली की गई? (ख) क्या मेसर्स एलीमर इलेक्ट्रिक प्रा.लि. दिल्ली मेसर्स एलीमर इंटरनेशनल प्रा.लि. दिल्ली एवं मेसर्स एवन मीटर्स प्रा.लि. डेराबस्ती कम्पनी द्वारा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर को प्रदाय किये गये मीटरों में से गांरटी अवधि में खराब हुये मीटर बदलने में देरी एवं नहीं बदलने को लेकर तथा मीटर की गुणवत्ता में दोष पूर्णता के कारण इन कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही प्रचलन में है? क्या भविष्य में खराब विद्युत मीटर ठीक नहीं करने अथवा बदलकर नहीं देने की दशा में प्रदायकर्ता कंपनियों की उपलब्ध सुरक्षा राशि में से खराब मीटरों की राशि वसूली जावेगी यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मीटर प्रदायकर्ता कंपनियों को पूर्व वर्षों में की गई अनियमितता एवं अन्य कारणों सें म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है यदि हाँ, तो किन-किन कंपनियों को किस-किस कारण से? इन ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से पुन: मीटर खरीदने के क्या कारण है? म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर के पास उक्त फर्मों की कितनी सुरक्षानिधि एवं परफारमेंस गारंटी उपलब्ध हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अंतर्गत वर्ष 2014-15 (1 जनवरी-2014 से) एवं वर्ष 2015-16 में गारंटी अवधि में क्रमशः कुल 99157 एवं 73104 विद्युत मीटर खराब हुए है। इन खराब हुए मीटरों की संख्या की प्रदायकर्ता कंपनी के नाम सहित वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। जी हाँ, गारंटी अवधि में खराब हुए विद्युत मीटर प्रदायकर्ता कंपनी द्वारा बदलवायें जाने थे। प्रश्नांकित अवधि में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अंतर्गत क्रमशः कुल 74089 एवं 34527 खराब मीटर प्रदायकर्ता कंपनियों ने बदलकर विद्युत कंपनी को वापस प्रदाय किये है तथा क्रमशः 25068 एवं 38577 खराब विद्युत मीटर प्रदाय करना/बदलना शेष थे। प्रदायकर्ता कंपनियों द्वारा खराब मीटर के बदले नये मीटर प्रदाय नहीं करने पर उक्त प्रदायकर्ता कंपनियों के विरूद्ध क्रमशः राशि रू. 26265688/- एवं 38411980/- की देयता अधिरोपित की गई, जिसमें से क्रमशः राशि रू. 1900657/- एवं 36904446/- की वसूली की जा चुकी है। (ख) जी नहीं। निविदा की शर्तों के अनुसार प्रदायकर्ता कंपनी द्वारा गारंटी अवधि में खराब हुए मीटरों को बदलकर नहीं देने की दशा में प्रदायकर्ता कंपनी द्वारा देयक प्रस्तुत किये जाने पर उस समय लंबित देयता राशि (लायबिलिटी) को देयकों में से काटकर भुगतान किया जाता है तथा तदुपरांत भी देयता राशि शेष रहने पर उसकी वसूली सुरक्षा निधि की राशि से की जाती है। उक्तानुसार प्रदायकर्ता कंपनी से खराब मीटरों के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही एक सतत् प्रकिया के अंतर्गत की जाती है, अतः राशि की वसूली हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, अतः प्रश्न नहीं उठता। प्रश्नांश में उल्लेखित मेसर्स एवन मीटर्स प्रा. लि. डेराबस्ती की रू. 3.22 करोड़ की अमानत/सुरक्षा निधि की राशि म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पास जमा है तथा मेसर्स ऐलीमर इलेक्ट्रिक प्रा.लि. दिल्ली एवं मेसर्स ऐलीमर इन्टरनेशनल प्रा.लि. दिल्ली की कोई भी अमानत/सुरक्षा निधि की राशि जमा नहीं है।
पुरातत्व महत्त्व की इमारतों का संरक्षण
[संस्कृति]
68. ( क्र. 2873 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कितनी इमारतें पुरातत्व विभाग की देखरेख हेतु सूचीबद्ध हैं? बिजावर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली इमारतों एवं अन्य सरंचनाओं की क्या सूची देवें। (ख) जिले में ऐसी कितनी पुरातत्व विभाग के अंतर्गत इमारतें या संरचनायें हैं जिनमें गत 05 वर्ष में पुनरूद्धार/मरम्मत कार्य हुआ है? कितनी राशि किस पर व्यय हुई? सूची उपलब्ध कराये। (ग) वर्तमान में कितनी संरचनाओं में काम चल रहा है? किस–किस संरचनाओं में क्या–क्या मरम्मत होना प्रस्तावित है? इनकी लागत और समयावधि क्या है? (घ) ऐसे भवन और इमारतें जिनमें गत 05 वर्षों से कोई कार्य नहीं हुआ और वे क्षतिग्रस्त हो रही है? उनकी देखभाल व मरमम्त कार्य क्या शुरू होंगे?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जिला छतरपुर में राज्य पुरातत्व विभाग के नियंत्रण में 29 स्मारकों को सरंक्षण में लिया गया है. बिजावर विधानसभा के अंतर्गत राज्य संरक्षित स्मारकों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार. (ख) जिला छतरपुर में स्थित राज्य संरक्षित स्मारक जिनमें पिछले 5 वर्षों में पुनरूद्धार/मरम्मत का कार्य किया गया था, की सूची व्यय सहित संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार. (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार. (घ) शेष रहे स्मारकों का पुरातत्वीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण कर आवश्यकतानुसार उन स्मारकों पर अनुरक्षण एवं विकास कार्य कराया जायेगा. समय-सीमा बतलाना संभव नहीं है.
लाइनमैन की विद्युत प्रवाह चालु कर दिए जाने से हुई मृत्यु
[ऊर्जा]
69. ( क्र. 2892 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के अंतर्गत म.प्र.पू.क्षे.वि.वि. कम्पनी डी.सी. निवास में पदस्थ लाइनमैन केमलभान सिंह गोंड की मृत्यु बिजली के खम्भे में चढ़ने के दौरान विद्युत प्रवाह चालु कर देने के कारण हो गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या डी.सी. निवास कार्यालय में पदस्थ लिपिक भीम सिंह द्वारा निर्देश दिया गया था कि खम्भे में चढ़कर एयरटेल टावर की लाइन (11000 वोल्ट) को जोड़े किन्तु इसी दौरान लिपिक द्वारा विद्युतलाइन चालु करवा दी गई जिससे उक्त लाइनमैन की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी यदि यह सत्य है तो क्या उक्त लिपिक के खिलाफ पुलिस चौकी निगरी में एफ.आई.आर.दर्ज कराया गया था, विवरण सहित बताएं? (ग) क्या उक्त लिपिक को विभाग द्वारा भी दोषी माना गया था यदि हाँ, तो आज दिनांक तक संबंधित लिपिक के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) क्या इसी प्रकरण के चलते उक्त लिपिक के विरुद्ध आवाज उठाने वाले उपभोगता सिद्धनाथ साहू निवासी पापल के नाम पर फर्जी विद्युत चोरी का प्रकरण तैयार कर 22016 रूपये का दिनांक 08/07/12 को फर्जी पंचनामा के आधार पर विशेष न्यायालय के जरिये नोटिस भेजी गई है जबकि उक्त पंचनामा में हस्ताक्षर करने वाले लोगों द्वारा लिखित व मौखिक बताया गया है कि संबंधित लिपिक के द्वारा दबाव बनाकर हस्ताक्षर कराया गया था, जबकि कि उन लोगों के द्वारा कोई चोरी नहीं पकड़ी गई और न ही उपभोक्ता द्वारा कोई बिजली चोरी की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्री कमलभान सिंह गोड़, लाईनमैन की मृत्यु विद्युत करेंट लगने की वजह से ही बिजली के खम्भे पर चढ़कर कार्य करने के दौरान हुई थी तथापि यह सत्य नहीं है कि कार्य के दौरान विद्युत प्रवाह चालू कर देने से उक्त दुर्घटना हुई है। (ख) डी.सी. निवास कार्यालय में पदस्थ श्री भीमसेन सिंह, कार्यालय सहायक द्वारा उक्त लाईनमैन को खंभे पर चढ़कर प्रश्नाधीन उल्लेखित कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया था तथा श्री भीमसेन सिंह के नाम से ही 11 के.व्ही. लाईन बन्द कराने के लिये परमिट जारी किया गया था। यह सही नहीं है कि श्री भीमसेन सिंह, कार्यालय सहायक के द्वारा कार्य के दौरान विद्युत लाईन चालू करवा देने से उक्त लाईनमैन को करेंट लगा एवं वह दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। कनिष्ठ अभियंता के वितरण केन्द्र मुख्यालय में उपस्थित नहीं रहने के कारण श्री भीमसेन सिंह, कार्यालय सहायक द्वारा संबंधित 11 के.व्ही. लाईन बन्द करने एवं परमिट जारी करने हेतु ड्यूटी आपरेटर को निर्देशित किया गया था, जिस पर ड्यूटी आपरेटर द्वारा परमिट क्रमांक 113/000088 के द्वारा श्री भीमसेन सिंह, कार्यालय सहायक के नाम से 11:08 पूर्वान्ह पर 11 के.व्ही. निवास फीडर एवं 11:22 पूर्वान्ह पर 11 के.व्ही. जोवा फीडर की लाईन बन्द कर परमिट जारी किया गया था। कार्य प्रारंभ करने के पूर्व संबंधित लाईनमैन द्वारा सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करते हुए कार्य स्थल पर लाईन को डिस्चार्ज नहीं किया, फलस्वरूप समीपस्थ क्षेत्र में उच्चदाब लाईनों की क्रासिंग के कारण 11 के.व्ही. लाईन में इण्डक्सन प्रभाव के कारण श्री कमलभान सिंह गोड़ लाईनमैन को करेंट लगा एवं वे दुर्घटनाग्रस्त हुये। उक्त घटित घटना की रिपोर्ट पुलिस चौकी निगरी में किये जाने पर उनके द्वारा मर्ग क्रमांक 1/14 धारा 174 सी.आर.पी.सी. के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज किया गया था एवं जाँच कार्यवाही की गई। मृतक का पोस्ट मार्टम जिला चिकित्सालय सीधी में किया गया था। श्री भीमसेन सिंह, कार्यालय सहायक के विरूद्ध पुलिस थाने में कोई एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है। (ग) श्री भीमसेन सिंह, कार्यालय सहायक द्वारा अनाधिकृत होते हुये भी लाईनों का परमिट जारी कराया गया था, अत: उपरोक्त अनियमितता के लिये उनके विरूद्ध कार्यवाही करते हुये पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 1081-82 दिनांक 13.02.2017 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। लाईन में काम कराने के लिए अधिकृत नहीं श्री भीमसेन सिंह, कार्यालय सहायक को परमिट देने संबंधी अनियमितता के कारण ड्यूटी आपरेटर श्री कुंवर सिंह (ठेका आपरेटर) को कार्य से पृथक कर दिया गया है। साथ ही संबंधित ठेकेदार का ठेका वर्तमान में निरस्त कर दिया गया है। (घ) श्री सिद्धनाथ साहू, निवासी ग्राम पापल के द्वारा अवैध रूप से विद्युत का उपयोग किया जाना पाया गया था, जिसके लिये तत्कालीन प्रभारी अधिकारी, निवास द्वारा स्थल निरीक्षण/पंचनामा क्रमांक 49/0006 दिनांक 08.07.2012 तैयार किया गया था एवं अनंतिम निर्धारण आदेश कमांक 797 दिनांक 26.10.2012 के माध्यम से रू. 22017 की राशि निर्धारित की गई थी, जबकि उक्त विद्युत दुर्घटना दिनांक 02.01.2014 को घटित हुई है।
अध्यापक संवर्ग की अनुकम्पा नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
70. ( क्र. 2938 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग के मामले में अनुकम्पा नियुक्ति देने संबंधी सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी 3-12/2013/1/3 दिनांक 29.09.2014 के तहत अनुकम्पा नियुक्ति देने में आ रही कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुये क्या राज्य शासन को अनुकम्पा नियुक्ति में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 02 व वर्ग 03 के पद पर नियुक्ति के प्रावधानों को शिथिल करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो क्या राज्य शासन अनुकम्पा नियुक्ति में हो रही जमीनी दिक्कतों को दूर करने के लिए नियमों में शिथिलता बरतेगा? (ख) क्या विभाग स्कूल शिक्षा विभाग से अध्यापक संवर्ग के मामले में लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणो की जानकारी मंगवाकर अनुकम्पा नियुक्ति में हो रही परेशानी का आंकलन करेगा तथा इस आंकलन से प्रश्नकर्ता विधायक को अवगत कराएगा? (ग) यदि राज्य शासन को निर्धारित शैक्षणिक अर्हता को शिथिल करने के अधिकार न हो तो क्या सामान्य प्रशासन विभाग अध्यापक संवर्ग को अनुकम्पा नियुक्ति देने के वैकल्पिक प्रावधानो पर विचार करेगा जिससे लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण किया जा सकें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फ्लाय ऐश की वजह से पर्यावरण को नुकसान
[ऊर्जा]
71. ( क्र. 2940 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में म.प्र.पा.ज.कं.लि. के कुल कितने थर्मल पावर जनरेशन प्लांट स्थापित हैं तथा उनमें प्लांटवार कुल कितने कोयले की वार्षिक खपत हुई है व कुल कितनी प्लांटवार वार्षिक फ्लाय ऐश उत्पन्न हुई है, गत वित्तीय वर्ष एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में माह जनवरी, 2017 तक की जानकारी देवें? (ख) इस फ्लाय ऐश का निष्पादन (डिस्पोजल) किये जाने हेतु म.प्र.पा.ज.कं.लि. में क्या प्रावधान है तथा वर्तमान में म.प्र.पा.ज.कं.लि. में थर्मल पावर जनरेशन से उत्पन्न होने वाली फ्लाय ऐश का कितना प्रतिशत (डिस्पोज) हो पाता हैं तथा शेष फ्लाय ऐश को रखने के लिये क्या व्यवस्था हैं? (ग) फ्लाय ऐश के निष्पादन (डिस्पोजल) हेतु राष्ट्रीय मापदण्ड क्या हैं तथा कौन-कौन सी पर्यावरण अनुकूल तरीकों से इसका निष्पादन किया जाता है? (घ) फ्लाय ऐश के निष्पादन (डिस्पोजल) की गंभीर समस्या से निपटने के लिये म.प्र.पा.ज.कं.लि. द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं यदि हाँ, तो संक्षिप्त विवरण देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश में म.प्र. पावर जनरेटिंग कं.लि. के चार थर्मल पावर जनरेशन प्लांट स्थापित है, उक्त विद्युत गृहों में वित्तीय वर्ष 2015-2016 एवं वित्तीय वर्ष 2016-2017 (जनवरी 2017 तक) हेतु कोयले की वार्षिक खपत तथा उत्पन्न फ्लाई एश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) फ्लाई एश का निष्पादन (डिस्पोजल) किये जाने हेतु सीमेण्ट कंपनियों, ईंट, ब्लॉक, टाईल्स इत्यादि के उत्पादकों, भूमि समतलीकरण, सिविल निर्माण में कार्यरत संस्थाओं को उनके निर्माण कार्यों हेतु, खदानों में भराव हेतु तथा अन्य फ्लाई एश उपयोगकर्ताओं इत्यादि को फ्लाई एश यथासंभव प्रदाय की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2015-16 तथा वित्तीय वर्ष 2016-17 (जनवरी 2017 तक) की अवधि में म.प्र.पा.ज.कं.लि. के विभिन्न ताप विद्युत गृहों से निष्पादित (डिस्पोजल) की गई फ्लाई एश मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष फ्लाई एश के भण्डारण हेतु सभी ताप विद्युत गृहों में एश पौंड का निर्माण किया गया है, जिनमें फ्लाई एश को संग्रहीत किया जाता है। (ग) फ्लाई एश के निष्पादन (डिस्पोजल) हेतु केन्द्र सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा दिनांक 03 नवंबर 2009 को जारी किये गये राष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार प्रत्येक ताप विद्युत गृहों द्वारा उक्त दिनांक से उल्लेखित अवधि में 100 प्रतिशत फ्लाई एश के निष्पादन (डिस्पोजल) का लक्ष्य प्राप्त किया जाना है लक्ष्य की अवधि संबंधी विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। फ्लाई एश का निष्पादन (डिस्पोजल) पर्यावरण अनुकूल तरीकों से करने के लिए इसे सीमेण्ट उत्पादन में कच्चे माल के रूप में, ईंट, ब्लॉक, टाईल्स इत्यादि के निर्माण में, कच्चे माल के रूप में भूमि समतलीकरण तथा बंद हो चुकी खदानों में भराव हेतु, सिविल एवं सड़क निर्माण तथा अधोसंचरना विकास में तथा खेती में खाद के रूप में उपयोग कर किया गया है। (घ) फ्लाई एश निष्पादन (डिस्पोजल) के लिए किये जा रहे प्रयासों की विद्युत गृहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
पर्यटन विभाग द्वारा क्षेत्र में कराए जा रहे कार्य
[पर्यटन]
72. ( क्र. 2977 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत पर्यटन विभाग द्वारा वर्तमान में कितने कार्य निर्माणाधीन हैं। उनकी लागत सहित नाम बताए वर्तमान में उनके निर्माण की क्या स्थिति हैं। एवं यह कार्य कब तक पूरे कर लिये जायेंगे। (ख) गांधीसागर जलाशय पर वॉटर स्पोटर्स को लेकर कोई योजना बनाई हैं। यदि हाँ, तो वर्तमान में उसकी क्या स्थिति हैं। क्या यह सही हैं कि पूर्व में पर्यटन मंत्री द्वारा वॉटर स्पोटर्स योजना के लिए आश्वस्थ किया गया था। (ग) गांधीसागर जलाशय अन्तर्गत स्थित मालासरी टेकरी पर होटल खोलने हेतु कोई योजना बनाई गई हैं। यदि हाँ, तो वर्तमान में उसकी क्या स्थिति हैं।
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। कार्य प्रगतिरत हैं, समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार से स्वीकृति अपेक्षित है। (ग) मालासरी टापू पर होटल खोलने की योजना नहीं है। पर्यटन नीति 2016 के अंतर्गत निवेश प्रस्ताव आमंत्रित किये जाना प्रस्तावित है।
फीडर सेपरेशन योजना के अपूर्ण कार्य
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 2978 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत फीडर सेपरेशन योजना अंतर्गत कौन कौन से ग्राम सम्मिलित हैं। तथा सम्मिलित ग्रामों में किन किन ग्राम में कार्य पूर्ण कराया गया हैं। एवं कौन-कौन ग्रामों में विद्युतिकरण कार्य किन कारणों से अपूर्ण हैं? (ख) इन कार्यों को पूर्ण कराने हेतु शासन द्वारा क्या समय-सीमा निर्धारित की गई हैं। किन-किन ऐंजसियों द्वारा कार्य किया जा रहा हैं। (ग) वर्ष 2015 एवं 2016 में अनुदान योजना अन्तर्गत कुल कितने किसानों ने ट्रांसफार्मर हेतु आवेदन किए गए हैं और कितने किसानों को ट्रांसफार्मर वितरण कर स्थापित कर दिए गए हैं। कितने किसानों को वितरण किया जाना शेष हैं। किस दिनांक से आवेदन लबिंत हैं। (घ) समय पर ट्रांसफार्मर नहीं मिलने से कौन जिम्मेदार हैं। क्या जिम्मेदार अधिकारी/एजेंसी पर कोई कार्यवाही कि जावेगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना में 221 राजस्व ग्राम सम्मिलित थे तथा उक्त समस्त राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, किसी भी ग्राम में फीडर विभक्तिकरण का कार्य अपूर्ण नहीं है। उक्त 221 राजस्व ग्रामों के नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) कृषक अनुदान योजना के अन्तर्गत वितरण ट्रांसफार्मर के लिए नहीं अपितु विद्युत पम्प कनेक्शन हेतु आवेदन किया जाता है। उक्त योजना के तहत प्रश्नाधीन क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2014-15 में 151 किसानों ने विद्युत पम्प कनेक्शन हेतु आवेदन दिये थे, जिसके तहत 120 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर समस्त 151 किसानों को विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान कर दिये गये है। 2015-16 में 92 किसानों ने विद्युत पम्प कनेक्शन हेतु आवेदन दिये थे, जिसके तहत 56 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर समस्त 92 किसानों को विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान कर दिये गये है। प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त आवेदनों के विरूद्ध किसी भी किसान को विद्युत पंप कनेक्शन दिया जाना शेष नहीं है और न ही इस अवधि में प्राप्त कोई आवेदन कार्य पूर्ण किये जाने हेतु लंबित है। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
पंजीयक कार्यालय के अभिलेख सूची
[वाणिज्यिक कर]
74. ( क्र. 3046 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अभिलेख सूची क्रमांक 02 को जिला मुख्यालय में जमा किये जाने के संबंध में क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। उज्जैन जिले के उपपंजीयक कार्यालयों के किस वर्ष तक के अभिलेख सूची क्रमांक 02 जिला कार्यालय में जमा किये जा चुके हैं? उपपंजीयक कार्यालयवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या अभिभाषकों को सुविधा एवं खोज किये जाने हेतु अभिलेख सूची क्रमांक 02 संबंधित उपपंजीयक कार्यालय में ही रखे जाना नियमानुसार है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का जवाब हां, है तो नियम विरूद्ध अभिलेख सूची क्रमांक 02 जिला मुख्यालय पर जमा किये जाने हेतु कौन अधिकारी दोषी है? नियम विरूद्ध जमा किये गये अभिलेख पुन: संबंधित उपपंजीयक कार्यालय में कब तक भिजवा दिये जावेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश रजिस्ट्रीकरण नियम, 1939 अनुसार सूची क्रमांक 02 को जिला मुख्यालय में जमा किया जाता है। नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) नियमानुसार संबंधित उप पंजीयक कार्यालय में सूची क्रमांक 02 तीन वर्ष की अवधि तक रखी जा सकती है। इसके पश्चात् अभिलेख जिला मुख्यालय के कार्यालय में स्थानांतरित किया जाना अपेक्षित है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
75. ( क्र. 3064 ) सुश्री
हिना लिखीराम
कावरे : क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) पोषण
आहार में केन्द्र
तथा राज्य
सरकार का अंश
कितना है? केन्द्र
सरकार से
प्राप्त
राशि तथा राज्य
सरकार द्वारा 31 मार्च 2017 तक
अनुमानित
खर्च कि जाने
वाली राशि की
जानकारी दें? (ख) पोषण
आहार के वितरण
में ठेका
प्रथा 31
दिसम्बर 2016 के बाद
समाप्त किये
जाने संबंधी
मुख्यमंत्री
जी की घोषणा
के परिपालन
में क्या
विभाग ने पोषण
आहार का वितरण
स्व-सहायता
समूह, महिला
मण्डल तथा
सार्वजनिक
क्षेत्र की
ईकाइयों के
द्वारा करना
प्रारंभ कर
दिया है या इस
हेतु प्रक्रिया
पूर्ण की जा
रही है? यदि
नहीं, तो
क्यों?
(ग)
प्रधानमंत्री
जी द्वारा
गर्भवती
महिलाओं को 6 हजार
रूपये
प्रतिमाह
दिये जाने की
घोषणा का परिपालन
प्रदेश में कब
से शुरू हो
चुका है या होने
जा रहा है? क्या इस
घोषणा में
महिलाओं का BPL सूची में
नाम होना
अनिवार्य है? खाद्य
सुरक्षा
कानून के तहत
गर्भवती
महिलाओं को न्यूनतम
6 हजार
रूपये तक के
पोषण आहार
आंगनवाड़ियों
के माध्यम से
दिये जाने के
प्रावधान
जारी रहेगा या
इसे बंद कर
दिया जाएगा?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना चिटनिस
) : (क) पोषण आहार
मद में
केन्द्रांश
एवं राज्यांश
का 50-50
प्रतिशत अंश
रहता है।
केन्द्र
सरकार से माह
दिसम्बर 16 तक कुल
राशि रू. 24703.09 लाख
प्राप्त हुई
है। 31
मार्च 2017 तक
केन्द्रांश
के रूप में 60000 लाख एवं
राज्यांश के
रूप में 60000
लाख अर्थात
अनुमानित कुल
राशि रू.120000
लाख व्यय
होगी। (ख) पूरक
पोषण आहार
प्रदायगी व्यवस्था
में परिवर्तन
हेतु उच्च स्तरीय
समिति का गठन
किया गया है।
समिति इस पर विचार
कर रही है।
विषयान्तर्गत
माननीय उच्च
न्यायालय
में एक याचिका
भी विचाराधीन
है। जिसमें
माननीय न्यायालय
ने यथा स्थिति
के निर्देश
दिये है। (ग) गर्भवती/धात्री
माताओं को रू. 6000/- निर्धारित
शर्तें पूर्ण
करने पर सशर्त
मातृत्व लाभ
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भारत सरकार से
दिनांक 09.02.2017
द्वारा
प्राप्त हुई
है, इस
संबंध में
भारत सरकार से
विस्तृत
दिशा-निर्देश
प्राप्त नहीं
हुए अतः शेष
का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 3091 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में 12 वीं पंचवर्षीय राजीवगांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत मजरे टोलों में विद्युतीकरण का कार्य कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कटनी जिले में विगत 05 वर्षों में प्रश्नांकित योजना से कितने ग्रामों में कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत कार्य किस-किस एजेंसी के माध्यम से पूर्ण कराये गये? जिलेवार वर्षवार निर्माण एजेंसी के नाम सहित विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या उक्त योजना से कराये गये सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं, तो कितने ग्रामों के कार्य अपूर्ण हैं? संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा कितने कार्यों का मूल्यांकन कर कितनी राशि का भुगतान किया गया हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कार्य अपूर्ण होने के बाद भी संबंधित निर्माण एजेंसियों को शासन द्वारा राशि का भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवार, कार्यवाहीवार विवरण दें? यदि नहीं, तो कब की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, कटनी जिले में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरो/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य कराया गया है एवं वर्तमान में भी उक्त योजना में कार्य प्रगति पर है। (ख) कटनी जिले में प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत 33/11 के.व्ही. के 6 विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि, 10 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण, 852 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 अथवा 100 से अधिक आबादी वाले मजरो/टोलों के विद्युतीकरण एवं 17976 बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान करने के कार्य हेतु रू. 28.37 करोड़ की राशि वर्ष-2014 में स्वीकृत की गई थी। उक्त कार्यों में से 33/11 के.व्ही. के 6 विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि के कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर पूर्ण किये जा चुके हैं तथा योजनान्तर्गत अन्य उपरोक्त स्वीकृत कार्यों में से टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स वेबकॉस इंडिया प्राईवेट लिमिटेड, कोलकाता से 10 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण, 652 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 अथवा 100 से अधिक आबादी वाले मजरो/टोलों के विद्युतीकरण एवं 10463 बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान करने का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है तथा शेष बचे 100 अथवा 100 से अधिक आबादी वाले 200 मजरो/टोलों के विद्युतीकरण एवं बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान करने का कार्य उक्त ठेकेदार एजेंसी से पूर्ण कराया जा रहा है। संपूर्ण कटनी जिले में उपरोक्त योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य में से 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि का कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा एवं अन्य स्वीकृत कार्य स्वीकृति वर्ष से प्रश्न दिनांक तक ठेकेदार एजेंसी मेसर्स वेबकॉस इंडिया प्राईवेट लिमिटेड, कोलकाता के द्वारा ही कराया जा रहा है। उक्तानुसार किये गये कार्य का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। उक्त योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों में से 100 अथवा 100 से अधिक आबादी वाले 200 मजरो/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य शेष है तथा वर्तमान में प्रगति पर है। योजना के प्रावधानों के अनुसार नियुक्त थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी मेसर्स वेबकॉस लिमिटेड, गुडगाँव के द्वारा प्रस्तुत माप के अनुसार संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा 530 ग्रामों में मजरो/टोलों के विद्युतीकरण के कार्यों सहित किये गये कार्यों का मूल्यांकन कर रू. 13.36 करोड़ की राशि का भुगतान ठेकदार एजेंसी को किया गया है। (घ) जी नहीं, उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार ठेकदार एजेंसी द्वारा पूर्ण किये गये कार्य के विरूद्ध ही भुगतान किया गया है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
वाणिज्य कर की चोरी
[वाणिज्यिक कर]
77. ( क्र. 3092 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के कुछ लोगों द्वारा फर्जी बिल प्रिन्ट कराकर जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित कटनी के अधिकारियों से मिलकर शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2006 से 2008 तक की अवधि में सामग्री सप्लाई की गई? क्या बिलों में फर्जी टिन नंबर का उल्लेख किया गया? जिसकी शिकायत आयुक्त वाणिज्यकर जबलपुर को दिनांक 12.01.2010 में 28 सहपत्रों सहित राजू गुप्ता नाम के व्यक्ति द्वारा की गई? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित एक शिकायत पुलिस महानिर्देशक राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल को दिनांक 20.01.2010 को एवं 15.01.2015 को की गई थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में बहुत बड़ी मात्रा में विक्रयकर की चोरी का खुलासा शिकायत पत्र में उल्लेखित फर्मों द्वारा किया गया गया है? यदि हाँ, तो क्या इनकी जाँच विभाग द्वारा की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में तत्समय शिकायत की जाँच क्यों नहीं की गई? क्या प्रश्नांकित मामले की जाँच कराकर शासन द्वारा दोषियों के विरूद्ध पुलिस थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उक्त आशय का शिकायती पत्र श्री राजू गुप्ता के नाम से दिनांक 12.01.2010 की प्रति उपायुक्त, वाणिज्यिक कर जबलपुर के माध्यम से उनके पत्र क्र. 759 दिनांक 27.10.2010 द्वारा प्राप्त हुई थी। शिकायतकर्ता द्वारा उक्त शिकायत के साथ गोपी स्टोर्स न्यू सब्जी मंडी कटनी टिन नंबर 23026201019 द्वारा जारी विक्रय बीजकों की 04 नग छायाप्रतियां संलग्न की गई है। इसके अतिरिक्त अन्य किसी व्यवसायी द्वारा जारी किये गये विक्रय बीजक प्रदान नहीं किये गये। ऐसी स्थिति में सूची में उल्लेखित अन्य व्यवसायियों द्वारा जारी किये गये विक्रय बीजक, फर्जी अथवा सही हैं, इसका सत्यापन संभव नहीं हो सका। उप पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो जबलपुर द्वारा शिकायत क्रमांक 52/10 के परिप्रेक्ष्य में उनके पत्र दिनांक 15.04.2010 द्वारा चाही गई 43 व्यवसायियों के टिन/पंजीयन की जानकारी वाणिज्यिक कर अधिकारी कटनी वृत्त द्वारा उनके पृष्ठांकन पत्र क्रमांक 313 दिनांक 23.04.2010 द्वारा प्रेषित की गई है। (ख) प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 20.01.2010 एवं दिनांक 15.01.2015 को प्रेषित शिकायत मध्यप्रदेश राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में प्राप्त नहीं हुई है। प्रश्नांश (क) से संबंधित श्री राजू गुप्ता, कटनी की शिकायत प्रकोष्ठ में दिनांक 27.01.2010 को प्राप्त होकर पंजीयन क्रमांक 52/2010 दिनांक 4.02.2010 पर दर्ज होकर वर्तमान में सत्यापनाधीन है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित कटनी से शिकायत में उल्लेखित अवधियों में हितग्राहियों को विक्रय की गई सामग्रियों से संबंधित व्यवसाइयों की सूची एवं उनके पते की जानकारी प्राप्त की गई, जिसके अनुसार 76 व्यवसायियों द्वारा विभिन्न हितग्राहियों को माल का विक्रय किया जाना पाया गया। इनमें से 01 व्यवसायी का नाम उल्लेखित नहीं है। ऐसे अज्ञात व्यवसायी के संबंध में मात्र वर्ष 2008-09 के लिए राशि का उल्लेख पाया गया है। शेष 75 व्यवसायियों में से 01 व्यवसायी द्वारा जीवित पशुओं का विक्रय किया गया जो वेट अधिनियम के दायरे में नहीं आता है। 33 व्यवसायियों द्वारा किया गया विक्रय वेट अधिनियम की धारा 5 के अंतर्गत निर्धारित सीमा रूपये पाँच लाख से कम होने के कारण वेट अधिनियम के दायरे से बाहर होने के कारण इन पर विभाग से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। कटनी वृत्त 1 में पंजीयत 08 व्यवसायी एवं कटनी वृत्त 2 में पंजीयत 17 इस प्रकार कुल 25 व्यवसायियों के विरूद्ध मध्यप्रदेश वेट अधिनियम की धारा 2 (1) के अंतर्गत पुन: कर निर्धारण आदेश पारित कर क्रमश: रूपये 21,23,926/- एवं रूपये 75,01,100/- कुल रूपये 96,25,026/- की अतिरिक्त मांग सृजित की गई है। शेष 17 अपंजीयन व्यवसायियों पर कर दायित्व आता है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित कटनी द्वारा विक्रेता व्यवसायियों के उपलब्ध कराये गये पते पर उनकी खोज करने का पूर्ण प्रयास किया गया किन्तु अपूर्ण पता होने एवं अन्य विवरण उपलब्ध न होने के कारण उनकी खोज नहीं हो पाने से वैधानिक कार्यवाही संभव नहीं हो सकी। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में यह स्पष्ट है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा समय समय पर पूर्ण वैधानिक कार्यवाही करते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन किया गया है। उत्तरांश (ख) अनुसार शिकायती मामला पंजीयन क्र. 52/10 मध्यप्रदेश राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में सत्यापनाधीन है।
प्रश्नकर्ता के शिकायत पर जाँच
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 3129 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता को श्री ए.के. निकोसे, अधीक्षक यंत्री म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.क.लि. छिन्दवाड़ा के विरूद्ध शपथपत्रों सहित शिकायत प्राप्त होने पर संपूर्ण दस्तावेजों के साथ प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 30 दिनांक 29.03.2016 माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं पत्र क्रमांक 29 दिनांक 29.03.2016 व पत्र क्रमांक 45 दिनांक 18.07.2016 माननीय ऊर्जा मंत्री महोदय म.प्र. शासन को प्रस्तुत किया था? शिकायत के बिन्दु बतायें? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा उक्त शिकायत जाँच हेतु अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव म.प्र. शासन को प्रेषित किया गया है यदि हाँ, तो कब और किस आदेश के तहत? (ग) क्या माननीय ऊर्जा मंत्री महोदय द्वारा भी पत्र क्रमांक 1161 दिनांक 27.09.2016 अपर मुख्य सचिव म.प्र. शासन ऊर्जा विभाग को प्रेषित कर श्री ए.के. निकोसे अधीक्षण यंत्री म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. छिन्दवाड़ा को अन्यत्र स्थानांतरित कर शिकातय की जाँच कराये जाने का आदेश दिया गया है? (घ) उपरोक्त प्रश्नों का उत्तर यदि हाँ, है तो श्री.ए.के.निकोसे अधीक्षण यंत्री को छिन्दवाड़ा से अभी तक क्यों नहीं हटाया गया? जाँच क्यों नहीं की गई? माननीय ऊर्जा मंत्री के आदेशों का पालन क्यों नहीं किया गया? क्या माननीय मंत्री के आदेशों का पालन करने के लिए अधीनस्थ विभागीय अधिकारी बाध्य नहीं है? कब तक श्री निकोसे को अन्यत्र हटाकर प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में जाँच कर कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। शिकायत के बिन्दु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय वल्लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक 1057/सीएमएस/एमएलए/124/2016 दिनांक 22.04.2016 द्वारा उक्त शिकायत पर आवश्यक कार्यवाही कराने हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) श्री ए.के. निकोसे, अधीक्षण अभियंता, संचालन एवं संधारण वृत्त, छिन्दवाड़ा को प्रशासनिक आधार पर आदेश क्रमांक 1325-26 दिनांक 18.02.2017 द्वारा छिन्दवाड़ा से स्थानान्तरित कर दिया गया है तथा माननीय विधायक महोदय के पत्रों में की गई शिकायत की जाँच की गई है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
79. ( क्र. 3131 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में विगत 3 वर्षों में पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्रामों में विद्युतीकरण किया गया है एवं उक्त योजना अंतर्गत कितने ग्रामों के लिये विद्युतीकरण की स्वीकृति दी गई है ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) अनूपपुर जिला अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से गांव राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में विद्युतीकरण कार्य से छूट गये हैं इन गांव में कब तक विद्युतीकरण कर दिया जायेगा तथा इसी योजना अंतर्गत कितने ट्रांसफार्मर उक्त क्षेत्र में फेल हुये हैं उन्हें कब तक बदल दिया जायेगा पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर बिजली के पोल टूटे हुये पोल के स्थान पर नये पोल कब तक लगा दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में विगत 3 वर्षों में जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 11 अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकृत किये गये है एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत आर.ई.सी. लिमिटेड द्वारा 2 अन्य ग्रामों, जो कि पूर्व में गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युतीकरण हेतु प्रस्तावित थे, के परंपरागत रूप से विद्युतीकरण की स्वीकृति दी गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु उक्तानुसार विद्युतीकृत/विद्युतीकरण हेतु स्वीकृत ग्रामों की ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले के अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत विद्युतीकरण हेतु शेष 2 ग्रामों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य वन विभाग की अनुमति प्राप्त होने के उपरान्त किया जा सकेगा, अत: वर्तमान में इनके विद्युतीकरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन योजना में स्थापित किया गया कोई भी ट्रांसफार्मर फेल नहीं है और न ही कहीं बिजली के पोल टूटे है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में पर्यटन विभाग से स्वीकृत कार्य
[पर्यटन]
80. ( क्र. 3132 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पर्यटन विभाग से वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में अनूपपुर जिले में जिन कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी क्या वे सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं अथवा अभी भी कुछ निर्माण कार्य अधूरे हैं यदि कार्य अधूरे हैं तो उनको कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा कार्यों की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में अनूपपुर जिले में किये गये निर्माण कार्यों के लिये जो राशि आवंटित की गई थी तथा विभाग द्वारा जो प्राक्कलन तैयार किया गया था क्या संबंधित विभाग या ठेकेदार द्वारा उसी के तहत कार्य को पूर्ण किया गया हैं? (ग) पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में अनूपपुर जिले में किये गये निर्माण कार्यों के लिये जो स्वीकृत राशि आवंटित की थी उन निर्माण कार्यों का बिलों का भुगतान कर दिया गया हैं?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) प्रश्नांश में वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। अपूर्ण कार्य प्रगतिरत है। समय सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) जी हाँ।
स्वीकृत एवं रिक्त पदों की भर्ती
[सामान्य प्रशासन]
81. ( क्र. 3196 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, के पद स्वीकृत हैं? (ख) कितने पदों पर अधिकारी कार्यरत हैं? पदवार जानकारी प्रदान करें। (ग) कितने पद रिक्त हैं पदवार जानकारी प्रदान करें? (घ) उक्त रिक्त पद कब तक भर लिये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नरसिंहपुर जिले में डिप्टी कलेक्टर के कुल 08 पद (01 अपर कलेक्टर एवं 07 संयुक्त/डिप्टी कलेक्टर) तथा तहसीलदार के 07 पद स्वीकृत है। (ख) डिप्टी कलेक्टर के 06 पदों पर अधिकारी कार्यरत है। 03 संयुक्त कलेक्टर, 03 डिप्टी कलेक्टर तथा 06 तहसीलदार। (ग) राप्रसे के 02 पद रिक्त है। 01 अपर कलेक्टर एवं 01 डिप्टी कलेक्टर का पद रिक्त है। तहसीलदार का 01 पद रिक्त है। (घ) राप्रसे के रिक्त पदों की पूर्ति पदों की उपलब्धता के अनुसार की जाती है। समय सीमा बताना संभव नहीं है। तहसीलदार की अत्याधिक कमी होने के कारण पूर्ति करना संभव नहीं है।
बच्चे कुपोषित हेतु पोषण आहार वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
82. ( क्र. 3197 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) एन.आई.एन.की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार नरसिंहपुर जिले में कितने बच्चे कुपोषित हैं? सर्वे कितने वर्ष तक के बच्चों का किया जाता है? (ख) क्या शासन द्वारा धात्रीमाता गर्भवती माता एवं बच्चों के लिए पोषण आहार का वितरण आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है? (ग) पोषण आहार किस कंपनी द्वारा वितरित किया जा रहा है? पोषण आहार का कब-कब प्रयोगशाला में गुणवत्ता का परीक्षण कराया गया है? रिपोर्ट दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एन.आई.एन की सर्वे रिपोर्ट 2010 के अनुसार नरसिंहपुर जिले में 46.1 प्रतिशत बच्चे कुपोषित पाये गये। सर्वे 0 से 59 माह तक के बच्चों का किया जाता है। (ख) जी हाँ। विभागीय निर्देशानुसार वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से जिला स्तर से संचालित की जाती हैं। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रतिदिन ताजा पका नाश्ता/भोजन स्व-सहायता समूह द्वारा प्रदाय किया जाता है। स्व-सहायता समूह द्वारा प्रदायित पोषण आहार की गुणवत्ता की जाँच स्थानीय स्तर पर ग्राम सभा स्वास्थ्य, ग्राम तदर्थ समिति एवं बच्चों की माताओं/अन्य पालकों के द्वारा किए जाने का प्रावधान है। टेकहोम राशन का प्रदाय एम.पी.एग्रो के माध्यम से किया जा रहा है। टेकहोम राशन की गुणवत्ता की जाँच प्रतिमाह भारत सरकार महिला बाल विकास खाद्य एवं पोषाहार बोर्ड नई दिल्ली की प्रयोगशाला से प्रत्येक रैसिपी के प्रत्येक बेच की जाँच कराई जाती है। नमूना जाँच की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
83. ( क्र. 3220 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 92 (क्रमांक-1767) दिनांक-26/02/2016 के तारतम्य में कटनी जिले में फरवरी-2016 से विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर सेमीनार, प्रशिक्षण एवं कार्यशालाओं का आयोजन कब-कब किया गया एवं इनमें कितना-कितना व्यय किस-किस कार्य/मद में किया गया? कार्यक्रमवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या कटनी जिले के शासकीय/अर्धशासकीय एवं अन्य सभागारों में प्रसाधान/महिला शौचालयों की उपलब्धता नहीं है एवं सर्वसुविधायुक्त नहीं है? यदि हाँ, तो फरवरी 2016 के पश्चात् कैमोर वेली मोटल की बजाय अन्य स्थानों पर कार्यक्रम किस प्रकार वर्तमान में आयोजित किये जा रहे है? यदि नहीं, तो प्रश्न क्रमांक-1767 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर किस प्रकार सही था? (ग) योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु विभाग/शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? निर्देशों के क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या कार्य किये जाते हैं? वर्ष 2014-15 से कटनी जिले में योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु क्या-क्या कार्य कब-कब एवं किस प्रकार किये गये एवं इसमें कितना-कितना व्यय किया गया? कार्यवार वर्षवार विवरण देवें। (घ) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के परिपत्र दिनांक-04/02/2016 के पालन में कटनी जिले में विभागीय योजनाओं/कार्यों का बाहरी मूल्यांकन कराया गया? यदि हाँ, तो विवरण/रिपोर्ट बतायें, यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) फरवरी 2016 से सेमीनार, प्रशिक्षण एवं कार्यशाला के आयोजन एवं कार्य/मद में व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) पूर्व में प्रसाधन/महिला शौचालयों एवं सर्वसुविधायुक्त उपलब्धता वाले शासकीय/अर्द्धशासकीय एवं अन्य सभागारों की उपलब्धता न होने के कारण कैमोरवेली मोटल में प्रशिक्षण आयोजित किये गये थे। वर्तमान में प्रसाधन/महिला शौचालयों एवं सर्वसुविधायुक्त उपलब्धता वाले शासकीय/अर्द्धशासकीय एवं अन्य सभागारों में प्रशिक्षण आयोजित किये जा रहे हैं। (ग) योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु विभाग/शासन के दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु विभाग/शासन के दिशा निर्देशानुसार ही योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। वर्ष 2014-15 से महिला सशक्तिकरण अंतर्गत योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु किये गये कार्य एवं व्यय का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। (घ) जानकारी निरंक है।
प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
84. ( क्र. 3231 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को समारोह/कार्यक्रम में आमंत्रित करने, प्रेषित पत्रों की अभिस्वीकृति दिए जाने, पत्रों की पृथक से पंजी संधारित किए जाने, पत्रों पर कार्यवाही की जाकर सूचित किए जाने एवं चाही गई जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में क्या आदेश-निर्देश हैं? (ख) राज्य के निर्वाचित जनप्रतिनिधि को समारोह में आमंत्रित नहीं किए जाने एवं चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाए जाने संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध किन नियमों के अनुसार किस-किस कार्यवाही के क्या प्रावधान हैं? (ग) पत्रों की अभिस्वीकृति दिए जाने, पत्रों पर कार्यवाही कर सूचित किए जाने एवं पत्रों में चाही गई जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में शासन ने क्या समय सीमा निर्धारित की गई है? (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत आयोजित पंचायत विभाग (जनपद पंचायत बासौदा के ग्राम रजौदा) में दिनांक 25.01.17 को सी.सी. रोड का भूमि पूजन समारोह में, स्कूल शिक्षा विभाग (उत्कृष्ट विद्या. बासौदा) में दिनांक 30.01.2017 को पारितोषिक वितरण समारोह में, सहकारी विभाग (जिला सहकारी बैंक बासौदा) में दिनांक 14.01.2016 को नवीन लॉकर सुविधा का लोकार्पण कार्यक्रम में, कृषि विभाग (कृषि मंडी बासौदा) में दिनांक 14.01.2016 को कृषि मंडी निधि से सी.सी. रोड/डामरीकरण कार्य का भूमि पूजन समारोह में एवं कृषि विभाग (कृषि मंडी बासौदा) में 05.09.2015 को किसान पुरस्कार योजना कार्यक्रम में किस-किस जनप्रतिनिधि, किस पार्टी के जनप्रतिनिधि की उपस्थिति (मुख्य अतिथि, अध्यक्षता, विशेष अतिथि) में सम्पन्न हुआ? इस समारोह/कार्यक्रम में प्रश्नकर्ता को किस अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिए दोषी अधिकारी के विरूद्ध प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियम के अनुसार क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय निर्देशों का पालन नहीं करने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध म.प्र. आचरण नियमों एवं सेवा नियमों के तहत कार्यवाही के प्रावधान है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) (अ) विधान सभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत ग्राम रजौदा में दिनांक 27.01.2017 को भूमि पूजन कार्यक्रम जनपद पंचायत बासौदा द्वारा न किया जाकर ग्राम पंचायत रजोदा द्वारा किया गया था। (ब) विधान सभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत शासकीय उत्कृष्ठ विद्यालय में 02 दिवसीय पारितोषिक वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में दिनांक 29.01.2017 को माननीय विधायक जी को आमंत्रित किया गया था। दिनांक 30.01.2017 को मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक मान. श्री हरिसिंह रघुवंशी को आमंत्रित किया गया था। (स) विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा बासौदा में नवीन लॉकर के लोकार्पण का कोई औपचारिक या शासकीय कार्यक्रम नहीं रखा गया था और न ही किसी प्रकार के आमंत्रण पत्र द्वारा किसी को आमंत्रित किया गया था, चूंकि मान. मंत्री महोदय व अन्य पदाधिकारी अन्य किसी कार्यक्रम में गंजबासौदा पधारे थे, तब बैंक अध्यक्ष महोदय के अनुरोध पर मान. मंत्री महोदय व अन्य पदाधिकारी शाखा के लॉकर एवं भवन अवलोकन हेतु अनौपचारिक तौर पर शाखा में पधारे थे। बैंक के किसी नवीन भवन या नवीन कार्यक्रम का औपचारिक लोकापर्ण नहीं रखा गया था। गंजबासौदा के दो दिवसीय कार्यक्रम में माननीय विधायक को मुख्य अतिथि बनाया गया था। अत: निर्देशों का उल्लंघन हेतु किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (द) कृषि उपज मण्डी समिति गंजबासौदा में दिनांक 14.01.2016 को कोई भी सी.सी. रोड डामरीकरण का भूमि पूजन समारोह आयोजित नहीं किया गया, न ही कोई व्यय किया गया और न ही आमंत्रण पत्र छपवाये गये। और न ही किसी कार्यक्रम में सचिव मण्डी उपस्थति हुये। दिनांक 05.09.2015 को कृषि विभाग (कृषि मण्डी बासौदा) में दिनांक 05.09.2015 को किसान पुरस्कार योजना कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मान. श्री हरीसिंह जी रघुवंशी पूर्व विधायक की उपस्थिति में संपन्न हुआ था। प्रश्नकर्ता मान. विधायक को किसी भी अतिथि के रूप में आमंत्रित नहीं किया गया। इस संबंध में तत्कालीन सचिव उप संचालक/प्रवर श्रेणी सचिव को मण्डी बोर्ड मुख्यालय भोपाल के पत्र क्र. सत/16-10/गंजबासौदा/12, भोपाल दिनांक 01.01.2016 से जाँच उपरांत भविष्य के लिये निर्देशित किया गया है कि भविष्य में जनप्रतिनिधियों को उनके पद एवं गरिमा के अनुरूप अनिवार्य रूप से आमंत्रित किया जावे।
आंगनवाड़ी केन्द्र में भर्ती
[महिला एवं बाल विकास]
85. ( क्र. 3252 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 2016-17 में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में सहायिका एवं कार्यकर्ता की भर्ती की गई है? आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी एवं विज्ञापन की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त भर्ती प्रक्रिया में शासन द्वारा निर्धारित नियमों की अनदेखी कर भर्ती की गई है? क्या सही आवेदकों का चयन न कर अधिकारियों की सांठ-गांठ से गलत आवेदकों का चयन किया गया है? क्या उक्त संबंध में जाँच कराई जावेगी? (ग) क्या विज्ञापन दिनांक के बाद कुछ आवेदकों ने पैसे देकर अपना नाम बी.पी.एल. सूची में जुड़वाया है एवं जहां पद रिक्त थे उस ग्राम पंचायत के निवास प्रमाण-पत्र बनवाये गये हैं, जबकि वह पूर्व से दूसरे ग्राम पंचायत के निवासी हैं जिसमें अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार कर पात्र आवेदकों का चयन न कर अपात्र आवेदकों का चयन किया गया है? समस्त चयनित आवेदक के विज्ञापन का दिनांक, बी.पी.एल. सूची में नाम जोड़ने एवं निवास प्रमाण-पत्र जारी करने की दिनांकवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त भर्ती में जिन अधिकारियों द्वारा नियमों की अनदेखी कर एवं जिन आवेदकों ने गलत जानकारी देकर भर्ती की गई उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत 2016-17 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 19 तथा आंगनवाड़ी सहायिकाओं के 17 पदों पर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। आंगनवाड़ी केन्द्रवार रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं विज्ञापन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा निर्धारित नियुक्ति निर्देशों के तहत ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एव सहायिका के रिक्त पदों की कार्यवाही की जाती है, वर्तमान में नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है, अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। आवेदकों द्वारा संलग्न किये गये निवास प्रमाण, विज्ञापन जारी करने की दिनांक से पूर्व के है। नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में होने से शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) विधान सभा क्षेत्र गुनौर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एव सहायिका के रिक्त पदों की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कुपोषित बच्चों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
86. ( क्र. 3253 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कितने बच्चे कुपोषित हैं व किस वर्ग के हैं? कुपोषण की समस्या हल करने के लिये शासन द्वारा कौन-कौन से प्रयास एवं योजना चलाई जा रही है? कुपोषित बच्चों की संख्या ग्राम पंचायतवार बतावें व उन्हें कौन सी योजना से लाभान्वित किया गया है? (ख) क्या कुपोषित बच्चों के परिवार ज्यादातर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति व पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आते हैं? जो परिवार अपने बच्चों को उनकी आवश्यकतानुसार भोजन नहीं दे सकता, जिससे बच्चा कुपोषित हो जाता है, क्या उस परिवार का नाम बी.पी.एल. सूची में नहीं होना चाहिये? (ग) क्या जिस परिवार के बच्चे कुपोषित हैं, उनके माता/पिता का भी स्वस्थ्य परीक्षण कराया जाता है? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में कितने लोगों का परीक्षण कराया। ग्रामवार बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कुपोषित बच्चों के परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिये शासन की क्या योजना है? क्या कुपोषित बच्चों के उपचार में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) कम वजन एवं अतिकम वजन वाले बच्चों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। कुपोषण की रोकथाम हेतु अतिकम वजन वाले बच्चों में से निर्धारित भुजामाप वाले बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में पोषण प्रबंधन हेतु संदर्भित किया जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत अतिकम वजन वाले बच्चों को थर्डमील प्रदाय, बच्चों के माता-पिता को, स्वच्छता एवं खान-पान के बारे में जागरूक किया जा रहा है। स्नेह सरोकार अंतर्गत अतिकम वजन वाले बच्चों को गणमान्य नागरिकों द्वारा पोषण की जिम्मेदारी दी जाकर उनके खान-पान एवं उचित देखभाल से बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के प्रयास किये जा रहे हैं। (ख) कम वजन एवं अतिकम वजन वाले बच्चें सभी वर्गों के परिवारों से आते हैं। बच्चे को उचित एवं विविध खान-पान न देने, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर ध्यान न देने आदि कारणों से बच्चा कुपोषित हो सकता है। ऐसे बच्चों के परिवारों को शासन की योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के आधार पर दिये जाने के प्रयास किये जाते हैं। परिवार का नाम बी.पी.एल. सूची में शामिल होने के निर्धारित मापदण्ड हैं एवं इस विषयक निर्णय महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नहीं लिया जाता है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं का स्वास्थ्य परीक्षण स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है। बच्चों के माता-पिता का स्वास्थ्य परीक्षण कराये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष का प्रश्न नहीं। (घ) अतिकम वजन वाले बच्चों के परिवारों को शासन की योजनाओं का प्राथमिकता के आधार पर लाभ दिलाया जाता है। विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों के परिवार की स्थिति सुधारने हेतु पृथक से कोई योजना संचालित नहीं की जाती है। अतः शेष का प्रश्न नहीं।
चकराघाट एवं संजय ड्राइव का सौन्दर्यकरण
[पर्यटन]
87. ( क्र. 3293 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सागर नगर स्थित चकराघाट एवं संजय ड्राइव के सौन्दर्यकरण का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब हुई तथा किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गयी? (ख) क्या राशि के अभाव में शासन की मंशानुरूप प्रश्नाधीन स्थलों के सौन्दर्यकरण का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त कार्य को पूर्ण कराने हेतु अतिरिक्त बजट उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशासकीय किशोर न्याय संस्थाएं
[महिला एवं बाल विकास]
88. ( क्र. 3294 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में बालकों की देख-रेख, संरक्षण एवं भरण-पोषण हेतु कितनी अशासकीय संस्थायें/आश्रम संचालित हैं? क्या उक्त संचालित सभी अशासकीय संस्थायें किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, 2000 के तहत पंजीकृत है? यदि हाँ, तो पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या सेंट फ्रांसिस सेवाधाम श्यामपुरा ग्राम पंचायत रिछोड़ा तह. व जिला सागर किशोर न्याय अधिनियम, 2000 के तहत पंजीकृत न होने के बाद भी तथ्यों को छिपाकर वरिष्ठ कार्यालय को जानकारी भेजी गयी है? यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) क्या कार्यालय जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी सागर के पत्र पृ.क्र./150/आई.सी.पी.एस./2014 सागर दिनांक 20.03.2014 के परिप्रेक्ष्य में कबीर मानव सेवाधाम आश्रम ग्राम कुड़ारी, किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम 2000 के तहत पंजीकृत संस्था न होने के कारण बालक/बालिकाओं के स्थानान्तरण की कार्यवाही हो चुकी है? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्तमान में सागर जिले में बालकों की देख-रेख एवं संरक्षण हेतु 02 अशासकीय संस्था संचालित हैं जो कि किशोर न्याय अधिनियम 2000 अंतर्गत पंजीकृत है – 1. सेंट फ्रांसिस सेवाधाम आश्रम, श्यामपुरा जिला-सागर 2. संजीवनी बाल आश्रम राजाखेडी सागर (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रचलित याचिका क्रमांक 102/2007 तमिलनाडु राज्य में बच्चों का शोषण विरुद्ध भारत सरकार एवं अन्य में जानकारी प्रेषित की गई है। प्रकरण में कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) कबीर मानव सेवाधाम आश्रम ग्राम कुड़ारी से 24/11/2015 को बालक/बालिकाओं का स्थानान्तरण जिले की अन्य पंजीकृत संस्थाओं में कर दिया गया है।
सहायक ग्रेड-3 के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
89. ( क्र. 3305 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक ग्रेड-3 के पद पर अनुकम्पा आधार पर नियुक्त कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि किस दिनांक से देय होगी? (ख) म.प्र. शासन के आदेश दिनांक 16.10.1995 के अनुसार टंकण परीक्षा के आयोजन के अगले दिन से (2) टंकण परीक्षा उत्तीर्ण करने की दिनांक से (3) टंकण परीक्षा उत्तीर्ण होने के उपरांत प्रथम नियुक्ति दिनांक से। (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित शासन के द्वारा यदि आदेश जारी किए गये हैं, तो प्रतियां उपलब्ध कराई जाये? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें कि क्यों अभी तक स्पष्ट आदेश जारी नहीं किये गये? (घ) यदि नहीं, तो शासन तत्संबंध में स्पष्ट आदेश कब तक जारी करेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) परिवीक्षा अवधि समाप्त होने पर 01 जुलाई से। (ख) आदेश दिनांक 16.10.1995 नियमित वेतनमान एवं नियुक्ति से संबंधित है। शेषांश उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) एवं (घ) दिनांक 23 मार्च, 2009 को जारी निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ जिले में स्थापित सोलर प्लान्ट l
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
90. ( क्र. 3317 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में कोई सोलर प्लान्ट स्थापित किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब और कहाँ-कहाँ पर? (ख) उक्त सोलर प्लान्ट से कितनी बिजली का उत्पादन होगा? (ग) क्या राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कोई प्रायवेट सोलर प्लान्ट भी स्थापित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर और कब-कब और किसके द्वारा? (घ) उक्त सोलर प्लान्ट हेतु किस किस कंपनी को कितनी कितनी भूमि शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई है और इनसे कितनी कितनी बिजली का उत्पादन होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) ऊर्जा विभाग का प्लान्ट न होने के कारण उत्पादन निरंक है। (ग) जी हाँ। राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में 17 प्रायवेट सोलर प्लान्ट स्थापित किये गये हैं, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) उक्त सोलर प्लान्ट हेतु संबंधित कम्पनियों को शासन द्वारा दी गयी भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। इन प्लान्ट्स से बिजली उत्पादन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित परियोजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
91. ( क्र. 3318 ) श्री
अमर सिंह यादव
:
क्या महिला
एवं बाल विकास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) महिला
एवं बाल विकास
विभाग की
राजगढ़ विधान
सभा क्षेत्र
अन्तर्गत
कितनी
परियोजनायें
कहाँ-कहाँ पर
संचालित हैं? उनमें
कौन-कौन
परियोजना
अधिकारी कब से
पदस्थ हैं? नाम एवं
दिनांक सहित
बतावें। (ख) उक्त
परियोजना
कार्यालयों
में
सुपरवाईजर के
कितने पद स्वीकृत
हैं?
