मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2023 सत्र
गुरुवार, दिनांक 02 मार्च, 2023
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
कान्हा
नेशनल पार्क को
प्रदाय राशि
[वन]
1. ( *क्र. 660 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कान्हा नेशनल पार्क के विभिन्न वन परिक्षेत्रों में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई है एवं अन्य स्रोतों से परिक्षेत्रों को कुल कितनी राशि प्राप्त हुई है? इस राशि से कौन-कौन से कार्य कराए गए हैं या गतिविधियों का संचालन किया गया है? (ख) कान्हा नेशनल पार्क अंतर्गत गठित एल.ए.सी. समिति की जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बैठकें कब कब हुई हैं? बैठकवार पालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। क्या उक्त बैठकों में बिना अनुमति बनाये गए होटल या व्यावसायिक भवनों के विरुद्ध कार्यवाही का विषय सदस्यों द्वारा लगातार उठाया गया है? बैठक दिनांक 28.04.2022 में प्रश्नकर्ता द्वारा किन-किन भवनों/होटल्स का विषय उठाया गया था? उसमें क्या कार्यवाही की गई? (ग) सरही जोन के लिए कितने टिकट जारी किये जाने के निर्देश हैं? वर्तमान में कितने वाहन सरही गेट से सरही जोन में प्रवेश करते हैं? क्या सरही जोन हेतु निर्धारित टिकट में से पूरे वाहन सरही गेट के अलावा अन्य गेटों से प्रवेश दिए जाते हैं, जिससे सरही जोन में पर्यटन प्रभावित हो रहा है? क्या एल.ए.सी. की बैठक दिनांक 28.04.2022 में सरही जोन हेतु निर्धारित सभी टिकट का प्रवेश सरही गेट से ही किये जाने हेतु आश्वासन दिया गया था? यदि हाँ, तो सभी टिकटों पर सरही गेट से प्रवेश कराया जाना कब तक सुनिश्चित किया जाएगा? यदि नहीं, क्यों?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कान्हा नेशनल पार्क के कोर, बफर एवं फेन अभयारण्य में जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं एवं अन्य स्त्रोतों से प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्राप्त राशि से टाइगर रिजर्व के अंतर्गत घास मैदानों का विकास, हेबिटेट इम्प्रूवमेंट, वनमार्ग मरम्मत, रपटा-पुलिया निर्माण, जल स्त्रोत विकास, जल संरक्षण कार्य, भवन मरम्मत एवं पर्यटन अधोसंरचना के कार्य किये गये। (ख) कान्हा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत गठित स्थानीय सलाहकार समिति की जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक 5 बैठकें दिनांक 21.06.2019, दिनांक 28.01.2021 दिनांक 18.06.2021, दिनांक 28.04.2022 एवं दिनांक 03.02.2023 को आयोजित की गयी। दिनांक 03.02.2023 की बैठक को छोड़कर शेष बैठकों का बैठकवार पालन प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी हाँ। उक्त बैठकों में कान्हा टाइगर रिजर्व के आस-पास अवैध रूप से निर्मित होटल/रिसोर्ट पर नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा उठाये गये बिन्दु में चर्चा की गई तथा ऐसे होटल/रिसोर्ट के विरूद्ध कार्यवाही कर एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश प्रसारित किये गये। (ग) सरही जोन में भ्रमण हेतु धारण क्षमता अनुसार प्रतिदिन 36 टिकिट जारी किये जाने के निर्देश हैं। वर्तमान में सरही जोन से 4 टिकिट प्रवेश द्वार पर तथा एकल सीट की ऑनलाईन 4 टिकिट सरही प्रवेश द्वार से ही प्रवेश करने की अनिवार्यता है। इसके अतिरिक्त जो पर्यटक सरही प्रवेश द्वार का चयन करता है, उन पर्यटकों को भी सरही प्रवेश द्वारा से प्रवेश दिया जाता है। जी हाँ। एल.ए.सी. की बैठक दिनांक 28.04.2022 में सरही जोन हेतु निर्धारित सभी टिकिट का प्रवेश सरही गेट से ही किए जाने हेतु सहमति व्यक्त कर अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), भोपाल को लेख करने का निर्णय लिया गया, परंतु अपर्याप्त आवासीय व्यवस्था के कारण प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), भोपाल द्वारा आंशिक टिकिटों का प्रवेश आरक्षित करने का प्रावधान किया गया। ऑनलाइन टिकिट में सॉफ्टवेयर प्रक्रिया में कठिनाई के कारण आंशिक टिकिट संख्या आरक्षित नहीं हो पा रही है। यदि समस्त परमिट सरही प्रवेश द्वार से आरक्षित किए जाते तो सभी टिकिट का उपयोग नहीं हो पाएगा, सरही प्रवेश द्वार के समीप पर्याप्त संख्या में अधोसंरचना विकसित होने पर सरही जोन की टिकिटों का प्रवेश सरही जोन से किया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पेंच नेशनल पार्क से प्राप्त आय
[वन]
2. ( *क्र. 419 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी विधानसभा क्षेत्र बरघाट के अंतर्गत विकास खण्ड कुरई स्थित पेंच नेशनल पार्क से विगत 04 वर्षों में शासन को कितनी आय प्राप्त हुई है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) पेंच नेशनल पार्क से शासन को प्राप्त होने वाली आय से क्या स्थानीय क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी समुदाय के विकास हेतु प्रयास किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या-क्या प्रयास किये गये? नहीं तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) पेंच नेशनल पार्क अंतर्गत राजस्व के अतिरिक्त अन्य आय पर्यटन से प्राप्त होती है। पर्यटन से प्राप्त आय का 33 प्रतिशत ईको विकास समितियों को जाता है एवं अन्य राशि पार्क के विकास एवं पर्यटन सुविधाओं में उपयोग की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) पेंच टाइगर रिजर्व से शासन को होने वाली आय राजस्व के रूप में जमा कर दी जाती है। शासन से प्राप्त होने वाले बजट आवंटन से विभिन्न कार्य संपादित किये जाते हैं। पर्यटकों से प्राप्त राशि से स्थानीय क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी समुदाय एवं अन्य के विकास हेतु प्रयास किए गए हैं, प्राप्त आय का 33 % राशि ईको विकास समितियों में जमा की जाती है। समितियों द्वारा प्रस्ताव पारित कर स्थानीय क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी समुदाय एवं अन्य के विकास कार्य कराये जाते हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
योजनान्तर्गत प्राप्त आवंटन
[वन]
3. ( *क्र. 178 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले की बैहर विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक योजनावार कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र बैहर में प्रत्येक योजनावार प्राप्त राशि से कहां-कहां, कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किए गये हैं? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले को वनमंडलवार बैहर विधान सभा क्षेत्रवार, प्रत्येक योजनावार, वर्षवार प्राप्त राशि एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र में वनमंडलवार प्रत्येक योजनावार, वर्षवार प्राप्त राशि से कराये गये कार्य की एवं उस पर हुए स्थलवार व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
धार जिले की सिंचाई परियोजनाएं
[जल संसाधन]
4. ( *क्र. 8 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिला अंतर्गत किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में कितनी वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनायें स्वीकृत की गईं? प्रश्न दिनांक तक कितनी संचालित हैं? विधानसभावार पृथक-पृथक नाम सहित ब्यौरा दें। (ख) किन-किन सिंचाई परियोजनाओं, जलाशयों, नहरों के लाईनिंग, पक्कीकरण इत्यादि कार्य गुणवत्ताहीन होने की शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा एवं अन्य द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, कलेक्टर धार एवं विभाग को नवंबर 2022 से प्रश्न-दिनांक तक किया गया? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? गुणवत्ताहीन कार्य के लिए कौन-कौन अधिकारी एवं एजेंसी जिम्मेदार हैं? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुये क्या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? (ग) धार जिले के टवलाई और कोठड़ा में अधूरा नहर निर्माण का कार्य कब तक पूरा कर लिया जायेगा? अधूरे नहर निर्माण से किसानों के खेतों में पानी जमा होने से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा नहीं दिए जाने का कारण बताएं। (घ) मनावर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामपंचायत काकड़दा से बहदरा, सुरानी, नीलदा, धोलिबाड़ी, पठा, करोंदिया खुर्द, जामनीया मोटा, पिपलिया मोटा, मंडावादा होते हुए पाडला तक पूरा एरिया ड्राईजोन है, उक्त क्षेत्र में सिंचाई के लिए नर्मदा नदी से पानी उपलब्ध कराने बाबत् क्या कार्यवाही प्रचलित है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) धार जिला अंतर्गत वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में कुल 13 लघु सिंचाई योजनायें स्वीकृत होकर प्रगतिरत हैं। स्वीकृत परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विधानसभावार संचालित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) कार्यालयीन अभिलेख अनुसार माननीय सदस्य का नवम्बर 2022 से प्रश्न दिनांक तक सिंचाई परियोजनाओं, जलाशयों, नहरों की लाईनिंग, पक्कीकरण इत्यादि की गुणवत्ताहीन कार्य होने संबंधी पत्र न तो शासन स्तर पर प्राप्त हुआ है और न ही मैदानी कार्यालयों में प्राप्त होना प्रतिवेदित है। कार्यपालन यंत्री, नर्मदा विकास संभाग क्र. 30, मनावर से प्राप्त जानकारी अनुसार ओंकारेश्वर परियोजना चरण-3 की डी.व्हाय-9 एम.आर. 3 से नहरों का पानी खेतों एवं रास्ते में भरने संबंधी पत्र माननीय विधायक द्वारा माननीय मंत्री जी को संबोधित करते हुए पत्र प्राप्त हुआ था। वर्तमान में ओंकारेश्वर परियोजना नहर चरण 3 की डी.व्हाय 9 की एम.आर. 3 में जल संचालन के गेट को सुधार कर कृषकों की आवश्यकता अनुसार नहर में जल प्रवाहित किया जाना प्रतिवेदित है। कोई अधिकारी एवं ठेकेदार जिम्मेदार नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जल संसाधन विभाग द्वारा ग्राम टवलाई एवं कोठड़ा में नहर निर्माण संबंधी कोई कार्य नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अपितु नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधीन कार्यरत कार्यपालन यंत्री, नर्मदा विकास संभाग क्र. 30, मनावर से प्राप्त जानकारी अनुसार ओंकारेश्वर परियोजना चरण-3 की डी.व्हाय-9 एम.आर. 3 ग्राम टवलाई एवं कोठड़ा में नहर का निर्माण कार्य पूर्ण होना प्रतिवेदित है। अज्ञात तत्वों द्वारा डी.व्हाय-9 के गेट को रात्रि के दौरान जे.सी.बी. से तोड़ दिया गया था, जिसके कारण नहर में अत्यधिक जल प्रवाह होने से टवलाई, कोठड़ा के कृषकों की भूमि में ओवरफ्लो का पानी चला गया। विभाग द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए जल को नियंत्रित कर लिया गया। कोई भी फसल नुकसानी परिलक्षित नहीं हुई है। अत: फसल मुआवजा दिये जाने का प्रश्न की उपस्थित नहीं होता है। (घ) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधीन कार्यरत कार्यपालन यंत्री, नर्मदा विकास विभाग संभाग क्र. 30, से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन ग्रामों में नर्मदा नदी से पानी उपलब्ध कराने संबंधी कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं होना प्रतिवेदित है।
सड़क परिवहन निगम के कर्मियों का संविलियन
[परिवहन]
5. ( *क्र. 926 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सड़क परिवहन निगम के समापन की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है? (ख) वर्तमान में निगम के कुल कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं? (ग) क्या तिलहन संघ के समान ही सड़क परिवहन निगम के शेष बचे कर्मचारियों के संविलियन की कोई योजना सरकार के पास विचाराधीन है? यदि हाँ, तो शेष बचे कर्मियों का संविलियन जहां जिस विभाग में कार्यरत हैं, वहां करने हेतु शासन कब तक कार्यवाही पूर्ण कर लेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या म.प्र. शासन तथा अन्य निगम/मंडलों/संघ/आयोग में सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष निर्धारित है, फिर सड़क परिवहन निगम के कर्मियों की सेवानिवृत्त आयु 58 वर्ष क्यों है? क्या यह इनके साथ अन्याय नहीं है? अन्य निगम मंडलों/संघ/आयोग की तरह सड़क परिवहन निगम के कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष करने के आदेश कब तक प्रसारित किए जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों की सेवा विनियम के अध्याय-3 नियम 59 के तहत शासकीय सेवकों की अर्द्धवार्षिकी आयु 58 वर्ष निर्धारित है। म.प्र. सड़क परिवहन निगम के आदेश दिनांक 18.05.1990 द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की अर्द्धवार्षिकी आयु 60 वर्ष निर्धारित की गई है। मध्यप्रदेश सड़क परिवहन के परिसमापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन विभाग के कार्यों की जानकारी
[वन]
6. ( *क्र. 585 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विकास हेतु एवं आदिवासियों की मूलभूत सुविधाओं हेतु सरकार के द्वारा वन विभाग के विभिन्न कार्य स्वीकृत किये गए हैं? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में कौन-कौन सी मद से कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये थे? कार्यवार, राशिवार एवं किन-किन (पंचायतों में) स्थानों पर उक्त कार्य किये गये? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रगतिरत हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? उक्त कार्यों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है, कितनी राशि भुगतान हेतु शेष हैं तथा सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम एवं निर्माण कार्य एजेंसी का नाम बतावें। (ग) ग्वालियर जिले में वन विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं, उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय एवं ग्वालियर जिले में कब से पदस्थ हैं? पूर्ण विवरण दें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृति किये गये विकास कार्यों/मूलभूत सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
वनमंडलों में हुए व्यय की जानकारी
[वन]
7. ( *क्र. 245 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1160, दिनांक 27.07.2022 के (क) उत्तर अनुसार बड़वानी व सेंधवा वनमंडलों में वर्ष 2018, 2019, 2020 एवं 2021 में हुए समस्त व्यय के भुगतान की जानकारी भुगतान प्राप्तकर्ता व्यक्ति/फर्म नाम, बैंक अकाउंट नम्बर, बैंक नाम, फर्म का G.S.T. नम्बर T.D.S. कटौत्रा राशि सहित वनमण्डलवार वर्षवार देवें। (ख) जिन भुगतान में T.D.S. नही काटा गया है, उनकी जानकारी कारण सहित देवें। इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बताएं कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही होगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में रोपित पौधों में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने पौधे जीवित हैं? उपरोक्त अवधि में किस कक्ष क्रमांक पर कितने पौधों का रोपण किया गया, की जानकारी वनमंडलवार वर्षवार देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जानकारी संबंधित अधिकारी की निरीक्षण तिथि सहित देवें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
पत्थर खदान व क्रेशर की जांच
[खनिज साधन]
8. ( *क्र. 695 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदला विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत क्या बनाफर ग्रेनाइट पत्थर खदान, गिट्टी, क्रेशर प्रकाश बम्हौरी द्वारा राजस्व विभाग की सांठ-गांठ के चलते स्वीकृत आराजी के अतिरिक्त भूमि पर अवैध उत्खनन किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त कम्पनी के जांच हेतु जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने पत्र कलेक्टर व अनुविभागीय अधिकारी को प्रेषित किये गये हैं? संख्या बतायें व पत्रों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या जांच हेतु प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो क्या जांच दल गठित कर जांच करवायी गयी है? यदि हाँ, तो कब और क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कारण बतायें और कब तक? विक्रय पत्थर खदान व गिट्टी क्रेशर की जांच की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश अनुसार विधानसभा क्षेत्र चंदला के ग्राम प्रकाश बम्हौरी में बनाफर ग्रेनाईट फर्म के 05 पत्थर उत्खनिपट्टा स्वीकृत हैं। इनमें से 04 उत्खनिपट्टा संचालित एवं 01 उत्खनिपट्टा शिथिल है। स्वीकृत क्षेत्र में ही उत्खनन कार्य किया जा रहा है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार माननीय विधायक श्री राजेश कुमार प्रजापति का पत्र कलेक्टर, (खनिज शाखा), जिला छतरपुर को प्राप्त नहीं हुआ है। बल्कि एक पत्र जाँच हेतु अनुविभागीय अधिकारी, जिला छतरपुर को प्राप्त हुआ है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश अनुसार प्राप्त पत्र पर जाँच दल गठित किया जाकर, कार्यवाही प्रचलन में है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शाहगढ़, नगर की पेयजल व्यवस्था
[जल संसाधन]
