मध्य प्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016 सत्र
गुरूवार, दिनांक 03 मार्च, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
( वर्ग 2
: सामान्य
प्रशासन, नर्मदा
घाटी विकास,
विमानन,
संस्कृति,
पर्यटन,
प्रवासी
भारतीय, नगरीय
विकास एवं पर्यावरण,
जल
संसाधन, वित्त,
वाणिज्यिक
कर, योजना,
आर्थिक
एवं
सांख्यिकी, ऊर्जा,
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा, जनसंपर्क,
खनिज
साधन)
मुलताई
विकास योजना प्रारूप
का प्रकाशन
1. ( *क्र. 3987 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2008 से नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा मुलताई विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2021 के लिये विकास प्लान तैयार किया गया था? यदि हाँ, तो विकास प्लान पर विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गयी है? उक्त में क्या नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय एवं मुलताई नगर पालिका परिषद द्वारा दावे आपत्ति आमंत्रित की गयी थी? हाँ तो विभाग द्वारा निराकरण किया गया? उक्त में मुलताई वासियों द्वारा कौन-कौन से सुझाव, आपत्तियां प्रस्तुत की गयी थीं? क्या शासन द्वारा इनका निराकरण करने के लिये विभागीय स्तर पर प्रयास किये गये हैं? यदि नहीं, तो निराकरण के लिये क्या कोई आदेश जारी किये जायेंगे? (ख) उक्त में दावे आपत्ति पर किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया गया है और राजपत्र में प्रकाशन नहीं किया गया है, तो फिर नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय किस आधार पर मुलताई शहर में अनुमति शुल्क ले रहे हैं एवं शासन द्वारा उक्त विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र क्यों मांगा जा रहा है? उक्त आदेश निरस्त करने के आदेश कब तक जारी किये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। मुलताई विकास योजना प्रारूप का प्रकाशन दिनांक 12.10.2009 को किया गया है। म.प्र शासन आवास एवं पर्यावरण विभाग की अधिसूचना दिनांक 22.02.2011 द्वारा मुलताई विकास योजना का अनुमोदन किया गया है। जी हाँ। आपत्ति/सुझाव आमंत्रित कर निराकरण किया गया है। प्राप्त आपत्ति/सुझाव पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश से प्राप्त प्रतिवेदन पर विभाग द्वारा विचारोपरान्त मुलताई विकास योजना का अनुमोदन किया गया है। (ख) मुलताई प्रारूप विकास योजना पर प्राप्त आपत्ति/सुझाव की सुनवाई म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 17-क (1) की गठित समिति द्वारा सुनवाई पश्चात् संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल द्वारा प्रेषित अभिमत पर विभाग द्वारा विचारोपरांत विकास योजना का अनुमोदन अधिसूचना क्रमांक एफ-3-82-2009-32 दिनांक 22.02.2011 को किया गया, जो म.प्र. राजपत्र भाग-1 क्रमांक 467 में दिनांक 04.03.2011 को प्रकाशित हुआ है। आवास एवं पर्यावरण विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 3-131-2012-32 भोपाल दिनांक 26.12.2012 (म.प्र. राजपत्र दिनांक 04.01.2013) द्वारा अधिनियम 1973 की धारा 24 (3) के प्रावधान अंतर्गत मुलताई निवेश क्षेत्र पर म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 लागू है। नियम 2012 के नियम 21 में शुल्क लेने का प्रावधान है। अधिनियम की धारा 19 (1) के अंतर्गत विकास योजना अनुमोदित होने के पश्चात् अधिनियम की धारा 26 के अंतर्गत अनुज्ञा के बिना विकास प्रतिबंधित है। उपरोक्त समस्त कार्यवाहियां विधि अनुसार समस्त प्रक्रिया का पालन कर की गई हैं, अतः किसी आदेश को निरस्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कटनी जिलांतर्गत फ्लेटों का निर्माण/विक्रय
2. ( *क्र. 3338 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा आयुक्त, नगर पालिका निगम कटनी से पत्र क्रमांक 2489, दिनांक 26.11.2015 से बिन्दु क्रमांक 1 से 8 तक की जानकारी चाही गई है? उक्त पत्र लिखने के बाद भी कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2645 दिनांक 22.12.2015 लिखा गया है, किन्तु जानकारी नहीं दी गई है और न ही किसी प्रकार का उत्तर दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही जानकारी न देने के आदी नगर निगम कटनी के उत्तरदायी अमले के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) द्वारका सिटी कॉलोनाइजर द्वारा कटनी जिलान्तर्गत कितने फ्लेटों का निर्माण कर लिया है तथा उसमें से कितने विक्रय किये हैं, कितने फ्लेट निर्माण हेतु शेष हैं? आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति के कोटे के तहत किन-किन को भवन विक्रय किये गये हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। चाही गई जानकारी वृहद स्वरूप की थी, जिसे कार्यालयीन पत्र क्रमांक 6969/लो.नि.वि./2016 कटनी, दिनांक 12.02.16 के द्वारा माननीय विधायक को प्रेषित कर दी गई है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कॉलोनाईजर द्वारा 18 फ्लेट निर्माणाधीन हैं, विक्रय किये गये फ्लेटों की संख्या निरंक है, 82 फ्लेटों का निर्माण शेष है। आर्थिक रूप से कमजोर एवं निम्न वर्ग के व्यक्तियों के लिए आरक्षित भूखण्ड/भवनों का विक्रय नहीं किया गया है।
अवैध खनन/परिवहन पर कार्यवाही
3. ( *क्र. 2687 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में सड़क निर्माण, भवन निर्माण, हाइवे, टू-लेन, फोर-लेन, प्रधानमंत्री सड़क योजना इत्यादि के निर्माण में उपयोग हेतु कौन-कौन सी फर्मों, कंपनियों, संस्थाओं ने गिट्टी, पत्थर, बोल्डर, मुरम, रेत खनन की अनुमति 01.4.2011 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त की थी और किसने-किसने, कितनी राशि, रॉयल्टी के शुल्क के रूप में जमा की? (ख) क्या अवैध खनन, परिवहन, स्वीकृत स्थान से अन्यत्र खनन की शिकायतें प्राप्त हुईं? उनका विवरण एवं जाँच का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) किस-किस की शिकायतें विचाराधीन हैं और कौन-कौन सी किस कारण नस्तीबद्ध की गईं हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नाधीन अवधि में सड़क निर्माण कार्य के लिए जिन कंपनियों/फर्मों/संस्थाओं को मुरूम, पत्थर, गिट्टी के उत्खनन की अनुमति प्रदान की गई है एवं जो रॉयल्टी राशि जमा की गई है। उसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित एक फर्म के विरूद्ध प्रश्नानुसार दो शिकायतें प्राप्त हुईं थीं, जिसके संबंध में प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' में दी गई जानकारी अनुसार दोनों शिकायतों में अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज कर शिकायतों का निराकरण किया गया है। अत: नस्तीबद्ध किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
झाबुआ जिलांतर्गत देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की नीलामी
4. ( *क्र. 3929 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2016-17 में देशी एवं विदेशी मदिरा की कितनी दुकानें कहाँ-कहाँ संचालित हैं तथा ये दुकानें किन-किन ठेकेदारों को नीलाम की गईं? नाम पते सहित अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में नीलाम की गई दुकानें कितनी बोली में नीलाम हुईं? बोली लगाने वालों के नाम राशि सहित बतावें। नीलामी उपरांत कहाँ-कहाँ की दुकानें किस-किस ठेकेदार को किस दिनांक से संचालन हेतु अनुमति दी गई? (ग) क्या ठेकेदार को नीलाम स्थान के बाहर गांवों में रखकर मदिरा बिकवाने का अधिकार है? यदि नहीं, तो ऐसे कितने गांव हैं, जहां पर देशी एवं विदेशी मदिरा की दुकानें चलाई जा रही हैं? यदि अधिकार क्षेत्र से बाहर दुकानें संचालित हैं, तो विभाग उस पर क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) मदिरा दुकान संचालन हेतु स्थल चयन के क्या मापदण्ड हैं? क्या झाबुआ जिले में सभी मदिरा दुकान स्थल मापदण्ड अनुसार हैं? सार्वजनिक स्थल से दुकान हटाने हेतु विभाग को कितनी शिकायतें (क) अवधि में प्राप्त हुईं हैं तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 से संबंधित जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। वर्ष 2016-17 के लिये देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन अभी प्रक्रिया में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' के कॉलम 1 से 9 में दुकानवार अंकित है। (ग) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत निर्धारित स्थान के अतिरिक्त ऐसी कोई देशी/विदेशी मदिरा की दुकानें अन्य किसी गांव में संचालित नहीं की जा रही हैं। कोई भी दुकान अधिकार क्षेत्र के बाहर संचालित नहीं की जा रही है अर्थात लायसेंसी को आवंटित जिस स्थान, गांव के लिये स्वीकृत की गई है, वही संचालित की जाती है। यदि लायसेंस परिसर के अतिरिक्त अन्य स्थान, कब्जे की निर्धारित मात्रा से अधिक मदिरा अवैध रूप से धारण, विक्रय की जाती है तो संबंधित के विरूद्ध धारा 34 मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय में प्रस्तुत किये जाते हैं। (घ) जिला झाबुआ की देशी/विदेशी मदिरा की दुकानें सामान्य प्रयुक्ति नियमों के नियम-1 में वर्णित मापदण्डों के अनुसार आपत्तिरहित स्थल पर संचालित की जा रहीं हैं। वर्ष 2013-14 में सार्वजनिक स्थल से विदेशी मदिरा दुकान थांदला को हटाने हेतु विभाग को 01 शिकायत प्राप्त हुई है। विदेशी मदिरा दुकान थांदला वर्ष 2002-03 से परंपरागत श्रेणी में एवं धार्मिक स्थल से 50 मीटर से अधिक की दूरी पर स्थित है, इस कारण दुकान को नहीं हटाया गया।
प्रमुख अभियंता/मुख्य अभियंता के स्वीकृत पद
5. ( *क्र. 4076 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन जल संसाधन विभाग भोपाल के अंतर्गत संरचना अनुसार प्रमुख अभियंता/मुख्य अभियंता/कार्यपालन यंत्री के कुल कितने पद स्वीकृत हैं तथा उनके विरूद्ध कितने पद भरे जाकर कार्यरत हैं? (ख) म.प्र. शासन जल संसाधन विभाग में मुख्य अभियंता के स्वीकृत पदों के विरूद्ध संरचना अनुसार कितने पदों पर नियमित रूप से अधिकारी कार्यरत हैं तथा कितने अन्य प्रकार से संभावित किये गये हैं? उक्त अधिकारियों में कितने सेवा निवृत्त होने के पश्चात् भी अन्य प्रकार के संयोजन से कार्यरत हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) उल्लेखित पदस्थापना के कारण अन्य कनिष्ठ अधिकारियों की वरीयता एवं पदोन्नति प्रभावित हो रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या विभाग में पदस्थ अधिकारियों को एक ही नीति से वरीयता एवं पदोन्नति प्रदान की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विभाग के अंतर्गत संरचना अनुसार प्रमुख अभियंता 01, मुख्य अभियंता 13 एवं कार्यपालन यंत्री के 204 पद स्वीकृत हैं। इन स्वीकृत पदों के विरूद्ध 01 प्रमुख अभियंता, 12 मुख्य अभियंता, 183 कार्यपालन यंत्री कार्यरत हैं। (ख) मुख्य अभियंता के स्वीकृत पदों में से एक पद पर अधीक्षण यंत्री को मुख्य अभियंता का प्रभार दिया गया है। सेवानिवृत्ति पश्चात कोई मुख्य अभियंता संविदा पर नियुक्त नहीं किया गया है। सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता, श्री एस.के. खरे की विशेषज्ञ सेवाएं आवश्यकतानुसार वृहद बांध निर्माण के लिए सलाहकार के रूप में लेने की व्यवस्था की गई है। पूर्णकालिक नियोजन नहीं है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। पदों का रिक्त होना और रिक्त पदों के लिए पदोन्नति की जाना एक सतत् प्रक्रिया है। मध्यप्रदेश जल संसाधन अभियांत्रिकी तथा भौमिकी सेवा (राजपत्रित) भर्ती नियम, 1968 के तहत सीधी भर्ती एवं पदोन्नति करने की सुस्पष्ट व्यवस्था है।
परियोजनाओं का निर्माण
6. ( *क्र. 1847 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान राज्यों के साथ मध्यप्रदेश नर्मदा घाटी की जिन संयुक्त बांध, सिंचाई और जल विद्युत परियोजनाओं में हिस्सेदारी है, उनमें मध्यप्रदेश अपने हिस्से की धनराशि समय पर नहीं चुका सका है? (ख) पिछले दस वर्षों में संयुक्त क्षेत्र की नर्मदा घाटी सिंचाई और जल विद्युत परियोजनाओं में मध्यप्रदेश ने अपने हिस्से की कितनी धनराशि का भुगतान कर दिया है और फरवरी 2016 की स्थिति के अनुसार कुल कितनी धनराशि बकाया है? (ग) संयुक्त क्षेत्र की गरूड़ेश्वर जल विद्युत परियोजना में मध्यप्रदेश को कितनी धनराशि चुकानी थी और कितनी धनराशि चुकायी गयी? (घ) क्या गरूड़ेश्वर परियोजना में मध्यप्रदेश 240 करोड़ रूपयों की राशि चुका नहीं पाया, इसलिये धन के बदले गुजरात ने पूरी परियोजना पर अपना अधिकार कर लिया है? हाँ या न, दोनों स्थिति में फरवरी 2016 के अनुसार इस परियोजना की स्थिति क्या है और इससे मध्यप्रदेश को क्या लाभ है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) पिछले 10 वर्षों अर्थात 2005-06 से 2015-16 में मध्यप्रदेश ने अपने हिस्से के कुल रूपये 383.76 करोड़ का भुगतान गुजरात राज्य को किया है। इसके साथ-साथ सरदार सरोवर परियोजना के परिचालन एवं संधारण व्यय हेतु रूपये 75.9839 करोड़ का भुगतान भी किया गया है। इस प्रकार कुल राशि रूपये 459.7439 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। माह फरवरी तथा माह मार्च में इंदिरा सागर परियोजना यूनिट 01 तथा सरदार सरोवर परियोजना के अंतर्गत पुनर्वास कार्यों में हुये व्यय के समायोजन एवं डूब प्रभावित शासकीय राजस्व एवं वन भूमि की लागत तय होने के पश्चात ही लेखा अंतिम होगा। (ग) एवं (घ) गरूड़ेश्वर वीयर से मध्यप्रदेश को लाभ-हानि का तुलनात्मक अध्ययन किया जा रहा है और तदनुसार ही इसमें सहभागिता पर निर्णय लिया जाएगा। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मांझी जाति को दतिया जिले में अनुसूचित जनजाति का दर्जा
7. ( *क्र. 2079 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ता.प्र.संख्या 06 (क्रमांक 418) दिनांक 07 दिसम्बर, 2015 के भाग (क) में करैरा जिला शिवपुरी की गैस एजेंसी अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में स्वीकृत होने तथा भाग (ग) के उत्तर में नायब तहसीलदार दतिया द्वारा श्रीमती नीति पत्नि श्री अनिल कुमार निवासी ग्राम एरई जिला दतिया को अनुसूचित जनजाति श्रेणी के प्रमाण पत्र जारी किए जाने की जानकारी दी थी? यदि हाँ, तो जाति प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या अनुसूचित जनजाति के जाति प्रमाण पत्र नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी को जारी करने के अधिकार हैं? (ग) यदि मांझी जाति को दतिया जिले में अनुसूचित जनजाति माना गया है, तो क्या मांझी जाति के अन्य परिवारों को भी अनुसूचित जनजाति का लाभ दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जाति प्रमाण पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने हेतु ज्ञापन दिनांक 08.1.1962 द्वारा राजपत्रित अधिकारी, तहसीलदार या फारेस्ट रेंजर द्वारा जारी प्रमाण पत्र स्वीकार करने के निर्देश थे। परिपत्र दिनांक 10 अप्रैल, 1975 द्वारा माननीय मंत्रीगणों द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र स्वीकार किया जाने के निर्देश जारी किए गए। परिपत्र दिनांक 26.7.1984 द्वारा उपरोक्त के अतिरिक्त नायब तहसीलदारों को भी जिन्हें भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत तहसीलदारों के अधिकारों से वेष्टित किया गया हो, को भी जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने हेतु अधिकृत किया गया व परिपत्र दिनांक 26 मई, 1987 द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु केवल 1. कलेक्टर/एडीशनल कलेक्टर/डिप्टी कलेक्टर/एस.डी.ओ./ सबडिवीज़नल मजिस्ट्रेट/सिटी मजिस्ट्रेट। 2. तहसीलदार 3. नायब तहसीलदार 4. परियोजना प्रशासक/अधिकारी (वृहद्ध/मध्यम/लघु) एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना अधिकृत किया गया। विभागीय परिपत्र दिनांक 01.8.1996 की कंडिका 1 अनुसार अनुसूचित जाति, जनजाति के सदस्यों को स्थायी प्रमाण पत्र जिलाध्यक्ष/अपर जिलाध्यक्ष/उप जिलाध्यक्ष/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को अधिकृत किया गया है। वर्तमान में विभागीय परिपत्र दिनांक 13.1.2014 द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को पदाभिहित अधिकारी घोषित किया गया है। (ग) भारत सरकार द्वारा दिनांक 19.11.2000 को संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश 1950 में किए गए संशोधन के माध्यम से मध्यप्रदेश के लिये जारी अनुसूचित जनजातियों की सूची में अनुक्रमांक 29 पर मांझी जाति को अधिसूचित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्थायी शौचालयों का निर्माण
8. ( *क्र. 1259 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 में पड़ाव स्थलों पर बनाये जा रहे अस्थायी शौचालयों के संबंध में निर्माण एवं क्रय की गई सामग्री के संबंध में किन-किन की शिकायतें प्राप्त हुईं? प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही आदि की जानकारी देते हुये उक्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होना है? (ख) क्या शौचायल के निर्माण में गुणवत्ताविहीन कार्य किया जा रहा है एवं शौचालय की सीट भी हल्के स्तर की क्रय की गई है, जिसके कारण से सिंहस्थ महापर्व के पूर्ण होने के पूर्व ही उक्त अस्थायी शौचालय गिरने की संभावना है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सिंहस्थ-2016 के पड़ाव स्थलों पर बनाये जा रहे अस्थाई शौचालयों के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उक्त निर्माण कार्य को 31 मार्च, 2016 तक पूर्ण होना संभावित है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छतरपुर जिले में रेत खदानों से खनन/परिवहन
9. ( *क्र. 4121 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में गत दो वर्षों में किस-किस रेत खदान से कितनी रेत का खनन एवं परिवहन किया गया है, कौन-कौन सी रेत खदान किन कारणों से किस दिनांक से बंद है? (ख) रेत की खदानों के बंद होने के कारण रेत उपलब्ध करवाए जाने की विभाग ने क्या वैकल्पिक व्यवस्था की है? यदि नहीं, की गई तो कारण बतावें? (ग) गत दो वर्षों में जिले में रेत के अवैध खनन एवं अवैध परिवहन के कितने प्रकरण बनाए जाकर कितनी रेत जप्त की गई, कितना अर्थदण्ड वसूल किया गया। (घ) रेत की खदान प्रारंभ किए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) छतरपुर जिले में विगत 02 वर्षों में रेत खनिज की 01 नीलाम खदान 03 अस्थायी अनुज्ञा पत्र स्वीकृत किए गए हैं, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। संलग्न परिशिष्ट में दर्शित नीलाम रेत खदान से लगभग 44416 घनमीटर रेत का उत्खनन कर परिवहन किया गया है। संलग्न परिशिष्ट के क्रमांक-2 में उल्लेखित अस्थायी अनुज्ञा पत्र क्षेत्र से 4650 घनमीटर रेत एवं संलग्न परिशिष्ट के क्रमांक 3 में दर्शित अस्थाई अनुज्ञा क्षेत्र से लगभग 5043 घनमीटर रेत का उत्खनन कर परिवहन किया गया है। संलग्न परिशिष्ट में क्रमांक 1 व 2 में उल्लेखित नीलाम खदान/ अस्थायी अनुज्ञा पत्र की अवधि समाप्त होने से रेत खदान बंद है। संलग्न परिशिष्ट के क्रमांक 3 में उल्लेखित अस्थायी अनुज्ञा पत्र में अवधि शेष होने के कारण रेत खदान चालू है। संलग्न परिशिष्ट के क्रमांक 4 में दर्शित अस्थायी अनुज्ञा पत्र क्षेत्र में 'सिया' से पर्यावरणीय अनुमति प्राप्त न होने के कारण अभी कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। (ख) आसपास के जिलों से वैधानिक रूप से स्वीकृत होकर संचालित रेत खदानों से रेत क्रय करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अत: वैकल्पिक व्यवस्था किये जाने जैसी स्थिति नहीं है। (ग) गत दो वर्षों में रेत के अवैध खनन के 10 प्रकरण मात्रा 34706 घनमीटर के बनाये जाकर रूपए 143943560/- अर्थदण्ड प्रस्तावित कर प्रकरण संबंधित अनुविभागीय अधिकारियों के न्यायालयों में निराकरण हेतु भेजे गए हैं एवं अवैध भण्डारण के 45 प्रकरण रेत मात्रा 19408 घनमीटर जप्त कर प्रकरणों में प्रस्तावित अर्थदण्ड रूपए 45420300/- किया जाकर प्रकरण संबंधित अनुविभागीय अधिकारियों के न्यायालय में भेजे गये हैं एवं 1 प्रकरण में रूपए 2,55,000/- अर्थदण्ड राशि वसूल की गई है। अवैध परिवहन के 573 प्रकरण बनाए जाकर रूपए 13287910/- अर्थदण्ड वसूल किया गया है। (घ) रेत की खदानें जो ई-आक्शन से नीलाम हुईं हैं, उन बोलीदारों को सैद्धांतिक अनुमति जारी कर 'सिया' से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने हेतु निर्देशित किया गया है। 'सिया' से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार रेत खदानें प्रारंभ की जावेंगी।
अशोकनगर जिलांतर्गत रेत खदानों की नीलामी
10. ( *क्र. 2871 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में अशोकनगर जिले में कितनी लीजें दी गईं और कितनी नीलामी बोली में गौण खनिज नीलाम की गई? (ख) क्या नीलाम की गई रेत खदानों का एग्रीमेंट हुआ है? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) उक्त नीलाम की गई रेत खदानों पर मशीन लगाकर सिंध नदी और बेतवा पर अवैध उत्खनन कब तक रोका जावेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन
जिले में
प्रश्नांकित
अवधि में 3 लीजें
दी गई हैं।
वर्ष 2013-14
में 04
रेत खदानें, 02 पत्थर
खदानें नीलाम
की गईं हैं।
वर्ष 2014-15
में कोई खदान
नीलाम नहीं की
गई। वर्ष 2015-16 में 05 रेत एवं 01 बोल्डर
पत्थर की
खदान नीलाम की
गई है। वर्ष 2013-14 एवं
वर्ष 2014-15
में खदानों की
नीलामी नहीं
की गई है। खदानों
की नीलामी की
बोली के संबंध
में जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी
नहीं। प्रश्नांश
'क'
में
दिये उत्तर
अनुसार वर्ष 2013-14 एवं
वर्ष 2015-16
में नीलाम की
गई रेत की
खदानों का
अनुबंध नहीं
हुआ है। इसका
कारण संलग्न
परिशिष्ट में
दर्शाया गया
है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
(ग)
वर्ष
2013-14 में
नीलाम की गई
खदानें बेतवा
नदी पर नहीं
है, बल्कि
सहायक नदियों
पर हैं। उक्त
नदियों में
कोई अवैध उत्खनन
का प्रकरण नहीं
पाया गया।
वर्ष 2015-16
में नीलाम की
गई 05 रेत
खदानों में से
नीलाम खदान
ग्राम सोबत के
समीप सिंध नदी
से लगे ग्राम
सुनेरा में
रेत निकालने
पर अवैध उत्खनन
का प्रकरण अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
अशोक नगर
द्वारा बनाया
गया है, जिसे
कलेक्टर न्यायालय
में निराकरण
हेतु प्रस्तुत
किया गया है।
शेष नीलाम
खदानों पर
निगरानी रखी
जा रही है।
बेतवा नदी पर
कोई रेत खदान
वर्तमान में
नीलाम नहीं की
गई है।
मांडवी एवं खोडाना तालाब कार्य योजना की स्वीकृति
11. ( *क्र. 3509 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों में जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मांडवी एवं खोडाना तालाब कार्य योजनाएं क्षेत्र सिंचित रकबा बढ़ाए जाने हेतु एवं जल संकट की गंभीरता को दृष्टिगत रख बनाई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या मांडवी एवं खोडाना तालाब कार्य योजनाएं शासन/विभागीय संपूर्ण सर्वे एवं नियमानुसार कार्यवाहियों को पूर्ण कर दोनो योजनाओं को स्वीकृति दी जाकर प्रारंभ किया जाना था? क्या कारण रहे कि ये प्रारंभ नहीं हुई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। माण्डवी तालाब, जिला रतलाम की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 27.06.2007 को रू. 111.84 लाख की एवं खोडाना परियोजना जिला मंदसौर की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 07.08.2007 को रू. 819.18 लाख की प्रदान की गई थी। खोडाना परियोजना एक निम्मजित तालाब है, जिसका मूल उद्देश्य भू-जल स्तर को बढ़ाना होकर वर्षा ऋतु उपरांत तालाब खाली कर तालाब के तल में कृषि की जाना है। खोडाना परियोजना की प्रति हेक्टेयर लागत निर्धारित मापदण्ड से अधिक हो गई थी। अत: परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 16.06.2011 को निरस्त की गई। माण्डवी परियोजना के डूब क्षेत्र में नदी घाटी योजना के अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा निर्मित एक परकोलेशन तालाब आने से परियोजना तकनीकी मापदण्ड पर साध्य नहीं रही। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
नगर पालिका परिषद, गुना द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव
12. ( *क्र. 2773 ) श्री अजय सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी नगर पालिका परिषद को राजपत्र में प्रकाशित वार्ड सीमा से बाहर स्थायी निर्माण कार्य करने का अधिकार है? (ख) क्या नगर पालिक परिषद को निजी स्वामित्व की भूमि, बिना अधिग्रहण किए नजूल भूमि पर बिना किसी पूर्व अनुमति के अन्य प्रयोजन से स्थायी निर्माण कार्य करने का अधिकार प्राप्त है? क्या ऐसे सभी निर्माण के पूर्व टाउन एवं कंट्री प्लानिंग की अनुमति आवश्यक है? (ग) क्या नगर पालिका परिषद, गुना के साधारण सम्मेलन दिनांक 24.02.15 के एजेन्डा क्र. 1 के बिन्दु क्र. 16 (व्यय लगभग 20 लाख) व बिन्दू क्र. 27 (व्यय लगभग 10 लाख), बिन्दु क्रं.32 (व्यय 30 लाख) तथा साधारण सम्मेलन के एजेन्डा-3 दिनांक 19.10.15 के बिन्दु क्र.5 (व्यय 40 लाख) एवं बिन्दु क्र. 13 (व्यय 35 लाख), बिन्दु क्र. 21 (व्यय 35 लाख) के प्रस्ताव के अलावा प्रेसिडेन्स इन काउन्सिल का एजेन्डा क्रं. 1 बैठक दिनांक 27.01.15 के बिन्दु क्रं. 1, 2 (व्यय 9 + 9 लाख), बैठक दिनांक 05.02.15 एजेन्डा क्रं. 2 के बिन्दु क्र. 42, 43 (व्यय 9.5 + 10 लाख), बैठक दिनांक 16.03.15 के एजेन्डा क्रं. 4 का बिन्दु क्र. 72 (व्यय 10 लाख), बैठक दिनांक 17.04.15 का एजेन्डा क्र. 5 के बिन्दु क्रमांक 102, 103 (व्यय 9 + 9 लाख) आदि के द्वारा स्वीकृत प्रस्तावों का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो कार्यस्थल का भौतिक सत्यापन एवं व्यय राशि का विवरण क्या है? (घ) प्रश्न बिन्दु (क), (ख), (ग) द्वारा यदि नगर पालिका अधिनियम 1961 के नियमों का उल्लंघन होना पाया जाता है तो क्या शासन जाँच करवाकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नगर पालिका अधिनियम 1961 के नियमों का उल्लंघन नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर परिषद लहार, मिहोना, दबोह में सड़क निर्माण
13. ( *क्र. 441 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की नगर परिषद लहार, मिहोना, दबोह में 01 जनवरी, 2010 से 31 दिसम्बर, 2014 तक सार्वजनिक, शासकीय एवं नगर परिषदों के स्वामित्व की भूमियों को छोड़कर निर्मित सड़कों के सर्वे क्रमांक भूमि स्वामित्व तथा व्यय का विवरण दें? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में निजी स्वामित्व की भूमि पर उपरोक्त अवधि में निर्माण कराई गई सड़कों के डायवर्सन एवं जनहित में दान की गई भूमियों का ब्यौरा दें? (ग) क्या उपरोक्त अवधि में नगर परिषद लहार, मिहोना एवं दबोह द्वारा निजी भूमि स्वामियों से सांठ-गांठ कर सड़कें बनवाकर प्लाट विक्रय कराने की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? दोषी पाए जाने पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) निजी स्वामित्व की भूमि में सड़कों का निर्माण कार्य नहीं कराये जाने से जानकारी निरंक है।
तालाब के वेस्टवीयर पर पुलिया निर्माण
14. ( *क्र. 1301 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 118 दिनांक 08 दिसंबर, 2015 के उत्तर में बताया गया था कि तहसील ब्यावरा के ग्राम झरखेड़ा तालाब के अंतर्गत ग्राम पाडली महाराज के निकट तालाब के वेस्टवीयर पर पुलिया निर्माण हेतु डूब क्षेत्र में जल भरा होने से सर्वेक्षण कराना संभव नहीं हो सका है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में उक्त डूब क्षेत्र में जल भराव नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन ग्रामीणजनों को आवागमन की सुविधा सुलभ कराये जाने हेतु पुलिया निर्माण कार्य करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? उक्त वेस्टवीयर पर पुलिया निर्माण नहीं कराये जाने से भविष्य में यदि कोई जनहानि होती है तो इसके लिये कौन उत्तरदायी रहेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन स्थल पर शासकीय रास्ता नहीं होने तथा ग्राम पाडली महाराज से झरखेड़ा होते हुए ब्यावरा तक तथा ग्राम जामी होते हुए मलावर तक पक्का मार्ग आवागमन हेतु उपलब्ध होने के कारण। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
नर्मदा नदी पर बांध निर्माण
15. ( *क्र. 732 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1972 में प्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी पर 29 बड़े बांध बनाने की योजना बनाई थी? (ख) क्या उक्त बांधों के निर्माण की मंजूरी नर्मदा जल न्यायिक प्राधिकरण द्वारा 1979 में प्रदान की गई थी? तत्संबंधी ब्यौरा क्या है। (ग) उक्त (क) एवं (ख) की स्वीकृतियों में से कितने एवं कौन-कौन से बांध निर्मित हो चुके? उनका निर्माण व्यय संबंधी ब्यौरा क्या है? (घ) कितने बांध अब तक निर्मित नहीं हुए एवं किस कारण? पूर्ण ब्यौरा क्या है।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। नर्मदा न्यायिक प्राधिकरण द्वारा मध्यप्रदेश को 18.25 मिलियन एकड़ फीट नर्मदा कछार जल का बंटवारा किया। मध्यप्रदेश को अपने हिस्से के जल उपयोग अंतर्गत प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदेश सरकार ने 29 बड़े बांध बनाने की योजना बनाई थी। (ग) 10 परियोजनाएं निर्मित हो चुकी हैं, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। 06 परियोजनाएं प्रगतिरत हैं, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार हैं। (घ) 13 परियोजनाएं अब तक निर्मित नहीं हुईं हैं, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार हैं।
विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकों का आयोजन
16. ( *क्र. 3384 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकों के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या कटनी जिले के शासकीय विभागों में विभागीय पदोन्नति समितियों का गठन किया जा चुका है? वर्तमान में समितियों का गठन कब किया गया? वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब बैठकें आयोजित कर क्या अनुसंशायें की गईं? (ख) कटनी जिले में स्कूल शिक्षा विभाग एवं स्थानीय निकायों के शिक्षकों की पदोन्नति एवं संविदा शिक्षकों के संविलियन की कार्यवाही, कब से किन-किन कारणों से लंबित है? (ग) क्या कारण है कि विभागीय पदोन्नति समितियों की बैठकों का नियमानुसार आयोजन नहीं किया जाता, शिक्षकों की पदोन्नति की अनुशंसायें नहीं की जा रही हैं एवं संविदा शिक्षकों का संविलियन नहीं किया गया है, क्या इन अनियमितताओं का संज्ञान लेते हुये समुचित जाँच एवं कार्यवाही कर शासकीय सेवकों को शासनादेशों का लाभ दिलाया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विभागीय भर्ती नियम में विभागीय पदोन्नति समिति का प्रावधान होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक’ एवं ‘दो’ अनुसार है। (ख) वर्ष 2015 में पदोन्नति की कार्यवाही गोपनीय प्रतिवेदनों के अभाव में। वर्ष 2015 में संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 से 473 का सहायक प्राध्यापक के पद पर तथा संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 से 04 का अध्यापक पद पर संविलियन किया गया। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हरदा जिले में ट्रांसफार्मर एवं बिजली व्यवस्था
17. ( *क्र. 4037 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण और कृषि उपभोक्ता के जले ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु क्या नियम निर्देश लागू हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) हरदा जिले में वर्तमान 2015-16 के रबी सीजन में खराब हुए ट्रांसफार्मरों को कितने-कितने दिनों में बदला गया? दिनांक एवं स्थान सहित जानकारी दें। (ग) टिमरनी तहसील के ग्राम बघवाड़ा में ट्रांसफार्मर समय में नहीं सुधारने में कौन-कौन उत्तरदायी हैं? ऐसे उत्तरदायी लोगों पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) टिमरनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत नौसर के खेरी टप्पर एवं ग्राम खारी में विद्युत व्यवस्था है? यदि नहीं, तो क्या इसके लिए शासन की तरफ से कोई योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं के जले/फेल वितरण ट्रांसफार्मर वर्षा ऋतु (जुलाई से सितम्बर) में 7 दिन तथा शेष वर्ष के दौरान सूखे मौसम में 3 दिन में बदले जाने के नियम/निर्देश हैं, किन्तु जले/फेल वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं के विरूद्ध बकाया राशि होने पर नियमानुसार बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरान्त उक्तानुसार उल्लेखित अवधि में ट्रांसफार्मर बदले जाने के निर्देश हैं। निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है। (ख) हरदा जिले में वर्ष 2015-16 के रबी सीजन में खराब हुये ट्रांसफार्मरों को बदलने में लगे समय तथा बदलने की दिनांकवार एवं स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) टिमरनी तहसील के ग्राम बघवाड़ा में फेल ट्रांसफार्मर समय-सीमा में नहीं बदलने एवं क्षतिग्रस्त डी.पी. स्ट्रक्चर का सुधार कार्य समय-सीमा में नहीं करने के कारण संबंधित कनिष्ठ यंत्री, करताना वितरण केन्द्र को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (घ) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत नौसर के अंतर्गत खारी नाम का कोई ग्राम नहीं है। ग्राम पंचायत नौसर के अंतर्गत स्थित खड़ी टप्पर में कुल 09 मकान (टप्पर) बने हुए हैं। जिले में संचालित राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के प्रावधानों के अनुसार 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाली बसाहटों/मजरों/टोलों को ही योजना में सम्मिलित किया जा सका था। उक्त प्रावधानों के अंतर्गत नहीं आने के कारण उक्त मजरे का कार्य जिले हेतु स्वीकृत उक्त योजना में शामिल नहीं किया जा सका। वित्तीय उपलब्धता के आधार पर उक्त मजरे के विद्युतीकरण का कार्य भविष्य में स्वीकृत होने वाली योजना में सम्मिलित किया जा सकेगा। तथापि सांसद/विधायक निधि द्वारा वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाती है तो उक्त मजरे के विद्युतीकरण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराया जावेगा।
प्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थ पर लगने वाले टैक्स
18. ( *क्र. 3121 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पेट्रोल, डीजल, कैरोसीन एवं रसोई गैस, सिलेण्डर प्रति यूनिट, उत्पादन कंपनियों से म.प्र. को मूल रूप से किस दर पर प्राप्त होते हैं? पेट्रोल, कैरोसीन एवं डीजल की दर प्रति लीटर एवं रसोई गैस सिलेण्डर की दर प्रति सिलेण्डर में मूल रूप से प्राप्त होने की दर एवं प्रदेश में लगने वाले विभिन्न टैक्स उपरांत विक्रय की दर बतावें? (ख) वर्तमान में म.प्र. में पेट्रोल, डीजल, कैरोसीन एवं रसोई गैस पर कौन-कौन से टैक्स किस-किस दर पर लगाए जा रहे हैं? विगत दो वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा इनमें से कौन-कौन से टैक्सों में कितनी-कितनी वृद्धि की गई है? वर्तमान में पड़ोसी राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात एवं महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व दिल्ली में इन उत्पादों पर लगाए जाने वाले टैक्सों की जानकारी म.प्र. सहित तुलनात्मक विवरण दें? (ग) क्या प्रदेश में अन्य पड़ोसी राज्यों की तुलना में इन उत्पादों पर टैक्स अधिक होने से सीमांत इलाकों में पड़ोसी राज्यों से डीजल, पेट्रोल लाकर प्रदेश में बेचा जा रहा है, जिससे प्रदेश को राजस्व की हानि हो रही है? क्या प्रदेश सरकार अन्य पड़ोसी राज्यों के समान उक्त उत्पादों पर लगने वाले टैक्स अनुसार टैक्स की दर निर्धारित करेगी? (घ) वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नांश (क) अनुसार उत्पादों पर लगने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्सों से प्रदेश को कितने रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ? कृपया वर्षवार बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) यह जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ख) वर्तमान में मध्यप्रदेश में पेट्रोल, डीजल, कैरोसिन एवं रसोई गैस पर लगाए जा रहे कर की दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ए' अनुसार है। अन्य राज्यों में लागू कर की दर विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) प्रदेश के सीमांत इलाकों में पड़ोसी राज्यों से डीजल, पेट्रोल लाकर प्रदेश में बेचे जाने की कोई जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। प्रदेश सरकार प्रदेश में बजट अनुमान एवं राजस्व संग्रहण के आधार पर कर की दरें निर्धारित करती है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'बी' अनुसार है।
म.प्र. शासन द्वारा लिया गया ऋण
19. ( *क्र. 808 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2002 एवं 31 मार्च 2003 तक की स्थिति में म.प्र. शासन के ऊपर किस-किस प्रकार का कितना ऋण था? (ख) 31 मार्च 2015 एवं 30 जनवरी 2016 तक की स्थिति में म.प्र. शासन के ऊपर किस-किस प्रकार का कितना-कितना ऋण था? (ग) म.प्र. शासन ने 30 जनवरी 2016 तक किस-किस से कितनी-कितनी राशि किन-किन शर्तों के आधार पर ऋण के रूप में ले रखी है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दिनांक 31.03.2002 की स्थिति में बाजार से ऋण रू. 4476.36 करोड़, केन्द्र सरकार का ऋण रू. 9043.18 करोड़, अन्य संस्थाओं से ऋण रू. 3172.07 करोड़ कुल रूपये 16691.61 करोड़ एवं 31.03.2003 की स्थिति में बाजार से ऋण रू. 5575.98 करोड़, केन्द्र सरकार का ऋण रू. 9483.09 करोड़, अन्य संस्थाओं से ऋण रू. 5088.27 करोड़ कुल रूपये 20147.34 करोड़ का ऋण था। (ख) दिनांक 31.03.2015 की स्थिति में बाजार से ऋण रू. 43149.92 करोड़, केन्द्र सरकार का ऋण रू. 13253.83 करोड़, अन्य संस्थाओं से ऋण रू. 25857.75 करोड़ कुल रूपये 82261.50 करोड़ का ऋण था। 30 जनवरी 2016 की स्थिति भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के द्वारा प्रदत्त वित्त लेखे जो वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्राप्त होंगे, से जानकारी दी जाना संभव होगी। (ग) 30 जनवरी 2016 की स्थिति भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के द्वारा प्रदत्त वित्त लेखे जो वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्राप्त होंगे, से इस वित्तीय वर्ष में जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
सिवनी जिले में खनिज खदानों की लीज़ स्वीकृति
20. ( *क्र. 3891 ) श्री दिनेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्टोन क्रेशर, रेत, फर्शी, पत्थर आदि खदानों की लीज़ स्वीकृत किये जाने की क्या प्रकिया है? नियम व शर्तों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ख) सिवनी जिले में विगत 5 वर्षों में किस-किस गांव में किस-किस सर्वे नम्बर में कितने-कितने क्षेत्रफल की स्टोन क्रेशर, पत्थर, रेत आदि खनिजों की लीज़ पर किन-किन फर्मों या व्यक्तियों को कब-कब, कितनी-कितनी अवधि के लिये स्वीकृत की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) से संबंधित 2010 से प्रश्न दिनांक तक अवैध उत्खनन करने या नियमों का पालन नहीं करने या पर्यावरण प्रदूषित करने हेतु कितने-कितने प्रकरण, किस-किस फर्म या व्यक्तियों पर कहाँ-कहाँ दर्ज किये गये व उन्हें क्या दण्ड दिया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में स्टोन क्रेशर हेतु पत्थर खनिज, निजी भूमि में स्थित फर्शी पत्थर, म.प्र. राज्य खनिज निगम के पक्ष में रेत खनिज का उत्खनिपट्टा स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। शासकीय भूमि में स्थित फर्शी पत्थर एवं पत्थर को नीलामी के माध्यम से व्यापारिक खदान के रूप में स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। यह नियम अधिसूचित नियम है, जिसमें प्रक्रिया, नियम तथा शर्तें उल्लेखित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
नगर परिषद लांजी से प्राप्त शिकायतों की जाँच
21. ( *क्र. 3217 ) श्री
कमल मर्सकोले
:
क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) राज्य
शासन द्वारा
लांजी नगर
परिषद के
दिनांक 25.08.2009 से
गठन के उपरांत
कितने विकास
कार्यों के
लिये नगर
परिषद लांजी
ने
प्रेसिडेंट
कौंसिल एवं नगर
परिषद ने
प्रस्ताव
पारित कर राज्य
शासन को
दिनांक 29.01.2016 तक
भेजे एवं राज्य
शासन ने उस पर
क्या
कार्यवाही की? (ख) अध्यक्ष
नगर परिषद
लांजी ने
विकास कार्य
नहीं होने की
कितनी
शिकायतें
प्रमुख सचिव
नगरी विकास
एवं संचालनालय
नगरीय विकास
को प्रेषित की
एवं उन पत्रों
पर संबंधित
अधिकारियों
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) नगर
परिषद लांजी
को फायर
बिग्रेड
खरीदने एवं शौचालय
तथा शहर में
नालियों के
निर्माण के लिये
बजट नहीं दिये
जाने का कारण
बताया जावे
तथा फायर
बिग्रेड का
अनुदान एवं
गंदे पानी के
निकासी के
लिये नालियां
बनाने
डी.पी.आर.
बनाने की
अनुमति कब तक
प्रदान की
जायेगी?
निश्चित
अवधि बताई
जावे।
(घ) नगर
परिषद लांजी
को आवंटित बजट
का ऑडिट एवं
कर्मचारियों
की भर्ती की जाँच
कब तक करायी
जावेगी?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
नगर परिषद
लांजी में
विकास कार्य
नहीं होने की, अध्यक्ष
द्वारा कोई
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है। (ग) नगर
परिषद लांजी
जिला बालाघाट
को फायर बिग्रेड
क्रय के लिए
राशि रू. 25.00
लाख उपलब्ध
कराया गया है।
व्यक्तिगत
शौचालय 500 नग
के लिए राशि
रू. 98.60
लाख की
कार्ययोजना
स्वीकृत की
गई है। नगर
परिषद लांजी
द्वारा गंदे पानी
के निकासी के
लिए नाली
निर्माण का
कोई प्रस्ताव
तैयार नहीं
किया गया है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) नगर
परिषद लांजी
द्वारा उप
संचालक,
स्थानीय
निधि
संपरीक्षा
जबलपुर को
पत्र क्रमांक 2375 दिनांक 08.01.2016 से ऑडिट
कराने का
अनुरोध किया
गया है।
कर्मचारियों
के भर्ती की जाँच
संबंधी कोई भी
प्रकरण
वर्तमान में
लंबित नहीं
होने से शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
आरक्षित वर्ग के कृषकों को मुआवजा
22. ( *क्र. 3068 ) श्री
लखन पटेल :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
दमोह जिले में
तहसील पथरिया
के ग्राम हथना
(नंदरई) में
सिंचाई विभाग
द्वारा तालाब
निर्माण कराया
गया? इसमें
कितने
किसानों की
जमीन डूब
क्षेत्र में
हैं? (ख) ऐसे
किसानों की
संख्या नाम
सहित बताएंगे, किस-किस
किसान की भूमि
व कितना-कितना
रकबा डूब
क्षेत्र में
है? (ग) इन
किसानों को
वर्ष 1970-71
में राजस्व
विभाग द्वारा
अनुसूचित
जाति एवं
अनुसूचित जनजाति
के लोगों को
खेती के लिए
पट्टे दिए गए थे? यदि हाँ, तो उनकी
जमीन डूब
क्षेत्र में
आने से उन्हें
मुआवजा दिया
गया? यदि
नहीं, तो
क्यों?
कब
तक दिया
जायेगा?
कितनी-कितनी
राशि दी
जावेगी एवं कब
तक?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) जी
हाँ, ग्राम
हथना (नंदरई) में
बासांकला
जलाशय का
निर्माण
कराया गया है।
43
कृषकों की
भूमि डूब
क्षेत्र में
है। (ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के प्रपत्र
''1'' एवं ''2'' अनुसार है।
(ग) वनभूमि पर
राजस्व
विभाग द्वारा
पट्टे दिए
जाना नियम
संगत नहीं
होने के कारण
मुआवजा
भुगतान संभव
नहीं हो सका।
पट्टे की
वैधानिकता का
परीक्षण कर 3 माह के
भीतर निराकरण
करने के
निर्देश
कलेक्टर को
दे दिए गए हैं।
ट्रांसफार्मर का अन्यत्र व्यवस्थापन
23. ( *क्र. 3974 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्न संख्या 104 (क्रमांक 2364), दि. 28.07.2015 के प्रश्नांश (ख) भाग के उत्तर में नगरीय प्रशासन एवं पर्यावरण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त अनुज्ञाओं में तत्कालीन प्रचलित नियमों के तहत खुला क्षेत्र, सर्विस क्षेत्र, पार्क आदि स्वीकृत किया जाना स्वीकार किया है, तो उक्त ट्रांसफार्मर चयनित स्थल पर स्थापित है या अचयनित स्थल पर? (ख) क्या अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2197 उत्तर दिनांक 15.12.2015 के प्रश्नांश (घ) भाग के उत्तर में अध्यक्ष, विनीत कुंज, गृह निर्माण संस्था की लिखित सहमति प्राप्त नहीं होना लेख किया गया है? हाँ, तो इस प्रश्न दिनांक तक उक्त संस्था से तत्संबंधी सहमति प्राप्त कर ली गई है, तो सहमति पत्र प्रस्तुत करें? यदि नहीं, तो शिथिलीय कार्यवाही करने के लिए कौन-कौन अधि./कर्म. दोषी हैं? दोषियों के नाम व पदनाम उल्लेखित करें। (ग) शासन, संभावित जनहानि को जन्म देने वाली व सहमति देने में शिथिलता बरतने वाली उक्त संस्था के कॉलोनाईजर संबंधी अनुज्ञापत्र को निरस्त करने की कार्यवाही करेगा? हाँ तो अवधि नियत करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन ट्रांसफार्मर को विनीत कुंज, गृह निर्माण संस्था की सहमति पर तात्कालिक प्रचलित नियमों एवं सुरक्षा की दृष्टि से अनुकूल चयनित स्थल पर तकनीकी साध्यता तथा स्वीकृत बाह्य विद्युतीकरण के प्राक्कलन अनुसार 'अ' श्रेणी के विद्युत ठेकेदार के माध्यम से स्थापित कराया गया है। (ख) जी हाँ। अध्यक्ष विनीत कुंज गृह निर्माण संस्था के द्वारा दिनांक 18.02.16 को लिखित सहमति दी गई है। उक्त सहमति पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन ट्रांसफार्मर तकनीकी साध्यता के अनुरूप ही लगाया गया था एवं वर्तमान में अध्यक्ष विनीत कुंज गृह निर्माण संस्था से 5 प्रतिशत पर्यवेक्षण शुल्क के आधार पर कार्य कराने की लिखित सहमति दिनांक 18.2.16 को प्राप्त हो चुकी है, अत: उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कोई कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित नहीं है।
धार जिले में कर चोरी के प्रचलित प्रकरण
24. ( *क्र. 4029 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में दिनांक 01.01.2012 से 31.12.2015 तक कर चोरी के कितने प्रकरण विभाग द्वारा बनाये गये? (ख) प्रश्न (क) के अनुसार कितनी जुर्माना राशि वसूली गई? कितनी शेष है कितने प्रकरण न्यायालय/विभाग या अन्य जगह चल रहे हैं? (ग) वृत्त कार्यालयों में बिना टिन नं. कार्य करने वाले कितने प्रकरण चिन्हित कर भेजे हैं? इस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्न (ख) अनुसार शेष बची वसूली कब तक कर ली जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) धार जिले में दिनांक 01/01/2012 से 31/12/2015 तक कुल 17 प्रकरण बनाये गये, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 162.88 लाख रूपये राशि वसूल की गई है। उक्त प्रकरणों में से वसूली के कोई प्रकरण न्यायालय/विभाग में शेष नहीं हैं। (ग) इस प्रकार की जानकारी अभी तक संज्ञान में नहीं आई। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार कोई वसूली शेष नहीं। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर वि.स. क्षेत्र में चल रहे प्रकरण
25. ( *क्र. 4282 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के दिनेश पिता मांगीलाल के विरूद्ध 27.06.14 को प्रकरण दर्ज करने के बाद भी विभाग द्वारा क्रेशर सील क्यों नहीं किया गया? (ख) इनके द्वारा कितनी सप्लाई पश्चिम रेल्वे कोटा को की गई जानकारी प्रश्न दिनांक तक देवें? (ग) इनके विरूद्ध वसूली के लिये चल रहे प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महिदपुर जिला उज्जैन द्वारा दिनांक 19.02.2016 को आदेश पारित कर अनावेदक श्री दिनेश पिता श्री मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर जिला उज्जैन पर रूपए 30,29,25,600/- (तीस करोड़ उनतीस लाख, पच्चीस हजार छ: सौ) का अर्थदण्ड म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 247 (7) के तहत अधिरोपित किया गया है तथा तहसीलदार महिदपुर को अनावेदक के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही शीघ्र प्रारंभ कर वसूली के आदेश दिए गए हैं।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सी.सी.