कितने रिक्त
हैं और कितने
कार्यरत हैं? नाम सहित
बतावें। (ग) उक्त
परियोजना
अधिकारी एवं
सुपरवाईजरों
के शासन
द्वारा क्या
क्या कार्य
निर्धारित
किये गये हैं? क्या
परियोजना
अधिकारी एवं
सुपरवाईजरों
के द्वारा
आंगनवाडी
केन्द्रों
का निरीक्षण
भी किये जाने
के निर्देश हैं? (घ) यदि
हाँ, तो 1 जनवरी 2015 से आज
दिनांक तक
परियोजना
अधिकारी एवं
सुपरवाईजरों
के द्वारा
किन-किन
आंगनवाडी
केन्द्रों
का निरीक्षण
किया गया है? उनमें क्या
कमी पाई गई है?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना चिटनिस
) : (क) राजगढ़
विधान सभा
क्षेत्र
अन्तर्गत
राजगढ़,
खुजनेर
परियोजना संचालित
हैं। विधान
सभा क्षेत्र
का कुछ
क्षेत्र परियोजना
खिलचीपुर
अन्तर्गत आता
है। परियोजना
राजगढ़ एवं
खुजनेर में
परियोजना
अधिकारी का पद
रिक्त है।
परियोजना
खिलचीपुर में
परियोजना
अधिकारी के पद
पर श्रीमती
अर्चना बाजपेयी
दिनांक 03.07.2016 से
पदस्थ है। (ख) परियोजना
अन्तर्गत
पर्यवेक्षक
के स्वीकृत
भरे एवं रिक्त
पद निम्नवत है
:-
परियोजना |
स्वीकृत पद |
भरे पद |
रिक्त पद |
राजगढ़ |
07 |
07 |
00 |
खुजनेर |
06 |
05 |
01 |
खिलचीपुर |
09 |
07 |
02 |
कार्यरत
पर्यवेक्षक
के नाम की
सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘क‘‘
अनुसार
है।
(ग) विभागीय
योजनाओं, आंगनवाड़ी
केन्द्रों का
संचालन,
पोषण
आहार वितरण
एवं विभाग
द्वारा
निर्देशित
योजनाओं एवं
अभियानों के
क्रियान्वयन
का दायित्व
परियोजना
अधिकारी एवं
पर्यवेक्षक का
है। परियोजना
अधिकारी एवं
पर्यवेक्षक
द्वारा
आंगनवाड़ी
केन्द्रों के
निरीक्षण के
निर्देश
हैं। (घ) परियोजना
अधिकारी एवं
पर्यवेक्षक
द्वारा निरीक्षण
किये गये
आंगनवाडी
केन्द्रों की
सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘ख‘‘
अनुसार
है।
132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 3326 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 99 (क्रमांक 7722) दिनांक 1 अप्रैल 2016 द्वारा बताया गया है कि तहसील ब्यावरा के अंतर्गत नगर सुठालिया में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना के संबंध में जायका-2 (जापान) परियोजना हेतु वित्त मंत्रालय, भारत सरकार एवं जायका (जापान) के मध्य मार्च, 2016 के अंतिम सप्ताह में अनुबंध हस्ताक्षरित किया जाना संभावित है। उक्त योजना के अंतर्गत प्रस्तावित उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य वर्ष 2018-19 में किया जाना प्रस्तावित है, तो क्या प्रश्न दिनांक तक अनुबंध हस्ताक्षरित कर लिया गया है अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन सुठालिया क्षेत्र में सुगम एवं पर्याप्त विद्युत आपूर्ति के दृष्टिगत प्रस्तावित उपकेन्द्र का कार्य आगामी वित्तीय वर्ष में ही पूर्ण करवाएगा? यदि हाँ, तो बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, दिनांक 30.03.2016 को अनुबंध हस्ताक्षरित हो चुका है। (ख) जी हाँ, सुठालिया क्षेत्र में सुगम एवं पर्याप्त विद्युत आपूर्ति के दृष्टिगत 132 के.व्ही. उपकेन्द्र सुठालिया का निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।
संस्कृति विभाग द्वारा संचालित गतिविधियां
[संस्कृति]
93. ( क्र. 3327 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा में संस्कृति विभाग के अंतर्गत कोई गतिविधियां संचालित हैं? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधान सभा ब्यावरा अंतर्गत घुरेल पशुपतिनाथ महादेव मंदिर, आस-पास अति रमणीय पहाडि़यां पर प्रतिवर्ष मकर संक्रांति, महाशिवरात्रि पर्व पर भव्य मेले का आयोजन होता है। इसी प्रकार पार्वती नदी के मध्य स्थित टापू घोघराघाट पर अति प्राचीन शिवालय, सलेहपुर देव स्थान एवं बगवाज स्थित बाग बागेश्वरी माता मंदिर पर वर्ष भर धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है। (ग) क्या शासन उक्त धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों पर कला एवं संस्कृति के आश्रय एवं विकास हेतु कार्ययोजना बनायेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) संचालनालय द्वारा विधान सभा क्षेत्र के आधार पर कार्यक्रम संयोजित नहीं किए जाते हैं. नरसिंहगढ़ में एक संगीत महाविद्यालय संचालित है, जिसमें समय-समय पर सांस्कृतिक आयोजन सम्पन्न किये जाते हैं. (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ में वर्णित अनुसार सांस्कृतिक आयोजन सम्पन्न किये जाते हैं. (ग) जानकारी प्रश्नांश ‘‘क’’ अनुसार.
आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
94. ( क्र. 3335 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं तथा उन आंगनवाड़ियों में कितने बच्चे पंजीकृत हैं? (ख) प्रत्येक आंगनवाड़ी में पोषण आहार की क्या व्यवस्था है तथा यह किस माध्यम से की जाती है? (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में किस-किस नाम एवं पते के स्व-सहायता समूह एवं महिला मंडल दिनांक 01/04/2012 से प्रश्न दिनांक तक कार्यरत हैं। वर्षवार/स्व-सहायता समूह/महिला मंडलवार जानकारी प्रदान करें, जिसमें नाम/पता तथा तीन वर्ष में उनके द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी सम्मिलित हो प्रदान करें। (घ) बड़नगर विधान सभा में दिनांक 01/04/2012 से प्रश्न दिनांक तक स्व-सहायता समूह एवं महिला मंडल को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में 02 बाल विकास परियोजनाएं संचालित हैं। उक्त 02 परियोजनाओं के अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं उनमें पंजीकृत बच्चों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 पर दर्शाई गई है। (ख) प्रत्येक आंगनवाडी केन्द्र में विभाग के निर्देशानुसार वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में विभिन्न रैसिपीनुसार साप्ताहिक रूप से पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को प्रतिदिन सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन पूरक पोषण आहार के रूप में दिए जाने की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से संचालित की जाती हैं। (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में पूरक पोषण आहार प्रदायकर्ता स्व-सहायता समूहों की जानकारी वर्षवार स्व-सहायता समूह/महिला मण्डलवार,नाम/पते में उल्लेखित सभी स्व-सहायता समूहों के द्वारा तीन वर्षों में पूरक पोषण आहार प्रदाय की कार्यवाही की गई, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में पूरक पोषण आहार प्रदायकर्ता स्व-सहायता समूहों को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
अ.जा./अ.ज.जा. के किसानों की बिल माफी
[ऊर्जा]
95. ( क्र. 3339 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले में अ.जा./अ.ज.जा श्रेणी के एक हेक्टेयर तक जोत सीमा वाले किसानों के सिंचाई पम्पों को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किया जाता है? (ख) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित श्रेणी के कृषकों को सिंचाई हेतु कितने विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं? हितग्राहियों की संख्या बतावें। (ग) इनमें से कितने किसानों को सिंचाई कनेक्शन के बिल दिये जा रहे हैं तथा उन पर कितनी राशि बकाया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, उज्जैन जिले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के एक हेक्टेयर तक की जोत सीमा वाले 5 अश्वशक्ति तक के कृषि पंप उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इसके एवज में राज्य शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनी को सब्सिडी प्रदान की जा रही है। (ख) उज्जैन जिले के बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के एक हेक्टेयर तक जोत सीमा वाले 5 अश्वशक्ति तक के कुल 5408 सिंचाई पम्प कनेक्शन दिये गये हैं। (ग) प्रश्नाधीन उल्लेखित श्रेणी के उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय का प्रावधान होने के कारण, उन्हें विद्युत बिल जारी नहीं किये जाते है। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन श्रेणी के उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की बकाया राशि निरंक है।
सेवानिवृत्ति उपरांत पुनर्वास
[सामान्य प्रशासन]
96. ( क्र. 3363 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के आई.ए.एस., आई.पी.एस., आई.एफ.एस. तथा अन्य अधिकारियों की सेवानिवृत्ति के तुरंत उपरांत निगम मण्डलों व अन्य विभागों में नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में उक्त स्तर के किस-किस अधिकारी को किस-किस विभाग से सेवानिवृत्त होकर किस-किस निगम, मण्डल तथा विभाग में नियुक्ति प्रदान की गई? नाम व पद सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों में से ऐसे कौन-कौन अधिकारी हैं, जिनके विरूद्ध सेवा में रहते रिश्वतखोरी, लोकायुक्त, आर्थिक अपराध अनवेषण ब्यूरो में प्रकरण विचाराधीन रहे? अधिकारी का नाम व पद सहित प्रकरण कहाँ-कहाँ विचाराधीन रहे और सेवानिवृत्ति उपरांत किस नियम प्रावधान के तहत इनको किन-किन कारणों से नियुक्ति प्रदान की गई? (ग) क्या सेवानिवृत्ति अधिकारियों को पुन: पदस्थ/पुनर्वास किये जाने की परम्परा वर्तमान समय में प्रचलन में है? यदि नहीं, तो किन-किन कारणों से पदस्थ किया जाता है और सेवानिवृत्ति अधिकारियों की नियुक्ति हेतु शासन द्वारा क्या-क्या नियम एवं मापदण्ड प्रावधानित किए गए हैं, प्रति उपलब्ध कराते हुए यह अवगत करावें कि क्या माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कुछ नियुक्तियों को नियम विरूद्ध माना है? यदि हाँ, तो किन-किन की? नाम व पद सहित बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासन के निर्देशों की अवहेलना करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
97. ( क्र. 3364 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभागीय जाँच अधिकतम 3 माह में पूर्ण किए जाने के निर्देश जारी किए गए है? यदि हाँ, तो क्या निर्देशों का पालन हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो भोपाल जिले में पदस्थ ऐसे कौन-कौन प्रशासनिक अधिकारी हैं जिनके विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में है? सूची सहित किस-किसके विरूद्ध किस-किस मामले की जाँच कब-कब से विचाराधीन है और कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? बतावें। (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले या जानबूझकर जांचे लंबित रखने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 14 के अंतर्गत अधिकतम एक वर्ष में तथा नियम 16 के अंतर्गत अधिकतम 5 माह में किये जाने के निर्देश हैं। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी कम्पनियों द्वारा पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
98. ( क्र. 3411 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रायवेट अथवा निजी कम्पनियों को पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जाने की अनुमति प्रदान किये जाने के क्या-क्या नियम एवं शर्ते हैं? (ख) क्या शासन द्वारा धार जिले में किन्हीं प्रायवेट अथवा निजी कम्पनियों को पवन ऊर्जा सयंत्र स्थापित किये जाने की अनुमति प्रदान की गई है? (ग) यदि हाँ, तो किन-किन कम्पनियों को क्षेत्र में संयत्र स्थापित किये जाने की अनुमति किन-किन शर्तों पर दी गई है एवं उपरोक्त कम्पनियों द्वारा संयंत्र एक स्थान पर लगाये जावेंगे अथवा अलग-अलग स्थानों पर स्थापित किये जावेंगे? यह भी बतावें कि एक संयत्र स्थापित किये जाने का क्षेत्रफल कितना होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधान के अन्तर्गत निजी इकाइयों को पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की अनुमति दी जाती है। पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रपत्र-ब में उल्लेखित कम्पनियों को पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के प्रावधानों अन्तर्गत परियोजना स्थापना हेतु अनुमति दी गई है। कम्पनी द्वारा अलग-अलग स्थानों पर पवन ऊर्जा के संयंत्र स्थापित किये जाते हैं। एक संयंत्र की स्थापना एवं रख-रखाव हेतु Dx (D+H), (D=रोटर डायमीटर अर्थात ब्लेड का व्यास, H=हब हाईट अर्थात टावर की ऊँचाई) क्षेत्रफल भूमि की आवश्यकता होती है। विभिन्न रोटर डायमीटर एवं टावर ऊँचाई के विण्ड टारबाईन के लिये औसतन लगभग 1.5 हेक्टेयर से 2 हेक्टेयर क्षेत्रफल भूमि की आवश्यकता होती है।
पोषण आहार प्रदाय में ठेकेदारी व्यवस्था बंद करना
[महिला एवं बाल विकास]
99. ( क्र. 3444 ) श्री रामनिवास रावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में व्याप्त कुपोषण की वास्तविक स्थिति प्रदर्शित करने हेतु श्वेत पत्र जारी करने की घोषणा की गई थी एवं श्वेत पत्र जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में होने की जानकारी प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 700 दिनांक 06 दिसम्बर 2016 के उत्तर में दी गई थी, तो श्वेत पत्र जारी करने में विलंब के क्या कारण हैं और कब तक श्वेत पत्र जारी कर दिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या 06 माह से 06 वर्ष तक के बच्चों को पोषण आहार का प्रदाय एम.पी.एग्रो एवं ठेकेदारों के साथ ज्वाइंट वेन्चर कंपनियों के द्वारा दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन कंपनियों के द्वारा कब-कब से किन-किन शर्तों पर कितनी अवधि के लिये पोषण आहार प्रदाय किये जाने का अनुबंध किया गया? (ग) क्या उक्त ठेकेदारों द्वारा प्रदाय पोषण आहार व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते माननीय मुख्यमंत्री जी ने पोषण आहार के ठेकेदार व्यवस्था 31 दिसम्बर, 2016 के बाद खत्म करने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो घोषणा के अनुरूप अभी तक ठेका व्यवस्था बंद नहीं करने के क्या कारण है? (घ) क्या पोषण आहार व्यवस्था में कंपनियों के ठेकेदारी खत्म करने के लिये राज्य सरकार ने एक हाई-पॉवर कमेटी बनाई है? यदि हाँ, तो क्या कमेटी ने अपनी रिपार्ट शासन को दी दी है? यदि नहीं, तो विलंब के क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। राज्यमंत्री परिषद् द्वारा लिए निर्णयनुसार प्रदेश की आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं सबला योजनान्तर्गत किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार का प्रदाय एम.पी.एग्रो के माध्यम से किया जाता है। एम.पी.एग्रो द्वारा प्रदायित टेकहोम राशन की गुणवत्ता की जाँच भारत सरकार महिला बाल विकास पोषाहार बोर्ड नई दिल्ली की प्रयोगशाला से कराए जाने का प्रावधान है। (ख) राज्यमंत्री परिषद् द्वारा लिए निर्णयनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं सबला योजनान्तर्गत किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) का प्रदाय एम.पी.एग्रो के माध्यम से किया जाता है। एम.पी.एग्रो द्वारा पूरक पोषण आहार का उत्पादन स्वयं के बाडी संयंत्र एवं 03 संयुक्त क्षेत्र उपक्रम एम.पी.एग्रो फूड मण्डीदीप रायसेन,एम.पी.एग्रो टॉनिक्स मण्डीदीप रायसेन, एम.पी.एग्रो न्यूट्रीफूड-इन्दौर के माध्यम से किया जाता है। एम.पी.एग्रों एवं महिला बाल विकास के मध्य 01 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 तक की अवधि के लिए अनुबंध किया गया है। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रदेश में पूरक पोषण आहार की आपूर्ति में मात्रा एवं गुणवत्ता की कमी के प्रकरण विगत समय में ज्ञात नहीं हुये हैं। अतः आपूर्तिकर्ता पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है। (घ) पूरक पोषण आहार प्रदायगी व्यवस्था में परिवर्तन हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति इस पर विचार कर रही है। विषयान्तर्गत माननीय उच्च न्यायालय में एक याचिका भी विचाराधीन है। जिसमें माननीय न्यायालय ने यथा स्थिति के निर्देश दिये हैं।
माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं पर क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
100. ( क्र. 3449 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा समय-समय पर की गई घोषणाएं विभागवार मंत्रालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में दर्ज की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो माह दिसम्बर, 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस विभाग से संबंधित कौन-कौन सी घोषणाएं मुख्यमंत्री कार्यालय में दर्ज है? घोषणावार, दिनांकवार, विभागवार सूची दें? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन के संबंध में समीक्षा की जाती है? यदि हाँ, तो कब-कब समीक्षा की गई समीक्षा के दौरान घोषणा को पूरा करने के लिये क्या दिशा-निर्देश दिये गये? (घ) क्या दिनांक 21 जनवरी, 2017 को माननीय मुख्यमंत्री जी ने बड़वानी जिले में आयोजित राज्य स्तरीय जनजाति सम्मेलन में की गई घोषणाओं के प्रस्ताव को बदले जाने पर माह जनवरी 2017 में की गई समीक्षा बैठक में आपत्ति की गई थी? यदि हाँ, तो घोषणा का प्रस्ताव किस स्तर के अधिकारी द्वारा बदला गया था और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई थी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। विभागों की पृथक-पृथक तथा संयुक्त समीक्षा के दौरान माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा घोषणाओं के क्रियान्वयन की सतत् समीक्षा की जाती है। घोषणाओं को समय-सीमा में तथा पूरी गंभीरता से पूर्ण करने के निर्देश दिये जाते हैं। (घ) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 25.01.2017 को उनके द्वारा की गई घोषणाओं की समीक्षा मंत्रालय भोपाल में की गई थी। इस समीक्षा में दिनांक 21 जनवरी 2017 को मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा बड़वानी जिले में आयोजित राज्य स्तरीय जनजाति सम्मेलन में की गई घोषणाओं की समीक्षा भी गई थी। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत स्थल पर विद्युत ट्रांसफार्मर नहीं लगाना
[ऊर्जा]
101. ( क्र.
3461 ) श्री
मानवेन्द्र
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश में
किसानों के
निजी स्त्रोतों
से सिंचाई के
लिए कृषक
अनुदान योजना के
अंतर्गत
विद्युत
ट्रांसफार्मर
लगाये जाने का
प्रावधान है? यदि
हाँ, तो
जिला छतरपुर
के तहसील
नौगांव, लवकुशनगर, गौरिहार, चंदला
में कुल कितने
प्रकरण वर्ष 2014-15
से 2016-17
में स्वीकृत
हुए? नामवार
खसरा व रकबा
सहित जानकारी
देवें। शासन
आदेश की प्रति
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
ग्राम हटवा
तहसील
गौरिहार में
राजेन्द्र
पिता लाखन
सिंह के नाम
पर कृषक
अनुदान योजना
के अंतर्गत
ट्रांसफार्मर
लगाकर
विद्युत कनेक्शन
प्रदाय किया
गया? यदि
हाँ, तो
उपरोक्त स्थल
का रकबा व
खसरा नंबर की
जानकारी
देवें। स्पष्ट
करें कि
ट्रांसफार्मर
किस स्थल पर
लगाया गया है।
(ग) क्या ग्राम
पंचायत
द्वारा
निर्मित
शासकीय
सार्वजनिक
कुआं के खसरा
नं. 868/1/1
के रकबा 8.8/3.593 (बाला
जी प्रांगण)
में विभाग
द्वारा
विद्युत ट्रांसफार्मर
लगया गया है? यदि
हाँ, तो
किस प्रयोजन
हेतु स्पष्ट
करें। क्या
उक्त
ट्रांसफार्मर
से राजेन्द्र
सिंह, वीरेन्द्र
सिंह के
द्वारा
सिंचाई
(विद्युत
मोटर), आटा चक्की
संचालन व
घरेलू लाइट
में उपयोग
किया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
क्यों? यदि
नहीं, तो
ट्रांसफार्मर
हटाकर
संबंधित से
रिकवरी की
कार्यवाही
करेंगे यदि
हाँ, तो
कब तक? (घ) क्या
कार्यालय
कलेक्टर
छतरपुर का
पृष्ठांकन 452/शिका-2/छतरपुर
दिनांक 25/11/2016 को
शसकीय कुआं से
विद्युत
कनेक्शन
विच्छेद
करने के
आदेश-निर्देश
अधीक्षण
यंत्री को दिये
गये यदि हाँ,
तो पत्र की
प्रति उपलब्ध
करायें। क्या
निर्देशों का
पालन किया गया
है? यदि
हाँ, तो
कब और यदि
नहीं, किया गया
तो क्यों? निर्देश
का पालन न
करने पर
अधीक्षण
यंत्री के वेतन
से विद्युत
भार की राशि
की रिकवरी कर
निलबंन की
कार्यवाही
करेंगे? यदि हाँ, तो
कब तक, यदि नहीं,
तो क्यों?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) वर्तमान
में कृषक
अनुदान योजना
को समाहित करते
हुये मुख्यमंत्री
स्थाई कृषि
पंप कनेक्शन
योजना
प्रारंभ की गई
है, जिसमें
कृषकों को
निजी स्त्रोतों
से सिंचाई
हेतु स्थाई
कृषि पंप
कनेक्शन
प्रदान करने
का प्रावधान
है। योजना
अंतर्गत आवश्यकतानुसार
वितरण
ट्रांसफार्मर
लगाने का प्रावधान
भी है। छतरपुर
जिले की तहसील
नौगांव, लवकुशनगर, गौरिहार
एवं चंदेला के
क्षेत्रान्तर्गत
वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17
में माह
जनवरी-17 तक स्वीकृत
किये गये
प्रकरणों की
नामवार खसरा
एवं रकबा सहित
वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। कृषक
अनुदान योजना
को समाहित करते
हुये वर्तमान
में लागू मुख्यमंत्री
स्थाई कृषि
पंप कनेक्शन
योजना के आदेश
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है। (ख) जी
हाँ। प्रश्नाधीन
प्रकरण में स्थल
का रकबा 0.128 हेक्टेयर
एवं खसरा नंबर
1309/1
है। प्रश्नाधीन
प्रकरण में
ट्रांसफार्मर
श्री राजेन्द्र
सिंह पिता
श्री लाखन
सिंह के खेत
के पास ग्राम
हटवा से अमऊ
जाने वाली रोड
के किनारे पर लगाया
गया है, जो
कि खसरा नंबर 1309/1
के पास में
है। (ग) जी
नहीं, प्रश्नाधीन
उल्लेखित
कोई भी
ट्रांसफार्मर
नहीं लगाया
गया है, अत:
प्रश्न नहीं
उठता। (घ) जी
हाँ। पत्र की
प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'स' अनुसार
है। कार्यालय
कलेक्टर
छतरपुर के
प्रश्नाधीन
पत्र दिनांक 25.11.2016
के तारतम्य
में दिनांक 19.01.2017
को कनिष्ठ
अभियंता
बारीगढ़ एवं
पटवारी हल्का
हटवा के
द्वारा
संयुक्त रूप
से मौके का
निरीक्षण
किया गया।
मौके
निरीक्षण में
पाया गया है
कि शासकीय
कुएं पर कोई
विद्युत
कनेक्शन
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा
प्रदाय नहीं
किया गया है, अत:
किसी के
विरूद्ध
कार्यवाही
करने का प्रश्न
नहीं उठता।
जनसंकल्प 2013 की पूर्ति की जाना
[महिला एवं बाल विकास]
102. ( क्र. 3479 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिनांक 18 फरवरी 2015 को महामहिम राज्यपाल महोदय के विधान सभा में दिये गये अभिभाषण के बिंदु-2 में जनसंकल्प 2013 और दृष्टि पत्र 2018 को ध्यान में रखकर इस एक साल में तेजी से कार्य किया गया है का वाचन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो जनसंकल्प 2013 में महिला एवं बाल विकास विभाग से संबंधित उल्लेखित किन-किन बिंदुओं में शासन द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? बिन्दुवार दें। (ग) शेष बिन्दुओं में किन कारणों से कार्यवाही पूर्ण नहीं की जा सकी और कब तक यह कार्यवाही पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जन संकल्प की अद्यतन जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है (ग) सतत् प्रक्रिया होने से उत्तर (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही किये जाने से शेष का प्रश्न ही नहीं।
जनसंकल्प 2013 की पूर्ति की जाना
[ऊर्जा]
103. ( क्र. 3480 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 18 फरवरी 2015 को महामहिम राज्यपाल महोदय के विधान सभा में दिये गये अभिभाषण के बिन्दु-2 में जनसंकल्प 2013 और दृष्टि पत्र 2018 को ध्यान में रखकर इस एक साल में तेजी से कार्य किया गया है, का वाचन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो जनसंकल्प 2013 में ऊर्जा विभाग से संबंधित उल्लेखित किन-किन बिन्दुओं में शासन द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? बिन्दुवार जानकारी दें। (ग) शेष बिन्दुओं में किन कारणों से कार्यवाही पूर्ण नहीं की जा सकी और कब तक यह कार्यवाही पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा दिनांक 18 फरवरी, 2015 को विधान सभा में अभिभाषण दिया गया था, जिसके बिन्दु क्रमांक-2 में प्रश्नाधीन उल्लेखित वाचन किया गया है। (ख) जनसंकल्प 2013 में ऊर्जा विभाग से संबंधित बिन्दुओं पर की गई कार्यवाही का बिन्दुवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ऊर्जा विभाग से संबंधित सभी बिन्दुओं पर एक सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
कुपोषण से मृत बच्चों की संख्या
[महिला एवं बाल विकास]
104. ( क्र. 3507 ) श्री जितू पटवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुपोषण से संबंधित किस शिकायत पर मुख्य सचिव मध्यप्रदेश और प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास के पदनाम से प्रधानमंत्री कार्यालय का पत्र दिनांक 27 अक्टूबर 2016 और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का पत्र दिनांक 18 नवंबर 2016 तथा महिला और बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार का पत्र दिनांक 18 नवंबर 2016 पत्र प्राप्त हुये हैं? शिकायतों का पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) उक्त पत्रों पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) राज्य में कुपोषित बच्चों की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी मय प्रतिशत उपलब्ध करावें। (घ) दिनांक 01.11.2016 से 20.1.2017 तक आंगनवाड़ी में कुपोषित बच्चों को वजन लेने का जो अभियान शासन द्वारा श्योपुर जिले में चलाया गया उसमें कितने कुपोषित बच्चे पाये गये? (ड.) प्रश्नांश (ग) अनुसार विगत 1 वर्ष में कुपोषण से श्योपुर जिले में कितने बच्चों की मृत्यु हुई और उसका जिम्मेदार कौन है? ब्लॉकवार जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) इसी आशय की शिकायत विभिन्न कार्यालयों से प्राप्त होने पर आयुक्त एकीकृत बाल विकास सेवा से जाँच कराई गई जाँच के आधार पर सर्वसंबंधितों को प्रतिवेदन भेजा जा गया है। प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) विशेष वजन अभियान 01.11.2016 से 20.012017 तक चलाया गया, जिसकी अवधि 28.02.2017 तक बढ़ायी गई है। श्योपुर जिले में अभियान अंतर्गत वजन लिये गए बच्चों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ड.) विगत् एक वर्ष में कुपोषण से श्योपुर जिले में बच्चों की मृत्यु नहीं हुई है।
कोयला क्रय अनुबंध
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 3508 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप विद्युत गृहों में कोल इंडिया के अलावा वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितना टन कोयला, माहवार वर्षवार, किन-किन फर्मों से प्राप्त किया गया? कोल इंडिया के अलावा प्रायवेट कंपनियों से कोयला खरीदी क्रय अनुबंध कब से किया गया? अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्राप्त किये गये कोयले में रेल्वे को डेमरेज कितना प्रदान किया गया? डेमरेज का कारण क्या था? (ग) क्या सही है कि प्रायवेट कंपनियों से विदेशी कोयला प्राप्त करने के कारण म.प्र.पा.ज.कं.लि. की बिजली प्रति यूनिट महंगी पड़ती है, नतीजा एम.ओ.डी. से (पावर हाउस/यूनिट) बाहर हो जाती एवं इकाइयों को बंद करके प्रायवेट कंपनियों से बिजली खरीदना पडता है? प्रायवेट कंपनियों से विदेशी कोयला खरीदी कब बंद किया जावेगा, जिससे जनता को सस्ती बिजली मिले एवं निरंतर म.प्र.पा.ज.कं.लि. के पावर हाउस चले।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप विद्युत गृहों में वर्ष 2012-13 से कोल इंडिया लिमिटेड के अलावा मात्र आयातित कोयले का क्रय किया गया है। वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक क्रय किये गये आयातित कोयले से संबंधित विद्युत गृहवार वर्षवार एवं माहवार जानकारी जिसमें क्रय किये गये आयातित कोल की मात्रा एवं प्रदायकर्ता फर्म का नाम भी शामिल है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त कालखंड में प्रायवेट कंपनियो को आयातित कोयला क्रय हेतु दिये गये आदेशों (अनुबंधों) की जानकारी निम्नानुसार है:- (1) मेसर्स भाटिया इंटरनेशनल लि. इंदौर, दिनांक 24.09.2011 तथा (2) मेसर्स अडानी इंटरनेशनल लि., अहमदाबाद दिनांक 20.11.2012 एवं 26.03.2015 कोयला खरीदी क्रय अनुबंधों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1 से अ-3'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक खरीदे गये आयातित कोल को खाली करने में हुई देरी के कारण म.प्र.पा.ज.कं.लि. द्वारा अपने सभी ताप विद्युत गृहों में रू. 8,60,67,294 का डेमरेज रेल्वे को भुगतान किया गया, जिसका मुख्य कारण एक साथ रैकों का कम समय के अंतर में आना, जिससे रैक रेल्वे द्वारा निर्धारित समय सीमा में खाली नहीं हो पाना है। साथ ही कोयला खाली करने के हापर का भरा होना, जिससे कोयले की नवीन रैक को खाली करना संभव नहीं हो पाया, भी डेमरेज का एक कारण रहा है। वर्षा ऋतु में गीला कोयला आने पर भी रैकों को खाली करने में अधिक समय लगा, जिस कारण से भी डेमरेज का भुगतान करना पड़ा है। (ग) आयातित कोयले से उत्पादित विद्युत की लागत अपेक्षाकृत अधिक रहती है, जी नहीं, प्रदेश में उपभोक्ताओं को न्यूनतम दर पर विद्युत आपूर्ति हेतु मेरिट आर्डर डिस्पैच के सिद्धांत अंतर्गत सभी विद्युत प्रदायकर्ता यथा केन्द्रीय क्षेत्र, दामोदर वैली कार्पोरेशन, म.प्र.पा.ज.कं.लि. एवं इंडिपेडेंट पावर प्रोड्यूसर से समय विशेष पर सस्ती वेरियेबल दर बिजली ली जाती है। वित्तीय वर्ष 2009-10 में किए गए आंकलन के आधार पर कोयले के उत्पादन में मांग की तुलना में संभावित कमी के दृष्टिगत, आयातित कोयले के उपयोग हेतु भारत सरकार द्वारा निर्देशित किया गया था। कालांतर में देश में उत्पादित कोयले की पर्याप्त उपलब्धता होने पर म.प्र.पा.ज.कं.लि. द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 से आयातित कोयले का क्रय रोका गया तथापि वर्ष 2014-15 के क्रय आदेश के विरूद्ध आवश्यक होने पर जून, 2016 तक आयातित कोयला प्राप्त किया गया। इसके बाद आयातित कोयले की खरीदी पूर्णत: बंद कर दी गई।
सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता
[नर्मदा घाटी विकास]
106. ( क्र. 3517 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना एवं ओंकारेश्वर बांध परियोजनाओं के अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं संचालित हैं तथा किस-किस कार्ययोजनाओं के अंतर्गत कितनी परियोजनाएं सिंचाई हेतु प्रस्तावित/स्वीकृत हैं? तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) उक्त परियोजनाओं के अंतर्गत संचालित सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से मुख्य नहरों से पानी उद्वहन एवं लिफ्ट सिंचाई योजनाओं से खरगोन जिले में कितने-कितने हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई की जा रही है तथा की जाना शेष है? लक्ष्य के मान से सिंचाई पूर्ण नहीं किये जाने में विलंब के क्या कारण है? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कसरावद विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने हेक्टयर क्षेत्र को सिंचित किया जा रहा है तथा कितना शेष है और क्यों? ग्रामवार तत्संबंधी ब्यौरा दें? सिंचाई से वंचित ग्रामों को किस-किस कार्य योजनान्तर्गत कब तक सिंचित किया जायेगा एवं प्रस्तावित कार्ययोजनावार सहित ग्रामवार तत्संबंधी ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा जिला स्तर, विभागीय स्तर एवं शासन स्तर पर नर्मदा घाटी विभाग को किस-किस प्रकार की कार्यवाही, कार्य, निर्माण एवं सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण है? कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत हेतु प्रक्रियाधीन है कौन-कौन से स्वीकृत है? कार्ययोजनान्तर्गत कार्यवार नाम सहित बतावें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। (ग) नर्मदा घाटी विकास विभाग की परियोजनाओं से कसरावद विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’स’’ अनुसार है।
म.प्र. में विद्युत की आपूर्ति
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 3518 ) श्री सचिन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बिजली के मामले में मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर है? हाँ, तो कितनी बिजली सरप्लस थी/है, प्रति यूनिट उत्पादन लागत क्या थी/है और राज्य के उपभोक्ताओं को किस दर पर प्रति यूनिट बिजली प्रदाय की गई और की जा रही है? विगत पाँच वर्ष तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) क्या उक्त समयावधि में बिजली निजी कंपनियों व अन्य राज्यों से खरीदी या बेची गई हाँ, तो किस दर पर तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ग) मध्यप्रदेश में ग्रामीण परिवारों को 24 घंटे और कृषि पंपों के लिए 6-8 घंटे बिजली आपूर्ति करने के लिए राज्य सरकार फीडर विभक्तिकरण योजना का क्या कार्य पूर्ण हो चुका है, तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (घ) प्रश्नांश (ग) के कार्य के लिए केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2009 से 2014 के मध्य कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रदेश विद्युत के क्षेत्र में पूर्णत: आत्मनिर्भर है। वर्षवार सरप्लस विद्युत एवं प्रति यूनिट लागत निम्न तालिका अनुसार है :-
क्र. |
टैरिफ आदेश वर्ष |
उपलब्धता |
आवश्यकता |
सरप्लस |
प्रति
यूनिट उत्पादन
लागत |
प्रति
यूनिट कुल
लागत (पारेषण
एवं वितरण व्यय
को सम्मिलित
कर) |
1 |
2012-13 |
44,434 |
44,590 |
(-) 156 |
2.94 |
4.90 |
2 |
2013-14 |
65,051 |
58,084 |
6967 |
2.94 |
4.79 |
3 |
2014-15 |
81,527 |
59,058 |
22,468 |
2.93 |
4.84 |
4 |
2015-16 |
81,566 |
64,261 |
17,305 |
3.37 |
5.29 |
5 |
2016-17 (अनुमानित) |
85,308 |
65100 |
20208 |
3.57 |
5.83 |
म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार राज्य में प्रति यूनिट विद्युत प्रदाय की दर का विवरण निम्न तालिका अनुसार है :-
(रूपये/यूनिट)
क. |
उपभोक्ता श्रेणी |
वर्ष-2012-13 |
वर्ष-2013-14 |
वर्ष-2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
वर्ष 2016-17 |
1 |
घरेलू |
4.74 |
4.69 |
4.87 |
5.12 |
5.56 |
2 |
गैर घरेलू |
6.67 |
6.70 |
6.58 |
7.20 |
7.84 |
3 |
जल प्रदाय कार्य एवं पथ प्रकाश (निम्नदाब) |
4.11 |
4.18 |
4.20 |
4.41 |
5.01 |
4 |
कृषि सिंचाई (निम्नदाब) |
3.73 |
3.59 |
3.75 |
4.28 |
4.74 |
5 |
औद्योगिक (निम्नदाब) |
6.02 |
5.86 |
5.92 |
6.67 |
7.30 |
6 |
औद्योगिक (उच्चदाब) |
5.91 |
5.73 |
5.95 |
6.75 |
7.20 |
7 |
रेल्वे कर्षण |
6.09 |
5.98 |
5.86 |
6.42 |
6.76 |
8 |
गैर औद्योगिक (उच्चदाब) |
5.82 |
6.52 |
6.61 |
7.22 |
7.86 |
(ख) उक्त समयावधि में अन्य राज्यों को विक्रय की गई विद्युत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अन्य राज्यों/ट्रेडर/एक्सचेंज से क्रय की गई विद्युत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार एवं निजी कंपनियों से क्रय की गयी विद्युत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत प्रदेश में ग्रामीण परिवारों सहित सभी गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घण्टे तथा कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। जिन फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, ऐसे मिक्सड फीडरों पर भी उक्तानुसार विद्युत प्रदाय की व्यवस्था की गई है। फीडर विभक्तिकरण योजना में फीडरों के विभक्तिकरण का लगभग 87 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। (घ) फीडर विभक्तिकरण योजना के लिए पूर्व क्षेत्र वितरण कंपनी को केन्द्र सरकार से कोई राशि प्राप्त नहीं हुयी है। मध्य क्षेत्र कंपनी को वर्ष 2010-11 में केन्द्र शासन द्वारा रूपये 65.97 करोड़ एवं पश्चिम क्षेत्र कंपनी को वर्ष 2011-12 में रूपये 61.3 करोड़ राशि उपलब्ध करायी गई थी।
सांसद/विधायक को शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित न करना
[सामान्य प्रशासन]
108. ( क्र. 3528 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 27.11.2015 के अनुसार शासन के समस्त विभागों को आदेशित किया गया है कि मान. सांसद/विधायकों के पत्रों की पावती देने उनके पत्रों पर कार्यवाही कर उत्तर देने, सौहार्दपूर्ण व्यवहार तथा सार्वजनिक समारोह/कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के संबंध में निर्देश जारी किये हैं? (ख) क्या यह सही है कि चन्दला विधान सभा क्षेत्र जनपद गौरिहार, तहसील शिक्षा विभाग द्वारा कई कार्यक्रम जैसे स्वयं ही उद्घाटन/कार्यक्रम का आयोजन/शालाओं का उन्न्यन/सार्वजनिक समारोह व कई शासकीय कार्यक्रम स्वयं ही कर लिये जाते है, क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित/सूचना भी नहीं दी जाती? (ग) वर्ष 2014-15, 2015-16 से दिनांक 26.01.2017 तक जनपद पंचायत गौरिहार, लोक निर्माण विभाग वन विभाग, शिक्षा विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वा. अधिकारी व शासन के अन्य विभागों द्वारा कितने शिलान्यास, उद्घाटन, सार्वजनिक समारोह, शासकीय कार्यक्रम कराये गये? दिनांकवार, सूचीवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कितने कार्यक्रमों में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया गया? यदि किया गया है, तो सूचना/आमंत्रित पत्रों की जानकारी उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर, जनपद पंचायत गौरिहार एवं उप संचालक कृषि द्वारा आयोजित कार्यक्रम में माननीय विधायक को आमंत्रण पत्र एवं दूरभाष द्वारा आमंत्रित किया गया है। (ग) छतरपुर जिले के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग वन विभाग एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा चन्दला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नाधीन कार्यक्रम आयोजित नहीं किये गये है। शिक्षा विभाग एवं उप संचालक कृषि द्वारा वर्ष 2014-15 में क्रमश: 01, 01 वर्ष 2015-16 से दिनांक 26/01/2017 तक क्रमश: 02, 02 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। जनपद पंचायत गौरिहार द्वारा खण्ड स्तरीय अन्त्योदय मेला एवं मुख्य मंत्री कन्या विवाह योजना कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रीवा जिले में राजीव गांधी विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
109. ( क्र. 3557 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के लिए कितनी राशि तथा कितने ग्राम विद्युतीकरण हेतु स्वीकृत किये गये हैं? विधान सभावार संख्या देवें। ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इस योजना के कार्य को पूर्ण करने के लिए कौन से ठेकेदार/कम्पनी का ठेका हुआ था? संविदाकार का नाम, पता के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त स्वीकृत कार्य कितने पूर्ण किये गये एवं कितने शेष है की जानकारी विधान सभावार देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कार्य की पूर्णता को प्रभावित करने के लिए कौन जिम्मेदार है? दोषी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रीवा जिले में 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 1498 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण कार्य हेतु रू. 159.72 करोड़ राशि की योजना स्वीकृत की गई है। योजनान्तर्गत स्वीकृत किये गये ग्रामों की विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन योजना के कार्यों को टर्न-की आधार पर पूर्ण करने हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लिमिटेड, मुम्बई को अवार्ड जारी किया गया है। उक्त ठेकेदार एजेंसी का पता-मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लिमिटेड 45/47 वीर नरीमन रोड, मुम्बई-400002 है। (ग) उक्त सन्दर्भ में रीवा जिले में प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत 1085 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है तथा 413 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य शेष है। योजनांतर्गत पूर्ण किए गए ग्राम एवं शेष ग्रामों की विधान सभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य में विलंब किया गया है, जिनके लिये अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेंसी द्वारा प्रस्तुत देयकों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनल्टी स्वरूप रू. 91 लाख की राशि काटी जा चुकी है।
अपर संचालक के खिलाफ कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
110. ( क्र. 3602 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ई.ओ.डब्ल्यू. की एफ.आई.आर. 61/2012 और लोकायुक्त जाँच प्रकरण 149/2015 समान कार्यालय के समान मामले से संबंधित हैं? रोजनामचा सान्हा क्रमांक-138, दिनांक 11 जुलाई 2011 और रोजनामचा सान्हा क्रमांक-295, दिनांक 22 सितम्बर 2012 की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रशासकीय विभाग (आदिम जाति कल्याण विभाग) के विभागीय जाँच आदेश क्रमांक एफ 16-5/2013/1/25, दिनांक 11 नवम्बर 2016 द्वारा वित्तीय मामले में जिस अधिकारी को आरोपी बनाया है, उसे ई.ओ.डब्ल्यू. और लोकायुक्त ने किन कारणों से आरोपी नहीं बनाया? कब तक बना लिया जायेगा? (ग) उपरोक्त मामले में जिन्होंने कार्यालय के बिल रजिस्टर पर 80 लाख के बिल का इन्द्राज खुर्द-बुर्द किया और जिन्होंने कैश बुक सत्यापित की तथा जिनके खातों में सरकारी राशि जमा होकर आहरित हुई, उन सबको कब तक आरोपी बनाया जायेगा? अब तक आरोपी न बनाने के कारण क्या हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, जाँच प्रकरण 149/15 माननीय उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ग्वालियर के पत्र दिनांक 19.08.2015 के संदर्भ में जाँच हेतु लोकायुक्त में पंजीबद्ध किया गया। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में रोजनामचा सान्हा क्रमांक 138, दिनांक 11 जुलाई 2011 में प्रारंभिक जाँच क्रमांक 10/11 तथा रोजनामचा सान्हा क्रमांक 295 दिनांक 22.09.2012 अपराध क्रमांक 61/12 धारा 420, 409,467,468,471,120 बी भा.द.वि. एवं 13 (1) डी सहपठित 13 (2) भ्र.नि.अ. 1988 की रोजनामचा में कायमी से संबंधित है, प्रकरण विवेचनाधीन है। (ख) एवं (ग) लोकायुक्त संगठन एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में वर्तमान में प्रकरण विवेचनाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति/जनजाति की बैकलॉग के पदों पर भर्ती
[सामान्य प्रशासन]
111. ( क्र. 3612 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में विभिन्न विभागों में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक अनुसूचित जाति/जनजाति के बैकलॉग के वर्गवार/पदवार कितने पद रिक्त हैं? (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2013 से 2016 तक बैकलॉग पदों की नियुक्ति के लिए जितने आदेश जारी किये है, उनकी छायाप्रति देवें। (ग) बैकलॉग के कितने पदों पर नियुक्ति दी जा चुकी हैं तथा कितने पद आज की स्थिति में रिक्त हैं? यदि नियुक्ति नहीं दी गई तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ओंकारेश्वर नहर परियोजना में विलंब
[नर्मदा घाटी विकास]
112. ( क्र. 3620 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ओंकारेश्वर नहर परियोजना के 100 करोड़ रू. से अधिक लागत के कितने कार्य चल रहे है? क्या ये सही है कि कुछ कार्य 7 वर्ष से अधिक समय से चल रहे हैं? ऐसे 100 करोड़ रू. से अधिक लागत के चल रहे कार्यों की लागत, कार्य स्वीकृति दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक, अब तक किए भुगतान की पूरी जानकारी देवें। (ख) क्या कारण है कि उपरोक्त कार्य अत्याधिक विलंब से चल रहे हैं? इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ग) इनकी निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक कितने कर्मचारियों/श्रमिकों का P.F. कटौत्रा किया, कितनी राशि का किया? प्रत्येक कार्य की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (घ) कार्य में विलंब व कर्मचारियों/श्रमिकों के P.F. कटौत्रा पर ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। (ख) नर्मदा बचाओ आंदोलन संस्था के लोगों द्वारा परियोजना का लगातार विरोध करने, न्यायालयीन स्थगन वन भूमि की अनुमति में समय लगने, निजी भूमि के अर्जन में समस्याएं आने तथा निर्माणाधीन नहरों में अधिकांश समय जल प्रवाहित रहने से निर्माण कार्य के लिए समय की कमी विलंब के प्रमुख कारण हैं। वर्ष 2018-19 में कार्य पूर्ण करना लक्षित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आनंदम कार्यक्रम में अनियमितता