9. ( *क्र. 901 ) श्री तरबर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शाहगढ़ नगर की पेयजल आपूर्ति एवं किसानों की खेती की सिंचाई हेतु लांच नदी पर बांध बनाने हेतु लगभग 20 वर्ष पहले सर्वे कार्य किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत सर्वे कार्य उपरांत क्या उसका कार्य प्रारंभ भी किया गया था? यदि हाँ, तो कार्य कितना किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित लाँच नदी परियोजना आज भी लंबित है? इसके पूर्ण न किये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या शासन शाहगढ़ नगर की पेयजल आपूर्ति एवं किसानों की खेती की सिंचाई को ध्यान रखते हुऐ परियोजना का कार्य प्रारंभ करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वस्तुस्थिति यह है कि वित्तीय व्यय समिति की बैठक दिनांक 17.06.2008 को प्रश्नाधीन लांच नदी परियोजना की प्रति हेक्टेयर लागत अधिक होने के कारण परियोजना प्रस्ताव अमान्य किया गया। (घ) विभागीय वेबसाईट पर उपलब्ध साध्यता प्रस्ताव का प्रथम दृष्टया परीक्षण करने पर परियोजना की साध्यता स्वीकृति शासन के आदेश दिनांक 16.01.2020 द्वारा प्रदान की गई है। मुख्य अभियंता, बोधी जल संसाधन विभाग भोपाल की अनुशंसा अनुसार मैप आई.टी. भोपाल से प्राप्त परियोजना का हाइड्रोलॉजिकल डाटा का परीक्षण मैदानी कार्यालयों द्वारा किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्ड पर साध्य पाये जाने पर कार्यवाही की जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मत्स्य पालन की योजनाएं
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
10. ( *क्र. 524 ) श्री संजय शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा मत्स्य पालन की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? संचालित योजनाओं के क्या नियम/मापदण्ड हैं? (ख) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन शासकीय तालाबों में मत्स्य पालन किया गया? वर्षवार स्थानों की जानकारी एवं मत्स्य पालन के रकबा, हितग्राही का नाम एवं हितग्राही को प्रदान लाभांश/अनुदान की जानकारी प्रदान करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रदेश में शासन द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अवधि से प्रश्न दिनांक तक तेन्दूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय तालाबों में मत्स्य पालन की वर्षवार/रकबावार/हितग्राही का नाम एवं हितग्राही को प्रदाय लाभांश/अनुदान की जानकारी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
शासकीय भूमियों का संधारण
[राजस्व]
11. ( *क्र. 43 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या रतलाम जिला अन्तर्गत शासकीय भूमियों का संधारण रिकॉर्ड राजस्व मंडल कार्यालय ग्वालियर में संधारित है? यदि हाँ, तो क्या मूल रिकॉर्ड रतलाम जिले का जिले में उपलब्ध है? यदि नहीं, तो मूल रिकॉर्ड हेतु एवं शासकीय भूमि को चिन्हित कर संधारण हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की जा रही हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : राजस्व मण्डल न्यायालय द्वारा केवल न्यायालयीन कार्य संपादित होते हैं। यहाँ रतलाम जिले अथवा प्रदेश के अन्य किसी भी जिले की शासकीय स्वामित्व की भूमियों का रिकॉर्ड संधारित नहीं है। रतलाम जिले में उपलब्ध राजस्व रिकॉर्ड में शासकीय भूमियों का उल्लेख है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिवहन विभाग के अधिनियमों का दुरूपयोग
[परिवहन]
12. ( *क्र. 764 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 987 के उत्तर दिनांक 21.12.2022 में बिना रजिस्ट्रेशन कार्ड के वाहन चलाने पर एम.व्ही. एक्ट 1988 की कार्यवाही का लेख मान. विभागीय मंत्री ने कर 06 शहरों में पंजीकृत वाहनों की संख्या 891217 के विरूद्ध जारी किये गये पंजीयन कार्डों की संख्या 866086 बताया है? इसका आशय यह है कि परिवहन विभाग के कारण 25131 वाहन चालक 20 मार्च, 2020 से माह नवम्बर 2022 तक बिना रजिस्ट्रेशन कार्ड के वाहन उपयोग कर रहे थे? इस गड़बड़ी की जानकारी विभाग ने नहीं दी? इस भेदभाव के लिये विभाग के कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) में हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट (एच.एस.आर.पी.) लगाए बगैर पंजीयन कार्ड जारी नहीं किये जाने में केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 में विहित प्रावधानों के उल्लंघन का लेख किया गया है? दो कानूनों का उल्लंघन करते हुये कार्यवाही संपादित करने से सदन में उत्तर प्रस्तुत करना संवैधानिक कर्तव्य मूल्यों एवं नियमों के विपरीत प्रतीत होता है? कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) ए.पी.एम.व्ही.आर. 214 (3) एवं 127 (3) एम.व्ही. एक्ट क्या है? इसका उपयोग एवं उल्लंघन के क्या नियम हैं? इसका पालन कराना किस विभाग के किस स्तर के अधिकारियों के कर्तव्यों के अन्तर्गत आता है? (घ) उपरोक्त के संबंध में एम.व्ही. एक्ट का पालन क्या किसी भी कार्यालय को कराने का अधिकार दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो और ऐसे कौन-कौन से नियम, अधिनियम, कानून हैं, जिसको अन्य विभागों को सौंपा गया है? कार्यालय का नाम, एम.व्ही. एक्ट की कौन सी धारा के कौन से उपबंध में क्या उल्लंघन पर क्या सजा अथवा आर्थिक दण्ड का प्रावधान है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्न क्र. 987 के उत्तर दिनांक 21.12.2022 में 06 शहरों में पंजीकृत वाहनों की संख्या 891217 के विरूद्ध जारी किए गए पंजीयन कार्डों की संख्या 866086 बताई गई थी, जिसके अनुसार 25131 वाहन चालकों को वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (H.S.R.P.) लगाए बगैर पंजीयन कार्ड जारी न किए जाने के केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 में विहित प्रावधानों के कारण कार्ड जारी न किये जा सकने तथा तत्कालीन कुछ समय में प्लास्टिक कार्ड आपूर्ति बाधित होने के कारण वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी नहीं किये जा सके थे, परंतु वाहन स्वामियों को पोर्टल पर उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक रूप में पंजीयन प्रमाण-पत्र की प्रति उपलब्ध कराई गई थी। केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम, 139 (1) में विहित प्रावधानों के अनुसार कोई वाहन चालक या कंडक्टर राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी द्वारा मांग किए जाने पर वाहन के रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र को भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक रूप में जैसा की पोर्टल पर उपलब्ध है या उसमें डाउनलोड किए गए हैं, प्रस्तुत कर सकता है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 50 में विहित प्रावधानों के अनुसार वाहन निर्माता द्वारा दिनांक 01 अप्रैल, 2019 को या उसके पश्चात् निर्मित सभी यानों के साथ अति सुरक्षा रजिस्ट्रीकरण प्लेट दी जाती है, जिस पर डीलर द्वारा रजिस्ट्रीकरण चिन्ह बनाकर उसे यान पर लगाया जाता है, तदोपरांत उक्त नियमों के नियम 48 में विहित प्रावधानों के अनुसार रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। वर्तमान में उक्त नियमों का पालन किया जा रहा है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एम.पी.एम.वी.आर. 214 (3) में ''दुर्घटनाग्रस्त यान का निरीक्षण और सुगम यातायात में बाधा घटित करने के लिए शास्ति'' के प्रावधानों के तहत मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 127 की उपधारा (3) तथा धारा 201 की उपधारा (1) के अधीन भिन्न-भिन्न यानों के संबंध में देय अनुकर्षण व्यय की दर विहित की गई है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। एम.व्ही. एक्ट 127 (3) में ''सार्वजनिक स्थान पर परित्यक्त या अकेला छोड़े गए मोटरयानों का हटाया जाना'' के तहत उक्त वाहन के वाहन स्वामी का सभी अनुकर्षण खर्चों तथा उसके अतिरिक्त किसी अन्य शास्ति के लिए उत्तरदायित्व तय किया गया है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। मध्यप्रदेश मोटरयान नियम, 1994 के नियम 214 के उपनियम (1) अनुसार पुलिस विभाग या परिवहन विभाग का कोई अधिकारी जो निरीक्षक की पद श्रेणी से नीचे का न हो किसी दुर्घटनाग्रस्त यान का निरीक्षण कर सकेगा तथा उक्त नियम के उपनियम (2) के अनुसार अधिनियम की धारा 201 के उपबंधों के अधीन रहते हुए ऐसे वर्दीधारी पुलिस अधिकारी, जो उपनिरीक्षक को पद श्रेणी से नीचे के न हो और परिवहन विभाग के समस्त अधिकारी जो सहायक परिवहन उपनिरीक्षक की पदश्रेणी से नीचे के न हो, उक्त धारा की उपधारा (2) के अधीन शास्तियों की वसूली करने के लिए प्राधिकृत किए गए हैं। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) जी नहीं। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न नहीं उठता।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( *क्र. 876 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्न राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत दिनांक 01 जनवरी, 2019 से उपभोक्ताओं को वितरण हेतु कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में, किस-किस दर से क्रय की गई है? उस पर कितनी राशि व्यय हुई है? वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सी सामग्री वितरण हेतु जिलों को उपलब्ध कराई गई है? (ग) विदिशा जिले में दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत परिवहन में कितना-कितना व्यय किया गया एवं कितने फर्मों/व्यक्तियों को कितना-कितना भुगतान किया गया? वर्षवार फर्मों/व्यक्तिवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) विदिशा जिले में क्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत अंत्योदय अन्न योजना के परिवारों को एवं प्राथमिक श्रेणी के परिवारों को गेहूँ की मात्रा कम देकर चावल अधिक दिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत शत्-प्रतिशत गेहूँ उपभोक्ताओं को कब से उपलब्ध कराये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 35 किलोग्राम एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम प्रति सदस्य के मान से गेहूं, चावल एवं मोटा अनाज का वितरण कराया गया। भारत सरकार द्वारा माह जनवरी, 2019 से दिसम्बर, 2022 तक चावल रू. 3, गेहूं रू. 2 एवं मोटा अनाज रू. 1 प्रति किलोग्राम की दर से राज्य को प्रदाय किया गया है। जिलेवार एवं वर्षवार प्रदाय खाद्यान्न की मात्रा एवं केन्द्रीय प्रदाय दर से खाद्यान्न क्रय पर हुए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। भारत सरकार द्वारा माह जनवरी, 2023 से नि:शुल्क खाद्यान्न का प्रदाय किया जा रहा है। (ख) माह जनवरी, 2019 से दिसम्बर, 2023 तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत वर्षवार, जिलेवार एवं जींसवार प्रदाय सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) विदिशा जिले में माह जनवरी, 2019 से अभी तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत आवंटित खाद्यान्न के प्रदाय केन्द्र से उचित मूल्य दुकान तक परिवहन के लिए संस्था एवं वर्षवार भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत भारत सरकार द्वारा चावल के आवंटन में वृद्धि करने के कारण विदिशा जिले में माह जून, 2022 से अन्त्योदय परिवारों को गेहूं 30 किलोग्राम के स्थान पर 14 किलोग्राम प्रतिमाह/प्रति परिवार तथा प्राथमिकता परिवारों को गेहूं 4 के स्थान पर 2 किलोग्राम प्रति हितग्राही वितरण कराया जा रहा है। पात्र परिवारों को गेहूं की कम की गई मात्रा के विरूद्ध चावल की मात्रा बढ़ाकर पात्रता अनुसार वितरण किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा राज्य के गेहूं के आवंटन में वृद्धि करने के उपरांत जिले में पूर्व निर्धारित मात्रा अनुसार गेहूं का वितरण कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चकबन्दी कार्य की वर्तमान स्थिति
[राजस्व]
14. ( *क्र. 174 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले के चकबन्दी कार्य प्रारंभ होने के बाद पूर्ण नहीं होने के बीच में ही बन्द कर दिया गया था? उसका वर्ष, गांवों के नाम, तहसील सहित फरवरी 2023 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त ग्रामों में मौके पर कब्जा चकबन्दी के हिसाब से दिया गया है, लेकिन नक्शा, खसरा चकबन्दी के पूर्व का ही प्रचलित है, जिससे ऋण, मुआवजा आदि की समस्यायें किसानों को वर्तमान समय में हो रही है? शासन उसे कब तक ठीक करायेगा? (ग) क्या ग्राम पंचायत बुरावली तहसील जौरा के ग्राम रूध का पुरा में इन विसंगतियों को दूर करने का प्रश्न पूर्व में रखा गया था, जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है, क्यों? कार्यवाही कर इसे कब तक दुरूस्त कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मुरैना जिले में वर्ष 1972 से 1975 के मध्य तहसील मुरैना, जौरा एवं सबलगढ़ में चकबन्दी कार्य किया गया थाI जिला अभिलेखागार मुरैना के पत्र क्रमांक/जि.अभि./ता.प्र.174/2023 मुरैना दिनांक 17 फरवरी, 2023 के अनुसार तहसील मुरैना के 20 ग्रामों तहसील जौरा के 21 ग्रामों एवं तहसील सबलगढ़ के 83 ग्रामों में चकबन्दी प्रक्रिया का अंतिम प्रकाशन किया जाकर अभिलेख संधारित किया गया था जिसका अभिलेख जिला अभिलेखागार में उपलब्ध हैI (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में मौके पर कब्जा चकबन्दी के हिसाब से दिया गया है एवं नक्शा, खसरा चकबन्दी के अनुसार संधारित हैI (ग) तहसीलदार तहसील जौरा का पत्र क्रमांक/रीडर/04/वि.स./2023 जौरा, दिनांक 16.02.2023 एवं जिला अभिलेखागार मुरैना के पत्र क्रमांक/जि.अभि./ता.प्र. 174/2023 मुरैना, दिनांक 17 फरवरी, 2023 के संलग्न सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम पंचायत बुरावली तहसील जौरा के ग्राम रूध का पुरा का चकबन्दी अभिलेख अभिलेखागार में उपलब्ध नहीं होने से पुष्टि किया जाना संभव नहीं हैI
आदिवासी क्षेत्रों में रजिस्ट्री
[राजस्व]
15. ( *क्र. 736 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्डेकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के निर्देशानुसार आदिवासी विकासखण्डों (अधिसूचित क्षेत्रों) में आदिवासियों की सम्पत्ति जैसे :- कृषि भूमि, मकान, दुकान, प्लॉट आदि की खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध है? (ख) उपरोक्त निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में क्या जिला बुरहानपुर के विकासखण्ड खकनार के अंतर्गत गैर आदिवासी (सामान्य, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति) के निवासियों की कृषि भूमि, मकान दुकान, प्लॉट आदि की खरीदी बिक्री की रजिस्ट्री पर रजिस्ट्रार द्वारा जिला कलेक्टर की अनुमति के पश्चात ही रजिस्ट्री की जाती है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन स्तर से कोई आदेश या गाईड लाईन जारी की गई हो तो उसे उपलब्ध करायें। (ग) उक्त प्रश्न के उल्लेख में सामान्य वर्ग की सम्पत्ति यदि आदिवासी वर्ग के व्यक्ति द्वारा खरीदी जाती है, तो भी जिला कलेक्टर की अनुमति के पश्चात ही रजिस्ट्री की जाती है? ऐसा क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला बुरहानपुर के विकास खण्ड खकनार के अंतर्गत गैर आदिवासी (सामान्य, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति) द्वारा कृषि भूमि के क्रय-विक्रय हेतु अनुमति की आवश्यकता नहीं है, परन्तु मकान, दुकान, प्लॉट आदि के क्रय-विक्रय हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) (क) के प्रावधानों के तहत कलेक्टर से अनुमति प्राप्त करनी होती है। उपरोक्त प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बारना परियोजना की नवीन नहरों की मरम्मत
[जल संसाधन]
16. ( *क्र. 845 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रायसेन में बारना परियोजना बाड़ी दायीं मुख्य नहर की वितरिका क्र. 4 की माईनर क्र. 2 की सबमाईनर MS 2, 3 एवं 5 नहरों के रख-रखाव हेतु वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक नवीन कार्य/मरम्मत कार्य स्वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत कार्यों की वर्तमान कार्य स्थिति सूची सहित उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या इन कार्यों की खराब गुणवत्ता संबंधी कोई शिकायत अथवा माननीय सांसद, विधायक महोदय के पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों/कार्य एजेन्सी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) वस्तुस्थिति यह है कि मैदानी कार्यालय द्वारा बारना परियोजना बाड़ी की दायीं नहर मुख्य नहर की वितरिका क्र. 4 की माईनर क्र. 2 की सबमाइनर एम.एस. 2,3 एवं 5 नहरों के रख-रखाव हेतु वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक रू. 1.33 करोड़ स्वीकृत किया जाना प्रतिवेदित है। रख-रखाव के कार्यों की निविदा दिनांक 04.01.2023 को स्वीकृत की गई है। वर्तमान में नहर संचालन प्रगतिरत होने से कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। रबी फसल कटने के उपरांत कार्य प्रारंभ कराया जाना संभव होगा। कार्य प्रारंभ नहीं होने से गुणवत्ता संबंधी शिकायत का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय जमीन पर अतिक्रमण
[राजस्व]
17. ( *क्र. 859 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में भू-माफियाओं द्वारा ग्राम पंचायत तिघरा से रीवा रेल्वे स्टेशन की ओर जाने वाली आम रास्ता में बाई पास के नीचे से धिरमा नाले की शासकीय जमीन में चारों तरफ लगभग 500 मी. के एरिया में अतिक्रमण/अवैध कब्जा करके बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण कराकर आम रास्ता बाधित किया गया है? क्या सरकार धिरमा नाले की शासकीय जमीन का सीमांकन करवाकर भू-माफियाओं द्वारा शासकीय जमीन में किये गये अतिक्रमण/अवैध कब्जे से मुक्त करायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि उत्तर जी हाँ तो, सरकार कब तक धिरमा नाले की शासकीय जमीन का सीमांकन करवा कर शासकीय जमीन में किये गये अतिक्रमण/अवैध कब्जे को भू-माफियाओं से मुक्त करायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले में ग्राम पंचायत तिघरा से रेलवे स्टेशन की ओर जानेवाली आम रास्ता में बायपास के नीचे धिरमा नाले की शासकीय जमीन के चारों तरफ लगभग 500 मीटर की एरिया में अतिक्रमण/अवैध कब्जा किया गया है। उक्त क्षेत्र तहसील हुजूर के ग्रामीण व नगर के सीमावर्ती क्षेत्र के अन्तर्गत आता है, जिसमें कुछ भूमि रेल्वे विभाग की भी है। प्रश्नागत भूमि के सीमांकन हेतु आदेश क्रमांक 199, दिनांक 10.02.2023 द्वारा जांच दल गठित किया जा चुका है, जिसके प्रतिवेदन के आधार पर आगामी विधिसम्मत कार्यवाही प्रस्तावित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार।
