मध्य प्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016 सत्र
बुधवार, दिनांक 02 मार्च, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(वर्ग 1 : किसान कल्याण तथा कृषि विकास, पंचायत और ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जन कल्याण, सहकारिता, राजस्व, पुनर्वास, परिवहन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, लोक सेवा प्रबंधन, जन शिकायत निवारण)
अनूपपुर
जिले में निर्माणधीन
कार्य
1. ( *क्र. 2066 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले को वर्ष 2012 के पश्चात प्रश्न दिनांक तक 12वें, 13वें वित्त आयोग मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ख) उक्त राशि में से किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि, किस दिनांक को आवंटित हुई? ग्राम पंचायत एवं ब्लाकवार विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यों के लिये वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृतियां कब-कब जारी हुईं, स्वीकृत कार्य कितनी-कितनी राशि से किस-किस एजेंसी द्वारा पूर्ण कराया गया, इससे कौन से ग्राम को लाभ हुआ? (घ) स्वीकृत कार्यों में कौन-कौन से कार्य अभी निर्माणाधीन हैं तथा कौन-कौन से अभी प्रारंभ ही नहीं हुए? (ड.) पूर्ण हुए कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई तथा किन-किन निर्माण कार्यों की शिकायत की गई? जाँच की अद्यतन स्थिति क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनूपपुर जिले को वर्ष 2012 के पश्चात प्रश्न दिनांक तक 12वें, 13वें वित्त आयोग मद में निम्नानुसार राशि आवंटित की गई है :- जिला पंचायत अनूपपुर में 805.98 लाख, जनपद पंचायत जैतहरी में 165.00 लाख, जनपद पंचायत कोतमा में 145.00 लाख, जनपद पंचायत अनूपपुर में 145.00 लाख एवं जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ में 165.00 लाख कुल 1425.98 लाख आवंटित की गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ एवं ‘द‘ अनुसार। (ड.) जिला पंचायत अनूपपुर एवं जनपद पंचायतों के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में से पूर्ण कार्यों की संख्या 155 जिसमें व्यय राशि रूपये 706.51 लाख है, विवरण निम्नानुसार है :- जिला पंचायत अनूपपुर में 54 कार्य व्यय 266.58 लाख, जनपद पंचायत अनूपपुर में 24 कार्य व्यय राशि 118.53 लाख, जनपद पंचायत जैतहरी में 19 कार्य व्यय राशि 95.00 लाख, जनपद पंचायत कोतमा में 29 कार्य व्यय राशि 130.75 लाख एवं जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ में 29 कार्य व्यय राशि 95.65 लाख कुल स्वीकृत कार्य 155 कुल व्यय राशि 706.51 लाख। जिनमें किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हैं। अतः जाँच करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
तहसील जौरा के नक्शाविहीन ग्राम
2. ( *क्र. 2331 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जौरा तहसील के राजस्व ग्राम खेरा-खोरी, गहतोली, कुशमानी, कोयरा आदि ग्रामों में वर्तमान में कृषि भूमि के नक्शे ही नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या नक्शे के अभाव में किसानों को भारी परेशानी का अनुभव करना पड़ रहा है? विवादित भूमि की नाप नहीं हो पा रही है, जिससे उक्त ग्रामों में दबंग लोग नक्शे नहीं होने का नाजायज़ लाभ उठाकर गरीब लोगों की भूमि पर अतिक्रमण कर रहे हैं? क्या विभाग नक्शे के अभाव में कोई भी निराकरण नहीं कर रहा है। नक्शाविहीन उक्त ग्रामों के अलावा कितने तहसील में और ग्राम हैं? (ग) क्या सन् 2001 के पहले प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों के भू-राजस्व नक्शे थे? यदि हाँ, तो नक्शे गायब होने के क्या कारण रहे हैं? नक्शे पुन: बनाने में विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या प्रयास किये गये हैं और कौन अधिकारी उन प्रयासों को विफल कर रहा है? क्या किसी पर कभी उक्त प्रकरण पर कार्यवाही की गई है या की जावेगी? नक्शे कब तक बनकर तैयार हो जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। तहसील जौरा के प्रश्नांकित राजस्व ग्रामों के नक्शे वर्तमान में उपलब्ध हैं। (ख) नक्शे उपलब्ध होने से प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों में कोई समस्या नहीं है। वर्तमान में जीरा तहसील के धोरेरा, दूधारी, सदुआपुरा ग्राम नक्शाविहीन हैं, जिनके नक्शे निर्माण की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्रामों के भू-राजस्व नक्शे सन् 2001 में नक्शाविहीन ग्रामों की सूची में थे। विभाग द्वारा उक्त ग्रामों के नक्शों का निर्माण किया जाकर पटवारियों को सौंपे जा चुके हैं, जिससे किसी अधिकारी द्वारा प्रयासों को विफल करने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नर्मदा परिक्रमा परिपथ का निर्माण
3. ( *क्र. 401 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में नरसिंहपुर जिले में महात्मा गांधी नरेगा की उपयोजना नर्मदा परिक्रमा पथ निर्माण के लिए कितने कार्य कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? (ख) कितने कार्य किन-किन ग्राम पंचायतों में कराया जाना प्रस्तावित है? (ग) उक्त कार्य कब तक पूर्ण करवाये जायेंगे, निश्चित समयावधि बतायें? (घ) विधान सभा क्षेत्र तेंदूखेड़ा अंतर्गत नर्मदा परिक्रमा पथ के लिये चिन्हांकित मार्ग का पूर्ण विवरण दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में नरसिंहपुर जिले में नर्मदा परिक्रमा परिपथ निर्माण के लिये 5 कार्यों पर राशि रू. 21.009 लाख व्यय की गयी है। कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) नरसिंहपुर जिले में राशि रू. 105.00 लाख के कार्य प्रस्तावित हैं। कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) महात्मा गांधी नरेगा माँग आधारित योजना होने से अपूर्ण कार्यों की पूर्णता जॉबकार्डधारियों द्वारा रोजगार की माँग पर निर्भर होने से कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। (घ) महात्मा गांधी नरेगा के प्रावधानों के अनुरूप जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा काम की मांग के आधार पर लेबर बजट एवं लेबर बजट की पूर्ति हेतु कार्यों को चिन्हित करने के लिये ग्राम पंचायतें स्वतंत्र हैं, ग्राम पंचायतों को परिक्रमा पथ को ही चिन्हित करने के लिये निर्देशित नहीं किया जा सकता। केवल सुझाव के रूप में विभाग द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार निर्देश जारी किये गये हैं।
लोक सेवा प्रबंधन में प्राप्त आवेदनों का निराकरण
4. ( *क्र. 3917 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा प्रबंधन में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस विभाग के छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के लिये आवेदन आये? विभागवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों पर कार्यवाही की गई और कितने आवेदन क्यों लंबित हैं? (ग) लोक सेवा प्रबंधन में किस-किस कार्य के लिये किस-किस विभाग के लिये कितना-कितना समय निर्धारित है और कार्यों को कराने व उसकी समीक्षा के लिये कौन जवाबदार है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील छतरपुर के लोक सेवा केन्द्र छतरपुर में दिनांक 01.01.2014 से 10.02.2016 तक 13 विभागों के 1,52,302 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में 1,52,003 आवेदनों पर कार्यवाही की गई। लंबित आवेदन कुल 299 हैं, जो निर्धारित समय-सीमा में है। (ग) लोक सेवा प्रबंधन विभाग में प्रत्येक विभाग की अधिसूचित सेवाओं के लिए अलग-अलग समय निर्धारित है जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ख’ अनुसार। कार्य को कराने के लिये प्रत्येक विभाग के पदाभिहित अधिकारी व उसकी समीक्षा के लिये संबंधित विभाग के प्रथम अपीलीय अधिकारी जवाबदार हैं।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लाभांवित हितग्राही
5. ( *क्र. 1609 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत अप्रैल 2012 से अप्रैल 2015 तक छतरपुर जिले के जनपद राजनगर, लवकुशनगर, नौगांव, छतरपुर विजावर में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उपलब्ध कराई गई जानकारी से कितनी-कितनी राशि व्यय की गई व वर वधु को कौन-कौन से उपहार कितनी-कितनी राशि के दिये गये? (ग) वर-वधु को उपहार किस एजेन्सी से खरीदे गये? एजेन्सी का नाम व पता व भुगतान की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार।
मनरेगा योजना के कार्यों का समय-सीमा में भुगतान
6. ( *क्र. 1154 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मनरेगा के तहत वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से स्वीकृत कर किन-किन निर्माण विभागों द्वारा कब, कहाँ पर प्रारंभ कराये गये? विकासखण्डवार सूची देवें एवं इन निर्माण कार्यों से कितने मानव दिवसों का सृजन हुआ? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों का भुगतान समय पर न होकर काफी विलंब से किया गया? मनरेगा के भुगतान में हो रहे विलंब का दोषी कौन है एवं क्या शासन ऐसी कोई योजना बनायेगा ताकि मनरेगा के कार्यों का भुगतान एक निश्चित समय पर हो सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मनरेगा के तहत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत निर्माण कार्य संबंधित जनपद पंचायतों के माध्यम से ग्राम पंचायतों के द्वारा प्रारंभ किये गये हैं। निर्माण कार्यों की कार्यवार लागत एवं सृजित मानव दिवसों की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) यह सही नहीं है कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी निर्माण कार्यों का भुगतान काफी विलंब से किया गया। मनरेगा में निर्माण कार्यों का भुगतान समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर एफ.टी.ओ. के माध्यम से संबंधित मजदूर एवं सामग्री प्रदायकर्ता वेन्डर के खाते में किया जाता है। प्रश्नावधि में कतिपय कार्यों के भुगतान में स्वीकृत लेबर बजट के अनुरूप पर्याप्त राशि नहीं होना विलंब का प्रमुख कारण रहा है, भारत सरकार से पर्याप्त आवंटन उपलब्ध कराने हेतु शासन स्तर से भी अनुरोध किया गया है। मनरेगा योजना के कार्यों में निश्चित समय-सीमा में भुगतान का प्रावधान पूर्व से ही है।
तकनीकी रूप से अनुपयोगी शौचालयों की मरम्मत
7. ( *क्र. 3585 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार गरीब परिवारों के टूटे-फूटे, अधूरे और तकनीकी रूप से अनुपयोगी शौचालयों की मरम्मत करने और उन्हें उपयोगी बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन की राशि का उपयोग अपने अधिकार क्षेत्र का करेगी? (ख) अगर नहीं तो प्रश्नांश (क) में वर्णित परिवारों के शौचालय बनाने की क्या योजना है? (ग) सीहोर जिले में ऐसे कितने शौचालय हैं? ब्लॉकवार जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा अनुपयोगी शौचालयों को उपयोगी बनाने हेतु स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत स्वच्छ भारत कोष का प्रावधान किया गया है, जिसके अंतर्गत जिलों के द्वारा हितग्राहीवार प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजने का प्रावधान है। (ग) सीहोर जिले में प्रश्नांश (क) अनुसार कुल 9490 शौचालय हैं। सीहोर जिले के विकासखण्ड सीहोर में 1380, आष्टा में 1487, नसरुल्लागंज में 1769, इछावर में 4854 एवं विकासखण्ड बुदनी में प्रश्नांश (क) अनुसार निरंक शौचालय हैं।
रतलाम जिले की कृषि उपज मंडियों का उन्नयन
8. ( *क्र. 3263 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले की कृषि उपज मंडी जावरा एवं कृषि उपज उप मंडी सुखेड़ा (तह. पिपलौदा) को किसानों के कल्याण हेतु शासन/विभाग द्वारा लगातार सुविधाएं देकर उन्नयन एवं प्रगति के कार्य किये जा रहे हैं? (ख) क्या जावरा कृषि उपज मंडी हेतु फोरलेन-बरगढ़ फंटे से बायपास, जावरा शहर से अरनिया पीथा नवीन मंडी पहुंच मार्ग तथा रोजाना से अरनिया पीथा मण्डी के साथ ही फल-फ्रूट सब्जी मण्डी विकास कार्यों सहित अनेक निर्माण कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? (ग) यदि हाँ, तो कृषि उपज मण्डी समिति जावरा के अंतर्गत ग्राम सुखेड़ा में उपमंडी स्थापना हेतु शासकीय भूमि आवंटन के संबंध में भी प्रस्ताव प्राप्त होकर कार्यवाही प्रचलन में है? (घ) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा लगातार प्राप्त होने वाले प्रस्तावों, मांग पत्रों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार की जा रही कार्यवाहियों के फलस्वरूप विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां की गईं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति जावरा के नवीन मंडी प्रांगण अरनियापीथा में किसानों को आवश्यक मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराई गई हैं। वर्तमान में सीमेंट कांक्रीट का कार्य प्रगतिरत है। जावरा मंडी की उपमंडी सुखेड़ा (तह पिपलौदा) के लिये भूमि का आवंटन अप्राप्त होने एवं अधिसूचना जारी नहीं होने से शेष कार्यवाही का प्रश्न ही प्रस्तुत नहीं होता है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। उपमंडी स्थापना की कार्यवाही शासकीय भूमि आवंटन की प्रक्रियाधीन कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत नियमानुसार की जावेगी। (घ) प्रश्नांश "ख" में उल्लेखित सड़कें किसान सड़क निधि के अंतर्गत साधिकार समिति की बैठक में रखे जाने वाले एजेण्डा की सूची में सम्मिलित हैं एवं उपरोक्त समिति की बैठक की तिथि नियत नहीं है। कृषि अनुसंधान एवं अधोसंरचना विकास निधि के अंतर्गत निर्माण कार्यों के प्रस्तावों को गठित अनुदान समिति के समक्ष निर्णयार्थ रखा जावेगा।
नामांतरण बंटवारा के प्रकरणों का निराकरण
9. ( *क्र. 2344 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग द्वारा उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में कृषकों के फौती नामांतरण एवं बंटवारा किये जाने बाबत् मौके पर कोई शिविर आयोजन किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो इन शिविरों में फौती नामांतरण एव बंटवारा के कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण राजस्व वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किया गया है? (ग) क्या शिविर में कृषकों के खातों की भी जाँच की जा रही है तथा एक साथ सम्मिलित अनेक खातेदारों के खाते पृथक-पृथक करने की भी कार्यवाही की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ।
सिरमौर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सड़क निर्माण
10. ( *क्र. 2585 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत क्या जवां से भनिगवां प्रधानमंत्री सड़क का निर्माण कार्य विगत कई वर्षों से अधूरा पड़ा है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य क्यों नहीं कराया जा रहा है एवं ग्राम पंचायत जवा में महूहा टोला से ग्राम रतनी प्रधानमंत्री सड़क का सर्वे कार्य कराया गया था, तो क्या सड़क का निर्माण कार्य कराया जायेगा? (ख) यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत जवां से भनिगवां सड़क निर्माण नहीं कराया जा रहा है, अपितु लूक से भनिगंवा सड़क निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जवां विकासखण्ड में महूहा टोला से ग्राम रतनी मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत महूहा टोला से भखरवार के नाम से स्वीकृत है। इस मार्ग के आंशिक भाग (प्रारंभ से 1.60 कि.मी.) नहर के बैंक पर से होकर जाता है, किंतु बैंक की चौड़ाई योजना के मापदण्डों से कम होने से सड़क निर्माण हेतु पर्याप्त चौड़ाई उपलब्ध न होने से सड़क निर्माण हेतु अन्य वैकल्पिक एक रेखण विचाराधीन है। वैकल्पिक एक रेखण के निर्धारण के पश्चात सड़क निर्माण कराया जावेगा। (ख) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायत महमूदपुर के सरपंच द्वारा कराये गये कार्यों की जाँच
11. ( *क्र. 3460 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर रीवा को जन सुनवाई में दिनांक 26.08.2014 को सरपंच ग्राम पंचायत महमूदपुर के विरूद्ध कराये गये कार्यों की जाँच कराये जाने का आवेदन दिया गया था, जिसकी शिकायत संख्या 1516 दर्ज की गयी है तथा पुन: 01.09.14 एवं 07.10.15 को माननीय मुख्यमंत्री जी एवं कलेक्टर रीवा को शिकायती आवेदन दिया गया? यदि हाँ, तो जाँच कब किस अधिकारी द्वारा की गयी? क्या जाँच अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता को भी सुनवाई का अवसर दिया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त शिकायतकर्ता द्वारा 25.08.14 को लोकायुक्त संगठन को भी शिकायत की गयी है? जाँच कब तक पूर्ण कर ली जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जनसुनवाई शिकायत दिनांक 26.08.2014 को प्राप्त हुई थी। पुनः दिनांक 01.09.2014 एवं 07.10.2015 को मान.मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर जिला रीवा को अंकित शिकायत प्राप्त होना नहीं पाया गया। प्राप्त शिकायत दिनांक 26.08.2014 के संदर्भ में दिनांक 16.08.2015 को जाँच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गंगेव द्वारा पी.सी.ओ. एवं उपयंत्री से कराई गई। प्राप्त जाँच प्रतिवेदन अनुसार निष्कर्ष में शिकायत निराधार पाई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। जी हाँ। शिकायतकर्ता को भी सुनवाई का अवसर दिया गया, शिकायतकर्ता द्वारा किसी प्रकार का कथन-मत देने से इंकार किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) लोकायुक्त को की गई शिकायत की जानकारी विभाग को नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत समन्वय अधिकारियों की पदोन्नति में विसंगति
12. ( *क्र. 68 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत राज संचालनालय म.प्र. भोपाल द्वारा जारी आदेश क्रमांक/स्था./1/पं.सं./287/11386 दिनांक 10.10.2014 के द्वारा स्नातक संवर्ग के पंचायत समन्वय अधिकारियों को खण्ड पंचायत अधिकारी के पद पर पदोन्नति आदेश जारी किए? यदि हाँ, तो प्रसारित आदेश की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रसारित आदेश के सरल क्रमांक 2, 3, 9, 16, 53, 58, 65, 110, 119 की पदक्रम सूचियों में हेराफेरी कर मनमाने ढंग से उपस्थिति दिनांक, जन्म दिनांक अंकित की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में पदोन्नति सूची में भारी विसंगतियां कर प्रश्नांश (ख) में वर्णित सरल क्रमांकों के अभ्यर्थियों को कूटरचित दस्तावेजों द्वारा अनुचित लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो किन नियमों के अंतर्गत? वर्णित नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित पदोन्नति सूची में गड़बड़ी/विसंगतियों के लिए किस स्तर के अधिकारी/कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारण किया गया है एवं संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अथवा की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
13. ( *क्र. 2613 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिलों के ग्राम लामता में खसरा नं. 163 की भूमि पर अनूप सराठे, स्वरूप सराठे, बोधनराणा, जवरामराणा द्वारा शासकीय भूमि पर कब्जा कर अवैध शराब बेची जा रही है? कमिशनर जबलपुर एवं कलेक्टर बालाघाट में आदेश पर भी अतिक्रमण नहीं हटाने का कारण बताया जावे? (ख) तहसीलवार बालाघाट द्वारा खसरा नं. 163 की भूमि पर अतिक्रमण हटाने हेतु दिनांक 13.05.2015 को आदेश जारी किया गया, किंतु अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया गया? (ग) तहसीलदार बालाघाट द्वारा दिनांक 13.05.2015 के आदेश के बाद दिनांक 22.01.2016 एवं 23.01.2016 को लामता पुलिस थाने में पुलिस बल की मांग की एवं पुलिस बल को 2 दिन तक खड़ा रख अतिक्रमण नहीं हटाने का कारण बताया जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। तहसीलदार बालाघाट द्वारा अतिक्रमण हटाने हेतु आदेश पारित किया गया था, किन्तु न्यायालय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2, बालाघाट के व्यवहारवाद क्रमांक 20ए/2015 में पारित आदेश दिनांक 23.05.2015 द्वारा यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया गया। (ख) एवं (ग) जी हाँ। न्यायालय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2, बालाघाट के व्यवहारवाद क्रमांक 20ए/ 2015 में पारित आदेश दिनांक 23.05.2015 द्वारा यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया गया, जो उनके आदेश दिनांक 28.09.2015 द्वारा व्यवहारवाद नामंजूर हुआ, फलस्वरूप तहसीलदार बालाघाट द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रारम्भ की गई, जिसका महिलाओं एवं पुरूषों की अधिक संख्या की उपस्थिति और तीव्र विरोध किये जाने से कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की संभावना बनी। मौके पर पर्याप्त महिला पुलिस बल उपलब्ध नही था। बाद में अनूपलाल, स्वरूपलाल सराठे द्वारा व्यवहार न्यायालय के आदेश के विरूद्ध जिला न्यायालय, बालाघाट में अपील क्रमांक आर.सी.ए. 0023ए/2015 प्रस्तुत की गयी है। जिला न्यायालय में सुनवाई हेतु प्रकरण 17 मार्च 2016 में नियत है।
सामान्य सभा द्वारा पारित निंदा प्रस्ताव पर कार्यवाही
14. ( *क्र. 4025 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 01.07.2015 से दिनांक 31.01.2016 के मध्य आयोजित जनपद पंचायत निसरपुर जिला धार की सामान्य सभा की बैठक में जनपद स्तर के अधिकारियों के विरूद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पारित निंदा प्रस्ताव पर शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जनपद पंचायत निसरपुर द्वारा पत्र क्र. 287 एवं 301 दिनांक 29.01.2016 द्वारा पारित निंदा प्रस्ताव की प्रति संबंधित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही हेतु जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला धार एवं कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग कुक्षी को प्रेषित की गई है। (ग) जाँच उपरांत गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
फसल बीमा योजना में संशोधन
15. ( *क्र. 2395 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र की नई फसल बीमा योजना के संदर्भ में राजस्व पुस्तक परिपत्र में राज्य सरकार द्वारा फसल बीमा के संबंध में किये गये राहत के प्रावधानों को संशोधित करने का कोई प्रस्ताव है? (ख) यदि नहीं, तो क्या केंद्र की नई फसल बीमा योजना और राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधान एक साथ लागू रहेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) फसल बीमा योजनांतर्गत दावों के भुगतान का राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों से सीधा कोई संबंध नहीं है, अत: शेष प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) उत्तरांश (क) के तारतम्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
रोहित गृह निर्माण सहकारी समिति के रिकार्ड की जप्ती
16. ( *क्र. 4016 ) श्री आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रोहित गृह निर्माण सहकारी समिति का रिकार्ड सी.बी.आई. में जप्त है? यदि हाँ, तो किन-किन कारणों से व कब से जप्त है? (ख) यदि हाँ, तो क्या संस्था के रिकार्ड सी.बी.आई. में जप्त होने के बाद भी संस्था के कर्मचारियों/पदाधिकारियों द्वारा करोबार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किसकी अनुमति से और यदि अनुमति नहीं दी गई तो किन-किन विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से अवैध रूप से संस्था के कारोबार किए जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या नियम विरूद्ध कार्य करने वाले संस्था के कर्मचारियों/पदाधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही करेगें? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ. श्री घनश्याम सिंह राजपूत, हेड क्लर्क, वेस्टर्न सेन्ट्रल रेल्वे भोपाल के द्वारा आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का संबंध रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल से होने के कारण प्रकरण क्रमांक. RC0082007A0002 में दिनांक 10.03.2008 को रिकार्ड जप्त किया गया है. (ख) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा- 49 (7) के अंतर्गत दिनांक 11.6.2015 को संचालक मण्डल के स्थान पर विभाग द्वारा प्रशासक नियुक्त करने के पश्चात् बहिर्गामी संचालक मण्डल द्वारा रिकार्ड उपलब्ध न कराये जाने से स्पष्ट स्थिति बताया जाना सम्भव नहीं है. विभाग द्वारा किसी अवैध कार्य करने की अनुमति देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता तथा विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता का कोई प्रमाण अभी तक उपलब्ध नहीं है. (ग) प्रथमतः रिकार्ड प्राप्त करने हेतु विभाग द्वारा सहकारी अधिनियम की धारा 57 (ए) के अंतर्गत कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), टी.टी. नगर वृत्त को सर्च वारन्ट जारी करने हेतु आवेदन किया गया है. साथ ही उप पंजीयक, सहकारी संस्थायें, भोपाल को सहकारी अधिनियम की धारा 74 (ई) अंतर्गत कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं. समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है.
अपात्र संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही
17. ( *क्र. 3184 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर आयुक्त सहकारिता मुख्यालय, भोपाल के आदेश क्र. 392/16.2.15 द्वारा म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 50-ए के अंतर्गत अपात्र संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु कोई आदेश जारी किया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त आदेश के पालन में ऐसे अपात्रों को चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो अपात्र पाये गये संचालकों, सदस्यों के प्रति क्या कार्यवाही की गई है? यदि अपात्रों की जाँच नहीं कराई गई हो, तो अब तक विलंब का कारण क्या है? (ग) क्या शाजापुर एवं मुरैना, श्योपुर जिलों में कई समितियों के संचालक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित धारा के अंतर्गत 12 माह से अधिक के कालातीत ऋणी होने के बाद भी संचालक पद पर बने हुए हैं? यदि हाँ, तो क्या यह प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारी के आदेश का उल्लंघन नहीं है? (घ) आदेश का उल्लंघनकर्ता कौन है? दोषी का पता लगाकर अपात्र पाये गये संचालकों को कब तक पद से हटाया जायेगा? समय-सीमा बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ. (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में दिव्यांग जोड़ों को राशि का प्रदाय
18. ( *क्र. 2421 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत कुण्डम अंतर्गत वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत तीन ऐसे जोड़ों की शादी कराई गई थी, जिनमें लड़का-लड़की दोनों विकलांग थे? (ख) प्रश्नांश (क) जोड़ों को शासन के प्रावधान अनुसार रोजगार हेतु 50000/- रूपये प्रदाय किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 458 दिनांक 14.12.2015 को विभागीय मंत्रीजी को लिखा गया था, किन्तु अभी तक योजना अनुसार राशि प्रदाय नहीं की गई? कब तक राशि प्रदाय कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। दिनांक 20 फरवरी 2016 को आर.टी.जी.एस. के माध्यम से संबंधितों के खाते में राशि जमा कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परासिया विकासखण्ड में मुआवजा राशि का वितरण
19. ( *क्र. 1680 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विकासखण्ड में आनावारी रिपोर्ट के आधार पर किसानों की सोयाबीन की फसलों का 81 प्रतिशत नुकसान हुआ तथा शासन द्वारा परासिया तहसील को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है? इसके बाद भी किसानों का कोई मुआवजा नहीं बनाया गया? मुआवजा नहीं बनाये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या शासन द्वारा संपूर्ण म.प्र. में जिन तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है, उन तहसीलों में किसानों को विशेष पैकेज के तहत मुआवजा राशि प्रदान की गई है? अगर हाँ, तो परासिया तहसील में क्यों नहीं? (ग) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र की उमरेठ तहसील में मात्र रु. 9,34,500/- (रूपये नौ लाख चौतीस हजार पाँच सौ) ही मुआवजा बना जो खराब हुई फसलों के आधार पर उचित है? यदि नहीं, तो क्या पुन: इसकी जाँच कर आनावारी रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा प्रदान किया जायेगा? अगर हाँ तो मुआवज़े की राशि कब तक बांट दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। छिंदवाड़ा जिले के विकासखण्ड परासिया में सम्मिलित तहसील परासिया एवं उमरेठ में आनावारी की रिपोर्ट के आधार पर सोयाबीन की फसलों को 81% नुकसान नहीं हुआ है। तहसील परासिया को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। तहसील परासिया में सर्वे रिपोर्ट के आधार पर सूखा एवं यलोमौजेक से सोयाबीन फसल में 25% से कम क्षति होने के कारण फसल क्षति हेतु राहत राशि का वितरण नहीं किया गया। (ख) प्रदेश के 43 जिलों की 276 तहसीलों को अल्पवर्षा, आनावारी एवं रबी की बोनी के आधार पर सूखा घोषित किया गया है। सूखा घोषित के आधार पर तहसीलों को कोई विशेष पैकेज नहीं दिया गया है। फसल क्षति के लिये राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मानदण्डों के अनुसार राहत राशि का वितरण प्रभावित जिलों के प्रभावित पात्र कृषकों को किया गया है। तहसील परासिया में सूखे से फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसलिए राहत राशि का वितरण नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र परासिया की तहसील उमरेठ के अंतर्गत यलोमौजेक से फसल क्षति के कारण 6 ग्रामों के 401 कृषकों को 9,34,500 रू. (रूपये नौ लाख चौतीस हजार पाँच सौ) रूपये की राहत राशि का वितरण किया गया है। जो राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत नियमानुसार एवं उचित है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
ग्राम हाट बाजार योजनांतर्गत राशि की स्वीकृति
20. ( *क्र. 903 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में दिनांक 26.06.2013 से 31.03.2015 तक मुख्यमंत्री ग्राम हाट बाजार योजना के तहत किन-किन ग्राम पंचायतों में कितने कार्य एवं कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उनमें से कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? स्वीकृत कार्य में कितनी राशि का भुगतान किया गया है? भुगतान हेतु शेष राशि कितनी है? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस ग्राम पंचायत का ऑडिट हुआ है? क्या ऑडिट रिपोर्ट में भ्रष्टाचार होना पाया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) सिरोंज विकासखण्ड में प्रश्नांश ‘क’ में दर्शित अवधि में ग्राम पंचायतों का ऑडिट नहीं हुआ है। लटेरी विकासखण्ड में ऑडिट पूर्ण हो चुका है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
''परिशिष्ट - तीन''
ग्राम पंचायत बुढ़वा में वित्तीय अनियमितता की जाँच
21. ( *क्र. 3737 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत रीवा के आदेश क्रमांक 4360/शिका/स्टेनों/2015 रीवा दिनांक 05.11.2015 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गंगेव को ग्राम पंचायत बुढ़वा के वित्तीय अनियमितता की जाँच कराई गई थी? यदि हाँ, तो उक्त जाँच पूरी हुई की नहीं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो उक्त जाँच में कुल कितने रूपये की वित्तीय अनियमितता किस प्रकार की पाई गई तथा उक्त अनियमितता में कौन-कौन दोषी हैं? दोषी पर क्या राशि वसूली एवं पुलिस में प्रकरण पंजीबद्ध कराते हुये जाँच प्रतिवेदन अनुसार अधिरोपित राशि की वसूली की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) हाँ तो क्या पशु शेड निर्माण की राशि हितग्राही के नाम से हितग्राही के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर भुगतान लेना प्रमाणित पाया गया है? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध कब तक पुलिस में प्रकरण दर्ज कराकर उक्त राशि की वसूली करा लेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के सचिव द्वारा शासन से प्राप्त कम्प्यूटर, टी.वी., रेडियो एवं अन्य सामग्री जो अपनी सेवाकाल में प्राप्त की है? उसे स्वयं उपयोग में ले रखा है? यदि हाँ, तो उसे कब तक पंचायत भवन मुख्यालय में रखवा कर संबंधित सरपंच से प्रमाण पत्र उपलब्ध करायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रक्रियारत है। (ख) जाँच प्रक्रियारत है, जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने एवं जाँच निष्कर्ष के आधार पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। (ग) जाँच प्रक्रियारत है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जी नहीं। सामग्री ग्राम पंचायत भवन में रखी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजनांतर्गत कार्यों की स्वीकृति
22. ( *क्र. 3681 ) श्री राजकुमार मेव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगौन जिलान्तर्गत महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विकासखण्डवार एवं जिलेवार कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये? कितने कार्य पूर्ण हुये, कितने कार्य अपूर्ण हैं, कितने अप्रारंभ हैं? अपूर्ण, अप्रारंभ रहने का कारण बतावें। (ख) म.गा.रो.गा. योजना के तहत विगत वर्षों के वर्षवार कितने कार्य अपूर्ण हैं, अपूर्ण रहने का कारण बतावें? कब तक कार्यों को पूर्ण कराया जावेगा? (ग) क्या मनरेगा में अधिक कार्य अपूर्ण रहने से नये कार्यों की स्वीकृति पर प्रतिबंध लगाया गया है? क्या ग्राम पंचायत में पूर्व वर्षों के अपूर्ण कार्य नहीं होने के उपरान्त भी नये कार्य स्वीकृत नहीं किये जा रहे हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खरगौन जिलान्तर्गत महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कुल 5796 कार्य लागत रू. 6174.30 लाख के स्वीकृत किये गये हैं। स्वीकृत कार्यों में से 238 कार्य पूर्ण, 5465 कार्य अपूर्ण तथा 93 कार्य अप्रारंभ हैं। महात्मा गांधी नरेगा योजना श्रमिकों की मॉग एवं जॉबकार्डधारियों की उपलब्धता पर निर्भर होने के कारण अपूर्ण/अप्रारंभ हैं। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) म.गा.रो.गा. योजना के तहत विगत वर्षों के कुल 13095 कार्य अपूर्ण हैं, वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। कार्यों के अपूर्ण रहने का कारण उत्तरांश 'क' अनुसार है। कार्यों के पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। जी नहीं।
विकासखण्ड गुनौर में आयोजित बैठकें
23. ( *क्र. 2939 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का अनुमोदन संबद्ध विकासखण्ड स्तरीय स्थाई कृषि समिति से कराया जाना आवश्यक है एवं अनुमोदित विषयों के पारित प्रस्ताव पर कार्यवाही की जानी भी जरूरी है? (ख) यदि हाँ, तो विकासखण्ड गुनौर में कितनी बैठकें हुईं? किस बैठक में किस-किस योजना के प्रस्ताव पारित हुये व वर्ष 2015-16 में कितने हितग्राही को लाभ मिला? (ग) क्या कृषि विभाग द्वारा संचालित योजना नलकूप, खनन पर प्रतिबंध है? यदि हाँ, तो राज्य शासन का आदेश क्रमांक व दिनांक बताएं? क्या योजना के लाभ हेतु शासन द्वारा लक्ष्य निर्धारित होते हैं? यदि हाँ, तो विकासखंड गुनौर को कितने लक्ष्य प्राप्त हुये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2015-16 में विकासखण्ड गुनौर में 4 बैठकें आयोजित हुईं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा प्रतिबंध नहीं है, किन्तु कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जिला पन्ना के आदेश क्रमांक/394/रीडर/2015/पन्ना दिनांक 13.10.2015 द्वारा पन्ना जिले को जल अभावग्रस्त घोषित कर नलकूप खनन पर दिनांक 30.6.2016 तक प्रतिबंध लगाया गया है। योजना के लाभ हेतु शासन द्वारा लक्ष्य निर्धारित होते हैं। विकासखण्ड गुनौर को नलकूप खनन हेतु 22 प्रकरणों के लक्ष्य दिये गये हैं।
स्वास्थ्य विभाग को आवंटित जमीन पर निर्माण कार्य
24. ( *क्र. 3247 ) श्रीमती
अनीता नायक : क्या
राजस्व मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र पृथ्वीपुर
को राजस्व विभाग
के द्वारा कितनी
भूमि आवंटित की
गई है एवं स्वास्थ्य
विभाग के द्वारा
कितनी भूमि पर
निर्माण कार्य
किया गया है एवं
कितनी भूमि खाली
पड़ी है?
(ख) खाली
पड़ी भूमि पर लोगों
के द्वारा कितनी
भूमि पर अवैध रूप
से अतिक्रमण किया
गया है? जिन
लोगों के द्वारा
अवैध रूप से अतिक्रमण
किया गया है, उनके विरूद्ध
क्या कार्यवाही
कब तक की जायेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री रामपाल
सिंह ) : (क) सामुदायिक
स्वस्थ्य केन्द्र
पृथ्वीपुर को ग्राम
पृथ्वीपुर की
शासकीय भूमि 1.068 हेक्टेयर
आवंटित की गई है।
सामुदायिक स्वास्थ्य
केन्द्र पृथ्वीपुर
को आवंटित की गई
भूमि में से 0.600 हेक्टेयर
पर स्वास्थ्य विभाग
के शासकीय भवन
निर्मित हैं एवं
0.468 हेक्टेयर
भूमि मौके पर खाली
पड़ी है। (ख) मौके
पर खाली पड़ी भूमि
पर वर्तमान में
कोई अतिक्रमण
नहीं है शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत सड़क निर्माण
25. ( *क्र. 3870 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सैलाना अंतर्गत वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत कुल कितनी सड़कों का निर्माण किया गया? सड़कों के नाम, लंबाई एवं लागत सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री सड़क योजना से निर्मित भाटखेड़ी से कोठारिया सड़क मार्ग में ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताविहीन कार्य किया गया? यदि हाँ, तो शासन द्वारा दोषी ठेकेदार एवं अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा भाटखेड़ी से कोठारिया सड़क मार्ग में हुये गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य की जाँच क्षेत्रीय विधायक को टीम में सम्मिलित कर करवाई जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सैलाना में वर्ष 2013-2014 से आज दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कुल 51 सड़कों का निर्माण किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, सैलाना विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत भाटखेड़ी से कोठारिया सड़क निर्माण कार्य निर्धारित गुणवत्ता के अनुसार कराया गया है। उक्त सड़क का निरीक्षण स्टेट क्वालिटी मानीटर द्वारा विभिन्न स्तरों पर किया गया है, जिसमें उनके द्वारा सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता को संतोषप्रद श्रेणी में वगीकृत किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में कार्य का निरीक्षण स्वतंत्र स्टेट क्वालिटी मानीटर द्वारा किया जा चुका है एवं कार्य संतोषजनक पाया गया। अतः अन्य किसी जाँच की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
भाग-2
नियम
46 (2) के अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
टोलों
मजरों को राजस्व
ग्राम घोषित करना
1. ( क्र. 3 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा टोलों मजरों को राजस्व ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया की जा रही है? यदि हाँ, तो अशोकनगर एवं रतलाम जिले में किस-किस तहसील के किस-किस टोले मजरे को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु कार्यवाही की जा रही है? (ख) टोलों मजरों को राजस्व ग्राम घोषित करने के क्या-क्या मापदण्ड हैं? पिछले 5 वर्ष में अशोकनगर व रतलाम जिले में कितने गांव मजरों से राजस्व ग्राम घोषित हुए तथा कितने बाकी हैं, जिन पर विचार चल रहा है? (ग) क्या रतलाम जिले के आम्बा ग्राम में जो दस मजरे टोले राजस्व गांव हैं तथा वहां 100 प्रतिशत आदिवासी आबादी है? वहां अलग से पंचायत बनाने के जो प्रस्ताव, आवेदन आम्बा ने दिया है? उन पर शासन विचार करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन विभाग की भूमि
2. ( क्र. 4 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर जिलांतर्गत ग्राम सरदारपुर जो मॉडल स्कूल सेंट्रल स्कूल के सामने के किनारे बसा है, के मकानों से बंजारा आदिवासी लोगों को खाली कराने के नोटिस दिये हैं तथा वहां ट्रेचिंग खाईयां खोदी है व ऐसी भूमि को वन विभाग को बतायी है लेकिन उस भूमि पर राजस्व विभाग ने खेती करने पर जुर्माने लगाये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रकरण जिले में हैं तथा जिस भूमि पर राजस्व विभाग ने खेती करने वालों से जुर्माना लिया है, वह राजस्व की है या वन की? (ख) क्या जिले में ऐसी भूमि पर बने मकान वालों को उसी भूमि पर नियमितीकरण करने या अन्य भूमि मकान बनाने हेतु उपलब्ध कराने पर विचार करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक सेवा गारंटी के अंतर्गत गरीबी रेखा में नाम जोड़ना
3. ( क्र. 28 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डोरी के अंतर्गत वर्ष 2013, 14, 15 में विधान सभा क्षेत्र शहपुरा के अंतर्गत विकासखण्डों में गरीबी रेखा एवं गरीबी रेखा से नीचे नाम जोड़ने के कितने प्रकरण, लोक सेवा में निरस्त होने के उपरांत S.D.M. के पास अपील पर आये, कितने प्रकरणों का निराकरण हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि जिन लोगों के पास भूमि बिल्कुल नहीं है, भूमिहीन हैं, लोक सेवा द्वारा उनका प्रकरण निरस्त कर दिया गया, ऐसे कितने प्रकरणों पर S.D.M. के पास अपील पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या गरीबी रेखा में नाम जोड़ने हेतु एवं राशन कार्ड (टोकन) बनवाने हेतु, सम्बंधित विभागों में आवेदन नहीं लिये जाते, उन्हें लोक सेवा केन्द्रों में आवेदन हेतु भेज दिया जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला डिण्डोरी के अंतर्गत वर्ष 2013, 14, 15 में विधानसभा क्षेत्र शहपुरा के अंतर्गत विकासखण्डों में गरीबी रेखा एवं गरीबी रेखा के नीचे नाम जोड़ने के 667 प्रकरण लोक सेवा में निरस्त होने के उपरांत एस.डी.एम. के पास अपील पर आये, जिनमें से 660 प्रकरणों का निराकरण हुआ है। (ख) जिन लोगों के पास भूमि बिल्कुल नहीं है, भूमिहीन हैं, लोक सेवा द्वारा उनका प्रकरण निरस्त कर दिया गया, ऐसे 95 प्रकरणों में एस.डी.एम. के पास अपील की गई। समस्त प्रकरणों की अपील निरस्त की गयी है। (ग) गरीबी रेखा में नाम जोड़ने हेतु एवं राशन कार्ड (टोकन) बनवाने हेतु आवेदन संबंधित विभागों एवं लोक सेवा केन्द्रों में स्वीकार किये जाते हैं।
अनियमितता की जाँच
4. ( क्र. 47 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शहडोल के विकासखण्ड जयसिंहनगर की आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में अधिकारियों द्वारा मिलीभगत से भवन निर्माण एवं अन्य कार्यों में भ्रष्टाचार व अनियमितता की गई है? यदि हाँ, तो स्पष्ट विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में दिनांक 16/10/2015 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जयसिंहनगर जिला शहडोल को क्या कोई शिकायतें प्राप्त हुई थीं? यदि हाँ, तो शिकायत के बिन्दुओं पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित जयसिंहनगर में भवन निर्माण में अनियमितता की जाँच सहकारिता विभाग जिला शहडोल से कराई गई. जाँच में कार्यशील पूंजी से भवन निर्माण कराया जाना, निर्माण संबंधी अनुमति प्राप्त नहीं करना, निर्माण हेतु समिति नहीं बनाना तथा उपयंत्री द्वारा मूल्यांकन नहीं कराने संबंधी अनियमितता पाई गई है. (ख) जी हाँ. शिकायत की जाँच तहसीलदार जयसिंहनगर द्वारा की जा रही है. शेष जाँच निष्कर्षाधीन.