[आनन्द]
113. ( क्र. 3621 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनंद विभाग बनने के बाद प्रश्न दिनांक तक कितनी भूमि विभाग को आवंटित हुई? कितनी व्यय की गई? किन कार्यों में व्यय की गई? पूर्ण जानकारी देवें। 31.03.2017 तक कितना आवंटन निर्धारित है? (ख) आनंदम एवं अन्य कार्यों के लिए कितनी इवेंट कंपनियों/फर्मों, एडवरटाईजिंग कंपनियों/फर्मों, चलित वाहनों पर विज्ञापन, सोशल मीडिया वेबसाइटों एवं अन्य माध्यमों को कितनी राशि दी गई? पृथक-पृथक नाम व राशि सहित कार्य नाम सहित बतावें? (ग) आनंदम एवं अन्य कार्यों के लिये किन-किन विभागों के बजट से राशि ली गई है? प्रदेश के कितनी पंचायतों को आनंदम कार्यक्रम के लिए कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? जिलेवार बतावें। प्रदेश की सभी पंचायतों को यह राशि क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? (घ) आनंदम कार्यक्रम के नाम पर राशि को मनमाने तरीके से तथा करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग को कोई भूमि आवंटित नहीं हुई है। विभाग के अन्तर्गत गठित राज्य आनंद संस्थान द्वारा व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु विभागीय बजट में राशि रूपये 2 करोड़ का प्रावधान किया गया है। (ख) आनंद विभाग द्वारा प्रचार माध्यमों को कोई भी राशि नहीं दी गई। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ग) आनंदम कार्यक्रम हेतु किसी विभाग से कोई भी राशि नहीं ली गई। आनंद उत्सव के आयोजन हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा प्रदेश के सभी जनपद पंचायतों को राशि रूपये 1141.05 लाख उपलब्ध कराई गई है। चूँकि आनंदम कार्यक्रम हेतु राशि उपलब्ध नहीं कराई गई, अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में राशि मनमाने तरीके से व्यय करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर के नवीन ग्रिड का निर्माण
[ऊर्जा]
114. ( क्र. 3626 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. क्षेत्र महिदपुर के ग्राम बोलखेड़ा नाऊ एवं पेटलाबाद में 33 नवीन ग्रिड का निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है? यह कब से किया जा रहा है? (ख) यह अत्यंत धीमी गति से क्यों किया जा रहा है? यह कब तक पूर्ण होगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) जी नहीं, विधान
सभा क्षेत्र
महिदपुर के
ग्राम बोलखेड़ा
नाऊ एवं
पेटलावद
(पेटलाबाद
नहीं) में
नवीन 33/11
के.व्ही.
उपकेन्द्र
का निर्माण
कार्य नहीं
किया जा रहा
है। अत: प्रश्न
नहीं उठता। (ख) उत्तरांश
''क''
में
दर्शाए
अनुसार प्रश्नाधीन
दोनों स्थानों
पर नवीन 33/11
के.व्ही.
उपकेन्द्र
के निर्माण का
कोई कार्य नहीं
किया जा रहा
है, अत:
निर्माण
कार्य की गति
धीमी होने एवं
कार्य
पूर्णता की
समय-सीमा बताए
जाने का प्रश्न
नहीं उठता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
सदस्यों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
1. ( क्र. 20 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अतारांकित प्रश्न संख्या-2 ( क्रमांक 27 ) दिनांक 8 दिसम्बर 2015 तथा अतारांकित प्रश्न संख्या 11 (क्रमांक 502) दिनांक 11 मार्च, 2016 के संदर्भ में उत्तर दिया है कि विभिन्न विभागों को कार्यवाही हेतु पत्र दिये गये हैं, उनमें कार्यवाही प्रचलन में है तो यह बताएं कि 15 जनवरी 2017 तक कार्यवाही में क्या प्रगति हुई है? (ख) उपरोक्त तिथियों के बाद विभिन्न विभागों को प्रश्नकर्ता द्वारा 15 जनवरी 2017 तक जो पत्र लिखे हैं उनमें अभी तक क्या कार्यवाही हुई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रतलाम जिले की आंगनवाड़ी केन्द्र पर प्राप्त व्यय
[महिला एवं बाल विकास]
2. ( क्र. 30 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रतलाम जिले की समस्त आंगनवाड़ी केन्द्र पर तदर्थ समिति का गठन कर लिया गया है यदि हाँ, तो सदस्य पदाधिकारियों के नाम पते सहित सम्पूर्ण विवरण दें व विगत तीन वर्षों में कितनी राशि खातों में डाली गई व व्यय की गई? (ख) विगत एक वर्ष में आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु कितनी-कितनी राशि जिले को प्राप्त हुई व किस-किस आंगनवाड़ी केन्द्र को किस माध्यम से प्रदाय की गई उक्त राशि से किस-किस केन्द्र में क्या-क्या कार्य किये गये या सामग्री क्रय की गई उक्त कार्यों का सत्यापन किस सक्षम अधिकारी, कर्मचारी द्वारा किया गया नाम व पद सहित विवरण दें? (ग) सुपोषण अभियान के विगत तीन वर्षों में कितनी राशि जिले में प्राप्त हुई व उससे कितनी सामग्री क्रय की गई व उसके लिये किस-किस समाचार पत्र में विज्ञप्ति जारी की गई कितनी-कितनी निविदाएं किस-किस फर्म से प्राप्त हुई व किस-किस संस्था एवं फर्म से सामग्री क्रय की गई? (घ) उक्त सामग्री का भौतिक सत्यापन किस-किस सक्ष्म अधिकारी द्वारा कर किस-किस केन्द्र को भेजी गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों पर तदर्थ समिति का गठन किया गया है। प्रश्नांश ''क'' के पैरा 2 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सुपोषण अभियान के विगत तीन वर्षों में राशि रुपये 1,76,44,372/- जिले को प्राप्त हुई है। प्राप्त राशि से वर्ष 2013-14 में 915 वजन मशीन क्रय की गई है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कोई सामग्री क्रय नहीं की गई। वर्ष 2013-14 में सामग्री का क्रय डी.जी.एस.एण्ड.डी. की दर से किये जाने से समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी नहीं किये जाने से निविदाएं प्राप्त नहीं हुई। वर्ष 2013-14 में सामग्री जिस फर्म से क्रय की गई है का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) उक्त सामग्री का भौतिक सत्यापन जिलास्तरीय क्रय समिति द्वारा किया गया है। केन्द्रवार की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
बरगी बांध की सुरक्षा एवं रखरखाव
[नर्मदा घाटी विकास]
3. ( क्र. 89 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी बांध की सुरक्षा एवं रखरखाव निर्धारित मापदण्डों के अनुसार हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो सुरक्षा एवं रखरखाव की क्या व्यवस्था हैं? (ग) क्या बरगी बांध की सुरक्षा हेतु 1:6 की शिफ्ट कंट्रोल के लिये आवश्यक हैं? (घ) यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या सुरक्षा हेतु कम कर्मचारी हैं, क्या सुरक्षा की दृष्टि से सेटअप अनुसार तैनाती की जावेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) बरगी बांध की सुरक्षा में एस.ए.एफ. के 10 जवान एवं 40 विभागीय दैनिक वेतन भोगी एवं कार्यभारित कर्मचारियों को लगाया है। (ग) एवं (घ) जी हाँ।
फीडर सेपरेशन के कार्य
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 176 ) श्री
रामकिशन पटेल
:
क्या ऊर्जा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) रायसेन
जिले की
उदयपुरा
विधानसभा
क्षेत्र के
कितने
ग्रामों/मजरे/टोलों
में फीडर
सेपरेशन का
कार्य पूर्ण
हो गया है? ग्रामवार
सूची उपलब्ध
करवायें? (ख) कितने
ग्रामों/मजरों/टोलों
में फीडर
सेपरेशन का
कार्य अपूर्ण
है? यदि
अपूर्ण है तो
इसके लिये
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई है? इसके
लिये कौन
अधिकारी/कर्मचारी
जिम्मेदार
है और उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई है? (ग) क्या
इन कार्यों
में प्रयुक्त
सामग्री
घटिया किस्म
की लगी होने
के कारण पिछले
वर्ष पशुधन
एवं जनधन की
हानि होने
संबंधी
समाचार
प्रकाशित हुए
हैं? यदि
हाँ, तो
इसके लिये कौन
जिम्मेदार
है एवं जिम्मेदारों
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) उक्त
अपूर्ण कार्य
कब तक पूर्ण
हो जावेंगे?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) रायसेन
जिले के
उदयपुरा
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
282
ग्रामों में
फीडर
विभक्तिकरण
का कार्य पूर्ण
किया जा चुका
है। फीडर
विभक्तिकरण
योजनांतर्गत
मजरों/टोलों
में कार्य
नहीं किया गया
है अपितु
ग्रामों को
विद्युत
प्रदाय कर रहे
11 के.व्ही.
फीडरों को
कृषि एवं
गैर-कृषि
फीडरों में विभक्त
किया गया है।
प्रश्नाधीन
पूर्ण किये
गये फीडर
विभक्तिकरण
के कार्यों की
ग्रामवार
सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) रायसेन
जिले के
उदयपुरा
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
41
ग्रामों में
फीडर
विभक्तिकरण
का कार्य
अपूर्ण है।
ठेकेदार
एजेंसी मे.
फीडर्स लायड, नई
दिल्ली
द्वारा
योजनांतर्गत
प्रावधानित
कार्यों को
समय पर पूर्ण
नहीं करने के
कारण अनुबंध की
शर्तों के
अनुसार
ठेकेदार
एजेंसी
द्वारा प्रस्तुत
बिलों से
लिक्विडेटेड
डैमेज के रूप
में पेनल्टी
स्वरूप रू. 2.25 करोड़ की
राशि काटी गई
है। फीडर
विभक्तिकरण
योजनांतर्गत
मजरों/टोलों
में कार्य
नहीं किया गया
है। इन अपूर्ण
कार्यों को
दीनदयाल
उपाध्याय
ग्राम ज्योति
योजना
अंतर्गत टर्न
की आधार पर
कराने हेतु
दिनांक 28.12.2016 को
प्रस्तावित
किया गया है।
दीनदयाल
उपाध्याय
ग्राम ज्योति
योजना
अंतर्गत उक्त
कार्य सहित
योजनांतर्गत
अवार्ड जारी
किया गया है।
अवार्ड
दिनांक से 24 माह में
कार्य पूर्ण
किया जाना है।
अपूर्ण कार्यों
के लिए दोषी
ठेकेदार
एजेंसी से
पेनाल्टी
काटी गई है।
तथा मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी का
कोई भी
अधिकारी/कर्मचारी
जिम्मेदार
नहीं है, अत:
कार्यवाही का
प्रश्न नहीं
उठता। (ग) प्रश्नाधीन
उल्लेखित
कोई भी शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है। सामग्री
उपयोग किये
जाने से पहले
तृतीय पक्ष निरीक्षण
एजेन्सी के
माध्यम से
फैक्ट्री
में सामग्री
का परीक्षण
करवाया जाता
है, इसके
अतिरिक्त
सामग्री
प्राप्त
होने के पश्चात्
मुख्य
सामग्री का
परीक्षण
रेंडम
सेंपलिंग के
आधार पर
एन.ए.बी.एल.
प्रमाणित लेब
में भी करवाया
जाता है। उक्त
परिप्रेक्ष्य
में किसी के
जिम्मेदार
होने अथवा
किसी के
विरूद्ध
कार्यवाही करने
का प्रश्न नहीं
उठता। (घ) रायसेन
जिले के
उदयपुरा
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
41
ग्रामों में
फीडर
विभक्तिकरण
के अपूर्ण कार्यों
को दीनदयाल
उपाध्याय
ग्राम ज्योति
योजना
अंतर्गत
सम्मिलित
किया गया है।
दीनदयाल
उपाध्याय
ग्राम ज्योति
योजना
अंतर्गत
अवार्ड
दिनांक 28.12.2016 से 24 माह की
समय-सीमा में
कार्य पूर्ण
किये जाने हैं।
जी.एस.टी. की समय सीमा
[वाणिज्यिक कर]
5. ( क्र. 261 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में व्यापारियों के लिए वेट से जी.एस.टी. में माइग्रेट होने की प्रक्रिया कब से कब तक की समय सीमा में तय की गई? (ख) माइग्रेट होने वाले व्यापारियों का जिलेवार ब्यौरा क्या है? (ग) जी.एस.टी. में माइग्रेट होने वाले व्यापारियों के मामले में मध्यप्रदेश की देश में क्या स्थिति है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में जी.एस.टी. माइग्रेशन की प्रक्रिया 30 नवम्बर 2016 से प्रारम्भ होकर आज दिनांक तक निरंतर जारी है। (ख) जी.एस.टी. माईग्रेशन की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शाई गई है। (ग) जी.एस.टी.एन. द्वारा दिनांक 13.02.2017 को जारी स्टेटवाईज प्रोग्रेस रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में मध्यप्रदेश जी.एस.टी. माईग्रेशन 86.79 प्रतिशत होकर देश में चौथे स्थान पर है।
बालिका समृद्धि योजना
[महिला एवं बाल विकास]
6. ( क्र. 316 ) श्री जतन उईके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारत सरकार द्वारा बालिका समृद्धि योजना म.प्र. में कब से लागू की गई और कब तक लागू रही? (ख) छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के बालिका समृद्धि योजना के तहत कितने-कितने बालिकाओं को योजना दिनांक तक लाभांवित कर उनके नाम से कितनी-कितनी राशि जमा करवाई गई तथा बालिकाओं के नाम पर की गई? N.S.C. अथवा एफ.डी. राशि की परिपक्वता दिनांक के बाद रिन्यूवल कब-कब करवाई गई? यदि नहीं, तो क्यों और किस दिनांक से नहीं करवाया गया? (ग) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसी कितनी बालिकाएं हैं? जिनकी N.S.C. अथवा एफ.डी. राशि परिपक्वता तिथि अथवा बालिका की उम्र 18 वर्ष पूर्ण हो चुकी है? उन्हें उक्त राशि भुगतान की पात्रता है या नहीं? यदि हाँ, तो राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण देवें? परियोजनावार जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बालिका समृद्धि योजना वर्ष 1997-98 से म.प्र. में लागू की गई एवं वर्ष 2004-05 तक लागू रही। (ख) पांढूर्णा विधान सभा क्षेत्र के बालिका समृद्धि योजना के तहत कुल 1128 बालिका को योजना दिनांक तक लाभान्वित कर प्रति बालिका के हिसाब से कुल 564000/- राशि जमा करवाई गयी। कुल 435 एफ.डी. सेण्ट्रल बैंक, म.प्र. ग्रामीण बैंक में रिन्वुअल के लिये पत्र क्र. 554/म.ब.वि./2016 व 349/म.बा.वि./2017 द्वारा दी गयी। शेष 601 एन.एस.सी. जिसका रिन्वुअल नियमों के तहत करने का प्रावधान न होने से उसका नगदीकरण करने उपरांत उस राशि से नवीन एन.एस.सी. क्रय की कार्यवाही पोस्ट ऑफिस पांढुर्ना में प्रगति पर है। (ग) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 92 बालिकाओं की उम्र 18 वर्ष पूर्ण हो चुकी है। उक्त राशि भुगतान की इन्हें पात्रता है। इन 92 बालिकाओं को भुगतान हेतु एन.एस.सी. वितरित की जा चुकी है। पोस्ट ऑफिस द्वारा भुगतान किया गया है। परियोजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
7. ( क्र. 317 ) श्री जतन उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा छिन्दवाड़ा जिले के सातों विधान सभा क्षेत्रों में वर्ष 2008 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कब-कब भ्रमण किया? (ख) उक्त समय अवधि में भ्रमण के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी ने क्या-क्या घोषणाएं की थी? विधान सभावार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में की गई किन-किन घोषणाओं पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई तथा कितनी घोषणाएं शेष हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
विभागीय परियोजनाओं से संबंधित शिकायतें
[नर्मदा घाटी विकास]
8. ( क्र. 353 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में विभागीय परियोजनाओं संबंधित कितने शिकायतें जनसुनवाई, सी.एम. हेल्प लाईन, कलेक्टर कार्यालय से विगत 3 वर्षों में प्राप्त हुई है तथा इन शिकायतों का निराकरण कब तक हुआ है? (ख) खरगोन जिले में विभागीय परियोजनाओं संबंधित कितने शिकायती पत्र वरिष्ठ कार्यालय से विगत 3 वर्षों में प्राप्त हुए हैं तथा इन पत्रों पर कि गई कार्यवाही पत्रवार, विषयवार, पत्र प्राप्त दिनांक, निराकरण दिनांक, लंबित है तो कारण सहित सूची देवें? (ग) खरगोन जिले में विभागीय परियोजनाओं से संबंधित कितने आवेदन सूचना के अधिकार अंतर्गत प्राप्त हुए हैं तथा कितने आवेदनो का निराकरण हुआ कितने लंबित है कारण सहित बताएं?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–‘’ब’’ एवं ‘’स’’ अनुसार है। (ग) विभागीय परियोजनाओं से संबंधित 416 आवेदन पत्र प्राप्त हुये, समस्त आवेदन पत्रों का निराकरण हो चुका है।
शासकीय राजस्व की प्राप्ति
[वाणिज्यिक कर]
9. ( क्र. 377 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में 1 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक वाणिज्यकर विभाग में कितने शासकीय राजस्व की प्राप्ति हुई है वर्षवार खण्डवार जानकारी देवें? (ख) जिले में पदस्थ अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ कब-कब, कितनी भ्रष्टाचार की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं? इन पर क्या कार्यवाही की गई? ऐसे प्रकरणों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) क्या अधिकारी/कर्मचारी की व्यापारियों से मिलीभगत से शासकीय राजस्व को लगातार हानि पहुंचाने का काम हो रहा है? यदि नहीं, तो बढ़ते व्यापार के दृष्टिगत उक्त जिले में शासकीय राजस्व अनुपातिक रूप से घटने के क्या कारण है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला मण्डला में 01 जनवरी 2013 से अब तक भ्रष्टाचार की कुल 02 शिकायतें मुख्यालय को प्राप्त हुई। जो इस प्रकार है :- श्री भंजन दुबे, तत्कालीन वाणिज्यिक कर अधिकारी, मण्डला के नाम से शिकायत दिनांक 17.01.2014 को प्राप्त हुई थी। शिकायत परीक्षण उपरांत दिनांक 23.01.2014 को समाप्त की गई है। श्री पी.बी.दुबे, तत्कालीन वाणिज्यिक कर अधिकारी, मण्डला के नाम से शिकायत दिनांक 03.06.2014 को प्राप्त हुई थी। शिकायत की जाँच की गई। जाँच उपरांत शिकायत तथ्यहीन होने से दिनांक 25.07.2014 को समाप्त की गई है। (ग) जी नहीं। शासकीय राजस्व की हानि परिलक्षित नहीं है। प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट अनुसार राजस्व में प्रत्येक वर्ष में अनुपातिक रूप से वृद्धि परिलक्षित हो रही है।
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में प्राप्त शिकायतें
[सामान्य प्रशासन]
10. ( क्र. 378 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो मध्यप्रदेश भोपाल में मण्डला जिले की कितनी शिकायतें पंजीबद्ध होकर जाँच के लिए कब से लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस प्रकार की शिकायतें प्रेषित की गई हैं? (ग) उक्त शिकायतों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के तालिका 05 अनुसार। (ग) शिकायतें वर्तमान में सत्यापनाधीन हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
घरों पर सोलर पॉवर प्लांट लगाना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
11. ( क्र. 469 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में सोलर पैनल द्वारा बिजली उत्पादन हेतु घरों पर सोलर पॉवर प्लांट लगाने हेतु शासन की कौन-कौन सी योजनाएं हैं? (ख) क्या घरों में ऑन ग्रिड एवं ऑफ ग्रिड सोलर पॉवर प्लांट लगाने हेतु शासन प्रोत्साहन हेतु सब्सिडी प्रदाय करती है? यदि हाँ, तो उसकी क्या प्रक्रिया है? विगत ३ वर्षों में उज्जैन जिले में सोलर गीजर हेतु कितने हितग्राहियों को सब्सिडी प्राप्त हुईं है वर्षवार, दिनांकवार, नामवार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) क्या सौर ऊर्जा के आमजन में अधिकाधिक प्रयोग हेतु शासन की योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. में घरों पर सौर पेनल द्वारा बिजली उत्पादन हेतु ''म.प्र. विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति, 2016'' के अन्तर्गत ग्रिड कनेक्टेड एवं ऑफग्रिड फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना की योजना है। (ख) घरों में ऑनग्रिड एवं ऑफग्रिड सोलर पॉवर प्लांट लगाने हेतु भारत सरकार द्वारा 30 प्रतिशत तक अनुदान प्रावधानित है। संयंत्र स्थापना हेतु हितग्राही से कुल लागत में से पात्रता अनुसार देय सब्सिडी घटाकर शेष राशि एवं आवेदन जमा कराया जाकर संयंत्र की स्थापना की व्यवस्था है। विगत 3 वर्षों से सोलर गीजर पर केन्द्र शासन इत्यादि का अनुदान नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) सौर ऊर्जा के जनसाधारण में अधिकाधिक प्रयोग के प्रोत्साहन हेतु भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा संयुक्त अनुदान दिया जाना प्रावधानित है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
योजनाओं का क्रियान्वयन
[आनन्द]
12. ( क्र. 531 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा नवीन विभाग ''आनंद विभाग'' का सृजन किया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो इस विभाग के सृजन का उद्देश्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए बतावें कि रीवा संभाग अंतर्गत इस विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन बाबत् कितनी-कितनी राशि किस-किस जिले को कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त राशि को कब-कब, कहाँ-कहाँ, किन-किन माध्यमों से किस-किस माह एवं दिनांक में व्यय किया गया? इस हेतु व्यय की गई राशि शासन के जारी नियमों के तहत की गई? व्यय की गई राशि का विस्तृत विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रचार-प्रसार एवं अन्य कार्यों हेतु जिम्मेवारी किन-किन एजेंसियों/विभागों को सौंपी गयी थी? इस हेतु राशि कब-कब, कितनी-कितनी खर्च की गई? क्या इन कार्यों को करने हेतु उत्तरदायित्व प्रायवेट एजेंसियों/सेक्टरों को भी सौंपा गया? अगर नहीं तो क्या शासकीय अमले के द्वारा राशि खर्च की गई? (घ) यदि प्रश्नांश (क) के विभाग आनंद द्वारा प्राप्त राशि का समुचित एवं सही उपयोग शासन के उद्देश्य की पूर्ति हेतु न किया जाकर नियम विरूद्ध तरीके से फर्जी बिल-वाउचर के आधार पर प्रायवेट सेक्टरों/शासकीय अमले द्वारा किया गया तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) आनंद विभाग के सृजन के उद्देश्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आनंद विभाग के अंतर्गत आनंद उत्सव, आनंदम, आनंद सभा की गतिविधियां सम्मिलित हैं। आनंद उत्सव हेतु जिला रीवा को 41.40 लाख, सीधी को 19.95 लाख, सतना को 34.50 लाख तथा सिंगरौली को 15.75 लाख राशि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा दिनांक 7 जनवरी, 2017 को आवंटित की गई। पंचायत समूह बनाकर प्रति समूह 15000 रूपये की राशि आवंटित की गई। राशि के व्यय की जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) प्रचार-प्रसार एवं आनंद उत्सव के आयोजन की जिम्मेदारी संबंधित जिला प्रशासन एवं स्थानीय निकायों यथा जनपद पंचायतों/ग्राम पंचायतों को सौंपी गई थी। विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार हेतु कोई राशि व्यय नहीं की गई। जी नहीं। उक्त राशि स्थानीय निकायों द्वारा व्यय की गई। (घ) आनंद विभाग द्वारा कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई गई। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर का कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
13. ( क्र. 634 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर का कार्य प्रदेश के समस्त क्षेत्र में कब-कब किस कंपनी को दिया गया, कंपनीवार कार्यवार सूची देवें। (2) मुख्य नहर की निर्माणकर्ता किस-किस कंपनी पर खनिज रायल्टी कितनी भुगतान तथा कितनी खनिज रायल्टी बाकी है, कंपनीवार बतायें। इसमें से किस-किस कंपनी की सुरक्षा निधि, बैंक ग्यारंटी, धरोहर राशि आदि विभाग के पास है तथा किस-किस कंपनी ने उक्त निधियां जारी कर दी हैं, कंपनीवार राशिवार सूची देवें। (ग) मुख्य नहर की निर्माणकर्ता किस-किस कंपनी के विरूद्ध किसी भी माध्यम से अधूरे कार्य, अगुणवत्तापूर्ण कार्य आदि की कितनी शिकायत प्राप्त हुई, शिकायत की विषयवार कंपनीवार सूची देवें। इसमें से किस-किस शिकायत की जाँच किसके द्वारा कब-कब की गई, जाँच प्रतिवेदन की जानकारी सहित सूची देवें। (घ) अधीक्षण यंत्री द्वारा इस परियोजना की मुख्य नहर की निर्माणकर्ता कौन-कौन कंपनी के कार्यों की जाँच की गई तथा इस जाँच में क्या पाया गया, किस-किस अधिकारी/कर्मचारी को दोषी पाया गया तथा किस पर क्या कार्यवाही की गई? सूची देवें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। (ग) मुख्य नहर की निर्माणकर्ता कंपनी के विरूद्ध अधूरे कार्य, अगुणवत्तापूर्ण कार्य की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कमाण्ड क्षेत्र के कृषकों/प्रतिनिधियों से अधूरे कार्य को पूर्ण करने के संबंध में प्राप्त पत्रों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ अनुसार है। (घ) अधीक्षण यंत्री, नर्मदा विकास मण्डल क्रमांक 7, खरगोन द्वारा मेसर्स करण डेवलपमेंट सर्विसेस प्रा.लि., ग्वालियर के कार्यों के अभिलेखों की जाँच कराई गई, जिसमें सुरक्षा निधि विमुक्त करने में अनियमितता पाई गई। श्री यू.के.पटसारिया, कार्यपालन यंत्री को आरोप पत्र जारी किये गये हैं एवं तत्कालीन कार्यपालन यंत्री श्री एन.के.तिवारी (सेवानिवृत्त) के विरूद्ध कार्यवाही हेतु प्रकरण परीक्षण में है।
आगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
14. ( क्र. 686 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकास खण्ड सिहोरा एवं कुण्डम के अधीन 1/1/2009 से प्रश्न दिनांक तक महिला बाल विकास विभाग के अधीन आंगनवाड़ी भवनों के कराये गये निर्माण कार्य की वर्षवार, पंचायतवार, कार्य की लागत, कार्य की स्थिति, एजेन्सी का नाम, सहित सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्ष 2016-17 में कौन-कौन से ग्रामों में विभाग अंतर्गत आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य प्रस्तावित है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखंड सिहोरा एवं कुण्डम अंतर्गत 01/01/2009 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कराये गये आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य संबंधी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 24 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान
[सामान्य प्रशासन]
15. ( क्र. 691 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम के अधीन 01/01/2014 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना अंतर्गत कितने लोगों को कितनी राशि प्रदान की गई। वर्षवार विवरण उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कितने आवेदन लंबित हैं? इन्हें कब तक राशि आवंटित की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई प्रकरण लंबित नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाहन अटैचमेंट में अनियमितता
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 760 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम, मंदसौर, नीमच में ऊर्जा विभाग (म.प्र.वि.वि.कं.) में विभिन्न कार्यों हेतु निजी वाहन अटैच करने के क्या नियम है नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये? उक्त संभाग में गत 1 अप्रैल 2014-15 से जनवरी, 2017 तक अटैच वाहन मालिक का नाम, अटैच स्थान एवं उन्हें भुगतान की गई राशि की जानकारी देवें? क्या ये समस्त वाहन व्यवसायिक रूप से परिवहन विभाग में पंजीबद्ध है? (ख) रतलाम, मंदसौर एवं नीमच विभाग में वाहन अटैच को लेकर जनवरी 2014 से जनवरी, 2017 तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) रतलाम, मंदसौर एवं नीमच में ऊर्जा विभाग में अधिकारियों की मिलीभगत से समस्त नियमों को अनदेखाकर ज्यादातर वाहन अधिकारियों के रिश्तेदारों के अटैच हैं तथा अधिकारी मनमाने बिल लगाकर अनैतिक रूप से बिलों का भुगतान कर रहे है तथा क्या इनमें से कई वाहन तो एसे है जो अधिकारियों के परिवार के सदस्यों के पास रहते है जिनका भुगतान विभाग करता है? क्या इसकी जाँच विभाग द्वारा कराई गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के अंतर्गत संचालन एवं संधारण संभागों- रतलाम, मंदसौर एवं नीमच में विभिन्न कार्यों हेतु निजी वाहन अटैच करने के नियम कंपनी के परिपत्र क्रमांक एमडी/डब्ल्यू.झेड/सीजीएम/3814 दिनांक 26/02/2016 के अनुसार है। उक्त परिपत्र में अटैच किये जाने वाले वाहनों हेतु विभिन्न शासकीय विभागों यथा-परिवहन विभाग, श्रम विभाग, पुलिस एवं बीमा संबंधी समस्त प्रावधानों के परिपालन का दायित्व वाहन प्रदायकर्ता का रखा गया है। उक्त परिपत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त संचालन एवं संधारण संभागों में 1 अप्रैल-2014 से जनवरी-2017 तक अटैच किये गये वाहनों के मालिक का नाम, अटैच स्थान एवं उन्हें भुगतान की गयी राशि का विवरण रतलाम, मंदसौर एवं नीमच संचालन एवं संधारण संभागों हेतु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-''ब-1'', ''ब-2'' एवं ''ब-3'' अनुसार हैं। प्रश्नाधीन वाहनों में से प्रश्नांकित अवधि वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में केवल 01 वाहन ऐसा था जो कि परिवहन विभाग में व्यावसायिक रूप से पंजीबद्ध नहीं रहा था शेष सभी वाहन परिवहन विभाग में व्यावसायिक वाहन के रूप में पंजीबद्ध हैं। (ख) (संचा/संधा)/शहर संभाग रतलाम, मंदसौर एवं नीमच के अंतर्गत जनवरी-2104 से जनवरी-2017 तक अटैच वाहनों के संबंध में कोई भी शिकायत दर्ज नहीं हुई है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। अभिलेखों के आधार पर यह पाया गया कि प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में अटैच 44 वाहनों में से केवल 1 वाहन ऐसा है जिसका मालिक अधिकारी का रिश्तेदार हैं। यह वाहन भी क्रय प्रक्रिया का पालन करते हुये किराये पर लगाया गया है। अटैच वाहनों के चालन का बिल संबंधित वाहन के निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार ही भुगतान किया जाता है। ऐसा कोई वाहन नहीं है जो अधिकारियों के परिवार के सदस्यों के पास रहता है एवं उसका भुगतान वितरण कंपनी द्वारा किया जाता है। अत: इस संबंध में किसी प्रकार की जाँच आवश्यक नहीं है।
अनुदान योजना के अंतर्गत ट्रांसफार्मर व लाईन विस्तार कार्य
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 786 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र के किसानों से अनुदान योजना के तहत लाईन एवं ट्रांसफार्मर हेतु म.प्र. विद्युत कंपनी ने राशि जमा कराई है, यदि हाँ, तो कितने किसानों ने कितनी राशि जमा की है वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति अवगत करावें? (ख) अनुदान योजना अंतर्गत कितने किसानों के खेतों में लाईन विस्तार कार्य पूर्ण कर दिया गया है। कितने किसानों के खेतों में राशि जमा कराने के बाद भी ट्रांसफार्मर व लाईन विस्तार का कार्य नहीं किया गया इसमें कौन अधिकारी दोषी है। उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) जिन किसानों ने राशि जमा कराई है, उनकी कृषिभूमि में सिंचाई हेतु कब-तक बिजली कनेक्शन दे दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र के 136 किसानों से कृषक अनुदान योजना/मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना के तहत् स्थाई कृषि पंप कनेक्शन प्रदान करने के लिये विद्युत लाईन एवं ट्रांसफार्मर की स्थापना हेतु अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक रूपये 33.87 लाख की राशि जमा कराई गई है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 136 किसानों में से 126 किसानों के स्थाई कृषि पंप कनेक्शन हेतु लाईन विस्तार के कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं तथा आवेदकों द्वारा राशि जमा कराने के उपरान्त 10 किसानों के स्थाई कृषि पंप कनेक्शन हेतु लाईन विस्तार कार्य किया जाना शेष है। उक्त शेष 10 में से 7 किसानों के ट्रांसफार्मर व लाईन विस्तार के कार्य प्रगति पर हैं तथा उन्हें शीघ्र पूर्ण कराने के प्रयास हैं। 2 किसानों के स्थाई कृषि पंपों का कार्य फसल खड़ी होने के कारण नहीं कराया जा सका है, जिसे फसल कटने के पश्चात् पूर्ण कराया जावेगा तथा एक किसान के कार्य में वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना स्थल पर किसानों में विवाद होने से आर.ओ.डब्लयू. की समस्या आने के कारण प्राक्कलन पुनरीक्षित किया जा रहा है, जिसे स्वीकृत कर कार्य शीघ्र पूर्ण कराये जाने के प्रयास हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी के दोषी होने एवं कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित शेष कार्य योजना के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करवाकर कनेक्शन प्रदान करने के प्रयास हैं।
मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि का भुगतान
[सामान्य प्रशासन]
18. ( क्र. 1053 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक 511 दिनांक 11/12/2015 द्वारा श्रीमती सावित्री नागर ग्राम इन्द्रपुरा तहसील बड़ौदा जिला श्योपुर के पति रामकिशन नागर के उपचार हेतु मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से 25 हजार रूपये स्वीकृत हुये थे का भुगतान कलेक्टर श्योपुर द्वारा वर्तमान तक नहीं किया गया? कारण बतावें। (ख) क्या उक्त मरीज के उपचार हेतु पुन: आदेश क्रमांक 518 दिनांक 20/12/2015 द्वारा पुन: 25 हजार रूपये स्वीकृत किये गये आदेश में ''अतिरिक्त नियम शिथिल'' शब्द अंकित था जिसका भुगतान दिनांक 04/02/2016 को संबंधित अस्पताल को कर दिया था। (ग) उक्त मरीज का उपचार उक्त अस्पताल में निरंतर चालू हैं इस कारण प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 11/11/2016 को उक्त भुगतान करने हेतु कलेक्टर श्योपुर को पत्र लिखा था कलेक्टर ने पत्र क्रमांक 11909-10 दिनांक 26/11/2016 द्वारा अवगत कराया कि नियमानुसार एक ही वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति/संस्था को एक ही उद्देश्य से दोबार अनुदान का भुगतान न हो इस कारण भुगतान नहीं किया गया। (घ) क्या आदेश क्रमांक 518 दिनांक 21/11/2015 पर उक्त निर्देश लागू होते हैं? यदि नहीं, तो क्या शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेशानुसार स्वीकृत राशि का भुगतान संबंधित अस्पताल को करने हेतु कलेक्टर श्योपुर को निर्देशित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद में आदेश क्रमांक 511 दिनांक 11.12.2015 को राशि रूपये 25,000/- (पच्चीस हजार) एवं आदेश क्रमांक 518 दिनांक 20.12.2015 को राशि रूपये 25,000/- (पच्चीस हजार) नियम शिथिल करते हुए जारी किये गये थे। कलेक्टर श्योपुर ने आदेश क्रमांक 518 दिनांक 20.12.2015 राशि रूपये 25,000/- (पच्चीस हजार) का भुगतान कर दिया था किन्तु तत्समय आदेश क्रमांक 511 दिनांक 11.12.2015 राशि रूपये 25,000/- (पच्चीस हजार) का भुगतान नहीं किया गया था। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश क्रमांक 511 दिनांक 11.12.2015 राशि रूपये 25,000/- (पच्चीस हजार) का भी शीघ्र ही भुगतान करने हेतु कलेक्टर श्योपुर को निर्देश दिये गये हैं।
स्वकर निर्धारण प्रकरणों की सूचना
[वाणिज्यिक कर]
19. ( क्र. 1054 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्र.सं. 77 (क्रमांक 1025) दिनांक 06/12/2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया है कि श्योपुर जिले के 136 व्यावसायियों को स्वकर निर्धारित होने विषयक सूचना उनके कर सलाहकारों को ई-मेल द्वारा भेजी गई। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त व्यावसायियों के कर सलाहकारों को उक्त सूचना ई-मेल से भेजने का क्या औचित्य है विभाग द्वारा उक्त सभी व्यावसायियों को सीधे डाक द्वारा उनके पते पर स्वकर निर्धारण की सूचना की मूल प्रति यथासमय क्यों नहीं भेजी जाती है? कारण बतावें। (ग) क्या उक्त व्यावसायियों के कर सलाहकारों की व्यस्तताओं के कारण वे संबंधित व्यावसायियों को ई-मेल सूचना से यथासमय अवगत नहीं करा पाते तथा व्यावसायियों को स्वकर निर्धारण उपरांत स्वयं की बैंक लिमिट का नवीनीकरण कराते समय उनसे संबंधित बैंकों द्वारा स्वकर निर्धारण सूचना की मूल प्रति अवलोकनार्थ मांगी जाती है एवं इसकी छायाप्रति भी प्रस्तुत करने को कहा जाता है जिसके अभाव में व्यावसायियों को कठिनाइयाँ आती है? (घ) व्यावसायियों की उक्त कठिनाइयों के मद्देनजर क्या शासन अब उक्त सूचना की मूल प्रति डाक द्वारा व्यावसायियों को इनके पते पर भेजे जाने हेतु विभाग को निर्देशित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वाणिज्यिक कर अधिकारी शिवपुरी वृत्त द्वारा स्वकर निर्धारण हेतु पात्र व चयनित व्यवसाइयों की जानकारी प्रथमत: श्योपुर के कर सलाहकारों को ई-मेल द्वारा प्रेषित की गयी, तत्पश्चात् समस्त पात्र/चयनित व्यवसाइयों को स्वकर निर्धारण होने की सूचना व्यक्तिश: रूप से आदेशिका वाहक के माध्यम से सेवित करायी गयी है, तामीली के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पात्र/चयनित करदाताओं की जानकारी कर सलाहकारों को प्रेषित किये जाने का औचित्य यह है कि कर सलाहकारों को भी यह अद्यतन जानकारी प्राप्त हो की उनके किसी अवधि विशेष के कुल लंबित प्रकरणों में से कितने व कौन से प्रकरण स्वकर निर्धारण के अंतर्गत निर्वर्तित कर दिये गये है तथा शेष किन प्रकरणों में विस्तृत कर निर्धारण किया जाना है? व्यवसाइयों को आदेशिका वाहक के माध्यम से सीधे तौर पर विभाग द्वारा सूचना/पत्र/आदेश सेवित कराये जाने से डाक द्वारा सूचना भेजने की आवश्यकता शेष नहीं रह जाती है। (ग) कर सलाहकारों को ई-मेल द्वारा स्वकर निर्धारण हेतु पात्र/चयनित व्यवसाइयों की जानकारी प्रेषित करने के अतिरिक्त सीधे व्यवसाइयों को व्यक्तिश: रूप से आदेशिका वाहक के माध्यम से सूचना प्रेषित की गयी है। स्वकर निर्धारण की कार्यवाही बैंक लिमिट निर्धारित करने के लिए नहीं बल्कि वैधानिक प्रावधानों के अनुपालन के तहत की जाती है। (घ) विभाग द्वारा आदेशिका वाहकों के माध्यम से संबंधित व्यवसाइयों के घोषित पते पर, स्वकर निर्धारित होने की सूचना तामील करायी जाती है। आवश्यक होने पर डाक द्वारा सूचना संवाहित करायी जाती है, इस संबंध में पूर्व से व्यवस्था होने से नवीन निर्देश जारी किया जाना अपेक्षित नहीं है।
सिविल कार्यों के देयकों का भुगतान
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 1125 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या 80 (क्रमांक 1088), दिनांक 06.12.2016 के संदर्भ में वर्ष 2015-16 में संजय कन्स्ट्रक्शन प्रा. लिमिटेड सेवढ़ा, जिला दतिया द्वारा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सिविल संभाग, ग्वालियर के 41 कार्य संपादित किए गए हैं, जिनमें शेष 28 कार्यों का भुगतान किया जाना शेष है? (ख) शेष 28 कार्यों का भुगतान अभी तक नहीं किए जाने के क्या कारण हैं एवं इसके लिए संबंधित निर्माण एजेन्सी का क्या दोष है? (ग) संबंधित निर्माण एजेन्सी (ठेकेदार) को शेष 28 कार्यों का ब्याज सहित भुगतान कब तक किया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) शेष 28 कार्य बिना प्रशासनिक स्वीकृति एवं बजट आवंटन के संपादित होना पाए गए हैं, जो कि नियम विरूद्ध हैं। वर्तमान में उक्त नियम विरूद्ध कराये गये कार्यों की जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: वर्तमान में किसी के दोषी होने पर टिप्पणी किया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन 28 कार्य नियम विरूद्ध कराये जाने के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जाँचोपरांत, जाँच निष्कर्ष के आधार पर प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही की जा सकेगी।
निर्देशों की अवहेलना करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
21. ( क्र. 1338 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभागीय जाँच अधिकतम एक वर्ष में पूर्ण किए जाने के निर्देश जारी किए गए है? यदि हाँ, तो क्या निर्देशों का पालन हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में पदस्थ ऐसे कौन-कौन आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. अधिकारी है पदस्थ है जिनके विरूद्ध विगत 1 वर्ष से भी अधिक समय व्यतित हो जाने के पश्चात् भी जाँच पूर्ण नहीं हो पाई है सूची सहित किस-किसके विरूद्ध किस-किस मामले की जाँच कब-कब से विचाराधीन है और कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले या जानबूझकर जांचे लंबित रखने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। यह निर्देश राज्य स्तरीय अधिकारियों/ कर्मचारियों के लिए है। (ख) उक्त निर्देश अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर लागू नहीं होते है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस पर वेट टैक्स
[वाणिज्यिक कर]
22. ( क्र. 1355 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देश के अन्य राज्यों की तुलना में म.प्र. में पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस पर सबसे अधिक वेट टैक्स लगाया जाता है? यदि हाँ, तो पेट्रोल, डीजल में किस-किस दर पर टैक्स लगाये जाते हैं? (ख) देश की सार्वजनिक क्षेत्र की किन-किन पेट्रोलियम कंपनियों से म.प्र. में पेट्रोलियम पदार्थ बुलाये जाते हैं? उन पेट्रोलियम कंपनियों से प्रदेश सरकार को पेट्रोल एवं डीजल वास्तविक रूप से कितने रूपये प्रति लीटर में प्राप्त हो रहा है तथा वे उपभोक्ता को कितने रूपये में विक्रय कर रहे हैं? रसाई गैस प्रति सिलेन्डर वास्तविक रूप में कितने रूपये में प्राप्त हो रही है तथा उपभोक्ता को कितने रूपये में विक्रय की जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश हित में राजस्व की आवश्यकता के अनुरूप पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस पर वेट की दरें, निर्धारित की जाती हैं। मध्यप्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल पर वेट टैक्स का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां मेसर्स इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लि., मेसर्स हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लि. एवं मेसर्स भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड है। पेट्रोल एवं डीजल प्रति लीटर कितने रू. प्रति लीटर में प्राप्त किया जाता है तथा प्रतिलिटर कितने रू. में उपभोक्ता को विक्रय किया जाता है, यह जानकारी विभाग में संधारित नहीं की जाती है। इसी प्रकार रसोई गैस प्रति सिलेंडर कितने रू. में प्राप्त होता है तथा प्रति सिलेंडर कितने रू. में उपभोक्ता को विक्रय किया जाता है यह जानकारी भी विभाग में संधारित नहीं की जाती है।
मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 1366 ) श्री हरवंश राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना जिसमें कृषक अनुदान योजना समाहित की गई है, कब से संचालित की जा रही है? (ख) उक्त योजनान्तर्गत स्वयं का टांसफार्मर योजना व कृषक अनुदान योजना में स्थापित विद्युत ट्रांसफार्मरों के जलने एवं फेल होने पर ट्रांसफार्मर बदलने की नियम प्रक्रिया क्या है? (ग) क्या उक्त योजना अंतर्गत कृषकों द्वारा स्थापित कराए गए ट्रांसफार्मर फेल होने पर ट्रांसफार्मर बदलने का कार्य विद्युत वितरण कंपनी करती है या कृषकों को बदलवाना होता है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना, जिसमें कृषक अनुदान योजना समाहित की गई है, सितम्बर, 2016 से संचालित की जा रही है। (ख) एवं (ग) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजनान्तर्गत ट्रांसफार्मर जलने/फेल होने पर संबंधित उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने के उपरान्त ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही संबंधित विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की जाती है तथा स्वयं का ट्रांसफार्मर योजनान्तर्गत स्थापित ट्रांसफार्मर जलने/फेल होने पर ट्रांसफार्मर बदलने की जिम्मेदारी स्वयं उपभोक्ता की है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
24. ( क्र. 1411 ) श्री
हर्ष यादव :
क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
वर्ष 2015-16
में देवरी
विधानसभा
क्षेत्र में
विकास कार्यों
हेतु माननीय
मुख्यमंत्री
जी की घोषणाओं
की पूर्ति एवं
निर्माण कार्यों
के संबंध में
प्रश्नकर्ता
द्वारा
प्रेषित
पत्रों पर
कार्यवाही की
जानकारी दें? (ख) क्या
शासन स्तर से
माननीय
विधायकों के
पत्रों पर
समुचित कार्यवाही
करने उन्हें
कार्यवाही से
अवगत कराने के
निर्देश है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश
(क) वर्णित
पत्रों के
संबंध में
विभिन्न
विभागों
द्वारा उक्त
निर्देशों का
पालन किया गया
है? नहीं
तो क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) वर्णित
पत्रों में उल्लेखित
कार्यों/मांगों
के संबंध में
कार्यवाही/निराकरण
कब तक किया
जावेगा इस
हेतु अब तक की
गई कार्यवाही
का विवरण देवें
व निराकरण की
स्थिति
बतावें?