किसान सम्मान निधि
[राजस्व]
18. ( *क्र. 30 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020, 2021 तथा 2022 की स्थिति में प्रदेश में कुल कितने कृषकों को कितनी सम्मान निधि का भुगतान किया गया? यह प्रदेश की अनुमानित कृषक संख्या का कितना प्रतिशत है? (ख) जनवरी 2023 की स्थिति में कितने पात्र किसानों को सम्मान निधि का भुगतान नहीं किया गया तथा उन्हें भुगतान क्या प्रारंभिक दिनांक से किया जायेगा या वर्तमान समय से किया जायेगा? भुगतान नहीं किए जाने वाले कृषकों की संख्या जिलेवार बताएं। (ग) अपात्र कृषकों को सम्मान निधि देने की जिलेवार सूची बताएं तथा उसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) जनवरी 2023 की स्थिति में जिलेवार कुल कितने कृषक से कुल कितनी राशि वसूल करना है? उसे किस प्रकार वसूल किया जाएगा, कब तक वसूल किया जाएगा और यदि निर्धारित अवधि तक वसूली नहीं हुई तो क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी तथा उनसे राशि वसूल की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। राजस्व अभिलेख में कृषकों की संख्या न होकर खातेदारों की जानकारी संधारित की जाती है, अतः अनुमानित कृषक संख्या का प्रतिशत देना संभव नहीं हैl (ख) जनवरी, 2023 की स्थिति में ऐसे सभी पात्र हितग्राही जिनसे सही दस्तावेज प्राप्त हुए, उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में पंजीयन दिनांक से सम्मान निधि का भुगतान भारत सरकार द्वारा सीधे हितग्राही के बैंक खाते में किया जा रहा है। शेष प्रश्न उद् भूत नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। योजना के प्रारंभ में पंजीयन संबंधी निर्देशों के क्रम में ऐसे कृषकों को लाभ दिया गया, जिनके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। शेष प्रश्न उद् भूत नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वसूली प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। विधिवत वसूली की कार्यवाही प्रचलित है, जिससे शेष प्रश्न उद् भूत नहीं होता।
ई.डब्ल्यू.एस. सर्टिफिकेट
[राजस्व]
19. ( *क्र. 682 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि छतरपुर तहसील अंतर्गत जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने ई.डब्ल्यू.एस. सर्टिफिकेट बनाने हेतु आवेदन प्राप्त हुए, कितनों को प्रमाणपत्र प्रदाय किए गए? कितने लंबित हैं तथा कितने निरस्त किए? संख्यात्मक जानकारी प्रदाय करें। लंबित एवं निरस्त किए आवेदनों की कारण सहित जानकारी प्रदाय करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : तहसील छतरपुर अंतर्गत जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक ई.डब्ल्यू.एस. सर्टिफिकेट बनाने हेतु कुल 1629 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से कुल 1346 प्रमाण पत्र जारी किये तथा कुल 230 आवेदन लंबित (समय सीमा के अंतर्गत) हैं। कुल 237 आवेदनों को निरस्त किया गया। आवेदनों को म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 7-11/2019/आ.प्र./एक, भोपाल दिनांक 29.06.2021 की कंडिका 3 के अनुसार अपात्र होने की स्थिति में निरस्त किया है।
कारम बांध का पुन: निर्माण कराया जाना
[जल संसाधन]
20. ( *क्र. 922 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की कारम नदी पर बने कारम बांध निर्माण में अपर्याप्त वॉटरिंग एवं कम्पेक्शन होने के कारण माह अगस्त 2022 में रिसाव होने पर बाईपास चैनल बनाकर जल निकासी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त बांध की मूल निर्माण एजेंसी एवं उसकी सबलेट कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया था एवं बांध निर्माण कार्य से संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर आरोप पत्र जारी किये गये? (ग) क्या उक्त बांध के जल निकासी के दौरान प्रभावित हुये परिवारों को हुई क्षति का राजस्व विभाग द्वारा आकलन कर क्षतिपूर्ति की राशि दी गई है? यदि हाँ, तो कुल कितने परिवारों को कुल कितनी राशि दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या बांध के मूल ठेकेदार द्वारा अनुबंध में निहित शर्तों के अनुसार क्षतिग्रस्त भाग का पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि कारम बाँध निर्माण में रिसाव का कारण अन्य कारणों के साथ ही प्रथम दृष्टया अपर्याप्त वॉटरिंग एवं कंपेक्शन होना भी रहा है। जी हाँ, बाईपास चैनल बनाकर जल निकासी की गयी है। (ख) जी हाँ। मुख्य अभियंता, नर्मदा ताप्ती कछार, इंदौर के आदेश दिनांक 16.08.2022 द्वारा मूल निर्माण एजेंसी मेसर्स ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्शन प्रा.लि. नई दिल्ली एवं सबलेटर कंपनी मेसर्स सारथी कन्स्ट्रक्शन, ग्वालियर का पंजीयन निलंबित करते हुए ठेकेदारों को काली सूची में सूचीबद्ध किया गया। निर्माण कार्य से संबंधित मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्रियों को शासन के आदेश दिनांक 26.08.2022 द्वारा निलंबित किया गया एवं आदेश दिनांक 17.11.2022 द्वारा आरोप पत्रादि जारी किये गये हैं। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वस्तुस्थिति यह है कि अनुबंध में निहित शर्तों के अनुसार बांध में क्षतिग्रस्त भाग का पुनर्निर्माण ठेकेदार द्वारा किया जाना है, किन्तु कार्य अभी प्रारंभ नहीं है। वर्तमान में बांध का पुनर्निर्माण केन्द्रीय जल आयोग की पर्यवेक्षण में कराया जाना प्रस्तावित किया गया है, जिसके लिए जल संसाधन विभाग एवं केन्द्रीय जल आयोग के मध्य अनुबंध किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अनुबंध उपरांत केन्द्रीय जल आयोग से बांध निर्माण संबंधी दिशा-निर्देश प्राप्त होने के पश्चात् बांध के क्षतिग्रस्त भाग का निर्माण कार्य मूल एजेंसी द्वारा प्रारंभ कराया जाना संभव होगा।
भू-स्वामियों को भूमि वापस किया जाना
[राजस्व]
21. ( *क्र. 253 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोतमा वि.स. क्षेत्र में वेलस्पन कंपनी ने भूमि अधिग्रहण कब से कब तक किया था? भूमि अधिग्रहण दिनांक, रकबा, कुल मुआवजा राशि सहित देवें। (ख) भारत सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून में स्पष्ट लेख है कि जिस उपयोग के लिए भूमि अधिग्रहित की गई है, यदि तय समय में वह कार्य प्रारंभ नहीं होता है, भूमि उसके मूल भू-स्वामी को लौटा दी जाए तो इसका पालन कोतमा वि.स. क्षेत्र में प्रश्नांश (क) अनुसार क्यों नहीं हुआ? (ग) कब तक भूमि भू-स्वामियों को वापस कर दी जाएगी? क्योंकि संबंधित कंपनी अपने उदे्दश्यों को प्राप्त करने में असफल रही? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भूमि अर्जन अधिनियम 1894 के प्रावधान अनुसार मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक 12-30/2010/सात/2ए भोपाल, दिनांक 11 मार्च, 2011 से कोतमा तहसील के ग्राम छतई, मझटोलिया व उमरदा की कुल भूमि रकबा 311.201 हे. (निजी) का अर्जन किया गया है, जिसकी कुल मुआवजा राशि 21,39,49,728.00 वितरित की जा चुकी है। (ख) उक्त पत्र की कंण्डिका 16 में वर्णित प्रावधान अनुसार यदि कभी उक्त भूमि का उपयोग उक्त प्रयोजन के लिये नही होता है या बाद में कभी बन्द कर दिया जाता है तो भूमि तथा उस पर निर्मित भवनों के सम्पतियों के साथ शासन मे निहित हो जावेगी और कम्पनी को इस हेतु मुआवजा देय नही होगा। उक्त जारी परिपत्र में तय सीमा में कार्य प्रारंभ नहीं होने से भूमि उसके भूमि स्वामी को लौटाये जाने का उल्लेख नहीं है। शासन द्वारा जारी परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' अनुसार।
मोहनपुरा सिंचाई परियोजना से वंचित ग्राम
[जल संसाधन]
22. ( *क्र. 563 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिले राजगढ़ में मोहनपुरा डैम सिंचाई परियोजना में कितने ग्रामों को जोड़ा गया? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) मोहनपुरा सिंचाई परियोजना से कितने गांव वंचित रह गए हैं, जिनके बारे में प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को कितने पत्र जारी किए गए? उन पर क्या विचार किया? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा दिए गए पत्र कहां-कहां किस किस दिनांक में लंबित रखे गए? क्या कारण रहा? अब तक उन पत्रों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? (घ) ग्राम खुरी, मोहनीपुरा, पढ़ोनिया आदि ग्रामों के साथ-साथ वंचित गांव को कब तक सिंचाई परियोजना में शामिल कर किसानों को लाभ दिया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) मोहनपुरा सिंचाई परियोजना से निर्धारित/प्रस्तावित कमाण्ड क्षेत्र से कोई ग्राम वंचित नहीं होना प्रतिवेदित है। माननीय सदस्य विधानसभा क्षेत्र, ब्यावरा द्वारा अतिरिक्त ग्रामों को जोड़ने हेतु एक पत्र दिनांक 30.03.2022 शासन स्तर पर प्राप्त हुआ है। माननीय सदस्य द्वारा पत्र में उल्लेखित ग्रामों को जोड़ने के संबंध में तकनीकी परीक्षण मैदानी कार्यालय में प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी
[राजस्व]
23. ( *क्र. 19 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग के जिला सागर के कार्यालयों में विगत 3 वर्षों से एक ही कार्यालय में एक ही शाखा में कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार एक ही कार्यालय में एक ही शाखा में कितने वर्ष तक कार्यरत रहने का प्रावधान है? (ग) यदि समय-सीमा निर्धारित है तो विभाग द्वारा उनका स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया? (घ) यदि हाँ, तो 3 वर्षों से एक ही कार्यालय एवं एक ही शाखा में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करायी जाये और उनके स्थानांतरण कब तक कर दिये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व विभाग के जिला सागर के कार्यालयों में विगत 03 वर्षों से एक ही कार्यालय में एक ही शाखा में पदस्थ कर्मचारियों की संख्या 47 है। (ख) मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2021/एक/9, दिनांक 24 जून, 2021 द्वारा राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की जारी स्थानान्तरण नीति की कंडिका-17 अनुसार जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालिक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानान्तरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यतः तीन वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानान्तरण किया जा सकेगा। (ग) समय-समय पर कार्यालयीन कार्य सुविधा की दृष्टि से कर्मचारियों को अन्य शाखाओं का कार्य सौंपा जाता है/स्थानान्तरण किया जाता है। (घ) जी हाँ। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-समय पर कार्यालयीन कार्य सुविधा की दृष्टि से कर्मचारियों को अन्य शाखाओं का कार्य सौंपा जाता है तथा कार्य व्यवस्था की दृष्टि से जिले के अन्य कार्यालयों में आवश्यकता अनुसार स्थानान्तरण/पदस्थापना की जाती है, जो बाध्यता नहीं होकर वैकल्पिक व्यवस्था है।
नगर पालिका/नगर परिषद क्षेत्र में आरक्षित कोटवारी जमीन
[राजस्व]
24. ( *क्र. 687 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया एवं नगर परिषद क्षेत्र कर्रापुर में कोटवार को कोटवारी जमीन आरक्षित है? नाम, रकबा सहित जानकारी देवें। (ख) क्या शासन के नियम/निर्देशों की नगरीय क्षेत्र में स्थित कोटवारी जमीन को वापिस लेकर उसे शासन के आधिपत्य में लेने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो क्या नगर पालिका क्षेत्र की इन जमीनों को शासन आधिपत्य में लेने के संबंध में कार्यवाही की गई है? (घ) यदि उक्त संबंध में कार्यवाही नहीं की गई है, तो शासन कब कार्यवाही कर कोटवारी जमीन को कोटवार से वापिस लेकर शासन के आधिपत्य में लेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया एवं नगर परिषद क्षेत्र कर्रापुर में कोटवारों को आरक्षित भूमि की जानकारी नाम रकबा सहित संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया की भूमि शासन के आधिपत्य में ली गई है। नगर परिषद कर्रापुर की लेने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) नगर परिषद कर्रापुर के कोटवारों की जमीन वापिस लेकर शासन आधिपत्य में लेने की कार्यवाही प्रचलन में है।
विभागीय पात्रता परीक्षा में अपात्र का चयन
[राजस्व]
25. ( *क्र. 238 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2002 में लिपिकीय वर्ग से नायब तहसीलदार के पद पर चयन हेतु आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्रमांक 4537/14, परीक्षा/लि.ना.त./2002 ग्वालियर, दिनांक 13.11.2002 तथा राजपत्र दिनांक 24.6.2002 अनुसार आयोजित परीक्षा में सफल होने के लिए प्रत्येक वर्ग के परीक्षार्थी को 50 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त किया जाना अनिवार्य था? (ख) यदि हाँ, तो क्या तत्समय अनु.जाति वर्ग में अंतिम चयन सूची 50 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की ही बनायी गई थी? चयनित अभ्यर्थियों के अंकों की मेरिट लिस्ट बतायें एवं 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वालों की सूची देवें? (ग) यदि अभ्यर्थियों का चयन प्रश्नांश (क) अनुसार मेरिट से किया गया है तो अनु.जाति वर्ग में पद वर्गीकरण अनुसार अंतिम चयनित अभ्यर्थी सुश्री सरोज अग्रिवंशी को लिखित में 44.33 अंक, गोपनीय प्रतिवेदन में 75 अंक, कुल 119.33 अंक में चयन कर लिया गया है, जबकि इसी वर्ग के रामलखन वर्मा को लिखित परीक्षा में 53.48 अंक व गोपनीय प्रतिवेदन में 75 अंक, कुल 128.48 अंक होने पर भी चयन नहीं किया गया? स्पष्ट कारण बतायें। (घ) राजस्व विभाग द्वारा विधि नियमों के विरूद्ध कूट रचना कर अपात्र का चयन कर पात्र अभ्यर्थी का अभ्यावेदन बार-बार बिना विचारण क्यों निरस्त किया जाता है? पात्र होने के बाद भी लगातार 20 वर्ष से न्याय की आशा में भटक रहा है? वरिष्ठ अधिकारी स्वयं शासन के निर्देशानुसार निर्णय न लेकर लिपिक द्वारा प्रस्तुत नोटशीट की टीप पर ही निर्णय लिया गया है, जिससे उनकी कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न उठता है? शासन की छवि खराब न हो तो क्या इस पर विचार कर कार्यप्रणाली में सुधार कराया जायेगा? (ड.) यदि राजस्व विभाग द्वारा तत्समय नियम विरूद्ध तरीके से अपात्र का चयन कर पद पूर्ति कर ली गयी है तो विभाग की इस त्रुटि पर पूर्व की चयन प्रक्रिया को निरस्त किया जावेगा या पात्र अभ्यर्थी को नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्ति तत्समय से प्रदान कर न्याय प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश जूनियर प्रशासकीय सेवा में लिपिक वर्गीय सेवा से सीधी भर्ती द्वारा नायब तहसीलदार के पदों को भरने हेतु सीमित प्रतियोगिता परीक्षा वर्ष 2002 हेतु 24.06.2002 के राजपत्र एवं आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर के अधिसूचना दिनांक 13.11.2002 में उल्लेख अनुसार केवल लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर चयन नही किया गया, बल्कि लिखित परीक्षा में सफल कर्मचारियों की दोनों प्रश्न पत्रों में प्राप्त कुल अंकों के अनुसार सूची तैयार की जाएगी, तदुपरांत ऐसे कर्मचारियों के गत पांच वर्षों की गोपनीय चरित्रावली का मूल्यांकन विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा किया जावेगा, लिखित परीक्षा में प्राप्त कुल अंकों एवं गोपनीय चरित्रावली के मूल्यांकन के आधार पर एक अंतिम सूची तैयार की जावेगी, इस अंतिम चयन सूची में से कर्मचारियों के क्रमानुसार नायब तहसीलदार के रूप में नियुक्ति प्रदान की जावेगी। उक्त अनुसार ही चयन की कार्यवाही की गई है। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के गोपनीय प्रतिवेदन का मूल्यांकन भी किया गया। गोपनीय प्रतिवेदन के मूल्यांकन के अंकों एवं व्यवसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा आयोजित परीक्षा में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों को जोड़कर अंतिम चयनसूची तैयार की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अभ्यर्थी सुश्री सरोज अग्निवंशी का चयन अनुसूचित जाति वर्ग में महिला संवर्ग में होने के कारण हुआ, क्योंकि प्रत्येक संवर्ग में 30 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित थे। (घ) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर के क्रम में प्रश्न उपस्थित नही होता है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मनावर
को जिला बनाया
जाना
[राजस्व]
1. ( क्र. 9 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कलेक्टर जिला धार ने मनावर को जिला बनाए जाने बाबत् कब-कब विभाग को क्या अभिमत दिया है? उक्त अभिमत के अनुसार विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलित है? (ख) धार जिले के किस-किस जनप्रतिनिधियों, संस्थाओं एवं अन्य व्यक्तियों ने किन मानदंडों के आधार पर मनावर को जिला बनाए जाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी एवं विभाग को कब-कब पत्र के माध्यम से अनुरोध किया? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) मनावर, कुक्षी, डही, गंधवानी एवं धरमपुरी तहसील के क्षेत्रों से धार जिला मुख्यालय की दूरी अधिक होने एवं भौतिक दूरस्तता एवं अन्य समस्याओं के मद्देनजर मनावर को जिला घोषित करने में क्यों देरी की जा रही है? (घ) मनावर में ऐसे किन-किन मानदंडों, ढांचा एवं अवसर उपलब्ध हैं, जिनके कारण मनावर को जिला घोषित करना उचित रहेगा। (ङ) मनावर को जिला बनाए जाने बाबत् वर्तमान में क्या-क्या कार्यवाही प्रचलित है? इस संबंध में विभाग द्वारा कब-कब किसको अभिमत दिया गया? यदि अभिमत नहीं दिया गया तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्टर धार के पत्र दिनांक 01.09.2021 के अनुसार प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रकरण परीक्षणाधीन है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न सुरक्षा हेतु संचालित वेयर हाउस