किसानों को राहत राशि का आवंटन
5. ( क्र. 58 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली के अंतर्गत वर्ष 2015-16 की सूखा राहत राशि दिए जाने हेतु आज भी बहुत से गाँव के किसानों का सर्वे नहीं किया गया है तथा सर्वे से वंचित होने के कारण कुछ किसान स्थानीय प्रशासन को आवेदन आदि भी दिये हैं जिनका निराकरण नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इन्हें सूखा राहत राशि दिये जाने हेतु कब तक सर्वे अथवा पुर्नपरीक्षण का कार्य पूरा कराया जा सकेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में सूखा राहत राशि से वंचित किसानों की संख्या उपलब्ध करावे तथा सूखा राहत की कितनी राशि का वितरण जिला सिंगरौली में किया जा चुका है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जिला सिंगरौली अंतर्गत वर्ष 2015-16 में सूखा से प्रभावित सभी 765 ग्राम के सभी किसानों के फसलों का सर्वे कराया गया है। सर्वे से संबंधित प्राप्त सभी आवेदनों का निराकरण कर लिया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। जिला सिंगरौली में सूखे से प्रभावित कृषकों को राशि रूपये 353143732/- (रूपये पैंतीस करोड़ इक्कतीस लाख तैतालीस हजार सात सौ बत्तीस) का वितरण किया जा चुका है।
रोजगार गारंटी में कराये जाने वाले कार्य
6. ( क्र. 66 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य पंचायतों द्वारा कराये जाते है उनकी प्रक्रिया क्या है? उसमें खाद्यान्न एवं मजदूरी के रूप में राशि भुगतान का क्या अनुपात रहता है? (ख) स्थाई निर्माण हेतु इस योजना के तहत क्या प्रावधान है जैसे शाला भवन, आंगनबाड़ी भवन, पंचायत भवन, मंगल भवन आदि निर्माण कार्य कराये जाने हेतु रोजगार गारंटी से कोई प्रावधान है यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ग) रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत केन्द्र की एवं राज्य सरकार की क्या-क्या भूमिका है एवं कितना अंशदान दोनों सरकारों का होता है? (घ) अभी तक इस योजना के क्या परिणाम रहे हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत जो कार्य पंचायतों द्वारा कराए जाते हैं, उन कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। ग्राम पंचायत की वार्षिक कार्य योजना में सम्मिलित कार्यों में से रोजगार की मांग के आधार पर कार्य कराए जाने की प्रक्रिया है। रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कराए जाने वाले कार्यों में मजदूरी राशि का भुगतान शत्-प्रतिशत राशि के रूप में किया जाता है, खाद्यान्न के रूप में भुगतान प्रावधानित नहीं हैं। (ख) जी हाँ। योजना के तहत स्थायी निर्माण हेतु अन्य विभागों से अभिसरण के माध्यम से निर्माण कराने का प्रावधान है योजना के अंतर्गत आंगनवाड़ी भवन, राजीव गांधी सेवा केन्द्र (पंचायत भवन) एवं अनाज भंडारण हेतु गोदाम आदि का निर्माण कराया जाना प्रावधानित है उक्त कार्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार की भूमिका एवं अंशदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (घ) योजना प्रारंभ से 15.02.2016 तक योजना के भौतिक एवं वित्तीय परिणाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है।
शुगर मिल की जमीनों पर अतिक्रमण
7. ( क्र. 130 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में बंद पड़े विभिन्न शुगर मील की जमीनें कहाँ-कहाँ पर कितने-किने क्षेत्र में फैली हुई हैं? (ख) क्या उक्त जमीन पर विभिन्न व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण कर अवैध रूप से कृषि आवागमन हेतु सड़क एवं विभिन्न कंपनियों द्वारा पवन चक्कियां लगा दी गई है एवं पवन चक्कियों तक जाने हेतु सड़क बना दी गई है। यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) से संदर्भित शुगर मील की जमीनों पर अतिक्रमण से संबंधित कब-कब किस-किस व्यक्ति ने किस-किस कंपनी एवं व्यक्ति के खिलाफ किस-किस दिनांक को शिकायत दर्ज करायी है? अतिक्रमणकर्ता का नाम, कंपनी एवं शिकायतकर्ता का नाम सहित जानकारी शुगर मील बंद होने से प्रश्न दिनांक तक की देवें। प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है। (घ) निजी भूमि पर पवन चक्की कंपनी द्वारा अवैध कब्जा कर रोड, लाईट, पोल एवं पवन चक्कियां स्थापित करने की कितनी-कितनी शिकायतें विगत दो वर्षों में रतलाम, मंदसौर जिले में प्राप्त हुई? उन पर क्या कार्यवाही की गई। शिकायतकर्ता का नाम सहित जानकारी दी जाए।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
इसरो द्वारा पंचायतों की मेपिंग
8. ( क्र. 131 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा प्रदेश की पंचायतों की मेपिंग की गई है तथा इसके आंकडे ऑनलाईन अपलोड किये हैं? यदि हाँ, तो यह कार्य किस योजना के तहत किया गया, पंचायतों की कौन-कौन सी जानकारियां तैयार की गई? उन्हें कौन सी वेबसाईट पर अपलोड किया गया, इस जानकारी का उपयोग कौन-कौन कर सकेगा और इससे ग्रामीणों को क्या लाभ मिलेगा? (ख) क्या उपरोक्त योजना से ग्रामीणों को कृषि कार्य में भी लाभ होगा, क्या इससे मौसम, वर्षा, ओलावृष्टि आदि के पूर्वानुमान में मदद मिलेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) मंदसौर विधान सभा क्षेत्र में किन-किन पंचायतों की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान द्वारा मेपिंग कर ली गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा प्रदेश की पंचायतों की मेपिंग नहीं की गई है तथा इसके आंकड़े ऑनलाईन अपलोड नहीं किए गए है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ‘क’ अनुसार।
खंडवा में लीज भूमि का दुरूपयोग
9. ( क्र. 183 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा नगरीय क्षेत्र में मानसिंग मिल की भूमि किस मद में दर्ज है? क्या इसे लीज पर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब से, कितने वर्ष के लिए? सर्वप्रथम यह भूमि किस प्रयोजन हेतु दी गई थी? (ख) लीज भूमि का नवीकरण कितनी बार एवं कब-कब किया गया? क्या वर्तमान में उक्त भूमि पर लेण्डमार्क वन निर्माण के पूर्व भूमि का मद परिवर्तन नहीं कराया गया? यदि हाँ, तो क्या यह लीज शर्तों का उल्लंघन है? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (ग) खंडवा नगरीय क्षेत्र में शासन द्वारा ऐसी कितनी भूमि लीज पर एवं किस-किस व्यक्ति/संस्था को दी गई है? खसरा नंबर एवं रकबा सहित जानकारी दीजिए? ऐसी कितनी लीज भूमियां है, जिनके धारक द्वारा बिना मद परिवर्तन के उस भूमि का अन्य/व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है? (घ) क्या लीजधारकों की भूमि के उपयोग संबंधी मानीटरिंग नहीं होने से मनमाना उपयोग किया जा रहा है? क्या शासन लीज शर्तों का उल्लघंन करने वाले समस्त लीजधारकों की लीज निरस्त करने की कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नजूल भूमि के कारण नागरिकों पर दोहरा करारोपण
10. ( क्र. 188 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के कितने जिलों में आवासीय क्षेत्र में नजूल भूमि स्थित है? शासन द्वारा नजूल की शासकीय एवं निजी भूमि पर प्रति वर्ष कौन-कौन से टैक्स कितनी राशि के लिये जाते हैं? (ख) क्या खंडवा में नजूल भूमि होने के कारण यहां के भूमि स्वामियों को दोहरे करों का भुगतान करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? आम नागरिकों को इस दोहरे करारोपण से कब तक मुक्त किया जायेगा? (ग) क्या खंडवा के संपूर्ण नगरीय क्षेत्र को नजूल मद से मुक्त कर आवासीय भूमि किये जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सभी जिलों में नजूल भूमि स्थित है। नजूल भूमि के संबंध में आवंटिती से वार्षिक भू-भाटक लिया जाता है एवं निजी कृषि भूमि पर भू-राजस्व लिया जाता है। नजूल भूमि पर अलग-अलग प्रयोजन के लिए अलग-अलग भू-भाटक नियत किये जाते है जैसे आवासीय हेतु निर्धारित प्रिमियम का 5 प्रतिशत वार्षिक तथा व्यवसायिक के लिये प्रिमियम का 7.5 प्रतिशत। (ख) जी नहीं। खण्डवा में नजूल भूमि पर निर्धारित भू-भाटक ही शासन द्वारा लिया जाता है, दोहरे कर नहीं लिये जाते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 181 राजस्व पुस्तक परिपत्र में लीज होल्ड से फ्री होल्ड के नियम बने है। इसके तहत आवासीय किये जाने के प्रावधान है।
मार्केटिंग सोसायटी को लीड संस्था के रूप में निरस्त किया जाना
11. ( क्र. 210 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सहकारी विपणन संघ (सहकारिता विभाग) द्वारा मार्केटिंग सोसायटी को लीड संस्था के रूप में निरस्त करने का निर्णय किस दिनांक को लिया गया था? (ख) उक्त निर्णय के पूर्व दो वर्षों में उज्जैन संभाग की लीड संस्थाओं को परिवहन पर कितनी राशि प्रदान की गई थी, तथा उक्त निर्णय के पश्चात् निजी क्षेत्रों को परिवहन पर कितनी राशि का भुगतान विपणन संघ द्वारा किया गया? (उज्जैन संभाग के तहसीलवार जानकारी तुलनात्मक रूप से राशि, मात्रा निर्णय के दो वर्ष पूर्व एवं दो वर्ष पश्चात् तुलनात्मक जानकारी प्रदान करें) राशि एवं मात्रा का जोड़ भी दर्शाएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा मार्केटिंग सोसायटी को लीड संस्था के रुप में निरस्त करने संबंधी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. यह विषय विपणन संघ के क्षेत्राधिकार का नहीं है. (ख) उत्तरांश "क" के प्रकाश में जानकारी निरंक है.
घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के लोगों को भूमि आवंटन
12. ( क्र. 214 ) श्री कैलाश
चावला : क्या राजस्व
मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
दिनांक 6 मार्च
2015 को जिलाधीश
नीमच द्वारा नीमच
जिले के अनुविभागीय
अधिकारियों एवं
तहसीलदारों को
एक पत्र लिखकर
विमुक्त जाति
घुमक्कड़
अर्द्ध घुमक्कड़
के लोगों को भूमि
आवंटन किए जाने
हेतु कार्यवाही
कर प्रतिवेदन भेजने
के निर्देश दिए
गए थे? (ख)
यदि हाँ,
तो
उक्त निर्देशों
के तहत तहसीलवार
कितने लोगों का
सर्वे किया गया
एवं कितने लोगों
को पट्टे आवंटन
की कार्यवाही की
गई? (ग) यदि
उक्त कार्य में
प्रभावी पहल नहीं
की गई है,
तो
निर्देश न मानने
वाले अधिकारियों
के विरूद्ध शासन
क्या कार्यवाही
करेगा तथा उक्त
पट्टों की कार्यवाही
कब तक पूर्ण करा
दी जावेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री रामपाल
सिंह ) : (क) जी
हाँ। (ख) तहसील
मनासा में कुल
166 आवेदनों
में से 77 पात्र
व्यक्तियों को
पट्टा आवंटन किया
गया। तहसील रामपुरा
में आबादी क्षेत्र
में 104 प्रमाणपत्र
जारी किये गये
हैं। तहसील नीमच
में वास स्थान
दखलकार अधिनियम
अंतर्गत 122 एवं दखलरहित
अधिनियम अंतर्गत
462 आवेदन प्राप्त
हुए हैं,
जिनमें
से 31 घुमक्कड
एवं अर्द्ध
घुमक्कड़ जाति
का सर्वे किया
गया है। तहसील
जीरन में 200 आवेदनों
में से 15 घुमक्कड जाति
अंतर्गत हैं, जिन्हे पात्रतानुसार
आवंटन की कार्यवाही
की जावेगी। तहसील
जावद एवं तहसील
सिंगौली की जानकारी
निरंक है। (ग) उत्तरांश
‘‘क‘‘
एवं
‘‘ख‘‘
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न उद्भूत
नहीं होता।
मनासा जनपद पंचायत के निरीक्षण में अनियमितताओं की जाँच
13. ( क्र. 215 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के मनासा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने विधायक मनासा के साथ वर्ष 2014-15 को किस दिनांक को प्रवास किया था? उक्त प्रवास के दौरान किन-किन ग्राम पंचायतों का निरीक्षण किया गया तथा उक्त निरीक्षण के दौरान क्या-क्या अनियमितताएं पाई गई? (ख) उक्त अनियमितताओं की जाँच कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मनासा द्वारा अपना प्रतिवेदन जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी को किस दिनांक को पेश किया? (ग) उक्त प्रतिवेदन के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2014-15 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मनासा के पद पर पदस्थ श्री मांगीलाल आस्के दिनांक 31.03.2015 को सेवानिवृत्त हुए। मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा मान. विधायक के साथ ग्राम पंचायतों के निरीक्षण एवं अनियमितता के संबंध में कोई भी अभिलेख कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किये गये। वर्ष 2015-16 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मनासा विधायक के साथ दिनांक 12.10.2015 को प्रवास पर थे। ग्राम पंचायत भाटखेड़ी का निरीक्षण किया। ग्राम पंचायत में उपलब्ध रिकार्ड अपूर्ण थे। व्यय व्हाउचर पंजी एवं उपस्थिति पंजी संधारित नहीं थे। (ख) जी हाँ, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा दिनांक 15.10.2015 को ग्राम पंचायत सचिव को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर प्रतिलिपि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को दी गई। (ग) जाँच प्रभावित न हो, को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम पंचायत सचिव भाटखेड़ी को ग्राम पंचायत डांगडी में संलग्न किया गया है।
ग्राम पंचायत सचिवों की स्थानांतरण नीति
14. ( क्र. 237 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग ने वर्ष 2014 में अपने किसी आदेश द्वारा ग्राम पंचायतों के सचिवों के स्थानांतरण की कोई नीति जारी की थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) नीति जिला कटनी में विधान सभा क्षेत्र बहोरीबंद के चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण जिले में प्रभावशील नहीं हो सकी है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने अपने पत्र दिनांक 18.08.2015 एवं 02.01.2016 द्वारा मा. मंत्री जी एवं आयुक्त से प्रश्नांश (ख) के स्थान पर जिला कटनी के पंचायत सचिवों के स्थानांतरण हेतु नवीन आदेश जारी करने का अनुरोध किया है? (घ) क्या विभाग ने वर्ष 2015-16 में वि.स.क्षे. बड़वारा के विकासखण्डों के ग्राम पंचायत के सचिवों का स्थानांतरण किया है? (ड.) विभाग प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिला के पंचायत सचिवों के स्थानांतरण का आदेश कब तक जारी करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रशासकीय प्रक्रिया में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
आंतरिक सड़क निर्माण
15. ( क्र. 279 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता ने जिला पंचायत विदिशा को प्रेषित पत्र क्रमांक 2813/08.01.16 एवं 2814/08.01.16 में किस-किस ग्राम पंचायतों के ग्रामों में जिला पंचायत में उपलब्ध निधि से विकास योजना अंतर्गत आंतरिक सड़क निर्माण कराने का प्रस्ताव दिया था? (ख) उक्त प्रस्ताव किस दिनांक को प्राप्त हुआ? प्राप्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? प्रस्ताव अनुसार स्वीकृति कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिला पंचायत विदिशा में प्रस्तावित कार्य हेतु निधि उपलब्ध नहीं होने के कारण ये कार्य स्वीकृत नहीं किये गये।
ग्रामों के नक्शें एवं अभिलेख तैयार करना
16. ( क्र. 280 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग द्वारा नक्शाविहीन ग्रामों के नक्शें एवं अभिलेख तैयार करने हेतु अधीक्षक, भू-अभिलेख को प्राधिकृत घोषित किया जाकर म.प्र.शासन, राजस्व विभाग, मंत्रालय, भोपाल की अधिसूचना क्रमांक एफ 15-3/2003/सात-6/भोपाल, दिनांक 17.07.2003 के द्वारा विदिशा जिले के तहसील गंजबासौदा, त्यौदा एवं ग्यारसपुर के नक्शाविहीन व जीर्ण-शीर्ण नक्शें वाले ग्रामों के नक्शा तैयार करने की अधिसूचना जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या अधिसूचना के क्रम में नक्शाविहीन जीर्ण-शीर्ण नक्शें वाले ग्रामों के नक्शा तैयार किये जा चुके हैं? कितने शेष है? शेष रहने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नकर्ता ने किस-किस ग्राम के नक्शें तैयार करने के प्रस्ताव दिये थे? प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एन.जी.ओ./वाटर शेड मिशन के कार्य
17. ( क्र. 338 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत धरमपुरी एवं नालछा में विगत 05 वर्षों में वाटरशेड अथवा एन.जी.ओ. आदि अन्य संस्थाओं के माध्यम से कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत से करवाये गये हैं? निर्माण एजेंसीवार जानकारी देवें? (ख) उपरोक्त अवधि में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं, तथा कितने शेष हैं, तथा कार्यों का मूल्यांकन किस एजेंसी द्वारा किया गया है? क्या स्वीकृत कार्यों पर व्यय राशि के समतुल्य मूल्यांकन पाया गया है? यदि नहीं, तो कितनी राशि की वसूली की गई है, या वसूली होना शेष है? निर्माण एजेंसीवार जानकारी देवें? (ग) लंबित अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे, तथा दोषी निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी व कब तक, समयावधि बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। चूंकि मूल्यांकन व्यय राशि के समतुल्य पाया गया है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 22 कार्य प्रगतिरत है। लंबित अथवा अपूर्ण कार्य कोई भी नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पीडि़त किसानों को मुआवजा
18. ( क्र. 376 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आपदा पीडि़त किसानों को सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या गत वर्षों यथा 13-14, 14-15 एवं 15-16 में पनागर विधानसभा क्षेत्र के समस्त आपदा पीडि़त किसानों को सहायता राशि उपलब्ध करायी गई है? (ग) यदि हाँ, तो कितने व्यक्तियों को कितनी राशि उपलब्ध कराई? यदि नहीं, तो क्यों, कारण बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। सभी पात्र आपदा पीडि़त किसानों को सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। (ग) तहसील पनागर के अंतर्गत प्राकृतिक आपदा से पीडि़त पात्र 9.482 किसानों को राहत राशि रूपये 8,22,64,276 (रूपये आठ करोड़ बाइस लाख चौसठ हजार दो सौ छिहत्तर) वितरित किये गये।
अवैध कॉलोनियों का निर्माण
19. ( क्र. 377 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पनागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अवैध कॉलोनियों का निर्माण निरंतर बढ़ता जा रहा है? (ख) यदि नहीं, तो किसके आदेश से अवैध कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा है? (ग) क्या भविष्य में अवैध कॉलोनियों को वैध किया जावेगा? (घ) यदि नहीं, तो क्या ऐसी अवैध कॉलोनियों का निर्माण रोक जावेगा एवं कॉलोनाईजर लायसेंस निरस्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) अवैध कालोनियों का निर्माण निर्माणकर्ता द्वारा अवैध रूप से किया जाता है, जिसमें आदेश का समावेश नहीं होता है। (ग) भविष्य में अवैध कालोनियों को वैध करने की कार्यवाही तत्समय प्रचलित नीति एवं निर्देश के अंतर्गत की जावेगी। (घ) अवैध कालोनियों के संबंध में जाँच कार्यवाही गतिशील है। जाँच उपरांत प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
फोती, नामांतरण, बंटवारा के लंबित प्रकरण
20. ( क्र. 411 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा खाचरौद में विगत दो वर्षों में फोती, नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के कुल कितने प्रकरण प्राप्त हुए? उनमें से समय-सीमा में कितने प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया? (ख) कितने प्रकरण लंबित है? लंबित रहने का कारण बतावें? (ग) कब तक निराकरण कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मटर फली उत्पादन
21. ( क्र. 425 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में नागदा- खाचरौद तहसील मटर फली उत्पादन के क्षेत्र में सर्वोपरि है एवं यहां मटर का बहुतायत उत्पादन होता है? (ख) क्या इतना उत्पादन होने के बावजूद शासन द्वारा मटर तुलाई एवं भण्डारण की कोई व्यवस्था नहीं होने से व्यापारियों द्वारा किसानों का शोषण किया जाता है? (ग) क्या शासन मटर उत्पादन कृषि उपज मण्डी में तुलवाने हेतु नियम निर्देश मंडी को जारी करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) नागदा एवं खाचरौद क्षेत्र में मटर फली का व्यापक उत्पादन होता है। (ख) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 27 जनवरी 2012 से म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 की धारा 6 में जो संशोधन किया गया है, उसके तहत फल-सब्ज़ी का क्रय-विक्रय मंडी प्रांगण के बाहर करने का विकल्प उत्पादक-व्यापारी को प्राप्त हुआ है। मंडी अधिनियम के संशोधित इस प्रावधान के अनुसार अब फल-सब्ज़ी व्यवसाय को मंडी प्रागंण के अंदर संपादित करने की बाध्यता समाप्त हो गई है। ऐसी स्थिति में यदि फल-सब्ज़ी व्यापारी मंडी प्रागंण में व्यवसाय करने के इच्छुक नहीं हों तो उन्हें मंडी प्रागंण में व्यापार करने हेतु बाध्य नहीं किया जा सकता है। कृषकों द्वारा मंडी प्रागंण खाचरौद एवं नागदा के बाहर अधिकांश मटर का विपणन होता है जिसमें नियमन लागू नहीं होता है। खाचरौद एवं नागदा मंडी प्रागंण में मटर फली का स्टोरेज गोदाम नहीं है, क्योंकि मटर फली कच्चा माल होने से अतिशीघ्र खराब हो जाती है। तदापि कृषि उपज मंडी समिति खाचरौद एवं नागदा में तुलाई की समुचित व्यवस्था है। (ग) मंडी बोर्ड के पत्र दिनांक 28.10.15 से कृषि उपज मंडी समिति खाचरौद में मटर/सब्ज़ी/फल आदि की आवक को प्रोत्साहित करने हेतु मंडी में व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा घोष विक्रय, तौल एवं मंडी प्रागंण में नियमन व्यवस्था लागू की जाने के निर्देश दिये गये है, तदापि उत्तरांश "ख" में दर्शाई गई फल-सब्ज़ी विपणन की वैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत उत्पादक/विक्रेता अथवा व्यापारियों को मंडी प्रागंण में मटर का विपणन कराने हेतु बाध्य नहीं किया जा सकता है।
रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था की अनियमितताओं की जाँच
22. ( क्र. 436 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था भोपाल के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 7561/2013 द्वारा जाँच के कोई आदेश दिए गए थे? यदि हाँ, तो क्या? (ख) उपरोक्त जाँच में क्या-क्या अनियमितताएं होना प्रमाणित है एवं उसमें कौन-कौन को उत्तरदायी पाया गया? इन अनियमितताओं को दूर करने तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिये क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्त संस्था का अंकेक्षण कब तक का पूर्ण है तथा जिस अवधि का अंकेक्षण नहीं हुआ है, उसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या उपरोक्त संस्था में पात्रता से अधिक सदस्य बनाकर वरिष्ठ एवं पात्र सदस्यों के भू-खण्ड दूसरों को देकर धोखाधड़ी एवं आर्थिक अपराध के तथ्य जाँच में पाए गए हैं? यदि हाँ, तो अवैध रूप से पंजीकृत कराए गए भूखण्डों की रजिस्ट्री निरस्तीकरण की कार्यवाही कब तक कर पात्र सदस्यों को भू-खण्ड दिलाएं जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ. याचिकाकर्ता, संयुक्त पंजीयक, सतर्कता सेल, को शिकायत की प्रति प्रस्तुत करेंगे, संयुक्त पंजीयक, सभी प्रभावित पक्षकारों को सुनवाई का अवसर देते हुये यथा-संभव आवेदन प्राप्ति के 06 माह में विधि अनुरूप शिकायत का निराकरण करेंगे. (ख) सदस्यों को नियमानुसार भूखण्डों का आंवटन न करना, संस्था का अंकेक्षण न कराना, विभाग द्वारा समय-समय पर चाही गई जानकारी उपलब्ध न कराना. इस हेतु तत्कालीन संचालक मण्डल एवं संस्था प्रबंधक श्री ए.के. शुक्ला को उत्तरदायी पाया गया है. वांछित अभिलेख प्रस्तुत न करने के कारण विभाग द्वारा सहकारी अधिनियम की धारा 56 (3) के तहत दिनांक 20.10.2014 को आदेश पारित करते हुये संस्था अध्यक्ष श्री राम बहादुर सिंह को अध्यक्ष एवं संचालक पद से 03 वर्ष के लिये निर्हरित किया गया एवं संस्था प्रबंधक श्री ए.के. शुक्ला के विरूद्ध दिनांक 20.10.2014 को रूपये 50,000/- शास्ति अधिरोपित की गई. संस्था के अभिलेख उपलब्ध नहीं कराने के कारण अभिलेख जप्ती की कार्यवाही हेतु मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 57 के अंतर्गत जप्ती की कार्यवाही की गई, उसके पश्चात भी रिकार्ड जप्त न होने के कारण उप आयुक्त, सहकारिता जिला भोपाल द्वारा दिनांक 19.11.2015 को धारा 57-ए (1) के अंतर्गत सर्च वारंट जारी करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी शहर वृत्त, भोपाल को आवेदन प्रस्तुत किया गया है. संस्था के प्रशासक द्वारा दिनांक 12.02.2015 एवं दिनांक 11.04.2015 को संस्था के पदाधिकारियों एवं प्रबंधक के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने हेतु थाना ऐशबाग भोपाल को पत्र लिखा गया है. (ग) संस्था का अंकेक्षण वर्ष 2004-05 तक का पूर्ण है. वर्ष 2005-06 से विभाग द्वारा प्रतिवर्ष अंकेक्षक की नियुक्ति की जाती रही है, किन्तु संस्था द्वारा रिकार्ड उपलब्ध न कराने से अंकेक्षण लंबित है, इसके लिये संस्था का तत्कालीन संचालक मण्डल एवं संस्था प्रबंधक उत्तरदायी है. (घ) जाँच अधिकारी द्वारा इस संबंध में अपने प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया है कि पूर्व में प्राप्त शिकायतों की जाँच में, जाँच अधिकारियों द्वारा 126 भूखण्ड उपनियमों के प्रावधानों के विपरीत अवैध तरीके से अपात्र सदस्यों को पंजीयन कराया जाना पाया गया है, जिसके लिये संस्था के पूर्व अध्यक्ष श्री अमरनाथ मिश्रा, श्री एन.एल. रोहितास एवं नामांकित कमेटी के अध्यक्ष श्री एम.के. सिंह को दोषी पाया गया है, इनके विरूद्ध सहकारी अधिनियम की धारा 76 (2) के अंतर्गत अपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की अनुमति उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला भोपाल द्वारा क्रमशः दिनांक 28.10.2013, 30.10.2009 एवं दिनांक 12.11.2009 को दिये जाने तथा उप पंजीयक द्वारा अवैध रूप से पंजीकृत कराये गये भूखण्डों की रजिस्ट्री शून्य कराने हेतु संस्था अध्यक्ष को दिनांक 04.09.2010 को एवं संस्था के प्रभारी अधिकारी को दिनांक 26.02.2008 को निर्देशित किये जाने का उल्लेख किया है. उप पंजीयक द्वारा आयुक्त, नगर निगम भोपाल को उक्त भूखण्डों पर भवन निर्माण की अनुमति जारी नहीं किये जाने एवं यदि अनुमति जारी की जा चुकी हो तो उसे निरस्त करने का अनुरोध दिनांक 04.09.2010 एवं दिनांक 05.09.2009 से किया गया है. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
अनियमितताओं की जाँच
23. ( क्र. 437 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के विकासखण्ड लहार की ग्राम पंचायत अजनार, मड़ोरी, मसेरन, पर्राईच, कुरथन, मेहरा-बुजुर्ग, लालपुरा एवं रौन विकासखण्ड की ग्राम पंचायत अचलपुरा एवं भीमनगर की शिकायतें 01 जनवरी, 2014 से अक्टूबर, 2015 तक किन-किन व्यक्तियों तथा संस्थाओं द्वारा आयुक्त चंबल संभाग मुरैना, कलेक्टर भिण्ड, मुख्य कार्यपालन अधिकारी भिण्ड, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार, मिहोना, रौन तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी लहार एवं रौन को की गई? (ख) उक्त शिकायतों की जाँच कब-कब, किस-किस अधिकारी से कराई गई? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा भी वर्ष 2015-16 में किन-किन पंचायतों में हुई अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के संबंध में कब-कब जाँच कर कार्यवाही का अनुरोध किया? (घ) क्या भिण्ड जिले की जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं लहार, मिहोना एवं रौन के अनुविभागीय अधिकारी तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लहार प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्राम पंचायतों में भारी अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार पाए जाने के बाद भी सरपंच/सचिव को संरक्षण दे रहे हैं? यदि नहीं, तो किन-किन के विरूद्ध गबन की कितनी-कितनी राशि वसूल की गई तथा किन-किन के विरूद्ध किस-किस थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कराई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या उपरोक्त ग्राम पंचायतों में शिकायतों की जाँच उच्च अधिकारियों से कराकर दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ के प्रपत्र-1, 2, 3, 4, 5 एवं 6 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ के प्रपत्र -1, 2, 3, 4 एवं 5 अनुसार। (ग) जनपद पंचायत लहार की ग्राम पंचायत बररूआ एवं कुरथर में अनियमित्ताओं एवं भ्रष्टाचार के संबंध में जाँच कर कार्यवाही हेतु पत्र प्राप्त हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ के प्रपत्र -1 एवं 2 अनुसार। (घ) जी नहीं। ग्राम पंचायत अचलपुरा के पूर्व सरपंच श्री ओमप्रकाश शुक्ला से रूपये 1993230.00 की वसूली हेतु म.प्र.पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत प्रकरण क्रमांक 01-15 न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लहार में दर्ज कराया गया, जिसमें मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी.एन 648-2016 दिनांक 03.02.2013 द्वारा स्थगन दिये जाने से वसूली की कार्यवाही स्थगित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार। (ड.) प्रचलित जाँच प्रकरणों मे जाँच उपरांत, जाँच प्रतिवेदन अनुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायतों को विभिन्न कार्यों के लिये आवंटित धनराशि
24. ( क्र. 509 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई और शाहनगर तहसीलों में विगत वर्षों में 25 बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने के लिये शासन ने 198.70 लाख रूपये की जो धनराशि व्यय की है और जिन जल-नल योजनाओं को चालू किया है, क्या उनका भौतिक सत्यापन कराया गया है? यदि हाँ, तो कब और किन अधिकारियों ने गांव में जाकर भौतिक सत्यापन किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत विभाग को ग्रामीणों और पंचायतों से यह शिकायत मिली है कि अनेक नल-जल योजनायें चालू नहीं है और उनसे जनता को लाभ नहीं मिल रहा है? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गयी? (ग) वर्तमान में पवई एवं शाहनगर तहसीलों में कितने ग्रामों में पेयजल आपूर्ति के लिये हैण्डपंप लगाये गये हैं और कितने चालू हालत में है और कितने बंद पड़े हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पन्ना जिले की पवई और शाहनगर तहसीलों में 25 बंद नलजल योजनाओं का भौतिक सत्यापन कराया गया है। यह भौतिक सत्यापना माह सितम्बर एवं अक्टूबर, 2014 में श्री आर.के. दोहरे उपयंत्री, श्री आर.के. परोचे उपयंत्री, श्री राजेन्द्र खरे तकनिशियन (हैण्डपंप) एवं श्री एच.एल. अहिरवार सहायक यंत्री द्वारा किया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। नलजल योजनाएं ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित हैं, जिनका संधारण ग्राम पंचायतों द्वारा ही किया जाना हैं। (ग) पवई एवं शाहनगर तहसील के ग्रामों में पेयजल आपूर्ति हेतु क्रमशः 1835 एवं 1715 हैण्डपंप स्थापित है। पवई तहसील में 1716 हैण्डपंप चालू तथा 119 हैण्डपंप बंद है एवं शाहनगर तहसील में 1572 हैण्डपंप चालू तथा 143 हैण्डपंप बंद हैं।
राजस्व विभाग सतना में चतुर्थ श्रेणी की पदोन्नति
25. ( क्र. 528 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन समान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा आदेश क्रमांक सी 3-2/2013 /1/3 भोपाल दिनांक 12 मई 2014 के द्वारा समस्त विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किये गये थे कि विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें वर्ष में दो बार अर्थात प्रथम बैठक जनवरी-फरवरी तथा दूसरी बैठक माह अगस्त-सितम्बर तक अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएं? (ख) यदि हाँ, तो क्या सतना कलेक्टर द्वारा राजस्व विभाग में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें वर्ष 2013-14 से अब तक कितनी बार आयोजित की गई तिथिवार जानकारी देवें? (ग) क्या यह सही है कि सतना कलेक्टर द्वारा स्थापना अंतर्गत पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति समिति की बैठक वर्ष 2015 में मात्र एक बैठक आयोजित की गई है उक्त आयोजित बैठक में कितने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नति की कार्यवाही करते हुए तृतीय श्रेणी में पदोन्नति की गई है सूची सहित बताएँ? (घ) क्या सतना कलेक्टर द्वारा पदोन्नति की गई सूची में आ.जा./अ.ज.जा. के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वरिष्ठ होने के बावजूद भी पदोन्नति नहीं की गई जबकि सामान्य वर्ग के कनष्ठि कर्मचारी को पदोन्नति दे दी गई ऐसा क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्टर कार्यालय सतना अंतर्गत समय-समय पर यथा विधि पदोन्नति समिति की बैठकें दो बार दिनांक 08/06/2015 एवं 19/10/2015 को आयोजित की गई है। वर्ष 2013-14 में निर्वाचन प्रक्रिया प्रचलित होने के कारण बैठकें नहीं की गई। (ग) जी नहीं, दो बार बैठक आयोजित की गई, 9 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को तृतीय श्रेणी पद पर पदोन्नत किया गया। सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) जी नहीं, नियमानुसार पदोन्नति की कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
नगरीय क्षेत्र में पट्टा वितरण
26. ( क्र. 538 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा पट्टा वितरण की घोषणा के बाद मंत्रालय में इस आशय के आदेश जारी कर दिये गये हैं कि नगरीय क्षेत्र की आबादी भूमि के कब्जा धारकों को पट्टा वितरित किया जावेगा, यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें? (ख) क्या कब्जाधारियों द्वारा चाहे जितनी सरकारी जमीन पर कब्जा किया गया हो उन्हें महज 483 वर्ग फिट का पट्टा दिया जावेगा साथ ही यह भी जरूरी नहीं कि पट्टा उसी जमीन का मिले? (ग) क्या पट्टा वितरण 31 दिसम्बर 2012 की स्थिति में कब्जेदारों को किया जावेगा लेकिन सर्वे 31 दिसम्बर 2014 तक की स्थिति में किया जावेगा? यदि हाँ, तो यह सर्वे कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित 483 वर्ग फिट का पट्टा दिया जाना पर्याप्त है, इससे अधिक यदि सरकारी जमीन पर पुराना कब्जा है तो उस जमीन को शासन किस उपयोग में लेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग
27. ( क्र. 570 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डोरी में कितने किसानों का ऋणी एवं अग्रणी बीमा किया गया एवं उनमें से कितने किसानों को इस वर्ष बीमा की कितनी राशि भुगतान की जा रही है? विकासखण्डवार बतावें? (ख) जिला डिण्डोरी में कितने किसानों को आज तक किसान क्रेडिट कार्ड दिये गये एवं किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग कितने किसानों ने किया? (ग) उक्त के.सी.सी में से सहकारी बैंकों द्वारा कितने किसानों को के.सी.सी.दिये गये हैं, समितिवार बतावें? (घ) उक्त के.सी.सी में से कृषि हेतु कितने के.सी.सी का उपयोग हुआ एवं व्यवसाय हेतु कितने के.सी.सी का?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खरीफ 2014 में 8754 ऋणी किसानों तथा रबी 2014-15 में 558 ऋणी किसानों का फसल बीमा किया गया. जिला डिण्डोरी में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., मण्डला से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा किसी भी अऋणी कृषक का आवेदन प्राप्त नहीं होने से अऋणी कृषकों का बीमा नहीं किया गया. बीमा कम्पनी से प्राप्त बीमा क्लेम की राशि के भुगतान की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है. (ख) जिला डिण्डोरी में सहकारी बैंक द्वारा 76772 किसान क्रेडिट कार्ड तथा अन्य बैंकों द्वारा 5993 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गये. सहकारी बैंक से जारी किसान क्रेडिट कार्ड में से 60858 किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया. (ग) जिला डिण्डोरी में सहकारी बैंक द्वारा 76772 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गये, समितिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है. (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है.
मध्यान्ह भोजन का निर्धारित मीनू के अनुसार वितरण
28. ( क्र. 574 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बण्डा जिला सागर में शालाओं में विद्यार्थियों के लिए निर्धारित मीनू के अनुसार समय पर मध्यान्ह भोजन का वितरण किया जा रहा है? यदि नहीं, तो दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ख) योजना के निरीक्षण/पर्यवेक्षण के समय समूह के अध्यक्षों द्वारा बतलाया गया है कि दाल, सब्जी तथा मसालों के भाव बढ़ जाने से निर्धारित मात्रा में उनका उपयोग करना संभव नहीं हो पा रहा है। तो क्या धन राशि बढ़ाने पर विभाग द्वारा कोई पहल की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ति हो जाएगी? (ग) क्या सभी शालाओं में विद्यार्थियों को भोजन करने के लिए बर्तन प्रदाय दिए गए हैं? यदि हाँ, तो फिर विद्यार्थियों को अपने घर से बर्तन लाने के लिए बाध्य क्यों किया जाता हैं? (घ) क्या निरीक्षण में पाया गया है कि शालाओं में बर्तन नहीं हैं बल्कि बर्तन किराए पर चलाए जा रहे हैं या समूह संचालक निजी उपयोग में ले रहे हैं? क्या विभाग ने इस संबंध में कोई कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही और कब तक की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। निरीक्षण/अनुश्रवण के दौरान निर्धारित मीनू अनुसार समय पर मध्यान्ह भोजन का वितरण नहीं पाये जाने की स्थिति में संबंधित क्रियान्वयन एजेन्सी के विरूद्ध विधिवत् कार्यवाही की जाती है। वर्ष 2015-16 में ऐसे दोषी पाये गये एम.डी.एम. में संलग्न 19 समूहों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। मध्यान्ह भोजन में दाल, सब्जी, मसालें आदि हेतु भोजन पकाने की लागत राशि का निर्धारण भारत शासन द्वारा किया जाता है। भोजन पकाने की लागत राशि में भारत शासन द्वारा प्रति वर्ष 7.5 प्रतिशत वृद्धि की जाती है। (ग) जी हाँ, सभी शालाओं में विद्यार्थियों को भोजन करने के बर्तन प्रदाय किये गये है। (घ) जी नहीं।
शासकीय परिसंपत्तियों पर अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा कब्जा
29. ( क्र. 577 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बण्डा जिला सागर में वर्ष 2013-14 से विभाग के विभिन्न नाम से पहचाने जाने वाले भवन निर्मित है? यदि हाँ, तो उनके नाम तथा कहाँ-कहाँ पर स्थित है? (ख) क्या कंडिका (क) की जानकारी अनुसार भवनों पर अन्य किसी विभाग या जनता के किसी व्यक्ति द्वारा अनाधिकृत कब्जा है? यदि हाँ, तो किस-किस भवन पर किस-किस के द्वारा अनाधिकृत कब्जा किया है? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र बण्डा जिला सागर में अन्य विभागों द्वारा निर्मित कार्यालयों, आवास गृहों पर विभाग या विभाग के अमलों द्वारा आधिकृत कब्जा किया है? यदि हाँ, तो उन भवनों के नामों तथा ग्रामों के नाम की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) कंडिका (क) एवं (ख) के अनुसार अनाधिकृत कब्जा हटाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र बंडा की जनपद पंचायत बंडा के ग्राम पंचायत बमूराभेडा के सामुदायिक भवन बमूराभेड़ा में स्थानीय निवासी रामसेवी क सिंह राजपूत द्वारा अनाधिकृत कब्जा किया गया है। अनाधिकृत कब्जे को हटाये जाने के संबंध में कलेक्टर सागर को निर्देशित किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अनाधिकृत कब्जे की रिपोर्ट अनुविभागीय अधिकारी को की गई है। कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कृषकों को मुआवजा राशि का वितरण
30. ( क्र. 579 ) श्री हरवंश
राठौर : क्या राजस्व
मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
बंडा जिला सागर
में 2014-15 में
अल्प वर्षा से
कृषकों की खरीफ
फसल को नुकसान
होने के कारण कितनी
मुआवजा राशि कितने
कृषकों को वितरित
नहीं हुई है? (ख) खरीफ
फसल नुकसान के
सर्वेक्षण में
कितने ग्रामों
के कितने कृषकों
के नाम छूट गए हैं? यदि हाँ, तो कब तक सर्वेक्षण
कराया जाकर उनको
भुगतान किया जाएगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री रामपाल
सिंह ) : (क) विधानसभा
बंडा जिला सागर
में 2014-15 में
अल्पवर्षा से
किसानों को खरीफ
फसल नुकसान की
कोई राशि भुगतान
हेतु शेष नहीं
है। (ख) खरीफ फसल
नुकसान के सर्वेक्षण
में बण्डा विधानसभा
क्षेत्र के किसी
ग्राम के किसी
भी पात्र कृषक
का नाम नहीं छूटा
है। पात्र सभी
किसानों को राहत
राशि दी गई है।
खरगापुर विधान सभा में किसानों के कर्ज आदि की माफी
31. ( क्र. 608 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र सूखे की चपेट में होने के कारण किसानों के द्वारा लिये गये वर्ष 2015 के खाद-बीज ऋण आदि को माफ किये जाने की सरकार द्वारा कोई ऐसी योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) क्या अवर्षा के कारण एवं विगत समय 2015 में अति ओलावृष्टि में भी फसले तबाह होने से ऐसे कितने किसानों के खाद-बीज के ऋणों को माफ किया गया खरगापुर विधान सभा की प्रत्येक सोसायटी एवं मार्केटिंगवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या वर्ष 2016 में लिये गये किसानों के ऋण को माफ किये जाने की योजना बनाई जायेगी? यदि हाँ, तो योजना से अवगत कराये? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ख) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) वर्तमान में ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है. अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है.