प्रकरण
कहाँ लंबित
हैं।
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) मुख्यमंत्री
कार्यालय में
संधारित
अभिलेख अनुसार
प्रश्नाधीन
अवधि में
देवरी
विधानसभा
क्षेत्र से संबंधित
कोई भी घोषणा
दर्ज होना
नहीं पाई गई
है। प्रश्नकर्ता
द्वारा मुख्यमंत्री
को प्रस्तुत
विकास/निर्माण
कार्यों से
संबंधित
प्रेषित
पत्रों को
मुख्यमंत्री कार्यालय
द्वारा
विभिन्न
विभागों को
कार्यवाही
हेतु भेजा गया
है। जिसकी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जी हाँ। जारी
निर्देशों के
अन्तर्गत
विभागों
द्वारा
कार्यवाही की
जाती है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(ग) वर्णित
पत्रों के
कार्यों/मांगों
का परीक्षण का
निराकरण करना
एक सतत प्रक्रिया
है। निश्चित
समयावधि
बताना संभव नहीं
है।
मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना
[पर्यटन]
25. ( क्र. 1488 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पर्यटन विकास निगम द्वारा इन्दौर स्थित लालबाग परिसर में सुलभ शौचालय, पेयजल, पाथवे, बाउण्ड्रीवाल, पार्किंग, बोरिंग कर पेयजल व्यवस्था किया जाना प्रस्तावित था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न पूछे जाने तक इन कार्यों की प्रगति स्पष्ट करें? यदि कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं तो कारण बतावें व कब तक प्रस्ताव अनुसार कार्य प्रारंभ किये जावेंगे?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ''क'' में वर्णित कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं अत: शेष की जानकारी निरंक है।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
26. ( क्र. 1554 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत 139 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन की इन आंगनवाड़ी केन्द्र भवन के निर्माण की कोई मंशा है, जिससे कि इनका संचालन विधिवत किया जा सके? यदि हाँ, तो उक्त भवनों का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना गोटेगांव में 136 एवं एकीकृत बाल विकास परियोजना नरसिंहपुर में 71, इस प्रकार कुल 207 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय एवं किराये के भवनों में संचालित है। वर्ष 2016-17 में मनरेगा योजना के अभिसरण (गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंड) अंतर्गत परियोजना गोटेगांव में 08 एवं परियोजना नरसिंहपुर में 17 इस प्रकार कुल 25 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। शेष भवनविहीन (अन्य शासकीय एवं किराये के भवनों में संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों को आंगनवाड़ी भवन निर्माण प्रस्ताव में शामिल किया गया है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
बकाया विद्युत देयकों की वसूली
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 1597 ) श्री मोती कश्यप : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स.क्षे. बड़वारा के किन सब स्टेशनों के अंतर्गत किन ग्रामों के कितनी क्षमता के कितने ट्रांसफार्मर खराब हैं और किन पर कितना देयक भुगतान कब-कब से बकाया है। (ख) प्रश्नांश (क) के किन ट्रांसफार्मर में स्थायी, अस्थायी एवं घरेलू कनेक्शन के देयकों की कितनी-कितनी राशि बकाया है और उसकी वसूली के लिये कब-कब शिविर लगाये गये हैं। (ग) विभागीय निर्देशों के अनुसार ट्रांसफार्मर बदलने हेतु कितनी राशि जमा होना आवश्यवक है। (घ) क्या घरेलू कनेक्शन के देयकों के भुगतान न होने से कृषि पर किस प्रकार का दुष्प्रभाव पड़ रहा है। (ड.) क्या नियमित भुगतान करने वाले कनेक्शनधारियों को विद्युत प्रदाय करने एवं भुगतान न करने वालों के कनेक्शन काटने और अन्य कार्यवाही करने की कोई योजना बनायी गई है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बड़वारा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत दिनांक 13.02.2017 की स्थिति में कुल 16 फेल वितरण ट्रांसफार्मर, इनसे संबद्ध उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की राशि बकाया होने के कारण बदले जाने हेतु शेष है। उक्त ट्रांसफार्मरों की क्षमता तथा उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं पर बकाया राशि की उपकेन्द्रवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। ट्रांसफार्मर फेल होने की दिनांक से उक्त ट्रांसफार्मरों पर विद्युत बिलों की राशि बकाया है। (ख) बड़वारा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन चाही गई बकाया राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। बड़वारा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बकाया राशि की वसूली हेतु उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित ग्रामों के साथ-साथ अन्य ग्रामों सहित कुल 126 ग्रामों में 157 शिविर लगाये गये हैं, जिनका तिथिवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) वर्तमान में लागू नियमानुसार ट्रांसफार्मर जलने/खराब होने पर उससे संबद्ध 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने के उपरान्त जले/खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। (घ) जी नहीं। (ड.) नियमित रूप से भुगतान करने वाले विद्युत उपभोक्ताओं को नियमित रूप से विद्युत आपूर्ति की जाती है एवं भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन विच्छेदन की कार्यवाही की जाती है, परन्तु ट्रांसफार्मर जलने/खराब होने पर उत्तरांश ''ग'' में उल्लेखित प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जाती है।
जले ट्रांसफार्मरों को बदलना
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 1652 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर कब जले एवं उन्हे कब बदला गया कितने ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में किन कारणों से नहीं बदले गये? विद्युत वितरण केन्द्रवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांकित अवधि में कितने नवीन ट्रांसफार्मर कितनी क्षमता के कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये? ग्रामवार सूची देवें। (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत फीडर विभक्तीकरण का कार्य कहाँ-कहाँ पर पूर्ण हो चुका है, कितने फीडरों में किन कारणों से शेष है, कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में दिनांक 31.01.2017 तक 820 वितरण ट्रांसफार्मर जले/फेल हुए हैं, जिनमें से 802 वितरण ट्रांसफार्मर नियमानुसार बकाया राशि जमा होने/पहुँच मार्ग उपलब्ध होने पर निर्धारित समयावधि में बदले गये हैं। उक्त ट्रांसफार्मरों के फेल होने तथा बदले जाने को दिनांक सहित क्षमतावार व वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में शेष 18 वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने एवं पहुँच मार्ग उपलब्ध नहीं होने के कारण बदले नहीं जा सके हैं जिनका फेल होने की दिनांक सहित क्षमतावार एवं वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में पाटन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 21 नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये है जिनकी क्षमतावार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 11 के.व्ही. के 52 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य स्वीकृत किये गये थे तथा उक्त समस्त 52 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। फीडर विभक्तिकरण के उक्त स्वीकृत/पूर्ण किये गये कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गई स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
29. ( क्र. 1653 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी भी शासकीय सेवा में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के शासन के क्या नियम/निर्देश हैं? नियम की जानकारी देवें? (ख) वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर जिला अन्तर्गत किस विभाग के कौन-कौन से कर्मचारियों की मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति हेतु कब-कब आवेदन प्रस्तुत किया था? आवेदक का नाम, पिता का नाम, शैक्षणिक योग्यता एवं पदस्थापना हेतु चाहे गये पद सहित वर्षवार सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुकंपा नियुक्ति प्रार्थियों को किस-किस दिनांक को कहाँ-कहाँ, किस-किस पद पर नियुक्ति प्रदान की गई? सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुकंपा नियुक्ति प्रार्थियों के आवेदन कब-कब किन-किन कारणों से निरस्त किये गये? कौन-कौन से कितने आवेदन प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से लंबित हैं तथा समय-सीमा में अनुकंपा नियुक्ति न दिये जाने के क्या कारण है? इसका दोषी कौन है? शासन दोषियों पर कब क्या कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) निर्देश दिनांक 29.09.2014 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियम विरूद्ध रह रहे लोगों से शासकीय आवास रिक्त कराये जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
30. ( क्र. 1657 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के रानी अवंती बाई सागर परियोजना बांध स्थल पर स्थित मनकेड़ी कॉलोनी, हरदुली कालोनी में कुल कितने शासकीय आवास हैं? उक्त आवासों में आवासवार कौन-कौन से कर्मचारी कब से निवास कर रहे हैं? (ख) उपरोक्त किन-किन आवासों में कितने व्यक्ति कब से नियम विरूद्ध निवास कर रहे हैं? नियम विरूद्ध रह रहे लोगों से शासकीय आवास रिक्त/मुक्त कराने हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–‘’ब’’ अनुसार है। नियम विरूद्ध रह रहे व्यक्तियों को शासकीय आवास गृह रिक्त-मुक्त कराने हेतु समय-समय पर नोटिस जारी किये गये एवं नोटिस की प्रतियाँ अनुविभागीय दण्डाधिकारी (एस.डी.एम.) जबलपुर, तहसीलदार (बरगी वृत्त) जबलपुर, थाना प्रभारी बरगी एवं उप थाना बरगी नगर को कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किये गये।
हरदा जिले में आंगनवाड़ी भवनों के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
31. ( क्र. 1699 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा विधानसभा क्षेत्र में कितने व कौन-कौन से वार्ड व ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? तहसीलवार बतावें। (ख) हरदा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनके भवन नहीं हैं एवं ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जिनके भवन हैं, किन्तु अभी भी आंगनवाड़ी किराए के भवनों में संचालित की जा रही हैं। (ग) ऐसे कितने व कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जो प्रश्न दिनांक तक स्वयं का भवन न होने से किराए के मकान में लग रहे हैं व उन पर कितना किराया मासिक व्यय किया जा रहा है? (घ) हरदा जिले में कितने व कौन-कौन से नये आंगनवाड़ी भवन निर्माण किये जाना है व कब तक उनका निर्माण कार्य प्रारंभ कर कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) हरदा विधानसभा क्षेत्र में वार्ड व ग्रामों में संचालित तहसीलवार आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) हरदा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 343 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर संचालित है। जिसमें से 145 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में 123 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 75 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे है। (ग) हरदा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 123 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार हैं। (घ) हरदा जिले में मनरेगा योजना के अभिसरण से आई.पी.पी.ई. विकासखण्ड अंतर्गत 25 एवं गैर आई.पी.पी.ई. विकासखण्ड अन्तर्गत 26 आंगनवाड़ी भवन कुल 51 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया जाना हैं। इन भवनों के निर्माण के लिये राशि संबंधित पंचायतों के खातों में सीधे उपलब्ध कराई गई हैं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
नर्मदा घाटी विकास अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाएं
[नर्मदा घाटी विकास]
32. ( क्र. 1765 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत नर्मदा घाटी विकास की कौन-कौन सी परियोजनाएं स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत परियोजनाओं की प्रश्न दिनांक तक कार्य की क्या स्थिति है? (ख) गाडरवारा तहसील में नलकूप सिंचाई योजना के अलावा अन्य कोई भी सिंचाई योजना संचालित नहीं है तो क्या क्षेत्र की आवश्यकता को देखते हुए अन्य कोई योजना शासन के पास विचाराधीन है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना संचालित है एवं शक्कर वृहद परियोजना प्रस्तावित है। शक्कर वृहद परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) केन्द्रीय जल आयोग, भारत सरकार, नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है। (ख) उत्तरांश ‘’क’’ अनुसार है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों हेतु दी गई राशि
[संस्कृति]
33. ( क्र. 1773 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2015-16 में कला, संस्कृति, साहित्य एवं अन्य आयोजनों को कितनी राशि किस कार्यक्रम हेतु उपलब्ध कराई गई है? (ख) क्या मुरैना चम्बल संभाग का मुख्यालय होने के कारण यहाँ कई प्रकार के कला एवं स्थानीय कलाओं के कार्यक्रम पंचायत स्तर से संभाग स्तर पर होते रहते हैं? विभाग द्वारा उक्त कार्यक्रमों के प्रोत्साहन के लिये राशि जारी की गई या नहीं? (ग) मुरैना चम्बल सम्भाग की कई सांस्कृतिक संस्थायें, समाज सेवी संस्थायें, लोकनृत्य, नाटक आदि का मंचन नियमित रूप से करती रहती हैं, शासन द्वारा उनका सहयोग कर राशि उपलब्ध कराना आवश्यक है? क्या शासन मुरैना को उक्त कार्यों हेतु राशि उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) वर्ष 2015-16 में सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिये मुरैना की वीणा संगीत विद्यालय एवं समाज कल्याण समिति को राशि रूपये 25,000/- की राशि उपलब्ध कराई गई है. (ख) एवं (ग) जानकारी प्रश्नांश ‘’क’’ अनुसार.
टोला मजरों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 1785 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली अंतर्गत 100 की जनसंख्या वाले टोला मजरों में अभी तक विद्युतीकरण का कार्य नहीं कराया गया है? क्या पं. दीनदयाल उपाध्याय ज्योति विद्युतीकरण योजना टोला मजरे में संचालित है परन्तु विद्युतीकरण का कार्य नहीं हो सका है? (ख) इन विद्युतविहीन ग्रामों में विद्युतीकरण कब तक में कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला सिंगरौली में 100 एवं 100 से अधिक की जनसंख्या वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) के अन्तर्गत कराये गये हैं। जी हाँ वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत सिंगरौली जिले में मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु रू. 56.74 करोड़ की योजना स्वीकृत है। उक्त योजना का क्रियान्वयन टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार विद्युतविहीन ग्रामों नहीं अपितु 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु वर्तमान में स्वीकृत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में मजरों/टोलों के विद्युतीकरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खेतों में विद्युतीकरण कार्य
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 1811 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनु.जाति/जन.जाति वर्ग के किसानों को स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान करने की पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की क्या योजना हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला सिवनी के विकासखण्ड धनौरा, छपारा में कृषक अनुदान योजना के अन्तर्गत किन-किन ग्रामों में प्रश्नांश (क) वर्ग के किसानों को जनवरी,2014 से प्रश्न दिनांक तक स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान किया गया? ग्रामवार विवरण उपलब्ध करायें वर्ष 2016-17 में कितने किसानों को इस सुविधा का लाभ दिया जाना प्रस्तावित है? सूची उपलब्ध करायें?। (ग) क्या प्रश्नांश (क) वर्ग के किसानों को स्थायी पम्प कनेक्शन के प्रस्ताव प्रश्नकर्ता के द्वारा कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा) लखनादौन को प्रश्नांश (ख) अवधि में भेजे गये हैं? प्रस्ताव अनुसार कब तक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्तमान में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति वर्ग के किसानों को स्थाई पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी क्षेत्रांतर्गत, मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना लागू है, जिसके अंतर्गत पूर्ववर्ती कृषक अनुदान योजना को समाहित किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सिवनी जिले के विकासखण्ड धनौरा एवं छपारा के क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक पूर्व में संचालित कृषक अनुदान योजनांतर्गत एवं वर्तमान में संचालित मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजनांतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को प्रदान किये गये स्थाई पम्प कनेक्शनों का ग्रामवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ’’ अनुसार है। वर्ष 2016-17 में प्रश्नाधीन क्षेत्र के 6 लम्बित अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आवेदनों सहित प्राप्त होने वाले अन्य आवेदन पर कार्यवाही करते हुये मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजनांतर्गत पम्प कनेक्शन प्रदान करना प्रस्तावित है। उक्त 6 प्राप्त आवेदनों जिनके कार्य वर्तमान में वर्ष 2016-17 में किए जाना प्रस्तावित है, की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ब’’ अनुसार है। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है, अपितु उत्तरांश (ख) में उल्लेखित 6 आवेदकों के स्थाई पम्प कनेक्शन हेतु आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं, जिनके कार्य, योजना के प्रावधानों के अनुसार आवेदक द्वारा राशि जमा करने के उपरांत 9 माह की अवधि में पूर्ण किया जायेगा।
कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों का इलाज
[महिला एवं बाल विकास]
36. ( क्र. 1814 ) श्री रजनीश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले में कितने कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया गया? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कुपोषित अति कुपोषित बच्चों के इलाज हेतु क्या कार्ययोजना बनाई गई है एवं उसके क्रियान्वयन हेतु क्या व्यवस्था की गई? (ग) क्या विभाग द्वारा परियोजना क्षेत्रों के बड़े-बड़े ग्रामों में सेक्टर बनाये जाकर दो-दो, तीन-तीन ग्रामों के बच्चों को एक जगह इकट्ठा किया जाकर कुपोषित, अति कुपोषित बीमारी का इलाज किये जाने हेतु कार्य योजना बनाई गई है? (घ) यदि हाँ, तो इसका क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा ताकि कुपोषित बीमारी से बच्चों को मुक्त किया जा सके?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सिवनी जिले में प्रश्नांकित अवधि में 17705 कम वजन एवं 1422 अतिकम वजन के बच्चों का चिन्हांकन किया गया, विकासखण्डवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कम एवं अतिकम वजन के बच्चों के इलाज हेतु स्नेह शिविरों का आयोजन वजन अभियान का आयोजन, स्वास्थ्य जाँच शिविर, स्नेह सरोकार के तहत् बच्चों को गोद दिलाना, पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बच्चों को भर्ती कराया जाकर 15-15 दिनों के अंतराल में इन बच्चों का फालोअप करना, पंचवटी से पोषण वाटिका के माध्यम से स्थानीय पोषक पदार्थों का नियमित सेवन को प्रोत्साहन दिए जाने तथा कम वजन के बच्चों की माताओं/अभिभावकों को परिवार आधारित प्रशिक्षण दिए जाने के साथ-साथ बच्चों को सप्ताह में तीन दिवस दूध का प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) जिले में विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से तीन-तीन ग्रामों का क्लस्टर तैयार कर कम एवं अतिकम वजन के बच्चों को माताए/अभिभावकों के माध्यम से एकत्रित कर उनका स्वास्थ्य परीक्षण एवं निःशुल्क दवा का वितरण किया जाकर उनको परामर्श सेवाए भी निरंतर उपलब्ध कराई जाकर कार्ययोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
फीडर विभक्तीकरण का कार्य
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 1834 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा अंतर्गत विगत 3 वर्षों में किन-किन स्थानों पर नवीन 33/11 के.वी. उपकेन्द्रों की स्थापना, अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना, पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के कार्य स्वीकृत किये गये एवं उनमें से कितने कार्य पूर्ण किये गये। स्वीकृत कार्यों में से कौन से कार्य वर्तमान में अपूर्ण व अप्रारंभ हैं, कब तक पूर्ण होंगे, समयावधि बतायें। कार्यवार स्थान, स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि सहित सूची देवें। (ख) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में क्या फीडर विभक्तीकरण का कार्य पूर्ण किया जा रहा है। विगत 3 वर्षों में फीडर सेपरेशन का कार्य कितना पूर्ण, अपूर्ण, अप्रारंभ है तथा कब तक पूर्ण होंगे? कार्यवार स्थान, स्वीकृत राशि, व्यय राशि सहित सूची देवें। (ग) वर्तमान में कितने पॉवर ट्रांसफार्मरों पर क्षमता से अधिक भार है एवं कितने स्थानों पर लो वोल्टेज की समस्या आ रही है? स्थानवार सूची देवें। इनके निराकरण हेतु किये जा रहे सार्थक प्रयास की जानकारी देवें। (घ) विद्युत ग्रिड पर कार्यरत कर्मचारियों/ठेकेदार की जानकारी कर्मचारीवार संख्या सहित सूची देवें। ठेकेदार द्वारा मेंटेनेंस, कर्मचारीयों को प्रदत्त वेतनमान, पी. एफ. की स्थिति बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा में विगत तीन वर्षों में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना के 4, पूर्व से स्थापित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र में अतिरिक्त 5 एम.व्ही.ए. पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना के 5 एवं 3.15 एम.व्ही.ए. से 5 एम.व्ही.ए. पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के 8 कार्य स्वीकृत किये गये है। इन कार्यों में से 3 नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना, 3 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मरों की स्थापना तथा 8 पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कार्य पूर्ण किये गये हैं। उक्त स्वीकृत कार्यों में से 1 नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का कार्य प्रगति पर है। उक्त कार्य माह मई-2017 तक पूर्ण किये जाने की संभावना है। इसके अतिरिक्त 2 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य अपूर्ण हैं, जिन्हें क्रमश: दिनांक 31.03.2017 एवं दिनांक 30.04.2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। उपरोक्त उल्लेखित कार्यों के पूर्ण होने की दिनांक, अपूर्ण कार्यों के पूर्ण किये जाने की संभावित दिनांक तथा इन कार्यों के स्थान, स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' में दर्शाए अनुसार है। (ख) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा में विगत तीन वर्षों में फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत 11 के.व्ही. के 28 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी फीडर विभक्तिकरण का कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ नहीं है। फीडर विभक्तिकरण के उक्त कार्य हेतु कार्य के स्थान, स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में किसी भी पॉवर ट्रांसफार्मर पर क्षमता से अधिक भार नहीं है और न ही किसी क्षेत्र में लो वोल्टेज की समस्या है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा के अंतर्गत स्थापित 33/11 के.व्ही. के 13 उपकेन्द्रों पर कुल 39 कुशल श्रमिक ऑउटसोर्सिंग के माध्यम से ठेकेदारों के द्वारा उपलब्ध करवाये गये है। कार्यरत् उक्त श्रमिकों को ठेकेदार द्वारा श्रमायुक्त कार्यालय म.प्र. शासन, इन्दौर द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर कुशल श्रमिकों के लिए निर्धारित न्यूनतम वेतन एवं उस पर समय-समय पर देय परिवर्तनशील महंगाई भत्ता के अनुसार निर्धारित कुल वेतन देय होता है। इन श्रमिकों के पी.एफ. (कर्मचारी भविष्य निधि) की राशि, नियोक्ता का निर्धारित अंशदान एवं कर्मचारी के अंशदान के अनुसार, सकल राशि का भुगतान नियोक्ता द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि में कर्मचारी के संबंधित खाता संख्या में प्रतिमाह जमा कराया जाता है। ठेकेदार एवं श्रमिकों के नाम देय वेतन एवं पी.एफ. की उपकेन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
विद्युत विभाग द्वारा कराये गये कार्य
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 1922 ) श्री
प्रहलाद
भारती : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पोहरी
विधान सभा
क्षेत्रान्तर्गत
जनवरी 2012 से
प्रश्न
दिनांक तक
विद्युत
विभाग द्वारा
किस-किस योजना
के अन्तर्गत 33/ 11 के.व्ही.
विद्युत उपकेन्द्र
33 व 11
के.व्ही.
लाईन एवं
वितरण
ट्रांसफार्मर
के कार्य कितनी-कितनी
लागत के स्वीकृत
किये गये है योजनावार, कार्यवार
स्थानवार
जानकारी दें। (ख)
प्रश्नांश (क)
अनुसार स्वीकृत
कार्यों में
से कौन-कौन से
कार्य पूर्ण हो
चुके हैं? कौन-कौन
से कार्य
अपूर्ण हैं व
उनकी अद्यतन
स्थिति क्या
है? अपूर्ण
कार्य कब तक
पूर्ण कर लिये
जावेंगे?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) पोहरी
विधानसभा
क्षेत्र में
जनवरी, 2012 से
प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में
विभिन्न
योजनाओं में
स्वीकृत
नवीन 33/11
के.व्ही.उपकेन्द्र, उपकेन्द्रों
पर अतिरिक्त
ट्रांसफार्मर
की स्थापना
एवं विद्यमान
ट्रांसफार्मर
की क्षमता
वृद्धि,
33
के.व्ही.
लाईन, 11
के.व्ही.