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( क्र. 44 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्यान्न की सुरक्षा एवं वितरण हेतु रतलाम जिले में अनेक स्थानों पर शासन/विभाग द्वारा वेयर हाउस निर्मित हैं, साथ ही केन्द्र/राज्य सब्सीडी के माध्यम से निजी वेयर हाउस भी संचालित हैं? (ख) यदि हाँ तो रतलाम जिले में शासन/विभाग के शासकीय वेयर हाउस कितनी क्षमता के किन-किन स्थानों पर एवं निजी वेयर हाउस किन-किन स्थानों पर संचालित किये जा रह हैं? स्थानवार, क्षमतावार जानकारी दें। (ग) खाद्यान्न सुरक्षा हेतु वेयर हाउस में नियमानुसार किस-किस प्रकार की व्यवस्थाएं/सुविधाए/सावधानियां रखी जाना चाहिये, साथ ही वेयर हाउस में आगम एवं निर्गम के समय नापतौल तथा गुणवत्ता का आकलन किस तरह होता है? (घ) वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वेयर हाउस में रबी खाद्यान्न किन कारणों से खराब होकर सड़ गया, जमा मात्रा में कम पाया गया, इत्यादि अन्य अनेक अनियमितताओं के कारण वर्षवार शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? साथ ही विगत वर्षों से निरंतर चिन्हित वेयर हाउसों को सांठगांठ कर किसके द्वारा लगातार अनुबंधित किया जाता रहा है? क्या संबंधित लापरवाह एवं नियम विरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिले में शासकीय वेयर हाउस एवं निजी वेयरहाउस की स्थानवार क्षमतावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खाद्यान्न सुरक्षा हेतु प्रत्येक वर्ष शासन द्वारा निर्धारित की जाने वाली जेव्हीएस नीति अनुसार व्यवस्थाएं/सुविधाएं/सावधानियां रखी जाती है साथ ही शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार वेयरहाउस में आगम एवं निर्गम के समय नापतौल, गुणवत्ता एवं नमी का आकलन किया जाता है। (घ) उपार्जन वर्ष 2018-19, 2019-20 का पूर्ण भुगतान जिले की विभिन्न शाखाओं से किया जा चुका है जिसमें खराब/सड़े स्कंध की मात्रा निरंक है एवं उपार्जन वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 के स्कंध का भुगतान जिले की विभिन्न शाखाओं से वर्तमान में चल रहा है जिससे उपरोक्त उपार्जित स्कंध में खराब/सडे़ स्कंध की मात्रा एवं जमा स्कंध में कमी की गणना पूर्ण भुगतान होने के उपरांत ही की जा सकेगी। निजी गोदाम संचालकों द्वारा शासन को ऑफर किये गये गोदामों का अनुबंध जेव्हीएस पॉलिसी द्वारा किया जाता है। जमा मात्रा में कम पाये गये स्कंध के विरूद्ध जेव्हीएस नीति अनुसार कटौत्रा भण्डारण शुल्कों से किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाहनों का पंजीयन
[परिवहन]
3. ( क्र. 59 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संभागीय परिवहन कार्यालय जबलपुर (आर.टी.ओ.) में मिश्रा ट्रेवल्स प्रो. सुनील मिश्रा तीन पत्ती चौक पुराना बस स्टैंड जबलपुर के कौन-कौन से वाहन पंजीकृत है। किन-किन वाहनों को परिवहन परमिट कब कितनी-कितनी अवधि के लिये दिये गये हैं। किन-किन वाहनों के परमिट का नवीनीकरण एवं फिटनेस की जांच कब से नहीं कराई है एवं क्यों? दोषी एजेंसी संचालक पर कब क्या कार्यवाही की हैं? वाहन का प्रकार मॉडल पंजीयन क्र. दिनांक सहित वाहनों की सूची देवें। (ख) प्रश्नांकित पंजीकृत किन-किन वाहनों की आकस्मिक जांच कब-कब किसने की है एवं क्या-क्या अनियमितताएं, कमियां पाई गई हैं। अवैध परिवहन से सम्बंधित मामलों में कब-कब कौन-कौन वाहनों को पकड़ा गया हैं? कौन-कौन से वाहनों को कब-कब राजसात किया गया एवं अर्थदण्ड की अधिरोपित कितनी-कितनी राशि की कब-कब वसूली की गई है? वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांकित पंजीकृत किन-किन वाहनों के करारोपण की वर्षवार कितनी-कितनी राशि जमा की है एवं कितनी राशि कब से जमा नहीं की हैं? बकाया राशि की वसूली हेतु कब-कब क्या कार्यवाही की गई हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, जबलपुर में मिश्रा ट्रेवल्स प्रो. श्री सुनील मिश्रा के 06 वाहन पंजीकृत है। इन वाहनों को जारी परमिटों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। उक्त सभी वाहनों के परमिट वैध है। वैधता समाप्त होने पर ही परमिटों का नवीनीकरण किया जावेगा। प्रश्नाधीन मिश्रा ट्रेवल्स की पंजीकृत सभी 06 वाहनों के वर्तमान में फिटनेस प्रमाण-पत्र भी वैध स्थिति में है। फिटनेस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। विशेष जाँच दल, जबलपुर संभाग, जबलपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार इन वाहनों पर कार्यवाही नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) विशेष जाँच दल, जबलपुर संभाग जबलपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नांश (क) अनुसार वाहनों पर वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। वाहनों के परमिट/फिटनेस वैध होने से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं रही है। (ग) मिश्रा ट्रेवल्स प्रो. श्री सुनील मिश्रा के स्वामित्व की 06 पंजीकृत वाहनों पर कोई कर बकाया नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न का आवंटन
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( क्र. 60 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर को कोरोना संक्रमण काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, मुफ्त राशन अन्य वितरण योजना व मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत कौन-कौन सा खाद्यान्न कब-कब कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का आवंटित किया गया एवं कितना-कितना वितरित किया गया इसका वितरण करने के लिये शासन के क्या निर्देश हैं? अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 व जून 2021 से नवम्बर 2021 तक की माहवार जानकारी देवें। (ख) मुफ्त (अन्न) राशन वितरण योजना के सम्बंध में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के बेघर, बेसहारा और मजदूरों का सर्वे कराने हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं एवं इस संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? जिला प्रशासन जबलपुर ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों का कब से कब तक सर्वे कराकर कितने-कितने बेघर बेसहारा और मजदूरों को चिन्हित कर कितने गरीब परिवारों के बी.पी.एल. कार्ड बनाये गये हैं? वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) जबलपुर शहरी क्षेत्र के वार्डवार चिन्हित कितने-कितने बेघर, बेसहारा एवं मजदूरों को तथा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब परिवारों और अन्त्योदय योजना के कार्डधारकों को किस मान से कितना-कितना खाद्यान्न का वितरण किया गया एवं कितना खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया है एवं क्यों? जांच कब किसने की है एवं दोषियों पर कब क्या कार्यवाही की गई हैं? योजना व माहवार जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एवं मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा अंतर्गत माह अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 व जून 2021 से नवम्बर 2021 तक की अवधि में आवंटित खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार एवं वितरित खाद्यान्न की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत 5 किग्रा प्रतिमाह/सदस्य नि:शुल्क एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत अन्त्योदय परिवारों को 35 किग्रा प्रतिमाह/परिवार एवं प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को 5 किग्रा प्रतिमाह/सदस्य के मान से रूपए 1 प्रति किग्रा की दर पर खाद्यान्न का वितरण कराए जाने के निर्देश हैं। (ख) कोरोनाकाल की लॉकडाउन अवधि में बेघर, बेसहारा एवं मजदूरों के सर्वे हेतु विभाग द्वारा निर्देश जारी नहीं किये गये हैं किन्तु कोरोनाकाल की लॉकडाउन अवधि वर्ष 2020-21 में बेघर, बेसहारा एवं मजदूरों हेतु खाद्यान्न का वितरण नगर निगम जबलपुर, रेडक्रास जबलपुर, नगर पंचायत जबलपुर एवं अन्य संस्थाओं द्वारा किया गया है। राज्य शासन के आदेश क्र. 261/पीएसफूड/2021 दिनांक 08.05.2021 में पात्रता पर्चीविहीन/छूटे हुये गरीब परिवारों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु स्व-घोषणा के आधार पर 9,654 अस्थायी पात्रता पर्ची जारी की गई हैं, जारी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) कोविडकाल में समस्त व्यावसायिक गतिविधियां बाधित होने एवं बेघर, बेसहारा परिवारों की आजीविका पर संकट होने के कारण इनकी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु उपलब्धता एवं हितग्राहियों की मांग अनुसार सामग्री का वितरण कराया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत 5 किग्रा प्रतिमाह/सदस्य पात्र परिवारों को एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत अन्त्योदय परिवारों को 35 किग्रा प्रतिमाह/परिवार एवं बी.पी.एल. श्रेणी के परिवारों को 5 किग्रा प्रतिमाह/सदस्य के मान से खाद्यान्न का वितरण कराया गया है। वितरित खाद्यान्न मात्रा एवं खाद्यान्न प्राप्त करने वाले परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। शहरी क्षेत्र में 52025 एवं ग्रामीण क्षेत्र के 29397 कुल 81422 बेघर, बेसहारा एवं मजदूरों को गेहूँ, चावल एवं आटा का प्रदाय किया गया है। अवितरित खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ड. अनुसार है। उचित मूल्य दुकान पर राशन प्राप्त करने हेतु उपस्थित सभी पात्र परिवारों को खाद्यान्न का वितरण किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुभाग अधिकारी कार्यालय का गठन एवं तहसीलों का पुनर्गठन
[राजस्व]
5. ( क्र. 175 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चम्बल सम्भाग में कितनी नवीन तहसील एवं अनुभाग अधिकारी कार्यालय के गठन की एवं तहसीलों के पुनर्गठन की कार्यवाही प्रचलित है? फरवरी 2023 के अनुसार जिलावार तहसीलों के नाम सहित जानकारी दी जावें। (ख) मुरैना जिले के जौरा तहसील के राजस्व निरीक्षक वृत पहाड़गढ़ को तहसील बनाया जाना क्या प्रचलित में है? इसमें किस तहसील के कितने गांवों को सम्मिलित किया जा रहा है? गांवों के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) क्या जौरा तहसील के अनेक गांवों के लोगों को जौरा, कैलारस होकर पहाड़गढ़ पहुंचना प्रस्तावित तो नहीं हैं? (घ) क्या नवीन तहसील पहाड़गढ़ का गठन जौरा, कैलारस सबलगढ़ की सीमाओं का पुनर्निधारण कर उपयुक्त भौगोलिक आधार पर नवीन तहसील पहाड़गढ़ गठित करने पर शासन विचार करेगा जिससे किसानों को समय दूरी से समस्या उत्पन्न होगी? तथ्यों सहित जानकारी दी जावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' में है। (ख) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' में है। (ग) स्थानीय नागरिकों की सुविधा के अनुरूप तहसील जौरा के टप्पा पहाड़गढ़ को पूर्ण तहसील बनाने में दूरी को ध्यान में रखने का प्रयास किया गया है और इसमें सम्मिलित किये गये ग्रामों की दूरी प्रस्तावित तहसील मुख्यालय पहाड़गढ़ से 40-50 किलोमीटर है। तहसील जौरा के समीपस्थ ग्राम वाया निरारा माता होकर तथा तहसील कैलारस के समीपस्थ ग्राम वाया कैलारस होकर पहाड़गढ़ मुख्यालय पहुँचना प्रस्तावित है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
योजनावार प्राप्त राशि से कराये गए कार्य
[खनिज साधन]
6. ( क्र. 179 ) श्री संजय उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले की कौन-कौन सी विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक योजनावार कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र बैहर में प्रत्येक योजनावार प्राप्त राशि से कहां-कहां, कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किए गये हैं? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सबलगढ़ को जिला बनाया जाना
[राजस्व]
7. ( क्र. 222 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील सबलगढ़ को जिला बनाये जाने की कोई कार्यवाही शासन स्तर पर प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें। यदि नहीं तो क्यों? जबकि इससे छोटी-छोटी जगहों को जिला बना दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सबलगढ़ जिला बनाये जाने हेतु सभी मापदण्डों में सटीक बैठता है। सबलगढ़ को जिला बनाये जाने में मुरैना जिले की सबलगढ़, कैलारस, पहाडगढ़ एवं श्योपुर जिले की विजयपुर एवं वीरपुर तहसील को मिलाकर आबादी 10 लाख से ऊपर है एवं जिला मुख्यालय से सबलगढ़ तहसील के बरौठा ग्राम पंचायत की दूरी लगभग 120 कि.मी. एवं श्योपुर जिले की ग्राम पंचायत सहसराम एवं सुरजान से श्योपुर की दूरी लगभग 250 कि.मी. है जिससे ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने में समय एवं धन की बर्बादी होती है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सबलगढ़ को कब तक जिला घोषित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। ऐसा कोई प्रस्ताव कलेक्टर से प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत डैम निर्माण
[जल संसाधन]
8. ( क्र. 223 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मा.कमलनाथ जी के कार्यकाल में बांसरई नदी एवं गोल्हारी के मछेड़ नाला व बेरखेड़ा की क्वारी नदी पर डैम बनाये जाने हेतु साध्यता एवं डी.पी.आर. बनकर तैयार हो चुकी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त डैमों के निर्माण के लिये बजट की स्वीकृति कब तक जारी की जाकर निर्माण कार्य कराया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) सबलगढ़ क्षेत्रान्तर्गत क्वांरी नदी पर निठारा स्टॉप डेम, बांसरई नदी पर बेरखेड़ा जलाशय एवं मघेड़ नाले पर गोल्हारी जलाशय की साध्यता स्वीकृति दिनांक 04.03.2020 को प्रदान की गई थी। प्रश्नांश में उल्लेखित परियोजनाओं की डी.पी.आर. दिनांक 16.02.2023 को प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। प्रस्ताव शासन स्तर पर प्राप्त होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर स्वीकृत किए जाने के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। परियोजना स्वीकृति के उपरांत ही परियोजनाओं को बजट में शामिल किया जाता है। निर्माण कराने के लिए समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजस्व मंडल, ग्वालियर में चल रहे प्रकरण
[राजस्व]
9. ( क्र. 264 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1039 दिनांक 21-12-2022 के (क) उत्तर अनुसार दिनांक 07-12-2022 के पश्चात इस प्रकरण में कितनी तारीखें लगी? राजस्व मंडल ग्वालियर में विचाराधीन इस प्रकरण में दिनांक 07-09-2021 से 07-12-2022 तक जो तारीखें लगी उसमें कितनी बार बिना सुनवाई के तारीख आगे बढ़ाई गई? कारण सहित बतावें। प्रकरण क्रमांक भी देवें। (ख) क्या कारण है कि लगभग 29 करोड़ रू. की वसूली से संबंधित इस प्रकरण में राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा बिना सुनवाई के आगे की तारीख दे दी जाती हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार इस परिपाटी पर कब तक रोक लगाई जाकर इसका निर्णय पारित कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नाधीन प्रकरण क्रमांक अपील 362/2021/उज्जैन/भू.रा. में दिनांक 07.12.2022 के पश्चात् दिनांक 02.01.2023 को एक बार तारीख लगी। इस प्रकरण में दिनांक 07.09.2019 से 07.12.2022 तक जो तारीखें लगी उसमें अधीनस्थ न्यायालयों के अभिलेख प्राप्त न होने के कारण तीन बार एवं अन्य प्रशासनिक कारणों से सुनवाई प्रभावित होने से चार बार तारीख आगे बढ़ाई गयी। इसके अलावा आवेदक अभिभाषक द्वारा तर्क हेतु समय चाहे जाने पर तीन बार Cost के साथ तारीखें आगे बढ़ाई गयी। (ख) प्रश्नाधीन प्रकरण में जो तारीखें लगी, उसमें अधीनस्थ न्यायालयों के अभिलेख प्राप्त न होने के कारण तीन बार एवं अन्य प्रशासनिक कारणों से सुनवाई प्रभावित होने से सुनवाई प्रभावित होने से चार बार तारीख आगे बढ़ाई गयी। इसके अलावा आवेदक अभिभाषक द्वारा तर्क हेतु समय चाहे जाने पर तीन बार Cost के साथ तारीखें आगे बढ़ाई गयी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
10. ( क्र. 285 ) श्री राकेश मावई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जल संसाधन विभाग के कौन-कौन से कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हुई हैं तथा निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक अधूरा हैं अथवा प्रारंभ ही नहीं किया गया हैं तथा उन कार्यों को कितना-कितना मूल्यांकन किस आधार पर अभी तक किया गया हैं? प्रशासकीय स्वीकृतियों की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों को पूर्ण करने की कोई समय-सीमा निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो कब तक? क्या निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण किये गये? यदि नहीं तो समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण न करने का कारण क्या हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को प्रश्नांश (क) अनुसार किये जाने वाले कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी गई? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो जानकारी न देने का कारण बताएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत दो परियोजनाएं क्रमशः परीक्षा उद्वहन एवं पड़ावली उद्वहन लघु सिंचाई योजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 01.09.2020 को क्रमश: राशि रू. 2430.00 लाख की 950 हेक्टेयर एवं राशि रू. 2102.29 लाख की 625 हेक्टेयर हेतु प्रदान की गई है। परीक्षा परियोजना में निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन तथा पड़ावली परियोजना का पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में कार्य प्रारम्भ नहीं होने से मूल्यांकन करने तथा प्रतियां उपलब्ध कराने की स्थिति नहीं है। प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निविदा स्वीकृति उपरांत आगामी दो वर्षों में कार्य पूर्ण किया जाना संभव होगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभाग द्वारा माननीय सदस्यों को उनकी मांग अनुसार जानकारी दिये जाने की व्यवस्था है। माननीय सदस्य द्वारा योजनाओं की अद्यतन जानकारी चाहे जाने पर अवश्य प्रदान की जावेगी।