रोड का
निर्माण
1. ( क्र. 39 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के नगर पंचायत राजगढ़ बस स्टैण्ड में सी.सी.रोड का निर्माण कब किया गया? इसकी लागत एवं कार्य एजेंसी के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्या उक्त कार्य की गुणवत्ता स्तरहीन होने के कारण जिलाधीश ने दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो कार्य एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) यदि नहीं, तो क्यों इसके लिए कौन जिम्मेदार है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2013 में प्रश्नाधीन कार्य किया गया। कार्य स्वीकार नहीं करने के कारण इसकी लागत बताया जाना संभव नहीं है। कार्य श्री कनकमल समीरमल जैन ठेकेदार द्वारा किया गया। (ख) जी नहीं। कलेक्टर धार ने जनशिकायत विभाग से प्राप्त शिकायत के कारण जाँच के निर्देश दिये थे। एजेन्सी के द्वारा कये गये निर्माण कार्य को अमान्य करते हुए मूल्यांकन एवं भुगतान नहीं करने के निर्देश आयुक्त, इन्दौर संभाग, इन्दौर ने दिए तद्नुसार कार्य का न तो मूल्यांकन किया गया न ही भुगतान किया गया। (ग) तत्कालनी मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री संतराम चौहान को कलेक्टर ने आदेश क्रमांक/1159/डूडा/2013 धार दिनांक 15.11.2013 द्वारा निलंबित किया। जाँच उपरांत तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री संतराम चौहान के विरूद्ध संभागीय आयुक्त, इन्दौर के पत्र क्रं./414/2/स्थापना/इंदौर दिनांक 18.03.2014 द्वारा दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित की गई।
चन्देरी की नगरपालिका के पार्षदों पर कार्यवाही
2. ( क्र. 88 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चंदेरी में नगरपालिका अधिनियम की धारा 38 में 6 माह से ज्यादा अनुपस्थित रहने वाले के स्थान को रिक्त करने की अधिसूचना का अनुरोध जिलाधीश अशोकनगर को जनवरी 2016 में पत्र लिखकर किया था? (ख) ऐसे कितने पार्षद हैं जो अधिनियम की धारा 38 में दोषी हैं व इस संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शिकायतकर्ता श्री विवेकांत भार्गव पिता श्री लक्ष्मीकांत भार्गव द्वारा दिनांक 18.12.2015 एवं दिनांक 17.12.2015 के द्वारा कलेक्टर, अशोकनगर को आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये थे। जिसमें उल्लेख किया गया था कि नगर पालिका परिषद्, चंदेरी की पार्षद श्रीमती आशा मिश्रा, वार्ड क्रं. 03 जो कि, विगत 06 माह से नगर पालिका परिषद् की बैठकों/सम्मेलनों में उपस्थित नहीं हुये हैं और यह निरन्तर अनुपस्थित रहती हैं। इस कारण मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम की धारा 38 के प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जाये। उक्त संबंध में विहित प्राधिकारी कलेक्टर, अशोकनगर के यहां जाँच प्रचलित है। (ख) नगर पालिका परिषद् में प्रश्नांश ''क'' के अतिरिक्त कोई भी पार्षद नहीं है, जो अधिनियम की धारा 38 में दोषी हो। अत: कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है।
अवैध शराब की दुकानों के ठेके
3. ( क्र. 112 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के अंतर्गत कितनी देशी एवं विदेशी शराब की दुकानें हैं? इन दुकानों में आबकारी विभाग द्वारा कितनी दुकानों के ठेके (नीलामी पद्धति से) प्रदान किये गये हैं? ग्रामवार, विकासखण्डवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आबकारी विभाग द्वारा कितने लायसेंस धारी ठेकेदारों को शराब के ठेके प्रदान किये गये हैं? इनमें से कितने अवैध ठेकेदार हैं? इन ठेकेदारों के विरूद्ध विभाग द्वारा कितने प्रकरण दर्ज करवाये गये हैं एव इनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने अवैध शराब के ठेके हैं? इनमें से कितने अवैध शराब के ठेकेदारों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराये गये हैं? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही गई है? यदि नहीं, की गई तो क्यों? दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जिला धार में वर्ष 2015-16 के लिए देशी एवं विदेशी मदिरा की दुकानों का निष्पादन नीलामी पद्धति से नहीं किया गया है। अपितु जिला धार में वर्ष 2015-16 के लिए 68 देशी मदिरा एवं 27 विदेशी मदिरा इस प्रकार कुल 95 मदिरा दुकानें, 26 एकल समूहों में संचालित है। इन मदिरा दुकानों/एकल समूहों का निष्पादन टेण्डर के माध्यम से किया गया है। वर्ष 2015-16 में धार जिले में संचालित मदिरा दुकानों की ग्रामवार, विकासखण्डवार सूची विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 में टेण्डर के माध्यम से 68 देशी मदिरा एवं 27 विदेशी मदिरा इस प्रकार कुल 95 मदिरा दुकानों के 26 एकल समूहों का आवंटन 24 ठेकेदारों (लायसेंसियों) को किया गया है। इस संबंध में लायसेंसीवार जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। इनमें से कोई भी अवैध ठेकेदार (लायसेंसी) नहीं है। वर्ष 2015-16 में इन 68 देशी मदिरा एवं 27 विदेशी मदिरा दुकानों के ठेकेदारों (लायसेंसियों) के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत बने सामान्य अनुज्ञप्ति की शर्तों एवं लायसेंस की शर्तों नियम/निर्देशों के उल्लघंन पर दिनांक 01 अप्रैल 2015 से दिनांक 31 जनवरी 2016 तक 3100 विभागीय प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर उनका निराकरण किया गया है। मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 48 अनुसार विभागीय प्रकरण शमनीय होने से, इन समस्त प्रकरणों में समक्ष प्राधिकारी द्वारा रूपये 25,42,140/- शास्ति अधिरोपित कर प्रकरण का शमन किया गया है। (ग) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत अवैध शराब का कोई ठेका नहीं है। अपितु वृत्त सरदारपुर में वर्ष 2015-16 में दिनांक 01 अप्रैल 2015 से दिनांक 31 जनवरी 2016 तक अवैध मदिरा व्यवसायियों के विरूद्ध आबकारी विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुए कुल 387 प्रकरण मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत पंजीबद्ध किये है। अवैध मदिरा के इन प्रकरणों में कोई भी लायसेंसी संलिप्त होना नहीं पाया गया है। सभी प्रकरण सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किये जा चुके है। अत: उपरोक्त के प्रकाश में किसी अधिकारी के दोषी न होने से अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पवन चक्कियों हेतु शट-डाउन
4. ( क्र. 136 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम एवं मंदसौर जिलों में पवन ऊर्जा हेतु लगने वाली विभिन्न पवन चक्कियों को विद्युत ग्रीड से जोड़ने वाली 33 के.व्ही. लाईनों के निर्माण के दौरान मार्ग में आने वाली विद्युत लाईनों पर शट-डाउन लेने की क्या प्रक्रिया है? क्या दोनों जिलों में उक्त प्रक्रिया का पालन हो रहा है? (ख) क्या रतलाम एवं मंदसौर जिले में पवन चक्कियों स्थापित करने वाली कंपनियों एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर के अधिकारियों की मिलीभगत से संबंधित ग्रीड से शट-डाउन की प्रक्रिया का पालन किये बिना ही ग्रामीण क्षेत्रों का विद्युत प्रवाह बन्द कर दिया जाता है? यदि हाँ, तो इस संबंध में वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में (माह जनवरी-2016 तक कितनी शिकायतें इस बाबत् प्राप्त हुई और उन पर क्या कर्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांकित जिलों में दिनांक 01 जनवरी, 2015 से 01 जनवरी, 2016 तक पवन ऊर्जा संयंत्रों के लिए निर्मित की जाने वाली 33 के.व्ही.लाईनों के निर्माण के दौरान किन-किन स्थानों/लाईनों पर शट-डाउन कब-कब लिया गया दिनांकवार जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रतलाम एवं मंदसौर जिलों में पवन ऊर्जा हेतु लगने वाली विभिन्न पवन चक्कियों को विद्युत ग्रीड से जोड़ने वाली 33 के.व्ही.लाईनों के निर्माण के दौरान मार्ग में आने वाली विद्युत लाईनों पर शट-डाउन लेने हेतु 3 दिन पूर्व संबंधित पवन ऊर्जा कंपनी द्वारा संबंधित कार्यपालन यंत्री के माध्यम से आवेदन दिया जाता है। कार्यपालन यंत्री द्वारा वृत्त स्तर पर स्थापित नोडल डिस्काम कन्ट्रोल सेन्टर (एन.डी.सी.सी.) को शट-डाउन का प्रस्ताव प्रेषित किया जाता है। नोडल अधिकारी (एन.डी.सी.सी.) द्वारा शट-डाउन का प्रस्ताव परीक्षण के उपरान्त अधीक्षण यंत्री (संचालन/संधारण) के माध्यम से कार्यपालक निदेशक, उज्जैन कार्यालय में स्थापित ऑपरेशन सेल प्रभारी (अधीक्षण यंत्री) को प्रेषित किया जाता है। ऑपरेशन सेल प्रभारी से अनुमोदन संबंधित वृत्त/संभाग में प्राप्त होने के पश्चात् शट-डाउन का परमिट संबंधित उपकेन्द्र से अधिकृत अधिकारी/कर्मचारी को दिया जाता है। जी हाँ, दोनों जिलों में उक्त प्रक्रिया का पालन हो रहा है। (ख) जी नहीं, रतलाम एवं मंदसौर जिले में इस संबंध में वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में माह जनवरी-2016 तक कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रश्नांकित जिलों में दिनांक 01 जनवरी 2015 से दिनांक 01 जनवरी 2016 तक पवन ऊर्जा संयंत्रों के लिए निर्मित की जाने वाली 33 के.व्ही. लाईनों के निर्माण के दौरान जिन-जिन स्थानों/लाईनों पर शट-डाउन लिया गया उनकी रतलाम एवं मंदसौर जिलों हेतु दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
दो संतानों वाले कर्मचारियों को दिये जाने वाले लाभ
5. ( क्र. 137 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 जून 2012 के पश्चात् राज्य कर्मचारियों के तीसरी संतान होने पर दण्डात्मक प्रावधानों (ए.सी.पी.नहीं देने) के संबंध में म.प्र. सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों से नियमों/प्रावधानों की जानकारी मांगी गई हैं? यदि हाँ, तो कब-कब और किन-किन राज्यों से? किये गये पत्राचार की जानकारी देवें? (ख) उक्त राज्यों से सरकार को क्या-क्या जानकारी कब-कब प्राप्त हुई? पत्रों की प्रति सहित जानकारी देवें? (ग) क्या सरकार उक्त समस्त तथ्यों को मद्देनजर रखते हुए राज्य में इस संबंध में लागू प्रावधानों/नियमों की पुर्नसमीक्षा करने का विचार रखती है? यदि हाँ,तो क्या व कब तक एवं नहीं, तो क्यों? (घ) क्या राज्य सरकार बालिका प्रोत्साहन के अंतर्गत दो बालिकाओं पश्चात् नसबंदी कराने वाले कर्मचारियों को एक अतिरिक्त वेतनवृद्धि का लाभ तथा इन बलिकाओं को विभिन्न विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में नि:शुल्क शिक्षा का विचार रखती है? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही चल रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
फुलप्रूफ ई-रजिस्ट्री योजना का क्रियान्वयन
6. ( क्र. 154 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार का ई-सम्पदा (ई-रजिस्ट्री) की सॉफ्टवेयर की तकनीकी खामियों जैसे की सर्वर ठप्प होना, लैंग्वेज सपोर्ट न करना तथा सर्विस प्रोवाइडर को समय पर भुगतान नहीं होने आदि खामियों की योजना के प्रारंभ होने के बाद किस-किस जिले में कितनी शिकायतें आई हैं तथा इससे कितने राजस्व की हानि प्रत्येक जिले में हुई है व इन खामियों व शिकायतों को दूर करने के क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) क्या पंजीयन व स्टाम्प विभाग में ई-रजिस्ट्री योजना लागू की, जिसका सॉफ्टवेयर विप्रो ने बनाया व ऑनलाईन रजिस्ट्री का काम भी शुरू हो गया था? यह सब फुलप्रूफ क्यों नहीं था व इसे फुलप्रूफ कब तक कर दिया जाएगा ताकि ई-रजिस्ट्री बिना बाधा के होने लगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सम्पदा ई-पंजीयन परियोजना अन्तर्गत राजस्व हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। खामिया व शिकायतों का निराकरण यथासंभव प्रतिदिन किया जाता है। (ख) जी हाँ। साफ्टवेयर फुलप्रूफ है। प्राप्त शिकायतों का निराकरण यथासंभव प्रतिदिन किया जाता है।
मलिन बस्ती योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही
7. ( क्र. 190 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका निगम खंडवा, खण्डवा के चीराखदान क्षेत्र में मलिन बस्ती योजना के तहत किस वर्ष में कितने मकान बनाए गए हैं तथा उन पर अब तक कितना व्यय हुआ है? क्या उनका आवंटन हो चुका है? (ख) क्या शासन के करोड़ों रूपये खर्च होने के बाद भी वहां पर नागरिकों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई? उक्त आवासों में मूलभूत सुविधा कब तक उपलब्ध कराई जाएगी? (ग) क्या विगत तीन वर्षों से निर्मित आवास में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में आवंटन/विस्थापन नहीं होने से उनके खिड़की दरवाजे चोरी हो रहे हैं जिससे शासकीय संपति का नुकसान हुआ है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या नवनिर्मित आवासों में विस्थापित होने वाले क्षेत्रों/परिवारों का चयन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध कराए? यह विस्थापन प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2009 से 2014 तक 768 आवासीय इकाई निर्मित की गई है। राशि रू. 23.45 करोड़ का व्यय हुआ है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। राशि के अभाव में अधोसंरचना के कार्य की निविदा नहीं कराई जा सकी थी। वर्तमान में तैयार भवनों के शीघ्र आवंटन हेतु मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने हेतु अन्य मदों से राशि की व्यवस्था की जाकर कार्य कराये जा रहे है जो अंतिम चरण में है। अधोसंरचना कार्य प्रगति पर है। 30 मार्च 2016 तक मूलभूत सुविधाएं पूर्ण करा लिए जाने का लक्ष्य है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। योजना अंतर्गत चयनित बस्तियों के पूर्व में चयनित हितग्राहियों के द्वारा आवास लेने से इंकार किये जाने से जिला क्रियान्वयन समिति खण्डवा के निर्णय अनुसार अन्य बस्तियों एवं आवासहीन परिवारों का सर्वे किया जाकर सूचीबद्ध किया जा रहा है। 30 मार्च 2016 तक चयन प्रक्रिया पूर्ण करते हुए चयनित हितग्राहियों को आवास आवंटन 15 अप्रैल 2016 तक किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
फीडर सेपरेशन के कार्य
8. ( क्र. 206 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में कितने गांव ऐसे हैं जिनमें प्रश्न दिनांक तक फीडर सेपरेशन के अन्तर्गत 11 के.व्ही. घरेलू फीडरों से जोड़ने का कार्य नहीं हो सका है? गांव के नाम का उल्लेख करें? (ख) उक्त गांवों में फीडर सेपरेशन का कार्य न होने के क्या कारण हैं एवं इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मनासा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 17 ग्राम ऐसे हैं जिन्हें फीडर सेपरेशन योजना के अन्तर्गत 11 के.व्ही. घरेलू फीडरों से जोड़ने का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। ग्रामों की नामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन 17 ग्रामों के लिए विद्युत लाईनें डालने के मार्ग में रक्षित वन आने के कारण लाईनें डालने हेतु वन विभाग की अनुमति आवश्यक है। वन विभाग से अनुमति प्राप्त नहीं होने के कारण इन ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य नहीं हो पाया है। वन विभाग से अनुमति प्राप्त होने के उपरान्त उक्त कार्य किया जा सकेगा, अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
उद्वहन सिंचाई योजना
9. ( क्र. 208 ) श्री कैलाश चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन संभाग उज्जैन के विभिन्न जिलों में कितनी उद्वहन सिंचाई योजनाएं विगत 20 वर्षा में निर्मित की गई है, जिलावार जानकारी दें? उक्त योजनाओं में से कौन-कौन सी योजनाएं प्रश्न दिनांक तक चालू हैं एवं कौन-कौन सी योजनाएं बंद है? जिलावार योजना का नाम, निर्माण का वर्ष, योजना कब से चालू है, यदि बंद है तो कब से जानकारी दें? (ख) उक्त उद्वहन योजनाओं के बंद होने के क्या कारण हैं, योजनावार बताएं? उक्त योजना निर्माण में शासन की कितनी राशि का व्यय हुआ है और इन्हे चालू किये जाने के लिये क्या शासन विचार कर रहा है? क्या कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जल संसाधन संभाग उज्जैन के अधीन उज्जैन जिला आता है। उज्जैन जिले में प्रश्नाधीन अवधि में कोई उद्वहन सिंचाई परियोजना निर्मित नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
कन्वर्जेंस योजना में तकनीकी स्वीकृति में असाधारण विलम्ब
10. ( क्र. 236 ) श्री मोती कश्यप : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्त्ता विधायक के पत्र दिनांक 07.09.15 एवं 06.10.15 द्वारा अपनी विधायक क्षेत्र विकास निधि से कन्वर्जेंस योजनान्तर्गत प्रस्तावित किन कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जिला योजना कार्यालय कटनी से हो गई है और उनमें से किन्हें मनरेगा मद से 40 प्रतिशत राशि प्रदान कर दी गई है और निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) प्रस्तावों में से ग्रामीण यांत्रिकी सेवायें कटनी के किन संबंधित उपयंत्रियों, सहायक यंत्रियों और कार्यपालन यंत्री के द्वारा तकनीकी स्वीकृतियां प्रदान कर दी गई हैं और किनके द्वारा नहीं तथा किनकी दोषपूर्ण पायी गई हैं? (ग) क्या जिन यंत्रियों द्वारा तकनीकी स्वीकृतियां नहीं दी हैं और दोषपूर्ण प्राक्कलन बनाये गये हैं तथा जो किसी अधिकारियों द्वारा वापस कर दिये गये हैं? उनकी जाँच कर उनके विरूद्ध कोई कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी और एक निर्धारित समय-सीमा में कार्य का निर्धारण सुनिश्चित किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) कार्यों की तकनीकी स्वीकृति कब तक प्रदान करा दी जावेगी और सभी निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) 20 कार्यों की अनुशंसा की गई थी। सभी कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कालम 2 में दर्शित है। मनरेगा मद से जारी राशि एवं कार्य प्रारम्भ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कालम क्रमश: 8 एवं 7 में दर्शित है। (ख) तकनीकी स्वीकृति जारीकर्ता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कालम 5 में उल्लेखित है। सभी कार्यों की तकनीकी स्वीकृति जारी हो जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सभी कार्यों की तकनीकी स्वीकृति जारी की जाकर कार्य प्रगति पर है।
पुनरीक्षित वेतनमान यथावत लागू करना
11. ( क्र. 275 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पुनरीक्षित नियम 1990 लागू होने के पश्चात् के आदेश अर्थात म.प्र. वित्त विभाग के आदेश क्रमांक 383/109/97/सी/चार, दिनांक 6.3.97 से किन-किन वेतनमानों में क्या शर्त लगाई गई थी? (ख) म.प्र. पुनरीक्षित नियम 1998 के नियम - 12 में जिन विद्यमान वेतनमानों के विषय में म.प्र. पुनरीक्षित नियम 1990 एवं तत्पश्चात के आदेशों के अन्तर्गत एक निर्धारित सीमा के पश्चात् अथवा अन्य किन्हीं विशिष्ट शर्तों के अध्यधीन रहते हुये वेतनमान देने की शर्तें लगाई गई थी क्या वह पुनरीक्षित वेतनमान के संदर्भ में यथावत रहेगी? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर सही है तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वेतनमानों में लगाई गई शर्त यथावत लागू की जा रही है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कारण देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार. (ख) एवं (ग) जी हाँ।
समयमान वेतनमान दिया जाना
12. ( क्र. 276 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के मंत्रालय एवं समस्त विभागाध्यक्ष कार्यालय तथा उनके अधीनस्थ कार्यालयों/संस्थाओं में कार्यरत सहायक ग्रेड-3 की सीधी भरती के नियम एक समान है या नहीं? यदि नहीं, तो नियम बतायें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ, है तो म.प्र. राज्य के सिविल सेवा के सदस्यों को सेवा में आगे बढ़ने के निश्चित अवसर उपलब्ध कराये जाने की दृष्टि से (अ), (ब) एवं (स) संवर्ग के लिपिक संवर्ग (सहायक ग्रेड-3) के संवर्ग में वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11/1/2008/नियम/चार, दिनांक 24 जनवरी 2008 के द्वारा आदेश प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो यह आदेश मंत्रालयीन कर्मचारियों सहित सभी विभाग पर लागू था या नहीं? (ग) क्या राज्य शासन के आदेश क्रमांक एफ 11-2/2013/नियम/चार, भोपाल दिनांक 28 फरवरी 2013, 04 मार्च 2013 के द्वारा पृथक से आदेश जारी करते हुये संवर्ग (स) में अंकित प्रारंभिक वेतनमान रूपये 3050-4590 पाने वाले केवल म.प्र. मंत्रालय के तृतीय श्रेणी सहायक ग्रेड-3 के कर्मचारियों को द्वितीय समयमान वेतनमान रूपये 4500-7000 के स्थान पर रूपये 5500-9000 स्वीकृत किये जाने के आदेश पृथक से प्रसारित किये। (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर हाँ, है तो राज्य शासन के विभागाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष के अधीन कार्यरत सहायक ग्रेड-3 कर्मचारियों के साथ विसंगति हुई है या नहीं? यदि हाँ, तो इस विसंगति को विभाग कब समाप्त करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) मंत्रालय के सहायक ग्रेड-3 को दिया गया समयमान वेतनमान राज्य के नीतिगत निर्णय के आधार पर है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाबों की नहरों का निर्माण
13. ( क्र. 327 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जामनघाटी, अहमदपुरा, अब्दुलपुरा में विभाग द्वारा निर्मित सिंचाई तालाबों के प्राक्कलन में यह प्रावधान था कि नजदीकी क्षेत्र के चिन्हित ग्रामों तक नहर तैयार कर क्षेत्र के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो वर्षों पूर्व तालाबों का निर्माण पूर्ण हो जाने के बावजूद लक्षित ग्रामों के कृषकों को सिंचाई सुविधा अब तक क्यों नहीं उपलब्ध कराई जा सकी है, कारण बतावें? तालाब के साथ नहर निर्माण हेतु प्राक्कलन में निर्धारित राशि का दुरूपयोग करने वाली निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक अपूर्ण नहरों का कार्य पूरा कर लक्षित ग्रामों के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जामनघाटी एवं ग्राम अहमदपुरा में विभाग द्वारा कोई सिंचाई तालाब का निर्माण नहीं कराया गया है। ग्राम अब्दुलपुरा में अब्दुलपुरा तालाब का निर्माण कराया गया है। निर्मित अब्दुलपुरा परियोजना से रूपांकित क्षमता अनुसार सिंचाई सुविधा की गई है। प्राक्कलन में प्रावधान अनुसार ही नहर का निर्माण किया गया होने से कार्यवाही की स्थिति नहीं है। नहर कार्य पूर्ण है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
भिण्ड-भाण्डेर रोड पर से अतिक्रमण हटाया जाना
14. ( क्र. 442 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की नगर परिषद् लहार के अंतर्गत राजस्व एवं नगर परिषद् की भूमि पर भिण्ड-भाण्डेर रोड (स्टेट हाईवे 45) के दोनों ओर महाराणा प्रताप चौराहा से लेकर जेल तक आसना नाला सहित सड़क के दोनों ओर पक्के मकान व दुकानें बनाकर करोड़ों रूपए मूल्य की जमीन पर से अतिक्रमण को हटाने की जिला एवं नगर प्रशासन द्वारा कार्यवाही न करने का कारण बताएं? (ख) यदि अतिक्रमण हटाने हेतु कार्यवाही की गई तो कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) लहार नगर परिषद् की सीमा के अंतर्गत भिण्ड-भाण्डेर सड़क, बस स्टैण्ड से फार्मेसी कॉलेज तक लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित बायपास सड़क के दोनों ओर का अतिक्रमण कब तक हटा दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) महाराणा प्रताप चौराहे से बस स्टैण्ड तक राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन उपरांत 38 अतिक्रमण चिन्हित किये गये है। नगर परिषद् लहार द्वारा अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने की सूचना दिनांक 17.02.2016 को जारी की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) चिन्हित अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए दिनांक 17.02.2016 को सूचना जारी की गई है। दिसम्बर 2015 एवं जनवरी 2016 में अस्थाई अतिक्रमण हटाया गया है। (ग) राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन उपरांत अतिक्रमण चिन्हित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
15. ( क्र. 473 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की नगर पालिका परिषद् सारंगपुर अन्तर्गत कितने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) क्या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को 10 वर्ष से अधिक सेवा करने पर नियमित किया जाना है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार 10 वर्ष से अधिक सेवा करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को शासन की नियमितीकरण योजना के अंतर्गत आज दिनांक तक नियमित क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार 10 वर्षों से अधिक सेवा करने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को कब तक नियमित किया जावेंगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कोई दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। निकाय में कार्य की आवश्यकता अनुसार मस्टर श्रमिक रखे जाकर कार्य कराया जाता है (ख) एवं (ग) निकाय में दैनिक वेतनभोगी न होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वेतनमान अपग्रेड होने के संबंध में
16. ( क्र. 563 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री अरूण मिश्रा संपत्ति प्रबंधक, नगर निगम रीवा के कराजी सुधार न्यास से रीवा सुधार न्यास में बिना शासन के स्थानांतरण आदेश के स्थानांतरण उच्च वेतनमान, अपग्रेड होने आदि के संबंध में विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2317 दिनांक 18.03.2008 लाया गया था? (ख) मध्यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन भोपाल पत्र क्र.एफ-4-76/2013/18/1, भोपाल, दिनांक 01.06.2013 द्वारा जाँच उपरांत पाये गये निम्न तथ्य (अ) शासन के बिना स्थानांतरण आदेश के कटनी से रीवा स्थानांतरित होकर कार्यरत रहना (ब) सुधार न्यास रीवा में किया गया संविलियन एवं (स) बगैर शासन स्वीकृति के उच्च वेतनमान प्राप्त करना, अनियमित पाये गये, यदि हाँ, तो कार्यवाही कब की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री अरूण कुमार मिश्रा का नगर पालिक निगम, रीवा में संविलियन की शिकायत के संबंध में कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दीनदयाल ग्रामीण विद्युतीकरण योजना
17. ( क्र. 566 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डोरी में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (पूर्ववर्ती 11 वीं पंचवर्षीय राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना) के तहत प्रथम चरण में जो विद्युतीकरण ग्रामों में हुआ है उनका सर्वे कब हुआ और विद्युतीकरण कब से प्रारंभ हुआ? (ख) चयनित ग्राम के पूरे घर या आबादी, विद्युतीकरण से कवर हो जाये क्या प्राक्कलन में ऐसा प्रयास किया गया? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) जिला डिण्डोरी में ऐसे कितने अविद्युतीकृत ग्राम है एवं उनके शेष रहने के क्या कारण हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? (घ) इस योजना के तहत जिले में जो कार्य हो रहा है जिसमें खम्भों, ट्रांसफार्मर, मीटर कनेक्शन वायर नि:शुल्क बल्ब देने एवं गुणवत्ता देखने की जिम्मेदारी किस अधिकारी की है? जो खम्भे गाड़े जा रहे हैं, क्या उसमें बोल्डर, मुरम सीमेंट का उपयोग होता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिला डिण्डोरी में 11 पंचवर्षीय योजना के प्रथम चरण में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत् ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु सर्वे कार्य माह दिसम्बर 2009 एवं विद्युतीकरण कार्य माह सितम्बर 2010 से प्रारम्भ हुआ था। (ख) उक्त योजना के प्रावधानों के अनुसार योजनान्तर्गत सघन विद्युतीकरण हेतु चयनित 844 ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण कार्य हेतु प्राक्कलन बनाकर विद्युतीकरण कार्य किया गया है। उक्त योजना में एच.टी.केबल का प्रावधान नहीं होने से एक ग्राम में कार्य नहीं हो पाया है, 843 ग्रामों में कार्य योजना के प्रावधानों के अनुसार किए गये हैं, अत: किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जिला डिण्डोरी में वर्तमान में 39 अविद्युतीकृत ग्राम है, ये ग्राम दूरस्थ क्षेत्र में स्थित एवं दुर्गम वनग्राम हैं जिनमें वन विभाग की शर्तों के अनुसार उच्च दाब लाईन खड़ी करने हेतु केबल लाईन का प्रावधान करना आवश्यक होता है। उक्त कार्य की लागत अत्यधिक होने के कारण यह कार्य प्रथम चरण की योजना में शामिल नहीं किया जा सका था, इस कार्य को 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित कर लिया गया है, अत: इसके लिए कोई भी जिम्मेदार नहीं है। (घ) वर्तमान में संचालित योजना के तहत् प्रश्नाधीन उल्लेखित कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स वोल्टाज, मुंबई के माध्यम से कराया जा रहा है तथा कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिले में नियुक्त कार्यपालन अभियंता एवं सहायक अभियंता तथा थर्ड पार्टी एजेन्सी मेसर्स ई.आर.डी.ए. बड़ोदरा की है। इसके अतिरिक्त त्रिस्तरीय मॉनिटरिंग सिस्टम के अन्तर्गत मेसर्स आर.ई.सी. एवं विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा नियुक्त दलों द्वारा भी कार्यों की गुणवत्ता के निरीक्षण का प्रावधान है। योजनान्तर्गत जो खम्भे गाड़े जा रहे हैं उसमें बोल्डर, मुरम एवं सीमेन्ट का उपयोग योजना के प्रावधानों के अनुसार ही किया जा रहा है।
अवैध मोबाइल टावरों की जानकारी
18. ( क्र. 632 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा पिछले दिनों इंदौर शहर में अवैध रूप से लगे टॉवरों को हटाने की कार्यवाही की थी? यदि हाँ, तो कितने अवैध टॉवर कहाँ-कहाँ पर व किन-किन कंपनियों के थे? कितने टॉवर हटाये गये? क्या इंदौर शहर स्थापित टॉवरों पर एक ही टॉवर पर कई कंपनियों द्वारा फ्रिक्वेंसी शेयरिंग की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अवैध टॉवर कितने समय से लगे हुए थे? क्या नगर पालिक निगम इंदौर इन अवैध टावरों से पूर्व में स्थापित दिनांक से ही शुल्क वसूल करेगा? यदि हाँ, तो जिन भवनों पर उक्त टावर स्थापित हैं? क्या उनके एग्रीमेंट दिनांक का परीक्षण कर शुल्क वसूल किया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या पूर्व में स्थापित किये गये अवैध टावरों पर नगर पालिक निगम इंदौर के अधिकारी/कर्मचारियों की दृष्टि इन अवैध टावरों पर नहीं पड़ी? क्या इस संबंध में दोषी कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर पालिक निगम सीमा में शामिल वार्डों में व निगम सीमा में कहाँ-कहाँ पर किन-किन टेलिकॉम कम्पनियों द्वारा टावरों एवं केबल खुदाई हेतु अनुमति चाही गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। हटाये गये टावर की संख्या, स्थान, कम्पनी के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ। (ख) अवैध टॉवर हटाये जाने पर कम्पनी द्वारा प्रस्तुत नियमितिकरण आवेदनों के आधार पर उक्त टॉवर लगभग 05 वर्ष से स्थापित थे। जी हाँ, मध्यप्रदेश नगर पालिका (अवस्थी टावर के संस्थापन/सेल्यूलर मोबाईल फोन सेवा के लिये अधोसंरचना) नियम 2012 के अनुसार शुल्क लिया जावेगा। (ग) नगर पालिक निगम के संज्ञान में आने पर समय-समय पर अवैध टॉवर के वियद्ध कार्यवाही की जाती है। जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नगर निगम सीमा में शामिल वार्डों में लगे टॉवरों की जानकारी एवं केबल खुदाई की अनुमति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''ब-1'' अनुसार है।
नगर पालिक निगम इन्दौर में विद्युत व्यवस्था
19. ( क्र. 633 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा पूर्व में इन्दौर शहर में विद्युत व्यवस्था हेतु पुराने वेपर लेम्पों के स्थान पर नये कम्पलीट फीटिंग लगाने हेतु कब-कब व किस-किस कम्पनी को ठेका दिया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुराने वेपर लेम्प कितनी संख्या में किन-किन वार्डों से निकाले गये व उनके स्थान पर कौन-कौन सी फिटिंग कहाँ-कहाँ लगाई गई व उस पर कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ व्यय की गई? विधानसभावार जानकारी उपलब्ध कराये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या निगम द्वारा नई फिटिंगे कौन सी कम्पनी की लगाने का ठेका किन-किन कम्पनी को किस दर पर दिया गया? निगम ने सिटीलुम कम्पनी को निगम सीमा में शामिल वार्डों में स्ट्रीट लाईट संचालन, संधारण की जिम्मेदारी किस नियमों/शर्तों के आधार पर दी व कम्पनी द्वारा कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या कार्य किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सितम्बर-2008 में एशियन इलेक्ट्रानिक्स प्रा. लिमि. को ठेका दिया गया है। (ख) पुराने वेपर लेम्प (सोडियम/मेटल हेलाईड फिटिंग्स) 15867 नगर निकाले गये एवं इनके स्थान पर इतनी ही संख्या में 4x24 वॉट नई ऊर्जा बचत फिटिंग लगाई गई थी। वार्डवार (नवीन परिसीमन के पूर्व वार्ड) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कुल व्यय राशि रू.12,60,29,771.00 है। विधानसभावार विद्युत पोल की जानकारी नहीं होने से विधानसभावार जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) मेसर्स एशियन इलेक्ट्रानिक्स प्रा. लिमटेड को दर रू. 31,90,200/- प्रति माह पर मेयर-इन-काउंसिल की न्यूनतम नगर संधारण सहित प्रतिमाह सहित। सिटीलम कम्पनी को 69 वार्डों (नये परिसीमन के पूर्व) संचालन/संधारण हेतु निविदा आमंत्रित कर दिनांक 25-06-2013 से 5 वर्षों के लिये मेयर-इन-काउंसिल/निगम परिषद् की स्वीकृति से कार्य दिया गया। निविदा की शर्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
लैक्सेस केमिकल उद्योग की जाँच रिपोर्ट पर कार्यवाही
20. ( क्र. 733 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद द्वारा नागदा स्थित लैक्सेस केमिकल उद्योग के खतरनाक प्रदूषण संबंधी शिकायत शासन को वर्ष 2010 में की थी? जिसकी जाँच म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण मंडल व भारत सरकार ने की थी? उक्त जाँच रिपोर्ट का ब्यौरा क्या है व की गई कार्यवाही का ब्यौरा क्या है? (ख) उक्त खतरनाक केमिकल उद्योग के प्रदूषण के संबंध में फरवरी 2011 में की गई श्री अब्दुल हमीद पूर्व प्रदेश मंत्री, भाजपा अ.सं.मों.की शिकायत की जाँच रिपोर्ट व कार्यवाही का ब्यौरा क्या है? (ग) शासन ने प्रदूषण नियमों का पालन न करने वाले लैक्सेस उद्योग पर शिकायत दिनांक से अब तक क्या-क्या कार्यवाही की है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) माननीय पूर्व सांसद, लोकसभा क्षेत्र, उज्जैन द्वारा की गई शिकायत की जाँच केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से की गई है। रिपोर्ट की अनुशंसायें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क‘‘ अनुसार है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उद्योग के विरूद्ध जल अधिनियम,1974 तथा वायु अधिनियम,1981 के प्रावधानों के अंतर्गत न्यायालयीन वाद दायर किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ग‘‘ अनुसार है। (ख) श्री अब्दुल हमीद द्वारा की गई शिकायत की जाँच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ख‘‘ अनुसार है। (ग) उद्योग पर मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ग‘‘ अनुसार है।
किसान समृद्धि योजना का क्रियान्वयन
21. ( क्र. 856 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पांढुर्णा के किसान समृद्धि योजना के तहत 1 जनवरी 2013 से जनवरी 2016 तक कितने आवेदन जमा हुए है? (ख) क्या उल्लेखित प्रस्तुत आवेदनों का निराकरण हो चुका है अथवा नहीं? कब तक उनका निराकरण कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पांढुर्णा के अन्तर्गत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पांढुर्णा संभाग में किसान समृद्धि योजना अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कुल 6846 आवेदन प्राप्त हुए। (ख) जी हाँ, प्रश्नाधीन सभी आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।
नवीन विद्युत ग्रिड स्थापना
22. ( क्र. 868 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले की विधान सभा क्षेत्र पांढुर्णा के ग्रामीण क्षेत्र पाठई, काराघाट, कामठी, कौडिया, लोनादेई, नरसला पठारा, दिधोरी, ढोलनखापा के ग्रामों में लम्बी-लम्बी दूरी से विद्युत प्रदाय की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो कितने दूरी से उन्हें विद्युत दी जा रही है? (ग) क्या इतनी लम्बी दूरी से विद्युत व्यवस्था किये जाने के कारण विद्युत प्रदाय से व्यवधान उत्पन्न होता है तो कई दिनों तक तार आदि टूटने के कारण उन्हें विद्युत नहीं मिल पाती है? (घ) यदि हाँ, तो क्या व्यवधान से बचने के लिए चिमनखापा में 132 के.वी. उपकेन्द्र ग्रामीण क्षेत्र के लिए बनाया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, अपितु जंगल से लाईन गुजरने के कारण व्यवधान उत्पन्न होते है जिसके कारण विद्युत अवरोध होता है। उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुये शीघ्र सुधार कार्य कराकर, व्यवधान दूर कर विद्युत आपूर्ति प्रारम्भ कर दी जाती है। (घ) ग्राम चिमनखापा में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र बनाया जाना प्रस्तावित नहीं है अपितु एक 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र ग्राम कौडि़या (चिमनखापा) में बनाये जाने का प्रस्ताव दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में शामिल है। वर्तमान में ग्राम कौडि़या (चिमनखापा) में प्रस्तावित उक्त उपकेन्द्र के निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। भूमि उपलब्ध होने एवं निविदा प्रक्रिया उपरांत टर्न की ठेकेदार एजेंसी के चयन तथा वित्तीय उपलब्धता अनुसार उक्त कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा दिया जाना
23. ( क्र. 878 ) श्री जतन उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने के संबंध में क्या नियम हैं? नियम निर्देशों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) छिन्दवाड़ा जिले में ऐसी कितनी ग्राम पचांयतें हैं, जो प्रश्नांश (क) अनुसार नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने के मापदण्डों को पूरा करती हैं? संख्या बतायें? (ग) क्या शासन पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतें सिवनी, तिगांव, बड़चिचोली संवारी बाजार को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने के संबंध में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 27 दिसम्बर, 2011 में प्रकाशन अनुसार नगर परिषद् गठन हेतु जनसंख्या का अनुपात 20,000 से अधिक तथा 50,000 से कम निर्धारित किया गया है। जिन ग्राम पंचायतों की जनसंख्या उक्त मापदण्ड को पूर्ण करती हैं, उन्हें नगर परिषद् के गठन की कार्यवाही हेतु पंचायत द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर जिला कलेक्टर से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर गठन की कार्यवाही नियमानुसार की जाती है। (राजपत्र की छायाप्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।) (ख) छिन्दवाड़ा जिले की कोई भी नगर पंचायत निर्धारित मापदंड को पूरा नहीं करती है। (ग) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतें वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार सिवनी की जनसंख्या 6026 है, तिगांव की जनसंख्या 7460 एवं बड़चिचोली सांवली बाजार की जनसंख्या 5349 है। नियमानुसार नगर परिषद् गठन हेतु जनसंख्या का मापदंड पूर्ण नहीं होने के कारण नगर पंचायत का दर्जा दिया जाना संभव नहीं है।
जनभागीदारी योजना के स्वीकृत कार्य
24. ( क्र. 902 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में विगत 3 वर्षों में योजना मण्डल विदिशा द्वारा जनभागीदारी योजना के तहत किन-किन ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से कार्यों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए एवं कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है, अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? अब तक कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में किस उपयंत्री द्वारा मूल्यांकन किया गया है? क्या एक ही कार्य को 3 से 4 बार स्वीकृत हो कर पूर्ण होना बतलाया गया है, यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? उक्त कार्य में किस-किस उपयंत्री द्वारा प्राक्कलन तैयार किये गये है? (घ) प्रश्नांश (क) के स्वीकृत कार्यों में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतों की जाँच किस-किस अधिकारी के द्वारा कराई गई? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ' अ ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ' अ ' एवं ' ब ' के कालम 8,9, एवं 7 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ' अ ' एवं ' ब ' के कालम 10 अनुसार है। एक ही कार्य एक बार से अधिक स्वीकृत होना प्रतिवेदित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) अनियमित्ता एवं भ्रष्टाचार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वेच्छानुदान के तहत हितग्राहियों को स्वीकृत राशि
25. ( क्र. 906 ) श्री
गोवर्धन
उपाध्याय :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिरोंज
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
कार्यालय
कलेक्टर
जिला विदिशा
के आदेश
क्रमांक 1421 दिनांक 31.10.2014 द्वारा
वर्ष 2014-15
में विधायक
निधि स्वेच्छानुदान
के तहत कुल
कितने
हितग्राहियों
को कितनी राशि
स्वीकृत की
गई है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार स्वीकृत
कितने
हितग्राहियों
को कितनी राशि
का भुगतान किया
गया, कितनी
राशि भुगतान
हेतु लंबित है? लंबित
रहने का क्या
कारण? कब
तक भुगतान
किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
विधायक निधि
स्वेच्छानुदान
के तहत
हितग्राहियों
को स्वीकृत
राशि में से
कितने
हितग्राहियों
को कम राशि का
भुगतान किया
गया? कम
राशि भुगतान
का क्या कारण
है? क्या
दोषी पाये
जाने पर
कार्यवाही की
जावेगी?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) 226
हितग्राहियों
को राशि रूपये
4.84 लाख
स्वीकृत की
गई। (ख) 226
हितग्राहियों
को राशि रूपये
4.84 लाख
का भुगतान
किया गया है।
भुगतान हेतु
कोई राशि
लंबित नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) किसी
भी हितग्राही
को कम राशि का
भुगतान नहीं
किया गया। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
26. ( क्र. 907 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधानसभा क्षेत्र में पुरातत्व विभाग द्वारा पिछले 5 वर्षों में किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से निर्माण कार्य गये? उक्त निर्माण कार्यों में शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि वर्षवार व्यय की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कराये जायेंगे? (ग) उक्त कार्यों में अनियमितता संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उस पर क्या कार्यवाही की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत पुरातत्व विभाग द्वारा स्मारकों के अनुरक्षण एवं विकास कार्य कराये जाते है. पुरासंपदा की सुरक्षा की दृष्टि से 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत भारत सरकार से प्राप्त राशि से वित्तीय वर्ष 2012-13 की कार्य योजना अनुसार छोटी मदागन लटेरी, (सिरोंज) जिला विदिशा में स्कल्पचर शेड का निर्माण कार्य कराया गया, जिसमें राशि रूपये 13,89,066/- का व्यय हुआ. इसके अतिरिक्त संग्रहालयों के उन्नयन एवं विकास कार्य के अंतर्गत सिरोंज संग्रहालय में बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य किया गया जिसमें राशि रूपये 24,94,240/- का व्यय हुआ. (ख) प्रश्नांश ‘क’ में वर्णित दोनों कार्य पूर्ण हो गये हैं. (ग) प्रश्नांश ‘क’ में वर्णित कार्यों में अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई. अत: किसी कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
मुरैना नगर पालिका में अनियमितता की जाँच
27. ( क्र. 919 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चंबल आयुक्त कार्यालय मुरैना द्वारा दिनांक 14.01.2015 को पत्र क्रमांक/विकास/23-4/51ए/2011/259 एवं पत्र क्र./विकास/23-4/51सी/2011/257 दिनांक 14.02.2015 तथा पत्र क्र./विकास/ 23-4/2011/263 दिनांक 14.01.2015 मुख्य कार्यपालन अधिकारी नगर परिषद् मुरैना को अनुशासन कार्यवाही हेतु भेजा है? यदि हो तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या कार्यालय कलेक्टर मुरैना द्वारा दिनांक 02.06.2011 को पत्र क्र./डूडा/शिकायत2011/407 पर टेण्डर प्रक्रियाओं में हुई अनियमितता, गबन, अधिकारिक क्षमताओं से अधिक कार्यों की स्वीकृति पर वर्ष 2011 में गठित समिति से जाँच कराई गई थी? यदि हाँ, तो जाँच कमेटी का प्रतिवेदन क्या था? बिन्दुवार जाँच प्रतिवेदन की जानकारी दी जावें? (ग) क्या उक्त जाँच प्रतिवेदन में अधिकारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश देकर 3 दिवस में कार्यवाही की जानकारी मांगी गई थी? यदि हाँ, तो उस पर कार्यवाही क्यों नहीं कराई गई? (घ) क्या तत्कालीन जिलाधीश द्वारा कराई गई जाँच को उसी स्तर के अधिकारी (जिलाधीश) द्वारा जाँच कर अमान्य किया गया था क्या यह न्याय संगत था? क्या शासन हुई जाँच रिपोर्ट को अमान्य कर पूर्व की जाँच पर कार्यवाही कर वित्तीय अनियमितता करने वाले अधिकारियों पर अकुंश लगाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, परन्तु संबंधितों द्वारा आयुक्त, चंबल संभाग के आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, ग्वालियर से स्थगन प्राप्त करने से नगर पालिक निगम मुरैना द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कलेक्टर, मुरैना के आदेश दिनांक 02.06.2011 पर पी.आई.सी. द्वारा पारित संकल्प क्रमांक 91 दिनांक 10.06.2011 से संबंधित कर्मचारियों को निलंबित किया जाकर विभागीय जाँच संस्थित की गई और नियमानुसार पुर्नविलोकन आवेदन प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया। कलेक्टर के आदेश दिनांक 02.06.2011 के विरूद्ध श्री शिवचरन डंडोतिया एवं अन्य द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन क्रमांक 6710/2012, दायर किया गया, जिससे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 18.09.2012 को कलेक्टर, जिला मुरैना को पुन: प्रकरण का परीक्षण कर विधि अनुकूल निर्णय लेने का आदेश पारित किया गया, जिसके अनुपालन में कलेक्टर, मुरैना द्वारा नगर पालिका परिषद्, मुरैना की पी.आई.सी. के संकल्प क्रमांक 200 दिनांक 16.08.2012 को पारित निर्णय में विभागीय जाँच उपरांत आरोप सिद्ध नहीं पाए गए, को आधार मानते हुए दिनांक 02.06.2011 को जारी आदेश, अमान्य कर दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सोलर पावर कंपनियां
28. ( क्र. 948 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले की तहसील सीतामऊ में फोकल फोटोवाल्टेक इंडिया प्रा.लि. एवं फोकल रेनेवेबल एनर्जी टू इंडिया प्रा.लि. फोकल एनर्जी सोलर वन इंडिया प्रा.लि. के या अन्य के खिलाफ उच्च न्यायालय के द्वारा पत्र क्रमांक 2684/2015 दिनांक 28.04.2015 का कोई आदेश विभाग एवं कलेक्टर महोदय का प्राप्त हुआ है या नहीं बतावें एवं उस का पालन किया गया है या नहीं? (ख) क्या विभाग द्वारा उपरोक्त कंपनियों को विद्युत कमिशनिंग करने एवं लाईट सप्लाई चालू करने की परमिशन दी गई है तो आदेश क्रमांक/दिनांक उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई कंपनी द्वारा सन एडीशन नामक दूसरी कंपनी से अनुबंध कर स्थानांतरण किया गया है या नहीं? अगर किया गया है तो विवरण उपलब्ध करावें? (घ) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उपरोक्त कंपनियों द्वारा किये गये कार्य पर कोई स्टे दिया गया था तो उस पर की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, माननीय उच्च न्यायालय का रिट याचिका क्रमांक 2684/2015 दिनांक 28.04.2015 में पारित अंतरिम आदेश कलेक्टर मंदसौर को प्राप्त हुआ है, जिसका पालन किया गया। उक्त आदेश फोकल एनर्जी सोलर वन इंडिया प्रा.लि. के विरूद्ध है, परन्तु फोकल फोटोवाल्टेक इंडिया प्रा.लि. एवं फोकल रेनेवेबल एनर्जी टू इंडिया प्रा.लि. के विरूद्ध नहीं है। (ख) जी हाँ, कार्यालय मुख्य अभियंता (विद्युत सुरक्षा) एवं मुख्य निरिक्षक भोपाल के पत्र क्रमांक 301 दिनांक 23.05.2015, क्रमांक 296 दिनांक 23.05.2015 एवं क्रमांक 382 दिनांक 30.05.2015 द्वारा फोकल फोटोवाल्टेक इंडिया प्रा.लि., फोकल रेनेवेबल एनर्जी टू इंडिया प्रा.लि. व फोकल एनर्जी सोलर वन इंडिया प्रा.लि. क्रमश: को अनुमति दी गई है। (ग) जी नहीं। (घ) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अपने अंतरिम आदेश द्वारा विकासक मेसर्स फोकल एनर्जी सोलर वन इंडिया प्रा.लि. को परियोजना कार्य रोकने हेतु स्थगन आदेश दिया गया था, जिसका पालन किया गया। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम आदेश दिनांक 28.05.2015 द्वारा स्पष्ट किया गया कि उक्त पूर्व अंतरिम आदेश दिनांक 28.04.2015 मात्र उसी भूमि से संबंधित है, जिसका आवंटन कलेक्टर मंदसौर द्वारा अपने आदेश क्रमांक 37/A-20 (1) /2014-15 दिनांक 05.12.2014 द्वारा किया गया है।
पानपुर बडौद तालाब की डूब में आने वाली भूमि का मुआवजा
29. ( क्र. 949 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में पानपुर, बडौद तालाब किस विभाग के अंतर्गत आता है एवं संचालित किया जाता है? (ख) उपरोक्त तालाब में कितने किसानों की भूमि डूब में गई है एवं इसमें से कितने किसानों को भूमि के बदले भूमि या मुआवजा राशि प्राप्त हो चुकी है? (ग) जिन किसानों की भूमि डूब में गई है उन्हें दूसरी जगह खेती के लिए भूमि या मुआवजा राशि कब तक दी जावेगी? (घ) क्या कुछ किसानों को भूमि के बदले भूमि या मुआवजा राशि नहीं देकर तालाब को खाली कर दिया जाता है जिससे 700 किसानों को नुकसान होता है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) पानपुर बड़ौद तालाब एक निमज्जित तालाब होकर जल संसाधन विभाग के नियंत्रण में है। (ख) से (घ) प्रश्नाधीन तालाब के डूब क्षेत्र में 78 कृषकों की 60.91 हेक्टर भूमि है। निमज्जित तालाब का उददे्श्य भू-जल का पुनर्भरण करना और रबी सिंचाई के लिए भूमि में नमी बनाए रखना होने से निमज्जित तालाब वर्षा ऋतु उपरांत खाली कर भूमि स्वामी कृषक उनकी भूमि पर रबी फसल लेते हैं। निमज्जित तालाब की भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
राजीव आवास योजना की जानकारी
30. ( क्र. 970 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधानसभा क्षेत्र में शासन की राजीव आवास योजना पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत कितने आवासों का निर्माण किया जाना है एवं इस हेतु कितनी राशि की स्वीकृति की गई है तथा कब तक पूर्ण किया जाना था? (ख) कितने आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा कितने शेष हैं? वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) क्या उक्त आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है एवं वर्तमान में निर्माण कार्य बंद है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (घ) उक्त आवासों का निर्माण कार्य पुन: कब तक शुरू किया जा सकेगा तथा इसे कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 780 भवन। राशि रू. 35.11 करोड़। मई 2014 तक। (ख) कोई भी आवास पूर्ण नहीं हुये हैं। 292 भवनों का कार्य प्रारंभ किया गया था, जो कि अपूर्ण है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। ठेकेदार द्वारा कार्य नहीं किये जाने के कारण। (घ) ठेकेदार को निर्माण कार्य प्रारंभ करने अन्यथा ब्लेक लिस्टेड किये जाने हेतु सूचित किये जाने हेतु सूचित किया गया है। यदि वर्तमान ठेकेदार कार्य प्रारंभ नहीं करता है, तो पुन: निविदा जारी कर, नये ठेकेदार से कार्य करवाया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सागर नगर के मुख्य बस स्टैण्ड का जीर्णोद्धार
31. ( क्र. 971 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय विभागीय मंत्री महोदय द्वारा सागर नगर के मुख्य बस स्टैण्ड का जीर्णोद्धार नवीनीकरण, सुविधाओं के विस्तार का शिलान्यास किया गया है, तो उक्त कार्य कब प्रारंभ किया जा रहा है तथा कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) उक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत राशि से कौन सी सुविधायें उपलब्ध होंगी तथा उन पर कितनी राशि व्यय की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। निर्माण कार्य दिनांक 16.02.2016 से प्रारंभ कर दिया गया है। ठेकेदार से अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता की सम्भवित तिथि दिसम्बर-2016 है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत राशि से कांक्रीट कार्य, बस पार्किंग, प्लेटफार्म, पार्किंग शेड, बायो टॉयलेट, प्लाजा गेट, ड्रेनेज कार्य करवाये जावेंगे। उक्त निर्माण कार्य की लागत राशि रू. 254.00 लाख है।
बांध निर्माण
32. ( क्र. 1025 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर तहसीलों में जल संसाधन विभाग द्वारा नवीन सिंचाई बांध निर्माण की स्वीकृत प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो उक्त तहसीलों में किन-किन स्थानों में बांध वर्ष 2014-15 एवं 15-16 में स्वीकृत की गई है और स्वीकृत राशि बांधवार कितनी है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार हाँ तो सिंचाई बांध स्वीकृत की गई है तो बांध निर्माण की स्थिति क्या है? प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक बांध निर्माण में कितनी राशि व्यय की गई है और प्रत्येक बांधों से कितना रकवा सिंचाई किया जाना प्रस्तावित है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु आवंटित राशि
33. ( क्र. 1026 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में विभिन्न योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु शासन स्तर से राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि विगत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक आवंटित की गई है? (ख) आवंटित राशि से किन-किन कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विभाग द्वारा शहडोल जिले के लिए प्रश्नांकित अवधि मे विभिन्न योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु वर्ष 2014-15 में रूपये 70.000/- एवं वर्ष 2015-16 में रूपये 85.000/- की राशि आवंटित की गई। (ख) आवंटित राशि से प्रश्न दिनांक तक 1.25.000/- की राशि सूचना शिविर एवं प्रदर्शनी पर व्यय किया गया है।
विद्युतविहीन गांवों, मजरों, टोलों का विद्युतीकरण
34. ( क्र. 1075 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पत्र क्र./विद्युत/2015-2016/59 दिनांक 10/06/2015 मुख्य अभियन्ता म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ग्वालियर को प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा लिखा था पत्र पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 1 जनवरी 2016 की स्थिति में कितने गांव है जो विद्युतविहीन है उनकी सूची दें? ऐसे ग्राम भी बतावें जो देश की आजादी के बाद से प्रश्न दिनांक तक विद्युत विहीन है सूची दें, अब इन गाँवों में कब तक विद्युत प्रदाय करा दी जावेगी एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें? (ग) 1 जनवरी 2016 की स्थिति में विद्युत की इन गाँवों मजरों, टोलों में क्या स्थिति है - (1) लखनपुरा (2) गुर्जा (3) प्रयागपुरा (4) सीडना का पुरा (5) रघुवर का पुरा (6) रेंडाकी (7) गोठपुरा (8) मूँसाकी (9) हुँन्नपुरा (10) झाला (11) नयागाँव (12) चन्दूपुरा (13) काला खेत (14) कनेहर झील (पनिहार पंचायत) (15) कैंट (16) जरेरूआ का पुरा (17) बेरखेड़ा (18) जखौदी (19) सिकरावली (20) समेड़ी (21) बसई (22) खितैरा (23) पयैखा (24) वेदों का पुरा (25) सुरेहला (26) बसौटा (27) पूरनपुरा (28) अर्जुनपुरा (29) सिंघाईगढ़ा (30) कैमाई (31) सियाबाई इन गाँवों, मजरों में कब तक विद्युत पहुँचा दी जावेगी, अभी तक विद्युतविहीन रहने का क्या कारण रहा स्पष्ट करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा मुख्य अभियंता म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, ग्वालियर को लिखे गये प्रश्नाधीन पत्र दिनांक 10.06.2015 में उल्लेखित बिन्दुओं पर की गयी कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 1 जनवरी 2016 की स्थिति में 21 ग्रामों में विद्युत अधोसंरचना उपलब्ध नहीं है। इनमें से 17 ग्राम डि-इलेक्ट्रिफाईड हैं एवं 4 ग्राम वीरान हैं। उक्त ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। भितरवार विधानसभा क्षेत्र में ऐसा कोई भी आबाद ग्राम नहीं है जो आजादी के बाद से प्रश्न दिनांक तक विद्युतविहीन रहा हो। 17 डि-इलेक्ट्रिफाईड ग्रामों में से 3 ग्राम 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में शामिल हैं। उक्त योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स इरा इंफ्रा, नोयडा को कार्यादेश जारी किया गया था। टर्न की ठेकेदार एजेन्सी द्वारा कार्य समय-सीमा में नहीं किये जाने के कारण दिनांक 06.02.2016 को उक्त एजेंसी को जारी अवार्ड निरस्त कर दिया गया है। उक्त 3 ग्रामों सहित योजना के शेष कार्य के लिए पुन: निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त 17 डि-इलेक्ट्रिफाईड ग्रामों में से 13 ग्राम दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत विद्युतीकरण हेतु सम्मिलित हैं। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा दस्तावेजों की स्वीकृति ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से प्रतीक्षित है। निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में उक्त 17 डि-इलेक्ट्रिफाईड ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं है। 1 ग्राम (नागदा) पूर्व में सोलर पोल से इलेक्ट्रिफाईड था किन्तु वर्तमान में डि-इलेक्ट्रिफाईड है। यह ग्राम वर्तमान में किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित 31 ग्रामों/मजरों/टोलों में से 14 ग्राम एवं 17 मजरें टोले हैं। इन 14 ग्रामों में से 3 ग्राम विद्युतीकृत हैं एवं 11 ग्रामों को विद्युतीकरण हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित किया गया है। 17 मजरों/टोलों में से 12 मजरें/टोले दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित किए गए हैं। 4 मजरें टोलों को सीमित वित्तीय उपलब्धता के कारण किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं किया जा सका है। वित्तीय उपलब्धता के आधार पर आगामी योजनाओं में इन मजरे-टोलों का विद्युतीकरण प्रस्तावित किया जावेगा। तथापि सांसद/विधायक निधि से वित्तीय सहायता उपलब्ध होने पर इन मजरों/टोलों का विद्युतीकरण प्राथमिकता के आधार पर कराया जावेगा। 1 मजरे में कोई बसाहट नहीं है, अत: इस मजरे को किसी भी योजना में शामिल नहीं किया गया है। 1 जनवरी 2016 की स्थिति में इन गाँवों मजरों, टोलों में विद्युतीकरण का विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है।
विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) ग्वालियर में कराये गये निर्माण कार्य
35. ( क्र. 1076 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) में कितना-कितना वित्तीय आवंटन किस-किस मद में प्राप्त हुआ है? प्राप्त आवंटन अनुसार 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ, किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के सुपरवीजन में क्या-क्या निर्माण कार्य कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हें? वर्तमान में इन सभी निर्माण कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो निर्मित तथा निर्माणाधीन कार्य हैं उनकी गुणवत्ता संबंधी कुछ व्यक्तियों द्वारा शिकायतें की गई हैं, उक्त अवधि में किस-किस व्यक्ति द्वारा किस-किस निर्माण कार्यों की शिकायतें की गई हैं? क्या उन शिकायतों की जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी द्वारा जाँच की गई है? उनकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें? क्या जाँच में गुणवत्ता खराब पाई गई? यदि हाँ, तो उनके प्रति क्या कार्यवाही की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण ग्वालियर को म.प्र. शासन से 01.04.2014 से किसी भी मद में कोई वित्तीय आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सतना जिले में दो लाख से कम वाले कार्य
36. ( क्र. 1176 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2013 से प्रश्न तिथि तक 2 लाख रू. से कम राशि वाले क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेन्टेनेन्स पर किस-किस स्थान पर, किस-किस प्रकार के कार्यों पर, कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं प्रपत्र-''ब-1, ब-2, ब-3'' अनुसार है।
अवैध उत्खनन
37. ( क्र. 1239 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिला अन्तर्गत विगत वर्ष 2014-15 व 2015-16 में कौन-कौन सी रेत खदान, पत्थर खदान किसको आवंटित की गई? नाम, पतावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या हटा विकासखण्ड व पटेरा विकासखण्ड में अवैध रेत परिवहन, पत्थर उत्खनन की शिकायतें लगातार प्राप्त होती है जिनका प्रकाशन समाचार पत्रों द्वारा किया जाता है? इन पर खनिज अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की जानकारी उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार शिकायतें समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यम से प्राप्त होती है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में शिकायतों की जाँच एवं नियमित निरीक्षण के दौरान वित्तीय वर्ष 14-15 में अवैध रेत परिवहन के 36 प्रकरण दर्ज कर रूपये 4.20 लाख का अर्थदण्ड वसूल किया गया। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 15-16 में दिनांक 15.02.2016 तक अवैध रेत परिवहन के 55 प्रकरण दर्ज कर रूपये 6.10 लाख का अर्थदण्ड वसूल किया गया। पत्थर खनिज का अवैध उत्खनन का कोई प्रकरण प्रकाश में न आने के कारण दर्ज नहीं किया गया है।
450 बेड के हॉस्पिटल का हस्तांतरण
38. ( क्र. 1264 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 के मद्देनज़र आगर रोड स्थित टी.बी. हॉस्पिटल के स्थान पर 450 बेड हॉस्पिटल के निर्माण के संबंध में जानकारी देते हुए उक्त हॉस्पिटल को स्वास्थ्य विभाग को कब तक हस्तांतरित किया जाना प्रस्तावित है? (ख) स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा उपरोक्त निर्माणाधीन हॉस्पिटल के दौरे के समय कौन-कौन सी अनियमितताएं बताई गई थी? उक्त हॉस्पिटल का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? क्या सिंहस्थ महापर्व के प्रारंभ होने के पूर्व उक्त हॉस्पिटल स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) हॉस्पिटल भवन स्वास्थ्य विभाग को 31.3.2016 तक हस्तांतरण किया जाना प्रस्तावित है। निर्माण के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा दिनांक 6 जनवरी, 2016 को किए गए दौरे के समय कोई अनियमितता नहीं बताई गई थी। उक्त हॉस्पिटल का निर्माण कार्य 15 मार्च, 2016 तक पूर्ण कर लिया जावेगा। जी हाँ, सिंहस्थ महापर्व के प्रारंभ होने के पूर्व उक्त हॉस्पिटल स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित कर दिया जावेगा। उपरोक्त के आलोक में कोई दोषी प्रतीत नहीं होता है।
जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
39. ( क्र. 1384 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला अन्तर्गत सिंचाई कार्य हेतु वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने तालाबों का निर्माण कब-कब कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी लागत से कराये जा रहे है तथा कौन से तालाबों के कार्य पूर्ण कराकर किसानों को सिंचाई हेतु पानी दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गुढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत गोविंदगढ़ तालाब जो 808 एकड़ पर फैला है, उसके द्वारा कितने हेक्टेयर में सिंचाई हेतु पानी दिया जा रहा है अगर दिया जा रहा है तो प्राप्त राजस्व का विवरण देवे? साथ इसके रख-रखाव एवं सफाई हेतु वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितनी राशि कब-कब खर्च की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के तालाबों के निर्माण का कार्य पूर्ण समय-सीमा पर नहीं किया गया तो इसके लिए किनको दोषी मानते हुए कार्यवाही करेगें? साथ ही इनके कार्य कब तक पूर्ण कराकर किसानों को पानी दिया जाने लगेगा? प्रश्नांश (ख) के तालाब के रख-रखाव एवं साफ-सफाई हेतु प्राप्त राशि का सही ढंग से उपयोग न कर फर्जी रूप से राशि खर्च की गई कार्य मौके पर नहीं किये गए तो इसके लिए किन-किनको दोषी मानते हुए कौन-कौन सी एवं कब तक कार्यवाही करेंगे अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गोविंदगढ़ लघु सिंचाई परियोजना से लाभान्वित कृषकों द्वारा गत वर्ष रू.72,661/- एवं इस वर्ष रू.47,313/- जलकर जमा किया गया है। परियोजना के संधारण एवं मरम्मत हेतु वर्ष 2010 से अब तक प्रतिवर्ष रू.1,18,560/- का अंशदान जल उपभोक्ता संथा, गोविंदगढ़ को दिया गया है। (ग) भूमि एवं वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने की दशा में लघु सिंचाई परियोजना का कार्य स्वीकृति के वर्ष को छोड़कर 2 वर्ष में पूरा कराए जाने की नीति है। निर्माण में विलंब की स्थिति नहीं है। परियोजनाएं 2016-17 में पूर्ण कराए जाने का भरसक प्रयास है। गोविंदगढ़ जलाशय के रख-रखाव एवं संधारण में फर्जी व्यय की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
राजीव गांधी विद्युतीकरण के कार्य
40. ( क्र. 1481 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत राजगढ़ जिले में जो विद्युतीकरण किया जाता है उसमें उपयोग होने वाले पोल एवं एल.टी.केबल किस कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे हैं तथा मीटर किसके द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे हैं?? (ख) क्या पोल एवं एल.टी. केबल स्वीकृत मापदण्ड अनुसार नहीं है? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ की ग्राम पंचायत सांडाहेडी के ग्राम लसूड़ली में आज दिनांक तक कनेक्शन नहीं हो पाया है? कहीं पोल गाड़े है और कही केवल एल.टी.केबल लगाई गई तथा डी.पी.कालोनी में न लगाते हुये गाँव में लगाई गई है? (घ) निर्धारित स्थान पर डी.पी. नहीं लगाये जाने तथा लाईट चालू नहीं कराये जाने का क्या कारण है? इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत राजगढ़ जिले में विद्युतीकरण के कार्य में उपयोग होने वाले पोल/खंबे, ए.टी.ए.बी. केबल एवं मीटर, टर्न-की ठेकेदार एजेंसी द्वारा म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से अधिकृत वैंडर्स से ही खरीदी जा रही है। पोल/खंबे मेसर्स गंधार उद्योग जयपुर, मेसर्स गंधार कांक्रिटिंग मंडीदीप, मेसर्स मैत्री मंडीदीप, मेसर्स बजरंग इंफ्रास्ट्रक्चर पीलूखेड़ी, मेसर्स अरिहंत पीलूखेड़ी व मेसर्स पोल इंडिया देवास से, एल.टी.ए.बी.केबल- मेसर्स रेलीमेक नोएडा, मेसर्स त्रिवास नोएडा, मेसर्स पसोंदिया केबल, गाजियाबाद, मेसर्स समृद्धि केबल, भोपाल व मेसर्स पी.सी.आई. बंगाल कोलकत्ता से एवं मीटर मेसर्स इंडोटेक जयपुर से ठेकेदार एजेन्सी द्वारा क्रय कर उक्त कार्य में उपयोग में लाये जा रहे हैं। (ख) पोल एवं केबल स्वीकृत मापदण्ड अनुसार ही हैं। सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के पश्चात् ही सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। गुणवत्ता की जाँच करने हेतु तृतीय पक्ष जाँच एजेन्सी मेसर्स बीकोलॉरी लिमिटेड, कोलकाता को नियुक्त किया गया है। (ग) विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ की ग्राम पंचायत सांडाहेड़ी के ग्राम लसूड़ली में प्रश्न दिनांक के पूर्व से ही 32 विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जा चुके हैं। उक्त कार्य राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में किये गये हैं जिसमें केवल बी.पी.एल. हितग्राहियों के लिये ही पोल एवं केबल लगाई गयी है। ग्राम में कृषि एवं घरेलू फीडर को अलग-अलग करने के लिए ट्रांसफार्मर स्थापित किया गया है। ग्राम में ही कॉलोनी (मोहल्ला) में एक 25 के.व्ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर स्थापित करने के कार्य में ग्रामीण द्वारा विरोध करने के कारण प्रश्न दिनांक तक कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका था। ग्रामीणों के आपसी समझौते एवं उनके सहयोग से दिनांक 15.02.2016 को उक्त कालोनी (मोहल्ला) में 25 के.व्ही.ए. क्षमता ट्रांसफार्मर स्थापित कर विद्युत प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। (घ) उत्तरांश 'ग' में दर्शाए अनुसार ट्रांसफार्मर स्थापित करने के कार्य में ग्रामीणों द्वारा विरोध करने कारण कार्य में विलम्ब हुआ। ट्रांसफार्मर निर्धारित स्थान पर ही लगाया गया है एवं विद्युत प्रदाय भी प्रारंभ कर दिया गया है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
हटाये गये कुशल एवं अकुशल कर्मचारियों की बहाली
41. ( क्र. 1509 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में विद्युत कम्पनी में दिनांक 01.01.2015 की स्थिति में संभागवार कुशल एवं अकुशल श्रेणी के कितने कितने मीटरवाचक, ऑपरेटर एवं श्रमिक किन किन सेवा प्रदाताओं के अधीन कब से कार्यरत थे वर्तमान में कितने कार्यरत हैं तथा कितने कर्मचारियों को जनवरी 2015 से वर्तमान तक हटाया गया व क्यों? (ख) क्या ये सच है कि उक्त में से जिन कर्मचारियों के पास मध्यप्रदेश के आई.टी.आई. डिप्लोमा एवं अन्य पर्याप्त शैक्षणिक अर्हताएं हैं उन्हें छोड़कर अन्य राज्यों के आई.टी.आई. प्रमाण पत्रधारी व पर्याप्त शैक्षणिक योग्यताधारियों सहित सभी अकुशल अनुभवी कर्मचारियों को विद्युत कम्पनी ने कार्य से हटा दिया हैं जिससे प्रश्नकर्ता की ध्यानाकर्षण सूचना दिनांक 15.12.2015 पर सदन में चर्चा के दौरान स्वस्थ्य मंत्रीजी ने अन्य राज्यों से आई.टी.आई. व पर्याप्त शैक्षणिक अर्हताधारी व अनुभवी कर्मचारियों के हित में नियमों में व्यवस्था करने का उत्तर दिया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन प्रश्नांश (ख) में वर्णित हटाए गए समस्त कर्मचारियों को अकुशल मानते हुए शीघ्र कार्य पर रखने के निर्देश विद्युत कम्पनी को जारी करने के आदेश जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं.लि. श्योपुर वृत में दिनांक 01.01.2015 की स्थिति में कंपनी के संभागवार कार्यरत अपात्र पाए जाने पर हटाए गए तथा वर्तमान में दिनांक 01.01.2015 को कार्यरत में से शेष कुशल एवं अकुशल श्रेणी के मीटर वाचकों ऑपरेटरों एवं श्रमिकों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ‘’ब’’ एवं ''स'' अनुसार है। उक्त शेष कार्मिको सहित वर्तमान में सेवा प्रदाताओं के माध्यम से नियोजित कार्मिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। सेवा प्रदाता को कार्मिकों/श्रमिकों को नियोजित करने एवं सेवा से पृथक करने का पूर्ण अधिकार है। वर्तमान में केंद्रीयकृत निविदा प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित सेवा प्रदाता द्वारा निविदा में वर्णित नियमों एवं शर्तों के अनुसार विभिन्न श्रेणियों के श्रमिक उपलब्ध कराए जा रहे है। (ख) सेवाप्रदाता द्वारा कुशल एवं अकुशल श्रमिकों के नियोजन हेतु मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी निविदा क्रं. 379, भाग-IV कंडिका-3 में निहित प्रावधानों के अनुसार शैक्षणिक योग्यता एवं आयु सीमा संबंधी नियमों के अनुसार नियोजन किया गया है। प्राय: सभी कार्यरत कुशल एवं अकुशल श्रमिक श्योपुर जिले तथा आस-पास के निवासी है। कंपनी द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में ऐसे सभी आई.टी.आई जो म.प्र. शासन से अथवा नेशनल कॉउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिगं (एन.सी.वी.टी.) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं, उन्हें शैक्षणिक योग्यता संबंधी नियमों में शामिल किया जाए। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्वीकृति
42. ( क्र. 1510 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव ऊर्जा भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 4700/13/2015 दिनांक 02.07.2015 द्वारा ग्राम ननावद उतनवाड़ में नवीन 33 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव वर्ष 2015-16 में प्रस्तावित होने, इस हेतु एस.एस.टी.डी. मद में शासन से वित्तीय सहायता की मांग करने तथा ग्राम अलापुरा, पहाड़ली, सायपुरा, धीरोली में 33 केव्ही उपकेन्द्रों की स्थापना तकनीकी एवं वित्तीय रूप से साध्य न होने की जानकारी प्रश्नकर्ता को दी है? (ख) यदि हाँ, तो बतावे कि उक्त प्रस्तावित दोनों उपकेन्द्रों हेतु वित्तीय सहायता कब तक उपलब्ध कराई जावेगी तथा चारों उपकेन्द्रों की स्थापना तकनीकी एवं वित्तीय रूप से असाध्य होने के क्या कारण है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों के आस पास विद्यमान दर्जनों ग्रामों में प्रति वर्ष विद्युत/वोल्टेज की समस्या व्याप्त रहती है। नतीजन कृषकों को कृषि कार्य में कठिनाईयां आती है? यदि हाँ, तो कृषकों के हित में उक्त दोनों प्रस्तावित उपकेन्द्रों हेतु वित्तीय सहायता शासन शीघ्र देगा तथा उक्त चारों उपकेन्द्रों की असाध्यता का निवारण करके विद्युत कम्पनी इन्हें शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगी यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए मध्य क्षेत्र कंपनी हेतु बजट के एस.एस.टी.डी. मद में पूर्ण प्रावधानित राशि 143 करोड़ रूपये में से कंपनी को 23 फरवरी 2016 तक की स्थिति में रू. 88.88 करोड़ उपलब्ध करा दिए गए हैं। प्राथमिकता क्रम में उक्त दोनों उपकेन्द्रों का कार्य सम्मिलित किए जाने पर विचार किया जाएगा। उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित 4 उपकेन्द्रों की स्थापना तकनीकी रूप से असाध्य होने संबंधी विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में ग्राम ननावद एवं उतनवाड़ के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत संबंधी समस्याओं के निवारण हेतु नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना के लिये उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार कार्यवाही की जायेगी। ग्राम अलापुरा, पहाडली, सायपुरा, धीरोली एवं आसपास के क्षेत्र का विद्युत भार संबद्ध विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता के अनुरूप है अत: इन ग्रामों सहित आसपास के क्षेत्र में भविष्य में भार वृद्धि होने पर ही विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना हेतु विचार किया जाना संभव होगा।
स्ट्रीट लाईटों के लिए सर्विस लाईन
43. ( क्र. 1542 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर नगर पालिक निगम क्षेत्रांतर्गत लगी स्ट्रीट लाईटों के विद्युत देयकों का भुगतान नगर पालिक निगम द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत दों वर्षों (प्रश्न पूछे जाने वाले माह तक) में स्ट्रीट लाईटों के विद्युत देयक की राशि माहवार स्पष्ट करें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार लगी स्ट्रीट लाईटें सर्विस लाईन नहीं होने के कारण 24 घंटे जलती रहती है? यदि हाँ, तो इससे विद्युत देयकों पर अधिक व्यय होना व स्ट्रीट लाईटों पर मेंटेनेन्स ज्यादा होने के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग इस संबंध में संबंधित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करेगा? (ग) उक्तानुसार स्ट्रीट लाईटों के लिये सर्विस लाईन डालने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। यद्यपि कतिपय क्षेत्रों में ही जहाँ पर विधुत मण्डल द्वारा सर्विस लाईन नहीं डाली गई है, वहा स्ट्रीट लाईट जलते रहने की शिकायत मिलती हैं। इस विषय पर जाँच किए जाने के आदेश दिए गए है। यदि यदि अनियमित्ता पाई जाती है तो नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) स्ट्रीट लाईट के लिए सर्विस लाईन डालने का कार्य म.प्र. प.क्षे.वि.कं.लिमि. द्वारा किया जाता है। नगर निगम द्वारा ऐसे समस्त क्षेत्रों को चिन्हित कर सर्विस लाईन डालने हेतु म.प्र. प.क्षे.वि.कं.लिमि. को क्रमश: संलग्न पत्र क्रं. 159 दिनांक 26.05.2015 व 787 दिनांक 29.07.2015 के माध्यम से समस्या के निराकरण हेतु अनुरोध किया गया है।
इंदौर में मेट्रो ट्रेन की योजना
44. ( क्र. 1543 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर में मेट्रो ट्रेन चलाई जाने की योजना है? यदि हाँ, तो तैयार मार्ग प्रस्ताव की विवरण उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रस्तावित मेट्रो ट्रेन के लिये स्थानों का चिन्हांकन कर भूमि का अधिगृहण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर भूमि अधिगृहण की जा रही है व कहाँ-कहाँ भूमि अधिगृहण में परेशानी है स्पष्ट कर सूची उपलब्ध करावें? (ग) भूमि अधिगृहण में आ रही परेशानी हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, मार्ग को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अत: तैयार मार्ग प्रस्ताव का विवरण उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही नहीं की जा रही है। (ग) उत्तर ‘’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन की राशि का अनावश्यक व्यय
45. ( क्र. 1618 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1792 दिनांक 27/2/2015 के प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिशिष्ट (अ) में विकासखण्डवार व्यय 168.29 लाख दर्शाया गया? जिसके परिणाम धरातल पर, जनता को तथा बुद्धिजीवियों को कोई सार्थक हासिल नहीं हुए? (ख) क्या यह राशि केवल कागजों में ही सीमित हो गई? गलत तरीके से बिल-वाउचर बनाकर शासन की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? (ग) क्या व्यय किये गये वाउचरों तथा राशि के संबंध का भौतिक सत्यापन किन-किन तिथियों में किया गया? (घ) जिला समन्वयक जन अभियान परिषद् छतरपुर द्वारा मनमानी कर शासन की लाखों रूपयों को कागजों में खानापूर्ति वाउचर गलत तरीके से प्रमाणित किये गये? क्या जाँच कर कठोर कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वित्तीय वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 हेतु क्रमश: दिनांक 18/05/2013 एवं 12/09/2014 को अंकेक्षण करवाया गया। (घ) इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पवन ऊर्जा संयत्र की स्थापना
46. ( क्र. 1749 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के टोकखुर्द तहसील में किस निजी कंपनी द्वारा बिजली उत्पादन के लिए पवन ऊर्जा संयत्र स्थापित किये जा रहे हैं और इनमें कौन-कौन व्यक्ति या संस्था या विभाग सम्मलित है? (ख) क्या कंपनी द्वारा जिन लोगों की जमीन संयत्र स्थापित करने हेतु रास्त व अन्य कार्य के लिये उपयोग में ली जा रही है उन सभी व्यक्तियों से सहमति लेकर उनको पर्याप्त मुआवजा प्रदान कर दिया गया है या नहीं? (ग) जिन व्यक्तियों की खड़ी फसल व पेड पौधे उखड़ कर नष्ट कर दी गई है उनके नुकसान की भरपाई कौन करेगा? क्या शासन इस पर कोई ठोस कदम उठाएगा? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विकासक कम्पनियों द्वारा संयन्त्र स्थापना हेतु भूमिस्वामी की सहमति से नियमानुसार विधिवत पंजीकृत विक्रय विलेख के माध्यम से भूमि क्रय की गई है। (ग) विकासक द्वारा परियोजना हेतु निजी भूमि क्रय से उपरोक्त स्थिति निर्मित नहीं होती है, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पंचायत तेन्दूखेड़ा के स्वीकृत कार्य
47. ( क्र. 1801 ) श्री प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की नगर पंचायत तेन्दूखेड़ा में वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक कुल कितने विकास कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये? (ख) स्वीकृत किये गये कार्यों में कितने कार्य पूर्ण है तथा कितने कार्य अपूर्ण है अपूर्ण कार्य पूर्ण न होने का क्या कारण रहा है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या अप्रारंभ एवं अपूर्ण कार्य के लिए दोषी/अधिकारी/ कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) नगर पंचायत के अंतर्गत पूर्ण हुए कार्यों का मूल्यांकन किसके द्वारा किया गया? कराये गये कार्यों की गुणवत्ता का परीक्षण किस-किस अधिकार द्वारा किस-किस दिनांक को किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित वर्षों में स्वीकृत किये गये 64 विकास कार्यों में 59 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 03 कार्य प्रगत पर, 01 कार्य के लिये कार्यादेश फरवरी-2016 में जारी किया गया है तथा 01 कार्य भूमि विवादित होने के कारण प्रारंभ नहीं हो पाया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'' अनुसार है।
नवीन सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
48. ( क्र. 1902 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में विभाग की कौन-कौन सी सिंचाई योजनाएं वित्त वर्ष 2016-17 हेतु प्रस्तावित है? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र पानसेमल की सुसरी कालाअम्बा, मोगरी, काजलमाता, सलून जामन्या A, B गूलर पानी के DPR तैयार कर स्वीकृति की जावेगी? (ग) क्या उक्त सिंचाई योजनाओं को इस बजट में स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजना स्वीकृति की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) बड़वानी जिले में बेड़दा लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 23.02.2016 को राशि रू. 4845.87 लाख की जारी की गई है। सुसरी बांध तथा 5 बैराज क्रमंश: अंतरसंभा, सिलावद, कालापाट, चाचरियागोई एवं वरला की साध्यता आदेश जारी कर सर्वेक्षण, अनुसंधान एवं डी.पी.आर बनाने के आदेश दिए गए है। प्रश्नांश में उल्लेखित शेष परियोजनाएं चिन्हित एवं प्रस्तावित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
कूट रचित दस्तावेजों से भूमि विक्रय
49. ( क्र. 1945 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर विकास प्राधिकरण की आनंद नगर योजना के अंतर्गत अशोक गृह निर्माण सहकारी संस्था द्वारा 47665 वर्ग मीटर भूमि आवंटन के पाँच कूट रचित दस्तावेज तैयार कर भूमि का विक्रय किया गया है? (ख) क्या प्राधिकारण के आदेश दिनांक 20.05.2014 द्वारा इन पाँच आवंटन पत्रों की जाँच के लिये समिति का गठन किया गया था तथा समिति द्वारा प्रस्तुत जाँच रिपोर्ट में भी इन आवंटन पत्रों को कूट रचित पाया गया है? (ग) यदि हाँ, तो प्राधिकरण द्वारा करोड़ो रूपये की भूमि आवंटन घोटाले में संलिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों एवं सहकारी समिति के पदाधिकारियों के विरूद्ध क्या प्राधिकरण द्वारा प्रशासनिक स्तर पर अथवा पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराकर कार्यवाही की गई है? अगर हां, तो कब? अगर नहीं तो क्यों? (घ) क्या इस प्रकार के घोटालों को रोकने हेतु राज्य शासन द्वारा दोषियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही हेतु प्राधिकरण को निर्देश जारी किये जायेंगे? शासन स्तर पर निगरानी की व्यवस्था की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। मूल दस्तावेजो के अभाव में तथा माननीय न्यायालय में मामला विचाराधीन होने से प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई। संस्था की मूल नस्ती गुम है, जिसका अपराध क्रमांक 677/11 थाना पड़ाव में दर्ज होकर विवेचना में है। अशोक गृह निर्माण सहकारी संस्था द्वारा अपने सदस्यों के पक्ष में प्राधिकरण द्वारा नामांतरण आदि किये जाने के निर्देश दिये जाने हेतु माननीय उच्च न्यायालय में डब्ल्यू.पी. क्रमांक 2627/15 विचाराधीन है तथा प्रश्नाधीन भूखण्डों का स्वामी एवं आधिपत्यधारी घोषित किये जाने तथा किसी प्रकार हस्तक्षेप किये जाने से प्राधिकरण को निषेधित किये जाने हेतु अपर जिला जज, ग्वालियर के न्यायालय में सिविल प्रकरण क्रमांक 59ए/2014 विचाराधीन है। (घ) माननीय न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों का निराकरण होने के पश्चात् ही तदानुसार शासन द्वारा कार्यवाही प्रस्तावित की जा सकती है।
भर्ती एवं पदोन्नति की जानकारी
50. ( क्र. 1988 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत से नगर परिषद् बैहर जिला बालाघाट के गठन के समय कौन-कौन से पद स्वीकृत किया गया था? उस पद के विरूद्ध किन-किन की किस-किस पद पर पदस्थापना की गई थी? (ख) गठन से प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा पद कब-कब स्वीकृत किया गया? पदोन्नति किस-किस को कब-कब किस पद पर की गई? किस-किस को, कब-कब दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी से स्थाई किया गया? किस-किस पद के विरूद्ध किन-किन की कब-कब भर्ती किया गया, 40 बिन्दु एवं 100 बिन्दु आरक्षण रोस्टर सहित जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है।
प्र.क्र. 4379 तारा. किद. 22.7.15 से संबंधित
51. ( क्र. 2097 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 14 क्र. 4379 दिनांक 22.07.2014 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ में सरल क्र. 3, 6, 7, 19, 21, 24, 26, 33 एवं प्रपत्र ‘ब’ में सरल क्र. 7 में की गई कार्यवाही के कॉलम में प्रकरण लंबित हैं उत्तर दिया है तो क्या (क) में उल्लेखित बिन्दुओं का निराकरण हो चुका है अथवा नहीं व कब तक निराकरण कर दिया जावेगा? (ख) यदि निराकरण हो चुका है तो संबंधित विधायक को समय रहते उत्तर न देने के क्या कारण हैं? जो सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का उल्लंघन है? संबंधित व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा पूछे गए तारांकित विधानसभा प्रश्न संख्या 14, क्रमांक 4379 दिनांक 22.07.2014 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में सरल क्रमांक 3, 6, 7, 19, 21, 24, 26, 33 एवं प्रपत्र 'ब' में सरल क्रमांक 7 में की गई कार्यवाही के कॉलम में दिये गये प्रकरणों की अद्यतन स्थिति का प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में उप महाप्रबंधक (संचा./संधा.) अम्बाह के पत्र क्रमांक उमप्रअ/1163 दिनांक 12.08.2015 एवं उप महाप्रबंधक (संचा./संधा.) मुरैना-II के पत्र क्रमांक 6906-07 दिनांक 03.12.2015 के माध्यम से माननीय विधायक महोदय को पूर्ण किये गये कार्यों की जानकारी दी गई है। सरल क्रमांक 6 के सन्दर्भ में उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का भुगतान करने के उपरान्त पुन: विद्युत प्रदाय चालू कर मौखिक रूप से तत्कालीन उप महाप्रबंधक द्वारा माननीय विधायक को अवगत करा दिया गया था। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
समितियों द्वारा किये गये व्यय
52. ( क्र. 2098 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र. 1912 दिनांक 15.12.2015 के उत्तर (ग) में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (द) में विकासखण्ड अम्बाह व मुरैना में गठित समितियों द्वारा 29.4 लाख रूपये व्यय होना उत्तर दिया है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त व्यय कहाँ-कहाँ समितियों के माध्यम से किन-किन ग्रामों में किन-किन कार्यों में व्यय किया गया एवं समितियों द्वारा जन समुदाय को कार्यक्रमों से क्या-क्या लाभ हुए?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नवीन विद्युत विस्तार इकाई के संबंध में
53. ( क्र. 2140 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनरेटिंग कंपनी के सभी ताप विद्युत गृहों द्वारा प्रतिदिन हजारों टन कोयला जलाया जाता है एवं नई विद्युत विस्तार इकाई भी स्थापित की गई है प्रतिवर्ष विभाग से प्रत्येक इकाई का पर्यावरण क्लीयरेंस का रिन्यूवल दिया जाता है एवं पावर जनरेटिंग कंपनी को पावर हाउस परिसर में सघन पेड़ एक्सपर्ट एजेंसी या विभाग में पेड लगाने हेतु निर्देशित किया जाता है? क्या ऐसा नहीं हो रहा है? (ख) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी में कितने स्थान पर ताप विद्युत गृह है? क्या सभी ताप विद्युत गृह की कॉलोनी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का पानी का उपयोग कॉलोनी में उपयोग किया जाता है या सीधे नदी नाले में बहाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का उल्लंघन नहीं हो रहा है? क्या म.प्र. प्रदूषण मंडल रोक लगाकर म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा साथ ही ताप विद्युत गृह नाम, किस ताप विद्युत गृह में किस नदी नाले पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का डिस्चार्ज है पानी का उपयोग कौन-कौन से पावर हाउस में होने लगा है एवं किस ताप विद्युत गृह में नहीं हो रहा आदि की जानकारी देवें? (ग) विगत एक वर्ष में सैलों द्वारा राखड़ बेचने पर ताप विद्युत गृहों की आमदनी से प्रदूषण बचाने पर ग्रीन बेल्ट विकसित करने हेतु ताप विद्युत गृहवार वर्षवार कितनी-कितनी राशि खर्च की गयी है न खर्च होने पर प्रदूषण मण्डल क्या कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों द्वारा प्रतिदिन आवश्यकतानुसार ही कोयला जलाया जाता है। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी के निम्नलिखित ताप विद्युत गृहों में विद्युत विस्तार/नवीन इकाईयां स्थापित की गई है:- 1. सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी-विस्तारित इकाई क्रमांक-10 एवं 11 (2x250 मे.वा.) 2. श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह, खण्डवा-नवीन इकाई क्रमांक- 1 एवं 2 (2x600 मे.वा.) विस्तारित एवं नवीन स्थापित इकाईयों हेतु भारत शासन, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा एक बार ही उनकी स्थापना के पूर्व पर्यावरण क्लीयरेंस दिया जाता है। तथापि सभी ताप विद्युत गृहों के संचालन हेतु म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सम्मति प्रदान की जाती है, जिसका प्रतिवर्ष रिन्यूवल (नवीनीकरण) कराया जाता है। वर्तमान में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों हेतु सम्मतियां उपलब्ध है। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृह परिसरों में स्वयं या एजेंसी के माध्यम से सघन वृक्षारोपण एक सतत् प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत सभी ताप विद्युत गृहों, जिनमें उपरोक्त उल्लेखित ताप विद्युत गृहों की विस्तारित इकाईयां भी सम्मिलित है, के परिसरों में एवं आस-पास सघन वृक्षारोपण किया गया है। (ख) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में कुल चार स्थानों पर ताप विद्युत गृह स्थापित है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह को छोड़कर सभी जगह सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का उपयोग बगीचों में सिंचाई एवं वृक्षारोपण में किया जा रहा है। इनमें से किसी भी जगह पानी नदी नालों में नहीं बहाया जा रहा है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में सीवर प्लांट निर्माणाधीन है तथा वर्तमान में पर्याप्त संख्या में सोक-पिट वाले सेप्टिक टैंक क्रियाशील है। अत: किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ग) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विभिन्न ताप विद्युत गृहों में से सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी, जिला-बैतूल के सैलों से राखड़ नि:शुल्क प्रदान की जा रही है जबकि संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर, जिला-उमरिया, अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई, जिला-अनूपपुर तथा श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह, डोंगलिया, जिला-खण्डवा के सैलों से राखड़ की बिक्री की जा रही है। राखड़ बिक्री से प्राप्त राशि के संबंध में भारत शासन पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा फ्लाई एश के उपयोग हेतु दिनांक 03.11.2009 को जारी गजट अधिसूचना के पैरा क्रमांक 6 (पृष्ठ क्रमांक 8) के प्रावधानों के अनुसार ताप विद्युत गृहों द्वारा 100 प्रतिशत फ्लाई ऐश के उपयोग का लक्ष्य प्राप्त करने तक संबद्ध विद्युत गृह के सैलों से राखड़ बेचने पर प्राप्त राशि का उपयोग फ्लाई एश उपयोगिता बढ़ाने से संबंधित अधोसंरचना विकास, कार्यों एवं योजनाओं हेतु ही किया जाना है (गजट अधिसूचना की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है) । अत: ताप विद्युत गृहों में सैलों से राखड़ बिक्री के मद में प्राप्त धन का उपयोग ग्रीन बेल्ट के लिये खर्च नहीं किया जा रहा है। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा कोई कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत 24 घंटा बिजली देने आपूर्ति
54. ( क्र. 2141 ) श्री
उमंग सिंघार :
क्या ऊर्जा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
माननीय मुख्यमंत्री
महोदय द्वारा
राजीव गांधी
विद्युतीकरण
योजना
अंतर्गत 24 घण्टे
बिजली देने की
शुरूआत की गई
थी? (ख) धार
जिले के कितने
गांवों में 24 घण्टे
बिजली दी जा
रही है तथा
कितने गांव
शेष हे तथा कब
तक सभी
ग्रामों में 24 घण्टे
बिजली से जुड़
जायेगें? (ग) गंधवानी
विधानसभा
क्षेत्र में
उक्त योजना
अंतर्गत
कितने कार्य
अधूरे हैं तथा
विभाग द्वारा
शेष कार्य का टेंडर
किस ठेकेदार (कंपनी)
को दिया गया
है, कितनी
लागत का तथा
कंपनी द्वारा
कब तक कार्य पूर्ण
कर लिये
जायेंगे?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी
नहीं, राजीव
गांधी
ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना में
अविद्युतीकृत
ग्रामों के
विद्युतीकरण, विद्युतीकृत
ग्रामों के
सघन
विद्युतीकरण
एवं इस प्रकार
विद्युतीकृत
क्षेत्र में
सभी श्रेणी के
बी.पी.एल. हितग्राहियों
को बी.पी.एल.