लाईन एवं
वितरण
ट्रांसफार्मरों
के स्वीकृत
कार्यों की
योजनावार, कार्यवार, स्थानवार
कार्य की लागत
सहित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'अ',
'ब', 'स'
एवं
'द' अनुसार है।
(ख) प्रश्नाधीन
कार्यों में
से पूर्ण किये
गये कार्यों
एवं अपूर्ण
कार्यों की
जानकारी तथा अपूर्ण
कार्य पूर्ण
किये जाने की
संभावित अवधि
सहित
कार्यवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'अ', 'ब',
'स' एवं 'द'
अनुसार
है।
विभिन्न योजनांतर्गत ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 1959 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत विभाग द्वारा बैतूल जिले अंतर्गत बैतूल विधानसभा क्षेत्र में कृषक अनुदान योजना, स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना, सुपरविजन योजना एवं पूर्ण जमा योजनांतर्गत ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं? योजनाओं संबंधी आदेशों एवं निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में (२०१५-२०१६ एवं २०१६-२०१७ में प्रश्न दिनांक तक) किस-किस योजना के अंतर्गत कितने कितने ट्रांसफार्मर कहाँ-कहाँ लगाए गए हैं वर्षवार/योजनावार जानकारी दें? (ग) उक्त वर्षों में कृषक अनुदान योजनांतर्गत किस-किस कृषक से कितना-कितना अनुदान लिया जाकर एवं कहाँ-कहाँ ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए वर्षवार जानकारी दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। कृषक अनुदान योजना को समाहित कर वर्तमान में लागू मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना सहित प्रश्नाधीन योजनाओं संबंधी आदेशों एवं निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2', 'अ-3' एवं 'अ-4' अनुसार है। (ख) बैतूल विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक की अवधि में क्रमश: 142 एवं 88, इस प्रकार कुल 230 ट्रांसफार्मर लगाए गए। उक्तानुसार लगाए गए ट्रांसफार्मरों की योजनावार, स्थानवार एवं वर्षवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) बैतूल विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कृषक अनुदान योजना के अन्तर्गत कृषकों से जमा कराई गई अंशराशि की कृषकवार एवं स्थापित किये गये ट्रांसफार्मर की स्थानवार/वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
मजरा टोला/ढानों/आदिवासी बस्तियों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 1960 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में ग्रामीण क्षेत्रों, मजरे टोलों, आदिवासी बस्तियों एवं आदिवासी ढानों में विद्युतीकरण की कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में चल रही हैं? (ख) किस-किस योजनांतर्गत किन-किन क्षेत्रों में वर्ष २०१५-२०१६ एवं २०१६-२०१७ में ३१ जनवरी २०१७ तक विद्युतीकरण के कार्य किए गए हैं वर्षवार/ग्रामवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस योजना से कौन-कौन से ग्राम/मजरे टोले/ढाने एवं आदिवासी बस्तियों में विद्युतीकरण कार्य कराया जाना शेष है तथा कब तक विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बैतूल जिले में 12वीं पंचवर्षीय योजनांतर्गत स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) वर्तमान में चल रही है, जिसके अंतर्गत योजना के प्रावधानों के अनुसार प्रश्नाधीन उल्लेखित ग्रामीण क्षेत्रों/मजरों/टोलों/आदिवासी बस्तियों/आदिवासी ढानों में विद्युतीकरण के कार्य कराए जा रहे हैं। (ख) 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में 31 जनवरी 2017 तक क्रमश: 168 एवं 159 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण किये गये है। उक्तानुसार पूर्ण किये गये कार्यों का वर्षवार/ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। इसके अतिरिक्त उक्त योजनांतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में 31 जनवरी 2017 तक क्रमश: 40 एवं 39 मजरों/टोलों/आदिवासी बस्तियों/ ढानों में बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन योजनांतर्गत 582 ग्रामों/मजरों/टोलों/ढानों/आदिवासी बस्तियों में विद्युतीकरण के कार्य शेष हैं जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। इसके अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में 974 ग्रामों/मजरों/टोलों/ढानों एवं आदिवासी बस्तियों में बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान किये जाना है। उक्त योजनांतर्गत इन ग्रामों/मजरों/टोलों ढानों/आदिवासी बस्तियों में विद्युतीकरण एवं बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान किये जाने के कार्य जुलाई 2017 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास हैं।
जिला दमोह के विद्युत उपकेन्द्रों की जानकारी
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 1985 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में कितने वितरण केन्द्र विद्यमान है? नाम, पतावार जानकारी उपलब्ध कराये? साथ ही विद्यमान वितरण केन्द्रों में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है? (ख) हटा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जले हुये ट्रांसफार्मरों को समयावधि में क्यों नहीं बदला जाता? क्या शासन स्तर पर ट्रांसफार्मर बदले जाने की समय-सीमा तय नहीं होनी चाहिए? यदि हाँ, तो समय-सीमा कब तक निर्धारित की जावेगी? (ग) वर्ष 2015-2016 से 2016-17 में जनवरी 2017 तक हटा विधानसभा में कितने विद्युत ट्रान्सफार्मर जले व इनमें से कितने बदले गये जानकारी दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दमोह जिले में 18 वितरण केन्द्र विद्यमान है। विद्यमान वितरण केन्द्रों का नाम/स्थान एवं पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत जले/खराब ट्रांसफार्मरों को समय-सीमा में बदला जाता है। तथापि जले/खराब ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत देयकों का भुगतान नहीं करने की स्थिति में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने में विलंब होता है। फेल ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं में से 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने के उपरान्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जाता है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जले/खराब ट्रांसफार्मरों को ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे मौसम में पहुँच मार्ग उपलब्ध होने पर 3 दिवस के अंदर तथा मानसून के मौसम (माह-जुलाई से सितम्बर तक) में 7 दिवस में बदलने की समय-सीमा निर्धारित है। (ग) हटा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जनवरी, 2017 तक क्रमश: 153 एवं 165 वितरण ट्रांसफार्मर फेल/खराब हुये, जिनमें से क्रमश: 139 एवं 127 वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं तथा क्रमश: 14 एवं 38 वितरण ट्रांसफार्मरों से संबंध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के कारण, इन्हें बदला नहीं जा सका है। नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान होने पर शेष ट्रांसफार्मरों को बदलने की कार्यवाही की जा सकेगी।
पर्यटन स्थलों की जानकारी
[पर्यटन]
42. ( क्र. 1988 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत कितने पर्यटन स्थल हैं? नाम, पतावार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) उक्त स्थलों पर सूची अनुसार किस-किस स्थल पर वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 में कितनी कितनी राशि से क्या-क्या विकास कार्य कराये गये? (ग) अन्य पर्यटन स्थल जो कि दमोह जिले में ही स्थापित हैं, पर्यटन स्थल में शामिल नहीं है? क्या शामिल करने की कार्यवाही कर उन स्थलों को शामिल किया जा सकेगा? यदि हाँ, तो शासन की पर्यटन स्थल में शामिल करने की क्या प्रक्रिया है? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, संस्कृति
( श्री सुरेन्द्र
पटवा ) : (क) नवीन
पर्यटन नीति 2016 के
अंतर्गत
जिलों में
पर्यटन स्थलों
की जानकारी
संधारण का
प्रावधान
नहीं है। (ख) दमोह
जिले में कराए
गए कार्यों की
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार।
(ग) नवीन
पर्यटन नीति 2016 के तहत
किसी स्थल को
पर्यटन स्थल
घोषित करने का
प्रावधान
नहीं है। अत:
शेष का प्रश्न
ही उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- ''दस''
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति विद्युतीकरण योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 1999 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति विद्युतीकरण योजना के तहत किन-किन ग्रामों एवं मजरा टोलों में कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? गांववार एवं कार्यवार सूची दें। स्वीकृत कार्यों में से किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त योजना को किस एजेंसी के माध्यम से कराया जा रहा है, कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्या थी? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? क्या समयावधि पूर्ण होने पर पुन: निविदाएं आमंत्रित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उक्त योजना के तहत अभी तक कितने मजरे टोले जोड़े जाने शेष हैं उनके नाम, ग्राम पंचायत सहित बतावें, अब इनको कब तक जोड़े जाने की संभावना है? अनियमितता संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतों की जाँच किस अधिकारी के द्वारा की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 11वीं पंचवर्षीय योजना में ग्वालियर जिले हेतु स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) भितरवार विधान सभा क्षेत्र सहित सम्पूर्ण ग्वालियर जिले में विद्युतीकरण के कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु मेसर्स एरा इन्फ्रा-ए.आर.के., नोएडा को राशि रू. 28.70 करोड़ का अवार्ड दिनांक 27.1.2012 को जारी किया गया था। उक्त अवार्ड के तहत ठेकेदार एजेन्सी द्वारा किये गये सर्वे उपरांत भितरवार विधान सभा क्षेत्र में 1 अप्रैल-2014 से प्रश्न दिनांक तक किये जाने हेतु ग्रामवार प्रस्तावित/प्रावधानित कार्य एवं उनमें से पूर्ण/अपूर्ण कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ठेकेदार एजेन्सी को इन कार्यों हेतु राशि रू.1.37 करोड़ का सकल भुगतान किया गया है। उल्लेखनीय है कि पृथक-पृथक कार्य हेतु पृथक भुगतान नहीं किया गया। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा समय सीमा में कार्य नहीं किये जाने के कारण दिनांक 6.2.16 को उससे किया गया अनुबंध निरस्त कर दिया गया है एवं अपूर्ण कार्यों के लिये निविदा प्रक्रिया उपरांत मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लि. को दिनांक 3.8.16 को अवार्ड जारी किया गया है। उक्त नई ठेकेदार एजेन्सी द्वारा सर्वे कार्य पूर्ण कर कार्यों का क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया गया है। उक्त कार्यों के अतिरिक्त दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत भितरवार विधानसभा सहित सम्पूर्ण ग्वालियर जिले के कार्यों के क्रियान्वयन हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड मुम्बई को दिनांक 28.12.16 को राशि रू. 89.02 करोड़ अवार्ड जारी किया गया है। उक्त योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र भितरवार में 2 अतिरिक्त 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मरों की स्थापना (धरसोंदी एवं बनवार 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र में), 1 पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि (33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र डोंगरपुर में), 227 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण, 218 मजरों/टोलों में विद्युतीकरण एवं 8 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य प्रस्तावित किया गया है। ग्रामवार/मजरा/टोला में किये जाने वाले कार्यों को अंतिम रूप देने हेतु ठेकेदार एजेन्सी द्वारा सर्वे का कार्य प्रारंभ किया गया है। सर्वे कार्य पूर्ण होने के उपरांत ग्रामवार/मजरे/टोलेवार सूची एवं किए जाने के हेतु निर्धारित कार्यों की जानकारी दी जाना संभव हो सकेगी। उक्त योजना अंतर्गत कार्यों के लिये वर्तमान तक ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड मुम्बई को कोई भुगतान नहीं किया गया है एवं वर्तमान में उक्त एजेंसी द्वारा सर्वे को छोड़कर कोई अन्य कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स एरा इन्फ्रा-ए.आर.के. नोएडा द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत कार्य पूर्ण करने की समयावधि जनवरी 2014 तक थी। किन्तु उक्त एजेंसी द्वारा फरवरी 16 तक भी आंशिक कार्य ही किये जाने के कारण कान्ट्रेक्ट टर्मिनेट कर दिया गया एवं मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लि. को दिनांक 3.8.16 को अवार्ड जारी किया गया है, जिसके अनुसार कार्यों को पूर्ण करने लिये निर्धारित अवधि 18 माह निर्धारित है। निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण कराने के प्रयास किये जायेंगे। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत निविदा प्रक्रिया उपरांत चयनित ठेकेदार एजेंसी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड मुम्बई द्वारा कार्यों का क्रियान्वयन कराया जा रहा है। योजनान्तर्गत कार्य पूर्णता की समयावधि अवार्ड की दिनांक 28.12.16 से 24 माह है। (ग) 11वी पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु शेष कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उल्लेखनीय है कि सर्वे कार्य पंचायतवार नहीं किया जाता। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 100 एवं 100 से अधिक जनसंख्या वाले मजरों/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य करते हुए ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है। उत्तरांश ''क'' में दर्शाए अनुसार सर्वे कार्य प्रगति पर है। सर्वे उपरांत योजना अन्तर्गत जोड़े जाने वाले 100 एवं 100 से अधिक जनसंख्या वाले मजरों/टोलों की जानकारी को अंतिम रूप दिया जा सकेगा। 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के शेष कार्य अवार्ड दिनांक 3.8.16 से 18 माह की अवधि में तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के कार्य अवार्ड की दिनांक 28.12.16 से 24 माह में पूर्ण करने के प्रयास किये जावेंगे। इस बाबत् अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: जाँच कराये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 2000 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की भितरवार विधान सभा क्षेत्र में विद्युत विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक ग्रामों में कितने विद्युत ट्रांसफार्मर स्वीकृत कर किस-किस योजना में लगाये गये हैं एवं कितने लगाना शेष है, हितग्राही की संख्या सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विद्युत विभाग द्वारा कितने कृषक हितग्राहियों को विद्युत ट्रांसफार्मर लगाकर किस योजना में लाभांवित किया गया है तथा आवेदन अनुसार कितनों को किया जाना शेष है? क्या हितग्राहियों को लाभान्वित करने की सूचना समय-समय पर स्थानीय विधायक को दी जाना उचित था? यदि हाँ, तो क्यों नहीं दी गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत, स्थापित किये गये एवं स्थापना हेतु शेष वितरण ट्रांसफार्मरों की हितग्राहियों की संख्या सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' में दर्शाए अनुसार ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में विभिन्न योजनाओं के तहत कुल 366 ट्रांसफार्मर स्थापित कर 380 कृषकों एवं 4 अनुसूचित जाति बस्तियों को लाभान्वित किया गया है तथा कुल 74 ट्रांसफार्मर स्थापना हेतु शेष है, जिससे 76 कृषक तथा एक अनुसूचित जाति बस्ती लाभान्वित होगी। उक्त विवरण संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। सामान्यत: हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने की सूचना माननीय विधायक महोदय को नहीं दी जाती है तथापि उनके द्वारा मांगे जाने पर वांछित जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
न्युक्लियर पावर प्लांट
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 2097 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए न्युक्लियर पावर प्लांट लगाने की कोई योजना प्रस्तावित हैं? यदि हाँ, तो इस बाबत् प्रदेश सरकार ने कौन से स्थान का चयन किया हैं? प्रस्तावित न्युक्लियर पावर प्लांट कहाँ लगने जा रहा हैं? (ख) प्रश्नांश (क) हेतु कितनी जमीन की जरूरत है और यह योजना कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) हेतु कितनी राशि लागत के रूप में आवंटित करने की सरकार की योजना हैं? मदवार ब्यौरा देवें। (घ) प्रश्नांश (क) से कितने मेगावाट ऊर्जा के उत्पादन की योजना शासन द्वारा बनाई गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) केन्द्र सरकार (राज्य सरकार नहीं) द्वारा मध्य प्रदेश में दो स्थलों, मंडला जिले में चुटका तथा शिवपुरी जिले में भीमपुर का न्यूक्लियर विद्युत संयंत्रों की स्थापना हेतु चयन कर सैद्धांतिक अनुमोदन प्रदान किया है। (ख) चुटका, जिला मंडला में न्यूक्लियर विद्युत संयंत्र तथा आवासीय कॉलोनी की स्थापना के लिए कुल 709.69 हैक्टेयर भूमि आवश्यक है। निर्माण आरंभ होने के बाद से परियोजना लगभग छह वर्षों में पूरी होना संभावित है। भीमपुर, जिला शिवपुरी में परियोजना हेतु भूमि का निर्धारण प्रक्रियाधीन है। (ग) चुटका जिला मंडला स्थित परियोजना संबंधी कार्यवाही प्रारंभिक दौर में है जिसमें भूमि अर्जन, वैधानिक स्वीकृतियाँ, प्रशासनिक अनुमोदन, वित्तीय स्वीकृतियाँ इत्यादि प्राप्त करने की कार्यवाहियाँ शामिल है। इन परियोजनाओं हेतु केन्द्र सरकार द्वारा राशि का आवंटन परियोजनाओं की वित्तीय स्वीकृति उपरान्त किया जाएगा। (घ) चुटका स्थित परियोजना की क्षमता 1400 मेगावाट (2X700 मेगावाट) तथा भीमपुर स्थित परियोजना की क्षमता 2800 मेगावाट (4X700 मेगावाट) प्रस्तावित है।
कौयले पर टैक्स वसूली
[वाणिज्यिक कर]
46. ( क्र. 2165 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के पाथाखेड़ा कोयला खदानों से गुजरात एवं उत्तरप्रदेश के ललितपुर के लिये कोयला खदानों से वाहनों के द्वारा दिए कोयले के बदले मिलने वाले टैक्स का आंकलन एवं वसूली प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं की गई? (ख) गत एक वर्ष में पाथाखेड़ा की खदानों से गुजरात एवं ललितपुर के लिये वाहनों से कितना कोयला किस वर्ष में दिया? इस कोयले पर राज्य सरकार को किस दर से कितना टैक्स मिलना चाहिए था? (ग) राज्य के बाहर कोयला ले जाने पर किस फार्म को कौन जारी करता है वह फार्म वापस विभाग के पास कौन जमा करवाता है? यदि फार्म विभाग को प्राप्त नहीं होते तो विभाग किसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करता है? (घ) कोयला खदान से वाहनों द्वारा ललितपुर के लिये भेजे जा रहे कोयले के फार्म 49 जारी नहीं किये जाने पर विभाग ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो कब तक करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बैतूल जिले के पाथाखेड़ा स्थित कोयला खदान वेस्टर्न कोल फिल्ड लिमिटेड टिन 23484700273 द्वारा मध्यप्रदेश से गुजरात एवं उत्तरप्रदेश के ललितपुर के लिये कोयले के अंतर प्रांतीय विक्रय पर देय कर का कर निर्धारण तथा उसकी वसूली विभाग की निर्धारित प्रक्रिया तथा समय-सीमाओं के तहत की गई है। (ख) गत वर्ष 2015-16 में पाथाखेड़ा की खदानों से गुजरात एवं ललितपुर को किए गए कोयले के विक्रय पर प्राप्त टैक्स एवं कर की दर संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोयले का अंतरप्रान्तीय विक्रय होने पर विक्रेता व्यवसायी, वाणिज्यिक कर विभाग की वेब साईट से फार्म-49 डाउनलोड करता है तथा कोयले का परिवहन करने वाले को देता है। परिवहनकर्ता कोयले को राज्य से बाहर निकालते समय इस फार्म-49 को विभाग की जाँच चौकी में प्रस्तुत करता है। अंतरप्रान्तीय विक्रय दिखाते हुए, डाउनलोड किया गया फार्म-49 काफी समय तक जाँच चौकी में प्राप्त नहीं होने पर विभाग फार्म डाउनलोड करने वाले व्यवसायी से इस संबंध में जानकारी प्राप्त करता है तथा संतोषजनक जवाब नहीं होने पर डीलर के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करता है। (घ) कोयला खदान से वाहनों द्वारा ललितपुर के लिये भेजे जा रहे कोयले के फार्म 49 जारी नहीं किये जाने की जानकारी निरंक है।
ग्रेज्यूटी एवं जी.पी.एफ. राशि का भुगतान
[महिला एवं बाल विकास]
47. ( क्र. 2178 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधान सभा क्षेत्र के एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय लटेरी में सहायक ग्रेड-03 के पद पर पदस्थ श्रीमती नाहिद जहां की मृत्यु जनवरी 2015 में होने के बाद प्रश्न दिनांक दो वर्ष तक उनके परिवारों को ग्रेज्यूटी एवं जी.पी.एफ.की राशि का भुगतान न होने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जिला परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास विदिशा को पत्र जारी किया गया है? तो उक्त संबंध में प्रश्नांश दिनांक तक मृतक के परिवारों को ग्रेज्यूटी एवं जी.पी.एफ. की राशि का भुगतान की क्या स्थिति है। (ख) क्या अपने ही विभाग के सदस्य की मृत्यु होने के पश्चात् उसके परिजनों को समय पर ग्रेज्यूटी एवं जी.पी.एफ. की राशि का भुगतान न करना क्या जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही नहीं है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों, कर्मचारियों की लापरवाही रही है? क्या लापरवाही अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) स्वर्गीय श्रीमती नाहिद जहां, सहायक ग्रेड-3 को ग्रेज्युटी का भुगतान करने हेतु उनके परिवार के द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किए गए है। जी.पी.एफ. के अंतिम भुगतान का प्रकरण महालेखाकार म.प्र. ग्वालियर को भेजा गया था। उक्त प्रकरण में त्रुटि होने के कारण वापिस पूर्ति हेतु प्राप्त हुआ है। जिसके सबंध में त्रुटि सुधार हेतु परियोजना अधिकारी लटेरी के पत्र क्रमांक 379 दिनांक 04.01.2017 एवं पत्र क्रमांक 454 दिनांक 03.02.2017 के द्वारा आवश्यक त्रुटि सुधार करने हेतु दस्तावेज प्रस्तुत करने का लेख किया गया था। दिनांक 15.02.2017 को श्री रिजवान रजा उत्तराधिकारी द्वारा उपस्थित होकर आवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है। अतः प्रकरण पूर्ण जानकारी सहित पुन: भेजा जा रहा है। (ख) मृतक के परिजनो द्वारा निर्धारित प्रपत्रों में जानकारी समय पर नहीं देने से विलम्ब हुआ है। विभागीय अधिकारी के द्वारा लापरवाही नहीं किये जाने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन ट्रांसफार्मर लगाये जाना
[ऊर्जा]
48. ( क्र. 2180 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्र में कुल कितने ट्रांसफार्मर स्थापित हैं? प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मर चालू है और कितने खराब होने के कारण बंद पड़े हैं? खराब ट्रांसफार्मर के स्थान पर नवीन ट्रांसफार्मर कब तक बदलने की कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मर खराब होने से बंद पड़े हैं बंद रहने का क्या कारण है? किस-किस स्थान के बंद हैं? ऐसे कितने ट्रांसफार्मर हैं जो एक माह या उससे अधिक समय से बंद पड़े हैं? खराब पड़े ट्रांसफार्मर को बदलने की शासन की समय-सीमा क्या निर्धारित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी में कुल 2204 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है। अद्यतन स्थिति में उक्त में से कुल 1918 ट्रांसफार्मर चालू है तथा 186 ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण बंद है, जिन्हें संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के कारण बदला नहीं जा सका है। इसके अतिरिक्त संबद्ध उपभोक्ताओं पर शतप्रतिशत राशि बकाया होने के कारण 82 ट्रांसफार्मर निकाल लिये गये हैं तथा 18 ट्रांसफार्मरों का विद्युत प्रदाय विच्छेदित कर दिया गया है। नियमानुसार बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने अथवा 75 प्रतिशत बकायादार उपभोक्ताओं के द्वारा राशि जमा किये जाने पर ट्रांसफार्मर बदलने/विद्युत प्रदाय चालू करने की कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार विधान सभा सिरोंज एवं लटेरी में 186 ट्रांसफार्मर विभिन्न कारणों से हुई तकनीकी खराबी के कारण बंद/खराब है, जिन्हें संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के कारण बदला नहीं जा सका है। इसके अतिरिक्त शत प्रतिशत उपभोक्ताओं पर बकाया राशि होने के कारण 82 ट्रांसफार्मर निकाल लिये गये हैं तथा 18 का विद्युत प्रदाय विच्छेदित किया गया है। उक्त विद्युत प्रदाय बंद वाले ट्रांसफार्मरों की स्थानवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। अद्यतन स्थिति में सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 283 ट्रांसफार्मरों से एक माह या उससे अधिक समय से विद्युत प्रदाय बंद है, इनमें से 186 ट्रांसफार्मरों से ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण 82 ट्रांसफार्मरों को बकाया राशि के कारण निकाले जाने से तथा 15 ट्रांसफार्मरों से बकाया राशि के कारण विद्युत प्रदाय विच्छेदित करने से विद्युत प्रदाय बन्द है। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार बकाया राशि का 40 प्रतिशत अथवा 75 बकायादार उपभोक्ताओं के द्वारा राशि जमा किये जाने पर ट्रांसफार्मरों को ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा काल में 7 दिवस एवं वर्षा काल को छोड़कर 3 दिवस की अवधि में बदलने का प्रावधान है।
विभाग में कार्यरत लाईनमेन
[ऊर्जा]
49. ( क्र. 2181 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत विभाग में कितने लाईनमेन कार्यरत हैं एवं प्रत्येक लाईनमेन के पास कितने-कितने ग्राम हैं? सूची उपलब्ध करावें? (ख) विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक कितने ट्रांसफार्मर बदले गये एवं वर्तमान में ऐसे कितने स्थान हैं जहां आज दिनांक तक विभाग द्वारा जिन किसानों की नई डी.पी. रखने हेतु प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं उनकी सूची उपलब्ध करावें। विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये आवेदनों की डी.पी. कब तक रख दी जावेगी? (ग) विधान सभा क्षेत्र सिरोंज के लटेरी नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 13 दाऊताल में आम जनता की सुविधा हेतु विधायक निधि से 25 के.व्ही. डी.पी. लगवाये जाने हेतु क्या पत्र जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक चार माह की समयावधि व्यतीत होने तक विभाग द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्रतिवेदन क्यों प्रदान नहीं किये गये? विलंब के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या लटेरी जूनियर इंजीनियर के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विदिशा जिले की सिरोंज विधानसभा क्षेत्र में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत लाईन स्टाफ में 38 कर्मचारी कार्यरत हैं। लाईन स्टाफ के कर्मचारियों को विद्युत संबंधी कार्यों के निष्पादन हेतु आवंटित ग्रामों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विदिशा जिले की सिरोंज विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2014-15 से 2016-17 (जनवरी 17) तक की अवधि में 376 जले/खराब ट्रांसफार्मर बदले गये है जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उपरोक्त अवधि में कृषक अनुदान योजना एवं मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना के अंतर्गत 290 प्रकरण स्वीकृत कर 257 कृषकों के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। शेष लंबित प्रकरणों के कार्य वरियता क्रमानुसार उक्त योजनाओं के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उक्तानुसार स्वीकृत एवं कार्य पूर्ण किये गये प्रकरणों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'स-1', 'स-2' एवं 'स-3' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित वार्ड क्रमांक 13 दाऊताल में 25 के.व्ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर विधायक निधि से शत-प्रतिशत जमा योजना के अंतर्गत लगाये जाने हेतु दिनांक 20.09.2016 को प्राप्त आवेदन पर कनिष्ठ यंत्री लटेरी द्वारा दिनांक 04.01.2017 को सर्वे कराने के उपरांत, महाप्रबंधक विदिशा द्वारा दिनांक 25.01.2017 को प्राक्कलन क्रमांक 20-905-11412-16-0007 ई.आर.पी. क्रमांक 33115 राशि रू. 263107/- स्वीकृत किया गया। तदुपंरात उप-महाप्रबंधक गंजबासौदा द्वारा जिला योजना अधिकारी विदिशा को उक्त राशि हेतु मांग पत्र प्रेषित किया गया है। उक्त राशि का भुगतान जिला योजना अधिकारी से प्राप्त नहीं होने के कारण कार्यादेश जारी किया जाना लंबित है। तथापि प्रकरण में कनिष्ठ यंत्री लटेरी द्वारा सर्वे कार्य में बरती गई लापरवाही के लिये अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है।
महिला सशक्तिकरण अंतर्गत समितियों का गठन
[महिला एवं बाल विकास]
50. ( क्र. 2193 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर संभाग में महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित महिला सशक्तिकरण अंतर्गत कौन-कौन सी समितियों का गठन किस दिनांक को किया गया? जिलावार/ समितिवार/गठन दिनांक/अवधि पूर्ण होने की दिनांक/समिति के सदस्यों के नाम एवं पद की जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) कंडिका (क) में वर्णित समितियों में सदस्यों की नियुक्ति के क्या नियम हैं? नियम की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये जानकारी दे कि क्या जिले से बाहर, प्रदेश से बाहर के व्यक्तियों को नियुक्त करने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो नियुक्त सदस्य कहाँ के मूल निवासी है उनके दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे? (ग) उपरोक्त समितियों में जनवरी 2014 के उपरांत शासन से किस-किस कार्य हेतु कितना-कितना आवंटन (राशि) प्राप्त हुआ? उसे किन-किन अधिकारियों द्वारा किस-किस मद में खर्च किया गया वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (घ) क्या इन समितियों में अनाधिकृत व्यक्तियों को सदस्य बनाया गया है? क्या इन समितियों द्वारा शासन से प्राप्त विभिन्न कार्यक्रमों की राशि का फर्जी दस्तावेज तैयार कर व्यय दिखाया जाकर राशि का स्वयं उपयोग किया गया है? यदि नहीं, तो इन समितियों में होने वाली गतिविधियों से संबंधित कार्यक्रमों में होने वाले व्यय की सूक्ष्म जाँच कराई जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) नियुक्तियों के नियमों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। नियुक्त सदस्यों के निवास सम्बन्धी दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम के तहत प्रावधानित बाल कल्याण समिति के संचालन हेतु आवंटन जारी किया गया है। आवंटन का व्यय जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी द्वारा किया गया है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) गठित समितियों में अनाधिकृत व्यक्तियों को सदस्य नहीं बनाया गया है। समिति हेतु प्रावधानित आवंटन का उपयोग जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी द्वारा किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
51. ( क्र. 2212 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? ग्राम व नगरवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार कितने आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित हैं व कितने केन्द्र किराये के भवन में संचालित हैं? ग्राम/नगरवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) में उपलब्ध जानकारी अनुसार भवनविहीन आंगनवाड़ी/मिनि आंगनवाड़ी केन्द्रों को स्वयं के भवन कब तक उपलब्ध करा दिये जाएंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 425 आंगनवाड़ी एवं 42 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र सहित कुल 467 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। ग्राम व नगरवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ अनुरूप नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित 467 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 67 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 224 आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में, 176 आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ अनुरूप भवनविहीन (अन्य शासकीय/किराये के भवनों में संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 51 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण योजना अंतर्गत विभाग द्वारा दी जा चुकी हैं। शेष 349 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
नवीन विद्युत सब स्टेशन खोलने
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 2213 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम लश्करपुर/तुर्कोपुरा (सीका) /शिवपुरा (गीलखेर हिनोती (बड़ली) में नवीन विद्युत सब स्टेशन बनाने की योजना है? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) अनुसार उक्त विद्युत सब स्टेशन कब तक बना दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम लश्करपुर में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य वित्तीय उपलब्धता के आधार पर आगामी योजनाओं में सम्मिलित किया जायेगा। ग्राम सीका, जो कि ग्राम तुर्कीपुरा से लगभग एक कि.मी. की दूरी पर है, में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। वर्तमान में उक्त उपकेन्द्र सहित योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। ग्राम शिवपुरी-गीलाखेडी (गीलखेर नहीं) एवं ग्राम हिनोती (बडली) में वर्तमान में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण तकनीकी रूप से आवश्यक नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित ग्राम लश्करपुर में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य वित्तीय उपलब्धता के आधार पर आगामी योजनाओं में सम्मिलित किया जावेगा, अत: वर्तमान में उक्त उपकेन्द्र के निर्माण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। ग्राम सीका में नवीन 33/11 विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत किये जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्यवाही के पश्चात् चयनित ठेकेदार एजेंसी से उक्त कार्य अवार्ड दिनांक से 24 माह की अवधि में पूर्ण कराया जाएगा।
ट्रांसफार्मर बिजली तथा कराये गये कार्य
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 2338 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र राजनगर में कुल कितने वितरण ट्रांसफार्मर विद्यमान हैं? क्या सभी विद्यमान वितरण ट्रांसफार्मर विद्युत प्रवाह कर रहे हैं? (ख) क्या ट्रांसफार्मरों को चालू नहीं किया गया और बंद पड़े हैं, जिससे किसानों को बिजली नहीं मिल रही? (ग) राजनगर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभाग द्वारा 01.01.2014 से कृषक अनुदान योजनान्तर्गत कितने स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान किये गये संख्या दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र राजनगर के अंतर्गत कुल 1554 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है। जी नहीं उक्तानुसार स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों में से 1545 वितरण ट्रांसफार्मरों से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा 9 जले/खराब ट्रांसफार्मरों को उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की राशि जमा नहीं करने के कारण बदला जाना शेष है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार 9 जले/खराब ट्रांसफार्मरों को उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदला नहीं जा सका है। (ग) राजनगर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक कृषक अनुदान योजनांतर्गत कुल 87 स्थाई कृषि पंप कनेक्शन प्रदान किये गये हैं।
जन अभियान के तहत पर प्रचार-प्रसार
[महिला एवं बाल विकास]
54. ( क्र.
2348 ) कुँवर
विक्रम सिंह :
क्या महिला
एवं बाल विकास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
जन अभियान
परिषद् के अंतर्गत
आओ बनाये अपना
म.प्र.
कार्यक्रम के 09 विषयों
पर वर्ष 2009 से
प्रश्न
दिनांक तक
करोड़ों की
राशि खर्च कर
दी गई और क्या
तब भी कुपोषण
के प्रकरण
प्रदेश में
लगातार सामने
आ रहे है?
(ख)
छतरपुर
जिले में
विभाग द्वारा 01.01.2014 से
प्रदेश
दिनांक तक
जागरूकता
लाने हेतु जमीनी
स्तर पर
कितने रूपयों
का व्यय
दर्शाया गया
योजनावार
जानकारी दें? (ग) व्यय
राशि का धरातल
पर क्या
परिणाम
निकलकर आया?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना
चिटनिस ) : (क) जी
नहीं। विभाग
द्वारा इस
अंतर्गत
परिषद को राशि
नहीं दी गई है।
(ख) प्रश्नांश
(ख) से संबंधित जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
पर
है। (ग) जन
सामान्य लोगों
में जागरूकता
की बढ़ोतरी
हुई है।
हवाई अड्डे का नामकरण महाराज छत्रसाल के नाम किया जाना
[विमानन]
55. ( क्र. 2350 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. विधानसभा में फरवरी-अप्रैल सत्र 2016 दिनांक 18 मार्च 2016 को अशासकीय संकल्प -1 (क्रमांक 12) में खजुराहो हवाई अड्डे के नामकरण महाराजा छत्रसाल के नाम सिफारिश हेतु पत्र केन्द्र सरकार को भेजा गया? (ख) उपरोक्त के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 129/2016 दिनांक 11.04.16 के पत्र के द्वारा राज्य विधानसभा में की गई घोषणा के अनुसार क्या कार्यवाही की गई, उसकी प्रति उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) केन्द्र सरकार को भेजे गये पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जिले में हवाई यात्राओं की आवश्यकताएं
[विमानन]
56. ( क्र. 2365 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेशभर में विभिन्न स्थानों पर विमानन सुविधाएं बढ़ाए जाने हेतु केन्द्र/राज्य सरकारें एवं प्राइवेट एजेंसियां नित नये कार्य करते हुए यात्रियों की आवागमन की सुनिश्चितता के साथ ही प्रदेश के औद्योगिक, व्यापारिक पारिवारिक एवं पर्यटन स्थलों के क्षेत्रों को बढ़ावा देने हेतु महत्वपूर्ण भूमिका अर्पित कर रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश भर के अनेक जिले आजादी के 70 वर्ष बाद भी हवाई यात्रा सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं से वंचित होने के कारण अत्यावश्यक एवं आपातकालीन परिस्थितियों में गंभीर स्थितियों का सामना करते है? (ग) यदि हाँ, तो रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले सहित तहसील मुख्यालयों पर छोटी-बड़ी हवाई पट्टियां होने के बावजूद छोटे-बड़े हवाई विमान एवं हेलीकाप्टर की सुविधाओं से वंचित क्यों है? (घ) क्या उपरोक्त जिलों एवं तहसील मुख्यालयों पर छोटे-बड़े विमान एवं हेलीकाप्टर सुविधाएं मां वैष्णों देवी दर्शनीय स्थल जैसी व्यवस्थाएं कर मेक इन इंडिया-मेक इन स्टेट की सार्थकता को पूर्ण कर स्वर्णिम म.प्र. में आनन्दोत्सव प्रदान करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) हवाई यात्रा सुविधायें और व्यवस्थाएं व्यावसायिक साध्यता होने पर ही उपलब्ध कराई जा सकती है। अत्यावश्यक और आपातकालीन परिस्थितियों में संचार के अन्य साधन उपलब्ध रहते हैं। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भारत सरकार द्वारा रीजनल कनेक्टिविटी योजना के तहत प्रस्ताव बुलाये गये हैं। प्रस्ताव में सकारात्मक ऑफर आने पर ही आगे कोई कार्यवाही हो सकती हैं।
कुपोषण एवं कुपोषित बच्चे
[महिला एवं बाल विकास]
57. ( क्र. 2366 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा कुपोषण को दूर किये जाने हेतु निरंतर प्रयास किये जा रहे है? साथ ही नियंत्रण हेतु सतत निगरानी भी की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले में वर्ष 2010 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुपोषण की स्थिति से अवगत कराने के साथ ही किन-किन विशिष्ट व्यवस्थाओं, केन्द्रों, आयोजनों एवं विभिन्न प्रयोजनों द्वारा क्या-क्या किया गया वर्षवार कितना बजट स्वीकृत कर कितना व्यय हुआ? कितने बच्चे कुपोषण का शिकार होकर उक्त वर्षों में चिन्हित किये जाकर उन्हे किस प्रकार से उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं से देखभाल की गई? (ग) रतलाम जिला अंतर्गत कुपोषण के कौन से प्रमुख कारण माने गये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) रतलाम जिले में एकीकृत बाल विकास सेवा योजना अंतर्गत पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाएं, अटल बिहारी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कम एवं अतिकम वजन के बच्चों के लिए चिन्हित ग्रामों में सुपोषण अभियान अंतर्गत स्नेह शिविरों का आयोजन एवं स्नेह सरोकार कार्यक्रम अंतर्गत स्थानीय प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा बच्चों के पोषण की देखभाल की जिम्मेदारी ली जाकर बच्चों के माता-पिता को पोषण परामर्श दिया जाता है। अतिकम वजन के चिन्हित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में पोषण प्रबंधन हेतु संदर्भित किया जाता है। चिन्हित कम वजन एवं अतिकम वजन वालों बच्चों का विवरण निम्नानुसार है :-
वर्ष कम वजन के बच्चों की संख्या अतिकम वजन के बच्चों की संख्या
2010-11 19277 2140
2011-12 20942 2787
2012-13 28740 4899
2013-14 33070 7056
2014-15 29024 5795
2015-16 26208 3783
2016-17 28209 5287
रतलाम
जिले में
वर्षवार
प्राप्त बजट
एवं व्यय का
विवरण संलग्न
परिशिष्ट पर है। उपरोक्तानुसार
चिन्हित
बच्चों में से
कम वजन वाले
बच्चों को आई.सी.डी.एस.
एवं अटल बाल
मिशन की
सेवाओं का लाभ
दिया गया। चिन्हित
अतिकम वजन
वाले बच्चों
को निम्नानुसार
उपचार एवं
अन्य
व्यवस्थाओं
से देखभाल
की गई :-
वर्ष अतिकम वजन वाले एन आर सी में स्नेह शिविर
चिन्हित बच्चों की संख्या भर्ती कराए गए बच्चें
2010-11 2140 - -
2011-12 2787 1278 -
2012-13 4899 1475 -
2013-14 7056 1502 -
2014-15 5795 1777 482
2015-16 3783 1802 187
2016-17 5287 1550 60
(ग) आंगनवाड़ी
केन्द्रों के
माध्यम से
बच्चों को
पूरक पोषण
आहार प्रदाय किया
जाता है। केवल
पूरक पोषण
आहार से ही
बच्चों की
पोषण आवश्यकताओं
की पूर्ति नहीं
हो सकती।
बच्चों के
बेहतर पोषण
स्तर हेतु परिवार
की स्थिति, पोषणयुक्त
एवं विविध
भोज्य
पदार्थों का
उपयोग न करना, व्यक्तिगत
एवं
सामुदायिक
स्वच्छता की
कमी, स्वच्छ
पेयजल का
उपयोग न करना, बीमारियों
से बचाव के
संबंध में
जागरूक न होना
तथा अनुसूचित
जनजाति
क्षेत्र से
परिवारों का
पलायन एवं
सामाजिक
कुरीतिया
कुपोषण के महत्वपूर्ण
कारक है।
आंगनवाड़ी भवनों में बाउण्ड्रीवाल निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
58. ( क्र. 2409 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी (भवन) केन्द्र संचालित हैं? सूची देवें। इनमें से कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं एवं कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये या अन्य भवनों में संचालित हो रहे हैं? आंगनवाड़ी भवन की ग्रामवार/नगरवार सूची देवें? (ख) वर्तमान में कितने और नए आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु शासन के पास प्रस्तावित या लंबित हैं एवं इनकी स्वीकृति में कितना समय लगेगा? समय सीमा से अवगत करावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत स्वयं के भवन में संचालित कितने आंगनवाड़ी केन्द्र बाउण्ड्रीवाल विहीन हैं? सूची उपलब्ध करावें? बाउण्ड्रीवाल विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों (भवनों) में कब तक बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कराया जाना हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 375 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 22 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र सहित कुल 397 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें से 103 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 191 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में एवं 103 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ अनुसार है। (ख) वर्तमान में जिले से 75 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ हैं, इनमें से 31 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति मनरेगा योजना के अभिसरण से दी जा चुकी हैं। शेष 44 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत 103 विभागीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 30 बाउण्ड्रीवॉल विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ अनुसार है। बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
लालपुर हवाई अड्डा से नियमित विमान संचालन
[विमानन]
59. ( क्र. 2433 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के बुढ़ार तहसील अंतर्गत ग्राम लालपुर में हवाई अड्डा को उपयोगित करने हेतु नियमित एयर टैक्सी संचालन का प्रावधान किया जावेगा? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो शहडोल संभागीय मुख्यालय सहित आस-पास के जिलों को उक्त सुविधा का लाभ कब प्रदान किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शहडोल जिले के बुढार तहसील अंतर्गत ग्राम लालपुर स्थित हवाई पट्टी राज्य शासन के आधिपत्य की नहीं होने से वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत विभाग द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 2457 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किसान अनुदान योजना अंतर्गत कितने कार्य पूर्ण किये गए एवं कितने अपूर्ण हैं? सूची प्रदान करें? (ख) एस.ए.एम.सी. योजनान्तर्गत 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक में स्वीकृत कार्य एवं पूर्ण अपूर्ण की जानकारी देवें? (ग) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 11 वीं एवं 12 वीं पंचवर्षीय राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में स्वीकृत कार्य एवं पूर्ण अपूर्ण की जानकारी तथा कितने बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान किये गये,की संख्या उपलब्ध करायें? (घ) उदयपुरा विधान सभा में 2014-15 एवं 2015-16 में लगाये गये अतिरिक्त ट्रांसफार्मर की सूची पूर्ण अपूर्ण सहित उपलब्ध करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रायसेन जिले के उदयपुरा विधानसभा में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कृषक अनुदान योजना/मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना के अंतर्गत 834 स्थाई कृषि पंपों के कार्य पूर्ण किये गये है एवं 5 स्थाई कृषि पंपों के कार्य खेत में फसल खड़ी होने के कारण लंबित हैं, जिन्हें मार्च-2017 तक पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उक्तानुसार पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) एम.ए.एम.सी. नाम से मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत कोई भी योजना लागू नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में ठेकेदार एजेन्सी क्रमश: मेसर्स डैक एंड स्कल एवं मेसर्स सेनफील्ड इंडिया लिमिटेड द्वारा क्रमश: 750 तथा 945 बी.पी.एल. कनेक्शन का कार्य किया जाना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त उक्त क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन योजनाओं में अन्य कोई कार्य किया जाना प्रस्तावित नहीं है। 11वीं पंचवर्षीय योजनान्तर्गत स्वीकृत योजना में उक्त में से अभी कोई कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। 12वीं पंचवर्षीय योजनान्तर्गत स्वीकृत योजना में 56 बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान किये जा चुके हैं। (घ) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में 21 अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापना का कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है।
सौर ऊर्जा से विद्युतीकरण
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
61. ( क्र. 2518 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में सौर ऊर्जा से किन-किन ग्रामों में विद्युतीकरण किया गया है? उक्त ग्राम के निवासियों को सौर ऊर्जा के माध्यम से क्या-क्या सुविधायें मिल रही हैं? (ख) सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत ग्राम को अविद्युतीकृत मानकर विभाग द्वारा विद्युतीकरण करवाये जाने के संबंध में माननीय मंत्री जी एवं विभाग के अधिकारियों को किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र विगत 02 वर्षों में कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले के अविद्युतीकृत ग्राम/मजरा/टोला की सूची दें तथा उनके विद्युतीकरण हेतु विभाग की क्या योजना है? कब तक विद्युतीकरण करवाया जायेगा? (घ) 01 फरवरी 2017 की स्थिति में रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले के किन-किन ग्रामों की विद्युत सप्लाई क्यों बंद कर दी गई है तथा किन-किन ग्रामों के ट्रांसफार्मर जले एवं खराब है तथा उनको कब तक बदला जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रायसेन जिले के 38 ग्रामों एवं नरसिंहपुर जिले के 19 ग्रामों में दूरस्थ ग्राम विद्युतीकरण कार्यक्रम अन्तर्गत सौर ऊर्जा उपकरणों के माध्यम से प्रकाश व्यवस्था की गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। योजना अन्तर्गत ग्राम के प्रत्येक घर पर एक-एक सोलर होम लाईट स्थापित की गई है तथा चुने हुए स्थानों पर सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों की स्थापना की गई है। (ख) विद्युत लाईन स्वीकृत किये जाने/विद्युतीकरण के संबंध में माननीय ऊर्जा मंत्रीजी को प्रेषित पत्र एवं उक्त पत्र पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जिला नरसिंहपुर एवं जिला रायसेन में प्रश्न दिनांक तक अविद्युतीकृत ग्रामों की सूची तथा उनके विद्युतीकरण हेतु योजना एवं विद्युतीकरण की समय-सीमा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) 01 फरवरी 2017 की स्थिति में जिला नरसिंहपुर एवं जिला रायसेन के किसी भी ग्राम में विद्युत प्रवाह बन्द नहीं किया गया है, अपितु जिला नरसिंहपुर के 65 ग्रामों में 75 वितरण ट्रांसफार्मर एवं जिला रायसेन के 31 ग्रामों के 55 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब होने के कारण विद्युत प्रदाय बंद हैं, जिन्हें संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदला नहीं जा सका है। उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने के पश्चात् उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलकर विद्युत प्रवाह चालू कर दिया जावेगा, अत: वर्तमान में उक्त जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने हेतु समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
क्रमोन्नति मिलने के बाद पदोन्नति
[वित्त]
62. ( क्र. 2556 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के पत्र क्रमांक एक 11-14/16 नियम/ चार भोपाल दिनांक 22/12/2016 द्वारा क्रमोन्नति वेतनमान प्राप्त होने के पश्चात् पदोन्नति होने पर होने वाली रूकावटों को दूर किया है? यदि हाँ, तो यह आदेश समयमान वेतनमान प्राप्त करने वाले शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों पर लागू होगा। (ख) क्या विभाग ने पत्र क्रमांक एक 11.6/2016/नियम/चार भोपाल दिनांक 24 जून 2016 द्वारा मध्यप्रदेश राज्य की सिविल सेवा के सदस्यों को सेवा में आगे बढ़ने के निश्चित अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु समयमान वेतन उपलब्ध कराने हेतु जारी किया है? यदि हाँ, तो यह आदेश उन सिविल सेवकों पर लागू होगा जिन्हें पूर्व से मिल रहे समयमान वेतनमान पर ही पदोन्नति प्राप्त हो चुकी है? उनके संवर्ग को अगले समयमान वेतनमान का लाभ मिलेगा? (ग) प्रश्नांश भाग (ख) के उत्तर में यदि नहीं, तो क्या समयमान वेतनमान की विसंगति दूर करने के लिये विभाग पुन: आदेश जारी करेगा? जिससे सिविल सेवकों को पदोन्नति प्राप्त होने के पश्चात् भी समयमान वेतनमान का लाभ मिल सके।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) विसंगति न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में स्थापित पर्यटन स्थलों का विकास
[पर्यटन]
63. ( क्र. 2557 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र-07 दिमनी अथवा तहसील अम्बाह व मुरैना में शासकीय अभिलेखों में कितने पर्यटन स्थलों का उल्लेख है की जानकारी नाम, पता सहित दी जावें। (ख) म.प्र. शासन की नीति के अनुसार स्थापित पर्यटन स्थलों को बढ़ावा, विकसित एवं लुभावना की दृष्टि से विकास करने के क्या लक्ष्य या नियम निर्धारित हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र- 07 दिमनी जिला मुरैना में अथवा तहसील अम्बाह व मुरैना में पर्यटन स्थलों को कितनी राशि दी जाकर कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कार्य किये गये की जानकारी विगत 03 वर्षों की प्रति सहित दी जावें।
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) पर्यटन विभाग में विशिष्ट रूप से पर्यटन क्षेत्रों की सूची संधारित करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) पर्यटन नीति 2016 में प्रदेश में पर्यटन के समग्र विकास का लक्ष्य है। (ग) विगत तीन वर्षों में ढिमनी, अम्बाह तहसील जिला मुरैना में कोई राशि उपलब्ध नहीं हुई। मुरैना तहसील जिला मुरैना में भानपुर जिला मुरैना में पर्यटक सुविधाओं के विकास हेतु वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 100.00 लाख की स्वीकृति प्राप्त हुई थी जिसमें चार नये कमरे मय टायलेट तथा कोरीडोर, चार कमरे प्लिथ लेवल तक एवं पुराने भवन का उन्नयन कार्य कराया गया है। सम्पूर्ण भवन का सेनेट्री तथा आन्तरिक नल एवं विद्युतीकरण का कार्य भी कराया गया है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग का जनहित में योगदान
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
64. ( क्र. 2575 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा जनहित में क्या-क्या कार्य किये जाने के प्रावधान हैं व उनके क्रियान्वयन हेतु क्या मार्गदर्शिका अथवा नीति प्रचलन में है? प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 03 वर्ष में विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य किस-किस प्रकार के कराये गये? (ग) यदि कार्य नहीं किये गये तो क्यों व कार्यों को कब तक मूर्तरूप दे दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा निजी इकाइयों के माध्यम से ग्रिड कनेक्टेड नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन के कार्य को प्रोत्साहित किया जाता है। इनके क्रियान्वयन हेतु म.प्र. शासन की सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012, पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012, बायोमास आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011 एवं लघु जल विद्युत आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011 प्रचलन में है, जिनकी प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इसके अतिरिक्त, म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा जनहित में अनुदानित मूल्य पर सोलर पम्प, सोलर स्ट्रीट लाईट एवं सोलर पॉवर पैक संयंत्रों की स्थापना कराई जाती है। निगम द्वारा नवीन ऊर्जा स्त्रोंत उपकरण की कुल लागत में से केन्द्र शासन एवं राज्य शासन द्वारा देय अनुदान को घटा कर, शेष राशि हितग्राही अथवा हितग्राही संस्थान से प्राप्त की जाकर नवीन ऊर्जा स्त्रोतों की स्थापना कराई जाती है। (ख) विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा अन्तर्गत विगत 3 वर्षों में किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश-(ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार
[महिला एवं बाल विकास]
65. ( क्र. 2682 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले में कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु स्नेह सरोकार योजना के तहत योजना प्रारंभ से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने बच्चों को गोद दिलाया गया? (ख) गोद दिलाये गये बच्चों में बच्चों के स्वास्थ्य एवं वृद्धि निगरानी हेतु क्या-क्या गतिविधियां आयोजित की गई? (ग) स्नेह सरोकार योजना के तहत गोद दिलाए गये बच्चों की वर्तमान स्थिति जैसे पोषण स्तर सुधार,बीमारी मृत्यु आदि की जानकारी बालक/बालिका वार प्रदान करें। (घ) क्या पोषण स्तर में सुधार हेतु सामुदायिक सहभागिता के तहत प्रयास किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या-क्या?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बैतूल जिले में कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु स्नेह सरोकार योजना के प्रारम्भ दिनांक 02 मार्च 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 3290 बच्चों की जिम्मेदारी दी गई है। (ख) इन बच्चों का नियमित स्वास्थ परीक्षण किया जाता है। इनका नियमित वजन लिया जाकर अभिभावकों को भी इन बच्चों की देखभाल हेतु स्वास्थ एवं पोषण संबंधी सलाह दी गई है। (ग) वर्तमान में इन बच्चों में से 413 बालक व 819 बालिकाओं के पोषण स्तर में सुधार हुआ है। इनमें से किसी भी बालक अथवा बालिका की बीमारी से मृत्यु नहीं हुई है। बच्चों के पोषण स्तर सुधार की परियोजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। 1-अतिकम वजन एवं कम वजन के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु सामुदायिक सहभागिता बढ़ानें के लिए स्नेह सरोकार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 2-सुपोषण अभियान के तहत् स्नेह शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 3-विभाग द्वारा विशेष वजन अभियान में चिन्हित कम एवं अतिकम वजन के बच्चों के पोषण सुधार हेतु दिनांक 1 मार्च से 2017 से 31 अगस्त 2017 तक विशेष पोषण अभियान का आयोजन होना है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में दुग्ध पाउडर का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
66. ( क्र. 2683 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों में दुग्ध संघ के माध्यम से दुग्ध पाउडर से दूध तैयार कर बच्चों को दिया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इस कार्य के लिए कोई अतिरिक्त पारिश्रमिक भी दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके क्या प्रावधान एवं नियम हैं? (ग) यदि कोई प्रावधान या नियम है तो जिले के शहरी केन्द्रों में कार्यकर्ताओं को अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक भुगतान कर दिया जाएगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) शहरी क्षेत्र की आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ताओं को प्रति दिवस आवश्यक मात्रा में स्वयं स्वच्छ गरम पानी में निर्धारित विधिनुसार मिल्क पावडर से दूध तैयार करने हेतु राशि रू.120/-प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। जिला स्तरीय समिति द्वारा निर्णय लिया गया है कि बैतूल जिले में ग्रामीण क्षेत्र की भांति ही शहरी क्षेत्र में स्व-सहायता समूहों से ही दुग्ध वितरण की व्यवस्था संचालित की जावें। निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कोषालय बैंक की स्वीकृति
[वित्त]
67. ( क्र. 2766 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत कौन-कौन से कोषालय बैंक संचालित हैं? कृपया सूची उपलब्ध करावें? (ख) कोषालय बैंक प्रारम्भ करने हेतु क्या मापदण्ड हैं? विवरण देवें? म.प्र. में कुल कितने कोषालय बैंक संचालित हैं? जिलेवार जानकारी देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत तहसील नलखेड़ा में उपकोषालय कब से संचालित हैं? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत तहसील नलखेड़ा में कोषालय बैंक प्रारम्भ करने हेतु कोई प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत होगा? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से कोषालय बैंक प्रारम्भ करने हेतु कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) आगर जिला अंतर्गत निम्नानुसार कोषालय बैंक एवं उपकोषालय बैंक संचालित है:- (1) भारतीय स्टेट बैंक नगर पालिका परिसर, आगर मालवा (2) भारतीय स्टेट बैंक शुक्रवारिया बाजार शाखा सुसनेर जिला आगर मालवा (3) भारतीय स्टेट बैंक नलखेड़ा जिला आगर मालवा मध्यप्रदेश (ख) वर्तमान में शासन द्वारा कोषालय बैंक प्रारंभ करने हेतु कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है। मध्यप्रदेश में कुल 310 कोषालय/उपकोषालय बैंक संचालित है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जुलाई 2008 से संचालित है। (घ) जी नहीं। तहसील नलखेड़ा में भारतीय स्टेट बैंक नलखेड़ा जिला आगर मालवा, मध्यप्रदेश में पूर्व से ही कोषालय बैंक है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंजीकृत संस्थाओं को अनुदान
[संस्कृति]
68. ( क्र. 2767 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा रजिस्ट्रार फर्मस एवं सोसायटी द्वारा पंजीकृत संस्थाओं को अनुदान दिया जाता हैं? यदि हाँ, तो अनुदान स्वीकृति के मापदण्ड एवं प्रक्रिया क्या हैं? (ख) आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत रजिस्ट्रार फर्म्स एवं सोसायटी द्वारा कितनी पंजीकृत संस्थायें हैं? सूची उपलब्ध करावे। (ग) सन् 2008 से लेकर वर्तमान तक प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संस्थाओं में से किसी संस्था को अनुदान दिया हैं? यदि हाँ, तो कितना व किन कार्यों के लिए? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रदाय राशि की उपयोगिता हेतु मानीटरिंग किस प्रकार की गई? की गई मानीटरिंग का पूर्ण विवरण देवें।
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ. प्राप्त आवेदनों पर अनुदान स्वीकृति हेतु गठित सक्षम समिति की अनुशंसा के बाद प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने पर अशासकीय संस्थाओं को अनुदान स्वीकृत किया जाता है. मापदण्ड व प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ’’ अनुसार. (ख) मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के तहत आगर जिले में 413 तथा शाजापुर जिले में 1195 पंजीकृत संस्थायें है. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब’’ अनुसार. (ग) जी हाँ. सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिये अशासकीय संस्थाओं को अनुदान दिया गया है. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स’’ अनुसार. (घ) प्राप्त आवेदन में प्रस्तावित अनुसार कार्यक्रमों के लिये अनुदान राशि सक्षम समिति द्वारा स्वीकृत की जाती है तद्नुसार संबंधित संस्था से उक्त राशि का सी.ए. द्वारा जारी किया गया उपयोगिता प्रमाण-पत्र मंगाया जाता है. उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत न करने पर आगामी वर्ष के अनुदान के लिये संस्था के आवेदन का चयन नहीं किया जाता है एवं उनको अनुदान राशि स्वीकृति नहीं की जाती है.