एन.एच. 69 के लिए मकान एवं दुकान का अर्जन
[राजस्व]
11. ( क्र. 333 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच. 69 के लिए नर्मदापुरम जिले के ग्राम केसला एवं सुखतवा में किस-किस के मकान एवं दुकान का अर्जन किस प्रकरण क्रमांक अवार्ड आदेश दिनांक से किया गया? प्रश्न क्रमांक 417 दिनांक 21.12.2022 के उत्तरांश (क) में नर्मदापुरम जिले की जानकारी निरंक बताए जाने का क्या कारण रहा है। (ख) भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राजपत्र में दिनांक 28.8.2015 को अधिसूचना प्रकाशित कर एन.एच.आई. के लिए अर्जित भूमि, मकान एवं दुकान के प्रभावितों को किस-किस कानून की किस-किस धारा एवं किस-किस अनुसूची के अनुसार पुनर्वास एवं पुनर्वयवस्थापन का लाभ दिया जाना सुनिश्चित किया है? (ग) एन.एच. 59 तथा एन.एच. 69 के लिए किस-किस ग्राम के किस-किस मकान एवं दुकान को अर्जित किया, किस-किस का आंशिक मकान एवं दुकान अर्जित किया आंशिक मकान एवं दुकान के अर्जन का अवार्ड आदेश में क्या क्या उल्लेख है? (घ) अधिसूचना दिनांक 28/8/2015 के अनुसार मकान एवं दुकान के अर्जन से प्रभावित किस-किस का पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन किया जा रहा है? कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एन.एच-69 के लिए नर्मदापुरम जिले के ग्राम केसला एवं सुखतया में मकान एवं दुकान का अर्जन के संबंध में प्रकरण क्रमांक एवं अवार्ड आदेश की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –अ अनुसार है। (ख) अधिसूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ब अनुसार है। (ग) एन.एच 59 तथा एन.एच. 69 के लिए मकान एवं दुकान के अर्जन हेतु प्रभावित हितग्राहियो की नर्मदापुरम एवं बैतूल जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – स अनुसार। (घ) जानकारी (ख) अनुसार है। अनुविभाग इटारसी के ग्राम केसला एवं सुखतवा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना नई दिल्ली 15 जून 2012 में दिये गये निर्देशों के पालन में कार्यवाही की गई है। एन.एच.आई के लिए अर्जित भूमि मकान एवं दुकान के प्रभावितों को वर्ष 2012-13 में भू-अर्जन किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग हेतु अर्जित भूमि का मुआवजा संबंधित हितग्राहियों को वितरण किया जा चुका है। पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन की कार्यवाही नहीं की गई है।
ग्राम मोयदा का सीमांकन
[राजस्व]
12. ( क्र. 334 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले की बड़वाह तहसील के ग्राम मोयदा के सीमांकन हेतु दल गठित किया गया है तथा सीमांकन की कार्यवाही प्रचलित है? विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1194 दिनांक 25/5/2021, प्रश्न क्रमांक 2274 दिनांक 4/3/2021, प्रश्न क्रमांक 5178 दिनांक 22/3/2021 में सदन के पटल पर आने के बाद भी प्रश्नांकित दिनांक तक सीमांकन की कार्यवाही नहीं की गई? (ख) अनुविभागीय अधिकारी बड़वाह ने कलेक्टर खरगोन एवं डी.एफ.ओ. बड़वाह के किस-किस दिनांक के पत्रानुसार दिनांक 27/10/2020 को ग्राम मोयदा के संयुक्त सीमांकन हेतु किस-किस का दल गठित किया? दल ने सीमांकन के संबंध में प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही किस-किस दिनांक को की? तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी ने किन-किन कारणों से सीमांकन की कार्यवाही नहीं की? (ग) ग्राम मोयदा की किस-किस वर्ष की मिसल बन्दोबस्त, पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, राजस्व अभिलेखागार, राजस्व पटवारी, राजस्व भू-पोर्टल एवं वनमण्डल में उपलब्ध है, उनमें कितनी-कितनी भूमि भूस्वामी हक पर दर्ज है? (घ) संयुक्त सीमांकन दल द्वारा कब तक सीमांकन किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खरगोन जिले के बड़वाह तहसील के वन ग्राम-मोयदा का सर्वेक्षण/सीमांकन की कार्यवाही वन विभाग द्वारा की जा चुकी हैI ग्राम- मोयदा आरक्षित वन ग्राम हैI म.प्र.भू.रा.सं. 1959 की धारा 129 के अनुसार सीमांकन की कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा संपादित की जाती हैI म.प्र.भू.रा.सं. 1959 की धारा 1 (2) के अनुसार भू.रा.सं. 1959 के प्रावधानों भारतीय वन अधिनियम 1927 के अधीन समय-समय पर आरक्षित एवं संरक्षित वनों के रूप में गठित क्षेत्र पर लागु नहीं होते हैI अतः राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन की कार्यवाही नहीं की गईI वन विभाग द्वारा सीमांकन/सर्वेक्षण की कार्यवाही की गई है, सीमांकन की कार्यवाही शेष नहीं हैI (ख) खरगोन जिले के बड़वाह तहसील के वन ग्राम-मोयदा का सर्वेक्षण/सीमांकन की कार्यवाही वन विभाग द्वारा की जा चुकी हैI शेष जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार (ग) तहसील-बड़वाह के वन ग्राम–मोयदा की तत्कालीन वर्ष 1948-49 की मिसल बंदोबस्त व मानचित्र पटवारी के पास उपलब्ध हैI तहसील-बड़वाह के अभिलेखागार में वन ग्राम मोयदा के वर्ष 2011-12 से 17-18 तक खसरा बी-1 उपलब्ध हैI जिला-राजस्व अभिलेखागर खरगोन में वन ग्राम-मोयदा के वर्ष 1955 से वर्ष 2014-15 तक खसरे एवं नामांतरण पंजी वर्ष 1966-69 (एकजाई पंजी) व नामांतरण पंजी वर्ष 1995-96 जमा हैI एमपी भूलेख पोर्टल पर पर वन ग्राम-मोयदा के वर्ष 2006-07 से वर्तमान तक के ऑनलाईन खसरा, बी-1 मानचित्र उपलब्ध हैI ऑनलाईन भूलेख पोर्टल पर वन ग्राम-मोयदा के कुल 51 कृषकों के नाम पर 137.091 हैक्टेयर भूमि दर्ज हैI (घ) खरगोन जिले के बड़वाह तहसील के वन ग्राम-मोयदा का सर्वेक्षण/सीमांकन की कार्यवाही वन विभाग द्वारा की जा चुकी हैI
वन विभाग को आवंटित बजट
[वन]
13. ( क्र. 335 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लंबित संरक्षित वन खण्डों के प्रबंधन, वृक्षारोपण पर बजट द्वारा आवंटित राशि खर्च किए जाने के संबंध में वित्त विभाग ने वैधानिक जांच प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं की है? (ख) धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लंबित भूमियों को वर्किंग प्लान में शामिल करने, उनका नियंत्रण, प्रबंधन किए जाने एवं वृक्षारोपण किए जाने का क्या-क्या अधिकार वन विभाग को किस-किस प्रचलित कानून की किस-किस धारा में दिया गया है। (ग) धारा 5 से 19 तक की जांच के दौरान वनखण्ड से पृथक की गई भूमि पर शासकीय बजट में स्वीकृत राशि खर्च किए जाने के संबंध में वित्त विभाग क्या कार्यवाही कर रहा हैं कब तक करेगा समय-सीमा सहित बतावें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बजट की राशि नियमानुसार खर्च करने का प्रशासकीय विभाग निर्णय लेता है। अत: वित्त विभाग द्वारा वैधानिक जांच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) राष्ट्रीय वन नीति 1988 की कण्डिका 4.3.2 में प्रावधान है कि वनों का प्रबंधन सक्षम अधिकारी से अनुमोदित कार्य आयोजना के बिना नहीं किया जायेगा। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 में लंबित वन भूमियां भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचित हैं। ऐसे वनों में पुन: वनीकरण के उपयोग में लाने, वृक्षों का पालन करने, साफ-सफाई करने हेतु भारत सरकार की पूर्व अनुमति लेने का प्रावधान वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 की धारा 2 (iv) में है। उक्त प्रावधानों के पालन में कार्ययोजना में वन भूमियां शामिल हैं। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्रामसभा/ग्राम पंचायत को प्राप्त अधिकार
[वन]
14. ( क्र. 354 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को लघु वनोपज पर संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में क्या-क्या अधिकार दिए हैं? इनमें से किस प्रावधान में डी.एफ.ओ. को संग्रहण, विपणन, भण्डारण एवं परिवहन पर प्रतिबन्ध लगाने का अधिकार दिया है? (ख) 11वीं अनुसूची एवं वन अधिकार कानून 2006 तथा पेसा कानून 1996 में ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को दिए गए अधिकारों में से किस-किस अधिकार के संबंध में पेसा नियम 2022 में क्या-क्या प्रावधान किया है? (ग) 11वीं अनुसूची एवं वन अधिकार कानून 2006 में लघु वनोपज पर ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को दिए गए समस्त अधिकारों को पेसा नियम 2022 में उल्लेखित नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? पेसा नियम 2022 में ग्रामसभा के अधिकारों को कम किए जाने का क्या कारण रहा है? (घ) पेसा नियम 2022 में सहकारी संस्थाओं बाबत् प्रावधान 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 के किस प्रावधान को ध्यान में रखा जाकर अधिसूचित किया है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची में आर्टिकल 24-G में लघु वनोपज का विषय सम्मिलित है। पेसा कानून- 1996 की धारा-4 (ड.) (ii) में गौण वन उपज का स्वामित्व ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभा को प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत लघु वनोपज के संग्रहण एवं स्वामित्व के व्यक्तिगत/सामुदायिक अधिकार दिये गये हैं। म.प्र. पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 के तहत अधिसूचित म.प्र. पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 के नियम 25 व 26 के तहत ग्राम सभा की गौण वनोपज के संग्रहण, स्वामित्व एवं प्रबंधन के अधिकार दिये गये हैं। उक्त अधिनियमों में वनमण्डलाधिकारी को लघु वनोपज के संग्रहण विपणन एवं परिवहन पर प्रतिबंध के अधिकार नहीं दिये गये हैं। (ख) म.प्र. पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 के नियम 25 एवं 26 में ग्रामसभाओं को गौण वनोपज के संग्रहण, स्वामित्व एवं प्रबंधन के संबंध में अधिकार दिये गये हैं, जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वनग्रामों की भूमि का अर्जन
[वन]
15. ( क्र. 361 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक सूचना अधिकारी बड़वाह वनमण्डल ने 09 वनग्रामों की निजी भूमियों के अर्जन एवं मुआवजा भुगतान के दस्तावेजों के लिए श्री अनिल गर्ग, कोठी बाजार बैतूल को पत्र क्रमांक 2127 दिनांक 3/11/2022 से 217 पृष्ठों के लिए 434 रूपया जमा किए जाने बाबत् पत्र लिखा है? (ख) यदि हाँ, तो 09 वनग्रामों की 614.122 हेक्टेयर भूमि भूस्वामी हक में दर्ज भूमियों तथा आबादी मद में दर्ज 3.680 हेक्टेयर भूमि को अर्जित किए जाने की कार्यवाही का प्रकरण किस क्रमांक पर किसके द्वारा पंजीबद्ध किया गया, प्रकरण में किस ग्राम के किस किसान की भूमि, मकान आदि का कितना-कितना मुआवजा निर्धारित किया, कितना-कितना मुआवजा भुगतान किया? (ग) 09 वनग्रामों की 614.122 हेक्टेयर भूस्वामी हक की निजी भूमि एवं 3.680 हेक्टेयर आबादी मद की भूमि को किस दिनांक को अर्जित कर किस दिनाक को राजपत्र में मध्य भारत वन विधान 1950 की धारा 20 के तहत किस दिनांक को राजपत्र में अधिसूचित किया? (घ) 09 वनग्रामों की 614.122 हेक्टेयर भूमि में से किस खसरा नम्बर का कितना रकबा वन विभाग द्वारा वर्ष 1980-81 में बनाई खसरा पंजी में किस ग्राम के निवासी किस किसान के नाम पर भूस्वामी हक पर दर्ज है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) बड़वाह वनमण्डल अंतर्गत 09 वनग्रामों में कृषि कार्य हेतु 610.810 हेक्टेयर एवं 3.591 हेक्टेयर आबादी मद में आरक्षित वनभूमि आवंटित है। अतः मुआवजा भुगतान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वनमण्डल बड़वाह के 09 वनग्रामों की समस्त वनभूमि को मध्यभारत फॉरेस्ट एक्ट 1950 की धारा-20 के द्वारा फॉरेस्ट एण्ड ट्रायबल वेलफेयर डिपार्टमेंट ग्वालियर की अधिसूचना क्रमांक/1623/एक्स-एफ/114 (54) दिनांक 09-10-1954 राजपत्र दिनांक 21.10.1954 के द्वारा आरक्षित वन घोषित किया गया है। कृषि कार्य हेतु 610.810 हेक्टेयर एवं आबादी मद की 3.591 हेक्टेयर आरक्षित वनभूमि है। अतः भू-अर्जन की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) 09 वनग्रामों की वर्ष 1980-81 में बनाई गई खसरा पंजी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है।
नियम विरूद्ध मकान तोड़ने के दोषियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
16. ( क्र. 383 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जिला प्रशासन ने अचानक एक पक्षीय कार्यवाही करते हुये ग्राम पंचायत लोंगट थाना बागचीनी में सुखलाल कुशवाह एवं उनके छोटे भाईयों के मकानों को जे.सी.बी. द्वारा क्यों ध्वस्त किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार किस कानून की नियमावली के द्वारा जिला प्रशासन ने यह कार्यवाही की? क्या यह कार्यवाही वैद्यानिक है? यदि हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो दोषियों के प्रति प्रश्न दिनांक तक कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार सुखलाल कुशवाह एवं उसके भाईयों पर ऐसा क्या संगीन अपराध दर्ज था? यदि था तो उनको जिला प्रशासन द्वारा नोटिस क्यों नहीं दिया गया? यदि दिया गया है तो उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार ग्राम लोंगट में मकान ध्वस्त करने में संलग्न सभी आरोपियों पर प्रश्न दिनांक तक जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कार्यालय जिला पंचायत मुरैना द्वारा अपने पत्र क्रमांक/पंचा.प्रकोष्ठ/वि.स./2023/2014 मुरैना दिनांक 19.02.2023 द्वारा प्रतिवेदित किया है कि सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम लोंगट थाना बागचीनी में सुखलाल कुशवाह एवं उसके भाइयों द्वारा मकान भवन निर्माण की अनुमति नहीं लेने से ग्राम पंचायत उम्मेदगढ़ बांसी द्वारा नोटिस क्रमांक/अतिक्रमण/ग्रा.पं./2022/02 दिनांक 11.11.22 एवं नोटिस क्रमांक/अतिक्रमण/ ग्रा.पं./2022/03 दिनांक 18.11.22 को विधिवत नोटिस जारी किया गयाI (ख) कार्यालय जिला पंचायत मुरैना द्वारा अपने पत्र क्रमांक/पंचा.प्रकोष्ठ/वि.स./2023/2014 मुरैना दिनांक 19.02.2023 द्वारा प्रतिवेदित किया है कि सुखलाल कुशवाह एवं उसके भाइयों द्वारा मकान भवन बनाने की अनुमति नहीं लेने से ग्राम पंचायत द्वारा प्रकरण में विधिवत कार्यवाही किये जाने का लेख किया हैI (ग) पुलिस अधीक्षक जिला मुरैना द्वारा अपने पत्र क्रमांक/पु.अ./मुरैना/विससेल/तारा/ विविध/06/2023 दिनांक 19.02.2023 द्वारा प्रतिवेदित किया है कि :- (1) अभियुक्त सुखलाल कुशवाह के परिजन उनके साले राजू पुत्र विजय सिंह के विरुद्ध अपराध क्रमांक 324/21 धारा 4 क पब्लिक गेम्बलिंग (म.प्र.) एक्ट का दिनांक 13/10/21 को पंजीबद्ध हुआ है जिसमें घटना स्थल सुखलाल के घर के सामने का हैI (2) सुखलाल कुशवाह एवं उसके परिजन तथा ग्रामवासी के द्वारा पुलिस फोर्स के साथ मारपीट, शासकीय कार्य में बाधा, लूट, हत्या के प्रयास जैसी घटना दिनांक 21/11/22 को घटित करने पर थाना बागचीनी में अप.क्र. 358/22 धारा 307, 395, 353, 332, 186, 294, 341, 427, 336, 147, 148, 149, 506 ता.हि. 11/13 एमपीडीपीके एक्ट का पंजीबद्ध किया गया हैI प्रकरण में आरोपी निहाल (सुखलाल का चचेरा भाई) रंजीत (भतीजा) राजवती (भाभी) एवं माखन (भतीजा) लगते हैंI (3) अपराध क्रमांक 363/22 धारा 4 क पब्लिक गेम्बलिंग (म.प्र.) एक्ट का विरूद्ध आरोपी राजबहादुर पुत्र सोबरन कुशवाह नि. भैसाई के पंजीबद्ध किया गया है जो कि सुखलाल का साला लगता हैI एफ.आई.आर. की प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) ग्राम पंचायत द्वारा विधिवत नोटिस देकर कार्यवाही की गईI
अवैध रेत उत्खनन
[खनिज साधन]
17. ( क्र. 384 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक खनिज विभाग ने कितने अवैध खनिज के प्रकरण दर्ज किए है? अवैध खनिज के नाम देवें। (ख) चम्बल नदी सेन्चुरी क्षेत्र से रेत का अवैध उत्खनन क्यों हो रहा है? क्या पर्यावरण नियम का दुरूपयोग नहीं हुआ है? क्या कछुआ एवं घड़ियाल संरक्षण पर इसका विपरित प्रभाव नहीं पड़ा है? (ग) चम्बल नदी क्षेत्र में डम्परों एवं ट्रेक्टरों द्वारा प्रतिदिन रेत परिवहन की जानकारी से खनिज विभाग, पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन अनजान क्यों है? इस व्यापार को किसका संरक्षण है? (घ) रेत के अवैध उत्खनन से प्रशासन को लाखों, करोड़ों के राजस्व की चपत लगाई जा रही है, साथ ही रेत से भरे ट्रेक्टरों व डम्परों से हर साल मुरैना जिले में सैंकड़ों व्यक्तियों की मृत्यु होती रही है, इसका जिम्मेदार कौन है? क्या ये थाना प्रभारियों की मिली भगत से हो रहा है? यदि नहीं तो हजारों की संख्या में प्रतिदिन ट्रेक्टरों एवं डम्परों की सप्लाई क्यों की जा रही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला मुरैना में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण के दर्ज प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब एवं स पर दर्शित है। (ख) वनमण्डलाधिकारी, सामान्य वनमण्डल, जिला मुरैना से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला मुरैना अंतर्गत रेत का अन्य कोई विकल्प न होने से रेत माफियाओं द्वारा चोरी छिपे चंबल नदी सेन्चुरी क्षेत्र से रेत के अवैध उत्खनन/परिवहन की घटनायें की जाती है। जिसकी रोकथाम हेतु वनमण्डल मुरैना वन विभाग द्वारा रेत माफियाओं पर कार्यवाही की जाती है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2022 में पर्यावरण नियमों के दुर्पयोग एवं वन अधिनियम के उल्लंघन अंतर्गत कुल 107 वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। अवैध रेत उत्खनन से चंबल नदी के जलीय जीवों कछुआ एवं घड़ियाल के हैबीटेट पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। (ग) चंबल नदी राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य क्षेत्र घोषित होकर वन विभाग के अंतर्गत आता है। पुलिस अधीक्षक, जिला मुरैना से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला मुरैना में पुलिस प्रशासन के द्वारा डम्परों एवं ट्रेक्टरों द्वारा अवैध रेत परिवहन के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया कि इस व्यापार को किसी का संरक्षण प्राप्त है। (घ) जी नहीं। पुलिस अधीक्षक, जिला मुरैना से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2020 से दिनांक 10/02/2023 तक रेत से भरे ट्रेक्टरों एवं डम्परों से कुल 05 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, जिस पर नियमानुसार आरोपी वाहन चालकों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई है। यह कहना गलत है कि अवैध रेत उत्खनन थाना प्रभारियों की मिली भगत से हो रहा है। अवैध रेत उत्खनन की जानकारी मिलने पर थाना प्रभारियों के द्वारा तत्काल वैधानिक कार्यवाही की जाती है।
