मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
दिसम्‍बर, 2025 सत्र


मंगलवार, दिनांक 02 दिसम्बर, 2025


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर


 


औद्योगिक क्षेत्र में भू-खण्‍ड का आवंटन

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

1. ( *क्र. 1363 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्योग विभाग बालाघाट द्वारा 63 भूखंड का आवंटन किस प्रक्रिया से, किस नियम के पालन में किया गया है? नियमों की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) भूखंड आवंटन की निविदा, शर्तों की प्रति, निविदा प्रकाशन के अखबार की प्रति, निविदाकारों के नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) भूखंड आवंटन में प्रश्‍नांश (क) व (ख) अनुसार शासन के नियम, निर्देशों का पालन नहीं किये जाने हेतु कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? यदि दोषी हैं, तो दोषियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई और नहीं की गई तो क्यों?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र कनकी में मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025 के प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की गई है। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) दिनांक 31.10.2025 तक 72 भूखंडों के संबंध में आवेदकों के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रेस विज्ञप्ति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। भूखंड आवंटन की निविदा एवं शर्तों की प्रति (RFP) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025 के प्रावधानों का पालन किया गया है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

सि‍टीजन एमेण्डमेंट एक्ट

[गृह]

2. ( *क्र. 534 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 115, दिनांक 29.07.2025 में सि‍टीजन एमेण्डमेंट एक्ट के समर्थन में निकाली गई रेली पर हुई एफ.आई.आर. को वापस लिये जाने के संबंध में पूछे गये प्रश्‍न के उत्‍तर में विभाग द्वारा प्रकरण जिला प्रत्याहरण समिति को भेजा जाना बताया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक क्या प्रकरण जिला प्रत्याहरण समिति धार द्वारा अपनी अनुशंसा सहित शासन को अग्रेषित कर दिया गया है? यदि नहीं, तो विलम्ब के क्या कारण हैं तथा कब तक इसका निराकरण कर दिया जावेगा? (ग) क्या तत्कालीन समय धार जिला मुख्यालय पर धारा 144 जिला दण्डाधिकारी धार द्वारा लगायी गयी थी तथा क्या इस कारण इस प्रकरण में हुई एफ.आई.आर. को वापस लिये जाने में जिला दण्डाधिकारी जिला धार की अनुशंसा प्राप्त नहीं होने के कारण विलम्ब हो रहा है? (घ) क्या वर्ष 2019 में तत्कालीन कांग्रेस शासन के दौरान एफ.आई.आर. कर्ता स्वयं आवेदन कर प्रकरण वापस लेने की नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त गलत नीति को समाप्त कर ऐसे प्रकरणों के निष्पादन करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जी हाँ।                  (ख) जी नहीं। अब तक न्यायालय में चालान प्रस्तुत नहीं किया जा सका है। कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जिला दंडाधिकारी धार से जानकारी प्राप्त की जा रही है। (घ) अपराधिक प्रकरणों के लोकहित में (प्रकरणवार) प्रत्याहरण की प्रक्रिया के संबंध में समय-समय पर निर्देश क्रमांक एफ-35-279/2004202/सी-2, दिनांक 30.01.2019, 23.02.2019, 01.08.2019 एवं 13.03.2020 गृह विभाग द्वारा जारी किये गये हैं। इन निर्देशों में एफ.आई.आर. कर्ता के स्वयं के आवेदन पर प्रकरण वापिस लिये जाने का प्रावधान नहीं है।

पुलिस प्रशासन व बटालियन की व्यवस्था

[गृह]

3. ( *क्र. 1004 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिला जो की सिमी के आतंक व आतंकियों का केंद्र बन चुका था एवं लगातार जिले में आतंकी, तस्करी की घटनायें हो रही हैं, कुछ दिन पहले खंडवा के पेठिया ग्राम में स्थित मदरसे से 20 लाख के नकली नोट पुलिस ने जब्त किये, खंडवा जिला सदैव संवेदनशील रहा है? क्‍या इस हेतु बटालियन स्थापित किये जाने की वर्तमान में कार्यवाही शासन स्तर से प्रचलित है एवं कब तक बटालियन की स्थापना की योजना है? (ख) खंडवा जिले में विगत 2 वर्षों में किन-किन थानों में कितने तस्करी, पोस्को, महिला उत्पीड़न, बाल अपचारी, अनुसूचित जाति, जन जाति, बलात्कार, लव जिहाद, मर्डर, आत्महत्या, चोरी, जाल-साजी, अवैध ब्याज वसूली आदि के अपराधिक प्रकरण                 किस-किस केटेगरी के पंजीबद्ध हुए हैं एवं विगत दो वर्षों में अपराधिक प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही की गई, जिस से सुधार की अपराधवार तुलनात्मक जानकारी प्रदान की जावे।                       (ग) खंडवा जिले में नवीन पुलिस चौकी, चौकियों का उन्‍नयन किये जाने की क्‍या कार्ययोजना है एवं उसे मूर्तरूप कब तक दिया जावेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क) के सन्दर्भ में पूर्व में भूमि का चयन व विभाग द्वारा प्रक्रियाधीन कार्यवाही की जानकारी प्रदान करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जिला खरगोन में नवीन बटालियन की स्थापना की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण जिला खण्डवा में नवीन बटालियन की स्थापना की योजना प्रचलन में नहीं है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खण्डवा जिले में कुल 02 थानें, 07 चौकियों के उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है, कार्यवाही पूर्ण होने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) उत्‍तरांश '''' के क्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "एक"

जाँच को लंबित किया जाना

[वन]

4. ( *क्र. 542 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्रमांक 458, दिनांक 01.08.2025 के संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक, विकास वन मध्य प्रदेश भोपाल को जाँच हेतु पत्र दिया गया? यदि हाँ, तो जाँच अधिकारी कौन-कौन नियुक्त किये गये? (ख) समिति द्वारा किस दिनांक को जाँच की गई, जाँच अभिमत सहित विवरण उपलब्ध करायें, क्या जाँच प्रारंभ होने की प्रश्‍नकर्ता को सूचना दी गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। जांच हेतु तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जिसमें श्री नरेश कुमार यादव, वन संरक्षक छतरपुर-अध्यक्ष, श्री अनुपम शर्मा, वनमंडलाधिकारी दक्षिण पन्ना-सदस्‍य एवं श्री राजाराम परमार, वनमंडलाधिकारी टीकमगढ़-सदस्य नियुक्त किये गये। (ख) समिति द्वारा दिनांक 17.11.2025 से जांच प्रारंभ कर दी गई है, जिसका प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं हुआ है। जांच प्रारंभ होने की सूचना मुख्य वन संरक्षक छतरपुर के पृ.क्र./व्यय/2025/2935, दिनांक 17.11.2025 से प्रश्‍नकर्ता को उनकी ईमेल आई.डी. ramsiyabharti00x2@gmail.com पर दी गई है।

बालिका गृह तथा वर्किंग वुमन हॉस्‍टल की स्‍थापना

[महिला एवं बाल विकास]

5. ( *क्र. 1368 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन के संज्ञान में है कि सीधी जिले के आदिवासी बाहुल्य एवं दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों से उच्च शिक्षा एवं रोजगार की तलाश में जिला मुख्यालय आने वाली छात्राओं एवं कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित एवं सुलभ आवास सुविधाओं के अभाव में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है? (ख) क्या शासन सीधी जिला मुख्यालय में छात्राओं हेतु बालिका गृह तथा रोजगाररत महिलाओं हेतु वर्किंग वुमन हॉस्टल स्थापित करने पर विचार कर रहा है, ताकि उन्हें सुरक्षित आवास, भोजन, सामुदायिक सुविधाएँ एवं आत्मनिर्भरता के लिये अनुकूल वातावरण उपलब्ध हो सके? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) उपरोक्त दोनों संस्थाओं की स्थापना हेतु भूमि चयन, बजट स्वीकृति, निर्माण एजेंसी, संचालन व्यवस्था आदि के संबंध में अब तक शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत विवरण उपलब्‍ध कराएं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। सीधी जिले से इस सबंध में कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं हुआ है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '''' के संदर्भ में जानकारी निरंक है।

एफ.आई.आर. दर्ज की जाना

[गृह]

6. ( *क्र. 871 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा-47 के ग्राम भटगोरा के लगभग 20-25 आदिवासियों द्वारा दिनांक 03.11.2025 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय टीकमगढ़ में आवेदन पत्र देकर माँग की थी कि मनीराम, यादव, अखलेश पाल, राम किसन पाल, गोविंद पाल, रवीन्द्र यादव सभी एक राय होकर आवेदक आदिवासियों की फसलें नष्ट करके जान से मारने के लिये आमदा हैं? यदि हाँ, तो इन सभी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में नामांकित व्यक्तियों द्वारा गरीब असहाय आदिवासी किसानों की फसलें नष्ट करके इनके घरों में आग लगाकर तथा हत्या करने की नियत से घटना को अंजाम देना चाहते हैं तथा नामांकितों के संगठन में शामिल कोमल पाल, वीरन पाल ने वर्ष 2009 में आग लगाने जैसी घटना को अंजाम दिया था, जिस पर पुलिस द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज की थी? अब फिर से 2009 जैसी घटना को अंजाम देने की फिराक में यह सभी व्यक्ति हैं। इनके विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की जा रही है? कारण स्पष्ट करें।                  (ग) आदिवासी परिवार के किसानों को नामांकित व्यक्तियों की दंबगई से सुरक्षित करते हुये प्रश्‍नांश "क" में नामांकितों के विरुद्ध एफ.आई.आर. कब तक दर्ज कर दी जावेगी? समयावधि बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) यह सही है कि खरगापुर विधानसभा के ग्राम भटगौरा के आदिवासियों द्वारा दिनांक 03.11.2025 पुलिस अधीक्षक कार्यालय टीकमगढ़ में शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। उक्त आवेदन पत्र की जांच थाना प्रभारी जतारा से कराई गई। जांच उपरान्त जिला टीकमगढ़ थाना जतारा में अपराध क्रमांक 246/25, धारा 296 (a), 351 (3), 3 (5) बी.एन.एस., 3 (1) (द), 3 (1) (ध), 3 (2) (va) एस.सी./एस.टी. एक्ट का मनीराम यादव, अखलेश पाल, रामकिशन पाल, गोविंद पाल, रविंद यादव, निवासी भटगौरा के विरुद्ध पंजीबद्द कर अनुसंधान में है। (ख) नामांकित व्यक्तियों ‌द्वारा वन विभाग की भूमि पर कब्जा की शिकायतें सी.एम. हेल्पलाइन एवं वन विभाग के अधिकारियों को की गई थी, जिस पर वन विभाग ‌द्वारा ग्राम अटगोरा देवराहा के करीव 51 कब्जाधारियों को वन भूमि से बेदखल कर 90 हेक्टेयर वन भूमि कब्जा मुक्त की गई है, जिसमें आवेदकों की जमीन भी शामिल है। इसी बात पर उभय पक्ष के मध्य कहासुनी पर आवेदन पत्र दिया गया, जिस पर जिला टीकमगढ़ थाना जतारा में प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 246/25, धारा 296 (a), 351 (3), 3 (5), बी.एन.एस., 3 (1) (द), 3 (1) (ध), 3 (2) (va) एस.सी./एस.टी. एक्ट का पंजीबद्ध किया गया है। उभयपक्षों के विरुद्ध शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। वर्ष 2009 में कोमल पाल व वीरन पाल के द्वारा मारपीट एवं घास-फूस की झोपड़ी में आग लगाने की शिकायत पर जिला टीकमगढ़ थाना जतारा, में अप.क्र. 272/09 धारा 147, 427, 323, 435 आई.पी.सी. का आरोपियों कोमल पाल व वीरन पाल के विरुद्ध कायम किया गया था, जिसमें मान. न्यायालय द्वारा आरोपियों को राजीनामा के आधार पर दोषमुक्त किया गया है। (ग) आदिवासी परिवार के किसानों को नामांकित व्यक्तियों से सुरक्षित करते हुए प्रश्‍नांश "क" में नामाकिंत व्यक्तियों के विरुद्ध जिला टीकमगढ़ थाना जतारा में अपराध क्र. 246/25, धारा 296 (a), 351 (3), 3 (5), बी.एन.एस., 3 (1) (द), 3 (1) (ध), 3 (2) (va) एस.सी./एस.टी. एक्ट दर्ज है एवं नामांकितों के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही इस्तगासा क्र. 520/25 धारा 126, 135 (3) बी.एन.एस.एस. की गई है।

नर्मदा नदी के किनारे निवासरत ग्रामीणों को हटाया जाना

[वन]

7. ( *क्र. 1012 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अलीराजपुर जिले में वन विभाग के आदेश अनुसार 5 कि.मी. की परिधि अन्तर्गत नर्मदा नदी के किनारे निवासरत ग्रामीणों को हटाये जाने के आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो इसका उद्देश्य क्या है और इससे कितने ग्राम एवं परिवार प्रभावित हो रहे हैं? ग्रामवार परिवार की संख्या सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार आदेश जारी किये जाने के पूर्व क्‍या ग्राम पंचायत में पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभा में सहमति ली गई है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? यदि ली गई है तो कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्या शासन यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी परिवार को उनके पारम्परिक निवास से विस्थापित न कर वन अधिकार अधिनियम 2006 का पालन किया जायेगा?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं, अलीराजपुर जिले में वन विभाग के आदेश अनुसार 5 कि.मी. की परिधि अन्तर्गत नर्मदा नदी के किनारे निवासरत ग्रामीणों को हटाये जाने के आदेश जारी नहीं किये गये हैं, अपितु प्रदेश में नर्मदा नदी के तट से दोनों ओर 5-5 कि.मी. के दायरे से दिनांक 13.12.2005 के बाद के वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण को हटाने हेतु पत्र दिनांक 21.08.2025 जारी किया है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) पेसा एक्ट में अवैध अतिक्रमण को रिक्त कराने हेतु सहमति लेने का कोई प्रावधान नहीं है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ।

दूरसंचार कंपनियों द्वारा निजी एवं शासकीय भूमि पर स्थापित मोबाइल टावर

[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]

8. ( *क्र. 560 ) श्रीमती छाया गोविन्‍द मोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने टेलीकॉम मोबाइल टावर स्थापित किये गये हैं, इनमें से कितने निजी भूमियों तथा कितने शासकीय भूमियों पर स्थापित हैं? (ख) इन मोबाइल टावरों के लिये संबंधित भूमि का व्यवसायिक डायवर्सन (Commercial Diversion) कराया गया है या नहीं? यदि कराया गया है तो कितनी संख्या में और यदि नहीं, कराया गया है तो उसके लिये क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? (ग) क्‍या टावरों की स्थापना हेतु पर्यावरणीय स्वीकृति (Environmental Clearance/NOC) एवं अन्य विभागीय अनुमतियाँ (जैसे नगरीय निकाय, पंचायत, विद्युत मंडल आदि) प्राप्त की गई हैं? (घ) क्या शासन के संज्ञान में यह बात आई है कि राज्य के अनेक स्थानों पर मोबाइल नेटवर्क टावर बिना व्यवसायिक डायवर्सन एवं बिना पर्यावरण विभाग की अनुमति के स्थापित किये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे प्रकरणों में अब तक की जाँच एवं कार्यवाही के विवरण की जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री गौतम टेटवाल) : (क) विधानसभा क्षेत्र पंधाना, तहसील पंधाना क्षेत्रान्‍तर्गत कुल 37 टेलीकॉम मोबाइल टावर स्‍थापित किये गये हैं, इनमें 31 टावर निजी व 06 शासकीय भूमि पर स्‍थापित है। (ख) प्रदेश में दिनांक 07.08.2023 को जारी मध्‍यप्रदेश दूरसंचार अवसंरचना की स्‍थापना को सुगम बनाने हेतु नीति 2023 में निहित प्रावधान अनुसार जिस शासकीय भूमि/भवनों पर दूरसंचार अवसंरचना/टावर स्‍थापित हैं, उस भूमि उपयोग को बदलने की आवश्‍यकता नहीं होगी। दिनांक 01.01.2025 से राज्‍य में भारत सरकार द्वारा जारी दूरसंचार अधिनियम-2023 के तहत Right of Way Rules 2024 प्रभावशील है। (ग) वर्तमान टेलीकॉम पॉलिसी अंतर्गत प्राइवेट क्षेत्र में टावर के लिये एन.ओ.सी. स्‍वत: पोर्टल से जारी हो जाती है, जिसमें किसी भी विभाग से अनुमति की आवश्‍यकता नहीं होती है एवं शासकीय भूमि हेतु समस्‍त संबंधित विभागों से एन.ओ.सी. ली गई है। (घ) जी नहीं, प्रश्‍नांश (ख) के अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही की गई है। दूरसंचार अवसंरचना की स्‍थापना के संबंध में पर्यावरण से संबंधित अनुमति भारत सरकार के कार्यक्षेत्र में आती है।

वन विभाग के कर्मचारियों का स्थानांतरण

[वन]

9. ( *क्र. 537 ) सुश्री मंजू राजेन्‍द्र दादू : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर अंतर्गत दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक वन विभाग में पदस्थ सभी संवर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण किसकी अनुशंसा पर किन स्थानों पर किस नियम के तहत् किये गये? स्थानांतरण आदेश की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें।                  (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्या स्थानांतरण किये समस्त कर्मचारियों को नवीन पदस्थापना स्थल हेतु भारमुक्त किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें एवं नहीं तो क्यों? वन विभाग में कितने अधिकारी/कर्मचारी किस पद पर, किस दिनांक से, कहां पदस्थ हैं, की पूर्ण जानकारी देवें।           (ग) क्या श्रीमती रूपा मड़ावे, वनरक्षक का जिले के भीतर स्थानांतरण हेतु प्रश्‍नकर्ता की अनुशंसा एवं प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन के उपरांत भी वनमण्डाधिकारी, जिला बुरहानपुर द्वारा स्थानांतरण नहीं किया गया? यदि हाँ, तो राज्य स्तर से संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?                    (घ) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित अवधि से प्रश्‍न दिनांक तक क्या जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर कर्मचारियों के स्थानांतरण किये गये हैं? यदि हाँ, तो सूची देवें एवं यदि नहीं, तो क्यों बताएं। मनमर्जी से कर्मचारियों के स्थानांतरण करने पर राज्य स्तर से संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जिला बुरहानपुर अंतर्गत दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक वन विभाग में पदस्थ सभी संवर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों के जिले के भीतर स्थानांतरण म.प्र. शासन द्वारा जारी जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति के तहत माननीय जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा, प्रशासनिक व्यवस्था को दृष्टिगत रखकर माननीय प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन उपरांत प्रस्तावित स्थानों पर स्थानांतरण किये गये। स्थानांतरण आदेशों की प्रमाणित छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।         (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्थानांतरण किये समस्त कर्मचारियों को नवीन पदस्थापना स्थल हेतु भारमुक्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वनमंडल बुरहानपुर के अंतर्गत अधिकारी/कर्मचारी की पदस्थिति की पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) श्रीमती रूपा मड़ावे (मुड़िया), वनरक्षक का जिले के भीतर स्थानांतरण हेतु मान. विधायक जी, नेपानगर का अनुशंसा पत्र प्राप्त हुआ, जिसे स्थानांतरण प्रस्ताव में लेख करते हुए श्रीमती रूपा मुड़िया, वनरक्षक की पदस्थिति के 03 वर्ष अवधि पूर्ण किन्तु अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध वन सुरक्षा में उनके उत्कृष्ट कार्य को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासनिक आधार पर यथावत रखने के वनमंडल कार्यालय की अनुशंसा सहित स्थानांतरण प्रस्ताव, वनमंडलाधिकारी, वनमंडल बुरहानपुर की नोटशीट दिनांक 26.05.2025 से मान. प्रभारी मंत्री जी द्वारा अनुमोदन के लिये भेजे गये, जिनका मान. प्रभारी मंत्री जी द्वारा अनुमोदन किया गया, जिसके परिपालन में श्रीमती रूपा मुड़िया, वनरक्षक को यथावत रखा गया। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) वनमंडल बुरहानपुर अंतर्गत म.प्र. शासन द्वारा जारी जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति के तहत स्थानांतरण किये गये हैं। सभी स्थानांतरण, स्थानांतरण नीति के अनुरूप एवं प्रशासनिक व्‍यवस्‍था बनाए रखने के आधार पर प्रभारी मंत्री जी से अनुमोदन प्राप्‍त कर ही किये गये हैं। स्थानांतरित कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

उत्‍खनन हेतु शासकीय अनुमतियां

[खनिज साधन]

10. ( *क्र. 786 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) शासन के नियम किस-किस उत्खनन के संबंध में किन-किन विभागों का अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिया जाता है एवं क्यों? विधानसभा छतरपुर क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक मुरम, मिट्टी एवं बालू उत्खनन के कितने आवेदन किन-किन खसरा नंबरों के प्राप्त एवं स्वीकृत किये गये एवं उक्त स्वीकृति शासन के नियम अनुसार की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध कराई जाये। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त स्वीकृति के उपरांत शासन के नियम अनुसार निर्धारित राशि जमा की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब किसके द्वारा कितनी-कितनी जमा की गई है? (ग) वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक शासन के नियम अनुसार जिला छतरपुर के अनुविभाग छतरपुर के हल्का मौजा कैडी एवं भगवंतपुरा की उत्खनन की स्वीकृति के पूर्व तहसील एवं वन विभाग एवं पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिये जाने के उपरांत उत्खनन की स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध कराई जाये। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि नहीं, तो क्या उक्त स्वीकृत उत्खनन खदान के वाहनों के आगमन एवं प्रस्थान के लिये शासकीय या आम रास्ता है? यदि नहीं, तो क्या उत्खनन करने वाले द्वारा भू-स्वामी स्वत्व व्यक्तियों को वाहनों के आगमन एवं प्रस्थान के लिये परेशान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उत्खनन करने वाले के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?  

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - मंत्री (श्री चेतन्‍य काश्‍यप) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार गौण खनिज के उत्खनन हेतु वन विभाग, राजस्व विभाग, खनि निरीक्षक, मानचित्रकार एवं संबंधित ग्राम पंचायत/ग्रामसभा का अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किये जाते हैं। प्रश्‍नांश अनुसार छतरपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्त आवेदन पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उत्खनिपट्टा स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त स्वीकृति शासन के नियम अनुसार की गई है। (ख) जी हाँ। स्वीकृति के उपरांत पट्टाधारियों से जमा कराई गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के                  प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार जिला छतरपुर के अनुविभाग छतरपुर के हल्का मौजा कैडी में 01 उत्खनिपट्टा स्वीकृत किया गया है एवं भगवंतपुरा में कोई उत्खनिपट्टा स्वीकृत नहीं किया गया है। मौजा कैडी में उत्खनन की स्वीकृति के पूर्व तहसील, वन विभाग एवं पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्राप्त करने उपरांत स्वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार भगवंतपुरा में कोई भी उत्खनिपट्टा स्वीकृत नहीं है, ग्राम कैडी में स्वीकृत खदान पर वाहनों के आने-जाने हेतु शासकीय रास्ता है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

घातक केमिकल से उत्पन्न गंभीर पर्यावरणीय एवं स्वास्थ्य संकट

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

11. ( *क्र. 1041 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 07.07.2025 को पत्र क्रमांक 280/VIP/2025 के माध्यम से एवं विधानसभा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2846, दिनांक 05.08.2025 द्वारा जिला झाबुआ के मेघनगर फैक्ट्रियों से निकल रहे घातक केमिकल के कारण आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में उत्पन्न गंभीर पर्यावरणीय एवं स्वास्थ्य संकट के विषय में जानकारी चाही गई थी, किंतु संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर मात्र औपचारिकता निभाई गई और गलत जानकारी प्रस्तुत कर लीपापोती की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित पत्र एवं प्रश्‍न के संदर्भ में शासन द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है तथा जिन अधिकारियों ने जानबूझकर गलत जानकारी दी? क्‍या शासन द्वारा ऐसे लापरवाह एवं दोषी अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समयावधि बतावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? स्पष्ट जानकारी दें। (ग) क्या शासन इस तथ्य से अवगत है कि मेघनगर में फैक्ट्रियों से निकल रहे जहरीले केमिकल के कारण हजारों जीव-जंतुओं की मृत्यु हो रही है तथा यह मानव जीवन के लिये भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहा है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस संकट के समाधान हेतु कौन-कौन से तात्कालिक कदम उठाए जा रहे हैं? जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - मंत्री (श्री चेतन्‍य काश्‍यप) : (क) जी नहीं। एम.पी.आई.डी.सी. लि. द्वारा इस संबंध में किसी प्रकार की जांच नहीं की गई है। उक्‍त कार्यवाही मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की जाती है। मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्‍त जानकारी अनुसार उपरोक्‍त पत्र के संबंध में क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, इंदौर के दल द्वारा दिनांक 23.07.2025 को मेघनगर स्थित औद्योगिक इकाइयों एवं आस-पास के क्षेत्रों का निरीक्षण कर जल नमूने एकत्रित किये गये थे। निरीक्षण उपरांत म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गई है। प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।                 (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पत्र एवं प्रश्‍न के संदर्भ में म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आज दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उपरोक्‍त अनुसार शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिपालन में म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संबंधित विभागों उप संचालक, पशु चिकित्‍सा सेवायें, झाबुआ, उप संचालक, मत्स्‍य पालन, जिला-झाबुआ एवं वन मण्‍डलाधिकारी, झाबुआ से जीव-जंतुओं की मृत्‍यु एवं मानव जीवन के खतरा संबंधी जानकारी प्राप्‍त की गई थी, जो निरंक बताई गई थी। प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

कुपोषण निवारण हेतु संचालित योजना

[महिला एवं बाल विकास]

12. ( *क्र. 895 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? वर्ष 2023-24 से 2025-26 में बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिये कितना बजट प्रावधान किया? वर्षवार, योजनावार जानकारी देवें। (ख) उज्जैन संभाग में कितने बच्चें कुपोषित, कम वजन, छोटे कद के हैं? जिलेवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उज्जैन संभाग अंतर्गत जिलों में प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्ष 2023-24 से 2025-26 में कुपोषण दूर करने हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कितने बच्चे कुपोषण मुक्त हुए? जिलावार जानकारी देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) बच्चों में कुपोषण निवारण हेतु भारत सरकार द्वारा सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 एवं राज्‍य सरकार द्वारा ''मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन'' कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अंतर्गत अतिगंभीर कुपोषित (S.A.M.) बच्‍चों को अतिरिक्‍त आहार (थर्ड मिल) के रूप में राशि रूपये 4/- प्रति बच्‍चा प्रतिदिन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है, जो पोषण आहार के सामान्‍य बजट में ही समाहित है। ''मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन'' अंतर्गत कोई बजट प्रावधान नहीं है। यह कार्यक्रम स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के सहयोग से संचालित किया जाता है। (ख) उज्जैन संभाग की जिलेवार कुपोषित बच्‍चों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अतिगंभीर कुपोषित (S.A.M.) बच्‍चों पर व्‍यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कुपोषण मुक्त हुए बच्चों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "दो"

माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना से सिंचाई जल प्रदाय

[नर्मदा घाटी विकास]

13. ( *क्र. 1391 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) सेंधवा विधानसभा में माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के अंतर्गत केवल 67 ग्रामों को ही लाभान्वित करने का आधार क्या है? अन्य पात्र एवं सिंचाई जल से वंचित ग्रामों को इस परियोजना में सम्मिलित क्यों नहीं किया गया, इसका कारण स्पष्ट किया जाये। (ख) वरला, धवली, मालवन, कामोद चा क्षेत्र एवं छूटे हुए ग्राम को माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना में शामिल करने हेतु क्या किसी प्रकार का तकनीकी सर्वेक्षण अथवा डी.पी.आर. (विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन) तैयार की गई है? यदि हाँ, तो उसकी वर्तमान स्थिति (स्वीकृत/लंबित/प्रेषित) की जानकारी दें। (ग) वरला, धवली, मालवन, कामोद चा क्षेत्र एवं छूटे हुए आसपास के ग्रामों को माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के विस्तार में सम्मिलित करने के लिये अब तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है तथा इसके कार्यान्वयन की संभावित समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है? (घ) क्या शासन यह सुनिश्चित करेगा कि उपरोक्त ग्रामों के किसानों को भी माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के अंतर्गत समान एवं न्यायसंगत रूप से सिंचाई जल उपलब्ध कराया जाये? यदि हाँ, तो उसकी चरणबद्ध कार्ययोजना की जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री धर्मेन्‍द्र भाव सिंह लोधी) : (क) सेंधवा माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना को आवंटित जल एवं तकनीकी आधार पर ग्रामों का चयन किया गया है। शेष वंचित ग्रामों को भौगोलिक परिस्थितियों एवं जल की अनुपलब्‍धता के कारण परियोजना में सम्मिलित नहीं किया गया। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न लागू नहीं।                  (घ) जानकारी उत्‍तरांश (क) अनुसार है।

वन विभाग द्वारा कराये गये सिविल कार्यों की तकनीकी जांच

[वन]

14. ( *क्र. 791 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2091, दिनांक 07.03.2025 के प्रश्‍नांश (ग) के उत्तर में विभागीय कार्यों का मूल्यांकन एवं पर्यवेक्षण करने हेतु पर्याप्त अमला होने की जानकारी दी गई है। यदि हाँ, तो ग्वालियर जिले में पदस्थ अमले की नामवार, पदवार, शैक्षणिक योग्यता एवं वर्तमान पदस्थापना की जानकारी दें। (ख) क्या बिना तकनीकी अमले के विभाग द्वारा सिविल कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यों की माप पुस्तिका बनाई गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक किये गये सिविल कार्यों की कार्यवार माप-पुस्तिका उपलब्ध करायें? (ग) क्या सिविल कार्यों की बिना माप पुस्तिका के भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम से? नियमों की जानकारी दें। (घ) क्या वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कराये गये कार्यों की जांच राज्य के मुख्य तकनीकी परीक्षक की निगरानी में कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं, वन विभाग का अमला तकनीकी रूप से सक्षम है। कार्यों की माप पुस्तिका बनाई गई है। वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक किये गये सिविल कार्यों की कार्यवार जानकारी माप पुस्तिका सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।                    (ग) जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कराये गये कार्यों में अनियमितता प्रकाश में नहीं आने से जांच का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ग्वालियर चंबल संभाग में कुपोषण के संबंध में

[महिला एवं बाल विकास]

15. ( *क्र. 782 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिनांक 1 जनवरी, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक ग्वालियर चंबल संभाग अंतर्गत जिलों में राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित संचालित किन-किन योजनाओं के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई? वर्षवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कुपोषण की रोकथाम, कुपोषित बच्चों की खोज, पोषण आहार, पूरक पोषण आहार का क्रय, वितरण, उपचार, टीकाकरण, दवाइयों का क्रय, शिविरों का आयोजन आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्षवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कुपोषित बच्चों की खोज हेतु चलाये गये अभियान के तहत कब-कब, कहां-कहां पर कितने दिवसीय आयोजित शिविरों में कितने-कितने बच्चे कुपोषित, अति कुपोषित पाये गये? कितने कुपोषित बच्चों की कितनी-कितनी राशि की दवाइयां, पोषण आहार, पूरक पोषण आहार प्रदान किया गया, कितने-कितने कुपोषित बच्चों को उपचार हेतु पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती किया गया? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें।                  (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में शून्य से लेकर एक वर्ष तक, एक से पांच वर्ष की आयु के कितने बच्चों, नवजात शिशुओं की मृत्यु कुपोषण, निर्बलता, एनीमिया, कम वजन एवं अन्य कारणों से हुई? बालक-बालिकावार जानकारी उपलब्ध करावें और प्रतिशत कितना रहा, किस विकासखंड में अधिक कुपोषित बच्चे पाये गये? वर्षवार, जिलेवार जानकारी दी जावे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों में उल्लेखित अवधि में केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) बच्चों के पोषण स्तर के निर्धारण हेतु प्रतिमाह बच्चों की शारीरिक माप ली जाकर पोषण स्तर का निर्धारण विभागीय अमले द्वारा किया जाता है। उल्लेखित मदों में व्यय की गई राशि के वर्षवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कुपोषित बच्चों की खोज हेतु प्रति माह दिनांक 11 से 21 तारीख तक 10 दिवसीय शारीरिक माप गतिविधि का आयोजन प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र पर किया जाता है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी वर्षवार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। कुपोषित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

बी.एल.ओ. और अन्य कर्मचारी को मानदेय का भुगतान

[सामान्य प्रशासन]

16. ( *क्र. 615 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) प्रदेश में होने वाले विभिन्न निर्वाचन/चुनाव में जो बी.एल.ओ. (B.L.O.) और अन्य कर्मचारी को निर्वाचन में विभिन्न कार्य हेतु, कितना मानदेय का प्रावधान है? यदि नहीं, है तब क्यों नहीं है?                   (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में, पिछले 5 वर्ष में पूर्ण हो चुके निर्वाचन में प्रदेश के समस्त जिलों में दिए गये मानदेय भुगतान की जानकारी दी जाये। कौन-कौन से जिलों में मानदेय भुगतान कब से शेष है? विस्तृत जानकारी दें। (ग) संपूर्ण प्रदेश में दिनांक 04.11.2025 से 04.12.2025 तक मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के कार्य हेतु, जो शिक्षक कर्मचारी (B.L.O.) अपने मूल कार्य (टीचिंग) के अन्यत्र यह कार्य करेंगे, उनके टीचिंग के कार्य को कैसे पूरा करा जायेगा और यदि उक्त कर्मचारी उक्त कार्य अवकाश के दिन में करते हैं, तब अवकाश नगदीकरण का क्या प्रावधान है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्रीमती कृष्‍णा गौर) : (क) भारत निर्वाचन आयोग की जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। राज्‍य निर्वाचन आयोग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

रेत का अवैध भण्‍डारण

[खनिज साधन]

17. ( *क्र. 78 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्या नर्मदापुरम जिले में किये गये रेत के अवैध भण्डारण की शिकायत श्री हिरालाल अलावा, माननीय विधायक एवं श्री मुकेश गायकवाड़ और श्री प्रमोद विश्वकर्मा के द्वारा प्रमुख सचिव, खनिज साधन एवं संचालक, खनिज कर्म भोपाल को अप्रैल 2025 में किये जाने के बाद नर्मदापुरम कलेक्टर द्वारा भण्डारण की अनुमति प्रदान की गई और श्री विवेक सोनी के जांच दल द्वारा जांच की गई? (ख) माह अप्रैल 2025 को रेत के अवैध भण्डारण की किसके द्वारा की गई शिकायत राज्य मंत्रालय, संचालनालय एवं जिला खनिज कार्यालय को किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई, अप्रैल एवं मई में किस दिनांक को किस भण्डारण की अनुमति दी गई, श्री विवेक सोनी ने किस दिनांक को भण्डारण स्थल का निरीक्षण किया? पृथक-पृथक बतावें। (ग) भण्डारण की दी गई अनुमतियों में लगाई गई                  किस-किस शर्त का पालन किया जा रहा है, किस-किस का पालन नहीं किया जा रहा, शर्तों का पालन नहीं किये जाने पर किस दिनांक को सूचना पत्र जारी किया, किस दिनांक को भण्डारण की अनुज्ञप्ति निरस्त की गई? (घ) रेत के अवैध भण्डारण को वैध बताने पर शासन ने किस-किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की? क्या कार्यवाही की जा रही है, कब तक की जावेगी? समय-सीमा                    सहित बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - मंत्री (श्री चेतन्‍य काश्‍यप) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन शिकायत अप्रैल 2025 में की गई थी। जी नहीं। जिले में रेत खनिज के माइन डेवलपर कम ऑपरेटर द्वारा दिनांक 05.03.2025 एवं 28.03.2025 को भण्डारण अनुज्ञप्ति प्राप्त करने के लिये आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसके आधार पर आदेश दिनांक 20.05.2025 से कलेक्टर नर्मदापुरम द्वारा भण्डारण अनुज्ञप्ति स्वीकृत की गई है। श्री विवेक सोनी नामक कोई अधिकारी विभाग में पदस्‍थ नहीं है। अपितु श्री विकास सोनी के जाँच दल द्वारा जाँच की गई है।                           (ख) प्रश्‍नांश अनुसार प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में, माह अप्रैल एवं मई में स्वीकृत भण्डारण अनुज्ञप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के             प्रपत्र-ब में दर्शित है। श्री विवेक सोनी नामक कोई अधिकारी विभाग में पदस्‍थ नहीं है। अपितु                  श्री विकास सोनी के जाँच दल द्वारा दिनांक 07.05.2025 से 10.05.2025 को भण्‍डारण स्‍थल का निरीक्षण किया गया। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार स्वीकृत भण्डारण अनुज्ञप्ति की शर्तों का पालन नहीं किये जाने पर 04 भण्डारण अनुज्ञप्ति धारक को पृथक-पृथक दिनांक 13.11.2025 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, जारी कारण बताओ सूचना पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शित है, जिसमें शर्तों के उल्लघंन का लेख है। वर्तमान में कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण कोई भी भण्डारण अनुज्ञप्ति निरस्त नहीं की गई है। (घ) रेत के अवैध भण्डारण को वैध बताये जाने जैसी कोई स्थिति नहीं पायी गयी है। अतः शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

विशेष पिछड़ी आदिम जनजातियों की पुलिस सीधी भर्ती

[गृह]

18. ( *क्र. 592 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्या गृह पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में सीधी भर्ती के तहत मध्य प्रदेश की विशेष पिछड़ी आदिम जाति सहरिया, बैगा एवं भारिया जनजाति के शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों की गृह पुलिस विभाग में आरक्षक (जी.डी.) S.A.F. में नियुक्तियां की गई? (ख) क्या वर्ष 2017-18 के बाद गृह पुलिस विभाग सामान्य प्रशासन विभाग ने आरक्षक जी.डी. S.A.F. के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया सहरिया, बैगा भारिया आदिम जातियों के लिये बंद कर दी है? (ग) क्या गृह विभाग राज्य की विशेष पिछड़ी आदिम जनजातियों की पुलिस आरक्षक जी.डी. (S.A.F.) कार्यपालक पदों पर सीधी भर्ती का नियम 2017-18 का पुनः लागू कर उक्त वर्ग की नियुक्तियां करने की प्रक्रिया आरंभ करेगा?                     (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्तर हाँ है तो क्‍या गृह पुलिस विभाग द्वारा की जा रही पुलिस आरक्षक, जी.डी., एस.ए.एफ. पुलिस आरक्षक के पदों पर मध्यप्रदेश के जिलों में आदिम जाति बैगा, भारिया एवं सहरिया जनजाति के 8 वीं उत्तीर्ण, 10 वीं उत्तीर्ण, 12 वीं उत्तीर्ण लोगों की सीधी भर्ती की जायेगी? समय-सीमा बतावें, नहीं तो क्यों नहीं? कारण दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, गृह विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश क्र.एफ 2 (अ) 30/2017/बी-4/दो, भोपाल दिनांक 06.12.2017 के माध्यम से जिला इकाई बल एवं उन जिलों के अंतर्गत आने वाली विशेष सशस्त्र बल (S.A.F.) की इकाइयों में आदिम जनजातियों के विशेष भर्ती अभियान के तहत आरक्षक के 160 पदों पर भर्ती की गई। (ख) जी नहीं। यह सही नहीं है कि पुलिस विभाग में सहरिया, बैगा एवं भारिया आदिम जनजातियों के लिये नियुक्ति प्रक्रिया बंद कर दी गई है।                 (ग) विशेष पिछड़ी आदिम जनजातियों के लिये जब भी विशेष भर्ती अभियान चलाया जावेगा, तो इन पिछड़ी आदिम जनजातियों की पुलिस आरक्षक G.D. S.A.F. कार्यपालिक पदों पर भर्ती की जायेगी। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग में बालाघाट, डिंडौरी एवं मण्डला जिलों में वर्ष 2022 में विशेष सहयोगी दस्ता हेतु 150 पदों पर नक्सल प्रभावित विकास-खण्डों के आदिवासियों की विशेष सहयोगी पद पर भर्ती भी की गई थी। वर्तमान में विशेष सहयोगी दस्ता के 882 पदों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) विशेष पिछड़ी आदिम जनजातियों के लिये जब भी विशेष भर्ती अभियान चलाया जावेगा, तो इन पिछड़ी आदिम जनजातियों की पुलिस आरक्षक G.D. S.A.F. कार्यपालिक पदों पर भर्ती की जायेगी। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग में बालाघाट, डिंडौरी एवं मंडला जिलों में वर्ष 2022 में विशेष सहयोगी दस्ता हेतु 150 पदों नक्सल प्रभावित विकास खण्डों के आदिवासियों की विशेष सहयोगी पद पर भर्ती भी की गई थी। वर्तमान में विशेष सहयोगी दस्ता के 882 पदों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। बैगा, सहरिया, भारिया जनजाति की बटालियन बनाये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है।

म.प्र. जल निगम का पायली प्रोजेक्ट

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

19. ( *क्र. 748 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. जल निगम के 750 करोड़ के पायली प्रोजेक्ट की कार्य अवधि क्या थी? उक्त कार्य हेतु कब-कब एक्सटेंशन दिया गया? उक्त प्रोजेक्ट का अब तक कितना कार्य पूर्ण हुआ है? कितना शेष है? (ख) पायली प्रोजेक्ट से अब तक कितने एवं किन-किन ग्रामों में पानी की टंकी, पाइप-लाइन, आदि के कार्य पूर्ण हो चुके हैं? किन-किन ग्रामों में कितना-कितना कार्य अपूर्ण है? किये गये निर्माण कार्यों पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान अब तक किया गया है, कितना शेष है?           (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में उक्त पायली प्रोजेक्ट पेय-जल पूर्ति की वर्तमान स्थिति क्या है? ग्रामवार बतायें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 30 माह, 06 माह अतिरिक्त कोविड 19 महामारी के कारण। कार्य हेतु दिनांक 25.08.2021, 07.10.2022, 30.06.2023, 17.01.2024, 27.08.2024 एवं 09.07.2025 को एक्सटेंशन दिया गया है। प्रोजेक्ट का 84.68 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है, 15.32 प्रतिशत कार्य शेष है। (ख) पायली प्रोजेक्ट से अब तक किसी भी ग्राम में पानी की टंकी,                   पाइप-लाइन आदि समस्त कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं। पूर्ण/अपूर्ण कार्यों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। किये गये निर्माण कार्यों पर कुल रूपये 472.74 करोड़ राशि का भुगतान किया गया है एवं रूपये 133.58 करोड़ की राशि शेष है।                          (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में पेयजल आपूर्ति हेतु टेस्टिंग का कार्य प्रगतिरत है। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नियुक्ति

[महिला एवं बाल विकास]

20. ( *क्र. 548 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर जिले में विगत 2 वर्षों में कितने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नियुक्ति की गई? (ख) नियुक्ति प्रक्रिया की जानकारी अनंतिम सूची तथा अंतिम सूची उपलब्ध करावें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) शाजापुर जिले विगत 02 वर्षों में नवम्बर 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक 30 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और 133 आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति की गई है। (ख) विभागीय पत्र क्रमांक/820/2133058/24/50-2 भोपाल, दिनांक 23.05.2025 एवं आदेश क्रमांक/म.बा.वि./एस.ए.पी.-2/2025/1918, दिनांक 03.06.2025 के निर्देशानुसार नियुक्ति एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। अनंतिम सूची संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है तथा अंतिम सूची संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है।

उद्योग स्‍थापित करने हेतु जमीन आवंटन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

21. ( *क्र. 941 ) श्री गौरव सिंह पारधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्या किसी उद्योग को स्थापित करने हेतु जमीन आवंटन/अनुमति/एम.ओ.यू. के पश्चात आवंटन/अनुमति/एम.ओ.यू. की शर्तों के पालन के संबंध में कोई निरीक्षण का प्रावधान है? (ख) बालाघाट जिले में स्थापित विभिन्न इथेनॉल उद्योगों में किस पद/पदनाम के अधिकारी के द्वारा निरीक्षण किया जायेगा। (ग) क्या बालाघाट जिले में स्थापित/स्थापित होने वाले इथेनॉल उद्योगों को दी गई शर्तों का पालन हो रहा है या नहीं? अगर हाँ तो जानकारी उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) ईथान नेचुरल बायो फ्यूल प्रा.लि. के द्वारा स्थापित संयंत्र को लेकर किन-किन शर्तों के साथ कितनी जमीन उपलब्ध कराई गई? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - मंत्री (श्री चेतन्‍य काश्‍यप) : (क) उद्योग स्‍थापित करने हेतु भूमि/भूखण्‍ड आवंटन/अनुमति/एम.ओ.यू. के संबंध में निरीक्षण का प्रावधान नहीं है। किसी इकाई द्वारा आवंटन के पश्‍चात यदि लीज़डीड की शर्तों या मध्‍यप्रदेश राज्‍य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2025) के किसी प्रावधान का उल्‍लघंन किया जाता है तो आवश्‍यकता अनुसार निरीक्षण की कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रश्‍नांश '' में दिये गये उत्‍तर के संदर्भ में यह स्‍पष्‍ट है कि मध्‍यप्रदेश औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के अंतर्गत प्रचलित विधि प्रक्रिया के तहत सीमित मामलों में ही निरीक्षण की कार्यवाही की जाती है। आवश्‍यकतानुसार क्षेत्रीय कार्यालय के तकनीकी/प्रबंधन से संबंधित अधिकारियों द्वारा निरीक्षण की कार्यवाही की जाती है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय, फायर एण्‍ड सेफ्टी, श्रम विभाग, मध्‍यप्रदेश विद्युत वितरण कम्‍पनी जैसे अन्‍य विभागों के सक्षम अधिकारियों द्वारा आवश्‍यकतानुसार निरीक्षण की कार्यवाही की जाती है। (ग) बालाघाट जिले में स्‍थापित इथेनॉल इकाइयों द्वारा निष्‍पादित लीज़डीड की शर्तों का पालन किया जा रहा है। (घ) ग्राम बासी, तहसील वारासिवनी, जिला बालाघाट में स्थापित संयंत्र मेसर्स ईथान नेचुरल बायो फ्यूल प्रा.लि. की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" अनुसार है।

परिशिष्ट - "तीन"

पर्यावरणीय स्वीकृति‍ की शर्तों का पालन

[पर्यावरण]

22. ( *क्र. 1010 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्न परियोजनाओं/योजनाओं में ''पर्यावरणीय स्‍वीकृति'' के लिये प्राप्त सम्पूर्ण आवेदन तथा प्रदत्त ''पर्यावरणीय स्वीकृति‍'' की छायाप्रति देवें। (ख) क्‍या बड़वानी जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्न परियोजनाओं/योजनाओं में प्रदत्त ''पर्यावरणीय स्‍वीकृति'' के लिये निर्माण एजेंसी द्वारा ''पर्यावरणीय स्‍वीकृति'' की शर्तों का पालन न करने विषयक विभिन्न माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उन पर की गई कार्यवाही का विस्तृत विवरण देवें।                   (ग) विभिन्न परियोजनाओं/योजनाओं में प्रदत्त ''पर्यावरणीय स्‍वीकृति'' की शर्तों में उल्लेखित सामाजिक-सामुदायिक जिम्मेदारी पूर्ण कार्यों के लिये व्यय कौन करता है, संबंधित राशि का लेखा कौन करता है, किस मद से रुपया खर्च किया जाता है? शर्तों का पालन करने की मॉनिटरिंग/पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी किस अधिकारी की होती है? (घ) निर्माण एजेंसी द्वारा ''पर्यावरणीय स्‍वीकृति'' की शर्तों का पालन नहीं करने पर निर्माण एजेंसी पर क्या कार्यवाही हो सकती है, नियम सहित बतायें? पालन न करने विषयक विभिन्न माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं और की गई कार्यवाही का विस्तृत विवरण देवें।

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' (पेनड्राईव) अनुसार है। (ख) ऐसी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) परियोजना प्रस्‍तावक द्वारा किया जाता है। क्षेत्रीय कार्यालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार अधिकृत हैं। (घ) पर्यावरणीय स्‍वीकृति को निरस्‍त किया जा सकता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' (पेनड्राईव) अनुसार है। शेषांश उत्‍तरांश (ख) अनुसार है।

पेयजल आपूर्ति के कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

23. ( *क्र. 1260 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामवार पेयजल आपूर्ति के क्या संसाधन वर्तमान में उपलब्ध हैं? वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाओं के क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ प्रचलन में हैं और क्या विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पानी की टंकियों एवं पाइप लाइनों के विस्तारीकरण के कार्य भी प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों में क्या-क्या कार्य कब से प्रचलित हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) कार्यों के प्रस्ताव एवं प्राक्कलनों और कार्ययोजना से अवगत कराइए और जानकारी दें कि किये जा रहे कार्यों को कार्यवार किस ठेकेदार कंपनी द्वारा किया जा रहा है, कार्यों को कब तक पूर्ण किया जाना नियत है? प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्य पूर्ण हो गये? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं? शेष रहे कार्यों को कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) वर्णित कार्य नियत अवधि में, कार्यों की डी.पी.आर एवं स्वीकृत प्राक्कलन के अनुरूप किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कार्यवार विवरण दीजिये, नहीं तो सक्षम प्राधिकारियों द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक की गयी कार्यवाहियों की जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (क) वर्णित कार्यों को किस नाम/पदनाम के किन-किन विभागीय शासकीय सेवकों अथवा स्वतंत्र इंजीनियरों की देखरेख में किया जा रहा है? क्या संबंधितों द्वारा किये जा रहे कार्यों का निरीक्षण/पर्यवेक्षण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विगत 01 वर्ष में कार्यवार किये गये निरीक्षण/पर्यवेक्षण के प्रतिवेदनों का विवरण दें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) बड़वारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामों में पेयजल आपूर्ति हैंडपंप एवं नल-जल योजनाओं के माध्यम से उपलब्ध है। वर्तमान में बड़वारा विधानसभा क्षेत्र में एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के कार्य प्रचलित हैं। जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पानी की टंकी एवं पाइप-लाइनों के विस्तारीकरण के कार्य भी प्रचलन में हैं। शेष रहे कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी हाँ, कार्य समय-सीमा में डी.पी.आर. एवं स्वीकृत प्राक्कलन के अनुरूप किये जा रहे हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) जी हाँ, नल-जल योजनाओं के कार्यों का निरंतर निरीक्षण/पर्यवेक्षण किया जा रहा है। ग्रामवार विभागीय शासकीय सेवक एवं स्वतंत्र इंजीनियरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। प्रतिवेदनों की प्रतियाँ विभागीय वेबसाइट के अंतर्गत https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads लिंक पर उपलब्ध हैं।

रेवेन्यू केस मेनेजमेंट सिस्टम 2.0

[वाणिज्यिक कर]

24. ( *क्र. 26 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सायबर तहसील (आर.सी.एम.एस. 2.0) लागू होने के बाद रतलाम, इंदौर एवं उज्जैन जिलों में कृषि भूमि के कितने पंजीयन (रजिस्ट्री) हुए? (ख) उन कृषि भूमि के पंजीयनों में से कितने नामांतरण आवेदन सायबर तहसील (आर.सी.एम.एस. 2.0) पर प्रेषित किए।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) दिनांक 07.08.2024 से साइबर तहसील (आर.सी.एम.एस. 2.0) लागू होने के बाद दिनांक 11.11.2025 तक रतलाम, इंदौर एवं उज्‍जैन जिलों में क्रमश: 14599, 11623 एवं 26095 कृषि भूमि के विक्रय पत्र पंजीबद्ध हुये हैं। (ख) उक्त जिलों में कृषि भूमि के दस्‍तावेज के पंजीयन उपरांत सभी नामांतरण आवेदन रेवेन्यू केस मेनेजमेंट सिस्टम (आर.सी.एम.एस. 2.0) पर प्रेषित किये गये हैं।

मैहर में संचालित कोतवाली हेतु भवन निर्माण

[गृह]

25. ( *क्र. 711 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) नवगठित जिला मैहर में पूर्व से संचालित कोतवाली मैहर के लिये समुचित तथा व्‍यवस्थित संचालन की दृष्टि से नवीन कोतवाली भवन निर्मित कराये जाने की कार्य योजना क्या शासन स्तर में प्रचलित है? यदि हाँ, तो कब तक निर्मित करा दिया जावेगा? समयावधि बतायी जावे, नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में क्या कोतवाली मैहर हेतु नवीन कार्यालय भवन समस्त व्यवस्थाओं तथा तकनीकी सुविधाओं सहित बनवाये जाने के पत्राचार या प्रस्ताव शासन स्तर में किये गये हैं? यदि हाँ, तो अभी तक क्‍या कार्यवाही की गयी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) थाना कोतवाली मैहर के नवीन भवन हेतु कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित नहीं है, किन्तु पुलिस अधीक्षक जिला मैहर के पत्र क्रमांक/पु.अ./मैहर/रनि/801/25, दिनांक 29.09.2025 के माध्यम से थाना कोतवाली मैहर के नवीन भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय में प्राप्त हुआ है, जिसके परीक्षण उपरांत पुलिस अधीक्षक जिला मैहर से भूमि उपलब्धता, औचित्य एवं भवन के जर्जर होने के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा रही है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) में समाहित है।

 

 

 



भाग-2


नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


कैंट विधानसभा अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

1. ( क्र. 3 ) श्री अशोक ईश्‍वरदास रोहाणी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कैंट विधानसभा अंतर्गत वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं? जानकारी दें। (ख) कैंट विधानसभा में वर्तमान में ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, जो कि स्वयं की भूमि पर या फिर किराये की भूमि पर संचालित किए जा रहे हैं? जानकारी दें। (ग) इन आंगनवाड़ी केन्द्रों में कुल कितनी आशा कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद वर्तमान में रिक्त हैं? जानकारी दें। (घ) कैंट विधानसभा अंतर्गत ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जिनमें आशा कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति नहीं है? यह नियुक्ति कब तक करायी जावेगी? जानकारी दें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) कैंट विधानसभा अंतर्गत कुल 126 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कैंट विधानसभा अंतर्गत 37 आंगनवाड़ी केन्‍द्र विभागीय भवन में, 74 आंगनवाड़ी केन्‍द्र किराये के भवनों में तथा 15 आंगनवाड़ी केन्‍द्र अन्‍य शासकीय भवनों में संचालित हैं। (ग) वर्तमान में 03 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं 02 आंगनवाड़ी सहायिका के पद रिक्‍त हैं। आंगनवाड़ी केन्‍द्र में आशा कार्यकर्ता के पद का प्रावधान नहीं है। (घ) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 03 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद रिक्‍त हैं। 02 आंगनवाड़ी सहायिका के पद रिक्‍त हैं। पदों की रिक्ति एवं भर्ती एक निरंतर प्रक्रिया है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। आंगनवाड़ी केन्‍द्र पर आशा कार्यकर्ता का पद स्‍वीकृत नहीं होने से शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चार"

कैंट विधानसभा अंतर्गत पुलिस थाने एवं चौकियों की जानकारी

[गृह]

2. ( क्र. 4 ) श्री अशोक ईश्‍वरदास रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) कैंट विधानसभा अंतर्गत कुल कितने पुलिस थाने एवं चौकियां आती हैं और इनमें कुल कितना स्टाफ वर्तमान में पदस्थ है? जानकारी दें। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा थानों का जो परिसीमन किया गया था, उनमें से कौन-कौन से थानों का परिसीमन हो चुका है? जानकारी दें। (ग) कैंट विधानसभा में कौन से नवीन थानों का निर्माण होना बाकी है? जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कैंट विधानसभा अंतर्गत 09 थाने एवं 02 चौकियां आती हैं। थानों में कुल 402 एवं चौकियों में कुल 22 का बल पदस्थ है। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश के पालन में कार्यालय मजिस्ट्रेट जिला जबलपुर के अधिसूचना क्रमांक 407/एस.डब्ल्यू./2024 जबलपुर, दिनांक 17.01.2024 के द्वारा जिला जबलपुर में 18 थाना क्षेत्रों का परिसीमन किया गया है, जिसमें से कैंट विधानसभा अंतर्गत थाना-रांझी, गोराबाजार, बरेला, खमरिया, कैंट थाना क्षेत्रों का परिसीमन किया गया। (ग) वर्तमान में कैंट विधानसभा अंतर्गत नवीन थानों के निर्माण का कोई प्रस्ताव प्रचलन में नहीं है।

संजय दुबरी टाइगर रिजर्व अंतर्गत ग्रामों का विस्‍थापन

[वन]

3. ( क्र. 21 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) सीधी जिले के संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के द्वारा किन-किन ग्रामों का विस्थापन किया गया है? कितने परिवारों को विस्थापन पैकेज का लाभ दिया जा चुका है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कितने विस्थापित परिवार किन-किन ग्रामों में मकान बनाकर रह रहे थे? जियो टैग सहित फोटोग्राफ उपलब्ध करायें। यदि मकान बनाकर नहीं रह रहे हैं तो क्या पैकेज का लाभ उनको दिया जायेगा? जानकारी उपलब्ध करायें। कितने लोगों के द्वारा फर्जी तरीके से विस्थापन पैकेज का लाभ लिया गया है, जिस संबंध में विभाग को शिकायत मिली है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के द्वारा किन-किन ग्रामों का विस्थापन किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है? जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) सीधी जिले के संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के द्वारा विस्थापन पैकेज राशि रुपये 15.00 लाख वर्तमान में दिया जा रहा है जो वर्तमान महंगाई दर के हिसाब से कम है, विस्थापन पैकेज की राशि बढ़ाये जाने का प्रस्ताव है? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करायें। शासन स्तर पर विस्थापन पैकेज राशि बढ़ाये जाने के लिये क्या कार्यवाही की जायेगी? जानकारी देवें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सीधी जिले के संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत कुल 19 ग्रामों का पूर्ण विस्थापन किया गया है तथा 2295 परिवारों को विस्थापन पैकेज का लाभ दिया जा चुका है। ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं ''2'' अनुसार है।            (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में पूर्ण विस्थापित ग्रामों के 974 विस्थापित परिवार तथा आंशिक विस्थापित ग्रामों के 669 विस्थापित परिवार जिन-जिन ग्रामों में मकान बनाकर रह रहे थे, उनकी ग्रामवार सूची तथा ग्रामों की जियो टैग सहित फोटो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। ग्रामीण परिवार जो मकान बनाकर नहीं रहे हैं, उन्हें उनकी परिसम्पत्तियों का मूल्यांकन कर मुआवजा प्रदाय किया गया है। अतः विस्थापन पैकेज का लाभ देने का प्रश्‍न निहित नहीं है। फर्जी तरीके से विस्थापन पैकेज का लाभ लिए जाने संबंधी शिकायत क्षेत्र संचालक, संजय टाइगर रिजर्व, सीधी के कार्यालय अभिलेख अनुसार प्राप्त नहीं है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।         (ग) संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के ‌12 ग्राम विस्थापन की प्रक्रिया में है जिसकी जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (घ) वर्तमान में सीधी जिले के संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के द्वारा विस्थापन पैकेज राशि रुपये 15 लाख दिया जा रहा है, उक्त पैकेज राशि रुपये 10 लाख से बढाकर रुपये 15 लाख माह दिसम्बर 2021 में की गई है। अतः वर्तमान में विस्थापन पैकेज की राशि बढ़ाये जाने का प्रस्ताव नहीं है।

इनवेस्टर्स समिट की जानकारी

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

4. ( क्र. 27 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) विगत दो वर्षों में इन्वेस्टर्स को मध्यप्रदेश में लाने के लिए कितनी बार इन्वेस्टर्स मीट हुई? (ख) इन्वेस्टर्स मीट पर कितनी राशि‍ खर्च हुई? (ग) कितने इन्वेस्टर्स ने उद्योग स्थापित किए?                   (घ) कितने रोजगार सृजन हुए?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत दो वर्षों में इन्‍वेस्‍टर्स को मध्‍यप्रदेश में निवेश को प्रोत्‍साहन हेतु दस इन्‍वेस्‍टर्स मीट का आयोजन किया गया। (ख) इन्‍वेस्‍टर्स मीट पर लगभग राशि रू. 186.64 करोड़ का प्रावधिक खर्च हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) विगत दो वर्षों में एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रांतर्गत स्‍थापित 746 उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) कुल 57565 व्‍यक्तियों को रोजगार प्राप्‍त हुआ।

हरदा कृषि उपज मंडी की भूमि घोटाले की जाँच

[सामान्य प्रशासन]

5. ( क्र. 41 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा कृषि उपज मंडी की भूमि घोटाले के मामले में शिकायतकर्ता श्री प्रदीप अहिरवार द्वारा पत्र क्रमांक 04/25 दिनांक 21.02.2025 के माध्यम से आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई भोपाल (EOW) में की गई शिकायत (संदीप पटेल पिता कमल पटेल पूर्व मंत्री ने कृषि उपज मंडी समिति हरदा के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज के आधार पर कृषि उपज मंडी हरदा की भूमि को निजि पेट्रोल पम्प कम्पनी को अवैध रूप से पट्टे पर दिया है) जो कि EOW भोपाल में प्रकरण क्रमांक 152/2025 में दर्ज की गई है, उस पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत की जाँच कराई गई है? यदि हाँ तो वर्तमान जाँच की क्या स्थिति है और जाँच किस चरण में है? यदि जाँच नहीं कराई गई है, तो इसका क्या कारण है? (ग) उक्त प्रकरण की जाँच में दोषी पाये जाने वाले संबंधित लोगों पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) हरदा कृषि उपज मंडी भूमि के संबंध में शिकायतकर्ता                                                       श्री प्रदीप अहिरवार द्वारा की गई शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में सत्यापनाधीन है।                       (ख) शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत की जांच पूरी नहीं हुई है। (ग) जांच में प्राप्त तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर अग्रिम विधिसम्मत कार्यवाही का प्रावधान है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

इंदौर आबकारी विभाग में अनियमितता की जाँच

[वाणिज्यिक कर]

6. ( क्र. 56 ) श्री महेश परमार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर जिले में वर्ष 2015 से 2017 के बीच हुए आबकारी विभाग के लगभग ₹40 करोड़ के चालान घोटाले की राशि बढ़कर ₹70 करोड़ हो गई थी, तो वर्तमान में यह वास्तविक राशि कितनी है? (ख) क्या इस घोटाले में शामिल आरोपी अधिकारियों व कर्मचारियों को संशोधित आरोप पत्र जारी किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रस्तुतकर्ता अधिकारी द्वारा संशोधित गणना पत्रक तैयार होने के बाद शासन या जांच अधिकारी को संशोधित आरोप पत्र हेतु कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ तो पत्राचार की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या वर्ष 2017 में शासन द्वारा गठित विभागीय जांच के दौरान ही बिना शासन स्वीकृति के आबकारी आयुक्त द्वारा मुख्यालय ग्वालियर में एक आंतरिक जांच समिति गठित की गई थी? इस समिति में कौन-कौन अधिकारी थे और उसकी रिपोर्ट क्या थी? (ड.) क्या यह आंतरिक समिति घोटाले के प्रमुख आरोपी तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त इंदौर को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से गठित की गई थी? यदि नहीं, तो समिति गठन की आवश्यकता क्या थी? (च) आबकारी आयुक्त एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारी द्वारा घोटाला करने वाले अधिकारी को बचाने के लिए शासन के नियम विरुद्ध जो कार्य किए हैं, क्या उस हेतु दोनों पर कार्रवाई की जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासन को हुए राजस्व की हानि की वसूली एवं कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

7. ( क्र. 57 ) श्री महेश परमार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के आबकारी लायसेंसियों द्वारा शासन की बकाया राशि ₹25.50 करोड़ की एफ.डी.आर. जुलाई 2021 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र, तिलहरी शाखा, जबलपुर से सहायक आयुक्त आबकारी के नाम से बनवाई गई थी? (ख) यदि यह एफ.डी.आर. शासन के पक्ष में थी, तो इसे तत्काल शासन मद में जमा क्यों नहीं किया गया तथा जानबूझकर अनावश्यक पत्राचार कर संबंधित लायसेंसियों को लाभ पहुंचाने हेतु मा. उच्च न्यायालय, जबलपुर से 12 सितम्बर 2022 को स्थगन आदेश प्राप्त करने का अवसर क्यों दिया गया? (ग) जब शासन मांग के अनुसार एफ.डी.आर. बन चुकी थी, तो उसे जमा न कर मार्च 2022 में अतिरिक्त तहसीलदार आबकारी द्वारा भू-राजस्व की भांति वसूली हेतु मांग-पत्र जारी कर शासन को गुमराह किस अधिकारी ने किया तथा नियमानुसार 7 दिवस बाद आर.आर.सी. क्यों नहीं जारी की गई? (घ) क्या दिनांक 25 मई 2025 को कलेक्टर जबलपुर ने प्रतिवेदित किया कि वर्तमान सहायक आयुक्त एवं अतिरिक्त तहसीलदार आबकारी ने दबाव डालकर दो लायसेंसियों से एफ.डी.आर. प्राप्त की? (ड.) शासन की उक्त एफ.डी.आर. व उसके लगभग ₹5 करोड़ ब्याज की राशि के गबन में संलिप्त अधिकारियों, कर्मचारियों एवं लायसेंसी फर्मों के साझेदारों पर अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई तथा शासन द्वारा एफ.आई.आर. व विधिक कार्यवाही कब तक की जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विभाग द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी

[वन]

8. ( क्र. 72 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र बिजावर में जनवरी 2024 से अब तक विभिन्न निर्माण कार्य, रेनोवेशन, सामग्री क्रय, वानिकी, वृक्षारोपण, वन सुधार, सड़कों, कार्यालय भवन, चौकी, नर्सरी, जल संरचना (तालाब, चेकडैम आदि), बाड़बंदी, फेंसिंग आदि से संबंधित किए सभी कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रदाय करें। (ख) उपरोक्त प्रत्येक कार्य के उद्देश्य, वर्तमान भौतिक स्थिति तथा स्वीकृत एवं व्ययित राशि, कार्य प्रारंभ व पूर्णता की तिथि बताएं तथा कार्य एजेंसी/ठेकेदार का नाम क्या है?              (ग) संबंधित कार्यों में किस-किस मद (बजट शीर्ष) से राशि स्वीकृत की गई, उसकी जानकारी (वार्षिक योजना/राज्य योजना/केंद्र प्रायोजित योजना आदि) प्रदाय करें। (घ) क्या उपरोक्त कार्यों की जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्राम पंचायतों को दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो कब, किसे-किसे सूचना दी गई? (ड.) क्या विभाग द्वारा किए गए कार्यों का निरीक्षण, गुणवत्ता परीक्षण एवं लेखा परीक्षण (audit) कराया गया है? यदि हाँ, तो उसकी रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराई जाए।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में जनवरी 2024 से अब तक विभिन्न निर्माण कार्य, रेनोवेशन, सामग्री क्रय, वानिकी, वृक्षारोपण, वन सुधार, सड़कों, कार्यालय भवन, चौकी, नर्सरी, जल संरचना (तालाब, चेकडैम आदि), बाड़बंदी, फेंसिंग आदि से संबंधित किये सभी कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) विभागीय कार्यों का निरीक्षण एवं गुणवत्‍ता परीक्षण संबंधित वन क्षेत्रों के वन कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा किया जाता है। महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) ग्वालियर से लेखा परीक्षण (audit) हेतु आज दिनांक तक कोई समय-सारणी प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य के पत्रों पर कार्यवाही

[वन]

9. ( क्र. 79 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) गत 6 माह में प्रश्‍नकर्ता के द्वारा किस-किस विषय पर लिखे गए किस-किस दिनांक के पत्र वन मंडल हरदा एवं वन वृत्‍त नर्मदापुरम को किस-किस दिनांक को प्राप्‍त हुए, उन पत्रों की अभिस्‍वीकृति किस-किस दिनांक को प्रश्‍नकर्ता को प्रेषित की गई? (ख) वन मंडल हरदा और उसके अंतर्गत आने वाली संयुक्‍त वन प्रबन्‍धन समितियों, प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों एवं वन विकास अभिकरण समितियों ने गत तीन वर्षों में किस-किस के, किस दर पर कितनी-कितनी सामग्री किस-किस कार्य के लिए क्रय की, उसका किस-किस दिनांक को भुगतान किया गया, किस बिल से जी.एस.टी. एवं आयकर टी.डी.एस. की कितनी राशि की कटौती की गई? (ग) प्रश्‍नकर्ता के किस पत्र का वन मंडल, वन वृत्‍त ने किस दिनांक को उत्‍तर दिया, किस पत्र में चाही गई जानकारी किस दिनांक को प्रश्‍नकर्ता को उपलब्‍ध करवाई गई, कब तक जानकारी उपलब्‍ध करवाई जावेगी? समय-सीमा सहित बतावें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) गत 6 माह में वन मण्‍डल हरदा एवं वन वृत्‍त नर्मदापुरम को प्रेषित पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) वनमण्‍डल हरदा और उसके अंतर्गत आने वाली संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियों, प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों एवं वन विकास अभिकरण समितियों द्वारा गत तीन वर्षों में क्रय सामग्री, बिल भुगतान, जी.एस.टी. एवं आयकर टी.डी.एस. की कटौती से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी उत्‍तरांश '''' के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है।

अनुसूचित जाति/जनजाति के अधिकारियों के खिलाफ टिप्‍पणी

[गृह]

10. ( क्र. 84 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या अनुसूचित जाति एवं जनजाति के शासकीय अधिकारियों एवं शासन के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने, सामाजिक विद्वेष फैलाने के संबंध में श्री महेश मौर्य द्वारा पुलिस अधीक्षक, नर्मदापुरम को दिनांक 02.06.2025 को, श्री सौरभ मेहरा द्वारा नगर निरीक्षक, इटारसी को दिनांक 12.06.2025 को एवं अ.जा.क. थाना, नर्मदापुरम में श्रीमती कोमल नागले द्वारा मई/जून/जुलाई 2025 में आवेदन दिया गया था। (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ है तो उक्‍त तीनों शिकायतों पर की गई कार्यवाही की पृथक-पृथक जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) यह कहना सही है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के शासकीय अधिकारियों एवं शासन के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने, सामाजिक विद्वेष फैलाने के सबंध में श्री महेश मौर्य द्वारा कार्यालय पुलिस अधीक्षक नर्मदापुरम को दिनांक 06.06.2025 को शिकायत आवेदन पत्र प्राप्त हुआ तथा श्री सौरभ मेहरा दवारा नगर निरीक्षक इटारसी को दिनांक 12.06.2025 को शिकायत आवेदन पत्र दिया गया, आवेदिका श्रीमती कोमल नागले द्वारा माह मई/जून/जुलाई 2025 में कोई भी शिकायत आवेदन पत्र थाना अ.जा.क. नर्मदापुरम में दिया जाना नहीं पाया गया। (ख) वस्तुस्थिति इस प्रकार है कि, आवेदक श्री महेश मौर्य द्वारा एवं श्री सौरभ मेहरा द्वारा प्रेषित शिकायत आवेदन पत्र की जांच थाना प्रभारी (अ.जा.क.) नर्मदापुरम से कराई गई। जाँच के दौरान आवेदक डॉ. श्री सीतासरन शर्मा द्वारा प्रस्तुत शिकायत आवेदन पत्र प्राप्त हुआ जिसकी जाँच पर थाना कोतवाली नर्मदापुरम में दिनांक 09.07.2025 को अपराध क्रमांक 0488/25 धारा 253 (2) बीएनएस को पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन हैं। आवेदक डॉ. सीतासरन शर्मा द्वारा प्रस्तुत शिकायत आवेदन पत्र एवं आवेदक श्री महेश मौर्य व श्री सौरभ मेहरा द्वारा प्रेषित शिकायत आवेदन पत्र की विषयवस्तु समान होने से अन्य दोनों आवेदक महेश मौर्य व सौरभ मेहरा का शिकायत आवेदन पत्र नस्तीबद्ध कराये जाने हेतु प्रतिवेदन, थाना प्रभारी (अ.जा.क.) के माध्यम से प्राप्त हुआ है।

फर्जी अंक सूची के आधार पर खेल प्रतियोगिता में भाग लिया जाना

[गृह]

11. ( क्र. 85 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या फर्जी अंक सूची के आधार पर खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने संबंधी वर्ष 2024 एवं 2025 में की गयी शिकायत के संबंध में कार्यालय, पुलिस अधीक्षक, नर्मदापुरम् द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी, नर्मदापुरम् से जुलाई 2025 में कतिपय बिन्दुओं पर जानकारी चाही गयी थी। जानकारी दें तथा उक्त जाँच में कौन से तथ्य प्रकाश में आये? (ख) क्या जिला शिक्षा अधिकारी, नर्मदापुरम् द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नर्मदापुरम् को पत्र क्रमांक 5208, दिनांक 16.07.2025 से भी जानकारी दी गयी थी? (ग) यदि हाँ तो उपरोक्त जांच में प्राप्त तथ्यों एवं तत्संबंध में की गयी कार्यवाही की जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, यह कहना सही है, कि फर्जी अंक सूची के आधार पर खेल प्रतियोगिता में भाग लेने संबंधी वर्ष 2024, 2025 में की गयी शिकायत के संबंध में कार्यालय पुलिस अधीक्षक, नर्मदापुरम द्वारा अति. पुलिस अधीक्षक नर्मदापुरम को जांच हेतु आदेशित किया गया था, जिनके द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी, नर्मदापुरम से जुलाई 2025 में कतिपय बिन्दुओं पर जानकारी चाही थी, उक्त जांच के संबंध में जो तथ्य प्रकाश में आये हैं, उनसे संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, उपरोक्त जांच में प्राप्त तथ्यों एवं तत्संबंध में की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है।

पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत पर्यटन गेट खोले जाने की कार्यवाही

[वन]

12. ( क्र. 123 ) श्री अरविन्द पटैरिया : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत ललाट ग्राम जिसमें पन्ना टाइगर रिजर्व का अतिरिक्त गेट वर्तमान में बंद है? यदि हाँ तो क्‍या ललाट गेट खोलकर पर्यटकों को उपलब्ध कराने से बागेश्वर धाम एवं खजुराहो आने वाले लाखों पर्यटकों को पन्‍ना टाइगर रिजर्व, गंगउ एवं खगुंवा डैम के पर्यटन का भी लाभ मिल सकेगा? (ख) पन्ना टाइगर रिजर्व का ललाट गेट खोले जाने के संबध में शासन स्तर पर क्या कार्यवाही चल रही है? यदि नहीं तो क्या इस संबंध में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन है? (ग) क्‍या ललाट गेट खोले जाने में कोई समस्या आ रही है? यदि हाँ तो विवरण देवें। (घ) कब तक पन्ना टाइगर रिजर्व का ललाट गेट पर्यटकों के लिये खोला जाकर उपलब्ध करा दिया जावेगा?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत ललाट (ललार) ग्राम में कोई पर्यटक गेट नहीं है। अत: बंद किये जाने तथा शेष का कोई प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।       (ख) पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत ललाट (ललार) ग्राम में पर्यटन गेट खोले जाने हेतु कोई कार्यवाही अथवा प्रस्ताव नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश एवं के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लाड़ली बहना योजना के लाभ से वंचित पात्र हितग्राहियों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

13. ( क्र. 155 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत कुल कितने पात्र हितग्राही हैं जिन्हें लाड़ली बहना योजना का लाभ प्रदाय किया जा रहा है? क्या ग्राम पड़री निवासी श्रीमती नीलू दहिया पति श्री रामसुशील दाहिया को लाड़ली बहना योजना के तहत पाँच किश्तें प्रदाय की गई हैं? यदि हाँ तो क्या कारण है कि पाँच माह बाद उक्त हितग्राही बहना को योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में विकासखण्ड सिरमौर एवं विकासखण्ड जवा अंतर्गत ऐसी कितनी पात्र हितग्राही हैं जिन्हें योजना के प्रारंभ में लाभान्वित किया गया किन्तु कुछ माह के उपरांत उक्त योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया? पंचायतवार एवं हितग्राही नामवार विवरण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित हितग्राही को कब तक लाड़ली बहना योजना का पुनः लाभ प्रदाय किया जा सकेगा तथा ऐसी समस्त पात्र हितग्राहियों को कब तक पुनः उक्त योजना से जोड़ा जा सकेगा? समय-सीमा बताएं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत कुल 49, 636 पात्र हितग्राहियों को लाभ प्रदाय किया जा रहा है। जी हाँ। हितग्राही को वंचित नहीं किया गया, हितग्राही द्वारा स्‍वयं लाभ परित्‍याग किया गया है। (ख) किसी भी पात्र हितग्राही को वंचित नहीं किया गया है। परन्‍तु अपात्रता, 60 वर्ष की उम्र हो जाने, लाभ परित्‍याग करने, मृत्‍यु हो जाने आदि के कारण लाभ प्राप्‍त नहीं होने वाले हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (पेन ड्राईव) अनुसार है(ग) श्रीमती नीलू दहिया द्वारा स्‍वयं योजना का लाभ परित्‍याग किया गया है, अत: लाभ परित्‍याग करने वाली ऐसे समस्‍त हितग्राहियों को पुन: लाभ प्रारंभ करने की स्थिति नहीं है।

बैतूल जिला अंतर्गत बन्‍द नल-जल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

14. ( क्र. 159 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले में जल जीवन मिशन के तहत कितने ग्रामों में नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं? इनमें से कितनी योजनाएं पूर्ण होकर संबंधित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित कर दी गई है, कितनी अपूर्ण स्थिति में हैं? विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) अपूर्ण योजनाओं में से कितने ग्रामों की योजनाओं में ठेकेदार द्वारा बिजली संयोजन नहीं कराए जाने के कारण पेयजल आपूर्ति प्रारंभ नहीं की हो सकी है? बिजली आपूर्ति का कार्य नहीं कराने वाले ठेकेदारों को विभाग द्वारा कार्य पूर्ण कराए जाने हेतु कब-कब नोटिस दिए गए? योजनावार जानकारी देवें। (ग) कार्य समय-सीमा में समाप्त नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कोई कानूनी कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो की गई कार्यवाही का ब्यौरा देवें। यदि नहीं हो क्यों? ऐसी योजनाएं जो मात्र विद्युत संयोजन के अभाव में संबंधित पंचायतों को हस्तांतरित नहीं हो सकी हैं, उनकी विद्युत आपूर्ति प्रारंभ कर कब तक पेयजल आपूर्ति प्रारंभ कर दी जावेगी?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 1096 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं स्‍वीकृत हैं, इनमें से 614 योजनाएं पूर्ण कर ग्राम पंचायतों को हस्‍तांतरित कर दी गई हैं तथा 125 पूर्ण योजनाओं के हस्‍तांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, शेष 357 योजनाएं अपूर्ण स्थिति में हैं, योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त मध्‍यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्‍वयन हेतु 04 समूह जल प्रदाय योजनाएं क्रमश: गढा, मेढा, बर्धा एवं घोगरी स्‍वीकृ‍त हैं, इनके अंतर्गत कोई भी योजना पूर्ण नहीं हुई हैं, इन योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं, योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) 69 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं में, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) जी हाँ। एकल ग्राम नल-जल योजनाओं का कार्य समय-सीमा में समाप्‍त नहीं करने वाले ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार शास्ति अधिरोपित की गई है, एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य निर्धारित समय में पूर्ण न किए जाने के कारण अनुबंध में दिए गए प्रावधानों के अनुसार माइल स्‍टोन की राशि रोकी गई है, इसके अतिरिक्‍त समय-समय पर कारण बताओ नोटिस एवं अनुबंध समाप्‍त किए जाने हेतु भी नोटिस जारी किए गए हैं, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।

राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य की सुरक्षा के प्रस्‍ताव पर कार्यवाही

[गृह]

15. ( क्र. 199 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक ओ.बी.सी. महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य                   एड. धर्मेन्द सिंह कुशवाह के द्वारा अपनी सुरक्षा हेतु विभाग को आवेदन दिये गये है? यदि हाँ तो सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में उन आवेदनों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक राज्य सुरक्षा समिति की बैठक कितने बार हुई है? बैठकों के दिनांक सहित और उन बैठकों में किन-किन लोगों को सुरक्षा देने हेतु अनुमति दी गई है? उनके नाम, पता एवं सुरक्षा दिये जाने का आधार क्या है? सम्पूर्ण जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में राज्य सुरक्षा की बैठकों में ओ.बी.सी. महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य एड. धर्मेन्द सिंह कुशवाह के सुरक्षा को लेकर विभाग द्वारा कितने बार प्रस्ताव रखा गया है? सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उन प्रस्तावों पर समिति द्वारा क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ड.) क्या शासन द्वारा ओ.बी.सी. महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य एड. धर्मेन्द सिंह कुशवाह को सुरक्षा प्रदान की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।          (ख) आवेदनों पर पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर से सुरक्षा के खतरे का आकलन प्राप्त किया जाकर नियमानुसार प्रकरण राज्य सुरक्षा समिति में दिनांक 29.06.2023 को प्रस्तुत किया गया, समिति द्वारा परीक्षण उपरांत इसे अमान्य किया गया। (ग) वर्ष 2022 के बाद राज्य सुरक्षा समिति की बैठक दिनांक 29.06.2023 एवं 03.10.2023 को सम्पन्न हुई। राज्य सुरक्षा समिति की बैठक में विशिष्ट एवं अति विशिष्ठ व्यक्तियों को सुरक्षा दी गयी है। (घ) दिनांक 29.06.2023 को सम्पन्न राज्य सुरक्षा समिति में एड. धर्मेन्द्र सिंह कुशवाह को सुरक्षा रक्षा प्रदाय किये जाने हेतु प्रकरण रखा गया है जिसे समिति द्वारा अमान्य किया गया है। (ङ) अगामी राज्य सुरक्षा समिति में इनका प्रकरण इनके खतरे के आकलन प्रतिवेदन के साथ विचारार्थ रखा जा रहा है। राज्य सुरक्षा समिति की बैठक में लिए गये निर्णय अनुसार अविलम्ब कार्यवाही की जाती है।

लोकायुक्‍त संगठन के वार्षिक प्रतिवेदन विधानसभा पटल पर पटलित किया जाना

[सामान्य प्रशासन]

16. ( क्र. 202 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्‍न क्र. 741, दिनांक 2 जुलाई, 2024 के उत्तर में लोकायुक्त संगठन के वार्षिक प्रतिवेदन क्र. 34, 35, 36, 37, 38, 39, 40 एवं 41 वर्ष 2015-16 से वर्ष 2022-23 तक शासन को प्राप्त होने की जानकारी विधानसभा में दी गई थी? (ख) यदि हाँ तो शासन को प्राप्त उन प्रतिवेदनों को विधानसभा के पटल पर अब तक पटलित न किये जाने के क्या कारण है? कब तक पटलित कर दिये जायेंगे? (ग) वर्ष 2015-16 से वर्ष 2022-23 के बाद लोकायुक्त संगठन के वार्षिक प्रतिवेदन किस-किस वर्ष के शासन को प्राप्त हुये हैं? शासन द्वारा इन प्रतिवेदनों पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उक्त प्रतिवेदनों को विधानसभा के पटल पर पटलित किये जाने की कोई समय-सीमा निर्धारित किये जाने के नियम/प्रावधान हैं? यदि हाँ तो उन नियमों का पालन नहीं करने के लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) लोकायुक्‍त संगठन का प्रतिवेदन व्‍याख्‍यात्‍मक ज्ञापन के साथ विधानसभा में प्रस्‍तुत करने के पूर्व प्रथमत: संबंधित विभागों से प्रतिवेदन में उल्‍लेखित अनुशंसाओं पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्राप्‍त की जाती है। संबंधित विभागों से चाही गई जानकारी प्राप्‍त न होने के कारण उपरोक्‍त प्रतिवेदन पटल पर नहीं रखे गये हैं। प्रतिवेदनों में उल्‍लेखित अनुशंसाओं से संबंधित विभागों से जानकारी प्राप्‍त होने पर शीघ्र रखे जायेंगे।                 (ग) लोकायुक्‍त संगठन का 42वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2023-24 प्राप्‍त हुआ है। संबंधित विभागों से प्रतिवेदन में उल्‍लेखित अनुशंसाओं पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्राप्‍त की जा रही है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जांच आयोग की रिपोर्ट विधानसभा पटल पर पटलित की जाना

[सामान्य प्रशासन]

17. ( क्र. 203 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जांच आयोग अधिनियम (1952 का 60) धारा 3 अंतर्गत न्यायिक जांच आयोगों में से शासन को रिपोर्ट प्राप्त होने के छः माह के अन्दर उसे विधानसभा के पटल पर रखा जाना आवश्यक है? (ख) यदि हाँ तो ऐसी कौन-कौन सी रिपोर्ट है जो शासन को प्राप्त होने के छः माह के बाद भी विधानसभा के पटल पर किन-किन कारणों से नहीं रखी गई है? (ग) उपरोक्त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन की अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट सामाजिक न्याय विभाग के पत्र क्र. 6160 दिनांक 26/09/2013 द्वारा मंत्रि-परिषद् संक्षेपिका क्रमांक/एफ 2-6/2023/26-2 दिनांक 08/08/2013 को शासन को सौंपी गई थी एवं सामाजिक न्याय विभाग को सौंपी इस रिपोर्ट की विभाग द्वारा पावती भी दी गई थी जैसा कि सामाजिक न्याय विभाग के प्रश्‍न क्रमांक 3258 उत्तर दिनांक 12/07/2024 के उत्तर में बतलाया गया है? यदि हाँ तो शासन द्वारा अतारांकित प्रश्‍न क्र. 1067 उत्तर दिनांक 12 मार्च 2025 में सामाजिक न्याय विभाग में कार्यवाही प्रचलित होने की गलत जानकारी देने के लिये कौन-कौन दोषी है? शासन को रिपोर्ट प्राप्त होने पर जांच प्रतिवेदन विधानसभा के पटल पर पटलित कब तक किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं, अपितु जांच आयोग अधिनियम, 1952 की कंडिका 3 (4) का प्रावधान संलग्‍न परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट–'''' अनुसार है। (ग) सामाजिक सुरक्षा पेंशन तथा राष्‍ट्रीय वृद्धावस्‍था पेंशन योजना के क्रियान्‍वयन में हुई अनियमितताओं की जांच के लिये गठित जांच आयोग के द्वारा प्रस्‍तुत जांच प्रतिवेदन पर            मंत्रि-परिषद् समिति के द्वारा परीक्षण प्रतिवेदन की कार्यवाही प्रक्रियारत है। अतएव कोई दोषी नहीं है। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पांच"

मुख्‍यमंत्री जी की घोषणाओं पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

18. ( क्र. 262 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) दिनांक 29.05.2025 को माननीय मुख्यमंत्री जी के पन्ना भ्रमण के दौरान की गई घोषणाओं को पूर्ण करने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है एवं किस स्तर पर लंबित है? कब तक कार्यवाही कर घोषणाओं को पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित किये गये पत्रों में से कितने पत्रों को ''''''ए प्लस'' मॉनिट में किस दिनांक से दर्ज किया गया है? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? वर्तमान में किस स्तर पर लंबित है? जानकारी दें। कब तक पत्रों का निराकरण किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा पन्‍ना भ्रमण के दौरान                         11 घोषणाएं की गई, जिनमें से 3 घोषणाएं पूर्ण, 4 आंशिक पूर्ण तथा शेष 4 पर कार्यवाही प्रचलि‍त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।                        (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं '''' अनुसार है।

खनन हेतु फर्शी पत्थर धारित नवीन क्षेत्रों का चिन्हांकन

[खनिज साधन]

19. ( क्र. 264 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्या तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 611 दिनांक 29.07.2025 में प्रश्‍नकर्ता द्वारा फर्शी पत्थर धारित नवीन क्षेत्रों के चिन्हांकन एवं खनन हेतु क्षेत्र उपलब्ध कराने के संबंध में पूछे गये प्रश्‍न के उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा ''क्षेत्र उपलब्धता के संबंध में कलेक्टर, पन्ना एवं क्षेत्रीय प्रमुख, क्षेत्रीय कार्यालय, संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म जबलपुर को संचालक (प्रशासन तथा खनिकर्म) संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म द्वारा पत्र क्रमांक 6929 दिनांक 10.07.2025 से लेख किया गया है कि खनिज फर्शी पत्थर धारित नवीन क्षेत्र चिन्हांकित किये जाने हेतु राजस्व विभाग, वन विभाग एवं खनिज विभाग का संयुक्त दल गठित कर जिले में खनिज फर्शी पत्थर धारित नवीन क्षेत्र चिन्हांकित कर क्षेत्र उपलब्धता का प्रतिवेदन चाहा गया था'' से अवगत कराया गया था। (ख) यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों? कब तक कार्यवाही पूर्ण कर खनिज फर्शी पत्थर धारित क्षेत्रों का चिन्हांकन किया जाकर क्षेत्र उपलब्ध कराया जावेगा? जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार खनिज फर्शी पत्‍थर धारित क्षेत्रों का चिन्‍हांकन संयुक्‍त रूप से क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर, वन, राजस्‍व एवं खनिज विभाग द्वारा संयुक्‍त रूप से फर्शी पत्‍थर धारित क्षेत्रों का चिन्‍हांकन किया जाकर क्षेत्र उपलब्‍ध प्रतिवेदन दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है।

निराश्रित/वृद्धावस्था पेंशन हेतु बी.पी.एल. शर्त समाप्त की जाना

[महिला एवं बाल विकास]

20. ( क्र. 270 ) श्री सुरेश राजे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 19 डबरा के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास परियोजना क्र. 01 एवं 02 अंतर्गत दिनांक 01/04/23 को एवं दिनांक 30/11/25 की स्थिति में कितनी-कितनी पात्र महिलाएं, लाड़ली बहना योजना का लाभ ले रही हैं? परियोजनावार पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या लाड़ली बहना जिनकी उम्र 60 वर्ष पूर्ण होने से योजना की राशि बंद कर दी गई है? यदि हाँ तो ऐसी अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग/सामान्य वर्ग की गरीब, भूमिहीन, मजदूर वर्ग की महिलाओं का गरीबी रेखा राशन कार्ड/पर्ची नहीं होने से वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल पा रही है? इस स्थिति में इन वृद्ध महिलाओं को वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृति हेतु क्या बी.पी.एल. की शर्त समाप्त की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो इनकी पेंशन स्वीकृति हेतु बी.पी.एल. कार्ड/पर्ची बनाने के आदेश कब तक जारी किये जायेंगे? समयावधि बतावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-01 पर है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-02 पर है।

परिशिष्ट - "छ:"

नियम विरूद्ध वन समितियों का गठन

[वन]

21. ( क्र. 323 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कटनी जिले के वन परिक्षेत्र विजयराघवगढ़ के अंतर्गत वन समितियों के चुनाव कराये गये हैं? यदि हाँ तो किन-किन समितियों के कराये गये हैं? नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। क्‍या और भी समितियों में चुनाव कराया जाना शेष है, तो कहाँ-कहाँ? सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में चुनाव कराये जाने हेतु जारी सूचना किन अधिकारी द्वारा कब-कब कराई गई? उक्‍त सूचना की प्रति ग्राम पंचायत को भी उपलब्‍ध कराये जाने का प्रावधान है यदि हाँ तो ग्राम पंचायत की पावती सहित प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नाधीन विषय पर आयोजित ग्राम सभा किस अधिकारी के माध्‍यम से सूचना जारी करते हुये आयोजित की गई? कार्यवाही का संधारण किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया? ग्राम सभा में उपस्थित जनों की जानकारी एवं कार्यवाही का विवरण ग्राम पंचायत के अनुमोदन सहित उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में वन समितियों के नियम विरूद्ध कराये गये चुनाव हेतु कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्‍यों?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) कटनी जिले के अन्तर्गत वन परिक्षेत्र विजयराघवगढ़ में 49 ग्राम वन समितियाँ हैं, जिसमें से 44 ग्राम वन समितियों का चुनाव सम्पन्न कराया जा चुका है। 05 ग्राम वन समितियों का चुनाव कराया जाना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) विजयराघवगढ़ परिक्षेत्र के अन्तर्गत चुनाव हेतु संबंधित परिक्षेत्र सहायक एवं ग्राम वन समिति सचिव द्वारा चुनाव की सूचना जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। ग्राम पंचायत को उपलब्‍ध कराई गई सूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) ग्राम सभा का आयोजन ग्राम पंचायत के द्वारा किया जाता है, जिसकी सूची ग्रामवासियों को ग्राम पंचायत के माध्यम से दी जाती है तथा कार्यवाही का संधारण ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा किया जाता है। ग्राम सभा में उपस्थित जनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। ग्राम वन समितियों के चुनाव प्रक्रिया का ग्राम पंचायत की बैठकों में अनुमोदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) चुनाव नियमानुसार कराये गये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जल जीवन मिशन योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

22. ( क्र. 365 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मऊगंज जिला अन्तर्गत जनपद पंचायत नईगढ़ी मऊगंज एवं हनुमना के किन-किन ग्राम पंचायतों/ग्रामों में जल जीवन मिशन का कार्य 80 प्रतिशत से अधिक घरों में जल प्रदाय किया गया है, की सूची जिसमें ग्राम पंचायत/ग्राम का नाम उक्त ग्रामों के लाभान्वित हितग्राहियों का नाम एवं कुल चयनित हितग्राहियों में से जिन हितग्राहियों के घर जल प्रदाय उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित पंचायतों/ग्रामों में जल जीवन मिशन का कार्य करने हेतु अनुबंधित फर्म/ठेकेदारों एवं ISA तथा TPI के कुल किये गये भुगतान का विवरण उपलब्ध करावें एवं उक्त फर्मों से किए गये अनुबंध में वर्णित BOQ का विवरण ग्रामवार/पंचायतवार उपलब्ध कराएं (ग) वर्ष 2021-22 से जल जीवन मिशन कार्य संचालन हेतु आहरण/संवितरण, कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री एवं लेखा लिपिक मऊगंज जिले की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या रीवा जिले की तरह कार्य करने वाले निविदाकार/फर्म को ब्लैक लिस्टेड/रिकवरी की गई है? यदि हाँ तो सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्या समस्त कार्य ठेकेदारों द्वारा अनुबंध के अनुरूप संपादित किये गये है एवं किये गये भुगतान आदि में अनियमितताएं नहीं पाई गई? यदि पाई गई तो क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो जानकारी से अवगत करावें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) :  (क)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। हितग्राहियों के नाम की जानकारी जल जीवन मिशन के पोर्टल पर उपलब्ध है, जिसका लिंक निम्नानुसार है:- https://ejalshakti.gov.in/JJM/JJMReports/Physical/JJMRep_FHTCBenefDetails.aspx                                (ख) जानकारी विभागीय वेबसाइट पर https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads लिंक पर उपलब्ध है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत, अनुबंध के अनुरूप कार्य संपादित किया गया है। विभागीय मापदंडानुसार ठेकेदार द्वारा किए गए कार्य का मापांकन कर भुगतान के लिए मान्य किया जाता है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

यातायात व्‍यवस्‍था में सुधार

[गृह]

