मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
गुरूवार, दिनांक 02 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
तालाबों
की मरम्मत
[जल संसाधन]
1. ( *क्र. 2884 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई विभाग द्वारा कुल कितने जलाशयों का निर्माण कराया गया है? वर्तमान में इन जलाशयों की क्या स्थिति है? कौन-कौन से जलाशय क्षतिग्रस्त हैं, जिनकी मरम्मत कराया जाना अत्यन्त आवश्यक है? (ख) पिछले 4 वर्षों में शासन द्वारा किन-किन तालाबों की मरम्मत करवाई गई? कुल कितनी राशि कहाँ-कहाँ खर्च की गई? (ग) शासन द्वारा इन जलाशयों के संचालन एवं संधारण, मरम्मत हेतु पिछले 4 वर्षों में कितनी राशि जारी की गई? साथ ही सिंचाई की दृष्टि से और कौन-कौन सी योजना का सर्वे किया गया है और वर्तमान में उनकी क्या स्थिति है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में एक वृहद् एवं 39 लघु सिंचाई परियोजनाएं निर्मित हैं। वर्तमान में इन जलाशयों की स्थिति ठीक है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गरोठ सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कार्य प्रारंभ कराया गया है। शामगढ़-सुवासरा सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति के लिए विभाग की साधिकार समिति ने अनुशंसा की है।
उपनिर्वाचन की कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
2. ( *क्र. 1789 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर गुना के आदेश क्र./स्था.निर्वा./मंडी/2016/420-421, दिनांक 09/08/2016 के द्वारा कृषि उपज मंडी समिति गुना के वार्ड क्रमांक 10 को रिक्त घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 के अनुसार 06 माह में रिक्त पद के विरूद्ध निर्वाचन क्यों नहीं कराया गया? (ख) क्या कृषि उपज मंडी समिति गुना का वार्ड क्र. 03 जो दिनांक 15/08/2016 को रिक्त हुआ था (प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल का पत्र क्र./मंडी/निर्वा./बी-6/2/उपनिर्वा./2016/131/1348, भोपाल दिनांक 03/10/2016) के निर्वाचन की कार्यवाही मतदाता सूची का प्रकाशन, केन्द्र की सूची का प्रकाशन कार्य सम्पन्न हो चुका है? अर्थात उपनिर्वाचन कार्यक्रम जारी किया जा चुका है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में वर्णित प्रश्नों के उत्तर हाँ में हैं तो प्रश्नांश (क) में वर्णित वार्ड 10 के उपनिर्वाचन की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि यह चूक या लापरवाही है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर गुना का आदेश क्रमांक/स्था.निर्वाचन/मंडी/2016/420-21, दिनांक 09.08.2016 मंडी बोर्ड मुख्यालय को दिनांक 03.11.2016 को प्राप्त हुआ। तत्समय उपनिर्वाचन की कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी थी, इस कारण उपनिर्वाचन में शामिल नहीं किया जा सका। (ख) जी हाँ, वार्ड क्रमांक-03 के संबंध में सदस्य के स्वर्गवास होने की सूचना दिनांक 26.08.2016 को प्राप्त होने के कारण उक्त पद को दिसम्बर 2016 में होने वाले उपनिर्वाचन में सम्मिलित कर भरा गया है। (ग) दिसम्बर 2016 में होने वाले उपनिर्वाचन का कार्यक्रम शासन को दिनांक 30.09.2016 को अनुमोदन हेतु भेजा जा चुका था, के पश्चात् कलेक्टर गुना का आदेश क्रमांक/स्था निर्वा./मंडी/2016/420-421, दिनांक 09.08.2016 दिनांक 03.11.2016 को प्राप्त होने से उपनिर्वाचन में शामिल नहीं किया जा सका। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवलखा बीज कंपनी के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
3. ( *क्र. 1173 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवलखा बीज कं. महिदपुर के विरूद्ध हाईकोर्ट के प्रकरण में शासन की ओर से कौन से वकील नियुक्ति किये गये? (ख) इस प्रकरण में कितनी तारीखें लगीं? उनमें शासकीय वकीलों की उपस्थिति/अनुपस्थिति बतावें। (ग) हाईकोर्ट के निर्णय के विरूद्ध शासन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है या नहीं? यदि नहीं, तो कब तक अपील की जाएगी? (घ) यदि शासन सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं कर रहा तो इसका कारण भी बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) नवलखा बीज कं. महिदपुर के विरूद्ध हाई कोर्ट के प्रकरण में शासन की ओर से प्रक्रिया अनुसार महाधिवक्ता ही उपस्थित होते हैं। प्रकरण में पृथक से वकील की नियुक्ति नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांकित प्रकरण की याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 3162/2015 में माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा दिनांक 17.06.2015 की तिथि नियत की गई तथा माननीय न्यायालय द्वारा उक्त दिनांक को ही निर्णय पारित किया गया। (ग) जी नहीं। उक्त प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय पर माननीय सुप्रीम कोर्ट में अपील की आवश्यकता नहीं है। (घ) प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय, इन्दौर द्वारा निर्णय दिया गया कि ''संबंधित नवलखा सीड्स, महिदपुर को मौका देते हुए साक्ष्य के आधार पर अपीलीय अधिकारी सुनवाई करें'', तद्नुसार अपीलीय अधिकारी, सह-संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, संभाग उज्जैन म.प्र. द्वारा अपील की सुनवाई पर बीज अधिनियम 1966 एवं बीज नियंत्रण आदेश 1983 के तहत अपीलीय अधिकारी को प्रदत्त शक्तियों अनुसार अपील को खारिज किये जाने का निर्णय लिया गया।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
4. ( *क्र. 1668 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना में उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिये किन साधनों का इस्तेमाल किया गया है, ताकि अधिक से अधिक किसानों तक योजनाओं की जानकारी पहुंच सके। (ख) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक सतना विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने किसानों को किस-किस योजना से लाभान्वित किया गया है? किस-किस योजना में कितना अनुदान/बीज/खाद/दवाईयां उपलब्ध करायी गयी हैं? (ग) किसानों को योजना का लाभ मिला या नहीं? इसका भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया है? कितने किसानों तक लाभ नहीं पहुंचा? कागजों पर चलायी गयी योजना के लिए कौन दोषी है, उसके लिए शासन क्या कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) सतना जिले में विभाग की संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु सामान्यत: कृषक प्रशिक्षण, मेला प्रदर्शनी, पेम्प्लेट वितरण, पोस्टर लगाना एवं संचार माध्यमों जैसे आकाशवाणी एवं समाचार पत्र का उपयोग किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) योजना का लाभ सतना विधानसभा क्षेत्र के कृषकों को मिला है। उद्यानिकी फसल क्षेत्र विस्तार योजनाओं में संबंधित वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी द्वारा, यंत्रीकरण योजना में संयुक्त संचालक उद्यान, उप संचालक उद्यान, उप संचालक कृषि, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र एवं संबंधित वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी की संयुक्त समिति द्वारा और प्याज भण्डार गृह निर्माण योजना/माईक्रो इरीगेशन योजना में उप संचालक उद्यान, वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं ग्राम पंचायत के सरपंच/पंच के समक्ष भौतिक सत्यापन किया गया। स्वीकृत प्रकरणों में भौतिक सत्यापन के जरिये लाभ पहुँचाने की पुष्टि की गई है। किसानों को लाभ नहीं पहुँचाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गृह निर्माण संस्थाओं का ऑडिट
[सहकारिता]
5. ( *क्र. 2446 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले की गृह निर्माण संस्थाओं के ऑडिट सहकारिता विभाग द्वारा किये जाते हैं? यदि हाँ, तो पिछले तीन वर्षों में सहकारिता विभाग द्वारा कितनी गृह निर्माण संस्थाओं के ऑडिट कार्य किये जाने थे? उनमें से कितने गृह निर्माण संस्थाओं के ऑडिट कार्य विभाग द्वारा किये गए हैं और कितनों के नहीं? संख्या स्पष्ट करें। संस्थाओं के ऑडिट नहीं होने का क्या कारण हैं? (ख) क्या जिन गृह निर्माण संस्थाओं द्वारा ऑडिट नहीं कराया गया है, उन पर नियमानुसार विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) विभाग द्वारा कब तक शेष गृह निर्माण संस्थाओं का ऑडिट कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। पिछले तीन वर्ष क्रमशः 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में विभाग द्वारा 868 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के अंकेक्षण किये जाने थे, जिसमें से वर्षवार क्रमशः 471, 436 एवं 375 संस्थाओं के अंकेक्षण किये गये एवं क्रमशः 397, 432 एवं 493 संस्थाओं का अंकेक्षण कराया जाना शेष है। अंकेक्षण हेतु शेष गृह निर्माण संस्थाओं के अंकेक्षण न होने के प्रमुख कारण संस्थाओं का पंजीकृत पते पर न होना, अकार्यशील होना एवं संस्था का रिकॉर्ड प्राप्त नहीं होना है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि में अंकेक्षण न कराने वाली गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के विरूद्ध निम्नानुसार कार्यवाही की गई है :- (1.) अधिनियम की धारा 56 (3) के अंतर्गत 416 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये। (2.) 25 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष को अध्यक्ष पद से निरर्हित किया। (3.) 86 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं को धारा 57 के अंतर्गत रिकॉर्ड जप्ती के आदेश किये गये। (4.) धारा 32 (5) के अंतर्गत 58 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं को सूचना पत्र जारी किये गये। (5.) 208 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं को परिसमापन में लाने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं। साथ ही अंकेक्षण नहीं कराने वाली संस्थाओं पर अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही किए जाने के निर्देश भी दिये गये हैं। (ग) संस्थाओं के अभिलेख प्राप्त होने के उपरांत यथाशीघ्र।
अमलाई से अनूपपुर तक सी.सी. रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
6. ( *क्र. 409 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 06/08/2016 को जिला अनूपपुर प्रवास के दौरान अमलाई से अनूपपुर (वाया चचाई) तक सी.सी. रोड निर्माण कराये जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा के क्रियान्वयन में अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांकित मार्ग के निर्माण में कितनी राशि व्यय होगी? (ग) प्रश्नांकित मार्ग का निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। रूपये 49.85 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति जारी। निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) निविदा स्वीकृति के पश्चात् ही बताना संभव होगा। (ग) निश्चित तिथि बताना संभव नहीं।
मुख्यमार्गों के चौड़ीकरण हेतु अधिगृहीत की गई भूमि का सीमांकन
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 2369 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिलान्तर्गत एम.पी.आर.डी.सी. के तहत मार्गों के चौड़ीकरण अंतर्गत टू-लेन एवं फोर-लेन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, उसमें किसानों से सड़क के दोनों ओर की भूमि का अर्जन किया गया है? क्या अधिगृहीत भूमि का मुआवजा किसानों को प्रदाय किया जा चुका है? यदि हाँ, तो अधिगृहीत भूमि को किसानों के खसरे से काटा क्यों नहीं गया है? (ख) उक्त निर्माणाधीन मार्गों के दोनों ओर अधिगृहीत की गई भूमि की सीमा चिन्हांकन हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या उक्त अर्जित भूमियों का सीमांकन कार्य किया जा चुका है? यदि नहीं, तो उक्त कार्यवाही की सीमा विभाग द्वारा क्या निर्धारित की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। मुआवजा वितरण कार्य प्रगति पर है। तरमीम करने की कार्यवाही की जा रही है। राजस्व अधिकारियों से समन्वय कर खसरे में राज्य शासन का नाम दर्ज करवाने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) पूर्ण मार्गों की सीमा रेखा पर सीमा रेखा पत्थर लगाये गये हैं। (ग) अर्जन की प्रक्रिया के दौरान सीमांकन के उपबंध हैं। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर सीमा रेखा पर पत्थर लगाए जाने का प्रावधान है।
फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
8. ( *क्र. 2093 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इछावर विधानसभा क्षेत्र के किसानों का बीमा चालू वित्तीय वर्ष में किया गया है? यदि हाँ, तो कितने किसानों का बीमा किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने किसानों की कितनी भूमि बीमित की गई? बीमा प्रीमियम की राशि का निर्धारण कैसे, किस दर पर किया गया है, बीमा करने वाली कम्पनी ऐजेन्सी कौन है? (ग) इछावर विधानसभा क्षेत्र में किस-किस वित्तीय संस्था या बैंकों द्वारा फसल बीमा किया गया, बैंक या संस्थावार किसानों की संख्या, बीमित राशि व वसूली गई प्रीमियम राशि का ब्यौरा दें। (घ) क्या जनवरी माह में इछावर विधानसभा क्षेत्र में ओला व पाला से फसलें खराब हुई हैं? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों में कितने किसानों की कितनी फसलों का नुकसान हुआ है? ब्यौरा दें। क्या प्रभावित किसानों को फसल बीमा का लाभ मिलेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 में इछावर विधानसभा क्षेत्र के 25751 कृषकों का बीमा किया गया है। रबी 2016-17 के बीमांकन को समेकित करने का कार्य प्रगति पर है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 में इछावर विधानसभा क्षेत्र के 25751 कृषकों की 41899 हेक्टेयर भूमि का बीमा किया गया है। रबी 2016-17 के बीमांकन को समेकित करने का कार्य प्रगति पर है। बीमा प्रीमियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (घ) एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया के अनुसार खरीफ 2016 में इछावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत इछावर तहसील में सोयाबीन फसल जल-भराव की आपदा से प्रभावित होने की सूचनायें प्राप्त हुईं थीं। प्राप्त सूचनाओं के आधार पर जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति द्वारा पटवारी हल्का नं 32, 14 व 5 में क्रमश: 262, 150 व 248 कृषकों का सर्वे किया गया है। प्रथम दृष्टया 25 प्रतिशत से अधिक का रकबा प्रभावित होना पाया गया था। उक्त पटवारी हल्कों के लिये क्षतिपूर्ति निर्धारण हेतु कार्यवाही प्रगति पर है।
सर्वेक्षित/सर्वेक्षणाधीन जलाशय योजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
9. ( *क्र. 2857 ) श्री हरवंश राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बण्डा में कृषि भूमि में सिंचाई, पशुओं को पीने के पानी तथा जल स्तर की वृद्धि के लिए सेमरा रामचन्द्र जलाशय शाहगढ़, नीमोन जलाशय बंडा, महुआझोर जलाशय बंडा, तिन्सुआ जलाशय बंडा, नयाखेड़ा (गनेशगंज) स्टॉपडेम कम काजवे बंडा, मचनूघाट स्टॉपडेम कम काजवे बंडा, गूगराखुर्द (गहरानाला) बंडा, बूढ़ाखेरा वीयर कम काजवे बंडा, भड़राना वीयर बंडा, सेमरा दौलत वीयर बंडा, महादेव घाट बंडा, बुढ़ना नाला शाहगढ़ जलाशय, स्टॉप डेम बनाने के लिए विभाग द्वारा सर्वेक्षित/सर्वेक्षाणाधीन योजना तैयार कर शासन को साध्यता हेतु प्रेषित की गई थी? (ख) क्या सर्वेक्षित/सर्वेक्षणाधीन जलाशय योजना की स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा भी माननीय मंत्री, जल संसाधन विभाग म.प्र. शासन भोपाल को अनुमोदन हेतु लेख किया गया था? उक्त योजना की वर्तमान में क्या प्रगति है? (ग) यदि कोई कार्यवाही प्रगतिरत है, तो अवगत करावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चिन्हित नई लघु सिंचाई परियोजनाओं को विभागीय वेबसाईट पर दर्ज कर उनकी साध्यता का परीक्षण किया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) एवं (ग) बाबिर मटिया नहर विस्तार परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 20.10.2016 को रू. 182.34 लाख की सिंचाई क्षमता 310 हे. के लिए प्रदान की गई है। सेमरा रामचंद्र परियोजना की साध्यता स्वीकृति दिनांक 08.02.2017 को दी गई है। बाबिर मटिया नहर विस्तार परियोजना के लिए भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
विकासखण्ड मुख्यालय सीतामऊ पर नवीन विश्राम गृह का निर्माण
[लोक निर्माण]
10. ( *क्र. 2874 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीतामऊ विकासखण्ड मुख्यालय पर विभाग द्वारा रेस्ट हाऊस कौन से वर्ष से संचालित किया जा रहा है तथा वर्तमान समय में किस स्थिति में है? (ख) विभाग द्वारा सीतामऊ मुख्यालय पर विश्राम गृह भवन उपलब्ध नहीं होने से अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के अल्प विश्राम या रात्रि विश्राम के लिए क्या व्यवस्था की गई है? (ग) विभाग द्वारा सीतामऊ में नवीन विश्राम गृह निर्माण हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध नटनागर शोध संस्थान एवं सीतामऊ विकासखण्ड मुख्यालय में नवीन विश्राम गृह भवन हेतु राशि कब तक स्वीकृत की जावेगी, जिससे मुख्यालय पर विश्राम गृह का निर्माण हो सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रेस्ट हाऊस सीतामऊ द्वारा निर्मित तथा मध्य प्रदेश राज्य के गठन दिनांक 11/11/1956 से विभाग द्वारा संचालित। भवन जर्जर एवं जीर्ण-शीर्ण होने से दिनांक 01/05/2006 से अनुपयोगी घोषित। (ख) वर्तमान में विभाग द्वारा कोई व्यवस्था नहीं। (ग) अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) उत्तर (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं का क्रियान्वयन
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 1348 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री द्वारा राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रवास के दौरान माह दिसम्बर 2013 से माह दिसम्बर 2016 तक की अवधि में लोक निर्माण विभाग से संबंधित की गई घोषणाओं में से कौन-कौन सी घोषणाएं मुख्यमंत्री कार्यालय में दर्ज हैं? (ख) उक्त दर्ज घोषणाओं में से कौन-कौन सी घोषणाओं पर अक्षरश: क्रियान्वयन किया गया? (ग) उक्त किन-किन घोषणाओं पर क्रियान्वयन किन कारणों से नहीं किया जा सका है? घोषणावार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘अ-1’ एवं ‘अ-2’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ-1’, ‘अ-2’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ-1’, ‘अ-2’ एवं ‘स’ अनुसार है।
रेलवे कोच वर्कशाप में गैस पीड़ितों को रोजगार
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
12. ( *क्र. 3361 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल स्थित रेलवे कोच वर्कशाप में 50 प्रतिशत रोजगार गैस पीड़ितों को दिए जाने का तयशुदा नियम है? यदि हाँ, तो वर्तमान में वर्कशॉप में कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं और उनमें से कितने गैस पीड़ित कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2004 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस वर्ष में कितने गैस पीड़ितों को रोजगार उपलब्ध कराया गया? उनके नाम व पते सहित बतावें। (ग) क्या लापरवाही के चलते विगत 05 वर्षों से गैस पीड़ितों को रेलवे कोच वर्कशॉप में रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया है? यदि नहीं, तो जाँच कर कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) पश्चिम मध्य रेल कार्यालय मुख्य कारखाना प्रबंधक, निशातपुरा, भोपाल जो भारत सरकार के अधीन संचालित है, के पत्र क्रमांक 351, दिनांक 21.02.2017 द्वारा अवगत कराया है कि इस कारखाने में नियुक्ति संबंधी कार्यवाही रेल मंत्रालय द्वारा जारी नियमों के अनुसार की जाती है। अतः वर्तमान में गैस पीड़ितों को 50 प्रतिशत रोजगार देने संबंधी कोई निर्देश प्राप्त नहीं हैं।
गुणवत्ताहीन भवन निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 3127 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र चौरई में विगत 3 वर्षों में किन-किन भवनों के निर्माण की स्वीकृति कब-कब प्राप्त होकर निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग को नियुक्त किया गया? (ख) उक्त स्वीकृत भवनों में से कौन-कौन से भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, कौन-कौन से भवन निर्माणाधीन हैं? निर्माणाधीन भवनों के निर्माण की अवधि क्या है? अवधि बाह्य भी भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? नहीं की गई है तो क्यों? (ग) ग्राम देवरी विकासखण्ड बिछुआ में निर्माणाधीन हाई स्कूल भवन का प्राक्कलन प्रत्येक स्टेप की ड्रॉईंग-डिजाईन सेंपल जाँच रिपोर्ट उपलब्ध कराते हुए कार्यवार एवं सामग्रीवार ठेकेदार को अब तक भुगतान की गई राशि की जानकारी दें? (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने ग्राम देवरी आदिवासी विकासखण्ड बिछुआ में निर्माणाधीन हाईस्कूल भवन के गुणवत्ताहीन निर्माण की जाँच के संबंध में सहायक आयुक्त आदिवासी विकासखण्ड छिन्दवाड़ा और माननीय आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय को पत्र प्रस्तुत किया है? क्या यह पत्र लोक निर्माण विभाग को प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में उक्त गुणवत्ताहीन भवन निर्माण की जाँच का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ ‘अ-1’ अनुसार है। (ग) भवन का प्राक्कलन प्रत्येक स्टेप की ड्राईंग, डिजाईन एवं सेम्पल रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है तथा ठेकेदार को अब तक किये गये कार्य की कार्यवार राशि के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) इस विभाग को ज्ञात नहीं है। कार्य गुणवत्ता पूर्ण किया गया है। जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शक्ति नगर जलाशय का कार्य प्रारंभ किया जाना
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 1968 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला दमोह के हटा नगर के पास शक्ति नगर जलाशय के नाम पर रूपये 7.12 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2007 में जारी की गई थी? यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) 10 वर्ष बीत जाने के बाद न तो जलाशय निर्माण का कार्य चालू हुआ, न ही जलाशय का कार्य निरस्त हुआ? क्या यह जलाशय का कार्य प्रारंभ होगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, राशि रू. 712.80 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.06.2008 को प्रदान की गई थी। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) परियोजना के कुल डूब क्षेत्र का प्रतिशत लाभांवित क्षेत्र की तुलना में अधिक होने से तथा डूब प्रभावित कृषकों द्वारा प्रबल विरोध किए जाने एवं निर्माण कार्य रोकने के लिए मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण क्र. डब्ल्यू.पी. 18261/2011 विचाराधीन होने के कारण निर्माण कार्य संभव नहीं हो सका। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पॉली हाउस निर्माण में अनियमितता
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
15. ( *क्र. 2699 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले के ग्राम हरथली के कृषक ने पॉली हॉउस निर्माता कम्पनी "जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड" के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी? यदि हाँ, तो शिकायत की अद्यतन स्थिति की जानकारी देवें? शिकायतकर्ता ने पॉली हॉउस नष्ट होने के बाद गत 3 वर्ष के नुकसान की कितनी राशि निर्माता कम्पनी से चाही है? (ख) क्या म.प्र. राज्य उद्यानिकी मिशन भोपाल के उपसंचालक उद्यान ने उपसंचालक उद्यान जिला रतलाम को पत्र क्र. 1130, दिनांक 05 अगस्त 2016 से अवगत कराया कि, निर्माता कम्पनी पॉली हाउस की पूरी फिल्म बदलने को तैयार है, किन्तु भविष्य में पॉली हाउस के सम्बन्ध में कृषक को आश्वासन देना होगा की वह कोई उच्चस्तरीय शिकायत नहीं करेगा? क्या निर्माता कम्पनी के समर्थन में विभाग द्वारा इस तरह के लिखित आदेश जारी किये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो नियमों की प्रतिलिपि देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित कृषक का पॉली हाउस निर्माता कम्पनी के पुन: निर्माण के पश्चात् भी भविष्य में खराब नहीं होगा, क्या इसकी ग्यारंटी विभाग लेने को तैयार है? क्या पॉली हाउस निर्माण से अब तक कृषक को हुये नुकसान की भरपाई निर्माता कम्पनी या विभाग करेगा? यदि नहीं, तो भविष्य की शिकायत नहीं करने का क्या औचित्य है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) रतलाम जिले के ग्राम हरथली की कृषक श्रीमती रामकन्या बाई शर्मा द्वारा प्रश्नाधीन पॉली हाउस निर्माता कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पॉली हाउस निर्माण की जाँच भारत सरकार की संस्था सीपेट से एवं एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर कराई गई, जिसकी अनुशंसा पर पॉली हाउस में वांछित सुधार कार्य करवाया गया। कृषक ने दिनांक 23.05.2016 को पुन: पॉली हाउस फटने की शिकायत की जिस पर कंपनी ने पॉली हाउस की पूरी फिल्म बदलने का प्रस्ताव दिया है, किन्तु कृषक ने पॉली हाउस की जाँच GSITS इन्दौर के सक्षम दल से कराने की मांग की है। प्रकरण में भारत सरकार की संस्था एवं उच्च स्तरीय समिति जिसमें तकनीकी विशेषज्ञ शामिल थे, की रिपोर्ट में पॉली हाउस में जो तकनीकी खामियाँ थी, उन्हें दुरुस्त कर दिया गया, अत: पुन: जाँच की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। शिकायतकर्ता ने गत तीन वर्ष के नुकसान की कितनी राशि निर्माता कंपनी से चाही है, इसकी जानकारी विभाग को नहीं है। (ख) उप संचालक उद्यान, मध्यप्रदेश राज्य उद्यानिकी मिशन भोपाल का प्रश्नाधीन पत्र बिना वरिष्ठ अधिकारियों के अनुमोदन से जारी हुआ था, जो जारी नहीं किया जाना था, संज्ञान में आने पर पत्र निरस्त किया जा चुका है। उप संचालक उद्यान को बिना अधिकार के पत्र जारी करने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पॉली हाउस का निर्माण कृषक द्वारा स्वयं कंपनी का चयन कर हस्ताक्षरित अनुबंध की शर्तों के अनुसार कराया गया है, इसी कारण से कृषक की शिकायत पर कंपनी द्वारा पूर्ण पॉली फिल्म बदलने का प्रस्ताव दिया था, जिसके संबंध में कृषक ने कोई सहमति नहीं दी है। पॉली हाउस का निर्माण कृषक एवं कंपनी के अनुबंध अनुसार हुआ है, जिसमें विभाग पक्षकार नहीं है। इस कारण विभाग कोई गारंटी ले या दे नहीं सकता है। उत्तरांश (ख) अनुसार उप संचालक उद्यान का पत्र निरस्त किया जा चुका है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित सिंचाई परियोजनाएं
[जल संसाधन]
16. ( *क्र. 491 ) श्री रामसिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाएं संचालित हैं? यदि हाँ, तो वह कौन-कौन सी कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? उक्त सिंचाई परियोजनाओं से नहरें कहाँ से कहाँ तक कितनी लंबाई की निकली हैं? इन नहरों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) क्या उक्त सिंचाई परियोजनाओं से नहरों में अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे नहरों के अंतिम छोर के किसानों को सिंचाई हेतु पानी नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो संबंधित नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिये शासन नहरों का सुधार/मरम्मत कब तक कराएगा? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं एवं उनकी नहरों के निर्माण, मरम्मत एवं सुधार में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई? व्यय राशि किनको भुगतान की गई? (घ) क्या विभाग ने कोलारस विधानसभा क्षेत्र की सिंचाई परियोजनाओं एवं नहरों के निर्माण, मरम्मत एवं सुधार हेतु कोई प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति हेतु शासन के पास भेजा है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव कब भेजे गए? यदि नहीं, भेजे गए तो कब तक भेजे जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। संलग्न परिशिष्ट में वर्णित सभी नहरों की स्थिति संतोषजनक होने तथा अंतिम छोर तक सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जाना प्रतिवेदित है। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में कोई नवीन कार्य नहीं कराया गया। संधारण पर व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। संधारण कार्य जल उपभोक्ता संथाओं की सहभागिता से कराए गए हैं। (घ) अभिलेखों के मुताबिक शासन को कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
3 वर्ष से अधिक अवधि से कार्यरत कर्मचारियों का स्थानांतरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
17. ( *क्र. 2476 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में व धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में कृषि विभाग अंतर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत हैं तथा कार्यरत कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? संस्थावार बतावें। (ख) क्या शासन नियमानुसार प्रत्येक शासकीय कर्मचारी को एक स्थान पर कार्य करते हुए तीन वर्ष अथवा अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने के नियम हैं? (ग) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त नियमों का कितना पालन किया गया है व किन-किन संस्थाओं से कितने कर्मचारियों का उक्त नियम के तहत स्थानांतरण किया गया है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) धार जिले में पदस्थ विभागीय कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में पदस्थ विभागीय कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। स्थानांतरण नीति 2016-17 अनुसार एक ही स्थान पर सामान्यत: 3 वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा। (ग) निर्धारित स्थानांतरण नीति का पालन करते हुये कर्मचारियों का स्थानांतरण किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
बीज का परीक्षण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( *क्र. 68 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से दिसम्बर 2016 तक प्रदेश की बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं में कितने बीज नमूनों का परीक्षण किया गया है? उनकी परीक्षण रिपोर्टस का फसलवार, वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) कितने व कौन-कौन से नमूने अप्रमाणिक स्तर के पाये गये? विवरण देवें। (ग) अमानक बीज रिपोटर्स पर उज्जैन जिले में क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2014 से दिसम्बर 2016 तक प्रदेश की बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं में किये गये बीज नमूनों का परीक्षण की प्रयोगशालावार, फसलवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
सामग्री क्रय में अनियमितता
[लोक निर्माण]
19. ( *क्र. 3276 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में अधिकृत विक्रेता से एक माह एवं एक वर्ष में कितनी राशि की सामग्री के क्रय आदेश जारी करने का अधिकार किस अधिकारी को प्राप्त है? नियम सहित बतावें। (ख) लोक निर्माण विभाग (वि./या) संभाग ग्वालियर द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 में किन किन अधिकृत विक्रेताओं को कितनी-कितनी राशि के क्रय आदेश किस विभाग में सामग्री प्रदाय हेतु जारी किये हैं? माहवार जानकारी दें। कार्यादेश क्रमांक, दिनांक, राशि, फर्म का नाम, भुगतान की गई राशि, प्रशासकीय स्वीकृति प्रदायकर्ता अधिकारी, क्रय हेतु अनुमति देने वाले अधिकारी का नाम एवं पद सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सामग्री के माप क्या माप पुस्तिका में अंकित किये गए? यदि हाँ, तो प्रत्येक आपूर्ति की माप पुस्तिका संख्या तथा पृष्ठ संख्या अंकित करने वाले उपयंत्री का नाम, माप अंकित करने का दिनांक एवं माप सत्यापित करने वाले सहायक यंत्री का नाम तथा माप सत्यापन का दिनांक बतावें? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्रय की गई सामग्री में कोई अनियमितताएं हुई हैं अथवा अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच कराई गयी है? यदि हाँ, तो जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्या अनियमितताओं की जाँच कराकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
किसानों को अमानक बीज का विक्रय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( *क्र. 485 ) श्री सतीश मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले में किसानों को व्यापारियों द्वारा विगत तीन वर्षों से अवमानक बीज बेचा जा रहा है, जिससे उन्हें फसल का न तो सही उत्पादन मिल पाता है, न बीज अंकुरण का प्रतिशत ठीक होता है? इस हेतु जिला कृषि अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास किये हैं? (ख) वर्ष 2015-16 में कितने-कितने बीज भण्डारों से बीजों के नमूने लेकर प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेजे? उनमें से किन-किन फर्मों के नमूने अवमानक व कितने ठीक पाये गये? अवमानक पाये गई फर्मों के नाम, पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त अवमानक बीज बेचने वाली फर्मों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या फर्म के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है? कार्यवाही की जानकारी फर्मवार, दिनांकवार उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968 तथा बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 के तहत, बीज निरीक्षकों द्वारा बीज नमूने लिये जाकर बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं को परीक्षण हेतु भेजे गये हैं तथा अमानक नमूनों पर कार्यवाही की गई है। (ख) वर्ष 2015-16 में 143 बीज भण्डारों से बीज के नमूने लेकर प्रयोगशालाओं में परीक्षण हेतु भेजे गये, जिसमें से परीक्षण उपरांत कुल 138 नमूने मानक एवं 05 नमूने अमानक पाये गये। अमानक पाये गये फर्मों के नाम पते संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ग) अमानक बीज बेचने वाली फर्मों के खिलाफ की गई कार्यवाही की फर्मवार एवं दिनांकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। उज्जैन जिले में किसी भी फर्म के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं कराया गया है।
जनप्रतिनिधियों के पत्र पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 2551 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्रश्न संख्या 130 (क्रमांक 1178), दिनांक 05 दिसम्बर 2016 के उत्तर में जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होकर परीक्षणाधीन है बताया गया है तो जाँच किस दिनांक को की गई व जाँच के समय उपस्थित अधिकारी कर्मचारियों के नाम, पद, जाँच प्रतिवेदन का विवरण कहाँ किस अधिकारी द्वारा परीक्षण किया जा रहा है, का नाम पद सहित जानकारी दी जावे व जाँच उपरान्त कार्यवाही कर कब तक प्रश्नकर्ता विधायक को जानकारी भेज दी जावेगी। (ख) माननीय सांसद व विधायकों से प्राप्त शिकायतों पर विभाग के द्वारा 2 से 3 वर्ष में जाँच नहीं कर पाने के संबंध में क्या शासन इस ओर कोई कठोर कदम उठाने के नियम बनाकर जाँच की समय-सीमा निर्धारित करेगा, जिससे जाँच समय पर होकर उनका निराकरण होकर माननीय जनप्रतिनिधियों को समय पर शिकायतों का निराकरण हो सकेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 08/11/2016 एवं दिनांक 10/11/2016 को जाँच गठित समिति द्वारा की गई, श्री राजीव शर्मा मुख्य अभियंता उत्तर, श्री जी.एस. मण्डलोई अधीक्षण यंत्री, श्री ओ.पी. गोड़ सहायक यंत्री, श्री सत्येन्द्र सिंह यादव प्रभारी सहायक यंत्री, श्री संजय कुलकर्णी उपयंत्री। जाँच के समय श्री एस.एस. ठाकुर प्रभारी कार्यपालन यंत्री, श्री आर.के. मरमट सहायक यंत्री उपस्थित रहे। प्रमुख अभियंता कार्यालय में प्राप्त जाँच प्रतिवेदन परीक्षण के आधार पर उत्तरदायी पाये अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु मुख्य अभियंता ग्वालियर से प्रारूप आरोप पत्रादि चाहे गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मान. सांसद/मान. विधायकों से प्राप्त शिकायत पर सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर जाँच कराई जाकर उन्हें अवगत कराया जाता है। अतः नियम बनाकर जाँच कराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
2 लाख रूपये से अधिक राशि के किये गये कार्य
[जल संसाधन]
22. ( *क्र. 3303 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में दिनांक 01.04.2014 से दिनांक 31 जनवरी, 2017 तक 02 लाख रूपये तक राशि के क्या-क्या कार्य किस-किस स्थान पर विभागीय स्तर पर कराये गये? (ख) उक्त समय में मेंटेनेंस पर कहाँ-कहाँ एवं किस प्रकार के कार्यों पर कितनी राशि कब-कब व्यय की गई? (ग) उपरोक्त कार्यों में किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस रूप में किया गया है? (घ) उपरोक्त सभी कार्यों की गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय परिशिष्ट अनुसार है।
राशि की वसूली के साथ दोषियों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
23. ( *क्र. 3341 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत सेतु निर्माण निगम (लोक निर्माण) द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक में कितने पुलों का निर्माण किन-किन नदियों/नालों में कितनी-कितनी लागत से कराया गया, का जिलेवार विवरण देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के पुलों का निर्माण अनुबंध की शर्तों एवं गुणवत्ता अनुसार नहीं किया गया, पुलें क्षतिग्रस्त हुईं, कार्यावधि बढ़ाकर ठेकेदारों/संविदाकारों को अपरोक्ष रूप से लाभान्वित किया गया, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या साधिकार समिति की 39वीं बैठक में लिये गये निर्णय के तारतम्य में मार्च, 2010 के जारी निर्देश से हटकर पुलों की चौड़ाई बढ़ाकर ठेकेदारों को लाभांवित किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के पुलों का निर्माण प्रश्नांश (ख) के अनुसार न कराकर ठेकेदारों/संविदाकारों को कार्यावधि बढ़ाकर लाभान्वित करने, अनुबंध की शर्तों से हटकर कार्य कराने के लिये दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही कब तक करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। कार्य गुणवत्तानुसार ही कराया गया है। साधिकार समिति के संबंध में किस प्रयोजन हेतु गठित साधिकार समिति से अभिप्राय है, स्पष्ट नहीं होने के कारण बताया जाना संभव नहीं है। निविदा उपरांत किसी भी पुल की चौड़ाई नहीं बढ़ाई गई है। (ग) समस्त कार्य उचित गुणवत्ता के साथ अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत कराये गये हैं। अत: कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कम दर पर स्वीकृत निविदा कार्यों में अनियमितता
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 1139 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक 5 लाख रूपये से अधिक के सड़क भवन निर्माण व संधारण कार्यों की किस दिनांक को कितनी राशि की निविदा जारी की गई? कार्यवार, स्थानवार बतायें। (ख) जारी निविदाओं में कितनी निविदाएं निर्धारित दर से अधिक राशि की स्वीकृत की गईं हैं? नाम, स्थान, कार्य का नाम, निविदा मूल्य एवं स्वीकृत दर सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में कितनी निविदाएं निविदा मूल्य/दर से कम दर/मूल्य की स्वीकृत की गईं? कार्य के नाम, स्थान निविदा दर/मूल्य स्वीकृत दर/मूल्य बतायें। कम दर पर स्वीकृत कार्यों में अधिक कार्य कराके राशि भुगतान की गई है? ऐसे कार्य, स्थान, स्वीकृत राशि एवं अधिक कार्य दिखाकर भुगतान राशि सहित बतायें। (घ) क्या कम दर पर स्वीकृत कार्य प्राक्कलन अनुसार गुणवत्तापूर्ण पाये गये हैं? यदि नहीं, तो कौन से कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं पाये गये हैं? इसका प्रमाणीकरण उच्च स्तर के किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया है? नाम, पद, कार्य सहित बतायें। कौन से कार्य गुणवत्तापूर्ण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ'-1 एवं 'अ'-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ'-1 एवं 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ'-1 एवं 'स' अनुसार है।
तालाबों का निर्माण
[जल संसाधन]
25. ( *क्र. 1308 ) श्री राजकुमार मेव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत महेश्वर एवं बड़वाह में विभाग के कितने तालाब निर्मित हैं? उनसे कितने किसानों की, कितने हेक्टेयर की कृषि भूमि सिंचित होती है? (ख) क्या विभाग द्वारा निर्मित तालाबों के रख-रखाव, नहरों का सुदृढ़ीकरण, नवीन नहरों का निर्माण किये जाने हेतु कोई नियम, प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो कितना बजट प्रावधान प्रतिवर्ष किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में जनपद पंचायत महेश्वर एवं बड़वाह में तालाबों के रख-रखाव, सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के पुन: निर्माण, नवीन नहरों के निर्माण हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्ताव दिये गये एवं उन पर वर्तमान में क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में क्या विभाग द्वारा हाथीदग्गड, रूपलाझिरी, धवली, गवल, जामन्या, मण्डलेश्वर, गुजरमोहना एवं आवल्या तालाबों की नहरों के सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के निर्माण हेतु लघु सिंचाई योजना के आर.आर.आर. मद में डी.पी.आर. तैयार कराई गई है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति दी जावेगी ताकि कृषि को लाभ का धंधा बनाया जा सके।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2015-16 में बांधों एवं नहरों के सुधार, सुदृढ़ीकरण, आर.आर.आर. के अंतर्गत रू. 294.00 करोड़ तथा बांधों एवं नहरों की मरम्मत हेतु रू. 80.80 करोड़ का प्रावधान है। प्रावधान राशि प्रतिवर्ष अलग-अलग हो सकती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अवैध
निर्माण व
अतिक्रमण
[जल संसाधन]
1. ( क्र. 12 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जलसंसाधन विभाग के उपयंत्री श्री ए.के. जैन ने तहसीलदार अशोकनगर को सर्वे क्रमांक 623 व 624 पर अवैध निर्माण व अतिक्रमण की शिकायत की थी तथा इन नम्बरों तथा तुलसी सरोवर के बारे में जिले में किस-किस अधिकारी को कौन-कौन सी शिकायत व ज्ञापन कब मिले व उन पर क्या कार्यवाही हुई। तहसीलदार ने कब-कब क्या आदेश व स्थगन दिये तिथि सहित विवरण दें? (ख) क्या तुलसी सरोवर की उपरोक्त भूमि में नक्शे के नम्बर से छेड़छाड़ कर बदलने की शिकायत शासन को हुई है तथा इस संबंध में पटवारी को निलम्बित कर पुलिस रिपोर्ट भी की गई है? (ग) यदि हाँ, तो पुलिस रिपोर्ट व पटवारी पर लगे आरोपों का विवरण व की गई कार्यवाही का विवरण देवें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) तुलसी सरोवर तालाब के प्रभारी उपयंत्री द्वारा दिनांक 01.08.2016 को तत्कालीन तहसीलदार श्री सतीश वर्मा को लिखित में सर्वे क्र. 623 व 624 पर अतिक्रमण किये जाने की नामजद शिकायत की जाना प्रतिवेदित है। न्यायालय तहसील कार्यालय, अशोकनगर में प्रकरण क्र.1783-13-121/2015-16 पंजीबद्ध होकर विचाराधीन है। पटवारी के निलंबन तथा पुलिस प्रकरण की कार्रवाई जल संसाधन विभाग द्वारा नहीं की जाना प्रतिवेदित है।
जावरा नयागांव मार्ग पर वृक्षारोपण
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 13 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के ता.संख्या-4 (क्रमांक 28) दिनांक 05.12.16 एवं प्रश्न अता. संख्या 23 ( क्रमांक 1695) दिनांक 28 जुलाई, 2016 के संदर्भ में चेनेज क्रमांक एल.एच.एस.83 एवं 125 एल.एच.एस. तक की जानकारी दी गई जावरा नयागांव मार्ग पर जावरा से नयागांव तक का वृक्षारोपण का भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? दिनांकवार, नाम पते सहित विवरण दें? (ख) नयागांव जावरा रोड पर कितने-कितने टायलेट ब्लॉक बने हैं व वर्तमान में कितने चालू होकर समस्त सुविधाएं उपलब्ध हैं, क्या समस्त टायलेट ब्लॉक पर नियमानुसार कर्मचारी उपलब्ध हैं यदि हाँ, तो कर्मचारियों के नाम, पते उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों व इतने वर्ष बाद भी कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं करने के क्या कारण हैं? (ग) जावरा से नयागांव के बीच कहाँ-कहाँ रेलिंग व साइन बोर्ड टूटे हैं व कब से, क्या समस्त टूट व खराब साइन बोर्ड बदल दिये हैं व समस्त रेलिंग ठीक कराई गई है? यदि हाँ, तो कब-कब? क्या प्रश्न दिनांक तक समस्त रेलिंग व साइन बोर्ड अच्छी स्थिति में है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जावरा से नयागाँव फोरलेन में कि.मी. 125 से कि.मी. 150 तक के वृक्षारोपण का सत्यापन वन विभाग रतलाम से अपेक्षित है, शेष नीमच एवं मन्दसौर जिले में वृक्षारोपण का सत्यापन वन विभाग से कराया गया है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जावरा-नयागाँव फोरलेन पर कुल 14 टायलेट ब्लॉक बने हुए है। समस्त टायलेट चालू है एवं सुविधायुक्त है। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। जो स्थापित है वे अच्छी स्थिति में है। शेष पर संधारण कार्य प्रगति पर है।
राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन अंतर्गत ट्रैक्टर का प्रदाय
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
3. ( क्र. 33 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के अंतर्गत २० एच.पी. से अधिक एवं २० एच.पी. से कम ट्रैक्टर दिए जाने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो इसके क्या मापदण्ड है? जानकारी दी जाये। (ख) विगत ०३ वर्षों में इस योजना के अंतर्गत बड़वाहा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने कृषक को २० एच.पी. से अधिक एवं कम के कितने ट्रैक्टर प्रदान किये गए है। (ग) शासन द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया है? विगत ३ वर्षों की लक्ष्य पूर्ति का ब्यौरा दिया जाये।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन मिशन अंतर्गत केवल 20 पी.टी.ओ. हार्स पॉवर तक के ट्रैक्टर दिये जाने का प्रावधान है। कृषक द्वारा प्रावधान अनुसार ट्रैक्टर क्रय करने पर प्रति ट्रैक्टर इकाई लागत रूपये 3 लाख पर सामान्य वर्ग के किसानों को लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम रूपये 75 हजार एवं महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे और कमजोर किसानों को 35 प्रतिशत अधिकतम रूपये 1 लाख की वित्तीय सहायता का प्रावधान है। (ख) विगत 3 वर्षों में बड़वाह विधानसभा क्षेत्र के किसानों को 20 पी.टी.ओ. हार्स पॉवर से अधिक के ट्रैक्टर योजना में प्रावधान नहीं होने से प्रदाय नहीं किये गये। 20 पी.टी.ओ. हार्स पॉवर से कम के ट्रैक्टर 2 कृषकों को प्रदान किये गये हैं। (ग) राज्य स्तर से जिलेवार लक्ष्य दिये जाते हैं। विगत 3 वर्षों की लक्ष्य पूर्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रत्नेश्वर महादेव परिसर नावघाटखेड़ी में जप्त सामान की सूची और सत्यापन
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 34 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम नावघाटखेड़ी में श्री रत्नेश्वर मंदिर में लोकनिर्माण विभाग का अवैध कब्ज़ा में राजस्व विभाग ने सामग्री जप्त की गई है। यदि हाँ, तो लोक निर्माण विभाग द्वारा उक्त परिसर में विभाग की क्या क्या सामग्री कब से रखी गई थी. परिसर में रखी सामग्री की वर्षवार सूची, सामग्री का मूल्य आदि की जानकारी दी जाये। (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा उक्त सामग्री किस उद्देश्य से क्रय की गई थी. यदि सामग्री का उपयोग होना था तो फिर परिसर में क्यों रखी गई? मंदिर परिसर में किसके आदेश से सामग्री रखी गई? क्या परिसर में सामग्री रखने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो अधिपत्य की प्रति दी जावे। (ग) लोक निर्माण विभाग में स्टॉक में रखनेवाली सामग्री के भौतिक सत्यापन के क्या नियम हैं? क्या यह नियम है की प्रतिवर्ष सामग्रियों का भौतिक सत्यापन किया जायेगा? यदि हाँ, तो परिसर में रखी सामग्री के १० वर्षों के भौतिक सत्यापन की प्रमाणित प्रति दी जावे। यदि सामग्री का भौतिक सत्यापन नहीं किया तो दोषीकर्ता अधिकारी का नाम सहित उस पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी। परिसर में रखी लाखों की सामग्री खराब होने से संबधित अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी समय-सीमा बताई जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। लोक निर्माण संभाग मण्डलेश्वर दिनांक 21/12/2009 में बंद होने से एवं क्रय की गई सामग्री अत्यंत पुरानी होने के कारण सामग्री का वर्षवार मूल्य बताना संभव नहीं है। (ख) सामग्री विगत 50 वर्षों से भवन एवं सड़क संधारण कार्य हेतु समय-समय पर क्रय की गई। सामग्री लोक निर्माण विभाग भण्डार गृह में रखी गई है, मंदिर परिसर में नहीं रखी गई है। उक्त भण्डार गृह लोक निर्माण संभाग मंडलेश्वर की पुस्तिका पर अंकित है। (ग) भौतिक सत्यापन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा प्रतिवर्ष माह सितम्बर एवं मार्च में किये जाने के नियम है। जी हाँ। भौतिक सत्यापन की प्रमाणित प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। दोषी अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण सड़कों का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
5. ( क्र. 75 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१२ से अब तक मंडी बोर्ड के पास ग्रामीण सड़क निर्माण के कितने एवं कौन-कौन से प्रस्ताव किस कारण से स्वीकृति हेतु लंबित है? उज्जैन संभाग की जिलेवार, तहसीलवार जानकारी दें। (ख) उपरोक्त लंबित प्रकरणों का निराकरण/स्वीकृति सरकार कब तक कर देगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2012 से 2013 तक के ग्रामीण सड़क निर्माण के प्राप्त प्रस्ताव दिनांक 26.09.2013 को सम्पन्न साधिकार समिति की बैठक में अमान्य किये गये हैं। जनवरी-2014 से अब तक प्राप्त ग्रामीण सड़कों के प्रस्ताव मुख्य सचिव, म.प्र. शासन की नोटशीट क्रमांक-340 दि. 15.09.2016 के निर्देश सन्दर्भ में मण्डी बोर्ड द्वारा मण्डी प्रांगण के बाहर भवन या सड़क के कार्य नहीं कराये जायेंगे, अपितु उपरोक्त कार्य लोक निर्माण विभाग या म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से कराये जायेंगे के अनुक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को दिनांक 06.01.2017 से आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। (ख) उत्तरांश 'क' के संदर्भ में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बीज उत्पादक समितियों द्वारा बीज वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 81 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के जबलपुर एवं अन्य जिलों में पंजीकृत बीज उत्पादक समितियों के द्वारा बीज वितरण कराया जाता हैं? (ख) यदि हाँ, तो गत तीन वर्षों में इन समितियों के द्वारा जबलपुर जिले में कितना बीज वितरण कराया गया है? समितिवार योजनावार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत गत तीन वर्षों में म. प्र. बीज एवं फर्म विकास निगम में कितना बीज उपलब्ध था, कितना वितरित कराया गया, कितना शेष बचा।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम द्वारा गत तीन वर्षों में उपलब्ध, वितरण एवं शेष बीज की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा अतिआवश्यक सड़कों के निर्माण
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 92 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग, भोपाल के पत्र क्र 261, दिनांक 27-05-2016 के द्वारा केवल इमरजेंसी नेचर के ही प्रस्ताव भेजने हेतु अधीनस्थों को निर्देश दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो पनागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अतिआवश्यक एवं इमरजेंसी नेचर की 13 सड़कों - डूंगा महगवां से मलारा तिलहरी, उमरिया से लहसर, महगवां से हिनौतिया (बारह), बरेला नहर से बल्हवारा रोड, बरेला से महगवां-हिनौतिया-पिण्डरई बारहा, बरेला से सिलपुरी पहाड़ीखेड़ा, बरेला से पड़वार लिंक (बल्हवारा-जमुनिया-घुघरी-बिलहरी-खैरी-पिपरिया), बरेला लोक सागर तालाब से बल्हवारा जमुनिया हिनौतिया, लीटी मुख्य मार्ग से मटियाकुई ग्राम भड़पुरा खेरमाई स्थल तक, एन.एच.7 से मोहनिया (कुशनेर) तक, एन.एच.7 से डिग्री कॉलेज होते हुये फूटाताल बम्हनौदा तक, एन.एच.7 से कारीवाह पहुंच मार्ग, पनागर से मटियाकुई डुंगरिया सिंगौद लीटी पहुंच मार्ग के प्रस्तावों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या इन सड़कों के निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित प्रस्ताव दिनांक 20-08-2016, 23-05-2016, 05-12-2016 एवं विभागीय प्राक्कलन दिनांक 26-06-2014, 08-12-2015, 21-09-2016, 24-08-2016, 19-09-2016 पर कार्यवाही की जावेगी? क्या इन क्षेत्रों के रहवासियों को कच्ची सड़क, गहरे गड्ढों एवं दुर्घटनाओं की समस्या से निजात मिलेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक इन सड़कों का कार्य प्रारंभ होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
तालाबों का जीर्णोद्धार
[जल संसाधन]
8. ( क्र. 414 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में जलसंसाधन विभाग के कितने तालाब हैं? उनकी संख्या बतायें? (ख) तालाबों से संचित रकबा कितने हेक्टेयर है? (ग) ग्वालियर जिले में जलसंसाधन विभाग के कितने तालाबों में पानी भरा जाता है तथा कितने टूटे-फूटे पड़े हैं? स्थिति बतायें? (घ) टूटे-फूटे तालाबों के जीर्णोद्धार एवं मरम्मत हेतु विभाग की ओर से क्या तैयारी है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्वालियर जिले में जल संसाधन विभाग की सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं निमज्जित तालाबों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश ''क'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) निमज्जित तालाब निजी स्वत्व की भूमि पर निर्मित होकर भू-जल के पुनर्भरण के लिए काम आते है। निजी भूमि स्वामी वर्षा ऋतु उपरांत जलाशयों का जल निकालकर डूब क्षेत्र में रबी फसल लेता है। अत: निमज्जित तालाबों के जीर्णोद्धार कराने से सिंचाई सुविधा में कोई वृद्धि नहीं होने के परिप्रेक्ष्य में निमज्जित तालाबों का जीर्णोद्धार कराने की व्यवस्था नहीं है।
हरसी हाई लेवल नहर निर्माण में अर्जित भूमि का मुआवजा
[जल संसाधन]
9. ( क्र. 417 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र क्र. 14 ग्वालियर ग्रामीण अन्तर्गत हरसी हाई लेबल उच्च स्तरीय नहर निर्माण हेतु कौन-कौन से ग्रामों के किसानों की कितनी भूमि अर्जित की गई है? (ख) अर्जित भूमि में से किसानों को कितनी-कितनी राशि मुआवजे के रूप में भुगतान की जा चुकी है तथा ऐसे किसानों की संख्या बताएं जिनकी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? शेष किसानों को कितने दिनों में भुगतान कर दिया जावेगा? (ग) अर्जित भूमि के अतिरिक्त किसानों की अधिक उपयोग की गई भूमि का मुआवजा किसानों को कब तक भुगतान किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भू-अर्जन अधिकारी जिला ग्वालियर द्वारा सूचना पत्र जारी किया जाना प्रतिवेदित है। कृषक आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कर मुआवजा राशि प्राप्त कर सकते हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अवार्ड की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
10. ( क्र. 492 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्यानिकी विभाग की शिवपुरी जिले में कोई योजनाएं संचालित हैं? यदि हाँ, तो वह योजनाएं कौन-कौन सी हैं? योजनांतर्गत क्या-क्या कार्य और सुविधाएं हितग्राहियों को उपलब्ध कराई जाती है? (ख) उक्त संचालित योजनाओं के तहत शिवपुरी जिले में कितने हितग्राहियों को कौन-कौन से उपकरण, अनुदान आदि क्या-क्या कितनी-कितनी सुविधाएं वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में उपलब्ध कराई गई? (ग) क्या शिवपुरी जिले में कृषि उपकरण, उन्नत बीज आदि हितग्राहियों को उपलब्ध कराए गए हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कितने हितग्राहियों को कौन-कौन से कितने-कितने उपलब्ध कराए गए? (घ) क्या उद्यानिकी विभाग शिवपुरी को वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में हितग्राही मूलक कार्यों के लिये कोई बजट उपलब्ध कराया गया था? यदि हाँ, तो उक्त बजट से क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के कराए गए?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) शिवपुरी जिले में विभाग की संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। उपलब्ध कराये गये कृषि उपकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
पी.आई.यू. द्वारा स्वीकृत कार्यों का भूमीपूजन
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 618 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानासभा क्षेत्रान्तर्गत लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू्. के अन्तर्गत कुल कितने कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हुए हैं, उन कार्यों की लागत तथा वर्तमान तक व्यय राशि तथा कार्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 2013 के पश्चात् स्वीकृत कार्यों में से भूमि पूजन कार्यक्रम कितने कार्यों का कराया गया है? क्या कराये गये भूमि पूजन कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया गया? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ग) क्या म.प्र. शासन द्वारा पत्र जारी कर समस्त नवीन स्वीकृत कार्यों का जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में भूमि पूजन कर कार्य प्रारंभ कराने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो यह कार्यवाही क्यों नहीं की गई क्या संबंधित दोषी अधिकारी के विरूद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? या अप्रारंभ कार्यों का भूमिपूजन कार्यक्रम भविष्य में किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) भवन कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। इसके अतिरिक्त 2 सड़क कार्यों का भूमि पूजन कराया गया है। जी हाँ। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। भवन कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। इसके अतिरिक्त 2 नवीन सड़क कार्यों का भूमि पूजन मान. मुख्यमंत्री जी म.प्र. शासन एवं क्षेत्रीय विधायक द्वारा भूमि पूजन कराया गया है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी हाँ।
खोई से लाईखेड़ी मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 619 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत खोई से लाईखेड़ी मार्ग के डामरीकरण की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या भीकनगांव झिरन्या को जोड़ने हेतु खोई से लाईखेड़ी मार्ग दूरी 07 कि.मी. डामरीकरण कार्य अतिआवश्यक है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस मार्ग को कार्ययोजना से प्राथमिकता से सम्मिलित करते हुए स्वीकृति हेतु प्रस्तावित किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रूपये 363.28 लाख का प्राक्कलन तैयार किया गया था परन्तु योजना सीमा अपर्याप्त होने से स्वीकृति प्रदान नहीं की गई। जी हाँ। (ख) सीमित वित्तीय उपलब्ध संसाधनों के कारण स्वीकृत किया जाना संभव नहीं।
पुरानी सड़क (एन.एच.7) की मरम्मत
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 632 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में रायपुर कर्चु. में रामनई से जोगिनहाई तक, मनगवां में आवी से डेल्ही मोड़ के आगे तक, रघुनाथगंज में पथरहा से पलिया त्रिवेणी तक, देवतालाब में शिवपुर नेबूहा से नौढि़या तक, फोरलेन सड़क बना दी गयी है? यदि हाँ, तो अब पूर्व सड़क का रख-रखाव किस विभाग के जिम्मे किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित सड़क बिल्कुल चलने योग्य नहीं है जिससे आम जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्या रायपुर कुर्च. में रामनई से जोगिनहाई, मनगवां में आवी से डेल्ही मोड़, देवतालाब में शिवपुरा नेबूहा से नौढि़या तक, रघुनाथगंज में पथरहा से पालिया त्रिवेणी सिंह तक की पूर्व एन.एच.7 के हिस्से की सड़क की मरम्मत कर चलने योग्य बनाया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। पूर्व सड़क का रख-रखाव लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। (ग) मार्ग मोटरेबल है। उपलब्ध संसाधनों से मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
1984 से लंबित सातनारी जलाशय का कार्य पूर्ण के संबंध में
[जल संसाधन]
14. ( क्र. 700 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सातनारी जलाशय परियोजना का निर्माण किये जाने हेतु म.प्र. शासन/मा. सदन द्वारा मौखिक सहमति प्रदान की गई है? किन्तु उक्त परियोजना के संबंध में किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है क्यों? (ख) ढुटी बायी तट नहर से समनापुर तक मुख्य नहर में खराब मटेरियल जमा होने से उक्त क्षेत्र के किसानों को नहर द्वारा सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है नहर के वृहद्ध स्तर पर साफ-सफाई या सीमेन्टीकरण की क्या योजना है यदि हाँ, तो सीमेंटीकरण कार्य कब तक कर लिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मौखिक सहमति देने का कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रश्नांश का उत्तर देना संभव नहीं है। सतनारी परियोजना की वर्तमान प्रति हे. लागत रू.03.77 लाख आंकलित है। परियोजना के डूब क्षेत्र में संपूर्ण 53.40 हे. वन भूमि प्रभावित हो रही है। डूब का प्रतिशत सैच्य क्षेत्र की तुलना में 25 प्रतिशत होने से परियोजना तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्ड पर साध्य नहीं है। (ख) जी नहीं। एप्रोच चैनल के चैन क्र. 0 से 3 तक एवं नहर तल में जमा मिटटी की सफाई की जाकर 15,635 हे. में खरीफ सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। जी हाँ। ढूटी बायीं तट मुख्य नहर के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्रुद्धार कार्य की डी.पी.आर. संभाग स्तर पर तैयार की जा रही है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कृषि उत्पादन एवं जमीन रकबा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( क्र. 710 ) श्री मधु भगत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सिंचित और असिंचित भूमि पर बोई गई फसल का रिकार्ड रखा जाता है यदि हाँ, तो बताये वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में कितने रकबे में फसल बोई गई थी सिंचित और असिंचित का रकबा प्रत्येक वर्ष का विकासखण्डवार बतायें? (ख) कृषि उत्पादन हेतु सिंचाई के जो साधन हैं उनमें से कितनी-कितनी भूमि पर जल संसाधन विभाग की नहरों से सिंचाई की गई? विकासखण्डवार रकबावार प्रत्येक विकासखण्ड का अलग-अलग बतायें? (ग) विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा में विभाग के मतानुसार कितनी भूमि है जिस पर की फसल होती हैं? परन्तु जल संसाधन विभाग द्वारा पानी की व्यवस्था सिंचाई के लिए उपलब्ध नहीं कराई गई है प्रत्येक विकासखण्ड का अलग-अलग रकबा बतायें? (घ) क्या ढूटी बांध से लामता समनापुर मंझारा टवेझरी से आगे तक नहरों में सीमेंटीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है क्या कारण है कि उक्त निर्माण कार्य विगत तीन वर्षों से लंबित पड़ा है? निर्माण कार्य की कब तक स्वीकृति प्रदाय कर टेंडर काल किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र परसवाड़ा अंतर्गत विकासखंड परसवाड़ा बालाघाट एवं किरनापुर शामिल है। जिसमें विकासखंड परसवाड़ा का संपूर्ण क्षेत्र विधानसभा अंतर्गत आता है, परसवाड़ा विधानसभा अंतर्गत (तीनों विकासखंड से) कुल रकबा 95992 हेक्टेयर में खेती की जाती है, जिसमें 38476 हेक्टेयर सिंचित तथा 57516 हेक्टेयर असिंचित है। जलसंसाधन विभाग द्वारा 22987 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा मुहैया कराई गई है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जी हाँ। ढुंटी बायीं तट नहर प्रणाली का सीमेंटीकरण हेतु ई.आर.एन. के अंतर्गत डी.पी.आर. मुख्य अभियंता वेनगंगा कछार जल संसाधन विभाग सिवनी के ज्ञापन क्रमांक 247/31/ई.आर.एम./ई/सिवनी, दिनांक 11.03.2015 द्वारा केंद्रीय जल आयोग नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है। केंद्र सरकार से स्वीकृति प्राप्त होते ही कार्य की निविदा आमंत्रित की जावेगी।
विकास कार्यों की जानकारी एवं अनियमितता की जाँच
[जल संसाधन]