जाति प्रमाण पत्र बनाने आदेश/निर्देश
[सामान्य प्रशासन]
69. ( क्र. 2786 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जन जाति एवं अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र बनाने हेतु वर्ष 1950 की स्थिति में वयस्क आवेदक या पूर्वज जहाँ निवास करते थे वही से जाति प्रमाण पत्र बनाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक जाति प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी आदेश/निर्देश की प्रति, अनुसूचित जन जाति एवं अनुसूचित जाति में कौन-कौन सी जाति सम्मिलित है, तत्संबंधी भारत सरकार की अधिसूचना की प्रति, उपलब्ध करावें? (ग) क्या उराव एवं गोवारी जाति को मध्यप्रदेश में अनुसूचित जन जाति का प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी कोई आदेश/निर्देश दिये गये है, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न प्रकरणों में दिये गये न्याय दृष्टांत तथा भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु वर्ष 1950 या उसके पूर्व की स्थिति में संबंधित व्यक्ति को उस राज्य का निवासी होना चाहिए जहां से उसने जाति प्रमाण-पत्र की मांग की हो। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10,11, 12, 13, 14, 15 एवं 16 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र 17, 18 एवं 19 अनुसार।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
70. ( क्र. 2796 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत एवं संचालित हैं? शहरी एवं ग्रामीण केन्द्रों के अलग-अलग नाम सहित अवगत करावें? (ख) क्या सभी केन्द्रों के स्वयं के भवन निर्मित किये जा चुके है? यदि नहीं, तो ऐसे भवनविहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों के नाम अवगत करावें? (ग) भवन विहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों को कहाँ संचालित किया जा रहा है? उसकी सूची देवें। (घ) उक्त भवन विहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 652 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 53 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र इस प्रकार कुल 705 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है। 652 स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 639 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 53 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। वर्तमान में स्वीकृत 13 आंगनवाड़ी केन्द्र असंचालित है। जिस पर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। शहरी क्षेत्र अर्न्तगत 74 एवं ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत संचालित 618 आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित कुल 692 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 534 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये विभागीय भवन उपलब्ध हैं। शेष 158 भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ अनुरूप 158 भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 101 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 57 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित कराये जा रहे हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
नाश्ता व दोपहर का खाना
[महिला एवं बाल विकास]
71. ( क्र. 2814 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों में 0 से 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिये नाश्ता/दोपहर का खाना देने की क्या व्यवस्था है? संचालित कितनी-कितनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज कितने बच्चों के नाश्ते व दोपहर के खाने पर कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की परियोजनावार आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों की संख्या बतलावें? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन प्रदायकर्ता एजेन्सी/स्व-सहायता समूहों, संस्थाओं, शासकीय उपक्रमों से कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन सी खाद्य सामग्री पौष्टिक दूध, आहार के पैकेट आदि क्रय की है? इनकी गुणवत्ता की जाँच कब-कब किसने की है? किस-किस को कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों की संख्या के हिसाब से नाश्ता व दोपहर के खाना का वितरण, स्टाक व वितरण पंजी की जाँच कब-कब किस-किस ने की है? किन-किन आंनगवाड़ी केन्द्रों में निर्धारित मीनू के तहत नाश्ता व दोपहर का खाना गुणवत्ता विहीन वितरित करने की प्राप्त शिकायतों पर कब-कब किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? परियोजनावार आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जबलपुर जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को प्रतिदिन एवं प्रत्येक मंगलवार के दिन 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों के लिए सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन स्व-सहायता समूह के माध्यम से सांझा चूल्हा व्यवस्था अंतर्गत प्रदाय किया जाता है। संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को नाश्ता व दोपहर के खाने पर व्यय हुई राशि की वर्ष 2013-2014 से वर्ष 2016-2017 तक परियोजनावार आंगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज बच्चों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रदायकर्ता समूहों से खाद्य सामग्री क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। इसकी गुणवत्ता की जाँच परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक एवं आंगनवाड़ी केन्द्र स्तर पर ग्राम स्वास्थ्य तदर्थ समिति के सदस्यों द्वारा नियमित रूप से की जाती हैं। (ग) प्रश्नांश ''क'' में आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों की संख्या के हिसाब से स्टॉक व वितरण पंजी की जाँच समय-समय पर परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, जिला कार्यक्रम अधिकारी व संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा की जाती है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में निर्धारित मीनू के अनुसार नाश्ता व भोजन की गुणवत्ता विहीन वितरित करने की प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है।
पोषण आहार का भण्डारण
[महिला एवं बाल विकास]
72. ( क्र. 2815 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जबलपुर द्वारा बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण आहार का भण्डारण व इसको प्रदाय हेतु कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या व्यवस्था की है? (ख) प्रश्नांश (क) में पोषण आहार/पूरक आहार का भण्डारण हेतु किन-किन गोदामों को किराये पर कब किस दर पर कितनी राशि में लिये गये? किन-किन गोदाम मालिकों को किराये की कितनी-कितनी राशि का कब-कब भुगतान किया गया वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जिलावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित किन-किन गोदामों में (ख) अवधि में कब-कब कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा पोषण आहार/पूरक आहार का भंडारण किया गया तथा किन-किन गोदामों से कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सा पोषण आहार/पूरक आहार का प्रदाय किन-किन परियोजनाओं के तहत कितनी-कितनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को किया गया है? इसकी जाँच कब-कब किसने की है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग द्वारा 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण आहार टेकहोम राशन के भण्डारण व प्रदाय हेतु व्यवस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में पूरक पोषण आहार टेकहोम राशन के भण्डारण हेतु किराये पर लिए गोदामों की दर एवं गोदाम मालिकों को किराये की वर्ष 2013-2014 से वर्ष 2016-2017 तक राशि भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित गोदामों में पोषण आहार भण्डारण की मात्रा एवं प्रदाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' 1 एवं 2 अनुसार है। इसकी जाँच जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक द्वारा तथा जिले में पदस्थ सहायक संचालकों द्वारा समय-समय पर की जाती है।
डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार की पदस्थापना
[सामान्य प्रशासन]
73. ( क्र. 2820 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कुल कितने डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार के पद रिक्त हैं? (ख) क्या भिण्ड जिले के डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कलेक्टर द्वारा समय-समय पर शासन को लिखा गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन भिण्ड जिले में रिक्त डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के पदों पर अधिकारियों की पदस्थापना करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भिण्ड जिले में डिप्टी कलेक्टर के 02, तहसीलदार के 06 तथा नायब तहसीलदार के 04 पद रिक्त है। (ख) जी हाँ। डिप्टी कलेक्टर के रिक्त पदों की पूर्ति अधिकारियों की उपलब्धता के अनुसार की जाती है। (ग) डिप्टी कलेक्टर के रिक्त पदों की पूर्ति अधिकारियों की उपलब्धता के अनुसार की जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। प्रदेश में तहसीलदार/नायब तहसीलदार की अत्यधिक कमी होने के कारण पूर्ति की जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धर्म स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाना
[पर्यटन]
74. ( क्र. 2828 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत आने वाले बाघनराजन माता मंदिर एवं अंजनीधाम मंदिर हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा इन मंदिरों के संबंध में कोई पत्र विभाग को दिया गया था अथवा नहीं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित प्राचीन धर्मस्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किये जाने हेतु विभाग कोई कार्ययोजना तैयार कर रहा है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो विभाग इसे कब तक तैयार कर लेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। बजट उपलब्ध नहीं होने से कोई कार्रवाही नहीं की गई। (ख) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
अटल ज्योति योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 2829 ) श्री विष्णु खत्री : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बैरसिया की ग्राम पंचायतों के कौन-कौन से ग्राम विद्युत विहीन है, ग्रामवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों को विभाग द्वारा कब किस योजना के अन्तर्गत विद्युतीकरण हेतु शामिल किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कोई भी ग्राम विद्युतविहीन नहीं है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
ग्रामों में विद्युतिकरण
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 2869 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने ग्राम अविद्युतीकृत हैं नाम सहित सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में से कितने ग्राम विद्युतीकरण हेतु योजना में शामिल हैं? सूची उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण हेतु क्या नियम/प्रावधान या पात्रता की क्या शर्त हैं? (घ) क्या विद्युत कनेक्शन देने के लिए अलग–अलग मापदण्डों में अलग – अलग राशि का प्रावधान है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 1 ग्राम यथा-ढ़ोढन (सेंसस कोड 458348) अविद्युतीकृत है। (ख) पन्ना टाईगर रिजर्व वन परिक्षेत्र के बफर जोन में स्थित होने एवं केन बेतवा-लिंक परियोजना के अंतर्गत डूब क्षेत्र में आने के कारण उक्त ग्राम के विस्थापन की कार्यवाही चल रही है। अत: उक्त ग्राम को विद्युतीकरण हेतु किसी भी योजना में सम्मिलित कर पाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अविद्युतीकृत ग्राम ढ़ोढन को विस्थापित किया जाना प्रस्तावित है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी हाँ, विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु उपभोक्ताओं की श्रेणी के अनुसार निर्धारित अलग-अलग मापदण्ड़ों के अनुरूप अलग-अलग राशि जमा कराए जाने का प्रावधान है, जैसे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को नि:शुल्क एवं अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अंतर्गत, विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदाय करने अथवा उपयोग किये गये संयंत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली के लिये दिनांक 2.9.2009 को अधिसूचित एवं समय-समय पर संशोधित किये गये विनियम 2009 के प्रावधान अनुसार राशि जमा करवाकर विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जाते हैं।
आई.ए.एस./आई.पी.एस. एवं आई.एफ.एस.के स्वीकृत पद
[सामान्य प्रशासन]
77. ( क्र. 2893 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन में भारतीय प्रशासनिक सेवा/भारतीय पुलिस सेवा एवं भारतीय वन सेवा के कितने पद स्वीकृत हैं पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ख) क्या स्वीकृत पदों के विरुद्ध आई.ए.एस. के 334 पद भरे हैं एवं 77 पद खाली हैं इसी प्रकार आई.पी.एस. के 248 पद भरे हैं एवं 57 पद रिक्त हैं यदि हाँ, तो कब से, कब तक रिक्त पदों की पूर्ती कर ली जावेगी? (ग) उपरोक्त दोनों संवर्गों में से कितने-कितने पद अ..जा./अ.ज.जा. एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लिए स्वीकृत हैं संवर्गवार वर्गवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार आरक्षित वर्ग के लिए स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे हैं एवं कितने खाली हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश शासन में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 439/भारतीय पुलिस सेवा के 305 एवं भारतीय वन सेवा के 296 पद स्वीकृत हैं। (ख) वर्तमान में आई.ए.एस. के 342 पद भरे है एवं 97 पद रिक्त हैं तथा आई.पी.एस. के 253 पद भरे हैं एवं 52 पद रिक्त हैं। आई.ए.एस. और आई.पी.एस. संवर्ग के पदों का निर्धारण और राज्यों को अधिकारियों का आवंटन क्रमश: भारत सरकार, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग तथा भारत सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा किया जाता है। अत: पदों की पूर्ति की निश्चित समय सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) आई.ए.एस. और आई.पी.एस. संवर्ग के लिए प्रदेश स्तर पर अ.जा./अ.ज.जा. एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लिए वर्गवार पदों के निर्धारण का प्रावधान नहीं है, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आनन्द विभाग द्वारा संचालित कार्य
[आनन्द]
78. ( क्र. 2904 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नव गठित आनन्द विभाग में किन-किन कार्यों/योजनाओं को सम्मिलित किया गया है? (ख) गठित दिनांक से प्रश्न दिनांक तक आनन्द विभाग द्वारा मन्दसौर जिले में क्या-क्या कार्य किये गये हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) वर्तमान में विभाग द्वारा प्रत्येक विद्यालयों में खेलों का आयोजन किया गया है, उसमें एक विद्यालय को कितनी राशि स्वीकृत की गई है? सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के समस्त विद्यालयों को स्वीकृत राशि की जानकारी दें। (घ) मध्यप्रदेश शासन के अन्तर्गत खेल एवं युवा कल्याण विभाग संचालित होने के बाद भी विद्यालयों में खेलों का आयोजन आनन्द विभाग द्वारा क्यों करवाया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग के अंतर्गत आनंद उत्सव, आनंदम तथा आनंद सभा आयोजनों को सम्मिलित किया गया है। (ख) मंदसौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में दिनांक 14 से 21 जनवरी में आनंद उत्सव गतिविधि के अंतर्गत खेल-कूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा विद्यालयों में खेलों का आयोजन नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं।
कुपोषण से प्रभावित बच्चों की संख्या
[महिला एवं बाल विकास]
79. ( क्र. 2905 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 1 वर्ष में मन्दसौर जिले में विभाग द्वारा चिन्हित कुपोषण से प्रभावित बच्चों की संख्या कितनी है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) बच्चों के कुपोषण से प्रभावित होने के मुख्य कारण की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विभाग द्वारा चिन्हित किए गए बच्चों के स्वास्थ्य सुधार हेतु कौन-कौन से कार्य किए गए? कार्यों के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) चिन्हित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार हेतु विभाग द्वारा चलाए गए अभियान में कितने बालक-बालिकाओं को लाभ मिला?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में मंदसौर जिले में विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार चिन्हित अतिकम वजन के बच्चों की संख्या निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
विधानसभा क्षेत्र का नाम |
चिन्हित अतिकम वज़न के बच्चों की संख्या |
1- |
मंदसौर |
542 |
2- |
मल्हारगढ़ |
384 |
3- |
सुवासरा |
762 |
4- |
गरोठ/भानपुरा |
599 |
(ख) बच्चों में कुपोषण से प्रभावित होने के मुख्य कारण-बच्चों के माता-पिता द्वारा बच्चों की समुचित देखभाल का अभाव, बच्चों को आयु अनुसार भोजन की अनुपलब्धता, अशिक्षा, गरीबी, रूढि़वादिता, साफ-सफाई का अभाव, बच्चे का बार-बार बीमार होना, दो बच्चों के बीच तीन वर्ष से अधिक का अंतर न होना इत्यादि है। (ग) विभाग द्वारा चिन्हित किये गये बच्चों के स्वास्थ्य सुधार हेतु किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) चिन्हित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार हेतु विभाग द्वारा चलाए गए अभियान में निम्नानुसार बालक-बालिकाओं को लाभ मिला –
क्रमांक |
चिन्हित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार हेतु विभाग द्वारा किए गए कार्य का विवरण |
लाभांवित बालक-बालिकाओं की संख्या |
1 |
सुपोषण अभियान |
502 |
2 |
पोषण पुनर्वास केन्द्र |
1513 |
3 |
अतिकम वजन के बच्चों को टिफिन के माध्यम से तीसरे मील का प्रदाय |
625 |
4 |
अटल बाल मिशन अंतर्गत माताओं को परिवार आधारित प्रशिक्षण |
1412 |
विभागीय नियुक्तियों की प्रक्रिया
[महिला एवं बाल विकास]
80. ( क्र. 2910 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 में कितने आंगनवाड़ी केंद्र/ उपकेन्द्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या सहायिका की नियुक्ति हेतु स्थान रिक्त थे? स्थान सहित सूची उपलब्ध कराये। (ख) प्रत्येक रिक्त स्थान पर कितने- कितने फॉर्म जमा हुए? मेरिट किस आधार पर बनाई गई? सूची, मेरिट लिस्ट उपलब्ध कराये। (ग) कितने आवेदनों में दस्तावेजों में कमी या गलत होने की शिकायत मिली थी? उनकी कैसे जाँच हुई? किसने जाँच की।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छतरपुर जिले के बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका/मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की रिक्त स्थानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार केन्द्रवार प्राप्त आवेदनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विभागीय पत्र क्र./एफ 3-2/06/50-2, भोपाल दिनांक 10/7/2007 द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मेरिट तैयार की गई है। चयन की मेरिट लिस्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 33, आंगनवाड़ी सहायिका के 22 तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 22 आवेदन पत्रों पर आपत्तियॉ प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
रामवन को पर्यटक स्थल घोषित किया जाना
[पर्यटन]
81. ( क्र. 2911 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रामपुर बघेलान अंतर्गत रामवन को पर्यटक स्थल के तर्ज पर विकसित किया गया है, जहाँ पर म.प्र. का सबसे बड़ा शासकीय पुरातत्व संग्रहालय स्थापित है, जहां पर लगभग 38000 पुस्तकों का संग्रह है तथा यहाँ की पुरातात्विक धरोहर देश एवं विदेश में भेजी गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यहाँ लाखों की तादात में पर्यटक हर वर्ष घूमने आते हैं तथा बसंत पंचमी के अवसर पर पाँच दिवसीय मेले के आयोजन के दौरान प्रारंभ से तीन दिन तक संस्कृति विभाग म.प्र. शासन द्वारा प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर के कलाकारों को बुलाकर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है? क्या इन पाँच दिनों में ही लाखों दर्शक पहुचते हैं किन्तु पर्यटक स्थल घोषित नहीं होने से पर्यटकों को सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. शासन संस्कृत एवं पर्यटन विभाग द्वारा रामवन को पर्यटक स्थल की सूची में सामिल करते हुए वित्तीय वर्ष 2017-18 में पर्यटक स्थल घोषित करने की कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ, सतना जिले की तहसील रामपुर बघेलान अंतर्गत रामवन स्थित है। जिसकी लायब्रेरी में लगभग 29000 पुस्तकें है। संग्रहालय से 03 प्रतिमायें राज्य संग्रहालय भोपाल एवं 06 प्रतिमायें त्रिवेणी संग्रहालय उज्जैन स्थानांतरित की गई है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। नवीन पर्यटन नीति 2016 के तहत प्रदेश में पर्यटन विकास की समग्र योजना है। किसी स्थल विशेष को पर्यटन स्थल घोषित करने का प्रावधान नहीं है। (ग) उतरांश ''ख'' अनुसार।
म.प्र वि.क द्वारा प्रीपेड मीटर की खरीदी
[ऊर्जा]
82. ( क्र. 2941 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2013 के पश्चात् म.प्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर द्वारा कितने प्री-पेड विद्युत मीटर की खरीदी कब-कब की गई? इन विद्युत मीटरों को क्रय करने के लिये कितना-कितना व्यय कब-कब किया गया जानकारी देवें? (ख) प्रीपेड विद्युत मीटर खरीदने का औचित्य क्या है क्या ये विद्युत प्रीपेड मीटर सरकारी कनेक्शनों/उपभोक्ता हेतु खरीदे गये थे? कुल कितने विद्युत प्रीपेड मीटर किस कम्पनी के उक्त अवधि से प्रश्न दिनांक लगाए गए है क्या यह प्रीपेड मीटर सही कार्य कर रहे है क्या इन मीटर को जिन उद्देश्य से लगाया गया था उसकी पूर्ति हो रही है? (ग) प्रीपेड मीटर को विद्युत वितरण कम्पनी किस प्रकार रिचार्ज करती है इनके संचालन की क्या व्यवस्था है क्या प्रीपेड प्रणाली में कोई सुधार की गुंजाइश है यदि नहीं, तो क्या सम्पूर्ण प्रदेश में प्रीपेड मीटर लगाने की कोई योजना प्रचलन में है यदि हाँ, तो अवगत कराये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 01 अप्रैल-2013 के पश्चात् म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर द्वारा क्रय किए गए प्रीपेड विद्युत मीटरों की जानकारी निरंक है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। वर्तमान में प्रदेश में प्रीपेड विद्युत मीटर लगाने की कोई योजना प्रचलन में नहीं है।
पंजीबद्ध दस्तावेजों पर मुद्रांक शुल्क की गणना
[वाणिज्यिक कर]
83. ( क्र. 2942 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.मुद्रांक अधिमियम के तहत पंजीबद्ध किये जाने वाले दस्तावेजों पर मुद्रांक शुल्क की गणना सम्पत्ति के दस्तावेज पंजीयन की दिनांक को हो रहे वास्तविक उपयोग के आधार पर की जानी चाहिए अथवा भविष्य के संभावित अथवा उल्लेखित उद्देश्य के आधार पर? (ख) मुद्रांक अधिनियम कौन सा ऐसा प्रावधान है जिसके तहत भविष्य के संभावित अथवा दस्तावेज में भविष्य के उद्देश्य में लिखित उपयोग के आधार पर सम्पत्ति की मालकियत निर्धारण की जा सकती है चाहे दस्तावेज के निष्पादन अथवा पंजीयन दिनांक को सम्पत्ति का उपयोग कुछ अलग ही हो रहा है? (ग) राज्य में विकास अनुबंधो में सम्पत्ति का दस्तावेज निष्पादन अथवा पंजीयन दिनांक का उपयोग कृषि हेतु होना सिद्ध होने पर भी महालेखाकार दलों द्वारा भूमि का आवासीय उद्देश्य होना मानते हुए, गठित आक्षेपों पर विभाग का क्या दृष्टिकोण ह? क्या विभाग इस गलती को सुधारने का विचार कर रहा ह?यदि हाँ, तो क्या?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दस्तावेज पंजीयन अधिनियम के अंतर्गत पंजीबद्ध किए जाते हैं तथा उन पर प्रभार्य मुद्रांक शुल्क की गणना दस्तावेज में वर्णित तथ्यों के आधार पर एवं स्टाम्प अनुसूची 1 (क) के संगत अनुच्छेद में वर्णित प्रावधानों के अनुसार की जाती है। (ख) मुद्रांक अधिनियम के अंतर्गत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ग) विकास अनुबंधों के दस्तावेजों के संबंध में महालेखाकार दलों द्वारा ली गई आपत्तियों के परिप्रेक्ष्य में संबंधित कलेक्टर आफ स्टाम्प द्वारा मुद्रांक अधिनियम के प्रावधानों के अधीन प्रकरण की समुचित जाँच व परीक्षण उपरांत दस्तावेज पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क के संबंध में निर्णय किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राचीन धरोहर का संरक्षण
[संस्कृति]
84. ( क्र. 2979 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत स्थित प्राचीन धरोहर होल्कर छत्री, हिंगलाजगढ़ किला, इन्द्रगढ़, चतुर्भुज नाथ महादेव, पोलाडुगर, दुधाखेड़ी माताजी एवं छोटे बड़े महादेव जो कि पुरातत्व महत्व की प्राचीन एवं एतिहासिक धरोहरों के संरक्षण एवं रखरखाव के संबंध में विभाग द्वारा कोई योजना बनाई हैं। (ख) यदि हाँ, तो इन धरोहरों के संरक्षण हेतु क्या-क्या कार्य किए जा रहे हैं। यदि नहीं, तो क्या विभाग इन प्राचीन स्थानों हेतु आवश्यक मरम्मत, विद्युत व्यवस्था कराएगा यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) गरोठ विधानसभा अंतर्गत इस विभाग द्वारा राज्य संरक्षित स्मारक यथा होल्कर छत्री, हिंगलाजगढ़ किला, पोलाडुगंर के अनुरक्षण एवं विकास कार्य कराये जाने की योजना है. इन्दगढ़ पर कोई कार्य योजना नहीं है. चतुर्भुजनाथ महादेव, दुधाखेड़ी माताजी एवं छोटे बड़े महादेव विभाग द्वारा संरक्षित नहीं होने से कोई योजना नहीं है. (ख) राज्य संरक्षित स्मारक होल्कर छत्री के अनुरक्षण एवं विकास/रखरखाव कार्य की निविदा कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है. निविदा स्वीकृति पश्चात् कार्य करावे जायेंगे. हिंगलाजगढ़ किले की दीवारों का अनुरक्षण कार्य, प्लीथप्रोटेक्शन, कचहरी महल, पाटन गेट, रानी महल आदि के अनुरक्षण एवं पर्यटकों की सुविधा हेतु अन्य विकास कार्य कराये जा रहे है. पोलाडुंगर के अनुरक्षण एवं विकास कार्य की निविदा जारी की जा चुकी है. चतुर्भुजनाथ महादेव, दुधाखेड़ी माताजी एवं छोटे बड़े महादेव विभाग द्वारा संरक्षित नहीं होने के कारण कोई कार्य योजना नहीं है. इन प्राचीन स्थानों हेतु आवश्यक मरम्मत, विद्युत व्यवस्था, देखरेख, स्थानीय प्रशासन/ समिति/ट्रस्ट द्वारा कराई जाती है. समय-सीमा बताना संभव नहीं है.
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन एवं पोषण आहार के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
85. ( क्र. 2980 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र गरोठ अन्तर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं और कितने नियमित रूप से संचालित हो रहे हैं वर्तमान में यह केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हो रहे हैं, कितने केन्द्र है जिनके भवन नहीं हैं, कितने ऐसे केन्द्र हैं जो किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं। (ख) क्या शासन इन केन्द्रों के लिए भवन स्वीकृत करेगा। यदि हाँ, तो कब तक। (ग) मंदसौर जिले के नगरीय क्षेत्र में संचालित केन्द्रों में कुल कितने बच्चे दर्ज हैं, इनका पोषण आहार कहाँ तैयार किया जाता हैं, क्या नगरीय क्षेत्र में शासन द्वारा कोई किचन शेड का निर्माण कराया गया हैं। यदि नहीं, तो क्या शासन निर्माण करवाएगा यदि हाँ, तो कब तक।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गरोठ अन्तर्गत कुल 425 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है, 422 आंगनवाड़ी केन्द्र वर्तमान में नियमित रूप से संचालित हो रहे है। 03 आंगनवाड़ी केन्द्र नवीन स्वीकृत हैं किन्तु आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति की चयन प्रक्रिया में आपत्ति होने के कारण केन्द्र संचालित नहीं हैं। संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 364 आंगनवाड़ी केन्द्र हैं एवं 58 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। वर्तमान में 74 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 37 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 311 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे है। (ख) विधानसभा क्षेत्र गरोठ के 24 आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु भवन निर्माण के प्रस्ताव मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई./गैर आई.पी.पी.ई. विकासखण्ड में) शामिल किये गये हैं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) मंदसौर जिले के नगरीय क्षेत्र में संचालित केन्द्रों में कुल 24025 बच्चे दर्ज है, इनका पोषण आहार विद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये कक्ष में तैयार किया जाता है। शासन द्वारा किचन शेड का निर्माण नहीं कराया गया है। किचन शेड निर्माण की विभाग में कोई कार्ययोजना नहीं हैं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उप पंजीयक कार्यालय के अभिलेख
[वाणिज्यिक कर]
86. ( क्र. 3048 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 72 (क्रमांक 984), दिनांक 6.12.2016 के जवाब में जिला पंजीयक उज्जैन द्वारा सभी उपपंजीयक को प्रेषित किये गये पत्र दिनांक 22.11.2016 की प्रति उपलब्ध कराते हुये, उक्त पत्र के पालन में संबंधित उप पंजीयक कार्यालयों द्वारा की गई कार्यवाही का संपूर्ण ब्यौरा मय दस्तावेजों के उपपंजीयक कार्यालयवार प्रस्तुत करें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) कार्यालय वरिष्ठ जिला पंजीयक, जिला उज्जैन का उप पंजीयक कार्यालय को लिखा गया पत्र क्रमांक क्यू/जि.पं./बा.मू./गा.ला./2016, दिनांक 22/11/2016 संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। पत्र के परिपालन में सबंधित कार्यालयों की कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
ई-पंजीयन योजना
[वाणिज्यिक कर]
87. ( क्र. 3050 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ई-पंजीयन योजना लागू होने के पश्चात् बैंक द्वारा कृषकों को प्रदत्त किये जाने वाले ऋण के संबंध में बंधक विलेख (प्रारूप 5) को ई-पंजीकृत कराये जाने के संबंध में ई-पंजीयन सॉफ्टवेयर में क्या प्रावधान रखे गये है, 1 जुलाई 2015 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले के समस्त उपपंजीयक कार्यालयों में बंधक विलेख प्रारूप 5 की प्रविष्टि किस प्रकार की जा रही है?। (ख) यदि प्रश्नांश (क) का जवाब नहीं है तो बैंको द्वारा कृषकों को दिये जाने वाले ऋण के संबंध में बंधक विलेख (प्रारूप 5) को ई-पंजीकृत कराये जाने के लिए क्या कोई कार्ययोजना बनाई जा रही है?यदि हाँ, तो ब्यौरा प्रस्तुत करें। यदि नहीं, तो कब तक इस प्रकार की योजना बनाई जावेगी? (ग) ई-पंजीयन योजना लागू होने के पश्चात् भी बैंको द्वारा कृषकों को दिये जाने वाले ऋण के संबंध में बंधक विलेख (प्रारूप 5) को ई-पंजीकृत नहीं कराते हुए सूची क्रमांक 02 में हस्तलिपि में लिपिबद्ध कराने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) ई-पंजीयन सॉफ्टवेयर में बैंक द्वारा कृषकों को प्रदत्त किए जाने वाले ऋण के संबंध में बंधक विलेख (प्रारूप 5) के ई-पंजीयन का प्रावधान है, जो पंजीयन अधिनियम की धारा 60 के अंतर्गत संपादित किया जाता है। बंधक विलेखों के ई-पंजीयन की कार्य प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी संपदा पोर्टल www.mpigr.gov.in पर देखी जा सकती है। उज्जैन जिले के समस्त उप पंजीयक कार्यालयों में दिनांक 01/07/2015 से प्रश्न दिनांक तक बंधक विलेख (प्रारूप 5) के दस्तावेज जो फाइलिंग हेतु प्रस्तुत हुए उनकी मेन्युअल फाइलिंग पंजीयन अधिनियम की धारा 89 के प्रावधानों के तहत की जा रही है। (ख) बंधक विलेख (प्रारूप 5) पंजीयन हेतु प्रस्तुत होने पर उसके ई-पंजीयन की व्यवस्था है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ई-पंजीयन योजना का क्रियान्वयन
[वाणिज्यिक कर]
88. ( क्र. 3051 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये परि.अता. प्रश्न संख्या 73 (क्रमांक 985) दिनांक 6.12.2016 के जवाब में ई-पंजीयन योजना लागू होने के पश्चात् की अवधि में बैंक द्वारा अधिकृत अभिभाषकों को दस्तावेजों की सर्च किये जाने हेतु पंजीयन विभाग के पोर्टल www.mpigr.gov.in पर सर्च की सुविधा उपलब्ध होना बताया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का जवाब हाँ है तो क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा बैंकों के अधिकृत अभिभाषकों को सर्च हेतु राशि में छूट प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो उक्त छूट के अनुसार ई-पंजीयन योजना में सर्च के क्या प्रावधान रखे गये हैं तथा किस प्रकार छूट के ई-पंजीयन योजना की अवधि में पंजीकृत दस्तावेजों की सर्च की जा सकती है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। ई-पंजीयन प्रणाली में नि:शुल्क सर्च का प्रावधान रखा गया है, अतएव समस्त प्रयोक्ताओं को सर्च की राशि से छूट प्राप्त है जिसमें बैंकों द्वारा अधिकृत अभिभाषक भी शामिल है। सर्च की प्रक्रिया से संबंधित जानकारी की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पंजीयन शुल्क एवं वाणिज्य कर की प्राप्त राशि
[वाणिज्यिक कर]
89. ( क्र. 3065 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 09 नवम्बर-2016 से उत्तर प्राप्त करने के दिनांक तक पंजीयन शुल्क कुल कितना प्राप्त हुआ वर्ष 2015 में इसी अवधि में प्राप्त हुए पंजीयन शुल्क की जानकारी दें। (ख) उक्त अवधि में प्रदेश को प्राप्त वाणिज्यक कर की जानकारी दें तथा यह भी बतायें कि सन् 2015 में इस अवधि में कितना वाणिज्यक कर प्राप्त हुआ है? (ग) नोटबंदी से शराब की बिक्री (देशी तथा अंग्रेजी) पर पड़ने वाले असर की जानकारी दें? (घ) कैशलेस प्रणाली के प्रचलन में आने पर वाणिज्यिक करों की चोरी कम करने में मिलने वाली मदद को दृष्टिगत रखते हुये विभाग कैशलेस को बढ़ावा देनें क्या-क्या उपाय करने जा रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) 09 नवम्बर 2016 से उत्तर प्राप्त करने के दिनांक तक (अर्थात 09/11/2016 से 09/02/2017 तक) विभाग को कुल 81.57 करोड़ पंजीयन शुल्क के रूप में प्राप्त हुये जबकि गत वर्ष इसी अवधि में रूपये 87.57 करोड़ पंजीयन शुल्क के रूप में प्राप्त हुये थे। (ख) दिनांक 09 नवम्बर 2016 के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक विगत वर्ष में नवम्बर 2015 के बाद से प्राप्त कुल राजस्व वसूली एवं कमी/वृद्धि निम्नानुसार है :-
(राशि करोड़ में)
माह का नाम |
वर्ष 2015-16 |
वर्ष 2016-17 में प्राप्त राजस्व (प्रावधिक) |
कमी/वृद्धि का प्रतिशत |
नवम्बर |
1910.40 |
2383.57 |
24.77 |
दिसम्बर |
1899.36 |
2129.82 |
12.13 |
जनवरी |
2085.87 |
2387.03 |
14.44 |
(ग) शराब की बिक्री पर नोटबंदी के असर का परीक्षण करने के लिए आबकारी विभाग में कोई विशिष्ट सूत्र नहीं है। तथापि सुलभ संदर्भ हेतु देशी/विदेशी मदिरा की खपत का विवरण निम्नानुसार है:-
माह |
देशी
मदिरा |
स्प्रिट |
बीयर (बल्क लीटर) |
नवम्बर 2015 |
9859707 |
4375944 |
8298191 |
नवम्बर 2016 |
10015218 |
4182577 |
6144711 |
दिसम्बर 2015 |
10136343 |
4817472 |
6224281 |
दिसम्बर 2016 |
9362887 |
4210134 |
5384334 |
(घ) 'संपदा' परियोजनांतर्गत ई-स्टाम्प का भुगतान पूर्व से ही कैशलेश व्यवस्था के अनुरूप आनलाईन है। कैशलेश व्यवस्था को बढ़ावा दिये जाने के उददेश्य से विभाग द्वारा पंजीयन फीस भी 26 जनवरी 2017 से आनलाईन किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। वाणिज्यिक कर में नगद रहित समव्यवहारों को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से पी.ओ.एस. मशीन को करमुक्त किया गया है। विभाग में समस्त करों का भुगतान बैंक के माध्यम से एवं डिजीटल सिस्टम से प्राप्त किया जाता है। आबकारी विभाग में जमा की जाने योग्य राशियां नगद रूप में जमा नहीं कराई जा रही है। कैशलेश को बढ़ावा देने की दृष्टि से इस वर्ष 2017-18 के लिए मदिरा दुकानों का निष्पादन ई-टेंण्डर से कराया जा रहा है तथा आबकारी राजस्व भी ई-बैंकिग के माध्यम से जमा कराया जा रहा है।
विद्युत क्षय को रोकने के उपाय
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 3066 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में ऊर्जा क्षय औसतन कितना प्रतिशत है? विगत पाँच वर्षों के ऊर्जा क्षय के आंकड़े बताएं? (ख) ऊर्जा क्षय को रोकने के लिये पुराने विद्युत उपकरणों को बदलने पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था कर बेहत्तर मेन्टनेंस करने जैसे ऐसे कौन-कौन से उपाय विभाग करेगा जिससे विद्युत क्षय कम किया जा सके? (ग) बढ़ते ऊर्जा क्षय के कारण विद्युत उपभोक्ताओं पर अनावश्यक पड़ने वाले वित्तीय भार के लिए कौन जिम्मेदार है, जबकि विद्युत वितरण का बेहतर प्रबंधन कर विद्युत क्षय रोकना विद्युत कंपनियों की जिम्मेदारी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 में पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत ऊर्जा क्षय (वितरण हानि) का प्रावधिक औसत प्रतिशत क्रमश: 28.56% (माह दिसम्बर तक), 44.68% (माह नवम्बर तक) एवं 15.80% (माह दिसम्बर तक) है। म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के ऊर्जा क्षय (ट्रांसमिशन हानि) का प्रावधिक औसत प्रतिशत माह दिसम्बर तक 2.76% है। प्रदेश की तीनों वितरण कम्पनियों एवं म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के विगत पाँच वर्षों के ऊर्जा क्षय के आंकड़े निम्नानुसार है : -
वर्ष |
वितरण हानि (प्रतिशत में) |
पॉवर टाँसमिशन कंपनी की ट्रांसमिशन हानि (प्रतिशत में) |
||
|
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी |
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी |
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी |
|
2011-12 |
30.40 |
37.79 |
25.12 |
3.51 |
2012-13 |
26.02 |
31.94 |
24.50 |
3.30 |
2013-14 |
23.68 |
29.61 |
23.67 |
3.00 |
2014-15 |
21.69 |
30.15 |
21.91 |
2.82 |
2015-16 |
22.65 |
28.65 |
22.58 |
2.88 |
(ख) ऊर्जा क्षय को कम करने के लिये वितरण कंपनियों द्वारा दैनिक सुधार/रख-रखाव के कार्यों के अलावा वृहद योजनाओं के तहत टर्न-की आधार पर विद्युत अधोसंरचना में सुधार/उन्नयन के कार्य कराए जाते हैं, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त भविष्य में ऊर्जा क्षय को कम करने के लिये अधिक हानियों वाले स्थानों को चिन्हित कर इसे कम करने हेतु वृहद परियोजनाओं के अंतर्गत निविदा टर्न-की आधार पर भविष्य में किये जाने हेतु प्रस्तावित कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विद्युत दरों का निर्धारण म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है। आयोग द्वारा दर निर्धारण हेतु ऊर्जा क्षय (वितरण हानि) के लिये निर्धारित मापदण्डों के आधार पर आंकलित हानियों को दृष्टिगत रखा जाता है, न कि वास्तविक हानियों को। निर्धारित मापदण्डों के अनुसार आंकलित हानियों से अधिक हानि होने पर बढ़ी हुई हानि के कारण पड़ने वाले वित्तीय भार का उपभोक्ता पर कोई असर नहीं पड़ता है, अपितु यह वित्तीय भार वितरण कम्पनी को स्वयं वहन करना पड़ता है। विद्युत कम्पनियों के क्षेत्रान्तर्गत वितरण एवं तकनीकी हानियों में उत्तरांश ''ख'' अनुसार वर्णित उपायों के परिणाम स्वरूप वर्ष 2011-12 की तुलना में वर्ष 2015-16 में कमी परिलक्षित हुई है एवं भविष्य में भी कमी लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
विभागीय पदोन्नति दिये जाने के नियम
[नर्मदा घाटी विकास]
91. ( क्र. 3079 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना जबलपुर के अतंर्गत वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनांक तक कितने चतुर्थ श्रेणी नियमित कर्मचारियों को कब-कब पदोन्नति दी गई है एवं कितनों को नहीं दी गई? जानकारी कारण सहित दी जावे? (ख) वर्णित (क) की संस्था में कितने तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद स्वीकृत कार्यरत एवं रिक्त हैं? यदि पद रिक्त है तो विभाग द्वारा डी.पी.सी. कर कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ग) वर्णित (क) की संस्था में योग्यताधारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति किये जाने हेतु वरिष्ठ कार्यालयों से कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि पदोन्नति नहीं की गई?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) (1) वर्ष 2008-09 में 10 भृत्यों को दफ्तरी के पद पर माह 07/2008 में पदोन्नति प्रदान की गई है तथा 03 भृत्यों को अपात्र पाये जाने के कारण पदोन्नति नहीं दी गई है। (2) . वर्ष 2011-12 में 06 भृत्यों को माह 12/2011 में पदोन्नति प्रदान की गई है तथा 01 भृत्य को अपात्र पाये जाने के कारण पदोन्नति नहीं दी गई है। (3) वर्ष 2013-14 में 01 भृत्य को माह 07/2013 में पदोन्नति प्रदान की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। मुख्य अभियंता, रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना, जबलपुर संरचना के सभी पद जल संसाधन विभाग के हैं। प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक 3324060/363/2013 दिनांक 11/06/2014 द्वारा यह निर्देश जारी किये गये हैं कि तृतीय वर्ग (लिपिक) एवं चतुर्थ वर्ग (भृत्य) तथा अन्य संवर्ग के कर्मचारियों को सांख्येतर घोषित किये जाने के कारण रिक्त पदों को रिक्त न माना जावे, जिसके कारण रिक्त पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जी हाँ। शेष उत्तरांश (ख) अनुसार।
ई-रजिस्ट्री से प्राप्त राजस्व
[वाणिज्यिक कर]
92. ( क्र. 3097 ) कुँवर
सौरभ सिंह :
क्या वित्त
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश में
ई-रजिस्ट्री
किये जाने का
प्रावधान
किया गया था? प्रावधान
की प्रति दें।
कटनी जिले में
प्रावधान के
पहले विगत 03 वर्षों
में कितना
राजस्व
प्राप्त हुआ
था? ई-रजिस्ट्री
के पश्चात
किन-किन माहों
में प्रश्न
दिनांक तक गत
माहों की
तुलना में
कितना राजस्व
प्राप्त हुआ? माहवार
विवरण दें? (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में शासन को
ई-रजिस्ट्री
प्रथा लागू
करने से कितनी
आर्थिक क्षति हुई
तथा ई-रजिस्ट्री
करने में
उपभोक्ताओं
को कितनी
परेशानियों
का समाना करना
पड़ा? इस
आशय की कटनी
जिले में
कितनी
शिकायतें
कलेक्टर कटनी
को प्राप्त
हुई एवं उन पर
क्या
कार्यवाही की
गई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार
विवरण दें? (ग) विगत
03 वर्षों
में अंकेक्षण
में किन-किन
रजिस्ट्रियों
में दाण्डिक स्टॉम्प
ड्यूटी लगाई
गई? रजिस्ट्रीवार, व्यक्तिवार
विवरण दें? ई-रजिस्ट्री
से शासन को
होने वाले नुकसान
को कौन पूरा
करेगा? इसके
लिये कौन दोषी
है? उसके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
वित्त
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश
में ई-रजिस्ट्री
का प्रावधान
दिनांक 01/08/2015 से
किया गया है।
अधिसूचना की
छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'अ'
अनुसार
है। कटनी जिले
में प्रावधान
के पहले विगत 3 वर्षों
में प्राप्त
राजस्व की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'ब'
अनुसार
है। ई-रजिस्ट्री
के पश्चात
माह जनवरी 2017 तक
माहवार
प्राप्त
राजस्व की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'स'
अनुसार
है। (ख) ई-रजिस्ट्री
प्रथा लागू
करने से कटनी
जिले में वित्तीय
वर्ष 2015-16
में गत वर्ष
की तुलना में 9.31 करोड़ के
राजस्व की वृद्धि
हुई तथा
ई-रजिस्ट्री
करने में
उपभोक्ताओं
को कोई
परेशानी नहीं
रही है और न ही
कलेक्टर
कटनी को इस बाबत्
कोई शिकायत
प्राप्त
हुई। (ग) विगत 3 वर्षों
में कटनी जिले
में अंकेक्षण
दल ग्वालियर
द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15 में
परीक्षण किया
गया, जिसमें
उन्होंने स्टॉम्प
शुल्क की कमी
पाई गई, रजिस्ट्री
में दाण्डिक स्टॉम्प
डयूटी का कोई
प्रकरण नहीं
है, जानकारी
की छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'द'
अनुसार
है।
अ.जा. एवं अ.जजा किसानों को सिंचाई हेतु विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
93. ( क्र. 3098 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अ.आ./अ.ज.जा. कृषकों को कृषक अनुदान योजनान्तर्गत एवं मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजनान्तर्गत नि:शुल्क स्थायी पम्प कनेक्शन देने का एवं ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक कितने आवेदन प्राप्त हुये? कितने किसानों को स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान किये गये एवं कितने वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये? ग्रामवार विवरण देवें। (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अधीक्षण अभियंता/कार्यपालन अभियंता (संचारण/संधारण) कटनी को लिखे गये पत्र क्रमांक 799 दिनांक 07.08.15 एवं क्रमांक 3041 दिनांक 08.02.16 पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही गई? कार्यवाहीवार विवरण दें। (घ) क्या कार्यपालन अभियंता (संचारण-संधारण) म.प्र.पू.क्षे. कटनी के पत्र क्रमांक 1516 दिनांक 23.08.16 के माध्यम से फंड के आभाव में सिंचाई के लिये ट्रांसफॉर्मर एवं विद्युत लाइन की व्यवस्था न होने का लेख किया गया? यदि हाँ, तो जिले की विधान सभा क्षेत्र बहोरीबंद के लंबित विद्युत प्रकरणों पर कब तक कनेक्शन उपलब्ध करा दिये जावेंगे? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। अपितु अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के लघु एवं सीमान्त कृषकों (2 हेक्टेयर से कम भूमि धारक) को रू. 5,000/- प्रति अश्वशक्ति एवं अन्य को रू. 7,000/- प्रति अश्वशक्ति की दर से राशि जमा करने पर मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना अंतर्गत स्थायी पम्प कनेक्शन देने का प्रावधान है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा कार्यपालन यंत्री म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड कटनी को लिखे गये प्रश्न में उल्लेखित पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
पत्र क. |
विवरण |
की गई कार्यवाही |
1 |
3041 दिनांक 08/02/16 |
ग्राम मोहनिया (नीम) के दो आदिवासी कृषकों के खेतों में लाइन विस्तार कर विद्युत लाइन एवं ट्रांसफार्मर की व्यवस्था। |
जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग कटनी को पत्र क्र. 3579 दिनांक 15/2/16 के तहत मद आवंटन हेतु लेख किया गया, मद आवंटन अप्राप्त है। |
2 |
799 दिनांक 7/8/16 (दिनांक 07/08/15 नहीं) |
उपरोक्त प्रकरण में स्मरण पत्र जारी किया गया |
पत्र क्र. 1516 दिनांक 23/08/16 के माध्यम से माननीय विधायक महोदय को कृत कार्यवाही से अवगत कराया गया। |
(घ) जी हाँ, कार्यपालन अभियंता (संचारण/संधारण) कटनी द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को अवगत कराया गया था कि प्रश्नाधीन आदिवासी कृषकों के पम्प कार्य करने के लिये आदिम जाति कल्याण विभाग कटनी को आवश्यक फंड प्रदान करने हेतु लेख किया गया है। वितरण कम्पनी द्वारा आदिवासी कृषकों को उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' में अंश राशि जमा करने पर पम्प कनेक्शन प्रदान किया जाता है। तथापि आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग को आवंटित फंड से पम्प कनेक्शन कराये जाते हैं। बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र के अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के लंबित विद्युत पम्प कनेक्शन के प्रकरणों पर कार्यवाही आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा की जानी है, अत: समय-सीमा बताने तथा कम्पनी के किसी अधिकारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
94. ( क्र. 3109 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत विभाग द्वारा अ.जा./अ.ज.जा. किसानों को कृषक अनुदान योजना के अतंर्गत नि:शुल्क स्थायी पम्प कनेक्शन उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो सतना जिले के नागौद विधान सभा अंतर्गत कितने किसानों को कितने विद्युत कनेक्शन नि:शुल्क उपलब्ध कराये गये है? वर्ष 2012-13 से वर्षवार, विकासखण्डवार विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में चिन्हित किसानों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध न कराने के लिये कौन-कौन दोषी है? (घ) सतना जिले के नागौद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए अवधिवार बताएं तथा उक्त ट्रांसफार्मर कब ठीक हुए? खराब और ठीक होने की अवधि के बीच कितना अंतराल था? क्या उक्त अंतराल अवधि के विद्युत देयक दिये गये हैं इसके लिए कौन दोषी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता है। (घ) सतना जिले के नागौद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में (जनवरी 2017 तक) वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने एवं बदलने का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिन जले/खराब ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का नियमानुसार भुगतान नहीं किया गया उनको नियमानुसार भुगतान प्राप्त होने पर ही बदला जाता है। बकाया राशि के कारण ट्रांसफार्मर से विद्युत प्रदाय बंद होने पर म.प्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत देयक जारी किये जाते हैं। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