23. ( क्र. 375 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) जबलपुर शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार, दुर्घटनाओं को रोकने व जाम की समस्या से निजात दिलाने हेतु यातयात पुलिस व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एवं नगर निगम जबलपुर द्वारा क्या-क्या उपाय किये गये हैं? किन-किन चौराहों/तिराहों का सुधार मरम्मत पुनर्निर्माण व विकास कार्य ट्रैफिक सिग्नल आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय की है? इससे कहाँ-कहाँ के चौराहों तिराहों पर यातायात व्यवस्था में सुधार व जाम की समस्या से निजात मिली है? बतलावें। वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में कहाँ-कहाँ के चौराहे/तिराहे टूटी फूटी पुलिया, सकरी पुलिया, आवागमन में बाधक व जाम की समस्या से ग्रसित हैं? इन चौराहे/तिराहों, पुलियों का सुधार व पुलिया का चौड़ीकरण न कराने का क्या कारण है? बतलावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में डिजिटल निगरानी हेतु कहाँ-कहाँ पर कितने-कितने सी.सी.टी.वी. कैमरे, फिक्स कैमरे, पी.टी. जेड कैमरे, डोम कैमरे एवं ट्रैफिक सिंग्नल लगाये गये हैं एवं इस पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई हैं? कहाँ-कहाँ के कैमरे, ट्रैफिक सिग्नल आदि कब से बंद बिगड़े पड़े हैं एवं क्यों? इनका सुधार कार्य न कराने व चालू न करवाने का क्या कारण हैं? (घ) प्रश्‍नांश (क) में दुर्घटनाओं को रोकने व यातायात के नियमों का पालन कराने हेतु यातयात पुलिस द्वारा हेलमेट व सीट बेल्ट न लगाने वाले कितने-कितने दुपहिया, चार पहिया वाहन चालकों व नो एन्ट्री भारी वाहनों के प्रवेश करने पर चालानी कार्यवाही कर कितनी-कितनी राशि वसूल की है? शहर के कहाँ-कहाँ पर चिन्हित ब्लैक स्‍पॉटों, चौराहों, तिराहों व नो एन्ट्री में भारी वाहनों के प्रवेश करने से घटित कितनी-कितनी दुर्घटनाओं में कितने-कितने व्यक्तियों, महिलाओं दो पहिया वाहन चालकों की मृत्यु हुई है व कितने घायल हुये हैं? वर्षवार जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला जबलपुर में यातायात प्रबंधन हेतु यातायात पुलिस के 03 थाने संचालित हैं। इन थानों में तैनात बल के माध्यम से प्रति दिवस शहर के प्रमुख चैराहों/तिराहों, बाजार क्षेत्र, रेल्वे स्टेशन बूथ, स्कूल लगने एवं छूटने के दौरान यातायात व्यवस्था की जाती है। शहर की यातायात व्यवस्था बनाये रखने हेतु निम्न प्रबंधन किया जा रहा है- 1- यातायात पेट्रोलिंग मोबाइल एवं क्रेन मोबाइल के माध्यम से एनाउंसमेंट कर नो-पार्किंग/आम रोड पर खड़े वाहनों को हटाया जाता है व उनके विरूद्ध मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाती है। 2- शहर में भारी वाहनों के अवैध प्रवेश को रोकने हेतु नो-एंट्री पाईंट बनाये गये है।              3- ITMS सिस्टम के माध्यम से यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर ई-चालानी कार्यवाही की जाती है। 4- यातायात नियमों के उल्लंघनकर्ता वाहन चालकों के विरूद्ध चालानी बॉडीवार्न कैमरा धारण कर POS मशीन के माध्यम से चालानी कार्यवाही की जाती है। 5- तेजगति से वाहन चलाने पर इंटरसेप्टर व्हीकल एवं स्पीड राडार गन के माध्यम से चालानी कार्यवाही की जाती है, ताकि तेज गति से होने वाली दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। 6- बाजारों की यातायात व्यवस्था हेतु वन-वे व्यवस्था लागू है। 7- शहर के प्रमुख मार्गों, चौराहों/तिराहों से अस्थाई अतिक्रमण को हटाने हेतु कार्ययोजना तैयार कर यातायात पुलिस एवं नगर निगम द्वारा संयुक्त कार्यवाही की जाती है।             8- वाहन चालकों, छात्र-छात्राओं एवं आमजन को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने हेतु यातायात प्रशिक्षण/सेमीनार का आयोजन किया जाता है। 9- यातायात नियमों के प्रचार-प्रसार हेतु 08 स्थानों पर व्ही.एम.एस स्थापित किये गये है। इसके अतिरिक्त प्रमुख त्यौहारों, व्ही.आई.पी./ व्ही.व्ही.आई.पी. मूवमेंट के दौरान ट्राफिक प्लान बनाकर प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर यातायात प्रबंधन का कार्य किया जाता हैं एवं शहर यातायात प्रबंधन हेतु शासन से प्राप्त बजट राशि से विभिन्न सामग्री जैसे - यातायात नियमों संबंधी बैनर, पोस्टर, पम्पलेट्स, सेमीनार हेतु सामग्री, स्टॉपर, हेवी बैरिकेट्स, रिफ्लेक्टर मिरर, डेलीनेटर, रोड स्टड, ट्राफिक सिग्नल, रिफलेक्टर जैकेट, ट्राफिक कोन, प्रोजेक्टर, आदि सामग्री क्रय की गई है। 1- वर्ष 2022-23 में सड़क सुरक्षा कोष 8333 में 17, 70, 000/- राशि प्राप्त हुई, जिसमें 16, 09, 310/- राशि व्यय की गई तथा बड़े शहरों में यातायात प्रबंधन अंतर्गत मद 7186 में 75, 47, 500/- राशि प्राप्त हुई, जिसमें                    74, 47, 500/- राशि व्यय की गई। 2- वर्ष 2023-24 में बजट राशि निरंक है। 3- वर्ष 2024-25 में जिला जबलपुर को परीक्षा एवं प्रशिक्षण, परिवहन व्यवस्था मद, मशीन एवं उपकरण का अनुरक्षण एवं अन्य व्यवसायिक सेवाओं हेतु कुल 22, 65, 000/- राशि प्राप्त हुई है। 4- वर्ष 2025-26 में सड़क सुरक्षा कोष 8333 में 1, 15, 65, 000/- राशि प्राप्त हुई है, जिसमें यातायात सुरक्षा संबंधित सामग्री क्रय प्रक्रिया प्रचलन में है तथा मद 7186 में 67, 50, 000/- राशि प्राप्त हुई है, जिससे ट्राफिक सिग्नल 04 स्थानों पर लगाये जा रहे हैं, जिस हेतु व्यय की कार्यवाही प्रचलन में है। जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमि. द्वारा ITMS परियोजना का क्रियान्वयन जनवरी 2019 से 03 वर्ष के लिये किया गया था जिसके अंतर्गत शहर के 12 जंक्शन 09 एंट्री एक्जिट प्वाइंट पर 134 एएनपीआर एवं 54 आरएलवीडी कैमरे स्थापित किये गये थे, साथ ही 07 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल स्थापित किये गये थे। जिसमें 7.38 करोड़ रूपये की राशि व्यय हुई। (ख) जबलपुर शहर में गोहलपुर पुलिया, वेस्ट लैण्ड, डाकघर, पुलिया, सकरी पुलिया है एवं घमारपुर चौक, जबलपुर हॉस्पिटल तिराहा सकरे है, कभी-कभी छोटे/बड़े वाहनों की संख्या अधिक होने पर वाहनों के चौराहे/तिराहे से निकलने में समय लगता है। यातायात पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा समिति एवं सड़क निर्माण एजेंसियों से पत्राचार कर शहर के ऐसे स्थान/चैराहो/तिराहों, जिसमें आवागमन में बाधा/जाम आदि की समस्यायें परिलक्षित होती है, योजनाबद्ध तरीके से समस्याओं के निराकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही बाबत् अवगत कराया जाता है एवं यातायात पुलिस द्वारा स्टापर/बेरीकेट्स लगाकर व यातायात बल की तैनाती कर सुगम यातायात व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जाता है। (ग) जबलपुर शहर में सिटी सर्विलांस हेतु 125 चौराहों पर 1-1 नग पी.टी.जेड. कैमरे एवं चौराहों के आवश्यकतानुसार हर चौराहों पर 04 से 05 नग फिक्स कैमरे स्थापित किये गये है। व्‍ययित राशि की जानकारी एकत्रित की जा रही है। विभिन्न लोकेशन के 40 नग फिक्स कैमरे एवं 22 नग पी.टी.जेड. कैमरे कुल 62 नग कैमरे मरम्मत योग्य है, उनके स्थान पर विभाग द्वारा नये कैमरे प्रदाय किये गये हैं तथा 68 कैमरे जो विभिन्न लोकेशन (चौराहों) पर तकनीकी खराबी के कारण बंद हैं जिन्हें सुधार किया जा रहा है। 125 लोकेशन पर स्थापित फिक्स एवं पी.टी.जेड. कैमरे की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एवं '' अनुसार है।

वन अधिसूचित भूमि की जानकारी

[वन]

24. ( क्र. 397 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि प्रश्‍न क्रमांक 2528 दिनांक 13 मार्च 2007 के संलग्‍न परिशिष्ट में बताई गई सर्वे में शामिल भूमियों एवं सर्वे में उपयुक्‍त पाई गई भूमियों को राजपत्र में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 के अनुसार प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी संर‍क्षित वन अधिसूचित नहीं किया? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍न क्रमांक 2528 में कितने ग्रामों की कितनी जमीन को सर्वे में शामिल कर कितनी जमीन को उपयुक्‍त एवं कितनी जमीन को अनुपयुक्‍त बताया गया और इनमें से कितनी जमीन भा.व.अ. 1927 की धारा 4 एवं धारा 34अ में अधिसूचित की गई? (ग) सर्वे में शामिल कर जिन जमीनों को धारा 4 एवं धारा 34अ में अधिसूचित किया गया उन्‍हें भा.व.अ. 1927 की धारा 29 के अनुसार राजपत्र में किन-किन कारणों से प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी संरक्षित वन अधिसूचित नहीं किया गया? (घ) धारा 29 के तहत राजपत्र में संरक्षित वन अधिसूचित नहीं किए जाने का क्‍या कारण हैं? इन जमीनों को रीवा राज दरबार के आदेश दिनांक 8 फरवरी 1937 के अनुसार संरक्षित वन बताने का क्‍या कारण है? पृथक-पृथक बतावें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सर्वे डिर्माकेशन में शामिल भूमियां पूर्व से रीवा राज दरबार के गजट नोटिफिकेशन दिनांक 08.02.1937 तथा विन्‍ध्‍यप्रदेश का नोटिफिकेशन दिनांक 07.08.1948 से संरक्षित वन अधिसूचित है। इस कारण पुनः भा.व.अ. 1927 की धारा 29 के तहत अधिसूचित करने की आवश्यकता नहीं है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। रीवा राज दरबार के आदेश दिनांक 08.02.1937 से अधिसूचित संरक्षित वन भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 20 (अ) शासित है।

परिशिष्ट - "सात"

निजी भूमि का अर्जन

[वन]

25. ( क्र. 398 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल एवं रीवा वन वृत्त के अन्तर्गत वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वन कक्ष इतिहास मानचित्र में दर्ज कर संरक्षित वन प्रतिवेदित की जा रही भू-स्वामी हक की भूमि उस पर स्थित सम्पत्ति एवं वनोपज के अर्जन का प्रकरण बनाकर जनवरी 2014 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी वन मंडलों ने प्रस्तुत नहीं किया गया? (ख) दिसम्बर 2013 को किस वन मंडल के वर्किंग प्लान में कितने ग्रामों के कितने किसानों को कितनी निजी भूगि को शामिल कर किसके आदेश या अनुमति से किस प्रावधान के अनुसार वन विभाग संरक्षित वन प्रतिवेदित कर रहा है? (ग) जनवरी 2014 से लागू भू-अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 में क्या-क्या प्रावधान है, धारा 23 धारा 30 एवं धारा 31 के अनुसार आदेश हेतु किस दिनांक को भूमि, सम्पत्ति, वनोपज का प्रकरण बनाकर प्रस्तुत किया? (घ) यदि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्थापन हेतु प्रकरण बनाकर प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी प्रस्तुत नहीं किया हो तो कारण बतावें। कब तक प्रकरण बनाकर प्रस्तुत किया जावेगा? समय-सीमा बतावें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 6 में आवेदक भूमि स्‍वामी को भूमि एवं वनोपज हक हेतु दावा वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी के समक्ष प्रस्‍तुत करने का प्रावधान है। अतः वन मंडलों ने दावा प्रकरण बनाकर प्रस्तुत नहीं किया है।               (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 3 के प्रावधानों के अनुसार अधिसूचित भूमियों को वन विभाग अपने आधिपत्‍य की वन भूमि/संरक्षित वन प्रतिवेदित कर रहा है। निजी भूमियों को संरक्षित वन प्रतिवेदित नहीं कर रहा है। (ग) प्रश्‍नाधीन अधिनियम 2013 की धारा 24 के प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। भूमि, सम्‍पत्ति, वनोपज के अधिकार सम्‍बधी दावा उत्‍तरांश '' अनुसार आवेदक भूमि स्‍वामी को वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी के समक्ष किया जाना है। (घ) उत्‍तरांश '' एवं '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भू-स्‍वामी की भूमि के अर्जन की कार्यवाही

[वन]

26. ( क्र. 400 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वन विभाग द्वारा वन खण्‍ड में शामिल भू-स्वामी हक की भूमियों को लेकर मुख्‍य सचिव के पत्र क्र. 974/एफ25-08/2015/10-3 दिनांक 1 जून 2015 एवं प्रमुख सचिव वन के पत्र क्रमांक एफ 25-08/2015/10-03 दिनांक 4 जून 2015 में किए किसी भी निर्देश का रीवा संभाग एवं शहडोल संभाग में प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी पालन नहीं किया? (ख) कितने किसानों की कितनी निजी भूमि किस वन मंडल के वर्किंग प्‍लान, एरिया रजिस्‍टर, वन कक्ष इतिहास एवं वन कक्ष मानचित्र में दर्ज कर किसकी अनुमति या आदेश से वन विभाग संरक्षित वन प्रतिवेदित कर रहा है? इस संबंध में किस कलेक्‍टर या संभागायुक्‍त ने वन विभाग के विरूद्ध किस-किस दिनांक को क्‍या कार्यवाही की यदि कार्यवाही नहीं की हो तो कारण बतावें। (ग) जनवरी 2014 से लागू भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 में क्‍या प्रावधान है? वन विभाग ने निजी भूमि और उस पर स्थिति संपत्ति के अर्जन का प्रकरण कब बनाकर प्रस्‍तुत किया? यदि प्रकरण प्रस्‍तुत नहीं किया हो तो अर्जन से संबंधित कार्यवाही का क्‍या प्रावधान हैं?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वनखण्‍डों में शामिल निजी भूमियों के अधिकारों के विनिश्‍चयन की कार्यवाही संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) एवं पदेन वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी द्वारा अर्द्धन्‍यायिक प्रक्रिया के तहत जांच में है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) रीवा संभाग एवं शहडोल संभाग में वनमण्‍डलवार वनखण्‍डों में सम्मिलित निजी भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29, धारा 34, धारा 20 तथा धारा 20 (अ) अनुसार वनभूमि प्रतिवेदित की जाती है। उत्‍तरांश '' के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नानाधीन अधिनियम 2013 की धारा 24 के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1अ अनुसार है। वनखण्‍डों में सम्मिलित निजी भूमियों या संपत्ति पर अधिकारों का दावा संबंधित भूमि स्वामी को करना है, प्रकरण वन विभाग द्वारा तैयार कर प्रस्‍तुत किये जाने का प्रावधान नहीं है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 तक के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है।

अनुशासनात्‍मक कार्यवाही एवं वसूली

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

27. ( क्र. 434 ) श्री अभय मिश्रा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक-1332 दिनांक 01 अगस्त 2025 के उत्तरांश (क) जी हाँ (ख) जी हाँ, मुख्य अभियंता परि. जबलपुर ने अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रस्ताव परि. कार्यालय को उपलब्ध कराने हेतु अधीक्षण यंत्री रीवा को लेख किया गया है! प्रस्ताव अपेक्षित है! (ग) जी हाँ, सेवा पुस्तिका व शैक्षणिक योग्यता की जानकारी नहीं देने के कारण प्रमुख अभियंता द्वारा श्री संजय पाण्डेय को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में मुख्य अभियंता के पत्र क्रमांक-1591 दि. 19.05.2025 के पालन में प्रमुख अभियंता लो.स्वा.यां. विभाग भोपाल एवं अधीक्षण यंत्री लो.स्वा.यां.वि. रीवा मण्डल रीवा के पत्र क्रमांक-629 दि.13.05.2025 द्वारा पत्र में उल्लेखित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही बाबत् प्राप्त प्रस्ताव/अभिलेख के साथ की गई कार्यवाही का विवरण देवें। कार्यवाही लंबित है तो क्यों? इसके लिये किन को जवाबदार मानकर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कार्यालय अधीक्षण यंत्री लो.स्वा.यां.वि. रीवा मण्डल रीवा द्वारा प्रमुख अभियंता ला.स्वा.यां.वि. भोपाल के पत्र क्रमांक-3996/ स्था./प्र.अ./लो.स्वा.यां.वि./ 2025/भोपाल दि. 09. 05.2025 के पालन में श्री संजय पाण्डेय कार्यपालन यंत्री को शैक्षणिक योग्यता, सेवा पुस्तिका सहित अन्य दस्तावेजों को तीन दिवस के अंदर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, का निर्देश दिया गया जिसके पालन में अभिलेखों की प्रति के साथ की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित अनुसार कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं, तो क्‍यों?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यपालन यंत्री खण्ड रीवा के पत्र क्रमांक-1869/तक/दिनांक 06.06.2025 के माध्यम से जांच प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को प्रेषित किया गया। तदुपरांत प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 4817 दिनांक 10.06.2025 से कार्यपालन यंत्री खण्ड रीवा से प्राप्त जांच प्रतिवेदन शासन को उपलब्ध कराया गया। प्राप्त जांच प्रतिवेदन के अनुक्रम में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल के पत्र क्र. 6184 दिनांक 22.07.2025 द्वारा श्री संजय पाण्डेय, प्रभारी कार्यपालन यंत्री को सेवा पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ की सत्यापित प्रति एवं शैक्षणिक योग्यता संबंधी दस्तावेज उपलब्ध कराने के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया था। तदुपरांत श्री संजय पाण्डेय प्रभारी कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड रीवा ने स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हुए, सेवा पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ की प्रति एवं शैक्षणिक योग्यता संबंधी अभिलेख प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को उपलबध कराये गए हैं। प्राप्त शैक्षणिक योग्यता संबंधी अभिलेख प्रमुख अभियंता स्तर पर परीक्षणाधीन हैं। (घ) उत्तरांश '' '' एवं '' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

व्‍यवहार न्‍यायालय की स्‍थापना

[विधि एवं विधायी कार्य]

28. ( क्र. 456 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) शिवपुरी जिले की नरवर तहसील में व्‍यवहार न्‍यायालय की स्‍थापना प्रश्‍न दिनांक तक क्‍यों नहीं हुई है जबकि जिले की अन्‍य तहसीलों में व्‍यवहार न्‍यायालय चल रहे हैं? नरवर तहसील के अंतर्गत थाना सीहोर पुलिस चौकी मगरोनी पुलिस चौकी सुनाटी तथा नरवर तहसील के अंतर्गत 61 ग्राम पंचायत तथा 128 ग्राम है जिनके सिविल व फौजदारी के प्रकरण करैरा में प्रचलित है। करैरा से नरवर की दूरी 35 कि.मी. है। (ख) क्‍या नरवर तहसील में व्‍यवहार न्‍यायालय होने से आम व्‍यक्तियों की समय व अनावश्‍यक रूप से व्‍यय की बचत नहीं होगी तथा कम खर्च में सुलभ न्‍याय मिल सकेगा? (ग) तहसील नरवर में व्‍यवहार न्‍यायालय की स्‍थापना कब तक की जावेगी? (घ) क्‍या पूर्व में तहसील नरवर में व्‍यवहार न्‍यायालय की कार्यवाही विभाग द्वारा प्रचलित की गई थी परन्‍तु प्रश्‍न दिनांक तक स्‍थापना नहीं की गई? क्‍या शासन की मंशानुसार प्रत्‍येक तहसील में व्‍यवहार न्‍यायालय की स्‍थापना अनिवार्य है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वन ग्रामों को राजस्‍व ग्राम का दर्जा दिया जाना

[वन]

29. ( क्र. 458 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्रश्‍नकर्ता विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर अंतर्गत सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कितने वन ग्रामों का विस्‍थापन किन-किन तहसीलों के अंतर्गत किया गया है? उन ग्रामों के नाम, तहसीलवार सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के संबंध में जिन वन ग्रामों का विस्‍थापन किया गया है उन्‍हें अभी तक राजस्‍व ग्राम घोषित नहीं किया गया है जिसके कारण विस्‍थापित ग्रामीण किसानों को किसान सम्‍मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, राहत राशि, फसल बीमा, लाड़ली बहना राशि तथा क्षति होने पर मुआवजा राशि सहित अन्‍य शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? इसके संबंध में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध कराई जाये(ग) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से विस्‍थापित ग्राम जो राजस्‍व क्षेत्र में बसाये गये हैं इन्‍हें कब तक राजस्‍व ग्राम का दर्जा दे दिया जायेगा? समय-सीमा बताई जाये। साथ ही इनके रिकार्ड भी कब तक पोर्टल पर सुधारे जायेंगे? विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध कराई जाये

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर अंतर्गत स्थित 18 वन ग्रामों को विस्थापित किया गया है। विस्थापित 18 वन ग्रामों में से विस्थापित 17 वन ग्रामों के ग्रामीणों को जिला नर्मदापुरम की माखन नगर, सोहागपुर, इटारसी एवं सिवनी मालवा तहसील तथा जिला बैतूल की शाहपुर तहसील में बसाया गया है। शेष विस्थापित 1 वन ग्राम बिनेका को ग्रामीणों/हितग्राहियों की सहमति अनुसार विकल्प-1 के तहत दस-दस लाख रूपये नगद प्रदाय कर विस्थापित किया गया जो अपनी सुविधा अनुसार राजस्व क्षेत्र में भूमि क्रय कर तहसील सोहागपुर के अंतर्गत बसे हैं। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के संबंध में विस्थापित 17 वन ग्रामों के ग्रामीणों को 34 स्थलों की वन भूमि को निर्वनीकरण कर बसाया गया है। उक्त 34 स्थलों में से 33 स्थलों को राजस्व ग्राम घोषित किया जा चुका है। ग्राम मालनी के 1 स्थल को राजस्व ग्राम घोषित करना शेष है जिस हेतु क्षेत्र संचालक के पत्र दिनांक 21.07.2025 से कलेक्टर नर्मदापुरम को लेख किया गया है। राजस्व विभाग द्वारा अधिसूचित 33 राजस्व ग्रामों में से राजस्व मानचित्र तैयार किए जाने हेतु 12 ग्रामों में ड्रोन सर्वे एवं राजस्व अभिलेख तैयार किए जाने हेतु आर.ओ.आर. की कार्यवाही प्रारंभ है। शेष ग्रामों में उक्त कार्यवाही हेतु कलेक्टर, (भू-अभिलेख शाखा) नर्मदापुरम को क्षेत्र संचालक के पत्र दिनांक 29.10.2025 से लेख किया गया है। (ग) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से विस्थापित कर किसी भी ग्राम को राजस्व क्षेत्र में नहीं बसाया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "आठ"

जिला खनिज प्रतिष्‍ठान निधि से कराये गए कार्य

[खनिज साधन]

30. ( क्र. 515 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि से वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-252025-26 में खनिज प्रतिष्ठान निधि के तहत जिले में विभिन्न स्‍त्रोतों से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जिले में प्राप्त राशि में से राज्यांश और क्षेत्रांश की राशियों का पृथक-पृथक ब्‍यौरा देते हुये वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-252025-26 में स्वीकृत निर्माण कार्यों की सूची एवं जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि की राशि व्यय करने की नियमावली उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-252025-26 में स्वीकृत निर्माण कार्यों में कितने निर्माण कार्य पूर्ण किये गये है तथा कितने कार्य निर्माणाधीन है तथा कितने कार्य प्रश्‍न दिनांक तक प्रारंभ नहीं किये गये है? प्रारंभ न किये जाने वाले कार्यों की सूची उपलब्ध करावें तथा उन्हें किन कारणों से प्रारंभ नहीं कराया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार कार्य की स्वीकृति उपरांत कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति न दिये जाने के पीछे क्या कारण है तथा जिन कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई है और सूची में सम्मिलित है, उनकी प्रशासकीय स्वीकृति देकर कार्य प्रारंभ कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार जानकारी निम्‍नानुसार प्रस्‍तुत है:-

वर्ष

प्राप्‍त राशि (करोड़ में)

2020-21

44.57

2021-22

66.50

2022-23

62.12

2023-24

57.84

2024-25

71.64

2025-26

33.79

योग

336.46

(ख) प्रश्‍नांश अनुसार जिले में जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि अंतर्गत प्राप्त राशि में कोई राज्यांश या क्षेत्रांश राशि के रूप में वर्गीकरण अनुसार प्राप्ति नहीं होती है। अतः वर्षवार पृथक-पृथक ब्यौरा दिये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्‍नांश अनुसार जिला खनिज प्रतिष्ठान के वर्ष                 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 के स्वीकृत निर्माण कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर दर्शित है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना, राज्य स्तर से अनुमोदन कराये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि से राशि व्यय करने के संबंध में म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में प्रावधान है। यह नियम अधिसूचित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर दर्शित है। कार्यों को प्रारंभ न करने के कारण की कार्यवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर दर्शित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर दर्शित है।

म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम 2016 का पालन

[खनिज साधन]

31. ( क्र. 516 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन खनिज विभाग के पत्र क्रमांक एफ-12-02-2022/12/1/पाई भोपाल दिनांक 08/06/2022 द्वारा मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम-2016 अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाये जाने बाबत् निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ तो उक्त पत्र की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिला अनूपपुर में वित्तीय वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 में स्वीकृत निर्माण कार्यों में निर्माण एजेन्सियों विशेषकर जनजातीय कार्य विभाग और जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा क्या-क्या पारदर्शी प्रक्रिया (ई-टेण्डर प्रक्रिया) कौन-कौन से निर्माण कार्यों हेतु अपनाई गयी? निर्माण कार्य का नाम स्वीकृत राशि निर्माण एजेन्सी/ठेकेदार का नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में पारदर्शी प्रक्रिया (ई-टेण्डर प्रक्रिया) से शासन को कितनी राशि की बचत/कितनी राशि की क्षति हुई है? निर्माण कार्यवार जानकारी देवें। (घ) क्या निर्माण कार्य हेतु प्राक्कलन में निर्धारित दर पर जी.एस.टी. जोड़े जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो प्रश्‍नांश (ख) के निर्माण कार्यों में कितनी-कितनी राशि जी.एस.टी. के रुप में जोड़ी गई है एवं कितनी-कितनी राशि वसूल की जाकर शासन मद में जमा की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। पत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट-अ पर दर्शित है।                 (ख) प्रश्‍नांश अनुसार वर्ष 2023-24 में स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-ब पर दर्शित है तथा जिला शिक्षा केन्द्र के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है। वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 में कोई भी कार्य स्वीकृत न होने के कारण जानकारी निरंक है। (ग) जनजातीय कार्य विभाग में खनिज प्रतिष्ठान निधि से स्वीकृत कार्य पारदर्शी प्रक्रिया (ई-टेण्डर प्रक्रिया) से आवंटित किये जाने के कारण शासन को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं हुयी है। सर्व शिक्षा अभियान से संबंधित निर्माण कार्यों की जानकारी एकत्रीत की जा रही है। (घ) जी हाँ। प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जनजातीय कार्य विभाग में निर्माण कार्यों में जी.एस.टी. के रूप में जोड़ी गई राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-ब में दर्शित है तथा सर्व शिक्षा अभियान की जानकारी एकत्रीत की जा रही है।

परिशिष्ट - "नौ"

आधुनिक आंगनवाडी केन्‍द्रों की सुविधाएं

[महिला एवं बाल विकास]

32. ( क्र. 546 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में वर्तमान आंगनवाड़ियों में बच्‍चों के लिए आकर्षक और सुरक्षित बैठक स्‍थान, खेलने के लिए विशेष इंतजाम और किचन गार्डन जैसी सुविधाएं उपलब्‍ध है या नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या आधुनिक आंगनवाड़ियों की स्‍थापना की जावेगी? (ख) सिवनी जिले में आधुनिक आंगनवाड़ियों केन्‍द्रों की स्‍थापना के बारे में सरकार की क्‍या योजना है? क्‍या इन केन्‍द्रों में बच्‍चों, गर्भवती महिलाओं और स्‍तनपान कराने वाली माताओं के बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य और प्रारंभिक शिक्षा के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक इन केन्‍द्रों की स्‍थापना की जावेगी? (ग) क्‍या आधुनिक आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में स्‍वच्‍छ वातावरण, स्‍वच्‍छ पेयजल, साफ सु‍थरे शौचालय और सौर ऊर्जा से विद्युत आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की योजना है? इससे बच्‍चों के लिए एक स्‍वस्‍थ्‍य और सुरक्षित वातावरण कैसे प्रदान किया जायेगा? (घ) क्‍या आधुनिक आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में बच्‍चों को आधुनिक शिक्षण सामग्री जैसे कि स्‍मार्ट टीवी, प्रोजेक्‍टर और चित्रयुक्‍त किताबें प्रदान करने की योजना है? क्‍या इससे बच्‍चों को खेल-खेल में सीखने और उनके मानसिक विकास में मदद मिलेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। सिवनी जिले में वतर्मान में आंगनवाड़ी में बच्‍चों के लिये शाला पूर्व शिक्षा संबंधी आकर्षक चित्र, वॉल पेंटिग, सुरक्षित बैठक स्‍थान, खेलने के लिए विशेष इंतजाम जैसी सुविधाएं उपलब्‍ध हैं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। सिवनी जिले में सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अंतर्गत 587 सक्षम आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की स्‍थापना की योजना है। इन केन्‍द्रों में बच्‍चों, गर्भवती महिलाओं और स्‍तनपान कराने वाली माताओं के बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य और प्रांरभिक शिक्षा के लिए विशेष सुविधाएं पूर्व से ही प्रदान की जा रही है। सक्षम आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में उन्‍नयन की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) सक्षम आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में स्‍वच्‍छ वातावरण, स्‍मार्ट-टीवी, वाटर-प्‍यूरीफायर, पोषण-वाटिका, स्‍वच्‍छ पेयजल, क्रियाशील शौचालय, खिलौने एवं विद्युत जैसी मूलभूत सुविधायें प्रदान करने की योजना हैं। इन सुविधाओं से बच्‍चों को स्‍वस्‍थ एवं सुरक्षित वातावरण प्राप्‍त होगा। (घ) सक्षम (आधुनिक) आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में बच्‍चों को आधुनिक शिक्षण सामग्री जैसे स्‍मार्ट-टीवी, वाटर-प्‍यूरीफायर, खिलौने तथा शाला पूर्व शिक्षण सामग्री प्रदाय करने की योजना है। जी हाँ।

सिवनी जिले में रेत का भण्‍डारण

[खनिज साधन]

33. ( क्र. 547 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) जिला सिवनी अंतर्गत वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस स्‍थान पर किस-किस व्‍यक्ति/फर्म को कितनी-कितनी मात्रा में रेत का भंडार करने की अनुमति दी गई? इन भंडारण से वर्षवार कितनी कितनी आय प्राप्‍त हुई? पूर्ण जानकारी देवें। (ख) वर्षा पूर्व रेत भंडारण करने तथा भंडारण करने के नियम/आदेश की सत्‍यापित प्रति उपलब्‍ध करावें एवं जिला सिवनी अन्‍तर्गत वर्ष 2025 में प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस स्‍थान पर किस व्‍यक्ति/फर्म को कितनी घनफिट में रेत का भंडारण करने की अनुमति कब से कब तक के लिए दी गई? स्‍वीकृत आदेश की प्रति उपलब्‍ध करवायें। (ग) क्‍या नदी/नालों में पनडुब्‍बी डालकर रेत का उत्‍खनन किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम/आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो जिले में प्रश्‍नांश '''' की अवधि तक नदियों में पनडुब्‍बी डालकर रेत उत्‍खनन करने वाले के विरुद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? वर्षवार बतावें।             (घ) सिवनी विधानसभा क्षेत्र से लगी हुई सीमाओं से सिवनी मुख्‍य मार्ग पर क्‍या ट्रेक्टर/ट्राली एवं डम्‍फर से ओवरलोड मात्रा में रात्रि 8 बजे के बाद रेत भरकर ले जाने की अनुमति विभाग द्वारा दी गई है? यदि नहीं, तो प्रतिदिन चल रहे रेत से भरे ओवरलोड वाहनों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार खनिज रेत भण्डारण की अनुमति प्रदान की गई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ में दर्शित है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 में भण्डारण में रायल्टी लिये जाने का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार खनिज रेत के भण्डारण हेतु मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 अधिसूचित है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी एवं खनिज रेत भण्डारण की अनुमति आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश अनुसार जिले में ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नांश अनुसार ओवरलोड वाहनों पर कार्यवाही किया जाना विभाग की विषयवस्तु नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

साँझा चूल्हा योजना का क्रियान्वयन

[महिला एवं बाल विकास]

34. ( क्र. 549 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर जिले में शासन की साँझा चूल्हा योजना अंतर्गत कितनी आंगनवाड़ियों में योजना का संचालन नियमित रूप से किया जा रहा है? इसकी मॉनिटरिंग विगत 2 वर्षों में किनकिन अधिकारियों द्वारा कितनी बार की गई? (ख) इस योजना अंतर्गत कितने बच्चों को लाभ मिला?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) शाजापुर जिले में शासन की साँझा चूल्हा योजना अंतर्गत 1054 आंगनवाड़ियों में योजना का संचालन नियमित रूप से किया जा रहा है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट –अ पर है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-ब पर है।

परिशिष्ट - "दस"

जिला परियोजना अधिकारी द्वारा कार्य में लापरवाही

[महिला एवं बाल विकास]

35. ( क्र. 552 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्री जितेंद्र तिवारी परियोजना अधिकारी अशोकनगर ग्रामीण ने अपनी पदस्थापना के बाद से कितने कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं और जारी किये गये नोटिसों पर क्‍या कार्यवाही की गई है? क्‍या कार्यकर्ताओं से लाभ अर्जित करने के उद्देश्‍य से नोटिस दिये गये है? (ख) क्‍या परियोजना अधिकारी श्री तिवारी द्वारा छोटे-छोटे पत्रों के आधार पर स्व-सहायता समूह के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए उन्हें हटा दिया जाता है और नवीन समूह को अनुबंध कर लिया जाता है? यदि हाँ तो कितने स्‍व-सहायता समूहों को इनके द्वारा हटाने की अनुशंसा की गई है? सूची देवें। (ग) चन्‍देरी विधानसभा अंतर्गत ग्रामों से जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस) अशोकनगर को स्व-सहायता समूहों द्वारा आंगनवाड़ियों पर भोजन वितरण न करने की कितनी शिकायतें संज्ञान में आई हैं? सूची देवें और इन शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई तो क्‍यों नहीं की गई? कारण बतावें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) श्री जितेन्‍द्र तिवारी, परियोजना अधिकारी की पदस्‍थापना दिनांक 15.03.2024 के बाद कुल 117 कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है, इनमें से 26 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कार्य में सुधार हेतु चेतावनी पत्र जारी किये गये, शेष 91 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय काटा गया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से लाभ अर्जित करने के उद्देश्‍य से कारण बताओ सूचना नोटिस नहीं दिये गये हैं। (ख) श्री जितेन्‍द्र तिवारी, परियोजना अधिकारी अशोकनगर ग्रामीण द्वारा छोटे-छोटे पत्रों के आधार पर स्व-सहायता समूहों को नहीं हटाया गया है, अपितु स्व-सहायता समूहों को अनियमितता पाये जाने पर कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं एवं इन सभी स्व-सहायता समूहों के कार्य में सुधार आने पर इन्‍हें निरंतर कार्य करने का अवसर दिया गया है। विकासखण्‍ड स्‍तरीय पोषण आहार अनुश्रवण समिति की अनुशंसा के आधार पर 27 स्व-सहायता समूहों को हटाया गया है। सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट '''' पर है। (ग) चंदेरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ईसागढ़ एवं चंदेरी परियोजना अंतर्गत आने वाले ग्रामों से स्व-सहायता समूहों द्वारा आंगनवाड़ियों पर भोजन वितरण न करने की जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अशोकनगर को कुल 13 शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं एवं इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '''' पर है।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

रिवाइज नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

36. ( क्र. 554 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत कितनी नल-जल योजनाओं के प्रस्ताव रिवाइज हेतु किस दिनांक को भोपाल भेजे गए? इनमें से कितने की स्वीकृति किस दिनांक को हुई है? स्वीकृत योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति किस दिनांक को जारी हुई? विकासखंडवार, ग्रामवार सूची एवं आदेशों की छायाप्रति देवें। (ख) उक्त रिवाइज्ड स्वीकृत योजनाओं में काम करने हेतु               किस-किस ठेकेदार द्वारा सहमति दी, तथा किस-किस ठेकेदार द्वारा सहमति नहीं दी? जिन ठेकेदारों द्वारा सहमति नहीं दी उन्हें वर्क आर्डर दिया गया अथवा नहीं? यदि दिया गया तो कहाँ-कहाँ काम चालू है? नहीं दिया गया तो क्यों और जिन ठेकेदारों द्वारा सहमति नहीं दी गई उन योजनाओं के विभाग द्वारा टेंडर लगाये गए अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्यों? जानकारी देवें। (ग) क्या लगभग पांच माह पूर्व जिले में रिवाइज 199 योजनाओं की भोपाल से प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने के बावजूद कार्य क्‍यों प्रारंभ नहीं हुआ है? (घ) उक्त योजनाओं में लापरवाही एवं विलंब करने के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? उनके नाम/पद बताएं तथा क्या इन जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की कृपा करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? जानकारी दी जाए।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है एवं 199 रिवाइज की गई योजनाओं का प्रशासकीय स्‍वीकृति आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है।

ट्रेजरी के माध्‍यम से किये गये भुगतानों में भिन्‍नता

[वित्त]

37. ( क्र. 556 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में वन विभाग द्वारा विगत 10 वर्षों में ट्रेजरी के माध्‍यम से कितने ट्रेजरी वेंडर बनाकर समस्‍त योजनांतर्गत भुगतान किया गया है? डिजीटल रूप से सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या वन विभाग द्वारा भुगतान किये गये ट्रेजरी वेंडर के नाम और बैंक खाते के नाम में भिन्‍नता की जांच वित्‍त विभाग द्वारा कई जिलो में की जा रही है? यदि हाँ, तो जिलों के नाम बतावें। (ग) क्‍या वन विभाग अशोकनगर द्वारा ट्रेजरी वेंडर नाम और बैंक खाते के नाम में भिन्‍नता होने पर यह प्रतीत होता है कि वास्‍तविक व्‍यक्ति के खाते में राशि भुगतान नहीं की गई है और कोई बड़ा घोटाला किया गया है? (घ) क्‍या वित्‍त विभाग, वन विभाग अशोकनगर द्वारा भुगतान किये गये विगत 10 वर्षों के ट्रेजरी वेंडर के नामों और बैंक खाते के नामों का मिलान कर उच्‍च स्‍तरीय जांच करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बी.आर.एस.प्रा.लि. कंपनी द्वारा कराये गए खनन कार्य

[खनिज साधन]

38. ( क्र. 571 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा के ग्राम ललोई में बी.आर.एस.प्रा.लि. कम्‍पनी द्वारा कितने क्षेत्र में खनन कार्य किया जा रहा है एवं कम्‍पनी को उक्‍त खनन कार्य करने की अवधि कब तक के लिये प्रदान की गई है? जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) बी.आर.एस.प्रा.लि. कम्‍पनी द्वारा बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में किये जा रहे खनन कार्य से शासन को कितनी रॉयल्‍टी प्राप्‍त हो रही है एवं कितनी प्राप्‍त होना शेष है? जानकारी उपलब्‍ध कराये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर दर्शित है।

परिशिष्ट - "बारह"

हवाई यात्रा हेतु लिये गए वाहन की जानकारी

[विमानन]

39. ( क्र. 596 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा जनवरी 2024 से नवंबर 2025 तक किस-किस दिनांक को, किस-किस कंपनी से, कौन-कौन सा हवा में उड़ने वाला, कितने सीटर वाहन (प्लेन/हेलीकॉप्टर इत्यादि) किस दर से, किस प्रक्रिया के तहत किराए से लिया गया? कंपनी के बिल की प्रति तथा उससे संबंधित जर्नी लॉग बुक की प्रति देवें तथा भुगतान की तारीख बताएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित वाहन ने उल्लेखित दिनांक को किस शहर की यात्रा क्यों की तथा उस हवाई यात्रा में शामिल मंत्री, अधिकारी, पत्रकार, प्रतिष्ठित नागरिक तथा उद्योगपति इत्यादि के नाम पद सहित देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित कंपनी का चयन किस प्रक्रिया के तहत किया गया? क्या निविदा निकाली गई या तय दर से कार्य दिया गया या अन्य कोई प्रक्रिया अपनाई गई? चयन संबंधी प्रक्रिया के समस्त दस्तावेज देवें तथा इस संदर्भ में शासन द्वारा जारी आदेश परिपत्र की प्रति भी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित विभिन्न दिनांक की हवाई यात्रा तथा उसमें शामिल व्यक्तियों की यात्रा के संदर्भ में जारी आदेश/अनुमति इत्यादि की प्रतियां देवें। (ड.) वर्ष 2019 से नवंबर 2025 तक वर्षवार बतावें कि किराए पर लिए गए विमान/हेलि‍कॉप्टर इत्यादि के लिए किस-किस कंपनी को किस-किस वर्ष में कुल कितना-कितना भुगतान किया गया?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक, दो, तीन, चार एवं पांच अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। शेष जानकारी विभाग में संधारित नहीं की जाती है। (ग) म.प्र. भण्‍डार क्रय नियम एवं विभाग द्वारा जारी नियमों के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया अनुसार चयन की कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) अतिविशिष्‍ट व्‍यक्तियों के निर्धारित कार्यक्रमों की आवश्‍यकता के अनुसार उड़ानें संचालित की जाती हैं। हवाई यात्रा की अनुमति DGCA तथा AAI भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड अनुसार की जाती है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है।

नर्मदा उद्वहन सिंचाई योजना

[नर्मदा घाटी विकास]

40. ( क्र. 599 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत 1 अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024 तक कौन-कौन सी उद्वहन सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है? उसकी प्रति देवें। प्रश्‍न क्रमांक 2620, दिनांक 05/08/2025 का उत्तर दिलाया जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं हेतु जारी किये गये टेंडर, डॉक्युमेंट और डी.पी.आर. की प्रति देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति में यदि कोई पुनरीक्षण किया गया है, तो उसका विस्तृत आधार बताएं एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या सरदारपुर विधानसभा के नर्मदा उद्वहन सिंचाई योजना से छूटे हुए ग्राम माण्डू उद्वहन सिंचाई योजना में सम्मिलित किए गए थे? यदि हाँ तो इन ग्रामों को उद्वहन सिंचाई परियोजना से पृथक किस आधार पर किया गया है? क्या पृथक करने में कोई तकनीकी साध्‍यता का परीक्षण किया गया है? यदि हाँ तो तकनीकी साध्यता रिपोर्ट की प्रति देवें। क्या नर्मदा विकास प्राधिकरण स्तर पर नर्मदा उद्वहन सिंचाई परियोजना की तकनीकी साध्यता परीक्षण हेतु कोई समिति गठित की गई है? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ड.) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के शेष छूटे हुए 86 ग्रामों को मांडू उद्वहन सिंचाई परियोजना से एवं धार उद्वहन परियोजना में सम्मिलित नहीं करने के संबंध में विभाग स्तर पर तकनीकी साध्यता का परीक्षण किस समिति द्वारा किया गया है? समिति द्वारा की गई तकनीकी साध्यता परीक्षण की प्रति उपलब्ध करावें। सरदारपुर विधानसभा के छूटे हुए 86 ग्रामों को नर्मदा नदी से जल उद्ववहन कर सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराने के लिए योजना कब स्वीकृत की जावेगी? समय अवधि बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं '''' अनुसार है। उत्‍तर दिनांक 21.11.2025 को विधानसभा सचिवालय को प्रेषित किया जा चुका है।                        (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) दिनांक 1 अप्रैल 2024 से दिसम्‍बर 2024 की अवधि में निचली नर्मदा परियोजनाएं, इंदौर अन्‍तर्गत तीनों परियोजनाओं की प्रशासकीय स्‍वीकृति का पुनरीक्षण परियोजना के कमाण्‍ड क्षेत्र की सीमा से लगे आंशिक ग्रामों के शेष रकबों को शामिल करने, कृषकों एवं जनप्रतिनिधियों की मांग के आधार पर कमाण्‍ड क्षेत्र से लगे ग्राम जो कि तकनीकी रूप से साध्‍य थे, को अनुबंध अनुसार शामिल किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (घ) जी हाँ। वित्‍तीय असाध्‍यता के कारण। जी नहीं। शेष प्रश्‍न लागू नहीं। (ड.) जल की अनुपलब्‍धता के कारण शामिल नहीं किया जा सका है। शेष प्रश्‍न लागू नहीं।

विशेष पिछड़ी आदिम जनजातियों की बहनों को लाड़ली बहना योजना का लाभ

[महिला एवं बाल विकास]

41. ( क्र. 608 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश की सहरिया, बैगा एवं भारिया बहनों को छोड़कर सर्व समाज की बहनों को लाड़ली बहना योजना की राशि प्रदाय की जा रही है? (ख) सहरिया, बैगा एवं भारिया बहनों को सिर्फ पोषण आहार अनुदान योजना जो विशेष पिछड़ी आदिम जाति पी.वी.टी.जी. जनजाति कार्य विभाग द्वारा दी जा रही हैं परन्तु महिला एवं बाल विकास विभाग की महत्वपूर्ण लाड़ली बहना योजना से सहरिया, बैगा, भारिया बहनों को वंचित रखा जा रहा है। ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या कारण है जिससे प्रदेश की विशेष पिछड़ी आदिम जनजातियों की लाखों सहरिया, बैगा एवं भारिया समाज कि बहनों को लाड़ली बहना योजना में नहीं जोड़ा गया है? (घ) यदि प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) सही है तो यह स्पष्ट करें कि योजना के लाभ से स्थानीय प्रशासन या शासन ने जिन सहरिया, बैगा एवं भारिया बहनों को इस योजना से वंचित रखा उन्हें कब तक लाड़ली बहना योजना में शामिल किया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों नहीं? कारण बताएं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) प्रदेश की सहरिया, बैगा एवं भारिया वर्ग की महिलाओं हेतु आहार अनुदान योजना के तहत ₹1500/- प्रतिमाह का प्रावधान है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 की कंडिका 4.4 में स्पष्ट प्रावधान है कि जो स्वयं एवं उसके परिवार का कोई सदस्य भारत सरकार/राज्य सरकार की किसी भी योजना के अन्तर्गत प्रतिमाह ₹1500/- या उससे अधिक की राशि प्राप्त कर रही है, वह इस योजना के अन्तर्गत अपात्र होंगी। (ख) से (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पेयजल आपूर्ति हेतु किये जा रहे कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

42. ( क्र. 619 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि खुरई विधानसभा क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति हेतु चकरपुर एवं उल्दन बांध परियोजना स्थल पर पम्प हाउस/जल शोधन संयंत्र की स्थापना व अन्य कार्यों हेतु अभी तक जल निगम द्वारा की गई कार्यवाही का ब्‍यौरा क्या है? उक्त कार्यों की समय-सीमा क्या थी? अभी तक कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? क्या जल संसाधन विभाग द्वारा उक्त दोनों बांधों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है, किन्तु लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा अभी तक अपने हिस्से का कार्य प्रारंभ न किये जाने से विभिन्न ग्रामों में पेयजल आपूर्ति समय-सीमा में संभव नहीं हो पा रही है?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : खुरई विधानसभा क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति हेतु चकरपुर एवं उल्दन बांध से क्रमशः बीना-खुरई एवं मालथौन समूह जल प्रदाय योजना क्रियान्वित की जा रही हैं। मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा बीना-खुरई समूह जल प्रदाय योजना एवं मालथौन समूह जल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन सतत् रूप से किया जाकर वर्तमान में उक्त योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। मालथौन समूह जल प्रदाय योजना की भौतिक प्रगति 91.22 प्रतिशत एवं बीना-खुरई समूह जल प्रदाय योजना की भौतिक प्रगति 84.18 प्रतिशत है। अवयवार प्रगति, कार्यों की समय-सीमा एवं कार्य पूर्ण न होने के कारण संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तेरह"

भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

43. ( क्र. 621 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिला अन्तर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 एवं चालू वित्तीय वर्ष में खुरई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत किन-किन ग्रामों एवं वार्डों में नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये जाने हेतु प्रस्ताव विभाग को कब-कब भेजे गये? विभाग द्वारा इस संबंध में की गई कार्यवाही का ब्‍यौरा क्या है? उपरोक्तानुसार भेजे गये प्रस्तावों की प्रति सहित जानकारी दें(ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्त अवधि में भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के नवीन भवनों के संबंध में भेजे गये प्रस्तावों एवं स्वीकृति का ब्‍यौरा क्या है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सागर जिला अन्तर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 एवं चालू वित्तीय वर्ष में खुरई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कार्यालयीन पत्र क्रमांक/3481/मबावि/आईसीडीएस/2023 सागर दिनांक 11.08.2023 के माध्‍यम से आंगनवाड़ी केन्‍द्रों एवं पत्र क्रमांक/3485/मबावि/आईसीडीएस/ 2023 सागर दिनांक 11.08.2023 के माध्‍यम से नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुये हैं। वर्ष 2014 से भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की स्‍वीकृति प्रदान नहीं की जा रही है, केवल प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्‍याय महाअभियान एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्‍कर्ष अभियान अन्‍तर्गत स्‍वीकृति आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की स्‍वीकृति प्रदान की जा रही है। प्राप्‍त प्रस्तावों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) उक्‍त अवधि में भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में आंगनवाड़ी भवन निर्माण प्रस्‍तावों हेतु पत्र क्रमांक 1875 दिनांक 01.05.2023, 1766 दिनांक 29.05.2024 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। उक्‍त प्रस्‍ताव में सम्मिलित खुरई विधानसभा के 69 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में से 37 आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्‍वीकृति दी गई है।

पुलिस थाना / पुलिस चौकी की स्थापना एवं उन्नयन

[गृह]

44. ( क्र. 635 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या विभाग द्वारा पुलिस थाना/पुलिस चौकी स्थापना/उन्नयन के संबंध में विभाग के क्या दिशा-निर्देश/नियम हैं? (ख) सागर जिले में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने पुलिस थाना/पुलिस चौकी स्थापित हैं? पुलिस थाना/पुलिस चौकी में कितने ग्राम/कस्बा/नगर पालिका क्षेत्र/नगर परिषद् क्षेत्र संलग्न हैं/आते हैं? थानावार/पुलिस चौकीवार जानकारी देवें। (ग) क्या नरयावली वि.क्षे. अंतर्गत पुलिस थाना/पुलिस चौकी की स्थापना/उन्नयन के प्रस्ताव शासन स्तर को भेजे गये हैं? यदि हाँ तो पुलिस चौकी कर्रापुर/जरूवाखेड़ा को पुलिस थाना में उन्नयन एवं दीनदयाल नगर मकरोनिया में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना के संबंध में जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों द्वारा समय-समय पर मांग एवं पत्राचार किया गया है। यदि हाँ तो जानकारी देवें।                      (घ) क्या प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित पुलिस चौकी कर्रापुर/जरूवाखेड़ा को विभाग द्वारा पुलिस थाने का दर्जा एवं दीनदयाल नगर मकरोनिया में पुलिस चौकी की स्थापना/दर्जा प्रदान करेगा, तो कब तक? जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं '''' अनुसार।                    (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार। (ग) जी नहीं। नरयावली वि.क्षे. अंतर्गत पुलिस थाना/पुलिस चौकी स्थापना/उन्नयन के प्रस्ताव शासन को नहीं भेजे गये है। जी हाँ। पुलिस चौकी कर्रापुर का थाना में उन्नयन हेतु माननीय विधायक इंजी. प्रदीप लारिया जी ने पत्र दिनांक 10.08.2021 के माध्यम से तत्कालीन माननीय गृह मंत्री डॉ. नरोतम मिश्र जी से पत्राचार एवं तत्कालीन सरपंच, ग्राम पंचायत कर्रापुर ने पत्र दिनांक 22.03.2021 के द्वारा पुलिस महानिरीक्षक, सागर से मांग की थी। दीनदयाल नगर मकरोनिया में नवीन पुलिस चौकी हेतु समस्त निवासी दीनदयाल नगर ने तत्कालीन नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह जी से मांग की थी, जिसके संबंध में माननीय मंत्री जी ने पत्र दिनांक 12.06.2021 द्वारा पुलिस अधीक्षक सागर से पत्राचार किया था। चौकी जरूवाखेड़ा का थाना में उन्नयन के संबंध में जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों द्वारा कोई मांग या पत्राचार नहीं किया गया है। (घ) पुलिस चौकी कर्रापुर का थाना में उन्न्यन एवं दीनदयाल नगर मकरोनिया में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना के प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को प्राप्त हुए थे, जो निर्धारित मापदण्ड पूर्ण नहीं करने पर पुलिस मुख्यालय स्तर पर नस्तीबद्ध किये गये। चौकी जरूवाखेड़ा को थाना में उन्नयन हेतु पुलिस मुख्यालय में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।

स्वीकृत नल-जल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

45. ( क्र. 636 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई थीं? वर्ष 2021-22 से लागत सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में स्वीकृत कितनी नल-जल योजनाएं विभाग द्वारा पूर्ण कर ली गई है तथा कितनी नल-जल योजनाएं अपूर्ण/प्रगतिरत है? ग्राम का नाम/विकासखण्ड सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित पूर्ण योजनाएं क्या वर्तमान में ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध करा रही है या किसी कारणवश योजना संचालित नहीं है? ग्राम का नाम/विकासखण्ड सहित जानकारी देवें तथा यदि बंद हो गई योजना को चालू करने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित अपूर्ण एवं प्रगतिरत योजनाएं वर्ष 2021-22 में स्वीकृत की गई थी, जो प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा अपूर्ण एवं प्रगतिरत है। विभाग इन योजनाओं को कब तक पूर्ण करेगा? जानकारी देवें तथा इन योजनाओं के क्रियान्वयन में अत्यधिक विलंब के लिए कार्य एजेन्सी के विरूद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 90 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाएं तथा 03 समूह जल प्रदाय योजनाएं स्‍वीकृत की गई हैं, लागत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत कोई भी योजना पूर्ण नहीं हुई है, 03 समूह जल प्रदाय योजनाओं (मालथौन, सानौधा-02 (बण्‍डा) एवं सानौधा-01 (मडिया) ) के कार्य प्रगतिरत हैं। समूह योजनावार ग्राम/विकासखंड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (घ) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। सानौधा-1 (मडिया) समूह जल प्रदाय योजना का अनुबंध निरस्त किया जाकर नवीन एल.ओ.ए. जारी किया गया है। सानौधा-1 (मडिया) समूह जल प्रदाय योजना को दिनांक 30 अप्रैल 2027 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। सानौधा-2 (बण्डा) एवं मालथौन समूह जल प्रदाय योजनाओं की अनुबंधानुसार समय अवधि पूर्ण हो गई है, अनुबंधित फर्म को क्रमश: 31.03.2026 एवं 27.12.2025 तक समय वृद्धि प्रदान की गयी है। विलम्ब के लिए फर्म को नोटिस जारी किए गए है। कार्य में हुए विलम्ब का विस्तृत विश्लेषण कार्य पूर्ण होने के उपरांत किया जावेगा। यदि कार्य में विलम्ब कांट्रेक्टर फर्म के कारण हुआ है तो तदानुसार अर्थदण्ड कांट्रेक्टर फर्म पर अधिरोपित किया जावेगा।

कम राशि के प्राप्‍त टेण्‍डरों की जानकारी

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

46. ( क्र. 641 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत निर्माण कार्यों के Below (कम) राशि के टेण्‍डर स्‍वीकृत हुये हैं? (ख) यदि हाँ तो विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में कितने टेण्‍डर Below राशि के स्‍वीकृत हुये हैं? टेण्‍डरवार Below एवं शेष राशि की जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अंतर्गत क्‍या विभाग में जमा शेष राशि को लैप्‍स (समाप्ति) माना जाये? (घ) यदि नहीं तो प्रश्‍न दिनांक को यह राशि किस मद में रखी गई है एवं इस राशि का उपयोग कब और कहाँ किया जायेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) बचत राशि कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जबलपुर के डिपॉजिट मद में जमा है। उक्‍त राशि शासन के प्राप्ति शीर्ष में जमा की जाती है।

परिशिष्ट - "चौदह"

शराब ठेकेदारों से बकाया राशि की वसूली

[वाणिज्यिक कर]

47. ( क्र. 642 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्र. 614 दिनांक 29-07-2025 के उत्‍तर में बताया गया है कि शराब ठेकेदारों के ऊपर 43 करोड़ रूपये बकाया है एवं बकाया राशि पर ब्‍याज वसूलने का कोई प्रावधान नहीं है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या बकाया मूल राशि 43 करोड़ वसूल की जायेगी?                (ग) यदि हाँ तो कब तक?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला जबलपुर में 89 प्रकरणों में राशि रूपये 43, 20, 29, 374/- बकाया है। उक्‍त बकाया राशि पर ब्‍याज वसूलने का प्रावधान नहीं है।                 (ख) जबलपुर जिले में वर्तमान में 89 प्रकरणों में से रूपये 6, 38, 79, 480/- के 59 प्रकरणों को अपलेखन हेतु आबकारी आयुक्‍त कार्यालय को प्रेषित किये गये हैं। 04 प्रकरणों में बकाया राशि रूपये 27, 71, 78, 258/- वसूली किये जाने संबंधी प्रकरण माननीय न्‍यायालय द्वारा स्‍थगन दिया गया है। शेष 26 प्रकरणों में बकाया राशि रूपये 9, 09, 71, 636/- वसूली की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जबलपुर जिले के 26 प्रकरणों में बकाया वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा बकाया राशि रूपये 25, 50, 60, 754/- की एफ.डी.आर. दिनांक 25.05.2025 को कार्यालय सहायक आबकारी आयुक्‍त, जिला जबलपुर में प्राप्‍त कर ली गई है तथा प्रकरण में रिट याचिका क्रमांक 6567/2022 दिनांक 12.09.2022 में माननीय उच्‍च न्‍यायालय मध्‍यप्रदेश, जबलपुर द्वारा स्‍थगन आदेश पारित किया गया है।

शिकायत की जाँच

[गृह]

48. ( क्र. 649 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्या मध्‍यप्रदेश शासन के नियमानुसार जिला छतरपुर एवं पन्ना के पुलिस अधीक्षक को किसी भी व्यक्ति द्वारा अपने नाम की गोपनीता रखने के उद्देश्य से फर्जी या गलत नाम से होने वाले या हो गये अपराध के संबंध में शिकायत भेजता या करता है, तो पुलिस विभाग गंभीरता से लेकर जांच करता है? यदि हाँ तो क्या पुलिस अधीक्षक पन्ना में दर्ज शिकायत क्रमांक 966/25 में संपत्ति के लालच में हत्या का उल्लेख होने के संबंध में उल्लेखित व्यक्ति की मृत्यु हो गई है? यदि हाँ तो क्या उक्त व्यक्ति की मृत्यु प्राकृतिक है या हत्या की गई है? (ख) क्‍या उक्‍त प्रकरण में बैंक बैलेंस एवं अन्य संपत्तियों के संबंध में शिकायत में उल्लेखित समस्त बिन्दुओं की जांच कर जांच अधिकारी द्वारा अंतिम जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है? यदि नहीं तो क्‍या उक्त शिकायत पर पुनः जांच के आदेश पारित किये जाएंगे? यदि नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पुलिस अधीक्षक छतरपुर के अनुसार इकाई में यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा अपने नाम की गोपनीयता रखने के उददेश्य से शिकायत की जाती हैं तो उस शिकायत पत्र कि जांच उपरांत आये तथ्यों की जांच एवं तस्दीक के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाती हैं। पुलिस अधीक्षक पन्ना के अनुसार म.प्र. शासन के परिपत्र क्र./एफ 11-40/ 2014/1/9 भोपाल, दिनांक 21.05.2024 के परिपालन में गुमनाम/फर्जी नाम, पते वाली शिकायत प्राप्त होने पर जांच न करते हुए सीधे नस्तीबद्ध किये जाने के आदेश प्राप्त हुए हैं। शिकायत क्र. 966/25 दिनांक 25.04.25 के आवेदक विनय कुमार अग्रवाल निवासी बीटीआई के सामने बेनीसागर मोहल्ला पन्ना थाना कोतवाली पन्ना जिला पन्ना के नाम से शिकायत आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था, जिसकी जांच थाना प्रभारी कोतवाली पन्ना से करायी गयी। थाना प्रभारी कोतवाली पन्ना के प्रतिवेदन अनुसार आवेदक उपरोक्त को शिकायत जांच में कथन देने हेतु सूचित किया गया जिस पर आवेदक के द्वारा एक लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें आवेदक द्वारा लेख किया गया है, कि उपरोक्त शिकायत आवेदन पत्र उसके ‌द्वारा नहीं दिया गया है न ही आवेदन पत्र में उसके हस्ताक्षर हैं। किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा मेरे नाम से झूठी शिकायत की गयी है जिस पर मैं कोई कार्यवाही नहीं चाहता हूँ। कंडिका 6 में यह उल्लेखित किया गया है कि यदि आवश्यक हो तो जांच के दौरान शिकायत करने वाले व्यक्ति को अन्य विवरण/तथ्य हेतु बुलाया जा सकता हैं, यदि पत्राचार के दौरान यह बुलाया जा सकता हैं, यदि पत्राचार के दौरान यह पाया जाता है कि फर्जी नाम पते से शिकायत की गई अथवा संबंधित व्यक्ति द्वारा यह सूचित किया जाता है कि उनके ‌द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई है व उनके नाम से किसी व्यक्ति ने झूठी शिकायत की है तो ऐसी शिकायत को भी नस्तीबद्ध किया जाता है। (ख) जी नहीं, आवेदक द्वारा उपरोक्त शिकायत आवेदन पत्र के संबंध में लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया कि उपरोक्त शिकायत उसके द्वारा नहीं की गई हैं न ही उक्त शिकायत आवेदन पत्र में कोई कार्यवाही चाहता है जिस कारण मध्यप्रदेश शासन के परिपत्र के पालन में शिकायत जांच करने योग्य न पाये जाने से शिकायत आवेदन पत्र नस्तीबद्ध किया गया है।

जे.के. सीमेंट कंपनी का अनुबंध

[खनिज साधन]

49. ( क्र. 652 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित जे.के. सीमेंट कंपनी द्वारा कितने स्थानीय लोगों को सेवा में लिया गया है? यदि कंपनी द्वारा अनुबंध का पालन नहीं किया गया है तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? अनुबंध का पालन नहीं किया गया है तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? जानकारी देवें। (ख) क्या विधानसभा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1042 दिनांक 21/03/2025 के उत्‍तर में यह अवगत कराया गया था कि जिन भूमियों के क्रय करने के पूर्व कलेक्‍टर महोदय की अनुमति की आवश्‍यकता थी, उन भूमियों के क्रय के पूर्व कलेक्‍टर महोदय की पूर्व अनुमति प्राप्‍त करने के उपरांत क्रय किया गया है? यदि हाँ, तो शासन से प्राप्‍त जिन भूमियों का उल्‍लेख प्रश्‍न क्रमांक 1042 में किया गया है उनकी ग्रामवार, खसरा नम्‍बरवार जानकारी देवें। (ग) जे.के. सीमेंट कंपनी के नाम ऐसी कौन-कौन सी भूमियां हैं जो शासन से प्राप्‍त भूमियां थीं और कलेक्‍टर महोदय की बिना पूर्व अनुमति के क्रय की गई है? इसके लिये कंपनी पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? जानकारी दें। (घ) कंपनी में कितने कर्मचारी, अधिकारी कार्यरत हैं? कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों के नाम, उनके पद, स्थाई निवास के पते सहित विवरण देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जे.के. सीमेंट कंपनी द्वारा कुल 1115 स्थानीय लोगों को सेवा में लिया गया है। खनिज नियमों के अनुबंध में इस प्रकार के कोई प्रावधान नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। कलेक्टर के पूर्व अनुमति प्राप्त करने के उपरांत क्रय की गई भूमि का ग्रामवार, खसरा नंबर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार जे.के. सीमेंट कंपनी के नाम शासन की ऐसी कोई भूमि नहीं है जो कंपनी द्वारा क्रय की गई है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार जे.के. सीमेंट कंपनी में कुल 1308 अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत है, जिनमें से 1115 स्‍थानीय लोग एवं 193 अन्‍य अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर दर्शित है।

बिजावर क्षेत्रांतर्गत नल-जल योजना का क्रियान्वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

50. ( क्र. 659 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत जल जीवन मिशन योजनांतर्गत नल-जल योजना के अंतर्गत कितने गांवों में कार्य स्वीकृत किए गए हैं? उनमें से कितने गांवों में कार्य पूर्ण हो चुका है? कितने में प्रगतिरत है? कितने में अपूर्ण है? सभी के नाम बताएं। (ख) उपरोक्त पंचायत/गांव में नल-जल योजना के अंतर्गत पाइप-लाइन बिछाने के लिए सड़कों की खुदाई के बाद पुनः सीमेंट कांक्रीट से सड़क मरम्मत कर दी गई। नहीं तो कहाँ शेष है? (ग) विधानसभा के सभी गांव में नल-जल योजना की निर्धारित समय-सीमा क्या थी? क्या समय-सीमा में कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं तो क्या कारण है? कारणों का निराकरण कब तक कैसे किया जाएगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत जल जीवन मिशन योजना के तहत् 19 गांवों में एकल ग्राम नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं, जिनमें से वर्तमान में 12 के कार्य पूर्ण एवं 7 के कार्य प्रगतिरत हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त मध्‍यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्‍वयन हेतु प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र में समूह जल प्रदाय योजनाओं अंतर्गत 197 ग्रामों में कार्य स्‍वीकृत किए गए हैं, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 02 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 एवं 02 अनुसार है।

संविदा एवं आउटसोर्स पर नियुक्‍त अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

51. ( क्र. 662 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के शासकीय एवं अशासकीय व नगरीय निकायों में संविदा पर एवं आउटसोर्स पर किस-किस संवर्ग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की नियुक्ति सम्बन्धी आदेश/नियम की सत्यापित प्रति देवें। (ख) जिला ग्वालियर अंतर्गत शासकीय/अशासकीय/निकायों/विद्युत विभाग में संविदा/आउटसोर्स पर किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा किन-किन कंपनी में कब से किस-किस वेतनमान में नियुक्त किये गए? अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पद एवं आदेश क्रमांक, दिनांक सहित विभागवार सूची उपलब्ध करवाएं। क्या इन अधिकारियों/कर्मचारियों की संविदा एवं आउटसोर्स पर नियुक्ति में आरक्षण (100 रोस्टर) का पालन किया गया? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार जिला ग्वालियर के इन विभागों में मध्यप्रदेश शासन द्वारा संवर्गवार स्वीकृत (नियमित) भरे एवं रिक्त पद तथा वर्तमान में संविदा/आउटसोर्स पर सामान्य/पिछड़ा वर्ग/अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी का विभागवार ब्यौरा देवें तथा इन्हें नियमित करने की कोई योजना है? यदि नहीं, तो इनके ओवर-ऐज होने पर कौन-कौन सी सुविधाएं दी जाएँगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

लोकतंत्र सेनानी के सम्‍मान निधि की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

52. ( क्र. 675 ) श्री अजय विश्‍नोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा जारी पत्र क्रमांक 452/2017/1/13 दिनांक 03/07/2017 के द्वारा मीसा बंदियों के दिवंगत होने पर उनकी पत्नी/पति को सम्मान निधि स्वीकृत करने का अधिकार जिला कलेक्टर को दे दिया गया है? (ख) क्या म.प्र के सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा जारी पत्र क्रमांक 831463/2022/1/13 भोपाल दिनांक 27.09.2022 के द्वारा जिला कलेक्टर को निर्देशित किया गया है कि मीसा बंदी के जीवित रहते हुये उनकी पत्नी/पति का नाम पी.पी.ओ. में अंकित कर लिया जाये ताकि उनके दिवंगत होने पर पत्‍नी/पति को सम्मान निधि मिलने में विलम्ब नहीं हो? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के उक्त आदेशों का पालन किस-किस जिले में कर लिया गया है और किस-किस जिले में नहीं किया गया है? जिन जिलों में इसका पालन नहीं हुआ है उनमें इसका पालन कब तक सुनिश्चित कर लिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

महिला कर्मचारी का शारीरिक शोषण करने पर कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

53. ( क्र. 677 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि इंदौर जिले में 71 करोड़ से भी ज्यादा के आबकारी घोटाले में तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे जो कि वर्तमान में जबलपुर में पदस्थ हैं? क्‍या उन पर महिला कर्मचारी ने अश्लील हरकते करने, धमकाने, सेवा से बर्खास्त करवाने की धमकी देने के आरोप लगाये हैं? क्या उक्त महिला कर्मचारी के आरोपों के बाद कलेक्टर जबलपुर के द्वारा जांच बैठा दी गयी है? महिला की शिकायत एवं कलेक्टर जबलपुर के द्वारा जारी जाँच के आदेश की एक-एक प्रति दें। (ख) इंदौर सहित जिन-जिन जिलों में फर्जी बैंक गारंटी/चालान एवं अन्य माध्यमों से राज्य शासन को कितने-कितने रूपयों की गबन/धोखाधड़ी प्रश्‍न तिथि तक की गई?  जिनसे रिकवरी अभी होना है या हो रही है की जिलेवार सूची दें। सूची में आरोपी (ठेकेदार) एवं आरोपी आबकारी किस नाम व पद के अधिकारी थे, का उल्लेख करें। (ग) आबकारी विभाग द्वारा मंजूर देशी/विदेशी शराब दुकानें क्या नियमानुसार राष्ट्रीय/राजमार्ग से 200 मीटर या कितने मीटर दूर खोले जाने का प्रावधान है? क्या अमरपाटन विकासखंड जिला मैहर में ग्राम गोरसरी तिराहे जो सतना अमरपाटन, बदेरा, बरही राजमार्ग एवं रीवा शहडोल राजमार्ग के ग्राम कैथहा से बिल्कुल सटी है किस नियम के तहत मंजूर है एवं किस नाम/पदनाम से कर खुलवाई है? राज्य शासन किस नाम/पदनाम को तत्काल निलंबित कर कब तक उक्त दुकान बंद करवायेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्तमान सहायक आबकारी आयुक्‍त, जिला जबलपुर श्री संजीव कुमार दुबे के ऊपर महिला कर्मचारी के छदम नाम से अश्‍लील हरकतें करने, धमकाने, सेवा से बर्खास्‍त करवाने की धमकी देने के असत्‍य आरोप लगाये गये हैं। प्रकरण में उक्‍त आरोपों की जांच कलेक्‍टर जिला जबलपुर द्वारा स्‍थानीय परिवाद समिति से कराई गई है, जिसमें समिति द्वारा पाया गया कि प्रत्‍यर्थी/अनावेदक विरूद्ध शिकायत/अभिकथन प्रमाणित करने के लिए महिलाओं का कार्य स्‍थल पर लैंगिक उत्‍पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम 2013 करने पर विचार किया गया। व्‍यथित महिला के कथनों को दृष्टिगत रखते हुए समिति का स्‍पष्‍ट मत है कि लैंगिक उत्‍पीड़न की कोई शिकायत व्‍यथित महिला के द्वारा प्रस्‍तुत नहीं की गई है। जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है।                       (ख) जिला कटनी अंतर्गत फर्जी बैंक गारंटी का कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आया है। अपितु वर्ष 2016-17 की अवधि में मूल निष्‍पादन की प्रक्रिया में 14 समूहों के लिये फर्जी डिमांड ड्राफ्ट प्रस्‍तुत किये गये थे जिनके लायसेंस नियमानुसार निरस्‍त किये गये हैं। उपरोक्‍त के संबंध में लोकायुक्‍त संगठन, जबलपुर द्वारा तत्‍कालीन जिला आबकारी अधिकारी, जिला कटनी एवं संबंधित ठेका के मुख्‍य लिपिक के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। उक्‍त 14 समूहों के पुन: निष्‍पादन उपरांत उत्‍पन्‍न खिसारे की राशि से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। जिला इन्‍दौर में फर्जी बैंक गारंटी प्रस्‍तुत किए जाने संबंधी प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन एवं कोषालयीन चालानों में कूटरचना एवं हेराफेरी संबंधी प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार एवं पांच अनुसार है। प्रदेश के जिला कटनी एवं इन्‍दौर को छोड़कर अन्‍य किसी भी जिले में फर्जी बैंक गांरटी प्रस्‍तुत किए जाने संबंधी, जिनमें वसूली की जाना शेष हो, ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्‍तर्गत बने सामान्‍य प्रयुक्ति नियम-1, जो मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 111 दिनांक 31.03.2023 में प्रकाशित है, के अनुसार आबकारी विभाग द्वारा स्‍वीकृत मदिरा दुकानें क्षेत्र की जनसंख्‍या के आधार पर राष्‍ट्रीय/राज्‍य राजमार्ग से 500 से 220 मीटर दूरी तक खोले जाने के प्रावधान है। अमरपाटन विकासखंड जिला मैहर में ग्राम गोरसरी एवं ग्राम कैथहा में स्थित कम्‍पोजिट मदिरा दुकान गोरसरी एवं कैथहा राज्‍य राजमार्ग से उपरोक्‍त प्रावधान अनुसार निर्धारित दूरी पर संचालित है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-छ: अनुसार है।

 

षड्यंत्रकर्ता और लाभार्थी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किया जाना

[सामान्य प्रशासन]

54. ( क्र. 681 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा शिकायतकर्ता आशुतोष मनु दिक्षित द्वारा प्रस्तुत शिकायत दिनांक 20/01/2025 आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा दिनांक 22/01/2025 को प्रारंभिक जांच-क्रमांक 01/25 पंजीबद्ध कर सहारा जमीन घोटाले में P.S. EOW Bhopal में दिनांक 25/07/2025 को FIR No. 0116 धारा 420, 120बी भा.दं.स. के अंतर्गत श्री सिमातों राय सीसीएम प्रमुख सहारा समूह, जेबी राय डिप्टी मैनेजिंग वर्कर व उप-महाप्रबंधक डीएमडब्ल्‍यू कामर्शियल एवं ओ.पी. श्रीवास्तव डिप्टी मैनेजिंग वर्कर सहारा प्राईमसिटी लिमिटेड एवं अन्य अज्ञात के विरूद्ध दर्ज की गई परंतु आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा सहारा जमीन घोटाले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता एवं लाभार्थी क्रेता कंपनी मेसर्स सिनाप रियल एस्टेट प्राईवेट लिमिटेड एवं मेसर्स नायसा देवबिल्ड प्राईवेट लिमिटेड, उक्त दोनों कंपनियों के डायरेक्टर्स शेयर होल्डर्स को उपरोक्त वर्णित एफ.आई.आर. में आरोपी क्यों नहीं बनाया? सहारा जमीन घोटाले में संलिप्त क्रेता-कंपनियों, उक्त कंपनियों के डायरेक्टर्स शेयर होल्डर्स को एफ.आई.आर. में आरोपी नहीं बनाने बाबत् कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक क्या कार्यवाही की जाएगी?            (ख) क्या सहारा समूह की भोपाल, जबलपुर, कटनी जिले की जमीनों के क्रय-विक्रय में माननीय उच्चतम न्यायालय दिल्ली के निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन क्रेतापक्ष एवं विक्रेतापक्ष द्वारा किया गया? यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? संबंधित दोषियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शिकायतकर्ता आशुतोष मनु दीक्षित द्वारा प्रस्तुत शिकायत दिनांक 20.01.2025 के आक्षेपों के सत्यापन जांच उपरांत अपराध क्रमांक-116/2025 अंतर्गत         धारा-420, 120बी, भारतीय दंड संहिता दिनांक 27.07.2025 पंजीबद्ध किया गया है। विवेचना में प्राप्त तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही का प्रावधान है। (ख) सहारा समूह की भोपाल, जबलपुर एवं कटनी स्थि‍त जमीनों के क्रय-विक्रय में माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के निर्देशों का पालन/उल्लंघन करने के संबंध में प्रकरण विवेचना में है। विवेचना में प्राप्त तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर अग्रिम विधिसम्मत कार्यवाही का प्रावधान है।

बिना निविदा कार्यादेश जारी किये जाना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

55. ( क्र. 683 ) श्री केशव देसाई : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र.लो.स्वा. यांत्रिकी विभाग में शासन द्वारा प्रदेश की कार्यपालन यंत्रियों को जारी कारण बताओ सूचना पत्र, निलम्बन आदेश, जारी आरोप पत्र, प्रस्तावित विभागीय जांच एवं प्रारम्भ की गई विभागीय जांच एवं इन प्रकरणों में आज दिनांक तक जो भी कार्यवाही की गई उसकी जानकारी उपलब्ध कराएँ। वित्‍तीय वर्ष 2019-20 से अब तक की। (ख) म.प्र.लो.स्वा. यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत विभिन्न मण्डलों में पदस्थ रहे अधीक्षणयंत्रियों को बिना निविदा के सीधे कार्यादेश देने का कितनी राशि की सीमा तक के अधिकार या नियम हैं। चम्बल सम्भाग मुरैना मण्डल के अधीक्षण यंत्रियों ने बिना निविदा के एक लाख रूपये सीमा तक के कार्यादेश जारी कर उनका भुगतान अधीनस्थ कार्यालयों के कार्यपालन यंत्रियों से कराया गया है। इस बिलों के भुगतान एवं कार्यादेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं एवं इसकी अनियमितता की जांच कराएं। (ग) म.प्र.लो.स्वा. यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्रियों ने कोटेशन या सीधे कार्यादेश 25-25 हजार की सीमा राशि में ठेकेदारों को जारी कर भुगतान कराया गया है, क्या शासन एवं प्रमुख अभियंता को इसकी जानकारी नहीं है, यदि है तो उनके विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई या अब जानकारी देने पर कब तक कार्यवाही करेंगे? (घ) मण्‍डला जिले के कार्यपालन यांत्रियों द्वारा वर्ष 2019 से 2022 तक रूपये 25000/- के भीतर राशि के कोटेशन अथवा सीधे कार्यादेश जारी कर ठेकेदारों को एवं स्‍वयं को लाभ पहुंचाने हेतु बिलों का भुगतान कर शासन को वित्‍तीय हानि पहुंचाने का कार्य किया है। किये गये बिलों की भुगतान की जानकारी उपलब्‍ध कराते हुए इसकी जांच कर दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी? बतावें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) बिना निविदा के रु. 2.50 लाख तक का क्रय/सेवा उपार्जन करने संबंधी प्रावधान मध्यप्रदेश भंडार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम-2015 (अप्रैल, 2023 तक संशोधित) में प्रावधानित है। बिलों के भुगतान एवं कार्यादेशों की छायाप्रतियां विभागीय वेबसाइट के अंतर्गत https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads  लिंक पर उपलब्ध हैं। (ग) जानकारी संलग्न   परिशिष्ट  अनुसार है। (घ) जानकारी विभागीय वेबसाइट के अंतर्गत https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads  लिंक पर उपलब्ध है। अनियमितता की कोई शिकायत नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

वन भूमि से अवैध खनिज उत्‍खनन

[खनिज साधन]

56. ( क्र. 687 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या  टीकमगढ़ जिले में नगर पंचायत कारी, ग्राम कारी खास, जिला टीकमगढ़ में डायस्‍पोर एवं पायरोफ्रलाईट की एशिया की सबसे अच्‍छी खदान है? (ख) क्‍या  प्रश्‍नांश (क) में वर्णित खदान दी म.प्र. माईनिंग कॉरर्पोरेशन लिमिटेड टीकमगढ़ द्वारा ओम कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी टीकमगढ़ को अनुबंध पर दी गई है? (ग) क्‍या वीट कारी नं.2 कक्ष क्रमांक-आर.एफ.-48 में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26''1'' के तहत ठेकेदार कंपनी ने अतिक्रमित रकवा लगभग 2.62 हेक्‍टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण कर बहुमूल्‍य खनिज की चोरी की है, क्‍या इस संबंध में पी.ओ.आर. नं. 1156/02 तारीख 16.10.2025 काटा गया है किंतु यह पी.ओ.आर. मायनिंग कार्पोरेशन का काटा गया है। जबकि चोरी अनुबंधित कंपनी ने की है। उस पर पेनाल्‍टी निर्धारित क्‍यों नहीं की? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित चोरी जो लगभग 10 से 15 एकड़ वन भूमि खोदकर अरबों रूपयों का शासन को चूना लगाया है कब तक जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? क्‍या अनुबंधित कंपनी लोक निर्माण विभाग से ब्‍लैक लिस्‍टेड हैंजिसका अनुबंध न करने हेतु प्रश्‍नकर्ता ने पत्र मायनिंग कॉर्पोरेशन को लिखा था?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के पक्ष में ग्राम कारी, जिला टीकमगढ़, वन कक्ष क्रमांक 48, रकबा 5.000 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज डायस्पोर एवं पायरोफ्लाईट हेतु खनिपट्टा स्वीकृत है। खदान के एशिया की सबसे अच्छी खदान के संबंध में कोई प्रमाणीकरण उपलब्ध नहीं है। ( उत्तरांश (क) अनुसार मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम को स्वीकृत खदान खनिज के वाणिज्य दौहन हेतु मेसर्स ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी इंडिया प्रा.लि. को माइन डेवलपर कम ऑपरेटर अनुबंध निष्पादित किया गया है। (ग) जी नहीं। वन मण्‍डल टीकमगढ़ की वीट कारी नं. 2 कक्ष क्रमांक आर.एफ.-48 में रकबा 5.000 हेक्टेयर क्षेत्र पर मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम को वर्ष 1999 से 50 वर्ष का खनिपट्टा स्‍वीकृत है। स्वीकृत क्षेत्र से हटकर लगभग 2.62 हेक्टेयर क्षेत्र में खनिज का ओवर बर्डन डम्प इंगित करते हुये भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (1) के तहत मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम पर पी.ओ.आर. प्रकरण क्रमांक 1156/02 दिनांक 16/10/2025 से पंजीबद्ध किया गया है। खनिज नियमों में मूल पट्टाधारी मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम है। राज्‍य खनिज निगम एवं कंपनी के मध्‍य हुए अनुबंध की शर्तों का उल्‍लंघन पाये जाने पर निगम द्वारा कार्यवाही की जायेगी। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नांश अनुसार वन विभाग द्वारा जांच में अवैध उत्खनन से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं पाया गया। जी नहीं, निगम को जानकारी प्राप्त हुई थी कि लोक निर्माण विभाग द्वारा मेसर्स ओम कंस्ट्रक्शन कंपनीज इंडिया प्रा.लि. को काली सूची में डाला गया था जिसे पुनः काली सूची से हटा दिया गया है। अतः नियमानुसार संपादित टेंडर प्रक्रिया में चयनित एमडीओ के साथ अनुबंध निष्पादन नहीं करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सी.एम. हेल्‍प लाइन में शिकायतों का निराकरण

[गृह]

57. ( क्र. 688 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) टीकमगढ़ जिले में विगत 5 वर्षों में कुल कितनी शिकायतें थाना कोतवाली टीकमगढ़ के विरूद्ध गलत कार्यवाही करने या झूठे प्रकरण बनाने के संबंध में की गई है? शिकायतकर्ता का नाम व पता बतायें? (ख) क्या सी.एम. हेल्प लाइन में 100 दिन से अधिक शिकायत लंबित रहने पर उसकी वरिष्ठ अधिकारी समीक्षा करते है और 300 दिन हो जाने पर माननीय मुख्यमंत्री जी स्वयं समीक्षा करते है यदि हाँ तो टीकमगढ़ जिले में विगत 5 वर्ष में कुल कितनी शिकायतों की समस्या सुनी गई? (ग) टीकमगढ़ कोतवाली अंतर्गत कुल कितनी सी.एम. हेल्पलाइन है जो 100 दिन 200 दिन 300 दिन या 1000 दिन से लंबित है। पृथक-पृथक नामवार बतावें? (घ) 1000 दिन से भी अधिक शिकायतें लंबित रहने के लिये कौन-कौन कर्मचारी, अधिकारी दोषी है उसके विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला टीकमगढ़ में विगत 5 वर्षों में थाना कोतवाली टीकमगढ़ के विरुद्ध गलत कार्यवाही करने या झूठे प्रकरण बनाने के संबंध में कुल 232 शिकायतें प्राप्त हुई है। शिकायतकर्ता का नाम व पता  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  "अ" अनुसार है। (ख) जी हाँ, सी.एम. हेल्पलाइन में 100 दिन सहित सभी लंबित शिकायतों की नियमित समीक्षा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाती है। माननीय मुख्यमंत्री महोदय म.प्र. शासन द्वारा भी समय-समय पर समाधान ऑनलाईन में सी.एम. हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों की समीक्षा की जाती है। माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा समाधान ऑनलाईन वीडियों कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शिकायत क्र.-12374767 शिकायतकर्ता दलपत रैकवार (118 दिन) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत की समीक्षा की गई है।  (ग) टीकमगढ़ कोतवाली के अंतर्गत कुल- 09 सी.एम. हेल्पलाइन शिकायतें है, जिनमें 100 दिन की 04 शिकायतें, 200 दिन की 01 शिकायत, 300 दिन की 03 शिकायतें एवं 1000 दिन की 01 शिकायत लंबित है। पृथक-पृथक नामवार  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  "ब" अनुसार है। (घ) 1000 दिन से भी अधिक अवधि की शिकायतें लंबित रहने के सबंध में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) टीकमगढ़ को समीक्षा कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। यदि जाँच उपरांत किसी अधि/कर्म की लापरवाही पाई जाती है तो, तदानुरूप दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकती है।

सी.एस.आर. मद से कराये गये कार्य

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

58. ( क्र. 700 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023-24 से अब तक धार जिले में कार्यरत औद्योगिक इकाइयों द्वारा कौन-कौन से कार्य सी.एस.आर. मद से कराये गये हैं? औद्योगिक इकाइयों के नामवार, कार्य के नामवार, स्थानवार, लागत सहित वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में जिस अनुपात में धरमपुरी विधानसभा में क्षेत्र में कार्यरत औद्योगिक इकाइयों द्वारा खनिज सम्पदा का उपयोग कर लाभ प्राप्त किया जाता है, उस अनुपात में ऐसे प्रभाव‍ित क्षेत्रों में जनहित के लिये सी.एस.आर. फण्ड से निर्माण कार्य क्‍यों नहीं कराये जा रहे हैं? क्या निकट भविष्य में इस विषय पर अधिक से अधिक जनहित में कार्य कराये जाने का प्रवधान किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकलित की जा रही है।

बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ योजना अंतर्गत राशि आवंटन

[महिला एवं बाल विकास]

59. ( क्र. 706 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना अन्‍तर्गत वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कितना आवंटन प्राप्त हुआ था वर्षवार बतायें। (ख) उक्त आवंटन में किस-किस परियोजना के द्वारा कितना-कितना व्यय किया गया है, परियोजनावार बताये। (ग) उक्त आवंटन परियोजना के द्वारा किस-किस कार्यक्रम में कितना-कितना व्यय किया गया है, कार्यक्रमवार बतायें। (घ) व्यय की गई राशि की विस्‍तृत जानकारी परियोजनावार दें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) :(क) दतिया जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनांतर्गत वर्ष 2023-24 में राशि रू. 40,00,000/- (चालीस लाख रू.) एवं वर्ष 2024-25 में राशि रू.40, 00,000/- (चालीस लाख रू.) का आवंटन (व्‍यय सीमा) जारी किया गया। (ख) बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना अंतर्गत आवंटन जिले को जारी किया जाता है अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (ख) के संदर्भ में शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवैध रूप से रेत खनन

[खनिज साधन]

60. ( क्र. 707 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) भाण्डेर विधानसभा में कितनी रेत खदानें हैं? वर्तमान में रेत खनन हेतु ठेका किस कम्पनी के पास है? खदानवार बतायें। (ख) क्या उनाव में कोई रेत खदान है? कृपया सर्वे नम्बर सहित बतायें। यदि नहीं तो उनाव की पहुंच नदी के पास स्थित प्राचीन बालाली मंदिर के पास से रेत किसके आदेश से खनन किया जा रहा है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) उनाव में रेत खनन की विगत दो वर्ष  में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? उनका क्या निराकरण किया गया? शिकायतवार विवरण दें। (घ) क्या उनाव में स्थायी रूप से रेत खनन बंद होगा या नहीं? यदि हाँ तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भाण्डेर विधानसभा में स्वीकृत रेत खदानों का विवरण  संलग्‍न  परिशिष्ट-अ  पर दर्शित है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत जिला समूह दतिया की रेत खदानों, जिनमें भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र की रेत खदानें भी सम्मिलित है, में रेत के खनन एवं विक्रय हेतु मेसर्स रिद्धि सिद्धि हाउसिंग प्रायवेट लिमिटेड माइन डेवलपर कम ऑपरेटर नियुक्त किया गया है। (ख) जी नहीं। उनाव में कोई रेत खदान स्वीकृत नहीं है। उनाव की पहुंच नदी के पास स्थित प्राचीन बालाजी मंदिर के पास किसी भी अधिकारी के आदेश से रेत खनन नहीं किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार उनाव में रेत खनन की विगत 02 वर्षों में प्राप्त शिकायतों का विवरण  संलग्‍न  परिशिष्ट-ब  पर दर्शित है, जिसमें शिकायतवार निराकरण का विवरण दर्शित है। (घ) उनाव में वर्तमान में उनाव क्षेत्र में अवैध रेत खनन कार्य बंद है। पूर्व में अवैध रेत उत्खनन, परिवहन तथा भण्डारण पर कार्यवाही करते हुए कुल 03 प्रकरण दर्ज कर रूपये 3,09,376/- की अर्थदण्ड राशि जमा करायी गयी है। अवैध रेत खनन की शिकायत या सूचना प्राप्त होती है तो तत्काल राजस्व, खनिज एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही की जाती है।

परिशिष्ट - "सोलह"

मदिरा दुकान संचालन के नियम

[वाणिज्यिक कर]

61. ( क्र. 709 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आबकारी नीति के अंतर्गत विद्यालय, मंदिर, तरणताल, आवासीय कॉलोनी सहित किन-किन स्थानों पर कितनी दूरी पर मदिरा दुकान/अहाते  खोले जा सकते हैं? नियमों की प्रतिलिपि दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में, क्या  नीमच व मंदसौर जिले में स्वीकृत मदिरा दुकानों से अधिक कई डमी दुकानों का भी संचालन किया जा रहा है? इसकी जांच किस-किस सक्षम अधिकारी ने कब-कब की? अधिकारी के नाम सहित जांच प्रतिवेदन की रिपोर्ट दें।              (ग) क्या  नीमच जिला मुख्यालय पर नगरपालिका द्वारा संचालित तरणताल, कन्या विद्यालय एवं महाविद्यालय के समीप मदिरा दुकान की अनुमति विभाग द्वारा दी गई है? इसके लिए विभाग ने कौन-कौन सी अनुमतियाँ, किस-किस विभाग से, किस-किस नियम के तहत प्राप्त की? संपूर्ण दस्तावेजों की प्रतिलिपियाँ उपलब्ध कराएँ। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में संदर्भित तरणताल के समीप खोली गई मदिरा दुकान के संबंध में विभाग में कब-कब, किस-किस व्यक्ति/संगठन द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई? व्यक्ति/संगठन के नाम सहित संपूर्ण जानकारी दें तथा शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई। जांच प्रतिवेदन की प्रति भी उपलब्ध कराएं।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्‍यप्रदेश में आबकारी नीति के अन्‍तर्गत मदिरा दुकान में मदिरापान सुविधा अर्थात अहाता सुविधा अनुमत नहीं है। मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक  47 दिनांक 14.02.2025 की कण्डिका 3.3 की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार  है। मदिरा दुकानों से धार्मिक संस्‍था, मान्‍यता प्राप्‍त विद्यालयों आदि की न्‍यूनतम दूरी संबंधी प्रतिबंध मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्‍तर्गत बने सामान्‍य प्रयुक्ति नियम क्रमांक-1 में प्रावधानित है। सामान्‍य प्रयुक्ति नियम क्रमांक-1 के प्रावधानों में मदिरा दुकान से किसी तरणताल/आवासीय कॉलोनी की परस्‍पर दूरी संबंधी प्रतिबंध प्रावधानित नहीं हैं। सामान्‍य प्रयुक्ति नियम की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जिला नीमच एवं मंदसौर में स्‍वीकृत मदिरा दुकानों के अतिरिक्‍त, कहीं भी डमी मदिरा दुकानों का संचालन न होने से जानकारी निरंक है। (ग) सामान्‍य प्रयुक्ति नियम क्रमांक-1 अन्‍तर्गत प्रावधानित मदिरा दुकानों की अवस्‍थापना संबंधी प्रतिबंध अन्‍तर्गत, मदिरा दुकानों का संचालन आपत्ति रहित स्‍थल पर संचालित किये जाने के प्रावधान है। उक्‍त प्रचलित नियम के अंतर्गत नीमच जिला मुख्‍यालय पर नगरपालिका द्वारा संचालित कन्या विद्यालय एवं महाविद्यालय के पास प्रतिबंधित निर्धारित सीमा के अंदर मदिरा दुकान नहीं है। नगरपालिका द्वारा संचालित तरणताल के समीप मदिरा दुकान के लायसेंस दिये जाने पर प्रतिबंध नहीं है। शेष प्रश्‍न उप‍स्थित नहीं होता। (घ) विभाग को प्रश्‍नांश संबं‍धी कोई शिकायत किसी व्‍यक्ति/संगठन द्वारा प्राप्‍त नहीं होने से जानकारी निरंक है।

पुरातत्व सामग्री की चोरी

[गृह]

62. ( क्र. 716 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) उज्जैन, इंदौर संभाग में 1 जनवरी 2018 के बाद पुरातत्व से जुड़ी विभिन्न सामग्रियों की चोरी की कितनी रिपोर्ट किन-किन थानों में किस-किस व्यक्ति/संस्था द्वारा दर्ज कराई गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) में संदर्भित चोरी की गई सामग्री के संबंध में कहाँ-कहाँ और किन-किन व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए तथा कितनी सामग्री जब्त की गई? (ग) क्या नीमच स्थित पुरानी कचहरी में वर्ष 2024 में तोप की चोरी को लेकर कोई प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्या है? प्रश्‍न दिनांक तक तोप की जब्ती के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  ''  अनुसार है।              (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  ''  अनुसार है।

परिशिष्ट - "सत्रह"

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के नियुक्ति आदेश

[महिला एवं बाल विकास]

63. ( क्र. 720 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भिण्ड जिले में महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के नियुक्ति आदेश जारी नहीं हो रहे हैं? यदि हाँ तो कब से एवं क्यों? (ख) क्या कार्यकर्ता एवं सहायिका की भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये? यदि हाँ तो उनकी मेरिट बनाई गई? यदि हाँ तो मेरिट लिस्ट में संशोधन किया गया? यदि हाँ, तो किस आधार पर किया गया एवं उसके मापदण्ड क्या है? सभी नियम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) यदि नियमों का उल्लंघन करके मेरिट लिस्ट में संशोधन किया गया तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या भिण्ड जिले की समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों पर मेन्यू अनुसार पोषण आहार वितरण किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? उन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची उपलब्ध करावें एवं पोषण आहार उपलब्ध न कराने वाले स्वसहायता समूहों एवं दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? उन पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। भिण्‍ड जिले में जिन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो गई है, उनके आदेश जारी हो चुके हैं एवं शेष पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण होने पर आदेश जारी किये जायेंगे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क  पर है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। विभाग द्वारा पत्र क्रमांक/820/2133058/24/50-2, दिनांक 23.05.2025 से जारी नियुक्ति निर्देश अनुसार अनंतिम सूची पर प्राप्‍त दावा/आपत्ति आवेदनों के आधार पर जिला स्‍तरीय दावा/आपत्ति निराकरण समिति द्वारा चयन सूची में संशो‍धन किया जाता है। नियमों की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-ख  पर  है। (ग) नियमों का उल्‍लंघन नहीं होने से शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

हैण्‍डपंपों का खनन एवं उनके रख-रखाव

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

64. ( क्र. 721 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में विगत तीन वर्षों में कितने हैण्डपंपों का खनन किया गया? विधानसभावार राजस्व ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। इस पर कितनी राशि व्यय हुई कार्यवार बातावें। आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिलें में कहां-कहां पर हैण्डपंपों का खनन किया जायेगा? विधानसभावार लागत सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) भिण्ड जिले मं विगत तीन वर्षों में हैण्डपंपों के रख-रखाव हेतु कितनी राशि व्यय की गई? इसमें रख-रखाव के क्या-क्या कार्य किये गये तथा किस-किस एजेन्सी/ठेकेदार द्वारा कार्य किये गये? विधानसभावार/ग्रामवार/स्थानीय निकायवार किये गये कार्य का विवरण, ठेकेदार/एजेन्सी का नाम स्वीकृत एवं व्यय हुई राशि सहित सूची उपलब्ध करायें।
लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) भिण्ड जिले में विगत तीन वर्षों में हैण्डपंपों के लिये 112 नलकूपों का खनन किया गया है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-01 अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2025-26 से संबंधित  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-02 अनुसार है(ख) भिण्ड जिले में विगत तीन वर्षों में हैण्डपंपों की संधारण एजेंसियों द्वारा हैण्डपम्पों के लघु एवं दीर्घ सुधार का कार्य किया गया है। हैण्डपंप सुधार कार्य करने वाली एजेंसी/ठेकेदार तथा ग्राम इत्यादि की जानकारी विभागीय वेबसाईट पर https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads लिंक पर उपलब्ध है, ठेकेदार/एजेंसीवार स्वीकृत एवं व्यय हुई राशि की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है

औद्योगिक क्षेत्रों की फैक्ट्रियों द्वारा CSR फंड का उपयोग

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

65. ( क्र. 725 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिला एवं मुरैना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बामौर एवं सीतापुर औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित जे.के. टायर फैक्ट्री, अम्बाशक्ति फैक्ट्री, स्वस्तिक फैक्ट्री, पीपरसेवा रेलवे स्लीपर फैक्ट्री एवं अन्य औद्योगिक इकाइयों द्वारा गत पांच वर्षों में CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) के अंतर्गत जन उपयोगी कार्य किए गए हैं? यदि हाँ, तो कृपया वर्षवार विवरण प्रदान किया जाए कि प्रत्येक फैक्ट्री ने कितनी राशि CSR फंड में जारी की, कौन-कौन से कार्य किए गए एवं ये कार्य किन-किन स्थानों पर किए गए। मुरैना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी राशि खर्च की गई एवं मुरैना क्षेत्र से बाहर अन्य स्थानों पर कितनी राशि व्यय की गई। (ख) क्या इन फैक्ट्रियों का यह दायित्व नहीं है कि वे जिस क्षेत्र में संचालित हैं, वहाँ के वायु, जल, मृदा एवं ध्वनि प्रदूषण से प्रभावित नागरिकों के हित में अपने CSR फंड का अधिकांश भाग स्थानीय स्तर पर खर्च करें? यदि हाँ, तो यह स्पष्ट किया जाए कि इन फैक्ट्रियों द्वारा स्थानीय विकास कार्यों पर वास्तविक रूप से कितनी राशि खर्च की गई। (ग) क्या उक्त फैक्ट्रियाँ अपने CSR फंड को केवल कागजों में दर्शाकर या अन्य जिलों में खर्च दर्शाकर स्थानीय जनता को CSR के लाभ से वंचित कर रही हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा ऐसी सांठ-गांठ या भ्रामक रिपोर्टिंग के विरुद्ध अब तक क्या कार्रवाई की गई है अथवा प्रस्तावित है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार सीएसआर करने वाली कंपनियों द्वारा सीएसआर व्यय की जानकारी वार्षिक रूप से कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय भारत सरकार को दी जाती है। मुरैना जिला एवं मुरैना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बामौर एवं सीतापुर औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक इकाइयों यथा जे.के. टायर एवं इण्डस्ट्री लि., अम्बाशक्ति उद्योग लि. एवं एन्जिप्रेस इंडस्ट्रीज लि. से प्राप्त हुई सीएसआर व्यय की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। उक्त औद्योगिक क्षेत्र में स्थित स्वस्तिक एग्रो प्रोसेसर प्राइवेट लि., सीएसआर के मापदंडों की परिधि में नहीं आती है। (ख) एवं (ग) भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 (5) अनुसार कंपनी को कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व गतिविधियों के लिए निर्धारित राशि खर्च करने के लिए स्थानीय क्षेत्र और उसके आस-पास के क्षेत्र जहां वह संचालित हो को प्राथमिकता देने का उल्‍लेख है। प्रश्‍नांश (क) से संबंधित इकाइयों के द्वारा मुरैना क्षेत्र में सीएसआर व्यय पर किए गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  में ही समाहित है। CSR में प्रदेश में स्‍थापित Shelf of project में से कंपनियों को प्रोजेक्‍ट का चयन व व्‍यय करने की स्‍वतंत्रता है। भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी एक्ट 2013 के अनुपालन में कंपनियों के द्वारा सीएसआर व्यय की जानकारी कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार को वार्षिक रूप से दी जाती है। इस संबंध में किसी भी प्रकार के सीएसआर प्रावधानों के उल्लंघन होने पर कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम के अनुसार कार्यवाही की जाती है।

