मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
जुलाई, 2024 सत्र


मंगलवार, दिनांक 02 जुलाई, 2024


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



अपराधियों पर कार्यवाही की जानकारी

[गृह]

1. ( *क्र. 591 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) क्या मुरैना जिले के थाना जौरा में FIR 719, दिनांक 30.11.2023 के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है? अरोपियों को कब तक गिरफ्तार किया जायेगा? (ख) क्या जौरा विधानसभा में कानून व्यवस्था की हालत बहुत गंभीर है? जनवरी 2023 से लेकर जून 2024 तक कितने अपराध हुये एवं कितने अपराधी, आरोपी गिरफ्तार एवं कितने फरार हैं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जी हाँ। थाना जौरा के अपराध क्रमांक 719/23, धारा 365, 342, 294, 323, 506 भा.द.वि. के प्रकरण में आरोपी मुलायम सिंह की गिरफ्तारी हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं तथा संभावित स्थानों पर दबिश की कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण विवेचना में है। गिरफ्तारी की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जौरा विधान सभा क्षेत्र में कानून व्यवस्था सुदृढ़ है। हाल ही में विधान सभा एवं लोक सभा चुनाव शांति पूर्वक रूप से सफलतापूर्वक संपन्न कराये गये हैं। अपराध एवं अपराधियों पर ठोस नियंत्रण है। जनवरी 2023 से प्रश्‍न प्राप्ति दिनांक 10 जून, 2024 तक जौरा विधान सभा क्षेत्र में कुल 2017 अपराध घटित हुये हैं, जिनमें 322 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है तथा फरार घोषित आरोपियों की संख्या निरंक है।

थाना-चौकियों की सीमाओं का निर्धारण

[गृह]

2. ( *क्र. 435 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन गृह विभाग मंत्रालय के आदेश क्र. 01/1770880/2023/बी-3/दो भोपाल, दिनांक 02.1.2024 के अनुसार थाना चौकियों की सीमाओं का निर्धारण किया जाना था, जिसमें खरगापुर विधान सभा के ग्राम-फूलपुर, भटगोरा, गुड़ा, नज, पाली, मोररमन्ना, मगरई, पाली को थाना खरगापुर से हटाकर थाना जतारा में जोड़े जाने की प्रार्थना की गई थी? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित ग्रामों को थाना खरगापुर से अपवर्जित कर थाना जतारा में जोड़े जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 767 पर सदन में चर्चा की गई, जिसमें प्रश्‍नकर्ता को मान. संसदीय कार्य मंत्री महोदय द्वारा बताया गया कि आशा सिंह के द्वारा याचिका मान. उच्च न्यायालय में लगाई गई है, उसे वापिस ले लें तब सरकार विचार करेगी? (ग) क्या आशा सिंह द्वारा उक्त याचिका मान. उच्च न्यायालय जबलपुर से दिनांक 26.02.2024 को W.P. नं. 12224 वापिस लिये जाने का आवेदन पत्र दे दिया है और याचिका वापिस कर ली गई है? क्‍या सरकार क्षेत्र की आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुये ग्राम-फूलपुर भटगोरा, गुड़ा नज.पाली, मोररमन्ना मगरई, पाली को थाना खरगापुर से अपवर्जित कर थाना जतारा में जोड़े जाने के आदेश कब तक जारी कर दिये जावेंगे? कृपया समयावधि बतायें यदि आदेश जारी नहीं किये जा सकते हैं तो कारण                स्‍पष्‍ट करें।  

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जी हाँ। खरगापुर विधान सभा के ग्राम फूलपुर, भटगोरा, गुड़ा, नज, पाली, मोररमन्ना, मगरई, पाली को थाना खरगापुर से हटाकर थाना जतारा में जोड़े जाने की प्रार्थना की गई थी, उक्त ग्रामों के परिसीमन संबंधी याचिका क्रमांक wp 12224/2022 (पी.आई.एल.) आशा सिंह गौर विरूद्ध म.प्र. राज्य एवं अन्य माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में लंबित होने से समिति द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। आशा सिंह द्वारा दिनांक 22.06.2024 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक wp 12224/2022 (पी.आई.एल.) को वापिस लिये जाने हेतु आवेदन पत्र दिया गया है, जो वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, माननीय उच्च न्यायालय में सुनवाई हेतु दिनांक 18.06.2024 नियत थी, जिसमें सुनवाई नहीं हुई अग्रिम संभावित दिनांक 08.07.2024 लगाई गई है। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप आगामी उचित कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आंगनवाड़ी भवनों की स्थिति

[महिला एवं बाल विकास]

3. ( *क्र. 466 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले के 18 भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी एवं उप आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या विगत 04 वर्षों में ग्वालियर जिले में परियोजना कार्यालय सह प्रशिक्षण केन्द्र स्वीकृत किये गये थे? यदि हाँ, तो कितने एवं कहां-कहां? (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में परियोजना कार्यालय सह प्रशिक्षण केन्द्र/आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं तथा कितने अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं? ये कब तक पूर्ण किये जायेंगे, इनकी स्वीकृति‍ वर्ष, राशि, क्रियान्वयन एजेन्सी एवं मद सहित सूची उपलब्ध करायें। निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने का कारण स्पष्ट करें तथा निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) विधानसभा क्षेत्र भितरवार में जनसंख्या के मान से कितने आंगनवाड़ी केन्द्र/उप आंगनवाड़ी केन्द्रों की आवश्यकता है? क्या जहां आवश्यक है, वहां केन्द्र खोले जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) ग्वालियर जिले के 18 भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 70 आंगनवाड़ी एवं 30 उप आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) 18 भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 30 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन/अपूर्ण एवं 32 आंगनवाड़ी भवन अप्रारंभ हैं। इनके स्वीकृति‍ वर्ष, राशि, क्रियान्वयन एजेन्सी, मद एवं निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने के कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र 18 भितरवार में अंतर्गत जनसंख्‍या के मान से 55 आंगनवाड़ी केन्द्र/उप आंगनवाड़ी केन्द्रों की आवश्यकता है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की स्‍वीकृति प्रदान नहीं की गई है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित              नहीं होता।

जीर्ण-शीर्ण आंगनवाड़ी भवन और विद्युत व्यवस्था

[महिला एवं बाल विकास]

4. ( *क्र. 470 ) श्री विपीन जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर जिले अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, जो विभाग के अन्य शासकीय भवन और किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं? (ख) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 580, दिनांक 09.02.2024 के परिशिष्ट (ब) में अपूर्ण तीन आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य कब तक पूरा कर लिया जायेगा? निर्माण कार्य में देरी के क्या कारण हैं? (ग) क्या जिले अंतर्गत संचालित सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बिजली कनेक्शन होकर प्रकाश हेतु लाइट, विद्युत पंखे आदि की व्यवस्था है और यदि नहीं, तो किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बिजली कनेक्शन, विद्युत व्यवस्था नहीं है, सूची देवें बिजली व्यवस्था कब तक कर दी जायेगी? (घ) क्या शहरी क्षेत्र में संचालित किराए के आंगनवाड़ी भवनों को समय पर किराया न देने और वर्तमान महंगाई अनुसार कम किराया देने के कारण अच्छे आंगनवाड़ी केंद्र भवन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) मंदसौर जिले अंतर्गत 18 आंगनवाड़ी भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, जो अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे हैं। (ख) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 580, दिनांक 09.02.2024 के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' में अपूर्ण 03 आंगनवाड़ी भवनों में से 02 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है। निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य शीघ्र पूर्ण करने का लेख किया गया है। शेष 01 आंगनवाड़ी भवन में स्‍थल विवाद होने से प्रकरण न्‍यायालय में प्रचलित है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी, नहीं, विद्युत व्‍यवस्‍था विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युत व्यवस्था वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शहरी क्षेत्र के किराये पर संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्र के भवनों का माह मई 2024 तक का किराया भुगतान किया जा चुका है। शासन द्वारा निर्धारित मापदण्‍ड एवं राशि अनुसार किराये पर संचालित आंगनवाड़ी भवनों का किराया भुगतान किया जा रहा है।

दैनिक वेतन भोगी/संविदा कर्मचारियों का नियमिती‍करण

[सामान्य प्रशासन]

5. ( *क्र. 104 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा दैनिक वेतन भोगी/संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की क्‍या योजना है? (ख) वर्ष 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक शासन ने कितने कर्मचारी नियमित किये हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में जिन कर्मचारियों को प्रश्‍न दिनांक तक नियमित नहीं किया गया है, उन्‍हें कब तक नियमित कर दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्रीमती कृष्‍णा गौर) : (क) सामान्‍य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-5-3/2006/1/3, दिनांक 16 मई, 2007 तथा समय-समय पर जारी स्‍पष्‍टीकरण/संशोधन अनुसार दैनिक वेतन भोगियों को विभाग में रिक्‍त उपलब्‍ध पदों पर नियमितीकरण की कार्यवाही के निर्देश हैं। नवीन संविदा नीति दिनांक 22 जुलाई, 2023 में उल्‍लेखित मापदण्‍ड अनुसार संविदा पर नियुक्‍त अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति का अवसर प्रदान करने का प्रावधान है। (ख) पात्रतानुसार/नियमानुसार कर्मचारियों को नियमित किया गया है। (ग) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बिंजलवाड़ा उदवहन सिंचाई परियोजना

[नर्मदा घाटी विकास]

6. ( *क्र. 582 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बिंजलवाड़ा उदवहन सिंचाई परियोजना की स्वीकृति‍ कब और कितनी राशि‍ की जारी की गई थी? इसकी पूर्ण करने की समयावधि क्या निर्धारित की गई थी? वर्तमान तक परियोजना में कितनी राशि‍ का व्यय हो चुका है तथा कार्य की भौतिक स्थिति क्या है तथा परियोजना कब तक पूर्ण की जायेगी? क्या उक्त परियोजना की स्वीकृत राशि‍ में बढ़ोत्‍तरी की गई है? हाँ तो वर्तमान स्वीकृत राशि‍ क्या है? क्या पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा जून 2023 में कार्य पूर्ण कर लोकार्पण करने की खरगोन सभा के दौरान घोषणा की गई थी? हाँ तो क्या कारण है कि जून 2024 तक कार्य अधूरा एवं अपूर्ण है तथा इसके लिए कौन दोषी है? उक्त परियोजना का कार्य विलम्ब करने के कारण वर्तमान तक संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है तथा सिंचाई हेतु किसानों को कब पानी उपलब्ध होगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री धर्मेन्‍द्र भाव सिंह लोधी) : प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 02.12.2016 को राशि रू. 745.00 करोड़ की। दिनांक 19.10.2021 थी। राशि रू. 731.31 करोड़। परियोजना का 87 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है एवं योजना, दिनांक 31.12.2024 तक पूर्ण हो जायेगी। प्रश्‍न दिनांक तक नहीं की गई है। जी हाँ। पम्प हाउस क्रमांक-1 से 5000 हेक्‍टेयर क्षेत्र में टेस्टिंग कर पानी दिया जा रहा है। भू-अर्जन में देरी तथा एम.पी.पी.टी.सी.एल. के द्वारा पम्‍प हाउस क्रमांक-03 पर कनेक्‍शन हेतु अंदड विद्युत सब स्‍टेशन पर फीडर-बे का निर्माण डेढ़ वर्ष पश्‍चात नहीं किया गया है, जिसके कारण विद्युत कनेक्‍शन प्राप्‍त न होने से योजना अपूर्ण है। अत: कोई दोषी नहीं है। दिनांक 16.02.2024 को ब्‍लैक लिस्‍ट किया गया एवं जून 2023 की                समय-सीमा समाप्‍त होने के पश्‍चात ठेकेदार को बढी़ हुई मूल्‍यवृद्धि नहीं दी जा रही है। एम.पी.पी.टी.सी.एल. से विद्युत संयोजन कार्य उपरांत रबी सीजन वर्ष 2024-25 में सिंचाई हेतु जल प्रदाय किया जाना लक्षित है।

नहरों के रख-रखाव में उदासीनता

[नर्मदा घाटी विकास]

7. ( *क्र. 461 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बरगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली बाँयीं तट मुख्य नहर माइनर, डिस्ट्रीब्‍यूटरी नहरों के सुधार, सफाई एवं लाईनिंग की रिपेयरिंग हेतु विगत 5 वर्षों में नहर वार कितने कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये? नहर वार, राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित वर्षवार जानकारी दें? क्या सफाई एवं रख-रखाव नहीं होने से अनेक नहरों में टेल तक पानी नहीं पहुँच रहा है? बेलखेड़ा माइनर, गुबराकलाँ माइनर आदि किन-किन नहरों में पानी टेल तक नहीं पहुँच रहा है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री धर्मेन्‍द्र भाव सिंह लोधी) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। पानी पहुँचाया गया है।

प्रदेश में उत्पादित शराब की अन्य प्रदेशों में तस्करी

[वाणिज्यिक कर]

8. ( *क्र. 546 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक शराब उत्पादन का कार्य किया जाता है? वर्षवार/जिलेवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रदेश में उत्पादित शराब का गोरख धंधा किया जाकर अन्य प्रदेशों के परमिटों के माध्यम से तस्करों को बेचा जा रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन तस्करों के माध्यम से         कितनी-कितनी आबादी वाले किन-किन प्रदेशों में मध्यप्रदेश में बनाई जाने वाली शराब अवैध रूप से बेची जा रही है? प्रदेशों की सूची सहित अवगत करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अन्य प्रदेशों में की जाने वाली शराब तस्करी में कौन-कौन जिम्मेदार, अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? क्या दोषियों पर प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्रवाई की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो करवाई न किए जाने के क्या कारण हैं?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक जिन जिलों में शराब उत्पादन का कार्य किया जाता है, की वर्षवार/जिलेवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में संचालित मदिरा विनिर्माणी इकाइयों से उत्‍पादित शराब का गोरखधंधा किया जाकर अन्‍य प्रदेशों के परमि‍टों के माध्‍यम से तस्‍करों को बेचे जाने संबंधी कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍नांश '''' की जानकारी निरंक है।

परिशिष्ट - "एक"

अवैध उत्‍खनन तथा अवैध क्रेशर का संचालन

[खनिज साधन]

9. ( *क्र. 511 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्या ग्राम पंचायत सिंगरावन खुर्द जनपद पंचायत नौगांव द्वारा शासकीय पहाड़ी को खोदकर गौशाला निर्माण कराई जा रही है? इस पहाड़ी की मिट्टी को निजी उपयोग हेतु प्रस्तावित पेट्रोल पम्प पर फोरलेन किनारे उपयोग किया है? इन पर मनरेगा राशि के गलत उपयोग एवं खनिज विभाग के नियमों के उल्लंघन के कारण राजस्व हानि की वसूली कब तब की जायेगी?                                              (ख) क्या तहसील नौगांव के सर्किल लुगासी अंतर्गत खकरी-वीरपुरा मौजा के खसरा नं. 919 एवं मौजा नयागांव के खसरा नं. 1245 पर बने प्राचीन मंदिर को तोड़कर पहाड़ी पर अवैधानिक उत्खनन कर मुरम व पत्थर बेचा जा रहा है? राजस्व हानि की वसूली कब तक की जायेगी?                            (ग) क्या कुछ लोगों द्वारा अवैध क्रेशर का संचालन के लिए पर्यावरण विभाग की अनुमति एवं पंचायत की स्वीकृति प्राप्त की गई है? यदि नहीं, तो क्रेशर संचालक के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नौगांव से प्राप्‍त जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत सिंगरावन खुर्द जनपद पंचायत नौगांव में मनरेगा योजना अंतर्गत गौशाला स्‍वीकृत की गई है। प्रगतिरत गौशाला में पुराई कार्य हेतु मिट्टी पहाड़ि‍यों से ली गई है। पहाड़ी की मिट्टी को निजी उपयोग हेतु प्रस्‍तावित पेट्रोल पम्‍प पर फोरलेन किनारे उपयोग नहीं किया गया है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) तहसील नौगांव के ग्राम खकरी-वीरपुरा के खसरा नंबर 919 एवं मौजा नयागांव के खसरा नंबर 1245 में मौके पर पहाड़ी पर प्राचीन मंदिर के अवशेष नहीं पाये गये। उत्‍खनन नियमानुसार समस्‍त वैधानिक अनुमतियाँ प्राप्‍त कर किया गया है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) क्रेशर संचालन हेतु पर्यावरण विभाग की अनुमति एवं पंचायत की स्‍वीकृति नियमानुसार प्राप्‍त की गई है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दर्ज अपराधों में की गई कार्यवाही और लंबित प्रकरण

[गृह]

10. ( *क्र. 296 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) शिवपुरी जिले में दिनांक 01.01.2023 से 03.06.2024 तक हत्या और हत्‍या का प्रयास, चोरी, लूटपाट, डकैती, बलात्कार, छेड़खानी, मादक पदार्थ बिक्री, मादक पदार्थ सेवन से मृत्यु, नकबजनी, महिला/पुरूष अपहरण, बालक/बालिका अपहरण, गुमशुदगी, साइबर अपराध, धोखाधड़ी, गैंगवार, आगजनी, मारपीट, जुआ-सट्टा, अवैध-वैध शराब जप्ती, राहजनी, वाहन/माल जप्ती के कितने-कितने प्रकरण किन-किन थाना क्षेत्रों में दर्ज हुए? माहवार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश '' के अंतर्गत दर्ज अपराधों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितने अपराधों की जांच पूर्ण कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया किन-किन अपराधों का चालान प्रश्‍न दिनांक तक प्रस्तुत नहीं किया गया? चालान प्रस्तुत न किये जाने का क्या कारण है? (ग) चोरी की घटनाओं में से कितनी घटनाओं में चोरी गये माल की बरामदगी नहीं हुई? माल बरामद न होने का क्या कारण है? (घ) प्रश्‍नांश '' में वर्णित अपराधों में से कितने अपराधों में जांच प्रचलित है, उक्त जांच कब तक पूर्ण होगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''             अनुसार है।

औद्योगिक क्षेत्रों का विस्‍तार

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

11. ( *क्र. 747 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) मध्‍यप्रदेश में विभाग द्वारा वर्तमान में कितने स्‍थानों पर नए औद्योगिक क्षेत्र स्‍थापित किए जाने की कार्रवाई की जा रही है? जिलेवार प्रस्‍तावित नवीन औद्योगिक क्षेत्र की जानकारी देवें एवं बताएं कि महाकौशल के केन्‍द्र बिन्‍दु जबलपुर में औद्योगिक विकास को प्रोत्‍साहित करने हेतु                      कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) प्रस्‍तावित औद्योगिक क्षेत्र में निवेशकों को भूमि उपलब्‍ध हो सके, यह कार्यवाही कब तक पूर्ण हो सकेगी? (ग) ऐसे निवेशक/उद्योगपति/निर्माता हेतु विभाग की क्‍या नीति एवं नियम है, जो औद्योगिक क्षेत्र में भूमि आवंटन तथा औद्योगिक इकाई की स्‍थापना होने के उपरांत अन्‍य निवेशक/निर्माता को भूमि हस्‍तांतरित करना चाहते हैं? (घ) क्‍या उक्‍त प्रकार के हस्‍तांतरण की प्रक्रिया को सरल एवं हस्‍तांतरण शुल्‍क कम करने की दिशा में सरकार द्वारा कोई सकारात्‍मक पहल प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग की अधीनस्‍थ एम.पी. इण्‍डस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा वर्तमान में 31 स्‍थानों पर नवीन औद्योगिक क्षेत्र स्‍थापित किए जाने की कार्यवाही की जा रही है, जिसकी सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 (स्‍थापनाधीन) पर तथा जिलेवार प्रस्‍तावित नवीन औद्योगिक क्षेत्र की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार एम.एस.एम.ई. विभाग द्वारा वर्तमान में स्‍थापित किये जाने वाले औद्योगिक क्षेत्र/क्‍लस्‍टरों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। एम.पी. इण्‍डस्ट्रियल डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा जिला जबलपुर में औद्योगिक क्षेत्र उमरिया डुंगरिया फेस-I, औद्योगिक क्षेत्र उमरिया-डुंगरिया फेस-II एवं औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ संधारित हैं एवं औद्योगिक क्षेत्र उमरिया-डुंगरिया फेस-I विस्‍तार में अधोसंरचना विकास कार्य प्रचलन में है। महाकौशल के केन्‍द्र बिन्‍दु जबलपुर जिले में ही नहीं अपितु संपूर्ण प्रदेश में निवेश आकर्षित करने एवं रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने की दृष्टि से वृहद श्रेणी की औद्योगिक एवं निवेश परियोजनाओं को सुविधा/सहायता का लाभ प्रदान करने हेतु उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित) प्रभावशील है। (ख) प्रस्‍तावित औद्योगिक क्षेत्रों में निवेशकों को औद्योगिक क्षेत्र के अधोसंरचना विकास कार्य पूर्ण हो जाने के उपरांत भूमि आवंटन की कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन हेतु मध्‍यप्रदेश राज्‍य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) लागू है। उक्‍त नियमों में आवंटित भूमि का हस्‍तांतरण करने हेतु भी समुचित प्रावधान है, जिसके अनुसार आवंटी इकाई को भूमि आवंटन के समय प्रस्‍तुत परियोजना की कम से कम 25 प्रतिशत स्‍थाई पूंजी (भूमि के मूल्‍य को छोड़कर) का निवेश अथवा राशि रू. 50 करोड़ का स्‍थाई निवेश (जो भी कम हो) होने पर ही भूमि हस्‍तांतरण की पात्रता होगी। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार वर्तमान में म.प्र. एम.एस.एम.ई. को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 प्रचलित है, जिसके प्रावधान अनुसार औद्योगिक क्षेत्र में भूमि का आवंटन एवं हस्‍तांतरण किया जाता है। (घ) भूमि हस्‍तांतरण की प्रक्रिया सरल है एवं वर्तमान में हस्‍तांतरण की दरों को कम किये जाने संबंधी कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट - "दो"

जिम्‍मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

12. ( *क्र. 642 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में स्थित चन्‍द्रपुरा औद्योगिक क्षेत्र का नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय छतरपुर से वर्ष 2010 में अभिन्‍यास (नक्‍शा) स्‍वीकृत किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो इस नक्‍शा के तहत औद्योगिक क्षेत्र में प्‍लाटों का आवंटन किया गया? क्‍या सड़कें नक्‍शे के अनुसार बनाई गईं और पार्कों के लिए स्‍थान नक्‍शानुसार छोड़े गए?                                           (ग) वर्ष 2010 में स्‍वीकृत नक्‍शा के बाद कोई संशोधन किया गया? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध करावें। यदि नहीं, तो किसके आदेश से 2010 के नक्‍शा में किसके आदेश से संशोधन मौके पर किया गया? (घ) क्‍या चन्‍द्रपुरा औद्योगिक क्षेत्र में प्‍लाटों के हस्‍तांतरण में की गई अनियमितताओं की शिकायतें प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त हुई? यदि हाँ, तो जांचकर्ता अधिकारी कौन थे? जांच अभिमत की प्रमाणित प्रतियां दें।

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी हाँ। छतरपुर जिले में स्थित चंद्रपुरा औ‌द्योगिक क्षेत्र का नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय, छतरपुर से वर्ष 2010 में अभिन्यास (नक्शा) संशोधित कर स्वीकृत किया गया था। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश (क) उल्लिखित नक्शे के अनुसार ही औ‌द्योगिक क्षेत्र में प्लाटों का आवंटन किया गया है। औ‌द्योगिक क्षेत्र में बहुत बड़े-आकार के गड्ढे, निजी भूमि स्वामियों की भूमि आ जाने आदि के कारण कुछ सड़क निर्माण छोड़ दिया गया है। परंतु पार्कों के लिये स्थान नक्शानुसार छोड़े गये हैं। (ग) जी नहीं। वर्ष 2010 में स्वीकृत नक्शा के बाद कोई संशोधन नहीं किया गया है। 2010 के स्वीकृत नक्शे में मौके पर भी कोई संशोधन नहीं किया गया है। यद्यपि भूमि का आधिपत्य प्राप्त करते समय जरीब से की गई नाप एवं वर्तमान में गूगल मैप के कारण तथा राजस्व विभाग/औकेविनि, ग्वालियर के तकनीकी अधिकारियों द्वारा कराई गई नाप व सीमाओं के चिह्नांकन के उपरांत वर्तमान में कुछ भू-खण्डों पर निजी भू-स्वामियों द्वारा उठाई जा रही आपत्तियों के समाधान हेतु विभागीय स्तर पर कार्रवाही प्रारंभ की गई है, जिससे उद्यमियों व भू-स्वामियों के विवाद का निपटारा हो सके। (घ) जी हाँ, चन्द्रपुरा औ‌द्योगिक क्षेत्र में प्लाटों के हस्तांतरण में की गई अनियमितताओं की शिकायतों की जांच हेतु संयुक्त संचालक उ‌द्योग परिक्षेत्रीय उ‌द्योग कार्यालय सागर को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्ति किया गया है, संयुक्त संचालक उ‌द्योग परिक्षेत्रीय उ‌द्योग कार्यालय सागर से जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है।

संचालित आंगनवाड़ी केंद्र एवं नियुक्तियों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

13. ( *क्र. 576 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं? कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र भवन में संचालित हैं एवं कितने भवन विहिन हैं? कितने आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं या अधूरे पड़े हैं? अधूरे पड़े भवन कब तक पूर्ण कर दिए जायेंगे एवं किस कारण से अपूर्ण है एवं जहां भवन नहीं है? वहां कब तक स्वीकृत कर दिये जायेंगे। (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की नियुक्ति की गई? क्या नियुक्तियां नियमानुसार व योग्यता के आधार पर की गई हैं? नियुक्तियों में कितनी दावे आपत्तियां प्राप्त हुई, क्या सभी दावे आपत्तियों का हल कर दिया गया है? आंगनवाड़ीवार, योग्यता एवं दावे आपत्तियों की प्रति देवें। यदि नियुक्तियां नियम विरुद्ध की गई तो संबंधित पर क्या कार्यवाही की गई है?  

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) 325, 194 विभागीय भवनों में, 79 अन्य शासकीय भवनों, 52 किराये के भवनों एवं 46 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं। इन भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु राशि जिला पंचायत उज्जैन को उपलब्ध कराई गई है। निर्माण कार्य प्रगतिरत है। विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।                         (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में नियुक्त की गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी हाँ। नियुक्तियों में कुल 17 दावे आपत्तियां प्राप्त हुई है एवं सभी दावे आपत्तियों का हल कर दिया गया है। आंगनवाड़ीवार, योग्यता एवं दावे आपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। नियुक्तियां नियमानुसार किये जाने के कारण शेष जानकारी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मुख्‍यमंत्री लाड़ली बहना योजना की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

14. ( *क्र. 473 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना किस उद्देश्य से प्रारंभ की गई थी एवं मंत्रीमण्डल की बैठक में उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु जो विभागीय संक्षेपिका एवं प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया, उसकी छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं मंत्रीमण्डल बैठक में उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु लिये गये निर्णय एवं आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में महिलाओं को लाभ लेने हेतु विभाग द्वारा प्रथम बार कौन-कौन सी योग्यता एवं शर्तें निर्धारित की गईं थी एवं उक्त योजना का लाभ लेने हेतु योग्यता एवं शर्तों में क्या-क्या संशोधन प्रश्‍न दिनांक तक किये गये? सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश "क" में उल्लेखित मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना क्रियान्वयन दिनांक से प्रश्‍न दिनांक की अवधि में वर्षवार एवं माहवार कितनी पात्र महिलाओं/हितग्राहियों को प्रतिमाह कुल कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है। पात्र महिला हितग्राहियों की कुल संख्या एवं स्वीकृत कुल राशि की माहवार जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। उक्त योजना के प्रारंभ होने के दिनांक से कुल कितनी महिलाओं को योजना के लाभ से वंचित करते हुए अपात्र घोषित किया गया? योजना के प्रारंभ होने के दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में प्रतिमाह प्रत्येक पात्र महिला हितग्राही को 1250 रु. से बढ़ाकर 5000 रु. की राशि दिये जाने हेतु दिनांक 01.06.2024 को अपने पत्र क्रमांक 443/व्ही.आई.पी/2024 के माध्यम से ई-मेल से पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो माननीय मंत्री महोदय कब तक मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में महिला हितग्राहियों को प्रति माह 5000/- रू. की राशि स्वीकृत किये जाने का प्रस्ताव आगामी मंत्रीमण्डल बैठक में प्रस्तुत करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) राज्य शासन द्वारा प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन, उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत सुधार एवं परिवार के निर्णयों में उनकी भूमिका सुदृढ़ करने हेतु ''मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023'' प्रारंभ की गई है। मंत्रिमण्डल की बैठक में उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रस्‍तुत प्रस्ताव तथा मंत्रिमण्डल बैठक में उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु लिये गये निर्णय की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। योजना का लाभ लेने हेतु योग्यता एवं शर्तों में प्रश्‍न दिनांक तक किये गये संशोधन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 एवं  04 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 05 एवं 06 अनुसार है। योजना के प्रारंभ होने के दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक ऑनलाईन आवेदन का पंजीकरण कराने वाली समस्त महिला आवेदकों में से कुल 27,657 महिलाओं को योजनान्तर्गत निर्धारित पात्रता की शर्तों की पूर्ति नहीं करने के कारण अपात्र किया गया है। (घ) जी हाँ। पत्र में दिए गए सुझावों के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

लघु उद्योग निगम द्वारा निर्माण के कार्य

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

15. ( *क्र. 755 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम, पंचानन भवन न्यू मार्केट, भोपाल ने गत पांच वर्षों में कितनी लागत के किस-किस स्थान पर किए जाने वाले किस-किस निर्माण का किस दिनांक को किस-किस से अनुबन्ध किया है, अनुबन्ध में कार्य पूरा करने की अंतिम तिथि‍ क्या बताई है? (ख) अनुबन्धित कार्यों में लगने वाले गौण खनिज, मिट्टी, मुरम, पत्थर एवं रेत की शासन को देय रॉयल्टी का भुगतान अनुबन्धकर्ता से करवाए जाने के संबंध में क्या प्रक्रिया एवं नीति उद्योग निगम के द्वारा वर्तमान में अपनाई जा रही है? (ग) अनुबन्धकर्ता के बिलों का भुगतान किए जाने के अवसर पर उपयोग की गई गौण खनिज की रॉयल्टी के भुगतान के संबंध में वर्तमान में नियम क्या हैं? (घ) बिलों के अंतिम भुगतान के पूर्व खनिज विभाग द्वारा बताए किस प्रारूप में अनुबन्धकर्ता से व रॉयल्टी चूकता प्रमाण पत्र प्राप्त करता है?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) पूर्व में माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न प्रकरणों में रॉयल्टी भुगतान के संबंध में दिये गये निर्णय के परिपालन में अनुबंधकर्ता से खनिज सामग्री की रॉयल्टी शासन को चुकता कर दी है, का शपथ पत्र लिया जाता रहा है, जिसमें उनके द्वारा यदि शासन को रॉयल्टी की राशि शेष रहती है तो भुगतान का दायित्व उनका रहेगा। अंतिम देयकों का निराकरण किया गया है। वर्तमान में निगम के आदेश क्रमांक 1445, दिनांक 22.06.2023 के परिपालन में अनुबंधकर्ता के अन्तिम देयक से नियमानुसार रॉयल्टी की राशि रोकी जा रही है। शासन को रॉयल्टी का भुगतान अनुबंधकर्ता के द्वारा कर दिया है, का प्रमाण प्रस्तुत करने के उपरांत ही रोकी गई राशि विमुक्त होगी। संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म म.प्र. के निर्देश दिनांक 07.03.2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) म.प्र. शासन खनिज साधन विभाग के आदेश दिनांक 15.03.2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) खनिज विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर ही अनुबंधकर्ता की रोकी गई नियमानुसार रॉयल्टी की राशि विमुक्त होगी।

सेवानिवृत्‍त पेंशनरों को वेतन वृद्धि का लाभ

[वित्त]

16. ( *क्र. 578 ) श्री सुनील उईके : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के रिट पिटीशन 9628/2023 के निर्णय में मध्य प्रदेश के शासकीय सेवकों को 30 जून को सेवानिवृत्त होने पर एक वेतन वृद्धि का लाभ दिये जाने के निर्णय को क्या मध्यप्रदेश शासन लोक सेवकों के हित में लागू करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?                                      (ख) इस निर्णय के पालन में सरकार द्वारा जारी आदेश से आज तक प्रदेश के कितने सेवानिवृत्त पेंशनर लाभान्वित हुए हैं? यदि नहीं, तो कब तक आदेश का पालन कराया जायेगा? (ग) क्या मध्यप्रदेश राज्य विधिक प्राधिकरण ने स्थापना 1741/2023, दिनांक 04.7.2023 से आदेश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो इसका पालन कब तक होगा? (घ) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन, स्‍कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के 8 माह तक के किये गये शैक्षणिक कार्य को एक वर्ष का आधार मानती है? यदि हाँ, तो यह नियम माह अप्रैल, मई एवं जून तक सेवानिवृत्‍त होने वाले कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ क्‍यों नहीं दिया जा सकता है? यदि दिया जा सकता है तो आदेश कब तक जारी किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) न्‍यायालयीन प्रकरण के अनुक्रम में राज्‍य शासन के 30 जून/31 दिसंबर को सेवानिवृ‍त्‍त कार्मिकों के संबंध में परिपत्र दिनांक 15.03.2024 से आवश्‍यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। नीतिगत निर्णय होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।      (ख) संचालक, पेंशन द्वारा उपलब्‍ध जानकारी के अनुसार 111 (एक सौ ग्‍यारह) सेवानिवृत्‍त पेंशनरों की प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। शेष का प्रश्‍न ही नहीं उठता। (ग) जी हाँ। (घ) स्‍कूल शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्‍ध जानकारी के अनुसार, जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता।

प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध अत्‍याचार व अपराध

[गृह]

17. ( *क्र. 6 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.07.2021 से 31.05.2024 तक प्रदेश में महिलाओं/कन्‍याओं की गुमशुदगी, बलात्‍कार, यौन अपराधों के कितने प्रकरण दर्ज हुए, की जानकारी पृथक-पृथक जिलेवार, वर्षवार संख्‍यात्‍मक रूप में देवें।            (ख) प्रश्‍नांश (क) अवधि में बरामदगी संख्‍या भी जिलेवार देवें। दिनांक 31.05.2024 की स्थि‍ति में 01 माह से अधिक समय से गुमशुदा महिलाओं/कन्‍याओं की संख्‍या भी जिलेवार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार इन प्रकरणों में‍ कितने आरोपियों की गिरफ्तारी हुई? कितने फरार हैं? पृथक-पृथक जिलावार देवें। (घ) फरार आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक कर ली जायेगी? इसमें विलंब के जवाबदेह अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) :                                                 (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

औद्योगिक विकास और औद्योगिक परिस्थितियों को बढ़ावा देने की योजना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

18. ( *क्र. 463 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या बुंदेलखंड क्षेत्र देश के सर्वाधिक अल्प विकसित क्षेत्रों में से एक है? इस क्षेत्र विशेषकर छत्तरपुर जिले के औद्योगिक विकास और औद्योगिक परिस्थितियों को बढ़ावा देने की क्या योजना है? (ख) उत्तरप्रदेश ने अपने बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए मुख्यत: बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण, विशेष निधि सहायता (जिसमें स्टाम्प ड्यूटी छूट, मूल पूंजीगत सब्सिडी, जी.एस.टी. प्रतिपूर्ति आदि), बुंदेलखंड ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर आदि जैसे प्रावधान किए हैं? क्या प्रदेश सरकार इन प्रावधानों का अध्ययन कर इसी प्रकार की योजना को शुरू करने का विचार करेगी,                  नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) बुन्‍देलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास और औद्योगिक परिस्थितियों को बढ़ावा देने के लिए एम.पी.आई.डी.सी. द्वारा औद्योगिक क्षेत्र सिद्धगंवा जिला सागर, आई.आई.डी. बीना जिला सागर, उद्योगगिरी पुरेना जिला पन्ना, औद्योगिक क्षेत्र प्रतापपुरा जिला निवाड़ी एवं आई.आई.डी. प्रतापपुरा जिला निवाड़ी संधारित है। वर्तमान में औद्योगिक पार्क ओरछा जिला निवाड़ी कुल भूमि 14.144 हेक्टेयर में अधोसंरचना विकास कार्य प्रचलन में है। औद्योगिक पार्क छतरपुर (ढड़ारी) जिला छतरपुर कुल भूमि 53.99 हेक्‍टेयर पर विकसित करने हेतु स्‍वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त के अतिरिक्त बी.पी.सी.एल. द्वारा बीना में राशि रु. 49,000 करोड़ की लागत से पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 1 लाख लोगों को रोजगार प्रस्तावित है। बुन्देलखंड क्षेत्र विशेषकर छतरपुर जिले के औद्योगिक विकास और औद्योगिक परिस्थितियों को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक पार्क छतरपुर (ढड़ारी), जिला-छतरपुर कुल भूमि 53.99 हेक्टेयर पर विकसित करने हेतु चयनित किया गया है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार बुंदेलखण्ड क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा सागर जिले में पटना ककरी एवं रीठौर, टीकमगढ़ जिले में सुनौरा खिरिया एवं निवाड़ी जिले में जेर में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जा रहे हैं। छतरपुर जिले में एम.एस.ई.सी.डी.पी. योजनांतर्गत औद्योगिक क्षेत्र चंद्रपुरा में अधोसंरचना उन्नयन का कार्य प्रक्रियाधीन है। बुंदेलखण्ड के छतरपुर जिले अंतर्गत ही नहीं, अपितु संपूर्ण प्रदेश में निवेश आकर्षित करने एवं रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने की दृष्टि से औद्योगिक एवं निवेश परियोजनाओं को सुविधा/सहायता का लाभ प्रदान करने हेतु उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित), म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2021 प्रचलित है। उद्योग संवर्धन नीति अंतर्गत प्राथमिकता विकास खंडों में स्थापित होने वाली वृहद श्रेणी की विनिर्माण इकाइयों को निवेश प्रोत्साहन सहायता में अतिरिक्त सुविधा/सहायता के प्रावधान है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग (तत्‍समय वाणिज्‍य, उद्योग और रोजगार विभाग) द्वारा अधिसूचना दिनांक 18.05.2015 के माध्यम से उद्योग संवर्धन नीति 2014 के तहत प्राथमिकता विकास खंडों की सूची जारी की गयी है। उक्त सूची में बुंदेलखण्ड के अन्य जिलों के साथ छतरपुर जिले का नाम शामिल है। (ख) उत्तरप्रदेश में औद्योगीकरण के दृष्टिगत दिये गये सुविधा/प्रावधानों के समान ही प्रदेश में भी निवेश आकर्षित करने एवं रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने की दृष्टि से वृहद श्रेणी की औद्योगिक एवं निवेश परियोजनाओं को सुविधा/सहायता का लाभ प्रदान करने हेतु उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित) प्रचलित है। उक्त नीति अंतर्गत निवेश प्रोत्साहन सहायता, हरित औद्योगीकरण, अधोसंरचना विकास प्रतिपूर्ति, टेक्सटाइल परियोजनाओं हेतु ब्याज अनुदान, मंडी शुल्क में छूट इत्यादि के प्रावधान है। इसके अतिरिक्त खाद्य प्रसंस्करण, गारमेंट, लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग, एथेनॉल एवं जैव ईंधन निर्माण की परियोजनाओं हेतु विशिष्ट वित्तीय सहायता/पैकेज के प्रावधान हैं। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पंजीकृत बेरोजगारों की जानकारी

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

19. ( *क्र. 155 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वरोजगार एवं कुटीर, लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योग में मई 2024 तक कितने उद्यमियों को कितनी राशि की स्वीकृत सब्सिडी का भुगतान लंबित है, उसका कारण क्या है? (ख) प्रदेश में दिनांक 31 मई, 2024 तक एम.पी. रोजगार पोर्टल पर कितने बेरोजगार पंजीकृत हैं, बेरोजगार युवाओं में अशिक्षित, 5वीं उत्तीर्ण, 8वीं उत्तीर्ण, 10वीं उत्तीर्ण, 12वीं उत्तीर्ण, स्नातक, स्नातकोत्तर, बी.डी.एस., एम.बी.बी.एस., बी.ई. इंजीनियर, एम.बी.ए. तथा अन्य की संख्या कितनी-कितनी है? (ग) एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. तथा सामान्य की संख्या और उनका कुल बेरोजगार में प्रतिशत कितना है? पुरूष तथा महिला की अलग-अलग वर्गवार जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2018 से 31 दिसंबर, 2023 अनुसार बेरोजगारों की संख्या कितनी-कितनी थी तथा आलोच्य वर्ष में कितने बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया? (ड.) वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक बेरोजगार युवाओं के कौशल विकास पर किस-किस मद में कितनी राशि खर्च की गई? जिलेवार, वर्षवार जानकारी देवें तथा इस अवधि में वर्षवार रोजगार कार्यालय पर कुल कितना खर्च किया गया?  