16. ( क्र. 711 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री बैनगंगा जल संसाधन विभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण है कितने अपूर्ण है उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक का चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य है जिनको पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें? अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में जनप्रतिनिधि/या अन्य किसी भी प्रकार से अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें जिला स्तर पर प्राप्त हुई शिकायतों का विवरण देते हुये बताये कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा की गई एवं जाँच पश्चात् क्या कार्यवाही की गई? कितने निर्माण कार्य समय से पहले ही घटिया निर्माण के चलते धरासाही हो गये? शासन को कितनी हानि हुई? जिम्मेदार कर्मचारी/अधिकारियों क्या-क्या कार्यवाही हुई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) कार्यों में अधिक राशि का भुगतान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। एजेंसी द्वारा कार्य अपूर्ण नहीं छोड़ा गया है। अतः एजेंसी के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
नेशनल हाईवे अथवा स्टेट हाईवे को पानी निकासी हेतु काटना
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 795 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बिना किसी वैध अनुमति के किसानों एवं अन्य लोगों द्वारा अपने खेतों में पानी की आवश्यकता होने पर नेशनल हाईवे अथवा स्टेट हाईवे को पानी निकासी हेतु काट दिया जाता है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो शिवपुरी जिलान्तर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक इस प्रकार की कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई है? इन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रदेश के किसानों को अपने खेतों में पानी की आवश्यकता होने पर नेशनल हाईवे अथवा स्टेट हाईवे से पानी निकालने के लिए किसी विभाग/प्राधिकरण/संस्था से अनुमति की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा जारी नियमों/निर्देशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
भोपाल जिला सहकारी केन्द्रित बैंको के सी.ई.ओ. की नियुक्ति बाबत्
[सहकारिता]
18. ( क्र. 911 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त और पंजीयक को केन्द्रीय जिला सहकारी बैंको में सी.ई.ओ./प्रबंध संचालक की नियुक्ति के अधिकार है? यदि हाँ, तो नियुक्ति संबंधी अधिनियम नाबार्ड एवं रिजर्व बैंक के नियमों एवं मापदण्डों की प्रतियां उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक में सी.ई.ओ. की की गई नियुक्ति में यदि उपरोक्त नियमों का पालन नहीं किया गया है तो किसकी अनुमति/स्वीकृति से उक्त नियुक्ति हुई हैं और इन्हें संचालक मंडल के किस प्रावधान अनुसार पदस्थ किया गया हैं। प्रस्ताव की प्रति भी उपलब्ध करावें और यदि नहीं, की गई तो कब तक हटाया जावेगा? (ग) भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक में सी.ई.ओ. के विरूद्ध उनके पदस्थिति दिनांक से कौन-कौन सी और कब-कब शिकायतें प्राप्त हुई हैं और उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों और कब तक की जावेगी? (घ) क्या भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक में सी.ई.ओ. के विरूद्ध पूर्व में भी प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं? उन प्रकरणों की वास्तविक स्थिति क्या है और इन गंभीर प्रकरणों के उपरांत भी उन्हें पद पर पदस्थ रखा जा सकता हैं क्या?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 49-ई (2) (बी) के प्रावधान अनुसार नियुक्ति के अधिकार है। सहकारी अधिनियम की धारा 49-ई (2) (बी) तथा नाबार्ड/आर.बी.आई. के निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) नियुक्ति मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 के प्रावधानों के अंतर्गत की गई है। नियुक्ति हेतु संचालक मंडल के प्रस्ताव/ठहराव प्राप्त किये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं। (ग) भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध उनकी पदस्थी दिनांक से प्राप्त शिकायतों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) भोपाल को-आपरेटिव सेन्ट्रल बैंक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बहुउद्देशीय बाणसागर परियोजना के विस्थापितों को मुआवजा राशि
[जल संसाधन]
19. ( क्र. 950 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील क्षेत्रांतर्गत बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना के तहत ब्यौहारी तहसील के कितने ग्राम डूब प्रभावित हुये हैं? डूब प्रभावित ग्रामों में क्या सरसी, पथरेही, चितरासी, जमुनी, सपटा, विजयसोता, तेंदुहा, बेलकुडा इत्यादि ग्राम सम्मिलित हैं? (ख) क्या ग्राम सरसी के गोरेलाल पिता श्यामलाल पाठक के घर, कौसल पिता सतानंद द्विवेदी का कुआं, रामखेलावन पिता बालकृष्णम का कुआं इसी तरह ग्राम पथरेही के हरिहर प्रसाद पिता श्रीराम रावेन्द्रा शरण के घर, कुआं, पेंड सहित, ग्राम सरसी के मकान क्रमांक ७१३ से ७३० तक के स्वामियों का मुआवजा प्रश्न दिनांक तक प्रदान नहीं किया गया है। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त परियोजना के आंशिक प्रभावित ग्राम जमुनी, सपटा, विजयसोता, बेलकुडा, तेंदुहा, ओदारी इत्यादि ग्रामों की भूमि जो बांध के पानी भराव से लगी होने के कारण कृषि तथा अन्य प्रयोजन हेतु क्या अनुपयोगी हो गई है जिससे संबंधित भूमि स्वामियों को भारी नुकसान हो रहा है और उक्त अनुपयोगी भूमियों का मुआवजा भी नहीं मिला है? क्या ऐसी भूमियों का पुन: सर्वे कराकर मुआवजा वितरण की कार्यवाही की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्यों।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बाणसागर परियोजना में शहडोल जिले की ब्यौहारी तहसील के कुल 69 ग्राम डूब से प्रभावित हुये हैं। डूब प्रभावित ग्रामों में ग्राम सरसी, पथरेही, चितरासी, जमुनी, सपटा, विजयस्रोता, तेंदुहा एवं बिलकुड़ा ग्राम आंशिक रूप से डूब प्रभावित हैं। (ख) ग्राम सरसी के श्री गोरेलाल पिता श्री श्यामलाल पाठक का घर तथा मकान नं. 713 से 730 तक के अवार्ड धारियों का भुगतान किया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। श्री कौशल पिता सतानंद द्विवेदी का कुआं एवं श्री रामखेलावन पिता बालकृष्ण का कुआं भौतिक सत्यापन में न पाये जाने के कारण अवार्ड तैयार नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। ग्राम पथरेही के श्री हरिहर प्रसाद पिता श्री रामराघवेन्द्रशरण के मकान क्रं. 320, कूप क्रं. 47 एवं 9 वृक्षों की प्रतिकर राशि उनके मृतक होने तथा वारिसों द्वारा तत्समय में अभिलेख प्रस्तुत न करने के कारण तत्कालीन भू-अर्जन अधिकारी द्वारा भुगतान की कार्यवाही नहीं की गई। वारिसों द्वारा अभिलेखीय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर कार्यवाही संभव होगी। (ग) डूब प्रभावित सभी ग्रामों में शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार एफ.आर.एल लाईन के अन्दर की सभी भूमियों का अवार्ड तैयार कर मुआवजा भुगतान की कार्यवाही की जा चुकी है। एफ.आर.एल लाईन से ऊपर स्थित भूमियों के मुआवजा भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
अम्बाह ब्रांच कैनाल के लाइनिंग कार्य का अनुबंध
[जल संसाधन]
20. ( क्र. 966 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की अम्बाह ब्रांच कैनाल के 83.90 से 143.40 किलोमीटर के लाइनिंग कार्य अनुबंध क्रमांक 7 वर्ष 2012-13, अनुबंध क्रमांक 522-एल 30 एल, 31 एल एवं अनुबंध क्रमांक 4 वर्ष 2013-14 32-आर, 34 –एल से 58 आर किस कंपनी ने किया तथा कितनी राशि स्वीकृत थी एवं कितनी राशि का भुगतान किया गया, पूर्ण जानकारी प्रत्येक अनुबंध क्रमांक के अनुसार अलग-अलग दी जावें? (ख) उक्त अनुबंधों की स्वीकृत राशि से कितनी अधिक राशि का भुगतान किया गया? क्या अधिक राशि भुगतान की स्वीकृति सक्षम अधिकारी से ली गई? अधिकारी का नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) क्या अत्यधिक राशि का भुगतान शासन स्तर से अनुमति लेकर करना चाहिए था जो नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इस वित्तीय अनियमितता के लिए कौन से अधिकारी दोषी हैं क्या शासन उन पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। मुख्य अभियंता सक्षम अधिकारी होने से मुख्य अभियंता, यमुना कछार, ग्वालियर द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
अम्बाह उसैद रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 967 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की अम्बाह-उसैद रोड का कार्य किस कंपनी को दिया गया? निर्माण की राशि क्या थी एवं निर्माण पूर्ण होने की समय-सीमा क्या थी? कार्य प्रारंभ कब किया? (ख) क्या अम्बाह-उसैद सड़क मार्ग का कार्य अपूर्ण स्थिति में होकर बंद है? क्यों? (ग) उक्त मार्ग पर अभी तक कितना व्यय हो चुका है? निर्माण कंपनी को कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया? (घ) उक्त मार्ग का कितना कार्य शेष बचा है, उस पर कितनी राशि खर्च होने का अनुमान है, कार्य पूर्ण कराने हेतु शासन स्तर पर क्या प्रयास किये जा रहे हैं? पूर्ण जानकारी तथ्यों सहित दी जावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) लगभग 70 प्रतिशत कार्य शेष है, स्वीकृत राशि में कार्य पूर्ण होने की संभावना, कार्य पूर्ण करने हेतु सतत् प्रयास किये जा रहे है एवं कार्य तय समय-सीमा में पूर्ण होने की संभावना है।
बागरी नदी के रपटे पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 1025 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्र.सं. 131 (क्रमांक 1042) दिनांक 05.12.2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में जानकारी दी थी, कि श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम तलावदा-आवनी मार्ग पर बागरी नदी के रपटे पर नवीन पुल निर्माण कार्य को विभाग की स्थाई वित्तीय समिति की बैठक दिनांक 08.11.2016 में अनुमोदित किया गया, बजट में सम्मिलित होने पर प्रशा.स्वीकृति जारी करने की अनुशंसा की गई है? (ख) उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया है कि उक्त रपटे पर प्रतिवर्ष वर्षाकाल में चम्बल नदी पर बाढ़ आ जाने की स्थिति में रपटा डूब जाता है? आवागमन बन्द होने के उपरांत ग्रामीणों को कठिनाइयां आती है क्योंकि रपटे के दोनों ओर के ग्रामों का सम्पर्क टूट जाता है? (ग) यदि हाँ, तो शासन जनहित में वर्ष 2017-18 के वार्षिक बजट में उक्त कार्य को निश्चित रूप से शामिल करके स्थाई वित्तीय समिति की अनुशंसानुसार प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) प्रश्नाधीन कार्य को बजट में निश्चित रूप से शामिल करने की कार्यवाही करने के संबंध में बताया जाना संभव नहीं है।
असिंचित ग्रामों में सिंचाई सुविधा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( क्र. 1026 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्र.सं. 116 (क्रमांक 1024) दिनांक 05.12.2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया है कि श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम कूण्ड, कनापुर सहित 35 ग्रामों में सी.आर.एम.सी. से पम्प द्वारा 3456 हेक्टेयर 14 ग्रामों में आवदा नहर से 3559 हेक्टेयर में कृषकों द्वारा फलो की सिंचाई की जा रही है? (ख) क्या यह सही है कि उक्त ग्रामों के अधिकांश कृषक आर्थिक सक्षमता के अभाव में प्रतिवर्ष पम्प/अन्य साधनों से सिंचाई नहीं कर पाते हैं और वे सिंचाई सुविधा से वंचित रहते हैं जो सिंचाई कर लेते हैं उन्हें बहुत कठिनाइया आती। (ग) क्या उक्त समस्याओं के समाधान हेतु उपसंचालक कृषि श्योपुर द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अन्तर्गत पार्वती उदवहन सिंचाई योजना के निर्माण का प्रस्ताव डी.आई.पी. में संचालनालय को भेजा है एवं इसे राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की आगामी बैठक में रखा जावेगा समिति के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी? समिति की बैठक कब होगी? (घ) यदि हाँ, तो जनहित में उक्त बैठक शीघ्र आयोजित करवाकर समिति/शासन उक्त प्रस्ताव को शीघ्र स्वीकृत करेगा तत्पश्चात नियमानुसार समस्त कार्यवाही कर इसे केन्द्र सरकार से अनुमोदित कराकर बजट में शामिल करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) उक्त समस्याओं के समाधान हेतु उप संचालक कृषि श्योपुर द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत पार्वती उद्वहन सिंचाई योजना के निर्माण का प्रस्ताव जिले की डी.आई.पी. में संचालनालय को प्राप्त हुआ है। दिनांक 22.12.2016 को संपन्न राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में जिले की डी.आई.पी. का अनुमोदन किया जा चुका है। (घ) कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग श्योपुर से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार पार्वती उद्वहन सिंचाई योजना शासकीय मापदण्डों के अनुरूप न होने से योजना साध्य नहीं है। शेष का प्रश्न ही नहीं है।
खरगापुर विधानसभा में मण्डी निधि से प्रस्तावित सड़कों का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
24. ( क्र. 1080 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में मण्डी निधि से निम्न सड़कें (1) गर्रोली (मलगुंवा) से मनपसार होकर खरगापुर कुड़ीला मुख्य सड़क तक। (2) टपरियन चौहान ग्राम पंचायत के खुमान गंज से पलेरा मण्डी तक? (3) जटेरा से जमुनियां होकर बल्देवगढ़ उप मण्डी तक (खरगापुर मण्डी) तक दिनांक 15/10/15 को प्रस्ताव मुख्य अभियंता कृषि विपणन मंडी बोर्ड की ओर भेजे गये थे? क्या उक्त सड़कों के निर्माण किये जाने हेतु शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र की उक्त सड़कें किसानों को लाभ पहुंचाने एवं मण्डी की राजस्व आय बढ़ाने हेतु कारगर साबित होगी इसलिये शासन के लाभ एवं किसानों के लाभ हेतु उक्तों सड़कों को स्वीकृत किये जाने की विभाग में ऐसी कोई योजना है? (ग) उक्त वर्णित सड़कें किसानों के हित में कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। प्राप्त सड़कों के प्रस्तावों को मुख्य सचिव, म.प्र. शासन की नोटशीट क्रमांक-340 दि. 15.09.16 के निर्देश सन्दर्भ में मण्डी बोर्ड द्वारा मण्डी प्रांगण के बाहर भवन या सड़क के कार्य नहीं कराये जायेंगे, अपितु ये कार्य लोक निर्माण विभाग या म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से कराये जायेंगे के अनुक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को दिनांक 06.01.2017 से आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में मण्डी बोर्ड स्तर पर प्रश्नांकित सड़कों की स्वीकृति संबंधी अन्य कोई कार्यवाही शेष नहीं है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खरगापुर विधान सभा सहित टीकमगढ़ जिले में किसानों को प्रशिक्षण दिये जाने हेतु
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( क्र. 1081 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के एवं टीकमगढ़ जिले के किसानों का प्रशिक्षण वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को प्रशिक्षित किया गया तथा खरगापुर विधान सभा के विकासखण्ड बल्देवगढ़ एवं पलेरा सहित संपूर्ण टीकमगढ़ की जानकारी किस सक्षम अधिकारी द्वारा कितने प्रशिक्षण कब व कहाँ दिया गया किसानों की संख्या बताएं? (ख) क्या प्रशिक्षण पाने वाले किसान क्या इस प्रशिक्षण से लाभांवित हुये है यदि लाभान्वित हुये है तो किस प्रकार का लाभ उन्हे खेती से प्राप्त हुआ है? लाभान्वित किसानों की संख्या ग्रामवार एवं विकासखण्ड बन्देवगढ़ एवं पलेरा की उपलब्ध करायेंगे यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या खरगापुर के किसानों के लिए खेती लाभ का धंधा बन रही है तो ऐसे कितने किसान हैं जिनको खेती से लाभ प्राप्त होकर खेती लाभ का धंधा बन गई हो संख्या बताएं। (घ) किसानों के प्रशिक्षण पर वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि शासन की व्यय हुई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार है।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर सर्वाधिक दुर्घटना वाले स्थलों का चिन्हांकन
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 1210 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदेश के राजमार्गों के सर्वाधिक दुर्घटना वाले स्थलौ के चिन्हांकन कर उनको दुरूस्त करने के प्रस्ताव राज्य शासन से चाहे गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में विभाग द्वारा ऐसे दुर्घटना वाले कितने स्थलों के प्रस्ताव तैयार करवाकर केन्द्र सरकार को प्रेषित किये हैं? (ग) धार जिले में रा.रा. क्रमांक-3 व रा.रा.क्रमांक-59 के कौन-कौन से सर्वाधिक दुर्घटना वाले स्थलों का चयन कर दुरूस्ती के प्रस्ताव केन्द्र शासन को प्रषित किये है तथा रा.रा.क्रमांक-3 के गणपति घाट (महू-गुजरी के मध्य) में तकनीकी त्रुटी से सर्वाधिक दुर्घटनाओं वाले क्षेत्र को दुरूस्त करने हेतु कौन-कौन से प्रस्ताव तैयार किये जाकर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजे गये है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टके प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-3 व राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 59 भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
बासमती धान पर मण्डी टैक्स में छूट
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
27. ( क्र. 1211 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बासमती धान पर प्रदेश में मण्डी टैक्स में छूट का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत व प्रदेश के किन-किन जिलों में यह छूट प्रदान की जाती है? (ख) प्रदेश में बासमती धान की किन-किन मिलिंग कंपनियों को पिछले तीन वर्षों में प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मण्डी टैक्स में छुट का लाभ मिला तथा वर्षवार कितनी कितनी धनराशि की मण्डी टैक्स में छूट प्राप्त की गई? (ग) प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में वर्षवार कुल कितने लाख टन धान का उत्पादन हुआ तथा उसमें से कितने लाख टन बासमती पर कुल कितने राशि की वर्षवार मण्डी टैक्स में छूट दी गई? (घ) क्या विभाग को जिन जिलों व क्षेत्रों में बासमती धान नहीं होता है वहां के नाम पर मण्डी टैक्स में छूट लिये जाने व राइस मिल द्वारा बिना बासमती चावल के उत्पादन मण्डी टैक्स में छूट लिये जाने तथा बासमती के नाम पर अन्य धान पर यह छूट लिये जाने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं तथा जाँच में वर्ष वार प्रदेश शासन को कितने राजस्व की हानि होना पाया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। अपितु म.प्र. उद्योग संवर्धन नीति 2014 के अंतर्गत किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 03.02.2016 के अनुसार अधिसूचित कृषि उपज "धान" के प्रसंस्करण पर संपूर्ण प्रदेश में मंडी फीस में छूट प्रदान की गई है। उक्त अधिसूचना की शर्तों एवं निबंधनों के अनुसार अधिसूचित कृषि उपज के प्रसंस्करण के लिये स्थापित खाद्य प्रसंस्करण इकाई को संयंत्र एवं मशीनरी में निवेश के अधिकतम पचास प्रतिशत रकम के समतुल्य एवं विहित कालावधि तक सीमा तक मंडी फीस से छूट प्राप्त होने का प्रावधान है। अधिसूचना की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार विगत तीन वर्षों में वर्ष 2014 में 54.38 लाख मे.टन वर्ष 2015 में 53.20 लाख मे0टन एवं वर्ष 2016 में 72.55 लाख मे0टन (द्वितीय अग्रिम अनुमान) धान का उत्पादन हुआ है। जिस में से बासमती धान पर दी गई मंडी फीस से छूट का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) ग्वालियर संभाग के अंतर्गत कृषि उपज मंडी मंगरौनी जिला शिवपुरी में 01, जबलपुर संभाग के अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति कटनी जिला कटनी में 01 शिकायत प्राप्त हुई है। कृषि उपज मंडी समिति मंगरौनी जिला शिवपुरी में प्राप्त शिकायत के जाँच प्रतिवेदन में म.प्र. शासन को राजस्व हानि होना नहीं पाया गया। कृषि उपज मंडी समिति कटनी जिला कटनी में प्राप्त शिकायत में जाँच उपरांत फर्म फेयर फूड ओवरसीज पर कुल 41,46,994/- की मंडी फीस बकाया पाई गई है, जिसकी वसूली कार्यवाही मंडी स्तर पर प्रक्रियाधीन है।
भिण्ड इंदिरा गांधी चौराहा से सुभाष चौराहा तक पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 1254 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन भोपाल द्वारा भिण्ड प्रवास पर रेल चली में दिनांक 27.2.16 में इंदिरा गांधी चौराहा से सुभाष चौराहा तक मार्ग निर्माण की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित मार्ग के निर्माण के लिए किस स्तर पर कहाँ कार्यवाही प्रचलन में है? छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ग) इंदिरा गांधी चौराहा से सुभाष चौराहा तक भिण्ड में मार्ग निर्माण के लिए कब कार्य प्रारंभ हो जायेगा? (घ) लोक निर्माण विभाग भिण्ड में प्रश्नांश (क) मार्ग निर्माण के लिए विगत तीन वर्षों में क्या कार्यवाही की गई? छायाप्रति सहित जानकारी दें। प्रश्नांश दिनांक को कार्यवाही कहाँ पर किस स्तर पर प्रचलित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, नगर पालिका परिषद् भिण्ड को सड़क निर्माण हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र शासन द्वारा दिनांक 23.08.2016 को जारी किया गया। (ख) प्रश्नांश ‘क’ में वर्णित मार्ग के निर्माण हेतु कार्यवाही नगर पालिका परिषद् भिण्ड द्वारा की जायेगी। (ग) उत्तरांश ‘ख’ अनुसार। (घ) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ के उत्तर अनुसार।
लोक निर्माण विभाग के कार्यों का परीक्षण
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 1255 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत जिला भिण्ड में कहाँ पर कौन सा कार्य चल रहा हैं? किस एजेंसी ने कब प्रारंभ किया हैं? कार्य कब पूर्ण होगा? (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन सा कार्य प्रश्नांश दिनांक को अप्रारंभ/प्रारंभ अपूर्ण/पूर्ण है वर्तमान स्थिति क्या हैं? किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब अवलोकन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कार्य की गति धीमी हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? क्या कार्यवाही की गई? (घ) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2016-17 व 2017-18 की कार्ययोजना में कौन से कार्य शामिल किए गए हैं? जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ व ‘अ-1’ व ‘अ-2’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं ‘ब-1’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-2’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ व ‘स-1’ अनुसार है।
सागर नगर में बाढ़ नियंत्रण योजनांतर्गत मोंगा बंधान कार्य के संबंध में
[जल संसाधन]
30. ( क्र. 1263 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में बाढ़ नियंत्रण योजनांतर्गत स्वीकृत सागर तालाब मोगा बंधान निर्माण कार्य में मोगा के दोनों ओर दीवार एवं घाट निर्माण के लिये कितनी राशि शासन से स्वीकृत की गयी थी तथा इसके निर्माण की समय-सीमा क्या थी? (ख) क्या उक्त निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि नहीं, तो कितना कार्य शेष है तथा कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) प्रश्नाधीन कार्य के संबंध में प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या-35 (क्र. 452), दिनांक 19 जुलाई, 2016 के उत्तर में बताया गया था कि विंग वॉल के एलाइमेंट में परिवर्तन नहीं किया गया एवं मोगा के दोनों किनारों पर अतिक्रम के कारण अवरोध है? क्या वर्तमान में कोई अतिक्रमण नहीं है एवं एलाइमेंट में भी परिवर्तन कर दिया गया है, फिर भी कार्य पूर्ण न होने का क्या कारण है? इसके लिये कौन दोषी हैं? (घ) क्या शासन दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सागर तालाब मोगा बंधान निर्माण कार्य की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 30.03.2016 को रू.789 लाख की प्रदान की गई है। निर्माण कार्य की समय-सीमा दिसम्बर 2015 निर्धारित थी। (ख) जी हाँ। निर्माण कार्य दिनांक 31.12.2016 को पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। मान. प्रश्नकर्ता की अध्यक्षता में कमिश्नर सागर के कार्यालय में आयोजित बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार अतिक्रमण को बिना हटाये जल निकास के रास्ते की चौड़ाई कम करते हुये नाले की गहराई बढ़ाकर मेसोनरी विंगवाल के स्थान पर आर.सी.सी. रिटेनिंगवाल का प्रावधान परिवर्तित कर संतुलित किया जाना प्रतिवेदित है। कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
सागर नगर अंतर्गत कुलपति निवास से तिली चौराहे तक की सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 1264 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुलपति निवास से तिली चौराहे तक की सड़क पर आवागमन का आधिक्य होने से, इस सड़क को फोरलाइन बनाये जाने का कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष लंबित है? यदि हाँ, तो यह कितनी राशि का है तथा कब तक स्वीकृत हो पायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में, यदि नहीं, तो उक्त सड़क पर आवागमन की उपयुक्तता को देखते हुए क्या शासन इसका प्रस्ताव बनाकर स्वीकृत कराने हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन की उपलब्धता के कारण स्वीकृत किया जाना संभव नहीं। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नोटरी नियुक्ति के संबंध में
[विधि और विधायी कार्य]
32. ( क्र. 1300 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर में शासन द्वारा नोटरी नियुक्ति हेतु आवेदन आमंत्रित किये जाकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय जिला छतरपुर की अनुशंसा के पश्चात् जिन अधिवक्तागणों को विधि विभाग सचिवालय भोपाल जाकर साक्षात्कार में भाग लेना था की कोई जानकारी अधिवक्तागणों को न दिये जाने पर की गई शिकायतों पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध कराये? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या अधिवक्तागणों को विधिवत सूचना देकर पुन: साक्षात्कार हेतु कोई तिथि निर्धारित की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन के निर्देशानुसार तहसील-नौगांव सहित छतरपुर जिले के समस्त नोटरी पदों हेतु पुन: सम्पूर्ण कार्यवाही की जाना विचाराधीन है। (ख) जी हाँ। नोटरी नियम-1956 के नियम 6 एवं संशोधित नियम 7 (1) के प्रावधानों के अनुसार अधिवक्ताओं का अनुशंसित पैनल जिला एवं सत्र न्यायाधीश के माध्यम से बुलाया जाकर तिथि निर्धारित की जावेगी।
सहकारी संस्थाओं का पंजीयन
[सहकारिता]
33. ( क्र. 1301 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला छतरपुर द्वारा सद्भाव प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार मर्यादित बड़ामलहरा के नाम से पंजीयन किया गया था हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो पंजीयन से संबंधित विवरण उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें जिला छतरपुर द्वारा दिनांक 23.05.2012 को सद्भाव प्राथमिक उपभोक्ता भंडार मर्यादित बड़ामलहरा के नाम से निर्वाचन आदेश जारी किये गये थे उल्लेख करें? निर्वाचन आदेश की प्रतियां उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारी द्वारा पद के दुरूपयोग की श्रेणी में आता है या नहीं? यदि हाँ, तो शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, जिला छतरपुर द्वारा सदभाव प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डार मर्या. बड़ामलहरा के नाम से पंजीयन नहीं किया गया है, बल्कि प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डार मर्या., बड़ामलहरा के नाम से पंजीयन किया गया है जिसका पंजीयन क्रमांक 640 दिनांक 04.01.1991 है। पंजीयन प्रमाण पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार पंजीयन के समय पंजीयन प्रस्ताव सदभाव प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डार मर्या. बड़ामलहरा के नाम से प्राप्त नहीं हुआ था, बल्कि प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार मर्या., बड़ामलहरा के नाम से प्राप्त हुआ था, इसलिये इसी नाम से पंजीयन किया गया था। जी हाँ। कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, जिला छतरपुर द्वारा दिनांक 23.05.2012 के द्वारा सद्भाव प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डार मर्या., बड़ामलहरा के नाम से निर्वाचन आदेश जारी किया गया था। निर्वाचन आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डार मर्या. बड़ामलहरा पंजीयन क्रमांक 640 दिनांक 04.01.1991 के तत्कालीन अध्यक्ष श्री महेश देवडिया द्वारा सद्भाव प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डार मर्या., बड़ामलहरा के नाम से निर्वाचन का आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। इसी आवेदन के आधार पर कार्यालय द्वारा निर्वाचन आदेश सद्भाव प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डार मर्या., बड़ामलहरा के नाम से जारी कर दिया गया था। लिपिकीय त्रुटि परिलक्षित होती है क्योंकि भण्डार का पंजीयन क्रमांक एवं दिनांक में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग निर्माण एवं सेतु निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 1309 ) श्री राजकुमार मेव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में मार्ग निर्माण एवं सेतु निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक प्रस्ताव विभाग को प्रस्तुत किये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 की कार्ययोजना में सम्मिलित किया गया है? क्या प्रस्तावों की डी.पी.आर. तैयार कराई गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में क्या प्रस्तावित मार्गों एवं सेतु निर्माण की स्वीकृति हेतु बजट में प्रावधान किये जाने हेतु सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो बतावें। यदि नहीं, तो क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है।
रणजीत सागर परियोजना
[जल संसाधन]
35. ( क्र. 1322 ) श्री अरूण भीमावद : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कालीसिंध नदी पर रणजीत सागर परियोजना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो परियोजना की वास्तविक स्थिति क्या है? (ग) उक्त योजना के प्रारंभ होने से विधानसभा क्षेत्र शाजापुर की कितनी भूमि सिंचित होगी? (घ) कालीसिंध नदी पर रणजीत सागर परियोजना कब तक प्रारंभ होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जी नहीं। प्रश्नाधीन परियोजना की स्वीकृति दिनांक 04.10.2008 को वार्षिक सिंचाई 50,400 हे. अनुमानित लागत राशि रू.453.54 करोड़ के लिए दी गई थी। परियोजना के डूब क्षेत्र में बहुमूल्य भूमि आने, डूब क्षेत्र की भूमि की कलेक्टर गाईड-लाईन दर में अत्यधिक वृद्धि हो जाने, भू-अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रभावशील होने के परिप्रेक्ष्य में परियोजना की लागत में लगभग 5 गुना वृद्धि और केन्द्रीय जल आयोग के परीक्षण उपरांत सिंचाई क्षेत्र कम होकर 32,400 हेक्टर लागत अत्याधिक हो जाने से परियोजना वर्तमान में साध्य नहीं रही है। परियोजना के असाध्य हो जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
किसानों को केन्द्र पोषित एवं राज्य पोषित प्रदाय सामग्रियों की गुणवत्ता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
36. ( क्र. 1323 ) श्री अरूण भीमावद : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा केन्द्र पोषित एवं राज्य पोषित योजनाओं के अंतर्गत किसानों को कौन-कौन सी आदान सामग्रियां प्रदान की जाती हैं तथा इसका वितरण किसानों को किस माध्यम से किया जाता है? (ख) शाजापुर जिले में किसानों को वितरण की जाने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता की जाँच की जाने हेतु वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कौन सी सामग्रीयों के नमूने लिये गये है? (ग) यदि नमूने लिये गये हैं तो कितने नमूने की विश्लेषण रिपोर्ट अमानक स्तर की पाई गई है? प्रमाणिक विश्लेषण रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (घ) क्या अमानक स्तर के नमूने वाली सामग्रियों का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि विभाग द्वारा केन्द्र पोषित एवं राज्य पोषित योजनाओं के अन्तर्गत बीज, पौध संरक्षण दवा एवं कृषि यंत्र आदि आदान सामग्री प्रदान की जाती है। उक्त आदान सामग्री का वितरण कृषकों को क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी, एमपी एग्रो, विपणन संघ संस्था के माध्यम से किया जाता है। (ख) किसानों को वितरण की जाने वाली सामग्री में बीज के 291 नमूने एवं पौध संरक्षण दवा के 8 नमूने लिये जाकर विश्लेषण हेतु प्रयोगशाला भेजे गये। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) विश्लेषण रिपोर्ट में 58 बीज के नमूने अमानक पाये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बालाघाट जिले से जिला मुख्य मार्ग (MDR) बनाए जाना
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 1360 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुख्य मार्ग (MDR) बनाये जाने के क्या मापदंड हैं? (ख) बालाघाट जिले से विषयांकित मार्ग बनाए जाने हेतु वर्ष 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए थे तथा किन किन मार्गों को MDR में लिया गया है? (ग) विधानसभा क्षेत्र लांजी के रिसेवाड - बहेला - सिंगोला - सेवती मार्ग MDR हेतु प्रस्तावित तथा किन कारणो से इसे MDR नहीं बनाया गया? (घ) यह देखते हुए की यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित क्षेत्र है क्या उक्त मार्ग को जिला मुख्य मार्ग बनाया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिले के कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा एवं यातायात घनत्व एवं उपयोगिता के दृष्टिगत एवं प्राथमिकता क्रम अनुसार श्रेणी परिवर्तन के मापदण्ड है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जिले से प्राप्त सभी प्रस्तावों को एक साथ एम.डी.आर. घोषित करना संभव नहीं है। प्राथमिकता के आधार पर मार्गो को एम.डी.आर. घोषित किया गया है। (घ) नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने से एम.डी.आर. घोषित करने का संबंध नहीं है। शेष प्रश्नांश ‘ग’ अनुसार।
नियम विरूद्ध पदोन्नति का मामला
[जनसंपर्क]
38. ( क्र. 1410 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 218 (क्र. 3291) दिनांक 26 जुलाई 2016 एवं अतारांकित प्रश्न संख्या 177 (क्र. 1379) दिनांक 5 दिसम्बर 2016 के उत्तर में दी गई जानकारी के अनुसार म.प्र. माध्यम में सूचना का अधिकार उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर बंद किया गया था? जबकि तत्कालीन स्थापना प्रभारी द्वारा उपलब्ध कराये गये आधे अधूरे दस्तावेजों के आधार पर सूचना अधिकार बंद किया गया? क्यों? बाद में इसे पुन: आरंभ भी करना पड़ा, क्योंकि माध्यम द्वारा शासकीय विभागों का ही कार्य किया जाता है व आमदानी का स्त्रोत भी यही है? ऐसी स्थिति निर्मित करने हेतु क्या तत्कालीन स्थापना प्रभारी दोषी नहीं हैं? ऐसे दोषी अधिकारी को कब तक निलंबित किया जावेगा? (ख) क्या म.प्र. माध्यम वर्ष 2014 में पदोन्नति की गई व उन पदों पर की गई जो पद 2013 में सृजित किये गये? क्या वर्ष 2013, 2014, 2015 व 2016 में ग्रेडेशन लिस्ट जारी की गई थी? बिना ग्रेडेशन लिस्ट के किस आधार पर पदोन्नति की गई? क्या तत्कालीन स्थापना प्रभारी द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर स्वयं की पदोन्नति कराई? क्या यह निरस्त की जावेगी? क्या इन्हें निलंबित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधि विशेषज्ञों के परामर्श पर स्वपोषित संस्था में सूचना का अधिकार लागू नहीं होता, इसलिए इस पर अंतिम निर्णय होने तक सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही संस्था में लंबित रही। अधिवक्ता से प्राप्त पत्र की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। लेकिन संस्था के कार्यों में पारदर्शिता की दृष्टि से विधि विशेषज्ञ की आर.टी.आई. नहीं लागू होने की राय के बावजूद संस्था में सूचना का अधिकार अधिनियम को प्रभावशील रखा गया है, जो कि वर्तमान में प्रभावशील है। कोई दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2013, 2014, 2015 व 2016 में ग्रेडेशन लिस्ट जारी नहीं की गई है। पदोन्नतियाँ वर्ष 2012 की ग्रेडेशन लिस्ट के आधार पर की गई थी। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जलाशय निर्माण की स्वीकृति
[जल संसाधन]
39. ( क्र. 1443 ) श्री प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बंदरकोला जलाशय, गाड़ाघाट जलाशय, नरगुवां जलाशय, पौड़ी जलाशय एवं नोहटा ग्राम के समीप मढ़ा जलाशय का निर्माण कब कितनी लागत का स्वीकृत किया गया था? प्रत्येक तालाब से कितनी-कितनी भूमि सिंचित की जाती है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तालाबों से लगातार पानी का रिसाव घटिया निर्माण के चलते हो रहा है तथा शासन/प्रशासन स्तर पर कृषकों द्वारा कई बार शिकायतें की गई, किन्तु अधिकारियों की मनमानी एवं भ्रष्टाचार के चलते आज तक तालाबों के पानी के रिसाव को बंद नहीं किया जा सका है? क्या पानी के रिसाव के चलते कृषकों को रबी मौसम की फसलें लेना कठिन है, साथ ही ग्रीष्म ऋतु में पेयजल का संकट ग्रामवासियों सहित जानवरों को भी झेलना पड़ता है? (ग) क्या माला जलाशय के चेनल गेट का लीकेज प्वाइंट बंद न होने से आवश्यक पानी की बर्बादी हो रही है, जलाशय का पानी आधे से अधिक खाली हो चुका है, परन्तु शासन/प्रशासन की कोताही के चलते अनेक शिकायतें किये जाने के बावजूद भी कोई सुधारात्मक कार्यवाही अभी तक नहीं की गई है? यदि की गई है, तो कब-कब, किसके द्वारा तथा उस पर कितनी राशि व्यय हुई? (घ) क्या प्रश्नांश (क) (ख) (ग) में उल्लेखित जलाशयों के पानी का रिसाव बंद किये जाने हेतु प्रशासन/शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई है तथा अनियमितता के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित तालाबों में से केवल बंदरकोला जलाशय से ही अधिक रिसाव होना प्रतिवेदित है। रिसाव के संबंध में कृषकों से मैदानी कार्यालयों में शिकायतें प्राप्त हुई थी। रिसाव को बंद करने के लिये भू-गर्भीय अन्वेषण हेतु निविदा आमंत्रित की जाकर अन्वेषण का कार्य किया गया है। अन्वेषण से प्राप्त सिफारिश अनुसार बंदरकोला जलाशय की नींव से रिसाव बंद कराने की कार्यवाही संभव होगी। इसमें अधिकारियों की मनमानी एवं भ्रष्टाचार करने की स्थिति नहीं है। जी हाँ, जलाशय में भण्डारित जल में रिसाव के कारण रबी क्षेत्र की फसल की सिंचाई प्रभावित होती है। इस जलाशय में पेयजल का प्रावधान नहीं है। (ग) माला जलाशय में स्लूस गेट का प्रावधान है। परियोजना से निर्धारित रबी लक्ष्य 3150 हेक्टेयर के विरूद्ध 3205 हेक्टेयर में सिंचाई किए जाने से जलाशय का पानी खाली होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में जलाशय में 05 फीट पानी उपलब्ध है। स्लूस गेट से लीकेज की शिकायत प्राप्त हुई थी तत्समय सुधार कार्य लाईन मशीनरी एवं विद्युत यांत्रिकी संभाग सागर जल संसाधन विभाग द्वारा कराया गया। व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) बंदरकोला जलाशय से हो रहे रिसाव के लिये भू-गर्भीय अन्वेषण कराया गया है। भू-गर्भीय अन्वेषण से प्राप्त परिणामों के आधार पर रिसाव रोकने की कार्यवाही संभव होगी। निर्माण कार्य में की गई अनियमितता के लिए प्रथम दृष्टया जिम्मेदार अधिकारियों को शासन स्तर से आरोप पत्र जारी किए गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
किसानों को गुणवत्ताहीन उर्वरक एवं कीटनाशक का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
40. ( क्र. 1446 ) श्री प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में रबी 2016-17 हेतु कितने उर्वरक की आवश्यकता थी उसके विरूद्ध कितना उर्वरक उपलब्ध हुआ? कृषकों को गुणवत्ता पूर्ण उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु क्या प्रावधान है? मानक स्तर के उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु क्या प्रबंध किये गये? (ख) दमोह जिले में कीटनाशक एवं उर्वरक की गुणवत्ता के निरीक्षण हेतु कितने निरीक्षक कब से पदस्थ है? पदवार जानकारी देवें? दमोह जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में उर्वरक एवं कीटनाशक के कितने नमूनों का परीक्षण कराया गया? उनमें से कितने-कितने नमूने मानक एवं अमानक स्तर के पाये गये? अमानक उर्वरक एवं कीटनाशक विक्रेताओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई वर्षवार बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) रबी 2016-17 हेतु 28.76 लाख मे.टन उर्वरक की आवश्यकता का आंकलन किया गया, जिसके विरूद्ध दिनांक 13.02.2017 तक 28.39 लाख मे.टन उर्वरक उपलब्ध हुआ। उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के अनुसार कृषकों को गुणवत्ता युक्त उर्वरक उपलब्ध कराने का प्रावधान है। मानक स्तर का उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु रबी 2016-17 में दिनांक 15.10.2016 से 15.12.2016 तक गुणवत्ता नियंत्रण हेतु जिलों में निरीक्षण दलों का गठन कर सघन अभियान संचालित किया गया। (ख) कीटनाशक एवं उर्वरक निरीक्षकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। उर्वरक नमूनों के परीक्षण तथा अमानक नमूनों से संबंधित विक्रेताओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। एवं कीटनाशक नमूनों के परीक्षण तथा अमानक नमूनों से संबंधित विक्रेताओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रावधान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
41. ( क्र. 1546 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषक बीमा योजना लागू होने के पश्चात् क्या शासन द्वारा RBC 6 (4) के तहत फसल नुकसानी पर मिलने वाले मुआवजे के प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है? (ख) विषयांकित योजना में कृषक को ईकाई बनाया जाना प्रचारित करने के बाद पटवारी हल्का को ईकाई बनाए जाने के क्या कारण है? (ग) विषयांकित योजना में बीमा कपंनियों को केन्द्र तथा राज्य सरकार के अंश की राशि क्या जमा कर दी गई है यदि नहीं, तो कब तक जमा की जाएगी? बीमा शर्तों में शासन की अनुदान की राशि जमा करने की क्या कोई समय-सीमा तय की गई है? (घ) क्या शासन प्रदेश में विषयांकित बीमा योजना से राशि का भुगतान करते समय कर्ज की राशि न काटने हेतु प्रावधान करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के पश्चात् शासन द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 के तहत फसल नुकसानी पर मिलने वाले अनुदान सहायता राशि के प्रावधानों को समाप्त करने के कोई आदेश जारी नहीं किये गये। (ख) योजनांतर्गत क्षतिपूर्ति प्रक्रिया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। योजनांतर्गत थ्रेश-होल्ड उपज की गणना करने हेतु पिछले 7 वर्षों के फसल कटाई प्रयोगों के आंकडों की आवश्यकता होती है, जो कि पटवारी हल्कास्तर पर आयोजित किये जाते हैं। अत: मुख्य फसलों हेतु आंकड़ों की उपलब्धता के आधार पर फसलों को पटवारी हल्का स्तर, तहसील स्तर एवं जिला स्तर पर अधिसूचित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) योजनांतर्गत वास्तविक प्रीमियम दर में राज्य सरकार के अंश का भुगतान प्रकियाधीन है। तत्पश्चात् केन्द्र सरकार का अंश संबंधित बीमा कंपनी को प्राप्त होता है। बीमा शर्तों में शासन की अनुदान राशि जमा करने की कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है। अपितु संभावित प्रीमियम के शासन के अंश का 50 प्रतिशत फसल मौसम के पूर्वार्ध में बीमा कंपनी को भुगतान करने का प्रावधान है। (घ) योजनांतर्गत दावा राशि के भुगतान से कर्ज की राशि काटने का प्रावधान नहीं है।
गोटेगांव से कुण्डा रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 1549 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में गोटेगांव से कुण्डा तक सीसी रोड निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो इस रोड की निविदा कब जारी की गई एवं किस ठेकेदार को ठेका प्रदान किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त सड़क निर्माण का स्टीमेट कितना था एवं कितनी राशि जारी की गई? प्रतिलिपि प्रदान करें। उक्त कार्य पूर्ण किये जाने की समय-सीमा क्या है? (ग) कुण्डा से गोटेगांव सीसी रोड निर्माण तय मानदण्डों के अनुरूप किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सड़क पर ब्लैक स्वाईल क्यों नहीं हटाया गया, सड़क की लम्बाई सभी स्थानों पर एक समान नहीं है, सड़क निर्माण में रेत, गिट्टी एवं सीमेंट का अनुपात मिश्रण सही नहीं है? क्या इसकी जाँच करायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं 1 अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ के स्तम्भ-9 अनुसार है।
नवीन नर्सरी/माडॅल नर्सरी केन्द्र की स्थापना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
43. ( क्र. 1574 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में वर्तमान में नायन एवं कंचनखेडी नर्सरी ही संचालित है, जबकि खाचरौद विकासखण्ड में 130 ग्राम पंचायतें एवं 218 ग्राम सम्मिलित है, क्षेत्र की विस्तृतता को देखते हुए नवीन नर्सरी खोलने की शासन की क्या योजना है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में माडॅल नर्सरी केन्द्र का प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि नहीं, है तो कब तक योजना में सम्मिलित कर लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) विभाग की वर्तमान में नवीन नर्सरी खोलने की कोई योजना नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रदेश में कहीं भी मॉडल नर्सरी खोलने की स्थिति भारत सरकार से स्वीकृति मिलने पर निर्भर होती है। विगत तीन वर्षों से कोई स्वीकृति नहीं मिलने से कोई योजना नहीं है।
बड़वारा बायपास का सीमांकन कराया जाना
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 1590 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निर्माणाधीन कटनी-अनूपपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 78 के अंतर्गत ग्रामपंचायत बड़वारा के बायपास के बनाये गये मानचित्र के अनुसार प्रारंभ से अंत तक दोनों दिशाओं के किन पटवारी हल्का के किन शासकीय और कृषकों के किन खसरों की कितने में से कितने रकबों की भूमि अर्जित की गई है और किन्हें किन अवधियों में कितना मुआवजा वितरित किया गया है। (ख) क्या बायपास के मानचित्र के विरूद्ध हुए निर्माण की भौतिक स्थिति के अनुसार प्रश्नांश-क के किन्हीं कृषकों की किन्हीं जरीब की भूमि अतिक्रमित होने से पूर्व से निर्धारित चौहद्दियां प्रभावित हुई हैं। (ग) क्या राजस्व प्रकरण वर्ष 2008-2009 के सीमांकन को 2016 तक मान्य करने वाले प्रश्नांश-क के कृषक छोटेलाल वल्द नमैया चौधरी को प्रदत्त किसी मुआवजा के विरूद्ध कुल कितने जरीब की भूमि के प्रभावित होने और उसकी नये सीमांकन से बनी चौहद्दी से बायपास के प्रारंभ से अंत तक कितने कृषकों की चौहद्दियां प्रभावित होंगी। (घ) क्या विभाग प्रश्नांश-ग सीमांकन के 2008-2009 के आधार पर पुन: सीमांकन कराने एवं प्रभावित कृषकों को न्याय प्रदान करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित करेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ जानकारी भू-अर्जन से संबंधित होने के कारण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटनी के लेजर (रजिस्टर) से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। बायपास के पूर्व स्वीकृत एकरेखण के विरूद्ध कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) बड़वारा बायपास के पूर्व स्वीकृत एकरेखण के अनुसार ही भू-अर्जन किया गया है। कृषक छोटेलाल वल्द नमैया की भूमि का पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के सरल क्रमांक-2 पर अंकित अनुसार अर्जन किया गया है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों की बकाया राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 1620 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 42 (क्रमांक 1910), दिनांक 29 जुलाई, 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया है कि व्यापारिक फर्मों पर कृषि उपज मण्डी समिति खिलचीपुर जिला राजगढ़ की बकाया राशि एवं किसानों के भुगतान की बकाया राशि के संबंध में प्रकरण न्यायालय तहसीलदार तहसील खिलचीपुर में तिथि 30.07.2016 तक के लिये विचाराधीन है? प्रकरण में निर्णय उपरांत ही किसानों को बकाया राशि का भुगतान किया जावेगा? तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रकरण में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन किसानों की बकाया राशि का भुगतान करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। प्रकरण में व्यापारिक फर्मों द्वारा न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी खिलजीपुर-जीरापुर में पारित आदेश दिनांक 14.03.2016 के विरूद्ध अपील कार्यालय आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल में विचाराधीन है। न्यायालय अपर आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल द्वारा सुनवाई की आगामी तिथी 21.06.2017 नियत की गई है। (ख) प्रश्नांश "क" के अनुसार प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत न्यायालय अपर आयुक्त भोपाल के समक्ष विचाराधीन है। किसानों की बकाया राशि के भुगतान के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय फसल बीमा योजना
[सहकारिता]
46. क्र. 1641 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित जबलपुर-कटनी द्वारा खरीफ फसल वर्ष 2015 हेतु कितने सदस्यों को कितना अल्पकालिक ऋण वितरित किया गया था? समितिवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऋण कृषकों में से कितने कृषकों का कितनी राशि का राष्ट्रीय फसल बीमा कराया गया एवं कितनी बीमा राशि जमा की गई? पटवारी हल्कावार, अधिसूचित फसल का नाम, बीमाकृत फसल नाम, बीमित राशि तथा जमा की गई बीमा राशि सहित सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिन पटवारी हल्कों में जो फसलें अधिसूचित नहीं थी, उनकी बीमा राशि कृषकों से क्यों काटी गई? पटवारी हल्कों में जो फसलें अधिसूचित थी, उनकी बीमा राशि के पैसे कृषकों से क्यों नहीं काटे गये? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित राष्ट्रीय फसल बीमा योजना का किन-किन समितियों के कितने कृषकों को कितनी राशि का क्लेम प्राप्त हुआ? जिंसवार, पटवारी हल्कावार सूची देवें। (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (घ) के संदर्भ में एक ही संस्था के एक ही पटवारी हल्का नम्बर के कृषकों में से कुछ को क्लेम प्राप्त होने तथा अधिकांश कृषकों को क्लेम प्राप्त न होने के क्या कारण हैं? क्या शासन उपरोक्त विसंगतियों की उच्च स्तरीय जाँच कराकर कृषकों को उचित बीमा क्लेम राशि प्रदान कर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जिन पटवारी हल्कों में जो फसले अधिसूचित नहीं थी, उनकी बीमा प्रीमियम की राशि कृषकों से नहीं काटी गई तथा जिन पटवारी हल्कों में जो फसलें अधिसूचित थी, उनकी बीमा प्रीमियम की राशि कृषकों से नहीं काटे जाने के संबंध में समितिवार, कृषकवार, पटवारी हल्कावार एवं अधिसूचित फसलवार विस्तृत परीक्षण हेतु आदेशित किया गया है। परीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त होने पर ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ङ) प्रश्नांश ‘‘ख’’ एवं ‘‘घ’’ के संदर्भ में एक ही संस्था के एक ही पटवारी हल्का नम्बर के कृषकों में से कुछ कृषकों को बीमा क्लेम प्राप्त होने तथा अधिकांश को प्राप्त न होने के संबंध में जाँच आदेशित की गई है। इस संबंध में एक शिकायत जिला कटनी, तहसील रीठी, पटवारी हल्का करहिया की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, जबलपुर को प्राप्त हुई थी, जिसके संबंध में बैंक द्वारा एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कंपनी आफ लिमिटेड को लिखा गया हैं। शेष जाँच निष्कर्षाधीन।
कटंगी-मझौली-बचैया रोड निर्माण में अनियमितताओं की जाँच
[लोक निर्माण]
47.( क्र. 1642 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कटंगी-मझौली-बचैया रोड निर्माण का कार्य प्रश्न दिनांक तक कितना हो चुका है? कितना शेष है? उक्त निर्माण हेतु आयटमवार कितना-कितना भुगतान ठेकेदार को किया गया है? सी.सी. रोड का भाग किस गुणवत्ता का बनाया जा रहा है? गुणवत्ता नमूना किस उपयंत्री/सहा. यंत्री द्वारा किये गये? उक्त मार्ग निर्माण में कितने घन मी. मुरूम का उपयोग अब तक किया गया? उक्त मुरूम खनन किन-किन खदानों से किया गया एवं कितने-कितने खनन की अनुमति कब प्राप्त की? (ख) उक्त कटंगी-मझौली-बचैया रोड के सीमेंट कांक्रीट रोड के निर्माण में घटिया गुणवत्ता निर्माण की अनेक शिकायतें ग्रामीणों द्वारा प्रश्नकर्ता को की गयी हैं? क्या शासन उक्त सीमेंट कांक्रीट रोड की गुणवत्ता की जाँच कोर कटिंग कर मुख्य तकनीकी परीक्षक से करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग के संज्ञान में नहीं है। विभाग द्वारा कोर कटिंग कर परीक्षण समय-समय पर किया गया है जांच परीक्षण परिणाम मानक अनुरूप है। अत: मुख्य तकनीकी परीक्षक से जांच की आवश्यकता नहीं है।
योजनांतर्गत कृषकों को अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
48.( क्र. 1670 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किसानों के कल्याण एवं कृषि विकास हेतु विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितने कृषकों को कितना अनुदान प्रदान किया गया है? (ख) विभिन्न स्वीकृत योजनाओं में प्राप्त आवंटन के व्यय का भौतिक सत्यापन कब-कब किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया है? सत्यापन में पायी गयी अनियमितता का योजनावार विवरण दें? (ग) अनुदान राशि घोटाले में दोषी पाये गये किस-किस अधिकारी पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, की गई है तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सतना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किसानों को किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक 2216 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया तथा कुल राशि रूपये 5817892/- का अनुदान प्रदाय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) सतना विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अनुदान राशि घोटाले के संबंध में की गई शिकायत में श्री एस.के.शर्मा, तत्कालीन उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास सतना एवं श्री सुभाष श्रीवास्तव वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी सोहावल के विरूद्ध लोकायुक्त संगठन एवं आर्थिक अपराध एवं अन्वेषण ब्यूरो द्वारा जाँच कार्यवाही प्रचलन में है। विभागीय स्तर पर श्री एस.के. शर्मा, तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास सतना एवं श्री गंगासिंह वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी उचेहरा के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलित है। श्री शर्मा एवं गंगा सिंह के विरूद्ध शासन आदेश क्रमांक एफ 4ए/38/2016/14-1, दिनांक 4.11.2016 द्वारा विभागीय जाँच संस्थित कर श्री के.एस.टेकाम, अपर संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था म.प्र.भोपाल को जाँचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। जाँच कार्यवाही प्रचलित है। साथ ही श्री एस.के.शर्मा, तत्कालीन उप संचालक कृषि सतना एवं श्री गंगासिंह वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी उचेहरा के विरूद्ध पुलिस थाना उचेहरा में दिनांक 4.10.2016 को एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है।
उज्जैन संभाग के विपणन संस्थाओं बाबत्
[सहकारिता]
49.( क्र. 1689 ) श्री कैलाश चावला : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के अंतर्गत कितनी विपणन सहकारी संस्थाएं कार्यरत है। (ख) उक्त संस्थाओं में कितने कर्मचारी नियुक्त है व सालाना वेतन, भत्ता, स्टेशनरी आफिस खर्च आदि पर कितना व्यय किया जा रहा है। संस्थावार बतावें? (ग) उक्त संस्थाओं की आर्थिक स्थिति खराब है, तो शासन इन संस्थाओं को चलाने के लिए इन्हें कोई कार्य देना /अनुदान देने/ इन संस्थाओं को बंद कर इनके कर्मचारियों को अन्यत्र समायोजित करने हेतु क्या निर्णय कर रहा है।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 29 (ख) संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) विपणन सहकारी संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण एवं उन्हें कार्य दिलाये जाने बाबत् परिपत्र दिनांक 29.07.2010 से निर्देश जारी है, प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इन संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु अंशपूंजी एवं ऋण सहायता की योजना संचालित है, अनुदान देने की कोई योजना संचालित नहीं है। इन संस्थाओं को बंद कर इनके कर्मचारियों को अन्यत्र समायोजित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
स्टॉप डेम निर्माण
[जल संसाधन]
50. ( क्र. 1705 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ तहसील के ग्राम भागसरा में स्टॉप डेम निर्माण का कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही चल रही है? (ख) क्या ग्रामवासियों एवं सरपंच द्वारा ग्राम के नाले पर स्टॉप डेम निर्माण हेतु अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही चल रही है? (ग) क्या भविष्य में ग्राम भागसरा के निवासियों को स्टॉप डेम की सौगात मिल पाएगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) शासन स्तर पर पत्रों का संधारण नहीं किया जाता। वर्तमान में स्टॉप डेम निर्माण का कोई प्रस्ताव विचारधीन नहीं है। (ग) मैदानी अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण किया जाना प्रतिवेदित है। लोकल नाले में जीवित जल क्षमता अत्यंत न्यूनतम होने के कारण परियोजना साध्य नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
कृषि उपज मंडी समितियों के गोडाउन किराये पर देने बावत्
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
51. ( क्र. 1840 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर की कृषि उपज मंडी समिति सारंगपुर/पचोर में दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन व्यापारियों के गोडाउन मण्डी समितियों के कितनी-कितनी दर पर कितनी-कितनी अवधि के लिये किराये पर दिये गये हैं? व्यापारियों के नाम, अवधि एवं जमा करायी गयी राशि को विवरण देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार कृषि उपज मंडी पचोर एवं सारंगपुर में जिन व्यापारियों को गोडाउन किराये पर दिये गये हैं उनमें से किन-किन व्यापारियों के द्वारा मंडी टैक्स जमा कराया गया है? व्यापारियों के नाम एवं माह वार राशि के विवरण से अवगत करावें? (ग) कृषि उपज मंडी समिति पचोर/सारंगपुर की भूमि पर किन-किन अस्थाई गोडाउन बनाने वाले व्यापारियों के द्वारा मंडी में कितना-कितना मण्डी टैक्स जमा कराया गया, माहवार व्यापारीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जिन व्यापारियों के द्वारा मंडी गोडाउन किराये पर लिया है एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार जिन व्यापारियों द्वारा मंडी की भूमि पर अस्थाई गोडाउन निर्मित करने के पश्चात् भी व्यापार नहीं किया जा रहा है उन व्यापारियों से शासन/मण्डी समिति गोडाउन खाली करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी व्यापारी को गोदाम किराये पर नहीं दिए गए हैं। (ख) कोई भी व्यापारियों को गोदाम किराये पर नहीं दिए गए हैं अतः व्यापारियों द्वारा मंडी टैक्स जमा नहीं कराया गया है। (ग) किसी भी व्यापारी द्वारा अस्थाई गोदाम नहीं बनाए गए हैं। शेष का प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खाद, यूरिया एवं डी.ए.पी. का आवंटन
[सहकारिता]
52. ( क्र. 1862 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में शासन से जिला विपणन कार्यालय को वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी-कितनी खाद यूरिया एवं डी.ए.पी. का आवंटन प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन को कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी मात्रा में कितना उधार (किस-किस को) दिया गया? कितना नकद (किस-किस को) दिया गया वर्षवार/संस्थावार जानकारी उपलबध कराई जावे। (ख) खाद उधार वितरण करने के संबंध में शासन के क्या नियम निर्देश हैं? नियम की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे। किन-किन संस्थाओं (गोदामों) पर कितनी-कितनी राशि कब से लेना शेष है? (ग) बकायादारों से वसूली हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या अधिकारी/कर्मचारियों ने शासन के नियम के विरूद्ध अपात्र संस्थाओं को खाद उधार दिया जो नियम विरूद्ध हैं? यदि नहीं, तो नियम उपलब्ध करायें। इसके लिये कौन-कौन दोषी है? उनके नाम एवं पद अवगत करायें तथा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) यूरिया एवं डीएपी आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार, पैक्स संस्थाओं को आर.ओ. पर खाद विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, अन्य संस्थाओं एवं कृषकों को नगद विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार एवं अन्य संस्थाओं को बिल तथा नगद पर विक्रय की गई खाद की लंबित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है, पैक्स संस्थाओं को आर.ओ पर समितिवार विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 5 अनुसार है। (ख) खाद उधार वितरण के संबंध में शासन के निर्देश नहीं है, संस्थाओं से लंबित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) बकायादार संस्थाओं से वसूली हेतु दिनांक 31.08.2016 एवं 03.02.2017 को विपणन संघ द्वारा पत्र लिखा गया है, नियम विरूद्ध उधार पर खाद विक्रय हेतु प्रथम दृष्टया दोषी तत्कालीन जिला विपणन अधिकारी श्री बाबूलाल शर्मा को निलंबित किया गया है, प्रकरण में जिले के अन्य कर्मचारियों के उत्तरदायित्व निर्धारण के संबंध में विपणन संघ द्वारा मण्डल प्रबंधक ग्वालियर को निर्देश प्रदाय किये गये हैं, प्रतिवेदन प्राप्त होने पर यथेष्ट कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) संस्थाओं को खाद उधार दिये जाने का प्रावधान नहीं है, शेष उत्तर उत्तरांश 'ग' अनुसार।
सतनवाड़ा-नरवर सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
53. ( क्र. 1915 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सतनवाड़ा-नरवर रोड का निर्माण एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा कब प्रारंभ कराया गया? उक्त निर्माणाधीन सड़क की लंबाई क्या है वर्तमान में कितने प्रतिशत सड़क निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त सड़क मार्ग के बीच पड़ने वाली वन विभाग/राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में स्थित सड़क के निर्माण की स्वीकृत प्राप्त हो चुकी है? यदि नहीं, तो इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सतनवाड़ा-नरवर सड़क का निर्माण पूर्ण किए जाने की क्या समय-सीमा निर्धारित की गई थी? क्या समय-सीमा अनुसार संबंधित ठेकेदार द्वारा कार्य संपादित किया जा रहा है? यदि नहीं, तो उस पर क्या कार्यवाही की जा रही है? सड़क निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सतनवाड़ा-नरवर रोड का निर्माण दिनांक 04.11.2015 से प्रारंभ कराया गया। उक्त निर्माणाधीन सड़क की लंबाई 25.54 कि.मी. है। वर्तमान में लगभग 22 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) जी हाँ। माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश दिनांक 05.10.2015 एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) म.प्र. का पत्र क्रं0/व0प्रा0/मा0चि0/सतनवाड़ा नरवर/8777/भोपाल, दिनांक 23.12.2015। (ग) उक्त सड़क का निर्माण पूर्ण किये जाने की समय-सीमा कार्य प्रारंभ दिनांक से 2 वर्ष निर्धारित की गयी है। जी हाँ। सड़क निर्माण कार्य अनुबंधानुसार दिनांक 03.11.2017 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
नहरों का गुणवत्ताहीन लाईनिंग कार्य
[जल संसाधन]
54. ( क्र. 1928 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर अंतर्गत दाई एवं बायीं तट की नहरों का जो पक्कीकरण का कार्य हुआ है वह अत्यंत ही घटिया एवं गुणवत्ताहीन है जिसके लिये क्या विभाग द्वारा जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा नहरों (दाई एवं बायीं तट) के घटिया तथा गुणवत्ताहीन होने के संबंध में विभाग को प्रेषित किये गये पत्रों पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) दाई एवं बायीं तट नहरों का निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन होने के लिये कौन-कौन अधिकारी एवं कार्य एजेन्सी जिम्मेदार है तथा विभाग द्वारा इन पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