कनेक्शन
दिये जाने का
प्रावधान है।
माननीय मुख्यमंत्रीजी
द्वारा अटल ज्योति
अभियान के
तहत् ग्रामीण
क्षेत्रों
में विद्युतीकृत
ग्रामों के
मुख्य आबादी
वाले क्षेत्र
में गैर-कृषि
उपयोग हेतु 24 घण्टे
विद्युत
प्रदाय उपलब्ध
कराने की
शुरूआत की गई
थी। (ख) धार
जिले के अन्तर्गत
कुल 1475
राजस्व
ग्राम हैं तथा
इन समस्त
ग्रामों में
गैर-कृषि
उपयोग हेतु 24:00 घण्टे
विद्युत
प्रदाय की जा
रही है। (ग) 12वीं
पंचवर्षीय
योजना में धार
जिले हेतु स्वीकृत
राजीव गांधी
ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना के अन्तर्गत
शामिल
गंधवानी
विधानसभा
क्षेत्र के सभी
103
मजरों/टोलों
के
विद्युतीकरण
का कार्य अभी
टर्न-की
ठेकेदार
एजेंसी
मेसर्स
यूबीटेक, फरीदाबाद
द्वारा
प्रारंभ नहीं
किया गया है। राजीव
गांधी
ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना में गंधवानी
विधानसभा
क्षेत्र सहित
संपूर्ण धार
जिले के
विद्युतीकरण
कार्य हेतु
अवार्ड जारी किया
गया है, जिसकी
कुल राशि रू. 59.71 करोड़
है। निविदा
अनुबंध की
शर्तों के
अनुसार उपरोक्त
कार्य दिनांक 17.02.2017 तक
पूर्ण किया
जाना
निर्धारित
है।
विभागीय आवासीय परिसरों की स्थिति
55. ( क्र. 2151 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा, बड़वानी एवं खरगोन जिले में विभागीय आवासीय परिसर कहाँ-कहाँ है? इन आवासीय परिसरों में कितने टाईप के कितने-कितने आवासगृह है? वर्तमान में इन आवासगृहों में निवासरत अधिकारी/कर्मचारी के नाम, पद की सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के आवासीय परिसरों में कितने आवासगृह किस-किस टाईप के कब से खाली है? इन आवासीय परिसरों में कितने रहवासी अवैध रूप से कब से निवासरत है? इन आवासीय परिसरों में कोई अतिक्रमण है तो कितना और कब से है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ एवं ‘’द’’ अनुसार है। परिसरों में कोई अतिक्रमण नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
काम्प्लेक्स निर्माण में अनियमितता
56. ( क्र. 2161 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय खरगोन-बड़वानी द्वारा विगत 3 वर्षों में अपनी अनुमति वाले नवीन काम्प्लेक्सों/निर्माण कार्य स्थलों का निरीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया गया? इन निरीक्षणों में कितनी अनियमितता पाई गई इन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) खरगोन जिले से विभागीय कार्यालय को वर्ष 2014 एवं 2015 में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा इन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) भगवानपुरा विधायक द्वारा डायवर्सन रोड पर निर्माणाधीन काम्प्लेक्स की शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई उक्त शिकायत पर किन-किन शर्तों पर अनियमितता पाई गई? (घ) सेंधवा विकासखण्ड में वर्ष 2013 से 2015 तक कितनी कालोनियों को अनुमति प्रदान की गई तथा किन-किन निर्माण कार्यों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा कितनी निर्माणाधीन है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर तथा ग्राम निवेश, जिला कार्यालय खरगोन की स्थापना शासन की अधिसूचना दिनांक 19.03.2013 को हुई है। स्थापना दिनांक से जिला कार्यालय खरगोन द्वारा नवीन कॉम्पलेक्सों की अनुमति प्रदाय नहीं की है। खरगोन कार्यालय द्वारा दी गई विकास अनुज्ञा के निर्माण स्थलों का निरीक्षण सहायक संचालक एवं सब-इंजीनियर नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय खरगोन द्वारा किया गया है। स्थल निरीक्षण कर जाँच प्रतिवेदन सक्षम प्राधिकारी को अग्रेत्तर कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया। (उत्तरांश ’ख’ अनुसार) (ख) नगर तथा ग्राम निवेश, जिला कार्यालय खरगोन को वर्ष 2014-15 में 04 शिकायतें प्राप्त हुई। प्राप्त शिकायतों पर यथा आवश्यकतानुसार स्थल निरीक्षण कर जाँच प्रतिवेदन सक्षम प्राधिकारी को अग्रेत्तर कार्यवाही किये जाने हेतु प्रेषित किये गये है। पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। (ग) डायवर्सन रोड पर आवासीय सह वाणिज्यिक विकास हेतु विकास अनुज्ञा प्रदान की गई। प्राप्त शिकायत के संबंध में प्रदत्त अनुज्ञा से भिन्न विकास की स्थिति होने के कारण विकासकर्ता को स्थल पर स्वीकृति के विपरीत हो रहे निर्माण को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिये निर्देश दिये गये है एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर पालिका परिषद् खरगोन को अवैध निर्माण नियमानुसार हटाने तथा कालोनाईजर का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की अनुशंसा की है। (घ) जानकारी सेंधवा विकासखण्ड में वर्ष 2013 से 2015 तक 7 कालोनीयों की विकास अनुमति जारी की गई जिनमें से एक कालोनी का विकास पूर्णता संबंधी अभिमत प्रदान किया गया है। शेष 4 कालोनीयां निर्माणाधीन एवं 2 कालोनी पर कोई विकास कार्य नहीं हुआ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
बंधुआ गोदाम के लिए प्लाटिंग
57. ( क्र. 2206 ) श्री अंचल सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1972 में नगर पालिका निगम जबलपुर के अंतर्गत खसरा नंबर 153 एवं 154 में बंधुआ गोदाम के लिये प्लाटिंग की गई थी? यदि हाँ, तो खं.नं. 153-154 में कुल कितने प्लाट किस साईज के तैयार किये गये एवं इन्हें कितने वर्षों के लिये हितग्राहियों को पट्टे/लीज पर आवंटित किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में आवंटित बंधुवा गोदाम के पट्टों/लीज की अवधि समाप्त होने के उपरांत क्या इनके पट्टे/लीज निरस्त की गई अथवा उनकी अवधि बढ़ाई गई तो कब तक क्या वर्तमान में बंधुआ गोदाम के नाम से आवंटित मूल पट्टेधारी काबिज है अथवा अन्य कोई सूची एवं मेप (सीकेट प्लान उपलब्ध करावें? (ग) क्या वर्ष 1989 में खसरा नं. 153-154 के अंतर्गत ट्रान्सपोर्ट नगर बसाया गया है यदि हाँ, तो क्या बंधुआ गोदाम को निरस्त कर ट्रान्सपोर्ट नगर बसाया गया है अथवा ट्रान्सपोर्ट नगर अन्य किसी ख.नं. में बसाया गया है तो ख.नं. देवें यदि नहीं, तो वर्तमान में बंधुआ गोदाम एवं ट्रान्सपोर्ट नगर किस खसरा नंबर में स्थित है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, ख.न. 153 एवं 154 में वर्ष 1972 में बंधुआ गोदाम के लिये 64 प्लाटो की प्लानिंग की गयी थी। जिसमें कुल 65 प्लाट साइज 40x40 एवं 20x20 तैयार की गई। जिसके अनुसार हितग्राहियों को पलाट आवंटित किये गये थे। आवंटित प्लाटों की लीज अवधि 30 वर्षों की थी। (ख) आवंटित बंधु गोदाम के पट्टों/लीज की अवधि समाप्त होने के उपरांत इनके पट्टे/लीज निरस्त नहीं की गई तथा उनकी लीज आगामी 30 वर्षों के लिए बढ़ाई गई है। वर्तमान में कुल प्लाटों के 40 प्लाटों को मूल पट्टेधारी काबिज हैं। शेष 15 प्लाटों को मूल पट्टेधारकों द्वारा विक्रय पश्चात् क्रेताओं का नाम दर्ज किया गया। भूखण्ड क्रमांक 55/1, 55/2, 56, 57, 58 भूखण्डों पर अन्य लोगो द्वारा अतिक्रमण किया गया है। सूची एवं प्लान परिशिष्ट अनुसार है। (ग) हाँ, ख.न. 153-154 के अंतर्गत ट्रान्सपोर्ट नगर बसाया गया है। बंधुआ गोदाम के भूखण्डों को निरस्त नहीं किया गया ट्रान्सपोर्ट नगर ख.न. 153-154 में ही बसाया गया है जो इसी खसरे में स्थित है।
आवास का निर्माण
58. ( क्र. 2218 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा अता प्रश्न संख्या 47 (क्रमांक 1152) दिनांक 15.12.2015 में भवन निर्माण की लागत व भूमि का क्रय मूल्य घटाने के पश्चात् शेष राशि पर 26.03.2010 से नगर पालिका परिषद् भिण्ड को 15 प्रतिशत की दर से ब्याज कब भुगतान की गई? जानकारी दें? क्या सक्षम अधिकारी से अनुमति ली गई? (ख) आयुक्त मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल के पत्र क्रमांक 912 दिनांक 13.04.2012 आदेश दिनांक 28.12.2011 पर पुर्नविचार प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन आवास एवं पर्यावरण विभाग से किया गया यदि हाँ, तो क्या पुर्नविचार आदेश प्राप्त हुआ? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) गृह निर्माण मण्डल भिण्ड कार्यालय निजी भूमि पर खोलने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है किस जगह को चिन्हित किया गया? कब तक निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा? कार्यालय की गतिविधियाँ किस जगह पर क्रियान्वित है? (घ) गृह निर्माण मण्डल भिण्ड द्वारा आवास हेतु किस स्थान को चिन्हित किया गया? स्थापित कार्यालय से प्रश्नांश दिनांक तक कितने आवास निर्माण कर किसको आवंटित किए गए? आवास निर्माण के लिए किस स्तर पर कार्यवाही चल रही है? क्या भिण्ड को विगत पाँच वर्ष में कितने आवास का निर्माण हुआ यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) म.प्र. शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आदेश दिनांक 28.12.2011 द्वारा भवन निर्माण की लागत व भूमि का क्रय मूल्य घटाने के पश्चात शेष राशि पर दिनांक 26.03.2010 से नगर पालिका परिषद्, भिण्ड को 15 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करने के आदेश दिये गये थे। उक्त आदेश पर मण्डल द्वारा पुनर्विचार करने हेतु निवेदन किया गया था। प्रकरण पर निर्णय न होने के कारण नगर पालिका परिषद् भिण्ड को ब्याज की राशि का भुगतान नहीं किया गया। (ख) जी हाँ। पुर्नविचार विचाराधीन है। (ग) भिण्ड जिले मे मण्डल को अपनी कार्य योजना संचालित करने हेतु कोई शासकीय भूमि अथवा निजी भूमि उपलब्ध न होने के कारण मण्डल के उपसंभाग, भिण्ड को बन्द करते हुए उप संभाग, मुरैना में समाहित किया गया है। (घ) भिण्ड जिले में भूमि प्राप्त नहीं होने के कारण विगत पाँच वर्षों में कोई भवन निर्माण नहीं हुआ। किसी को कोई भवन आवंटित नहीं हुआ है। इसके लिए मुख्यतः भिण्ड जिले में भूमि उपलब्ध नहीं होना पाया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सल्हना जलाशय की अर्जित भूमि का मुआवजा
59. ( क्र. 2285 ) श्री मोती कश्यप : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के द्वारा जिला कटनी की तहसील बड़वारा के ग्राम सल्हना व मिड़रा आदि की किसी खसरे व रकबा की भूमि में सल्हना जलाशय के निर्माण की योजना बनायी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) और तारांकित प्रश्न संख्या 1 (क्र.2760) दिनांक 14.03.2013 के संदर्भ में किन कृषकों की किन खसरे व रकबे की भूमि का अर्जन किया गया है और उन्हें मुआवजा के रूप में कब और कितनी राशि प्रदान की गई है? (ग) यदि प्रदान नहीं की गई है, तो उसके कारण क्या है, दोषी कौन है और क्या कार्यवाहियां की गई हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ, सल्हना लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.05.2007 को सैच्य क्षेत्र 63 हेक्टर के लिए राशि रू. 91.35 लाख की दी गई। (ख) एवं (ग) लागत में अत्यधिक वृद्धि हो जाने से परियोजना असाध्य हो गई। अत: भू-अर्जन नहीं किया गया। परियोजना के निर्माण में ग्राम सल्हना की 0.93 हेक्टर भूमि एवं ग्राम मिढ़रा की 0.47 हेक्टर भूमि का उपयोग किया गया। राज्य शासन की ''सहमति से भूमि क्रय करने की नीति'' के तहत संबंधित भूमि स्वामी की सहमति की दशा में इस भूमि को क्रय करने के आदेश दे दिए गए है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
जनश्री बीमा योजना
60. ( क्र. 2525 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा जनकल्याणकारी योजना अंतर्गत जनश्री बीमा योजना भी संचालित की जा रही है? उक्त योजना के अंतर्गत नगर पालिका सनावद अंतर्गत योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? स्थानीय प्रशासन द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों में कितने प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है तथा कितने आवेदन पत्र लंबित (भुगतान से) हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जनश्री बीमा योजना के अंतर्गत लंबित भुगतान के संबंध में पत्र जारी किये गये एवं विभाग द्वारा उक्त लंबित भुगतान के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 09.05.2015 एवं पश्चात् स्मरण पत्र जारी करने के बाद भी आज दिनांक तक भुगतान न किये जाने के संबंध में संभागीय जनश्री बीमा कार्यालय के अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जनश्री बीमा योजना अंतर्गत नगर पालिका सनावद में योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक कुल 3481 आवेदन प्राप्त हुए है। नगर पालिका द्वारा समस्त दावा प्रकरणों का निराकरण किया गया है। एक आवेदन पत्र भुगतान हेतु संभागीय जनश्री बीमा कार्यालय इन्दौर में लंबित है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा जनश्री बीमा योजना अंतर्गत लंबित भुगतान के संबंध में निकाय को कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। परन्तु नगर पालिका सनावद द्वारा लंबित एक प्रकरण के भुगतान हेतु जनश्री बीमा कार्यालय को स्मरण पत्र प्रेषित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत विभाग के ट्रांसफार्मर का उन्नयन/विद्युत सेपरेशन के कार्य
61. ( क्र. 2530 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र में कितने ग्रामों में घरेलू, कृषि विद्युत पृथककरण (सेपरेशन) किया गया है उसकी जानकारी दी जावें? बड़वाहा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम है जहां विद्युत सेपरेशन नहीं हुआ है उसकी जानकारी दी जावें? विद्युत सेपरेशन न होने के क्या कारण रहे हैं? (ख) विद्युत विभाग, बड़वाहा द्वारा ट्रांसफार्मरों का उन्नयन किये जाने के प्रस्ताव विभागीय स्तर पर कब-कब वरिष्ठ को प्रेषित किये गये है, उसकी सूची दी जावें तथा प्रश्नकर्ता द्वारा भी समय-समय पर ट्रांसफार्मर उन्नयन के प्रस्ताव विभाग प्रमुख को दिये जाने के बाद विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? ट्रांसफार्मर उन्नयन की कार्यवाही एवं विद्युत सेपरेशन की कार्यवाही कब तक हो जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर द्वारा बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण के लिए चिन्हित 189 ग्रामों में से कुल 172 ग्रामों में 11 के.व्ही. के घरेलू एवं कृषि फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। उक्त 172 ग्रामों की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में कुल 17 ग्रामों के फीडर विभक्तिकरण का कार्य नहीं हुआ है जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त फीडर विभक्तिकरण का कार्य नहीं होने के मुख्य कारण लाईन विस्तार कार्य में ग्रामीणों द्वारा व्यवधान उत्पन्न करना,फसल खड़ी होने के कारण पहुँच मार्ग की उपलब्ध न होना, आदि कारणों से राईट ऑफ वे की समस्या रही है। (ख) कार्यपालन यंत्री (संचारण/संधारण) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, बड़वाह द्वारा अपने पत्र क्रमांक 3684 दिनांक 03.10.2015 से 132 स्थानों पर अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाने एवं पत्र क्रमांक 5263 दिनांक 13.01.2016 से 239 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के प्रस्ताव अधीक्षण यंत्री (संचारण/संधारण) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड खरगोन को प्रेषित किये गये थे। उक्तानुसार प्रस्तावित 132 अतिरिक्त ट्रांसफार्मरों की सूची एव क्षमता वृद्धि हेतु प्रस्तावित 239 ट्रांसफार्मरों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से भी दो अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों के लगाने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि तथा अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित करने की आवश्यकता का कार्यपालन अभियंता स्तर पर नियमित परीक्षण किया जाता है तथा भविष्य की मांग के आधार पर प्रस्ताव नियमित तौर पर सामान्य प्रक्रिया के तहत् तैयार किए जाते हैं। तदुपरांत तकनीकी साध्यता के आधार तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार इन प्रस्तावों पर कार्यवाही की जाती है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में विद्युत प्रदाय निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किया जा रहा है तथा वोल्टेज आदि की कोई समस्या नहीं है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उपरोक्त प्रक्रिया के तहत् तैयार किए गए प्रस्तावों पर तकनीकी साध्यता तथा वित्तीय संसाधन उपलब्धता के अनुसार भविष्य में आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जाएगी। अत: वर्तमान में निर्धारित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष फीडर विभक्तिकरण के कार्य मार्च 2016 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
लीज दर का युक्तियुक्तकरण
62. ( क्र. 2553 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के विभिन्न महानगरों (जैसे इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल) की भांति राजधानी भोपाल में ई-6 एवं ई-7 में प्रथम 30 वर्षीय लीज दर एक समान क्रमश: रू. 0.70 पै. रू. 1.00 रू. 3.00, 5.00 रू. एवं 7.00 रू. प्रति 100 वर्गफीट की दर से ली जा रही है? अन्य महानगरों की लीज वृद्धि दर की निर्धारित दर क्या-क्या है? प्रति 100 वर्गफीट की जानकारी देवें। (ख) म.प्र. के अन्य महानगरों की द्वितीय (30 वर्षीय) नवीनीकृत लीज दर प्रति 100 वर्गफीट की जानकारी देवें? (ग) प्रश्न (ख) के परिप्रेक्ष्य में राजधानी भोपाल में ई-6 एवं ई-7 में लीज दर का 6 गुना किस आधार पर म.प्र. गृह निर्माण द्वारा वसूला जा रहा है? चूंकि इससे मण्डल आगामी 30 वर्ष पश्चात् पुन: लीजदर 6 गुना करेगा तो प्रति 100 वर्गफुट की राशि रू. 1000 होगी? (घ) माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा उपरांत भी शासन द्वारा लीज दर को 1974-75 की अनुबंधित दर का 6 गुना के हिसाब से युक्तियुक्तकरण किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कार्यवाही कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) म.प्र.
गृह निर्माण
मण्डल के
सम्पत्ति
प्रबंधन
मैन्युअल के
अनुसार म.प्र. गृह
निर्माण
मण्डल के
लीजधारियों
से रूपये 5/- प्रति 100
वर्गफुट
क्षेत्रफल
प्रतिवर्ष
लीज रेन्ट लिये
जाने का
प्रावधान है।
समाज के कमजोर
वर्गों के लिए
उक्त दर रूपये
3/- प्रति
100
वर्गफुट
प्रतिवर्ष है
तथा व्यावसायिक
भूमि के लिए
उक्त दर रूपये
7.50
प्रति 100
वर्गफुट
प्रतिवर्ष है। म.प्र. गृह
निर्माण
मण्डल द्वारा
राज्य शासन से
भूमि आवंटित
कराई जाती है
और आवंटित
भूमि के विरूद्ध
राज्य शासन को
लीज रेन्ट
दिया जाना
होता है। अतः
लीज दर इस
शर्त के साथ
निर्धारित की
जाती है कि
शासन द्वारा
मण्डल से वसूल
की जा रही लीज रेट
की राशि में
कतिपय कारणों
से यदि वृद्धि
की जाती है, तो
मण्डल
आवंटियों से
बढ़ी हुई दर
से लीजरेट प्राप्त
कर सकेगा। राजस्व
पुस्तक
परिपत्र
अनुसार
राजस्व विभाग
के द्वारा
आवंटित
भूमियों की
जीज नवीनीकरण
किए जाने पर
लीज राशि में 6 गुना
वृद्धि की
जाती है,
जो
मण्डल द्वारा
बढ़ी हुई दर
से राज्य शासन
को भुगतान
किया जाता है।
इसी समान
सिद्धांत पर
लीज अवधि
पूर्ण होने पर
आगामी लीज
नवीनीकरण म.प्र.
गृह निर्माण
मण्डल के
परिपत्र क्र. 14/2008 दिनांक 19.08.2008 के
अनुसार किया
जाता है,
जिसके
अनुसार
राजस्व विभाग
द्वारा म.प्र. गृह
निर्माण
मण्डल को
आवंटित भूमि
के विरूद्ध
निर्धारित
लीज राशि में 6 गुना वृद्धि
की जाकर तथा
मंडल का
पर्यवेक्षण
शुल्क 10 प्रतिशत
जोड़कर
हितग्राहियों
से संशोधित
लीज राशि लिये
जाने का
प्रावधान है। लीज
दर अथवा लीज
वृद्धि की दर
महानगर वार
निर्धारित नहीं
होती है।
राज्य शासन
द्वारा
परियोजनावार
स्थान एवं
प्रचलित गाइड
लाइन दर के
आधार पर पृथक-पृथक
लीज दर
निर्धारित की
जाती है जो
मण्डल द्वारा
राज्य शासन को
जमा की जाती
है। अतः तद्नुसार
ही मण्डल
द्वारा
परियोजनावार
पृथक-पृथक लीज
दर निर्धारित
कर मण्डल के
लीजधारियों से
वसूल की जाती
है। एक ही शहर
में लीज दर
परियोजनावार
भिन्न-भिन्न
हो सकती है। (ख) राजस्व
पुस्तक
परिपत्र
अनुसार राजस्व
विभाग के
द्वारा
आवंटित
भूमियों की लीज
नवीनीकरण किए
जाने पर लीज
राशि में 6 गुना
वृद्धि की
जाती है, जो
मण्डल द्वारा
बढ़ी हुई दर
से राज्य शासन
को भुगतान
किया जाता
है। अतः इसी समान
सिद्धांत पर
लीज अवधि
पूर्ण होने पर
आगामी लीज
नवीनीकरण म.प्र.
गृह निर्माण
मण्डल के
परिपत्र
क्रमांक 14/2008 दिनांक 19.08.2008 के
अनुसार किया
जाता है,
जिसके
अनुसार
राजस्व विभाग
द्वारा म.प्र. गृह
निर्माण
मण्डल को
आवंटित भूमि
के विरूद्ध
निर्धारित
लीज राशि में 6 गुना
वृद्धि की
जाकर तथा मंडल
का
पर्यवेक्षण शुल्क
10
प्रतिशत
जोड़कर
हितग्राहियों
से संशोधित लीज
राशि लिये
जाने का
प्रावधान है।
तद्नुसार ही
समस्त म.प्र. में
नवीनीकृत लीज
दर निर्धारित
की जाकर वसूली
की कार्यवाही
की जाती है। लीज दर
अथवा लीज
वृद्धि की दर
महानगर वार
निर्धारित
नहीं होती है।
राज्य शासन
द्वारा परियोजनावार
स्थान एवं
प्रचलित गाइड
लाइन दरके आधार
पर पृथक-पृथक
लीज दर निर्धारित
की जाती है जो
मण्डल द्वारा
राज्य शासन को
जमा की जाती
है। अतः
तद्नुसार ही
मण्डल द्वारा
परियोजनावार पृथक-पृथक
लीज दर
निर्धारित कर
मण्डल के लीजधारियों
से वसूल की
जाती है। एक
ही शहर में
लीज दर
परियोजनावार
भिन्न-भिन्न
हो सकती है। (ग) प्रश्नांश
’’ख’’
के
उत्तर के
अनुसार
राजस्व
पुस्तक
परिपत्र
अनुसार राजस्व
विभाग के
द्वारा
आवंटित
भूमियों की लीज
नवीनीकरण
किये जाने पर
लीज राशि में 6 गुना
वृद्धि की
जाती है जो
मण्डल द्वारा
बढ़ी हुई दर
से राज्य शासन
को भुगतान
किया जाता है।
अतः इसी समान
सिद्धांत पर
लीज अवधि
पूर्ण होने पर
आगामी लीज
नवीनीकरण म.प्र.
गृह निर्माण
मण्डल के
परिपत्र
क्रमांक 14/2008 दिनांक 19.08.2008 के
अनुसार किया
जाता है,
जिसके
अनुसार
राजस्व विभाग
द्वारा म.प्र. गृह
निर्माण
मण्डल को
आवंटित भूमि
के विरूद्ध
निर्धारित
लीज राशि में 6 गुना
वृद्धि की
जाकर तथा
मण्डल का
पर्यवेक्षण
शुल्क 10
प्रतिशत
जोड़कर
हितग्राहियों
से संशोधित लीज
राशि लिये
जाने का
प्रावधान है।
इसके
अतिरिक्त
संचालक मण्डल
के 224वें
सम्मिलिन
दिनांक 8.3.13 की
पद संख्या 4 पर
निर्णय लिया
गया था कि ’’पूर्व वर्षों
में शासन
द्वारा
अधिरोपित लीज
रेंट राशि की
तुलना में
मण्डल द्वारा
ई-6, ई-7 के सभी
आवंटियों से
कम प्राप्त की
गई लीजरेंट की
राशि को
संबंधित
आवंटियों से
अनुपातिक रूप
से एक मुश्त
आधार पर
प्राप्त की
जाये। मण्डल
द्वारा यह भी
निर्णय लिया
गया है कि शासन
को देय नई लीज
दर अनुसार लीज
रेंट दर का
पुनर्निधारण
करते हुए
मण्डल के पक्ष
में शासन स्तर
से लीज नवीनीकरण
की प्रत्याशा
में शासन
द्वारा
अधिरोपित की
जाने वाली शर्तों
एवं
निर्धारित
लीज रेंट दरों
के अधीन
आवंटियों के
लीज नवीनीकरण
आगामी 30
वर्ष की अवधि
हेतु मण्डल के
वर्तमान
प्रचलित परिपत्र
आधार पर किया
जाये। संचालक
मण्डल के
उपरोक्त
निर्णय एवं उपरोल्लिखित
परिपत्र
दिनांक 19.8.2008 के
आधार पर मण्डल
द्वारा लीज
रेंट
अधिरोपित कर
वसूली की
कार्यवाही की
जा रही है। (घ) मण्डल
राजस्व विभाग
से भूमि
प्राप्त कर उस
पर विकास
कार्य करता है
और भूमि के पेटे
राजस्व विभाग
को लीज रेंट
जमा करता है।
मण्डल द्वारा
अपने लीज
धारियों से जो
लीज राशि की
वसूली की जाती
है वह अंततः
राज्य शासन के
खाते में जमा
होती है। यदि
राजस्व विभाग
की मांग में
कमी की जाती
है, तो
मण्डल द्वारा
भी तद्नुसार
लीज दरों का
पुनः
निर्धारण
किया जा सकता
है।
जनप्रतिनिधियों से अभद्र व्यवहार करने वाले कर्मचारी के विरूद्ध जाँच एवं कार्यवाही
63. ( क्र. 2562 ) पं. रमेश दुबे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अंता. संख्या 100 प्रश्न (क्रमांक 1448) दिनांक 23.07.2015 के उत्तर में बताया गया है कि प्रश्न में उद्भूत शिकायत की जाँच हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि के उपस्थिति में उप संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर संभाग जबलपुर को शिकायत की जाँच हेतु निर्देशित किया गया है? तो क्या उप संचालक के द्वारा जाँच की गयी और यदि नहीं, की गयी तो क्यों? कब तक जाँच कर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या उक्त शिकायत की जाँच कलेक्टर छिन्दवाड़ा के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व चौरई जिला-छिन्दवाड़ा द्वारा भी की गई है? यदि हाँ, तो जाँच के निष्कर्ष से अवगत करावें एवं संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या शासन जनप्रतिनिधियों से अभद्रता और कार्य के प्रति लापरवाही कर्मचारी को जिले के बाहर अन्यत्र पदस्थ करते हुए उसके कार्यकाल के समय में लोक निर्माण शाखा के नस्तियों में नियम विरूद्ध की गयी कार्यवाही, अनियमितता व शासकीय भूमि पर निजी व्यक्ति को जारी करवाये गये आवास निर्माण की स्वीकृति की जाँच करवाकर उसके विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जाँच में कोई दोषी नहीं पाए गए। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जाँच में शिकायत प्रमाणित नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुदान योजनांतर्गत विद्युत ट्रांसफार्मर्स की स्थापना
64. ( क्र. 2563 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के विकासखण्ड चौरई और बिछुआ में विद्युत ट्रांसफार्मस स्थापना हेतु वर्ष 2013 से अनुदान योजनांतर्गत कितने किसानों ने आवेदन प्रस्तुत किया? किन-किन तिथियों में राशि जमा की गयी और उन्हें किन-किन तिथियों में विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित कराया जाकर विद्युत संयोजन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितने कृषकों को उनके द्वारा राशि जमा करने के 180 दिनों के पश्चात् विद्युत ट्रांसफार्मस स्थापित किया जाकर विद्युत संयोजन किया गया? कितने कृषकों के प्रकरणों में नहीं? (ग) क्या शासन अनुदान योजना के तहत स्वीकृत किये गये विद्युत ट्रांसफार्मस को स्थापित किये जाने में हो रहे विलंब के संबंध में अधिकारियों द्वारा भ्रामक जानकारी दिये जाने के तथ्य केा संज्ञान में लेकर उसकी जाँच कराने तथा जिन प्रकरणों में कृषकों के द्वारा राशि जमा कर दी गयी है? उन प्रकरणों में अविलंब विद्युत ट्रांसफार्मस स्थापित किये जाने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले के विकासखण्ड चौरई और बिछुआ में अनुदान योजना के अन्तर्गत विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थापना सहित स्थाई पंप कनेक्शन हेतु वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल 227 किसानों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं। उक्त प्रकरणों में तिथिवार जमा की गई राशि एवं तिथिवार विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिये गये विद्युत कनेक्शन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में प्राप्त 227 आवेदनों में से 151 के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। उक्त में से 29 कृषकों को नियमानुसार संपूर्ण औपचारिकता पूर्ण किये जाने के 180 दिनों के पश्चात् कार्य पूर्ण कर विद्युत कनेक्शन दिया गया तथा 122 कृषकों के कार्य निर्धारित समय अवधि 180 दिवस के अन्दर पूर्ण कर कनेक्शन दिया गया है। (ग) प्रश्नाधीन कार्य पूर्ण प्रकरणों में से 29 कृषकों के प्रकरणों में विलंब हुआ है जिसका मुख्य कारण पहुंच मार्ग उपलब्ध न होना एवं कृषकों के द्वारा खेत पर फसल लगी होने के कारण आपत्ति दर्ज किया जाना है, तथा इन प्रकरणों में संबंधित अधिकारियों द्वारा अथक प्रयास के उपरांत लाईन विस्तार का कार्य पूर्ण कर एवं विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित कर विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं। लाईन विस्तार एवं विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने में हो रहे विलंब के संबंध में मैदानी अधिकारियों द्वारा वास्तविक जानकारी दी गई है, अत: संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध जाँच कराने का प्रश्न नहीं उठता। शेष जिन प्रकरणों में कृषकों के द्वारा राशि जमा कर दी गई है उनमें से ऐसे प्रकरणों जिनमें कृषकों द्वारा खेतों में फसल खड़ी होने के कारण कार्य किये जाने में आपत्ति की है, को छोड़कर शेष प्रकरणों में नियमानुसार निर्धारित अवधि में विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित कर कनेक्शन देने के प्रयास किये जा रहे हैं। मैदानी अधिकारियों को समय-सीमा में कार्य आदेश जारी कर पूर्ण करना सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है।
महेश्वर बांध परियोजना
65. ( क्र. 2568 ) श्री सचिन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन नर्मदा नदी पर प्रस्तावित निर्माणाधीन महेश्वर बांध परियोजना की कार्ययोजना, नीति, शर्तें, नियम एवं लक्ष्य क्या है? कार्य प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक किस-किस एजेंसियों के द्वारा कार्य कराया गया है? स्थानांतरण करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? इसके क्या कारण थे, कारणों सहित जानकारी दें? उक्त एजेंसियों में से कितनी कंपनिया ऐसी है, जिस पर वित्तीय अनियमितताएं किये जाने के आरोप लगे और उन पर किस प्रकार की कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त बांध का निर्माण कार्य निर्धारित कार्ययोजना के अंतर्गत किया जा रहा है, तो कितने डूब प्रभावितों का पुनर्वास किया गया है और कितने शेष है, तो इनका भी पुनर्वास कब तक कर दिया जायेगा? (ग) क्या डूब प्रभावितों की अधिग्रहित की गई अचल संपत्ति एवं जमीन का मुआवज़ा भूमि अधिग्रहण बिल के अंतर्गत दिया गया है, हाँ तो कितना-कितना नहीं तो क्यों कारण दें? (घ) क्या डूब प्रभावितों के पुनर्वासों एवं मूलभूत आदि सुविधाओं के अभाव में अनियमितताओं के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई है, हाँ तो कितनी-कितनी और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई जानकारी दें? क्या उक्त शिकायतों की तुरंत निष्पक्ष जाँच हेतु कोई समिति गठित की जायेगी हां, तो कब नहीं तो क्यों कारण दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) महेश्वर बांध (जल विद्युत) परियोजना की कार्ययोजना में नर्मदा नदी पर मंडलेश्वर में बांध बनाकर 400 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन करना एक मुख्य लक्ष्य था। महेश्वर परियोजना के लिए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की नर्मदा परियोजनाओं हेतु लागू पुनर्वास नीति लागू है। महेश्वर जल विद्युत परियोजना की परिकल्पना नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा की गई थी। इस परियोजना के लिए प्राथमिक स्वीकृतियां इत्यादि प्राधिकरण द्वारा ही प्राप्त किए गए थे। चूंकि महेश्वर परियोजना का मुख्य लक्ष्य विद्युत उत्पादन था, अत: राज्य शासन के आदेश दिनांक 30.12.1988 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है) के द्वारा परियोजना म.प्र. विद्युत मंडल को शर्तों पर सौंपी गई। इसके पश्चात् केन्द्र सरकार की निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन दिये जाने की नीति के तहत् यह परियोजना निजी क्षेत्र की कंपनी “श्री महेश्वर हायडल पावर कारपोरेशन लिमिटेड” को विकास हेतु, नियम एवं शर्तों के अध्यधीन सौंपे जाने के लिए दिनांक 23.11.1992 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है) को आशय पत्र जारी किया गया। इन एजेंसियों में श्री महेश्वर हायडल पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रमोटर्स एस कुमार ग्रुप की कंपनी द्वारा एम.पी. एस.आई.डी.सी के इन्टर कार्पोरेट डिपॉजिट के भुगतान में चूक की गई थी तत्संबंध में की कई कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) जी नहीं। कंपनी के विकासक श्री महेश्वर हायडल पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा उक्त बांध एवं पुनर्वास एवं पुर्नस्थापन कार्यों हेतु आवश्यक धन राशि उपलब्ध नहीं कराए जाने से बांध के निर्माण कार्य में विलंब हुआ है। बांध से कुल 9,148 प्रभावित पात्र थे। इनमें से 2,259 प्रभावितों का पुनर्वास हो चुका है। इसके अतिरिक्त 1,296 प्रभावितों को पुनर्वास के लिये नकद राशि प्रदान की गई है। वर्तमान में 5,593 प्रभावितों का पुनर्वास शेष हैं। विकासक द्वारा फरवरी 2011 से पुर्नवास कार्यों हेतु राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। विकासक द्वारा पुनर्वास एवं पुर्नस्थापन कार्यों के लिए राशि उपलब्ध कराये जाने के लगभग 3 वर्ष में पुनर्वास कार्य पूर्ण होना अनुमानित है। (ग) डूब प्रभावितों की अधिग्रहीत भूमि एवं अचल संपत्ति का मुआवजा भू-अर्जन अधिनियम, 1894 के अंतर्गत दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रभावितों को राशि रूपये 54.56 करोड़ का भुगतान किया गया है एवं रूपये 273.22 करोड़ का भुगतान किया जाना शेष है। बांध से प्रभावितों के, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना (आर. एण्ड आर.) से संबंधित कार्यों को पूर्ण करने का दायित्व ‘’श्री महेश्वर हायडल पावर कारपोरेशन लिमिटेड’’ का है। उक्त कंपनी द्वारा इन कार्यों हेतु आवश्यक राशि उपलब्ध नहीं कराने के कारण भुगतान लंबित है। (घ) जी हाँ। डूब प्रभावितों से पुनर्वास इत्यादि के संबंध में कुल 338 शिकायतें प्राप्त हुई है। डूब प्रभावितों की शिकायतों के निराकरण हेतु म.प्र. शासन द्वारा अक्टूबर, 2014 में सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में शिकायत निवारण प्राधिकरण का गठन किया गया है। इस प्राधिकरण द्वारा उपरोक्त 338 शिकायतों में से 31 शिकायतों का निराकरण किया गया है एवं शेष प्रकरणों में प्रभावितों की समस्याओं के निराकण हेतु सुनवाई प्राधिकरण में चल रही है। अत: जाँच हेतु पृथक से किसी समिति की आवश्यकता नहीं है।
अवैध उत्खनन को रोकने हेतु कानून
66. ( क्र. 2569 ) श्री सचिन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में पूर्ण रूप से अवैध उत्खनन को रोकने के लिये सरकार द्वारा क्या कानून बनाये है? (ख) विगत 3 वर्षों में इंदौर संभाग अंतर्गत अवैध उत्खनन में कितने वाहन राजसात किये गये उनके मालिकों के नाम एवं पते सहित जानकारी देते हुए बतायें कि उन पर प्रश्न दिनांक तक किस प्रकार की कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित अवधि में अवैध उत्खनन को रोकने एवं मौके पर कार्यवाही करते समय कितने-कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को किस-किस प्रकार की हानि संबंधित अवैध उत्खननकर्ता एवं उनके वाहन द्वारा पहुंचाई गई है कि जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शित अधिकारियों/कर्मचारियों को हुई क्षति की पूर्ति सरकार द्वारा किस प्रकार की सहायता से की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) अवैध उत्खनन पाए जाने पर अवैध उत्खननकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए राज्य शासन द्वारा निम्नलिखित नियम बनाए गए हैं :-
(ख) कोई भी वाहन राजसात नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्न में दिए गए उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युतीकरण कार्य
67. ( क्र. 2583 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लोहरौही आदिवासी एवं ठकुरान बस्ती में क्या आजादी के 67 वर्षों में विद्युतीकरण का कार्य किया गया? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? एवं ग्राम पंचायत डभौरा से ग्राम देवपूजा तक बिजली के तार लगभग 9 वर्षों से कटे हुये हैं, जबकि विद्युत पोल लगे हुये हैं, तो क्या इन पोलों में विद्युत तार लगाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) सिरमौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युतीकृत ग्राम लोहरौही की आदिवासी एवं ठकुरान बस्ती वर्तमान में अविद्युतीकृत है। उक्त बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में शामिल कर लिया गया है। ग्राम पंचायत डभौरा से ग्राम देवपूजा तक 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के तार वर्ष 2008 में चोरी हो गए थे तथा तत्समय ग्राम देवपूजा में कोई कनेक्शन विद्यमान नहीं था। वर्तमान में उक्त लाईन के निर्माण हेतु प्राक्कलन स्वीकृत कर लाईन विस्तार कार्य का कार्यादेश जारी किया जा चुका है। उक्त कार्य प्रगति पर है तथा दिनांक 15.03.2016 तक कार्य पूर्ण होना अनुमानित है।
विद्युतीकरण कार्य
68. ( क्र. 2584 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत भनिगवां (इंदरहा टोला) में पिछले वित्तीय वर्ष के विद्युतीकरण का कार्य क्या अपूर्ण है? यदि हाँ, तो विद्युतीकरण का कार्य अभी तक अपूर्ण क्यों है? कब तक पूर्ण विद्युतीकरण का कार्य किया जायेगा? (ख) विद्युतीकरण न करने के दोषी अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, ग्राम पंचायत भनिगवां (इंदरहा टोला) के विद्युतीकरण का कार्य 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में शामिल नहीं था। उक्त इंदरहा टोला के विद्युतीकरण का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में शामिल कर लिया गया है तथा उक्त टोले के विद्युतीकरण का कार्य जून 2016 तक पूर्ण कराना अनुमानित है। (ख) प्रश्नाधीन कार्य 12 वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में शामिल हैं तथा उक्त कार्य सहित रीवा जिले का उक्त योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु अवार्ड मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल मुम्बई को दिनांक 06.09.2014 को जारी किया गया है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेंसी द्वारा उक्त कार्य दिनांक 01.02.2017 तक पूर्ण किया जाना है। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
सर्विस प्रोवाइडर द्वारा सेवाओं का प्रदाय न करना
69. ( क्र. 2593 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी वोटर आई.डी. कार्य बनाये जाने हेतु होशंगाबाद जिले में किन शर्तों पर सर्विस प्रोवाइडर को कान्ट्रेक्ट (ठेके) दिये गये हैं? (ख) जिला निर्वाचन अधिकारी सामान्य निर्वाचन जिला होशंगाबाद के कार्यालय में नवीन वोटर आई.डी. कार्ड बनाये जाने हेतु निर्धारित शुल्क में चालान, निर्धारित आवेदन पत्र में बीएलओ के प्रमाणिकरण के साथ आवेदन पत्र जमा करने की कितनी समय-सीमा में वोटर आई.डी. बनाकर प्रदाय करने का प्रावधान है? समय-सीमा में आई.डी. न बनाये जाने पर दण्ड का क्या प्रावधान हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 445/आर दिनांक 31.05.2015 के द्वारा नवीन वोटर आई.डी. कार्ड बनाने हेतु एवं पत्र क्रमांक 587/आर दिनांक 29.09.2015 के द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा गया तथा पत्र क्रमांक 1080/आर दिनांक 24.11.2015 के द्वारा जिला कलेक्टर को पत्र लिखा गया? यदि हाँ, तो इन पत्रों पर क्या कार्यवाही हुयी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आई.डी. बनाये जाने का कार्य निर्धारित प्रक्रिया के होने पर जारी किये जाने के प्रावधान है, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन नियम 28 के अन्तर्गत कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है जिससे दण्ड के प्रावधान होने का प्रश्न ही नहीं है। (ग) उल्लेखित पत्र इस कार्यालय में प्राप्त नहीं हुए है।
अवैध शराब की दुकानों का संचालन
70. ( क्र. 2596 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी देशी एवं विदेशी शराब दुकानें वर्तमान में संचालित है तथा उनका निर्धारित स्थान क्या है तथा लायसेंसी कौन है? (ख) क्या निर्धारित दुकानों के अतिरिक्त अवैध शराब की बिक्री हो रही है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ तथा कितनी ऐसी दुकान है तथा निर्धारित दुकान से शराब बिक्री हेतु क्या मापदण्ड शासन द्वारा निर्धारित है? शासन का सर्कुलर उपलब्ध करावें? (ग) 2014-15 एवं 2015-16 में अवैध शराब बिक्री के कितने प्रकरण दर्ज किये तथा कितने प्रकरणों में न्यायालय में चालान प्रस्तुत केय गये हैं तथा कितने प्रकरणों के चालान प्रस्तुत नहीं किये गये हैं? यदि शेष है तो क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 07 देशी एवं 03 विदेशी मदिरा दुकानें वर्तमान में संचालित है दुकानों के निर्धारित स्थान एवं लायसेंसी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) निर्धारित दुकानों के अतिरिक्त कोई भी अवैध मदिरा बिक्री की दुकान नहीं है। चालू वर्ष 01 अप्रैल 2015 से जनवरी 2016 तक अवैध शराब की बिक्री के कुल 165 न्यायालयीन प्रकरण कायम किये गये है। निर्धारित दुकान से शराब बिक्री हेतु शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के संबंध में सामान्य अनुज्ञप्ति शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) वर्ष 2014-15 में विधानसभा भीकनगांव क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री के कुल 165 एवं वर्ष 2015-16 में 31 जनवरी 2016 तक कुल 165 इस प्रकार प्रश्नाधीन अवधि में कुल 330 न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर 276 प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है, शेष 54 प्रकरणों में अनुसंधान जारी है। अनुसंधान पूर्ण होने पर प्रकरण माननीय न्यायालय में नियत अवधि में प्रस्तुत किये जाते है।
साध्यता प्राप्त तालाब निर्माण
71. ( क्र. 2597 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जल संसाधन विभाग को 5 तालाबों के निर्माण संबंधी साध्यता प्राप्त हुई है? हां, तो विभाग द्वारा साध्यता पश्चात् क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ख) क्या विभाग द्वारा साध्यता प्राप्त होने के पश्चात् स्थल निरीक्षण कर डेम, साईट तथा डूब क्षेत्र का चिन्हांकन कर लिया गया है? हाँ, तो यह डेम कहाँ पर बनेगा, उसका डूब क्षेत्र क्या होगा? (ग) वर्तमान वर्ष भी विगत वर्षों की तरह सूखे की चपेट में हैं यह तालाब ग्रीष्म ऋतु में प्रारंभ होते हैं तो अगले वर्ष जनता को लाभ मिल सकता है विभाग द्वारा क्या तालाबों के कार्य ग्रीष्मकालीन समय से प्रारंभ कर दिये जाएगें? नहीं तो क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जी नहीं, भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में केवटी लघु सिंचाई परियोजना का साध्यता आदेश दिनांक 19.08.2015 को जारी किया गया। डूब क्षेत्र के ग्राम पीपरखेड़ा के कृषकों द्वारा परियोजना का विरोध कर चिन्हांकन, डूब क्षेत्र के रकबे का आंकलन एवं सर्वेक्षण कार्य नहीं करने दिया गया। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर में तालाबों का संरक्षण
72. ( क्र. 2659 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग तालाब के सुदृढ़ीकरण/संरक्षण के लिये उत्तरदायी हैं? (ख) यदि हाँ, तो विभाग के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र पनागर में कौन-कौन से तालाब हैं एवं इनमें से कितने तालाबों का सुदृढ़ीकरण किया गया? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधनों से अतिरिक्त सिंचाई लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार, स्वीकृति देकर कार्य कराए गए हैं। उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत तथा निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने के कारण सभी परियोजनाओं की आर.आर.आर. योजना के तहत स्वीकृति देने के लिए समय-सीमा का निर्धारण करना संभव नहीं है।
तदर्थ नियुक्तियों को विभागीय परीक्षा की अर्हता
73. ( क्र. 2665 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के अंतर्गत विभिन्न विभागों में पूर्व में राजपत्रित श्रेणी के पदों के विरूद्ध की गई तदर्थ नियुक्तियों में चयनित अधिकारियों को संबंधित विभाग की विभागीय परीक्षा देने हेतु अर्हता प्राप्त होती थी अथवा नहीं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति प्रदान करें? (ख) क्या म.प्र. लोकसेवा आयोग द्वारा चयनित अधिकारियों को परिवीक्षा अवधि पर नियुक्त किये जाने का प्रावधान है तथा उक्त परिवीक्षा अवधि के भीतर उन्हें नियमित किये जाने का प्रावधान क्या है परिवीक्षा तत्संबंधी प्रपत्र की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) किसी कारणवश परिवीक्षाधीन अधिकारी परिवीक्षा अवधि के दौरान सफलतापूर्वक विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने में विफल रहते है तो क्या उन्हें नियमों में शिथिलीकरण करने का कोई प्रावधान है यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं।
पर्यटक स्थल अमोदागढ़ का विकास
74. ( क्र. 2697 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र केवलारी में मोगली की कर्मभूमि कहे जाने वाले प्राकृतिक सौंदर्य से ओत-प्रोत पर्यटक स्थल अमोदागढ़ (कान्हीवाड़ा के समीप) सिद्धघाट (केवलारी) को पर्यटन स्थल में जोड़े जाने हेतु क्या निरंतर मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो पर्यटक स्थल बनाये जाने के लिए शासन द्वारा क्या कोई कदम उठाया गया है या पहल की जा रही है? (ख) यदि पर्यटन स्थल बनाये जाने हेतु शासन योजना बना रहा है तो कौन सी योजना के अंतर्गत इसका सौन्दर्यीकरण किया जावेगा और उक्त स्थानों में कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध करायी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रेत खदानों की जानकारी
75. ( क्र. 2700 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी में कितनी रजिस्टर्ड रेत खदान संचालित हैं? इन खदानों से प्रतिदिन कितनी मात्रा में रेत निकाली जा रही है? कृपया खदानों के नाम की सूची अनुबंध मालिकों के नाम के साथ उपलब्ध करावें। (ख) क्या इन खदानों से निकाली हुई रेत म.प्र. के अलावा महाराष्ट्र में भी विक्रय की जा रही है? यदि हाँ, तो आंकड़े उपलब्ध करावें? (ग) रेत खदानों की रायल्टी से संबंधित जानकारी (विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत उगली-पांडिया छपारा) सूची सहित उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। तहसील केवलारी के अंतर्गत ग्राम खुर्सीपार में स्वीकृत रेत खदान से प्रतिदिन अनुमानत: 300 से 400 घनमीटर रेत की निकासी पाई गई। इसके अलावा तहसील बरघाट की ग्राम गोरखपुर अतरी की रेत खदान से प्रतिदिन अनुमानित 500 घनमीटर रेत की निकासी पाई गई है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वीकृत खदानों से रेत का विक्रय कही भी किया जा सकता है। म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में ऐसा कोई प्रतिबंध भी नहीं है न ही ऐसी कोई जानकारी पृथक से संधारित की जाती है। अत: ऐसे आंकड़े उपलब्ध कराने का भी प्रश्न नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र केवलारी, उगली पाडि़या, छपारा के पास ग्राम खुर्सीपार में संचालित रेत खदान की जमा रायल्टी एवं प्रदाय अभिवहन पास संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उद्धवहन सिंचाई योजना
76. ( क्र. 2902 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम कजबैड़ी विकासखण्ड हण्डिया जिला हरदा में कौन-कौन सी उद्वहन सिंचाई योजनाएं कहाँ-कहाँ चालू हैं, तथा उनका सिंचाई क्षेत्र कितना है? (ख) यदि उक्त स्थान में उद्वहन सिंचाई योजना नहीं है तो क्या शासन योजना में शामिल करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) निरंक। प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी नहीं। लाभान्वित कृषकों द्वारा परियोजनाओं के संचालन, संधारण एवं विद्युत भार वहन करने के लिए असहमति व्यक्त करने के कारण।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी की पदस्थापना
77. ( क्र. 2957 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् कटंगी जिला बालाघाट में मुख्य नगर पालिका अधिकारी का पद रिक्त है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक मुख्य नगर पालिका अधिकारी की पदस्थापना की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) विभागीय आदेश क्रमांक एफ 4-30/2015/18-1 दिनांक 23-11-2015 द्वारा श्री शैलेन्द्र कुमार ओझा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद्, उचेहरा जिला सतना को स्थानांतरित कर नगर परिषद्, कटंगी जिला बालाघाट पदस्थ किया गया था। श्री ओझा द्वारा स्थानांतरण के विरूद्ध मान. उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्रमांक 20694/2015 दायर कर स्थगन प्राप्त किया गया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजीव आवास योजना में डी.पी.आर. से हटकर निर्माण
78. ( क्र. 2967 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम सागर में राजीव आवास योजना के तहत वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 में कितने भवनों का निर्माण किया गया? (ख) इनमें से कौन-कौन से भवन स्वीकृत डी.पी.आर. अनुसार बनाये गये है? कौन-कौन से भवन स्वीकृत डी.पी.आर. से हटकर निर्मित हुए हैं? इस मामले में कब और किससे जाँच कराई गई? (ग) यदि डी.पी.आर. में परिवर्तन हुआ है तो किस आदेश के तहत? आदेश उपलब्ध करावें? (घ) मूल डी.पी.आर. से हटकर भवन निर्माण करने दोषी का नाम, पद एवं वर्तमान पदस्थापना की जानकारी दें? दोषियों के खिलाफ कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर पालिक निगम, सागर में राजीव आवास योजना के तहत वर्ष 2012-13 में भवन निर्माण नहीं किया गया। वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में योजना के पायलेट प्रोजेक्ट में 292 भवनों का निर्माण प्रारंभ किया गया है। (ख) पायलट प्रोजेक्ट के 292 भवन डी.पी.आर. अनुसार प्रगतिरत है। उक्त भवनों हेतु डी.पी.आर. में परिवर्तन नहीं हुआ है। इस मामले में जाँच नहीं कराई गई। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गुराछा बैराज का निर्माण
79. ( क्र. 3016 ) श्री सतीश मालवीय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया अंतर्गत निर्मित गुराछा बैराज के निर्माण के उपरांत जो क्षति हुई है उसका क्या कारण है? क्या कार्य गुणवत्तापूर्वक नहीं किया गया? यदि नहीं, तो उसके लिये जिम्मेदार कौन है? शासन उन पर क्या कार्यवाही करेगा? (ख) क्या उक्त बैराज का निर्माण क्या स्वीकृत नक्शे के अनुरूप हुआ है? बैराज की लागत कितनी थी? पूर्ण करने की तिथि क्या थी? क्या वर्तमान में बैराज पूर्ण हो चुका है? निर्माण एजेन्सी को कितना भुगतान कर दिया गया है एवं कितना शेष है? (ग) क्या बैराज निर्माण तकनीकी स्वीकृति के अनुसार निर्मित नहीं किया गया है? क्या बैराज की ऊंचाई में किसी प्रकार की कटौती की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2015 में अतिवृष्टि से गुराछा बैराज के दाहिने किनारे पर क्षति हुई थी जिसे निर्माण एजेंसी के व्यय पर ठीक करा लिया गया है। अतिवृष्टि से क्षति होने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (ख) बैराज का निर्माण तकनीकी स्वीकृति के अनुसार किया गया है। बैराज निर्माण पर राशि रू.249.43 लाख का निवेश किया गया। बैराज निर्माण दिसंबर 2014 में पूर्ण हुआ। निर्माण एजेंसी को रू.247.28 लाख का भुगतान किया गया। वर्तमान में कोई भुगतान देय नहीं है। (ग) जी नहीं। जी नहीं।
वाणिज्य कर चौकी की प्राप्त राजस्व
80. ( क्र. 3031 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत डोंगरगांव के निकट संचालित वाणिज्य कर चौकी/एकीकृत टोल नाके से प्रतिदिन औसत कितना राजस्व प्राप्त हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आय का व्यय किस मद में किया जाता है? विवरण देवें। (ग) क्या एकीकृत टोल नांका डोंगरगांव से राजस्व बचाते हुए बायपास पिड़ावा की ओर से राजस्थान जाने वाले वाहनों की संख्या में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में सोयल पिड़ावा मार्ग पर टोल नाका स्थापित किए जाने संबंधी कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से सुधारात्मक उपाय किए जावेगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एकीकृत वाणिज्यिक कर जाँच चौकी पर केवल त्रुटिकर्ता वाहनों में परिवहित माल पर कर एवं शास्ति आरोपित कर वसूली की जाती है। जाँच चौकी डोंगरगाँव पर वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 55.05 लाख एवं चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 में माह जनवरी तक रूपये 40.67 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। (ख) प्रश्ननांश (क) अनुसार प्राप्त आय शासन के राजस्व कोष (कोषालय) में जमा करायी जाती है। जमा की गई इस राशि को विभाग अपने स्तर से व्यय करने हेतु अधिकृत नहीं होते हैं, वरन् वित्त विभाग द्वारा बजट के प्रावधानों के साथ उस राशि का यथोचित लेखा शीर्षों में आवंटन किया जाता है। (ग) इस प्रकार की जानकारी का संधारण नहीं होता है। (घ) प्रश्ननांश (ग) के तारतम्य में सोयत-पिड़ावा मार्ग पर टोल नाका स्थापित किए जाने संबंधी कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। मध्यप्रदेश वेट अधिनियम के तहत् मोबाइल जाँच के निर्देश दिए जाएंगे।
सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा संयंत्र
81. ( क्र. 3032 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में कहाँ-कहाँ सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा संयन्त्र संचालित हैं एवं इनसे कितने मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है? कृपया संयन्त्रवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संयन्त्रों के ठेकेदारों/फर्मों द्वारा कार्य पर रखे जाने वाले कर्मचारियों को रखे जाने हेतु शासन स्तर से कोई दिशा-निर्देश है? कंपनियों के शासन के साथ हुए अनुबंध की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या सौर/ पवन ऊर्जा कंपनियों को अपने कार्य क्षेत्रों में प्राप्त लाभ या टर्न-ओव्हर का 3% जनसेवा या विकास कार्यों में व्यय करना अनिवार्य है? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर हां, है तो विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में ऐसे किए गए कार्यों का विवरण उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में सौर ऊर्जा संयंत्रों की मेगावाट क्षमता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में पवन ऊर्जा संयंत्र संचालित नहीं है। (ख) संयंत्रों के ठेकेदारों/फर्मों द्वारा कार्य पर रखे जाने वाले कर्मचारियों हेतु श्रम विभाग के नियम हैं। उक्त निजी विकासकों/फर्मों की परियोजनाएं निजी भूमि पर स्थापित हैं। कम्पनियों का शासन के साथ अनुबंध प्रावधानित नहीं है, परियोजना का पंजीयन किया जाता है। (ग) कम्पनी एक्ट 2013 की धारा-135 की उप-धारा (I) में प्रावधानित कम्पनियों को अपने औसत शुद्ध लाभ का 2% अपने "कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व" पर व्यय करना होता है। धारा 135 (I) उन कम्पनियों पर लागू होता है, जिनमें शुद्ध लाभ रूपये 500 करोड़ या उससे अधिक हो या टर्न-ओव्हर रूपये 1000 करोड़ या उससे अधिक हो या नेट लाभ रूपये 5 करोड़ या उससे अधिक हो। (घ) संबंधित कम्पनियों पर कम्पनी एक्ट का उक्त प्रावधान लागू नहीं है, तथापि सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में कम्पनियों द्वारा किऐ गऐ कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विद्युत वितरण केन्द्र पथरिया एवं बटियागढ़ अंतर्गत ट्रांसफार्मरों की चोरी
82. ( क्र. 3069 ) श्री लखन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में विद्युत वितरण केन्द्र पथरिया एवं बटियागढ़ के अंतर्गत (वर्ष जनवरी 2012-2013 से जनवरी 2016 तक) कितने व किन-किन ग्रामों से ट्रांसफार्मर चोरी गए? (ख) कितने प्रकरण दर्ज हुए? ग्रामवार बतायें? चोरी हुए ट्रांसफार्मरों के कितने स्थान रिक्त हैं एवं कितने ग्रामों में अन्य ट्रांसफार्मर स्थापित किए? (ग) रिक्त स्थानों पर कब तक ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) दमोह जिले में विद्युत वितरण केन्द्र पथरिया एवं बटियागढ़ के अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कुल 146 ट्रांसफार्मर चोरी गये, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनवरी 2012 से जनवरी 2016 तक 146 प्रकरण पुलिस थाने में दर्ज किए गए हैं जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। चोरी गये ट्रांसफार्मरों के स्थल में से 16 स्थान रिक्त हैं एवं 130 स्थानों पर अन्य ट्रांसफार्मर स्थापित किए जा चुके हैं। (ग) 16 रिक्त स्थानों में से 8 स्थानों पर समीप स्थापित अन्य ट्रांसफार्मरों से विद्युत प्रदाय बहाल कर लिया गया है। शेष 8 स्थानों पर विद्युत बिल की बकाया राशि है तथा नियमानुसार सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने पर अन्य ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिए जायेंगे।
फीडर सेपरेशन कार्य
83. ( क्र. 3070 ) श्री लखन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत वितरण केन्द्र पथरिया एवं बटियागढ़ के अंतर्गत आने वाले कितने फीडरों में फीडर विभक्तिकरण के कार्य हेतु योजना स्वीकृत की गई तथा कितने फीडरों पर फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है तथा कितने ग्रामों को लाभान्वित किया गया? (ख) शेष फीडरों में कब तक कार्य पूर्ण हो जाएगा? (ग) दोनों विद्युत वितरण केन्द्रों पर फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है? कितने फीडर अपूर्ण है? फीडरवार सूची उपलब्ध करायें? (घ) शेष ग्रामों में फीडर-सेपरेशन का कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विद्युत वितरण केन्द्र पथरिया के अन्तर्गत 20 एवं बटियागढ़ के अन्तर्गत 12 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य फीडर विभक्तिकरण योजना में स्वीकृत है। उक्त में से वितरण केन्द्र पथरिया के 14 एवं बटियागढ़ के 4 फीडरों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिससे वितरण केन्द्र पथरिया के 44 एवं बटियागढ़ के 11 ग्राम लाभान्वित हुए हैं। (ख) निर्धारित समयावधि में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण ठेकेदार एजेंसी मेसर्स के.एम.जी., नोयडा को जारी कार्यादेश जनवरी-2016 में निरस्त कर दिया गया है। शेष कार्यों हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: वर्तमान में शेष कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। पथरिया विद्युत वितरण केन्द्र के अन्तर्गत 6 फीडरों एवं बटियागढ़ वितरण केन्द्र के अन्तर्गत 8 फीडरों का कार्य अपूर्ण है जिनकी फीडरवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत चोरी के प्रकरणों में कृषकों को जेल भेजा जाना
84. ( क्र. 3122 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं.लि. द्वारा विद्युत अधिनियम की धारा 135 एवं 139 एवं विद्युत चोरी के मामलों के तहत कितने कृषकों के प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किए गए? कितने कृषकों को जेल भेजा गया है? जिलेवार कृषकों की संख्या सहित बतावें? (ख) क्या श्योपुर अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में विद्युत न होने, 10-15 वर्ष से विद्युत सप्लाई न होने के बावजूद ग्रामीणों को विद्युत बिल भेजे जा रहे हैं? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम में कितने-कितने व्यक्तियों को विद्युत न होने के बावजूद विद्युत बिल भेजे गये हैं? ग्राम का नाम, ग्राम पंचायत का नाम तथा तहसीलवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन विद्युत न होने के बावजूद भेजे गए असत्य विद्युत बिलों की समीक्षा कर उन्हें निरस्त किए जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. म.क्षे.वि.वि. कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत अधिनियम की धारा 139 के अंतर्गत निरंक तथा धारा 135 के तहत कृषकों के विद्युत चोरी/अनियमितता के कुल 5313 प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं तथा न्यायालय द्वारा किसी भी कृषक को जेल नहीं भेजा गया है। उक्त प्रकरणों का जिलेवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
निर्माणाधीन बांध
85. ( क्र. 3156 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में कितने बांध निर्माणाधीन हैं? उपरोक्त बांध की एफ.ओ.एस. (फैक्टर ऑफ सेफ्टी) हेतु क्या दिशा-निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त निर्माणाधीन बांध के कारण डूब क्षेत्र में आने वाले किसान की जमीन का मुआवजा किस आधार पर एवं किन नियमों के अंतर्गत तथा किस वित्तीय वर्ष को मानक मान कर दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त बांध के निर्माण में इस्तेमाल होने वाला कांक्रीट का ग्रेड तथा अन्य तकनीकी मापदण्ड क्या है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार बांध के निर्माण से प्रश्न दिनांक तक क्या निर्माण कंपनी/ठेकेदार काम को छोड़कर जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन कम्पनी/ठेकेदार उक्त कार्य को किस-किस स्तर का करके छोड़कर जा चुके हैं? उनके छोड़कर जाने के क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बिजावर विधानसभा में तरपेड़ श्यामरी एवं जुनवानी परियोजनाएं निर्माणाधीन है। मध्यम परियोजनाओं के तकनीकी अवयव विभाग के विशेषज्ञ संगठन 'बोधी' द्वारा तथा लघु सिंचाई परियोजनाओं की तकनीकी अवयवों को कछार के मुख्य अभियंता द्वारा किए जाने की व्यवस्था है। इनमें सुरक्षा सहित सभी अवयवों को ध्यान में रखा जाता है। (ख) परियोजनाओं के लिए भूमि का अर्जन कृषक के विकल्प पर राज्य शासन की सहमति से भूमि क्रय करने की नीति अथवा भू-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्स्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के तहत अनिवार्य अधिग्रहण किया जाता है। अनिवार्य अधिग्रहण के लिए अधिनियम में मौलिक अधिसूचना जारी करने को मानक वर्ष निर्धारित किया गया है। (ग) बाँध निर्माण के लिए भिन्न-भिन्न ग्रेड का कांक्रीट तकनीकी अवयवों के निर्धारण पर इस्तेमाल की व्यवस्था है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
डाटा एन्ट्री आपरेटर के स्वीकृति पद पर पदस्थापना
86. ( क्र. 3207 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छिंदवाड़ा के अंतर्गत समस्त नगरीय निकाय कार्यालयों में विगत 5 वर्षों में कितने डाटा एन्ट्री आपरेटर के पद स्वीकृत कर पदस्थापना की गई है? (ख) क्या अन्य शासकीय विभागों में डाटा एन्ट्री आपरेटर के पद स्वीकृत कर भरे जा रहे हैं? यदि हाँ, तो सभी विभागों में आनलाईन प्रक्रिया को देखते छिंदवाड़ा के सभी नगरीय निकायों एवं डाटा एन्ट्री आपरेटर के पद स्वीकृत कर पदस्थापना कब तक की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) निरंक। (ख) जिला छिंदवाडा के नगरीय निकायों में डाटा एन्ट्री आपरेटर के नियमित पद स्वीकृत नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कालोनियों का निर्माण
87. ( क्र. 3208 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छिन्दवाड़ा के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव के नगरीय निकाय में विगत 5 वर्षों में कितनी अवैध कालोनियों का निर्माण किया गया है? अवैध कालोनियों की सूची प्रदाय करें? (ख) क्या नगर पालिका एक्ट 1961 संशोधित अधिनियम की धारा 339 के उपरांत भी अवैध कालोनियों के निर्माण किये जाने पर अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय में प्रकरण दायर किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेवार है तथा उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगरीय निकाय जुन्नारदेव में अवैध कालोनियों के निर्माण किये जाने संबंधी प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय जुन्नारदेव में प्रचलित नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय लायसेंसधारी विदेशी मदिरा दुकानों को मदिरा का प्रदाय
88. ( क्र. 3233 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में शास. लायसेंसधारी विदेशी मदिरा दुकानों में ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें लायसेंस धारियों ने चालान जमा/एन.ओ.सी. उपरांत विदेश मदिरा भंडार गृह द्वारा मदिरा प्रदाय नहीं की गई? (ख) क्या विदेशी मदिरा दुकान गौरझामर के लायसेंसी द्वारा विभाग में एन.ओ.सी. क्र.60435/2091 एवं क्र. 660436/2092 दिनांक 21.01.2016 होने के बाद भी विदेशी मदिरा भंडार गृह सागर द्वारा विदेशी मदिरा का प्रदाय नहीं किया गया, जिसकी सूचना दुकान संचालक द्वारा संबंधित संभागीय उड़नदस्ता अधिकारी एवं आबकारी कमिश्नर ग्वालियर को दी गई? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इस प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त कार्यवाही से शासन की छवि एवं राजस्व क्षति के लिये क्या दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सागर जिले में लायसेंसधारी विदेशी मदिरा दुकानों की जमा वार्षिक लायसेंस फीस के विरूद्ध जारी एन.ओ.सी. के विरूद्ध मदिरा प्रदाय न होने के संबंध में किसी भी विदेशी मदिरा लायसेंस धारक द्वारा अवगत नहीं कराया गया है। अत: जानकारी निरंक है। (ख) विदेशी मदिरा भाण्डागार सागर में दिनांक 21.01.2016 को कार्यालयीन समय 10.30 बजे से लेकर कार्यालय बंद करने के समय सायं 18.30 बजे तक, विदेशी मदिरा दुकान गौरझामर के लायसेंसी द्वारा एन.ओ.सी क्रमांक 60435/2091 एवं 660436/2092 दोनों अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदाय हेतु प्रस्तुत नहीं किये गये। इसी प्रकार विदेशी मदिरा दुकान गौरझामर के लायसेंसी द्वारा एन.ओ.सी. क्रमांक 60435/2091 एवं 660436/2092 पर दिनांक 21.01.2016 को प्रभारी अधिकारी विदेशी मदिरा भाण्डागार, सागर द्वारा विदेशी मदिरा का प्रदाय नहीं दिये जाने संबंधी कोई सूचना उपायुक्त कार्यालय में प्राप्त न होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई। आबकारी कमिश्नर ग्वालियर को उक्त संबंध में विदेशी मदिरा दुकान गौरझामर के लायसेंसी द्वारा किसी सूचना दिये जाने की जानकारी नहीं है। अत: आबकारी आयुक्त कार्यालय से भी उक्त पर कोई कार्यवाही किये जाने की स्थिति निर्मित नहीं हुई। (ग) उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता सागर के प्रतिवेदन अनुसार राजस्व हानि निरंक होने से कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है।
टी-05 एनर्जी सेवर लाइट क्रय
89. ( क्र. 3234 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग द्वारा टी-05 एनर्जी सेवर लाईट फिटिंग सामग्री कब-कब कितनी क्रय की गई? क्रय आदेश एवं सामग्री प्राप्ति दिनांक सहित विस्तृत जानकारी देवें? (ख) यदि कार्यादेश क्र.91 दिनांक 25.05.2015 को दिया गया है एवं सामग्री प्राप्ति दिनांक 06.03.2015 को दर्शाया गया है जैसा कि प्रश्नकर्ता को नगर पालिका के पत्र क्र. 1137 दिनांक 28.11.2015 द्वारा अवगत कराया है तो क्यों? (ग) क्या टी-05 एनर्जी सेवर लाईट की उपयोगिता पर म.प्र. की अन्य नगर निगम/नगर पालिकाओं में प्रश्न चिन्ह लगाया गया है एवं कई निकायों ने इनके उपयोग करने पर इंकार किया है तो नगर पालिका मकरोनिया द्वारा उक्त सामग्री किस आधार पर क्रय की गई? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) एवं (ग) सही है तो दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लिपिकीय त्रुटि के कारण दिनांक 03.06.2015 के स्थान पर दिनांक 06.03.2015 अंकित हो गया था। (ग) संभाग की नगरीय निकायों में टी-05 एनर्जी सेवर लाईट की उपयोगिता पर प्रश्न चिन्ह लगाने अथवा उपयोग से इन्कार करने के संबंध में किसी भी निकाय द्वारा उपयोग करने से इंकार करने संबंधी कोई जानकारी नहीं थी। नगर पालिका मकरोनिया गठन के पूर्व तत्कालीन ग्राम पंचायतों द्वारा टी-05 एनर्जी सेवर लाईट का उपयोग किया जा रहा था, टी-05 एनर्जी सेवर लाईट में चार ट्यूब राड होने के कारण एवं ऊर्जा खपत तथा कार्य निष्पादन क्षमता के आधार पर नगर पालिका द्वारा क्रय किया गया है। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अमरकंटक ताप विद्युत गृह की दोनों यूनिट बंद होने की जाँच