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना तथा म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना अंतर्गत उद्यमियों की भुगतान हेतु लंबित, स्वीकृत सब्सिडी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                            (ख) तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अनुसार प्रदेश में दिनांक 31 मई, 2024 तक एम.पी. रोजगार पोर्टल पर 2582759 आवेदक पंजीकृत है। आवेदकों की वांछित योग्यतावार जानकारी निम्नानुसार है :-

योग्यता

आवेदकों की संख्या

योग्यता

आवेदकों की संख्या

अशिक्षित

1275

स्नातकोत्तर

149917

5 वीं उत्तीर्ण

3280

बी.डी.एस.

3449

8 वीं उत्तीर्ण

44339

एम.बी.बी.एस.

3621

10 वीं उत्तीर्ण

271465

इंजीनियर

122532

12 वीं उत्तीर्ण

635958

एम.बी.ए.

16037

स्नातक

875429

अन्य

455457

(ग) तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अनुसार :-

वर्ग

संख्या

कुल आवेदकों में प्रतिशत

पुरुष

महिला

एस.सी.

468090

18.12

296438

171605

एस.टी.

400301

15.50

234183

166097

ओ.बी.सी.

1017519

39.40

635233

382215

सामान्य

696849

26.98

424533

272272

(घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ड.) तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अनुसार रोजगार संचालनालय में कौशल विकास से संबंधित कोई योजना संचालित नहीं है। वर्षवार रोजगार कार्यालय पर कुल खर्च की जानकारी निम्नानुसार है :-

वर्ष

खर्च (राशि लाख रू. में)

वर्ष

खर्च (राशि लाख रू. में)

2017-18

1711.67

2021-22

1468.54

2018-19

1614.30

2022-23

1597.47

2019-20

1476.15

2023-24

1591.72

2020-21

1577.94

 


परिशिष्ट - "तीन"

मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं की पूर्ति

[सामान्य प्रशासन]

20. ( *क्र. 537 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मण्डला जिले के संदर्भ में विगत 10 वर्षों में कौन-कौन सी घोषणाएं कब-कब की गई हैं? उनमें से कौन-कौन सी घोषणा पूर्ण हो चुकी हैं एवं कौन-कौन सी अपूर्ण हैं? कारण सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) क्या तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मंडला जिले की बिछिया विधानसभा अंतर्गत बिछिया बायपास निर्माण के संबंध में वर्ष 2016 से वर्ष 2023 के बीच अब तक दो बार घोषणा की जा चुकी है? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा के पूर्ण होने में विलम्ब के क्या कारण हैं? क्या संबंधित विभाग द्वारा उक्त बाईपास निर्माण के लिए प्रारंभिक तैयारी पूर्ण कर ली गई थी, लेकिन शासन से स्वीकृति नहीं मिल सकी है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? कब तक उक्त बायपास निर्माण की स्वीकृति देकर कार्य प्रारंभ कराया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्रीमती कृष्‍णा गौर) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) घोषणा दिनांक 23.09.2022 के संबंध में लोक निर्माण विभाग (भ/स) मण्‍डला द्वारा लागत राशि 24.72 करोड़ का प्राक्‍कलन तैयार किया गया है। स्‍वीकृति प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जतारा विधानसभा में वृहद उद्योग की स्‍थापना

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

21. ( *क्र. 794 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना करने विधानसभा प्रश्‍न क्र. 885, दिनांक 09 फरवरी, 2024 किया गया था? जिसके उत्तर में मंत्री जी ने भी स्वीकार किया था कि टीकमगढ़ जिले में अपार खनिज भण्डार हैं और वृहद उद्योग न खोले जाने से जिले की जनता पलायन करती है? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) के उत्तर में मंत्री जी ने यह भी कहा था कि भविष्य में जो भी इन्वेस्टर्स मीट समिट होगी, उसमें वृहद उद्योग खोलने का विषय रखेंगे, भविष्य में प्रदेश में कब तक इन्वेस्टर्स समिट कब और कहाँ होगी? (ग) क्या 5 वर्षों में टीकमगढ़ जिले के औद्योगिक पार्क डेव्हलप करने की योजना है या नहीं? कृपया यह भी बतायें कि टीकमगढ़ जिले में प्रश्‍न दिनांक तक इण्डस्ट्रि‍यल पार्क न खोले जाने के क्या-क्या कारण रहे हैं? जिले में              कहाँ-कहाँ डायस्पोर एवं पायरोफ्लाइट का अपार भण्डार है? क्या खनिज विभाग द्वारा इसका सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो कब? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि टीकमगढ़ जिले में औद्योगिक नीति एवं निवेश विभाग में वृहद उद्योग खोलने हेतु एम.पी.आई.डी.सी. के लिये कब कितनी-कितनी भूमि कहाँ-कहाँ की, किस खसरा नम्बर में कितने-कितने रकबा की भूमि वर्तमान में आवंटित है? कृपया आवंटित भूमि की छायाप्रतियां प्रदाय करें एवं निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि कब तक टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा जो उत्तरप्रदेश सीमा से लगा है, वृहद उद्योग विभाग द्वारा खोल दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

प्रदेश में घटित अपराधों पर हुई कार्यवाही की जानकारी

[गृह]

22. ( *क्र. 541 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से विदिशा जिले में हत्या, चोरी, लूट-पाट, डकैती, आत्महत्या, महिलाओं पर अत्याचार एवं बलात्कार, नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, मारपीट, अपहरण, नकबजनी, फिरौती आदि की कुल-कितनी घटनायें एवं अपराध घटित हुए हैं तथा कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं? जिलेवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में कितने अपहरित बालिका एवं महिलाओं के बाल अपराध प्रकरणों में चालान पेश किया गया? कितने प्रकरण की जांच लंबित है? कितने आरोपी फरार हैं तथा कितने प्रकरण चालान हेतु शेष हैं? शेष प्रकरणों में आरोपियों पर कब-तक कार्यवाही की जावेगी? विकासखण्‍डवार थानावार बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्रकरणों पर पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है एवं कितने अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है? कितने आरोपियों पर विवेचना जारी है एवं कितने आवेदन एवं प्रकरण लंबित हैं? आवेदक के नाम सहित जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सन् 2019 से प्रश्‍नांकित अवधि तक विदिशा जिले अंतर्गत अनुविभाग सिरोंज एवं अनुविभाग लटेरी में कितनी चोरी, डकैती आदि की गई है? घटना स्थल का नाम सहित थानेवार, अनुविभागवार जानकारी उपलब्ध करावें। कितनी चोरी/डकैती में संलिप्त कितने चोर/डकैत को पकड़ा गया? उनसे क्या-क्या बरामद किया गया तथा कितना बरामद करना शेष है? कब-तक बरामद कर संबंधित को सौंप दिया जावेगा? (ड.) प्रश्‍नांश (घ) के संदर्भ में उक्त हुई चोरियों, डकैती के प्रकरणों को सुलझाने हेतु पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियाँ की गई? कृत कार्यवाहियों की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा कितनी चोरियां, डकैतियों में संलिप्त चोरों, डकैतों को पकड़ने में पुलिस सक्षम रहीं तथा कितने प्रकरण अभी भी गतिशील हैं तथा गतिशील प्रकरणों को हल करने के लिए चोरों/डकैतों को पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं? थानेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (च) पुलिस थाना सिरोंज में क्या पॉक्‍सो एक्ट के प्रकरण पंजीबद्ध हैं? यदि हाँ, तो उक्त प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है? कौन-कौन दोषी उक्त प्रकरण में फरार हैं? फरार आरोपी को पुलिस ने पकड़ने के क्या-क्या प्रयास किये? आरोपी को कब-तक गिरफ्तार कर लिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                          (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

सांची विधानसभा क्षेत्र के उद्योगों की जानकारी

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

23. ( *क्र. 415 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में विगत तीन वर्षों में कितने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित किये गए हैं? उद्योगवार, नामवार जानकारी देवें। (ख) सांची विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अगामी वित्तीय वर्षों में नवीन उद्योग स्थापित करने की क्या योजना है एवं संचालित उद्योगों में से कितने उद्योग चालू हैं, तीन वर्षों में कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराये गये? (ग) स्थापित उद्योगों को किन-किन योजनांतर्गत कौन-कौन से विभागों द्वारा कितनी-कितनी सब्सिडी उपलब्ध कराई गई? (घ) विभाग द्वारा बेरोजगार युवाओं के लिए कौन-कौन सी योजनाएं हैं, जिससे वह अपना उद्योग लगाकर रोजगार प्राप्त कर सके?  

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) रायसेन जिले में विगत तीन वर्षों में स्थापित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) साँची विधानसभा क्षेत्र में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में एम.एस.एम.ई. सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2021 यथासंशोधित 2023 लागू की गयी है, जिसमें निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु विशिष्ट सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। साँची विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में स्थापित एवं कार्यरत 12 औद्योगिक इकाइयों में 102 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के अनुसार वृहद श्रेणी की औद्योगिक एवं निवेश परियोजनाओं को सुविधा/सहायता का लाभ प्रदान करने हेतु उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (यथा संशोधित) लागू की गई है। सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नवीन स्‍थापित होने वाले उद्योग निम्‍नानुसार हैं :- 1. मेसर्स शार्क शोपफिट 2. मेसर्स आकांक्षा सेल्‍स प्रमोटर्स (इंडिया) प्रा.लि. 3. मेसर्स कोचर ग्‍लासेस 4. मेसर्स काकड़ा स्‍टील। विगत तीन वर्षों में सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्‍थापित एवं उत्‍पादनरत इकाई मेसर्स वेलस्‍पन कॉर्प द्वारा 439 व्‍यक्तियों को रोजगार उपलब्‍ध कराया गया है। (ग) एम.एस.एम.ई. विभाग द्वारा मध्यप्रदेश शासन के अन्य विभागों द्वारा औद्योगिक इकाइयों को प्रदान की गई सब्सिडी की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। तथापि जिला रायसेन में स्थापित उद्योगों को मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना अंतर्गत प्रदान की जा रही सब्सिडी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के अनुसार सांची विधानसभा अंतर्गत स्‍थापित वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाई मेसर्स वेलस्‍पन कॉर्प लिमिटेड को उपलब्‍ध कराई गई सुविधा/सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। (घ) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना संचालित है, जिसकी मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के अनुसार विभाग में बेरोजगार युवाओं के लिए कोई विशिष्‍ट योजना नहीं है, अपितु कोई भी व्‍यक्ति/निवेशक को अपना उद्योग स्‍थापित करने हेतु विभागीय क्षेत्रांतर्गत स्‍थापित औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक प्रयोजन हेतु भूमि/भूखण्‍ड के आवंटन में भूमि के मूल्‍य                            (1 हेक्‍टेयर तक 75 % एवं 1 हेक्‍टेयर से अधिक 20 हेक्‍टेयर तक 50 % तक) में रियायती दर पर छूट प्रदान की जाती है।

भूमि हस्तांतरण एवं डायमंड पार्क का निर्माण

[खनिज साधन]

24. ( *क्र. 355 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) विधानसभा सत्र फरवरी 2024 के प्रश्‍न क्रमांक 46 में प्रश्‍नकर्ता द्वारा पन्ना जिले में माइनिंग के लिए जंगल विभाग से भूमि लेकर राजस्व में भूमि हस्तांतरण के संबंध में कोई कार्यवाही खनिज विभाग में प्रचलन में है, के संबंध में प्रश्‍न पूछा गया था, जिसके उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा हीरा/फर्शी पत्थर के नवीन क्षेत्रों के चिन्हांकन एवं खनिज क्षेत्र उपलब्ध कराने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, की जानकारी दी थी। उक्त प्रस्ताव में प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) पन्ना जिले में स्वीकृत डायमंड पार्क निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की गई? अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। डायमंड पार्क कब तक पूर्ण कराया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री दिलीप अहिरवार) : (क) जी हाँ। प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ है। प्राप्‍त प्रस्‍ताव में हीरा/फर्शी पत्‍थर के नवीन क्षेत्रों के चिन्‍हांकन एवं खनिज क्षेत्र उपलब्‍ध कराने का प्रस्‍ताव है। प्राप्‍त प्रस्‍ताव का परीक्षण करने पर यह पाया गया कि खनिज हीरे हेतु खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन दिनांक 12.01.2015 के प्रावधानों के अंतर्गत हीरा खनिज का खनिपट्टा नीलामी के माध्‍यम से किये जाने के प्रावधान हैं। खनिज फर्शी पत्‍थर हेतु मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के तहत प्राप्‍त आवेदन पत्रों का निराकरण किया जाता है। दोनों ही खनिज क्षेत्रों में वन क्षेत्र होने पर संबंधित सफल बोलीदार अथवा आवेदक को वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत कार्यवाही की जाना होगा।                   (ख) पन्‍ना जिले में डायमण्‍ड बिजनेस पार्क की स्‍थापना हेतु ग्राम जनकपुर तहसील पन्‍ना की आरजी क्रमांक 67/1/1/1 में कुल रकबा 11.000 हेक्‍टेयर भूमि आवंटित की गई है। जिसका समतलीकरण कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा किया जा रहा है एवं शेष कार्य प्रगतिरत है।

मझगवाँ में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर की स्‍थापना

[गृह]

25. ( *क्र. 595 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मझगवाँ एवं आसपास के क्षेत्र की भौगोलिक संरचना एवं पर्यावरण पुलिस ट्रेनिंग कैम्प के अनुकूल एवं उपयुक्त है? साथ ही मझगवाँ में पुलिस प्रशिक्षण शाला के खोले जाने से आसपास के क्षेत्रों/ग्रामों के युवाओं को पुलिस विभाग में भर्ती के प्रति रूचि पैदा होगी? (ख) क्या पूर्व में मझगवाँ में शासन द्वारा पुलिस ट्रेनिंग सेन्टर खोला जाना प्रस्तावित था? इसके लिये प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या कार्यवाहियां की गई?                              (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार मझगवाँ में पुलिस सेन्टर खोले जाने की प्रक्रिया का कार्य किस स्तर पर लंबित है, कब तक मझगवाँ में पुलिस ट्रेनिंग सेन्टर संचालित कर दिया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) अधिकृत - राज्‍य मंत्री (श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल) : (क) रीवा जोन के अंतर्गत पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र रीवा में पूर्व से ही पुलिस प्रशिक्षण शाला रीवा प्रचलन में है, जिसमें नव आरक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। मझगवों में पुलिस प्रशिक्षण शाला के खोले जाने से ही आसपास के क्षेत्रों/ग्रामों के युवाओं को पुलिस विभाग में भर्ती के प्रति रुचि पैदा होने का निष्कर्ष निकालना सही नहीं होगा। (ख) जी नहीं। मझगवों में पुलिस ट्रेनिंग सेन्टर खोले जाने सबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन/लंबित नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है।

 

 



भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


इन्‍वेस्‍टर्स समिट की जानकारी

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

1. ( क्र. 7 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2023 एवं 2024 में हुई इन्वेस्टर्स समिट में कित‌नी राशि के कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए                                        पृथक-पृथक बतावें। ऐसे कितने उद्‌योग संचालनकर्ता हैं जो दोनों समिटों में सम्मिलित हुए व उनके द्वारा निवेश प्रस्ताव दिए गए इनकी सूची निवेश प्रस्ताव सहित देवें। (ख) दोनों समि‍टों पर हुए व्यय की संपूर्ण जानकारी भुगतान राशि, भुगतान दिनांक, भुगतान प्राप्तकर्ता फर्म/व्यक्तिनाम, G.ST. नंबर, बिलों की प्रमाणित प्रति सहित देवें। (ग) वर्ष 2023 समिट के संदर्भ में बतावें कि इसके लिए जिन उद्योगों को भूमि आवंटित की गई उनके स्थान नाम, भूमि रकवा, जिला नाम, उद्‌‌योग नाम, उद्‌योग प्रकृति सहित देवें। प्रश्‍न दिनांक की स्थिति‍ में उद्‌योग प्रारंभ/अप्रारंभ स्थिति बतावें। (घ) वर्ष 2023 समिट के संबंध में जो उद्योग अप्रारंभ हैं उनसे हुए समस्त पत्राचार की छायाप्रतियां उद्योगवार देवें। जो उद्‌योग प्रारंभ हो चुके हैं  उनसे कितने रोजगार सृजित हुए की जानकारी उद्योग, नाम, कार्यबल संख्या सहित उद्‌योगवार देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

जिला अधिकारियों द्वारा नियम विरूद्ध किये गये कार्य

[सामान्य प्रशासन]

2. ( क्र. 13 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने कलेक्‍टर टीकमगढ़ को पत्र क्रमांक एम.एल.ए./टी.के.जी./I-16/2023 दिनांक 28.12.2023 एवं पत्र क्रमांक एम.एल.ए./टी.के.जी./I-41/2024 दिनांक 06.01.2024 प्रेषित किये गये? यदि हाँ तो उन पत्रों के जवाब क्‍यों नहीं दिये गये? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पत्रों में जिला अधिकारियों द्वारा नियम विरूद्ध किये गये कार्यों का ब्‍यौरा था, इसलिये उन्‍हें संज्ञान में न लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि नहीं तो की गई कार्यवाही का विवरण दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पत्रों का जवाब की गई कार्यवाही का विवरण प्रश्‍नकर्ता को कब तक उपलब्‍ध कराया जावेगा व दोषी अधिकारी पर कोई कार्यवाही हुई? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पत्रों का जवाब न देना शासनादेशों का उल्‍लंघन नहीं है? यदि नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

क्षेत्रीय कार्यालय एवं जिला उद्योग केंद्र की स्‍थापना

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

3. ( क्र. 51 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों में रतलाम जिला अंतर्गत जिला उद्योग केंद्र का क्षेत्रीय कार्यालय जावरा चौपाटी रेलवे फाटक के मध्य भूमि पर रिक्त भवन में संचालित किया जाता रहा है?                   (ख) यदि हाँ तो क्या सिर्फ कुछ ही लोगों को उक्त स्थान पर समय समय पर कूटरचित दस्तावेजों एवं निराधार जांच बताकर बचाया जा कर अवैध रूप से उक्त स्थान पर आधिपत्य बदलकर विगत वर्षों से दिया जाता रहा? (ग) यदि हाँ तो क्या यह सही है कि वर्तमान में समीप रेलवे फाटक से लगे क्षेत्र में बहु उत्पाद औद्योगिक केंद्र भी विकसित किया जा रहा है, ऐसी दशा में क्षेत्रीय उप कार्यालय जो कई वर्षों तक उपरोक्त उल्लेखित स्थान पर संचालित किया जाता रहा एवं भवन जर्जर होने से बंद किया गया तो कतिपय कुछ व्यक्तियों का आधिपत्य निरस्त कर उप कार्यालय प्रारंभ क्यों नहीं किया जा सकता है? (घ) उपरोक्त स्थल जो कि शहर के मुख्य मार्ग में स्थित होकर वर्तमान में फ्लाईओवर भी बन जाने एवं यातायात आवागमन का मुख्य सघन मार्ग होने व रहवासी इलाका समीपस्थ होने की दशा में कतिपय व्यक्तियों को उक्त स्थान से हटाकर अन्यत्र किए जाने की कार्रवाई कर क्षेत्रीय कार्यालय जिला उद्योग केंद्र प्रारंभ किया जाएगा तो कब तक?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी हाँ। (ख) उप कार्यालय जावरा का भवन वर्तमान में जर्जर अवस्‍था में होकर किसी भी व्‍यक्ति/इकाई को आवंटित नहीं किये जाने के फलस्‍वरूप प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) वर्तमान में विभाग द्वारा संचालित समस्‍त स्‍वरोजगार योजनाएं, औद्योगिक भूमि आवंटन तथा एमएसएमई विकास नीति 2021 अंतर्गत सूक्ष्‍म तथा लघु उद्योगों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की प्रक्रिया ऑनलाइन हैं। विभागीय गतिविधियों के ऑनलाईन हो जाने के पश्‍चात जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र, रतलाम का उप कार्यालय जावरा में प्रारंभ किये जाने हेतु कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश () एवं () के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बहुउत्पाद क्षेत्र का विकास

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

4. ( क्र. 52 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) शासन/विभाग द्वारा जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रेलवे स्टेशन के पास जावरा नगर मुख्यालय पर बहुउत्पाद औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है तो यह कार्य कब पूर्ण होगा?   (ख) किस वर्ष कार्य की स्वीकृति होकर कार्य प्रारंभ हुआ, कार्य को पूर्ण करने की अवधि कितनी रखी गई, कार्य के टेंडर होने से लेकर अब तक किस-किस प्रकार के मूलभूत आवश्यकता के कार्य पूर्ण होकर किए गए? कितने कार्य अपूर्ण रहे एवं कब पूर्ण होंगे तथा कितने कार्य प्रस्तावित होकर अप्रारंभ है? (ग) संपूर्ण बहुउत्पाद क्षेत्र में कितने एवं किस-किस प्रकार के प्लॉट नवीन उद्यमियों को अब किस प्रकार कितने क्षेत्रफल के आवंटित किए जाएंगे तथा इस हेतु क्या कार्ययोजना बनाई गई?        (घ) क्‍या प्रारंभ में निवेशकों द्वारा प्रक्रियागत सम्मिलित होकर बुक कराये प्‍लांट (प्राप्त किये) उनमें से अधिकांश ने वापस ले लिए अथवा निरस्त हुए? शेष बचे प्लॉटधारियों को सुविधाएं कब तक पूर्ण रूप से दी जा सकेगी? साथ ही प्रदेश की औद्योगिक समिट अथवा अन्य प्रकार से जावरा बहु उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र को प्रचारित करने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या क्या किया गया?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जावरा नगर में बहुउत्‍पाद औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है जिसमें अधोसंरचना विकास के संदर्भ में स्‍वीकृति, टेंडर, पूर्ण कार्य, अपूर्ण कार्य, आदि की जानकारी निम्‍नानुसार है:- 1. प्रशासकीय स्‍वीकृत राशि रू. 41.00 करोड़ की दिनांक 08.09.2021 को प्राप्‍त हुई। 2. तकनीकी स्‍वीकृति राशि रू. 39.00 करोड़ दिनांक 09.07.2021 को मुख्‍य अभियंता, भोपाल द्वारा जारी की गई। 3. कार्य अनुबंध               क्र. 28/2021-22 दिनांक 14.10.2021 के तहत कार्य प्रारंभ कराया गया। कार्य पूर्ण करने का समय 16 माह रखा गया। 4. सड़क, नाली, सीवरेज लाईन इत्‍यादि कार्य पूर्ण हो चुका है। 5. मूलभूत आवश्‍यकता अनुसार अब तक निम्‍न कार्य किये गये है:- सीमेंट कांक्रीट सड़क – 3.20 कि.मी.। स्‍टार्म वाटर ड्रेन – 3.05 कि.मी.। जल वितरण पाईपलाईन – 3.15 कि.मी.। सीवर लाईन - 3.15 कि.मी.। यूटिलिटी डक्‍ट - 3.20 कि.मी.। फुटपाथ - 10000 वर्गमीटर। राईजिंग मेन लाईन – 0.1 कि.मी.। ट्यूबवेल– 1 नग। 6. बाह्य विद्युत कार्य म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. द्वारा प्राक्‍कलन स्‍वीकृत होकर प्राप्‍त होने पर 01 वर्ष की अवधि में कार्य पूर्ण कराया जाना संभावित है। 7. जल प्रदाय कार्य पानी का आरक्षण म.प्र. जल संसाधन विभाग से प्राप्‍त होने पर आवंटन दिनांक से एक वर्ष की अवधि में पूर्ण कराया जाना संभावित है। (ग) इण्‍डस्‍ट्रीयल पार्क जावरा में बहु उत्‍पाद भूखण्‍ड की जानकारी निम्‍नानुसार है :- 1. 221 भूखण्‍ड नवीन उद्यमियों/निवेशकों को आवंटन हेतु 369 वर्गमीटर से 13983 वर्गमीटर क्षेत्रफल तक के बनाये गये है। 2. औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण रहित इकाईयों/उद्यमियों को विभागीय इन्‍वेस्‍टमेंट पोर्टल invest.mp.gov.in में प्रथम आओ, प्रथम पाओ के आधार पर भूमि आवंटन का प्रावधान किया गया है। (घ) जी हाँ। इंडस्ट्रीयल पार्क जावरा में निवेशकों को ऑनलाईन प्रक्रिया द्वारा 221 भूखण्डों के आवंटन हेतु आशय पत्र जारी किये गये थे। ले-आउट प्लान परिवर्तित होने एवं पानी का आवंटन प्राप्त न होने पर 82 निवेशकों द्वारा बुकिंग निरस्त किया गया। 127 निवेशकों का ऑनलाईन आवेदन स्वतः निरस्त हुआ है। 12 भूखण्डों के आवंटन संबंधी आदेश जारी हो चुके है, जिसका पंजीयन प्रक्रियाधीन है। निवेशकों को निवेश करने हेतु प्रदेश/देश एवं देश के बाहर समय-समय पर इन्‍वेस्‍टर समिट/सम्‍मेलन/रीजनल समिट आयोजित किये जाते है।

आर्थिक अपराध ब्यूरो भोपाल में पंजीकृत शिकायत की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

5. ( क्र. 94 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर्थिक अपराध ब्यूरो भोपाल में पंजीकृत शिकायत क्रमांक 31/2021 में आवेदक एवं अनावेदक की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त जांच वर्तमान में किस अधिकारी द्वारा की जा रही है एवं जांच से संबंधित पत्र व्यवहार सहित प्रश्‍न दिनांक तक की गई सम्पूर्ण कार्यवाही से अवगत कराने की कृपा करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी राजनैतिक दबाव के चलते आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जा रही है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में पंजीबद्ध शिकायत क्रमांक 31/2021 में कब तक एफ.आई.आर. की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शिकायत क्रमांक 31/2021 में आवेदक अज्ञात है एवं अनावेदक श्री बुद्ध सिंह कुशवाहा, उप संचालक, उद्यानिकी विभाग, भोपाल है। (ख) शिकायत की जांच वर्तमान में श्री हरिओम दीक्षित, निरीक्षक द्वारा की जा रही है, शिकायत वर्तमान में सत्‍यापनाधीन है। (ग) सत्‍यापन में प्राप्‍त तथ्‍यों व साक्ष्‍यों के आधार पर अग्रिम विधिसम्‍मत कार्यवाही की जाती है। (घ) शिकायत वर्तमान में सत्‍यापनाधीन है, सत्‍यापन में प्राप्‍त तथ्‍यों व साक्ष्‍यों के आधार पर अग्रिम विधिसम्‍मत कार्यवाही होती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

निजी बचत कंपनियों का संचालन

[वित्त]

6. ( क्र. 135 ) श्री सुरेश राजे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या अल्प बचत, छोटी बचत एवं प्रतिदिन सेविंग के नाम पर ग्वालियर शहर डबरा में अनेक निजी प्राइवेट कंपनियों, फर्म, संस्थान तथा निजी रूप से भी दैनिक बचत किये जाने के नाम पर सदस्य बनाकर सेविंग बचत किये जाने के कार्य निरंतर रूप से कर रहे हैं? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिदिन बचत के नाम पर करोड़ों रूपए एकत्रित किये जा रहे हैं? तो क्या शासन/विभाग अथवा किसी व्यवस्था द्वारा इस प्रकार के कार्य किये जाने की अनुमति ली जाती है? (ख) जिला ग्वालियर के शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में उक्त संस्थाओं द्वारा जमा राशि नहीं लौटाए जाने, उसमें गबन करने तथा जमा राशि हड़पे जाने संबंधी गत 5 वर्षों में किस पुलिस थाना में किस-किस की शिकायतें प्राप्त हुई? जिनमें से किस-किस का निराकरण किस कारण अभी तक नहीं हुआ? अवैध रूप से किये जा रहे अवैधानिक कार्यों को रोके जाने हेतु शासन/विभाग इस अवैध कारोबार पर किस प्रकार रोक लगाएगा?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) ग्‍वालियर शहर डबरा में अल्‍प बचत एवं प्रतिदिन सेविंग के नाम पर निजी प्रायवेट कम्‍पनियों, फर्म संस्‍थान तथा निजी रूप से दैनिक बचत किये जाने हेतु किसी निजी प्रायवेट कम्‍पनियों/फर्म संस्‍थान को सेविंग बचत हेतु संचालनालय संस्‍थागत वित्‍त द्वारा किसी प्रकार की अनुमति नहीं दी गई है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।

आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र के भवन का निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

7. ( क्र. 179 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले की सरदारपुर विधानसभा में कितने आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है एवं ऐसे कितने केन्द्र है जिनके पास स्वयं का भवन नहीं है भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची देवें। (ख) जिनके पास स्वयं का भवन नहीं है वह केन्द्र वर्तमान में कहाँ पर संचालित हो रहे है यदि किराये के भवन में संचालित हो रहे तो किसके भवन में और कितने किराये पर हो रहे है समस्त जानकारी देवें। (ग) सरदारपुर विधानसभा में उपरोक्त भवन विहीन आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को कब तक भवन उपलब्ध करवाया जाएगा? (घ) पेयजल विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल के लिए विभाग की क्या रणनीति है और कितने पेयजल विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र है सूची देवें। (ड.) प्रश्‍नकर्ता द्वारा नवीन आंगनवाड़ी भवन की स्वीकृति हेतु जिला कलेक्टर धार एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी धार को दिए गए प्रस्तावों में से कितने की स्वीकृति प्रदान की गई सूची देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) धार जिले की सरदारपुर विधानसभा में 418 आंगनवाड़ी एवं 11 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है जिनमें से 214 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवन विहीन हैं। विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की केन्द्रवार सूची  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - '''' अनुसार है। (ख) जिनके पास स्वयं का भवन नहीं हैं, उनमें से 132 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों एवं 82 अन्‍य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे हैं। किराये के भवनों में संचालित 132 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के भवन मालिक एवं किराया राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे                                            परिशिष्ट- '''' अनुसार है। (ग) विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।                  (घ) पेयजल विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्‍या निरंक है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                 (ड.) प्रश्‍नकर्ता द्वारा नवीन आंगनवाड़ी भवन की स्वीकृति हेतु जिला कलेक्टर धार एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी धार को दिए गए प्रस्तावों में से 29 भवन निर्माण हेतु स्वीकृत किये गये हैं। स्‍वीकृत भवनों की आंगनवाड़ी केन्द्रवार सूची  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट - '''' अनुसार है।

नर्मदा सिंचाई परियोजना

[नर्मदा घाटी विकास]

8. ( क्र. 182 ) श्री प्रताप ग्रेवाल [श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी] : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा जल समझौते के अंतर्गत मध्यप्रदेश को दिसंबर 2024 तक अपने हिस्से का पानी का पूरा उपयोग करना है नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण के सामने अपने हिस्से के पूरे पानी के उपयोग को प्रमाणित न कर पाने की स्थिति में मध्यप्रदेश के हिस्से का पानी गुजरात को दे दिया जाएगा? (ख) यदि हाँ तो सरकार ने इतनी कम अवधि में प्रदेश के हिस्से के पानी के पूरे उपयोग को क्रियान्वित करने के लिए कोई समयबद्ध कार्य योजना बनाई है यदि हाँ तो उसका विवरण देवें। धार जिले में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 2 मार्च 2024 को धार में माण्डू उद्वहन सिंचाई परियोजना की स्वीकृति‍ की घोषणा की थी उस पर क्या कार्यवाही की गई, उसकी प्रशासनि‍क स्वीकृति‍ कब तक दी जाएगी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अंतर्गत किस-किस क्षेत्र में कितने सिंचाई प्रोजेक्ट बनाए गए हैं तथा उनसे कितने-कितने क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी?                 (घ) मध्यप्रदेश द्वारा समझौते के अनुसार कितना पानी उपयोग कर लिया गया एवं कितना उपयोग करना शेष है एवं समझौते की प्रति देवें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नर्मदा जल विवाद न्‍यायाधिकरण द्वारा पारित निर्णय दिनांक 7 दिसम्‍बर 1979 में यह लेख नहीं है कि नर्मदा जल विवाद न्‍यायाधिकरण के सामने अपने हिस्‍से के पूरे पानी के उपयोग को प्रमाणित न कर पाने की स्थिति में मध्‍यप्रदेश के हिस्‍से का पानी गुजरात को दिया जायेगा। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। दिनांक 2 मार्च 2024 को घोषणा नहीं की गयी है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (घ) कुल 11.14 एम.ए.एफ. जल का उपयोग कर लिया गया है एवं 7.11 एम.ए.एफ. जल का उपयोग किये जाने हेतु परियोजनाएं निर्माणाधीन, स्‍वीकृत एवं प्रस्‍तावित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

कर्मचारियों/अधिकारियों को छठवें एवं सातवें वेतनमान का लाभ

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

9. ( क्र. 186 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक एफ 1-8/2018/52-1 भोपाल दिनांक 22/06/2022 एवं दिनांक 01/07/2022 से म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अधिकारी/कर्मचारियों को क्रमश: छठवें एवं सातवें वेतनमान की स्वीकृति बोर्ड के स्वयं के वि‍त्तीय संसाधनों के अध्याधीन प्रदान की गयी थी। उक्त आदेशों के परिपालन में म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आदेश क्रमांक/स्थापना/4/2022-23/53 भोपाल दिनांक 22 जून 2022 एवं आदेश क्रमांक/स्थापना/4/2022-23/57 भोपाल दिनांक 04 जुलाई 2022 से बोर्ड के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को छठवें एवं सातवें वेतनमान का लाभ दिये जाने की स्वीकृति आदेश जारी किये गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के स्वीकृति आदेशों के फलस्वरूप म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड में कितने अधिकारियों/कर्मचारियों को इस वेतनमान का लाभ दिया जा चुका हैं एवं कितने कर्मचारी/अधिकारी को लाभ नहीं दिया गया हैं सम्पूर्ण विवरण सहित सूची प्रदान की जावे।            (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कर्मचारी/अधिकारियों को प्रश्‍न दिनांक तक वेतनमान का लाभ न दिये जाने का क्या कारण रहा बताये शेष रहे कर्मचारी अधिकारियों को छठवें एवं सातवें वेतनमान का लाभ कब तक दे दिया जावेगा?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जी हाँ (ख) म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड में कार्यरत 106 अधिकारि‍यों/कर्मचारियों को छठवें एवं सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। बोर्ड से सेवानिवृत्त 139 सभी अधिकरियों/कर्मचारियों को वर्तमान में लाभ नहीं दिया जा सका। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) बोर्ड के सेवानिवृत्त 139 अधिकरियों/कर्मचारियों को वेतनमान का लाभ न दिए जाने का मुख्य कारण वर्ष 2006 से प्रत्येक अधिकरी/कर्मचारी के वेतन निर्धारण की कार्यवाही पूर्ण करने में समय लग रहा है। छठवें एवं सातवें वेतनमान का लाभ बोर्ड के उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अध्याधीन शासन द्वारा प्रदाय किया गया है। राशि की उपलब्धता अनुसार लाभ प्रदाय किया जा सकेगा। निश्‍िचत समय बताया जाना संभव नहीं है।

देशी-विदेशी मदिरा की अवैध बिक्री

[वाणिज्यिक कर]