55. ( क्र. 1929 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 15 मई 2015 में प्रकाशित होशंगाबाद जिले के सोहागपुर, बाबई, केसला एवं होशंगाबाद के विकासखण्डों में संलग्न ग्रामों के किसानों के रकबे में धान/मूंग की फसल अंकित होने से किसानों को मुआवजा तथा बीमा क्लेम में राशि नहीं मिल पाई है? (ख) शासन की योजना अनुसार बीमा कराने का मुख्य उद्देश्य कोई भी प्राकृतिक आपदा आने पर उन्हें बीमा राशि का मुआवजा मिल सके परंतु प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के अनेकों ग्रामीण किस कारण से बीमा से वंचित रह गये है? (ग) किसानों ने सोयाबीन का बीमा कराया था लेकिन राजस्व विभाग के अधिकारियों ने उसमें अन्य फसलों की प्रविष्टि जैसे धान, मूंग अंकित कर दी गई है जिससे अनेकों किसान बीमा राशि से वंचित हो रहे हैं, इस विसंगतियों को दूर करने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है एवं जिन किसानों के नाम बीमा राशि मिलने से छूट गये हैं, उन्हें कब तक राशि दे दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) योजना अनुसार जिलों के अधीक्षक भू-अभिलेख से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार बीमांकन हेतु फसलों को अधिसूचित किया जाता है। खरीफ 2015 मौसम अंतर्गत जिला होशंगाबाद की सोहागपुर, बाबई, केसला एवं होशंगाबाद तहसीलों में धान सिंचित फसल विभिन्न पटवारी हल्कों में अधिसूचित थी। फसल कटाई प्रयोगों के आंकड़ों के आधार पर किसी भी पटवारी हल्का में उपज में कमी नहीं पाई गई थी। अत: क्षतिपूर्ति देय नहीं है। इसके अतिरिक्त उपरोक्त तहसीलों के विभिन्न पटवारी हल्कों में सोयाबीन फसल अधिसूचित थी एवं जिन-जिन पटवारी हल्कों में योजना के अनुसार उपज में कमी पाई गई थी वहां पर क्षतिपूर्ति देय राशि का भुगतान किया गया है। खरीफ 2015 में जिला होशंगाबाद में मूंग फसल अधिसूचित नहीं थी, अत: बीमांकन का प्रश्न ही नहीं उठता है तथा यह कहना उचित नहीं होगा कि धान/मूंग फसल अधिसूचित होने से क्षतिपूर्ति प्राप्त नहीं हुई। उपरोक्त तहसीलों की बीमा आवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) खरीफ 2015 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान होशंगाबाद जिले के उन पात्र कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से किया गया, जिनकी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना की क्षतिपूर्ति प्रक्रिया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 1969 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में विभाग द्वारा कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण वर्तमान में चल रहा है? राशिवार, सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) जिला दमोह में (1) हटा- भिड़ारी-रनेह-नकरीविहट (2) हटा-रसीलपुर-छेवलादुबे-पड़री सहजपुर-पटेरा (3) हिनौता-खेराखेरी-मुराद मार्ग पुलि सहित वर्धा तक केन्द्रीय सड़क निधि से कराये जाने हेतु प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने की योजना है? प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय केन्द्रीय सड़क मंत्री से मुलाकत कर प्रस्ताव दिये जाने पर प्रदेश सरकार से प्रस्ताव मांगने हेतु कहा था, केन्द्र सरकार को प्रस्ताव कब तक भेजा जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। केन्द्र सरकार से प्रस्ताव मांगे जाने का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भितरवार विधानसभा क्षेत्र की जर्जर रोडों का निर्माण
[लोक निर्माण]
57. ( क्र. 1995 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र की जर्जर रोड (1) नयागाँव ए.बी. रोड से भितरवार व्हाया बनवार, चीनौर, करईया (2) डाडाँखिरक से तिघरा (3) करईया से आरौन व्हाया गौलार घाटी (4) बनवार से अमरौल (5) दौलतपुर से पचौरा व्हाया वरिगंवा (6) जौरासी से छीमक मार्ग व्हाया ऑतरी, ऐराया, कछौआ, बडकीसराह मार्ग (7) झाँकरी से पिपरौआ (8) टोडा से छिरौली (9) सभराई से बडका गाँव (10) बराहना से सेकरा मार्ग (11) बरई-पनिहार से आमीगाँव। उक्त रोड जो बहुत ही जर्जर है इनको अभी तक स्वीकृत न कराने का क्या कारण था अब कब तक स्वीकृत कर निर्माण करा लिया जावेगा एक निश्चित समय-सीमा प्रत्येक रोडवार स्पष्ट करें। (ख) 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग भोपाल द्वारा ग्वालियर जिले में रोड, भवन या अन्य निर्माण के लिये किस-किस स्थान पर (किस स्थान से किस स्थान तक) कितनी-कितनी वित्तीय राशि की किस-किस निर्माण कार्य की स्वीकृति किस-किस दिनांक को दी गई है वर्तमान में स्वीकृति कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? अलग-अलग प्रत्येक स्वीकृत कार्यवार स्पष्ट करें। इन कार्यों का निर्माण किस ऐजेन्सी/ठेकेदार से किस-किस यंत्री/सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री के सुपर वीजन में कराया गया है तथा कराया जा रहा है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’, ‘ब-1’ एवं ‘ब-2’ अनुसार है।
जिला सह. के. बैंक गुना को माली हालत में पहुँचाने के संबंध में
[सहकारिता]
58. ( क्र. 1996 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला- सह. के. बैंक गुना अंतर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक बैंक ने किन-किन सहकारी संस्थाओं से कितनी-कितनी मात्रा में किस दर से सोयाबीन, गेहुँ, चना बीज क्रय किया वर्षवार जानकारी देवें? इस बीज को प्रदाय करने वाली सहकारी संस्थाओं के सहकारिता विभाग एवं बीज प्रमाणीकरण संस्था म.प्र. द्वारा जारी पंजीयन प्रमाण पत्रों की प्रतिया एवं तीनों वर्षवार बेलेन्स सीट उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश बैंक ने उक्त बीज अपनी किस-किस सेवा सह. समिति को कितनी-कितनी मात्रा में प्रदाय किया संस्थावार जानकारी देवें? क्या उपरोक्त तीन वर्षों में प्राप्त क्रय बीज में कुछ बीज किसानों ने अमानंक पाया हाँ तो अमानक बीज की मात्रा बतावे यदि नहीं, तो इस अमानक बीज प्रदाय किये जाने के कारण कितने किसानों ने उपभोक्ता फोरम पर प्रकरण दर्ज कराये? ऐसे किसानों के नामवार जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मानचित्रकारों को क्रमोन्नत वेतनमान
[जल संसाधन]
59. ( क्र. 2035 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन वित्त विभाग वल्लभ भवन भोपाल के आदेश क्र. एफ-11/15/16/2336/2016/नियम/4/ भोपाल दिनांक 17.10.2016 के द्वारा पुरातत्व विभाग के मानचित्रकारों को 28 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर तृतीय उच्चतर वेतनमान का लाभ दिये जाने के आदेश प्रसारित किये गये है? उक्त आदेश के सरल क्र. 3 में निर्माण विभागों में लागू करने के आदेश है? यदि हाँ, तो उस पर निर्माण विभागों द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल के आदेश क्र. 3323323/2408 दिनांक 07.09.2016 के द्वारा उप सचिव जल संसाधन भोपाल को तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान दिये जाने हेतु पत्र लिखा गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या जल संसाधन विभाग में मानचित्रकारों को 28 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान/समयमान का लाभ दिया जा चुका है? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों? साथ ही विभाग के मानचित्रकारों को तृतीय उच्चतर वेतनमान का लाभ दिये जाने संबंधी आदेश कब तक प्रसारित कर दिये जावेंगे।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। वित्त विभाग की सहमति प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 2067 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अतंर्गत विधानसभा क्षेत्र धौहनी में क्षतिग्रस्त सड़कें 1 खाम-गिजवार-पथरौला-टिकरी मार्ग, 2 तिवारी-हरदी-जनकपुर मार्ग का शेष भाग 3. मड़वास मुख्य मार्ग से रेलवे स्टेशन पहुंच मार्ग, 4 रामपुर से बरचर आश्रम मार्ग, 5 सोंधिया से अमहिया पहुंच मार्ग 6 सेंधवा से खड्डी मार्ग 7 महाखोर-भदौरा-कुसमी मार्ग निर्माण हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी से वन-टू-वन चर्चा के दौरान सड़कों के निर्माण हेतु अनुरोध किया गया था यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त सड़कों के निर्माण के संबंध में विभाग के द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या विभाग के द्वारा प्राक्कलन तैयार कर लिया गया है उक्त सड़कों के निर्माण हेतु स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (ग) सीधी जिले के अतंर्गत कुसमी-बंजारी मार्ग में गोपद नदी पर पुल, गोतरा से निवास रोड रेल्वे स्टेशन पहुंच मार्ग पर गोपद नदी पर पुल, घोघी से जनकपुर पहुंच मार्ग में बनास नदी पर पुल एवं भुईमाड़-अमरोला-कमर्जी मार्ग में नेउर नदी पर पुल निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उपरोक्त पुलियों के निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है? पुलियों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। स्वीकृति प्रदान किये जाने की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
व्यवहार न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
61. ( क्र. 2068 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी/सिंगरौली जिले के अतंर्गत विधानसभा क्षेत्र धौहनी के तहसील कुसमी एवं तहसील सरई में व्यवहार न्यायालय स्थापित किये जाने संबंधी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है क्या? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में व्यवहार न्यायालय की स्थापना किये जाने संबंधी स्वीकृति प्रदान कर दी गई? कब तक संचालित कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में व्यवहार न्यायालय स्थापित करने के लिये भवन एवं आवासीय भवनों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील कुसमी, जिला सीधी में व्यवहार न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग माननीय प्रशासनिक कमेटी (एल.जे.एस.) में पारित प्रस्ताव के अनुपालन में नस्तीबद्ध की गई है। तहसील सरई, जिला सिंगरौली में व्यवहार न्यायालय स्थापित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) तहसील कुसमी, जिला सीधी में व्यवहार न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग माननीय प्रशासनिक कमेटी (एल.जे.एस.) में पारित प्रस्ताव के अनुपालन में नस्तीबद्ध की गई है। तहसील सरई, जिला सिंगरौली में न्यायालय स्थापना हेतु उपयुक्त मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होने पर न्यायालय संचालित किया जा सकता है। (ग) तहसील सरई, जिला सिंगरौली में व्यवहार न्यायालय स्थापित किये जाने के लिये भवन एवं आवासीय भवनों की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है।
भोपाल-देवास कॉरीडोर पर टोल वसूली
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 2094 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल से देवास तक भोपाल देवास कॉरीडोर में तथा सीहोर से कोसमी तक कुल कितने टोल नाके स्थित हैं? इसकी स्थापना दिनांक तथा स्थापना की कुल लागत राशि का विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में टोल नाके कितने वर्षों की अवधि हेतु स्थापित किए गए हैं? इन टोल नाकों से अभी तक कुल कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक टोल टैक्स के रूप में वसूली जा चुकी हैं वर्षवार जानकारी देवें? (ग) क्या विगत दो वर्षों में सड़कों की खराब स्थिति पर कोई शिकायत सामने आई है? यदि हाँ, तो शिकायतकर्ता का नाम तथा शिकायत का विवरण देवें। (घ) इन टोल नाकों से कुल कितनी राशि वसूल की जानी है? कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक बकाया है? कब तक यह राशि वसूल कर ली जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भोपाल से देवास तक भोपाल-देवास कॉरीडोर मार्ग पर तीन तथा सीहोर से कोसमी मार्ग पर दो टोल टैक्स नाके स्थित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। निवेशकर्ता से प्राप्त टोल नाकों पर टोल टैक्स के रूप में वसूली की गई राशि का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) टोल नाकों से वसूली जाने वाली राशि तय नहीं होती है। टोल नाकों पर पथकर की वसूली अनुबंध में तय कंसेशन अवधि तक करने के अधिकार दिये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग अंतर्गत निर्मित सड़कें
[लोक निर्माण]
63. ( क्र. 2105 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2013- 2014 से वर्तमान तक लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कराया गया है? (ख) कौन-कौन से मार्ग अपूर्ण है? क्यों? अपूर्ण मार्गों को पूर्ण कब तक करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गंगाबावड़ी जलाशय योजना का निर्माण
[जल संसाधन]
64. ( क्र. 2115 ) श्री कैलाश चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में गंगाबावड़ी जलाशय योजना की स्वीकृति जल संसाधन विभाग द्वारा किस दिनांक को दी गई, कितनी धनराशि खर्च होनी थी, किन-किन क्षेत्रों में सिंचाई होना प्रस्तावित है? (ख) उक्त योजना में कितनी भूमि वन विभाग की आती है तथा उक्त भूमि को हस्तांतरण करने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? अभी तक योजना का निर्माण प्रारम्भ क्यों नहीं हो सका है? (ग) योजना का कार्य कब तक प्रारम्भ किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) गंगाबावड़ी जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 16.08.2016 को रू. 1501.24 लाख की प्रदान की गई। परियोजना से मनासा विकासखण्ड के परदा, भेरपुरा एवं हुण्डी ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। (ख) 36 हेक्टर वनभूमि। वन भूमि के उपयोग की अनुमति का प्रकरण वन मण्डल अधिकारी, नीमच के कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है। वन भूमि के उपयोग की अनुमति नहीं होने के कारण। (ग) वन भूमि के उपयोग की अनुमति भारत-सरकार से प्राप्त होने के पश्चात्।
किसानों को कीटनाशक दवाओं, कृषि यंत्र एवं उपकरणों का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
65. ( क्र. 2190 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग द्वारा म.प्र. में कीटनाशक व अन्य दवायें वितरण किये जाने का क्या प्रावधान है वर्ष 2015-16, 16-17 में कीटनाशक, दवाओं, कृषि यंत्र, उपकरणों का वितरण किसानों को किया गया? जिलावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या दवाओं के वितरण करने के पूर्व उनका नमूना लिया जाकर उनकी गुणवत्ता के संबंध में परीक्षण कराया गया है? यदि हाँ, तो परिणाम प्रस्तुत करें? (ग) प्राय: जन चर्चा रहती है कि जो दवा कृषकों को वितरित की जा रही है उसके नमूने न लेकर मानक गुणवत्ता वाली दवा के नमूने परीक्षण हेतु भेजे जाते हैं। कृषकों को वितरित होने वाली दवा के नमूने विश्लेषण हेतु भेजने बाबत् क्या माननीय मंत्री जी कमेटी गठित करेंगे? (घ) क्या विभाग द्वारा जो कीटनाशक दवायें, कृषि यंत्र व उपकरण क्रय किये गये हैं वह अमानक स्तर के होकर बाजार मूल्य से दोगुना कीमत में लेकर शासन को करोड़ों का नुकसान पहुचाया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विभाग में एन.एफ.एस.एम., एन.एम.ओ.ओ.पी व अन्य योजनाओं में कीटनाशक व अन्य दवा की कीमत का 50% या अधिकतम राशि रूपये 500/- प्रति हेक्टर के मान से अनुदान पर वितरण का प्रावधान है। वर्ष 2015-16, 2016-17 में कीटनाशक, दवाओं, कृषि यंत्र, उपकरणों की वितरण की जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कीटनाशी अधिनियम, 1968 एवं कीटनाशी नियम, 1971 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत कीटनाशक व अन्य दवाओं का गुणवत्ता परीक्षण कराया जाता है। परिणाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। कीटनाशी अधिनियम, 1968 एवं कीटनाशी नियम, 1971 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत कीटनाशक व अन्य दवा के नमूने विश्लेषण हेतु भेजे जाते हैं। अत: कमेटी गठन का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। विभाग द्वारा शासन के प्रचलित नियमों व प्रक्रिया के पालन उपरांत ही शासकीय संस्थाओं को कीटनाशक दवाओं के प्रदाय आदेश जारी किये जाते हैं तथा कृषि यंत्र व उपकरण का क्रय किसान स्वयं अपनी इच्छानुसार पंजीकृत निर्माता व उनके अधिकृत डीलर अथवा संस्थाओं से क्रय करता है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना संबंधी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
66. ( क्र. 2206 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है? कौन पात्रता रखता है? इसके क्या नियम एवं प्रावधान हैं? (ख) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कार्ययोजना शासन को स्वीकृति हेतु कब भेजी गई? कार्ययोजना में कौन-कौन से कार्य सम्मिलित किये गये हैं? (ग) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में नवीन तालाबों, तालाबों के रख-रखाव, गहरीकरण, जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के सम्मिलित किये गये है? (घ) प्रश्न की कंडिका (ख) (ग) की अनुसार भेजे गये प्रस्तावों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य प्रदेश में ग्राम स्तर तक सिंचाई क्षेत्र निवेश को बढ़ाकर हर खेत को पानी पहुँचाना तथा उपलब्ध जल का उचित प्रबंध कर "पर ड्रॉप मोर क्रॉप" के लक्ष्य को प्राप्त करना है। योजनांतर्गत सभी वर्ग के कृषक (लघु सीमांत एवं बड़े कृषक) पात्रता रखते है। जिनको 50 प्रतिशत एवं 35 प्रतिशत अनुदान पर सिंचाई यंत्र उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। योजना में नवीन एवं मरम्मत योग्य तालाब, स्टॉप डेम एवं बैराज निर्माण का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की डी.आई.पी. (कार्य योजना) संचालनालय को प्राप्त हो चुकी है। जिसका दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में अनुमोदन किया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) वर्ष 2016-17 में स्प्रिंकलर, ड्रिप एवं डीजल/विद्युत पंप एवं बलराम तालाब निर्माण के लक्ष्य जिले को दिये गये है। कृषकों द्वारा ऑनलाइन पंजीयन कराकर अनुदान पर यंत्र क्रय किये जा रहे है।
भूमि संरक्षण अधिकारी के निलंबन/आहरण अधिकार वापस लिये जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
67. ( क्र. 2313 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 29.04.16, 16.10.16 एवं 16.11.16 को उपसंचालक कृषि छतरपुर को गंभीर अनियमितताओं के संबंध में पत्र दिये गये? (ख) क्या विकासखण्ड बिजावर में बलराम तालाब योजनान्तर्गत कृषक अंशदान की राशि रूपये 50,000/- बिना प्रशासकीय स्वीकृति के दिनांक 18.03.2016 को प्रदाय की गई तथा द्वितीय किश्त दिनांक 21.03.16 को बिना प्रशासकीय स्वीकृति के पुन: दे दी गई? (ग) यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारी के विरूद्ध निलम्बन तथा आहरण अधिकार वापिस क्यों नहीं किये गये? (घ) क्या सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा कई गंभीर अनियमितताएं पूर्व में भी की गई थी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रशासकीय स्वीकृति के पश्चात् ही अनुदान भुगतान किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के संबंध में कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी हाँ, श्री बी.पी. सूत्रकार, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी छतरपुर को पदस्थ अवधि में बलराम तालाब योजनान्तर्गत बरती गई अनिमितताओं के लिये विभाग के आदेश क्र. एफ 4ए/48/2012/14-1, दिनांक 18.6.2015 द्वारा दो वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकने के दण्ड से दण्डित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
बरगढ़ -नयागांव फोरलेन पर बायपास निर्माण
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 2355 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगढ़-नयागांव फोरलेन मार्ग अत्यधिक व्यस्तम मार्ग होकर 24 घंटे में हजारों वाहनों की आवाजाही का मार्ग है? साथ ही सड़क से लगे आसपास का संपूर्ण ग्रामीण क्षेत्र होकर सैकड़ों गांवों के अनेक मार्ग इस फोरलेन से कहीं न कहीं जुड़ते हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त मार्ग पर बरगढ़ माननखेड़ा के मध्यम जावरा चौपाटी, अरनिया पीथा मंडी जैसे घनी आबादी एवं व्यस्ततम व्यवसायिक, शैक्षणिक, औद्योगिक चिकित्सकीय क्षेत्र आकर हजारों वाहनों के साथ ही पैदल आवागमन बड़ी संख्या में बना रहता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या मार्ग के उक्त स्थल के मध्य ही अत्यधिक दुर्घटना होने के साथ-साथ रोजमर्रा का जीवन एवं व्यवसायिक कार्य प्रभावित होते है? अरनिया पीथा कृषि उपज मंडी भी उज्जैन संभाग की बड़ी उपज मंडी होने से हजारों वाहनों एवं कृषकों का आवागमन बना रहता है? (घ) यदि हाँ, तो (1) बरगढ़ से हरियाखेड़ा, भैसांना फटां बायपास मार्ग (2) बरगढ़ से लुहारी, भूतेड़ा, उज्जैन टू लेन मार्ग बायपास की आवश्यकता फोरलेन निर्माण के समय से ही शासन/विभाग से की जाती रही है? तात्कालीन मंत्री जी एवं विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों का निरीक्षण भी हुआ है? तो इसे कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। जी हाँ। (घ) जी हाँ। जी नहीं। निश्चित समय अवधि बताना संभव नहीं है।
अरनिया पीथा एवं खाचरौद नाका मंडी से संलग्न मार्गों का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
69. ( क्र. 2356 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा कृषि उपजमंडी खाचरौद नाका एवं अरनिया पीथा मंडी में सैकड़ों ग्रामों के हजारों कृषकों की कृषि उपज विक्रय की बड़ी मंडियां होकर आसपास के जिलों से भी हजारों की संख्या में वाहनों से कृषि उपज का आवागमन होता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त मंडियों से शासन को वर्ष भर में ही करोड़ों रूपये का राजस्व प्राप्त होने के साथ-साथ विविध प्रकार की कृषि उपज का क्रय विक्रय भी यहां पर होता है? (ग) यदि हाँ, तो खाचरौद नाका मंडी में फल-फूल मंडी के साथ अन्य कार्यों की आवश्यकताओं एवं अरनिया पीथा मंडी हेतु रोजाना से अरनिया पीथा मार्ग एवं ईदगाह रोड से अरनिया पीथा मार्ग के साथ ही उज्जैन टू लेन भूतेडा से बरगढ़ बायापास मार्ग तथा भैसाना से बरगढ़ बायपास मार्ग की मांग लगातार की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो मंडी बोर्ड एवं साधिकार समिति में शासन/विभाग ने उक्त मार्गों एवं अन्य कार्यों को अपनी कार्ययोजना की स्वीकृति की अपेक्षा में सम्मिलित किया है? यदि हाँ, तो स्वीकृति कब तक दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) मुख्य सचिव, म.प्र. शासन की नोटशीट क्रमांक-340 दिनांक 15.09.16 के निर्देश सन्दर्भ में मण्डी बोर्ड द्वारा मण्डी प्रांगण के बाहर भवन या सड़क के कार्य नहीं कराये जायेंगे, अपितु उपरोक्त कार्य लोक निर्माण विभाग या म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से कराये जायेंगे के अनुक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को दिनांक 06.01.17 से आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। खाचरौद नाका मंडी में फल-सब्जी मण्डी की कार्य योजना स्वीकृति हेतु सम्मिलित की गयी है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नहर निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
70. ( क्र. 2378 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड जवा अन्तर्गत एच.ई.एस. कम्पनी द्वारा नहर निर्माण का कार्य कराया जा रहा हैं तथा सन् 2017 में नहर निर्माण पूर्ण कर खेतों को पानी देने की योजना शासन की थी? यदि हाँ, तो विगत 8 माह से उक्त कम्पनी द्वारा कार्य को बंद कर देने का क्या कारण हैं? (ख) निर्धारित समय-सीमा में सम्बंधित कम्पनी के द्वारा नहर निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं किया गया जिस कारण शासन की महत्वाकांक्षी योजना अधर में है, ऐसी स्थिति में सम्बंधित निर्माण कम्पनी के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) उक्त प्रस्तावित निर्माणाधीन नहर का कार्य कब तक पूरा किया जा सकेगा।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। एजेंसी द्वारा कार्य बंद नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) कार्य की गति धीमी होने के कारण मुख्य अभियंता, रीवा द्वारा अनुबंध में निहीत प्रावधानों के अनुसार संविदाकार को निर्धारित समय में कार्य पूर्ण करने के लिए दिनांक 24.12.2016 एवं 19.01.2017 को पत्र लिखा गया है। (ग) दिसंबर-2017 तक संभावित है।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
71. ( क्र. 2385 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 अन्तर्गत सोयाबीन फसल के बीमा की राशि तहसील पिपरिया एवं तहसील बनखेडी अन्तर्गत बहुसंख्यक किसानों की काटी गई एवं किसानों की भूमि के खसरा किस्तबंदी में सोयाबीन फसल का इंद्राज होने के बाद भी इन क़षकों को बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 51/आर दिनांक 20/1/2017 द्वारा जिला कलेक्टर को एवं पत्र क्रमांक 14/आर दिनांक 02/01/2017 द्वारा मान प्रभारी मंत्री महोदय को लिखे व जिला कलेक्टर को कापी पृष्ठांकित की गई जिसमें ग्राम भेरोपुर तह. बनखेडी के किसानों को बीमा की राशि प्राप्त न होने के संबंध में लिखा गया है तथा पत्र क्रमांक 1003/आर दिनांक 16/12/2016 के द्वारा माननीय प्रभारी मंत्री जी को फसल बीमा योजना अन्तर्गत राशि स्वीकृत न होने के संबंध में पत्र लिखा गया? यदि हाँ, तो इन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिन कृषकों की योजनान्तर्गत बीमा राशि का प्रीमियम काटा गया हैं तथा जिनकी भूमि के खसरा किस्तबंदी में सोयाबीन फसल का उल्लेख है, उनको राशि प्राप्त न होने के लिये कौन उत्तरदायी है? (घ) फसल बीमा राशि भुगतान किये जाने के संबंध में क्या नियम हैं? इस संबंध में शासन द्वारा क्या परिपत्र जारी किये गये हैं।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) योजनांतर्गत जिले के अधीक्षक भू-अभिलेख से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार फसलों को अधिसूचित किया जाता है। तहसील पिपरिया एवं बनखेडी में सोयाबीन फसल भी खरीफ 2015 में अधिसूचित थी, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- एक अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 14/आर, दिनांक 2/1/2017 द्वारा मान. प्रभारी मंत्री महोदय को लिखे व जिला कलेक्टर को पृष्ठांकित क्रमांक 15/आर दिनांक 2/1/2017 जिसमें भैरोपुर तहसील बनखेडी के 08 किसानों को बीमा राशि प्राप्त न होने के संबंध में पत्र लिखा गया है जिसके जाँच अनुसार आई.डी.बी.आई एवं आई.सी.आई.सी.आई. बैंक पिपरिया द्वारा धान फसल का बीमा किये जाने के कारण उन्हें सोयाबीन बीमा क्लेम राशि नहीं मिल सकी। खरीफ 2015 मौसम में क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान उन पात्र कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से किया गया, जिसकी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई। रबी 2015-16 की क्षतिपूर्ति प्रकियाधीन है। (ग) बैंक द्वारा स्थल निरीक्षण में धान की फसल होने पर धान का प्रीमियम काटा गया। धान में क्षति नहीं होने पर बीमा राशि नहीं दी गई। (घ) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत दावा भुगतान की प्रकिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत दावा भुगतान की प्रकिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शासन द्वारा जारी अधिसूचना खरीफ 2015, रबी वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016 की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
नवीन बांध निर्माण
[जल संसाधन]
72. ( क्र. 2428 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तथा जयसिंहनगर तहसील क्षेत्रांतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष २०१५-१६ से प्रश्न दिनांक तक नवीन बांध निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रत्येक बांध निर्माण में निजी स्वामित्व की किस-किस कृषक की कितनी भूमि, भवन, वृक्ष इत्यादि प्रभावित हो रहे हैं। प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक स्वीकृति बांधों की भौतिक स्थिति क्या है? कितनी राशि खर्च की जा चुकी है? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत भूमि अधिग्रहण अधिनियम २०१३ के मुताबिक प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक बांध में प्रभावित निजी स्वामित्व की भूमि के अधिग्रहण के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण जानकारी उपलब्ध कराना संभव नहीं है।
नहर निर्माण
[जल संसाधन]
73. ( क्र. 2429 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील क्षेत्रांतर्गत बुड़वा जलाशय योजना तथा बहुउद्देशीय बाण सागर परियोजना से बुड़वा से लगे हुये ग्रामों में सिंचाई हेतु जल प्रदाय की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम सुखाढ़, दादर, गोपालपुर, झिरिया, निमिहा, चौरी, जनकपुर, सथनी, मगरदहा जो अंतिम छोर पर हैं। उक्त ग्रामों में कृषकों को पर्याप्त पानी सिंचाई हेतु नहीं मिल पाता है। (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांकित समस्या के निराकरण हेतु रमपुरवा कैनाल से माइनर नहर देकर अमिलगढ़ मुख्य नहर पर मिला देनें का कार्य किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में कृषकों को पर्याप्त पानी मिल रहा है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
विभागीय कार्य
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 2458 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 01.04.2013 से प्रश्न तिथि तक दो लाख रूपये से कम राशि के क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित विधानसभा में उक्त समयानुसार मेन्टेनेन्स पर कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में कितनी राशि का भुगतान किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है।
नागदा से गुजरी तक के रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 2477 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा से गुजरी तक बन रहे सीमेंटेड रोड के निर्माण में कितने पुल एवं पुलियाओं का निर्माण होना निर्धारित है? (ख) अब तक कितने पुल व पुलियाओं का निर्माण किया जा चुका है? (ग) बनाई गई पुल एवं पुलियाओं में से कितने पुराने पुल व पुलियाओं की मरम्मत की जाकर उस पर ही रोड बना दिया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अनुबंध अनुसार नागदा से गुजरी तक बन रहे सीमेंटेड रोड के निर्माण में कुल 117 नग पुल एवं पुलियाओं का निर्माण एवं 16 नग विद्यमान पुलियाओं की मरम्मत/मजबूतीकरण करना निर्धारित है। (ख) प्रश्न दिनांक तक कुल 99 नग पुल एवं पुलियाओं का निर्माण किया जा चुका है। (ग) अनुबंधानुसार 16 नग विद्यमान पुलियाओं में से कुल 7 नग पुलियाओं की मरम्मत की जा कर उस पर ही रोड बना दिया गया है।
भू-अर्जन में अनियमितता
[जल संसाधन]
76. ( क्र. 2582 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की देवरी, केसली, राहतगढ़, सागर, खुरई व बंडा तहसीलों में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक जल संसाधन विभाग के बांध, नहर, तालाब निर्माण हेतु कितने किसानों की कितनी हेक्टेयर भूमि अर्जित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भ में कितने हेक्टेयर भूमि सिंचित व कितने हेक्टेयर भूमि असिंचित राजस्व अभिलेखों में दर्ज थी? कितने किसानों की भूमि पहले राजस्व अभिलेख में असिंचित दर्ज थी? बाद में मौके पर जाँच उपरांत सिंचित दर्ज की गई। कितने किसानों की जमीन मौके पर जाँच उपरांत सिंचित दर्ज की गई? (ग) क्या अर्जित सिंचित भूमि में, सभी कृषकों के खसरा नंबर में जल स्त्रोत स्वयं का दर्ज था (कूप, नलकूप आदि) यदि हाँ, तो कृषक संख्या बतायें? (घ) क्या प्रश्नांश (क) समयावधि में सिंचित भूमि को असिंचित बताकर एवं असिंचित भूमि को सिंचित बताकर किसानों एवं शासन को आर्थिक हानि पहुंचाई गई है? यदि नहीं, तो राजस्व एवं जल संसाधन विभाग का मौके पर संयुक्त सर्वे क्यों नहीं किया गया? भू-अर्जन में की गई इन अनियमितता में शासन व किसानों को हानि पहुंचाने वालों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बीज वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
77. ( क्र. 2634 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में जिला भिण्ड के किसानों के लिए कितने-कितने बीज का आवंटन किया गया? जिंसवार, मात्रावार, तहसील वार जानकारी दें? (ख) विगत 03 वर्षों में भिण्ड जिले में कितने किसानों को कितना-कितना बीज प्रदाय किया गया है? तहसीलवार, जिंसवार, कृषक संख्या सहित जानकारी दें? (ग) क्या कृषि विभाग भिण्ड द्वारा विधानसभा क्षेत्र मेहगांव की उपेक्षा कर जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्र के किसानों को अधिक लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? नियम बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं।
योजनांतर्गत लाभान्वित किसाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
78. ( क्र. 2635 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिंड जिले के अन्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 तीन वर्षों में कृषि विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं लागू की गई है? विधानसभा क्षेत्रवार योजनावार जानकारी दें? (ख) भिण्ड जिला अतंर्गत किस-किस विकासखण्ड के कितने किसानों को किस-किस योजना में लाभ दिया गया है? विकास खण्डवार योजनावार एवं कृषक संख्यावार जानकारी दें? (ग) क्या कृषि विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र मेहगांव के अन्तर्गत आने वाले विकास खण्डों की उपेक्षा कर जिले के अन्य विधान सभा क्षेत्रों के विकासखण्डों के किसानों को अधिक लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? नियम बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं।
साप्ताहिक नव प्रजादेश के सम्पादक के विरुद्ध कार्यवाही
[जनसंपर्क]
79. ( क्र. 2710 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले से प्रकाशित नव प्रजादेश के साप्ताहिक समाचार पत्र के संपादक बेदान्ती त्रिपाठी ने 26 जनवरी से 1 फरवरी 2017 के प्रथम पृष्ठ में मोटे अक्षरों से भारत के संविधान निर्माता अम्बेडकर नहीं डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद हैं, प्रकाशित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या संबंधित संपादक द्वारा बाबा साहेब डाक्टर अम्बेडकर की प्रतिभा एवं विद्वत्ता पर सवाल खड़े करते हुए अपमान करने का कुत्सित प्रयास करते हुए आम जनता को गुमराह करने का काम किया गया है तथा साथ ही दलितों के प्रेरणास्रोत व उद्धारक के अपमान के साथ-साथ दलितों का भी अपमान किया गया है? सतना जिले में उक्त खबर को पढ़ कर अ.जा./अ.ज.जा. एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लोगो में भयंकर रोष व आक्रोश पनप रहा है जिस कारण किसी भी समय अप्रिय घटना घट सकती है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित संपादक के समाचार पत्र पर प्रतिबन्ध लगाते हुए रजिस्ट्रेशन निरस्त कर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने के निर्देश देते हुए अविलम्ब कठोर दंडात्मक कार्यवाही कर जेल भेजने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) इस खबर को लेकर सतना जिले में जन-आंदोलन अथवा अप्रिय घटना के कोई आसार नहीं है। (ग) किसी भी व्यक्ति, संगठन या संस्था द्वारा जिला प्रशासन को ज्ञापन/शिकायत कार्यवाही के लिये प्रस्तुत नहीं की है।
जल-आर्वधन योजनाओं से विस्थापितों के पुनर्वास हेतु
[जल संसाधन]
80. ( क्र. 2711 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जल आर्वधन योजना के क्रियान्वन में विस्थापितों के पुनर्वास हेतु एवं मार्ग निर्माण के लिए क्या नीति/निर्देश निर्धारित हैं? (ख) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत धन्देड़ा बाँध के डूब क्षेत्र से प्रभावित विस्थापितों के पुनर्वास हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? बंजारा समाज के लोगों के पुनर्वास की कार्यवाही का पृथक से विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ में उल्लेखित बाँध एवं इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र में संचालित अन्य परियोजनाओं से विस्थापित किसानों/नागरिको के पुनर्वास हेतु क्या कार्यवाही की गई? कितने प्रभावित कृषकों का समुचित पुनर्वास प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार तय दिशा निर्देशों के अनुरूप वर्तमान तक नहीं हुआ हैं एवं मार्ग निर्माण नहीं हुआ हैं? (घ) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ में उल्लेखित लंबित कार्यों की पूर्णता कब तक होगी एवं इसके लिये जवाबदारी तय कर कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जल संसाधन विभाग की सिंचाई परियोजनाओं में विस्थापितों के पुनर्वास के लिये आदर्श पुनर्वास नीति-2002 के प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जाती है। मार्ग निर्माण हेतु पृथक से कोई नीति/निर्देश नहीं हैं। (ख) धन्धेड़ा परियोजना के डूब क्षेत्र में ग्राम रूपारेल प्रभावित हुआ है। डूब में आई समस्त भूमि/सम्पत्तियों का मुआवजा भुगतान भू-अर्जन अधिकारी द्वारा किया जाना प्रतिवेदित है। डूब क्षेत्र के बाहर प्रत्येक प्रभावित परिवारों को नीति अनुसार प्लाट उपलब्ध कराए गए हैं। बस्तियों में मूलभूत सुविधाएं-आवागमन मार्ग, पेयजल हेतु हैंडपम्प एवं विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। बंजारा समाज की बस्ती बाँध के डाउन स्ट्रीम में होने के कारण डूब प्रभावित नहीं होने से पुनर्वास की कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत उक्त परियोजना के अतिरिक्त कीटखेड़ी मध्यम परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित ग्राम खेजड़ी के विस्थापितों को डूब क्षेत्र के बाहर नई बस्ती में प्लाट देकर मूलभूत सुविधाओं के साथ पुनर्बसाहट किया जाना प्रतिवेदित है। किसी भी परिवार का पुनर्वास शेष नहीं है। धन्धेड़ा परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित रूपारेल से सुईगाँव का मार्ग एवं पुलिया निर्माणाधीन है। (घ) उत्तरांश ‘ग‘ में उल्लेखित लंबित कार्य वर्ष 2016-17 में पूर्ण करना लक्षित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
आदिवासी उपयोजना की राशि का व्यय
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 2739 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के मांग संख्या 42 की प्राप्त राशि का गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में व्यय किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो जहाँ आदिवासी जनसंख्या शून्य है या 50 है और गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में है तब भी व्यय किया जा सकता है? (ग) क्या विभाग के पास आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की सूची है एवं आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की राशि व्यय करने संबंधी कोई मापदण्ड है? तो उसकी प्रमाणित उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
बालाघाट जिले में स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 2740 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में आदिवासी उपयोजना क्षेत्र मांग संख्या 42 की प्राप्त राशि से वित्तिय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक आदिवासी उपयोजना क्षेत्र बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा विकासखण्ड एवं अन्य गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकासखण्डों में लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत कौन-कौन सी सड़कें एवं पुल कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये एवं कब पूर्ण किये गये? (ख) विभाग या शासन द्वारा बालाघाट जिले के लिये स्वीकृत किये गये प्रत्येक सड़क/पुल के निर्माण से कितनी आदिवासी जनसंख्या को फायदा मिलेगा या मिल रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्षवार विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उज्जैन संभाग में अवैध टोल वसूल
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 2795 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर,उज्जैन सभाग में कितने मार्गों,ब्रिज पर कहाँ-कहाँ,किस-किस कम्पनी द्वारा कितने समय के अनुबंध पर टोल वसूली की जा रही है टोल अनुबंध की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये? क्या समस्त टोल सर्व-सुविधा युक्त है, सुविधाओं की कमी को लेकर कितनी शिकायत विभाग के पास लंबित है? (ख) क्या उक्त संभागों में कई मार्ग ऐसे है जहां अनुबंध/नियमों के विपरीत टोल वसूली की जा रही है, अर्थात नियत स्थान के अलावा अन्य स्थल पर भी टोल वसूली की जा रही है ऐसी कितनी शिकायतें विगत दो वर्षों में विभाग को प्राप्त हुई, विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या मंदसौर सीतामऊ पर लगे टोल से 500 मीटर दूर दलोदा, अफजलपुर से आने वाले मार्ग पर अस्थाई रूप से टोल कम्पनी द्वारा टोल वसूली जायज है यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? जानकारी देवें? (घ) इंदौर शहर में कुशाभाऊ ठाकरे मार्ग पर रेल्वे पुलिया के समीप टोल किस दिनांक से प्रारम्भ हुआ, अनुबंध अनुसार टोल वसूली किस दिनांक को समाप्त होनी थी, अनुबंध की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये? इस सड़क, पुलिया का डामरीकरण कब-कब किया गया? इस टोल की अनियमितता को लेकर विगत दो वर्षों में किस-किस व्यक्ति ने किस-किस तरह की शिकायत की, उस पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जी हाँ। अनुबंध अनुसार टोल प्लाजा पर सुविधायें (शौचालय, पेयजल, एम्बुलेंस आदि) उपलब्ध करवाई गई है। अनुबंधों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। सुविधाओं की कमी को लेकर निगम के पास कोई शिकायत लंबित नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। मंदसौर-सीतामऊ मार्ग पर अनुबंध अनुसार चेक पोस्ट की स्वीकृति मार्ग के चैनेज 22 + 200 पर प्राप्त होकर नियम अनुसार टोल वसूली की जा रही है, जिसकी स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार।
पुल/पुलियों का निर्माण
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 2808 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण सेतु निर्माण संभाग जबलपुर को जलमग्नीय पुल/पुलियों का निर्माण संधारण, मरम्मत व विस्तारीकरण हेतु कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन नदियों पर पुल/पुलियों का निर्माण कराने हेतु कब कितनी राशि की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इनकी निर्माणाधीन अवधि क्या है? किन-किन नदियों पर पुल/पुलियों का निर्माण कराने हेतु किस एजेंसी को कार्यादेश जारी किया गया वर्ष 2016-17 तक कितना कार्य पूर्ण हुआ तथा कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन निर्माण एजेंसियों ने निविदा की स्वीकृत शर्तों के तहत निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कराया है एवं क्यों? इसके लिये दोषी एजेंसियों पर क्या कार्यवाही की गई? कितने पुल/पुलियों का निर्माण कार्य अपूर्ण/निर्माणाधीन है? इन पर अभी तक कुल कितनी राशि व्यय हुई? (घ) प्रश्नांश (क) में कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से पुल/पुलियों का निर्माण कार्य भूमि का अधिग्रहण न होने और मुआवजा राशि का वितरण न होने से रूका पड़ा है? इसके लिये दोषी अधिकारियों पर शासन ने कब क्या कार्यवाही की है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (घ) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि सिंचाई योजनांतर्गत आवंटित राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 2809 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग जबलपुर को किसानों के कल्याण व कृषि सिंचाई से संबंधित राज्य व केन्द्र प्रवर्तित किन-किन योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई? योजनाओं की लक्ष्य पूर्ति बतलावें वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की वर्षवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में कृषि सिंचाई से संबंधित किन-किन योजनांतर्गत पंजीकृत कितने-कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? कितने प्रकरणों में अनुदान की कितनी राशि दी गई एवं कितने प्रकरणों में अनुदान की कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों? सूची दें। (ग) प्रश्नांश (क) में बलराम तालाब योजनांतर्गत स्वीकृत किन-किन प्रकरणों में प्रथम किश्त/द्वितीय किश्त की कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं इन्हें अनुदान की कब कितनी राशि का भुगतान किया गया? इनके द्वारा तालाबों के निर्माण की उपयोगिता का प्रमाण-पत्र कब किसने दिया है? (घ) प्रश्नांश (ग) में कितने हितग्राहियों को द्वितीय किश्त का भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों? कितने हितग्राहियों ने तालाब का निर्माण नहीं कराया है एवं क्यों? सूची दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जबलपुर जिले में किसानों के कल्याण व कृषि सिंचाई हेतु राज्य व केन्द्र प्रवर्तित योजनाएं क्रमांशः राष्ट्रीय तिलहन मिशन, आर.के.व्ही.वाय, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राज्य माइक्रोइरीगेशन मिशन एवं बलरामताल आदि योजनाओं में राशि रू. 813.19 लाख आवंटन के विरूद्ध राशि रू. 557.57 लाख व्यय हुई। योजनाओं की आवंटन एवं पूर्ति की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नावधि में विभिन्न योजना अन्तर्गत पंजीकृत प्रकरण 5565 में से स्वीकृत प्रकरण 3818 चयनित हुये एवं ऑनलाईन व्यवस्था के कारण 1747 चयनित नहीं हुये एवं स्वीकृत प्रकरणों 3818 के विरूद्ध 3394 को अनुदान राशि रू. 557.57 लाख दी गई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। स्वीकृत प्रकरण में से 424 कृषकों को अनुदान राशि रू. 145.05 लाख का भुगतान नहीं किया गया। क्योंकि कृषकों द्वारा सिंचाई उपकरण नहीं उठाये गये एवं बलराम ताल का निर्माण नहीं कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) बलराम ताल योजनांतर्गत स्वीकृत प्रकरण में प्रथम/द्वितीय किस्त का अनुदान राशि का भुगतान से संबंधित जानकारी वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। कृषकों द्वारा बलराम ताल का निर्माण के पश्चात् अनुदान का भुगतान किया जाता है। योजना की गाईड लाईन अनुसार पृथक से उपयोगिता का प्रमाण पत्र जारी करने की आवश्यकता नहीं है। (घ) कृषक श्री कृष्ण कुमार पिता रामटहल यादव निवासी ग्राम केवलारी विकासखण्ड सिहोरा को वर्ष 2013-14 में एवं श्री श्यामसुदंर पिता दमरमन सिंह खंगार ग्राम देवरी रजवई विकासखण्ड मझोली को वर्ष 2014-15 में प्रथम किस्त का भुगतान किया गया था। इसके पश्चात् बलराम ताल पूर्ण करने संबंधित कोई सूचना कृषकों द्वारा नहीं दी गई। परिणाम स्वरूप इन दो कृषकों को द्वितीय किस्त का भुगतान नहीं किया गया है। वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक बलराम ताल के स्वीकृत प्रकरणों में 124 हितग्राहियों द्वारा निर्माण नहीं कराया गया है। बलराम ताल का निर्माण कृषक द्वारा कराया जाता है। प्रकरण स्वीकृति उपरांत हितग्राही कृषकों द्वारा बलराम ताल निर्माण में रूचि नहीं ली गई और अनुदान राशि का भुगतान नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है।
कृषि प्रक्षेत्र उद्यान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
86. ( क्र. 2824 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुठार कृषि प्रक्षेत्र उद्यान (साग भाजी उत्पादन अनुसंधान केन्द्र) 90 एकड़ में स्थापित किया गया है? यदि हाँ, तो कब स्थापित किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रक्षेत्र हेतु आधुनिक मशीनरी लायी गयी थी? यदि हाँ, तो वर्तमान में इन मशीनों की क्या स्थिति है? क्या मशीनें अभी भी प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रक्षेत्र में ही स्थित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रक्षेत्र में माह जनवरी, 2014 से दिसम्बर, 2016 के मध्य प्रक्षेत्र विकास हेतु किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि का बजट आवंटन प्राप्ति हुआ था, आवंटित राशि में से मदवार कितनी राशि व्यय की गयी? विस्तृत विवरण सूची सहित देवें? (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रक्षेत्र में माह जनवरी 2014 से दिसम्बर, 2016 के मध्य कौन-कौन से बीजों का कितना-कितना उत्पादन हुआ एवं इससे कितना राजस्व विभाग को प्राप्त हुआ, विवरण उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुठार में 71.86 एकड़ क्षेत्र में साग भाजी प्रक्षेत्र की स्थापना वर्ष 1992 में की गई थी। (ख) प्रक्षेत्र पर टिश्यूकल्चर प्रयोगशाला की स्थापना हेतु वर्ष 2000 में आधुनिक उपकरण लाये गये थे, जिन्हें दिनांक 10.10.2012 को प्रयोगशाला सहित प्रमुख उद्यान भोपाल में स्थानांतरित करने के कारण वर्तमान में प्रक्षेत्र में स्थित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
कृषि मंडियों में हुये निर्माण विकास कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
87. ( क्र. 2825 ) श्री विष्णु खत्री : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित विभिन्न कृषि मंडियों में जनवरी 2014 से दिसम्बर 2016 के मध्य कौन-कौन से विकास कार्य किये गये हैं? विकास कार्यों की सूची मय लागत एवं निर्माणकर्ता एजेन्सी/ठेकेदार सहित उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित विकास कार्यों की गुणवत्ता से विभाग संतुष्ट है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गयी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित कृषि उपज मंडी बैरसिया में जनवरी 2014 से दिसंबर 2016 तक किये गये एवं प्रगतिरत विकास कार्यों का विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है।
सहकारी संस्थाओं एवं समितियों की जानकारी
[सहकारिता]
88. ( क्र. 2866 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नौगाँव विकासखंड में कुल कितनी एवं किस प्रकार की सहकारी समितियां या अन्य सहकारी उपक्रम कार्यरत हैं एवं सभी का संचालक मंडल अस्तित्व में है? यदि हाँ, तो समस्त समितियों की सूची एवं उनके संचालक मंडल के नाम, पदनाम एवं पता सहित उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी समितियों के संचालक मंडल में एक ही व्यक्ति अलग–अलग पदों पर है? ऐसी समितियों की सूची उपलब्ध कराये। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार ऐसे कितने सदस्य हैं जो एक से ज्यादा सहकारी संस्थाओं या समिति में सदस्य या पदाधिकारी हैं उनके अलग– अलग सहकारी संस्था एवं समिति में पदनाम सहित सूची उपलब्ध करायें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) नौगांव विकासखण्ड के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की कुल 139 सहकारी संस्थाएं पंजीकृत है, जी नहीं, जी नहीं, 72 सहकारी समितियों में संचालक मण्डल, 27 समितियों में प्रशासक एवं 40 समितियों में परिसमापक नियुक्त है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) एक ही व्यक्ति अलग-अलग पदों पर होने का परीक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश उप आयुक्त सहकारिता छतरपुर को दिए गए हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार प्रतिवेदन प्राप्त होने पर ही जानकारी उपलब्ध करायी जा सकेगी।
राईपुरा घाटी एवं बराना नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 2867 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 29 फरवरी 2016 के तारांकित प्रश्न संख्या 21 (क्र. 3158) के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया गया है की “घाटी में निर्माण अनुबंधित प्रावधान के अनुसार सुरक्षात्मक मापदंडों के अनुरूप हुआ है ” फिर भी उत्तर प्राप्ति के बाद दुर्घटनाओं का क्या कारण है? उत्तरांश (ग) में वर्णित सुरक्षात्मक मापदंड क्या है? यदि उक्त मापदंडों से भी दुर्घटना नहीं रूक रही है तो क्या इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रावधान नहीं करने चाहिये? (ख) विभाग इस भौगोलिक विषमता के कारण सुरक्षात्मक व्यवस्था में कुछ अतिरिक्त प्रावधान करने के लिए क्या–क्या उपाय कर सकता है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित मार्गों पर बराना नदी में अत्यंत प्राचीन रपटा है? क्या वहां बढ़ते आवागमन व यातायात की बहुलता के अनुकूल बड़ा और ऊचां पुल बनाने की आवश्यकता नहीं लगती है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही विभाग कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्न में उद्बोधित दिनांक 29/02/2016 के उत्तर प्राप्ति के बाद रिकार्ड अनुसार तेज गति से वाहन चलाने के कारण एक दुर्घटना हुई है। रम्बल स्ट्रीपस का निर्माण क्रैश बैरियर की स्थापना, सड़क पर धीमे चले, गाति सीमा, शार्प कर्व आदि के संकेतक लगाये जाना सुरक्षात्मक मापदण्ड है। जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित स्थल पर कर्व इंप्रूवमेंट किया जा सकता है परन्तु वनक्षेत्र एवं घाटी होने से सीमित स्थल उपलब्ध होने के कारण गेवियन वॉल के निर्माण की स्वीकृति प्रदाय की गई है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है।
सहकारी संस्था एवं अन्य बैंकों में दी जाने वाली बीमा राशि में असमानता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
90. ( क्र. 2877 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी किसान द्वारा सहकारी संस्था या अन्य बैंकों से ऋण लेने पर बीमे की राशि की जमा प्रीमियम का प्रतिशत समान रहता है या अलग-अलग रहता है? (ख) क्या शासन/कम्पनी द्वारा किसानों को दी गई बीमे की राशि में फसल क्षति का प्रतिशत एक जैसा होने पर भी सहकारी संस्था तथा अन्य बैंकों में अलग-अलग प्रतिशत से बीमे की राशि का भुगतान किया गया है? जैसा कि सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के कयामपुर निवासी रामसिंह मण्डलोई की कृषि भूमि एक ही स्थान पर होने के बावजूद भी फसल क्षति पर बीमे की राशि का भुगतान सहकारी संस्था एवं बैंकों से प्राप्त राशि में अन्तर की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) किसानों को बीमा राशि का भुगतान निवास स्थान पर हुए फसल क्षति सर्वे के मान से दिया गया है या खेती के स्थान पर हुए फसल क्षति सर्वे के मान से दिया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना/ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत सहकारी संस्था या अन्य बैंकों से फसल बीमा प्रीमियम कृषक अंश समान रहता है। (ख) जी नहीं। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त वास्तविक उपज के आधार पर दावा राशि की गणना की जाती है। अत: सहकारी संस्था या अन्य बैंक के माध्यम से इसी अनुसार दावा राशि का भुगतान किया जाता है। सहकारी बैंकों एवं अन्य बैंकों में प्रति हेक्टेयर ऋण राशि में अंतर होने के कारण बीमित राशि में अंतर हो सकता है। इसीलिये दावा राशि भी कृषकवार व बैंकवार भिन्न हो सकती है। राज्य में खरीफ 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। इस योजना में किसी अधिसूचित बीमित इकाई में अधिसूचित फसल की प्रति हेक्टेयर बीमित राशि जिलास्तरीय तकनीकी समिति द्वारा निर्धारित अल्पकालिक फसल ऋणमान के बराबर होगी, चाहे कृषक ने किसी भी सहकारी/अन्य बैंक से कितना भी ऋण लिया हो। (ग) योजनांतर्गत अधिसूचित बीमित इकाई (पटवारी हल्का) में अधिसूचित फसल हेतु बैंकों के माध्यम से फसल बीमा किया जाता है तथा दावा राशि भी उक्त बीमित इकाई के अंतर्गत आनेवाली जोतों के लिये पात्र कृषकों को भुगतान की जाती है।
सड़कों का निर्माण/मरम्मत
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 2885 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले तीन वर्षों में विधानसभा क्षेत्र गरोठ अंतर्गत कुल कितनी सड़क निर्माण की स्वीकृति जारी हुई। क्या समस्त स्वीकृत सड़कों का कार्य प्रारंभ हो गया है? यदि नहीं, तो कब तक प्रारंभ होगा? स्वीकृत एवं निर्माणाधीन सड़कों की सूची प्रदान करें? (ख) गांधीसागर से झालावाड मार्ग की वर्तमान में क्या स्थिति है? क्या उक्त मार्ग क्षतिग्रस्त होकर निर्माण/मरम्मत किया जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो विभाग की उक्त मार्ग के संबंध में क्या योजना है? कब तक उक्त मार्ग का निर्माण किया जावेगा? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत तीन वर्षों में विभाग को कौन-कौन सी सड़क निर्माण हेतु प्रस्ताव दिये गये हैं? क्या उनका परीक्षण करवा लिया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? शेष कार्य कब तक पूर्ण किये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) पिछले तीन वर्षों में विधानसभा क्षेत्र गरोठ अंतर्गत कुल 14 मार्गों की स्वीकृति लोक निर्माण विभाग संभाग मंदसौर को प्राप्त हुई है, जिसमें 02 मार्ग निर्माणाधीन एवं 01 कार्य की निविदा स्वीकृत है। शेष 11 कार्यों की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की है। मार्गों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ अनुसार है। (ख) गांधी सागर-झालावाड मार्ग में गांधी सागर सेन्च्युरी लंबाई 31.5 कि.मी. का सुदृढ़ीकरण अक्टूबर 2014 में पूर्ण किया गया है, जिसमें से 20.00 कि.मी. विधानसभा क्षेत्र गरोठ में आता है, जिसकी स्थिति अच्छी है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
निर्धारित अवधि में सड़क निर्माण नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 2891 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग अंतर्गत बनाई जाने वाली सड़कों का कार्य जिन ठेकेदारों द्वारा कराया जाता है क्या उनके द्वारा निर्धारित अवधि के अन्दर पूर्ण करा लिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो ठेकेदारों को संधारण का कार्य किसी सड़क के पूर्ण होने के दिनांक से कितने वर्षों तक किये जाने के प्रावधान है? (ग) विभाग अनुसार सड़क पर कारपेट/डामर कार्य पूर्ण होने की दिनांक से उस सड़क की गारंटी कितने साल तक रहती है? (घ) सतना जिले के अंदर विभाग की ऐसी कितनी सड़कें हैं जिनको ठेकेदारों द्वारा समयावधि के अन्दर पूर्ण नहीं कर पाए हैं? संख्यात्मक जानकारी देवें। क्या ऐसे ठेकेदारों के विरुद्ध लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सामान्यत: पूर्ण किये जाते है, कुछ ठेकेदार द्वारा यूटिलिटी विस्थापन भू-अर्जन वृक्षों को काटने की अनुमति अतिक्रमण एवं ठेकेदार द्वारा स्वयं के विलंब के कारणों से दी गई अवधि में कार्य पूर्ण नहीं भी किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) 10 सड़कें। जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार एवं म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ-1’ अनुसार है।
चन्देल कालीन तालाबों की भराव क्षेत्र की भूमि पर अतिक्रमण
[जल संसाधन]
93. ( क्र. 2931 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील पृथ्वीपुर के अंतर्गत निर्मित चन्देल कालीन तालाबों की भराव क्षेत्र की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? (ख) कौन-कौन से तालाबों की भराव भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है? तालाबवार, अतिक्रमणकारीवार, ग्रामवार, रकबावार बतावें। (ग) अवैध अतिक्रमण को कब तक हटाया जायेगा तथा अतिक्रमणकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तालाब के डूब क्षेत्र का जो हिस्सा जलमग्न नहीं है उसमें रबी फसल हेतु अतिक्रमण किया गया है। म.प्र. सिंचाई अधिनियम की धारा-94 के तहत कार्रवाई संस्थित की गई है जिसे 2 माह में निराकृत करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए है।
बेराज एवम स्टापडेम की स्वीकृति
[जल संसाधन]
94. ( क्र. 2966 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले की पार्वती नदी पर देहरीघाट के पास, नेवज नदी पर अमस्याखेड़ी-II के पास, मैनावती नदी पर पाडलिया के पास तथा खडली नदी पर अरनियाखुर्द के पास बेराज/डेम निर्माण करने हेतु क्या प्रारंभिक सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो क्या साध्यता सूची में दर्ज किया गया है? क्या साध्यता को स्वीकृति प्रदान कर डी.पी.आर. बनाई जावेगी? (ख) क्या प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित नदियों/नालों पर बेराज/डेम निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधन, पूर्व से स्वीकृत एवं निर्माणाधीन परियोजनाओं के निर्माण हेतु आबद्ध होने से वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता की सुनिश्चितता होने तक आगामी कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
पुराने मंडी प्रांगण से अतिक्रमण हटाये जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
95. ( क्र. 2967 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मंडी समिति कालापीपल के पुराने मंडी प्रांगण पर अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो किन-किन का कितने-कितने भाग पर किस किस प्रकार का? (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित मंडी प्रांगण से अतिक्रमण हटाने हेतु क्या कार्यवाही कब-कब की गई? क्या प्रश्न दिनांक तक अतिक्रमण हटाया गया है? यदि नहीं, तो अतिक्रमण नहीं हटवाने की लिए जिम्मेदार कौन है? क्या दोषी के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। मंडी समिति के पुराने मंडी प्रांगण में कुल 10 अतिक्रमण (कच्चे, टीन शेड) व्यापारियों द्वारा किये गये। व्यापारीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मंडी समिति कालापीपल द्वारा प्रश्नांश "क" में उल्लेखित अतिक्रमण को हटाये जाने की कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कुल 04 अतिक्रमणों को हटाया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष 06 पर स्थानीय व जिला प्रशासन के सहयोग से हटाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
वेतन विसंगती के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
96. ( क्र. 2971 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मण्डी समिति में नाकेदारो (सहायक उपनिरीक्षकों) का वेतनमान लिपिकों से कम था एवं अक्टूबर २००६ से नाकेदारो का वेतनमान लिपिकों से अधिक कर दिया गया था यदि हाँ, तो इसका आधार क्या था? (ख) क्या लिपिकों का वेतनमान नाकेदारो के समकक्ष किया जा सकता है यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट किए जावे? (ग) मण्डी समितियों में कार्यरत कर्मचारियो की पेंशन भुगतान विसंगति है पेंशन भुगतान हेतु दोहरी कार्यप्रणाली चालू है क्या विसंगति दूर कर पेंशन भुगतान हेतु समरूपता लाई जा सकेगी? (घ) प्रदेश की मण्डी समितियों में कार्यरत अमले को पदोन्नति का लाभ प्रदाय किया जाता है यदि हाँ, तो चंबल संभाग की मण्डी समितियो में पदस्थ अमला सहायक ग्रेड ०३ भृत्य चौकीदारों आदि जो कि ३० वर्षों से समितियों में कार्यरत हैं उनको पदोन्नति के लाभ से बंचित रखा गया है यदि नहीं, तो पदोन्नति कर्मचारियों के नाम बतावे यदि हाँ, तो वंचित कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ कब तक दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। दिनांक 13.07.1998 से कृषि उपज मण्डी समिति के नाकेदार के पद को मण्डी समिति के सेटअप से विलोपित किया जाकर इसे राज्य मण्डी बोर्ड सेवा में आमेलित किया गया तथा नाकेदार के स्थान पर सहायक उप निरीक्षक पदनाम करते हुए वेतनमान लिपिक संवर्ग के समान किया गया। लिपिक संवर्ग और सहायक उपनिरीक्षक संवर्ग के कार्य की प्रकृति भिन्न स्वरूप की है। सहायक उप निरीक्षक संवर्ग मैदानी अमले का पद है, शासन के विभिन्न विभागों में उक्त पद के प्रचलित वेतनमान के समान/पद के अनुरूप वेतनमान को वर्ष 2006 में अपग्रेड किया गया है। (ख) जी नहीं। लिपिक एवं सहायक उप निरीक्षक संवर्ग के कार्य की प्रकृति पृथक-पृथक है। लिपिक और सहायक उप निरीक्षक संवर्ग को शासन के विभिन्न विभागों में प्रचलित वेतनमान अनुसार, पद के अनुरूप वेतनमान दिया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। कृषि उपज मण्डी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को म.प्र. सिविल सेवायें (पेंशन) नियम 1976 के अनुसार ही पेंशन लागू है। राज्य शासन के निर्देशों के अनुसार 01.01.2005 के पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों पर परिभाषित पेंशन योजना लागू है। पेंशन भुगतान में कोई विसंगति नहीं होने से समरूपता करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। चंबल संभाग के अन्तर्गत 16 कृषि उपज मण्डी समितियाँ स्थापित है, जिनमें पदस्थ अमले में से 12 कर्मचारियों को पद रिक्त होने पर पदोन्नति का लाभ दिया गया है, पदोन्नत कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पद के अभाव में पदोन्नति से वंचित चंबल संभाग की कृषि उपज मण्डी समितियों में कार्यरत सहायक ग्रेड-3 एवं भृत्य/चौकीदार संवर्ग के कर्मचारियों को नियमानुसार समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैकुण्ठपुर से क्योंटी मार्ग के निर्माण
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 2992 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड सिरमौर अन्तर्गत बैकुण्ठपुर से क्योंटी मार्ग जो कि शाहपुर से होकर गुजरता है, बहुत ही जर्जर स्थिति में है तथा पूरी तरह उखड़ चुका है? क्या इस मार्ग के निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? (ख) उक्त मार्ग का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में कृषक प्रशिक्षण का संचालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