टीकमगढ़ जिले की नगर पंचायत ओरछा में जमीनों की हेरा-फेरी
32. ( क्र. 611 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में भगवान राम राजा सरकार की नगरी ओरछा में पटवारी हल्का क्रं.-05 में भूमि खसरा क्रमांक-455/3 ओरछा रकवा 01 हेक्टेयर 214 आरें भूमि नदी के ओरछा तिगैला की ओर काफी दूर मुख्य सड़क से थी परन्तु उक्त भूमि की तरबीन अधिकारियों एवं पटवारियों से सांठ-गांठ करके अमित अग्रवाल तनय कैलाश अग्रवाल निवासी झांसी उ.प्र. के नाम पक्की तरवीन करके राम राजा सरकार के मंदिर के पीछे पावर हाऊस के पास शासन की करोड़ों की भूमि कर दी गई है? (ख) इस प्रकार तरवीन करवाकर अमित अग्रवाल द्वारा अतिक्रमण कर शासन की बेश कीमती भूमि हड़प ली है तथा कब्जा कर लिया है? ऐसी तरवीन की भूमि को कब्जाधारियों से भूमि हटवाकर अतिक्रमण से मुक्त करायेंगे क्या? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या इस प्रकार तरवीन करने वाले पटवारी एवं अधिकारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर कब्जाधारियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करेंगे क्या? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील ओरछा की भूमि खसरा नं. 455/3 रकबा 1.113 हेक्टेयर अमित तनय स्व. कैलाश अग्रवाल एवं गिरीश तनय घनश्याम दास प्रेमानी निवासी झांसी (उ.प्र.) के नाम भूमिस्वामी स्वत्व पर अंकित है। उक्त भूमि रजिस्टर्ड विक्रय पत्र क्रमांक-1358 दिनांक 10.12.2014 द्वारा क्रय की गई थी जिसका नामान्तरण म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 110 के अनुसार किया गया है। इन लोगों द्वारा अधिकारियों एवं पटवारियों से सांठ गांठ कर तरमीम नहीं कराई गई है। पूर्व भूमिस्वामी सुनील कुमार तनय प्रेम बिहारी मिश्रा के आवेदन पर न्यायालय तहसीलदार ओरछा के प्रकरण क्र-29/अ-3/2011-12 में पारित आदेश दिनांक 2.3.2013 के अनुसार विधिवत प्रकरण में प्रस्ताव प्राप्त कर, सार्वजनिक सूचना प्रकाशन के बाद, पंचनामा तैयार किया जाकर भूमि खसरा नं. 455/3 की तरमीम की गई थी। जी नहीं, यह भूमि रामराजा मंदिर के पीछे पावर हाउस के पास स्थित नहीं है, वरन् उक्त भूमि मंदिर से 400 मीटर की दूरी पर पश्चिम दिशा में स्थित है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बंद मिल के शेष भुगतान विषयक
33. ( क्र. 622 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बरलाई में बंद पड़ी मालवा शक्कर कारखाना मर्या. को सन् 2002 में बंद कर वर्ष 2008 में परिसीमापन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त कारखानों कि कितनी देनदारियां शेष है? क्या उक्त देनदारियों के भुगतान के संबंध में मध्यप्रदेश शासन द्वारा भुगतान हेतु अग्रिम स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो स्वीकृति के पश्चात् संपत्ति का वेल्युवेशन ना होने के कारण भुगतान नहीं किया जा रहा है यदि हाँ, तो वेल्युवेशन किसके द्वारा कब तक किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अग्रिम स्वीकृति के पश्चात् भी भुगतान न होने का कारण स्पष्ट करें और भुगतान हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है तथा भुगतान कब तक हो जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ. (ख) दिनांक 31.03.2015 पर रू. 3051.48 लाख. राज्य शासन द्वारा संस्था को मात्र कारखाना के कर्मचारियों के लंबित वेतन/स्वत्वों तथा कृषकों के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु राशि रू. 5.62 करोड़ अग्रिम के रूप में प्रदाय करने का निर्णय लिया गया था. (ग) उत्तरांश "ख" के संदर्भ में प्रश्न उद्भूत नहीं होता, क्योंकि भुगतान राज्य शासन से अग्रिम प्राप्त कर किया जाना है न की संपत्ति के विक्रय से. (घ) वित्तीय वर्ष 2014-15 में सहकारी शक्कर कारखाने की अंशपूजी में धनवेष्ठन अंतर्गत राशि रू. 5.62 करोड़ का प्रावधान किया गया किन्तु कारखाने के परिसमापनाधीन होने से अंशपूंजी में धनवेष्ठन योजना अंतर्गत राशि प्रदाय नहीं की जा सकी है. कार्रवाई प्रक्रियाधीन, समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं.
विकास कार्यों की डी.पी.आर. बनाकर स्वीकृति
34. ( क्र. 623 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से पूछे गये ता. प्रश्न संख्या 15 (क्रं. 724) दिनांक 14/12/2015 अनुसार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत सांवेर विधानसभा क्षेत्र में कुल 16 सड़कों को शामिल करने एवं एक ब्रिज को शामिल कर डी.पी.आर. बनाने के तारतम्य में इन प्रस्तावों की डी.पी.आर. कब तक तैयार की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सांवेर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में कुछ गांवों की सड़कें इस योजना में शामिल किये जाने से वंचित रह गई है? यदि हाँ, तो इन्हें कब तक इस योजना में शामिल किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र की 16 सड़कों को कब तक स्वीकृति दिलाई जायेगी व कब तक निर्माण कार्य प्रांरभ कराया जायेगा? क्या आगामी बजट वर्ष 2016 में उक्त प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिये जायेंगे? समय-सीमा बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से पूछे गये तारांकित प्रश्न संख्या 15 (क्र.724) दिनांक 14.12.2015 के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सांवेर विधानसभा क्षेत्र में कुल 16 सड़कों, एक ब्रिज के डी.पी.आर. तैयार कराये जाने की जानकारी दी गयी थी। वर्तमान में उक्त 16 सड़कों के डी.पी.आर. तैयार कर प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित कर दिया गया है, ब्रिज के डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, 5 सड़कों के डी.पी.आर. शेष रह गये थे, उन्हें भी तैयार कर प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित कर दिया गया है। (ग) प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित 16 सड़कों की स्वीकृति का निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया जाना है अतः स्वीकृति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सड़कों का निर्माण
35. ( क्र. 636 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या पंचायत
मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सांवेर
विधानसभा क्षेत्र
अंतर्गत ऐसे कितने
गांव है जिनकी
जनसंख्या 500 से कम है? क्या उक्त
गांवों को मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क योजनांतर्गत
सम्मिलित किया
गया है? (ख)
प्रश्नांश
(क) के संदर्भ में
500 से कम जनसंख्या
वाले सांवेर विधानसभा
क्षेत्र के गांवों
में मुख्यमंत्री
ग्रामीण सड़क योजना
अंतर्गत कितने
कार्य पूर्व में
2 वर्षों
में स्वीकृत किये
गये है व कितने
स्वीकृति हेतु
कहाँ-कहाँ लंबित
है व अप्रारंभ
है? (ग)
प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ में
सांवेर विधानसभा
क्षेत्र के मार्गों
को मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क योजनांतर्गत
कब तक स्वीकृत
किया जायेगा व
निर्माण कब तक
कराया जायेगा? समय-सीमा
बतायें?
क्या
आगामी बजट वर्ष
2016-17 में सांवेर
विधानसभा क्षेत्र
अंतर्गत कार्यों
को स्वीकृति प्रदान
की जायेगी? यदि हाँ, तो कौन-कौन
से कार्य स्वीकृत
किये जायेंगे? (घ) क्या
प्रश्नांश
(ग) के संदर्भ में
पूर्व में स्वीकृत
मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क योजना
अंतर्गत स्वीकृत
कार्यों की गुणवत्ता
की जाँच की गई? क्या कार्य
गुणवत्ताविहीन
पाये गये है
यदि हाँ,
तो
गुणवत्ताविहीन
कार्यों के प्रति
कौन जवाबदेही है? क्या संबंधितों
पर कोई कार्यवाही
की जायेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) सांवेर
विधानसभा क्षेत्रांतर्गत
(वर्ष 2001 की जनगणना
अनुसार) 500 से कम
आबादी के 43 ग्राम हैं।
मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क योजनांतर्गत
पात्र 29 ग्राम
में से 25 ग्रामों
को शामिल किया
गया है। (ख) उत्तरांश
(क) में से उल्लेखित
ग्रामों में मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क योजना
से विगत दो
वर्षों में 06 कार्य स्वीकृत
किये गये है। 04 कार्य परीक्षणाधीन
है। अत: अप्रारंभ
है। (ग) योजनांतर्गत
स्वीकृत 06
कार्यों की निविदा
कार्यवाही प्रचलन
में होने से निश्चित
समय-सीमा बताया
जाना संभव नहीं
है। योजना की वर्ष
2016-17 हेतु
कार्ययोजना नहीं
बनाई है। अत: शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता। (घ)
जी हाँ। सभी
कार्यों की गुणवत्ता
संतोषप्रद पाई, अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
पंचायत विभाग द्वारा सड़कों का निर्माण
36. ( क्र. 639 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत सांवेर विधान सभा क्षेत्र में पंचपरमेश्वर योजना एवं मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना अंतर्गत किन-किन पंचायतों में कौन-कौन से कार्य विगत 3 वर्षों में स्वीकृति हुए है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा कितने प्रस्ताव प्रश्न दिनांक तक भेजे गये हैं? उनमें से कितने प्रस्तावों को स्वीकृति मिली है व कितने कार्य आज दिनांक तक प्रारंभ हुए है व कितने अप्रारंभ है? अप्रारंभ होने का क्या कारण है? कितने प्रस्ताव स्वीकृति हेतु कहाँ-कहाँ पर लंबित है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पंचपरमेश्वर योजना, मुख्यमंत्री योजना की टी.एस., एच.एस.ए.एस. जारी नहीं होने से कार्य प्रभावित हो रहे है? यदि हाँ, तो मा. मंत्री जी क्या शीघ्र ही विभागीय अधिकारियों जिला पंचायत सी.ई.ओ. एवं कलेक्टर महोदय को निर्देशित करके टी.एस., एच.एस.ए.एस. जारी करायेंगे? जिससे जल्द से जल्द कार्यों को समय-सीमा में शीघ्र पूर्ण कराया जा सकेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षैत्र सांवेर में 34 ग्राम पंचायतें सम्मिलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के संदर्भ में माननीय विधायक द्वारा प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत जनपद पंचायत सांवेर एवं जनपद पंचायत इन्दौर अंतर्गत कोई प्रस्ताव प्रेषित नहीं किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जनपद पंचायत सांवेर एवं इन्दौर में कोई टी.एस. एवं ए.एस. के प्रकरण लंबित नहीं है।
सहकारी संस्थाओं के चुनाव
37. ( क्र. 736 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के जिलों में वर्ष 2012 से अक्टूबर 2015 तक सहकारी संस्थाओं के पंजीयन का ब्यौरा जिलेवार, वर्षवार क्या है? (ख) क्या सभी सहकारी संस्थाओं में संचालक मंडलों के निर्वाचन नियमानुसार संपन्न हुए है, यदि हाँ, तो कब-कब एवं नहीं तो किन संस्थाओं के नहीं हुए? व क्यों? (ग) रतलाम जिले की सहकारी संस्थाओं के आर्थिक सुदृढ़ीकरण हेतु क्या-क्या कदम विगत तीन वर्षों में उठाये गये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक’’ अनुसार है. (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो’’ अनुसार है. (ग) रतलाम जिले की सहकारी संस्थाओं को आर्थिक सुदृढ़ीकरण हेतु जिले की 103 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में प्रतिवर्ष 29.04 लाख प्रबंधकीय अनुदान दिया गया है, बहुउद्देशीय केन्द्र की स्थापना हेतु 02 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को राशि रूपये 400.00 लाख प्रदाय किया गया है जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रतलाम द्वारा बिना ब्याज का ऋण वर्ष 2012-13 में राशि रूपये 43740.98 लाख, वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 56279.41 लाख एवं वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 59273.82 लाख प्रदाय किया गया तथा दीनदयाल विपणन सहकारी संस्था मर्यादित जावरा जिला रतलाम को वित्तीय वर्ष 2015-16 में संकल्प 2010 क्रमांक- 23 अंतर्गत राशि रूपये 6.00 लाख अंशपूंजी सहायता एवं ऋण राशि रूपये 6.00 लाख की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है.
विकलांग पुर्नवास केन्द्रों संबंधी
38. ( क्र. 738 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विकलांग पुर्नवास केन्द्रों एवं कृत्रिम केलिपर्स निर्माण का जिलेवार ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त केन्द्रों से लाभान्वितों का तीन वर्षों का ब्यौरा क्या है? (ग) नि:शक्त व्यक्तियों के उपचार, शिक्षण, प्रशिक्षण हेतु भारत सरकार से प्राप्त वर्ष 2012 से अक्टूबर 2015 तक अनुदान का जिलेवार ब्यौरा क्या है? कितने अनुदान प्रस्ताव भारत सरकार के पास कब से, किस कारण से लंबित है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार।
विभागीय कार्यों की जानकारी
39. ( क्र. 798 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक दो लाख रूपये से ज्यादा राशि के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त कार्यों में मेन्टेनेन्स पर किस-किस स्थान पर कितने कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का पूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किसके द्वारा जारी किया गया नाम, पदनाम बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में मेन्टेनेंस पर व्यय नहीं किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बसों के लिये लागू नियमों की जानकारी
40. ( क्र. 807 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बढ़ते बस हादसों के कारण क्या बसों में आगे एवं पीछे दो दरवाजों को अनिवार्य किया गया है? अगर हाँ, तो प्रश्नतिथि तक जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) ग्वालियर एवं चंबल संभाग के किन-किन जिलों में प्रश्नतिथि तक कितनी-कितनी निजी बसें आवागमन हेतु रजिस्टर्ड है? जिलेवार संख्या दें। क्या उक्त सभी बसों में आगे एवं पीछे दरवाजें हैं? अगर नहीं, तो क्यों? कारण दें। (ग) 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक ग्वालियर एवं चंबल संभाग के किन-किन आर.टी.ओ./ए.आर.टी.ओ. कार्यालयों के द्वारा कितनी-कितनी संख्या में निजी बसों के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किये? कितनों के फिटनेस प्रमाण पत्र रद्द किये? जिलेवार संख्या दें।
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग की अधिसूचना दिनांक 05.01.2012 के अनुसार मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 164 में संशोधन कर बसों में प्रवेश तथा निर्गम के लिये पृथक-पृथक दरवाजे लगाये जाना उपबंधित किया गया है। किन्तु उक्त प्रावधान 32 और उससे कम बैठक क्षमता की वाहनों पर लागू नहीं होगें। अधिसूचनाओं की प्रति पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर चंबल संभाग में रजिस्टर्ड वाहनों की जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार हैं। विभाग एवं शासन के आदेशो/निर्देशों के पालन में फिटनेस के दौरान एवं संचालित यात्री वाहनों की सतत् चैकिंग के दौरान प्रवेश तथा निर्गम के लिए पृथक-पृथक दरवाजे लगाये जाने के प्रावधान का पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) प्रश्नांकित अवधि में ग्वालियर एवं चंबल संभाग में जारी व रद्द किये गये फिटनेस प्रमाण-पत्रों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार हैं।
किसानों को मुआवज़ा वितरण में अनियमितता
41. ( क्र. 841 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत वर्ष 2014-15 व 2015-16 में किन विधानसभा क्षेत्रों में कितनी वर्षा हुई? कम वर्षा अथवा अत्यधिक वर्षा के कारण किन विधानसभा में रवी व खरीफ की फसल को कितनी क्षति हुई? क्या 2015 में भिण्ड विधानसभा में सबसे कम वर्षा हुई? यदि हाँ, तो कितने किसान को कितनी राहत राशि वितरित की गई? (ख) प्रश्न (क) में फसल की क्षति को आंकलन करने के लिये क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए? किन अधिकारी और कर्मचारियों को फसल आंकने के लिये तैनात किया गया? किन अधिकारी द्वारा निगरानी की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में फसल की क्षति के लिये शासन द्वारा कितनी राहत राशि भेजी गई? किन विधानसभा क्षेत्र में कितनी राशि का वितरण प्रश्नांश दिनांक तक किया गया? कितना शेष है? (घ) क्या भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2013, 2014 और 2015 में फसल का नुकसान होने के उपरांत राहत राशि का वितरण नहीं किया गया? इसके लिये कौन दोषी है? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्षा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र भिण्ड, अटेर, लहार, मेंहगांव, एवं गोहद में खरीफ की फसलें 25 से 60 प्रतिशत तक क्षतिग्रस्त हुई। विधानसभा क्षेत्र भिण्ड में 1 जून 2015 से प्रश्न दिनांक तक 251.00 मिलीमीटर वर्षा हुई है। जो सामान्य वर्षा से कम है। विधानसभा क्षेत्र भिण्ड के 471 कृषकों को 11,09,425/- (ग्यारह लाख नौ हजार चार सौ पच्चीस) रूपये की राहत राशि का वितरण किया गया है। (ख) फसल क्षति का आंकलन राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत राजस्व कृषि पंचायत एवं उद्यानिकी विभाग के आधिकारियों एवं कर्मचारियों के संयुक्त दल के माध्यम से खेत दर खेत जाकर किये जाने का प्रावधान है। ऊपर वर्णित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फसल आंकने के लिए तैनात किया गया। संबंधित तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों के द्वारा निगरानी की गई। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में भिण्ड जिले को फसल क्षति के लिये शासन द्वारा 3,42,00,000/- (रू. तीन करोड़ बयालीस लाख) की राहत राशि का आवंटन दिया गया। विधानसभावार वितरण की स्थिति निम्नानुसार है:-
भिण्ड -- 11,09,425/-
अटेर -- 26,76,355/-
लहार -- 1,77,65,460/-
मेंहगांव
-- 34,96,329/-
गोहद -- 90,82,868/-
(घ) भिण्ड विधानसभा क्ष्ोत्र में वर्ष 2013-14 में फसल का नुकसान न होने से राशि वितरित नहीं की गई है। वर्ष 2015 में फसल नुकसान के लिए रूपये 11,09,425/- (ग्यारह लाख नौ हजार चार सौ पच्चीस) का वितरण किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
बीज वितरण/उत्पादन अनुदान में अनियमितता
42. ( क्र. 842 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 व 2015-16 में रबी व खरीफ सीजन में किसानों को वितरित किए जाने वाले बीज वितरण अनुदान व बीज उत्पादन अनुदान का कितना भुगतान किया गया? (ख) क्या भिण्ड जिले में उक्त अनुदान का भुगतान समितियों को किया गया? यदि हाँ, तो किस समिति को कितनी राशि का भुगतान प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में किया गया? क्या समितियों द्वारा उक्त अनुदान का वितरण कृषकों को किया गया? सत्यापन कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नाश (ख) में वर्णित अनुदान भुगतान के मामले में की गई आर्थिक अनियमितताओं, किसानों को भुगतान प्राप्त न होने व अनुदान भुगतान में गड़बड़ी की विस्तृत जाँच करवाई जाकर प्रश्नकर्ता सदस्य को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त शासकीय सेवकों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राशि रूपये 8780178/- का भुगतान किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। भिण्ड जिले में प्रश्नांश ''क'' में वर्णित अवधि में संकट मोचन बीज उत्पादक सहकारी समिति गोहद को बीज अनुदान राशि रूपये 784500/- तथा अन्नपूर्णा साग सब्जी सहकारी उत्पादन समिति गोहद को बीज अनुदान राशि रूपये 670900/- का भुगतान किया गया। उक्त अनुदान के लाभ कृषकों को प्राप्त होने का सत्यापन संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से कराया गया। (ग) आर्थिक अनियमितताओं व किसानों को भुगतान प्राप्त न होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन ग्रामों में फसल नुकसानी पर राहत राशि का भुगतान
43. ( क्र. 854 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन ग्रामों में असामायिक वर्षा से रबी की फसल वर्ष 2013-14, 2014-15 में हुए नुकसान का आंकलन कितने जिलों में किया गया है? (ख) क्या छिन्दवाड़ा जिले में वन ग्रामों के कृषकों को वन विभाग द्वारा राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कितने कृषकों को कितनी राशि का भुगतान किस प्रकार से किया गया है? (ग) क्या वन ग्रामों के लिए शासन द्वारा अलग से दिशा निर्देश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो आदेश क्रमांक एवं दिनांक बताएं? (घ) वन ग्रामों के कितने कृषकों को आंकलन के उपरांत भी राशि प्रदाय नहीं की गई है? यदि हाँ, तो भुगतान कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वन ग्रामों में ओलावृष्टि/असामायिक वर्षा से रबी की फसल को हुई क्षति के लिए वर्ष 2013-14 में प्रदेश के 49 जिलों में एवं वर्ष 2014-15 में 38 जिलों में नुकसान का आंकलन किया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) वन ग्रामों के लिए राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में प्रावधान है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वन ग्रामों के सभी पात्र कृषकों को आंकलन उपरांत राहत राशि प्रदाय की जा चुकी है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
पंचायत सचिवों का अंशदान पेंशन योजना का लाभ
44. ( क्र. 857 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत के सचिवों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिया जावेगा? (ख) वर्तमान में प्रदेश की सभी ग्राम पंचायत सचिवों से अंशदायी पेंशन योजना अंतर्गत उनके वेतन से 10 प्रतिशत की जो राशि काटी जा रही है उसका हिसाब एवं फण्ड मेनेजमेन्ट की क्या व्यवस्था राज्य शासन द्वारा की गई है? यदि नहीं, तो उक्त राशि कहाँ जमा की जा रही है? (ग) क्या प्रदेश के ग्राम पंचायत सचिवों को भारत सरकार की कर्मचारी भविष्य निधि योजना से नहीं जोड़ा जा सकता जिसके माध्यम से असंगठित क्षेत्र के सेवा द्वारा न्यूनतम पेंशन का लाभ दिया जाता है? इस योजना में इन कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन का लाभ देने पर सरकार विचार करेंगी? यदि हाँ, तो कब तक? या फिर अंशदायी पेंशन योजना में न्यूनतम पेंशन प्रदान करने हेतु प्रावधान करेंगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) अंशदायी पेंशन योजनान्तर्गत हिसाब एवं फण्ड़ मैनेजमेंण्ट की व्यवस्था हेतु एन.एस.डी.एल. को अधिकृत किया गया हैं। किन्तु एन.एस.डी.एल. द्वारा पंचायत राज संचालनालय तथा जिला-जनपद पंचायतों को योजनान्तर्गत पंजीयन की कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण कर्मचारियों के अंशदान से कटौत्रा की गयी राशि संबंधित संस्था को अंतरित नहीं की जा सकी हैं। वर्तमान में राशि इस प्रयोजन हेतु जिला पंचायतों द्वारा खोले गये खाते में जमा की जा रही हैं। एन.एस.डी.एल. द्वारा पंचायत राज संचालनालय का पंजीयन क्रमांक दिनांक 25.06.2015 को किया जाकर जिला-जनपद पंचायतों के पंजीयन हेतु निर्धारित प्रपत्र पर जानकारी चाही गयी हैं, अभी तक 15 जिलों के पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी हैं, शेष जिलों की कार्यवाही प्रचलन में हैं। पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण होने पर एन.एस.डी.एल. को राशि अंतरण की कार्यवाही की जावेगी। (ग) वर्तमान में शासन की ऐसी कोई योजना नहीं हैं। नेशनल पेंशन सिस्टम के अंतर्गत सेवानिवृत्त होने पर अभिदाता द्वारा कुल जमा अंशदान के 40 प्रतिशत राशि से एन्यूटी सर्विस प्रोवाइडर से एन्यूटी क्रय किया जावेगा जिससे अभिदाता को एन्यूटी सर्विस प्रोवाइडर द्वारा प्रतिमाह पेंशन दी जावेगी। इस पेंशन सिस्टम का संचालन पेंशन फण्ड़ रेग्यूलेटरी डेवलपमेंट, भारत सरकार द्वारा किया जा रहा हैं। इस सिस्टम में न्यूनतम पेंशन का कोई प्रावधान नहीं हैं।
किसानों को फसल नुकसानी का मुआवजा वितरण
45. ( क्र. 946 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा इस वर्ष किन-किन जिलों में फसल मुआवजा सहायता राशि का वितरण किया गया है? (ख) जिन तहसीलों (जिलों) को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है उन में से किन-किन तहसीलों (जिलों) को फसल नुकसानी की मुआवजा राशि का वितरण नहीं किया गया हैं? (ग) जिन जिलों में फसल नुकसानी मुआवजा (सहायता) राशि का वितरण किया गया है उनकी चयन प्रक्रिया बतावें? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र सहित मंदसौर जिले में फसल नुकसानी की मुआवजा राशि अभी तक वितरित नहीं की गई है उसका कारण बतावें एवं कब तक मुआवजा (सहायता) राशि का वितरण कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सूखा प्रभावित घोषित जिले में से जिला इंदौर, धार व मंदसौर में राहत राशि का वितरण नहीं किया गया है। (ग) जिला कलेक्टर द्वारा राजस्व, कृषि, उद्यानिकी, ग्रामीण एवं पंचायत विभाग के अधिकारी/कर्मचारी का संयुक्त दल गठन कर खेत दर खेत सर्वे कराया जाता है। सर्वे में 25 प्रतिशत से अधिक क्षति पाई जाने पर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान अंतर्गत राहत राशि वितरित की जाती है। (घ) मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में फसल क्षति 25 प्रतिशत से कम होने के कारण राहत राशि का वितरण नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ
46. ( क्र. 947 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में इस वर्ष फसल बीमा राशि का वितरण कब तक किया जावेगा? (ख) फसल बीमा राशि किस प्रक्रिया से तय की गई है? (ग) जिन किसानों द्वारा फसल हेतु बैंको से ऋण लिया गया है फसल नुकसान के कारण बैंक, सोसायटी की राशि जमा नहीं की जा सकी है क्या उन्हें भी फसल बीमा का लाभ मिलेगा? (घ) सुवासरा तहसील में कितनी फसल बीमा राशि का वितरण होना तय किया गया है राशि बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंदसौर जिले में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत खरीफ मौसम 2015 हेतु क्षतिपूर्ति आंकलन प्रक्रियाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) फसल बीमा क्षतिपूर्ति राशि तय करने की प्रक्रिया संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रक्रियात्मक आंकलन के आधार पर पात्र कृषकों को बीमा का लाभ मिलेगा। (घ) खरीफ मौसम 2015 में बीमित कृषकों की क्षतिपूर्ति आंकलन प्रक्रियाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा उत्तरदायित्वों का निर्वहन
47. ( क्र. 1007 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत बालाघाट, किरनापुर, परसवाड़ा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद कौन-कौन कब से पदस्थ है? (ख) क्या उपरोक्त अधिकारियों के विरूद्ध राज्य शासन को और विभागाध्यक्ष को और संभागीय आयुक्त को और कलेक्टर को शिकायतें प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो किस-किस को क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई? (ग) उपरोक्त अधिकारियों ने जिले में पदस्थापना के दौरान कहाँ-कहाँ के दौरे, रात्रि विश्राम, जन सामान्य से भेंट किये? क्या इसका अभिलेख रखा जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्री वीरेन्द्र कुमार देवांगन, जनपद पंचायत बालाघाट में दिनांक 29.09.2014, श्री रंजीत सिंह ताराम, जनपद पंचायत किरनापुर में दिनांक 21.04.2014 एवं श्री टी.आर.काजले, जनपद पंचायत परसवाड़ा में दिनांक 17.12.2013 से पदस्थ है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
मनरेगा के कार्यों का भुगतान
48. ( क्र. 1017 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में ब्योहारी एवं जयसिंहनगर जनपद पंचायतों में मनरेगा के तहत राजीव गांधी सेवा केन्द्र, सी.सी. रोड तथा ग्रेवल मार्ग का निर्माण कार्य वर्ष 2013 में स्वीकृत किये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त दोनों जनपद पंचायतों में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये थे? (ख) क्या उक्त निर्माण कार्यों के सामग्री एवं परिवहन का भुगतान बकाया है? यदि हाँ, तो क्यों और कब तक भुगतान कराया जावेगा? (ग) क्या जयसिंहनगर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत भर्री में मनरेगा के तहत राजीव गांधी सेवा केन्द्र भवन का निर्माण स्वीकृत किया गया है और निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्य की सपूंर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शहडोल जिले के ब्योहारी जनपद में 2013 में 18 राजीव गांधी सेवा केन्द्र, 159 सीसी रोड तथा 45 ग्रेवल रोड एवं जयसिंह नगर जनपद में 08 राजीव गांधी सेवा केन्द्र 101 सीसी रोड तथा 113 ग्रेवल रोड स्वीकृत हुए, इस प्रकार दोनों जनपद पंचायतों में कुल 334 निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये थे। (ख) जी हाँ। जनपद पंचायत ब्योहारी में 04 ग्रेवल रोड एवं जनपद पंचायत जयसिंह नगर में 15 ग्रेवल रोड तथा 01 सीसी रोड में सामग्री एवं परिवहन का भुगतान शेष है। योजनांतर्गत से समुचित राशि की उपलब्धता होने पर लंबित भुगतान नियमानुसार किया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। कार्य पूर्ण कर दिया गया है। जी हाँ, मूल्यांकन अनुसार सम्पूर्ण राशि का भुगतान किया जा चुका है, अत: शेष प्रश्न उपस्थ्िात नहीं होता।
सूखा राहत वितरण में विसंगति
49. ( क्र. 1018 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का पतेरिया टोला के सूखा प्रभावित किसानों में छोटे पिता मटरू गोंड को 0.705 हेक्टेयर प्रभावित रकवा में 15194/- रूपये राहत राशि दी गई है वहीं तीरथ पिता श्री रामशरण महरा को प्रभावित रकवा 0.809 हेक्टेयर में 6472/- रूपये धनुषधारी पिता रामाधीन गोंड को 6100/- रू. इसी तरह महादेवा पिता लसून मेहरा को 0.800 हेक्टेयर में 6400/- रू. राहत राशि देकर विभिन्न अनियिमितताएं की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त संबंध में उक्त पटवारी हल्का में वितरित सूखा राहत के संबंध में जाँच करा कर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) शहडोल जिले में तहसील जयसिंहनगर अंतर्गत पटवारी हल्का पटेरियाटोला ग्राम पटेरियाटोला में सूखा प्रभावित किसानों की प्रभावित फसलों का सर्वेक्षण उपरांत राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान अनुसार राहत राशि स्वीकृत की गई है। प्रश्न में उल्लेखित कृषकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राहत राशि स्वीकृति में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांक (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
दिनांक 07.07.2014 जुलाई 2014 सत्र में दी गई जानकारी
50. ( क्र. 1069 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा सत्र जुलाई 2014 में दिनांक 07.07.2014 को मेरे द्वारा पूछे गये तारांकित प्रश्न क्र. 2078 में माननीय मंत्री महोदय द्वारा मेरे विधान सभा क्षेत्र की मुख्य रोड ए.बी. रोड नयागाँव से भितरवार तक जिसकी एक मुख्य रोड को ही तीन रोडों का नाम दिया था (1) ए.बी. रोड नयागाँव से चीनोर (2) चीनोर से करईया (3) करईया से भितरवार को इन रोडों की हालत बहुत जर्जर होने के कारण पी.एम.जी.एस.वाई. से लोक निर्माण विभाग में हस्तांतरण कर करने की जानकारी दी थी, यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? (ख) प्रश्न के अनुसार उक्त रोडों के सम्बंध में अब विभाग की आगामी क्या योजना है? रोड की हालत बहुत ही जर्जर है आवागमन के योग्य नहीं है? इसके निर्माण के लिये क्या उपाय किया जाऐगा? एक निश्चित ठोस योजनाबद्ध स्थिति स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तीनों सड़कों को आपसी सहमति के आधार पर लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरण हेतु प्रस्तावित किया गया था। लोक निर्माण विभाग द्वारा नयागांव से चीनोर सड़क की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत ग्यारंटी अवधि समाप्त हो जाने से इस सड़क की 22 कि.मी. लंबाई में उन्नयनीकरण की कार्यवाही प्रस्तावित की है। जबकि चीनोर से करहिया एवं करहिया से भितरवार सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत परफारमेंस अवधि में होने से इनका हस्तांतरण लोक निर्माण विभाग द्वारा नहीं लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा नयागांव से चीनोर सड़क के 22 कि.मी. लंबाई में उन्नयनीकरण का विस्तृत प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है। चीनोर से करहिया मार्ग भारी वाहनों के आवागमन से प्रभावित है तथा करहिया से भितरवार आवागमन योग्य है उक्त दोनो सड़कों का हस्तांतरण लोक निर्माण विभाग द्वारा नहीं लिये जाने से विभाग द्वारा इनका संधारण किया जाना है।
कार्यालय भूमि संरक्षण अधिकारी ग्वालियर द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
51. ( क्र. 1070 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय ग्वालियर द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य, कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति से किस-किस स्थान पर किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी या विभाग के कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी के सुपरवीजन में कराये गये है तथा कराये जा रहे है? (ख) वर्तमान में उन कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी ग्वालियर के द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मनरेगा योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्य
52. ( क्र. 1071 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजना अंतर्गत कौन-कौन से सामुदायिक कार्य भितरवार विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत किये गये निर्माण एजेंसीवार कार्यों की संख्या व स्वीकृत राशि सहित जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में बहुत से कार्य अपूर्ण हैं यदि हाँ, तो कार्य का नाम, प्राप्त राशि, कार्य की पूर्णता का प्रतिशत, निर्माण एजेंसी का नाम सहित जानकारी देवें? अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने की समय-सीमा क्या थी? समय-सीमा में कार्यों को पूर्ण न कराने के लिये दोषी कौन-कौन है? इन अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (ग) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से पहुंच मार्ग हैं जो स्वीकृति उपरांत निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है या अधूरा है? इन पहुंच मार्गों का स्वीकृत वर्ष, स्वीकृत राशि, निर्माण एजेंसी/ठेकेदार का नाम कार्य प्रारंभ न होने या अधूरी होने का कारण तथा अब कब तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जावेगा? यदि निर्माण कार्य पूरा किया जाना संभव नहीं है तो इन कार्यों को बंद कर अन्य योजनाओं से पूर्ण कराने की विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो फिर क्या विकल्प है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में भितरवार विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 1568 सामुदायिक कार्य स्वीकृत किये गये। निर्माण एजेंसी, कार्यों की संख्या एवं स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से 703 कार्य अपूर्ण हैं। शेष वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। मनरेगा प्रावधान अनुसार कार्यवार पृथक से राशि आवंटन का प्रावधान नहीं है। कार्यों को (वृक्षारोपण को छोड़कर) पूर्ण करने की समय-सीमा सामान्यत: 1 वर्ष रहती है परंतु योजना मांग आधारित होने से कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारी श्रमिकों की मांग पर निर्भर रहता है, अतएव अपूर्ण कार्य पूर्ण न होने के लिये कोई दोषी नहीं है। कार्यों के पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में अपूर्ण कार्यों में वन विभाग से अनुमति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: कार्यों के पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता
53. ( क्र. 1072 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में शास. प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को जो मध्यान्ह भोजन दिया जा रहा है, उसकी गुणवत्ता संबंधी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं? 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2016 तक उक्त क्षेत्र में किन-किन कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता का किस-किस विद्यालयों में किन-किन दिनांकों में निरीक्षण किया गया? क्या उनके द्वारा निरीक्षण में शासन स्तर से प्रस्तावित भोजन दिया जा रहा था, ऐसी निरीक्षण टीप दी गई थी? यदि हाँ, तो निरीक्षणकर्ता कर्मचारी/अधिकारी का नाम, पद, पदस्थापना स्थल, किस-किस विद्यालय में किस-किस दिनांक को निरीक्षण किया गया? (ख) प्रश्न (क) अनुसार उक्त क्षेत्र में कई ऐसे विद्यालय है जहां मध्यान्ह भोजन ही नहीं बनाया जा रहा है उनके नाम तथा कब से क्यों मध्यान्ह भोजन नहीं बन रहा, तथा इसके लिये कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? मध्यान्ह भोजन सुचारू रूप से प्रतिदिन बने इस हेतु अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) 1 जनवरी 2016 की स्थिति में प्रश्न (क) अनुसार उक्त क्षेत्र में कौन-कौन सा समूह किस-किस विद्यालय के मध्यान्ह भोजन हेतु संचालित है? समूह का नाम, कब से संचालित है? 1 अगस्त 2015 से 30 नवम्बर 2015 तक किस-किस समूह की स्थानीय नागरिकों द्वारा शिकायतें की गई थी? क्या उन शिकायतों की जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा जाँच की गई? उसका नाम, पद तथा शिकायत का जाँच के क्या निष्कर्ष निकले विवरण दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2016 तक भीतरवार विधानसभा क्षेत्र (ग्वालियर) में अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता के संबंध में निरीक्षण किये गये है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ, निरीक्षण प्रतिवेदन में अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा शासन से प्रस्तावित भोजन नहीं दिये जाने संबंधी टीप अंकित की गई है तथा ऐसे निरीक्षणकर्ता अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पद, पदस्थापना तथा किये गये निरीक्षण दिनांक एवं संबंधित विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधानसभा क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान 18 शालाओं में मध्यान्ह भोजन बन्द पाया गया है। ऐसे एम.डी.एम. संचालनकर्ता समूहों को कार्य से पृथक करने एवं बंद दिवसों के खाद्यान्न/राशि की कटौती करने की कार्यवाही की गई है। तत्संबंध में संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों को नोटिस भी जारी किये गये है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) 01 जनवरी 2016 की स्थिति में प्रश्नांश (क) अनुसार भितरवार विधानसभा क्षेत्र में मध्यान्ह भोजन संचालन में कुल 390 समूह संलग्न है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। 01 अगस्त 2015 से 30 नवम्बर 2015 तक कुल 09 समूहों की स्थानीय नागरिकों द्वारा शिकायतें की गई थी, जिनकी जाँच कराई गई है। जाँच अधिकारी का नाम, पद एवं जाँच के निष्कर्ष संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की स्वीकृति
54. ( क्र. 1155 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना व मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितनी व कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई है? साथ ही स्वीकृत/निर्मित सड़कों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इनमें से कितनी सड़कों का कार्यपूर्ण हो चुका है व कितनी अपूर्ण है तथा कितनी सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया है और नहीं कराये जाने के क्या कारण है? साथ ही, उक्त सड़कों के कार्यों को पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा क्या थी? (ग) उक्त प्रश्नांशों के संदर्भ में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई व लंबित सी.यू.पी.एल. की सड़कों के प्रस्तावों को कब तक स्वीकृत प्रदान की जाकर कार्य प्रारंभ कराया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सी.यू.पी.एल. के कार्यों की स्वीकृति नहीं दी जाती है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत एक सड़क का प्रस्ताव सी.यू.पी.एल. के अंतर्गत स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। स्वीकृति अपेक्षित है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में निर्मित सड़कें
55. ( क्र. 1196 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना द्वारा विगत 05 वर्षों में कितनी सड़कें निर्मित की गई स्थान सहित दूरी एवं लागत की जानकारी देवें? (ख) क्या पूर्व में निर्मित कराई गई अधिकतर सड़कें उखड़ (क्षतिग्रस्त) गई है, उनकी मरम्मत/पुन: निर्माण कराये जाने की विभाग की कोई योजना विचाराधीन है? क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण कब तक कराया जायेगा? (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के ऐसे कितने पात्र ग्राम अभी बारह मासी पक्की सड़क से पहुँच विहीन है इन्हें पक्की सड़क से जोड़ने हेतु विभाग की क्या योजना है विधान सभा का प्रत्येक पात्र ग्राम कब तक पक्की सड़क से जुड़ जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत विगत पाँच वर्षों में 27 सड़कें निर्मित की गयी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, पूर्व में निर्मित कराई गयी अधिकतर सड़कें संतोषप्रद स्थिति में है केवल 3 सड़कें भारी वाहनों के आवागमन से क्षतिग्रस्त हुई है। विभाग द्वारा उक्त सड़कों का क्रस्ट उन्नयन के अंतर्गत कार्य कराया जा रहा है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र गाडरवारा में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 500 से अधिक जनसंख्या के पहुंच विहीन ग्रामों को जोड़ने हेतु 16 सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, 21 ग्राम ऐसे है जिनके प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किये गये है। स्वीकृति प्राप्त होने पर सड़क निर्माण की कार्यवाही की जाती है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सामान्य विकासखण्डों में वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर 500 एवं अधिक जनसंख्या वाली ऐसी बसाहटों को जो पक्के मार्गों से 500 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित है को पक्के मार्गों से जोड़ने का प्रावधान है। शेष पहुंच विहीन पात्र ग्रामों को पक्की सड़क से जोड़ने की स्वीकृति भारत सरकार से अपेक्षित है, अतः कब तक जोड़ा जायेगा बताना संभव नहीं है।
हटा मण्डी में डाक नहीं लगना
56. ( क्र. 1232 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में विधान सभा क्षेत्र हटा में कृषि उपज मण्डी हटा में विगत 2013 से कितने दिन डाक लगी व कितने किसान लाभान्वित हुये? (ख) कृषि उपज मण्डी हटा जिला दमोह में न तो डाक लग रही है न मण्डी का लाभ किसानों को मिल रहा है। हटा मण्डी शून्य की स्थिति में है इसकी जाँच कराकर संबंधितों पर कार्यवाही की समय-सीमा बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला दमोह विधान सभा क्षेत्र हटा की कृषि उपज मंडी समिति, हटा में वर्ष 2013 से दिनांक 02.02.2016 तक कुल 411 दिनो में खुली नीलामी पद्धति से एवं शेष दिनों में नमूने के आधार पर खुली नीलामी पद्धति से कृषकों द्वारा लाई गई कृषि उपज का विक्रय कराया गया है, जिससे मंडी प्रागंण में कुल 2377 कृषक/विक्रेता लाभान्वित हुये। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
मुआवजा वितरण
57. ( क्र. 1257 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 महापर्व के अंतर्गत मेला क्षेत्र में अधिग्रहित की गई भूमियों के मुआवजा वितरण के संबंध में विभाग की क्या कार्य योजना है? इस संबंध में कब-कब बैठकें बुलाई गई? बैठकों में किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया? जनप्रतिनिधियों द्वारा क्या-क्या सुझाव दिये गये? उक्त अधिग्रहित भूमि किसानों को कब-कब तक पुन: हस्तांतरित कर दी जावेगी? हस्तांतरण के पूर्व विभाग द्वारा भूमि को पुन: कृषि योग्य बना कर दिया जावेगा? अथवा उसकी राशि का भुगतान किया जावेगा? (ख) उज्जैन जिले में खरीब की फसल की बोवनी किस माह में की जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की जानकारी अनुसार क्या सिंहस्थ महापर्व समाप्ति पश्चात् साधु संतों के प्रस्थान एवं विभागों द्वारा अधिग्रहित भूमियों में किये गये निर्माण कार्य, विद्युत पोल आदि निकालने में जुलाई 2016, अगस्त 2016 तक समय लगना संभावित है ऐसी स्थिति में कृषकों द्वारा खरीब की फसल बोवनी नहीं की जा सकती है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा प्रभावित कृषकों को 2 फसलों का मुआवजा दिये जाने के संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो विवरण प्रस्तुत करें? यदि नहीं, तो कारण प्रस्तुत करें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी अधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्ति
58. ( क्र. 1274 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य सहकारी अधिकरण में अध्यक्ष का पद कब से एवं किस कारण से रिक्त है? (ख) म.प्र. राज्य सहकारी अधिकरण में कितने प्रकरण लंबित है जिनका निराकरण नहीं हुआ है? उक्त प्रकरण किस कारण से लंबित है कारण बतावे? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार अध्यक्ष का पद रिक्त होने से प्रकरण लंबित है तो अध्यक्ष की नियुक्ति कब तक की जावेगी? (घ) विभागीय कार्यवाही पूर्ण नहीं होने से न्याय प्राप्ति में विलम्ब होने के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्तमान में अध्यक्ष का पद रिक्त नहीं है. (ख) कुल 2480 प्रकरण विचाराधीन है. सहकारी अधिनियम के प्रावधान अंतर्गत दिनांक 28.9.2014 से युगलपीठ कार्यरत नहीं रहने से. (ग) दिनांक 01.02.2016 को अध्यक्ष की नियुक्ति की जा चुकी है. (घ) मान. उच्चतम न्यायालय द्वारा एसएलपी (सिविल) 33644/2011 में पारित आदेश दिनांक 6.5.2014 के परिपालन में सहकारी अधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण करने में समय लगने के कारण. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
राजस्व कार्यालय घोषित करना
59. ( क्र. 1298 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 70 (क्रमांक 1134) दिनांक 22 जुलाई 2015 के उत्तर में बताया गया था कि कलेक्टर राजगढ़ ने टप्पा सुठालिया को तहसील का दर्जा प्रदान करने हेतु प्रस्ताव 20.07.2015 को भेजा गया था, विभागीय पत्र दिनांक 11.09.2015 द्वारा पूर्ण प्रस्ताव नक्शों सहित चाहा गया है (ख) एवं (ग) संशोधित प्रस्ताव प्राप्त होन पर कार्यवाही की जाऐगी? क्या कलेक्टर राजगढ़ से टप्पा सुठालिया को तहसील का दर्जा प्रदान करने एवं अस्थाई राजस्व अनुविभाग कार्यालय ब्यावरा को स्थाई घोषित किये जाने हेतु संशोधित प्रस्ताव शासन को प्राप्त हो चुके है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संशोधित प्रस्तावों की स्वीकृति के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में कार्यवाही किस स्तर पर तथा क्यों लंबित है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन टप्पा सुठालिया को तहसील का दर्जा प्रदान करने एवं अस्थाई राजस्व अनुविभाग कार्यालय ब्यावरा को स्थाई घोषित किये जाने हेतु शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना का क्रियान्वयन
60. ( क्र. 1322 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना अंतर्गत भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को लोक परिवहन की सुरक्षित एवं सुविधाजनक सेवा प्रदाय हेतु कुल कितने मार्गों को सम्मिलित किया गया है? (कृपया सूची उपलब्ध करावें) (ख) क्या मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना अंतर्गत भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में परमिट जारी किए गये है? (ग) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बहुत से मार्ग इस सुविधा से वंचित हैं? क्या भविष्य में शत्-प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों का इस सुविधा का लाभ देने हेतु शासन की कोई कार्य योजना है? (घ) क्या वर्तमान तक इस सुविधा हेतु पात्र सड़कों को चिन्हित करने हेतु कोई कार्यवाही विभाग द्वारा नहीं की गई है? हाँ, तो क्या कारण है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन सेवा हेतु भीकनगाँव तहसील के लिए 6 मार्गों को शामिल किया गया है। जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र में एक अस्थाई अनुज्ञा-पत्र जारी किया गया था, किन्तु शासन की नवीन परिवहन नीति अनुसार बैठक क्षमता 7+1 से अधिक यात्री वाहन को अस्थाई अनुज्ञापत्र जारी नहीं किया जा सकता। वर्तमान में मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना के अंतर्गत भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र से ग्रामीण मार्ग हेतु बैठक क्षमता 7+1 के वाहन के लिये अस्थाई अनुज्ञापत्र हेतु कोई आवेदन कार्यालय में प्राप्त नहीं हुआ हैं। (ग) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र में लगभग समस्त मार्ग ग्रामीण परिवहन सेवा में सम्मिलित किये गये है। ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को इस सुविधा का लाभ देने हेतु शासन स्तर पर निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार सड़कें चिन्हित की गयी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
पंचायत सचिवों की मांगों पर विचार करने हेतु
61. ( क्र. 1323 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिनांक 23 मार्च 2013 को लाल परेड ग्राउण्ड भोपाल में पंचायत सचिवों द्वारा आयोजित रक्त्ा तुलादान कार्यक्रम में पंचायत सचिवों को अध्यापक के समान सुविधायें एवं वेतन देनें हेतु मंच से घोषणा की गई थी? (ख) क्या पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन हेतु शासन द्वारा आदेश जारी कर दिये हैं? हाँ, तो जिला खरगोन में पंचायत सचिवों के वेतन से अंशदायी पेंशन हेतु राशि का कटौत्रा हो रहा है? नहीं तो क्या कारण है तथा भविष्य में जब भी कटौत्रा किया जायेगा क्या अंशदायी पेंशन हेतु शासन द्वारा आदेश जारी दिनांक से सुविधा दी जावेगी? (ग) क्या जिला खरगोन में जनपद पंचायतों द्वारा पंचायत सचिवों को वेतन समान रूप से प्रदाय किया जा रहा है? नहीं तो इस प्रकार की वेतन विसंगती दूर करने हेतु शासन कोई इस प्रकार पत्र जारी करेगा, जिसे आसानी से समझा जा सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जिला खरगोन में पंचायत सचिवों के वेतन से अंशदायी पेंशन हेतु राशि का कटोत्रा नहीं हो रहा हैं। सी.-एस.एफ.एम.एस. पंचायत के कोषालय के साफ्टवेयर में अंशदायी पेंशन राशि स्वीकार नहीं की जा रही हैं। शेषांश के संबंध में शासन द्वारा पृथक से निर्णय लिया जावेगा। (ग) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अमानक बीज/उर्वरक/पेस्टीसाइड विक्रेता की लायसेंस बहाली
62. ( क्र. 1424 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के विभिन्न संभागों में पदस्थ संयुक्त संचालकों को बीज/उर्वरक/पेस्टीसाइड के अपीलीय अधिकार प्राप्त हैं? (ख) यदि हाँ, तो उनके द्वारा लायसेंस बहाली पर कार्यवाही किस आधार पर की जाती है? (ग) क्या नमूनों की मानकता रिपोर्ट के आधार पर लायसेंस वहाल होता है? संभाग उज्जैन में वर्ष 2013-14,2014-15 एवं 2015-16 में की गई लायसेंस बहाली के ठोस आधार क्या थे? प्रकरणवार ब्यौरा देवें? (घ) क्या लायसेंस निलंबन की स्थिति में उप संचालक द्वारा प्राथमिकी (एफ.आई.आर.) दर्ज की जाती है? यदि हाँ, तो संभाग उज्जैन में प्रश्नांश (ग) में वर्णित अवधि में कितनी एफ.आई.आर. दर्ज की गई प्रकरणवार ब्यौरा देवे अथवा यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) अपीलीय अधिकारी द्वारा लायसेंस बहाली की कार्यवाही नहीं की जाती है अपितु अधिसूचित प्राधिकारी/ लायसेंसिंग अथॉरिटी द्वारा जारी आदेशों को यथावत रखने अथवा अपात्र/ रिवोक करने का निर्णय लिया जाता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश ''ग'' के प्रकाश में उज्जैन की जानकारी निरंक है। (घ) जी नहीं। कीटनाशी अधिनियम 1968. कीटनाशी नियम 1971 बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 तथा उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के प्रावधान अनुसार लायसेंसी को निलंबन के विरूद्ध अपील का अधिकार प्रदत्त है। प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में उज्जैन संभाग की जानकारी निरंक है।
प्रश्न संख्या 82 (क्र. 4822)
63. ( क्र. 1450 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किम.प्र. विधानसभा में 20 मार्च 2015 को प्रश्न संख्या 82 (क्र. 4822) के उत्तर के संदर्भ में बताये कि प्रश्न (क) , (ख) , (ग) , (घ) दिये उत्तर के बाद चाहे गये विवरण के बारे में उत्तर के दिनांक 20 मार्च 2015 के बाद शासन ने क्या कार्यवाही की तथा वर्तमन में क्या स्थिति है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फसल बीमा राशि का वितरण
64. ( क्र. 1477 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को वर्ष 2014-15 में फसल बीमा योजना का लाभ दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त योजना में क्षेत्र की कौन-कौन सी सोसायटी/उप सोसायटी द्वारा बीमा राशि का वितरण किया है? (ग) किन-किन सहकारी संस्था के कितने सदस्यों को राशि भुगतान की गई है? (घ) क्या उक्त योजना से समस्त ग्रामों के समस्त किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ दिया गया है? यदि नहीं, है तो ऐसे कितने किसान उक्त योजना से वंचित रह गये हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ. खरीफ 2014 एवं रबी 2014-15 का फसल बीमा कराया गया था, जिसके विरूद्ध खरीफ 2014 के बीमा की राशि बीमा कंपनी से प्राप्त हुई. (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है. (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है. (घ) जी नहीं. खरीफ 2014 के लिए बीमा कम्पनी से 3455 किसानों की राशि प्राप्त हुई थी. शेष 4157 बीमित कृषकों की उपज में कमी नहीं होने से बीमा राशि प्राप्त नहीं हुई.