मुरैना विधानसभा क्षेत्र में नल-जल योजना की विफलता

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

66. ( क्र. 726 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मुरैना विधानसभा क्षेत्र की किन-किन ग्राम पंचायतों के मंजरी (मजरे)-टोलों में नल-जल योजना का लाभ मिला है तथा किन ग्राम पंचायतों के कितने मंजरी (मजरे) टोल अब तक योजना से वंचित हैं, सूची प्रदान की जाए। (ख) क्या कारण है कि जिन ग्राम पंचायतों में  नल-जल योजना प्रारंभ की गई है, वहाँ पाइप-लाइनें सूखी पड़ी हैं, मोटरें खराब हैं तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण नहीं किया जा रहा है? क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा नल-जल योजना का संचालन पंचायतों को सौंपना विभाग की जिम्मेदारी से बचने का प्रयास नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप अधिकांश हितग्राही अब तक स्वच्छ पेयजल से वंचित हैं? (ग) क्या विभाग ने अब तक कोई सर्वेक्षण कराया है जिससे यह ज्ञात हो सके कि किन ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना सुचारू रूप से संचालित हो रही है तथा किन-किन स्थानों पर अनियमितताएँ पाई गई हैं? यदि नहीं, तो क्या सरकार शीघ्र यह सर्वेक्षण कराएगी और यदि हाँ, तो यह कार्य कब तक पूर्ण किया जाएगा? (घ) क्या सरकार यह सुनिश्‍िचत करेगी कि भविष्य में नल-जल योजना का संचालन पुनः सीधे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीन लाकर प्रत्येक ग्रामों तक नियमित पेयजल आपूर्ति सुनिश्‍िचत की जाए?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-01  तथा मध्‍यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित दतेहरा समूह जल प्रदाय योजना से संबंधित  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-02 अनुसार है(ख) विभाग द्वारा एकल ग्राम नल जल योजना का कार्य पूर्ण कर ठेकेदार के माध्यम से नल योजना से जल प्रदाय का ट्रायल रन करने के बाद संबंधित ग्राम पंचायत को संचालन-संधारण हेतु हस्तांतरित कर दिया जाता है, हस्तांतरित योजनाओं में नियमित जल प्रदाय तथा योजना के रख-रखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है। अतः विभाग के संचालन-संधारण की जिम्मेदारी से बचने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा नल-जल योजनाओं का सतत् सर्वेक्षण/निरीक्षण किया जाता है, नल योजनाओं में ठेकेदार द्वारा जो कार्य विभागीय गुणवत्ता मापदंडानुसार कराए गए हैं, उन्हें ही भुगतान के लिए मान्य किया गया है, क्रियान्वयन के दौरान सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण एवं कार्यों का तृतीय पक्ष निरीक्षण भी कराया गया है, नल-जल योजनाओं के संचालन (चालू/बंद) की वर्तमान स्थिति की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र- 01 अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्रामीण नल-जल योजनाओं के संचालन- संधारण एवं प्रबंधन की नीति बनाए जाने का कार्य प्रक्रियाधीन है।

नगरीय और औद्योगिक क्षेत्र में बंदरों के आतंक

[वन]

67. ( क्र. 737 ) श्री नितेन्‍द्र बृजेन्‍द्र सिंह राठौर : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के कई नगरीय और औद्योगिक क्षेत्र में बंदरों से रहवासी एवं स्कूली बच्चे परेशान रहते है? यदि हाँ, तो वहाँ से बंदरों को हटाने की कोई प्रक्रिया है? (ख) कई जगह बंदरों का बहुत आतंक है और जानलेवा भी है जिससे आमजन परेशान रहते है? आम जनमानस को इन बंदरों से क्या सरकार निजात दिलायेगी? क्या इस  संबंध में कोई नियम है? यदि नहीं, तो क्‍या सरकार कोई नियम बनायेगी?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) बन्दरों का विचरण एक नैसर्गिक प्रक्रिया है। कुछ बंदरों की उपस्थिति वाले क्षेत्रों में बंदरों द्वारा आमजन को घायल करने तथा घरों से भोजन सामग्री उठाने की घटनाएं प्रकाश में आई है। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के दायरे से लाल मुंह के बंदरों को बाहर रखा गया है, अतः इन्हें पकड़ने हेतु वन विभाग से अनुमति की आवश्यकता नहीं है। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के पत्र क्रमांक/F-6/1/4/0043/2025-Sec-2-10 दिनांक 28.08.2025 द्वारा जिन जिलों में लाल मुंह के बंदर आमजन के जीवन को प्रभावित करते है वहाँ इन्हें पकड़ने हेतु स्थानीय निकाय/ग्राम पंचायत/नगर निगम/प्रशिक्षत संस्थाओं से आवश्यक कार्यवाही हेतु समस्त कलेक्टर समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश जारी किये गये है। (ख) जी हाँ, परंतु प्रदेश में पिछले 05 वर्षों में बंदरों से जनहानि के कोई प्रकरण घटित नहीं हुए है, शेष उत्तरांश (क) अनुसार। लाल मुंह के बंदर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के दायरे से बाहर है, अतः नियम बनाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विभाग द्वारा हैडपंप खनन की कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

68. ( क्र. 738 ) श्री नितेन्‍द्र बृजेन्‍द्र सिंह राठौर : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा भेजे गये कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जिला टीकमगढ़ एवं जिला निवाड़ी को पत्र क्रमांक 61/वि.सभा.पृथ्वी./2025 दिनांक 09/04/2025 एवं पत्र क्रमांक 62/वि.सभा.पृथ्वी./2025 दिनांक 09/04/2025 पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही कहां लंबित है और क्यों? (ख) उक्त पत्रों के संदर्भ में विभाग द्वारा पत्र प्राप्ति‍ के लंबे समय बाद भी कोई लिखित सूचना क्यों उपलब्ध नहीं कराई जाती है?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) माननीय प्रश्‍नकर्ता द्वारा भेजे गये कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जिला टीकमगढ़ को पत्र क्रमांक- 61 वि.सभा पृथ्वी./2025, दिनांक 09.04.2025 एवं जिला निवाड़ी को पत्र क्रमांक-62 वि.सभा. पृथ्वी./2025, दिनांक 09.04.2025 पर प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-01 एवं 02  अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-01 एवं 02  अनुसार है।

घोड़ारोज़ की समस्या का निराकरण

[वन]

69. ( क्र. 745 ) श्री विपीन जैन : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 55 (तारांकित) दिनांक 13/03/2025 और प्रश्‍न क्रमांक 204 (तारांकित) दिनांक 01/08/2025 के संदर्भ में दिए गए आश्‍वासन के संबंध में घोड़ारोज़ की समस्या के निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है (ख) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में जंगली सूअर, घोड़ारोज़ से किसानों की फसलों को हो रहे नुकसान से बचाव के लिए क्या प्रयास किए जाएंगे?
राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) किसानों की फसलों को नीलगायों से नुकसान से बचाने हेतु वर्ष 2016 में मंदसौर जिले के ऐरा ग्राम से 27 एवं NATRAX  कैम्‍पस, पीथमपुर धार से 45 नीलगायों को वर्ष 2023-24 में प्रायोगिक तौर पर बोमा विधि से पकड़कर गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा गया है। घोड़ारोज की समस्या के निराकरण के लिए मध्यप्रदेश में हेलीकॉप्टर के द्वारा बोमा पद्धति के माध्यम से पायलट प्रोजेक्ट संचालित किया। दिनांक 15.10.2025 से 04.11.2025 तक शाजापुर जिले की तहसील कालापीपल, शाजापुर एवं शुजालपुर में बोमा तकनीक माध्यम से 67 नीलगाय को पकड़कर गांधी सागर अभयारण्य, मंदसौर में छोड़ा गया है।              (ख) नीलगायों एवं जंगली सुअर द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाये जाने पर सहायता राशि का भुगतान यथा संशोधित राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक-4 के प्रावधानों के तहत राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है। किसानों की फसलों को नुकसान करने वाली नीलगाय एवं जंगली सुअर को आखेट करने की अनुमति जारी करने के लिए मध्यप्रदेश के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अपने-अपने अधिकार क्षेत्र की सीमाओं के भीतर प्राधिकृत अधिकारी घोषित है।

प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान के प्रश्नों की संख्या 50 फीसदी किया जाना

[सामान्य प्रशासन]

70. ( क्र. 747 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछले कुछ वर्षों में मध्य प्रदेश मैं आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का चयन प्रतिशत ज्यादा रह रहा है और मध्य प्रदेश के मूल निवासी अभ्यार्थियों के चयन की संख्या कम रही है? (ख) क्या मध्य प्रदेश में आयोजित की जाने वाली सभी प्रकार की भर्ती प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में भी मध्य प्रदेश के सामान्य ज्ञान के प्रश्‍नों की संख्या 50 फीसदी करने पर शासन विचार करेगा ताकि मध्य प्रदेश के मूल निवासियों जो यहां रह रहे हैं उनके चयन की संभावनाएं ज्यादा रहे? (ग) अन्य राज्यों जैसे राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश की भर्ती परीक्षाओं में वहां के राज्यों का सामान्य ज्ञान से संबंधित 50 फीसदी प्रश्‍न पूछे जाते हैं ताकि वहां के मूल निवासियों को भर्ती परीक्षाओं में फायदा मिल सके तो फिर मध्य प्रदेश में यह क्यों नहीं किया जा रहा है?                      (घ) मध्यप्रदेश में इस प्रकार की नीति का निर्माण कब तक कर दिया जाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग में पूर्व से ही राज्‍य सेवा परीक्षा के अतिरिक्‍त अन्‍य भर्ती परीक्षाओं में खण्‍ड–‘के 50 प्रश्‍न मध्‍यप्रदेश के सामान्‍य अध्‍ययन से होते हैं। कर्मचारी चयन मण्‍डल की सभी परीक्षाएं मध्‍यप्रदेश कनिष्‍ठ सेवा (संयुक्‍त अर्हता) नियम, 2013 के नियम-9 के उपनियम (3) तथा उसमें समय-समय पर किए गए संशोधन अनुसार आयोजित की जाती है। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दोषी अधिकारी पर कार्यवाही

[गृह]

71. ( क्र. 750 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 604 दिनाँक 17 दिसम्बर 2024 के उत्तर में स्वीकार किया कि जबलपुर के थाना सिविल लाइन अंतर्गत एल्गिन अस्पताल के सामने दिनाँक 11/11/2024 को हुये एक्सीडेंट में चन्नू पटेल के बताये अनुसार फोर व्हीलर चालक के विरूद्ध अपराध क्रमांक 331/24 धारा 281, 125ए बी.एन.एस. दिनाँक 12/11/2024 को पंजीबद्ध किया गया। (ख) क्या विवेचना के दौरान आहत कमल पटेल के कथनों के आधार पर वाहन सफेद कार क्रमांक एच.आर.03 जी.व्ही.7055 का खुलासा किया गया और वाहन चालक को आरोपी बनाया गया है? (ग) प्रश्‍नांश () अनुसार दुर्घटना करने वाली सफेद कार क्रमांक एच.आर.03 जी.व्ही.7055 को विभाग द्वारा किस दिनाँक को जब्त किया गया? यदि नहीं जब्त किया गया तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? उक्त प्रकरण पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) विवेचना के दौरान आहत कमल पटेल के कथनों के आधार पर वाहन सफेद कार क्रमांक एच.आर.03 जी.व्ही. 7055 का खुलासा किया गया है एवं वाहन चालक को आरोपी बनाया गया है। (ग) सफेद कार क्रमांक एच.आर.03 जी.व्ही. 7055 को जब्त नहीं किया गया है, वाहन एवं वाहन चालक की तलाश की जा रही है। वाहन एवं वाहन चालक की तलाश के लिये पुलिस टीम हरियाणा गयी थी। हरियाणा में वाहन एवं चालक का पता नहीं चल सका। प्रकरण में आरोपी को गिरफ्तार कर वाहन बरामद करने के लिए विवेचना गतिशील है, अतः कोई दोषी नहीं है।

अवैध शराब विक्रेताओं पर कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

72. ( क्र. 753 ) श्री मधु भगत : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 35, दिनांक 29/07/2025 जिले में संचालित शराब दुकान में MRP से अधिक दर पर शराब विक्रय किये जाने की कार्यवाही के संबंध में वाणिज्यकर विभाग के प्रमुख सचिव भोपाल को जांच के संबंध में पत्र क्रमांक 1005/वि.स.110/परसवाड़ा दिनांक 28/08/2025 को पत्र लिखा गया था परन्तु प्रश्‍न दिनांक तक लगभग तीन माह अवधि उपरांत भी जांच के संबंध में प्रश्‍नकर्ता को कोई जानकारी उपलब्ध क्‍यों नहीं कराई गई न ही जांच कमेटी बनायें जाने के संबंध में अवगत कराया गया? यदि अवगत कराया गया है तो जानकारी दें नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में यदि संचालनालय स्तर से जांच कि कार्यवाही कि गई हैं तो समस्त जांच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें यदि जांच की कार्यवाही पूर्ण नहीं कि गई है तो क्या जांच को प्रभावित करने वाले दोषी अधिकारियों एवं विधानसभा सदस्य के पत्र की अवहेलना करने वाले अधिकारि‍यों पर कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों? (ग) परसवाड़ा वि.स.क्षे. के शराब दुकान लायसेंसी धारियों कि मिलिभगत से अवैध शराब का कारोबार ग्राम-ग्राम में फलफूल रहा है? ग्रामों में अवैध शराब विक्रेताओं को बड़ी मात्रा में पक्की शराब दुकानदार उपलब्ध कराते हैं? क्या ऐसे लायसेंसी धारी शराब दुकानदारों पर अनु‍बंध अनुसार दण्डात्मक/ब्लैक लिस्टेड की कार्यवाही की जावेंगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नकर्ता द्वारा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 835 दिनांक 29/07/2025 जिले में संचालित शराब दुकान में MRP से अधिक दर पर शराब विक्रय किये जाने की कार्यवाही के संबंध में प्रेषित पत्र क्रमांक 1005/वि.स.110/परसवाड़ा दिनांक 28.08.2025 की प्रति विभागीय पत्र क्रमांक 5/1/2/0029/2025-Sec-2-05 (CT) दिनांक 12.09.2025 द्वारा आबकारी आयुक्‍त को प्रेषित कर जांच प्रतिवेदन चाहा गया है उक्‍त के अनुक्रम में आबकारी आयुक्‍त से प्राप्‍त जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) परसवाड़ा वि.स.क्षेत्र में अवैध शराब/पक्‍की अवैध शराब की सूचना प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। इस अनुक्रम में दिनांक 01 अप्रैल 2025 से आज दिनांक तक अवैध पक्‍की शराब विक्रय के 25 प्रकरण मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्‍तर्गत कायम किये जाकर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। यह कहना गलत है कि परसवाड़ा वि.स क्षेत्र के शराब दुकान लायसेंसधारियों की मिलीभगत से अवैध शराब का कारोबार ग्राम-ग्राम फलफूल रहा है। ग्रामों में अवैध शराब विक्रेताओं को बड़ी मात्रा में पक्‍की शराब दुकानदार उपलब्‍ध कराते हैं। लायसेंसी द्वारा मदिरा दुकानों पर लायसेंस शर्तों का उल्‍लंघन एवं गंभीर अनियमितता किये जाने पर दण्‍डात्‍मक कार्यवाही किये जाने एवं लायसेंसी द्वारा शासकीय राजस्‍व का संदाय नियमानुसार न करते हुए बकाया होने पर ब्‍लैक लिस्‍टेड की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शराब दुकानों के लायसेंसियों के विरूद्ध वर्तमान में इस प्रकार की अनियमितता के प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है।

भुमि आवंटन में नियमों का पालन न करने पर कार्यवाही

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

73. ( क्र. 754 ) श्री मधु भगत : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र बालाघाट द्वारा औद्योगिक केन्द्र कनकी में स्थित रिक्त भू-खण्ड की संख्या 90 है जिसमें से 63 भू-खण्डों को केवल 31 व्यक्तियों कों औद्योगिक भूमि के लिए आवंटन किया गया हैं, एक आवेदनकर्ता को कितने भू-खण्ड दिये जाने के नियम है? नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें? कितने आवेदन विभाग को उद्योग लगाने हेतु प्राप्त हुये हैं एवं कितने आवदेन निरस्त किये गये? आवेदन निरस्ती के कारण सहित समस्त आवेदनों की सूची उपलब्ध करावें? प्रति व्यक्ति अनुसार कितनी-कितनी भूमि किस-किस उद्योग के लिए आवंटित की गई है? समस्त दस्तावेज एवं नाम पता सहित उपलब्ध करावे साथ ही औद्योगिक भूमि आवंटन हेतु किये गए प्रचार-प्रसार हेतु कितने समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया गया प्रति उपलब्ध करावे? आवंटित भू-खण्ड कि प्रति आवेदक अनुसार कितनी राशि विभाग कों जमा कि गई एवं किस प्रक्रिया के माध्यम से राशि जमा कि गई समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ख) क्या म.प्र. प्रदू. नि. बो. भोपाल के पत्र क्र.1610/फा.न.जी.-96/तक./प्रनिबो/2025 भो. दि. 10/06/2025 पत्र के नियमों का भू-खण्ड. आवंटित प्रकिया में सभी नियमों का पालन किया गया हैं एवं औधोगिक क्षेत्र कनकी में भू-ख. कितने भू-ख. शेष हैं S.T./S.C. वर्ग के व्यक्तियों को कितने भू-ख. आवंटित किये गये है दस्तावेज उपलब्ध.करावें?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी नहीं, आवंटन योग्य भूखंडों की कुल संख्या 80 है। मध्‍यप्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025 के प्रावधानों एवं शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए पूर्ण ऑनलाईन पारदर्शी प्रक्रिया से दिनांक 31.10.2025 तक 72 भूखंडों हेतु आशय पत्र जारी किए गए है। किसी आवेदक को आवंटित किए जाने वाले भूखंडों की संख्या की सीमा का नियम में प्रावधान नहीं है। नियम की प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अनुसार  है। दिनांक 31.10.2025 तक विभाग को भूखंड आवंटन हेतु 199 आवेदन प्राप्त हुए है जिनमें से अपात्रता के आधार पर 22 आवेदन निरस्त किए गए है जिनकी सूची  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अनुसार  है। 72 भूखंडों हेतु जारी आशय पत्र एवं आवेदन के साथ जमा राशि की जानकारी की सूची  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-3  अनुसार है। औद्योगिक भूमि आवंटन हेतु किए गए प्रचार प्रसार एवं समाचार पत्रों में जारी सूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अनुसार है। (ख) औद्योगिक क्षेत्र स्थित भूखंडों का आवंटन मध्यप्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025 के प्रावधानों अनुसार किया जाता है। औधोगिक क्षेत्र कनकी में वर्तमान में 08 भूखंड शेष है जिनके लिए माह नवंबर 2025 में आवेदन प्राप्त किए गए है। औद्योगिक क्षेत्र में अनूसूचित जनजाति वर्ग के 07 भूखंड एवं अनूसूचित जाति वर्ग के 07 भूखंड हेतु आशय पत्र जारी किया गया है जिनका विवरण  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अनुसार  है।

नल-जल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

74. ( क्र. 761 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विधानसभा वारासिवनी के विकासखंड वारासिवनी एवं खैरलांजी में जल जीवन मिशन अंतर्गत नल-जल योजना के तहत ग्राम पंचायत एवं राजस्व ग्राम स्तर पर पानी की टंकियों का निर्माण कराकर पाइप-लाइन डाली गयी है? यदि हाँ तो सूची उपलब्ध कराए? (ख) क्या उन पानी की टंकियों का निर्माण कर पाइप-लाइन डालने के बाद भी उन्हें चालू नहीं किया गया है? यदि हाँ तो किन-किन ग्रामों में पेयजल प्रदाय प्रारम्भ नहीं किया गया है? पेयजल प्रदाय प्रारम्भ करने हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गए एवं दोषी अधिकारि‍यों एवं ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या पानी की टंकियों के निर्माण में एवं डाली गई पाइप-लाइन में गुणवत्ताहीन सामग्री का इस्तेमाल किया गया है जिससे उनको चालू करने में परेशानी आ रही है यदि हाँ तो ऐसे कितने लोगों द्वारा इसकी लिखित एवं सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से शिकायत विभाग को की गई और शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई बताए? शिकायतों की सूची उपलब्ध कराएं?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) :(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है (ख) अधिकांश योजनाओं में निर्मित टंकि‍यों एवं बिछाई गई पाइप-लाइन से जल प्रदाय प्रारम्भ किया गया है, शेष  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है(ग) निर्धारित गुणवत्ता मापदंडों अनुसार सभी कार्य कराये गये है। शेष  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है

संचालित आंगनवाड़ी भवनों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

75. ( क्र. 762 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा वारासिवनी अंतर्गत विकासखंड वारासिवनी एवं खैरलांजी में प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित है इन केंद्रों में कुल कितने बच्चे हैं केंद्रों सहित बच्चों की संख्या बताएं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में संचालित कितने आंगनवाड़ी केंद्र शासकीय भवनों में संचालित हो रही है और कितने किराए के भवन में संचालित हो रही है आंगनवाड़ी केंद्रों में कितना किराया मासिक दिया जा रहा है। शासकीय/अशासकीय भवनों की जानकारी अलग-अलग नाम पता सूची सहित बताएं? (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा क्षेत्र में आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति हेतु संबंधित विभाग को पत्र लिखा गया था यदि हां, तो इन पत्रों पर विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही करते हुए आंगनवाड़ी केंद्र भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो कितने भवनों की और कहां-कहां पर कितनी-कितनी राशि से निर्मित होंगे? यदि नहीं तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जाएगी? समय-सीमा बताएं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा वारासिवनी अंतर्गत बाल विकास परियोजना वारासिवनी में 231 एवं खैरलांजी में 90 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है। आंगनवाड़ी केन्‍द्रवार बच्‍चों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ  पर है। (ख) बाल विकास परियोजना वारासिवनी एवं खैरलांजी अंतर्गत 260 आंगनवाड़ी केन्‍द्र शासकीय भवनों एवं 25 अन्‍य शासकीय भवनों में तथा 36 किराये के भवनों में संचालित है। शासकीय, अन्‍य शासकीय एवं किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों तथा मासिक किराया संबंधी  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब  पर है। (ग) जी हाँ। माननीय विधायक द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2025-26 में नवीन आंगनवाड़ी भवन की स्‍वीकृति हेतु पत्र क्रमांक 154, दिनांक 13.05.2025 से 15 आंगनवाड़ी भवनों, पत्र क्रमांक 155, दिनांक 13.05.2025 से 01 आंगनवाड़ी भवन, पत्र क्रमांक 1092, दिनांक 07.08.2025 से 01 आंगनवाड़ी भवन एवं पत्र क्रमांक 1094, दिनांक 07.08.2025 से 01 आंगनवाड़ी भवन के प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुये है। भवन की स्‍वीकृति जारी नहीं की गई है। आंगनवाड़ी भवनों हेतु भवनों का निर्माण वित्‍तीय संसाधनों एवं भूमि की उपलब्‍धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं।

ग्रेसीम इंडस्ट्रीज के डैम का जल स्‍तर

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

76. ( क्र. 769 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले के नागदा में चंबल नदी पर पिपलोदा सगोती माता स्थित ग्रेसीम इंडस्ट्रीज का डैम निर्मित है? यदि हाँ, तो क्या ग्रेसीम के अधिकारी बारिश पूर्व ही डैम के गेट बंद कर देते हैं?               (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में डैम के गेट बंद करने से सितम्‍बर और अक्टूबर बारिश के चलते नदी का जल स्तर बढ़ता है जिससे घट्टीया विधानसभा के गाँव पिपलोदा, चंबल पाल्डिया, चावंड, राजोटा सहित अनेक गांवों की हजारों हेक्टेयर फसले नष्ट हो जाती है, जिससे किसानों को बहुत आर्थिक नुकसान होता है। क्या इस मामले में शासन स्‍तर से ग्रेसीम के अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित प्रकरण में ग्रेसीम के अधिकारियों द्वारा जान बूझकर बढ़ाए गए जलस्तर के चलते किसानों का फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए ग्रेसीम द्वारा कोई मुआवजा अथवा आर्थिक सहायता दी जाती है? यदि हाँ तो वर्तमान तक कब-कब और कितनी सहायता राशि किस-किस किसान को दी गयी? सूचीवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित कोई सहायता यदि ग्रेसीम इंडस्ट्रीज द्वारा नहीं दी गयी तो इस आपराधिक कृत्य के लिये शासन प्रशासन द्वारा ग्रेसीम इंडस्ट्रीज के अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ङ) क्या शासन प्रशासन उक्त मामले में प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाकर उनकी कठिनाइयों को कम करने का कार्य करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) की जानकारी संकलित की जा रही है।

नर्मदा गंभीर समूह जल प्रदाय योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

77. ( क्र. 773 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नर्मदा गंभीर समूह जल प्रदाय योजना के अन्तर्गत घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में किस-किस कार्य में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई। कार्यवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्त योजना के अन्तर्गत कितने ग्रामों में आबादी के अन्दर/बाहर पाइप- लाइन डालने के दौरान जो सड़कें/मार्ग खराब हुए हैं। वर्तमान में उन ग्रामों की क्या स्थिति है। ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) नर्मदा गंभीर समूह जल प्रदाय योजना के प्रारंभ होने पर इसका नियमित जल प्रदाय का संचालन/संधारण/विद्युत बिल का भुगतान किसके द्वारा कितने समय के लिए किया जावेगा। नियम एवं शर्तें सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत विधानसभावार कार्य एवं व्यय राशि दिया जाना संभव नहीं है। नर्मदा- गंभीर समूह जल प्रदाय योजना की कार्यवार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-01 अनुसार है। वर्तमान में योजना अंतर्गत राशि रु. 998.90 करोड़ व्यय किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र- 01 अनुसार है। (ग) नर्मदा-गंभीर समूह जल प्रदाय योजना का संचालन- संधारण फर्म द्वारा योजना प्रारंभ से 10 वर्षों तक किया जाना है, योजना के विद्युत बिल का भुगतान मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा किया जायेगा। संचालन- संधारण के अनुबंध के प्रावधानों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र - 02 अनुसार है।

प्रकरण क्रमांक 22/16 की जानकारी

[गृह]

78. ( क्र. 778 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपराध क्रमांक 22/16 में खात्मा क्रमांक 04/22 दिनांक 03.10.22 मान्य न्यायालय में प्रस्तुत एमजेसीआर क्रमांक 217/22 पर दर्ज होने से पहले पुलिस अधीक्षक मुरैना से अनुमति ली थी? यदि नहीं तो प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट माननीय जेएमएफसी न्यायालय में दर्ज करने की अनुमति किसने दी? (ख) थाना चिन्नौनी चंबल में दर्ज अपराध क्रमांक 22/16 में साक्ष्यों के दीमक लगने से नष्ट करने में त्रुटिकर्ता अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक मुरैना द्वारा पत्र/क्र./पु. अ./मुरैना/स्टेनो/प्रा. जां./15/2022 दिनांक 25.02.22 के माध्यम से जांच आदेशित की थी?                      (ग) क्या प्रकरण क्रमांक 22/16 में पुलिस द्वारा साक्ष्यों को दीमक द्वारा नष्ट करवाकर आरोपियों को बचाने का प्रयास किया गया है? (घ) यदि हां, तो क्या तत्कालीन त्रुटिकर्ता अधिकारी ने साजिशपूर्वक अपराध क्रमांक 22/16 के आरोपियों को बचाने के लिए खात्मा रिपोर्ट 04/22 दिनांक 03/10/22 को तैयार कर माननीय जेएमएफसी न्यायालय में दायर की? यदि हां, तो क्या आरोपियों के साथ           सांठ-गांठ की जांच के लिए एसआईटी गठित की जाएगी? यदि हां, तो कब तक की जाएगी? (ङ) क्या प्रकरण क्रमांक 22/16 में दीमक लगने से नष्ट हुए साक्ष्य पुनः एकत्रित हो सकते हैं? यदि हां, तो इसका क्या प्रावधान है? साक्ष्यों के रिकंस्ट्रक्शन हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं एवं उन पर क्या कार्रवाई की जा रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट माननीय न्यायालय में दर्ज करने की अनुमति तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कैलारस द्वारा दी गई थी। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। अपराध क्रमांक-22/16 में साक्ष्यों को दीमक द्वारा नष्ट करने के संबंध में त्रुटिकर्ता पुलिस कर्मियों की जांच की गई। जांच में प्रकरण से संबंधित दस्तावेज परिस्थितिवश बरसात एवं सीलन आने से दीमक द्वारा नष्ट करना पाया गया था। (घ) प्रकरण में तत्कालीन विवेचक द्वारा आरोपियों को बचाने के लिये साजिशपूर्वक खात्मा रिपोर्ट तैयारी किया जाना नहीं पाया गया है। अधिकारी द्वारा साजिशपूर्वक अपराध में आरोपियों को बचाने के लिये खात्मा माननीय न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया है। अपितु 06 वर्ष तक अनुसंधान के उपरांत साक्ष्यों का अभाव पाये जाने के फलस्वरूप खात्मा तैयार किया गया था। अतः एस.आई.टी. गठित कर आगामी जांच नहीं की गई। (ड.) 1. दीमक लगने से नष्ट हुये साक्ष्यों को पुनः एकत्रित किया जाना संभव नहीं है। 2. साक्ष्यों के रिकंस्ट्रक्शन हेतु एक आवेदन प्राप्त हुआ था। उक्त आवेदन के संबंध में तत्कालीन एस.डी.ओ.पी. जौरा द्वारा प्राथमिक जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में खात्मा माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण साक्ष्यों के रिकंस्ट्रक्शन किये जाने की कार्यवाही विधि सम्मत नहीं है।

लोक ऋण की जानकारी

[वित्त]

79. ( क्र. 780 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2020 से 31 मार्च 2025‌ तथा अक्टूबर 2025 तक लोक-ऋण की दायित्व अनुसार जानकारी प्रदान करें तथा बतावे किस-किस दायित्व में प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत की वृद्धि तथा कमी हुई, तथा उसके कारण क्या है? (ख) संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के अनुसार वर्ष 2022-23 से 2024-25 तथा अप्रैल 2025 से अक्टूबर 2025 तक लिए गए ऋण पर भारत सरकार की सहमति के लिए भेजे गए पत्र, तथा भारत सरकार द्वारा दी गई सहमति (अधिरोपित शर्त सहित) की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) लोक-ऋण में पारदर्शिता के सिद्धांत अनुसार बतावे कि अप्रैल 2020 से          31 अक्टूबर 2025 तक लिए गए- (1) राज्य सरकार का आंतरिक ऋण (2) केंद्र सरकार से ऋण तथा अग्रिम, कितनी राशि का, किस दिनांक को, किस मकसद से लिया गया तथा किस-किस कार्य में कितना-कितना खर्च किया गया तथा कितना-कितना चुकाया गया एवं कितना-कितना ब्याज का भुगतान किया गया? ऋण तथा ब्याज के भुगतान के लिए राशि राज्य के राजस्व से ली गई या जो ऋण लिया था, उससे समायोजित की गई? (घ) संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के अनुसार ऋण लेने के लिए अप्रैल 2023 से 31 अक्टूबर 2025 तक केंद्र सरकार को कितने आवेदन भेजे गए, कितने आवेदन पर केंद्र सरकार ने सहमति दी, कितने आवेदन पर सहमति संविधान के अनुच्छेद 293 (4) के तहत शर्तों के अधीन दी तथा कितने आवेदन निरस्त किए गए। सभी आवेदन की प्रति तथा केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए सहमति, असहमति पत्र की प्रति संलग्न दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) (1) प्रदेश शासन पर लोक ऋण की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये वित्‍तीय वर्ष 31 मार्च 2020 से वित्‍तीय वर्ष 2023-24 तक की स्‍थिति में वित्‍त लेखे के  Statement No.17  में  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-1 पर  उपलब्‍ध है। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 के वित्‍त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से 31 अक्‍टूबर 2025 तक की अवधि में अंकेक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (2) तथापि वित्‍तीय वर्ष 2025-26 के बजट साहित्‍य के वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के अनुसार पुनरीक्षित अनुमान एवं बजट अनुमान की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 में उपलब्‍ध है। (3) दायित्‍वों का प्रतिवर्ष वृद्धि का प्रतिशत (GSDP की तुलना में) वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। राज्‍य शासन द्वारा लिए गये कर्जे का कारण पूंजीगत व्‍यय (अधोसंरचनात्‍मक विकास के कार्य) में उत्‍तरोत्‍तर वृद्धि है। (ख) संविधान के अनुच्‍छेद 293 (3) के अनुसार वर्ष 2022-23 से 2024-25 तथा अप्रैल 2025 से अक्‍टूबर 2025 तक लिये गये ऋण पर भारत सरकार की सहमति के लिये भेजे गये पत्र तथा भारत सरकार द्वारा दी गई सहमति (अधिरोपित शर्त सहित) की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-4 में उपलब्‍ध हैं। (ग) राज्‍य शासन द्वारा ऋण पुनर्भुगतान की स्थिति का पत्रक विभागीय बजट पुस्‍तिका ".." मांग संख्‍या अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2019-20 से 2025-26 तक  पुस्‍तकालय  में रखे अनुसार उपलब्‍ध है। जिसमें वर्ष           2023-24 का लेखा एवं वर्ष 2024-25 का पुनरीक्षित अनुमान वर्ष 2025-26 का बजट अनुमान शामिल है। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 के लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से अंकेक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। राज्‍य पर ऋण के ब्‍याज भार का भुगतान राजस्‍व मद से किया जाता है तथा राज्‍य पर ऋण का पुनर्भुगतान पूंजीगत मद पर भारित होता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश  ( अनुसार है।

शसकीय मदिरा विक्रय हेतु दुकान/गोदाम की जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

80. ( क्र. 785 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2024-25 से वर्तमान में कितनी शासकीय देशी/विदेशी मदिरा की दुकानें संचालित हैं एवं मदिरा स्टॉक हेतु कितने गोदाम स्थापित हैं? तहसीलवार दुकानों/गोदामों का पता, विवरण देवें। (ख) चालू वित्तीय वर्ष में आंवटित दुकानों के ठेकेदार के नाम बतायें एवं टेण्डर प्रक्रिया में तुलनात्मक पत्रक व आंवटित दुकान की दर बतायें। (ग) पृथक-पृथक शासकीय मदिरा दुकान व गोदाम में अधिकतम कितनी मात्रा में मदिरा रखे जाने का प्रावधान है? नियम सहित जानकारी दें। (घ) विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 से वर्तमान तक कब-कब मदिरा दुकान/गोदाम का निरीक्षण किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) वर्ष 2024-25 से प्रश्‍न दिनांक तक मदिरा निर्माण फैक्ट्री से मदिरा परिवहन, शासकीय दुकान/गोदाम पर भेजे जाने हेतु कितने ट्रांजिट पास (पार-पत्र) जारी किये गये? मदिरा मात्रा सहित ट्रांजिट पास की प्रति उपलब्ध करायें। (च) क्या स्थानीय जिला आबकारी कार्यालय द्वारा एक दुकान वर्तमान तक कितने परिपत्र जारी किये गये? प्रति उपलब्ध करायें। अन्य मदिरा दुकान तक, मदिरा स्थानान्तरित हेतु परिपत्र जारी किये जाते हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान तक कितने परिपत्र जारी किये गये? प्रति उपलब्ध करायें।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2024-25 में 113 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें संचालित एवं 05 मदिरा दुकानों के लिये मदिरा स्‍टॉक हेतु 05 गोदाम स्‍थापित थे। वर्ष 2025-26 में शिवपुरी जिले में 113 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें संचालित एवं 04 मदिरा दुकानों के लिये मदिरा स्‍टॉक हेतु 04 गोदाम स्‍थापित है। तहसीलवार जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार  है। कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें एवं मदिरा दुकानों हेतु स्‍वीकृत गोदाम के पते की तहसीलवार जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-दो एवं तीन अनुसार  है। (ख) शिवपुरी जिले में वर्ष 2025-26 में आवंटित मदिरा दुकानों के ठेकेदार के नाम की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार  है। वित्‍तीय वर्ष 2025-26 में जिला शिवपुरी में संचालित 39 समूहों में सम्मिलित 113 मदिरा दुकानों में से 30 समूहों में सम्मिलित 104 मदिरा दुकानों का नवीनीकरण के माध्‍यम से निष्‍पादन किया गया। शेष 09 एकल मदिरा दुकान समूहों का टेण्‍डर प्रक्रिया के माध्‍यम से निष्‍पादन किया गया। तुलनात्मक वार्षिक मूल्‍य की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-पांच अनुसार  है। (ग) मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक-47 दिनांक 14.02.2025 की कण्डिका 27 के अनुसार लायसेंसी को उसकी मांग अनुसार मदिरा का प्रदाय ई-आबकारी पोर्टल के माध्‍यम से जमा देय ड्यूटी की राशि के विरूद्ध दिया जाता है। प्रदाय की जाने वाली मदिरा की मात्रा की कोई अधिकतम सीमा नहीं होती है, किंतु इस संबंध में सामान्‍य लायसेंस शर्त 29 के प्रावधान लागू होंगे। मध्‍यप्रदेश राजपत्र एवं सामान्‍य लायसेंस शर्त की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-छ: अनुसार  है। (घ) शिवपुरी जिले में वर्ष 2024-25 से वर्तमान तक मदिरा दुकानों/गोदाम के किये गये निरीक्षण एवं की गई कार्यवाही की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-सात अनुसार  है। (ड.) वर्ष 2024-25 से प्रश्‍न दिनांक तक मदिरा निर्माण फैक्‍ट्री से मदिरा परिवहन, शासकीय मदिरा दुकान/मदिरा दुकानों हेतु स्‍वीकृत गोदामों पर फैक्‍ट्री से मदिरा का परिवहन किये जाने का प्रावधान नहीं होने से ट्रांजिट पास (पार-पत्र) की जानकारी निरंक है। (च) शिवपुरी जिले में वर्ष 2025-26 में आबकारी विभाग द्वारा एक दुकान से दूसरे दुकान तक मदिरा स्‍थानांतरण हेतु कुल 39 परिवहन पारपत्र जारी किये गये है। जिसकी जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-आठ अनुसार  है।

मोबाईल चोरी के पंजीबद्ध प्रकरण

[गृह]

81. ( क्र. 787 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) प्रदेश में मोबाईल चोरी/गुम होने पर संबंधित व्यक्ति द्वारा थाने में आवेदन दिया जाता है, किन्तु संबधित थाने द्वारा एफ.आई.आर दर्ज नहीं की जाती है? इस संबंध में क्या नियम है। नियम की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) वर्ष 2024 एवं वर्ष 2025 में जिला ग्वालियर में कितने मोबाईल चोरी व गुम होने के आवेदन प्राप्त हुये। संख्यावार/थानावार जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्‍नांश () की अवधि में दी गई संख्या में से कितने मोबाईल संबंधित व्यक्तियों को वापस किये गये? (घ) प्रश्‍नांश () की अवधि में कितने चोरी के आवेदनों में कितने आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये? यदि नहीं किये गये तो क्यों नहीं। इसके लिये संबंधित अनुसंधानकर्ता के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) मोबाईल चोरी की सूचना थाने में प्राप्त होने पर FIR (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की जाती है, साथ ही मोबाईल गुम की सूचना प्राप्त होने पर गृह मंत्रालय, भारत सरकार के पोर्टल CEIR (Central Equipment Identity Register) पर सूचना अपलोड की जाकर मोबाईल ट्रेकिंग/सर्च की कार्यवाही की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" पर वर्ष 2024 एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - "ब" पर वर्ष 2025 की एवं CEIR पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  "स" अनुसार है। (ग) वर्ष 2024 एवं वर्ष 2025 में कुल वापस किये गए मोबाईल एवं CEIR पोर्टल पर रिकवर किये गए मोबाईल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "अ" "ब" एवं "स" में समाहित है। (घ) वर्ष 2024 में मोबाईल चोरी की शिकायत में 31 प्रकरण एवं वर्ष 2025 में 12.11.25 तक मोबाईल चोरी की शिकायत में 15 प्रकरण दर्ज किये गए।

रेत के अवैध उत्खनन/परिवहन

[खनिज साधन]

82. ( क्र. 790 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) जिला ग्वालियर एवं जिला मुरैना के कुछ क्षेत्रों में चम्बल नदी से रेत का परिवहन किया जाता है? (ख) क्या मुरैना में चम्बल नदी से रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा रोकथाम किये जाने के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) मुरैना नगर निगम के अंतर्गत आने वाले पुलिस थानों में दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने रेत माफियाओं पर प्रकरण दर्ज किये एवं क्या कार्यवाही की गई? उनके नाम, पता एवं दर्ज अपराध क्रमांक सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (घ) क्या जिला मुरैना में रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन में किसी अधिकारी/कर्मचारी के लिप्त होने की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई? नाम एवं पदनाम सहित बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। जिला मुरैना में चंबल नदी, राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य घोषित है। राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य मुरैना अंतर्गत चंबल नदी के घाटों से रेत उत्खनन/परिवहन की घटनाओं पर वन कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से गश्ती की जाती है तथा अनाधिकृत परिवहन पाये जाने पर पुलिस, वन, राजस्व तथा खनिज अमले द्वारा समन्वय कर कार्यवाही अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया जाता है एवं जिन मार्गों से रेत का परिवहन किया जाता है, उन मार्गों पर जे.सी.बी. मशीन से खंती खोद कर मार्ग अवरूद्ध करने की कार्यवाही की जाती है।            (ग) प्रश्‍नांश अनुसार दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक वन जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 एवं भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत रेत उत्खनन/परिवहन के कुल 283 प्रकरण एवं भारतीय न्याय संहिता सहित अन्य अधिनियमों एवं नियमों के तहत 49 प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गयी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ  पर दर्शित है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य मुरैना अंतर्गत वन विभाग के 03 कर्मचारियों के सम्मिलित होने की शिकायत प्राप्त होने पर उनको निलंबित किया जाकर नियमानुसार विभागीय जांच संस्थापित की गयी है। नाम एवं पदनाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब  पर दर्शित है। दिनांक 01/01/2024 से प्रश्‍न दिनांक तक 04 पुलिस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई थीं, जो जांच उपरांत अप्रमाणित पायी गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर दर्शित है।

सड़क निर्माण एवं अन्य कार्यों की एन. ओ. सी. जारी की जाना

[वन]

83. ( क्र. 792 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले में विभिन्न विभागों द्वारा वन क्षेत्र में कराये जाने वाले कार्यों की एन. ओ.सी. देने के प्रकरण लंबित है यदि हाँ तो कितने? वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक की विभागवार, कार्यवार जानकारी दें। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितने ऐसे कार्य है जो वन विभाग द्वारा एन.ओ.सी. नहीं दिये जाने के कारण, अप्रारंभ/अपूर्ण है? कार्यवार जानकारी दें। एन.ओ.सी. नहीं देने का कारण भी स्पष्ट करें। (ग) क्या तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 831 दिनांक 05.07.2024 में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पट्टे की/भू-अधिकार पत्र की जमीन से आदिवासियों को बेदखल करने के संबंध में समिति गठित की गई है? यदि हाँ तो क्या समिति द्वारा जांच कर ली गई है? जांच रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) में जनहित के कार्यों में अवरोध के लिए कौन उत्तरदायी है? उत्तरदायित्व निर्धारण कर संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) ग्‍वालियर जिले में वनक्षेत्रान्तर्गत विभिन्न विभागों द्वारा गैर वानिकी कार्य करने हेतु एन.ओ.सी. देने का प्रावधान नहीं है, अपितु वनक्षेत्रान्तर्गत गैर वानिकी कार्य किये जाने हेतु वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 एवं अनुसूचित जनजाति एवं अन्य यथासंशोधित परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-3 (2) के प्रावधानों के तहत सक्षम स्वीकृति प्राप्त करनी होती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार कार्यों की एन.ओ.सी. नहीं दी जाती है, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कलेक्टर, ग्वालियर ‌द्वारा आदेश क्रमांक-क्यू/अपर क्ले. स्टेनो/2024-134 दिनांक 02 अगस्त, 2024 से संयुक्त जाँच दल का गठन किया गया। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 पर है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सामान भार/मात्रा/वाहन/खनिज पर अलग-अलग राशि में चालान करना

[खनिज साधन]

84. ( क्र. 795 ) इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या खनिज विभाग अशोकनगर द्वारा दिनांक 01.01.2021 से 16.09.2025 तक 179 मुरम/बजरी/रेत के वाहनों पर प्रकरण दर्ज किये गये, जिनमें से समान वाहन, समान खनिज तथा समान मात्रा वाले वाहनों पर अलग-अलग राशि में चालान किये गये? ऐसा क्यों, स्पष्ट करने की कृपा करें। (ख) खनिज विभाग अशोकनगर द्वारा दिनांक 20.12.2021 को शिवराज जाटव शंकरपुर तहसील खनियाधाना जिला शिवपुरी के वाहन क्र. HR38Z9453 व्हीकल डंपर 10 टन खनिज मुरम 14 मीटर पर मात्र 17500 रूपये का चालान किया गया जबकि दिनांक 28.01.2023 को अरविंद कुशवाह गणेशखेडा तहसील ईसागढ़ जिला अशोकनगर के वाहन क्र. MP07HB7306 व्हीकल डंपर 8 टन खनिज मुरम 3 मीटर पर 415750 रूपये का चालान किया गया है। जबकि दूसरे वाहन में पहले वाहन की अपेक्षा कम खनिज और मात्रा कम है फिर अंतर क्यों इसके अलावा और भी ऐसे कई मामले है जिनमें समान भार/वाहन/मात्रा पर अलग-अलग राशि में चालान किये गये है।       (ग) खनिज विभाग अशोकनगर द्वारा वाहनों के चालान में आ रहे अंतर का स्पष्टीकरण एवं प्रदेश स्तरीय जांच करवाये जाने की कृपा करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन अवधि में मुरम, बजरी तथा रेत के अवैध परिवहन के 179 प्रकरण दर्ज किये गये है। प्रदेश में खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भण्डारण के प्रकरणों में अर्थदण्ड के संबंध में दिनांक 08.04.2022 से मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 प्रभावशील किये गये है। इस नियम में खनिज के अवैध परिवहन के प्रकरण में प्रशमन हेतु रायल्टी का 15 गुना तथा वाहन क्षमता अनुसार पर्यावरण क्षतिपूर्ति अधिरोपित किये जाने का प्रावधान किया गया है। इसके पूर्व मुरम खनिज के अवैध परिवहन के संबंध में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में बाजार मूल्य के 10 गुने तक अथवा खनिज की रायल्टी के 20 गुने तक जो भी अधिक हो भुगतान करने पर प्रशमन के प्रावधान थे। रेत एवं बजरी के संबंध में मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 में अवैध परिवहन के संबंध में वाहन क्षमता अनुसार प्रशमन एवं दण्ड के प्रावधान थे। मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 दिनांक 08.04.2022 से प्रभावी किए गए। जिसमें मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 एवं मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 में अवैध परिवहन, उत्खनन तथा भण्डारण के दण्डात्मक प्रावधानों को विलोपित किया गया है। इस कारण से प्रश्‍नाधीन अवधि में राशि में अंतर आया है। (ख) वाहन क्रमांक HR38Z9453 मुरम खनिज मात्रा 14 घनमीटर पर 17,500/- रूपये मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधान अनुसार तथा वाहन क्रमांक MP07HB7306 मुरम खनिज मात्रा 21 घनमीटर पर राशि रूपये 4,15,750/- मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 वसूल किये गये है। ई-खनिज पोर्टल पर खनिज की मात्रा 3 घनमीटर टंकण त्रुटिवश दर्शित है, जबकि वास्तविक रूप से 21 घनमीटर मुरम के अवैध परिवहन का आदेश पारित किया गया है। दोनों प्रकरण में कलेक्टर द्वारा पारित आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-अ  में दर्शित है। प्रश्‍नांश (क) के उत्तर में नियमों की प्रभावशीलता के कारण समान भार क्षमता एवं समान खनिज की मात्रा होने के उपरांत भी पृथक-पृथक राशि दर्शित हुई है। प्रश्‍नाधीन अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब  एवं    में दर्शित है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) में स्थिति स्पष्ट की गई है। अतः जांच किये जाने जैसी कोई स्थिति नहीं है।

हैण्डंपप/ट्यूबवेल का उत्खनन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

85. ( क्र. 796 ) इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 16 मार्च 2025 के अता.प्र.प्रश्‍न क्रमांक 1652 के माध्यम से अशोकनगर विधानसभा के विभिन्न ग्रामों जल संकट के निवारण हेतु हैण्डपंप/ट्यूववेल उत्खनन के लिए मांग की गई थी तथा पुनः 1 अगस्त 2025 में परि.अता. प्रश्‍न क्र. 1942 के माध्यम से कार्य को पूर्ण किये जाने का अनुरोध किया गया था यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक तक आवश्यकता के 10 प्रतिशत भी हैण्डपंप/ट्यूववेल उत्खनन क्‍यों नहीं किये गये कारण स्‍पष्‍ट करें। कार्य कब तक पूर्ण होगा, समय-सीमा बताएं। (ख) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अशोकनगर द्वारा वर्ष 2023 से अक्टूबर 2025 तक विधानसभा मुंगावली, चंदेरी तथा अशोकनगर में कुल कितने हैण्डपंप/ट्यूववेल लगाये गये है विधानसभावार अलग-अलग सूची प्रदान करें। (ग) क्‍या विभाग क्षेत्रवासियों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 400-600 फिट गहराई वाले 180 हैण्डपंप/ट्यूबवेल विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर के लिए आगामी बजट में जोड़कर स्वीकृत करेगा।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्‍न क्रमांक 1652 सत्र मार्च, 2025 में जल स्तर नीचे जाने के कारण लगभग 600 फीट गहराई वाले बोरवेल उत्खनन कर मोटरपंपों के जरिए पानी की व्यवस्था के लिए वर्ष के बजट में इसे शामिल किए जाने के संबंध में प्रश्‍न किया गया था तथा प्रश्‍न क्रमांक 1942 जुलाई-अगस्त 2025 में 600 फीट गहरे ट्यूबवेल के मोटरपंप सहित 150 नग कार्यों की स्वीकृति एवं 180 हैंडपंप/ट्यूबवेल के उत्खनन हेतु कब तक कार्यवाही की जाएगी, के संबंध में प्रश्‍न किया गया था। वर्ष 2025-26 के बजट में नए हैंडपंप/नलकूप के लिए संबंधित मद में प्रावधान के अनुक्रम में अशोकनगर जिले को 100 हैंडपंप/ट्यूबवेल का वार्षिक लक्ष्य दिया गया है, जिसके अंतर्गत कार्य किए जा रहे हैं। जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामों में एकल ग्राम नल जल योजनाओं तथा समूह जल प्रदाय योजनाओं के माध्यम से घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल व्यवस्था हेतु कार्य कराए जा रहे हैं, जिससे हैंडपंपों पर निर्भरता कम हुई है, अतः नए हैंडपंपों की आवश्यकता में कमी आई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या को दृष्टिगत रखते हुये आवश्यकतानुसार तकनीकी रूप से उचित गहराई के हैण्डपंप/ट्यूबवेल खनन की कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रदूषण तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु की जा रही कार्यवाही

[पर्यावरण]

86. ( क्र. 810 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्योगों, अत्यधिक वाहनों, निर्माण कार्यों तथा वन क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई के कारण प्रदेश में बढ़ता प्रदूषण मानव जीवन एवं अन्य जीव-जंतुओं के लिए अत्यंत घातक सिद्ध हो रहा है। विषय की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु कोई विशेष कार्य योजनाएँ लागू की गई हैं? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्‍ध करावें।              (ख) क्या वन क्षेत्रों में अवैध कटाई रोकने हेतु निगरानी, नियंत्रण एवं दंडात्मक कार्रवाई की व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) औद्योगिक इकाइयों एवं वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु क्या कोई नवीन मानक, निरीक्षण प्रक्रिया या तकनीकी उपाय लागू किए गए हैं? जानकारी उपलब्‍ध करावें।

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रदेश में अत्यंत घातक जैसी स्थिति नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '''' अनुसार  है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार  है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। अति प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाइयों में प्रदूषण पर सतत् निगरानी रखने हेतु ऑनलाइन जल एवं वायु प्रदूषण मापन हेतु रियल टाइम मॉनिटरिंग मापन प्रणाली, पी.टी.जेड कैमरा, डिजिटल फ्लो मीटर इत्यादि युक्त प्रणाली स्थापित कराई जाती है तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निगरानी केंद्र में इसकी वेब कनेक्टिविटी प्राप्त कर सतत् निगरानी रखी जाती है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उद्योगों को शून्य निस्सारण की शर्त पर ही संचालन सम्‍मति प्रदान की जाती है। उद्योगों का निरीक्षण प्रदूषण की स्थिति तथा ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने पर किये जाने का प्रावधान है।

नवगठित निवाड़ी जिले में पुलिस बल की व्यवस्था

[गृह]

87. ( क्र. 819 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन गठित निवाड़ी जिले में वर्तमान में कितना पुलिस बल है एवं कितने पुलिस बल की आवश्यकता है? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 284/विधा.नि./2025-26, दिनांक 13/10/2025 के माध्यम से निवाड़ी जिले में पुलिस बल की संख्या बढ़ाये जाने की व्यवस्था एवं उ.प्र. की सीमा से लगी हुई चकरपुर चौकी का उन्नयन कर थाना बनाये जाने के संबंध में लेख किया गया था, इस पर क्या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जिला निवाड़ी में वर्तमान में 433 का पुलिस बल उपलब्ध है एवं 175 के पुलिस बल की और आवश्यकता है। (ख) निवाड़ी जिले में 175 पुलिस बल संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। प्रश्‍नकर्ता के पत्र के संदर्भ में पुलिस अधीक्षक निवाड़ी से चरकपुर चौकी का थाने में उन्नयन का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, जो निर्धारित मापदण्ड पूर्ण नहीं करने का कारण पुलिस मुख्यालय स्तर पर अमान्य किया गया है।

वन विभाग के वाहन में पेट्रोल/डीजल की जानकारी

[वन]

88. ( क्र. 841 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख (शाला संरक्षण) भोपाल के अंतर्गत दिनांक 01.01.2025 से 30.06.2025 तक कितने वाहनों में कितनी मात्रा का डीजल/पेट्रोल भरवाया गया वाहन क्र. एवं डीजल की पर्ची की जानकारी दें? (ख) क्‍या जिस वाहन की पर्ची पेट्रोल भरवाने हेतु जारी की गई है इसमें न भरवाया जाकर अन्‍य किसी वाहन में पेट्रोल/डीजल भरवाया गया है क्‍या इसकी वाहन की क्षमता का ध्‍यान रखा गया है? यदि नहीं तो क्‍यों?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रधान मुख्य वन संरक्षक (शाखा संरक्षण) भोपाल के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में 3 वाहनों में कुल 2367 लीटर डीजल/पेट्रोल भरवाया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वाहनों में डीजल/पेट्रोल भरवाते समय वाहन की टंकी की क्षमता का ध्यान रखा गया है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवैध खनन राजस्‍व हानि निधि एवं विस्‍थापन

[खनिज साधन]

89. ( क्र. 842 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) मध्‍यप्रदेश में कुल कितनी मुख्‍य और लघु खनिज खदानें स्‍वीकृत की गई इनमें से कितनी वर्तमान में संचालित है तथा कितनी निष्क्रिय या निरस्‍त की गई है? कृपया जिलावार  विगत दो वर्ष का विवरण दिया जाए। (ख) 31 मार्च 2022 से 31 मार्च 2025 की अवधि में राज्‍य में कुल कितने अवैध खनन के प्रकरण दर्ज किये गए उनमें से कितनों में कार्यवाही या सजा हुई तथा इस अ‍वधि में राजस्‍व हानि कितनी रही? (ग) District Mineral Foundation (DMF) अथवा District Reserve Fund (DRF) के अंतर्गत उक्त अवधि में कुल कितनी राशि संग्रहित हुई और उसमें से कितनी राशि वास्तविक रूप से व्यय की गई? वर्षवार संग्रह व्यय अनुपात बताया जाए। (घ) उक्त अवधि में संचालित खनन परियोजनाओं के कारण कुल कितने परिवार या व्यक्ति विस्थापित हुए है? इनमें से कितनों को राज्य सरकार द्वारा पुनर्वास एवं मुआवजें की राशि वास्तव में प्रदान की गई है तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित कितने परिवार इस दायरे में आते हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार खदानों की जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' एवं 'पर दर्शित हैं। (ख) प्रश्‍नांश अवधि में राज्य में खनिजों के अवैध उत्खनन के कुल 3846 प्रकरण दर्ज किये गये है। दर्ज प्रकरणों में से कुल 3469 प्रकरणों का निराकरण किया जाकर अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने की कार्यवाही की गई है। चूँकि प्रकरणों में नियमानुसार अर्थदण्ड अधिरोपित किये गये है, अतः राजस्व हानि होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वित्तीय वर्ष 2022-23 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में सम्पूर्ण प्रदेश में कुल 3734.85 करोड़ राशि संग्रहित हुई है, जिसमें से उक्त अवधि में 1109.33 करोड़ का व्यय हुआ है। राशि संग्रह/व्यय का अनुपात वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1:0.09, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1:0.36 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1:0.41 रहा है। (घ) विगत तीन वर्षों में संचालित खनन परियोजनाओं के कारण अनूपपुर जिलें में 412 व्यक्तियों/परिवारों का विस्थापन हुआ है, जिसमें 214 अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवार भी शामिल है। उमरिया जिले में 91 व्यक्ति/परिवारों का विस्थापन हुआ है, जिसमें 64 अनुसूचित जनजाति के परिवार भी शामिल है। सिंगरौली जिले में 3469 व्यक्तियों/परिवारों विस्थापित हुये है, जिसमें 1185 अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवार भी शामिल है। समस्त विस्थापितों के पुनर्वास एवं मुआवजें की राशि प्रदान की जाने की कार्यवाही कर दी गई है। प्रदेश के शेष जिलो में खनन परियोजनाओं के कारण कोई विस्थापन नहीं हुआ है।

हालोन समूह जल प्रदाय योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

90. ( क्र. 845 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हालोन समूह जल प्रदाय योजना का कार्य किस फर्म/कंपनी के द्वारा एवं कब से किया जा रहा है? कार्य की कुल लागत कितनी है एवं फर्म द्वारा कुल कितने में यह कार्य किया गया है? इसमें क्या-क्या कार्य किये जाना निर्धारित किया गया है? एस.ओ.आर. की जानकारी उपलब्ध कराएं। कम्पनी/फर्म के साथ किये गए अनुबंध की जानकारी उपलब्ध कराएं? कार्य पूर्णता की अवधि क्या थी? इसे कब-कब और क्यों बढ़ाया गया? कार्य से संबंधित समस्त माप-पुस्तिकाओं एवं कम्पनी/फर्म द्वारा भुगतान हेतु प्रस्तुत किये गए समस्त चलित देयकों की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त कार्यों में टंकी निर्माण, पाइप-लाइन विस्तार हाइड्रो का कार्य सहित अन्य कार्य फर्म/कम्पनी द्वारा अन्य ठेकेदारों से करवाया गया है एवं करवाया जा रहा है? फर्म/कंपनी द्वारा किन-किन ठेकेदारों को कितने प्रतिशत बिलों में कार्य दिए गए हैं? उक्त परियोजना में वेरिएशन के तहत कितनी राशि कब-कब बढ़ाई गई है? (ग) क्या उक्त परियोजना में एन.आई.टी. की कण्डिका 7.13.1 में उल्लेखित माइल स्टोन अनुसार कार्य हुए हैं? यदि हाँ तो संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो क्या कण्डिका 7.14 के आधार पर जो कार्यवाही की जान, थी? वह की गई है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (घ) मंडला जिला मुख्यालय में निर्मित म.प्र. जल निगम मर्यादित परियोजना मंडला के कार्यालय के उद्घाटन में शिलालेख में राजनीतिक पदाधिकारी का नाम किस नियम के तहत लिखा गया? प्रश्‍नकर्ता द्वारा इस संबंध में जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की गई थी, उस पर क्‍या कार्यवाही हुई?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) मेसर्स कल्‍पतरू इंटरनेशनल लि. के द्वारा दिनांक 08.08.2022 से कार्य की स्वीकृत लागत रू 806.13 करोड़ है, फर्म द्वारा कार्य रू 643.67 करोड़ में लिया गया है। परियोजना अंतर्गत मुख्य रूप से इंटेकवेल, रॉ वाटर पंपिग, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, क्लीयर वॉटर पंपिग मेंन, क्लीयर वॉटर ग्रेविटी मेन, एम.बी.आर., बी.पी. टी., ओवरहेड टैंक, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क एवं घरेलू नल कनेक्शन का निर्माण कार्य किया जाना निर्धारित है। एस.ओ.आर. की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र- 01  अनुसार है। अनुबंध की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-02 अनुसार है। दिनांक 28.12.2024 थी। दिनांक 14.05.2025 को दिनांक 28.12.2025 तक की समयावधि की वृद्धि दी गई, परियोजना अंतर्गत ग्रामों की सूची में परिवर्तन होने, इंटेकवेल एवं वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण हेतु स्थान में परिवर्तन होने एवं विभिन्न विभागों से आवश्यक अनुमति प्राप्त होने में विलंब के कारण भुगतान की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र- 03 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता, उक्त परियोजना में वेरिएशन के तहत राशि में कोई भी बढ़ोत्‍तरी नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। चलित देयकों से राशि रूपये 1.64 करोड़ काटी गई है। (घ) कार्यालय के उद्घाटन में शिलालेख पर नाम त्रुटि‍वश लिखा गया था, इस कारण पट्टिका स्थापित नहीं की गई इसे सुधारने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है सुधार उपरान्त पट्टिका स्थापित की जायेगी।

तेंदुपत्‍ता एवं काष्‍ठ लाभांश से कराये गये कार्य

[वन]

91. ( क्र. 846 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पश्‍िचम सामान्य वन मंडल मंडला अंतर्गत वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक तेंदुपत्ता एवं काष्ठ लाभांश की राशि से समस्त वनपरिक्षेत्रों में कराये गए कार्यों की जानकारी कार्य का नाम, ग्राम का नाम, व्यय राशि, मटेरियल भुगतान, मजदूरी भुगतान सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? इस सामग्री हेतु निविदा कार्यवाही बताये? सामग्री व मजदूरी भुगतान हेतु ई-भुगतान की जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) उक्त अवधि में दिशा ट्रेडर्स, प्रहलाद ट्रेडर्स, यादव ट्रेडर्स, अचल इंटरप्राइजेस मंडला, जीआर संस मंडला, ग्लास प्लाईवुड सेंटरमंडला, पंकज इलेक्ट्रॉनिक बैहर, माइक्रोलाइन इंदौर, मायावती ट्रेडर्स बैतूल आदि फर्मों को किये गए भुगतानों की राशि की जानकारी उपलब्ध कराएं? क्या सभी फर्म निविदा प्रक्रिया से चयनित हुईं थीं? यदि नहीं तो किस नियम के तहत इनसे सामग्री क्रय कर भुगतान किया गया? आवेदक राजेश जैन द्वारा चीफ कंसर्वेटर को की गई शिकायत में क्या कार्यवाही की गई है? (ग) वर्ष 2023-24 से प्रश्‍न दिनांक तक डीएफओ के टूर की जानकारी उपलब्ध कराएं? क्या डीएफओ द्वारा शासकीय वाहन का उपयोग अपने निजी पारिवारिक कार्यों के लिए किया जाता है, क्या बार-बार निजी कार्य से बालाघाट आने जाने के लिए शासकीय वाहन का उपयोग कर दौरा डायरी लॉगबुक में वन परिक्षेत्रों का दौरा दर्शाया जाता है?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन मण्डलाधिकारी पश्‍िचम सामान्य एवं प्रबंध संचालक जिला यूनियन पश्‍िचम मण्डला अंतर्गत वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक तेन्दूपत्ता लाभांश की राशि से कराए गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। काष्ठ लाभांश की राशि से कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। वर्ष  2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रतिवर्ष क्रय की गई सामग्री हेतु भंडार क्रय नियम 2015 यथा संशोधित 2022 अनुसार निविदा आमंत्रित की गई है। जिला यूनियन द्वारा कराये गये समस्त कार्यों का भुगतान संबंधित प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों तथा वन मंडल द्वारा संयुक्त वन प्रबंधन समितियों को ई-भुगतान प्रणाली से किया गया है। (ख) उक्त अवधि में प्रश्‍नांकित फर्मों से प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति द्वारा क्रय एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। वनमंडल/संयुक्त वन प्रबंधन समिति द्वारा क्रय एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। वनमंडल द्वारा क्रय की गई सामग्री भंडार क्रय नियम 2015 यथा संशोधित 2022 अनुसार ही क्रय की गई है। वर्ष 2022-23 में सफल निविदाकार द्वारा सामग्री उपलब्ध नहीं कराये जाने के फलस्वरूप कुछ प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों द्वारा पारित प्रस्ताव अनुसार निविदा दर अथवा उससे कम दर पर ही अन्य फर्मों से सामग्री क्रय की गई है। मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक/एफ/22-72/2011/10-2 भोपाल दिनांक 28.01.2012 अनुसार संयुक्त वन प्रबंधन समितियों में समिति द्वारा अर्जित राशि के उपयोग हेतु समिति पर वन संहिता, वन वित्तीय नियम, भंडार क्रय नियम इत्यादित के प्रावधान लागू नहीं होने का प्रावधान है। आवेदक राजेश जैन द्वारा वन संरक्षक, मध्‍यवृत्‍त जबलपुर कार्यालय को इस सबंध में कोई शिकायत अभिलेखानुसार प्राप्त नहीं हुई है। (ग) वन मण्डलाधिकारी, पश्‍िचम सा. वनमंडल मण्डला द्वारा वर्ष 2023-24 से प्रश्‍न दिनांक तक अपने कार्यक्षेत्र के विभागीय कार्यों का निरीक्षण, मुख्यालय/वरिष्ठ कार्यालय की बैठकों में सम्‍मिलित होना तथा विभिन्न प्रशिक्षणों हेतु प्रदेश के अंदर एवं प्रदेश के बाहर शासकीय कार्यों से भ्रमण किया गया। बार-बार निजी कार्य से बालाघाट आने-जाने के लिए शासकीय वाहन का उपयोग कर दौरा डायरी, लॉगबुक में वन परिक्षेत्रों का दौरा नहीं दर्शाया गया है।

पुलिस कर्मियों पर दर्ज प्रकरण

[गृह]

92. ( क्र. 848 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.24 से 31.10.25 तक प्रदेश में किस-किस स्‍तर के कितने पुलिस कर्मियों पर विभिन्‍न धाराओं में प्रकरण दर्ज किये गए जिलावार जानकारी नाम, पदनाम, धारा, प्रकरण क्रमांक, प्रकरण दिनांक सहित देवें। इस पर की गई कार्यवाही का विवरण भी दे। (ख) इंदौर एवं भोपाल में पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली किस दिनांक को लागू की गई? लागू दिनांक के ठीक 02 वर्ष पूर्व के चोरी, वाहन चोरी, लूट, डकैती, हत्‍या, महिलाओं पर अत्‍याचार के कितने प्रकरण दर्ज किए गए? इनकी पृथक-पृथक संख्‍या वर्षवार देवें। पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली लागू होने के पश्‍चात उपरोक्‍त अपराधों की संख्‍या वर्षवार पृथक-पृथक प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार उपरोक्‍त अपराधों में प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कितने आरोपी फरार है? कितने प्रकरणों में चालान प्रस्‍तुत करना शेष है की जानकारी पृथक-पृथक देवें। (घ) कब तक फरार आरोपी गिरफ्तार होंगे व लंबित चालान प्रस्‍तुत कर दिये जाएंगे? समय-सीमा देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार है।              (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन पदोन्‍नति में आरक्षण प्रकरण

[सामान्य प्रशासन]

93. ( क्र. 849 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुप्रीम कोर्ट में पदोन्‍नति में आरक्षण से संबंधित ऐसे कितने प्रकरण विचाराधीन हैं जिनमें प्रदेश सरकार पक्षकार है? प्रकरण क्रमांक, प्रकरण दिनांक, वादी/प्रतिवादी नाम सहित देंवे। इनमें कब-कब तारीखें लगी? प्रकरणवार, प्रकरण क्रमांक सहित उपलब्‍ध कराएं। (ख) इन प्रकरणों में शासन की ओर से कितने अधिवक्‍ताओं में पैरवी की? ये कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित रहे प्रकरणवार, प्रकरण क्रमांक सहित बतावें। इन्‍हें किए भुगतान की जानकारी अधिवक्‍ता नाम, राशि, दिनांक सहित देवें।               (ग) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1157 दिनांक 23.02.2017 के प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में वर्णित प्रकरण क्रमांक, प्रकरण दिनांक देंवे। इसकी संपूर्ण जानकारी प्रश्‍नांश (ख) अनुसार देवें। (घ) इन सभी प्रकरणों की अद्यतन स्थिति प्रकरणवार देंवे।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

औद्योगिक इकाई से दूषित जल का प्रदाय

[पर्यावरण]

94. ( क्र. 857 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में ओरिएंट पेपर मिल अमलाई जो जिला मुख्‍यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर है एवं  ओरिएंट पेपर एंड इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड द्वारा संचालित हैइस ओरिएंट पेपर एंड इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड इकाई से गंदा कैमिकल युक्‍त दूषित पानी छोड़े जाने से आसपास के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में प्रदूषण फैल रहा है जिस से लोगों को स्‍वच्‍छ  जल नहीं मिल पा रहा है। कैमिकल युक्‍त दूषित पानी पीने से अनेक प्रकार की गंभीर बीमारियां हो रही हैं एवं दूषित पानी से अनेकों पशु मर रहे हैं? इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1973 दिनांक 1 अगस्‍त 2025 में भी प्रश्‍न किया गया था प्रश्‍न के आधार पर प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा कब एवं किस अधिकारी के द्वारा घटना स्‍थल का निरीक्षण किया गया, जांच अधिकारी का नाम, पद बतावें तथा निरीक्षण उपरांत क्‍या प्रतिवेदन दिया, उक्‍त प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध कराते हुये विभाग द्वारा उक्‍त समस्‍या के स्‍थायी निदान के लिये क्‍या दिशा निर्देश जारी किये गये, जारी किये गये निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित समस्‍या का समाधान विभाग द्वारा कब तक कर दिया जायेगा, समय-सीमा बतावें।

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं, मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मेसर्स ओरिएंट अमलाई पेपर मिल को शून्‍य निस्‍त्राव की शर्त के साथ सम्‍मति जारी की गई है, जिसका निरन्‍तर अनुपालन कराया जाता है। प्रश्‍न दिनांक तक लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार कंपनी के आस-पास के क्षेत्रों में स्थित नल कूपों (भू-जल) की नियमित जांच की जाती है, जो कि पेयजल हेतु उपयुक्‍त पाये गये हैं एवं किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं पाया गया है। मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी जिला-शहडोल से प्राप्‍त जानकारी अनुसार कंपनी के आस-पास के ग्रामों एवं शहडोल जिले में बीमारियां फैलने की शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार मवेशियों में बीमारी संबंधी जानकारी प्राप्‍त नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। शेषांश उत्‍तरांश (क) अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आंगनवाड़ी भवनों एवं कार्यकर्ता/सहायिका की भर्ती

[महिला एवं बाल विकास]

95. ( क्र. 861 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं की भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी की गई है? यदि हाँ तो कौन-कौन से जिलों में कितने-कितने पद स्‍वीकृत किये गये है तथा क्‍या भर्ती संबंधी नियम निर्देश जारी किये गये है यदि हाँ तो अलग-अलग संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्‍त पदों की भर्ती हेतु कितने-कितने आवेदन पत्र अंतिम तिथि तक प्राप्‍त हुये है? कृपया जिलावार विवरण देते हुये दतिया जिला में आवेदकों द्वारा दिये गये आवेदन पत्रों तथा भर्ती प्रक्रिया अंतर्गत निर्धारित मापदंडों अनुसार अंतरिम  एवं अ‍ंतिम सूची मेरिट लिस्‍ट सहित अलग-अलग उपलब्‍ध करायें। क्‍या उक्‍त भर्ती प्रक्रिया में व्‍यापक स्‍तर पर की गई अनियमितताओं/भ्रष्‍टाचार एवं फर्जी दस्‍तावेजों की शिकायतें की गई हैं? यदि हां, तो क्‍या चयनित आवेदकों के दस्‍तावेजों की जांच एवं सत्‍यापन किया गया है? यदि हां, तो संपूर्ण विवरण दें। (ग) क्‍या नियम प्रक्रिया के अंतर्गत दतिया जिला की खण्‍ड स्‍तरीय/जिला स्‍तरीय समिति द्वारा जांच/परीक्षण किया जाकर मेरिट सूची/चयनित सूची बनाई गई हैं? कृपया आदिवासी अभ्‍यार्थियों के साथ ही सभी आवेदिकाओं का  विवरण प्रदाय करें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। जिलेवार विज्ञाप्ति पदों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1  पर एवं भर्ती संबंधी नियम निर्देश की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है।  (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्‍त पदों के विरूद्ध प्राप्‍त आवेदन संबंधी जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। जिला दतिया अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं की जारी अनंतिम सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पर एवं अंतिम सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 पर  है। जी नहीं। शेष का प्रश्‍न नहीं। (ग) विभागीय नियम प्रक्रिया के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की खण्‍ड स्‍तरीय एवं जिला स्‍तरीय चयन समिति की बैठक की जाकर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं की जारी अनंतिम सूची की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4  अनुसार एवं अंतिम सूची की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।

शासकीय मान्‍यता प्राप्‍त कर्मचारी संगठनों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

96. ( क्र. 862 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने प्रदेश के शासकीय कार्यालयों एवं संस्थाओं में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संगठनों को मान्यता प्रदान की हैं? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश में कार्यरत समस्त शासकीय मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के वर्तमान प्रांत अध्यक्ष एवं सचिव सहित संगठन का नाम, पता एवं मान्यता की प्रतियों सहित सूची प्रदान करें। (ख) क्या शासकीय मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष को शासन द्वारा कोई विशेष सुविधायें प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो इस संबंध में जारी शासनादेश की प्रतियां प्रदान करें। (ग) क्या शासन द्वारा शासकीय मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान हेतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठकों के आयोजन संबंधी आदेश/निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त बैठकों में प्राप्त समस्याओं का निराकरण प्रांत स्तर एवं जिले स्तर पर किस स्तर के अधिकारी द्वारा किया जाता है? कृपया नियम/आदेश की प्रति उपलब्ध कराते हुये बतायें कि ग्वालियर संभाग में समस्त विभागों में विगत छः माह में परामर्शदात्री समिति की बैठकें कब-कब आयोजित की गई? बैठकों के आयोजन संबंधी पत्रों की प्रतियां एवं बैठकों में प्राप्त समस्याओं एवं उनके निराकरण की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में कोई कर्मचारी जिस पद पर जिस दिनांक को नियुक्त होता है, उसकी वरिष्ठता नियुक्ति दिनांक से तय की जाती है? यदि हाँ तो इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश की प्रतियां प्रदान करें। यदि नहीं तो क्यों नहीं कारण सहित बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 01  अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासन द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त संगठनों को शासन से पत्राचार करने, पदाधिकारियों को स्‍थानांतरण में छूट एवं विशेष अवकाश की सुविधाएं प्राप्‍त है। राज्‍य शासन के निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ग) जी हाँ। परामर्शदात्री समिति की बैठकों के संबंध में जारी परिपत्र क्रमांक 2253/1199/1 (3)/70 दिनांक 19 दिसम्‍बर, 1970 एवं आयुक्‍त, ग्‍वालियर संभाग की बैठकों से संबंधित  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 03 अनुसार है। (घ) मध्‍यप्रदेश सिविल सेवाएं (सेवा की सामान्‍य शर्तें) नियम 1961 के नियम 12 में संशोधन अधिसूचना दिनांक 02 अप्रैल 1998 की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट - 04  अनुसार है।

फर्जी अंक सूची संलग्‍न करने वालों के विरूद्ध एफ.आई.आर.

[महिला एवं बाल विकास]

97. ( क्र. 872 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा-47 के विकास खण्ड बल्देवगढ़ एवं पलेरा में आंगनवाड़ियों के सहायिका एवं कार्यकर्ताओं के रिक्‍त पदों हेतु  आवेदन ऑनलाइन किये गये तथा कितने स्थानों पर फर्जी अंकसूचियां लगाई गई तथा फर्जी अंक सूची वाले अभ्यर्थियों को प्रथम स्थान पर नाम अंकित क्यों किया गया जब आवेदकों द्वारा शिकायतें की गई तो जाँच कमेटी बनाई गई अभी तक कितनी शिकायतें की गई शिकायतों का कारण एवं निराकरण क्या किया गया? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध कराए। (ख) क्या पटौरी रमपुरा के आंगनवाड़ी केन्द्र पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति‍ हेतु कक्षा-10वीं की अंकसूची मा.शिक्षा परिषद उ.प्र. प्रयागराज से बनवा कर फर्जी अंकसूची एवं कक्षा 12वीं की फर्जी अंक सूची महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल की लगाई गई जिसकी जाँच किये हेतु जिला महिला बाल विकास अधिकारी एवं ब्लॉक परियोजना अधिकारी को आवेदकों द्वारा पत्र दिये गये है ऐसी स्थिति में इन फर्जी अंकसूचियों की जाँच कौन करेगा? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) क्या जिला स्तरीय कमेटी में जिला पंचायत अध्‍यक्ष को प्रमुख जांचकर्ता प्रदेश भर में बनाया गया टीकमगढ़ जिले में इस कमेटी में कौन-कौन है सूची एवं किसके आदेश से कमेटी बनाई गई शासन के क्या नियम है सम्पूर्ण जानकारी सहित सभी आदेशों की प्रतियां उपलब्ध कराये तथा क्षेत्रीय विधायकों इस कमेटी से क्यों वंचित रखा गया तथा अभी तक टीकमगढ़ जिले की इस कमेटी ने कितने निराकरण कर फर्जी अंक सूचियों को संलग्न करने वालों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई सम्पूर्ण जानकारी दें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ, विकासखण्‍ड बल्‍देवगढ़ एवं पलेरा में 13 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं 125 आंगनवाड़ी सहायिकाओं के आवेदनों के विरूद्ध एम.पी. ऑनलाइन के चयन पोर्टल पर 79 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं की फर्जी अंकसूची संलग्‍न किये जाने के संबंध में आपत्तियां प्राप्‍त हुई। एम.पी.ऑनलाइन पोर्टल पर प्राप्‍त आवेदन पत्रों के साथ संलग्‍न दस्‍तावेजों के आधार पर अनंतिम मेरिट सूची तैयार की गई। विभागीय भर्ती नियम में अनंतिम सूची के विरूद्ध प्राप्‍त दावा/आपत्ति के निराकरण हेतु जिला स्‍तरीय दावा/आपत्ति निराकरण समिति के गठन का पूर्व से ही प्रावधान है। विधानसभा खरगापुर अंतर्गत जारी अनंतिम सूची के विरूद्ध 295 आपत्तियां चयन पोर्टल पर ऑनलाइन प्राप्‍त हुई, जिसमें फर्जी अंकसूची के संबंध में 79 शिकायतें है। इनमें से 22 शिकायतें सही अंकसूची पायी जाने के कारण निराकृत की गई एवं 20 शिकायतें की जांच सक्षम अधिकारी से कराये जाने हेतु भेजी गई। शेष प्रकरण जिला स्‍तरीय दावा/आपत्ति निराकरण समिति से निराकरण हेतु शेष है। शेष  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (ख) जी हाँ। जिला स्‍तरीय दावा/आपत्ति निराकरण समिति के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास, जिला- टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक 2572, दिनांक 04.11.2025 द्वारा 12वीं अंकसूची सत्‍यापन हेतु माध्‍यमिक शिक्षा मण्‍डल भोपाल को प्रेषित की गई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है। जांच रिपोर्ट अप्राप्‍त है। जांच रिपोर्ट प्राप्‍त होने पर आपत्ति का निराकरण जिला स्‍तरीय दावा/आपत्ति निरकारण समिति द्वारा किया जायेगा। (ग) जी नहीं। समिति गठन से संबंधित विभागीय निर्देश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स  पर एवं जिला टीकमगढ़ में गठित समिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द  पर है। विभाग द्वारा दावा/आपत्ति निराकरण हेतु गठित समिति में सदस्‍य के रूप में क्षेत्रीय विधायकों को सम्मिलित नहीं किया गया है। टीकमगढ़ जिले में फर्जी अंकसूची के संबंध में कुल 109 आपत्तियां प्राप्‍त हुई। प्राप्‍त आपत्तियों के विरूद्ध 63 आपत्तियों की कार्यवाही में 36 निराकृत एवं 27 जांच/सत्‍यापन हेतु माध्‍यमिक शिक्षा मण्‍डल, भोपाल एवं माध्‍यमिक शिक्षा परिषद उत्‍तरप्रदेश, प्रयागराज को प्रेषित किये गये हैं। निराकरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई पर है। प्रकरणों का निराकरण विभागीय भर्ती नियमों में किये गये प्रावधान अनुसार किया जायेगा।

जतारा उप पंजीयक को शिकायतों के आधार पर हटाये जाना

[वाणिज्यिक कर]

98. ( क्र. 892 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या टीकमगढ़ जिले के जतारा उप पंजीयक कार्यालय में वर्तमान में पदस्‍थ सवाना परवीन उप पंजीयक के द्वारा किसानों  की हो  रही  रजिस्ट्रियों में किये जा रहे भ्रष्‍टाचार की शिकायतें जिला एवं प्रदेश स्‍तर पर प्राप्‍त हुई है? क्‍या रजिस्‍ट्री लेखक इसके विरोध में हड़ताल भी कर चुके है? (ख) क्‍या  किसानों से अवैध वसूली एवं सर्विस प्रोवाइडरों से कमीशन मांगने एवं लेने की उप पंजीयक जतारा की शिकायतें क्षेत्र में जग जाहिर हो चुकी है? क्‍या  किसानों एवं सर्विस प्रोवाइडरों के द्वारा क्षेत्रीय विधायक जतारा एवं जिला प्रशासन को भी शिकायतें की जा चुकी है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जब प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन को एवं प्रदेश के विभागीय मंत्री को भी इसकी शिकायत की गई है, फिर भी नहीं हटाया गया है क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि ऐसे उप पंजीयक को तत्‍‍काल वहां से हटाकर  इनके कारनामों की जांच विभाग करायेगा यदि हां, तो  कब तक? निश्‍चित समय-सीमा सहित बतायें।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी, हाँ। प्रदेश स्‍तर पर एक शिकायत प्राप्‍त हुई है। सर्विस प्रोवाइडरों में से कुछ सर्विस प्रोवाइडरों द्वारा हड़ताल की गयी थी जिनकों समक्ष में जिला पंजीयक टीकमगढ़ द्वारा समझाईश दी जाकर समस्‍या का निराकरण करा दिया गया है। (ख) माननीय विधायक जतारा द्वारा जिला पंजीयक टीकमगढ़ को दूरभाष पर एक दस्‍तावेज के पंजीयन के संबध में शिकायत की गई थी। जिस दस्‍तावेज के संबंध में समस्‍या बताई गई थी उसका आवश्‍यक औपचारिकता पूर्ति के पश्‍चात पंजीयन किया जा चुका है। उप पंजीयक जतारा के विरूद्ध की गई शिकायत प्रथम दृष्‍टया आधारहीन पाई गई। (ग) शिकायत प्रथम दृष्‍टया आधारहीन पाए जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

टीकमगढ़ जिले में खनिज हीरे की उपलब्‍धता

[खनिज साधन]

99. ( क्र. 893 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्र. 2856 दिनांक 5 अगस्‍त, 2025 में जिला टीकमगढ़ में हीरा संभावित क्षेत्रों में हीरा खनिज की खोज हेतु सर्वे/पूर्वेक्षण कार्य संबंधी प्रश्‍न के उत्‍तर में प्रश्‍न किया गया था शासन द्वारा बताया गया था कि विभिन्‍न एजेंसियों के सर्वे में जिले में हीरा खनिज की उपलब्‍धता पायी गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताये कि उपरोक्‍त सर्वे टीम द्वारा सर्वे में कौन-कौन तहसील के कौन-कौन पटवारी हल्‍का के किस-किस खसरा नं. के किस-किस अर्थात कितने-कितने रकबे में यह पाया गया है? सम्‍पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर जानकारी दें कि उपरोक्‍त एजेंसी का प्रश्‍न दिनांक तक सर्वे का कार्य कर रही है यदि हाँ तो जिले में किस ग्राम के पास कहां-कहां? कृपया सम्‍पूर्ण जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताये कि जब जिले में सर्वे के आधार पर हीरे की उपलब्‍धता है तो अब विभाग हीरे को निकलवाने हेतु कहां-कहां, क्‍या-क्‍या कार्यवाही सुनिश्‍िचत करायेगा? निश्‍िचत समय-सीमा सहित बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनिज साधन विभाग के पत्र क्रमांक 4706/3301713/2025/MRD/12/Part, दिनांक 19.11.2025 के माध्यम से विधानसभा सत्र               जुलाई-अगस्त, 2025 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2856 दिनांक 05 अगस्त 2025 के प्रेषित उत्तर दिनांक 25.07.2025 में संशोधन मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय को प्रेषित किया गया है, जो संलग्‍न  परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) से (घ) प्रश्‍नांश (क) में संशोधित उत्तर अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अठारह"

आत्‍महत्‍या प्रकरण की जांच में अनियमितता

[गृह]

100. ( क्र. 936 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 अनुसार अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के व्यक्ति पर हुये अत्याचार संबंधी शिकायत पर तत्परता पूर्वक अपराध पंजीबद्ध कर कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो सागर जिले के थाना मालथौन अंतर्गत दिनांक 25.07.2025 को नीलेश आदिवासी ने स्थानीय विधायक व अन्य प्रभावशाली लोगों की प्रताड़ना के कारण आत्महत्या करने की शिकायत मृतक की पत्नी श्रीमती रेवा आदिवासी द्वारा दिनांक 27.07.2025 एवं 03.08.2025 को पुलिस अधीक्षक व पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस महानिदेशक को आरोपियों के नाम सहित करने व मीडिया में प्रमुखता से प्रचारित होने के बावजूद भी अत्यधिक विलम्ब से दिनांक 04.09.2025 को (अप.क्र.329/25) अपराध पंजीबद्ध करने के क्या कारण रहे? किन-किन आरोपियों को गिरफ्तार किया गिरफ्तारी के क्या प्रयास किये गये? आरोपियों के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जाये। (ग) क्या शिकायतकर्ता (मृतक की पत्नी) द्वारा शिकायत में स्थानीय विधायक के दबाव में थाना प्रभारी व पुलिस अधीक्षक की पक्षपातपूर्ण भूमिका की शिकायतें की गई थी शिकायत में किन-किन लोगों के नामों का उल्लेख किया गया? यदि हाँ, तो क्या अपराध की विवेचना में इन्हें आरोपी बनाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों पूर्ण जानकारी सहित शिकायकर्ता द्वारा प्रकरण में प्रस्तुत शिकायत व शपथ-पत्रों की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं।                 (घ) क्या शिकायतकर्ता द्वारा थाना प्रभारी अशोक यादव की कार्यशैली पक्षपातपूर्ण होने की शिकायत करने के बाद भी प्रकरण की जाँच/विवेचना अशोक यादव से ही करायी जा रही है? यदि हाँ तो क्यों साथ ही अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित यह प्रकरण अजाक थाना सागर को विवेचना अंतरित क्यों नहीं किया गया? जानकारी दें। (ड.) थाना मालथौन, जिला सागर में आदिवासी समुदाय द्वारा दिनांक 01.01.2025 से प्रश्‍न दिनांक तक क्षेत्र के राजनैतिक लोगों के विरूद्ध कौन-कौनसे अपराध पंजीबद्ध कराये गये। पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी उपलब्ध कराते हुये बताएं कि क्या इन पंजीबद्व अपराधों की विवेचना एसआईटी गठित कर करायी जावेगी? यदि हाँ तो कब तक।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) सागर जिले के थाना मालथौन में दिनांक 25.07.2025 को मर्ग क्र. 46/25 धारा 194 बीएनएस का कायम किया जाकर मर्ग सदर की जांच की गई। मर्ग के दौरान आये तथ्यों एवं मृतक के परिजन के कथन के आधार दिनांक 04.09.25 आरोपीगण राघवेन्द्र परिहार, निक्की जैन, अजीत राय, मनोज जैन एवं गोविन्द सिंह राजपूत मालथौन के विरूद्ध अप.क्र.329/25 धारा 108, 3 (5) बीएनएस 3 (2) (5) एससी/एसटी का पंजीबद्ध किया गया। यह सही नहीं है कि, अत्यधिक विलंब से अपराध पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण के आरोपियों की तलाश की सकूनत व मिलने के संभावित स्थानों पर की गई परन्तु आरोपीगण फरार है। उक्त आरोपीगण की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है। तलाशी पंचनामे तैयार किये गये है एवं फरार आरोपीगणों की अचल संपत्ति की जानकारी प्राप्त करने हेतु तहसीलदार मालथौन को पत्र भेजा गया प्रकरण में अनुसंधान जारी है। प्रकरण के आरोपियों के नाम गोविन्द सिंह राजपूत पिता बलवंत सिंह राजपूत उम्र 76 साल निवासी मालथौन, राघवेन्द्र पिता प्रभालसिंह परिहार उम्र 32 साल निवासी महात्मा गांधी वार्ड मालथौन, अजीत कुमार पिता गोकल प्रसाद राय उम्र 47 साल निवासी वार्ड 05 राय मोहल्ला मालथौन, नितेन्द्र उर्फ निक्की पिता सुधीर जैन उम्र 33 साल निवासी क्र. 05 जानकी मंदिर के सामने मालथौन, मनोज पिता संतोष कुमार जैन निवासी मालथौन है। (ग) जी हाँ, वस्तुस्थिति इस प्रकार है कि, मर्ग पर अप.क्र.329/25 धारा 108, 3 (5) बीएनएस 3 (2) (5) एससी/एसटी एक्ट का पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण के आरोपी गोविन्द सिंह राजपूत पिता बलवंत सिंह राजपूत उम्र 76 साल निवासी मालथौन, राघवेन्द्र पिता प्रभाल सिंह परिहार उम्र 32 साल निवासी महात्मा गांधी वार्ड मालथौन, अजीत कुमार पिता गोकल प्रसाद राय उम्र 47 साल निवासी वार्ड क्र.05 राय मोहल्ला मालथौन, नितेन्द्र उर्फ निक्की पिता सुधीर जैन उम्र 33 साल निवासी वार्ड क्र.05 जानकी मंदिर के सामने मालथौन, मनोज पिता संतोष कुमार जैन निवासी मालथौन। उक्त अपराध में इन्हें आरोपी बनाया गया है। शिकायतों की प्रति संलग्न है। शिकायत पत्रों में कोई शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है (घ) यह सही नहीं है कि, शिकायतकर्ता द्वारा थाना प्रभारी अशोक यादव की कार्यशैली पक्षपातपूर्ण होने की शिकायत करने के बाद भी प्रकरण की जाँच/विवेचना अशोक यादव से करायी जा रही है। वस्तुस्थिति इस प्रकार है कि, थाना प्रभारी मालथौन अशोक यादव द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 अंतर्गत दर्ज किसी भी प्रकरण की विवेचना नहीं की जा रही है। प्रकरण की विवेचना अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (खुरई) द्वारा की जा रही है। उप पुलिस अधीक्षक (अजाक) सागर का पद रिक्त होने से उक्त प्रकरण की विवेचना अंतरित नहीं की गई। (ड.) उक्त संबंध में थाना स्तर एवं जिला स्तर पर जानकारी संधारित नहीं की जाती है। एसआईटी के द्वारा थाना मालथौन में पंजीबद्ध एससी/एसटी प्रकरणों की विवचेना वर्तमान में नहीं है।

इथेनॉल उद्योग स्‍थापित हेतु पर्यावरणीय अनुमति

[पर्यावरण]

101. ( क्र. 942 ) श्री गौरव सिंह पारधी : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इथेनॉल उद्योग को स्‍थापित करने पर पर्यावरणीय अनुमति की आवश्‍यकता होती है? (ख) अगर हॉं, तो बालाघाट जिले में स्‍थापित एवं स्‍थापित होने वाले समस्‍त इथेनॉल उद्योगों की पर्यावरणीय अनुमति (ई.सी.) की प्रति प्रदान करें? (ग) इथान नेचुरल बायोफ्यूल लिमिटेड के द्वारा आसपास के क्षेत्र से लगे हुए जंगल, खेत एवं सड़क के किनारे फेंके जा रहे अपशिष्‍ट को लेकर कोई कार्यवाही की गई है क्‍या? यदि हॉं, तो जानकारी उपलब्‍ध करायें? यदि नहीं तो क्‍या संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही सुनिश्‍िचत होगी। (घ) क्‍या इथान नेचुरल बायोफ्यूल लिमिटेड के द्वारा फैलाये जा रहे अपशिष्‍ट को लेकर खेती/जमीन वायु एवं जल प्रदूषण को लेकर कोई अध्‍ययन किया जा रहा है? यदि हाँ तो विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध करायें? यदि नहीं तो क्‍या संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही सुनि सुनिश्‍िचत होगी?