98. ( क्र. 3010 ) श्री अजय सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कृषक प्रशिक्षण की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? क्या उन योजनाओं के कोई नाम भी दिए गए हैं? (ख) सीधी जिले अन्तर्गत क्या इन योजनाओं में यदि कृषक प्रशिक्षण दिया गया है तो वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 के दिसम्बर माह तक ब्लॉक एवं जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का दिनांकवार ब्यौरा देवें? (ग) क्या ब्लॉक एवं जिला स्तरीय कृषक प्रशिक्षण की राशि को माह दिसम्बर, 2016 के प्रदेश स्तरीय कृषक प्रशिक्षण के लिये व्यय किया गया? (घ) यदि हाँ, तो सीधी जिले से कितनी राशि परिवर्तित की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार शेष का प्रश्न ही नहीं है।
जलाशयों के निर्माण की स्वीकृति
[जल संसाधन]
99. ( क्र. 3015 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त सिंचाई योजनायें क्र. 01 झूलनदेव जलाशय ग्राम गाजनडोह, क्र. 02 बुदलापटार जलाशय- ग्राम बुदलापठार क्र. 03 बारंगाखुर्द जलाशय- ग्राम बारंगाखुर्द में जलाशयों के निर्माण हेतु मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग को अनेकों पत्र विगत दो वर्षों में प्रेषित किए गये हैं। जिस पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या उपरोक्त तीनों जलाशयों के निर्माण के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन को स्वीकृति हेतु भेजे जा चुके है? अगर हाँ, तो उपरोक्त जलाशयों के निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी? अगर उपरोक्त तीनों जलाशयों के निर्माण के प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु नहीं भेजे गये है तो इसका क्या कारण है? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 में कौन-कौन सी सिंचाई योजनाओं के प्रस्ताव विभाग द्वारा स्वीकृति हेतु प्रस्तावित किए गये है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। दो पत्र क्रमशः दिनांक 16.09.2016 एवं 14.10.2016 प्राप्त हुए है। उपलब्ध संसाधनों के मद्देनजर स्वीकृत एवं निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूर्ण कराना सर्वोच्च प्राथमिकता होने से प्रश्नाधीन झुलनदेव परियोजना एवं बुदलापठार परियोजनाएं वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। बारंगाखुर्र परियोजना की साध्यता स्वीकृति दिनांक 18.10.2016 को प्रदान की गई है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी प्राप्त करने बाबत्
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 3016 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग के द्वारा वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016 दिसम्बर तक कौन-कौन से निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं और कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण है एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाना शेष है? सम्पूर्ण स्वीकृत निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या विभाग द्वारा स्वीकृत निर्माण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराया जा रहा है? अगर नहीं कराया जा रहा है तो इसका क्या कारण है और कौन-कौन से अधिकारी इसके लिये दोषी हैं? (घ) वित्तीय वर्ष 2016-17 में परासिया विधान सभा क्षेत्र के लिए कौन-कौन से निर्माण कार्यों को विभाग द्वारा प्रस्तावित किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ ‘अ-1’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ ‘अ-1’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ अनुसार है। कोई अधिकारी दोषी नहीं है। (घ) मुजावर से अपतरा मार्ग विभाग की स्थाई वित्तीय समिति की बैठक में अनुमोदित है। बजट में सम्मिलित होने पर स्वीकृति जारी की जाना प्रस्तावित है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा सिंहस्थ 2016 में किये गये कार्य
[लोक निर्माण]
101. ( क्र. 3044 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा उज्जैन जिले में सिंहस्थ 2016 के तहत किये गये निर्माण कार्यों में से कितने निर्माण कार्यों में अनुबंध की शर्तों के अनुसार गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं किये जाने से जुलाई, 2016 से प्रश्न दिनांक तक रिपेयरिंग के कार्य करवाये गये? क्या उक्त रिपेयरिंग कार्य गुणवत्ता पूर्ण किये गये? तहसीलवार, कार्यवार जानकारी प्रदान करें। रिपेयरिंग हेतु विभाग द्वारा कितना व्यय किस मद से किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार गुणवत्ता विहीन कार्य करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
इन्दौर रोड के क्षतिग्रस्त डिवाईडर
[लोक निर्माण]
102. ( क्र. 3045 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा उज्जैन जिले से इंदौर तक बनाई गई सड़क के मध्य में बनाये गये डिवाईडर बीच-बीच में असामाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिये गये हैं, जिसके कारण से आय दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का जवाब हाँ है, तो उक्त डिवाईडर के क्षतिग्रस्त होने के पश्चात् भी संबंधित जिम्मेदारों द्वारा कोई भी वैधानिक कार्यवाही नहीं करते हुये टोल राशि की वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का जवाब हाँ है, तो क्षतिग्रस्त डिवाईडर को पुन: रिपेयरिंग किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा निर्मित इन्दौर-उज्जैन फोर-लेन पर डिवाईडर अनाधिकृत रूप से असामाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिये जाते हैं, जिसे समय-समय पर निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा अनुबन्ध के प्रावधानानुसार मेन्टेनेन्स कार्य के तहत सुधार कार्य किया जाता है। टोल वसूली नियमानुसार की जा रही है। बी.ओ.टी. मार्ग पर मेन्टेनेन्स कार्य एक निरन्तर प्रक्रिया के तहत किया जाता है। कोई अधिकारी दोषी नहीं है। कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। क्षतिग्रस्त डिवाइडरों की रिपेयरिंग एक निरन्तर प्रक्रिया के अन्तर्गत कन्सेशनायर द्वारा किया जा रहा है।
सरकार द्वारा किये गये प्रयास
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
103. ( क्र. 3052 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार की मंशानुसार किसान की आय बढ़ाने हेतु सरकार के द्वारा कौन-कौन से प्रयास किये जा रहे हैं तथा कृषि विभाग एवं कृषि से जुड़े दूसरे संबंधित विभाग द्वारा किसानों की आय बढ़ाने हेतु कौन-कौन सी योजना चलायी जा रही है? (ख) नरसिंहपुर जिले में विभाग द्वारा किसानों की आय बढ़ाने हेतु विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं एवं उनके क्या परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। (ग) नरसिंहपुर जिले में मुख्य फसल वर्तमान में गन्ना की है इसके विकास हेतु तथा विपणन एवं उचित मूल्य किसानों को प्राप्त हो इसके लिऐ सरकार द्वारा क्या उपाय किये जा रहे हैं? (घ) क्या किसानों के लिए गन्ना नीति बनाने की सरकार की कोई योजना है। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) जिले की सभी मिले सीजन में अक्टूबर माह से चालू हो इस हेतु शासन मिलों के नियंत्रण हेतु क्या नियमों का पालन करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि विभाग एवं कृषि से जुड़े सम्बद्ध विभागों द्वारा पाँच वर्षों में कृषि की आय बढ़ाने हेतु रोडमैप तैयार कर योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं। नरसिंहपुर जिले में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) नरसिंहपुर जिले में विभाग द्वारा किसानों की आय बढ़ाने हेतु जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रशिक्षण, भ्रमण, उन्नत बीज वितरण, उन्नत कृषि यंत्र, स्प्रिंकलर, पाईप-लाईन, विद्युत पंप आदि अनुदान पर उपलब्ध कराये जाते हैं। कृषकों को फसल प्रदर्शन के माध्यम से उन्नत तकनीकी जानकारी दी जा रही है है, जिससे खेती की लागत को कम करके उत्पादकता में वृद्धि हो रही है। (ग) सरकार द्वारा जिले में निम्न प्रयास किये जा रहे हैं:- 1. वर्ष 2016-17 में शुगर मिलों द्वारा रूपयें 260/- से प्रारंभ करे वर्तमान में 360/- प्रति क्विंटल तक गन्ना खरीदा जा रहा है। 2. गन्ना फसल का फेयर एंड रेम्यूनेटिव प्राईज भारत सरकार द्वारा रू. 230/- क्विंटल निर्धारित की गई है। 3. गन्ना की पैराई एवं वितरण हेतु 7 शुगर मिलें स्थापित है। (घ) गन्ना नीति 2007 प्रचलित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ड.) नियमों का पालन किया जा रहा है। मिल द्वारा पिराई का प्रारंभ शुगर मिल हेतु आरक्षित गन्ना क्षेत्र में गन्ने की उपलब्धता आदि कारको अनुसार की जाती है।
धान खरीदी में अनियमितताओं की जाँच एवं कार्यवाही
[सहकारिता]
104. ( क्र. 3068 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न (क्रमांक 5226) दिनांक-17/03/2016 के प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन केन्द्रों में धान अमानक स्तर की पाई गई थी? इस पर क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नांश (घ) अनुसार क्या जाँच की गई? किस-किस को जिम्मेदार पाया गया एवं क्या कार्यवाही की गई और प्रश्नांश (ड.) अनुसार प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही कब-कब की गई? बतायें। (ख) क्या आयुक्त सहकारिता भोपाल, सहायक आयुक्त सहकारिता कटनी, संचालक मध्यप्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम भोपाल, संचालक कृषि उपज मंडी एवं जिला आपूर्ति अधिकारी कटनी को वर्ष-2016-17 में कटनी जिले में धान खरीदी में अनियमितताओं की शिकायतें एवं जानकारी प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या-क्या शिकायतें/जानकारी कब-कब, किस-किस माध्यम से प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत प्राप्त शिकायतों/जानकारी की किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब एवं क्या-क्या जाँच किस प्रकार की गई? जाँच के बिन्दु क्या थे? जाँच में किन-किन के बयान एवं क्या-क्या साक्ष्य लिये गये और क्या-क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई? क्या जाँच कार्यवाही में शिकायतकर्ता के कथन भी लिये गये? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? प्रकरणवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत कटनी जिले में धान खरीदी में अनियमितताओं की जाँच, क्या सक्षम प्राधिकारियों के संयुक्त दल से करायी जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार रिजेक्ट धान का खरीदी प्रभारियों द्वारा वेयर हाउस से उठाव कर बाजार में बेच कर समर्थन मूल्य की दर पर समिति के धान खाते जमा कर दी गई है एवं तीन खरीदी केन्द्र सलैया पटोरा 53,000/-, इमलिया 4,44,000/- एवं समिति विलहरी में 1,59,000/- वसूली शेष है, खरीदी प्रभारियों से वसूली की कार्यवाही की जा रही है। निलंबित खरीदी केंद्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है, जाँच दल द्वारा जाँच प्रक्रियाधीन वर्ष 2015-16 के धान उपार्जन के पत्रकों के अंकेक्षण एवं उत्तरदायित्व निर्धारण हेतु दिनांक 12.02.2016 से जाँच अधिकारी नियुक्त किये गये, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ वर्ष 2016-17 में प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। (घ) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में जाँच संयुक्त दल से कराई जा रही है, प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में प्राप्त शिकायतों की जाँच पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार हो जाने से सक्षम प्राधिकारियों के संयुक्त दल से जाँच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी लघुवनोपज संघ पर शेष अग्रिम
[सहकारिता]
105. ( क्र. 3073 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी लघुवनोपज संघ मर्यादित के संचालकगण जिस जिला वनोपज यूनियन के प्रतिनिधि है, उन जिला यूनियनों को लघु वनोपज संघ ने कितना-कितना अग्रिम कब-कब दिया है? 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक दिये गये अग्रिमों के खातों का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या उपरोक्त जिला वनोपज यूनियनों पर प्रश्नांश (क) में वर्णित समय में सहकारी अधिनियम की धारा 50 क के प्रावधानों के अनुसार 1 वर्ष से अधिक समय के अग्रिम शेष थे? यदि हाँ, तो किन-किन जिला वनोपज यूनियनों के ऊपर कब से कब तक अग्रिम राशियां शेष रही हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत ऐसे जिला वनोपज यूनियनों के विरूध सहकारी अधिनियम की धारा 50 क के अनुसार प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों नहीं की गई? समय पर कार्यवाही नहीं करने के लिए किस पदनाम/नाम के अधिकारी जिम्मेदार है? क्या उन पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) के तहत क्या-क्या ऐसी जिला वनोपज यूनियनों पर सहकारी अधिनियम की धारा 50 क के तहत व अन्य कार्यवाही कब की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक निर्माण विभाग अंतर्गत सड़क किनारे नाली निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
106. ( क्र. 3089 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्राम के अंदर बनाई जा रही सड़क के किनारे नाली निर्माण कराये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम अमगवां एवं ग्राम तिलगवां तहसील, रीठी अंतर्गत ग्राम के अंदर लगभग 4 वर्ष पूर्व सड़क का निर्माण होने के बावजूद भी नाली निर्माण नहीं होने के लिये कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अतिरिक्त विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई सड़कों के किनारे किन-किन ग्रामों में नाली का निर्माण हुआ है एवं किन-किन ग्रामों में नाली का निर्माण कराया जाना शेष है? वर्ष 2011-12 से मार्ग के नाम सहित वर्षवार, विकासखण्डवार, कार्यवार विवरण दें। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा लोक निर्माण विभाग कटनी को प्रेषित पत्र क्रमांक 2130 दिनांक 16.09.15 पर क्या कार्यवाही हुई? कार्यवाहीवार, तिथिवार पृथक-पृथक विवरण दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) आवश्यकता अनुसार प्राक्कलन में प्रावधान किया जाता है। (ख) ग्राम तिलगवां में तत्समय भूमि उपलब्ध न होने एवं ग्राम तिलगवां तहसील, रीठी में अनुबंध में प्रावधान नहीं होने के कारण नाली निर्माण नहीं कराया जा सका। अत: कोई दोषी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ एवं अ-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है।
जलाशयों से नहरों का निर्माण
[जल संसाधन]
107. ( क्र. 3090 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में संचालित सिंचाई परियोजनाएं कितनी है? कितनी योजनाएं चालू एवं कितनी बंद हैं? कारण बताएं। बंद योजनाओं को चालू कराने के लिये शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) कटनी जिले में आर.आर.आर. एवं एच.आर. एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत कितने सिंचाई जलाशयों की नहरों के मरम्मत कार्य की वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति प्रदान की गई है? इनमें से कौन-कौन सी नहर का कार्य कब पूर्ण हुआ? कितनी नहरों का निर्माण कार्य प्रगति में है? इन नहरों के निर्माण एवं मरम्मत से सिंचित एरिया प्रतिवर्ष कितना बड़ा है? वर्षवार, कार्यवार, राशिवार एवं बढ़े हुये सिंचाई रकबा का विवरण बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार राशि व्यय करने के उपरांत भी नहरों के माध्यम से सिंचित क्षेत्रफल न बढ़ने के क्या कारण है? (घ) कटनी जिले में कितनी सिंचाई परियोजनायें प्रस्तावित एवं स्वीकृत हैं? प्रस्तावित योजनाओं की स्वीकृति एवं स्वीकृत योजनाओं के कार्य कब तक प्रारंभ किये जावेंगे? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं, किसने की, कब जाँच की गई और उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कटनी जिले में 120 सिंचाई परियोजनाएं संचालित हैं। वर्तमान में 116 परियोजनाएं चालू एवं 4 उद्वहन सिंचाई परियोजनाएं बंद हैं। उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं में कमाण्ड क्षेत्र के कृषकों द्वारा परियोजना को सामुदायिक रूप से चलाने में असमर्थता व्यक्त किये जाने के कारण बंद हैं। कृषकों द्वारा सहमति देने के उपरांत परियोजना चालू कराना संभव होगा। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। (ड.) कार्यालयीन अभिलेख अनुसार श्री शैलेष तिवारी पूर्व जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा कटनी से शिकायत पत्र प्राप्त हुआ था। जाँच की अद्यतन स्थिति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स‘ अनुसार है।
श्रमिकों को नियमित वेतनमान का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
108. ( क्र. 3101 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1 /3 भोपाल दिनांक 07 अक्टूबर 2016 से प्रदेश में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के लिये स्थाई कर्मियों को विनियमित करने की योजना संबंधी आदेश जारी कर कुशल, अर्द्धकुशल, अकुशल श्रेणी के कर्मचारियों हेतु उक्त आदेश के कंडिका क्रमांक 1.2 के अनुसार वेतनमान स्वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में कार्यरत उक्त वर्ग के कर्मचारियों को वेतनमान दिये जाने हेतु निर्देश प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा जारी कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो कब-तक जारी कर दिये जाएगें और अब तक क्यों जारी नहीं किया? कारण बताएं। (ग) क्या कृषि उपज मंडी समिति सतना में श्रीदान बहादुर जो दिनांक 08.08.1989 से कार्यरत है। उनको अभी तक नियमित नहीं किया गया और न ही प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत वेतनमान ही दिया गया, जबकि श्री दानबहादुर से कनिष्ट कर्मचारियों को नियमित कर दिया गया है? हाँ तो कारण बताएं।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग से तत्विषय में मार्गदर्शन दिनांक 15.02.2017 को प्राप्त हुआ है, इसके तारतम्य में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कृषि उपज मण्डी समिति सतना में श्री दानबहादुर सिंह, लिपिक के पद पर दिनांक 08.08.1989 से दैनिक वेतन पर कार्यरत है। दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण के सबंध में म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ/5-3/2006/1 दिनांक 16 मई 2007 एवं शासन द्वारा समय-समय पर प्रसारित दिशा-निर्देश एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कृषि उपज मण्डी समिति सतना में लिपिक संवर्ग में सामान्य वर्ग का पद रिक्त नहीं होने से श्री दानबहादुर सिंह, (सामान्य वर्ग) दैनिक वेतनभोगी लिपिक को अभी तक नियमित नहीं किया गया और राज्य शासन द्वारा दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों के लिये स्थाई कर्मियों को विनियमित करने की योजना म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड एवं कृषि उपज मण्डी समितियों में लागू नहीं होने से प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत वेतनमान नहीं दिया गया है। मण्डी समिति सतना में कार्यरत श्री दानबहादुर सिंह, दै.वे.भो. लिपिक से कनिष्ठ दैनिक वेतनभोगी लिपिक कर्मचारी को नियमित नहीं किया गया है।
महानगर सहकारी बैंक बैरागढ़ के संचालक मंडल
[सहकारिता]
109. ( क्र. 3111 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महानगर नागरिक सहकारी बैंक, बैरागढ़ (संत हिरद्यारामनगर) जिला भोपाल के संस्थापक संचालक मंडल और वर्तमान संचालक मंडल के पदाधिकारियों और सदस्यों के नाम बतावें। (ख) इस बैंक में नोटबंदी अर्थात 9 नवम्बर 2016 से 30 दिसम्बर 2016 तक कुल कितनी धनराशि जमा की गई और कितनी धनराशि निकाली गई? (ग) इस अवधि में इस बैंक से प्रचलन से हटाये जा रहे 500 और 1000 रू. के कितने नोटों की अदला-बदली हुई है? (घ) इस सहकारी बैंक पर आयकर छापे के बाद सहकारी कानून के तहत शासन ने क्या कार्यवाही की है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक', 'दो' एवं 'तीन' अनुसार है। (ख) बैंक में दिनांक 09.11.2016 से 30.12.2016 तक कुल धनराशि रूपये 18,93,70,500/- जमा की गई, धनराशि रूपये 6,48,99,149/- निकाली गई। (ग) इस अवधि में प्रचलन से हटाए जा रहे रूपये 500/- के 12,645 नोट एवं रूपये 1,000/- के 3,417 नोटों की अदला-बदली हुई है। (घ) बैंक पर आयकर छापे के बाद सहकारी कानून के तहत कार्यवाही हेतु आयकर विभाग से प्रतिवेदन/निर्देश प्राप्त नहीं हुए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केन-बेतवा परियोजना
[जल संसाधन]
110. ( क्र. 3112 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को क्या भारत सरकार की मंजूरी मिल गई है? यदि हाँ, तो इस परियोजना की लागत क्या है और इस पर कब से काम शुरू होगा? (ख) केन-बेतवा परियोजना के लिये पर्यावरण मंत्रालय और वन्य प्राणी बोर्ड ने अनापत्ति और मंजूरी देते हुये निर्माण कार्य में किन सावधानियों को बरतने के निर्देश दिये हैं? (ग) क्या परियोजना क्षेत्र में पन्ना जिले का हीरा खनिज क्षेत्र भी आता है, यदि हाँ, तो इस बारे में हीरा खनिज के दोहन के लिये सरकार की क्या योजना है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषकों के बैंक खातों में अनुदान राशि जमा की जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
111. ( क्र. 3121 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग से बीज ग्राम योजना के अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने कृषकों को कितनी मात्रा में फसलवार बीज वितरण किस अनुदान पर किया गया? कितने कृषकों के बैंक खातों में कितनी अनुदान राशि जमा कराई गई व कितनी राशि बीज प्रदायक संस्था को भुगतान की गई? कितने कृषकों के बैंक खाते में राशि जमा नहीं कराई गई? विकासखंडवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त अवधि में उक्त योजना के अंतर्गत कितना आवंटन वर्षवार अनूपपुर जिले को मिला? यदि नहीं, तो इस हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त अवधि में अनूपपुर जिले में किसानों को गेहूँ, चना, सोयाबीन, अरहर, का बीज उक्त योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराया गया? यदि हाँ, तो अनुदान राशि का भुगतान उन्हें अभी तक क्यों नहीं किया गया? क्रय किये गये बीज की गुणवत्ता खराब होने की शिकायत पर विभाग ने क्या कार्यवाही की? (घ) क्या शासन उक्त तथ्यों की जाँच करायेगा तथा जिले के कृषकों को अनुदान राशि का लंबित भुगतान यथाशीघ्र करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) अनूपपुर जिले में बीजग्राम योजना के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कुल 633.49 क्विंटल बीज का वितरण अनाज एवं दलहनी/तिलहनी फसलों का बीज की कीमत का क्रमश: 50 प्रतिशत एवं 60 प्रतिशत पर कुल 3633 हितग्राहियों को किया गया है। उक्त योजना के प्रावधान अनुसार वर्ष 2014-15 की अनुदान राशि रूपये 942708 का भुगतान बीज प्रदाय संस्थाओं को तथा वर्ष 2015-16 की अनुदान राशि रूपये 228673 का भुगतान 533 कृषकों के सीधे बैंक खातों में ई-भुगतान किया गया है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2015-16 के लाभांवित हितग्राहियों में से 39 कृषकों के बैंक खाता संबंधी जानकारी त्रुटिपूर्ण होने से भुगतान की कार्यवाही बैंक स्तर पर प्रक्रियाधीन है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। बीज की गुणवत्ता खराब होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जी नहीं। कार्यवाही नियमानुसार होने से प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। उत्तरांश (ग) के अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है।
सिंचाई योजना के संबंध में
[जल संसाधन]
112. ( क्र. 3122 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में कितने वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई की योजनायें संचालित है? नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराये? साथ ही इस क्षेत्र में क्या कोई नई सिंचाई परियोजना स्थापित करने संबंधी प्रस्ताव विचाराधीन है यदि हाँ, तो बतावें? (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितने तालाब क्षतिग्रस्त हैं? क्या उनकी मरम्मत हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ग) विभाग द्वारा सिंचाई हेतु कितनी नहरें एवं उनकी डिस्ट्रीब्यूटरियों का सीमेन्टीकरण कर दिया गया है और कितनी नहरे एवं उनकी डिस्ट्रीब्यूटरियां सीमेंटीकरण होने से वंचित रह गई हैं? उनके सीमेन्टीकरण के लिये विभाग द्वारा कोई कार्य योजना बनाई गई हैं? (घ) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक सीमेन्टीकरण एवं तालाबों के मरम्मतीकरण हेतु कितनी राशि व्यय की गई है? किये गये कार्य का पृथक-पृथक विवरण दें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में नर्मदा डायवर्सन लघु सिंचाई परियोजना की साध्यता स्वीकृति दिनांक 19.08.2015 को दी जाकर डी.पी.आर. बनाने के निर्देश दिए गए हैं। (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कोई तालाब क्षतिग्रस्त होना प्रतिवेदित नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष नहरों एवं उनके डिस्ट्रीब्यूटरियों में सीमेंटीकरण किया जाना विचाराधीन नहीं है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा भवनों का समय पर निर्माण न कराया जाना
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 3128 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई के परिसर में प्रसूति गृह भवन और एन.आर.सी. भवन के निर्माण की स्वीकृति कब मिली? निर्माण कार्य कब प्रांरभ कराया गया? निर्माण की अवधि क्या थी? अनुबंध की शर्तें क्या हैं? ठेकेदार कौन है? जानकारी दें। (ख) उक्त निर्माणाधीन भवनों का प्राक्कलन लागत राशि प्रत्येक स्टेप का ड्राइंग डिजाईन, मेजरमेंट बुक की छायाप्रति सहित अब तक कार्यवार भुगतान की गई राशि की जानकारी दें। (ग) उक्त भवनों के निर्माण की अवधि समाप्त हो जाने के पश्चात् भी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? (घ) भवनों का अवलोकन मात्र से ही ज्ञात होता है कि प्रसूति गृह का दरवाजा ढ़ीला-ढाला है? सामग्री का उपयोग भुगतान की गई राशि के मानक स्तर का नहीं किया गया है? विद्युत तार का उपयोग भी गुणवत्तायुक्त नहीं है? क्या शासन उक्त तथ्यों की जाँच करवाकर उक्त भवनों का शीघ्र निर्माण कार्य पूर्ण कराकर स्वास्थ्य विभाग को सौंपने का आदेश देगा? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण कराकर संबंधित विभाग को सौंप दिया जावेगा और नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। अनुबंध की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। भवनों का प्राक्कलन तकनीकी स्वीकृति, ड्राईंग डिजाइन एवं माप पुस्तिका, भुगतान देयक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं, समस्त कार्य में गुणवत्तायुक्त सामग्री का ही उपयोग किया गया है। अत: कार्य गुणवत्तापूर्वक होने के कारण किसी भी जाँच की आवश्यकता नहीं है। अनुबंध में समाहित अन्य कार्यों को ठेकेदार से शीघ्र पूर्ण कराकर भवन स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित किया जावेगा। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
फसल बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
114. ( क्र. 3135 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फलस बीमा योजना अंतर्गत फसलवार बीमित राशि जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा कितनी-कितनी नियत की गई है? (ख) झाबुआ जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत कितने कृषकों की फसलों का बीमा करवाया गया तथा कितने शेष रहे? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें! (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शेष रहे कृषकों की फसलों का बीमा किन कारणों से नहीं हो सका है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या यह सही है कि झाबुआ जिले में प्रधानमंत्री फलस बीमा योजना अंतर्गत निर्धारित बीमित राशि किसानों को नहीं मिली है? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा झाबुआ जिले की फसलवार बीमित राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत झाबुआ जिले की खरीफ 2016 मौसम की बीमा आवरण की तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। झाबुआ जिले में रबी 2016-17 में फसलों का बीमा कार्य प्रक्रियाधीन है। (ग) योजना ऋणी कृषकों के लिये अनिवार्य है अर्थात जिन कृषकों की मौसम अवधि में बैंक द्वारा ऋण सीमा स्वीकृत की गई, ऐसे कृषकों के फसल बीमा हेतु बैंक द्वारा घोषणा-पत्र बनाकर बीमा कंपनी को भेजे जाते हैं, जिसके आधार पर बीमा किया जाता है। इसके अलावा, अऋणी कृषकों के लिये योजना स्वैच्छिक है अर्थात जिन कृषकों की ऋण सीमा स्वीकृत नहीं की गई हो। अत: अऋणी किसान अपनी स्वेच्छा से प्रस्ताव पत्रक बैंक स्तर पर भरकर बीमा कराते हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) खरीफ 2016 मौसम हेतु वास्तविक उपज के आंकड़ें दिनांक 31.1.2017 को बीमा कंपनी को प्राप्त हुये है एवं क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। रबी 2016-17 मौसम में बीमा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
उद्यानिकी विभाग की योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
115. ( क्र. 3136 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में उद्यानिकी विभाग को विभिन्न योजनाओं में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? योजनाओं की भौतिक प्रगति क्या है? वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 तक की जानकारी देवें। (ख) मॉडल नर्सरी स्थापना फल क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम (आंवला) तालाब (जल स्त्रोत) निर्माण व पुष्प क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई एवं कौन-कौन सा कार्य कहाँ-कहाँ कितनी राशि का करवाया? इसका भौतिक सत्यापन कब किसने किया? (ग) पुष्प क्षेत्र विस्तार के तहत कहाँ-कहाँ पर कितने क्षेत्र में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पुष्प रोपित किये गये तथा मॉडल नर्सरी पर कितने क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य करवाये गये तथा इन पर कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार बताएं। (घ) उपरोक्तानुसार कार्यों का भौतिक सत्यापन किसके द्वारा कब-कब किया गया? क्या कोई अनियमितता पाई गई?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) झाबुआ जिले की प्रश्नाधीन वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) झाबुआ जिले में मॉडल नर्सरी स्थापना, आंवला फल क्षेत्र विस्तार एवं तालाब निर्माण के कार्य नहीं किये गये। पुष्प क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 9.40 लाख ग्लेड्यूलस के बल्बस एवं गेंदा फूल के बीज सहित आदान सामग्री प्रदाय करने में व्यय हुई, जिससे कृषकों के प्रक्षेत्रों पर पुष्प रोपण कार्य हुआ। वर्ष 2016-17 में गेंदा फूल की खेती हेतु प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं, प्रश्न दिनांक तक कोई राशि व्यय नहीं हुई। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्नाधीन वर्षों में जिले में कोई मॉडल रोपणी स्वीकृत नहीं की गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। कोई अनियमितता नहीं पाई गई।
जिले में गन्नों की खेती
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
116. ( क्र. 3194 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2015-2016 2016-2017 में कितने हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना लगाया गया है? (ख) नरसिंहपुर जिले में कितनी सुगर मिल, खाण्डसारी मिले एवं कुल्हौर, कोलू वर्तमान में संचालित हैं? (ग) प्रतिदिन कितने हजार टन गन्ना प्रति मिल में पेरा जा रहा है? (घ) किसानों के गन्ना भुगतान की क्या व्यवस्था की गई है? नगद, चैक या आर.टी.जी.स. द्वारा एवं गन्ना भुगतान कितने दिन में किए जाने का नियम हैं? क्या इस नियम के तहत भुगतान किया जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में 64086 हेक्टेयर एवं वर्ष 2016-17 में 63600 हेक्टेयर में गन्ना फसल लगाई गई है। (ख) नरसिंहपुर में 7 शुगर मिलें, 15 खाण्डसारी एवं 299 कुल्हौर (कोलू) संचालित है, जो कि जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र नरसिंहपुर में पंजीकृत है। (ग) प्रतिदिन मिलवार पेरे जा रहे गन्ना (हजार टन) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नरसिंहपुर जिले के किसानों को नगद, चैक एवं आर.टी.जी.एस. के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है। गन्ना अधिनियम के अनुसार शुगर मिलों को 14 दिन के भीतर भुगतान करने का नियम है। शुगर मिलों द्वारा कृषकों की मांग अनुसार भुगतान किया जा रहा है। भुगतान नहीं करने संबंधी कृषकों से शिकायत प्राप्त नहीं है।
गिरते भू-जल स्तर की जानकारी
[जल संसाधन]
117. ( क्र. 3223 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र नागदा-खचरौद में भू-जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। कहीं-कहीं तो 1000 फिट पर भी पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। (ख) इस गिरते भू-जल स्तर को बढ़ाने हेतु शासन क्या योजना बना रहा है? यदि योजना नहीं बनी है, तो कब तक बना ली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। भू-जल स्तर भू-सतह से लगभग 100 फिट गहराई तक ही मापन किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों के हित में संचालित योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
118. ( क्र. 3255 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में विभाग द्वारा किसानों के हित में कौन-कौन सी योजनाएं अनुदान एवं बिना अनुदान के संचालित हैं? 2016-17 कितने किसान किन-किन योजनाओं से लाभांवित हुये हैं? गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र की ग्रामवार जानकारी दें। (ख) क्या जिले में विभाग द्वारा किसानों की भूमि सिंचित करने के उद्देश्य से जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, उनमें भारी भ्रष्टाचार किया गया है? (ग) क्या किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग जिला पन्ना द्वारा फर्म से संपर्क कर किसानों को अनुदान से मिलने वाली वस्तुएं का किसानों के नाम पर फर्जी बिलों का सत्यापन एवं भुगतान कर फर्मों के साथ अनुदान की राशि में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है? (घ) क्या किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में अनियमितताओं की जाँच कराई जाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) पन्ना जिले में विभाग द्वारा किसानों के हित में अनुदान एवं बिना अनुदान के संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2016-17 में गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र में 6410 किसानों को लाभान्वित किया गया है। किसानों की ग्रामवार, योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बिसनूर - गोला मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 3269 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न (क्र. 723) , दिनांक 05/12/2016 में उल्लेखित मुलताई विधानसभा क्षेत्र के बिसनूर-गोला मार्ग के नवीनीकरण कार्य का वर्क ऑर्डर दिनांक, कार्य पूर्ण करने का दिनांक, नवीनीकरण कार्य करने वाली एजेंसी का नाम एवं रजिस्ट्रेशन नम्बर, टेन्डर खुलने का दिनांक दें। कार्य की लागत बतायें एवं कार्य के D.P.R. की छायाप्रति दें। (ख) बिसनूर-गोला मार्ग में ताप्ती नदी से मिलने वाली सहायक नदी पर विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 या 2015-16 या 2016-17 बनाये गये पुल की लागत कितनी है? इस पुल के निर्माण कार्य का वर्क ऑर्डर दिनांक, कार्य पूर्ण करने का दिनांक, निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी का नाम, टेन्डर खुलने का दिनांक दें। पुल के कार्य की D.P.R. की छायाप्रति दें। (ग) बिन्दु (क) एवं (ख) में दिये मार्ग के कुछ भाग का निर्माण एवं संपूर्ण पुल का निर्माण विभाग द्वारा पारसडोह मध्यम सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र में डूब क्षेत्र की अधिसूचना जारी होने के पश्चात क्यों कराया गया? कारण स्पष्ट करें। (घ) बिन्दु (ग) के अनुसार इस तरह के निर्माण कार्य कर शासन की राशि का दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों एवं निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी के विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्क ऑर्डर दिनांक 31.08.2015 वर्तमान में कार्य प्रगति पर ⒌, मेसर्स राजदीप कंस्ट्रक्शन ‘अ’ श्रेणी संविदाकार, पंजीयन क्रं. ELGA768 टेन्डर खोलने का दिनांक 13.08.2015, कार्य की लागत रू. 189.43 लाख, डी.पी.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बिसनूर-गोला मार्ग में ताप्ती नदी से मिलने वाली किसी भी सहायक नदी पर विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 या 2015-16 या 2016-17 में कोई पुल नहीं बनाया गया है। अपितु ताप्ती नदी में मिलने वाले नाले पर गौला ग्राम के निकट एक पुल का पुनर्निर्माण वर्ष 2015-16 में कराया, जिसकी लागत रू. 24.05 लाख थी। वर्क ऑर्डर दिनांक 21.01.2016, कार्य पूर्ण दिनांक 17.06.2016 मेसर्स राजदीप कंस्ट्रक्शन, ‘अ’ श्रेणी संविदाकार, टेण्डर खोलने का दिनांक 30.12.2015। डी.पी.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित भाग डूब क्षेत्र में नहीं आता है। जल संसाधन विभाग से पारसडोह परियोजना के डूब क्षेत्र की अधिसूचना की जानकारी प्राप्त नहीं थी, परन्तु दिनांक 27.08.2016 को जिला योजना समिति की बैठक में प्राप्त निर्देशानुसार उक्त प्रश्नांश (ख) में वर्णित पुल पुनर्निर्माण पश्चात् अन्य कार्य को बंद कर दिया गया। कारण उपरोक्तानुसार। (घ) शासन की राशि का कोई दुरूपयोग नहीं हुआ। कोई भी दोषी नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि मंडी मुलताई द्वारा किये जा रहे कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
120. ( क्र. 3273 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि मंडी मुलताई द्वारा प्रश्न दिनांक से विगत तीन वर्षों में किये जा रहे सभी निर्माण कार्यों की सूची दें। साथ ही यह भी बतायें कि कार्य पूर्ण है या नहीं एवं प्रत्येक कार्य का स्वीकृति दिनांक भी दें। (ख) बिन्दु (क) के अनुसार मुलताई विधानसभा क्षेत्र में किये जा रहे कृषि औद्योगिक केन्द्र की निर्माण एजेंसी का नाम एवं रजिस्ट्रेशन नम्बर वर्क ऑर्डर का दिनांक, कार्य पूर्ण करने का दिनांक, टेन्डर खुलने का दिनांक एवं कार्य के D.P.R. की संपूर्ण छायाप्रति दें। (ग) बिन्दु (ख) के अनुसार किये जा रहे निर्माण कार्य के लिये अब तक कितना भुगतान निर्माण एजेंसी को कर दिया गया है? (घ) बिन्दु (ग) के अनुसार बताये गये कई कार्य निर्माण एजेंसी द्वारा गुणवत्ता विहिन क्यों किये जा रहे/किये गये हैं? इसके लिये विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? अभी तक निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति, मुलताई द्वारा प्रश्न दिनांक से विगत तीन वर्षों में किये गये निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में बहुउद्देशीय वाणिज्यिक कृषक सेवा केंद्र गोपालतलाई के निर्माण एजेंसी का नाम रजिस्ट्रेशन नंबर वर्क ऑर्डर का दिनांक, कार्य पूर्ण करने का दिनांक टेंडर खुलने का दिनांक का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। कार्यों की डी.पी.आर. की संपूर्ण छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) निर्माण कार्य पर वर्तमान तक निर्माण एजेंसी को राशि रू. 104.356 लाख का भुगतान किया गया है। (घ) मुलताई विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बहुउद्देशीय वाणिज्यिक कृषक सेवा केंद्र गोपालतलाई का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्वक कराया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
121. ( क्र. 3275 ) श्री रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 107 दिनांक 05-12-16 के प्रश्नांश (क) में दी गई जानकारी अनुसार कुल प्रीमियम राशि में से कृषक अंश घटाकर शेष अनुमानित राशि रु. 2305.78 करोड़ राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा 1:1 के अनुपात में बीमा कंपनियों को जमा करा दी गयी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रदेश के जिलों में वर्ष 2015-16 रबी एवं खरीफ एवं 2016-17 में खरीफ की फसलों को हुई क्षति का आंकलन क्या प्रशासन व बीमा कंपनी द्वारा करा लिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त जिलों में कुल कितने कितने कृषकों को कितनी राहत राशि एवं कितनी फसल बीमा राशि उपलब्ध कराई गई है? जिलेवार बतावें। यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) क्या शासन द्वारा विगत माह जिला मुख्यालयों पर शिविर आयोजित कर किसानों को फसल बीमा प्रमाण-पत्र वितरित किये गए हैं? यदि हाँ, तो कितने कृषकों को? जिलेवार बतावें व उक्त बीमा राशि किस वर्ष की है? (घ) प्रश्नांश (ख) की अवधि में श्योपुर जिले में विकासखण्डवार कितने-कितने कृषकों को किन-किन फसलों की क्षति में कितनी-कितनी राहत राशि एवं फसल बीमा राशि दी गई है व कितनी शेष राशि किन-किन कारणों से नहीं दी जा सकी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) परि.अता. प्रश्न क्रमांक 107 में दी गई जानकारी अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2016 हेतु शासन का अंश बीमा कंपनियों को जमा नहीं कराया गया है क्योंकि बीमा कंपनियों से बीमा आवरण की अंतिम जानकारी प्राप्त होने में समय लगा है। वर्तमान में एच.डी.एफ.सी. इरगो एवं आई.सी.आई.सीआई. लोम्बार्ड से जानकारी प्राप्त होने पर भुगतान प्रक्रियाधीन है। (ख) रबी वर्ष 2015-16 हेतु क्षतिपूर्ति का आंकलन प्रक्रियाधीन है। खरीफ 2016 के फसल कटाई के आंकडे बीमा कंपनियों को उपलब्ध कराये गये हैं जिस अनुसार क्षतिपूर्ति का आंकलन प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। जिलेवार जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार।
लघु सिंचाई परियोजना पर किये गये कार्य
[जल संसाधन]
122. ( क्र. 3313 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र नरयावली अंतर्गत कितनी लघु सिंचाई योजनाओं का संरक्षण कार्य किया गया एवं उस पर कितना खर्चा किया गया? नामवार व वर्षवार जानकारी देवें। (ख) उक्त तालाब परियोजना में कौन-कौन सी योजना साध्य पाई गई? उनमें से कितनी पूर्ण की गई और कौन सी अपूर्ण है? अपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण कार्य कब शुरू किया गया? (ग) निर्माणाधीन लघु परियोजना की लागत कितनी है एवं अभी तक कितना व्यय किया जा चुका है? उक्त योजनाएं कब तक पूर्ण की जावेगी? (घ) लंबित या अपूर्ण परियोजनाओं के लिये दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या शासन कोई कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हिंगलाज माता वियर परियोजना साध्य पाई जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। मशवासी बहेरिया परियोजना साध्य नहीं पाई गई है। (ग) एवं (घ) हिंगलाज माता वियर की प्रशासकीय स्वीकृति रु.478.09 लाख की दी गई है। अब तक रु.184.87 लाख व्यय किया गया है। परियोजना वर्ष 2017-18 में पूर्ण होना संभावित है। किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
राजगढ़ जिले में संचालित सिंचाई परियोजनाएं
[जल संसाधन]
123. ( क्र. 3316 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग अंतर्गत राजगढ़ जिले में कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनायें कितनी-कितनी लागत की कब-कब स्वीकृत की गई हैं? (ख) उक्त सिंचाई परियोजनायें कब तक पूर्ण होंगी तथा इनसें कितने हेक्टयेर क्षेत्र में सिंचाई होगी? (ग) उक्त सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिये जिला मुख्यालय राजगढ़ में कौन-कौन से कार्यालय कहाँ-कहाँ पर कितनी राशि के किराये पर लिये गये हैं? (घ) जिला मुख्यालय राजगढ़ में संचालित कौन-कौन से सिंचाई परियोजना कार्यालय में कौन-कौन से अधिकारी पदस्थ हैं? नाम, पदनाम तथा पदांकित स्थल सहित बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
लघु सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
124. ( क्र. 3330 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न (क्रमांक 517) दिनांक 19 जुलाई 2016 के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नाधीन परियोजनाओं में से सुन्दरपुरा तालाब साध्य परियोजना पाई गई है तथा जामी तालाब पूर्व से साध्य होकर प्रश्न दिनांक तक ग्रामीणजनों द्वारा भी भूमि विवाद समाप्त कर लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) उपरोक्तानुसार क्या प्रश्नांश (क) वर्णित शेष परियोजनाएं जो कि असाध्य पाई गई हैं, क्या शासन उनका पुन: सर्वेक्षण कराकर उक्त क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्रदान करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सुंदरपुरा परियोजना की साध्यता स्वीकृति दिनांक 17.11.2016 को एवं जामी परियोजना की साध्यता स्वीकृति दिनांक 28.07.2011 को प्रदान की गई। जामी परियोजना का सर्वेक्षण कार्य ग्रामीणों के विरोध के कारण संभव नहीं हो सका है। सुंदरपुरा परियोजना की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति के लिए समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, पुन: परीक्षण/सर्वेक्षण से परियोजनाएं साध्य नहीं बनाई जा सकती है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
उच्च स्तरीय पुलिया निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
125. ( क्र. 3331 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्राम मऊ से लखनवास तक निर्माणाधीन मार्ग पर ग्राम निवारा के समीप स्थित पुटी नाले पर पूर्व से सांसद निधि से निर्मित रपटा जिसकी ऊँचाई मात्र एक मीटर है। वर्षाकाल में अल्प वर्षा में ही उक्त रपटे पर पानी चढ़ जाने के कारण मार्ग अवरूद्ध हो जाता है तथा वर्षाकाल में अधिकांश समय वाहन एवं पैदल आवागमन बंद रहता है, जिससें विद्यार्थी, गंभीर रूप से बीमारजन एवं आमजनता परेशान रहती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन क्षेत्र के अत्यंत महत्व की सड़क को सुचारू रखने व आवागमन को सुलभ करने हेतु उक्त पुटी नाले पर उच्च स्तरीय पुलिया निर्माण करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में न तो प्रस्तावित है एवं न ही स्वीकृत है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
किसान सड़क निधि से सड़कों का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
126. ( क्र. 3337 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले तीन वर्षों में उज्जैन संभाग के अन्तर्गत विगत तीन वर्षों में कितनी सड़कों का निर्माण किया गया तथा उनकी लागत क्या थी? वर्षवार अलग-अलग ब्यौरा दें। (ख) उज्जैन जिले में किसान सड़क निधि से पिछले तीन वर्षों में कौन-कौन सी सड़कों को स्वीकृति प्रदान की गई तथा उनकी लागत क्या है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र से किसान सड़क निधि के संदर्भ में कितने प्रस्ताव प्राप्त हुये तथा प्रश्न दिनांक तक उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) पिछले तीन वर्षों में उज्जैन संभाग के अंतर्गत 03 सड़कों का निर्माण किया गया, जिनकी लागत एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन जिले में पिछले तीन वर्षों में किसान सड़क निधि से सड़कों की स्वीकृति नहीं दी गई है। (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में किसान सड़क निधि से 04 सड़कों (1) ओरडी से खरसौद कलां (2) बड़डिया से खरसौद कलां रोड पहुँच मार्ग (3) पिरझलार से पिरझलार रेल्वे स्टेशन (4) बमनापाती से कंथारखेड़ी पहुँच मार्ग के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। उक्त ग्रामीण सड़कों के प्रस्ताव मुख्य सचिव, म.प्र. शासन की नोटशीट क्रमांक-340 दिनांक 15.09.016 के निर्देश संदंर्भ में मंडी बोर्ड द्वारा मंडी प्रांगण के बाहर भवन या सड़क के कार्य नहीं कराये जायेंगे, अपितु उपरोक्त कार्य लोक निर्माण विभाग या म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से कराये जायेंगे के अनुक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को दिनांक 06.01.17 से आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है।
मंडियों से विगत तीन वर्षों में आय/राजस्व की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
127. ( क्र. 3338 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के अंतर्गत आने वाली मंडियों से विगत तीन वर्षों में कितनी आय/राजस्व की प्राप्तियाँ हुई हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारियाँ प्रदान करें। (ख) प्राप्त राजस्व से विगत तीन वर्षों में किसानों के हित में कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये तथा उन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? विधान सभावार जानकारी प्रदान करें। (ग) मंडी की निधि से आगामी वर्षों में किसानों के हित में कौन-कौन से विकास/सुविधाओं के विस्तार कार्य किये जाने की या निर्माण कार्य किये जाने की क्या कार्य योजना है। उपरोक्त जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) उज्जैन जिले के अन्तर्गत आने वाली 07 मंडियों में विगत तीन वर्षों में प्राप्त आय का मंडीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उज्जैन जिले के अन्तर्गत विधान सभावार मंडियों में विगत तीन वर्षों में कराये गये निर्माण कार्य एवं उन पर व्यय राशि की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उज्जैन जिले के अन्तर्गत आने वाली विधान सभावार मंडियों में कुल 61 कार्य राशि रू. 1607.43 लाख के कार्य प्रस्तावित है, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना
[जल संसाधन]
128. ( क्र. 3342 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा वृहद, मध्यम एवं लघु सिंचाई योजनाओं के कार्य वर्ष 2012-13 से वर्ष 2014-15 की अवधि में जल संसाधन संभाग रीवा, अंतर्गत कार्य कराये गए? कराये गए कार्यों का विवरण देवें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो सिंचाई योजनाओं में गुणवत्ता नियंत्रण स्थापना की पर्याप्तता एवं निर्धारित गुणवत्ता नियंत्रण मानकों के अनुपालन की जाँच की गई? क्या जून 2015 से अगस्त 2015 के दौरान की गई जाँच में कार्यों के गुणवत्ता में कमी परिलक्षित हुई? बतावें। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ, तो संबंधित सिंचाई योजनाओं के विभाग की गुणवत्ता नियंत्रण नियमावली में दिये गए मापदण्डों के अनुसार नहीं पाये गए, अनुबंधों की शर्तों का भी पालन नहीं कराया गया? विभाग द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण मण्डल, गुणवत्ता नियंत्रण संभाग ने क्या स्थापना गुणवत्ता की जाँच की, अगर की गई तो कहाँ-कहाँ एवं कब-कब, अगर नहीं तो क्यों? कार्यों में उपयोग की गई मिट्टी, सीमेंट एवं इस्पात के गुणवत्ता की जाँच संबंधित एजेन्सियों द्वारा, की गई जाँच का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में आईटम, दर, अनुबंध के नियम एवं शर्तों के अनुसार (ठेका अनुबंध का क्लॉज 4, 3, 16) के अनुसार ठेकेदारों को गुणवत्ता एवं घटिया कार्य के लिए घटिया दर पर भुगतान करने का प्रावधान है, लेकिन ठेकेदारों को घटिया कार्य पर राशि की कटौती नहीं की गई और न ही संबंधितों को नोटिस दी गई, बल्कि भुगतान संबंधितों को पूरा किया गया, जिससे मूल्य वृद्धि भी हुई, इसके लिए दोषियों की पहचान कर उनसें राशि की वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण का आदेश देंगे, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जून 2015 से अगस्त 2015 के दौरान की गई जाँच में कार्यों की गुणवत्ता में कमी परिलक्षित नहीं होना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। अनुबंध के शर्तों के अनुसार कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। क्वालिटी कंट्रोल रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) जी नहीं। निम्न स्तर की साम्रगी पाये जाने पर अनुबंध की कंडिका 4.3.16 में प्रावधान अनुसार सक्षम अधिकारी द्वारा अपने विवेक से स्वीकृत दरों को कम कर सकता है, परन्तु प्रश्नाधीन परियोजनाओं में क्वालिटी कंट्रोल इकाई से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कार्य गुणवत्ता मानक अनुसार कराया जाना प्रतिवेदित है। अतः घटिया दर पर भुगतान किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
शुद्ध पेय-जल की अनुपलब्धता व राशि का दुरूपयोग
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
129. ( क्र. 3362 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गैस पीड़ित बस्तियों में नि:शुल्क शुद्ध पेय-जल उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार द्वारा प्रदेश सरकार को वर्ष 2010 में राशि उपलब्ध कराई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि उपलब्ध कराई। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार भोपाल में किन-किन क्षेत्रों को वास्तविक गैस पीड़ित बस्ती माना है और उनमें से किन-किन क्षेत्रों में कितने-कितने लोगों/परिवार को नि:शुल्क नल कनेक्शन दिए गए और प्रश्न दिनांक की स्थिति में भारत सरकार से प्राप्त कितनी राशि का उपयोग किया गया? (ग) क्या यह भी सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा माह जनवरी 2017 को आयुक्त नगर निगम को गैस पीडि़त बस्तियों में नर्मदा नल कनेक्शन के नाम पर राशि लिए जाने के सबंध में पत्र लिखा है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। भू-जल प्रदूषित होने के कारण शुद्ध पेय-जल प्रदाय करने हेतु भारत सरकार से 50.00 करोड़ रूपए स्वीकृत किये गये जिसमें से केन्द्र एवं राज्य सरकार का 75:25के अनुपात में अंशदान है। (ख) विभाग द्वारा नगर निगम, भोपाल से गैस प्रभावित क्षेत्रों में पेय-जल प्रदाय हेतु प्राप्त योजना के अनुक्रम में दिनांक 03.03.2011 को 50.00 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। जानकारी पुस्तलकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। नगर निगम, भोपाल द्वारा वार्डवार दिये गये निःशुल्क नल कनेक्शन की जानकारी पुस्तलकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार तथा उपयोगिता प्रमाण-पत्र की जानकारी पुस्तलकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगर निगम, भोपाल द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार माननीय सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 5696, दिनांक 23.01.2017 में निःशुल्क नल कनेक्शन के संबंध में लिखा था के संबंध में स्थिति स्पष्ट की गई है। जानकारी पुस्तलकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
घटिया निर्माण एवं प्राक्कलन अनुसार कार्य नहीं करना
[लोक निर्माण]
130. ( क्र. 3373 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के राजगढ़-कुक्षी एवं मांगोद-मनावर मार्ग का निर्माण प्राक्कलन अनुसार नहीं हुआ है? (ख) क्या कई ग्रामों में नाली निर्माण नहीं होने, घाट सेक्शन में मापदण्डानुसार कटिंग नहीं होने के कारण कई व्यक्ति दुर्घटना में मारे जा चुके हैं? (ग) क्या उक्त मार्ग में नए पुल-पुलिया का निर्माण होने के स्थान पर ठेकेदार द्वारा पुराने पुल-पुलियाओं को मरम्मत कर उन्हें नया बताकर अनियमितताएं की है? (घ) क्या उक्त मार्ग के घटिया निर्माण की जाँच हेतु वरिष्ठ अधिकारियों की टीम से पुन: जाँच कराई जायेगी, जिसमें क्षेत्र के विधायकों को भी सम्मिलित किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। उक्त मार्ग निर्माण दिनांक 25.04.2016 को पूर्ण हुआ था, उसके पश्चात् मार्ग में किसी प्रकार की कोई खराबी नहीं हुई है। दिनांक 14.06.2015 को मान. विधायक महोदय स्वतंत्र सलाहकार की उपस्थिति में जाँच की गई थी। मान. विधायक महोदय द्वारा दिये गये निर्देशानुसार आवश्यक सुधार किये जा चुके थे एवं वर्तमान में मार्ग बहुत अच्छी स्थिति में है।
अधिकारियों की उदासीनता
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 3415 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम मीरखेड़ी एन.एच. 86 से ग्राम हिरनखेड़ा तक पी.डब्ल्यू.डी. सड़क मार्ग अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही के चलते निर्माण न किये जाने से वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक अत्यंत जर्जर, जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है? (ख) क्या वास्तव में मध्यप्रदेश शासन द्वारा 12.03.2013 को इस मार्ग के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति दी गयी थी और कार्यादेश भी जारी हो गये थे? (ग) क्या निर्माण एजेंसी को कार्य पूर्ण करने हेतु लगातार विभाग द्वारा अतिरिक्त समय दिया गया और अधीक्षण यंत्री लो.नि.वि. मंडल सागर के पत्र दिनांक 23.12.2014 द्वारा 31.05.2015 तक कार्य करने की अनुमति प्रदान कर समयावृद्धि दी गयी थी? (घ) उक्त सड़क मार्ग का निर्माण 4 वर्ष में भी पूरा न होने के लिये विभाग के कौन-कौन से अधिकारी एवं ठेकेदार दोषी हैं, उन पर कब तक क्या कार्यवाही की जाकर उक्त मार्ग का निर्माण कब तक कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, आंशिक क्षतिग्रस्त है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कोई नहीं, प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता, मार्ग निर्माण की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मुख्य तकनीकी परीक्षक की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
132. ( क्र. 3416 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1214, दिनांक 5 दिसम्बर 2016 के उत्तर में बताया गया था कि जैसी नगर कृषि उपज मंडी के घटिया निर्माण की जाँच का जाँच प्रतिवेदन मुख्य तकनीकी परीक्षक से अपेक्षित है? तो क्या अब मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा उक्त जाँच पूर्ण कर ली गयी है? यदि हाँ, तो मुख्य तकनीकी परीक्षक के द्वारा किन दिनांकों में कृषि उपज मंडी जैसीनगर के घटिया निर्माण की जाँच की गयी है? जाँच दल में कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी सम्मिलित थे तथा जाँच किन-किन के समक्ष की गयी? क्या जाँच के दौरान पंचनामा भी बनाया गया था? जाँच प्रतिवेदन की प्रति एवं पंचनामा की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा जाँच करने की सूचना क्षेत्रीय प्रश्नकर्ता विधायक को भी दी गयी थी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताया जावे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जाँच कार्य प्रक्रियाधीन है। जैसीनगर कृषि उपज मंडी समिति के निर्माण कार्यों की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक, मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित दल के माध्यम से दिनांक 07.01.2017 को की गई है। संगठन द्वारा गठित जाँच दल में श्री जी.पी. मेहरा, मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग, श्री पी.एस. तोमर, कार्यपालन यंत्री तथा श्री रतन सोमकुंवर, सहायक यंत्री, लोक निर्माण विभाग शामिल थे। उक्त जाँच दल द्वारा दिनांक 07.01.2017 को श्री ज्ञानेश्वर उईके, मुख्य अभियंता मंडी बोर्ड, श्री डी.एस. राठौर, अधीक्षण यंत्री, म.प्र. वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन तथा वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के सहायक यंत्री, उपयंत्री संबंधित ठेकेदार, सचिव कृषि उपज मंडी समिति के समक्ष जाँच की गई है। जाँच दल द्वारा जाँच के दौरान पंचनामा नहीं बनाया गया था। जाँच कार्य पूर्ण होने पर जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जा सकेगा। (ख) जी नहीं। मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) द्वारा जाँच करने पर माननीय विधायक को सूचित करने के निर्देश नहीं है।
कृषकों को खाद एवं बीज का वितरण
[सहकारिता]
133. ( क्र. 3460 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की तहसील नौगांव, लवकुशनगर, गौरिहार, चंदला के अंतर्गत विगत 2014-15 से 2016-17 में कितना बीज एवं खाद कृषकों को वितरण हेतु साख सहकारी संस्थाओं को आवंटित किया गया था? आवंटित बीज एवं खाद के वितरण हेतु क्या मादपण्ड तक थे? मापदण्ड अनुसार वितरण किया गया या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में वितरित खाद एवं बीज की उपरोक्त उल्लेखित तहसीलों के अंतर्गत सहकारी साख संस्थावार सूची उपलब्ध करावें? (ग) नवीन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत उल्लेखित तहसीलों के अंतर्गत सहकारी साख संस्थाओं के माध्यम से कितने कृषकों के बीमा किये गये? समितिवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उपरोक्त उल्लेखित तहसीलों के अंतर्गत कितनी राशि का क्लेम किया गया था एवं इसके विरूद्ध कितने कृषकों को क्लेम राशि का भुगतान हुआ?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 1450.69 क्विंटल बीज एवं 13256.50 मे.टन खाद। आवंटित/भंडारित बीज एवं खाद का वितरण कृषकों की स्वीकृत साख सीमा के आधार पर किया जाता है। जी हाँ। (ख) तीन वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) खरीफ 2016 तथा रबी 2016-17 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत सहकारी समितियों द्वारा बीमा क्लेम प्रस्तुत करने का कोई प्रावधान नहीं है। उपज के आंकड़ों के आधार पर योजना के प्रावधान अनुसार बीमा कंपनी द्वारा नुकसान का आंकलन किया जाकर राशि का भुगतान किया जाता है, अभी तक बीमा कंपनी से कृषकों को भुगतान हेतु कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है।
जनसंकल्प 2013 की पूर्ति की जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
134. ( क्र. 3477 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि दिनांक 18 फरवरी, 2015 को महामहिम राज्यपाल महोदय के विधानसभा में दिये गये अभिभाषण के बिन्दु-2 में जनसंकल्प 2013 और दृष्टि पत्र 2018 को ध्यान में रखकर इस एक साल में तेजी से कार्य किया जाना है, का वाचन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो जनसंकल्प 2013 में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग से संबंधित उल्लेखित किन-किन बिन्दुओं में शासन द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? बिन्दुवार जानकारी दें। (ग) शेष बिन्दुओं में किन कारणों से कार्यवाही पूर्ण नहीं की जा सकी और कब तक यह कार्यवाही पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सभी बिन्दुओं पर कार्यवाही की गई शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैंकों के नियमों के विरूद्ध नवीन लिमिट कराया जाना
[सहकारिता]
135. ( क्र. 3478 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद की मुख्य शाखा हरदा की समितियों में समर्थन मूल्य गेहूँ कैश क्रेडिट खाते में करोड़ों रूपया बकाया है? (ख) क्या समितियों के उक्त खातों में करोड़ों रूपये बाकी होने के बाद भी वर्ष 2009 से 2014 तक बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर.के. दुबे द्वारा समितियों को नवीन लिमिट स्वीकृत की गई है, लिमिट नवीनीकृत की गई है तो प्रतिवर्ष कितनी राशि की लिमिट नवीनीकृत की गई है? (ग) क्या समितियों पर करोड़ों रूपये बाकी होने के बाद भी नवीन लिमिट स्वीकृत करना बैंक नियमों के विपरीत है? यदि है तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.के. दुबे के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि कार्यवाही की जावेगी तो कब तक? (घ) क्या करोड़ों रूपया केश क्रेडिट लिमिट में बाकी होने के बाद भी लिमिट का नवीनीकरण करने के दोषी मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर.के. दुबे के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पूर्व की कैश क्रेडिट लिमिट शेष रहते हुये नवीन लिमिट स्वीकृत तभी की जा सकती है, जबकि बकाया लिमिट के विरूद्ध संस्था के पास स्टॉक कव्हरेज हो अथवा बकाया लिमिट राशि के बराबर/अधिक प्राप्ति योग्य राशि खरीदी एजेंसी से लेना शेष हो। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या, होशंगाबाद द्वारा संस्थाओं के विरूद्ध पूर्व की शेष राशि बकाया होते हुये कैश क्रेडिट लिमिट स्वीकृत/नवीनीकृत की गई है। हरदा मुख्य शाखा की सभी समितियों में वर्ष 2009 से वर्ष 2014 के मध्य उपार्जन कार्य हेतु स्वीकृत/नवीनीकृत की गई लिमिट के परीक्षण हेतु जाँच आदेशित की गई है, शेष जाँच निष्कर्षाधीन। (घ) परोक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
को-ऑपरेटिव बैंक में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी की जानकारी
[सहकारिता]