पोषण आहार वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
95. ( क्र. 3110 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी एवं सतना जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत आई.सी.डी.एस. कटनी एवं सतना द्वारा (शहरी) परियोजना में पूरक आहार प्रदाय हेतु वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्व-सहायता समूहों से अनुबंध किए गए हैं? (ख) कटनी एवं सतना के किन वार्डों में किन स्व-सहायता समूहों द्वारा कितने बच्चों को पोषण आहार वितरित किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या कोई शिकायत प्राप्त हुई है, तो शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) कटनी एवं सतना जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना कटनी (शहरी) एवं सतना (शहरी) में वर्ष 2014 से पूरक पोषण आहार प्रदाय करने वाले अनुबंधित किए गए स्व-सहायता समूहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) कटनी एवं सतना जिले में एकीकृत बाल विकास परियोजना कटनी/सतना शहरी अंतर्गत वर्ष 2014 से स्व-सहायता समूहों द्वारा वितरित पोषण आहार से लाभांवित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में कटनी एवं सतना जिले में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिजली कंपनियों द्वारा बिजली की खरीदी
[ऊर्जा]
96. ( क्र. 3118 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16,2016-17, जनवरी,17 तक कुल कितनी बिजली किन-किन स्त्रोतों से खरीदी एवं कुल धन राशि का भुगतान किया माहवार विवरण दीजिये?। (ख) उपरोक्त अवधि में वितरण कंपनियों द्वारा अपने उपभोक्ताओं को बिजली बेचकर कितनी धन राशि अर्जित की गयी माहवार जानकारी दीजिये?। (ग) विगत वित्तीय वर्ष 2015-16 से 1 जनवरी, 17 तक में वितरण कंपनियों को अंकेक्षित लेखा के आधार पर कितना लाभ एवं घाटा हुआ?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एम.पी. पॉवर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 में दिसम्बर, 2016 तक उपलब्ध (जनवरी 2017 नहीं) स्त्रोतवार विद्युत क्रय एवं भुगतान की गई धन-राशि का वर्षवार, माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ख) उपरोक्त अवधि में वितरण कंपनियों द्वारा अपने उपभोक्ताओं को विद्युत विक्रय द्वारा अर्जित की गयी धन-राशि की माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। (ग) विगत वित्तीय वर्ष 2015-16 में अंकेक्षित लेखा के आधार पर तीनों वितरण कंपनियों यथा पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र को क्रमश: 1616.91, 2597.14 एवं 1207.01 करोड़ रूपये का घाटा हुआ है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के अंकेक्षित लेखे वित्तीय वर्ष 2017-18 में उपलब्ध होंगे।
ऊर्जा मंत्री के आदेशों का पालन
[ऊर्जा]
97. ( क्र. 3130 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय ऊर्जा मंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन के द्वारा पत्र क्रमांक 390 दिनांक 28.09.2016 के माध्यम से श्री रामखिलावन शर्मा, सहायक यंत्री एवं श्री रंजीत साहू, कनिष्ठ यंत्री का छिन्दवाड़ा जिले से बाहर किया गया? स्थानांतरण निरस्त किये जाने के आदेश प्रबंध संचालक म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. जबलपुर को दिया गया था। (ख) यदि हाँ, तो क्या के आदेश का पालन किया गया? नहीं तो क्यों? (ग) क्या उक्त आदेश म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. के अधिकारियों पर बंधनकारी है? यदि हाँ, तो आदेश का पालन न करने के लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है और उनके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) क्या शासन माननीय मंत्री महोदय के उक्त आदेश का पालन करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री रामखिलावन शर्मा, सहायक अभियंता द्वारा स्थानान्तरण के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में रिट पिटीशन क्रमांक 15326/2016 एवं तत्पश्चात रिट-अपील क्रमांक 642/2016 दायर की गई। माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार श्री शर्मा का स्थानान्तरण निरस्त नहीं किया गया है। श्री रंजीत साहू, कनिष्ठ अभियंता द्वारा स्थानान्तरण के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में रिट-पिटीशन क्रमांक 15328/2016 प्रस्तुत की गई, जिसे माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 18.10.2016 द्वारा निरस्त किया गया। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन दोनों स्थानान्तरण निरस्त नहीं किये गये हैं। (ग) श्री रामखिलावन शर्मा, सहायक अभियंता एवं श्री रंजीत साहू, कनिष्ठ अभियंता का स्थानान्तरण प्रशासनिक दृष्टिकोण से किया गया तथा प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन रहा। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखानुसार प्रश्नाधीन प्रश्नों पर माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के आदेश के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की गई है। अत: प्रकरण में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
खेती के लिए बिजली का प्रदाय
[ऊर्जा]
98. ( क्र. 3134 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में किसानों के खेती के लिए कितने घंटे बिजली देने का प्रावधान है? किसानों को निश्चित समय बिजली प्रदाय की स्थिति में यदि कोई व्यवधान आता है, तो क्या बाद में उसकी पूर्ति विभाग द्वारा किये जाने का कोई प्रावधान है? यदि नहीं, तो उतने कम घंटे बिजली किसान को मिल रही है तो उसका जिम्मेदार कौन है? (ख) किसानों को निर्धारित समयावधि तक बिजली उपलब्ध हो उसके लिये विभाग की जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी को पूर्ण करने हेतु विभाग की क्या कोई कार्य योजना है? यदि है तो अवगत करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्तमान में अनूपपुर जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में कृषि फीडरों पर 10 घण्टे 3 फेज पर विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। उक्तानुसार निर्धारित अवधि में यदि प्राकृतिक आपदा अथवा तकनीकी कारणों से कोई आकस्मिक व्यवधान आता है तो बाद में उसकी पूर्ति किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हाँ, कृषि कार्य हेतु निर्धारित विद्युत विनियमों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने हेतु वितरण कंपनियों द्वारा हर संभव कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में कृषि कार्य हेतु प्रदेश में कृषि फीडरों पर 10 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। गुणवत्ता पूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने हेतु विद्यमान अधोसंरचना/प्रणाली के आवश्यकतानुसार सुदृढ़ीकरण के कार्य किये जाते है तथा समय-समय पर लाइनों एवं उपकरणों के रख-रखाव का कार्य किया जाता है। साथ ही कृषि कार्य हेतु निर्धारित अवधि हेतु विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 11 के.व्ही. फीडरों के एम.आर.आई. डाटा की मासिक समीक्षा की जाती है।
सहायक ग्रेड-३ सह कम्प्यूटर ऑपरेटरों का वेतनमान
[महिला एवं बाल विकास]
99. ( क्र. 3202 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. में लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत नियुक्त सहायक ग्रेड-३ सह कम्प्यूटर ऑपरेटरों के पद हेतु विज्ञप्ति 2012 में निकाली गयी थी? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा निकाली गयी विज्ञप्ति की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) यदि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विज्ञप्ति केवल सहायक ग्रेड -३ के पदों के लिए थी तो इस पद के साथ 'सह कम्प्यूटर ऑपरेटर' किस आदेश के तहत तथा क्यों जोड़ा गया? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटरों के पद का ग्रेड पे रू. 2400 है? यदि हाँ, तो लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत नियुक्त सहायक ग्रेड-३ सह कम्प्यूटर ऑपरेटरों को रू. 1900 ग्रेड पे क्यों दिया जा रहा है? यदि अन्य कम्प्यूटर ऑपरेटरों के समान ग्रेड पे नहीं दिया जा रहा है तो पद के साथ 'सह कम्प्यूटर ऑपरेटर' लगाने का क्या औचित्य है? (घ) यदि सहायक ग्रेड-३ सह कम्प्यूटर ऑपरेटर लिपिकों की श्रेणी में आते हैं तो क्या अन्य लिपिकों की भॉति इन्हें भी विभाग की अन्य संस्थाओं/परियोजनाओं में स्थानांतरण किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एवं (ख) जी, नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी, हाँ। विभाग में लाड़ली लक्ष्मी योजना अन्तर्गत 453 सहायक ग्रेड-3 सह कम्प्यूटर आपरेटर के पद स्वीकृत हुए है, जिनका ग्रेड-पे 1900/- है। कम्प्यूटर आपरेटर एवं सहायक ग्रेड-3 सह कम्प्यूटर आपरेटर ये दोनों पद भिन्न-भिन्न है एवं इनकी शैक्षणिक योग्यता भी भिन्न-भिन्न है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुडवारा विधान सभा में स्वीकृत विभागीय कार्य
[ऊर्जा]
100. ( क्र. 3211 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा जनवरी-2016 से प्रश्न-दिनांक तक अधीक्षण यंत्री कटनी एवं कार्यपालन यंत्री कटनी को कब-कब पत्र प्रेषित किये गये? संबंधितों द्वारा नियमानुसार पत्रों की अभिस्वीकृति कब प्रदान की गई? कृत कार्यवाही से कब-कब अवगत कराया गया? पत्रवार विवरण देवें। (ख) मुडवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पं.दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत ग्रामीण विद्युतीकरण के कार्य विगत तीन वर्षों में कब-कब स्वीकृत हुये हैं, उपरोक्त कार्यों में से कितने कार्य अब तक पूर्ण हो गये एवं कितने कार्य किन कारणों से अब तक अपूर्ण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार कार्यों को किन एजेंसियों के माध्यम से कराया गया, कार्य की लागत एवं किन-किन स्थल पर स्वीकृत किये गये, कार्यपूर्णता समयावधि क्या थी और अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (घ) क्या विद्युत ट्रांसफार्मरों की स्थापना केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण विनियम 2010 के तहत की जाती है? यदि हाँ, तो यह नियम क्या हे एवं मुडवारा विधान सभा क्षेत्र में कितने वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है एवं इनकी सुरक्षा की क्या-क्या व्यवस्थायें हैं? (ड.) प्रश्नांश (घ) के तहत क्या मुडवारा विधान सभा क्षेत्र में स्थापित अनेक ट्रांसफार्मर असुरक्षित तरीके से स्थापित हैं? यदि हाँ, तो इन्हें कब तक और किस प्रकार सुरक्षित, व्यवस्थित किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? स्थापित सभी ट्रांसफार्मरों को सुरक्षित तरीके से स्थापित होने का सत्यापन किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में अधीक्षण अभियंता (संचालन/संधारण) वृत कटनी तथा कार्यपालन अभियंता (शहर संभाग) कटनी के कार्यालयों को प्रेषित पत्रों, उन पर दी गई अभिस्वीकृति तथा की गई कार्यवाही से माननीय विधायक महोदय को अवगत कराए जाने की दिनांकवार/पत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में कटनी जिले में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) के अंतर्गत ग्रामीण विद्युतीकरण के कार्य वर्ष 2014 में स्वीकृत हुये थे, जिसमें मुडवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 1 विद्युत उपकेन्द्र की क्षमता वृद्धि एवं 77 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित है। मुड़वारा विधान सभा के सम्मिलित कार्यों के विरूद्ध 1 विद्युत उपकेन्द्र की क्षमता वृद्धि तथा 72 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं शेष 5 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है, जिसे निर्धारित समयावधि ` फरवरी-2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। इसके अतिरिक्त प्रश्नाधीन अवधि में कटनी जिले के मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य वर्ष 2016 में स्वीकृत हुये, जिसमें 30 ग्रामों में प्रणाली सुदृढ़ीकरण का कार्य एवं 2 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य सम्मिलित हैं। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार कटनी जिले हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के स्वीकृत कार्यों में मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 1 विद्युत उपकेन्द्र की क्षमता वृद्धि का कार्य विभागीय स्तर पर पूर्ण किया जा चुका है एवं 72 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य ठेकेदार एजेंसी मेसर्स केबकान इंडिया प्रा.लि. कोलकाता के माध्यम से पूर्ण कराया गया है एवं शेष 5 ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य उक्त ठेकेदार एजेंसी से कराये जा रहे हैं। मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र सहित कटनी जिले हेतु स्वीकृत उक्त योजना की लागत राशि रूपये 28.36 करोड़ है। उक्त योजना में मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र के 77 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित है, जिनकी ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। ठेकेदार एजेंसी से किये गये, अनुबंध की शर्तों के अनुसार माह फरवरी-2017 तक कार्य पूर्ण होना निर्धारित है। अत: मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सभी अपूर्ण कार्य माह फरवरी 2017 तक पूर्ण कर लिये जाना संभावित है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में कटनी जिले हेतु स्वीकृत योजना की लागत रू. 36.96 करोड़ है जिसमें मु़ड़वारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 30 ग्रामों में प्रणाली सुदृढ़ीकरण तथा 2 फीडरों (एन.के.जे.-बड़वारा फीडर एवं लखापतेरी फीडर) के विभक्तिकरण के कार्य सम्मिलित हैं। उक्त योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर पूर्ण कराने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: एजेंसी का नाम एवं कार्यपूर्णता समयावधि बता पाना संभव नहीं है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात कार्य पूर्ण किया जा सकेगा। (घ) जी हाँ, विद्युत ट्रांसफार्मरों की स्थापना केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण विनियम-2010 एवं रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन की अनुमोदित ड्राइंग के अनुसार की जाती है। मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में 1498 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं जो केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण विनियम-2010 के प्रावधानानुसार एवं रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन द्वारा निर्धारित कंस्ट्रक्शन स्टेण्डर्ड के तहत् निर्धारित मानचित्र के अनुसार लगे हैं। मानचित्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। इन स्थापनाओं का वार्षिक निरीक्षण राज्य शासन के विद्युत निरीक्षकों द्वारा निरीक्षण कर सुरक्षा नियमों का पालन कराया जाता है। (ड.) उत्तरांश (घ) के तारतम्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में सभी ट्रांसफार्मर सुरक्षित तरीके से स्थापित हैं। वितरण कंपनी द्वारा प्रति वर्ष वर्षा पूर्व एवं वर्षा पश्चात् रख-रखाव के कार्य किए जाते हैं एवं आवश्यकतानुसार सभी ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है, अत: पृथक से सत्यापन कराने की आवश्यकता नहीं है।
नर्मदा दांयी तट नहर की गुणवत्ता की जाँच
[नर्मदा घाटी विकास]
101. ( क्र. 3212 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में, नर्मदा घाटी विकास अंतर्गत निर्मित हो रही नर्मदा दांयी तट नहर की गुणवत्ता की जाँच, विभागीय गुणवत्ता नियंत्रण अमले द्वारा, विगत तीन वर्षों में कब-कब की गई एवं इस अमले में कौन-कौन शासकीय सेवक, कब-कब रहे और वर्तमान में है? इनके नाम, पदनाम बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत गुणवत्ता नियंत्रण अमले द्वारा किन-किन स्थानों पर किये गये, कौन-कौन से कार्यों को कब-कब गुणवत्तापूर्ण पाया? किन-किन स्थानों पर किये गये कौन-कौन से कार्यों को कब-कब गुणवत्ताविहीन पाया? अमले द्वारा दिये गये प्रतिवेदन बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत निर्माणाधीन नहर के किस-किस भाग में, नहर की दीवारों/फर्श में दरारें देखी जा रही हैं और किया गया निर्माण कार्य धसक गया/क्षतिग्रस्त हुआ? ऐसा किन कारणों से हुआ? इस पर क्या कार्यवाही अब तक की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्षतिग्रस्त हुये निर्माण कार्यों को क्या? पूर्णरूपेण सुधारा जा चुका है? यदि हाँ, तो किये गये सुधार कार्यों का कार्यवार, स्थानवार एवं समयवार विवरण देवें? यदि नहीं, तो सुधार कार्य किस प्रकार एवं कब तक कराया जायेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’स’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’द’’ अनुसार है। (घ) जी नहीं। अनुबंध में निहित प्रावधानुसार ठेकेदार द्वारा नहर को संचालन कर नहर की टेस्टिंग भी करना है एवं टेस्टिंग के पश्चात डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड के अंदर संपूर्ण नहर प्रणाली का सुधार कार्य कर ठेकेदार द्वारा विभाग को सौंपने की जिम्मेदारी है। यह समय-सीमा विभिन्न अनुबंधों में दिये प्रावधान के अनुसार अलग-अलग है।
ग्रामों में पर्याप्त बिजली प्रदाय
[ऊर्जा]
102. ( क्र. 3217 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी संभाग शुजालपुर अंतर्गत ग्राम अमलाय (पत्थर) में 33/11 के.व्ही. सब-स्टेशन क्या साध्य है? यदि नहीं, तो ग्राम अमलाय (पत्थर), निपानिया हिजामुद्दीन, गुर्दाखेड़ी, डाबरी, रूस्तमपुर, अकोदि आदि ग्रामों के किसानों कों अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर 2016 के माह में पर्याप्त बिजली क्यों नहीं दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में पर्याप्त बिजली प्रदाय करने हेतु एवं जमीनी स्थिति अनुसार ग्राम अमलाय (पत्थर) में 33/11 के.व्ही. सब-स्टेशन किसानों की मांग पर क्या स्थापित किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के अंतर्गत प्रश्नाधीन उल्लेखित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। प्रश्नांश में उल्लेखित अमलाय (पत्थर), निपानिया हिजामुद्दीन, गुर्दाखेड़ी, डाबरी, रूस्तमपुर, अकोदि आदि ग्रामों के किसानों को माह अक्टूबर, नवम्बर एवं दिसम्बर-2016 में 10 घंटे 3 फेस पर विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने के निर्धारित विनियमनों के विरूद्ध क्रमश: औसतन 9:59 घंटे, 9:59 घंटे एवं 9:56 घंटे विद्युत प्रदाय किया गया। (ख) पूर्व में प्रश्नाधीन उल्लेखित अमलाय (पत्थर), निपानिया हिजामुद्दीन, गुर्दाखेड़ी, डाबरी, रूस्तमपुर, अकोदि एवं आस-पास के ग्रामों को ग्राम ढाबला घोसी में स्थापित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. ढाबला घोसी फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा था। रबी सीजन अक्टूबर-दिसम्बर, 2015 में 11 के.व्ही. ढाबला घोसी फीडर पर अधिकतम भार 170 एम्पीयर दर्ज हुआ था एवं फीडर के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन 11.54 प्रतिशत था। उक्त भार को दृष्टिगत रखते हुए 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र ढाबला घोसी पर 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता के एक अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इसके साथ ही 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र ढाबला घोसी से निर्गमित 11 के.व्ही. ढाबला घोसी फीडर के विभक्तिकरण हेतु 5 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन का निर्माण कार्य भी वर्ष 2016-17 में प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत पूर्ण किया जा चुका है। उक्त कार्यों के पूर्ण होने के उपरांत ग्राम अमलाय (पत्थर) एवं डाबरी को 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र ढाबला घोसी से निर्गमित 11 के.व्ही. ढाबला घोसी फीडर से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त फीडर पर रबी सीजन अक्टूबर-दिसम्बर, 2016 में निर्धारित सीमा के अंदर अधिकतम भार 100 एम्पीयर दर्ज किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रश्नाधीन अन्य ग्रामों यथा-निपानिया हिजामुद्दीन, गुर्दाखेड़ी एवं अकोदि को 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र ढाबला घोसी से निर्गमित नवीन 11 के.व्ही. फीडर से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं इस फीडर पर रबी सीजन अक्टूबर-दिसम्बर, 2016 में निर्धारित सीमा के अंदर अधिकतम भार 86 एम्पीयर दर्ज किया गया है। उक्त परिप्रेक्ष्य में ग्राम अमलाय (पत्थर) में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना तकनीकी रूप से आवश्यक नहीं है।
लेखापाल संवर्ग के लिए अतिरिक्त लाभ
[वित्त]
103. ( क्र. 3250 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग के द्वारा अपने पत्र क्रमांक एफ 8-2/16/1761/2016/नियम/चार, भोपाल, दिनांक 22.12.2016 के तहत जारी स्पष्टीकरण में म.प्र. पुनरीक्षण वेतनमान नियम 1998 के नियम 12 का वर्णित प्रावधान लेखापाल संवर्ग पर प्रभावशील नहीं, बताया गया है? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. पुनरीक्षण वेतनमान 1990 में लेखापाल संवर्ग के लिए क्या वेतनमान निर्धारित (प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित के लिए) थे? पृथक-पृथक बतावें। (ग) अप्रशिक्षित लेखापाल को प्रदाय वेतनमान, प्रशिक्षित लेखापाल को भी दिये जाने का क्या-क्या कारण है? प्रशिक्षित लेखापाल के लिए क्या शासन लाभ प्रदाय कर रखा है? यदि नहीं, कर रहा है, तो उसका क्या कारण है? स्पष्ट बतावें। (घ) पूर्व में अप्रशिक्षित एवं प्रशिक्षित लेखापाल के वेतनमान में क्या अंतर था? उसी अनुपात में वर्तमान में प्रशिक्षित लेखापाल को अतिरिक्त लाभ दिये जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रशिक्षित के लिये 1320-2040, अप्रशिक्षित के लिये 1200-2040 (ग) एवं (घ) म.प्र.वेतन पुनरीक्षण नियम 1998 में लेखापाल के लिये वेतनमान 4000-6000 किया गया। वेतनमानों की संख्या कम करने का प्रयास वेतन आयोगों द्वारा किया जाता है। इस अनुक्रम में प्रशिक्षित व अप्रशिक्षित का भेद समाप्त किया गया। प्रशिक्षित लेखापाल का कोई पृथक संवर्ग नहीं है। अत: पृथक से अन्य किसी लाभ की आवश्यकता नहीं रहती है। यद्यपि लेखा प्रशिक्षण परीक्षा में निर्धारित अर्हता प्राप्त करने पर अग्रिम वेतन वृद्धि दी जाती है।
कृषकों को कनेक्शनों का प्रदाय
[ऊर्जा]
104. ( क्र. 3258 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किसानों को कितने स्थाई कनेक्शन व अस्थाई विद्युत कनेक्शन दिये गये थे? (ख) क्या किसानों की बिना सहमति एवं अनुमति के लोड बढ़ा दिया गया, जबकि किसान द्वारा विद्युत उपकरण नहीं बढ़ाए गए है? क्या किसानों से बढ़े हुये लोड के अनुसार राशि वसूली गई? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? यह कार्यवाही किसके आदेश से की गई, आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? भार बढ़ाने की जानकारी किसानों को क्यों नहीं दी गई? (ग) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मर कृषक अनुदान योजना अन्तर्गत कब जले एवं कब बदले गये दिनांकवार बतावें? (घ) क्या ट्रांसफार्मर बदलने हेतु किसानों से घूस की मांग की जाती है एवं घूस न देने पर ट्रांसफार्मर नहीं रखे जाते है? समय पर ट्रांसफार्मर न रखे जाने के कारण किसानों की फसले खराब हुईं, इसके लिये कौन उत्तरदायी है? उत्तरदायित्व का निर्धारण कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जनवरी 2013 से जनवरी 2017 तक किसानों को 1895 स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन एवं 15799 अस्थाई कृषि पम्प कनेक्शन दिये गये थे। (ख) विद्युत कनेक्शनों की जाँच सतत् प्रक्रिया है। स्थल निरीक्षण के दौरान जिन कनेक्शनों में संबद्ध भार स्वीकृत भार से अधिक पाया जाता है, उन कनेक्शनों में बढ़े हुए भार के आधार पर बिलिंग की कार्यवाही की जाती है। विद्युत वितरण कंपनी के सक्षम अधिकारी विद्युत कनेक्शनों की जाँच हेतु प्राधिकृत हैं। अत: प्राधिकृत अधिकारी को विद्युत कनेक्शनों के निरीक्षण हेतु पृथक से आदेश की आवश्यकता नहीं है। निरीक्षण के दौरान उपभोक्ता या उनके प्रतिनिधि के हस्ताक्षर यथा संभव पंचनामा/निरीक्षण रिपोर्ट में कराये जाते हैं तथा उनके द्वारा हस्ताक्षर नहीं किये जाने की स्थिति में भी निरीक्षण में पायी गई स्थिति अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) गुनौर विधान सभा क्षेत्र में कृषक अनुदान योजनांतर्गत स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक 53 वितरण ट्रांसफार्मर खराब/फेल हुये। उक्त ट्रांसफार्मरों के फेल होने एवं बदलने की दिनांक सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मर समय सीमा में बदल दिए जाते हैं, परन्तु जिन ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं पर विद्युत देयकों की बकाया राशि होती है, उन्हें नियमानुसार राशि जमा होने पर ही बदला जाता है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी के उत्तरदायी/दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 3259 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गुनौर में वर्तमान में ऐसे कितने ग्राम हैं जो विद्युतीकरण से वंचित हैं? सूची उपलब्ध करावें। इन ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य कब तक किया जावेगा? (ख) क्या इन ग्रामों को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में विद्युतीकरण हेतु शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ, तो इनका विद्युतीकरण कार्य कब तक हो जावेगा? यदि उक्त योजना में प्रश्नांश (क) के ग्रामों को शामिल न करने का क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधान-सभा क्षेत्र गुन्नौर में वर्तमान में कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
इंटीग्रेटेड चैक पोस्ट से शासन को प्राप्त वाणिज्यिक कर
[वाणिज्यिक कर]
106. ( क्र. 3272 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में स्थित इंटीग्रेटेड चैक पोस्ट ससुन्द्रा एवं प्रभात पट्टन से शासन को वर्ष 2013-14, 2015-16, 2016-17 में कितना वाणिज्य कर प्राप्त हुआ? इन चैक पोस्ट से किन-किन वस्तुओं पर शासन वाणिज्य कर प्राप्त करता है? समस्त वस्तुओं की सूची दें।
वित्त
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) मुलताई
विधान सभा
क्षेत्र में
वाणिज्यिक कर
विभाग की
एकीकृत जाँच
चौकी, ग्राम
संसुदरा, जिला
बैतूल में
स्थित है।
प्रभात पट्टन
पर वाणिज्यिक
कर विभाग की
कोई जाँच चौकी
स्थापित
नहीं है।
अधिसूचित
मालों के
संबंध में जाँच
चौकी पर प्रस्तुत
किए जाने वाले
दस्तावेजों
में किसी
प्रकार की
अनियमितता
पाए जाने पर
शास्ति प्रकरण
संस्थापित
कर, उन
पर शास्ति की
कार्यवाही की
जाती है।
प्रश्नगत
अवधि में कुल
रूपये 3,31,86,160/-
का
राजस्व
प्राप्त
हुआ। वर्ष 2013-14, 2015-16, 2016-17 (अप्रैल
2016 से
जनवरी 2017 तक) में
शास्ति के रूप
में प्राप्त
वर्षवार
राजस्व एवं
वस्तुओं की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
परिशिष्ट
- ''चौबीस''
फीडर सेपरेशन के कार्य
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 3274 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन का कार्य किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है? एजेंसी का नाम एवं रेजिस्ट्रेशन नम्बर दें। एजेंसी द्वारा करवाये जा रहे इस निर्माण कार्य में कितने कर्मचारी, मजदूर आदि किस-किस पद पर कार्य कर रहे हैं? (ख) उक्त कार्य को विभाग के किन अधिकारियों की देख-रेख में किया जा रहा है? अधिकारियों के नाम दें। (ग) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में कितने ग्रामों का फीडर सेपरेशन कार्य किया जा चुका है? सूची दें। कितने ग्रामों का फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ है? सूची दें। अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण का कार्य कर रही ठेकेदार एजेंसी का नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर, निर्माण कार्य कर रहे कर्मचारियों/श्रमिकों की संख्या एवं पद नाम तथा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी का नाम जिनकी देख-रेख में उक्त कार्य किया जा रहा है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में 83 ग्रामों का फीडर विभक्तिकरण कार्य पूर्ण किया जा चुका है, 94 ग्रामों के कार्य अपूर्ण हैं एवं 119 ग्रामों के कार्य अप्रारंभ है। उक्तानुसार कार्य पूर्ण, अपूर्ण तथा अप्रारंभ वाले ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 94 ग्रामों के अपूर्ण फीडर विभक्तिकरण के कार्य दिनांक 31.01.2018 तक पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 119 ग्रामों के अप्रारंभ फीडर विभक्तिकरण के कार्यों को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत सम्मिलित किया गया है तथा योजना का क्रियान्वयन टर्न-की आधार पर करवाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: कार्य पूर्णता की समय-सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।
परियोजना अधिकारियों की पदस्थापना
[महिला एवं बाल विकास]
108. ( क्र. 3282 ) श्रीमती ममता मीना : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. महिला बाल विकास विभाग में कितने परियोजना अधिकारियों के पद रिक्त हैं? (ख) रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) प्रत्येक जिले में दो सहायक संचालक क्यों पदस्थ हैं? क्या इन सहायक संचालकों को सी.डी.पी.ओ. का प्रभार दिया जा सकता है अथवा नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग में परियोजना अधिकारी के कुल 453 पद स्वीकृत हैं एवं 105 परियोजना अधिकारी के पद रिक्त हैं। (ख) पदों की पूर्ति एवं रिक्ति निरन्तर प्रक्रिया है। अतः समय सीमा दी जाना संभव नहीं है। (ग) विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1 (ए)/26/2013/ 50-1, दिनांक 24.07.2013 द्वारा प्रत्येक जिले में 02-02 सहायक संचालकों के पद स्वीकृत किये गये है। जी हाँ।
सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारी-कर्मचारी के स्वत्वों का भुगतान
[वित्त]
109. ( क्र. 3321 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न विभागों के जिन सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के सभी स्वत्वों का भुगतान नहीं हुआ है, उनके नाम, पदनाम, विभाग का नाम, सेवानिवृत्ति का दिनांक सहित भुगतान नहीं होने का क्या कारण है? बतावें। (ख) इनका भुगतान कब तक कर दिया जावेगा तथा इनके भुगतान नहीं होने के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वत्वों का भुगतान विभिन्न प्रशासनिक कारणों से लंबित है। अत: समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है एवं इसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है।
चौकियों के माध्यम से कर वसूली
[वाणिज्यिक कर]
110. ( क्र. 3322 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में वाणिज्य कर कार्यालय संचालित है? यदि हाँ, तो कब से तथा इसमें किस किस श्रेणी के अधिकारी के पद स्वीकत हैं? उनमें से कितने रिक्त हैं? कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों के नाम, पदनाम, राजगढ़ में पदस्थापना दिनांक सहित बतावें? (ख) क्या राजगढ़ जिले में वाणिज्य कर चौकी भी स्थापित की गई है? यदि हाँ, तो कहाँ कहाँ पर? स्थान का नाम सहित बतावें। (ग) विक्रय कर लिये जाने के क्या नियम एवं निर्देश हैं? उक्त स्थापित चौकी पर किस अधिकारी/कर्मचारी की निगरानी में कर लिया जाता है? (घ) 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले में विभिन्न चौकियों के माध्यम से कितने कर की वसूली की गई है? चौकीवार बतावें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। राजगढ़ जिले में वाणिज्यिक कर वृत्त कार्यालय दिनांक 01.09.1979 से संचालित हैं। अधिकारियों की श्रेणीवार स्वीकृत, रिक्त पद एवं कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम, पदनाम तथा पदस्थापना की तिथि सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। एकमात्र वाणिज्यिक कर जाँच चौकी भोजपुर (खिलचीपुर) स्थापित है। (ग) वर्तमान में जाँच चौकी पर कर/शास्ति वसूली हेतु मध्यप्रदेश वेट अधिनियम, 2002 एवं प्रवेशकर अधिनियम 1976 के प्रावधान प्रभावशील हैं। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों की निगरानी में कर लिया जाता है उनका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) राजगढ़ जिले में स्थापित एकमात्र एकीकृत जाँच चौकी भोजपुर (खिलचीपुर) पर दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से दिनांक 03 फरवरी 2017 तक रूपये 19.20 लाख की राशि कर एवं शास्ति के रूप में वसूल की गई है।
नवीन आबकारी नीति के तहत प्राप्त आय
[वाणिज्यिक कर]
111. ( क्र. 3328 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में देशी व अंग्रेजी मदिरा नीलामी वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी आय (राजस्व) विभाग अथवा शासन को प्राप्त हुई? वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में मदिरा नीलामी की राशि किन-किन ठेकेदारों पर कितनी-कितनी किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक बकाया है? बकाया राशि वसूली हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन को वर्ष 2014-15, 2015-16 व 2016-17 में क्रमश: विगत वित्तीय वर्षों की तुलना में निरंतर राजस्व राशि कम प्राप्त हुई है, जबकि मध्यप्रदेश शासन की आबकारी नीति के तहत प्रतिवर्ष कम से कम बीस प्रतिशत की राशि में वृद्धि अपेक्षित थी? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं तथा इसमें कौन-कौन दोषी है? क्या शासन दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) राजगढ़ जिले में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की नीलामी से वर्षवार आय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में मदिरा नीलामी की राशि किसी भी लायसेंसी पर बकाया नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) राजगढ़ जिले में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की नीलामी से वर्षवार नीलामी से आय एवं वृद्धि/कमी का प्रतिशत संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में आय में वृद्धि हुई है। किन्तु वर्ष 2016-17 में टेण्डर होने के कारण कमी आयी है, इसका निष्पादन, शासन के निर्देशों के पालन में किया गया है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
वैकल्पिक ऊर्जा के स्त्रोत स्थापित करना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
112. ( क्र. 3329 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत वैकल्पिक ऊर्जा विकसित करने हेतु कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत ग्राम मलावर, ग्राम शमशेरपुरा, ग्राम भोपालपुरा एवं घुरेल आदि पहाडि़यां पर्याप्त ऊंचाई की हैं, इन पहाडि़यों पर पवन चक्कियां स्थापित कर पवन ऊर्जा उत्पन्न कर पर्याप्त मात्रा में वैकल्पिक ऊर्जा संग्रहित की जा सकती हैं, ताकि क्षेत्र को विद्युत संकट से निजात हेतु अतिरिक्त ऊर्जा प्राप्त हो सके? क्या शासन इस संबंध में आवश्यक सर्वे कार्य करवाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के ग्राम मलावर, शमशेरपुरा, भोपालपुरा, घुरेल आदि की पहाडि़यां पर्याप्त ऊंचाई की हैं। प्रदेश में शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के अन्तर्गत पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना निजी इकाइयों द्वारा की जाती है। निजी इकाइयों द्वारा इन पहाडि़यों पर पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना, स्थल पर विस्तृत सर्वेक्षण के आधार पर तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता पाये जाने पर की जा सकेगी। तकनीकी साध्यता के संबंध में निर्णय हेतु स्थल विशेष का सर्वेक्षण निजी इकाइयों द्वारा ही किया जाता है। वर्तमान में विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा अन्तर्गत ग्राम भोपालपुरा में मेसर्स बिन्दु ऊर्जा इन्फ्रा लिमिटेड, बैंगलोर द्वारा उनकी प्रस्तावित 66 मेगावाट क्षमता पवन ऊर्जा परियोजना हेतु विण्ड मास्ट स्थापित कर सर्वेक्षण किया जा रहा है।
संस्कृति विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[संस्कृति]
113. ( क्र. 3334 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संस्कृति विभाग द्वारा उज्जैन जिले में किन-किन योजनाओं के तहत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 में कितना-कितना व्यय किया गया? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) विगत तीन वर्ष में उज्जैन जिले में कौन-कौन सी प्रमुख योजनाएं विभाग द्वारा संचालित की गई तथा उनमें कितना-कितना व्यय किस संस्था के माध्यम से किया गया? (ग) उज्जैन जिले में कितने साहित्यकार तथा कौन-कौन सी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थायें संस्कृति विभाग से सम्बद्ध हैं उनके नाम एवं पते उपलब्ध करायें तथा पिछले तीन वर्षों में इन संस्थाओं को या व्यक्तियों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी
[ऊर्जा]
114. ( क्र. 3340 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में म.प्र. विद्युत मंडल में कितने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत हैं? उनकी जानकारी प्रदान करें। (ख) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी की सूची कौन-कौन कहाँ-कहाँ पर पदस्थ है और क्या-क्या कार्य कर रहे हैं उसका विवरण देवें। 2015-16 एवं 2016-17 वित्तीय वर्ष में इन्हे वेतन के रूप में कितनी राशि दी गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्तमान में उज्जैन जिले में म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल की उत्तरवर्ती कंपनी म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर में 4 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनकी जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी का नाम |
पदस्थी स्थान |
01 |
श्री रामचन्द्र परमार |
एस.टी.एम. संभाग उज्जैन |
02 |
श्री विनायक राव बागद्रे |
एस.टी.एम. संभाग उज्जैन |
03 |
श्री हरेन्द्र लल्लनजी उपाध्याय |
एस.टी.सी. |
04 |
श्री भास्कर कैलाश नारायण जोशी |
एस.टी.सी. |
(ख) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कोई भी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
विभागीय योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन एवं भवन निर्माण कराया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
115. ( क्र. 3353 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत संचालित कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन एवं किराये पर संचालित हैं? उनमें किन-किन आंगनवाड़ी भवनों में शौचालय उपलब्ध है तथा पेय-जल की उलपब्धता की स्थिति क्या है? किचन गार्डनों का निर्माण किन-किन केन्द्रों पर हो चुका है, की जानकारी जिलावार एवं जनपदवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित आगंनवाड़ी केन्द्रों में से किन-किन में उदिता योजना अंतर्गत उदिता कार्नर की स्थापना की गई है? इनका उपयोग किस दिनांक एवं माह से किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र जिनके भवन उपलब्ध है, लेकिन उनमें शौचालय का निर्माण (उपलब्धता) सुनिश्चित नहीं करायी गई, जबकि शासन द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत पंचायतों को ओ.डी.एफ.घोषित किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में शासन द्वारा आंगनवाड़ी भवन एवं उनमें निहित सुविधाएं बच्चों को उपलब्ध नहीं कराने योजनाएं मात्र कागजों में संचालित होने, शासकीय राशि का योजनाओं के क्रियान्वयन के नाम पर गबन किये जाने के लिए कौन-कौन दोषी हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रीवा संभाग अंतर्गत कुल 3439 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये पर/अन्य शासकीय भवनों में संचालित (भवनविहीन) हैं। शौचालय, पेय-जल एवं किचन गार्डन निर्माण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘क’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 3439 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर उदिता कॉर्नर की स्थापना की गई हैं। स्थापित उदिता कॉर्नर एवं उनके उपयोग संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ख’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन 3439 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये किराये पर/अन्य शासकीय भवन उपलब्ध हैं, उनमें से 2401 आंगनवाड़ी केन्द्रो में शौचालय सुविधा हैं। किराये पर/अन्य शासकीय भवनों में संचालित शेष शौचालय विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रो में विभाग के सीमित वित्तीय संसाधनों से शौचालय का निर्माण संभव नहीं हैं। शौचालय विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण हेतु पत्र क्र. 3188, दिनांक 31.07.2015 के माध्यम से जिला कलेक्टर को निर्देश दिये गये हैं। (घ) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों (किराये पर/अन्य शासकीय भवनों में संचालित) हेतु आंगनवाड़ी भवन एवं उनमें बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उल्लेखित सुविधाओं हेतु पृथक से आवंटन उपलब्ध नहीं कराया जाता है। विभिन्न विभागों की संचालित योजनाओं के अभिसरण एवं जनसहयोग से (सी.एस.आर. गतिविधि) इन केन्द्रों पर हितग्राहियों के लिये विभागीय निर्देशों के अनुरूप अतिरिक्त सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों का स्थानांतरण
[महिला एवं बाल विकास]
116. ( क्र. 3369 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में व धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत हैं तथा कार्यरत कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? संस्थावार बतावें। (ख) क्या शासन नियमानुसार प्रत्येक शासकीय कर्मचारी को एक स्थान पर कार्य करते हुए तीन वर्ष अथवा अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने के नियम हैं? (ग) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त नियमों का कितना पालन किया गया है व किन-किन संस्थाओं से कितने कर्मचारियों का उक्त नियम के तहत स्थानांतरण किया गया है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। स्थानांतरण किये जाने का आधार 3 वर्ष या 5 वर्ष की कार्य अवधि नहीं है।। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम अंतर्गत कर्मचारियों का स्थानांतरण
[नर्मदा घाटी विकास]
117. ( क्र. 3397 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में व धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में नर्मदा घाटी विकास विभाग अंतर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत हैं तथा कार्यरत कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? संस्थावार बतावें। (ख) क्या शासन नियमानुसार प्रत्येक शासकीय कर्मचारी को एक स्थान पर कार्य करते हुए तीन वर्ष अथवा अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने के नियम है? (ग) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त नियमों का कितना पालन किया गया है व किन-किन संस्थाओं से कितने कर्मचारियों का उक्त नियम के तहत स्थानांतरण किया गया है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) नियमों में नहीं वरन् स्थानांतरण नीति 2015 में उल्लेख है, अनिवार्यता नहीं है। (ग) तीन वर्ष के कारण नहीं वरन् अन्य कारणों से, स्थानांतरण किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है।
फीडर विभक्तिकरण
[ऊर्जा]
118. ( क्र. 3431 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग अंतर्गत चल रहे फीडर विभक्तिकरण एवं राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का कार्य अत्यंत धीमी गति से चलने के कारण विभाग अब तक वांछित लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाया है? (ख) यदि नहीं, तो बताये कि सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अब तक कितने और किस-किस ग्राम में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितने और कौन-कौन से ग्रामों में उक्त कार्य अभी शेष है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार फीडर विभक्तिकरण का कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन उल्लेखित योजनाओं के अंतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर ठेकेदार एजेंसियों के माध्यम से कराया जा रहा है। ठेकेदार एजेंसी द्वारा आवश्यकता अनुसार श्रमिक एवं मेचिंग मटेरियल उपलब्ध नहीं कराए जाने तथा कार्य के दौरान फसल खड़ी होने, आपसी विवाद आदि विभिन्न कारणों से आ रही राईट ऑफ वे की समस्या के कारण उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब हुआ है। तथापि ठेकेदार एजेंसियों के साथ किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार उनके द्वारा प्रस्तुत देयकों से, विलंब के लिये लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनल्टी स्वरूप राशि काटी गई है। (ख) सागर जिले के सुर्खी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 5 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 10 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य शेष है। उक्त कार्य पूर्णता वाले एवं अपूर्ण फीडरों से संबद्ध ग्रामों के नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ठेकेदार एजेंसी को दिये गये कार्यादेश की शर्तों के अनुसार शेष कार्य इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण किया जाना संभावित है।
स्थायी रूप से विच्छेदित उपभोक्ता
[ऊर्जा]
119. ( क्र. 3432 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पत्र क्रमांक 721 दिनांक 24 अगस्त 2016 के द्वारा प्रश्नकर्ता के ऊर्जा विभाग द्वारा एक माह के लिये गए निर्णय की जानकारी भेजी गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित पत्र के तारतम्य में तीन वर्ष से अधिक स्थायी रूप से विच्छेदित उपभोक्ताओं जिनकी कोई चल/अचल संपत्ति ग्राम न होने पर ग्राम छोड़कर चले जाने की स्थिति बकाया राशि को अपलेखित कर रिकार्ड से हटाने की बात कही गयी थी? (ग) यदि हाँ, तो सुरखी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नांश (ख) अनुसार कुल कितने प्रकरण विभाग की जानकारी में आये और उनमें से कितने और किस-किस ग्राम के कितने उपभोक्ताओं की कितनी-कितनी बकाया राशि को अपलेखित किया गया है? कार्यवाही के लिये कितने और कौन-कौन उपभोक्ता के प्रकरण शेष है? (घ) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि शेष प्रकरणों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, वितरण कंपनियों में तीन वर्ष से अधिक अवधि के स्थाई रूप से विच्छेदित उपभोक्ताओं, जिनका कोई अता-पता नहीं है एवं उनके नाम पर कोई चल/अचल सम्पत्ति नहीं है तथा वे ग्राम छोड़कर अन्यत्र चले गये हैं, की बकाया राशि वसूली योग्य नहीं होने के कारण निर्धारित प्रक्रिया अपनाते हुए अपलेखित किये जाने बाबत् निर्देश दिये गये हैं। (ग) सुरखी विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत उत्तरांश (ख) में उल्लेखित अनुसार कार्यवाही की गई है। सुरखी विधान सभा क्षेत्र में माह दिसम्बर 2016 की स्थिति में 201 स्थाई रूप से विच्छेदित उपभोक्ता हैं जिन पर रू. 1234003/- राशि वसूली हेतु लंबित है। उक्त में से 5 उपभोक्ता 3 वर्ष से अधिक अवधि से स्थाई रूप से विच्छेदित हैं,जिन पर रू. 24189/- राशि वसूली हेतु शेष है। उक्त पाँच प्रकरणों का अपलेखन संबंधी परीक्षण किया गया जिनमें कोई भी परीक्षण में अपलेखन हेतु पात्र नहीं पाया गया। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
निर्धारित समयावधि में विभागीय जाँच पूर्ण नहीं की जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
120. ( क्र. 3453 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत मुख्यालय नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण भोपाल कार्यालय के किस-किस अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच कब-कब से संस्थित है? प्रकरणवार ब्यौरा दें? (ख) क्या म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रावधानों के अनुसार किसी भी विभागीय जाँच का निराकरण एक वर्ष की समयावधि में किया जाना अनिवार्य है? यदि जाँच अधिकारी द्वारा एक वर्ष में जाँच पूर्ण नहीं की जाती है तो संबंधित जाँच अधिकारी को दंडित किए जाने के प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध एक वर्ष से अधिक अवधि व्यतीत हो जाने के बावजूद भी निराकरण समय में नहीं किए जाने पर किन-किन जाँच अधिकारी को दंडित किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या विभागीय जाँच प्रकरण 16/11 में विभागीय जाँच आयुक्त द्वारा दिनांक 24.09.2012 को दोषमुक्त अधिकारियों को दोषमुक्ति आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या आदेश जारी किए गए? यदि नहीं, तो अभी तक आदेश जारी नहीं किए जाने के क्या कारण है एवं इसके लिए कौन दोषी है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) किसी अधिकारी की विभागीय जाँच संस्थित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। विभागीय जाँच आयुक्त को आदेश जारी करने के अधिकार नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