90. ( क्र. 3276 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई की 2 x 120 मेगावाट की यूनिट क्रमांक 04 दिनांक 30.04.2014 को टरबाईन का राडार बैंक होने के कारण एवं यूनिट क्रमांक 03 दिनांक 12.1.2015 को सिलेण्डर में आग लगने से सारी यूनिट जल कर खाक हो गई थी? (ख) उक्त दोनों यूनिट के बंद होने के कार्यकाल में कौन-कौन से मुख्य अभियंता चचाई में पदस्थ थे तथा इनके खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? वर्तमान में कहाँ पदस्थ हैं? (ग) क्या इन दोनों इकाइयों को बंद होने पर शासन द्वारा जाँच कमेटी गठित की गई? यदि हाँ, तो जाँच समिति के सदस्यों की सूची व कब बनायी गयी? चालू हालत में दोनों इकाईयों की लागत कितने-कितने करोड़ की थी एवं बर्बाद होने से दोनों यूनिट को कितने-कितने करोड़ की हानि हुई? (घ) क्या चचाई में पदस्थ कार्यपालक निर्देशक श्री डी.एन.राव बतौर अधीक्षण यंत्री एवं अन्य अधिकारियों द्वारा राखड़ बांध रिसाय फिलिंग पानी प्राप्त करने हेतु बिजली की लाइन बिछाने में नई सेल कंपनी की पोल की जगह पुराने रेल पोल लगाने की गड़बड़ी में पावर जनरेटर कंपनी अधिकारियों को आरोपित किया गया था? यदि हाँ, तो श्री डी.एन.राय को ही दोषमुक्त किया गया? शेष कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई तथा वर्तमान में कहाँ पदस्थ हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं, अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई, की 120 मे.वा. क्षमता की इकाई क्र. 04, दिनांक 30.04.2014 को टरबाईन रोटर में अत्याधिक कंपन (वाईब्रेशन) होने के कारण बन्द की गई तथा इस मे किसी प्रकार की अग्नि दुर्घटना नहीं हुई थी। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई, की 120 मे.वा. क्षमता की इकाई क्रमांक 3 को दिनांक 12.01.2015 को टरबाईन रोटर में अत्यधिक कंपन एवं उत्केन्द्रता (एक्सेनट्रिसिटी) बढ़ने के कारण 00:20 बजे बंद किया गया था। लगभग 4-5 मिनट पश्चात बारिंग गियर के पास असामान्य आवाज एवं जनरेटर और बारिंग गियर के बीच आग की लपटे देखी गई। उल्लेखित है कि यह इकाई आग लगने से जलकर खाक नहीं हुई अपितु कुछ उपकरण अवश्य क्षतिग्रस्त हुये। (ख) अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई की इकाई क्रमांक 4, दिनांक 30.04.2014 को बंद हुई। उस तिथि में श्री डी.एन.राम, अति.मुख्य अभियंता (उत्पादन), मुख्य अभियंता (उत्पादन), अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई के चालू प्रभार पर कार्यरत थे। इकाई क्रमांक 3, दिनांक 12.01.2015 को बंद हुई। उस तिथि में श्री डी.एन.राम, मुख्य अभियंता (उत्पादन) अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई के पद पर कार्यरत थे। जाँच कार्यवाही में तत्कालीन मुख्य अभियंता (उत्पादन) श्री डी.एन.राम, के विरूद्ध कोई आरोप प्रमाणित नहीं पाये गये अत: इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। श्री डी.एन.राम, वर्तमान में कार्यपालक निदेशक (उत्पादन) के पद पर अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में पदस्थ हैं। (ग) इकाई क्रमांक 3 के दिनांक 12.01.2015 को बंद होने पर म.प्र. शासन, ऊर्जा विभाग द्वारा आदेश दिनांक 13.01.2015 (आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार) द्वारा गठित जाँच समिति के सदस्यों की सूची निम्नानुसार है :- 1. प्रबंध संचालक, म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, 2. श्री एस.एन.गांगुली, क्षेत्रीय कार्यपालक निदेशक, पश्चिमी क्षेत्र-II, एनटीपीसी लिमिटेड, 3. केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण का प्रतिनिधि। इकाई क्रमांक 4 के दिनांक 30.04.2014 को बंद होने पर राज्य शासन द्वारा किसी जाँच समिति का गठन नहीं किया गया। दिनांक 31.03.2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2014-15 के लेखों में 2 x 120 मेगावाट क्षमता की अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई की इकाईयों (क्रमांक 3 एवं 4) की ह्रास के पश्चात लागत मूल्य (डेप्रिसियेटेड वेल्यू) रू. 58.48 करोड़ अंकित है। इस लागत में भूमि की लागत सम्मिलित नहीं है। इकाईयों की पृथक-पृथक लागत लेखों में उपलब्ध नहीं है अत: दोनों इकाईयों की सम्मिलित लागत दर्शाई गई है। इकाई क्रमांक 4 के क्षतिग्रस्त एच.पी. एवं आई.पी. रोटर को पुन: सुधार कर स्थापित करने की अनुमानित लागत रू. 1.39 करोड़ आंकी गई थी। इकाई क्रमांक 03 के क्षतिग्रस्त हिस्सों की क्षरित कीमत लगभग रू.2.86 करोड़ आंकी गई। इन उपकरणों की रिपेयरिंग पर कोई राशि खर्च नहीं की गई। उक्त इकाईयों की सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (घ) जी हाँ, यह सत्य है कि वर्ष 2009 में अल्प वर्षा के कारण बांध का जल स्तर निम्न होने से विद्युत उत्पादन हेतु आपात स्थिति में जल उपलब्ध कराने तथा विद्युत गृह व आवासीय परिसर में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु बिजली की लाईन बिछाने में सेल कंपनी के पोल की जगह पुराने रेल पोल लगाने की शिकायत के संबंध में तत्कालीन अधीक्षण यंत्री श्री डी.एन.राम (वर्तमान में कार्यपालक निदेशक) एवं अन्य अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच की गई थी। विभागीय जाँच के अंतर्गत आरोप पत्र में उल्लेखित आरोपों के सिद्ध नहीं होने पर श्री डी.एन.राम एवं अन्य सभी अधिकारियों को दोषमुक्त किया गया था। विभागीय जाँच में उल्लेखित अधिकारियों की वर्तमान में पदस्थापना निम्नानुसार है – (अ) श्री डी.एन.राम, तत्कालीन अधीक्षण यंत्री (ई.टी. एंड आई.) वर्तमान में कार्यपालक निदेशक, अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई। (ब) श्री आई.एम.जैन, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री (ई.टी. एंड आई.) वर्तमान में कार्यपालन यंत्री (उत्पादन) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खंडवा। (स) श्री के.के.खरे, तत्कालीन सहायक यंत्री (उत्पादन) वर्तमान में भी सहायक यंत्री (उत्पादन), अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई। (द) श्री के.सी.गुप्ता, तत्कालीन सहायक यंत्री (उत्पादन) वर्तमान में भी सहायक यंत्री (उत्पादन), अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई।
प्राधिकरणों के भूखण्डों पर तीन वर्षों में निर्माण
91. ( क्र. 3293 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा प्रदेश के प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में विभिन्न वर्गों को आवास भूखण्ड पर समयावधि में निर्माण करने की शर्तों के अधीन आवंटित किए जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो नियत समयावधि में निर्माण नहीं करने पर भूखण्डधारियों पर क्या कार्यवाही एवं जुर्माने का प्रावधान है? क्या आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा जारी नियमों के अनुसार भूखण्डधारियों पर रजिस्ट्री उपरांत 6 वर्ष में निर्माण नहीं करने पर 1000 रू. प्रतिदिन जुर्माना अधिरोपित करने का आदेश जारी किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या कमजोर वर्ग एवं निम्न आय वर्ग के लोगों को आवंटित भूखण्ड जिनका क्षेत्रफल ही 30 से 60 वर्गमीटर है एवं कीमत भी कम है उन्हें इस नियम से मुक्त रखा गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इन्हें इस दण्ड से मुक्त किया जायेगा? (घ) इस नियम में सभी वर्गों पर समान जुर्माना अधिरोपित करने की बजाय कमजोर एवं निम्न आय वर्ग, मध्यम आय वर्ग एवं उच्च आय वर्ग तथा व्यावसायिक उपयोग के अनुसार जुर्माना अधिरोपित की दर क्यों नहीं रखी गई? जुर्माना की राशि को न्याय संगत किए जाने के संशोधित आदेश प्रसारित किये जायेंगे, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 के नियम 22 (2) में पट्टा विलेख के निष्पादन के 6 वर्ष के भीतर पट्टाधारी द्वारा अनुज्ञेय निर्माण क्षेत्र के न्यूनतम 10 प्रतिशत भाग पर निर्माण नहीं किया जाता है तो, प्राधिकरण द्वारा निर्माण पूर्ण होने तक उस पर रूपये 1000 /- प्रतिदिन की दर से शास्ति आरोपित करने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्पत्ति का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 के नियम 8 में आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग एवं निम्न आय वर्ग को नियत दर पर सम्पत्ति के व्ययन के प्रावधान है, जिसके अंतर्गत कार्यवाही किये जाने के प्रावधान है। जी नहीं। कमजोर आय वर्ग एवं निम्न आय वर्ग के लोगों को आवंटित भूखंड इस वर्ग की आवासीय कमी को पूर्ण करने हेतु आवंटित होने से इन भूखंडों पर व्ययन नियम के प्रावधान अनुसार समय-सीमा में निर्माण किया जाना आवश्यक है। अतः इन्हें इस दंड से मुक्त किया जाना व्ययन नियम 2013 के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। (घ) पूर्व में म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश विकसित भूमियों, गृहों, भवनों तथा अन्य संरचनाओं का व्ययन नियम 1975 प्रभावशील था, जिनका निरसन कर शासन द्वारा पूर्ण विचारोपरांत म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्पत्ति का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 को अनुमोदन उपरांत प्रभावशील किये गये हैं। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अधोसंरचना निधि के प्रावधान
92. ( क्र. 3294 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर विकास योजना 2021 के अध्याय-7 में विकास योजना में प्रस्तावित नगर स्तर की अधोसंरचना के क्रियान्वयन हेतु अधोसंरचना विकास निधि का प्रावधान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उसकी जमा राशि, उसका संधारण एवं संचालन एवं उन मदों का उल्लेख जिन पर व्यय किया जाना है, किया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों तथा इसका स्पष्ट उल्लेख कब तक किया जायेगा? (ग) नियमों के अभाव में अधोसंरचना निधि के प्रावधानों को किस प्रकार लागू किया जावेगा? इसके विस्तृत नियम एवं निर्देश कब तक बनाए जावेंगे? यदि निर्देश बना दिये गये हो तो प्रति के साथ जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) अधोसंरचना विकास निधि के निर्माण हेतु राशि के स्त्रोत का विकास योजना में निर्धारण नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तराश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बिजली चोरी के प्रकरण
93. ( क्र. 3339 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में बिजली चोरी के प्रकरण सक्षम अधिकारी द्वारा पंचनामा के आधार पर बनाये एवं दण्डित किये जाते हैं? क्या एक पंचनामा दुबारा उपयोग में लिया जा सकता है? (ख) क्या कटनी जिले के पृष्ठांकन क्रमांक 422 पंचनामा क्रमांक 35 में बृजमोहन राठौर वल्द प्रहलाद सिंह राठौर वितरण केन्द्र विजयराघवगढ़ न्यायालय विशेष सत्र न्यायाधीश कटनी के विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 821/13 में म.प्र. पू.क्षे.वि.वि.कं. लिमिटेड द्वारा परिवाद पत्र अंतर्गत धारा 135/138/151/विद्युत अधिनियम 2003 में अधिरोपति 200 रूपये दिनांक 30.11.2013 को एवं पृष्ठांकन 422 पंचनामा क्रमांक 35 में कमलेश बर्मन पिता रामकरण बर्मन वितरण केन्द्र विजयराघवगढ़ न्यायालय विशेष सत्र न्यायाधीन कटनी के विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 820/13 में म.प्र. पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. द्वारा परिवाद पत्र अंतर्गत धारा 135/138/151/विद्युत अधिनियम 2003 में अधिरोपित 1000/- रूपये दिनांक 04.09.2013 को जमा करवाये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में एक ही पंचनामें में किनके-किनके विरूद्ध प्रकरण दायर कर दण्डित कराए जाने के प्रावधान है बताएं? यदि नहीं, तो इस तरह की लापरवाही बतरने के लिए कौन-कौन दोषी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के अनुसार कटनी जिले में बिजली चोरी के प्रकरण सक्षम अधिकारी द्वारा पंचनामा के आधार पर बनाये जाते हैं एवं दाण्डिक कार्यवाही हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किये जाते हैं। एक पंचनामा दुबारा उपयोग में नहीं लिया जा सकता। (ख) जी हाँ। दो पृथक-पृथक पंचनामे बनाए गए थे परन्तु प्रिटिंग में त्रुटि के कारण पंचनामा पुस्तिका के प्रथम लगातार दो पृष्ठों पर सरल क्रमांक 35 अंकित हुआ, जबकि दूसरी प्रति में यह क्रमश: 35 एवं 36 था। श्री कमलेश बर्मन पिता श्री रामकरण बर्मन के पंचनामा क्रमांक 422/35 में अंकित सरल क्रमांक 35 सही है एवं श्री ब्रजमोहन राठौर पिता श्री प्रहलाद सिंह राठौर, का पंचनामा क्रमांक मूल प्रति में 422/35 अंकित है तथा पंचनामा बुक की कार्यालय प्रति में सरल क्रमांक 36 अंकित है, जिससे कि स्पष्ट है कि प्रिटिंग त्रुटि के कारण उक्त पंचनामा के प्रथम पृष्ठ पर सरल क्रमांक 36 के स्थान पर 35 अंकित हो गया है, अत: उक्त त्रुटि प्रिंटिंग त्रुटि की वजह से हुई है, जबकि दोनों ही पंचनामा वास्तविक हैं। (ग) प्रश्नांक 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में दोनों ही पंचनामे एक ही न होते हुए अलग-अलग हैं एवं प्रिंटिंग त्रुटि की वजह से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। इस तरह की लापरवाही के लिए प्रथम दृष्ट्या कनिष्ठ अभियंता विजयराघवगढ़ दोषी है, जिसके लिए कार्यपालन अभियंता (संचा./संधा.) संभाग कटनी द्वारा कनिष्ठ अभियंता विजयराघवगढ़ को पत्र क्रमांक 3593, दिनांक 15.02.2016 के तहत् कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
विस्थापितों को सुविधाएं
94. ( क्र. 3364 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा विस्थापितों को क्या-क्या सुविधाएं देने का प्रावधान है? (ख) अटल सागर (मड़ीखेड़ा पक्का बांध) में विस्थापित परिवारों को क्या-क्या सुविधाएं किस-किस प्रकार की देने हेतु स्वीकृति प्रदान की थी? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में दी जाने वाली सुविधाओं में से वर्तमान में सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? व कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अटल सागर परियोजना के डूब क्षेत्र के विस्थापितों का पुनर्वास मध्यप्रदेश शासन की आदर्श पुनर्वास नीति 2002 के अनुसार पूर्ण होना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) पुनर्वास कालोनियों में दी गई सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। डूब प्रभावित सभी परिवारों को पुनर्वास स्थल पर भूखण्ड, पुनर्वास अनुदान, कृषि भूमि तथा अचल सम्पत्ति का मुआवजा दिया गया है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
रेत का अवैध उत्खनन
95. ( क्र. 3367 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील नरवर की ग्राम पंचायत खिरिया, धमधौली, पुल्हा, दौलतगंज, सोन्हर, जैतपुर, साबौली, गनियार आदि में स्थित रेत खदानों में बड़ी-बड़ी एल.एन.टी. (चैन मशीनों) व पनडुब्बियों द्वारा भारी मात्रा में रेत का अवैध उत्खनन रात-दिन चल रहा है, जिसमें सैकड़ों की तादाद में डम्फर अवैध रूप से उत्खनन कर रहे है जिससे शासन को करोड़ों रूपये की राजस्व हानि हो रही है? (ख) क्या उपरोक्त (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा कई बार लिखित एवं मौखिक रूप से संबंधित अधिकारी/ कर्मचारियों को अवगत भी कराया गया है परंतु अवैध रेत उत्खनन निरंतर जारी है? कब तक अवैध उत्खनन को रोका जा सकेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन
ग्राम खिरिया
में
अनुविभागीय
अधिकारी
करैरा द्वारा
दिनांक 13.01.2016 को
निरीक्षण
किया गया।
निरीक्षण में 500 घन मी. अवैध
रूप से
भंडारित रेत
जब्त की गई।
इसके साथ दो
ट्रेक्टर
ट्रॉली,
सात
डम्पर एवं एक
एल.एन.टी. जब्त
की गई। ग्राम
जैतपुर में एक
नीलाम रेत
खदान संचालित
है। निरीक्षण
के समय इस
खदान में कोई एल.एन.टी.
मशीन, पनडुब्बी
संचालित नहीं
पाई गई। ग्राम
धमधौली,
पुलहा, दौलतगंज, सोनहर, जैतपुर, साबौली, गनियार, में रेत
का अवैध उत्खनन
निरीक्षण के
दौरान नहीं
पाया गया।
जिला प्रशासन
द्वारा अवैध
उत्खनन/परिवहन
पाये जाने पर
नियमानुसार
दण्डात्मक
कार्यवाही की
जाती है।
ग्राम जैतपुर
में नियमानुसार
एक रेत खदान
संचालित है।
जिसकी ठेका
राशि के किश्त
की राशि जमा
है। अत: किसी
प्रकार की
हानि का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
(ख)
जी
हाँ। मान. विधायक
द्वारा पत्र
दिनांक 08.02.2016 से
अवैध रेत खनन
रोकने विषयक
शिकायत
प्राप्त हुई
थी। प्रश्नांश
'क'
में
की गई
कार्यवाहियों
का उल्लेख
किया गया है।
जिले में अवैध
उत्खनन/परिवहन
आदि को रोकने
हेतु समय-समय
पर जाँच की
जाती है। जाँच
में प्रकरण
प्रकाश में
आने पर
दोषियों के
विरूद्ध
कार्यवाही की जाती
है। यह सतत्
प्रक्रिया
है।
पर्यटन स्थलों का रख-रखाव
96. ( क्र. 3407 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सम्राट अशोक के शिलालेख गिर्जुरा में प्रसिद्ध आध्यात्मक सूर्ययंत्र उनाववालाजी में एवं ग्यारहवी शताब्दी का शिवालय सालोन भर्रोली में तथा सोन तलैया भाण्डेर में पर्यटन स्थल है? (ख) यदि हाँ, तो उनके रख-रखाव एवं सौन्दर्यीकरण तथा पर्यटकों के भ्रमण हेतु शासन कोई राशि व्यय करता है? (ग) यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में अभी तक किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? क्योंकि शासन की उपेक्षा से यह स्थल वीरान पड़े हुए है? (घ) क्या उपरोक्त पर्यटन स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु कोई कार्ययोजना है? गिर्जुरा में अशोक महोत्सव उनाव बालाजी में सूर्य महोत्सव एवं भाण्डेर में सोन महोत्सव मनाने हेतु कई बार प्रस्ताव प्रश्नकर्ता द्वारा दिये जा चुके हैं, उन पर क्या कार्रवाई हुई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एक कार्य के तीन-तीन बार टेंडर निकाल कर भुगतान करना
97. ( क्र. 3419 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निविदा क्रमांक-05/तक/2013-14/प्र अधि/झीसंप्र/नगर, निगम/भोपाल, दिनांक 1/5/2013, अनुमानित लागत 31,11,572/ लाख रूपये निविदा क्रमांक - 28/1813, दिनांक 18/11/2014 अनुमानित लागत 47,70,540/लाख रूपये व क्रमांक-53/तक/2013-2014/प्र अधि/झीसंप्र/नगर, निगम/भोपाल, दिनांक 26/2/2014, अनुमानित लागत 40 लाख रूपये के अनुसार भोपाल के बड़े तालाब के किनारे एफ.टी.एल. लाईन पर मुनारें लगाने का कार्य किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या उक्त तीनों कार्य समान हैं? यदि हाँ, तो एक साल में उक्त कार्य को तीन बार क्यों किया गया? कारण बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत उक्त टेंडरों को किस-किस पदनाम/नाम के अधिकारियों ने निकाला और किस-किस ठेकेदार को किस-किस पदनाम/नाम के अधिकारी ने वर्क-ऑर्डर जारी किया? भौतिक सत्यापन कर, मेजरमेंट लेकर, बिल पर हस्ताक्षर कर कितना-कितना भुगतान किस पदनाम/नाम के अधिकारी ने कराया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत क्या एक ही कार्य के बदले तीन-तीन बार भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह आर्थिक अनियमितताओं की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो जिम्मेदारों के खिलाफ क्या-क्या कार्रवाई की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ उक्त कार्य एक ही प्रकृति के अलग-अलग स्थानों के है। शासन से समय-समय पर अलग-अलग मदों से राशि उपलब्ध होने के कारण अलग-अलग समय में निविदायें आमंत्रित की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बड़े तालाब में सीवेज का पानी मिलना
98. ( क्र. 3420 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 17 (क्र. 195) दिनांक 08/12/2015 के संदर्भ में बतायें कि प्रदूषित जल किस मात्रा में मिल रहा है? प्रदूषित जल के उपयोग से मानव और जीव-जंतु पर क्या-क्या दुष्प्रभाव पड़ रहा है जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत बड़े तालाब के संरक्षण पर किन-किन विभागों/संस्थाओं और नगर निगम भोपाल ने प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि व्यय की है? विभाग/संस्थावार,व्यय राशिवार, कार्यवार, वर्षवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या झील संरक्षण के नाम पर वास्तविक कार्य न होकर उक्तों ने फिजूल-खर्ची की है? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच करायी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत क्या सीवेजों के कारण तालाबों की जैव विविधता को खतरा उत्पन्न हो गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बड़े तालाब में लगभग 10 एम.एल.डी. प्रदूषित जल मिल रहा है। प्रदूषित जल के उपयोग से मानव और जीव जंतु पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं।
आरक्षित वर्ग को अनुदान योजनांतर्गत ट्रान्सफार्मर का प्रदाय
99. ( क्र. 3455 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लिए शासन द्वारा अनुदान योजनांतर्गत पंप ऊर्जीकरण हेतु ट्रांसफार्मर प्रदाय किये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो उक्त योजनांतर्गत किन-किन हितग्राहियों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजना अंतर्गत चितरंगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने हितग्राहियों को वर्ष 2013-14 में लाभ दिये गये है? चितरंगी विधानसभा के ग्रामीणों द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक में कितने आवेदन प्रस्तुत किय गये हैं? (ग) प्राप्त आवेदनों में से कितने हितग्राहियों को आज दिनांक तक में ट्रान्सफार्मर प्रदान किये जा चुक हैं और इसमें से क्या कई आवेदन लंबित हैं? यदि हाँ, तो कितने? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में लंबित आवेदनों को कब तक निराकृत कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) राज्य शासन द्वारा नवीन स्थाई पम्प कनेक्शन प्रदान किये जाने हेतु वर्तमान में लागू अनुदान योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग सहित सभी श्रेणी के हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में चितरंगी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों से प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत स्थाई पम्प कनेक्शन हेतु कोई आवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण कोई भी हितग्राही लाभान्वित नहीं हुआ है। चितरंगी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक स्थाई पम्प कनेक्शन हेतु अनुदान योजना में कुल 5 आवेदन दिये गये हैं। (ग) चितरंगी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 5 हितग्राहियों से प्राप्त आवेदनों में स्थाई पम्प कनेक्शन प्रदान करने के लिये ट्रांसफार्मर प्रदाय किये जाने सहित लाईन विस्तार हेतु कार्यवाही की जा रही है। योजना के प्रावधानों के अनुसार आवेदक द्वारा राशि जमा करने के दिनांक से 180 एवं कार्य आदेश जारी होने के दिनांक से 150 दिनों के अन्दर कार्य पूर्ण कर कनेक्शन प्रदाय किया जाना है। उक्त सभी 5 हितग्राहियों के आवेदनों पर कार्य प्रगति पर है। योजनान्तर्गत निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण कर कनेक्शन प्रदाय किए जाने के प्रयास हैं। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार लम्बित हितग्राहियों के आवेदन पत्रों को योजनान्तर्गत निर्धारित समय-सीमा अर्थात कार्यादेश के 150 दिनों के अंदर निराकृत किये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
शहरी आवासीय योजना
100. ( क्र. 3510 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर एवं पिपलौदा नगर की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है? इसी के साथ दोनों नगरों में आवासहीनों की संख्या में भी लगातार वृद्धि होती जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो दोनों नगरों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले भूमिहीन एवं आवासहीन परिवारों का सर्वे शासन/विभाग द्वारा कर इन्हें शासन की योजना अनुसार आवास प्रदान किया जा सके इस हेतु निरंतर प्रयास किये जा रहे है? (ग) यदि हाँ, तो आवासहीन परिवारों द्वारा एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा आवास प्रदान किये जाने हेतु शासन/विभाग से लगातार मांग की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त दोनों नगरों में कितने आवासहीन परिवारों को सर्वे में चिन्हित कर एवं संबंधित परिवारों से प्राप्त आवेदनों के माध्यम से सूचिबद्ध किया गया है? साथ ही इन्हें योजनानुसार कब तक आवास प्राप्त हो सकेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) जावरा में अभी सर्वेक्षण नहीं कराया गया है, पिपलौदा में 27 आवासहीनों का सर्वेक्षण किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (सबके लिए आवास-2022) के अनुसार 2022 तक सबको आवास उपलब्ध कराया जाना है।
पाटन विधान सभा अंतर्गत विधायक निधि से निर्माण कार्य
101. ( क्र. 3547 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विधायक क्षेत्र विकास निधि कौन-कौन निर्माण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि अनुशंसित की गई? निर्माण एजेंसी के नाम सहित सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य, किस दिनांक को प्रारंभ कराये गये एवं कितने निर्माण कार्य, किन कारणों से अभी तक अप्रारंभ है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रारंभ निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुये तथा इन पूर्ण निर्माण कार्यों का कार्य पूर्णत: प्रमाण पत्र किस दिनांक का किस सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया गया एवं किन-किन निर्माण कार्यों का कार्यपूर्णत: प्रमाण-पत्र किन कारणों से अभी तक जारी नहीं किये गये? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रारंभ निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक किन-कारणों से अपूर्ण है तथा इन अपूर्ण, अप्रारंभ निर्माण कार्यों का जिम्मेदार कौन है? क्या शासन इन अपूर्ण, अप्रारंभ निर्माण कार्यों की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्माण कार्यों के पूर्ण होने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रगतिरत कार्यों के कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संबंधित निर्माण एजेन्सियों द्वारा कार्यों में रूचि न लेने के कारण कार्यों में विलंम्ब अवश्य हुआ है। सभी अप्रारंभ कार्यों को प्रारंभ करा दिया गया है, जिन्हें शीघ्र पूर्ण करा लिया जावेगा। इसलिये किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पर्यावरण जागरूकता अभियान में चयनित संस्थाओं को राशि का भुगतान
102. ( क्र. 3572 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में इपको भोपाल द्वारा पर्यावरण जन जागरूकता अभियान के कार्यक्रमों को अनेक सामाजिक संस्थाओं का चयन किया जाकर पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यक्रमों का आयोजन सम्पन्न कराये जाने के बाद भी अभी तक इन्हें राशि का भु्गतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो अभी तक राशि भुगतान न करने का कारण क्या है? यदि राशि कब तक में संस्थाओं को भुगतान कर दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में संस्थाओं को राशि का भुगतान नहीं करने के प्रति कौन उत्तरदायी है? इन पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता अभियान वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की योजना है। वर्ष 2013-14 हेतु मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 9-34/2013-ईई, दिनांक 4/7/2014 के माध्यम से 828 चयनित संस्थाओं हेतु अनुदान राशि रूपये 73,15,000/- स्वीकृत किये गये परंतु यह राशि भारत सरकार से एप्को को प्राप्त नहीं हुई है। वर्ष 2014-15 से संबंधित जानकारी निरंक है। (ख) राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता अभियान वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय,भारत सरकार की योजना है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सेंट्रल ग्रांट की राशि
103. ( क्र. 3587 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार को प्राप्त होने वाले सेंट्रल ग्रांट के तेरह हजार करोड़ रूपये नहीं प्राप्त हो सकें? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) यह प्रश्नांश (क) राशि किन-किन मदों के लिए आवंटित की गई थी? (ग) मिड डे मील, मनरेगा, बी.आर.जी.एफ. के तहत मिलने वाली राशि में से कितनी राशि लैप्स हुई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्य प्रदेश सरकार के वर्ष 2014-15 के बजट अनुमान में केन्द्र से सहायक अनुदान रूपये 30063.19 करोड़ का था। जिसके विरूद्ध रूपये 17591.40 करोड़ प्राप्त हुए जो कि बजट अनुमान से रूपये 12111.79 करोड़ कम है। कमी का विषय केन्द्र से संबंधित है। (ख) आवंटित मदों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ग' से संबंधित केंन्द्र से प्राप्त राशि लैप्स नहीं होती है।
बांध के पानी से हुए फसल नुकसानी का मुआवजा
104. ( क्र. 3609 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुण्डाला जलाशय के वेस्टवियर से निकलने वाला पानी नीचे नदी में आगे न बहते हुए किसी किसानों के खेतों में गया? (ख) यदि हाँ, तो इससे कितने किसानों की फसलें खराब हुई? शासन की ओर से किसानों को बांध के पानी से हुए नुकसान का कितना मुआवजा दिया गया? यदि नहीं, तो बरसात के दिनों में नदी में खुदाई का कार्य क्यों कराया गया? (ग) क्या बुण्डाला जलाशय में किये गये कार्यों पर दिनांक 11.12.2015 तक 108.67 लाख रू. व्यय किये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो अलग-अलग कार्यों पर की गई व्यय राशि की जानकारी देवें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) वर्षाकाल में अतिवृष्टि के समय वेस्टवियर से निकलने वाला पानी आंशिक रूप से किसानों के खेतों में फैलकर निकला। पानी अल्प समय में बहकर निकल जाने से फसलें खराब नहीं हुई। अत: मुआवजा देने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। वर्षाकाल में कार्य कराना तकनीकी रूप से संभव नहीं होने के कारण स्पील चैनल की खुदाई की गई। (ग) जी हाँ। पिचिंग पर रू.2.72 लाख, कांक्रीट कार्य पर रू.22.66 लाख एवं वेस्टवियर खुदाई पर रू.83.29 लाख का निवेश किया गया।
बुण्डाला जलाशय में कराये गये निर्माण कार्य
105. ( क्र. 3610 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुण्डाला जलाशय के वेस्टवियर के नीचे (ओगी फाल के नीचे) हॉर्ड राक कठोर काले पत्थर की चट्टाने प्राकृतिक रूप से मौजूद है? चट्टाने क्षतिग्रस्त नहीं हुई है? (ख) यदि हाँ, तो ओगीफाल (वेस्टवियर) के नीचे कांक्रिट का कार्य क्यों कराया गया? (ग) क्या बरसात के दिनों में जलाशय में पिचिंग का कार्य करवाते समय जलाशय की पिचिंग का काफी हिस्सा पानी की गहराई में डूबा हुआ था? (घ) यदि हाँ, तो पानी के अंदर गहराई में नीचे तक पिचिंग का कार्य कैसे संभव है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, बुण्डाला जलाशय के वेस्टवियर में ओगी फाल के नीचे कमजोर चट्टानें होने से उनका आंशिक रूप से क्षरण हुआ है। अत: बांध की सुरक्षा के लिए कांक्रीट का कार्य कराया गया। (ग) जी हाँ। (घ) पिचिंग कार्य जलाशय में भरे जल के स्तर से ऊपर कराया जाना प्रतिवेदित है।
महेश्वर में निमाड़ उत्सव का क्रियान्वयन
106. ( क्र. 3682 ) श्री राजकुमार मेव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर महेश्वर में निमाड़ उत्सव का कार्यक्रम किस वर्ष से प्रारंभ किया गया है? (ख) निमाड़ उत्सव कार्यक्रम के कराने के लिए किस-किस विभागों को जिम्मेदारियां सौंपी जाती है? क्या कार्यक्रम में जिला प्रशासन स्थानीय निकाय, को सम्मिलित किया जाता है? यदि हाँ, तो किसे क्या दायित्व सौंपे गये पदवार बताया जावे? (ग) निमाड़ उत्सव कार्यक्रम के लिए प्रदेश स्तर सम्भाग जिला एवं नगर स्तर की समिति का गठन किया जाता है? यदि हाँ, तो समिति में किसे रखा गया? (घ) निमाड़ उत्सव कार्यक्रम में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट स्वीकृति या आवंटन किस-किस को कितना-कितना उपलब्ध कराया गया? कितना-कितना, किस-किस कार्य पर व्यय किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 1984 से. (ख) जिला प्रशासन एवं मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम. जी हाँ. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार. (ग) जी हाँ. जिला स्तर पर. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार. (घ) स्वीकृत बजट एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार.
दोषी पर कार्यवाही किए जाना
107. ( क्र. 3739 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के त्यौंथर उद्वहन सिंचाई योजना के मुख्य नहर हेतु ग्राम बड़ागांव की जो भूमि अधिग्रहीत की गई है उनके खसरा क्रमांक बताए? (ख) प्रश्नांश (क) के उक्त उद्वहन सिंचाई योजना के मुख्य नहर पर किस-किस खसरा नंबर में नहर पर पुलिया एवं फुटब्रिज बनाये गये है तथा उनकी एक दूसरे से कितनी दूरी है? खसरा क्रमांक 3295/1 जिसके आसपास बस्ती है वहाँ ग्रामीणों की मांग के बावजूद पक्की पुलिया क्यों नहीं बनाई गई? (ग) क्या नहर की खुदाई के समय नक्शे एवं सर्वे के अनुसार नहर की खुदाई नहीं की गई है? उक्त विसंगति के संबंध में विभाग को कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही हुई है? यदि शिकायतों का निराकरण नहीं किया गया तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के निकट 2 पक्की पुलिया बनाई जाने के परिप्रेक्ष्य में अतिरिक्त पुलिया निर्माण कराना आवश्यक नहीं होने के कारण। (ग) जी नहीं, नहर की खुदाई स्वीकृत रेखांकन अनुसार की जाना प्रतिवेदित है। स्थल पर विसंगति नहीं पाई जाने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
शराब उत्पादक इकाइयाँ
108. ( क्र. 3762 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कितनी शराब उत्पादक इकाइयाँ संचालित हैं? उनके नाम एवं उनके द्वारा कौन-कौन सी शराब उत्पादित की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त शराब इकाइयों के मालिक एवं साझेदार कौन-कौन हैं? उनके नाम एवं निवास स्थान क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में वित्तीय वर्ष 2014-15 में इनका वार्षिक उत्पादन कितना रहा? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रत्येक माह में इन इकाईयों ने कितनी शराब एवं अन्य उत्पादों का उत्पाद किया? यह शराब एवं अन्य उत्पाद कब-कब कितनी मात्रा में कहाँ-कहाँ भेजे गए?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जिला छतरपुर, में मेसर्स जैगपिन ब्रेवरीज लिमिटेड नौगांव के नाम से एक शराब उत्पादन इकाई स्थापित व संचालित है। इस इकाई में आसवनी (डी-1) लायसेंस, विदेशी मदिरा बॉटलिंग (एफ.एल.-9) लायसेंस, ब्रुअरी (बी-3) लायसेंस एवं देशी मदिरा बॉटलिंग (सी.एस.-1-बी) लायसेंस अन्तर्गत क्रमश: रेक्टिफाईड स्पिरिट/ई.एन.ए., विदेशी मदिरा, बीयर तथा देशी मदिरा उत्पादित की जाती है। (ख) रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज हरियाणा एवं दिल्ली के अनुसार जैगपिन ब्रेवरीज लिमिटेड नौगांव के संचालक मण्डल में निम्नलिखित मालिक एवं साझेदार है। 1. श्री विपिन चन्द्र अग्रवाल निवासी - डिस्टिलरी परिसर नौगांव, जिला छतरपुर 2. श्री जगदीश चन्द्र अग्रवाल, निवासी- 8ए/15 डब्ल्यू.ई.ए. करोलबाग, नईदिल्ली 3. श्रीमती क्षमा अग्रवाल, निवासी-डिस्टिलरी परिसर नौगांव, जिला छतरपुर 4. श्रीमती राधा अग्रवाल, निवासी डिस्टिलरी परिसर नौगांव जिला छतरपुर (ग) वित्तीय वर्ष 2014-15 की अवधि में लायसेंस वार वार्षिक उत्पादन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्रत्येक माह में उत्पादित, परिवहन एवं निर्यात की गई शराब एवं अन्य उत्पादों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो, तीन, चार एवं पाँच अनुसार है।
नगरपालिका गुना में दिए गए ठेला
109. ( क्र. 3788 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका गुना में दर्ज हितग्राहियों जैसे बीड़ी मजदूर, कामकाजी महिला हाथ ठेला मजदूर, विधवा पेंशन, सामाजिक सुरक्षा निधि से प्राप्त सहायता हितग्राहियों की संख्या व प्राप्त सहायता राशि 2014-15 उपलब्ध करावें? (ख) नगरपालिका गुना क्षेत्र में विगत 05 वर्षों से किन-किन संस्थाओं को ठेका दिया गया है तथा इस सम्बंध में जारी निविदा विज्ञप्ति आवेदन पत्र का विवरण उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बीड़ी मजदूरी योजना लागू नहीं है। नगर पालिका परिषद् गुना में वर्ष 2014-15 में योजनावार हितग्राहियों की संख्या एवं सहायता राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर पालिका परिषद् गुना में 05 वर्षों में दिये गये ठेकों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नरबाई जलाने पर प्रतिबंधक कानून का निर्माण
110. ( क्र. 3792 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्लोबल वार्मिंग से ऋतुओं में आए तथा राज्य के महानगरों में प्रदूषण का स्तर निर्धारित मात्रा व अनुपात से अधिक हो तो और उसे संतुलित करने की दिशा में किस प्रकार के प्रयत्न किये गये है? (ख) राज्य में फसलों की नरवाई को जलाने की परम्परा से वायुमण्डल के ताप में कितना प्रभाव पड़ता है और कहाँ तक उचित माना जा सकता है? (ग) क्या विभाग ने प्रश्नांश (ख) की रोकथाम के लिये कोई अधिनियम बनाया है और उसमें राजस्व और पुलिस विभाग की कोई भूमिका सुनिश्चित की है? नहीं, तो कब तक बना लिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा राज्य के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में की जा रही परिवेशीय वायु गुणवत्ता में आर,एस.पी.एम. का स्तर निर्धारित मानकों से कुछ अधिक है। शेष पैरामीटर सल्फर डाईऑक्साईड, नाइट्रोजन ऑक्साईड निर्धारित मानकों के अनुरूप है। प्रयत्नों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राज्य मे फसलों की नरवाई को जलाने के संबंध में भोपाल के निकट बैरसिया के ग्राम-रोडिंया तथा जिला-रायसेन के ग्राम-समनापुर के खेत में प्रायोगिक अध्ययन किया गया है। जिसमें परिवेशीय वायु गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पाई गई है। (ग) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य मे कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं हैं।
आदिवासी कृषि भूमि का पंजीयन
111. ( क्र. 3869 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सैलाना अंतर्गत आदिवासी जाति की कृषि भूमि गैर आदिवासी जाति के नाम रजिस्ट्री (पंजीयन) करने के क्या नियम निर्धारित है? नियम की प्रति देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या कलेक्टर को आदिवासी जाति की कृषि भूमि का पंजीयन गैर आदिवासी जाति के नाम करने के लिये अनुमति प्रदान करने का अधिकार प्राप्त है? नियम सहित बतावें तथा वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक सैलाना विधानसभा अंतर्गत कलेक्टर द्वारा ऐसे कितने प्रकरणों में किस आधार पर अनुमति दी गई? (ग) क्या सैलाना विधान सभा अंतर्गत आदिवासी जाति की कृषि भूमि को गैर आदिवासी जाति के नाम पंजीयन में शासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? क्या दायित्व निर्धारित करेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा-165 (6) के प्रावधानों के तहत विधानसभा क्षेत्र सैलाना अधिसूचित जनजाति क्षेत्र होने से आदिवासी जाति की कृषि भूमि गैर आदिवासी जाति के नाम पंजीयन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक सैलाना विधानसभा अन्तर्गत कलेक्टर रतलाम द्वारा कोई अनुमति नहीं दी गई है। (ग) उप पंजीयक द्वारा नियमों का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शराब दुकानों के ठेके
112. ( क्र. 3871 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सैलाना अंतर्गत शासन द्वारा वर्तमान कितनी अंग्रेजी शराब की दुकानों के ठेके किस-किस नाम से किन नियमों के तहत आवंटित किये गये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अंग्रेजी शराब दुकान के ठेकेदारों द्वारा आस-पास के गांवों में डायरी बनाकर पुलिस अधिकारियों से साठं-गांठ कर शराब विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ठेकेदार एवं पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या शासन इस प्रकार के भ्रष्टाचार एवं अवैध शराब विक्रय पर कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सैलाना अन्तर्गत वर्तमान में 03 अंग्रेजी शराब की दुकानें यथा सैलाना, बाजना एवं रावटी में संचालित है। दुकानों के ठेकेदारों के नाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आबकारी अधिनियम, 1915 की धारा-1 के अधीन जारी मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 29 दिनांक 21 जनवरी 2015 से जारी विज्ञप्ति अनुसार वर्ष 2015-16 के लिए उपरोक्त दुकानों का आवंटन टेण्डर द्वारा प्राप्त उच्चतम ऑफर अनुसार लायसेंसियो को किया गया है। (ख) पुलिस अधीक्षक जिला रतलाम के प्रतिवेदन अनुसार सैलाना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत थाने में दिनांक 01.01.2015 से अब तक अवैध शराब के 393 प्रकरण पंजीबद्ध कर 41042 लीटर शराब जप्त की गई है। शराब विक्रय संबंधी किसी भी ठेकेदार से पुलिस की सांठ-गांठ नहीं है। ऐसी गतिविधियों की शिकायत प्रमाणित होने पर नियमानुसार संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। (ग) विधानसभा क्षेत्र सैलाना अन्तर्गत संचालित मदिरा दुकानों के ठेकेदारों द्वारा वैध स्त्रोतों से प्राप्त वैध ड्यूटी पेड शराब का विक्रय किया जाता है। अवैध शराब विक्रय के संबंध में जिला आबकारी प्रशासन को शिकायत प्राप्त होने पर नियमों के अन्तर्गत कार्यवाही की जाती है। वर्ष 2015-16 के दौरान (जनवरी 2016 अंत तक) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में अवैध विदेशी मदिरा विक्रय, परिवहन एवं धारण के कुल 03 प्रकरण प्रकाश में आये है। संबंधित के विरूद्ध न्यायालयीन प्रकरण कायम कर विधिवत कार्यवाही की गई है।
पेंच नहर हेतु कृषकों की भूमि अधिग्रहण
113. ( क्र. 3892 ) श्री दिनेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पेंच नहर का निर्माण किया जा रहा है? उक्त नहर के निर्माण हेतु कितने कृषकों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के नहर निर्माण हेतु जिन कृषकों की भूमि का अधिग्रहण किया गया था? उनको प्रश्न दिनांक तक मुआवजा क्यों नहीं दिया गया? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? उन्हें कब तक मुआवजा का भुगतान कर दिया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। अब तक 896 कृषकों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इनमें से 787 कृषकों को मुआवजा भुगतान किया जा चुका है। भू-अर्जन की प्रक्रिया सतत् है जिसके पूर्ण होने पर भुगतान किया जाना संभव है। जिला कलेक्टर को अतिशीघ्र भुगतान करने के लिए लिखा गया है। किसी अधिकारी के उत्तरदायी होने की स्थिति नहीं है।
दोषियों की पहचान कर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराना
114. ( क्र. 3956 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में दिनांक 1.4.15 से प्रश्न दिनांक तक कितने खम्भों में लगे एल्यूमीनियम के तारों (कंडक्टर) को निकाल कर उनके जगह में विद्युत प्रवाह हेतु खम्भों में केबिलों का उपयोग किया जा रहा है? अगर हाँ तो कितने फीडरों में केबिलीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया तथा कितने शेष हैं? कार्य किनके द्वारा किस मान से कराये जा रहे हैं? अगर ठेकेदारों द्वारा कार्य कराये जा रहे हैं तो कब-कब निविदा की कार्यवाही की गई? अगर केबिलिंग का कार्य नियम विरूद्ध दिया गया तो इसके लिए कौन दोषी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपयोग की जा रही केबिले किस-किस एजेन्सी से कितनी-कितनी लागत से रीवा संभाग हेतु खरीदी गई? क्या शासन के मापदण्डों का पालन करते हुए क्रय की कार्यवाही की गई? क्रय पूर्व इनकी गुणवत्ता की जाँच कराई गई तो विवरण देवें? केबिलों के जलने एवं टूटने की कितनी शिकायतें अधीक्षण (संचा-संधा) कार्यालय रीवा में प्राप्त हुई, का विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) हाँ तो बिजली के खम्भों से कितने किलो मीटर के एल्यूमीनियम (कंडक्टर) के तार निकाले गए? उनकी मात्रा, स्टॉक, स्टोर में कब-कब दर्ज की गई? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार केबिलों के लगाने हेतु निविदा में गड़बड़ी की गई तो क्या उसकी जाँच के साथ केबिलों की गुणवत्ता में कमी की भी जाँच उपरांत दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? साथ ही निकाले गए कंडक्टरों की अवैध बिक्री के लिए भी दोषियों की पहचान कर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करायेंगे? तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ रीवा जिले में दिनांक 01.04.15 से प्रश्न दिनांक तक 5484 खम्भों में लगे एलयूमिनियम के तारों (कंडक्टर) को निकाल कर उनकी जगह में विद्युत प्रदाय हेतु केबिलों का उपयोग किया जा रहा है। 34 फीडरों में केबलीकरण का कार्य किया जा रहा है तथा 82 फीडरों में केबिलीकरण का कार्य शेष है। कार्य ठेकेदार एवं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर फीडर विभक्तिकरण एवं आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजनांतर्गत कराये जा रहे है। रीवा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में उक्त केबिलीकरण के कार्य हेतु मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लि. मुम्बई को अवार्ड क्र. एमडी/ईजेड/एफएस/एफ 08 /लाट-7-आर/रीवा साउथ/आर्ड. /1992 दिनांक 14.05.15 एवं मेसर्स व्ही.टी.एल. लि. नई दिल्ली को अवार्ड क्र. एमडी/ईजेड /एफएस//एफ 08/लाट-6-आर/रीवा नाथ/आर्ड/1882 दिनांक 05.05.15 को जारी किया गया है। रीवा जिले के शहरी क्षेत्र में प्रश्नाधीन कार्य मेसर्स जी.ई.टी.लि. चेन्नई को अवार्ड क्र. सीएमडी/ईजेड/ आरएपीडीआरपी/लाट-16/रीवा/आर्ड/13 दिनांक 25.03.11 को जारी किया गया था। मेसर्स जी.ई.टी.लि. चेन्नई द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य न करने के कारण आदेश क्रमांक 3033 दिनांक 09.12.14 के माध्यम से उन्हें जारी अवार्ड निरस्त कर दिया गया था एवं शेष कार्य को वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर टर्न की कांट्रेक्टर की रिस्क एण्ड कास्ट के आधार पर वितरण कंपनी द्वारा पंजीकृत अ/ब श्रेणी के स्थानीय ठेकेदारों के माध्यम से कराया जा रहा है। केबिलिंग का कार्य कार्यदेशों के वर्णित शर्तों के अनुसार एवं जारी निर्देशों के अनुरूप पंजीकृत ठेकेदारों से नियमानुसार कराया जा रहा है। अत: इस हेतु कोई दोषी नहीं है। (ख) केबिलीकरण कार्य के लिए वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर किये जा रहे कार्य हेतु कंपनी स्तर पर संपूर्ण कंपनी क्षेत्र हेतु केबल क्रय कर क्षेत्रीय भण्डार से आवश्यकतानुसार मैदानी उपयोग हेतु समय-समय पर प्रदाय की जाती है। रीवा संभाग हेतु अलग से केबल क्रय नहीं की गई है। ठेकेदार कंपनियों द्वारा विभिन्न एजेन्सियों से खरीदी गई केबिल, एजेन्सी के नाम एवं लागत के विवरण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ, मापदण्डों का पालन करते हुए नियमानुसार क्रय प्रक्रिया अपनाई गई है। क्रय पूर्व केबिल की गुणवत्ता की जाँच स्वतंत्र एजेन्सी द्वारा कराई गई जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। केबिलों के जलने एवं टूटने की 54 शिकायतें प्राप्त हुई जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उक्त प्राप्त सभी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। (ग) बिजली के खम्भों से लगभग 946 कि.मी. एल्यूमीनियम के तार निकाले गये। निकाले गये तार की मात्रा, विभागीय/ठेकेदार कंपनी के स्टोर में स्टॉक एवं क्षेत्रीय भण्डार, सतना को वापिस की गयी मात्रा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (घ) केबिलों के लगाने हेतु निविदा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है और न ही केबिलों की गुणवत्ता की जाँच में कोई कमी हुई है। इसी प्रकार निकाले गये कंडक्टर का समुचित रिकार्ड संधारित किया जा रहा है। अत: उक्त संबंध में किसी के दोषी होने अथवा कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
अवैध खनिज परिवहन के दोषियों की पहचान कर कार्यवाही बावत्
115. ( क्र. 3957 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले अन्तर्गत खनिज साधन विभाग द्वारा अवैध खनिज परिवहनों एवं अवैध खनन के कितने प्रकरण तैयार कर उन पर क्या कार्यवाही की गयी? उन पर रायल्टी चोरी एवं अवैध रेत उत्खनन के कितने प्रकरण खनिज विभाग द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक तैयार किये गये? साथ ही अवैध उत्खनन एवं रायल्टी चोरी बंद करने की शासन की क्या कार्ययोजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खनिज विभाग द्वारा तैयार प्रकरणों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गयी? वर्तमान में प्रकरणों की क्या स्थिति है ओव्हर लोडिंग के कितने प्रकरण तैयार किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में खनिज विभाग द्वारा रीवा जिले में अवैध खनिज परिवहन करने, अवैध रूप से खनिजों के खनन एवं उपयोग पर रोक लगाने पर क्या कार्य योजना तैयार की है? जिससे खनिज संपदा दोहन पर रोक लगायी जा सके? साथ ही खदानों की पटाई एवं समतलीकरण कराने की क्या कार्ययोजना शासन ने तैयार की है? खनिज उत्खनन करने के पूर्व खदानों की अगर पटाई/समतलीकरण नहीं की जाती तो उसका उत्तरदायित्व किस पर निहित किया जावेगा? (घ) रीवा जिले में कितनी ऐसी खनिज खदानें हैं जिनकी नीलामी की जाकर कितनी राजस्व की वसूली की गयी? प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार अगर संबंधित अधिकारियों द्वारा सतत् निरीक्षण कर खनिज सम्पदा के दोहन एवं रायल्टी चोरी एवं खदानों के पटाई न करने से प्रकरण तैयार कर कार्यवाही नहीं की तो संबंधितों की पहचान कर वसूली के साथ कब तक कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में माह जनवरी 2012 से प्रश्न दिनांक तक खनिजों के अवैध परिवहन के 590 एवं अवैध खनन के 74 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। अवैध परिवहन के प्रकरणों में आरोपित अर्थदण्ड की वसूली की गई है। अवैध उत्खनन के प्रकरण नियमानुसार कलेक्टर/अपर कलेक्टर/अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के समक्ष निराकरण हेतु प्रेषित किए गए हैं। अवैध उत्खनन के दर्ज प्रकरणों में रेत खनिज का कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। खनिजों के अवैध उत्खनन एवं परिवहन की रोकथाम हेतु खनिज नियमों में दण्डात्मक प्रावधान हैं। इनकी रोकथाम हेतु जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित है। खनिजों के अवैध उत्खनन/परिवहन की रोकथाम हेतु संभागीय उड़नदस्ता कार्यशील है। इसके अतिरिक्त जिले में पदस्थ खनिज अमले द्वारा नियमित रूप से इसके संबंध में कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर में इस संबंध में जानकारी दी गई है। जिले में वाहनों की जाँच के दौरान अवैध परिवहन के जो 590 प्रकरण दर्ज किए गए थे, उनमें से 81 प्रकरण ऐसे थे जिनमें वाहनों में अभिवहन पास में दर्ज मात्रा से अधिक खनिज मात्रा पाई गई थी। इन सभी प्रकरणों में आरोपित अर्थदण्ड की वसूली की गई है। (ग) जिले में पदस्थ अमले द्वारा, गठित टास्क फोर्स द्वारा एवं संभागीय उड़नदस्ते द्वारा खनिजों के अवैध उत्खनन/परिवहन की रोकथाम हेतु कार्यवाही की जाती है। खदान की समयावधि समाप्त हो जाने के पश्चात् खदान बंद करने की योजना के प्रावधान नियमों में है। इसका पालन न किए जाने पर संबंधित पट्टेदार के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने के नियमों में प्रावधान हैं। (घ) प्रश्नाधीन जिले में 27 खदानें नीलाम किए जाने हेतु चिन्हित हैं। इन खदानों की नीलामी कुल उच्चतम बोली रूपए 40,56,500/- (चालीस लाख छप्पन हजार पाँच सौ) में की गई है। इनकी नीलामी से प्रतिभूति के रूप में राशि रूपए 12,16,950/- एवं रायल्टी के रूप में रूपए 24,62,920/- प्राप्त हुई है। प्रश्नांश ‘क’, ‘ख’ एवं ‘ग’ में दिए उत्तर के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मीटर वाचकों का नियमितीकरण
116. ( क्र. 3982 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी जबलपुर के अधीनस्थ रीवा जिले में सन् 2006 में लिखित परीक्षा कर मैरिट सूची के आधार पर मीटर वाचकों का चयन किया गया एवं सन् 2015 में उन्हें हटा दिया गया? (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में मीटर वाचक योजना के परिपत्र 2012 में जो पूर्व में मीटर वाचक 5 वर्ष 3 वर्ष कार्य किये हैं तो उन्हें नयी भर्ती में अनुभव का लाभ क्या दिया जा रहा है या नहीं? (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी रीवा वृत्त में सन् 2006 में लिखित परीक्षा के माध्यम से रीवा जिले में कितने मीटर वाचकों का चयन किया गया था एवं आज वर्तमान में कितने मीटर वाचक पूर्व में काम कर रहे थे? उन्हें क्या अभी काम में रखा गया है या नहीं? (घ) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में सन् 2006 एवं सन् 2012 में चयनित मीटर वाचकों की योग्यता आई.टी.आई एवं अभियांत्रिकी डिग्री एवं उसके समकक्ष स्नातक डिग्री प्राप्त मीटर वाचकों के भविष्य को ध्यान में रखा जावेगा? यदि हाँ, तो बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में सन् 2006 में लिखित परीक्षा कर मैरिट सूची के आधार पर मीटर वाचकों का चयन किया गया था तथा अनुबंध अवधि समाप्ति उपरान्त मीटर वाचक स्वमेव पृथक हो गये, उन्हें हटाये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) मीटर वाचक योजना से संबंधित पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के परिपत्र 2012 में पूर्व में मीटर वाचकों द्वारा किये गये कार्य के अनुभव का लाभ दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत रीवा जिले में सन् 2006 में लिखित परीक्षा के माध्यम से 448 मीटर वाचकों का चयन किया गया था। उच्च न्यायालय, जबलपुर के स्थगन आदेश के तहत् वर्तमान में 2 मीटर वाचक कार्यरत् हैं। (घ) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में ठेका मीटर वाचकों के चयन हेतु निर्धारित की गई नीति 2006 में अनुबंध अवधि एक वर्ष तथा कार्य संतोषजनक पाए जाने पर आगामी एक वर्ष की वृद्धि किये जाने का प्रावधान था। इसी प्रकार ठेका मीटर वाचक योजना 2012 एवं 2013 में जारी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के परिपत्र के अनुसार ठेके की अवधि कुल दो वर्ष हो जाने के उपरान्त कार्य संतोषजनक पाए जाने पर पुन: एक वर्ष के लिए बढ़ाई जाने का प्रावधान था। इस प्रकार ठेके की अवधि एक बार में अधिकतम 3 वर्ष रखे जाने का प्रावधान था। अत: इसके उपरान्त ठेके की अवधि को बढ़ाने का प्रावधान नहीं है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
117. ( क्र. 3983 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य नगर पालिका अधिकारी त्यौंथर जिला रीवा द्वारा आय कर, वाणिज्य कर एवं उपकर की कटौती राशि मार्च 2015 में निर्धारित मद में जमा की जानी थी? मार्ग सी.एम.ओ. त्यौंथर द्वारा अभी तक यह राशि जमा नहीं किया गया है एवं उक्त तीनों मदों की राशि पृथक से कब तक जमा करेगें? (ख) अनुविभागीय अधिकारी त्यौंथर के द्वारा इसकी जाँच दिनांक 11.12.2015 को की गई? जिसमें मुख्य नगर पालिका अधिकारी को दोषी पाया गया हैं एवं सी.एम.ओ. त्यौंथर द्वारा लिखित में झूठी जानकारी दी गई हैं? इसके विरूद्ध क्या निलंबन की कार्यवाही की गई हैं? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आयकर वाणिज्य कर एवं उपकर की कटौती राशि दिनांक 31 मार्च, 2016 तक जाम करा दी जावेगी। (ख) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी, अनुविभाग के प्रतिवेदन के आधार पर प्रकरण की जाँच की जा रही है। संपूर्ण जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
बांध निर्माण कार्य गुणवत्ता हीन होना
118. ( क्र. 3992 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवास विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत दहरा जलाशय निर्माण की स्वीकृति कब दी गई है तथा कितनी राशि की स्वीकृति दी गई है? बांध निर्माण में कुल कितने किसानों की कितनी जमीन अधिग्रहित की गई है? अधिग्रहित जमीन का मुआवजा किस आधार पर दिया गया है तथा उक्त जलाशय के निर्माण से कितनी जमीन की सिंचाई होगी? (ख) जलाशय निर्माण में नींव स्तर से किस तरह के काम का मापदंड तय किये गये है? क्या बांध निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्ड के अनुसार हो रहा है? निर्माण कार्य का निरीक्षण समय-समय पर सक्षम अधिकारियों के द्वारा कब-कब किया गया? (ग) क्या निर्माण एजेंसी के द्वारा जाँच अधिकारियों को धमकाया जाता है? क्या ऐसी निर्माण एजेंसी के खिलाफ कोई कार्यवाही करेगे, ताकि अधिकारी निर्भय होकर गुणवत्ता पूर्ण कार्य करा सके?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) देहरा लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 27.08.2013 को रू.230.25 लाख की सैच्य क्षेत्र 107 हेक्टर के लिए दी गई। बांध के शीर्ष कार्य में 54 किसानों की 8.325 हेक्टर भूमि अधिग्रहित की गई जिसका मुआवजा भू-अर्जन अधिनियम के प्रावधानों के तहत निर्धारित किया गया। (ख) तकनीकी स्वीकृति अनुसार। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि श्री प्रवीण कटारे द्वारा उपयंत्री श्री एम.एम.अंसारी के साथ मारपीट की जाने के अपराध की सूचना थाना नारायणगंज में दिनांक 03.02.2016 को दी जाना प्रतिवेदित है। जी हाँ, निर्माण एजेंसी को ''कारण बताओ सूचना'' पत्र जारी किया जा चुका है।
जल उपभोक्ता अध्यक्ष पद पर पदस्थ व्यक्ति की जानकारी
119. ( क्र. 3995 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के अंतर्गत तहसील लवकुश नगर में श्री रमेश पटेल जल उपभोक्ता क्र. 74 धरमपुरा निवासी देवपुर अध्यक्ष जल उपभोक्ता का चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए थे? क्या उक्त चुनाव दिनांक 17.05.2015 में सम्पन्न हुआ था? (ख) क्या प्रश्न (क) में वर्णित उक्त व्यक्ति को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील लवकुश नगर द्वारा प्रकरण क्रमांक 28/अ 89 अ/2008-09 में पारित आदेश दिनांक 17.11.2009 में 32 लाख 2 हजार रूपये को दोषी करार देते हुये 6 वर्ष के लिये चुनाव लड़ने के लिये अयोग्य/वंचित किया गया था? (ग) क्या सत्र न्यायाधीश छतरपुर द्वारा प्रकरण क्र. 40/2009 के पारित निर्णय दिनांक 11.05.2010 में गबन का दोषी पाते हुये 6 वर्ष कारावास एवं 40 हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया था? (घ) क्या उक्त व्यक्ति किसी भी चुनाव में भाग लेने हेतु पात्र हैं? यदि नहीं, तो वर्तमान में अध्यक्ष जल उपभोक्ता समिति जैसे महत्वपूर्ण पद पर रह सकता हैं? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी हैं तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। पद से पृथक करने की कार्रवाई अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राजनगर के समक्ष विचाराधीन है। विचाराधीन कार्रवाई वृहद स्वरूप की होने के कारण प्रकरण के निराकरण होने तक किसी अधिकारी का दोष निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।
लोकायुक्त द्वारा जाँच
120. ( क्र. 3996 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 17.11.15 को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सागर द्वारा मेसर्स शिवा ट्रेडर्स प्रो. सुरेश यादव से तीन लाख रूपये की रिश्वत लेते डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर संभाग सागर एच. एस. ठाकुर व असि. कमिश्नर ए.सी. जलज रावत पकड़ गये थे? (ख) क्या लोकायुक्त की कार्यवाही के बाद एच. एस. ठाकुर को अपील डिवीजन भोपाल में पदस्थ किया गया है क्या यह नियम विरूद्ध है क्या यह लोकायुक्त के प्रकरण की जाँच में अपने पद का प्रभाव डाल सकतें है, क्योंकि सागर संभाग भोपाल डिवीजन अपील के अधीनस्थ आता है? (ग) क्या (क), (ख) में वर्णित अधिकारियों की लोकायुक्त में प्रकरण चलने तक कहीं पदस्थ किया जाना उचित है? यदि हाँ, तो नियम बतावें? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? (घ) उक्त प्ररकण में दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) लोकायुक्त की कार्यवाही के बाद श्री एस.एस. ठाकुर को अपील डिवीजन में पदस्थ किया जाना नियम विरूद्ध नहीं है। लोकायुक्त प्रकरण की जाँच में प्रभाव नहीं डाल सकते है, क्योंकि श्री ठाकुर को सागर संभाग की अपील सुनने के अधिकार नहीं दिये गये है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-11-19/2011/1-10 भोपाल दिनांक 23.02.12 के अनुसार सागर से दोनों ही अधिकारियों को अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया गया है। (घ) लोकायुक्त के प्रकरण में लोकायुक्त संगठन द्वारा ही कार्यवाही की जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
म.प्र. लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002
121. ( क्र. 4009 ) श्री सूर्यप्रकाश मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राजपत्र (असाधारण) क्र. 247 दिनांक 11.06.2002 के अनुसार मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम 2002 दिनांक 11.09.2002 से प्रभावशील है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में यदि हाँ, तो क्या नियम 6 (1) में उल्लेखित पदोन्नति के लिये पात्रता हेतु संगणना की नीति से संबंधित स्पष्टीकरण भी दिनांक 11.06.02 के पश्चात होने वाली विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में लागू होगा या इसे भूतलक्षी प्रभाव से लागू माना जा सकता है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रावधान को भूतलक्षी प्रभाव से माना जावेगा तो क्या 01.11.56 से 10.06.2002 तक प्रत्येक विभाग में प्रत्येक संवर्ग हेतु संपन्न समस्त विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक की पुनर्विचार बैठक आयोजित की जाना होगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, 11 जून, 2002 से। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
फाउण्टेन लगाने के नाम पर राशि का दुरूपयोग
122. ( क्र. 4013 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छोटा तालाब खटलापुरा भोपाल में वर्ष 2015-16 में 2 फ्लोटिंग फाउण्टेन कुल राशि 15 लाख रूपये की लागत से लगाये गये थे? यदि हाँ, तो क्या बागमुंशी हुसैन खाँ और नवाब सिद्दीक हसन खाँ तालाबों में यही 1-1 फाउण्टेन 29 लाख 87 हजार रूपये लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो एक ही कार्य व एक ही कम्पनी की मशीनें क्रय व स्थापित करने में इतनी अधिक राशि का अंतर कैसे आया और बजट में कितनी राशि से कितने फाउण्टेन लगाने का प्रावधान किया गया था बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त फाउण्टेन का स्टीमेंट किस-किसके द्वारा तैयार किया जाकर स्वीकृत किया गया और फाउण्टेन लगाने के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त नियम विरूद्ध एवं लापरवाही द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया एवं कमीशन के चलते शासन की राशि का दुरूपयोग करने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा जाँच कराकर क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, बागमुंशी हुसैन खां और नवाब सिद्धीक हसन खां तालाबों में 1-1 नगर फाउण्टेन रूपये 29.87 लाख में नहीं बल्कि निविदा में प्राप्त न्यूनतम दर राशि रूपयें 8,94,000/- प्रति नग अनुसार कुल राशि रूपयें 17,88,000/- से वर्ष 2014-15 में लगवाये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। छोटे तालाब में फाउण्टेन बजट मद 230-51-02 (छोटे तालाब के जल संग्रहण क्षेत्र का संरक्षण एवं संधारण) से वर्ष 2015-16 तथा बाग मुंशी हुसैन खां एवं नवाब सिद्धिक हसन तालाब में 1-1 नग फाउण्टेन बजट मद 341-80-58-02 (राज्य योजना आयोग से प्राप्त राशि) से वर्ष 2014-15 में लगाये गये है। (ख) छोटे तालाब में खटलापुरा के पास दो नग फाउण्टेन लगाने का प्राक्कलन श्री मोहन तिलक, उपयंत्री द्वारा दिनांक 25.11.14 को तैयार किया गया था जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति आयुक्त, नगर निगम द्वारा दी गई है। सिद्धीक हसन व बाग मुंशी हुसैन खां तालाब में 01-01 नग फाउण्टेन लगाने हेतु प्राक्कलन श्री राकेश निगम, सहायक यंत्री द्वारा तैयार किया गया, जिसकी स्वीकृति आयुक्त, नगर निगम, भोपाल द्वारा दी गई है। तालाबों के पानी में वायु मिश्रण एवं सौंदर्यीकरण के दृष्टिगत फाउण्टेन लगाने का कार्य कराया गया है। पृथक से फाउण्टेन लगाने के लिये कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्यान निर्माण के नाम पर राशि का दुरूपयोग किया जाना
123. ( क्र. 4014 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के एयरपोर्ट रोड पर नगर निगम द्वारा 2 करोड़ 50 लाख रूपये की लागत से उद्यान का निर्माण कार्य वर्ष 2015 से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उक्त राशि से उद्यान के निर्माण का बजट में प्रावधान था? यदि हाँ, तो कौन-कौन से उद्यान कितनी-कितनी राशि से निर्मित किए जाने हेतु कितनी-कितनी राशि का बजट में प्रावधान किया गया? (ख) एयरपोर्ट रोड स्थित निर्माणाधीन उद्यान हेतु किस-किस दिनांक के किस-किस राष्ट्रीय समाचार पत्रों में कितनी-कितनी राशि से निर्मित किए जाने की निविदाएं आमंत्रित की गई? इस उद्यान के निर्माण कार्य में क्या निगम के 25 दिवसीय कर्मचारियों, वाहन एवं मशीनों का उपयोग किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या शासन जाँच कराकर शासन की राशि व संसाधनों का दुरूपयोग करने वाले ठेकेदार व संबंधित निगम के अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क-ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त उद्यान के निर्माण की स्वीकृति किसके द्वारा कब दी गई और क्या उक्त उद्यान के निर्माण में नियम प्रक्रिया का पालन किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं, वस्तुस्थिति यह है कि नगर निगम भोपाल द्वारा एयरपोर्ट पर उधान के विकास कार्यों पर उधान शाखा द्वारा लगभग राशि रूपयें 42.50 लाख का व्यय किया गया है। (राशि रूपयें 2 करोड़ 50 लाख नहीं) शहर के उद्यानों का विकास एवं संधारण कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 में राशि रूपयें 5.00 करोड़ का प्रावधान है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी नियम प्रक्रिया का पालन कर कार्य संपादित कराये जा रहे हैं।
गांव में अवैध शराब बिक्री रोकना
124. ( क्र. 4038 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के तहसील टिमरनी, सिराली, रहटगांव में कहाँ-कहाँ देशी तथा विदेशी शराब की दुकानें संचालित है? उक्त दुकानों पर मासिक स्टॉक बिक्री का क्या लक्ष्य हैं? (ख) उक्त दुकानों के संचालन शराब बिक्री के संबंध में शासन द्वारा क्या-क्या शर्तें निर्देश हैं उनकी प्रति दें? विभाग के किन-किन अधिकारियों द्वारा वर्ष 2014-15 वर्ष 2015-16 में उक्त दुकानों का कब-कब निरीक्षण किया? (ग) उक्त ठेकेदारों द्वारा गांव-गांव में अवैध शराब बेचने की जिला प्रशासन को किन-किन माध्यमों से शिकायत प्राप्त हुई? (घ) प्रश्नांश (ग) का शिकायतों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) हरदा जिले की तहसील टिमरनी, सिराली, रहटगांव में संचालित देशी तथा विदेशी शराब की दुकानों की जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। देशी/विदेशी शराब दुकानों के लिये शासन द्वारा घोषित आबकारी नीति अनुसार कोई मासिक स्टॉक हेतु लक्ष्य निर्धारित नहीं है। सारणी के कॉलम 5 अनुसार अनुज्ञप्तिधारी को निर्धारित पाक्षिक लायसेंस फीस के विरुद्ध शराब प्रदाय की पात्रता है। (ख) मध्यप्रदेश राजपत्र, (असाधारण) क्रमांक-29 दिनांक 21 जनवरी 2015 एवं आबकारी आयुक्त म.प्र., मोतीमहल, ग्वालियर, द्वारा जारी पत्र निर्देश क्रमांक/8-संख्या/2015-16/13 ग्वालियर, दिनांक 22.01.2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। विभाग के जिन-जिन अधिकारियों द्वारा वर्ष 2014-15 तथा वर्ष 2015-16 में किये गये निरीक्षण की जानकारी विधानसुभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) उक्त ठेकेदारों द्वारा गांव-गांव में अवैध शराब बेचने की जिला प्रशासन को सी.एम., हेल्प लाईन, जन सुनवाई, समाचार पत्रों, जनप्रतिनिधियों, नागरिकों एवं ग्रामवासियों द्वारा शिकायत प्राप्त हुई है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार प्राप्त शिकायतों पर दिनांक तक नियमानुसार कार्यवाही करते हुए, शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। पूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
मांग संख्या 60 व 64 में निर्माण कार्य