136. ( क्र. 3505 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर स्थित स्वयंसिद्धा को-ऑपरेटिव बैंक की स्थापना कब हुई थी? स्थापना दिवस से प्रश्न दिनांक तक इसके अध्यक्ष, डायरेक्टर एवं समस्त पदाधिकारियों की सूची संपूर्ण कार्यकाल सहित देवें। (ख) नवम्बर-दिसम्बर 2016 में यहां आयकर छापे के बाद विभाग ने भी इस संस्था पर कोई कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। आयकर विभाग ने जो दस्तावेज जब्त किये उनकी सूची देवें। (ग) दिनांक 01.11.2016 से 31.12.2016 तक कितने नए खाते खोले गए उनमें कितनी एफ.डी. करी गई की जानकारी देवें। खातों की संख्या एफ.डी. राशि सहित बतावें। (घ) को-ऑपरेटिव बैंक की स्थापना से प्रश्न दिनांक तक संस्था बैंक में कितने कर्मचारी अधिकारी कार्यरत हैं? उनका नाम, पता, माता-पिता का नाम की सूची पदनाम सहित देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) इंदौर स्थित स्वयंसिद्धा को-ऑपरेटिव बैंक पं.क्र.सं.पंजी. इन्दौर 12, की स्थापना दिनांक 22.05.1998 को हुई थी। प्रश्नांश की शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भ्रष्ट अधिकारी एवं कर्मचारियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी
[जल संसाधन]
137. ( क्र. 3506 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में 1 करोड़ से ज्यादा लागत के कितने कार्य इंदौर, उज्जैन संभाग में किये जा रहे है? जिलेवार वर्षवार व लागतवार जानकारी देवें। (ख) विभाग में वर्ष 2016 में कितने भ्रष्टाचार की शिकायतें इंजीनियरों व अन्य कर्मचारियों के विरूद्ध पायी गयी व उन पर क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई। (ग) क्या वर्ष 2016 में विभाग के 69 इंजीनियरों व अन्य कर्मचारियों को निलंबित किया गया उनकी जानकारी, नाम, पद वर्तमान पदस्थापना व आरोप सहित टेबल रूप में दें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार निलंबित कर्मचारियों पर विभाग आगे क्या कार्यवाही कर रहा है व जाँच किस स्तर पर पहुँची उसकी जानकारी उपलब्ध करायें। (ड.) प्रश्नांश (घ) अंतर्गत क्या विभाग की जाँच में अभी तक किसी अधिकारी पर आरोप सिद्ध हुये? यदि हाँ, तो जानकारी दें? क्या अभी तक विभाग ने दागी अधिकारियों पर पुलिस एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु पत्राचार किया है? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं, 21 इंजीनियरों व अन्य कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जी नहीं, विभाग में आरोपित अधिकारियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कराने की आवश्यकता नहीं पाई गई है।
सड़क निर्माण के संबंध में
[लोक निर्माण]
138. ( क्र. 3515 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग, पश्चिम परिक्षेत्र, इंदौर के पत्र दिनांक 05 जुलाई 2016 कसरावद विधान सभा क्षेत्र की दोगांवा बामखल मुख्य मार्ग से सरवरदेवला मार्ग, बामखल से अबरकच्छ मुख्य मार्ग से रामपुरा मार्ग एवं सिपटान मुख्य मार्ग से भुलगांव मार्ग इन तीनों मार्गों के निर्माण कार्य के तकनीकी स्वीकृति, विस्तृत प्राक्कलन, प्रशासकीय स्वीकृति तत्संबंधी प्रश्न दिनांक तक की अद्यतन स्थिति का ब्यौरा दें? (ख) उक्त मार्गों के निर्माण कार्यों को जनहित में शीघ्र पूर्ण किये जाने तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और उक्त सड़कों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? (ग) उक्त सड़क निर्माण हेतु वर्ष 2014 से समय-समय पर कितने-कितने पत्र उचित माध्यम से प्राप्त हुए एवं तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सड़क मार्गों/पुल-पुलियों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
139. ( क्र. 3516 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किस-किस योजनांतर्गत कौन-कौन से सड़क मार्गों/पुल-पुलियों के निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर कब-कब भेजे गये? माह जनवरी, 2017 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गये? पुलों एवं सड़कों के नाम एवं लम्बाई, स्वीकृति की राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें। कौन-कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात् अभी तक किस कारण से अप्रारंभ? कौन-कौन से लंबित है एवं क्यों? (ख) उक्त क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने सड़क मार्गों/पुल-पुलियों के निर्माण कार्य जनहित में किया जाना अतिआवश्यक है, जिन पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है और क्यों? जवाबदेही सुनिश्चित कर तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता, अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग को पुल-पुलियों, सड़कों एवं पहुँच मार्गों के निर्माण हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण है? कौन-कौन से प्रस्ताव जनवरी, 2017 की स्थिति में स्वीकृत है एवं प्रक्रियाधीन है? विलंब के क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) समस्त कार्य जनहित में ही किये जाते है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है।
उपमण्डल अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री का स्थानांतरण
[जल संसाधन]
140. ( क्र. 3533 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल उपभोक्ता संस्था महिदल कला लोवर पुरवा नहर संभाग क्र. 2 सतना जिले की शिकायत उपरांत जाँच से पूर्व संबंधित उपमण्डल अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री को क्यों नहीं हटाया गया? जबकि इन्हीं अधिकारियों द्वारा लगभग 4 करोड़ 72 लाख रूपये की राशि संस्था अध्यक्ष से सांठ-गांठ कर भ्रष्टाचार किया गया एवं संपूर्ण कार्यों का स्थल परीक्षण, गुणवत्ता जाँच व कृषकों एवं शिकायतकर्ताओं के बयान न लेते हुए जाँच में भ्रष्टाचार को छिपाया गया है? (ख) संबंधित संस्था के कार्यों की शिकायत उपरांत शिकायतकर्ता श्री रणबहादुर सिंह, 70 वर्ष द्वारा आर.टी.आई. के माध्यम से मांगी गई जानकारी संबंधित अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं दी गई तथा संस्था अध्यक्ष वर्तमान उपमण्डल अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा शिकायतकर्ता को डराने एवं हतोत्साहित करने के लिए संबंधित थाना प्रभारी को बिना किसी जाँच के एफ.आई.आर. करने का पत्र क्यों लिखा गया? (ग) इस संस्था से करोड़ों रूपये के कार्यों की जाँच 2011 से 2016 तक किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई? क्या सभी मुख्य नहर, शाखा नहर, नालियों, पुलियों आदि का स्थलवार भौतिक परीक्षण एवं गुणवत्ता जाँच कृषकों एवं शिकायतकर्ताओं की उपस्थिति में बयान दर्ज करते हुए किया गया? यदि नहीं, तो संबंधित संस्था अध्यक्ष, कर्मचारी व अधिकारियों से रिकवरी क्यों नहीं की गई? (घ) प्रश्नांश क्रमांक (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार संबंधित संस्था अध्यक्ष, उपमण्डल अधिकारी कार्यपालन यंत्री द्वारा भ्रष्टाचार करने एवं आर.टी.आई. की जानकारी नहीं की जाँच कराकर जाँच के पूर्व संबंधित उपमण्डल अधिकारी व कार्यपालन यंत्री को स्थानांतरित कर संपूर्ण कार्य आहरण बंद कर वसूली की जाएगी।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शिकायत की जाँच के दौरान आवश्यक नहीं होने के कारण। प्रश्नाधीन आरोप जाँच का विषय है। (ख) जानकारी शिकायतकर्ता को दी गई है। शासन संपत्ति को क्षतिग्रस्त किए जाने के कारण। (ग) एवं (घ) वर्ष 2011 से 2016 तक संस्था के अंतर्गत कार्यों का स्थलवार भौतिक सत्यापन एवं गुणवत्ता जाँच स्थानीय कृषकों की उपस्थिति में प्रमुख अभियंता द्वारा गठित जाँच दल द्वारा की गई है। प्रतिवेदन पर निष्कर्ष अंतिम नहीं होने से रिकवरी की स्थिति नहीं है। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में स्थानांतरित करने की स्थिति नहीं है।
रीवा से चाकघाट NH-27 फोर-लेन रोड निर्माण की जाँच
[लोक निर्माण]
141. ( क्र. 3554 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के एन.एच. 27 मनगवाँ से चाकघाट फोर-लेन सड़क निर्माण के लिए वर्तमान में किस संविदाकार को कार्य मिला है, इस कार्य के प्रारम्भ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने संविदाकार ठेके का करारनामा कर चुके है? संविदाकारवार ठेके के करारनामें की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कार्य को पूर्ण करने के लिए वर्तमान संविदाकार को कितनी समय-सीमा तय की गयी है? संविदाकार के करारनामें की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में सड़क निर्माण में हुये अति विलम्ब के लिए कौन दोषी है? दोषी अधिकारी एवं संविदाकार के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) केवल एक संविदाकार निवेशकर्ता मे. टॉपवर्थ टोलवे (मनगवाँ) प्रा.लि. मुम्बई के साथ करारनामा (अनुबंध) किया गया है। करारनामें की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नियुक्ति दिनांक 15.04.2013 से 730 दिन। करारनामें की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सड़क निर्माण में हुए विलम्ब के लिये निवेशकर्ता दोषी है। कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। संविदाकार के विरूद्ध अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार दिनांक 11.11.2016 को अनुबंध निरस्तीकरण का सूचना पत्र जारी किया गया है।
तालाबों के डूब क्षेत्र में कृषि कार्य
[जल संसाधन]
142. ( क्र. 3599 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में जल संसाधन विभाग के कितने बांध/तालाब हैं, जिनसे सिंचाई उपलब्ध कराई जा रही है? बांध/तालाब, स्थान/तहसील सहित बतायें। (ख) कितने बांध/तालाबों के डूब क्षेत्र में खेती की जा रही है? क्या डूब क्षेत्र की जमीन पर खेती हेतु भूमि प्रति वर्ष नीलाम की जाती है? यदि नहीं, तो क्या प्रावधान/प्रक्रिया है? (ग) क्या बांध/तालाब डूब एरिया की भूमि पर खेती बगैर नीलामी के अवैध रूप से कराई जा रही है? यदि नहीं, तो बतायें शासन को किस बांध/तालाब से कितनी आय हुई? कब नीलाम की गई? इश्तहार की प्रति सहित बतायें। (घ) बांध/तालाब के डूब एरिया में हो रही खेती एवं अवैध खेती की जाँच राजस्व विभाग द्वारा कराई जायेगी, यदि नहीं, तो क्यों? क्या इससे शासन के राजस्व की हानि नहीं हुई है? इसमें दोषियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार है। (ख) सागर जिले में 74 परियोजनाओं के डूब क्षेत्र में खेती की जाना प्रतिवेदित है। मध्यप्रदेश सिंचाई अधिनियम 1931 की धारा 64 के अधीन परियोजनाओं के डूब क्षेत्र में पट्टा/निलामी करने की व्यवस्था है। (ग) जी नहीं। डूब भूमि पर बगैर निलामी/पट्टा के अवैध रूप से खेती करने वाले कृषकों से दाण्डिक दर पर राजस्व वसूली की जाती है। शासन को प्राप्त राजस्व राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार है। इश्तहार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार है। (घ) जी नहीं। शासन को राजस्व हानि नहीं होने से जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है। अतः किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
कृषि विभाग की योजनाओं में लक्ष्य पूर्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
143. ( क्र. 3600 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर व रायसेन जिले में परंपरागत खेती योजना (पी.के.व्ही.वाय.) में वर्ष 2015-16 व 2016-17 में कितने क्लस्टर बनाये जाकर कितने किसानों को जोड़ा गया? वर्षवार कितने कृषकों को प्रशिक्षित किया गया? कितने कृषकों के यहां कम्पोस्ट खाद इकाई लगाई गई है? इस हेतु कितना भुगतान किस माध्यम से किया गया? किसानों को कितनी राशि दी गई? (ख) उक्त जिलो में एन.एफ.एस.एम. योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 व 2016-17 में कितने कृषकों को बायो एजेन्ट प्रदाय किया गया है? । (ग) वर्ष 2015-16 व 2016-17 में उक्त जिलों में डी.बी.टी. योजनान्तर्गत कितने कृषकों को कार्य हेतु कार्यादेश जारी किये गये किसानों से कितना-कितना कृषक अंश प्राप्त किया गया? कुल कितनी राशि व्यय की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सागर व रायसेन जिले में परम्परागत खेती योजना (पी.के.व्ही.वाय.) में वर्ष 2015-16 में कोई क्लस्टर नहीं बनाये गये। वर्ष 2016-17 में सागर जिले में 5 क्लस्टर में कुल 225 किसान तथा रायसेन जिले में 15 क्लस्टर में 750 किसानों को जोड़कर प्रशिक्षित किया गया। रायसेन जिले में 61 वर्मी कम्पोस्ट इकाई के निर्माण में कुल राशि रू. 305000/- का भुगतान ई-पेमेन्ट के माध्यम से किसानों के खातों में किया गया। सागर जिले में 110 कृषकों के यहां वर्मी कम्पोस्ट इकाई के निर्माण कराया गया भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। (ग) वर्ष 2015-16 में डी.बी.टी. योजना लागू नहीं थी। दिनांक 10.06.2016 को म.प्र.शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्रालय, भोपाल द्वारा एन.एफ.एस.एम./ एन.एम.ओ.ओ.पी/एन.एम.ए.ई.टी. एवं आत्मा परियोजना अंतर्गत फसल प्रदर्शनों में डी.बी.टी. योजना (बीज घटक को छोड़कर) लागू की गई। रायसेन जिले में राशि रू. 247945/- एवं सागर जिले में राशि रू. 6299000/- का भुगतान डी.बी.टी. के माध्यम से किसानों के खाते में किया गया। किसानों से कोई कृषक अंश नहीं लिया गया।
मैहर विधान सभा क्षेत्र में सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
144. ( क्र. 3607 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में मैहर विधान सभा क्षेत्र से संबंधित किन-किन सड़कों के निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार किये गये? सड़कवार लागत सहित विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में उक्त प्रस्ताव कब से किस स्तर पर लंबित है? क्या विभाग क्षेत्र की आवश्यकताओं को देखते हुए शीघ्र ही इन प्रस्तावों को स्वीकृत कर निर्माण कार्य करायेगा? (ग) मैहर विधान सभाय क्षेत्र की किन-किन सड़कों की स्वीकृति दी जा चुकी है? इनका निर्माण कब आरंभ किया जाकर कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार एवं म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत मदनपुर-भटूरा मार्ग का रूपये 54.75 करोड़ लागत का। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार एवं मदनपुर-भटूरा मार्ग निविदा प्रक्रिया स्तर पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार एवं मदनपुर-भटूरा मार्ग स्वीकृत होकर निविदा प्रक्रिया स्तर पर है। अत: मार्ग का निर्माण प्रारंभ करने एवं पूर्ण करने की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं।
फसल बीमा व राहत राशि वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
145. ( क्र. 3611 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में प्रत्येक जिले में कितने किसानों को फसल बीमा व राहत राशि का वितरण किया गया, कितनी राशि की स्वीकृति दी गई? वर्षवार जिलावार जानकारी देवें। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा की वर्ष 2016 की कितनी राशि कितने किसानों को वितरण हेतु शेष है? जिलावार जानकारी देवें। (ग) बैंकों में कितनी राशि कितने किसानों की शेष है? प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें। इसके लिये शासन द्वारा किए पत्र व्यवहार का विवरण देवें। (घ) यह राशि कब तक किसानों को प्रदान कर दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2013, रबी 2013-14, खरीफ 2014, रबी 2014-15 व खरीफ 2015 का बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। रबी वर्ष 2015-16 की क्षतिपूर्ति का आंकलन प्रकियाधीन है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत खरीफ 2016 के फसल कटाई प्रयोगों के आंकड़े बीमा कंपनी को दिनांक 31.1.2017 को प्राप्त हुये हैं एवं क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। राहत राशि की जानकारी राजस्व विभाग से अपेक्षित है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत खरीफ 2016 के फसल कटाई प्रयोगों के आंकड़े बीमा कंपनी को दिनांक 31.1.2017 को प्राप्त हुये हैं एवं क्षतिपूर्ति आंकलन प्रक्रियाधीन है। (ग) बैंकों में कोई राशि शेष होने का प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
इवेंट कंपनियों को मनमानी से लाभ पहुँचाया जाना
[जनसंपर्क]
146. ( क्र. 3618 ) श्री बाला बच्चन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा पर विभाग द्वारा दि.31.01.17 किए व्यय की संपूर्ण जानकारी देवें। समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, इलेक्ट्रॉनिक चैनलों, सोशल मीडिया, होर्डिंग्स, चलित वाहन के विज्ञापन, इवेंट एवं एडवरटाइजिंग कंपनियों के नाम जिन्हें इस संबंध में विज्ञापन व अन्य कार्य दिए गए बतावें। इन्हें की भुगतान राशि, लंबित राशि सहित बतावें। (ख) दि.01.04.15 से 31.01.17 को इवेंट कंपनियों/फर्मों, एडवरटाइजिंग कंपनियों, फर्मों, होर्डिंग्स व सोशल मीडिया कार्य करने वाली कंपनियों/फर्मों को किन कार्यों के लिये कितनी राशि का भुगतान किया है? कार्य नाम, फर्म/कंपनी नाम, बिल राशि, भुगतान राशि सहित बतावें। (ग) क्या कारण है कि 3-4 फर्मों/कंपनियों को ही अधिकतर कार्य दिया जाता है (इवेंट संबंधी)? ऐसा करने वाले संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) समाचार पत्र/पत्रिकाओं में विज्ञापन जारी किये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में डिस्कवरी चैनल, एनिमल प्लानेट एवं टी.एल.सी. चैनलों पर विज्ञापन 15 दिनों के लिए प्रसारित कराये गये थे। होर्डिंग्स, रेल्वे ग्लोसाईल बोर्ड, डिजिटल मीडिया, बस शेल्टर्स एवं एयरपोर्ट ब्रांडिंग पर प्रचार-प्रसार कार्य जारी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अभी कोई भुगतान नहीं किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) इवेंट संबंधी कार्यों के लिए चार फर्म ही पैनलबद्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्षेत्राधिकार के बाहर की गई जाँच
[सहकारिता]
147. ( क्र. 3619 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 53 (1) के तहत पारित आदेश के विरूद्ध अपील की जा सकती है? (ख) क्या श्री आर.के. शर्मा संयुक्त पंजीयक भोपाल संभाग भोपाल द्वारा भोपाल की कामधेनु गृह निर्माण सह. संस्था मर्यादित भोपाल के विरूद्ध म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 53 (1) के तहत पारित आदेश के विरूद्ध 13.10.16 को गैर सदस्य से शिकायत लेकर 14.10.16 को ही उसकी जाँच रिपोर्ट पंजीयक कार्यालय में जमा करा दी गई? इस शिकायत एवं जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति देवें। (ग) क्या सहकारिता म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम में अपीलीय प्रकरणों की प्रशासकीय जाँच की जा सकती है? यदि हाँ, तो नियम की छायाप्रति देवें। यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ख) अनुसार किस आधार पर उक्त जाँच की गई? (घ) क्या क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर जाँच करने वाले अधिकारी पर कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ठेकेदार द्वारा कराया गया कार्य
[लोक निर्माण]
148. ( क्र. 3627 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर से जैथल व्हाया नारायण, पानबिहार मार्ग की लागत, स्वीकृति दिनांक, दूरी, कार्य पूर्णता दिनांक, अभी तक हुआ? कार्य प्रतिशत, भुगतान तिथिवार बतावें। एजेंसी नाम भी देवें। (ख) क्या ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य सवलेट किया जा सकता है यदि हाँ, तो नियम/आदेश की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार दिए कार्य को क्या ठेकेदार द्वारा सवलेट (पेटी कांट्रेक्ट) किया गया है? यदि हाँ, इस फर्म का नाम, संपूर्ण अनुबंध की प्रमाणित प्रति सहित देवें। (घ) इसके कार्य के गुणवत्ताहीन होने की जाँच शासन कब तक करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ श्री जी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. जबलपुर को सब कान्ट्रेक्टर दिये जाने की अनुमति म.प्र. सड़क विकास निगम के पत्र क्रमांक ओ/1264 भोपाल दिनांक 27.04.2016 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, द्वारा अनुबंध पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 की कण्डिका 4.40 के तहत जारी की गई है। (घ) मार्ग निर्माण एवं गुणवत्ता की जाँच हेतु स्वतंत्र सलाहकार मेसर्स इण्डियन टेक्नोक्रेट प्रा.लि. नई दिल्ली को नियुक्त किया गया। शेष की आवश्यकता नहीं।
स्वल्प आय हितैषी गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा अनियिमतता
[सहकारिता]
149. ( क्र. 3634 ) श्री अंचल सोनकर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वल्प आय हितैषी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित जबलपुर में केन्द्रीय कर्मचारी राज्य कर्मचारी एवं स्थानीय निकाय कर्मचारी के अलावा अशासकीय अथवा गैर कर्मचारियों को भी समिति का सदस्य बना लिया है? यदि हाँ, तो क्या शासकीय कर्मचारियों के अतिरिक्त समिति में अन्य अशासकीय एवं गैर कर्मचारियों को शामिल किया जा सकता है। (ख) यदि नहीं, तो क्या समिति द्वारा गैर कर्मचारी सदस्यों को भू-खण्ड आवंटित कर रजिस्ट्रियां कर दी गई? यदि हाँ, तो ऐसे कितने सदस्य हैं? उनके नाम बतावें। यह भी बताया जावें कि सोसायटी में ऐसे कितने सदस्य हैं, जिन्होंने स्वयं एवं पत्नी के नाम से समिति से भू-खण्ड आवंटित कराकर सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 1960 आर नियम 1962 का उल्लंघन किया है? उन सदस्यों की सूची देवें। (ग) क्या सदस्यों द्वारा स्वयं एवं अपने परिवार के सदस्यों के नाम एक से अधिक भू-खण्डों को आवंटित करा कर नियमों का उल्लंघन किया है? सूची देवें। यह भी बताया जावें कि म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में दिये गये प्रावधानों के विरूद्ध बिना नियम कानून के जिन समिति सदस्यों को सोसायटी द्वारा भू-खण्ड आवंटन किये गये हैं या रजिस्ट्री की गई उनमें सहकारिता विभाग नियमानुसार कार्यवाही कर सभी सदस्यों की रजिस्ट्रियां शून्य घोषित कर नियम विरूद्ध आवंटन कर समिति को शासन अपने कब्जे में लेगी तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जाँच कराई जा रही है, शेष जाँच निष्कार्षाधीन। (ग) जाँच कराई जा रही है। जाँच निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। समिति में प्रशासक की नियुक्ति कर दी गई है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
नयागाँव-लेबड़
फोरलेन सड़क
का टेण्डर
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 14 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नयागाँव-लेबड़ फोरलेन कम्पनी के टेण्डर की शर्तों को बताते हुए बतायें कि क्या निर्माण कम्पनियों द्वारा टेण्डर की समस्त शर्तों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या-क्या? यदि नहीं, तो क्यों? विवरण देते हुए टेण्डर की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या लेबड़ से जावरा तक दोपहिया वाहन चालकों के लिये अलग से साइड में ढाई फिट की पट्टी का निर्माण किया किन्तु जावरा नयागाँव तक नहीं? यदि हाँ, तो क्यों? क्या टेण्डर में उक्त प्रावधान नहीं थे? यदि हाँ, तो क्यों? यदि था तो निर्माण कम्पनी द्वारा क्यों नहीं बनाई गई? (ग) क्या निर्माण कम्पनी को टेण्डर में निहित शर्तों के पालन हेतु बाध्य किया गया? यदि हाँ, तो कब-कब, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन टेण्डर में निहित शर्तां का पालन होने व सड़कों की स्थिति सुधारने तक टोल वसूली पर रोक लगाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ एवं ‘2’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। टेण्डर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ एवं ‘2’ अनुसार है। (ख) जी हाँ जावरा-नयागाँव फोरलेन के साथ पेव्हड शोल्डर का प्रावधान अनुबंध में नहीं होने से पेव्हड शोल्डर की पट्टी का निर्माण नहीं किया गया। लेबड़–जावरा फोरलेन के साथ अनुबंध में 1.5 मीटर में पेव्हड शोल्डर का प्रावधान था। अत: वहां पट्टी का निर्माण किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। निर्माण एवं संधारण अवधि के दौरान लगातार शर्तों के पालन हेतु बाध्य किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। क्योंकि अनुबंधित शर्तों का पालन किया जा रहा है।
स्प्रिंकलर व ड्रिप एरीगेशन में प्राप्त शिकायतें
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
2. ( क्र. 15 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्प्रिंकलर व पाईप द्वारा ड्रिप एरीगेशन व अन्य प्रकरणों में पिछले 5 वर्ष में इंदौर व उज्जैन संभाग में कितनी शिकायतें कहाँ-कहाँ से मिली? (ख) नाम, पते सहित विवरण देते हुए बताएं की उन पर क्या कार्यवाही की गई व जाँच के क्या परिणाम निकले?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बीज उत्पादन कार्यक्रम
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
3. ( क्र. 82 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीज उत्पादक समितियों के द्वारा बीज उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत कृषकों को बीज प्रदाय कर उत्पादन उपरांत बीज उपार्जित किया जाता हैं? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर जिले में गत वर्ष 2015-16 में बीज उत्पादक समितियों द्वारा कृषकों को प्रदाय बीज, उपार्जित बीज एवं विक्रय किये गये बीज की मात्रा एवं दर की कृषकवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) क्या कृषकों से उपार्जित किये गये बीज की राशि समय पर भुगतान न करने एवं निर्धारित उपार्जन दर से कम भुगतान की शिकायतें प्राप्त हुई हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं।
उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ बढ़ती शिकायतें
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
4. ( क्र. 181 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्ष में उज्जैन, इंदौर संभाग में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कितनी-कितनी शिकायत, किस-किस के खिलाफ, किस-किस ने, कब-कब की, उन पर विभाग द्वारा क्या कर्यवाही की गई? (ख) 1 जनवरी 2016 के पश्चात् राष्ट्रीय बागवानी केंद्र इंदौर से किसानों ने अनुदान पर कितना-कितना बीज खरीदा, इनमें से कितने किसानों को कितना-कितना अनुदान दिया गया? (ग) क्या रतलाम, मंदसौर के किसानों से मसाला क्षेत्र विस्तार योजना अन्तर्गत 13,000 रु प्रति क्विंटल के स्थान पर नियम विरुद्ध बागवानी केंद्र इंदौर ने 18,000 रु. की वसूली की? यदि हाँ, तो रतलाम मंदसौर के अधिकारियों ने कृषकों से 5000 रु सब्सिडी की योजना किस आधार पर कृषकों को बताई? क्या कृषकों को रु. 5000/- सब्सिडी का भुगतान विभाग द्वारा किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 01 जनवरी 2016 के पश्चात् राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान इन्दौर से 23 किसानों ने 108 क्विंटल बीज क्रय किया है जिस पर प्रतिष्ठान द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना अंतर्गत रूपये 5,000/- प्रति क्विंटल के मान से अनुदान दिया गया। (ग) जिला मंदसौर में प्रश्नांश में उल्लेखित स्थिति संबंधी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। जिला रतलाम के कृषकों को राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान इन्दौर द्वारा प्रतिष्ठान की दर पर रूपये 180/- प्रति किलो के मान से लहसून बीज के देयक में रूपये 50/- प्रति किलो का अनुदान घटाकर रूपये 130/- प्रति किलो के मान से राशि प्राप्त की गई है। राष्ट्रीय बागवानी विकास मिशन योजना के प्रचार-प्रसार के दौरान योजना के प्रावधान अनुसार रूपये 5,000/- प्रति क्विंटल की सब्सीडी बताई गई है। उक्त कृषकों को राष्ट्रीय बागवानी विकास मिशन योजना अंतर्गत अनुदान दिया जा चुका है अत: पुन: अनुदान दिया जाना संभव नहीं है।
नदियों पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 188 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सेतु निगम म.प्र. प्रबंध संचालक को दिनाँक 29.09.2016 को पत्र लिखकर मनासा से सुवासरा व्हाया नाहरगढ़ मार्ग के बीच आने वाली नदी रेतम, आवना, शिवना पर पुल निर्माण किए जाने एवं सुण्डी पावटी मार्ग पर पुल निर्माण हेतु माँग की गई थी। विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : जी नहीं, अपितु दिनांक 28.09.2016 का पत्र मिला है जिसमें सुण्डी-पावटी मार्ग पर पुल निर्माण की मांग की गई है। विस्तृत सर्वेक्षण का कार्य किया गया है।
कृषि उपमण्डी रामपुरा का विकास कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 194 ) श्री कैलाश चावला : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी मनासा जिला नीमच द्वारा मनासा उपमण्डी रामपुर के विकास हेतु पिछले एक वर्ष में क्या-क्या प्रस्ताव प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड भोपाल को भेजे गए? उन पर बोर्ड द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्त प्रस्ताव के प्रकाश में किस-किस कार्य हेतु राशि स्वीकृत की जा चुकी है? कार्यवार राशि बतावें। लंबित प्रस्तावों का निराकरण कब तक किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मण्डी समिति मनासा की उपमण्डी रामपुरा के विकास हेतु प्राप्त प्रस्तावों का विवरण एवं की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित विवरण उत्तरांश-''क'' में संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ड्रिप एरीगेशन एवं स्प्रिंकलर सिंचाई का भौतिक सत्यापन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( क्र. 216 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली एवं कन्नौद विकासखण्ड में सत्र 2014-15 से प्रश्नांकित दिनांक तक ड्रिप एरीगेशन एवं स्प्रिंकलर पर सिंचाई हेतु उपरोक्त विकासखण्डों के कौन-कौन से वर्ग के कितने कृषकों को कितना-कितना अनुदान दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में कितने कृषकों के यहां स्वीकृत सिस्टम कारगर होकर कार्यरत हैं, कितने कृषकों ने ड्रिप एरीगेशन एवं स्प्रिंकलर की गुणवत्ता की शिकायत की थी? क्या विभाग उपरोक्त सामग्री की जाँच करने हेतु, भौतिक सत्यापन हेतु कोई समिति गठित करेगा? हाँ, तो कब तक परीक्षण कर लिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार समस्त कृषकों के यहा स्वीकृत सिस्टम कारगर होकर कार्यरत है। ड्रिप एरीगेशन एवं स्प्रिंकलर की गुणवत्ता की किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होना नहीं पाया गया है। इसलिये उपरोक्त सामग्री की जाँच करने हेतु समिति गठित करने का प्रश्न ही नहीं उठता।
केन-बेतवा लिंक परियोजना
[जल संसाधन]
8. ( क्र. 258 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नदियों को आपस में जोड़ने की प्रक्रिया में केन-बेतवा लिंक परियोजना की वर्तमान स्थिति क्या है? योजना का पूर्ण विवरण दें. (ख) उक्त लिंक योजना अंतर्गत बनने वाले बांध का स्थान, ऊंचाई तथा जल संग्रहण एवं विद्युत उत्पादन तथा सिंचाई रकबे के लाभ का ब्यौरा क्या है? (ग) उक्त योजना का कार्य कब तक प्रारंभ होगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजना के निर्माण हेतु वांछित समस्त स्वीकृतियां भारत सरकार एवं अन्य वैधानिक संस्थाओं से प्राप्त होने के उपरांत। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एनुअल रिपेयरिंग का भुगतान
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 370 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के मण्डला जिले में स्थित संभाग/उपसंभागों में वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2015-16 के दौरान एनुअल रिपेयरिंग/एस.आर. दो लाख रूपये या उससे कम लागत से कितनी राशि व्यय कर करवाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित मण्डला जिले के संभाग एवं उपसंभागों द्वारा मार्च 2016 तक किस-किस एजेंसी/फर्म/ठेकेदारों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित वित्तीय वर्षों एवं जिले के संभागों एवं उपसंभागों में ए.आर. व एस.आर. के कार्य किस नाम पते वाले ठेकेदार/फर्मों/एजेन्सी या अन्य के द्वारा किये गये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
फसल बीमा प्रीमियम राशि के संबंध में
[सहकारिता]
10. ( क्र. 371 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा फसल बीमा प्रीमियम की राशि कितने प्रतिशत किस-किस फसल पर काटे जाने के निर्देश हैं? (ख) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मण्डला से सम्बद्ध प्राथमिक कृषि साख संस्थाओं/सहकारी समितियों (लेम्पस) द्वारा शासन के निर्देशानुसार ही राशि किसानों से काटी गई है? (ग) वर्ष 2012-16 के मध्य जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मण्डला से सम्बद्ध प्राथमिक कृषि साख संस्थाओं/सहकारी समितियों (लेम्पस) के सदस्यों से कितनी बीमा प्रीमियम की राशि कितने प्रतिशत की दर से प्राप्त की एवं बीमा कंपनी को कितनी राशि प्रेषित की गई और कितने कृषक फसल बीमा का लाभ ले पाये? प्राथमिक कृषि साख संस्था/सहकारी समितिवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, मण्डला से संबंधित कोई शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसकी जाँच कराकर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) रबी 2015-16 तक प्रभावशील राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ मौसम के लिये सोयाबीन फसल हेतु लिये गये फसल ऋण का 3.50 प्रतिशत तथा शेष अधिसूचित फसलों के लिये 2.50 प्रतिशत एवं रबी मौसम के लिये गेहूँ सिंचित/असिंचित हेतु लिये गये फसल ऋण का 1.50 प्रतिशत तथा शेष अधिसूचित फसलों के लिये 2 प्रतिशत प्रीमियम की दर निर्धारित थी। खरीफ 2016 से प्रभावशील प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2016 के अंतर्गत खरीफ मौसम की अधिसूचित फसलों के लिये ऋणमान का 2 प्रतिशत तथा रबी मौसम की अधिसूचित फसलों के लिये ऋणमान का 1.50 प्रतिशत बीमा प्रीमियम निर्धारित है। (ख) जी हाँ। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., मण्डला से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा सदस्यों से बीमा प्रीमियम उत्तरांश ’’क’’ में उल्लेखित प्रतिशत की दर से काटा गया है। मौसमवार वर्षवार तथा समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जी हाँ, सीएम हेल्पलाईन में 15 शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिनकी जाँच करायी जाकर निराकरण किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
छतरपुर जिल में मण्डी टैक्स से सड़क निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
11. ( क्र. 432 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की मंडि़यों में विक्रय हेतु लाई गई कृषि उपज पर मूल्यांकन अनुसार मण्डी शुल्क लिया जाता है जिसका अधिकतम भाग म.प्र.राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल को भेजा जाता है और कुछ प्रतिशत किसान सड़क निधि के लिये आरक्षित रहता है? यदि हाँ, तो वर्ष 14-15, 15-16, 16-17 तक जानकारी प्रदान करें। (ख) छतरपुर जिले में चन्दला विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण कहाँ-कहाँ, कब-कब हुआ और प्रत्येक में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) दिनांक 25/01/17 तक की स्थिति में मंडीवार कितनी-कितनी राशि किसान सड़क निधि के हिसाब से सुरक्षित है? (घ) वित्त वर्ष 2016-17 से 25/01/17 तक कितनी राशि किसान सड़क निधि की प्राप्त होना अनुमानित है और कहाँ-कहाँ निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के प्रस्तावित हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) छतरपुर जिले की कृषि उपज मंडी समितियों में विक्रय हेतु लाई गई कृषि उपज पर मंडी अधिनियम में विहित प्रावधान के अनुसार उच्चतम प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पर विक्रय होने के पश्चात् क्रेता अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी से कृषि उपज के क्रय मूल्य पर 02 प्रतिशत मंडी फीस ली जाती है, जिसमें से 01 प्रतिशत राशि म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल को भेजी जाती है, भेजी जाने वाली उक्त 01 प्रतिशत राशि का 85 प्रतिशत भाग किसान सड़क निधि के लिये आरक्षित रहता है। उक्त जिले की मंडियों के द्वारा भेजी गई किसान सड़क निधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांक-क के वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में वर्तमान तक मंडी बोर्ड द्वारा चंदला विधानसभा क्षेत्र में कोई भी सड़क कार्य नहीं कराया गया है। अत: शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रदेश की समस्त मंडी समितियों से प्राप्त किसान सड़क निधि की राशि मंडीवार सुरक्षित न रखी जाकर किसान सड़क निधि के खाते में संकलित कर जमा कराई जाती है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में दिनांक 31.01.2017 तक किसान सड़क निधि में राशि रूपये 348.76 करोड़ संकलित हुई है। (घ) प्रदेश की समस्त मंडी समितियों से विगत वर्ष 2015-16 में किसान सड़क निधि में राशि रूपये 426.30 करोड़ संकलित हुई थी, इस वित्तीय वर्ष 2016-17 में भी पूर्व वर्ष अनुसार लगभग राशि रूपये 426.00 करोड़ संकलित होने का अनुमान है। मंडी बोर्ड स्तर पर वर्तमान में किसान सड़क निधि के तहत छतरपुर जिले में कोई भी निर्माण कार्य प्रस्तावित नहीं है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा जर्जर घोषित शासकीय भवन
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 505 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा शिवपुरी जिले में दिसंबर-2016 की स्थिति में कोई शासकीय भवन/ईमारत जर्जर घोषित की गई है? यदि हाँ, तो ऐसी कौन-कौन सी ईमारतें/भवन कब-कब किन के द्वारा जर्जर घोषित की गई? (ख) क्या उक्त जर्जर घोषित ईमारतों/भवनों का जर्जर घोषित होने के बावजूद उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन ईमारतों/भवनों का वर्तमान में किस प्रयोजन के लिए किसके द्वारा उपयोग किया जा रहा है? (ग) जर्जर भवनों/ईमारतों के स्थान पर नवीन ईमारतें/ भवन कौन-कौन से कब तक बनाए जावेंगे? (घ) क्या कोलारस नगर का पशु चिकित्सालय भवन जर्जर घोषित है और उसमें वर्तमान में भी कार्यालय संचालित है? यदि हाँ, तो इस भवन के स्थान पर नवीन भवन का निर्माण कब तक कराया जावेगा तथा जर्जर भवन में यदि जन-धन हानि होती है? तो इसके लिए कौन उत्तरदायी होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिसम्बर 2016 में शासकीय प्राथमिक विद्यालय (कन्या) खोड़ को जर्जर घोषित किया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। नवीन भवन का निर्माण संबंधित विभाग से स्वीकृति प्राप्त होने पर किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जर्जर घोषित होने के पश्चात् उपयोग करने वाला ही जन-धन हानि के लिये जिम्मेदार होगा।
सड़क निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 679 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम के अधीन 1/1/2013 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग अंतर्गत किन-किन ग्रामों में सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदाय की गई। ? (ख) प्रश्नांश (क) योजना अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कौन-कौन सी सड़कें प्रस्तावित हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. शासन द्वारा दिनांक 01.12.2016 को न्यू डेव्हलपमेंट बैंक की सहायता से स्वीकृत मार्गों के उन्नयन कार्य में सिहोरा-मंझौली-कटंगी लंबाई 17.50 कि.मी. का मार्ग स्वीकृत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
सिहोरा शहर की सड़क के निर्माण
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 687 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 जबलपुर से रीवा निर्माणाधीन फोर लाईन सड़क सिहोरा नगर पालिका क्षेत्र के बाहर से बायपास मार्ग निर्माणाधीन है। इससे शहर का मुख्य मार्ग का निर्माण एवं रख-रखाव की क्या योजना है। (ख) किस विभाग एवं किस एजेन्सी के द्वारा इस मार्ग का निर्माण एवं रख-रखाव भविष्य में किया जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित भाग का हस्तांतरण विभाग को किया जाता है तो भविष्य में रख-रखाव का कार्य विभाग द्वारा किया जावेगा।
निर्माण कार्य एवं अनियमितता की जाँच
[जल संसाधन]
15. ( क्र. 713 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री सर्वेक्षण जल संसाधन विभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं कितने अपूर्ण है उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक का चेक-ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें? अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भण्डारखोह जलाशय का कार्य अपूर्ण होने की स्थिति में कार्य एजेंसी का अनुबंध विखण्डित कर अन्य एजेंसी से कराया जा रहा है। अत: दण्डात्मक कार्यवाही की स्थिति नहीं है।
कृषि ऊपज मंडी समिति मद से मार्ग निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( क्र. 825 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. कृषि ऊपज मंडी समिति मद से म.प्र. के कितने जिलों में वर्ष 2013-14 से प्रश्नांश दिनांक तक किसानों की सुविधा हेतु मार्ग निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) देवास जिले के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्नांश दिनांक तक अगर मंडी बोर्ड मद से रोड निर्माण किया गया है तो उससे कौन-कौन से ग्राम के किसान लाभान्वित हुए ग्रामों के नाम बतावें? (ग) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के दूर दराज गांवों से सैकड़ों कृषक ऊबड़-खाबड़ रास्ते से होकर फसल बेचने हेतु मंडी में आते है क्या शासन के पास उन मार्ग के निर्माण हेतु कोई नवीन रोड निर्माण की स्वीकृति दिये जाने हेतु विचारार्थ है अगर हाँ तो कब तक? (घ) कृषि ऊपज मंडी समिति मद से रोड निर्माण किये जाने विभाग/शासन का निर्धारित मापदण्ड क्या है क्या रोड निर्माण हेतु निर्धारित लम्बाई (किमी.) प्रावधान है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 03 ग्रामीण सड़क (1) बाण्डी से परोणी विकासखण्ड खातेगांव (2) एन.एच.59 से हरिजन मोहल्ला (3) एन.एच.59 से मेधनाथ के प्रस्ताव प्राप्त हुये है। वर्ष 2012 से 2013 तक के ग्रामीण सड़क निर्माण के प्राप्त प्रस्ताव दिनांक 26.09.13 को सम्पन्न साधिकार समिति की बैठक में अमान्य किये गये है। मुख्य सचिव, म.प्र. शासन की नोटशीट क्रमांक-340 दि. 15.09.16 के निर्देश सन्दर्भ में मण्डी बोर्ड द्वारा मण्डी प्रांगण के बाहर भवन या सड़क के कार्य नहीं कराये जायेंगे, अपितु उपरोक्त कार्य लोक निर्माण विभाग या म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से कराये जायेंगे के अनुक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को दिनांक 06.01.17 से आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। (घ) उत्तरांश-''ग'' के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद एवं बीज वितरण
[सहकारिता]
17. ( क्र. 944 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में वर्ष २०१४ से २०१६ तक साख सहकारी संस्थाओं को कितना-कितना खाद एवं बीज किसानों को वितरण हेतु आवंटित किया गया? तहसीलवार, संस्थावार ब्यौरा दें? (ख) उपरोक्तानुसार किन-किन संस्थाओं ने पूर्ण आंवटित खाद एवं बीज वितरित नहीं किया एवं कहाँ-कहाँ पर अनियमितता की शिकायतें कृषकों ने की? कार्यवाही का ब्यौरा क्या है? (ग) सहकारी साख संस्थाओं से कृषकों को खाद व बीज किस मापदण्डानुसार वितरित किया गया? साथ ही खराब खाद-बीज वितरण की कहाँ-कहाँ शिकायतें मिली? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार, कृषकों से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) किसानों की मांग एवं अल्पावधि किसान क्रेडिट कार्ड हेतु स्वीकृत सीमा के अंतर्गत, खराब खाद बीज वितरण की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्योपुर खातोली मार्ग पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 1051 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्र.सं. 22 (क्रमांक 622) दिनांक 21/07/2016 के प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर में श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत श्योपुर-खातोली अन्तर्राज्यीय मार्ग पर पार्वती नदी का पुल सड़क सतह से बहुत नीचा व सकरा होने से पुल को ऊँचा व चौड़ा बनाने की आवश्यकता होने तथा इस हेतु वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार ही कार्यवाही करना संभव होगा आदि तथ्यों को स्वीकार हैं तो बतावें कि वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता हेतु शासन द्वारा वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई। (ख) प्रश्नांश 'क' में वर्णित स्थिति के कारण उक्त पुल पर निरंतर सुलभ आवागमन बनाये रखने की दृष्टि से क्या शासन जनहित में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुश्चित करके अब उक्त कार्य को विभाग की प्राथमिकता सूची व वार्षिक बजट में निश्चित रूप से शामिल करेगा व डीपीआर तैयार कराकर इसे स्वीकृत प्रदान करेगा यदि नहीं, तो क्यों। (ग) इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा चालू वित्त वर्ष में विभागीय मंत्री को प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) उत्तरांश ‘क’ अनुसार।
अहेली नदी पर पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 1052 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के श्योपुर-बड़ौदा-कुहांजापुर मार्ग पर ग्राम ललितपुरा के पास स्थित अहेली नदी पर निर्मित रेलिंग विहीन पुरानी पुलिया सकरी, सड़क सहत से नीची व क्षतिग्रस्त होने से यातायात के लिये उपयुक्त नहीं है। (ख) क्या वर्ष 2016 में वर्षाकाल के दौरान पुलिया से वाहन नदी में गिरा था इस कारण दो महिलाओं की असामयिक मृत्यु भी हुई थी साथ ही पुलिया सकरी होने से हमेशा ही दुर्घटना घटित होने की आशंका बनी रहती है इस कारण उक्त स्थान पर नवीन पुलिया का निर्माण कराने की आवश्यकता है। (ग) क्या शासन दुर्घटनाओं को रोकने व जनहित में उक्त स्थान पर नदी के अत्यधिक जलग्रहण क्षेत्र के मद्देनजर उक्त मार्ग के अनुरूप पुलिया निर्माण की डीपीआर तैयार कराने उपरान्त इसे बजट में शामिल करके पुलिया निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान करेगा यदि नहीं, तो क्यों? (घ) इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों पर चालू वित्त वर्ष में क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। वर्ष 2016 के सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में दुर्घटना घटित हुई थी, जिसमें दो महिलाओं की मृत्यु हो गई थी लेकिन इसके पीछे कारण कार चालक से हुई गलती मुख्य है। (ग) जी नहीं। इस स्थान पर नये पुल निर्माण की डी.पी.आर. का कार्य प्रस्तावित नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान परिस्थिति अनुरूप नवीन पुल की आवश्यकता नहीं होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई।
खरगापुर विधानसभा में सिंचाई वाली नहरों पर व्यय राशि
[जल संसाधन]
20. ( क्र. 1088 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में बल्देवगढ़ ग्वालसागर तालाब से किसानों को सिंचाई हेतु नहर से जल प्रदाय किया जाता है? क्या शासन द्वारा नहरों की साफ-सफाई एवं सुधार, खुदाई आदि के लिये राशि भी दी जाती है वर्ष 2016-17 में बल्देवगढ़ ग्वाल सागर की नहर में साफ-सफाई हेतु कितनी राशि शासन द्वारा आवंटित की गई थी और कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की गई? (ख) वर्तमान में कितनी राशि शेष बची है और पूर्व से 2015-16 में कितनी राशि आयी थी? राशि किस-किस प्रकार से व्यय की गई? (ग) क्या नहरों की सफाई पर शासन की राशि का दुरूपयोग भी किया गया है? फर्जी बिल बनाकर लगाये गये हैं? क्या उसकी जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। रूपये 0.52 लाख। रूपये 0.47 लाख, नहरों की साफ-सफाई एवं स्ट्रक्चरों की साफ-सफाई पर। (ख) रूपये 0.57 लाख। रूपये 0.52 लाख। अवर्षा की स्थिति में सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध न होने के कारण सिंचाई हेतु नहरों की साफ-सफाई नहीं कराई गई। (ग) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
डायवर्सन कर तालाबों में जल भराव
[जल संसाधन]
21. ( क्र. 1089 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र क्र.-47 के ग्राम नारायणपुर के पास से खैरया नाम का एक नाला निकला हुआ है और उक्त नाले के पास से तीन तालाब नारायणपुर, अहार, लडवारी आपस में सटे हुये हैं? उक्त तीनों तालाबों में जल भराव हेतु खैरया नाले का डायवर्सन करके नारायणपुर, अहार, लड़वारी के तालाबों में जल भराव किया जा सकता है? इसके संबंध में आज तक शासन एवं विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या अहार, नारायणपुर, लड़वारी क्षेत्र के किसान इन्ही तालाबों से सिंचाई करते है और कम वर्षा होने के कारण किसानों को फसलों की सिंचाई हेतु पानी का संकट हो जाता है, ऐसी स्थिति में किसानों को लाभ पहुंचाने हेतु खैरया नाले का डायवर्सन कब तक करा देंगे? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। अहार लड़वारी सटे हुए नहीं है, केवल नारायणपुर तालाब नाले के पास है। जी नहीं। नाले का बैड लेवल 300.60 मीटर है जबकि नारायणपुर तालाब का एफ.टी.एल. 302.80 मीटर है। अहार लड़वारी तालाब नाले से 6 कि.मी. की दूरी पर स्थित होने से तालाबों का भरा जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। नाले का डायवर्सन तकनीकी रूप से साध्य नहीं होने के कारण शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
पोली हाउस योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
22. ( क्र. 1222 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोली हाउस निर्माण योजना क्या है तथा इस योजना का लाभ कौन-कौन किसान ले सकते है? (ख) बड़नगर विधानसभा में कितने किसानों ने पोली हाउस निर्माण योजना का लाभ प्राप्त किया है? (ग) कितने किसानों को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई तथा उनको कितना-कितना अनुदान प्रदान किया गया है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) संरक्षित खेती योजना में पॉली हाउस निर्माण का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भू-स्वामी कृषक जिसके पास निश्चित सिंचाई का साधन हो पॉली हाउस निर्माण का लाभ ले सकता है। (ख) एवं (ग) बड़नगर विभानसभा क्षेत्र की प्रश्नांश से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
निर्वाचन अधिकारियों की नियुक्ति
[सहकारिता]
23. ( क्र. 1302 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न संख्या 105 (क्रमांक 820) दिनांक 05.12.2016 को माननीय मंत्री जी द्वारा उल्लेख किया कि जिला थोक उपभोक्ता सहकारी भंडारों के निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करने की शक्तियाँ संयुक्त/उप/सहायक पंजीयक को उनके अधिकारी में प्रदत्त थी जबकि आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. द्वारा जारी आदेश क्रमांक /निर्वाचन/2011/393 दिनांक 05.10.2011 में जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भंडारों के निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार जिले के कलेक्टर द्वारा नामांकित अधिकारी जो डिप्टी कलेक्टर के पद से निम्न श्रेणी के पद का न हो अथवा उप/सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाओं को है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या जिला थोक उपभोक्ता सहकारी भडारों के निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार संयुक्त पंजीयक को नहीं है यदि हाँ, तो वर्ष 2011 के आदेशों के उपरांत जिन थोक उपभोक्ता भंडारों में संयुक्त पंजीयक द्वारा निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया है उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही होगी यदि हाँ, तो कब तक? (ग) संदर्भित प्रश्न में थोक उपभोक्ता सहकारी भंडार टीकमगढ़ के वर्ष 2015 एवं छतरपुर के वर्ष 2007 के निर्वाचन आदेश जारी करने की जाँच के निर्देश दिये गये थे जाँच निष्कर्षों के पश्चात् कार्यवाही की जायेगी? जाँच के आदेश किस अवधि में दिये गये थे एवं जाँच अधिकारी किसको बनाया गया था? उल्लेख करें यदि उक्त जाँच पूर्ण हो गयी हो तो जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रतियाँ पटल पर रखी जावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. के पत्र क्रमांक/निर्वाचन/2011/393, भोपाल, दिनांक 05.10.2011 संबंधित संस्थाओं में किस अधिकारी को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया जा सकता है, के संबंध में है न कि निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करने हेतु कौन सक्षम है, के संबंध में। (ख) जी हाँ, परीक्षणाधीन है। (ग) जी हाँ। कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. के आदेश क्रमांक/निर्वाचन/वि.स./2016/910, दिनांक 25.11.2016 द्वारा श्री परशुराम कावडकर, उप आयुक्त सहकारिता, जिला सागर को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया, जाँच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भण्डार गठन के नियम एवं शर्तें
[सहकारिता]
24. ( क्र. 1303 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के सहकारिता के नियम व निर्देशों के अनुसार 5000 की आबादी एवं कार्य क्षेत्र के प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडारों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने का प्रावधान है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें जिला छतरपुर द्वारा दिनांक 02.02.2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार एवं महिला भंडार का गठन किया गया था? क्या म.प्र. शासन के सहकारिता के नियम व निर्देशों का पालन कर गठन किया गया हाँ या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन विधि सम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं वरन् कार्यालय सहकारिता आयुक्त एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. के परिपत्र क्रमांक/उप/8/2000/690 दिनांक 14.07.2000 के द्वारा जारी किये गये निर्देशों में प्रस्तावित भंडार के पंजीयन के कार्यक्षेत्र में पूर्व से पंजीकृत भंडारों को सुने जाने का प्रावधान है तथा पंजीयन प्रस्ताव के कार्यक्षेत्र में जनसंख्या 5000 होने के संबध में सक्षम प्रमाण पत्र प्राप्त किये जाने का लेख है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में चार प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडारों का पंजीयन किया गया। इनमें से तीन प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडारों के गठन में न्यूनतम जनसंख्या 5000 होने संबंधी मापदण्ड का पालन नहीं किया गया। (ग) संयुक्त आयुक्त सहकारिता, संभाग सागर से जाँच कराई जा रही है। शेष जाँच के निष्कर्षाधीन।
जिला स्तरीय कृषि महोत्सव मेले पर व्यय राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( क्र. 1326 ) श्री अरूण भीमावद : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा जिला स्तरीय कृषि महोत्सव मेले के आयोजन करने हेतु जिला कार्यालय को व्यय करने हेतु शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड एवं दिशा निर्देश जारी किये जाते है? (ख) यदि हाँ, तो कृषि विभाग जिला शाजापुर द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में आयोजित कृषि महोत्सव मेले में क्रमश: वर्षवार कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा कितना व्यय दिशा निर्देशों के अनुरूप हुआ? (ग) कृषि विभाग जिला शाजापुर द्वारा कृषि महोत्सव मेले में होने वाला व्यय पंजीकृत फर्मों के बिलों पर भुगतान किया है या नहीं? (घ) यदि नहीं, किया गया तो शासन को जो राजस्व की हानि हुई है उसके लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। कृषि महोत्सव मेले में फर्मों के बिलों का भुगतान कमेटी द्वारा अनुमोदित टेण्डरों का ही किया है। (घ) उत्तरांश-ग अनुसार शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को बलराम तालाब योजना का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
26. ( क्र. 1327 ) श्री अरूण भीमावद : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा किसानों हेतु बलराम तालाब योजना कब से प्रारंभ हुई और कब बंद हुई? (ख) शाजापुर जिले में विगत 3 वर्षों में कितने किसानों को योजना का लाभ दिया गया तथा कितने किसानों को बलराम तालाब निर्माण करने के पश्चात् भी योजना का लाभ नहीं दिया गया? (ग) बलराम तालाब योजना शासन द्वारा बंद की जाने के पश्चात् भी क्या कृषि विभाग जिला शजापुर के कर्मचारी द्वारा किसानों से 25-25 हजार रू. लेने की खबर दिनांक 10 जनवरी 2017 को प्रकाशित हुई है? (घ) क्या दोषी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) बलराम तालाब योजना दिनांक 25.05.2007 से प्रारंभ होकर निरंतर संचालित है। (ख) शाजापुर जिले में विगत तीन वर्षों (वर्ष 2013-14 से 2015-16) में कुल 52 कृषकों को योजना का लाभ दिया गया, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्धारित प्रक्रिया एवं नियमानुसार बलराम तालाब निर्माण के पश्चात् कोई प्रकरण भुगतान हेतु शेष नहीं है। (ग) बलराम तालाब योजना शासन द्वारा बंद नहीं की गई है। दैनिक समाचार पत्र नई दुनिया में दिनांक 10 जनवरी 2017 को खबर प्रकाशित हुई है। (घ) जी हाँ, दोषी कर्मचारी श्री याकूब खां मंसूरी सर्वेयर, कार्यालय सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी उप संभाग शाजापुर को उक्त प्रकरण में तदानुसार कलेक्टर जिला शाजापुर के आदेश क्र./स्था/अ-2/कृषि/2016-17/424 दिनांक 08.02.2017 द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा चुका है।
मुरैना जिले में वर्ष 2015, 2016 में विधिक सहायता
[विधि और विधायी कार्य]
27. ( क्र. 1402 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2015, 2016 में कितने व्यक्तियों को विधिक सहायता दी गई तहसीलवार संख्या, नाम सहित जानकारी दी जावें? (ख) वर्तमान में विधिक सहायता के कितने प्रकरण लंबित हैं उनके निराकरण नहीं होने के क्या कारण हैं? (ग) सुमावली विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2016 में कितने प्रकरणों में सहायता दी गई उनके नाम, पिता का नाम, पता सहित पूर्ण जानकारी दी जावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 2015 में दी गई विधिक सहायता तहसील मुरैना-113, तहसील अम्बाह-12, तहसील जौरा-00, तहसील सबलगढ-08 एवं वर्ष 2016 में दी गई विधिक सहायता तहसील मुरैना-75, तहसील अम्बाह-13, तहसील जौरा-02, तहसील सबलगढ़-04 व्यक्तियों को विधिक सहायता दी गई (ख) वर्तमान में विधिक सहायता हेतु कोई आवेदन लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सुमावली विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2016 में 4 प्रकरणों में विधिक सहायता दी गई जो निम्नानुसार है:- (1) श्री लोकेन्द्र कुशवाह पुत्र श्री नत्थीलाल कुशवाह, निवासी-मुंशी का बाग तहसील व जिला-मुरैना, मध्यप्रदेश। (2) श्री सोनेराम कुशवाह पुत्र श्री बुद्धाराम कुशवाह, निवासी-ग्राम जारह तहसील व जिला-मुरैना, मध्यप्रदेश। (3) श्री शेरू उर्फ रामकुमार पुत्र श्री रामबाबू, निवासी-बनाना गुर्जर के मकान के पास, ग्राम जौरी, होमगार्ड रोड, मुरैना, मध्यप्रदेश। (4) श्री रामवीर उर्फ साधूलाल पुत्र श्री आशाराम कुशवाह, निवासी-मुरैनागांव का पुरा थाना सिविल लाईन, मुरैना, मध्यप्रदेश।
सुमावली (मुरैना) रोड से रूअर मैनाबसई के सड़क मार्ग पर अतिक्रमण
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 1403 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली (मुरैना) करह रोड से रूअर मैनाबसई मार्ग की लंबाई कितनी है उक्त मार्ग की किनारों की चौड़ाई दोनों ओर कितनी-कितनी विभाग की नाप में अंकित है? (ख) क्या सुमावली रोड से रूअर गांव तक सड़क मार्ग के किनारों पर अतिक्रमण कर खेतों में मिला लिया है विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त मार्ग पर दोनों तरफ अतिक्रमण पत्थर के कोटरा (अस्थाई दीवाल) बना दी है जिससे दोनों तरफ से वाहन निकलने में कठिनाई होती है एवं निकल नहीं पाते है विभाग उक्त मार्ग के नाप के अनुसार चौड़ीकरण कब तक करायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 2.00 कि.मी. मार्ग बी.टी. की चौड़ाई 3.05 मीटर फोरमेशन चौड़ाई 6.05 मीटर अभिलेख में माप अंकित है। (ख) जी हाँ, अतिक्रमण हटाने के लिये अनुविभागीय अधिकारी द्वारा संबंधित को नोटिस दिये जा चुके है। (ग) जी हाँ, मार्गों के कुछ भाग में, जी नहीं, वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से जारी है। अतिक्रमण हट जाने पर शोल्डर्स कार्य पूर्ण कराकर माप अनुसार चौड़ीकरण कराया जा सकेगा।
धनई नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 1417 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत ग्राम पांडिया छपारा से पर्यटक स्थल ढूटी केंप के मध्य धनई नदी पर पुल निर्माण हेतु पूर्व में विभाग द्वारा सर्वे किया गया था? यदि हाँ, तो कब? (ख) क्या उक्त नदी पर पुल निर्माण की कार्यवाही प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति हेतु कई वर्षों से लंबित है? (ग) यदि हाँ, तो इस महत्वपूर्ण पुल निर्माण को कब तक प्रशासकीय वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
30. ( क्र. 1418 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं कब-कब से सुचारू रूप से क्रियान्वित की जा रही है? (ख) सिवनी जिले में प्रश्नांश (क) की अवधि में कितने उद्यान विकसित किये गये तथा उनके विकास व विस्तार के लिए विगत दो वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कितना बजट उपलब्ध कराया गया है? उद्यानवार जानकारी देवें? (ग) क्या जिला सिवनी को उद्यानिकी मिशन से जोड़ने हेतु कोई प्रस्ताव विभाग के पास विचाराधीन है? यदि हाँ, तो सिवनी जिले को उद्यानिकी मिशन से जोड़े जोड़े जाने का समय अवधि बतावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान में संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश-क की अवधि में कोई भी शासकीय उद्यान विकसित नहीं किये गये। निजी भूमि में विभागीय योजना अंतर्गत फल पौध रोपण सहित प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 1419 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत कितने मार्ग है जिनका निर्माण कार्य, कार्य अवधि के समाप्त होने के बाद भी अपूर्ण है? मार्ग का नाम, ठेकेदार का नाम, कार्य आदेश, दिनांक प्राक्कलन राशि का कार्य समाप्ति दिनांक आदि सहित जानकारी दी जावें? (ख) क्या पांडिया छपारा से जेवनारा मार्ग निर्माण कार्य अवधि समाप्त होने के बाद भी अपूर्ण है? यदि हाँ, तो उपरोक्त मार्ग अपूर्ण होने के क्या कारण है? इसे कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कोई नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सिवनी जिले निर्माण हेतु प्रस्तावित बांध
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 1420 ) श्री रजनीश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितने बांध (जलाशय) का निर्माण होना प्रस्तावित है? उक्त जलाशय का निर्माण कहाँ-कहाँ होना है? इनकी जल भराव क्षमता कितनी रहेगी व इन जलाशयों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी, राशि किन-किन जलाशयों के लिए स्वीकृत की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बांध के निर्माण हो जाने से विधानसभा क्षेत्र केवलारी की कितनी हेक्टयर कृषि भूमि सिंचित होगी? उक्त जलाशयों के निर्माण से विधान सभा क्षेत्र केवलारी के कौन-कौन से ग्राम लाभांवित होगे उनके नाम बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जलाशय वर्तमान में क्या प्रगति है क्या इनके टेंडर आदि लग गये है यदि हाँ, तो इनके निर्माण की समय-सीमा बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) 04 जलाशय निर्माणाधीन एवं 11 जलाशयों की साध्यता स्वीकृत हैं। जिनसे कुल 10,266 हे. क्षेत्र में सिंचाई होगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' एवं ''2'' अनुसार है।
केन्द्र सरकार द्वारा टोल वसूली का मापदण्ड