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार  है। (ग) जी नहीं। संबंधित के द्वारा अपशिष्‍ट सार्वजनिक स्‍थल पर फेंके जाने के प्रमाण उपलब्‍ध नहीं हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश  (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निरीक्षक, उप निरीक्षकों एवं एस.डी.ओ.पी. के स्थानांतरण नियम

[गृह]

102. ( क्र. 944 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) पुलिस विभाग में निरीक्षकों, उप निरीक्षकों एवं एस.डी.ओ.पी., के स्थानांतरण के क्या नियम हैं? कॉपी प्रदान करें। (ख) शासन के नियमों के अनुसार निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं एस.डी.ओ.पी. एक जिले में अधिकतम कितने वर्ष तक पदस्थ रह सकते हैं? जानकारी देवें (ग) क्या प्रदेश में एक जिले में 10 वर्ष होने के बाद भी कई निरीक्षकों, उप निरीक्षकों एवं अधिकारियों का स्थानांतरण नहीं कर स्थानांतरण नीति का उल्लंघन किया जा रहा है? यदि हाँ तो स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की जाएगी? (घ) मध्यप्रदेश पुलिस में अन्य जिलों में उप निरीक्षक, निरीक्षक एवं एस.डी.ओ.पी. रैंक के कितने अधिकारी ऐसे हैं जो संपूर्ण कार्यकाल में 10 वर्ष से पदस्थ हैं और उन्हें हटाया नहीं जा रहा है? सूची प्रदान करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

किसानों पर दर्ज प्रकरण

[गृह]

103. ( क्र. 947 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) अप्रैल 2020 के बाद से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के विभिन्न थाना चौकियों में पराली जलाने के कारण किसानों के ऊपर कहां-कहां कितने पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं जिलेवार एवं थानावार जानकारी प्रदान करें। (ख) अप्रैल 2020 के बाद से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के विभिन्न थाना चौकियों में यूरिया डीएपी एवं खाद की कमी को लेकर किए गए धरना, प्रदर्शन, आंदोलन, चक्का जाम, को लेकर पुलिस द्वारा कितने पुलिस प्रकरण प्रदेश के किसानों पर पंजीबद्ध किए गए हैं जिलेवार एवं थानावार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में दर्शित सभी अपराधों की प्रथम सूचना रिपोर्ट की कॉपी भी उपलब्ध कराने का कष्ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (संलग्न पेन ड्राईव) (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (संलग्न पेन ड्राईव) (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

पेंच टाईगर रिजर्व सिवनी के ईको सेंसेटिव जोन का जोनल मास्टर प्लान

[पर्यावरण]

104. ( क्र. 948 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंच टाइगर रिजर्व के ईको सेंसेटिव जोन का जोनल मास्‍टर प्‍लान को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है यदि हां, तो क्‍या कोर एवं बफर जोन से लगे ग्रामीण को उक्‍त मास्‍टर प्‍लान की प्रति उपलब्‍ध कराकर उनसे सुझाव एवं आपत्तियां मांगी जाएगी? यदि नहीं, तो कारण क्‍यों? (ख) म.प्र. वन विभाग वन्यप्राणी शाखा किस एजेंसी से मास्टर प्लान किस एजेंसी को दिया गया है, एजेंसी ने आज दिनांक तक पेंच टाइगर रिजर्व के समीप रहने वाले ग्रामीणों से सुझाव एवं आपत्ति हेतु सम्पर्क क्यों नहीं किया। यदि किया जायेगा तो कब तक समयावधि दें। (ग) क्या ईको सेंसेटिव जोन के एक किलोमीटर के भीतर निवास करने वाले ग्रामीणों को व्यवसायिक गतिविधि करने दी जायेगी यदि नहीं तो क्यों नहीं? क्या सरकार एक किलोमीटर के भीतर निवासरत ग्रामीणों के लिए रोजी रोटी की पृथक से व्यवस्था करेगी? (घ) इको सेंसेटिव जोन के जोनल मास्टर प्लान तैयार होने में देरी होने के कारण राज्य की पयर्टन गतिविधियां प्रभावित हो रही है जिससे की ग्रामीणों की आय एवं सरकार को राजस्व की हानि हो रही है क्या सरकार एक किलोमीटर के भीतर निवासरत् ग्रामीणों को पयर्टन व्यवसाय करने हेतु कोई नीति बनाई है, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। सार्वजनिक सूचना के लिए, क्षेत्र संचालक पेंच टाइगर रिज़र्व, कलेक्टर जिला छिंदवाडा को नोडल अधिकारी द्वारा विभागीय वेबसाइट पर उपलब्‍ध करा दिया गया है एवं आपत्तियां/सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) म.प्र. टूरिज्म बोर्ड द्वारा पेंच टाइगर रिजर्व के ईको सेंसेटिव जोन का जोनल मास्टर प्लान तैयार किया गया है। जोनल मास्टर प्लान पर ग्रामीणों एवं अन्य स्टेक होल्डर से सुझाव प्राप्त करने हेतु 2 स्तरों पर संभागीय आयुक्त जबलपुर की अध्यक्षता में गठित मॉनीटिरिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी तथा स्टेकहोल्डर्स को आमंत्रित कर प्राप्त सुझावों व आपत्तियों के अनुसार रिपोर्ट को अद्यतन किया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) संरक्षित क्षेत्र की सीमा से एक किलोमीटर के अंदर नए वाणिज्‍य होटल और रिर्सोट की स्‍थापना प्रतिबंधित हैं शेष गतिविधियां विनियमित है जिनको सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बाद किया जा सकता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जोनल मास्टर प्‍लान का प्रारूप तैयार कर क्षेत्र संचालक पेंच टाइगर रिज़र्व, कलेक्टर एवं कलेक्टर जिला छिंदवाड़ा द्वारा आपत्ति मांगी गई है। जोनल मास्‍टर प्‍लान के शीघ्र अंतिम स्‍वरूप दिये जाने के फलस्‍वरूप पृथक से नई पर्यटन नीति की आवश्‍यकता नहीं है।

अवैध रेत का उत्खनन

[खनिज साधन]

105. ( क्र. 951 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) विगत 05 वर्षों में सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा अंतर्गत अवैध रेत उत्खनन की कितनी घटनाएँ पाई गई हैं वर्षवार जानकारी दें। (ख) शासन द्वारा अवैध रेत उत्खनन पर नियंत्रण हेतु क्या-क्या कदम उठाए गए हैं? लागू की गई योजनाओं, निगरानी समितियों एवं कार्रवाई की जानकारी दें? (ग) विगत 05 वर्षों मे प्रश्‍न दिनांक तक अवैध रेत उत्खनन करते हुए कितने वाहनों मशीनों अथवा व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है एवं उनसे वसूले गए जुर्माने एवं दर्ज प्रकरणों का विवरण दें। (घ) क्या शासन के संज्ञान में यह तथ्य है कि कुछ क्षेत्रों में रात के समय अथवा नदी क्षेत्र से बिना अनुमति रेत का उत्खनन किया जा रहा है यदि हाँ तो ऐसे स्थानों की सूची एवं उन पर की गई कार्रवाई की जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार जिला सिवनी के केवलारी विधानसभा अंतर्गत विगत 05 वर्षों में अवैध रेत उत्खनन की घटनाएं नहीं पाई गई है, अपितु जाँच के दौरान खनिज रेत के अवैध उत्खनन के 18 प्रकरण दर्ज किये गये है। दर्ज प्रकरणों की जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला अंतर्गत अवैध रेत उत्खनन पर नियंत्रण हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स गठित है। जो कि समय-समय पर खनिज रेत के अवैध उत्खनन/परिवहन तथा भण्डारण की रोकथाम हेतु कार्यवाही की जाती है। की गई कार्यवाही की जानकारी  संलग्‍न  परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार अवैध रेत उत्खनन के 18 प्रकरणों में कार्यवाही की गई एवं अर्थदण्ड राशि रूपये 12,41,250/- वसूल की गई है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी  संलग्‍न  परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बिना अनुमति के रेत उत्खनन करते रात के समय 01 प्रकरण एवं 17 प्रकरण अन्य समय पर कायम किये गये है। प्रकरणों की जानकारी स्थानों सहित  जानकारी  संलग्‍न  परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

पेयजल की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

106. ( क्र. 952 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन के क्‍या नियम है यह नियम प्रदेश में कब से लागू किया गया है? म.प्र. में जलजीवन मिशन का काम सही समय से क्‍यों नहीं चल रहा है? इस हेतु कौन जिम्‍मेदार है? (ख) क्‍या डिण्‍डौरी जिला के अधिकतर ग्रामों एवं विद्यालयों में पीने का पानी उपलब्‍ध नहीं है? अगर हाँ तो क्‍यों नहीं है और अगर नहीं तो ग्राम कूड़ा में चांदरानी बैगान टोला आदि ग्रामों के ग्रामवासी द्वारा चक्‍का जाम क्‍यों किया गया था? किन-किन ग्राम एवं स्‍थलों विद्यालयों में पीने का पानी नहीं है? कब तक पीने का पानी उपलब्‍ध होगा? जानकारी दें।             (ग) डिण्‍डौरी जिला में जल जीवन मिशन के जो डीपीआर बने है, क्‍या सही हैं? अगर सही हैं तो अधिकतर ग्रामों की रिवाइज प्राक्‍कलन क्‍यों बनाया जाता है? अगर नहीं तो सही डी.पी.आर. क्‍यों नहीं बनी, कौन जिम्‍मेदार है?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन के नियम की जानकारी लिंक https://jaljeevanmission.gov.in/sites/default/files/guideline/Margdarshika_for_ Gram_Panchayat_and_Paani_Samiti_hindi pdf पर उपलब्ध है। जल जीवन मिशन का कार्य प्रगति पर है। एकल ग्राम नलजल योजनाओं के कार्य दिसम्बर, 2025 तक पूर्ण किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य दिसम्‍बर 2027 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) डिण्डौरी जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत एकल ग्राम नलजल योजना एवं हैंडपंप के माध्यम से ग्रामों एवं विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था की जा रही है। ग्राम कूडा की नलजल योजना ग्राम पंचायत को हस्तांतरित है, जिसका संचालन/संधारण एवं पेयजल वितरण का कार्य ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है तथा मड़ियारास समूह नलजल योजना से ग्राम में बनी उच्च स्तरीय टंकी प्रतिदिन भरी जा रही है। ग्राम के भर्रा टोला एवं आवास टोला में नलकूप की सफाई हेतु ग्रामवासियों द्वारा चक्का जाम किया गया था। वर्तमान में नलकूप की सफाई कर दी गई है, साथ ही विभाग द्वारा पाइप-लाइन विस्तारीकरण एवं मरम्मत कार्य हेतु प्राक्‍कलन लागत राशि रु. 1.60 लाख की तकनीकी स्‍वीकृति दिनांक 05.03.2025 को ग्राम पंचायत को जारी की गई है। ग्राम चांदरानी के बैगान टोला में मोटर पम्प खराब होने के कारण ग्रामवासियों द्वारा चक्का जाम किया गया था, मोटरपंप का सुधार कार्य तत्काल कर पुनः मोटर पंप स्थापित कर पेयजल प्रदाय चालू किया गया है। शेष  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (ग) जल जीवन मिशन गाइड-लाइन अनुसार पूर्व में डी.पी.आर. तैयार किए गए। वर्तमान में ग्राम को '' हर घर जल ग्राम '' किए जाने, नवीन बसाहट एवं विरल बसे हुए परिवारों को नल योजना से सुविधा देने, इत्यादि विभिन्न कारणों से आवश्यकतानुसार मूल स्वीकृत एकल ग्राम योजनाओं को पुनरीक्षित किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्लेटेनियम ब्लॉक की उपलब्‍धता

[खनिज साधन]

107. ( क्र. 956 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्‍या परासिया विधानसभा क्षेत्र की तहसील उमरेठ एवं पाण्ढुर्णा विधानसभा क्षेत्र की तहसील मोहखेड़ के कुछ ग्रामों में खनिज प्लेटेनियम व अन्य धातु ग्रुप एलीमेन्टस (पी.जी.आई. ब्लाक) की लगभग 830 हेक्टेयर में उपलब्धता पाई गई है यदि हाँ तो कराये गये सर्वे के अनुसार कौन-कौन से खातेधारकों की निजी भूमि के खसरे, कौन-कौन से शासकीय भूमि व अन्य भूमि के खसरे शामिल है खसरा नम्बर, नाम, पता, सहित जानकारी देवें? प्लेटेनियम ब्लॉक के आवंटन, खनन संबंधित विस्तृत जानकारी देवें? वर्तमान में कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलित है, शासन की खदान खोलने की क्या योजना है? प्लेटेनियम ब्लॉक की जानकारी प्रदाय हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव खनिज साधन को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/605 दि.28.10.2025 को प्रेषित किया गया है, उसकी जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? (ख) प्लेटेनियम व अन्य धातु की खदान खोलने हेतु कराये गये सर्वे में आदिवासी समाज के लोगों की निजी भूमि के लगभग 95% खसरे आ रहे है जिसके कारण आदिवासी समाज के लोगों में रोष व्याप्त है वे मानसिक रूप से परेशान हैं प्लेटिनियम की खदान नं. खोले जाने एवं निजी भूमि को अधिग्रहण नहीं किए जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा श्रीमान कलेक्टर जिला छिन्‍दवाड़ा को ज्ञापन पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2025/617 दि. 03.11.2025 को प्रेषित किया गया है, जिस पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है, अगर नहीं की गई तो कब तक कार्यवाही कर दी जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार भारत सरकार, खान मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण एवं विकास न्यास (एनएमईडीटी) द्वारा जमतरा मोरडोंगरी ब्लॉक, 660 हेक्टेयर मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम को प्लेटिनियम समूह की धातुओं के पूर्वेक्षण हेतु स्वीकृत किया गया है। वर्तमान में पूर्वेक्षण कार्य (जी-3 स्तर) आरंभ नहीं हुआ है। सर्वे कार्य पूर्ण होने तक खनिज उपलब्धता वाले निजी, शासकीय व अन्य भूमि के खसरों की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। प्लेटेनियम ब्लॉक की जानकारी के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार माननीय प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित ज्ञापन पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2025/617 दिनांक 03.11.2025 में उल्लेखित प्लेटिनियम एवं अन्य धातु की खदान नहीं खोली गई है और न ही निजी भूमि को अधिग्रहण करने की कोई कार्यवाही की गई है जिससे खदान खोलने एवं भूमि अधिग्रहण को रोकने की कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वन भूमि वितरण घोटाले की जांच

[वन]

108. ( क्र. 959 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023-242024-25 में भिण्‍ड जिले के तत्‍कलीन कलेक्‍टर संजीव श्रीवास्‍तव द्वारा जिले में किन-किन तहसीलों में वन भूमि को वन विभाग के अनुमति बगैर अपात्र हितग्राहियों को किस नियम के तहत वितरित किया गया है, वन भूमि वितरण का कुल रकबा व हितग्राहियों के नाम व पता की सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या भिण्‍ड तहसील के खेरा श्‍यामपुरा में वानिकी परियोजना अंतर्गत आने वाली वन भूमि को तत्‍कालीन कलेक्‍टर संजीव श्रीवास्‍तव द्वारा अपात्र हितग्राहियों को वितरित की गई है, क्‍या इसकी उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जावेगी और दोषी अधिकारी व हितग्राहियों को दंडित किया जावेगा यदि हां, तो समयावधि बताने का कष्‍ट करें। (ग) क्‍या भिण्‍ड जिले के तत्‍कालीन कलेक्‍टर संजीव श्रीवास्‍तव द्वारा वन अधिनियम 1982 का उल्‍लंघन कर जिले में कई स्‍थानों पर वन भूमि का वितरण किया है, उक्‍त प्रकरण में वन विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही कर प्रकरण दर्ज कराया जावेगा? यदि हां, तो समयावधि बताएं।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वर्ष 2023-242024-25 में भिण्‍ड जिले के तत्‍कालीन प्रश्‍नाधीन कलेक्‍टर द्वारा वन विभाग की कोई भी वनभूमि वितरित करना प्रकाश में नहीं है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) भिण्‍ड तहसील के खेरा श्‍यामपुरा प्रश्‍नाधीन वन भूमि को तत्‍कालीन कलेक्‍टर ने अपात्र हितग्राहियों को वितरित नहीं की है, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आर्थिक कदाचार की उच्‍च स्‍तरीय जांच

[सामान्य प्रशासन]

109. ( क्र. 960 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्‍या भिण्‍ड जिले के तत्‍कालीन कलेक्‍टर संजीव श्रीवास्‍तव द्वारा पदीय कर्तव्‍यों का दुरूपयोग कर भू-माफियाओं को संरक्षण देकर उन्‍हें बेशकीमती भूमि जो कि राजस्‍व व वन विभाग के आलेखों में दर्ज है, उन्‍हें संबंधित अधिकारियों पर दबाव डालकर विभिन्‍न व्‍यक्तियों के नाम हस्‍तांतरित की गई है, जिसकी लिखित शिकायत मौ तहसील में पदस्‍थ नायब तहसीलदार श्रीमती माला शर्मा द्वारा की गई है, उस पर आज दिनांक तक क्‍या कार्यवाही हुई जानकारी दें। (ख) भिण्‍ड तहसील के ग्राम खेरा श्‍यामपुरा में वन भूमि को तत्‍कालीन कलेक्‍टर संजीव श्रीवास्‍तव द्वारा कुछ चुनिंदा अपात्रों के नाम पट्टे किये गये क्‍या उक्‍त वन भूमि वितरण में वन अधिनियम 1982 के प्रावधानों को लागू किया है, यदि नहीं तो क्‍या तत्‍कालीन कलेक्‍टर के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया जावेगा? (ग) भिण्‍ड जिला के तत्‍कालीन कलेक्‍टर संजीव श्रीवास्‍तव द्वारा पदीय कर्तव्‍यों व मर्यादा के विपरीत विभाग को क्‍या-क्‍या शिकायत प्राप्‍त हुई है, उक्‍त शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही हुई है, यदि नहीं तो उक्‍त शिकायत के परिप्रेक्ष्‍य में कब तक उच्‍च स्‍तरीय जांच दल बनाकर राजस्‍व व वन भूमि‍ को अपात्र व्‍यक्तियों को वितरण व विभ‍िन्‍न विभागों में किये गये आर्थिक कदाचार की जांच अतिशीघ्र कराई जावेगी यदि हाँ तो समयावधि बताएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

निरस्त की गई परीक्षाओं के परीक्षा शुल्‍क की वापसी

[सामान्य प्रशासन]

110. ( क्र. 963 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा विगत 5 वर्षों में कितनी परीक्षाओं को आयोजित कराने हेतु विज्ञप्ति जारी की गई हैं? परीक्षाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार विगत 5 वर्षों में परीक्षाओं हेतु जारी की गई विज्ञप्तियों में से कितनी परीक्षाओं के लिए कितने उम्मीदवारों ने परीक्षा फार्म भरे और उनसे कितनी परीक्षा फीस जमा कराई गई? निकाली गई विज्ञप्तियों में से कितनी परीक्षाएं आयोजित कराई गई और कितनी परीक्षाएं निरस्त की गई? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या निरस्त की गई परीक्षाओं के उम्मीदवारों/अभ्यार्थियों को उनकी परीक्षा फीस वापिस की गई है? अगर परीक्षा फीस वापिस नहीं की गई है तो इसका क्या कारण है? कब तक उम्मीदवारों/अभ्यार्थियों को परीक्षा फीस वापिस कर दी जायेगी? जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।                  (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। विज्ञापित सभी परीक्षाएं आयोजित कराई गईं, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रेत खदानों की स्‍वीकृत‍ि

[खनिज साधन]

111. ( क्र. 964 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन सी खदानें रेत परिवहन हेतु स्वीकृत की गई है? (ख) वर्ष 2025-26 में इन रेत खदानों से कितने क्यूबिक मीटर रेत परिवहन की जावेगी?  (ग) एक ट्रक या डंपर से नियम अनुसार अधिकतम कितने क्यूबिक मीटर रेत परिवहन की जा सकती है? (घ) रेत परिवहन के कारण खराब हुई सड़कों के सुधार हेतु विभाग की क्या योजना है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत निगम के पक्ष में स्‍वीकृत रेत खदानों की जानकारी  संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) वर्ष 2025-26 में सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्‍वीकृत खदानों में प्राप्‍त वैधानिक स्‍वीकृतियों के अंतर्गत अधिकतम कुल 16,94,994/- घनमीटर प्रति वर्ष रेत का खनन किया जाकर परिवहन किया जा सकता है।                    (ग) ई-खनिज पोर्टल में पंजीकृत वाहन से, परिवहन विभाग में पंजीकृत वाहन की भारत क्षमता अनुसार रेत की मात्रा का परिवहन किया जा सकता है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार विभाग में कोई योजना नहीं है।

परिशिष्ट - "बीस"

फरार आरोपियों की गिरफ्तारी

[गृह]

112. ( क्र. 965 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) थाना राघौगढ़ में अपराध क्र. 0455 दिनांक 18/10/2022 किन धाराओं में कितने अभियुक्तों के विरूद्ध दर्ज है? धारा एवं सजा का प्रावधान/अपराध की प्रकृति, अभियुक्तों के नाम/पिता का नाम, पता, कौन और कब पुलिस अभिरक्षा से जेल भेजे गये, कौन फरार है, कितने अभियुक्तों के विरूद्ध अन्य अपराधों में किन धाराओं में कुल कितने बार नामजद प्रकरण पंजीबद्ध है, सभी घटना का संपूर्ण विवरण, दस्तावेज, एकल नस्ती प्रति सहित प्रकरणवार पृथक-पृथक संपूर्ण विवरण दें। कब तक संबंधितों की गिरफ्तारी कर ली जायेगी, समयावधि बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्या एनसीआर नं. 0366/2022 दिनांक 06/12/2022 फरियादी की फसलें नष्ट की जाकर उपरोक्त अभियुक्तों द्वारा आवेदक को धमकी, डराकर, जान से मारने की धमकी दी जाकर प्रकरण में राजीनामा का दबाव बनाया जा रहा है? विभाग ने क्या संज्ञान लिया? कार्यवाही नहीं करने पर संबंधित पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई, कारण सहित बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के फरियादी की सड़क दुर्घटना के प्रकरण में फरियादी पक्ष के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया? सड़क दुर्घटना में आपराधिक प्रकरण कैसे दर्ज किया जा सकता है? कारण सहित बतायें। इस संबंध में कितने आवेदन एसपी गुना, एसडीओपी एवं टीआई राघौगढ़ को प्राप्त हुये उन पर क्या कार्यवाही की गई? उपरोक्त पर सीएम हेल्पलाइन दर्ज की गई, उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? संपूर्ण जानकारी मय दस्‍तावेजों के उपलब्‍ध करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।          (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

विधायक के पत्रों पर कार्यवाही

[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]

113. ( क्र. 966 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) प्रश्‍नकर्ता के कितने पत्र जनवरी 2025 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्त हुये हैं जो अपर मुख्य सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग एवं एमडी एमपीएसईडीसी को प्राप्त हुये है। उन पत्रों पर सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर कार्यवाही की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें? क्या एमपीएसईडीसी पर सा.प्र.वि. के आदेश लागू हैं? (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्‍नकर्त्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई? यदि नहीं तो उपरोक्त सा.प्र.वि. के आदेश के बिन्दु क्र.5 के अन्तर्गत संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही निर्धारित करते हुये उनके विरूद्ध आचरण या सेवा के नियमों के अधीन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर निलंबन किया गया? यदि नहीं तो क्यों? कब तक जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी? समयावधि बतायें। (ग) उपरोक्त में मुख्यमंत्री/मुख्य सचिव/स्कूल शिक्षा/श्रम/वन व अन्य विभागों से भी पत्र प्राप्त हुये हैं, उनकी प्रति सहित कृत कार्यवाही से अवगत करायें। (घ) एमपीएसईडीसी अन्तर्गत जनवरी 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक कार्यरत समस्त स्‍टाफ (शा./ऑनरोल/ऑफरोल/आऊटसोर्स) के नाम/पिता का नाम, पता, वेतन, पुलिस/दस्तावेज सत्यापन सहित समस्त जानकारी का गौशवारा एवं प्रति दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक महोदय के 05 पत्र जनवरी,2025 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त हुए है, जिनकों प्रबंध संचालक, म.प्र.राज्‍य इलेक्‍ट्रानिक्‍स विकास निगम को प्रेषित कर जानकारी चाही गई है। इन पत्रों पर सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/ 1/4 भोपाल दिनांक 22.03.2011 में उल्‍लेखित पांचों बिन्‍दुओं एवं  परिशिष्‍टों (1,2) अनुसार कार्यवाही की गयी है। जी, हाँ MPSEDC पर सा.प्र.वि. के आदेश लागू है। (ख) जी नहीं, 03 पत्रों पर कार्यवाही कर MPSEDC से प्राप्‍त जानकारी माननीय विधायक महोदय को प्रेषित की जा चुकी है, माननीय विधायक महोदय के शेष 02 पत्रों में पत्र क्रमांक 898/25 एवं पत्र क्रमांक 895/25 से संबंधित जानकारी MPSEDC से अपेक्षित है, प्राप्‍त होने पर अतिशीघ्र प्रेषित की जायेगी। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जानकारी माननीय विधायक महोदय को उपलब्‍ध कराई गई है, जिसकी प्रतियाँ पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है(घ) MPSEDC अंतर्गत जनवरी 2023 से कार्यरत समस्‍त स्‍टाफ शास/ ऑनरोल/नाम/पिता का नाम,पता,वेतन,पुलिस/दस्‍तावेज सहित समस्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

मोरण्‍ड गंजाल माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना का क्रियान्‍वयन

[नर्मदा घाटी विकास]

114. ( क्र. 969 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मोरण्‍ड गंजाल माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना की स्वीकृत राशि एवं तारीख क्या है? (ख) इस योजना में किस-किस जिले की कौन-कौन सी तहसील की कितने-कितने हेक्टेयर भूमि डैम के डूब क्षेत्र में आ रही है कितनी भूमि निजी कृषकों की एवं कितनी शासकीय वन विभाग एवं राजस्व विभाग की भूमि डूब क्षेत्र में आ रही है? (ग) प्रश्‍नांश (क) वर्णित योजनान्‍तर्गत किस जिले एवं तहसील के कितने ग्राम विस्थापित किए जाएंगे तथा इनके विस्थापन की क्या व्यवस्थाएं विभाग के द्वारा की गई? (घ) योजना कब तक पूर्ण होगी एवं इससे किस-किस जिले की कौन-कौन सी विधानसभा क्षेत्र के कितने कृषकों की कितनी-कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मोरण्‍ड-गंजाल माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना की मूल प्रशासकीय स्‍वीकृति राशि रू. 2813.00 करोड़ की, दिनांक 18.10.2017 को एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति राशि रू. 3517.80 करोड़ की, दिनांक 29.03.2022 को की गई है। (ख) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) परियोजना अंतर्गत जिला नर्मदापुरम, तहसील सिवनी मालवा के कुल 04 ग्राम एवं जिला हरदा, तहसील रहटगांव का 01 वन ग्राम बोधी। भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम-2013 के अनुसार।                             (घ) फरवरी 2027 तक। नर्मदापुरम जिले की विधानसभा सिवनी मालवा के 1,483 कृषकों की 2,128 हेक्‍टेयर भूमि, जिला हरदा की विधानसभा टिमरनी के 26,143 कृषकों की 21,376 हेक्‍टेयर भूमि, विधानसभा हरदा के 15,741 कृषकों की 19,440 हेक्‍टेयर भूमि एवं खण्‍डवा जिले की विधानसभा हरसूद के 17,856 कृषकों की 21,167 हेक्‍टेयर भूमि।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

राशि का आवंटन एवं विकास कार्य की जानकारी

[खनिज साधन]

115. ( क्र. 972 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु किस दिनांक को मध्य प्रदेश शासन या केंद्र शासन द्वारा आवंटित हुई है? उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हेतु किन-किन कार्य एजेंसी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस माध्यम से किया गया? निविदा प्रकाशन किए गए विज्ञापन एवं निविदाकारों को दिए गए कार्यादेश की प्रति सहित समस्त बिल वाऊचर की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) उल्लिखित कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए हैं कितने अपूर्ण हैं बगैर विज्ञापन निकाले कितने कार्य मैन्युअल आधार पर प्रदान किए गए? दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) पन्ना जिला अंतर्गत वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक वृक्षारोपण के कितने कार्य कितनी लागत से कितनी नवीन नर्सरी स्वीकृत हुई हैं? स्थानवार, नर्सरीवार, लागतवार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) इन रोपित नर्सरि‍यों में कितने पौधे जीवित हैं कितने नष्ट हो गए? पौधों के नष्ट होने का क्‍या कारण है? संपूर्ण जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पन्ना जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक किसी भी मद में मध्य प्रदेश शासन या केन्द्र शासन द्वारा कोई राशि आवंटित नहीं हुई है, अपितु खनिज साधन विभाग द्वारा जिला खनिज प्रतिष्ठान के भाग (ख) से वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक 36 कार्यों हेतु राशि रूपये 133.77 करोड़ आवंटित किये गये है। कार्यवार प्राप्त राशि एवं निर्माण एजेंसी को जारी राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है तथा निर्माण एजेंसी द्वारा निविदा प्रकाशन किये गये विज्ञापन एवं निविदाकरों को दिये गये कार्यादेश, बिल वाउचर की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से बगैर विज्ञापन निकाले कोई भी कार्य मैन्युअल आधार पर प्रदान नहीं किए गए है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) अनुसार वृक्षारोपण के कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं हुये है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की नियुक्ति

[महिला एवं बाल विकास]

116. ( क्र. 973 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में महिला बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) पन्ना जिला की पवई विधानसभा अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं की नियुक्तियां हुई हैं? क्या इन नियुक्तियों के दौरान चयन प्रक्रिया में संपूर्ण पारदर्शिता का पालन किया गया है? नियुक्ति की संपूर्ण जानकारी मेरिट लिस्ट उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) वर्णित अधिकतर नियुक्तियों में उत्तर प्रदेश ओपन बोर्ड की अंक सूचियों का उपयोग किया गया है? यदि हाँ तो इनका सत्यापन कब और किन अधिकारियों के द्वारा किया गया? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) विभाग द्वारा कितनी जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केंद्र खोले जाने का प्रावधान है? पन्ना जिले के पवई विधानसभा अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित है और भविष्य में कितने और आंगनवाड़ी केंद्र प्रस्तावित है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ङ) पवई विधानसभा अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों में कितने केंद्रों के पास स्वयं का भवन है और कितने आंगनवाड़ी केंद्र किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। किराए के भवनों में संचालित होने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन का निर्माण कब तक कर लिया जाएगा? जानकारी देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) पवई विधानसभा अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक 25 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं 97 आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति की गई है। जी हाँ। नियुक्ति संबंधी संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''''  अनुसार है। पवई विधानसभा अंतर्गत कुल 547 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है। प्रस्‍तावित केन्‍द्रों की जानकारी निरंक है। (ङ) पवई विधानसभा अंतर्गत संचालित कुल 547 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में से 253 विभागीय भवनों में, 245 अन्‍य शासकीय भवनों में तथा 49 किराये के भवनों में संचालित किये जा रहें है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्‍तीय संसाधन एवं जमीन की उपलब्‍धता पर निर्भर करता है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं।

वृक्षों की कटाई उपरांत ठूठों की गणना

[वन]

117. ( क्र. 976 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य स्‍तरीय उड़नदस्‍ता द्वारा छीपीखापा बीट की ठूंठ गणना में 01 से 07 माह के ठूंठों को 01 से 03 वर्ष पुराने ठूंठ लिखकर बताया गया हैं? यदि हाँ तो ठूंठों के गलत समय की गणना किस अधिकारी द्वारा करायी गयी? इसके पीछे क्‍या उद्देश्‍य था? (ख) क्‍या राज्‍य स्‍तरीय उड़नदस्‍ता दल में जानबूझकर वरिष्‍ठ अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया हैं? यदि हाँ तो क्‍यों? क्‍या ठूंठों को पुराना दर्शाया जा सके, इस हेतु वरिष्‍ठ अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया या इसके पीछे कोई अन्‍य कारण था? जानकारी दें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) राज्य स्तरीय उड़नदस्ता द्वारा नर्मदापुरम वनमंडल के छीपीखापा बीट में बीट निरीक्षण में ठूंठ गणना में 01 माह से लेकर 03 वर्ष तक के ठूंठों को संज्ञान में लिया गया। जांच प्रतिवेदन तैयार करते समय जो ठूंठ पूर्व में संज्ञान में लिये जा चुके थे, उन्हें छोड़कर शेष ठूंठ जो बीट जांच में संज्ञान में नहीं लिये गये, उनका ही हानि गणना पत्रक तैयार किया गया। अतः गणना गलत नहीं की गई है। उड़नदस्ता दल के प्रभारी उप वन संरक्षक द्वारा गणना कराई गई थी। गणना कराने का उद्देश्य इस संबंध में प्राप्त शिकायतों की जांच रहा है। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वृक्षों की अवैध कटाई

[वन]

118. ( क्र. 977 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2024 से आज दिनांक तक वन मंडल नर्मदापुरम अन्‍तर्गत किस-किस बीट में कितने वृक्षों की अवैध कटाई की गयी, वृक्षों की प्रजाति‍ व कटाई उपरांत ठूंठों की संख्‍या की स्‍पष्‍ट जानकारी दें। (ख) क्‍या जिले के संबंधित जिम्‍मेदार अधिकारियों की निगरानी के उपरांत भी वृक्षों की अवैध कटाई की गयी हैं यदि हाँ तो कैसे? क्‍या अवैध कटाई हेतु जिम्‍मेदार अधिकारियों पर उत्‍तरदायित्‍व का निर्धारण कर कार्यवाही की जावेगी, यदि हाँ तो कब तक? नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट में दर्शित अवैध कटाई में हुई नुकसानी एवं अवैध कटाई पर नियंत्रण नहीं करने में लापरवाही करने के संबंध में उत्तरदायित्व निर्धारण कर जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध नुकसानी की वसूली एवं लापरवाही हेतु यथोचित अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि से निर्माण कार्य स्वीकृति

[खनिज साधन]

119. ( क्र. 980 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में खनिज प्रतिष्ठान मद में 2.06 करोड़ से अधिक राशि जमा है? यदि हाँ तो उक्त राशि से क्या-क्या कार्य एवं किस नियम के तहत कराये जा सकते है? विस्तृत जानकारी दें।                          (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा जुलाई 2025 में पूछे गये अतारांकित प्रश्‍न क्र. 694 दिनांक 29/07/2025 में यह स्वीकार कर उत्तर दिया गया है कि जिला खनिज प्रतिष्ठान से स्वीकृति हेतु किसी कार्य का प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण राशि स्वीकृत नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रस्ताव प्रेषित करने पर नियमानुसार निर्माण कार्यों में राशि स्वीकृत कर दी जावेगी? यदि हाँ तो कौन-कौन से कार्य किस नियम के तहत स्वीकृत किये?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। उक्त राशि से म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 13 के तहत वर्णित कार्य कराये जा सकते हैं। उक्त नियम पूर्व से अधिसूचित है। (ख) जी हाँ। जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से स्वीकृति हेतु किसी कार्य का प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण किसी भी प्रकार की राशि स्वीकृत नहीं की गई है। प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रस्ताव प्रेषित करने पर म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 13 (2) (ड.) एवं 14 के तहत प्रस्ताव पर निर्णय अनुसार राशि स्वीकृत किया जाना प्रावधानित है। म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 13 के तहत निधियों के उपयोग के संबंध में उल्लेखित उच्च प्राथमिकता क्षेत्र एवं अन्य प्राथमिकता क्षेत्र के तहत कार्य स्वीकृत किया जाना प्रावधानित है।

पात्र हितग्राही को अपात्र किया जाना

[महिला एवं बाल विकास]

120. ( क्र. 981 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहरी परियोजना श्योपुर में श्रीमती योगिता नामा पत्नी श्री संदीप नामा पता गणेश गली वार्ड नं. 19 श्योपुर के निवासी ने आंगनवाड़ी सहायिका का फार्म आंगनवाड़ी केन्द्र 19 डी में भरा था? (ख) गणेश गली पूर्व में वार्ड 18 में आती थी? वर्तमान में गणेश गली वार्ड 19 में आती है? जबकि प्रार्थी के पास मूल निवासी में पता गणेश गली वार्ड नं.18 है तथा वोटर कार्ड में पता गणेश गली वार्ड नं. 19 है? (ग) योगिता नामा ने सहायिका का फार्म भरा था जब मूल निवासी एवं वोटर कार्ड दोनों लगाये थे? अपात्र करने का क्या कारण है? विस्तृत जानकारी से अवगत करावें?                         (घ) योगिता नामा पता गणेश गली वार्ड नं. 19 श्योपुर के निवासी को अपात्र किस कारण किया गया है जानकारी दें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। स्‍थायी निवास प्रमाण पत्र एवं वोटर कार्ड में निवास के संबंध में वार्ड संख्‍या अलग-अलग होने के कारण खण्‍ड स्‍तरीय चयन समिति द्वारा आवेदिका को वार्ड के निवास में भिन्‍नता होने के कारण अपात्र किया गया है। (घ) उत्‍तर '''' अनुसार। प्रकरण, वर्तमान में जिला स्‍तरीय दावा/आपत्ति निराकरण समिति के समक्ष निर्णय हेतु लंबित है।

सिंचाई क्षेत्र से छूटे ग्रामों को योजना में जोड़ा जाना

[नर्मदा घाटी विकास]

121. ( क्र. 984 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिंकी- बौरास बैराज संयुक्त बहुउद्‌देशीय परियोजना से रायसेन जिले के किन-किन तहसीलों के किन-किन ग्रामों को सिंचाई सुविधा मिलेगी? जानकारी दें। (ख) परियोजना रिपोर्ट के अनुसार सिलवानी और बम्होरी तहसील के कौन-कौन से ग्राम उक्त योजना से सिंचाई सुविधा से वंचित हैं? इन्हें रुपांकित सिंचाई क्षेत्र में लाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक सिंचाई सुविधा से छूटे ग्रामों/क्षेत्र को योजना में सम्मिलित कर लिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) उल्लेखित परियोजना की वर्तमान स्थिति की जानकारी दें। किन-किन घटकों का कार्य कितने प्रतिशत कर लिया गया है? क्या योजना का कार्य निर्धारित समय-सीमा के अनुसार हो, चल रहा है? क्या योजना का सम्पूर्ण कार्य निर्धारित समय-सीमा वर्ष 2027 तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।                     (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। शेष ग्रामों को परियोजना के सैंच्‍य क्षेत्र में सम्मिलित किये जाने हेतु आवश्‍यक अतिरिक्‍त जल का आवंटन न होने के कारण इन्‍हें परियोजना के सैंच्‍य क्षेत्र में सम्मिलित नहीं किया जा सकता है। शेष प्रश्‍न लागू नहीं।                              (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। जी हाँ।

वनभूमि व वन विकास निगम की भूमि पर अतिक्रमण

[वन]

122. ( क्र. 985 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1945 दिनांक 05.07.2024 एवं प्रश्‍न क्रमांक 1965 दिनांक 01.08.2025 में उल्‍लेखित बीटो में वनभूमि एवं वन विकास निगम को हस्‍तांतरित भूमि पर अतिक्रमण की वास्‍तविक स्थिति बता पाने व अतिक्रामकों पर कार्यवाही करने में विफलता के क्‍या-क्‍या कारण है? (ख) क्‍या वन विभाग और वन विकास निगम द्वारा अतिक्रामकों द्वारा किये गए अतिक्रमण को अत्‍यंत कम बताकर प्रकरण को छुपाया जा रहा है क्‍यों? (ग) प्रश्‍न क्रमांक 1965 के उत्‍तर में उल्‍लेखित टास्‍क फोर्स की बैठक में रखकर कार्यवाही किये जाने के संबंधी आश्‍वासन में उत्‍तर दिनांक तक किस स्‍तर से क्‍या कार्यवाही की गई विवरण दें। (घ) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित हजारों एकड़ वनभूमि व वन विकास निगम की भूमि पर कृषि कार्य कर अतिक्रमण किये जाने के मामले में क्‍या विभाग वरिष्‍ठ अधिकारियों की उच्‍च स्‍तरीय टीम बनाकर जांच व सीमांकन संबंधी कार्यवाही कर अतिक्रामकों को बेदखल करेगा? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्‍यों?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) माननीय प्रश्‍नकर्ता सदस्य के प्रश्‍नाधीन प्रश्‍नों के उत्‍तर में दी गई अतिक्रमण की स्थिति वास्‍तविक एवं सही है। अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की गई है। अतिक्रमण बेदखली हेतु कार्यवाही भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 80 '''' के तहत अर्द्ध न्‍यायिक प्रक्रिया में होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 31.10.2025 को कलेक्टर जिला रायसेन की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में निर्णय लिया गया कि अतिक्रमण बेदखली हेतु पुलिस/राजस्‍व विभाग, वन विभाग को आवश्‍यक बल एवं सहयोग उपलब्‍ध करायेगा। तदानुसार उपरोक्‍तानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) जी नहीं। उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में उच्‍च स्‍तरीय जांच टीम व सीमांकन की आवश्‍यकता नहीं है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

समूह‍ नल-जल योजना की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

123. ( क्र. 988 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन की योजना प्रारंभ से मध्यप्रदेश में किन-किन जिलों में कितनी-कितनी लागत से समूह नल-जल योजनाओं की स्वीकृति हुई हैं, प्रशासकीय स्वीकृति, आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें उक्त योजनओं के परीक्षण के क्या नियम निर्देश हैं छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्त योजनाओं के टेंडर माध्यम से किन-किन व्यक्तियों फर्म संस्थाओं को कार्य आदेश जारी किए गए हैं। स्वीकृत राशि, कार्यादेश, दिनांक, कार्यपूर्णता दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अधूरे हैं, कितने अप्रारंभ हैं, जिलेवार जानकारी देवें। कितनी योजनाएं आधिपत्य में दी गई हैं जानकारी दें।                                        (ग) विदिशा जिले में जल-जीवन मिशन से कौन-कौन सी समूह नल-जल योजनाओं की स्वीकृति हुई है? योजना का नाम, लागत, कार्यादेश दिनांक, कार्यपूर्णता दिनांक, कार्य ऐजेंसी को भुगतान की गई राशि, शेष राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) टेम सिंचाई परियोजना, हनौता सिंचाई परियोजना, कोटा सिंचाई परियोजना से समूह नल-जल योजनाएं स्वीकृत हुई हैं, परियोजनावार प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें उक्त योजनाओं से कितने ग्रामों में पेयजल उपलब्ध होगा ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें कार्य एजेंसी द्वारा किए गए गुणवत्ता विहीन कार्य की जांच कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि गुणवत्ता का परीक्षण नहीं किया गया है, तो कब तक कर लिया जावेगा, समय-सीमा बतावें? (ड.) टेम, हनोता, कोटा समूह नल-जल योजना के पाइप लाईन डालने में सड़कों एवं ग्रामों में सीसी को खोदकर गड्ढे कर दिये है? बतावें एवं इन पर कब-तक पुनः सीसी रोड का निर्माण कर दिया जावेगा? बतावें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत जल जीवन मिशन के लागू दिनांक 15 अगस्त 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक स्वीकृत समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01 अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति आदेशों की छायाप्रतियाँ पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। परीक्षण के नियम निर्देशों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। कोई भी समूह जल प्रदाय योजना आधिपत्य में नहीं दी गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''04'' अनुसार है। (घ) टेम, कोठा एवं हनोता समूह जल प्रदाय योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''05'' अनुसार है। उक्त तीनों समूह जल प्रदाय योजनाओं से कुल 1,090 ग्रामों (667 समूह एवं 423 बल्क ग्राम) को पेयजल उपलब्ध होगा। ग्रामों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''06'' अनुसार है। उक्त समूह जल प्रदाय योजनाओं का कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं अनुबंध की शर्तों के अनुरूप किया जा रहा है। योजनाओं के निर्माण कार्य जल निगम की अनुबंधित थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसी (टी.पी.आई.ए.) एवं सुपरविजन एवं क्वालिटी कंट्रोल कंस्लटेंसी (एस.क्यू.सी.) फर्म के इंजीनियर्स निरंतर साईट पर उपस्थित रहकर गुणवत्तापूर्ण एवं तय मापदण्डानुसार संपादित करा रहे हैं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ, टेम, कोठा एवं हनोता समूह जलप्रदाय योजनाओं अंतर्गत ग्रामों में पाईप लाईन बिछाने एवं घरेलू नल कनेक्शन करने हेतु सड़क को खोदा गया है, पाईप लाईन बिछा़ने एवं घरेलू नल कनेक्शन करने के उपरांत पाईप लाईन की हाईड्रोटेस्टिंग पूर्ण कर सड़क मरम्मत किए जाने का प्रावधान है, जो कि निरंतर प्रगतिरत है, उन्‍हें सितम्बर 2026 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

वन भूमि पर अवैध काबिज व्यक्तियों को बेदखल किया जाना

[वन]

124. ( क्र. 989 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या वन परिक्षेत्र उत्तर लटेरी सामान्य वन मण्डल विदिशा के अंतर्गत कक्ष क्र. 358, 359, 360, 361 सम्मिलित हैं? यदि हां, तो वर्तमान में वन भूमि पर किन-किन व्यक्तियों द्वारा एवं कितने- कितने रकबे पर खेती की जा रही है? जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वन विभाग द्वारा उक्त बीटों पर अतिक्रमण मुक्त करवाने हेतु कब-कब कार्यवाही की गई है एवं किन-किन व्यक्तियों से वन भूमि मुक्त करवाई गई? यदि बेदखली की कार्यवाही नहीं की गई है, तो इसके लिए कौन दोषी है एवं कब तक वन भूमि से अवैध कब्जा धारकों को बेदखल कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतलावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कितनी-कितनी शिकायतें किन-किन अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुईं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतलावें। यदि कार्यवाही नहीं की जा रही है तो क्यों? (घ) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र किन-किन अधिकारियों एवं अन्य को कब-कब प्राप्त हुए एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही विवरण की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब-तक की जावेगी? समय-सीमा बतलावें तथा प्रश्‍नकर्ता द्वारा विगत सत्र में प्रश्‍न क्र.1874 दिनांक 01.08.2025 के माध्यम से कार्यवाही हेतु मान. वन राज्यमंत्री महोदय से किये गये निवेदन पर उन्होंने सदन में कार्यवाही का आश्वासन भी दिया था परंतु अभी तक कार्यवाही अपूर्ण रहने के क्‍या कारण हैं?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हांजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) वन अमले व विभाग के अधिकारियों द्वारा राजस्व, पुलिस व एस.एफ. बल के सहयोग से सघन गश्ती कर अतिक्रमण बेदखली की सतत् कार्यवाही की जाती है। बेदखल किये गये अतिक्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                       (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2-'' अनुसार है। (घ) शिकायती पत्रों की जानकारी एवं की गई कार्यवाही की जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है। शिकायत के आधार पर बीट मुरवास के कक्ष क्रमांक पी.-368, 358 एवं बीट शहरखेड़ा के कक्ष क्रमांक 343, 345, 350, 352 से अतिक्रमण हटाया गया। कार्यवाही का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' एवं ''4'' अनुसार है। प्रश्‍नांश में उल्लेखित प्रश्‍न के आश्वासन में कक्ष क्रमांक पी.-358, 359, 360, 361 से 388 हेक्टेयर अतिक्रमण हटाने के संबंध में कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया था, उक्त आश्‍वासन के उपरांत प्रश्‍न दिनांक तक कुल 160 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करा लिया गया है। शेष 228 हेक्टेयर वनक्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त कराने की विधिसम्मत कार्यवाही में है।

आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन एवं मूलभूत सुविधाएं

[महिला एवं बाल विकास]

125. ( क्र. 992 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर नगर में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है, इनमें कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवनों एवं कितने किराये के भवनों में संचालित किये जा रहे है? (ख) जो आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है, क्‍या इनके स्वयं के भवन निर्माण हेतु शासन के समक्ष कोई योजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इस हेतु क्‍या शासन बजट आवंटित करेगा और यदि हाँ तो कब तक? (ग) क्या विभाग द्वारा निर्मित कुछ भवन जर्जर हो गये है, जिनकी मरम्मत कराया जाना अतिआवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या शासन इनकी मरम्मत कराये जाने हेतु राशि स्वीकृत करेगा यदि हाँ तो कब तक? (घ) सागर नगर अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कौन-कौन सी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही है? क्या कुछ आंगनवाड़ी केन्द्रों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है? यदि हाँ, तो क्या विभाग मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति हेतु कोई व्यवस्था सुनिश्चित करेगा और कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जिला सागर की परियोजना सागर शहरी क्रमांक-01 तथा परियोजना शहरी क्रमांक-02 अन्‍तर्गत कुल 200 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है। संचालित 200 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में से 45 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 03 अन्‍य शासकीय भवनों में एवं 152 किराये के भवनों में संचालित है। (ख) प्रदेश अन्‍तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु योजना 5360 - ''आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिए भवन निर्माण'' संचालित है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु बजट आवंटन वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला सागर अन्‍तर्गत परियोजना सागर शहरी क्रमांक-01 एवं परियोजना सागर शहरी क्रमांक-02 में संचालित समस्‍त आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में बिजली, पानी, शौचालय आदि मूलभूत सुविधायें उपलब्‍ध है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सागर नगर को प्रदूषण मुक्त रखा जाना

[पर्यावरण]

126. ( क्र. 993 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पर्यावरण एवं प्रदूषण विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में कितनी तथा कौन-कौन सी प्रदूषणकारी इकाईयां चिन्हित की गई एवं प्रश्‍न दिनांक तक इन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) सागर जिले में पर्यावरण एवं प्रदूषण विभाग को शासन से जन जागरूकता कार्यक्रमों हेतु विगत 2 वर्षों में कितनी राशि प्रदाय की गई एवं इसमें कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से कार्यक्रमों पर व्यय की गई? कार्यवार विवरण देवें। (ग) सागर नगर स्थित लाखा बंजारा झील सागर तालाब को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए क्या शासन स्तर पर कोई योजना तैयार की गई है? यदि हाँ तो वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? यदि नहीं तो क्या शासन लाखा बंजारा झील सागर तालाब को प्रदूषण मुक्त रखे जाने हेतु कोई योजना तैयार करेगा यदि हाँ तो कब तक?

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है                  (ख) राज्य शासन द्वारा कोई राशि प्रदाय नहीं की गयी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।       (ग) वर्तमान में कोई योजना नहीं है। पूर्व में स्मार्ट सिटी योजनांतर्गत जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण का कार्य करते हुए झील में मिलने वाले समस्त नालों को टैपिंग कर झील के बाहर छोड़ा गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बाईस"

आवास निर्माण एवं पुलिस चौकी का उन्‍नयन

[गृह]

127. ( क्र. 996 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या सागर जिले की देवरी विधानसभा के चौको टडा को थाना में वर्तमान वित्‍तीय वर्ष में उन्नयन किया जा रहा है? यदि हाँ तो कब तक। (ख) देवरी विधानसभा के विभिन्न थानों में स्टाफ की कमी की पूर्ति हेतु कब तक रिक्त पदों पर अधिकारी कर्मचारियों को पदस्थ कर दिया जावेगा। (ग) विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न थानों एवं चौकियों में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों को आवास की कमी है। आवास की कमी को कब तक पूरा करने हेतु नवीन आवास निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी। विलंम्ब का कारण बतायें। क्या थाना गौरझामर का भवन भी पूराना है जो जीर्ण है कब तक नवीन आधुनिक थाना भवन की स्वीकृति प्रदान की जावेगी। (घ) क्या विभिन्न थानों में कर्मचारियों/अधिकारियों के लिये विगत 30 वर्षों से अधिक के पुराने जीर्ण-शीर्ण आवास है जो रहने योग्य ही नहीं है विधानसभा क्षेत्र देवरी अर्न्तगत विभिन्न थानों चौकियों में कब तक नवीन आवास निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी विवरण देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) चौकी टडा को थाना में उन्नयन का प्रस्ताव शासन द्वारा चौकी से थाने में उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड पूर्ण नहीं करने के कारण नस्तीबद्ध किया गया है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति एवं नव आरक्षकों के प्रशिक्षण उपरांत वापस आने पर की जा सकेगी। साथ ही सूबेदार/उपनिरीक्षक संवर्ग भर्ती वर्ष 2025 के 500 पदों, सूबेदार (अ) शीघ्रलेखक/सहायक उप निरीक्षक (अ) भर्ती वर्ष 2025 के 500 पदों एवं आरक्षक (जी.डी.) संवर्ग भर्ती वर्ष 2025 के 7500 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने पर कमी की पूर्ति की जा सकती है। (ग) वर्तमान में पुलिस कर्मचारियों/अधिकारियों तथा उनके परिवार की आवश्यकताओं तथा उनकी मांग को दृष्टिगत रखते हुए जिला मुख्यालय में आवासों का निर्माण किया जा रहा है। थाना गौरझामर के भवन का निर्माण वर्ष 1995 में हुआ था, जिसका समय-समय पर आवश्यकता अनुसार बजट की मांग कर मरम्मत कार्य कराया जाता है। नवीन भवन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) यह कहना सही नहीं है कि आवास जीर्ण-शीर्ण हैं। आवश्यकतानुसार आवासों का समय-समय पर मरम्मत कार्य कराया जाता है। वर्तमान में पुलिस कर्मचारियों/ अधिकारियों तथा उनके परिवार की आवश्यकताओं तथा उनकी मांग को दृष्टिगत रखते हुए जिला मुख्यालय में आवासों का निर्माण किया जा रहा है।

टेण्‍डर ह‍ेतु असत्‍य दस्‍तावेजों का प्रयोग

[गृह]

128. ( क्र. 997 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या विश्‍वास सेल्स एंड सर्विसेज भोपाल के विरूद्ध टेन्डरों में असत्य दस्तावेज उपयोग करने के कारण शा. कन्या महाविद्यालय श्योपुर, शास. राजीव गांधी महा. मन्दसौर एवं शास. महा. जैतवारा जिला सतना में विभिन्न धाराओं के अर्न्तगत अपराधिक प्रकरण दर्ज है, क्या इनकी अग्रिम जमानतें भी मा. न्यायालयों के द्वारा खारिज की जा चुकी है। यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक तक इनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। क्या थाना प्रभारियों/अधिकारियों द्वारा गिरफ्तारी में विलम्ब किया जा रहा है। (ख) क्या पुलिस थाना कोतवाली श्योपुर द्वारा आरोपी के विरूद्ध प्रकरण में धाराये भी बढ़ाई गई है विवरण देवें। क्या आरोपी की मा.जिला न्याया. श्योपुर के द्वारा अग्रिम जमानत निरस्त हो जाने के बाद भी संबंधित थाना अधिकारी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही है कारण सहित विवरण देवें। (ग) साइंस लैब उपकरण टैस्ट रिपोर्ट/एवं टर्न ओवर की असत्य रिपोर्ट देने वाली कम्पनियों एटमांस इंटरप्राइसेस, अम्बाला, लेबद्रोनिक्स चंडीगढ़, एम.के. आप्टिकल्स के रिपोर्ट/प्रमाण पत्र लगाये है क्या वह भारत सरकार द्वारा अधिकृत है। यदि नहीं तो इन पर एवं आरोपी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उदयम, विभाग द्वारा स्‍थापित इकाइयां

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

129. ( क्र. 1002 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर-मालवा में सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उदयम, विभाग की कितनी इकाइयां है? इन इकाइयों के तहत कितने लोगों को वर्ष 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक रोजगार दिया गया? सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित इकाइयों की सूची पते सहित उपलब्‍ध करावें? (ग) जिला आगर-मालवा अंतर्गत सुसनेर विधानसभा में सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम, विभाग द्वारा लघु उद्योगों हेतु कौन-कौन से स्‍थान/भूमि चिन्‍हित की गई है तथा वहाँ पर कौन-कौन से उद्योग स्‍थापित किये जाने की योजना है? (घ) सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम, विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेने हेतु वर्ष 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला आगर-मालवा में कितने लोगों द्वारा आवेदन किये गये तथा कितने लोगों के प्रकरण बैंक से स्‍वीकृत किये गए जानकारी देवें? कितने प्रकरण अमान्‍य/अस्‍वीकृत किये गये कारण सहित जानकारी देवें?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जिला आगर-मालवा में भारत सरकार के उद्यम पंजीकृत पोर्टल के अनुसार कुल 21,098 सूक्ष्‍म लघु एवं मध्‍यम पंजीकृत इकाईयां/उद्यम है। उद्यम पंजीयन अनुसार इन इकाइयों के तहत 51,178 लोगों को वर्ष 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक रोजगार दिया गया जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में संचालित इकाइयों की सूची पते सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जिला आगर-मालवा अंतर्गत सुसनेर विधानसभा में सूक्ष्‍म,लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग द्वारा ग्राम आंकली में नवीन औद्योगिक क्षेत्र निर्मित किया गया है। वर्तमान में भू-आवंटन प्रक्रियाधीन है। यहां पर विनिर्माण से संबंधित उद्योग स्‍थापित किये जाने की योजना है। (घ) सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेने हेतु वर्ष 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''', '''' एवं '''' अनुसार है।

शराब की दुकानों के अवैध आहते के विरूद्ध कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

130. ( क्र. 1005 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में शराब दुकानों में अवैध आहते पूर्णतः बंद कर दिए गए है? यदि हाँ तो नियम लागू होने के पश्‍चात से म.प्र. में नियमों का उल्‍लंघन करने की कितनी शिकायतें CM हेल्प लाइन से व अन्य प्रकार से प्राप्त हुई है एवं विभाग द्वारा कितनी दुकानों व ठेकेदारों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई, खंडवा जिले की नामजद जानकारी प्रदान करेंl (ख) खंडवा जिले में कितनी दुकाने पंजीकृत है, उनके ठेकेदार संचालकों के नाम, लाइसेंस की छायाप्रतियां, जिले में संचालित दुकानों पर जिला आबकारी विभाग एवं संभाग स्तर से विगत 2 वर्षों में कितनी बार बोतल होलोग्राम, स्टॉक, आदि के निरीक्षण किये गए, निरीक्षण में क्या कमियां पाई गई एवं क्या कार्यवाही की गई निरीक्षण के बिंदुवार जानकारी प्रदान करें। (ग) विगत 2 वर्षों में खंडवा जिले में ढाबा, होटलों एवं घरों में अवैध रूप से बिकने वाली व निर्मित शराब के कितने प्रकरण आबकारी विभाग द्वारा कब-कब बनाये गए? उनकी माहवार जानकारी प्रदान की जावे l (घ) आबकारी विभाग खंडवा में कितने अधिकारी कर्मचारी पदस्थ है यदि लम्बे समय से अधिकारी कर्मचारी पदस्थ है तो ऐसे अधिकारियों का स्थानान्तरण अब तक विभाग द्वारा क्यों नहीं किया गया?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक-62 दिनांक 22 फरवरी 2023 की उप कण्डिका 1.1 के अनुसार किसी भी मदिरा दुकान के साथ मदिरा पान की सुविधा उपलब्‍ध नहीं करायी जाएगी अर्थात अहाते एवं शॉप बार की स्‍थापना अनुमत नहीं किये जाने का प्रावधान है। CM हेल्प लाइन व अन्य प्रकार से प्राप्‍त शिकायतों की संख्‍या एवं दुकानों व ठेकेदारों पर की गई कार्यवाही की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। (ख) खण्‍डवा जिले में कुल 74 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें 20 एकल समूहों में संचालित है। ठेकेदार संचालकों के नाम, लायसेंस की छायाप्रतियां तथा विगत 02 वर्षों में विभाग द्वारा किये गये निरीक्षण के संबंध में वृत्‍तवार जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है।                  (ग) खण्‍डवा जिले में वर्ष 2023-24 से वर्ष 2025-26 माह अक्‍टूबर अन्‍त तक ढाबा, होटलों एवं घरों से अवैध रूप से बिकने वाली व निर्मित अवैध शराब विक्रय करने वालों के विरूद्ध पंजीबद्ध किये गये प्रकरणों की माहवार जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है। (घ) खण्‍डवा जिलें में प्राप्‍त जानकारी अनुसार जिले में पदस्‍थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जानकारी निम्‍नानुसार है:- (1) जिला आबकारी अधिकारी-1 (2) सहायक जिला आबकारी अधिकारी-2 (3) आबकारी उपनिरीक्षक-5 (4) मुख्‍य आरक्षक-2 (5) आबकारी आरक्षक-8 (6) सहायक ग्रेड-3 लिपीकीय कर्मचारी-3 (7) डाटाएन्‍ट्री ऑपरेटर-1 (8) भृत्‍य-02 एवं (9) चौकीदार-1 पदस्‍थ है। शासन आदेश दिनांक 21.08.2025 से श्री विकास मण्‍डलोई, जिला आबकारी अधिकारी, जिला खण्‍डवा का स्‍थानांतरण जिला रीवा किया गया है, परन्‍तु जिला रीवा से स्‍थानांतरित अधिकारी को माननीय उच्‍च न्‍यायालय से स्‍थगन प्राप्‍त होने के कारण जिला आबकारी अधिकारी, जिला खण्‍डवा को भारमुक्‍त नहीं किया गया है। स्‍थगन आदेश की छायाप्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''चार'' अनुसार है।

नल-जल योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

131. ( क्र. 1013 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अलीराजपुर जिले के विभिन्न ग्रामों में जल जीवन मिशन में नल-जल योजना के अंतर्गत निर्मित पानी की टंकियाँ निर्माण पूर्ण होने के बावजूद चालू क्यों नहीं की जा सकी हैं इसका क्या कारण है? (ख) क्या इन टंकियों के चालू न होने से ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है? इसके समाधान हेतु विभाग द्वारा क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं? (ग) क्या विभाग के संज्ञान में है कि नल-जल योजना के कार्यों में व्यापक स्तर पर घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग हुआ है जिसके कारण आज भी ग्रामीणों को हर घर पानी नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ तो इस कृत्य का दोषी कौन है, क्या उस पर कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं तो क्या कारण है?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) अलीराजपुर जिले में एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत 116 पूर्ण रूप से निर्मित टंकियों (115 ग्राम) में से 100 टंकियों (99 ग्राम) के माध्यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। 16 ग्रामों में योजनाओं के जल स्‍त्रोत असफल हो जाने के कारण टंकियों के माध्यम से जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है। अन्य 43 ग्रामों में डायरेक्ट पंपिग (सम्पवेल) के माध्यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी नहीं, वर्तमान में 16 ग्रामों में पर्याप्त भूजल आवक क्षमता के स्त्रोत विकसित न हो पाने के कारण इन ग्रामों में टंकियों से जल प्रदाय नहीं होता है परन्तु इन ग्रामों में पर्याप्त संख्या में पूर्व से स्थापित हैण्डपम्पों एवं सिंगल फेस मोटर पम्पों से पेयजल की उपलब्धता है। उपलब्ध पेयजल संसाधनों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। जल निगम की प्रगतिरत अलीराजपुर समूह जल प्रदाय योजना से उपरोक्त 16 ग्रामों में बल्क वाटर कनेक्शन देकर जल प्रदाय करना प्रस्तावित है, समूह योजना पूर्ण होने पर इन 16 ग्रामों में टंकियों से जल प्रदाय किया जा सकेगा। (ग) नल-जल योजना में स्वीकृत विभिन्न कार्यों को ठेकेदारों द्वारा विभागीय गुणवत्ता मापदंडों के अनुसार किये जाने के उपरान्त उपयंत्री एवं तृतीय पक्ष निरीक्षण उपरान्त कार्यों का मापांकन तथा भुगतान की कार्यवाही की जाती है, घटिया गुणवत्ता के कार्य का मापांकन नहीं किया जाता है अपितु ठेकेदार द्वारा विधिवत् सुधार पश्चात ही कार्य मापांकन/भुगतान हेतु विभाग द्वारा स्वीकार होता है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तेईस"

ट्यूबवेल एवं हैण्‍डपम्‍प खनन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

132. ( क्र. 1018 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में हैण्‍डपम्‍प अथवा ट्यूब बेल खनन हेतु कितने इंच चौड़ा एवं कितने फीट गहरा बोर किये जाने हेतु विभाग द्वारा अनुमति दी जाती है? (ख) मध्यप्रदेश में लोक स्वा. यांत्रिकी विभाग द्वारा वर्ष 2024 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कितने सार्वजनिक बोर करवाये  गये हैं एवं पानी नहीं निकलने पर क्या उक्त बोर को विभाग द्वारा बंद करके सुरक्षित किया गया है? जानकारी दें। (ग) क्या विभाग बोरिंग मशीन संचालक से फोटो ग्राफ्स मांगता है कि खनन उपरान्त बोर के मुँह को सुरक्षित रूप से बन्द कर दिया गया है? (घ) मध्य प्रदेश में वर्ष 2024 से प्रश्‍नांश दिनांक तक खुले बोर में बच्चे गिरने की कितनी घटनायें हुई है? जानकारी दें एवं भविष्य में खुले बोर में बच्चे ना गिरे इस हेतु विभाग द्वारा क्या रोकथाम की जा रही है?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विभाग द्वारा 04 इंच से 08 इंच व्यास के नलकूप खनन् कराए जाते हैं, नलकूपों की गहराई भूजलविद् द्वारा अनुशंसित गहराई तक अथवा उसके पहले पर्याप्त जल आवक क्षमता प्राप्त हो जाने तक खनन् किया जाता है। (ख) प्रदेश में प्रश्‍नांकित अवधि में कुल 22,653 नलकूप (बोर) खनन करवाए गए। पानी नहीं निकलने पर बोर को कांक्रीट ब्लॉक/कैप द्वारा सुरक्षित किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) विभाग द्वारा खनन कराए गए नलकूप/बोर में बच्‍चे गिरने की कोई घटना नहीं हुई है, तथापि प्रश्‍नांकित अवधि में गुना, रीवा एवं सिंगरौली जिले में निजी खुले बोर में बच्‍चे गिरने की एक-एक घटना हुई है। विभाग द्वारा खनित किए गए नलकूपों में केसिंग भूमि की सतह के लगभग एक फुट ऊपर तक स्‍थापित की जाती है तथा खनन किए गए नलकूप में पानी नहीं मिलने पर केसिंग पर कैप लगाकर/सीमेंट कांक्रीट ब्‍लॉक बनाकर नलकूप में बच्‍चे गिरने की दुर्घटना की संभावनाओं का निवारण किया जाता है। शासन द्वारा ''मध्यप्रदेश खुले नलकूपों में इंसानों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोक-थाम एवं सुरक्षा नियम-2024'' बनाया गया है, जिसमें खुले बोर में बच्चों के गिरने की दुर्घटनाओं की रोक-थाम के लिए प्रावधान किए गए हैं।

पेड़ के पत्‍तों द्वारा पत्‍तल दोने का निर्माण

[वन]

133. ( क्र. 1019 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वनोपज आधारित कितने उत्पाद वन समितियों के माध्यम से संग्रह किये जा रहे है? उत्पाद के नाम, वनोपज का नाम, मात्रा एवं मिट्टी से प्राप्त राशि वर्ष 2024-25 की जानकारी देवें? (ख) क्या वनोपज संग्रहण एवं मिट्टी से (कितने) लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है? यदि हां, तो जिलेवार संख्या बतावें। (ग) क्या, प्रदेश में कहीं पर पलाश अथवा अन्य पेड़ों के पत्तों से पत्तल-दोना निर्माण की इकाई चल रही है? जानकारी दें। (घ) क्‍या पर्यावरण लाभ हेतु पत्तों के पत्तल-दोने के निर्माण को विभाग प्रोत्साहित कर रहा है? (ड.) क्या, आगामी सिंहस्थ महापर्व 2028 में उज्जैन में पुर्णतः पत्तो के पत्तल दोने के उपयोग से प्लास्टिक मुक्त भोजन व्यवस्था में सहयोग हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना है।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) मध्यप्रदेश में संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा कोई भी वनोपज का संग्रहण नहीं किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                              (ख) जी हाँ। वनोपज संग्रहण का कार्य लोगों द्वारा सीधे किया जाता है जिसका अभिलेख शासन द्वारा संधारित नहीं करने से उक्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। (ड.) मेला प्रशासन या जिला प्रशासन द्वारा माँग किये जाने पर वन विभाग की संलग्‍न परिशिष्‍ट में उल्‍लेखित इकाइयों द्वारा पत्ते के पत्‍तल की आपूर्ति की जा सकती है। वर्तमान में विभाग की पृथक से कोई योजना नहीं है।

परिशिष्ट - "चौबीस"

दैनिक वेतन भोगियों का विनियमितीकरण

[सामान्य प्रशासन]

134. ( क्र. 1026 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन ने नगर पालिका, नगर निगम, नगर परिषद और अन्य विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों को 2016 में जिनकी सेवाओं के 10 वर्ष या उससे अधिक हो गये थे उन्हें विनियमित किया गया था लेकिन 2016 के बाद आज दिनांक नवम्बर 2025 तक किसी भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को विनियमित नहीं किया गया है जबकि‍ 2016 में कुछ दैनिक वेतन भोगी जिनको अपनी सेवाएं देते हुए 9 वर्ष हो चुके थे और आज 2025 में उन्हें लगभग 15 से 18 वर्ष हो गये है ऐसे कर्मचारियों का कब तक विनियमितीकरण किया जाएगा क्योंकि‍ इनमें कुछ कर्मचारी तो ऐसे है जो रिटायरमेंट के नजदीक आ चुके हैं। (ख) क्या शासन दैनिक वेतन भोगी के विनियमितीकरण के सम्बन्ध में कोई कार्यवाही करेगा यदि हाँ तो कब तक जानकारी दें? (ग) वर्ष 2016 के पश्‍चात् शेष रहे समस्त विभागों के कर्मचारियों का विनियमितीकरण कब तक कर दिया जाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित अवधि में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 07.10.2016 के मापदण्‍डों के अनुसार विनियमितीकरण की कार्यवाही वर्तमान में भी की जा सकती है। (ख) सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के विनियमितीकरण की कार्यवाही हेतु परिपत्र दिनांक 07.10.2016 अनुसार निर्देश जारी किये गये हैं, जो वर्तमान में भी प्रभावशील हैं। अत: पृथक से कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 07.10.2016 में उल्‍लेखित निर्देशों के परिप्रेक्ष्‍य में प्रशासकीय विभागों/कार्यालयों द्वारा पात्रता अनुसार किये जाने का प्रावधान है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

स्व-सहायता समूह द्वारा पोषण आहार वितरण

[महिला एवं बाल विकास]

135. ( क्र. 1033 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कुल कितने स्व-सहायता समूह हैं, जिन्हें विगत 2 वर्ष से लेकर 5 वर्ष से भी अधिक का समय हो जाने पर भी उनसे पोषण आहार वितरण का कार्य कराया जा रहा है? समूह के नाम सहित संलग्न आंगनवाड़ी केन्द्रों की विस्तृत जानकारी दें।                         (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अधिकांश स्व-सहायता समूह ऐसे हैं जिनसे लंबे समय से पोषण आहार वितरण का कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ तो क्या 5 वर्ष से अधिक समय तक स्व-सहायता समूह के कार्य करने का नियम है? ऐसे स्व-सहायता समूहों का नाम बतायें जिन्हें एक से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्र पोषण वितरण हेतु दिये गये हैं? (ग) क्या 02 वर्ष से अधिक समय होने पर स्व-सहायता समूह द्वारा पोषण आहार की गुणवत्ता में कमी की गई है? बतायें कि कब-कब, किस-किस अधिकारी ने किन-किन केन्द्रों में पोषण आहार वितरण का सत्यापन किया है?                                    किन-किन स्व-सहायता समूह की कब-कब क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई है? विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने-कितने कुपोषित बच्चे दर्ज हैं? कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य परिक्षण हेतु कब-कब और कहां-कहां कैंप लगाये? आंगनवाड़ीवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर अन्तर्गत कुल 260 स्व-सहायता समूह है, जिन्हें विगत 02 वर्ष से लेकर 5 वर्ष से अधिक समय हो जाने पर भी उनसे पोषण आहार वितरण का कार्य कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''01'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''02'' अनुसार है।                    (ग) जी हाँ। पोषण आहार की गुणवत्ता में 14 समूहों द्वारा गुणवत्ता में कमी की शिकायत प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''03'' अनुसार है। अधिकारियों द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार वितरण सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''04'' अनुसार है। प्राप्त शिकायतों एवं कृत कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''03'' अनुसार है।                                  (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण ट्रेकर एप पर माह अक्‍टूबर 2025 की स्थिति में कुल 376 कुपोषित बच्चे दर्ज हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''05'' अनुसार है।

जर्जर पुलिस आवास एवं पुलिस थाने का पुनर्निर्माण

[गृह]

136. ( क्र. 1034 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2777 दिनांक 05/08/2025 के परिप्रेक्ष्य में पुलिस अधीक्षक जिला उज्जैन द्वारा पत्र के माध्यम से कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा जर्जर पुलिस स्‍टाफ क्वाटर्स को डिस्मेंटल हेतु अभिमत चाहा गया जो प्रश्‍न दिनांक तक अप्राप्त रहने के क्या कारण है? (ख) पुलिस थाना महिदपुर रोड जो वर्तमान में बदहाल अवस्था में है क्या विभाग द्वारा नवीन पुलिस थाना निर्माण किए जाने हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या पुलिस थाने के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है? कब तक नवीन पुलिस थाना निर्माण की अनुमति प्रदान की जाएगी? (ग) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2777 दिनांक 05/08/2025 के परिप्रेक्ष्य में पुलिस स्‍टाफ की कमी के कारण कई प्रकरण प्रश्‍न दिनांक तक लंबित है क्या विभाग द्वारा लंबित प्रकरणों के शीघ्र निदान हेतु कोई कार्यवाही की गई है? क्या कई प्रकरण लंबित रहने के कारण अपराधियों पर उचित कार्यवाही नहीं हो पाई है? पुलिस स्‍टाफ की कमी के कारण आए दिन चोरी एवं अन्य घटनाएं बढ़ती जा रही हे? क्या विभाग इसके लिए कोई ठोस कदम उठाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पुलिस अधीक्षक जिला उज्जैन के द्वारा जर्जर पुलिस स्‍टाफ क्वाटर्स को डिस्मेंटल करने हेतु कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग उज्जैन से अंतिम पत्र दिनांक 17.08.2025 के द्वारा अभिमत चाहा गया है। वर्तमान समय तक लोक निर्माण विभाग से अभिमत अप्राप्त है। अभिमत प्राप्त होने पर डिस्मेंटल करने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जा सकती है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में पुलिस थाना महिदपुर रोड की स्थिति अच्छी है। जिसमें आवश्यकता अनुसार समय-समय पर मरम्मत कार्य कराया जा कर थाना संचालित किया जा रहा है।                               (ग) पंजीकृत अपराधों के निराकरण की दिशा में समुचित प्रयास किये जाकर लंबित प्रकरणों की तत्परता से कार्यवाही की जा रही है। बल की कमी की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा नवीन पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न होने पर बल की कमी की पूर्ति हो सकेगी। वर्तमान में उपलब्ध बल से ही चोरी एवं अन्य घटनाओं पर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। पुलिस बल की कमी की पूर्ति हेतु वर्तमान में पुलिस विभाग में आरक्षक के 7500 तथा उप निरीक्षक के 500 पदों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है।

उत्‍खनन हेतु भूमि आंवटन

[खनिज साधन]

137. ( क्र. 1043 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) के.जे.एस. सीमेंट मैहर, अल्ट्रा टेक मैहर, एम.पी. बिड़ला मैहर एवं सतना, प्रिज्म सीमेंट सतना एवं पन्ना जिले में स्थित सीमेंट प्लान्ट के पास किस-किस ग्राम (स्थान) पर कितने-कितने रकबों में उत्खनन हेतु भूमि का कब से, किन आदेशों के तहत् आवंटन राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा किया गया है? (ख) किस-किस आराजी क्रमांकों/रकबों में उत्खनन हो चुका है/बंद है? प्लान्टवार जानकारी देते हुये बतायें कि किस-किस प्लाण्टों की खदानें कितने रकबों का किस आराजी क्रमांकों की खुली पड़ी हैं? क्या नियमानुसार इन्हें वापस भरना चाहियें? किन-किन प्लाण्टों की खुली खदानों में बरसात या अन्य मौसम में डूबने से 01.01.2021 से प्रश्‍नतिथि तक किस-किस की मौत हुई है? शासन प्लाण्टों पर किस प्रकरण में क्या कार्यवाही की? नहीं की तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कंपनियों ने 01.04.2022 से प्रश्‍नतिथि तक कितने टन स्वयं उत्खनन कर एवं कितने टन पत्थर (लाईम स्टोन/अन्य) बाजार से किस कंपनी/व्यक्ति फर्म से खरीदकर राज्य शासन को कितने रूपये मूल्य की खनिज रॉयल्टी दी गई? कंपनीवार/वर्षवार/माहवार/राशिवार/खनिजवार/फर्मवार/ व्यक्त्तिवार जानकारी दें? (घ) सतना/रीवा में पदस्थ जिला खनिज अधिकारी सतना/रीवा में कितने समय से पदस्थ हैं? कुल वर्ष एवं माह पदस्थापना के प्रश्‍नतिथि तक सभी पदस्थापनाओं को मिलाकर कितना हो गया है जानकारी दें?                                (ड.) प्रश्‍नांश (क) 01.04.2022 से प्रश्‍नतिथि तक के. जे. एस. सीमेंट मैहर, अल्ट्रा टेक मैहर, एम.पी. बिडला सतना एवं मैहर, प्रिज्म सीमेंट सतना, पन्ना एवं रीवा जिलों की सीमेंट फैक्ट्रियों ने कितने टन सीमेंट का उत्पादन प्रतिमाह कर कितना स्टेट जी.एस.टी./कितने प्रतिशत राज्य शासन को जमा किया गया? माहवार/वर्षवार/राशिवार/कंपनीवार दें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।                   (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं '''' अनुसार है। प्लाण्‍टों की खुली खदानों में बरसात या अन्य मौसम में डूबने से 01.01.2021 से प्रश्‍न दिनांक मौत होने संबंधी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।                        (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

पुलिस विभाग के कर्मचारियों को सुविधाएँ एवं वेतनमान

[गृह]

138. ( क्र. 1047 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या प्रदेश में पदस्थ आईएएस (IAS) एवं आईपीएस (IPS) अधिकारियों के सरकारी आवासों पर सुरक्षा ड्यूटी हेतु पुलिसकर्मी एवं होमगार्ड के जवान तैनात किए जाते हैं? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रत्येक अधिकारी के आवास पर औसतन कितने पुलिसकर्मी एवं होमगार्ड जवान तैनात रहते हैं तथा क्‍या इनकी ड्यूटी के लिए कोई निर्धारित मानक है या नहीं? जानकारी देवें? (ख) क्या पुलिस आरक्षक को बुनियादी सुविधाएँ एवं उचित वेतनमान का लाभ प्राप्त नहीं है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा पुलिस आरक्षकों का बेसिक पे ₹1900 से बढ़ाकर ₹2400 करने पर विचार किया जा रहा है? यदि हाँ तो जानकारी दें। (ग) क्या IPS अधिकारियों का अपना संगठन है जबकि आरक्षक, प्रधान आरक्षक, सहायक उपनिरीक्षक जैसे छोटे कर्मचारियों का कोई संगठन नहीं है? यदि हाँ, तो क्या शासन इस दिशा में छोटे पुलिस कर्मचारियों को संगठन बनाने का अधिकार देगा, ताकि उनकी समस्याएँ सरकार तक संगठनात्मक रूप से पहुंच सकें? (घ) क्या शासन द्वारा पुलिस आरक्षकों की गृह जिला (होम डिस्ट्रिक्ट) में पदस्थापना की नीति लागू करेगा, जिससे वे अपने परिवार एवं सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुए प्रभावी रूप से कार्य कर सकें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) इस संबंध में पुलिस मुख्यालय अथवा होमगार्ड मुख्यालय से कोई निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। (ख) पुलिस विभाग में आरक्षक को प्रतिमाह प्राप्त होने वाले भत्ते नियमानुसार दिये जा रहे हैं। पुलिस विभाग के आरक्षक को निःशुल्क आवास की पात्रता है तथा वर्तमान में पुलिस विभाग के आरक्षकों को पात्रतानुसार 36568 शासकीय आवास विभिन्न इकाईयों में उपलब्ध है। पुलिस विभाग में आरक्षक की ग्रेड पे रू 1900/- से वृद्धि कर रूपये 2100/- किये जाने का प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग से जानकारी प्राप्त की जा रही है। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

औद्योगिक क्षेत्र की स्‍थापना हेतु जमीन अधिग्रहण

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

139. ( क्र. 1050 ) श्री केशव देसाई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) मालनपुर-घिरोगी औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना से लेकर वर्तमान तक कितनी जमीन का अधिग्रहण किया गया? (ख) अधिग्रहित जमीन का तत्कालीन समय का भूमि का नक्‍शा उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार किन-किन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया? उनका नाम सर्वे नं. सहित उपलब्ध करावें। (घ) उक्त जमीन को किन-किन कंपनियों को आवंटित किया गया? सूची उपलब्ध करावें। (ङ) जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया, उन किसानों को उक्त कंपनियों में स्थायी रोजगार का क्या प्रावधान किया गया है? जानकारी उपलब्‍ध कराएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर घिरोंगी की स्‍थापना हेतु 1187.789 हेक्‍टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया। (ख) एवं (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (घ) औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर घिरोंगी में जिन इकाईयों को भूखण्‍ड आवंटित किया गया है उनकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ड.) भू-अर्जन से प्रभावित परिवारों के सदस्‍यों को उद्योग संचालनालय, मध्‍यप्रदेश शासन भोपाल के पत्र दिनांक 22.03.1993 के प्रावधान अनुसार रोजगार हेतु प्रावधानानुसार रोजगार उपलब्‍ध कराया गया।

सीएसआर फण्‍ड से क्षेत्रीय स्‍तर पर विकास कार्य

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

140. ( क्र. 1063 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या जिला जबलपुर अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित इकाइयों द्वारा पिछले दो वर्षों में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के अंतर्गत कितनी राशि जारी की गई है तथा उसका उपयोग किन कार्यों में किया गया है? यदि हाँ, तो वर्षवार एवं इकाईवार विवरण प्रदान किया जाए।                        (ख) उपरोक्त अवधि में इन इकाइयों द्वारा जबलपुर जिले के स्थानीय क्षेत्रों में कितनी राशि खर्च की गई तथा जबलपुर जिले से बाहर अन्य स्थानों पर कितनी राशि व्यय की गई? (ग) क्या विभाग के पास यह जानकारी उपलब्ध है कि CSR फंड से किए गए कार्यों में स्थानीय शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण सुधार एवं सामुदायिक विकास जैसे विषयों को प्राथमिकता दी गई है या नहीं? (घ) क्या शासन के पास ऐसा कोई स्पष्ट नियम या दिशा-निर्देश है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि जिन औद्योगिक इकाइयों के कारण किसी क्षेत्र में प्रदूषण फैल रहा है, वे अपने CSR फंड का महत्वपूर्ण अंश उसी प्रभावित क्षेत्र में व्यय करने हेतु बाध्य हों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी, हाँ। जिला जबलपुर अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में 4 वृहद संचालित इकाइयों द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार पिछले दो वर्षों में कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्त्व (CSR) के अंतर्गत राशि रू. 678.63 लाख का व्यय विभिन्न कार्यों में किया गया है जिनका इकाईवार एवं वर्षवार विवरण  संलग्‍न  परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इकाइयों द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार उपरोक्त अवधि में संलग्‍न  परिशिष्ट  अनुसार  इकाईयों द्वारा जबलपुर जिले के स्थानीय क्षेत्रों में राशि रू. 8.80 लाख एवं जबलपुर जिले से बाहर अन्य स्थानों पर राशि रू. 669.83 लाख का सीएसआर व्यय किया गया है। (ग) भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 की कंडिका 5 अनुसार कंपनी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्‍तीय वर्षों के दौरान किए गए कंपनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम दो प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व नीति के अनुसरण में खर्च करे। साथ ही, CSR गतिविधियों के चयन एवं कार्यान्वयन में कंपनी को अपने परिचालन स्थलों तथा संबंधित क्षेत्रों को प्राथमिकता प्रदान करना अपेक्षित होगा। CSR में Shelf of project में से कंपनियों को प्रोजेक्‍ट का चयन व व्‍यय करने की स्‍वतंत्रता है। कंपनियों द्वारा CSR फंड से किए गए कार्यों में स्थानीय शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण सुधार एवं सामुदायिक विकास की जानकारी कंपनियों द्वारा कंपनीज अधिनियम 2013 के अनुपालन में कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार को वार्षिक रूप से दी जाती है। कार्पोरेट मामलों का मंत्रालय, भारत सरकार की CSR से संबंधित वेबपोर्टल पर CSR की विस्‍तृत जानकारी प्राप्‍त की जा सकती है। (घ) जी नहीं। शासन के पास ऐसा कोई स्पष्ट नियम या दिशा-निर्देश नहीं है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि जिन औद्योगिक इकाइयों के कारण किसी क्षेत्र में प्रदूषण फैल रहा है, वे अपने CSR फंड का महत्वपूर्ण अंश उसी प्रभावित क्षेत्र में व्यय करने हेतु बाध्य हों।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

एक ही प्‍लेटफार्म में नागरिक सुविधाओं की उपलब्‍धता

[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]

141. ( क्र. 1064 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्या नागरिकों को विभिन्न विभागों की सेवाएं एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराने हेतु बनाई गई नई व्यवस्था का उद्देश्य क्या है और इससे जनता को क्या लाभ प्राप्त होने की अपेक्षा की गई है? इसमें लगभग कितने प्रकार की सेवाएं एक ही प्लेटफार्म पर प्राप्त होने की योजना है? सभी का विस्तृत विवरण देवें। (ख) इस पोर्टल पर प्रारंभिक चरण में किन विभागों की कितनी सेवाओं को शामिल किया गया है तथा आगे इसे विस्तारित करने की क्या रूपरेखा तैयार की गई है? (ग) इस एकीकृत प्लेटफार्म की सुरक्षा एवं विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा कौन-कौन से तकनीकी और प्रशासनिक प्रावधान किए गए हैं? (घ) क्या शासन द्वारा इस डिजिटल परिवर्तन से प्रदेश की ई-गवर्नेंस प्रणाली को राष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ और अग्रणी बनाने हेतु कौन से नवाचार अथवा सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) MPeSeva का मुख्‍य उद्देश्‍य राज्‍य शासन के विभिन्‍न विभागों के सभी नागरिक केन्द्रित सेवाओं को एक ही पोर्टल एवं मोबाइल एप पर केन्‍द्रीकृत रूप से उपलब्‍ध कराना है। वर्तमान में इस प्‍लेटफार्म पर उपलब्‍ध 502 सेवाओं की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार  है। (ख) प्रारंभिक चरण में 26 विभागों की 502 सेवाएं पोर्टल एवं मोबाइल एप में शामिल करते हुए एमपीईसेवा वेब पोर्टल एवं मोबाईल एप प्रांरभ किया गया है। भविष्‍य में इसे विस्‍तारित करते हुए राज्‍य शासन की सभी सेवाओं को इस प्‍लेटफॉर्म के माध्‍यम से जनसामान्‍य को उपलब्‍ध कराए जाने का कार्य प्रगति पर है। (ग) इस एकीकृत प्‍लेटफार्म की सुरक्षा एवं विश्‍वसनीयता सुनिश्चित करने हेतु विभाग की इकाई MPSEDC को उत्‍तरदायित्‍व दिया गया है, जो तकनीकी रूप से CERT-In द्वारा इस कार्य हेतु अधिकृत है। MPSEDC द्वारा उक्‍त पोर्टल नवीनतम तकनीकी प्‍लेटफार्म पर तैयार किया गया है एवं संबंधित प्रशासनिक कार्य निष्‍पादित किए जा रहे है। (घ) डिजिटल परिवर्तन से प्रदेश की ई-गवर्नेंस प्रणाली को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर सुदृढ़ और अग्रणी बनाने हेतु नवाचार अथवा सुधारात्‍मक कदम की जानकारी पुस्‍तकाल में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

जल-जीवन मिशन योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

142. ( क्र. 1078 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित जल जीवन मिशन अंतर्गत जल निगम द्वारा जावरा एवं पिपलोदा तहसील के सम्पूर्ण क्षेत्र में पेयजल की कठिनाई समाप्त करने हेतु कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो पिपलोदा एवं जावरा तहसील अंतर्गत किस प्रकार की कार्ययोजना बनाई जाकर योजना का क्रियान्वयन कब प्रारम्भ होकर कब पूर्ण होगा? इस पर कुल कितना व्यय अनुमानित होकर प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्य किये गये, उन पर कितना व्यय हुआ? (ग) क्‍या जावरा शुगर मिल अंतर्गत बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र में पानी की पूर्ति किये जाने का प्रस्ताव एवं नगर पालिका परिषद् जावरा में पानी की पूर्ति किये जाने का प्रस्ताव शासन/विभाग को प्राप्त हुआ है? (घ) यदि हाँ तो दोनों अत्यंत गंभीर आवश्यक कार्यों में पानी का अभाव होने के कारण अत्यंत ही गंभीर अवस्था होने की स्थिति में क्या इन दोनों प्रस्तावों को स्वीकृति दिए जाने हेतु निर्देश/आदेश दिए गये हैं?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम एवं धार जिले के 802 ग्रामों हेतु स्‍वीकृत माही समूह जल प्रदाय योजना में पिपलोदा एवं जावरा तहसील के ग्रामों को पेयजल प्रदाय किया जाना प्रावधानित है। योजना का कार्य 29 सितम्बर 2023 से प्रारंभ तथा 28 सितम्बर 2026 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। योजना में राशि रू. 1719.00 करोड़ व्यय अनुमानित है एवं योजना में विभिन्न अवयव जैसे इंटेकवेल, रॉ-वॉटर पंपिंगमेन, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, क्‍लीयर वॉटर पंपिंग मेन, डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क एवं ओवरहैड टैंक का निर्माण कार्य किया जा रहा है। समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत राशि रु. 609.46 करोड़ का व्यय हुआ है, तहसीलवार व्यय बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, प्रश्‍नांश अनुसार कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुये हैं। माही समूह जल प्रदाय योजना से नगर पालिका परिषद् जावरा को पेयजल प्रदाय किया जाना प्रावधानित है।                          (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

उद्योग लगाने हेतु भूमि का आवंटन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

143. ( क्र. 1081 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने व्यक्ति/संस्था/फर्म/कम्पनी को उद्योग लगाने हेतु भूमि आवंटन की गई हैं? सूची उपलब्ध करावें। जिन्हें भूमि का आवंटन किया गया है, क्‍या उन व्यक्ति/संस्था द्वारा उद्योग स्थापित किये जा चुके है? यदि नहीं तो विभाग ने प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की? जानकारी दें। (ख) औद्योगिक क्षेत्र अंतर्गत मूलभूत अधोसंरचना के कार्य की क्या स्थिति है? क्या सभी कार्य पूर्ण हो गए हैं? यदि नहीं तो क्या विभाग इन शेष कार्यों को पूर्ण करायेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ग) वर्तमान में कुल कितने प्लांट शेष हैं, जिनका आवंटन बाकी है? सूची मय नक्शा उपलब्‍ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एमपीआईडीसी द्वारा कोई विकसित/अविकसित भूमि आवंटित नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। सूक्ष्‍म लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुर्लासी जिला मंदसौर में कुल रकबा 200.560 हेक्ट. भूमि पर औद्योगिक पार्क विकसित किये जाने हेतु अधोसंरचना विकास कार्य की डीपीआर तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। विभाग के अंतर्गत कोई जगह विकसित नहीं की गई है। सूक्ष्‍म लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी औद्योगिक क्षेत्र में मूलभूत अधोसंरचना कार्य म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा पूर्ण करा दिये गये है, जिसमें विद्युत विभाग से विद्युत उर्जीकरण (लाईन चार्जिंग) का कार्य प्रगति पर है, जिसे आगामी 1 माह में पूर्ण करने का लक्ष्‍य है।                 (ग) उत्‍तरांश () एवं () के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। सूक्ष्‍म लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है।

नवीन शाला एवं छात्रावास भवन निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

144. ( क्र. 1093 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र कुक्षी में ऐसे कितने शाला भवन, छात्रावास एवं आंगनवाड़ी भवन जर्जर अवस्था में जिन्हें 30-40 वर्ष निर्माणाधीन हो चुके हैं और उन्हें डिस्मेंटल करने की आवश्यकता है सूची सहित विवरण दें। (ख) नवीन भवन निर्माण हेतु कितने भवनों के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं? (ग) स्वीकृत भवनों के निर्माण हेतु राशि कितनी है तथा कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) क्या शेष जर्जर भवनों के स्थान पर भी नवीन भवन निर्माण की कोई आगामी योजना है? यदि हाँ, तो उसकी समयावधि क्या है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कुक्षी में 45 शाला भवन एवं 47 आंगनवाड़ी भवन 30-40 वर्ष पुराने बने है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) नवीन शाला भवन एवं छात्रावास हेतु जानकारी आदिम जाति कल्‍याण विभाग, सर्व शिक्षा अभियान और शिक्षा विभाग से प्राप्‍त की जा रही है। 215 आंगनवाड़ी भवन के प्रस्‍ताव तैयार किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र कुक्षी में स्‍वीकृत भवनों हेतु राशि रूपये 848.97 लाख स्‍वीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण वित्‍तीय संसाधनों पर निर्भर है। अत: उपलब्‍ध संसाधनों के तहत निर्माण की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरणों की जानकारी

[गृह]

145. ( क्र. 1097 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) दिसम्‍बर 2023 के बाद से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के विभिन्‍न थाना चौकियों में पराली जलाने के कारण किसानों के ऊपर कहां-कहां कितने पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं जिलेवार एवं थानावार जानकारी प्रदान करें। (ख) दिसम्‍बर 2023 के बाद से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के विभिन्‍न थाना चौकियों में यूरिया डीएपी एवं खाद की कमी को लेकर किए गए धरना, प्रदर्शन, आंदोलन, चक्‍काजाम को लेकर पु‍लिस द्वारा कितने पुलिस प्रकरण प्रदेश वासियों पर पंजीबद्ध किए गए हैं जिलेवार एवं थानावार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रदेश में दिसम्‍बर 2023 के बाद से प्रश्‍न दिनांक तक पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर हत्‍या, चोरी, डकैती, बलात्‍कार, मारपीट, अमानत में खयानत, अभिरक्षा में मृत्‍यु सभी संज्ञेय एवं असंज्ञेय दर्ज अपराधों की जानकारी जिलेवार एवं थानावार उपलब्‍ध कराएं। (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) में दर्शित इन सभी अपराधों की प्रथम सूचना रिपोर्ट की कॉपी भी उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (पेन ड्राईव) (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (पेन ड्राईव) (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (पेन ड्राईव) (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

नियमों के तहत सामग्री का क्रय नहीं किया जाना

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

146. ( क्र. 1348 ) श्री गौरव सिंह पारधी : क्या राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कत्तिनो एवं हथकरघा बुनकरों को निरंतर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासकीय विभागों में वस्त्रों के क्रय में म.प्र. शासन भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम क्र. (25) के परिशिष्ट (अ) में उल्लेखित वस्‍त्र सामग्री क्रय हेतु आरक्षण प्रदान किया गया है जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रदेश के अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में 05 वर्षों से वित्तीय वर्ष 2021-22 से अक्टूबर 2025-26 में क्रय वस्‍त्र सामग्री का विवरण बिलों की छायाप्रति सहित उपलब्ध कराया जावें। यदि आरक्षित वस्तुओं का क्रय जैम या अन्य से किया जा रहा है तो मंत्रिपरिषद की स्वीकृति की छायाप्रति संलग्न कर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जावे।

राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जी हाँ। मध्‍य प्रदेश शासन, सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग के पत्र क्रमांक एफ 9-20/2021/अ-73 भोपाल दिनांक 13/1/2023 से जारी म.प्र. भण्‍डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित-2022) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है।

कटनी में अवैधानिक रेत उत्‍खनन

[खनिज साधन]

147. ( क्र. 1361 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) कटनी जिले में किस नाम, पदनाम के कौन-कौन विभागीय शासकीय सेवक विगत 03 वर्षों में किन-किन विकासखंडों/स्थानों में कब से वर्तमान में पदस्थ कार्यरत हैं? इनके क्या कार्य और कर्तव्य नियत हैं? प्रश्‍नांकित अवधि में पदस्थ/कार्यरत शासकीय सेवकों द्वारा कार्यक्षेत्र में किए गए दौरे एवं खदानों के निरीक्षण का विवरण बताइये। (ख) बड़वारा विधानसभा में रेत खनन हेतु किन-किन स्थानों में किन खसरा नंबरों पर कितने-कितने क्षेत्रफल की कौन-कौन सी खदानें वर्तमान में स्वीकृत हैं, इन खदानों के निरीक्षण किस प्रकार और किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा किया जाना नियत हैं? विगत 03 वर्षों में संबंधित नाम/पदनाम के शासकीय सेवकों द्वारा किए गए निरीक्षण प्रतिवेदनों से अवगत कराएं। (ग) क्या विकासखंड-ढ़ीमरखेड़ा में नालों/नदियों से अवैधानिक तरीके से रेत का उत्खनन होना संबंधित शासकीय सेवकों एवं विभागों को ज्ञात हैं? हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक की गयी कार्यवाहियां प्रकरणवार बताएं? (घ) क्या विकासखंड-ढीमरखेड़ा में खुलेआम हो रहे रेत के अवैध खनन को रोकने संबंधितों द्वारा कोई कार्यवाही की जायेंगी? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तों क्यों? जबकि क्षेत्र में अवैध रेत खनन पर हिंसक घटनाएं हो रही हैं और कानून व्यवस्था के उल्लंघन की स्थिति निर्मित है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत 03 वर्षों से पदस्थ एवं कार्यरत शासकीय सेवको एवं उनके नियत कार्यों एवं कर्तव्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। प्रश्‍नांकित अवधि में कार्यक्षेत्र में किए गए दौरे एवं खदानों के निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ख) बड़वारा विधानसभा अंतर्गत स्वीकृत घोषित रेत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" अनुसार  है। इन खदानों का निरीक्षण मुख्य रूप से खनिज निगम एवं खनिज कार्यालय में पदस्थ खनि निरीक्षकों द्वारा खदान स्थलों में जाकर किया जाना नियत है। विगत तीन वर्षों में शासकीय सेवकों द्वारा किए गए निरीक्षण प्रतिवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"द" अनुसार है। (ग) विकासखंड-ढीमरखेड़ा में नालों/नदियों में रेत खदाने स्वीकृत है। अवैध रेत उत्खनन की सूचना प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाहियाँ की जाती है। प्रकरणवार कार्यवाहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ई" अनुसार है।                           (घ) स्वीकृत रेत के अन्यत्र उत्खनन संबंधी सूचना पर जिले में गठित टास्क फोर्स कमेटी द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाहियाँ की जा रही है। क्षेत्र में अवैध रेत खनन संबंधी हिंसक घटना एवं कानून व्यवस्था के उल्लंघन संबंधी मामला प्रकाश में नहीं आया है।

वनमंडल बालाघाट अंतर्गत विकास कार्यों की जानकारी

[वन]

148. ( क्र. 1364 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय उत्‍तर सामान्‍य वनमंडल बालाघाट के अनुविभाग अंतर्गत विगत 3 वित्तीय वर्षों में किस-किस (निर्माण/सप्लाई/अतिरिक्त) कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि, किस-किस दिनांक को शासन/प्रशासन द्वारा प्रशासकीय स्वीकृत की गई? जानकारी उपलब्ध कराए। (ख) उक्त समस्त कार्यों में कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने कार्य अपूर्ण हैं एवं कितने कार्य चलित अवस्था में हैं? जानकारी दें। (ग) उक्त समस्त कार्यों में किस-किस कार्य एजेंसी को किस-किस दिनांक में कितनी-कितनी राशि का भुगतान नगद/चैक/ड्राफ्ट/आर.टी.जी.एस. या अन्य माध्यम से किया गया है? सूचीबद्ध समस्त कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराए। (घ) उक्त कार्यों में प्रशासन की स्वीकृति हेतु विभाग के प्रस्ताव कार्ययोजनाओं सहित निविदाओं की प्रक्रिया की सत्य प्रतिलिपि समाचार पत्रों के साथ तथा आवश्यक दस्तावेज जिनमें प्रमुख रूप से वर्क आर्डर भी शामिल है? जानकारी उपलब्ध कराए।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) उत्तर बालाघाट सामान्य वनमंडल अंतर्गत प्रश्‍नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है।

मर्ग क्र. 43/25 पर कार्यवाही

[गृह]

149. ( क्र. 1365 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना देहात जिला सतना मैहर में दर्ज मर्ग क्र. 43/25 पर प्रश्‍नांश दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? उक्त थाने में दर्ज मर्ग क्र. 43/25 पर मृतक की पी.एम. रिपोर्ट में हत्या की वजह क्या थी? (ख) मृतक स्व. रामजी पाठक पिता विष्णु पाठक की हत्या में दोषी कौन-कौन है? उक्त घटना में शामिल लोगों की गिरफ्तारी प्रश्‍नांश दिनांक तक क्यों नहीं की गई कारण स्पष्ट करें? (ग) स्व. रामजी पाठक की हत्या में शामिल आरोपियों को कब तक गिरफ्तार किया जाएगा? अभी तक आरोपियों को किसके दबाव में गिरफ्तार नहीं किया गया? गिरफ्तारी में देरी का कारण क्या है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) थाना देहात जिला मैहर में दर्ज मर्ग क्र. 43/25 धारा 194 बीएनएसएस की जाँच उपरान्त दिनांक 02.09.2025 को अप. क्र. 285/25 धारा 103 (1), 238 (ए) बीएनएस का पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना की जा रही है। थाने पर दर्ज मर्ग क्र. 43/25 में मृतक की पी.एम. रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा हत्या की वजह नहीं लिखी अपितु मृतक की मृत्यु का कारण लिखा है जो निम्न है। " in our opinion Cause of death is Antemartem Head injury leads to Haemorrhagic Shock which leads to Cardiorespiratory Failure". (ख) एवं (ग) मृतक रामजी पाठक निवासी चोरहटा थाना रामपुर बाघेलान जिला सतना (म.प्र) की हत्या के संबंध में अज्ञात आरोपी के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण विवेचना में है, साक्ष्य संकलन की कार्यवाही जारी है। प्रकरण में आगामी विवेचना उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपियों की पहचान तथा गिरफ्तारी के संदर्भ में निर्णय लिया जाता है।

सतना विधानसभा से विकास कार्यों के प्रस्‍ताव

[वित्त]

150. ( क्र. 1366 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वित्त विभाग भोपाल द्वारा जिला सांख्यिकी विभाग के माध्यम से सतना जिले की रामपुर बघेलान, चित्रकूट, नागौद, रैगांव विधानसभा के विधायकों से 15-15 करोड़ के कार्यों का प्रस्ताव मंगाया गया है? यदि हाँ तो सतना विधानसभा से एक भी कार्यों का प्रस्ताव क्‍यों नहीं मंगाया गया कारण स्पष्ट करें? क्या सतना जिले की अन्य विधानसभाओं की भांति सतना विधानसभा को भी 15 करोड़ के विकास कार्यों का प्रस्ताव लिया जाएगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ख) सतना जिले की रैगांव, नागौद, चित्रकूट और रामपुर बघेलान विधानसभा से जिला योजना और सांख्यिकी विभाग के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2025-26 में कौन-कौन से कार्यों का प्रस्ताव वित्त विभाग द्वारा लिये गये है सूची उपलब्ध कराएं।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी, नहीं। (ख) शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनियमितता की शिकायतों की जांच

[वन]