125. ( क्र. 4082 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला योजना एवं सांख्यिकीय कार्यालय भिण्ड द्वारा जनवरी 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक मांग संख्या 60 व 64 के अंतर्गत जनभागीदारी के अंतर्गत कितना बजट प्राप्त हुआ है? किस विधान सभा क्षेत्र में कितना बजट व्यय किया गया? (ख) जनभागीदारी में अनुसूचित बाहुल्य क्षेत्र में निर्माण हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं? क्या मापदण्डों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ग) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नांश (क) में किस मद में कितना बजट किस ग्राम पंचायत को दिया गया? न देने के क्या कारण हैं? (घ) दिनांक 29 फरवरी 2016 तक किन प्रकरणों को स्वीकृत हेतु विचारणीय रखा गया है? ग्राम पंचायत में कितनी राशि जनभागीदारी से एक वर्ष में कार्य पूर्ण हो सकते हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मांग संख्या 60 में रूपये 2,0061,000 व मांग संख्या 64 में रूपये 1,82,50,000 का आवंटन प्राप्त हुआ। विधानसभा क्षेत्रवार व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) शासन द्वारा निर्धारित नियमों की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। निर्धारित नियमों का पालन किया जा रहा है। (ग) विधानसभा क्षेत्र भिण्ड के अन्तर्गत मांग संख्या 64 में ग्राम पंचायत द्वारा को राशि रूपये 12,71,250 स्वीकृत की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कोई प्रकरण विचारणीय नहीं है। अधिकतम या न्यूनतम सीमा निर्धारित नहीं है।
दोषी अधिकारियों को पदोन्नत कर उसी स्थान पर पदस्थापना
126. ( क्र. 4097 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पटवारी चयन परीक्षा 2008 में हुई अनियमितताओं के विषय में तत्कालीन कलेक्टर मुरैना द्वारा तत्कालीन अ.भू.अ. श्री आर. के. सिन्हा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1448 भू.अभि/पट.च./2008/2015 दिनांक 20.07.2015 को सचिव म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल को भेजा था? (ख) क्या पत्र के क्रम में श्री आर. के. सिन्हा डिप्टी कलेक्टर (उप आयुक्त भू-अभिलेख) तत्कालीन अधीक्षक भू-अभिलेख मुरैना को निलम्बित करते हुये इनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने बावत् कार्यालयीन पत्र 1448/भू.अभि./पट.च./ 2008/2015 मुरैना दिनांक 20.07.2015 को सचिव म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग वल्ल्भ भवन भोपाल को प्रस्ताव किया गया था? उस पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या पटवारी चयन की जाँच के दौरान ही श्री सिन्हा को पदोन्नति देकर मुरैना में ही पदस्थ किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन पत्र द्वारा किए गए प्रस्ताव के क्रम में श्री सिन्हा के विरूद्ध विभागीय जाँच किए जाने का निर्णय दिनांक 21/11/2015 को लिया गया। इसी दौरान कलेक्टर, मुरैना के पत्र दिनांक 04/02/2016 से शासन के संज्ञान में लाया कि श्री सिन्हा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ, ग्वालियर में दायर याचिका क्रमांक 4958/15 में दिनांक 20/08/2015 के आदेश से यथास्थिति प्रदान की गयी है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। श्री सिन्हा को पटवारी चयन की जाँच के दौरान पदोन्नति नहीं किया गया है।
अटल ज्योति योजना का लाभ
127. ( क्र. 4110 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना के अन्तर्गत किन-किन फीडरों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूरा हो चुका है तथा कितने ग्रामों को लाभान्वित किया गया है फीडर का नाम सहित ग्रामों की संख्या बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने फीडरों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य नहीं किया गया है तथा कितने ग्रामों को लाभान्वित किया जाना शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना से किस प्रकार का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों को प्राप्त होता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना के अन्तर्गत 16 फीडरों के कार्य पूर्ण कर 80 ग्रामों को लाभान्वित किया गया है। उक्त फीडरों के नाम सहित लाभान्वित ग्रामों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी भी फीडर में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जाना शेष नहीं है, सभी फीडरों के कार्य पूर्ण कर उनसे संबद्ध ग्रामों को लाभान्वित किया जा चुका है। (ग) पृथक-पृथक फीडर होने से उपभोक्ताओं को बेहतर वोल्टेज पर गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय सुनिश्चित होता है तथा इन पृथक-पृथक फीडरों के माध्यम से कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे तथा गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाता है।
अवैध शराब के मुख्य आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही
128. ( क्र. 4111 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में विभाग के अमले द्वारा 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ से अवैध देशी/अंग्रेजी शराब बिक्री व परिवहन करते पकड़ी गई। स्थान, दिनांक, शराब की मात्रा, राशि वाहन, आरोपी, कार्यवाही सहित पृथक-पृथक बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में पकड़ी गई शराब कहाँ से लाई गई थी पृथक-पृथक बतायें? (ग) अवैध शराब कि ब्रिकी व परिवहन की देशी/अंग्रेजी शराब क्या शासकीय ठेकेदार की दुकान या फैक्ट्री से लाई गई थी? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अवैध शराब उपलब्ध कराने वालों पर विभाग द्वारा सह अभियुक्त बनाने की कब-कब कार्यवाही की गई। दिनांक, कार्यवाही सहित सह-अभियुक्त का नाम बतायें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) छतरपुर जिले में विभाग के अमले द्वारा दिनांक 01.01.2014 से दिनांक 12.02.2016 तक की अवधि में अवैध देशी/अंग्रेजी शराब बिक्री व परिवहन के 02 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। उक्त पंजीबद्ध प्रकरणों से संबंधित घटना के स्थान, घटना के दिनांक, जप्त शराब की मात्रा, जप्त वाहन, प्रकरण में गिरफ्तार अभियुक्त/आरोपी एवं की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित प्रकरणों में जप्त की गई शराब कहाँ से लाई गई, यह प्रकरण/अपराध के अनुसंधान में ज्ञात नहीं हो सका है। (ग) जी नहीं। अपराध के अनुसंधान में यह तथ्य प्रकाश में नहीं आया है। (घ) उपरोक्त लिखित विवरण के प्रकाश में जानकारी निरंक है।
बड़ामलहरा में पानी की टंकी
129. ( क्र. 4120 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की बड़ामलहरा नगर पंचायत में पानी की सप्लाई के लिए कितनी लागत की पानी की टंकी कब बनाई गई यह टंकी किसके द्वारा बनाई गई। (ख) पानी की टंकी को नगर पंचायत के द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रारंभ न किए जाने का क्या कारण है। (ग) पानी की टंकी को चालू किए जाने के संबंध में नगर पंचायत क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक पानी की टंकी प्रारंभ कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) छतरपुर जिले की बड़ामलहरा नगर पंचायत में पानी की सप्लाई के लिए पानी की टंकी का निर्माण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग, छतरपुर द्वारा लागत राशि रू. 32.10 लाख की वर्ष-2008 में बनवाई गई। (ख) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक जल आवर्धन योजना अंतर्गत अन्य संबंधित घटकों के पूर्ण न होने के कारण उक्त पानी की टंकी विधिवत नगर पंचायत बड़ामलहरा को हस्तांतरण न किए जाने के कारण प्रारंभ नहीं की गई। (ग) पानी की टंकी को चालू किए जाने एवं किये गये कार्य की गुणवत्ता के संबंध में नगर पंचायत द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को हस्तान्तरण हेतु पत्राचार किया गया। योजना हस्तांतरण होने पर नगर पंचायत द्वारा पानी की टंकी से जल प्रदाय किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शाजापुर जिले के बावड़ीखेडा़ तालाब से सिंचाई
130. ( क्र. 4163 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में बावड़ीखेड़ा तालाब से कमाण्ड एरिये के गांवों की कितनी कृषि भूमि में सिंचाई की गई? वर्षवार जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश में उल्लेखित तालाब के कमाण्ड एरिया के कृषकों ने नहर से खेतों तक पानी न मिलने की शिकायत की है? यदि हाँ, तो कमाण्ड एरिया तक तालाब का पानी नहीं पहुंचने का क्या कारण है? (ग) वर्ष 2015-16 में रबी की फसल में कमाण्ड एरिया में कितने हेक्टेयर भूमि में सिचाई की गई? क्या कमाण्ड ऐरिये के बाहर के किसानों को सिंचाई करने हेतु विद्युत पंपों तथा डीजल पंपों से सिंचाई करने की अनुमति दी गई? यदि हाँ, तो कितने किसानों को? (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित तालाब से अवैध तरीके से पानी निकासी रोकने के लिए क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बावड़ीखेड़ा परियोजना से वर्ष 2014-15 में 174 हेक्टर तथावर्ष 2015-16 में 269 हेक्टर में रबी सिंचाई की गई। (ख) रबी सिंचाई के दौरान प्राप्त शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए परियोजना से पूरे सैच्य क्षेत्र में सिंचाई जल उपलब्ध कराया गया। प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) परियोजना के पूर्ण सिंचाई क्षेत्र 269 हेक्टर के साथ-साथ सिंचाई क्षेत्र के बाहर बिना अनुमति के कृषकों ने परियोजना से जल का उद्वहन कर 55 हेक्टर में रबी सिंचाई की। (घ) 14 कृषकों के पम्प हटवाए गए।
पेयजल व्यवस्था
131. ( क्र. 4177 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम ग्वालियर के क्षेत्र क्र. 14 के वार्ड क्र.29 एवं 60 में स्थित मधुवन एन्क्लेव बैंक कालोनी ओहदपुर का हस्तातरण आयुक्त नगर निगम ग्वालियर द्वारा किया गया है? अथवा नहीं? (ख) आयुक्त नगर निगम ग्वालियर के हस्तांतरण आदेश क्रमांक/14/15/3/39/भवन शाखा/क्षेत्रक्रमांक/14/2015/5437, दिनांक 10-4-15 द्वारा कालोनी के हस्तांतरण पश्चात् उक्त कालोनी की पेयजल, सफाई व्यवस्था नगर निगम ग्वालियर द्वारा की जा रही है। अथवा नहीं? (ग) क्या वर्तमान में मधुवन बैंक कालोनी की पेयजल टंकी 3 बोरिंग पर मधुवन एन्क्लेव कल्याणकारी समिति द्वारा बिना किसी सक्षम प्राधिकारी के प्रतिमाह रू. 600/-प्रत्येक घर से वसूली की जा रही है। अथवा नहीं? (घ) समिति द्वारा अवैध वसूली करने के बावजूद पर्याप्त पानी सप्लाई नहीं करने की शिकायतें हुई है। उक्त शिकायतों पर प्रशासन ने कार्यवाही की? नगर निगम ग्वालियर द्वारा उक्त कालोनी की पेयजल व्यवस्था, सफाई व्यवस्था कब तक अपने कब्जे में लेकर अपने स्टॉफ से करायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मधुवन एन्कलेव बैंक कॉलोनी का हस्तांतरण, नगर पालिक निगम, ग्वालियर द्वारा कर लिया गया है। (ख) कॉलोनी की साफ-सफाई नगर पालिक निगम, ग्वालियर द्वारा कराई जाती है। पेयजल व्यवस्था मधुवन एन्कलेव कल्याणकारी समिति द्वारा कराया जा रहा है। (ग) मधुवन एन्कलेव कल्याणकारी समिति एवं सदस्य के मध्य अनुबंध है, अनुबंध की शर्त के अनुसार समिति के अध्यक्ष द्वारा कार्यवाही की जाती है। (घ) श्रीमती विनीता गोस्वामी द्वारा कलेक्टर, जिला-ग्वालियर के माध्यम से नगर पालिक निगम, ग्वालियर को शिकायत प्राप्त हुई है, जिसके संबंध में नगर पालिक निगम, ग्वालियर द्वारा समिति के अध्यक्ष को नियमानुसार कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है। मधुवन एन्कलेव बैंक कॉलोनी ओहदपुर में डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाईन नहीं है, इस कार्य को अमृत योजना में शामिल किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
म.क्षे.वि.वि.क. ग्वालियर क्षेत्र अन्तर्गत स्थानांतरण
132. ( क्र. 4178 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. म.क्षे.वि.वि.क.लि. ग्वालियर क्षेत्रान्तर्गत पदानुसार कितने कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है? पदवार संख्या बतावें? पदानुसार संभाग, वृत्त एवं क्षेत्र में स्थानांतरण की क्या नीति है? (ख) दिनांक 1.1.15 के बाद दिनांक 31.1.16 तक ग्वालियर क्षेत्र के अंतर्गत संभागीय कार्यालयों, वृत्त कार्यालयों एवं मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय में कितने स्थानांतरण एवं कितने संशोधित आदेश जारी हुए? (ग) कितने कर्मचारी, अधिकारी ऐसे हैं जिनके स्थानातरण दिनांक 1.1.15 के बाद अभी दिनांक 31.1.16 तक की अवधियों में एक से अधिक बार हुए हैं? एवं संशोधित हुए हैं? (घ) क्या ग्वालियर क्षेत्र में मुख्य महाप्रबंधक द्वारा उनके दवाब में अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा स्थानांतरण नीति का पालन न कर मनमाने तरीके से भ्रष्टाचार किया है? क्या स्थानातरणों की लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध ब्यूरो द्वारा जाँच करवाकर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के ग्वालियर क्षेत्रान्तर्गत कुल 4996 (नियमित/संविदा) कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है। पदवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार एवं स्थानान्तरण नीति का परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है। (ख) दिनांक 01.01.2015 से दिनांक 31.01.2016 तक ग्वालियर क्षेत्रान्तर्गत किये गये स्थानान्तरण आदेश एवं संशोधन आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) दिनांक 01.01.2015 से दिनांक 31.01.2016 तक की अवधि में ग्वालियर क्षेत्रान्तर्गत 81 कर्मचारियों के स्थानान्तरण अनुमोदन के उपरान्त एक से अधिक बार किये गये हैं एवं संशोधित हुए हैं, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी प्रकार की जाँच किया जाना आवश्यक नहीं है।
नि:शुल्क विद्युत कनेक्शनधारियों की जानकारी
133. ( क्र. 4209 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि मध्यप्रदेश विधानसभा सदन में प्रश्नकर्ता ने अपने भाषण दिनांक 20.02.2015 को विधान सभा क्षेत्र मऊगंज-71 में राजीव गांधी विद्युतिकरण योजना से विद्युतीकरण के प्रति अंसतोष प्रकट किया था? जिसके जबाव में माननीय ऊर्जा मंत्री जी द्वारा बताया गया था कि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में 16 अविद्युतिकरण गांव तथा 140 गांवों में सघन विद्युतीकरण एवं 2529 बी.पी.एल. परिवार के लोगों को नि:शुल्क बिजली कलेक्शन दिये जाने का लक्ष्य था? जो पूरा हो गया है? उन ग्रामों के नामों की पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, विधानसभा सत्र फरवरी-मार्च 2015 के दौरान तारांकित विधानसभा प्रश्न क्रमांक 464 पर सदन में दिनांक 20.02.2015 को हुई चर्चा के दौरान दी गई जानकारी में यह उल्लेख किया गया था कि विधानसभा क्षेत्र मऊगंज क्षेत्रान्तर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 16 अविद्युतीकृत/डी-इलेक्ट्रिफाईड ग्रामों के विद्युतीकरण, 140 ग्रामों में सघन विद्युतीकृत एवं 2519 (2529 नहीं) बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन दिये जाने का लक्ष्य था तथा उपरोक्त लक्ष्य को पूर्ण कर लिया गया है। उक्तानुसार विद्युतीकृत किये गये 16 ग्रामों एवं सघन विद्युतीकरण किये गये 140 ग्रामों की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
बैरसिया विधानसभा अंतर्गत नहर एवं जलाशय
134. ( क्र. 4242 ) श्री विष्णु खत्री : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनाओं से संबंधित कितने बांध/तालाब एवं नहरें आदि क्या क्षतिग्रस्त अथवा मरम्मत योग्य हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित मरम्मतीकरण का कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा परियोजनावार विस्तृत जानकारी देवें? (ग) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के नजीराबाद क्षेत्रान्तर्गत क्या कोई नवीन सिंचाई योजना विकसित किये जाने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो कब तक योजना प्रांरभ हो जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) निरंक। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) टेम मध्यम परियोजना के सर्वेक्षण के लिए राशि रूपये 129.60 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 28.04.2015 को दी गई है। डी.पी.आर. तैयार नहीं होने से परियोजना की स्वीकृति अथवा कार्य प्रारंभ कराने की तिथि नियत करना संभव नहीं है।
काला कुण्डल बैराज निर्माण
135. ( क्र. 4256 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के तहसील खिलचीपुर के ग्राम काला कुण्डल में जल संसाधन विभाग द्वारा नवीन बैराज निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृति दी जावेगी? क्या उक्त निर्माण हो जाने से ग्राम काला कुण्डल के समेली में बैराज निर्माण होने से आसपास के लगभग 10 ग्रामों में किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा? (ग) क्या उक्त बैराज नवीन निर्माण की स्वीकृति इसी वर्ष 2016 में की जावेगी? (घ) शासन स्तर से इसकी स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जी हाँ, दिनांक 07.10.2008 को। परियोजना निर्माण के लिए उपयुक्त भू-गर्भीय तल (स्ट्रेटा) उपलब्ध नहीं होने के कारण परियोजना का निर्माण कराना तकनीकी आधार पर संभव नहीं पाया गया। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
जाँच आयोग का प्रतिवेदन
136. ( क्र. 4276 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक सुरक्षा तथा केंद्रीय योजनाओं द्वारा प्राप्त पेंशन योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितताओं की जाँच हेतु सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जाँच आयोग गठित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो जाँच आयोग गठित होने की तिथि, जाँच प्रतिवेदन शासन को प्रस्तुत करने की तिथि तथा जाँच प्रतिवेदन पर शासन द्वारा अब तक की गई कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत करें? (ग) इन्क्वायरी ऑफ कमीशन एक्ट के प्रावधानों के अनुसार जाँच प्रतिवेदन शासन को प्राप्त होने के लिए निर्धारित अवधि व्यतीत होने के बाद भी इसे विधान सभा में प्रस्तुत नहीं करने का क्या कारण है? (घ) जाँच प्रतिवेदन विधान सभा में प्रस्तुत नहीं करने के लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 08/02/2008 को जाँच आयोग का गठन किया गया। दिनांक 15/09/2012 को प्रतिवेदन प्राप्त हुआ। प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश 'ग' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेमा पावर कंपनी द्वारा किसानों का शोषण
137. ( क्र. 4283 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र स्थित ग्राम बेलाखेड़ा बरखेड़ी बाजार में सेमा पावर कंपनी के पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट की लागत कितनी है? (ख) इसके लिए कितना भुगतान किया जाना था एवं उसके समक्ष कितना भुगतान कंपनी द्वारा किया गया? वृक्षारोपण, पौधरोपण एवं अन्य किस तरह के भुगतान करने थे? (ग) पोल लगाने के लिए किसानों से ली गई भूमि का कितना मुआवजा किसानों को दिया गया? (घ) यदि मुआवजा नहीं दिया गया है, तो संबंधितों के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जाकर मुआवजा दिलवाया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा पवन ऊर्जा टैरिफ आदेश मार्च 2013 के द्वारा रूपये 5.96 करोड़/मेगावाट दर पवन ऊर्जा परियोजना हेतु निर्धारित की गई है, जिसमें भूमि, प्लांट एवं मशीनरी, सिविल कार्य, कमीशनिंग इत्यादि सम्मिलित है। निजी क्षेत्र के माध्यम से स्थापित परियोजनाओं की लागत विभाग से अनुमोदित नहीं की जाती है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भारतीय तार अधिनियम,1885 के अन्तर्गत निजी भूमि पर पोल लगाने हेतु मुआवजा राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है, तथापि विकासक कम्पनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पोल लगाने के लिये किसानों को रूपये चार लाख बीस हजार राशि का भुगतान किया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के सन्दर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मोबाईल कंपनियों को शासकीय भूमि पर टावर लगाने के नियम
138. ( क्र. 4291 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, उज्जैन एवं भोपाल शहर में दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन मोबाईल कंपनियों को शासकीय भूमि पर, किन-किन शर्तों पर टावर लगाने की अनुमति प्रदान की गई है? कंपनियों के नाम की जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में, उपरोक्तानुसार मोबाईल कंपनियों को अनुमति प्रदान करने हेतु किन-किन विभागों द्वारा एन.ओ.सी. जारी की गई है तथा क्या नगर पालिका निगम एवं टावर कंपनियों के मध्य लीज एग्रीमेण्ट किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में, मोबाईल कंपनियों द्वारा उपरोक्त शहरों में कितने टावर किन-किन क्षेत्रों में लगाये गये है तथा कंपनी द्वारा नगर पालिका निगम को प्रत्येक टॉवर हेतु कितना शुल्क अदा किया गया है? शहर में लगाये गये टॉवरों के स्थानों के नाम प्रदान करें? (घ) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में, क्या कंपनियों द्वारा लीज एग्रीमेण्ट का पंजीयन करवाया गया है यदि हाँ, तो प्रति टॉवर कितना पंजीयन शुल्क एवं मुद्रांक शुल्क जमा करवाया गया है? क्या नगर पालिका निगम द्वारा पंजीयन शुल्क रसीद एवं समस्त विभागों की एन.ओ.सी. देखने के उपरांत ही अंतिम स्वीकृति जारी की है या मोबाईल कंपनी द्वारा बिना पंजीयन शुल्क जमा कराये एवं नगर निगम की अंतिम स्वीकृति लिये बिना ही मोबाईल टावर स्थापित कर दिये गये है? (ड.) हॉस्पिटलों, विद्यालयों एवं सार्वजनिक स्थानों से इन टावरों की दूरी कितनी होना चाहिये? इस संदर्भ में क्या नियम है एवं क्या इन कंपनियों द्वारा नियमों का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर पालिक निगम, इन्दौर एवं भोपाल द्वारा रिलायंस जिओं इन्फोकॉम लिमिटेड को अनुमति दी गई है। नगर निगम, उज्जैन द्वारा कोई अनुमति नहीं दी गई है। शर्त की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) रिलायंस जिओं इन्फोकॉम लिमिटेड को कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जिला इन्दौर एवं भोपाल। जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रति टॉवर राशि रू. 1,00,000/- शुल्क लिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) नगर पालिक निगम एवं टॉवर कम्पनियों के मध्य नियमों के अनुसार शासकीय भूमि पर लीज एग्रीमेंट का प्रावधान नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) मध्यप्रदेश नगर पालिका (अस्थायी टावर का संस्थापन/सेल्यूलर मोबाईल फोन सेवा के लिए अधोसंरचना) नियम 2012 में हॉस्पिटल, विद्यालयों एवं सार्वजनिक स्थानों से टावरों की दूरी का उल्लेख नहीं है। जी हाँ।
नरसिंहपुर जिलांतर्गत राजीव गांधी विद्युतीकरण
139. ( क्र. 4299 ) श्री
जालम सिंह
पटेल : क्या ऊर्जा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नरसिंहपुर
जिलांतर्गत
राजीव गांधी
विद्युतीकरण
योजनांतर्गत 1 जनवरी 2012 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितने
ग्रामों में
विद्युतीकरण कार्य
स्वीकृत किए
गए, स्वीकृत
कार्य में से
किन किन
ठेकेदारों को
कितने कितने
ग्रामों के
कार्य आवंटित
किए गए, विधान
सभा
क्षेत्रवार
जानकारी दें। (ख)
उक्त में से
कितने कार्य
पूर्ण हुए हैं
एवं कितने
अपूर्ण हैं। (ग)
कार्य समय पर
पूर्ण न होने
के संबंध में
कौन उत्तरदायी
हैं, एवं
उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई हैं। (घ) कब
तक अपूर्ण
कार्य पूर्ण
कर लिया जाएगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) नरसिंहपुर
जिले के अन्तर्गत
11वीं
पंचवर्षीय
योजना में स्वीकृत
राजीव गांधी
ग्रामीण
विद्युतीकरण
योजना में
विद्युतीकरण
कार्य हेतु ठेकेदार
एजेंसी
मेसर्स रोहणी
इलेक्ट्रिकल्स
लिमिटेड, मुम्बई
को कार्य आदेश
दिनांक 26.09.2012 को
जारी किया गया
एवं उक्त
ठेकेदार
एजेंसी को
कार्यादेश
अनुसार सघन विद्युतीकरण
के लिये दिये
गये ग्रामों
की विधानसभा
क्षेत्रवार
संख्या निम्नानुसार
है :-
क्र. |
विधानसभा क्षेत्र |
ग्रामों की संख्या |
1 |
नरसिंहपुर |
212 |
2 |
गोटेगांव |
369 |
3 |
तेन्दुखेड़ा |
269 |
4 |
गाडरवारा |
183 |
योग |
1033 |
(ख) 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित सभी 1033 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य योजना प्रावधानों के अनुसार पूर्ण किया जा चुका है। (ग) टर्न-की ठेकेदार एजेंसी को जारी अवार्ड की शर्तों के अनुसार अनुबंध की दिनांक से 18 माह की अवधि में कार्य पूर्ण किया जाना था। ठेकेदार एजेंसी द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने पर उसके देयकों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी स्वरूप रू. 224.45 लाख की राशि काटी गई है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
प्रस्तावित सिचांई योजनाएं
140. ( क्र. 4300 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिला अंतर्गत कौन-कौन सी लघु मध्यम एवं वृहद सिंचाई योजनाएं निर्माण के लिए प्रस्तावित हैं, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) उक्त योजनाओं का सर्वे कब कब हुआ है एवं वर्तमान में किस स्तर पर लंबित हैं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नरसिंहपुर जिले में निम्न सिंचाई योजनाएं विधान सभा क्षेत्रवार निर्माण के लिए प्रस्तावित है :-1. नरसिंहपुर एवं तेन्दूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र में चिंकी माईक्रो सिंचाई परियोजना। 2. तेन्दूखेड़ा एवं गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में शक्कर परियोजना। (ख) शक्कर परियोजना का प्रारंभिक सर्वे 1972 में एवं विस्तृत सर्वे 2013 में हुआ था। चिंकी परियोजना में बांध की डूब में लंबा क्षेत्र आने से वैकल्पिक सोलर लिफ्ट माइक्रो सिंचाई योजना विभाग ने तैयार कर रूपये 1494.64 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 15/01/2016 को प्रदान कर दिनांक 10/02/2016 को निविदाएं आमंत्रित की हैं। इस योजना का कार्य अप्रैल 2016 में आरंभ किया जाना प्रस्तावित है। इसमें 104134 हेक्टेयर में 2.5 हेक्टेयर तक प्रेशराईज्ड पाईप द्वारा स्प्रिंकलर/ड्रिप से सिंचाई हेतु प्रावधान किया गया है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
शासकीय
भूमि पर
अतिक्रमण
1. ( क्र. 99 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2 (27) दिनांक 08.12.2015 एवं प्रश्न क्रमांक 204 दिनांक 09.12.2014 के संदर्भ में प्रश्नकर्ता ने अशोक नगर जिले में शासकीय भूमि व भवनों पर अतिक्रमण तथा राशन की दुकानों के आवंटन में अनियमितता करने वाले खाद्य पंचायत सहकारिता व प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं करने के बारे में पत्र लिखे हैं? (ख) क्या पत्र के एकनोलेजमेंट प्रश्नकर्ता विधायक को भेजे तथा पत्र पर क्या कार्यवाही हुई इसकी जानकारी लिखित में भेजी गई या नहीं तथा प्रत्येक पत्र के संबंध में कार्यवाही की प्रगति क्या है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का क्रियान्वयन
2. ( क्र. 100 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फीडर विभक्तिगरण योजना के अन्तर्गत रतलाम एवं अशोक नगर जिले में कौन-कौन से गांव 11 के.व्ही.घरेलू फीडर से जुड़ने से छूट गये है? गांवों की सूची देते हुए बताये की इन गांवों को कब तक 11 के.व्ही. घरेलू फिडर से जोड़ दिया जावेगा? (ख) क्या यह सही है कि मचून, धामेडी, मामटखेड़ा, रिछादेवड़ा ग्राम जिला रतलाम में विद्युत सब स्टेशन स्वीकृत है? यदि हाँ, तो कब से व उक्त सब स्टेशन का कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं होने के क्या कारण है व कब तक प्रारंभ होकर पूर्ण हो जाएगा बताने का कष्ट करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत रतलाम जिले में समस्त राजस्व ग्रामों हेतु फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है, अत: कोई भी ग्राम नहीं छूटा है। रतलाम जिले के सभी राजस्व ग्रामों में आबादी क्षेत्र को 24:00 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अशोक नगर जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना के अन्तर्गत 100 ग्राम विभक्तिकृत 11 के.व्ही. घरेलू फीडर से जोड़कर लाभान्वित होने से छूट गये है। इन 100 ग्रामों का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित किया गया है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा दस्तावेजों की स्वीकृति ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से प्रतीक्षित है, अत: वर्तमान में उक्त योजना में सम्मिलित 100 ग्रामों की कार्य पूर्णता की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उक्त 100 ग्रामों की ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, रतलाम जिले के ग्राम मचून, धामेडी, मामटखेडा एवं रिछादेवड़ा में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्वीकृत है। इन उपकेन्द्रों की स्वीकृति दिनांक, कार्य प्रारंभ होने की तिथि, कार्य में विलम्ब के कारण एवं कार्य पूर्ण होने की संभावित तिथि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
पर्यावरण नियम उल्लंघन
3. ( क्र. 147 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरों के अनुसार राज्य में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने के प्रकरण अन्य राज्यों की तुलना में अधिक संख्या में दर्ज किये गये हैं? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? गत तीन वर्षों में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर दर्ज किये गये प्रकरणों का अन्य राज्यों के साथ तुलनात्मक जानकारी देवें? (ख) क्या सरकार पर्यावरण नियमों के पालन के लिए विशेष कदम उठाने का विचार रखती है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या गेहूँ की फसल कटाई के पश्चात इन्दौर, उज्जैन संभाग में शेष बचे अपशिष्ट (डंखल) को जलाने से पर्यावरण को भारी नुकसान होता है? यदि हाँ, तो पर्यावरण विभाग द्वारा कृषि विभाग के साथ कब-कब बैठक आयोजित कर इसकी रोकथाम के लिये क्या नीति बनाई गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) केन्द्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरों अनुसार राज्य में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने के कारण अन्य राज्यों की तुलना में अधिक संख्या में प्रकरण दर्ज किये जाने संबंधी जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। (ख) जी हाँ। पर्यावरणीय अधिनियमों क्रमशः जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974, वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 तथा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के अंतर्गत बनाये नियमों एवं निर्देशों का पालन करवाया जा रहा है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्रय की गयी भूमि
4. ( क्र. 149 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2011 के पश्चात् सामान्य प्रशासन विभाग (मंत्रालय) में पदस्थ अधिकारियों द्वारा भोपाल एवं इंदौर जिला अंतर्गत अपने-अपने परिवार या रिश्तेदारों के नाम से क्रय की गई भूमि की नामवार, स्थानवार जानकारी दें साथ ही यह भी बतायें वह जमीन कब व किस दर पर क्रय की गई? (ख) क्या उक्त भूमि खरीद की जानकारी सरकार को दे दी गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों ने व कब-कब? (ग) उक्त भूमि की उस समय बाजार दर क्या थी व आज उस भूमि की बाजार दर क्या है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घटिया निर्माण की जाँच
5. ( क्र. 155 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा जिला रतलाम में नगरपालिका में क्या लोकायुक्त ने एक पार्षद की सिफारिश पर यह आरोप प्रमाणित पाया की मलेनी नदी व अन्य स्थानों पर घटिया निर्माण हुआ तथा अन्य 5 आरोप प्रमाणित पाये गये? (ख) प्रमाणित आरोपों की क्या नगरीय प्रशासन विभाग स्वयं जाँच करेगा, क्योंकि आरोप गंभीर है व प्रमाणित है तथा समय-सीमा में कार्यवाही कर दोषियों को दण्डित करेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। लोकायुक्त संगठन स्तर पर जां.प्र. 83/07 पंजीबद्ध कर परीक्षण उपरांत आरोप प्रमाणित न पाये जाने के कारण प्रकरण दिनांक 07.11.2008 को संगठन स्तर पर समाप्त किया गया। (ख) विभाग के आदेश क्रमांक एफ 4-27/2015/18-3 दिनांक 21.09.2015 द्वारा विधान सभा प्राक्कलन समिति की बैठक दिनांक 14.07.2015 में लिये गये निर्णय अनुसार प्रकरण में पुन: जाँच स्थापित की जाकर संभागीय उप संचालक एवं संभागीय कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन की संयुक्त रूप से जाँच समिति गठित की गई है। जाँच समिति से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़क सौंदर्यीकरण
6. ( क्र. 167 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा नगर रेल्वे स्टेशन से चौपाटी तक की सड़क के सौंदर्यीकरण व चौड़ीकरण की योजना हेतु कितनी धनराशि किस वर्ष स्वीकृत हुई तथा इस हेतु अतिक्रमण हटाकर चौड़ीकरण करे बिना लोक निर्माण विभाग से अनापत्ति नहीं मिलने के आधार पर चौड़ीकरण निरस्त क्यों व किसने किया? (ख) उक्त सड़क के लिये स्वीकृत धनराशि में से कितनी राशि का क्या-क्या सामान किस तिथि को किसके आदेश से खरीदा गया तथा सौंदर्यीकरण व चौड़ीकरण नहीं होना था तो सामान क्यों खरीदा गया व जिसने खरीदा उस पर शासन ने क्या कार्यवाही की? (ग) क्या शासन उक्त सड़क के सौंदर्यीकरण व चौड़ीकरण के लिये धनराशि स्वीकृत करेगा तथा इसमें विलंब के लिये उत्तरदायित्व जिम्मेदारी तय कर अनावश्यक खरीदी करने वालों को दण्डित करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राशि रू. 28.15 लाख। वर्ष 2006। लोक निर्माण विभाग रतलाम से अनापत्ति प्रमाण पत्र सशर्त प्राप्त होने से तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री कैलाश सिंह गेहलोत द्वारा निरस्त किया गया है। (ख) राशि रू. 2,46,900.00। टू वे ट्यूबलर पोल, थ्री वे ट्यूबलर पोल, फोर वे ट्यूबलर पोल, 35 एम.एम. आर्मर्ड केबल, 6 एम.एम. आर्मर्ड केबल, 10 एम.एम. आर्मर्ड केबल, जी.आई. पाईप। दिनांक 11.10.2006 तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी स्व. श्री कैलाश सिंह गेहलोत तथा अध्यक्ष श्री मो. युसूफ कड़पा। लोक निर्माण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिये बिना सामग्री क्रय के लिए तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री कैलाश गेहलोत, श्री राजेश पंचोलिया प्रभारी लेखापाल एवं श्री विक्रम सिंह सोलंकी, प्रभारी लेखा शाखा को दोषी पाया गया है। श्री कैलाश गेहलोत, तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, की मृत्यु हो गई है, शेष को आरोप पत्र जारी किया गया है। (ग) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद जावरा को प्रश्नांकित सड़क के सौन्दर्यीकरण एवं चौड़ीकरण के लिए पुन: प्रस्ताव तैयार करने के लिए लिखा गया है। डी.पी.आर. तैयार कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंहस्थ 2016 में चयनित स्मार्ट विलेज
7. ( क्र. 218 ) श्री कैलाश चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सिंहस्थ 2016 को दृष्टिगत रख कितने ग्रामों को स्मार्ट विलेज के लिए चयनित किया गया है। (ख) प्रश्नांश जिले के चयनित ग्रामों में कितनी-कितनी धनराशि विकास कार्यों के लिए प्रदान किया जाना प्रस्तावित था एवं कितनी राशि प्रदान की गई है। यदि राशि नहीं प्रदान की गई हैं तो कब तक प्रदान की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चयनित ग्रामों को राशि प्रदाय किया जाना शासन के विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना
8. ( क्र. 221 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधान सभा क्षेत्र में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत कितने मजरे टोले एवं नई बस्तियों का कार्य नहीं हो पाया है? सूची उपलब्ध कराएं? (ख) उक्त गांवों एवं मजरे टोलों को विद्युत से जोड़ने हेतु शासन द्वारा क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि नहीं, तो इनका कार्य कब तक सम्पन्न करा लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत् 100 मजरों/टोलों/बस्तियों का कार्य नहीं हो पाया है। उक्त मजरों/टोलों/बस्तियों की विकासखण्डवार एवं ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, राज्य शासन द्वारा कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की है, अपितु उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित मजरों/टोलों/बस्तियों के विद्युतीकरण हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में टर्न-की ठेकेदार को निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार 24 माह की अवधि कार्य पूर्ण किये जाने हेतु अवधि निर्धारित की गई है, जिसके अनुसार उक्त कार्य माह मार्च-2017 तक पूर्ण किया जाना निर्धारित है।
स्टेट लेबिल एनवॉयरमेंट इम्पेक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी (सिया) का पुनर्गठन
9. ( क्र. 252 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य में कोई स्टेट लेबिल एनवॉयरमेंट इम्पेक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी (सिया) किसी के द्वारा किसी दिनांक को गठित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) संस्था में किन्हें अध्यक्ष, सचिव, सदस्य मनोनीत किया गया है और उनमें कौन राज्य के बाहर के है और वे किन विषयों के विशेषज्ञ हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) विषय विशेषज्ञ राज्य में उपलब्ध हैं और क्या उन्हें मनोनीत किया जा सकता है? (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (क) अथॉरिटी में राज्य के विषय विशेषज्ञों को मनोनीत कर पुनर्गठित करेगा कि जिससे आर्थिक भार और पर्यावरण स्वीकृतियों में समय की बचत हो और राज्य के राजस्व की क्षति न हो?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनाक 30/06/2014 के माध्यम से गठित की गई है। (ख) एवं (ग) श्री वसीम अख्तर-अध्यक्ष,श्री हरिशंकर वर्मा-सदस्य एवं कार्यपालन संचालक,एप्को-सदस्य मनोनीत है। उक्त सभी स्थानीय है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दीन बन्धु योजना का क्रियान्वयन
10. ( क्र. 290 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले घरेलू (शहरी/ग्रामीण) उपभोक्ताओं को 30 जून 2013 की स्थिति में बकाया विद्युत बिलों के निपटारे हेतु वितरण कंपनियों द्वारा दीन बन्धु योजना लागू की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो विदिशा जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे कितने उपभोक्ता थे जिनके बिल 30 जून 2013 की स्थिति में बकाया थे, इन बकाया बिलों में से कितने उपभोक्ताओं के प्रकरण निराकृत किये गये, कितने शेष रहे, शेष रहने का क्या कारण रही? (ग) शासन की दीन बन्धु योजना की तिथि में यदि वृद्धि हुई हो, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्या योजना की तिथि में वृद्धि करने की योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) दीन बन्धु योजनान्तर्गत विदिशा जिले में 30 जून, 2013 की स्थिति में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 42557 विद्युत बिल की बकाया राशि वाले उपभोक्ता चिन्हित किये गये थे, जिनमें से सभी 42557 उपभोक्ताओं के प्रकरण निराकृत किये जा चुके हैं। (ग) योजना वर्तमान में लागू है।
आर्थिक अपराध संबंधी शिकायत
11. ( क्र. 335 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंजीयन कार्यालय धार में विक्रय विलेख दस्तावेज क्रमांक ए वन ग्रन्थ 6272 क्रमांक 1614 दिनांक 17.06.2009 से हुए आर्थिक अपराध संबंधी शिकायत कलेक्टर, जिला धार को कब प्राप्त हुई है, बतावें तथा उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उपरोक्त लंबित शिकायत किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? उक्त लंबित शिकायत का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) शिकायत दिनांक 18.01.2016 को प्राप्त हुई। प्रकरण जाँच के लिए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) धार को भेजा गया है। (ख) शिकायत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (धार) के स्तर पर जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। शिकायत का निराकरण जाँच पूरी होते ही करा लिया जायेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कृषकों की सुविधा हेतु पंपों पर एक बल्ब जलाने की सुविधा
12. ( क्र. 365 ) श्री तरूण भनोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में कृषकों को 10 घण्टे डबल फेस विद्युत सिंचाई हेतु प्रदान की जा रही है एवं शेष समय में पंपों पर एक बल्ब जलाने हेतु विद्युत नहीं दी जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या शेष समय में कृषकों के नलकूपों में एक बल्ब जलाने हेतु विद्युत उपलब्ध न कराने से उनके ट्यूबवेलों/पंपों में अंधेरा रहता है, जबकि शासन द्वारा पूर्व में प्रत्येक पंपों पर एक बल्ब जलाने की सुविधा दी गई थी? क्या अब उसे बंद कर दिया गया है? (ग) अब चौबीस घंटे पंपों पर एक बल्ब जलाने की सुविधा हेतु शासन क्या व्यवस्था कर रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्तमान में कृषि फीडरों के संबद्ध उपभोक्ताओं को 3 फेज पर प्रतिदिन 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा उक्त अवधि में सिंचाई पंप कनेक्शन पर एक चालीस वाट का सी.एफ.एल./एल.ई.डी./बल्व जलाने की सुविधा है। कृषि फीडरों को पृथक करने का मुख्य उद्देश्य कृषि कार्य हेतु आवश्यकतानुसार विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जाना है, अत: तद्नुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार सिंचाई कार्य हेतु विद्युत प्रदाय की अवधि में प्रत्येक सिंचाई पम्प कनेक्शन पर एक चालीस वाट का सी.एफ.एल./एल.ई.डी./बल्व जलाने की अनुमति पूर्व के समान वर्तमान में भी विद्यमान है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
पेंशनभोगी दिवंगत कर्मचारियों की जानकारी
13. ( क्र. 367 ) श्री तरूण भनोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. रा.वि. मण्डल में एवं कंपनियों में दिनांक 31.12.015 तक पेंशनभोगियों की संख्या कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) की संस्थाओं में दिनांक 31.12.015 की स्थिति में 80 वर्ष से ऊपर उम्र वाले पेंशनधारियों को पेंशन के अतिरिक्त कितनी राशि प्रदान की जा रही है? जानकारी उनकी संख्यावार बताई जावे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल की उत्तरवर्ती कंपनियों में दिनांक 31.12.2015 तक पेंशनभोगियों की संख्या 38,837 है। इसमें स्वयं पेंशन प्राप्त करने वाले 24944 पेंशनर तथा दिंवगत पेंशनर की पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने वाले 13893 पेंशनर है। (ख) म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल की उत्तरवर्ती कंपनियों में दिनांक 31.12.2015 की स्थिति में 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले पेंशनधारियों की संख्या एवं पेंशन के अतिरिक्त प्रदाय की जा रही राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मीसाबंदी सम्माननिधि/पेंशन नहीं दिए जाना
14. ( क्र. 443 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर तथा भिण्ड जिले में लोकनायक जयप्रकाश नारायण (मीसा/डी.आई.आर. राजनैतिक या सामाजिक कारणों से निरूद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि नियम-2008 से किन-किन व्यक्तियों को कितनी-कितनी सम्मान निधि प्रतिमाह दी जा रही है? नाम-पता सहित बताएं? (ख) क्या उदयवीर सिंह भदौरिया तत्कालीन छात्र नेता की छात्र सम्मान निधि का प्रकरण कलेक्टर ग्वालियर द्वारा उन्हें असामाजिक तत्व बताकर निरस्त कर दिया गया है और इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को 27.01.2016 को पत्र लिखकर मामले में न्याय करने और गलत आधार पर निरस्त प्रकरण को मान्य कर सम्मान निधि स्वीकृत करने का अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई, कब तक मामले का निराकरण कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जिला भिंड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिला ग्वालियर की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। प्रकरण विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
तालाबों का जीर्णोद्धार
15. ( क्र. 455 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने प्रमुख सचिव, जल संसाधन विभाग से भेंट कर भिण्ड जिले के दबोह नगर में स्थित करधन तालाब की सफाई व जीर्णोद्धार कराने, लहार क्षेत्र स्थित जल संसाधन विभाग के तालाबों का जीर्णोद्धार कराने एवं सिंध नदी पर नारदेश्वर मंदिर के समीप ग्राम मड़ोरी में स्टॉप डेम बनाने का अनुरोध किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रमुख सचिव, जल संसाधन विभाग द्वारा मुख्य अभियंता राजघाट दतिया को उक्त कार्य कराने के निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो मुख्य अभियंता राजघाट दतिया द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नकर्ता ने मुख्य अभियंता राजघाट एवं कार्यपालन यंत्री राजघाट संभाग लहार से अधूरी पड़ी वैशपुरा माईनर, खजूरी माईनर, बरौआ माईनर, रमपुरा माईनर एवं असनेट माईनरों की सफाई, खुदाई तथा पक्कीकरण कराए जाने का अनुरोध पत्र लिखकर एवं मौखिक रूप से किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं वर्तमान मुख्यमंत्री ने दबोह करधन तालाब के जीर्णोद्धार कराने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो घोषणा के पालन में जल संसाधन विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कराया गया था? यदि हाँ, तो करधन तालाब का जीर्णोद्धार कब तक करा दिया जाएगा? समयावधि बताएं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना
16. ( क्र. 456 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के ग्राम रूरई तहसील लहार में लगभग 05 वर्ष पूर्व 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत किया गया था? (ख) क्या ग्राम रूरई में उपकेन्द्र स्वीकृति के तत्काल बाद ही राजस्व विभाग (कलेक्टर) भिण्ड द्वारा उपकेन्द्र हेतु ग्राम रूरई में जमीन आवंटित कर विद्युत विभाग के नाम राजस्व अभिलेखों में इन्द्राज करा दी थी? यदि हाँ, तो विद्युत उपकेन्द्र स्थापित न करने के लिए दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में ग्राम रूरई तहसील लहार में पूर्व से स्वीकृत विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कब तक करा दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, कलेक्टर, भिंड द्वारा नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र रूरई के निर्माण हेतु भूमि क्रमांक 914 रकबा 0.28 हेक्टेयर के आवंटन स्थल के आसपास आवासीय बस्ती होने से क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा लगातार अवरोध उत्पन्न करने के कारण उपकेन्द्र का निर्माण कार्य नहीं किया जा सका। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी कर्मचारी/अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में रूरई ग्राम एवं आसपास के क्षेत्रों को सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय करने के लिए ग्राम परसोदा बामन में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना एवं 33/11 के.व्ही. आलमपुर उपकेन्द्र में स्थापित 3.15 एम.व्ही.ए. के पावर ट्रांसफार्मर की 5 एम.व्ही.ए. के पावर ट्रांसफार्मर से क्षमता वृद्धि का कार्य किया गया है। उक्त कार्य पूर्ण होने के उपरान्त, वर्तमान में ग्राम रूरई एवं आसपास के क्षेत्रों में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में ग्राम रूरई में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की आवश्यकता नहीं है।
अटल ज्योति योजना का क्रियान्वयन
17. ( क्र. 517 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम हैं, जो आज भी अटल ज्योति अभियान से नहीं जुड पाये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अटल ज्योति अभियान में उल्लेखित ग्रामों को जोडे जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनायी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पन्ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्र में अटल ज्योति अभियान के तहत् समस्त विद्युतीकृत ग्रामों के गैर कृषि फीडरों को 24 घंटे एवं कृषि फीडरों को 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नगर पालिका निगम द्वारा पार्किंग शुल्क वसूली
18. ( क्र. 654 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर शहर में नये दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों से पार्किंग शुल्क के रूप में वाहन डीलरों से राशि वसूली जाती है? यदि हाँ, तो किन-किन डीलरों से शुल्क जमा कराया जा रहा है? निगम द्वारा दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों से कितना शुल्क लिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पिछले 2 वर्षों में इंदौर जिले में कितने वाहन रजिस्टर्ड हुये? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पार्किंग शुल्क के रूप में वाहन डीलर/डिस्ट्रीब्यूटरों से कितनी राशि प्राप्त हुई है? क्या वाहन डीलरों द्वारा वाहन मालिकों से शुल्क वसूलने के बाद भी निगम में जमा नहीं कराया है? यदि हाँ, तो कर ना जमा कराने वाले डीलर/डिस्ट्रीब्यूटरों पर कोई कार्यवाही निगम करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, डीलरों की सूची में जिनसे शुल्क जमा कराया जा रहा है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वाहन पार्किंग शुल्क का विवरण:-
क्रं. |
वाहन का प्रकार |
वाहन मूल्य राशि |
शुल्क राशि |
1 |
दो पहिया वाहन |
वाहन का मूल्य रू. 50,000/- तक |
रूपये 250/- |
2 |
दो पहिया वाहन |
वाहन का मूल्य रू. 50,000/- तक |
रूपये 500/- |
3 |
चार पहिया वाहन |
वाहन का मूल्य रू. 50,000/- तक |
रूपये 1500/- |
4 |
चार पहिया वाहन |
वाहन का मूल्य रू. 6.00 लाख से अधिक रू. 12.00 लाख तक |
रूपये 2000/- |
5 |
चार पहिया वाहन |
वाहन का मूल्य रू. 12.00 लाख से अधिक रू. 30.00 लाख तक |
रूपये 3000/- |
6 |
चार पहिया वाहन |
वाहन का मूल्य रू. 30.00 लाख से अधिक |
रूपये 5000/- |
(ख) प्रश्नांश ''ख'' विभाग से संबंधित नहीं है। (ग) पार्किंग शुल्क के रूप में वाहन डीलर/ डिस्ट्रीब्यूटर से शुल्क वसूल करने से वर्तमान तक 06 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। शेष प्रश्न के संबंध में जानकारी निगम स्तर पर संज्ञान में नहीं आने से कार्यवाही की जानकारी निरंक है।
अवैध निर्माण व अनियमितता
19. ( क्र. 655 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में हो रहे अतिक्रमणों पर प्रशासन द्वारा कहाँ-कहाँ पर व क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इंदौर जिले में कुछ टाउनशिपों, कॉलोनियों को ब्लेक लिस्टेड किया गया था? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी कॉलोनी/टाउनशिपों को किन कारणों से ब्लेक लिस्ट किया गया था व इन कॉलोनियों में क्या-क्या अनियमितता पाई गई थी? क्या इंदौर तहसील, सांवेर तहसील की अवैध कॉलोनियों/टाउनशिपों में अवैध निर्माण पर व निर्माणकर्ता पर कोई कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो अवैध निर्माणकर्ता पर क्या सख्त कार्यवाही की जाकर अवैध भवनों को राजसात कर अवैध भवनों का उपयोग शासकीय कार्यों में किये जाने हेतु शासन कोई कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंचाई सुविधाओं का विस्तार
20. ( क्र. 714 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बिजावर विधानसभा क्षेत्र में लघु सिंचाई परियोजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो योजना की विस्तृत जानकारी प्रदाय करे? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) विधान सभा क्षेत्र बिजावार में जल संसाधन विभाग के कितने तालाब हैं? नाम सहित बताएं? तालाबों का गहरीकरण करके जल संवर्धन व भराव क्षेत्र विस्तार करने के संबंध में शासन के क्या नियम एवं दिशा निर्देश हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ, विधान सभा क्षेत्र बिजवार में जुनवानी लघु सिंचाई परियोजना निर्माणाधीन है। जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति रू.743.88 लाख की होकर रूपांकित सैच्य क्षेत्र 335 हेक्टर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जल संसाधन परियोजनाओं के जलाशयों का गहरीकरण तकनीकी कारणों से नहीं किए जाने की नीति है। परियोजनाओं के जलग्रहण क्षेत्र में विस्तार किया जाना संभव नहीं है।
शहरीय रहवासी क्षेत्रों में शराब की दुकानें
21. ( क्र. 743 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत खाने के ढाबों, होटलों व घनी आबादी में धार्मिक स्थलों के आस-पास शराब विक्रय, खाने के साथ शराब उपयोग के संबंध में क्या प्रावधान है? (ख) उज्जैन संभाग के शहरी क्षेत्रों में कितने एवं कौन-कौन से शहरों में शराब कलारी, घनी आबादी, स्कूलों के पास धार्मिक स्थलों के आसपास से हटाने की शिकायतें पुलिस अथवा विभाग को वर्ष 2015 में प्राप्त हुई? स्थानवार, शहरवार ब्यौंरा क्या है तथा की गई कार्यवाही का ब्यौंरा क्या है? (ग) क्या हाइवे, बायपास मार्गों, पर स्थित ढ़ाबों, होटलों में भोजन के साथ अवैध रूप से शराब उपयोग पर संभाग के जिलों में कार्यवाहियां की गई? यदि हाँ, तो 2015 तक ब्यौरा क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) परिसर में मदिरा के विक्रय एवं उपभोग के लिये अनुज्ञापित मदिरा विक्रय की ऑन श्रेणी की किसी दुकान का स्थल तथा खाने के साथ शराब के विक्रय एवं उपयोग के लिये किसी होटल/रेस्तरां में स्वीकृत किये गये बार (एफ.एल.-2/3) लायसेंस का स्थल (भवन) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत बनाये गये सामान्य प्रयुक्ति के नियमों के नियम-1 दुकानों की अवस्थिति में प्रावधानिक अनुसार किसी धार्मिक संस्था (चाहे वह घनी आबादी में स्थित हो अथवा नहीं) से 50 मीटर या उससे अधिक की दूरी पर स्थित होना चाहिये। उक्त प्रभावी नियमों की प्रति विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग के शहरी क्षेत्रों में शराब कलारी, घनी आबादी, स्कूलों के पास, धार्मिक स्थालों के पास से हटाने की विभाग को वर्ष 2015 में प्राप्त कुल 14 शिकायतों की जिलावार स्थानवार, शहरवार जानकारी तथा उन पर की गई कार्यवाही का विवरण निम्नानुसार है:- जिला उज्जैन (1) देशी मदिरा दुकान नीलगंगा को हटाने के संबंध में की गई शिकायत की जाँच कराई जाने पर, उक्त देशी मदिरा दुकान मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत बने सामान्य प्रयुक्ति के नियमों के नियम 1 अन्तर्गत आपत्तिरहित स्थल पर संचालित होना पाई गयी। अत: आगामी कोई कार्यवाही नहीं की गई। (2) उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील के ग्राम खेडा खजूरिया में संचालित देशी मदिरा दुकाने हटाने के संबंध में प्राप्त शिकायत की जाँच कराई जाने पर उक्त देशी मदिरा दुकान मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत बने सामान्य प्रयुक्ति के नियमों के नियम 1 के अनुसार आपत्तिरहित स्थल पर संचालित होना पाई जाने से, आगामी कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिला रतलाम (1) जिला रतलाम में माह अप्रैल 2015 से माह जनवरी 2016 तक कुल 10 मदिरा दुकानों को उनके वर्तमान स्थल से हटाने के संबंध में प्राप्त शिकायतों की विधिवत जाँच उपरांत, सभी मदिरा दुकानें मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत बने सामान्य प्रयुक्ति के नियमों के नियम 1 के अनुसार स्थापित होना पाई जाने से, कोई आगामी कार्यवाही नहीं की गई। जिला मंदसौर (1) जिला मंदसौर में स्कूल के पास देशी मदिरा दुकान नयापुरा स्थित होने की शिकायत की जाँच में यह पाया गया कि उक्त देशी मदिरा दुकान मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत बने सामान्य प्रयुक्ति के नियमों के नियम 1 के अनुसार शैक्षणिक संस्था से 50 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित है। अत: कोई आगामी कार्यवाही नहीं की गई। जिला नीमच (1) जिला नीमच की तहसील जीरन में स्कूल के पास शराब दुकान स्थापित होने की शिकायत पर कराई गई जाँच में उक्त शराब दुकान मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत बने सामान्य प्रयुक्ति के नियमों के नियम 1 के अनुसार स्थापित पाई जाने से कोई आगामी कार्यवाही नहीं की गई। जिला देवास, जिला शाजापुर एवं जिला आगर-मालवा में वर्ष 2015 में शराब कलारी, घनी आबादी, स्कूलों के पास, धार्मिक स्थलों के पास से हटाने की कोई शिकायते प्राप्त नहीं हुई है। इन जिलों में पुलिस विभाग को प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी संकलति कराई जा रही है। (ग) उज्जैन संभाग के जिलों में हाईवे, बायपास मार्गों पर स्थित ढाबों, होटलों में भोजन के साथ अवैध रूप से शराब उपयोग किये जाने की शिकायतों पर की गई कार्यवाहियों में वर्ष 2015 के दौरान (1) जिला उज्जैन में कुल 43 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए है एवं आरोपियों के विरूद्ध न्यायालय में अभियोजन की कार्यवाही की गई है। (2) देवास जिले में कुल 188 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। (3) जिला रतलाम में होटलों पर 03 प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है। (4) जिला मंदसौर में हाईवे, बायपास मार्गों पर स्थित ढाबों, होटलों में भोजन के साथ अवैध रूप से शराब उपयोग के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर अवैध मदिरा विक्रय के प्रकरण कायम किये जाकर न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है। (5) जिला नीमच, जिला शाजापुर एवं जिला आगर मालावा में हाईवे, बायपास मार्गों पर स्थित ढाबों, होटलों में भोजन के साथ अवैध रूप से शराब उपयोग का कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। यद्यपि जिला आगर-मालवा में वर्ष 2015 में ढाबा संचालकों के विरूद्ध अवैध मदिरा के कुल 04 प्रकरण पंजीबद्ध कर वैधानिक कार्यवाही की गई है।
विज्ञापन संबंधी
22. ( क्र. 758 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वर्ष 2013-14 एवं अक्टूबर 2015 तक कितने विभागों से कितने विज्ञापन (वर्गीकृत एवं प्रदर्शन) जारी किये गये? (ख) प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में विज्ञापन देने के प्रावधान क्या है? कितने विज्ञापन प्राप्त करने वाले समाचार पत्र (स्थानीय व राज्य स्तरीय) अधिकृत है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 52 विभागों से प्राप्त वर्गीकृत 41201 एवं प्रदर्शन विज्ञापन 2803 जारी किये गये। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। अनुमोदित सूची के 350 समाचार पत्रों को आवश्यकता एवं उपयोगिता के आधार पर विज्ञापन जारी किये जाते हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शराब दुकान का संचालन
23. ( क्र. 782 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में नगरीय क्षेत्र में शासकीय अंग्रेजी शराब दुकान संचालन के क्या नियम हैं? क्या शराब दुकान का संचालन रिहायशी एवं धार्मिक स्थान के पास नहीं किया जा सकता? (ख) यदि हाँ, तो सैलाना विधानसभा अंतर्गत नगर पंचायत सैलाना में रिहायशी एवं धार्मिक स्थल के पास अंग्रेजी शराब दुकान का संचालन किस नियम से हो रहा है और यदि नहीं, तो क्या शासन इस संबंध में कोई नियम बनाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के, नियम (अ) सामान्य प्रयोग के नियम-1 दुकानों का अवस्थान के नियम 2 एवं 4 में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 55, दिनांक 6 फरवरी 2015 द्वारा किये गये संशोधन में मध्यप्रदेश में नगरीय क्षेत्र में शासकीय अंग्रेजी शराब दुकान का संचालन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में संचालित विदेशी मदिरा दुकान का संचालन लायसेंसी द्वारा अवस्थान नियमों का पालन करते हुए किया जा रहा है, यह विदेशी मदिरा दुकान ऑफ श्रेणी की दुकान है तथा यह दुकान परम्परागत श्रेणी की दुकान में आती है। तत्संबंधी नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभागीय कार्यों की जानकारी
24. ( क्र. 824 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2010 से 31.03.2013 तक दो लाख रूपये से ज्यादा राशि के कितने कार्य किये गये? संख्या बतायें? (ख) उक्त समयानुसार मेंटेनेन्स पर कितनी राशि व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित सभी कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) भिण्ड जिले में दिनांक 01-04-2010 से दिनांक 31-03-2013 तक दो लाख रूपये से ज्यादा राशि के 242 कार्य कराये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भिंड जिले में उक्त समयावधि में किये गये रू. 2 लाख से अधिक मेंटेनेंस के कार्यों पर राशि में रूपये 184.07 लाख की राशि व्यय हुई है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों के विरूद्ध रू. 3369.69 लाख की राशि का भुगतान किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी एवं मध्य क्षेत्र विद्युत कंपनी के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा इन कार्यों का सतत् रूप से निरीक्षण किया गया है।
विभागीय कार्यों की जानकारी
25. ( क्र. 825 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2010 से 31.03.2013 तक दो लाख रूपये से कम राशि के कितने कार्य, किये गये? संख्या बतायें? (ख) उक्त समयानुसार मेन्टेनेन्स पर कितनी राशि व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से कितनी राशि का भुगतान किया गया?? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित सभी कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) भिण्ड जिले में दिनांक 01-04-2010 से दिनांक 31-03-2013 तक दो लाख रूपये से कम राशि के 324 कार्य कराये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भिंड जिले में उक्त समयावधि में 2 लाख से कम राशि के किये गये मेंटेनेंस के कार्यों पर रूपये 168.40 लाख की राशि व्यय हुई है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों के विरूद्ध रू. 50.16 लाख की राशि का भुगतान किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा इन कार्यों का सतत् रूप से निरीक्षण किया गया है।
क्रेशर मशीन का संचालन
26. ( क्र. 894 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में कुल कितनी क्रेशर मशीन संचालित हैं? उपक्रम का नाम, मालिक का नाम तथा भण्डारण का लायसेंस कितने लोगों के पास है? (ख) विधान सभा क्षेत्र पांढुर्णा में कितने क्रेशर लगाने एवं भण्डारण के लायसेंस प्राप्ति हेतु आवेदन दिये हैं? नाम स्थापित करने का स्थान आदि का उल्लेख देवें? (ग) क्या नवीन क्रेशर स्थापित करने पर अनुसूचित जनजाति व्यक्तियों की भूमि तो प्रभावित नहीं हो रही है? यदि हाँ, तो विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। किसी भी क्रेशर संचालक/उत्खनिपट्टाधारी को खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में क्रेशर आधारित पत्थर उत्खनिपट्टा स्वीकृति हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। खनिज व्यापारिक अनुज्ञप्ति प्राप्ति हेतु कोई आवेदन पत्र नहीं प्राप्त हुए हैं। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार स्थिति नहीं है। म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में भूमि स्वामी की सहमति के आधार पर ही उत्खनिपट्टा स्वीकृति के प्रावधान हैं।
सुवासरा बस स्टैण्ड पर स्थित भवन
27. ( क्र. 963 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के सुवासरा में वर्तमान में स्थित बस स्टैण्ड पर महात्मा गांधी मूर्ति के पास भवन में संचालित शराब की दुकान है, वह भवन शासकीय है या किसी व्यक्ति की संपत्ति है? (ख) यदि वह शासकीय भवन है तो उस पर संचालित शराब की दुकान का किराया की राशि किस विभाग में जमा की जा रही है? (ग) यह दुकान कितने वर्षों तक किराये पर दी जाती है, बतावें? (घ) अगर इस भवन का न्यायालय में कोई प्रकरण चल रहा है, तो कौन से न्यायालय में चल रहा है एवं शासन की तरफ से कौन व्यक्ति है, नाम बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के सुवासरा बस स्टेण्ड के पास स्थित शराब की दुकान शासकीय अभिलेख अनुसार सर्वे क्रमांक 919 रकबा 1.599 शासकीय दर्ज है। उस सर्वे नम्बर एवं इस पर स्थित भवन वर्ष 1996-97 से पूर्व निजी था एवं मुरलीधर लक्ष्मीनारायण पिता रायसेठ नारायणदास महाजन निवासी मंदसौर के नाम से भूमि स्वामी स्वत्व (कृषि भिन्न आशय) दर्ज था, जो कलेक्टर, मंदसौर के प्रकरण क्रमांक 4/85-86/अ-20 (3) आदेश दिनांक 16.09.1986 से भूमि शासकीय बस स्टेण्ड घोषित की गई। (ख) एवं (ग) शासन द्वारा किराया नहीं लिया जा रहा है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय के डब्ल्यू.पी. क्रमांक 2602/2001 में प्रकरण प्रचलित था, जो रिमाण्ड होकर न्यायालय कलेक्टर, जिला मंदसौर में प्रचलित है।
अफीम की खेती
28. ( क्र. 964 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मंदसौर जिले में कितने किसानों के पास अफीम लायसेंस हैं? (ख) अफीम फसल नुकसानी में शासन द्वारा राहत राशि का प्रावधान है या नहीं? (ग) मंदसौर जिले में कितने डोडा चूरा खरीदी केंद्र हैं एवं किन-किन व्यक्तियों के नाम से किस पाइंट के लायसेंस जारी किये गये हैं? (घ) जिले में कितने किसानों से ठेकेदारों द्वारा डोडा चूरा खरीदा गया कितना बाकी है, बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) किसानों को अफीम कृषि के लायसेंस भारत सरकार केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा जारी किये जाते है। उक्त जानकारी राज्य शासन द्वारा प्रशासित आबकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ख) प्राप्त जानकारी अनुसार प्रावधान नहीं है। (ग) वर्तमान वर्ष 2015-16 में मंदसौर जिले में डोडाचूरा के थोक क्रय एवं विक्रय के 31, पी.एस.-2 लायसेंस (डोडाचूरा खरीदी केन्द्र) है। जिन व्यक्तियों के नाम पी.एस.-2 लायसेंस स्वीकृत किये गये है, उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्ष 2015-16 में दिनांक 31.12.2015 तक जिले में 31 पी.एस.-2 लायसेंसियों द्वारा अफीम उत्पादक किसानों से 5269.67 क्विंटल डोडाचूरा खरीदा गया है। किसानों के पास कितना डोडाचूरा बाकी है, इस संबंध में आबकारी विभाग द्वारा कोई लेखा रखा जाना प्रावधानित नहीं है।
राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना का क्रियान्वयन
29. ( क्र. 1053 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर तहसील अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में विद्युतीकरण हेतु राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कार्य संचालित किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार हाँ तो क्या योजना से संबंधित कार्य पूर्ण करते हुये चिन्हांकित मजरों, टोलों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और संबंधित कार्य एजेंसी को कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है? यदि नहीं, तो योजना से संबंधित कितने ग्रामों के कितने मजरों, टोलों में विद्युतीकरण का कार्य अपूर्ण है और कब तक पूर्ण किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर तहसीलों के विभिन्न ग्रामों में ग्रामीण विद्युतीकरण हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कार्य संचालित किया गया था। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में ब्यौहारी तहसील के 51 ग्राम एवं जयसिंहनगर तहसील के 146 ग्राम सघन विद्युतीकरण हेतु चयनित किये गये थे, जिसमें से ब्यौहारी तहसील के 49 ग्रामों एवं जयसिंहनगर तहसील के 140 ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। ब्यौहारी तहसील के 2 ग्रामों तथा जयसिंहनगर तहसील के 6 ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य शेष रह गया है। ठेकेदार एजेंसियों को कार्य पूर्णता का प्रमाण-पत्र नहीं दिया गया है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में उक्त शेष ग्रामों सहित ब्यौहारी तहसील के 89 ग्रामों एवं जयसिंहनगर तहसील के 110 ग्रामों को 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण कार्य हेतु चयनित किया गया है। कार्य प्रगति पर है। उक्त कार्य को करने हेतु मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लिमिटेड, मुम्बई को दिनांक 06.09.2014 को रू. 55.55 करोड़ का कार्य आदेश जारी किया गया है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य पूर्ण करने की निर्धारित तिथि 01.02.2017 है।