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 1463 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में दमोह-कटनी मार्ग पर बांदकपुर के समीप नवनिर्मित टोल किसके कम्पनी/ ठेकेदार द्वारा बनाया गया है? अनुबंध के अनुसार निर्धारित स्थान पर नहीं बनाकर अन्यंत्र क्यों बनाया गया है? किसकी स्वीकृति से स्थल में परिवर्तन किया गया है? टोल टैक्स प्रारंभ किये जाने की दिनांक बतलायें। (ख) केन्द्र सरकार द्वारा टोल वसूली के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं, उसकी प्रति उपलब्ध करावें? क्या टोल पर कृषकों के ट्रेक्टरों एवं लोकल ट्रकों से भी अवैध वसूली की जा रही है, यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत? (ग) क्या लोकल वाहनों के लिए टोल 2.11 पैसे प्रति कि.मी. निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो निर्धारित दर से हटके इनके द्वारा अवैध वसूली क्यों की जा रही हैं? इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (घ) दमोह-कटनी मार्ग का निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया था? क्या मार्ग पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो कितने कि.मी. मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? निर्मित मार्ग की गुणवत्ता की जाँच कब-कब किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? कितने कि.मी. मार्ग निर्माण हेतु शेष है? मार्ग निर्माण शेष हो, तो टोल टैक्स वसूल करना क्या न्यायोचित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) टोल मेसर्स बंसल पाथवेज दमोह-कटनी प्रा.लि. द्वारा बनाया गया है। स्थानीय परिस्थिति एवं अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार। निगम की स्वीकृति से टोल टैक्स प्रथम होमोजिनियस सेक्शन में दमोह के पास दिनांक 03/11/2015 को एवं द्वितीय होमोजिनियस सेक्शन जो कटनी के पास है उसमें दिनांक 05/10/2015 से टोल प्रारंभ किया गया। (ख) केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। रू. 2.11 पैसे प्रति कि.मी. दर ट्रक के लिये निर्धारित किया गया है। निर्धारित दर से हटकर अवैध वसूली का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है। कोई शिकायत प्राप्त नहीं। (घ) मार्ग के निर्माण के अपाइंटेड (प्रारंभ) दिनांक 05/06/2014 है। जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निर्मित मार्ग की गुणवत्ता परीक्षण एवं निगरानी (सुपरविजन) हेतु स्वतंत्र अभियंता द्वारा सतत् जाँच की गई। किसी कि.मी. का निर्माण शेष नहीं है। चूंकि मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्दौर में राजीव गांधी चौराहे से राउ चौराहे तक रोड का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 1484 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में राजीव गांधी चौराहे से राउ चौराहे तक रोड का चौड़ीकरण कर लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत मार्ग का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो इस किये गये निर्माण कार्य को कितना समय हो चुका है, स्पष्ट करें? (ख) क्या प्रश्नांश ‘क’ अनुसार निर्मित मार्ग पर डिवाईडर बनाने का कार्य नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या विभाग द्वारा डिवाईडर बनाने के लिये कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है स्पष्ट करें व कब तक डिवाईडर का कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। लगभग 1 वर्ष 7 माह समय हो चुका है। (ख) जी हाँ। सड़क चौड़ीकरण कार्य में डिवाईडर के कार्य की स्वीकृति नहीं थी। (ग) जी हाँ। डिवाईडर के कार्य की स्वीकृति शासन द्वारा दिनांक 26.09.2016 को रूपये 84,05,000 की जारी की गई है। द्वितीय बार निविदा कार्यवाही प्रगति पर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
कीटनाशक एवं उर्वरकों की गुणवत्ता की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
35. ( क्र. 1493 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कीटनाशक एवं उर्वरकों की गुणवत्ता की जाँच रिटेलर विक्रेताओं की दुकान से सेम्पल लेकर की जाती है? (ख) क्या रिटेलर विक्रेता स्टॉकिस्ट से एवं स्टॉकिस्ट सीधे निर्माता कम्पनियों से खरीदते हैं? (ग) क्या निर्माता कम्पनी एवं स्टॉकिस्ट स्तर पर सेम्पल की जाँच की विश्लेषण रिपोर्ट सार्वजनिक की जाना उचित हैं, ताकि समस्त संबंधितों को गुणवत्ता की जानकारी हो सके। (घ) यदि हाँ, तो क्या रिटेलर विक्रेता के स्तर पर गुणवत्ता में प्रतिकूल रिपोर्ट की गुंजाईश कम हो जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, अधिकृत विक्रेता या स्टॉकिस्ट से रिटेलर एवं अधिकृत विक्रेता या स्टॉकिस्ट कम्पनियों से सीधे खरीदते है। (ग) कीटनाशी अधिनियम 1968 की धारा 24 के तहत विश्लेषण रिपोर्ट जहाँ से नमूना लिया है को प्रदाय की जाती है। विश्लेषण रिपोर्ट अमानक पाये जाने पर जिला अनुज्ञापन अधिकारी/प्राधिकृत अधिकारी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) गुणवत्ता नियंत्रण में उपयोगी है।
सिंचाई परियोजनाओं के नवीन प्राक्कलन एवं स्वीकृति
[जल संसाधन]
36. ( क्र. 1515 ) श्रीमती ममता मीना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्रीय योजना एवं म.प्र. शासन की योजना में गुना जिले की चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र को नवीन तालाब, नहर एवं सिंचाई परियोजनाओं के प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति हेतु चयन किया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में गत वर्ष कितने नवीन सिंचाई परियोजनाओं के प्राक्कलन बनवाकर स्वीकृति हेतु भेजे है? (ग) क्या चांचौड़ा विधानसभा के वन परिक्षेत्र, पार्वती नदी, टेम नदी तथा अन्य बड़े नदी नालों पर नवीन सिंचाई परियोजनाओं के नये प्राक्कलन भौगोलिक दृष्टि से कब तक बनाये जायेंगे। (घ) यदि हाँ, तो क्या चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में जिन क्षेत्रों में सूखा क्षेत्र है उन क्षेत्रों में नवीन सिंचाई परियोजनाऐं बनाकर सिंचाई क्षमता बढ़ाने की कोई योजना है तो पटल पर बतायें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) 05 परियोजनाओं का चयन किया गया जिसमें 04 साध्य एवं 01 परियोजना असाध्य पाई गई। 04 में से 03 परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। 01 परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति परीक्षणाधीन है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में विधान सभा क्षेत्र के वन परिक्षेत्र, पार्वती नदी, डेम नदी तथा अन्य बड़े नदी नालों पर नवीन परियोजनाओं के नए प्राक्कलन बनाये जाना प्रतिवेदित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित निर्माणाधीन 03 परियोजनाओं में से 395 हे. क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता निर्मित होगी।
कृषि उपज मण्डी समिति गुना जिला के प्राक्कलन स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
37. ( क्र. 1518 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मण्डी समिति, गुना की प्रथम बैठक सम्मेलन दिनांक 18-2-13 से दिनांक 27-7-14 तक की मण्डी समिति की बैठकों में मण्डी समिति, गुना के निर्माण कार्यों में प्राक्कलन स्वीकृत नहीं हुए। प्रशासनिक स्वीकृति भी नहीं हुई, फिर करोड़ों रूपये के भुगतान किस नियम से कर दिये गये, जाँच करायेंगे? (ख) क्या बिना प्राक्कलन के, प्रशासकीय स्वीकृति के बगैर कार्यपालन यंत्री द्वारा किस आधार पर निविदा दरों की स्वीकृति की अनुशंसा की गई, किस आधार पर निर्माण कार्यों के देयकों को कार्यपालन यंत्री द्वारा पारित एवं स्वीकृत किया गया जाँच कराई जावेगी? (ग) क्या कार्यपालन यंत्री द्वारा कृषि विपणन बोर्ड, भोपाल की निर्माण निर्देशिका का कंडिकाओं का पालन क्यों नहीं किया गया क्या निर्माण कार्यों की स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति के बाद ही निर्माण कार्य का मूल्याकंन एवं भुगतान होता है। क्या मण्डी समिति, गुना में स्वीकृति के बिना भुगतान होता है। क्या मण्डी समिति गुना में स्वीकृति के बिना भुगतान कैसे किये गये। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक के भुगतानों की जाँच करायेंगे एवं कब तक? (घ) क्या कृषि मण्डी समिति, गुना में बिना स्वीकृति के निर्माण कार्यों के भुगतान कौन से अधिकारियों ने कौन-कौन सी निर्माण एजेंसियों को नियम विरूद्ध किये है, कौन-कौन दोषी है? क्या जाँच कराकर कार्यवाही करेंगे एवं कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति, गुना की साधारण सम्मेलन दिनांक 18.02.2013 के प्रस्ताव क्र0-04 के माध्यम से 21 निर्माण कार्यों की कार्य योजना की स्वीकृति प्रदान की गयी। कार्य योजना के अनुसार विषयांकित कार्यों के प्राक्कलन के आधार पर तकनीकी स्वीकृति के अधिकार सक्षम तकनीकी अधिकारी को निहित है। जिसके परिप्रेक्ष्य में मंडी सचिव एवं अध्यक्ष द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर से प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी। कार्यों के भुगतान की कार्यवाही कार्यपालन यंत्री की अनुशंसा पर मंडी समिति द्वारा स्थानीय निधि संपरीक्षा के द्वारा देयक पारित करने के उपरांत प्रावधान अनुसार किया गया है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) कार्यों के प्राक्कलन के अनुसार तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किये जाने के उपरांत मंडी समिति द्वारा निविदा आमंत्रित की गयी, जिसमें प्राप्त निविदाओं के प्रस्ताव कार्यपालन यंत्री, ग्वालियर को प्रस्तुत किये गये, जिसके आधार पर कार्यपालन यंत्री द्वारा न्यूनतम निविदा दरों की स्वीकृति की अनुशंसा की गयी। कार्यपालन यंत्री द्वारा प्रस्तुत देयकों पर प्रावधानानुसार भुगतान करने की अनुशंसा की गयी, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्यपालन यंत्री द्वारा निर्माण निर्देशिका के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यों की तकनीकी/ प्रशासकीय/निविदा स्वीकृति/कार्यादेश उपरांत ही निर्माण कार्य प्रारंभ कराये जाकर उनके मापों के सत्यापन के आधार पर देयकों का भुगतान की अनुशंसा की गयी है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) सचिव, मंडी समिति, गुना द्वारा कार्यों के तकनीकी/प्रशासकीय/निविदा प्रक्रिया उपरांत कार्यों का मापांकन/देयकों के भुगतान की अनुशंसा के आधार पर स्थानीय निधि संपरीक्षा के द्वारा पारित देयकों का भुगतान किया गया है। अतएव शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकि विभाग द्वारा बालाघाट जिले को प्राप्त बजट कि जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
38. ( क्र. 1547 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में उद्यानिकि हेतु बालाघाट जिले को कितना बजट प्राप्त हुआ वर्षवार जानकारी दें। (ख) उक्त वर्षों में विकासखण्ड अनुसार खर्च की गई राशि की जानकारी दें? (ग) बालाघाट जिले में आम की फसल को बढ़ावा देने के लिए शासन द्वारा क्या कदम उठाये गये? (घ) लांजी विधानसभा क्षेत्र में विभाग की कितनी नर्सरी हैं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) बालाघाट जिले को विगत 3 वर्षों में निम्नानुसार बजट प्राप्त हुआ है-
वर्ष |
प्राप्त राशि (रूपये में) |
2014-15 |
1,85,44,696 |
2015-16 |
1,21,38,786 |
2016-17 |
1,47,03,779 |
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले में आम की फसल को बढ़ावा देने हेतु राज्य की फल क्षेत्र विस्तार योजना लागू की गई जिसमें कृषकों को स्वयं की भूमि पर उन्नत किस्म के आम के फल पौध रोपण करने पर अनुदान देने का प्रावधान है। (घ) लांजी विधानसभा क्षेत्र में विभाग की एक नर्सरी है।
केन्द्रीय सहकारी बैंकों के खातो में जमा राशि कि जानकारी
[सहकारिता]
39. ( क्र. 1548 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित जिले के सहकारी बैंकों में 9 नवम्बर 2016 से 31 दिसम्बर 2016 के बीच बंद किये गये कितने 500/- तथा 1000/- के नोट जमा किये गये, नोटो की संख्या सहित कुल जमा राशि की जानकारी दें? (ख) बालाघाट जिले के विषयांकित बैंकों में नोटबंदी के पश्चात् कितने खातो में दो लाख रूपये तक कितने खातो में पाँच लाख रूपये तक कितने खातो में दस लाख रूपये तक तथा कितने खातो में दस लाख रूपये से अधिक राशि जमा हुई बैंक की शाखा अनुसार जानकारी दें? (ग) विषयांकित अवधि के पश्चात् बैंकों में कितने नए खाते खोले गये इनमे से कितने खाते व्यक्तिगत कितने सामुहिक तथा कितने समितियों अथवा कंपनियों के है? (घ) क्या जिले में बैंकों द्वारा RBI के निर्देशानुसार एक सप्ताह में एक खाताधारक को चौबीस हजार रूपये दिये जाने का पालन किया गया यदि नहीं, किया गया तो उसका कारण बताएं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) रूपये 500 के 2,36,396 तथा रूपये 1000 के 53,814 नोट के साथ कुल राशि रूपये 1720.12 लाख जमा हुए है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कुल 3009 नये खाते खोले गये इनमें 2999 व्यक्तिगत तथा 10 सामूहिक है। (घ) जी हाँ, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., बालाघाट द्वारा एक सप्ताह में एक खातेदार को भुगतान किये जाने में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा का पालन किया गया है।
मार्केटिंग सोसायटी के चुनाव
[सहकारिता]
40. ( क्र. 1551 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव मार्केटिंग सोसायटी के चुनाव कब से नहीं हुए वर्तमान में मार्केटिंग सोसायटी का काम कौन देख रहा है और वहां कितना नियमित स्टाफ एवं कितना अस्थाई स्टाफ कार्यरत है, की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन की कोई मंशा मार्केटिंग सोसायटी में चुना हुआ प्रतिनिधी लाने की है यदि हाँ, तो चुनाव कब तक करा लिए जावेंगे। मार्केटिंग सोसायटी में चुना हुआ प्रतिनिधि लाने हेतु शासन की ओर से क्या प्रयास किये गये? (ग) प्रतिनिधि चुनाव के संबंध में शासन के क्या दिशा निर्देश है अवगत करावे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गोटेगांव मार्केटिंग सोसायटी गोटेगांव का निर्वाचन दिनांक 27.07.2012 को डयू था, संचालक मण्डल के सदस्यों का निर्वाचन दिनांक 23.02.2013 को संपन्न कराया गया, तत्पश्चात माऩनीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया दिनांक 27.02.2013 को स्थगित की गई। याचिका में पारित आदेश दिनांक 25.08.2014 के पश्चात् नवनिर्वाचित संचालक मण्डल के सदस्यों की बैठक क्रमश दिनांक 28.05.2015, 17.07.2015, 15.09.2015, 12.01.2016, 03.10.2016 को आहूत की गई, परन्तु गणपूर्ति के अभाव में बैठक स्थगित किए जाने से पदाधिकारियों/प्रतिनिधियों का निर्वाचन संपन्न नहीं हो सका है, मार्केटिंग सोसायटी गोटेगांव का कार्य संचालन प्रभारी अधिकारी कु.एम.ओ. इक्का, अंकेक्षण अधिकारी एवं प्रबन्धक श्री संजय दुबे, सहकारी निरीक्षक द्वारा किया जा रहा है, कार्यरत स्टाफ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, संचालक मण्डल की बैठक में गणपूर्ति होने पर चुनाव पूर्ण करा लिया जाएगा। (ग) अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं अन्य संस्थाओं को भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों के चुनाव के संबंध में मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी नियम 1962 के नियम 49-च में प्रावधान है।
विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 1552 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन से कार्य संचालित किये जा रहे हैं सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 15-7-2016 को अपने पत्र क्र 195 द्वारा विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत 8 सड़क निर्माण किये जाने का प्रस्ताव भेजा गया था उस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पत्र में उमरिया से नेंगुवा से मुंगवानी हेतु सड़क निर्माण की मांग की गई थी, उक्त सड़क निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत गोटेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में तिलवारा-चरगवां-गोटेगांव मार्ग (मुख्य जिला मार्ग) लंबाई 46.175 कि.मी. (गोटेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत लंबाई लगभग 12.775 कि.मी.) का उन्नयन कार्य कराया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
कृषि उपज मण्डी नागदा एवं खाचरोद के स्वीकृत पद
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
42. ( क्र. 1575 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरोद की कृषि उपज मण्डी नागदा एवं खाचरोद में विभिन्न श्रेणियों के कुल कितने पद स्वीकृत है। वर्तमान में इनमे से कितने पद रिक्त है? (ख) रिक्त पदों पर विभाग द्वारा कब तक नियुक्ति कर दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति नागदा "ग" वर्ग में सचिव, मंडी निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, लेखापाल द्वितीय सहायक ग्रेड-3 भृत्य/चौकीदार के कुल 30 पद स्वीकृत है, जिसमें से वर्तमान में कुल 12 पद रिक्त है। इसी प्रकार कृषि उपज मंडी समिति खाचरोद "ग" वर्ग में कुल 30 पद स्वीकृत है जिसमें से 18 पद रिक्त है। (ख) राज्य मंडी बोर्ड सेवा के विभिन्न श्रेणीयों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल को प्रस्ताव भेजा गया है। लिपिक एवं भृत्य/ चौकीदार संवर्ग में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के बैकलॉग/केरी फारवर्ड की पूर्ति हेतु जिला कलेक्टर्स को अधिकृत किया गया है। भर्ती की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
किसान बीमा योजना से वंचित कृषकों को लाभान्वित कराना
[सहकारिता]
43. ( क्र. 1588 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स.क्षे. बड़वारा के वि.खं. बड़वारा, कटनी, ढीमरखेड़ा के अंतर्गत किन सहकारी समितियों के अंतर्गत कितने ग्राम और किसान आते हैं। (ख) प्रश्नांश-क की किन सहकारी समितियों ने किन ग्रामों के कितने सदस्यों को सदस्यता प्रदान की है और क्रेडिट कार्ड बनाये हैं। (ग) प्रश्नांश-क, ख के कितने सदस्यों को राष्ट्रीय किसान बीमा योजना के अंतर्गत बीमित किया है। (घ) प्रश्नांश-क, ख, ग के किन समितियों, ग्रामों के कितने सदस्य बीमा योजना और उसके लाभ से वंचित है और उन्हें कब तक लाभान्वित किया जा सकेगा।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रकरण में संयुक्त आयुक्त सहकारिता, संभाग जबलपुर को परीक्षण के आदेश दिये गये हैं, शेष परीक्षणाधीन है।
बीमा योजना में बरती गई अनियमितता की जाँच
[सहकारिता]
44. ( क्र. 1589 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के वि.खं. बड़वारा की किन सहकारी समितियों में वर्ष 2015-16 व 16-17 की अवधि में कितने कृषकों से किसान बीमा योजना के अंतर्गत कितनी-कितनी बीमा राशि जमा करायी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) समितियों द्वारा बीमा योजना की वसूल की गई राशि किन तिथियों में जिला शाखा को जमा की गयी है। (ग) प्रश्नांश-क, ख के कितने कृषकों को कितनी राशि का बीमा का लाभ प्रदान किया गया है। (घ) प्रश्नांश-क, ख में बीमा राशि जमा कराने में पायी गई उदासीनता एवं अनियमितता पर जाँच कर दोषी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्ष 2015-16 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा वर्ष 2016-17 की संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा वर्ष 2016-17 की संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) योजनान्तर्गत बीमा कंपनी से प्राप्त बीमा राशि का लाभ कृषकों को प्रदान किया गया है। वर्ष 2015-16 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा वर्ष 2016-17 की संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) इस संबंध में कोई उदासीनता एवं अनियमितता परिलक्षित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थानांतरित अधिकारी/कर्मचारी को भारयुक्त न करना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 1624 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में अनुविभागीय अधिकारी कृषि कार्यालय खिलचीपुर जिला राजगढ़ के अंतर्गत किन-किन अधिकारी एवं कर्मचारियों का स्थानांतरण कब-कब और कहाँ-कहाँ किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या स्थानांतरित अधिकारी एवं कर्मचारियों को स्थानांतरित कर्तव्य स्थल के लिये भारमुक्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो शासनादेश के बावजूद प्रश्न दिनांक तक भारमुक्त न किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) क्या शासन उपरोक्त स्थानांतरित अधिकारी एवं कर्मचारियों को उनके स्थानांतरित कर्तव्य स्थल के लिये भारमुक्त करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। केवल श्री मुन्नालाल बिजावर, सहायक संचालक (अनुविभागीय कृषि अधिकारी) खिलचीपुर जिला राजगढ़ का मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर द्वारा याचिका क्रमांक 6305/2016 में पारित निर्णय दिनांक 28.9.2016 के अनुसार अभ्यावेदन का निराकरण होने की तिथि तक स्थगन दिये जाने के कारण भारमुक्त नहीं किया गया है। (ग) श्री मुन्नालाल बिजावर का मान. उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में प्रस्तुत अभ्यावेदन विचाराधीन है जिसका निराकरण होने के पश्चात् ही भारमुक्त की कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
समर्थन मूल्य पर सहकारी खरीद
[सहकारिता]
46. ( क्र. 1656 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला अन्तर्गत वित्त वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित के समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्र में किस-किस जींस की कितनी खरीद पर किस मात्रा में कितनी राशि की घटी हुई बतलावें? संस्थावार एवं वर्षवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शेष घटी वसूली का जिम्मेदार कौन है? तत्संबंध में संबंधित समिति प्रबंधक एवं खरीदी प्रभारी पर कब क्या कार्यवाही कर कितनी राशि वसूल की गई एवं प्रश्न दिनांक तक किस-किस पर कितनी राशि की वसूली किया जाना शेष है? दिनांक सहित संस्थावार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घटी के कारण क्या खरीदी केन्द्र बंद किये गये है? यदि हाँ, तो बंद खरीदी केन्द्रों की सूची देवें। इन खरीदी केन्द्रों को किस प्रकार से कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा, ताकि कृषकों को अपनी कृषि उपज को बेचने हेतु दूर न जाना पड़े?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, 2 केन्द्र, सेवा सहकारी समिति निरंदपुर एवं सहजपुरा। समितियों के द्वारा घटी की राशि वसूली एवं राशि जमा न करने वाले कर्मचारियों को उपार्जन कार्य से पृथक किये जाने के उपरांत जिला स्तरीय समिति से उक्त संस्थाओं को उपार्जन केन्द्र बनाने का प्रस्ताव आयुक्त खाद्य कार्यालय को प्राप्त होने के उपरांत संस्थाओं को उपयुक्त पाये जाने एवं उपार्जन केन्द्र खोले जाने की आवश्यकता होने पर निर्णय लिया जायेगा।
आत्मा/मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजनान्तर्गत व्यय राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
47. ( क्र. 1696 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विगत चार वर्षों में कौन-कौन सी योजना संचालित की गयी? आत्मा/ मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना अन्तर्गत राज्य के अंदर /बाहर कृषक भ्रमण पर कितना व्यय किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार दी गई राशि के व्यय में वित्तीय नियमों का उल्लंघन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार शेष का प्रश्न ही नहीं है।
ड्रिप नमूनों की जाँच
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
48. ( क्र. 1827 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2012 से 2017 तक उद्यानिकी विभाग द्वारा, ड्रिप कंपनी, किसान के माध्यम से ड्रिप के कितने-कितने नमूने गुणवत्ता सत्यापन हेतु सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नॉलॉजी (सीपेट), भोपाल भेजे गये? जिलावार वर्षवार संख्या बतायें। खरगोन जिले से भेजे गये नमूनों की संख्या माहवार बतायें। खरगोन जिले से कोई नमूना जाँच हेतु नहीं भेजे गये हैं तो कारण बतायें। (ख) उक्त सेंपलो की रिपोर्ट में से कितने नमूने गुणवत्तापूर्ण पाये गये तथा कितने नमुने अवमानक पाये गये। टेस्ट में फेल नमूनों की जानकारी नमूनावार, कंपनीवार देवें। (ग) टेस्टिंग हेतु सीपेट भोपाल नमूने भेजने संबंधी विभागीय नीति की जानकारी देवें। इस संबंध में हुए पत्राचार की जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) ड्रिप के नमूने की गुणवत्ता सत्यापन हेतु नमूना विभाग द्वारा नहीं लिए जाते अपितु सीपेट भोपाल द्वारा लिए जाते है। प्रश्नाधीन अवधि में कुल 1059 नमूने लिए गये, जिसकी जिलेवार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। खरगोन जिले में माह जुलाई 2015 में 18 एवं माह जून 2016 में 53 नमूने जाँच हेतु लिए गये। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 869 नमूने गुणवत्ता पूर्ण पाये गये एवं 190 नमूने अमानक पाये गये। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) नमूना परीक्षण हेतु प्रत्येक जिले में प्रत्येक कंपनी के कम से कम एक प्रतिशत एवं अधिकतम पाँच प्रतिशत नमूना लिये जाने के निर्देश हैं, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
उद्यानिकी विभाग के हितग्राहियों हेतु अनापत्ती प्रमाण पत्र
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
49. ( क्र. 1831 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में खरगोन जिले की जिला स्तरीय या जनपद स्तरीय कृषि समितियों में उद्यानिकी विभाग के हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन कब-कब लिया गया? बैठकवार दिनांक तथा हितग्राहियों की सूची सहित बैठक के कार्यवृत्त (प्रोसीडिंग) की प्रति देवें। इस संबंध में जिला स्तर पर कृषि विभाग व उद्यानिकी विभाग के मध्य हुए पत्राचार की प्रति देवें। (ख) विगत 5 वर्षों में खरगोन जिले की जिला या ब्लाक स्तरीय कृषि कार्यालय से उद्यानिकी विभाग के हितग्राहियों हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु किये गये पत्राचार की प्रति देवें। अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु प्रदत्त सूची की प्रति देवें। (ग) उक्त विषय में प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये पत्र के जवाब की जानकारी देवें। यदि जवाब नहीं दिया गया है तो कारण बतायें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) कृषि समिति की बैठक की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्यवृत्त एवं हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जिला स्तर पर कृषि समिति की बैठकों की सूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शेष बैठकों की सूचना दूरभाष से प्राप्त हुई। (ख) कृषि विभाग से उद्यानिकी विभाग के हितग्राहियों हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र लिये जाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र के उत्तर में उप संचालक उद्यान जिला खरगोन के पत्र क्रमांक/उ/माइक्रो/ तक./2016-17/118 दिनांक 12.01.2017 एवं 121 दिनांक 12.01.2017 के द्वारा माननीय सदस्य को अवगत कराया गया, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राहियों/कृषकों को अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
50. ( क्र. 1958 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा हितग्राहियों/कृषकों को अनुदान दिए जाने की योजनाएं है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाएं हैं तथा इनके क्या-क्या दिशा निर्देश हैं? योजनाओं /दिशा निर्देश की प्रति उपलब्ध कराएं? (ख) क्या बैतूल जिले के अंतर्गत वर्ष २०१५-२०१६ एवं २०१६-२०१७ में प्रश्न दिनांक तक हितग्राहियों/कृषकों को अनुदान दिए जाने हेतु बजट आवंटन प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो किस-किस योजना में कितना-कितना बजट आवंटित हुआ वर्षवार एवं योजनावार जानकारी दें? (ग) क्या वर्ष २०१५-२०१६ एवं २०१६-२०१७ में प्रश्न दिनांक तक बैतूल जिले के किसानों को अनुदान स्वीकृत किए गए हैं? (घ) किस-किस विकासखण्ड के कितने हितग्राही कृषकों को अनुदान स्वीकृत किया गया है वर्षवार विकासखण्डवार कृषकसंख्यावार जानकारी दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
दमोह जिले की सिंचाई परियोजनाओं की जाँच व मरम्मत
[जल संसाधन]
51. ( क्र. 1978 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 10 वर्षों में जिला दमोह में कितनी सिंचाई परियोजनायें, सिंचाई तालाब, स्टापडेम, कितनी राशि से किस वर्ष, किस एजेंसी द्वारा बनाये गये एवं कितने हेक्टेयर भूमि किसानों की सिंचित हो रही है? (ख) जलाशयों, स्टापडेमों के रखरखाव हेतु विगत वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक कितनी राशि का आवंटन किया गया उसका कहाँ-कहाँ, क्या उपयोग हुआ, सिंचाई नहरों के सुधार हेतु भ्रमण उपरांत शिकायतें प्राप्त हो रही है? तालाबों की पिचिंग ठीक नहीं होने से रिसाव हो रहा है? क्या समस्त जलाशयों, स्टाप डेमों का एक बार स्थल निरीक्षण दल बनाकर कराया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं। शिकायतों का निराकरण तत्काल किया गया। तालाबों की पिचिंग ठीक न होने से रिसावों का कोई संबंध नहीं है। विभागीय प्रक्रियानुसार समस्त जल संरचनाओं का वर्षा पूर्व एवं पश्चात् सक्षम अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया जाता हैं। अतएव पृथक से निरीक्षण दल बनाकर पुन: निरीक्षण की आवश्यकता नहीं है।
जिला दमोह में Sdo PWD की कमी के संबंध में
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 1979 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कितने अनुविभागीय अधिकारी लो.नि.वि. पदस्थ हैं, नामवार, पदस्थापना, स्थानवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) जिला दमोह में हटा अनुभाग बहुत बड़ा होने के कारण स्थायी अनुविभागीय अधिकारी नहीं होने से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है? हटा (दमोह) में पदस्थापना हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार लिखा गया लेकिन आज दिनांक तक एस.डी.ओ. की पदस्थापना नहीं की गई जिससे कार्य प्रभावित हो रहे है पदस्थापना कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। विभाग में अधिकारियों की कमी होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में गेहूँ उत्पादन के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
53. ( क्र. 2019 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2012 से 2016 तक कुल कितने-कितने रकबे में किसानों द्वारा गेहूँ की फसल की बुआई की गई? (ख) प्रदेश में वर्ष 2012 से 2017 तक कितना-कितना गेहूँ का उत्पादन किसानों द्वारा किया गया वर्षवार जानकारी दी जाएं? (ग) प्रदेश में वर्ष 2012 से 2016 तक किसानों से कितना-कितना गेंहू की खरीदी की गई वर्षवार जानकारी दी जाएं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2012-13 में 56.13, 2013-14 में 59.76, 2014-15 में 60.02, 2015-16 में 59.11 एवं 2016-17 में 64.22 (अनुमानित) लाख हेक्टेयर में गेहूँ फसल की बुआई की गई। (ख) प्रदेश में वर्ष 2012-13 में 165.18, 2013-14 में 174.78, 2014-15 में 184.80, 2015-16 में 184.10 एवं 2016-17 में 210.06 (अनुमानित) लाख मीट्रिक टन गेहूँ फसल का उत्पादन किया गया। (ग) खाद्य विभाग द्वारा गेहूँ खरीदी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्याज खरीदी एवं भण्डारण
[सहकारिता]
54. ( क्र. 2095 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा जून-जुलाई-अगस्त-2016 के दौरान विपणन संघ के गोदामों में प्याज का भंडारण किया गया था? यदि हाँ, तो जिलेवार कितना प्याज भंडारण किया गया था? (ख) क्या गोदामों में भंडारित प्याज खराब होने की जानकारी सामने आई है? यदि हाँ, तो कुल खरीदी गई प्याज और खराब हुई प्याज का जिलावार ब्यौरा दें। (ग) क्या गोदामों में रखी खराब हुई प्याज को नष्ट करने के लिए विपणन संघ को प्याज की छंटाई में मजदूरी तथा परिवहन कार्य में खर्च करना पड़ा है? यदि हाँ, तो जिलावार खर्च का ब्यौरा दें। (घ) खरीदी हुई प्याज के भण्डारण में, रखरखाव में एवं परिवहन में कुल कितनी लागत राशि खर्च हुई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) विपणन संघ के गोदामों में नहीं अपितु शासन के निर्देशानुसार प्याज भण्डारण हेतु बनाई गई नोडल एजेंसी राज्य कृषि विपणन बोर्ड एवं म.प्र. स्टेट वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के गोदामों में प्याज का भण्डारण किया गया, भण्डारित प्याज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
सिंचाई तालाबों की लीज
[जल संसाधन]
55. ( क्र. 2096 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले में कितने सिंचाई तालाब मत्स्य पालन के लिए लीज पर दिये गये हैं? क्या तालाबों के कैचमेंट क्षेत्र में खेती किए जाने की भी अनुमति लीजधारक को दी जाती है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ख) जिले के कितने तालाबों के कैचमेंट क्षेत्र की शासकीय तालाब भूमि पर अवैध तौर पर खेती की जा रही है? तहसीलवार ब्यौरा दें? (ग) विगत एक वर्ष में प्रश्नांश (ख) अनुसार कितने मामलों में ग्रामीणों द्वारा जिला स्तर पर शिकायतें की गई हैं, जो कार्रवाई के लिए लंबित हैं? कितने मामलों में कार्रवाई की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) मत्स्य पालन के लिये सिंचाई तालाब लीज पर दिया जाना विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
तिलहन संयंत्र पचामा के संबंध में
[सहकारिता]
56. ( क्र. 2101 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तिलहन संयंत्र पचामा शासन द्वारा पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो बंद किए जाने का कारण क्या है? संयंत्र बंद होने से पूर्व वहां कितने लोग रोजगार प्राप्त कर रहे थे? (ख) क्या उक्त संयंत्र की संपत्ति सहकारी संघ के आधिपत्य में है? यदि हाँ, तो कुल संपत्ति का ब्यौरा यथाभूमि, भवन और मशीनरी का ब्यौरा दें? (ग) क्या उक्त संयंत्र को पुन: प्रारंभ किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो सरकार द्वारा इस किए जा रहे प्रयासों का ब्यौरा दें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। तिलहन संघ की वित्तीय स्थिति ठीक न होने के कारण। 117 (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। तिलहन संघ के परिसमापन में होने के कारण। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रचार-प्रसार कार्य हेतु आवंटित राशि
[जनसंपर्क]
57. ( क्र. 2148 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में जनसंपर्क विभाग में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में क्षेत्रीय प्रचार-प्रसार हेतु कितनी राशि आवंटित हुई है? (ख) क्या जनसंपर्क विभाग को प्रचार-प्रचार कार्य हेतु शासन के अन्य संबंधित विभागों से राशि आवंटित की जाती है? (ग) झाबुआ जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में आवंटित राशि में से किस-किस फर्म संस्थाओं को क्षेत्रीय प्रचार-प्रसार अंतर्गत कार्य दिया गया? उन फर्म संस्थाओं के नाम सहित बतावें। (घ) जनसंपर्क विभाग द्वारा झाबुआ जिले में शासन की योजनाओं की प्रदर्शनी कहाँ-कहाँ पर लगाई गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2013-14 रूपये 55200/- वर्ष 2014-15 रूपये 30000/- वर्ष 2015-16 रूपये 25000/- (ख) जी हाँ। (ग) झाबुआ जिले में अम्बिका टेण्ट हाउस झाबुआ, चैतन आर्ट झाबुआ, श्री ग्राफिक्स झाबुआ फर्म को काम दिया गया। (घ) कॉलेज ग्राउण्ड झाबुआ, उत्कृष्ट मैदान झाबुआ, राजवाड़ा चौक झाबुआ।
सड़क के लिये निजी भूमि का अर्जन
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 2163 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में बरेठा से घोड़ाडोंगरी मार्ग एवं बैतूल से आमला बोरदेही मार्ग के लिये किसानों की निजी भूमि का अर्जन नहीं किये जाने पर किसानों के द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता के अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 धारा 85 एवं 87 में क्या प्रावधान है? (ग) बरेठा से घोड़ाडोंगरी एवं बैतूल से आमला बोरदेही मार्ग में किस ग्राम के किस किसान के किस खसरा नंबर के कितने रकवे का अर्जन किए बिना ही लोक निर्माण विभाग ने सड़क का निर्माण किया वर्तमान में किस किसान के किस खसरा नंबर के कितने रकवे पर बिना अर्जन के सड़क का निर्माण किया जा रहा है? (घ) कब तक निजी भूमि के अर्जन का प्रकरण बनाकर प्रस्तुत कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। बैतूल जिले में बरेठा से घोड़ाडोंगरी मार्ग हेतु किसानों द्वारा स्वत्व से संबंधित भूमि के प्रतिकर की मांग की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार। (ग) निगम में हस्तांतरण के पूर्व बरेठा घोड़ाडोंगरी मार्ग के ग्राम पीपरी, रातामाटी एवं धाड़गांव की निजी भूमि पर पूर्व में मार्ग निर्मित था। कृषकवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार। वर्तमान में बिना अर्जन के मार्ग का निर्माण/उन्नयन नहीं किया जा रहा है। (घ) भू-अर्जन हेतु कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टोल टैक्स की वसूली
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 2164 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल से रानीपुर, सारनी, परासिया, छिन्दवाड़ा मार्ग के किलोमीटर 60 से 62 एवं 100 से 102 के बीच में टोल नाका स्थापित किये जाने का किस एजेंसी से किस दिनांक को किस-किस ने अनुबंध किया? इस अनुबंध में किस दिनांक को किस-किस ने क्या-क्या संशोधन किया, अनुबंध एवं संशोधित अनुबंध की प्रति सहित बतावें? (ख) मार्ग के किस किलोमीटर पर टोल नाके की स्थापना की अनुमति किस अधिकारी ने किस दिनांक को प्रदान की, इस नाके से गुजरने वाले वाहनों से वसूली की क्या दर निर्धारित की गई? इस नाके से 12 घंटे के अंदर आने जाने वाले वाहनों की एक ही रसीद नहीं दिए जाने का क्या कारण है? (ग) मार्ग के सही किलोमीटर पर टोल नाके स्थापना नहीं की जाकर गलत किलोमीटर पर टोल नाके की स्थापना पर वसूली किये जाने के संबंध में गत एक वर्ष में किस-किस की शिकायत एवं सूचना पत्र मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम भोपाल को प्राप्त हुआ है, उस पर निगम ने किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की? यदि कार्यवाही नहीं की हो तो उसका कारण बतावें? (घ) वर्तमान टोल नाके को बन्द कर नाका 60 से 62 किलोमीटर के बीच में स्थापित किये जाने के संबंध में शासन एवं निगम क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन बी.ओ.टी. (टोल + एन्यूटी) मार्ग के उन्नयन कार्य हेतु मेसर्स डी.बी.एल. बैतूल सारणी टोलवेज लि. भोपाल एवं म.प्र. सड़क विकास निगम के मध्य अनुबंध दिनांक 20/05/2013 को निष्पादित किया गया। अनुबंध पश्चात् कोई संशोधन नहीं किया गया है। निष्पादित अनुबंध पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- क अनुसार। कोई संशोधित अनुबंध संपादित नहीं किया गया। (ख) प्रश्नाधीन मार्ग के कि.मी. 31 + 050 में दिनांक 14/08/2014 को एवं कि.मी. 111 + 000 में दिनांक 15/03/2015 को टोल प्लाजा प्रारंभ करने की अनुमति विभाग द्वारा नियुक्त स्वतंत्र इंजीनियर द्वारा की गई। टोल वसूली की दरें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के-ख अनुसार। अनुबंध एवं अधिसूचना में प्रावधानित ना होने के कारण। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार। (घ) टोल नाका बंद करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक कृषि साख संस्थाओं के संबंध में
[सहकारिता]
60. ( क्र. 2194 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कौन-कौन सी प्राथमिक कृषि साख संस्थायें हैं विकासखण्डवार/ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ख) दतिया जिले की कौन-कौन सी प्राथमिक कृषि साख संस्था में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई? नियुक्ति की पुष्टि सहायक पंजीयक द्वारा की गई कर्मचारियों के नाम/पद/स्थान के साथ नियुक्ति दिनांक, आदेश व पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावें। (ग) उपरोक्त संस्थाओं में नियुक्ति के क्या नियम है? नियम की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे। क्या यहां नियुक्तियों में नियम का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो कौन-कौन दोषी है? (घ) क्या सहायक पंजीयक को नियुक्तियों की पुष्टि करने के अधिकार है? यदि नहीं, तो जाँच कराई जावें? यदि हाँ, तो नियम उपलब्ध कराया जावें। यदि नियम विरूद्ध पुष्टि की गई है तो पुष्टि करने वाले अधिकारी तथा कक्ष इंचार्जों के नाम अवगत कराये जावें। इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) नियुक्ति तथा पुष्टि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। आदेश तथा पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में नियुक्ति कर्मचारी सेवानियम के प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है। कर्मचारी सेवानियम में नियुक्ति संबंधी प्रावधान की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। जी नहीं। दोषी अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। अनियमित नियुक्ति की जानकारी संज्ञान में आने पर तत्काल निरस्त कर दी गई तथा वेतन के रूप में भुगतान की गई राशि के वसूली के निर्देश दिये गये। नियम विरूद्ध पुष्टि करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा बिना ब्याज दर पर ऋण देना
[सहकारिता]
61. ( क्र. 2210 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा किसानों को बिना ब्याज ऋण देने का नियम है? यदि हाँ, तो नियम की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक राजगढ़ द्वारा विगत तीन वर्षों में जिले में कितने किसानों को बिना ब्याज के कितनी-कितनी राशि का ऋण दिया गया है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
नरसिंहगढ़ विधान सभाओं के उद्यानिकों योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
62. ( क्र. 2211 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितने किसानों/हितग्राहियों को कितना-कितना कौन सा बीज, खाद्य तथा कितने पौधे किस प्रजाति के दिए गए तथा कौन-कौन से कृषि उपकरण एवं मशीने कितनी अनुदान राशि के साथ प्रदाय किए गए? जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित का वितरण सार्वजनिक रूप से किया गया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर किस-किस की उपस्थिति में किया गया?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
कृषकों को अनुदान का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
63. ( क्र. 2351 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 14-15 से प्रश्न दिनांक तक सीड्रल स्प्रिंकलर, पंप, थ्रेसर तथा कटिया मशीन पर विकासखण्डवार कितनी अनुदान की राशि व्यय की गई? (ख) कितने कृषकों को किन-किन तिथियों में कितना भुगतान किया गया? (ग) क्या छतरपुर में एक ही फर्म से सामान क्रय किया गया? (घ) ऐसी कौन-कौन सी दुकानें हैं जहां से सामग्री क्रय की गई और किन-किन अवधियों में भुगतान किया गया? नामवार विवरण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कृषकों द्वारा सीडड्रील, स्पिंकलर, पंप, थ्रेसर तथा कटिया मशीन सहकारी संस्थाओं जैसे एमपी एग्रो एवं म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ के माध्यम से उठाव कर केवल अंशदान राशि का उक्त संस्थाओं में जमा की गई है, इसलिये अनुदान राशि का भुगतान संबंधित सहकारी संस्थाओं को किया गया है। (ग) जी नहीं। छतरपुर जिलें में उपर्युक्त यंत्र केवल एमपी एग्रो एवं म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ से कृषकों के द्वारा चाहे गये मेक के अनुसार प्रदाय कराये गये है। (घ) सामग्री एमपी एग्रो एवं म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ से क्रय की गई है। अत: निजी दुकानों को भुगतान का प्रश्न ही नहीं उठता।
उद्यानिकी फसलों का प्रसंस्करण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
64. ( क्र. 2364 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में संपूर्ण जिले भर में उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे है? (ख) यदि हाँ, तो क्या अंगूर, स्ट्राबेरी, संतरे, आंवला, इसबगोल, सफेद मूसली, औषधि फसल सब्जियां बैर, अमरूद के साथ ही उन्नत लहसुन, प्याज इत्यादि के साथ ही विविध प्रकार की फसलें ली जा रही हैं? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्तानुसार फसल कार्यों के साथ ही क्या उद्यानिकी फसलों से संबंधित प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी कार्य किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो बताएं कि फसलें किन-किन विकासखण्डों में कितने कृषकों के खेतों पर एवं प्रसंस्करण के कार्य जिले में किन स्थानों पर किये जा रहे हैं? (घ) रतलाम जिले में वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं हेतु वर्षवार कितना बजट प्राप्त होकर कितना व्यय हुआ? कितने पाली हाउस एवं कितने प्याज भंडारण बनाए गये एवं कितनी सबसीडी दी गई?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) रतलाम जिले में उद्यानिकी संबंधी राज्य/केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं का क्रियान्वयन विभाग द्वारा तथा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निजी निवेशकों द्वारा कार्य किये जा रहे हैं। (ख) जी हाँ। (ग) उद्यानिकी फसलों से संबंधित प्रसंस्करण के क्षेत्र में निजी निवेशक द्वारा कार्य किये जा रहे हैं जिसकी स्थलवार जानकारी विभाग में संधारित नहीं है। विकासखण्डवार उद्यानिकी फसलों की खेती की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में 30 पॉली हाउस निर्माण में रूपये 265.23 लाख एवं 121 प्याज भण्डार गृह निर्माण में रूपये 211.75 लाख की सब्सीडी दी गई।
परियोजना संचालक आत्मा जिला होशंगाबाद को प्राप्त आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
65. ( क्र. 2388 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले अन्तर्गत परियोजना संचालक आत्मा को वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक किन-किन मदों में कितना-कितना आवंटन मदवार प्राप्त हुआ? (ख) कितने कृषकों को वर्ष 2015-16 में उन्नत कृषि यंत्र वितरित किये गये? विधानसभा क्षेत्रवार कृषक संख्यावार व कृषि यंत्रवार जानकारी देवें तथा प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार पर कितना व्यय हुआ तथा किस-किस क्षेत्र में किस-किस दिनांक को प्रशिक्षण शिविर लगाये गये? (ग) कंडिका (क) में वर्णित मदों में जो राशि प्राप्त हुयी इसके व्यय का समस्त ब्यौरा मद वार, कार्यवार एवं हितग्राही संख्यावार देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2015 में उन्नत कृषि यंत्र वितरित नहीं किये गये हैं। प्रशिक्षण में कुल 4.48 लाख रू. एवं प्रचार प्रसार में वर्ष 2015-16 में कुल राशि 2.10 लाख रू व्यय किया गया। किस-किस क्षेत्र में किस-किस दिनांक को प्रशिक्षण शिविर लगाये गये की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
नहरों के रखरखाव में व्यय राशि
[जल संसाधन]
66. ( क्र. 2430 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील क्षेत्रांतर्गत जल उपभोक्ता संस्था बुड़वा माइनर नंबर १६०१२, रमपुरवा माइनर नंबर २० तथा जनकपुर माइनर नंबर १९ को नहरों के रख-रखाव हेतु शासन द्वारा राशि आवंटित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित संस्थाओं को वर्ष २०१४-१५ से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक संस्था को प्रत्येक वर्ष कितनी राशि प्रदाय की गई है और उक्त राशि से क्या कार्य कराये गये हैं। व्यय राशि की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग अंतर्गत प्रस्तावित कार्य
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 2459 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है? कार्यों के नाम, लागत, स्वीकृत दिनांक, ठेकेदार का नाम सहित जानकारी जनपद वार उपलब्ध करावें? (ख) क्या वर्ष 2015-16 में नवीन स्वीकृति हेतु कार्य प्रस्तावित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कार्यों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) विधानसभा स्तर पर मार्गों के प्रस्तावित किये जाने के दौरान क्षेत्रीय विधायक को कार्य योजना में कार्य सम्मिलित करने हेतु विभाग द्वारा सूचना दी जानी चाहिए? यदि हाँ, तो उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में कब कार्ययोजना तैयार की गई है तथा क्षेत्रीय विधायक को कौन से पत्र के माध्यम से कार्य का प्रस्ताव भेजने हेतु सूचना पत्र जारी किया गया? पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? यदि पूर्व में सूचना नहीं दी गई तो क्या कारण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, अ-1 एवं अ-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब, ब-1 अनुसार है। (ग) विभाग में ऐसा कोई नियम नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नागदा से गुजरी तक रोड निर्माण में सामाग्री का उपयोग
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 2478 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नागदा से गुजरी तक बन रहे सीमेंटेड रोड के निर्माण में कितनी मात्रा में गिट्टी, मुरम, रेत, सीमेंट व लोहा, आदि सामाग्री का उपयोग होना निर्धारित है? अब तक कौन-कौन सी सामाग्री का कितनी मात्रा में उपयोग कर लिया गया है व उस पर कितनी राशि व्यय की गई है, सामाग्रीवार व्यय राशि का विवरण देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : प्रश्नांश में उल्लेखित सामग्री की मात्रा का अलग से निर्धारण अनुबंध में उपयोग हेतु प्रावधानित नहीं है। कार्य ई.पी.सी. मोड के अंतर्गत किया जा रहा है अत: यह बताना संभव नहीं है कि कौन-कौन सी सामग्री का कितनी मात्रा में उपयोग किया गया है। सामग्रीवार व्यय राशि का विवरण देना संभव नहीं। कार्य पर दिनांक 31.12.2016 तक रू. 89.487 करोड़ का व्यय किया जा चुका है।
विधानसभा क्षेत्र दिमनी में नवीन रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 2554 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार मौखिक लिखित व विधानसभा सत्रों के माध्यम से काजी बसई से नगरा रोड जो कई वर्षों से पूर्णरूपेण क्षतिग्रस्त होकर चलने योग्य नहीं है। कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है, से अवगत कराया है। (ख) यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस रोड के निर्माण हेतु अभी तक क्या कार्यवाही हुई, नहीं तो कारण बतावें व कब तक इस रोड को पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मार्ग आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है, किन्तु यातायात सुचारू रूप से जारी है। (ख) वार्षिक बजट वर्ष 2016-17 में सम्मिलित नहीं होने से एवं सीमित वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के कारण कार्यवाही संभव नहीं।
गोपी से मनफूल का पुरा, हनुमानपुरा, चिनौतिया पुरा तक रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 2555 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिलान्तर्गत गोपी से मनफूल का पुरा, हनुमानपुरा, चिनौतियापुरा तक की रोड लगभग 02 वर्ष पूर्व स्वीकृत हैं परन्तु कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रोड निर्माण का कार्य क्यों नहीं कराया जा रहा है। इसके क्या कारण हैं कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है व रोड निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा व संबंधित दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनहींनता की कब तक कार्यवाही की जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं है। अपितु ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत है प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘क’ अनुसार।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण का कृषि आय वृद्धि योगदान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
71. ( क्र. 2571 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि को लाभ का धंधा बनाने में उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग का क्या योगदान होकर सहायता प्रदान करने की क्या-क्या योजना/कार्यक्रम है, की जानकारी योजना की प्रति सहित दी जावे व उनके संचालन की क्या प्रक्रिया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत 03 वर्षों में संबंधित विभाग को मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितनी राशि का आवंटन दिया गया? (ग) उपरोक्त आवंटन राशि में से जिला शिवपुरी को कितनी राशि प्राप्त हुई और उसमें से विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा में कृषि की आय में वृद्धि हेतु क्या-क्या गतिविधियाँ की गई?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) विभाग द्वारा उन्नत तकनीक का उपयोग करते हुए उद्यानिकी फसलों के उत्पादन, फसलोत्तर प्रबंधन, विपणन एवं खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने हेतु अनुदान/वित्तीय सहायता दी जाती है जिससे कृषकों की आय में वृद्धि हो। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यक्रमों की जानकारी जिसमें संचालन की प्रक्रिया उल्लेखित है, की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) शिवपुरी जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र करेरा से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
कृषि आय वृद्धि में सहकारिता विभाग का योगदान
[सहकारिता]
72. ( क्र. 2572 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि को लाभ का धंधा बनाने में सहकारिता विभाग का क्या योगदान होकर सहायता प्रदान करने की क्या-क्या योजना/कार्यक्रम हैं, की जानकारी योजना की प्रति सहित दी जावे व उनके संचालन की क्या प्रक्रिया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विगत 03 वर्षों में संबंधित विभाग को मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितनी राशि का आवंटन दिया गया? (ग) उपरोक्त आवंटन राशि में से जिला शिवपुरी को कितनी राशि प्राप्त हुई और उसमें से विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा में कृषि की आय में वृद्धि हेतु विगत 3 वर्षों में क्या-क्या गतिविधियाँ की गई। विस्तार से बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सहकारिता विभाग से कृषि को लाभ का धंधा बनाने हेतु कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि कृषि ऋण, प्राकृतिक आपदा की स्थिति में अल्पावधि कृषि ऋण से परिवर्तित मध्यावधि ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर तथा मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना में अल्पावधि कृषि ऋण में वस्तु भाग का 10 प्रतिशत अधिकतम रूपये 10 हजार अनुदान के रूप में उपलब्ध कराये जाने की योजनाएं संचालित है। योजनाओं के संबंध में जारी निर्देशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उक्त तीनों योजनाओं में प्रथमतः प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के स्तर से कृषकों को लाभान्वित किया जाता है, तत्पश्चात संस्थाओं द्वारा शासन को क्लेम प्रस्तुत किये जाते है जिसके आधार पर राशि उपलब्ध कराई जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
जल संसाधन विभाग का कृषि आय में वृद्धि में योगदान
[जल संसाधन]
73. ( क्र. 2573 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि को लाभ का धंधा बनाने में जल संसाधन विभाग का क्या योगदान होकर सहायता प्रदान करने की क्या-क्या योजना/कार्यक्रम है, की जानकारी योजना सहित दी जावें व उनके संचालन की क्या प्रक्रिया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत 03 वर्षों में संबंधित विभाग को मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितनी राशि का आवंटन दिया गया? (ग) उपरोक्त आवंटन राशि में से जिला शिवपुरी को कितनी राशि प्राप्त हुई और उसमें से विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा में कृषि का आय में वृद्धि हेतु विगत 3 वर्षों में क्या-क्या गतिविधियाँ की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) कृषि को लाभ का धंधा बनाने हेतु विभाग में कोई पृथक योजना नहीं है। जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित परियोजनाओं द्वारा कृषि हेतु सिंचाई के लिए जल प्रदाय किया जाता है। विगत 03 वर्षों में विभागीय मद में आवंटित राशि, विभागीय योजनाओं हेतु शिवपुरी जिले को आवंटित राशि एवं विधान सभा क्षेत्र करैरा में विगत 03 वर्षों में विभागीय गतिविधियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बायपास निर्माण
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 2593 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोटेगांव में बायपास निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो यह कब प्रारंभ किया गया? इसकी लागत कितनी है? (ग) इसके निर्माण की समय-सीमा क्या है वर्तमान में निर्माण की क्या स्थिति है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
समयमान वेतनमान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
75. ( क्र. 2638 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दस, बीस एवं तीस वर्ष पूर्ण करने पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान दिये जाने का नियम है? यदि हाँ, तो नियम निर्देशों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उक्त नियमों के पालन में भिण्ड जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के कितने अधिकारियों/कर्मचारियों के समयमान वेतनमान के प्रस्ताव प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत प्राप्त प्रस्तावों में से कितने अधिकारी कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिया गया और कितनों को नहीं? नामवार पृथक-पृथक जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत समयमान वेतनमान नहीं दिये जाने का क्या कारण रहा? क्या विभाग समय पर समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने के लिए दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) गोपनीय प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने, विभागीय जाँच लंबित रहने एवं दण्ड प्रभावशील होने से कर्मचारियों को समयमान वेतनमान स्वीकृति हेतु पात्र नहीं पाये गये है। अत: दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम बेलगांव में तालाब निर्माण
[जल संसाधन]
76. ( क्र. 2681 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2010-11 में सिंगरौली जिले के विकासखंड देवसर के अंतर्गत ग्राम पंचायत जोवा के ग्राम बेलगांव में सिचाई विभाग द्वारा पिपलानी नाला में तालाब का निर्माण कराया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त तालाब के निर्माण हेतु कितनी लागत का प्राक्कलन बनाया गया था, क्या उक्त कराए गए कार्य की मूल्यांकन के आधार पर राशि आहरित की गई है या फर्जी मस्टररोल व बिल तैयार कर संबंधित विभाग के उपयंत्री/एस.डी.ओ.द्वारा राशि आहरित कर ली गई है, यदि हाँ, तो कितनी राशि आहरित की गई है? (ग) क्या संबंधित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से तालाब निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं कराया गया? क्या इस फर्जीवाड़े में सम्मिलित दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध उच्च स्तरीय जाँच कराकर भौतिक सत्यापन कराते हुए फर्जी तरीके से निकाली गई राशि गबन करने वालों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए राशि वसूली की कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) रूपये 35.70 लाख। जी हाँ, किए गए कार्य के मूल्यांकन के आधार पर रू.15.19 लाख की राशि आहरित की गई थी। (ग) जी नहीं। कार्यस्थल के समीप स्थापित जे.पी. पावर प्लांट के श्रमिकों के जाने के कारण कार्यस्थल पर श्रमिकों के अभाव के फलस्वरूप निर्माण कार्य अधूरा रहा। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
धान खरीदी केन्द्र महुआगाँव के समिति सेवक द्वारा किसानों से अवैध वसूली
[सहकारिता]
77. ( क्र. 2692 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के विकासखंड देवसर अंतर्गत धान खरीदी केन्द्र महुआगाँव के समिति सेवक द्वारा प्रति किसानों से दो रुपये प्रति बोरी के हिसाब से नगद लिया जाता है? (ख) क्या शासन द्वारा यह प्रावधान है कि बोरी सिलाई एवं तौलाई का पैसा शासन द्वारा दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संबंधित समिति सेवक द्वारा किसानों से नाजायज तरीके से ली जा रही राशि के आरोप में तथा प्रति किसानों से 50 पैसे प्रति किलो के हिसाब से काट कर चेक दिए जाने की जाँच क्या उच्च अधिकारियों से कराकर दोषी समिति सेवक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। (ख) शासन/म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमि. के निर्देशानुसार निर्धारित स्वीकृति दर पर प्रासंगिक व्यय का भुगतान खरीदी केंद्र को किया जाता है। (ग) प्रश्नांश 'क' अंतर्गत जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या. सीधी द्वारा जाँच कराई गई, जाँच प्रतिवेदन अनुसार शिकायत निराधार पाई गई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भवनों की मरम्मत/रंगाई पुताई एवं अन्य मेन्टेनेन्स कार्य
[लोक निर्माण]
78. ( क्र. 2712 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ के विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत कितने शासकीय भवन निर्मित हैं? उक्त भवनों की भौतिक स्थिति प्रश्न दिनांक तक क्या है? भवनों की मरम्मत/ रंगाई पुताई एवं अन्य मेन्टेनेन्स कार्य हेतु वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई वर्षवार आवंटित राशि के ब्यौरे देवें? (ख) प्रश्नांश “क” अनुसार आवंटित राशि से कितनी-कितनी राशि से कितने भवनों के मेन्टेनेंस/रंगाई पुताई के कार्य करायें गये? कार्यवार राशि के ब्यौरे देवें? (ग) प्रश्नांश “क” अनुसार भवनों की मरम्मत/रंगाई पुताई एवं अन्य मेन्टेनेन्स कार्य वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक किन-किन ठेकेदारों द्वारा करवाया गया? कार्यवार, ठेकेदार का नाम मय सूची सहित उपलब्ध करावें? (घ) यदि शासकीय भवनों की मरम्मत, रंगाई पुताई हेतु आवंटन प्रदान नहीं किया गया तो उक्त कार्यों हेतु राशि कब तक प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पत्रकार बीमा योजना के संबंध में
[जनसंपर्क]
79. ( क्र. 2732 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न क्रमांक 3042 उत्तर दिनांक 03 मार्च 2016 के उत्तरांश ‘‘ग‘‘ अनुसार गैर अधिमान्यता प्राप्त ऐसे पत्रकार भी पत्रकार बीमा योजना हेतु पात्र हैं जिनके वेतन से टी.डी.एस. की कटौत्री होती हैं? आगर जिला अंतर्गत उक्तानुसार पत्रकारों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) आगर जिला अंतर्गत पत्रकार बीमा योजना के संबंध में प्रचार प्रसार हेतु जिला जनसम्पर्क कार्यालय से क्या-क्या कार्यवाही/गतिविधि की गई वर्ष 2011 से वर्तमान तक की गई गतिविधि की पूर्ण जानकारी देवें? (ग) आगर जिला अंतर्गत किन-किन पत्रकारों को अधिमान्यता प्राप्त हैं? कृपया सूची उपलब्ध करावें? (घ) आगर जिला अंतर्गत किन-किन पत्रकारों को जिला जनसम्पर्क कार्यालय द्वारा पहचान पत्र जारी किये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें? अधिमान्यता हेतु किन-किन पत्रकारों ने आवेदन दिए हैं या मांग की हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) योजना के संबंध में जनसंपर्क विभाग के आदेश दिनांक 20 जून, 2015 से दिशा-निर्देश जारी हुए हैं। प्रदेश के प्रमुख समाचार-पत्रों में बीमा योजना के विज्ञापन समय-समय पर प्रकाशित कराये गये हैं। मध्यप्रदेश शासन की योजनाओं की पुस्तक "आगे आएँ लाभ उठाएं" मध्यप्रदेश संदेश पत्रकारगणों को वितरित की गई है, जिसमें पत्रकार बीमा योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा पत्रकारों को पहचान-पत्र जारी नहीं किया जाता है। अधिमान्यता हेतु ऑनलाईन आवेदन करने की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में नवीन अधिमान्यता हेतु ऑनलाईन आवेदन करने वाले पत्रकारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
संचालक को पद से अलग किया जाना
[सहकारिता]
80. ( क्र. 2737 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित सालेटेकरी के संचालक मण्डल द्वारा उपरजिस्ट्रार सहकारिता के आदेशानुसार समिति के सदस्य एवं संचालक श्री बालचन्द मेश्राम की सदस्यता से हटाने संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो किस आदेशानुसार प्रस्ताव पारित किया गया, पारित प्रस्ताव की प्रति, संचालक मण्डल की बैठक आहूत करने के सूचना पत्र की प्रति, समिति की पंजीकृत उपविधि की प्रमाणित प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या म.प्र. सहकारिता अधिनियम एवं नियम के अनुसार पीड़ित सदस्य को बिना सुनवाई का अवसर प्रदान किये सदस्यता समाप्त करना वैधानिक है या नहीं? (घ) यदि वैधानिक नहीं है तो क्या सदस्य की सदस्यता वर्तमान में बरकरार रहेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यालय उप रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं जिला बालाघाट के आदेश क्रमांक/उपबा/विधि/2016/1520 दिनांक 14.10.2016 अनुसार, पारित प्रस्ताव की प्रति, संचालक मंडल की बैठक आहूत करने की सूचना पत्र की प्रति तथा समिति की पंजीकृत उपविधि की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 पर है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं, सहकारी अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत पीड़ित सदस्य सक्षम न्यायालय से अनुतोष प्राप्त कर सकता है।