किसानों को खाद-बीज हेतु ऋण की स्वीकृति
65. ( क्र. 1478 ) श्री अमर
सिंह यादव : क्या
पंचायत मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) क्या राजगढ़
जिले की विधान
सभा क्षेत्र राजगढ़
की सोसायटी कालीपीठ
एवं पीपलबे द्वारा
पात्र किसानों
को वर्ष 2010 से 2015 तक ऋण
प्रदाय किया गया
है? (ख)
यदि हाँ, तो कितने
किसानों को कितना-कितना
ऋण प्रदाय किया
गया है तथा कितने
किसानों के कितने
क्रेडिट कार्ड
बनवाये गये है? (ग) क्या
कालीपीठ सोसायटी
द्वारा वर्ष 2010 से 2015
तक किसानों को
खाद बीज के लिये
भी ऋण स्वीकृत
किये गये हैं? (घ) यदि
हाँ, तो कितने
किसानों को कितना-कितना
ऋण स्वीकृत किया
गया है?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जी
हाँ. (ख) वर्ष 2010-11 से 2014-15
तक संस्था कालीपीठ
में 2387 किसानों
को राशि रूपये
1294.14 लाख एवं
संस्था पीपलबे
में 1276 किसानों
को राशि रूपये
731.83 लाख का
ऋण वितरण किया
गया है तथा क्रमशः
3843 एवं 3046 के.सी.सी. जारी
किये गये है. (ग)
जी हाँ. (घ) 2387 सदस्यों
को राशि रूपये
376.69 लाख का
वस्तु ऋण वितरित
किया गया है.
को-ऑपरेटिव बैंक के नवीन जिला मुख्यालय का गठन
66. ( क्र. 1516 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक भोपाल द्वारा प्रमुख सचिव सहकारिता एवं प्रश्नकर्ता को दिनांक 07.01.2016 को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि श्योपुर में पृथक को-ऑपरेटिव बैंक का जिला मुख्यालय के गठन हेतु को-ऑपरेटिव बैंक मुरैना द्वारा दिनांक 02.12.2016 को नाबार्ड के निर्देशानुसार जानकारी भेजी है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है? (ख) क्या उक्त परीक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कितना समय और लगेगा? यदि हाँ, तो इस प्रकरण में समस्त विधिमान्य प्रक्रिया पूर्ण करके उक्त बैंक व जिला मुख्यालय के गठन हेतु प्रस्ताव कब तक आर.बी.आई./नाबार्ड को भेजा जावेगा? (ग) क्या श्योपुर में उक्त मुख्यालय न होने के कारण श्योपुर जिले की मुरैना जिले पर निर्भरता समाप्त नहीं हो रही है? अब भी को-ऑपरेटिव बैंक से संबंधित कार्य हेतु जिलेवासियों के मुरैना जाना पड़ता है? (घ) यदि हाँ, तो जिलेवासियों की कठिनाईयों के निवारण हेतु क्या शासन उक्त प्रस्ताव को आर.बी.आई./नाबार्ड को स्वीकृति हेतु शीघ्र भेजेगा व कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ. (ख) जी हाँ. प्रश्न उपस्थित नहीं होता. प्रश्न उपस्थित नहीं होता. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी दिशा निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में किये गये परीक्षण में पाया गया कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मुरैना की आर्थिक स्थिति चिंताजनक है तथा बैंक के विभाजन से नवगठित दोनों बैंकों की आर्थिक स्थिति भी कमजोर रहेगी, ऐसी स्थिति में बैंक का विभाजन कर श्योपुर जिले में नवीन बैंक का गठन किया जाना संभव नहीं है. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मुरैना अंतर्गत आने वाले जिला श्योपुर के कृषकों हेतु जिला श्योपुर में पृथक से नोडल कार्यालय स्थापित किया गया है जिससे जिला श्योपुर के लोगों को मुरैना पर निर्भर नहीं होना पड़ता है. (घ) उत्तरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
मनरेगा योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
67. ( क्र. 1517 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2006-07 से वर्तमान तक की अवधि में मनरेगा योजनांतर्गत स्वीकृत कितने कार्य कितनी राशि के अपूर्ण व अप्रारंभ है कार्य एजेंसी का नाम कार्य पूणरने की अवधि भी बतावे? जनपद पंचायतवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों को पूर्ण व प्रारंभ कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि के स्वीकृत कार्यों में से वर्तमान की स्थिति में विभागीय अमले की उदासीनता के कारण 4345 कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ पड़े हैं? (घ) यदि हाँ, तो इस हेतु उत्तरदायी संबंधित विभागीय अमले के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो उक्त अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों के निर्धारित अवधि में पूर्ण न कराने के कारणों की जाँच क्या शासन करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्योपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2006-07 से वर्तमान तक की अवधि में मनरेगा योजनांतर्गत स्वीकृत 23291 कार्यों में से 5312 कार्य जिनकी स्वीकृत राशि रू. 135.18 करोड़ है, अपूर्ण हैं। कार्य पूर्णता की अवधि कार्य प्रारंभ होने से (वृक्षा रोपण) कार्य को छोड़कर 1 वर्ष है। अपूर्ण कार्यों की संख्या, कार्य एजेंसी का नाम, पूर्ण करने की अवधि की जनपदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पूर्ण कराने हेतु साप्ताहिक समीक्षा बैठक एवं सीएफटी समीक्षा बैठकों में लगातार समीक्षा कर कार्य पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) जी नहीं। स्वीकृत कार्यों में से वर्ष 2014-15 तक 2709 कार्य व 2015-16 के 2603 कार्य कुल 5312 कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैं। मनरेगा मांग आधारित योजना है अतएव कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारी श्रमिकों द्वारा काम की मांग पर निर्भर है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खरीदी केंद्रों में शासन प्रावधान का पालन न किया जाना
68. ( क्र. 1610 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारी समितियों द्वारा किये जाने वाले कारोबार व्यवसाय से मिलने वाला कमीशन संस्था का मुनाफा है? यदि हाँ, तो संस्था की बचत अमानक खाते में जमा होनी चाहिए या नहीं कारण सहित बतायें? (ख) वर्ष 2012 से छतरपुर जिले के खरीद केंद्रों पर किसानों से खरीदा हुआ गेहूं संपूर्ण नागरिक आपूर्ति निगम में जमा नहीं कराया गया और क्या कम जमा हुए गेहूं की राशि खरीद प्रभारी से वसूल की गई या नहीं? यदि राशि जमा की गई तो संस्थावार कितनी राशि किस खाते में जमा कराई गयी? यदि नहीं, कराई गई तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) छतरपुर जिले में खरीदा गया गेहूं क्या कम जमा किया गया था? संस्थावार कमी का विवरण दें, जिससे कि अंतर की राशि संस्था को मिलने वाले कमीशन से बैंक की लिमिट में जमा कराई गई? कितनी-कितनी राशि जमा कराई गई? संस्थावार सूची दें तथा क्या कमीशन संस्था की अमानत है, जिसे अमानक खाते में जमा होना थी? वर्ष 2012-13 से खरीद केंद्रों की बैलेंस सीटों में संस्था को प्राप्त कमीशन संस्था के मुनाफा में दर्ज किया गया? यदि नहीं, तो ऑडीटर द्वारा क्या आपत्ति की गई और उस पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सहकारी समितियों द्वारा किये जाने वाले कारोबार व्यवसाय से मिलने वाला कमीशन में से व्यवसाय हेतु केश क्रेडिट खाते में देय ब्याज सहित किये गये अन्य समस्त खर्चों को कम कर शेष राशि संस्था का मुनाफा है जिसे संस्था के बचत खाते में जमा किया जाना चाहिये. (ख) वर्ष 2012-13 से वर्ष 2015-16 तक छतरपुर जिले में किसानों से खरीदा गया सम्पूर्ण गेहूं नागरिक आपूर्ति निगम में जमा नहीं कराया गया. वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है. 02 सोसायटी/केन्द्रों के प्रभारियों द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई जिनके 03 दोषी कर्मचारियों को निलंबित किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है. (ग) जी हाँ, जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, जी नहीं, उत्तरांश 'क' अनुसार. जी नहीं, खरीद केन्द्रों को प्राप्त कमीशन मुनाफे का एक मद होता है जिसे बैलेंस शीट में सीधे दर्ज नहीं किया जाता है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
बिना कार्य आदेश से कार्य कराने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही
69. ( क्र. 1658 ) श्रीमती
ममता मीना : क्या
पंचायत मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) क्या जिला
पंचायत गुना में
दीपक जाधव नाम
का कोई व्यक्ति
पदस्थ होकर (मनरेगा)
रोजगार गारंटी
का कार्य ए.पी.ओ.
के पद से देख रहे
हैं? यदि
हाँ, तो किस
आदेश से और किस
दिनांक से कार्यरत
है। (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) में पदस्थ अधिकारी
श्री दीपक जाधव
को विभाग द्वारा
वेतन भत्ते दिये
जाते हैं इनका
मूल विभाग पंचायत
है इनका संविलियन
विभाग ने किस पद
पर किया है या यह
प्रतिनियुक्ति
पर है? यदि
हाँ, तो आदेश
क्र. और दिनांक
बतायें यदि
नहीं, तो इनसे
कार्य लेने वाले
अधिकारियों पर
क्या विभाग कार्यवाही
करेगा? (ग) क्या
प्रश्नांश
(क), (ख) में
कार्यरत श्री दीपक
जाधव के विरूद्ध
विभाग को या सी.ई.ओ.
जिला पंचायत गुना
को इनके कार्यों
की अनियमितताओं
पर प्राप्त शिकायतों
पर कोई कार्यवाही
की है यदि
नहीं, तो क्या
विभाग श्री दीपक
जाधव के विरूद्ध
या इनसे कार्य
लेने वाले अधिकारियों
के विरूद्ध कोई
कार्यवाही करेगा
एवं कब तक, क्या इन्हें
मूल विभाग में
वापिस भेजेगा बतायें?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जी
हाँ। श्री दीपक
जाधव को म.प्र. राज्य
रोजगार गारंटी
परिषद् के आदेश
क्र. 5583 दिनांक
28.6.13 के द्वारा
जिला गुना में
जिला ग्रामीण
रोजगार गारंटी
अधिकारी के पद
पर पदस्थ किया
गया था। मूल विभाग
से अनापत्ति प्राप्त
न होने के कारण
कलेक्टर जिला
गुना के आदेश क्र.
1105 दिनांक
19.2.2016 के माध्यम
से श्री जाधव को
मूल विभाग हेतु
कार्यमुक्त किया
गया है। (ख) उत्तरांश
(क) के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
(ग) श्री जाधव के
विरूद्ध इनके कार्यों
की अनियमितताओं
के संबंध में कोई
शिकायत प्राप्त
नहीं हुई है। शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
जनपद पंचायत परासिया में वित्तीय अनियमितताएं
70. ( क्र. 1681 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत परासिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजधर पटेल द्वारा परासिया में आयोजित अन्त्योदय मेला 2015-16 की व्यवस्था हेतु टेन्ट व भोजन व्यवस्था के संबंध में बिना निविदा बुलाये लाखों रूपये के बिलों का भुगतान कर दिया गया, क्या यह नियमानुसार है? यदि नहीं, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) क्या जनपद पंचायत परासिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजधर पटेल द्वारा 08 वर्ष पुराना वाहन आफिस कार्य हेतु लगाया गया है, और संचालित वाहन के किराये का भुगतान भी इंदिरा आवास प्रशासनिक मद से बिना जनपद पंचायत की स्वीकृति के किया गया है? क्या यह भी नियमानुसार है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) जनपद पंचायत परासिया के सी.ई.ओ. राजधर पटेल द्वारा की जा रही अनियमितताओं के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, मुख्य सचिव, आयुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत छिंदवाड़ा को प्रेषित पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी प्रदान करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। संबंधित अधिकारी के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण,नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की गई है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। संबंधित अधिकारी के विरूद्ध प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही की गई है। (ग) विभाग द्वारा जाँच कराये जाने के निर्देश दिये गये। जाँच में दोषी पाये जाने पर प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही की गई है।
राहत राशि का वितरण
71. ( क्र. 1726 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में सूखा राहत नवम्बर, 2015 में स्वीकृत राशि में से कितने किसानों को राहत राशि वितरित की जा चुकी है, कितने शेष हैं? ग्रामवार, राहत राशि, कृषक संख्या सहित बतावें? (ख) जिन किसानों को राहत राशि वितरित नहीं की जा सकी है, उसके क्या कारण हैं? (ग) इन्हें कब तक राशि प्रदान कर दी जावेगी? समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में सूखा राहत हेतु नवम्बर, दिसम्बर 2015 में कुल राशि रूपये 76.89 करोड़ स्वीकृत किये गये। 5,824 कृषकों को राहत राशि वितरित की जा चुकी है। शेष 52,245 कृषक वितरण हेतु शेष हैं। ग्रामवार राहत राशि कृषक संख्या सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बजट उपलब्ध नहीं होने के कारण शेष कृषकों को राहत राशि वितरित नहीं की जा सकी है। (ग) बजट प्रावधान होते ही शेष कृषकों को राहत राशि वितरित कर दी जायेगी।
उज्जैन पीपलियामंडी, ताल, आलोट जावरा में जिनिंग फैक्ट्री की भूमि
72. ( क्र. 1731 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 02 मार्च, 2015 का अतारांकित प्रश्न संख्या 13 (क्र. 782) संदर्भ में बतायें कि जब पंचशाला खसरा के कालम नं. 07 में हकदार मय वसीहत खास सरकार लिखाये तथा कालम नं. 12 में व्यक्ति का पक्के, कृषक प्रचालित है कहा गया है तो जाँच की प्रगति का विवरण देवें? (ख) प्रदेश में उज्जैन पीपलियामंडी ताल आलोट जावरा आदि उज्जैन संभाग की जितनी भी भूमि में जिनिंग फैक्ट्री लगी थी या स्वीकृत हुई थी तथा कई में कॉलोनियां बनाकर प्लाट बना कर बेचे है? इसकी जाँच का शीघ्र कार्यवाही करने का कष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्न का पूर्व अंश जिले से सम्बंधित नहीं है। खसरा पंचशाला के कालम 7 में दुफसली का क्षेत्रफल लिखा जाता है एवं कालम 12 केफियत हेतु निर्धारित है। (ख) जिला आगर मालवा में ऐसी भूमियां स्थित है जिसमें जिनिंग फैक्ट्री लगी थी या स्वीकृत हुई थी। जिसका कस्बा आगर में कुल 3.26 हेक्टर रकबा, नलखेड़ा में कुल 9.91 हेक्टर रकबा तथा सुसनेर में कुल 5.875 हेक्टर रकबा है। उक्त भूमियों में से कस्बा सुसनेर स्थित जिनिंग फैक्ट्री की भूमि से सम्बंधित सिविल वाद माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में प्रचलित है।
लंबित पेंशन प्रकरण का निराकरण
73. ( क्र. 1742 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में सामजिक सुरक्षा पेंशन विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग पेंशन के आज दिनांक तक कितने प्रकरण क्यों लंबित हैं तथा इनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (ख) वर्तमान में पेंशन की किन-किन योजनाओं में कितने हितग्राहियों को लाभ मिल रहा है? (ग) क्या भविष्य में इन हितग्राहियों के लिए पेंशन राशि बढ़ाने या अन्य कोई सुविधा प्रदान करने की कोई योजना है? जानकारी स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कोई प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है । (ग) इस प्रकार का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचारधीन नहीं है।
प्रायवेट बसों का किराया निर्धारण
74. ( क्र. 1744 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा परिवहन निगम बंद कर दिया गया है तथा विभाग द्वारा कोई भी बस संचालित नहीं की जाती है और इससे यातायात व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र वासियों को यातायात समस्या से निजात दिलाने हेतु विभाग सिटी बस चालू करेगा?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) शासन स्तर पर मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम बंद करने का निर्णय लिया जा चुका है। निगम द्वारा वर्तमान में कोई भी यात्री वाहन मार्ग पर संचालित नहीं की जा रही है। जी नहीं, निगम द्वारा संचालित मार्गों पर यातायात व्यवस्था हेतु निजी बस संचालकों को अनुज्ञा पत्र जारी किये गये है। (ख) वर्तमान में सिटी बस चलाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री सड़क का निर्माण
75. ( क्र. 1780 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना व मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी व कौन-कौन सी सड़कें कितनी-कितनी लागत की स्वीकृत की गई हैं, साथ ही स्वीकृत/निर्मित सड़कों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इनमें से कितनी सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है व कितनी अपूर्ण हैं तथा कितनी सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया है और यदि नहीं, कराया गया है तो क्या कारण है, साथ ही उक्त सड़कों का कार्य पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा क्या थी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
एन.आर.जी.एस. योजना के कार्य
76. ( क्र. 1781 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी मनरेगा से सीहोर जिले के विकाखण्ड सीहोर अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक सुदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजना से कुल कितने सड़क मार्ग स्वीकृत हुए इनमें से कितने पूर्ण हुए और कितने अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांकित प्रत्येक मार्ग हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई थी व कितनी-कितनी राशि प्रत्येक मार्ग पर व्यय की गई है? मार्गवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) मार्ग का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? उक्त मार्गों के निर्माण में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? किन-किन अधिकारियों ने शिकायतों का परीक्षण किया, जाँच प्रतिवेदन में क्या निष्कर्ष दिये गये? (घ) प्रश्नांकित मार्ग कब तक पूर्ण करा लिये जायेगें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी मनरेगा से सीहोर जिले के विकाखण्ड सीहोर अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक सुदूर ग्राम संपर्क व खेत सड़क उपयोजना से कुल 173 कार्य स्वीकृत हुए है। सभी अपूर्ण हैं। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार कार्यों की स्वीकृति व व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार स्वीकृत सभी कार्यों का भौतिक सत्यापन संबंधित उपयंत्रियों द्वारा प्रति सप्ताह किये जाने एवं तदोपरांत सहायक यंत्री के सत्यापन पश्चात् भुगतान की कार्यवाही की जाती है। उक्त मार्गों के निर्माण में दो शिकायतें ग्राम पंचायत बर्री एवं मुहाली से प्राप्त हुई। सहायक यंत्री मनरेगा एवं संबंधित उपयंत्री द्वारा शिकायतों का परीक्षण किया गया। जाँच प्रतिवेदन में शिकायतें निराधार पाई गई। (घ) महात्मा गांधी नरेगा योजना श्रमिकों की मांग एवं जॉबकार्डधारियों की उपलब्धता पर निर्भर होने के कारण कार्यों को पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों की योजनाओं का क्रियान्वयन
77. ( क्र. 1833 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में शासन द्वारा गुना जिला को सूखाग्रस्त घोषित किया है? यदि हाँ, तो महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कितने दिवस का अतिरिक्त रोजगार दिये जाने का प्रावधान है? प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक जनपद पंचायत में कितने कार्य स्वीकृत कर चालू किये हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के तहत मनरेगा योजनान्तर्गत सूखा राहत की राशि स्वीकृति की जा सकती है? यदि हाँ, तो इस योजना में सड़क तालाब आदि कौन से कार्य स्वीकृत किये गये है या कब तक किये जावेगें? क्या जून, 2016 तक सूखा राहत में उपरोक्त निर्माण कार्य पूर्ण होगें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में घोषित कार्यों में प्रश्न दिनांक तक गुना जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में कितने मजदूरों को काम दिया है संख्या दें एवं ऐसी कितनी पंचायतें हैं जिनमें प्रश्न दिनांक तक किसी मजदूर को काम नहीं दिया तो क्या विभाग ऐसे दोषियों पर कार्यवाही करेगा एवं कब तक? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अंतर्गत गुना जिले में निर्माण कार्य चालू है तो क्या मजदूरों को रोजगार मिलेगा एवं कितने किसान लाभान्वित होंगे और यदि कोई कार्य नहीं हुए तो जिला प्रशासन में कौन-कौन जिम्मेदार है विभाग जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। सूखाग्रस्त घोषित क्षेत्र में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत जॉबकार्डधारियों को 50 दिवस का अतिरिक्त रोजगार दिये जाने का प्रावधान है। प्रश्न दिनांक तक जनपद पंचायतों में 4101 कार्य स्वीकृत कर 2170 कार्य चालू किये गये। (ख) मनरेगा योजनांतर्गत सूखा राहत की राशि पृथक से आवंटित नहीं है न ही पृथक से कोई कार्य स्वीकृत करने का प्रावधान है, अतएव शेष प्रश्न उपस्थ्िात नहीं होता। (ग) मनरेगा मांग आधारित योजना है गुना जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में मजदूरो की मांग के आधार पर उन्हें काम दिया जा रहा है। प्रश्नाधीन अवधि में योजनांतर्गत कुल 50007 मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। जॉबकार्डधारी मजदूरों को उनकी मांग के आधार पर संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा काम नहीं दिये जाने की स्थिति विभाग के संज्ञान में नहीं आयी, अतएव शेष प्रश्न उपस्थ्िात नहीं होता है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार।
तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के स्वीकृत पद
78. ( क्र. 1860 ) श्री मुकेश नायक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार की कितनी संख्या है? क्या यह संख्या पर्याप्त है? पन्ना जिले में कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (ख) तहसील में तहसीलदार की कमी को कब तक पूरा कर लिया जायेगा? इन पदों की नियुक्ति हेतु कोई योजना लंबित है, यदि हाँ, तो कब तक योजना पूरी होगी? (ग) क्या इन अधिकारियों की कमी के कारण शासकीय कार्यों का क्रियान्वयन सही तरीके से समय पर पूरा हा पा रहा है? क्या आम नागरिकों को इस कमी से कार्यों में कठिनाई नहीं हो रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में तहसीलदार के 519 पद एवं नायब तहसीलदार के 620 पद स्वीकृत हैं। जी हाँ पदों की स्वीकृति तहसील कार्यालय के मान से की जाती है जो पर्याप्त है। पन्ना जिले में तहसीलदार के 12 पद एवं नायब तहसीलदार के 13 पद स्वीकृति है। वर्तमान में इनमें से तहसीलदार के 05 पद तथा नायब तहसीलदार के 11 पद रिक्त हैं। (ख) प्रदेश में तहसीलदार के पद रिक्त है वर्तमान में उपलब्धता के आधार पर तहसीलदारों की पदस्थापना की गई है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जी नहीं, पदस्थ अधिकारियों के द्वारा शासकीय कार्य संपादित किया जा रहा है।
कपिलधारा योजना के हितग्राहियों को राशि का भुगतान
79. ( क्र. 1905 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में विगत तीन वर्षों में विकासखण्डवार कितने कपिलधारा योजना के तहत कूप स्वीकृत हुए हैं? मूल्यांकन के अभाव में कितने कूप अधूरे हैं? (ख) क्या कई हितग्राहियों को आज दिनांक तक राशि का भुगतान नहीं हुआ है? भुगतान कब तक हो जावेगा? (ग) क्या इन हितग्राहियों को I.T.D.P. योजना से भी कोई लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या? (घ) क्या I.T.D.P. योजना के तहत मोटरपंप प्रदाय किये गये हैं? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों को उक्त योजना से लाभांवित किया है? मोटरपंप की कितनी राशि स्वीकृत हुई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बड़वानी जिले में विगत तीन वर्षों में कपिल धारा योजना के अंतर्गत 3236 कूप स्वीकृत हुए हैं। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मूल्यांकन के अभाव में कूप निर्माण अधूरे होने की स्थिति नहीं है। (ख) कपिलधारा कूपों के निर्माण हेतु क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत होने से सीधे हितग्राही को भुगतान किये जाने का प्रावधान नहीं है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। कपिल धारा कूप के चयनित हितग्राहियों को I.T.D.P. योजना से मोटर/डीजल पंप प्रदाय कर लाभ दिया गया है। (घ) जी हाँ। कुल 963 हितग्राहियों को मोटर/डीजल पंप प्रदाय किये गये हैं। मोटर पंप हेतु राशि रू.194.70 लाख स्वीकृत हुयी है। स्वीकृति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
80. ( क्र. 1906 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में बड़वानी जिले में कुल कितनी सड़कें मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत कहाँ-कहाँ, कितने-कितने कि.मी. की स्वीकृत होकर निर्माण किया गया है? (ख) क्या उक्त योजना का बड़वानी जिले में सही क्रियान्वयन अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो विभाग क्या कार्यवाही करेगा और नहीं तो फिर कार्य गतिशील क्यों नहीं है? (ग) क्या मांडवी से मोहलापानी एवं बंधारा बुजुर्ग से मोहलापान मार्ग उक्त योजना में स्वीकृत है? यदि हाँ, तो इनकी वास्तविक निर्माण की क्या स्थिति है? क्या 3-4 वर्षों से यह मार्ग अधूरा है? कब तक कार्य पूर्ण होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्त मार्ग मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत नहीं है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खातों के आहरण एवं लेखा संधारण
81. ( क्र. 1915 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी अन्य कार्यालय विभाग के शुल्क एवं अनुदान की राशि के बैंक खातों का संचालन, आहरण एवं लेखा संधारण अन्य कार्यालय, विभाग द्वारा किया जा सकता है? यदि नहीं, तो लोक सेवा प्रबंधन विभाग को प्राप्त शुल्क एवं अनुदान की राशि के खातों के आहरण एवं लेखा संधारण कार्य हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी द्वारा 27 जून, 2015 को जारी निर्देश वित्तीय अनियमितता नहीं है? इस संबंध में वित्त विभाग के नियम की छायाप्रति देवें? (ख) क्या प्रमुख सचिव लोक सेवा प्रबंधन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-1-8/2013/लो.सेव.प्र./61, भोपाल दिनांक 04.07.2013 के द्वारा विभाग के खातों के संचालन एवं लेखा संधारण के निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो बतायें इस आदेश को कब किसके द्वारा अपात्र/निरस्त किया गया, क्या यह कार्यवाही वित्त विभाग के नियमों के अनुसार सही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या त्रुटि पूर्ण आदेश जारी किये गये है यदि हाँ, तो क्या वित्त विभाग द्वारा इन कार्यवाहियों का परीक्षण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संदर्भ में एक ही शासकीय सेवक के प्रभार में दोनों विभाग होने का अनुचित लाभ की वित्तीय अनियमितताओं का संज्ञान लेते हुये क्या इन त्रुटियों को विभाग द्वारा सुधारा जावेगा, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। जी नहीं जिला ई-गवर्नेस सोसायटी का गठन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (तत्कालीन सूचना प्रौद्योगिकी विभाग) द्वारा किया गया है। अत: उक्त विभाग जिला ई-गर्वेनेंस सोसायटी के प्रबंधन के संबंध में आदेश जारी करने हेतु सक्षम है। इसमें किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता नहीं है। (ख) जी हाँ संदर्भित आदेश निरस्त नहीं किया गया। जी हाँ, कार्यवाही नियमानुसार है। (ग) जी नहीं कोई त्रुटिपूर्ण आदेश जारी नहीं किये गये। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हनुमना तहसील को राजस्व अनुभाग घोषित करना
82. ( क्र. 1969 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में हनुमना तहसील की स्थापना 1981-82 में होने के बाद से अभी तक विधिवत् संचालित है? (ख) क्या वर्तमान में अनुभाग मऊगंज से हनुमना, मऊगंज एवं नईगढ़ी तहसीलों का कार्य संचालित हो रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या तीनों तहसीलों का कार्यभार अनुभाग मऊगंज में ज्यादा हो जाने एवं सबसे ज्यादा प्रकरण हनुमना तहसील के होने के साथ-साथ हनुमना एवं मऊगंज की दूरी अत्याधिक होने के कारण हनुमना में राजस्व अनुभाग खोला जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
विभागीय निर्माण कार्यों की जानकारी
83. ( क्र. 1980 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्र.-1 बालाघाट द्वारा निर्माण कार्य विभागीय एवं ठेकेदारों द्वारा कराया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किस-किस योजना/मद के किन-किन ठेकेदारों द्वारा कराया जा रहा है? तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक, कार्यादेश दिनांक, प्रशासकीय स्वीकृति राशि, व्यय राशि, कार्य पूर्णता का दिनांक सहित जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अंतर्गत निर्माण कार्यों हेतु निविदा बुलाई गई एवं क्या विभागीय कार्यों हेतु सामग्री प्रदाय हेतु निविदा बुलाई गई? सफल निविदाकार का नाम एवं दर, कार्यादेश का दिनाँक की जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत जिन निर्माण कार्यों को ठेके के माध्यम से कराया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार एवं जिन कार्यों को विभागीय रूप से कराया गया है उनमें सामग्री प्रदाय हेतु बुलाई गई निविदाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
निर्मल भारत मिशन अंतर्गत अनियमितता
84. ( क्र. 1981 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत बालाघाट में निर्मल भारत मिशन अंतर्गत वर्ष 2012-13 में जिला पंचायत के खाते से निदान साफ्टवेयर के नाम से एडवांस बताकर राशि रू. 49331152/- निकालकर एच.डी.एफ.सी. जैसे शेड्यूल बैंक में राशि रखे जाने को संयुक्त आयुक्त वित्त विकास, आयुक्त कार्यालय के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 05.05.2015 के बिन्दु क्र.-6 में गंभीर अनियमितता एवं सोची समझी योजना का स्वरूप माना गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या निदान साफ्टवेयर के नाम पर पृथक खाते में राशि रखना वित्तीय अनियमितता है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है और उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि निदान साफ्टवेयर के लिए राशि निर्मल भारत मिशन से व्यय करने विभाग या शासन के आदेश/र्निदेश हाँ तो उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2012-2013 में तत्कालीन कलेक्टर बालाघाट द्वारा भुगतान प्रक्रिया के सरलीकरण हेतु सूचना प्रौद्योगिकी पहल अंतर्गत जिला पंचायत तथा एच.डी.एफ.सी. बैंक के सहयोग से निदान साफ्टवेयर तैयार कराया गया था। जिसके उपयोग हेतु योजनांतर्गत एच.डी.एफ.सी. बैंक में बचत खाता खोला गया जिसका विधिवत लेखांकन संधारण किया गया है। राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के पत्र क्र. 48/जेसी भोपाल दिनांक 19-01-2015 के निर्देशानुसार एच.डी.एफ.सी. बैंक में निदान साफ्टवेयर हेतु संधारित बचत खाता दिनांक 22-01-2015 को बंद कराते हुये समस्त राशि योजना के बचत खाते में अंतरित की गई। निदान सॉफ्टवेयर हेतु निर्मल भारत अभियान से कोई राशि व्यय नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वरिष्ठ नागरिकों के कल्याणार्थ आयोग का गठन
85. ( क्र. 2067 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण आयोग का गठन कब किया गया? (ख) वरिष्ठ नागरिकों के कल्याणार्थ योजनाएं जिला अनूपपुर में विधवा आश्रम एवं वृद्धाश्रम कहाँ-कहाँ संचालित है? नाम, स्थान का नाम, संचालित वर्ष, वृद्ध, विधवा एवं वृद्ध व्यक्तियों की संख्या वृद्धा आश्रमों में कितनी-कितनी है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार वृद्ध विधवाओं एवं वृद्धा आश्रमों में रह रहे वृद्धजनों एवं वृद्ध विधवाओं को कौन-कौन सी सुविधा किन-किन एजेंसियों द्वारा प्रदाय की जा रही है? (घ) योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक वृद्धजनों एवं वृद्ध महिलाओं (विधवा) के सेवार्थ किन-किन पंजीकृत धर्मार्थ अस्पताल/नर्सिंग होम/चिकित्सा संस्थानों को किन-किन कार्यों के लिये कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया गया।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण आयोग का गठन दिनांक 05.02.2013 को किया गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) वृद्धजनों को भरण-पोषण, स्वास्थ्य देखभाल मनोरंजन एवं अन्य सुविधाएं ग्राम पंचायत बरबसपुर द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। (घ) अनूपपुर जिले के अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित किसी भी संस्थान को राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
अवंति सूत मिल में भ्रष्टाचार
86. ( क्र. 2154 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवंति सूत मिल सनावद को विगत 5 वर्षों में किस-किस बैंक ने कब-कब कितनी राशि का ऋण किन शर्तों पर प्रदान किया? इस ऋण संबंधी स्वीकृति विभागीय जिला कार्यालय से किस पत्र के माध्यम से प्राप्त की गई? जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा अवंति सूत मिल को स्वीकृत ऋण की अनुमति बैंक बोर्ड की किस बैठक में प्राप्त की गई? (ख) अवंति सूत मिल में विगत 5 वर्षों में कितनी नियुक्तियां की गई नाम, पता सहित सूची देवें? इन नियुक्तियों की अनुमति विभागीय जिला कार्यालय से कब प्राप्त की गई? यदि नहीं, की गई तो कारण बतायें? इन नियुक्तियों पर प्राप्त शिकायत एवं निर्णय की जानकारी देवें? (ग) अवंति सूत मिल सनावद द्वारा संस्था की कितनी भूमि पर आवास निर्माण हेतु किन-किन व्यक्ति/संस्था से अनुबंध किया गया? इस तरह के अनुबंध की अनुमति विभागीय कार्यालय से प्राप्त की गई है? क्या यह अनुबंध अवैध है? (घ) इस सूत मिल के आधुनिकीकरण के लिये तैयार प्रोजेक्ट पर कितनी ऋण राशि किस बैंक से कब-कब प्राप्त की तथा इस ऋण राशि को कब-कब किन संस्थानों को किस माध्यम से भुगतान किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विगत 05 वर्षों में बैंकों द्वारा अंवति सूत मिल सनावद को दिये गये ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है. बैंकों द्वारा संस्था की परिसम्पत्तियों को सिक्यूरिटी के तौर पर बंधक रखे जाने के आधार पर ऋण प्रदाय किया गया है. विभागीय जिला कार्यालय में ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ एवं न ही ऋण लेने संबंधी स्वीकृति आवश्यक है. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., खरगोन के संचालक मंडल की बैठकें दिनांक 24.08.2012, 12.03.2013, 30.12.2013, 21.02.2014 तथा 20.06.2015 में ऋणों की स्वीकृति दी गई है. (ख) विगत 05 वर्षों में की गई नियुक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है नियुक्तियों के संबंध में अनुमति विभाग से प्राप्त नहीं की गई है. संस्था में सेवा नियम लागू नहीं होने के कारण प्राप्त शिकायत पर संयुक्त पंजीयक, उज्जैन से जाँच करायी गई. जाँच में संस्था के पूर्व अध्यक्ष/प्रबंध संचालक श्री राजेन्द्र सांकलिया के परिवार के सदस्यों को अनियमित तौर पर एवं अपने पद का दुरूपयोग करते हुए नियुक्ति किया जाना तथा बिना युक्तियुक्त आधार पर मनमाने तौर पर वेतन निर्धारित कर संस्था की धनराशि का वेतन के नाम पर दुर्विनियोजन किया जाना दर्शाया गया है. संस्था के प्रशासक को उक्तानुसार अनियमित कार्यकलापों के संबंध में कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं. (ग) संयुक्त आयुक्त, सहकारिता, संभाग उज्जैन के जाँच प्रतिवेदन अनुसार अवंति सूत मिल के तत्कालीन प्रबंध संचालक द्वारा 7 एकड़ भूमि के संबंध में श्री सत्यनारायण गोयल पिता श्री हीरालाल गोयल, नदंनवन कालोनी, इंदौर के साथ भूमि के विकास एवं आवास निर्माण के संबंध में एम.ओ.यू. किया गया है. जी नहीं. जी हाँ. (घ) राशि रूपये 37.50 करोड़ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., खरगोन से पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार प्राप्त की है. शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है.