खाद्य वितरण न करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
18. ( क्र. 385 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत सुमावली, हथरिया के ग्राम वासियों को चार माह से खाद्यान वितरण नहीं किया गया हैं क्यों नहीं? दोषी वितरण केन्द्र प्रभारियों पर कार्यवाही की गई जबकि जिला प्रशासन को ग्रामवासियों ने आवेदन दिया था फिर भी कार्यवाही नहीं हुई, क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार सुमावली शा.उ.मूल्य दुकान संचालक सुरेन्द्र गुर्जर द्वारा ग्रामीणों के अंगूठे (फिंगर) लगवा कर उनका खाद्यान हड़प लेता है जबकि गरीब लाचार ग्रामीण उससे खाद्यान मांगते हैं तो उन्हें खाद्यान नहीं आया कहकर भागा देता है और शासकीय खाद्यान को बाजार में बेच देता हैं। उक्त संचालक के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार हथरिया खाद्यान वितरण समूह के विरूद्ध कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत सुमावली एवं हथरिया के पात्र परिवारों को राशन वितरण न करने के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच संयुक्त जांच दल से कराई गई, जिसमें शासकीय उचित मूल्य दुकान, सुमावली से संलग्न पात्र परिवारों को नियमित एवं निर्धारित मात्रानुसार राशन वितरण न किए जाने पर उचित मूल्य दुकान, सुमावली को निलंबित किया गया। शासकीय उचित मूल्य दुकान, हथरिया से संलग्न पात्र परिवारों को नियमित रूप से राशन का वितरण होना पाए जाने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उचित मूल्य दुकान, सुमावली से संलग्न पात्र परिवारों को नियमित एवं निर्धारित मात्रानुसार राशन का वितरण न करने के कारण दुकान निलंबित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय उचित मूल्य दुकान, हथरिया से संलग्न पात्र परिवारों को सुचारू रूप से राशन वितरण होना पाए जाने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937
[राजस्व]
19. ( क्र. 410 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 (MP Protection of Debtors Act, 1937) की प्रयोज्यता के लिए अधिनियम की धारा 2 के अंतर्गत अधिसूचित किये जाने वाले क्षेत्र के संबंध में अधिनियम की प्रभावशीलता दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनी अधिसूचनायें कब-कब जारी की गई हैं? (ख) उक्त अधिनियम की धारा 2 के अंतर्गत अधिसूचित किये जाने वाले क्षेत्र के संबंध में जारी की गई समस्त अधिसूचनाओं का क्रमांक एवं दिनांक सहित क्रमवार अधिसूचना की संपूर्ण जानकारी का ब्यौरा/विवरण दें। (ग) क्या उक्त अधिनियम की धारा 2 के अंतर्गत अधिसूचित किये जाने वाले क्षेत्र छत्तीसगढ़ राज्य में है? यदि हाँ, तो प्रदेश में उक्त अधिनियम समाप्त हो जाने पर निरसन की कार्यवाही अभी तक क्यों नहीं की है और कब तक कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आवश्यक न होने से निरसन की कार्यवाही नहीं की गई।
नहरों की सफाई में अनियमितता की जांच
[जल संसाधन]
20. ( क्र. 411 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोहद, भिण्ड, मुरैना की नहरों की सफाई कार्य पर वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) उक्त अवधि में नहर सफाई कार्य किस-किस एजेंसी/फर्म/ठेकेदार से कराया गया? (ग) क्या उक्त में नहर सफाई का कार्य कागजों पर कराया जा कर लाखों रूपयों का फर्जी भुगतान किया गया एवं कृषकों द्वारा स्वयं अपने खर्चे से नहरों की सफाई कराई जाती हैं? यदि नहीं तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) उक्त योजना से प्रश्न दिनांक कुल कितने कृषक लाभांवित हुये हैं? जिलेवार संख्या बतायें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। गोहद, भिण्ड, मुरैना में नहर की साफ-सफाई नियमानुसार विभाग द्वारा कराई जाना प्रतिवेदित है। अत: उच्च स्तरीय जाँच कराई जाने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान
[राजस्व]
21. ( क्र. 425 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किरीवा जिले में दिनांक 01.04.2019 से उत्तर दिनांक तक की अवधि में कितने किसानों ने, कितनी राशि का मुआवजा प्राप्त करने के लिए आवेदन दिए? शासकीय सर्वे में किसानों को कितनी राशि का नुकसान अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, सूखाग्रस्त, बाढ़ आदि से होने की गणना की गई तथा कितना मुआवजा इस अवधि में प्रभावित किसानों को वितरित किया गया एवं कितना किस कारण से लंबित है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : रीवा जिले में दिनांक 01.04.2019 से उत्तर दिनांक तक की अवधि में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, सूखाग्रस्त एवं बाढ़ आदि की घटनाए घटित नहीं हुई है। अत: जानकारी निरंक है।
अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के लंबित प्रकरण
[श्रम]
22. ( क्र. 441 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना तथा मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु उपरांत अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के किन-किन के प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? (ख) उक्त लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा तथा संबंधित के परिजनों को राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों के 1 जुलाई 2023 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ? कब तक निराकरण होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल के अंतर्गत फरवरी 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु उपरांत अंत्येष्टि सहायता राशि के भुगतान के कोई प्रकरण लंबित नहीं हैं। अनुग्रह सहायता योजना के 12 प्रकरण संबंधित पदाभिहित अधिकारी द्वारा स्वीकृत किये जा चुके हैं, जिनमें भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत रायसेन जिले मे मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु उपरांत अंत्येष्टि सहायता का कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के 500 प्रकरण लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। संबल योजनातर्गत अनुग्रह सहायता भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, योजनांतर्गत भुगतान शासन से प्राप्त बजट द्वारा किया जाता है। (ख) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल के अंतर्गत अनुग्रह सहायता योजना के 12 प्रकरण संबंधित पदाभिहित अधिकारी द्वारा स्वीकृत किये जा चुके हैं, जिनमें भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत योजनांतर्गत स्वीकृत पात्र प्रकरणों में मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा सिंगल क्लिक के माध्यम से समय-समय पर भुगतान किया जा रहा है। (ग) दिनांक 01 जुलाई 2023 से प्रश्नकर्ता मान. विधायक से प्राप्त पत्रों की जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोरोना योद्धा की मृत्यु पर अनुग्रह राशि का भुगतान
[राजस्व]
23. ( क्र. 442 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी, 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु पर अनुग्रह राशि प्रदान किये जाने के किन-किन के प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित है? कब तक राशि का भुगतान होगा? (ख) रायसेन जिले में कोविड-19 में कोरोना संक्रमण रोकने हेतु अधिकारियों द्वारा लगाई गई ड्यूटी के दौरान किन-किन रोजगार सहायक, नगर पालिका परिषद सिलवानी के कर्मचारी तथा अन्य किन-किन कर्मचारियों की मृत्यु हुई उनमें से किन-किन को कोरोना योद्धा घोषित कर 50 लाख रूपये की राशि दी गई तथा किन-किन को क्यों नहीं दी गई? (ग) क्या जिला अशोक नगर में कोरोना संक्रमण की ड्यूटी के दौरान मृत रोजगार सहायक को कोरोना योद्धा घोषित कर उनके परिजनों को 50 लाख रूपये की राशि दी गई? यदि हाँ,तो रायसेन जिले में कोरोना संक्रमण की ड्यूटी के दौरान मृत रोजगार सहायक को कोरोना योद्धा घोषित कर उनकी पत्नी को 50 लाख रूपये क्यों नहीं दिये गये? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रायसेन जिले में फरवरी 2023 की स्थिति में कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु होने पर अनुग्रह राशि प्रदान किये जाने के संबंध में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) रायसेन जिले की ग्राम पंचायतों, नगरपालिका, नगर परिषदों एवं अन्य विभागों में पदस्थ कुल 04 कर्मचारियों की मृत्यु हुई है। उक्त में से मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना की कण्डिका 3.1 अनुसार पात्रता नहीं होने के कारण निम्नानुसार 03 प्रकरण स्वीकृति योग्य नहीं पाये गये :– 1. स्व. श्री राकेश रोहर, पुलिस विभाग रायसेन। 2. स्व. श्री ब्रजमोहन सोनी, नगर पंचायत सिलवानी। 3. स्व. श्री रमेश कुमार सेन, होमगार्ड रायसेन। शेष 01 प्रकरण स्व. श्री हरीशंकर कुशवाहा, ग्राम रोजगार सहायक कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (ग) जी हाँ। प्रकरण में योजना के निर्देशानुसार जिला कलेक्टर का दिवंगत को कोविड रोकथाम कार्यों हेतु अधिकृत संबंधी प्रमाण पत्र चाहा गया था। जिला कलेक्टर द्वारा दिवंगत कर्मी को कोविड रोकथाम संबंधी कार्य हेतु सीधे तौर पर आदेशित नहीं करने एवं प्रमाण पत्र जारी करने हेतु आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रमाण पत्र दिया जाना संभव नहीं है। का लेख किया है। जो परीक्षणाधीन है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय विधायक महोदय का पत्र क्रमांक 4232 दिनांक 14/11/2022 संलग्न कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन का पत्र क्रमांक 352 दिनांक 20/01/2023 इस कार्यालय को दिनांक 15/02/2023 को प्राप्त हुआ। पत्र के अनुक्रम में उत्तरांश (ग) अनुसार जिले को स्पष्ट जानकारी हेतु पत्र लिखा गया है।
चम्बल नदी पर रेत की खदान खोलने की योजना
[खनिज साधन]
24. ( क्र. 472 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में वर्ष 2021-22 में कितनी रेत की सप्लाई किनके द्वारा कराई गई? (ख) इन संचालित खदानों से रेत सप्लाई में चोरी की कितनी घटनाएं शासन के पकड़ में आई? (ग) क्या चम्बल संभाग में जिला श्योपुर, सबलगढ़, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अम्बाह व जिला भिण्ड तक रेत की खदान संचालित करने से शासन को रॉयल्टी भी प्राप्त होगी व लोगों को काम भी प्राप्त होगा? रेत की खदान खोलने हेतु शासन द्वारा किसी योजना पर प्रयास किया जा रहा है? अगर हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) चंबल संभाग के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में जिला भिण्ड की रेत खदानों से 14,91,481 घन मीटर की सप्लाई पावरमेक प्रोजेक्ट्स लिमिटेड़ कंपनी द्वारा कराई गई। शेष जिला मुरैना एवं श्योपुर में कोई रेत खदान स्वीकृत नहीं है। (ख) संचालित रेत खदानों में चोरी की घटनाएं प्रकाश में नहीं आई हैं। (ग) वनमण्डलाधिकारी, सामान्य, वनमण्डल मुरैना से प्राप्त जानकारी अनुसार चंबल संभाग अंतर्गत जिला श्योपुर एवं मुरैना में रा.च.अ. के वन्य प्राणियों के संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय लोगों की आजीविका तथा रेत आपूर्ति की व्यवस्था हेतु रा.च.अ. एवं राजघाट के बड़ोदिया बिंदी घाट बरवासिन घाट एवं राजघाट पर अभयारण्य के आंशिक क्षेत्र 207.05 हेक्टेयर के डी-नोटिफिकेशन की अधिसूचना का प्रकाशन मध्यप्रदेश राजपत्र अधिसूचना दिनांक 30/01/2023 के माध्यम से किया जा चुका है।
बिना कार्य किए गये भुगतान की जाँच
[जल संसाधन]
25. ( क्र. 473 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माँ रतनगढ़ नहर सिंचाई परियोजना किन-किन जिलों के लिये प्रस्तावित है तथा इसकी तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति राशि कितनी-कितनी है? तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की प्रतियों सहित जानकारी देवें। (ख) क्या कार्य किए बिना निर्माण एजेन्सी को भुगतान करने का नियम है? यदि नहीं तो माँ रतनगढ़ नहर परियोजना अंतर्गत निर्माण एजेन्सी मंटेना वशिष्टा माइक्रो जे.वी. हैदराबाद को कार्य किए बिना 412.50 करोड़ रूपये का भुगतान किस आधार पर किसके द्वारा, कब और क्यों किया गया? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है तथा दोषियों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्य किए बिना निर्माण एजेन्सी को 412.50 करोड़ भुगतान करने की कितनी शिकायतें किन के द्वारा कब-कब की गई, उन शिकायतों पर क्या कोई जांच की गई? यदि हाँ, तो जांच के आधार पर दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) कार्य किये बिना निर्माण एजेन्सी को भुगतान करने के दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) माँ रतनगढ़ सिंचाई परियोजना ग्वालियर, दतिया एवं भिण्ड़ जिलों के लिए प्रस्तावित है। परियोजना की तकनीकी स्वीकृत राशि रूपये 1185.39 करोड़ एवं प्रशासकीय स्वीकृत राशि रू.2244.97 करोड़ है। तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट-अ एवं ब अनुसार है। (ख) से (घ) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि निर्माण एजेंसी को सामग्री के विरूद्ध रू.4125.90 करोड़ का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। निर्माण एजेंसी को किए गए भुगतान का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शासन के आदेश दिनांक 04.03.2021 द्वारा जांच हेतु समिति का गठन किया गया है। नियम विरूद्ध भुगतान हुआ अथवा नहीं के संबंध में समिति से जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जांच निष्कर्षानुसार प्रकरण में नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खसरा सुधार के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
26. ( क्र. 483 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मैहर जिला सतना द्वारा प्रकरण क्रमांक 0098/अ6अ/2018-19 में पारित निर्णय/आदेश अनुसार खसरा क्रमांक 33/2 कुल आराजी 1.307 हे. में से 0.995 हे. म.प्र. शासन नर्मदा घाटी बगैरह को अंतरित होने पर शेष आराजी 0.312 हे. जो त्रुटिपूर्ण म.प्र. शासन दर्ज हो गई थी को शहीदू पिता पीर मोहम्मद साकिन अमदरा के नाम दर्ज किये जाने का प्रतिवेदन कलेक्टर सतना को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रकरण कलेक्टर सतना के पास लंबित है? कब से कारण बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास संभाग क्रमांक 9 मैहर की अनापत्ति एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मैहर के प्रतिवेदन के उपरांत प्रकरण को लंबे समय तक लंबित रखने का क्या कारण है? उक्त प्रकरण का निराकरण कर कब तक खसरा सुधार किया जावेगा? (ग) सतना जिले में खसरा सुधार के कितने प्रकरण किन-किन स्तरों पर लंबित हैं? राजस्व अनुभागवार पूर्ण जानकारी देवें एवं बतायें कि उक्त लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रकरण का निराकरण किया जा चुका है। (ग) जानकारी निम्नानुसार हैः- क्र. अनुभाग प्रचलित लंबित प्रकरण 01 रामपुर बाघेलान 128 02 रामनगर 66 03 रघुराजनगर 83 04 नागौद 101 05 अमरपाटन 312 06 मझगवां 51 07 मैहर 208 08 उचेहरा 107 अनुविभागीय अधिकारियों के न्यायालयों में कुल 1056 प्रकरण तहसीलदारों से जाँच प्रतिवेदन पक्षकारों की साक्ष्य सुनवाई हेतु प्रक्रियाधीन है। न्यायालयीन कार्यवाही पूर्ण होने उपरांत लंबित प्रकरणों में विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी।
नहरों एवं बांधों की मरम्मत, जीर्णोद्धार एवं निर्माण