निविदा में स्वीकृत दर
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 2738 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के निर्माण कार्यों की निविदा में S.O.R. से कम अनवर्केबल दर आने पर अतिरिक्त परफार्मेन्स गारन्टी 5% की राशि ली जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तिय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनाँक तक मंडला जिले में कौन-कौन से निर्माण कार्य विभाग या शासन स्तर पर अनवर्केबल दर के स्वीकृत किये गये, कौन-कौन से कार्य समयावधि में पूर्ण किया गया, कौन-कौन से कार्यों में अतिरिक्त परफार्मेन्स गारन्टी की राशि निविदाकार से कितनी-कितनी काटी गई बतावें? (ग) क्या निर्माण कार्यों की निविदा दरें स्वीकृत करते समय मजदूरी दर, सामग्री का बाजार मूल्य के आंकलन के आधार पर किया जाता है? या अन्य कोई आधार पर स्वीकृत किया जाता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ अनुसार है। (ग) प्रचलित दर एवं निर्माण स्थल की भौगोलिक स्थिति एवं स्थल की आसपास सामग्री उपलब्धता के आधार पर।
अनुदान योजनाओं का क्रियान्वन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
82. ( क्र. 2741 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 में अनुदान योजनान्तर्गत कितना बजट प्राप्त हुआ था? इसके विरूद्ध कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? (ख) विगत दो वित्तीय वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत अनुदान योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या योजनावार उपलब्ध करावें? (ग) कृषकों को सोलर ऊर्जा पम्प उपलब्ध कराने हेतु क्या योजना है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत योजना क्रियान्वन हेतु क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-। अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कृषकों को सोलर ऊर्जा पम्प उपलब्ध कराने संबंधी किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की कोई योजना स्वीकृत नहीं है। (घ) शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पौधे की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये व्यवस्था
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
83. ( क्र. 2782 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेशनल हॉर्टिकल्चर अन्तर्गत कृषकों को पौधे उपलब्ध कराने के लिये विभाग में क्या व्यवस्था की गई? कृषकों को उपलब्ध कराये गये पौधे की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये क्या मानक बनाये गये? (ख) क्या जिन कृषकों ने ग्रेडेड नर्सरी से पौधे खरीदे हैं उन्हें ही अनुदान दिया जा रहा है अथवा कहीं से भी पौधे क्रय करने पर अनुदान दिया जा रहा है? स्थिति स्पष्ट करें? (ग) ग्रेडेड नर्सरी से ही पौधे क्रय किये जाने की बाध्यता क्यों नहीं लागू की गई? क्या नॉन ग्रेडेड नर्सरी से पौधे क्रय किये जाने में हो रही अनियमितता की विभाग जाँच करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) एकीकृत बागवानी विकास मिशन अंतर्गत विभाग की शासकीय रोपणियों, कृषि विश्वविद्यालय की रोपणियों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों की रोपणियों एवं प्रक्षेत्रों से विभाग द्वारा पौधे प्रदाय करने की व्यवस्था है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर की निजी मॉडल रोपणियों से कृषक द्वारा स्वयं पौधा क्रय करने तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त टिश्यूकल्चर प्रयोगशालाओं से टिश्यूकल्चर पौधे कृषक द्वारा स्वयं क्रय करने की व्यवस्था है। पौधों की गुणवत्ता मानक संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश-क की व्यवस्था अनुसार पौधा क्रय करने पर ही अनुदान की पात्रता है। (ग) उत्तरांश-क अनुसार व्यवस्था से पौधे प्राप्त करने की बाध्यता लागू है। प्रश्नांश के शेष भाग के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: अनियमितता जाँच करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं है।
मशीनरी का सुधार कार्य
[जल संसाधन]
84. ( क्र. 2812 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत यांत्रिकी लाईट मशीनरी, नलकूप एवं गेट उपसंभाग क्र. 1 व 2 जबलपुर को किन-किन योजना मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी व्यय हुई? किन-किन योजना मद की स्वीकृत राशि से कितनी अधिक राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई एवं क्यों? इसकी स्वीकृति कब किससे ली गई वर्ष 2013-2014 से 2016-2017 तक की जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में मशीनरी के सुधार, मरम्मत व पार्टस आदि की खरीदी पर कितनी राशि व्यय हुई? पी.ओ.एल. पर कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन मशीनरी, ट्रैक्टर आदि के लिए कौन-कौन से पार्टस उपकरण आदि कब-कब, कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी राशि के क्रय किये गये? इसका सत्यापन कब किसने किया? (घ) प्रश्नांश (क) में कितनी-कितनी मात्रा में पी.एल.ओ. किस दर पर कितनी-कितनी राशि का कब-कब, कहाँ-कहाँ से किसने क्रय किया है? इसका भण्डारण कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी मात्रा में किया गया? इसकी जाँच कब किसने की है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विद्युत/यांत्रिक लाईट मशीनरी एवं गेट उपसंभाग क्रमांक-1, जबलपुर का वर्तमान में नाम परिवर्तित होकर लाईट मशीनरी एवं वि./यां. उपसंभाग शाहपुरा, जिला डिण्डौरी तथा वि./यां. लाईट मशीनरी नलकूप एवं गेट उपसंभाग क्रमांक-2 जबलपुर का वर्तमान में नाम लाईट मशीनरी एवं वि./यां. उपसंभाग जबलपुर हो गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
कृषि यंत्रों व सिंचाई के संसाधनों पर अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 2813 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग जबलपुर द्वारा राज्य व केन्द्र प्रवर्तित किन-किन हितग्राही मूलक संचालित योजनाओं में पंजीकृत एवं स्वीकृत कितने-कितने प्रकरणों में अनुदान की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया तथा कितने प्रकरणों में अनुदान की कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक कि जिले की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन योजनान्तर्गत कितने-कितने हितग्राही कृषकों को कितनी राशि के कृषि यंत्र सिंचाई के संसाधन प्रदाय किये गये? । (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन योजनान्तर्गत किन-किन एजेन्सियों/फर्मों आदि से किस दर पर कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कृषि यंत्र उपकरण,सिंचाई के उपकरण का क्रय किया गया एवं इन्हें कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जबलपुर जिले में प्रश्नावधि में राज्य व केन्द्र प्रवर्तित हितग्राही मूलक योजनायें क्रमशः राष्ट्रीय तिलहन मिशन.आर.के.व्ही. वाय राष्ट्रीय खाघ सुरक्षा मिशन,एस.एम.ए,एम, राज्य माइक्रोइरीगेशन मिशन आदि योजनाओं में कृषकों के 2581 प्रकरण पंजीकृत हुए है। चूंकि ऑनलाईन पंजीयन की कोई सीमा निर्धारित नहीं होती तथा योजनाओं के लक्ष्यानुसार ही चयनित सूची के अनुसार स्वीकृति प्रदान की जाती है। 855 प्रकरण स्वीकृत किये गये है। स्वीकृत सभी प्रकरणों पर राशि रूपये 163.94 लाख का भुगतान किया गया है। आज की स्थिति में किसी भी प्रकरण में अनुदान देना शेष नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में प्रश्नावधि में हितग्राहियों को कृषि यंत्र सिंचाई संसाधन की योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में मध्यप्रदेश शासन द्वारा अधिकृत संस्थायें एम.पी.एग्रो/डी.एम.ओ. को ऑनलाइन पंजीयन के आधार चयनित (भोपाल स्तर से) कृषकों के प्रकरण स्वीकृत कर प्रदाय आदेश दिये गये है। किसी पंजीकृत निजी विक्रेता एजेंसी को कृषि यंत्र सिचाई उपकरण का प्रदाय आदेश नहीं दिया गया है और न ही भुगतान किया गया है।
इंजीनियरिंग कालेज नौगाँव का भवन निर्माण
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 2868 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नौगाँव जिला छतरपुर में निर्माणाधीन शासकीय इंजीनियरिंग कालेज के भवन की प्रश्न दिनांक तक क्या स्थिति है? कुल कितनी राशि स्वीकृत है? कितनी आवंटित है? (ख) उक्त निर्माणाधीन भवन का कार्य संपादित करने वाली कौन सी फर्म है? कार्यादेश अनुसार कब तक कार्य पूर्ण होना है? (ग) विभाग द्वारा कब तक यह भवन शासकीय इंजीनियरिंग कालेज संस्थान को सौंप दिया जावेगा? (घ) यदि समयावधि में भवन इंजीनियरिंग कालेज को नहीं दिया तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भवन का निर्माण फिनिशिंग पर। रू. 20.43 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति है। वर्ष 2015-16 में रू. 330.00 लाख एवं 2016-17 में रू. 1800.00 लाख ग्लोबल मद (47-6215) में प्राप्त हुये है, जिसमें नौगांव इंजीनियरिंग कालेज के अतिरिक्त अन्य कार्य भी सम्मिलित है। (ख) मेसर्स लक्ष्मी चंद एण्ड कंपनी ग्वालियर दिनांक 08.01.2017 तक। (ग) दिनांक 14.08.2017 तक संभावित। (घ) गुणदोष के आधार पर जिम्मेदारी तय की जावेगी।
शामगढ़ सुवासरा चम्बल सूक्ष्म सिंचाई योजना की राशि की स्वीकृति
[जल संसाधन]
87. ( क्र. 2878 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा सिंचाई का रकबा बढ़ाने हेतु सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 1 वर्ष में कौन-कौन से कार्य किये गये हैं? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में चम्बल सूक्ष्म सिंचाई योजना जिसकी विभाग द्वारा 920.61 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार है, को वर्तमान बजट सत्र की वित्तीय स्वीकृति सूची में सम्मिलित किया गया है या नहीं? (ग) क्या सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में चम्बल नदी के दूसरे छोर सीतामऊ कयामपुर सूक्ष्म सिंचाई योजना का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है या नहीं? (घ) सीतामऊ कयामपुर सूक्ष्म सिंचाई योजना की डी.पी.आर. कब तक तैयार कर ली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) नागखजुरी (मेरियाखेड़ी) सॉलिडवियर एवं बाकली तालाब परियोजनाओं का निर्माण कार्य किया गया। (ख) से (घ) जी नहीं। जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गरीब किसानों की मृत्यु पर अन्त्येष्टी हेतु प्रदाय राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
88. ( क्र. 2879 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा किसानों के व्यक्तिगत बीमे हेतु क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) किसानों द्वारा उपरोक्त योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु नियम की जानकारी देवें। (ग) गरीब किसानों की मृत्यु होने पर अन्त्येष्टी करने हेतु कितनी राशि किस विभाग से प्राप्त होती है? उक्त योजना का लाभ अन्त्येष्टी के पहले ही प्राप्त होता है या बाद में भी प्राप्त हो सकता है? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में गरीब किसानों की मृत्यु होने पर अन्त्येष्टी हेतु दिलाई गई कुल राशि की जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विभाग में इस प्रकार की योजना संचालित नहीं है। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) "मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना 2008'' के परिपत्र क्रमांक 3678 दिनांक 27-09-2008 के कंडिका 4 अनुसार अन्त्येष्टि सहायता राशि 2000 (दो हजार मात्र) का प्रावधान है। जिसका कलेक्टर द्वारा स्वीकृति उपरांत भुगतान किया जाता है। (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मंदसौर जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 (जनवरी 2017 तक) अन्त्येष्टि हेतु आर्थिक सहायता राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
खाद्य प्रसंस्करण उ़द्योग
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
89. ( क्र. 2881 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2016 में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापना में निवेश के कितने करार किस उद्योगपति ने कहाँ-कहाँ उद्योग स्थापना हेतु किये? राशि वार ब्यौरा दें। (ख) संतरा, धनिया, लहसुन जामफल, सीताफल उत्पाद में अग्रणी गरोठ मन्दसौर, नीमच, रतलाम आदि में उक्त खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापना दिशा में सरकार का सकारात्मक पहलू क्या है? (ग) क्या मन्दसौर, नीमच व रतलाम जिले में इस प्रकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित होंगे? यदि हाँ, तो कब तक एवं नहीं तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2016 में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के 82 निवेशकों ने इच्छा की अभिव्यक्ति व्यक्त की है, जिनमें 70 प्रस्तावों को स्वीकार किया गया है। प्रश्न दिनांक तक उद्योगपतियों द्वारा निवेश के करार नहीं किये गये है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहित करने हेतु शासन द्वारा विशिष्ट वित्तीय सहायताएं स्वीकृत की हैं जिसका लाभ निजी निवेशक ले सकते हैं। (ग) खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना निजी निवेशक द्वारा की जाती है, जिसके लिए ऑन-लाईन प्रस्ताव आमंत्रित किये गये हैं, प्रश्नाधीन जिलों/फसलों हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए हैं।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
90. ( क्र. 2890 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग जिला मंदसौर में विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है वर्ष 2016-17 में कुल कितने किसानों ने क्षेत्र अन्तर्गत पंजीयन कराया किन-किन योजना का लाभ किसानों को मिला कितने किसान वंचित रह गये कुल कितना बजट उक्त कार्यों हेतु स्वीकृत किया गया था? (ख) वर्ष 2016-2017 में कुल कितनी क्िवंटल बीज गेहूँ, चना, सरसों, सोयाबीन एवं अन्य प्रकार का प्राप्त हुआ एवं कितने किसानों को वितरण किया गया? कितना क्विंटल बीज वितरण से शेष बचा तथा किस कारण वितरण नहीं हो पाया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंदसौर जिले में संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2016-17 में पंजीकृत, लाभान्वित एवं शेष किसानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्ष 2016-17 में 689.54956 लाख रूपये का बजट स्वीकृत किया गया है। (ख) कुल 75962 क्विंटल बीज प्राप्त हुआ। जिसका कृषकों को विभिन्न योजना अन्तर्गत वितरण कराया गया। कोई भी बीज शेष नहीं बचा है। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता।
किसान मित्रों को प्रशिक्षण एवं लाभान्वित हितग्राही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
91. ( क्र. 2901 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले की टिमरनी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत टिमरनी, रहटगांव, सिराली, तहसील में कितने किसानों एवं किसान मित्रों को किस-किस योजनान्तर्गत विगत 3 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने हितग्राही सामान्य वर्ग व कितने हितग्राही आरक्षित वर्ग के लाभांवित हुए? (ग) प्रश्नांश (ख) सन्दर्भ में प्रशिक्षण कार्यक्रम कब-कब, कहाँ-कहाँ पर आयोजित कराये गये, प्रशिक्षण कार्यक्रम में कितनी राशि व्यय की गई? (घ) क्या विभाग द्वारा रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम में सहयोग प्रदान किया गया,विगत 3 वर्षों में रोजगारोन्मुखी सहयोग कार्यक्रम से कितने हितग्राही लाभान्वित हुए?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक हरदा जिले के टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में वर्गवार योजनावार आयोजित प्रशिक्षण एवं लाभान्वित प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (घ) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा कृषि को लाभ का धन्धा बनाने की दिशा में कार्य किया जाता है तथा कृषि को रोजगारोन्मुखी बनाने की दिशा में कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
सेमलिया मनसाया बडबेली मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 2968 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेमलिया मनसाया बडबेली मार्ग निर्माण में सेमलिया गाँव तथा भेसायागढा में सड़क निर्माण का कार्य शेष रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? शेष रहे कार्य कों नियम अनुसार कितने वर्ष में पूर्ण कर देना चाहिए था? (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित सड़क निर्माण के बाद कब-कब मरम्मत का कार्य किया गया, उस पर कितना खर्च किया गया वर्षवार जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से लेनदेन में शुल्क कटौती
[सहकारिता]
93. ( क्र. 2969 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों द्वारा दुग्ध प्रदायकों को भुगतान उनके बचत खाते में NEFT/RTGS द्वारा करने पर क्या जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से कोई शुल्क काटा जा रहा है? यदि हाँ, तो कितना? (ख) क्या प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित संस्थाओं से NEFT/RTGS का शुल्क नहीं लेने की घोषणा माननीय मंत्री महोदय द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाजापुर को दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से शुल्क नहीं लेने के आदेश कब जारी किये गए? (ग) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित संस्थाओं को यदि ट्रांजेक्शन शुल्क में छूट नहीं दी गई तो शासन की मंशा के अनुरूप केस-लेस ट्रांजेक्शन कैसे हो सकेगा? क्या दुग्ध सहकारी समितियों को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से लेनदेन करने पर ट्रांजेक्शन शुल्क में छूट प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो आदेश कब तक जारी किये जायेंगे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भुगतान में कटोत्रा संबंधी नियमावली
[जल संसाधन]
94. ( क्र. 3001 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में विभाग अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कितने निर्माण कार्य किन-किन स्थानों पर कितनी राशि के स्वीकृत हुए, इनमें से कितने पूर्ण, कितने अपूर्ण तथा कितने स्वीकृति पश्चात् भी अप्रारंभ हैं। वर्तमान में कितने कार्य तय समय-सीमा के बाद भी अधूरे हैं। कार्यवार व्यय राशि, पूर्णता दिनांक तथा पूर्णता कार्य प्रतिशत की सूची देवें। इन कार्यों से संबंधित कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई तथा कितनी निराकृत हुई? शिकायतकर्ता के नाम सहित कार्यवार सूची देवें। (ख) उक्त कार्यों के भुगतान में टीडीएस, श्रम विभाग संबंधी, पेनल्टी, खनिज रायल्टी संबंधी आदि कितने प्रकार की कटौती की गई? कार्यवार कटौती राशि सहित सूची देवें। कटोत्रा संबंधी नियमावली देवें। (ग) उक्त कार्यों संबंधी सुरक्षा निधि, बैंक ग्यारंटी राशि कंपनी के नाम सहित कार्यवार सूची देवें। इन निधियों की कंपनी को वापसी संबंधी शर्तों की संक्षिप्त जानकारी देवें। (घ) उक्त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? किन कार्यों की मेंटेनेंस संबंधी कार्य किसके द्वारा किया जा रहा हैं? कौन-कौन से कार्य निर्माणकर्ता कंपनी के पास वारंटी अवधि में है, कार्यवार सूची देवें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विगत 05 वर्षों में 47 कार्य विभिन्न स्थानों पर रू.14,783.65 लाख स्वीकृत हुए, उनमें 36 पूर्ण, 09 अपूर्ण एवं 02 अप्रारंभ है। 07 कार्य अधूरे है। 21 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें से 16 निराकृत की गई, 05 शिकायतों में जाँच चल रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। कार्य पूर्ण होने के एक वर्ष पश्चात् सुरक्षा निधि लौटाई जाती है। ऐसे अनुबंधों में जिनमें केवल निर्माण कार्य किया जाना हो एवं ठेकेदार को कोई रखरखाव कार्य न करना हो उनमें निष्पादन सुरक्षा राशि पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होने के पश्चात् मुक्त की जा सकती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
कार्यों के भुगतान में की गई कटौती
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 3002 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग तथा संबंधित निर्माण इकाइयों द्वारा विगत 2 वर्षों में कितने निर्माण कार्य खरगोन जिले में किन-किन स्थानों पर कितनी राशि के स्वीकृत हुए, इनमें से कितने पूर्ण, कितने अपूर्ण तथा कितने अप्रारंभ हैं। वर्तमान में कितने कार्य तय समय-सीमा के बाद भी अधूरे हैं। इन कार्यों से संबंधित कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई तथा कितनी निराकृत हुई। (ख) उक्त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है, किन कार्यों की मेंटेनेंस संबंधी कार्य किसके द्वारा किया जा रहा है। कौन-कौन से कार्य निर्माणकर्ता कंपनी के पास वारंटी अवधि में है, कार्यवार सूची देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘अ’1’, ‘अ-2’ एवं ‘अ-3’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ ‘ब-1’ एवं ‘अ-3’ अनुसार है।
अतिरिक्त सत्र न्यायालय को प्रारंभ किये जाने हेतु
[विधि और विधायी कार्य]
96. ( क्र. 3019 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत नगर परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय खोले जाने के संबंध में विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान करने के उपरांत भी न्यायालय को प्रारंभ करने में विलम्ब का क्या कारण है? (ख) अतिरिक्त सत्र न्यायालय की स्वीकृति के पश्चात् सत्र न्यायालय को प्रारंभ किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा कौन-कौन सी औपचारिकताएं पूर्ण की जा चुकी हैं और कौन-कौन सी औपचारिकतायें पूर्ण किया जाना शेष है? (ग) परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय को प्रारंभ करने हेतु शासन द्वारा कितनी राशि आवंटित की गई है और इसे कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) परासिया में सत्र न्यायालय खोले जाने हेतु मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत न्यायालय भवन एवं न्यायिक अधिकारी के लिये उपयुक्त आवासीय भवन उपलब्ध नहीं है। (ख) परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय हेतु न्यायाधीश एवं अमले के आवश्यक पदों का सृजन किया जा चुका है। शेष औपचारिकताओं के अंतर्गत न्यायालय भवन एवं न्यायिक अधिकारियों के आवास गृह का निर्माण कराया जाना है। (ग) राज्य शासन के आदेश दिनांक 09.01.2017 के द्वारा परासिया जिला छिन्दवाड़ा में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण हेतु रूपये 6,68,19,000/- तथा न्यायिक अधिकारियों के लिये 01 नग 'डी' टाईप 01 नग 'ई' टाईप एवं 01 नग 'एफ' टाईप आवास गृहों के निर्माण हेतु कुल रूपये 1,05,78,000/- की प्रशासकीय तथा वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
किसानों को सहायता राशि व बीमा राशि प्रदान करने हेतु
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
97. ( क्र. 3020 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में पिछले 03 वर्षों में किन-किन तहसीलों को शासन द्वारा कब-कब सूखाग्रस्त घोषित किया गया है? इन सूखाग्रस्त तहसीलों में शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि मुआवजे के रूप में व बीमा राशि या कोई भी सहायता राशि किसानों को प्रदान की गई है? प्रत्येक तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) छिन्दवाड़ा जिले में इस वर्ष अतिवृष्टि एवं कहीं-कहीं सूखा के कारण किसानों की फसलें खराब हुई हैं। क्या अतिवृष्टि व सूखे से प्रभावित किसानों को बीमा या अन्य सहायता शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई हैं? (ग) क्या अतिवृष्टि व सूखे से प्रभावित किसानों को बीमा या अन्य सहायता राशि का भुगतान किया जा चुका है? अगर नहीं किया गया है तो कब तक सहायता राशि प्रदान कर दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) पिछले 03 वर्षों में छिंदवाड़ा जिले में तहसील हर्रई व तामिया को वर्ष 2015-16 में सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। तहसील हर्रई में राशि रू. 79891000/- एवं तामिया में राशि रू. 63107240/- राहत के रूप में वितरित की गई। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2014, रबी 2014-15 व खरीफ 2015 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रबी वर्ष 2015-16 के क्षतिपूर्ति राशि का आंकलन प्रक्रियाधीन है। (ख) माह सितम्बर एवं अक्टूबर 2016 में अतिवर्षा के कारण तहसील छिंदवाड़ा, चांद, परासिया व मोहखेड में मक्का की फसल को नुकसान हुआ है। जिले स्तर पर गठित संयुक्त सर्वे दल जिसमें राजस्व विभाग, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग एवं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि को सम्मिलित कर फसल नुकसानी का सर्वे किया गया है। सर्वेक्षण में मक्का के 40 पटवारी हल्का के बीमित कृषकों को 50 प्रतिशत से अधिक उपज में कमी होने के दावा राशि का प्रस्ताव एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड को प्रेषित किया गया है। बीमा कंपनी के अनुसार खरीफ 2016 के फसल कटाई के आंकड़े 31.1.2017 को प्राप्त हुये हैं तथा उस अनुसार क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। (ग) खरीफ 2016 फसलों के फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त औसत पैदावार के आंकड़ों के आधार पर क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जावेगा। रबी 2016-17 हेतु फसल कटाई के आंकड़े बीमा कंपनी को 30.6.2017 को प्राप्त होगें, तत्पशचात ही क्षतिपूर्ति प्रक्रिया आरंभ होगी।
ब्लेकमनी जमा किये जाने की उत्पन्न स्थिति के संबंध में
[सहकारिता]
98. ( क्र. 3037 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर एवं भोपाल शहर के किन-किन नागरिक सहकारी बैंकों में आयकर अन्वेषण विंग द्वारा माह नवम्बर 2016 से माह दिसम्बर 2016 तक की अवधि में छापामार कार्यवाही की गई थी? (ख) उक्त छापामार कार्यवाही के दौरान इंदौर के स्वयं सिद्धा महिला नागरिक सहकारी बैंक एवं भोपाल की महानगर सहकारी बैंकों से आयकर अन्वेषण विंग ने कितनी-कितनी राशि ब्लेकमनी के रूप में जप्त की गई? (ग) क्या उक्त छापामार की कार्यवाही में सहकारी बैंक से आर.बी.आई. के नियमों के विरूद्ध जमा की गई ब्लेकमनी की जानकारी शासन के संज्ञान में आने के बाद बैंक संचालक मंडल एवं अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जानकारी केंद्र सरकार के आयकर विभाग से संबंधित है। (ग) आयकर विभाग, आर.बी.आई. से प्रतिवेदन/निर्देश प्राप्त नहीं हुये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय जाँच का निराकरण शासन द्वारा समय-सीमा में नहीं किया जाना
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 3038 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत प्रमुख अभियंता, परियोजना संचालक लो.नि.पी.आई.यू. भोपाल कार्यालय के किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच कब-कब से लंबित है? (ख) उक्त संस्थित जांचों का निराकरण कितनी समयावधि में किया जाना था? समयावधि में अभी तक जाँच पूर्ण नहीं किये जाने के क्या-क्या कारण हैं? (ग) क्या म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार विभागीय जांचों का निराकरण एक वर्ष की समयावधि में किया जाना है? (घ) यदि हाँ, तो क्या समयावधि में जाँच पूर्ण नहीं किये जाने पर जाँच अधिकारी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही किये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो समयावधि में जाँच अधिकारी द्वारा जाँच पूर्ण नहीं किये जाने पर किन-किन जाँच अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासन द्वारा विभागीय जाँच निराकरण हेतु 1 वर्ष की समयावधि नियत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 5 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खान नदी के डायवर्सन के संबंध में
[जल संसाधन]
100. ( क्र. 3047 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खान नदी के डायवर्सन की मुल योजना क्या थी? क्या मूल योजना को संक्षिप्त करने के बावजूद भी खान नदी का दूषित पानी शिप्रा नदी में पूर्ववत मिल रहा है? (ख) क्या किसानों की भूमि को पूर्ववत करने व मुआवजा राशि का भुगतान कार्य पूर्ण किया गया? यदि नहीं, तो किया गया तो इसके लिए कौन दोषी है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मूल योजना में नहर निर्माण कर खान नदी का पानी भैरवगढ़ के पास गौंसा नाले के माध्यम से क्षिप्रा नदी में मिलाने की योजना थी। मूल योजना को संक्षिप्त करने के बाद खान नदी का दूषित जल पूर्ववत् क्षिप्रा नदी में नहीं मिल रहा है। (ख) किसानों की भूमि को पूर्ववत् कर दिया गया है। डक्ट-अधिनियम के अंतर्गत अर्जित की गई भूमि के विवादास्पद 18 प्रकरणों को छोड़कर समस्त किसानों की भूमि के मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया गया है। स्थायी भू-अर्जन के 3 प्रकरण भू-अर्जन अधिकारी उज्जैन के कार्यालय में प्रक्रियाधीन होने के कारण मुआवजा भुगतान शेष है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसके लिये कोई भी दोषी नहीं है।
शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
101. ( क्र. 3049 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में कितने शासकीय अधिवक्ता (G.P.) एवं कितने अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता (A.G.P.) नियुक्त है? किस अवधि तक नियुक्त हैं? नियुक्ति के पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुये जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार समयावधि समाप्त होने के पश्चात् नवीनीकरण अथवा पुन: नियुक्ति के संबंध में किस प्रक्रिया का पालन किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 01 शासकीय अधिवक्ता एवं 08 अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता नियुक्त है। राज्य शासन के द्वारा जारी आदेश दिनांक 24.03.2015 के अनुसार एक वर्ष की अवधि के लिये नियुक्त है। किंतु विधि और विधायी कार्य विभाग नियमावली के नियम 20 के अंतर्गत नई नियुक्ति होने तक अथवा 62 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक वे अपने पद पर बने रहेगें। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) विधि और विधायी कार्य विभाग नियमावली के नियम 16 (1) एवं (2) के अंतर्गत प्रक्रिया का पालन किया जावेगा।
कृषि, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में किये जा रहे कार्य
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
102. ( क्र. 3054 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कृषि के क्षेत्र में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य किये जा रहे हैं? (ख) नरसिंहपुर क्षेत्र में गन्ना, दलहन, तिलहन धान एवं गेहूँ का विपुल उत्पादन होता है तो खाद्य प्रसंस्करण के लिए विभाग की क्या योजना है? (ग) जिले की अत्याधिक उर्वरा क्षमता होने के कारण कृषि विकास की संभावनाओं को देखते हुए विभाग इसमें वृद्धि के लिए क्या विचार कर रहे हैं? (घ) क्या गन्ना किसानों के लिए गन्ना नीति बनाने की भी सरकार की कोई योजना है? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में फल पौध रोपण, सब्जी क्षेत्र विस्तार, मसाला क्षेत्र विस्तार, संरक्षित खेती की प्रोत्साहन योजना, यंत्रीकरण योजना, प्याज भण्डार गृह निर्माण की योजना, उच्च तकनीक से पान की खेती, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिस्टम की स्थापना तथा खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने हेतु विशिष्ट वित्तीय सहायताएं लागू कर उद्यानिकी विकास के कार्य किये जा रहे हैं। (ख) शासन द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना नहीं की जाती है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट वित्तीय सहायताएं स्वीकृत की गई हैं जिसका लाभ निजी निवेशक ले सकते हैं। (ग) जिले में उद्यानिकी विकास की संभावनाओं को देखते हुए इसमें वृद्धि हेतु विभाग द्वारा उत्तरांश-क की योजनाओं के तहत आगामी 5 वर्ष का रोडमेप तैयार किया गया है। (घ) गन्ना किसानों के लिए पूर्व से ही मध्यप्रदेश की गन्ना नीति, 2007 लागू है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन पुल
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 3055 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम कल्याणपुर एवं रायपुर के बीच में शक्कर नदी पर पुल का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है तथा आवागमन के लिये चालू कर दिया गया है? यदि नहीं, तो इसके विलंब के क्या कारण है? (ख) क्या पुल से दो किलोमीटर कल्याणपुर की तरफ एवं पुल से दो कि.मी. रायपुर की तरफ सड़क का निर्माण नहीं हुआ है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या पुल के दोनों तरफ सड़कों को बनाने हेतु विभाग द्वारा राशि की स्वीकृति/ निर्माण एजेंसी का चयन आदि समस्त औपचारिकाता पूर्ण कर ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक सड़क निर्माण का प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। मार्ग निर्माण स्वीकृत नहीं है। (ग) जी नहीं। स्वीकृति के अभाव में। निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं।
कटनी जिले में विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
104. ( क्र. 3069 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में सब्जियों का उत्पादन बहुतायत में होता है एवं इनके विक्रय के लिये समुचित बाजार उपलब्ध नहीं है और क्या कटनी जिले में हार्टी कल्चर हब स्थापना की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो विवरण देवें, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) कटनी जिले में विभागीय योजनाओं की स्वीकृति हेतु वर्ष-2013-14 से क्या-क्या प्रस्ताव, जिला स्तरीय कार्यालय से शासन को कब-कब प्रेषित किये गये? किन-किन प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई एवं कौन-कौन प्रस्ताव, किन कारणों से कब से लंबित हैं? इन्हें कब तक स्वीकृत किया जायेगा, (ग) विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु शासन/विभाग के क्या-क्या निर्देश हैं? इनका किस प्रकार क्रियान्वयन एवं क्या-क्या कार्य किये जाते हैं वर्ष-2015-16,2016-17 में कटनी जिले में योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु क्या-क्या कार्य, किये गये और इनमें कितना-कितना व्यय किया गया? कार्यवार विवरण देवें? , (घ) कटनी जिले में कृषकों को जागरूक करने /योजनाओं की जानकारी प्रदाय करने का कार्य किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा किया जाता है? जनवरी-2016 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय सेवकों ने किन-किन ग्रामों का दौरा कर कितने किसानों से संपर्क किया? विकासखण्डवार, माहवार कृषक संख्यावार बतायें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी
एवं खाद्य
प्रसंस्करण (
श्री सूर्यप्रकाश
मीना ) : (क) कटनी
जिले में
सब्जियों का
उत्पादन
प्रचुर मात्रा
में होता है।
सब्जियों के
विक्रय के लिए
सब्जी मण्डी
है तथा समीपस्थ
शहर जबलपुर
में बाजार
उपलब्ध है।
कटनी जिले में
हार्टीकल्चर
हब की स्थापना
के लिए शासन
की कोई योजना
नहीं है अपितु
विभाग द्वारा
कटनी जिले में
7 फल एवं
सब्जी रूट का
चयन कर 77
ग्रामों के 7 क्लस्टर्स
में
उद्यानिकी का
समग्र विकास
करने की योजना
है जिसका
उद्देश्य
हार्टीकल्चर
हब के समान
है। (ख) जिला
स्तर से शासन
को कोई प्रस्ताव
प्रेषित नहीं
किये जाते
हैं। जिले से
संचालनालय को पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार
प्रस्ताव
भेजे गये, जिनकी
स्वीकृति
प्रदान की गई।
कोई भी प्रस्ताव
स्वीकृति
हेतु लंबित
नहीं है अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
(घ)
कटनी
जिले में
कृषकों को
जागरूक
करने/जानकारी
प्रदान करने
का कार्य
विकासखण्ड
में पदस्थ
ग्रामीण
उद्यान विस्तार
अधिकारी, उद्यान
विकास
अधिकारी
वरिष्ठ
उद्यान विकास
अधिकारी एवं
आवश्यकता
पड़ने पर
वैज्ञानिकों
द्वारा किया
जाता है।
प्रश्नांश
के शेष भाग की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-स
अनुसार है।
उदवहन सिंचाई परियोजना का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
105. ( क्र. 3072 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ऐसी कितनी एवं कौन-कौन सी शासकीय उद्वहन सिंचाई परियोजनायें है? जिनका विद्युत कनेक्शन कृषकों द्वारा लिया गया एवं विद्युत देयकों का भुगतान भी कृषकों द्वारा किया जाता है और संचालित परियोजनाओं में आने वाला व्यय किस प्रकार एवं कौन-कौन वहन करता है? परियोजनावार बतायें। (ख) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न क्रमांक-861 दिनांक-19/07/2016 का उत्तर ''परियोजना की स्वीकृति के समय कृषकों द्वारा विद्युत देयकों का भुगतान किया जाना अपेक्षित था, कृषकों द्वारा देयकों का भुगतान नहीं करने से परियोजना बंद हो गयी है, किस प्रकार सही है? जबकि परियोजना के कार्य अपूर्ण रहे एवं परियोजना प्रारंभ ही नहीं हुई थी एवं न ही किसानों द्वारा इस कार्य हेतु विद्युत कनेक्शन प्राप्त किये गये थे, स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' परियोजना में किन-किन घटकों का निर्माण/कार्य कब-कब पूर्ण हुआ, परियोजना हेतु क्या-क्या सामग्री, कितनी-कितनी लागत से, कब-कब क्रय की गई एवं भविष्य में इसका क्या उपयोग किस प्रकार किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश ''ग'' क्या खिरहनी उदवहन सिंचाई परियोजना, जिसपर लगभग एक करोड़ रूपये व्यय हो चुके है, को पुरा किया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक, यदि नहीं, तो क्यों और दोषपूर्ण कार्ययोजना एवं शासकीय राशि के अपव्यय पर जवाबदेही निर्धारित कर क्या कार्यवाही की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश अंतर्गत केवल एक शासकीय उद्वहन सिंचाई योजना, कोठड़ा, मनावर, जिला धार में कृषकों द्वारा विद्युत कनेक्शन लिया गया है एवं विद्युत देयकों का भुगतान उनके द्वारा ही किया जाता है, योजना के नहरों के रखरखाव एवं मरम्मत कार्य हेतु जल उपभोक्ता संथा गठित है। उसी के माध्यम से विभागीय मापदण्डों के अनुसार राशि आवंटित की जाती है तथा उनके द्वारा मरम्मत एवं रखरखाव पर व्यय किया जाता है। (ख) जी हाँ, कमाण्ड क्षेत्र के कृषकों द्वारा खिरहनी सिंचाई उद्वहन योजना को सामुदायिक रूप से संचालित करने में असमर्थता व्यक्त किये जाने के फलस्वरूप योजना स्थगित रहीं। (ग) खिरहनी उद्वहन सिंचाई योजना के अंतर्गत एप्रोच एवं जैकवैल का निर्माण क्रमंश: फरवरी 2010 एवं जून 2010 को पूर्ण किया गया है। परियोजना हेतु 43 नग कॉस्ट आयरन पाईप 400 मि.मी. व्यास कुल 521.70 मी. लंबाई, राशि रू.40.86 लाख, दिनांक 26.06.2016 को हिरन जल संसाधन संभाग जबलपुर को हस्तांतरित किये गये शेष पाईप का उपयोग आवश्यकतानुसार अन्य योजना हेतु किया जाना प्रस्तावित है। (घ) बंद पड़ी उद्वहन सिंचाई योजनाओं को अपलेखित किये जाने से योजना को पूर्ण नहीं किया जाना है। उक्त परिप्रेक्ष्य में कार्य योजना दोषपूर्ण नहीं होने के कारण शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
कृषि उपज मण्डी समिति में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
106. ( क्र. 3095 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 05.12.16 में मुद्रित परि. अता. प्रश्न संख्या 139 (क्रमांक 1297) के प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में विगत 02 वर्षों में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी है, जो मण्डी सेवा एवं बोर्ड सेवा के, जिन्हें 17 करोड़ से कम की आर्थिक क्षति पर निलंबित किया है? पृथक-पृथक विवरण दें तथा संदर्भित प्रश्न क्रमांक 1297 में 17 करोड़ के दोषियों को निलंबन से क्यों बचाया जा रहा है? (ख) क्या भोपाल एवं उज्जैन संभाग के दोषी पाये गये अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उन मण्डियों से हटाया तक नहीं गया? दोषियों को कब तक निलंबित किया जाकर इतने बड़े आर्थिक घोटाले की जाँच आर्थिक अन्वेषण ब्यूरों से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? कराण बताएं? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 777 दिनांक 05.08.16 पर क्या कार्यवाही की गई? बताएं? यदि नहीं, की गई तो अब तक न करने के लिये कौन उत्तरदायी है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्न संख्या 139 (क्रमांक 1297) के पत्र प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को निलंबित नहीं किया गया। प्रारंभिक रूप से उत्तरदायी 31 अधिकारी/कर्मचारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है, जिसमें प्रतिउत्तर प्राप्त होने पर गुण दोष पर आगामी कार्यवाही संभव होगी। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में संबंधितों से उत्तर प्राप्त होने पर गुण दोष के आधार पर आगामी कार्यवाही पर निर्णय संभव होगा। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रकरण में मंडी बोर्ड स्तर से परीक्षण प्रचलित है। जिसपर प्रश्नांश (क) व (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
फसल बीमा की प्रीमीयम राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
107. ( क्र. 3096 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की बहोरीबंद तहसील में वर्ष 2016-17 में फसल बीमा की कितनी प्रीमियम राशि कितने कृषकों से ली गई? पटवारी हल्कावार, कृषक संख्या, प्रीमियम राशि सहित विवरण दें तथा फसल बीमा के नवीन प्रावधान क्या है? बताएं? फसल नुकसान की स्थिति में प्रारंभ में 25 प्रतिशत दिये जाने का प्रावधान है तो उक्त अवधि में वर्षाकाल के प्रारंभ में अल्पवर्षा एवं सितम्बर में अतिवृष्टि होने पर विभाग द्वारा किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? संख्या उपलब्ध कराते हुये माह सितम्बर 2016 के अतिवृष्टि के नुकसान के सर्वे रिपोर्ट की छायाप्रति देवें? (ख) रबी वर्ष 2015-16 के क्षतिपूर्ति का आंकलन पूर्ण कर लिया गया तो जानकारी उपलब्ध करावें एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत वर्ष 2016 में कितने ऋणी/अऋणी का फसल बीमा किया गया? कुल बीमित राशि का कुल प्रीमियम राशि ऋणी/अऋणी कृषकों से बीमा कंपनी को प्राप्त हुई? ? (ग) बीमा कंपनी के द्वारा बीमा करने के पूर्वा कौन से जोखिम घटक प्राकृतिक आपदा के लिये निर्धारित किये गये? क्या बीमा कंपनी द्वारा राजस्व कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा कीट व्याधि बीमारियों से नुकसान होने वाले फसलों को बीमा जोखिम घटक में शामिल किया जाना बताया था? यदि ऐसा था तो किन-किन पटवारी हल्कों में कीट व्याधि फफूंद जनित रोगों से भारी मात्रा में नुकसान हुआ है? (घ) क्या प्रश्नांकित अवधि में बैंकों को त्रुटिपूर्ण प्रकरण भेजे गये थे? यदि हाँ, तो संख्या दें तथा त्रुटिपूर्ण प्रकरणों में किन-किन का निराकरण कर दिया गया वस्तुस्थिति बताएं? खरीफ वर्ष 2015 की दावा राशि का भुगतान नोडल बैंकों को कर दिया गया या नहीं विवरण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कटनी जिले की बहोरीबंद तहसील की खरीफ वर्ष 2016 के बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की गाईडलाईन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- दो अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में अल्प वर्षा एवं अतिवृष्टि से जिले में फसल क्षति होने की कोई सूचना बीमा कम्पनी को प्राप्त न होने से सर्वे कार्य नहीं किया गया ना ही भुगतान की स्थिति बनी। (ख) रबी 2015-16 मौसम की क्षतिपूर्ति गणना का कार्य प्रगति पर है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बहोरीबंद तहसील के बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत आवरित जोखिमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। उक्त अवधि में कटनी जिले में कीट, व्याधि, फफूंद जनित रोगों से कृषकों को क्षति नहीं हुई है। (घ) खरीफ 2015 मौसम हेतु बैंकों द्वारा जो त्रुटिपूर्ण प्रकरण प्राप्त हुये थे, उन प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है। कटनी जिले की बैंकों के त्रुटिपूर्ण प्रकरणों जिनका दावा राशि का भुगतान कर दिया गया है, उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
नियम विरूद्ध प्रतिनियुक्ति को निरस्त किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
108. ( क्र. 3107 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न क्रमांक 1319 (तारांकित) दिनांक 29.07.2016 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त उपनिरीक्षक एवं मंडी निरीक्षक गेहूँ उपार्जन के बाद भी डियूटी में कार्यरत थे तथा अधिकांश कर्मचारियों ने उन स्थानों में कार्य किया जहां न तो गेहूँ उपार्जन का केन्द्र था और न ही उन्होंने वहां डियूटी कि और न ही अटैचमेंट आदेशों में कोई ऐसा उल्लेख था? क्या संदर्भित प्रश्नांश के (ग) भाग में बताया गया था कि जो स्थानांतरण किए गए थे उनका परीक्षणोपरांत नियम के पालन की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी तो परीक्षण किसको करना था तथा क्या परीक्षण कर लिया गया यदि नहीं, किया गया तो कब तक कर लिया जावेगा? (ग) अता. प्रश्न क्रमांक 2072 (अतारांकित) दिनांक 22.07.2016 के प्रश्नांश (ख) का जो उत्तर परिशिष्ट पर है दिया गया है? उक्त परिशिष्ट में दर्शाये विवरण अनुसार उप संचालक मंडी बोर्ड जबलपुर की कुल 23 शिकायतें जाँच हेतु लंबित है जिनके सभी जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त होना उल्लेखित है? क्या अभी भी सभी जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है, यदि हाँ, तो जाँच अधिकारियों के विरूद्ध आरोपी की जाँच न कर बचाने के लिए जाँच अधिकारी को दण्डित करते हुए कृषि विभाग के अपर संचालक से जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यो कारण बताएं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1319 (तारांकित) दिनांक 29.07.16 के प्रश्नांश 'ग' के उत्तर में मण्डी बोर्ड द्वारा ''स्थानांतरण में परीक्षण उपरान्त नियमों के पालन की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी'' का उल्लेख किया गया था, जिसके अनुपालन में अपर संचालक (वित्त) मण्डी बोर्ड भोपाल से परीक्षण कराया गया जिसका प्रतिवेदन दिनांक 27.08.16 को प्राप्त हुआ। उप संचालक आंचलिक कार्यालय जबलपुर द्वारा की गई कार्यवाही अनियमित एवं दुर्भावनापूर्ण नहीं होना, विशेष रूप से जबलपुर संभाग की आय एवं आवक प्रदेश में उनके प्रयासों से सर्वश्रेष्ठ होने की टीप के साथ जाँच प्रतिवेदन मान्य किया गया है। प्रश्न क्रमांक-2072 (अतारांकित) दिनांक 29.07.16 के प्रश्नांश 'ख' अनुसार परिशिष्ट 'स' पर दर्शाये गये विवरण के संदर्भ में अद्यतन स्थिति यह है कि उप संचालक, आंचलिक कार्यालय जबलपुर की कुल प्राप्त 23 शिकायतों में से 07 शिकायतें प्रमाणित नहीं पाई गई है और शेष 16 शिकायतों की जाँच की कार्यवाही अभी भी प्रक्रियाधीन है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। क्योंकि शिकायतों पर जाँच आदेशित है और प्रक्रियाधीन है अतः अन्य अधिकारी से जाँच कराये जाने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है तथा जाँच में पाई गई स्थिति अनुसार गुण-दोष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महुआ फूल पर मंडी शुल्क की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
109. ( क्र. 3108 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी समिति ब्यौहारी उमरिया, शहडोल, कटनी, सीधी, सिंगरौली की कौन-कौन सी फर्मों ने वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना मंडी शुल्क जमा किया है? मंडीवार, फर्मवार वर्षवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) की फर्मों का लेखा सत्यापन प्रश्नांकित अवधि के हो गए है? यदि हाँ, तो किन-किन वर्षों तथा किन-किन वर्षों के शेष है और अभी तक क्यों शेष हैं एवं अब तक न करने के लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या महुआ फूल की कम कीमत दर्शाकर मंडी शुल्क की चोरी कराई जाती है? शासन इसकी जाँच उच्च स्तरीय जाँच दल गठित कर जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं। (घ) प्रश्नांश (क) की मंडियों में उक्त अवधि में कोई शिकायतें किसी स्तर से प्राप्त हुई हों, तो शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति ब्यौहारी उमरिया, शहडोल, कटनी, सीधी, सिंगरौली की अनुज्ञप्तिधारी फर्मों से मंडी फीस उद्ग्रहण की गई है। मंडीवार, फर्मवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कृषि उपज मंडी समिति ब्यौहारी उमरिया, शहडोल, सीधी, सिंगरौली की फर्मों के वर्ष 2012 से वर्ष 2015-16 तक लेखा सत्यापन किया जा चुका है, कृषि उपज मंडी समिति कटनी की 08 में से 03 फर्मों का क्रमश: फर्म जयश्री शंभूलोक ट्रेडिंग कंपनी एवं फर्म अंकित ट्रेडिंग कंपनी का वर्ष 2011-12 तथा फर्म बालाजी ट्रेडिंग कंपनी का वर्ष 2015-16 का लेखा सत्यापन शेष है। फर्म बालाजी ट्रेडिंग कंपनी की वर्ष 2015-16 की वार्षिक विवरणी प्राप्त हो गई है, लेखा सत्यापन की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष दो फर्मों की वार्षिक विवरण जमा नहीं करने के कारण संबंधित फर्मों को सचिव मंडी कटनी के क्रमश: पत्र दिनांक 06.04.16, पत्र दिनांक 28.06.16 एवं पत्र दिनांक 24.09.16 से सूचना पत्र जारी किया गया है। उक्त फर्मों के पूर्व वर्षों का लेखा सत्यापन करने का दायित्व तत्समय पदस्थ रहे सचिव एवं लेखा सत्यापन शाखा प्रभारी का था। वर्ष 11-12, 12-13, 13-14 में क्रमश: श्री मुकेश राय सहायक ग्रेड-3 वर्ष 14-15 में श्री आर.के. खम्परिया, सहायक ग्रेड-3 एवं वर्ष 15-16 में श्री सोमनाथ कोल मंडी निरीक्षक मंडी कटनी लेखा सत्यापन प्रभारी एवं सचिव उत्तरदायी थे। साथ ही उक्त अवधि में पदस्थ रहे सचिवों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। महुआ फूल का शासन द्वारा समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया जाता है। प्रचलित बाजार भाव पर ही क्रय-विक्रय होता है तथा नियमानुसार क्रय मूल्य पर मंडी शुल्क जमा कराया जाता है, जिससे इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वित्तीय वर्ष 2011-12, 12-13, 13-14, 14-15, 15-16 एवं 16-17 (अप्रैल 16 से 17 जनवरी 2017 तक) प्रचलित औसत बाजार भाव प्रति क्विंटल क्रमश: 1230, 1310, 1430, 1520, 1830, 2250 की दर से मूल्य पर नियमानुसार मंडी शुल्क प्राप्त किया जाता है। (घ) प्रश्नागत शिकायतों का विवरण वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी अति-वृहद स्वरूप की होने से संकलित की जा रही है।
नल-कूप का खनन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
110. ( क्र. 3115 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में वर्ष 2015-2016 में सिंचाई के लिये नल-कूप खनन अनुदान योजना में कितने किसानों ने आवेदन किये हैं और इनके आवेदन की विभाग ने क्या तिथि निर्धारित की थी और आवेदन के कितने दिन उपरांत कितने किसानों को नल-कूप खनन की अनुमति दी गई और आज दिनांक तक कितने तक किसानों को कितना अनुदान प्रदान किया गया है? पन्ना जिले में सामान्य यानी अनारक्षित श्रेणी में कितने नल-कूप स्वीकृत हुये थे और अब तक कितना भुगतान किया जा चुका है? (ख) क्या विभाग के अधिकारियों ने अपने व्यक्तिगत लाभ के कारण किसानों को कम समय देकर नल-कूप खनन की स्वीकृत प्रदान की और किसानों को परेशान करने अनुविभागीय अधिकारी से अतिरिक्त अनुमति लेने की अनुचित पूर्ण शर्त जोड़ दी व्यक्तिगत लाभ न होने के कारण आज तक किसानों को कोई भी भुगतान नहीं किया और कई किसानों ने साहूकारों से ब्याज पर पैसे लेकर नल-कूप खनन कराये है और वह पैसा नहीं भर पा रहे। (ग) इसमें विभाग के कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं और इन पर क्या कार्यवाही की जायेगी? अगर की जायेगी तो कब-तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) पन्ना जिले में वर्ष 2015-16 राष्ट्रीय कृषि विकास नल-कूप (सामान्य) योजनांतर्गत विकासखण्डों से कुल 43 एवं राज्य पोषित नल-कूप खनन (अ.जा./अ.ज.जा.) योजनान्तर्गत 42 कुल 85 कृषकों के आवेदन प्राप्त हुये। इसके आवेदन की तिथि मय खनन एवं पंप प्रतिष्ठापन सहित वित्तीय वर्ष मार्च 2016 समाप्ति के पूर्व तय की गई थी। विकासखण्डों से नल-कूप खनन के आवेदन प्राप्त होने पर आवेदनों के परीक्षण उपरांत 01 दिन पश्चात् पात्र कृषकों को राष्ट्रीय कृषि विकास नल-कूप (सामान्य) योजनान्तर्गत 34 एवं राज्य पोषित नल-कूप खनन (अ.जा./अ.ज.जा.) योजनान्तर्गत 25 कुल 59 कृषकों के आवेदनों को पंजीकृत कर नल-कूप खनन हेतु आदेश जारी किये गये थे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। राज्य पोषित नल-कूप खनन (अ.जा./अ.ज.जा.) योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 में कुल तीन कृषकों को 0.90 लाख अनुदान का भुगतान किया जा चुका है। राष्ट्रीय कृषि विकास नल-कूप खनन (सामन्य) योजनान्तर्गत वर्ष 2015-2016 के कुल आठ कृषकों को रू. 3.05 लाख अनुदान भुगतान किया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) जी नहीं। कलेक्टर महोदय पन्ना के आदेश क्रमांक/394 दिनांक 13.10.2015 के तहत सम्पूर्ण पन्ना जिले में 30 जून 2016 तक अथवा पर्याप्त वर्षा होने तक नल-कूप खनन कार्य पर प्रतिबंध लगाया गया था। यदि कोई कृषक नल-कूप खनन कराना चाहता है तो वह संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से अनुमति प्राप्त करने का लेख किया गया था। अत: आदेश के पालन में पंजीकृत कृषकों के पंजीयन आदेश में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से खनन कार्य अनुमति प्राप्त करने उपरांत खनन कार्य कराने का लेख किया गया था। राष्ट्रीय कृषि विकास नल-कूप (सामान्य) योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 के 26 कृषकों एवं राज्य पोषित नल-कूप खनन योजनान्तर्गत (अ.जा./अ.ज.जा.) के 22 कृषकों द्वारा माह मार्च 2016 अंत तक नल-कूप खनन देयक अनुदान भुगतान हेतु प्रस्तुत नहीं करने के कारण अनुदान का भुगतान नहीं हो सका था। वित्तीय वर्ष 2016-17 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत नल-कूप खनन हेतु संचालनालय द्वारा 10.40 लाख का आवंटन प्रदाय किया गया है। वर्ष 2015-16 के शेष 26 कृषकों को खनन एवं पंप प्रतिष्ठापन के देयक प्रस्तुत करने पर उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला पन्ना द्वारा अनुदान देय होगा एवं राज्य पोषित नल-कूप खनन (अ.जा./अ.ज.जा.) योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिले को प्रदाय भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों में से वर्ष 2015-16 के शेष 22 कृषकों को अनुदान भुगतान किया जायेगा। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आत्मा परियोजना से लाभान्वित हितग्राही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
111. ( क्र. 3116 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011-2012 से 2013-2014 तक पन्ना जिले में खरीफ एवं रबी की फसल में कृषि विभाग आत्मा परियोजना एवं कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना द्वारा फसल प्रदर्शन कार्यक्रम अंतर्गत किन-किन ग्रामों में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? (ख) फसल प्रदर्शन कार्यक्रम अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों को कब-कब प्रशिक्षण दिये गये प्रशिक्षण के दौरान हितग्राहियों को क्या-क्या उपलब्ध कराया गया तथा प्रत्येक प्रशिक्षण में कितनी-कितनी राशि खर्च की गयी? (ग) फसल प्रदर्शन कार्यक्रम के लिये शासन के क्या दिशा-निर्देश है, किसानों के चयन के मापदण्डों के निर्धारण की क्या प्रक्रिया है? (घ) क्या चयनित हितग्राहियों को आत्मा परियोजना एवं कृषि विज्ञान पन्ना द्वारा वर्ष 2011-12 से 2013-14 तक कौन-कौन से बीज कितने किसानों को उपलब्ध कराये गये? (ड.) जिन किसानों को फसल प्रदर्शन कार्यक्रम हेतु बीज उपलब्ध कराये गये हैं, उससे उत्पादन में क्या लाभ हुआ?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) फसल प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजन में किसानों के चयन में मापदण्ड, ग्रामसभा/स्थानीय कृषक सलाहकार समिति/आत्मा के द्वारा चयनित लघु, सीमान्त एवं अन्य कृषकों को प्रति एकड़, प्रति कृषक के मान से फसल प्रदर्शन दिये गये हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
112. ( क्र. 3123 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में किसानों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड खाद बीज ऋण आदि लेते समय कृषकों की फसल का बीमा संबंधित ऋणदाताओं/संस्थाओं द्वारा करा दिया जाता है? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में फसल बीमा योजना के अंतर्गत जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन बीमा कंपनियों को कितनी राशि प्रीमियम के रूप में प्रदान की गई है? (ख) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र हेतु उपरोक्तानुसार किसानों की फसल के लिये किये गये बीमा के पश्चात् प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई? फसलों के विरूद्ध कितनी राशि का बीमा क्लेम ऋणदाता संस्थाओं एवं विभागों द्वारा किया गया एवं कितनी बीमा राशि किसानों को प्रदाय की गई? यदि नहीं, तो कब तक भुगतान कर दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) योजना ऋणी कृषकों हेतु अनिवार्य है तथा अऋणी कृषकों हेतु ऐच्छिक है। रबी वर्ष 2015-16 मौसम में विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में 43 किसानों से राशि रू. 8968 प्रीमियम ए.आई.सी.ऑफ इण्डिया को दी गयी। खरीफ 2016 मौसम में तहसील पुष्पराजगढ़ में 3689 कृषकों से प्रीमियम राशि रू. 34.24 लाख आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड दी गई है। (ख) रबी वर्ष 2015-16 की क्षतिपूर्ति का आंकलन प्रक्रियाधीन है। खरीफ 2016 की क्षतिपूर्ति का आंकलन प्रकियाधीन है।
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
113. ( क्र. 3124 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अतंर्गत कौन-कौन सी जल संरचनाएं प्रस्तावित की गई है? पंचायतवार, विकासखण्डवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) जिला योजना समिति अनूपपुर द्वारा प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अतंर्गत कौन-कौन से प्रस्ताव राज्य स्तर पर प्रेषित किये गये है? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
विधान सभा प्रश्न का उत्तर का असत्य एवं नकारात्मक व आधा अधूरा दिया जाना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
114. ( क्र. 3170 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न संख्या 121 (क्रमांक 6029) दिनांक 14 मार्च 2016 के संबंध में क्या शिकायतकर्ता द्वारा उक्त प्रश्न का उत्तर असत्य/गुमराह दिये जाने के संबंध में दिनांक 17/06/2016 एवं 20/06/2016 को विभागीय प्रमुख सचिव/संचालक गैस राहत एवं पुनर्वास को स्पीड पोस्ट सेवा आदि के माध्यम से अवगत कराये जाने पर प्राप्त शिकायतों के बिन्दुवार क्या निष्कर्ष निकले बतावें? प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या दोषियों को बचाने की नियत से कार्यवाही नहीं की जाकर श्रमिकों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। (ख) क्या शासन/विभाग प्राप्त शिकायतों की गम्भीरता को देखते हुए जून 2016 में समाप्त एवं वर्तमान में सुरक्षा एवं सफाई का कार्य करने वाली निजी संस्थाओं में कार्यरत श्रमिकों के मानव व मौलिक अधिकार हेतु उन्हें अनुबंध अनुसार दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने के पश्चात् ही उनकी धरोहर राशि वापस कर उनका अंतिम भुगतान करने व वर्तमान में कार्यरत श्रमिकों को भी अनुबंध अनुसार प्रतिमाह किये जाने के साथ-साथ समय रहते कार्यवाही नहीं कर दोषी संस्था को संरक्षण देने वालों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। उल्लेखित दिनांक की शिकायत विभाग को श्री एम.वाय. खान के हस्ताक्षर से प्राप्त हुई है। इसके अतिरिक्त श्री एम.वाय. खान के हस्ताक्षर से विभिन्न माध्यम से अनेकों शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उक्त शिकायतों का परीक्षण कार्यालय संचालक, कमला नेहरू चिकित्सालय, गैस राहत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, गैस राहत एवं चिकित्सालय अधीक्षक/आहरण एवं संवितरण अधिकारी जिनके द्वारा सुरक्षा एवं साफ-सफाई व्यवस्था का अनुबंध प्रतिपादित किया गया है से संबंधित शिकायतों का परीक्षण कराकर दिनांक 10.02.2017 को प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि अनुबंध की शर्तों का पूर्णतः पालन किया जा रहा है। संबंधित चिकित्सालय के आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा दिये गये प्रतिवेदन के आधार पर यह उल्लेख किया गया है कि शिकायत निराधार है। अतः शेष बिन्दु पर प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
करेली से रांकई सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 3199 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या करेली से रांकई तक सड़क पूर्ण रूप से टूट चुकी है, इस सड़क पर चलना कठिन हो गया है, हाँ तो क्या इस सड़क के निर्माण के लिए विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक कार्य पूर्ण होगा और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सड़क का प्राक्कलन तैयार किया गया है? यदि नहीं, किया गया है तो कब तक तैयार कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, आंशिक रूप से, जी हाँ। (ख) निविदा की कार्यवाही प्रगति पर है एजेन्सी निर्धारण होने के पश्चात् कार्य संपन्न किया जावेगा। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वाचाखेड़ी तालाब निर्माण
[जल संसाधन]
116. ( क्र. 3224 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वाचाखेड़ी तालाब निर्माण की डी.पी.आर. तैयार हो चुकी थी? इस तालाब निर्माण की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) यह कब तक स्वीकृत हो जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। शासन स्तर पर डी.पी.आर. के पुन: परीक्षण के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बांध/तालाबों की गाद निकालना
[जल संसाधन]
117. ( क्र. 3240 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के किस-किस विधान सभा क्षेत्र के किस-किस गांव में बांध/तालाब निर्मित है? बांध/तालाबवार उनकी जल भराव क्षमता एवं सिंचाई क्षमता निर्माण के समय कितनी थी एवं वर्तमान में कितनी है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बांध/तालाब में काफी गाद भर गई है, जिनके कारण जल भराव एवं सिंचाई क्षमता काफी घटी है? यदि हाँ, तो कब तक इनकी गाद निकाली जावेगी? (ग) विदिशा जिले में उक्त कार्य हेतु वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितना आवंटन प्राप्त हुआ? कितना व्यय किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, तालाबों की उपयोगी एवं जल भराव सिंचाई क्षमता नहीं घटी होने के कारण गाद निकालने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कोई आवंटन प्राप्त नहीं हुआ और न ही कोई व्यय किया गया।
फसल बीमा दावा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
118. ( क्र. 3243 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में विदिशा जिले में किसानों से कितनी प्रीमियम राशि फसल बीमा के लिये ली गई? विधान सभा क्षेत्रवार वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फसल का क्षतिपूर्ति का आंकलन कितने किसानों का किया गया है? बतावें। (ग) उपरोक्त समयावधि में फसल बीमा की राशि का कितना भुगतान किया गया? वर्षवार, किसान संख्या, सहित विधान सभा क्षेत्रवार। (घ) कितनी फसल बीमा की राशि का वितरण शेष हैं? यह कब तक भुगतान कर दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा प्राप्त खरीफ वर्ष 2014, रबी वर्ष 2014-15 एवं खरीफ 2015, रबी 2015-16 मौसम हेतु तहसीलवार बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। खरीफ वर्ष 2016 के बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है तथा रबी वर्ष 2016-17 में विदिशा जिले में 1.94 लाख कृषकों से कृषक अंश प्रीमियम राशि रू. 15.26 करोड़ प्राप्त हुई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। रबी वर्ष 2015-16 एवं खरीफ वर्ष 2016 की क्षतिपूर्ति का आंकलन प्रकियाधीन है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार। (घ) खरीफ 2015 मौसम हेतु विदिशा जिले की कुछ बैंकों द्वारा बीमांकन त्रुटियां की थी, जिसे संशोधित कर सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदन प्राप्त कर राज्य एवं केन्द्र शासन का अंश प्राप्त कर शेष क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान नोडल बैंकों को दिनांक 15.2.2016 को कर दिया गया है।
उचित मूल्यों की दुकानों की जानकारी
[सहकारिता]