सिरवेल-पलासकुट मार्ग निर्माण में अनियमितता
87. ( क्र. 2164 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना कार्यालय से विगत 3 वर्षों में कितने प्रोजेक्ट, प्रस्ताव स्वीकृति हेतु वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये? प्रस्तावित सड़क का नाम, दूरी, उपयंत्री के नाम, प्रस्ताव क्रमांक एवं दिनांक सहित सूची देवें? (ख) उक्त कितने प्रस्ताव में Praptra-2 (Transact Walk Resolution) पत्रक प्रोजेक्ट के साथ संलग्न किये गये है? संलग्न इन पत्रकों में कितने पत्रक में स्थानीय विधायक के हस्ताक्षर किये गये हैं तथा कितने पत्रक में विधायक के हस्ताक्षर नहीं है? कारण बताये? (ग) बिंदु (क) संबंध प्रस्ताव में से कितने प्रस्ताव में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के मांग/अनुशंसा पत्र संलग्न है? जनप्रतिनिधि के नाम एवं पद सहित प्रस्ताववार सूची देवें? (घ) निर्माणाधीन सिरवेल-पलासकुट रोड विकासखण्ड भगवानपुरा में किन शर्तों पर निविदा प्रदान की गई? क्या यह सामग्री सिरवेल के पास की नदी से पोकलेन द्वारा ट्रेक्टरों से इस मार्ग के निर्माण में लगाना निविदाकर्ता द्वारा विभाग की स्वीकृति अनुसार किया जा रहा हैं? इस कार्य के निविदाकर्ता कंपनी, संचालक का नाम, पता, टिन नंबर की जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खरगोन जिले की म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की इकाईयों द्वारा विगत तीन वित्तीय वर्षों में प्राधिकरण मुख्यालय को प्रेषित किये गये प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उपरोक्तानुसार सभी 77 कार्यों के प्रस्तावों पर स्थानीय विधायकों के हस्ताक्षर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति जनसंख्या के घटते क्रम में योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार प्रदान की जाती है अतः जनप्रतिनिधियों के मांग/अनुशंसा पत्र संलग्न नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। संविदाकार को सामग्री के खनन हेतु कोई स्वीकृति इस विभाग द्वारा नहीं दी जाती है। भगवानपुरा विकासखण्ड में सिरवेल से पलासकुट सड़क निर्माण कार्य ठेकेदार मेसर्स अनिरूद्ध बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड दीनदयाल नगर ग्वालियर द्वारा कराया जा रहा है। इस कंपनी के प्रतिनिधि श्री कमल सिंह तोमर है। इस ठेकेदार का टिन न. 23065308500 है।
नर्मदा नदी पर बांध का निर्माण
88. ( क्र. 2194 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा नदी के उद्गम से लेकर विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के सीमा क्षेत्र में नर्मदा नदी के किनारे-किनारे घाट निर्माण कराने की शासन के पास योजना लंबित है। प्राप्त प्रस्ताव के आधार से घाट निर्माण की स्वीकृति किया जाना, माँ नर्मदा की स्वच्छता एवं पवित्रता के लिये आवश्यक है? (ख) ग्राम मोंहदी, नवाटोला, खाटी, पडरिया, कुम्हरवार, भिमकुण्डी, करौंदाटोला, सिवनी संगम, कोईलारी, दमेहडी, खेतगांव, ठाढपाथर, कंचरपुर, बसंतपुर, टेडीलालपुर, चंदनघाट, कछराटोला, बीजापुरी नं.2 के ग्रामों में घाट निर्माण का प्रस्ताव शासन के पास स्वीकृति हेतु लंबित है? (ग) क्या नर्मदा परिक्रमा पथ का निर्माण व पथ वृक्षारोपण कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या नर्मदा नदी में बड़े बांध का निर्माण न कराकर छोटे बांधों से अधिक लाभ मिलेगा? शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। विभाग में योजना लंबित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ, महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत नर्मदा परिक्रमा पथ उपयोजना के नाम से योजना प्रारंभ की गई है। जिसमें नर्मदा के किनारे पड़ने वाले 16 जिलों को उपयोजना के तहत आने वाले ग्राम पंचायतों के माध्यम से पथ एवं वृक्षारोपण के कार्य संबंधित ग्राम पंचायतें योजना के प्रावधानों एवं वार्षिक लेबर बजट की पूर्ति हेतु ग्राम सभा के माध्यम से कार्य चिन्हित एवं संपादित करने के लिये स्वतंत्र है। कार्यों की स्वीकृति का निर्णय ग्राम सभा के स्तर पर होने से निश्च्िात समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रत्येक प्रस्ताव पर तकनीकी रूप से परीक्षण उपरान्त ही उपयुक्तता का निर्णय किया जा सकता है। जी नहीं।
ग्राम पंचायत चटुआमार से काज-वे-कम स्टोरेज टेंक का निर्माण
89. ( क्र. 2211 ) श्री अंचल सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मण्डला के अंतर्गत ग्राम पंचायत चटुआमार ग्राम पंचायत में काज-वे-कम स्टोरेज टेंक का निर्माण जल संसाधन संभाग मण्डला द्वारा जिला पंचायत मण्डला के निर्देशानुसार वर्ष 2010-11 में किया गया था? यदि हाँ, तो काज-वे-कम स्टोरेज टेंक की कुल लागत क्या थी? आईटम वार बतावें? (ख) प्रश्नांक (क) में निर्मित काज-वे-कम स्टोरेज टेंक की वर्तमान में क्या उपयोगिता है? कितना जल संग्रहण होता है वर्तमान में कितना जल शेष है? क्या जिस उद्देश्य से काज-वे-कम स्टोरेज टेंक का निर्माण किया गया था, निर्माण उपरांत उद्देश्य की पूर्ति हो रही है? (ग) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा ग्राम पंचायत चटुआमार में काज-वे-कम स्टोरेज टेंक का निर्माण ही नहीं किया गया बल्कि प्रस्तावित स्थल से 4 कि.मी. दूरी पर एक बरसाती पुलिया बना दी गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन इसकी जाँच कर संबंधित दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कर राशि की वसूली करेगा तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कार्य की कुल लागत रू.42.88 लाख थी। आईटमवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निर्मित काज-वे-कम स्टोरेज टेंक को वतर्मान में आवागमन, निस्तारी सुविधा एवं कृषक द्वारा स्वयं के पम्प द्वारा सिचांई हेतु उपयोग किया जा रहा है। जल संग्रहण क्षमता 0.02 मि.क्यू.मी. निर्धारित है। कडी शटर न लगे होने के कारण जल भराव नगण्य है। (ग) जी नहीं। ग्राम पंचायत चटुआमार्ग में ही गाजीपुरा ग्राम के निकट स्थानीय नाले पर निर्माण कराया गया। जिसका उपयोग ग्राम वासियों द्वारा आवागमन एवं निस्तार हेतु किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बंदोबस्त कार्य में हुई अनियमितता
90. ( क्र. 2237 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले की जुलाना तहसील में सम्मिलित ग्रामों का बंदोबस्त कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) क्या बंदोबस्त के उपरांत ग्राम पलसावद तथा नितरडी ग्रामों बंदोबस्त के फलस्वरूप लगभग 60 प्रतिशत ग्राम के खसरा नंबर में विभिन्न गुरिया जैसे अभिलेख, रकबे तथा नक्शे में होने संबंधित कोई प्रकरण अथवा शिकायत प्राप्त हुई है? (ग) यदि हाँ, तो उसके सुधार हेतु शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? (घ) क्या इस प्रकार की त्रुटि संबंधित शिकायत अथवा जानकारी प्राप्त होने पर समय-सीमा में निराकरण किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) में वर्णित ग्राम के कृषकों के बंदोबस्त के दौरान हुई विभिन्न त्रुटियों का निरकारण कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) शाजापुर जिले की तहसील गुलाना के कुल 98 ग्रामों में से 91 ग्रामों का बन्दोबस्त कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) जिले की तहसील गुलाना के ग्राम पलसावद एवं निर्तडी का भी बंदोबस्त अवधि वर्ष 1997-98 में पूर्ण हुआ जिसमें बंदोबस्त पूर्व एवं बंदोवस्त पश्चात् के नक्शा आकृति एवं अन्य अभिलेख में अंतर पाये जाने की स्थिति में ग्राम पलसावद के कृषकों द्वारा बंदोवस्त निरस्त किये जाने संबंधित आवेदन पत्र प्रस्तुत किये है। (ग) कृषकों के आवेदन के संबंध में आयुक्त अभिलेख म.प्र. ग्वालियर के माध्यम से बंदोबस्त निरस्त किये जाने संबंधी मार्ग दर्शन हेतु पत्र जारी किये गये है। बंदोबस्त पूर्ण हो चुके ग्राम का बंदोबस्त निरस्त नहीं किये जाने संबंधी निर्देश प्राप्त हुए है तथा म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 89,107, 115,116 के तहत तहसीलदार अनुविभागीय अधिकारी कलेक्टर को सुधार हेतु प्राधिकृत किया गया है। (घ) प्रश्नांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में ग्राम के किसी कृषक द्वारा व्यक्तिगत रूप से कोई आवेदन प्रश्न दिनांक तक प्रस्तुत नहीं किया गया है जबकि ग्राम पलसावद का बंदोबस्त निरस्त किये जाने संबंधी आवेदन संयुक्त रूप से प्रस्तुत किये गये है। बंदोबस्त के दौरान अभिलेख में त्रुटि होने पर म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा में सुधार संबंधी प्रावधान है जिसके लिये कृषकों को व्यक्तिगत प्रकरण व किस संबंध में त्रुटि हुई है उसका उल्लेख करते हुए संबंधित न्यायालय में दावा प्रस्तुत करना होगा।
लोक सेवा केन्द्रों पर नकलों का प्रदाय
91. ( क्र. 2238 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग के द्वारा कृषकों को लोक सेवा गारंटी योजना के अंतर्गत खसरा आदि की नकल प्रदाय किये जाने हेतु प्रतिलिपि की दर निर्धारित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इसके पूर्व कृषकों को खसरे-B1 की नकल दी जाने की दर में वृद्धि की गई है? क्या पूर्व में समस्त खाते की सर्वे नम्बरों की नकल की दर एक खाते के मान से वसूल की जानी थी? (ग) क्या वर्तमान में लोक सेवा केन्द्रों पर पृथक-पृथक सर्वे नम्बरों की नकल किये जाने हेतु पृथक-पृथक राशि वसूल की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो शासन कृषकों को खते में अंकित सर्वे नम्बर हेतु एक निश्चित राशि पूर्वानुसार शुल्क के रूप में जमा किये जाने हेतु कोई निर्धारित दर पर विचार कर रहा है? जिससे प्रदेश में नकलों (प्रतिलिपि) की दर समस्त लोक सेवा केन्द्रों पर समान हो?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पूर्व में खसरे-बी 1 की नकल हेतु शुल्क प्रति पृष्ठ के अनुसार देय थी। वर्तमान में लोक सेवा केन्द्र पर खसरे की प्रति प्राप्त करने के लिए एक आवदेन पत्र पर अधिकतम 10 खसरा नम्बरों की एक या अधिक प्रतियों के लिए आवेदन किया जा सकेगा। एक आवेदन पर बी-1 के एक पूर्ण खाते/संयुक्त खाते की एक या अधिक नकल ली जा सकेगी, परन्तु प्रत्येक पृथक खाते के लिए पृथक आवेदन देना होगा। (ग) यह सही नहीं है कि लोक सेवा केन्द्रों पर पृथक-पृथक प्रतिलिपि हेतु पृथक-पृथक राशि ली जा रही है। (घ) जी नहीं। सभी केन्द्रों पर प्रतिलिपि हेतु एक समान शुल्क लिया जा रहा है।
फसल बीमा प्रकरणों का निराकरण
92. ( क्र. 2253 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में कितने किसानों के फसल बीमा प्रकरण बनाये गये? (ख) उक्त फसल बीमा के प्रकरणों में कितने किसानों को फसल बीमा की राशि का वितरण किया गया? (ग) अगर फसल बीमा प्रकरणों में किसानों को राशि का वितरण नहीं किया गया तो क्यों? शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनान्तर्गत मौसम खरीफ 2015 में बीमा आवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार क्षतिपूर्ति राशि का आंकलन कार्य प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार क्षतिपूर्ति राशि का आंकलन कार्य प्रक्रियाधीन है।
रायसेन जिले की ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटरीकरण
93. ( क्र. 2343 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों में कितने कम्प्यूटर और एल.सी.डी. दी गई है? इसकी वर्तमान में क्या स्थिति हैं? (ख) 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्राम पंचायतों के कम्प्यूटर चोरी होने की सूचना दर्ज की गई है, इनमें कितने मिले है? (ग) जिन ग्राम पंचायतों के कम्प्यूटर चोरी जाने के बाद नहीं मिले है उनकी वसूली की क्या और किससे की जाने की योजना है? (घ) ग्राम पंचायतों से चोरी गये कम्प्यूटरों के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है तथा जिम्मेदारी का निर्धारण किन अधिकारियों/कर्मचारियों के ऊपर किया गया है? दोषी अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रायसेन जिले की कुल 498 ग्राम पंचायतों में, प्रत्येक को एक कम्प्यूटर एवं एक एलसीडी प्रदाय की गई है। वर्तमान में यह सभी चालू स्थिति में है। (ख) रायसेन जिले की जनपद पंचायत सांची की ग्राम पंचायत मेढकी में कम्प्यूटर चोरी होने की सूचना प्राप्त हुई है जिसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज की गई है अभी तक कम्प्यूटर एवं एलसीडी नहीं मिले है। (ग) कम्प्यूटर हार्डवेयर एवं अन्य सामग्री की चोरी होने पर पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जाती है अथवा सामग्री न मिलने पर सामग्री का क्रय मूल्य संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिव से वसूली की कार्यवाही की जाती है। सामग्री की सुरक्षा हेतु बीमा का प्रावधान किया गया है। (घ) प्रश्नांश ‘‘ग’’ अनुसार कार्यवाही की गई।
मंदिर माफी भूमि एवं वनाधिकार पट्टेधारियों को फसलों का मुआवजा
94. ( क्र. 2404 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन ने गुना जिला में माफी मंदिर भूमियों के पुजारियों को एवं वनाधिकार पट्टेधारियों को खरीफ-2015 की सोयाबीन एवं उड़द फसलों की राहत राशि मुआवजा स्वीकृति का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फसलें यदि प्राकृतिक प्रकोप से नष्ट हुई है तो विभाग द्वारा माफी मंदिर भूमि एवं वनाधिकार पट्टेधारियों को राहत राशि देने में पक्षपात क्यों किया जा रहा है? (ग) क्या गुना जिले में माफी मंदिर भूमि एवं वनाधिकार पट्टेधारियों की भूमि पर नष्ट फसलों की राहत राशि विभाग द्वारा जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी है या जिला प्रशासन द्वारा जानबूझकर नहीं दी जा रही है? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित बिन्दुओं में विभाग द्वारा क्या पक्षपात किया गया है? यदि नहीं, तो जिला प्रशासन गुना द्वारा राहत राशि वितरण करने में पक्षपात किया है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है? क्या उन पर कार्यवाही करेंगे या इन कृषकों को राहत राशि कब तक वितरण करायेंगे बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत प्रावधान है। (ख) गुना जिला अंतर्गत माफी मंदिर भूमि एवं वनाधिकार पट्टेधारियों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 अनुसार राहत राशि का वितरण किया गया है। राहत राशि वितरण में कोई पक्षपात नहीं किया गया है। (ग) गुना जिला अंतर्गत माफी मंदिर भूमि एवं वनाधिकार पट्टेधारियों की भूमि पर क्षतिग्रस्त फसलों की राहत राशि का वितरण प्रभावित किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत कर दिया गया है। (घ) राहत राशि वितरण में पक्षपात नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
शौचालय का निर्माण
95. ( क्र. 2422 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत कुण्डम की ग्राम पंचायत घुघरा के ग्राम बडकुर में 01/01/2014 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने शौचालय का निर्माण कराया गया? क्या 80 शौचालय स्वीकृत किये गये हैं लेकिन काम नहीं कराया गया और 9.38 लाख राशि खाते से आहरित कर ली गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत बिना काम के राशि का भुगतान किस अधिकारी के द्वारा किया गया? अभी तक यह राशि वसूल क्यों नहीं की गई? बिना काम के राशि आहरण से मिलने वाली ब्याज का नुकसान और पंचायत लेखा नियमों के विरूद्ध नगद राशि रखने के आरोप में विधि अनुसार कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 में कितने शौचालय बन चुके हैं, वर्ष 16-17 में कितने शौचालय बनाये जाना प्रस्तावित है? संपूर्ण गांव को ओ.डी.एफ. की क्या योजना है और कब तक खुले में शौच से मुक्त यह गांव घोषित कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत कुण्डम की ग्राम पंचायत घुघरा के ग्राम बडकुर में 01/01/2014 से प्रश्नांश दिनांक तक 68 शौचालयो का निर्माण कार्य कराया गया। जी नहीं। ग्राम बडकुर में 119 परिवारों के घरों में शौचालय निर्माण कार्य स्वीकृत है। 68 परिवारों के घरों में ग्राम पंचायत द्वारा शौचालय निर्माण कार्य कराया जा चुका है। ग्राम पंचायत घुघरा में प्रश्नांश अवधि में ग्राम बडकुर में 68, ग्राम घुघरा में 7 एवं मसूरीकछार में 4 शौचालय कुल 79 शौचालय के निर्माण में कुल राशि रूपये 9.38 लाख का आहरण क्रियान्वयन एजेन्सी ग्राम पंचायत घुघरा द्वारा किया गया है। (ख) बिना कार्य के राशि का भुगतान नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 में ग्राम बडकुर में 68 शौलचाय पूर्ण किये जा चुके है। वर्ष 2016-17 में 51 शौचालयों का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गरीबी रेखा में जोड़े गये नियम विरूद्ध नामों के लिये दोषी पर कार्यवाही
96. ( क्र. 2501 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के मैहर विधान सभा क्षेत्र में विगत 08-10 माह के अंदर गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले कितने परिवारों के नाम जनपद पंचायतों द्वारा जोड़ने की कार्यवाही की गई? जो नाम गरीबी रेखा में जोड़े गए वह किस-किस अधिकारी के आदेश द्वारा एवं किस-किस दिनांक को जोड़े गए, तथा किस-किस वर्ग के कितने हितग्राही लाभांवित किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन हितग्राहियों का नाम गरीबी रेखा की सूची में जोड़े गए उनमें से कितने हितग्राहियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्य पर्ची जारी कर खाद्यान्न आवंटित किया गया? विगत 08-10 माह में ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनको इंदिरा आवास, ग्रामीण मुख्यमंत्री आवास एवं अन्य शासन के अनुदान उपरोक्त समय अवधि में प्रदान किये गये? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार अपात्र लोगों का नाम बगैर ग्राम सभा के प्रस्ताव व पंचायत के अनुमोदन बगैर जोड़े गये तो उनका सत्यापन कराकर उनके विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? साथ ही जिनका नाम गरीबी रेखा की सूची में जोड़ा गया उनमें से कितने ऐसे लोग हैं, जिनके परिवार के सदस्यों के नाम गरीबी रेखा में पूर्व से जुड़े थे व उनके राशन कार्ड भी जारी किये गये थे? अगर किसी कार्ड में नाम होते हुए किसी व्यक्ति का नाम गरीबी रेखा की सूची में जोड़ा गया तो क्या उनकी पहचान कर नियम विरूद्ध कार्यवाही करने वाले के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सतना जिले के मैहर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 08-10 माह के अंदर 7485 व्यक्तियों के नाम गरीबी रेखा की सूची में जोड़े गये। न्यायालय तहसीलदार के आदेशानुसार जोड़े गये नामों के आदेश एवं दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिसमें सामान्य के 1033, अ.जा. के 1850, अ.ज.जा. के 1129 एवं पिछड़ा वर्ग के 3473 हितग्राहियों के नाम जोड़े गये हैं। (ख) प्रश्नांश क के सन्दर्भ में जिन हितग्राहियों के नाम गरीबी रेखा की सूची में जोड़े गये उनमें से 473 हितग्राहियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी की गई है। विगत 8-10 माह में जोड़े गये हितग्राहियों में से किसी को भी इन्दिरा आवास, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास एवं अन्य शासन के अनुदान उपरोक्त समयावधि में प्रदान नहीं किये गये हैं। (ग) प्रश्नांश क एवं ख अनुसार किसी भी अपात्र व्यक्ति का नाम बिना ग्राम सभा के प्रस्ताव एवं पंचायत के अनुमोदन के बिना नहीं जोड़े गये हैं। अतः किसी के विरूद्ध कोई भी कार्यवाही किये जाने का कोई औचित्य ही नहीं है। किसी भी हितग्राही के नाम पूर्व से गरीबी रेखा की सूची में नहीं था और न ही उनके राशन कार्ड पूर्व में जारी किये गये हैं। अतः किसी के विरूद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए वसूली
97. ( क्र. 2502 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 238 के माध्यम से रीवा जिले में वर्ष 2007-08 में एस.जी.आर.बाई. योजना के तहत आवंटित 55110 क्विंटल खाद्यान्न घोटाले की जाँच की मांग के संदर्भ में अपर मुख्य सचिव म.प्र.शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक 10942/एन आईजीएस-एम.पी./एन आर-11/वि.स./2015 दिनांक 23.12.2015 के माध्यम से शिकायत की जाँच हेतु पत्र लिखा गया? (ख) प्रश्नांश (क) एवं (ख) पर कार्यवाही करते हुए किन-किन जनपद पंचायतों की जाँच पूर्ण कर दोषियों की पहचान कर ली गई? अगर दोषियों की पहचान की जा चुकी है तो उनके नाम का विवरण देवें? अगर जाँच पूर्ण नहीं की गई तो इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जवाबदार है तथा उनकी पहचान कर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में अगर जाँच पूर्ण कर ली गई है तो जाँच में दोषी पाये गए अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए ब्याज सहित राशि की वसूली की कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? स्पष्ट बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जिले की 09 जनपद पंचायतों से संबंधित प्राथमिक जाँच पूर्ण कर ली गई है। ई.ओ.डब्ल्यू. मे जाँच हेतु प्रेषित किये जाने का प्रकरण प्रचलन मे है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ई.ओ.डब्ल्यू. की जाँच के उपरांत ही प्रकरण में आगामी निर्णय लिया जा सकेगा।
मण्डला जिले में वर्ष 2015-16 राजस्व एवं वनग्रामों को सूखा घोषित किया जाना
98. ( क्र. 2514 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले में वर्ष 2015-16 में अल्प वर्षा के कारण सूखे की भयंकर स्थिति बनी हुई है, इसके बाद भी मण्डला जिले को सूखा घोषित नहीं किया गया न ही हल्केवार संपूर्ण ग्रामों में प्रभावित हुई फसलों का सर्वे भी नहीं कराया गया इसके क्या कारण हैं? जिले के कुछ राजस्व एवं वनग्रामों में ही औपचारिक रूप से सर्वे किया गया जिसमें कहीं कोई मुआवजे की स्थिति नहीं बनी? (ख) पीडि़त किसानों को मुआवजा राशि देने हेतु भिन्न-भिन्न फसलों की आनावारी कितनी-कितनी आना चाहिये? यदि फसलों के नुकसानी का सर्वे किया गया है तो अनावारी फसल सह कितनी प्रतिशत रही पटवारी हल्का यह सूची उपलब्ध करावें? (ग) मण्डला जिले के समस्त राजस्व एवं वनग्रामों के किसानों को प्रभावित फसलों की राहत राशि देंगे? नष्ट हुई फसलों का सर्वे अनुसार मुआवजा देने का कार्य करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मण्डला जिले की वार्षिक वर्षा 1389.6 मिलीमीटर है। वर्ष 2015-16 में अक्टूबर माह तक 1260.8 मिलीमीटर वर्षा हुई है जो कि 90.77 प्रतिशत है। जिले में हल्कावार, ग्रामवार सर्वेक्षण कराया गया। सर्वे में बिछिया, निवास तथा घुघरी तहसील के अंतर्गत 78 राजस्व ग्राम एवं 8 वन ग्रामों के पात्र 8077 कृषकों को 208.46 लाख (दो करोड़ आठ लाख छियालिस हजार) रूपये की राहत राशि प्रदान की गई। (ख) फसल क्षति होने पर प्रभावित कृषकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान अनुसार राहत राशि प्रदान की जाती है। आनावारी के आधार पर नहीं। (ग) पात्र कृषकों को राहत राशि वितरित की जा चुकी है। अब कोई कार्यवाही शेष नहीं है।
जनपद पंचायत कार्यालय की स्वीकृति
99. ( क्र. 2526 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन जनपद पंचायत कार्यालय स्वीकृति के क्या नियम है? क्या मध्यप्रदेश की जनपद पंचायत कार्यालय बड़वाहा दूसरी सबसे बड़ी जनपद पंचायत है? यदि हाँ, तो इस जनपद पंचायत में 115 ग्राम पंचायतें होने के बावजूद भी नगर सनावद में नवीन जनपद पंचायत की स्वीकृति न मिलने के क्या कारण रहे हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नगर सनावद में नवीन जनपद पंचायत कार्यालय की स्वीकृति के संबंध में समय-समय पर विभागीय प्रमुख को पत्र जारी कर स्वीकृति का अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो तत्संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? क्या नवीन कार्यालय प्रारम्भ करने की कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्राप्त हो जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा पूर्व में गठित विकास खण्डों को जनपद पंचायत के रुप में गठित किया गया है। चूंकि नगर सनावद विकास खण्ड न होने के कारण जनपद पंचायत बनने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभाग में इस आशय का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा ग्यारन्टी कार्यालय की स्वीकृति
100. ( क्र. 2527 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा गारन्टी के प्रारंभ करने के संबंध में क्या नियम है, इंदौर संभाग में कहाँ-कहाँ लोक सेवा गारन्टी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं? इन लोक सेवा ग्यारन्टी केन्द्रों के संचालन हेतु किसे प्रबंधन नियुक्त किया गया है? उसकी जानकारी नाम एवं पूर्ण पते सहित दी जावे? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नगर सनावद में नवीन तहसील कार्यालय की स्वीकृति होने के साथ ही नवीन लोक सेवा ग्यारन्टी का केन्द्र प्रारंभ करने के संबंध में किये गये पत्र व्यवहार पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? नवीन केन्द्र प्रारंभ करने के संबंध में कब तक कार्यवाही की जावेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) लोक सेवा गारंटी केन्द्र प्रारंभ करने के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’क’’ अनुसार। इन्दौर संभाग में संचालित लोक सेवा केन्द्रों एवं उसके प्रबंधन/संचालक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ख’’ अनुसार। (ख) लोक सेवा प्रबंधन विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा तहसील सनावद में लोक सेवा केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति दी गई है। राज्य लोक सेवा अभिकरण म.प्र. भोपाल के ज्ञापन क्रमांक 981/SAPSMP/2016 भोपाल दिनांक 04.02.2016 द्वारा लोक सेवा केन्द्रों के संचालन हेतु निविदा/टेंडर जारी किये जा चुके हैं। नवीन लोक सेवा केन्द्र प्रारंभ करने हेतु कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है।
विधि विरूद्ध किए गए पंजीयन को निरस्त करना
101. ( क्र. 2547 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2005 में विधि अनुसार 5000 की आबादी पर एक ही भण्डार का पंजीयन किए जाने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो वर्ष 2005 में जनगणना के आधार पर छतरपुर जिले की नगर पंचायत/परिषद् सटई की कुल आबादी कितनी थी, उल्लेख करें? (ख) क्या उक्त आबादी के मान से वर्ष 2005 में सर्वप्रथम गुरूदेव प्राथ.उप.स.भं. मार्य., सटई का पंजीयन किया गया था? (ग) क्या प्रश्नांश (क) भाग के उत्तर में दी गई आबादी के अनुकूल प्रश्नांश (ख) भाग में उल्लेखित संस्था के पंजीयन उपरांत विद्या प्रा.उ.स.भं.मर्या., सटई का भी पंजीयन किया गया है? क्या पंजीयन से पूर्व नगर पंचायत/परिषद् क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं/समितियों से अनापत्तियां प्राप्त की गयी है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) भाग में उल्लेखित संस्था का पंजीयन विधि विधान के प्रतिकूल है? यदि हाँ, तो पंजीयन करने वाले अधिकारी का नाम/पदनाम उल्लिखित करें? (ड.) शासन उक्त प्रतिकूल पंजीयन को तत्काल निरस्त कर पंजीयन करने वाले उक्त अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कार्यालय आयुक्त, सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. के परिपत्र क्र./उप./8/2000/690 दिनांक 14.7.2000 द्वारा जारी निर्देशानुसार 5000 की आबादी पर भंडार पंजीयन करने के निर्देश हैं. वर्ष 2005 जनगणना वर्ष नहीं होने से वर्ष 2005 की जनगणना की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है. वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर छतरपुर जिले की नगर पंचायत/परिषद् सटई की कुल आबादी वर्ष 2001 में 8830 थी. (ख) जी हाँ, किन्तु भंडार की पंजीयन नस्ती में जनसंख्या के आधार पर पंजीयन किये जाने का उल्लेख नहीं है. (ग) जी हाँ, किन्तु भंडार की पंजीयन नस्ती में जनसंख्या के आधार पर पंजीयन किये जाने का उल्लेख नहीं है. जी नहीं. (घ) जी नहीं, किन्तु प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडारों के संबंध में पंजीयक द्वारा जारी निर्देशों के प्रतिकूल है. पंजीयनकर्ता तत्कालीन उप पंजीयक श्री मनोज कुमार गुप्ता. (ड.) उक्त भंडारों के पंजीयन के संबंध में जाँच के निर्देश दिये गये है. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
सहकारी भण्डार/संस्थाओं/समितियों से अवैध वसूली
102. ( क्र. 2548 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप पंजीयक, सहकारी संस्थाएं, छतरपुर के पत्र क्रमांक/अभि./2013/2668 दिनांक 26.12.2013 के द्वारा छतरपुर जिले की प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डारों/संस्थाओं/समितियों से अभिदाय/अंशदान की राशि जमा करने के निर्देश जारी किए गए थे? हाँ, तो उक्त पत्र की प्रति अवलोकनार्थ प्रस्तुत करें? (ख) क्या उक्त निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में छतरपुर जिले के भंडारों/संस्थाओं/समितियों से उक्त आशय की राशियाँ वसूली गयी है? हाँ, तो दिनांक 26.12.2013 से प्रश्न दिनांक तक जमा कराई गई राशि, भंडार/संस्था/समिति का नाम सहित सूची पटल पर रखे? (ग) क्या उक्त जमा कराई गई राशि वैधानिकता की श्रेणी में आती है या अवैधानिकता की श्रेणी में? यदि अवैधानिकता की श्रेणी में आती है, तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है, दोषी अधिकारियों का नाम/पदनाम लेख करें? (घ) शासन अवैधानिक रूप से वसूल की गई राशि को उक्त संस्थाओं को वापस करने के आदेश जारी करते हुए उक्त अधिकारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो अवधि नियत करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक’’ अनुसार है. (ख) जी हाँ. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है. (ग) जमा कराई गई राशियां वैधानिकता की श्रेणी में आती है. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
स्थाई पट्टे का निष्पादन
103. ( क्र. 2554 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेरे द्वारा उठाये गये तारांकित प्रश्न क्र. 945 दि. 23-24 फरवरी 2015 द्वारा वर्ष 1987 में शासन के सिंचाई विभाग ने कलियासोत बांध के निर्माण के समय ग्राम चंदनपुरा एवं छावनी ग्रामों के 183 परिवारों को केवल मकान का मुआवजा प्रदान करते हुए भूमि के बदले भूमि सर्वसुविधायुक्त विस्थापित कर तत्कालीन नगर निगम वार्ड क्र. 52 शाहपुरा स्थित खसरा नं. 89 पर एक वर्ष के अस्थाई पट्टें (1000 वर्गफीट के भूखण्ड सहित) उपरांत स्थाई पट्टें निष्पादित किये जाने बाबत् बसाया गया क्या यह सही है? (ख) 183 परिवारों को स्थाई पट्टे प्रदान किये जाने की कार्यवाही कब तक की जावेंगी? (ग) उक्त कार्यवाही में देरी किये जाने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुपस्थित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
104. ( क्र. 2560 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में छिंदवाड़ा जिले में जनपद की बैठकें और खण्ड स्तरीय लोक कल्याण शिविर कहाँ-कहाँ पर किन तिथियों में आयोजित किये गये? इन बैठकों में किस स्तर के अधिकारी को उपस्थित रहने के निर्देश हैं? कौन-कौन अधिकारी बावजूद सूचना अनुपस्थित रहे? कौन-कौन से अधिकारी द्वारा अपने एवज में अधिनस्थ को बैठकों में भेजा गया, जनपदवार जानकारी दें? (ख) उक्त बैठकों में अनुपस्थित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु किस स्तर के कौन से अधिकारी किन नियमों निर्देशों के तहत सक्षम है? (ग) शासन उक्त बैठकों में अधिकारियों के अनुपस्थित रहने के लिए कौन-कौन से कारण को पर्याप्त मानता है? अनुपस्थितों को जारी कारण बताओ नोटिस के जवाब के पश्चात् कारणों को पर्याप्त मानते हुए किस अधिकारी के द्वारा नस्ती किया गया है? (घ) क्या शासन उक्त बैठकों की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए इन बैठकों में बिना पर्याप्त कारण के अनुपस्थित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के आदेश देगा ताकि लोकहित में आयोजित शिविरों और बैठकों में अनुपस्थित के कारण लोक महत्व के कार्यों के क्रियान्वयन मे होने वाले अवरोधों पर अंकुश लग सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विगत 01 वर्ष में छिंदवाड़ा जिले में जनपद पंचायतों की बैठकें तथा खण्ड स्तरीय लोक कल्याण शिविर के आयोजन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ख) मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की विभिन्न धाराओं के प्रावधान अनुसार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं जिला अध्यक्ष कार्यवाही हेतु सक्षम प्राधिकारी है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार। संबंधितों को कारण बताओ सूचना पत्र एवं चेतावनी पत्र जारी किया गया है। (घ) जी हाँ। निर्देश जारी किये गये है।
अनुभाग एवं तहसील कार्यालयों में पदों की स्वीकृति
105. ( क्र. 2561 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय और तहसील कार्यालय कहाँ-कहाँ पर किस वर्ष से संचालित हैं? इनमें से कौन-कौन सा कार्यालय शासन से स्वीकृत है और कौन-कौन सा कार्यालय जिला स्तर के व्यवस्था के तहत संचालित हो रहे हैं? (ख) क्या चौरई और पांढुर्णा में संचालित हो रहे अनुविभागीय अधिकारी का कार्यालय और चाँद में तहसील कार्यालय शासन से स्वीकृत है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन और जिला प्रशासन यह मानता है कि उक्त कार्यालयों में पदों की स्वीकृति नहीं होने से इन कार्यालयों का कार्य प्रभावित हो रहा है? (घ) क्या शासन उक्त कार्यालयों की और इन कार्यालयों में वांछित पदों की शीघ्र स्वीकृति प्रदान कर अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना किये जाने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री सड़क निर्माण
106. ( क्र. 2589 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कालापीपल व्हाया भीलखेड़ा, भीलखेड़ी तक मार्ग को प्रधानमंत्री सड़क में परिवर्तित कर मार्ग बनाया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में अंकित मार्ग में शेष कृषि उपज मंडी परिसर से शुजालपुर नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 21 तक लगभग 800 मीटर का मार्ग बनने से शेष रह गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश (क) के निर्माण के उपरांत प्रश्नांश (ख) में शेष रही सड़क का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, कालापीपल व्हाया भीलखेड़ा, भीलखेड़ी मार्ग लंबाई 7.10 कि.मी. (भीलखेड़ी से चाकरोद 800 मीटर लंबाई को छोड़कर) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत बनाया गया है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश 'क' में अंकित 800 मीटर लंबाई में सड़क निर्माण कार्य पूर्व से ही मंडी प्रशासन द्वारा कराया गया था। इस प्रकार पूर्ण लंबाई में कार्य पूर्ण हो चुका है। (ग) उत्तरांश 'ख' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गुणवत्तायुक्त औषधि, कीटनाशक का प्रदाय
107. ( क्र. 2592 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की विभिन्न योजनान्तर्गत म.प्र. राज्य कृषि उद्योग विकास निगम/म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ/सहकारी समितियों द्वारा कीटनाशक एवं सुक्ष्म तत्व उर्वरक प्रदाय किये जाकर अनुदान पर कृषकों को प्रदाय किये जाते है? यदि हाँ, तो इनकी गुणवत्ता की जाँच हेतु वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक होशंगाबाद जिले में कितने कीटनाशकों के नमूने लिये गये? (ख) वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय द्वारा अनुदान पर कीटनाशक/सुक्ष्म तत्व उर्वरक की गुणवत्ता के परीक्षण हेतु शासन की क्या गाईडलाईन है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। प्रश्नावधि में कीटनाशकों के सात नमूने लिये गये। (ख) कीटनाशक हेतु कीटनाशी अधिनियम 1968 एवं सूक्ष्म तत्व/उर्वरक हेतु (नियंत्रण) आदेश 1985 में प्रावधान निहित है के तहत समस्त कीटनाशक सूक्ष्म तत्व/उर्वरक की गुणवत्ता परीक्षण कार्यवाही की जाती है।
शासकीय भूमि पर कब्जे के मामले में पंजीबद्ध अपराध
108. ( क्र. 2614 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के ग्राम लायल विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा में मंजुला कोठारी द्वारा बिना पटवारी एवं राजस्व की सहमति के फर्जी चतुर्सीमा के आधार पर जमीन अनुप स्वरूप एवं रूपलाल सराठे निवासी लायल को बेची गयी? इस मामले में अपराध पंजीबद्ध नहीं किये जाने का कारण बताया जावे? (ख) मंजुला कोठारी निवासी ग्राम लायल द्वारा खसरा नं. 161 की भूमि बेची गयी किंतु क्रेता अनुप सराठे, स्वरूप सराठे एवं रूपलाल सराठे खसरा नं. 163 की जमीन पर कब्जा कर इस भूमि को खरीदना बताया जा रहा है? राजस्व विभाग इस मामले की जाँच कब तक करायेगा? (ग) तहसीलदार बालाघाट द्वारा खसरा नं. 161 की भूमि पर विक्रेता मंजुल कोठारी एवं क्रेता अनुप, स्वरूप एवं रूपलाल के विरूद्ध बिना पटवारी की चर्तुसीमा पर रजिस्ट्री करवाने एवं फर्जी रजिस्ट्री पर नामांतरण नहीं करने पर भी अपराध पुलिस में दर्ज नहीं कराने का विवरण दिया जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मार्ग निर्माण
109. ( क्र. 2670 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत रीवा जिले की तहसील हनुमना में ग्राम पंचायत तिलया से ग्राम पंचायत लासा जिसकी लंबाई लगभग 4 कि.मी. है? ग्राम पंचायत लासा को मुख्य मार्ग से जोड़ने हेतु क्या ग्राम पंचायत तिलया से ग्राम पंचायत लासास का एक ही मार्ग है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा उक्त मार्ग को पक्का निर्मित किये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों स्पष्ट करें? (ग) उक्त मार्ग को पक्का निर्माण करने हेतु कब तक कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, रीवा जिले की तहसील हनुमना में ग्राम पंचायत तिलया से ग्राम पंचायत लासा पंचायत को मुख्य मार्ग से जोड़ने हेतु ग्राम पंचायत तिलया से ग्राम पंचायत लासा ही एक मात्र मार्ग नहीं है, ग्राम पंचायत लासा को मुख्य मार्ग से जोड़ने हेतु ग्राम लासा से लोढ़ी भी दूसरा मार्ग है जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्माणाधीन है। (ख) जी नहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्ड़ों के अनुसार किसी भी पात्र ग्राम को एकल सड़क सम्पर्क सुविधा प्रदान की जाना है, प्रश्नांश (क) में प्रश्नाधीन मार्ग द्वितीय सड़क सम्पर्क सुविधा में आयेगा, जिसे योजना के मापदण्डों के अनुसार प्रस्तावित किया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आम रास्ते को शासकीय रिकार्ड में दर्ज किया जाना
110. ( क्र. 2672 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के तहसील हनुमना के पटवारी हल्का लासा स्थित खसरा नम्बर 320 रकबा लगभग 10 डिसमिल पर सैकड़ों वर्षों से ग्राम पंचायत लासा के वार्ड क्रमांक 1 में स्थित लगभग 40 परिवारों के आवागमन का रास्ता है? (ख) क्या खसरे की कैफियत में वर्षों से आम रास्ता दर्ज है? (ग) क्या तहसीलदार द्वारा पूर्व में उक्त रास्ते को शासनाधीन करने हेतु कोई कार्यवाही की गई थी जिस पर एस.डी.एम. के यहां से अपील निरस्त की गई है? उक्त परिवारों के आवागमन का एक यही रास्ता है क्या इसको शासनाधीन करने हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? (घ) यदि हाँ, तो क्या इसे रिकार्ड में शासकीय दर्ज कर लाल स्याही से नक्शे में कब तक चिन्हित किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, आवागमन का कच्चा रास्ता प्रचलित है। (ख) जी हाँ। । (ग) जी हाँ। शासनाधीन करने संबंधी कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (घ) उतरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निश्चित अवधि से अधिक अवधि पर प्रतिनियुक्ति
111. ( क्र. 2686 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत बालाघाट में श्री व्ही.के. कुशवाह सहायक यंत्री दिनांक 04.1.2007 से प्रतिनियुक्ति पर है और क्या प्रतिनियुक्ति पर प्रदस्थ रहने की अधिकतम अवधि 4 वर्ष है? अधिक अवधि होने पर मूल विभाग से अनापत्ति लेने तथा उधार लेने वाले विभाग से सहमति लेने के बाद ही प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाई जा सकती है? यदि हाँ, तो क्या श्री कुशवाहा सहायक यंत्री के मामले में उनके मूल विभाग जल संसाधन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा जिला पंचायत (पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से सहमति पत्र लिये जाने के बाद ही 4 वर्ष से अधिक रखा गया है? यदि नहीं, तो इनको मूल विभाग में वापिस कब किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) श्री कुशवाहा को किसके आदेश से कब से जिला पंचायत में पदस्थ किया गया है और क्या पदस्थीकरण अवधि नियमानुसार है? आदेश की प्रति उपलब्ध कराये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जिला पंचायत बालाघाट में श्री व्ही. के. कुशवाह सहायक यंत्री दिनांक 25.04.2007 से प्रतिनियुक्ति पर सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र. सी/3-14/06/3/1 भोपाल दिनांक 29 फरवरी, 2008 के अनुरूप पदस्थ रहे हैं। जल संसाधन विभाग से प्राप्त पत्र क्र. 3317001/159/2015-51 दिनांक 05.01.2016 में मांग अनुसार म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद् के आदेश क्र. 1870 दिनांक 24.02.16 के माध्यम से श्री व्ही.के. कुशवाह सहायक यंत्री की सेवायें मूल विभाग में वापस की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) परिषद् के आदेश क्र. 581 दिनांक 30.03.2007 से जिला बालाघाट में पदस्थ रहे है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
शासकीय पट्टों की जानकारी