10. ( क्र. 199 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला नर्मदापुरम अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी देशी-विदेशी मदिरा की दुकानें संचालित हैं? (ख) क्या यह सही हैं कि निर्धारित दुकानों के अतिरिक्त गांव-गांव में अवैध रूप से संचालित दुकानों से देशी-विदेशी मिलने वाली मदिरा का विक्रय अवैध रूप से किया जा रहा हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया जिला नर्मदापुरम अन्तर्गत निर्धारित दुकानों के अतिरिक्त गांव-गांव में अवैध शराब की बिक्री रोकने हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कहां-कहां पदस्थ हैं तथा उनके द्वारा अवैध शराब की बिक्री रोकने हेतु इस वित्तिय वर्ष में क्या-क्या कार्यवाही की गयी तथा कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला नर्मदापुरम अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 16 कम्‍पोजिट मदिरा की दुकानें संचालित है। (ख) जिला नर्मदापुरम अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शासन द्वारा स्‍वीकृत 16 कम्‍पोजिट मदिरा की दुकानों से ही मदिरा का विक्रय किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया जिला नर्मदापुरम अंतर्गत निर्धारित दुकानों के अतिरिक्‍त गांव-गांव में अवैध शराब की बिक्री रोकने हेतु वृत्‍त पिपरिया में 01 सहायक जिला आबकारी अधिकारी, 01 आबकारी उपनिरीक्षक एवं 02 आबकारी आरक्षक पदस्‍थ हैं। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में 01.04.2024 से 10.06.2024 तक की स्थिति में नियमित सघन गश्‍त कर एवं विभिन्‍न माध्‍यमों से प्राप्‍त सूचनाओं के आधार पर त्‍वरित कार्यवाही कर मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) के तहत 59 न्‍यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर 604 लीटर हाथभट्टी मदिरा एवं 15270 कि.ग्रा महुआ लाहन जप्‍त किया गया। जप्‍त मादक पदार्थ का कुल अनुमानित मूल्‍य लगभग रूपये 1647800/- है।

आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

11. ( क्र. 211 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा विजयराघवगढ़ में ग्रामीण एवं नगर परिषदों में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? ऐसे कितने केन्द्र हैं, जो आज भी भवन विहीन हैं? भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु क्या-क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई? जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में 2023-24 के निर्माणाधीन कितने आंगनवाड़ी केन्द्र पूर्ण हुये एवं कितने निर्माणाधीन हैं? आंगनवाड़ी केन्द्र के भवन का निर्माण कार्य पूर्ण न होने के लिये कौन-कौन दोषी है? दोषी पर क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में ग्रामीण क्षेत्र में 368 एवं नगर परिषदों में 42, इस प्रकार कुल 410 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। 124 आंगनवाड़ी केन्‍द्र विभागीय भवन विहीन है। भवन विहीन 124 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में से 69 आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में कोई आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्‍वीकृति जारी नहीं की गयी है, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चार"

आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युतीकरण एवं पेयजल व्यवस्था

[महिला एवं बाल विकास]

12. ( क्र. 212 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 430 दिनांक 08.02.2024 के प्रश्‍नांश () के उत्तर में 410 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 274 भवनों में विद्युतीकरण कार्य कराये जाने हेतु मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को राशि प्रदाय की गई है एवं प्रश्‍नांश () के उत्तर में लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग द्वारा 43 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पानी की टंकी लगाई है? (ख) यदि प्रश्‍नांश () हाँ तो शेष आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युतीकरण कार्य एवं पेयजल व्यवस्था कब तक उपलब्ध पूर्ण जायेगी? प्रश्‍न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में विद्युतीकरण एवं पेयजल व्यवस्था नहीं उपलब्ध करायी गई है। बतायें? इन्हें कब तक पूर्ण की जायेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश (क) के शेष 136 आंगनवाड़ी केन्‍द्र अन्‍य शासकीय एवं किराये के भवनों में संचालित हैं इनमें 120 भवन विद्युत विहीन है। 136 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पेयजल व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध है। विभागीय आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में विद्युतीकरण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

विधायक एवं सांसद निधि से स्‍वीकृत कार्य

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

13. ( क्र. 229 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2018 से जबलपुर जिले में विधायक एवं सांसद निधि से स्‍वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके हैं? (ख) यदि नहीं तो कौन-कौन से कार्य प्रारंभ नहीं हुये? कौन से अधूरे हैं? वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक जानकारी देवें? (ग) कार्य प्रारंभ न होने के क्‍या कारण हैं एवं कौन जवाबदार है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अंतर्गत विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र योजनान्‍तर्गत वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक 4292 कार्य स्‍वीकृत हुए थे जिनमें से 3168 पूर्ण हो चुके हैं। 1124 कार्य अपूर्ण हैं। प्रश्‍न की शेष जानकारी राज्‍य शासन का विषय न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) अप्रारंभ कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  'अनुसार है। अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  'अनुसार है। (ग) भूमि विवाद होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो सके हैं इसमें किसी की जवाबदेही नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश () के संबंध में संबंधित क्रियान्‍वयन एजेंसियों को निर्देशित किया गया है।

खनिज सम्पदा के दोहन में अनियमितता

[खनिज साधन]

14. ( क्र. 247 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) नीमच विधानसभा अतंर्गत रेल्वे डबल ट्रेक लाइन निर्माण के लिए ठेकेदार द्वारा उपयोग में लाई जा रही खनिज सम्पदा के लिए विभाग में कहाँ-कहाँ, किस-किस क्षेत्र की अनुमति         कितनी-कितनी मात्रा की दी गई? (ख) उक्त अनुमति में खनिज सम्पदा के ठेकेदार द्वारा दोहन के उपरान्त किस-किस सक्षम अधिकारी ने खनिज क्षेत्र का मूल्यांकन किया उसमें क्या-क्या कमियां पाई गई? अधिक खनिज सम्पदा दोहन के लिए विभाग द्वारा किस नियम के अनुरूप कितना-कितना दंड वसूला गया? (ग) क्या उक्त खनिज सम्पदा के दोहन को लेकर प्रश्‍नकर्ता विधायक ने दिनांक 09.03.2024 को अपने पत्र क्रमांक 106 के तहत जानकारी चाही थी? यदि हाँ तो जानकारी नहीं देने के क्या कारण रहें, इनके लिए कौन दोषी है और दोषी के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है।     (ख) प्रश्‍नानुसार क्षेत्र का खनि निरीक्षक द्वारा निरीक्षण किया गया। निरीक्षण उपरांत हाईड्रो इंडिया प्रोजेक्‍ट के विरूद्ध दो डम्‍परों द्वारा मुरम खनिज का अवैध परिवहन करने पर दिनांक 15/04/2023 को प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण का निराकरण किया जाकर रूपये 4,22,500/- का अर्थदण्‍ड मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 18 (2) के तहत वसूल किया गया। इसके अतिरिक्‍त क्षेत्र का खनि अधिकारी, राजस्‍व विभाग, सहायक कलेक्‍टर नीमच आदि के द्वारा भी दिनांक 24/05/2023 को संयुक्‍त निरीक्षण किया जाकर अवैध उत्‍खनन का प्रकरण दर्ज किया गया। न्‍यायालय अपर कलेक्‍टर नीमच द्वारा आदेश दिनांक 23/04/2024 पारित कर KEC International Limited/हाईड्रो इंडिया प्रोजेक्‍ट गुजरात के विरूद्ध रूपये 15 लाख का अर्थदण्‍ड मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 18 (2) के अधीन अधिरोपित किया गया है। वर्तमान में वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। माननीय विधायक को कलेक्‍टर कार्यालय नीमच के पत्र क्रमांक 534 दिनांक 18/03/2024 से जानकारी प्रेषित की गई है, प्रति  संलग्‍न  परिशिष्ट के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पांच"

वाणिज्य कर आबकारी विभाग से धोखाधड़ी करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

15. ( क्र. 299 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में फर्जी बैंक गारंटी/एफ.डी.आर. लगाकर शराब लायसेंस लेने के प्रकरण कब-कब, किस-किस स्थान के, कितनी-कितनी राशि के किस-किस के पकड़ में आये? शासन द्वारा प्रश्‍नतिथि तक उन पर क्या-क्या कार्यवाही की है? किस-किस पर एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई है? अगर नहीं करवाई गई है तो क्यों? एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करवाने का दोषी कौन है? नाम/पदनाम वर्तमान पदस्थापना दें? (ख) इंदौर में सहायक आबकारी आयुक्त कार्यालय में कूट रचना कर बने बैंक चालानों वाले प्रकरण में घोटाले की राशि क्या 42 करोड़ से बढ़कर 70 करोड़ से भी ज्यादा हो गई है? राज्य शासन ने प्रश्‍नतिथि तक तात्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त के विरूद्ध संबंधित थानों में अमानत में खयानत करने पर धारा 420, 120 बी, 367, 368, 371 सहित अन्य धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध क्यों नहीं कराया है? अगर करा दिया है तो एफ.आई.आर. की एक प्रति दें? (ग) पूरे प्रदेश में फर्जी बैंक गारंटी/फर्जी एफ.डी.आर. और फर्जी चालानों के माध्यम से वाणिज्य कर आबकारी विभाग से धोखाधड़ी करने वालों के विरूद्ध कब, कहां किस पर किस स्थान पर एफ.आई.आर. करवाई गई है? एफ.आई.आर. की एक प्रति दें? (घ) राज्य शासन कब तक किस किस नाम/पदनाम के अधिकारियों पर एफ.आई.आर. दर्ज करवाकर उनसे कितनी-कितनी राशि की वसूली कब तक करेगी? सूची दें

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) रीवा संभाग में फर्जी बैंक गारंटी/एफ.डी.आर. लगाकर शराब लायसेंस लेने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से अन्‍य कार्यवाही की स्थिति निर्मित नहीं होती है। (ख) इंदौर में सहायक आबकारी आयुक्त कार्यालय में कूट रचना कर बने बैंक चालानों वाले प्रकरण में आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के आदेश क्रमांक–678 दिनांक 27.04.2023 से दिए गये निर्देशों के अनुक्रम में बकाया राशि के संबंध में जिला कार्यालय इन्‍दौर के आदेश/क्र/आब/ठेका/2023/2731 दिनांक 19.05.2023 से गठित समिति के द्वारा दिनांक 06.07.2023 को संयुक्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जिसमें पूर्व में गठित जांच समिति द्वारा आंकलित कुल कम जमा राशि रूपये 41,65,21,890/- के स्थान पर पुनर्गणना के आधार पर रूपये 71,58,52,047/- परिगणित की है। उक्त परिगणित राशि का परीक्षण मुख्‍यालय स्‍तर पर वित्त अधिकारियों से कराया जा रहा है। परीक्षण उपरांत वास्‍तविक बकाया राशि की स्थिति स्‍पष्‍ट होगी। विभाग द्वारा गठित पांच सदस्‍यीय जांच दल के प्रतिवेदन के आधार पर प्रथम दृष्‍टया कर्तव्‍यों में लापरवाही बरते जाने संबंधी तथ्‍यों के आधार पर शासन आदेश दिनांक 23 जून 2018 से तत्‍कालीन सहायक आबकारी आयुक्‍त जिला इन्‍दौर एवं अन्‍य 07 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई है, जो प्रक्रियाधीन है। उक्‍त प्रकरण में कूट रचना कर बने बैंक चालानों को तैयार कराने अथवा उक्‍त चालानों को प्राप्‍त करने में संलिप्‍तता प्रकाश में नहीं आने से एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गयी है। (ग) फर्जी बैंक गारंटी/फर्जी एफ.डी.आर. और फर्जी चालानों के माध्यम से वाणिज्य कर आबकारी विभाग से धोखाधड़ी करने वालों के विरूद्ध भोपाल, छिन्‍दवाड़ा, कटनी, इंदौर एवं जिला भिण्‍ड में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई है, के संबंध में विस्‍तृत विवरण पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उक्‍त प्रकरणों में विभागीय अधिकारियों की प्रत्‍यक्ष रूप से संलिप्‍तता प्रकाश में नहीं आने से एफ.आई.आर. नहीं कराई गयी है। अत: अधिकारियों से वसूली की स्थिति निर्मित नहीं होती है।

व्यापारियों के साथ धोखाधड़ी करने वालों के विरूद्ध एफ.आई.आर.

[गृह]

16. ( क्र. 300 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 03 मार्च 2020 को प्रार्थी अभिषेक बलवानी पुत्र शंकरलाल बलवानी निवासी सिंधी कैंप सतना ने थाना कोलगवां जिला सतना में अपने साथ हुई धोखाधड़ी होने पर प्राथमिकी दर्ज करवाने आवेदन दिया था? प्रश्‍नतिथि तक उस पर हुई कार्यवाही का बिन्दुवार/दिनांकवार/जांचकर्ता अधिकारीवार विवरण दें? (ख) नगर पुलिस अधीक्षक सतना को 27 जुलाई 2020 को दिये गये आवेदन पर क्या सी.एस.पी. सतना ने उक्त आवेदन को सिटी कोतवाली को हस्तान्तरित किया था? क्या उक्त आवेदन पर जांचकर्ता विक्रम सिंह उप निरीक्षक ने प्रार्थी को पहले कथन के लिये दिनांक 12.08.2020 को बुलाया व कथन लिये? दिनांक 13.08.2020 को प्रार्थी को थाना कोलगवां में कथन के लिये तलब किया और बयान लिये गये? (ग) क्या पुलिस अधीक्षक सतना की शिकायत शाखा में क्रमांक 356 दिनांक 14.09.2020 से प्रशांत जैन एवं अन्य का आवेदन सिटी कोतवाली भेजा गया? एक आवेदन शिकायत शाखा से क्रमांक 83 दिनांक 22.07.2020 को सिटी कोतवाली भेजा गया? (घ) सतना शहर के व्यापारियों के साथ लगभग एक करोड़ से ज्यादा रूपयों का फ्राड करने वालों के विरूद्ध पुलिस द्वारा जांच तक नहीं की गई और मामले को टाला गया? अगर नहीं तो प्रश्‍नतिथि तक गंभीरतापूर्वक की गई जांच का बिन्दुवार/दिनांकवार/दस्तावेजोंवार विवरण दें एवं की गई एफ.आई.आर. की एक प्रति दें? शासन कब तक किस नाम पदनाम के दोषी तत्कालीन सीएसपी/टीआई के विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही शुरू कर निलंबन के आदेश जारी करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। आवेदक अभिषेक बलवानी पुत्र शंकरलाल बलवानी निवासी सिंधी कैम्प सतना ने दिनांक 03.03.2020, दि. 27.07.2020, दि. 14.09.2020, दि. 17.05.2023 एवं दिनां19.05.2023 को आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये थे। उक्त शिकायत पत्रों की जाँच में प्रकरण आपसी व्यापारिक लेन-देन का होकर सिविल प्रकृति का होने से तथा फ्रेन्चाईजी ऐग्रीमेंट में किसी भी विवाद की स्थिति पर विचारण क्षेत्र नई दिल्ली न्यायालय अधिकार क्षेत्र होने के कारण प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी। आवेदक अभिषेक बलवानी द्वारा साउथ ईस्ट साकेत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट नई दिल्ली में आर्बिटेशन रिट याचिका OMP (I) (Comm) 101/20 दिनांक 19.02.2020 दायर की गई थी। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। (घ) प्रश्‍नांश () अनुसार प्राप्त सभी आवेदन पत्रों की जांच की गई। जांच में संज्ञेय अपराध की घटना नहीं पाये जाने से प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नर्मदा घाटी की भूमि पर अतिक्रमण

[नर्मदा घाटी विकास]

17. ( क्र. 322 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) बरगी डेम केचमेंट एरिया ग्राम बरगीनगर हरदुली में रेवाराम महाराज द्वारा आलीशान भवन बनाकर एवं गोलू आर्मो द्वारा खेल मैदान में अतिक्रमण किया है, इसी प्रकार ग्राम जोधपुर तिलवारा में सत्येंद्र लोधी द्वारा एवं ग्राम सिवनी टोला में सौरव इंटरनेशनल स्कूल द्वारा किए गए अतिक्रमण को संरक्षण क्यों दिया गया है इन्हें क्यों नहीं हटाया जा रहा? कब तक हटाया जाएगा? (ख) तेवर आंधमुख बाईपास में बड़ी नहर के किनारे कमर्शियल भवन के साथ सैकड़ों दुकानें बनाकर अतिक्रमण किया हुआ है इस अतिक्रमण को आज तक हटाया नहीं गया है विभाग कब तक इन भूमियों को अतिक्रमण मुक्त कराएगा? (ग) क्या इन अतिक्रमणकारियों को विभागीय अधिकारियों का भी संरक्षण प्राप्त है? यदि नहीं तो अधिकारियों द्वारा अपने दायित्वों के प्रति उदासीनता दिखाते हुए अतिक्रमण क्यों होने दिये जा रहे हैं? जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार की गई शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए नर्मदाघाटी की करोड़ों की भूमि पर से अतिक्रमण क्यों नहीं हटवाया गया? भूमि को अतिक्रमण मुक्त कब तक करवाया जावेगा? (घ) विधानसभा प्रश्‍न 840 दिनांक 11.07.23 उत्तर में बताए गए अतिक्रमण के संबंध में उत्‍तर दिनांक से आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई एवं कितने अतिक्रमण को हटाये जाने हेतु नोटिस जारी किये गए एवं कितना अतिक्रमण हट सका? क्या विभाग उपरोक्त अतिक्रमण को संरक्षण देते हुए कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रहा है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। अतिक्रमणकर्ताओं को अतिक्रमण हटाने हेतु नोटिस जारी किये गये हैं। अत: संरक्षण देने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। विभागीय अधिकारियों द्वारा अतिक्रमणकारियों को किसी प्रकार का संरक्षण प्राप्त नहीं है। विभाग द्वारा अतिक्रमण हटवाने हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। कुल 193 अतिक्रमण को हटाने हेतु नोटिस जारी किया गया है। 06 अतिक्रमण हटाये गये हैं। अत: अतिक्रमणकारियों को संरक्षण देने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छ:"

कार्यभारित कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्‍पा नियुक्ति

[नर्मदा घाटी विकास]

18. ( क्र. 323 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की रा.अ.बा.लो.सा. परियोजना बरगी हिल्स जबलपुर में शासकीय सेवा  के दौरान दिवंगत हुए किस-किस कार्यभारित कर्मचारी के आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने के आवेदन विचाराधीन है? (ख) उपरोक्त आवेदन किस-किस दिनांक को विभाग में प्रस्तुत किये गये थे तथा कितने-कितने समय से लम्बित है? (ग) दिवंगत कार्यभारित कर्मचारी के आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने के प्रकरण को लम्बित रखने का क्या कारण है? (घ) उपरोक्त आश्रितों को किस दिनांक तक अनुकम्पा नियुक्ति दे दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कुल 11 प्रकरण। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) एवं (घ) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण का कोई स्‍थाई संवर्ग/भर्ती नियम नहीं होने के कारण लंबित है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "सात"

रेत खदानों का सीमांकन कर क्षेत्र में हो रहे अवैध रेत उत्खनन कार्य

[खनिज साधन]

19. ( क्र. 344 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत जितनी भी रेत खदानें खनिज विभाग द्वारा चिन्हित कर, आवंटन कर, ठेके पर दी गई हैं संबंधित ठेकेदारों द्वारा आवंटित चिन्हित (खसरे के अनुसार) रेत खदानों बिजौरीफुल्ला, खैरीचैतू, फुटारा, नवेगांव, जाटाछापर, सिंदरई गुरैयाथर, पैंजनवाड़ा, लोहांगी, न्यूटन बेलगॉंव रेत खदानों की सीमा से रेत खनन कार्य नहीं किया जा रहा है, बल्कि इन रेत खदानों की सीमा से बाहर अन्य स्थानों से संबंधित ठेकेदार एवं रेत माफियाओं द्वारा बल पूर्वक अवैध तरीके से बड़े रूप से क्षेत्र में निरंतर रेत का अवैध उत्खनन का कार्य किया जा रहा है। जिससे शासन/खनिज विभाग को लाखों रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। परन्तु फिर भी विभाग द्वारा न तो रेत खदानों का सीमांकन किया जा रहा है और न ही क्षेत्र में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन को रोका जा रहा है। उक्त संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला खनिज अधिकारी छिंदवाड़ा को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/204 दिनांक 27.02.2024 एवं पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/180 दि. 21.05.2024 को शिकायत पत्र भी प्रेषित किये जा चुके है। परन्तु फिर भी विभाग द्वारा उक्त संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई जिसका क्या कारण है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उपरोक्‍त संबंध में विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार उल्‍लेखित रेत खदानों में से परासिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ठेकेदार ग्रेवलिया इंटरप्राईजेज प्राईवेट लिमिटेड़ ब्रांच ऑफिस लक्ष्‍मीनगर बेलगांव सौंसर जिला पांढुर्णा को विभाग द्वारा पूर्व से चिन्हित रेत खदान बिजौरीफुल्‍ला, खैरीचैतू, फुटारा, नवेगांव, जाटाछापर, सिंदरई गुरैयाथर आवंटित की गई है। उपरोक्‍त आवंटित चिन्हित रेत खदानों की सीमा से बाहर ठेकेदार द्वारा अवैध खनन किये जाने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अपितु विभाग द्वारा परासिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अन्‍यत्र स्‍थानों पर खनिज नियमाधीन विभिन्‍न उल्‍लंघनकर्ताओं के विरूद्ध वित्‍तीय वर्ष 2023-2024 में अवैध रेत के 13 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर राशि रूपये 9,29,650/- शासनहित में जमा कराई जाकर रेत के अवैध खनन को रोकने की कार्यवाही की गई है तथा प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित माननीय विधायक महोदय के पत्र दिनांक 27/02/2024 एवं 21/05/2024 में वर्णित विभिन्‍न स्‍थानों के निरीक्षण में अवैध रेत के 02 प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर राशि रूपये 63,250/- अधिरोपित की जाकर रेत के अवैध खनन को रोकने की कार्यवाही की गई है। (ख) उत्‍तरांश (क) के अनुसार विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है।

मद की राशि से विकास एवं निर्माण कार्यों की स्वीकृति

[खनिज साधन]

20. ( क्र. 346 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) छिंदवाड़ा जिले में खनिज प्रतिष्ठान मद में पिछले 5 वर्षों में कितनी राशि किन-किन माध्यमों से प्राप्त हुई है और जमा राशि का उपयोग विभाग द्वारा किन-किन कार्यों के लिए किया गया है? कितनी राशि वर्तमान में जमा है? जमा राशि का उपयोग क्या शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा पर किया जा रहा है? अगर नहीं किया जा रहा है तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जवाबदार है? क्योंकि जमा राशि के समय पर उपयोग नहीं करने पर जिले के विकास कार्य बाधित हो रहे हैं? (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि को छिंदवाड़ा जिले की प्रत्येक विधानसभावार विभिन्न विकास एवं निर्माण कार्यों की स्वीकृति के संबंध में आवंटित किये जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा श्रीमान जिलाध्यक्ष महोदय जिला छिंदवाड़ा को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/173 दिनांक 15.02.2024 को प्रेषित किया गया था। परन्तु फिर भी अधिकारियों द्वारा पत्र पर कोई कार्यवाही न करते हुये खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि को आवंटित न करते हुये जिले की किसी भी विधानसभा में कोई भी विकास एवं निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई। राशि आवंटित नहीं किये जाने का क्या कारण है? प्रश्‍नकर्ता द्वारा क्षेत्र के विकास एवं निर्माण कार्यों के जो प्रस्ताव खनिज विभाग को पूर्व में प्रेषित किये गये हैं उन सभी प्रस्तावों की स्वीकृति कब तक प्रदान करते हुये राशि आवंटित कर दी जायेगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार छिन्‍दवाड़ा जिले में पिछले 05 वर्षों में मुख्‍य खनिज एवं गौण खनिजों से जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में प्राप्‍त राशि का  विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जिले में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में प्राप्‍त राशि का उपयोग प्रधानमंत्री खनिज कल्‍याण क्षेत्र योजना के अंतर्गत उल्‍लेखित क्षेत्रों में पिछले 05 वर्षों में कुल 87 कार्य स्‍वीकृत किये गये हैंजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब  अनुसार है। जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में राशि रूपये 59,49,46,523/- शेष है। पिछले 05 वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में स्‍वीकृत कार्यों की राशि का उपयोग समय-सीमा में किया जा रहा है। प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश अनुसार उल्‍लेखित पत्र से जिले में विभिन्‍न विकास/निर्माण कार्यों के लिये राशि का आवंटन विकास/निर्माण कार्यों के लिये राशि का आवंटन के संबंध में लेख किया जाकर पत्र में किसी भी कार्य का उल्‍लेख नहीं होने से जिला खनिज प्रतिष्‍ठान छिन्‍दवाड़ा द्वारा स्‍वीकृति प्रदान किये जाने की कार्यवाही नहीं की गई है। जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से विधानसभावार राशि का आवंटन का नियमों में प्रावधान नहीं है तथा क्षेत्र के विकास एवं निर्माण कार्यों के पूर्व में प्रेषित प्रस्‍ताव की स्‍वीकृति के संबंध में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान निर्णय के लिये सक्षम है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

वित्तीय अनियमितता की जाँच

[गृह]

21. ( क्र. 356 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अजयगढ़ में पदस्थ तत्कालीन बी.एम.ओ. द्वारा रोगी कल्याण समिति के पैसों का गलत तरीके से उपयोग करते हुये आहरित की गई राशि की जाँच किये जाने हेतु पुलिस अधीक्षक पन्ना को शिकायती आवेदन, प्रकरण दर्ज करने हेतु प्राप्त हुआ था? (ख) यदि हाँ तो उक्त प्रकरण की जाँच हेतु क्या कार्यवाही की गई है? कब तक जाँच पूर्ण की जाकर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है, शिकायत आवेदन पत्र जांच में लंबित है। जांच पूर्ण होने के पश्‍चात ही निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।          (ख) अनु.अधि. पुलिस पन्ना के द्वारा इस संबंध में जांच की जा रही हैं। सी. एम.एच.ओ. पन्ना से प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्‍चात जांच पूर्ण कर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।

धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में संचालित उद्योग कंपनियों की जानकारी

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

22. ( क्र. 360 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या यह सही है कि धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में विगत पाँच वर्षों में उद्योग हेतु कंपनियां प्रारंभ की गई है? यदि हाँ तो कौन-कौन सी कंपनी चालू की गई है? नाम पते सहित जानकारी बतावें। (ख) क्या इन कंपनियों में कर्मचारियों की भर्ती की गई है? यदि हाँ तो किन-किन कर्मचारियों की भर्ती की गई है? नाम और पते सहित जानकारी बतावें। (ग) प्रश्‍नांकित (ख) अनुसार कर्मचारि‍यों की भर्ती किस गाइड-लाइन के तहत की गई है? गाइड लाइन की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या धरमपुरी विधानसभा के लोगों की भर्ती गाइड लाइन के आधार पर की गई है? यदि नहीं तो किस कारण? (ड.) क्या धरमपुरी विधानसभा के लोगों द्वारा उक्त कंपनी में काम करने के लिए आवेदन पत्र प्रेषित किये गये है? यदि हाँ तो किन-किन लोगों द्वारा आवेदन दिए गये है? सूची प्रदान करें। प्राप्त आवेदनों में से किन-किन आवेदकों को नौकरी पर रखा गया है व किन-किन लोगों को नौकरी पर नहीं रखा गया है? पृथक-पृथक सूची प्रदान करें और जिन लोगों को नौकरी पर नहीं रखा गया है? कारण बतावें व यह भी बतावें कि इन लोगों को नौकरी पर कब तक रख लिया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में विगत पाँच वर्षों में उद्योग हेतु निम्‍न कंपनियां प्रारंभ की गई है:- 1. एस.आर.एफ अल्‍टेक लि., पता- भूखण्‍ड क्रमांक आई 12 से 15, औद्योगिक क्षेत्र जैतापुर-पलासिया, जिला-धार। 2. कशिदा अपेरल्‍स प्रा.लि., पता- भूखण्‍ड क्रमांक आई 17, औद्योगिक क्षेत्र जैतापुर-पलासिया, जिला-धार। 3. अमृता इरिगेशन इंडिया प्रा.लि.,         पता-भूखण्‍ड क्रमांक आई 48, औद्योगिक क्षेत्र जैतापुर-पलासिया, जिला-धार। 4. सोहन जीनिंग एण्‍ड प्रोसेसिंग प्रा.लि., पता- सर्वें नंबर 514/3/1/3, 514/3/1/2, ग्राम-चिक्‍टीयाबाद, एन.एच.3 रोड के पास, तहसील-धरमपुरी, जिला-धार। 5. रिलायंस बीपी मोबिलिटी लि., पता- 60, एन.एच.3, ए.बी.रोड, खाईबुजुर्ग, तहसील-धरमपुरी, जिला-धार। 6.रिलायंस बीपी मोबिलिटी लि., पता- एन.एच.3, ग्राम-चिक्‍टीयाबाद, ए.बी.रोड, तहसील-धरमपुरी, जिला-धार। (ख) इन कंपनियों में कर्मचारियों की भर्ती संबंधी  जानकारी  पुस्‍तकालय  रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित) के अंतर्गत औद्योगिक इकाईयों में भर्ती संबंधी गाइड लाइन का कोई प्रावधान निहित नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा इस प्रकार की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पुलिस चौकी का पुलिस थानों में उन्नयन

[गृह]

23. ( क्र. 399 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कर्रापुर पुलिस चौकी का पुलिस थाना में उन्नयन एवं दीनदयाल नगर में पुलिस चौकी स्थापित करने के प्रस्ताव विभाग में लंबित है? (ख) क्या पुलिस चौकी कर्रापुर को थाना उन्नयन के निर्धारित मापदण्ड रखती है। यदि हाँ तो विभाग द्वारा थाना उन्नयन हेतु प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई जानकारी देवें तथा थाना उन्नयन हेतु समय-समय पर जनप्रतिनिधि एवं आमजन द्वारा भी पत्राचार किया गया विभाग ने क्या कार्यवाही की? (ग) क्या थाना मकरोनिया अंतर्गत पुलिस चौकी दीनदयाल नगर वार्ड-03 में स्थापित करने के संबंध में मंत्री स्तर से घोषणा एवं जनप्रतिनिधियों तथा वार्डवासियों द्वारा की जा रही मांग को देखते हुए कोई कार्यवाही की गई है? (घ) क्या पुलिस चौकी कर्रापुर का पुलिस थाना में उन्नयन तथा दीनदयालनगर वार्ड-03 पुलिस चौकी कब-तक स्थापित की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। पुलिस चौकी कर्रापुर को थाना उन्नयन के प्रस्ताव का परीक्षण किया गया, जो शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुरूप नहीं पाये जाने से प्रस्ताव अमान्य किया गया। (ग) मकारोनिया अंतर्गत दीनदयाल नगर में पुलिस चौकी की स्थापना के प्रस्ताव का परीक्षण किया गया, जो शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाया गया इस कारण प्रस्ताव अमान्य किया गया। (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

पत्थर, मिट्टी एवं मुरम का अवैध खनन

[खनिज साधन]

24. ( क्र. 400 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिला अंतर्गत खनिज विभाग सागर द्वारा नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पत्थर, मिट्टी एवं मुरम की कितनी स्वीकृति विभाग द्वारा जारी की गई है? वर्षवार वर्ष-2022-23, वर्ष-2023-24, वर्ष-2024-25 विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या विभाग द्वारा वर्ष-2022-23, वर्ष 2023-24, वर्ष-2024-25 में अवैध खनन के संबंध में कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो कब-कब, किस-किस के विरूद्ध की गई है? विस्तृत जानकारी से अवगत करायें। (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन कार्यों में कार्य एजेन्सी/फर्म द्वारा खनिज स्वीकृति से अधिक मात्रा में खनन कार्य किया गया है एवं खनिज पत्थर, मिट्टी एवं मुरम का निर्माणाधीन कार्यों में उपयोग किया गया है। तो विभाग ने क्या कार्यवाही की है? (घ) यदि अवैध खनन के संबंध में कार्यवाही के उपरांत भी वर्तमान में अवैध खनन जारी है तथा शासन का लाखों रूपये की राजस्व हानि हो रही है। तो विभाग द्वारा अवैध खनन रोकने एवं राजस्व हानि को रोकने के लिए विभाग जिला/प्रदेश स्तर की टीम गठित कर कार्यवाही की योजना है? जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्षवार स्‍वीकृत खनि रियायतों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ।  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स  पर दर्शित है। (घ) जी नहीं। जिले में अवैध उत्‍खनन/परिवहन/भंडारण की रोकथाम हेतु विभाग द्वारा टास्‍क फोर्स गठित किया जाकर सतत् निगरानी की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

25. ( क्र. 416 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सांची विधानसभा में कुल कितनी आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं उनके नाम बतावें? (ख) ऐसी कितनी आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जिनके पास स्वयं का भवन नहीं हैं, वह वर्तमान में कहाँ संचालित की जा रही हैं यदि किराये के भवन में संचालित हो रही है तो भवन स्वामी का नाम एवं कितने किराये पर संचालित हैं जानकारी देवें? (ग) सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों को नवीन भवनों की स्वीकृति हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसा की गयी है, जो स्वीकृति हेतु लंबित है, नामवार जानकारी देवें? (घ) सांची विधानसभा की उपरोक्त भवनविहीन आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को कब तक भवन उपलब्ध कराये जावेंगे?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) सांची विधानसभा क्षेत्र में 397 आंगनवाड़ी एवं 132 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '' एवं  '' अनुसार है। (ख) सांची विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत 235 आंगनवाड़ी एवं 132 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवन विहीन हैं। विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के संचालन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '' एवं  '' अनुसार है। (ग) सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 32 नवीन आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसा किये गये आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है। (घ) विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

अवैध व्यवसाय के विरूद्ध कार्यवाही

[गृह]

26. ( क्र. 468 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि मध्यप्रदेश में जनवरी 2019 से नबम्बर 2024 तक नशीली वस्तुओं, अवैध शराब कारोबार तथा सट्टा जुआ व्यवसाय चरम पर रहा है, इस कारण युवा पीढ़ी रास्ते से भटक रही है तथा युवा पीढ़ी नशीले पदार्थ की आदी हो गई है? उल्लेखित अवैध व्यवसाय से परिवार के परिवार बरबाद हो रहे हैं? शासन प्रशासन द्वारा उल्लेखित वर्ष में अवैध कारोबारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश में जनवरी 2019 से अप्रैल 2024 तक मादक पदार्थ के व्यवसाय में संलिप्त आरोपियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये वर्ष जनवरी 2019 से अप्रैल 2024 तक कुल 20, 257 प्रकरण नारकोटिक्स ड्रग्स एवं सायकोट्रॉपिक सब्सटेन्स (प्रिवेन्शन) एक्ट 1985 के अन्तर्गत पंजीबद्ध हुए हैं, जिसमें स्मैक के 1969 प्रकरण, अफीम के 410 प्रकरण, गांजे के 14500 प्रकरण, डोडाचूरा के 1200 प्रकरण, चरस के 86 प्रकरण, गांजा पौधा के 643 प्रकरण, अफीम पौधा के 42 प्रकरण एवं केमिकल ड्रग्स के 1407 प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए कुल मात्रा 11, 05, 659.974 कि.ग्रा. एवं 11, 76, 580 नग मादक पदार्थ जप्त कर 25, 430 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा तस्करी में लिप्त अपराधियों पर शिकंजा कसने हेतु मादक पदार्थों के अवैध व्यापार में संलिप्त तस्करों के विरुद्ध वर्ष 2019 से अप्रैल 2024 तक कुल 50 आरोपियों पर पिट (Prevention of Illicit trafficking) एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है तथा कुल 30 आरोपियों पर सफेमा (Smugglers and Foreign Exchange Manipulators Act) कार्यवाही करते हुये 7, 18, 49, 600 की चल सम्पत्ति एवं 46, 96, 31, 637/- की अचल सम्पत्ति Seizing/Freezing की कार्यवाही की गई है। नशा एवं नशे के दुष्प्रभावों के संबंध में जनजागृति लाये जाने हेतु मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा सम्पूर्ण म.प्र. में समय-समय पर विद्यालय/महाविद्यालय एवं जनसामान्य के मध्य क्षेत्र के गणमान्य नागरिक, समाजसेवी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों को सम्मिलित करते हुये रैली, बैनर, पोस्टर, नुक्कड़ नाटक, वाद-विवाद/चित्रकला/स्लोगन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। वर्ष 2019 से अप्रैल 2024 तक मध्यप्रदेश में कुल 27, 027 नशामुक्ति जनजागृति कार्यक्रम आयोजित किये जाकर 23, 13, 063 छात्र/छात्राओं एवं जनसामान्य को लाभान्वित किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रदेश में अपराधों की संख्‍या में वृद्धि

[गृह]

27. ( क्र. 491 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि पुलिस मुख्यालय में प्रदेश में घटित अपराधों की जानकारी का संकलन किये जाने के लिए सेल बनाया गया है? (ख) यदि हाँ तो पुलिस मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार 01 जनवरी 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में कौन-कौन से अपराध कितनी-कितनी संख्या में घटित हुये हैं? जिलेवार एवं कुल अपराधों की संख्या बताएं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह सही है कि इंदौर एवं उज्जैन संभाग में सर्वाधिक अपराधों की घटनाओं में वृद्धि हुई है? यदि हाँ तो इसके क्या कारण हैं? इन अपराधों की रोकथाम के लिए शासन क्या प्रयास कर रहा है? (घ) उपरोक्त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों की हत्या किये जाने, महिलाओं के साथ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार आदि अन्य अत्याचारों की जिलेवार संख्या बताएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। पुलिस मुख्यालय में प्रदेश में घटित अपराधों की जानकारी के संकलन किये जाने के लिए राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो पुलिस मुख्यालय भोपाल (सेल) बनाया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। (ग) जी नहीं। वर्ष 10.06.2022 से 10.06.2023 तक इन्दौर संभाग में कुल 53903 एवं उज्जैन संभाग में 37531 अपराध घटित हुये हैं जबकि वर्ष 10.06.2023 से 10.06.2024 तक इन्दौर संभाग में कुल 53378 एवं उज्जैन संभाग में 37040 अपराध घटित हुये हैं। उक्त संभागों में तुलनात्मक रूप से अपराधों में कमी आयी है। प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। अपराधों की रोकथाम के लिए आसूचना संकलन, सामाजिक सरोकार, जागरूकता व अभियोजन की कार्यवाही निरंतर की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार।

कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की संचालित योजनाएं

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

28. ( क्र. 504 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? योजनाओं के नाम की सूची उपलब्ध करायें। उक्त योजनाओं में से ग्वालियर जिले में कौन-कौन सी योजना संचालित है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले की                      18-भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किस-किस योजना में कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि के कहाँ-कहाँ वर्ष 2021 से 31 मई 2024 तक स्वीकृत किये गये हैं? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? योजनावार एवं कार्यवार विवरण दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार विकासखण्डवार, ग्राम पंचायतवार एवं कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र का सर्वे कराकर                                    जहाँ-जहाँ कुटीर एवं लघु उद्योग स्थापित कराया जाना आवश्यक है, उन स्थानों एवं ग्रामों में कुटीर एवं लघु उद्योग स्थापित किये जायेंगे? यदि हाँ तो कब तक?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) प्रदेश में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। उक्त योजनाएं प्रदेश के समस्त जिलों के साथ-साथ ग्वालियर जिले में भी लागू है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले की 18-भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2021 से 31/05/2024 तक स्वीकृत प्रकरणों की योजनावार एवं कार्यवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार भितरवार विकासखंड में स्वीकृत योजनाओं की ग्राम पंचायतवार एवं कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा वर्तमान में सर्वे कराने की कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है।

लैटेराइट मिट्टी के खनन की जानकारी

[खनिज साधन]

29. ( क्र. 514 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                 (क) सुवासरा विधानसभा में ऐसे कितने स्थानों को लैटेराइट खनन हेतु चिन्हित किया गया है? गांव एवं स्थान तथा सर्वे नंबर सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन व्यक्तियों के द्वारा खनिज के लिए भूमि लीज पर लेने हेतु आवेदन किया? व्यक्तियों के नाम एवं पते की जानकारी उपलब्ध करावें तथा खनन हेतु आवंटित भूमि का सर्वे नंबर, गांव के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार प्राप्त आवेदनों से कितने व्यक्तियों को खनन हेतु लीज या पट्टा प्रदान किया है? भूमि का सर्वे नम्बर एवं स्थान के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) क्या क्षेत्र की जनता से या स्थानीय व्यक्तियों की ओर से विभाग को आपत्ति प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो उस पर विभाग की ओर से क्या कार्यवाही की गई? क्या आपत्ति दर्ज होने के बाद भी खनन का कार्य चल रहा है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) जी नहीं, क्षेत्र की जनता से या स्‍थानीय व्‍यक्तियों की ओर से विभाग को कोई आपत्ति प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

शामगढ़ पुलिस थाने का संचालन

[गृह]

30. ( क्र. 515 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) शामगढ़ नगर में पुलिस थाने की स्थापना किस वर्ष में की गई थी तथा उस समय नगर की जनसंख्या कितनी थी? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक वर्तमान में पुलिस थाने के चारों तरफ नगर में ट्राफिक की क्या स्थिति है? (ग) सब्जी मण्डी से लगा हुआ पुलिस थाने से ट्राफिक एवं कानून व्यवस्था कायम रखने में परेशानियों के कारण जनता द्वारा नगर के बाहर पुलिस थाना संचालित करने हेतु क्या मांग की गई है? (घ) नगर हित एवं कानून ट्राफिक व्यवस्था सुचारू रूप से संचालन हेतु, नगर के बाहर पुलिस थाना संचालन हेतु एवं पुलिस कर्मचारियों के आवास निर्माण भी हो सके, इस हेतु क्या भविष्य के लिए योजना बनाई गई है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शामगढ़ नगर में पुलिस थाने की स्थापना वर्ष 1989 से की गई है, उस समय शामगढ़ नगर की जनसंख्या वर्ष 1981 की जनगणना अनुसार 14017 व वर्ष 1991 की जनगणना अनुसार 17556 रही है। (ख) पुलिस थाना शामगढ़ नगर के मध्य स्थित है। जो कि मुख्य मार्ग से 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। थाने की भोगौलिक स्थिति के अनुसार किसी प्रकार से ट्राफिक व्यवस्था बाधित नहीं होती है। (ग) जी नहीं। (घ) थाना भवन पुलिस कर्मचारियों के आवास तथा थाना भवन परिसर में वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त भूमि है, जिस पर थाना भवन के अतिरिक्त शासकीय आवास बने हुए हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवासों का निर्माण जिला मुख्यालय स्तर पर चरणबद्ध तरीके से सतत रूप से कराया जाता है।

जेल में कैदियों द्वारा निर्मित सामग्री का प्रचार, प्रदर्शन एवं विक्रय

[जेल]

31. ( क्र. 518 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) म.प्र. की केन्द्रीय जेल एवं अन्य जेलों के कैदियों द्वारा उनकी कार्य कुशलता के अनुसार विभिन्न प्रकार की सामग्री निर्मित करायी जाती है? निर्मित उत्पाद सामग्री के प्रदर्शन, प्रचार-प्रसार एवं उचित कीमत पर विक्रय हेतु शासन द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई गई है? (ख) सागर जिले में प्रश्‍न दिनांक से विगत 3 वर्षों में कैदियों द्वारा कितनी मात्रा में सामग्री का निर्माण किया गया एवं कितनी राशि की सामग्री का विक्रय किया गया? विक्रय सामग्री से कितनी आय अर्जित की गई एवं इसका व्यय किन मदों पर किया गया? इससे व्यक्तिगत कैदी के लिए क्या लाभ प्रदत्त किया जाता है? (ग) क्या शासन कैदियों द्वारा निर्मित सामग्री के प्रचार-प्रसार, आम जनता के प्रदर्शन हेतु जेल परिसर में प्रदर्शन कक्ष एवं शहर में विक्रय केन्द्र, मॉल आदि निर्माण कराने तथा उचित रख-रखाव की व्यवस्था किये जाने पर विचार करेगा और कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, मध्‍यप्रदेश जेल उद्योग (सिद्धदोष व्‍यक्तियों का नियोजन और बंदी पुनर्वास) नियम 2021 बनाए गए हैं, इन्‍हीं के अंतर्गत उद्योगों का संचालन सामग्री का विक्रय आदि कार्य किया जाता है। (ख) केन्‍द्रीय जेल सागर में विगत 03 वर्ष में रूपये 92, 82, 822/- की सामग्री का उत्‍पादन कर विक्रय किया गया जिससे रूपये 9, 25, 293/- की आय हुई। विक्रय से अर्जित आय का जेल उद्योग (सिद्धदोष व्‍यक्तियों का नियोजन और बंदी पुनर्वास) नियम 2021 के अंतर्गत उपयोग किया गया। जेल उद्योगों में कैदियों को प्रशिक्षण सह-उत्‍पादन के कार्यक्रम के अंतर्गत नियो‍जित कर निर्धारित दर पर पारिश्रमिक भुगतान किया जाता है।   (ग) कैदियों द्वारा निर्मित सामग्री का विक्रय, प्रचार-प्रसार, रख-रखाव जेल उद्योग (सिद्धदोष व्‍यक्तियों का नियोजन और बंदी पुनर्वास) नियम 2021 के अंतर्गत किया जा रहा है, इन्‍हीं नियमों के अंतर्गत उद्योग संवर्धन समिति बनाई गई है जो जेल उद्योग हेतु योजना बनाने, योजनाओं के क्रियान्‍वयन का नियंत्रण करने के लिए गठित की गई है।

उद्वहन सिंचाई परियोजना की स्‍वीकृति

[नर्मदा घाटी विकास]

32. ( क्र. 538 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) जबलपुर जिले के बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बरगी बांध निर्मित होने के उपरांत भी आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध नहीं होने के संबंध में लिफ्टिंग व्‍यवस्‍था हेतु जमीनी हकीकत की जांच के संबंध में ध्‍यानाकर्षण सूचना क्र. 228 दिनांक 10.03.2022 के प्रति उत्‍तर में सरकार द्वारा जांच कराए जाने के कथन का क्रियान्‍वयन कब तक किया जावेगा? (ख) क्या  बरगी-बड़ादेव उद्वहन सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. तैयार हो गई है? यदि हाँ तो डी.पी.आर. की कॉपी उपलब्‍ध करावें। (ग) बरगी-बड़ादेव उद्वहन सिंचाई परियोजना की स्‍वीकृति हेतु तत्कालीन पूर्व विधायक द्वारा कब-कब पत्राचार कर मांग की गई? समस्‍त पत्रों की प्रति उपलब्‍ध करावें एवं उन पत्रों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) उक्‍त क्षेत्र हेतु प्रस्‍तावित बड़ादेव उद्वहन सिंचाई परियोजना की स्‍वीकृति कब तक की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जांच कर ली गई है। बरगी परियोजना के दायरे में स्‍वीकृत कमाण्‍ड एरिया को छोड़कर अत्‍यधिक ऊँचे एवं पहाड़ी इलाकों के कृषि योग्‍य क्षेत्र में सिंचाई हेतु केवल जल उठाव पद्धति से सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराया जाना ही संभव है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। बड़ादेव उद्वहन सिंचाई परियोजना को नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा नवीन प्रस्‍तावित योजनाओं की सूची में शामिल कर लिया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

स्‍वीकृत खनिज खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

33. ( क्र. 543 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) विदिशा जिले में किस-किस स्थान पर कौन-कौन से खनिज खदानें स्वीकृत हैं? इनमें से              किस-किस स्थान की खदानें/लीज/पट्टे किस ठेकेदार/फर्म को कब से कब तक के लिए कितनी राशि में दी गई है? प्रत्येक खदान का सर्वे नंबर एवं रकबा बतावें तथा अनुबंध पश्चात् ठेकेदार/फर्म को प्रतिमाह कितनी-कितनी राशि जमा की जानी चाहिए? दिनांक 1 अप्रैल 2020 से प्रश्‍नांकित तक प्रत्येक खदान से प्रतिमाह कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? खदानवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्या नदी में पनडुब्बी डालकर रेत खनन करने एवं कृषि कार्य हेतु ट्रेक्टर-ट्राली से रेत परिवहन का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम, निर्देश एवं आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो रेत परिवहन कर रहे ट्रक, ट्रेक्टर-ट्राली के फिटनेस, बीमा, ड्रायवर लायसेंस की जांच कब-कब की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में 1 अप्रैल 2020 से प्रश्‍नांकित अवधि तक अवैध उत्खनन करते हुए कितने प्रकरण बनाये गये? प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करावें। उन पर                              क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई, तो इसके लिए दोषी कौन है तथा उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) के संदर्भ आवंटित खदानों, पट्टों, लीज का निरीक्षण किन-किन राजस्व एवं वन विभाग तथा अन्य अधिकारियों द्वारा कब-कब, किन-किन दिनांकों में किया गया है? क्या कोई कमियाँ पाई गई हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई तथा क्या खदानें, पट्टा, लीज आदि आवंटित करने के विरोध में विभाग को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई? तो कब तक की जावेगी? (ङ) अनुविभाग सिरोंज एवं अनुविभाग लटेरी अंतर्गत अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण वन एवं राजस्व विभाग द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्‍नांकित अवधि तक पंजीबद्ध किये हैं? उन पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गई है? अवैध उत्खननकर्ताओं पर क्या कार्यवाही की गई है? कितना चालान किया गया? अवैध उत्खननकर्ताओं द्वारा कितनी रॉयल्टी के विरूद्ध कितना उत्खनन किया? पंजीबद्ध प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करावें। कितने प्रकरण लंबित हैं? इसके लिए दोषी कौन है? उन पर क्या कायवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार आवंटित/स्‍वीकृत खदानें एवं उनकी अवधि व अन्‍य वांछित विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उत्‍खनन पट्टों के मामलों में माहवार राशि जमा किये जाने के प्रावधान नहीं है। खनिज की मात्रा की निकासी/विक्रय के आधार पर रॉयल्‍टी का भुगतान अग्रिम किये जाने के प्रावधान है। ठेका खदानों के मामलों में ठेकाधन की किश्‍तों का निर्धारित समय अवधि में भुगतान किये जाने की अनिवार्यता है। उल्‍लेखित अवधि में खदानवार जमा राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। (ख) जी नहीं। पनडुब्‍बी से रेत निकाला जाना एवं कृषि कार्य हेतु पंजीकृत ट्रेक्‍टर-ट्राली से रेत का परिवहन किया जाना नियमाकुल नहीं है। ऐसे वाहनों से रेत परिवहन किये जाने पर वाहनों का फिटनेस, बीमा/ड्रायवर लायसेंस की जाँच किया जाना खनिज विभाग का दायित्‍व/कार्य क्षेत्र नहीं है। (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में दर्ज अवैध उत्‍खनन प्रकरणों एवं अधिरोपित अर्थदण्‍ड का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शित है। (घ) राजस्‍व व वन विभाग के अधिकारियों द्वारा खदान का कोई निरीक्षण नहीं किया गया है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा खदान के किये गये निरीक्षण का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द में दर्शित है। खदानों के आवंटन किये जाने के विरोध में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।          (ड.) अनुविभागों में प्रश्‍नांकित अवधि में वन विभाग द्वारा अवैध उत्‍खनन के 10 प्रकरण तथा राजस्‍व विभाग द्वारा 22 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। अवैध उत्‍खननकर्ताओं पर अर्थदण्‍ड अधिरोपित किया गया है। 06 अवैध उत्‍खननकर्ताओं पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। वन विभाग द्वारा पंजीबद्ध प्रकरणों में वन अपराध दर्ज किया जाकर कार्यवाही प्रचलन में है। अत: प्रश्‍नांश अनुसार कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। दर्ज/पंजीबद्ध प्रकरणों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।

जेल के लिए नवीन भवन की स्‍वीकृति

[जेल]

34. ( क्र. 549 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या वर्तमान में राजगढ़ जिले में जिला जेल संचालित है? यदि हाँ तो जेल भवन का निर्माण किस वर्ष में किया गया था? (ख) क्‍या राजगढ़ जिले में जेल का भवन बीच बाजार में बना हुआ है? यदि हाँ तो कहाँ पर और कितनी भूमि में बना हुआ है तथा पूर्व में जेल के नाम कितनी भूमि शासन द्वारा आवंटित की गई थी? खसरा एवं नक्‍शा उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या शासन द्वारा नवीन जेल का निर्माण किये जाने हेतु कोई जगह आवंटित की गई है? यदि हाँ तो कितनी भूमि और किस स्‍थान पर आवंटित की गई है? (घ) उक्‍त आवंटित भूमि पर नवीन जिला जेल का निर्माण कब तक किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। वर्ष 1905 में। (ख) जी हाँ। जेल भवन वार्ड क्रमांक-9 में पावर हाउस एवं पुलिस अधीक्षक निवास के समीप स्थित है। जेल भवन 0.493 हेक्‍टेयर भूमि पर बना हुआ है। पूर्व में जेल के नाम पर शासन द्वारा 0.493 हेक्‍टेयर भूमि आवंटित की गई थी। खसरा एवं गूगल नक्‍शे की प्रति संलग्‍न परिशि‍ष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "आठ"

नवीन जेल का निर्माण

[जेल]

35. ( क्र. 550 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) जिला जेल राजगढ़ में कितने कैदियों को रखे जाने की क्षमता है? (ख) वर्तमान में राजगढ़ जिला जेल में कितने कैदियों को रखा जा रहा है? (ग) क्‍या क्षमता से अधिक कैदियों को रखे जाने में जेल प्रशासन को कोई परेशानी नहीं आती है? (घ) यदि आती है तो नवीन जेल भवन का निर्माण करवाया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जेल में 239 बंदियों को रखे जाने की क्षमता है। (ख) दिनांक 13.06.2024 को 365 बंदी परिरूद्ध हैं। (ग) जी हाँ। (घ) उपयुक्‍त एवं पर्याप्‍त भूमि आवंटित होने पर पुनर्घनत्‍वीकरण की योजना में राजगढ़ में नवीन जेल का निर्माण प्रस्‍तावित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

स्‍वीकृत पत्‍थर खदान की जानकारी

[खनिज साधन]

36. ( क्र. 555 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) धार जिले में किस ग्राम के किस खसरा नंबर के कितने रकबे पर किस दिनांक से किस दिनांक तक के लिए किस पत्थर की खदान स्वीकृत की गई? खदान से कितनी दूरी पर क्रेशर स्थापित किया है? (ख) किस लीज अनुबंधकर्ता ने गत छह माह में किस-किस दिनांक को अपने कितने उत्पादन एवं कितने परिवहन बाबत् जिला खनिज विभाग में किस प्रारूप में कौन-कौन सी जानकारी प्रस्तुत की है? किसने किस माह की जानकारी प्रस्तुत नहीं की? (ग) उत्पादन एवं परिवहन और स्टॉक की जानकारी प्रस्तुत किए जाने का क्या प्रावधान है? उसका पालन नहीं किए जाने पर खनिज विभाग को किन कार्यवाहियों के अधिकार हैं? (घ) किस पत्थर खदान एवं किस क्रेशर का गत एक वर्ष में किस-किस दिनांक को खनिज विभाग के किस निरीक्षक/अधिकारी ने निरीक्षण किया? प्रतिवेदन की प्रति सहित बताएं।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) धार जिले में स्‍वीकृत पत्‍थर खदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 अधिसूचित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है।

विक्रमपुरी औद्योगिक क्षेत्र की जानकारी

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

37. ( क्र. 562 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) उज्जैन जिला अंतर्गत विक्रमपुरी औद्योगिक क्षेत्र में कुल कितने उद्योग स्थापित हैं? वृहद, मध्य एवं लघु उद्योग की उद्योगवार जानकारी दें। उक्त औद्योगिक क्षेत्र में कुल कितने भूखण्‍ड हैं?                                                                    (ख) किस-किस संस्थान को कौन-कौन सा भूखण्‍ड कब-कब किन-किन शर्तों के साथ आवंटित किया गया है? क्या आवंटियों द्वारा निर्धारित समय-सीमा के तहत अपने उद्योग प्रारंभ कर दिए गए हैं? यदि हाँ तो ऐसे कितने उद्योग हैं? उद्योगवार जानकारी दें। (ग) जिन आवंटियों द्वारा निर्धारित समय-सीमा में अपना उद्योग प्रारंभ नहीं किया गया है, उनके विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? स्थापित उद्योगों द्वारा प्रदूषण फैलने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो किस-किस उद्योग के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) स्थापित उद्योगों में से किस-किस उद्योग द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया है? उद्योगवार जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उज्जैन जिला अंतर्गत डी.एम.आई.सी. विक्रम उद्योगपुरी लिमिटेड औद्योगिक क्षेत्र में कुल 09 इकाइयां स्थापित हैं, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' पर है। उक्त औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिक प्रयोजन एवं अन्‍य अनुषांगिक प्रयोजन हेतु कुल 104 भूखण्ड हैं। (ख) इकाइयां/औद्योगिक संस्थानों को मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2019 (यथा संशोधित 2022) के प्रावधान अनुसार भूखण्‍ड आवंटित किये गये हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट –'' पर है। जी हाँ। निर्धारित समय-सीमा में उद्योग प्रारंभ करने वाली औद्योगिक इकाइयों की सूची संलग्‍न परिशिष्ट-'' पर है। (ग) जिन आवंटियों द्वारा उद्योग प्रारंभ नहीं किया गया है, उन्‍हें उद्योग प्रारंभ करने हेतु समय-सीमा शेष है। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। पर्यावरण विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार विक्रम उद्योगपुरी औद्योगिक क्षेत्र में स्‍थापित उद्योगों द्वारा प्रदूषण फैलने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। (घ) डी.एम.आई.सी. विक्रम उद्योगपुरी लिमिटेड औद्योगिक क्षेत्र में स्‍थापित 09 उद्योग द्वारा मध्‍यप्रदेश के स्‍थानीय लोगों को प्रदाय किये जा रहे रोजगार की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'' पर है।

परिशिष्ट - "नौ"

फर्नीचर क्‍लस्‍टर हेतु भूमि का आवंटन

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

38. ( क्र. 569 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर शहर के टिम्बर उद्योग (लकड़ी टाल) को शहर से बाहर विस्थापित करने के साथ ही फर्नीचर क्लस्टर का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक तक इस प्रोजेक्ट में क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं? इसकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) क्या सिद्गुवां औद्योगिक क्षेत्र सागर में फर्नीचर क्लस्टर के लिए भूमि का आवंटन किया जा चुका है एवं टेंडर भी हो चुके हैं तथा 70 से अधिक निवेश इकाइयां प्रोजेक्ट लगाने के लिए तैयार हैं, परंतु प्रोजेक्ट नक्शे की स्वीकृति नहीं हो पाने के कारण फर्नीचर क्लस्टर विस्थापन की प्रक्रिया लंबित है? प्रोजेक्ट नक्शा स्वीकृत नहीं हो पाने का क्या कारण है एवं कब तक इसे शुरू किया जा सकेगा?

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) विभाग द्वारा सेवा उद्योगों को विभागीय भूमि का आवंटन नहीं किया जाता है। तथापि सागर जिले में फर्नीचर उद्योगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ग्राम सिद्गुवां जिला सागर में विभाग के आधिपत्य की भूमि पर फर्नीचर क्लस्टर बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस हेतु चयनित विकासक के साथ विकास कार्य हेतु अनुबंध निष्पादित किया गया है। (ख) ग्राम सिद्गुवां, जिला सागर में विभागीय भूमि पर फर्नीचर क्लस्टर की स्थापना हेतु टेण्‍डर प्रक्रिया उपरांत चयनित विकासक के साथ विकास अनुबंध किया गया है। मध्‍यप्रदेश एम.एस.एम.ई. को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम-2021 के परिशिष्‍ट-डी के प्रावधान अनुसार सागर जिले में फर्नीचर उद्योगों को प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍य से फर्नीचर क्‍लस्‍टर विकास का निर्णय लिया गया है। उक्‍त नियमों में क्‍लस्‍टर विस्‍थापन के संबंध में प्रावधान न होने से प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। विकासक द्वारा अभिन्यास अनुमोदन का प्रस्ताव मानकों के अनुरूप प्रस्तुत नहीं करने के कारण प्रस्ताव वापस किया गया है। विकासक द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप अभिन्यास प्रस्ताव प्रस्तुत करने के पश्चात अभिन्यास अनुमोदन की कार्यवाही की जा सकेगी।

राजस्‍व वसूली हेतु तकनीकी जाँच

[खनिज साधन]

39. ( क्र. 659 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवैध उत्खनन में कानूनी कार्यवाही एवं वसूली के संबंध में खनिज विभाग के क्या-क्‍या नियमों का प्रावधान है? कृपया विस्तृत जानकारी देते हुए नियमावली संलग्न करें। (ख) क्या दतिया जिले में वर्ष 2018 से 2024 प्रश्‍न दिनांक तक पी.डब्लू.डी., आर.ई.एस., नगरपालिका दतिया, नगर पंचायत सेंवढ़ा, इंदरगढ़, बड़ौनी, भाण्डेर, जल संसाधन विभाग, पी.एच.ई., सड़क विकास निगम, नेशनल हाईवे सहित ग्राम पंचायतों द्वारा निर्माण कार्यों में कितनी-कितनी मिट्टी, मुरम एवं रेत तथा गिट्टी का उपयोग किया गया है और कितनी-कितनी रायल्टी राशि जमा की गई है? कृपया वर्षवार सभी विभागों एवं स्थानीय संस्थाओं द्वारा मिट्टी, मुरम एवं रेत तथा गिट्टी की मात्रा का उल्लेख कर जमा की गई राशि का विवरण अलग-अलग प्रदाय करें। (ग) क्या अवैध उत्खनन की वसूली के लिए विभाग में तकनीकी जांच करने का प्रावधान है। यदि हाँ तो क्या दतिया जिला में खनिज विभाग द्वारा उक्त संबंध में कार्यवाही की गई है। यदि हाँ तो कितने-कितने प्रकरणों में? कृपया जानकारी दें। (घ) क्या अवैध उत्खनन के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री पत्र क्र. 1653/2024 दिनांक 14/03/2024, 1559/2024 दिनांक 19/01/2024, 1248/2022 दिनांक 25/07/2022, 1828/2018 दिनांक 09/02/2018 मुख्य सचिव पत्र क्र. 1770/2024 दिनांक 31/05/2024, 1690/2024 दिनांक 11/04/2024, 1249/2022 दिनांक 25/07/2022, प्रमुख सचिव खनिज विभाग पत्र क्र. 1771/2024 दिनांक 31/05/2024, 1691/2024 दिनांक 11/04/2024 को अवगत कराते हुए राजस्व वसूली के संबंध में तकनीकी जांच करने हेतु लेख किया गया? यदि हाँ तो विभाग द्वारा तत्संबंध में राजस्व वसूली हेतु क्या-क्‍या कार्यवाही की गई है? कृपया विस्तृत विवरण दें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें। क्या विभाग राजस्व वसूली हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 18 से 26 के अधिसूचना की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। शेष जानकारी संबंधित विभागों से एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार विभाग को केवल पत्र क्रमांक 1690/2024 तथा 1691/2024 दिनांक 11/04/2024 प्राप्‍त हुआ है, जिसके संबंध में दतिया जिले में की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। शेष पत्र प्राप्‍त नहीं हुए हैं।

स्‍थानांतरण नीति की जानकारी

[गृह]

40. ( क्र. 660 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गृह विभाग से सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति लागू होती है? यदि हाँ तो क्या उक्त नीति में सभी कर्मचारी एवं अधिकारी आते हैं? यदि हाँ तो पुलिस मुख्यालय सहित पुलिस महानिरीक्षक एवं जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालयों में भी लागू होती है? यदि नहीं तो गृह विभाग में स्थानांतरण की नीति क्या है? क्या सामान्य प्रशासन विभाग एवं गृह विभाग की स्थानांतरण की नीति में तीन-तीन वर्ष का प्रावधान ही है अथवा इससे अलग-अलग है? कृपया अलग-अलग विवरण दें। (ख) क्या विभाग द्वारा स्थानांतरण नीति का पालन किया जाता है? यदि हाँ तो पुलिसकर्मियों- अधिकारियों का स्थानांतरण कितने वर्षों की अवधि के पश्चात् किये जाने का प्रावधान है?                                (ग) विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के विपरीत दतिया जिला में तीन वर्ष या उससे अधिक अवधि से कितने पुलिसकर्मी, ए.एस.आई., सब इंस्पेक्टर एवं निरीक्षकों की थानों में कुल पदस्थी की अवधि कितनी-कितनी है? कृपया थानावार अलग-अलग संपूर्ण विवरण दें। (घ) क्या विभाग द्वारा प्रश्‍नकर्ता को प्रश्‍न क्रमांक 40 (क्र.517) दिनांक 9 फरवरी 2024 में दी गई सूची में जानकारी अनुसार स्थानांतरण करने की तिथि (रोक हटाने की तिथि) पर पदस्थ सभी पुलिस कर्मियों को जिला, थानों एवं तहसीलों से स्थानांतरण किये जायेंगे? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति दिनांक 24 जून, 2021 की कंडिका 17 एवं कंडिका 18 अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के स्थानांतरण हेतु निश्चित समय-सीमा निर्धारित नहीं होने स्थानांतरण करने की बाध्यता नहीं है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला दतिया में तीन वर्ष से अधिक पदस्थापना के पुलिसकर्मी थानों में पदस्थ है, किंतु उक्त पदस्थापना स्थानांतरण नीति के विपरीत नहीं है। अतः उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला, थानों एवं चौकियों में कर्मचारियों के स्थानांतरण रिक्तियों को दृष्टिगत रखते हुये जिले की आपराधिक पृष्ठभूमि एवं कानूनू व्यवस्था के दृष्टिकोण से आवश्यकतानुसार समानुपात में नियमानुसार स्वीकृत पदों के अनुरूप की जाती है, जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

गुना जिलांतर्गत आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

41. ( क्र. 727 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले के राघौगढ़ एवं आरोन ब्लॉक में कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन हो रहा है? आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के नाम, पते, सुपरवाईजर/आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का नाम, कितने वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ, कितने आंगनवाड़ियों में खुद की बिल्डिंग/भवन, कितने पद कहाँ पर कब से रिक्‍त हैं, बैकलॉग/नि:शक्तजनों के पदों सहित संपूर्ण जानकारी ब्लॉकवार बतायें। (ख) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक जिले में अति कम वजन वाले बच्चों की संख्या कितनी है? इन बच्चों को एन.आर.सी. केन्द्र में भेजा गया है? एन.आर.सी. केन्द्र के संचालन हेतु कितना बजट प्राप्त हुआ? बजट का उपयोग कहाँ-कहाँ पर कितना किया गया? प्रश्‍न दिनांक तक बच्चों की स्थिति क्या है? कितने पूर्ण स्वस्थ होकर घर चले गये एवं कितने बच्चे कुपोषण का शिकार हो गये सहित सपूर्ण जानकारी बतायें। (ग) जिले में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से भोजन की व्यवस्था की जाती है? भोजन का साप्ताहिक मेन्यू क्या है? क्या विभाग इन स्व-सहायता समूहों से अनुबंध करता है? स्व. सहायता समूहों द्वारा कहाँ-कहाँ से     किन-किन आंगनवाड़ियों में भोजन सप्लाई की जाती है? प्रश्‍नांश (ख) की अवधि में इन स्व-सहायता समूहों को कितना भुगतान किस प्रयोजन से किस खातों में किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (ख) की अवधि में कितने बच्चों, गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार का लाभ प्राप्त हुआ? उनकी संख्या, नाम, पते, पोषण आहार पर कितना व्यय हुआ है, पोषण आहार कहाँ से लाया गया है, कितना भुगतान किसे किस प्रयोजन से किया गया सहित सपूर्ण व्यय की जानकारी बतायें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) गुना जिले के राघौगढ़ ब्लॉक में 257 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 156 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र सहित कुल 413 केन्द्रों तथा आरोन विकासखंड में 124 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 41 मिनी आंगनवाड़ी सहित कुल 165 केन्द्रों का संचालन हो रहा है। विकासखंडवार आंगनवाड़ी केन्द्रों के नाम, कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षकों के नाम, पदस्थापना दिनांक, भवनों की स्थिति तथा रिक्त पद की तिथि आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता स्थानीय होती है, भर्ती नियम में स्थानांतरण का प्रावधान नहीं है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का पद संबंधित केन्द्र हेतु एकल एवं मानसेवी पद होते हैं, इसमें आरक्षण लागू नहीं होने से बैकलॉग एवं निःशक्तजन से संबंधित जानकारी निरंक है। पर्यवेक्षक के पद राज्य स्तरीय श्रेणी के हैं, बैकलॉग एवं निःशक्तजन संबंधी पद का निर्धारण राज्य के कुल पदों की कुल संख्या से निर्धारित होता है, अतः शेष का प्रश्‍न नहीं। (ख) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना जिले में अति कम वजन वाले बच्चों की संख्या 7634 है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। एन.आर.सी. केन्द्र में पात्रता अनुसार अति गंभीर कुपोषित (SAM) श्रेणी के बच्चों को भेजा जाता है। अति कम वजन के बच्चों को एन.आर.सी. नहीं भेजा जाता है। एन.आर.सी. का संचालन महिला एवं बाल विकास द्वारा नहीं किया जाता है। एन.आर.सी. का संचालन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है। एन.आर.सी. में भर्ती, स्वस्थ होकर घर गए एवं शेष बच्चों की जानकारी तथा एन.आर.सी.वार प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है। (ग) जी हाँ, भोजन के साप्ताहिक मेन्यू की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 पर है। जी हाँ, आंगनवाड़ी केन्द्रवार कार्यरत       स्व-सहायता समूहों एवं प्रश्‍नांश '''' में उल्लेखित अवधि में समूहवार खाते में भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 पर है। (घ) प्रश्‍नांश '''' में उल्लेखित अवधि में सांझा चूल्हा अंतर्गत लाभान्वित बच्चों एवं गर्भवती तथा धात्री महिलाओं की संख्या, पोषण आहार प्रदायकर्ता संस्था के नाम, पता एवं संबंधित संस्था को भुगतान की गई राशि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 पर एवं टेक होम राशन से लाभान्वित बच्चों एवं गर्भवती तथा धात्री महिलाओं की संख्या, पोषण आहार प्रदायकर्ता संस्था एवं व्यय संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 पर है। पोषण आहार प्राप्त करने वाले बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के नाम एवं पते संबंधी जानकारी हेतु प्रति आंगनवाड़ी प्रतिमाह औसतन 04 पृष्ठ होते है। प्रतिमाह लगभग 6600 पृष्ठ तथा 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि की जानकारी लगभग 3, 00, 000 (3 लाख) पृष्ठ की होगी। इस जानकारी में बहुत अधिक समय एवं पृष्ठ संख्या लगने के कारण उपलब्ध कराने में कठिनाई है।

म.प्र. राज्‍य सुरक्षा अधिनियम की धारा 3/5 () के तहत कार्यवाही

[गृह]

42. ( क्र. 728 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने लोगों के विरूद्ध मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 3/5 (क) के अन्तर्गत कार्यवाही करने का क्या प्रस्ताव, किस स्तर पर, कब प्रस्तुत किया गया है? प्रस्तुत प्रकरण पर कब और क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने लोगों के विरूद्ध किस स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही करने की स्वीकृति प्रदान होने के उपरांत विभाग ने कब और क्या कार्यवाही संपादित की? प्रकरणवार गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासन के निर्णय के  विरूद्ध अनावेदकगण ने न्यायालय आयुक्त, ग्वालियर संभाग ग्वालियर में इस निर्णय के विरूद्ध अपील याचिका दायर की, उसमें न्यायालय आयुक्त ने अनावेदकगणों के पक्ष में क्या निर्णय पारित किया? पारित निर्णय का विभाग ने अक्षरतः पालन सुनिश्चित किया? न्यायालय आयुक्त के आदेश के बावजूद पुनः अनावेदकगणों के विरूद्ध प्रश्‍नांश (क) के अनुसार कार्यवाही कर न्यायालय आयुक्त के आदेश की अवमानना तथा विभाग द्वारा मनमानी कार्यवाही करना प्रतीत होता है? संपूर्ण प्रकरण पर स्पष्टीकरण दें। (घ) क्या अनावेदकगणों पर तीन वर्ष की कालावधि के भीतर तीन बार दोष सिद्ध ठहराया गया तो उसकी जानकारी दें। यदि नहीं तो नियम विरूद्ध कार्यवाही संपादित करने पर विभाग संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही कर प्रश्‍नांश (क) की कार्यवाही वापस लेगा? यदि हाँ तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।

जांच आयोग की रिपोर्ट को विधान सभा के पटल पर रखा जाना

[सामान्य प्रशासन]

43. ( क्र. 739 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2004 से वर्ष 2023 तक की अवधि में जांच आयोग अधिनियम (1952 का 60) धारा 3 के अंतर्गत गठित जांच आयोग की किन-किन रिपोर्टों को शासन को प्राप्‍त हो जाने के बाद भी विधान सभा के पटल पर नहीं रखी गई है? (ख) उक्‍त रिपोर्ट किन कारणों से विधान सभा के पटल पर नहीं रखी गई है और कब तक उक्‍त रिपोर्ट पटलित की जाएगी? (ग) क्‍या उक्‍त जांच रिपोर्ट शासन द्वारा किन नियमों/आयोग के तहत पटलित नहीं की जा रही?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मंत्रालय में आगजनी की जांच एवं कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

44. ( क्र. 740 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि म.प्र. सरकार के भोपाल स्थित मंत्रालय में दिनांक 09 मार्च 2024 पांचवी मंजिल में आगजनी की घटना घटी थी एवं इसके पूर्व 12 जून 2023 को सतपुड़ा भवन, 20 फरवरी 2024 को मंत्रालय में एवं 26 मई 2024 को लोकायुक्त परिसर में आगजनी की घटना घट चुकी है? (ख) यदि हाँ तो क्या उक्त घटनाओं की जांच कराई गई है? यदि हाँ तो किन-किन घटनाओं की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गई है और जांच निष्कर्ष के आधार पर किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्त आगजनी की किन-किन घटनाओं में कौन-कौन से महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज जले हैं एवं सरकारी सम्पत्ति का कितना नुकसान हुआ था? (घ) क्या राज्य सरकार इस प्रकार से आगजनी की घटनाएं घटित न हो इस हेतु फायर एक्ट बनायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) दिनांक 12.06.2023 को सतपुड़ा भवन एवं दिनांक 09.03.2024 को मंत्रालय वल्‍लभ भवन क्रमांक 01 तथा दिनांक 26.05.2024 को लोकायुक्‍त परिसर में आगजनी की घटना घटित हुई। (ख) दिनांक 12.06.2023 को सतपुड़ा भवन एवं दिनांक 09.03.2024 को मंत्रालय वल्‍लभ भवन क्रमांक 01 में हुई आगजनी की घटना की जांच कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट प्राप्‍त हो गई है। जांच निष्‍कर्ष पर शार्ट सर्किट से आग लगना प्रतिवेदित किया गया, अत: अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                (ग) उपरोक्‍त आगजनी की घटना में कार्यालयीन अनुपयोगी सामग्री एवं भवन को नुकसान हुआ है, जिन सरकारी दस्‍तावेजों को क्षति हुई है उन्‍हें आवश्‍यकतानुसार पुननिर्मित किया जा सकता है।                        (घ) आगजनी की घटनाओं को रोकने हेतु सभी आवश्‍यक कदम उठाये जा रहे हैं।

बिना अनुमति के मैरिज गार्डन का संचालन

[गृह]