121. ( क्र. 3457 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में संचालित किए जा रहे हैं और कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित किए जा रहे हैं? (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु जिले से प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए थे? उन प्राप्त प्रस्तावों में से कितने आंगनवाडि़यों भवनों के निर्माण कार्य की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की जा चुकी है? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न ग्राम/ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य कराये जाने हेतु विगत दो वर्षों में प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को अनेकों पत्र प्रेषित किये गये है। जिन पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या शासन द्वारा आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अभिशरण से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान किए जाने हेतु निर्देश जारी किए गये है। अगर हाँ, तो परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न ग्राम/ग्राम पंचायतों में भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु कब तक आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 356 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर संचालित हैं। जिसमें से 95 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 128 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में एवं 133 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016-17 में मनरेगा योजना के अभिसरण से (गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंडों में) 55 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, जिसमें से 17 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की जा चुकी है। (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न ग्राम/ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य कराये जाने हेतु मान. विधायक के दो पत्र जिले को उपलब्ध कराये गये, जिसमें से 05 ग्रामों क्रमश: सहपानी, दबक, आमझिरी, चौपनटेकडी एवं डोवरीढाना में आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव दिये गये हैं। इनमें से दो ग्राम/ग्राम पंचायत क्रमश: दबक एवं सहपानी में आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (घ) जी हाँ वर्ष 2016-17 में मनरेगा योजना के अभिसरण से (गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंडों में) आंगनवाड़ी भवन निर्माण की कार्य योजना है। परासिया विधान सभा क्षेत्र में कुल 55 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण का प्रस्ताव जिले से प्राप्त हुआ था, जिसमें से 17 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा दी जा चुकी है। शेष 38 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं।
सांझा चूल्हा योजनांतर्गत खाद्यान्न सप्लाई की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
122. ( क्र. 3458 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सांझा चूल्हा योजनान्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर छिंदवाड़ा जिले में किस संस्था द्वारा खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है और खाद्यान्न प्रदाय का मूल्य क्या है? (ख) क्या प्रदायकर्ता संस्था द्वारा खण्ड स्तरीय कार्यालय तक ही खाद्यान्न भेजा जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि हाँ, तो क्या खण्ड स्तरीय कार्यालय से आंगनवाड़ी कार्याकताएं खाद्यान्न प्राप्त कर केन्द्र तक परिवहन कर ले जाती हैं? क्या उन कार्यकर्ताओं को परिवहन व्यय विभाग द्वारा दिया जाता है? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है? (घ) और यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से दिसम्बर 2016 तक किस-किस आंगनवाड़ी केन्द्र की कितना-कितना परिवहन व्यय दिया गया जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी प्रदान करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छिंदवाड़ा जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सांझा चूल्हा योजनांतर्गत महिला स्व-सहायता समूह द्वारा राशि रू. 6/- प्रति बच्चा प्रति दिवस के मान से सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन दिया जा रहा है तथा 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती/धात्री माताओं को एम.पी.एग्रो के माध्यम से टेकहोम राशन (पूरक पोषण आहार) का प्रदाय किया जाता है। एम.पी.एग्रो द्वारा प्रदायित टेकहोम राशन के मूल्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘01’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। एम.पी.एग्रो द्वारा टेकहोम राशन का प्रदाय परियोजना कार्यालय स्तर तक किया जाता है। (ग) जी हाँ। खण्ड स्तरीय कार्यालय के गोदाम से जिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा खाद्यान्न का परिवहन किया जाता है, उन्हें विभाग द्वारा परिवहन दर का भुगतान किया जाता है। (घ) वर्ष 2013-14 से दिसम्बर, 2016 तक परियोजना अधिकारी द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र को परिवहन व्यय दिया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘02’’ अनुसार है।
पर्यटन स्थलों का विकास
[पर्यटन]
123. ( क्र. 3463 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन की पर्यटन स्थलों के विकसित करने हेतु क्या कार्ययोजना प्रस्तावित है? (ख) क्या जिला छतरपुर के पर्यटन स्थल मऊसहनियां (धुबेला) व पर्यटक ग्राम अलीपुरा तहसील नौगाँव को विकसित करने हेतु विभाग की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कब तक कितनी-कितनी धनराशि उपलब्ध करायी जावेगी। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के अनुसार लंबित है, तो पर्यटन विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पर्यटन स्थल के रूप में कब तक विकसित किया जावेगा? समय सीमा बताएं।
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) पर्यटन नीति 2016 के अंतर्गत प्रदेश में पर्यटन विकास की समग्र कार्ययोजना वर्णित है। किसी स्थल विशेष की पृथक कार्ययोजना नहीं है। (ख) भारत शासन पर्यटन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा स्वदेश के हेरिटेज सर्किट के अंतर्गत धुबेला में विभिन्न विकास कार्य हेतु स्वीकृति प्राप्त हुई हैं, जिसके अंतर्गत धुवेला में विभिन्न मान्यूमेंट के मध्य पहुँच मार्ग का निर्माण कार्य एवं टूरिस्ट फेसेलिटी सेन्टर, जन सुविधा, पार्किंग आदि का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। अलीपुरा तहसील नौगाँव हेतु वर्तमान में कोई योजना नहीं है। धुवैला में विभिन्न विकास कार्य हेतु राशि रूपये 175.14 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ग) भारत शासन, पर्यटन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा स्वदेश दर्शन के हेरिटेज सर्किट की योजना दिनांक 19.09.2016 को स्वीकृत की गई है, इसे शीघ्र संपादित किया जा रहा है।
अनुकंपा नियुक्ति के लंबित आवेदन पत्रों की संख्या
[सामान्य प्रशासन]
124. ( क्र. 3464 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में नवम्बर 2016 की स्थिति में अनुकंपा नियुक्ति के कितने आवेदन लंबित हैं? (ख) अनुकंपा नियुक्ति हेतु अक्टूबर 2016 की स्थिति में कौन से नियम/निर्देश/आदेश लागू है? प्रति संलग्न कर जानकारी दें कि इन नियम/निर्देश/आदेश के तहत किन कारणों से कितनो को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान नहीं की गई? समय-सीमा में अनुकंपा नियुक्ति न दिए जाने के लिए शासन दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही करेगा? (ग) छतरपुर जिले में जनवरी 2012 से अगस्त 2016 की अवधि में कितने अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन निरस्त किए हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 35 आवेदन। (ख) एवं (ग) निर्देश दिनांक 29.09.2014 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति न होने से 23 आवेदकों को नियुक्ति नहीं दी गई। प्रक्रिया पूर्ण होने पर ही अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाती है। शेषांश कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुदान प्राप्त बाल संरक्षण संस्थाओं के विरूद्ध कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
125. ( क्र. 3465 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ अंतर्गत कितने बाल संरक्षण गृह संचालित है, जिन्हें शासन से वित्तीय अनुदान प्राप्त है? बाल संरक्षण गृहों का नाम एवं पता तथा वर्तमान में दर्ज बच्चों की संख्या बताएं? वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक शासन/जिला स्तर से कितनी-कितनी वित्तीय सहायता राशि प्रदाय की गई? बाल संरक्षण गृहवार एवं वर्षवार राशि का ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला अंतर्गत ऐसी कितनी संस्थाएं है, जहां उनके स्वयं के नाम से न तो भवन है और न ही बच्चों को रहने की व्यवस्था है? मात्र कागजी खानापूर्ति करके घरों में संस्था पंजीकृत हो कर चल रही है? शासन से संस्था के मालिकों द्वारा अनुदान प्राप्त किया जाकर राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? प्रश्नांश (क) अवधि में विभागीय अधिकारियों द्वारा कब-कब ऐसी संस्थाओं का निरीक्षण किया गया? निरीक्षण करने वाले अधिकारी का नाम, निरीक्षण दिनांक एवं कितने-कितने बच्चे उपस्थित पाये गये? (ग) क्या विभाग ऐसे संस्थाओं जो कागजी खानापूर्ति से चल रही है एवं शासन का लाखों रूपये अनुदान के रूप में प्राप्त कर रहे हैं, उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं कारण बतावें?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना
चिटनिस ) : (क) जिला
छतरपुर एवं
टीकमगढ़ में
बाल संरक्षण
गृह संचालित
हैं। पन्ना
जिले में कोई
भी बाल
संरक्षण गृह
संचालित नहीं
है।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र “1” अनुसार है।
(ख) जिला
छतरपुर में एक
शासकीय
संप्रेक्षण
गृह शासकीय
भवन में तथा
तीन अशासकीय
संस्था यथा
ममता महिला
मंडल छतरपुर द्वारा
बाल गृह,
चित्रगुप्त
महिला कल्याण
समिति, छतरपुर
द्वारा आश्रय
गृह एवं राज्यश्री
समाजोत्थान
समिति छतरपुर द्वारा
शिशु गृह का
किराये के भवन
में संचालन किया
जा रहा है इसी
प्रकार टीकमगढ़
जिले में दो
अशासकीय
संस्था द्वारा
यथा - श्रेया
मानव कल्याण
एवं विकास समिति
टीकमगढ़
द्वारा आश्रय
गृह एवं
शिवकली रूसिया
धर्मार्थ
न्यास
टीकमगढ़
द्वारा शिशु
गृह का किराये
के भवन में
संचालन किया
जा रहा है, जहां
बच्चों के
रहने की पूर्ण
व्यवस्था है।
कोई भी संस्था
घरों में
संचालित नहीं
हो रही है और न
ही संस्था
द्वारा
अनुदान राशि
का दुरुपयोग किया
जा रहा है।
प्रश्न के शेष
भाग की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र “2” अनुसार
है।
(ग) प्रश्नांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता है।
बिजली बिलों का परीक्षण एवं संशोधन
[ऊर्जा]
126. ( क्र. 3500 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परिवर्तित, अतारांकित प्रश्न संख्या 76 (क्र.1060) दिनांक 19 जुलाई 2016 में अनावेदक परिवादी को पुनरीक्षित बिल नहीं प्रदान किये गये पूर्ववर्ती 19 जुलाई 2016 के ही बिल जोड़कर जारी किये जो रहे है तथा प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 66 (क्रमांक 872) दिनांक 06 दिसम्बर 2016 में बताया गया कि पुनरीक्षित बिल अक्टूबर 2016 में जारी कर दिया गया है तो उपभोक्ता फोरम के आदेश के अनुसार समायोजित बिल की सारी प्रक्रिया की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराते हुए अक्टूबर 2016 में जारी बिल सहित उपलब्ध करावें? (ख) सर्विस क्रमांक 534707-70-16-59559 मऊगंज-1 रीवा का मीटर खराब लिखा जाकर बिल 34044 रूपये माह सितम्बर 2016 जारी किया गया जिसमें पिछला बिल जुड़ा हुआ है किंतु अक्टूबर 2016 में जारी बिल में पिछला बिल 34044 अक्टूबर का जोड़कर 421580 रूपये जमा कर दिया गया किन्तु अक्टूबर के बिल 22614 रूपये अतिरिक्त राशि जोड़ी गई जबकि पिछला वर्तमान अलग से बिल राशि जुड़ी हुई है? (ग) सर्विस क्रमांक 534703-70-3-491809 हनुमना डी/डी.सी. रीवा का बिजली का बिल भी एवरेज बिल दिया जा रहा है जबकि कनेक्शनधारी सपरिवार बाहर रहता है एवं मीटर लगाने का जाँच कराने का आवेदन कार्यपालन यंत्री मऊगंज रीवा को 10.02.2016 को दिया गया था, जिस पर जाँच कर कार्यवाही की लिखी गई थी? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में की गई कार्यवाही की प्रमाणित सभी प्रति उपलब्ध कराते हुये प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में पिछले शेष बिल में अतिरिक्त बिल किसका जोड़ा गया बतावें एवं मीटर अनुसार रीडिंग लेकर बिल जारी करने तथा प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में जाँच कर बिलिंग करते हुए मीटर लगाने की कार्यवाही की जावेगी? (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं की जावेगी तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन उल्लेखित विगत विधान सभा सत्रों के प्रश्नों के तारतम्य में यह जानकारी दी गई थी कि उपभोक्ता श्री राजमणि पटेल खुटेही, रीवा के घरेलू कनेक्शन क्रमांक 1534401-11-2-1582452000 के संबंध में माह अक्टूबर 16 में पुनरीक्षित बिल जारी कर दिया गया है। अक्टूबर 16 में जारी किये गए बिल की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं उपभोक्ता फोरम के आदेश के अनुरूप बिल समायोजन की प्रक्रिया की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) मऊगंज प्रथम वितरण केन्द्र के अंतर्गत श्री नीलेश गुप्ता, ग्राम मऊगंज के नाम से कनेक्शन है जिसका सर्विस क्रमांक 534707-70-16-59559 है। उपभोक्ता के परिसर में दिनांक 18.6.14 को सहायक अभियंता (सतर्कता) द्वारा जाँच की गई थी, जिसमें विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 के तहत रूपए 22614 की रिकव्हरी निकाली गई थी लेकिन उपभोक्ता को बार-बार सूचना देने के बाद भी रिकव्हरी की राशि जमा नहीं की गई थी, अत: माह अक्टूबर 16 में उक्त रिकव्हरी की राशि को बिल में जोड़ दिया गया है। (ग) प्रश्न में वर्णित सर्विस क्रमांक 534703-70-3-491809 वस्तुत: सर्विस क्रमांक 534703-70-17-491809 है, जिससे श्री अमरेन्द्र सिंह ग्राम मझगंवा, वितरण केन्द्र हनुमना को कनेक्शन दिया गया है। उक्त उपभोक्ता के परिसर का मीटर बंद था जिसका बिल औसत खपत के आधार पर जारी किया जाता था। उपभोक्ता द्वारा दिनांक 10 फरवरी 2016 को स्थल निरीक्षण कराकर उचित बिल जमा कराये जाने संबंधी आवेदन कार्यपालन अभियंता, मऊगंज को दिया गया था। जाँच किए जाने के उपरांत ज्यादा बिल की गई औसत खपत के विरूद्ध रू. 21252/- की छूट माह जनवरी 17 में उपभोक्ता को दी जा चुकी है। छूट के पश्चात रूपए 22516/- की राशि जमा करने हेतु शेष है। उक्तानुसार जारी किये गए बिल की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। दिनांक 13/02/17 को उपभोक्ता के परिसर में नया मीटर स्थापित करवा दिया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में की गई कार्यवाही से संबंधित सभी दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति उत्तरांश (क) अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्नाश (ख) के प्रकाश में पिछले शेष बिल में श्री नीलेश गुप्ता के परिसर की दिनांक 18.06.2014 को की गई जाँच के उपरांत धारा 126 के तहत् निकाली गई रिकव्हरी की राशि जोड़ी गई है। प्रश्नांश (ग) के प्रकरण में श्री अमरेन्द्र सिंह ग्राम मझगवां के परिसर में दिनांक 13/2/17 को नया मीटर स्थापित कर दिया गया है तथा आगामी बिल मीटर में दर्ज रीडिंग के अनुसार जारी किये जायेंगे। (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में मैदानी अधिकारियों द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जा चुकी है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा की गई हवाई यात्रा
[विमानन]
127. ( क्र. 3501 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2013 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के अंदर, प्रदेश के बाहर शासकीय एवं प्रायवेट वायुयान/हेलीकाप्टरों से की गई हवाई यात्राओं पर कुल कितनी राशि व्यय हुई? शासकीय एवं प्रायवेट की पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ख) प्रायवेट वायुयान/हेलीकॉप्टर किन-किन कंपनी के थे? किन-किन कंपनी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितना-कितना शेष है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शासकीय विमान/हैलीकॉप्टरों से की गई हवाई यात्राओं पर राशि रूपये 5,09,11,500/- एवं प्रायवेट वायुयान/हैलीकॉप्टर से की गई यात्राओं पर राशि रूपये 14,92,63,153/- व्यय हुई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बिजली खरीदी एवं अनुबंध की जानकारी
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 3511 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में पावर मैनेजमेंट कंपनी ने किन-किन निजी व किन-किन सरकारी इकाइयों से (केप्टिव एवं नवकरणीय ऊर्जा को छोड़कर) कितनी-कितनी बिजली किस दर से वार्षिक खरीद कर अनुबंध किया है? टेबल रूप में जानकारी देवें। जिनसे लंबे समय का अनुबंध है उसकी जानकारी दर सहित बतायें। (ख) वर्तमान में प्रदेश सरकार तथा केन्द्र के समस्त संयुक्त उद्यमियों/इकाइयों (केप्टिव एवं नवकरणीय ऊर्जा को छोड़कर ) की बिजली उत्पादन की कितनी क्षमता हैं? दिनांक 01.01.2016 से 31.01.2017 कितनी-कितनी बिजली उनसे क्रय की गई, माहवार जानकारी टेबल फार्म में देवें? (ग) उपरोक्त अवधि में समस्त परियोजनाओं, समस्त निजी क्षेत्र (केप्टिव एवं नवकरणीय ऊर्जा को छोड़कर) जिनसे अनुबंध है, कितनी-कितनी बिजली किस दर पर खरीदी गई? उक्त अवधि परियोजनावार जानकारी देवें व बतायें कि उक्त अवधि में माहवार कितनी डिमांड थी? एक्सचेंज एवं प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों को कितनी बिजली विक्रय की गई, औसत दर सहित टेबल फार्म में जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऐसे कितने अनुबंध है, जिसमें न्यूनतम बिजली खरीदने की अनिवार्यता है? इकाइयों का नाम, बिजली की प्रति यूनिट दर व न्यूनतम खरीदी की कितनी अनिवार्यता हैं? टेबल फार्म में जानकारी देवें साथ ही जे.पी. बीना थर्मल प्लांट से हुये अनुबंध की प्रति उपलब्ध करायें। (ड.) प्रदेश में कितनी निजी बिजली उत्पादन इकाइयों (केप्टिव एवं नवकरणीय ऊर्जा को छोड़कर) के निर्माण कार्य जारी हैं जिनसे बिजली खरीदी के अनुबंध प्रस्तावित हैं? प्रस्तावित निजी क्षेत्र की इकाइयों (केप्टिव एवं नवकरणीय ऊर्जा को छोड़कर) के नाम उनकी क्षमता करार अनुसार प्रस्तावित दर व वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा निजी एवं सरकारी इकाइयों से (केप्टिव एवं नवकरणीय ऊर्जा को छोड़कर) बिजली खरीदी के लिये दीर्घकालीन अनुबंध एवं दर से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्तमान में प्रदेश तथा केन्द्रीय क्षेत्र के इकाइयों की क्षमता एवं प्रदेश के अंश (मेगावाट) संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 तथा क्रय संबंधी माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) दिनांक 01.01.2016 से दिनांक 31.12.2016 तक समस्त अनुबंधित परियोजनाओं से विद्युत क्रय एवं दर संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं विद्युत की माहवार अधिकतम मांग संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। एक्सचेंज के माध्यम से एवं अन्य राज्यों को विक्रित विद्युत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा संपादित अनुबंधों में ऐसे कोई अनुबंध नहीं है, जिनमें न्यूनतम विद्युत क्रय की अनिवार्यता हो। अत: जानकारी निरंक है। जे.पी. बीना थर्मल प्लांट से हुये अनुबंधों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ड.) प्रदेश में निजी बिजली उत्पादन इकाइयों (केप्टिव एवं नवकरणीय ऊर्जा को छोड़कर) से बिजली खरीदी के अनुबंध उनकी क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
अभियंताओं की नियुक्ति की सूची
[ऊर्जा]
129. ( क्र. 3512 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में म.प्र.पा.ज.कं.लि. के डायरेक्टर फायनेंस श्री मनजीत सिंह म.प्र.पा.ज.कं.लि. में कब ज्वाईन किये थे? किस बेंच में सलेक्शन किये गये? उक्त बेंच की सूची में कितने अभियंताओं की नियुक्ति की गई थी? सूची की छायाप्रति उपलब्ध करायें। इस सूची में इनकी वरीयता का क्रमांक वरिष्ठता का क्या नम्बर था? (ख) क्या इनके बैच के सभी सहपाठी/साथी वर्तमान में कार्यपालन अभियंता के पद पर ही पदस्थ हैं एवं इन्हें 5 पदोन्नति (अनुचित तरीके से कैसे) अधीक्षण अभियंता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, मुख्य अभियंता, कार्यपालक निदेशक, डायरेक्टर फायनेंस अपग्रेड कर दिये गये। साथ ही इनको तीन सेक्शन का प्रभार भी डायरेक्टर फायनेंस के अतिरिक्त क्यों दिया गया? इनके द्वारा कौन-कौन डिग्री एवं विशेष योग्यता हासिल कर ली गई, जिससे इन्हें शासन द्वारा इस पद पर पदोन्नति दी गई। (ग) इनकी विशेष योग्यता की सभी डिग्री एवं बी.ई. की मूल डिग्री तथा सभी योग्यताओं की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या इनके पास विशेष योग्यता एवं विशेष डिग्री नहीं है साथ ही इनको अनुचित तरीके से ही पदोन्नति दी गई है तब क्या इनको पदावनत कर अपने मूल पद पर पदस्थ किया जावेगा समय-सीमा बताये नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्री मनजीत सिंह, म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के डायरेक्टर-कमर्शियल (फायनेंस नहीं) के चालू प्रभार पर कार्यरत है। उन्होंने म.प्र. राज्य विद्युत मंडल से अंतरण के फलस्वरूप म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी में दिनांक 31.08.2005 को उपनिदेशक (वित्त) के पद पर ज्वाईन किया। उनका चयन पूर्ववर्ती म.प्र. विद्युत मंडल के उत्पादन संकाय में 24वें बैच (यांत्रिकी) में ग्रेज्युएट एप्रेंटिस के रूप में आदेश दिनांक 05.04.1989 द्वारा हुआ तथा इस सूची में चयनित कुल 48 नामों में श्री मनजीत सिंह का नाम क्रमांक-4 पर अंकित है। चयन सूची की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पूर्ववर्ती म.प्र. विद्युत मंडल में श्री मनजीत सिंह के वित्त संकाय में जाने के फलस्वरूप उन्हें समकक्ष पदों यथा संयुक्त निदेशक, अतिरिक्त निदेशक, मुख्य वित्तीय अधिकारी, कार्यपालक निदेशक के पदों पर पदोन्नति प्रदान की गई। वर्तमान में श्री मनजीत सिंह को मुख्य वित्तीय अधिकारी के पद के साथ ही राज्य शासन के आदेश दिनांक 28.11.2015 के द्वारा संचालक-वाणिज्य (डायरेक्टर-कमर्शियल) के पद का चालू प्रभार सौंपा गया। प्रशासनिक आवश्यकता के अनुसार कार्यपालक निदेशक (कार्पोरेट सर्विसेस) का अतिरिक्त प्रभार दिनांक 04.02.2015 से 31.01.2017 तक सौंपा गया था। श्री मनजीत सिंह की पदोन्नतियां किसी विशेष योग्यता के कारण नहीं अपितु म.प्र. राज्य विद्युत मंडल/म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी में प्रचलित नियमों के अंतर्गत निर्धारित मानक पूर्ण किये जाने पर की गई। (ग) विभागीय अभिलेखों में उपलब्ध श्री मनजीत सिंह की योग्यताओं की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) श्री मनजीत सिंह की पदोन्नतियां म.प्र. राज्य विद्युत मंडल/म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में प्रचलित मानकों के पूर्ण होने पर समय-समय पर की गई, अत: प्रश्न नहीं उठता।
बाल संरक्षण
[महिला एवं बाल विकास]
130. ( क्र. 3514 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र में शासकीय व अशासकीय बाल संरक्षण गृह कौन-कौन से कब से संचालित है व उनमें कितने-कितने बच्चे रह रहे हैं? (ख) पन्ना जिले में वर्ष 2013-2014, 2014-2015, 2015-2016 से प्रश्न दिनांक तक बाल गृह संचालन किये जाने के पंजीयन व स्वीकृति संबंधी किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किये हैं? यदि प्रस्तुत किये हैं तो किस आवेदन पत्र पर स्वीकृति प्रदान की गई है? उसका क्या कारण है? (ग) बाल संरक्षण गृह संचालन करने के क्या नियम व शर्तें हैं? जानकारी सहित प्रति उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र में शासकीय/अशासकीय बाल गृह संचालित नहीं हैं। (ख) गृह संचालन हेतु निम्न संस्थाओं ने आवेदन प्रस्तुत किये हैं 1. मानसी सेंटर फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट पन्ना 2. हस्तक्षेप वेलफेयर सोसायटी पन्ना 3. आशा भवन पन्ना 4. लक्ष्मी महिला मंडल अजयगढ़ 5. छात्र एकता संगठन पन्ना 6. सोशल वेलफेयर अजयगढ़ 7. सिद्ध श्री राम सेवा समिति मोहेंद्रा 8. सिद्धार्थ शोध जन कल्याण पन्ना 9. बजरंग नेहरु युवा मंडल ककरहटी। कोई आवेदन स्वीकृत नहीं। (ग) किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) नियम, 2016 के नियम 21 (2) के अनुसार बाल देख-रेख संस्थाओं के पंजीयन हेतु स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा प्रारूप 27 में जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी कार्यालय में पंजीयन हेतु आवेदन किया जाता हैं। आवश्यक परीक्षण उपरांत पात्रता रखने वाली संस्था का आवेदन कलेक्टर के माध्यम से संचालनालय महिला सशक्तिकरण को प्रेषित किया जाता हैं। परीक्षण उपरांत योग्य संस्था का पंजीयन किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 41 (1) के तहत् किया जाता हैं। प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने की कार्ययोजनाएं
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 3522 ) श्री सचिन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड का कार्य क्षेत्र क्या है? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप एवं जल विद्युत संयत्रों की स्थापना दिनांक तथा वाणिज्यक उत्पादन तिथि एवं इनसे कितना-कितना बिजली उत्पादन वर्तमान में (माह जनवरी 2017 ) में किया गया है और वर्तमान में कौन-कौन सी यूनिट/इकाईयाँ बंद हैं और क्यों? (ग) म.प्र.पा.ज.कं.लि. की बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने की आगामी कार्ययोजनाएं क्या हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी (मप्रप्राजकंलि) का कार्य क्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश है। म.प्र.पा.ज.कं.लि.. द्वारा राज्य की भौगोलिक सीमा में ताप एवं जल विद्युत गृहों की स्थापना एवं संचालन कर सम्बद्ध ग्रिड में विद्युत प्रदाय किया जाता है। इसके अतिरिक्त म.प्र.पा.ज.कं.लि.. द्वारा महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश का अंतर्राज्यीय/संयुक्त पेंच जल विद्युत गृह जो भौगोलिक रूप से महाराष्ट्र राज्य के अंतर्गत है, का संचालन भी किया जाता है। (ख) म.प्र.पा.ज.कं.लि.. के ताप एवं जल विद्युत संयत्रों की स्थापना दिनांक तथा वाणिज्यिक उत्पादन तिथि एवं इन विद्युत इकाइयों से वर्तमान (माह जनवरी 2017) में किये गये विद्युत उत्पादन का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दिनांक 16.02.2017 की स्थिति में बंद इकाइयों का विवरण कारण सहित निम्नानुसार है: (1) ताप विद्युत गृहों में सतपुड़ा ताप विद्युत गृहों की इकाई क्रं. 7,8,9 एवं श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृहों की इकाई क्रं. 1 रिजर्व शटडाउन, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की इकाई क्रं. 10, ई.एस.पी. सुधार कार्य हेतु तथा संजय गांधी ताप विद्युत गृह की इकाई क्रं. 5, बायलर ट्यूब लीकेज में बंद है। (2) जल विद्युत गृहों में राजघाट जल विद्युत गृह की इकाई क्रं. 1 वृहद् रख-रखाव हेतु बंद है। (ग) म.प्र.पा.ज.कं.लि. द्वारा आगामी वर्षों में प्रदेश में पर्याप्त विद्युत उपलब्धता के लिये नवीन ताप विद्युत परियोजनाओं की स्थापना हेतु सतत् प्रयास किये जा रहे हैं। म.प्र.पा.ज.कं.लि. द्वारा वर्तमान में निर्माणाधीन/प्रस्तावित ताप विद्युत परियोजनाओं की जानकारी निम्नानुसार है :- निर्माणाधीन परियोजना - श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना द्वितीय चरण (2x660 मेगावाट), ग्राम-डोंगलिया, खंडवा की स्थापना के लिये निर्माण कार्य दिसम्बर 2014 से कराया जा रहा है, जिसका व्यवसायिक उत्पादन वित्तीय वर्ष 2018-19 में संभावित है। अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई, जिला अनूपपुर में, 1x660 मेगावाट एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी जिला बैतूल में 2x660 मेगावाट की ताप परियोजनाओं की फीजिबिलिटी स्ट्डी करायी जा रही है, जिसके आधार पर परियोजना के संबंध में निर्णय लिया जायेगा।
मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति
[वित्त]
132. ( क्र. 3523 ) श्री सचिन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में राज्य की आर्थिक स्थिति का तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) विधान सभा परि.अता. प्रश्न क्रमांक 6778, दिनांक 01.04.2016 के विभागीय उत्तरों एवं सह-पत्र, परिशिष्टों की प्रतियां अस्पष्ट के स्थान पर स्वच्छ प्रतियां उपलब्ध कराये जाने के संबंध में विधान सभा सचिवालय का पत्र क्रमांक 13916, दिनांक 7/5/16 विभाग को प्राप्त हुआ। हाँ, तो आज दिनांक स्वच्छ प्रतियां उपलब्ध नहीं कराये जाने के क्या कारण है? (ग) क्या प्रदेश में प्रति व्यक्ति ऋण भार बढ़ रहा है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस संबंध में राज्य सरकार की प्रतिक्रिया क्या है? (घ) वर्ष 1998 से 2003 के दौरान प्रति व्यक्ति ऋण भारत की तुलना में वर्तमान में राज्य के प्रति व्यक्ति ऋण भार का ब्यौरा क्या है और इस पर कितना ब्याज अदा किया गया है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्तमान में राज्य की आर्थिक स्थिति अच्छी है। आर्थिक स्थिति से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्राप्त हुआ है। वित्त विभाग द्वारा पत्र क्र. 1088 दिनांक 13-05-2016 द्वारा वाणिज्यिक कर विभाग से वांछित सहपत्रों एवं परिशिष्टों की स्वच्छ प्रतियां विधान सभा सचिवालय को उपलब्ध कराने हेतु लेख किया गया था। पुन: संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वर्ष 2003 -04 में प्रति व्यक्ति ऋण भार रूपये 5409 था। यह वर्ष 2015-16 में रूपये 13853/- हो गया है। वर्ष 2003-04 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय आधार वर्ष 1993-94 पर रूपये 8284/- थी, जो वर्ष 2015-16 (आधार वर्ष 2011-12) रूपये 65,388/- हो गयी है। प्रति व्यक्ति आय में वर्ष 2003-04 के मुकाबले वर्ष 2015-16 में हुई 7.8 गुना वृद्धि राज्य के उत्तरोत्तर विकास का प्रमाण है। (घ) प्रश्न का संबंध भारत सरकार से है अपितु मध्यप्रदेश राज्य में प्रति व्यक्ति ऋण भार एवं ब्याज का विवरण निम्नानुसार है :-
--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
वर्ष कुल
ऋण कुल ब्याज
भुगतान जनसंख्या
प्रति व्यक्ति
प्रति व्यक्ति
ब्याज
(करोड़ में) (करोड़ में) (करोड़ में) ऋण भार भुगतान
(रूपये में) (रूपये में)
--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------2003-04 34671.98 3206.50 6.41 5409 500
-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
2015-16 111101.10 8090.88 8.02 13853 1009
-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
जनगणना
के आंकड़े एक
दशक में जारी
होते है। अत:
जनगणना की
दशकीय वृद्धि
के आधार पर
जनसंख्या
प्रक्षेपित
की गई है।
11 के.वी.ए. लाईन मकानों के ऊपर से अलग करना
[ऊर्जा]
133. ( क्र. 3529 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चंदला विधान सभा क्षेत्र के चंदला में वार्ड क्र. 08 रावपुर तिगैला से थाने के आगे तक के मकानों में रहने वाले वार्डवासियों के मकानों के ऊपर से विद्युत लाईन 11 के.वी.ए.के. तार लगे हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त विद्युत लाईन के तार बरसात या आंधी में टूटकर मकान में गिर जाते हैं, जिसके कारण मकान में विद्युत करन्ट प्रभावित होने से दो-तीन बार दुर्घटना घटित होने से बची है? (ग) उक्त संबंध में चंदला की जनता व प्रतिनिधियों द्वारा जनहित को देखते हुये विद्युत विभाग को विद्युत लाईन अलग करवाने हेतु कितनी बार आवेदन दिया गया? उक्त आवेदनों का क्या निराकरण किया गया की गयी कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो कब तक की जावेगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) छतरपुर जिले के चंदला विधान सभा क्षेत्र के चंदला नगर में प्रश्नाधीन उल्लेखित क्षेत्र में 11 के.व्ही. लाईन कई वर्ष पूर्व से स्थित है, किन्तु रहवासियों द्वारा पूर्व से विद्यमान 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के नीचे अपने मकान बिना किसी अनुमति के बना लिये गये हैं जिस कारण पूर्व में लगी हुई लाईन मकानों के ऊपर हो गई है। (ख) जी नहीं, प्रश्नांश में उल्लेखित लाईनों के तार आंधी/बरसात में टूट कर मकानों पर गिर जाने एवं मकानों में करन्ट प्रवाहित होने संबंधी कोई शिकायत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। (ग) दिनांक 5.12.16 को विद्युत वितरण केन्द्र चंदला में तथा दिनांक 22.12.16 को संभागीय कार्यालय खजुराहो में प्रश्नाधीन आशय का आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था। उक्त तारतम्य में संभागीय कार्यालय खजुराहो द्वारा दिनांक 22.12.16 को संबंधित कनिष्ठ अभियंता, चंदला को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। तत्संबंध में कनिष्ठ अभियंता, चंदला द्वारा पत्र दिनांक 25.1.17 के माध्यम से संबंधित वार्ड पार्षद तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, चंदला को केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 177 के अंतर्गत दिनांक 20.9.10 की अधिसूचित सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी विनियमनों के प्रावधानों के अनुसार प्रश्नाधीन विद्युत लाईन स्थानांतरित करने में होने वाले व्यय को वहन करने की सहमति प्रदान करने हेतु निवेदन किया गया है। उक्त पत्र दिनांक 25.1.17 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्तानुसार आवेदक से सहमति प्राप्त होने पर तकनीकी साध्यता अनुसार तैयार किये गये प्राक्कलन की राशि का 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में जमा कर, आवेदक द्वारा स्वयं ''अ'' श्रेणी के ठेकेदार से अथवा स्वीकृत प्राक्कलन की संपूर्ण राशि वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में जमा करवाकर प्रश्नाधीन विद्युत लाईन स्थानांतरित कराने का कार्य कराया जा सकता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विद्युतविहीन ग्रामों की सूची
[ऊर्जा]
134. ( क्र. 3532 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चन्दला विधान सभा क्षेत्र के सभी ग्रामों में विद्युतीकरण किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? विद्युतीकरण न होने का कारण बतावें। (ख) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्राम विद्युतविहीन है? उनकी ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) चन्दला विधान सभा में कितने ऐसे ग्राम हैं जहां वर्ष 16-17 से ट्रान्सफार्मर खराब होने के कारण उक्त गाँव विद्युतविहीन हैं? क्या उक्त संबंध में विद्युत विभाग को कोई शिकायत प्राप्त हुयी? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) अनुसार शिकायतें प्राप्त हुयी तो कब तक शिकायतों का निराकरण किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, चन्दला विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत सभी अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य किया जा चुका है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) चन्दला विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है तथापि दिनांक 01.04.2014 की स्थिति में प्रश्नाधीन विद्युतीकृत ग्रामों में से 35 ग्राम विभिन्न कारणों से डि-इलेक्ट्रिफाइड हो गए थे, जिनमें से वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में 7 ग्रामों तथा वर्ष 2016-17 में 10 ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य पुन: पूर्ण कर दिया गया है। प्रश्न दिनांक तक 18 डि-इलेक्ट्रिफाइड ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है। उक्त ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त डि-इलेक्ट्रिफाइड ग्रामों का कार्य 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत टर्न-की आधार पर कराया जा रहा है, जिसे जून-2017 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है। (ग) चन्दला विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक 4 वितरण ट्रांसफार्मर फेल/खराब है, जिसके कारण ग्राम में विद्युत प्रवाह बन्द है। सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिलों की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला नहीं जा सका है। उक्त संबंध में विद्युत वितरण कंपनी के संबधित कार्यालय में कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है तथापि उपभोक्ताओं द्वारा मौखिक रूप से शिकायत करने पर वितरण कंपनी के क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा उपभोक्ताओं को नियमानुसार बकाया राशि जमा करने हेतु सलाह दी गई है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा किये जाने पर शिकायत का निराकरण किया जाना संभव हो सकेगा।
आनन्द विभाग की जानकारी
[आनन्द]
135. ( क्र. 3558 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनन्द विभाग का गठन कब एवं किस उद्दे्श्य के लिए किया गया है? उद्देश्य एवं गठन की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग के गठन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने बजट का आवंटन दिया गया? जिलेवार सूची देवें। (ग) आनन्द विभाग के गठन का स्टाफ ढाँचा क्या है? पदवार, पदस्थ, अधिकारी व कर्मचारीवार जानकारी देवें। पदांकन में क्या आरक्षण का पालन किया गया है? आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों/अधिकारियों की सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में विभाग के उद्देश्य प्रतिपूर्ति के लिए, दोषी अधिकारियों के विरूद्ध, क्या दण्ड का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद विभाग के गठन का आदेश दिनांक 6 अगस्त, 2016 को किया गया है। गठन का उददेश्य एवं गठन हेतु जारी राजपत्र अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 में रूपये 2 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जिलों को विभाग से राशि आवंटित नहीं की गई है। (ग) वर्तमान में आनंद विभाग का प्रभार ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव, उप सचिव एवं अवर सचिव के पास है। आनंद विभाग के अन्तर्गत गठित राज्य आनंद संस्थान में स्वीकृत पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर तथा वर्तमान में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। आरक्षण के प्रावधान का पालन किया जाता है। (घ) उत्तारंश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
रीवा जिले में स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
136. ( क्र. 3559 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले में 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई है? परियोजनावार, उप-परियोजनावार, विकासखण्डवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नये खोले गये आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्टॉफ एवं भवन की उपलब्धता की जानकारी केन्द्रवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में नये खुले केन्द्रों के भवन व कर्मचारियों की प्रतिपूर्ति कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रीवा जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक खोले गये नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की परियोजनावार/विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नवीन स्वीकृत आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वीकृत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। पदपूर्ति उपरान्त आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन शासकीय भवन/अन्य भवन अथवा किराये के भवन में संचालित किया जावेगा। (ग) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार। समय सीमा बताना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु खरीदी
[महिला एवं बाल विकास]
137. ( क्र. 3606 ) श्री हर्ष यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में आवश्यक सामग्री प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो सामग्री का नाम, संख्या, मात्रा देवरी विधान सभा क्षेत्र के संदर्भ में बतायें? (ख) प्रदाय सामग्री का केन्द्रों में मौलिक/भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया? नाम, पद बतायें। सामग्री केन्द्रों में प्रश्न दिनांक तक इसका सत्यापन किसके द्वारा किया गया है? नाम, पद बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित सामग्री की खरीदी किसके द्वारा की गई? सामग्री खरीदी हेतु कब निविदा निकाली गई निविदा पत्र एवं तुलनात्मक दरें बतायें। प्रति नग सामग्री की कीमत क्या है? क्या बाजार में प्रचलित दर से अधिक दर पर सामग्री खरीदकर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाई गई है? (घ) क्या प्रदाय सामग्री वाटर फिल्टर आदि आंगनवाड़ी केन्द्रों में नहीं है? इसमें दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ, सागर जिले की विधान सभा क्षेत्र देवरी में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में आवश्यक सामग्री का प्रदाय किया गया है। वित्तीय वर्ष 2015-2016 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क‘‘ अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2016-2017 में क्रय की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर प्रदायित सामग्री का मौलिक/भौतिक सत्यापन श्री रिंकल घनघोरिया, बाल विकास परियोजना अधिकारी देवरी एवं संबंधित सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा किया गया है। (ग) संबंधित सामग्री म.प्र. भण्डार क्रय नियमों अनुसार म.प्र.लघु उद्योग निगम के माध्यम से अनुबंधित दरों पर क्रय की गई। शेष का प्रश्न नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ख‘‘ अनुसार है। जी नहीं। (घ) प्रदायित सामग्री वाटर फिल्टर आदि आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये वितरण किये गये हैं। अतः दोषियों पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्रदत्त सामग्री
[महिला एवं बाल विकास]
138. ( क्र. 3610 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में आवश्यक सामग्री प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो सामग्री का नाम, संख्या, मात्रा मैहर विधान सभा क्षेत्र के संदर्भ में बतावें। (ख) प्रदाय सामग्री का केन्द्रों में मौलिक/भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? नाम, पद बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित सामग्री की खरीदी किसके द्वारा की गई? सामग्री खरीदी हेतु कब निविदा निकाली गई? निविदा पत्र एवं तुलनात्मक दरें बतायें। प्रति नग सामग्री की कीमत क्या है? क्या बाजार में प्रचलित दर से अधिक दर पर सामग्री खरीदकर शासन को आर्थिक हानि पहुँचाई गई है? (घ) क्या उक्त अवधि में प्रदत्त सामग्री वर्तमान में आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध है? क्या इनका सत्यापन कराया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ सतना जिले की विधान सभा क्षेत्र मैहर में वित्तीय वर्ष 2015-16 में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में निम्नानुसार आवश्यक सामग्री का प्रदाय किया गया है।
क्र |
सामग्री का नाम |
संख्या |
मात्रा |
1 |
वेइंग स्केल मशीन |
29 |
29 |
2 |
प्री-स्कूल किट |
888 |
888 |
3 |
मेडिसिन किट |
444 |
444 |
वित्तीय वर्ष 2016-2017 में क्रय की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर प्रदायित सामग्री का मौलिक/भौतिक सत्यापन श्रीमती गीता तिवारी परियोजना अधिकारी एवं श्री अक्षत बुन्देला परियोजना अधिकारी एवं संबंधित सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा किया गया। (ग) संदर्भित सामग्री म.प्र.भण्डार क्रय नियमानुसार म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से संचालनालय स्तर से क्रय की गई। सामग्रियों हेतु निविदा की कार्यवाही विभाग द्वारा नहीं अपितु म.प्र. भण्डार क्रय के नियमों के अनुरुप म.प्र.लघु उद्योग निगम द्वारा की गई। म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए दरों पर ही विभाग द्वारा क्रय की कार्यवाही की गई। निविदा की कार्यवाही म.प्र.लघु उद्योग निगम द्वारा कराए जाने से विभाग को तुलनात्मक दर इत्यादि की जानकारी नहीं है। प्रतिनग सामग्री की कीमत संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र.भण्डार क्रय नियमानुसार कार्यवाही किए जाने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्त सामग्री आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं उप आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध है। चूँकि सामग्री का सत्यापन पूर्व में (ख) अनुसार कराया जा चुका है। अतः पुनः सत्यापन का प्रश्न ही नहीं उठता।
एक से अधिक प्रभार होना
[नर्मदा घाटी विकास]
139. ( क्र. 3615 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) N.V.D.A. में अधीक्षण यंत्रियों एवं कार्यपालन यंत्रियों के पास एक से अधिक प्रभार है? कारण बतावें कि ऐसा क्यों हैं? (ख) इनकी समकक्ष योग्यता के ऐसे कितने अधिकारी हैं जिन्हें प्रभार दिया जा सकता है? संख्या बतावें। (ग) श्री एम.एल. अग्रवाल की पदोन्नति एस.ई. के पद पर कब हुई? क्या कारण है कि एस.ई. के पद पर पदोन्नति के बाद भी वे कार्यपालन यंत्री (ऊर्जा) पर पदस्थ है? (घ) इन्हें इनके मूल विभाग ऊर्जा विभाग में कब तक भेजा जाएगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। अभियंताओं की कमी होने के कारण। (ख) 42 अधिकारी एकल प्रभार में हैं यदि उन्हें चार्ज दिया जाता है, तो वे भी दोहरे प्रभार में हो जायेंगे और पूर्व वाले एकल प्रभार में। अत: इसका कोई औचित्य नहीं है। (ग) श्री एम.एल. अग्रवाल की अधीक्षण यंत्री के पद पर पदोन्नति की सूचना इनके पैतृक विभाग से प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नर्मदा घाटी विकास विभाग एक पूर्णत: प्रतिनियुक्ति आधारित विभाग है। स्वयं का कोई कैडर नहीं है जबकि यह विभाग जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पुनर्वास, ऊर्जा वन, कृषि, मत्स्य पालन विभागों से संबंधित परियोजना कार्य करता है। अत: इन विभागों के अधिकारियों से ही पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाते हैं। एवज में अधिकारी पदस्थ होने पर ही अधिकारियों को भारमुक्त किया जाना संभव होता है।
जाँच अवधि के दौरान अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना
[सामान्य प्रशासन]
140. ( क्र. 3622 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के अधीन पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध आर्थिक अनियमितता एवं आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के प्रकरणों की जाँच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा की जाती है? यदि हाँ, तो बतायें कि दि. 01.04.2016 से प्रश्न दिनांक तक खाद्य तथा औषधि प्रशासन विभाग में कितने पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रकोष्ठ में शिकायतें प्राप्त हुई है? नाम, पदनाम, दिनांक सहित बतावें। (ख) क्या जाँच के दौरान सभी अधिकारी/कर्मचारी शिकायती स्थल पर ही पदस्थ हैं? इनकी सूची देवें। (ग) क्या ये जाँच को प्रभावित नहीं करेंगे? इन्हें अब तक हटाया/पदस्थ क्यों नहीं किया गया? (घ) जाँच के घेरे में आए इन अधिकारियों/कर्मचारियों को शिकायती स्थल से कब तक हटाया या अन्यत्र पदस्थ किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी निरंक है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में लोकायुक्त के प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
141. ( क्र. 3625 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लोकायुक्त द्वारा कितने अधिकारियों/कर्मचारियों की जाँच विचाराधीन है, कितने प्रकरण इनमें दर्ज किए जा चुके हैं, पूरी जानकारी अधिकारी/कर्मचारी नाम, विभाग का नाम, जाँच की वर्तमान स्थिति, अगर प्रकरण दर्ज हो तो प्रकरण क्रमांक सहित देवें? (ख) दिनांक 09.11.2016 से 31.01.2017 तक लोकायुक्त ने कितने छापे मारे, कितने ट्रेप किये, की पूरी जानकारी जिलावार, संबंधित अधिकारी/कर्मचारी नाम, पदनाम सहित माहवार जिलावार देवें? (ग) उपरोक्त जानकारी दिनांक 09.11.2015 से 31.01.2016 एवं 09.11.2014 से 31.01.2015 के संदर्भ में भी देवें, प्रश्नांश (ख) अनुसार।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।