119. ( क्र. 3256 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य की कितनी दुकानें संचालित है? विगत एक वर्ष में सहकारिता विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा कितनी उचित मूल्य की दुकानों का निरीक्षण किया गया एवं निरीक्षण में कितनी दुकानों में किस प्रकार की अनियमितता पाई गई तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? जिन दुकानों में कालाबाजारी उजागर हुई और हितग्राहियों को सामग्री का वितरण न किया जाना परिलक्षित हुआ है, क्या उन हितग्राहियों का राशन शासन द्वारा दुबारा दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? बतावें। (ख) क्या विगत दो वर्षों में विभाग के कर्मचारियों द्वारा सांठ-गांठ कर राशन बेच दिये जाने और चोरी का प्रकरण बताकर शासन को भ्रमित किए जाने के प्रकरण शासन के संज्ञान में लाए गए है? क्या पुलिस में एफ.आई.आर. की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त संबंध में जाँच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) अन्तर्गत उचित मूल्य की दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा शासकीय राशि का आहरण कर राशि निकाल ली गई है एवं उनके द्वारा राशि सहकारी बैंक में जमा नहीं की गई है? क्या ऐसे कर्मचारियों एवं अधिकारियों के विरूद्ध जाँच कराई जाकर उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि अभी तक कार्यवाही नहीं की गई है, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 118. इन सभी 118 उचित मूल्य दुकानों की जाँच की गई एवं जाँच में 7 दुकानों पर अनियमितताएं पाई गईं। इनमें उचित मूल्य दुकानवार पाई गई, अनियमितताओं एवं उस पर गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उचित मूल्य दुकान रिछौडा के विक्रेता द्वारा माह फरवरी 2016 में खाद्यान्न, शक्कर, नमक का वितरण न कर कालाबाजारी का मामला परिलक्षित होने पर विक्रेता के विरूद्ध जाँच प्रतिवेदन के आधार पर एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु पुलिस थाना गुन्नौर में प्रकरण प्रस्तुत किया गया। हितग्राहियों को राशन दिये जाने संबंधी निर्देश कार्यालय आयुक्त सह संचालक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय, भोपाल द्वारा जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला पन्ना को दिये गये हैं, आवश्यक कार्यवाही जिला स्तर पर प्रचलित है। (ख) जी नहीं, माह अक्टूबर एवं नवम्बर 2016 में विक्रेताओं द्वारा सूचित किया गया कि उनकी उचित मूल्य दुकान रैगढ, सिलगी, गंज, तिदुनहाई, तिधराबुर्जग एवं जिगदहा में खाद्यान्न शक्कर की चोरी की घटना घटित हुई है, उक्त दुकानों की जाँच में खाद्यान्न एवं शक्कर का स्टॉक कम पाये जाने से संबंधित पुलिस थानों में प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गये हैं। जिसमें उचित मूल्य दुकान गंज एवं जिगदहा के प्रकरण में संबंधित थानों द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। शेष 4 उचित मूल्य दुकानों के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की जाना संबंधित थानों के स्तर पर शेष है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित जिगदहा द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान सिमरी दुबे के विक्रेता तस्वीर मोहम्मद द्वारा माहवार वितरित खाद्यान्न सामग्री की राशि रू 4.17 लाख बैंक में जमा न कर राशि का गबन किया गया था, जिसके विरूद्ध समिति प्रबंधक जिगदहा द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। विक्रेता तस्वीर मोहम्मद को जेल भेजा जा चुका है। राशि की वसूली हेतु संस्था द्वारा न्यायालय सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाए पन्ना, में म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64 के अंतर्गत प्रकरण दायर किया गया, प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। संस्था द्वारा विक्रेता तस्वीर मोहम्मद को सेवा पृथक किया जा चुका है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
120. ( क्र. 3257 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कों के कार्य किये जा रहे हैं? उनकी निविदा कब हुई थी, वर्तमान में उनकी स्थिति क्या है एवं कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या है? सड़कवार, योजनावार, लागत सहित जानकारी देवें। (ख) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत सड़क कटकहा से तुन्ना होते हुए अमानगंज रोड में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित बांध के कारण रोड में व्यवधान है, क्या जल संसाधन एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा मौके पर संयुक्त निरीक्षण कर निराकरण किया गया है? यदि हाँ, तो रोड का निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) यदि निराकरण नहीं किया गया है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है? क्या जवाबदेही तय कर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘अ-1’ अनुसार है । (ख) जी हाँ, जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के स्तम्भ 14 में अंकित अनुसार। (ग) निराकरण किया जा चुका है । अत: शेष प्रश्न उपस्थित नही होता है।
पत्रों पर कार्यवाही
[विधि और विधायी कार्य]
121. ( क्र. 3270 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये पत्र क्रं. B-081220162 दिनांक 8/12/2016 पर अब तक क्या कार्यवाही की गयी? विभाग द्वारा समस्त किये गये पत्राचारो की जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये पत्र क्रं. B-081220162 दिनांक 8/12/2016 पत्र में दिये गये मुलताई व्यवहार न्यायालय के भवन निर्माण के कार्य को करने के लिये शासन को प्रस्ताव भेजा गया है? यदि नहीं, तो कब तक भेजा जायेगा? (ग) बिन्दु (ख) में दिये गये कार्य को क्या इस वर्ष बजट में शामिल कर कार्य कराया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। उक्त कार्य को कब तक बजट में शामिल कर कार्य को कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विधि एवं विधायी कार्य विभाग में पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विधि एवं विधायी कार्य विभाग में पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। किन्तु मुलताई में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण हेतु कलेक्टर, बैतूल के द्वारा उपयुक्त भूमि आवंटित नहीं की गई है, भूमि आवंटित होने के पश्चात् नवीन न्यायालय भवन मुलताई के निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग से विस्तृत प्रस्ताव तैयार करवाया जाएगा। निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार समुचित भूमि आवंटित नहीं होने तथा विस्तृत प्राक्कलन प्राप्त नहीं होने से प्रश्नाधीन कार्य इस वर्ष बजट में शामिल किया जाना संभव नहीं हो सका है। निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है।
जिला बैतूल मुलताई-भैंसदेही मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 3271 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला बैतूल मुलताई-भैंसदेही मार्ग निर्माण एजेंसी द्वारा खनिज का परिवहन प्रधानमंत्री सड़क मार्गों से किया जा रहा है? (ख) बिन्दु (क) के अनुसार यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी द्वारा किये जा रहे खनिज परिवहन का भार प्रधानमंत्री सड़क की भार वहन क्षमता से अधिक क्यों किया जा रहा है? (ग) बिन्दु (ख) के अनुसार, इस तरह प्रधानमंत्री सड़क की भार वहन क्षमता से अधिक भार के परिवहन के कारण खराब हो रही प्रधानमंत्री सड़कों का संधारण कौन करेगा तथा इस तरह नियमों का उल्लंघन करने वाली मुलताई-भैंसदेही मार्ग निर्माण एजेंसी पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जनसंपर्क विभाग प्रचार-प्रसार पर व्यय की गई राशि
[जनसंपर्क]
123. ( क्र. 3277 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक जन संपर्क विभाग को कितनी राशि का बजट आवंटित किया गया है? (ख) प्राप्त बजट के विरुद्ध कितनी कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक प्रचार-प्रसार पर व्यय की गई? (ग) प्रदेश में जारी नमामि देव नर्मदा यात्रा प्रारंभ के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त यात्रा के प्रचार प्रसार जन संपर्क विभाग एवं माध्यम द्वारा कितनी कितनी राशि व्यय की है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2016-17 में विभाग को रूपये 2,55,87,00,000/- का बजट आवंटित किया गया। (ख) प्राप्त बजट के विरूद्ध रूपये 1,81,89,41,864/- की राशि प्रचार-प्रसार पर व्यय की गई। (ग) विभाग द्वारा माध्यम को कार्यादेश दिये गये हैं। प्रचार-प्रसार जारी है अभी राशि व्यय नहीं की गई है।
पुराने तालाब, छोटे बांध तथा उनकी वर्तमान भराव क्षमता
[जल संसाधन]
124. ( क्र. 3278 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्तमान में कौन-कौन से पुराने तालाब एवं छोटे बांध कहाँ-कहाँ स्थित हैं एवं वे किस स्थिति में हैं? तहसीलवार उनकी संख्या, जल भराव क्षेत्र सहित पूर्ण जानकारी दें। (ख) उक्त तालाबों/बांधों में कितने फूटे हैं व कितनों में पानी का भराव हो रहा है? क्या फूटे तालाबों, बांधों के जीर्णोद्धार की शासन की योजना है? उसे कब से लागू किया जायेगा? तालाब/बाँध का नाम, पंचायत, तहसील सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा कराहल तहसील के तालाबों की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार हेतु मान. मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव जल संसाधन एवं कलेक्टर श्योपुर को लिखे गए पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? कौन-कौन से तालाबों के जीर्णोद्धार हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की जाकर किसे निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया है? (घ) उक्त तालाबों, बांधों के जीर्णोद्धार के बाद कितने रकबे में सिंचाई होने का अनुमान है? कब तक इन तालाबों का जीर्णोद्धार कब तक पूर्ण भराव क्षमता के लिए उपयोगी बना लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। संलग्न परिशिष्ट में दर्शित तालाबों की सूची में बारधा तालाब दिनांक 16.07.2016 को क्षतिग्रस्त हुआ। शेष सभी तालाबों में जल भराव हो रहा है। क्षतिग्रस्त बारधा तालाब के सुधार हेतु डी.पी.आर. रचनाधीन है। संलग्न परिशिष्ट में दर्शित किसी भी तालाब के जीर्णोद्धार की कोई योजना स्वीकृत नहीं है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित तालाबों की मरम्मत बाबत् कोई भी पत्र प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
जिला न्यायालय के नवीन भवन का निर्माण
[विधि और विधायी कार्य]
125. ( क्र. 3319 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में जिला न्यायालय हेतु नवीन भवन स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो कब तथा कितनी लागत का? (ख) क्या उक्त स्वीकृत भवन पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो इसको पूर्ण करने की समय-सीमा क्या निर्धारित की गई थी? (ग) उक्त भवन कब तक बन कर पूर्ण हो जावेगा? (घ) उक्त जिला न्यायालय के भवन के साथ क्या न्यायालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये शासकीय आवास तथा अभिभाषकों के लिये चेम्बर भी बनाया जाना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। आदेश दिनांक 15.05.2008 के द्वारा राजगढ़ में नवीन जिला न्यायालय भवन के निर्माण हेतु रूपये 1,14,75,000/- की स्वीकृति प्रदान की गई थी एवं दिनांक 11.04.2012 के द्वारा उक्त निर्माण हेतु रूपये 7,52,86,000/- की पुनरीक्षित स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं। उक्त भवन निर्माण हेतु रूपये 1221.05 लाख के द्वितीय पुनरीक्षित प्राक्कलन उच्च न्यायालय से प्राप्त हुए है, जिसकी स्वीकृति अभी जारी होना है। अत: समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। (ग) निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है। (घ) जी हाँ। किन्तु अधिवक्ता चैम्बर के निर्माण के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा तैयार की गई नीति के अनुसार प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनसम्पर्क विभाग अन्तर्गत पदों की जानकारी
[जनसंपर्क]
126. ( क्र. 3320 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसम्पर्क विभाग अन्तर्गत राजगढ़ जिले में कौन-कौन से अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कितने कितने पद स्वीकृत हैं उसमें कितने रिक्त हैं तथा कार्यरत अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित कब से पदस्थ हैं? बतावें। (ख) क्या विभाग द्वारा फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी हेतु किसी कर्मचारी अथवा प्रायवेट व्यक्ति को रखा गया है? यदि हाँ, तो किसको तथा किस आधार पर? (ग) यदि नहीं, हो तो विभाग द्वारा फोटोग्राफी एवं विडियोग्राफी करवाये जाने की क्या व्यवस्था है? यह किससे तथा किस आधार पर करवायी जा रही है? (घ) राजगढ़ जिले में कौन-कौन से अखबार आते है एवं चैनल चलते हैं? उन पंजीकृत अखबारों और चैनल के मान्यता प्राप्त पत्रकारों की उनके अखबार एवं चैनल के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला जनसंपर्क कार्यालय राजगढ़ में निम्नानुसार पद स्वीकृत है :- सहायक संचालक, सहायक ग्रेड-दो, प्रचार सहायक ग्रेड-दो, सहायक ग्रेड-तीन, डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर (संविदा), वाहन चालक, हेल्पर के एक-एक तथा भृत्य दो पद इस प्रकार कुल 09 पद स्वीकृत है। वर्तमान 03 पद (सहायक ग्रेड-2, सहायक ग्रेड-3 तथा डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर) रिक्त है। कार्यरत अधिकारियों के नाम/पद नाम तथा पदस्थता की तिथि निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
नाम/पदनाम |
पदस्थता दिनांक |
1. |
श्री अशोक द्विवेद्वी, सहायक जनसंपर्क अधिकारी |
06.09.2012 |
2. |
श्री वरूण खड़तकर, प्रचार सहायक ग्रेड-2 |
29.06.2016 |
3. |
श्री काशीराम भिलाल, वाहन चालक |
27.02.1989 |
4. |
श्री गोरेलाल वर्मा, भृत्य |
22.06.1987 |
5. |
श्री राजेन्द्र बहादुर सिंह, भृत्य |
28.10.2016 |
6. |
श्री मनोहर लाल गनावे, हेल्पर |
25.06.1987 |
(ख) जी नहीं। (ग) यह कार्य यदा-कदा आवश्यकता अनुरूप निविदा आधार पर स्थानीय निजी फोटोग्राफर से कराया जाता है। (घ) समाचार पत्र-32, चैनल-25, अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार-14 जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र - 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
नहरों को पक्का करना
[जल संसाधन]
127. ( क्र. 3332 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न क्रमांक 2940 दिनांक 26 जुलाई 2016 के उत्तर में बताया गया था कि विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत कुशलपुरा, शमशेरपुरा, नापानेरा, टोंका एवं उमरेड़ परियोजनाओं की नहरें आंशिक पक्की है। मानकी, बिसोनिया, नारायणपुरा एवं तुलसीपुरा परियोजनाओं की नहरें कच्ची हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा आंशिक पक्की एवं कच्ची नहरों को पक्का करने की क्या योजना है तथा प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त नहरों को पक्का करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। कुशलपुरा परियोजना की बाँयी एवं दाँयी नहर तथा उमरेड़ तालाब की नहर पक्की हो चुकी है। शमशेरपुरा, नानापेरा एवं टोका परियोजना की नहरें आंशिक पक्की है। जी हाँ। सभी परियोजना की नहरों के अंतिम छोर तक जल पहुँचने के कारण कच्ची नहरों को वर्तमान में पक्का करने की आवश्यकता नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
टोंका तालाब परियोजना का अपूर्ण कार्य एवं मुआवजा भुगतान
[जल संसाधन]
128. ( क्र. 3333 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 2934 दिनांक 26 जुलाई 2016 के उत्तर में बताया गया था कि टोंका तालाब परियोजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है एवं डूब क्षेत्र के 36 कृषकों की 8 हेक्टेयर भूमि का मुआवजा भुगतान शेष है। नहर की लाईनिंग पूर्ण नहीं हुई है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक परियोजना का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक उक्त परियोजना का कार्य पूर्ण करा दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या डूब क्षेत्र के 36 कृषकों की 8 हेक्टेयर भूमि का मुआवजा भुगतान प्रश्न दिनांक तक कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कब तक मुआवजा भुगतान कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। दिसम्बर 2017 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है। (ख) जी नहीं। भू-अर्जन अवार्ड पारित होने के उपरांत भुगतान किया जावेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
नियम विरूद्ध जल कर वसूली के दोषियों पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
129. ( क्र. 3351 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 26 जुलाई 2016 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 152 (क्र. 2784) के तारतम्य में ग्राम बम्हनगवां के कितने किसानों द्वारा स्वयं के साधन से सिंचाई करने पर कर लगाया गया है? क्या स्वयं के साधन से सिंचाई करने पर कर निर्धारण का प्रावधान है? अगर है, तो नियम, नियम की प्रति देवें। अगर नहीं है, तो कर क्यों लगाया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के कितने किसानों द्वारा कितने रकबे की फसल की सिंचाई अपने साधनों के द्वारा की तो इसका सत्यापन/परीक्षण किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार किसानों से जबरन कर वसूली किये जाने के सबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा 23.04.2016 को मुख्य अभियंता गंगा कछार को लिखे गए पत्र के अनुसार क्या कार्यवाही की गई, की गई कार्यवाही की प्रति देते हुए बतावें कि नियम विरूद्ध किये गये कर वसूली के लिये कौन-कौन दोषी हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार क्या परीक्षण किये बगैर किसानों से जबरन जल कर वसूली करने के लिए दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के साथ आज दिनांक तक माईनर एवं वितरिका नहरों का निर्माण न कराकर राशि का गबन किया गया, इस पर आपराधिक प्रकरण संबंधितों के विरूद्ध दर्ज कराते हुए राशि की वसूली प्रस्तावित करेंगे? साथ ही किसानों के जल कर वसूली को माफ करेंगे? हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2012-13 में 49 कृषकों द्वारा 38.050, 2013-14 में 48 कृषकों द्वारा 37.946 तथा 2015-16 में 37 कृषकों द्वारा 27.127 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की गई। सत्यापन वर्ष 2013-14 में श्री के.के. मिश्रा उपयंत्री, श्री समयलाल कौल अमीन, 2014-15 में श्री एन.एस. चौहान उपयंत्री, 2015-16 में श्री एन.एस. चौहान उपयंत्री, श्री बाल्मिक प्रसाद पटेल अमीन द्वारा किया गया। (ग) एवं (घ) कार्रवाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। कृषकों से नियमानुसार जल कर राशि वसूली गयी है। अत: किसी अधिकारी पर कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं उठता। ग्राम पंचायत बम्हनगवां में वितरक एवं माईनर नहर का निर्माण कार्य किया गया है किंतु कृषि योग्य भूमि निर्मित नहर के बेड लेवल/फुल सप्लाई लेवल से काफी ऊँचा होने के कारण कृषक वितरक एवं माईनर नहर से पानी अपने संसाधन से लिफ्ट कर सिंचाई करते हैं। अतएव राशि का गबन एवं किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण का प्रश्न ही नहीं उठता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
130. ( क्र. 3352 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला अंतर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्नांश दिनांक तक में बीजग्राम योजनांतर्गत प्रशिक्षण बाबत् कितना बजट (आवंटन) खरीफ/रबी के लिये प्राप्त हुआ प्राप्त राशि का विकासखण्डवार व्यय का का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के राशि का उपयोग वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों द्वारा कितने ग्रामों में कितने किसानों को प्रशिक्षण दिया? विकासखण्डवार व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के किसानों में से कितने ऐसे किसान हैं, जिनको बार-बार प्रशिक्षित किया गया? इनमें से कितने ऐसे किसान हैं, जिनकों दो बार से ज्यादा प्रशिक्षण दिया गया एवं कितने जो प्रशिक्षण के पात्र थे वंचित हुए तो क्यों? (घ) रीवा जिला अन्तर्गत वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक में किसानों को क्या खेत तालाब योजना के तहत लाभांवित किया गया है? यदि हाँ, तो विकासखण्डवार जानकारी देवें? इनमें से कितने तालाबों का निर्माण पूरा हुआ एवं कुल कितनी राशि किसानों को दी गई? इनमें से ऐसे कितने किसान हैं जिनके खेत तालाब के कार्य पूर्ण हो जाने के बाद भी राशि नहीं दी गई, तो क्यों? (ड.) यदि प्रश्नांश (ख) के किसानों को प्रशिक्षण न देकर फर्जी बिल-वाउचर के आधार पर उन्हीं किसानों को बार-बार प्रशिक्षण देना दिखाकर राशि आहरित की गई एवं खेत तालाब के नाम पर भी फर्जीवाड़ा किया गया तो संबंधितों के विरूद्ध क्या गबन का मामला कायम कराते हुए राशि की वसूली करायेंगे? हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) योजना प्रावधानानुसार फलसवार अगल-अलग कृषकों को फसल की तीन अवस्थाओं में प्रशिक्षण दिया गया है। सभी पात्र कृषकों को प्रशिक्षण दिया गया है। कोई भी पात्र कृषक प्रशिक्षण से वंचित नहीं रहा है। (घ) जी नहीं। खेत तालाब योजना वर्ष 2012 से जिले में संचालित नहीं है। (ड.) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित पात्र कृषक संख्या अनुसार ही किसानों को प्रशिक्षण तथा उत्तरांश (घ) के अनुसार खेत तालाब योजना क्रियान्वित नहीं होने से संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वर्मी कंपोस्ट का व्यापार करने की अनुमति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
131. ( क्र. 3367 ) श्री आरिफ अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदायक संस्था के पास उर्वरक लायसेंस में वर्मी कंपोस्ट का व्यापार करने की अनुमति नहीं होने तथा भ्रष्टाचार के चलते वर्मी कंपोस्ट को सप्लाय करने वालों के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत उर्वरक अधिनियम 1985 की धारा 8,19 (सी) एवं 28 के तहत कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उप संचालक कृषि विदिशा द्वारा जिला विपणन अधिकारी को वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में वर्मी कंपोस्ट क्रय करने के प्रदाय आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या जिला विपणन अधिकारी को जारी उर्वरक लायसेंस में वर्मी कंपोस्ट व्यापार करने की अनुमति थी? यदि नहीं, तो किस नियम के तहत वर्मी कंपोस्ट करवाया गया इस नियम के विपरीत कार्यवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त वर्मी कंपोस्ट का वितरण जिले के समस्त विकासखण्डों में पदस्थ वरिष्ठ कृषि अधिकारियों द्वारा किसानों को वितरित किया गया जो कि अमानक स्तर के खाद पर कार्यवाही करने के लिए विभाग में उर्वरक निरीक्षक के रूप में शासन द्वारा अधिकृत हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में वर्मी कंपोस्ट वितरण में कार्यवाही नहीं करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रदायक संस्था के पास उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र में वर्मी कम्पोस्ट का व्यापार करने की अनुमति नहीं होने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अन्तर्गत उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के खण्ड 8, 19 (सी) एवं 28 के अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। (ख) उप संचालक कृषि विदिशा द्वारा जिला विपणन अधिकारी विदिशा को वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में वर्मी कम्पोस्ट प्रदाय करने के प्रदाय आदेश जारी किये गये थे। जिला विपणन अधिकारी को जारी उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र में वर्मी कम्पोस्ट व्यापार करने की अनुमति नहीं थी। तत्कालीन उप संचालक कृषि जिला विदिशा द्वारा दिये गये प्रदाय आदेश के परिपालन में तत्कालीन जिला विपणन अधिकारी विदिशा द्वारा वर्मी कम्पोस्ट के व्यापार के अनुमति नहीं होने पर भी वर्मी कम्पोस्ट प्रदाय किया गया। जिला विपणन अधिकारी जिला विदिशा द्वारा वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय हेतु प्राधिकार पत्र न होने के उपरान्त भी प्रदाय किया गया जिसके संबंध में उप संचालक कृषि विदिशा द्वारा जिला विपणन अधिकारी विदिशा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है तथा प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित भोपाल द्वारा तत्कालीन जिला विपणन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। (ग) जिला विपणन अधिकारी जिला विदिशा को उच्च गुणवत्ता एवं मानक स्तर का वर्मी कम्पोस्ट प्रदाय करने हेतु आदेश प्रदाय किया गया था। इसी आधार पर उच्च गुणवत्ता का प्राप्त वर्मी कम्पोस्ट वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों द्वारा कृषकों को वितरण किया गया। विकासखण्डों में पदस्थ वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी अमानक स्तर के उर्वरक पर कार्यवाही करने के लिये विभाग में उर्वरक निरीक्षक के रूप में अधिकृत है। संस्था द्वारा मानक स्तर का वर्मी कम्पोस्ट प्रदाय किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नहरों के सुदृढ़ीकरण अथवा विस्तारीकरण कार्य
[जल संसाधन]
132. ( क्र. 3404 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं की पूर्व निर्मित नहरों की मजबूती/सुदृढ़ीकरण अथवा विस्तारीकरण का कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो धार जिले की धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र की उन नहरों का नाम, स्थान, स्वीकृत वर्ष व स्वीकृत राशि तथा किये गये नहर मजबूती/सुदृढ़ीकरण अथवा विस्तारीकरण कार्य पर व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) उक्त नहर मजबूती/सुदृढ़ीकरण अथवा विस्तारीकरण कार्य किसके द्वारा किया गया है? उक्त कार्य के लिये क्या निविदाएं आमंत्रित की गई थी? (घ) ग्राम जामनघाटी, भुराकुआ, एहमदपुरा/अब्दुलपुरा एवं पिरघाटपुरा तालाबों की नहरों की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या भविष्य में इन तालाबों की नहरों की मजबूती/सुदृढ़ीकरण अथवा विस्तारीकरण का कार्य किया जावेगा? यदि हाँ, तो, समय-सीमा बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। विवरण संलग्न प्रपत्र परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ग्राम जामनघाटी, भुराकुआ एवं एहमदपुरा में जल संसाधन विभाग का कोई तालाब निर्मित नहीं है। ग्राम पीरघाटपुरा में पीरघाटा तालाब, ग्राम भागलियापुरा में भागलियापुरा तालाब तथा ग्राम अब्दुल्लापुरा में अब्दुल्लापुरा तालाब से रूपांकित सिंचाई क्षमता उपलब्ध कराई जा रही है। तालाबों की नहरों के मजबूतीकरण/सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
बीना सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
133. ( क्र. 3429 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिला अंतर्गत प्रस्तावित बीना संयुक्त सिंचाई परियोजना को वर्ष 2010 में प्रशासकीय स्वीकृति मिल जाने के बाद उक्त परियोजना मात्र औपचारिक स्वीकृतियों के अभाव में क्रियान्वयन हेतु लंबित पड़ी हुई हैं? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि परियोजना स्वीकृति उपरांत प्रश्न दिनांक तक इसके स्वरूप में कितने संशोधित प्रारूप प्रस्तुत किये गये और वर्तमान में अब इसका क्या स्वरूप है? क्या स्वरूप परिवर्तन से भूमि की सिंचाई क्षमता घटने के अनुपात में लागत बढ़ गयी है? (ग) यदि हाँ, तो परियोजना के प्रारंभ में प्रशासकीय स्वीकृति के समय प्रस्तावित सिंचाई क्षमता कितनी थी और कितनी लागत थी और वर्तमान में परियोजना के क्रियान्वयन में कितनी सिंचाई क्षमता और कितनी लागत आ रही है? इसमें शासन को अनुमानत: कितनी क्षति उठाना पड़ रही है? (घ) प्रश्नांश कंडिका (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि वर्तमान स्वरूप में परियोजना के क्रियान्वयन पर कौन-कौन से बांध एवं सह पिक-अप वियर आदि का निर्माण कहाँ-कहाँ किया जावेगा? कितने-कितने और कौन-कौन से ग्रामों की कितनी-कितनी और किस-किस की राजस्व भूमि डूब में आयेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एक बार। वर्तमान स्वरूप में ग्राम भैंसा के पास धसान डायवर्सन के स्थान पर ग्राम सेमराघाट के पास सेमराघाट डायवर्सन वियर एवं मंडिया बाँध की 310.44 मि.घ.मी. क्षमता के स्थान पर लगभग 85.00 मि.घ.मी. क्षमता का प्रस्ताव है। शेष देहरा एवं चकरपुर बाँध वर्तमान स्वरूप में यथावत हैं। जी नहीं। (ग) प्रारंभ में सिंचाई क्षमता 97,747 हेक्टर एवं लागत रूपये 1514.77 करोड़ यू.सी.एस.आर.-2009 की दरों पर थी। वर्तमान में सिंचाई क्षमता 60,000 हेक्टर एवं लागत रूपये 2146.92 करोड़ यू.सी.एस.आर.-2016 की दरों पर आंकलित हैं। अद्यतन में इसका लाभ/लागत अनुपात निर्धारित मापदण्ड से अधिक होने के कारण शासन को कोई क्षति नहीं होगी। (घ) मडिया बाँध, बीना नदी पर ग्राम मडिया के समीप, चकरपुर बाँध, बीना नदी पर ग्राम भुलना भानगढ के समीप, देहरा बाँध, देहरा नाला पर ग्राम शिकारपुर के समीप एवं सेमराघाट वियर धसान नदी पर ग्राम सेमराघाट के समीप। परियोजना प्रतिवेदन अंतिम होने पर वांछित जानकारी दिया जाना संभव हो सकेगा।
ग्राम बिलहरा पनारी मार्ग पर सेतु निर्माण
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 3430 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बिलहरा से पनारी मार्ग पर परकुला नदी पर बना रिपटा अत्यंत जर्जर एवं जीर्ण-शीर्ण हो गया है? जिस पर आये दिन दुर्घटनायें होती रहती है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त रपटा का सुधार कार्य या नवीन निर्माण अथवा रिपटे के स्थान पर पुल के निर्माण की कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। आंशिक रूप से। जी नहीं। (ख) रपटा का सुधार कार्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। नवीन पुल निर्माण की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ग) वर्तमान में प्रस्तावित पुल न तो स्वीकृत है और न ही किसी योजना में प्रस्तावित है।
आर.बी.आई. के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन
[सहकारिता]
135. ( क्र. 3451 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नोटबंदी के संबंध में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी दिशा-निर्देश में प्रदेश की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में पुराने नोट जमा कराए जाने का उल्लेख किया गया था? (ख) यदि नहीं, तो प्रदेश की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में पुराने नोट दिनांक 8.11.2016 से 31.12.2016 तक की अवधि में जमा कराए गए? यदि हाँ, तो किसके आदेश से? स्पष्ट करें। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में 8 नवम्बर 2016 से 31 दिसम्बर 2016 तक प्रदेश की किन-किन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में रूपये 50 लाख से अधिक की राशि व्यक्तिगत खातेदारों द्वारा जमा करायी गई? खातों की संख्या के साथ राशि का विवरण बैंकवार उपलब्ध करावें? (घ) उक्त प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या आर.बी.आई. के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर पुराने नोट जमा कराने के संबंध में संबंधित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के संचालक मण्डल/बैंक के जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, भारत का राजपत्र संख्या 2663 वित्त मंत्रालय शुद्धि पत्र दिनांक 09 नवम्बर, 2016 द्वारा जारी निर्देशानुसार। (ख) भारत का राजपत्र संख्या 2663 वित्त मंत्रालय शुद्धि पत्र दिनांक 09 नवम्बर, 2016 द्वारा जारी निर्देशानुसार पुराने नोट जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा जमा कराये जाने तथा भारतीय रिजर्व बैंक के परिपत्र आरबीआई/2016-17/130 डीसीएम (पीएलजी) नं. 1273/10.27.00/2016-17 दिनांक 14 नवम्बर, 2016 के अनुसार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों को पुराने नोट जमा करने तथा बदलने हेतु रोक लगाये जाने के कारण केवल दिनांक 10.11.2016 से 13.11.2016 तक प्रदेश की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में पुराने नोट जमा कराये गये हैं। (ग) प्रदेश की 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में से केवल जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., मण्डला में एक खातेदार द्वारा राशि रूपये 59.69 लाख जमा कराये गये है। (घ) उत्तरांश ’’ख’’ एवं ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
बीमा क्लेम राशि का कृषकों को भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
136. ( क्र. 3462 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर के अंतर्गत समस्त तहसीलों में फसलों के लिए 2014-15, 2015-16, 2016-17 की बीमा क्षतिपूर्ति की राशि का बंटन प्राप्त हो चुका है? यदि हाँ, तो बतावें कि किस-किस बैंक में कितने कृषकों को बीमा क्लेम की राशि के दावे स्वीकृत किये गये हैं? (ख) क्या जिले के हजारों कृषकों द्वारा प्रीमियम राशि भिन्न-भिन्न बैंकों में जमा कराई गई थी किन्तु क्या कारण है कि कृषकों को वर्ष 2006 के अंतिम पड़ाव तक भी बीम क्लेम राशि प्राप्त नहीं हुई है? इसके लिये क्या बीमा कंपनियां जिम्मेदार है? यदि हाँ, तो ऐसे कंपनियों के विरूद्ध शासन द्वारा कोई कठोर कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या शासन पीड़ित कृषकों की बीमित राशि का भुगतान करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत जिला छतरपुर की वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। रबी वर्ष 2015-16 की क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। बैंकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2016 हेतु दावों का आंकलन प्रक्रियाधीन है। (ख) योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2015 तक का दावा राशि का वितरण किया जा चुका है। रबी वर्ष 2015-16 की क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
मंत्री बंगलों के साज-सज्जा पर व्यय
[लोक निर्माण]
137. ( क्र. 3502 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री एवं मंत्री परिषद् के सदस्यों को भोपाल शहर में आवंटित बंगलों की साज-सज्जा एवं अतिरिक्त निर्माण कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) उक्त बंगलों पर बिजली एवं पानी के प्रबंध पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? बंगलेवार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'अ' के कॉलम 6 अनुसार है।
निजी भूमियों पर बिना अर्जन के सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
138. ( क्र. 3503 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले के बुधनी तहसील के ग्राम सेमरी से रतनपुरा एवं खानपुरा के लिए विभाग ने सड़क का निर्माण किया है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी लागत का किस वर्ष में सड़क निर्माण किया गया है? इस मार्ग के संबंध में पटवारी मानचित्र में किस-किस खसरा नंबर से मार्ग होना बताया है? विभाग ने पटवारी मानचित्र से हटकर किस-किस किसान की निजी भूमि से मार्ग का निर्माण कर लिया गया है? (ग) निजी भूमि पर किए गए मार्ग निर्माण के संबंध में अधीक्षक यंत्री लोक निर्माण विभाग भोपाल क्रमांक-2 ने किस-किस दिनांक को किस-किस को दिशा-निर्देश दिए थे? संबंधित कार्यपालन यंत्री ने किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी भूमि का एवं मार्ग का सीमांकन कर प्रतिवेदन अधीक्षण यंत्री के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया? (घ) मार्ग में उपयोग की गई निजी भूमि के अर्जन का प्रकरण बनाया जाकर कब तक प्रस्तुत किया जावेगा, बिना अर्जन के ही मार्ग निर्माण करने वाले विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इस मार्ग का निर्माण विद्यमान प्रचलित कच्चे रास्ते पर ही कराया गया, मार्ग जो सरकारी गोहा था, जिस पर ग्रामीणों का वर्षों से आवागमन था उसी पर बनाया गया है। निर्माण के समय कार्य स्थल पर किसानों द्वारा आपत्ति व्यक्त नहीं किये जाने के कारण सीमाकंन नहीं कराया गया। (ग) अधीक्षण यंत्री के पत्र क्रं./1024/शिका./84/बुदनी/भोपाल दिनांक 09.02.2017 में संदर्भित पत्र क्रं. 2226 दि. 20.03.2012 प.क्रं. 4055, दिनांक 21.06.2013, प.क्र. 6218, दि. 17.09.2013, प.क्रं. 7896 दि. 06.12.2014, पत्र क्रं. 419 दि. 16.01.2017, पत्र क्रं. 686 दि. 27.01.2017 एवं प.क्र. 931 दि. 04.02.2017 के द्वारा कार्यपालन यंत्री, सीहोर एवं बुधनी को निर्देशित किया गया। कार्य स्थल पर सड़क जिसको एकरेखण पर बनाई गई वह प्रचलित कच्चा रास्ता था तथा जिस पर ग्रामीणों का वर्षों से आवागमन था। अत: यह मानते हुये कि एक रेखण में आने वाली भूमि शासकीय है, भू-अर्जन हेतु प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया। वर्तमान में एक कृषक द्वारा भू-मुआवजा हेतु लिखा गया है, जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) भू-अर्जन हेतु प्रकरण बनाया जा रहा है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
ऑडियो टीप की जाँच
[लोक निर्माण]
139. ( क्र. 3509 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत वर्ष 2015 से 2016 के बीच लोक निर्माण विभाग में रिश्वत मांगने संबंधी ऑडियो टेप की जाँच किस अधिकारी ने की है? (ख) उक्त ऑडियों टेप की जाँच से संबंधित रिपोर्ट की जानकारी देवें? (ग) ऑडियो टेप से संबंधित कौन-कौन अधिकारी रिश्वत मांगने के लिये जिम्मेदार है? उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) जिन कामों के लिये रिश्वत मांगी जा रही थी? क्या विभाग ने उनकी जाँच की है? संबंधित कार्यों की क्या स्थिति पाई गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रारंभिक जाँच प्रबंध संचालक, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम, भोपाल द्वारा की गई है। (ख) जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई जिम्मेदार नहीं पाया गया। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रकरण की विस्तृत जाँच लोकायुक्त संगठन द्वारा की जा रही है। (घ) शिकायत में कामों का कोई उल्लेख नहीं है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भंडार क्रय नियम अनुसार सहकारी उपभोक्ता संघ की स्थिति
[सहकारिता]
140. ( क्र. 3510 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के भण्डार क्रय नियम सहकारिता विभाग पर भी लागू है? यदि हाँ, तो इसके किस नियम धारा और कंडिका में राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ को शासकीय उपक्रमों को सीधे वस्तु/सामग्री सप्लाई करने हेतु जोड़ा गया है? (ख) यदि नहीं, तो राज्य उपभोक्ता सहकारी संघ राज्य के शासकीय उपक्रमों को सामग्री किस नियम और अधिकार से सीधे बेच रहे है? (ग) क्या न्यायालय का कोई स्थगन, सहकारिता विभाग को सीधे सामग्री विक्रय का अधिकार दे रहा है? यदि हाँ, तो न्यायालय निर्णय की प्रति दें। (घ) क्या सहकारिता विभाग ने ऐसे किसी न्यायालयीन निर्णय में स्थगन हटवाने या उसके विरूद्ध अपील की है? प्रकरण में नियुक्त प्रभारी अधिकारी का नाम और पद बतायें। (ड.) राज्य उपभोक्ता संघ के उन दोषी प्रबंधकों के विरूद्ध जिन्होंने अनुसूचित जाति विकास विभाग में अवैध रूप से करोड़ों रूपयों की एल.ई.डी. बेची है, के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? आदेशों की प्रतियां देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन के भंडार क्रय नियम अंतर्गत शासकीय उपक्रमों को सीधे वस्तु/सामग्री सप्लाई करने हेतु म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ म.प्र. भोपाल को सम्मिलित नहीं किया गया है। (ख) म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ राज्य के शासकीय उपक्रमों को मांग प्राप्त होने पर संघ की उपविधियों में वर्णित प्रावधान अनुसार सामग्री प्रदाय करता है। (ग) सहकारिता विभाग द्वारा सामग्री क्रय विक्रय का कार्य नहीं किया जाता है। म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ सामग्री क्रय-विक्रय का कार्य करता है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर का म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ के संबंध में स्थगन आदेश 18/09/2015 से जारी हुआ जो दिनांक 05.08.2016 तक प्रभावशील रहा, प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ, के शाखाओं द्वारा अनुसूचित जाति विकास विभाग में राशि रूपये 1,59,20,335.00 के एल.ई.डी. बल्ब/लाईट प्रदाय किये गये, प्रदाय रेट में अनियमितता पाये जाने पर 3 शाखा प्रबंधक, श्री रणमत सिंह, श्री विजयकान्त दुबे एवं श्री राधेश्याम शर्मा के निलम्बन आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। श्री रणमत सिंह, श्री विजयकान्त दुबे को निलम्बन से बहाल कर दिया गया जिनके आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। श्री राधेश्याम शर्मा, दिनांक 30.06.2016 को संघ की सेवा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उक्त तीनों के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
किसानों को फसल बीमा राशि का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
141. ( क्र. 3521 ) श्री सचिन यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किसानों को कब से किस-किस फसल बीमा योजनान्तर्गत लाभांवित करने के मापदण्ड क्या हैं? (ख) किसानों की फसल प्राकृतिक आपदाओं से खराब व नष्ट होने के उपरांत प्रश्नांश (क) अनुसार राज्य के कुल कितने किसानों को कितनी-कितनी राशि वितरित की गई? जिलेवार एवं संख्यावार जानकारी दें। (ग) क्या फसल बीमा की राशि किसानों की असहमति होने पर भी उनके खातों से प्रीमियम की राशि काट ली जाती है? हाँ, तो इस संबंध में कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? तत्संबंध ब्यौरा क्या है। (घ) उक्त योजनाओं के अंतर्गत कितनी राशि केन्द्रांश के रूप में जमा की गयी एवं कितनी राशि राज्य सरकार ने राज्यांश के रूप में बीमा कंपनी को उपलब्ध करायी और इससे कितने किसानों को लाभांवित किया गया? तत्संबंधी जिलेवार ब्यौरा क्या है एवं राज्य को फसल बीमा से अब तक कुल कितनी दावा राशि प्राप्त हुई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना का क्रियान्वयन एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा रबी 1999-2000 से रबी 2015-16 मौसम तक किया गया है। योजनांतर्गत क्षतिपूर्ति प्रकिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2016 से लागू हुई है। योजनांतर्गत क्षतिपूर्ति प्रकिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत रबी 1999-2000 से रबी 2015-16 मौसम का बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। खरीफ 2016 फसल मौसम के मध्य में फसल क्षति जोखिम अंतर्गत दतिया जिले के 16293 कृषकों को राशि रू. 9.41 करोड़ का भुगतान किया गया। शेष कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) योजनांतर्गत फसल ऋण लेने वाले कृषकों के लिये फसल बीमा अनिवार्य है। अऋणी कृषकों हेतु फसल बीमा ऐच्छिक है। अऋणी कृषकों से असहमति होने पर भी उनके खाते से प्रीमियम की राशि काटने संबंधी शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत कृषकों से प्राप्त प्रीमियम राशि तक एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी का दायित्व है। शेष दावा राशि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा बराबर अनुपात में वहन की गई है। खरीफ 2016 मौसम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत कृषक अंश राशि रू. 454.14 करोड़ संबंधित बीमा कंपनियों को जमा किया गया है। खरीफ 2016 मौसम हेतु राज्य सरकार ने राशि रू. 3.17 करोड़ दतिया जिले हेतु अग्रिम प्रीमियम बीमा कंपनी को जमा कराया है। जिसके अंतर्गत दतिया जिले में 16293 कृषकों को राशि रू. 9.41 करोड़ का भुगतान किया गया। रबी 2016-17 मौसम में कुल राशि रू. 362.35 करोड़ कृषक अंश प्रीमियम संबंधित बीमा कंपनियों को जमा कराया गया है।
आधार कार्डधारियों को बैंक खातों से लिंक करना
[सहकारिता]
142. ( क्र. 3526 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में कुल जनसंख्या के अनुपात में कुल कितने बैंक खाते है? (ख) क्या उक्त बैंक खातों को आधार कार्ड से लिंक किया गया है? हाँ तो बतायें, नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक तथा प्रदेश के 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक तथा प्रदेश के 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बैंकों में खोले गये खातों को आधार कार्ड से लिंक कराने के लिये बैंकों के लिए वैधानिक बाध्यता नहीं है, खाताधारक स्वेच्छा से अपना बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक करा सकता है।
समय-सीमा में सड़क निर्माण न करने पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
143. ( क्र. 3530 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चन्दला विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल कितनी सड़कें निर्माणाधीन है? निर्माणाधीन सड़क की प्रशासकीय स्वीकृति कब प्राप्त हुई थी तथा कितनी लागत की सड़क है? अब तक कितनी राशि खर्च हुई है? कार्य प्रगति न होने का कारण क्या है? वर्णित सड़क निर्माणकर्ता ठेकेदार का नाम, जमा प्रतिभूति राशि, कार्य अवधि का उल्लेख करें। (ख) क्या समय-सीमा पर सड़क निर्माण न करने पर विभागीय अधिकारी पर जवाबदेही सुनिश्चित करने एवं ठेकेदारों को ब्लेक लिस्ट करने की कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या चन्दला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अभी भी कई सड़कें निर्माण हेतु अधूरी पड़ी हैं? यदि हाँ, तो सूची प्रदाय करें? (घ) इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुयी और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 1 सड़क निर्माणाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
चन्दला वि.स. की सड़कों-पुलियों का मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
144. ( क्र. 3531 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चन्दला विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत विगत तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कों एवं इन मार्गों पर कितने पुल-पुलियों का निर्माण किया गया? स्थानवार, सड़कवार, जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित सड़कों एवं पुलियों के निर्माण से प्रश्न दिनांक तक के रख-रखाव में कितनी बार डामरीकरण एवं जीर्ण-शीर्ण अवस्था में अन्य रिपेयरिंग कार्यों को किया गया? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क व पुल-पुलियों के निर्माणाधीन के समय से रख-रखाव की जिम्मेदारी किस समयावधि तक किस-किस की थी और क्या घटिया सामग्रियों के उपयोग होने के उपरांत संबंधित अधिकारियों ने जाँच की? (घ) इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुयी और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ के कालम 10 अनुसार मरम्मत की कार्यवाही ठेकेदार के द्वारा की जानी है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निर्माण के पूरे समय रख-रखाव की जिम्मेदारी विभाग के फील्ड स्टॉफ एवं ठेकेदार की थी। निर्माण सामग्री मानक स्तर की उपयोग की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। मुख्य अभियंता सागर द्वारा प्रेषित जाँच प्रतिवेदन पर कृत कार्यवाही मुख्यमंत्री मॉनिट A+ में दर्ज की गयी है।
प्रवेश द्वार की जाँच
[लोक निर्माण]
145. ( क्र. 3555 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के अधिपत्य में नगर पलिक निगम रीवा जिले के प्रत्येक नगर पलिका नगर पंचायत एवं अन्य मुख्य सड़कों में कितने प्रवेश द्वार लगे हुऐ हैं? शहरवार एवं कस्बेवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्रवेश द्वार का निर्माण एवं संधारण किसके द्वारा किया गया है? संस्थावार एवं संविदाकारवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रवेश द्वार का प्रचार-प्रसार में उपयोग करने के लिए किसे अधिकृत किया गया है,? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में प्रवेश द्वार का उपयोग प्रचार-प्रसार के लिए गलत ढंग से करने के लिए कौन जिम्मेदार है? दोषी अधिकारी एवं संस्था के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) नगर पालिका, नगर पंचायत एवं अन्य मुख्य सड़कों पर लोक निर्माण विभाग द्वारा किसी प्रकार के प्रवेश द्वार का निर्माण नहीं किया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि योजनान्तर्गत किसानों को उन्नत कृषि हेतु प्रशिक्षण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
146. ( क्र. 3573 ) श्री राजेश सोनकर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन की विभिन्न कृषि योजनान्तर्गत किसानों को उन्नत कृषि को प्रशिक्षण हेतु अन्य प्रदेशों व विदेशों में शासकीय खर्च पर भेजा जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में किन-किन किसानों को कौन-कौन से प्रदेश व देश में प्रशिक्षण हेतु भेजा गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में किस-किस योजनान्तर्गत किसानों को प्रशिक्षण हेतु भेजने के क्या मापदंड निर्धारित है एवं उनके चयन की क्या प्रक्रिया है? एक कृषक को कितने प्रशिक्षण प्राप्त करने की पात्रता है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी साख संस्था एवं गृह निर्माण संस्थाओं को भंग/परिसीमापन नोटिस
[सहकारिता]
147. ( क्र. 3574 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारिता विभाग द्वारा क्या संस्थाओं को भंग/परिसीमापन करने का नोटिस जारी किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? स्पष्ट करें? गृह निर्माण संस्था, साख संस्था आदि को भंग/परिसीमापन का नियम क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन संस्थाओं को भंग/परिसीमापन करने का नोटिस सहकारिता विभाग द्वारा कब जारी किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन सहकारी साख संस्था एवं गृह निर्माण संस्थाओं पर बतौर प्रशासक कौन-कौन अधिकारी पिछले 07 वर्षों में काबिज रहे? क्या इन अधिकारियों द्वारा कई संस्थाओं में ऑडिट नहीं कराया गया? यदि हाँ, तो ऑडिट नहीं कराने वाले अधिकारियों पर भी सहकारिता विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में किन-किन गृह निर्माण संस्था, साख संस्थाओं को बतौर प्रशासक नियुक्त रहे? अधिकारियों की गलती का संस्था को सुधार का कोई मौका दिया जायेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सहकारी संस्थाओं के संचालक मण्डल के अतिष्ठान के संबंध में मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (2) के अंतर्गत एवं परिसमापन के संबंध में धारा 69 (3) के अंतर्गत नोटिस जारी किया जाता है। नोटिस जारी करने का कारण अधिनियम की धारा 53 (2) एवं 69 (3) में वर्णित प्रावधान के अनुसार होता है। गृह निर्माण संस्था, साख संस्था आदि के संचालक मण्डल का अतिष्ठान अधिनियम की धारा 53 (2) के अंतर्गत नोटिस जारी किया जाकर अधिनियम की धारा 53 (1) के अंतर्गत अंतिम आदेश पारित किया जाता है एवं इन संस्थाओं के परिसमापन के संबंध में अधिनियम की धारा 69 (3) के अंतर्गत नोटिस जारी किया जाकर धारा 69 (1) या 69 (2) के अंतर्गत अंतिम आदेश पारित किया जाता है। प्रावधानों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जानकारी प्राप्त होने पर परीक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
मण्डी सचिवों की सेवाएं मूल विभाग को सौंपा जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
148. ( क्र. 3585 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कृषि उपज मण्डी समितियों में सचिव पद हेतु किन-किन विभागों/फेडरेशन से अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रति नियुक्ति पर लिया गया है तथा उनकी प्रति नियुक्ति की अवधि कितने समय के लिये निर्धारित है? (ख) प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किन-किन सचिवों की सेवाएं उनके मूल विभाग द्वारा वापस मांगी गई है? मूल विभाग द्वारा सेवाएं वापस मांगे जाने के विरुद्ध किन-किन सचिवों द्वारा माननीय न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में आने वाले प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सचिवों के संबंध में शासन माननीय न्यायालय से स्थगन समाप्त कराने की कार्यवाही करते हुए उन्हें उनके मूल विभाग को सेवाएं सौंपने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। राज्य मंडी बोर्ड सेवा विनियम 1998 के विनियम 6 (2) (9) अनुसार प्रतिनियुक्ति की अवधि अधिकतम 04 वर्षों की होगी, जो कि दोनों विभागों/संगठनों की सहमति से बढ़ाई जा सकेगी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) चूंकि प्रकरण माननीय न्यायालय की विवेचना में है, जिस पर विधि अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
बुन्देलखंड पैकेज से स्वीकृत कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
149. ( क्र. 3603 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला की जैसीनगर कृषि उपज मंडी में बुन्देलखण्ड पैकेज की राशि से कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के कराये गये हैं? (ख) क्या निर्मित संरचना/कराये गये कार्य अमानक स्तर के घटिया है, जिसकी जाँच की जा रही है? जाँच कौन-कौन अधिकारी कर रहे हैं? इसकी जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक से क्यों नहीं कराई जा रही है? (ग) क्या मंडी में कृषि उपज विक्रय एवं वाहन हेतु समतल जगह नहीं है? स्थल को किस अधिकारी ने चयनित कर सही माना? (घ) घटिया निर्माण कार्य को किस यंत्री ने सही परखकर बिल भुगतान कराया है? दोषी यंत्री पर कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सागर जिला की जैसीनगर कृषि उपज मंडी में बुंदेलखंड पैकेज की राशि से कराये गये कार्यों के नाम एवं राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्य की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) संगठन के श्री जी.पी. मेहरा, मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग, श्री पी.एस. तोमर, कार्यपालन यंत्री एवं श्री रतन सोमकुंवर, सहायक यंत्री द्वारा की जा रही है। (ग) जैसीनगर मंडी का प्रागंण विस्तृत क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जो कि समतल नहीं है। स्थल का चयन तत्कालीन मंडी समिति द्वारा किया गया है। (घ) कार्य मानक स्तर का पाये जाने के फलस्वरूप निम्नानुसार यंत्रियों द्वारा बिल भुगतान कराया गया है :-1. श्री अनिल कुमार शर्मा, उपयंत्री, 2. श्री प्रवीण मधुस्कर, सहायक यंत्री, 3. श्री फूलचंद तोमर, कार्यपालन यंत्री मुख्य तकनीकी परीक्षक की जाँच रिपोर्ट अनुसार आवश्यक होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी।
अरहर की खरीदी में गड़बड़ी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
150. ( क्र. 3604 ) श्री हर्ष यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी, 2017 में सागर, खुरई, बीना मंडियों में अरहर की आवक कितनी हुई तथा बिक्री की न्यूनतम अधिकतम दर क्या थी? मंडीवार बतायें। (ख) वर्ष 2016-17 के लिये अरहर का समर्थन मूल्य कितना है? जनवरी, 2017 में सागर मंडी में अरहर विक्रय के अनुबंध तथा भुगतान पत्र की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) समर्थन मूल्य से कम कीमत में अरहर बिक्री की सूचना कलेक्टर सागर को क्यों नहीं दी गई? समर्थन मूल्य से कम कीमत में बेची अरहर के सेम्पल कब लिये गये एवं कलेक्टर सागर को सेम्पल कब भेजे गये? कलेक्टर सागर कार्यालय की पावती बतायें? (घ) समर्थन मूल्य से बहुत की कम कीमत में अरहर विक्रय कराके शासन नीति के खिलाफ काम करने एवं किसानों को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले मंडी समितियों के अधिकारियों एवं मंडी बोर्ड के क्षेत्रीय संयुक्त संचालक पर क्या कार्यवाही की जा रही है? नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नागत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 के लिये अरहर का समर्थन मूल्य 4625/- एवं 425/- बोनस कुल 5050/- प्रति क्विंटल है। जनवरी, 2017 में सागर मंडी में अरहर विक्रय के अनुबंध तथा भुगतान पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्य से कम में अरहर विक्रय की सूचना कृषि उपज मंडी समिति सागर द्वारा पत्र क्रमांक 3045 दिनांक 28.01.2017 द्वारा दी गई थी, उक्त पत्र प्रबंधक भारतीय खाद्य निगम सागर को प्रेषित किया गया था। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड आचंलिक कार्यालय सागर द्वारा समसंख्यक पत्र दिनांक 17.01.16, पत्र दिनांक 25.01.17 एवं पत्र दिनांक 01.02.17 से शासकीय संस्थाओं से तुअर/अरहर की खरीदी मंडी समितियों से करने हेतु कलेक्टर सागर एवं संबंधित मंडी को पत्र जारी किये गये। समर्थन मूल्य से कम कीमत से विक्रय हुई अरहर से सेंपल मंडी समिति में रखे गये है। प्रश्नागत सेंपल कलेक्टर सागर को प्रेषित करने के निर्देश नहीं होने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) समर्थन मूल्य, एफ.ए.क्यू. स्तर की गुणवत्ता वाली अरहर हेतु निर्धारित है। कृषकों द्वारा लायी गई कृषि उपज का विक्रय मंडी समिति द्वारा खुली नीलामी से उचित प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पर किया जाता है, जिसमें नॉन एफ.ए.क्यू. उपज की गुणवत्ता अनुसार बाजार दर-कृषक को, सहमति प्रदान करने पर प्राप्त होती है। अत: शेष कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिया जाना
[लोक निर्माण]
151. ( क्र. 3608 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में लोक निर्माण विभाग संभाग में कार्यरत/पदस्थ चतुर्थ श्रेणी एवं सहायक ग्रेड-3 वर्ग के कर्मचारियों का समयमान वेतनमान कितने वर्षों से नहीं दिया गया या नहीं जोड़ा गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शासन/विभाग की क्या नीति व नियम हैं? क्या उक्त का पालन यहां किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कर्मचारियों को समयमान वेतनमान न दिये जाने हेतु कौन-कौन उत्तरदायी हैं? कब तक उक्त वर्ग के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सतना जिले में लोक निर्माण विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी एवं सहायक ग्रेड-3 वर्ग के कर्मचारियों को नियमानुसार समयमान-वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं की लक्ष्यपूर्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
152. ( क्र. 3609 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में परंपरागत खेती योजना (पी.के.व्ही.वाय.) में वर्ष 2015-16 व 2016-17 में कितने क्लस्टर बनाये जाकर कितने किसानों को जोड़ा गया? वर्षवार कितने कृषकों को प्रशिक्षित किया गया? कितने कृषकों के यहां कम्पोस्ट खाद इकाई लगाई गई है? इस हेतु कितना भुगतान किस माध्यम से किया गया? किसानों को कितनी राशि दी गई? (ख) सतना जिले में एन.एफ.एस.एम. योजनांतर्गत वर्ष 2015-16 व 2016-17 में कितने कृषकों को बायो एजेन्ट प्रदाय किया गया है? (ग) वर्ष 2015-16 व 2016-17 में सतना जिले में डी.बी.टी. योजनांतर्गत कितने कृषकों को कार्य हेतु कार्यादेश जारी किये गये? किसानों से कितना-कितना कृषक अंश प्राप्त किया गया? कुल कितनी राशि व्यय की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सतना जिले में परम्परागत खेती योजना (पी.के.व्ही.वाय.) में वर्ष 2015-16 व 2016-17 में 7 क्लस्टर बनाये जाकर 350 किसानों को जोड़ा गया। वर्ष 2016-17 में 170 किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र मजगवां में तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित कर प्रशिक्षित किया गया। योजनान्तर्गत चयनित क्लस्टर के 145 किसानों द्वारा स्वयं वर्मी कम्पोस्ट टाका इकाई बनाये जाने के पश्चात् रू. 5000 हजार प्रति किसान के मान से आर.टी.जी.एस. द्वारा किसानों के बैंक खातों में राशि जमा कराई जाकर कुल राशि रू. 7.25 लाख भुगतान किया गया। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) वर्ष 2015-16 व 2016-17 में सतना जिले में डी.बी.टी. योजनान्तर्गत जारी किये गये कार्यादेश एवं किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
धार जिला अंतर्गत विभागों को बजट का बंटन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
153. ( क्र. 3616 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिला अंतर्गत विभाग को वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितना बजट कब-कब, किन कार्यों के लिए आवंटित किया गया है? (ख) विभाग द्वारा किए समस्त कार्यों की सूची, हितग्राहियों को दिए अनुदान के साथ बतावें। (ग) कितनी योजनाओं द्वारा तय किए लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो पाई? बतावें। इनकी सूची देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिशिष्ट के सूचीबद्ध कार्यों के वर्ष 2016-17 के केवल चतुर्थ त्रैमास के लक्ष्यों की पूर्ति शेष है, जिसके लिए 31 मार्च 2017 तक की तिथि नियत है।
हितग्राही सम्मेलन में राशि का व्यय
[जनसंपर्क]
154. ( क्र. 3617 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकमंथन (नवंबर 2016) एवं 4 दिसंबर 2016 को भोपाल में आयोजित हितग्राही सम्मेलन में कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई? (ख) किन इवेंट एवं विज्ञापन कंपनियों को कितनी राशि का कार्य दिया गया? बतावें। प्रश्नांश (क) अनुसार किए कार्यों के लिए समस्त फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिलों का विवरण देवें। (ग) यह भी बतावें कि कितने भुगतान किए जा चुके हैं? कितने शेष है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभाग एवं म.प्र. माध्यम द्वारा लोकमंथन (नवम्बर) 2016 एवं 4 दिसम्बर 2016 को भोपाल में आयोजित हितग्राही सम्मेलन में वीडियो कव्हरेज एवं फोटोग्राफी पर रूपये 2 लाख 10 हजार एवं शेष कार्यों पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) वीडियो कव्हरेज एवं फोटोग्राफी का रूपये 2 लाख 10 हजार तथा मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा रूपये 1,63,01,349/- के देयकों का भुगतान किया जा चुका है तथा मध्यप्रदेश माध्यम में कुल राशि रूपये 16,02,97,762/- का भुगतान शेष है।
प्रदेश की कृषि उपज मंडियों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
155. ( क्र. 3623 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितनी कृषि उपज मंडियां है? दिनांक 09.11.2016 से 15.01.2017 तक अवकाश के दिनों को छोड़कर इन मंडियों में कितने दिन काम बंद रहा? कितने दिन मंडिया बंद रही? कितने दिन लेन-देन बंद रहा? कितने दिन कार्य चालू रहा? प्रत्येक मंडी की जानकारी मंडी शुल्क की वसूली सहित देवें। (ख) वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 की तीसरी तिमाहियों में इन मंडियों से शासन को कितनी आय हुई? बतावें। (ग) मान.मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर नोटबंदी के बाद किन मंडियों में बैंको ने अपने अस्थायी काउंटर लगाये, की जानकारी मंडी नाम, बैंक नाम सहित देवें। इस आदेश की छायाप्रति देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रदेश में कृषि उपज मंडी समिति 257 हैं। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मंडियों में बैंको के द्वारा अस्थायी काउंटर नहीं लगाये गये हैं।
मंडी निधि से सड़कों की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
156. ( क्र. 3628 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में मंडी निधि से कितनी सड़कें बनाई गई हैं? ग्रामीण क्षेत्र के मार्ग 1. आक्या लिबा से महिदपुर 2. सांगरा से आंगर घोसला मार्ग 3. बोरखेड़ा नाऊ से कयालिया सैय्यद 4. गेलाखेड़ी से छिंगरी 5. दुलेंट से जयाखड़ी का निर्माण मंडी निधि से कब तक कराया जाएगा? (ख) उपरोक्तानुसार 1. इंदौरा से पाताखेड़ी 2. बरखेड़ा बु. से हिंगोनिया 3. बोरखेड़ा पित्रामन से आक्या कोली 4. रूपेरां से मोहिना 5. बैलाखेड़ा से घोंसला उज्जैन मार्ग की स्वीकृति मंडी निधि से कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान सड़क निधि से दो सड़कें बनाई गई हैं। मण्डी बोर्ड द्वारा मुख्य सचिव, म.प्र. शासन की नोटशीट क्रमांक-340 दि. 15.09.2016 के निर्देश सन्दर्भ में मण्डी बोर्ड द्वारा मण्डी प्रांगण के बाहर भवन या सड़क के कार्य नहीं कराये जायेंगे, अपितु उपरोक्त कार्य लोक निर्माण विभाग या म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से कराये जायेंगे के अनुक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को दिनांक 06.01.2017 से आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) में दी गई जानकारी अनुसार है।
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