45. ( क्र. 744 ) श्री हेमंत कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऋषिपुरम, वार्ड 60, थाना अवधपुरी के रहवासियों द्वारा रिटायर्ड डी.एस.पी. द्वारा अपने कर्मचारियों के माध्यम से एवं स्वयं आतंक मचाकर गुण्डागर्दी कर दहशत फैलाने एवं मारपीट करने संबंधी शिकायत पुलिस आयुक्त सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों को की गई है? क्या यह भी सही है कि सभी रहवासी फरियादियों द्वारा शपथ-पत्र देकर आरोपी को नामजद आरोपी बनाने का अनुरोध करने एवं समुचित पुख्ता सबूत होने के बाद भी उक्त पुलिस अधिकारी को आरोपी नहीं बनाया गया है, जिसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा कब तक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को नामजद आरोपी बनाया जावेगा? (ख) क्या रिटायर्ड डी.एस.पी. द्वारा रहवासी कॉलोनी में पत्नी के नाम से प्लॉट नं. 212 पर अवैध व्यावसायिक गतिविधियों में मैरिज गार्डन (अवध विहार मैरिज गार्डन) संचालित कर रहवासियों से गुण्डागर्दी, पानी निकासी अवरूद्ध करने, कचरा फैलाने, ध्वनि प्रदूषण कर परेशान किये जाने के संबंध में भी रहवासियों द्वारा पुलिस आयुक्त भोपाल एवं अन्य अधिकारियों को लिखित शिकायत की गई है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) आज तक कार्यवाही नहीं करने हेतु कौन जिम्मेदार है? कार्यवाही कब तक की जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। इस संबंध में दिनांक 07.04.2024 को पुलिस उपायुक्त, योजना-02 भोपाल के कार्यालय में शिकायत प्राप्त हुई है। जी हाँ। शिकायत पत्र के साथ शपथ पत्र संलग्न है। दिनांक 07.04.2024 को श्री हनुमान प्रसाद पुत्र सी.एस. पाण्डेय, उम्र 48 साल निवासी पी-135, ऋषिपुरम, फेस-2, अवधपुरी ने कृष्णकुमार गुप्ता एवं रविशंकर शुक्ला के नौकर मंजीत सिंह के विरूद्ध जान से मारने की नियत से तलवार मारने एवं पत्थर फेंककर मारने तथा जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट की थी, जिस पर थाना अवधपुरी में अपराध क्रमांक-83/24 धारा 307, 336, 294, 323, 506, 34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। प्रकरण में आरोपी कृष्णकुमार गुप्ता निवासी पी-135 ऋषिपुरम फेस-2 अवधपुरी को दिनांक 08.04.2024 को गिरफ्तार किया जाकर माननीय न्यायालय में पेश किया गया है, जो जमानत पर है। आरोपी मंजीत सिंह घटना दिनांक से फरार है जिसकी गिरफ्तारी की जावेगी, प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है, प्रकरण में आये साक्ष्य अनुरूप उचित वैधानिक कार्यवाही की जावेगी, प्रकरण की विवेचना के दौरान इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य उपलब्ध हैं, विश्लेषण उपरांत वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) शिकायत पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं होने से कमिश्नर, नगर निगम भोपाल को प्रेषित की गई। (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कृषकों के हित में खनिज नीति में सुधार

[खनिज साधन]

46. ( क्र. 748 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) प्रदेश में खनन/उत्खनन नीति क्या है? जानकारी उपलब्ध करायें। कृषि भूमि हेतु नीति की जानकारी पृथक से देवें। (ख) कृषक अपने संसाधनों से अपनी भूमि को समतल बनाकर खेती योग्य बनाना चाहे तो वर्तमान में प्रदेश की खनन नीति क्या उसको अनुमति देता है? यदि हाँ तो ऐसे प्रकरणों की जबलपुर जिलान्‍तर्गत संख्या बताएं, जिनमें कृषक द्वारा स्वयं की भूमि को सुधार करते समय विभाग द्वारा उसके संसाधन जप्‍त कर लिए हैं (ग) यदि नहीं तो क्या विभाग प्रदेश के कृषकों को नीति में सुधार कर अपनी खेती में अपने संसाधनों द्वारा आवश्यक सुधार जैसे समतलीकरण आदि की अनुम‍ति प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश में, मध्‍यप्रदेश खनिज नीति 2010 है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। कृषि भूमि के संबंध में मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 3 (दो) तथा 68 (6) के तहत प्रावधान पूर्व से अधिसूचित हैं। (ख) जी हाँ। जबलपुर जिले में कृषकों द्वारा स्‍वयं की भूमि सुधार करते समय खनिज विभाग द्वारा उनके संसाधन जप्‍त किये जाने से संबंधित कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 3 (दो) में छूट के तहत प्रावधान अधिसूचित हैं। अत: पृथक से अनुमति प्रदान किए जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र प्राप्‍त किए बिना अंतिम बिलों का भुगतान

[नर्मदा घाटी विकास]

47. ( क्र. 756 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) क्या मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग, मंत्रालय, भोपाल के आदेश क्रमांक 14-10/20/ 2018/12-1 दिनांक 15/3/2018 में बताएं गए "रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र प्राप्त किए बिना ही अनुबंधकर्ताओं को अंतिम बिलों का भुगतान करने वाले भुगतानकर्ता अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) दिनांक 15/3/2018 के आदेश में रॉयल्‍टी बाबत् क्या-क्या निर्देश दिए गए? इसके अनुसार वर्ष 2018- 19 से 2023-24 तक किस-किस अनुबंधकर्ता के अंतिम बिलों का भुगतान किए जाने पर रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र लिया गया? किसके अंतिम भुगतान के पूर्व रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं किया गया? (ग) रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र प्राप्त किए बिना ही अंतिम बिल का भुगतान किस अधिकारी के द्वारा किया गया है? उस अधिकारी के विरूद्ध शासन ने क्या कार्यवाही की है? यदि कार्यवाही नहीं की हो तो कारण बतावें। कब तक कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आदेश में दिये गये निर्देशों के तहत अनुबंधकर्ता (ठेकेदार) का दायित्व है कि वह स्वयं अपनी रॉयल्टी चुकता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे। रॉयल्टी चुकता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं किये जाने की स्थिति में अनुबंधकर्ता अधिकारी द्वारा नियमानुसार खनिज की रॉयल्टी काटी जाकर शासकीय हेड में जमा करने के उपरान्त ही अंतिम देयकों का भुगतान किया गया है। अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) निर्धारित हेड में रॉयल्‍टी की राशि जमा करने के उपरांत ही अधिकारियों के द्वारा अनुबंधों के अंतिम बिलों का भुगतान किया गया। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रेत का अवैध उत्‍खनन व भण्‍डारण

[खनिज साधन]

48. ( क्र. 1116 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) रायसेन जिले में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने व कहाँ-कहाँ रेत खनन पट्टों की स्‍वीकृति दी गई? स्‍थलवार, खसरा, रकबा व ग्राम की जानकारी दें। उक्‍त अवधि में इन खदानों के स्‍वीकृत क्षेत्र के अलावा आसपास से अवैध उत्‍खनन की प्राप्‍त शिकायतों की जानकारी व निराकरण की जानकारी दें। (ख) रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ रेत खनिज भण्‍डारण की अनुमतियां दी गई हैं? वर्तमान में वैध अनुमति स्‍थलों की जानकारी दें। कहाँ-कहाँ अवैध भण्‍डारण पर कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार जारी खनिपट्टों से प्रतिवर्ष स्‍थलवार कितनी रॉयल्‍टी शासन को प्राप्‍त हुई व रॉयल्‍टी की राशि किस-किस दिनांक को किस-किस हेड/मद में जमा की गई? बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में स्‍वीकृत रेत खनन पट्टों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। प्राप्‍त शिकायतों एवं उनके निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) रेत भंडारण अनुमतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। वर्तमान में वैध अनुमति स्‍थलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। अवैध भण्‍डारण पर की गई कार्यवाहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अनुसार रायसेन जिले में स्‍वीकृत एवं अनुबंधित रेत खदानों से प्राप्‍त ठेकाधन जिसमें रॉयल्‍टी राशि भी शामिल है का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ पर दर्शित है। प्राप्‍त राशि शासन के खनिज शीर्ष 0853 में जमा कराई गई है।

 

 

 


 


भाग-3

अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


लोक सेवा केन्‍द्रों के संचालकों की धरोहर राशि का भुगतान

[लोक सेवा प्रबन्धन]

1. ( क्र. 8 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग अंतर्गत वर्ष 2023-24 में लोक सेवा केन्‍द्रों के टेंडर्स में कितने संचालकों को कार्य सौंपा जा चुका है? सूची देवें। क्या कारण है कि पूर्व संचालकों की धरोहर राशि अब तक वापस नहीं की गई? पूर्व संचालक नाम, लोक सेवा केन्‍द्र नाम, लंबित धरोहर राशि की जानकारी देवें। (ख) कब तक प्रश्‍नांश (क) अनुसार लंबित धरोहर राशि प्रदान कर दी जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक लोक सेवा केन्‍द्रों के जाति प्रमाण पत्र से संबंधित डेटा एंट्री, मुद्रण, लेमिनेशन की कितनी राशि कितने केन्‍द्रों की लंबित है? इंदौर संभाग अंतर्गत केन्‍द्र नाम, राशि सहित देवें। इस अवधि की V.G.F. राशि के लंबित रहने की जानकारी भी इसी अनुसार देवें। (घ) कब तक प्रश्‍नांश (ग) अनुसार समस्त राशि का भुगतान कर दिया जाएगा इसके विलंब के उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) इंदौर संभाग अंतर्गत वर्ष 2023-24 में लोक सेवा केन्‍द्रों के टेंडर्स में चयनित नवीन संचालकों की जिलेवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। पूर्व संचालकों की धरोहर राशि की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।                                              (ख) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश के उत्‍तर का प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) इंदौर संभाग अंतर्गत वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक लोक सेवा केन्‍द्रों की जाति प्रमाण पत्र की लंबित राशि की जिलेवार केन्‍द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। सतत् प्रक्रिया अनुसार इस हेतु अनुसूचित जाति विकास मध्‍यप्रदेश, जनजाति कार्य विकास मध्‍यप्रदेश, पिछड़ा वर्ग तथा अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मध्‍यप्रदेश एवं विमुक्‍त, घुमक्‍कड़ एवं अर्द्धघुमक्‍कड़ जन‍जाति विकास मध्‍यप्रदेश से लंबित देयकों के भुगतान हेतु आवंटन प्राप्‍त किया जा रहा है। इंदौर संभाग अंतर्गत वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक लोक सेवा केन्‍द्रों की माह नवम्‍बर 2023 तक VGF की राशि का भुगतान किया जा चुका है। (घ) शेष राशि का भुगतान किए जाने हेतु अनुसूचित जाति विकास मध्‍यप्रदेश, जनजाति कार्य विकास मध्‍यप्रदेश, पिछड़ा वर्ग तथा अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मध्‍यप्रदेश एवं विमुक्‍त, घुमक्‍कड़ एवं अर्द्धघुमक्‍कड़ जन‍जाति विकास मध्‍यप्रदेश से लंबित देयकों के भुगतान हेतु आवंटन प्राप्‍त किया जा रहा है।

अवैध खनन पर कार्रवाई

[खनिज साधन]

2. ( क्र. 9 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़‌वानी जिले में कितनी रेत खदानें कहाँ-कहाँ स्वीकृत है? स्थान, नाम, तहसील नाम सहित विधानसभावार बतावें। (ख) दिनांक 01-07-2021 से 31-05-2024 तक किन-किन फर्मों को ये खदानें कब से कब तक आवंटित की गई फर्म नाम, G.S.T नंबर, आवंटन अवधि सहित बतावें। इस अवधि में कितनी रायल्टी पर्ची काटी गई की जान‌कारी पर्ची संख्या, रायल्टी राशि सहित फर्मवार, वर्षवार देवें। (ग) क्या कारण है कि नर्मदा तट से खनन प्रतिबंध होने के बावजूद राजपुर विधान सभा क्षेत्र के बड़दा एवं अन्य स्थानों पर अवैध खनन जारी है? विगत 01 वर्ष में इन स्थानों पर यदि कार्यवाही की गई है तो पूर्ण जानकारी देवें। (घ) कब तक बड़‌वानी जिले में नर्मदा तटों पर अवैध खनन को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) अवैध उत्‍खनन को रोके जाने हेतु सतत् निगरानी/निरीक्षण किया जा रहा है। विगत 01 वर्ष में राजपुर विधान सभा क्षेत्र के बड़दा पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। अन्‍य स्‍थानों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) जिले में अवैध उत्‍खनन/परिवहन/भंडारण की रोकथाम हेतु विभाग द्वारा टास्‍क फोर्स गठित किया जाकर सतत् निगरानी की जा रही है। समय-समय पर राज्‍य स्‍तर से पूरे प्रदेश के सभी जिलों में (बड़वानी सहित) अवैध उत्‍खनन/परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश जारी किये गये हैं।

पुलिस लाईन टीकमगढ़ की भूमि पर अतिक्रमण

[गृह]

3. ( क्र. 26 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ में पुलिस लाईन टीकमगढ़ के नाम भूमि राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज है खसरा नं. रकबा सहित बतायें? (ख) वर्ष 1990 के पूर्व कुल कितनी भूमि एवं खसरा नंबर पुलिस लाईन नाम से दर्ज थे? वर्तमान में कितने हैं? (ग) क्या पुलिस लाईन की अति कीमती जमीनें भी अतिक्रमण की चपेट में है यदि हाँ तो कब से अतिक्रमण कराने के लिए अधिकारी/कर्मचारी की भूमिका है नाम व पद सहित बतायें? (ग) कब तक प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराकर दोषियों पर कार्यवाही होगी?
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला टीकमगढ़ के राजस्व रिकार्ड अनुसार टीकमगढ़ खसरा हल्का नम्बर 08 में खसरा नम्बर 533, 534, 535, 536, 537, 538, 539, 545, 551, 552, 553, 554, 555, 556, 557, 558, 559, 560, 561, 562, 563, 564, 565, 566, 567, 568, 569, 570, 571, 572, 573, 592/2, 593/2, 2044/563, 2056/532, 2057/539, 2058/538, 2059/556, 2060/558 भूमि पुलिस लाईन टीकमगढ़ के नाम दर्ज है, जिसका कुल रकबा 23.369 हेक्टेयर भूमि है। (ख) वर्ष 1990 के पूर्व टीकमगढ़ खसरा हल्का नम्बर 08 में खसरा नम्बर 533, 534, 535, 536, 537, 538, 539, 545, 551, 552, 553, 554, 555, 556, 557, 558, 559, 560, 561, 562, 563, 564, 565, 566, 567, 568, 569, 570, 571, 572, 573, 592/2, 593/2, 2044/563, 2056/532, 2057/539, 2058/538, 2059/556, 2060/558 कुल भूमि 23.369 हेक्टेयर भूमि पुलिस लाईन टीकमगढ़ के नाम दर्ज है। तथा वर्तमान में भी खसरा नम्बर 533, 534, 535, 536, 537, 538, 539, 545, 551, 552, 553, 554, 555, 556, 557, 558, 559, 560, 561, 562, 563, 564, 565, 566, 567, 568, 569, 570, 571, 572, 573, 592/2, 593/2, 2044/563, 2056/532, 2057/539, 2058/538, 2059/556, 2060/558 कुल भूमि 23.369 हेक्टेयर भूमि पुलिस लाईन टीकमगढ़ के नाम दर्ज है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी

[गृह]

4. ( क्र. 53 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2020 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक कितनी हत्या, आत्महत्या, लूट, डकैती, चोरी, नकबजनी, ट्रक कटिंग चेन स्नेचिंग, अवैध शराब, डोडा चूरा, अफीम,एम डी,स्मेक, जुआ, सट्टा, क्रिकेट सट्टा, विभिन्न फायनेंस एजेंसि‍यों के एजेंटों द्वारा डरा धमकाकर वसूली, कंजरों द्वारा लूट, साइबर क्राइम एवं धार्मिक उन्माद इत्यादि भिन्न-भिन्न प्रकार के कोई अन्य भी कितने अपराध थानावार पंजीबद्ध हुए? वर्षवार, थानावार जानकारी दें। (ख) उपरोक्तानुसार उल्लेखित घटनाक्रम घटित होने पर प्रकरण पंजीबद्ध होने के पश्चात कितनी-कितनी अवधि में विवेचना कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किए गए? वर्षवार, प्रकरणवार संख्‍यात्‍मक जानकारी दें। (ग) सरेराह अपराध घटित होने अथवा दुर्घटना होने की दशा में डायल 100 द्वारा सूचना प्राप्त होने पर लगभग कितनी अवधि में सुरक्षात्मक कार्यवाही की गई? वर्षवार जानकारी दें। (घ) राजस्थान एवं गुजरात की सीमाएं जिले से लगी होने की स्थिति में अपराधों की रोकथाम हेतु क्या-क्या कार्रवाई कर अपराध में लिप्त अथवा षड़यंत्रकर्ता के मुख्य अपराधी को पकड़े जाने हेतु अंतर्राज्यीय विमर्श अथवा चर्चा बैठक इत्यादि कार्य योजना पर वर्षवार क्या-क्या किया गया? साथ ही जिलाबदर, आदतन अपराधी, वारंटी, संदिग्ध अपराधियों के नियंत्रण हेतु क्या-क्या कार्यवाहियां की? कितने जिलाबदर के नोटिसी हाईकोर्ट अथवा अन्य न्यायालय में अर्जी लगाकर अब तक स्वतंत्र है? वर्षवार जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार।                                            (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार।

कुपोषित बच्चों की देखभाल

[महिला एवं बाल विकास]

5. ( क्र. 54 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन/विभाग द्वारा प्रदेश में नवजात शिशुओं में गंभीरतम स्थिति कुपोषण को समाप्त करने हेतु एवं कुपोषित नौनिहाल की समुचित देखभाल जांच/परीक्षण, पौष्टिक आहार इत्यादि अन्य भी कौन-कौन से कार्य केन्‍द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से प्रदेशभर में किए जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ तो प्रदेश में वर्ष 2020-21 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार कितने कुपोषित बच्चे जिले व तहसीलवार पाए जाकर शासन/विभाग द्वारा उन बच्चों की समुचित देखभाल हेतु किस वर्ष में किस दिनांक से किस व्यवस्था के माध्यम से चिन्हित कर बच्चों के स्वास्थ्य हेतु क्या-क्या किया गया? (ग) प्रदेश में विकासखंडवार, वर्षानुसार कितने-कितने बच्चे कुपोषित होकर कुपोषण ग्रस्त पाए गए, उनकी देखभाल हेतु किस-किस प्रकार विकासखंडवार क्या-क्या किया गया? साथ ही शासन/विभाग द्वारा समस्त कार्य किए गए अथवा किसी फर्म, किसी एजेंसी, किसी एन.जी.ओ., किसी संस्था अथवा अन्य किसी दानदाताओं के माध्यम से कोई कार्य किए गए तो अवगत कराएं? (घ) उपरोक्तानुसार उल्लेखित समस्त प्रश्नों में सम्मिलित विषयों के कार्य हेतु जिलेवार, विकासखंडवार कितना-कितना बजट स्वीकृत किया जाकर उन कार्यों पर कितना-कितना व्यय हुआ? व्यय की गई राशि का भौतिक सत्यापन किस प्रकार किया गया?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) कुपोषण निवारण हेतु किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 पर है। (ख) कुपोषित बच्चों की जानकारी का संधारण बाल विकास परियोजनावार किया जाता है जिसका वर्षवार एवं परियोजनावार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। कुपोषित बच्चों के समुचित देखभाल हेतु किये गये कार्यों का विभागीय एम.आई.एस. में दिनांकवार रिकार्ड संधारण नहीं किया जाता है। बच्चों के पोषण स्तर का निर्धारण उनके लिये गये शारीरिक माप के आधार पर किया जाता है, जिसके आधार पर बच्चों के पोषण स्तर के आधार पर चिन्हित कुपोषित बच्चों का पात्रता अनुसार संस्थागत एवं समुदाय आधारित पोषण प्रबंधन किया गया। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार बाल विकास परियोजनावार चिन्हित वर्षवार कुपोषित बच्चों की जानकारी परिशिष्ट-2 अनुसार है, जिनके पोषण स्तर सुधार हेतु पात्रता अनुसार संस्थागत एवं समुदाय आधारित पोषण प्रबंधन किया गया। विभाग अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम अंतर्गत कुपोषित बच्चों का पोषण प्रबंधन किया गया। साथ ही रतलाम जिले के शहरी क्षेत्र के 287 आंगनवाड़ी केन्द्र में चिन्हित कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने हेतु चेतन काष्यप फाउण्डेशन द्वारा सहयोग दिया गया। (घ) कुपोषण निवारण हेतु क्रियान्वित मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु कोई अतिरिक्त बजट प्रावधानित नहीं है। चिन्हित गंभीर कुपोषित बच्चों (SAM) को अतिरिक्त रूप से पूरक पोषण आहार हेतु राशि रूपये 4/- प्रति हितग्राही प्रतिदिन का पूरक पोषण आहार दिये जाने का प्रावधान है। उक्त राशि के व्यय का प्रावधान पृथक से नहीं किया जाता है। हितग्राहियों के पोषण हेतु प्रावधानित राशि में ही यह राशि समाहित रहती है, अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नए आपराधिक कानून की जानकारी

[गृह]

6. ( क्र. 99 ) श्री आरिफ मसूद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार ने अधिसूचित किया है कि नए आपराधिक कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई 2024 से लागू होंगे? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त आपराधिक कानून 01 जुलाई 2024 से मध्यप्रदेश में भी लागू होंगे? यदि हाँ तो उपरोक्त कानून/अधिनियमों में क्या-क्या बदलाव किये गए हैं? जानकारी उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त आपराधिक कानून 01 जुलाई 2024 से मध्यप्रदेश में भी लागू होंगे। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।



ग्रामोद्योग लगाने की योजनाएं

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

7. ( क्र. 121 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामोद्योग लगाने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? यदि हाँ तो सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) ग्राम पंचायतों में ग्रामोद्योग लगाने की क्‍या प्रक्रिया है एवं शासन द्वारा इसके लिये कितने अनुदान/ऋण उपलब्‍ध कराया जाता है?

राज्‍य मंत्री (स्वत्रंत प्रभार), कुटीर एवं ग्रामोद्योग ( श्री दिलीप जायसवाल ) : (क) जी हाँ, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामोद्योग लगाने हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजनाएं प्रदेश के सभी जिलों में लागू हैं। प्रत्येक योजना में पात्रता की शर्तें पूर्ण करने पर ग्राम पंचायतों में भी ग्रामोद्योग लगाये जा सकते हैं। पृथक-पृथक योजनाओं में अनुदान एवं ऋण का अलग-अलग प्रावधान हैं। योजना नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

थानों में पदस्थ स्‍टॉफ की जानकारी

[गृह]

8. ( क्र. 132 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारी अधिकतम एक ही पुलिस थाना में कितने वर्ष तक पदस्थ रह सकते हैं? शासन आदेश/नियम की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) जिला ग्वालियर अंतर्गत समस्त पुलिस थाना शहर एवं देहात थानों में पदस्थ समस्त पुलिस स्‍टॉफ (थाने का नाम, पदस्थ अधिकारी, कर्मचारी का नाम, पदनाम, जन्मतिथि, शैक्षणिक योग्यता, नियुक्ति दिनांक, स्थायी पता, ग्वालियर जिले में पदस्थ दिनांक, मोबाइल नंबर स्थित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावेंl (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार पुलिस थाना में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी में से किस-किस की शिकायत कब से प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायत पर किस सक्षम अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? नहीं तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्‍नांश (ख) (ग) के अनुसार पुलिस थाना में पदस्थ किस अधिकारी की किस कारण विभागीय जांच अथवा अन्य जांच कब से संस्थित (प्रचलित) की गयी? जिसे कब   तक पूर्ण किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग की स्थानांतरण नीति दिनाक 24 जून 2021 एवं पुलिस मुख्यालय के पत्र क्रमांक पुम/3/कार्मिक/210/2021 दिनांक 15.01.2021 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "अ" पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "अ" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "ब" अनुसार है।                                  (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "स" अनुसार है।

राष्ट्रीय पेंशन योजना की जानकारी

[वित्त]

9. ( क्र. 146 ) श्री महेश परमार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना को सभी विभागों में अनिवार्य रूप से लागू करने की नई व्यवस्था लागू की जा रही है? यदि हां, तो नई व्यवस्था को स्वीकृति कब मिलेगी? नए आदेश कब लागू होंगे? (ख) प्रदेश के कुल कितने विभागों के संविदा कर्मचारी इस योजना के दायरे में आएंगे? कुल कितने संविदा कर्मचारी को इस दायरे में लाया जाएगा? विभागवार संख्यात्मक आंकड़े दीजिए। (ग) स्वैच्छिक अंशदान सेवानिवृत्ति बचत योजना के तहत कितने विभागीय संविदा कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना के दायरे में वित्त विभाग द्वारा लाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? उक्त प्रयोजन की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्रवाई की गई है? कार्रवाई किस स्तर पर है? रिकॉर्ड प्रस्तुत करें। (घ) वित्त विभाग द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत कार्रवाई हेतु प्रस्ताव किसके माध्यम से प्राप्त हुए? कैबिनेट की कौन सी बैठक में इस संबंध में स्वीकृति प्राप्त हुई थी? अभी प्रक्रिया कहां तक पहुंची है? पूर्ण रूप से जानकारी देवें। (ङ) राष्ट्रीय पेंशन योजना संपूर्ण मध्य प्रदेश में संविदा कर्मचारियों के लिए कब तक लागू होगी? संबंधित आदेश कब तक जारी होगा? इस संबंध में राज्य कर्मचारी आयोग के माध्यम से कौन-कौन से कर्मचारी संघ द्वारा इस संबंध में मांग रखी गई थी, उन सब की प्रतियां उपलब्ध करावें।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। 01.01.2005 अथवा इसके उपरांत नियुक्‍त राज्‍य शासन के कार्मिकों के संबंध में राष्‍ट्रीय पेंशन योजना के दिशा-निर्देश पूर्व से प्रभावशील है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) संचालक पेंशन, भविष्‍य निधि एवं बीमा द्वारा उपलब्‍ध करायी गयी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 अनुसार कुल 2891 संविदा कार्मिक योजना के सदस्‍य है। सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 22 जुलाई, 2023 के अनुक्रम में योजना के विस्‍तारित होने पर जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-2 अनुसार कुल 5749 कार्मिक भी उक्‍त योजना में सम्मिलित हो सकेंगे। (ग) राज्‍य शासन में स्‍वैच्छिक अंशदान सेवानिवृत्ति बचत योजना नाम से कोई योजना प्रचलन में नहीं हैं, अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) उत्‍तरांश (क) के अनुसार। (ड.) नीतिगत विषय होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विभिन्‍न संघों की राज्‍य कर्मचारी आयोग के माध्‍यम से विषयान्‍तर्गत मांग प्राप्‍त नहीं हुई है।

परिशिष्ट - "दस"

न्याय उपलब्ध कराने के संबंध में की गई कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

10. ( क्र. 147 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 5-5/2010/1/8 भोपाल दिनांक 18 मई 2010 की मंशा क्या है? (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा SLP (c) क्रमांक 29852/2009 में दिनांक 31/10/2009 को पारित आदेश की प्रति देते हुए बताएं इस आदेश में कौन-कौन सी चिंताएं माननीय न्यायालय द्वारा व्यक्त की गई है? (ग) सामान्य प्रशासन स्थाई आदेश क्रमांक 6 क्रमांक एफ.2-3/ 94/9/एक भोपाल का 8 फरवरी 1994 के अनुसरण में एवं प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के न्यायालय आदेश 18 मई 2010 के परिपालन में 01 जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक समस्त विभागों ने प्रत्येक स्तर पर क्या-क्या कार्रवाई की है? वर्षवार प्रशासनिक पालन प्रतिवेदन का रिकॉर्ड प्रस्तुत करें।                                       (घ) सभी विभाग सामान्य स्तर के प्रकरणों में वर्तमान में कितने न्यायालय प्रकरण है जो सच्चे एवं जरूरतमंद लोगों के लिए सच्ची न्याय की उम्मीद से दायर किए गए हैं? प्रचलित प्रकरणों का वर्षवार रिकॉर्ड देते हुए बताओ माननीय न्यायालय के आदेश के परिपालन में, विभाग की ओर से जरूरतमंद लोगों के हित में कितने न्यायालय प्रकरण वापस लिए गए हैं? संबंधित रिकॉर्ड की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ङ) क्या शासन के सभी विभाग माननीय न्यायालय के, चिंता को लेकर गंभीर हैं यदि हां, तो विभागवार इस संबंध में प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 5-5/ 2010/1/8 दिनांक 18 मई 2010 की मंशा शासन स्तर पर लंबित प्रकरणों में त्वरित, नियम सम्मत निर्णय ले कर न्यायालयीन प्रकरणों को अनावश्यक रूप से बढ़ने से रोकना है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा SLP (C) क्रमांक 29852/2009 में आदेश दिनांक 30/10/2009 पारित किया गया था जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। माननीय न्यायालय द्वारा व्यक्त की गई चिंताएं आदेश में उल्लेखित हैं। (ग) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बहोरीबंद में व्यवहार न्‍यायालय की स्थापना

[विधि एवं विधायी कार्य]

11. ( क्र. 161 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) क्या पूर्व में शासन द्वारा कटनी जिला अंतर्गत तहसील मुख्यालय बहोरीबंद में सिविल कोर्ट (व्यवहार न्यायालय) प्रारंभ करने का आश्वासन दिया गया था तथा इस हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा कुछ निर्माण/सुधार कार्य करवाये गये थे? (ख) अभी तक उल्लेखित न्यायालय प्रारंभ न होने के क्या कारण है, क्या शासन जनसुविधा की दृष्टि से तहसील मुख्यालय बहोरीबंद में शीघ्र व्यवहार न्यायलय प्रारंभ करेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :  (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत खनिज पट्टे

[खनिज साधन]

12. ( क्र. 162 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां किस-किस नाम पर किस गौड खनिज के उत्खनन हेतु कितना रकबा कितने समय के लिये कब-कब स्वीकृत किया गया? उत्खनन पट्टाधारी के नाम, पते, खसरा नम्बर, सहित संपूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत खदानों में से कौन-कौन सी वर्तमान समय में क्रियाशील है तथा कौन-कौन सी किन कारणों से कब से बंद है संपूर्ण सूची देवें। (ग) विगत पांच वर्षों में प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां पर स्वीकृत क्षेत्र से अन्‍यत्र अवैध उत्खनन के प्रकरण पंजीबद्ध कर किसके वि‍रूद्ध किसके द्वारा कब-कब क्या कार्यवाही की गई, सूची देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

 

 

लाड़ली बहना योजना की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

13. ( क्र. 180 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली बहना योजना में नया पंजीयन कब से और क्यों रोका गया। जिन महिलाओं की 18 वर्ष की उम्र हो रही है उनका पंजीयन नहीं करना संवैधानिक रूप से उनके नीति‍गत अधिकारों का हनन है जो राज्यधन के दुरूपयोग का गंभीर अपराध है। क्या योजना अनुसार राज्यधन प्राप्त करना उनका अधिकार नहीं है। (ख) शासन ने किस नियम से 18 वर्ष की महिलाओं का पंजीयन रोका तथा 60 वर्ष की महिला का नाम काटा। उस नियम की प्रति देवें तथा बतावें कि योजना के प्रारूप में पंजीयन रोके जाने का उल्लेख कहां था, यह एक सतत् चालू योजना नहीं थी। (ग) जून 2023 से जून 2024 तक लाड़ली बहना हितग्राही की संख्या तथा कुल राशि की माह अनुसार जानकारी दें तथा बतावें कि अक्टूबर 2023 में 1250 रूपये प्रतिमाह की वृद्धि करने हेतु पैसे का इंतजाम कैसे हुआ था क्या 8 माह में कोई वृद्धि इसलिये नहीं की गई कि पैसे का इंतजाम नहीं हुआ है तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था जर्जर हालात में है। (घ) क्या लाड़ली बहना योजना बंद की जा रही है इसलिये राशि में बढ़ोतरी नहीं की गई। यदि नहीं तो बतावे कि कितने-कितने माह के अंतराल में 250 रूपये प्रतिमाह वृध्दि की जावेगी। (ड.) लाड़ली बहना योजना की द्योषणा में पैसे का इंतजाम से तात्पर्य क्या है इसकी स्पष्ट आर्थिक धरातल पर विस्तृत व्याख्या कर जानकारी देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023” में नया पंजीयन दिनांक 20 अगस्त 2023 के बाद से योजना क्रियान्वन सम्बन्धी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में नहीं किया जा रहा है। योजनान्तर्गत 18 वर्ष की उम्र की महिलाओं को योजना के लाभ हेतु पात्रता नहीं है, अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।                                                (ख) योजनान्तर्गत पात्रता हेतु आयु सीमा निर्धारण सम्बन्धी योजना की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- 01 एवं 02 पर है। योजना में पंजीयन किये जाने की प्रक्रिया का उल्लेख है, रोके जाने का नहीं है। यह सतत् योजना है जिसमें पंजीयन की प्रक्रिया चरणबद्ध रखी गई है। (ग) जून 2023 से जून 2024 तक लाड़ली बहना हितग्राही की संख्या तथा कुल राशि की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 03 पर है। योजना संचालन हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु स्वीकृत लेखानुदान में राशि का प्रावधान किया गया है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। योजना अन्तर्गत प्रदाय की जा रही मासिक आर्थिक सहायता में वृद्धि किये जाने सम्बन्धी कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है, अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ड.) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा योजना अन्तर्गत मासिक आर्थिक सहायता राशि में वृद्धि किये जाने सम्बन्धी घोषणा क्रमांक C2393 में ऐसा उल्लेख नहीं है। योजना के संचालन हेतु आवश्यक राशि का राज्य के बजट में प्रावधान किया गया है।

 

 

नलकूप खनन कार्यों का मूल्‍यांकन

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

14. ( क्र. 185 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016-17 से वर्ष 2019-20 के मध्य विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जल प्रदाय हेतु नलकूप खनन के कार्य विधायक निधि से स्वीकृत हुये हैं? यदि हाँ तो विवरण दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्वीकृत नलकूल खनन के कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने अपूर्ण हैं एवं कितने कार्य पूर्ण हो जाने के पश्चात मूल्यांकन किये जाने हेतु शेष हैं? (ग) क्या नलकूप खनन के कार्य पूर्ण हुये काफी समय हो गया है फिर भी लम्बी समयावधि व्यतीत हो जाने के उपरांत भी मूल्यांकन हेतु शेष हैं, मूल्यांकन न होने का क्या कारण हैं? (घ) क्या यह भी सही है कि मूल्यांकन न होने के कारण कार्य एजेंसी को शेष राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट  पर है। (ख) पूर्ण अपूर्ण कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  के कॉलम 4 एवं 5 में उल्‍लेखित है। 8 नलकूपों का मूल्‍यांकन किया जाना शेष है। (ग) जी हाँ। क्रियान्‍वयन एजेंसी की उदासीनता के कारण मूल्‍यांकन शेष है। (घ) जी हाँ। संबंधित क्रियान्‍वयन एजेंसी उत्‍तरदायी है।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

न्यायालय भवन को अन्‍यत्र स्‍थापित करना

[विधि एवं विधायी कार्य]

15. ( क्र. 246 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) उज्जैन संभाग में किन-किन शहरों में 1 जनवरी 2018 के पश्चात न्यायालय को शहर के अन्यत्र स्थल पर परिवर्तित करने की योजना प्रचलन में है? जिलेवार सूची उपलब्ध करावें।                                                  (ख) उक्त अवधि में कितने न्यायालय भवन बनकर तैयार हो चुके है कितने नहीं तथा कितनों की भूमि चिन्हित करना शेष है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) नीमच नवीन न्यायालय भवन निर्माण की प्रगति रिपोर्ट बताएं कि‍ किन कारणों से न्यायालय को नवीन भवन में प्रतिस्थापित नहीं किया गया है कारण सहि‍त जानकारी देवें तथा न्यायालय प्रतिस्थापित करने के लिए आ रही कठिनाइयों को लेकर विभाग ने कब-कब उच्च स्तर पर पत्र व्यवहार किया, पत्रों की प्रतिलिपि‍ देवें। (घ) नीमच नवीन न्यायालय भवन में न्यायालय को कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जेल में बंद कैदियों की जानकारी

[जेल]

16. ( क्र. 248 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात जेल में बंद ऐसे कैदियों की सूची देवें जिनकी सजा पूरी हो चुकी है फिर भी वे जेल में बंद है इनके जेल में बंद होने का कारण है तथा ऐसे कैदियों की उम्र एवं सजा अवधि किस दिनांक को पूर्ण हो चुकी है? (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित जिन कैदियों की सजा पूर्ण हो चुकी है उन्हें रिहा करने और उनकी खानापूर्ति पूर्ण करने के संबंध में माननीय न्यायालय के आदेशों की व विभाग द्वारा जारी आदेशों की प्रतियां देवें। (ग) उक्त अवधि में जेल विभाग में पदस्थ वर्तमान, सेवानिवृत्त और मृत किन अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध किन-किन कारणों से विभागीय कार्यवाही किस दिनांक से प्रचलन में है? कार्यवाही की वर्तमान स्थिति एवं अंतिम निराकरण आदेश की प्रतियां भी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) निरंक। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

स्‍लीमनाबाद अंडर ग्राउंड टनल का निर्माण

[नर्मदा घाटी विकास]

17. ( क्र. 255 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) स्लीमनाबाद अंडर ग्राउंड टनल निर्माण कार्य प्रश्‍न दिनांक तक कितना हुआ, कितना शेष है, शेष कार्य कब तक पूर्ण होने की संभावना है, बतलावे ? (ख) क्या डाउन स्‍ट्रीम से टनल खुदाई का कार्य बंद है, उत्तर में यदि हाँ तो कब से किन कारणों से बंद है तथा किस प्रकार से कब शुरू होगा बतलावे ? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधानसभा की बैठक दिनांक 16/02/2024 को पूछे गये प्रश्‍न क्र. 1967 की प्रश्‍नांश (घ) में बतलाया गया था कि अनुकम्पा नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, तत्‍संबंध में यह बतलावे कि उल्लेखित अनुकम्‍पा नियुक्ति किस प्रकार से कब तक प्रदान कर दी जावेगी।
मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) 10.729 कि.मी. किया जा चुका है एवं 1.224 कि.मी. टनल निर्माण किया जाना शेष है। शेष टनल निर्माण कार्य दिनांक 31.12.2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी हाँ। बरगी व्‍यपवर्तन परियोजना की स्‍लीमनाबाद टनल निर्माण में डाउनस्‍ट्रीम साइड से कार्यरत रॉबिन्‍स टी.बी.एम. के मुख्‍य बियरिंग क्षतिग्रस्‍त हो जाने से रॉबिन्‍स टी.बी.एम. 10 जून 2023 से बंद है। टी.बी.एम. सुधार कार्य हेतु सॉफ्ट निर्माण कार्य प्रगतिरत है, सॉफ्ट निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्‍चात मुख्‍य बियरिंग का सुधार कार्य प्रारंभ किया जावेगा। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण का कोई स्‍थाई संवर्ग/भर्ती नियम नहीं होने के कारण अनुकम्‍पा नियुक्ति के संबंध में प्रकरण विचाराधीन है। समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।