112. ( क्र. 2763 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में आगर नगर के रातडिया तालाब के आस-पास की जमीन पर कितने लोगों को पट्टे जारी किये गये है सूची देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अतिरिक्त उक्त जमीन पर अवैध रूप से लोगों ने कब्जा कर रखा है यदि हाँ, तो कितने लोगों द्वारा कब्जा किया गया है सूची देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में जारी पट्टे से अधिक जमीन पर कब्जा कर भवन बनाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा ऐसे पट्टेधारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार किये गये अवैध रूप से किये गये अतिक्रमण को हटाने के लिये शासन क्या कार्यवाही कर रहा है ऐसे अतिक्रमण कब तक शासन हटायेगा समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल 24 लोगों को। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के अतिरिक्त उक्त जमीन पर 19 लोगों का अवैध कब्जा है। जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘क‘‘ में जारी पट्टे से अधिक जमीन पर लोगों ने कब्जा कर भवन नहीं बनाए है, परन्तु पट्टे में प्रदायित भूमि से लगी हुई खुली भूमि पर कुछ लोगों ने बागड़ लगाकर अवैध कब्जा किया हुआ है। (घ) अवैध अतिक्रमण हटाने हेतु मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर पालिका आगर द्वारा कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आराजी नं. 381 में हुए अतिक्रमण को हटाया जाना
113. ( क्र. 2772 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 90 मानपुर विकासखण्ड पाली, जिला-उमरिया के ग्राम सुन्दर दादर (घाटा टोला) में क्या ई.जी.एस. स्कूल बनवाने के लिये भू-स्वामी द्वारा भूमि आराजी नं. 389 से 5 डिसमिल जमीन दी गई थी? (ख) क्या संबंधित पटवारी तथा प्रधानाध्यापक द्वारा स्कूल का निर्माण आराजी नं. 381 में कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या भूमि स्वामी को मुआवजा दिया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) क्षेत्र की भूमि आराजी खसरा नंबर 389 की भूमि स्वामी ने उक्त स्कूल भवन निर्माण हेतु दानपत्र दिया है? यदि हाँ, तो क्या उस भूमि में भी कोई स्कूल भवन का निर्माण हुआ है? (घ) यदि भूमि आराजी नम्बर 381 में अवैध स्कूल का निर्माण हुआ है तो क्या उसकी पूर्ति मुआवजा के रूप में भूमि स्वामी को दी जावेगी तथा अवैध निर्माण कार्य कराने वाले पटवारी, प्रार्चाय के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना के प्रथम चरण में स्वीकृत कार्य
114. ( क्र. 2775 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री सड़क योजना में प्रथम चरण के 38 मार्ग वर्ष 2010-2011 में स्वीकृत हुये थे जिनमें कुछ ही मार्गों पर कार्य प्रारंभ हुआ था लेकिन अभी तक उन मार्गों पर कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है? लंबित रहने का कारण बतायें? (ख) ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा जो प्रथम चरण के मार्गों का निर्माण किया गया है क्या उनमें विभाग के तय मानक स्तर अनुसार कार्य किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विभाग द्वारा 38 में से कितनी सड़के पूर्ण कर ली गई है? क्या इनकी सी.सी.जारी की गई है? (घ) क्या मार्ग पूर्ण होने के उपरांत 2 वर्ष के रख-रखाव की जिम्मेदार ठेकेदार/कार्य एजेन्सी की थी? रख-रखाव का कार्य ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में ग्रामीण सड़क योजना में हुई गड़बडि़यों के संबंध में दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत वर्ष 2010-11 में 34 कार्य स्वीकृत हुये थे। इनमें से 26 सड़कों के कार्य पूर्ण किये गये, 07 कार्य लोक निर्माण विभाग अंतर्गत कार्ययोजना में शामिल होने से उन्हें यथास्थिति लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया गया है तथा 01 कार्य में भूमि विवाद के कारण न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से अपूर्ण है। (ख) जी हाँ। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा 26 सड़कें पूर्ण की गई एवं 07 सड़के लोक निर्माण विभाग को यथास्थिति पूर्ण मानी जाकर हस्तांतरित की गई है। 24 सडकों की सी.सी. जारी की गई। (घ) जी हाँ। ठेकेदारों द्वारा रख-रखाव का कार्य अनुबंधानुसार नहीं किया जा रहा है। अत: उनके विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही प्रारंभ की गई है, 17 कार्यों की डिफेक्ट लायबिलिटीस की जमा राशि जप्त की गई है। (ड.) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सड़क योजना के द्वितीय चरण में स्वीकृत मार्ग
115. ( क्र. 2776 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सड़क योजना में द्वितीय चरण के 20 मार्ग वर्ष 2010-2011 में स्वीकृत हुये थे? जिनमें कुछ ही मार्गों पर कार्य प्रारंभ हुआ था लेकिन अभी तक उन मार्गों पर कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है? लंबित रहने का कारण बतायें? (ख) क्या कार्य ऐजेन्सी द्वारा द्वितीय चरण के स्वीकृत 20 मार्गों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जा चुका है? (ग) कार्य ऐजेन्सी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा 20 में से कितनी सड़कें पूर्ण कर ली गई हैं? क्या इनकी सी.सी. जारी की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में हुई गड़बडि़यों के संबंध में दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वितीय चरण मे 10 सड़कों के निर्माण कार्य स्वीकृत हुये थे। जी नहीं, उक्त सभी कार्य पूर्ण हो चुके है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में द्वितीय चरण के सभी 10 निर्माण कार्यों को पूर्ण कराया जा चुका है। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में द्वितीय चरण के सभी 10 निर्माण कार्यों को पूर्ण कराया जाकर उक्त सभी कार्यों की सी.सी. भी जारी की गई है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित सभी 10 सड़क निर्माण कार्यों के संबंध में वर्तमान में कोई गड़बड़ी प्रकाश मे नहीं आयी है। अतः किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना के प्रस्ताव
116. ( क्र. 2783 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र दिनांक 08.09.2015 को 14 सड़कों का प्रस्ताव मुख्यमंत्री सड़क योजना में जोड़ने बाबत् प्रमुख अभियंता विकास आयुक्त मध्यप्रदेश भोपाल को दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 2 रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 580/तकनीकी/ग्रा.या.से./15 दिनांक 30.10.2015 को अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग मऊगंज एवं हनुमना को पत्र द्वारा प्रथम स्तरीय डी.पी.आर. तैयार किये जाने का निर्देश दिया गया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मुख्यमंत्री सड़क योजना में जोड़ने हेतु कितनी सड़कें मापदण्ड अनुसार प्रस्तावित की गई सूची उपलब्ध करावें तथा अप्रस्तावित सड़कों के कारण स्पष्ट बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या प्रस्तावित सड़कों का डी.पी.आर. तैयार कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? इसके लिये कौन दोषी है तथा दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के संदर्भ में डी.पी.आर. तैयार कर जिला पंचायत द्वारा अनुमोदन उपरांत कब तक सड़कों के प्रस्ताव प्रमुख अभियंता विकास आयुक्त मध्यप्रदेश भोपाल तक भेजे जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्रस्तावित सड़कें योजना के मापदण्डानुसार नहीं पाई गई अत: सूची उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रस्तावित सड़कों के परीक्षणोपरांत सड़के दोहरी सम्पर्कता, 500 से अधिक आबादी तथा अन्य मद से कार्य होने से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार नहीं पाई गई। (घ) प्रस्तावित सड़के मुख्यमंत्री सड़क योजना के मापदण्डानुसार नहीं पाये जाने के कारण डी.पी.आर. तैयार नहीं किये गये, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश (घ) अनुसार।
पंच परमेश्वर योजना में गबन की जाँच
117. ( क्र. 2801 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत सतना अंतर्गत पंच परमेश्वर योजना में जनपद पंचायत उचेहरा के सम्मिलित ग्राम पंचायतों में मार्च 2015 की स्थिति में 2 करोड़ से अधिक का गबन हुआ है? (ख) पंच परमेश्वर योजनान्तर्गत जनपद पंचायत उचेहरा में ग्राम पंचायतवार आवंटित राशि व्यय की गई? राशि, कार्य का मूल्यांकन आहरित राशि एवं मूल्याकिंत किस राशि की अंतर की राशि की जानकारी दें? (ग) यदि गबन प्रमाणित पाया जाता है तो तत्कालीन पंचायत पदाधिकारियों से कब तक राशि की वसूली की जावेगी तथा इस हेतु दोषी जिला पंचायत के अधिकारियों के विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार। (ग) उत्तरांश ‘क‘ अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। यद्यपि गबन होना प्रमाणित पाया जाता है तो तत्कालीन पंचायत पदाधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
एस.जी.एस.वाई/एम.आर.एल.एम. योजना का क्रियान्वयन
118. ( क्र. 2802 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत सतना द्वारा एस.जी.एस.वाई/एम.आर.एल.एम. योजनांतर्गत विगत 03 वर्षों में किन-किन संस्थाओं के माध्यम से किस-किस व्यवसाय में कितने समूहों को प्रशिक्षण दिया गया है? (ख) उक्त प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) उक्त प्रशिक्षणार्थी समूहों में से कितने समूहों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर व्यवसाय स्थापित किया है? (घ) यदि उक्त प्रशिक्षण से समूह लाभान्वित नहीं हुये हैं, तो उक्त प्रशिक्षण में व्यय की गई राशि की वसूली भ्रष्ट अधिकारियों/प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं से कब तक कर ली जायेगी? संस्थाओं को कब तक ब्लैक लिस्टेड कर दोषी अधिकारियों को कब तक दंडित कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एस.जी.एस.वाय./एम.आर.एल.एम. योजनांतर्गत विगत 3 वर्षों में किसी भी संस्था के माध्यम से किसी भी समूह को प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूखा राहत मुआवजे का भुगतान
119. ( क्र. 2831 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015 में किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी राशि सोयाबीन फसल सूखा राहत मुआवजा के रूप में बांटी गई? (ख) क्या नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के सभी ग्रामों व कस्बों में सूखा राहत राशि का भुगतान कर दिया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो बचे हुए ग्रामों में मुआवजे का भुगतान कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील नरसिंहगढ़ के 159 ग्राम एवं तहसील पचौर के 84 ग्रामों में सूखा आपदा से सोयाबीन फसल क्षति के लिए किसानों को राहत राशि वितरण की गई। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत तहसील नरसिंहगढ़ के 26 ग्राम एवं तहसील पचौर के 20 ग्रामों में आवंटन के आभाव में राहत राशि का वितरण नहीं किया गया है। बजट प्रावधान होते ही राहत राशि वितरित कर दी जायेगी।
सड़क निर्माण में अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवजा
120. ( क्र. 2865 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर में गुना-अशोकनगर मुख्य सड़क के निर्माण हेतु मार्ग में आने वाले किसानों की कितनी भूमि अधिग्रहित की गई है? (ख) संबंधित किसानों की अधिग्रहित भूमि के एवज में कितना मुआवजा शासन द्वारा दिया गया है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों किसानों की मुआवजा की राशि कब तक वितरित कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र की तहसील ईसागढ़ के ग्राम फुटेरापछार में 0.400 हेक्टर भूमि टोला प्लाजा स्थापित करने हेतु अधिग्रहित की गई। (ख) नियमानुसार मुआवजा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) भू-अर्जन की प्रक्रिया पूर्ण होने हो जाने के पश्चात्।
रास्ते को शासकीय घोषित करना
121. ( क्र. 2895 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना की सुमावली सिघौरा रोड से ग्राम ठेह, जग्गू का पुरा, कैमारी, मुरान का स्थानीय रास्ता करीब सौ वर्षों से प्रचलन में है? यदि हाँ, तो उसे शासकीय घोषित क्यों नहीं किया गया है, जनवरी 2016 की स्थिति के अनुसार जानकारी दी जावे? (ख) क्या उक्त मार्ग राजस्व नक्शे में नहीं होने के कारण स्थानीय लोग निर्माण कार्य नहीं होने देते हैं? पूर्व में जनप्रतिनिधियों द्वारा उक्त समस्या के समाधान हेतु मांग पत्र दिया गया, उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त मार्ग पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क स्वीकृत ठेका होने के उपरांत भी लोगों द्वारा कार्य नहीं करने दिया गया था? राजस्व विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई थी? (घ) शासन द्वारा उक्त मार्ग को कब तक शासकीय घोषित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वर्ष 2008 में पटवारी-राजस्व निरीक्षकों की परीक्षा
122. ( क्र. 2898 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 23.02.2008 को आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त मध्यप्रदेश द्वारा पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक संवर्ग से नायब तहसीलदार के पद पर चयन हेतु समिति प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करने हेतु, आवेदन आमंत्रित करने अधिसूचना क्रमांक 19/स्था.एक 7/स.अ.भू.अ 2007 जारी की गई थी? यदि हाँ,तो उक्त प्रक्रिया किस स्थिति में है पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) क्या यह उक्त अधिसूचना के रिक्त पदों की संख्या 26 है जिसमें अनारक्षित 12 अनुसूचित जनजाति के 10 व पिछड़ा वर्ग के 4 पदों पर वेतन मान 5500-175-900 की भी अधिसूचना जारी की गई थी? (ग) शासन द्वारा उनकी आयु सामान्य वर्ग की 40 वर्ष व अनुसूचित जनजाति अन्य पिछड़े वर्ग की 45 वर्ष से अधिक न होने का प्रावधान रखा गया था? (घ) शासन उक्त सीमित प्रतियोगिता परीक्षा कब तक सम्पन्न करायेगा तथा पटवारी/राजस्व निरीक्षकों की उम्र में वृद्धि हेतु प्रक्रिया में परिवर्तन करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। व्यापम द्वारा परीक्षा आयोजित करने में असमर्थता व्यक्त करने के कारण परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी। (ख) जी हाँ। (ग) विभागीय आदेश क्र. एफ-4-46/09/4 ए दिनांक 16.6.2009 द्वारा 05 वर्ष की आयु सीमा में वृद्धि की जाकर अधिसूचना दिनांक 26/29.6.2009 में 45 वर्ष सामान्य वर्ग तथा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के लिए 50 वर्ष रखी गई थी। (घ) सीमित प्रतियोगी परीक्षा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उम्र वृद्धि का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
पंचायत समन्वय अधिकारी के कार्य
123. ( क्र. 2940 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद में पंचायत समन्वयक अधिकारी का पद होता है? यदि हाँ, तो पंचायत समन्वयकों का क्या कार्य होता है? विधानसभा क्षेत्र गुनौर में कितने पंचायत समन्वयक हैं? किस समन्वयक का कौन सा मुख्यालय है एवं संबद्ध मुख्यालय के अंतर्गत कितनी पंचायतें आती हैं? प्रश्न दिनांक तक कौन सा समन्वयक कहाँ पदस्थ है? उसका मुख्यालय एवं मूल निवास कहाँ है? (ख) क्या संबंधित पंचायत समन्वयक को अपनी गृह जनपद में पदस्थ होने पर प्रतिबंध है? यदि हाँ, तो प्रतिबंध संबंधी आदेश बतायें? (ग) क्या गृह निवास की जनपद में पदस्थ पंचायत समन्वयक अधिकारी को अन्यत्र स्थानांतरित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पंचायत समन्वय अधिकारी के कार्य दायित्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। विधान सभा क्षेत्र गुनौर के अंतर्गत 16 पंचायत समन्वय अधिकारी कार्यरत है, पंचायत समन्वयक का मुख्यालय एवं संबद्ध मुख्यालय के अंतर्गत आने वाली पंचायतें प्रश्न दिनांक तक कौन सा समन्वयक कहाँ पदस्थ है एवं उसका मुख्यालय एवं मूल निवास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बस एवं ट्रक भाड़ा का निर्धारण
124. ( क्र. 2946 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बस यात्री किराया एवं माल भाड़ा का निर्धारण शासन ने कब किया था? (ख) क्या डीजल एवं पेट्रोल की कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में कम की गई हैं लेकिन इस अनुपात में बसों के यात्री किराये में तथा माल भाड़े में कमी नहीं की गई? कारण बताएं? (ग) क्या शासन डीजल पेट्रोल की वर्तमान कीमतों के आधार पर यात्री किराये एवं माल-भाड़े में कमी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताएं? (घ) क्या शासन बसों में यात्रियों को किराये की ई-टिकिट (इलेक्ट्रॉनिक) व्यवस्था अन्य राज्यों के समान शुरू करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) बस यात्री किराया का निर्धारण अंतिम बार दिनांक 22.04.2015 को अधिसूचना के माध्यम से किया गया है। माल भाड़ा का निर्धारण राज्य शासन द्वारा नहीं किया जाता है। (ख) डीजल/पेट्रोल की कीमतें कम होने के कारण राज्य शासन द्वारा यात्री किराये में आदेश दिनांक 22.04.2015 से कमी की गयी है। यह कमी अनुपातिक रूप से नहीं की जाती, क्योंकि अन्य फैक्टर जैसे टायर, मजदूरी आदि में तुलनात्मक वृद्धि हुई है। (ग) राज्य शासन दारा गठित समिति के द्वारा समग्र रूप से परीक्षण करने के उपरान्त ही दिनांक 22.04.2015 को यात्री किराया निर्धारिण किया गया है। पुनः किराया निर्धारण का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। (घ) मध्यप्रदेश शासन का सार्वजनिक उपक्रम मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम बंद किया जा चुका है। जिस कारण से शासन की ओर से कोई ई-टिकटिंग की सुविधा वर्तमान में प्रचलन में नहीं हैं, किन्तु प्राइवेट वाहन चालकों द्वारा उनकी अनुज्ञाओं पर आच्छादित वाहनों के लिये प्रदाय की जा रही सेवाओं पर ई-टिकटिंग की व्यवस्था की गई है।
विभागों द्वारा शासकीय निजी वाहन किराये पर लेना
125. ( क्र. 2947 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में चालू वर्ष में प्रश्न दिनांक तक किन-किन विभागों द्वारा एक सप्ताह से अधिक समय के लिये निजी वाहन किराये से लिये गये है? वाहनों के नम्बर, वाहन स्वामी के नाम सहित बतायें? (ख) क्या यह प्रावधान है कि शासकीय कार्य हेतु निजी वाहन किराये पर लेने के लिये निविदा जारी की जायेगी? यदि नहीं, तो कितने दिन वाहन किराये पर लेने के लिए निविदा जरूरी नहीं है? (ग) क्या सागर जिले के कुछ विभागों ने बगैर निविदा एवं बिना टैक्सी परमिट के वाहनों को किराये पर लेकर परिवहन विभाग को आर्थिक हानि पहुंचाई है? शासन ऐेसे विभागों के जवाबदेह, शासकीय सेवकों पर क्या कार्यवाही सुनिश्चित करेगा?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार हैं। (ख) जी हाँ। शासकीय विभाग के द्वारा किराये से वाहन लेने के संबंध में वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 11-16/2012/नियम/चार भोपाल दिनांक 06.10.2012 के द्वारा विस्तृत निर्देश जारी किये गये है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार हैं। (ग) जाँच करायी जा रही है। जांचोपरान्त विधि अनुसार आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
मिश्रित प्रयोजन की नजूल भूमि को फ्री होल्ड के अधिकार
126. ( क्र. 2956 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग में नजूल की मिश्रित प्रयोजन की भूमि का फ्री होल्ड के नियम क्या है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) बालाघाट जिले के 1970 के नजूल पट्टेधारियों के निर्धारण की कार्यवाही में विलंब क्यों हो रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के संर्दभ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पट्टाधारियों द्वारा आवासीय प्रयोजन से व्यवसायिक प्रयोजन में उपयोग किये जाने एवं मूल पट्टे का नामांतरण होने से नजूल पट्टों की जाँच कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
आवास संघ के साथ करार
127. ( क्र. 2962 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य सहकारी आवास संघ के भोपाल स्थित मुख्यालय भवन में चल रहे निजी चिकित्सालय को जगह किराये पर देने के लिये प्रथम बार किस संस्था/फर्म के साथ कब करार हुआ? उक्त संस्था/फर्म के साथ आगामी वर्षों में जब-जब करार आगे बढ़ाये गये? (ख) प्रथम संस्था/फर्म के उपरांत कब-कब किस-किस अन्य संस्था को अस्पताल संचालन हेतु जगह किराये पर दी तथा इनसे कब-कब करार आगे बढ़ाये गये? किराये की जगह के क्षेत्रफल की भी जानकारी दें? (ग) वर्ष 2016 की वर्तमान स्थिति में अस्पताल संचालन हेतु किस संस्था के साथ करार क्रियाशील है? इस संस्था के साथ हुए प्रथम करार के साथ ही वर्तमान करार एवं वर्तमान क्षेत्रफल की भी जानकारी दें? (घ) उपरोक्त प्रश्नांशों अनुसार जगह किराये पर देने हेतु किन-किन समाचार पत्रों में कब-कब विज्ञापन प्रकाशित कराये गये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) डॉ. राजन खेतरपाल के साथ. वर्ष 2001 में. जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है. (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है. (ग) डॉ. राजन खेतरपाल के साथ. जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है. (घ) किराये पर देने हेतु स्वदेश एवं पत्रिका समाचार पत्र में दिनांक 10.01.2013, दैनिक भास्कर एवं दैनिक जागरण में दिनांक 04.03.2013, नवदुनिया एवं दैनिक भास्कर में दिनांक 30.05.2013 को विज्ञापन प्रकाशित कराये गये.
सिंहस्थ, 2016 के अंतर्गत स्मार्ट विलेज निर्माण
128. ( क्र. 3003 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घट्टिया विधान सभा क्षेत्र जिला उज्जैन में सिंहस्थ, 2016 को दृष्टिगत रखते हुए कितने स्मार्ट विलेज बनाये जा रहे हैं? इस हेतु ग्रामवार, कार्यवार आवंटन सहित जो राज्य शासन से प्राप्त हुआ है एवं महात्मा गांधी नरेगा सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) स्मार्ट विलेज बनाते समय किन मापदण्डों को अपनाया गया? क्या विधायक एवं जनपद अध्यक्ष से प्रस्ताव लिये गये अथवा नहीं? क्या जिला अधिकारियों द्वारा स्मार्ट विलेज बनाने से पहले विधायक एवं जनपद अध्यक्ष से किसी प्रकार की चर्चा की? (ग) क्या जिला अधिकारियों द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियों की अवहेलना करते हुए विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के ग्रामों को स्मार्ट विलेज में सम्मिलित करने से पहले कोई जानकारी साझा नहीं की? यदि नहीं, तो क्या मनमाने तरीके से लिये गए निर्णय को शासन संज्ञान में लेगा एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में प्रश्न दिनांक तक कितने स्मार्ट विलेज स्वीकृत हो चुके हैं, कितने पर कार्य प्रारंभ हो चुके हैं? क्या अभी और नवीन स्मार्ट विलेज जोड़े जाएंगे? कार्य गुणवत्तापूर्ण हो, इसकी मॉनिटरिंग कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई है? क्या जिले के अधिकारियों द्वारा इन कार्यों का भूमि पूजन विधायक/जनप्रतिनिधियों द्वारा कराया जाएगा अथवा प्रशासन स्वयं ही यह कार्य कर लेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में सिंहस्थ 2016 को दृष्टिगत रखते हुये 29 ग्राम स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किये जा रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है । (ख) उज्जैन में सिंहस्थ 2016 के दौरान जिले के प्रमुख मार्गों से बाहर से आने वाले श्रृद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुये गांवों के समग्र विकास के लिए स्मार्ट विलेज के चयन हेतु उज्जैन में संभाग स्तरीय कार्यशाला दिनांक 30.09.2015 को आयोजित की गई थी। मान. विधायकों/जनप्रतिनिधियों को कार्यशाला में आमंत्रित किया गया एवं कार्यशाला में स्मार्ट विलेज की अवधारणा पर विस्तृत चर्चा की गई। स्मार्ट विलेज चयन के लिए विधायकगण एवं जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण कर चयन किया गया। पत्र क्रमांक 16540 दिनांक 31.12.2015 के द्वारा सभी मान. विधायक महो. को स्मार्ट विलेज में शामिल होने से यदि कोई ग्राम वंचित रह गया हो तो उनके नाम मांगे गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) उत्तरांश ‘ख‘ अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विधानसभा क्षैत्र घट्टिया के 29 ग्राम स्मार्ट विलेज के अंतर्गत स्वीकृत हो चुके है। अब तक 104 स्वीकृत कार्यों में से 62 कार्य प्रारंभ हो चुके है। प्रदेश में समस्त ग्राम पंचायतों को स्मार्ट रूप से विकसित किये जाने हेतु ‘स्मार्ट ग्राम-स्मार्ट पंचायत‘ की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। कार्य गुणवत्ता पूर्ण हो इसकी मॉनिटरिंग उपयंत्री,सहायक यंत्री एवं जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा की जा रही है। स्मार्ट विलेज के स्वीकृत कार्यों की एजेन्सी ग्राम पंचायत है अतः कार्यों के भूमि पूजन किससे कराया जाना है यह निर्णय ग्राम पंचायत स्तर पर ही लिया जा रहा है।
उज्जैन जिले के नामांतरण/बंटवाने के प्रकरणों का निराकरण
129. ( क्र. 3021 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में अगस्त, 2014 से जनवरी, 2016 तक कितने नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरण स्वीकृत हुए? ग्रामवार, तहसीलवार सूची उपलब्ध करावें? कितने प्रकरणों में बटांकन, नक्शा बी-1, खसरा, पावती किसानों को प्रदाय की गई एवं नामांतरण के पश्चात् कितने किसानों को उक्त पांचों दस्तावेज प्रदाय नहीं किए गए? (ख) जिले के कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को नामांतरण, बटांकन, नक्शा दुरूस्तीकरण आदि बाबत् कितनी शिकायतें जन सुनवाई/सी.एम. हेल्प पाईन अथवा अन्य तरह से प्राप्त हुई हैं? कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया है? कितनी शेष हैं? (ग) सिटीजन चार्टर के तहत समय-सीमा में प्रकरण का निराकरण न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विकलांग एवं विधवा महिलाओं को प्रदत्त सुविधाएं
130. ( क्र. 3025 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विगत 2 वर्षों में उज्जैन संभाग अंतर्गत किन-किन स्थानों पर विकलांग शिविर आयोजित किए गए एवं इन शिविरों में क्या-क्या कार्यवाही की गई, विवरण देवें? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने विकलांग चिन्हित हैं, चिन्हित व्यक्तियों को क्या सुविधाएं/सहायता दी जा रही है? (ग) क्या विधवा पेंशन हेतु बी.पी.एल. कूपनधारी विधवाएं ही पात्र हैं? यदि हाँ, तो ए.पी.एल. कूपनधारी विधवाओं के लिए विभाग क्या सहायता दे रहा है? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्रीजी ने ए.पी.एल. कूपनधारी विधवा महिलाओं को भी विधवा पेंशन दिए जाने की घोषणा की है या निर्देश दिए हैं? यदि हाँ, तो इसका क्रियान्वयन किस स्तर तक हुआ है, कृपया तत्संबंधी आदेश/निर्देश की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ग) जी हाँ। ए.पी.एल. विधवा महिलाओं हेतु वर्तमान में विधवा पेंशन का प्रावधान नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खरीफ फसल क्षति की राहत राशि का आवंटन
131. ( क्र. 3048 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में वर्ष, 2015 में सूखाग्रस्त होने से खरीफ फसल क्षति की आर्थिक सहायता (राहत राशि) का आंकलन कर कितनी राशि की मांग शासन से की गई थी, तहसीलवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फसल क्षति की मांग पर शासन द्वारा कितनी राशि का आवंटन प्रथम किश्त के रूप में किया गया? जिसमें से तहसीलवार कितनी-कितनी राशि किसानों को वितरित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मांग के अनुसार शेष राशि कब तक शाजापुर जिले को आवंटित की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) शाजापुर जिले में वर्ष 2015 में अतिवृष्टि के कारण कृषकों को राहत वितरण किये जाने हेतु 209.32 करोड़ रूपये की शासन से आवंटन की मांग गई थी। तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
तहसील का नाम |
आवंटन की मांग (रूपये लाख में) |
1 |
शाजापुर |
3899 |
2 |
मो. बडोदिया |
2864 |
3 |
शुजालपुर |
3249 |
4 |
कालापीपल |
5417 |
5 |
गुलाना |
2803 |
6 |
अ. बडोदिया |
759 |
7 |
पोलायकला |
1941 |
योग |
209.32 |
(ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फसल क्षति की मांग पर शासन द्वारा 105 करोड़ रूपये का आवंटन प्रदाय किया गया। जिसकी तहसीलवार वितरण की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
तहसील का नाम |
आवंटन की मांग (रूपये लाख में) |
1 |
शाजापुर |
2000 |
2 |
मो. बडोदिया |
1400 |
3 |
शुजालपुर |
1650 |
4 |
कालापीपल |
2700 |
5 |
गुलाना |
1400 |
6 |
अ. बडोदिया |
350 |
7 |
पोलायकला |
1000 |
योग |
10500 |
(ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मांग के अनुसार शेष में से 8.98 करोड़ दिनांक 22.01.2016 को शाजापुर जिले को आवंटित की गई शेष राशि बजट प्रावधान पश्चात् उपलब्ध करा दी जायेगी।
अनाज एवं फल सब्जी मंडियों में आढ़त प्रथा
132. ( क्र. 3055 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. की अनाज एवं फल सब्जी मंडियों में आढ़त प्रथा बंद है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से किस अधिसूचना से? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मंडियों में आढ़त प्रथा का प्रावधान नहीं है? फिर भी कौन-कौन सी मण्डियों में आढ़त प्रथा चल रही है? (ग) क्या प्रदेश में ऐसी भी फल सब्जी मंडी है, जहां किसानों से आढ़त नहीं काटी जाती? यदि हाँ, तो कौन-कौनसी मंडियां हैं? (घ) जब प्रदेश में आढ़त प्रथा पूर्णत: बंद है, तो जिन मंडियों में आढ़त प्रथा चालू है, उसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? क्या जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 के संशोधन क्रमांक 24/1986 के उपरांत प्रदेश की अनाज मण्डियों में अधिसूचित कृषि उपज पर आढ़त समाप्त हुई है। उक्त संशोधन का म.प्र. राजपत्र में दिनांक 21 जुलाई 1986 को प्रकाशन हुआ है। प्रदेश की फल-सब्ज़ी हेतु अधिसूचित कृषि उपज मंडी समितियों में फल-सब्ज़ी विपणन के लिये प्रभावशील उपविधि सन् 2000 के प्रावधान अनुसार कमीशन एजेंट के माध्यम से फल-सब्ज़ी के क्रय-विक्रय की व्यवस्था प्रचलित है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार केवल फल-सब्ज़ी मण्डियों में कमीशन एजेंट का प्रावधान है। वर्तमान में प्रदेश की अधिसूचित 136 फल-सब्ज़ी मण्डियों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्रदेश की किसी भी अधिसूचित फल-सब्ज़ी मंडी प्रांगण में फल-सब्ज़ी के विक्रय पर कृषकों से किसी भी प्रकार की आढ़त नहीं काटी जाती है। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
ओलावृष्टि में राहत राशि का वितरण
133. ( क्र. 3067 ) श्री लखन पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 में दमोह जिले में क्या ओलावृष्टि हुई थी? यदि हाँ, तो उन तहसीलों एवं उसके अंतर्गत ग्रामों की सूची प्रदान करें? (ख) फसलों को हुए नुकसान के लिए जिले में (तहसीलवार) राहत राशि वितरित की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि स्वीकृत हुई, कितनी राशि किसानों को वितरित हुई? (ग) शेष और अवितरित राशि सहकारी बैंकों द्वारा शासन को वापस की गई? कितनी राशि वापस की गई? (घ) यदि समायोजित की गई, तो उस राशि को किस मद में समायोजित किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। तहसीलवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
तहसील का नाम |
स्वीकृत राशि |
वितरित राशि |
1 |
दमोह |
25,23,40,485 |
25,23,15,400 |
2 |
हटा |
16,73,72,260 |
16,73,72,260 |
3 |
पटेरा |
13,65,35,495 |
13,65,35,495 |
4 |
बटियागढ |
21,19,79,730 |
21,19,79,730 |
5 |
पथारिया |
32,71,26,160 |
32,71,26,160 |
6 |
तेंदुखेडा |
4,06,10,750 |
4,06,10,750 |
7 |
जवेरा |
4,31,69,513 |
4,31,69,513 |
(ग)
जी
नहीं। (घ) तहसील
दमोह द्वारा
राशि रूपये 25085 शासन मद 0708 में
समर्पित की गई
है।
जिला चिकित्सालय हेतु भूमि का अधिग्रहण
134. ( क्र. 3077 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला मुख्यालय में जिला चिकित्सालय हेतु भूमि का अधिग्रहण किया गया है? यदि हाँ, तो किस वित्तीय वर्ष में कितनी भूमि अधिग्रहित की गई है? क्या अधिग्रहित भूमि पर किसी प्रकार के निर्माण कार्य जारी हैं? यदि नहीं, तो कारण क्या है? (ख) तहसील अनूपपुर के ग्राम रक्सा में कुल कितनी भूमि, किस वित्तीय वर्ष में किस उद्देश्य से अधिग्रहित की गयी है? क्या उक्त भूमि पड़त भूमि है? अभी कंपनी द्वारा किसी प्रकार का उपयोग नहीं किया गया है, कारण क्या है? (ग) अनूपपुर जिला पूर्ण रूपेण सूखा घोषित होने के कारण उक्त ग्राम के भूमि का सूखा राहत राशि क्या किसानों को प्रदान किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
धान गेंहू क्रय समितियों की परिवहन का भुगतान
135. ( क्र. 3087 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कार्यरत समितियों द्वारा विगत 3 वर्षों में क्रय किये गये धान एवं गेहूं का परिवहन समितियों द्वारा स्वयं किया गया? कितना परिवहन ठेकेदारों द्वारा किया गया? विपणन संघ द्वारा उपरोक्त समितियों की परिवहन की राशि का अब तक भुगतान नहीं किया गया है? समितिवार तीन वर्षों की जानकारी दें? (ख) बेलखेड़ा समिति की परिवहन की कितनी राशि शेष है? विपणन संघ उक्त राशि का भुगतान कब तक होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, विगत 03 वर्षों 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 के परिवहन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, वर्ष 2014-15 में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति शहपुरा में धान परिवहन की राशि रू. 1,80,066/- का भुगतान विपणन संघ द्वारा किया जाना शेष है. (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति बेलखेड़ा द्वारा विगत 03 वर्षों 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में किये गये परिवहन की कोई राशि शेष नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता.
तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित कर राहत राशि का वितरण
136. ( क्र. 3114 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष, 2015-16 में अवर्षा, अल्पवर्षा के कारण खरीफ की फसलों में भारी नुकसान हुआ व रबी फसल की बोवनी के क्षेत्रफल में भारी कमी आई है? यदि हाँ, तो खरीफ की फसलों के नुकसान व रबी की बोवनी के रकबे की कमी को जिलेवार बतावें? विधानसभा क्षेत्र विजयपुर की जानकारी तहसीलवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक किन-किन जिलों की किन-किन तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है? किन-किन तहसीलों को जिला कलेक्टरों से प्रस्ताव प्राप्त होने के बावजूद सूखा घोषित नहीं किया है? कब तक शेष तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश की सूखा प्रभावित तहसीलों में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत राहत राशि देने के अतिरिक्त राहत कार्य चलाने, पेयजल व्यवस्था करने आदि कार्यों के लिए शासन द्वारा जिलों को कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय भूमि के नियम विरुद्ध विक्रय की जाँच
137. ( क्र. 3115 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 165 में किस दिनांक को किए गए संशोधन के अनुसार शासकीय पट्टे पर आवंटित भूमि विक्रय के पूर्व कलेक्टर से अनुमति लिए जाने के प्रावधान किए गए हैं? (ख) धारा 165 में शासकीय पट्टे की भूमि विक्रय के पूर्व कलेक्टर से अनुमति लिए जाने के प्रावधान के तहत वर्ष, 2015 तक कलेक्टर मुरैना, ग्वालियर एवं भोपाल के द्वारा किस-किस ग्राम की शासकीय पट्टे पर आवंटित कितनी-कितनी भूमि विक्रय की अनुमति प्रदान की गई? यह भूमि वर्तमान में किस-किस के नाम पर दर्ज है? (ग) दि. 21 अगस्त, 2015 को भू-राजस्व संहिता (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश जारी कर धारा 165 की उपधारा 7 (ख) के स्थान पर प्रतिस्थापित उपधारा 7 (ख) के अंतर्गत भूदान भूमि व शासकीय पट्टे की भूमि के हस्तांतरण हेतु भूमि के मूल्य का 10 प्रतिशत् जमा कराकर भूमि के हस्तांतरण की व्यवस्था की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो उक्त व्यवस्था के अंतर्गत कितनी भूमियों का अन्तरण (विक्रय) की गई? कृपया ग्वालियर, भोपाल, इंदौर सहित जिलेवार स्थिति बतावें व विक्रय करने व क्रय करने वाले के नाम, पते सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम रोजगार सहायक की भर्ती
138. ( क्र. 3231 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद् द्वारा मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत बहेरिया साहनी वि.ख. राहतगढ़ में ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति की गई थी? (ख) क्या रोजगार गारंटी परिषद् नियम 13 अनुसार नियुक्ति आदेश दिनांक के 10 दिवस तक की अवधि में कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य है, अन्यथा नियुक्ति आदेश स्वत: निरस्त माना जावेगा एवं नियम 09 अनुसार चयन सूची/प्रतीक्षा सूची की वैधता 1 वर्ष के लिये मान्य होगी, इसके उपरांत नियुक्ति शून्य मानी जायेगी, जानकारी देवें? (ग) क्या ग्राम पंचायत बहेरिया साहनी वि.ख. राहतगढ़ में नियुक्त ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति आदेश व कार्यभार ग्रहण दिनांक में लगभग 1 वर्ष 07 महीने का अंतर है, ऐसा क्यों? (घ) यदि ग्राम पंचायत बहेरिया साहनी के ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति प्रक्रिया में रोजगार गारंटी एक्ट के नियमों का पालन नहीं किया है, तो क्या संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा, समय-सीमा बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद् में ग्राम रोजगार सहायक नियुक्ति संबंधी नवीन दिशा निर्देश दिनांक 02.06.2012 की कंडिका क्र. 13 में ग्राम रोजगार सहायक संविदा नियुक्ति से 10 दिवस में उपस्थिति लिये जाने तथा नियम 9 में प्रतीक्षा सूची वैधता 1 वर्ष लिये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। ग्राम पंचायत बहेरियासाहनी में ग्राम रोजगार सहायक दुर्गसिंह ने ग्राम पंचायत द्वारा जारी नियुक्ति आदेश दिनांक 07.02.2013 के परिपालन में दिनांक 15.02.2013 को जनपद पंचायत कार्यालय में दिये गये आवेदन में ग्राम पंचायत द्वारा उपस्थिति नहीं लिये जाने के कारण नियुक्ति व कार्यभार ग्रहण करने में 1 वर्ष 7 माह का अंतर, तत्कालीन सरपंच द्वारा ग्राम रोजगार सहायक की उपस्थिति न लेने के कारण विलम्ब हुआ हैं तथा कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत राहतगढ़ के पत्र क्र. 390 दिनांक 22.9.2015 द्वारा सरपंच ग्राम पंचायत बहेरियासाहनी को दिये गये निर्देश के परिपालन में ग्राम पंचायत द्वारा नवीन नियुक्ति सबंधी आदेश जारी किया गया। उक्त आदेश संबंधी द्वारा समय-सीमा में दिनांक 24.09.15 को अपनी उपस्थिति दर्ज कर, अनुबंध निष्पादन किया गया। (घ) पंचायत निर्वाचन 2015 के उपरान्त ग्राम पंचायत बहेरियासाहनी सरपंच परिवर्तन होने के कारण पूर्व में नियुक्ति रोजगार सहायक की कार्य ग्रहण न करने के लिये तत्कालीन सरपंच दोषी हैं, किन्तु वह अपने पद पर नहीं हैं। ऐसी स्थिति में कोई कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागरिक सहकारी बैंक की जानकारी
139. ( क्र. 3232 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन नगरीय क्षेत्रों में नागरिक सहकारी बैंकों का गठन किया गया था एवं कितने नागरिक सहकारी बैंक संचालित हैं, नाम सहित बतावें? (ख) क्या वर्तमान में नगरीय क्षेत्र में सहकारी बैंक के गठन करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो गठन के नियमों व शर्तों की जानकारी से अवगत करावें? (ग) क्या नव गठित मकरोनिया बुजुर्ग में नागरिक सहकारी बैंकों के गठन का कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा इस संबंध में कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है. (ख) जी हाँ, किन्तु भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जून 2004 में यह नीतिगत निर्णय लिया गया है कि नये शहरी सहकारी बैंको का गठन के लिये नये लायसेंस जारी करने पर तब तक विचार नहीं किया जायेगा, जब तक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक उचित वैधानिक एवं विनियमन ढांचा तैयार करने हेतु एक व्यापक नीति तथा शहरी सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार करने हेतु नीति तैयार नहीं की जाती है. नये शहरी सहकारी बैंकों के गठन हेतु लायसेंस जारी करने के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक की नीति में अभी तक कोई परिवर्तन नहीं आया है. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है. (ग) जी नहीं. शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता.
विक्रेता एवं तुलावटी के पद पर की गई भर्ती
140. ( क्र. 3257 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लैम्पस, देवगवां, जिला अनूपपुर के प्रभारी प्रबंधक श्री विनोद कुमार तिवारी के द्वारा बिना स्वीकृति एवं नियमों के विपरीत विक्रेता एवं तुलावटी के पद पर की गई भर्ती के संबंध में कलेक्टर, अनूपपुर, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य अधिकारियों को मय प्रमाण पत्र एवं दस्तावेजों के साथ शिकायत (जून, 2015 से दिसम्बर, 2015 के मध्य) की गई हैं? (ख) क्या उक्त शिकायतों में यह उल्लेख किया गया है कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रभारी प्रबंधक के द्वारा अपने करीबी रिश्तेदारों को भी नौकरी में रखा गया है तथा भर्ती में पारदर्शिता प्रक्रिया नहीं अपनाई जाकर के शासन के द्वारा निर्धारित सेवा भर्ती नियमों के मानदण्डों का भी उल्लेख किया गया है? (ग) क्या शासन उक्त भर्तियों के संबंध में उक्त अवधि में की गई शिकायतों की बिन्दुवार जाँच करवाकर के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर रहा है? वर्तमान में उक्त शिकायत की जाँच किस स्थिति में हैं? जाँच पूर्ण हो चुकी अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण कर ली जायेगी तथा दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ. (ग) शिकायतों की जाँच, जाँच दल द्वारा करायी गई. जाँच प्रतिवेदन प्राप्त. जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दोषी संचालक मण्डल को सहकारी अधिनियम की धारा 53 (1) के अंतर्गत अतिष्ठित कर, प्रशासक की नियुक्ति की गई है. जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण कर पाये गये तथ्यों के आधार पर संस्था प्रबंधक के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश उप आयुक्त, सहकारिता, जिला अनूपपुर को दिये गये हैं. अनियमित भर्ती किये गये 08 कर्मचारियों की सेवा समाप्त की जा चुकी है.