151. ( क्र. 1434 ) श्री हजारीलाल दांगी : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री मोहन सोनगिरा कार्यवाहक उप वनक्षेत्रपाल को अपनी मूल पदस्‍थापना डि‍पो के स्‍थान पर उड़नदस्‍ता राजगढ़ में किस नियम के तहत पदस्‍थ किया गया? क्‍या इनकी अवैध वसूली की शिकायतें प्राप्‍त हुई थी? यदि हाँ तो इनको उड़नदस्‍ता से क्‍यों नहीं हटाया गया? (ख) श्री मोहन सोनगिरा के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई, उन शिकायतों को कब और क्‍या निराकरण किया, जांच प्रतिवेदन एवं निराकरण से संबंधित समस्‍त दस्‍तावेजों की प्रतिलिपि उपलब्‍ध करायें।                                      (ग) श्री मोहन सोनगिरा के विरूद्ध सीएम मॉनिट शिकायत 2190/CMS/MLA/163/25 दिनांक 08.04.2025 प्रचलित है, क्‍या इस प्रकार की उच्‍च स्‍तरीय शिकायत पर त्‍वरित कार्यवाही क्‍यों नहीं की जा रही है? कारण बतायें। इस शिकायत में विगत 7 माह में क्‍या-क्‍या जांच एवं कार्यवाही हुईजांच से संबंधित जानकारी उपलब्‍ध करावें। क्‍या जांच में संबंधित को दोषी पाया गया है? यदि हाँ तो संबंधित के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई समस्‍त दस्‍तावेज उपलब्‍ध करावें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍या कार्यवाही की जायेगी और कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतायें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) श्री मोहन सिंह सोनगिरा कार्यवाहक उप वनक्षेत्रपाल को स्‍थानांतरण नीति 2023 के तहत माननीय प्रभारी मंत्री जी से प्राप्‍त अनुमोदन उपरांत वन मण्‍डल कार्यालय राजगढ़ के आदेश क्रमांक/स्‍था/2023/59, दिनांक 07/07/2023 द्वारा विशेष कर्त्तव्‍य, परिक्षेत्र राजगढ़ में पदस्‍थ किया गया था। विभागीय मेन्‍युअल 2018 भाग-1 की कंडिका 2.4.11 के अनुसार उप वनक्षेत्रपाल/वनपाल/से वन सुरक्षा/वन अपराधों पर नियंत्रण एवं उनकी विवेचना तथा परिक्षेत्राधिकारी द्वारा सौंपे गये अन्‍य कार्य लिये जाते हैं। श्री सोनगिरा विशेष कर्त्तव्‍य होने के कारण श्री सोनगिरा को डिपो का प्रभार दिया गया तथा उड़नदस्ता दल में सदस्य के रूप में लगाया गया जिसके लिये वनमण्डलाधिकारी स्वयं सक्षम है। जी हाँ। शिकायत की जांच प्रतिवेदन के आधार पर वनमंडलाधिकारी राजगढ़ सामान्य वनमण्डल के आदेश क्रमांक/स्था./158 दिनांक 13.11.2025 से श्री सोनगिरा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उड़नदस्ता दल से हटाकर इनका मुख्यालय वन परिक्षेत्र कार्यालय वन्यप्राणी अभ्यारण्य नरसिंहगढ़ किया गया है। (ख) श्री मोहन सोनगिरा के विरुद्ध 03 शिकायतें प्राप्त हुई थी। प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। प्रतिवेदन एवं निराकरण से संबंधित अभिलेख  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''2'' अनुसार है। (ग) श्री मोहन सोनगिरा के विरुद्ध सी.एम.मॉनिट शिकायत 2190/सी.एम.एस./एम.एल.ए./163/25 दिनांक 08.04.2025 प्राप्त होने पर उसकी विधिवत जांच उप वन मण्डलाधिकारी, राजगढ़ से कराई गई। जांच प्रतिवेदन के आधार पर श्री मोहन सोनगिरा को दोषी पाये जाने पर श्री सोनगिरा, कार्यवाहक उप वन क्षेत्रपाल को वन मण्डलाधिकारी राजगढ़ के आदेश क्रमांक/स्था./2025/158 दिनांक 13.11.2025 से निलंबित किया जाकर उड़नदस्ता दल से हटाया जाकर उनका मुख्यालय वन परिक्षेत्र कार्यालय वन्यप्राणी अभ्यारण्य नरसिंहगढ़ किया गया है। मुख्य वन संरक्षक भोपाल के पत्र क्रमांक 6592 दिनांक 11.11.2025 से शिकायत जांच हेतु वन मण्डलाधिकारी सामान्य वन मण्डल राजगढ़ को प्रेषित की गई थी। संबंधित के विरूद्ध की गई कार्यवाही के प्रतिवेदन एवं निराकरण से संबंधित अभिलेख उत्‍तरांश (ख) के पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-''2'' अनुसार है।

आरा मशीन संचालन की शिकायतें

[वन]

152. ( क्र. 1435 ) श्री हजारीलाल दांगी : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर अंतर्गत कितनी आरा मशीन संचालित है, मशीनवार, संचालकवार सूची उपलब्‍ध कराये? वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन आरा मशीनों का कब-कब निरीक्षण किया गया, कितनी मशीनें सील की गई, सील मशीनों का निराकरण कैसे किया गया, सील आरा मशीन संचालकों से कितनी राशि वसूल की गई, जानकारी वर्षवार, मशीनवार पृथक-पृथक उपलब्‍ध कराये? (ख) क्‍या विधानसभा खिलचीपुर अंतर्गत विभाग द्वारा किन-किन आरा मशीनों पर लकड़ि‍यां व लकड़ि‍यों की ट्रेक्‍टर-ट्रालियां एवं किन-किन किसानों की लकड़ी परिवहन करते हुये ट्रेक्‍टर-ट्रालियां जब्‍त की गई है? जब्‍त वाहनों में लकड़‍ियां घरेलू उपयोग के लिये चिरान की थी या प्रतिबंधित लकड़‍ियां थी, जब्‍त वाहनों व आरा मशीनों के मालिकों से कितनी-कितनी राशि जमा करायी गई एवं कितनी राशि की रसीद प्रदान की गई, पृथक-पृथक जानकारी व दस्‍तावेज उपलब्‍ध करायें? (ग) क्‍या आरा मशीन सील, लकड़ी जब्‍ती, वाहन जब्‍ती के संबंध में उड़नदस्‍ता या विभाग द्वारा कोई अनुचित या द्वेषतापूर्वक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्‍या जांच में कोई कर्मचारी दोषी पाया गया है एवं उसके विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई है? यदि नहीं की गई तो क्‍यों? क्‍या कार्यवाही और कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतायें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वनमंडल राजगढ़ अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर अंतर्गत 29 आरा मशीनें संचालित हैं। मशीनवार, संचालकवार सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार  है। वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक आरा मशीन निरीक्षण संबंधी  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार  है। निरीक्षण के दौरान आरा मशीनों पर अनियमितता पाये जाने पर उन्हें सील किये जाने, निराकरण संबंधी, अर्थदण्ड के रूप में वसूल की गई राशि की वर्षवार, मशीनवार  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार  है। (ख) जी हाँ। विधान सभा खिलचीपुर अंतर्गत आरा मशीनों पर अवैध संग्रहित लकड़ियों को जप्त कर विधिवत् कार्यवाही की गई। साथ ही अवैध लकड़ी परिवहन करते हुये ट्रेक्टर-ट्रालियों को जप्त कर नियमानुसार कार्यवाही की गई है, जिसकी विस्तृत  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''4'' अनुसार है। समस्त प्रकरणों में बिना टी.पी./सक्षम कार्यालय की कटाई अनुमति नहीं होने तथा अवैध रूप से काष्ठ के अवैध संग्रहण/अवैध परिवहन किये जाने के कारण प्रकरण दर्ज किये जाकर कार्यवाही की गई है। जप्त वाहनों एवं आरा मशीन मालिकों से जमा कराई गई अर्थदण्ड की राशि संबंधित से चालान के माध्यम से जमा कराई जाती है। चालान की छायाप्रतियां  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-''5'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभाग के कर्मचारियों द्वारा कोई अनुचित या द्वेषतापूर्वक कार्यवाही नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

हत्‍या के प्रकरणों की जानकारी

[गृह]

153. ( क्र. 1495 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) अनु. जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम अन्तर्गत ग्वालियर एवं चम्बल संभाग में दर्ज जनवरी 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक हत्या के प्रकरणों की सूची मय पते सहित बतायें। (ख) क्या पीड़ित परिवारों को संदत्त अनुतोष की रकम के अतिरिक्त अनुतोष का अत्याचार की तारीख से तीन माह के भीतर आश्रित परिवार को पांच हजार मूल पेंशन के साथ अनुज्ञेय महंगाई भत्ता दिया गया है? यदि हाँ तो प्रकरणवार जानकारी दें। यदि नहीं तो कौन जिम्मेदार है? (ग) इसी योजना के तहत पीड़ित परिवार को पुनर्वास योजनान्तर्गत दिये गये प्रावधान अनुसार क्या-क्या सुविधायें दी गई? प्रकरणवार बतायें। यदि नहीं दी गई तो कौन जिम्मेदार है? (घ) शीतकालीन सत्र 2024 तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1720 एवं वर्षाकालीन सत्र 2025 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 657 में भी उक्त बिन्दुओं की जानकारी मांगी गई लेकिन सभी उत्तरों के हत्या के प्रकरणों में राहत राशि के अतिरिक्त अनुतोष एवं पुनर्वास की कोई सुविधा नहीं दिये जाने का उल्लेख है, ऐसा क्यों? क्‍या एक्ट में प्रावधानिक सुविधायें देने के लिए शासन इच्छुक नहीं है? यदि है तो संबंधित अधिकारियों को कब तक आदेशित किया जाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिलेवार जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जी हाँ । गुना जिले द्वारा जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-'''' अनुसार है। मूल पेंशन के साथ अनुज्ञेय महंगाई भत्ता दिया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-'''' अनुसार है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) अधिनियम के प्रावधानों के तहत गठित जिला राहत समिति द्वारा प्रावधानों के तहत पात्रता अनुसार परीक्षण उपरांत कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। अधिनियम के तहत योजना नियम 2016 में उल्लेखित प्रावधानों का पालन करने  हेतु समस्त जिला कलेक्टरों को पुनः निर्देश जारी किये गये है।

 

 


 


भाग-3

अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


सांसद/विधायक निधी के निर्माण कार्य

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

1. ( क्र. 33 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला नर्मदापुरम के अन्‍तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में विधायक निधी के कार्य स्‍वीकृत हुये हैं यदि हाँ तो 01 अप्रैल 2024 से आज दिनांक तक कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत हुये हैं? (ख) क्‍या लम्‍बी अवधि व्‍यतीत हो जाने के बाद भी कार्य अप्रारंभ/अपूर्ण हैं, यदि हाँ तो इसका क्‍या कारण हैं, कार्यवार कारण सहित सूची प्रदान करें। (ग) क्‍या ऐजेंसी को जनपद स्‍तर से कार्य पूर्ण करने हेतु एवं मूल्‍यांकन के उपरांत भी राशि समय से प्राप्‍त न होने के कारण कार्य अप्रारंभ एवं अपूर्ण हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) का उत्‍तर यदि हाँ में है तो इसके लिये कौन उत्‍तरदायी हैं, क्‍या उत्‍तरदायित्‍व का निर्धारण किया जावेगा, यदि नहीं तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों के लिए संबंधित निर्माण एजेंसी उत्‍तरदायी है। जी हाँ।

घोड़ाडोंगरी डिपो की भूमि की जानकारी

[वन]

2. ( क्र. 40 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) उत्तर वन मंडल बैतूल के घोड़ाडोंगरी डिपो हेतु किस आदिवासी के किस खसरा क्रमांक के कितने रकबे को कितना भुगतान कर किस दिनांक को रजिस्ट्री करवाई गई, किस दिनांक को पारित अवार्ड के अनुसार किस दिनांक को कितना भुगतान कर भूमि अर्जित की गई? (ख) चैनसा आदिवासी की भूमि के संबंध में बैतूल न्यायालय ने वर्ष 2022 में उसके वंशज घिसी के प्रकरण में किस दिनांक को क्या आदेश दिया, न्यायालय ने किस दिनांक को घिसी को भूमि का कब्जा दिलवाया? (ग) घोड़ाडोंगरी डिपो की भूमि के विवाद को लेकर गत छः माह में सी.सी.एफ. सुश्री वासु कनौजिया, पी.सी.सी.एफ. श्री असीम श्रीवास्तव एवं श्री मनोज अग्रवाल को किस-किस के पत्र, सूचना पत्र किस दिनांक को प्राप्त हुए उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) उत्तर बैतूल (सा.) वनमंडल के अंतर्गत उपलब्ध अभिलेखों अनुसार घोड़ाडोंगरी डिपो हेतु रजिस्ट्री की जानकारी एवं पारित अवार्ड के अनुसार भुगतान कर अर्जित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) चैनसा आदिवासी की भूमि के संबंध में माननीय न्यायालय तृतीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड बैतूल ने वर्ष 2022 में दिनांक 19.12.2022 को पारित आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। माननीय न्यायालय तृतीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड बैतूल ने दिनांक 11.10.2025 को प्रतिवादी क्रमांक 2 से 5 की अनुपस्थिति में वादी घिसी इवने को भूमि का एकपक्षीय कब्जा दिलवाया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।

आयोजन व्यय, निवेश एवं विदेशी यात्राओं का लेखा-जोखा

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

3. ( क्र. 55 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2024 से नवंबर 2025 तक औद्योगिक निवेश और उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए देश विदेश में किस-किस प्रकार के आयोजन किस-किस शहर में किस दिनांक से किस दिनांक तक किए गए? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित आयोजन अनुसार बताएं कि उसमें किस-किस विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि, किस आयोजन मद के तहत व्यय की गई तथा किस-किस आयोजन के विज्ञापन पर कुल कितना-कितना खर्च हुआ तथा उसके लिए किस-किस मीडिया हाउस को कितना-कितना भुगतान किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित आयोजन अनुसार बतावे कि किस-किस आयोजन में कितने-कितने उद्योगपति शामिल हुए, प्रत्येक आयोजन में शामिल प्रमुख 25 उद्योगपति के नाम, उद्योग में उनका पद, उनके उद्योग का नाम की सूची देवे। (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित किस-किस आयोजन में किस-किस औद्योगिक संस्थान के, किस पदनाम के प्रतिनिधि द्वारा, कितनी राशि के निवेश और रोजगार का प्रस्ताव प्राप्त हुआ? प्रत्येक प्रस्ताव पर आज दिनांक तक की, प्रगति की जानकारी देवें। (ड.) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अवधि में विदेश में आयोजित निवेश आयोजन के लिए शासकीय खर्चे से गए मुख्यमंत्री के अलावा, मंत्री, उद्योगपति, अधिकारी, पत्रकार एवं अन्य की सूची, उनके पद सहित प्रदान करें तथा इस संदर्भ में बनाए गए नोटशीट की समस्त प्रतिलिपियां देवे।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जनवरी 2024 से नवंबर 2025 तक औद्योगिक निवेश और उद्योगों को प्रोत्‍साहन देने के लिए देश-विदेश में आयोजित कार्यक्रमों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों पर हुए व्‍यय का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में समाहित है। आयोजित कार्यक्रमों के विज्ञापन पर खर्च की जानकारी जनसम्‍पर्क विभाग से संबंधित है।                                        (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विभाग अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों में उद्योगपतियों का उपस्थिति पत्रक संधारित नहीं किया जाता है तथापि आयोजन में सम्मिलित प्रतिभागियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में समाहित है एवं शामिल प्रमुख उद्योगपतियों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में समाहित है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जनवरी 2024 से नवंबर 2025 तक औद्योगिक निवेश और उद्योगों को प्रोत्‍साहन देने के लिए देश विदेश में आयोजित कार्यक्रमों में विभाग अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में प्राप्‍त निवेश प्रस्‍ताव तथा प्रगति की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ड.) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विदेश में आयोजित इंटरेक्टिव सत्रों में शासकीय खर्चे से गये मुख्‍यमंत्री के अलावा सम्मिलित दल की सूची पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।

 

संरक्षित वन की अधिसूचना

[वन]

4. ( क्र. 80 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) क्या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 758 दिनांक 5 जुलाई 2024 में संरक्षित वन की दिनांक 18/11/1949, दिनांक 01/03/1955 एवं दिनांक 01/08/1958 की अधिसूचना की जानकारी दी जाकर होशंगाबाद, खण्डवा, भोपाल, सीहोर, रायसेन, छिन्दवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला जिले के लिए संरक्षित वन की प्रकाशित अधिसूचना की जानकारी वन मुख्यालय ने सदन के पटल पर प्रस्तुत नहीं की। (ख) वन मुख्यालय की वर्किंग प्लान शाखा एवं वन भू-अभिलेख शाखा में 1949 से 1958 तक किस-किस दिनांक को किस-किस जिले के कितने राजस्व ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि को संरक्षित वन अधिसूचित करने की अधिसूचना उपलब्ध है इन अधिसूचनाओं की जानकारी प्रश्‍न क्रमांक 758 के उत्तर में पटल पर प्रस्तुत नहीं करने का क्या कारण है? (ग) किस जिले की संरक्षित वन अधिसूचित भूमि राजस्व अभिलेखों में किस-किस सार्वजनिक, निस्तारी प्रयोजन के लिए किस-किस जंगल मद, गैर जंगल मद में दर्ज जमीन है इनमें से कितनी भूमियों को आरक्षित वन बनाने की जांच लम्बित है।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन मुख्‍यालय वन भवन भोपाल में उपलब्‍ध अधिसूचनाओं की जानकारी चाही गई थी, तदानुसार मुख्‍यालय में उपलब्‍ध अधिसूचनायें पटल पर प्रस्‍तुत की गई थी। जिलों की शेष अधिसूचनाएं वनमण्‍डल कार्यालयों से प्राप्‍त की गई हैं।                                   (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। शेष उत्‍तरांश अनुसार। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29 के तहत मध्‍यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित होने के उपरान्‍त अधिसूचित संरक्षित वनों में भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा-1 (2) के अनुसार भू-राजस्‍व संहिता 1959 के अन्‍य प्रावधान लागू नहीं होते है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।

प्रदेश में शरणार्थी वीजा पर निवासरत नागरिक

[गृह]

5. ( क्र. 94 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने नागरिक शरणार्थी वीजा पर रह रहे हैं? शरणार्थी वीजा कितने समय के लिए वैध रहता है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित नागरिकों की जानकारी देते हुए बतावें कि ये किस देश के नागरिक हैं और कब से प्रदेश में रह रहे हैं? (ग) इनमें से कौन-कौन से ऐसे नागरिक हैं जिन्‍होंने प्रदेश में निवासी होने के राशनकार्ड, आधार, मतदाता परिचय पत्र बनवा लिये हैं? (घ) निर्धारित वीजा सीमा से अधिक समय तक रहने वाले नागरिकों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी निरंक है।

 

 

 

माइक्रोफाइनेंस कम्‍पनियों द्वारा ऋण प्रदाय

[वित्त]

6. ( क्र. 95 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिले के नर्मदापुरम/इटारसी तहसील में कितनी माइक्रोफाइनेंस कंपनियां कार्यरत हैजो महिला समूहों को वित्तीय सहायता/ऋण देती है? (ख) उक्त समूहों द्वारा न्यूनतम एवं अधिकतम कितना ऋण, किस ब्याज दर से, कितने समय हेतु दिया जाता है? (ग) विगत तीन वर्षों में दोनों तहसीलों में पृथक-पृथक कितना ऋण समूहों को दिया गया?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 246 के सातवें शिड्यूल की सूची क्रमांक एक के अनुक्रमांक 45 अनुसार "बैंकिंग" संघ सूची का विषय है तथा राज्‍यों की समवर्ती सूची का विषय नहीं है। राष्‍ट्रीयकृत/व्‍यावसायिक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक राज्‍य शासन के नियंत्रणाधीन न होकर केन्‍द्र सरकार/भारतीय रिजर्व बैंक के नियंत्रणाधीन कार्यरत होती है। राज्‍य सरकार का बैंकों पर कोई संवैधानिक या विधिक नियंत्रण नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश "क'' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शस्त्र लाइसेंस की जानकारी

[गृह]

7. ( क्र. 96 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में पिछले छ: माह में कितने नवीन शस्त्र लाइसेंस जारी किये गए हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर विधानसभा चाचौड़ा अंतर्गत कितने नवीन लाइसेंस जारी किए गए हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) गुना जिले में कुल 42 नवीन शस्त्र लायसेंस जारी किये गये है। (ख) विधानसभा चांचौड़ा अंतर्गत कुल 09 नवीन शस्त्र लायसेंस जारी किये गये है।

आवेदकों/फरियादियों की जाति पूछकर कार्य करना

[गृह]

8. ( क्र. 97 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्तमान पुलिस अधीक्षक, गुना आवेदकों/फरियादियों की जाति पूछ कर काम करते हैं? क्या यह सीधा-सीधा संविधान के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन नहीं है? यदि है, तो इस आधार पर पुलिस अधीक्षक गुना पर कोई कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ तो क्या और यदि नहीं तो क्यों नहीं?                                       (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा पिछले छ: माह में SP गुना को जो पत्र भेजे गए हैं? पत्रों की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाते हुए उन पत्रों पर इनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक को प्रेषित पत्र क्रमांक 886/2025 दिनांक 16/10/2025 पर की गई आवश्यक कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है? (घ) एक जनप्रतिनिधि द्वारा क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण  एवं अपराधों पर त्वरित कार्यवाही के लिए कहा जाता है तब पुलिस अधीक्षक गुना द्वारा लापरवाही की जाती है l क्या यह एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के सम्मान एवं छवि को धूमिल करने वाला कृत्य नहीं है? यदि है, तो इन पर कार्यवाही के लिए क्या प्रावधान है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। समस्त शिकायतों/आवेदनों पर त्वरित रूप से विधि अनुसार नियमों का पालन करते हुए कार्यवाही की जाती है। पुलिस अधीक्षक, गुना के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन नहीं किये जाने से उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही संस्थित नहीं होती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नकर्ता ‌द्वारा पुलिस अधीक्षक गुना को पत्र क्रमांक 886/25 दिनांक 16.10.25 प्रेषित किया गया था, जिसमें जून 2025 से आज दिनांक तक उनके द्वारा पुलिस अधीक्षक को प्रेषित पत्रों के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी चाही गई थी। माननीय विधायक के द्वारा पत्र क्रमांक 886/25 दिनांक 24.10.25 प्रेषित किया गया था, जिसके संबंध में उन्हें पत्र क्रमांक 886ए/2025 दिनांक 07.11.25 दवारा अवगत कराया गया है। (घ) जी नहीं। ऐसा नहीं है, कि जन प्रतिनिधि द्वारा क्षेत्र की समस्यायों के निराकरण एवं अपराधों पर त्वरित कार्यवाही के लिये कहा जाता है तब पुलिस अधीक्षक गुना द्वारा लापरवाही की जाती है। किसी भी निर्वाचित जनप्रतिनिधि द्वारा समस्याओं के निराकरण एवं अपराधों पर त्वरित तत्परतापूर्वक विचारण करते हुए नियमानुसार विधि अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। पुलिस अधीक्षक गुना की किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होने से उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही संस्थित करने का कारण परिलक्षित नहीं होता।

प्रोटोकॉल व्‍यवस्‍था की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

9. ( क्र. 138 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) दिनांक 01/12/2024 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नकर्ता द्वारा हरदा जिले के वन विभाग सहित विभिन्न विभागों को प्रेषित किये गये पत्रों का जवाब, विभाग द्वारा किस-किस पत्रों के माध्यम से प्रेषित किया गया है, पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें? यदि पत्रों का जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है, तो क्यों? कारण सहित बतावें। (ख) शासन द्वारा प्रोटोकॉल के संबंध में जारी नियमों एवं निर्देशों पर कलेक्टर जिला हरदा एवं अन्य विभाग प्रमुखों द्वारा क्या पत्र जारी किये गये है इनकी प्रतियां भी उपलब्ध करावे। प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों का जवाब प्रस्तुत न किया जाकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किये जाने पर जिलाधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) विभिन्न शासकीय कार्यक्रमों में निजी व्यक्ति अथवा पूर्व जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किये जाने, उनका नाम लोकार्पण, भूमिपूजन की शिलान्यास में दिये जाने, वरिष्ठता निर्धारित किये जाने के क्या नियम एवं प्रोटोकॉल है? प्रति उपलब्ध करावें। (घ) जिला हरदा में माननीय मुख्यमंत्री महोदय के दिनांक 29.09.2025 कार्यक्रम के दौरान कार्यों के लोकार्पण के शिलान्यास पर पूर्व विधायक का नाम किस आधार पर, किस नियम के तहत, किन-किन पत्थरों पर अंकित किया गया है, इन्हें किसके निर्देशन में तैयार कराया गया? शासन राशि से स्वीकृत कार्यों पर किसी गैर संवैधानिक, अवैधानिक पद पर पदस्थ, निजी व्यक्ति का नाम अंकित कराये जाने के क्या प्रावधान है? यदि हैं तो प्रतियाँ उपलब्ध करावें। यदि नहीं है तो ऐसे कृत्यों के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टअ अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टस एवं  '' अनुसार है। (घ) माननीय मुख्‍यमंत्री जी के दिनांक 29/09/2025 को कार्यक्रम के दौरान भूमिपूजन/लोकार्पण के शिलालेख पर अतिथियों के नाम अंकित करने हेतु शासन निर्देशों का पालन किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रताड़ना प्रकरण पर आवश्यक कार्यवाही

[गृह]

10. ( क्र. 142 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा के ग्राम कुलम्बे तह. चाचौड़ा निवासी श्री चंदनसिंह गुर्जर (वर्तमान में मृतक) को निवर्तमान प्रधान आरक्षक सुरेन्द्र भील एवं निवर्तमान थाना प्रभारी चाचौड़ा प्रमोद साहू द्वारा प्रताड़ित करने सम्बन्धी प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 840/2025 दिनांक 19/09/2025 के माध्यम से घटना से अवगत कराया था? यदि हाँ तो पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित घटना से संबंधित प्रकरण में पुलिस अधीक्षक गुना द्वारा श्री प्रमोद साहू को घटना में लिप्त समझ उन्हें अवकाश पर भेज दिया था? यदि हाँ तो क्यों? (ग) क्‍या गुना पुलिस अधीक्षक द्वारा निवर्तमान थाना प्रभारी प्रमोद कुमार साहू को अवकाश पर भेजना एवं कार्यवाही में लापरवाही करने या उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या और नहीं तो क्यों नहीं? (घ) क्या पुलिस अधीक्षक, गुना का प्रमोद कुमार साहू को पूर्ण संरक्षण प्राप्त है? यदि हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो आज दिनांक तक दोनों पर क्या कार्यवाही हुई है? (ड.) क्‍या पीड़ित के परिजन एवं समाजबंधु ‌द्वारा उक्त घटना की न्यायिक जांच करवाते हुए सम्बंधित दोषियों के विरु‌द्ध कठोर कार्यवाही करने की मांग की जा रही है? क्या पीड़ित परिवार को न्याय प्राप्त हो सकेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। उक्त पत्र के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गुना द्वारा जांच की गई। (ख) जी नहीं। निरीक्षक प्रमोद साहू के बड़े आई का स्वास्थ अचानक खराब होने से उनके द्वारा 03 दिवस का आकस्मिक अवकाश चाहा गया था और तत्संबंधी आवेदन पत्र प्राप्त होने पर निरीक्षक प्रमोद साहू के अनुरोध पर विचारोपरांत कार्यालयीन आदेश दिनांक 04.09.2025 द्वारा 03 दिवस आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया गया था। (ग) जी नहीं। तत्कालीन थाना प्रभारी चाचौड़ा निरीक्षक प्रमोद साहू ‌द्वारा उनके बड़े भाई का स्वास्थ खराब होने से 03 दिवस अवकाश चाहने पर कार्यालयीन आदेश कमांक-पुआ/गुना/अवकाश/1800/2025, दिनांक 04.09.2025 द्वारा 03 दिवस आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया गया था, जिस पर वह अवकाश पर रवाना हुए थे।                                       (घ) जी नहीं। के संबंध में प्रधान आरक्षक सुरेन्द्र भील के विरुद्ध अप.क्र. 330/25 धारा 109, 103 (1) बीएनएस पंजीबद्ध किया जाकर निलंबित किया गया है, जिसकी गिरफ्‌तारी हो चुकी है जो वर्तमान में न्यायिक निरोध में है। थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद साहू को सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत आदेश क्रमांक-पुअ/गुना/स्थापना/18648/2025 दिनांक 12.09.25 ‌द्वारा थाना चांचौड़ा से पुलिस लाईन गुना स्थानांतरित किया गया था। (ड.) जी हाँ। पीड़ित के परिजन एवं समाज बंधु ‌द्वारा दिये गये आवेदन पत्रों के संबंध में जांच कराई जाकर समुचित - वैधानिक कार्यवाही की गई है। प्रधान आरक्षक सुरेन्द्र भील के विरुद्ध अप.क्र. 330/25 धारा 109, 103 (1) बीएनएस पंजीबद्ध किया जाकर कार्यालयीन आदेश क्रमांक-पीए/1083/2025 गुना दिनांक 02.09.25 को निलंबित किया गया है, जिसकी दिनांक 29.10.25 को गिरफ्‌तारी हो चुकी है, जो वर्तमान में उप जेल चाचौड़ा में निरोध में है। प्रकरण वर्तमान में विवेचनामें है।

देश/विदेश यात्राओं की जानकारी

[विमानन]

11. ( क्र. 210 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 13 दिसम्बर 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के मान. मुख्यमंत्री एवं मंत्रीगणों द्वारा शासकीय एवं निजी विमान/हेलीकाप्‍टरों से देश एवं विदेश में यात्रायें की गई? उन यात्राओं पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? प्रदेश एवं देश के अन्दर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कुल कितने घंटों की हवाई यात्रा की जानकारी दें। (ख) किस-किस निजी विमान कंपनियों के विमानों से यात्रायें की गई? उन किन-किन कंपनियों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (ग) राज्य सरकार के पास कितने शासकीय विमान है एवं कितने हेलीकाप्‍टर  है? वर्तमान में वह किस स्थिति में है? (घ) क्या राज्य सरकार नये विमान एवं हेलीकाप्टर क्रय करने जा रही है? यदि हाँ तो इस संबंध में अभी तक की गई कार्यवाही की जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक, दो एवं तीन अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो एवं तीन अनुसार है। राशि रूपये 15,30,84,014.00 का भुगतान मद में बजट राशि उपलब्ध न होने के कारण लंबित है।                              (ग) राज्य सरकार के पास 01 शासकीय हेलीकॉप्टर है जो वर्तमान में उड़ान योग्‍य है एवं 01 विमान है जो दुर्घटनाग्रस्‍त होने के कारण उड़ान योग्‍य नहीं है। (घ) राज्य शासन द्वारा एक विमान व एक हेलीकॉप्टर क्रय करने के आदेश जारी किये गये हैं।

कानून व्‍यवस्‍था व पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी

[गृह]

12. ( क्र. 211 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी अनुसार दिनांक 13 दिसम्बर 2024 से प्रश्‍न दिनांक की अवधि में प्रदेश में घटित अपराधों की अपराधवार/जिलेवार पृथक-पृथक संख्या बतावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सर्वाधिक अपराध किन-किन जिलों में घटित हुये है? इसके क्या कारण है एवं इसकी रोकथाम के क्या प्रयास किये जा रहे है? (ग) उपरोक्त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में मादक पदार्थ की तस्करी फैक्ट्री आदि के कितने मामले में प्रकरण किस जिले किस थाने के अन्तर्गत पंजीबद्ध किये जाकर कितनी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किये गये? इस संबंध में कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया जाकर चालान न्यायालय में प्रस्तुत कर दिये गये है? कितने मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है।                                    (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। अपराध के कारण एवं अपराधों के रोकथाम के प्रयासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है।

लोक सेवा प्रबंधन द्वारा जाति प्रमाण पत्र बनाया जाना

[लोक सेवा प्रबन्धन]

13. ( क्र. 230 ) श्री सचिन बिरला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा प्रबंधन अभिकरण ने जाति प्रमाण पत्र अभियान के अंतर्गत 2019-20,                                             2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में अनुसूचित वर्ग, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और विमुक्त घुमक्कड़ वर्ग के कितने आवेदन दर्ज किये, कितने प्रमाण पत्र हिंदी एवं अंग्रेजी में जारी किए गए, संख्या लोक सेवा केंद्रवार दीजिए। (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित अवधि के प्रमाण पत्रों के भुगतान हेतु संबंधित विभागों से 2019 से 2024 तक वर्षवार कितनी धनराशि की मांग की गई। (ग) प्रश्‍नांश (ख) वर्णित  विभागों द्वारा कितनी राशि अभिकरण को प्रदाय की गई उसमें से कितनी जिलों को या सीधे लोक सेवा केंद्रों को प्रदाय की गई? (घ) प्रश्‍नांश (क) वर्णित अवधि के लिए संबंधित विभागों पर कितनी राशि बकाया है? (ड.) विभागों से हो रही देरी के परिप्रेक्ष्‍य में क्या अभिकरण स्वयं इस धनराशि को लोक सेवा केंद्रों को प्रदाय करने में सक्षम है? यदि हां, तो राशि कब तक प्रदाय कर दी जावेगी।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) राज्‍य लोक सेवा अभिकरण द्वारा संचालित एम.पी. ई-डिस्ट्रिक्‍ट पोर्टल (https://www.mpedistrict.gov.in) के माध्‍यम से जाति प्रमाण पत्र अभियान के अंतर्गत 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में अनुसूचित वर्ग, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और विमुक्त घुमक्कड़ वर्ग के दर्ज आवेदन एवं हिन्‍दी अंग्रेजी में जारी किये गये प्रमाण-पत्रों की लोक सेवा केन्‍द्रवार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।                                            (ख) संबंधित विभागों से वर्ष 2019 से 2024 तक वर्षवार की गयी धनराशि की मांग का विवरण  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) विभागों द्वारा राज्‍य लोक सेवा अभिकरण को प्रदाय की गई राशि  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार  एवं जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी को अंतरित राशि  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द  अनुसार  है। (घ) संबंधित विभागों पर बकाया राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स  अनुसार  है। (ड.) जी नहीं, यह राशि संबंधित विभाग से राशि प्राप्‍त होने के उपरांत प्रदाय की जावेगी।

वसूली के स्थगन को हटाया जाना

[वाणिज्यिक कर]

14. ( क्र. 245 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्‍न क्रं. 2778 दिनांक 05/08/2025 के प्रश्‍नांश (क) के उत्तर में बताया कि ग्वालियर केमिकल द्वारा लैंक्सेस उद्योग के पक्ष में किये गये हस्तांतरण पत्र में कलेक्टर ऑफ स्टॉम्पस द्वारा रूपये 14,42,70,781/- की वसूली हेतु नोटिस जारी किये गये है? यदि हाँ तो शासन/विभाग द्वारा विगत 12 वर्षों में वसूली तथा स्थगन निरस्त करवाने हेतु क्या कार्यवाही की गई? दिनांक, वर्षवार विवरण दें। (ख) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के समक्ष लंबित पिटीशन नं. 21159/2019 में पारित आदेश दिनांक 04/10/2019 को स्थगन व 01/07/2025 की सुनवाई में वसूली पर रोक को यथावत रखा गया है? यदि हां, तो स्थगन को निरस्त किये जाने व उक्त प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष शासन का पक्ष समर्थन शीघ्रतापूर्वक एवं मजबूती के साथ रखने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? विवरण दें। (ग) 14 करोड़ से अधिक की धनराशि की वसूली पर वर्ष 2019 से याचिका लंबित होने के बावजूद शासन की ओर से क्या माननीय उच्च न्यायालय से प्रकरण की शीघ्र सुनवाई करने का कोई निवेदन किया गया है? यदि नहीं किया है तब इतने गंभीर प्रकरण में विलंबकारित करने के लिये शासन के कौन अधिकारी जवाबदार है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? विवरण दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। न्‍यायालय अतिरिक्‍त तहसीलदार एवं वरिष्‍ठ जिला पंजीयक उज्‍जैन द्वारा लेंसेक्‍स इंडिया प्रायवेट लिमिटेड को रूपये 14,42,70,781/- की वसूली हेतु दिनांक 11.05.2015, 02.05.2016, 17.10.2016, 08.05.2017 को नोटिस जारी किये गये। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर द्वारा आदेश दिनांक 04.10.2019 से वसूली पर रोक लगायी गयी है, जिसे यथावत रखा गया है। लेंसेक्‍स इंडिया प्रायवेट लिमिटेड की याचिका को खारिज करने हेतु दिनांक 27.12.2021 को एवं स्‍थगन निरस्‍त करवाने हेतु माननीय उच्‍च न्‍यायालय के समक्ष दिनांक 22.08.2024 को आवेदन प्रस्‍तुत किया गया। (ख) जी हाँ। स्‍थगन निरस्‍त करवाने हेतु माननीय उच्‍च न्‍यायालय के समक्ष दिनांक 22.08.2024 को आवेदन प्रस्‍तुत किया गया एवं माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ इंदौर के समक्ष प्रकरण में पक्ष समर्थन हेतु नियुक्‍त शासकीय अधिवक्‍ता को प्रकरण संबंधी पूर्ण जानकारी प्रदाय की गई। (ग) जी हां, माननीय उच्च न्यायालय से प्रकरण की शीघ्र सुनवाई करने हेतु दिनांक 22.08.2024 को माननीय न्‍यायालय में आवेदन प्रस्‍तुत किया गया। माननीय न्‍यायालय द्वारा प्रकरण की नियमित सुनवाई की जा रही है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वन व्यवस्थापन अधिकारी की नियुक्त

[वन]

15. ( क्र. 263 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र जुलाई 2025 में प्रश्‍नकर्ता द्वारा ध्यानाकर्षण क्रमांक 113 दिनांक 31.07.2025 लगाकर वन एवं राजस्व सीमा विवाद निराकरण के संबंध में वन व्यवस्थापन अधिकारी नियुक्त करने की मांग की गई थी एवं उक्त संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र क्रमांक 849 दिनांक 01.08.2025 को पत्र के माध्यम से वन व्यवस्थापन अधिकारी नियुक्त करने की मांग की गई थी? (ख) यदि हाँ तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? वन एवं राजस्व सीमा विवाद निराकरण हेतु कब तक वन व्यवस्थापन अधिकारी की नियुक्ति‍ की जायेगी?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ, अनुक्रम में माननीय विधायक को विभागीय पत्र दिनांक 04/09/2025 से अवगत कराया गया है। पत्र की प्रति संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है।                           (ख) विशेष वन व्यवस्थापन अधिकारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव परीक्षण में है।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

फर्जी देयक की जांच

[गृह]

16. ( क्र. 265 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या तुन्ना मेहदवा वाया टौराहा पुरवा मार्ग के फर्जी देयक प्रस्तुत करने के संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पन्ना के कार्यालय में कोई जांच प्रचलन में हैं? यदि हाँ तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? कब तक जांच पूर्ण कर आरोपियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी बतावे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : प्रश्‍नांश में उल्लेखित मार्ग के संदर्भ में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला पन्ना के कार्यालय में जांच प्रचलन में थी। घटनाक्रम के संबंध में याचिकाकर्ता M/S रतन विल्डर्स आदि की याचिका WP 18269/25 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन है, अतः प्रकरण में कोई आगामी जांच/कार्यवाही किया जाना विधिसम्मत नहीं है।

वेतन की निरंतरता

[महिला एवं बाल विकास]

17. ( क्र. 329 ) श्री नरेन्द्र प्रजापति [इंजीनियर] : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) TNM संस्‍था द्वारा पोषण अभियान 2.0 अंतर्गत नियुक्‍त सभी कर्मचारियों को मध्‍यप्रदेश महिला एवं वित्‍त विकास निगम अथवा सेडमैप के माध्‍यम से वेतन की निरंतरता का आदेश कब तक जारी किया जाएगा? (ख) जो कर्मचारी TNM संस्‍था द्वारा चयनित किये गये थे उन सभी कर्मचारियों को कार्य अनुभव एवं दक्षता के आधार पर पुनर्नियुक्ति उपरांत कार्य अवधि 05 वर्षों के लिये बढ़ाकर मध्‍यप्रदेश महिला वित्‍त एवं विकास निगम अथवा सेडमैप के माध्‍यम से वैतनिक कब तक में कर दिया जायेगा, जानकारी दें। (ग) विधानसभा मनगवां में कुल कितने ऑगनवाड़ी केन्‍द्र है एवं कितने केन्‍द्र भवन विहीन हैं? केन्‍द्रवार जानकारी दी जायें।                                                  (घ) प्रत्‍येक आंगनवाड़ी केन्‍द्र में (सूचीवार ऑगनवाड़ी केन्‍द्र नाम सहित) कितनी सहायिका एवं कार्यकर्ता कार्यरत हैंकेन्‍द्रवार नाम सहित जानकारी दें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभाग द्वारा ऐसी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधानसभा क्षेत्र मनगवां में परियोजना सिरमौर-01, गंगेव-01 एवं 02 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र मनगवां में परियोजना सिरमौर-01, गंगेव-01 एवं 02 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

चौकी लालगांव को थाने के रूप में उन्‍नयन

[गृह]

18. ( क्र. 330 ) श्री नरेन्द्र प्रजापति [इंजीनियर] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा मनगवां-73 अंतर्गत अपराधों में कमी लाने हेतु चौकी लालगांव को थाना में उन्‍नयन कब तक किया जायेगा? (ख) थाना मनगवां, गढ़, नईगढ़ी एवं बैकुण्‍ठपुर में कितने पद रिक्‍त हैं? कब तक रिक्‍त पदों की पूर्ति की जाएगी? (ग) थाना मनगवां, गढ़, नईगढ़ी एवं बैकुण्‍ठपुर में कितने अग्निशामन वाहन हैं? प्रत्‍येक चौकी में एक अग्निशामन वाहन की उपलब्‍धता की क्‍या जानकारी है? (घ) चौकी रघुनायगंज एवं चौकी रामपुर में 4 पहिया वाहन की उपलब्‍धता कब तक करा दी जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) चौकी लालगांव को थाना में उन्नयन के प्रस्ताव पर वित्त विभाग द्वारा अगले वित्तीय वर्ष में विचार करने हेतु परामर्श दिया गया है। (ख) थाना मनगवां में 36, थाना गढ़ में 9, थाना नईगढ़ी में 18 एवं थाना बैकुण्ठपुर में 4 पद रिक्त है। रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति एवं नव आरक्षकों के प्रशिक्षण उपरांत वापस आने पर की जा सकेगी। साथ ही सूबेदार/ उपनिरीक्षक संवर्ग भर्ती वर्ष 2025 के 500 पदों, सूबेदार (अ) शीघ्रलेखक/सहायक उप निरीक्षक (अ) भर्ती वर्ष 2025 के 500 पदों एवं आरक्षक (जी.डी.) संवर्ग भर्ती वर्ष 2025 के 7500 पदों पर भर्ती प्रकिया प्रचलन में है। (ग) थाना मनगवां, गढ़, नईगढ़ी एवं बैकुण्ठपुर में अग्निशामन वाहन उपलबध नहीं है। प्रत्येक चौकी में अग्निशामन वाहन उपलब्ध नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर नगरीय प्रशासन विभाग का अग्निशामन वाहन उपलब्ध करा दिया जाता है। (घ) पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएण्डडी) के मापदण्ड अनुसार पुलिस चौकियों हेतु 4 पहिया वाहन की पात्रता नहीं है। मनगवां थाना अंतर्गत चौकी रघुनाथगंज एवं नईगढ़ी थाना अंतर्गत चौकी रामपुर में 4 पहिया वाहन उपलब्ध नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर चौकी के संबंधित थाना में उपलब्ध चार पहिया वाहन से शासकीय कार्य किया जाता है।

जल जीवन मिशन योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

19. ( क्र. 331 ) श्री नरेन्द्र प्रजापति [इंजीनियर] : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा मनगवां में जल जीवन मिशन की कितनी योजनाओं का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? ग्रामों के सूचीवार नाम बतलायें। (ख) कितनी योजनाओं को पूर्ण हो जाने पर ग्राम पंचायतों को हैंडओवर (Hand-over) कर दिया गया है? निविदाकारों को प्रदत्त भुगतान की  योजनावार जानकारी उपलब्ध कराई जाये जल जीवन मिशन की विधान सभा मनगवां  में निविदायें किन कंपनियों/ठेकेदारों को दी गई हैठेकेदारों के पूर्ण नाम की जानकारी दें। (ग) जिन निविदाकारों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया गया है, उनके खिलाफ क्या कार्यवाई की गई? विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाये?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्‍नांकित क्षेत्र में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत स्वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजना एवं उन योजनाओं में अब तक कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत कोई भी योजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। (ख) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत कोई भी योजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, समूह जल प्रदाय योजनाओं को ग्राम पंचायतों को हैंडओवर नहीं किया जाता है, समूह जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 एवं 02 अनुसार है।

जाति प्रमाण पत्र बनाया जाना

[सामान्य प्रशासन]

20. ( क्र. 332 ) श्री नरेन्द्र प्रजापति [इंजीनियर] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 02 वर्षों से नवीन गठित जिला मऊगंज एवं मैहर में कुम्‍हार जाति को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र कब तक में मिलना शुरू होगा? (ख) जिला रीवा से विभक्‍त जिला मऊगंज एवं जिला सतना से विभक्‍त जिला मैहर में कुम्‍हार जाति को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र न बनने से विद्यार्थियों को प्रवेश में स्‍कालरशिप प्राप्‍त होने की समस्‍याओं का निदान कब तक होगा? समय-सीमा बतलाये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आंगनवाड़ी सहायिका की नियुक्ति‍

[महिला एवं बाल विकास]

21. ( क्र. 367 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मऊगंज जिले में वर्ष 2025 में आंगनवाड़ी सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया, सभी परियोजना अधिकारियों द्वारा नियमानुसार प्रक्रिया का पालन करते हुये भर्ती पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो जनपद पंचायत नईगढ़ी, हनुमना एवं मऊगंज में प्राप्त कुल आवेदकों की सूची एवं पात्र व अपात्र अभ्यर्थियों की सूची के साथ ही अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराई जावेगी। यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ख) प्रश्‍नांश (क) चयन प्रक्रिया से संबंधित जिला स्तर एवं खण्ड स्तरीय आयोजित बैठकों एवं बैठकों का कार्यवाही विवरण जिसमें केन्द्रवार/ग्रामवार चयनित आंगनवाड़ी सहायिकाओं की सूची नियुक्ति पत्र एवं चयन से वंचितों अपात्रता की श्रेणी में लाने का आधार आदि की सूचीबद्ध नाम, पता, वर्ग सहित उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) से संबंधित चयनित अभ्यर्थियों के विरूद्ध आपत्ति यदि कोई लगाई गई हो तो उसका विवरण एवं मूलाधार से संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराई जाए? (घ) क्‍या मऊगंज जिला अन्तर्गत क्या किसी परियोजना में भर्ती प्रक्रिया नियमानुसार पूर्ण नहीं हो पाई? यदि हाँ तो इस हेतु कौन दोषी है एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अथवा की जावेगी, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं, वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति प्रक्रिया प्रचलन में है, शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति प्रक्रिया प्रचलन में होने से शेष का प्रश्‍न नहीं। (ग) वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति प्रक्रिया प्रचलन में होने से शेष का प्रश्‍न नहीं। (घ) नियुक्ति प्रक्रिया प्रचलन में होने से शेष का प्रश्‍न नहीं।



रीवा एवं मऊगंज जि‍ला अंतर्गत क्रेशर संचालन

[खनिज साधन]

22. ( क्र. 368 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं मऊगंज जिला अन्तर्गत विकासखण्डवार कुल संचालित क्रेशरों की संख्या क्या है उक्त संचालित क्रेशरों की भूमि का स्वामित्व किसका है सभी क्रेशरों के प्रोपराईटर एवं उक्त क्रेशरों की भूमि के मालिक का नाम विकासखण्डवार उपलब्ध कराये। (ख) क्रेशरों के संचालन हेतु क्या स्वयं की भूमि आवश्यक है यदि हाँ तो किसी अनुसूचित जाति/जनजाति अन्य पिछड़ावर्ग की भूमि पर भूमि स्वामी से भिन्न अन्य के द्वारा कितने क्रेशरों का संचालन हो रहा है, क्‍या आदिवासियों को भू-आवंटन के तहत प्राप्त भूमि, भू-अर्जन की गई, जंगल विभाग की भी भूमि का उपयोग क्रेशर मालिकों द्वारा किया गया है? (ग) रीवा एवं मऊगंज जिले में संचालित क्रेशर मालिकों द्वारा शासकीय भूमि का कितना अनाधिकृत रूप से खनन कर पत्थर निकाला गया है क्या इसकी जांच रीवा/मऊगंज खनिज विभाग द्वारा सतत् रूप से किया जा रहा है यदि हाँ तो उक्त जांच, निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायी जावेगी यदि नहीं तो क्या दोषियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी?                                                   (घ) क्या क्रेशर संचालकों के द्वारा उपयोग में लाई गई खनिज की जानकारी से विभाग को अवगत कराया जाता है यदि हाँ तो क्रेशर संचालकों द्वारा दी गई जानकारी की प्रति उपलब्ध कराई जावेगी? नहीं तो इस हेतु दोषी क्रेशर संचालकों, दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (ख) जी नहीं, क्रेशर संचालन हेतु स्वंय की भूमि की बाध्यता नहीं होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                            (ग) जिला रीवा एवं जिला मऊगंज के खनिज विभाग द्वारा नियमित रूप से जाँच की जा रही है। जिन प्रकरणों में जाँच की गई है, उनकी जानकारी एवं निरीक्षण प्रतिवेदनों की प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब पर है। नियमनुसार कार्यवाही किये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                (घ) क्रेशर संचालकों के द्वारा भंडारण अनुज्ञप्तिधारक द्वारा उपयोग में लाई गई खनिज मात्रा की ई-खनिज पोर्टल में प्रस्तुत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर है। जिन क्रेशर संचालकों द्वारा जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई है उनको जारी नोटिस की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' पर है। नियमानुसार कार्यवाही किये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी

[गृह]

23. ( क्र. 383 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) जिला जबलपुर में घटित कितनी सड़क दुर्घटनाओं में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई हैं एवं कितने घायल हुये हैं? इनमें से कितनी-कितनी दुर्घटनाएं शहरी क्षेत्र स्टेट हाईवे एवं नेशनल हाइवे में चिंहित कितने-कितने ब्लैक स्‍पाटों पर हुई हैं? इनमें कितने-कितने पुरूषों महिलाओं व बच्चों की मृत्यु  हुई हैं एवं कितने-कितने घायल/दिव्यांग हुये हैं? बतलावें। वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक की माहवार एवं वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में कितनी-कितनी दुर्घटनाएं यातायात नियमों का पालन न करने, हेलमेट न लगाने, तेजगति से वाहन चलाने, शराब पीकर वाहन चलाने, सड़के खराब होने, नो एन्ट्री, अनफिट वाहनों आदि कारणों से घटित दुर्घटनाओं से कितने-कितने व्यक्तियों, महिलाओं, बच्चों दो पहियों एवं चार पहिया वाहन चालकों व पैदल चलने वालों की मृत्यु  हुई हैं एवं कितने-कितने घायल हुये हैं? कितनी घटित दुर्घटनाओं में कितने-कितने मृतकों के परिजनों को एवं घायलों को शासन ने कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता, मुआवजा राशि दी है एवं कितने घायलों का निःशुल्क इलाज करवाया है? बतलायें। (ग) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रोड सेफ्टी आडिट पर कितनी राशि व्यय हुई एवं इसमें कितने ब्लैक स्पॉट चिंहित किये गये? इन ब्लैक स्पाटों पर दुर्घटनाएं रोकने हेतु स्मार्ट प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम जबलपुर, जिला प्रशासन, यातायात पुलिस ने कहां-कहां पर क्या-क्या सुरक्षात्मक उपाय किये हैं? कहां-कहां पर बैरीकेट लगाया एवं गति अवरोधक बनाये गये बतलावें। (घ) केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की सर्वे के अनुसार प्रदेश में प्रमुख 8 शहरों में जबलपुर जिले का सड़क दुर्घटनाओं मृतकों व घायलों के मामले में कौन सा स्थान हैं? बतलावें। हाईवे के चिंहित ब्लैक स्पाटों को खत्म करने के लिये कितने अन्डर पास का निर्माण कराने हेतु कितनी राशि कब आवंटित की है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।                                            (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब '' एवं  'अनुसार है। (ग) जबलपुर स्मार्ट सिटी के द्वारा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रोड सेफ्टी ऑडिट का कार्य अप्रैल 2018 में कराया गया, जिसमें राशि रूपये 57.41 लाख व्यय की गई। वर्तमान में 03 ब्लैक स्पॉट (1. होमसाईंस कॉलेज रोड  थाना मदनमहल, 2. उर्दना नाला से सुहागी हनुमान मंदिर थाना आधारताल, 3. सूपाताल रामायण मंदिर के सामने थाना गढा) चिन्हित है। यातायात पुलिस द्वारा चिंहित ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटनाएं रोकने हेतु सड़क सुरक्षा समिति के माध्यम से एवं जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमि0 से पत्राचार कर आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये है। ब्लैक स्पॉट 1. होमसाईंस कॉलेज रोड थाना मदनमहल पर सड़क चौड़ीकरण, फुटपाथ और स्ट्रीट लाइटिंग का कार्य किया गया है तथा रोड मार्किंग की गई है एवं होमसाईंस कॉलेज रोड के कटपाईंट पर ब्रेकर बनाया गया है। 2. उर्दना नाला से सुहागी हनुमान मंदिर थाना आधारताल पर बिरसा मुंडा तिराहा से महाराजपुर तिराहा तक सड़क निर्माण डिवाइडर रोड मार्किंग एवं सेंट्रल लाइटिंग का कार्य किया गया है, उर्दना नाला से सुहागी हनुमान मंदिर के दायरे से फुटपाथ पर ब्लैक स्पॉट के बोर्ड लगाये गये है, डिवाईडर के कटपाईंट के दोनों ओर ब्रेकर बनाये गये है। 3. सूपाताल रामायण मंदिर के सामने थाना गढा पर एलआईसी कार्यालय के सामने अंधमुख चौराहे तक सड़क निर्माण, रोड मार्किंग और सेंट्रल लाईटिंग का कार्य किया गया है। संकेतक बोर्ड एवं स्पीड ब्रेकर सूपाताल रामायण मंदिर के पास एवं सूपाताल तालाब के सामने बनाये गये है। समय-समय पर यातायात पुलिस एवं नगर निगम द्वारा अस्थायी अतिक्रमण भी हटवाये जाते है तथा बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से सुरक्षात्मक उपाय किये जाते है। जनजागरूकता अभियान के तहत आमजन/स्कूली छात्र-छात्राओं/वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन करने हेतु जानकारी दी जाती है साथ ही यातायात नियमों के उल्लंघनकर्ता वाहन चालकों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही की जाती है। (घ) प्रश्‍न में यह स्पष्ट नहीं है कि केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के किस सर्वे की बात की जा रही है। अतः इस प्रश्‍न का उत्तर दिया जाना संभव नहीं है।

 

कुपोषण से उत्‍पन्‍न स्थिति की रोकथाम

[महिला एवं बाल विकास]

24. ( क्र. 384 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला जबलपुर को राज्य एवं केन्द्रीय शासन की संचालित किन-किन योजनान्तर्गत कुपोषण की रोकथाम कुपोषित बच्चों को खोज, पोषण एवं उपचार हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? योजनाओं के प्रचार प्रसार सामग्री का क्रय, मुद्रण कार्य शिविरों का आयोजन पोषण आहार का परिवहन, वितरण कार्य वाहनों का किराया, आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई बतलायें। वर्ष 2022-2023 से 2025-26 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में कितनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कितने-कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवनों, किराये के भवनों, स्कूलों भवनों सुविधा विहीन जर्जर व बदहाल एवं एक कमरे में संचालित हैं? आंगनवाड़ी भवनों के किराया पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांकित आंगनवाड़ी केन्द्रों को किन-किन योजनामद में कितनी-कितनी राशि पोषण आहार पूरक आहार एवं अन्य सामग्री प्रदाय की गई? इन आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज कितने-कितने बच्चों, गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किस मान से कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का पोषण आहार पूरक आहार व अन्य सामग्री प्रदाय की गई। कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में नाम मात्र के या 30 से भी कम बच्चें पंजीकृत हैं।                                       (घ) प्रश्‍नांकित आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं शिविरों में 0 से लेकर 5 वर्ष तक के आयु के कितने-कितने बालक-बालिकाएं कुपोषित (कम वजन के) अतिकुपोषित एवं गंभीर कुपोषित पाये गये हैं। इनमें से कितने बच्चों को उपचार हेतु पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराया गया। कितने बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ, पूर्ण स्वस्थ हुये एवं कितने बच्चों की मृत्यु हुई? बतलायें। परियोजनावार जानकारी दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) बच्चों में कुपोषण निवारण हेतु भारत सरकार द्वारा सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 एवं राज्य सरकार द्वारा ''मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन'' कार्यक्रम का स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से क्रियान्वयन किया जा रहा है। सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अंतर्गत अति गंभीर कुपोषित (SAM) बच्चों को अतिरिक्त आहार (थर्ड मील) के रूप में राशि रू. 4/-प्रति बच्चा प्रतिदिन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है, जो पूरक पोषण आहार के सामान्य बजट में ही समाहित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 01 अनुसार है। मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन अंतर्गत कोई बजट प्रावधान नहीं है। योजनाओं के प्रचार-प्रसार, सामग्री क्रय, मुद्रण कार्य, शिविरों के आयोजन, पोषण आहार का परिवहन, वितरण कार्य वाहनों के किराये पर व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 02 अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में 2493 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 03 अनुसार है।                            (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों को पूरक पोषण आहार योजना मद में प्रदायित पूरक पोषण आहार की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 04 अनुसार एवं अन्य सामग्री प्रदाय की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 05 अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों एवं महिलाओं की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 06 अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या जहां नाम मात्र के या 30 से भी कम बच्चे पंजीकृत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 07 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 08 एवं 09 अनुसार है।

जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही एवं गिरफ्तारी

[गृह]

25. ( क्र. 440 ) श्री अभय मिश्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के थाना सिविल लाईन में श्री अशोक तिवारी के आवेदन पत्र पर एफ.आई.आर. क्रमांक-0312 दिनांक 24.07.2025 के माध्यम से दर्ज की गई जिसमें अभियुक्त श्री अभिषेक तिवारी निवासी भलुहा के विरूद्ध गैर जमानती धारा में अपराध पंजीकृत किया गया। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अभियुक्त क्या एक दिवस उपरान्त दिनांक 25.07.2025 को थाना चोरहटा में श्री अभिषेक तिवारी की रिपोर्ट पर प्रश्‍नांश (क) अनुसार आवेदक श्री अशोक तिवारी एवं अन्य के विरूद्ध थाने में जमानती धाराओं में अपराध/एफ.आई.आर. क्र.0397 दिनांक 25.07.2025 को प्रकरण दर्ज हुआ। (ग) क्या  गैर जमानती धारा में पूर्व से निरूपित अभियुक्त अभिषेक तिवारी की गिरफ्तारी नहीं की गई जबकि वह चोरहटा थाने में उपस्थित था। (घ) क्या प्रश्‍नांश (क) में आवेदक श्री अशोक तिवारी की उंगली काट कर अलग कर देने के संबंध में अभी भी क्रूरता अधिनियम अन्तर्गत धारा बढ़ाने का कार्य लंबित रखा गया एवं अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) थाना सिविल लाइन जिला रीवा में दिनांक 24.07.2025 को फरियादी अशोक तिवारी पिता स्व. भगवानदीन तिवारी उम्र 44 वर्ष नि. नारेन्द्र नगर अमहिया के आवेदन पत्र पर अभियुक्त अभिषेक तिवारी नि. ग्राम भलुहा थाना सेमरिया के विरुद्ध अप.क्र. 312/2025 धारा 296, 115 (2), 118 (1) 119 (1) 351 (2) वीएनएस का अपराध दर्ज नहीं किया गया था, अपितु फरियादी की मौखिक रिपोर्ट पर से अपराध पंजीबद्ध किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) उक्त समय पर थाना सिविल लाइन रीवा में दर्ज अपराध की विवेचना अपूर्ण थी घटना के संबंध में साक्ष्य संकलित किये जा रहे थे जिस कारण से आरोपी अभिषेक तिवारी की गिरफ्तारी नहीं की गई थी। (घ) थाना सिविल लाइन रीवा के उपरोक्त प्रकरण में आवेदक अशोक तिवारी की एमएलसी कराई गई। एमएलसी रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मजरूब की अंगुली कटना। घटना लेख किया गया है किन्तु यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि मजरुब की अंगुली धारदार हथियार से कटी है अथवा दांत द्वारा काटी गई है। एमएलसी की क्वेरी एमएलसी डॉक्टर से कराई गई। डॉक्टर द्वारा यह लिखा गया है कि धारदार औजार से भी अंगुली कट सकती है एवं दांत से भी अंगुली कट सकती है कोई स्पष्ट अभिमत न देते हुए हड्डी रोग विभाग एवं सर्जरी विभाग से ओपीनियन हेतु सलाह दी गई है। अभी तक स्पष्ट ओपीनियन रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने से धारा का इजाफा नहीं किया गया है। प्रकरण की विवेचना जारी है। घटना से संबंधित साक्ष्य संकलित किये जा रहे है एकत्रित साक्ष्य के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जा सकती है।

 

 

 

सिंचाई से वंचित ग्रामों का सर्वे

[नर्मदा घाटी विकास]

26. ( क्र. 446 ) श्री विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुर बघेलान विधानसभा अंतर्गत बरती दाईं तट नहर से किन-किन ग्रामों में सिंचाई की जायेगी?                                    (ख) क्या रामपुर बघेलान विधानसभा के बहुत से ग्राम सिंचाई से वंचित रह जायेंगे, यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार छूटे हुए ग्रामों में नहरों का कब तक सर्वे कराया जायेगा? इस संबंध में क्‍या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) परियोजना हेतु तैयार किये गये विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) में सम्मिलित सभी ग्रामों को सिंचाई हेतु सम्मिलित किया गया है। शेष प्रश्‍न लागू नहीं।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

वानिकी एवं गैर वानिकी कार्यों में लगे श्रमिकों को भुगतान

[वन]

27. ( क्र. 448 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बिजावर विधानसभा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक वानिकी एवं गैरवानिकी कार्य में लगे श्रमिकों को किए गए भुगतान का विस्तृत विवरण निम्न बिन्दुओं के अनुसार प्रदाय करें :- (i) कार्य का नाम। (ii) कार्यस्थल का सम्पूर्ण विवरण वन परिक्षेत्र, बीट क्रमांक सहित। (iii) कार्य करने वाले श्रमिकों का नाम एवं कुल राशि। (iv) कार्य अवधि दिनांक सहित। (v) सकूनत आधार कार्ड के अनुसार। (vi) क्या श्रमिक बीट अथवा प.स. वृत्त का निवासी है? नहीं तो स्थानीय श्रमिकों को नियोजित न करने का कारण क्या है?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : बिजावर विधानसभा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक की प्रश्‍नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। श्रमिकों का आधार कार्ड उनका व्यक्तिगत अभिलेख है, जो वनमण्‍डल में संधारित नहीं होने से सकूनत दिया जाना संभव नहीं है।

वनमंडलों में हुए व्यय की जानकारी

[वन]

28. ( क्र. 451 ) सुश्री मंजू राजेन्‍द्र दादू : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग जिला बुरहानपुर अंतर्गत समस्त वन मंडलों में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक लगाये गये पौधों एवं उनमें जीवित पौधों की संख्या तथा उन पर खर्च की गई राशि की जानकारी वर्षवार दीजिए। समस्त व्यय के भुगतान की जानकारी भुगतान प्राप्तकर्ता व्यक्ति/फर्म का नाम, राशि सहित जानकारी वनमण्डलवार, वर्षवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जिन भुगतानों में जीएसटी नहीं काटा गया है उनकी जानकारी कारण सहित देवें। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम बताएं एवं इसके लिए उन पर क्या कार्यवाही कब तक होगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अवधि में रोपित पौधों में प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कितने पौधे जीवित है? उपरोक्त अवधि में किस कक्ष क्रमांक पर कितने पौधों का रोपण किया गया की जानकारी वनमंडलवार वर्षवार देवें। जानकारी संबंधित अधिकारी के निरीक्षण प्रतिवेदन की तिथि सहित देवें। (घ) जिला बुरहानपुर में विभाग की तेंदुपत्ता की कौन-कौन सी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है, क्रियान्वित योजनाओं में किये गये कार्यों एवं लाभार्थियों की संख्या उपलब्ध करावें। किन योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा, कारण सहित जानकारी देवें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन मण्डल वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक लगाये गये पौधे, जीवित पौधे एवं उस पर व्यय की गयी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक वृक्षारोपण के समस्त व्यय के भुगतान प्राप्तकर्ता व्यक्ति/फर्म को भुगतान की प्रति व्यक्ति/फर्म की जानकारी वृहद स्तर की होने के कारण जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में किये गये ई भुगतानों में जीएसटी कटौत्रा नियमानुसार किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।

रामसर साईट घोषित किया जाना

[पर्यावरण]

29. ( क्र. 460 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिले में तवा डेम को रामसर साईट घोषित किये जाने की कार्यवाही के संबंध में शासन से क्या दिशा निर्देश प्राप्त हुये हैं उक्त कार्यवाही किन-किन विभागों द्वारा की जायेगी? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) रामसर साईट की योजना लागू किये जाने हेतु क्या जनप्रतिनिधियों/स्थानीय जनता के साथ कोई बैठक आयोजित की गई है यदि हाँ तो किन-किन दिनांक एवं स्थान पर बैठक आहूत की गई है उसके एजेन्डा की प्रति उपलब्ध कराई जाये?                                    (ग) रामसर साईट घोषित किये जाने के पूर्व क्या स्थानीय ग्राम पंचायतों एवं आम जनता को दावा आपत्ति हेतु कोई सूचना भेजी गई है यदि हाँ तो कार्यालयीन पत्रों की प्रति उपलब्ध कराई जाये? नहीं तो क्यों? क्या उक्त कार्यवाही से प्रभावित होने वाली ग्राम पंचायतों एवं आम जनता को इस कार्यवाही में शामिल किया जायेगा? रामसर साईट घोषित किये जाने से डेम के जलभराव क्षेत्र के किनारे रहने वाले ग्रामीणों के हित प्रभावित होते हैं? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में रामसर साईट के फाईनल नोटिफिकेशन के पूर्व स्थानीय ग्रामीणों के अधिकारों को स्पष्ट किये जायेंगे? नियमानुसार जानकारी उपलब्ध कराई जाये? इस योजना से आम जनता को क्या फायदा एवं क्या नुकसान होगा इसे भी स्पष्ट किया जाये?

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) तवा जलाशय को वर्ष-2024 में रामसर साईट वेटलैण्‍ड के रूप में घोषित किया जा चुका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जी नहीं। रामसर साईट घोषित करने मात्र से किसी तरह के अतिरिक्‍त प्रतिबंध लागू नहीं होते हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी उत्‍तरांश (क) अनुसार है। रामसर साईट घोषित होने से अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर पहचान मिलती है जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।

 

ईको सेंसेटिव जोन की सीमाओं का निर्धारण

[वन]

30. ( क्र. 461 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) जिला नर्मदापुरम के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में सतपुड़ा टाईगर रिजर्व नर्मदापुरम के ईको सेंसेटिव जोन की सीमाओं का निर्धारण किस आधार पर किया जा रहा है? इस कार्यवाही में कौन-कौन से विभाग सम्मिलित होंगे? नियम एवं शर्तों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) ईको सेंसेटिव जोन की सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के कोर सीमा एवं नोटिफिकेशन अनुसार कोर क्षेत्र से 2 कि.मी. तक कहां तक ऐरिया चिन्हित किया गया है उसकी भी जानकारी सहित ईको सेंसेटिव जोन का ग्रामवार नक्शा उपलब्ध कराया जायें? (ग) सतपुड़ा टाईगर रिजर्व में ईको सेंसेटिव जोन की कार्यवाही किये जाने के पूर्व क्या स्थानीय ग्राम पंचायतों एवं आम जनता को दवा आपत्ति हेतु कोई सूचना जारी की गई है यदि हाँ, तो  कार्यालयीन पत्रों की प्रति उपलब्ध कराई जाये, नहीं तो क्यों? क्या उक्त कार्यवाही से प्रभावित होने वाली ग्राम पंचायतों एवं आम जनता को इस कार्यवाही में शामिल किया जायेगा? (घ) क्या प्रश्‍नांश "क" के संबंध में सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र के मढई गेट की तरफ सीमाओं के संबंध में स्पष्टता नहीं है। जिससे ग्रामीणों के हित प्रभावित हो रहे हैं? अतः क्या सीमाओं का निर्धारण नोटिफिकेशन अनुसार ही कराया जायेगा?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा दिनांक 09.08.2017 से सतपुड़ा टाईगर रिजर्व, नर्मदापुरम के ईको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना जारी की गई है, अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। ईको सेंसेटिव जोन की सीमा का निर्धारण उक्त अधिसूचना में वर्णित पारिस्थितिकी संवेदी जोन का विस्तार एवं उसकी सीमाओं के विवरण के आधार पर किया गया है। ईको सेंसेटिव जोन की सीमाओं का निर्धारण वन एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा 09.02.2011 एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश दिनांक 26.04.2023 में संरक्षित क्षेत्र (राष्ट्रीय उ‌द्यान एवं अभयारण्य) के आस-पास ईको सेंसेटिव जोन के निर्धारण के संबंध में निर्देश प्रसारित किये गये है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 एवं 3 अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग, द्वारा जारी पत्र दिनांक 12.08.2025 से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की ईको सेंसेटिव जोन की सीमाओं के निर्धारण के संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किये गये है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।                                             (ख) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के ईको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना के पैरा-01 में वर्णित पारिस्थितिकी संवेदी जोन का विस्तार सतपुड़ा बाघ आरक्षिती राज्य मध्यप्रदेश के कोर महत्वपूर्ण बाघ पर्यावास, जिसके अंतर्गत सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्‌यान, पचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य और बोरी वन्यजीव अभयारण्य है, कि सीमा की तरफ से होने का उल्लेख है। उक्त पैरा में "कोर महत्वपूर्ण बाघ पर्यावास' के स्थान पर "संरक्षित क्षेत्र" संशोधन किये जाने हेतु भारत सरकार को लेख किया किया गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के स्थान पर संरक्षित क्षेत्र से बफर क्षेत्र की अधिसूचित सीमा तक 02 कि.मी. तक का वन एवं राजस्व विभाग ‌द्वारा क्षेत्र चिन्हित किया गया है। ईको सेंसेटिव जोन की सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र का नक्शा एवं ग्रामों की सूची अधिसूचना में संलग्न है। ग्रामों के नक्शे पृथक से अधिसूचित नहीं किये गये हैं। (ग) भारत सरकार ने ईको सेंसेटिव जोन के गठन प्रस्ताव हेतु दिनांक 04 मार्च 2016 को प्रारम्भिक अधिसूचना राजपत्र में जारी की थी जिसमें उन सभी व्यक्तियों से जिनके हित प्रभावित होने की संभावना थी से, उक्त अधिसूचना जारी होने के 60 दिन के भीतर आक्षेप और सुझाव आमंत्रित किये गये थे। उक्त अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। नियमानुसार सोहागपुर विधानसभा के मढ़ई गेट की तरफ से संरक्षित क्षेत्र की सीमा से ईको सेंसेटिव जोन की स्पष्ट सीमा निर्धारित की गई है।

अपूर्ण नल-जल योजना को पूर्ण किया जाना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

31. ( क्र. 462 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2018 से आज दिनांक तक कुल कितनी नल-जल योजना स्वीकृत हुई हैं उनमें कितनी पूर्ण हो चुकी है और कितनी अपूर्ण हैं? ग्रामवार एवं विकासखंडवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) वर्णित स्‍थान में नल-जल योजना खराब होने के संबंध में क्षेत्रीय विधायक द्वारा अनेको शिकायतें/विधानसभा प्रश्‍न के माध्यम से जानकारी चाही गई है उन पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) नल-जल योजना के निविदा का क्या प्रावधान था और निविदा स्वीकृत एवं वर्क आर्डर के बाद कितने समय में कार्य पूर्ण किया जाना था? (घ) जो नल-जल योजना प्रश्‍नकर्ता के क्षेत्र में बनाई गई है उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है और कार्य बहुत ही घटिया हुआ है, जगह-जगह ठेकेदार द्वारा सड़कों पर गड्ढे किये गये है तथा कई जगह से लाइन भी टूट गई है और विभाग द्वारा योजना पूर्ण बताकर राशि भी निकाल ली गई है, उसमें संबंध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाये और उक्त घटिया निर्माण में दोषी पाये गये अधिकारी/ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी? विस्तृत विवरण उपलब्ध करावें?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक 301 ग्रामों की रेट्रोफिटिंग/नवीन नल-जल योजना स्वीकृत हुई है, इनमें से 178 योजनाएं पूर्ण एवं 123 योजनाएं अपूर्ण हैं, ग्रामवार एवं विकासखंडवार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (घ) जी नहीं। माननीय प्रश्‍नकर्ता के क्षेत्र में जो नल-जल योजना बनाई गई है एवं जिनमें कार्य पूर्ण प्रगतिरत है, उनमें मोटरपंप एवं पाइप लाइन इत्यादि सामग्री का थर्ड पार्टी एजेंसी जैसे-सीपेट, राइट इत्यादि द्वारा निरीक्षण होने के पश्चात् ही गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग किया गया है/किया जा रहा है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार ठेकेदारों द्वारा सड़कों पर पाइप लाइन बिछाने हेतु जो गड्ढे किए गए हैं, उन सभी गड्ढों में पाइप लाइन बिछाई जाकर टेस्टिंग कार्य उपरांत उनको भर दिया जाता है। तदोपरांत रोड रेस्टोरेशन का कार्य सम्बन्धित ठेकेदारों द्वारा पूर्ण किया जाता है, जिसका निरीक्षण समय-समय पर विभाग के अधिकारी एवं जिला प्रशासन द्वारा टीम गठित कर भी कराया जाता है। विभाग द्वारा योजनाओं के कार्य निर्धारित मापदंड एवं गुणवत्ता के पाए जाने पर ही उपयंत्री द्वारा कार्यों का मापांकन किया जाता है, जिसके उपरांत भुगतान किया जाता है। जिन ठेकेदारों पर कार्यवाही की गई है, उनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

अधिक राशि आहरण पर कार्यवाही

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

32. ( क्र. 509 ) श्री बाला बच्चन : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय जनपद पंचायत ठीकरी जिला बड़वानी के पत्र क्रमांक/ 2541/निर्माण/2025 दिनांक 30-10-2025 एवं पत्र क्रमाक 2543/निर्माण/2025 दिनांक 30-10-2025 में ग्राम पंचायत फत्‍यापुर में विधायक निधि के कार्य में अधिक राशि के आहरण पर उत्‍तर दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत कराए? (ख) क्‍या कारण है कि अधिक राशि आहरित करने पर कोई दंडात्‍मक कार्यवाही नहीं की गई? कब तक ये कार्यवाही की जाएगी? (ग) कब तक उपरोक्‍त राशि वसूल कर ली जाएगी? यदि नहीं तो इन्‍हें संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (‍क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, ठीकरी द्वारा पत्र दिनांक 30/10/2025 द्वारा अधिक राशि आहरण के संबंध में संबंधितों से स्‍पष्‍टीकरण चाहा गया था। प्रतिउत्‍तर प्राप्‍त न होने के कारण मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, ठीकरी द्वारा पुन: पत्र दिनांक 10/11/2025 द्वारा संबंधितों को स्‍मरण-पत्र जारी किये गये हैं। विभाग के पत्र क्रमांक 5/1/2/0059/2025-Sec-1-23 (PES) दिनांक- 20.11.2025 द्वारा कलेक्‍टर जिला-बड़वानी को आवश्‍यक कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए गए हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में परीक्षण किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

पद का दुरूपयोग संबंधी प्रकरण दर्ज किया जाना

[गृह]

33. ( क्र. 510 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) क्‍या पुलिस महानिदेशक म.प्र. तथा पुलिस अधीक्षक राजगढ़ तहसीलदार सारंगपुर जिला राजगढ़ के प्रकरण क्र. -0075/बी-121/2024-25 दिनांक 10.07.2025 का पारित आदेश समस्त साक्ष्यों शपथ-पत्र में सारंगपुर में जन्म होने का असत्य उल्लेख करने तथा राजगढ़ निरीक्षक के जांच दल द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट तथा पंचनामा को दृष्टिगत रखते हुए तथा शिकायतकर्ता सारंगपुर, राजगढ़ के अभ्यावेदन दिनांक 10.09.2025 तथा संलग्न साक्ष्यों के आधार पर कार्यवाही की जाएगी? स्पष्ट करें। (ख) क्‍या पुलिस महानिदेशक महोदय लोकायुक्त पुलिस म.प्र. भोपाल द्वारा तहसीलदार सारंगपुर जिला-राजगढ़ द्वारा समस्त साक्ष्यों की अनदेखी करते हुए अपने पद का दुरूपयोग तथा भ्रष्टाचार के कारण दिनांक 10. 07.2025 को आदेश पारित करने पर साक्ष्य प्रदान करने पर निष्पक्ष जांच करवाते हुए दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए प्रकरण दर्ज करने के निर्देश प्रदान किए जाएंगे? (ग) पुलिस महानिदेशक भोपाल तथा पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त भोपाल द्वारा आवेदक सारंगपुर जिला राजगढ़ के अभ्यावेदनों तथा संलग्न साक्ष्यों के आधार पर तहसीलदार सारंगपुर के विरूद्ध भ्रष्टाचार तथा अपने पद का दुरूपयोग करके दोषियों को संरक्षण प्रदान करने तथा आपराधिक प्रकरण होने पर पुलिस द्वारा जांच नहीं करवाकर सभी साक्ष्यों की अनदेखी कर आदेश दिनांक 10.07.2025 पारित करने तथा दोषियों को संरक्षण प्रदान करने तथा साक्ष्यों की अनदेखी करने का प्रकरण दर्ज किया जाएगा? स्पष्ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

महीने की 01 तारीख को वेतन का प्रदाय

[वित्त]

34. ( क्र. 511 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त विभाग म.प्र. शासन द्वारा म.प्र. के सभी जिलों में कार्यरत कर्मचारियों को महीने की 01 तारीख को वेतन प्रदान करने के नियम होने के कारण सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन प्राप्त हो रहा है, किन्तु राजगढ़ जिले में कार्यरत सहा. अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापकों को महीने के अन्त में 20 तारीख को वेतन प्रदान किया जाता है, क्‍या इतने विलंब से वेतन प्रदान करने पर जिला कोषालय अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? (ख) क्‍या वित्त विभाग म.प्र. शासन द्वारा जिला कोषालय अधिकारी राजगढ़ को सहा. अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक का वेतन महीने की 01 तारीख को प्रदान करने के समुचित निर्देश दिए जाएंगे तथा विलंब से वेतन प्रदान करने पर जिला कोषालय अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? स्पष्ट करें। (ग) क्‍या विगत 03 वर्षों से सहा. अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापकों का वेतन महीने की 15 से 20 तारीख तक प्रदान करने पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाले अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? स्पष्ट करें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वेतन का आहरण डी.डी.ओ. द्वारा देयक के प्रस्‍तुत किये जाने, अनुसार होता है। (ख) समस्‍त कर्मचारी को 01 तारीख को वेतन देने हेतु निर्देश है। (ग) उत्‍तरांश "'' एवं "'' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अपहरण करने की धमकी का प्रकरण दर्ज किया जाना

[गृह]

35. ( क्र. 512 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्‍या थाना हबीबगंज, भोपाल द्वारा प्रकरण क्र. 0349 दिनांक 11.07.2025 को भारतीय न्‍याय संहिता बी.एन.एस. 2023, 351 (4) में प्रकरण दर्ज किया गया है, जबकि आरोपी द्वारा जान से मारने की धमकी के साथ अपहरण कर जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। क्‍या मात्र जमानती धाराओं में प्रकरण दर्ज कर दोषियों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। स्‍पष्‍ट करें। (ख) क्‍या थाना प्रभारी हबीबगंज, भोपाल द्वारा प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक 721 दिनांक 10.07.2025 पर कार्यवाही करते हुए दोषियों के विरूद्ध गैर-जमानती धाराओं में अपहरण कर, जान से मारने का प्रकरण दर्ज कर, कार्यवाही की जाएगी? स्‍पष्‍ट करें। यदि हाँ तो कब तक, नहीं तो क्‍यों नहीं? (ग) अपनी 7 वर्ष की दिव्‍यांग पुत्री की उ.प्र. में साजिश के तहत अपने प्रेमी के साथ मिलकर हत्‍या कर दी गई थी तथा अपने कैंसर पीडि़त पति तथा अपनी 14 वर्षीय पुत्र की हत्‍या करने के उद्देश्‍य से अपहरण तथा जान से मारने की धमकी देकर नाबालिक पुत्री को पास्‍को एक्‍ट में बयान नहीं देने पर क्‍या अपराधी के विरूद्ध जान से मारने तथा अपहरण करने की धमकी का प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी की जायेगी? स्‍पष्‍ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) थाना हबीबगंज भोपाल में अपराध क्रमांक 349/25 दिनांक 11/07/2025 को धारा 351 (4) बी.एन.एस. के अंतर्गत दर्ज कर विवेचना में लिया गया था। विवेचना के दौरान प्रकरण में धारा 296, 3 (5) बी.एन.एस. बढ़ाई गई है। प्रकरण की विवेचना जारी है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर धाराओं के सम्बन्ध में विधि सम्मत कार्यवाही की जाती है। किसी को संरक्षण नहीं दिया गया। (ख) प्रश्‍नांश में उल्लेखित पत्र थाना हबीबगंज में प्राप्त हुआ है। पत्र को अपराध क्रमांक 349/25 की विवेचना में शामिल किया गया है। प्रकरण की विवेचना जारी है, विवेचना में एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर धाराओं के सम्बन्ध में विधि सम्मत कार्यवाही की जाना संभव होता है। (ग) उत्तर प्रदेश में उल्लेखित घटनाक्रम का संबंध जिला पुलिस से नहीं है। शेष प्रश्‍नांश के सन्दर्भ में प्रकरण की विवेचना जारी है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जा सकती है।

जिला खनिज प्रतिष्‍ठान निधि की लंबित सूची

[खनिज साधन]

36. ( क्र. 521 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि से वर्ष 2023-24, 2024-25 में खनिज प्रतिष्ठान निधि के तहत जिले में विभिन्न स्रोतों से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा वर्ष                   2023-242024-25 में स्वीकृत निर्माण कार्यों की सूची एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी किये गये कार्यों की सूची उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जिले में वर्ष 2023-242024-25 में प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति शासन स्तर से प्राप्त करने हेतु भेजी गई सूची में कितने कार्यों की स्वीकृति प्राप्त हुई कितने लंबित है? यदि लंबित हैं तो क्यों? जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार वर्ष 2023-242024-25 को जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि के प्रेषित सूची में प्रस्तावित निर्माण कार्यों का प्रशासकीय स्वीकृति न दिये जाने के पीछे क्या कारण है? प्रशासकीय स्वीकृति न दिये जाने के दोषी कौन है क्या दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा बतावें? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार प्रस्तावित कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति दिये जाने हेतु शासन स्तर पर लंबित कार्यों की सूची एवं जिला स्तर पर लंबित सूची कारणों सहित उपलब्ध करावे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान निधि में वित्‍तीय वर्ष 2023-24 से 2024-25 में विभिन्‍न स्‍त्रोतों से प्राप्‍त राशि का वर्षवार विवरण निम्‍नानुसार है:-

वर्ष

प्राप्‍त राशि (करोड़ में)

2023-24

57.84

2024-25

71.64

वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में स्वीकृत निर्माण कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर तथा उक्त अवधि में कार्यों की जारी प्रशासकीय स्वीकृति की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है। (ख) स्वीकृति प्राप्त कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर है एवं लंबित कार्यों की सूची  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द पर है। शासन स्तर पर लंबित रहने का मुख्य कारण मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 14 के तहत राज्य स्तर के संबंधित विभाग द्वारा टीप उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण है। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान मंडल का, प्रतिष्ठान के प्रबंधन एवं कार्यकरण पर, राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के तहत प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना की मार्गदर्शिका के अनुरूप प्राथमिकताओं के निर्धारण किये जाने, 05 वर्ष के लिये भावी कार्ययोजना की अनुशंसा, वार्षिक विवरणी का अनुमोदन एवं प्रतिष्ठान के उपयुक्त कार्यकरण का अनुसरण करने की शक्ति निहित है। उपरोक्त शक्तियों के तहत जिला खनिज प्रतिष्ठान मंडल द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में प्रावधानित राशि के अनुसार स्वीकृतियां जारी की गई हैं। जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में शासन के नियमानुसार प्रशासकीय विभागों से अनुमोदन प्राप्त करने एवं जिला स्तर पर कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृतियां दिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                   (घ) प्रस्तावित कार्यों की सूची पर मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 14 के तहत राज्य स्तर के संबंधित विभाग द्वारा टीप उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण लंबित कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द पर है एवं जिला स्तर पर लंबित कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई पर है। कारण सहित सूची  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ई पर है।

वाहन खरीदी की जानकारी

[वन]

37. ( क्र. 529 ) श्री रमाकांत भार्गव : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) म.प्र. राज्‍य लघु वनोपज (व्‍यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्या. भोपाल द्वारा विगत 05 वर्षों में कितने वाहन क्रय किये गये एवं किन-किन अधिकारियों को वाहन आवंटित है वाहनों की खरीदी दिनांक की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या म.प्र. राज्‍य लघु वनोपज (व्‍यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्या. ने जिलो में वन मण्‍डलों, के अधिकारियों को वाहन आवंटित किये है और उनके संचालन का व्‍यय भी वन उपज संघ कर रहा है? यदि हां, तो वन मण्‍डलवार आवंटित वाहनों पर हुये व्‍यय की जानकारी दें। (ग) क्‍या इन अधिकारियों को म.प्र.शासन वन विभाग के वाहन भी आवंटित हैं? (घ) इन वाहन खरीदी में कितना व्‍यय किस मद से किया गया है क्‍या इनकी खरीदी की अनुमति पंजीयक सहकारी संस्‍था म.प्र. से प्रदान की गई है यदि हाँ तो पंजीयक सहकारी संस्‍था द्वारा किस अधिनियम के प्रावधान से अनुमति प्रदान की गई है?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) मध्‍यप्रदेश राज्‍य लघु वनोपज (व्‍यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल द्वारा विगत 05 वर्षों में कुल वाहन 57 क्रय किये गये। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी उत्‍तरांश '''' के परिशिष्‍ट में है। (ग) प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (समन्‍वय) द्वारा वन विभाग के कुछ वन वृत्‍तों/ वनमण्‍डलों में वाहन आवंटित है। वाहनों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' में है। (घ) विगत 05 वर्षों में कुल वाहन 57 कय किये गये पर राशि रु. 9,15,12,665/- का व्यय हुआ। संघ द्वारा पारित प्रत्येक वर्ष में बजट तैयार कर मापदण्ड/मद अनुसार वाहन क्रय मद बजट संघ आमसभा से पारित अनुसार कार्यालयीन बजट लेखा शीर्ष (10.27.01) वाहन क्रय मद से व्यय किया गया। समस्त समय-समय पर आयोजित संघ की संचालक मंडल की बैठक में प्रस्ताव के अनुमोदन अनुसार प्राप्त अनुमति से क्रय किए गए।

नियुक्तियों में अनियमितता

[महिला एवं बाल विकास]

38. ( क्र. 543 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायि‍का के कितने आवेदन पत्र वर्ष 2025 में विधानसभा क्षेत्र बड़ामलेहरा अन्तर्गत प्राप्त हुए। शासन की गाइडलाइन के अनुसार कितनी नियुक्तिया किस मापदन्डों के तहत की गई नियुक्ति प्रक्रिया की जानकारी सहित सूची दे? (ख) क्या नियुक्ति के सम्बन्ध में शिकायतें प्राप्त हुई यदि हाँ तो जाँच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई विवरण दें? (ग) विभाग द्वारा वर्ष 2024-25, 2025-26 में कितनी अन्य कितनी शिकायतों की जाँच की गई। विवरण उपलब्ध कराये? (घ) क्या जाँच अधिकारियों द्वारा शासन प्रावधानों के विरुद्ध कार्यवाही की गई, यदि हाँ तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद हेतु 423 एवं आंगनवाड़ी सहायिका के पद हेतु 987 आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति के संबंध में विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक/820/2133058/ 24/50-2, दिनांक 23.05.2025 के अनुसार 63 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका की नियुक्ति की गई हैजानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी निरंक है। नियुक्ति के सबंध में अन्‍य कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न नहीं।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी

[गृह]

39. ( क्र. 550 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) प्रश्‍नकर्ता की सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी सड़क दुर्घटना हुई? इनमें कितनी मृत्‍यु की घटनाएं हुई? वर्षवार, थानावार सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित कितनी घटनाएं किन स्‍थानों पर रेत के डम्फर/ट्रकों/ट्रेक्टर ट्रालियों के कारण किन स्‍थानों पर हुई? उल्‍लेखित घटना में वाहनों का क्रमांक, वाहन मालिक का नाम, पता, चालक का नाम/ पता, मृतकों के नाम/पते, मोबाईल नंबर सहित जानकारी देते हुए बतावें कि क्‍या मृतकों को शासन द्वारा सहायता राशि दी गई? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) वर्णित कौन-कौन वाहन परिवहन विभाग में पंजीकृत एवं बीमित नहीं थे? क्‍या सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों को सहायता राशि शासन द्वारा दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इसमें अधिकतम एवं न्‍यूनतम राशि की जानकारी देते हुए बतावें कि क्‍या सभी सड़क दुर्घटनाओं में शासन द्वारा सहायता राशि दी जाती है? यदि नहीं, तो सड़क दुर्घटनाओं में सहायता राशि देने या न देने के संबंध में निर्णय किसके द्वारा किस आधार पर किया जाता है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।                             (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। ज्ञात वाहनों से सड़क दुर्घटनाओं में मृतक के परिजन/घायल व्यक्ति को बीमित इंश्योरेंस कंपनी द्वारा राशि प्रदान की जाती है एवं अज्ञात वाहन से सड़क दुर्घटना होने पर सहायता/प्रतिकर राशि प्रदान की जाती है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। जी हाँ। सड़क दुर्घटनाओं में वाहन ज्ञात होने पर मृतक के परिजन/घायल व्यक्ति को बीमित इंश्योरेंस कंपनी द्वारा राशि प्रदान की जाती है एवं अज्ञात वाहन से सड़क दुर्घटना होने पर हिट एण्ड रन प्रतिकर योजना के अंतर्गत मृतक के परिजन को राशि रू. 200000/- लाख एवं गंभीर घायलों को राशि रू. 50000/- सहायता/प्रतिकर राशि प्रदान की जाती है।

पुलिस थानों की शांति समिति के गठन की प्रक्रिया

[गृह]

40. ( क्र. 551 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) पुलिस थाना में शांति समिति गठित नामित सदस्‍यों का मापदण्‍ड एवं थाना क्षेत्र की शांति समिति में कितने सदस्‍य हो सकते है? सिवनी जिले अन्‍तर्गत थानावार नामित सदस्‍यों की सूची उपलब्‍ध कराते हुए बतलावें कि इन्‍हें नामित कौन करता है और कितने समय से इनमें बदलाव नहीं किया गया? (ख) अलग-अलग त्‍यौहारों की प्रकृति के अनुसार सदस्‍यों की श्रेणी निर्धारित कर बैठक में बुलाया जाता है या प्रत्‍येक बैठक में सभी सदस्‍यों को बिना त्‍यौहारों की प्रकृति को ध्‍यान में रखकर सभी को बुला लिया जाता है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिले में शांति समिति का गठन जिला कलेक्टर के द्वारा किया जाता है। शांति समिति में सभी वर्गों, धर्म, महिलाओं, सम्प्रदायाओं एवं व्यवसाय से जुड़े, स्वच्छ छबि के लोगों को शामिल किया जाता है। थाना स्तर पर राजस्व विभाग के एस.डी.एम./तहसीलदार के द्वारा थाना क्षेत्र के गणमान्य नागरिक, वरिष्ठ नागरिक, समाज सेवी, ग्राम सरंपच, पंच, नगर के वार्ड के पार्षद, अध्यक्ष को समाज में उनकी स्वीकार्यता के अनुसार नामित किया जाता है। सदस्यों की संख्या का कोई निश्चित मापदण्ड नहीं है, वह थाना क्षेत्र के क्षेत्रफल व प्रकृति पर निर्भर करता है। समय-समय पर जिला कलेक्टर द्वारा शांति समिति का पुनर्गठन किया जाता है। वर्तमान में इस इकाई में समिति का पुनर्गठन नहीं किया गया है। जिला स्तर एवं थाना स्तर पर शांति समिति का पुनर्गठन की कार्यवाही प्रचलन में है। सिवनी जिले के थानावार नामित सदस्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शांति समिति की बैठक में सभी सदस्यों को बुलाया जाता है साथ ही त्यौहारों की प्रकृति के अनुसार अन्य संबंधित गणमान्य नागरिक, वरिष्ठ नागरिक, समाज सेवी, वार्ड पार्षद, पंच, सरपंच, अध्यक्ष को सम्मिलित कर बैठक का आयोजन किया जाता है।

जल निगम की चल रही परियोजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

41. ( क्र. 557 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ, अलीराजपुर, रतलाम जिलों में वर्तमान में जल जीवन मिशन में कितनी परियोजना के कार्य प्रगतिरत पूर्ण और अपूर्ण है। प्रत्येक योजना की विस्तृत जानकारी, टेंडर लागत, वर्ष, टैंडर की कार्य पूर्ण होने की वैधता और कार्य करने वाली फर्म/कम्पनी की जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित परियोजना में पाइप लाइन की प्रेशर टेस्टिंग और अन्य टेस्टिंग का टेंडर में क्या प्रवधान है। इस प्रकार के कार्य हेतु क्या मानक है और किस दर/रेट पर ये टेस्टिंग की जाती है। विस्तृत जानकारी प्रदान की जाए। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में कितनी परियोजना में "प्रेशर टेस्टिंग" करी गई और कब-कब, यह टेस्टिंग करी गई, इसके संबंध में जानकारी उपलब्‍ध कराई जाए।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत झाबुआ, अलीराजपुर एवं रतलाम जिले में चल रही समूह जल प्रदाय परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 अनुसार हैजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 अनुसार है। पृथक से दर/ रेट निर्धारित नहीं हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 03 अनुसार है।

दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही

[गृह]

42. ( क्र. 558 ) श्री सचिन बिरला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 657 दिनांक 17.12.2024 अवंती मिल वर्कर्स इंडस्ट्रियल कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड सनावद जिला खरगोन व जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित खरगोन के पूर्व पदाधिकारी संचालकों व अधिकारी/कर्मचारी द्वारा संगतमत होकर की गई राशि रुपए 20 करोड़ से अधिक की आर्थिक अनियमितता के लिए दोषी पाया गया था? (ख) दोषियों के विरुद्ध थाना सनावद द्वारा प्रकरण में पूरक चालान प्रस्तुत किया जाना है यदि पूरक चालान प्रस्तुत किया जाना है तो प्रकरण में अनुसंधान कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍न क्र 657 दिनांक 17.12.2024 तारांकित प्रश्‍न नहीं था अपितु अतारांकित प्रश्‍न था। उक्त प्रश्‍न के उत्तर में निम्न लिखा था "प्रकरण में आरोपी प्रबंधक संचालक सूतमिल राजेन्द्र पिता हजारीलाल साकलिया उम्र 56 वर्ष निवासी 268 श्रीमंगल नगर इन्दौर के विरूद्ध विवेचना पूर्ण कर चालान दिनाक 20.10.2019 को तैयार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जो विचाराधीन है।" उक्त प्रश्‍न के उत्तर में यह बताया गया था कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खरगोन के पदाधिकारी, अवंति मिल सोसायटी के संचालक मण्डल के सदस्य कुल 14 पदाधिकारियों के विरूद्ध धारा 173 (8) द.प्र.सं. के तहत विवेचना जारी है। प्रश्‍न क्रमाक 657 (दिनांक 17.12.2024) के उत्तर में उक्त पदाधिकारियों के 20 करोड़ रूपए की अनियमितता में दोषी पाए जाने की बात नहीं लिखी थी। (ख) प्रकरण में अन्य आरोपियों की संलिप्तता के संदर्भ में विवेचना जारी है। विवेचना में प्राप्त साक्ष्य के आधार पर पूरक चालान प्रस्तुत करने का निर्णय लिया जा सकता है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

उधार (लोक ऋण) की दायित्व अनुसार जानकारी

[वित्त]

43. ( क्र. 597 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2020 से 31 मार्च 2025 तथा अक्टूबर 2025 तक उधार (लोक ऋण) की दायित्व अनुसार जानकारी प्रदान करें तथा बतावे कि किस-किस दायित्व में प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत की वृद्धि तथा कमी हुई तथा उसके कारण क्या है? (ख) संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के अनुसार वर्ष 2020-21 से 2024-25 तथा अप्रैल 2025 से अक्टूबर 2025 तक लिए गए ऋण पर भारत सरकार की सहमति के लिए भेजे गए पत्र तथा भारत सरकार द्वारा दी गई सहमति (यदि कोई शर्त अधिरोपित की गई है तो उस सहित) की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) उधार (लोक ऋण) में पारदर्शिता के सिद्धांत अनुसार बतावे कि अप्रैल 2020 से 31 अक्टूबर 2025 तक लिए गए (1) राज्य सरकार का आंतरिक ऋण (2) केंद्र सरकार से ऋण तथा (3) अग्रिम, कितनी राशि का, किस दिनांक को, किस मकसद से लिया गया तथा किस-किस कार्य में कितना-कितना खर्च किया गया। (घ) संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के अनुसार ऋण लेने के लिए अप्रैल 2023 से 31 अक्टूबर 2025 तक केंद्र सरकार को कितने आवेदन भेजे गए, कितने आवेदन पर केंद्र सरकार ने सहमति दी, कितने आवेदन पर सहमति संविधान के अनुच्छेद 293 (4) के तहत शर्तों के अधीन दी तथा कितने आवेदन निरस्त किए गए। सभी आवेदन की प्रति तथा केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए सहमति, असहमति पत्र की प्रति संलग्न दस्तावेज सहित उपलब्ध करावे।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) (1) प्रदेश शासन पर लोक ऋण की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये वित्‍तीय वर्ष 31 मार्च 2020  से वित्‍तीय वर्ष 2023-24 तक की स्‍थिति में वित्‍त लेखे के Statement No.17  पुस्‍तकालय  में  रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। राज्‍य शासन द्वारा लिए गए कर्ज में वृद्धि का कारण प्रदेश की अधोसंरचनात्‍मक विकास की योजनाओं को गति प्रदान करना है। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 के वित्‍त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से 31 अक्‍टूबर 2025 तक की अवधि में अंकेक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (2) तथापि वित्‍तीय वर्ष 2025-26 के बजट साहित्‍य के वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के अनुसार पुनरीक्षित अनुमान एवं बजट अनुमान की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (3) दायित्‍वों में प्रतिवर्ष वृद्धि का (GSDP की तुलना में) प्रतिशत वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 3 अनुसार है। (ख) संविधान के अनुच्‍छेद 293 (3) के अनुसार वर्ष 2020-21 से 2024-25 तथा अप्रैल 2025 से अक्‍टूबर 2025 तक लिये गये ऋण पर भारत सरकार की सहमति के लिये भेजे गये पत्र तथा भारत सरकार द्वारा दी गई सहमति (अधिरोपित शर्त सहित) की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार हैं। (ग) उत्‍तरांश- '' (1) अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश ' ' अनुसार है।



महिलाओं एवं बच्चियों पर अत्‍याचार

[गृह]