अतिरिक्त सत्र न्यायालय भवन का निर्माण

[विधि एवं विधायी कार्य]

18. ( क्र. 282 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) लगभग तीन वर्ष पूर्व परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारम्भ किये जाने एवं भवन निर्माण किये जाने की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की जा चुकी है किन्तु फिर भी प्रश्‍न दिनांक तक न्यायालय भवन का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है और ना ही अतिरिक्त सत्र न्यायालय को प्रारम्भ किया गया है, जिसके कारण आमजनों एवं पक्षकारों को बहुत अधिक असुविधाओं व परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दोनों ही कार्य में विलम्ब होने का क्या कारण है?                                              (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार विभाग द्वारा कब तक अतिरिक्त सत्र न्यायालय भवन निर्माण कार्य को पूर्ण करा दिया जायेगा एवं नवीन भवन में अतिरिक्त सत्र न्यायालय को प्रारम्भ करा दिया जायेगा? तिथि निर्धारित कर अवगत करायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

धोखाधड़ी के प्रकरण में एफ.आई.आर. कायम नहीं होना

[गृह]

19. ( क्र. 304 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि दिनांक 17.05.2023 को नगर पुलिस अधीक्षक, सतना के कार्यालय में प्रार्थी अभिषेक बलवानी निवासी सिंधी कैम्प के द्वारा आवेदन दिया है? (ख) क्या दिनांक 19.05.2023 को उक्त प्रार्थी के द्वारा पुलिस अधीक्षक, सतना के कार्यालय में अपने साथ हुई धोखाधड़ी का आवेदन देकर प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने हेतु आवेदन दिया था? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यालयों द्वारा एवं प्रार्थी के द्वारा पूर्व में थाना सिटी कोतवाली एवं थाना कोलगवां में दिये गये आवेदनों पर प्रश्‍नतिथि तक किन आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें? (घ) क्या राज्य शासन सतना जिले की इस कार्यवाही को उचित मानता है या अनुचित? कब तक आरोपियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जायेगी? एफ.आई.आर. की एक प्रति दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उक्त शिकायत पत्र की जाँच में प्रकरण आपसी व्यापारिक लेन-देन का होकर सिविल प्रकृति का होने से तथा फ्रेन्चाईजी ऐग्रीमेंट में किसी भी विवाद की स्थिति पर विचारण क्षेत्र नई दिल्ली न्यायालय अधिकार क्षेत्र होने के कारण प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी। आवेदक अभिषेक बलवानी द्वारा साउथ ईस्ट साकेत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट नई दिल्ली में आर्बिटेशन रिट याचिका OMP (I) (Comm) 101/20, दिनांक 19.02.2020 दायर की गई थी। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार(घ) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खनिज रायल्‍टी की वसूली न होना

[खनिज साधन]

20. ( क्र. 305 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) प्रश्‍नतिथि तक प्रदेश के शहडोल, भोपाल, होशंगाबाद, ग्वालियर, मुरैना, पन्ना, छत्तरपुर, भिंड, सहित किन जिलों में रेत, गिट्टी, मुरम एवं अन्य खनिजों की खनन की कितनी-कितनी राशि, किन कारणों से किन व्यक्तियों से वसूली जाना कब से शेष है सूची देते हुए वसूली के लिए जारी सभी आदेशों, आर.आर.सी. आदि आदेशों की प्रतियां देवें। (ख) खनन माफियाओं के द्वारा कितने अधिकारियों, कर्मचारियों पर हमला किया गया है? जिलेवार संख्या बताते हुए जिन पर हमला हुआ उन अधिकारियों, कर्मचारियों के नाम, पद बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लिखित जिलों में अवैधानिक रूप से खनन करने वालों पर दर्ज करवाए गए प्रकरणों की सूची देवें जिसमें आरोपियों के नाम, प्रकरण क्रमांक, दिनांक अंकित हो?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

जन सुनवाई में प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

21. ( क्र. 308 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) शिवपुरी जिले में अप्रैल 2022 से मार्च 2024 तक जन सुनवाई के दौरान कितने आवेदन माहवार किस-किस विभाग से संबंधित किस-किस अधिकारी को प्राप्त हुए? इनमें से विभागवार कितने-कितने आवेदनों का निराकरण किया गया? कितने आवेदन किन-किन के प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस विभाग में उचित कार्यवाही हेतु लंबित है? (ख) लंबित आवेदनों का निराकरण क्यों नहीं किया गया? आवेदनों का निराकरण न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) कलेक्टर कार्यालय जिला शिवपुरी में जन सुनवाई के दौरान 01 जनवरी 2023 से 30 सितम्बर 2023 तक किन-किन आवेदकों के आवेदन प्राप्त हुए? उनकी जन सुनवाई क्रमांक एवं दिनांक सहित जानकारी दें की, उक्‍त आवेदन किस-किस विभाग को कार्यवाही हेतु प्रेषित किये गये है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित आवेदनों में से कौन-कौन से आवेदन निराकरण हेतु 31 मई 2024 तक लंबित थे उक्त' लंबित आवेदन पर निराकरण किनके द्वारा क्यों नहीं किया गया? ऐसे आवेदनों का निराकरण न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा तथा लं‍बित आवेदनों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पत्रों पर कार्यवाही नहीं की जाना

[सामान्य प्रशासन]

22. ( क्र. 345 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) एक जनप्रतिनिधि विधायक के प्रेषित पत्रों पर विभागीय अधिकारियों के द्वारा कार्यवाही करने अभिस्वीकृति, जवाब देने के शासन के क्या दिशा-निर्देश एवं नियम हैं? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) छिंदवाड़ा जिले के विभिन्न शासकीय विभागों, कार्यालयों में पदस्थ अधिकारि‍यों को क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र प्रेषित किये जाते हैं परन्तु किसी भी विभाग के अधिकारी के माध्यम से प्रश्‍नकर्ता के पत्रों की प्राप्ति की कोई अभिस्वीकृति, जवाब मुझे नहीं दिया जाता है और ना ही पत्रों में उल्लेखित क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण किया जाता है, क्या इस प्रकार विभागीय अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधि की उपेक्षा कर शासन के नियमों का उल्लंघन करना उचित है? अगर नहीं तो क्या पत्रों पर अभिस्वीकृति एवं जवाब नहीं देने वाले अधिकारियों के ऊपर विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी? (ग) जिला छिंदवाड़ा के विभिन्न विभागों में पदस्थ अधिकारियों को प्रश्‍न दिनांक से पिछले 1 वर्षों में प्रश्‍नकर्ता द्वारा जितनें भी पत्र प्रेषित किये गये हैं उन प्रेषित पत्रों में से विभिन्न विभागीय अधिकारियों द्वारा कितने पत्रों की प्राप्ति की अभिस्वीकृति, जवाब मुझे दिया गया है पत्र सहित अभिस्वीकृति, जवाब की छायाप्रति उपलब्ध करायें और जिन पत्रों पर विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्यवाही ना करते हुए प्रश्‍नकर्ता को कोई जवाब नहीं दिया गया क्या ऐसे सभी पत्रों पर कार्यवाही कराकर प्रश्‍नकर्ता को जवाब दिलाया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग के निर्देश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 12/11/2021 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) छिंदवाड़ा जिले के विभिन्‍न शासकीय विभागों, कार्यालयों में पदस्‍थ अधिकारियों को क्षेत्र की विभिन्‍न समस्‍‍याओं के निराकरण हेतु प्रश्‍नकर्ता माननीय सदस्‍य द्वारा प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही कर विभागों द्वारा माननीय जनप्रतिनिधि को नियमानुसार नियमित रूप से अभिस्‍वीकृति/जवाब प्रेषित किया जाता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) छिंदवाड़ा जिले के विभिन्‍न विभागों में पदस्‍थ अधिकारियों को प्रश्‍न दिनांक के पिछले 01 वर्ष में प्रश्‍नकर्ता माननीय सदस्‍य द्वारा जितने भी पत्र प्रेषित किये गये हैं, उन प्रेषित पत्रों पर विभिन्‍न विभागीय अधिकारियों द्वारा माननीय जनप्रतिनिधि को प्रेषित अभिस्‍वीकृति/जवाब की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है एवं ऐसे पत्र जिन पर कार्यवाही प्रचलित है उन प्रकरणों पर त्‍वरित कार्यवाही के संबंध में संबंधित विभागों को पृथक से निर्देशित किया गया है।

रेत खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

23. ( क्र. 359 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि धार जिले में 1 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक ठेकेदारों या अन्य को रेत की खदानें आवंटित की गई थी? यदि हाँ तो किन-किन फर्मों या व्यक्तियों के नाम से किस-किस दिनांक को कितने-कितने समय के लिए रेत की खदानें आवंटि‍त की गई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो टेंडर होने के बाद प्रश्‍न दिनांक तक ठेकेदार द्वारा रेत के ठेके के लिए कितनी- कितनी राशि की कितनी-कितनी क़िस्त किस-किस दिनांक को जमा की गई? तिथिवार, किस्तवार, मदवार व राशिवार जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) धार जिले में ठेकेदारों को रेत खदानों के ठेके होने के बाद प्रश्‍न दिनांक तक कितनी मात्रा की रायल्टी जारी की गई है? साथ ही स्टॉक की कितनी मात्रा जारी की गई है और ठेकेदारों को रेत के स्टाक के लिए कितनी-कितनी रॉयल्टी दी गई?                                             (घ) धार जिले में प्रश्‍न दिनांक तक रेत खदानों के ठेकेदारों पर शासन की कितनी-कितनी राशि‍ की कितनी-कितनी किस्त बकाया है और विभाग व ठेकेदारों के मध्य जो पत्र व्यवहार हुआ है? उसका भी सम्‍पूर्ण जानकारी देवें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) ठेकेदार मेसर्स वीरेन्‍द्र सिंह जादौन, मेसर्स रामका माईनिंग प्रायवेट लिमिटेड एवं एम.डी.ओ. मेसर्स यूरेका माईन्‍स एण्‍ड मिनरल्‍स एल.एल.पी. द्वारा माहवार जमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) ठेकेदारों एवं एम.डी.ओ. के पक्ष में जारी निर्वतन योग्‍य मात्रा का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। ठेकेदारों एवं एम.डी.ओ. द्वारा खदान से उठाई गई मात्रा का  विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। ठेकेदारों एवं एम.डी.ओ. द्वारा स्‍टॉक में भंडारित एवं स्‍टॉक से उठाई गई मात्रा का  विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार ठेकेदार मेसर्स वीरेन्‍द्र सिंह जादौन द्वारा किश्‍त राशि रूपये 2.29 करोड़ जमा न करने पर आदेश दिनांक 24/06/2021 से निरस्‍त किया गया है। आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एफअनुसार है।

महिलाओं, बालिकाओं की सुरक्षा की जानकारी

[गृह]

24. ( क्र. 379 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में वर्ष 2014 से मई 2024 तक अ.ज.जा. महिलाओं बालिकाओं की तस्करी/अपहरण के कितने मामले पंजीबद्ध हुये हैं? (ख) दर्ज मामलों में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) सरकार ऐसे मामलों को लेकर कितनी चिंतित है एवं उन्हें रोकने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) क्या अ.ज.जा. बालिकाओं को स्कूली स्तर पर स्वयं सुरक्षा हेतु प्रशिक्षण देने की कोई योजना वर्तमान में है? यदि है, तो क्या और नहीं है तो भविष्य में ऐसा करने की क्या योजना है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) गुना जिले में वर्ष 2014 से मई 2024 तक अ.ज.जा. महिलाओं एवं बालिकाओं की तस्करी/अपहरण के मामलों की जानकारी निम्नानुसार है:-1-अ.ज.जा. महिलाओं एवं बालिकाओं की तस्करी के कुल प्रकरण-निरंक 2-अ.ज.जा. महिलाओं एवं बालिकाओं का अपहरण कुल प्रकरण-242 (ख) गुना जिले में वर्ष 2014 से मई 2024 तक अ.ज.जा. महिलाओं एवं बालिकाओं के अपहरण के मामलों की जानकारी निम्नानुसार है:- अपराध शीर्ष-अपहरण, कुल दर्ज प्रकरण-242, चालान-114, कृत कार्यवाही-खात्मा-39,खारिजी-70,विवेचना-19 (ग) सरकार एवं पुलिस प्रशासन ऐसे मामलों को गंभीरता से लेता है। इन वर्गों पर जिस क्षेत्र में ज्यादा अपराध घटित होते हैं उन्हें हॉट स्पाट के रूप में चिन्हित किया जाकर अपराधों के रोकथाम के लिये इन क्षेत्रों में निरंतर पुलिस गश्त की जाती है एवं साक्षियों के संरक्षण हेतु साक्षी संरक्षण प्रोग्राम चलाया जाकर साक्षियों को भयमुक्त वातावरण में साक्ष्य देने हेतु प्रेरित किया जाता है। गुना जिले में वर्ष 2014 से मई 2024 तक कुल 60 जनचेतना शिविरों का आयोजन कर अपराधों के संबंध में लोगों को जाग्रत किया गया है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आपराधिक प्रकरणों की जानकारी

[गृह]

25. ( क्र. 382 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या माननीय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, अपहरण कर हत्या, अपहरण कर फिरौती, नकबजनी, चोरी, बलात्कार नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार हत्या के कुल कितने प्रकरण दर्ज हुए? (ख) उपरोक्त दर्ज प्रकरणों में कितने प्रकरणों में दोषियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है?                                             (ग) क्या उपरोक्त प्रकरणों में से बहुत से प्रकरण में दोषियों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित प्रकरणों में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ऐसे कितने प्रकरण है जिनके अपराधी आज दिनांक तक पता नहीं चल पाए है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :  (क) से (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है

परिशिष्ट - "बारह"

भवन विहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

26. ( क्र. 401 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। विकासखण्डवार विस्तृत जानकारी देवें? (ख) कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित हो रहे हैं तथा कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों/अन्य भवनों में संचालित किये जा रहे है? ग्रामवार/विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ग) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों को नवीन भवनों की स्वीकृति हेतु जन प्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसा की गई है यदि हाँ तो विस्तृत जानकारी देवें तथा विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई जानकारी देवें। (घ) भवन विहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों को कब-तक आंगनवाड़ी केन्द्र भवन की स्वीकृति विभाग द्वारा प्राप्त होगी जानकारी देवें तथा विभाग ने प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की अवगत करायें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड सागर में 199 एवं विकासखण्ड राहतगढ़ में 88 आंगनवाड़ी केन्द्र, कुल 287 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) 287 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 168 केन्‍द्र स्वयं के भवनों (विभागीय भवनों) में, 59 केन्‍द्र किराये के भवनों में तथा 60 आंगनवाड़ी केन्‍द्र अन्‍य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे हैं। ग्रामवार/विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिले से जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा किये गये प्राप्‍त प्रस्‍तावों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। (घ) विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आनंद उत्‍सव 2023-24 की जानकारी

[आनंद]

27. ( क्र. 423 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांची विधानसभा अंतर्गत कितने पंचायतों को आनंद उत्‍सव 2023-24 मनाने के लिए शामिल किया गया तथा कितने कलस्‍टर बनाये गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्‍त कलस्‍टरों को कितनी-कितनी राशि किस मद से आनंद उत्‍सव हेतु दी गई, जानकारी देवें। (ग) आनंद उत्‍सव में अलग-अलग कलस्‍टर में कितने लोगों ने भाग लिया एवं कहां-कहां कितनी राशि खर्च हुई? कलस्‍टरवार जानकारी देवें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) संदर्भित वर्ष में आनंद उत्‍सव का आयोजन नहीं किया गया। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

नर्मदा घाटी की भूमि पर अतिक्रमण हटाया जाना

[नर्मदा घाटी विकास]

28. ( क्र. 456 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                (क) विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 840 दिनांक 11.07.2023 उत्‍तर में बताए गए अतिक्रमण के संबंध में उत्‍तर दिनांक से आज दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई एवं कितने अतिक्रमण को हटाये जाने हेतु नोटिस जारी किये गए एवं कितना अतिक्रमण हट सका? क्‍या विभाग उपरोक्‍त अतिक्रमण के संरक्षण देते हुये कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रहा है? (ख) बरगी नगर हरदुली, तेवर बरगी हिल्‍स एवं जोधपुर में रानी अवंती बाई परियोजना की करोड़ों की भूमि पर से अतिक्रमण क्‍यों नहीं हटवाया गया? (ग) क्‍या इन अतिक्रमणकारियों को विभागीय अधिकारियों को नहीं संरक्षण प्राप्‍त है? यदि नहीं तो अधिकारियों द्वारा अपने दायित्‍वों के प्रति उदासीनता दिखाते हुये अतिक्रमण क्‍यों होने दिये जा रहे हैं? (घ) जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार की गई शिकायतों पर कार्यवाही करते हुये नर्मदाघाटी भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त कब तक करवाया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। कुल 193 अतिक्रमण को हटाने हेतु नोटिस जारी किया गया है। 06 अतिक्रमण हटाये गये हैं। अत: अतिक्रमणकारियों को संरक्षण देने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अतिक्रमणकारियों को नोटिस तामील कराये जाकर राजस्‍व विभाग के अधिकारियों से समन्‍वय कर शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। उत्‍तरांश (क) एवं (ख) अनुसार। (घ) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तेरह"

लाइसेंसी अस्त्र-शस्त्र धारकों पर पंजीबद्ध अपराध

[गृह]

29. ( क्र. 464 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) छतरपुर जिले में 31.12.2023 तक अस्त्र-शस्त्र लाइसेंस धारकों की कितनी संख्या पंजीबद्ध है। (ख) 01.01.2023 से 31.12.2023 तक छतरपुर जिले के अलग-अलग थानों में कितने जमानती या गैर जमानती अपराध दर्ज किए गए। संख्या बताएं। (ग) 01.01.2023 से 31.12.2023 तक जमानती या गैर जमानती अपराधों में कितने थानों मे, कितने शस्त्र लाइसेंस धारकों पर अपराध कायम हुए है। (घ) 01.01.2023 से 31.12.2023 तक छतरपुर जिले में कुल कितने अपराध, हत्या, हत्या के प्रयास या आत्महत्या पंजीबद्ध किए जाए एवं इन पंजीबद्ध अपराधों में कितने में लाइसेंसी अस्त्र-शस्त्र का उपयोग किया गया है। संख्यात्मक जानकारी प्रदाय करे।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) छतरपुर जिले में दिनांक 31.12.2023 तक की स्थिति में कुल 10,086 लायसेंसधारक पंजीबद्ध होना पाये गये है। (ख) पुलिस अधीक्षक छतरपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार 01.01.2023 से 31.12.2023 तक जमानती अपराध की कुल संख्या 7844 तथा गैर जमानती अपराध की कुल संख्या 2048 है। (ग) 01.01.2023 से 31.12.2023 तक जमानती अपराध की संख्या कुल 05 गैर जमानती अपराध की कुल संख्या 04(घ) 01.01.2023 से 31.12.2023 तक छतरपुर जिले में कुल 149 अपराध हत्या, हत्या के प्रयास या आत्महत्या के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। जिनमें 02 अपराधों में लायसेंसी शस्त्र का उपयोग किया गया है।

भ्रष्‍टाचार के मामलों के शीघ्र निपटारे हेतु फास्ट ट्रैक न्यायालय

[विधि एवं विधायी कार्य]

30. ( क्र. 465 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                क्या सरकार भ्रष्‍टाचार से संबंधित मामलों की बढ़ती संख्या और इसमें लगने वाले समय को देखते हुए बलात्कार जैसे अपराधों से निपटाने के लिए समर्पित फ़ास्ट ट्रैक न्यायालय जैसे ही कोई फ़ास्ट ट्रैक न्यायालय स्थापित करने पर विचार करेगी। यदि नहीं तो क्यो?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : नहीं। मध्‍यप्रदेश राज्‍य में भ्रष्‍टाचार से संबंधित मामलों के संबंध में कुल 60 न्‍यायालय संचालित है, इसलिए अन्‍य नए न्‍यायालय स्‍थापित किये जाने की आवश्‍यकता नहीं है।

खदानों की लीज/नीलामी की नीति

[खनिज साधन]

31. ( क्र. 467 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) प्रदेश सरकार की खनिजों के उत्खनन के संबंध में खदानें लीज पर/नीलामी द्वारा दिये जाने की क्या नीति है? (ख) ग्वालियर जिले की 18-भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कितनी पत्थर खदानें एवं कितनी मुरम, गिट्टी की खदानें है? सूची उपलब्ध करायें। इनमें से कितनी खदानें संचालित हैं? कितनी खदानें बंद हैं? खदानें बन्द हैं तो क्यों? (ग) क्या संचालित खदानें विधिवत, प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित नीति अनुसार दी गई है? क्या बन्द पड़ी खदानों को लीज पर देने, चालू कराने के संबंध में विभाग निर्णय लेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश की मुख्‍य खनिजों का आवंटन/स्‍वीकृति खनिज (परमाणु और हाईड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्‍न) रियायत नियम, 2016 तथा खनिज (नीलामी) नियम, 2015, मध्‍यप्रदेश के अधीन, गौण खनिज के आवंटन/स्‍वीकृति की कार्यवाही अधिसूचित मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 तथा रेत खदानों का आवंटन/स्‍वीकृति मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अधीन किया जाता है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार ग्‍वालियर जिले की खदानों का  विवरण संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) संचालित खदानें विधिवत प्रावधानित नियम/नीति के तहत दी गई हैं। प्रश्‍नांश अनुसार ग्‍वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में खदानें बंद न होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "चौदह"

अवैध व्यापार पर प्रतिबंध

[गृह]

32. ( क्र. 469 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) विधान सभा क्षेत्र बदनावर में जनवरी 2019 से नवम्बर 2024 तक अवैध कारोबार करने वालो की सूची तथा कृत कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) शासन प्रशासन द्वारा उल्लेखित अवैध कारोबार नशीली ( स्मेक पावडर ) वस्तु शराब, सट्टा जुआं रोकने हेतु क्या कार्यवाही की गई, कृपया अवगत करावें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? (ग) भावी पीढ़ी के भविष्य के सुरक्षा तथा समझाइश के दृष्टिगत क्या शासन प्रशासन द्वारा सामाजिक संगठनों अथवा सेमिनार के माध्यम से नशामुक्ति‍ कार्यक्रम विधान सभा क्षेत्र बदनावर में आयोजित किये गये। यदि नहीं किये गए तो क्यों नहीं किए गये?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बदनावर में जनवरी 2019 से नवम्बर 2024 तक अवैध कारोबार करने वालो की सूची एवं उनके विरुद्ध कृत कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अवैध करोबार नशीली (स्मैक पावडर) वस्तु शराब, सट्टा जुआ रोकने हेतु पुलिस द्वारा समय-समय पर चेकिंग कर, अभियान चलाकर अपराध पंजीबद्ध कर आवश्यक कार्यवाही की जाती है। विधानसभा बदनावर अंतर्गत थानों द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध शराब के कुल 2394 प्रकरणों में 83337.26 ली. शराब कीमती 48061231/-, सट्टा एक्ट के 422 प्रकरणों में राशि 496161/-, जुआ एक्ट के 267 प्रकरणों में राशि 1804164/- एवं एन.डी.पी.एस. के कुल 76 प्रकरणों में 1865.81 कि.ग्रा. अवैध मादक पदार्थ कीमती 10398130/- जप्त किया गया। (ग) भावी पीढ़ी के भविष्य के सुरक्षा तथा समझाइश के दृष्टिगत समय-समय पर विधानसभा क्षेत्र बदनावर के थाना अंतर्गत स्कूलों एवं ग्राम पंचायतों में नशा मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन कर स्कूल के छात्रों एवं ग्राम पंचायतों के आमजन को नशे से दूर रहने की समझाईश दी जाती है एवं क्षेत्र में नशे के अवैध व्यापार करने वालों की जानकारी थाने पर देने हेतु समझाईश दी जाती है। इस संबंध में विधानसभा क्षेत्र बदनावर के थानों द्वारा जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 80 नशा मुक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाकर लगभग 2650 आमजन को नशीले पदार्थ के संबंध में समझाईश दी गई।

निराश्रित बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाना

[महिला एवं बाल विकास]

33. ( क्र. 471 ) श्री विपीन जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग अंतर्गत प्रदेश में निराश्रित बालिकाओं को विभागीय बालगृह, विभाग में पंजीकृत एन.जी.ओ. द्वारा संचालित बालगृह में रहकर उनका पालन पोषण किया जाता है?                                                (ख) क्या बालगृहों में 18 वर्ष से अधिक बालिकाओं को नहीं रखने एवं निरमुक्त करने के निर्देश हैं? (ग) इसके कारण उच्च शिक्षा की निरंतरता, अंयन्त्र अध्ययन हेतु जाने में उपयुक्तता न होने के कारण बालिकाओं की शिक्षा वंचित हो रही है? (घ) विभाग अंतर्गत पंजीकृत जो बालगृह सक्षम है और 18 वर्ष के बाद भी उन्हें रखकर आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं, उसके लिए अनुमति के क्या प्रावधान है? शासन और विभाग ऐसी संस्थाओं को 18 वर्ष से अधिक उम्र की बालिकाओं को रखने के नियम और गाइड-लाइन में समय की परिस्थितियों को देखते हुए प्रावधान कर अनुमति प्रदान करेगा? (ड.) बताएं कि प्रदेश में कितने पंजीकृत बाल गृहों में 18 वर्ष से अधिक की कितनी बालिकाएं रह रही हैं? केवल संख्या बताएं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) एवं (ख) जी, हाँ। (ग) जी, नहीं                                    (घ) पंजीकृत बाल गृहों में 18 वर्ष की आयु के बाद बालक/बालिकाओं को रखने का प्रावधान नहीं है। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (संशोधन 2021) के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता (ड.) प्रदेश के किसी भी पंजीकृत बालगृह में 18 वर्ष से अधिक आयु की बालिकाएं निवासरत नहीं हैं।

थानों में पदस्‍थ पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों की जानकारी

[गृह]

34. ( क्र. 475 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                 (क) जिला इंदौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर में कौन-कौन से थाना एवं पुलिस चौकी मौजूद हैं उक्‍त थाना एवं पुलिस चौकी में स्‍वीकृत पदों की एवं वर्तमान में पदों पर कार्यरत पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पदनाम की जानकारी सहित वर्ष 2023 वर्ष 2024 में विभाग में घोषित चल अचल संपत्ति की जानकारी उपलब्‍ध करावें एवं जिनके विरूद्ध कोई शिकायत एवं जांच किसी जांच एजेंसी में अथवा विभाग में विचाराधीन है उसकी संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक जिलेवार एवं थानावार उपलब्‍ध करावें एवं उक्‍त पुलिस अधिकारी/कर्मचारी उक्‍त जिले में किस दिनांक से पदस्‍थ हैं यह भी बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित जिलों के थानों एवं पु‍लिस चौकी में विगत तीन वर्षों में जो अजमानतीय अपराधों में प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं उक्‍त प्रकरणों की संपूर्ण सूची उपलब्‍ध करावें एवं उक्‍त दर्ज प्रकरणों की विवेचना करने वाले विवचेना अधिकारियों का नाम पदनाम सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करावें एवं ऐसे प्रकरणों की भी जानकारी देवें जिनमें तीन माह की अवधि में विवेचना पूर्ण की जाकर माननीय न्‍यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्‍तुत नहीं किये गये हैं और जिनमें विवेचना अपूर्ण है ऐसे प्रकरणों की भी संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित जिलों के थानों में विगत तीन वर्षों में जो अजमानतीय अपराधों में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई है उनमें से जिन प्रकरणों में खात्‍मा/खारजी लगाकर माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रकरण प्रस्‍तुत किये गये हैं ऐसे समस्‍त प्रकरणों की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित जिलों के थानों में विगत तीन वर्षों में कौन-कौन से पर्यवेक्षण अधिकारी थाना एवं पुलिस चौकी का निरीक्षण कब-कब किस सक्षम पर्यवेक्षण अधिकारी द्वारा किया गया है उनके नाम, पदनाम सहित जिलेवार एवं थानेवार जानकारी उपलब्‍ध करावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं '' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।

जिला जेल एवं उपजेलों की जानकारी

[जेल]

35. ( क्र. 476 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) जिला इन्दौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर में कौन-कौन सी जेल एवं उपजेल मौजूद हैं एवं उक्त जेल एवं उपजेल में वर्तमान में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी किस नाम, पदनाम से किस दिनांक से पदस्थ हैं एवं उनके द्वारा वर्ष 2023 एवं 2024 विभाग में जो चल अचल संपत्ति घोषित की है उसकी पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। इनमें से कितनों के विरूद्ध कौन-कौन सी शिकायत एवं जांच प्रचलित हैं? बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित जिलों में स्थित जेल एवं उपजेलों में कितनी संख्या में महिला एवं पुरूष बन्दी सजायाफ्ता एवं हवालाती बन्दी निरूद्ध हैं उनकी कुल संख्या की जानकारी उपलब्ध करावें एवं उक्त समस्त जेल एवं उपजेलों में पिछले तीन वर्षों में जो भी राशि जिस मद में बन्दियों को भोजन एवं अन्य निर्माण एवं मरम्मत कार्य हेतु प्राप्त हुई है उसकी पृथक-पृथक जानकारी जेलवार एवं उपजेलवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित जिलों में स्थित जेल एवं उपजेलों में निरूद्ध सजायाफ्ता एवं हवालाती बन्दियों को प्रतिदिन एवं प्रति सप्ताह में कौन-कौन सा भोजन कितनी मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है एवं सजायाफ्ता एवं हवालाती बन्दियों को कौन-कौन से अन्य सामान एवं कपड़े तथा दैनिक उपयोग में पहनने के कपड़े उपलब्ध कराये जा रहे हैं उसकी पृथक-पृथक जानकारी जेलवार एवं उपजेलवार उपलब्ध करावें। (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय जिला इन्दौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर में स्थित सभी जेल एवं उपजेलों में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं मानवाधिकारों के हनन की उच्च स्तरीय जांच हेतु महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं भोपाल का दौरा अनिवार्य रूप से सभी क्षेत्रीय विधायकों को शामिल कर करायेंगे यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं बतावें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' एवं प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) प्रदेश की समस्‍त जेलों में निरूद्ध बंदियों को प्रावधान अनुसार भोजन, वस्‍त्र व अन्‍य आवश्‍यक सामग्री प्रदाय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (घ) वर्तमान में जिला इंदौर, रतलाम, झाबुआ एवं अलीराजपुर में स्थित जेल एवं सब जेलों में भ्रष्‍टाचार एवं मानवाधिकारों का हनन नहीं होने के कारण उच्‍च स्‍तरीय जांच की आवश्‍यकता नहीं है। राष्‍ट्रीय एवं राज्‍य मानव अधिकार आयोग, महानिदेशक जेल, कलेक्‍टर, माननीय न्‍यायाधीश, जन प्रतिनिधियों एवं वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर जेलों का भ्रमण व निरीक्षण किया जा र‍हा है।

लोकायुक्‍त एवं ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. में अभियोजन के लंबित प्रकरण

[सामान्य प्रशासन]

36. ( क्र. 492 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त में दर्ज किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति के प्रकरण वर्तमान में लंबित है? (ख) अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित प्रकरणों की निगरानी और निराकरण के माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में बनी समिति के समक्ष लंबित प्रकरणों को कब-कब रखा गया था समिति द्वारा अभियोजन की स्वीकृति नहीं देने के क्या कारण है? (ग) उपरोक्त प्रश्‍नांश के तारतम्य में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ई.ओ.डब्ल्यू.) में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति के प्रकरण किन कारणों से लंबित है? ( (घ) उपरोक्त अभियोजन स्वीकृति के लंबित प्रकरणों में स्वीकृति कब तक दी जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है।                                          (ख) सामान्‍य प्रशासन विभाग के संलग्‍न परिपत्र दिनांक 05.09.2014 द्वारा अभियोजन स्‍वीकृति जारी करने के अधिकार प्रशासकीय विभाग को सौंपे गए हैं। अभियोजन स्‍वीकृति जारी करने के संबंध में प्रशासकीय विभाग एवं विधि विभाग के मत में भिन्‍नता होने की स्थिति में प्रकरण प्रशासकीय विभाग द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री जी की अध्‍यक्षता में गठित मंत्रि-परिषद् समिति में प्रस्‍तुत करने हेतु सामान्‍य प्रशासन विभाग को प्रस्‍तुत किया जाता है। प्रशासकीय विभाग द्वारा मंत्रि-परिषद् के निर्णय के अनुसार आदेश जारी किए जाते हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है। (घ) नियमानुसार कार्यवाही की जाती है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बाँध एवं नहरों के गेटों का रख-रखाव

[नर्मदा घाटी विकास]

37. ( क्र. 498 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       रानी अवंती बाई सागर बाँध के जल द्वारों एवं बाँध की नहरों के जल द्वारों के रख-रखाव पर विगत 5 वर्षों में कार्य बार कितनी-कितनी राशि एजेंसीवार व्यय की गई? बाँध के जल द्वारों की पेंटिग, रबर सील बदलने का कार्य कब-कब कितनी-कितनी राशि से किस-किस एजेंसी के द्वारा विगत 5 वर्षों में किया गया?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) :  जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'''' एवं '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

भवन विहीन आंगनवाड़ियों के भवनों की स्वीकृति

[महिला एवं बाल विकास]

38. ( क्र. 499 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बरगी विधानसभा सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? ग्रामवार जानकारी दें। उक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में से कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन या जर्जर भवन वाले हैं? उक्त आंगनवाड़ी केन्द्र के नये भवनों को कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?                                  (ख) बरगी विधानसभा सभा क्षेत्र की आंगनवाड़ियों में बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं हेतु पोषण आहार का प्रदाय किन-किन संस्थाओं द्वारा प्रतिमाह कितनी मात्रा में किया जा रहा है? बरगी विधानसभा सभा क्षेत्र में कितनी कुपोषित गर्भवती मातायें एवं बच्चे पंजीकृत हैं? जून 2024 की स्थिति में जानकारी दें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 528 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है जिनमें से विभागीय भवन में 305 आंगनवाड़ी केन्‍द्र एवं अन्‍य भवनों में 223 केन्‍द्र संचालित है। भवन विहीन अथवा जर्जर भवन में कोई आंगनवाड़ी केन्‍द्र सं‍चालित नहीं है। सीमित वित्‍तीय संसाधनों के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' पर है। (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्र की आंगनवाड़ियों में बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को टेकहोम राशन म.प्र.राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला आजीविका औ‌द्यौगिक सहकारी संस्था मर्यादित मण्डला संयंत्र द्वारा तथा गर्म पका नाश्ता एवं भोजन मध्यान्ह भोजन प्रदाय करने वाले स्वसहायता समूहों के माध्यम से दिया जाता है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट "ब" अनुसार है। कुपोषित बच्चों की माह जून 2024 की स्थिति में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। गर्भवती माताओं के पोषण स्तर का आंकलन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है।

उद्योग कॉरिडोर बनाए जाने की समय-सीमा

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

39. ( क्र. 505 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) क्या मोहना जिला ग्वालियर से शिवपुरी जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास की भूमि उद्योग कॉरिडोर बनाने के लिए चिन्हित की गई थी? यदि हाँ तो विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक तक योजना की क्या स्थिति है? उद्योग कॉरिडोर बनाने का कार्य कब तक प्रारंभ कराया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जिला ग्‍वालियर से शिवपुरी जिले में राष्‍ट्रीय राजमार्ग के आसपास मोहना, जिला ग्‍वालियर में चिन्हित 210.686 हेक्‍टेयर तथा गुरावल, जिला शिवपुरी में 30.64 हेक्‍टेयर भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु स्‍वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा गुरावल, जिला शिवपुरी में क्षेत्र के विकास हेतु डी.पी.आर. तैयार किए जाने हेतु कंसल्‍टेंट नियुक्‍त कराए जाने की कार्यवाही की जा रही है।

मंत्रालयीन स्‍टेनो टायपिस्‍ट के समान तृतीय समयमान का लाभ

[सामान्य प्रशासन]

40. ( क्र. 513 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) क्‍या मंत्रालयीन स्‍टेनोटायपिस्‍ट को उच्‍च पद पर पदोन्‍नति पश्‍चात् प्रथम नियुक्ति दिनांक से 30 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर तृतीय समयमान किस आदेश के तहत किस ग्रेड-पे में स्‍वीकृत किया गया है? प्रश्‍न दिनांक तक कितने कर्मचारियों को स्‍वीकृत किया गया है? सूची उपलब्‍ध कराये। (ख) क्‍या उक्‍त तृतीय समयमान आदेश के तहत विभागाध्‍यक्ष कार्यालय के अधीन स्‍टेनोटायपिस्‍ट संवर्ग से शीघ्रलेखक के पद पर पदोन्‍नत कर्मचारियों को प्रथम नियुक्ति दिनांक से 30 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर तृतीय समयमान वेतनमान स्‍वीकृत किया गया है? यदि हाँ तो सूची उपलब्‍ध कराये। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यदि नहीं तो प्रदेश के विभागाध्‍यक्ष कार्यालयों के अधीन स्‍टेनोटायपिस्‍ट संवर्ग के ऐसे कर्मचारियों को मौलिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है? ऐसे कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान स्‍वीकृति संबंधी परिपत्र कब तक जारी किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 

मंदसौर जिले में प्रवासी भारतीय की जानकारी

[प्रवासी भारतीय]

41. ( क्र. 516 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                      (क) मंदसौर जिले में वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रवासी भारतीय है संख्या, नाम, मंदसौर जिले में निवास के पते सहित जानकारी देवें? (ख) उपरोक्त व्यक्ति किस देश में निवास कर रहे है? (ग) उपरोक्त व्यक्ति कितने समय से बाहर है एवं आखरी बार वह व्यक्ति कब आया था इसकी भी दिनांक, वर्ष की जानकारी देवें? (घ) प्रवासी भारतीय हेतु शासन के क्या-क्या नियम एवं शर्ते लागू कि जाती है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी राज्‍य शासन द्वारा संधारित नहीं की जाती है।                           (ख) से (घ) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जनभागीदारी योजना से निर्माण कार्य की स्वीकृति

[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]