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित द्वारा अनुग्रह राशि
141. ( क्र. 3258 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लैम्पस, देवगवां, जिला अनूपपुर के अंतर्गत वर्ष, 2012-13 में चैक क्रमांक 298866, दिनांक 9.3.2013 के द्वारा 30 हितग्राहियों को 18,000 रूपये प्रति हितग्राही के मान से रूपये 5 लाख 40 हजार की राशि प्राप्त हुई थी? (ख) क्या पात्र 30 हितग्राहियों को वास्तविक रूप से राशि न मिलने के कारण एवं उनके नाम से फर्जी खाते खोलकर राशि कतिपय अधिकारियों द्वारा हड़प लिये जाने के संबंध में संबंधित हितग्राहियों ने शपथ पत्र के साथ में कलेक्टर, अनूपपुर विभागीय अधिकारियों एवं पुलिस को शिकायत की थी? (ग) यदि हाँ, तो उक्त शपथ पत्र पर की गई शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जाँच में क्या तथ्य प्रकाश में आये, इसके लिये दोषी के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? क्या पात्र हितग्राहियों को उनके लिये स्वीकृत राशि अभी तक प्राप्त हुई अथवा नहीं? यदि नहीं, हुई है, तो वह राशि कब तक प्राप्त करवा दी जायेगी तथा दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ. (ग) कमिश्नर शहडोल संभाग, शहडोल द्वारा जाँच हेतु जाँच दल का गठन किया गया है. जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है. शेष जाँच निष्कर्षाधीन. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
ग्राम पंचायतों के बकाया बिल
142. ( क्र. 3264 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा ग्रामीण विकास हेतु ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों एवं जनता की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु लगातार बजट स्वीकृत किया जाकर प्रदान किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या ग्राम पंचायतों द्वारा विकास कार्यों एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही संबंधी शिकायतें भी लगातार प्राप्त हो रही हैं? (ग) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायतों को कितनी राशि प्राप्त होकर कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने कार्य अपूर्ण रहे, कितनी राशि का व्यय होकर कितनी शेष रही? (घ) उपरोक्त वर्षों में अपूर्ण रहे कार्यों, शेष रही राशि एवं ग्राम पंचायतों पर विभिन्न विभागों, फर्मों, संस्थाओं, ठेकेदारों सहित बिजली के बकाया बिलों के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी भौतिक सत्यापन सहित अवगत कराए? साथ ही प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही से भी अवगत करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ एवं प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार।
संवाद नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था इंदौर की अनियमितता
143. ( क्र. 3298 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर स्थित संवाद नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था की समय-समय पर विभिन्न पीडि़तों द्वारा शिकायत की गई है? (ख) संवाद नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था के आज दिनांक तक के सदस्यों की सूची उपलब्ध करावें? संस्था द्वारा विकसित की गई कॉलोनी में कितने भूखण्ड है, कितनों को रजिस्ट्री संस्था द्वारा कराई गई सूची उपलब्ध करावें? रिक्त भू:खण्ड की जानकारी उपलब्ध करावें तथा कितने सदस्य प्लाट से वंचित रह गये हैं, उनकी सूची दें तथा यह बतायें कि उन्हें कब तक प्लाट दे दिये जायेंगे? (ग) ऐसे कितने लोग चिन्हित हुये हैं, जिन्हें अपात्र होने के बावजूद प्लाट मिल गये हैं, उनकी सूची दें? ऐसे अपात्र लोगों का आवंटन निरस्त कर पात्रों को कब तक प्लाट दे दिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ. (ख) संस्था सदस्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘01’’ अनुसार है. संस्था द्वारा विकसित ग्राम बिचैली हप्सी कालोनी में 138 एवं ग्राम टिगरिया राव कालोनी में 88 भूखण्ड हैं. ग्राम बिचैली हप्सी कालोनी के 125 भूखण्डों एवं ग्राम टिगरिया राव कालोनी के 86 भूखण्डों की रजिस्ट्री संस्था द्वारा कराई गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘02’’ एवं ‘‘03’’ अनुसार है. ग्राम बिचैली हप्सी कालोनी के 13 भूखण्ड एवं ग्राम टिगरिया राव कालोनी के 02 भूखण्ड रिक्त है. वर्तमान में 151 सदस्य भूखण्ड से वंचित रह गये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘04’’ अनुसार है. शेष सदस्यों की संख्या उपलब्ध भूखण्डों की संख्या से अधिक होने के कारण सभी शेष सदस्यों को भूखण्ड उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है. आवंटन हेतु शेष रहे 15 भूखण्डों को पात्रता अनुसार वरिष्ठता/सह-वरीयता के आधार पर सदस्यों को आवंटन करने हेतु संस्था प्रशासक को निर्देश दिये गये है. (ग) 19 लोग चिन्हित हुये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘05’’ अनुसार है. भूखण्ड आवंटन निरस्ती हेतु प्रभारी अधिकारी द्वारा 19 प्रकरण न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला इंदौर के समक्ष मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64 अंतर्गत प्रस्तुत किये गये थे, जिनमें से 09 प्रकरणों में सक्षम न्यायालय में भूखण्ड विलेख निरस्ती हेतु प्रकरण प्रस्तुत करने के आदेश हुये हैं, शेष 10 प्रकरण न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जिला इंदौर के समक्ष विचाराधीन है. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
सीलिंग की भूमि पर कब्जा
144. ( क्र. 3299 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्र. 5 के अंतर्गत कितनी चिन्हित सीलिंग की भूमि हैं और कहाँ-कहाँ स्थित हैं? (ख) इनमें से कितनी भूमियों के प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं? कब्जा प्राप्ति के पश्चात् कितने किसानों के पक्ष में न्यायालय निर्णय हुआ एवं किन प्रकरणों में व्यवस्थापन हुआ, सूची उपलब्ध करावें? (ग) सीलिंग की जमीन पर भू-माफिया द्वारा कितनी अवैध कॉलोनी काटी गई हैं? जमीन पर कब्जे के समय एवं कॉलोनी काटते समय प्रशासन ने तत्समय कार्यवाही क्यों नहीं की? इसके लिये जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) कब्जा प्राप्त भूमियों पर हल्का पटवारी द्वारा वर्षानुसार दी गई अतिक्रमण रिपोर्ट उपलब्ध करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) इन्दौर नगरीय क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-5 के अंतर्गत सम्पूर्ण राजस्व ग्राम खजराना, मूसाखेड़ी, पीपल्याहाना, खजरानी चितावद पालदा में क्रमशः 139, 121, 15.064, 7.793, 0.520, 0.736 एवं 17.639 हेक्टेयर भूमि स्थित है। (ख) उपरोक्त भूमियों में से कुल 116.503 हे. भूमि के प्रकरण न्यायालयों में प्रचलित है। कब्जा प्राप्त करने के बाद दो प्रकरणों में धारक/याचिकाकर्ता के पक्ष में अन्तिम निर्णय माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित हुआ है, इसके अतिरिक्त माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णयों के विरूद्ध शासन की ओर से रिट अपील आदि पेश की जाकर प्रतिरक्षण की कार्यवाही की जा रही है। कब्जा प्राप्त शासकीय भूमि पर हुए अवैध निर्माण के संबंध में व्यवस्थापन नहीं होने से सूची उपलब्ध कराना संम्भव नहीं है। (ग) उपरोक्त सीलिंग जमीन पर कुल लगभग 62 अवैध कालोनी का निर्माण हुआ है, जिसके सम्बन्ध में समय समय पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत कार्यवाही की गई है। इसके अतिरिक्त भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम के तहत स्थानीय प्रशासन द्वारा अवैध कालोनी पर हुए अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया है, जिला प्रशासन द्वारा अनाधिकृति रूप से उक्त शासकीय भूमि के क्रय-विक्रय के कारण आरोपियों के विरूद्ध अभियोजन की कार्यवाही की गई है। एफ. आई. आर. एवं अतिक्रमण कार्यवाही रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
रैनबसेरा निर्माण
145. ( क्र. 3308 ) श्री विष्णु
खत्री : क्या पंचायत
मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) रैन
बसेरा निर्माण
के संबंध में शासन
नियम क्या हैं? (ख) भोपाल
जिले में कहाँ-कहाँ
एवं कितने नवीन
रैनबसेरा बनाये
जाने हेतु वित्तीय
वर्ष 2014-15 एवं
2015-16 में कितना
बजट प्रावधान किया
गया था? प्रावधानित
राशि में से कितनी
राशि वर्तमान तक
व्यय हो गयी है? (ग) बैरसिया
विधान सभा क्षेत्रांतर्गत
रैनबसेरा निर्माण
वित्तीय वर्ष, 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी
राशि स्वीकृत
की गयी थी? क्या बैरसिया
में रैनबसेरा निर्माण
के संबंध में प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र के
माध्यम से लेख
किया गया था, इस पर अभी
तक क्या कार्यवाही
की गयी है? (घ) क्या
प्राचीन धार्मिक
स्थल तरावलीकलां
एवं बैरसिया हेतु
भविष्य में रैनबसेरा
के निर्माण का
विचार विभाग रखता
है?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
अनुसार। (ख) निरंक।
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता। (ग)
निरंक। भारत सरकार
से प्राप्त निर्देशों
के संदर्भ में
शासन द्वारा लिये
गये नीतिगत निर्णय
अनुसार नगरीय क्षेत्रों
(एक लाख से ऊपर की
जनसंख्या वाले
नगर) में रैन बसेरों
का निर्माण/संचालन
नगरीय प्रशासन
एवं विकास विभाग
द्वारा किया जाना
है। उक्त निर्णय
के संबंध में जिला
कलेक्टर भोपाल
को पत्र दिनांक
08.02.2016 एवं 19.02.2016 द्वारा निर्देश
जारी किये गये
हैं। (घ) जी
नहीं। वर्तमान
में कोई प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं हैं।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की अद्यतन जानकारी
146. ( क्र. 3309 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने ग्राम जोड़े जाने की पात्रता रखते हैं, ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों को जोड़े जाने के संबंध में विभाग की क्या कार्य योजना है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों को कब तक इस योजना के तहत जोड़ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 124 ग्राम पात्रता रखते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र ग्रामों को जनसंख्या के घटते क्रम में पक्की सड़कों से जोड़ने का प्रावधान है। (ग) उत्तरांश 'क' में उल्लेखित 124 ग्रामों में से 25 ग्रामों का अन्य विभागों द्वारा सड़क निर्माण कर जोड़ा जा चुका है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 78 ग्रामों को पक्के मार्गों से जोड़ा जा चुका है, 19 ग्रामों को जोड़ने का कार्य प्रगति पर है, 1 ग्राम को जोड़ने हेतु निविदा आमंत्रित की गयी है, शेष 1 ग्राम को जोड़ने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है, स्वीकृति प्राप्त होना शेष है। स्वीकृति प्राप्त होने पर जोड़ने की कार्यवाही की जावेगी, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
लोक सेवा प्रबंधन के संबंध में
147. ( क्र. 3340 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालक लोक सेवा अभिकरण के पत्र क्रमांक/863/रालोसेअभि/ 2015/दिनांक 22.12.2015 में क्या कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये थे और कटनी जिले में संचालित लोक सेवा केन्द्रों के नवीनीकरण हेतु किन कार्यालयों के किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही कर क्या प्रतिवेदन दिये गये? क्या अनुसंशायें की गई? किन-किन लोक सेवा केन्द्रों का कब-कब नवीनीकरण किया गया एवं कार्यालय कलेक्टर (लोक सेवा) एवं जिला ई-गर्वेनेंस सोसायटी द्वारा की गई अनुसंशायें एवं नवीनीकरण के आदेश उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कटनी जिले के समस्त लोक सेवा केन्द्रों के संचालन में नवम्बर 2012 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या अनियमिताएं पाई गई, क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई शासन/विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या इन केन्द्रों के नवीनीकरण की कार्यवाही में इन केन्द्रों में व्याप्त अनियमितताओं का संज्ञान लिया गया था नवीनीकरण की अनुशंसाओं में केन्द्रों पर की गई कार्यवाहियों का उल्लेख किया गया था यदि हाँ, तो माननीय मंत्री महोदय द्वारा 15 दिसम्बर 2015 को सदन में दिये गये व्यक्तव्य के बिन्दु क्रमांक के विपरीत एवं गंभीर अनियमितताओं के बावजूद केन्द्रों का नवीनीकरण किस आधार पर प्रस्तावित कर नवीनीकरण किया गया? यदि नहीं, तो अनुसंशाओं में इन तथ्यों को छिपाने का कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या इसकी सक्षम अधिकारी द्वारा समग्र जाँच करवा कर, भ्रामक नियम विपरीत कार्यवाही के जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जायेगी? (घ) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक कटनी जिले में तहसीलवार कुल कितने आवेदन आए कितने स्वीकृत कितने अस्वीकृत हुए अस्वीकृत होने के क्या कारण थे उक्त आवेदन हेतु कितनी राशि जमा हुई?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) संचालक लोक सेवा अभिकरण के द्वारा पत्र क्रमांक/863/रा.लो.से.अ.भि./2015 दिनांक 22/12/2015 में नवीनीकरण के निर्देश दिये गयें थें, इसके पश्चात् नवीन निर्देश सचिव म.प्र. शासन लोक सेवा प्रबंधन विभाग के पत्र क्रमांक 6-8/2015/लो.से.प्र./61 भोपाल दिनांक 15/01/2016 नवीनीकरण के संबंध में प्राप्त हुये जिसके परिपालन में कार्यवाही के प्रतिवेदन एवं अनुशंसा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 से 06 तक, और लोक सेवा केन्द्र के नवीनीकरण के आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कटनी जिले के समस्त सात लोक सेवा केन्द्रों के संचालन में नवम्बर 2012 से प्रश्न दिनांक तक अनियमिताएं एवं शिकायतें कुल 40 संख्या में प्राप्त हुई जिसमें से कलेक्ट्रेट कटनी लोक सेवा केन्द्र को दो बार एवं अन्य 06 लोक सेवा केन्द्र बडवारा/रीठी/विजयराघवगढ़/ बहोरीबंद/मुडवारा (ग्रामीण)/ढिमरखेड़ा को एक बार पृथक-पृथक शास्ति का अधिरोपण कर कार्यवाही की गई, शेष शिकायतें समिति को कार्यवाही योग्य नहीं पाई गई। अनियमितता/शिकायत पर लघु शास्ति आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ख’’ एवं ‘’ग’’ अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में लोक सेवा केन्द्रों के नवीनीकरण की कार्यवाही में इन केन्द्रों में प्राप्त शिकायतों/ अनियमित्ताओं को संज्ञान में लिया गया है तथा जिला मूल्यांकन समिति के द्वारा प्रश्नावली में कार्यवाही का उल्लेख किया गया है शासन के निर्देशानुसार तथा आर.एफ.पी. के अनुबंध की कंडिका 11 एवं 15.1 के अनुरूप जिला मूल्यांकन समिति एवं जिला ई-गर्वेनेंस सोसायटी कटनी के द्वारा नवीनीकरण प्रस्ताव निर्णय किया गया है, शेष प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक (01.01.2014 से 10.02.2016) तक ऑनलाईन लोक सेवा केन्द्रों से प्राप्त आवेदन 5,38,804 स्वीकृत 4,15,240 अस्वीकृत 46,647 हुयें संबंधित सेवाओं के विभागीय नियम एवं अधिनियम के मापदण्ड पूर्ण न करने के कारण आवेदन अस्वीकृत किये गये है। आवेदन से लोक सेवा केन्द्र संचालक को प्राप्त जमा राशि 80,39,120 लाख है।
समग्र स्वच्छता अभियान अंतर्गत शौचालय का निर्माण
148. ( क्र. 3341 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के बहोरीबंद एवं रीठी विकासखण्ड तथा सतना जिले के विकास खण्ड मझगवां के अंतर्गत 2 अक्टूबर, 2014 से स्वच्छ भारत अभियान के तहत कितने हितग्राहियों के यहां या अन्य स्थान में कितनी-कितनी राशि का शौचालय का निर्माण कराया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार किस-किस ग्राम पंचायतों को उपरोक्त योजनांतर्गत कितने-कितने शौचालय निर्माण के लक्ष्य निर्धारित किए गए थे? क्या निर्धारित लक्ष्य अनुसार ग्राम पंचायतों के द्वारा शौचालय का निर्माण करा लिया गया है? यदि नहीं, तो किन-किन के द्वारा और किन-किन के द्वारा नहीं? लक्ष्य पूर्ण न करने के क्या कारण हैं? शौचालय के आस-पास शौच हेतु पानी की व्यवस्था है या नहीं? (ग) क्या अधिकांश ग्राम पंचायतों के सरपंचों, सचिवों के द्वारा जानबूझकर शौचालय निर्माण कार्यों में रूचि नहीं लेने के कारण अधिकांश ग्राम पंचायतों में शौचालय अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों एवं पूर्ण कार्य का भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किए गए हैं, उनके नाम, पदनाम सहित बतावें? (घ) क्या शौचालय का निर्माण घटिया एवं अनुपयोगी होने की जाँच कराकर शौचालय का निर्माण कराने वालों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कटनी जिले के बहोरीबंद एवं रीठी विकासखण्ड तथा सतना जिले के विकासखण्ड मझगवां के अंतर्गत 2 अक्टूबर, 2014 से स्वच्छ भारत अभियान के तहत क्रमश: 4535, 4371 एवं 2298 हितग्राहियों के यहां शौचालय निर्माण कराये गये। जिसमें क्रमश: राशि रूपये 544.20 लाख, रूपये 524.52 लाख एवं रूपये 194.23 लाख व्यय किये गये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण शासन के निर्धारित मापदण्ड अनुसार ही कराया जा रहा है। अत: दण्डात्मक कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन
149. ( क्र. 3381 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों की फसलों का बीमा करवाने एवं बीमा की प्रीमियम राशि के भुगतान की क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है, क्या कार्यवाही की जाती है? शासनादेश, विभागीय निर्देश उपलब्ध करावें? (ख) कटनी जिले में वर्ष, 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस सहकारी समितियों द्वारा कितने किसानों से फसल बीमा के प्रीमियम हेतु कितनी राशि प्राप्त की गई और कितने किसानों की फसलों के बीमा की कितनी प्रीमियम राशि, बीमा कम्पनी में जमा की गई बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) तहत इन वर्षों में कितने किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त हुई एवं कितनों को इसके एवज में कितनी-कितनी बीमा राशि प्राप्त हुई और कितने किसानों को किस कारण से बीमा राशि प्राप्त नहीं हो सकी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में समितियों द्वारा अनेक कृषकों के खाते से फसल बीमा की प्रीमियम राशि की कटौती करने के बावजूद प्रीमियम राशि जमा न करने का कौन-कौन जिम्मेदार था? क्या इसकी समग्र जाँच कराए जाने के आदेश कर दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राज्य शासन द्वारा फसल बीमा योजनांतर्गत जारी अधिसूचना के अनुसार अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसलों के लिए सहकारी समितियों के द्वारा कृषकों को दिए गए अल्पकालीन फसल ऋण का फसल बीमा किया जाता है. यह योजना ऋणी कृषकों के लिए अनिवार्य एवं अऋणी कृषकों के लिए ऐच्छिक है. सहकारी समितियों द्वारा कृषकों को दिए गए फसल ऋण के आधार पर योजनांतर्गत निर्धारित दर अनुसार बीमा प्रीमियम की राशि कृषकों के ऋण खाते नामे कर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्यालय के माध्यम से बीमा कंपनी को प्रेषित की जाती है. राज्य शासन द्वारा खरीफ 2015 एवं रबी 2015-16 हेतु जारी अधिसूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं प्रपत्र-2 अनुसार है. (ख) कटनी जिले की सहकारी समितियों द्वारा कृषकों से प्राप्त प्रीमियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 तथा बीमा कंपनी को प्रेषित प्रीमियम राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है. (ग) खरीफ 2014 एवं रबी 2014-15 में किसानों की फसलों की क्षति के आधार पर बीमा कंपनी से प्राप्त बीमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है. खरीफ 2015 के बीमा दावों का आंकलन बीमा कंपनी स्तर पर प्रक्रियाधीन है. रबी 2015-16 के लिए बीमा प्रीमियम भेजने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल 2016 नियत है. खरीफ 2014 में जिले की समिति बड़गांव के 77 कृषकों एवं समिति रैपुरा के 175 कृषकों को बैंक कर्मचारियों के द्वारा प्रीमियम की राशि बीमा कंपनी को नहीं भेजने के कारण बीमा दावे की राशि प्राप्त नहीं हो सकी है. योजनांतर्गत शेष पात्र कृषकों को बीमा कंपनी से प्राप्त बीमा राशि का भुगतान किया जा चुका है. (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में बीमा प्रीमियम राशि बीमा कंपनी को नहीं भेजने के संबंध में श्री अरविंद पाठक प्रभारी शाखा प्रबंधक रीठी, श्री राधेश्याम तिवारी समिति प्रबंधक बड़गांव, श्री राजेन्द्र तिवारी प्रभारी शाखा प्रबंधक एवं श्री गणेश सोंधिया लेखापाल बैंक मुख्यालय जिम्मेदार पाए गए हैं. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित जबलपुर द्वारा दोषी कर्मचारियों को बैंक कर्मचारी सेवानियमों के अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं. इन समितियों के ऐसे कृषक जिनकी बीमा प्रीमियम राशि बीमा कंपनी को नहीं भेजी गयी है, के लिये फसल बीमा योजनान्तर्गत बीमा कंपनी से प्राप्त होने वाली बीमा राशि का आंकलन कराये जाने के निर्देश दिये गये है तथा आंकलन अनुसार योजनान्तर्गत कोई बीमा राशि देय होने की पात्रता होती है, तो संबंधित संस्था से उन कृषकों को बीमा राशि का भुगतान कराया जायेगा एवं दोषी अधिकारी/कर्मचारियों से उक्त राशि वसूल करने की कार्यवाही की जावेगी. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं.
मनरेगा मजदूरी का भुगतान
150. ( क्र. 3382 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत कितने दिनों की अनिवार्य समयावधि में मजदूरी भुगतान के प्रावधान हैं? विलम्ब होने की स्थिति में कौन-कौन शासकीय सेवक इसके जिम्मेदार होंगे? (ख) दिनांक 19.1.16 तक में कटनी जिले की किस-किस जनपद का कितना-कितना मनरेगा मजदूरी भुगतान बकाया था? बकाया भुगतान की अवधि का भी विवरण देवें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य, जनप्रतिनिधियों एवं मजदूरों द्वारा कलेक्टर कटनी को 19 जनवरी, 2016 को जनपद पंचायत कटनी अंतर्गत मनरेगा की 3 से 4 माह की मजदूरी भुगतान में विलंब के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया था और कलेक्टर के आश्वासन अनुसार अगले 7 से 10 दिनों में मजदूरी का भुगतान भी हो गया था? यदि हाँ, तो बतावें कि मजदूरी भुगतान में किन कारणों से विलंब होना पाया गया और जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई एवं अगर कार्यवाही नहीं की गई है, तो क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक, समयावधि बतावें? (घ) कटनी जिले में मनरेगा के तहत जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य, कहाँ-कहाँ, किन-किन विभागों द्वारा कराये गये, जनपदवार विवरण बतावें? उक्त कार्य कब प्रारंभ होकर कब-कब समाप्त हुये? क्या इन कार्यों में कार्यरत रहे मजदूरों को नियत समयावधि में मजदूरी का भुगतान किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत 15 दिवस में मजदूरी भुगतान का प्रावधान है। विलंब केन्द्र शासन से राशि अनुपलब्ध रहने के कारण एवं पी.एफ.एम.एस. सर्वर की त्रुटि के कारण होने की स्थिति में प्रश्न उपस्थित नहीं है। (ख) दिनांक 19.01.2016 तक कटनी जिले में मजदूरी भुगतान लंबित था जिसका विवरण निम्नानुसार है- जनपद पंचायत-बडवारा राशि रु. 38.69 लाख, बहोरीबंद रु. 88.09 लाख, ढीमरखेड़ा रु. 61.33 लाख, कटनी रु.126.14 लाख, रीठी रु. 71.07 लाख, एवं विजयराधवगढ़ रु. 15.58 लाख इस प्रकार योग रु. 400.90 लाख बकाया भुगतान की अवधि 15 दिवस से अधिक रही है। (ग) माननीय विधायक कटनी द्वारा 19 जनवरी, 2016 को मजदूरी भुगतान के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया था। मनरेगा के सर्वर के सुचारु रुप से चलने से लगभग 10 दिनों में मजदूरी का भुगतान हो गया था। लंबित मजदूरी भुगतान होने का प्रमुख कारण माह दिसम्बर एवं जनवरी में लगभग 1 माह तक मनरेगा सर्वर की समस्या रही इस कारण कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। (घ) कटनी जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों द्वारा कराये गये कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्यरत मजदूरों को मजदूरी के भुगतान में विलम्ब हुआ है। विलम्ब केन्द्र शासन से राशि अनुपलब्ध रहने के कारण एवं पी.एफ.एम.एस. सर्वर की त्रुटि के कारण है।
उप संचालक कृषि दतिया द्वारा अनाधिकृत स्थानांतरण करना
151. ( क्र. 3402 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि विभाग में जिला स्तर पर उपसंचालक कृषि को स्थानांतरण के अधिकार दिये गये हैं? यदि नहीं, तो क्या पदोन्नति पद पर उपस्थित होने के बाद पदस्थापना संशोधन स्थानांतरण की श्रेणी में आता है? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 31.10.2015 को दतिया जिले में पदोन्नत होकर कार्यग्रहण कर चुके वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारियों को आदेश क्र. ए-1/स्था./2015-16/4815, दिनांक 10.11.2015 द्वारा पुन: पदस्थापना संशोधन कर स्थानांतरण किया गया है? नियम विरूद्ध हुए स्थानांतरण आदेश के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या उप संचालक कृषि दतिया को आत्मा का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जबकि कई उप संचालक अतिरिक्त में संभागीय कार्यालय में है? क्या उन्हें प्रभार नहीं दिया जा सकता था, जबकि उप संचालक कृषि दतिया शारीरिक रूप से अपंग भी है? इस कारण आत्मा गवर्निंग बोर्ड की बैठक भी नहीं हो सकी है? (घ) दतिया जिले में आत्मा कार्यालय के सफल संचालन हेतु कब तक पूर्णरूपेण उप संचालक दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। पदोन्नति पद पर उपस्थित होने के बाद पदस्थापना में स्थानीय स्तर पर संशोधन स्थानांतरण नीति अनुसार स्थानांतरण की श्रेणी में नहीं आता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) जी हाँ। परियोजना संचालक आत्मा दतिया का प्रशासनिक दृष्टि से विभाग के आदेश दिनांक 7.1.2016 द्वारा अपने कार्य के साथ-साथ प्रभार दिया गया। (घ) दतिया जिले में आत्मा का प्रभार उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास को परियोजना संचालक आत्मा जिला दतिया का दिया गया है, कार्य सफलता पूर्वक संचालित किया जा रहा है।
किसानों को राहत राशि एवं बीमा राशि का भुगतान
152. ( क्र. 3403 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 में अतिवृष्टि वर्ष 2014-15 में ओलावृष्टि एवं वर्ष 2015-16 में ओलावृष्टि एवं अनावृद्धि से फसले बर्बाद हो गई थी एवं अनावृष्टि से अभी भी कई खेतों में बुआई तक नहीं हो सकी एवं सर्वे रिर्पोट मे नहीं दर्शाया है? (ख) क्या विगत तीन वर्षों में बैंकों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड की राशि से फसल बीमा की राशि काटी गई है और अभी तक किसानों को फसलों की क्षति राशि का भुगतान नहीं किया गया है? (ग) क्या उपरोक्त तीनों वर्षों में कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग की टीमों से प्रत्येक खेत का सर्वे करवाया गया है? (घ) उपरोक्त तीनों वर्षों में कितने किसानों को कितनी-कितनी राहत राशि एवं फसलों की क्षतिपूर्ति बीमा राशि दी गई? इस वर्ष कई खेत बिना बुआई के पड़े रहने के बावजूद गलत सर्वे रिपोर्ट क्यों दी गई और सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित क्यों नहीं किया गया, तथ्यात्मक जानकारी देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 में अतिवृष्टि एवं 2014-15 में ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति का सर्वे कराया जाकर राहत राशि का वितरण किया गया। वर्ष 2015-16 में अनावृष्टि या सूखे से फसल क्षति 25% से कम होने के कारण राहत राशि वितरित नहीं की गई है। इस वर्ष समस्त क्षेत्र में बुआई का कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) विगत 3 वर्षों में बीमा आवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) विधानसभा क्षेत्र भाण्डेर में 3 वर्षों में 5,752 प्रभावित कृषकों को फसल क्षति के लिए राशि रूपये 4,53,79,775/- (रूपये चार करोड़ तिरपन लाख उन्यासी हजार सात सौ पचहत्तर) राहत राशि वितरण किया गया। दतिया जिले की कोई भी तहसील सूखा घोषित करने के मापदण्डों में पात्र नहीं होने से सूखा घोषित नहीं किया गया है।
मुआवज़ा वितरण
153. ( क्र. 3418 ) श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल व रायसेन जिले में सूखा/अतिवृष्टि/ओला/प्राकृतिक प्रकोप से प्रभावित होने के कारण कितनी-कितनी राशि प्रभावित क्षेत्रों में वितरत की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितनी-कितनी सहायता राशि की मांग कलेक्टरों द्वारा राज्य शासन से की गयी थी? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या किसानों को समय पर राहत राशि वितरित की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई? कारण दें? किन-किन स्थानों पर मुआवज़ा राशि वितरण की क्या-क्या शिकायतें जिला कलेक्टर/शासन को प्राप्त हुई है? प्रश्न दिनांक तक उनका क्या-क्या निराकरण किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल एवं रायसेन जिले में निम्नानुसार राशि वितरित की गई। जिला भोपाल में राशि रूपये 86,09,78,821/- (रूपये छियासी करोड़ नौ लाख अठहत्तर हजार आठ सौ इक्कीस) एवं जिला रायसेन में राशि रूपये 165,88,39,692/- (रूपये एक सौ पैसठ करोड़ अठासी लाख उन्तालीस हजार छ: सौ बानवे)। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिला भोपाल द्वारा राशि रूपये 86,72,99 लाख (रूपये छियासी करोड़ बहत्तर लाख निन्यानवे हजार) एवं जिला रायसेन द्वारा 17032,36 लाख (रूपये एक सौ सत्तर करोड़ बत्तीस लाख छत्तीस हजार) की मांग शासन से की गई। (ग) जी हाँ। भोपाल एवं रायसेन जिले में समय पर किसानों को राहत राशि वितरित की गई। भोपाल जिले में 124 शिकायतें राहत राशि वितरण के संबंध में प्राप्त हुई थी जिनका निराकरण किया गया। रायसेन जिले में कोई भी शिकायतें प्राप्त नहीं हुई।
समग्र स्वच्छता अभियान के तहत शौचालयों का निर्माण
154. ( क्र. 3493 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत जबलपुर को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत शौचालयों का निर्माण कराने हेतु कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि में कितने शौचालयों का निर्माण कराया गया? लक्ष्यपूर्ति बतलावें? वर्ष 2014-15 से 2015-16 तक की जानकारी दें? (ख) जिला पंचायत द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की कितनी राशि किन-किन जनपद पंचायतों को आवंटित की है तथा किन जनपद पंचायतों के द्वारा किन ग्रामों में कितने शौचालयों का निर्माण किस एजेन्सी से कितनी राशि में कराया है? इन शौचालयों की गुणवत्ता की जाँच कब-कब किसने की है तथा कहाँ-कहाँ पर गुणवत्ताविहीन शौचालय पाये गये हैं और इसके लिए दोषियों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) किन-किन जनपद पंचायतों द्वारा निर्धारित मापदण्ड व नियमों के मुताबिक कितने शौचालयों का निर्माण नहीं कराया है एवं क्यों? राशि का दुरूपयोग वित्तीय अनियमितता व निर्माण कार्य में गड़बड़ी की प्राप्त शिकायतों के संबंध में दोषी एजेन्सी/अधिकारी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत जबलपुर को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत शौचालयों का निर्माण कराने हेतु राशि रूपये 1098.33 लाख उपलब्ध हुआ। 31807 शौचालयों का निर्माण कराया गया, जिसमें से 5686 शौचालयों हेतु राशि रूपये 682.22 लाख का भुगतान किया जा चुका है, 14526 शौचालयों का राशि रूपये 1723.08 लाख भुगतान किया जाना शेष है तथा 11595 शौचालयों का निर्माण हितग्राहियों द्वारा स्वयं/नॉन एस.बी.एम. फण्ड द्वारा किया गया है। लक्ष्य 45760 के विरूद्ध 31807 शौचालय निर्मित किये गये है। (ख) जनपद पंचायतों को आवंटित राशि एवं जनपद पंचयतवार निर्मित शौचालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जनपद पंचायतों द्वारा निर्मित 5686 शौचालयों के ग्राम पंचायतवार निर्माण एजेंसी एवं व्यय राशि, गुणवत्ता की जाँच संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। निर्मित शौचालय गुणवत्ताविहीन नहीं पाये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जनपद पंचायतों द्वारा निर्धारित मापदण्ड व नियमों के मुताबिक शौचालय निर्माण कार्य कराया गया है। राशि के दुरूपयोग, वित्तीय अनियमितता व निर्माण कार्य में गड़बड़ी की प्राप्त शिकायतें एवं दोषियों पर कार्यवाही संबंधी विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
राज्य स्तरीय परफॉरमेन्स मद की राशि वितरण में अनियमितता
155. ( क्र. 3502 ) श्री कुँवरजी
कोठार : क्या पंचायत
मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शासन
स्तर पर 13वां वित्त
आयोग एवं 14वां वित्त
आयोग अंतर्गत राज्य
स्तरीय परफॉरमेन्स
मद की कितनी-कितनी
राशि वर्षवार प्राप्त
हुई? (ख)
प्रश्नांश
(क) अनुसार वर्ष
2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न
दिनांक तक किस-किस
जिले को राज्य
स्तरीय परफॉरमेन्स
मद की राशि का आवंटन
प्रदाय किया गया? (ग) क्या
13वां वित्त/14वां वित्त
आयोग अंतर्गत राज्य
स्तरीय परफॉरमेन्स
मद की राशि आवंटित
करने का शासन स्तर
पर कोई मापदण्ड/नियम
है? यदि
हाँ, तो क्या
नियम है?
(घ) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा वर्तमान
वित्तीय वर्ष
हेतु राज्य स्तरीय
परफॉरमेन्स मद
से जन हितैषी अतिमहत्वपूर्ण
निर्माण कार्य
हेतु प्रस्ताव
आयुक्त पंचायत
राज संचालनालय
भोपाल एवं विकास
आयुक्त पंचायत
एवं ग्रामीण विकास
विभाग भोपाल को
प्रेषित किये गये
थे? यदि
हाँ, तो किस
कारणों से राशि
आवंटित नहीं की
गई? क्या
आगामी वित्तीय
वर्ष में अनुशंसित
कार्यों हेतु आवंटन
प्रदान करने की
कोई योजना है? हाँ, तो कब तक अवगत
करावें?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘स‘ अनुसार। (घ)
जी हाँ। 13वें
वित्त आयोग के
अंतर्गत परफारमेंस
ग्राण्ट में बजट
उपलब्ध नहीं होने
तथा 14वें
वित्त आयोग के
अंतर्गत वित्तीय
वर्ष 2015-16 में
परफॉरमेंस ग्रान्ट
का प्रावधान नहीं
होने के कारण राशि
आवंटित नहीं की
जा सकी। जी नहीं, आगामी वित्तीय
वर्ष में 14वें वित्त
आयोग की मार्गदर्शिका
अनुसार परफारमेंस
ग्राण्ट की राशि
सीधे ग्राम पंचायतों
को दिये जाने का
प्रावधान हैं।
वाहनों के रजिस्ट्रेशन एवं ड्रायविंग लायसेंस का निरस्तीकरण
156. ( क्र. 3553 ) श्री अंचल सोनकर : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्षेत्रीय परिवहन विभाग जबलपुर में वाहनों का रजिस्ट्रेशन व ड्रायविंग लायसेंस रद्द करने की क्या प्रक्रिया है? इसके तहत विगत 3 वर्षों में कितने वाहनों का रजिस्ट्रेशन एवं ड्रायविंग लायसेंस रद्द किये गये? रद्द किये जाने का कारण क्या था? (ख) प्रश्नांश (क) विगत 3 वर्षों में जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग द्वारा गंभीर अपराधों एवं दुर्घटनाओं में जप्त किये वाहनों के रजिस्ट्रेशन एवं चालकों के ड्रायविंग लायसेंस निरस्त करने के कितने प्रस्ताव प्राप्त हुये कितने पर कार्यवाही की गई कितने कार्यवाही हेतु शेष है कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) जिला प्रशासन, पुलिस विभाग एवं परिवहन विभाग द्वारा गंभीर अपराधों एवं दुर्घटनाओं में जब्त किये गये वाहनों के प्रकरणों में माननीय न्यायालय में कितने चालान प्रस्तुत किये गये कितने निर्मित प्रकरणों में परिवहन प्रकरणों में कार्यवाही की है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 54 एवं 55 के अनुसार करने का प्रावधान है। इन्हीं प्रावधानों के तहत क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय जबलपुर में विगत 3 वर्षों में दिनांक 01.01.2013 से 15.02.2016 तक की अवधि में 371 वाहनों का पंजीयन रद्द किया गया है। ड्रायविंग लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 19 (1) (क) में दी गई है। विगत 3 वर्षों में पुलिस विभाग एवं अन्य राज्यों के सक्षम अधिकारियों से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार 15 वाहन चालकों के ड्रायविंग लाइसेंस निलंबित/रद्द किये गये हैं। रजिस्ट्रेशन एवं ड्रायविंग लाइसेंस रद्द किये जाने का कारण वाहनो/संबंधितों द्वारा विधिक प्रावधानों का उल्लंघन एवं पूर्ति न करना रहा है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में पुलिस द्वारा कुल 9773 प्रकरण दर्ज किये गये हैं, जिनमें से 8688 वाहन जप्त कर चालानी कार्यवाही की जाकर न्यायालय में पेश किये गये है। परिवहन कार्यालय द्वारा कोई भी चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है।
गृह निर्माण समिति द्वारा अनियमितताएं
157. ( क्र. 3558 ) श्री अंचल सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के अंतर्गत व्हीकल फैक्ट्री कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित जबलपुर के नाम से संस्था का पंजीयन हुआ है? यदि हाँ, तो कब किसके द्वारा बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत सहकारी समिति द्वारा व्हीकल फैक्ट्री के कर्मचारियों को कितने भूखण्ड उपलब्ध कराये गये एवं फैक्ट्री से बाहर के कितने सदस्या को भूखण्ड आवंटित किये सूची देवें? क्या समिति द्वारा नगर एवं ग्राम निवेश (T&C) द्वारा स्वीकृत ले-आउट के अनुसार ही कालोनी को विकसित किया है यदि हाँ, तो ले आउट की प्रति उपलब्ध करावें? क्या समिति द्वारा पानी, बिजली, सड़क नाली आदि की सुविधायें भूखण्ड धारक को उपलब्ध कराई है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित सोसायटी द्वारा क्या अनियमिततायें की जा रही है जिसकी शिकायत समिति के भूखण्ड धारकों द्वारा अनेकों बार की गई है? यदि हाँ, तो शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई कार्यवाही विवरण देवें? क्या विभाग द्वारा सहकारी समिति की जाँच में अनेकों अनियमिततायें पाये जाने के उपरांत समिति को अतिष्ठित कर दिया गया था एवं सहकारी निरीक्षक को प्रभारी अधिकारी नियुक्त कर दिया गया था? (घ) क्या वर्तमान में भी समिति का प्रभार प्रभारी अधिकारी के पास ही है अथवा समिति के पुन: चुनाव करवाकर समिति को बहाल कर दिया गया है यदि हाँ, तो क्यों कारण बतावें? क्या सहकारी समिति की जाँच में पाई गई अनियमितताओं का निराकरण कर लिया गया है? यदि हाँ, विभाग द्वारा क्या निराकरण किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ. दिनांक 05.06.1979 को, उप पंजीयक सहकारी संस्थाऐं, जिला जबलपुर के द्वारा. (ख) व्हीकल फैक्ट्री के 22 कर्मचारियों एवं फैक्ट्री के बाहर के 32 कर्मचारियों को भूखंड आवंटित किये गये है. सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘01’’ अनुसार. जी हाँ. ले आउट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘02’’ अनुसार. अतिक्रमण होने से भूखण्ड धारकों को समिति द्वारा पानी, बिजली, सड़क, नाली आदि की सुविधाऐं उपलब्ध नहीं कराई गई है. (ग) जी हाँ, समिति के विरूद्ध वर्ष 2009-2010 से प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘03’’ अनुसार है. पूर्व में अनियमितताओं के कारण संचालक मण्डल दिनांक 29.12.2007 को अतिष्ठित कर सहकारी निरीक्षक को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया था किन्तु न्यायालय संयुक्त पंजीयक द्वारा अपील में उप पंजीयक का आदेश निरस्त किये जाने से दिनांक 04.03.2008 को संस्था का संचालक मण्डल धारा 53 (10) के अंतर्गत प्रभारी अधिकारी के पर्यवेक्षण में पुनः बहाल हो गया था, तत्पश्चात दिनांक 06.09.2010 को संस्था का नवीन निर्वाचन सम्पन्न हो गया था. (घ) जी नहीं. मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम के नवीन प्रावधान अनुसार निर्वाचन कराया जाना बंधनकारी होने से नवीन संचालक मण्डल के निर्वाचन दिनांक 23.2.2016 को संपन्न हो गया है. वर्ष 2009-2010 से प्रश्न दिनांक तक समिति के विरूद्ध 06 शिकायतें प्राप्त हुई है. 02 प्रकरण न्यायालय के विचाराधीन होने संबंधी स्थिति से शिकायतकर्ताओं को अवगत कराया गया है. 01 प्रकरण में शिकायतकर्ता के भूखण्ड पर अवैध कब्जा होने के संबंध में पुलिस के माध्यम से समस्या का निराकरण कराने हेतु आवेदक को अवगत कराया गया है, 01 प्रकरण में विभाग द्वारा अध्यक्ष के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई, 01 प्रकरण उप पंजीयक न्यायालय में विचाराधीन है, 01 शिकायत जाँच में निराधार पाई गई है.
भूमि विकास बैंकों का व्यवस्थापन
158. ( क्र. 3586 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार की भूमि विकास बैंको को बंद करने की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो इन बैंकों के कर्मचारियों के व्यवस्थापन, बैंकों की परिसम्पत्तियां और खाताधारकों के हिसाब का किस रूप में व्यवस्थापन किया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) के कितने जिलों की बैंकों को बंद किया जाएगा? बैंकों के नामवार, जिलावार ब्यौंरा दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ. बैंकों को परिसमापन में लाये जाने का निर्णय लिया गया है. (ख) बैंकों के कर्मचारियों के प्रदेश के सहकारी बैंकों/सहकारी संस्थाओं में संविलियन की योजना लागू की गई है. जिला बैंकों के ऋणों की वसूली हेतु एकमुश्त समझौता योजना लागू की गई है. बैंकों की परिसम्पत्तियाँ, देयताओं का निराकरण एकमुश्त समझौता योजना अंतर्गत प्राप्त मूलधन की राशि से अथवा परिसमापक द्वारा सहकारी अधिनियम के प्रावधानों के तहत किये जाने का प्रावधान है. (ग) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक एवं 51 जिलों में कार्यरत 38 जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों को परिसमापन में लाये जाने निर्णय लिया गया है. जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है.