44. ( क्र. 598 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2623 दिनांक 5/8/2025 में वर्ष 2023 में बलात्कार में महिलाओं की कुल संख्या 8120 तथा एससी महिलाओं की संख्या 2106, एसटी 2173 बताई गई है तथा एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट में कुल बलात्कार 6857, एससी महिला से बलात्कार 560 एसटी महिला से बलात्कार 356 बताए गए हैं। (ख) क्‍या एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट में 2023 के मध्य में महिलाओं की अनुमानित आबादी 421.2 लाख बताई गई है तथा महिला बलात्कार में अपराध दर 7.8 प्रति लाख तथा बच्चियों की दर 9.1 प्रति लाख बताई गई है जबकि प्रश्‍नकर्ता को महिला बलात्कार के दिये आंकड़े अनुसार 18 साल से ऊपर की महिला तथा बच्चियों की जनसंख्या अनुसार गणना करने पर 18 साल तक की बच्चियों से बलात्कार की दर 36.33 प्रति लाख तथा 18 वर्ष से ऊपर की महिलाओं से 11.98 प्रति लाख है। यदि हाँ तो बतावें कि एन.सी.आर.बी. को विभाग द्वारा झूठे आंकड़े क्यों दिए गए है? शासन द्वारा एन.सी.आर.बी. को महिला के खिलाफ अपराध की भेजी गई जानकारी के पत्र की प्रतियां देवें। (ग) वर्ष 2020 से 2023 तक कुल महिलाओं से बलात्कार, एससी तथा एसटी महिलाओं से बलात्कार के (1) एन.सी.आर.बी. के आंकड़े (2) वार्षिक प्रतिवेदन के आंकड़े (3) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2610 दिनांक 21/3/25 के आंकड़े (4) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2623 दिनांक 5.8.2025 के आंकड़े बतावें। प्रत्येक आंकड़ों में अंतर का कारण, वर्ष अनुसार प्रमाणिक दस्तावेज/संख्या सहित देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित प्रश्‍न कमांक 2823 दिनांक 05.08.2023 में माननीय विधायक द्वारा सूचित की गयी जानकारी बलात्कार में महिलाओं की कुल संख्या 8120 तथा एससी महिलाओं की संख्या 2106, एसटी 2173 सही है। उल्लेखनीय है कि प्रश्‍नकर्ता द्वारा महिला बलात्कार की कुल संख्या में बलात्कार- 7717, बलात्कार सहित हत्या 46, सामूहिक बलात्कार-357 शीर्षों को जोड़कर बताया गया है, जो कि कुल बलात्कार 8120 है। विदित हो कि उक्त जानकारी जिलो से प्राप्त कर प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में भेजी गयी है। एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट में कुल बलात्कार 6857, एससी महिला से बलात्कार 560, एसटी महिला से बलात्कार 356 बताए गये है। विदित हो कि एन.सी.आर.बी. द्वारा संकलित जानकारी की समय अवधि 01 जनवरी से 31 दिसम्बर है। एन.सी.आर.बी. द्वारा वर्ष समाप्त होने के उपरांत अग्रिम वर्ष जानकारी संकलन कार्य किया जाता है। दोनों ही जानकारियों के संकलन में समय अंतराल है। प्रश्‍नकर्ता द्वारा एन.सी. आर.बी. रिपोर्ट में कुल बलात्संग 6857 उल्लेखित किये गये है। विदित हो कि एन.सी.आर.बी. के द्वारा निर्धारित प्रारूप में महिला बलात्संग (18 वर्ष से अधिक) 2979, पॉक्सो नाबालिग बलात्संग-3849, बलात्संग के साथ हत्या/गैंगरेप-29 कुल प्रकरण 6857 प्रकरण है। प्रश्‍नकर्ता द्वारा उल्लेखित जानकारियों में समय अंतराल होने के कारण अपराध शीर्ष जैसे अपहरण के प्रकरणो में पीडिता के बरामदगी उपरांत, बलात्संग के प्रकरणों में परिवर्तित होते हैं, जिससे अपहरण एवं बलात्संग के प्रकरणों में कमी/वृद्धि होना एवं आकड़ों में परिवर्तन संभव है। प्रश्‍नकर्ता द्वारा एससी एवं एसटी महिलाओं से संबंधित प्रकरणों की वर्गवार जानकारी अपेक्षित की गयी थी व एन.सी.आर.बी. द्वारा प्रकाशित जानकारी के साथ तुलना की जा रही है। विदित हो कि दोनों ही जानकारियां भिन्न प्रकृति की है। एन.सी.आर.बी. द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के अंतगर्त दर्ज प्रकरणों की जानकारी संकलित की जाती है। वहीं पर प्रश्‍नकर्ता द्वारा वांछित जानकारी में वर्गवार जानकारी संकलित कर प्रेषित की गयी है। उल्लेखनीय है कि प्रश्‍नकर्ता को प्रेषित जानकारी वर्ग अनुसार है, जिसके अंतर्गत यदि पीड़िता और आरोपी एक ही जाति/वर्ग के है, तो भी गणना में वर्गवार लिया गया है। वही पर एन.सी.आर.बी. द्वारा केवल वे ही प्रकरण गणना में लिये जाते है, जिनमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा लगायी गयी है। इस स्थिति प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपेक्षित जानकारी एवं एन.सी.आर.बी. द्वारा प्रकाशित जानकारी की तुलना समान रूप से किया जाना संभव नहीं है। (ख) एस.सी.आर.बी. द्वारा एन.सी.आर.बी को सही जानकारी दी गयी है। महिलाओं की अनुमानित आबादी 421.2 लाख, महिला बलात्संग में अपराध दर 7.1 है व बच्चियों के बलात्संग की दर 13. 4 है। एन.सी.आर.बी. को संबंधित अपराधों की भेजी गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ग) वर्ष 2020 से 2023 तक कुल महिलाओं से बलात्कार, एससी तथा एसटी महिलाओं से बलात्कार के (1) एन.सी.आर.बी. के आंकड़े (2) वार्षिक प्रतिवेदन के आंकड़े (3) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2610 दिनांक 21.03.25 के आंकड़े (4) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2623 दिनांक 5.8.2025 के आंकड़े अनुसार प्रमाणित दस्तावेज  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। समय अंतराल होने के कारण अपराध शीर्ष जैसे अपहरण के प्रकरणों में पीड़िता के बरामदगी उपरांत, बलात्संग के प्रकरणों में परिवर्तित होते है, जिससे अपहरण एवं बलात्संग के प्रकरणों में कमी/वृद्धि होना एवं आकड़ों में परिवर्तन संभव है।

आंगनवाड़ी सहायिका भर्ती की जांच

[महिला एवं बाल विकास]

45. ( क्र. 600 ) श्री अभय मिश्रा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले के परियोजना सिरमौर क्रमांक 2 ग्राम भगड़ा में आंगनवाड़ी सहायिका के पद हेतु प्रिया मिश्रा जिसका बीपीएल कार्ड एवं समग्र आईडी आदि प्रदर्शित होने के बाद भी नयी सूची में प्रथम स्थान न देकर अनुराधा साहू का नाम दिया गया है क्या बीपीएल कार्डधारियों को 05 अंक अतिरिक्त दिए गए हैं? यदि हाँ, तो प्रिया मिश्रा को मेरिट सूची में प्रथम स्थान क्यों नहीं दिया गया जानकारी दें। (ख) क्या आंगनवाड़ी सहायिका पद के चयन में असंगठित एवं प्रवासी श्रमिक कार्डधारियों को 05 अंक अतिरिक्त दिए जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो आंगनवाड़ी केंद्र डोगरिहा हेतु प्रतिभा सिंह का मेरिट लिस्ट में उक्त श्रमिक कार्डधारक के आधार पर चयन कैसे हुआ।                           (ग) क्या परियोजना सिरमौर क्रमांक 02 के आंगनवाड़ी केन्द्र मैनहा हेतु आंगनवाड़ी सहायिका के लिए दीना सिंह गोड़ का चयन बीपीएल के आधार पर 05 अंक अतिरिक्त दिया जाकर चयन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या बीपीएल कार्ड कूटरचित प्रस्तुत कर लाभ लिया गया। यदि नहीं तो क्या प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच की गयी यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित बिंदुओं के साथ ही आंगनवाड़ी सहायिका भर्ती 2025 अंतर्गत सम्पूर्ण रीवा जिले में हुई चयन प्रक्रिया की जांच कराकर क्या दोषियों को दण्डित कर चयन प्रक्रिया को निरस्त करेंगे यदि हाँ तो कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विकासखण्‍ड स्‍तरीय चयन समिति द्वारा आवेदिका प्रिया मिश्रा के आवेदन में संलग्‍न बीपीएल कार्ड अस्‍पष्‍ट होने के कारण अंक नहीं दिये गये थे। दावा/आपत्ति में सपोर्टिंग दस्‍तावेज के रूप में आवेदिका द्वारा बीपीएल कार्ड प्रस्‍तुत किया गया, तदुपरांत जिला स्‍तरीय दावा/आपत्ति निराकरण समिति द्वारा प्रिया मिश्रा को बीपीएल के 05 अंक प्रदान किये गये। अंतिम सूची में प्रिया मिश्रा का प्रथम वरीयता के साथ आंगनवाड़ी केन्‍द्र भगड़ा में सहायिका पद पर चयन किया गया है। (ख) जी नहीं। विकासखण्‍ड स्‍तरीय चयन समिति द्वारा आवेदिका प्रतिभा सिंह का चयन प्रथम वरीयता पर किया जाकर अनंतिम सूची का प्रकाशन किया गया, जिसके विरूद्ध अन्‍य आवेदिकाओं द्वारा कोई दावा/आपत्ति दर्ज नहीं करायी गई थी, जिस कारण से इनके नियुक्ति आदेश जारी किये गये। मूल दस्‍तावेज परीक्षण में पाया गया कि संबंधित आवेदिका वास्‍तविक बी.पी.एल. कार्ड धारक नहीं है अपितु असंगठित एवं प्रवासी श्रमिक कार्ड लगाया है। इस कारण इनकी नियुक्ति निरस्‍त की गई एवं प्रति‍क्षा सूची से परीक्षण उपरांत पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी हाँ। बाल विकास परियोजना सिरमौर-2 अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्‍द्र मैनहा में आवेदिका दीना सिंह गोड़ का चयन खण्‍ड स्‍तरीय समिति एवं जिला स्‍तरीय दावा/आपत्ति समिति द्वारा समस्‍त दस्‍तावेजों के परीक्षण उपरांत किया गया, जिसमें आवेदिका के ऑनलाइन आवेदन में संलग्‍न बीपीएल के आधार पर समिति द्वारा 05 अंक प्रदान किये गये हैं। (घ) उत्‍तरांश '''', '''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्‍य में शासन नियम निर्देशों के अधीन चयन होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं।

विकास निधि के अपूर्ण कार्यों की शेष राशि का भुगतान

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

46. ( क्र. 614 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधानसभा की जुलाई-अगस्त 2025 की बैठक में पूछे गए तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 949 दिनांक 12 मार्च 2025 की प्रश्‍नांश '''' के उत्तर में जानकारी दी गयी थी कि पूर्व की लेप्स विधायक निधि राशि की मांग पत्र का प्रस्ताव प्रथम अनुपूरक में दिनांक 13/06/2025 को प्रेषित किया गया है पुर्नावंटन प्राप्त होने के पश्चात आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्तर में यदि हाँ तो इस विषय में हुई प्रगति से अवगत करावे एवं यह भी बतलावे कि वित्त वर्ष 2023-24 में प्रश्‍नकर्ता विधायक क्षेत्र विकास निधि से स्वीकृत निर्माण कार्यों की शेष राशि का भुगतान किस प्रकार से कब तक निर्माण ऐजेन्‍सि‍यों को कर दिया जावेगा जिससे स्वीकृत अधूरे निर्माण कार्यों को पूर्ण कराया जा सके?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

न्यायालय भवन निर्माण की स्वीकृति

[विधि एवं विधायी कार्य]

47. ( क्र. 620 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधानसभा क्षेत्र खुरई अन्तर्गत खुरई में स्थित सिविल न्यायालय भवन निर्माण हेतु विभाग की क्या योजना है? क्या खुरई स्थित न्यायालय भवन काफी पुराना होने के साथ ही जीर्णशीर्ण स्थिति में है? यदि हाँ, तो कब तक नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जल-जीवन मिशन अंतर्गत कराये जा रहे कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

48. ( क्र. 622 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि खुरई विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा विकासखण्ड खुरई एवं मालथौन में जल जीवन मिशन अन्तर्गत किन-किन ग्रामों में क्या-क्या कार्य ठेकेदारों/कम्पनियों अथवा विभागीय स्तर पर कराये जा रहे हैं? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना थे? अभी तक पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? कब तक पूर्ण करा लिये जायेंगे? विकासखण्ड व ग्रामवार कार्यों का ब्यौरा दें?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त मध्‍यप्रदेश जल निगम द्वारा प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बीना-खुरई एवं मालथौन समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्‍वयन किया जा रहा है, विकासखंडवार, ग्रामवार कार्यों एवं ठेकेदारों/कंपनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। बीना-खुरई एवं मालथौन समूह योजनाओं के कार्य क्रमशः दिनांक 29.12.2024 एवं दिनांक 27.12.2024 तक पूर्ण किया जाना था। कार्य पूर्ण न होने के कारण एवं पूर्ण करने की संभावित तिथि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।

समूह जल प्रदाय योजना में ग्रामों को सम्मिलित किये जाना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

49. ( क्र. 637 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समूह जल प्रदाय योजना में कितने ग्रामों को सम्मिलित किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में स्वीकृत ग्रामों में क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र के सम्‍पूर्ण ग्राम सम्मिलित है? जानकारी देवें तथा यदि नहीं तो उन ग्रामों के नाम देवें जिन्हें समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित नहीं किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित ग्राम समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित नहीं किया गया है। उन ग्रामों को सम्मिलित न किये जाने का क्या कारण है? जानकारी देवें तथा उन ग्रामों को सम्मिलित करने के लिए विभाग क्‍या कार्यवाही कर रहा है?
लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जल निगम की समूह जल प्रदाय योजनाओं में कुल 161 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है।                            (ख) जी हाँ, नरयावली विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्राम समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित हैं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

 

म.प्र. प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड द्वारा एन.ओ.सी. का प्रदाय

[पर्यावरण]

50. ( क्र. 638 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सागर द्वारा विगत तीन वर्षों में कितने उद्योगों/अन्य प्रायोजन हेतु एनओसी/अनापत्ति प्रमाण पत्र/स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया है? विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित ऐसे उद्योग, जिनमें उद्योग/अन्य प्रायोजन/अपशिष्‍ट पदार्थ/द्रव्य/धुंआ/ चिंगारी/चमक एवं डस्ट या धूल की निकासी होती है तथा उन्हें विभाग द्वारा एनओसी किन शर्तों पर प्रदान की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित ऐसे उद्योग/अन्य प्रायोजन जिनसे प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अपशिष्‍ट पदार्थ/द्रव्य/धुंआ/चिंगारी/चमक एवं डस्ट या धूल की निकासी के संबंध में क्षेत्रवासियों द्वारा उद्योग/अन्य प्रायोजन ईकाईयों के संबंध में शिकायत/आपत्ति के आवेदन प्राप्त हुए हैं? यदि हां, तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित शिकायत/आपत्ति के आवेदन पर विभाग द्वारा उद्योग/अन्य प्रायोजन ईकाई के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनओसी/अनापत्ति प्रमाण पत्र/स्वीकृति पत्र प्रदान नहीं किए जाते हैं अपितु सम्‌मति जारी की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ"अनुसार है। (ख) जी हाँ। 219 स्टोन क्रेशर इकाइयों को वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु विण्ड ब्रेकिंग वॉल एवं वाटर स्प्रिंकलर्स की स्थापना व संचालन तथा हरित पट्टिका के विकास की शर्त के साथ सम्‌मति जारी की गई है। 742 खदान इकाइयां हैं जिनको वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु वाटर स्प्रिंकलिंग, फेंसिंग, गार्लेण्ड ड्रेन व सिल्टेशन पॉण्ड की स्थापना व संचालन एवं पक्का एप्रोच रोड व हरित पट्टिका के विकास की शर्त के साथ सम्‌मति जारी की गई हैं। शेष अन्य इकाइयों में प्रमुखतः होटल, चिकित्‍सालय, क्लीनिक व अन्य उद्योग सम्मिलित हैं जिनको आवश्यकतानुसार दूषित जल के उपचार हेतु दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना व संचालन एवं परिसर के बाहर शून्य निस्त्राव की स्थिति के पालन तथा वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की स्थापना व संचालन की शर्तों के साथ सम्‌मति दी गई है। चिकित्सालयों व क्लीनिक्स हेतु जारी सम्‌मति/प्राधिकार में संयुक्त जैव चिकित्सा उपचार एवं डिस्‍पोजल संस्‍थान से सदस्‍यता प्राप्‍त करने की शर्त भी रखी जाती है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

नल-जल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

51. ( क्र. 643 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत कौन-कौन सी नल-जल योजनायें स्‍वीकृत थी? कितनी पूर्ण हुई? कितनी अपूर्ण हैं? गत 5 वर्षों की जानकारी देवें? (ख) क्‍या पूर्ण हो चुके निर्माण कार्यों की सुरक्षा निधि वापिस कर दी गई है? (ग) यदि नहीं, तो ठेकेदारवार एवं योजनावार कारण सहित जानकारी देवे? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में सुरक्षा निधि वापिसी के क्‍या प्रावधान हैं?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त मध्‍यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्‍वयन हेतु प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जबलपुर, पडवार-पडरिया एवं छीताखुदरी समूह जल प्रदाय योजनाएं स्‍वीकृत हैं, इनके अंतर्गत कोई भी योजना पूर्ण नहीं है, उक्‍त सभी समूह जल प्रदाय योजनाएं अपूर्ण होकर प्रगतिरत हैं। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अनुबंध के अंतर्गत समस्‍त कार्य पूर्ण होने के उपरांत 12 माह की अवधि के पश्‍चात सुरक्षा निधि वापिस किए जाने के प्रावधान है।

वाटर कोर्स एवं फील्‍ड चैनल का निर्माण

[नर्मदा घाटी विकास]

52. ( क्र. 644 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) प्रश्‍न क्र. 615 दिनांक 5 अगस्‍त 2025 में दिये गये उत्‍तर में बताया गया है कि जानकारी एकत्रित की जा रही है? (ख) क्‍या जानकारी एकत्रित हो गई है? (ग) यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी देवें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्‍न क्रमांक 615, दिनांक 05.08.2025 का उत्‍तर दिनांक 21.11.2025 को विधानसभा सचिवालय को प्रेषित किया जा चुका है, जिसकी प्रति  संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

कर्मचारियों/अधिकारियों की पदस्‍थापना

[गृह]

53. ( क्र. 650 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) विधानसभा गुनौर अंतर्गत आने वाले पुलिस कार्यालयों में विगत 3 वर्ष या उससे ज्‍यादा समय से एक ही स्‍थान पर कितने पुलिस कर्मचारी/अधिकारी पदस्‍थ हैं? नाम एवं निवास स्‍थान सहित, थानावार जानकारी देवे। (ख) मध्‍यप्रदेश शासन की स्‍थानांतरण नीति अनुसार प्रतिबंध अवधि से छूट के दौरान गुनौर विधानसभा में विगत 3 वर्षों में जिला स्‍तर पर कितने पुलिस कर्मचारियों/ अधिकारियों का स्‍थानांतरण किया गया एवं कितने कर्मचारियों/अधिकारियों का स्‍थानांतरण प्रतिबंध अवधि के दौरान किया गया? नामवार, पदनामवार बतावे। यदि गुनौर विधानसभा में पुलिस विभाग द्वारा जिला स्‍तर पर विगत 3 वर्ष में प्रतिबंध अवधि में कर्मचारियों/अधिकारियों का स्‍थानांतरण किया गया है, तो क्‍या स्‍थानांतरण नीति में उल्लेखित प्रक्रिया का अनुसरण किया गया है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार                               (ख) मध्यप्रदेश शासन की स्थानांतरण नीति अनुसार प्रतिबंध अवधि से छूट के दौरान गुनौर विधानसभा में विगत 03 वर्षों में जिला स्तर पर पुलिस कर्मचारियों/अधिकारियों के स्थानांतरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। मध्यप्रदेश शासन की स्थानांतरण नीति अनुसार विगत 3 वर्ष में कर्मचारियों/अधिकारियों का स्थानांतरण प्रतिबंध अवधि के दौरान किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार। पुलिस विभाग में आपात स्थिति, कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा, विशिष्ट/अति विशिष्ट व्यक्तियों के भ्रमण तथा अपराधों की रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुये रिक्त पदों की पूर्ति हेतु आवश्यकतानुसार स्थानांतरण किये जाते है।

अस्‍थाई लीज की स्‍वीकृति‍

[खनिज साधन]

54. ( क्र. 653 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) क्‍या विधानसभा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 735 दिनांक 05.08.2025 के उत्‍तर में बताया गया था कि पन्‍ना जिले में वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कोई भी अस्‍थाई लीज स्‍वीकृत नहीं की गई है? यदि हाँ तो बतावें कि छोटी, बड़ी सड़कों के निर्माण, अन्‍य निर्माण कार्य जिनमें मिट्टी, मुरम की भराई होती है, के लिये मिट्टी, मुरम कहां से प्राप्‍त की गई? (ख) क्‍या खनिज विभाग पन्‍ना द्वारा संबंधित ठेकेदारों/निर्माण एजेंसियों को लाभ पहुचानें के उद्देश्‍य से बिना अस्‍थाई लीज स्‍वीकृति के मिट्टी मुरम की खुदाई कराई गई है? यदि हाँ तो संबंधितों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्‍या वर्ष 2021 से प्रश्‍नांश '''' में वर्णित अवधि तक सड़कों के निर्माण, अन्‍य निर्माण कार्यों के लिए मिट्टी मुरम कहां से प्राप्‍त हुई? जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, पन्ना जिले में वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कोई भी अस्थाई लीज स्वीकृत नहीं की गई है। छोटी, बड़ी सड़कों के निर्माण एवं अन्य निर्माण कार्य में मिट्टी, मुरुम मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 68 (2) में संबंधित सरकारी विभाग के कार्यपालन यंत्री को अनुज्ञा देने का नियमों में प्रावधान है। लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी अनुज्ञा की जानकारी  संलग्न  परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा अवैध उत्खनन किये जाने पर मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2022 के तहत् कार्यवाही की जाती है। वर्णित अवधि में सड़क/अन्य निर्माण कार्यों के लिए मिट्टी मुरूम संबंधित शासकीय निर्माण विभाग द्वारा नियमानुसार अनुज्ञा जारी कर अस्थाई लीज के माध्यम से मिट्टी, मुरूम का उपयोग किया जाता है। जानकारी  संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। संबंधित शासकीय निर्माण ठेकेदार द्वारा आवश्यकता होने पर बजार से भी मिट्टी, मुरूम क्रय कर कार्य संपादित किया जाता है।
परिशिष्ट - "तीस"

जल जीवन मिशन कार्य में अनियमितताएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

55. ( क्र. 663 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा डबरा के अंतर्गत जल जीवन मिशन योजना से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने ग्रामों में नल-जल योजना कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत की गई? निर्माण एजेंसी का नाम एवं मूल्यांकनकर्ता उपयंत्री का नाम बताएं तथा प्रश्‍न दिनांक तक प्रत्येक योजना पर व्यय राशि एवं जिसमें से जिन योजनाओं का कार्य पूर्ण होने से किस माह से जल प्रदाय किया जा रहा है? किस किस योजना का कार्य किस कारण अपूर्ण है? वह कब तक पूर्ण किया जायेगा? ग्रामवार बताएं                                    (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार कार्य पूर्ण जल प्रदाय योजनाओं से प्राक्कलन अनुसार ग्राम के सम्पूर्ण भवनों में जल प्रदाय किये जाने संबंधी सम्बंधित निर्माण एजेंसी एवं सम्बंधित उपयंत्री के प्रमाणीकरण की प्रतियाँ उपलब्ध करवाएं। (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार जल जीवन मिशन से स्वीकृत नल-जल योजना की पाइपलाइन डालने हेतु ग्राम की आतंरिक सड़क मजदूर अथवा मशीन में से किस से खोदी गयी? खोदी गयी आंतरिक सड़क प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस ग्राम में यथास्थिति में बनवाई गई तथा किस-किस ग्राम में बनायी जाना शेष है? यह कब तक बनायी जाएगी?
लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विकासखंड डबरा के अंतर्गत जल जीवन मिशन योजनांतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक स्वीकृत एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अपूर्ण (प्रगतिरत) कार्यों को पूर्ण किए जाने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जल जीवन मिशन में पूर्ण की गई एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के पूर्णता प्रमाण पत्र ठेकेदार एजेंसी एवं उपयंत्री द्वारा जारी नहीं किए जाते हैं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है

पेयजल आपूर्ति हेतु अंतरिम व्यवस्था किया जाना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

56. ( क्र. 670 ) श्री महेन्‍द्र नागेश : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गोटेगाँव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 55 ग्रामों का पेयजल प्रदाय कार्य मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा संचालित पायली समूह नल-जल प्रदाय परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित है? (ख) क्या उक्त परियोजना की प्रगति अत्यंत धीमी होने से कार्य पूर्ण होने में विलंब हो रहा है, जिसके फलस्वरूप संबंधित ग्रामों में गंभीर पेयजल संकट की स्थिति निर्मित हो गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या राज्य शासन द्वारा उक्त परियोजना पूर्ण होने तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पी.एच.ई.) विभाग को अंतरिम रूप से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए हैं अथवा दिए जाने पर विचार किया जा रहा है?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ (ख) जी हाँ, कार्य में विलंब हुआ है, योजना के कार्य प्रगतिरत हैं। जी नहीं। (ग) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में नल-जल योजना तथा शासकीय हैंडपंपों से पेयजल व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। वर्तमान में प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में गंभीर पेयजल संकट की स्थिति नहीं है। जिन ग्रामों में नल-जल योजना का क्रियान्वयन पूर्ण नहीं होता है, वहाँ सामान्य स्थिति में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से कम पेयजल उपलब्धता की स्थिति में आवश्यकतानुसार नया हैंडपंप लगाए जाने की स्वीकृति दिया जाना प्रावधानित है।

दीवार तोड़कर की गई चोरी  

[गृह]

57. ( क्र. 671 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा थाना मनगवां चौकी रघुनाथ गंज अंतर्गत दिनांक 25/09/2025 को टिकुड़ी 37 में श्री नरेन्द्र प्रसाद मिश्रा के मकान में अज्ञात लोगों द्वारा दीवार तोड़कर चोरी की गई है?                          (ख) यदि हाँ, तो क्या अज्ञात लोगों पर कार्यवाही की गई यदि नहीं तो क्यों? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जायेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संबंध में यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसकी लापरवाही करने वाले अधिकारी/कर्मचारी कौन है? दोषी अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त घटना के संबंध में दिनाक 25.09.25 को फरियादी जीतेन्द्र कुमार मिश्रा पिता नरेन्द्र प्रसाद मिश्रा उम्र 39 वर्ष निवासी टिकुरी 37 थाना मनगवां जिला रीवा की रिपोर्ट पर थाना मनगवां में अपराध क्रमांक 493/25 धारा 331 (4), 305 (ए) बीएनएस का अपराध अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई है। प्रकरण की विवेचना कार्यवाही प्रचलन में है, प्रकरण में यथाशीघ्र अज्ञात आरोपियों को चिन्हित कर गिरफ्तार करने एवं मशरूका बरामदगी के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। (ग) उल्लेखित अपराध में अज्ञात आरोपियों को चिन्हित करने एवं चोरी गई संपति को ढुंढने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। कार्यवाही में लापरवाही नहीं की गई है। अतः कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है।

अधिकारियों कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली

[सामान्य प्रशासन]

58. ( क्र. 678 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) क्‍या प्रदेश के विभागों में अधिकारियों/कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली (CR) किन-किन अधिकारियों (प्रतिवेदित अधिकारी/प्रतिवेदक अधिकारी/समीक्षक अधिकारी) द्वारा लिखी जाना होती है इसका निर्धारण संबंधित विभाग द्वारा किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो यदि किसी विभाग के अधिकारी द्वारा कूटरचनाकर संबंधित विभाग की तय प्रक्रिया (चैनल) से हटकर अपनी गोपनीय चरित्रावली पर किसी अन्‍य प्रतिवेदक अधिकारी से मतांकन लेकर समीक्षक अधिकारी से स्‍वीकृत करा लेने पर संबंधित गोपनीय चरित्रावली (CR) मान्‍य होगी अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्‍या ऐसी गोपनीय चरित्रावली (CR) अवैध/अमान्‍य/बाधित घोषित होगी?                        (ग) क्‍या विभाग की तय प्रक्रिया (चैनल) से हटकर अपनी गोपनीय चरित्रावली (CR) लिखाने वाले ऐसे अधिकारी की गोपनीय चरित्रावली निरस्‍त मानी जायेगी या नहीं? क्‍या ऐसे अधिकारी की गोपनीय चरित्रावली (CR) का मूल्‍यांकन संबंधित के समयमान/पदोन्‍नति में किया जायेगा? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आलोक में क्‍या लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी द्वारा कूटरचना कर विभाग की तय प्रक्रिया (चैनल) से हटकर अपनी गोपनीय चरित्राली (CR) किसी अन्‍य अधिकारी से मतांकन कराये जाने का मामला प्रकाश में आने पर क्‍या विभाग ऐसी गोपनीय चरित्रावली (CR) को अवैध/अमान्‍य/बाधित घोषित करेगा? क्‍या इस संबंध में लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा विभाग के समस्‍त विभागों में कोई शिकायत प्राप्‍त हुई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) विभिन्‍न स्‍तरों पर गोपनीय चरित्रावली लिखने की नियत प्रक्रिया के अनुसार मतांकन नियमत: मान्‍य योग्‍य है। (ग) उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 

 

स्टाम्प ड्यूटी की चोरी

[वाणिज्यिक कर]

59. ( क्र. 682 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहारा समूह की भोपाल, जबलपुर एवं कटनी जिले की जमीनों के विक्रय पत्रों के निष्पादन के समय क्रेता कंपनियों द्वारा जानबूझकर पंजीयक कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से मिलीभगत कर जमीनों का अत्यधिक कम मूल्यांकन दर्शाकर पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क की चोरी की गई है? यदि क्रेता कंपनियों द्वारा सहारा समूह की भोपाल, जबलपुर एवं कटनी जिले की जमीनों के विक्रय पत्रों में पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क की चोरी की गई है तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि दोषियों के विरूद्ध अभी तक कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक और क्या कार्यवाही की जाएगी? स्टाम्प ड्यूटी की चोरी की वसूली क्रेता कंपनियों से कब तक की जाएगी? (ख) क्या भोपाल, जबलपुर एवं कटनी जिले की सहारा समूह की जमीनों के सभी विक्रय पत्रों के निष्पादन दिनांक को उक्त एरिया की प्रभावी कलेक्टर गाइड-लाइन के अनुसार सही मूल्यांकन किया गया है? यदि सही मूल्यांकन नहीं किया गया है तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) भोपाल जिले में सहारा समूह की सम्‍पत्ति से सं‍बंधित पांच दस्‍तावेज पंजीबद्ध हुये है जिनमें जांच प्रचलित है। जबलपुर में सहारा समूह की संपत्ति से सं‍बंधित दो दस्‍तोवजों में न्‍यायालय कलेक्‍टर ऑफ स्‍टॉम्‍प में मु्द्रांक प्रकरण दर्ज कर आदेश पारित किये गये हैं जिनमें दस्‍तावेज क्रमांक MP182552023A11744684 में वसूली की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है तथा दस्‍तावेज क्रमांक MP182552023A11744833 में वसूली की कार्यवाही जारी है साथ ही संबंधित उप पंजीयकों से स्‍पष्‍टीकरण प्राप्‍त करने हेतु पत्र जारी किये गये हैं। कटनी जिले में सहारा समूह की सम्‍पत्ति से सं‍बंधित एक दस्‍तावेज पंजीबद्ध हुआ है, जिसमें मुद्रांक शुल्‍क की चोरी होना नहीं पाया गया। (ख) भोपाल में पंजीबद्ध पांच दस्‍तावेजों में जांच प्रचलित है। जबलपुर में सहारा समूह के दस्‍तावेजों में दर्ज मुद्रांक प्रकरणों में आदेश पारित किये जाकर संबंधित उप पंजीयकों से स्‍पष्‍टीकरण प्राप्‍त करने हेतु पत्र जारी किये गये हैं एवं कटनी में विक्रय पत्र के निष्‍पादन में समय प्रभावी गाईडलाइन अनुसार सही मूल्‍यांकन होना पाया गया है।

जल जीवन मिशन योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

60. ( क्र. 684 ) श्री केशव देसाई : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र.लो.स्वा.या. विभाग के भिण्ड जिले में जल जीवन मिशन के तहत पूर्ण की गई नल योजनाएं एवं उनमें से जो पंचायत को हस्तांतरित की गई हैं उनकी जानकारी विधानसभावार दें। हस्तांतरित की गई योजनाओं की सूची जिन्हें हेंडओवर कर लिया गया है। गोहद विधानसभा में हेंडओवर की गई योजनाओं में क्या सभी में पेयजल उपलब्ध सम्पूर्ण ग्राम में हो रहा है या नहीं। यदि नहीं, तो क्या कारण है। (ख) भिण्ड जिले की किन-किन नल योजनाओं में कितनी-कितनी पाइप लाइन बिना हाइड्रोलिक मशीन के मैन्यूअली डाली गई हैं अनुबंध एवं योजनावार जानकारी दें। जो माप मैन्यूअली पाइपलाइन डालने का मापपुस्तिका में दर्ज जिसका भुगतान हो चुका है उसकी जानकारी  उपलब्ध कराएँ। (ग) भिण्ड जिले की जल-जीवन मिशन के अंतर्गत नल-जल योजनाओं में स्वीकृत नल कनेक्शन एवं स्थल पर किए नल कनेक्शन जो मापपुस्तिका में दर्ज कर भुगतान किया गया है अनुबंध एवं योजनावार ग्रामवार बताएं मापपुस्तिका में दर्ज कनेक्शन एवं उनके किए गए बिलों के भुगतान की जानकारी उपलब्ध कराएं।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र- 01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 03 अनुसार है(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 04 अनुसार है।

कम्‍पनियों से जीएसटी एवं ब्याज वसूली

[खनिज साधन]

61. ( क्र. 685 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या नामांकित प्रश्‍न-क्रमांक 2309 दिनांक 05/08/2025 में जानकारी सदन में प्रस्तुत की गई थी कि जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील में मेसर्स आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन मेसर्स निर्मला मिनरल्स एवं पैसिफिक एक्सपोर्ट द्वारा स्वीकृत मात्रा से अत्यधिक अतिरिक्त उत्पादन करने के बावजूद भी शासन को 1000 करोड़ रुपयों की राशि जमा नहीं करने के संबंध में श्री आशुतोष मनु दीक्षित द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल (म.प्र.) के समक्ष प्रस्तुत लिखित शिकायत दिनांक 31/01/2025 के संबंध में मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग द्वारा गठित जांच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन दिनांक 06/06/2025 के अनुसार मेसर्स आनंद माइनिंग कार्पोरेशन, मेसर्स निर्मला मिनरल्स एवं पैसिफिक एक्सपोर्ट से राशि रूपए 4430486890 (चार अरब तैंतालीस करोड़ चार लाख छियासी हजार आठ सौ नब्बे रूपए) एवं तदानुसार जीएसटी की राशि वसूली का जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, उक्त राशि की मय ब्याज एवं जीएसटी के उपरोक्त वर्णित कंपनियों से वसूली करने के लिए अब तक क्या कार्यवाही की गई? उपरोक्त वर्णित कंपनियों से आज दिनांक तक उक्त राशि की वसूली का डिमांड नोट जारी नहीं करने के लिए कौन-कौन दोषी है? उपरोक्त वर्णित राशि की वसूली के लिए संबंधित कंपनियों को डिमांड नोट कब तक जारी किया जाएगा? उक्त राशि की वसूली का अब तक डिमांड नोट जारी नहीं करने के लिए दोषियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग द्वारा गठित जांच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन दिनांक 06/06/2025 के अनुसार मेसर्स आनंद माइनिंग कार्पोरेशन, मेसर्स निर्मला मिनरल्स एवं पैसिफिक एक्सपोर्ट से राशि रूपए 4,43,04,86,890 (चार अरब तैंतालीस करोड़ चार लाख छियासी हजार आठ सौ नब्बे रूपए) एवं तद्नुसार जीएसटी की राशि वसूली का जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। मेसर्स आनंद माईनिंग कॉर्पोरशन, मेंसर्स निर्मला मिनरल्स एवं पेसिफिक एक्सपोर्ट को जाँच दल द्वारा प्रतिवेदित राशि जमा कराये जाने एवं अपना पक्ष रखने हेतु संबंधितों को कलेक्टर द्वारा पत्र जारी किया गया है। की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।



नर्मदापुरम जिले में भण्‍डारण की अनुमति

[खनिज साधन]

62. ( क्र. 686 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) नर्मदापुरम जिले में रेत के किस खसरा नम्‍बर के कितने रकबे में दिए गए भण्‍डारण की अनुमति के स्‍थल पर जून 2025 में वर्षा प्रारम्‍भ होने तक कितनी रेत होना बताया गया, वर्षा समाप्‍त होने पर किस भण्‍डारण स्‍थल पर कितनी रेत होना बताया गया, किस भण्‍डारण स्‍थल से कितनी रेत का परिवहन होना बताया गया। (ख) किस भण्‍डारण की अनुमति में क्‍या-क्‍या शर्त लगाई गई उसमें से किस-किस स्‍थल का किस दिनांक को किसके द्वारा निरीक्षण किया, निरीक्षण में किस-किस शर्त का पालन करना पाया, किस-किस शर्त का पालन नहीं किया जाना पाया।                                (ग) भण्‍डारण की अनुमति की शर्त का पालन नहीं किए जाने पर खनिज विभाग ने किस दिनांक को भण्‍डारण अनुज्ञा निरस्‍त करने का प्रस्‍ताव कलेक्‍टर एवं म.प्र. राज्‍य खनिज विकास निगम को प्रेषित किया, यदि प्रस्‍ताव प्रेषित नहीं किया तो कारण बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क अनुसार है।                                       (ख) स्वीकृत भण्डारण अनुज्ञप्ति स्थल के निरीक्षण के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क  अनुसार है। स्वीकृत भण्डारण अनुज्ञप्ति में लगायी गयी शर्तों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ख अनुसार है। स्वीकृत भण्डारण अनुज्ञप्तियों में शर्तों के पालन किये जाने/पालन नहीं किये जाने के संबंध में जांच किये गये 04 अनुज्ञप्ति स्थलों के निरीक्षण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ग अनुसार है। (ग)  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ग अनुसार जांच किये गये 04 अनुज्ञप्ति स्थलों में शर्तों का पालन नहीं किये जाने पर जिला रेत समूह नर्मदापुरम-01 के एम.डी.ओ. मेसर्स सिल्वर रिटेल प्रायवेट लिमिटेड को कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 13/11/2025, जिला रेत समूह नर्मदापुरम-02 के एम.डी.ओ. मेसर्स वेलोसिटी माइनिंग वर्क्स एल.एल.पी. को कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 13/11/2025 एवं जिला रेत समूह नर्मदापुरम-03 के एम.डी.ओ. श्री राघवेन्द्र सिंह को कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 13/11/2025 को जारी किया गया है। वर्तमान में किसी भण्डारण अनुज्ञप्ति के निरस्ती का प्रस्ताव प्रेषित नहीं किया गया है। संबंधित अनुज्ञप्तिधारी से कारण बताओ सूचना पत्र का जवाब प्राप्त कर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पत्रों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

63. ( क्र. 693 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 1/269803/2025 दिनांक 21.05.2025 को अजय कटेसरिया उप सचिव ने महानिर्देशक आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ भोपाल को लेख कर प्रतिलिपि प्रश्‍नकर्ता को दी थी। यदि हाँ तो? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पत्र पर अब तक क्‍या कार्यवाही की गई यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) सामान्‍य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक 10.12.2024 में स्‍वयं स्‍वीकार किया है कि आर्थिक अपराध ब्‍यूरों म.प्र. में अपराध क्रमांक 36/09 दर्ज है यह भी लेख किया कि प्रकरण 12/2012 धारा 409/1208, 420 भा.द.वि. वं 13-1डी, 13-2 भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत समितियों के अध्‍यक्ष प्रबंधक दोषी है तथा विधानसभा सत्र फरवरी 2024 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 164 में पूर्ण करते हुए अवगत कराने का उल्‍लेख है, यदि हाँ तो?                                     (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ग) में वर्णित पत्रों पर कार्यवाही न होने के लिये कौन उत्‍तरदायी है एवं अपराध कायम होने पर चालानी कार्यवाही करने की कितनी समयावधि विधान में निश्‍चित है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में अपराध क्रमांक-15/2012 पंजीबद्ध किया जाकर विवेचनाधीन है। तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा विधिसम्मत कार्यवाही का प्रावधान है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र के प्रश्‍नांश में अपराध क्रमांक-36/2009 दर्ज होने का लेख किया गया है, जबकि उक्त क्रमांक पर अपराध दर्ज न होकर प्रारंभिक जांच-36/2009 दर्ज की गई थी, जिसकी जांच उपरांत अपराध क्रमांक-15/2012 पंजीबद्ध किया गया है। इस प्रकार अपराध क्रमांक-12/2012 न होकर अपराध क्रमांक-15/2012 पंजीबद्ध किया गया था। प्रकरण में साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। प्राप्त तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही का प्रावधान है। तारांकित प्रश्‍न क्रमांक-164 का पूर्ण उत्तर विधानसभा सचिवालय को नियत तिथि को प्रेषित किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है। (घ) विवेचना में प्राप्त तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर अग्रिम विधिसम्मत कार्यवाही का प्रावधान है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

साइबर अपराध की जानकारी

[गृह]

64. ( क्र. 694 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में साइबर क्राइम पुलिस सेल की स्थापना किस वर्ष में किस उ‌द्देश्य से की गयी थी? कितने प्रकार की शिकायतें साइबर क्राईम सेल को प्राप्त होती है? वर्ष 2021 से वर्ष 2025 तक साइबर क्राइम पुलिस को कितनी शिकायतें प्राप्त हुईउनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? जिलेवार, वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अवधि की शिकायतों में कुल कितनी राशि के गबन की शिकायतें हुई, कितने मामलों में कितनी राशि की रिकवरी की गई? रिकवरी का प्रतिशत क्या रहा तथा सर्वाधिक साइबर अपराध किस जिले के नागरिकों के साथ हुये है?                                                   (ग) महिलाओं के साथ साइबर क्राईम के कितने प्रकार से अपराधों को विभाजित किया गया है? वर्ष 2021 से अब तक माहवार, जिलेवार कितने अपराध दर्ज किये गये, कितने मामलों में अपराधी गिरफ्तार हुए और कितने प्रकरणों में सजा हई? (घ) सर्वाधिक बैंक/वित्तीय स्तर के साइबर अपराध करने वाले अपराधियों के स्थान कहां-कहां चिन्हित हुए जिन्होंने राज्य में राज्य से बाहर या विदेशों से संबंधित अपराध म.प्र. में किये गये हो? साइबर अपराध मामले प्रदेश देश में कितने नम्बर पर है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग, मंत्रालय भोपाल की अधिसूचना दिनांक 04.07.2012 में सायबर स्पेस, सूचना संचार प्रौद्योगिकी, उच्च तकनीकी अपराध, कापीराईट्स, बौद्धिक संपदा अधिकार, पायरेसी से संबंधित मामलों तथा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अधीन अन्य संबंधित अपराधों का अन्वेषण करने के उद्देश्य से साईबर क्राईम सेल की स्थापना की गई थी। सायबर थाने में समस्त प्रकार की शिकायते प्राप्त होती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार(घ) दिल्ली, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, झारखण्ड, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, उड़ीसा, उत्तराखण्ड एवं केरल से अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। एन.सी.आर.बी. नई दिल्ली द्वारा पृथक से राज्यों में घटित अपराध के अनुसार रैकिंग की जानकारी प्रेषित नहीं की जाती है।

खनिज मद से प्राप्‍त राशि से स्‍वीकृत कार्य

[खनिज साधन]

65. ( क्र. 701 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) खनिज मद से कितनी राशि वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक धार जिले को प्राप्त हुई है? वर्षवार विवरण दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उपलब्ध राशि से कौन-कौन से कार्य प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित वर्षों में स्वीकृत कर कराये गये हैं? कार्यवार, वर्षवार, स्थानवार जानकारी दें। कार्य स्वीकृत करने के क्या-क्या मापदण्ड हैं? क्या स्वीकृत कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ही स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्‍या कारण हैं? (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता के द्वारा 2025-26 में खनिज मद से जिला कलेक्टर धार को विकास कार्य स्वीकृत करने हेतु प्रस्ताव दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रस्तावित कार्यों में से कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्‍नांश (क) अवधि में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? वर्षवार, कार्यवार विवरण दें। क्या कार्य जिले की सभी विधान सभाओं में समान रूप से स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) खनिज मद की राशि जिले को प्राप्‍त नहीं होती है। यह राज्‍य की संचित निधि में जमा होती है। अत: प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) खनिज मद से स्‍वीकृत किये जाने का खनिज नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। अपितु जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद के अंतर्गत कार्यों के प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुये है। जिले में वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना प्रक्रियाधीन है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (क) की अवधि एवं प्रश्‍नांश (ग) में दिये गये उत्‍तर के संदर्भ में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। शेष प्रश्‍नांश अनुसार जिले की सभी विधान सभाओं में समान रूप से स्‍वीकृत किये जाने के नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "इकतीस"

आंगनवाड़ियों में सामग्री का क्रय

[महिला एवं बाल विकास]

66. ( क्र. 702 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 2 वर्षों में धार जिले अंतर्गत कितनी आंगनवाड़ियों के लिए क्या-क्या सामग्री किस फर्म/एजेंसी से क्रय किया गया है? आंगनवाड़ियों के नाम, भुगतान हेतु जारी राशि की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार सामग्री क्रय हेतु राशि की व्यवस्था किस मद से की गई है? सामग्री क्रय का मापदंड क्या निर्धारित किया गया? खरीदी हेतु कब और किसके द्वारा किस प्रक्रिया का पालन करके खरीदी की अनुमति प्रदान की गई? कार्यालय का नाम, अधिकारी का नाम मय पदनाम, उपलब्ध करावें। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अनुसार आंगनवाड़ियों में सामग्री उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर व भुगतान की गई राशि की सम्‍पूर्ण विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर है।                           (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-द पर है। (ग) जी हाँ। अत: शेष का प्रश्‍न नहीं।

विधायक निधि की राशि का ट्रांसफर

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

67. ( क्र. 708 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि जो विधायकों द्वारा पंचायतों को कार्य प्रस्‍तावित किये जाते है उन्‍हें क्‍या जिला योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग से सीधे पंचायत के खाते में ट्रांसफर किया जाता हैं अथवा जनपद पंचायत के माध्‍यम से? (ख) यदि जनपद पंचायत के माध्‍यम से पंचायतों को विधायक निधि की स्‍वीकृत राशि भेजी जाती है तो जनपद पंचायत द्वारा कितने दिनों में पंचायत को राशि ट्रांसफर की जाती है? (ग) भाण्‍डेर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम पंचायत परासरी को 600000/- की राशि वर्ष 2024-25 विधायक निधि से स्‍वीकृत की गई थी, इस राशि को योजना मण्‍डल दतिया द्वारा जनपद पंचायत दतिया को कब भेजी गई दिनांक सहित बतायें। क्‍या जनपद पंचायत दतिया द्वारा यह राशि पंचायत परासरी को जारी की गई? यदि हां, तो तारीख बतायें। यदि नहीं तो वित्‍तीय वर्ष 2024-25 गुजरने पर भी आज दिनांक तक राशि न भेजने वाले अधिकारी का नाम बतायें तथा दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनांतर्गत माननीय विधायक से प्राप्‍त अनुशंसा पर स्‍वीकृत कार्यों की राशि जिला योजना कार्यालय द्वारा जनपद पंचायत के माध्‍यम से अथवा ग्राम पंचायत के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। (ख) जनपद पंचायत द्वारा निर्माण कार्य की राशि ग्राम पंचायत से आवश्‍यक दस्‍तावेजों की पूर्ति उपरांत जारी की जाती है। (ग) जिला योजना कार्यालय, दतिया द्वारा जनपद पंचायत दतिया को दिनांक 14.11.2024 को राशि रू. 3.00 लाख एवं दिनांक 10.03.2025 को राशि रू. 3.00 लाख जारी की गई। जी हाँ। जनपद पंचायत दतिया द्वारा दिनांक 14.11.2025 को राशि ग्राम पंचायत परासरी को जारी कर दी गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विधायक निधि की सीमा बढाये जाने

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

68. ( क्र. 710 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विधायक निधि से पंजीकृत संस्थाओं को दी जाने वाली राशि की अधिकतम सीमा प्रति संस्था 10 लाख रुपये निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो क्या 2013 से निर्धारित इस सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही विचाराधीन है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में, 2013 से 2025 तक एसओआर (Standard Operating Rate) में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है? क्या भवन मरम्मत के कार्यों में विधायक निधि की सीमा मात्र 1 लाख रुपये है? क्या प्रदेश में बढ़ते एसओआर के कारण इस सीमा को 5 लाख रुपये तक किए जाने की कार्यवाही विचाराधीन है? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। (ग) क्या प्रदेश की पंजीकृत गौशालाओं में विधायक निधि देने के लिए विभाग द्वारा गौशाला समिति से अनुबंध किया जाता है? क्या इस अनुबंध को विलुप्त करने के लिए विभाग की कोई कार्ययोजना विचाराधीन है? (घ) क्या विभाग की नियमावली के अनुसार विधायक निधि के 25 लाख तक के कार्यों की स्वीकृति जिला स्तर पर की जा सकती है तथा इससे अधिक के कार्यों की स्वीकृति उच्च कार्यालय से लिया जाना आवश्यक है? क्या जिला स्तर की सीमा बढ़ाई जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत पंजीकृत संस्‍थाओं को दी जाने वाली राशि संबंधी प्रावधान संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। वर्तमान में कोई कार्यवाही विचाराधीन नहीं है। (ख) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका वर्ष-2013 की कंडिका-2.11 के अनुसार विभाग की निर्धारित विभागीय प्रणाली का अनुसरण किया जाता है। जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी नहीं (घ) जी हाँ। जिला स्‍तर पर राशि स्‍वीकृति की सीमा बढ़ाने का कोई प्रस्‍ताव नहीं है।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

खनिज मद के अनापत्ति प्रमाण-पत्र

[खनिज साधन]

69. ( क्र. 717 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) प्रदेश में विधायकों एवं सांसदों की अनुशंसा पर जनकल्याण कार्यों हेतु दी जाने वाली खनिज मद का अनापत्ति प्रमाण-पत्र विभाग मुख्यालय से प्राप्त करना आवश्यक है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रतिलिपि दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में संदर्भित अनापत्ति प्रमाण-पत्र विभाग मुख्यालय द्वारा कितनी अवधि में देना आवश्यक है? समय-सीमा बताएं। (ग) क्या नीमच जिले की खनिज मद की कल्याणकारी राशियाँ प्रदेश स्तर के विभाग मुख्यालय द्वारा लगभग 1 वर्ष तक भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं? विभाग ने इसकी मॉनिटरिंग कब-कब की तथा विभिन्न विभागों को अनापत्ति पत्र जारी करने हेतु कब-कब पत्र प्रेषित किए? विलंब के क्‍या कारण रहे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। खनिज मद की राशि का उपयोग जन कल्‍याण कार्य हेतु उपयोग किया जाना प्रावधानित नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अत: प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही

[गृह]

70. ( क्र. 727 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के व्यापारी श्री देवकीनंदन सोनी ने विधिसम्मत अनुबंध के तहत दुकान खरीदी थी, किंतु पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित थाना प्रभारी ने बिना किसी न्यायालयीय आदेश के सिविल विवाद में अनुचित हस्तक्षेप करते हुए उन्हें दुकान खाली करने हेतु दबाव बनाया? क्या यह पुलिस की सीमा का स्पष्ट अतिक्रमण और भ्रष्टाचार का घोतक नहीं है? (ख) क्या व्यापारी के विरुद्ध आरोपों पर तत्काल धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया गया, जबकि व्यापारी की पत्नी की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई? क्या यह एकपक्षीय एवं पक्षपातपूर्ण कार्रवाई नहीं है? ऐसे दुरुपयोग के लिए संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? (ग) क्या पीड़ित व्यापारी द्वारा आत्मदाह की चेतावनी देने के बावजूद पुलिस अधीक्षक ने कोई संज्ञान नहीं लिया, जिससे प्रशासनिक विफलता उजागर हुई? मुख्यमंत्री निवास जैसी उच्च सुरक्षा वाली जगह तक व्यापारी परिवार का पहुंच जाना किसकी गंभीर सुरक्षा चूक और संवेदनहीनता को दर्शाता है? (घ) क्या पुलिस अधीक्षक द्वारा आत्मदाह प्रयास के बाद सोशल मीडिया पर व्यापारी की पूर्व प्रकरणों की जानकारी सार्वजनिक करना आचरण संहिता का उल्लंघन नहीं है? क्या सरकार इस प्रकरण की निष्पक्ष न्यायिक जांच (सेवानिवृत्त न्यायाधीश से) कराएगी तथा दोषी अधिकारियों पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है।                        (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है।

लंबित विधायक निधि का भुगतान

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

71. ( क्र. 732 ) श्री सुरेश राजे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय नेता प्रतिपक्ष के पत्र क्र. 2567 दिनांक 21/06/25 एवं माननीय पूर्व मंत्री श्री लाखन सिह यादव जी के पत्र क्र. 08 दिनांक 19/06/25 विधी विधायक निधि 2023-24 के निर्माण कार्यों के भुगतान करवाए जाने बावत लिखा गया था उक्त पत्रों के अनुसार क्या विधायक निधि के निर्माण कार्यों के लंबित भुगतान हेतु अनुपूरक बजट में सम्मिलित किया गया? यदि हाँ तो कब तक बजट राशि उपलब्ध करवा कर लंबित 33.33 लाख रूपए की राशि का भुगतान कर दिया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के लंबित देयकों का आवंटन अभी तक उपलब्ध न करवाने का क्या कारण था? क्या इसके लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? यदि नहीं तो बजट आवंटन में विलम्ब क्यों हुआ? उक्त लंबित देयकों को भुगतान हेतु कब-कब माननीय पूर्व मंत्री एवं तत्कालीन विधायक श्री लाखन सिंह यादव जी द्वारा श्रीमान एस.डी.एम महोदय, आयुक्त महोदय एवं संभागीय संचालक महोदय योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी भोपाल एवं ग्वालियर को पत्र लिखे गए? पत्रों की प्रतियाँ उपलब्ध करवाएं व उक्त पत्रों के दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। उक्‍त पत्रों के अनुसार अनुपूरक बजट में शामिल किए जाने हेतु प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया है। (ख) बजट उपलब्‍ध न होने के कारण। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

वन भूमि पर अतिक्रमण

[वन]

72. ( क्र. 739 ) श्री नितेन्‍द्र बृजेन्‍द्र सिंह राठौर : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि टीकमगढ वन मण्डल के अन्तर्गत रेन्ज ओरछा की सब रेन्ज कोटी-गुलेंदा के वन क़क्ष क्रमांक 156, 157, 158, 159, 160, 161 में सागौन की इमारती लकडी काट कर वन भूमि पर कृषि कार्य किया जा रहा है जबकि यह क्षेत्र रिजर्व फोरेस्ट में आता है? क्या विभाग जान बूझ कर उक्त वन भूमि से अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही नहीं कर रहा है? यदि हां तो क्यो? यदि नहीं तो कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? क्या उन पर कार्यवाही की जायेगी?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : जी नहीं। टीकमगढ वन मंडल के परिक्षेत्र ओरछा के प्रश्‍नाधीन वन कक्षो के रिक्त वनक्षेत्र में 34 ग्रामीणों द्वारा 75.904 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिक्रमण करने का प्रयास किया गया था, जिनके विरूद्ध भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 26 (1) के अंतर्गत वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। उक्त अतिक्रमणकारियों को वन भूमि से नियमानुसार बेदखल करने हेतु भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 80 (अ) के अंतर्गत बेदखली के नोटिस जारी किये गये हैं, जिनमें से 16 अतिक्रमणकारियों को रकबा 20.424 हेक्टेयर वन भूमि से बेदखल किया जा चुका है। शेष 18 अतिक्रमणकारियों को भी रकबा 55.480 हेक्टेयर वन भूमि से बेदखल करने की नोटिस जारी है अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रमाण-पत्रों की समय-सीमा

[लोक सेवा प्रबन्धन]

73. ( क्र. 740 ) श्री नितेन्‍द्र बृजेन्‍द्र सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कार्यालयों द्वारा आमजन के अति महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे राशन कार्ड, जन्म प्रमाण-पत्र, मत्यु प्रमाण-पत्र आदि बनाये जाने की कोई समय-सीमा निर्धारित है? (ख) यदि हां, तो उसकी अवधि क्या है और समय पर नहीं बनाये जाते है तो संबंधित अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जाती है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। ई-राशन कार्ड (पात्रता पर्ची), जन्‍म प्रमाण पत्र एवं मृत्‍यु प्रमाण पत्र की सेवा प्रदान करने की निश्चित समय-सीमा निर्धारित है। (ख) (1) जी हाँ। समय-सीमा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं ब अनुसार है। (2) समय-सीमा में ई-राशन कार्ड की सेवा प्रदान नहीं किए जाने पर शास्ति का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (3) जन्‍म एवं मृत्‍यु प्रमाण पत्र के संबंध में शास्ति का प्रावधान है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।

परियोजना ग्रामीण-2 का कार्यालय दलोदा में संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

74. ( क्र. 744 ) श्री विपीन जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2420 दिनांक 5/8/2025 अंतर्गत महिला बाल विकास विभाग परियोजना ग्रामीण दो का कार्यालय दलोदा में संचालित किए जाने हेतु प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? विवरण देवें। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और हितग्राहियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए कब तक कार्यालय दलोदा में संचालित कर दिया जाएगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास, जिला-मंदसौर से बाल विकास परियोजना मंदसौर ग्रामीण-2 का मुख्‍यालय परिवर्तित कर दलोदा में संच‍ालित किये जाने के संबंध में प्रस्‍ताव का परीक्षण किया जाकर तथ्‍यों के आधार पर निर्णय लिया जाना है। (ख) प्राप्‍त प्रस्‍ताव का नियमों के परिप्रेक्ष्‍य में परीक्षण कर निर्णय लिया जायेगा, शेष कार्य की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं।

उद्योग द्वारा जल का उपयोग

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

75. ( क्र. 746 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लैक्सेस उद्योग द्वारा औद्योगिक विस्तार हेतु 07/03/2020 को जनसुनवाई में अपने उत्पादन में 2944 केएलडी जल का उपयोग बताया था? यदि हाँ तो 2944 केएलडी जल कहां-कहां से उपलब्ध होता है? (ख) उद्योग को उत्पादन हेतु प्रतिदिन कितने जल की आवश्यकता होती है? इसकी पूर्ति कैसे करता है? पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) क्या लैक्सेस उद्योग द्वारा अपनी उत्पादन क्षमता बढाने के बावजूद भी नर्मदा-क्षिप्रा परियोजना अन्तर्गत आवंटित 1.85 एमसीएम की मांग को पुनरीक्षित कर 0.365 एमसीएम जल की स्वीकृति दिनांक 26/06/2024 को दी गई थी? यदि हां, तो उद्योग कब तक अनुबंध कर जल प्राप्त करेगा? (घ) क्या लैक्‍सेस उद्योग नागदा द्वारा 500 स्थाई/ठेका श्रमिक/ स्टाफ कर्मी को छटनी/वीआरएस व अन्य प्रदेश के अपने उद्योगों में स्थानातंरण हेतु दबाव बनाकर मानसिक रूप से प्रताडित कर इस्तीफे हेतु मजबूर किया जा रहा है? कितनो को उद्योग से बाहर किया गया है? (ड.) क्या उद्योग द्वारा 2000 से कम घरों के घरेलू अपशिष्ट से 1000 किलोलीटर/दिन घरेलू अपशिष्ट जल का 3500 किलोलीटर/दिन क्षमता के सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट में उपचार पश्चात औद्योगिक प्रक्रिया में कुल मात्रा का 30 प्रतिशत से कम उपयोग किया जा रहा है? तो उत्पादन हेतु शेष पानी उद्योग को कहां से उपलब्ध होता है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) इकाई मेसर्स लैंक्‍सेस प्रा.लि. को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के अधीनस्‍थ संस्‍था एमपीआईडीसी द्वारा भूमि आवंटित नहीं की गई है। कलेक्‍टर जिला उज्‍जैन द्वारा विधानसभा पोर्टल पर इकाई के पत्र के साथ प्रेषित जानकारी अनुसार इकाई को उद्योग संचालन हेतु प्रतिदिन 2933 केएलडी जल की आवश्‍यकता होती है जिसे इकाई द्वारा स्‍थानीय क्षेत्र, इकाई परिसर में स्‍थापित एसटीपी एवं डब्‍लूटीपी में उपचार उपरांत पूर्ति की जाती है। उक्‍त जानकारी कलेक्‍टर द्वारा प्रेषित इकाई के पत्र संलग्‍न परिशिष्‍ट के बिन्‍दु क्रमांक (क) एवं (ख) अनुसार है। (ग) लैंक्‍सेस उद्योग द्वारा नर्मदा-क्षिप्रा परियोजना अंतर्गत आवंटित 1.85 एमसीएम की मांग को पुनरीक्षित कर 0.365 एमसीएम जल के मांग की स्‍वीकृति तथा अनुबंध की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने का लेख संलग्‍न परिशिष्‍ट के बिन्‍दु क्रमांक (ग) अनुसार है। (घ) ठेका श्रमिकों की छटनी का विषय ठेकेदार एवं श्रमिकों के मध्‍य का विषय है इकाई प्रबंधन की उसमें कोई भूमिका नहीं है जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के बिन्‍दु क्रमांक (घ) अनुसार है। (ड.) इकाई को उत्‍पादन हेतु जल की आपूर्ति का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के बिन्‍दु क्रमांक (ड.) अनुसार है।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

डिपो की जानकारी

[वन]

76. ( क्र. 749 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक 2193 दिनाँक 24/07/2025 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 2252 दिनाँक 17/09/2025 के द्वारा जबलपुर सामान्य वन मंडल के अंतर्गत डिपो की जानकारी मांगी गई थी? यदि हाँ तो उक्त जानकारी कब उपलब्ध कराई गयी? (ख) वनमण्डल जबलपुर के अंर्तगत कितने शासकीय काष्ठागार है एवं उनकी संधारण क्षमता एवं वर्तमान उपलब्धता कितनी है? किन काष्ठागर में मालिक-मकबूजा प्रकरण अंर्तगत निजी स्वामित्व की भूमि से की गई कटाई से प्राप्त काष्ठ का संधारण किया जाता है? (ग) वर्ष 2020 से आज पर्यन्त तक कितने निजी स्वामित्व की भूमि से कटाई कर प्राप्त काष्ठ का संधारण मालिक मकबूजा प्रकरण के अंर्तगत काष्ठागार में किया गया एवं उनमें से कितने प्रकरणों में भुगतान की कार्यवाही की जा चुकी है? राशि सहित भुगतान का सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें और कितने प्रकरणों में आज पर्यन्त तक भुगतान नहीं किया गया है विलंब का कारण स्पष्ट करें?                                       (घ) उपरोक्त समयावधि में काष्ठागार में कितनी बार मालिक मकबूजा के प्रकरण में नीलाम की कार्यवाही की गई है? कार्यवाही के सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन जानकारी वनमण्डलाधिकारी सामान्य वनमण्डल जबलपुर के पत्र क्रमांक 3811 दिनांक 10.11.2025 से माननीय सदस्य को प्रेषित की गई हैं। (ख) वनमण्डल सामान्य जबलपुर के अन्तर्गत 01 शासकीय काष्ठागार गोसलपुर हैं, जिसकी संधारण क्षमता 3500-4000 घनमीटर है। वर्तमान में 1600-1800 घनमीटर काष्ठ उपलब्ध हैं। काष्ठागार गोसलपुर में मालिक मकबूजा प्रकरण अन्तर्गत निजी स्वामित्व की भूमि से की गई कटाई से प्राप्त काष्ठ एवं वनक्षेत्र में कूपों से विदोहित एवं प्राप्त काष्ठ का संधारण किया जाता हैं। (ग) वनमण्डल जबलपुर के अन्तर्गत वर्ष 2020 से आज पर्यन्त तक 164 निजी स्वामित्व की भूमि से कटाई कर प्राप्त काष्ठ का संधारण मालिक मकबूजा के अन्तर्गत किया गया। उक्त मालिक मकबूजा के प्रकरणों में से 130 प्रकरणों में भुगतान किया गया हैं। वर्षवार प्रकरणों में भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में एवं भुगतान हेतु शेष प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में हैं। इन प्रकरणों में विभागीय कार्यवाही परीक्षण की प्रक्रिया में हैं, परीक्षण उपरान्त भुगतान सम्भव हैं। (घ) वर्ष 2020 से वर्तमान तक काष्ठागार गोसलपुर में मालिक मकबूजा के प्रकरण में 37 बार नीलामी की कार्यवाही की गई।

डी.एम.एफ. मद से निर्माण कार्य

[खनिज साधन]

77. ( क्र. 751 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) क्या जबलपुर जिले में वर्ष 2024-25 में डी.एम.एफ. मद से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये थे? यदि हाँ तो कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये थे? विधानसभावार, निर्माण कार्यों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? कितने कार्य पूर्ण हुये हैं, कितने अपूर्ण हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नांश अनुसार वर्ष 2024-25 में डी.एम.एफ. मद से स्‍वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

स्‍वीकृत रेत खदाने एवं भण्‍डारण

[खनिज साधन]

78. ( क्र. 755 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने रेत घाटो की स्वीकृति प्रदाय कि गई हैं? समस्त रेत घाटो की निविदा प्रक्रिया के दस्तावेज सहित रॉयल्‍टी राशि का ब्यौरा तिथिवार देवें? उक्त रेत घाटों की अनुमति का कुल रकबा सहित नक्‍शा खसरा तथा एन.जी.टी. या पर्यावरण विभाग की अनापत्ति प्रमाण-पत्र सहित अन्य (साईनबोर्ड) आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने रेत भण्डारण केन्द्र स्वीकृत है? स्वी‍कृत भण्डारण के समस्त दस्तावेज नक्‍शों, खसरा, साईनबोर्ड, भण्डारण स्वीकृति की प्रति भण्डारण की मात्रा सहित उपलब्ध करावें? (ग) क्या‍ 1 अक्टूबर, 2025 से प्रश्‍न दिनांक तक रू. 3000/-प्रति ट्रैक्टर की रॉयल्‍टी ली जा रही है एवं रेत विक्रेता ट्रैक्टर मालिकों द्वारा लेबर, डीजल सहित समस्त खर्च जोडकर 5000/- में रेत विक्रय की जा रही है? ऐसी स्थिति में गरीब परिवारों का मकान बनाना संभव नहीं हैं क्या शासन ग्रामीणों (गरीब परिवार) को कम से कम दर पर रेत उपलब्ध हो इसको लेकर रॉयल्‍टी की दरों को कम किया जावेगा? यदि हाँ तो कितनी यदि नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 09 रेत खदाने स्वीकृत है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के अंतर्गत परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रेत खदानों सहित जिला बालाघाट की समस्त रेत खदानों के समूह में माईन डेवलपर कम ऑपरेटर की नियुक्ति हेतु जारी ई-निविदा सह नीलामी प्रपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। रेत नियम के प्रावधानों के अनुसार रॉयल्टी, ठेका राशि में सम्मि‍लित है। जिले में अवधि 30.04.2025 से 29.04.2028 तक राशि रूपये 57,71,97,557/- प्रति वर्ष का ठेका स्वीकृत है। उक्त रेत खदानों की अनुमति का कुल रकबा सहित नक्शा खसरा तथा पर्यावरण विभाग की अनापत्ति प्रमाण-पत्र सहित अन्य (साईनबोर्ड) आवश्यक दस्तावेजों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है। (ख) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 03 रेत भण्डारण स्वीकृत है। स्वीकृत रेत भण्डारणों के वांछित दस्तावेज, नक्शा, खसरा, साईनबोर्ड, भण्डारण स्वीकृति की प्रति एवं भण्डारण की मात्रा सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स पर है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों में रेत के बाजार मूल्य पर नियंत्रण का प्रावधान नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नलजल योजना अंतर्गत किये गये कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

79. ( क्र. 756 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र 110 परसवाडा अंतर्गत जल जीवन मिशन में कुल कितनी नल योजना किन-किन ग्रामों में कितनी लागत से कब से संचालित है? कुल योजनाओं में से कितनी वर्तमान में चालू है? कितनी बंद है, तो क्यों बंद है? कालमवार तिथिवार जानकारी देवें। (ख) क्या अधिकतम ग्रामों के दुरस्थ टोलो मजरो में नल-जल योजना की पाईप लाईन नहीं होने से बसाहट वाले ग्रामीणों को शुद्ध जल नहीं मिल पा रहा है जबकि ऐसे मजरो टोलों में नवीन हैण्ड पम्प खनन प्रावधान भी शासन द्वारा निरस्त कर दिया गया हैं? यदि हाँ तो पाईप-लाईन या नवीन नल-जल योजना या नवीन हैण्ड पम्प कब तक उपलब्ध कराये जावेंगे? (ग) क्या समस्त बालाघाट जिले में जल में FLUORIDES तथा अन्य अवांछनीय तत्वों की मिलावट है जो कि लोगों के लिए घातक सिद्ध हो रहे है? शासन स्तर पर शुद्ध जल उपलब्‍ध कराने हेतु क्‍या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त मध्‍यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्‍वयन हेतु प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 04 समूह जल प्रदाय योजनाएं संचालित हैं, ग्राम एवं लागत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है, सभी 04 समूह जल प्रदाय योजनाएं चालू हैं। अत: समूह जल प्रदाय योजनाओं के संदर्भ में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अधिकांश ग्रामों की नलजल योजनाओं से उनके टोलों/ मजरों में भी पेयजल उपलब्ध हो रहा है। कुछ ग्रामों के दूरस्थ टोलों/मजरों में नलजल योजना की साध्यता नहीं होने के कारण आवश्यकतानुसार नवीन हैण्डपम्पों के कार्य कराये जाना प्रावधानित हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थ्ति नहीं होता है। (ग) भू-जल स्रोतों में फ्लोराइड एवं आयरन स्वीकार्य मात्रा से अधिक पाए जाने पर ऐसे ग्रामों में सुरक्षित वैकल्पिक पेयजल स्रोतों से पेयजल व्यवस्था की जाती है, सुरक्षित वैकल्पिक पेयजल स्रोतों के अभाव में स्थानीय भूजल स्रोतों पर फ्लोराइड/आयरन रिमूवल संयंत्र/उपकरण स्थापित कर सुरक्षित उपचारित पेयजल की व्यवस्था की जाती है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रदेश के खनिज ब्लॉकों का आवंटन

[खनिज साधन]

80. ( क्र. 763 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के समस्त जिलों में वर्ष 2020 से 2025 तक खनिज ब्लॉक के समेकित अनुज्ञप्ति (पूर्वेक्षण कार्य) हेतु मेजर खनिज के कौन-कौन से ब्लॉक/खदानों का आवंटन कौन-कौन कम्पनी, संस्था, समहू को, कौन-कौन से खनिज खनन हेतु प्रदान की गयी है? विस्तृत जानकारी खाता खसरा, ग्राम पंचायत, बोली की दर सहित प्रदान की जाए। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में झाबुआ, अलीराजपुर जिलों में कौन-कौन से कम्पनी के पूर्वेक्षण के कार्य वर्तमान में चल रहे है? (ग) झाबुआ जिले में "पूर्वेक्षण कार्य" कर रही निजी फर्म" M/s. Auro नैचरल रिसोर्सेस pvt. Ltd." और M/s. Shri Vinayak Mineral" तथा "M/s. Jai Bhole Enterprises" और " M/s. Indian Rock Phosphate " कम्पनी ने पूर्वेक्षण का कितना कार्य करा है, वर्तमान में क्या परिणाम प्राप्त हुए? क्या इन सभी कम्पनी के पास पूर्वेक्षण हेतु, जरूरी NOC है (जैसे राजस्व विभाग, वन विभाग, NGT और अन्य)? सभी का दस्तावेज प्रदान करे जाए।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2020 से 2025 तक नीलामी के माध्यम से आवंटित ब्लाक खदानों की जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट-"अ" पर है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्तर अनुसार वर्तमान में झाबुआ जिले में कुल 3 कम्पनियों में पूर्वेक्षण कार्य प्रगतिरत है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" पर है। वर्तमान में जिला अलीराजपुर में कोई पूर्वेक्षण कार्य प्रचलित नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार उल्लेखित फर्मों में से वर्तमान में "M/s. Auro Natural Resources pvt. Ltd." के पक्ष में स्वीकृत खटम्बा खनिज ब्लॉक में ही पूर्वेक्षण कार्य की जा रही है। "M/s. Shri Vinayak Mineral" के पक्ष में समेकित अनुज्ञप्ति स्वीकृत नहीं हुआ है तथा "M/s. Jai Bhole Enterprises" द्वारा स्वीकृत खनिज ब्लॉको में पूर्वेक्षण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। "M/s. Indian Rock Phosphate" के पक्ष में समेकित अनुज्ञप्ति हेतु जारी आशय सूचना पत्र निरस्त की जा चुकी है। उपरोक्त कंपनियों की वर्तमान स्थितियों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" पर है। जी हाँ। राजस्व विभाग का प्रतिवेदन एवं वन विभाग की NOC की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"द" पर है। एनजीटी से NOC लिये जाने का नियमो में कोई प्रावधान नहीं है।

लीज उत्खनन पट्टा को निरस्त करने

[खनिज साधन]

81. ( क्र. 774 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम कराहल के शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1412/1/1 रकबा 2 हेक्टर भूमि पर नीरज पुत्र कैलाश नारायण मंगल निवासी लहरोनी जिला श्योपुर को फरसी, पत्थर, खंडा ढ़ोका उत्खनन पट्टा स्वीकृत किया है, स्वीकृत उत्खनन पट्टा प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया है। (ख) जिस स्थान पर यह लीज पट्टा स्वीकृत किया है, उस स्थान का सत्यापन कौन-कौन अधिकारियों से कराया गया? (ग) क्या सत्यापन करने वाले अधिकारियों को कस्तूरबा गाँधी छात्रावास जो खदान से 2 मीटर दूरी पर है? उसी के पास आदिवासी परिवारों के पीएम आवास बने हैं जो लीज क्षेत्र से 2 मीटर की दूरी पर बने हैं, जिनको मंगल द्वारा जबरन जेसीबी से तोड़ा जा रहा है। 80 मीटर के दायरे में पेट्रोल पम्प वन विभाग का कार्यालय बना है और 50 मीटर की दूरी पर तालाब और चीर घर है एवं तेजाजी महाराज का मंदिर भी 150 मीटर की परि‍धि‍ में बने हैं, उसके बावजूद भी खदान लीज पट्टा स्वीकृत किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार क्या लीज पट्टा निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी? यदि हां, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधानों के अनुसार प्रश्‍नाधीन उत्खनिपट्टा स्वीकृत किया गया है। (ख) तहसीलदार तहसील कराहल, वनमण्डलाधिकारी वनमण्डल श्योपुर एवं खनि निरीक्षक श्योपुर द्वारा स्थल जांच प्रतिवेदन प्राप्त किए गए हैं। उसके उपरांत ही उत्खनिपट्टा स्वीकृत किया गया है। (ग) जी नहीं। तहसीलदार कराहल के जांच प्रतिवेदन अनुसार कस्तूरबा गाँधी छात्रावास उत्खनिपट्टा क्षेत्र से 115 मीटर की दूरी पर है। तालाब, आवास, पेट्रोल पंप, चीर घर, तेजाजी महाराज का मंदिर एवं वन विभाग का कार्यालय मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में प्रावधानित प्रतिबंधात्मक दूरियां छोड़कर स्थित है। उत्खनिपट्टा क्षेत्र के पास स्वीकृत पी.एम. आवास को जे.सी.बी. मशीन से तोड़े जाने की कोई स्थित नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) में दिए गए उत्तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रकरण क्रमांक 719/23 की जानकारी

[गृह]

82. ( क्र. 779 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पुलिस थाना जौरा में दर्ज अपराध क्रमांक 719/23 के संबंध में प्रश्‍न क्रमांक 591, दिनांक 02.07.24 एवं 2642 दिनांक 05.08.25 मध्यप्रदेश विधानसभा में पूछे गए थे? (ख) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 2642 दिनांक 05.08.2025 के प्रश्‍नांश (क) के उत्तरानुसार जिला-मुरैना के पुलिस थाना जौरा में दर्ज अपराध क्रमांक 719/23 दिनांक 30.11.23 के संबंध में पुलिस द्वारा क्या-क्या भौतिक एवं तकनीकी साक्ष्य एकत्रित किए गए हैं एवं उभयपक्षों द्वारा अपनी ओर से क्या-क्या साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं एवं उनमें सम्मिलित किन-किन तथ्यों को पुलिस द्वारा विवेचना में शामिल किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार दोनों प्रश्‍नों के उत्तर में विवेचना जारी होने का उत्तर दिया गया है? क्या पुलिस द्वारा आरोपियों को संरक्षण दिया जा रहा है? विवेचना अथवा जांच के लिए समय-सीमा से संबंधित कोई नियम हैं? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या पुलिस द्वारा विवेचना पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ तो पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं तो विवेचना में विलंब का कारण क्या है? सम्पूर्ण तथ्यात्मक जानकारी दस्तावेजों सहित उपलब्ध कराएं। (ड.) प्रश्‍नकर्ता का पत्र क्रमांक 185/24 दिनांक 16.07.24 जिसे पुलिस थाना जौरा में दर्ज अपराध क्रमांक 719/23 की विवेचना में शामिल किया गया है? उपरोक्त पत्र के संबंध में क्या थाना चिन्नौनी चंबल की सीडीआर की जांच की गई है? सविस्तार जानकारी उपलब्ध कराएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी, हाँ। (ख) जिला मुरैना के पुलिस थाना जौरा में दर्ज अपराध के 719/23 की विवेचना में फरियादी विनोद दुबे द्वारा प्रस्तुत करने पर रूपये 30 हजार की राशि भौतिक साक्ष्य के रूप में जप्त की गई। इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य के रूप में फरियादी विनोद दुबे एवं आरोपीगणों के सीडीआर प्राप्त कर विश्लेषण किया गया। प्रकरण की विवेचना जारी है अतः विस्तृत जानकारी दी जाना विधिसम्मत संभव नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित दोनों प्रश्‍नों में विवेचना जारी होने की जानकारी दी गई थी। निष्पक्ष एवं तथ्यात्मक विवेचना की जा रही है। पुलिस द्वारा आरोपियों को संरक्षण नहीं दिया गया है. विवेचना के लिये समय-सीमा से संबंधित कोई नियम नहीं है। (घ) प्रकरण में भौतिक एवं तकनीकी साक्ष्य को एकत्रित करने तथा उभय पक्षों के द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों में उल्लेखित तथ्य विवेचना में है। (ड.) जी हाँ। पत्र कं 185/24 में थाना चिन्नौनी चम्बल की सीडीआर जांच का कोई उल्लेख नहीं है। अभियुक्तगणों की सीडीआर प्राप्त कर विवेचना में शामिल किया गया है।

 

 

 

हवाई यात्राओं का विवरण

[विमानन]

83. ( क्र. 781 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) शासन के पास जनवरी 2024 तथा नवंबर 2025 की स्थिति में किस-किस कंपनी के कितने शासकीय एवं किराये के कितने-कितने सीटर हवाई वाहन (हेलीकॉप्टर/प्लेन इत्यादि) है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित वाहन किस दिनांक को, कितनी राशि में, किस कंपनी से खरीदे गए थे? गारंटी पीरियड कितना था? खरीदने की प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी दस्तावेज सहित देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित वाहन पर खरीदने की दिनांक से नवंबर 2025 तक रख-रखाव तथा ईंधन खर्च की माह/वर्ष बतावें तथा उक्त वाहन ने कुल कितने किलोमीटर की यात्रा, राज्य में तथा कितने किलोमीटर की यात्रा राज्य के बाहर तय की? (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित वाहन से जनवरी 2024 से नंबर 2025 तक किस-किस दिनांक को मध्यप्रदेश के किस शहर तथा अन्य राज्य के किस शहर के लिए हवाई यात्रा क्यों की गई तथा उस यात्रा में कौन-कौन शामिल हुए? (ङ) शासन ने जनवरी 2024 से नवंबर 2025 तक किस-किस कंपनी से किस-किस प्रकार के हवा में उड़ने वाले वाहन किस-किस दिनांक को, किस दर से, किस कार्य के लिए, किराए पर लिए तथा उसके लिए कितना-कितना भुगतान किया गया?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) राज्य शासन के पास 01 शासकीय हेलीकॉप्टर, मेसर्स एयरबस, फ्रांस की कंपनी का है, जिसकी बैठक क्षमता 5 यात्री एवं 2 पायलट तथा 01 शासकीय विमान, मेसर्स टेक्सट्रॉन एविएशन इंक. यूएसए कंपनी का है, जो ग्वालियर एयरबेस पर मई 2021 में दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण उड़ान योग्य नहीं है, जिसकी बैठक क्षमता 7 यात्री एवं 2 पायलट की है। विशिष्‍ट व्‍यक्तियों के लिए तथा शासकीय प्रयोजनार्थ यात्राओं हेतु आवश्यकता होने पर विमान/ हेलीकॉप्टर किराये पर लिये जाते है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। प्रश्‍नांश शेष की जानकारी DGCA के मापदंड अनुसार किलोमीटर में जानकारी संधारित नहीं की जाती। (घ) शासकीय प्रयोजनार्थ की गई यात्राओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार एवं पांच अनुसार है। (ङ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार एवं पॉच अनुसार है।

तेन्दूपत्ता एवं फड़मुंशी की नियुक्ति

[वन]

84. ( क्र. 783 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला शिवपुरी में तेन्दूपत्ता क्रय किस फर्म द्वारा किया जा रहा है? अनुबंध की स्पष्ट छायाप्रति उपलब्ध करावें, उक्त फर्म ने तेन्दूपत्ता क्रय करने का कितना भुगतान संबंधित तेन्दूपत्ता संकलन करने वाले व्यक्तियों को किया है और किस दर से भुगतान किया गया है? वर्षवार एवं सारणीवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में तेंदूपत्ता क्रय करने हेतु जिला शिवपुरी में फड़मुंशी नियुक्त करने की शासन की क्या प्रक्रिया है और वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक वन मण्डलाधिकारी जिला शिवपुरी द्वारा कितने नियुक्त किये गये? फड़-मुंशियों के नियुक्ति आदेशों एवं वन समितियों के प्रस्ताव की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला शिवपुरी में तेंदूपत्ता खरीदी की मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी का नाम व पदनाम बतावें। साथ ही कम दर से तेंदूपत्ता क्रय करने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? सारणीवार, नामवार एवं वर्षवार जानकारी देवें और इन पर क्या कार्यवाही की गई? बतावें। (घ) जिला शिवपुरी में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत अब तक कुल कितने गरीब आदिवासी परिवारों को वन अधिकार पट्टे प्रदान किए गए हैं? इनमें से कितने व्यक्तिगत वन प‌ट्टे तथा कितने सामुदायिक वन अधिकार पट्टे शामिल हैं? अब तक कितने प्रकरणों को स्वीकृति मिली है और कितने आवेदन लंबित हैं? सूची सहित जानकारी देवें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वर्ष 2020 से शिवपुरी जिले में तेंदूपत्ता क्रय करने वाली फर्मों तथा संग्राहकों को प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से मध्य प्रदेश शासन द्वारा निर्धारित संग्रहण दर पर किए गए भुगतान का वर्षवार व तालिकवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। अनुबंध की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) जिला शिवपुरी में वर्ष 2020 से जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित शिवपुरी अंतर्गत 34 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों में प्रति वर्ष 362 फड़मुंशियों को नियुक्त किया गया है। म. प्र. राज्य लघु वनोपज व्यापार एवं विकास सहकारी संघ म. प्र. भोपाल के ज्ञापन क्रमांक/वनोपज/व्यापार/2583 भोपाल दिनांक 12.04.1989 में दिए गए निर्देशानुसार फड़मुंशियों की नियुक्ति की कार्यवाही की जाती है, ज्ञापन की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के द्वारा फड़मुंशियों की नियुक्ति हेतु ठहराव-प्रस्ताव पारित कर अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किए जाते हैं, जिनका जिला यूनियन द्वारा अनुमोदन किया जाता है। अनुमोदन की छायाप्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार हैं। (ग) प्रश्‍नांकित अवधि वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक की अवधि में जिला शिवपुरी में मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी एवं पदनाम की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। उक्त अवधि में निर्धारित संग्रहण पारिश्रमिक दर से कम दर पर तेंदू पत्ता क्रय करने की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                     (घ) वनमंडल शिवपुरी, जिला शिवपुरी में अनुसूचित जनजाति एवं अन्‍य परम्‍परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्‍यता) अधिनियम, 2006 के अंतर्गत अब तक कुल 3617 आदिवासी परिवारों को वन अधिकार पत्र प्रदान किए गए हैं। इनमें 3240 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है तथा 377 सामुदायिक वन अधिकार पत्र सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार हैं। अब तक 3617 प्रकरणों को स्‍वीकृति मिली है एवं 4436 आवेदन जांच में है सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-8 अनुसार है।

महिलाओं के साथ हुए अपराधों की जानकारी

[गृह]

85. ( क्र. 784 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) ग्वालियर चंबल संभाग में वर्ष 2023-2024 एवं 2024-25 तथा वर्तमान तक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग, पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग की महिलाओं के साथ हुए अपराधों के विरुद्ध दर्ज कुल अपराधों की क्या संख्या है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, अपहरण, घरेलू हिंसा, हत्या, छेड़छाड़ आदि की जानकारी दें। क्या सरकार ने ऐसे संवेदनशील जिलों की पहचान की है, जहां एससी, एसटी महिलाओं पर अपराध की दर सबसे अधिक है? यदि हाँ, तो वहां पर क्या विशेष निगरानी या सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है? (ग) वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2025 में इन अपराधों में कितने प्रतिशत की वृद्धि‍ हुई है, जानकारी उपलब्ध करावें तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग, पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग की महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों को रोकने हेतु राज्य सरकार द्वारा कौन-कौन से विशेष कदम उठाए गए है? (घ) ग्वालियर चंबल संभाग में मार्च 2024 से अक्टूबर 2025 की अवधि के बीच अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग, पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग की महिलाओं से संबंधित बलात्कार के कुल कितने मामले दर्ज किए गए तथा इन मामलों में पीडि़ताओं को आजीविका एवं पुनर्वास हेतु कितने प्रकरणों में मुआवजा प्रदान किया गया और कितनी राशि वितरित की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है।                                   (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2025 में घटित अपराधों में प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। महिलाओं के विरुद्ध घटित हो रहे अपराधों की रोकथाम हेतु महिला सुरक्षा शाखा ‌द्वारा उठाये गये कदम निम्नानुसार है- राज्य शासन द्वारा लिंग आधारित हिंसा के उन्मूलन के लिए प्रदेश स्तरीय 16 दिवसीय "हम होगें कामयाब" अभियान चलाया गया। महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में "सुरक्षित शहर सुरक्षित स्थल" क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। पुरुषों को महिला संबंधी अपराधों के प्रति जागरूक करने हेतु प्रदेश स्तरीय "अभिमन्यु" जागरूकता अभियान चलाया गया एवं नाबालिग बालक बालिकाओं की तलाश हेतु प्रदेश स्तरीय "ऑपरेशन मुस्कान" चलाया गया। भरण-पोषण के वॉरट/समंस की तामीली हेतु प्रदेश स्तरीय ऑपरेशन "हेल्पिंग हेण्ड" चलाया गया। मानव दुर्व्यापार की पीडिताओं को रेस्क्यू करने हेतु स्टॉर्म मेकर्स-॥ अभियान प्रदेश स्तर पर आयोजित किया गया। महिलाओं एवं बालिकाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने हेतु "स्वयं सिद्धा" आत्मरक्षार्थ प्रशिक्षण ऑपरेशन आयोजित किया गया। छोटे बच्चों को Good Touch Bad Touch सिखाने के संबंध में ऑपरेशन "अहसास", महिला अपराधों की रोकथाम एवं जागरूकता हेतु "सम्मान" अभियान, मानव दुर्व्यापार की रोकथाम एवं जनजागरुकता हेतु प्रदेश स्तरीय "चेतना" अभियान का आयोजन किया गया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" अनुसार है।

अन्य प्रांतो से जारी शस्त्र लायसेंस पंजीकरण

[गृह]

86. ( क्र. 788 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) अन्य प्रांतो से जारी शस्त्र लायसेंस पंजीकरण करने के संबंध में क्या नियम एवं समय-सीमा है? शासन नियमों की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) ग्वालियर संभाग के जिलों में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक अन्य प्रांतो से जारी शस्त्र लायसेंस पंजीकरण हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये? संख्यावार एवं वर्षवार जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्‍नांश (ख) की अवधि में प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई एवं कितने शस्त्र लायसेंस पंजीकरण आवेदनों का निराकरण किया गया एवं कितने आवेदन शेष है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में शेष शस्त्र लायसेंस पंजीकरण के आवेदनों का निराकरण क्यों नहीं किया गया एवं इसके लिये जिम्मेदारी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला ग्वालियर में अन्य प्रांतो से जारी शस्त्र लायसेंस पंजीकरण हेतु वर्ष 2020 पंजीकरण 25, वर्ष 2021 पंजीकरण 58, वर्ष 2022 पंजीकरण 76, वर्ष 2023 पंजीकरण 46, वर्ष 2024 पंजीकरण 29 एवं वर्ष 2025 पंजीकरण 28 प्राप्त हुये है। (ग) अन्य प्रांतो से प्राप्त आवेदनों पर जारीकर्ता लायसेसिंग प्राधिकारी यथा पुलिस आयुक्त/जिला मजिस्ट्रेट से लायसेंस का सत्यापन तथा इस जिले में दर्ज किये जाने के संबंध में अनापत्ति प्रमाण-पत्र चाहा जाता है तथा ग्वालियर जिले से संबंधित व्यक्ति का चरित्र सत्यापन उपरांत प्रविष्टी की कार्यवाही की गयी है, ऐसे मामलों में जहां फारेस्ट सीमा निर्धारित है वहां फारेस्ट विभाग की अनुमति भी प्राप्त की जाती है। उक्त अवधि में प्राप्त आवेदनों में वर्ष 2020 निराकृत 21 शेष 4, वर्ष 2021 निराकृत 28 शेष 30, वर्ष 2022 निराकृत 23 शेष 53, वर्ष 2023 निराकृत 16 शेष 30, वर्ष 2024 निराकृत 17 शेष 12 एवं वर्ष 2025 निराकृत 13 शेष 15 है।                             (घ) लायसेंस पंजीकरण के शेष आवेदन-पत्रों के संबंध में संबंधित जिले से सत्यापन प्राप्त न होने अथवा पुलिस प्रतिवेदन/फारेस्ट विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त न होने के कारण निराकरण संभव नहीं हुआ है। कार्यालय स्तर पर नियमानुसार कार्यवाही की गयी है। अतः किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं हुआ है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

ग्वालियर में उद्योगों की स्थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

87. ( क्र. 789 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) जिला ग्वालियर में विभाग द्वारा उद्योग लगाने/खोले जाने हेतु शासन द्वारा क्या मापदण्ड बनाए हैं? शासन आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावे। (ख) जिला ग्वालियर में कब-कब, कहां-कहां इन्वेस्टर्स मीट्स हुई हैं और किस-किस कार्य को किस उद्योगपति द्वारा कितनी-कितनी राशि का इन्वेस्ट किये जाने के एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किये गये है? (ग) जिला ग्वालियर में 1 जनवरी, 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन उद्योगपतियों द्वारा कितने उद्योग चालू किये गये है? यदि नहीं, तो क्या कारण रहे? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में कहां-कहां उद्योग लगाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही हो चुकी है और क्या-क्या शेष है? कृपया प्रत्येक की अद्यतन जानकारी से अवगत कराएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा न केवल जिला ग्‍वालियर अपितु संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्‍तर के उद्योगों की स्‍थापना को प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍य से उद्योग संवर्धन नीति 2025’ दिनांक 24.02.2025 से लागू की गई है। यह नीति सम्‍पूर्ण म.प्र. में समान रूप से प्रभावशील है। नीति की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''अनुसार है। जिला ग्वालियर सहित प्रदेश में उ‌द्योग स्थापना हेतु भूमि आवंटन के संबंध में प्रचलित म.प्र. राज्य औ‌द्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2025) की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार है। (ख) ग्‍वालियर जिले में निम्‍नलिखित इन्‍वेस्‍टर्स मीट हुर्ह है:-

क्र.

कार्यक्रम

वर्ष

1.

ग्‍वालियर इन्‍वेस्‍टर्स मीट

2008

2.