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 484 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के रैगॉंव विधानसभा क्षेत्र में कहां से कहां तक कुल कितनी नहरे हैं? कितनी नहरें चालू हैं, कितनी नहरें मरम्मत योग्य हैं तथा कितनी नहरों का पुन: निर्माण एवं जीर्णोद्धार आवश्यक है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रैगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनें बांध कहां-कहां हैं? उन बांधों का निर्माण कब कराया गया था? किन-किन बांधों में मरम्मत की आवश्यकता है? शहपुरा बांध, मोतीबांध, पटिहर बांध, गोडा बांध आदि सभी बांधों के जीर्णोद्धार हेतु विगत 2 वर्ष में क्या-क्या कार्य कराये गये हैं? माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा में किन-किन बांधों का निर्माण एवं मरम्मत का कार्य प्रस्तावित है? उनमें अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार विधानसभा रैगॉंव में नहरों एवं बांधों के निर्माण, मरम्मत, जीर्णोद्धार हेतु क्या प्रयास किये जायेंगे? उक्त कार्यों हेतु पृथक से राशि आवंटित की जायेगी यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जल संसाधन विभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) रैगांव विधान सभा क्षेत्र में 07 बांध 5 वियर, 3 रेग्यूलेटर एवं 2 स्टाप डैम का निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। छिदुआ बांध में मरम्मत कार्य स्वीकृत होकर अनुबंध की कार्यवाही प्रचलन में है तथा गोंड़ा बांध में मरम्मत कार्य स्वीकृत होकर कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। शहपुरा (भैंसवार), मोती बांध, पटिहर बांध एवं गोंड़ा बांध में विगत दो वर्षों में विभाग द्वारा कोई भी जीर्णोद्धार का कार्य नहीं कराया गया है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा एवं उस पर कार्यवाही का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) विभाग में बांध एवं नहरों की मरम्मत अथवा जीर्णोद्धार के प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में विधान सभा क्षेत्र रैगांव में स्थित बांध एवं नहरों की मरम्मत अथवा जीर्णोद्धार के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित नहीं हैं। मरम्मत अथवा जीर्णोद्धार के प्रस्ताव शासन स्तर पर प्राप्त होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जाना संभव होगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंजीकृत श्रमिकों की जानकारी
[श्रम]
28. ( क्र. 490 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में श्रमिकों के पंजीयन प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी दें तथा म.प्र. शासन श्रम विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 938, दिनांक 10.03.2022 द्वारा जिन अधिकारियों द्वारा EPO पर डिजिटल हस्ताक्षर कर पोर्टल के माध्यम से भुगतान हेतु फर्जी प्रकरण तैयार करने का जो जिक्र किया गया है उन अधिकारियों के नाम तथा उनके द्वारा किन-किन हितग्राहियों को उनकी बिना मृत्यु हुए तथा बिना दिव्यांगता के दिव्यांग बताते हुए कितनी राशि आहरण की गयी? इसकी जिले अनुसार जानकारी दें। (ख) बालाघाट जिले में कितने श्रमिक पंजीकृत हैं इसकी जानकारी विकासखण्ड अनुसार देते हुए यह स्पष्ट करें कि क्या विभाग पंजीकृत श्रमिकों की संख्या से संतुष्ट है या जिले में ऐसे अनेक श्रमिक है जिनका जानकारी के अभाव में पात्र होने के बावजूद भी पंजीयन नहीं हुआ है? क्या विभाग विशेष अभियान चलाकर ऐसे श्रमिकों की पहचान करेगा तथा उनका पंजीयन कराएगा? (ग) बालाघाट जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की अनुग्रह सहायता योजना के तहत कितने श्रमिकों को विगत तीन वर्षों में लाभान्वित किया गया है? हितग्राही का नाम तथा अनुग्रह राशि सहित जानकारी दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत 18 से 60 वर्ष की आयु के ऐसे श्रमिक जो विगत 01 वर्ष में न्यूनतम 90 दिवस भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्यों में संलग्न रहे हो, पंजीयन हेतु अर्हता धारित करते हैं। पंजीयन हेतु श्रमिक द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत तथा नगरीय क्षेत्र में आयुक्त/मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरीय निकाय के कार्यालय अथवा लोक सेवा केन्द्र में निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है। पदाभिहित अधिकारी द्वारा आवेदन के परीक्षण उपरांत श्रम सेवा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन पंजीयन किया जाता है। म.प्र. शासन, श्रम विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक 938 दिनांक 10.03.2022 के माध्यम से संपूर्ण प्रदेश हेतु मण्डल की अनुग्रह सहायता योजना के संबंध में सामान्य निर्देश जारी किये गये थे। मण्डल की अनुग्रह सहायता योजना अंतर्गत प्रदेश में जिला छिन्दवाडा में 23 तथा जिला भोपाल में 22 प्रकरणों में जीवित पंजीकृत श्रमिकों के फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र तैयार कर राशि आहरण किये जाने संबंधी प्रकरण संज्ञान में आए थे। प्रश्नांश में चाही गई हितग्राहियों की सूची, डिजिटल हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी तथा गलत तरीके से आहरण की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र.असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल 2.0 योजना में पंजीयन हेतु पोर्टल के माध्यम से श्रमिक पब्लिक डोमेन/लोक सेवा केन्द्र/सी.एस.सी./एम.पी. ऑनलाईन केन्द्र से आवेदन कर सकते है। जाँच अधिकारी द्वारा जाँच पश्चात पात्रता पाये जाने पर पंजीयन जारी किया जाता है। (ख) भवन एवं अन्य संनिर्माण के अंतर्गत जिला बालाघाट में 50352 श्रमिक पंजीकृत हैं। पंजीकृत श्रमिकों की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मध्यप्रदेश भवन संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के वर्ष में 90 दिवस निर्माण कार्य में कार्यरत रहने वाले श्रमिकों का पंजीयन किया जाता है। पंजीयन एक सतत् प्रक्रिया है, जो कि निरंतरित है। मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के अंतर्गत डोर-टू-डोर सर्वे कर पात्र श्रमिकों का चिन्हांकन किया जाकर अभियान अवधि में बालाघाट जिले में 1054 श्रमिकों के नवीन पंजीयन किये गये हैं। असंगठित मंडल के अंतर्गत बालाघाट जिले में पंजीकृत श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल 2.0 योजना में पंजीयन की प्रक्रिया सतत् प्रचलन में है। श्रमिकों को जानकारी हेतु योजना का प्रचार-प्रसार टी.वी. व रेडियो चैनलों के माध्यम से किया जा रहा है। पंजीयन हेतु विशेष अभियान बाबत् निर्देश शासन द्वारा पत्र क्रमांक 154 दिनांक 16-01-2023 द्वारा जारी किये गये है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत बालाघाट जिले में अनुग्रह सहायता योजना के तहत विगत तीन वर्षों में 450 हितग्राहियों को सहायता प्रदान की गई है। हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
भू-अर्जन की निर्धारित समय-सीमा
[राजस्व]
29. ( क्र. 491 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-अर्जन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कितनी समय-सीमा किस कार्यवाही के लिए निर्धारित है? प्रदेश के विभिन्न जिलों में विगत पांच वर्षों में कितने प्रकरणों में इस समय-सीमा के अन्दर कार्यवाही हुई है तथा कितने प्रकरणों में यह सीमा एक वर्ष की अवधि के लिए विस्तारित की गयी है जिसके कारण शासन को अतिरिक्त ब्याज की राशि देनी पड़ी? (ख) विगत पांच वर्षों में भू-अर्जन के जिन प्रकरणों में समय-सीमा बढ़ायी गयी उन प्रकरणों में शासन को कितनी ब्याज की राशि देनी पड़ी? इसकी जानकारी वित्तीय वर्ष, प्रकरण तथा ब्याज की राशि सहित दें? (ग) क्या शासन जिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण भू-अर्जन में देरी की वजह से ब्याज की राशि देनी पड़ी उन पर कार्यवाही करेगा तथा भविष्य मे भू-अर्जन के प्रकरणों में ब्याज की राशि न देना पड़े इसके लिए कोई ठोस कदम उठाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भूमि अर्जन, पुनर्वासन पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता के अधिकार अधिनियम 2013 की विभिन्न धाराओं में कार्यवाही की समय-सीमा निर्धारित की गई है। नियम की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जिन प्रकरणों में समय-सीमा विस्तार के कारण ब्याज की राशि दी गई है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) भू-अर्जन अवार्ड में समय-सीमा में वृद्धि युक्तिसंगत कारणों से की गई जिसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।
बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़ा जाना
[राजस्व]
30. ( क्र. 501 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्न दिनांक तक विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने लोगों ने बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़े जाने बाबत एवं कितने हितग्राहियों ने बी.पी.एल. श्रेणी के राशन कार्ड के लिए आवेदन किया है? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्राप्त आवेदनों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? अभी तक किस-किस के आवेदन स्वीकृत किये जाकर आवेदक के नाम राशन कार्ड जारी किये गये एवं कितने नाम बी.पी.एल. सर्वे सूची में जोड़े गये की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) कितने के आवेदन अभी तक लंबित हैं तथा कितने के आवेदन अस्वीकृत किये गये? संख्यात्मक आवेदन के लंबित होने या अस्वीकृत होने का कारण भी बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा विधानसभा अंतर्गत बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़े जाने व राशन कार्ड के लिये कुल 2049 व्यक्तियों द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये। (ख) 1885 आवेदनों पर कार्यवाही की जा चुकी है। प्रश्न दिनांक तक 739 आवेदन स्वीकृत किये गये है। (ग) अनुविभाग विदिशा में 45 आवेदन लंबित हैं। गुलाबगंज क्षेत्र अंतर्गत कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। लंबित आवेदन जांच प्रक्रिया में है। 19 आवेदन अस्वीकृत किये गए। आवेदन सर्वे शेड्यूल के मापदण्ड अनुसार पात्रता में न आने के कारण अस्वीकृत किये गये है।
आदिवासी परिवारों को शत्-प्रतिशत खाद्यान्न पर्ची का प्रदाय
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 519 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न योजनाओं मे शासन द्वारा प्रदाय किये जाने वाला अनाज हेतु आदिवासी परिवार पात्र की श्रेणी में आते हैं? यदि हाँ,तो भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने आदिवासी परिवार है तथा वर्तमान में कितने आदिवासी परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध हो रहा है या कितने परिवारों के पास खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध है? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावे। यह भी बताये कि कितने परिवारों को अनाज योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक नहीं मिल रहा है या जिनके पास खाद्यान्न पर्ची नहीं है तथा नहीं मिलने का क्या कारण है? (ख) क्या पात्र आदिवासी परिवारों को योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध न होना गंभीर अनियमितता है? यदि हाँ तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी कर्मचारी पर क्या कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी और नहीं तो क्यों? (ग) कब तक शत्-प्रतिशत आदिवासी परिवारों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध करा दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखंड भीकनगांव में 18975 एवं विकासखंड झिरन्या में 46843 आदिवासी परिवार है। वर्तमान में विकासखंड भीकनगांव में 13458 एवं विकासखंड झिरन्या में 31226 आदिवासी परिवारों की पात्रता पर्ची जारी है। विकासखंड भीकनगांव में 5517 एवं विकासखंड झिरन्या में 15617 आदिवासी परिवार शेष है, जिनकी पात्रता पर्ची नहीं है। इनमें शासकीय सेवक तृतीय श्रेणी या इससे ऊपर के शासकीय कर्मचारी/अधिकारी, आयकरदाता को पात्रता पर्ची का प्रावधान नहीं है। परिवार विभाजन होने के कारण शेष परिवारों की आवेदन न करने पर पात्रता पर्ची नहीं बन सकी है। यदि कोई पात्र परिवार शेष रह जाता है तो राशन मित्र पोर्टल पर स्थानीय निकाय के माध्यम से निर्धारित श्रेणी के दस्तावेज उपलबध करवाकर खाद्यान्न पर्ची हेतु आवेदन दर्ज करवा सकता है, खाद्यान्न पर्ची हेतु राशन मित्र पोर्टल पर आवेदन दर्ज होने के पश्चात आगामी माह में पात्रता पर्ची जारी होने का प्रावधान है। जानकारी विकासखण्डवार संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। खाद्यान्न पात्रता पर्ची बनने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। हितग्राही द्वारा निर्धारित श्रेणी के दस्तावेज उपलब्ध करवाने पर पात्रता पर्ची हेतु पोर्टल पर ऑनलाईन दर्ज कर निर्धारित समय-सीमा में खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी की जा सकती है। (ख) खाद्यान्न पात्रता पर्ची बनने की प्रक्रिया निरंतर जारी है, यदि कोई पात्र परिवार शेष रह जाता है तो राशन मित्र पोर्टल पर स्थानीय निकाय के माध्यम से निर्धारित श्रेणी के दस्तावेज उपलब्ध करवाकर खाद्यान्न पर्ची हेतु आवेदन दर्ज करवा सकता है, खाद्यान्न पर्ची हेतु राशन मित्र पोर्टल पर आवेदन दर्ज होने के पश्चात आगामी माह में पात्रता पर्ची जारी होने का प्रावधान है। इसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
आबादी भूमि के भू-अधिकार पत्रों का वितरण
[राजस्व]
32. ( क्र. 521 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में स्वामित्व योजना कब प्रारंभ की गई है तथा इसका क्या उद्देश्य है? क्या इस योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में आबादी भूमि पर काबिज परिवारों को उनकी जमीन का अधिकार पत्र प्रदाय किया जाना है? यदि हाँ तो भीकनगाँव विधानसभा अन्तर्गत तहसील भीकनगाँव एवं झिरन्या के कितने परिवारों को आबादी भूमि का भू-अधिकार पत्रों का वितरण किया गया है? ग्राम वार तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) यह भी बतायें कि कितने ग्रामो में आबादी भूमि के भू-अधिकार पत्र का वितरण नहीं हुआ है? ग्रामवार तहसील वार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन द्वारा शत्-प्रतिशत भू-अधिकार पत्र वितरण की समय-सीमा निर्धारित की गई है तथा वितरण किनके द्वारा किया जायेगा? इसके लिए किसी कर्मचारी/अधिकारी की जिम्मेदारी तय की गई है? यदि हाँ तो जानकारी देवें तथा यह भी बतायें कि प्रश्न दिनांक तक भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामो में स्वामित्व योजनान्तर्गत शत्-प्रतिशत भू-अधिकार पत्र का वितरण नहीं होने के लिए कौन दोषी है तथा वर्तमान तक वितरण न होने पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) यह भी बताएं कि भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों में स्वामित्व योजनान्तर्गत आबादी भूमि के भू-अधिकार पत्रों का शत्-प्रतिशत वितरण कब तक किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश शासन के आदेश क्र राजस्व विभाग के आदेश क्र.एफ 03-02/2020/सात-6 दिनांक 30/05/2022 के तहत स्वामित्व योजना माह जून 2020 से प्रारम्भ की गई है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रो में आबादी भूमि का सर्वेक्षण कर अधिकार अभिलेख तैयार किया जाना है। जी हाँ योजनान्तर्गत जिन ग्रामों मे आबादी भूमि पर परिवार काबिज है उन परिवारों को उनकी जमीन का अधिकार अभिलेख प्रदाय किया जाता है। भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत तहसील भीकनगांव के 74 ग्रामों के 15910 परिवारों एवं तहसील झिरन्या के 75 ग्रामों के 10312 परिवारों को अधिकर अभिलेख वितरित किये गये है। ग्रामों के अधिकर अभिलेख अंतिम रूप से तैयार होने पर वेब एम.पी. भू-लेख पोर्टल पर आनलाईन उपलब्ध है। अधिकार अभिलेख की ग्रामवार तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –एक अनुसार है। (ख) विधान सभा भीकनगांव क्षेत्र अंतर्गत 18 ग्रामों मे 781 अधिकार अभिलेख के वितरण की कार्यवाही जारी है। अधिकार अभिलेख की ग्रामवार तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –एक अनुसार है। (ग) खरगोन स्वामित्व योजना अंतर्गत प्रथम चरण का जिला है, जिसमें अधिकार पत्र निर्माण की कार्यवाही विभिन्न चरणों मे क्रमागत रूप से की जा रही है। स्वामित्व योजना अंतर्गत तैयार किया गया अधिकार अभिलेख, भू-अभिलेख का अंश होता है। शासन द्वारा समय-समय पर औपचारिक रूप से भी इन्हें हितग्राहियों को वितरित किया जाता है। वर्तमान में भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 7 ग्रामों में अधिकार अभिलेख तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है। इस परिप्रेक्ष्य मे प्रश्नांश का शेष भाग उद्भूत नहीं होता है। (घ) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 07 ग्रामों मे अधिकार अभिलेख तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है, कार्य पूर्णता उपरांत अधिकार अभिलेख वितरण किया जाता है।
तेंदूपत्ता व्यापार के शुद्ध आय से स्वीकृत कार्य
[वन]
33. ( क्र. 525 ) श्री संजय शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल द्वारा वर्ष 2020 में तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी? लागत राशि सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, उक्त निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से कार्यों का निर्माण कार्य अभी तक प्रारम्भ नहीं हुआ है? कार्यवार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, निर्माण कार्य अभी तक क्यों प्रारम्भ नहीं हुआ है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल द्वारा वर्ष 2020 में तेदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत निम्नानुसार कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है:-
क्रमांक |
परिक्षेत्र |
कार्य का विवरण |
कार्य स्थल |
स्वीकृत राशि |
1 |
बरमान |
सामुदायिक भवन निर्माण कार्य |
मुर्रावन |
2500000 |
2 |
बरमान |
सामुदायिक भवन निर्माण कार्य |
देवरी |
2500000 |
3 |
बरमान |
सामुदायिक भवन निर्माण कार्य |
बिलगुवा |
2500000 |
4 |
बरमान |
सामुदायिक भवन निर्माण कार्य |
डोभी |
1145000 |
5 |
करेली |
सामुदायिक भवन निर्माण कार्य |
सिल्हेटी |
2500000 |
(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कार्यों मे से निम्नानुसार कार्यों का निर्माण कार्य अभी तक प्रारम्भ नहीं हुआ है:-
क्रमांक |
परिक्षेत्र |
कार्य का विवरण |
कार्य स्थल |
स्वीकृत राशि |
1 |
बरमान |
सामुदायिक भवन निर्माण कार्य |
मुर्रावन |
2500000 |