ग्वालियर जिले में संचालित अवैध स्टोन क्रेशरों का संचालन
30. ( क्र. 1091 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में किस-किस व्यक्ति/संस्था को स्टोन क्रेशर किस-किस सर्वे नं. के कितने भूमि (रकबा) पर लगाने की स्वीकृति 1 जनवरी 2016 की स्थिति में किस दिनांक से किस दिनांक तक के लिये दी गई है? समस्त स्टोन क्रेशर संचालकों के नाम, पते सहित स्पष्ट करें? (ख) नयागाँव तथा छोड़ा क्षेत्र में ऐसे कितने स्टोन क्रेशर संचालित हैं जिनकी लीज अवधि खत्म होने के बाद भी स्टोन क्रेशर लगातार चल रहे हैं? इन क्रेशर संचालकों के नाम स्पष्ट करें। ऐसे अवैध उत्खननकर्ताओं तथा अवैध स्टोन क्रेशर संचालकों के प्रति कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि शासन यह मानता है कि कोई अवैध उत्खनन नहीं हो रहा तथा अवैध स्टोन क्रेशर चल रहे है तो क्या भोपाल से विभागीय टीम का गठन कर क्षेत्रीय विधायक के साथ हो रहे अवैध उत्खनन एवं चल रहे अवैध क्रेशरों की जाँच करा सकते है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में स्टोन क्रेशर की स्थापना हेतु स्वीकृति दिए जाने का प्रावधान नहीं है। जिले में म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सम्मति प्राप्त स्टोन क्रेशरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र पर प्रश्न अनुसार कोई भी स्टोन क्रेशर संचालित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तर प्रश्नांश 'ख' में दिए अनुसार है।
जले हुये ट्रान्सफार्मरों को बदलना
31. ( क्र. 1092 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2016 की स्थिति में ऐसे कितने ट्रांसफार्मर है जो पूर्व से जले हुये है उनको विभाग द्वारा पूर्व में जलने के कारण उतार लिया गया है किन्तु अभी तक वहाँ नया ट्रान्सफार्मर लगाया नहीं गया है न लगाने का क्या कारण है? क्या उन पर विद्युत बिल राशि बकाया है? (ख) यदि हाँ, तो कितने उपभोक्ताओं पर कितनी राशि किस-किस ट्रान्सफार्मर परकिस-किस गाँव में शेष है शेष राशि में से कितनी राशि जमा करने पर विभाग नया ट्रान्सफार्मर लगायेगा (ग) क्या जिन किसानों के कुओं या ट्रयूब वेलों में पानी सूख गया है उन पर भी विभाग बराबर बिलिंग करता आ रहा है क्या विभाग उनके बिलों को खत्म कर अन्य जो उपभोक्ता विद्युत का उपयोग कर रहे है उनके द्वारा बिल भरने पर नया ट्रान्सफार्मर लगायेगा? यदि हाँ, तो कितने दिनों में यदि नहीं, तो क्यों कारण दें? (घ) विद्युत विभाग द्वारा वर्तमान में किसानों, बिजली उपभोक्ताओं के हितों के लिये कोई योजनायें चलाई जा रही हैं यदि हाँ, तो जानकारी स्पष्ट करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2016 की स्थिति में 1 फेल ट्रांसफार्मर बदला जाना शेष है, जिससे संबद्ध उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की रू. 1.93 लाख की राशि बकाया है। उक्त ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का दस प्रतिशत जमा नहीं करने के कारण ट्रांसफार्मर बदला नहीं जा सका है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित ग्राम बडागाँव में स्थापित 63 के.व्ही.ए. क्षमता के फेल ट्रांसफार्मर (मंजीत वाला दीवान फार्म) से संबद्ध सभी 6 उपभोक्ताओं पर रू. 1.93 लाख की विद्युत बिल की राशि बकाया है। उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का दस प्रतिशत जमा करने पर उक्त फेल ट्रांसफार्मर को बदलने की कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। किसानों द्वारा कुँआ अथवा ट्यूबवेल में पानी सूखने संबंधी आवेदन देने पर वितरण कंपनी के संबंधित प्रभारी द्वारा मौके का भौतिक सत्यापन करने के उपरान्त कनेक्शन स्थायी रूप से विच्छेदित कर गलत माँग नियमानुसार निरस्त कर बिलिंग बन्द करने की कार्यवाही की जाती है। संबंधित फेल ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान करने पर फेल ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जा सकेगी, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
दो लाख रूपये से ज्यादा के कार्य
32. ( क्र. 1185 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2010 से 31.03.2013 तक 2 लाख रू. से ज्यादा राशि वाले क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेन्टेनेन्स पर किस-किस स्थान पर, किस-किस प्रकार के कार्यों पर, कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
दो लाख रूपये से कम राशि के कार्य
33. ( क्र. 1186 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2010 से 31.03.2013 तक 2 लाख रू. से कम राशि वाले क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेन्टेनेन्स पर किस-किस स्थान पर, किस-किस प्रकार के कार्यों पर, कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया? माहवार, वर्षवार, कार्यवार, भुगतानकर्तावार, ठेकेदारवार विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब, ब-1, ब-2'' अनुसार है।
खनिज सम्पदा का दोहन
34. ( क्र. 1228 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कुल कितने प्रकार के खनिज सम्पदा प्राप्त होते हैं? प्राप्त खनिज सम्पदा का दोहन किस प्रकार से किया जाता है? (ख) जिले में कुल खनिज, उत्खनन, भण्डारन हेतु कितने लायसेंस प्रदान किए गये हैं? खनिज का प्रकार, लायसेन्सधारी का नाम, पता, सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) जिले में विगत दो वर्षों में कुल कितने अवैध उत्खनन, परिवहन, भण्डार के प्रकरण दर्ज किए गये हैं? अभियुक्त का नाम, पता एवं आरोपित अर्थदण्ड का विवरण प्रदान करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) अनूपपुर जिले में कोयला, बाक्साइट, ओकर्स, लेटेराइट, मिट्टी, पत्थर, गिट्टी, रेत, मुरूम व ग्रेनाइट आदि खनिज प्राप्त होते है। इन खनिजों का दोहन खनिज अधिनियम एवं इसके अंतर्गत बनाये गए नियम के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। (ख) खनिज के उत्खनन हेतु लाईसेन्स प्रदान किये जाने का प्रावधान नहीं है। खनिज के भंडार हेतु लाईसेन्स स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जिले में विगत 2 वित्तीय वर्षों (वर्ष 2013-14 एवं 2014-15) में अवैध उत्खनन के 20, अवैध परिवहन के 136, अवैध भण्डारण के 08 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
पुनर्घनत्वीकरण योजना का संचालन
35. ( क्र. 1247 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हटा नगर में पुनर्घनत्वीकरण योजना में जमीनों का आवंटन किया गया? यदि हाँ, तो कब, खसरा, नक्शा सहित जानकारी प्रदाय करायें। (ख) क्या हटा नगर में बस स्टेण्ड हेतु चण्डी जी मंदिर के पीछे तथा पुरानी सोसायटी के पीछे भूमि आवंटित की गई थी? नवीन बस स्टेण्ड आदि की कार्यवाही प्रशासन स्तर पर कहाँ लंबित है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। कलेक्टर दमोह के प्रकरण क्रमांक 26 अ-19 (2) वर्ष 2014-15 आदेश दिनांक 26.06.2015 अनुसार नवीन बस स्टेण्ड के लिये चण्डी मंदिर के पीछे भूमि म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल के पक्ष में आरक्षित की गई है, आवंटित नहीं की गई। कार्यवाही म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल, भोपाल स्तर से की जाना है।
उद्यान सौंदर्यीकरण कार्य
36. ( क्र. 1284 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सिंहस्थ 2016 के मद्देनज़र किन-किन स्थानों पर उद्यान सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है? उक्त संबंध में किन-किन की शिकायतें प्राप्त हुई उक्त निर्माण कार्य एवं अन्य सौंदर्यीकरण के कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? निर्माण कार्य में देरी के लिये दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : सिंहस्थ-2016 के मद्देनजर कालीदास उधान, नरसिंहघाट, जूना सोमवारिया, शनि मंदिर इन्दौर रोड, महामृत्युंजय द्वार से हरिफाटक, देवास रोड नागझिरी उद्यानों के सौंदर्यीकरण कार्य किया जाना प्रस्तावित है। इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। मार्च 2016 तक कार्य पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। निर्माण कार्य में देरी नहीं हुई है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रोटोकॉल का पालन
37. ( क्र. 1285 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रोटोकॉल उल्लंघन के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग को प्रश्नकर्ता द्वारा दिए गए पत्र क्रमांक 841/उ.द./15, दिनांक 20.06.2015 के संबंध में विभाग द्वारा कलेक्टर उज्जैन को दिए गए पत्र क्रमांक 2374/2267/2015/1/4 दिनांक 4 जुलाई, 2015 के संबंध में कलेक्टर द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग अवर सचिव द्वारा दिए गए उक्त पत्र के पालन में कलेक्टर उज्जैन द्वारा आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्यों कारण बतावें तथा प्रोटोकॉल उल्लंघन के संबंध में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी, समयावधि बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रजिस्ट्रीकरण अधिनियम का पालन
38. ( क्र. 1288 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 112 के पालन में प्रत्येक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 के पालन में नियमानुसार सूचना दी जाती है तथा इस सूचना का अभिलेख संधारित किया जाता है? (ख) क्या उक्त वैधानिक प्रावधानों के अनुसार सूचना रजिस्टार द्वारा प्रेषित करने के उपरांत संबंधित तहसीलदार के द्वारा राजस्व अभिलेखों में नियमानुसार राजस्व अभिलेख में इंद्राज कर उसका पालन किया जाता है? (ग) क्या रजिस्ट्रीकरण अधिनियम को धारा 89 ए के अंतर्गत न्यायालयों से पारित डिक्री आदि की सूचना 14.01.2010 के संशोधन के पश्चात् पंजीयक को दी जा रही है? (घ) क्या इन प्रावधानों का उद्देश्य यह है कि कृषक की भूमि का हस्तांतरण राजस्व अधिकारी तुरंत अभिलेख में इंद्राज करे व व्यर्थ के कानूनी उलझनों में न रहकर राजस्व की वृद्धि हो? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा इन नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उप पंजीयकों द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 112 के अनुसार कृषि भूमि के अन्तरणों में संबंधित तहसीलदार को सूचना दी जाती है। उक्त दिनांक 31.07.2015 तक हार्डकॉपी में दी गई है। दिनांक 01.08.2015 से सम्पदा ई-पंजीयन की ऑनलाईन व्यवस्था प्रभावशील होने से उप पंजीयक कार्यालयों में दस्तावेजों की हार्डकॉपी संधारित नहीं की जाती है। दिनांक 01.08.2015 से पंजीकृत दस्तावेज विभागीय सर्वर पर उपलब्ध हैं तथा तहसीलदारों की मांग पर उन्हें लागिन आई.डी. प्रदाय कर एक्सेस दिया जा रहा है जिससे वे पंजीकृत दस्तावेजों का अवलोकन कर सकते हैं। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राहगीरी एवं पतंगबाजी के कार्यक्रम
39. ( क्र. 1423 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिला प्रशासन द्वारा वर्ष 2015 एवं 2016 में राहगीरी व पतंगबाजी के कार्यक्रम मध्यप्रदेश शासन की कौनसी योजनान्तर्गत कराए गए थे? उक्त कार्यक्रमों हेतु स्थानीय संस्थाओं को अनुमति दी गई थी? दिनांकवार प्रदत्त अनुमति सहित विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में यदि जिला प्रशासन द्वारा स्वयं ऐसे आयोजन कराये गये हैं तो उससे जिला प्रशासन का कितना व्यय हुआ, उसका भुगतान किस विभाग द्वारा किस आवंटित बजट/मद से किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में आयोजित कार्यक्रम से स्थानीय गरीब जनता व किसान वर्ग को क्या लाभ पहुंचा? (घ) क्या जिला प्रशासन उज्जैन के पास प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आयोजनों का ही कार्य है, तथा मुख्य कार्य राजस्व प्रकरणों के निराकरण आदि जिले में शून्य स्थिति में है? यदि हाँ, तो जिला राजस्व तथा अधीनस्थ राजस्व न्यायालय सहित 01 अक्टूबर 2014 से दिनांक 31 अक्टूबर 2015 तक के अपील, पुनरीक्षण, विविध, नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा, अतिक्रमण आदि प्रकरणों का मदवार दायर, निराकृत एवं अवशेष स्थिति बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उज्जैन जिला प्रशासन द्वारा वर्ष 2015 एवं 2016 के राहगिरी एवं पतंगबाजी के कायर्क्रम उज्जैन पर्यटन संवर्धन परिषद एवं संस्कृति संचालनालय के तत्वाधान में कराये गये है। कार्यक्रम हेतु स्थानीय संस्थाओं को कोई अनुमति जारी नहीं की गई है। (ख) 15 जनवरी 2016 को जिला प्रशासन, उज्जैन द्वारा मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित पतंग महोत्सव-2016 को सिंहस्थ-2016 पर केन्द्रित किए जाने हेतु जिला-प्रशासन, उज्जैन की मांग पर संस्कृतिक संचालनालय की ओर से सिंहस्थ मद से रूपये 5.00 लाख की राशि कलेक्टर, उज्जैन को प्रदाय की गई। (ग) उज्जैन पर्यटन संवर्धन परिषद एवं संस्कृति संचालनालय से संबंधित कार्यक्रम का उदेश्य स्थानीय संस्कृति, पर्यटन एवं रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना है। उज्जैन शहर की सांस्कृति परम्पराओं, व्यंजनों की शैली एवं ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों को लोकप्रिय बनाने, उनको जानने एवं समझने तथा आगामी सिंहस्थ-2016 कुम्भ महापर्व एवं स्वास्थ्य व स्वच्छता के प्रति आमजन में जागरूकता लाने के साथ-साथ सिंहस्थ के आतिथ्य हेतु आमजन को तैयार करने की दृष्टि से उक्त कार्यक्रम किये गये। (घ) नहीं। प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित आयोजित जिला प्रशासन द्वारा किये जाने वाले विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक एवं अन्य प्रशासनिक गतिविधियों में से एक है। जिले में राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति शून्य नहीं है। अत: प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न नहीं उठता है।
एम.पी.डब्ल्यू.एस.आर.पी. योजना के कार्य
40. ( क्र. 1529 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा एम.पी.डब्ल्यू.एस.आर.पी. योजना के तहत चम्बल नहर के दायी ओर सर्विस रोड का डामरीकरण का निर्माण कार्य चेन 0 से 60 तक वर्ष 2008-09 में तथा चेन 61 से 83 तक के एरिये में वर्ष 2011-12 में कराया था? (ख) उक्त कार्य विभाग द्वारा किस ठेकेदार से कराया, इसकी लागत व गारंटी पीरियड क्या था? (ग) क्या उक्त एरिये में उक्त कार्य विभागीय संबंधित अमले व ठेकेदार की मिलीभगत से बहुत घटिया व गुणवत्ताहीन कराया वह गारंटी पीरियड में ही पूरी तरह से उखड़ गया उसका अस्तित्व ही नहीं बचा, यदि हाँ, तो इसकी दुरूस्ती संबंधित ठेकेदार से न कराने एवं नियमानुसार ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही न करने के क्या कारण है? (घ) क्या गारंटी पीरियड के पूर्व ही प्रश्नांश (क) में वर्णित एरिये में सर्विस रोड पर बड़े बड़े गड्डे व दरारे पड़ने के कारण क्षेत्रीय नागरिकों को न सिर्फ आवागमन में कठिनाई हो रही है बल्कि दुर्घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है? यदि नहीं, तो उक्त डामरीकरण कार्य की गुणवत्ता की जाँच क्या शासन करवाएगा यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एफ.डी.आर. की वापसी
41. ( क्र. 1530 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्यिक कर अधिकारी वृत्त शिवपुरी के अधीन श्योपुर जिला आने के पूर्व तक जिले के जिन व्यापारियों ने सेल्स टैक्स नम्बर हेतु एफ.डी.आर. वाणिज्यिक कर अधिकारी मुरैना के नाम बनवाकर उन्हीं के कार्यालय में जमा की थी वे सभी एफ.डी.आर. व उनसे संबंधित समस्त अभिलेख मुरैना से क्या वृत्त कार्यालय शिवपुरी भेज दिये हैं? यदि नहीं, तो कब तक भेजे जावेंगे। (ख) उक्त समस्त एफ.डी.आर. की समयावधि पूर्ण होने की सूचना वृत्त कार्यालय मुरैना/शिवपुरी द्वारा समय पर जिले के संबंधित व्यापारियों को न देने के क्या कारण है इसके अभाव में एफ.डी.आर. का नवीनीकरण समय पर नहीं हो पाता नतीजन उन्हें ब्याज की हानि होती है इस हेतु दोषियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या जिले के जिन व्यापारियों ने व्यापार बंद कर दिया है उन्हें उनकी पूर्व की एफ.डी.आर. वापस लेने हेतु वृत्त कार्यालय मुरैना के चक्कर काटना पड़ रहे हैं क्योंकि वृत्त कार्यालय शिवपुरी द्वारा पूर्व की सभी एफ.डी.आर. मुरैना में होने की जानकारी दी जाती है? (घ) यदि हाँ, तो जिले के व्यापारियों की दुविधा के निदान हेतु क्या शासन जिले से संबंधित सभी पूर्व की एफ.डी.आर. व अभिलेख अविलम्ब मुरैना से शिवपुरी भिजवाएगा यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) श्योपुर जिले के व्यवसायियों द्वारा पंजीयन समय वाणिज्यिक कर अधिकारी मुरैना के पक्ष में, प्रस्तुत समस्त एफ.डी.आर. व तत्संबंधी अभिलेख शिवपुरी वृत्त को भेज दिये गये है। (ख) एफ.डी.आर. की समयावधि पूर्ण होने के उपरांत प्राय: संबंधित व्यवसायी समान राशि की नवीन एफ.डी.आर. प्रस्तुत कर पुरानी एफ.डी.आर. वापस प्राप्त कर स्वयं नवीनीकृत करा लेते है अथवा वृत कार्यालयों से नवीनीकरण हेतु पुराने एफ.डी.आर. प्राप्त कर नवीनीकृत कराकर पुन: प्रस्तुत करते हैं। जिन प्रकरणों में एफ.डी.आर. की परिपक्वता अवधि व्यतीत हो चुकी है, उनके संबंध में शिवपुरी वृत्त द्वारा नवीनीकरण कराये जाने की अध्यपेक्षा विषयक सूचना व्यवसायियों को प्रेषित की जा रही हैं। नवीनीकरण की कार्यवाही संबंधित व्यवसायी द्वारा पूर्ण करायी जाती है। एफ.डी.आर. का नवीनीकरण भूतलक्षी प्रभाव से होने के कारण ब्याज की क्षति संभावित नहीं है। (ग) श्योपुर जिले से संबंधित समस्त व्यवसायियों के एफ.डी.आर. व अन्य सुसंगत दस्तावेज क्षेत्राधिकार से संबंधित शिवपुरी वृत्त में उपलब्ध होने से व्यवसाइयों को मुरैना वृत्त जाने की आवश्यकता नहीं है। (घ) वृत्त कार्यालय मुरैना द्वारा श्योपुर जिले से संबंधित समस्त व्यवसायियों के अभिलेख व एफ.डी.आर. शिवपुरी वृत्त को भेजे जा चुके हैं।
पर्यावरण प्रदूषण
42. ( क्र. 1551 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर जिले में विगत 5 वर्षों की तुलना में पर्यावरण प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है? यदि हाँ, तो जिले में पर्यावरण सुधार हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या पर्यावरण सुधार में जिले के समस्त शासकीय कार्यालयों में सौर ऊर्जा का उपयोग करने हेतु निर्देशित किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से शासकीय कार्यालयों में सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है व किसमें किया जाना शेष है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हरियाली महोत्सव के तहत लगाए पौधों की स्थिति
43. ( क्र. 1568 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर शहरी क्षेत्र में हरियाली महोत्सव के तहत पौधे लगाये जाते है? यदि हाँ, तो विगत पाँच वर्षों में लगाये गये पौधों की संख्या व उस पर किया गया व्यय वर्षवार स्पष्ट करें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार लगाये गये पौधों में से कई पौधों में से कई पौधे नियमित रख-रखाव नहीं होने के कारण नष्ट हो गये है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें व आगे लगाये जाने वाले पौधे नष्ट नहीं हो इसके लिये क्या कार्य योजना बनाई गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विगत पाँच वर्षों में जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
पौधों की संख्या |
व्यय राशि |
2011 |
65,822 |
19,82,350 |
2012 |
7,560 |
5,22,900 |
2013 |
11,820 |
4,52,600 |
2014 |
8,806 |
2,29,595 |
2015 |
52,472 |
2,50,000 |
(ख) जी हाँ। तार फेसिंग व ट्री गार्ड के अभाव में। भविष्य में तार फेसिंग एवं ट्री गार्ड लगाकर पौधे लगाने की कार्य योजना प्रस्तावित की जायेगी।
बुन्देलखण्ड पैकेज के कार्यों में अनियमितता
44. ( क्र. 1638 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक बरियापुर परियोजना नहरों की सी.सी. कराये जाने हेतु कितनी राशि का व्यय प्रश्न दिनांक तक किया गया? (ख) शासन द्वारा किस कंपनी तथा ठेकेदार को कार्य दिये गये, मॉनीटरिंग किन-किन अधिकारियों ने की तथा जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं उनके पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी किये गये? यदि हाँ, तो कौन-कौन विवरण दें? (ग) जल-संसाधन विभाग में प्रश्न दिनांक तक बुन्देलखण्ड पैकेज की राशि कितनी है तथा कहाँ-कहाँ पर व्यय की जा रही है? (घ) क्या उर्मिल बांध की नहरों की सी.सी. खराब हो चुकी है, जिसमें लम्बी-लम्बी दरारे हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) छतरपुर जिले में बुंदेलखण्ड पैकेज के तहत स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं।
क्रय किये गये मीटर में व्यय राशि
45. ( क्र. 1639 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में घरेलू उपभोक्ताओं के मकानों में बिजली की खपत हेतु कितने मीटर दिनांक 01.04.2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग ने किस कंपनी से क्रय किये तथा उनकी कितनी संख्या हैं एवं इस पर कितनी राशि का व्यय हुआ? (ख) क्या मीटर खराब निकले? यदि हाँ, तो शासन का कितना नुकसान हुआ? हानि का उल्लेख करें? (ग) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक शहर छतरपुर में विद्युत चोरी के कितने प्रकरण पकड़े गये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) बिजली के मीटर जिलेवार क्रय नहीं किए जाते है, बल्कि संपूर्ण कंपनी क्षेत्र की मांग आवश्यकता अनुसार मीटर क्रय आदेश जारी किए जाते हैं एवं क्षेत्र की मांग/आवश्यकता के अनुसार संबंधित क्षेत्रीय भण्डार में मीटर प्रदाय करने हेतु प्रदायकर्ता फर्म को निर्देशित किया जाता है। दिनांक 01.04.2014 से प्रश्न दिनांक तक पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा क्रय किए गए मीटरों में से घरेलू उपभोक्ताओं हेतु छतरपुर भण्डार में प्रदाय किए गए मीटरों की संख्या, प्रदायकर्ता फर्म का नाम एवं व्यय हुई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वितरण कंपनी द्वारा विभिन्न फर्मों से क्रय किए गए नये मीटरों का परीक्षण करवाया जाता है। परीक्षण पश्चात् खराब पाये गये मीटर आदेश की शर्तों के अनुसार गारंटी अवधि में संबंधित फर्म को वापिस कर दिये जाते है, जिन्हें संबंधित फर्म द्वारा नि:शुल्क बदल कर नये मीटर प्रदाय किए जाते है। इस तरह से गारंटी अवधि में मीटर खराब पाये जाने पर वितरण कंपनी को कोई क्षति अथवा हानि नहीं होती है। (ग) छतरपुर शहर में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कुल 698 विद्युत चोरी के प्रकरण पकड़े गये है।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना
46. ( क्र. 1703 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से वर्ष 2015 तक राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना के तहत कितने कार्य स्वीकृत किये गये है? स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है? (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र में राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कितने कार्य अधूरे है और कार्य अधूरे होने के क्या कारण है? इन कार्यों को कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा? समय-सीमा बताये? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र में राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कितने कार्य प्रस्तावित है और भविष्य की क्या कार्य योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से वर्ष 2015 तक 10वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत 21 विद्युतीकृत ग्रामों के 300 एवं 300 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य एवं 12वीं पंचवर्षीय येाजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 101 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया है। 10वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत योजना में शामिल सभी 21 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत योजना अन्तर्गत 69 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत 32 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है, जिन्हें ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार दिनांक 01.02.2017 तक पूर्ण किया जाना है। (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अनतर्गत 101 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं 890 नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन देने के कार्य प्रस्तावित हैं, जिसमें से 69 ग्रामों में सघन विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण कर 630 नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदाय किये जा चुके हैं। शेष कार्य पूर्ण करने की निर्धारित तिथि 01.02.2017 है। परासिया विधानसभा क्षेत्र सहित छिंदवाडा जिले हेतु रू. 82.87 करोड़ लागत की दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की स्वीकृति ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से दिनांक 30.07.2015 को प्राप्त हुई है, जिसमें 4 नये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य, 8 फीडर विभक्तिकरण के कार्यों सहित 371 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने प्रस्तावित हैं। उक्त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा दस्तावेज को अंतिम रूप देने हेतु ग्रामीण विद्युतीकरण निगम द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
नर्मदा घाटी क्षेत्र में निरस्त बांध परियोजनाएं
47. ( क्र. 1856 ) श्री
मुकेश नायक :
क्या मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नर्मदा
जल विवाद न्यायाधिकरण
के
फैसले/पंचाट
के अनुसार मध्यप्रदेश
को नर्मदा नदी
के जल का
कितना हिस्सा
उपयोग करने के
लिये मिला और
इस जल के
उपयोग के लिये
मध्यप्रदेश
ने नर्मदा और
उसकी सहायक
नदियों पर कौन-कौन
सी बांध
परियोजनायें
बनाने की
योजना तैयार की
थी और फरवरी 2016 की
स्थिति के
अनुसार
कौन-कौन सी
बांध परियोजनाओं
का काम पूरा
हो चुका है? (ख) क्या
मध्यप्रदेश
सरकार ने
जनवरी 2016
में अचानक
फैसला लेते
हुए मण्डला, छिन्दवाड़ा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, बड़वानी
और हरदा जिलों
में प्रस्तावित
कुछ बांध
परियोजनाओं
को निरस्त कर
दिया है यदि
हाँ, तो
कौन-कौन सी
परियोजनायें
निरस्त की
गयी है और क्यों
निरस्त की
गयी है?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) 18.25 मिलियन
एकड़ फीट जल
उपयोग करने के
लिए आवंटित
किया गया है जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘’अ''
''ब'' एवं ''स’’
अनुसार
है। (ख) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''द''
अनुसार
है।
पवई विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युतीकरण
48. ( क्र. 1858 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत पवई विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने ग्राम लाभान्वित हुए हैं? योजना में सम्मिलित ग्रामों की सूची बतावें। (ख) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतिकरण योजना में पन्ना जिले में कितनी-कितनी राशि कब-कब स्वीकृति की गई? योजना अनुसार संबंधित ठेकेदार के नाम सहित बतावें। स्वीकृति दिनांक तथा कार्य पूर्णता दिनांक का भी उल्लेख करें। उक्त योजना में लगने वाले ट्रांसफार्मरों की क्षमता क्या है एवं क्षमतावार कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं संख्या बतावें। उक्त योजना में जिन ग्रामों में कम ट्रांसफार्मर लगे हैं उनमें कब तक शेष ट्रांसफार्मर लगा दिये जायेंगे समय-सीमा बतावें। (ग) उक्त निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों की सूची दें एवं इसकी अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है और कार्य नहीं करने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा की गई कितनी शिकायतें किस-किस प्रकार की संबंधित अधीक्षण अभियंता कार्यालय में प्राप्त हुई और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त योजनान्तर्गत ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें एवं उनके ग्राम/मजरे टोले आदि है जो आज भी इस योजनाओं के अन्तर्गत नहीं जुड़ पाये हैं उनकी सूची दें, साथ ही इस संबंध में विभाग ने अपने उक्त कार्य को पूरा करने की क्या कार्ययोजना बनाई है, जिससे सभी ग्रामीणों व मजरे/टोलों को इन योजना के लाभ से लाभान्वित किया जा सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पवई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत शामिल/ स्वीकृत सभी 277 ग्राम लाभांवित हुए है, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र के 256 ग्राम शामिल/स्वीकृत थे, जिनमें से 171 ग्राम लाभान्वित किए जा चुके हैं तथा शेष ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा 2.2.17 निर्धारित है। उक्त योजना में सम्मिलित लाभान्वित/शेष ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत पन्ना जिले की योजना की स्वीकृति दिनांक, अंतिम स्वीकृत राशि संबंधित ठेकेदार का नाम, कार्यादेश एवं कार्यपूर्णता दिनांक की जानकारी सहित योजना में वितरण ट्रांसफार्मर के प्रावधान एवं स्थापित ट्रांसफार्मरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में प्रस्तावित सभी वितरण ट्रांसफार्मर लगा दिये गये हैं। 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत शेष ट्रांसफार्मर लगाए जाने सहित कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा 2.2.17 है। (ग) 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत पन्ना जिले में विद्युतीकरण का कार्य करने हेतु मेसर्स आई.सी.एस.ए.लि. हैदराबाद को ठेका दिनांक 08.06.09 को दिया गया था किन्तु प्रगति संतोषजनक नहीं होने के कारण दिनांक 20.12.11 को ठेका निरस्त कर दिया गया एवं परफारमेन्स गारंटी राशि रू. 4.81 करोड़ जप्त कर ली गई। शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु निविदा प्रक्रिया का पालन करते हुए मेसर्स बी.एस. ट्रांसकॉम लिमि. हैदराबाद को दिनांक 24.03.12 को ठेका दिया गया। कार्य पूर्ण करने की निर्धारित तिथि 29.09.13 थी। किन्तु ठेके में प्रस्तावित कार्य दिनांक 31.01.15 को पूर्ण हुए। निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने पर उक्त ठेकेदार एजेंसी से 1.5 करोड़ रू. की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी स्वरूप वसूल की गई है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत पन्ना जिले में विद्युतीकरण का कार्य करने हेतु मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लिमि., मुम्बई को दिनांक 2.2.2015 को ठेका दिया गया था जिसकी कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा 2.2.2017 निर्धारित है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता है। अधीक्षण यंत्री (संचा/संघा) छतरपुर वृत्त में उक्त कार्य के संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जनगणना पुस्तिका में मजरों/टोलों संबंधी जानकारी उपलब्ध नहीं होने से, तत्संबंधी प्रमाणित सूची दिया जाना संभव नहीं है। तथापि प्रश्नाधीन पवई विधानसभा क्षेत्र हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सम्मिलित सभी 277 ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी के मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है तथा 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सम्मिलित 256 ग्रामों में से 171 ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी के मजरों/टोलों को विद्युतीकृत किया जा चुका है। उक्तानुसार शेष ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध अनुसार निर्धारित तिथि 2.2.17 है। उल्लेखनीय है कि राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के प्रावधानों के अनुसार 100 एवं 100 से अधिक आबादी के मजरों/टोलों को ही विद्युतीकृत किया जाना है।
आय एवं व्यय की जानकारी
49. ( क्र. 2008 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद बैहर जिला बालाघाट को वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनावार/मदवार प्राप्त आय-व्यय का विवरण देवें? (ख) सामग्री खरीदी/निर्माण कार्य किस एजेंसी/ठेकेदार से कराया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
डीजल, पेट्रोल व एल.पी.जी. गैस पर वेट की वसूली
50. ( क्र. 2114 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन वाणिज्यिकर विभाग द्वारा पेट्रोल, डीजल व एल.पी.जी गैस पर कितने प्रकार के वेट (कर) लिये जाते हैं? अलग-अलग पदार्थ वाइज बतावें व जानकारी विगत 5 वर्ष के तुलनात्मक आंकड़ों पर आधारित हो? (ख) क्या चंबल संभाग मुरैना की सीमा राजस्थान व उत्तरप्रदेश से लगी होने से मध्यप्रदेश से वहां वेट कम होने के कारण चंबल संभाग के वाहन मालिकों द्वारा 50 प्रतिशत से भी ज्यादा पेट्रोल व डीजल लाया जा रहा है? जिससे चंबल संभाग में स्थापित पेट्रोल पंपों की बिक्री कम हो रही है व वेट में भी कमी आ रही है? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन प्रदेश की सीमा से लगे प्रांतों की तरह वेट लेने की भी योजना है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चंबल संभाग मुरैना की सीमा राजस्थान व उत्तर प्रदेश से लगी होने से मध्यप्रदेश से वहां वेट कम होने के कारण चंबल संभाग के वाहन मालिकों द्वारा 50 प्रतिशत से भी ज्यादा पेट्रोल व डीजल लाये जाने की कोई जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। (ग) प्रदेश सरकार, प्रदेश में बजट अनुमान एवं राजस्व के आधार पर कर की दरें निर्धारित करती है।
नामांतरण में की गई अनियमितता की जाँच
51. ( क्र. 2133 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम कटनी द्वारा भवन नामान्तरण प्रकरण क्रमांक 468/29/01/2010, 469/29/01/2010, 47229/01/2010, 473/29/01/2010 में रजिस्टर्ड बंटवारा न होने पर भी स्टाम्प की चोरी कर दिनांक 09.09.2015 को नामांतरण की स्वीकृति सहायक राजस्व अधिकारी द्वारा दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रकरणों में ऐ.ओ.एस. द्वारा रजिस्टर्ड बंटवारा का उल्लेख किया गया है? जानकारी में होते हुए भी बिना रजिस्टर्ड बंटवारा के दिनांक 09.09.2015 को स्वीकृत करना वैधानिक है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार नामांतरण स्वीकृति दिनांक 09.09.2015 को उक्त अधिकारी भोपाल में आयोजित जी.आई.एस. मीटिंग में उपस्थित थे तथा नगर निगम से उक्त अधिकारी द्वारा यात्रा देयक एवं होटल बिल का भुगतान वाऊचर क्रमांक 2567 दिनांक 04.01.2016 को रूपये 2130 प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो एक ही दिनांक को दोनों कार्यवाही फर्जी होने के कारण भारतीय दण्ड विधान के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाकर कार्यवाही कब-तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। नगर पालिक निगम, कटनी के सहायक राजस्व अधिकारी, द्वारा प्रकरण क्रमांक 468/29.01.2010, 473/29.01.2010, में बिना रजिस्टर्ड बंटवारे के नामांतरण किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उक्त प्रकरणों में पूर्व में सहायक राजस्व अधिकारी, द्वारा रजिस्टर्ड बंटवारे का उल्लेख किया गया है, वैधानिक नहीं है। (ग) जी हाँ, दिनांक 09.09.2015 को संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल में उपस्थित रहने एवं उसी तिथि में प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित प्रकरणों के नामांतरण स्वीकृत किये जाने के संबंध में संबंधित को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया, इसके उत्तर में संबंधित श्री अनिल कुमार त्रिपाठी, सहायक राजस्व अधिकारी, ने स्वीकार किया है कि, दिनांक 09.09.2015 को वे भोपाल बैठक में उपस्थित थे तथा नामांतरण प्रकरणों में दिनांक 09.09.2015 के स्थान पर दिनांक 09.09.2015 त्रुटिवश टीप दी गई है। प्रथम दृष्टया उक्त प्रकरण में विसंगति प्रकट होने से प्रारंभिक जाँच हेतु नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा जाँच समिति का गठन किया गया। प्राथमिक जाँच रिपोर्ट का अवलोकन करने से तिथियों में विसंगति की पुष्टि हुई, ऐसी स्थिति में श्री अनिल कुमार त्रिपाठी, सहायक राजस्व अधिकारी, के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिया गया है। विभागीय जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात् गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही का निर्णय लिया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त नगर पालिक निगम सीमांकन भवनों/ भू-खण्डों/दकानों के हक हसतांतरण हेतु प्रत्यायोजित किये गये अधिकारों से श्री अनिल कुमार त्रिपाठी, सहायक राजस्व अधिकारी, को मुक्त कर, उक्त कार्यवाही हेतु श्री विष्णु प्रसाद साहू, उपायुक्त, नगर पालिक निगम, कटनी को अधिकृत किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। पृष्ठ 01 से 03 तक।
बड़वानी जिले में स्वीकृत खदान
52. ( क्र. 2146 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में दिनांक 01/01/213 से 21/12/2015 तक विभाग द्वारा कितनी खदाने स्वीकृत की गई? स्वीकृत खदनों के नाम एवं उक्त खदानों से कितनी रायल्टी की राशि प्राप्त हुई है? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार बड़वानी जिले में इंदिरा सागर परियोजना डेम की नहर किन-किन कंपनियों द्वारा किया गया तथा कितने क्यू.मीटर रेत का उपयोग किया गया तथा कितनी रायल्टी की वसूली की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिलें में प्रश्नाधीन अवधि में 12 रेत खदानें नीलामी में स्वीकृत की गई है। इनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन खदानों में पर्यावरण स्वीकृति तथा प्रदूषण संबंधी सम्मति प्राप्त न होने के कारण खनन कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। जिसके कारण इन खदानों से कोई रायल्टी राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ख) प्रश्नाधीन डेम की नहर का कार्य निम्नानुसार कंपनियों द्वारा किया गया है। कंपनियों का नाम तथा रेत संबंधी जानकारी निम्नानुसार है:-
1. मेसर्स सोमदत्त बिल्डर्स के.डी.एस.प्रा.लि. (जे.वी.) - इस कंपनी द्वारा 39,570 घन मी. रेत का उपयोग किया गया है। कंपनी द्वारा रेत की कीमत बाजार अनुसार अपने स्तर से भुगतान की गई है। 2. मेसर्स आई.व्ही. आर.सी.एल. हैदराबाद द्वारा निमार्ण कार्य में 39,373 घन मी. रेत का उपयोग किया गया है। जिसकी रायल्टी राशि रूपये 55,41,445/- जमा करायी गयी है।
हवाई पट्टियों का रख-रखाव एवं उपयोग
53. ( क्र. 2186 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011 से 2015 तक विभाग द्वारा कितने व्यक्तियों के लिए शासकीय विमान/हेलीकॉप्टर यात्रा हेतु उपलब्ध कराये? शासन द्वारा हेलीकॉप्टर/विमान किराये पर लेने संबंधी नियम 1999 की एक प्रति देवें? इसमें कोई संशोधन हुए हैं तो उनकी भी एक प्रति देवें? (ख) विगत 5 वर्षों में विभाग द्वारा कितनी हवाई पट्टियों के विकास कार्यों हेतु कितनी राशि कहाँ-कहाँ पर कब खर्च की गई? कितनी राशि इन हवाई पट्टियों के रिपेयरिंग/रख-रखाव में खर्च की गई? (ग) विगत 5 वर्षों में कब-कब हवाई पट्टियों को किन शर्तों पर किराये पर दिया गया, सूची देवें? प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर हवाई पट्टियां है सूची देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में कुल 148 व्यक्तियों के लिये शासकीय विमान/हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। इसमें कोई संशोधन नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में सिवनी हवाई पट्टी को निर्धारित शुल्क पर दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। हवाईपट्टियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
केन्द्रांश एवं राज्यांश वाली योजनायें
54. ( क्र. 2189 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रांश एवं राज्यांश वाली समस्त योजनाओं में अंश प्रतिशत सहित राज्य को प्राप्त कुल राशि वित्तीय वर्ष 2012 से 2015 तक वर्षवार, विभागवार, योजनावार देवें? केन्द्रांश एवं राज्यांश के प्रतिशत एवं राशि अलग-अलग देवें? (ख) वित्तीय वर्ष 2012 से 2015 तक केन्द्रांश एवं राज्यांश वाली समस्त योजनाओं की सूची प्राप्त राशि सहित देवें? कौन-कौन सी योजनाएं बढ़ी तथा कौन सी योजनाओं में कमी की गई तथा कौन सी योजना किन कारणों से बंद हो गई? (ग) वित्तीय वर्ष 2012 से 2015 तक में केन्द्रांश वाली योजनाओं में किस-किस मद में उपयोग नहीं होने पर योजना की राशि लेप्स हुई? योजना, प्राप्त राशि, लेप्स राशि, विभाग का नाम सहित सूची देवें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स' एवं 'द' के अनुसार है। परिशिष्टों में दर्शित राशि केन्द्रांश की केन्द्र की बेवसाईट अनुसार है। राज्यांश की राशि राज्य के बजट से दी जाती है। (ख) प्रश्नांश (क) सूची अनुसार। केन्द्र की योजनाओं में कमी या बन्द करना केन्द्र सरकार का विषय है। (ग) केन्द्र से प्राप्त होने वाली राशि सामान्यत: लेप्स नहीं होती है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रकाश व्यवस्था हेतु रख-रखाव
55. ( क्र. 2212 ) श्री अंचल सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत शहर की प्रकाश व्यवस्था हेतु रख-रखाव स्वयं किया जाता है अथवा मेन्टेनेंस का ठेका दिया जाता है? यदि ठेका दिया जाता है तो वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किस कंपनी को प्रकाश व्यवस्था का ठेका कितनी राशि का दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकाश व्यवस्था यदि ठेके पर दिया गया है तो ठेके की शर्तें क्या-क्या है? क्या ठेकेदार को विद्युत संबंधी सामग्री स्वयं की लगानी होती है अथवा विभाग उपलब्ध कराता है? यदि विभाग के माध्यम से सामग्री दी जा रही है तो वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किस-किस फर्म से सामग्री की खरीददारी की सामग्री क्रय करने के पूर्व क्या निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो निविदा में शामिल निविदाकारों के नाम सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) यदि प्रकाश व्यवस्था रख-रखाव ठेके पर की जा रही है तो क्या वर्तमान में शहर के समस्त वार्डों में प्रकाश व्यवस्था का रख-रखाव ठीक चल रहा है एवं शहर में कहीं से भी लाईट बंद की शिकायत नहीं है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। मेसर्स इलेक्ट्रिक कार्नर वेस्ट धमापुर। राशि रू. 120.00 लाख है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सामग्री विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। मेसर्स कोम लाईट एवं मेसर्स इलेक्ट्रिक कार्नर से, जी हाँ। मेसर्स कोम लाईट एवं मेसर्स इलेक्ट्रिक कार्नर से। (ग) जी हाँ। स्ट्रीट लाईट बंद होने की शिकायत पर तुरंत ठीक कराया जाता है।
विकास कार्यों की जानकारी
56. ( क्र. 2263 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ एवं रानापुर नगर के विकास हेतु नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि वर्ष 2013-14 से 2014-15 तक प्रदाय की गई? (ख) उक्त प्रदाय राशि से झाबुआ एवं रानापुर में कौन-कौन से वार्डों में क्या-क्या काम कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये? (ग) उक्त स्वीकृत कार्य अनुसार कितने-कितने कार्य पूर्ण किये गये? कितने कार्य क्यों अपूर्ण हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ग्वालियर जिले की जौरासी विलौआ नहर परियोजना
57. ( क्र. 2273 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले में चल रहे जौरासी विलौआ नहर परियोजना की तकनीकी स्वीकृति की दिनांक एवं राशि क्या है व इसके कार्य पूर्ण होने अवधि क्या है तथा ये कार्य कितने दिवस में पूर्ण कर लिया जावेगा? तकनीकी मानक द्वारा सही है यदि हाँ, तो जो कार्य हो चुका है? उसमें टूट-फूट क्यों हो रही है? (ख) प्रश्नांश (क) जौरासी विलौआ नहर परियोजना से कब से वहां के क्षेत्रीय किसानों को लाभ मिलना था जो आज तक नहीं मिल पा रहा है इससे कितने किसानों की फसल को कितना नुकसान हुआ है? क्या कार्य के निर्माण में विलम्ब हुआ है तो उस ठेकेदार/कम्पनी पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) ग्वालियर जिले में जौरासी बिलौआ नहर नाम की कोई विभागीय परियोजना नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
महर्षि संस्थान द्वारा केन्द्र स्थान में धर्मक्षेत्र-तीर्थक्षेत्र विकास
58. ( क्र. 2287 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिला की महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ ने अपने पत्र दिनांक 12.12.2015 द्वारा अपनी संचालित गतिविधियों से और पर्यटनीय महत्व के भारत के केन्द्र स्थान के किसी स्मारक को भव्यता प्रदान करने का लेख किया है? (ख) क्या प्रश्नाश (क) को व्यवस्थित और भव्य बनाने के लिये दिनांक 9 जनवरी 2016 को जनप्रतिनिधि और सस्था के प्रधान के द्वारा कोई कार्यक्रम सम्पन्न किया हैं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने अपने पत्र दिनांक 24.01.2016 (मयपत्रों सहित) द्वारा कलेक्टर कटनी एवं विभागीय किसी अधिकारी को प्रश्नांश (क) संस्थान के स्थलों में स्थापत्य कलायुक्त आलौकिक पर्यटनीय और दर्शनीय महत्व और अरबों रूपयों की लागत की संरचनाओं और विभिन्न प्रकल्पों के संबंध में अवगत कराया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अधिकारियों ने प्रश्नांश (क) प्रमुख से उनकी योजनाओं पर विचार-विमर्श कर विभाग को अवगत कराया है और विकास को किसी प्रकार से समन्वित रूप से गति देने का कार्य किया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ, महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ ग्राम करौंदी का पत्र दिनांक 15.12.2015 एवं माननीय विधायक महोदय का पत्र क्रमांक 24.01.2016 के परिप्रेक्ष्य में जिला पर्यटन विकास समिति का गठन किया गया। उक्त पत्रों के बिन्दुओं पर दिनांक 09 फरवरी, 2016 को जिला स्तरीय समिति, गणमान्य सदस्यों एवं महर्षि विद्यापीठ के पदाधिकारियों की बैठक सम्पन्न हुई। केन्द्र को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।
सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र में विद्युत कार्यों में अनियमितता
59. ( क्र. 2339 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र बानमोर में विद्युत सब स्टेशन 33/11 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईन व ट्रांसफार्मर आदि का कार्य आई.आई.डी.सी. ग्वालियर द्वारा कराया जा रहा है? (ख) ठेकेदार द्वारा अब तक कितना विद्युत कार्य किया जा चुका है? उसको अब तक कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) क्या उक्त कार्य का सुपरविजन विद्युत विभाग द्वारा किया जा रहा है? फर्म/ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ करने से पूर्व विद्युत सामग्री की गुणवत्ता एवं मात्रा का संबंधित अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो अधिकारियों के नाम/पद से अवगत कराया जावे? (घ) क्या संबंधित फर्म/ठेकेदार द्वारा विद्युत कार्य में प्राक्कलन विरूद्ध हल्के स्तर के पोल एवं अन्य विद्युत सामग्री का उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो संबंधितों के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में ठेकेदार के माध्यम से किये गये कार्य का विवरण निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
कार्य का नाम |
कराया गया कार्य |
1 |
33 के.व्ही. लाईन |
7 कि.मी. |
2 |
33/11 के.व्ही. पावर ट्रांसफार्मर |
1x5 एम.व्ही.ए. |
3 |
11 के.व्ही. लाईन |
3.7 कि.मी. |
4 |
वितरण ट्रांसफार्मर |
26x100 के.व्ही.ए. |
5 |
वितरण ट्रांसफार्मर |
4x200 के.व्ही.ए. |
उक्त कार्य का क्रियान्वयन आई.आई.डी.सी. ग्वालियर द्वारा सुपरविजन चार्ज वितरण कंपनी में जमा कर ठेकेदार के माध्यम से स्वयं कराया गया है। अत: म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कंपनी द्वारा ठेकेदार को भुगतान नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ, प्रश्नाधीन कार्य का सुपरविजन म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जा रहा है। जी नहीं। (घ) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित कार्य आई.आई.डी.सी. ग्वालियर से मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को हस्तान्तरित करते समय किए गए निरीक्षण में कार्य में उपयोग में लाई गई सामग्री यथा एच.बीम, चैनल, तार आदि निर्धारित मानक स्तर की नहीं पाई गई है, जिसकी सूचना उप महाप्रबंधक (एस.टी.सी.) संभाग, मुरैना द्वारा संबंधित कार्यपालन यंत्री (आई.आई.डी.सी.) ग्वालियर को पत्र क्रमांक 480 दिनांक 08.09.2015 के माध्यम से दे दी गई है। कार्य में निर्धारित मानक स्तर की सामग्री एवं आवश्यक सुधार कार्य करने के पश्चात् ही कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अधिग्रहित करने की कार्यवाही की जावेगी।
क्रेशर मशीनों के संचालकों द्वारा अवैध खनन
60. ( क्र. 2367 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन में गिट्टी मशीनों (क्रेशर) की वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक दी गई स्वीकृतियों का ब्यौरा क्या है तथा वर्ष 2013 से 2015 तक प्राप्त रॉयल्टी से आय का ब्यौरा क्या है? (ख) क्या जिले की क्रेशर मशीनों के संचालकों ने स्वीकृति अनुसार निर्धारित स्थल पर खनन किया है? किन-किन क्रेशर संचालकों ने बगैर अनुमति स्थलों पर खनन कार्य किया? (ग) क्या वर्ष 2013 से 2015 तक रॉयल्टी कट्टों अनुसार गिट्टी की मात्रा एवं खनन स्थल के माप का सत्यापन किया एवं अवैध खनन पर किन-किन क्रेशर संचालकों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में कितनी क्रेशर मशीन खनन हेतु संचालित है? संख्यावार/नामवार जानकारी देवें? उक्त क्रेशर मशीनों को किस-किस स्थान में खनन करने की स्वीकृति प्रदान की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन अवधि में खनन स्थल का मौका सत्यापन/माप किया जाकर, कर निर्धारण नहीं किया गया है। इस अवधि में कर निर्धारण की कार्यवाही रायल्टी रसीदों की जाँच कर एवं कार्यालयीन अभिलेख से मिलान कर पूर्ण करने की कार्यवाही निरंतर जारी है। अभिलेखों में अंतर पाये जाने की स्थिति तथा विशेष परिस्थितियों में खदान का भौतिक सत्यापन किया जाकर, कर निर्धारण करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर अनुसार स्वीकृत क्षेत्र के बाहर अवैध उत्खनन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
ई-रजिस्ट्री और ई-स्टाम्प हेतु लायसेंस
61. ( क्र. 2368 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई-रजिस्ट्री और ई-स्टाम्प के लिए जिला, रायसेन में कुल कितने लोगों को प्रश्न दिनांक तक लायसेंस दिए गए हैं? नाम-पतेवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किन-किन प्रोवाइडरों ने प्रश्न दिनांक तक कार्य शुरू नहीं किया है? क्यों नहीं किया है? विभाग ने प्रश्न दिनांक तक उनके खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत प्रश्न दिनांक तक कार्य शुरू नहीं करने वालों के लायसेंस निरस्त कर नए लोगों को लायसेंस दिए जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण दें? नियम बताएं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) रायसेन जिले में कुल 90 लोगों को प्रश्न दिनांक तक लायसेंस दिये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सर्विस प्रोवाइडर का कार्य स्वैच्छिक कार्य है। पक्षकारों द्वारा कार्य हेतु उनसे संपर्क किये जाने पर ही वे कार्य प्रारंभ कर सकते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नये लोगों द्वारा मध्यप्रदेश स्टाम्प नियम, 1942 के प्रावधानों के तहत् लायसेंस प्राप्त करने हेतु आवेदन किया जा सकता है।
फर्जी हस्ताक्षर की शिकायत पर कार्यवाही
62. ( क्र. 2543 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाहा विधानसभा क्षेत्र की नगर पालिका सनावद के अध्यक्ष/ पार्षदों आदि के संबंध में 3 वर्षों में कितनी शिकायतें किन-किन की ओर से राज्य शासन स्तर पर की गई है? (ख) क्या इन प्राप्त शिकायतों में किसी अध्यक्ष/पार्षद के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त हुई है जिसमें उनके प्रतिनिधि द्वारा फर्जी हस्ताक्षर कर निकाय के महत्वपूर्ण कार्य किये गये है? यदि हाँ, तो क्या शिकायतकर्ता द्वारा फर्जी हस्ताक्षर के प्रमाणीकरण किसी निजी एजेंसी (जो कि प्रमाणित है) से प्रमाणित कराकर संलग्न की है? (ग) यदि हाँ, तो इतनी गंभीर एवं आर्थिक अनियमितता की शिकायत को मय प्रमाण के प्रस्तुत करने के बाद भी विभाग द्वारा क्या लोक आयुक्त आर्थिक अपराध अनुशंसा ब्यूरो अथवा किसी अन्य जाँच एजेंसी से जाँच कराई जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो यह जाँच कब तक पूर्ण होगी? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि इसकी जाँच नहीं कराई जा रही है? इसमें लापरवाह अधिकारी का नाम एवं उसके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, शिकायत की जाँच संभागीय संयुक्त संचालक, इंदौर से नियमों के परिप्रेक्ष्य में करायी जा रही है। (ग) जी नहीं। नियमानुसार संभागीय संयुक्त संचालक, इंदौर से जाँच करायी जा रही है। (घ) प्राप्त शिकायत के परिप्रेक्ष्य में नियमानुसार जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर उत्तरदायी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंदिरा सागर परियोजना की नहर के विस्तार
63. ( क्र. 2545 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वाहा/सनावद क्षेत्र में इंदिरा सागर परियोजना एवं औंकारेश्वर परियोजना की नहरों की स्वीकृति होकर कार्य गतिशील है? यदि हाँ, तो इंदिरा सागर परियोजना की नहर ग्राम जुनापानी से खंगवाडा मार्ग के मध्य से निकलना प्रस्तावित है अथवा निर्मित हो चुकी है? (ख) क्या ग्राम जुनापानी एवं खंगवाडा मार्ग के मध्य इंदिरा सागर परियोजना की नहर से ग्राम घोसली के अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसान के सिंचाई से वंचित होने से वितरण शाखा स्वीकृत हेतु प्रस्ताव वर्ष 2013 से वर्तमान तक किया जा रहा है? यदि हाँ, तो तद्नुसार विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) यदि नहीं, है तो क्या कारण रहे है? यदि उक्त प्रस्तावित कार्य असंभव हो तो क्या शासन के नियम है कि जनप्रतिनिधियों के पत्रों का उत्तर दिया जाना चाहिये? यदि हाँ, तो उत्तर न देने के लिये किस अधिकारी के ऊपर क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। इंदिरा सागर परियोजना की सनावद वितरण शाखा ग्राम जुनापानी से खंगवाडा मार्ग के मध्य से निकल रही है, जिसका निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) ग्राम जुनापानी एवं खंगवाडा मार्ग के मध्य इंदिरा सागर परियोजना से ग्राम घोसली हेतु सनावद वितरण शाखा की माइनर क्रमांक एम. 18 प्रस्तावित थी, उसका कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके अतिरिक्त ग्राम घोसली हेतु कोई अतिरिक्त शाखा का प्रस्ताव विभाग के पास विचाराधीन नहीं है। (ग) बहाव नहरों का निर्माण उसी क्षेत्र में किया जा सकता है जहाँ पर नहर में पानी के लेवल से सिंचाई हेतु बहाव से पानी लिया जाना संभव हो। ग्राम घोसली के पास जो भी अतिरिक्त क्षेत्र बचा हुआ है वह नहर लेवल से ऊपर है, इसलिये इस क्षेत्र में बहाव नहर निर्माण किया जाना संभव नहीं है। जी हाँ, इस संबंध में जनप्रतिनिधियों को समय-समय पर अवगत करा दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्वहन सिंचाई परियोजना
64. ( क्र. 2574 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन उद्वहन सिंचाई परियोजना (लिफ्ट एरिगेशन) का मूल स्वरूप क्या था और इस योजनांतर्गत कितने ग्रामों में कितनी-कितनी हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है? उक्त परियोजना के कार्य हेतु टेण्डर के समय ठेकेदार को कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु अनुबंध व शर्तें लागू की गई थी? (ख) उक्त परियोजना के कार्य संचालन में ठेकेदार को बिजली की उपलब्धता समय पर नहीं किये जाने के क्या कारण हैं और इस लापरवाही में कौन-कौन जिम्मेदार है, के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित बिजली की कमी के कारण उक्त परियोजना से कितने-कितने ग्राम व कितने किसानों को लक्ष्य के अनुसार सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है? यदि हाँ, तो बतायें कि उक्त परियोजना के लक्ष्य अनुसार किसानों को दी जाने वाली सिंचाई सुविधा समय-समय पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जा सके, इस पर संबंधित विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इंदिरा सागर परियोजना के अंतर्गत स्वीकृत खरगोन उद्वहन नहर द्वारा खरगोन जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत, इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर की आर.डी. 79.79 कि.मी. से पानी उद्वहन कर 152 ग्रामों में सिंचाई एवं अपरिष्कृत पेय जल सुविधा दिये जाने का मूलस्वरूप है। उद्वहन नहर से 152 ग्रामों की 33140 हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य है। टर्न की अनुबंध के आधार पर ठेकेदार को 40 हेक्टेयर चक तक उक्त ग्रामों की 33140 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की शर्त पर आंवटित है। (ख) अनुबंध के अनुसार खरगोन उद्वहन नहर के संचालन हेतु बिजली की उपलब्धता ठेकेदार द्वारा चांदेल स्थित केनाल हेड पावर हाउस से की जाना है, परन्तु ठेकेदार द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था कर बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। अत: लापरवाही के लिये किसी पर कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। प्रथम चरण के 40 ग्रामों में 9300 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो रही है तथा द्वितीय चरण में 11200 हेक्टेयर क्षेत्र में परीक्षण के तौर सिंचाई हो रही है। तृतीय चरण मई 2016 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
नहरों का निर्माण
65. ( क्र. 2575 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 08 दिसंबर, 2015 के प्रश्न ता. संख्या 24 (क्रमांक 965) के विभागीय उत्तर के परिशिष्ट छ: में स.क्र. 01 एवं 03 तक के विषय अनुसार की गई कार्यवाही के विवरण में जल संसाधन विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित परिशिष्ट के स.क्र. 01 के विषय में उल्लेखित ग्रामों के संदर्भ में कार्यवाही का विवरण अनुसार उक्त ग्राम में सिंचाई एवं पीने के पानी के लिये जल संसाधन विभाग द्वारा नहरों के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई शासन/विभागीय स्तर पर अद्यतन स्थिति से क्या है और बतायें कि उक्त कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) परिशिष्ट के स.क्र. 03 के विषय में उल्लेखित ग्रामों में बिठेर तालाब तक नहर निर्माण कर पानी पहुंचाने के कार्य की स्थिति प्रश्न दिनांक तक क्या है? इस हेतु जल संसाधन विभाग द्वारा समय-समय पर क्या-क्या कार्यवाही की कार्यवार जानकारी देते हुए बतायें कि उक्त नहर का निर्माण कार्य कब तक कर लिया जायेगा? उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार किया जा चुका है। प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत बजट उपलब्धता के आधार पर कार्य प्रारंभ होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युतविहीन ग्राम/ मजरों में विद्युतीकरण
66. ( क्र. 2598 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने विद्युतविहीन ग्राम एवं मजरे हैं? ग्रामों एवं मजरों की जनपदवार पृथक-पृथक सूची देवें? (ख) क्या उपरोक्त विद्युतविहीन मजरों में इस प्रकार के मजरे छोड़ दिये हैं जिनका राजस्व रिकार्ड में नामकरण नहीं है? या जो विगत दो-चार वर्षों के दौरान निर्मित हुए हैं? यदि हाँ, तो इस प्रकार के मजरों में विद्युतीकरण कैसे होगा? (ग) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जहां पर विद्युत बिल बकाया होने से संपूर्ण गांव की लाईन काट दी गई है? यह किस आदेश के तहत किया गया है? शासन के आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करवायें? (घ) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के विद्युतविहीन गांवों एवं अनाधिकृत मजरों में विद्युत उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई है तथा क्या कुछ स्थानों पर सोलर ऊर्जा के द्वारा भी विद्यतीकरण हेतु प्रस्तावित है? हाँ तो वह कौन-कौन से मजरे, ग्राम, अनाधिकृत मजरे है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खरगोन जिले के भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में कोई भी राजस्व ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। उक्त ग्रामों के अंतर्गत भीकनगांव विकासखण्ड के 78 एवं झिरन्या विकासखण्ड के 177, इस प्रकार कुल 255 अविद्युतीकृत मजरे/टोले है, जो कि दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में विद्युतीकरण हेतु चिन्हित है। भीकनगांव विकासखण्ड के 78 मजरों/टोलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं झिरन्या के विकासखण्ड के 177 मजरों/टोलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना/राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत इण्डिया वाटर सर्वे के आधार पर चिन्हित सभी मजरों/टोलों/फाल्यों को विद्युतीकरण हेतु सम्मिलित किया गया है। विगत दो-चार वर्षों के दौरान निर्मित हुए मजरों/टोलों/फाल्यों की प्रमाणित जानकारी उपलब्धता का कोई स्त्रोत नहीं है। भविष्य में नये बनने वाले मजरों/टोलों/फाल्यों के विद्युतीकरण का कार्य, इण्डिया वाटर सर्वे एवं राजस्व रिकार्ड की सूची के आधार पर आगामी योजनाओं में सम्मिलित कर किया जा सकेगा। (ग) खरगोन जिले के भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के कोई भी राजस्व ग्राम ऐसा नहीं जहॉं पर विद्युत बिल बकाया होने पर सम्पूर्ण ग्राम का विद्युत प्रदाय बंद कर दिया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में कोई भी राजस्व ग्राम विद्युत विहीन नहीं है। उक्त राजस्व ग्रामों के 255 चिन्हित विद्युत विहीन मजरों/टोलों को विद्युतीकृत करने का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया जाना प्रस्तावित है। योजना की स्वीकृति ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से प्राप्त हो चुकी है, किंतु योजनांतर्गत विद्युतीकरण का कार्य टर्न-की आधार पर कराने हेतु निविदा दस्तावेजों की स्वीकृति ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से प्रतीक्षित है। खरगोन जिले में किसी भी ग्राम/मजरे/टोले/फाल्या में सोलर ऊर्जा के द्वारा विद्युतीकरण हेतु कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
अवैध शराब बिक्री
67. ( क्र. 2615 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम लामता में छोटे बच्चो के प्राईमरी स्कूल के मात्र 20 फीट दूर एवं लामता नगर के बीच बस्ती में देशी एवं विदेशी शराब दुकान खोलने की नियम विरूद्ध अनुमति किस आधार पर दी गई एवं दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कब तक होगी? (ख) लामता ग्राम में ही खसरा नं. 163 की शासकीय भूमि पर अनूप सराठे, स्वरूप सराठे, रूपलाल सराठे, बोधन राणा, जयराम राणा द्वारा प्रतिदिन 300 सौ लीटर अवैध शराब शासकीय भूमि पर दुकान लगाकर बेची जा रही है? इनके विरूद्ध आबकारी एक्ट की धारा 34 (2) के तहत कार्यवाही कब तक होगी? (ग) लामता ग्राम में देशी शराब दुकान के पास पाँच दुकानों में अवैध रूप से बेची जा रही शराब के लिये दोषी जिला अबकारी अधिकारी एवं आबकारी निरीक्षक को कब तक निलंबित किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बालाघट जिले के परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम लामता में देशी व विदेशी मदिरा दुकान संचालित है, जिसमें देशी मदिरा दुकान लामता विगत लगभग 40 वर्षों से वर्तमान स्थल पर ही संचालित है। देशी मदिरा दुकान लामता मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत प्रावधानित सामान्य प्रयोग के नियम (संशोधित अधिसूचना क्रमांक-बी-1/05/2015/2/पाँच (5), दिनांक 06 फरवरी 2015) नियम-1 दुकानों की अवस्थिति का उप नियम (2) (ख) एवं (4) (क) के अनुरूप नियमानुसार संचालित है। इस दुकान से सुलभ निकटस्थ पहुच मार्ग प्राईमरी स्कूल की दूरी लगभग 80 मीटर है। इसी प्रकार विदेशी मदिरा दुकान लामता वर्तमान स्थल पर वाणिज्यिक कर विभाग भोपाल की अधिसूचना क्रमांक-बी-1/05/2015/2/पाँच (5), दिनांक 06 फरवरी 2015 अनुसार संशोधित नियम-1दुकानों की अवस्थिति (1) के पालन में इसी वर्ष (2015-16) में स्थापित की गई है। यह दुकान ऑफ श्रेणी की है, जिसके अनुज्ञप्त परिसर में मदिरा उपभोग की अनुमति नहीं है, जो मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत सामान्य प्रयोग के नियम (1) दुकानों की अवस्थिति का उपनियम (2) के अनुरूप है। इस दुकान से प्राईमरी स्कूल की दूरी लगभग 100 मीटर से अधिक है। तत्संबंधी जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। कार्यवाही नियमानुसार होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) लामता ग्राम में खसरा नम्बर 163 रेल्वे की अधिकृत शासकीय भूमि है, जिस पर अनूप सराठे, स्वरूप सराठे, रूपलाल सराठे, बोधन राणा, जयराम राणा द्वारा अवैध रूप से शराब विक्रय किये जाने की सूचना अभी तक प्रकाश में नहीं आई है और न ही अनूप सराठे, स्वरूप सराठे, रूपलाल सराठे, बोधन राणा, जयराम राणा के विरूद्ध पुलिस विभाग या आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब विक्रय किये जाने का अभी तक कोई भी प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। इस संबंध में सूचना प्राप्त होने/किसी व्यक्ति द्वारा शराब विक्रय करते हुए पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। तत्संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' एवं 'तीन' अनुसार है। (ग) लामता ग्राम में जिस स्थान पर देशी मदिरा दुकान संचालित है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार उसके आस-पास 50 मीटर के दायरे में कोई दुकानें संचालित नहीं है। यद्यपि देशी मदिरा दुकान स्थल से 50 मीटर से अधिक दूरी पर सामने की ओर कुछ अस्थाई दुकानें संचालित हो रही हैं। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'चार' अनुसार है। इन दुकानों से आज दिनाक तक अवैध रूप से शराब बिक्रय करने की कोई सूचना या प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। सूचना प्राप्त होने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
संचालक, भौमिक तथा खनिकर्म के अधिकार
68. ( क्र. 2667 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गौण खनिज नियम 1996 के नियम 6 में उत्खन्न पट्टे प्रदान करने की शक्ति से संबंधित सारणी के अनुसार संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म को (1) अनुसूची- एक के अनुक्रमांक 01 से 03 में विनिर्दिष्ट खनिज जहां आवेदित क्षेत्र 5 हेक्टर से अधिक हो (2) अनुसूची-एक के अनुक्रमांक 04 एवं 05 में विनिर्दिष्ट खनिज जहां आवेदित क्षेत्र 4 हैक्टर से अधिक हो (3) अनुसूची- एक के अनुक्रमांक 06 से 07 में विनिर्दिष्ट खजिन जहां आवेदित क्षेत्र 4 हेक्टर से अधिक हो तक उत्खनन पट्टा प्रदान करने का अधिकार है अथवा प्रभारी संचालक/संयुक्त संचालक कार्यकारी संचालक/ अधीक्षण भौमिकीविद को भी प्रदत्त है? (ख) यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? नियम की प्रति उपलब्ध करायें (ग) यदि नहीं, तो क्या प्रभारी संचालक/संयुक्त संचालक/ कार्यकारी संचालक/अधीक्षण भौमिकीविद द्वारा नियम-6 के प्रावधानों के तहत यदि इनके द्वारा पट्टे आदेश जारी किया गया है तो इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 6 में प्रश्न में उल्लेख अनुसार संचालक अथवा प्रभारी संचालक/ संयुक्त संचालक/ कार्यकारी संचालक/अधीक्षण भौमिकीविद् को स्वीकृति की अधिकारिता नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' में दिये गये उत्तर अनुसार स्वीकृति की अधिकारिता न होने से पट्टे आदेश जारी नहीं किये जा सकते है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मा. न्यायलयों के निर्देशों की अवमानना