कॉन्‍क्‍लेव- ग्‍वालियर

2024

जिला ग्वालियर में दिनांक 28.08.2024 को रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव-2024 का आयोजन राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्ववि‌द्यालय में किया गया। उ‌द्योगपतियों से एम.ओ.यू. के स्थान पर निवेश प्रस्ताव प्राप्त किये गये जिसकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (ग) दिनांक 1 जनवरी, 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला ग्‍वालियर में विभिन्‍न उद्योगपतियों द्वारा चालू किये गये उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार है। उक्‍त के अतिरिक्‍त सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार दिनांक 1 जनवरी 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला ग्‍वालियर में विभिन्‍न उद्योगपतियों द्वारा कुल 1248 उद्योग प्रारंभ किए गए, जिनकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट–‘अनुसार है एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अनुसार है।

समुह जल प्रदाय योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

88. ( क्र. 793 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1614 दिनांक 20 दिसम्बर 2024 के उत्तर में घाटीगांव-भितरवार समूह जल योजना की स्वीकृति एवं योजना दिनांक 28.9.2025 तक पूर्ण होने की जानकारी दी गई थी? यदि हाँ तो क्या योजना पूर्ण हो गई है? यदि नहीं तो क्यों नहीं? योजना की अद्यतन स्थिति दें। (ख) योजना में प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों पर कितनी-कितनी राशि का कब-कब भुगतान किया गया है? कार्यवार जानकारी दें। क्या जितनी राशि का वास्तविक कार्य हुआ है उससे अधिक राशि का भुगतान ठेकेदार को किया गया है? यदि हाँ तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने पर ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही करने के नियम है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (घ) योजना से पेयजल में शामिल ग्रामों में कब तक उपलब्ध करा दिया जायेगा? योजना के कार्यों की गुणवत्ता की जांच प्रदेश मुख्यालय के अधिकारियों का दल (समिति) से कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, योजना का कार्य प्रगतिरत है। योजनांतर्गत पाईप लाईन बिछाने, उच्च स्तरीय टंकी निर्माण एवं अन्य अवयवो के निर्माण हेतु विभिन्न विभागों से अनुमतियाँ प्राप्त करने में विलम्ब एवं ठेकेदार द्वारा कार्य धीमी गति से करने के कारण योजना को पूर्ण करने में विलम्ब हुआ है। योजना की वर्तमान भौतिक प्रगति 25.50 प्रतिशत है। (ख) योजना में प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्न कार्यों पर व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ठेकेदार को वास्तविक कार्य से अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने पर ठेकेदार पर अर्थदण्ड एवं अनुबंध निरस्त करने का प्रावधान है। कार्य में विलम्ब होने के कारण ठेकेदार को समय-समय पर नोटिस जारी किये गये हैं। (घ) योजना का कार्य दिनांक 28.09.2026 तक पूर्ण कर सम्मिलित ग्रामों में पेयजल उपलब्ध कराया जाना संभावित है। योजना के कार्यों की गुणवत्ता की कोई भी शिकायत प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है, अतः गुणवत्ता की जाँच प्रदेश मुख्यालय के अधिकारियों का दल (समिति) से कराऐ जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छ्त्तीस"

संचालित योजनाएं की जानकारी

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

89. ( क्र. 794 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 728 दिनांक 29.7.2025 में विभाग की योजनाओं का लाभ लेने हेतु समाचार पत्रों में प्रकाशन कराने की जानकारी दी गई है? यदि हाँ तो ग्वालियर जिले में कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुए? योजनावार प्राप्त आवेदनों की जानकारी दें। (ख) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? कौन-कौन से कुटीर उद्योग किस-किस ग्राम में संचालित है? (ग) क्या विभाग भितरवार विधानसभा क्षेत्र में नवीन कुटीर उद्योग स्थापित किये जाने हेतु सर्वे कराकर नवीन कुटीर उद्योग स्थापित करने की पहल करेगा? यदि हाँ तो क्या और कब तक? (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2023 से वर्तमान तक संचालित कुटीर उद्योगों एवं हितग्राहियों की ग्रामवार जानकारी दें।

राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जी हाँ। ग्‍वालियर जिले में हाथकरघा संचालनालय की कौशल एवं तकनीकी विकास योजना में 14 आवेदन, म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की कौशल एवं तकनीकी विकास योजना में 161 आवेदन एवं म.प्र. माटीकला बोर्ड की कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम की 25 आवेदन, कुल 200 आवेदन प्राप्‍त हुए है। (ख) विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। यह योजनाएं भीतरवार विधानसभा क्षेत्र के लिए भी लागू है। प्रश्‍नांश अवधि में ग्राम चिन्‍नौर में सेट्रिंग वर्क, भीतरवार में हर्बल ब्‍यूटी पार्लर उद्योग संचालित है। (ग) भीतरवार विधानसभा क्षेत्र में नवीन उद्योग स्‍थापित करने हेतु सर्वे कराये जाने के संबंध में कोई योजना प्रचलन में नहीं है। (घ) भीतरवार विधानसभा क्षेत्र में उत्‍तरांश (ख) अनुसार कुटीर उद्योग संचालित है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

स्टेनलेस स्टील बर्तनों की खरीद में अनियमितताएं

[महिला एवं बाल विकास]

90. ( क्र. 798 ) इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा GEM पोर्टल पर जारी निविदा क्र. GEM/2025/B/6017358 जिसमें करोड़ों रुपये की सार्वजनिक राशि से स्टेनलेस स्टील बर्तनों की खरीद में कई गंभीर अनियमितताएँ और नीति विरुद्ध शर्तें पाई गई हैं? 1. क्या उपरोक्त निविदा में अनुभव और टर्नओवर की छूट को एमएसई और स्टार्टअप कंपनियों को नहीं दिया गया, जो कि भारत सरकार की GEM नीति 2012 के विरुद्ध है? 2. क्या इस बिड MSE Purchase Preference "No किया गया, जिससे MSME इकाइयों को 25 खरीद वरीयता का लाभ नहीं मिल पाया? 3. क्या इस निविदा में खरीदे गए बर्तनों के प्रति यूनिट मूल्य GeM और बाजार दर की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार बिंदुओं से यह प्रतीत होता है कि विभागीय प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का अभाव है। 1. क्‍या विसंगतियों की जांच कब और किस संस्था द्वारा की जाएगी? 2. क्या दोषियों पर कोई प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी? 3. भविष्य में ऐसी अनियमितताओं से बचने के लिए क्या संरचनात्मक सुधार किए जा रहे हैं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। 1. जी हॉ। ''मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम 2015 यथा संशोधित 2022'' के बिन्‍दु क्रमांक-4 में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख है कि GeM Portal के माध्‍यम से भी खरीदी करने पर भी ''मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम 2015 यथा संशोधित 2022'' का पालन किया जाना बंधनकारी है। ''मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम 2015 यथा संशोधित 2022'' के नियम-22 (1) के अंतर्गत स्‍टार्टअप हेतु राशि रूपये 1 करोड़ तक की निविदा में भाग लेने हेतु अनुभव एवं टर्नओवर में छूट दिए जाने का प्रावधान है। 2. जी हाँ। मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम 2015 यथा संशोधित 2022 में MSME हेतु टर्नओवर एवं अनुभव दिए जाने का कोई उल्‍लेख नहीं है। मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम 2015 यथा संशोधित 2022 की कंडिका-23 अंतर्गत नियम-31 के अंतर्गत गठित समिति द्वारा जिन सामग्री या उत्पादों की सूची प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु एवं लघु उद्यम से क्रय हेतु अनुमोदित की जावेगी उस सामग्री के क्रम पर यदि एल-1 मूल प्रदेश के सूक्ष्‍म लघु एवं मध्‍यम उद्यम निविदाकर्ताओं का नहीं है, तो प्रदेश के सूक्ष्‍म लघु उद्यम जिनके द्वारा निविदा में एल 1+15 प्रतिशत की सीमा में दरें प्रस्‍तुत की गई है, को एल-1 दर पर उनकी क्षमता के दृष्टिगत अधिकतम 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत मात्रा तक की सामग्री क्रय की जाएगी। 3. जी नहीं। (ख) '''' के अनुक्रम में शेष का प्रश्‍न नहीं।

भूखंडों की लीज डीड निरस्त करने

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

91. ( क्र. 802 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, अशोकनगर द्वारा प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर, समय-सीमा समाप्त होने के बावजूद उद्योग स्थापित न करने के कारण 28-भूखंडों की लीज डीड निरस्त कर दी गई है? यदि हां, तो निरस्तीकरण आदेश की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं। साथ ही, इन भूखंडों का आवंटन किस-किस उद्यमी/फर्म को किया गया था, इसकी विस्तृत सूची (नाम, पता, आवंटन तिथि सहित) प्रदान करें। (ख) क्या उपरोक्त भूखंड-धारकों को पूर्व सूचना में नोटिस जारी किए गए थे? यदि हां, तो सभी नोटिसों एवं प्राप्त जवाबों की प्रमाणित छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक नोटिस पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही (जांच, सुनवाई, निर्णय आदि) का पृथक-पृथक विस्तृत प्रतिवेदन दें। (ग) क्या उद्योग स्थापना हेतु आरक्षित भूमि पर खनन माफियाओं द्वारा अवैध-उत्खनन कर गहरी खाइयां खोदी गई हैं, जिससे क्षेत्र की अखंडता प्रभावित हुई है? यदि हां, तो माफियाओं की पहचान, उत्खनन की मात्रा एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही (मुकदमे, जुर्माना, जब्ती आदि) का विवरण दें। (घ) प्रस्तावित औद्योगिक-क्षेत्र पलकटोरी का ड्रोन-कैमरा द्वारा प्राप्त उच्च-रिज़ॉल्यूशन छायाचित्र (नवीनतम) उपलब्ध कराएं। साथ ही, जिला कलेक्टर, अशोकनगर द्वारा क्षेत्र का व्यक्तिगत निरीक्षण कर तैयार किया गया जांच प्रतिवेदन (भू-संरचना, क्षति मूल्यांकन, सुधार सुझाव सहित) प्रस्तुत करें। खनन-माफिया के अवैध-खनन की सज़ा पट्टे धारियों को क्यों दी जा रही इसकी भरपाई शासन खनन माफिया से कब तक करेगा?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी हाँ। महाप्रबंधक जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र अशोकनगर द्वारा मध्‍यप्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025 के अनुसार समय-सीमा उपरांत भी उद्योग स्‍थापित नहीं किये जाने के कारण 28 भूखण्‍डों की लीज डीड निरस्‍त की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एवं अनुसार है। (ख) जी हाँ। नोटिस जारी किये गये थे, जिसकी प्रतियॉं पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सूचना पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित 28 भूखण्‍डों पर कोई अवैध उत्‍खनन नहीं होने से खनिज विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। औद्योगिक क्षेत्र के अंश भाग पर अवैध उत्‍खनन होने से खनिज विभाग द्वारा की गई कार्यवाही पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा ड्रोन कैमरा से छायाचित्र तैयार नहीं किया गया। कार्यालय जिला कलेक्‍टर, अशोक नगर के पत्र दिनांक 20.11.2025 से प्राप्‍त निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।

वर्किंग प्‍लान में भूमि दर्ज किया जाना

[वन]

92. ( क्र. 803 ) श्री संजय उइके : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मुख्‍यालय वन भवन भोपाल राज्‍य के 63 वनमंडलों के वर्किंग प्‍लान में कितनी आरक्षित वन भूमि होना वर्तमान में प्रतिवेदित कर रहा है? इनमें से कितने आरक्षित वन भूमि की राजपत्र में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 20 के अनुसार प्रकाशित अधिसूचना की प्रति वन मुख्‍यालय वनवृत या वनमंडल में उपलब्‍ध है? (ख) वन मुख्‍यालय राज्‍य के 63 वनमंडलों के वर्किंग प्‍लान में कितनी संरक्षित वन भूमि दर्ज होना प्रतिवेदित कर रहा है? इनमें से कितनी भूमि भा.व.आ. 1927 की धारा 4 में अधिसूचित, आरक्षित वन बनाने के लिए प्रस्‍तावित, धारा 5 से 19 तक की जाँच के लिए लंबित है व कितनी भूस्‍वामी हक की भूमि है? (ग) वन मुख्‍यालय किस-किस वैधानिक आधार पर किस-किस प्रावधान के तहत किन-किन भूमियों को वर्किंग प्‍लान में दर्ज कर आरक्षित वन एवं संरक्षित वन भूमि दर्ज करता है?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) राज्य के 63 क्षेत्रीय वनमंडलों के वर्किंग प्लान अनुसार कुल 50,94,190.19 हेक्टेयर अधिसूचित आरक्षित वन प्रतिवेदित है। उक्त वनभूमि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 20 के अनुसार 2648912.293 हेक्टेयर की अधिसूचनाओ की प्रतियाँ वनमंडलों में उपलब्ध है। शेष प्रतिवेदित वन भूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 20 (अ) द्वारा शासित है। (ख) राज्य के 63 वनमंडलों के वर्किंग प्लान अनुसार कुल 26,21,759.64 हेक्टेयर अधिसूचित संरक्षित वन प्रतिवेदित है। उक्त वनभूमि में से भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 में अधिसूचित भूमि की 2348462.37 हेक्टेयर है जो धारा 5 से 19 तक की अर्ध-न्यायिक जाँच में है। धारा-4 में अधिसूचित संरक्षित वनखंडों में 34107.95 हेक्टेयर ऐसी भूमि है जिस पर निजी अधिकार का दावा किया गया है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29, धारा-3, धारा-4, धारा-20 में अधिसूचित वनखंडों की भूमियों को एवं धारा 20 (अ) द्वारा मध्यप्रदेश राज्य में सम्मिलित राज्यों के वनो को आरक्षित वन एवं संरक्षित वन प्रतिवेदित किया जाता है। इनमे से जो भूमियाँ, वन विभाग के अधिपत्य में है, उनका वर्किंग प्लान बनाया जाता है।

खदानों के आवंटन एवं रॉयल्टी राशि

[खनिज साधन]

93. ( क्र. 809 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्या प्रदेश में संचालित सभी खदानें नियमानुसार आवंटित की गई हैं? यदि हाँ, तो प्रदेश में कुल कितनी खदानों का नियमानुसार आवंटन किया गया है, यदि नहीं, तो किन कारणों से नियमानुसार आवंटन नहीं किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार आवंटित खदानों से शासन को नियमानुसार रॉयल्टी राशि प्राप्त हो रही है या नहीं? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में प्राप्त रॉयल्टी राशि का वर्षवार विवरण प्रदान किया जाए। यदि किसी खदान से रॉयल्टी बकाया है, तो उसका विवरण भी उपलब्ध कराया जाए। (ग) विगत 3 वर्षों में इंदौर संभाग में अवैध खनन के कितने प्रकरण दर्ज किए गए? कृपया वर्षवार प्रकरणों की संख्या, कार्रवाई की वर्तमान स्थिति तथा वसूली की गई दंडात्मक राशि का विवरण प्रदान करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, प्रदेश में आवंटित कुल 6981 खदानों का नियमानुसार ही आवंटन किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रदेश में संचालित खदानों से नियमानुसार रॉयल्टी राशि प्राप्त हो रही है। शासन को वित्तीय वर्ष 2022-23 में 8218.06 करोड़, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 10065.73 करोड़ एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में 10290.11 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। खनिज नियमों में अग्रिम रॉयल्टी राशि जमा किये जाने के प्रावधान है। अतः रॉयल्टी के रूप में राशि बकाया न होने के कारण प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "अड़तीस"

आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया

[सामान्य प्रशासन]

94. ( क्र. 820 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में समस्त विभागों के अंतर्गत कुल कितने आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं व शासन और नियुक्तिकर्ता आउटसोर्स कम्पनी द्वारा उन्हें क्या-क्या सुविधाएँ दी जा रही है, कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी का नाम व पदनाम सहित विभागवार पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ख) राज्य में आउटसोर्स के माध्यम से विभागों में कर्मचारी नियुक्त किये जाने के क्या नियम हैं, प्रत्येक पद हेतु वेतनमान व कटौत्रा सहित संपूर्ण नियमावली देवें? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में समस्त विभागों में रखे गए आउटसोर्स कर्मचारियों को जिला स्तर पर चयन प्रक्रिया द्वारा नियुक्त किया गया है या राज्य स्तर पर चयन प्रक्रिया द्वारा नियुक्त किया गया है? राज्य स्तर व जिला स्तर पर नियुक्ति के संबंध में की गई कार्यवाहियों को विवरण सहित बतावें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि एवं कार्यों की स्वीकृति

[खनिज साधन]

95. ( क्र. 821 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि को किन-किन कार्यों में व्यय किया गया है? कार्यों के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में प्रतिवर्ष विभिन्न विकास एवं निर्माण कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव जिला खनिज अधिकारी को प्रेषित किए गये है, यदि हाँ तो स्वीकृत कार्यों की सम्पूर्ण जानकारी देते हुए अद्यतन स्थिति व कार्य के पूर्ण, अपूर्ण सहित सम्पूर्ण जानकारी देवे।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ पर है। (ख) माननीय विधायक निवाड़ी द्वारा प्रेषित प्रस्‍ताव कलेक्‍टर निवाड़ी/अध्‍यक्ष जिला खनिज प्रतिष्‍ठान को वित्‍तीय वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 में तीन पत्रों के माध्‍यम से विभिन्‍न विकास एवं निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति हेतु प्रेषित किए गए है। न्‍यास मण्‍डल द्वारा 05 निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये गये है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब पर है।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

आऊट सोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति

[सामान्य प्रशासन]

96. ( क्र. 827 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) क्‍या म.प्र. शासन में नियमित कर्मचारियों के पद रिक्‍त रखकर निजी कम्‍पनियों के माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही है? यदि हाँ, तो विभागवार रिक्त पदों एवं आउटसोर्स कर्मचारियों की संख्या का विवरण दें (ख) क्या आउटसोर्स प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का विधिवत पालन हो रहा है? यदि नहीं, तो उसके मुख्य कारण तथा संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों पर की गई कार्रवाई की जानकारी दें। (ग) क्या नियमित नियुक्ति की अपेक्षा आउटसोर्सिंग से भर्ती कर्मचारियों को दायित्व देने के कारण सरकार के कामकाज पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) आउटसोर्स के व्‍यक्ति निजी क्षेत्र के फर्म के कर्मचारी होने के कारण आरक्षण के नियमों का प्रावधान नहीं होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं।

 

 

इन्‍वेस्‍ट मीट की जानकारी

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

97. ( क्र. 828 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) प्रदेश में वित्त वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी इन्वेस्टर मीट, उद्योग स्थापना हेतु किन-किन स्थानों पर किस अवधि में आयोजित की गई एवं उक्त आयोजन पर कुल कितना व्यय उद्योग विभाग एवं अन्‍य विभागों में किया गया? (ख) आयोजित इन्वेस्टर समिट (मीट) में कुल कितने अनुबंध प्रदेश में उद्योग स्थापना हेतु किये गये उसकी सूची उद्योग समूह का नाम प्रस्तावित इकाई एवं प्रस्तावित व्यय प्रोजेक्ट का विवरण दें? (ग) प्रश्‍न दिनांक तक वास्तविक रूप से प्रदेश में प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में अनुबंधित किन-किन उद्योगों को लगाया गया तथा उन्हें कितना अनुदान एवं अन्य सहायता राज्य शासन द्वारा दी गई? (घ) ऐसी कितनी औद्योगिक इकाई संस्थायें थी जिन्होंने सिर्फ अनुबंध किया परन्तु कोई निवेश उद्योग प्रदेश में नहीं किया विवरण दें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग अंतर्गत प्रदेश में वित्‍तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक आयोजित इन्‍वेस्‍टर मीट का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार हैं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में इन्वेस्टर समिट (मीट) में निवेशकों से उद्योग स्‍थापना हेतु अनुबंध नहीं किये जाते है अपितु निवेशकों द्वारा निवेश आशय प्रस्‍ताव दिये जाते है। इन्‍वेस्‍टर मीट में प्राप्‍त निवेश आशय प्रस्‍तावों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार हैं। (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में निवेशकों से उद्योग स्‍थापना हेतु अनुबंध नहीं किये गये है अत: अनुदान एवं अन्‍य सहायता दिये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता तथापि औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा वृहद श्रेणी की विनिर्माण औद्योगिक इकाईयों को वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में प्रदाय किये गये अनुदान एवं अन्य सहायता की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार हैं। (घ) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

लंबित प्रकरणों की जानकारी

[विधि एवं विधायी कार्य]

98. ( क्र. 843 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य में POCSO अधिनियम 2012 के अंतर्गत अब तक कुल कितने प्रकरण दर्ज किए गए है तथा वर्तमान में कितने प्रकरण विचाराधीन है और कितने प्रकरणों को निपटारा किया जा चुका है? वर्तमान स्थिति की जानकारी दें। (ख) राज्‍य में Fast-Track Special Courts (FTSCs) अथवा Exclusive POCSO Courts की कुल कितनी संख्‍या भारत सरकार द्वारा स्‍वीकृत की गई है और इनमें से वर्तमान में कितनी न्‍यायालय पूर्ण रूप से कार्यशील (Fully functoinal) है? (ग) पीड़‍ित मुआवजा निधि हेतु जो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) से पृथक है POCSO अधिनियम के पीड़‍ितों को त्‍वरित राहत उपलब्‍ध कराने के लिए राज्‍य सरकार द्वारा पिछले तीन वित्‍तीय वर्षों में कितना बजट आवंटित किया गया है? (घ) विगत दो वर्षों में सरकारी योजनाओं के तहत पेशेवर मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य परामर्श एवं शैक्षणिक सहायता प्राप्‍त करने वाले POCSO पीडि़तों (बच्‍चों) की कुल संख्‍या कितनी है?                         (ड.) जांच एवं मुकदमें की गुणवत्‍ता में सुधार लाने के लिए POCSO अधिनियम से संबंधित मामलों की जांच करने वाले पुलिस कर्मियों तथा वाद प्रस्‍तुत करने वाले अभियोजकों के विशेषीकृत प्रशिक्षण हेतु राज्‍य सरकार द्वारा क्‍या कदम उठाए गए है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ङ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

निवेश सम्‍मेलन एवं विदेश दौरों पर व्‍यय

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

99. ( क्र. 844 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 15 दिसम्बर 2023 से 30 सितम्बर 2025 की अवधि में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से राज्य के भीतर एवं अन्य राज्यों में कुल कितने निवेश सम्मेलन/इन्वेस्टमेंट मीट आयोजित किए गए प्रत्येक सम्मेलन का स्थान तिथि एवं व्यय राशि क्या रही? (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित अवधि में मुख्यमंत्री द्वारा निवेश प्रोत्साहन के उद्देश्य से विदेशों में कितने दौरे किए गए किन-किन देशों में यह दौरे हुए और प्रत्येक देशवार यात्रा पर कुल कितना सरकारी व्यय हुआ?                                       (ग) क्या राज्य सरकार ने इन निवेश यात्राओं एवं आयोजनों की आर्थिक प्रभाव मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करायी है जिससे यह आंकलन किया जा सके कि इन कार्यक्रमों पर किया गया व्यय वास्तविक निवेश, रोजगार सृजन या औद्योगिक विकास में कितना परिणामकारी रहा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) 15 दिसम्‍बर 2023 से 30 सितम्‍बर 2025 की अवधि में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग अंतर्गत निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्‍य से राज्‍य के भीतर एवं अन्‍य राज्‍यों में आयोजित कार्यक्रमों का विवरण जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट -1 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अवधि में निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्‍य से विदेश में आयोजित इंटरेक्टिव सत्र/दौरे का विवरण जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कोई आर्थिक प्रभाव मूल्‍यांकन रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है तथापि औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों में प्रदेश में उपलब्‍ध निवेश की अपार संभावनाओं एवं निवेश अनुकुल नीतियों के व्‍यापक प्रचार-प्रसार तथा संभावित निवेशकों से निरंतर किये गये सम्‍पर्क एवं वन-टू-वन मिटिंग्‍स के फलस्‍वरूप विगत दो वर्षों में 880 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को लगभग 5600 एकड़ से अधिक भूमि/भूखण्‍ड आवंटित किये गये है। जिसमें लगभग 1 लाख करोड़ का निवेश तथा लगभग 1.60 लाख व्‍यक्तियों को रोजगार प्राप्‍त होने की संभावना हैं।

परिशिष्ट - "चालीस"

सामग्री एवं मशीनों का भुगतान

[वन]

100. ( क्र. 847 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कान्हा नेशनल पार्क अंतर्गत कोर जोन की सभी वनपरिक्षेत्रों में वर्ष 2023-24 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किस मद से कराए गए हैं, कार्य का नाम, लागत राशि, स्वीकृति दिनांक, पूर्णता दिनांक सहित परिक्षेत्रवार जानकारी प्रदाय करें? सभी कार्यों में सामग्री भुगतान एवं मशीनों के भुगतान से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएं? इन कार्यों का सत्यापन मूल्यांकन कब-कब, किन-किन अधिकारियों के द्वारा किया गया नाम, पदनाम, मूल्यांकन सत्यापन दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा इन परिक्षेत्रो के कार्यों का निरीक्षण करने हेतु पत्र दिया गया था, यदि हाँ तो निरीक्षण नहीं करवाने के क्या कारण हैं? उक्त वन परिक्षेत्रो अंतर्गत उक्त अवधि में क्या-क्या खरीदी की गई, खरीदी गई सामग्री का नाम, मात्रा, दर सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) कान्हा नेशनल पार्क अंतर्गत अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी, नाम, पदनाम, पदस्थापना स्थान सहित उपलब्ध कराएं? क्या कान्हा नेशनल पार्क अंतर्गत कर्मचारियों की कमी है? क्या यह सही है कुछ कर्मचारी/वनरक्षक क्षेत्र संचालक कार्यालय मंडला में कार्यरत हैं? सभी के नाम एवं मूल पदस्थापना की जानकारी सहित उन्हें कार्यालय में पदस्थ रखे जाने के कारण भी बताएँ? इन्हें कब तक फील्ड में भेजा जायेगा? (ग) अगस्त/सितम्बर में आयोजित गाइड भर्ती की प्रक्रिया, अंतिम सूची निकालने के बाद भी क्यों निरस्त की गई? यदि कोई गड़बड़ी हुई तो इसके लिए कौन दोषी है? क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा लिखित परीक्षा में शॉर्टलिस्ट हुए सभी अभ्यर्थियों को गाइड नियुक्त करने हेतु आग्रह किया गया था,यदि हाँ तो नहीं करने के क्या कारण थे? पुनः भर्ती कब तक की जाएगी?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) कान्‍हा नेशनल पार्क से संबंधित प्रश्‍नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। सामग्री प्राप्‍त होने पर संबंधित परिक्षेत्र सहायक, परिक्षेत्र अधिकारी एवं सहायक संचालक द्वारा उसका सत्‍यापन किया जाता है। माननीय प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा उनके प्रतिनिधि से कोर जोन के अं‍तर्गत वर्ष 2025-26 में वन परिक्षेत्रों द्वारा कराये गये कार्यों का निरीक्षण एवं अवलोकन हेतु पत्र लिखा गया था। कोर क्षेत्र टाइगर रिजर्व का प्रतिबंधित संरक्षित क्षेत्र है, अत: प्रतिनिधि के स्‍थान पर माननीय सदस्‍य जी स्‍वयं कार्यों का अवलोकन नियमानुसार कर सकते है। (ख) कान्हा नेशनल पार्क अंतर्गत अधिकारियों कर्मचारियों की जानकारी नाम, पदनाम, पदस्थापना स्थान सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। जी हाँ। क्षेत्र संचालक कार्यालय मण्‍डला में कार्यरत वनरक्षक/वनपाल के नाम एवं मूल पदस्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। मानव वन्यप्राणी द्वंद की स्थितियों से निपटने के लिए स्थानीय रेस्क्यू स्क्वॉड दल में इनकी ड्यूटी लगाई गई है। जिससे वन्यप्राणियों से संबंधित आपातकाल की सूचना मिलने पर रेस्क्यू स्क्वॉड दल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तत्काल रवाना हो सके। (ग) अगस्त/सितम्बर 2025 में आयोजित गाईड चयन प्रक्रिया में प्रकियात्मक त्रुटि होने के कारण सम्पूर्ण प्रक्रिया को निरस्त करते हुए नए सिरे से गाईड चयन प्रक्रिया की कार्यवाही किए जाने हेतु आदेशित किया गया। प्रक्रियात्मक त्रृटि हुई है, गड़बड़ी नहीं होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जी हॉं, परंतु कान्हा टाइगर रिजर्व की स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक दिनांक 11/04/2025 के एजेंडा क्रमांक 08 में खटिया जोन हेतु 15 नवीन गाईडों का चयन कर अलग से रोस्टर बनाने हेतु निर्देश है। पुन: गाईडों का चयन माह दिसम्बर में नियमानुसार करना प्रस्तावित है।

जनसुनवाई आवेदन पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

101. ( क्र. 850 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) जनसुनवाई अनुविभागीय अधिकारी नागदा को दिनांक 19/08/2025, 28/10/2025, 19/11/202401/10/2025 को कितने शिकायती पत्र किस-किस विभाग के प्राप्त हुए? उस पर क्या-क्या आदेश प्रदान किए गए हैं? संबंधित विभाग को कार्यवाही करने हेतु दिए गए पत्र की छायाप्रति व प्रोसीडिंग की छायाप्रति सहित विवरण देते हुए संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उपरोक्त दिनांक में अवैध उत्खनन, अतिक्रमण के कितने आवेदन प्राप्त हुए? छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए उस पर क्या कार्यवाही की गई है? विवरण दें। (ग) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 2590 दिनांक 24/03/2025 प्रश्‍नांश (ग) के उत्तर में बताया कि कार्यालयीन पृ.क्र. 1398-1406/शिकायत दिनांक 13/07/2023 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नागदा को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया था? यदि हाँ तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या शासकीय भूमि पर कब्जा प्राप्त कर लिया गया है? यदि नहीं तो क्यों? दिनांक, माह, वर्षवार प्रोसीडिंग की कॉपी उपलब्ध कराते हुए विवरण दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है।                                  (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है।

विधायक निधि में वृद्धि एवं संशोधित मार्गदर्शिका

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

102. ( क्र. 854 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक सांख्यिकी संचालनालय म.प्र. के पत्र क्र./2306/2025/आ.सां.सं./17-पीआईडी/वि.नि., भोपाल दिनांक 23/05/2025 के माध्यम से विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका वर्ष 2013 में संशोधन के संबंध में विधायकों से सुझाव मांगे गए थे, यदि हाँ तो विधायकों द्वारा दिए गए सुझावों की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? इनमें से किन-किन सुझावों को सम्मिलित किया गया है? संशोधित मार्गदर्शिका की प्रति उपलब्ध कराएं क्या प्रति विधानसभा विधायक निधि 5 करोड़ एवं स्वेच्छानुदान 1 करोड़ रूपए प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव बनाया गया है, यदि हाँ तो प्रस्‍ताव पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी दें। यह राशि कब से प्रदान की जाएगी? (ख) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2050 सदन की बैठक दिनांक 05/08/2025 की जानकारी कब तक प्रदान की जाएगी? इस प्रश्‍न में संदर्भित डाटा एंट्री ऑपरेटरों की मांगो समस्याओं का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? (ग) वर्ष 2022-23 में विधायक निधि की कुल कितनी राशि प्रदेश में लेप्स हुई है, विधानसभावार लेप्स राशि की जानकारी उपलब्ध कराएं? इस राशि के पुनः आवंटन हेतु विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है, संबंधित प्रस्तावों/पत्रों की प्रतियाँ उपलब्ध करावें? लेप्स राशि के मांग का प्रस्ताव जो प्रथम अनुपूरक में सम्मिलित किये जाने हेतु भेजा गया था उसे सम्मिलित नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? लेप्स राशि कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टअ अनुसार है। मार्गदर्शिका में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी प्रेषित की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टब अनुसार है। प्रथम अनुपूरक बजट में लैप्‍स राशि आवंटित करने हेतु दिनांक 13.06.2025 को प्रस्‍ताव प्रेषित किये गये थे, आवंटन प्राप्‍त न होने से द्वितीय अनुपूरक बजट में सम्मिलित करने हेतु उक्‍त प्रस्‍ताव दिनांक 07.11.2025 को पुन: प्रेषित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

कोयला खदान में मृत व्‍यक्ति को मुआवजा

[गृह]

103. ( क्र. 859 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमलाई ओसीएम कोयला खदान मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में स्थित एक ओपनकास्ट (खुली खदान) कोयला खदान है, जिसमें दिनांक 11.10.2025 को सायं 5.30 बजे अनिल कुशवाहा डंपिंग चालक आयु लगभग 38 वर्ष जो ग्राम मनगवां, जिला मउगंज का निवासी था उसकी मृत्यु मिट्टी धंसकने से डंपर गहरे पानी में जाने से हुई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्तर यदि हाँ है तो उक्त घटना की लिखित प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना धनपुरी जिला शहडोल में कब और कितने समय किसके द्वारा लिखाई गई थी, सूचनाकर्ता का नाम, पता सहित जानकारी दें। उक्त रिपोर्ट पर जिला पुलिस प्रशासन एवं थाना प्रभारी ने कब, क्या कार्यवाही की है? शिकायत की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या घटना से पूर्व अत्याधिक वर्षा होने पर डंपिंग करने के निर्देश किसके द्वारा दिये गये थे निर्देश देने वाले संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतावें। (घ) मृतक के परिजनों को दुर्घटना के पश्‍चात जिला प्रशासन/शासन द्वारा कितनी सहायता राशि स्वीकृत की जाकर के कब परिजनों को दी गई? क्या उक्त घटना के संबंध में जीएम, सोहागपुर को भी पत्र लिखकर के आर्थिक सहायता की मांग की गई थी? उक्त पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये विभाग द्वारा की गई संपूर्ण कार्यवाही की जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आवेदक श्री सुनील कुशवाहा द्वारा दिनांक 02/11/2025 को थाना प्रभारी धनपुरी, जिला शहडोल को आवेदन दिया है, जिसमें अनिल कुशवाहा की मृत्यु दिनांक 11/10/2025 को अमलाई ओपन कास्ट माईस में काम करने के दौरान ड्रायवर अनिल कुशवाहा के खदान की मिट्टी धसने के कारण डूबने से मृत्यु हो जाने की बात लिखी है आवेदन की जांच जारी है। जांच में एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जा सकती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इस संबंध में एस.ई.सी.एल. के आंतरिक सुरक्षा संगठन एवं महानिदेशक- खान सुरक्षा द्वारा जांच प्रक्रिया जारी है, प्राथमिक विभागीय जांच के बाद कार्य पर उपस्थित खान के माइन ऑफिसियल (श्री नीलकमल रजक एवं श्री अयोध्या पटेल) को निलंबित किया गया था एवं मेसेर्स RKTC को भी संबंधित अधिकारि‍यों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही कर रिपोर्ट देने हेतु निर्देशित किया गया है। (घ) एक्सग्रेशिया राशि (चेक क्रमांक 781639 दिनांक 17.10.2025, राशि 25.00 लाख, नामित पत्नी श्रीमती आरती कुशवाहा को दिनांक 24.10.2025 को उनके गृह निवास ग्राम मउगंज में जिला कलेक्टर मऊगंज तथा विधायक मउगंज के द्वारा हस्तगत किया गया। वर्कमैन कंपशेसन राशि रुपये 13,86,275/- (डीडी क्रमांक 757775 दिनांक 03.11.2025 पत्र क्रमांक 1593 दिनांक 03.11.2025 को वर्कमैन कंपनशेसन कमीशनर शहडोल के कार्यालय में दिनांक 04.11.2025 को जमा किया गया है। वर्तमान में उक्त राशि‍ मेस्सेर्स आरकेटीसी इन्फ्राटेक के अनुरोध पर एस.ई.सी.एल. द्वारा दिया गया है जिसे बाद में मेस्सेर्स आरकेटी.सी. इन्फ्राटेक के बिल से समायोजित किया जा सकता है।

पी.एच.डी. करने वाले शासकीय कर्मचारी को आर्थिक लाभ

[सामान्य प्रशासन]

104. ( क्र. 860 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में मध्यप्रदेश के शासकीय सेवकों को सेवा में रहते हुए पी.एच.डी. करने के पश्चात् अतिरिक्त वेतन-वृद्धि अथवा कोई अन्य लाभ दिए जाने के संबंध में विभाग के कोई आदेश/निर्देश हैं या थे? यदि हां, तो कृपया संबद्ध आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) का जवाब "जी हां" है तो क्या संबद्ध आदेश/निर्देश का क्रियान्वयन वर्तमान में हो रहा हैं, यदि हां, तो किन-किन विभागों में उस आदेश का क्रियान्वयन हो रहा है? यदि प्रश्‍नांश (क) का जवाब "जी नहीं" है तो क्या शासन शासकीय सेवकों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की दृष्टि से, ऐसे समस्त शासकीय सेवकों को, जो सेवा में रहते हुए पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त कर लेते हैं, उन्हें अतिरिक्त वेतन-वृद्धि अथवा कोई अन्य लाभ प्रदान करने के संबंध में कोई आदेश/निर्देश प्रसारित करेगा, यदि "हां" तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) का जवाब "जी हां" है तो यह जानकारी दें कि क्या शासकीय सेवकों की पी.एच.डी. होने पर अतिरिक्त वेतन-वृद्धि प्रदान किये जाने संबंधी आदेश पर शासन द्वारा कोई रोक भी लगाई गई है, यदि "हां" तो क्यों? संबद्ध आदेश/निर्देश की छायाप्रति भी उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। निर्देशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है(ख) जी नहीं अपितु, सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-4/2004/3/एक, दिनांक 14.09.2006 में दिये गए निर्देश अनुसार क्रियान्‍वयन किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है

अधिकारियों की विभागीय जांच

[गृह]

105. ( क्र. 866 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्‍वालियर में पदस्‍थ रहे डीपीओ श्री प्रवीण दीक्षित एवं एडीपीओ श्री अभिषेक मल्‍हौत्रा के विरूद्ध अनुचित लाभ प्राप्‍त करने के लिए पदीय दायित्‍वों, कर्तव्‍यों के विपरीत कार्य करने के संबंध में गंभीर शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई तथा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है तथा कितनी शिकायतों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई हैं? जानकारी दें। (ख) क्‍या MP/MLA कोर्ट ग्‍वालियर में उक्‍त अधिकारियों के दूषित न्‍यायिक प्रक्रिया के विरूद्ध अभियोजन के कारण ही माननीय सुप्रीप कोर्ट द्वारा प्रश्‍नकर्ता द्वारा दायर की गई ट्रांसफर पिटीशन मान्‍य की गई है?                                           (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी डीपीओ एवं एडीपीओ की शिकायत की गई है? यदि हाँ तो क्‍या उक्‍त जांच अभी प्रचलित है? यदि हाँ तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिये गये कथनों के आधार पर नियमों के विपरीत आचरण करने के संबंध में जांच करते हुये उक्‍त अधिकारियों की सीडीआर/मोबाइल लोकेशन की जानकारी संग्रहित कर ली गई है? यदि हाँ तो संपूर्ण जानकारी प्रदान करें और यदि नहीं तो कृपया कारण सहित बतायें कि उक्‍त भ्रष्‍ट अधिकारियों को विभाग द्वारा क्‍यों बचाया जा रहा है? जांच प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराए।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। ग्वालियर में पदस्थ रहे डीपीओ श्री प्रवीण दीक्षित के विरूद्ध एवं एडीपीओ श्री अभिषेक मल्होत्रा के विरूद्ध कुल 01 शिकायत प्राप्त है जिस पर प्रारंभिक जांच संस्थित की गई है। (ख) प्रश्‍नांश अंतर्गत चाही गई जानकारी न्यायालयीन क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आती है। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिये गये कथनों के आधार पर प्रारंभिक जांच संस्थित की गई है। सीडीआर/मोबाईल लोकेशन आदि जानकारी संग्रहित किया जाना विभाग की अधिकारिता के क्षेत्रांतर्गत नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

पवित्र स्‍थलों पर मद्य निषेध

[वाणिज्यिक कर]

106. ( क्र. 867 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा धार्मिक स्‍थानों की पवित्रता बनाये रखने के लिये मद्य निषेध करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ तो क्‍या उक्‍त घोषणाओं पर अमल करते हुये कितने जिलों के कितने-कितने पवित्र स्‍थान/धार्मिक स्‍थानों पर मद्य निषेध कब से लागू किया गया है? कृपया धार्मिक स्‍थानों के नाम एवं नियम/निर्देशों/आदेशों की प्रतियां प्रदाय करें। (ख) क्‍या उक्‍त पवित्र स्‍थानों में दतिया शहर स्थित पीताम्‍बरा पीठ भी सम्मिलित है? यदि हाँ तो दतिया जिले में कितनी अंग्रेजी एवं देशी शराब की दुकानें संचालित हैं? विवरण देते हुये बतायें कि मद्य निषेध से पूर्व वर्ष 2024-25 में शासन को उक्‍त दुकानों से कितनी आय प्राप्‍त हुई हैं तथा उक्‍त दुकानों से लक्ष्‍य से कितनी आय प्राप्‍त हुई हैं? अलग-अलग विवरण देते हुये बताये कि मद्य निषेध के पश्‍चात संचालित दुकानों का कितना लक्ष्‍य निर्धारित कर कुल कितनी राशि प्राप्‍त करने का लक्ष्‍य हैं? (ग) क्‍या मद्य निषेध क्षेत्रफल निर्धारित है? यदि हाँ तो निर्धारित क्षेत्रफल से कितनी दूरी पर शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं? कृपया संपूर्ण विवरण देते हुए बताये कि दतिया शहर में ठेकेदारों द्वारा ब्‍लैक में की जा रही अवैध बिक्री के विरूद्ध कितनी शराब पकड़ी गई है? कृपया मंदिर, मस्जिद, स्‍कूलों एवं सार्वजनिक स्‍थानों के पास स्थित दुकानों से वैध एवं अवैध बिक्री रोकी जायेगी यदि नहीं तो क्‍यों? कृपया कारण सहित बतायें। (घ) क्‍या विभाग द्वारा प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 8 (क्र. 700) दिनांक 5 अगस्‍त 2025 की जानकारी एकत्रित कर ली गई हैं? यदि हाँ तो कृपया जानकारी प्रदाय करें और यदि नहीं तो जानकारी न देने का क्‍या कारण है? कृपया अवगत करायें।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। मंत्रि-परिषद आदेश (आयटम क्रमांक 17) दिनांक 24-01-2025 के अनुक्रम में आबकारी नीति वर्ष 2025-26, मध्‍यप्रदेश असाधारण राजपत्र क्र. 47 दिनांक 14-02-2025 अनुसार प्रदेश की 13 नगरीय एवं 6 ग्रामीण निकाय में संचालित मदिरा दुकानों को दिनांक 01-04-2025 से बंद किया गया है। जो निम्‍नानुसार है:- (1) उज्जैन नगर निगम (2) ओंकारेश्वर नगर पंचायत (3) महेश्वर नगर पंचायत (4) मण्डलेश्वर नगर पंचायत (5) ओरछा नगर पंचायत (6) मैहर नगर पालिका (7) चित्रकूट नगर पंचायत (8) दतिया नगर पालिका (9) पन्ना नगर पालिका (10) मण्डला नगर पालिका (11) मुलताई नगर पालिका (12) मंदसौर नगर पालिका (13) अमरकंटक नगर पंचायत (14) सलकनपुर ग्राम पंचायत (15) बरमान कलां ग्राम पंचायत (16) लिंगा ग्राम पंचायत (17) बरमान खुर्द ग्राम पंचायत (18) कुण्डलपुर ग्राम पंचायत (19) बांदकपुर ग्राम पंचायत उक्‍तानुसार दिनांक 01.04.2025 से इन निकाय क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के बार एवं वाईन आउटलेट के लायसेंस नहीं दिये जायेगें एवं इनके संचालन की अनुमति भी नहीं होगी। मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 47 दिनांक 14.02.2025 में प्रावधान किये जाने संबंधी आबकारी नीति की छायाप्रति जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। दतिया जिले में वर्ष 2025-26 में 61 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें संचालित है। वर्ष 2024-25 में संचालित 70 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों से प्राप्‍त आय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगरपालिका दतिया के निर्धारित क्षेत्र में कोई भी कम्‍पोजिट मदिरा दुकान संचालित न होकर नगरपालिका क्षेत्र से बाहर दुकानें संचालित हैं। दतिया शहर में दिनांक 01.04.2025 से प्रश्‍न दिनांक 12.11.2025 तक अवैध शराब धारण के 05 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जिनमें 83.34 बल्‍क लीटर देशी मदिरा जप्‍त की गई है। उक्‍त पकडे गये प्रकरणों में शराब लायसेंसियों की संलिप्‍तता नहीं पाई गयी है। मंदिर, मस्जिद, स्‍कूलों के पास दतिया जिले की कोई भी कम्‍पोजिट मदिरा दुकान शासन द्वारा निर्धारित 100 मीटर की दूरी से कम दूरी पर स्थित नहीं है। जिले में अवैध मदिरा धारण/विक्रय के कुल 822 प्रकरण प्रश्‍न दिनांक तक पंजीबद्ध किये गये हैं। जिनमें 150.12 बल्‍क लीटर देशी मदिरा, 3.6 बल्‍क लीटर विदेशी मदिरा, 5.0 बल्‍क लीटर विदेशी मदिरा बीयर एवं 18077.4 लीटर हाथभट्टी शराब जप्‍त की गई है तथा 217 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है।

परियोजना अधिकारी का स्‍थानांतरण

[महिला एवं बाल विकास]

107. ( क्र. 877 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा के विकासखण्ड पलेरा में परियोजना अधिकारी दिनांक 01/2/2014 से पदस्थ है। इनको हटाये जाने या स्थानांतरण किये जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 890, दिनांक 05 अगस्त 2025 को मान मंत्री जी ने उत्तर दिया था कि सीमित संख्या में स्थानांतरण किये जा सकते थे फिर यह भी बताया गया कि 2025 के प्रावधान अनुसार स्थानांतरणों पर प्रतिबंध है। इस प्रकार से उक्त परियोजना अधिकारी पलेरा का बचाव किया जा रहा है क्या इतने लम्बे समय से पदस्‍थ व्यक्ति को क्यों नहीं हटाया जा रहा है? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रश्‍न दिनांक तक पलेरा परियोजना अधिकारी द्वारा क्षेत्रीय विधायक को शासन के किसी प्रकार के आयोजन की कोई सूचना दी या किसी कार्यक्रम में महिला बाल विकास की ओर से आमंत्रित किया गया? जानकारी स्पष्ट करें। (ग) क्या महिला बाल विकास विभाग द्वारा महीने भर में कितने और किस-किस प्रकार के आयोजन होते हैं? परियोजना अधिकारी द्वारा क्षेत्रीय विधायक को कोई सूचना दी गई कितने आँगनवाड़ी केन्द्रों पर भवन खराब हालत में है या महिला कर्मचारी को क्या परेशानी है किसी भी संदर्भ में क्षेत्रीय विधायक के साथ बैठक नहीं की गई, इतनी अनियमितताओं के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या परियोजना अधिकारी को पलेरा ब्‍लाक से कब तक हटाया जायेगा? समयावधि बताए।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। स्थानांतरण नीति वर्ष 2025 के तहत ही स्थानांतरण किये गये हैं। वर्तमान में स्थानान्तरण पर प्रतिबंध है। जी नहीं। विभाग में परियोजना अधिकारियों के स्वीकृत 453 पद के विरूद्ध वर्तमान में 251 परियोजना अधिकारी कार्यरत है, प्रशासकीय आवश्‍यकता के अनुरूप स्थानान्तरण की कार्यवाही की जाती है, अतःशेष का प्रश्‍न नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्‍न दिनांक तक पलेरा परियोजना में कोई वृहद स्तर के कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया, जिसमें क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया जा सके। अतः शेष का प्रश्‍न नहीं। (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना पलेरा अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर महीने में मंगल दिवसों के अन्तर्गत सुपोषण दिवस, अन्नप्रासन दिवस, गोद भराई एवं किशोरी बालिका दिवस का आयोजन किया जाता है, जिसमें ग्राम के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर लाभार्थियों को लाभांवित किया जाता है। जी नहीं। आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन खराब हालत होने या महिला कर्मचारी की परेशानी के संदर्भ में परियोजना अधिकारी पलेरा द्वारा क्षेत्रीय विधायक को कोई सूचना नहीं दी गयी और न ही कोई बैठक की गयी। वर्तमान में स्थानान्तरण पर प्रतिबंध है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जल-जीवन मिशन द्वारा नियम विरूद्ध कार्य

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

108. ( क्र. 878 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा-47 की जिन ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन योजना के तहत घर-घर नल और जल दिये जाने का कार्य जहाँ पूर्ण हो गया है वहाँ रहवासियों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है जैसे ग्राम पंचायत वैसा खास चन्दपुरा, कैलपुरा, बड़ाघाट, वनपुरा सांपौन, ऐसे कई स्थान है क्‍या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जल-जीवन मिशन के दिये कार्यों की जाँच करायेंगे? यदि हाँ तो विधान सभा से कमेटी गठित कर उसमें क्षेत्रीय विधायक को शामिल करते हुये जांच कब तक करायेंगे? समयावधि बताये। (ख) क्या खरगापुर विधान सभा में पेयजल हेतु शासन के द्वारा कराये गये बोरवेलो पर रामनगर, वनपुरा साँपौन, पिपरा मड़ोरी में लोगों द्वारा कब्जा करके स्वयं खेती या स्वयं के उपयोग में लेकर ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध नहीं होने दे रहे है कागजों में जानकारी असत्य बनाकर विधान सभा में प्रेषित की जाती है जो नियम विरुद्ध है? क्‍या ऐसे दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? (ग) कई स्थानों पर पूर्व से निर्मित सी.सी. रोड की सड़‌कें ठेकेदारों द्वारा उखाड़ दी है और आज जटेरा, देवपुर, गुना, जिनागढ़ आदि में तथा अन्य स्थानों पर आवागमन की समस्‍या बनी हुई है क्‍या ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँतो कब तक यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्‍ट करें। (घ) क्या प्रमुख सचिव द्वारा टीकमगढ़ में माह अक्टूबर 2025 में बैठक रखी थी उस बैठक में विधायकों को शामिल क्‍यो नहीं किया गया? स्‍पष्‍ट करें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्‍वयन से ''हर घर जल ग्राम'' घोषित ग्रामों में पेयजल उपलब्‍ध हो रहा है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ग्रामों में वर्तमान पेयजल व्‍यवस्‍था की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश में उल्लेखित ग्रामों में जल जीवन मिशन की नलजल योजनाओं के लिए काटी गई सड़कों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिले में कराए जा रहे नलजल योजना कार्यों में विभागीय अमले की उपलब्धियों/कठिनाइयों की समीक्षा हेतु बैठक रखी गई थी, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

पुलिस आवास का निर्माण एवं आवंटन

[गृह]

109. ( क्र. 885 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा भोपाल जिले में वर्तमान में किन-किन स्थानों पर पुलिस आवासों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है एवं कौन-कौन से निर्माणाधीन आवास हैं? स्थान एवं आवासों की संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा निर्मित आवासों के आवंटन संबंधी क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है तथा आवंटन में किनको प्राथमिकता दी जाती है? नियम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शाहजहॉनाबाद स्थित निर्माणाधीन आवासों को कब तक पूर्ण कर आवंटन किया जावेगा जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या नव निर्मित आवास स्थल के पास पूर्व से निर्मित जर्र-जर्र हो चुके 78 क्वाटर्स पुलिस क्वाटर्स के रहवासियों को उक्त आवास आवंटन में प्राथमिकता दी जावेगी? यदि हाँ तो इस संबंध में कोई प्रक्रिया चलन में है यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) (1) संजय नगर, नेवली (नई जेल के पास) 48 आरक्षक आवास, (2) शाहजहाँनाबाद 96 आरक्षक आवास, (3) जहाँगीराबाद- 24 एन.जी.ओ. आवास (4) पिपलानी थाना परिसर 80 एन.जी.ओ. आवास एवं 160 आरक्षक आवास(ख) विभाग द्वारा आवासों का आवंटन प्रतीक्षा सूची के क्रमानुसार एवं क्रम से पूर्व प्रक्रिया द्वारा किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पुलिस लाईन शाहजहाँनाबाद में 96 आवास गृह निर्माण पूर्ण होकर दिनांक 30.10. 2025 को आधिपत्य में लिया गया है। उक्त आवास पुलिस आयुक्त भोपाल नगरीय के अधिकार क्षेत्र के है। जिनका आगामी आवास आवंटन मीटिंग में नियमानुसार पात्र कर्मचारियों को आवंटन किया जा सकता है। (घ) जी हाँ। पुलिस मुख्यालय के परिपत्र क्रमांक पुमु/कल्याण/आवास (परिपत्र)/टी-41489/2020 दिनांक 17.12.2020 के अनुसार आवासों के परिवर्तन हेतु निर्धारित कोटे (20 प्रतिशत) की प्रचलित प्रक्रिया अनुसारहै।

ठेकेदारों उपयंत्री एवं सहायक यंत्रियों पर कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

110. ( क्र. 894 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले की जल जीवन मिशन अंतर्गत कौन-कौन सी ग्रामीण (गांव) की नल जल योजना का कार्य पूर्ण हो गया है? कृपया ग्रामवार, लागत सहित सम्‍पूर्ण जानकारी देते हुए यह भी बताये कि कौन से ठेकेदार को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के द्वारा बिल अंकित कर किया गया था? प्रत्‍येक योजना की लागत कुल कितनी-कितनी थी? स्‍पष्‍ट बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताये कि कौन-कौन सी नल जल योजना के कार्य प्रश्‍न दिनांक तक अपूर्ण है? अपूर्ण कार्यों के पूर्व किस उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के द्वारा कितना-कितना बिल अंकित कर उपरोक्‍त ठेकेदारों का भुगतान कितनी-कितनी राशि का कब-कब किया जा चुका है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर जानकारी दें कि ऐसे कौन-कौन से ठेकेदार है जिनको भुगतान तो हुआ लेकिन वह कितनी-कि‍तनी राशि लेने के बावजूद भी कार्य छोड़कर भाग गये है? ऐसे ठेकेदारों के नाम उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के नामों सहित यह भी बताये कि प्रश्‍न दिनांक तक उनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है एवं क्‍या-क्‍या शेष है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताये कि जिले की अपूर्ण योजनाओं को पूर्ण कराने विभाग द्वारा एवं शासन द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है? निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कराकर ग्रामीण जनता को शुद्ध पेयजल मिलेगा?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) ठेकेदार द्वारा कार्य को अपूर्ण छोड़कर भागे जाने की स्थिति में अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है शेष कार्य को पूरा करने के लिए अनुबंधों के प्रावधान अनुसार कार्यपालन यंत्री द्वारा कार्यवाही की जाती है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) प्रगतिरत/अपूर्ण योजनाओं की नियमित समीक्षा की जा रही है, अनुबंध की शर्तों एवं प्रावधानों के परिप्रेक्ष्‍य में कार्यपालन यंत्री टीकमगढ़ द्वारा शेष कार्य शीघ्र पूर्ण काराये जाने के लिये कार्यवाही की जा रही है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है।

अवैध शराब, जुआ सट्टे के अपराधों की जानकारी

[गृह]

111. ( क्र. 898 ) श्रीमती निर्मला सप्रे [एडवोकेट] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना विधानसभा क्षेत्र में पिछले एक वर्ष के दौरान नशे के अवैध कारोबार, अवैध शराब के उत्पादन/विक्रय तथा जुआ-सट्टा जैसी गैर कानूनी गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है?                                     (ख) प्रश्‍नांश (क) में यदि हाँ, तो क्यों एवं यदि नहीं तो बीना विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2024-25 के दौरान अवैध शराब, मादक पदार्थ (गांजा, स्मैक, ब्राउन शुगर आदि) एवं जुआ एवं सट्टा से संबंधित दर्ज प्रकरणों की संख्या बतायें, उपरोक्त प्रकरणों में की गई पुलिस कार्यवाही में कितने आरोपियों की गिरफ्तारी की गई? कितने मामलों में आरोप पत्र प्रस्तुत किए गए व कितने प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं कि जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या पुलिस विभाग द्वारा इन गतिविधियों की रोकथाम हेतु नियमित छापेमारी, विशेष अभियान या जनजागरण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो उनके परिणामस्वरूप हुई कार्रवाई का विवरण भी प्रदान करें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार है।                                          (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार है।

परिशिष्ट - "बयालीस"

बीना रिफाइनरी में हो रही अनियमितता

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

112. ( क्र. 899 ) श्रीमती निर्मला सप्रे [एडवोकेट] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना विधानसभा क्षेत्र में स्थापित बीना रिफाइनरी (BORL/BPCL) द्वारा स्थापना काल से लेकर वर्तमान तक चरणबद्ध रूप से भूमि का अधिग्रहण किया गया है तथा आगामी विस्तार हेतु और भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में यदि हाँ, तो अब तक रिफाइनरी द्वारा अधिग्रहित कुल भूमि का क्षेत्रफल (हेक्टेयर में) एवं उसका ग्रामवार/खसरावार विवरण की जानकारी प्रदान करें? साथ ही प्रस्तावित अधिग्रहण की भूमि का क्षेत्रफल, ग्रामवार स्थिति एवं प्रयोजन (उद्योग विस्तार, आवासीय, सड़क, पाइप लाइन, पेट्रोकेमिकल यूनिट आदि) एवं प्रस्‍तावित अधिग्रहण की भूमि का क्षेत्रफल, ग्रामवार स्थिति एवं प्रयोजन (उद्योग विस्तार, आवासीय, सड़क, पाइप लाइन, पेट्रोकेमिकल यूनिट आदि) की जानकारी उपलब्‍ध कराएं? (ग) क्या अधिग्रहित या प्रस्तावित भूमि में गौचर (चरनोपयोगी) भूमि या शासकीय भूमि सम्मिलित है? यदि हाँ, तो उसका विवरण दें।                                          (घ) प्रश्‍नांश दिनांक तक उक्त भूमि के लिए किसानों/भूमिधारकों को प्रदत्त मुआवजा दर, मुआवजा निर्धारण की प्रक्रिया एवं भुगतान की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या सभी प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है? यदि नहीं तो कितने ऐसे प्रभावित किसान हैं जिनको मुआवजा नहीं मिला है व किस कारण से नहीं मिल सका जानकारी दें? (ड.) रिफाइनरी द्वारा अधिग्रहित भूमि का उपयोग अब तक किस उद्देश्य के लिए किया गया है और क्या कोई भूमि अनुपयोगी या खाली पड़ी हुई है? जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ड.) जी हां। बीना विधानसभा क्षेत्र में स्‍थापित बीना रिफायनरी हेतु भूमि अधिग्रहण संबंधी कार्यवाही कार्यालय कलेक्‍टर सागर द्वारा की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

बीना रिफायनरी में अनियमितताएं

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

113. ( क्र. 900 ) श्रीमती निर्मला सप्रे [एडवोकेट] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीना विधानसभा क्षेत्र में स्थापित बीना रिफाइनरी (BORL/BPCL) के स्थापना काल में मध्य प्रदेश शासन एवं रिफाइनरी प्रबंधन के मध्य एक समझौता ज्ञापन (MOU) संपादित किया गया था, जिसमें क्षेत्रीय विकास एवं जनहित संबंधी प्रावधान भी सम्मिलित थे? (ख) प्रश्‍नांश (क) में यदि हाँ, तो मध्य प्रदेश शासन और BORL/BPCL के मध्य हुए उक्त MOU की प्रति अथवा उसका सारांश क्या क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि की मांग पर उपलब्ध कराया जा सकता है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में यदि हाँ है तो उसे प्रश्‍नकर्ता को अध्ययन हेतु उपलब्ध कराएं। (घ) उक्त MOU के अंतर्गत बीना विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय रोजगार, पर्यावरण, सीएसआर (CSR) गतिविधियों एवं क्षेत्रीय विकास हेतु किए गए वादों का विवरण उपलब्‍ध कराया जाए। (ड.) क्या उक्त प्रावधानों का अनुपालन रिफाइनरी प्रबंधन द्वारा नियमित रूप से किया जा रहा है? यदि नहीं तो शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्‍य, उद्योग एवं रोजगार विभाग तथा BORL (वर्तमान में BPCL) रिफाइनरी प्रबंधन के मध्य समझौता ज्ञापन (MOU) दिनांक 06 मई 2005 को संपादित किया गया। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ड.) MOU में वर्णित प्रावधान के अनुपालन के संबंध में BORL/BPCL द्वारा अनुपालन रिपोर्ट प्रस्‍तुत की जाती है। उक्‍त रिपोर्ट अनुसार MOU के प्रावधान का पालन रिफाइनरी प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

जेपी पावर प्‍लांट से जल व वायु प्रदुषण

[पर्यावरण]

114. ( क्र. 901 ) श्रीमती निर्मला सप्रे [एडवोकेट] : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के ग्राम सिरचौंपी में स्‍थापित जेपी पॉवर प्‍लांट से निकलने वाले अपशिष्‍ट पदार्थों (राख) आदि से होने वाले जल एवं वायु प्रदूषण के परिणाम स्‍वरूप ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक किसान, महिलाएं एवं बच्‍चें बीमार हो रहे हैं, कृषि भूमि प्‍लांट से निकलने वाले रसायनों (राख) से बंजर हो रही है, वर्षों से लोग इस समस्‍या से जूझ रहे हैं इस भयानक समस्‍या से निजात दिलाने हेतु कोई कार्ययोजना शासन स्‍तर से बनाई गई है? जानकारी दें।                           (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्षेत्र के प्रभावित लोगों द्वारा लम्‍बे समय से समाधान हेतु शासन एवं प्‍लांट प्रबंधन को ज्ञापन एवं आन्‍दोलन किये गए किन्‍तु कोई समाधान नहीं हुआ यदि नहीं हुआ तो क्‍यों? (ग) क्‍या शासन स्‍तर से जेपी पॉवर प्‍लांट बीना को क्षेत्र में जल एवं वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु विभाग द्वारा कोई नोटिस दिये गये? यदि हाँ तो कब-कब? प्रति उपलब्‍ध कराएं यदि नहीं तो क्‍यों कारण बतावें?

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं, इसके प्रमाण नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विकासखण्‍डों में कवरेज

[जनसंपर्क]

115. ( क्र. 912 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) दतिया जिले में जनसंपर्क कार्यालय में कुल कितने पद स्वीकृत हैं? जिनके प्रति कौन-कौन से पद स्थाई/अस्थाई/संविदा/दैनिक वेतन भोगी/अथवा आउटसोर्स से भरे हुए हैं कर्मचारियों के नाम, पद पदस्थी स्थल सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) जनसंपर्क विभाग की अधिकारियों/कर्मचारियों ने 1 जनवरी, 2024 के बाद दतिया जिले में होने वाले कौन-कौन से शासकीय कार्यक्रमों में कहां-कहां कवरेज किया विकासखंडवार/कार्यक्रमवार/दिनांकवार/उपस्थित कर्मचारियों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ग) क्या जनसंपर्क विभाग की अधिकारी कर्मचारी केवल दतिया शहर की शासकीय कार्यक्रमों में कवरेज करते हैं अन्य विकास कार्यों की कार्यक्रमों में उनकी सहभागिता न के बराबर है, यदि नहीं तो जांच करावें यदि हाँ तो क्यों? कारण दें। (घ) क्या विकासखंडों में शासकीय कार्यक्रमों में उपस्थित रहने हेतु जनसंपर्क विभाग को पृथक से आदेश जारी करने की कृपा करेंगे, यदि हाँ तो कब तक? जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार हैं। (ख) दतिया जिले में दिनांक 01 जनवरी 2024 के बाद आयोजित हुए शासकीय कार्यक्रमों का स्‍थानीय जिला प्रशासन के समन्‍वय, कार्यक्रम की उपयोगिता, प्रचार-प्रसार की आवश्‍यकता को ध्‍यान में रखकर मीडिया कव्‍हरेज किया गया हैं। जनसंपर्क कार्यालय में विकासखण्‍डवार/कार्यक्रमवार/दिनांकवार तथा किस अधिकारी द्वारा कव्‍हरेज किया गया इस रूप में जानकारी संधारित नहीं की जाती हैं। कार्यालय से जारी होने वाले प्रेसनोट (समाचार) में अधिकारी का नाम अंकित किया जाता हैं। (ग) विभाग द्वारा बिना किसी भेदभाव के समग्र रूप से जिले के शासकीय कार्यक्रमों का कव्‍हरेज किया जाता हैं।                                  (घ) सामान्‍यत: जिला स्‍तर पर एक ही अधिकारी पदस्‍थ रहते हैं। मुख्‍यालय और अन्‍य विकासखंडों में यदि एक साथ कई शासकीय कार्यकम आयोजित होते है तो एक ही कार्यक्रम में अधिकारी उपस्थित रहता हैं। इस तरह की परिस्थिति निर्मित होने पर संबंधित विभाग के अधिकारी से जानकारी प्राप्‍त कर प्रचार-प्रसार किया जाता हैं।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

अवैध मदिरा विक्रय पर कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

116. ( क्र. 913 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में आबकारी विभाग में कुल कितने पद स्वीकृत हैं जिसके प्रति कितने पद भरे हुए हैं तथा कितने खाली हैं? विकासखंडवार कर्मचारियों के नाम, पदस्थी स्थल की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) जिले में कुल कितनी देशी/अंग्रेजी मदिरा की दुकानें/उप दुकानें स्वीकृत हैं? इन्हें किस ठेकेदार को कितनी रॉयल्टी पर दी गयी है? विकासखंडवार/दुकानवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या ठेकेदारों को अपनी मनमर्जी से कहीं भी मदिरा रखकर बेचने के अधिकार हैं? यदि नहीं तो स्वीकृत दुकानों के अलावा अन्य स्थान से इनके द्वारा विक्रय का कार्य कैसे किया जा रहा है? विभाग द्वारा कितनी अवैध दुकानों से मदिरा जब्‍त की गई, जब्‍त मदिरा किस ठेकेदार की पाई गई? दोषी ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) उल्‍लेखित अवैध दुकानों से शराब की गली-गली मोहल्ले-मोहल्ले गांव-गांव बिक्री होने से युवा पीढ़ी नशे की चपेट में आ रही है। लोगों के घर बर्बाद हो रहे हैं। क्या इन अवैध दुकानों को बंद कराने हेतु आवश्यक निर्देश जारी करने की कृपा करेंगे? यदि हाँ तो कब तक?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) दतिया जिले में आबकारी विभाग में स्वीकृत पद/भरे पद एवं रिक्‍त पद की जानकारी विकासखंडवार कर्मचारियों के नाम, पदस्‍थापना संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जिला दतिया में वर्ष 2025-26 हेतु 61 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानें स्‍वीकृत है तथा दतिया जिले में कोई उपदुकानें स्‍वीकृत नहीं है। आबकारी विभाग में कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों को रॉयल्‍टी पर दिये जाने का प्रावधान नहीं है। जिला दतिया में वर्ष 2025-26 हेतु स्‍वीकृत 61 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों को वार्षिक मूल्‍य पर दिया गया है, जिसकी विकासखंडवार/दुकानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) जी नहीं। दतिया जिले में 61 कम्‍पोजिट मदिरा दुकानों से लायसेंसियों द्वारा स्‍वीकृत लायसेंस परिसर से मदिरा रखकर विक्रय करने का अधिकार है। लायसेंसियों द्वारा अवैध मदिरा दुकान संचालन नहीं किये जाने से कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित अनुसार अवैध मदिरा दुकानों का संचालन न किये जाने से कोई प्रकरण प्रकाश नहीं आने से जानकारी निरंक है।

सीमेंट कारखाना एवं रसायनिक खाद

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

117. ( क्र. 918 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक औद्योगिक नीति एवं निवेश विभाग के माध्यम से किस-किस जिले में, कौन-कौन से कार्यों के किस फर्म कंपनी/किस ठेकेदार द्वारा प्रदेश में कितनी-कितनी लागत के उद्योग स्थापित किये जा चुके है? जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताये कि प्रश्‍न दिनांक तक टीकमगढ़ जिले में कहाँ-कहाँ के लिये विभाग द्वारा कौन-कौन से उद्योग/कारखाना स्थापित किये जा चुके है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताये कि जिले को प्रश्‍न दिनांक तक इससे क्यों वंचित रखा गया है? संपूर्ण जानकारी दें प्रश्‍नकर्ता द्वारा कब-कब शासन का ध्यानाक‌र्षित किया जा चुका है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताये कि जिले की कहाँ-कहाँ की सरकारी भूमि उपरोक्त प्रयोजनार्थ सुरक्षित की जा चुकी है एवं अन्य शर्ते मान्य की जा चुकी है? निश्चित समय-सीमा सहित जानकारी दें कि कब तक टीकमगढ़ जिले में सीमेंट कारखाना या रासायनिक खाद निर्माण या अन्य उद्योग स्थापित किये जायेगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा स्वयं उद्योगों की स्थापना नहीं की जाती है अपितु प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्‍थापना में उद्योगपतियों/निवेशकों को फेसिलिटेट किया जाता है। प्रश्‍न में उल्‍लेखित अवधि में स्‍थापित औद्योगिक इकाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश की अवधि में किसी औद्योगिक इकाई की स्थापना नहीं की गई है। टीकमगढ़ जिले में औद्योगिक इकाई स्थापित कराये जाने के लिए भूमि का चयन कर कलेक्टर जिला टीकमगढ़ को विभाग के पक्ष में भूमि हस्तांतरण कराये जाने के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत कर दिया गया है। विभाग के पक्ष में भूमि हस्‍तांतरण की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लेख है कि औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा जारी की गई उद्योग संवर्धन नीति 2014 न केवल जिला टीकमगढ़ अपितु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में समान रूप से प्रभावशील थी तथा इसी तरह उद्योग संवर्धन नीति 2025 भी न केवल जिला टीकमगढ़ अपितु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में समान रूप से प्रभावशील है। रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव एवं क्षेत्रीय कार्यालयों के विस्तारीकरण के उपरांत दूरस्थ जिलों में भी औद्योगिक इकाईयां स्थापित कराने की कार्यवाही प्रथामिकता के आधार पर कराई जा रही है। माननीय विधायक जी द्वारा दिनांक 14.10.2024 एवं 20.06.2025 को पत्र लिखकर टीकमगढ़ जिले में उद्योग स्थापित कराने का अनुरोध किया गया है जिसके अनुक्रम में भूमि हस्तांतरण हेतु कलेक्टर जिला टीकमगढ़ के समक्ष आवेदन पत्र प्रस्तुत भी कर दिया गया है। (घ) टीकमगढ़ जिले के जतारा तहसील में ग्राम-रामनगर खुर्द की सर्वे नंबर 1/1/1 रकबा 130.566 हेक्टेयर, ग्राम-सिमरा खुर्द एवं ग्राम-दीनउ की 72.577 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किये जाने हेतु कलेक्टर जिला टीकमगढ़ में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग म.प्र. शासन भोपाल के पक्ष में हस्तांतरण की प्रक्रिया प्रचलित है। भूमि विभाग के पक्ष में हस्तांतरण के उपरांत टीकमगढ़ जिले में सीमेंट/रासायनिक खाद निर्माण एवं अन्‍य औद्योगिक इकाईयों की स्थापना हेतु उद्योगपतियों से संपर्क किया जा सकेगा।

चंद्रपुरा औद्योगिक क्षेत्र में प्‍लॉटों का आवंटन

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

118. ( क्र. 919 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के चंद्रपुरा औद्योगिक क्षेत्र में कुल कितने प्‍लॉट आवंटित किए गए है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में से कितने आवंटियों को प्‍लॉट का पजेशन दिया गया और कितने को आज तक पजेशन नहीं मिला? कितने शेष है जो किसी को भी आवंटित नहीं हुए? सभी के नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ग) जिनको पजेशन मिला, उनमें से कितनों ने उद्योग प्रारंभ कर दिये है तथा कितनों ने अब तक उद्योग स्‍थापित नहीं किये है? नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (घ) जिन आवंटियों को रजिस्‍ट्री होने के बावजूद पजेशन नहीं मिला, उन्‍हें अब तक पजेशन न देने का क्‍या कारण है? नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। क्‍या विभाग ऐसे आवंटियों को तत्‍काल पजेशन देने की कार्रवाई करेगा ताकि वे उद्योग प्रारंभ कर सकें। (ड.) क्‍या विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जिन आवंटियों को पजेशन नहीं मिला है, उनसे भूमि उपयोग शुल्‍क, भाड़ा अथवा अन्‍य देयक केवल पजेशन की तिथि से ही लिया जाए।

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र चंद्रपुरा में 198 भू-खण्‍ड 170 इकाइयों को आवंटित किये गये हैं। (ख) औद्योगिक क्षेत्र चंद्रपुरा के 6 भू-खण्‍ड किसी को आवंटित नहीं हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) आधिपत्‍य प्राप्‍त नहीं होने के कारणों की जानकारी संबंधित आवंटियों के संदर्भ में पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) मध्‍यप्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2025 के तहत कार्यवाही किया जाना प्रावधानित है।

ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर समि‍ट के माध्‍यम से औद्योगिक निवेश

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

119. ( क्र. 937 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या भोपाल में सम्पन्न ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में सरकार ने 30.77 लाख करोड़ के निवेश आने का दावा किया है। इस समिट के माध्यम से आज तक कितने प्रोजेक्टों की यथार्थ धरातल पर उतरकर प्रक्रियाएं आरंभ की जा चुकी तथा इनसे कुल कितने रोजगार पैदा होंगे? कंपनी का नाम, पता, उद्योग का क्षेत्र, निवेश की राशि, कितने लोगों को रोजगार मिलेगा व निवेश प्रक्रिया की वर्तमान स्थिति सहित पूर्ण जानकारी दें। (ख) क्‍या प्रदेश में 500 करोड़ से अधिक के निवेश के कितने प्रस्ताव प्राप्त हुये? कंपनी का नाम, पता, उद्योग का क्षेत्र, निवेश की राशि, प्रक्रिया की वर्तमान स्थिति, राज्य सरकार द्वारा फरवरी 2025 के बाद से देश-विदेश में कहां-कहां, किस अवधि में निवेश कार्यक्रम आयोजित किये तथा कितने प्रस्तावों के संबंध में यथार्थ धरातल पर प्रक्रिया प्रारंभ हुई? पूर्ण जानकारी दे। (ग) डिफेन्स सेक्टर में राजधानी में केन्द्र के साथ निवेश कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, आयोजन के बाद से इस सेक्टर में क्या कोई प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुये? यदि हाँ तो पूर्ण जानकारी सहित बताएं कि इस प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) धार के भैंसोला में बन रहे पीएम मित्र पार्क में औद्योगिक निवेश की वर्तमान स्थिति क्या है? पूर्ण जानकारी दी जाये जिसमें पार्क में मिले निवेशों से कुल कितना निवेश व रोजगार मिलेगें? किन-किन निवेशकों को कितनी जमीन आवंटित की गयी क्या पार्क में अभी भी जमीन आवंटन के लिये रिक्त हैं? क्या, किसी निवेशक द्वारा पार्क में कार्य प्रारंभ किया गया? क्या पार्क के बाहर धार और आसपास के जिलों में टेक्सटाइल से जुडे निवेश भी मिले हैं? निवेशक फर्म/कंपनी के नाम, पता सहित पूर्ण जानकारी दी जाये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

लेप्‍स राशि उपलब्‍ध कराई जाना

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

120. ( क्र. 938 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2024-25 में विधायक निधि से विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर, जिला भिण्ड अंतर्गत कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत कार्यों का विवरण, स्वीकृति दिनांक व राशि की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जाय। (ख) क्या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र अटेर सहित पूरे जिला भिण्ड के विधायक निधि संबंधी स्वीकृत सभी विकास कार्यों की 60 प्रतिशत राशि लेप्स हो जाने के कारण विकास कार्यों का कार्य अवरूद्ध हो गये है? (ग) यदि हाँ तो उक्त लेप्स हुई 60 प्रतिशत राशि का बजट शासन द्वारा आज तक उपलब्ध न कराये जाने के क्या कारण है, शासन कब तक उक्त बजट उपलब्ध करायेगा? समय-सीमा बताए।

उप मुख्‍यमंत्री, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी ( श्री जगदीश देवड़ा ) :  (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। राशि क्रियान्वयन ऐजेंसी को उपलब्ध कराई गई है, जिससे कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। (ग) द्वितीय अनुपूरक बजट में उक्त लैप्स राशि के पुनः आवंटन की मांग की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

उद्योग स्‍थापित के नियम व शर्तों का पालन

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

121. ( क्र. 943 ) श्री गौरव सिंह पारधी : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी उद्योग को स्थापित करने हेतु जमीन आवंटन/अनुमति/एम.ओ.यू. के पश्चात अनुमति प्रदान करने के बाद आवंटन/अनुमति/एम.ओ.यू. की शर्तों का पालन को लेकर क्‍या कोई निरीक्षण का प्रावधान है? (ख) बालाघाट जिले में स्थापित विभिन्न इथेनॉल उद्योगों में किस पद/पदनाम के अधिकारी के द्वारा निरीक्षण किया जायेगा।                               (ग) क्या बालाघाट जिले में स्थापित/स्थापित होने वाले इथेनॉल उद्योगों को दी गई शर्तों का पालन हो रहा है या नहीं? अगर हाँ तो जानकारी उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो क्यों? (घ) इथान नेचुरल बायोफ्यूल लिमिटेड के द्वारा स्थापित संयंत्र को लेकर किन-किन शर्तों के साथ कितनी जमीन उपलब्ध कराई गई विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) सूक्ष्‍म,लघु और म़ध्‍यम उद्यम विभाग द्वारा भूमि आवंटित नहीं की गई है, अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

म.प्र.राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा प्रदत्त राशि से विकास कार्य

[वन]

122. ( क्र. 945 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक म. प्र. राज्य लघु वनोपज संघ भोपाल द्वारा प्रदत्त राशि से प्रदेश के विभिन्न वन मंडलों/प्रबंध संचालक, जिला लघु वनोपज संघों द्वारा अधोसंरचना विकास कार्य, वन विकास कार्य, वन धन विकास योजना, ऋण निधि आदि योजनाओं से क्या-क्या कार्य स्वीकृत एवं क्रियान्वित किए गए हैं। कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, वर्तमान भौतिक स्थिति के प्रारूप में वन मंडलवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित कार्यों के भुगतान की जानकारी वनमण्‍डलावार उपलब्‍ध कराएं। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कराए गए कार्यों कि यदि कोई शिकायत हुई है तो उसकी वनमण्डलवार प्रति उपलब्‍ध कराएं। (घ) ऋण निधि से करवाये गए कार्यों के बाद क्या ऋण दी गई राशि वनमण्डलों द्वारा वापस जमा की गई है? यदि हां, तो उसकी भी वनमण्डलवार जानकारी देवें। यदि नहीं तो उसकी भी वनमण्डलवार जानकारी देवें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) :  (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (घ) प्रश्‍नाधीन अवधि में ऋण निधि से कोई कार्य नहीं कराया गया है अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लाख प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्‍न अनियमितता

[वन]

123. ( क्र. 946 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018 में वन वृत्त छिंदवाड़ा के पश्चिम छिंदवाड़ा (सा) वन मंडल में आदिवासी उपयोजना विशेष केंद्रीय सहायता मद से लाख प्रशिक्षण कार्य किया गया था? (ख) क्या उक्त प्रशिक्षण कार्य के लिए प्राप्त राशि केंद्र सरकार के नियम अनुसार डी.बी.टी. के माध्यम से व्यय की जानी थी? (ग) क्या उक्त प्रशिक्षण का कार्य बिना टेंडर के एन.जी.ओ. दिव्य सागर सोसायटी को दिया गया था? (घ) उक्त प्रशिक्षण कितने समूहों के कितने हितग्राहियों के लिए दिया जाना था?      (ड.) लाख प्रशिक्षण की अवधि कितनी थी? किस कम्युनिटी के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जाना था। (च) क्या प्रशिक्षण में पाठ्यपुस्तक सामग्री के नाम पर बिना टेंडर 10 लाख रुपए की राशि व्यय की गई है। (छ) क्या इस प्रशिक्षण में 22 लाख 50 हजार के लाख बीज सादे कागज पर खरीदने संबंध में भी शिकायत हुई है? विभिन्न बिंदुओं की शिकायतों की जांच के लिए शासन स्तर पर वरिष्ठ आई.एफ.एस. अधिकारी की अध्यक्षता में कोई कमेटी बनाकर जांच की जाएगी?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) लाख प्रशिक्षण कार्य करने के पूर्व अथवा कार्य के दौरान उक्त के संबंध में परियोजना प्रशासक से कोई भी निर्देश प्राप्त नहीं हुए थे। (ग) कार्य कराने के पूर्व परियोजना प्रशासक, एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना, तामिया को स्वीकृति हेतु अग्रेषित परियोजना प्रस्ताव में उक्त कार्य दिव्य सागर सोसायटी के द्वारा संपादित किया जाना प्रस्तावित किया गया था। अतः उक्त लाख प्रशिक्षण कार्य हेतु कोई टेन्डर नहीं किया गया था। (घ) लाख प्रशिक्षण 100 समूहों के 1500 हितग्राहियों के लिये किया जाना था किन्तु पूर्व में प्रेषित किये गये प्रस्ताव एवं उसकी स्वीकृति के मध्य लगभग 1 वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने एवं जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने से सामग्रियों की कीमतों में परिवर्तन होने के कारण, परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना, तामिया को प्रेषित संशोधित प्रस्ताव के अनुसार 100 समूहों के 1000 हितग्राहियों के लिये उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जाना प्रस्तावित किया गया था। (ड.) लाख प्रशिक्षण की अवधि 2 दिवस की थी। कार्य करने के पूर्व अथवा कार्य के दौरान परियोजना प्रशासक के द्वारा किसी कम्युनिटी विशेष के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम किये जाने के संबंध में कोई भी निर्देश प्राप्त नहीं हुए थे। (च) लाख प्रशिक्षण में पाठ्य सामग्री वितरण हेतु पृथक से कोई टेन्डर नहीं किया गया था अपितु कार्य कराने के पूर्व परियोजना प्रशासक, एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना, तामिया को स्वीकृति हेतु अग्रेषित परियोजना प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से उल्लेख था कि यह कार्य दिव्य सागर सोसायटी के द्वारा संपादित किया जावेगा एवं स्वीकृत परियोजना अनुसार ही पाठ्य सामग्री वितरण में 10 लाख रु. की राशि व्यय की गई है। (छ) प्रश्‍नांश में उल्लेखित 22 लाख 50 हजार के लाख बीज सादे कागज पर खरीदने संबंधी कोई विशिष्ट शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। लाख प्रशिक्षण के संबंध में विभाग द्वारा तत्कालीन वनमंडलाधिकारी पश्चिम छिन्दवाड़ा के विरूद्ध अधिरोपित आरोपों हेतु विभागीय जांच की कार्यवाही की गई, जिसमें जांचकर्ता अधिकारी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर तत्कालीन वनमंडलाधिकारी पश्चिम छिन्दवाड़ा वनमंडल के विरूद्ध संस्थित विभागीय जांच समाप्त कर नस्तीबद्ध किया गया। लाख प्रशिक्षण के संबंध में अन्य कोई विशिष्ट शिकायत न होने से जांच के लिये शासन स्तर पर वरिष्ठ आई.एफ.एस. अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच कराने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आउटसोर्स कर्मचारियो को सुविधाएं एवं भर्ती प्रक्रिया

[सामान्य प्रशासन]

124. ( क्र. 950 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों एवं शासकीय उपक्रमों में किस-किस पद पर वर्तमान में कितने कर्मचारी आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत हैं? जानकारी दें (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित आउटसोर्स कर्मचारियों को वार्षिक आधार पर कितना वेतनमान प्रदान किया जाता है? जानकारी दें (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित आउटसोर्स कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य को लेकर क्‍या शासन की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो क्या कार्ययोजना है एवं कब तक लागू की जाएगी? समयावधि बताएं। कोई कार्य योजना नहीं है तो क्यों? (घ) क्या आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमितीकरण की कोई योजना है। आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में क्या पारदर्शिता रखी जाती है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की विस्तृत जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं रखी जाती कारण स्पष्ट करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क)  से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मूल बजट एवं ऋण की जानकारी

[वित्त]

125. ( क्र. 954 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वर्ष 2000 से आज दिनांक तक प्रदेश का मुख्‍य बजट कितना था एवं कितना-कितना राजकोषीय घाटा था, जिसके एवज में कितना-कितना कर्जा लिया गया? वर्षवार जानकारी देवें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : वित्‍तीय वर्ष 2000-2001 से वर्ष 2025-26 तक प्रदेश का मुख्‍य बजटराजकोषीय घाटा तथा कर्ज की जानकारी बजट अनुमान पर वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के अनुसार बजट अनुमान तथा पुनरीक्षित अनुमान की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 के वित्‍त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार नहीं किये जाने से इस वर्ष की अवधि में अंकेक्षित जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। तथापि वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र अनुसार कर्जे की स्थिति की जानकारी पुस्‍तकालय में  रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है।

स्‍वीकृत पदों एवं रिक्‍त पदों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

126. ( क्र. 955 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डोरी जिले के सभी विभागों में विभिन्न श्रेणी के कुल कितने पद नियमित एवं कितने पद संविदा तथा आउटसोर्स से एवं कितने पद स्थायी एवं कितने पद अस्‍थायी स्वीकृत है जिसमें कितने भरे है कितने रिक्त है? विभागवार जानकारी दें। (ख) जो पद रिक्त है उनके कार्य प्रभावित होने के लिये कौन जिम्‍मेदार है। कब तक पद भरे जाएगें? समय-सीमा बताये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है(ख) रिक्‍त पदों की पूर्ति एक सतत प्रक्रिया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

127. ( क्र. 957 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला कलेक्टर छिंदवाड़ा एवं जिला छिंदवाड़ा अंतर्गत शासन के समस्त विभागों, कार्यालयों में अधिकारियों को क्षेत्र व आमजनों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण व अन्य विषयों से संबंधित विभिन्न कार्यों के लिये अनेकों पत्र प्रेषित किये जाते हैं परन्तु उन प्रेषित पत्रों पर ना तो विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रश्‍नकर्ता कोई अभिस्वीकृति दी जाती है और ना ही प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही करते हुये मुझे जवाब दिया जाता है और जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है जो पूर्णतः अनुचित है। प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न दिनांक से पिछले 3 वर्षों में जिला छिंदवाड़ा शासन के विभिन्न विभागों/कार्यालयों में जो भी पत्र प्रेषित किये गये हैं उन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार प्रेषित पत्रों पर अभिस्वीकृति/जवाब कब तक दिया जायेगा? प्रेषित पत्रों पर अभिस्वीकृति/जवाब नहीं देने और शासन के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही की जायेगी? जानकारी दें। (ग) माननीय विधायकों के प्रेषित पत्रों पर जबाव देने कार्यवाही किए जाने संबंधी सामान्य प्रशासन विभाग के दिशा निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध कराये।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - अनुसार है          (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार पत्रों का जबाव माननीय विधायक महोदय को दिया जाता रहा है। विभागों में प्राप्‍त हो रहे पत्रों पर कार्यवाही एक सतत प्रकिया है। अत: अधिकारियों के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - अनुसार है।

गरीब परिवारों को वन भूमि का पट्टा प्रदान किया जाना

[वन]

128. ( क्र. 958 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधानसभा क्षेत्र परासिया अन्तर्गत जो वन भूमि खाली पड़ी हुई है उस वन भूमि में अनुसूचित जनजाति व अन्य वर्ग के गरीब परिवारों के लोग 100 वर्षों से भी अधिक समय से खेती करते आ रहे है, परन्तु वन विभाग द्वारा ऐसे सभी वर्ग के लोगों को वन भूमि में खेती करने से रोक दिया गया है और उन पर बेदखली की कार्यवाही की जा रही है जिसके कारण गरीब आदिवासी व अन्य वर्ग के परिवारों को बहुत अधिक असुविधा हो रही है एवं उनकी जीविका प्रभावित हो रही है? (ख) मध्यप्रदेश में जितने भी अनुसूचित जनजाति या अन्य वर्ग के लोग जो 100 वर्षों से अधिक समय से वन भूमि में खेती करते आ रहे है, ऐसे सभी परिवारों को शासन द्वारा योजना बनाकर वन भूमि का मालिकाना हक/पट्टा अभी तक क्यों प्रदान नहीं किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्‍या विभाग वन भूमि से बेदखल किए जाने की कार्यवाही को रोका जाकर खेती कर रहे परिवारों को वन भूमि का मालिकाना हक या पट्टा प्रदान किया जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो तो कब तक और नहीं तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट बताए

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। (ख) अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत प्राप्त आवेदनों पर अधिनियम की कट आफ डेट 13.12.2006 की स्थिति में वन भूमि पर कब्जे अनुसार त्रिस्तरीय समितियों द्वारा पात्र पाये जाने पर वन अधिकार पत्र प्रदाय किया जाता है। (ग) अधिनियम, 2006 के तहत पात्र पाये गये आवेदकों को वन अधिकार पत्र प्रदाय किया जाता है एवं अपात्र के विरूद्ध नियमानुसार बेदखली की कार्यवाही की जाती है। लंबित आवेदन के निराकरण के पश्चात् ही अपात्र पाये जाने पर बेदखली की कार्यवाही की जाती है।

 

 

महिला स्‍व-सहायता समूहों की जांच

[महिला एवं बाल विकास]

129. ( क्र. 961 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या भिण्‍ड जिले के भिण्‍ड विकासखण्‍ड की आंगनवाडि़यों में पोषण आहार व आवश्‍यक प्रदाता महिला स्‍व-सहायता समूहों का गठन कूटरचित दस्‍तावेज के आधार पर एक ही व्‍यक्ति द्वारा किया जाकर कई वर्षों से संचालित किया जा रहा है, यदि हाँ तो क्‍या उक्‍त समूहों के प्रत्‍येक सदस्‍य के दस्‍तावेजों का गहन जांच किया जाकर उनके खिलाफ कार्यवाही कर काली सूची में डाला जावें। (ख) वर्ष 2023-24 व वर्ष 2024-25 में भिण्‍ड विकासखण्‍ड अंतर्गत विभिन्‍न वित्‍त पोषित संस्‍था/भारत शासन/राज्‍य शासन द्वारा कितना बजट का निर्धारण हुआ तथा इसे किन-किन मदों में व्‍यय किया गया है, सम्‍पूर्ण विवरण का कैशबुक/बैंक स्‍टेटमेंट उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें।                                   (ग) भिण्‍ड विकासखण्‍ड में संचालित महिला स्‍व-सहायता समूहों को कब तक काली सूची में डाला जावेगा? समयावधि बताएं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी नहीं। अतः शेष जानकारी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) विकासखण्‍ड बजट प्रावधान नहीं है, अत: शेष का प्रश्‍न ही नहीं।                       (ग) पोषण आहार प्रदाय कार्य में संलिप्त स्व-सहायता समूहों की अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त होने पर नैसर्गिक न्याय सिद्धान्तों के अनुसार सुनवाई का अवसर देते हुये आवश्यक कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। काली सूची में डालने का कोई प्रावधान नहीं होने से शेष जानकारी का प्रश्‍न ही नहीं।

पदोन्‍नति संबंधित जानकारी

[वाणिज्यिक कर]

130. ( क्र. 962 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्‍यकर विभाग ग्‍वालियर वृत तीन में पदस्‍थ  श्री मनोज कुमार जैन सहायक ग्रेड-3 को दिनांक 15.04.1991 की पदस्‍थापना के पश्‍चात प्रश्‍न दिनांक तक पदोन्‍नति क्‍यों नहीं की गई है? जानकारी दें। (ख) वाणिज्‍य कर विभाग ग्‍वालियर संभाग वृत एक और दो में वर्ष 1991 से आज दिनांक तक सहायक ग्रेड- एक, दो, तीन में किन-किन कर्मचारियों को पदोन्‍नतियां दी गई है, क्‍या इन्‍हें समयमान, वेतनमान भी दिया जा रहा है? जानकारी दें। (ग) क्‍या श्री मनोज कुमार जैन सहायक ग्रेड-तीन को सहायक ग्रेड-दो पर पदोन्‍न‍त किया जायेगा? यदि हाँ, तो समयावधि दें?

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विधायक के पत्रों पर कार्यवाही

[वन]

131. ( क्र. 967 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) प्रश्‍नकर्ता के कितने पत्र जनवरी 2025 से प्रश्‍न दिनांक तक अपर मुख्य सचिव वन विभाग को प्राप्त हुये है? क्‍या उन पत्रों पर सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1. 2) का पालन सुनिश्चित कर कार्यवाही की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित जानकारी दें। (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई? यदि नहीं तो उपरोक्त सा.प्र.वि. के आदेश के बिन्दु क्र. 5 के अन्तर्गत संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही निर्धारित करते हुये उनके विरूद्ध आचरण या सेवा के नियमों के अधीन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर निलंबन किया गया? यदि नहीं तो क्यों? कब तक जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी? समयावधि बताये। (ग) उपरोक्त में मुख्यमंत्री/संसदीय मंत्री/राज्यमंत्री/मुख्य सचिव एवं अन्य कार्या. से भी पत्र प्राप्त हुये है, उनकी प्रति सहित कृत कार्यवाही से अवगत कराये। (घ) वन भवन में जो संपत्ति विक्रय की गई उनकी रजिस्ट्री की प्रति, चैक की प्रति, चैक किस खाते में जमा हुये, 216 नये वाहन का भुगतान कुल कितना, कब और कैसे किया गया? भवन निर्माण किस एजेन्सी/फर्म, एमओयू/एग्रीमेन्ट से कराया गया जानकारी दें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) पत्रों के संबध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक 19-76/2007/1/4 दिनांक 22/03/2011 के पालन हेतु प्रश्‍नकर्ता सदस्य से प्राप्त पत्र विभागाध्‍यक्ष कार्यालय को प्रेषित किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) शासन स्तर पर उपलब्ध जानकारी विभागीय पत्र क्रमांक 4/2/4/0008/2025/10-2 दिनांक 11/08/2025 द्वारा प्रश्‍नकर्ता सदस्य को उपलब्ध करा दी गई है। शेष जानकारी वृहद स्वरूप की होने संबंधित कार्यालयों से एकत्रित करने में समय लग रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी उत्‍तरांश (क) के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) वन भवन में जो संपत्ति विक्रय की गई उनकी रजिस्ट्री एवं चालान की प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। चालानों के माध्‍यम से म.प्र शासन के राजस्व मद 0406-01-800-0229 (other receipts-Miscellaneous Receipts) में राशि जमा की हुई है। 216 नये वाहन की भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। वन भवन निर्माण हेतु म.प्र. पर्यटन विकास निगम को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया था। एग्रीमेन्ट की प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।

प्रशासकीय स्‍तरों पर प्राप्‍त शिकायती पत्रों पर कार्यवाही

[गृह]

132. ( क्र. 968 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) क्या प्रश्‍नकर्ता का पत्र क्र. 903, 906 दिनांक 08/09/25, 17/10/25 जो एसीएस गृह, डीजीपी को प्राप्त हुआ है? साप्रवि के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22/03/2011 के उल्लंघन होने पर आदेश के बिन्दु पांच अनुसार संबंधितों का निलंबन करते हुये कब तक जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी? (ख) रा.सा.पु.मु.भोपाल का पत्र क्र./पुमु/रा.सा.से./शिका./डी-464/2025 दिनांक 22/10/25 में प्राप्त शिकायत/शिकायत पर कृत कार्यवाही से पत्रों की प्रति/एकल नस्ती की प्रति उपलब्‍ध कराएं। (ग) प्रदेश उपाध्यक्ष, एनएसयूआई का क्रमशः पत्र क्र. 004, 013, 015 दिनांक 10/10/25, 27/10/25, 30/10/25, जो डीसीपी (क्राईम ब्रांच), रा.सा.पु.मु. सीपी भोपाल/एसपी देहात में प्राप्त शिकायत/शिकायत पर कृत कार्यवाही से पत्रों की प्रति/एकल नस्ती की प्रति सहित उपलब्‍ध कराये। (घ) स्‍पीड पोस्ट क्र. EI725830878IN, EI725830895IN, EI725830881IN दिनांक 31/10/25 जो भोपाल पुलिस आयुक्त, उपायुक्त टी.टी. नगर, कोलार थाना को प्रेषित शिकायत पर प्राप्ति से प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की पत्र की प्रति सहित जानकारी दें। यदि नहीं तो नियम सहित बताये क्यों? (ड.) थाना कोतवाली, विदिशा प्रारूप '' चरित्र प्रमाण पुलिस सत्यापन क्र. 1013 दिनांक 22/08/25 एवं शस्त्र लायसेन्स नवीनीकरण ऑनलाईन प्रकरण क्र. RS/443/0224/139/2025 जारी होने के बाद भी शस्त्र थाने में जमा होने के कारण सहित बताये क्यों? नियम विरूद्ध कार्यवाही के लिये कौन जिम्मेदार है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षणोंपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) शिकायत की प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'', '' एवं '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  ''  एवं '' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार है।

प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत स्‍वीकृत राशि

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

133. ( क्र. 970 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा के ग्राम बघवाड़ा में स्वीकृत नल जल योजना की स्वीकृत राशि क्या है एवं इस योजना के पूर्ण होने की कार्य अवधि क्या है? (ख) अभी तक नल जल योजना का कितना कार्य पूर्ण हुआ है? (ग) शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा तथा कब तक प्रत्येक घर में पानी पहुंचाया जा सकेगा?
लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा के ग्राम बघवाड़ा में स्वीकृत रेट्रोफिटिंग नल जल योजना की स्वीकृत राशि रूपये 77.05 लाख है एवं इस योजना के पूर्ण होने की कार्य अवधि 06 माह थी। (ख) बघवाड़ा नल जल योजना में प्रावधानित सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। (ग) ग्राम बघवाड़ा की योजना में प्रावधानित सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं, वर्तमान में योजना का ट्रायल रन कार्य प्रगति पर है जिसके अंतर्गत ग्राम में पाइप लाइन में होने वाले लीकेज का सुधार कार्य किया जा रहा है इसके अतिरिक्त ग्राम में लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क बनाने के कारण कुछ जगह पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिससे हुये लीकेज को सुधारने का कार्य किया जा रहा है, जिसके उपरांत संपूर्ण ग्राम में पेयजल सुचारू रूप से प्रदाय किया जायेगा।

वन ग्राम की जानकारी

[वन]

134. ( क्र. 971 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 में कितने ग्राम वन ग्राम है एवं कितने राजस्व ग्राम हैं तहसीलवार बताएं? (ख) वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने हेतु विभाग के द्वारा क्या प्रयास किया जा रहे हैं? (ग) वन ग्राम कब तक राजस्व ग्राम बना दिए जाएंगे जिससे कि आम जनता को विभिन्न हितग्राही योजनाओं का लाभ मिल सके?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क)  जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) कलेक्टर (भू-अभिलेख) जिला नर्मदापुरम द्वारा वनग्रामों को राजस्‍व ग्राम में संपरिवर्तन प्रस्तावित करने की अधिसूचना दिनांक 26 दिसम्‍बर, 2022 को जारी की है। (ग) वनग्रामों में वन अधिकार पत्रों/वन पट्टों के पुनरीक्षण हेतु राज्य शासन के पत्र दिनांक 16.04.2025 से एस.ओ.पी.जारी की गई है, जिसके अनुसार कार्यवाही पूर्ण होने उपरान्त राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन की कार्यवाही संभव है, अतः समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

दर्ज अपराधों की जानकारी

[गृह]

135. ( क्र. 986 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में दिनांक 01 जनवरी, 2024 से 31 अक्‍टूबर, 2025 चोरी, वाहन चोरी, डकैती कितने प्रकरण दर्ज किये गए? थानावार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित प्रकरणों में कितने आरोपीगण गिरफ्तार किये गए, कितने अज्ञात है की जानकारी प्रकरणवार दें। (ग) रीवा जिले के थाना मनगंवा चौकी रघुनाथगंज में दिनांक 25 सितम्‍बर, 2025 को टिकुरी नं. 37 निवासी नरेन्‍द्र प्रसाद मिश्रा के घर हुई चोरी के प्रकरण में उत्‍तर दिनांक तक की स्थिति में की गई कार्यवाही की विस्‍तृत जानकारी दें। कब तक इस प्रकरण के आरोपियों को गिरफ्तार कर समुचित कार्यवाही की जावेगी? स्‍पष्‍ट समय-सीमा बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) उल्‍लेखित अज्ञात आरोपियों को कब तक चिन्हित कर गिरफ्तार किया जावेगा? समय-सीमा बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

उद्योगों की स्‍थापना

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

136. ( क्र. 990 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2020  से प्रश्‍नांकित दिनांक तक भोपाल संभाग, इंदौर, जबलपुर एवं ग्‍वालियर संभाग में किन-किन कंपनियों, संस्थाओं द्वारा उद्योगों की स्थापना की है शासन द्वारा कितनी-कितनी भूमि कहां-कहां लीज पर दी गई है। कंपनियों के नाम से जानकारी देवें।           (ख) प्रश्‍नांश () के संदर्भ में उक्त कंपनियों, संस्थाओं द्वारा कितनी-कितनी राशि निवेश की है एवं कितने रोजगार सृजित हुए हैं बतलावें एवं कंपनियों को क्या-क्या सुविधाएं विभाग द्वारा दी जा रही है? बतलावें। (ग) प्रश्‍नांश (क)  के संदर्भ में विदिशा जिले में कहां-कहां उद्योगों की स्थापना हुई है? बतलावें। सिरोंज में विभाग द्वारा भूमि चिन्हित की गई है? यदि हां, तो कहां की गई है? बतलावें। छोटे शहरों में उद्योगों की स्थापना हेतु विभाग की क्या कार्य योजना है? बतलावें। (घ) प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्र. 20/बीपीएल/2025, दिनांक 20.01.2025 को विभाग को प्राप्त हुआ है यदि हां, तो क्या कार्यवाही की गई बतलावें।

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) भारत सरकार के उद्यम पोर्टल के अनुसार भोपाल, इंदौर, ग्‍वालियर, जबलपुर संभागों में निवेश एवं रोजगार सृजन हेतु कंपनियों/संस्‍थाओं (अन्‍य एवं प्रोपराइटरी को छोड़कर) की जानकारी निम्‍नानुसार है:- कुल कंपनियों की संख्‍या-10969, विभाग द्वारा कंपनियों को लीज पर दी गई भूमि की  जानकारी  संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश () के संदर्भ में भारत सरकार के उद्यम पोर्टल के अनुसार कंपनियों, संस्‍थाओं द्वारा सृजित रोजगार एवं निवेश की जानकारी निम्‍नानुसार है:- कुल निवेश राशि- 5920 करोड़ रूपये कुल रोजगार- 213841 विभाग द्वारा कंपनियों द्वारा स्‍थापित इकाइयों को मध्‍यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्‍साहन योजना 2019, 2021 एवं 2025 में प्रावधानित सुविधाएं पात्रता अनुसार प्रदान की जा रही हैं। (ग) उद्योगों की स्‍थापना संपूर्ण विदिशा जिले में हुई है। सिरोंज विकासखण्‍ड में उद्योगों की स्‍थापना हेतु गुना-आरौन रोड पर खसरा नम्‍बर 17 एवं खसरा नम्‍बर 27 में 30 हेक्‍टेयर शासकीय भूमि विभाग द्वारा प्रारंभिक स्‍तर पर चिन्हित की गई है। छोटे शहरों में उद्योगों की स्‍थापना हेतु विभाग द्वारा संचालित मुख्‍यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के माध्‍यम से वित्‍तीय सुविधा उपलब्‍ध कराई जाती है, स्‍थापित इकाइयों को मध्‍यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्‍साहन योजना 2025 में प्रावधानित सुविधाएं पात्रता अनुसार प्रदान की जाती है एवं विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में रियायती दर पर भूखण्‍डों का आवंटन किया जाता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न का उत्‍तर अपेक्षित नहीं हैं।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

खनिज पट्टों की जानकारी

[खनिज साधन]

137. ( क्र. 991 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) भोपाल संभाग में 1 अप्रैल, 2021 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक किन-किन स्थानों पर खनिज उत्खनन हेतु आवेदन प्राप्त हुए तथा खनिज उत्खनन एवं परिवहन हेतु कब-कब पट्टे जारी किए गए हैं? खसरा क्र., रकबावार, ग्रामवार, तहसीलवा,र वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्त पट्टा धारकों द्वारा कितनी-कितनी राशि कब-कब जमा की गई कितनी राशि शेष है? शेष राशि कब तक जमा करा ली जावेगी? समय-सीमा बतलावें। क्या उक्त व्यक्तियों द्वारा मध्यप्रदेश खनिज नीति के नियम निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है, तो किन-किन पट्टे धारकों पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई बतलावें एवं किन-किन अधिकारियों द्वारा उक्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण में क्या कमियां पाई गईं हैं निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें यदि निरीक्षण नहीं किया गया है तो इसके लिए दोषी कौन है कब तक उक्त पट्टों की जांच करवा ली जावेगी? समय-सीमा बतावें। (ग) भोपाल संभाग में विभाग द्वारा 1 अप्रैल, 2021 से खनिज मद से कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं निर्माण कार्य स्वीकृत करने के क्या नियम निर्देश हैं छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) हीरा नीलामी के क्या नियम निर्देश आदेश हैं आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें क्या शासकीय कर्मचारी हीरा नीलामी की बोली में भाग ले सकता है यदि हाँ तो नियम निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों को भवन प्रदान

[महिला एवं बाल विकास]

138. ( क्र. 999 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र देवरी अर्न्तगत आंगनवाडी केंन्द्र एवं मिनी आंगनवाडी केंन्द्रों में भवनविहीन केन्द्रों को कब तक भवन उपलब्ध करा दिया जावेगे? भवन विहीन केंन्द्रों की सूची उपलब्ध कराये। (ख) विधानसभा क्षेत्र देवरी के परियोजना अधिकारियों के कार्यालय सहआवास के भवन कब तक निर्माण करा दिये जायेगें? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) देवरी मुख्यालय में कामकाजी महिलाओं के आवासीय सुविधा हेतु वसतिगृह निर्माण की कोई योजना संचालित है? यदि हाँ, तो कब तक इसकी स्वीकृति प्रदान करा दी जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केंन्द्रों की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यालय सह आवास के भवन निर्माण की कोई योजना विभाग अन्‍तर्गत संचालित नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं होने से जानकारी निरंक है।

अधिकारियों एवं कर्मचारियों का स्‍थानांतरण

[सामान्य प्रशासन]

139. ( क्र. 1000 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आगर जिला अंतर्गत 5 वर्ष एवं अधिक समय से एक ही स्‍थान पर कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्‍थानांतरण किये गए है? सूचीवार जानकारी उपलब्‍ध कराएं। आगर जिले में वर्तमान में ऐसे कितने कर्मचारी है जो पिछले 4 वर्ष से एक ही कार्यालय एवं एक ही स्‍थान/प्रभार में कार्यरत है? उक्‍त कर्मचारियों का स्‍थानांतरण आज दिनांक तक क्‍यों नहीं किया गया है? बचे हुए कर्मचारियों का स्‍थानांतरण कब तक कर दिया जावेगा? (ख) वर्तमान में आगर जिले में कितने शासकीय कर्मचारियों की कमी है? क्‍या कर्मचारियों की कमी होने के बावजूद भी कुछ कर्मचारी जो कि तकनीकी फील्‍ड के है उनसे कार्यालय में कार्य करवाया जा रहा है? तकनीकी फील्‍ड के कर्मचारियों को मैदानी रूप से स्‍थानांतरित क्‍यों नहीं किया जा रहा है? जिला एवं तहसील कार्यालय में ऐसे कितने बाबू है जो पिछले 5 वर्षों से अधिक समय से एक ही जगह कार्यरत है? 5 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत कर्मचारियों का स्‍थानांतरण क्‍यों नहीं किया जा रहा है? जल संसाधन/पीडबल्‍यूडी/लोक स्‍वास्‍थय यांत्रिकी/विद्युत एवं अन्‍य समस्‍त विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार एक ही कर्मचारी को योजना/एस्‍टीमेट/ट्रांसफार्मर एवं अन्‍य स्‍थापना संबंधी कार्य करवा कर भ्रष्‍टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शासन द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति के पालन में विभागों द्वारा आवश्‍यकतानुसार उपलब्‍ध मानव संसाधन के दृष्टिगत स्‍थानांतरण किये जाते हैं। (ख) जानकारी उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। तकनीकी फील्‍ड के कर्मचारियों को प्रशासनिक व्‍यवस्‍थाओं के सुचारू संचालन हेतु कार्यालयों में कार्य करवाया जा रहा है। जानकारी उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। स्‍थानांतरण नीति-2025 की कंडिका-18 अनुसार यह अनिवार्य नहीं है‍ कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्‍थानांतरण किया ही जाए। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

15वे वित्‍त आयोग की स्‍वीकृत राशि

[वित्त]

140. ( क्र. 1001 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत 15वें वित्‍त आयोग की वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 की राशि कहां-कहां स्‍वीकृत की गई जानकारी देवें? 15वें वित्‍त आयोग की राशि जिला पंचायत सदस्‍यों को समान रूप से उनकी अनुशंसा अनुसार क्‍यों जारी नहीं की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्‍त राशि का समान रूप से जिला पंचायत सदस्‍यों की अनुशंसा अनुसार जारी नहीं करने हेतु कौन जिम्‍मेदार है? नियम विरूद्ध राशि किसके आदेश पर जारी की गई? नियम विरूद्ध राशि जारी करने वाले अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ग) जिला आगर मालवा में जिला पंचायत में पंचायत राज अधिनियम अंतर्गत जिला पंचायत में शासन की विभिन्‍न योजनाओं के क्रियान्‍वयन हेतु 07 समितियों का गठन किया जाना था, जो आज दिनांक तक भी नहीं हुआ है इसका क्‍या कारण है?

 उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सीएसआर मद के अंतर्गत कार्य

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

141. ( क्र. 1003 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) भारत सरकार के कंपनी एक्‍ट 2013 के सेक्‍शन 135 के अधीन कॉर्पोरेट सोशल रिस्‍पांसिबिलिटी के अंतर्गत आने वाली कौन-कौन सी कंपनि‍यां/औद्योगिक संस्‍थान जिला आगर-मालवा में स्थित है? कंपनी का नाम, पता वार्षिक टर्नओवर वार्षिक सीएसआर की राशि की जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उल्‍लेखित कंपनियों ने आगर मालवा जिले के किन-किन क्षेत्रों/गांवों में कितनी-कितनी राशि से क्‍या-क्‍या कार्य सीएसआर की राशि से करायें गए है? विगत वर्ष 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक कार्यों उनकी लागत व कार्य स्‍थल का विवरण दें? (ग) क्‍या राज्‍य शासन/विभाग की सीएसआर के व्‍यय के संबंध में और उसके सत्‍यापन इत्‍यादि को लेकर कोई नियम/नीति है? यदि हां, तो उसकी प्रति उपलब्‍ध कराएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला आगर-मालवा में भारत सरकार के कंपनी एक्‍ट 2013 के सेक्‍शन 135 के अधीन कॉर्पोरेट सोशल रिस्‍पांसिबिलिटी का मानदंड पूरा होने पर सीएसआर व्‍यय करने योग्‍य कंपनियां/औद्योगिक संस्‍थान नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है। (ग) CSR के संबंध में शासन के आदेश क्रमांक एफ 20-8/2013/बी-ग्‍यारह, दिनांक 13/10/2017 द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये है जो पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण

[सामान्य प्रशासन]

142. ( क्र. 1006 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में शासन, के समस्त विभागों में अनुकम्पा के कितने पद, किस-किस ग्रेड, संवर्ग के कब से लंबित है, लंबित होने का क्या कारण है? यदि उस श्रेणी, वर्ग में यदि पद रिक्त नहीं है तो उक्त पद के समायोजन या नियुक्ति दिए जाने की क्या योजना है? (ख) शासन के विभिन्‍न विभागों, जिला पंचायत, जनपद, सर्वशिक्षा अभियान आदि में पदस्थ, कलेक्टर दर पर जिला शासन की अनुमति से नियुक्त कर्मचारियों, संविदा कर्मचारियों को 10 से17 वर्ष उपरान्त भी विनियमित या नियमित नहीं किया गया, इन अल्पवेतन प्राप्त कर्मचारियों के विनियमित या नियमित किये जाने के सम्बन्ध में मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा परिपत्र क्र सी -5-2/2018/1/3 भोपाल दिनांक 22.7.2023 के माध्यम से शासन के समस्त विभागों को निर्देश भी जारी किये गए है किन्तु कुछ विभागों में नियमितीकरण के प्रकरण लंबित है, लंबित प्रकरणों का निराकरण विभागों द्वारा कब तक किया जावेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के सम्बन्ध में विलम्ब या निष्क्रियता के चलते उक्त कर्मचारियों के हितो का हनन करने पर सम्बंधित विभाग प्रमुखों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) खंडवा जिले के शासकीय कार्यालयों में चतुर्थ व तृतीय श्रेणी के कितने पद रिक्त है एवं इनकी पदपूर्ति किस प्रकार और कब तक की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वनों के अतिक्रमण पर कार्यवाही एवं व्यय

[वन]

143. ( क्र. 1007 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में वन विभाग द्वारा वन अतिक्रमण हटाने के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कितने हेक्टेयर क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया गया, कितने प्रकरण अब भी लंबित हैं तथा इन कार्यवाहियों पर विभाग द्वारा कुल कितनी राशि व्यय की गई है? वर्षवार विवरण सहित जानकारी दें। (ख) खंडवा जिले में वर्तमान में वन अतिक्रमण की स्थिति क्या है? कितने हेक्टेयर क्षेत्र पर अब भी अतिक्रमण है एवं क्‍या विभाग द्वारा भविष्य में वनों को अतिक्रमण से मुक्त कराने हेतु कौन-सी कार्य योजना या नीति लागू की जा रही है? (ग) क्या विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों की पहचान कर उनके विरुद्ध राजस्व एवं दंडात्मक कार्रवाई की गई है? यदि हाँ, तो अब तक कितने व्यक्तियों पर कार्रवाई हुई? कितने प्रकरणों में राजस्व वसूली या अभियोजन हुआ? विवरण उपलब्‍ध कराएं। (घ) वन विभाग के तेंदुपत्ता लाभांश मद से विगत पाँच वर्षों में किन-किन मदों पर व्यय किया गया है? वर्षवार, मदवार और कार्यवार पूरी जानकारी दें। इन मदों के अंतर्गत किन ग्राम समितियों, वन समितियों या लाभार्थियों को वितरित राशि का विवरण भी दें। तेंदुपत्ता लाभांश मद से विगत पाँच वर्षों में किन-किन मदों पर व्यय किया गया है? वर्षवार, मदवार और कार्यवार पूरी जानकारी उपलब्‍ध कराएं।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विगत पांच वर्षों में वनमंडल खंडवा सामान्य अंतर्गत वनक्षेत्र से अतिक्रमण हटाने हेतु समय-समय पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुये पुलिस एवं प्रशासनिक अमले की सहायता से अतिक्रमण निरोधी अभियान चलाया जाकर अतिक्रमणरोधी खंती आदि संरचनायें खोदकर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। विगत पांच वर्षों में 2274 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध पंजीबद्ध 112 वन अपराध प्रकरणों में कार्यवाही जांच में है। विगत पांच वर्षों में खंडवा जिले के वनमंडल खंडवा सामान्य के अंतर्गत अतिक्रमण हटाने/रोकथाम हेतु कुल रू. 2,41,27,467/- व्यय की गई। राशि की वर्षवार  जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) वनमंडल खंडवा सामान्य अंतर्गत कुल 3439 हेक्टेयर अतिक्रमित वन भूमि से 2274 हेक्टेयर वन भूमि अतिक्रमण मुक्त की गई है। वर्तमान में 1165 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण है। अतिक्रामकों के विरूद्ध बेदखली की विधिसम्मत कार्यवाही प्रारम्भ है। जिला स्तरीय एवं संभाग स्तरीय टास्क फोर्स की बैठकों में वनक्षेत्र अंतर्गत अतिक्रमण हटाने संबंधित कार्यवाही की योजना बनाई जाती है तथा वनक्षेत्र में अतिक्रमण पर सतत् रूप से मैदानी अमले एवं एस.ए.एफ. बल द्वारा पैदल व वाहनों एवं ड्रोन कैमरों द्वारा नियमित रूप से निगरानी की जाती है। (ग) जी हाँ। वनमंडल खंडवा सामान्य अंतर्गत अतिक्रमणकारियों की पहचान कर कुल 16 वन अपराध प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये जा चुके हैं तथा 10 अतिक्रमणकारियों पर जिला दण्डाधिकारी, खंडवा द्वारा जिलाबदर की कार्यवाही की गई है एवम 255 अतिक्रमणकारियों को नियमानुसार धारा 80 (अ) के तहत बेदखली नोटिस प्रदाय किये जाकर विधिवत अतिक्रमण निरोधी कार्यवाही करते हुये 2274 हेक्टेयर वन भूमि अतिक्रमण मुक्त की गई है। अतिक्रमण निरोधी अभियान के दौरान वनकर्मियों एवं सम्मिलित अमले पर प्राणघातक हमले तथा शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने के लिये 173 अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध 17 एफ.आई.आर. पंजीबद्ध कराई गई हैं, जो जांच में हैं। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-2 अनुसार है।

परिशिष्ट - "छियालीस"

विभिन्न निर्माण कार्यों से संबंधित जानकारी

[नर्मदा घाटी विकास]

144. ( क्र. 1008 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) बड़वानी जिले में विभाग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक किये जा रहे समस्त निर्माण कार्यों के कार्यादेश की प्रति तथा किये गए भुगतान के विवरण की जानकारी देवें। (ख) बड़वानी जिले में विभाग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक किये जा रहे कार्यों में सामग्री आपूर्ति के कार्यादेश की प्रति तथा किये गए भुगतान के विवरण की जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''', '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक किसी भी प्रकार के कार्यों में सामग्री आपूर्ति के कार्यादेश जारी नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्‍न लागू नहीं।

निर्माणाधीन समूह जल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

145. ( क्र. 1009 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि बड़वानी जिले में विभाग के अन्‍तर्गत 01 अप्रैल, 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक निर्माणाधीन समूह जल प्रदाय योजनाओं की प्रोजेक्ट रिपोर्ट, निविदा दस्तावेज, निविदा के साथ प्राप्त ठेकेदार/फर्म के तकनीकी दस्तावेज, कार्यादेश, निरीक्षण प्रतिवेदन/पंजी, माप-पुस्तिका, प्राप्त बिल तथा किये गए भुगतान के विवरण की विस्तृत जानकारी देवें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत बड़वानी जिले में 01 अप्रैल, 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक निर्माणाधीन दो समूह जल प्रदाय योजनाएं (सेगवाल-1 एवं सेगवाल-2) के प्रोजेक्ट रिपोर्ट की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, निविदा दस्तावेज एवं ठेकेदार के तकनीकी दस्तावेज की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है, कार्यादेश की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-03 अनुसार हैनिरीक्षण प्रतिवेदन एवं माप पुस्तिका की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 एवं 05 अनुसार है तथा भुगतान की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-06 अनुसार है।

एक पेड़ माँ के नाम अभियान

[वन]

146. ( क्र. 1014 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में वर्ष 2025 से प्रश्‍न दिनांक तक एक पेड़ माँ के नाम योजनान्तर्गत कुल कितने ग्रामों में पेड़ लगाये गये? ग्रामवार संख्या बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार लगाये गये पेड़ किस एजेन्सी के माध्यम द्वारा क्रय किये गये कितनी धन राशि व्यय की गई? एजेन्सी का नाम व भुगतान राशि संबंधी जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार लगाये गये पेड़ में से कितने वर्तमान में जीवित है? क्‍या पेड़ की सुरक्षा एवं रख-रखाव के लिए क्या प्रबंध किये गये है? यदि हाँ, तो किस तरह का प्रबंध किया? जानकारी देवें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वनमण्डल अलीराजपुर अन्तर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में एक पेड़ माँ के नाम अभियान तहत पौधारोपण की जानकारी निम्नानुसार है:-

क्र.

योजना का नाम

वन क्षेत्र कक्ष क्रमांक

ग्राम का नाम

पौधों की संख्‍या

1

विकास शाखा-बिगड़े वनों का सुधार वृक्षारोपण

256 झडुली

वेलार फलिया, झडुली

15000

2

286 बोरडाबरा

बोरडाबरा, डिंडवड, रायछा

15000

3

416 उमरठ

उमरठ

20000

4

429 उमरठ

उमरठ

25000

5

कैम्‍पा मद बिगड़े वनों का सुधार वृक्षारोपण

506 गंधवानी

गंधवानी

17500

6

509 ककडवाल

ककडवाल

17500

7

456 मथवाड

मथवाड

12500

8

503 अट्ठा

अट्ठा

12500

9

36 हरदासपुर

कनवाड़ा, नेहतडा, सेवरिया

15000

10

45 चमारबेगडा

चमारबेगडा, उमरी

15000

 

योग

165000

 (ख) पौधे शासकीय रोपणी से प्राप्त कर रोपित किये जाने से पौधा क्रय पर धन राशि व्यय नहीं हुई है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में जीवित पौधों की संख्या 165000 है, जिनकी सुरक्षा सी.पी.टी., क्षेत्र घेराव, फेंसिंग कार्य, सुरक्षा श्रमिक द्वारा सुरक्षा एवं रख-रखाव कार्य का प्रबंध किया गया है।

वन परिक्षेत्र कट्ठीवाडा में पेड़ों की कटाई

[वन]

147. ( क्र. 1015 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन परिक्षेत्र कट्ठीवाडा बिट कुसुम्बा क्रमांक 182, कोठार महोडा भाग-2 बिट क्रमांक 147,कनेरा बिट क्रमांक 219, अधांरझिरी बिट क्रमांक 178, नकटी बिट के अन्तर्गत किन-किन प्रजाति के पेड़ों की कटाई की शिकायत प्राप्त हुई है, संबंधि‍त प्रकरणों की जानकारी उपलब्ध करावें।        (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायत की जांच उपरान्त कितने पेड़ कटे पाये गये? उसका विवरण क्या है। (ग) जांच उपरान्त कौन-कौन से अधिकारी, कर्मचारी दोषी पाये गये तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई हैं? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो उसके क्या कारण है?

 राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हां, परन्‍तु बीट अंधारझिरी के कक्ष क्रमांक 178 में पेड़ों की कटाई के संबंध में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शिकायत की जांच उपरांत 50 पेड़ कटे पाये गये, जिनका विवरण उत्‍तरांश (क) के संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) बीट कुसुम्बा के कक्ष क्रमांक 182 से संबंधित वन अपराध में अपराधियों के विरूद्ध वनरक्षक द्वारा कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण वनरक्षक को निलंबित कर मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के अंतर्गत धारा 14 के तहत आरोप पत्र जारी किया गया है।

परिशिष्ट - "सैंतालीस"

दुर्घटनाग्रस्‍त वाहनों को सड़क किनारे से हटाया जाना

[गृह]

148. ( क्र. 1020 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में 1 जनवरी से प्रश्‍न दिनांक तक राज्य मार्गों पर कितने वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं? उनकी संख्या बतायें? (ख) मध्य प्रदेश  में राज्यमार्गों पर जो वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए, क्‍या उन्हें सड़क किनारे से हटा लिया गया अथवा दुर्घटना स्‍थल पर ही सड़क के किनारे में खड़े कर दिये, तो किन-किन स्थानों व जिलों के अन्तर्गत खड़े हैं उन जिलों के नाम बतायें? (ग) क्या सुचारू  यातायात करने के लिए दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को  हटाया जाना चाहिए अथवा नहीं, अगर हाँ, तो राज्य मार्गों के किनारे खड़े दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को क्यों नहीं हटाया जा रहा है? (घ) राज्य मार्गों पर दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटाये जाने की जिम्‍मेदारी किस की है एवं ऐसे वाहनों को सड़क किनारे से हटाये जाने की समय-सीमा क्‍या है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्य प्रदेश में 01 जनवरी से प्रश्‍न दिनांक तक राज्यमार्गों पर 14,084 वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए है। (ख) मध्यप्रदेश के समस्त जिलों के राज्यमार्गों पर दुर्घटनाग्रस्त हुए वाहनों को सड़क किनारे से हटा लिया गया है। किसी भी जिले में कोई भी वाहन सड़क के किनारे नहीं खड़ा है। (ग) हाँ, प्रदेश में सुचारू रूप से यातायात जारी रखने के लिए दुर्घटना स्थल से दुर्घटनाग्रस्त सभी वाहनों को हटाया जाना चाहिए। प्रदेश के समस्त जिलों में सभी दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को राज्यमार्गों के किनारे से हटा लिया गया है। (घ) प्रदेश में राजमार्गों पर दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटाये जाने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग एवं स्थानीय थाना क्षेत्र पुलिस की है। ऐसे वाहनों को सड़क किनारे से हटाये जाने की कोई निश्चित समय-सीमा विधि में निर्धारित नहीं है।

नेमावर के सात तलाई में उद्योग खोले जाना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

149. ( क्र. 1021 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सात तलाई नेमावर जिसे औद्योगिक क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई हैं, वहां पर वर्तमान में कितने उद्‌योग चल रहे है और प्रश्‍न दिनांक तक कितने लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है?               (ख) शासन या विभाग स्तर पर नवीन उद्योग लगाने हेतु क्या प्रयास  किये गये हैं तथा इसमें कितनी  सफलता मिली है? (ग) क्या विभाग सोयाबीन, चना, गेहूं आधारित आटा/तेल का बड़ा उद्‌योग यहाँ पर लगाने हेतु प्रयासरत् है? यदि हाँ  तो कब तक? समयावधि बतावें। (घ) नेमावर सात तलाई को औद्योगिक क्षेत्र की मान्यता के बाद भी  प्रश्‍न  दिनांक तक उद्योग नहीं खोले जाने का क्या कारण है तथा इसमें क्‍या  कठिनाईयां  आ रही है जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा ग्राम सात तलाई तहसील नेमावर जिला देवास में विकसित औद्योगिक क्षेत्र (40 हेक्‍टेयर) में तीन इकाइयों को पांच भूखण्डों का आवंटन किया गया है, जिसमें वर्तमान में एक इकाई द्वारा उ‌द्योग स्थापित कर उत्पादन प्रारंभ किया जाकर 14 व्यक्तियों को रोजगार एवं दो इकाइयां निर्माणाधीन है जिनसे 66 व्यक्तियों को रोजगार प्रस्तावित है। इकाइयों की जानकारी  संलग्‍न  परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों  की स्थापना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दिनांक 24.02.2025 से उद्योग संवर्धन नीति 2025 लागू की गयी है। प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट के आयोजन सहित क्षेत्रीय स्‍तर पर रीजनल इण्‍डस्‍ट्री कॉनक्‍लेव, रीजनल इण्‍डस्‍ट्री स्‍कील एण्‍ड एमप्‍लायमेंट कॉनक्‍लेव, देश-विदेशों में इन्‍टरेक्टिव सेशन एवं रोड-शो का आयोजन निरंतर किया जा रहा है। इसी प्रयोजन से जिला स्‍तर पर निवेश प्रोत्‍साहन केन्‍द्रों की भी स्‍थापना की गई है जहां निवेशकों/उद्योगपतियों को आवश्‍यक सहयोग प्रदान किया जाता है। विगत 02 वर्षों में प्रदेश में 2.48 लाख करोड़ रूपये के निवेश की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई हैं। औद्योगिक इकाइयों  को 5500 एकड़ से अधिक भूमि का आवंटन भी कर दिया गया है। (ग) विभाग द्वारा जिला देवास में बहुउत्पादीय औ‌द्योगिक क्षेत्र नेमावर विकसित किया गया है। औद्योगिक नीति के माध्यम से निवेशकों को प्रदेश में इकाई स्थापना किये जाने हेतु प्रेरित/फेसिलिटेट किया जाता है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों  (जिसमें सोयाबीन, चना, गेहूं आधारित आटा/तेल संबंधी उद्योग शामिल हैं) की स्थापना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सामान्य प्रोत्साहन के साथ-साथ उद्योग संवर्धन नीति 2025 अंतर्गत एग्री, डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों हेतु निवेश प्रोत्साहन सहायता में 1.5 का अतिरिक्त गणक, विद्युत टैरिफ में रियायत आदि का प्रावधान किया गया है। उक्त के अतिरिक्त उद्योग संवर्धन नीति 2025 अनुसार मेगा स्तर की एग्री, डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां नीति से अतिरिक्त सुविधा/सहायता प्राप्त करने हेतु उद्योग संवर्धन पर     मंत्रि-परिषद समिति के समक्ष कस्टमाइज़्ड पैकेज हेतु भी आवेदन कर सकती है। (घ) विभाग द्वारा जारी की गई उद्योग संवर्धन नीति 2014 सम्‍पूर्ण मध्‍यप्रदेश में प्रभावशील थी। उद्योग संवर्धन नीति 2025 देवास जिला सहित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में समान रूप से प्रभावशील है जिससे प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों  की स्‍थापना में उद्योगपतियों/निवेशकों को फेसिलिटेट किया जाता है। रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव एवं क्षेत्रीय कार्यालयों के विस्तारीकरण के उपरांत दूरस्थ जिलों में भी औद्योगिक इकाइयां स्थापित कराने की कार्यवाही प्रथामिकता के आधार पर कराई जा रही है।

परिशिष्ट - "अड़तालीस"

मिट्टी खनन हेतु अनुमति

[खनिज साधन]

150. ( क्र. 1027 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्यप्रदेश शासन द्वारा गरीब, कुम्हार, प्रजापत समाज के लोगों को पूर्व में मिट्टी खनन हेतु 01 वर्ष की अनुमति दी जाती थी जिसको संशोधित कर 03 वर्ष अनुमति देने का प्रावधान शासन द्वारा किया गया है? (ख) दिनांक 13/2/2018 को प्रकाशित राजपत्र में अधिसूचना मिट्टी से निर्माण में यांत्रिक साधनों का उपयोग करने की सुविधा प्रदान की गई है, लेकिन सम्पूर्ण नागदा खाचरोद सहित संपूर्ण उज्जैन जिले में प्रशासन द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया जा रहा है जानकारी दें कि इन गरीब, कुम्हार, प्रजापत समाज के लोगों को परंपरागत ईंट, कवेलू निर्माण करने वालों को अनुमति अब तक क्यों प्रदान नहीं की गयी है? (ग) परंपरागत ईंट, कवेलू आदि निर्माण करने वाले नागदा खाचरौद विधानसभा के कुम्हार प्रजापत समाज के लगभग 50 लोगों द्वारा नागदा अनुविभागीय अधिकारी को मिट्टी खनन हेतु अनुमति के लिए आवेदन किए गए हैं यह अनुमति उन्हें कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (घ) यांत्रिकी साधन का उपयोग करने पर प्रशासन एवं कुछ कतिपय लोगों द्वारा दबाव बनाया जाता है क्या विभाग इस संदर्भ में शासन की ओर से दिशा निर्देश जारी करने के लिए कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार अधिसूचित मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3 (क) अनुसार नियम के खण्ड (एक) और (दो) के अधीन छूट प्राप्त करने के पात्र किसी व्यक्ति/संस्था को संबधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार या तहसीलदार द्वारा सम्यक् रूप से प्रमाणित किया जायेगा। इस प्रमाणिकरण में उत्खनन क्षेत्र की स्थिति, खनिज की मात्रा तथा खनन की कालावधि का लेख किया जायेगा। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3 (क) में छूट प्राप्त व्यक्ति/संस्था को अनुमति की अवधि विहित नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार अधिसूचित मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 का नियम 3 (एक) अधिसूचना दिनांक 13/02/2018 के संशोधन उपरांत निम्नानुसार है:- "अनुवांशिक कुम्हार, अनुसूचित जाति के सदस्य या अनुसूचित जनजाति के सदस्य या ऐसे कुम्हारों या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की सहकारी समिति द्वारा परम्परांगत साधनों से कवेलू, बर्तन या ईट बनाने के लिये, ऐसे क्षेत्रों से, जो कि ग्राम सभाएं, ऐसे प्रयोजन के लिये उनके, अपनी-अपनी अधिकारिता के भीतर विनिश्चत और निर्धारित करे, मिट्टी या रेत के उत्खनन को लागू नहीं होगी"। इन नियमों का अनुपालन नहीं होने के संबंध में उज्जैन जिले में कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार उज्जैन जिला अंतर्गत तहसील नागदा में मिट्टी खनन हेतु अनुमति के लिए आवेदन प्राप्त हुये, जिनकी नियमानुसार जाँच की जाकर व ग्राम सभा से अनुमोदन प्राप्त होने पर निराकरण किया जायेगा। जिले से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।      (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

न्यूनतम वेतन पुनर्निर्धारण और बकाया राशि का भुगतान

[वित्त]

151. ( क्र. 1028 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यूनतम वेतन पुनर्निर्धारण 1 अप्रैल, 2024 से लागू हुआ है, विद्युत विभाग से संबंधित कंपनी ने इन्हें लागू तो कर दिया है लेकिन विगत वर्ष का एरियर कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया गया है, जिसमें मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी पश्चिम क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र जबलपुर और पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी भी हैं। विद्युत वितरण कंपनियों के कर्मचारियों को एरियर की राशि का भुगतान कब किया जाएगा? (ख) नगर पालिका नगर निगम द्वारा प्रश्‍नांश (क) वर्णित नियम अभी तक लागू ही नहीं किया है। स्थानीय निकायों एवं नागदा, खाचरोद नगर पालिकाओं में इसे कब से लागू कर दिया जावेगा तथा कर्मचारियों को एरियर की राशि का भुगतान कब तक किया जाएगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्‍य शासन द्वारा शासकीय सेवकों के लिये कोई न्‍यूनतम वेतन पुनर्निर्धारण 2024 से लागू नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।     (ख) प्रश्‍नांश "क" के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सिहोरा वन परिक्षेत्र वन्‍य प्राणियों का शिकार

[वन]

152. ( क्र. 1035 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष सितम्बर 2025 से नवम्बर 2025 माह के दौरान सिहोरा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत निसर्ग इस्पात प्रायवेट लिमिटेड परिसर में क्या जंगली सूअर एवं तेन्दुआ के शव मिलने पर कार्यवाही की गई? (ख) यदि हां, तो कितने व्यक्तियों पर प्रकरण दर्ज किये गये तथा वन विभाग के कितने कर्मचारियों/अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई? क्‍या मुख्य आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई? कब तक संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही कर दी जायेगी?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) मृत जंगली सुअर के प्रकरण में कुल 04 मुख्य अपराधियों के विरूद्ध वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत वन अपराध प्रकरण दर्ज कर आरोपियों को जेल भेजा गया है। वन विभाग के तत्कालीन परिक्षेत्र सहायक सिहोरा तथा बीट प्रभारी सरदा को निलंबित किया गया। मृत तेन्दुआ के प्रकरण में वन अपराध प्रकरण अज्ञात दर्ज कर आरोपियों की तलाश जांच की प्रक्रिया में है। जांच में जो भी व्यक्ति अपराध में संलिप्त पाया जावेगा उस पर विधि सम्मत कार्यवाही संभव है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

क्लिंकर उत्‍पादन में कर चोरी

[वाणिज्यिक कर]

153. ( क्र. 1044 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2022 से प्रश्‍नतिथि तक के.जे.एस. सीमेंट मैहर, अल्ट्राटेक मैहर, एम.पी. बिडला सतना एवं मैहर, प्रिज्म सीमेंट सतना, पन्ना एवं रीवा जिलों की सीमेंट फैक्ट्रियों ने कितने टन सीमेंट का उत्पादन प्रतिमाह कर कितना स्टेट जी.एस.टी./कितने प्रतिशत राज्य शासन को जमा किया गया? माहवार/वर्षवार/राशिवार/कंपनीवार दें? (ख) दिनांक 01.04.2022 से प्रश्‍नतिथि तक प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कंपनियों के द्वारा कितने टन क्लिंकर का उत्पादन कर म.प्र. के बाहर भेजा? कंपनीवार/माहवार/वर्षवार/टनवार जानकारी दें? बतायें कि उक्त क्लिंकर के उत्पादन कर प्रदेश की कितनी स्टेट जी.एस.टी. कितने प्रतिशत की दी? (ग) राज्य शासन को सीमेंट उत्पादन पर कितने प्रतिशत स्टेट जी.एस.टी. प्राप्त होती है प्रति बोरी? शासन को कितने प्रतिशत स्टेट जी.एस.टी. प्राप्त होती है 50 किलोग्राम क्लिंकर पर? (घ) राज्य शासन कब तक सीमेंट उत्पादन एवं क्लिंकर उत्पादन पर समान रूप से स्टेट जी.एस.टी. लगायेगा, जिससे शासन को राजस्व आय बढ़ाकर फायदा पहुंचाया जा रहा है? कारण दें।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) दिनांक 01.04.2022 से प्रश्‍नांश तिथि तक के.जे.एस. सामेंट मैहर, अल्‍ट्राटेक मैहर, एम.पी. बिडला सतना एवं मैहर, प्रिज्‍म सीमेंट सतना, पन्‍ना एवं रीवा जिलों की सीमेंट फैक्ट्रियों से प्राप्‍त स्‍टेट जीएसटी की माहवार/ वर्षवार/राशिवार /कंपनीवार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) जीएसटी पोर्टल पर क्लिंकर उत्‍पादन की जानकारी संधारित नहीं है। (ग) दिनांक 22.09.2025 से सीमेंट पर स्‍टेट जीएसटी संव्‍यवहार मूल्‍य (Transaction value) पर 9 प्रतिशत की दर से प्राप्‍त होता है, न की प्रति बोरी के आधार पर तथा क्लिंकर पर स्‍टेट जीएसटी संव्‍यवहार मूल्‍य (Transaction value) पर 9 प्रतिशत की दर से प्राप्‍त होता है, न कि वजन के आधार पर। (घ) सीमेंट और क्लिंकर पर स्‍टेट जीएसटी एक समान दर 9 प्रतिशत की दर से ही प्रभारित होता है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति

[महिला एवं बाल विकास]

154. ( क्र. 1048 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों पर वर्तमान में कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति की जा रही हैं आंगनवाड़ीवार सूची देवें?                  (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार नियुक्तियों के संबंध में शासन द्वारा क्या क्या मापदण्ड/नियम बनाए गए हैं? क्या इन नियुक्तियों में शासन के मापदण्डों/नियमों का पालन किया गया है एवं शासन के मापदण्डों/नियमों का पालन नहीं करने पर कितनी शिकायतें (सी.एम. हेल्पलाइन/ जनसुनवाई/ कार्यालय) कब कब प्राप्त हुई, प्राप्त शिकायतों का विवरण देते हुए बताएं कि शिकायतों का क्या निराकरण किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार की गई नियुक्ति के संबंध में विज्ञप्ति एवं वरिष्टता क्रम की अनंतिम एवं अंतिम सूची अवश्‍य कराएं। क्या शासन नियम विरुद्ध की गई नियुक्तियों की जाँच कराकर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) रतलाम जिले में 39 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा 508 आंगनवाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार  है। जी हाँ। समस्त नियुक्तियां शासन के नियमों/मापदंडों के अनुसार ही की जा रही है। विकासखंड स्तरीय चयन समिति के द्वारा जारी अंनतिम सूची पर विभागीय निर्देश दिनांक 03.06.2025 अनुसार दावा आपत्ति ऑनलाईन प्राप्त हुई है जिनका निराकरण जिला स्तरीय दावा आपत्ति निवारण समिति द्वारा किया जा रहा है। भर्ती प्रक्रिया के सबंध में सीएम हेल्‍प लाईन/जन सुनवाई/कार्यालय से प्राप्त शिकायतों की   जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -03 अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार की जाने वाले नियुक्तियों के संबंध में विज्ञप्ति एवं वरिष्ठता क्रम की अनंतिम सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। वर्तमान में नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्राप्‍त आपत्तियों एवं शिकायतों का निराकरण विभागीय भर्ती नियमों के अनुसार किया जावेगा।

जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम 2016 अंतर्गत विकास कार्य

[खनिज साधन]

155. ( क्र. 1049 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या खनिज साधन विभाग मंत्रालय भोपाल के द्वारा दिनांक 25 अगस्त 2022 के राजपत्र में जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 में संशोधन किया गया है, यदि हाँ तो संशोधित नियम की प्रति उपलब्‍ध कराएं। (ख) क्या इस संशोधन में जिला स्तर पर विभाग में जिले के खनिज प्रतिष्ठानों से प्राप्त रकम को जिले में विकास कार्यों में व्यय करने हेतु समिति का गठन किये जाने का प्रावधान है? यदि हां, तो इस समिति में जिले के विधायक सदस्य है अथवा नहीं।         (ग) क्या इंदौर जिलान्‍तर्गत वर्ष 2023-24, 2024-2025 में खदानों से प्राप्त रॉयल्टी से राशि विकास में व्यय करने हेतु विभाग द्वारा कब-कब बैठक बुलाई है? कार्यवाही का विवरण उपलब्‍ध कराएं तथा किस-किस सदस्य को आमंत्रित किया गया है, यदि जिले के विधायक सदस्य है तो उन्हें आमंत्रित क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या जिले में खनिज प्रतिष्ठानों से वर्ष 2023-24 में तथा वर्ष 2024-25 में कितनी राशि प्राप्त हुई है? वर्षवार बतायें तथा यह राशि किस-किस कार्य में व्यय की गई है? कार्य की सूची उपलब्‍ध कराएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। संशोधित नियम म.प्र. राजपत्र में अधिसूचित है।        (ख) जी हाँ। प्रतिष्ठान के प्रबंधन एवं कार्यकरण पर, राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अध्याधीन रहते हुए जिला खनिज प्रतिष्ठान के संपूर्ण नियंत्रण हेतु न्यास मंडल गठित है। जिसके सदस्य जिले के माननीय विधायक होते हैं। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार जिले में वर्ष         2023-24 में रूपये 1,60,71,384/- तथा वर्ष 2024-25 में रूपये 2,12,66,338/- प्राप्त हुआ है। राशि व्यय अनुसार कार्य की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

पोषण आहार की राशि का भुगतान

[महिला एवं बाल विकास]

156. ( क्र. 1051 ) श्री केशव देसाई : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि  (क) वर्ष 2024-252025-26 में भिण्ड शहरी परियोजना एवं भिण्ड ग्रामीण परियोजना में आंगनवाडी केन्द्रों पर ताजा गरम नास्ता एवं भोजन प्रदाय करते हुये कितने समूहों के बैंक खाते से राशि आहरण पर रोक लगी है। कारण सहित जानकारी व बैंक खातों में लगी रोक का पत्र कारण सहित उपलब्‍ध कराएं। (ख) वर्ष 2025-26 के लिये भिण्ड जिले में संचालित शहरी क्षेत्र के आगंनवाडी केन्द्रों पर पोषण आहार प्रदाय कर रहे स्वसहायता समूहों का वर्ष 2025-26 के लिये कलेक्टर कार्यालय के द्वारा रिनुअल किये गये स्वसहायता समूहों के आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे तथा वर्ष 2025-26 के लिये परियोजना स्तर पर स्वसहायता समूहों तथा परियोजना अधिकारियों के बीच किये गये अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराई जाये। (ग) वर्ष 2024-252025-26 के लिये प्रदाय किये गये पोषण आहार के कितने समूहों का भुगतान अभी तक किया गया एवं कितने स्वसहायता समूहों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। कलेक्टर कार्यालय से कितने स्वसहायता समूहों के भुगतान पर अनुमोदन लेने के पश्चात भुगतान नहीं किया गया है। कारण सहित जानकारी देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) वर्ष 2024-252025-26 में भिण्ड शहरी परियोजना एवं भिण्ड ग्रामीण परियोजना के आगंनवाडी केन्द्रों में 13 समूहों के भुगतान पर जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार रोक लगी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -01 अनुसार है। (ख) वर्ष 2025-26 के लिये भिण्ड जिले में संचालित शहरी क्षेत्र के आगंनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण हेतु जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार गतवर्ष से कार्यरत महिला स्व-सहायता समूहों की निरन्तरता 01 अप्रैल, 2025 से आगामी आदेश तक कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -02 अनुसार है। वर्ष 2025-26 के लिये जिला कलेक्टर के द्वारा जारी समूहों की निरन्तरता के अनुक्रम में परियोजना स्तर पर स्व-सहायता समूहों से अनुबंध निष्पादित नहीं किये गये।       (ग) वर्ष 2024-252025-26 के भुगतान किये गये तथा भुगतान से शेष समूहों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है। 08 स्वसहायता समूहों के भुगतान पर जिला कलेक्टर द्वारा रोक लगाई जाने से भुगतान नहीं किया गया है। कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है।

वृक्षारोपण नीति

[वन]

157. ( क्र. 1065 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में वर्तमान में कौन-सी वृक्षारोपण नीति (Plantation Policy) अथवा वृक्ष स्थानांतरण (Translocation) नीति प्रभावशील है, जिसके अंतर्गत शासकीय, अर्धशासकीय, निजी अथवा परियोजना क्षेत्रों में वृक्षारोपण एवं वृक्षों का स्थानांतरण किया जा रहा है? उक्त वृक्षारोपण नीति की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) यदि राज्य में इस संबंध में कोई स्पष्ट नीति, नियम या मार्गदर्शी सिद्धांत अस्तित्व में नहीं हैं, तो क्या शासन द्वारा नवीन वृक्षारोपण एवं वृक्ष स्थानांतरण नीति तैयार किए जाने पर विचार किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता एवं जनसहभागिता को प्रोत्साहन मिले? (ग) क्या वर्तमान में सामाजिक वानिकी, पर्यावरणीय संरक्षण, बांध निर्माण, वन आरक्षण क्षेत्र एवं निजी भूमियों पर किए जा रहे वृक्षारोपण कार्यों के लिए कोई एकीकृत नीति या दिशा-निर्देश उपलब्ध नहीं हैं, जिसके कारण विभिन्न विभागों की कार्यप्रणालियों में समन्वय की कमी देखी जा रही है? (घ) क्या विभाग द्वारा वृक्षारोपण एवं ट्रांसलोकेशन कार्यों की निगरानी, सामाजिक उत्तरदायित्व (Social Responsibility) तथा स्थानीय समुदायों की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु कोई नवीन तंत्र या नीति तैयार की जा रही है, ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर जनजागरूकता भी बढ़ाई जा सके?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) मध्यप्रदेश वन विभाग के अंतर्गत वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण भारत सरकार,पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत कार्य आयोजना के अंतर्गत किया जाता है। वर्तमान में कोई वृक्ष स्थानांतरण नीति प्रभावशील नहीं है,अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) वृक्ष स्थानांतरण तुलनात्मक रुप से अधिक खर्चीला होने और सफलता की संभावना अत्यल्प होने सेवन विभाग द्वारा वर्तमान में वृक्ष स्थानांतरण नीति लागू करने के संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) वर्तमान में वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण भारत सरकार,पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत कार्य आयोजना के अंतर्गत किया जाता है। निजी भूमि पर वृक्षारोपण हेतु भूमि स्वामी स्वतंत्र है। निजी भूमि पर वृक्षारोपण हेतु मांग अनुसार उचित गुणवत्ता के पौधे सामाजिक वानिकी रोपणियों के माध्यम से शासकीय मूल्य पर उपलब्ध कराये जाते हैं। साथ ही वन विभाग द्वारा निजी भूमि पर वृक्षारोपण हेतु प्रोत्साहन के लिये समय-समय पर कार्यशाला एवं प्रचार-प्रसार आदि माध्यम से तकनीकी मार्गदर्शन प्रदाय किया जाता है। (घ) उत्‍तरांश "क" एवं "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वायु प्रदूषण मानक स्‍तरों के अनुरूप लाना

[पर्यावरण]

158. ( क्र. 1066 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह सितंबर एवं अक्टूबर के दौरान मध्यप्रदेश के प्रमुख महानगरों जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर एवं भोपाल में वायु प्रदूषण का स्तर (AQI) कितना दर्ज किया गया तथा क्या यह मानक स्तरों के अनुरूप रहा? (ख) उपरोक्त नगरों में AQI स्तर में वृद्धि के प्रमुख कारण कौन-कौन से रहे जैसे कि औद्योगिक उत्सर्जन, निर्माण कार्य, वाहनों से निकलने वाला धुआँ या ठोस अपशिष्टों का खुले में जलाया जाना तथा शासन द्वारा इन कारणों के निवारण हेतु क्या ठोस कदम उठाए गए हैं?             (ग) क्या शासन द्वारा यह सुनिश्चित करने हेतु कोई विशेष कार्ययोजना या अभियान चलाया जा रहा है कि राज्य के सभी महानगरों में AQI स्तर 50 से नीचे बनाए रखने के लिए निगरानी, जनजागरूकता एवं नियंत्रण के उपाय सुदृढ़ किए जायें? (घ) पर्यावरण संरक्षण की दिशा में शासन द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं उनकी वर्तमान स्थिति क्या है और भविष्य में इसे और प्रभावी बनाने हेतु क्या नई पहल प्रस्तावित हैं?

राज्‍य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं  '''' अनुसार है। (ग) वायु गुणवत्‍ता सूचकांक को नियंत्रित करने के लिये राज्‍य सरकार व केन्‍द्र सरकार के संयुक्‍त प्रयासों के अंतर्गत राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ वायु कार्यक्रम (NCAP) वर्ष 2019 से प्रगतिरत है, जिसमें प्रदेश के 07 शहर (भोपाल, इंदौर, ग्‍वालियर, जबलपुर, उज्‍जैन, सागर एवं देवास) शामिल किये गये हैं। इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2025-26 तक पर्टिकुलेट मैटर (पी.एम. 10 के स्‍तर में 40% तक) कम करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं शासन द्वारा इन महानगरों में सतत् वायु गुणवत्‍ता मापन हेतु 19 सतत् परिवेशीय वायु गुणवत्‍ता मानिटरिंग स्‍टेशन (CAAQMS) स्‍थापित किये गये हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। भविष्‍य के लिये कोई नई योजना फिलहाल प्रस्‍तावित नहीं है।

45 वन ग्रामों को राजस्‍व ग्राम बनाया जाना

[वन]

159. ( क्र. 1071 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) क्‍या वन मुख्‍यालय की टीप क्रमांक 1404, दिनांक 20/06/2024 की अंतिम दो लाईनों में वन विभाग के प्रबंधन के सभी 45 राजस्‍व ग्राम होने के कारण सम्‍परिवर्तन की आवश्‍यकता नहीं है। अत: इन राजस्‍व ग्रामों को राजस्‍व विभाग को सौंपा जाना न्‍यायोचित होगा। (ख) यदि हाँ तो वन मुख्‍यालय ने किन किन अभिलेखों, दस्‍तावेजों के आधार पर 45 ग्रामों को राजस्‍व ग्राम मानने की बजाय राजस्‍व ग्राम होना स्‍वीकार किया है। (ग) राज्‍य मंत्रालय वन विभाग ने 45 राजस्‍व ग्रामों को राजस्‍व ग्राम मानकर राजस्‍व विभाग को सौंपे जाने के संबध में दिनांक 20/06/2024 से प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है, विधिवत आदेश जारी क्‍यों नहीं किया गया। (घ) कब तक 45 राजस्‍व ग्रामों को राजस्‍व विभाग को सौंप दिया जावेगा? समय-सीमा सहित बतावें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) वनमंडलाधिकारी, इंदौर के पत्र दिनांक 11.02.1961 के आधार पर प्रश्‍नांकित टीप प्रेषित की गई। उपरोक्त 45 ग्रामों में से ग्राम मोयदा का उच्च स्तरीय समिति द्वारा किये गये परीक्षण में इसे वर्ष 1930 से पूर्व का वनग्राम पाये जाने के कारण प्रश्‍नांकित टीप को विखंडित किया गया। (ग) प्रश्‍नांकित 45 वनग्रामों में से 02 वनग्राम वीरान होने एवं 01 वनग्राम का जिला कलेक्टर द्वारा परीक्षण किये जाने तथा शेष 42 वनग्राम अनुसूचित जनजाति एवम अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारो की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा 3 (1) (ज) के अन्तर्गत राजस्व ग्राम में सम्परिवर्तन की कार्यवाही में है। (घ) वनग्रामों में वन अधिकार पत्रों/वन पट्टों के पुनरीक्षण हेतु राज्य शासन के पत्र दिनांक 16.04.2025 से एस.ओ.पी.जारी की गई है। एस.ओ.पी. अनुसार कार्यवाही पूर्ण होने उपरान्त राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन की कार्यवाही संभव है, अतः समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

 

 

उप लोक सेवा केन्द्र में आधार संचालन हेतु मशीन की उपलब्धता

[लोक सेवा प्रबन्धन]

160. ( क्र. 1073 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) म.प्र. शासन लोक सेवा प्रबंधन विभाग वल्लभ भवन मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 252/2024/लोसेप्र/61-1 भोपाल दिनांक 12.06.2024 के परिपालन में नवीन उप लोक सेवा केन्द्र संचालन हेतु मशीन उपलब्ध न कराने के क्या कारण है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उप लोक सेवा केन्द्र में मशीन उपलब्ध कराने हेतु जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी कटनी में लोक सेवा केन्द्र आवेदन, अनुदान, विभागों से प्राप्त राशि, प्रतिलिपि शुल्क तथा जिले के समस्त आधार केन्द्रों एवं लोक सेवा आधार केन्द्र से प्राप्त राशि वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2025-26 वित्तीय वर्षवार कुल कितनी राशि जिला ई-गवर्नेंस  सोसायटी में प्राप्त हुई विवरण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक वित्तीय वर्ष बैंक स्टेटमेंट के अंत में कितनी राशि उपलब्ध थी जानकारी का विवरण एवं प्रश्‍नांश दिनांक तक सोसायटी में सभी माध्यम से उपलब्ध राशि की जानकारी दें।                               (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में सभी माध्यमों से प्राप्त सोसायटी में उपलब्ध राशि से प्रश्‍नांश (क) में शासन के निर्देश पर राशि से मशीन क्रय कर संचालन कार्य क्यों नहीं कराया जा रहा है? या कब तक कराया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

केन्‍द्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनांतर्गत विकास कार्य

[महिला एवं बाल विकास]

161. ( क्र. 1079 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा रतलाम जिला अंतर्गत अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 2022-23 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा योजना अंतर्गत किये जाने वाले समस्त प्रकार के कार्यों एवं योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वर्षवार कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर कितना-कितना व्यय हुआ? वर्षवार जानकारी दें l (ग) प्रश्‍नांश (ख) उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत कुपोषण से ग्रसित कितने नैनिहालों को चिन्हित किया जाकर उनके उपचार के क्या परिणाम रहे? वर्षवार, ब्लॉकवार कितना व्यय हुआ? परिणाम सहित जानकारी दें l (घ) जावरा तहसील के जावरा नगर में वन स्टॉप सेंटर किराए के भवन में संचालित किया जा रहा है तो शासन/विभाग द्वारा भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक दी जाकर बजट कब स्वीकृत किया जा सकेगा, साथ ही प्रश्‍नांश (ख) अंतर्गत उल्लेखित अवधि में सेंटर द्वारा क्या क्या कार्य किये गये? जानकारी दें l

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हॉ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (घ) जी हॉ। योजना शतप्रतिशत केन्‍द्र सहायित है अत: भार‍त सरकार से कार्ययोजना स्‍वीकृत होने एवं राशि जारी होने पर भवन निर्माण की स्‍वीकृति तथा बजट दिया जा सकेगा। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वनस्‍टॉप सेंटर द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

क्षेत्रीय औद्योगिक विकास की योजनाएं

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

162. ( क्र. 1080 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उद्योग संवर्धन हेतु पूरे प्रदेश भर में अनेक प्रकार के कार्य किये जा रहे है? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 2022-23 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक जिला रतलाम, मंदसौर एवं जिला नीमच में उद्योग संवर्धन हेतु किस-किस प्रकार के कार्य किन-किन योजनाओं के माध्यम से किये जा रहे है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) वर्णित वर्षों के अंतर्गत कितने निवेश के प्रस्ताव किन-किन कार्यों को किये जाने हेतु प्राप्त होकर किनकिन प्रस्तावों पर स्वीकृतियां/अनुमतियां दी जाकर वे प्रारम्भ हुए अथवा अप्रारम्भ रहें? साथ ही जो निर्माणाधीन होकर प्रगतिरत है? उनकी भी जानकारी दें l (घ) विगत वर्षों में स्वीकृत होकर क्रियाशील रहे उद्योग धंधो में से प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रारम्भ होकर क्रियाशील है तथा कितने उद्योग धंधे बंद पड़े हैं और किन कारणों से? साथ ही जिस फर्म, कम्पनी, सोसायटी अथवा व्यक्तिगत रूप से या अन्य प्रकार से भी संचालित रहे उद्योग धंधो के शेड/भवन/भूमि को अन्य को दे दिया गया तो किस नियम प्रक्रिया से तथा अवैध कब्जाधारी कितने स्थानों पर कब से काबिज है? सम्पूर्ण जानकारी देंl

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र  '''' अनुसार  है। (ग) विभाग द्वारा निवेश प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं किये जाते है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र  '''' अनुसार है।

जल जीवन मिशन अंतर्गत कार्यों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

163. ( क्र. 1082 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत पिछले 02 वर्षों में कितने कार्य स्वीकृत किए हैं? सूची उपलब्ध करावें। वर्तमान में इन कार्यों की क्या स्थिति है? (ख) कार्य किन-किन एजेंसियों के द्वारा किया जा रहा है? कितनी राशि स्वीकृत की गई हैं? प्रश्‍न दिनांक तक कितना व्यय हो चुका है? सम्पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध करावें। (ग) पूर्व वर्षों के जो कार्य स्वीकृत हुए क्‍या वो सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन से कार्य शेष है? यह कार्य कब तक पूर्ण होंगे? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र में पिछले 02 वर्षों में जल जीवन मिशन अंतर्गत कोई भी कार्य स्‍वीकृत नहीं किए गए हैं। तथापि उक्तावधि के पूर्व स्वीकृत की गई 16 एकल ग्राम योजनाओं की पुनरीक्षित स्वीकृति प्राप्त की गई है, जिसके परिप्रेक्ष्य में उक्त ग्रामों में शेष कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैंजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2022 में गांधीसागर-1 समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत हुई है, वर्तमान में योजना के सभी अवयवों के कार्य प्रगतिरत हैं, योजना के कार्य जून 2026 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।

खनिज/गौण खनिज उत्खनन (नीलामी)

[खनिज साधन]

164. ( क्र. 1083 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा खनिज/गौण खनिज उत्खनन (नीलामी) के संबंध में क्या नीति/नियम/निर्देश जारी किए गए हैं? प्रति उपलब्ध करावें। विभाग द्वारा वर्ष 2024 - 2025 एवं 2025 - 26 मंदसौर जिले में खनिज उत्खनन हेतु किन-किन व्यक्ति/फर्म/संस्था को पट्टा दिया गया है? कौन से कार्य के लिए दिया गया हैं? कितने वर्षों के लिए वह किन दरों पर दिया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) लीज धारक द्वारा पिछले दो वर्षों में विभाग को कुल कितनी राजस्व राशि जमा की गई? किनके द्वारा राजस्व राशि जमा नहीं कि गई? सूची प्रदान करें। (ग) अवैध उत्खनन की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई? क्‍या अवैध उत्खनन की तकनीकी जांच, परीक्षण कर संबंधित से वसूली की मांग की गई। प्रश्‍न दिनांक तक कितना राजस्व राशि जमा किया गया?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार मुख्य खनिजों के प्रकरणों में अधिसूचित खनिज (नीलामी) नियम 2015 के तहत नीलामी के माध्यम से, गौण खनिजों के प्रकरण में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 की अनुसूची-एक एवं अनुसूची-दो में विहित खनिजों के उत्खनन की अनुमति उत्खनन पट्टा आवेदन के आधार पर अनुसूची-पाँच में विहित खनिजों के निजी भूमि के प्रकरणों उत्खनन पट्टा आवेदन के आधार तथा शासकीय भूमि के प्रकरण में निविदा के आधार पर उत्खनन अनुमति जारी किये जाने के प्रावधान है। खनिज रेत के प्रकरणों में मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण तथा व्‍यापार) नियम 2019 के तहत प्रदेश में रेत खदानों का आवंटन मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम को उत्खनन पट्टा आवेदन के आधार पर दिये जाने के प्रावधान है। जिला मंदसौर में प्रश्‍नाधीन अवधि अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 03 उत्‍खनन पट्टे स्‍वीकृत किये गये है, वर्ष 2025-26 में कोई उत्‍खनन पट्टा स्‍वीकृत नहीं किया गया है। विस्‍तृत जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट- अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार जिला मंदसौर अंतर्गत कुल 141 उत्‍खनन पट्टा स्‍वीकृत है जिनके द्वारा विगत 02 वर्षों में राजस्व के रूप में कुल रूपये 12.77 करोड़ जमा की गई है। जिन लीजधारकों द्वारा राजस्व राशि जमा नहीं की गई है की जानकारी  संलग्न         परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जिले में वर्ष 2024-25 में अवैध उत्‍खनन की कुल 117 शिकायतें प्राप्‍त हुई थी, जिनके आधार पर जांच उपरांत कुल 15 अवैध खनन के प्रकरण पंजीबद्ध किये गए, सभी प्रकरणों का निराकरण किया जाकर राशि रूपये 53,40,000/- अर्थदंड वसूल किया गया है। वर्ष   2025-26 में अवैध उत्‍खनन की कुल 73 शिकायतें प्राप्‍त हुई थी, जिनके आधार पर जांच उपरांत कुल 26 अवैध खनन के प्रकरण पंजीबद्ध किये गए है, इनमें से 16 प्रकरणों का निराकरण किया जाकर राशि रूपये 43,48,500/- अर्थदंड वसूल किया गया है। इस प्रकार जिले में वर्ष 2024-25 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 190 अवैध उत्‍खनन की शिकायतें प्राप्‍त हुई है। जिनकी जाँच कर 41 प्रकरण अवैध उत्‍खनन के दर्ज किये गए, 31 प्रकरण निराकृत किये जाकर राशि रूपये 96,88,500/- जमा कराई गई है। जानकारी  संलग्‍न परिशिष्‍ट-स अनुसार है।

परिशिष्ट - "उन्चास"

खनिज एवं गौण खनिज मद् से कार्य स्वीकृति

[खनिज साधन]

165. ( क्र. 1084 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले अंतर्गत पिछले 5 वर्षों में मुख्य खनिज एवं गौण खनिज मद् से कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किए गए हैं? कार्य की जानकारी उपलब्ध करावें। उनमें से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गए हैं तथा कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है? अपूर्ण रहने के कारण सत्यापित करने वाले अधिकारी का नाम पदनाम सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार मुख्‍य खनिज एवं गौण खनिज मद की राशि से कार्य कराये जाने के कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पानी की टंकि‍यों का निर्माण

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

166. ( क्र. 1087 ) श्री पन्‍नालाल शाक्‍य : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना विधानसभा के ग्राम पंचायत विनायकखेड़ी के ग्राम विनायकखेड़ी में नल जल योजना की पानी की टंकी का निर्माण कब हुआ था एवं इसकी गुणवत्ता की कितने वर्ष की गारंटी थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पानी की टंकी से कितने घरों में नल कनेक्शन दिये गये थे? क्या‍ नल कनेक्शन के समय सभी घरों में पानी की सप्लाई की गयी थी? (ग) वर्तमान में ग्राम विनायकखेड़ी के कितने घरों में पानी की सप्लाई की जा रही है और जहां सप्लाई बंद है उनके लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में यदि कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो कब तक की जावेगी और नल कनेक्शन में गड़बड़ी करने वालों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) गुना विधानसभा के ग्राम पंचायत-विनायकखेड़ी के ग्राम विनायकखेड़ी में नल जल योजना की पानी की टंकी का निर्माण वर्ष 2018 में हुआ था। उक्त टंकी के निर्माण में उपयोग की गई समस्त प्रकार की सामग्री का गुणवत्ता परीक्षण निर्माण के समय कराया जाकर टंकी की गुणवत्ता सुनिश्चित की गई, टंकी का रूपांकन 30 वर्ष की अवधि के लिए किया जाता है। (ख) पानी की टंकी से 739 घरों में नल कनेक्शन दिए गए थे। जी हाँ। (ग) वर्तमान में ग्राम विनायकखेड़ी की नल जल योजना विभाग द्वारा ग्राम पंचायत को संचालन-संधारण हेतु हस्तांतरित है, नियमित जल प्रदाय तथा मरम्मत/रख-रखाव, संधारण कार्य का दायित्व ग्राम पंचायत का है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नीति का पालन कराये जाने बावत

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

167. ( क्र. 1088 ) श्री अभय मिश्रा : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग ने उद्योग संवर्धन नीति 2014 एवं एमएसएमई विभाग की प्रोत्साहन नीति 2021 के अनुसार खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योगों को मण्डी शुल्क से छूट दिये जाने के प्रावधान थे? यदि थे तो प्रावधान के परिप्रेक्ष्य में औद्योगिक इकाइयों को मण्डल शुल्क से छूट प्रदान करने के लिये किसान कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा जारी की गई थी? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार किसान कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा अधिसूचना के अन्तर्गत पात्र औद्योगिक इकाइयों को मण्डी शुल्क से छूट का लाभ प्रदान किया जा रहा है। यदि हाँ तो जानकारी दें। अगर नहीं किया जा रहा है तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में यदि खाद्य प्रसंस्‍करण औद्योगिक इकाइयों मण्डी शुल्क से छूट का लाभ प्रदान नहीं किया जा रहा है तो क्या सरकार निवेश को नीति में प्रावधानिक मण्डी शुल्क से छूट का लाभ प्रदान करने के लिये चुकाये गये मण्डी शुल्क की प्रतिपूर्ति का प्रावधान करेगें जिससे प्रश्‍नांश (क) अनुसार जारी नीति पर निवेशकों को लाभ मिल सके।

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी हां, विभाग की मध्‍यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति-2021 में प्रावधान थे। उक्‍त प्रावधान के परिप्रेक्ष्य में औद्योगिक इकाइयों को एमएसएमई विभाग की प्रोत्साहन नीति-2021 अंतर्गत मण्डी शुल्क से छूट प्रदान करने के लिये किसान कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा अधिसूचना जारी नहीं की गई है। (ख) मध्‍यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति-2021 के अनुसार मण्डी शुल्क से छूट का लाभ किसान कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा प्रदान नहीं किया जा रहा है। किसान कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा मण्‍डियों की वित्‍तीय स्‍थ‍िति के दृष्‍ट‍िगत मण्डी शुल्क से छूट के बजाय प्रतिपूर्ति हेतु अनुरोध किया गया है। (ग) मध्‍यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति-2021 में प्रावधानित मण्‍डी शुल्‍क से छूट सुविधा को मण्डी शुल्क की प्रतिपूर्ति से प्रतिस्‍थापित करने हेतु प्रस्ताव  विचाराधीन  है।

अधिकारी के खिलाफ जांच

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

168. ( क्र. 1090 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड पद पर कार्यरत अधिकारी जिनका मूल विभाग लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी है और वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर नगर निगम भोपाल में अधीक्षण यंत्री के पद पर भी कार्यरत हैं, पर क्या आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में केस/जाँच प्रचलन में है, हाँ अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो संबंधित केस/जाँच से संबंधित दस्तावेज एवं विभाग द्वारा दिए गए जवाब की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) उपरोक्त अधिकारी अपने कार्यकाल में कितनी बार, कब कौन से विभाग में, कितनी समयावधि के लिए प्रतिनियुक्ति पर रहे, का गौशवारा बनाकर मय समस्त दस्तावेज प्रदाय करें। (घ) क्या उपरोक्त अधिकारी पर यदि जांच/केस के प्रचलित रहने तक इनको सेवावृद्धि दी जाएगी? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो किस नियम के तहत सम्पूर्ण जानकारी मय दस्‍तावेज प्रदाय करें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। उक्त अधिकारी पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में कोई केस/जांच प्रचलन में नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क)  के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है(घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पचास"

आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ में प्राप्‍त पत्रों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

169. ( क्र. 1091 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ई.ओ.डब्लू) को भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने शिकायत पत्र प्राप्त हुए हैं। पत्रों की सत्यापित छायाप्रति दें। (ख) प्रकरण क्रमांक 223/16 में पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल द्वारा दिये गये अभिमत की प्रति दी जाये एवं विधि सलाहकार द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट की प्रति प्रदान की जाये। प्रकरण में नगर निगम भोपाल और भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अधिकारियों के लिये गये बयानों की प्रति दी जाये। निजी फर्म से पत्राचार किया गया हैं, हाँ अथवा नहीं। यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि दी जावे। यदि नहीं तो कारण बताएं। (ग) ई.ओ.डब्लू. का शिकायत आवेदन क्रमांक 2013/21 एवं 2030/22 पर की गई कार्यवाही की छायाप्रति एवं नोटशीट प्रदान करें। उपरोक्त आवक क्रमांक पर संचालनालय नगरीय प्रशासन, नगर निगम भोपाल और भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड विभाग द्वारा दिए गए जवाब की छायाप्रति प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में कुल 14 शिकायत आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।       (ग) शिकायत आवेदन क्रमांक-2013/21 दिनांक 18.10.2021 एवं शिकायत आवेदन क्रमांक-2030/2022 को दिनांक 05.07.2022 को तथ्यात्मक प्रतिवेदन हेतु नगरीय विकास एवं आवास विभाग को प्रेषित किया गया है। प्रतिवेदन अपेक्षित है।

परिशिष्ट - "इक्यावन"

माध्‍यम द्वारा जारी पत्र

[जनसंपर्क]

170. ( क्र. 1094 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसंपर्क अधिकारी भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड भोपाल को म.प्र. माध्‍यम द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक/मप्रमा/परियोजना/2024/1236 दिनांक 11/07/2024 में संदर्भित पत्रों की एवं संलग्न दस्तावेजों की छायाप्रति प्रदान करें। (ख) मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड से जो पत्राचार किया गया एवं बीसीएलएल द्वारा माध्यम से जो पत्राचार किया गया, समस्त पत्रों एवं दस्तावेजों की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड को जो राशि का भुगतान किया गया है, का माहवार, वर्षवार, किस मद में कितनी राशि का भुगतान किया, का गौशवारा बनाकर मय समस्त नोटशीट एवं दस्तावेज प्रदाय करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।

प्रशासन द्वारा जारी आदेश

[सामान्य प्रशासन]

171. ( क्र. 1095 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) Department of Personnel & Training office. Memorandum No. 11013/4/2011 -Estt (A) दिनांक 01/12/2011 की छायाप्रति प्रदान करें। किसी विभाग या अधिकारी को विधायक के पत्र का कितने दिन में जवाब देने का नियम है? यदि समय अवधि में विभाग या अधिकारी द्वारा जवाब ना दिया जाए तो नियमानुसार क्या कार्यवाही की जानी चाहिए? कृपया नियमों की छायाप्रति उपलब्‍ध करें। (ख) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश/पत्र क्रमांक सी-5-2/2018/1/3 दिनांक 22/07/2023 की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) यदि किसी संविदा कर्मचारी पर विभागीय जांच/EOW/न्यायालय में केस दर्ज हो तो तीनों स्थिति में कब कौन सा नियम लागू होता है और विभाग द्वारा क्या कार्यवाही होना चाहिए, का गौशवारा बनाकर मय नियम के दस्तावेजों के साथ प्रदाय करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) संविदा कर्मचारी के विरूद्ध शिकायत प्राप्‍त होने पर उत्‍तरांश '''' अनुसार परिपत्र की कंडिका-9 अंतर्गत प्रावधानों अनुसार विभागीय कार्यवाही किये जाने के निर्देश हैं। परिपत्र की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

अवैध उत्‍खनन के प्रकरणों पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

172. ( क्र. 1098 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) 01 अप्रैल, 2020 बाद से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के सभी जिलों में मुख्‍य एवं गौड़ खनिज पदार्थों के अवैध उत्‍खनन एवं स्‍वीकृत उत्‍खनन सीमा से अधिक खनन के ऐसे प्रकरण जिनमें जुर्माना राशि एक करोड़ रूपए या उससे ज्‍यादा प्रस्‍तावित की गई उनकी सूची प्रदान करें।             (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित प्रकरणों में प्रस्‍तावित जुर्माना आदेश की कॉपी भी प्रदान  करें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित सभी प्रकरणों में कलेक्‍टर, कमिश्‍नर या अन्‍य न्‍यायालयों द्वारा यदि अंतिम आदेश पारित कर दिया गया है। यदि हाँ तो जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (घ) उपरोक्‍त प्रकृति के प्रकरणों में यदि आर.आर.सी. जारी की गई है तो उसकी भी कॉपी प्रदान करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार हैं।       (ख) अवैध खनन के प्रकरणों में प्रस्तावित अर्थदण्ड के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किये जाते है। अवैध खनन के प्रकरण दर्ज करने के उपरांत सक्षम न्यायालय द्वारा नियमानुसार प्रक्रिया का पालन करते हुये आदेश पारित किये जाते है। पारित आदेशानुसार अग्रिम कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार सक्षम न्यायालय द्वारा अंतिम आदेश जारी करने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''  अनुसार है। अंतिम आदेश की प्रतियाँ  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''  अनुसार है। आर.आर.सी. की प्रतियाँ  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है।

म.प्र. में एमआरपी से अधिक दामों पर मदिरा का विक्रय

[वाणिज्यिक कर]

173. ( क्र. 1099 ) श्री सुनील उईके : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मदिरा का विक्रय एमआरपी से अधिक दामों पर बेचे जाने के संबंध में इंदौर भोपाल जबलपुर छिंदवाड़ा सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है। 1 अप्रैल 2025 से प्रश्‍न दिनांक तक पूरे प्रदेश में ओवर रेटिंग की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? जिलेवार जानकारी दें। यह भी बताएं कि कितनी शिकायतें सही पाई गई हैं? (ख) प्रदेश में आबकारी विभाग द्वारा उड़नदस्ता दल का गठन कर कब और कितने बार ओवर रेटिंग के संबंध में टेस्ट परचेस की कार्रवाई की गई है? (ग) क्या आबकारी विभाग के अधिकारी ओवर रेट में शराब बिक्री पर जानबूझकर ध्यान न देकर शराब ठेकेदारों का अनुचित लाभ पहुंचा रहे हैं? (घ) क्या आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इंदौर, भोपाल जबलपुर छिंदवाड़ा सहित संपूर्ण प्रदेश में शराब दुकानों से लगकर या उसके आसपास अवैध रूप से अहातों का संचालन किया जा रहा है। (ड.) क्या शासन प्रशासन इस तरह ओवर रेटिंग कर मदिरा विक्रय करने वाले शराब ठेकेदारों एवं खुलेआम अवैध अहातों के संचालन पर रोक लगाने के लिए प्रदेश एवं जिले स्तर पर राजस्व विभाग के साथ संयुक्त रूप से दल गठित कर कार्रवाई करेगा।

उप मुख्‍यमंत्री, वाणिज्यिक कर ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश में मदिरा का विक्रय एमआरपी से अधिक दामों पर बेचे जाने के संबंध में 1 अप्रैल 2025 से प्रश्‍न दिनांक तक पूरे प्रदेश में ओवर रेटिंग की कुल 8137 शिकायतें प्राप्‍त हुई। शिकायतों की जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार  है। (ख) प्रदेश में आबकारी विभाग द्वारा उड़न दस्ता दल का गठन एवं ओवर रेटिंग के संबंध में टेस्ट परचेस की कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। ठेकेदार के द्वारा ओवर रेट में शराब बिक्री किये जाने पर उनके विरूद्ध आबकारी विभाग के मैदानी कार्यपालिक बल द्वारा मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्‍तर्गत नियमानुसार कार्यवाही कर प्रकरण पंजीबद्ध किये जाते है। (घ) जी नहीं। आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा इंदौर, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा सहित संपूर्ण प्रदेश में शराब दुकानों के आसपास अवैध रूप से अहातों का संचालन नहीं किया जा रहा है, अपितु होटल ढाबों पर शराब का सेवन करते पाये जाने पर मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्‍तर्गत नियमानुसार प्रकरण पंजीबद्ध किये जाते हैं। (ड.) ओवर रेटिंग कर मदिरा विक्रय करने वाले शराब ठेकेदारों एवं खुलेआम अवैध अहातों के संचालन पर रोक लगाने के लिए आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा आवश्‍यकतानुसार दल गठित कर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

ग्रामीण नल जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

174. ( क्र. 1128 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्रामीण क्षेत्रों में समूह नल जल योजना के अंतर्गत विगत 7 वर्षों से कार्य पूर्ण क्‍यों नहीं किया गया है व गुणवत्ताविहीन कार्य कराया जा रहा है? क्या विभाग द्वारा इसकी पुष्टि की गई, कार्य पूर्ण कब तक किया जायेगा? (ख) समूह नल जल योजना का कार्य की प्रारंभ करने एवं कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या थी? अवधि पूर्ण होने के पश्चात कार्य लंबित होने के कारण विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) ग्रामीण क्षेत्रों में ठेकेदार की लापरवाही के चलते पाइप लाइन का लेवल सही नहीं है जिसके कारण टंकी ना भर पाना तथा पानी की धीमी गति के कारण ग्रामीणजन परेशानियों का सामना कर रहे है। क्या विभाग द्वारा इसकी पुष्टि की गई व ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई तथा इसके निवारण के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगति पर हैं, कार्य मुख्यतः अन्य विभागों से अनुमति मिलने में विलंब होने के कारण समय पर पूर्ण नहीं हो सके हैं। गुणवत्ताविहीन कार्य नहीं कराये जा रहे हैं। जी हॉ, कार्य दिसम्बर 2026 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्यों में विलंब होने पर अनुबंध अनुसार कार्यवाही की गई है। (ग) जी नहीं, पानी की टंकी नहीं भर पाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन) नियम लागू किया जाना

[वित्त]

175. ( क्र. 1243 ) श्री नितेन्‍द्र बृजेन्‍द्र सिंह राठौर : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.पी.एस योजना अन्तर्गत म.प्र. में मृतक, अशक्तता, निःशक्तता एवं स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के कितने कर्मचारी व अधिकारी है? विभागवार जानकारी उपलब्ध कराये? क्या ऐसे परिवारों का आर्थिक,सामाजिक,सर्वेक्षण कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या एन.पी.एस योजना अन्तर्गत म.प्र. में मृतक शासकीय सेवक के आश्रित परिवार,अशक्तता,निःशक्तता एवं स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर म.प्र. सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 प्रदान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 लागू करने पर विचार करेगी?                                                      (ग) क्या राज्य सरकार का 14 प्रतिशत अंशदान प्रत्येक माह निवेश किया जा रहा है? कुल कितना अंशदान सरकार, राज कोष से कर्मचारी/अधिकारी पर निवेश किया जाता है? केन्द्र एवं राज्य की अलग-अलग स्वायत्त शासन वित्त पोषित संस्थाएं कितनी है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) एन.पी.एस. योजना अंतर्गत मृतक-11,538, अशक्‍तता एवं नि:शक्‍तता-33 एवं स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति-776 कुल-12,347 कर्मचारी एवं अधिकारी है नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। शासन अपने वित्‍तीय संसाधनों के तहत् प्राथमिकता के आधार पर यथासमय उचित निर्णय लेता है।         (ग) जी हां। वित्‍तीय वर्ष 2024-2025 में शासकीय अंशदान राशि रूपये 4696.25 करोड़ निवेश किया गया है। शासन के नियम वित्‍त पोषित संस्‍थाओं पर लागू नहीं होते है।

प्लेटिनम धातु उद्योग व रेत खनिज खदानों का सीमांकन

[खनिज साधन]

176. ( क्र. 1244 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला-पांढुर्णा व छिंदवाड़ा की तह. मोहखेड़, परासिया में प्लेटिनम धातु उत्खनन हेतु कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ तो क्‍या इस हेतु प्रभावित होने वाले ग्राम/भूमि रकबा की जानकारी देवें। क्या इन प्रभावित क्षेत्रों के कृषको/भू-स्वामियों द्वारा उक्त प्लेटिनम उद्योग के लिए द्वारा अधिग्रहित की जा रही भूमि प्रक्रिया का विरोध किया जा रहा है? यदि हाँ तो उक्त प्रक्रिया को बंद किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ख) क्या प्रदेश के जिलों में रेत उत्खनन हेतु खदानों का उत्खनन पूर्व विधिवत खनन योजना, सीमांकन व अन्य शर्तों का पालन करने का प्रावधान है? यदि हाँ तो वे क्या है, वर्ष 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला-पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, बालाघाट व सिवनी में की गई उक्त प्रक्रिया व इसका उल्लंघन करने वाले ठेकेदारों के दस्तावेजों की जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित जिलों में रेत खदानों/अन्य स्थानों से ठेकेदारों/अन्य के द्वारा अवैध रूप से रेत उत्खनित, संग्रहण, भारी मशीनरी से रेत निकालने, रेत रायल्टी रसीद में रायल्टी राशि अंकित न होने के कारण रेत क्रेताओं से अत्याधिक मूल्य लेकर रेत विक्रय किये जाने, खनिज अधिकारियों द्वारा कार्यवाही न करने के संबंध में विधायको/संगठनों द्वारा शासन को कोई पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो उस पर विधायक के समक्ष कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कि जावेगी?                (घ) क्या रेत की रायल्टी रसीद में रेत की मात्रा अनुसार उसका न्यूनतम/अधिकतम विक्रय मूल्य अंकित कर रेत की कालाबाजारी में अंकुश लगाया जावेगा? यदि हां, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार भारत सरकार, खान मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण एवं विकास न्यास (एनएमईडीटी) व्दारा जमतरा मोरडोंगरी ब्लॉक, 660 हेक्टेयर मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम को प्लेटिनियम समूह की धातुओं के पूर्वेक्षण हेतु स्वीकृत किया गया है। माननीय विधायक परासिया एवं माननीय विधायक पांढुर्णा की अगवाही में ज्ञापन प्रस्‍तुत किया गया है। वर्तमान में पूर्वेक्षण कार्य (जी-3 स्तर) आरंभ नहीं हुआ है। कृषकों एवं भूमि स्‍वामियों की भूमि अधिग्रहित किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जिला पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, बालाघाट व सिवनी में संलग्न सूची अनुसार रेत खदानें, समस्त वैधानिक अनुमतियों तथा खनन योजना, पर्यावरण स्वीकृति एवं जलवायु सम्मति आदि प्राप्त कर, माइन डेवलपर कम ऑपरेटर के माध्यम से संचालित है। मध्यप्रदेश रेत, (खनन परिवहन, भण्‍डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत वैधानिक अनुमतियों में विहित शर्तों का पालन किये जाने का दायित्व माइन डेवलपर कम ऑपरेटर का है। वर्ष 2024 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला-पांढुर्णा, छिंदवाड़ा रेत ठेकेदार द्वारा उल्लंघन करने संबंधी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। जिला सिवनी अवैध उत्खनन कर अवैध भण्डारण का 01 प्रकरण एवं बालाघाट में अवैध उत्खनन का 01 प्रकरण दर्ज किया गया। दस्तवोजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दिये गये उत्तर के संदर्भ में जिला पांढुर्णा एवं सिवनी में माननीय विधायकगण/संगठन की ओर से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुये है शेष प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है। जिला छिंदवाड़ा एवं बालाघाट में विधायकगण/संगठन की ओर से पत्र प्राप्त हुये है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब  अनुसार है। माननीय विधायकों/संगठनों के पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्‍डारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 में रेत की रायल्‍टी रसीद में रेत की मात्रा अनुसार उसका न्‍यूनतम/अधिकतम विक्रय मूल्‍य अंकित का प्रावधान नहीं है।

छात्रावासों हेतु वस्‍त्र सामग्री का क्रय

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

177. ( क्र. 1349 ) श्री गौरव सिंह पारधी : क्या राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के कत्तिनो एवं हृथकरघा बुनकरों को निरंतर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासकीय विभागों में वस्त्रों के क्रय में म.प्र. शासन भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम क्र. (25) के परिशिष्ट '' में उल्लेखित वस्त्र सामग्री क्रय हेतु आरक्षण प्रदान किया गया है? जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रदेश के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में 05 वर्षों से वित्तीय वर्ष 2021-22 से अक्टूबर 2025-26 में क्रय वस्त्र सामग्री का विवरण बिलों की छायाप्रति सहित उपलब्ध कराया जावें। यदि आरक्षित वस्तुओं का क्रय जैम या अन्य से किया जा रहा है तो मंत्रिपरिषद की स्वीकृति की छायाप्रति संलग्न कर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जावें।

राज्‍य मंत्री, कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जी हॉ। मध्‍य प्रदेश शासन, सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग के पत्र क्रमांक एफ 9-20/2021/अ-73 भोपाल दिनांक 13/1/2023 से जारी म.प्र. भण्‍डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित-2022) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍न पूर्णत: पिछड़ा वर्ग तथा अल्‍पसंख्‍यक विभाग से संबंधित है। उक्‍त विभाग द्वारा समय-सीमा में उत्‍तर प्रेषित नहीं किया गया है। संबंधित विभाग से जानकारी संकलित की जा रही है।

वन विभाग की शा‍सकीय भूमि में अवैध कब्‍जा एवं अधोसंरचनात्‍मक कार्य

[वन]

178. ( क्र. 1356 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के जिला पांढुर्णा, छिंदवाड़ा व दक्षिण वनमण्‍डल सिवनी में वर्ष 2024 से आज दिनांक तक केम्‍पा, कार्य आयोजना व अन्‍य मद से कराये गए वानिकी, निर्माण व अन्‍य कार्यों का निर्माण तकनीकी/प्रशासकीय स्‍वीकृति व एस्‍टीमेट अनुसार उसी स्‍थल में किया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों? यदि हाँ तो उनकी वर्तमान स्थिति, लागत व कार्य का नाम सहित जानकारी देवें। क्‍या उक्‍त कार्यों में लगी निर्माण सामग्री (ईंट, गिट्टी, रेत, लोहा, सी.सी. क्‍यूब) का शासकीय प्रयोगशाला में परीक्षण कराया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों? यदि हाँ तो उसकी कार्यवार जानकारी देंवे। (ख) क्‍या प्रदेश के जिला पांढुर्णा, छिंदवाड़ा की सामान्‍य व उत्‍पादन की वन परिक्षेत्रों एवं उत्‍तर सिवनी सामान्‍य वनमण्‍डल की धुमा वनपरिक्षेत्र में वर्ष 2024 के उपरांत कराये गए व प्रगतिरत, निर्माण, लेंटाना उन्‍मूलन, वृक्षारोपण कार्यों व अन्‍य विषयों की जांच बावत शासन/विभाग को कोई पत्र/ज्ञापन स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों व जनो द्वारा शासन/विभाग को प्राप्‍त हुए हैं? यदि हाँ तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों व कब तक की जावेगी? (ग) प्रदेश के जिला पांढुर्णा, छिंदवाड़ा व सिवनी वन विकास निगम की परिक्षेत्रों व संभागीय कार्यालयों/परिसरों में 2023 से आज दिनांक तक कराये गए सभी निर्माण व वृक्षारोपण कार्यों एवं क्रय सामग्रियों की लागत, स्‍थानवार व वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें। (घ) क्‍या जिला पांढुर्णा, छिंदवाड़ा व सिवनी में वन विकास निगम की शासकीय भूमि में अवैध कब्‍जाधारियों के द्वारा बिना अनुमति निर्माण कार्य किये जाने की शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। कार्यों की वर्तमान स्थिति, लागत व कार्य का नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। उक्त कार्यों में लगी निर्माण सामग्री की मात्रा एवं गुणवत्ता का सत्यापन उप वन मण्‍डल अधिकारी/परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा किया गया है, जो इस कार्य हेतु सक्षम है। अतः शासकीय प्रयोगशाला में परीक्षण नहीं कराया गया है।            (ख) छिंदवाड़ा वन वृत्त अंतर्गत पूर्व/पश्चिम छिंदवाड़ा, वन मण्‍डल एवं पांढुर्णा सामान्‍य वन मण्डल तथा छिंदवाड़ा उत्पादन वन मण्‍डल अंतर्गत प्रश्‍नाधीन जांच बावत स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जनों द्वारा पत्र ज्ञापन प्राप्त नहीं हुए है। उत्तर सिवनी वन मण्‍डल के अंतर्गत धुमा वन परिक्षेत्र में वर्ष 2024 के उपरांत कराये गये कार्यों की जांच बावत जन प्रतिनिधि द्वारा शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है। उक्त पत्र के संबंध में उप वन मण्‍डल अधिकारी लखनादौन द्वारा जांच की गई जिसमें शिकायत असत्य एवं निराधार पाई गई। अत: शिकायत नस्ती‍बद्ध की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) केवल सिवनी जिले में एक शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत की जाँच हेतु मध्यप्रदेश वन विकास निगम के पत्र क्रमांक 1998 दिनांक 12.06.2024 से तहसीलदार सिवनी, पत्र क्रमांक 2238 दिनांक 25.06.2024 से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सिवनी एवं पत्र क्रमांक 2228 दिनांक 25.06.2024 से परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी सिवनी को सीमांकन करने एवं नक्शा दुरूस्त कराने हेतु लेख किया गया था। तहसीलदार सिवनी के ज्ञापन क्रमांक/1543/री.तह./2024, दिनांक 19.07.2024 से अवगत कराया गया कि प्रकरण माननीय न्यायालय प्रथम अपर जिला न्यायाधीश सिवनी के निर्णय दिनांक 23.09.2019 की अपील माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में होने के कारण फिलहाल कोई कार्यवाही सम्भव नहीं है।

वन मण्‍डल के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण

[वन]

179. ( क्र. 1357 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जबलपुर संभाग के वन वृत्‍त छिंदवाड़ा व जबलपुर में पदस्‍थ वन संरक्षकों के विरूद्ध स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों, जनों व संगठनों की ओर से शासन/विभाग को कोई शिकायत प्राप्‍त हुई? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? क्‍या उक्‍त वन वृत्‍तों में पदस्‍थ वन संरक्षकों की पूर्व में वनमण्‍डल अधिकारी के रूप में पदस्‍थापना के समय इमारती लकड़ी/काष्‍ट की खरीदी/परिवहन व अन्‍य अनियमितता के संबंध में शिकायत शासन/विभाग को प्राप्‍त हुई थी? यदि हाँ, तो शिकायत का विवरण देवें। उसमें क्‍या कार्यवाही की गई थी की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित  वन वृत्‍त छिंदवाड़ा के वनमण्‍डलों में पदस्‍थ वनमण्‍डल अधिकारियों व वन संरक्षकों के द्वारा वर्ष 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक अपने प्रभार के अधीनस्‍थ क्षेत्रों में किये गये निरीक्षण के दौरान की गई निरीक्षण टीप व उसका पालन प्रतिवेदन का विवरण दें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

विभागीय कार्यों हेतु भुगतान

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

180. ( क्र. 1359 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यालय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मैकेनिकल खण्ड रीवा द्वारा जल जीवन मिशन एवं अन्य विभागीय कार्य कराये जाते हैं? यदि हाँ, तो जल जीवन मिशन कार्यक्रम अंतर्गत एकल ग्राम जल प्रदाय योजना अंतर्गत रीवा जिले के विकासखण्ड रीवा, रायपुर कर्चुलियान एवं सिरमौर के ग्रामों में योजना लागू दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक कितने कार्य कराये गए? कार्यों के जारी कार्यादेश, निष्पादित अनुबंध, कार्यपूर्णता संबंधी पूर्णता/हस्तांतरण प्रमाण पत्रों की प्रतियाँ, किये गए घरेलू कनेक्शनों के उपभोक्ताओं की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) कार्यालय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मैकेनिकल खण्ड रीवा द्वारा कार्यक्षेत्र अंतर्गत कराये गये समस्त विभागीय कार्यों यथा नवीन नलकूप खनन एवं स्थापना, नलकूप पुनर्जीवन, नलकूप सफाई एवं हाइड्रो फैक्चरिंग का विवरण एवं किये गए भुगतान का विवरण वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक उपलब्ध करायें।       (ग) कार्यालय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मैकेनिकल खण्ड रीवा अंतर्गत पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के कार्य विभाजन की जानकारी तथा कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्रियों द्वारा किये गये भ्रमण/निरीक्षण/पर्यवेक्षण से सम्बंधित जानकारी वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक उपलब्ध करायें।

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। अभिलेखों की प्रतियाँ विभागीय वेबसाइट में https:// www. phed. mp. gov. in/en/Downloads  लिंक पर उपलब्ध हैं, घरेलू नल कनेक्शन के उपभोक्ताओं की जानकारी जल जीवन मिशन के पोर्टल पर उपलब्ध है, जिसका लिंक निम्नानुसार है:- https://ejalshakti.gov.in/JJM/JJMReports/Physical/JJMRep_FHTCBenefDetails.aspx (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -02 अनुसार है। (ग) अधिकारियों/कर्मचारियों के कार्य विभाजन की   जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -03 अनुसार है, भ्रमण/निरीक्षण/पर्यवेक्षण से संबंधित अभिलेख विभागीय वेबसाइट में https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads लिंक पर उपलब्ध हैं।


शासनादेशों एवं विभागीय निर्देशों का पालन एवं क्रियान्‍वयन

[सामान्य प्रशासन]

181. ( क्र. 1362 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) शासन एवं स्‍थानीय निकायों के कार्यालयों में फाइलों के संचालन, संधारण और निराकरण के क्‍या एवं कौन-कौन से आदेश/निर्देश वर्तमान में लागू हैं और शासन एवं स्‍थानीय निकायों के कार्यालयों में निर्माण एवं विकास कार्यों की फाइलों को निराकरण किस प्रकार किन शासनादेश एवं विभागीय निर्देशों के तहत किया जाता है? (ख) क्‍या कार्यालय आने वाले आगंतुकों/नागरिकों की सुविधा हेतु समुचित व्‍यवस्‍था किए जाने के आदेश/निर्देश शासन/विभागों द्वारा जारी है? हाँ तो क्‍या और कटनी जिले में शासन/निकायों के कार्यालयों में शासनादेश/विभागीय निर्देशों के पालन में कार्यालयवार उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दें। नहीं तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) कार्यालय में किस मांग एवं आवश्‍यकता से निर्माण एवं मरम्‍मत के क्‍या-क्‍या कार्य, कितनी-कितनी लागत से विगत 03 वर्षों में किन सक्षम प्राधिकारियों के किन-किन आदेशों से कब-कब कराये गए? इन कार्यालयों में नागरिक की सुविधा के क्‍या-क्‍या संसाधन उपलब्‍ध हैं? क्‍या इन सुविधाओं में विगत 03 वर्षों में बढ़ोत्‍तरी की गयी? हाँ तो क्‍या, नहीं तो क्‍यों? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क) से (ग) वर्णित शासन/स्‍थानीय निकायों के कार्यालयों में आदेशों/निर्देशों के विपरीत कार्य संचालन और कार्यालय आने वाले आगंतुकों/नागरिकों हेतु संसाधन की उपलब्‍धता न होने का संज्ञान लिया जाकर कोई कार्यवाही की जायेगी? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मंत्रालयीन कार्य प्रणाली पुस्तिका (संगठन तथा कार्यप्रणाली), मध्‍यप्रदेश जिला कार्यालय (कलेक्‍टर मैनुअल), ई-ऑफिस कार्य प्रणाली, सामान्‍य प्रशासन आदेश दिनांक 30/05/2009, 26/08/2005 एवं विभिन्‍न विभागों के विभागीय मैनुअल अनुसार किया जाता है, जिसकी  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘अनुसार है। (ख) जिले में शासन निकायों के कार्यालयों में आगंतुकों के लिये बैठने, पेयजल, शौचालय प्रसाधन, शिकायत पेटी, पार्किंग इत्‍यादि की समुचित व्‍यवस्‍था है। (ग) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।                              (घ) कार्यालय आने वाले आगंतुकों/नागरिकों हेतु संसाधन उपलब्‍ध कराने की सतत कार्यवाही बजट उपलब्‍धता अनुसार की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

वन्‍य अभयारण्य में किये गए निर्माण कार्य

[वन]

182. ( क्र. 1367 ) श्री मोहन शर्मा : क्या राज्‍य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्या विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत वन्य अभयारण्य नरसिंहगढ़ में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य किये गये हैं तथा इस हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? वर्षवार प्रश्‍न दिनांक तक बतायें। (ख) शासन द्वारा उक्त वर्षों में स्वीकृत राशि में से कहाँ-कहाँ निर्माण कार्य किये गये है एवं निर्माण कार्य की एजेन्सी कौन सी है? नाम बतायें। (ग) क्या वन विभाग द्वारा वन्य अभ्यारण क्षेत्र में तार फेंसिंग एवं रपटा  निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ और कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार बतायें। (घ) क्या वन विभाग द्वारा नगर नरसिंहगढ़ में नगर वन का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो नगर वन में क्या-क्या कार्य हुए हैं और क्या-क्या होना बाकी है? कार्यों की राशि सहित बतायें।

राज्‍य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्र में वन्यप्राणी अभयारण्य नरसिंहगढ़ में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कराये गये निर्माण कार्यों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।

माननीय सांसद एवं विधायकों सम्‍बद्ध कर्मियों की गोपनीय चरित्रावली

[सामान्य प्रशासन]

183. ( क्र. 1369 ) श्री देवेन्‍द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्रश्‍नकर्ता के अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 829 (सत्र जुलाई-अगस्त 2025) में प्रश्‍नांश (क) के उत्तर में जानकारी दी गई है कि माननीय सांसद एवं विधायकों के यहां कार्यालयीन कार्य हेतु अटैचमेंट किये गए कर्मचारियों के अटैचमेंट की अवधि में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 19 मई 1995 के निर्देशों के अनुसार गोपनीय चरित्रावली फोल्डर में नो-रिपोर्ट प्रमाण पत्र लिखे जाने के निर्देश हैं क्या ऐसे कर्मचारियों की उक्त अवधि में कोई सी.आर. नहीं लिखी जावेगी? स्पष्ट करें।                                  (ख) मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 में पदोन्नति हेतु कर्मचारियों के विगत 05 वर्षों के गोपनीय प्रतिवेदन के आधार पर पदोन्नति की जाना है? ऐसी स्थिति में ऐसे कर्मचारी जो निरंतर 10 या अधिक वर्षों से माननीय सांसद/विधायक के यहां अटेचमेंट हैं अथवा रहे हैं तथा उनकी विगत 10 वर्षों के गोपनीय चरित्रावली में नो रिपोर्ट प्रमाण पत्र अंकित हैं? ऐसी स्थिति में पदोन्‍नति हेतु उन कर्मचारियों की पूर्ववर्ती 05 वर्ष की गोपनीय चरित्रावली रिपोर्ट में नो रिपोर्ट प्रमाण पत्र होने के कारण पदोन्नति हेतु उनके गोपनीय प्रतिवेदन की गणना किस प्रकार से होगी? क्या नो रिपोर्ट होने की स्थिति में उन्हें पदोन्नति से वंचित रखा जायेगा? इन कर्मचारियों की पदोन्‍नती के लिये क्या प्रावधान किये गए है? गणना के उदाहरण सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें, कि ऐसे कर्मचारियों को किस प्रकार पदोन्‍नत किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभागीय परिपत्र क्रमांक एफ ए 10-15/94/एक (1) दिनांक 19 मई, 1995 की कंडिका-9 अनुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। पूर्व पदोन्‍नति नियम की कंडिका 6 (5) में भी पूर्ववर्ती 5 वर्षों के गोपनीय प्रतिवेदनों के आधार पर पदोन्‍नति का प्रावधान था। वर्तमान में ऐसा कोई वास्‍तविक प्रकरण उपस्थित नहीं हुआ है, उपस्थित होने पर मध्‍यप्रदेश लोक सेवा पदोन्‍नति नियम, 2025 के नियम-24 निर्वचन संबंधी कठिनाईयों को दूर करने की शक्ति के अनुसार विनिश्‍चय किये जाने का प्रावधान है। किसी वास्‍तविक स्थिति/जानकारी के अभाव में गणना या उदाहरण दिया जाना संभव नहीं है।

बडौदी शिवपुरी में औद्योगिक इकाइयों  की स्‍थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

184. ( क्र. 1370 ) श्री देवेन्‍द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्या जिला शिवपुरी अंतर्गत एमपीआईडीसी के औद्योगिक क्षेत्र फूड क्लस्टर बडौदी में औद्योगिक इकाइयों  की स्थापना हेतु आवंटित भू-खण्डधारकों द्वारा आवंटन के समय निर्धारित शर्तों की पूर्ति‍ नहीं होने पर विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में की गई कार्यवाही का सम्पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में यदि भूखण्ड धारकों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है, तो निर्धारित शर्तों की पूर्ति‍ नहीं करने वालों के विरूद्ध अब तक कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण सहित जानकारी दें। संबंधितों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र फूड कलस्‍टर बडौदी, जिला शिवपुरी में भूखण्‍ड धारकों द्वारा आवंटन के समय निर्धारित शर्तों की पूर्ति नहीं होने से 31 इकाइयों  को 60 दिवसीय सूचना पत्र जारी किये गये। इकाइयों  द्वारा जारी सूचना पत्रों का संतोषजनक उत्‍तर नहीं दिये जाने के कारण 21 इकाइयों  के आवंटन आदेश निरस्‍त किये गये। (ख) उत्‍तरांश (क)  के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नवीन पुलिस चौकी एवं सहायता केन्‍द्र की स्‍थापना

[गृह]

185. ( क्र. 1371 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गृह विभाग में विधानसभा क्षेत्र कोलारस में पुलिस थाना इंदौर के अन्तर्गत पुलिस सहायता केन्द्र खतौरा को पुलिस चौकी बनाये जाने एवं नवीन पुलिस चौकी गणेशखेड़ा/पिपरौदा एवं पुलिस सहायता केन्द्र पचावली (रन्नौद तिराहा) के संबंध में पुलिस अधीक्षक शिवपुरी के माध्यम से प्रस्ताव गृह विभाग को प्रेषित किये गये है? (ख) यदि हाँ तो क्या उक्त पुलिस चौकी सहायता केन्द्र के संबंध में स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? यदि नहीं तो उसके क्या कारण हैं व उनकी वर्तमान अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) पुलिस अधीक्षक शिवपुरी के माध्मय से थाना इंदार के अंतर्गत पुलिस सहायता केन्द्र खतौरा को पुलिस चौकी बनाये जाने एवं नवीन पुलिस चौकी गणेशखेड़ा/पिपरौदा के स्थान पर उनके नजदीक स्थित ग्राम लेवा में चौकी का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय, भोपाल को प्राप्त हुए थे, जो परीक्षण में मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने से पुलिस मुख्यालय स्तर पर नस्तीबद्ध किये गये हैं। पचावली (रन्नौद तिराहा) के संबंध में पुलिस अधीक्षक शिवपुरी से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) उत्तरांश (क) में समाहित हैं।

प्रदेश में बाल विवाह रोका जाना

[महिला एवं बाल विकास]

186. ( क्र. 1474 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक बाल विवाह के कितने मामले सामने आए है जिनमें लडकी की उम्र 18 वर्ष से कम पाई गई है? कृपया वर्षवार तथा जिलेवार संख्या उपलब्‍ध कराए। (ख) उक्त अवधि में हुए बाल विवाह में से कितनी बालिका वधुओं ने शिशुओं को जन्म दिया है? इनमें से कितने शिशुओं की मृत्यु हुई है? (ग) मध्यप्रदेश में बाल विवाह रोकने के लिए सरकार ने उक्त अवधि में क्या कदम उठाए है? कितने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) मध्यप्रदेश में मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक रोके गए बाल विवाह की वर्षवार तथा जिलेवार  जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश '''' के सन्दर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बाल विवाह रोकने के लिए सरकार द्वारा प्रदेश में बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किये गए हैं। ‘’बेटी बचाओ बेटी पढाओ’’ के तहत प्रति माह सुनियोजित कार्ययोजना अनुसार गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। अक्षय तृतीया एवं देव उठनी एकादशी पर व्यापक प्रचार-प्रसार, जागरूकता अभियान के तहत अपील जारी करना, कार्यशाला, रैली, नुक्वड नाटक, बाल चौपाल आदि का आयोजन किया जाता है। बाल विवाह रोकने के लिए जिले एवं ब्लाक स्तर पर विशेष टीमें गठित कराना, सूचना दल, उड़न दस्ता, कंट्रोल रूम का गठन और नियंत्रण कक्ष स्थापित किये जाते है। शेष प्रश्‍न की जानकारी निरंक है।

परिशिष्ट - "बावन"