42. ( क्र. 517 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनभागीदारी योजना से निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु कोई योजना विभाग में संचालित है या पूर्व में संचालित रही है। विस्तृत जानकारी देवें? (ख) वर्ष-2021-22, 2022-23 में संचालित जनभागीदारी योजना से सागर जिले में कुल कितने कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी तथा नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने कार्य स्वीकृत किये गये थे। (ग) यदि पूर्व में योजना संचालित रही है एवं योजना से विकास कार्य संपादित हुए हैं, तो क्या विभाग योजना को पुनः शुरू/ संचालित करेगा।

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।                                             (ख) योजना के अन्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में 11 कार्य स्‍वीकृत किये गये थे, वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में जिलों को राशि प्राप्‍त नहीं होने के कारण सागर जिले में कोई भी कार्य स्‍वीकृत नहीं किये गये थे। प्रश्‍नानुसार अवधि में नरवायली विधानसभा क्षेत्र में कोई भी कार्य स्‍वीकृत नहीं किये गये थे। (ग) योजना सतत् संचालित होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सोलह"


स्‍वीकृति आंगनवाड़ी भवनों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

43. ( क्र. 534 ) श्री अनिल जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं? (ख) वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में, कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के मकान में एवं कितने आगंनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं एवं कितने आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हैं?                                   (ग) निर्माणाधीन एवं स्वीकृत आंगनवाड़ी भवन कब तक पूर्ण होंगे? शेष आंगनवाड़ी केन्द्र जो किराये के भवनों में संचालित किये जा रहे है उनके लिये नवीन भवनों की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 302 आंगनवाड़ी केन्‍द्र एवं 21 मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र, कुल 323 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत 237 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवनों (विभागीय) में, 58 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। 31 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं। 54 आंगनवाड़ी केन्‍द्र भवन निर्माण हेतु स्‍वीकृत है। (ग) निर्माणाधीन एवं स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

खनिज प्रतिष्ठान निधि से स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी

[खनिज साधन]

44. ( क्र. 535 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला निवाड़ी में 01 जनवरी, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्ठान मद से कुल कितनी राशि जिले की रॉयल्टी के नाम पर प्राप्त हुई? वर्षवार प्राप्त राशि की जानकारी उपलब्ध करावें (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में निवाड़ी जिले में आवश्यकतानुसार कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य 01 जनवरी, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक उक्त निधि से स्वीकृत किये गये हैं, कार्य का स्वरूप सहित वर्षवार, कार्य की जानकारी उपलब्ध करावें? कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं एवं कौन से कार्य अपूर्ण हैं, अपूर्ण रहने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें? उक्त पूर्ण हो गये कार्यों को सत्यापित करने वाले अधिकारी का नाम व पदनाम सहित संपूर्ण जानकारी देवें (ग) निवाड़ी जिले में किस-किस जनप्रतिनिधि या अधिकारी की सिफारिश पर कौन-कौन से कार्य उक्त अवधि में स्वीकृत किये गये?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला निवाड़ी में खनिज प्रतिष्‍ठान मद से रॉयल्‍टी के नाम में कोई राशि जमा नहीं होती अपितु मुख्‍य खनिज एवं गौण खनिजों से जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में राशि प्राप्‍त होती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।                                                      (ख)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

इलेक्ट्रॉनिक चेक पोस्ट लगाने एवं अवैध रेत परिवहन

[खनिज साधन]

45. ( क्र. 539 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) क्या राज्य सरकार की ओर एन.जी.टी. में शपथ पत्र देकर अवैध रेत रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक चेक पोस्ट लगाने के लिए कहा गया था? (ख) यदि हाँ तो उपरोक्त शपथ पत्र देने के बाद प्रश्‍न दिनांक तक कितनी अवधि हो चुकी है? उपरोक्त अवधि में किन-किन जिलों में किस-किस स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक चेक पोस्ट लगाई गई है तथा कहाँ-कहॉं लगाया जाना प्रस्तावित है? इलेक्ट्रॉनिक चेक पोस्ट लगाने में कितना व्यय अनुमानित है? (ग) अवैध रेत परिवहन रोकने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में प्रशासन द्वारा जनवरी 2023 से अब तक कुल कितनी कार्यवाही की गई है? जिलेवार, माहवार जानकारी उपलब्ध कराएं क्या कुछ डम्फरों में रॉयल्टी होने के बावजूद जुर्माना राशि वसूली गई? यदि हाँ तो ऐसे कितने प्रकरण सामने आये हैं? क्या ट्रक ऑनर एसोसिएशन द्वारा इस संबंध में शिकायतें की गई हैं यदि हाँ तो उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) शपथ पत्र दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक लगभग 16 माह की अवधि हो चुकी है। पायलेट प्रोजेक्‍ट के रूप में माह अगस्‍त 2024 तक जिला भोपाल के 03 स्‍थान तथा जिला रायसेन के 01 स्‍थान पर चेक गेट लगाया जाना प्रस्‍तावित है। पायलेट प्रोजेक्‍ट पूर्ण होने पर प्रदेश के कुल 41 स्‍थानों पर चेक गेट स्‍थापित किया जायेगा, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। इलेक्‍ट्रॉनिक चेक गेट लगाने में 25,30,40,845/- रूपये व्‍यय होना अनुमानित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। जानकारी एकत्रित की जा रही है। जी हाँ। भोपाल सेण्‍ड ट्रक आनर्स एसोसिएशन भोपाल द्वारा कलेक्‍टर भोपाल को प्रस्‍तुत शिकायत की जाँच किये जाने उपरांत शिकायत निराधार होने के कारण नस्‍तीबद्ध की गई है।

दिवंगत हुए कर्मचारियो के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति

[सामान्य प्रशासन]

46. ( क्र. 540 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) जिला मंडला में विभिन्न विभागों में शासकीय सेवा के दौरान दिवंगत हुए किस-किस कर्मचारी के आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने के आवेदन विचाराधीन हैं? (ख) उपरोक्त आश्रितों द्वारा आवेदन किस-किस दिनांक को विभाग में प्रस्तुत किये गये थे तथा कितने-कितने समय से लंबित हैं? दिवंगत कर्मचारी का नाम, पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध कराएं।? (ग) दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति देने के प्रकरण को लंबित रखने का क्या कारण है? (घ) उपरोक्त आश्रितों को किस दिनांक तक अनुकम्पा नियुक्ति दे दी जायेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्रदेश में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं नियुक्तियों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

47. ( क्र. 542 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? जिलावार जानकारी दें। स्वीकृत के विरूद्ध कितने पदों पर कार्यकर्ता और सहायिका नियुक्त हैं और कितने पद रिक्त हैं तथा प्रदेश के कितने ग्राम, मजरा-टोला, नवीन बसाहटों में आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं है? विकासखण्डवार जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शासन द्वारा क्या-क्या सुविधाएं बच्चों एवं महिलाओं को उपलब्ध कराई जाती है? क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के संदर्भ में क्या उक्त केन्द्रों में पोषण आहार राज्य, संभाग, जिला अथवा विकासखण्ड की शासकीय/निजी एजेन्सियों द्वारा सप्लाय किया जाता है? यदि हां, तो कौन-कौन सी एजेंसी के द्वारा पोषण आहार सप्लाय किया जाता है? सप्लाय करने वाली एजेन्सियों के नाम, सप्लायर एजेन्सियों के संचालकों के नाम बतावें और इनके चयन की प्रक्रिया क्या है? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में भोपाल संभाग में वर्ष 2019 से प्रश्‍नांकित अवधि तक आंगनवाडियों में कितनी नियुक्तियाँ हुई हैं? वर्षवार, जिलेवार विकासखण्डवार जानकारी देवें तथा नियुक्तियों के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जाकर शिकायतों का निराकरण कर दिया जावेगा? (ङ) प्रश्‍नांश (घ) के संदर्भ में क्या पोषण आहार सप्लायर के विरूद्ध अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई? तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी? कितनी शिकायतें लंबित हैं? उनको कब तक निराकृत कर दिया जावेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) प्रदेश में कुल 83659 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 12670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जिलेवार आंगनबाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -"एक" पर है। आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। भारत सरकार द्वारा मांगे जाने पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु सर्वे किया जाकर स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया जाता है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति नहीं दिये जाने से सर्वे नहीं कराया गया है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-"दो" पर है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों में गर्म पका भोजन एवं नाश्ता स्व-सहायता समूहों द्वारा तथा टेक होम राशन एस.आर.एल.एम. के अन्तर्गत महिला स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन द्वारा सप्लाई किया जा रहा है। विस्तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट–“तीनपर है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में भोपाल संभाग में वर्ष 2019 से प्रश्‍नांकित अवधि तक आंगनवाड़ियों में हुई नियुक्तियों एवं नियुक्तियों में प्राप्त शिकायतों तथा उन पर की गई कार्यवाही संबंधी वर्षवार, जिलेवार, विकासखंडवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-"चार" पर है। (ङ) भोपाल संभाग में अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेष का प्रश्‍न नहीं उठता।

रिक्त पदों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

48. ( क्र. 544 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) मध्यप्रदेश शासन के समस्त विभागों में विभागवार कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? उनके विरूद्ध कितने पदों पर नियुक्तियाँ की गई हैं तथा कितने-कितने रिक्त पद हैं? श्रेणीवार स्वीकृत पद, रिक्त पद की विभागवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के सन्दर्भ में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक कितने विभागों में कितनी-कितनी नियुक्ति हुई है? पदनाम, नियुक्ति संख्या विभागवार जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश शासन में कौन-कौन से विभाग प्रमुख (अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव आदि) कितनी अवधि से एक ही विभाग में पदस्थ हैं? अधिकारी के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। शासन के विभाग प्रमुखों के एक ही विभाग में कितने वर्षों तक बने रहने के नियम हैं तथा क्या 4 वर्ष से अधिक समय हो जाने पर अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव आदि विभाग प्रमुखों के विभाग बदलने के नियम हैं? यदि हां, तो अभी तक कितने विभाग प्रमुख एक ही विभाग में 4 वर्ष से अधिक समयावधि से पदस्थ हैं? अधिकारी के नाम सहित विभागवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा लंबे समय से एक ही विभाग में पदस्थ अधिकारियों का स्थानांतरण कब तक कर दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विधायकों के पत्रों पर जांच एवं कार्यवाही

[खनिज साधन]

49. ( क्र. 553 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के द्वारा जनवरी 2023 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक एम.डी. म.प्र. राज्‍य खनिज विकास निगम भोपाल, संचालक खनि कर्म एवं भौमिकी भोपाल एवं प्रमुख सचिव खनिज साधन भोपाल को रेत खनिज से संबंधित लिखे पत्रों पर कार्यवाही की जाकर प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी कोई सूचना नहीं दी गई? (ख) उपरोक्‍त अवधि में प्रश्‍नकर्ता का किस दिनांक को किस विषय पर किसे संबोधित पत्र एम.डी. तथा संचालक और प्रमुख सचिव को प्राप्‍त हुआ है उसकी जांच किससे करवाई गई पत्र एवं जांच प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावें। (ग) रामका माइनिंग प्रा.लि. के द्वारा भोपाल में रेत भण्‍डारण नहीं होने पर भी जारी की गई टी.पी. से संबंधित निगम ने प्रश्‍नांकित दिनांक तक किस-किस के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाई यदि एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करवाई गई हो तो उसका कारण बताएं। (घ) स्‍थल पर स्‍टॉक नहीं होने के बाद भी काटी गई आनलाईन टी.पी. से संबंधित कब तक किस-किस के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रेत खनिज से संबंधित जिला धार की मनावर विधानसभा से संबंधित शिकायती पत्र म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग के पत्र दिनांक 10/02/2023 से प्राप्‍त हुआ। उक्‍त शिकायत के संबंध में कार्यालय कलेक्‍टर (खनि शाखा) जिला धार द्वारा जाँच कर प्रतिवेदन दिनांक 17/03/2023 से प्रश्‍नकर्ता को सूचना प्रेषित की गई। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित शिकायती पत्र संबंधी वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जिसकी जाँच प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार कराई जाकर पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में पत्र अनुसार प्रश्‍नकर्ता को अवगत कराया गया है। एक अन्‍य आदेश द्वारा रॉयल्‍टी की चोरी की जाँच हेतु पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार गठित दल का प्रतिवेदन अपेक्षित है। (ग) रेत के अवैध खनन, भंडारण एवं रॉयल्‍टी चोरी की जाँच हेतु संचालनालय द्वारा जाँच दल का गठन किया गया है। जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर समुचित कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर अनुसार।

 

 

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

50. ( क्र. 557 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धरमपुरी विधानसभा में कुल कितनी आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र है? उनके नाम बतावें। (ख) ऐसी कितनी आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र है जिनके पास स्‍वयं का भवन नहीं है? उनके नाम बतावें। (ग) ऐसी आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र जिनके पास स्‍वयं का भवन नहीं है वह वर्तमान में कहाँ पर संचालित हो रही है। यदि किराये के भवन में संचालित हो रही है तो किसके भवन में और कितने किराये पर? (घ) धरमपुरी विधानसभा की उपरोक्‍त भवनव‍ि‍हीन आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों को कब तक भवन उपलब्‍ध कराये जावेगें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) धरमपुरी विधानसभा में 486 आंगनवाड़ी एवं 45 मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है। आंगनवाड़ी नामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत 305 आंगनवाड़ी और 37 मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र कुल 342 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के पास स्‍वयं का भवन (विभागीय भवन) नहीं है। विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।                                       (ग) वर्तमान में 191 आंगनवाड़ी एवं 33 मिनी आंगनवाड़ी कुल 224 आंगनवाड़ी केन्‍द्र किराये के भवनो में संचालित हो रहे है तथा 118 आंगनवाड़ी केन्‍द्र अन्‍य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे है। किराये के भवन में संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

पुलिस थानों में वाहनों की नीलामी की जानकारी

[गृह]

51. ( क्र. 558 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न थाना क्षेत्र परिसरों में विगत 03 वर्षों में चोरी, दुर्घटनाग्रस्त व अन्य कारणों से जब्त वाहनों की संख्या बतायें? (ख) क्या धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न थाना क्षेत्रान्तर्गत जप्‍त वाहनों की निश्चित अवधि में प्रकरणों के निराकरण होने पर नीलाम की जाती है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में यदि हाँ तो विगत दो वर्षों में कब-कब नियमानुसार इन वाहनों की नीलामी की गई व शेष वाहनों की नीलामी हेतु पुलिस प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विगत 03 वर्षों में चोरी के कारण जप्त वाहनों की संख्या 34, दुर्घटनाग्रस्त जप्त वाहनों की संख्या 914 तथा अन्य कारणों से जप्त वाहनों की संख्या 35 है।                  (ख) जी हां। लावारिस वाहनों के स्वामियों की तलाश की जाती है उसके पश्चात् जिन वाहनों के स्वामी नहीं मिलते है उनको नीलाम किया जाता है। चोरी दुर्घटनाग्रस्त तथा अन्य कारणों में जो वाहन आपराधिक प्रकरणों में जप्त किये जाते है, उनका निराकरण न्यायालय के आदेश अनुसार किया जाता है। (ग) विगत दो वर्षों में कुल 19 वाहनों की नीलामी की गई। 05 वाहनों की नीलामी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। जप्त शुदा वाहनों की नीलामी नहीं की गई है।

उप पंजीयक भवन निर्माण

[वाणिज्यिक कर]

52. ( क्र. 563 ) श्री सतीश मालवीय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले की विधानसभा क्षेत्र घट्टिया मुख्यालय हेतु उप पंजीयक का पद स्वीकृत है? यदि हाँ तो कब से स्वीकृत है एवं घट्टिया मुख्यालय पर कितने कार्य दिवस कार्य कर रहे हैं?                                   (ख) क्या यह सही है कि वर्तमान में उप पंजीयक घट्टिया मुख्यालय पर दो दिवस ही कार्य करते हैं? जिससे कि आस-पास के ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। मुख्यालय पर पूर्ण कार्य दिवस हेतु उप पंजीयक की नियमित बैठक व्यवस्था कब तक की जावेगी? (ग) क्या विभाग द्वारा नवीन उप पंजीयक भवन निर्माण हेतु घट्टिया मुख्यालय पर स्वीकृत किया गया? यदि हां तो भवन निर्माण कब तक प्रारम्भ होगा? यदि नहीं तो भवन निर्माण हेतु राशि कब तक स्वीकृत की जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हां, उप पंजीयक घट्टिया हेतु एक पद वर्ष 1997 से स्‍वीकृत है वर्तमान में उप पंजीयक घट्टिया का पद रिक्‍त है। उप पंजीयक उज्‍जैन, उप पंजीयक घट्टिया के प्रभार में है जिनके द्वारा प्रति सप्‍ताह दो कार्य दिवस में उप पंजीयक कार्यालय घट्टिया में कार्य किया जाता है। (ख) जी हां, साथ ही मुख्‍यालय उप पंजीयक कार्यालय उज्‍जैन में घट्टिया से संबंधित दस्‍तावेजों की रजिस्‍ट्री कराने का विकल्‍प नियमानुसार उपलब्‍ध है जो घट्टिया से मात्र 30 कि.मी. की दूरी पर है। उप पंजीयक कार्यालय घट्टिया में माह में केवल लगभग 150-200 दस्‍तावेज पंजीकृत होते है। अत: ग्रामीणों को विशेष परेशानी की स्थिति निर्मित नहीं होती। प्रदेश में उप पंजीयकों की कमी है तथा कार्य आवश्‍यकता एवं कर्मचारियों की उपलब्‍धता के दृष्टिगत उप पंजीयकों की पदस्‍थापना की जाती है। (ग) जी नहीं, ऐसा कोई प्रस्‍ताव नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

परियोजना अधिकारी कार्यालय के संचालन हेतु अनुदान

[महिला एवं बाल विकास]

53. ( क्र. 564 ) श्री सतीश मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या उज्जैन जिले की विधानसभा क्षेत्र घट्टिया अन्तर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी के कार्यालय के संचालन एवं अन्य कार्यालयीन कार्य की सम्पूर्ण गतिविधियों के संचालन के लिए शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है? यदि हां तो वर्ष 2022-23 एवं वर्ष 2023-24 के लिए कितनी राशि का आवंटन प्रदाय किया गया तथा प्रदाय की गई राशि का उपयोग किस कार्य के लिए किया जाना था एवं प्रदाय राशि किस कार्य के लिए उपयोग में लाई गई? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें (ख) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया अन्तर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग अन्तर्गत कितने आंगनवाडी़ केन्द्र भवन विहिन है? भवन विहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन कब तक स्वीकृत किए जावेंगे? (ग) वर्तमान में स्वयं के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं? जीर्ण-शीर्ण भवनों के सुधार/उन्नयन हेतु विभाग के क्या नियम हैं? जीर्ण-शीर्ण भवनों में कब तक सुधार/उन्नयन कार्य किया जावेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में विभिन्‍न मदों में प्राप्‍त आवंटन एवं व्‍यय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'1' एवं '2' अनुसार है।                                     (ख) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया अन्तर्गत 91 आंगनवाडी़ केन्द्र भवन विहीन है। विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में विभागीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में 18 भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। जीर्ण-शीर्ण भवनों की मरम्‍मत/उन्नयन हेतु जिलों से प्रस्‍ताव प्राप्‍त किये जाते हैं। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर मरम्‍मत/ उन्नयन हेतु जिलों को आवंटन जारी किया जाता है। जीर्ण-शीर्ण भवनों की मरम्‍मत/उन्नयन का कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "सत्रह"

उद्योग स्‍थापना हेतु भूमि आवंटन

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

54. ( क्र. 565 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) बालाघाट जिले में उद्योग विभाग द्वारा कहां-कहां एवं किन-किन उद्योगपतियों को कौन-कौन से उद्योग लगाने के लिए भूमि आवंटित की गई है एवं भूमि आवंटन के लिए क्या प्रस्ताव थे?                        (ख) क्या वर्ष 2003 से वर्तमान तक आवंटित भूमि पर उद्योगपति द्वारा उद्योग लगाएं गए हैं या नहीं वर्तमान स्थिति में कौन-कौन से उद्योग प्रगतिरत है? (ग) क्या जिन उद्योगपतियों द्वारा आवंटित भूमि पर उद्योग नहीं लगाए गए हैं तो क्या उन उद्योगपतियों से आवंटित भूमि वापस ली जावेगी एवं उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जिला बालाघाट में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग द्वारा उद्योग लगाने हेतु वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को आवंटित भूमि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 के बिन्‍दु क्रमांक 1, 2, 3 एवं 4 पर है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ग) जिन उद्योगपतियों द्वारा आवंटित भूमि पर उद्योग नहीं लगाये गए है उन्‍हें उद्योग लगाये जाने हेतु समयावधि शेष है। जिन उद्योगपतियों द्वारा आवंटित भूमि पर समयावधि में उद्योग नहीं लगाए जाते हैं, उनके विरूद्ध '' मध्‍यप्रदेश राज्‍य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम-2019 (यथा संशोधित 2022) '' में निहित प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार सभी आवंटियों द्वारा आवंटित भूमि पर उद्योग लगाये गये है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

आंगनवाड़ी भवन की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

55. ( क्र. 566 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत वन स्टॉप सेंटर (सखी) के आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं परामर्श की सुविधा वन स्टॉप सेंटर/उषा किरण केंद्रों में की गई पदस्थापना कब हुई? उक्त पद पर कार्यरत कर्मचारियों को किस योग्यता के आधार पदस्थाना की गई है? (ख) माननीय मंत्री जी प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी भवन प्रश्‍न दिनांक तक भवन विहीन है? कितने आंगनवाड़ी प्रश्‍न दिनांक तक किराए के भवन में संचालित कि जा रही है तथा कब तक नवीन भवन कि प्रशासकीय स्वीकृति मिलेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जिला बालाघाट मुख्यालय में वन स्‍टॉप सेंटर दिनांक 03.05.2018 को प्रारंभ किया गया है। दिनांक 03.05.2018 से फरवरी 2019 तक विभागीय अधिकारी/कर्मचारी द्वारा संचालन किया गया। माह मार्च 2019 से चयनित आउटसोर्स एजेन्सी (एक्सपर्ट सर्विसेस सिवनी) के माध्यम से कर्मचारी उपलब्ध कराये गये। संचालनालय महिला एवं बाल विकास के पत्र क्रमांक 573 दिनांक 20.11.2020 में दिए गये निर्देशानुसार एवं योग्यता अनुसार अशासकीय समाजसेवी संस्था (बहुउद्देशीय शहरी एवं ग्रामीण विकास संस्थान सिवनी) का चयन किया जाकर संस्था द्वारा उपलब्ध कराये गये आउटसोर्स कर्मचारियों के माध्यम से दिनांक 08.11.2021 से संचालन किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ, बालाघाट की विधानसभा क्षेत्र बालाघाट 111 के अंतर्गत भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की संख्‍या 91 है, जिसमें से किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की संख्‍या 80 है। विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिए भवन निर्माण शासकीय भूमि एवं वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता पर निर्भर है, अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

पुलिस स्टाफ को सुविधाए दिए जाना

[गृह]

56. ( क्र. 568 ) श्री विपीन जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस विभाग अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पीएचपीएस की जटिल प्रक्रिया को खत्म कर आयुष्मान योजना की तरह सरल एवं सभी बीमारियों के लिए सभी अस्पतालों के लिए लागू करने की योजनाएं विचारनीय हैं? (ख) ठगी के नए तरीके अपनाकर जनता से ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों पर अंकुश लगाने को लेकर अनुभाग स्तर पर साइबर केंद्र खोले जाना चाहिए? (ग) बैंकिंग क्षेत्र (10 से 6 के बाद) सहायता नहीं मिल पाने के कारण फ्रॉड राशि वापसी की दिक्कत हेतु बैंकिंग क्षेत्र से एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति जो 24 घंटे पुलिस को सहायता प्रदान कर सके की जा सकती है। (घ) पुलिस कर्मचारियों के लिए साप्ताहिक अवकाश लागू किये जायेंगे। (ड.) क्या विभाग अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों के लिए साप्ताहिक अवकाश दिए जाने, वर्तमान ग्रेड पर 1900 से बढ़कर 2400 किए जाने और साइकिल भत्ता हटाकर मोटर साइकिल भत्ता दिए जाने को लेकर कार्यवाही प्रचलन में है जो मात्र थाने पर कार्यरत कर्मचारियों को दिए जा रहा है, सभी को दिया जाना चाहिए?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। प्रक्रिया के सरलीकरण के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। (ख) नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। (ग) बैकिंग क्षेत्र से नोडल अधिकारी की नियुक्त करने के संबंध में राज्य सायबर पुलिस, पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा क्रमांक/पुमु/निस/अमनि/सायबर/क्र.47/2024 दिनांक 21.06.2024 द्वारा भारतीय रिर्जव बैंक को पत्र प्रेषित किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (घ) पुलिस मुख्यालय के आदेश क्रमांक/पुमु/3/कार्मिक/7/1881/23 दिनांक 04.08.2013 के माध्यम से थाना एवं विसबल कंपनियों में तैनात पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने के संबंध में प्रावधान किया गया है, जो प्रचलन में है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ड.) प्रश्‍नांश के प्रथम भाग का उत्तर उत्तरांश (घ) में समाहित है। पुलिस विभाग के कार्यपालिक (एम) बल के सहायक उप निरीक्षक (अ) की ग्रेड पे-1900/- से रूपये 2400/- किये जाने संबंधी गृह विभाग द्वारा चाही गई जानकारी पुलिस मुख्यालय के पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार द्वारा गृह विभाग को प्रेषित की गई है, जो आवश्यक कार्यवाही हेतु गृह विभाग के पत्र क्रमांक/3767/1082675/2024/ बी-4/दो दिनांक 08.09.2024 के माध्यम से सचिव, म.प्र. कर्मचारी आयोग, भोपाल को प्रेषित की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। वर्तमान में सभी पुलिस कर्मचारियों को मोटर साईकिल भत्ता दिये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

पत्रों पर कृत कार्यवाही की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

57. ( क्र. 570 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिसम्बर 2023 से मई 2024 की अवधि में कलेक्टर जिला शिवपुरी, पुलिस अधीक्षक जिला शिवपुरी, तहसीलदार तहसील शिवपुरी, सी.ई.ओ. जिला पंचायत शिवपुरी, सी.ई.ओ. जनपद पंचायत शिवपुरी/पोहरी/नरवर, तहसीलदार पोहरी एवं बैराड़, सी.एम.ओ. नगर परिषद पोहरी/बैराड़, जिला पंजीयक जिला शिवुपरी, ई.ई. पी.एच.ई. शिवपुरी, महाप्रबंधक एम.पी.ई.बी. शिवपुरी, एस.डी.एम. पोहरी, ई.ई. आरईएस शिवपुरी, ई.ई. पी.डब्‍ल्‍यू.डी., पीआईयू/भवन एवं पथ/पुल शिवपुरी/ग्वालियर, डी.पी.ओ. महिला एवं बाल विकास विभाग जिला शिवपुरी, सी.डी.पी.ओ. महिला एवं बाल विकास विभाग शिवपुरी/पोहरी/नरवर, ई.ई. सिंध परियोजना आरबीसी संभाग नरवर, जिला आपूर्ति अधिकारी जिला शिवपुरी, ई.ई. जल संसाधन संभाग शिवपुरी/नरवर, एस.डी.ओ.पी. शिवपुरी/‍पोहरी, उप संचालक सामाजिक न्याय विभाग शिवपुरी सहित जिला शिवपुरी के अन्य विभागों को पत्र प्रेषित किये गये हैं? यदि हाँ तो पत्रों की छायाप्रति संलग्न कर बताये कि उक्त पत्रों पर संबंधित विभागों द्वारा क्याक्या कार्यवाही की गई कृत कार्यवाही की प्रति संलग्न कर जानकारी दें? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित विभागों को प्रेषित किये गये पत्रों पर संबंधित अधिकारियों/विभागों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों यदि कार्यवाही की गई तो कृत कार्यवाही की प्रति संलग्न कर जानकारी दे? कि प्रश्‍नकर्ता को संबंधित द्वारा किस पत्र के माध्यम से अवगत कराया?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है

 

प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य के पत्रों पर कार्यवाही

[महिला एवं बाल विकास]

58. ( क्र. 572 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 98/2023-24 दिनांक 30-01-2024 एवं पत्र क्रमांक 140/2023-24 दिनांक 26-02-2024 के द्वारा जानकारी उपलब्ध कराने बाबद् जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास बालाघाट को पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ तो जानकारी किन कारणों से उपलब्ध नहीं कराई गई? चाही गई जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय विधायक द्वारा वर्ष 2017-18 से कैश बुक की जानकारी चाही गई थी जो कि लगभग 4 हजार पृष्ठों की होने एवं तत्समय जिला कार्यालय बालाघाट में महालेखाकार ग्वालियर के आडिट दल के द्वारा लेखा परीक्षण का कार्य सम्पादित किये जाने एवं तत्पश्‍चात् लोकसभा निर्वाचन 2024 संबंधी कार्य होने के कारण जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी थी। वर्तमान में माननीय विधायक जी को दिनांक 18/06/2024 को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से जानकारी उपलब्ध करा दी गई है।

आंगनवाड़ी भवन का निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

59. ( क्र. 575 ) श्री मथुरालाल डामर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले में कितने आंगनवाड़ी केंद्र शासकीय भवन में संचालित हो रहे है तथा कितने भवन प्रश्‍न दिनांक तक अधूरे है? (ख) आंगनवाड़ी भवन अपूर्ण है तो क्यों है, कारण तथा इस सम्बन्ध में दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गयी और नहीं की गयी तो क्यों नहीं की गयी? (ग) आंगनवाड़ी भवन निर्माण की जानकारी सत्र 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक दी जाए तथा भविष्य में शासन की इस सन्दर्भ में क्या योजना है? (घ) रतलाम जिले में आंगनवाड़ी केंद्र में कितने बच्चे पंजीकृत है तथा कितने बच्चे प्रवेश से वंचित है, यदि है तो क्यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) रतलाम जिले में 1521 आंगनवाड़ी केंद्र शासकीय भवनों में संचालित हो रहे है। 123 आंगनवाड़ी भवन प्रश्‍न दिनांक तक अपूर्ण हैं।                                          (ख) आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य अपूर्ण रहने का कारण जमीन विवाद होना एवं निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं करना है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है। इन ग्राम पंचायतों में मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रतलाम द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) आंगनवाड़ी भवन निर्माण की वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। विभागीय भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण हेतु शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। (घ) रतलाम जिले के आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में 06 माह से 06 वर्ष तक के कुल 1,47,086 बच्चों को आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पंजीकृत किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अठारह"

 

नर्मदा घाटी विकास योजना का क्रियान्‍वयन

[नर्मदा घाटी विकास]

60. ( क्र. 581 ) श्री सुनील उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जुन्‍नारदेव विधानसभा क्षेत्र में प्रवाहित तवा, देनवा, दॉतफाडू, दूधी, दूधेर, मर्राउन नदियों के उदगम स्‍थल पर नर्मदा घाटी विकास मद से विकास कार्य कराने हेतु क्‍या बजट में प्रावधान करने पर विचार करेगें? (ख) जुन्‍नारदेव विधानसभा क्षेत्र में जुन्‍नारदेव विशाला, मुत्‍तौर, सतधारा, अनहोनी, सांगाखेडा क्षेत्रों में बह रही नदियों पर बडे़ स्‍टाप डेम एवं बीयर बनाने से सिंचाई के साधन विकसित करने पर बजट में प्रावधान करने पर विचार करेगें। (ग) क्‍या दूधी, तवा, देनवा के उदगम स्‍थलों पर पर्यटन क्षेत्र ग्रामीणों के रोजगार एवं मनोरंजन हेतु ओंकारेश्वर की तर्ज पर विकसित करने पर क्‍या बजट में प्रावधान करने पर विचार करेगें?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत ऐसा कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जनप्रतिनिधियों का प्रोटोकॉल

[सामान्य प्रशासन]

61. ( क्र. 589 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों को शासकीय कार्य के भूमि पूजन एवं अन्य आयोजन में उपस्थिति के लिए कोई पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ तो उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं। (ख) उक्त पत्र का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की जाती है? (ग) 15 मार्च, 2024 को जनपद पंचायत निसरपुर के ग्राम पंचायत सुसारी में सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन कार्यक्रम में कौन-कौन उपस्थित हुए? (घ) कंडिका (ग) के अनुसार उक्त कार्यक्रम में क्या विधायक की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है? यदि हाँ है तो जिन अधिकारियों द्वारा क्षेत्र के विधायक को जानकारी नहीं दी गई व सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश का उल्लंघन किया गया है तो संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक और क्या कार्यवाही की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) माननीय संसद सदस्‍यों तथा माननीय विधायकगणों को सार्वजनिक समारोह/कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के संबंध में सामान्‍य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 19 जुलाई, 2019 से निर्देश जारी किये गये हैं जिसकी प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) यदि कोई अधिकारी/कर्मचारी इन निर्देशों की अवहेलना करता है तो उनका यह कृत्‍य उन पर लागू आचरण या सेवा नियमों के अधीन अवचार समझा जाएगा और संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

 

 

थाना क्षेत्रों से अवैध रेत परिवहन

[खनिज साधन]

62. ( क्र. 590 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार को जानकारी है कि अलीराजपुर जिले के चाँदपुर थाना, नानपुर थाना और कुक्षी थाना क्षेत्र से निसरपुर होते हुए बहुत बड़े पैमाने पर बड़वानी के लिए रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है? (ख) बिना रॉयल्टी चुकाए और ओव्हरलोडिंग करके होने वाले इस अवैध रेत परिवहन में स्थानीय राजस्व अमला, पुलिस विभाग और अलीराजपुर, धार तथा बड़वानी के जिला माइनिंग अधिकारी सभी की मिलीभगत है? (ग) इस क्षेत्र में रेत माफिया द्वारा सरकारी अफसरों के संरक्षण में सरकार को राजस्व की भारी हानि पहुंचाई जा रही है? (घ) क्या सरकार इस अवैध रेत परिवहन को रोकने के लिए सख्त कार्यवाही करके दोषी लोगों पर कार्यवाही करेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अलीराजपुर जिले के चांदपुर थाना एवं नानपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में प्रश्‍न दिनांक तक कुल 45 वाहन अवैध परिवहन करते पाये गये। जिनसे राशि रूपये 121.043 लाख की वसूली की गई। धार जिले के कुक्षी थाना क्षेत्र से निसरपुर होते हुए वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में प्रश्‍न दिनांक तक कुल 50 वाहन जप्‍त कर राशि रूपये 52.96 लाख का अर्थदण्‍ड वसूलने की कार्यवाही की गई है। अलीराजपुर जिले से रेत भरकर बड़वानी जिले में कोई भी वाहन निरीक्षण के दौरान खनिज रेत का अवैध परिवहन करते नहीं पाये गये। (ख) जी नहीं। खनिज रेत का अवैध परिवहन एवं ओव्‍हरलोडिंग करने पर वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में जिला अलीराजपुर में 120 प्रकरण दर्ज कर राशि रूपये 240.68 लाख एवं धार जिले में 159 प्रकरण दर्ज कर राशि रूपये 146.88 लाख की वसूली की गई है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                           (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (ख) में दिये गये उत्‍तर के उत्‍तर अनुसार रेत परिवहन पर नियमित कार्यवाही की जा रही है।

नए सूक्ष्‍म लघु उद्यम योजना की जानकारी

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

63. ( क्र. 593 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए क्या योजना है, क्या नवीन उद्योगों के लिए कोई रियायत दी जा रही है? (ख) वर्ष 2020 से 2024 तक मुरैना जिले में कितने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित किए गए उन उद्योगों को क्या शासकीय राहत उपलब्ध कराई गई आगामी समय में क्या योजनाएं बनाई जा रही है? (ग) मुरैना जिले में नए सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग चालू हुये और कितने बेरोजगार युवाओं को वर्ष 2020 से 2024 तक रोजगार दिये गये?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) जी हाँ। सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग द्वारा मुरैना जिले सहित संपूर्ण मध्यप्रदेश में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु म.प्र. एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2021 में प्रावधानित रियायते पात्रतानुसार उपलब्ध कराई जा रही है। (ख) विभाग द्वारा स्वयं कोई उद्योग स्थापित नहीं किये जाते है, अपितु उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु म.प्र. एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2021 में प्रावधानित रियायते पात्रतानुसार उपलब्ध कराई जा रही है। वर्ष 2020 से 2024 तक मुरैना जिले में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के 129 क्‍लेम्‍स में 17.90 करोड़ रूपयें की सहायता म.प्र. एमएसएमई प्रोत्साहन योजना अंतर्गत उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान में मुरैना जिले हेतु पृथक से कोई योजना नहीं बनाई जा रही है। (ग) भारत सरकार के उद्यम पंजीयन पोर्टल पर वर्ष 2020 से 2024 तक मुरैना जिले में कुल 4605 औद्योगिक इकाईयां पंजीकृत हुई, जिनमें 43427 लोगों को रोजगार दिया जाना उल्लेख‍ित है।

आंगनवाड़ी भवन एवं अनियमितता की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

64. ( क्र. 594 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जौरा विधानसभा में कितनी आंगनवाड़ी कार्यरत हैं? कितनी आंगनवाड़ियां शासकीय भवनों में चल रही हैं? कितनी आंगनवाड़ियों में भवन उपलब्ध नहीं है, कितने आंगनवाड़ियां किराए के स्थान में चल रही है? (ख) जौरा विधानसभा में आंगनवाड़ियों में कितने पद भरे हैं एवं कितने पद खाली हैं? किन-किन स्थानों पर पद खाली होने से योजना का लाभ नहीं मिल पाता है?                                (ग) शासन द्वारा आंगनवाड़ियों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है? (घ) जौरा विधानसभा में कुपोषित अति कुपोषित बच्चों को मिड डे मील एवं अन्य पोषण आहार वितरित किया जाता है। जौरा विधानसभा में वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की शिकायतें आई एवं क्या कार्यवाही की गई?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( सुश्री निर्मला भूरिया ) : (क) जौरा विधानसभा अंतर्गत 542 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित (कार्यरत्) है। 399 आंगनवाड़ी केन्‍द्र शासकीय भवनों में संचालित हैं तथा 143 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं। इस प्रकार सभी 542 आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन उपलब्ध है। (ख) जौरा विधानसभा अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 427 पद भरे हैं एवं 03 पद रिक्त है. आंगनवाड़ी सहायिका के 423 पद भरे है एवं 07 पद रिक्त है. तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 111 पद भरे हैं एवं 01 पद रिक्त है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। योजना का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों को मिल रहा है। रिक्त पद की स्थिति में अन्य आंगनवाड़ी केन्द्र की सहायिका/अन्य केन्द्र की कार्यकर्ता के माध्यम से हितग्राहियों को लाभान्वित कर योजना का लाभ दिया जाता है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अन्तर्गत संचालित सेवाओं/योजनाओं तथा राज्‍य/केन्द्र सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। अतः शेष का प्रश्‍न ही नहीं।