69. ( क्र. 2679 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन किया जाता है? यदि हाँ, तो बताये मा. न्यायालय के कौन-कौन से निर्देशों/मामलों में पालन किया जाना शेष है? कारण सहित बतायें? (ख) जल संसाधन विभाग के आदेश दि. 17 अप्रैल 1998 द्वारा सहायक यंत्री से कार्यपालन यंत्री पर की गई पदोन्नति ओर आदेश दि. 19.02.2008 द्वारा कार्यपालन यंत्री से अधीक्षण यंत्री के पद पर की गई पदोन्नति और आदेश दि. 12.07.2010 द्वारा अधीक्षण यंत्री से मुख्य अभियंता के पद पर की गई पदोन्नति और आदेश दि. 2 जनवरी 2012 द्वारा मुख्य अभियंता से प्रमुख अभियंता पर की गई पदोन्नति, जिन-जिन, डी.पी.सी. के आधार की गई थी उन डी.पी.सी. का रिव्यू पदोन्नति आदेशों में उल्लेखित शर्त तथा माननीय न्यायलय के निर्देशों के पालन में रिव्यू क्यों नहीं किया गया? यदि किया गया तो प्रमाण बतायें? (ग) श्री एम.जी.चौबे (मदन गोपाल चौबे) का सहायक यंत्री से प्रमुख अभियंता के पद तक पदोन्नति जिन डी.पी.सी. के आधार पर की गई थी, उनके रिव्यू होने पर क्या इनका चयन संबंधित पद पर पदोन्नति हेतु किया गया? यदि हाँ, तो प्रमाण बतायें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) न्यायालयीन आदेशों का पालन करना अथवा अपील करना एक सतत् प्रक्रिया है। न्यायालय के किसी निर्देश अथवा प्रकरण विशेष का उल्लेख नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। मा. उच्च न्यायालय के आदेशों के पालन में नियमानुसार रिव्यू डी.पी.सी. आयोजित कर प्रश्नाधीन आदेश जारी किए गए है। प्रश्नाधीन पदोन्नतियों से संबंधित रिव्यू डी.पी.सी. के आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) मा. उच्च न्यायालय अथवा उच्चतम न्यायालय द्वारा पूर्व में पदोन्नत अधिकारियों की पदोन्नति वापस लिए जाने के आदेश नहीं दिए गए हैं। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
केन्द्रीय जल आयोग द्वारा परियोजनाओं का अनुमोदन
70. ( क्र. 2691 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के सातनारी जलाशय के संबंध में प्रेषित पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली को प्रिलीमनरी फीजिविलीटी रिपोर्ट भेजी गई? यदि हाँ, तो कब यदि नहीं, तो क्यों? (ख) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी परियोजनाओं की प्रिलीमनरी फिजीविलीटि रिपोर्ट, केन्द्रीय जल आयोग को भेजी गई और कौन-कौन सी परियोजना/योजना का अनुमोदन केन्द्रीय जल आयोग से कब-कब प्राप्त हुआ? (ग) केन्द्रीय जल आयोग के अनुमोदन के उपरांत, कौन-कौन सी परियोजना के डी.पी.आर. अनुमोदन हेतु केन्द्रीय जल आयोग को भेजे गये? (घ) भेजे गये डी.पी.आर. में से कौन-कौन सी परियोजना के डी.पी.आर. का अनुमोदन केन्द्रीय जल आयोग ने कब-कब किया, योजना का नाम सहित बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मा. प्रश्नकर्ता विधायक का मा. मुख्यमंत्रीजी को सम्बोधित पत्र दिनांक 09.10.2015 प्राप्त हुआ है जिसमें सातनारी परियोजना का कार्य कराने के लिए अनुरोध किया गया है। परीक्षण करने पर परियोजना के डूब क्षेत्र में 53.40 हेक्टर वन भूमि आने और परियोजना की लागत निर्धारित वित्तीय मापदण्ड से अधिक होने से परियोजना साध्य नहीं पाई गई है। लघु सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली को पी.एफ.आर. भेजने अथवा अनुमति लेने की आवश्यकता एवं व्यवस्था नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ख) से (घ) प्रश्नाधीन अवधि में बालाघाट जिले की किसी भी सिंचाई परियोजना की पी.एफ.आर. केन्द्रीय जल आयोग को नहीं भेजी गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्रस्तावित बांध मोगली जलाशय का निर्माण
71. ( क्र. 2701 ) श्री रजनीश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिवनी में अलीनगर और गुरजई ग्राम के मध्य मोगली जलाशय प्रस्तावित है जिसकी लागत 350 करोड़ है? क्या इसकी प्रशासकीय स्वीकृति शासन द्वारा दे दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो किस दिनांक को इसकी स्वीकृति दी गई है? (ग) इस बांध के बन जाने से कितने ग्रामों को लाभ मिलेगा और इससे कितने हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी लाभान्वित ग्रामों के नाम की सूची प्रदान करें? (घ) क्या मोगली जलाशय से उगली पांडिया छपारा क्षेत्र के ग्रामों को भी इससे लाभ मिलेगा? यदि हाँ, तो ग्रामों के नाम बतायें। (ड.) इस बांध के पूर्ण होने में कितना समय लगेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ड.) जी नहीं। मोगली जलाशय की स्वीकृति संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
प्रस्तावित बांध का निर्माण
72. ( क्र. 2702 ) श्री रजनीश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत उगली के समीप बेनगंगा नदी पर राजघाट स्थान में 1.75 सौ करोड़ की लागत से बांध बनना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इसका निर्माण कब तक प्रारंभ किया जाकर पूर्ण किया जावेगा? इस बांध के निर्माण से कितने हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी एवं कितने कौन-कौन से ग्रामों को लाभ मिलेगा? क्या इस बांध के बनने से पड़ोसी जिले को भी सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा? यदि हाँ, तो इससे कितने ग्राम, बालाघाट जिले के लाभान्वित होंगे? (ख) क्या इसी तरह इतनी ही लागत से केवलारी खेड़ा एवं गुवरिया ग्राम के मध्य पटपरा नाला पर कोई बांध प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इसके निर्माण की समय-सीमा एवं इससे लाभान्वित ग्रामों की सूची उपलब्ध करायें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं, प्रश्नाधीन स्थल पर सिंचाई परियोजना के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। (ख) पटपरा नाले पर सिंचाई परियोजना हेतु साध्यता आदेश दिनांक 07.01.2016 को जारी किया जाकर विस्तृत सर्वेक्षण, अनुसंधान कर डी.पी.आर बनाने के आदेश दिए गये है। परियोजना की स्वीकृति की स्थिति नहीं आई है। अत: वर्तमान में परियोजना की स्वीकृति एवं निर्माण के लिए समय-सीमा की जानकारी उपलब्ध कराना संभव नहीं है।
अनुसूचित जनजाति बस्तियों में विद्युतीकरण
73. ( क्र. 2788 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के ब्लाक मऊगंज एवं हनुमना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बस्तियों में वर्ष 2010-11 से लेकर वर्ष 2014-15 तक टी.एस.पी. एवं एस.सी.एस.पी. योजनान्तर्गत किन-किन बस्तियों में विद्युतीकरण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विद्युतीकृत ग्रामों की बस्तियों में खर्च हुई राशि योजनावार पूर्ण/अपूर्ण आदि की जानकारी पृथक-पृथक देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बस्तियों के पंपो के ऊर्जीकरण हेतु खर्च हुई राशि योजनावार पूर्ण/अपूर्ण आदि की जानकारी पृथक-पृथक देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रीवा जिले के विकासखंड मऊगंज एवं हनुमना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बस्तियों में वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-15 तक टी.एस.पी./एस.सी.एस.पी. योजनान्तर्गत वर्षवार, योजनावार, विकासखंडवार विद्युतीकृत की गई बस्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित अनुसूचित जाति एवं जनजाति बस्तियों के विद्युतीकरण में खर्च हुई राशि का योजनावार, कार्य की वर्तमान स्थिति सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) रीवा जिले के विकासखण्ड मऊगंज एवं हनुमना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के पम्पों के ऊर्जीकरण हेतु योजनावार खर्च की गई राशि एवं कार्य की वर्तमान स्थिति की विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
परिशिष्ट - ''पैंसठ''
प्रकरण का निराकरण
74. ( क्र. 2795 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज अंतर्गत ग्राम मुदरिया चौबान तहसील मऊगंज जिला रीवा के द्वारा विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम जबलपुर के समक्ष प्रस्तुत शिकायत प्रकरण क्रमांक 607/2010 दिनांक 13.10.2010 को वाद पत्र के चार बिन्दुओं का पंजीकरण किया गया था? शिकायतकर्ता (वादी) का नाम बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आदेश दिनांक 31.12.2010 को विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम जबलपुर द्वारा निष्कर्ष एवं आदेश के 5 बिन्दुओं के निराकरण हेतु प्रतिवादी क्रमांक 1 अधीक्षण यंत्री (संचा. संधा.) वृत्त मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड रीवा को बिल संयोजन क्रमांक 70-28-32335 आवेदन दिनांक 24.10.2007 एवं शपथ पत्र इत्यादि का अध्ययन करते हुए प्रकरण का निराकरण कर पालन प्रतिवेदन दिनांक 25.01.2011 तक प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो प्रकरण के सभी 5 बिन्दुओं का निराकरण किया गया? यदि हाँ, तो पालन प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट बतावें? प्रकरण के निराकरण न करने के दोषी अधिकारी/कर्मचारी का नाम बतावें? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें तथा प्रकरण के सभी 5 बिन्दुओं के निराकरण कब तक कर दिये जावेगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम, जबलपुर के समक्ष प्रकरण क्रमांक 607/2010 दिनांक 13.10.2010 को पंजीबद्ध हुआ था। शिकायतकर्ता वादी का नाम श्री हरिलाल प्रसाद कुशवाहा है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम के द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में प्रकरण का निराकरण कर पालन प्रतिवेदन विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम जबलपुर को अधीक्षण अभियंता (संचा.संधा) वृत्त, रीवा के पत्र क्रमांक 8695-96 दिनांक 20.02.2016 के द्वारा प्रेषित कर दिया गया है। पालन प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आरक्षित पदों की पूर्ति
75. ( क्र. 2834 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति/अनुसूचति जाति/नि:शक्तजनों वर्ग हेतु आरक्षित पदों की पूर्ति हेतु वर्ष 2002 से विशेष भर्ती अभियान चलाया जा रहा है? यदि हाँ, तो म.प्र. मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग के भृत्य संवर्ग में अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित 47 पद विगत 10 वर्ष से क्यों रिक्त हैं? भर्ती हेतु सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ख) क्या शासन माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार म.प्र. शासन अंतर्गत समस्त विभागों में नि:शक्तजन हेतु आरक्षित पदों की पूर्ति कब तक करेगा? समय-सीमा बतावें? नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग अंतर्गत भृत्य संवर्ग में नि:शक्तजन हेतु आरक्षित पद रिक्त हैं? (घ) क्या शासन विशेष भर्ती अभियान प्रचलित रहने के बावजूद विगत 10 वर्षों से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/नि:शक्तजनों के उपयुक्त पद न भरने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) नि:शक्तजनों के आरक्षित पदों की पूर्ति विशेष भर्ती अभियान के तहत वॉक-इन-इन्टरव्यू के माध्यम से की जा रही है। जिसकी समय-सीमा इस विभाग के परिपत्र दिनांक 06 जनवरी, 2016 द्वारा दिनांक 31 मार्च 2016 तक बढ़ाई गई है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी जावरा के पत्रों पर कार्यवाही
76. ( क्र. 2835 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य नगर पालिका अधिकारी जावरा ने पत्र क्र. 468/स्था./13 दिनांक 29.04.2013 व पत्र क्र. 1790/स्था./13 दिनांक 07.08.2013 को आयुक्त महो. नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल को गोविन्द फ्रेब्रीकेटर भोपाल के भुगतान के संबंध में लिखे हैं? (ख) क्या संचालनालय नगरीय प्रशासन व विकास द्वारा पत्र क्र. यांत्रिकी प्रकोष्ठ/07-4/15/14592 दिनांक 30.01.2015 से मुख्य नगर पालिका अधिकारी जावरा को कोई निर्देश दिये है? (ग) क्या कण्डिका (क) अनुसार मुख्य नगर पालिका अधि. जावरा के पत्रों पर व कंडिका (ख) अनुसार संचालनालय नगरीय प्रशासन व विकास भोपाल के पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही हुई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद जावरा द्वारा दिनांक 18.03.2015 को भुगतान की स्वीकृति हेतु अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद जावरा को नस्ती प्रस्तुत किया गया, जिसमें अध्यक्ष द्वारा ऑडिट कराकर प्रस्तुत करने की टीप दी गई है। दिनांक 10.04.2015 को आवासीय अंकेक्षक दल द्वारा भुगतान में आक्षेप लिया गया। आक्षेप के संदर्भ में दिनांक 22.05.2015 को मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा जवाब प्रस्तुत किया गया। दिनांक 29.01.2016 को आवासीय अंकेक्षक दल द्वारा वर्तमान अध्यक्ष को भुगतान की सक्षम स्वीकृति हेतु नस्ती अंकित की गई। दिनांक 18.02.2016 को अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद जावरा से स्वीकृति प्राप्त कर दिनांक 25.02.2016 को श्री गोविन्द फ्रेब्रीकेटर्स भोपाल को राशि रू. 2,23,580.00 भुगतान कर दिया गया है।
वाणिज्य कर की प्राप्त राशि
77. ( क्र. 2900 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2014, 2015 में तथा वित्तीय वर्ष सितम्बर 2015 तक कितना वाणिज्य कर प्राप्त हुआ वर्षवार राशि सहित जानकारी दी जावे? (ख) जिले में ऐसे कितने व्यवसायी हैं जिन पर अत्याधिक कर राज्य शासन का बकाया है, ऐसे प्रथम पन्द्रह कर बकाया व्यवसायियों के नाम प्रति स्थान का नाम पते सहित जानकारी दी जावें? (ग) राज्य शासन की बकाया कर राशि की वसूली हेतु शासन द्वारा वर्जित समय में क्या-क्या प्रयास किये गये हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जिले में प्रथम पंद्रह कर बकायादार व्यवसायियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' के कॉलम-4 अनुसार है।
उज्जैन जिले के क्षतिग्रस्त बैराज
78. ( क्र. 3023 ) श्री सतीश मालवीय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में विगत 05 वर्षों में कौन-कौन से बैराज क्षतिग्रस्त हुए? सूची उपलब्ध करावें। क्या सभी क्षतिग्रस्त बैराजों में संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध जाँच पूर्ण हो गई है? (ख) जाँच अंतर्गत प्रत्येक कार्य में दोषी पाए गये अधिकारियों के खिलाफ अधिरोपित दण्ड से प्राप्त राजस्व एवं क्षति में जो अंतर है वह कितना है? (ग) उक्त राजस्व क्षति के लिये कौन अधिकारी दोषी हैं? जिसने राजस्व को क्षति होने दी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, जाँच पूर्ण नहीं होने से क्षति के लिए जिम्मेदारी अधिकारियों के विरूद्ध दण्ड अथवा वसूली का आरोपण किया जाना वर्तमान में संभव नहीं है।
रेत उत्खनन पट्टों के मापदण्ड
79. ( क्र. 3041 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा रेत उत्खनन पट्टा किन शर्तों पर दिया जाता है व इसके लिए क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित है? (ख) क्या नवगठित जिला आगर मालवा अंतर्गत जिला गठन पश्चात् नवीन रेत उत्खनन पट्टे जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से विवरण देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कौन-कौन से स्थानों पर रेत उत्खनन पट्टे दिए गए है? पूर्ण जानकारी देवें? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत किन-किन क्षेत्रों से रेत उत्खनन अनुमति किया जाना प्रस्तावित किया गया है या अनुमत किया जा चुका है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधानों के तहत म.प्र. राज्य खनिज निगम को रेत के उत्खननपट्टा स्वीकृत किए जाने के प्रावधान हैं। शर्तें एवं मापदण्ड उक्त नियमों में दर्शित हैं। उक्त नियम अधिसूचित है। (ख) प्रश्नाधीन जिले में नवीन रेत के उत्खनन पट्टे स्वीकृत नहीं किए गए हैं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के प्रकाश में जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में रेत उत्खनन अनुमति का कोई क्षेत्र प्रस्तावित नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के 03 स्थानों पर 03 रेत खदान नीलाम में स्वीकृत की गई हैं:- (1) दीवानखेड़ी (2) दात्याखेड़ी (3) घाटाखेड़ी।
पत्रकार बीमा योजना
80. ( क्र. 3042 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पत्रकार बीमा योजना कब प्रारंभ की गई एवं इसके क्या मापदण्ड व प्रक्रिया है? (ख) आगर जिला अंतर्गत कितने पत्रकार हैं जिनको पत्रकार बीमा योजना में पात्रता आती है? (ग) क्या पत्रकार बीमा योजनांतर्गत अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों का ही बीमा किया जाता है? यदि हाँ, तो म.प्र. में कुल कितने अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार हैं, जिनके बीमा हो चुके हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) राजपत्र में प्रकाशित बीमा नियम भोपाल दिनांक 29 जनवरी 2011 के अनुसार बीमा योजना प्रारम्भ की गई। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) सभी अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को बीमा योजना की पात्रता आती है। (ग) जी नहीं, गैर अधिमान्यता प्राप्त ऐसे पत्रकार भी बीमा योजना में पात्र है जो वेतनभोगी है और जिनके वेतन से टी.डी.एस. की कटौती होती है। मध्यप्रदेश में कुल 917 अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों द्वारा बीमा करवाया गया।
अधिग्रहीत की गयी भूमियों को विभाग के नाम दर्ज करना
81. ( क्र. 3092 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंती बाई सागर परि. बाँयी तट नहर निर्माण हेतु अधिग्रहीत की गयी भूमियों में से कितनी भूमियों को राजस्व रिकार्ड में विभाग के नाम अब तक दर्ज कराया जा चुका है? कितनी भूमियों को अब तक राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं कराया गया है एवं क्यों? (ख) क्या कार्यपालन यंत्री रा.अ.बा.सी.सा.परि. बाँयी तट संभाग क्रं. 2 के द्वारा भी उक्त भूमियों को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने दिनांक 24/7/2014 को पत्र लिखा था? उक्त पत्र का कितना पालन किया गया? (ग) उक्त बाँयी तट नहर की भेड़ाघाट बाय-पास चौराहे के पास नहर के दोनों ओर कितनी दूरी तक नहर/विभाग की भूमि है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 5686.295 हेक्टेयर भूमि को राजस्व रिकार्ड में विभाग के नाम दर्ज कराया जा चुका है शेष 1009.203 हेक्टेयर भूमि विभाग के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज कराये जाने की कार्यवाही प्रगति पर है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही पर प्रतिवेदन तहसीलदार बरगी से अपेक्षित है। (ग) कुल 100 मीटर औसत चौड़ाई में नहर/विभाग की भूमि है।
ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने हेतु डि-नोटिफिकेशन
82. ( क्र. 3093 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास प्राधि. द्वारा रानी अवंती बाई सागर परि. बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामों में से कुछ ग्रामों जो कि डूब क्षेत्र से बाहर है को राजस्व ग्राम बनाने हेतु डि-नोटिफिकेशन करके राजस्व विभाग को प्रस्तावित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव राजस्व विभाग को कब प्रेषित किया गया है? उक्त प्रस्ताव में बरगी राजस्व मंडला के किन-किन ग्रामों की कौन-कौन एवं कितनी भूमियां सम्मिलित हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ‘’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर संभाग में कराये गये कार्य
83. ( क्र. 3095 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पर्यटन विकास निगम द्वारा विगत दो वर्षों में जबलपुर संभाग पर्यटन के विकास हेतु क्या-क्या निर्माण कार्य एवं रख-रखाव तथा साज-सज्जा के कितने कार्य कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी राशि में किन-किन ठेकेदारों/प्रदायकर्ताओं से कराये गये? (ख) उक्त कार्यों का मापन, मूल्यांकन एवं सत्यापन किन-किन अधि./कर्म. द्वारा किया गया? स्थानवार कार्यवार जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार।
नये वार्डों में जनसुविधाएं
84. ( क्र. 3096 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर द्वारा नगरीय क्षेत्र में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 2.5 करोड़ की राशि विधायकों की सलाह पर विकास कार्य हेतु स्वीकृत की जावेगी? यदि हाँ, तो बरगी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को सम्मिलित कर बनाये गये दो नये वार्ड होने पर भी बरगी विधानसभा क्षेत्र की नगरीय जनसंख्या की जनसुविधाओं हेतु विकास राशि का प्रावधान क्यों नहीं किया गया? उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता से चर्चा क्यों नहीं गयी? (ख) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम-लमती की बसाहटों कंचन बिहार कालोनी आदि में सड़क, नाली, स्ट्रीट लाइट एवं पेय-जल विहीन है? उक्त कालोनी में विकास कार्यों हेतु नगर निगम जबलपुर ने कोई कार्ययोजना बनाई है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? उक्त विकास कार्य कब तक कराये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा नगरीय क्षेत्र में प्रत्येक विधान सभा में विधायकों की सलाह के आधार पर 2.5 करोड़ की राशि के विकास कार्य स्वीकृत करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम लमती की बसाहट कंचन बिहार कालोनी आदि में सड़क, नाली, स्ट्रीट लाईट एवं पेयजल आदि हेतु सभी कार्ययोजना नहीं बनाई गई है। आवश्यकतानुसार राशि की उपलब्धता एवं नियमों के आधार पर विकास कार्य कराए जाएंगे।
लोकायुक्त से अभियोजन स्वीकृति
85. ( क्र. 3145 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के लोकायुक्त कार्यालय से माह 1 जनवरी 2014 से प्रश्नांकित तिथि तक अभियोजन की स्वीकृति हेतु पत्र प्रकरणों की सूची के साथ मान. मुख्यमंत्री जी को प्राप्त हुए? इन पत्रों में किन-किन के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति/अनुमति मांगी गई है? विवरण दें? माह जनवरी 2016 की स्थिति में कितने प्रकरण अभियोजन स्वीकृति हेतु लंबित है? (ख) क्या लोकायुक्त महोदय को उन प्रकरणों में मान. मुख्यमंत्री जी की मंशानुसार जीरो-टॉलरेंस के अंतर्गत अभियोजन की स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो किन-किन प्रकरणों में? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सूची में उल्लेखित अधिकारी/कर्मचारी किस-किस पद पर, कहाँ-कहाँ पर कब-कब से पदस्थ हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्देशों के विपरीत कार्यवाही
86. ( क्र. 3146 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3 में किस-किस गौण खनिज पर किस-किस को क्या छूट दी गई है? इस छूट के लिए शासन ने किस-किस दिनांक को क्या प्रक्रिया निर्धारित की है? (ख) रायसेन जिले में वर्ष 2013 से 2015 तक नियम 3 में दी गई छूट के अनुसार कितने-कितने गौण खनिज के खनन एवं परिवहन की अनुमतियां प्रदान कर कितनी पिटपास बुकें जारी की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3 में दी गई छूट के संबंध में में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कुम्हार जाति एवं अनु. जाति, अनु. जनजाति को ईंट निर्माण एवं परिवहन की अनुमति से संबंधित कितने आवेदन प्राप्त हुए? (घ) उपरोक्त अवधि में रायसेन जिले में अवैध ईंट निर्माण एवं अवैध र्इंट परिवहन के कितने प्रकरण पंजीबद्ध कर कितना अर्थदण्ड वसूल किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3 के खण्ड (एक) (दो) (तीन) (चार) एवं (पाँच) में इसका विवरण अंकित है। इसकी प्रक्रिया के संबंध में नियम 3 क प्रावधानित है। यह नियम अधिसूचित नियम है। (ख) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नांकित अवधि में उक्त नियम के अंतर्गत केवल रायसेन तहसील में ईंट निर्माण हेतु मिट्टी खनिज के खनन की 14 अनुमतियां प्रदान की गई है एवं 14 अभिवहन पासबुक भी जारी की गई हैं। (ग) प्राप्त आवेदनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में रायसेन जिले में मिट्टी खनिज के उत्खनन कर अवैध ईंट निर्माण एवं अवैध ईंट परिवहन के 97 प्रकरण पंजीबद्ध किए जाकर 63 प्रकरणों में राशि रूपए 1184400/- अर्थदण्ड वसूल कर खनिज मद में जमा कराया गया। जबकि 34 प्रकरणों में राशि रूपए 201.89 लाख अर्थदण्ड प्रस्तावित किया जाकर प्रकरण निराकरण हेतु सक्षम न्यायालय को प्रेषित किए गए हैं।
3 स्टार पंप कनेक्शन की बाध्यता समाप्त करना
87. ( क्र. 3189 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मुरैना जिलान्तर्गत पंप कनेक्शन के नाम पर कितना रूपया शुल्क के रूप में जमा कराया जाता है? (ख) क्या कृषक को 3 स्टार मोनो लगा ट्रांसफार्मर खरीदनें हेतु बाध्य किया जाता है, यदि 3 स्टार लगा वाला ट्रांसफार्मर नहीं लगाने पर 20000/- जुर्माना भी लगा दिया जाता है, यदि हाँ, तो ऐसा क्यों, किस के आदेश से ऐसा किया जा रहा है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ है तो जब विद्युत विभाग स्वयं कहीं कोई ट्रांसफार्मर रखवाते हैं तो उन्हें 3 स्टार मोनो वाला ट्रांसफार्मर लगाने की बाध्यता क्यों नहीं है? (घ) क्या विभाग द्वारा पंसदीदा ठेकेदार से सांठगांठ कर 3 स्टार का मोनो लगा होने से महंगा ट्रांसफार्मर लगाने की बाध्यता लगाकर क्षेत्र के भोले-भाले कृषकों के साथ भेद-भाव किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस भेद-भाव को कब तक बंद कराकर 3 स्टार वाला मोनो लगाकर ट्रांसफार्मर लगाने की बाध्यता समाप्त करेंगे?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) म.प्र.
म.क्षे.वि.वि.कं.लि.
क्षेत्रान्तर्गत
स्थायी पंप
कनेक्शन के
लिये जमा
करवायी जा रही
राशि का विवरण
निम्नानुसार
है:-
(राशि
रू. में)
पंप कनेक्शन की क्षमता |
आवेदन शुल्क |
पंजीकरण शुल्क |
अमानत राशि 100 रू. प्रति हार्स पॉवर (06 महीने के फ्लेट रेट अनुसार) |
अनुबंध शुल्क |
योग |
3 हा.पा. |
5 |
1500 |
1800 |
500 |
3805 |
5 हा.पा. |
5 |
1500 |
3000 |
500 |
5005 |
7.5 हा.पा. |
5 |
1500 |
4500 |
500 |
6505 |
10 हा.पा. |
5 |
1500 |
6000 |
500 |
8005 |
(ख)
जी
नहीं। अत:
प्रश्न नहीं
उठता। (ग) उत्तरांश
'ख'
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
नहीं उठता। (घ) जी
नहीं। अत:
प्रश्न नहीं
उठता।
म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1973 में संशोधन
88. ( क्र. 3227 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र. एफ 4-157/2014/18-1 भोपाल, दिनांक 02 जनवरी 2016 के आदेशानुसार मध्यप्रदेश नगर पालिका सेवा (कार्यपालन) नियम 1973 में दिनांक 10 अप्रैल, 2015 द्वारा किये गये संशोधन के अनुसार नगर पालिका/नगर परिषद में केवल कार्यालय अधीक्षक, राजस्व निरीक्षण एवं राजस्व उपनिरीक्षक के ही मुख्य नगर पालिका अधिकारी 'ग' श्रेणी के पद पर पदोन्नति किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो जिला होशंगाबाद में जिन कर्मचारियों का मूल पद स्वच्छता निरीक्षक है उन्हें कहाँ-कहाँ, नगर परिषद एवं नगर पालिका में विगत पाँच वर्षों में प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी के रूप में पदस्थ/कार्यरत है? (ग) क्या नगर परिषद बाबई, जिला होशंगाबाद में भी स्वच्छता निरीक्षक प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी के रूप में विगत चार वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्यों कारण दें? क्या प्रश्नांकित नियम/ आदेश के तारतम्य में पात्रताधारी कर्मचारी/अधिकारियों को प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी पद पर पदस्थ किये जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर परिषद, बाबई जिला होशंगाबाद में मूल पद स्वच्छता निरीक्षक, प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर कार्यरत है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। समय-सीमा देना संभव नहीं है।
नगर पंचायत पृथ्वीपुर में विभागीय कार्य में भ्रष्टाचार
89. ( क्र. 3246 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर पंचायत पृथ्वीपुर में कितने विभागीय कार्य स्वीकृत किये गये हैं? विभागीय कार्य कब और किन परिस्थितियों में कराये जाने चाहिये? इसकी क्या नियमावली है? (ख) कार्य स्थल पर जो कार्य किये गये हैं, वही माप पुस्तिका में दर्ज हैं एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा दी गई तकनीकी स्वीकृति पर ही भुगतान किया गया है या तकनीकी स्वीकृति से गड़बड़ी कर भुगतान किया गया है? अगर हां, तो विभाग के द्वारा कोई जाँच कराई गई है? अगर हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण बतावें? (ग) क्या जो कार्य विभागीय कराये गये हैं वह गुणवत्तापूर्ण नहीं हैं एवं कार्य से अधिक भुगतान किया गया है? अगर हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है एवं दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक? (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख), (ग) में वर्णित विभागीय कार्यों में गड़बडि़यां की गई हैं? अगर हाँ, तो कौन-कौन से अधिकारियों के द्वारा गड़बड़ी की गई है? नामवार, योजनावार बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर परिषद में कराये जाने वाले कार्यों के लिए म.प्र. नगर पालिका (मेयर-इन-काउन्सिल/प्रेसिडेन्ट-इन-काउन्सिल कामकाज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियाँ एवं कर्तव्य) नियम 1998 के नियम 5 उप-नियम 5 (छह) तथा म.प्र. वर्क्स डिपार्टमेंट मैनुअल के अध्याय 2 धारा 4 बंध 2.075 (ख) के अनुसार कराये जाते है। विभिन्न स्वीकृति के अधिकार म.प्र. नगर पालिका (मेयर-इन-काउन्सिल/प्रेसिडेन्ट-इन-काउन्सिल कामकाज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियाँ एवं कर्तव्य) नियम 1998 के अनुसार है। (ख) कार्य स्थल पर जो कार्य किये गये हैं वहीं माप, माप पुस्तिका में दर्ज है एवं तकनीकी स्वीकृति अनुसार ही भुगतान किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''क'', ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोयला का प्रदाय
90. ( क्र. 3291 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश के ताप गृहों का कोयला प्रदेश से बाहर के राज्यों खासतौर से छत्तीसगढ़ राज्य से कहाँ-कहाँ एवं किस-किस कोयला खदान से आता है? ताप विद्युत गृह से जहां से कोयला आता है, उनकी खदान नाम सहित दूरी भी बतावें? साथ ही कितना परिवहन चार्ज प्रति टन एवं कुल कितना परिवहन चार्ज आता है? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा पूर्व में आपत्ति ली गयी थी कि केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य से प्रदेश के ज्यादातर ताप विद्युत गृहों को कोयला दिया जाता है, समीप से नहीं दिया जाता है? क्या विभाग इस दिशा में प्रयास करेंगे कि जहां-जहां पावर हाऊस हैं, उन्हें के समीप की खदानों से कोयला प्राप्त हो सके, जिससे कि परिवहन में होने वाले अधिक व्यय से बचा जा सके? (ग) मई 2014 से प्रश्न दिनांक तक किये गये प्रयासों की जानकारी दी जावे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्तमान में म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप विद्यत गृहों को प्रदेश के बाहर के राज्यों, विशेष तौर पर छतीसगढ़ स्थित जिन कोयला खदानों से कोयले का प्रदाय किया जा रहा है उन खदानों का नाम, विद्युत गृहों से दूरी तथा उन खदानों से प्रतिटन परिवहन चार्ज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। परिवहन पर कुल खर्च किसी एक विशेष काल-अवधि में किस-किस खदान से कितना कोयला प्रदाय किया गया है उस पर निर्भर करता है। (ख) एवं (ग) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप विद्युत गृहों को प्रदेश के बाहर दूरस्थ कोयला खदानों के स्थान पर निकटस्थ खदानों से कोयला प्रदाय किये जाने का मुदृा माननीय मुख्य मंत्री महोदय सहित राज्य सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर केन्द्र सरकार के सामने उठाया जाता रहा है। उक्त प्रयासों के फलस्वरूप माननीय तत्कालीन केन्द्रीय कोयला मंत्री द्वारा जून 2010 में एक अंतर मंत्रालय टास्क फोर्स का गठन किया गया था जिसका कार्य विभिन्न बिजली उत्पादन इकाइयों को कोल इंडिया लिमिटेड की कोयला खदानों से इस प्रकार कोयले का युक्तिसंगत आवंटन निर्धारित करना था जिससे सभी उत्पादन इकाइयों को परिवहन भाड़े पर कम से कम खर्च करना पड़े। यह निर्धारण विद्युत गृहों का संचालन करने वाली कंपनियों की आपसी सहमति से होना था। टास्क फोर्स द्वारा म.प्र.पा.ज.कं.लि. के संजय गांधी एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृहों को प्रदाय किये जा रहे कोयले के युक्तिकरण हेतु कुछ सुझाव सितम्बर 2011 में दिये गये थे किन्तु दूसरे राज्यों की विद्युत कंपनियों से आपसी सहमति न बनने के कारण उक्त सुझावों पर अमल नहीं हो पाया। उक्त प्रयासों के अतिरिक्त म.प्र.पा.ज.कं.लि. एवं राज्य शासन द्वारा खंडवा में नवनिर्मित 2X600 मेगावाट की इकाइयों के युक्तिगत कोयले के आवंटन हेतु भी प्रयास किये गये हैं जिसके अंतर्गत केन्द्र सरकार के सामने यह मांग रखी गई कि इन नवनिर्मित इकाइयों हेतु कोयले का आवंटन मेसर्स एस.ई.सी.एल. की दूरस्थ कोरबा स्थित खदानों के स्थान पर मेसर्स डब्ल्यू.सी.एल. की समीपस्थ कोयला खदानों से किया जावे जिससे परिवहन भाड़े में कमी लाई जा सके। माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा माननीय केन्द्रीय कोयला एवं ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महोदय से पत्र दिनांक 2 मई 2015 से अनुरोध भी किया गया है । पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार I उक्त प्रयासों के फलस्वरूप केन्द्र सरकार द्वारा सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की नवनिर्मित 2x250 मेगावाट इकाइयों के मेसर्स डब्ल्यू.सी.एल. से दिये गये लिंकेज की खंडवा स्थित 2x600 मेगावाट इकाइयों के समतुल्य लिंकेज से अदला-बदली की गई है जो कि दिनांक 01.01.2016 से प्रभावशील हो चुकी है।
निविदा के माध्यम से बिजली खरीदी
91. ( क्र. 3292 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक प्राइवेट ट्रेडर्स से कितनी मिलियन यूनिट माहवार, वर्षवार निविदा के माध्यम से खरीदी गयी एवं कितनी बगैर निविदा के माध्यम (प्रस्ताव के माध्यम) से खरीदी गयी? फर्म का नाम, खरीदने की मात्रा, औसत दर, कुल रकम बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी मिलियन यूनिट बिजली बेची गयी, बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है।
करैरा किला को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित करना
92. ( क्र. 3379 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न संख्या 108 क्र. 1886 दिनांक 15.12.15 के उत्तर के भाग (ग) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार (स) के उत्तर में राज्य शासन एतद् द्वारा प्राचीन स्मारक (स.क्र.5) करैरा किला को प्राचीन स्मारक राज्य संरक्षित स्मारक के रूप में घोषित करता है व इस हेतु वर्क प्लान वर्ष 2014-15 के सरल क्रमांक 11 में रू. 1.75 लाख के प्राक्कलन में से 100.00 लाख की मांग प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या केन्द्र शासन द्वारा प्रथम किश्त के अतिरिक्त मांग की गई शेष राशि प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ हो सकेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत कार्य योजना वर्ष 2014-15 के स.क्र. 11 में राशि रूपये 100.00 लाख ही करैरा किले के अनुरक्षण कार्य हेतु प्रस्तावित की थी. (ख) 13वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अंतर्गत वर्ष 2014-15 की कार्ययोजना अनुसार राशि रूपये 43.75 करोड़ में से भारत शासन से राशि रूपये 26.25 करोड़ प्राप्त हुई है. शेष राशि रूपये 17.50 करोड़ की राशि प्राप्त करने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है. उक्त कार्य की डी.पी.आर. क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा तैयार की जा रही है. समय-सीमा बतलाना संभव नहीं है.
मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र में विद्युतीकरण कार्य
93. ( क्र. 3393 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत फीडर विभक्तीकरण एवं राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत ग्रामों के विद्युतीकरण के कार्यों में किन-किन ग्रामों को शामिल किया है? चयनित ग्रामों में कौन-कौन से कार्य किये जाने है? योजनाओं की विभाग द्वारा क्या कार्य योजना तैयार की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में योजनाओं के कार्यों के आदेश किन-किन ठेकेदार कंपनियों को कब-कब दिये गये? संबंधितों द्वारा कार्य कब-कब प्रारंभ किया जाना था? योजनाओं के कार्यों को कब पूर्ण किया जाना है? क्या वर्तमान में ठेकेदार कंपनियों द्वारा कार्य प्रारंभ किये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो कार्य कब प्रारंभ किये गये एवं प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ और क्या-क्या कार्य किये जा चुके है तथा क्या-क्या कार्य किया जाना शेष है? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या ठेकेदार कंपनियों द्वारा किये जा रहे कार्य गुणवत्ता पूर्ण एवं निर्धारित समयावधि में संचालित है? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में बतायें कि कार्यों में अनियमितताओं एवं निर्माण के गुणवत्ताविहीन कार्यों की प्रश्नकर्ता के द्वारा अधीक्षण यंत्री (संचा.संधा) कार्यालय में वर्ष 2014-2015 में क्या-क्या शिकायतें की गई, विभागीय निरीक्षणों में क्या जानकारी प्राप्त हुई, इन पर क्या जाँच प्रतिवेदन दिए गए क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत फीडर विभक्तिकरण हेतु दो फीडरों के कार्य सम्मिलित किये गये हैं, जिसकी कार्य विवरण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित ग्रामों की कार्य विवरण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का कार्य टर्न-की आधार पर ठेकेदार एजेंसी के माध्यम से कराया जा रहा है तथा उक्त कार्य ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध अनुसार कार्य दिनांक 15.02.2017 तक पूर्ण होना संभावित है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत सम्मिलित कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड से निविदा दस्तावेजों की स्वीकृति प्रतीक्षित है, स्वीकृति उपरांत निविदा जारी कर कार्यादेश जारी किया जा सकेगा। (ख) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र सहित कटनी जिले हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स केबकॉन इंडिया प्रा.लिमि., कोलकता को दिनांक 9.9.14 को अवार्ड जारी किया गया है। उक्त योजना का कार्य दिनांक 16.02.15 से प्रारंभ किया जा चुका है। ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य दिनांक 15.02.17 तक पूर्ण किया जाना है। कार्य प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक कार्य पूर्ण किये गये ग्रामों की कार्यवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है एवं कार्य किये जाने हेतु शेष ग्रामों की कार्य के प्रावधान सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड से निविदा दस्तावेजों की स्वीकृति प्रतीक्षित है। (ग) जी हाँ। अत: कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन कार्यों के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2014-15 में कार्यों में अनियमितता एवं गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों की माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से अधीक्षण अभियंता (संचा/संधा) कटनी एवं कार्यालय कार्यपालन अभियंता (संचा/संधा), कटनी के कार्यालय में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
नर्मदा दांयी तट नहर का निर्माण
94. ( क्र. 3394 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की बरगी व्यपवर्तन परियोजना की नर्मदा दांयी तट नहर के निर्माण की वर्तमान में क्या स्थिति है एवं कटनी जिले में आने वाले भाग का कार्य, कब तक पूर्ण होने की संभावना है? (ख) क्या बरगी व्यपवर्तन परियोजना को केन्द्रीय परियोजना में शामिल किये जाने का प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब तक प्राप्त होगी एवं दांयी तट नहर के निर्माण कार्य में क्या लाभ होगा? (ग) प्रश्नांश (ख) में केन्द्रीय जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता के नेतृत्व में दांयी तट नहर के कटनी जिले के भाग का कब निरीक्षण किया गया, जाँच दल द्वारा दिए गए प्रतिवेदन/प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा चुका है? यदि हाँ, तो स्वीकृति के क्या कार्य किये जा रहे हैं कब तक स्वीकृति प्राप्त हो सकेगी? (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा प्रश्न सं. 77 (क्र. 4163) दिनांक 22 जुलाई 2014 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर दांयी तट नहर में टनल निर्माण पूरा होने पर कटनी नदी को पानी दिया जाना संभव होगा दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या संभव है कि दांयी तट नहर को कटनी नदी से जोड़े जाने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया जाये? जिससे टनल निर्माण के साथ ही उपरोक्त कार्य भी पूर्ण हो जाये? यदि नहीं, तो क्यों? कृपया कारण बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नर्मदा घाटी विकास विभाग की बरगी व्यपवर्तन परियोजना की दांयी तट नहर की मुख्य नहर की आर.डी. कि.मी 0 से 197.44 तक नहर निर्माण कार्य लगभग 88 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष नहरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कटनी जिले के अंतर्गत दांयी तट नहर के कि.मी. 84.30 से 158.14 कि.मी. का क्षेत्र आता है इस भाग का कार्य दिसम्बर 2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। दांयी तट नहर के राष्ट्रीय परियोजना में शामिल होने से भारत सरकार से निर्माण हेतु 90 प्रतिशत अनुदान प्राप्त होगा। (ग) केन्द्रीय जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता के नेतृत्व में दांयी तट नहर के कटनी जिले के प्रश्नांश ‘’क’’ में वर्णित भाग का निरीक्षण मई 2015 में किया गया था। शेष प्रश्नांश भारत सरकार से संबंधित है। (घ) जी हाँ। इसके लिये दांयी तट मुख्य नहर की आर.डी. कि.मी. 135.35 पर हेड रेग्यूलेटर का निर्माण प्रगति पर है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
आई.ए.एस, आई.पी.एस. व आई.एफ.एस. अधिकारियों की जाँच
95. ( क्र. 3429 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कितने आई.ए.एस., आई.पी.एस. और आई.एफ.एस. के खिलाफ म.प्र. लोकायुक्त संगठन ने अभियोजन की स्वीकृति शासन से मांगी है? अभी तक स्वीकृति प्रदान क्यों नहीं की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत ऐसे अधिकारी प्रश्न दिनांक को किस पद पर किस विभाग में पदस्थ हैं? क्या कुछ अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत अभियोजन की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एक आई.ए.एस. अधिकारी तथा एक आई.एफ.एस. अधिकारी के खिलाफ लोकायुक्त संगठन द्वारा अभियोजन की स्वीकृति चाही गई है, अभियोजन प्रस्तावों पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित भाप्रसे अधिकारी सचिव, मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पद पर पदस्थ है और आई.एफ.एस. अधिकारी वर्तमान में निलंबनाधीन है। जी नहीं। (ग) अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के अभियोजन प्रकरणों के अंतिम विनिश्चय भारत सरकार द्वारा किया जाता है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
एक लाख रूपये से ज्यादा बकायादारों की जानकारी
96. ( क्र. 3430 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम के एक लाख रूपये से उपर के बड़े बकायादार कौन-कौन है? नाम, पते बकाया राशि सहित जानकारी दें? कब से बकाया है दिनांक बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) तहत बकायादारों के खिलाफ प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्रवाई की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत बकायादारों से बकाया राशि कब तक वसूल ली जायेगी? क्या उनके खिलाफ कुड़की की कार्रवाई की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) उपरोक्तानुसार संलग्न है। (ग) 173,174 की कार्यवाही करने के पश्चात् यदि भवन स्वामी द्वारा 50 प्रतिशत राशि जमा कर दी जाती है तो 175 (कुर्की) की कार्यवाही स्थगित कर दी जाती है। बकायादारों के न्यायालय की शरण में जाने से कार्यवाही स्थगित रही। न्यायालय के निर्णय अनुसार इसी वित्तीय वर्ष में वसूली की कार्यवाही कर ली जायेगी। स्कूल, कॉलेजों के संपत्तिकरण प्रकरणों में संचालकों द्वारा न्यायालय की शरण में जाने के कारण वसूली स्थगित रही, इसी वित्तीय वर्ष में निर्णय होने के कारण निर्णय अनुसार वसूली की कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
नवीन और नवकरणीय ऊर्जा
97. ( क्र. 3486 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में नवीन और नवकरणीय ऊर्जा के संदर्भ में कौन-कौन से कार्य चल रहे है? (ख) इन कार्यों से बड़नगर विधान सभा क्षेत्र के किसानों और रहवासियों को क्या सुविधा प्राप्त होगी? (ग) विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं उज्जैन जिले में कार्यरत है तथा बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के लोग किस प्रकार उन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में संचालित पवन ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पादित ऊर्जा ग्रिड में संयोजित है, जिससे प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी, जिसका लाभ बड़नगर क्षेत्र को भी प्राप्त होगा। (ग) उज्जैन जिले में कार्यरत सौर ऊर्जा परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सौर ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पादित ऊर्जा का ग्रिड में संयोजन किया जाता है, जिसका फायदा प्रदेश के ऊर्जा उत्पादन में होने से बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के लोगों को भी लाभ प्राप्त होगा।
मोगिया जाति को अ.ज.जा. वर्ग में मान्य करना
98. ( क्र. 3490 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले में मोगिया जाति को अ.ज.जा वर्ग की सूची में मान्य किया गया है? यदि हाँ, तो किस क्रमांक पर किया गया है? यदि नहीं, तो उसे किस वर्ग में माना गया है? (ख) वर्ष 2013-14, 2014-15 को प्रश्न दिनांक तक मोगिया जाति को किस जाति के जाति वर्ग के प्रमाण पत्र बनाये गये? तहसीलवार संख्या बतावें 2014-15 की स्थिति में मोगिया जाति के कितने आवेदन पत्र बड़नगर विधान सभा में लंबित है तथा लंबित होने का कारण व उनका कब तक निराकरण हो जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम के अंतर्गत जारी मध्यप्रदेश राज्य के लिये अनुसूचित जनजाति की सूची के सरल क्र. 16 पर 'गौंड' जाति के साथ 'मोगिया' जाति संपूर्ण मध्यप्रदेश के लिए अनुसूचित जनजाति के रूप में अधिसूचित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तालाबों का संरक्षण/अवैध अतिक्रमण
99. ( क्र. 3500 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला अंतर्गत कितने तालाब हैं एवं संरक्षण/संवर्धन/विकास हेतु शासन/स्थानीय प्रशासन द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई गई है? तालाबवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये तालाबों पर अपनाई गई कार्ययोजना में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं मदवार व्यय की गई? पृथक-पृथक जानकारी एजेंसीवार एवं तालाबवार देवें? (ग) इन तालाबों पर अवैध निर्माण व अतिक्रमण को रोकने/हटाने हेतु शासन ने क्या कार्यवाही की है? तालाबवार चिन्हित रकबा एवं वर्तमान में वास्तविक रकबा क्या है? (घ) केंट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत गोकलपुर/आधारताल/कंचनपुर/खंबताल तालाबों के सौन्दर्यीकरण की योजना क्या है? इन तालाबों को भू-माफियाओं द्वारा अवैध रूप से पूरने से रोकने हेतु जिला प्रशासन द्वारा क्या प्रयास किये गये एवं क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भिण्डाजी को पर्यटन स्थल घोषित करना
100. ( क्र. 3521 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा तहसील में ग्राम गोंदीधर्मसी ग्राम गोंदीशंकर स्थित तीन नदियों का संगम होकर त्रिवेणी स्थान एवं अत्यंत प्राचीन व पुरातात्विक स्थल होकर हजारों लोगों का आवागमन होता रहता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह अत्यंत प्राचीन स्थल सैकड़ों वर्षों से धार्मिक महत्व भी रखते हुए मनकामनेश्वर महादेव भिण्डाजी के नाम से सुविख्यात होकर दूरदराज तक अपनी ख्याति रखता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या क्षेत्र की जनता एवं दूरदराज के हजारों श्रद्धालुओं एवं जनप्रतिनिधियों के साथ ही प्रश्नकर्ता द्वारा भी शासन/विभाग से भी इसे पर्यटन स्थल घोषित करने की लगातार मांग की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो शासन/विभाग ने इस हेतु क्या कार्य योजना बनाई जाकर इसको संपूर्ण रूप से विकसित किये जाने हेतु अब तक क्या-क्या किया एवं साथ ही क्या-क्या किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन 33 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना
101. ( क्र. 3522 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील में विद्युत वितरण किये जाने में कठिनाईयां होकर लो वॉल्टेज बार ट्रिप होकर बिजली बंद हो जाना, तारों का टूट जाना इत्यादि प्रकार की कठिनाइयां लगातार आती रहती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन समस्याओं के निराकरण हेतु क्षेत्र की जनता, कृषकों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा भी लगातार शासन/विभाग का ध्यान आकृष्ट किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन/विभाग पिपलौदा तहसील अंतर्गत ग्राम मचून, बदायला माताजी रीघादेवड़ा एवं मामरखेड़ा के साथ ही जावरा तहसील अंतर्गत ग्राम पिपलौदी, असावती एवं बण्डवा में 5 एम.बी.ए. क्षमता के नवीन 33 के.व्ही. उपकेंद्रों की स्थापना के बारे में कार्यवाही कर रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या इसी के साथ पिपलौदा का तहसील में ग्राम धामेदी एवं पंचेवा के साथ ही जावरा तहसील के ग्राम पिपलौदी के उपकेंद्र का कार्य किस स्थिति में होकर दोनों तहसीलों के उल्लेखित उपरोक्त समस्त ग्रामों के उपकेंद्रों की मांग को कार्य योजना में कब तक सम्मिलित किया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र में जावरा एवं पिपलौदा तहसील के अन्तर्गत विशेषकर कृषि सीजन के दौरान अत्यधिक भार एक साथ प्रणाली पर आने के कारण कभी-कभी हतनारा, मचून, रिछादेवडा, धामेडी एवं पिपलौदी के कुछ क्षेत्रों में लो वोल्टेज की समस्या थी, किन्तु बार-बार बिजली बंद होने जैसी कोई समस्या नहीं थी। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 11 के.व्ही.फीडर चिकलाना, आम्बा एवं जडवासाकला के तार टूटने की शिकायत प्राप्त हुई थी। (ख) जी हाँ। (ग) पिपलौदा तहसील के ग्राम मचून एवं रिछादेवडा (रीघादेवड़ा नहीं) में 3.15 एम.व्ही.ए एवं मामटखेडा (मामरखेडा नहीं) में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के कार्य स्वीकृत कर कार्यादेश जारी कर दिये गये हैं। इन तीनों उपकेन्द्रों के लिये भूमि उपलब्ध हो गई है। मचून एवं रिछादेवडा उपकेन्द्रों का पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर कार्य कराया जाना है। मामटखेडा उपकेन्द्र के कार्य हेतु कार्यादेश ठेकेदार एजेंसी को दिया जा चुका है। वर्तमान में ग्राम बडायला माताजी (बदायला माताजी नहीं) में विद्युत उपकेन्द्र का कोई प्रस्ताव नहीं है, किन्तु मामटखेड़ा उपकेन्द्र के प्रारंभ हो जाने पर बडायला माताजी ग्राम की विद्युत समस्या का निदान हो जाएगा। जावरा तहसील के ग्राम पिपलौदी में 5 एम.व्ही.ए क्षमता के उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है तथा इसे माह फरवरी 2016 के अंत तक पूर्ण कर दिया जावेगा। जावरा तहसील के असावती में विद्युत उपकेन्द्र का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है किन्तु ग्राम पिपलौदी के 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के उपकेन्द्र के प्रारंभ हो जाने पर असावती ग्राम की विद्युत समस्या का निदान हो जाएगा। ग्राम बंडवा को वर्तमान में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र हाटपिपल्या से 11 के.व्ही. पीरइंगोरिया फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। ग्राम बंडवा की 33/11 के.व्ही.उपकेन्द्र हाटपिपल्या से दूरी मात्र लगभग 6 किलोमीटर है तथा यहाँ पर नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। (घ) जी हाँ, पिपलोदा तहसील के ग्राम धामेडी (धामेदी नहीं) में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य स्वीकृति उपरांत प्रारम्भ कर दिया गया है। ग्राम पंचेवा में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता का विद्युत उपकेन्द्र पूर्व से कार्यरत् है। इस प्रकार पिपलौदा तहसील के ग्राम मचून, रिछादेवडा एवं मामटखेडा तथा जावरा तहसील के ग्राम पिपलौदी में 33/11 के.व्ही.उपकेन्द्र स्वीकृत हैं। उत्तरांश (ग) में उल्लेखानुसार प्रश्न में उल्लेखित शेष ग्रामों में वर्तमान में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की आवश्यकता नहीं है।
खनिज से प्राप्त राजस्व
102. ( क्र. 3576 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के अंतर्गत खनिज कोयला, गौण खनिज एवं अन्य खनिज पदार्थों से प्रति वर्ष शासन को कितना राजस्व प्राप्त होता है? इन प्राप्त राशियों के लाभांश से शासन द्वारा सिंगरौली जिले के विकास के लिए क्या कोई अतिरिक्त पैकेज दिये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो किन-किन विभागों के माध्यम से किस-किस विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त धनराशि सिंगरौली जिले को दी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में आगामी बजट में क्या अतिरिक्त राशियां सिंगरौली जिले के विकास के लिए दिये जाने की शासन की कोई योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में कोयला, गौण खनिजों एवं अन्य खनिजों से वर्ष 2014-15 में कुल रूपए 1194.18 करोड़ एवं वर्ष 2015-16 में जनवरी 2016 तक कुल रूपए 946.67 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। खनिजों से कोई लाभांश प्राप्त नहीं होता है। अत: इस आधार पर पैकेज दिए जाने का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश 'क' में दिए गए उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एल.ई.डी. बल्ब उपलब्ध कराना
103. ( क्र. 3597 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग बी.पी.एल. कार्डधारियों को सस्ती दर पर एल.ई.डी. बल्ब उपलब्ध कराने जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने वॉट के तथा कितनी राशि पर? (ख) क्या इस योजना अनुसार सीहोर जिले में भी बल्ब उपलब्ध कराए गए? यदि हाँ, तो कितने व्यक्तियों को कितनी राशि पर बल्ब उपलब्ध कराएं गए?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) घरेलू ऊर्जा दक्ष लैंप योजना के अन्तर्गत प्रदेश के सभी वर्गों को सस्ती दरों पर एल.ई.डी. बल्ब उपलब्ध कराने की योजना है। इस योजना के तहत् 9 वॉट का बल्ब उपलब्ध कराया जाएगा जिसकी अनुमानित कीमत लगभग रूपये 90/- हो सकती है। (ख) अभी इस योजना के तहत् जिला सीहोर या कहीं भी बल्ब वितरण प्रारंभ नहीं हुआ है।
बागेड़ी नदी पर स्टॉप डेम एवं क्षेत्र में तालाब निर्माण
104. ( क्र. 3598 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवोदय विद्यालय बुराना बाड के भूमि पूजन कार्यक्रम दिनांक 26.04.15 में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा यह घोषणा की गई थी कि बागेड़ी नदी पर स्टाप डेम निर्माण एवं क्षेत्र में तालाब निर्माण (साध्यता रिपोर्ट) आने पर स्वीकृत किये जावेंगे? (ख) उक्त साध्यता रिपोर्ट की वर्तमान में क्या स्थिति है? डेम एवं तालाब निर्माण का कार्य कब तक प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) बागड़ी नदी पर बागेरी बैराज, श्री बच्छ बैराज एवं वाचाखेड़ी परियोजनाओं का साध्यता आदेश जारी कर सर्वेक्षण एवं अनुसंधान करने और डी.पी.आर. बनाने के आदेश क्रमंश: 16.11.2015, 07.01.2016 एवं 07.01.2016 को जारी किए गए है। परियोजना की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति तथा कार्य प्रारंभ करने की तिथि निर्धारित करना संभव नहीं है।
शिवाजी नगर तथा तुलसी नगर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना
105. ( क्र. 3618 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार ने स्मार्ट सिटी के नाम पर भोपाल के शिवाजी नगर और तुलसी नगर इलाकें को खाली कराने का फैसला कर लिया है? इन जगहों पर रहने वाले लगभग 15,000 सरकारी कर्मचारियों को सरकार कहाँ आवास आवंटित कराने जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) स्थानों पर लगभग 20,000 हरे पेड़ है? क्या इन पेड़ों को हटाने में सरकार एन.जी.टी. से परमिशन ली है? यदि नहीं, तो क्या सरकार भी नियमों का उल्लंघन कर रही है? (ग) स्मार्ट सिटी के नाम पर सरकार किन-किन मल्टीनेशनल कम्पनियों को इन स्थानों पर लाने की तैयारी कर रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भारत सरकार, शहरी विकास मंत्रालय के द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार शिवाजी नगर का प्रस्ताव प्रेषित किया गया था तथा भारत सरकार द्वारा निर्धारित कॉम्पटीशन के आधार पर प्रस्ताव का चयन किया गया। स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में शासकीय कर्मचारियों के आवास निर्माण हेतु पर्याप्त राशि का प्रावधान किया गया है एवं सभी निवासरत कर्मचारियों को प्रस्तावित क्षेत्र में ही सर्वसुविधायुक्त नवीन आवास उपलब्ध कराये जायेंगे। (ख) स्मार्ट सिटी योजना के क्रियान्वयन के पूर्व शासन द्वारा निर्धारित सभी नियमों का पालन किया जावेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्मार्ट सिटी की विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाना है। कार्ययोजना बनाये जाने के पश्चात् नियम अनुरूप पारदर्शी पद्धति से कम्पनियों का चयन किया जायेगा।
सिंचाई परियोजनाएँ
106. ( क्र. 3637 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र कुरवई (अ.जा.) में कितनी सिंचाई परियोजनायें स्वीकृत की गई है? (ख) ग्राम कांकर में बन्डई नदी पर, बजीरावार में नरेन नदी पर सिरोंज के पास नरेन नदी पर, ग्राम बिसराह के पास बीना नदी पर सिंचाई परियोजनाओं की क्या स्थिति है? (ग) इन स्वीकृत योजनाओं से कितनी जमीन और कृषक लाभान्वित हो सकेंगे? (घ) अस्वीकृत योजनाओं का कारण क्या रहा तथा लम्बित योजनाओं को कब तक स्वीकृति की आशा है तथा योजनाओं पर कार्य कब तक आरम्भ होने की आशा है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) विधान सभा क्षेत्र कुरवई में रेहटी मध्यम परियोजना एवं नरेन मध्यम परियोजनाएं निर्मित है। इनसे लाभांवित कृषक क्रमश: 949 एवं 1797 होकर सैच्य क्षेत्र क्रमंश: 2194 एवं 2834 हेक्टर है। मिथौली बैराज परियोजना की साध्यता का आदेश दिनांक 07.01.2016 को जारी किया गया है। शेष कोई परियोजना स्वीकृत अथवा विचाराधीन नहीं है। सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्डों पर साध्य पाए जाने तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होती है। वर्तमान में उपलब्ध वित्तीय संसाधन स्वीकृत एवं निर्माणाधीन परियोजना के लिए आबद्ध होने से प्रश्नाधीन नदियों पर नई सिंचाई परियोजनाओं के स्वीकृति तथा निर्माण के संबंध में तिथि निर्धारित करना संभव नहीं है।
बिजली उपभोक्ताओं की सुरक्षा निधि
107. ( क्र. 3679 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में एस्सेल विद्युत वितरण कम्पनी से अनुबंध के समय कितने उपभोक्ताओं को एस्सेल वितरण कम्पनी के दायरे में लाया गया और उस समय समस्त बिजली उपभोक्ताओं की कितनी सुरक्षा निधि एम.पी.ई.बी. सागर के पास जमा थी? जो एस्सेल विद्युत वितरण कम्पनी को हस्तांतरित हुई? (ख) प्रश्न दिनांक तक सागर जिले के कितने बिजली उपभोक्ताओं की कितनी सुरक्षा निधि एस्सेल विद्युत कम्पनी के पास जमा है? घरेलू, व्यवसायिक, कृषि एवं अन्य सभी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं की राशि की जानकारी अलग-अलग दी जावे? (ग) अनुबंध दिनांक को एस्सेल कम्पनी को कुल कितनी राशि सुरक्षा निधि एवं गारंटी के रूप में एम.पी.ई.बी./शासन के पक्ष में जमा करना था? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक अनुबंध अनुसार शासन के पास एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी की कुल कितनी राशि सुरक्षा निधि और गारंटी जमा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सागर जिले में एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी से किये गये अनुबंध के समय सागर नगर संभाग के अंतर्गत कुल 57829 उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय सेवा से संबंधित समस्त कार्यों हेतु एस्सेल विद्युत वितरण कम्पनी से संबद्ध किया गया था। उस समय, उक्त उपभोक्ताओं की सुरक्षा निधि राशि रूपये 81551391/- म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के पास जमा थी। उपभोक्ताओं की जमा सुरक्षा निधि एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी को हस्तांतरित नहीं की गई है। (ख) प्रश्न दिनांक तक एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी के पास सागर नगर संभाग के क्षेत्राधिकार में आने वाले किसी भी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं की कोई भी सुरक्षा निधि की राशि एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी के पास जमा नहीं है। (ग) अनुबंध दिनांक को एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी को राशि रूपये 11 करोड़ (रू. ग्यारह करोड़) पेमेंट सिक्योरिटी एवं राशि रूपये 7 करोड़ (रू. सात करोड़) परफॉरमेंस गारंटी के रूप में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के पक्ष में जमा करना था। यह राशि एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जमा की गई थी। पेमेंट सिक्यूरिटी की राशि प्रति वर्ष नवीनीकृत होनी थी। (घ) एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी द्वारा म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को देय राशि का भुगतान नहीं करके अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किये जाने के कारण अनुबंध की शर्तों के तहत् दिनांक 20.03.2015 को पेमेंट सिक्योरिटी की राशि रू. 14.70 करोड़ (रू. चौदह करोड़ सत्तर लाख) में से पूर्ण राशि का समायोजन कर लिया गया है। वर्तमान में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के पास पेमेंट सिक्योरिटी की राशि उपलब्ध नहीं है। एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी के विरूद्ध अनुबंध की शर्तों के तहत् कार्यवाही जारी है। परफॉरमेंस गांरटी के रूप में राशि रू. 7.00 करोड़ (रू. सात करोड़) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के पास उपलब्ध है।
विद्युतविहीन ग्राम मजरा टोलों में विद्यूत आपूर्ति
108. ( क्र. 3712 ) श्री लखन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पथरिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कई ग्रामों में विद्युत सुविधा है या नहीं? नहीं तो क्यों नहीं? (ख) पथरिया विधान सभा क्षेत्र के सभी ग्रामों में विद्युत सुविधा प्राप्त हो सकेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) विधान सभा क्षेत्र में कितने गांव व कितने गांव में विद्युत सुविधा नहीं है नाम सहित जानकारी देवें? (घ) विधान सभा क्षेत्र में कितने ट्रासफार्मर बंद पड़े हैं? नाम, सहित जानकारी देवें? साथ ही कब तक ट्रांसफार्मर चालू हो जावेंगे, बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पथरिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 280 ग्राम विद्युतीकृत हैं तथा 2 ग्रामों में वनबाधित होने के कारण विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। (ग) पथरिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में 2 ग्रामों यथा- सेमर कछार तथा चूना सगोनी में विद्युत सुविधा नहीं है। उक्त दोनों ग्राम दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में शामिल हैं। ग्राम सेमर कछार वन बाधित अविद्युतीकृत ग्राम है जिसके विद्युतीकरण हेतु वन विभाग से अनुमति प्राप्त हो चुकी है तथा वर्तमान में विद्युतीकरण का कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर करवाया जा रहा है, जो वर्तमान में प्रगति पर है। ग्राम चूना सगोनी वन बाधित डी-इलेक्ट्रिफाइड ग्राम है जो दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सघन विद्युतीकरण हेतु प्रस्तावित है। वन विभाग से अनुमति प्राप्त किये जाने हेतु प्रस्ताव, योजना के अंतर्गत दिये गये प्रावधानों के अनुसार तैयार किया जा रहा है। उक्त योजनान्तर्गत विद्युतीकरण का कार्य टर्न-की आधार पर ठेके से कराये जाने हेतु निविदा दस्तावेजों की स्वीकृति ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से प्रतीक्षित है। अत: वर्तमान में उक्त दोनों ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। (घ) पथरिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 29 फेल ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इनमें से 15 ट्रांसफारमर नियमानुसार बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा नहीं करने के कारण बदले नहीं गए हैं अत: इनकी समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष ट्रांसफार्मरों से प्रभावित क्षेत्रों को अन्य वितरण ट्रांसफार्मर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा इनको शीघ्र बदलने की कार्यवाही की जा रही है।
विभागीय कार्यों की जानकारी
109. ( क्र. 3780 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में जल संसाधन विभाग को परियोजना मद 275 (1) कलेक्टर सेक्टर, राज्य शासन से वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ मदवार, वर्षवार बतायें? (ख) प्राप्त आवंटन से कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि से कराये गये? (ग) उक्त कार्यों का मापन मूल्याकंन एवं सत्यापन किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा किया गया नाम पदनाम सहित बतायें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) मद 275 (1) के तहत कोई आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
थॉवर बाँध की जल भराव क्षमता
110. ( क्र. 3781 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के नैनपुर में स्थित थॉवर बाँध की रूपांकित जल भराव क्षमता कितनी है? वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जल भराव कितना हुआ पृथक-पृथक बतायें? (ख) क्या पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जल भराव कम हुआ तो क्या कारण है? क्या अन्य वर्षों की भांति इस वर्ष भी दूसरे जिले को पानी दिया गया? (ग) क्या किसानों को खरीब की फसल में पर्याप्त पानी सिंचाई हेतु प्रदाय किया गया तथा रबी की सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी है? यदि नहीं, तो कम पानी होने का कारण बतायें तथा किसानों को सिंचाई हेतु पानी देने की क्या कार्य योजना बनाई गयी है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) थांवर बांध की जीवित जल भराव क्षमता 123.53 मि.घ.मी. है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जल भराव क्रमंश: 122.72 मि.घ.मी. एवं 82.12 मि.घ.मी. हुआ था। (ख) अल्प वर्षा। जी नहीं। (ग) खरीफ फसल के लिए पर्याप्त पानी और उपलब्ध जल की मात्रा के अनुरूप रबी सिंचाई के लिए पलेवा एवं एक पानी दिया जाना प्रतिवेदित है। अल्प वर्षा। जी हाँ, उपलब्ध जल से अधिकाधिक सिंचाई की गई।