2 |
बरमान |
सामुदायिक भवन निर्माण कार्य |
बिलगुवा |
2500000 |
3 |
बरमान |
सामुदायिक भवन निर्माण कार्य |
डोभी |
1145000 |
(ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार सामुदायिक भवन मुर्रावन, बिलगुवा एवं डोभी में स्थल उपलब्ध न होने के कारण कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ।
नामांतरण व बंटवारे के प्रकरण
[राजस्व]
34. ( क्र. 529 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र बड़नगर जिला उज्जैन में नामांतरण/ बंटवारा के बड़नगर इंगोरिया एवं खरसोदकलां टप्पा कार्यालय के किस-किस ग्राम में कितने-कितने प्रकरण लंबित हैं? नाम व प्रकरण प्राप्त होने के दिनांक सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर विधानसभा अन्तर्गत उपरोक्त में से ऐसे कितने प्रकरण हैं जो दो माह या इससे अधिक अवधि से लंबित हैं? उनकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन नामांतरण/बंटवारा के सभी प्रकरणों के निपटारे के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला उज्जैन की तहसील बड़नगर अन्तर्गत विगत 3 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कोई प्रकरण लंबित नहीं है। 6 माह के अंदर अवधि में निम्नानुसार नामांतरण/बंटवारा के प्रकरण लंबित है।
स.क्र. |
न्यायालय का नाम |
नामांतरण के लंबित प्रकरण संख्या |
बंटवारा के लंबित प्रकरण संख्या |
1 |
न्यायालय तहसीलदार, बड़नगर |
533 |
108 |
2 |
न्यायालय अपर तहसीलदार, बड़नगर |
166 |
23 |
3 |
न्यायालय नायब तहसीलदार, टप्पा खरसौदकलां |
259 |
37 |
4 |
न्यायालय नायब तहसीलदार, टप्पा इंगोरियां |
416 |
54 |
|
कुल |
1374 |
222 |
लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) उपरोक्तानुसार प्रकरण 2 माह से अधिक अवधि किन्तु 6 माह के अंदर अवधि के लंबित है। (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-110 की उपधारा-4 में नामांतरण के मामलों में मामला पंजीकृत होने की तारीख से अविवादित होने की दशा में तीस दिवस व विवदित होने की दशा में पांच माह में निराकरण किये जाने के उपबंध किये गये हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अविवादित बंटवारा 90 कार्य दिवस में निराकृत किये जाने की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में मुरम उत्खनन
[खनिज साधन]
35. ( क्र. 530 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन देवास फोर लेन निर्माण में ठेकेदार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय भूमि से हजारों डम्पर मुरम/मिट्टी का उत्खनन किया जा रहा है? विभाग द्वारा किस-किस पटवारी हल्का में उत्खनन की अनुमति प्रदान की गई? अनुमति की प्रति सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) शासकीय भूमि से मुरम उत्खनन के आवेदन जिला कार्यालय में कब प्राप्त हुए? क्या इनमें राजस्व विभाग की अनुमति प्राप्त की गई? यदि हाँ तो सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बलेड़ी व बरगाड़ी रोड़ निर्माण ठेकेदार द्वारा इतनी अधिक खुदाई की गई है की ग्राम के पानी का लेवल विपरित हो गया है जिससे किसानों को खेतों के आवागमन में जाने के रास्ते खराब हो रहे है? (घ) विभाग द्वारा उत्खनन की अनुमति किस-किस पटवारी हल्के में दी गई? उनका नाम नक्शे सहित जानकारी देवें। यदि अनुमति प्राप्त नहीं की गई है तो ठेकेदारों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? इनमे कौन-कौन अधिकारी दोषी है शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्नांश अनुसार जिलों में सड़क निर्माण में शासकीय भूमि से हजारों डम्पर मुरम/मिट्टी का उत्खनन किये जाने जैसी स्थिति नहीं है। प्रश्नांश अनुसार उत्खनन हेतु दी गई अनुमति के पटवारी हल्के का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है एवं दी गई अनुमतियों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश अनुसार ग्राम के पानी का लेबल विपरीत होने एवं आवागमन के रास्ते खराब होने संबंधी कोई तथ्य प्रकाश में नहीं आया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। चूंकि नियमानुसार अनुमति दी गई है, अत: प्रश्नांश अनुसार कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिवहन विभाग की शिकायत की जांच
[परिवहन]
36. ( क्र. 551 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 857, दिनांक 21 दिसंबर, 2022 का उत्तर उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा मंदसौर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं अनाधिकृत अर्दली की जांच को लेकर कब-कब शिकायत की गयी, उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी, कार्यवाही की वर्तमान स्थिति से अवगत करायें? (ग) क्या उक्त शिकायत को लेकर विभाग ने दिनांक 10 नवम्बर, 2022 को डिप्टी कमिश्नर रेंक के किसी अधिकारी को जांच हेतु मंदसौर भेजा था? यदि हाँ, तो जांच अधिकारी द्वारा विभाग को प्रस्तुत की गयी रिपोर्ट से अवगत करायें। (घ) क्या जांच उपरान्त मंदसौर में वर्तमान में परिवहन अधिकारी कार्यालय में पर्याप्त समय नहीं देने के कारण हजारों प्रकरण पेंडिंग हैं तथा कुछ दलालों के ही कार्य किये जा रहे हैं? यदि नहीं तो 10 दिन से अधिक समय की वर्तमान में कितनी फाइल पेंडिंग हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 857 दिनांक 21 दिसंबर 2022 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा मंदसौर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं अनाधिकृत अर्दली की जाँच के संबंध में व्हाटसएप संदेश के माध्यम से शिकायत प्राप्त हुई थी जिस पर उप परिवहन आयुक्त (शिकायत) मध्यप्रदेश द्वारा जाँच की गई है। (ग) जी हाँ। उप परिवहन आयुक्त (शिकायत) द्वारा प्रकरण में की गई जाँच प्रतिवेदन 6471/डीटीसी/(शिका.)/2022 दिनांक 30.11.2022 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) दिनांक 10.12.2022 से 14.02.2023 तक कार्यालय में भौतिक/ऑनलाईन से वाहनों के परमिट/फिटनेस/वाहन पंजीयन/वाहन अंतरण/फायनेंस दर्ज निरस्त/नवीनीकरण एवं अन्य कार्य हेतु प्रस्तुत 13796 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। 10 दिन से अधिक लंबित प्रकरणों की जानकारी कारण सहित प्रस्तुत है जो निम्नानुसार है :-
लंबित प्रकरण |
कारण |
स्मार्ट कार्ड के पुराने सॉफ्टवेयर के कारण 130 |
वाहन पोर्टल पर शिफ्ट होने से एवं आवेदकों द्वारा विभाग द्वारा निश्चित समय-सीमा पश्चात् आवेदन प्रस्तुत करने से |
105 आवेदन |
वाहन पोर्टल पर Invalid Registration Error के कारण |
25 आवेदन |
वाहन पोर्टल पर वाहन की बीमा जानकारी अपडेट नहीं होने से |
75 आवेदन |
आवेदकों द्वारा अपूर्ण/अस्पष्ट दस्तावेंजो वाहन पोर्टल पर अपलोड करने के कारण जो कि उन्हें वापस किये गये |
1208 आवेदन |
स्मार्ट चिप कंपनी से लायसेंस कार्ड प्राप्त नहीं होने से |
कार्ड प्रिंट पेंडिंग 2000 |
वाहन पर एचएसआरपी फिटनेस डाटा नहीं होने से |
खरमोर अभयारण्य समाप्त करने का प्रस्ताव
[वन]
37. ( क्र. 557 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर तथा सैलाना खरमोर अभयारण्य में पिछले 7 साल से एक भी खरमोर के नहीं आने पर क्या विभाग ने केंद्र सरकार को अभयारण्य को समाप्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा है? यदि हाँ तो उस प्रस्ताव की प्रति देवें। (ख) खरमोर किसी भी वन्य प्राणी की डिक्शनरी में दुर्लभ पक्षी की श्रेणी में नहीं आता है, फिर ऐसे में इसके नाम पर अभयारण्य क्यों बनाया गया? इससे संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (ग) अभयारण्य के नाम पर तीन हजार से ज्यादा आदिवासी परिवार को जमीन से यथोचित आय नहीं हो रही है तथा उनकी आर्थिक स्थिति जर्जर हो गई है, ऐसे में एक सामान्य से पक्षी के लिए जिसकी कोई अहमियत नहीं है, अभयारण्य को समाप्त क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) क्या सैलाना में अभयारण्य के कारण रतलाम बांसवाड़ा रेल लाइन सैलाना की जगह शिवगढ़ चली गई तथा दिल्ली मुंबई 8 लेन डेलनपुर चली गई? यदि हाँ, तो बतावें कि शासन आदिवासियों के हक की रक्षा क्यों नहीं कर रहा है? वह जमीन का अधिग्रहण क्यों नहीं करता?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सरदारपुर एवं सैलाना अभयारण्यों के पुनर्गठन का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) प्राकृतिक एवं पर्यावरणीय संतुलन बनाये रखने में प्रत्येक जीव (वन्यप्राणी) की अहम भूमिका होती है। खरमोर दुर्लभ प्रजाति का पक्षी है, जिसे IUCN संस्था द्वारा संकटापन्न (Endangered) घोषित किया गया है। विश्व प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक डॉ. सलीम अली के परामर्श अनुसार खरमोर पक्षी के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा खरमोर अभयारण्य सरदारपुर, जिला-धार एवं सैलाना अभयारण्य जिला-रतलाम को अधिसूचित किया गया है। अभयारण्य के नोटिफिकेशन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। सरदारपुर अभयारण्य क्षेत्र में स्थित ग्रामों के ग्रामीणों तथा सैलाना अभयारण्य क्षेत्र में स्थित पट्टाधारी आदिवासियों द्वारा कृषि कार्य किया जा रहा है। अतः उनकी आर्थिक स्थिति जर्जर नहीं है। यह कहना भी उचित नहीं है कि खरमोर की पर्यावरण में कोई अहमियत नहीं है। पर्यावरण में सभी जीवों की प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से अहमियत है। किसानों की कठिनाइयों एवं खरमोर पक्षी द्वारा वर्तमान में उपयोग किये जा रहे क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए अभयारण्यों में स्थित ग्रामों एवं पट्टे की भूमियों को पृथक करते हुए इनकी सीमाओं में परिवर्तन करने हेतु अभयारण्यों के पुनर्गठन के प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये गये हैं। (घ) जी नहीं। रतलाम-बांसवाड़ा रेल लाइन रेलवे विभाग के प्रस्ताव अनुसार निर्माणाधीन है तथा दिल्ली-मुम्बई 8 लेन एक्सप्रेस मार्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की परियोजना प्रस्ताव अनुसार निर्माण कार्य किया जा रहा है। इन परियोजनाओं में सैलाना अभयारण्य की कोई भूमि प्रभावित नहीं होने से आदिवासियों की रक्षा एवं भूमि अधिग्रहण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बांध निर्माण में अनियमितता
[जल संसाधन]
38. ( क्र. 558 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कारम बांध का निर्माण करने वाली ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्शन को 2013 और 2014 में तथा सारथी कन्स्ट्रक्शन कंपनी को 2019 में कार्य शर्तों के अनुसार नहीं होने पर निलंबित करने के बाद पुनः बहाल क्यों किया गया? बहाल करने संबंधी आवेदन, पत्राचार की प्रति देवें। (ख) रीवा जिले की त्योंथर बहाव योजना का कार्य करने वाली एच.ई.एस. इन्फ्रास्ट्रक्चर को अक्टूबर 2022 में काली सूची में डाल कर उसका पंजीयन फिर बहाल करने के संबंध में समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) तथा (ख) में उल्लेखित कंपनियों को शर्तों पर बहाल किया गया है? यदि हाँ तो शर्त बताएं तथा जानकारी दें कि उन शर्तों संबंधी कार्य समय से पूर्ण हुए या नहीं? यदि नहीं होंगे तो फिर क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) कारम बांध के निर्माण के समय अधिकारी स्तर पर क्या-क्या गलतियां हुईं तथा उसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनके नाम बताएं तथा उन पर क्या कार्रवाई की गई? (ड.) धार जिले में 2017 से 2022 तक क्षतिग्रस्त होने वाले बांध, उनमें होने वाले नुकसान तथा उसे ठीक करने में लगी या लगने वाली संभावित राशि सहित सूची देवें तथा बतावें कि इस अवधि में बांध तथा नहरों के रख-रखाव में वर्षवार कितना-कितना खर्च किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्ष 2013 में मेसर्स ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्शन लिमिटेड, नई दिल्ली को बाणसागर परियोजना के अन्तर्गत पुरवा मुख्य नहर के कि.मी. 31 से 90.06 तक सीमेन्ट कांक्रीट लाईनिंग, मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य को निर्धारित माइल स्टोन के हिसाब से पूर्ण करने में असफल रहने के कारण मुख्य अभियन्ता गंगा कछार, रीवा के आदेश दिनांक 29.07.2013 द्वारा एक वर्ष के लिये पंजीयन निलम्बन किया गया। ठेकेदार के पत्र दिनांक 05 अगस्त 2013 द्वारा पंजीयन बहाली आवेदन पर मुख्य अभियन्ता गंगा कछार, रीवा द्वारा दिनांक 30.10.2013 को कार्य स्थल का निरीक्षण कर पाया कि कार्य स्थल पर ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य हेतु आवश्यक मशीनों एवं सामग्रियों की समुचित व्यवस्था की गयी है। तदानुसार मुख्य अभियन्ता रीवा के दिनांक 07.11.2013 को पंजीयन बहाल करने की अनुशंसा एवं ठेकेदार द्वारा दिनांक 24.10.2013 को प्रमुख अभियन्ता को दिये गये आवेदन एवं दिनांक 20.12.2013 को सुनवाई में ठेकेदार द्वारा दी गयी वचनबद्धता के आधार पर मेसर्स ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्शन लिमिटेड का पंजीयन दिनांक 26.12.2013 को बहाल किया गया। वर्ष 2014 में मेसर्स ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्शन लिमिटेड, नई दिल्ली को टीकमगढ़ जिले की हरपुरा नदी लिंक परियोजना का निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण न करने एवं कार्य की प्रगति बढ़ाने हेतु सकारात्मक प्रयास नहीं करने के कारण मुख्य अभियन्ता दतिया के आदेश दिनांक 19.05.2014 द्वारा पंजीयन 3 वर्ष के लिये निलम्बित किया गया। कार्यपालन यंत्री बानसुजारा बांध जल संसाधन संभाग, टीकमगढ़ एवं मुख्य अभियन्ता, राजघाट नहर परियोजना, दतिया ने खेतों में फसल खड़ी होने, भू-अर्जन अवार्ड में विलम्ब तथा एलाईमेन्ट में परिवर्तन इत्यादि परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए ठेकेदार का पंजीयन बहाल करने की अनुशंसा एवं ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण किये जाने के वचनबद्धता के आधार पर दिनांक 03.09.2014 को प्रमुख अभियन्ता, जल संसाधन विभाग, भोपाल द्वारा पंजीयन बहाल किया गया। वर्ष 2019 में मेसर्स सारथी कन्स्ट्रक्शन ग्वालियर को बारना मुख्य नहर का विस्तारीकरण एवं नहरों के सम्पूर्ण निर्माण कार्य निर्धारित कार्यक्रम अनुसार पूर्ण न किये जाने के कारण मुख्य अभियन्ता, जल संसाधन विभाग, होशंगाबाद के आदेश दिनांक 26.08.2019 द्वारा एक वर्ष की अवधि के लिये पंजीयन निलम्बित किया गया। कार्यपालन यंत्री, बारना बांयी नहर संभाग, बाड़ी ने पत्र दिनांक 12.05.2020 में अनुबंध के तहत् आवंटित कार्य ठेकेदार द्वारा भौतिक रूप से पूर्ण किये जाने के तथ्य से अवगत कराने एवं मुख्य अभियन्ता, जल संसाधन विभाग, होशंगाबाद द्वारा पंजीयन बहाली हेतु सहमति व्यक्त किये जाने पर प्रमुख अभियन्ता जल संसाधन विभाग, भोपाल के आदेश दिनांक 28.05.2020 द्वारा मेसर्स सारथी कन्स्ट्रक्शन ग्वालियर का पंजीयन बहाल किया गया। बहाल संबंधी आवेदन, पत्राचार की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 (1 से 29) अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 (1 से 51 ) अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित एजेन्सियों के पंजीयन बहाली हेतु कोई शर्त नहीं रखी गयी है। अपितु प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित मेसर्स एच.ई.एस. कन्स्ट्रक्शन हैदराबाद के लिखित वचनबद्धता के आधार पर 25000 हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता दिनांक 31 मार्च 2023 तक निर्मित करने तथा 95 प्रतिशत कार्य माह जून 2023 तक पूर्ण करने की शर्त पर पंजीयन बहाल किया गया है। कार्य पूर्ण न होने की स्थिति में संबंधित कार्यपालन यंत्री से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाना संभव होगा। (घ) कारम बांध में रिसाव होने से बांध की सुरक्षा एवं जनधन हानि को रोकने की दृष्टि से बांध कटाव नियंत्रण तकनीक द्वारा सुरक्षित एवं नियंत्रित तरीके से बाईपास चैनल बनाकर जल निकासी की गयी। प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन के आधार पर प्रथम दृष्टया जिम्मेदार अधिकारियो को निलम्बित किया जाकर आरोप पत्रादि जारी किये गये हैं। जांच उपरांत अधिकारी स्तर की गल्तियों का निर्धारण संभव है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ड.) धार जिले में वर्ष 2017 से 2022 तक की अवधि में केवल कारम बांध में रिसाव होने से बांध की सुरक्षा एवं जनधन हानि को रोकने की दृष्टि से बांध कटाव नियंत्रण तकनीक द्वारा सुरक्षित एवं नियंत्रित तरीके से बाईपास चैनल बनाकर जल निकासी की गयी। बांध से सुरक्षित जल निकासी की गयी। चूंकि अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार बांध के पुनर्निर्माण का कार्य ठेकेदार को स्वयं के व्यय पर करना है, अतः बांध को ठीक कराने में लगने वाली संभावित राशि भी ठेकेदार द्वारा वहन की जावेगी। वर्तमान में राशि की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। धार जिले में वर्ष 2017 से 2022 तक बांध तथा नहरों में रखरखाव पर वर्षवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
नियम विरुद्ध खरीदी केन्द्र का आवंटन
[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
39. ( क्र. 573 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य एवं सहकारिता विभाग अंतर्गत धान एवं पैदावारों को खरीदी हेतु स्व-सहायता समूहों को खरीदी केन्द्र आंवटित किये जाने के संबंध में क्या नियम-निर्देश हैं? सागर जिला अंतर्गत किन-किन समूहों को ऐसे कितने केन्द्र आवंटित किये गये, जिनमें धान खरीदी एवं अन्य पैदावार खरीदी की जा रही हैं? विकासखण्डवार, समूहवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आंवटित केन्द्रों के स्व-सहायता समूहों को केन्द्र आवंटन के संबंध में क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये थे? समूहवार पात्रता मापदण्ड की विस्तृत जान