परिशिष्ट - "बीस"

लंबित कंडिकाओं की जानकारी

[खनिज साधन]

65. ( क्र. 646 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की सीमा में आने वाली विभिन्‍न नदियों से बालू निकाले जाने हेतु वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक शासन द्वारा कौन-कौन सी संस्‍थाओं को शासन प्रावधानों के तहत कार्य दिये गये? उनका संपूर्ण विवरण शासन की नियमावली सहित जानकारी दें। (ख) जिन ठेकेदारों/कंपनी को रेत का कार्य नियमों के तहत सौंपा गया उनके कौन-कौन से वाहनों से परिवहन कर कौन-कौन से जिलों में भेजी जाती है? (ग) विभागीय अधिकारियों द्वारा तथा संयुक्‍त टीम द्वारा किन-किन अवधियों में निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान कोई गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि की गई? यदि हाँ तो क्‍या? नि‍रीक्षण रिपोर्ट प्रमाणित कर उपलब्‍ध करावें। (घ) विभाग की महालेखाकार ग्‍वालियर की ऑडिट कंडिकाओं में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन अवक्षेप लंबित है? लंबित कंडिकाओं की जानकारी प्रमाणित कर उपलब्‍ध करावें। प्रश्‍नांश (क) के तहत वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि शासन को दी गई?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 अधिसूचित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) विभागीय अधिकारियों द्वारा तथा संयुक्‍त टीम द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। निरीक्षण दौरान किसी प्रकार की गंभीर अनियमितता का मामला संज्ञान में नहीं आया। निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (घ) विभाग की महालेखाकार ग्‍वालियर को ऑडिट कंडिकाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है।

शस्‍त्र लाईसेंस के प्रकरणों का निराकरण

[गृह]

66. ( क्र. 658 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे कितने शस्‍त्र लाईसेंस के आवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व एवं पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा अनुशंसा कर कलेक्‍टर छतरपुर को भेजे गये जिनकी स्‍वीकृतियां प्रश्‍न दिनांक तक कितनी की गई? (ख) क्‍या नोटशीट पर प्रकरण तैयार पर प्रस्‍तुत किये गये किंतु वह स्‍वीकृत प्रश्‍न दिनांक तक नहीं किये गये? यदि हाँ तो क्‍यों? (ग) क्‍या वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक लंबित पड़े प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा?                                             (घ) यदि हाँ तो कब नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं पुलिस अधीक्षक छतरपुर से कुल 263 प्रतिवेदन अनुशंसा सहित प्राप्त हुए जिन पर प्रश्‍न दिनांक तक कुल 263 आवेदन-पत्रों का निराकरण किया जा चुका है। (ख) नोटशीट पर 263 प्रकरण तैयार कर प्रस्तुत किये गये थे, जिन पर स्वीकृति प्रदान की गई। (ग) नियमानुसार सभी प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

 

स्‍थानांतरण नीति का पालन

[सामान्य प्रशासन]

67. ( क्र. 661 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की स्‍थानांतरण नीति क्‍या है? क्‍या नीति में तीन वर्ष से अधिक अवधि के पश्‍चात् स्‍थानांतरण किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो कृपया जानकारी दें। (ख) क्‍या उक्‍त नीति के विपरीत दतिया जिला सहित ग्‍वालियर संभाग में कितने-कितने डिप्‍टी कलेक्‍टर पदस्‍थ है? नीति के विपरीत पदस्‍थ होने के क्‍या-क्‍या कारण है? कृपया जिलावार नाम सहित डिप्‍टी कलेक्‍टर की अवधि एवं नाम बताये (ग) क्‍या शासन उक्‍त नीति के अंतर्गत पदस्‍थ डिप्‍टी कलेक्‍टर्स को तत्‍काल हटायेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) स्‍थानांतरण नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। स्‍थानांतरण नीति के बिन्‍दु क्रमांक 18 के अनुसार 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्‍थानांतरण किया जाना अनिवार्य नहीं है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्‍त नीति के विरूद्ध दतिया जिले सहित ग्‍वालियर संभाग में कोई डिप्‍टी कलेक्‍टर पदस्‍थ नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

म.प्र. लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार पर की गई कार्यवाही

[सामान्य प्रशासन]

68. ( क्र. 662 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. लोकायुक्त भ्रष्टाचार अनियमिततायें एवं गड़बड़ियों के संबंध में अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों पर कानून के अनुसार कानूनी कार्यवाही करने का अधिकार है? यदि हाँ तो क्या शिकायतों के साथ ही स्वयं के स्त्रोत से भी कानूनी कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ तो वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक (2024) तक कितनी-कितनी शिकायतें कितने-कितने अधिकारियों/कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों के विरूद्ध प्राप्त हुई है तथा स्वयं के स्त्रोत से कितने प्रकरणों पर लोकायुक्त कार्यालय ने कार्यवाही की है? कृपया अलग-अलग संपूर्ण जानकारी दें। (ख) क्या लोकायुक्त द्वारा की गई कार्यवाही के पश्चात संबंधित अधिकारी/कर्मचारी को विभाग द्वारा निलंबित किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो उक्त वर्षों में कितने-कितने कर्मचारी/अधिकारी के निलंबन के साथ ही जनप्रतिनिधियों पर पद से हटाने की कार्यवाही की गई? कृपया वर्षवार अलग-अलग जानकारी दें। (ग) क्या लोकायुक्त कार्यालय द्वारा न्यायालय में तत्संबंध के विरूद्ध चालान प्रस्तुत किया जाता है? यदि हाँ तो कितने प्रकरणों में कितनों के विरूद्ध चालान प्रस्तुत किये गये हैं? कृपया वर्षवार अलग-अलग जानकारी दें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राज्य सरकार के संचालन हेतु प्राप्‍त किये गए ऋण की जानकारी

[वित्त]

69. ( क्र. 729 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकार पर वर्ष 2003 से पूर्व कितना कर्जा था? वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितना कर्जा, कितनी राशि का, कितनी बार, किस-किस से, कितनी अवधि के लिये, किस दर पर, किस-किस की ग्यारन्टी पर लिया गया? संपूर्ण जानकारी का गौशवारा वर्षवार बनाकर दें।                                  (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त कर्जे में से कितना कर्जा किस-किस को पूर्ण रूप से चुका दिया गया है? निश्चित समय-सीमा में कौन-कौन सा कर्जा राज्य सरकार नहीं चुका पाई है? कर्जा नहीं चुकाने पर ग्यारन्टी से वसूली कर कर्जा चुकाया गया है अथवा डिफाल्टर घोषित किया गया है? कितने प्रकरणों में राज्य सरकार डिफाल्टर घोषित है? (ग) लाड़ली बहना योजना की राशि के भुगतान के लिये कितना कर्जा, किस एजेन्सी से, कितनी अवधि के लिये, किस दर पर कितना लिया गया है? यह योजना कब तक संचालित की जायेगी? क्या इस योजना हेतु भारत सरकार से भी आर्थिक सहायता राज्य सरकार को प्रदान की गई है? यदि हाँ तो कब-कब और कितनी-कितनी?                             (घ) राज्य सरकार के कौन-कौन से विभाग, निगम-मण्डल, आयोग एवं अन्य कार्यालय राज्य सरकार की ग्यारन्टी पर कर्जा लिया है? 20 मार्च, 2020 से प्रश्‍न दिनांक किसने कितना कर्जा किस के द्वारा कब-कब लिया गया?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2003 से पूर्व राज्‍य सरकार द्वारा लिये गये कर्ज की जानकारी, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्‍तीय वर्ष 2002-03 के वित्‍त लेखे खण्‍ड-2 के Statement No. 17 में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है। वर्ष 2014 से वर्षवार राज्‍य सरकार द्वारा लिये गये कर्ज की जानकारी, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये वर्षवार वित्‍त लेखे के खण्‍ड-2 के Statement No.15 (वित्‍तीय वर्ष 2013-14) एवं Statement No.17 (वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से वित्‍तीय वर्ष 2022-23) में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 पर है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के वित्‍त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किए जाने के कारण विधानसभा के पटल पर अभी नहीं रखे गये हैं अतएव अंकेक्षित जानकारी प्रदान की जाना संभव नहीं है। तथापि वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के बजट साहित्‍य के वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के अनुसार राज्‍य सरकार पर कर्ज की वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-पर है। राज्‍य शासन का वित्‍तीय वर्ष 2024-25 का बजट अनुमान विधानसभा के पटल पर नहीं रखे जाने के कारण प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) राज्‍य सरकार द्वारा किसी गारंटी पर कर्ज प्राप्‍त नहीं किया जाता है अपितु केन्‍द्रीय वित्‍त आयोग की अनुशंसा पर भारत सरकार प्रदान की गई स्‍वीकृति के अनुसार कर्ज प्राप्‍त किया जाता है। वर्षवार चुकाये गये कर्ज की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 एवं 2 में उपलब्‍ध कराई गई है। राज्‍य सरकार द्वारा लिए गए कर्जों में से कर्ज की परिपक्‍वता अवधि को कर्ज पूर्ण रूप से चुका दिया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) राज्‍य सरकार द्वारा अपने वित्‍तीय मापदण्‍डों के अंतर्गत विकासात्‍मक अधोसंरचना कार्यों हेतु कर्ज प्राप्‍त किया जाता है। किसी योजना विशेष के लिये कर्ज प्राप्‍त नहीं किया जाता है। यह योजना राज्‍य शासन के नीतिगत निर्णय अंतर्गत संचालित रहेगी। जी नहीं। इस योजना हेतु भारत सरकार से आर्थिक सहायता राज्य सरकार को प्रदान नहीं की जाती है।                              (घ) राज्‍य सरकार द्वारा दी गई ग्यारन्टी पर विभाग के निगम-मण्डल, आयोग द्वारा लिये गये कर्ज की जानकारी 31 दिसम्‍बर 2020, 31 दिसम्‍बर 2021 तथा 31 दिसम्‍बर 2022, की स्थिति में राज्‍य सरकार की बजट पुस्तिका खंड-5 में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 पर  है। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान विधानसभा के पटल पर अभी नहीं रखे गये हैं। अतएव प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी दी जाना संभव नहीं है।

सम्‍पत्ति एवं पंजीकृत कम्‍पनियों की जानकारी

[विज्ञान और प्रौद्योगिकी]

70. ( क्र. 730 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) विभाग के गठन के उपरांत प्रदेश में विभाग की कुल चल एवं अचल संपत्ति कितनी है, विभाग ने उसे कब और किस दर पर किसकी अनुमति/आदेश, निर्देश से क्रय/लीज पर प्राप्त की, उसमें से कितनी संपत्ति लीज पर, किराये पर, विक्रय की गई, कब रजिस्ट्री करवाई, कब दूसरों को रजिस्ट्री कराई? संपत्ति का संपूर्ण ब्यौरावार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर क्रय-विक्रय, लीज के समस्त दस्तावेजों सहित, रजिस्ट्री की प्रति सहित बतायें। (ख) विभाग के आय के स्रोत क्या-क्या है? विभाग के गठन से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी आय अर्जित की गई, वर्षवार गौशवारा बनाकर पृथक-पृथक बतायें। (ग) विभाग अपनी आय को किस प्रकार के खाते में जमा कराता है? उसकी संपूर्ण जानकारी बैंक का नाम, खाते का प्रकार, खाता कब, किसके नाम से खोला गया, पेन कार्ड नं., एफडी, भारत सरकार से प्राप्त अनुदान, राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान, कितना ऋण किस प्रयोजन से कब-कब लिया गया, वेतन भत्ते का भुगतान, चल/अचल संपत्ति से प्राप्त आय, लीज से प्राप्त आय, कंपनियों के पंजीयन से प्राप्त आय सहित संपूर्ण लेन-देन का ब्यौरे का गौशवारा बनाकर बतायें। (घ) विभाग में कितनी कंपनियां पंजीकृत है? उन्हें विभाग ने कब-कब और क्या-क्या आर्थिक, चल/अचल एवं अन्य प्रकार का लाभ किस प्रयोजन से कितनी अवधि के लिये कितनी बार दिया? कंपनियों/फर्म का नाम, पता कंपनी/फर्म का कहां पर कार्या./कार्य क्षेत्र कहां पर है, फर्म का प्रकार, फर्म की मूलभूत संरचना, आर्थिक सब्सिडी स्टाम्‍प/रजिस्ट्री में सब्सिडी, प्रमोशन/एग्जिबिशन में सब्सिडी, स्किल में सब्सिडी, भूमि क्रय करने में सब्सिडी सहित संपूर्ण जानकारी प्रश्‍न दिनांक तक गौशवारा बनाकर बतायें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग अंतर्गत म.प्र. राज्य इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स विकास निगम के गठन के उपरान्त प्रदेश में अर्जित निगम तथा म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की चल व अचल संपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। निगम द्वारा लीज पर विक्रय की गयी संपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। रजिस्‍ट्री के स्‍थान पर ई-रजिस्‍ट्रेशन नंबर दिया गया है। किराए पर दी गयी संपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा कोई भी संम्‍पत्ति लीज/किराये पर नहीं दी गई है। (ख) विभाग अंतर्गत म.प्र. राज्य इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स विकास निगम के आय के स्रोत शासकीय विभागों को प्रदाय की गयी सेवाओं और परीक्षण से आय, किराये से प्राप्त आय, परीक्षण और प्रमाणीकरण से आय, UIDAI से प्राप्त आय, EPIC से प्राप्त आय अन्य आय जैसे निविदा शुल्क, प्रोसेसिंग शुल्क से प्राप्त आय है। निगम के गठन से लेकर वर्ष 2022-23 तक अर्जित हुई आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद को राज्‍य/केन्‍द्र सरकार से अनुदान प्राप्‍त होता है, पृथक से परिषद की अन्‍य आय का कोई स्‍त्रोत नहीं है। (ग) विभाग अंतर्गत म.प्र. राज्य इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स विकास निगम अपनी आय को राष्ट्रीयकृत व शेडयूल्‍ड कामर्शियल बैंक खाते में जमा कराता है। बैंक खातों एवं एफडी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। निगम द्वारा किसी प्रकार का ऋण नहीं लिया गया है। निगम को चल अचल सम्‍पत्तियों एवं लीज से प्राप्‍त आय का विवरण प्रश्‍नांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की जानकारी 'निरंक' है। (घ) विभाग अंतर्गत म.प्र. राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के द्वारा पंजीकृत कंपनियों की संख्या 702 है। निगम द्वारा प्रदाय आर्थिक सब्सिडी स्टाम्प/रजिस्ट्री में सब्सिडी, प्रमोशन/एग्जिबिशन में सब्सिडी, स्किल में सब्सिडी व भूमि क्रय करने में सब्सिडी सहित संपूर्ण जानकारी प्रश्‍न दिनांक तक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की जानकारी 'निरंक' है।

स्‍व-रोजगार योजनाओं की जानकारी

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

71. ( क्र. 737 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा कौन-कौन सी स्व-रोजगार योजनाएं संचालित की जा रही है? जानकारी देवें।                                     (ख) विगत तीन वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक कितने स्व-रोजगार हेतु आवेदन प्राप्त हुये तथा कितने बेरोजगारों को बैंक के माध्यम से ऋण प्रदान किया गया? योजनावार हितग्राहियों के नाम सहित जानकारी देवें। कितने प्रकरण अस्वीकृत किये गए कारण सहित बताएं? (ग) विभाग की योजनाओं में कौन-कौन सी स्व-रोजगार योजनाओं में विभाग द्वारा हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया जाता है? विगत तीन वर्षों में कितने हितग्राहयों ने कौन-कौन से स्व-रोजगार हेतु प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार प्राप्त किया?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) आगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा स्वरोजगार हेतु राज्य शासन की मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना संचालित की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग की मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में प्रशिक्षण की बाध्यता नहीं है, अतः योजनान्तर्गत विगत तीन वर्षों में हितग्राहियों को दिए गये प्रशिक्षण की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्‍थानीय बेरोजगारों को रोजगार

[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]

72. ( क्र. 738 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत औद्योगिक विकास हेतु क्‍या-क्‍या कार्य किये जा रहे तथा कौन-कौन से उद्योग लगना प्रस्‍तावित है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्रस्‍तावित उद्योगों से कितने स्‍थानीय बेरोजगारों को रोजगार प्राप्‍त होगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) आगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन के अधीनस्‍थ एमपी इण्‍डस्‍ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा औद्योगिक क्षेत्र आगर-मालवा 57.74 हेक्‍टेयर में विकसित किया जा रहा है, जिसमें बहु उत्‍पाद उद्योग लगना प्रस्‍तावित हैं। उक्‍त औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग स्‍थापना से लगभग 4600 व्‍यक्तियों को रोजगार सृजित होना संभावित हैं।

लोकायुक्‍त संगठन के वार्षिक प्रतिवेदन की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

73. ( क्र. 741 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) लोकायुक्‍त संगठन के वार्षिक प्रतिवेदन किस-किस वर्ष के विधानसभा के पटल पर पटलित नहीं किये गये हैं? (ख) क्‍या उक्‍त प्रतिवेदन शासन को प्राप्‍त हो गये हैं? यदि हाँ तो कब-कब, किस-किस वर्ष के प्रतिवेदन प्राप्‍त हुये है तथा इन प्रतिवेदनों को विधानसभा के पटल पर पटलित नहीं किये जाने के क्‍या कारण है और कब तक पटलित कर दिये जायेंगे?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) लोकायुक्‍त संगठन के वर्ष 2015-16 से 2022-23 तक के वार्षिक प्रतिवेदन विधान सभा के पटल पर पटलित नहीं किये गये है। (ख) जी हाँ। प्रतिवेदन प्राप्‍त होने की जानकारी निम्‍नानुसार है:-

क्रमांक

प्रतिवेदन

सामान्‍य प्रशासन विभाग में प्राप्ति का दिनांक

1.

2.

3.

1.

34 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2015-16

24/02/2023

2.

35 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2016-17

24/02/2023

3

36 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-18

08/05/2019

4

37 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-19

25/06/2020

5.

38 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2019-20

09/12/2022

6.

39 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2020-21

24/02/2023

7.

40 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2021-22

22/02/2023

8.

41 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2022-23

08/11/2023

लोकायुक्‍त संगठन का प्रतिवेदन व्‍याख्‍यात्‍मक ज्ञापन के साथ विधानसभा में प्रस्‍तुत करने के पूर्व प्रथमत: संबंधित विभागों से प्रतिवेदन में उल्‍लेखित अनुशंसाओं एवं महत्‍वपूर्ण प्रकरणों पर की गई कार्यवाही की जानकारी प्राप्‍त की जाती है। संबंधित विभागों से चाही गई जानकारी प्राप्‍त न होने के कारण उपरोक्‍त प्रतिवेदन पटल पर पटलित नहीं किये गये है। प्रतिवेदनों में उल्‍लेखित अनुशंसाओं से संबंधित विभागों से जानकारी प्राप्‍त होने पर पटलित किये जा सकेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

राज्‍य की वित्‍तीय स्थिति पर श्‍वेत पत्र जारी किया जाना

[वित्त]

74. ( क्र. 742 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 31 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2024 तक की अवधि में राज्य पर कितनी-कितनी राशि का कर्ज़ है? (ख) उक्त कर्ज़ किस-किस प्रयोजन के लिए लिया गया था? क्या उसका उपयोग उसी प्रयोजन के लिए किया गया है या अन्य प्रयोजन पर खर्च किया गया है? (ग) 31 मार्च, 2024 की स्थिति में राज्य के प्रत्येक व्यक्ति पर कुल कितना कर्ज है? (घ) उपरोक्त कर्ज पर प्रतिवर्ष ब्याज के रूप में कितनी राशि अदा की जाती है? (ड.) उपरोक्त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या यह सही है कि राज्य की वित्तीय स्थिति लड़खड़ा रही है जिसके चलते लगातार राज्य सरकार द्वारा कर्ज़ लिया जा रहा है? यदि नहीं तो वर्ष 2004 से 31 मार्च, 2024 की अवधि में राज्य की वित्तीय स्थिति पर राज्य सरकार द्वारा श्‍वेत पत्र जारी नहीं किये जाने के क्या कारण हैं?

उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्‍य सरकार द्वारा लिये गये कर्ज की जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार किये गये वित्‍त लेखे वर्ष 2019-20 से वर्ष 2022-23 के खण्‍ड 2 के Statement No. 17 में पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के वित्‍त लेखे विधानसभा के पटल पर अभी नहीं रखे गये हैं तथा वर्ष 2023-24 के वित्‍त लेखे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा अंतिम नहीं किए जाने के कारण शेष अंकेक्षित जानकारी प्रदान की जाना संभव नहीं है। वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के बजट साहित्‍य के वित्‍त सचिव के स्‍मृति पत्र के अनुसार राज्‍य सरकार पर कर्ज की वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-पर है। (ख) राज्‍य सरकार द्वारा अपने वित्‍तीय मापदण्‍डों के अंतर्गत विकासात्‍मक अधोसंरचना कार्यों हेतु कर्ज प्राप्‍त किया जाता है। किसी योजना विशेष के लिये कर्ज प्राप्‍त नहीं किया जाता है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) राज्‍य शासन द्वारा अपने निर्धारित राजकोषीय मापदण्‍डों एवं भारत सरकार से प्राप्‍त स्‍वीकृति के अंतर्गत ही अधोसंरचना विकास कार्यों हेतु कर्ज लिया जाता है। इसका प्रति व्‍यक्ति पर कर्ज से कोई संबंध नहीं है। (घ) कर्ज की राशियों पर ब्‍याज भुगतान की जानकारी, वर्ष 2019-20 से वर्ष 2021-22 तक (अंकेक्षित) तथा वर्ष 2022-23 (पुनरीक्षित अनुमान) एवं वर्ष 2023-24 (बजट अनुमान), की जानकारी वित्‍तीय वर्ष 2023-24 के वित्‍त सचिव का स्‍मृति पत्र के परिशिष्‍ट-ख में दर्शित है, जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-पर है। (ड.) जी नहीं। राज्‍य शासन द्वारा अपने निर्धारित राजकोषीय मापदण्‍डों एवं भारत सरकार से प्राप्‍त स्‍वीकृति के अंतर्गत ही कर्ज प्राप्‍त किया जाता है। अत: प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

एन.एस.ए. एवं जिलाबदर की कार्यवाही

[गृह]

75. ( क्र. 745 ) श्री हेमंत कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) सामान्यतः एन.एस.ए. एवं जिला बदर संबंधी कार्यवाही करने के नियम क्‍या हैं तथा यह कार्यवाही किन परिस्थितियों/कारणों से की जाती है? (ख) भिण्ड जिले में अक्टूबर 2023 से मई 2024 तक किन-किन व्यक्तियों के विरुद्ध एन.एस.ए. व जिला बदर की कार्यवाहियां की गई? थानावार सूची प्रदान की जाये। (ग) जिले में उपरोक्त अवधि में व्यक्तियों के विरुद्ध एन.एस.ए. एवं जिला बदर की कार्यवाही करने का आधार क्या था? इन व्यक्तियों के पूर्व के आपराधिक रिकार्ड की जानकारी दी जाये। (घ) क्या जिले में उपरोक्त अवधि में एन.एस.ए. तथा जिला बदर की कार्यवाही संबंधी समस्त प्रकरणों में नियमों का पालन किया गया है? यदि नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एनएसए की कार्यवाही राष्‍ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के अंतर्गत की जाती है तथा जिला बदर की कार्यवाही मध्‍यप्रदेश राज्‍य सुरक्षा अधिनियम 1990 के अंतर्गत की जाती है। एनएसए एवं जिलाबदर की कार्यवाही करने के नियम जिन परिस्थितियों/ कारणों से कार्यवाही की जाती है वह अधिनियम में समाहित है। एनएसए राष्‍ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 तथा मध्‍यप्रदेश राज्‍य सुरक्षा अधिनियम 1990 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' में समाहित है। (घ) जी हाँ।

भ्रष्‍टाचार के विरूद्ध दर्ज लोकायुक्‍त प्रकरणों की जानकारी

[सामान्य प्रशासन]

76. ( क्र. 746 ) श्री हेमंत कटारे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक भ्रष्‍टाचार के संबंध में विशेष पुलिस स्‍थापना (लोकायुक्‍त) द्वारा कितने प्रकरण किन-किन अधिकारी/कर्मचारी, राजनेताओं के विरूद्ध पंजीबद्ध किये? वर्षवार जानकारी जिसमें पंजीबद्ध प्रकरणों की विवेचना की वर्तमान क्‍या स्थिति है? सहित पूर्ण जानकारी दी जायें। (ख) क्‍या उपरोक्‍त अवधि में पंजीबद्ध सभी प्रकरणों के चालान न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जा चुके है? यदि नहीं तो चालान लंबित रहने के क्‍या कारण हैं? (ग) उपरोक्‍त अवधि में पंजीबद्ध किन-किन प्रकरणों में विशेष पुलिस स्‍थापना (लोकायुक्‍त) द्वारा क्‍या शासन से अभियोजन की अनुमति चाही गई? यदि हाँ तो किन प्रकरणों में किस दिनांक को, किन प्रकरणों में अभियोजन स्‍वीकृति प्रदान की गई तथा कौन से प्रकरण लंबित है? अनुमति नहीं देने के क्‍या कारण रहें? (घ) अभियोजन स्‍वीकृति हेतु लंबित प्रकरणों में कब तक शासन द्वारा अनुमति प्रदान कर दी जावेगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

माँ नर्मदा तटों पर श्रद्धालुओं हेतु प्रसाधन व्‍यवस्‍था

[नर्मदा घाटी विकास]

77. ( क्र. 749 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) वर्तमान में प्रदेश में माँ नर्मदा तटों पर महिला श्रद्धालु हेतु चेंजिंग रूम की क्‍या व्‍यवस्‍था है? (ख) क्‍या विभाग नगरी क्षेत्र अंतर्गत प्रत्‍येक घाट पर आने वाले श्रद्धालु की तुलना में पर्याप्‍त चेंजिग रूम की स्‍थापना करेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ग) अनेक घाटों पर श्रद्धालुओं के प्रसाधन हेतु कोई व्‍यवस्‍थाएं नहीं होने से क्‍या विभाग घाटों के आसपास सुलभ काम्‍प्‍लेक्‍स निर्माण करायेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग अंतर्गत जिला सीहोर, नरसिंहपुर एवं हरदा में निर्मित/निर्माणाधीन 29 स्‍थानों पर चेंजिंग रूम की व्‍यवस्‍था है।                                   (ग) निर्मित/निर्माणाधीन 29 स्‍थानों पर मूवेबल टॉयलेट की व्‍यवस्‍था की गई है।

 

 

राज्‍य पुलिस सेवा के अधिकारियों की भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्‍नति‍

[गृह]

78. ( क्र. 750 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) मध्यप्रदेश में राज्य पुलिस सेवा के किस बैच तक के अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नत किया जा चुका हैं? नियमानुसार किस बैच तक के अधिकारी पदोन्नति‍ हेतु पात्रता रखते है? (ख) राज्य पुलिस सेवा के ऐसे कितने अधिकारी हैं जो भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नति किए जाने हेतु पात्र हैं? पात्र अधिकारियों की सूची देवें। (ग) उपरोक्त पात्र राज्य पुलिस सेवा के पुलिस अधिकारि‍यों को भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नति सुनिश्चित करने हेतु राज्य शासन द्वारा क्या कोई प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) यदि नहीं तो अन्य राज्यों की तर्ज पर राज्य पुलिस सेवा के अधिकारि‍यों को भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नति हो सकें यह सुनिश्चित करने हेतु क्या कार्यवाही की जाएगी?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश में राज्य पुलिस सेवा के 1996 बैच एवं 1997 बैच के कुल-07 अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नत किया जा चुका है। रिक्तियों के आधार पर राज्य पुलिस सेवा अधिकारियों को विचारण क्षेत्र में लिया जाता है। वर्तमान में 1997-98 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी विचारण क्षेत्र में है। (ख) दिनांक 14 जून 2024 की स्थिति में 08 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले एवं 56 वर्ष से कम आयु वाले राज्य पुलिस सेवा के कुल 310 अधिकारी है जो भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नति किए जाने हेतु पात्र है। पात्र अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नति द्वारा नियुक्ति की कार्यवाही रिक्तियों के आधार पर की जाती है। (घ) प्रश्‍नांश के भाग (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जियोलाजिस्‍टों को जिला खनिज अधिकारी का प्रभार

[खनिज साधन]

79. ( क्र. 761 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) राज्य शासन ने जियोलाजिस्टों की पदस्थापना किन-किन उद्देश्यों के लिए की है? जियोलाजिस्‍टों की पदस्थापना के उद्देश्यों में उन्हें जिला खनिज कार्यालय का प्रभारी बनाने संबंधी क्या प्रावधान है? (ख) राज्य शासन ने किस-किस आदेश के तहत किस-किस जियोलाजिस्‍ट को किस जिले के खनिज विभाग का प्रभारी किस-किस अवधि में बनाया, किस आदेश से जियोलाजिस्‍टों को खनिज खोज के कार्य हेतु पुनः पदस्थ किया गया? (ग) वर्तमान में कौन-कौन जियोलाजिस्‍ट किस जिले में खनिज कार्यालय के प्रभारी के पद पर किस दिनांक से कार्यरत है?                                            (घ) जियोलाजिस्‍टों को जिला खनिज कार्यालय का प्रभारी बनाने की बजाय उनसे खनिज खोज का कार्य करवाने के संबंध में क्‍या शासन द्वारा कोई कदम उठाए गये है? यदि हाँ तो कौन से और नहीं तो कब तक उठाएगा? समय-सीमा सहित बतावें।

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भौमिकी संवर्ग के सहायक भौमिकीविद्, की पदस्‍थापना क्षेत्रीय कार्यालय एवं संचालनालय मुख्‍यालय में खनिजों के चिन्‍हांकन, पूर्वेक्षण, खनिजों की खोज व अन्‍य प्रशासकीय कार्य एवं खनिज प्रशासन हेतु जिले में प्रभारी अधिकारी खनि शाखा के रूप में की गई है। विभाग में अमले की कमी के कारण इनकी पदस्‍थापना जिलों में प्रभारी अधिकारी खनि शाखा में नीतिगत निर्णय के तहत की गई है। (ख) असिस्‍टेंट जियोलाजिस्‍ट की विगत तीन वर्षों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) वर्तमान में कुल 08 असिस्‍टेंट जियोलॉजिस्‍ट खनिज कार्यालय में प्रभारी अधिकारी खनि शाखा के पद पर पदस्‍थ हैं। जिनकी जिलेवार एवं पदस्‍थापना दिनांक सहित सूची संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) विभाग द्वारा खनिज संवर्ग के कुल 293 नवीन पद पर आदेश दिनांक 09/03/2023 से स्‍वीकृत किये गये हैं, जिसमें सीधी भरती के 167 तथा पदोन्‍नति के 126 पद स्‍वीकृत किये गये हैं। सीधी भरती हेतु स्‍वीकृत पदों पर भरती की कार्यवाही की जा रही है। इन पर भरती उपरांत प्रश्‍नानुसार कार्यवाही संभव हो सकेगी। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

निर्माण कार्यों की जानकारी

[सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम]

80. ( क्र. 762 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम पंचानन भवन भोपाल ने गत पांच वर्षों में किस क्षेत्र में कितनी लागत के किए कौन-कौन से निर्माण कार्यों के लिए किस-किस अनुबंधकर्ता को उसके अंतिम बिल का किस-किस दिनांक को भुगतान किया है? (ख) लघु उद्योग निगम के द्वारा अंतिम भुगतान करने के पूर्व किस-किस अनुबंधकर्ता से रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र शासन द्वारा निर्धारित किस प्रारूप में प्राप्‍त किया? प्रति सहित बतावें। (ग) निगम के किस-किस अधिकारी ने अनुबंधकर्ता से बिना रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र प्राप्‍त किए अंतिम बिल का भुगतान किन-किन कारणों से किया है?

सूक्ष्‍म,लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री ( श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ) : (क) भुगतान के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुबंधकर्ता से निर्धारित प्रारूप में शासन को रॉयल्टी भुगतान के आशय का शपथ पत्र प्राप्त किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुबंधकर्ता से निर्धारित प्रारूप में शासन को रॉयल्टी भुगतान के आशय का शपथ पत्र प्राप्त कर ही भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

रेत खनिज का ठेका कराया जाना

[खनिज साधन]

81. ( क्र. 796 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) टीकमगढ़ जिले में खनिज साधन विभाग खनिज निगम भोपाल के माध्यम से रेत का ठेका विभाग में कब से नहीं हुआ है और इसके क्या-क्या कारण है? सम्पूर्ण जानकारी दें। यह भी बताये कि वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक से इससे कितना-कितना राजस्व नुकसान हुआ है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताये कि जिले के कौन-कौन से नदी, नालों के किस ग्राम के पास किस तहसील का किस खसरा नंबर का कितने रकबा का रेत का ठेका विभाग द्वारा किये जाने की योजना है?                                        (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताये कि जिले का रेत खनन का ठेका कब तक कर दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत जिला टीकमगढ़ के रेत समूह का ठेका वर्ष 28/05/2020 से 30/06/2023 तक श्री वीरेन्‍द्र सिंह जादौन को वार्षिक ठेका राशि 10,32,00,000/- हेतु अनुबंधित किया गया था। ठेकेदार द्वारा ठेका राशि जमा न करने पर दिनांक 31/12/2021 से ठेका निरस्‍त किया गया। तत्‍पश्‍चात् 6 बार ई-निविदा/ई-निविदा सह नीलामी जारी की गई जो असफल रही। पूर्ववर्ती ठेकेदार, किश्‍त राशि का भुगतान करने में असफल रहा एवं तदुपरांत ठेका मात्रा में लगभग 47 प्रतिशत की कमी किये जाने के बावजूद भी निविदा प्रक्रिया लगातार असफल रही। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) टीकमगढ़ जिले में घोषित रेत खदानों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। घोषित रेत खदानों को मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम भोपाल द्वारा नियमानुसार टेण्‍डर के माध्‍यम से संचालित किये जाने के प्रावधान हैं। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार समूह के पुनर्गठन/निविदा मात्रा के पुननिर्धारण उपरांत निगम द्वारा माईन डेवलपर ऑपरेटर की नियुक्ति हेतु ई-निविदा सह नीलामी की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "बाईस"

पुलिस थानों एवं चौकियों के स्‍टाफ हेतु आवास निर्माण

[गृह]

82. ( क्र. 797 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) क्या यह सही है कि प्रश्‍नकर्ता द्वारा 9 फरवरी, 2024 को स्टाफ के निवास हेतु भवनों के निर्माण संबंधित प्रश्‍न क्रमांक 886 किया गया था। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताये कि क्या पुलिस थाना चंदेरा एवं बम्होरी कलां के निर्माण हेतु एवं स्टाफ के आवास हेतु भूमि आवंटित हो चुकी है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें थाना/चौकी निर्माण हेतु डी.पी.आर. बनाये जा चुके है तो कितनी-कितनी राशि के? निश्चित समय-सीमा सहित बताये कि कब तक और कितनी-कितनी उपरोक्त निर्माण कार्यों के लिए विभाग राशि स्वीकृत करेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) लोक निर्माण विभाग के नये S.O.R. के अनुसार डी.पी.आर. बनाये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। थाना/चौकी इत्यादि प्रशासकीय भवनों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है और प्रशासकीय स्वीकृति पश्‍चात बजट की उपलब्धता अनुसार विभिन्न निर्माण कार्य कराये जाते है। निर्माण के लिए आवश्‍यक राशि समय के साथ परिवर्तित होती रहती है। अतः कितनी राशि आवश्‍यकता अनुसार स्वीकृति होगी यह निश्चित रूप से अभी बताया जाना संभव नहीं है।

 

 

दर्ज प्रकरण में वांछित कार्यवाही

[गृह]

83. ( क्र. 1117 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के बागसेवनिया थानांतर्गत अपराध क्र. 133/10, दिनांक 12.03.2010 को धारा 392 भा.द.वि. के अंतर्गत 2 तोले सोने की चेन छीने जाने के संबंध में अपराध पंजीबद्ध हुआ था? (ख) यदि हां, तो क्या प्रश्‍नांकित प्रकरण में उक्त थाने के पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल में भेजा गया था, उनके नाम तथा उन पर पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी दें? क्या इनकी शिनाख्तगी भी केंद्रीय जेल भोपाल में कराई गई थी, जिसमें उनके द्वारा अपराध करना स्वीकार किया गया था? वर्तमान स्थिति में क्या अपराधी खुले में घूम रहे हैं? (ग) क्या प्रश्‍नांकित प्रकरण में गिरफ्तार अपराधियों से छीना गया माल बरामद नहीं हुआ है तथा प्रकरण में आरोपियों द्वारा सोने की चेन इंदौर सर्राफा बाज़ार में बेचना बताया गया, साथ ही अपराधियों द्वारा पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के समक्ष इंदौर सर्राफा बाज़ार की दुकान भूल जाने संबंधी कथन किया गया? तत्समय उक्त प्रकरण की जांच करने वाले कौन-कौन से पुलिस अधिकारी/कर्मचारी थे? प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है, वह प्रचलन में है अथवा उसे बंद कर दिया गया है? यदि बंद किया गया है, तो कारण बतावें तथा क्या शिकायतकर्ता को उसकी जानकारी दी गई है? (घ) यदि हां, तो क्या उक्त प्रकरण में अपराधियों एवं पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत तथा उनकी निष्क्रियता के कारण माल की बरामदगी नहीं होना तथा माल को खुर्द बुर्द किया जाना प्रतीत नहीं होता है? क्या पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा प्रकरण में निष्‍पक्ष जांच कराई जायेगी एवं अपराधियों से कड़ी पूछताछ कर दुकानदार से माल बरामदगी कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार।                                           (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-'' अनुसार।

परिशिष्ट - "तेईस"