संविदा पर कराये जा रहे कार्य
111. ( क्र. 3802 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के जल संसाधन विभाग के कार्यालयों में वर्ष 2013-14-15 व प्रश्न दिनांक तक कार्यालयीन कार्य हेतु फोटोकापी, कम्प्यूटर कार्य संविदा ठेके पर कराये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो किस-किस कार्यालय में किन-किन व्यक्तियों से कब से किस दर पर कार्य कराया जा रहा है और उन्हें किस मद से कितना भुगतान किया गया? (ख) क्या उक्त कार्य कार्यालय के ही कुछ कर्मचारी कार्यालय प्रमुख के साथ साठगांठ कर सम्पादित कर रहे हैं और कम्प्यूटर आपरेटर एवं फाटो कापी कार्य के नाम से मोटी राशि का गबन कर रहे है? क्या विभाग इस संबंध में जाँच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं, संविदा नियुक्ति नहीं की गई है। कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित किराए पर लिए गए है। किराया भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
रिक्त पदों की पूर्ति
112. ( क्र. 3812 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कुल कितने अतिरिक्त कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर के पद सृजित है? स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने भरे हुए है? (ख) क्या शासन रिक्त पदों की पूर्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जिले में एक-एक अधिकारी को किस-किस विभाग का नोडल अधिकारी बनाया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनूपपुर जिले में अपर कलेक्टर का 01 एवं संयुक्त/डिप्टी कलेक्टर के 05 पद स्वीकृत है। उक्त स्वीकृत पदों के विरूद्ध कुल 04 पद भरे है। (ख) राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों की आवश्यकता एवं उपलब्धता के अनुरूप रिक्त पदों की पूर्ति की जाती है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) अनूपपुर जिले के अन्तर्गत पंचायतवार एक-एक अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्य
113. ( क्र. 3840 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में स्थित मेसर्स मेंगनीज और इंडिया लिमिटेड भरवेली तथा मुख्यालय नागपुर (महाराष्ट्र) से कंपनी द्वारा लाभांश की राशि में से कुछ राशि से बालाघाट जिले में निर्माण कार्य/विकास कार्य, सामग्री वितरण, वाहन/एंबुलेंस दान में देने संबंधी प्रस्ताव जिला प्रशासन या उनके अधीनस्थ पदाधिकारियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदाय किये जाने हेतु प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो 01.01.2012 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से और किस-किस मामले में अनुमति/अनापत्ति दी गई? किस मामले में नहीं कारण सहित तिथि, राशि, कार्य का नाम सहित बतायें? (ख) क्या बैहर हेतु एंबुलेंस देने का प्रस्ताव कंपनी ने भेजा था, परंतु प्रशासन ने अनुमति नहीं दी? यदि हाँ, तो क्या कारण है? कौन जिम्मेदार है? (ग) कंपनी के प्रस्तावों में कौन-कौन से कार्य परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत है, उनकी राशि, स्थान तथा वर्तमान स्थिति क्या है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिले में मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड भरवेली तथा मुख्यालय नागपुर के द्वारा अवधि 01.01.12 से 31.03.15 की अवधि में प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए थे। अवधि दिनांक 01.04.15 से प्रश्नांश दिनांक तक 06 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। उक्त प्रस्तावों पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बालाघाट के पत्र क्रमांक 4087/जि.पं./पंचा.प्रको./2015 बालाघाट दिनांक 22.08.2015 के अनुसार निर्माण कार्य हेतु सरल क्रमांक 01 से 05 एवं पत्र क्रमांक 6979/जि.पं./पंचा.प्रको./2015 बालाघाट 29.12.2015 के द्वारा सरल क्रमांक 06 के निर्माण कार्यों के प्रस्तावों पर अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है जो निम्नानुसार हैं :-
उक्त निर्माण कार्य वर्तमान में प्रारंभ हैं। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश 'क' में दिये गये उत्तर के सरल क्रमांक 4 एवं सरल क्रमांक 5 पर उल्लेाखित कार्य प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आते है। उक्त निर्माण कार्य की राशि क्रमश: रूपये 1757058/- एवं 2818737/- है। वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगति पर है।
पत्रकारों के कल्याण हेतु संचालित योजनाएं
114. ( क्र. 3867 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रदेश के पत्रकारों के कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित की जा रही है? समस्त योजनाओं की विस्तृत जानकारी नियम एवं शर्तों सहित उपलब्ध करावें? क्या तहसील व जिला स्तर के पत्रकारों के कल्याण हेतु कोई नवीन योजना प्रस्तावित है यदि हाँ, तो विवरण दें? (ख) क्या प्रदेश के तहसील एवं जिला स्तर के पत्रकारों को राज्य सरकार द्वारा पेंशन प्रदाय किये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो उक्त पेंशन की पात्रता आयु सीमा क्या निर्धारित की गयी है? क्या उक्त आयु सीमा को घटाये जाने का प्रस्ताव या मांग राज्य सरकार के पास लंबित है? (ग) प्रदेश के किन-किन जिलों में वर्तमान में पत्रकार भवन स्थापित हैं? जिन जिलों में पत्रकार भवन नहीं हैं उन जिलों में पत्रकार भवन बनाये जाने की राज्य सरकार की क्या कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो शेष जिलों में कब तक पत्रकार भवन स्थापित कर दिये जावेंगे? (घ) प्रदेश के पत्रकारों को रियायती दरों पर भू-खण्ड/आवास प्रदाय किये जाने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में पत्रकारों को भू-खण्ड/आवास प्रदाय किये गये है? जिन जिलों में उक्त योजनान्तर्गत भू-खण्ड/आवास उपलब्ध नहीं कराये गये हैं उन जिलों में इस योजना का क्रियान्वयन कब तक कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जनसम्पर्क विभाग द्वारा पत्रकारों के कल्याण हेतु दुर्घटना एवं समूह बीमा योजना, वरिष्ठ पत्रकारों को श्रद्धानिधि पत्रकारों को स्वयं एवं परिजनों के उपचार हेतु आर्थिक सहायता एवं राज्यस्तरीय अधिमान्य पत्रकारों को लैपटाप प्रदाय योजना संचालित की जा रही है, समस्त योजनाओं के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नहीं। (ख) जी नहीं, श्रद्धानिधि योजना नियमों के पात्रतानुसार। (ग) भोपाल। जी नहीं। (घ) जनसम्पर्क विभाग मे ऐसी कोई योजना नहीं है।
ब्यावरा नगर में ऑडीटोरियम हॉल निर्माण की स्वीकृति
115. ( क्र. 3886 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर ब्यावरा, राजगढ़ जिले का सबसे बड़ा नगर होकर यहां कोई भी बड़ा धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम करने हेतु उपर्युक्त स्थान अथवा भवन नहीं है, जिससे आम नागरिकों को काफी परेशानियां होती है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ब्यावरा नगर में सर्वसुविधा युक्त ऑडीटोरियम हॉल निर्माण की स्वीकृति हेतु दिनांक 9 जनवरी, 2016 को मांग पत्र सौंपा गया था? (ख) क्या नगर ब्यावरा में सर्वसुविधा युक्त ऑडीटोरियम हॉल निर्माण कार्य हेतु नगर पालिका परिषद द्वारा डी.पी.आर. तैयार कर शासन को प्रेषित की जा चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) वर्णित मांग पत्र एवं प्रश्नांश (ख) वर्णित डी.पी.आर. की स्वीकृति के संबंध में प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) शासन कब तक ब्यावरा नगर में सर्वसुविधा युक्त ऑडीटोरियम हॉल निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजनांतर्गत प्रस्तावों की स्वीकृति
116. ( क्र. 3889 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा अता. प्रश्न संख्या 11 (क्रमांक 119) दिनांक 8 दिसम्बर 2015 के उत्तर की कंडिका (क) में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा बताया गया था कि मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण के स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, नगर परिषद ब्यावरा द्वारा प्रस्तुत डी.पी.आर. को मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के द्वितीय चरण में सम्मिलित किया गया है, तो क्या शासन द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो नगर परिषद ब्यावरा द्वारा प्रस्तुत डी.पी.आर. जो कि उक्त योजना के द्वितीय चरण में सम्मिलित है, को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो योजना की स्वीकृति के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत विहीन ग्रामों का विद्युतीकरण
117. ( क्र. 3901 ) श्री दिनेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के ऐसे कितने गांव हैं जिनमें विद्युत विभाग द्वारा अभी तक विद्युतीकरण का लाभ नहीं दिया गया? (ख) सिवनी जिले के क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में क्या योजना है? योजनांतर्गत बी.पी.एल. कनेक्शन दिया जाता है तो विधान सभा क्षेत्र सिवनी के ऐसे कितने गांव हैं जहाँ पर बी.पी.एल. कनेक्शन दिये गये हैं? ग्रामवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ट्रांसफार्मर किस दक्षता के स्थापित किये गये हैं उनमें से कितने खराब हो चुके हैं, कितने बदले गये हैं और कितने बदले जाने योग्य हैं? बदले जाने का समय-सीमा निर्धारित की जाये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सिवनी जिले में कुल 10 ग्राम अविद्युतीकृत हैं। (ख) सिवनी जिले के क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण विद्युतीकरण के कार्य हेतु वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना स्वीकृत है। योजनान्तर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण तथा विद्युतीकृत ग्रामों का सघन विद्युतीकरण करते हुए इस प्रकार विद्युतीकृत क्षेत्र में बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन देने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त उक्त योजना में प्रणाली सुदृढी़करण के कार्य यथा-नये उपकेन्द्र स्थापित करना, स्थापित ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि करना आदि एवं फीडर विभक्तिकरण का कार्य सम्मिलित है। उक्त योजना के कार्य को टर्न-की कान्ट्रेक्ट के आधार पर करने हेतु निविदा दस्तावेजों की स्वीकृति ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से प्रतीक्षित है। अत: वर्तमान में उक्त योजनान्तर्गत बी.पी.एल. कनेक्शन दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन योजना का कार्य अभी आरंभ नहीं हुआ है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
जल संसाधन विभाग के अमले की जानकारी
118. ( क्र. 3914 ) श्री संजय पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में जल संसाधन विभाग कटनी के कार्यालयों में स्वीकृत पद के विरूद्ध पदस्थ कर्मचारियों के वर्गवार, कार्यालयवार स्थापनावार, पदस्थ तथा रिक्त पद की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन स्थानों पर किस वर्ग के कर्मचारियों की पद के विरूद्ध पदस्थापना की गई तथा ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनकी पद स्वीकृत न होने के बाद भी उन्हें पदस्थ किया गया है? ऐसे कर्मचारियों के नाम तथा पदस्थापना स्थान सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने कर्मचारी हैं जो मुख्यालय के बाहर निवास करते हैं किन्तु उन्हें मकान भाड़ा नियमित वेतन के साथ दिया जा रहा है? उनके नाम, पद सहित तथा मुख्यालय सहित दें एवं कब से दिया जा रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी कर्मचारी रिक्त स्थान के विरूद्ध पदस्थ है। बिना स्वीकृत पद के कोई भी कर्मचारी पदस्थ नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) सभी कर्मचारियों का मुख्यालय के भीतर निवास करना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
सौर ऊर्जा से संचालित व्यवस्था
119. ( क्र. 3915 ) श्री संजय पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा के प्रचार प्रसार एवं उनके उपकरणों की खरीद फरोख्त में कितना बजट वित्तीय वर्ष 2015-16 में रखा गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले हेतु बजट में कितना प्रावधान रखा गया है? बजट के अनुरूप जिले में सौर ऊर्जा के कितने उपकरण किस-किस जनपद पंचायत क्षेत्र में स्थापित किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में बजट का कितने प्रतिशत उपयोग हुआ? सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विस्तार करने हेतु शासन की क्या योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 में म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. हेतु अपरम्परागत ऊर्जा स्त्रोत कार्यक्रम की परियोजनाओं के प्रचार-प्रसार इत्यादि हेतु रूपये 2754.00 लाख का बजट प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में सौर फोटोवोल्टेईक पॉवर प्लांट के राज्य अनुदान हेतु रूपये 1500.00 लाख का प्रावधान किया गया है। (ख) निगम को स्वीकृत बजट का प्रावधान जिला स्तर पर नहीं, अपितु राज्य स्तर पर किया जाता है, जिससे पूरे प्रदेश में परियोजनायें/कार्यक्रम इत्यादि क्रियान्वित किए जाते हैं। वर्ष 2015-16 में कटनी जिले के विजयराघौगढ़, बड़वारा, बहोरीबंद, ढीमरखेड़ा, कटनी एवं रीठी जनपद पंचायतों के 11 पुलिस थानों में 02-02 कि.वा. क्षमता के सौर फोटोवोल्टेईक पॉवर प्लांट की स्थापना की गई है। इसके अतिरिक्त, कुल 9 सोलर पम्प ( 3 जनपद पंचायत बड़वारा में और 6 जनपद पंचायत विजयराघौगढ़ में) स्थापित किए गये हैं। (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 में अभी तक राशि रूपये 1488.09 लाख का व्यय हुआ है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विस्तार हेतु योजनाओं का विवरण निम्नानुसार है :- 1. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के डीसेन्ट्रलाइज्ड डिस्ट्रीब्युटेड जनरेशन (डी.डी.जी.) कार्यक्रम से, प्रदेश के अविद्युतीकृत/आंशिक विद्युतीकृत ग्रामों/मजरे/टोलो को अपारम्परिक ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युतीकृत किये जाने की योजना है। 2. सोलर पम्प स्थापना की योजना है। 3. रूफटॉप एवं परिसरों में सौर फोटोवोल्टाईक पावर प्लांट स्थापित किये जाने की योजना है।
जले हुए ट्रांसफार्मरों को बदला जाना
120. ( क्र. 3942 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र पेटलावद के किन-किन गांवों में वर्ष 2015-16 (जनवरी-2016 तक) में कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर खराब अथवा जले है? खराब होने की दिनांक एवं खराब ट्रांसफार्मर को बदलने की दिनांक सहित सूची देवें? (ख) क्या अधिकांश जले हुए एवं खराब ट्रांसफार्मर विभाग द्वारा अत्यधिक विलम्ब के बाद लगाये जाते है? इसका क्या कारण है तथा विलम्ब के लिये कौन अधिकारी/ कर्मचारी जिम्मेदार है? (ग) क्या अधीक्षण यंत्री/कार्यपालन यंत्री म.प्र. विद्युत मंडल झाबुआ को लिखित एवं मौखिक सूचना देने के बावजूद भी ट्रांसफार्मर नहीं बदले गये, क्यों कारण सहित बताएं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) झाबुआ जिले के अन्तर्गत पेटलावद विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.04.2015 से 31.01.2016 तक कुल 348 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए जिनमें से 346 ट्रांसफार्मरों को नियमानुसार विद्युत बिल की राशि जमा होने पर निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया गया है तथा शेष 2 ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत की बकाया राशि में से निर्धारित 10 प्रतिशत राशि जमा नहीं किये जाने के कारण नहीं बदले जा सके हैं। ट्रांसफार्मर खराब होने की दिनांक एवं बदलने की दिनांक सहित ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में बदल दिये जाते हैं, किन्तु फेल ट्रांसफार्मर से संबद्ध विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार कुल विद्युत बिल की बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा नहीं करने पर खराब ट्रांसफार्मर बदला जाना संभव नहीं होता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 348 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से 346 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं। शेष 2 ट्रांसफार्मरों को विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं होने के कारण नहीं बदला जा सका है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना के कार्य
121. ( क्र. 3943 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत विगत 3 वर्ष में झाबुआ जिले में विद्युतीकरण के कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ करवाये जा रहे है? विकासखण्डवार अवगत करावें? (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कौन-कौन से प्रस्ताव प्राप्त हुए है? प्राप्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा प्राप्त प्रस्तावों पर स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी तथा कब तक कार्य पूर्ण किया जावेगा? (घ) जिले में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कहाँ-कहाँ नवीन डी.पी. लगाए जाने के प्रस्ताव प्राप्त हुए है? प्राप्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? नवीन डी.पी. कब तक लगा दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) झाबुआ जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत विगत् तीन वर्षों में 11 के.व्ही. लाईन निर्माण, विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने, निम्नदाब लाईन निर्माण एवं बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करवाने के कार्य किये गये है। उक्त कार्य जिन ग्रामों में किये गये हैं, उनकी ग्रामवार एवं विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत प्रस्ताव प्राप्त कर कार्यवाही किये जाने की प्रक्रिया निर्धारित नहीं है। तथापि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार तैयार किये गये झाबुआ जिले के परियोजना प्रतिवेदन की स्वीकृति 12वीं पंचवर्षीय योजना में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से प्राप्त हुई है, जिसमें 339 ग्रामों के 831 मजरों/टोलों/फलियों के विद्युतीकरण के कार्य सम्मिलित है। उपरोक्त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स नीलशिखा इन्फ्रा. इन्दौर को दिनांक 22.11.2014 को कार्यादेश जारी किया गया है। (ग) 12वीं पंचवर्षीय योजना में झाबुआ जिले हेतु राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की स्वीकृति माह नवम्बर-2014 में प्राप्त हो चुकी है। इस योजना के अन्तर्गत टर्न-की ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण करने की अवधि माह नवम्बर-2016 निर्धारित है। (घ) झाबुआ जिले के अन्तर्गत 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में कुल 339 ग्रामों के मजरों/टोलों/फलियों में 732 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाया जाना प्रस्तावित है। कुल 732 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। वर्तमान में उक्त से 79 वितरण ट्रांसफार्मरों का कार्यपूर्ण हो गया है। उक्त शेष कार्य माह मार्च-2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
परियोजना का क्रियान्वयन
122. ( क्र. 3970 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 15.12.2015 में मुद्रित अतारांकित प्रश्न संख्या 99 (क्रमांक 1798) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त परियोजना की कार्ययोजना हेतु कब किस सरकार द्वारा मसौदा (कार्ययोजना) तैयार किया गया था? (ख) प्रश्नांश (ख) के कार्ययोजना म.प्र. में किन-किन जिलों एवं शहरों हेतु स्वीकृति की गई तथा उन परियोजनाओं के निर्माण की वर्तमान में क्या स्थिति है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उपरोक्त परियोजना की कार्ययोजना म.प्र. सरकार द्वारा दिनांक 05.02.2014 को तैयार की गई। (ख) प्रश्नांश (ख) की कार्ययोजना में सौर पार्क परियोजना हेतु स्वीकृत जिलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नीमच-आगर पार्क हेतु जिला-मंदसौर में भूमि आवंटित हो चुकी है।
बैतूल जिले में वर्धा नदी के पानी का उपयोग
123. ( क्र. 3990 ) श्री
चन्द्रशेखर
देशमुख :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बैतूल
जिले में
वर्धा नदी का
प्रभातपट्टन
के पास जल
ग्रहण
क्षेत्र
कितने कि.मी. है
और उक्त स्थल
पर जल ग्रहण
क्षेत्र से
नदी की जीवित
जल क्षमता
कितने घन मीटर
है? (ख) इस
नदी से वर्षा
काल में कितने
घन मीटर पानी
महाराष्ट्र
प्रदेश में बह
कर जाता है और
विभाग द्वारा
नदी पर कितनी
सिंचाई
परियोजनायें
निर्मित की
गयी है? (ग) उपरोक्त
में नदी पर
निर्मित
सिंचाई
परियोजनाओं
में कितने
पानी का उपयोग
किया जा रहा
है एवं
कितना पानी
शेष बचता है? (घ) क्या
विभाग की इस नदी
पर कोई
परियोजनायें
प्रस्तावित
है? यदि
नहीं, तो
कब तक योजना
प्रस्तावित
अथवा निर्मित
की जायेगी और
इस पानी का
उपयोग
क्षेत्र में
पेयजल हेतु भी
किया जा सकेगा?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) बैतूल
जिले में
वर्धा नदी का
प्रभातपट्टन
के पास जल ग्रहण
क्षेत्र 230.937 वर्ग
कि.मी. है। नदी
में जल की आवक
एवं जल प्रवाह
की मात्रा पर निर्भर
होने से
जानकारी दी
जाना संभव
नहीं है। (ख) एवं
(ग) वर्धा नदी
से वर्षाकाल
में महाराष्ट्र
प्रदेश में बह
कर जाने वाले
जल का माप करने
की व्यवस्था
नहीं है।
विभाग द्वारा
नदी के जल
ग्रहण
क्षेत्र में
ग्यारह
सिंचाई
परियोजनाएं
निर्मित की गई
हैं जिनकी
जीवित जल
संग्रहण
क्षमता 12.34
मि.घ.मी. है। (घ)
घाटबिरोली
लघु सिंचाई
परियोजना
प्रथम दृष्टया
साध्य
प्रतीत होने
से सर्वेक्षण
अनुसंधान कर
डी.पी.आर.
बनाने के आदेश
जारी किए गए
है। परियोजना
से पेयजल हेतु
मांग आने की
दशा में जल
आवंटन करना
संभव है।
पवन ऊर्जा संयंत्र लगाना
124. ( क्र. 3991 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित के लिये कौन-कौन से मापदण्ड स्थापित किये गये है? मापदण्ड के अनुसार किस-किस तहसील में किन-किन स्थानों पर संयंत्र स्थापित किये जाने के सर्वे किये जायेंगे या किये गये है? वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 सूची दें? (ख) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में अपार पवन ऊर्जा की संभावनायें होने के बाद, क्या आज दिनांक तक नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा मुलताई विधान सभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये क्या-क्या कार्य/प्रयास किये गये? (ग) मुलताई विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर कब-कब आज दिनांक तक सर्वे किये गये? स्थान का नाम, सर्वे दिनांक, रिपोर्ट पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जा सकते या/नहीं, स्थान पर पवन ऊर्जा संयंत्र की केपेसिटी इस फार्मेट में सूची उपलब्ध कराये? यदि सर्वे नहीं किये गये, तो कब तक कर लिये जायेंगे? (घ) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा संयंत्र कब तक स्थापित कर दिये जायेंगे तथा इसके लिये कब तक बजट निर्धारित करने की अनुशंसा विभाग द्वारा की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भैसदेही तहसील के ग्राम कुकरू में एवं मुलताई तहसील के ग्राम उमरिया एवं घाट पिपलिया में पवन ऊर्जा साध्यता का सर्वे कार्य किया गया है। (ख) मुलताई तहसील के ग्राम उमरिया एवं घाट पिपलिया में पवन ऊर्जा के विण्ड मास्ट स्थापित किये गये हैं। (ग) मुलताई तहसील के ग्राम उमरिया एवं घाट पिपलिया में पवन ऊर्जा के लिए विण्ड मास्ट स्थापित किये गये। ग्राम उमरिया एवं घाट पिपलिया में पवन ऊर्जा साध्यता अध्ययन मार्च-2010 से जुलाई-2012 के मध्य किया गया, तत्कालीन रिपोर्ट के अनुसार पवन ऊर्जा सघनता कम पाये जाने के कारण पवन ऊर्जा स्थापना हेतु अनुकूलता नहीं पाई गयी। (घ) निजी विकासों के द्वारा वित्तीय उपलब्धता एवं तकनीकी साध्यता के दृष्टिगत पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जाते हैं। विभाग द्वारा इस हेतु बजट निर्धारित नहीं किया जाता है।
शासन के निर्देशों की अवहेलना
125. ( क्र. 4020 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की नीति-निर्देशों के विरूद्ध व भ्रष्टाचार जैसे गम्भीर मामलों में लिप्त होने व अनैतिक कार्य करने के कारण शासकीय सेवकों को सेवा से निलम्बित/ पृथक किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो क्या भोपाल नगर निगम में अपर आयुक्त के पद पर पदस्थ श्री जी. पी. माली की अध्यक्षता में गठित प्रशासनिक अधिकारियों के संघ द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि किसी प्रशासनिक अधिकारी को निलम्बित या सेवा से पृथक किया जाता है तो उसका निलम्बन अवधि का आधा वेतन एवं सेवा से पृथक किया जाता है तो शेष बची सेवा का पूर्ण वेतन दिया जावेगा और यदि सेवा में वापिस लिया जाता है तो संघ द्वारा दिया गया वेतन भी अधिकारी को वापिस नहीं करना है? (ग) यदि हाँ, तो इस प्रकार की शासन के निर्देशों की अवहेलना एवं मनमानी करने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रशासनिक अधिकारी श्री जी.पी. माली के विरूद्ध कौन-कौन सी जांचे विभागीय स्तर पर कब-कब संस्थित की गई अद्यतन स्थित से अवगत करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शासकीय सेवकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 में प्रावधान किए गए हैं। (ख) मध्यप्रदेश प्रशासनिक सेवा संघ द्वारा पत्र क्रमांक 237/2015, दिनांक 24/12/2015 से अवगत कराया गया है कि संघ द्वारा आजीवन सदस्यों के परिवार को आपदा की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से दिनांक 01/08/2015 से परिवार सुरक्षा योजना प्रारंभ की गई थी किंतु उक्त योजना दिनांक 22/12/2015 से समाप्त/बंद की जा चुकी है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रशासनिक अधिकारी श्री जी.पी. माली के विरूद्ध वर्तमान में कोई विभागीय जांच संस्थित नहीं है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामग्री के लिये ब्याज में छूट प्रदान करना
126. ( क्र. 4023 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग के आदेश क्रमांक/एफ-11-19/ 2004/नियम/चार, भोपाल दिनांक 12 अप्रैल, 2005 के तहत शासकीय सेवकों को भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से गृह निर्माण/क्रय, वाहन तथा उपभोक्ता सामग्री के लिये ऋण उपलब्ध कराने की योजना लागू की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त योजना वर्तमान में प्रभावशील है अथवा इसमें कोई परिवर्तन किया गया है? यदि परिवर्तन किये गये हैं तो वर्तमान में प्रभावशील योजना का प्रारूप दें तथा परिवर्तन किस आदेश से किये गये हैं? (ग) प्रश्नांकित योजना में शासकीय कर्मचारियों को विषयांकित कार्यों के लिये ब्याज पर कितने प्रतिशत तक छूट प्रदान की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) योजना यदि वर्तमान में लागू नहीं है तो क्या शासन कर्मचारियों के हित में पुन: ब्याज में छूट हेतु योजना लागू करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। योजना में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एक बत्ती कनेक्शन की जानकारी
127. ( क्र. 4030 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने उपभोक्ता है जो एक बत्ती कनेक्शनधारी है वितरण केन्द्रवार संख्या बतावें? (ख) क्या अजा/अजजा श्रेणी के बीपीएल कार्डधारी हितग्राहियों को एक बत्ती कनेक्शन पर 25 यूनिट मासिक खपत तक विद्युत नि:शुल्क प्रदाय की जाती है जिसकी भरपाई सब्सिडी के रूप में म.प्र. शासन द्वारा की जाती है? यदि हाँ, तो विगत तीन वित्तीय वर्ष में कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के एक बत्ती कनेक्शनधारियों के विरूद्ध कितनी राशि की सब्सिडी विद्युत कंपनी को प्रदान की गई? (ग) कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने घरेलू में विद्युत कनेक्शनों में विद्युत मीटर लगाना शेष है और क्या उन्हें एवरेज बिल दिया जाता है? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार पात्र एक बत्ती कनेक्शनधारियों को 25 यूनिट प्रतिमाह तक की नि:शुल्क विद्युत सुविधा का लाभ नहीं देकर विद्युत बिल वसूलने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा एवं अनुचित तरीके से ली गई राशि इन एक बत्ती कनेक्शनधारियों के बिलों में समायोजित करेगा? समय-सीमा बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) धार जिले के कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत घरेलू श्रेणी के एक बत्ती कनेक्शन उपभोक्ताओं की कुल संख्या 30803 है, जिनकी वितरण केन्द्रवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों को एक बत्ती कनेक्शन पर 25 यूनिट मासिक खपत तक विद्युत नि:शुल्क प्रदाय की जाती है, जिसकी भरपाई सब्सिडी के रूप में राज्य शासन द्वारा की जाती है। विगत तीन वर्षों में कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के एक बत्ती कनेक्शन उपभोक्ताओं को उक्तानुसार दी गई छूट के विरूद्ध म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर को प्राप्त सब्सिडी की राशि रू. 775.87 लाख है। (ग) कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 2678 घरेलू विद्युत कनेक्शनों में विद्युत मीटर लगाना शेष है। जी हाँ, उक्त उपभोक्ताओं को उनके संयोजित भार के आधार पर आंकलित खपत का बिल नियमानुसार दिया जा रहा है। (घ) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों को एक बत्ती कनेक्शन पर 25 यूनिट प्रति माह तक नि:शुल्क विद्युत का लाभ दिया जा रहा है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
बसाहट स्थलों पर स्थित मार्ग
128. ( क्र. 4031 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित विस्थापितों हेतु कितनी बसाहटें है? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवे? (ख) इन पुनर्वास स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों के संधारण के लिये विगत 3 वर्षों में कितनी राशि किन-किन मार्गों के लिये आवंटित की गई? (ग) यदि संधारण के लिये राशि आवंटित नहीं की गई तो कब तक की जायेगी? मार्ग जीर्ण शीर्ण होने एवं संधारण ना होने के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) धार जिले में सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित विस्थापितों हेतु कुल 39 पुनर्बसाहट स्थल है। विधानसभा क्षेत्र कुक्षी में 14, विधानसभा क्षेत्र मनावर में 15, विधानसभा क्षेत्र धार में 01 एवं विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी में 09 पुनर्बसाहट स्थल है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1', '2', '3' एवं '4' अनुसार। (ख) इन पुनर्वास स्थलों में या इनको जोड़ने वाले मार्गों के निर्माण कार्य का वर्ष पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3, 4 के कॉलम 04 अनुसार है। पुनर्वास स्थलों पर किये गये विकास कार्यों की गुणवत्ता वर्ष 2008 में संस्थापित माननीय झा आयोग की जाँच की परिधि में होने के कारण संधारण एवं नवीन कार्य स्वीकृत नहीं किये गये थे एवं कोई राशि आवंटित नहीं की गई थी। (ग) आयोग द्वारा अपनी जाँच रिपोर्ट दिनांक 04/01/2016 को ही उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई है। अब यथाशीघ्र संधारण कार्य किये जा सकेंगे। किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक/स्वेच्छानुदान/जनसंपर्क निधि लेप्स
129. ( क्र. 4044 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि वर्ष 2014-15 से प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र टिमरनी में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये थे? दिनांक 31 दिसम्बर 2015 के स्थिति में कितने कार्य पूर्ण हो गए? कितने अपूर्ण हैं? विधायक विकास निधि वर्ष 2008 से मार्च 2014 तक कितने कार्य अपूर्ण है कारण बताएं? अपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) निर्माण में स्वीकृत एवं पूर्ण किए कार्य के भुगतान हेतु के संबंधित निर्माण एजेंसी को पूर्ण राशि जारी कर दी गई? यदि नहीं, तो भुगतान कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण बताएं? (ग) क्या विधायक निधि वर्ष 2014-15 के कुछ स्वीकृत कार्यों की राशि लेप्स हुई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि एवं राशि लेप्स होने का क्या कारण है? राशि लेप्स होने की जिम्मेदारी किसकी है? इनके ऊपर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) वित्तीय वर्ष 2014-15 में प्रश्नकर्ता द्वारा विधायक स्वेच्छानुदान एवं माननीय प्रभारी मंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 में जन संपर्क निधि जिन-जिन व्यक्तियों/संस्था को राशि प्रदाय करने हेतु अनंशसा की गई थी? क्या उक्त राशि संबंधित व्यक्तियों/संस्था सभी व्यक्तियों को प्राप्त हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक राशि संबंधित व्यक्ति तक पहुँच जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 में कुल 38 कार्य स्वीकृत किये गये थे, 31 दिसंम्बर 2015 की स्थिति में 11 कार्य पूर्ण हो गये है, 27 कार्य अपूर्ण है। वर्ष 2008 से मार्च 2014 तक 16 कार्य अपूर्ण हैं, 02 कार्य भूमि विवाद के होने से एवं 14 कार्य निर्माण एजेन्सियों द्वारा कार्य में रूचि न लेने की वजह से अपूर्ण हैं। इस संबंध में संबंधितों को नोटिस जारी किये गये है। कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु समीक्षा/ टी. एल. की बैठकों के माध्यम से निर्देशित किया जाता है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। राशि रूपये 60.11 लाख लेप्स हुई थी। बी.सी.ओ. से बी.सी.ओ. स्थानांतरित न होने से राशि लेप्स हुई है। दिनांक 15.02.2016 को राशि पुन: जारी कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विधायक स्वेच्छानुदान निधि के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में अनुशंसित हितग्राहियों को राशि जारी की जा चुकी है। मान. प्रभारी मंत्री द्वारा जनसम्पर्क निधि के अन्तर्गत अनुशंसित प्रकरण नियमों की परिधि में न होने से स्वीकृत नहीं किये जा सकें। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत व्यवस्था
130. ( क्र. 4045 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल के प्रावधान अनुसार जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिजली बिल जमा नहीं किये गये हैं? उनके विद्युत कनेक्शन विच्छेद किये जाकर उनसे बिल वसूल किया जाना है अथवा नहीं? क्या म.प्र. विद्युत मण्डल द्वारा बिजली बिल बकाया होने पर पूर्ण क्षेत्र की विद्युत लाइन बंद कर दी जाती है? (ख) तहसील सिराली, टिमरनी, रहटगांव में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में बिजली बिल बकाया बकाया होने के कारण कितने ग्रामों की बिजली बंद कर दी गई हैं एवं इन ग्रामों में पुन: कितने दिन के बाद विद्युत सुचारू रूप से शुरू की गई? तहसील एवं ग्रामवार सूची दें तथा कारण सहित विवरण दें? (ग) टिमरनी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम लछोरा, ग्राम भवरास में बिजली के खंबे हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई ग्रामवार विवरण देवें? खंबे की जगह लकडि़यों की बल्लियों को उपयोग क्यों किया गया तथा किसके आदेश से लगाई गई आदेश की प्रति उपलब्ध कराये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। विद्युत बिल की राशि जमा नहीं किए जाने पर विद्युत अधिनियम-2003 के प्रावधानों के अंतर्गत कनेक्शन विच्छेदन सहित बकाया राशि की वसूली हेतु कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है। जी नहीं, बिजली का बिल बकाया होने पर सम्पूर्ण क्षेत्र का विद्युत प्रदाय बन्द नहीं किया जाता। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में शत-प्रतिशत विद्युत बिल बकाया होने पर क्रमश: 11 एवं 21 ग्रामों की बिजली बंद की गई थी। उक्त ग्रामों का विद्युत प्रदाय बंद किए जाने एवं पुन: चालू किए जाने की दिनांक सहित तहसीलवार, ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन ग्रामों में बिजली के खंबे लगाए जाने हेतु वर्ष 2015-16 में कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। विद्युत पोल के स्थान पर लकड़ी की बल्लियों का उपयोग करने का कोई प्रावधान नहीं है एवं न ही विद्युत पोल के स्थान पर लकड़ी की बल्लियों का उपयोग किया गया है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
क्रेशर/पत्थर लीज की अनुमति
131. ( क्र. 4077 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में शासन के निर्देशानुसार कुल कितने क्रेशर/पत्थर लीज हैं? इनमें पर्यावरण की अनुमति प्राप्त है अथवा नहीं? कौन-कौन से क्रेशर/पत्थर लीज शिथिल हैं, जिन पर क्रेशर नहीं लगे हैं? ये किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं के नाम से स्वीकृत है, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) कौन-कौन से क्रेशर/पत्थर खदानों को कितनी-कितनी राशि के रायल्टी कट्टे उपलब्ध कराये गये? कितनी बंद पड़ी खदानों के लिये जिन पर क्रेशर नहीं लगे हैं कितनी राशि के कट्टे उपलब्ध कराये गये, तथा कितने (कौन-कौन से) खदान पट्टे धारियों द्वारा डेड रेन्ट कब से कब तक का जमा कर दिया गया है तथा कब से नहीं किया गया है? (ग) सचिव म.प्र. शासन खनिज विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. 1985/517/2015/12-1 दि. 15.04.15 द्वारा स्पष्ट निर्देश दिये गये थे कि छ: माह में सिया की अनुमति प्राप्त की जाये क्या प्राप्त की गई? यदि नहीं, की गई तो विभाग द्वारा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? जिन पट्टेधारियों द्वारा डेड रेन्ट जमा नहीं किया गया उनके प्रति विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? बंद पड़ी खदानों को रॉयल्टी कट्टे उपलब्ध कराने के संबंध में शासन के क्या नियम/निर्देश हैं? (घ) क्या दतिया जिले में खनिज विभाग के अधिकारी/कर्मचारी शासन के नियमों के विरूद्ध कार्य कर स्वयं का फायदा कर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचा रहे है यदि नहीं, तो जाँच कराई जावे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में क्रेशर/पत्थर (गिट्टी) के कुल 99 उत्खनिपट्टे स्वीकृत है। जिसमें से 13 पट्टेधारियों को पर्यावरण की अनुमति प्राप्त है। कुल स्वीकृत क्रेशर/पत्थर (गिट्टी) में से 56 कार्यशील है। शेष 43 क्षेत्र पर क्रेशर स्थापित नहीं/शिथिल है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन पत्र प्रेषित किया गया था, जिसमें निर्धारित अवधि में पर्यावरण की अनुमति प्राप्त करने हेतु लेख किया गया था। उक्त अवधि के पश्चात क्रेशर बंद करने हेतु पत्र जारी किया गया था। संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म द्वारा पत्र दिनांक 14.12.2015 को माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश दिनांक 10.12.2015 के संदर्भ में यह निर्देश जारी किये गये थे कि, जिन पट्टेदारों द्वारा दिनांक 31.12.2015 तक पर्यावरण अनुमति हेतु आवेदन प्रस्तुत कर दिये गये है। वह पट्टेदार अपना कार्य निरंतर रख सकेंगे। अत: वर्तमान में इन पट्टेदारों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं हेाता। जिन पट्टेदारों द्वारा डेड रेन्ट जमा नहीं किया गया है उनके विरूद्ध कार्यवाही करते हुए 05 पट्टे निरस्त किये गये है एवं 02 प्रकरणों में पट्टा निरस्त करने हेतु शासन को प्रेषित किया गया है। शेष पट्टेदारों को नियमानुसार कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर कार्यवाही की जा रही है। जो उत्खनिपट्टा 02 वर्ष से अधिक समय से शिथिल है उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। जिन उत्खनिपट्टाधारियों द्वारा क्रेशर स्थापति नहीं किया गया है उन्हें रॉयल्टी बुक जारी नहीं किये जाने का प्रावधान है। इसका पालन किया जा रहा है। (घ) प्रश्नाधीन जिले में खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारी द्वारा नियम विरूद्ध कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी से स्टॉप डेम बनाया जाना
132. ( क्र. 4091 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में पंचायत विभाग, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग जनभागीदारी योजना सहित अन्य योजनाओं से स्टॉप डेम बनाए गए है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से 31 दिसम्बर 2015 तक किस-किस विभाग द्वारा, किस-किस स्थान पर स्टॉप डेम का निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए है? वर्षवार एवं स्थानवार जानकारी दें? (ग) क्या सभी निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है? यदि नहीं, तो कौन-कौन से कार्य पूर्ण, अपूर्ण है एवं क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। उद्यानिकी विभाग को छोड़कर शेष विभागों द्वारा स्टॉप डेम बनाये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पर्यटन विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
133. ( क्र. 4107 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हुजूर विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन विकास की कहाँ और कौन सी योजनाएं विभाग द्वारा संचालित की जा रही है? (ख) क्या कालियासोत और केरवा डेम के आस-पास पर्यटन विकास की किसी बड़ी योजना पर विभाग द्वारा विचार किया जा रहा है या किया जाएगा? (ग) प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए राजधानी भोपाल में विभाग द्वारा कोई सहायता केंद्र संचालित किया जा रहा है? (घ) पर्यटकों को रूकने एवं ठहरने की सुविधा के अलावा प्रदेश में और किसी प्रकार की सुविधाएं विभाग द्वारा दी जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वन ट्री हिल्स बैरागढ़ में विभिन्न विकास कार्य हेतु 50.00 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई। (ख) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जी हाँ।
नेशनल हाईवे पर शराब दुकानों के संचालन पर रोक
134. ( क्र. 4114 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा नेशनल हाईवे पर शराब दुकानों के संचालन पर रोक के लिये आदेश जारी किया गया है? आदेश की प्रति सहित बतायें? (ख) छतरपुर जिले में नेशनल हाईवे पर कौन-कौन सी दुकानों का संचालन छतरपुर जिले में हो रहा है। दुकान का नाम, स्थान, ठेकेदार सहित बतायें? (ग) छतरपुर जिले में हाईवे के किनारे कौन-कौन सी शराब की दुकानों के संचालन को रोकने के लिये विभाग द्वारा ठेकेदारों को आदेश दिये गये? आदेश की प्रति सहित बतायें। (घ) क्या छतरपुर जिले में उक्त आदेश का पालन हो रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) जानकारी निरंक है। (घ) छतरपुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग अथवा राज्य राजमार्ग पर मदिरा दुकानों के संचालन के प्रावधानों का पालन किया जा रहा है।
गांव खनिज की दी गई स्वीकृति
135. ( क्र. 4122 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में निर्माणाधीन बांध सुजारा एन.टी.पी.सी. का पावर प्रोजेक्ट एवं सागर छतरपुर मार्ग के लिए खनिज विभाग ने किस-किस गौण खनिज के खनन एवं परिवहन की किस दिनांक को अनुमति प्रदान की उसके बदले कितनी रॉयल्टी जमा करवाई गई? (ख) उपरोक्त निर्माणाधीन कार्यों को खनिज विभाग के किस निरीक्षक या अधिकारी ने किस दिनांक को निरीक्षण किया निरीक्षण के दौरान किस-किस स्थान से अनुमति प्राप्त कर एवं किस-किस स्थान से बिना अनुमति प्राप्त किए गौण खनिज का खनन एवं परिवहन करना पाया गया। (ग) कब तक इन निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया जाकर बिना अनुमति खनन एवं परिवहन किए जा रहे गौण खनिज के प्रकरण बनाए जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में निर्माणाधीन बांध सुजारा स्थित नहीं है। एन.टी.पी.सी. के पॉवर प्रोजेक्ट से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। इनके द्वारा गौण खनिज के खनन एवं परिवहन की अनुमति खनिज विभाग से प्राप्त नहीं की गई है। सागर - छतरपुर मार्ग के निर्माण हेतु ग्राम बंधा तहसील बडामलहरा के खसरा क्रमांक 976 रकबा 0.866 क्षेत्र पर पत्थर खनिज का (गिट्टी निर्माण हेतु) उत्खनिपट्टा दिनांक 14.08.2015 को स्वीकृत किया गया है, जिसमें रूपये 30 लाख की अग्रिम रायल्टी जमा की गई है। (ख) उपरोक्त निर्माणाधीन कार्यों का निरीक्षण खनिज विभाग में पदस्थ खनि निरीक्षक द्वारा किया गया। जिन स्थानों में बिना अनुमति गौण खनिजों का उत्खनन किया जा रहा था, उन स्थानों पर अवैध उत्खनन के प्रकरण संबंधित न्यायालय को निराकरण हेतु भेजे गये, साथ ही अवैध परिवहन करते पाए जाने पर अर्थदण्ड अधिरोपित कर वसूल किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। निरीक्षण निम्न दिनांकों को किए गए है :- 1. खनि निरीक्षक छतरपुर द्वारा दिनांक 20.10.2015 को ग्राम बाजारपुरा तहसील बड़ामलहरा के खसरा क्रमांक 139/2 के अंश भाग का स्थल निरीक्षण किया गया है। उक्त स्थल पर मुरूम खनिज का उत्खनन होना पाया गया। उक्त क्षेत्र पर कोई अनुमति नहीं होने से प्रकरण दर्ज किया गया। 2. दिनांक 20.10.2015 को ही ग्राम बंधा तहसील बड़ामलहरा खसरा नंबर 976 रकबा 0.866 हेक्टेयर का स्थल निरीक्षण किया गया जिसमें गिट्टी का अवैध भंडारण पाया गया। 3. दिनांक 02.02.2016 को ग्राम गौरा भूमि खसरा क्रमांक 230 रकबा 3.771 हेक्टेयर क्षेत्र पर मुरूम का अवैध उत्खनन होना पाया गया। उक्त क्षेत्र पर कोई अनुमति नहीं होन से प्रकरण दर्ज किया गया। 4. दिनांक 10.02.2016 को ग्राम सतना, तहसील राजनगर के भूमि स्वामी स्वत्व की भूमि का निरीक्षण किया गया। उक्त भूमि पर अवैध उत्खनन होने से प्रकरण दर्ज किया गया। उक्त चारों प्रकरण तैयारकर निराकरण हेतु संबंधित अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में भेजे गए है। (ग) खनि निरीक्षकों द्वारा भ्रमण के दौरान इन निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया जाता है। अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण पाए जाने पर प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने का प्रश्न उपस्थित होगा।
खनिज खदानों की नीलामी
136. ( क्र. 4123 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किन-किन मुख्य खनिज एवं किन-किन गौण खनिज की खदानों की नीलामी की जाकर आवंटित किए जाने के संबंध में वर्तमान में क्या-क्या नीति किस दिनांक से लागू की गई है। (ख) निर्धारित दिनांक के पूर्व राज्य शासन द्वारा आवंटित की गई किस-किस खनिज की खदानों को नीलामी की प्रक्रिया से पृथक रखा गया है। (ग) नीलामी की प्रक्रिया में शामिल किस-किस खनिज की कितनी खदानों को नीलाम किए जाने की कार्यवाही वर्तमान में किस स्तर पर लंबित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 में दिनांक 12.01.2015 को किए गए संशोधन के पश्चात धारा 10बी (1) तथा धारा 11 (1) की सीमा में समस्त मुख्य खनिज को नीलामी के माध्यम से तथा म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 7 के अनुसार विनिर्दिष्ट गौण खनिजों की नीलामी किए जाने के संशोधन प्रावधान दिनांक 23.03.2013 से लागू हैं। यह अधिनियम/नियम अधिसूचित हैं। (ख) मुख्य खनिज की ऐसी खदानें जिनकी नियमानुसार स्वीकृति हो चुकी थी, उन्हें वर्तमान में नीलाम किए जाने हेतु प्रावधान नहीं किए गए हैं। गौण खनिज की खदानें जिनका आवंटन नीलाम के माध्यम से किया जा रहा है, उसके प्रावधान यथावत हैं। (ग) मुख्य खनिज की नीलामी की प्रक्रिया सुनिश्चित करने की कार्यवाही वर्तमान में विचाराधीन है अत: वर्तमान में खनिज का नाम तथा लंबित रहने का स्तर उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। गौण खनिजों की नीलामी सतत रूप से जारी है।
बिजली बिलों की वसूली
137. ( क्र. 4164 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में सूखे के कारण फसलें नष्ट होने से किसानों की आर्थिक बदहाली को देखते हुए म.प्र. सरकार द्वारा बिजली बिलों (घरेलू तथा सिंचाई) की वसूली स्थगित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या ऊर्जा विभाग द्वारा कोई निर्देश जारी किये गये थे? निर्देश की प्रति देवें। (ख) क्या किसानों द्वारा बिजली बिल नहीं भर पाने के कारण उनके मोटर पंप व तार निकाने जा रहे है? यदि हाँ, तो क्या म.प्र. शासन की वसूली स्थगित नीति के पालन के लिए ऊर्जा तथा म.प्र.प.क्षे.वि.वि. कंपनी शाजापुर पर बंधनकारी नहीं है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बिजली बिलों की वसूली पर कोई पेनाल्टी ली जावेगी? यदि नहीं, तो म.प्र.प.क्षे.वि.वि. कंपनी जिला शाजापुर में बिजली के बिलों पर पेनाल्टी क्यों ली जा रही है? क्या ऐसी पेनाल्टी लेने के निर्देश ऊर्जा विभाग से जारी हुए है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) राज्य शासन के आदेश दिनांक 22.12.2015 से सूखे के कारण निर्मित स्थिति के दृष्टिगत ऐसे किसान जिनकी 50 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई है, वहां जिला कलेक्टर द्वारा प्रमाणित सूची दिये जाने पर, उनके स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों के अक्टूबर-2015 में जारी छ: माही बिलों तथा 30 सितम्बर-2015 की स्थिति में बकाया राशि की वसूली 6 माह के लिये आस्थगित रखते हुए, उन्हें बिजली बिल भुगतान से 31 मार्च-16 तक छूट दी गई है। उक्त निर्देशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। घरेलू कनेक्शनों के लिए इस तरह के कोई आदेश राज्य शासन द्वारा जारी नहीं किए गए है। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित निर्देशों के अनुरूप छूट हेतु पात्र सिंचाई पंप कनेक्शनों के विरूद्ध जारी बिजली के बिल के भुगतान आस्थगित रखे गये है तथा ऐसे उपभोक्ताओं से बिजली बिलों की वूसली नहीं की जा रही है एवं उनके मोटर पंप एवं तार भी नहीं निकाले जा रहे है। तथापि ऐसे कृषक जिनके द्वारा लंबे समय से भुगतान नहीं किया जा रहा है एवं जो उपरोक्त आदेश की परिधि में नहीं आते है, उनमें से कतिपय प्रकरणों में आवश्यकता पड़ने पर उनके कनेक्शनों के मोटर पंप व तार निकाले गए है। प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश पर उक्त आदेश बंधनकारी है। (ग) जी नहीं, उत्तरांश ''क'' अनुसार पात्र सिंचाई पंप कनेक्शन उपभोक्ताओं से आस्थगन अवधि हेतु कोई पेनाल्टी नहीं ली जायेगी। शाजापुर जिले में भी उक्तानुसार कार्यवाही की जा रही है। जी, नहीं पेनाल्टी लिये जाने के ऊर्जा विभाग से कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।
ई-स्टांपिग में आने वाली तकनीकि खराबी
138. ( क्र. 4166 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में ई-स्टांपिग के लिए किस सॉफ्टवेयर कंपनी को अनुबंधित किया गया है? क्या ई-स्टांपिंग में तकनीकि खराबी के लिए सॉफ्टवेयर कंपनी जिम्मेदार है? यदि हाँ, तो क्या कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ख) म.प्र. में ई-स्टांपिग अनिवार्य करने के बाद उसमें आने वाली तकनीकी खराबी के कारण ग्राहकों के सर्विस प्रोवाईडरों के खाते से अकारण राशि कट की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ई-स्टांपिग में तकनीकि खराबी से ग्राहकों के सर्विस प्रोवाईडरों के खाते में हुए आर्थिक नुकसान के लिए जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश में ई-स्टाम्पिंग के लिए सॉफ्टवेयर प्रदाय हेतु विप्रो इन्फोटेक लिमिटेड को अनुबंधित किया गया है। ई-स्टाम्पिंग कार्य में कोई भी तकनीकी खराबी का प्रकरण सामने नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सर्विस प्रोवाइडर के खाते से विभिन्न कारणों जैसे कार्यस्थल पर धीमी कनेक्टिविटी, एक ही आई.डी. से कई सिस्टम चलाना, Cache या इन्टरनेट फाईल का डिलीट न होना आदि के चलते सर्विस प्रोवाइडर के खाते से राशि कटने के जो प्रकरण सामने आये हैं उनके संबंध में निराकरण की कार्यवाही की गई है। ऐसे 2500 प्रकरण सामने आये हैं, जिनमें से प्रश्न दिनांक तक 900 का निराकरण किया जा चुका है। दिनांक 26.01.2016 के पश्चात् इस संबंध में कोई भी नये प्रकरण प्रतिवेदित नहीं हुये हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में स्पष्ट किया गया है कि कोई तकनीकी समस्या नहीं है। सर्विस प्रोवाइडर के खातों से जो राशि कटी है उसकी वापसी की कार्यवाही प्रश्नांश (ख) अनुसार की गई है। अत: सर्विस प्रोवाइडर को आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है। प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुन्दर पुर्वा तालाब का सौन्दर्यीकरण कराने
139. ( क्र. 4218 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के नगर पंचायत मऊगंज में स्थित सुन्दर पुर्वा तालाब के सौन्दर्यीकरण हेतु नगर पंचायत द्वारा डी.पी.आर. तैयार करा लिया गया है? यदि हाँ, तो तालाब के मेड़ा पर पी.सी.सी. निर्माण हेतु डी.पी.आर. में उल्लेखित राशि का मॉग-पत्र नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल की ओर भेजा गया है? (ख) यदि हाँ, तो कब पत्र की? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) डी.पी.आर. के अनुमोदन/स्वीकृति परिषद से लिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर के रहवासियों को पेयजल कनेक्शन दिया जाना
140. ( क्र. 4253 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा भोपाल नगर निगम सीमा के सभी रहवासियों को नर्मदा जल अथवा अन्य स्त्रोत से पेयजल उपलब्ध कराये जाने की योजना है? (ख) भोपाल शहर अंतर्गत लावण्य गुरूकुल गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित शाहपुरा जी-3 वार्ड 50 जोन 09 के अनामिका नगर के रहवासियों द्वारा पेयजल कनेक्शन हेतु माह जून-2015 में नगर निगम में राशि जमा करायी गयी है? यदि हाँ, तो किन-किन के द्वारा नाम तथा राशि जमा करने का दिनांक सहित जानकारी दें? (ग) क्या नगर निगम द्वारा अनामिका नगर के रहवासियों को पेयजल कनेक्शन प्रदाय कर दिया है? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक कनेक्शन दे दिया जावेगा समय-सीमा दी जाये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। माह जून 2015 में रहवासी श्रीमती शीला कुमारी कौरव पत्नि श्री रणवीर सिंह कौरव, 24, अनामिका नगर द्वारा कनेक्शन हेतु राशि दिनांक 15.02.2015 को जमा कराई गई है। (ग) जी नहीं। अनामिका नगर, निजी कॉलोनी है नगर निगम में हस्तांतरित नहीं है। कॉलोनी में सम्पवेल नहीं है, निजी कॉलोनियों में बल्क कनेक्शन देने का प्रावधान है, कॉलोनीवासी बल्क कनेक्शन हेतु आवेदन करते है तो राशि जमा करने के पश्चात कॉलोनी को एक माह के अन्दर बल्क कनेक्शन प्रदान किये जा सकेंगे।
अधिमान्य पत्रकारों को सुविधा का लाभ
141. ( क्र. 4257 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में राजगढ़ जिले में कौन-कौन से अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार हैं? (ख) शासन स्तर से जनसम्पर्क विभाग द्वारा अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई जाती है? (ग) क्या राजगढ़ जिले के अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार को भी उक्त सुविधा का लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार हैं जिन्हें उक्त सुविधा का लाभ दिया जा रहा है? (घ) यदि नहीं, तो शासन स्तर से जनसम्पर्क विभाग द्वारा अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को मिलने वाली सुविधा से क्यों वंचित किया जा रहा है? कब तक उक्त सुविधा का लाभ जिले के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को मिल सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) 18, पत्रकार अधिमान्यता प्राप्त है। (ख) जनसम्पर्क विभाग द्वारा पत्रकारों के कल्याण हेतु दुर्घटना समूह बीमा योजना, वरिष्ठ पत्रकारों को श्रद्धानिधि पत्रकारों कों स्वयं एवं परिजनों के उपचार हेतु आर्थिक सहायता एवं राज्यस्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारो को लैपटाप प्रदाय योजना संचालित की जा रही है। (ग) जी हाँ, 11 पत्रकारों को विभिन्न योजनाओं में लैपटाप, दुर्घटना समूह बीमा चिकित्सा, श्रद्धानिधि का लाभ दिया गया। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता प्रश्नांश (ग) के अनुरूप।
राजगढ़ महोत्सव
142. ( क्र. 4258 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ नगर में संस्कृति विभाग द्वारा विगत वर्षों में राजगढ़ नगर में महोत्सव मनाया गया है? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन स्तर से नगर राजगढ़ में राजगढ़ महोत्सव मनाये जाने की कोई योजना है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक तथा कितने दिनों का महोत्सव मनाया जावेगा, तथा इस पर कितनी राशि व्यय होगी? (घ) शासन स्तर से इसकी स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी नहीं. (ग) इस संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है. (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
अधिकारियों को राजपत्रित घोषित जाना
143. ( क्र. 4280 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश अंतर्गत किन-किन विभागों में वेतनमान 5500-175-9000 (9300-34800+3600 ग्रेड पे) के किन-किन अधिकारियों को राजपत्रित घोषित किया गया है? (ख) क्या वित्त विभाग में म.प्र. अधीनस्थ लेखा सेवा के अधिकारी जो उसी वेतनमान में पदस्थ हैं को राजपत्रित घोषित करने का प्रस्ताव आयुक्त कोष एवं लेखा द्वारा शासन वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक राजपत्रित घोषित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्या कार्य दायित्व एवं वेतनमान की दृष्टि से (क) के संदर्भ में असमानता नहीं होगी? जबकि राजपत्रित घोषित करने पर शासन को वित्तीय लाभ ही होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एस.ए.एस. संवर्ग की वेतन विसंगति
144. ( क्र. 4281 ) श्री बाला बच्चन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.ए.एस. संवर्ग में वेतन विसंगति के कारण जो संवर्ग उनके समकक्ष रहे हैं आज वे एस.ए.एस. संवर्ग से उच्च वेतनमान प्राप्त कर रहे है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस विसंगति के निराकरण हेतु आयुक्त, कोष एवं लेखा भोपाल द्वारा वर्ष 2014 में प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव पर क्या निर्णय हुआ है? क्या वेतन विसंगति दूर की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि नहीं, तो जो संवर्ग 1.1.72 में एस.ए.एस. के समकक्ष थे तो उनका वेतनमान किस आधार पर उन्नत किया गया है और क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एस.ए.एस. संवर्ग के वेतन में विसंगति नहीं है। (ख) आयुक्त, कोष एवं लेखा द्वारा दिनांक 25.8.2014 को एक प्रस्ताव भेजा गया था कि एस.ए.एस. संवर्ग को 4200 ग्रेड पे स्वीकृत किया जाये। (ग) विचार उपरांत शासन द्वारा निर्णय लिया गया कि एस.ए.एस. संवर्ग के अधिकारियों को आदेश दिनांक 27.7.2013 अनुसार 3600 ग्रेड पे दिया जायेगा। कोई विसंगति नहीं है अत: शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। (घ) 1.1.1972 में तहसीलदार, पुलिस निरीक्षक एवं कंपनी कमाण्डर, एस.ए.एस. संवर्ग का वेतनमान समकक्ष रहा। समय-समय पर वेतन आयोग की अनुशंसा अनुसार वेतनमान उन्नत किया गया है।
कालोनाईजर द्वारा विकास शुक्ल जमा करना
145. ( क्र. 4288 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दिनांक 01.01.10 से 31.12.15 तक कितने कालोनाईजरों को भूमि विकास की अनुमति दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कॉलोनाईजर का नाम, भूमि रकबा, स्थान नाम, सहित बतावें? क्या इन कालोनाईजर द्वारा भू-खण्डों को 25 प्रतिशत बंधक बनाने के नियम का पालन किया गया है? (ग) इन कालोनाईजरों द्वारा विलेखों के पंजीकृत शुल्क की जानकारी देवें? जिनके द्वारा शुल्क जमा नहीं किया गया उनसे शुल्क की वसूली कब तक कर ली जावेगी? (घ) इस ओर ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
महिदपुर नगर पालिका के अंतर्गत व्यय
146. ( क्र. 4289 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर नगर की जल आवर्धन योजना कब स्वीकृत की गई, इसकी लागत, स्वीकृति दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक बतावें? (ख) नगरीय सीमा से बाहर पाईप लाईन डालने के क्या अधिकार नगर पालिका को दिए गए है? यदि प्रावधान नहीं है तो किस आधार पर नगर पालिका महिदपुर द्वारा नगरीय सीमा से बाहर पाईप लाईन डाली गई, कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार सर्वे नंबर देवे। महिदपुर नगर सीमा के सर्वे नंबर भी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) महिदपुर की जल-आवर्धन योजना राशि रू. 1683.75 लाख दिनांक 21.05.2012 को स्वीकृत हुई। योजना दिनांक 19.02.2014 को पूर्ण हुई। (ख) जी नहीं। प्रकरण की जांच करवाई जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
परिशिष्ट – ''तिरासी''
अपशिष्ट पदार्थों से उत्पन्न समस्या
147. ( क्र. 4295 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर उज्जैन एवं रतलाम जिले में विगत तीन वर्षों से कितने कारखाने एवं फैक्ट्रियां बंद होकर इनमें अपशिष्ट पदार्थ या कचरा सड रहा है? जिसके कारण आस-पास की खेती या जमीन खराब होकर टयुबवेलों में गंदा, जहरीला या बदबूदार पानी आ रहा है। इन फैक्ट्रियों के नाम एवं स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में, उपरोक्त पड़े कचरे या अपशिष्ट पदार्थ को डिस्पोजल करने में जमीन को ठीक करने में अथवा भूमिगत जल की खराबी ठीक करने में कितना व्यय होगा? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार होने वाला खर्च संबंधित फैक्ट्री मालिक से वसूला जावेगा या सरकार द्वारा वहन किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कचरे या अपशिष्ट पदार्थ के लिये किन-किन फैक्ट्री मालिक पर किस धारा में एवं किस दनांक को प्रकरण दर्ज किया जाकर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है? प्रकरण की अद्यतन जानकारी देवें। (ड.) इन्दौर शहर से लगे टेचिंग ग्राउण्ड के कचरे के निष्पादन हेतु विभाग द्वारा क्या योजना बनाई गई है एवं यह कचरा कब तक निष्पादित कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। इंदौर एवं रतलाम जिले में विगत 03 वर्षों से कारखाने एवं फैक्ट्रियां बंद होकर इनमें अपशिष्ट पदार्थ या कचरा सड़ जाने की जानकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्राप्त नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) पूर्व में 500 मे.टन प्रतिदिन कचरे से खाद निर्माण हेतु प्रोसेगिंग प्लांट की स्थापना एटूजेड कंपनी द्वारा बी.ओ.टी. आधार पर की गई। कंपनी द्वारा लगभग 300 से 350 टन प्रतिदिन कचरे का प्रोसेसिंग किया जा रहा था। मई, 2015 में उक्त प्लांट में आग लगने से उपकरण एवं मशीनरी नष्ट हो गये है, जिसके पुर्ननिर्माण में 3 से 4 माह का समय लगा। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 100 मे.टन कचरे का निपटान हो रहा है। प्लांट ठीक होने पर अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक 500 मे.टन कचरे का निपटान हो सकेगा। पुराना कचरा जो कि काफी मात्रा में है, इसको सेनेटरी लेण्डफिल में डालने हेतु लगभग 3 वर्ष लगेंगे। पुराने कचरे के निपटान हेतु बायो रेमेडाइजेशन एन.आई.टी. दिनाक 13/1/2016 जारी की जा चुकी है। अतिरिक्त कचरे के लिए एक वेस्टो इनर्जी लगाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
होर्डिंग्स को लगाने की अनुमति संस्था के नाम
148. ( क्र. 4296 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/04/2013 से दिनांक 31/03/2016 तक इन्दौर एवं उज्जैन शहर में नगर पालिक निगमों द्वारा कितने होर्डिंग्सों को लगाने की अनुमति, किन-किन स्थानों पर किन-किन संस्थाओं/फर्मों या विज्ञापन ऐजेन्सियों को प्रदान की गई है? वर्षवार अलग अलग जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्या नगर निगमों द्वारा इन संस्थाओं/फर्मों से कोई अनुबंध किया गया है? क्या उपरोक्तानुसार अनुबंधित संस्थाओं/ फर्मों द्वारा नियमों का पालन करते हुए होर्डिंग्स शहर में लगाये गये हैं अथवा नियमों को ताक में रखकर उल्लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसी कितनी संस्थाओं द्वारा उल्लंघन किया गया है एवं निगम द्वारा इनके विरूद्ध क्या कार्यवही की गई है। वर्षवार अलग अलग जानकारी देवे? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में शहर में कितने होर्डिंग्स नियमानुसार वैध एवं कितने अवैध लगे हैं? अवैध लगे होर्डिंग्स पर निगम द्वारा क्या कार्यवाही की जाकर कितनी राशि संबंधित से वसूल की गई है? (घ) शहर में आये दिन सामाजिक संस्थाओं एवं अन्य लोगों द्वारा निगम से अनुमति प्राप्त किये बिना लगाये जाते हैं जिसके कारण शहर की छवि भी खराब होती है। ऐसी संस्थाओं या लोगों पर निगम द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है? (ड.) आगामी सिंहस्थ को देखते हुए राज्य शासन या उपरोक्त निगमों द्वारा कितने होर्डिंग्स शहर में एवं कितने शहर के बाहर राज्य मार्गों पर लगाने की अनुमति प्रदान कर राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा कुल 04 20x30 साइज के होर्डिंग स्वयं के स्वामित्व की शास्त्री मार्केट की छत पर लगाने की अनुमति पर्ल एडव्हटाइजर को वर्ष 2014-15 में प्रदान की गई थी। प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि की पूर्व से स्वीकृत अनुमति वाले होर्डिंग को वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 के लिए रिनुवल करके राशि जमा कराई गई थी, होर्डिंग की संख्या 735 है। प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा कोई नये होर्डिंग लगाने की अनुमति जारी नहीं की गई। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा दी गई 04 होर्डिंग की अनुमति अनुबंध निष्पादन की कार्यवाही प्रचलन में है। जी हाँ, उक्त अनुमति वाली फर्म/संस्थाओं द्वारा किसी भी प्रकार का कोई उल्लंघन नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नगर पालिक निगम, उज्जैन में प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में कोई अनुमति जारी नहीं की गई। (ग) नगर पालिक निगम, उज्जैन निरंक। प्रश्नांश (क) की अवधि में 04 वैध होर्डिंग हैं तथा उल्लेखित अवधि पूर्व की स्वीकृति होर्डिंग संख्या 735 है। नगर पालिक निगम, उज्जैन द्वारा 2004 के पश्चात् कोई भी नवीन होर्डिंग स्थापित करने की अनुमति नहीं दी गई है। शहर में 331 वैध होर्डिंग पूर्व में स्थापित है। नगर पालिक निगम, इंदौर प्रतिबंधित स्थानों पर फ्लेक्स/होर्डिंग लगाने पर चालानी कार्यवाही कर अर्थदंड के रूप में वर्ष 2015-16 में राशि रू. 20,000/- प्राप्त हुये है। अवैध होर्डिंग के विरूद्ध लगातार निगमों द्वारा मुहिम चलाकर ऐसे होर्डिंग हटा दिये जाते है। (घ) शहर में सामाजिक संस्थाओं एवं लोगों द्वारा नगर पालिक निगम से अनुमति प्राप्त किये बिना विज्ञापन लगाये जाने पर उनके विरूद्ध सतत् रूप से हटाकर जप्ति की कार्यवाही की जाती है। (ड.) नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा शहर के बाहर कोई होर्डिंग लगाने की अनुमति जारी नहीं की गई है। नगर पालिक निगम, उज्जैन द्वारा भी शहर के बाहर कोई होर्डिंग लगाने की अनुमति जारी नहीं की गई है।
ई-स्टापिंग एवं ई-पंजीयन में गड़बड़ी
149. ( क्र. 4301 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में ई-स्टापिंग एवं ई-पंजीयन की समस्या यथावत बनी हुई है? सॉफ्टवेयर लगातार समास्याएं पैदा कर रहा है। इसका निदान कब तक हो जायेगा? (ख) सॉफ्टवेयर की गलतियों हेतु सर्विस प्रोवाइडर व जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई तथा उन पर आर्थिक दंड का अधिरोपित किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। यह सही नहीं है कि सॉफ्टवेयर लगातार समस्याएं पैदा कर रहा है। (ख) सॉफ्टवेयर की गलती नहीं है, इसलिए सर्विस प्रोवाइडर अथवा किसी अधिकारी पर कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।