जिला रायसेन में गेंहू खरीदी घोटाले में
159. ( क्र. 3603 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन में दिनांक 20.03.13 से 25.05.15 तक कुल कितने गेंहू खरीदी केन्द्र बनाये गये सभी के नाम एवं उन केन्द्रों पर उक्त अवधि में क्रय किया गया गेंहू तथा भंडारण किया गया गेंहू की मात्रा केन्द्रवार तथा वर्षवार बतावें? (ख) क्या भारी मात्रा में क्रय एवं भंडारण में अंतर पाया गया है तो उन समितियों (केन्द्रों) के नाम एवं किस-किस समिति या केन्द्रों की जाँच की गई है और किसकी नहीं की गई है? (ग) क्या जाँच उपरांत दोषियों के खिलाफ F.I.R. किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था? यह कहाँ-कहाँ, किस-किस के विरूद्ध दर्ज हुई है? यदि F.I.R. दर्ज नहीं करवाई गई तो इसके लिए दोषी अधिकारी के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या उक्त घोटले में समिति प्रबंधकों से राशि वसूल की गई है यदि हाँ, तो उन सभी के नाम, वसूल राशि, दिनांक सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला रायसेन में वर्ष 2013-14 में 138, वर्ष 2014-15 में 145 एवं वर्ष 2015-16 में 144 गेंहू खरीद केन्द्र बनाये गये है, केन्द्रों द्वारा उक्त अवधि में क्रय किये गये गेंहू तथा भण्डारण की जानकारी केन्द्रवार वर्षवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है. (ख) क्रय एवं भण्डारण में अन्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है. भारी मात्रा मे अन्तर होने से दिमाडा, दीवानगंज, मण्डीदीप केन्द्रों की जाँच कराई गई, शेष केन्द्रों की जाँच नहीं कराई गई. (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
बलराम तालाब की स्वीकृति
160. ( क्र. 3605 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.10 से 31.12.15 तक कितने बलराम तालाब स्वीकृत किए गए? स्थान एवं अनुदान राशि, सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी राशि किन बैंकों से स्वीकृत की गई? बैंक ऋण की वर्तमान स्थिति क्या है? प्रश्नांश (क) अनुसार बतावें? (ग) जहां पर बलराम तालाब नहीं पाये गये वहां जिम्मेदारों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 149 बलराम तालाब स्वीकृत किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बैंक ऋण का कोई प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बलराम तालाब नहीं पाये जाने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, प्रत्येक अनुदान राशि प्राप्त कृषको के यहाँ बलराम तालाब पाये गये है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों को ऋण प्रदाय
161. ( क्र. 3606 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि महिदपुर वि.स. क्षेत्र की कृषक सेवा सहकारी संस्था मर्यादित बैजनाथ जिला उज्जैन में ग्राम राजू निपानिया के कितने कृषकों को विगत 10 वर्षों में ऋण प्रदाय किया गया, वर्षवार जानकारी दें?
पंचायत मंत्री (श्री गोपाल भार्गव): जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है.
किसानों को बीमा राशि का भुगतान
162. ( क्र.
3611 ) श्री
चैतराम
मानेकर :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
ग्राम पंचायत
राजेगांव के
ग्राम भुयारी, बोरगाव
राजेगांव
(प.ह.न. 40)
के किसानों
से वर्ष 2014-2015 की
सोयाबीन फसल
बीमा राशि ली
गई थी?
(ख) यदि
हाँ, तो
किसानों को
प्रश्नांश
तक कितनी-कितनी
बीमा राशि
(सोयाबीन फसल
की) दी गई? (ग)
यदि नहीं, तो
किसानों को आज
दिनांक तक
सोयाबीन फसल
की बीमा राशि
क्यों नहीं
दी गई?
(घ)
किसानों को कब
तक सोयाबीन
फसल की बीमा
राशि दी
जायेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जी हाँ. (ख)
बीमा कंपनी से
बीमा दावा
राशि प्राप्त
नहीं होने से
किसानों को
भुगतान नहीं
की गई. (ग) खरीफ 2014 मौसम
हेतु पटवारी
हल्का नं. 40, तहसील
आमला में
सोयाबीन फसल
हेतु उपज में
कमी नहीं पाये
जाने से बीमा
कंपनी से
क्षतिपूर्ति
देय नहीं है. (घ)
उत्तरांश ‘ग’ के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता.
शासन के निर्देशों का उल्लंघन
163. ( क्र. 3671 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास के ज्ञाप दिनांक 18.01.2013 जिसे पंचायत राज संचालनालय मध्यप्रदेश के द्वारा समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को पत्र क्रमांक 8132 दिनांक 25.07.2014 के द्वारा भेजा गया है, में लेख है कि सामुदायिक भवनों की संख्या अनुसार राशि का वितरण शर्तों के अधीन था? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित परिपत्र की पहली शर्त के अनुसार सामुदायिक भवन के कार्यों में क्षेत्रीय विधायक की सहभागिता सुनिश्चित की जाना थी? (ग) यदि हाँ, तो फिर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत राहतगढ़ द्वारा प्रश्नकर्ता क्षेत्रीय विधायक की जानकारी में लाये बगैर सामुदायिक भवन का स्थान परिवर्तन कर निर्माण कार्य हेतु राशि जारी कर देना, क्या उनकी स्वेच्छाचारिता एवं शासन के निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है या अथवा नहीं? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश कंडिका (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत राहतगढ़ के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण कर प्रकरण में अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताया जावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जनपद पंचायत राहतगढ़ की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 17.06.2015 के प्रस्ताव क्र. 05 द्वारा जनपद पंचायत राहतगढ़ को प्रदाय 04 सामुदायिक भवनों में से विधानसभा क्षेत्र सुरखी के मान.विधायक की अनुशंसा पर ग्राम जौहरीयाशेख एवं विधानसभा क्षेत्र नरियावली के मान.विधायक की अनुशंसा पर ग्राम नरियावली में सामुदायिक भवन स्वीकृत किये गये शेष 02 सामुदायिक भवनों के स्थलों का चयन सामान्य प्रशासन समिति के सदस्यों द्वारा किया जाकर समस्त 04 सामुदायिक भवनों का चयन सर्वसमिति से सामान्य प्रशासन समिति जनपद पंचायत राहतगढ़ जिला सागर द्वारा किया गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत राहतगढ़ द्वारा शासन के निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया गया है। (घ) उपरांश-‘ग‘ के परिपेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्वप्रेरणा से निराकृत प्रकरण
164. ( क्र. 3673 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग में राज्य शासन के अधिनियम/नियम के तहत स्वप्रेरणा से कुछ विशिष्ट प्रकार के प्रकरण निराकृत किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम/निर्देश की प्रति उपलब्ध कराते हुये प्रक्रिया बतावें एवं उन प्रकरणों की जानकारी दी जावे जिनको पटवारी द्वारा स्वप्रेरणा से निराकरण करना चाहिये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सागर जिले के राजस्व विभाग में पटवारियों के द्वारा दिनांक 1.4.2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने-कितने और कौन-कौन से प्रकरण कब-कब स्वप्रेरणा से निराकृत किये गये है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार हल्का पटवारी द्वारा स्वप्रेरणा से निराकृत किये गये प्रकरणों के बाद अब ऐसे कितने प्रकरण पटवारी हल्का में शेष हैं, जिनमें अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है? कब तक प्रकरण निराकृत कर दिये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 50 के अंतर्गत राजस्व न्यायालयों को स्वप्रेरणा से प्रकरणों के निराकरण करने की शक्तियां प्रदत्त है। पटवारी को स्वप्रेरणा से प्रकरणों के निराकरण की शक्तियां नहीं है। नियम निर्देश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पटवारी को स्वप्रेरणा से प्रकरणों के निराकरण की शक्तियां नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ”ख” के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जनश्री/आम आदमी बीमा योजना
165. ( क्र. 3688 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनश्री/आम आदमी बीमा योजनांतर्गत जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुये तथा उनमें से कितने स्वीकृत हुये? (ख) स्वीकृत प्रकरणों में कितने व्यक्तियों को दावा राशि का भुगतान किया गया? कृपया ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? (ग) प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण लंबित हैं? लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) जनश्री बीमा योजना के स्वीकृत 21 प्रकरणो में तथा आम आदमी बीमा योजना में 03 प्रकरणों में दावा राशि का भुगतान किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) कोई प्रकरण लंबित नहीं होने से, कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शौचालयों एवं मेढ़ बंधान निर्माण
166. ( क्र. 3760 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत ग्राम पंचायत अतरार में जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालयों एवं मेढ़ बंधान के निर्माण का किया गया? कार्यों के नाम, स्वीकृत राशि एवं हितग्राहियों की संख्या सहित सूची प्रदाय करें? कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त कार्यों की राशि, हितग्राहियों को कब-कब प्रदाय की गई? किस बैंक खाते में किस दिनांक को जमा की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति एवं कार्य पूर्णत: प्रमाण पत्र किन-किन अधिकारियों द्वारा प्रदाय किया गया? नाम एवं पदनाम सहित जानकारी प्रदाय करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
ग्राम पंचायत में किए गए कार्य
167. ( क्र. 3761 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत ग्राम पंचायत कुर्रा में विगत 03 वर्षों में तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत कितने कार्यों कितनी राशि के किए गए? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विगत 03 वर्ष में ग्राम पंचायत कुर्रा में कितने मार्गों के निर्माण, रख-रखाव, मरम्मत हेतु राशि व्यय की गई? इन मार्ग की क्या उपयोगिता है? वर्तमान में इनकी क्या स्थिति है? (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कुर्रा में विगत 03 वर्ष में कपिल धारा कूप निर्माण के अंतर्गत कितने व्यक्तिगत, सार्वजनिक कूपों का निर्माण किया गया? उक्त कूप किस वर्ष स्वीकृत किए गए? कितनी राशि व्यय की गई? कूप निर्माण की राशि का भुगतान कितना किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम 12 अनुसार। (ख) विगत तीन वर्षों में ग्राम पंचायत कुर्रा में 05 सी.सी. रोड निर्माण एवं 04 सुदूर सड़क मार्गों के निर्माण हेतु रू. 8.87 लाख की राशि व्यय की गई। मार्गों के रख-रखाव एवं मरम्मत हेतु कोई कार्य नहीं किया गया। ग्रामवासियों के आवागमन हेतु इन मार्गों की उपयोगिता है, वर्तमान में 04 सी.सी. रोड निर्माण कार्य पूर्ण है तथा 01 सी.सी. रोड निर्माण एवं 04 सुदूर सड़क निर्माण प्रगतिरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) ग्राम पंचायत कुर्रा में विगत तीन वर्षों में 10 कपिल धारा कूप निर्माण स्वीकृत किये गये तथा कोई भी सार्वजनिक कूप निर्माण स्वीकृत नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
सहकारी संस्थाओं में सदस्यों की नियुक्ति
168. ( क्र. 3789 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विपणन सहकारी संस्थाओं में क्या एक ही परिवार के सदस्यों को पदासीन किया जाता है? यदि नहीं, तो गुना में विपणन सहकारी सोसायटी मर्यादित में 12 वर्षों से यह कृत्य क्यों चल रहा है? (ख) उक्त संस्था में निर्वाचन दिनांक 03.03.2013 को हुआ निर्वाचित प्रतिनिधि का एक माह बाद निधन हो गया परंतु आज दिनांक तक पद रिक्त है? क्या कारण है? (ग) दिनांक 14.07.2015 को अवैध रूप से निष्कासित संचालकों को बिना स्थाई आदेश के पद रिक्त घोषित करना नियम विरूद्ध है, परंतु सदस्य संचालक ने पद रिक्त घोषित कर दिये यदि हाँ, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, पदासीन संचालक/पदाधिकारीगण निर्वाचन प्रक्रिया से निर्वाचित हुये हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है. (ख) संस्था में निर्वाचन दिनांक 03.03.2013 को हुआ था, संस्था अध्यक्ष श्री गोपाल शर्मा पुत्र विटठल दास शर्मा का निधन दिनांक 17.05.2013 को हुआ, जी नहीं, दिनांक 20.01.2016 को रिक्त पद का निर्वाचन हो गया है. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) उप आयुक्त सहकारिता जिला गुना के पत्र क्रमांक/विधानसभा/ 2015/1037 दिनांक 14.07.2015 से संचालकों के पद रिक्त घोषित नहीं किये गये, परंतु विपणन सहकारी संस्था गुना को अपात्र संचालकों को धारित पद से पृथक करने हेतु निर्देशित किया गया है. विपणन सहकारी संस्था मर्यादित गुना द्वारा उक्त पत्र के क्रम में संस्था के संचालक मण्डल की बैठक दिनांक 02.08.2015 के संकल्प क्रमांक 01 में उक्त पत्र का पालन कर रिक्त पदों के निर्वाचन हेतु निर्णय लिया गया. संस्था के संकल्प में अपात्र संचालकों के पद रिक्त होने के संबंध में स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं होने से अपात्र संचालकों के विरूद्ध धारा 50 क (2) के अंतर्गत पद रिक्तता की कार्यवाही हेतु संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थायें संभाग ग्वालियर को उप आयुक्त सहकारिता जिला गुना के पत्र क्रमांक/विधानसभा/16/ 162 दिनांक 15.02.2016 से लिखा गया है.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना निर्माण
169. ( क्र. 3842 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छिंदवाड़ा के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के इकाई क्रमांक 3 के अंतर्गत कितनी सड़कों का निर्माण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत किस-किस सड़क के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई तथा स्वीकृत राशि के अनुसार कार्य कराया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का कार्य किस ठेकेदार के द्वारा कराया गया है? कराये गये कार्य से सड़क की एक वर्ष के अंदर जर्जर हालत होने के लिये कौन दोषी हैं? (घ) क्या इसकी जाँच किसी बड़ी एजेंसी से कराकर घटिया कार्य के लिये दोषी पाये व्यक्ति/ठेकेदार/अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला छिंदवाड़ा के विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन इकाई 3 छिंदवाड़ा द्वारा 122 सड़कों का निर्माण कराया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सड़क निर्माण कार्य राशि स्वीकृत होने के पश्चात् प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डों के अनुसार कराया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सड़कों की हालत जर्जर नहीं होने से किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के परीक्षण हेतु त्रिस्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण की व्यवस्था है। जिसमें इकाई स्तर पर विभागीय अधिकारी, कंसलटेंट, राज्य स्तर पर स्टेट क्वालिटी मॉनीटर एवं राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल क्वालिटी मॉनीटर द्वारा स्वतंत्र रूप से नियमित रूप से गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है अतः वर्तमान में अन्य कोई जाँच कराने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
ब्यावरा तहसील को जिला बनाया जाना
170. ( क्र. 3882 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विधानसभा प्रश्न क्रमाक-1288 दिनांक 10 जुलाई, 2013 के उत्तर की कंडिका (ख) में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा बताया गया था कि ब्यावरा तहसील को जिला बनाये जाने के संबंध में दिनांक 04.03.2013 को संभागायुक्त भोपाल को प्रतिवेदन भेजने हेतु लिखा गया है एवं दिनांक 05.04.2013 को पुन: लिखा गया है। यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक संभागायुक्त भोपाल द्वारा शासन को प्रतिवेदन प्रेषित कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि शासन को उक्त प्रतिवेदन प्राप्त हो चुका है तो प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन व्यावरा तहसील को पृथक नवीन जिला घोषित करेगा? यदि हाँ, तो तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण
171. ( क्र. 3897 ) श्री दिनेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना व मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत विगत 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितनी व कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई है, साथ ही स्वीकृत/निर्मित सड़कों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इनमें से कितनी सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है व कितनी अपूर्ण है तथा कितनी सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया है और नहीं कराये जाने के क्या कारण है, साथ ही उक्त सड़कों के कार्यों को पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा क्या थी? (ग) उक्त प्रश्नांशों के संदर्भ में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई व लंबित सीयूपीएल की सड़कों के प्रस्तावों को कब तक स्वीकृति प्रदान की जाकर कार्य प्रारंभ कराया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना व मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में क्रमश 56 एवं 7 सड़कों के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सिवनी विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत वर्तमान में सी.यू.पी.एल. के अंतर्गत कोई भी सड़क निर्माण कार्य का प्रस्ताव लंबित नहीं है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुआवजा राशि का भुगतान
172. ( क्र. 3898 ) श्री दिनेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में कम वर्षा, अधिक वर्षा, असामयिक वर्षा, ओलावृष्टि, आंधी तूफान से किसानों की खरीफ की फसल नुकसान हुई है। यदि हाँ, तो क्या शासन/ प्रशासन द्वारा इसका आंकलन ग्रामवार कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिवनी जिले में कौन-कौन से ग्राम, तहसील एवं जिला फसल नुकसान के संबंध में चिन्हित किये गये है? क्या फसल नुकसान का आंकलन किया गया है। यदि हाँ, तो कितने किसान की कितनी-कितनी कौन-कौन सी फसल का नुकसान कितने प्रतिशत हुआ है? (ग) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में किसानों की फसल सोयाबीन, मिर्ची एवं अन्य फसलें, उद्यानिकी फसलों की नुकसानी हुई है। कब तक किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा एवं फसल बीमा क्लेम की राशि उपलब्ध करायी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2015-16 में किसानों की खरीफ फसल की नुकसानी होने पर फसल नुकसान का आंकलन ग्रामवार कराया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिवनी जिले की प्रभावित तहसीलों की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। फसल नुकसानी का आंकलन किया गया है। जिले के 1,21,696 किसानों की उड़द, मूंग सोयाबीन एवं धान की फसलों को 25% से अधिक क्षति हुई है। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में सोयाबीन फसल की नुकसानी हुई है। किसानों को फसल क्षति के लिए राहत राशि का भुगतान किया जा चुका है। राष्ट्रीय कृषि बीमा अंतर्गत खरीफ 2015 हेतु क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। उद्यानिकी फसलों हेतु उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित मौसम आधारित फसल बीमा योजना अंतर्गत खरीफ 2015 में बीमा आवरण निरंक है।
दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
173. ( क्र. 3911 ) श्री संजय पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक-184, दिनांक 07.12.2015 के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ जानकारी परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) का उत्तर जी हाँ जाँच प्रतिवेदन के आधार पर श्री जे.आर.हेडाउ तात्कालीन उपसंचालक कृषि कटनी के विरूद्ध शासन के पत्र क्रमांक-एफ-4-ए/30/2015/14-1, दिनांक 01.10.2015 द्वारा आरोप पत्र जारी किये गये हैं जानकारी परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) का उत्तर उत्तरांश (ख) अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। जी हाँ हरदा जिले की शिकायत की जाँच हेतु अधिकारी नियुक्त किया गया जाँच प्रक्रियाधीन है। (घ) का उत्तर विभागीय जाँच में गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो आरोप पत्र का जवाब कब प्राप्त हुआ? प्राप्त जवाब में शासन स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रारंभ की गई तो प्राप्त जवाब एवं कार्यवाही तथा जाँच से संबंधित पत्र की छायाप्रति देवें। (ग) क्या यह सही है कि हरदा जिले में तात्कालीन उपसंचालक द्वारा 4.36 लाख रूपये मध्यप्रदेश कृषि उद्योग विकास निगम को अग्रिम प्रदाय किया गया था? जिसका समायोजन वर्तमान उप संचालक ने फर्जी तरीके से बिल प्राप्त कर राशि का समायोजन किया गया जिसकी शिकायत शासन को की गई जिसकी जाँच कराई जा रही है तथा इसी तरह से टीकमगढ़ जिले के कार्यकाल की जाँच संयुक्त संचालक सागर से कराई गई? यदि हाँ, तो हरदा एवं टीकमगढ़ के जाँच प्रतिवेदनों की कॉपी देवें। (घ) क्या यह सही है कि सीहोर, बुरहानपुर, टीकमगढ़, कटनी तथा हरदा के कार्यकाल में किये गये भ्रष्टाचार की जाँच शासन स्तर पर विचाराधीन है? (ड.) यदि प्रश्नांश (क) (ख), (ग), (घ) हाँ तो दोषी अधिकारी को बचाने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? संबंधित को निलंबित कर जिले के स्वतंत्र प्रभार से कब तक अलग किया जायेगा? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री हेडाउ से आरोप पत्र का जबाव प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। (घ) जी हाँ। सीहोर जिले के कार्यकाल के संबंध में श्री जे.आर.हेडाउ, तत्कालीन सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी, सीहोर की विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन है। बुरहानपुर के कार्यकाल की कोई विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन नहीं है। (ड.) जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विगत पाँच वर्षों में स्वीकृत एवं निर्माण कार्य
174. ( क्र. 3912 ) श्री संजय पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी विभाग कटनी द्वारा वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में कौन-कौन से कितनी राशि व कार्य स्वीकृत कराये गये? उक्त राशि किस-किस विभाग से प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण किये गये एवं कितने कार्य निर्माणाधीन हैं? कितने प्रारंभ नहीं हुये? (ग) ऐसे कितने निर्माण कार्य हैं जो निर्माण के प्रथम वर्ष पश्चात् क्षतिग्रस्त हो गये तथा उक्त कार्य किस अधिकारी एवं ठेकेदार के द्वारा कराया गया बतायें? गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य के लिये कौन दोषी है? (घ) क्या क्षतिग्रस्त निर्माणों को संबंधित ठेकेदार द्वारा पूर्ण कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवार जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वीकृत कार्यों में से 97 कार्य पूर्ण, 23 कार्य निर्माणाधीन एवं 27 कार्य अप्रारंभ है। (ग) मुखयमंत्री सड़क योजना अंतर्गत निर्मित कुठियामेहगवां से तालीरोहनिया मार्ग पर स्थित पुलियों को वर्षाकाल में क्षति पहुँची थी। मार्ग ठेकेदार की गारंटी पीरियड में होने से उनके द्वारा सुधार कार्य हेतु 15 दिवस का समय दिया गया है। इस कार्य के ठेकेदार श्री पंकज राय हैं एवं इस कार्य का पर्यवेक्षण श्री ए.पी. भारद्वाज कार्यपालन यंत्री, श्री एस.के.श्रीवास्तव सहायक यंत्री एवं श्री के.के.गुप्ता सहायक यंत्री द्वारा कराया गया। कार्य गुणवत्ताविहीन न होने से कोई दोषी नहीं है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश (ग) अनुसार।
श्री दिनेश सोनी तहसीलदार की पदस्थापना
175. ( क्र. 3928 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री दिनेश सोनी तहसीलदार जिला झाबुआ में किस-किस दिनांक से किस-किस तहसील में कब-कब पदस्थ रहे? जिला झाबुआ में पदस्थ अवधि में श्री दिनेश सोनी तहसीलदार को किस-किस दिनांक को शासकीय आवास गृह कहाँ-कहाँ पर आवंटित किये गये? (ख) क्या श्री सोनी को पेटलावद एवं रानापुर तहसीलदार पदस्थ रहते हुए पेटलावद, रानापुर एवं जिला मुख्यालय झाबुआ में भी शासकीय आवास गृह आवंटित किये गये है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में यदि हाँ, तो क्या एक तहसीलदार को दो स्थानों पर शासकीय आवास गृह आवंटन की पात्रता है? यदि नहीं, तो क्या श्री सोनी से वसूली की क्या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक? (घ) क्या श्री सोनी द्वारा झाबुआ में निवासरत रहते हुए झाबुआ पेटलावाद एवं रानापुर प्रतिदिन शासकीय वाहन से अप डाउन किया जाता है? क्या वाहन में लगने वाले पी.ओ.एल. की वसूली इनके वेतन से की जावेगी तथा कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) श्री दिनेश सोनी तहसीलदार जिला झाबुआ में तहसील पेटलावद में दिनांक 06.02.2012 से 24.08.2013 तक, तहसील रानापुर में दिनांक 26.08.2013 से 31.12.2015 तक तहसीलदार पद पर पदस्थ रहे हैं एवं दिनांक 06.11.2015 से तहसील झाबुआ में अतिरिक्त प्रभार के रूप में रहे हैं। श्री सोनी तहसीलदार, पेटलावद एवं रानापुर में पदस्थ दिनांक से तहसीलदार हेतु चिन्हित आवास में रहे हैं। जिला मुख्यालय झाबुआ में दिनांक 21.01.2012 तथा 31.05.2012 को शासकीय आवासगृह आवंटित किया गया है। (ख) जी नहीं। जिला मुख्यालय झाबुआ में शासकीय आवासगृह की मांग की जाने से दिनांक 20.01.2012 को शासकीय आवास आवंटित किया गया। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) तहसील पेटलावद, रानापुर एवं झाबुआ से प्राप्त लॉगबुक की जानकारी अनुसार तहसीलदार द्वारा शासकीय वाहन का उपयोग शासकीय कार्य से किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिवृष्टि/बाढ़ग्रस्त कुटीर
176. ( क्र. 3980 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत हटा जिला दमोह अंतर्गत बाढ़ग्रस्त/ अतिवृष्टि योजना की कितनी-कितनी कुटीरें वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में किन-किन पंचायतों में कितने हितग्राहियों को प्रदाय की गई राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्षेत्रीय भ्रमणोपरांत प्राप्त शिकायत के आधार पर यह कुटीरें निर्मित नहीं हुई एवं मूल्यांकनकर्ता द्वारा मूल्यांकन कर राशि आहरित की गई मूल्यांकनकर्ता का भी नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें एवं जाँच दल बनाकर जाँच करायी जायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत हटा, जिला दमोह अंतर्गत बाढ़ग्रस्त/अतिवृष्टि मद से वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में कोई लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ था। वर्ष 2012-13 में विशेष पैकेज के तहत भारत सरकार द्वारा बाढ़ग्रस्त/अतिवृष्टि से प्रभावित आवास हेतु दमोह जिले को 929 का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध जनपद पंचायत हटा को बाढ़ग्रस्त/अतिवृष्टि मद अंतर्गत 222 कुटीरें स्वीकृत हुई थी। स्वीकृत हितग्राहियों की ग्राम पंचायतवार राशि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बाढ़ग्रस्त/अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को कुटीरें आवंटन उपलब्ध होने पर वर्ष 2014-15 में प्रथम किश्त अग्रिम जारी की गई है। प्रथम किश्त के उपरांत दरबाजा स्तर तक आवास निर्मित होने पर उसका मूल्यांकन ग्राम पंचायत क्षेत्र के पीसीओ/उपयंत्री/एडीईओ के माध्यम से कराने का प्रावधान है। उसके उपरांत दरवाजे स्तर तक पूर्ण होने पर तथा आवास साफ्ट में निर्धारित मापदण्ड के फोटो अपलोड करने पर द्वितीय किश्त जारी की जाती है। इंदिरा आवास योजना में मूल्यांकन का प्रावधान नहीं है।
जल ग्रहण मिशन योजना संबंधित जानकारी
177. ( क्र. 3984 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 10 वर्षों में बैतूल जिले में संचालित राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन योजना में संचालित योजनाओं के विकास में विकास निधि की सुरक्षित जमा राशि, बैंक का नाम, संस्थावार सूची में उपलब्ध करायें? (ख) विगत 10 वर्षों में किन-किन परियोजनाओं के समाप्त होने के बाद किस-किस परियोजना अधिकारी के अंतर्गत जाने वाली संस्थाओं के अध्यक्षों एवं सचिवों के विकास खातों में कितनी सुरक्षित जमा राशि किस वर्ष तक जमा थी? इस जमा राशि का उपयोग किस प्रयोजन के लिये किया गया? किस अधिकारी के हस्ताक्षर से किस बैंक से राशि जारी की गयी? संस्था का नाम, प्रयोजन का नाम, बैंक का नाम, राशि निकालने का दिनांक इस फार्मेट में सूची दें? (ग) योजना के संबंध में वर्तमान सी.ई.ओ. जिला पंचायत, बैतूल को की गयी शिकायत में आमला के ग्राम तत्कालीक परियोजना अधिकारी द्वारा दिनांक 22.11.2014 से 13.7.2015 की अवधि में षडयंत्र रचकर नकद एवं चेक के माध्यम से रू. 283650 आहरित किये जाने से शासकीय राशि के गबन में संलिप्त अधिकारियों एवं व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) शिकायत की जाँच कराई गई। संबंधित दोषियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम एवं धारा 120 बी, 420 के तहत् पुलिस में प्राथमिकी (एफ.आई.आर.) दर्ज कराई गई है।
नामांतरण मामलों से संबंधित जानकारी
178. ( क्र. 3985 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में आज दिनांक तक कितने विवादित-अविवादित नामांतरण तथा आपसी बंटवारे के प्रकरण प्राप्त हुये? (ख) क्षेत्र के आज दिनांक तक के विवादित-अविवादित नामांतरण तथा आपसी बंटवारे के कितने प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है? कितने प्रकरणों का निराकरण करना शेष है? (ग) क्षेत्र के आज दिनांक तक के कितने विवादित-अविवादित नामांतरण तथा आपसी बंटवारे के प्रकरण हैं जिनका निराकरण नहीं हो सका? लंबित रखने का कारण बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मुलताई विधान-सभा क्षेत्र की मुलताई तहसील में राजस्व वर्ष 2015-16 में आज दिनांक तक 351 विवादित नामांतरण एवं 670 अविवादित नामांतरण तथा 445 बंटवारे के प्रकरण प्राप्त हुए है। (ख) प्राप्त प्रकरणों में से आज दिनांक तक क्रमश: 25 विवादित, 670 अविवादित नामांतरण तथा 32 आपसी बंटवारे का निराकरण कर दिया गया है तथा शेष 326 विवादित नामांतरण तथा 413 आपसी बंटवारे के प्रकरण निराकरण हेतु शेष है। (ग) तहसील अंतर्गत आज दिनांक तक विवादित नामांतरण के 326 एवं आपसी बंटवारे के 413 का निराकरण नहीं हो सका। लंबित रखने का कारण तहसील अंतर्गत तहसीलदार/नायब तहसीलदार के पद रिक्त होना है।
चन्दला वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत सुदूर सड़कों का निर्माण
179. ( क्र. 3997 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चन्दला विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड लवकुशनगर/ गौरिहार के अंतर्गत वर्ष 2014-15, 15-16 में कितनी सुदूर सड़कों को किन-किन ग्राम पंचायतों में निर्माण कराया गया? उसकी स्वीकृत अनुमानित राशि पंचायतवार उपलब्ध करावें? (ख) क्या जिन ग्राम पंचायतों में सुदूर सड़कों का निर्माण हुआ है? उनमें से कितनी पूर्ण है कितनी अपूर्ण है? (ग) उक्त सुदूर सड़कों को किन-किन इंजीनियरों द्वारा मूल्यांकन किया गया है? कार्यों के भुगतान की राशि का भी विवरण देवें? (घ) क्या अधिकांशत: ग्राम पंचायतों में सुदूर सड़कों का निर्माण स्टीमेट के अनुसार नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो उनका भुगतान कैसे कर दिया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सुदूर ग्राम सम्पर्क व खेत सड़क उपयोजना अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में छतरपुर जिले की चन्दला विधानसभा की जनपद पंचायत लवकुश नगर में 53 एवं जनपद पंचायत गौरिहार में 97 सड़कों का निर्माण प्रारंभ कराया गया। स्वीकृत राशि की पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' में उल्लेखित सभी कार्य प्रगतिरत हैं। (ग) मूल्यांकनकर्ता उपयंत्री एवं भुगतान की राशि की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक 6 एवं 7 अनुसार है। (घ) जी नहीं। स्वीकृत सुदूर सड़कों का निर्माण स्टीमेट अनुसार ही कराया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.सी. रोड का निर्माण
180. ( क्र. 3998 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चंदला वि.सभा क्षेत्रान्तर्गत वि.ख.लवकुशनगर एवं गौरिहार अंतर्गत सी.सी. रोड का निर्माण कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार किस-किस योजना अंतर्गत कितनी-कितनी सी.सी. रोड के निर्माण कार्य कराये गये? (ख) क्या वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक जितने नवीन सी.सी. रोडों का निर्माण किया गया है वो लगभग 3 से अधिक पुरानी सी.सी. पर निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो लेआउट एवं मूल्यांकन कर्ता के ऊपर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार किन-किन निर्माण कार्यों का किस-किस उपयंत्री द्वारा मूल्यांकन किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार पूर्ण कार्यों का पूर्णत: प्रमाणपत्र किस-किस अधिकारी द्वारा जारी किये गये पद, नाम, दिनांक सहित बतावें? प्रश्न (ग) के अनुसार मूल्यांकन राशि का किस-किस अधिकारी द्वारा सत्यापन कराया गया उल्लेख करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ के कॉलम नम्बर 02, 04 एवं 05 अनुसार। (ख) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक चंदला विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तीन वर्ष पुरानी सी.सी. रोडों पर पुनः सी.सी. रोड कराये जाने संबंधी कोई जानकारी अथवा शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ के कॉलम नम्बर 04 एवं 10 के अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ के कॉलम नम्बर 10 एवं 11 अनुसार।
विकास विस्तार अधिकारियों की पदोन्नति
181. ( क्र. 4010 ) श्री सूर्यप्रकाश मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक विकास विस्तार अधिकारियों के कितने पद स्वीकृत है उसके विरूद्ध कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों को भरने हेतु क्या नियम हैं? रिक्त पद कब तक भरे जायेंगे? (ख) विकास विस्तार अधिकारी और विकासखंड अधिकारी के पदोन्नति वाले कितने पद कब से रिक्त है एवं कब तक भरे जायेंगे? क्या विकासखंड अधिकारी के लिये शैक्षणिक योग्यता स्नातक है? यदि हाँ, तो कितने गैर स्नातक विकास विस्तार अधिकारी पदोन्नत कर विकासखंड अधिकारी बनाये गये? इस विसंगति के लिये दोषी कौन? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के क्रम में दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही की गई एवं कब तक विकास विस्तार अधिकारियों को पदोन्नत किया जायेगा? (घ) विकासखंड अधिकारी से मुख्य कार्यपालन अधिकारी और अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारी से उपायुक्त (विकास) के पद पर कब से डी.पी.सी. नहीं की गई और क्यों नहीं की गई? वर्ष में 2 बार डी.पी.सी. के निर्देश होने के बाद भी नहीं होने के लिये दोषी कौन एवं कब तक रिव्यू डी.पी.सी. की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सहायक विकास विस्तार अधिकारी के 1640 पद स्वीकृत हैं उसके विरूद्ध 283 पद रिक्त हैं। रिक्त पदों पर भर्ती, विभागीय भर्ती नियमानुसार की जाती है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) विकास विस्तार अधिकारी के 173 एवं विकासखंड अधिकारी के पदोन्नति के 26 पद 30.08.14 के बाद से रिक्त हैं। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। जी हाँ, विकासखंड अधिकारी के सीधी भर्ती के पद हेतु शैक्षणिक योग्यता स्नातक है। लगभग 178 गैर स्नातक विकास विस्तार अधिकारी पदोन्नत कर विकासखंड अधिकारी बनाये गये। विभागीय भर्ती नियमानुसार वरिष्ठता-सह-उपयुक्तता के आधार पर समय-समय पर गैर स्नातक विकास विस्तार अधिकारियों की पदोन्नति विकासखंड अधिकारी के पद पर की गई है। विसंगति नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ''ख'' अनुसार। (घ) विकासखंड अधिकारी से मुख्य कार्यपालन अधिकारी की विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक वर्ष 2014-15 में नहीं की गई। भर्ती नियमों में प्रावधानुसार फीडिंग कैडर में पात्र अधिकारी उपलब्ध न होने के कारण। दिनांक 28.11.2013 को कार्यालय के स्थापना/बजट शाखा में लगी आग में पदोन्नति संबंधी अभिलेख नष्ट होने के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी से उपायुक्त (विकास) के पद पर वर्ष 2014-15 में पदोन्नति नहीं हो सकी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आवश्यकतानुसार रिव्यू डीपीसी की जाती है।
हरदा जिले के रहटगांव-कासरनी एवं पानतलाई-छिदगांव सड़क मार्ग
182. ( क्र. 4036 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत रहटगांव से कासरनी एवं पानतलाई से छिदगांव सड़कों का निर्माण किस दिनांक को पूर्ण हुआ, कितनी राशि खर्च हुई, उक्त सड़कों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया एवं इस सड़क को कितने वर्षों तक उपयुक्त माना गया है? (ख) रहटगांव से कासरनी एवं पानतलाई से छिदगांव सड़क मार्ग अत्यन्त जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है? गुणवत्ताविहीन कार्य के लिए संबंधित एजेंसी ठेकेदार अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ग) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत विगत 3 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितनी व कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई, कितनी राशि का प्रावधान किया गया, कितनी सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है कितने अपूर्ण हैं, कितने सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है और कार्य पूर्ण एवं प्रारंभ नहीं कराए जाने के क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत रहटगांव से कासरनी सड़क निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। पानतलाई से छिदगांव सड़क निर्माण कार्य दिनांक 31.08.2010 को पूर्ण हुआ है, इस निर्माण कार्य पर राशि रूपये 78.58 लाख व्यय हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़कों का निर्माण आगामी 10 वर्षों के यातायात को दृष्टिगत रख किया जाता है। (ख) जी नहीं, रहटगांव से कासरनी मार्ग निर्माणाधीन जिसे ठेकेदार द्वारा मानक अनुसार पूर्ण किया जाना है। पानतलाई से छिदगांव सड़क का संधारण कार्य नहीं करने के कारण ठेकेदार का ठेका निरस्त कर उसकी जमा परफार्मेन्स निधि एवं सुरक्षा निधि की राशि शासन के पक्ष में जमा की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
खाद वितरण में अनियमितता
183. ( क्र. 4073 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में शासन से जिला विपणन अधिकारी कार्यालय को कितनी-कितनी खाद यूरिया एवं डी.ए.पी. का आवंटन प्राप्त हुआ? इसे कौन-कौन सी संस्था/डीलरों को किस मान से आवंटित किया गया एवं संस्थाओं/डीलरों द्वारा किसानों को किस मान से किस दर पर यूरिया, डी.ए.पी. उपलब्ध कराया गया? (ख) वर्ष 2015-16 में राज्य सह. विपणन संघ द्वारा दतिया जिले में कितनी धान समर्थन मूल्य में क्रय की गई? (ग) वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में जिला विपणन अधि. कार्या. दतिया द्वारा कृषि विभाग से स्वीकृत कृषि यंत्र एवं पाईप कितने किसानों को उपलब्ध कराये? (घ) क्या जिला विपणन कार्या. दतिया अधिकारियों द्वारा खाद वितरण में शासन के नियमों का उल्लंघन करते हुए डीलरों को यूरिया ब्लेक में बेची साथ में डी.ए.पी. नहीं दिया, क्या इन्होनें चालू वर्ष की धान कृषकों से न लेकर गतवर्ष की पुरानी धान व्यापारियों से क्रय की, कृषि विभाग से स्वीकृत कृषि उपकरणों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर भुगतान प्राप्त किया है? किसानों को सामग्री नहीं दी गई है? यदि नहीं, तो इनकी कराकर इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विपणन संघ दतिया को कृषि विभाग से रबी वर्ष 2015-16 में 12000 मे. टन यूरिया एवं 5000 मे.टन डी.ए.पी. का आवंटन प्राप्त हुआ है. आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक म.प्र. द्वारा समस्या मूलक जिलों में उर्वरक वितरण हेतु बनाई गई व्यवस्था अंतर्गत विपणन संघ द्वारा जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, विपणन सहकारी समिति, क्रय विक्रय सहकारी समिति, प्राथमिक बीज सहकारी समिति, आत्मा परियोजना एवं विपणन सहकारी संघ के केन्द्रों को उर्वरक उपलब्ध कराया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है. किसानो को उपलब्ध कराये उर्वरक की दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है. विपणन संघ द्वारा प्रायवेट डीलर को उर्वरक विक्रय नहीं किया जाता है. (ख) 8928.620 मे.टन. (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र के प्रपत्र-ग अनुसार है. (घ) जाँच कराई जा रही है, कार्रवाई जाँच निष्कर्षों के अधीन.
पंच परमेश्वर योजना का क्रियान्वयन
184. ( क्र. 4074 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की सेंवढ़ा विधान सभा क्षेत्र में कुल कितनी ग्राम पंचायतें है? विकासखण्डवार सूची उपलब्ध कराई जावें? (ख) कंडिका (क) में वर्णित ग्राम पंचायतों को वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में पंच परमेश्वर योजना अंतर्गत कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ग) उक्त ग्राम पंचायतों द्वारा पंच परमेश्वर योजनान्तर्गत प्राप्त राशि का किन-किन कार्यों में उपयोग किया गया है, तत्संबंध में कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा उक्त कार्यों का मूल्यांकन किया गया है? (घ) क्या ग्राम पंचायतों द्वारा दतिया जिले की सेंवढ़ा विधानसभा क्षेत्र में पंच परमेश्वर की राशि का दुरूपयोग किया जाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है, यदि नहीं, तो इसकी जाँच कराई जावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दतिया जिलें की सेंवढ़ा विधानसभा क्षेत्र में 91 ग्राम पंचायतें सम्मिलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ के कॉलम नम्बर 04 एवं 05 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ के कॉलम नम्बर 04 एवं 09 अनुसार। (घ) जी नहीं। आर्थिक क्षति पहुंचाई जाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई, अतः जाँच कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रस्टों एवं एन.जी.ओ. को भूमि किन उद्देश्यों हेतु
185. ( क्र. 4092 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर एवं उज्जैन संभाग में दिनांक 1.1.2010 से प्रश्न दिनांक तक शैक्षणिक संस्थाओं, सामाजिक संस्थाओं, चेरीटेबल ट्रस्टों, एवं एन.जी.ओ. को कहाँ-कहाँ, कितनी, कितने वर्ष के लिये एवं किन उद्देश्यों हेतु भूमि प्रदान की गई है? (ख) प्रश्न (क) के तारतम्य में संस्थाओं को दी गई भूमि किस दर से एवं किन-किन शर्तों पर प्रदान की गई है, क्या इस हेतु कोई अनुबंध किया गया है? (ग) प्रश्न (क) के तारतम्य में प्रदत्त की गई भूमि पर किन-किन संस्थाओं द्वारा कार्य प्रारंभ किया जा चुका है एवं किन-किन के द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? (घ) आवंटित की गई भूमि जिस उद्देश्य एवं जिन शर्तों पर प्रदान की गई है उसका पालन संबंधित संस्था द्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं इसको सुनिश्चित करने हेतु क्या कदम उठाये गये है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) उज्जैन संभाग के अंतर्गत जिला उज्जैन में दिनांक 01.01.2010 से शैक्षणिक संस्थाओं के अंतर्गत महाराष्ट्र अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग एजुकेशन रिसर्च पुणे, (एम.आई.टी.) को ग्राम लेकोड़ा तहसील व जिला उज्जैन में 30 वर्ष की लीज डीड पर प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय प्रारंभ करने हेतु शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक-08 रकबा 50 एकड़ शासन स्वीकृति के आधार पर आवंटन किया गया है। उज्जैन संभाग के अंतर्गत मंदसौर जिले में दिनांक 01.01.2010 से तहसील मल्हारगढ़ में शासकीय महाविद्यालय, मल्हारगढ़ एवं पिपलियामण्डी के लिये शैक्षणिक संस्थाओं को 6.40 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क प्रदान की गई है। उज्जैन संभाग के शेष जिले रतलाम, देवास, नीमच, शाजापुर व आगर-मालवा में किसी भी संस्था एवं एन.जी.ओ. को भूमि प्रदान नहीं की गई है। इन्दौर संभाग के इन्दौर जिला के अंतर्गत दिनांक 01.01.2010 से अभी तक दो शैक्षणिक संस्थाओं को भूमि आवंटित की गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। इन्दौर संभाग के धार जिले में दिनांक 01.01.2010 से प्रश्न दिनांक तक एक शैक्षणिक संस्था, संचालक, समर्थ श्री विशाल पब्लिक स्कूल समिति, धार को ग्राम देलमी, तहसील व जिला धार स्थित शासकीय भूमि सर्वे नम्बर 18 क्षेत्रफल 0.379 हेक्टेयर म.प्र. शासन राजस्व विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 6-13/2005/सात/नजूल, भोपाल दिनांक 16.04.2007 द्वारा न्यायालय कलेक्टर धार के राजस्व प्रकरण क्र. 02/अ-20 (1) वर्ष 2004-05 आदेश दिनांक 18.03.2011 द्वारा लीज पट्टा अवधि वर्ष 18/03/2011 से 31/03/2041 तक 30 वर्ष हेतु शैक्षणिक प्रयोजन के उद्देश्यों से प्रदाय (आवंटित) की गई। इन्दौर संभाग के खरगोन जिले में वर्ष 2010 में राजस्व विभाग के आदेश क्र. एफ 16-19/09/सात/2ए, दिनांक 29.09.10 से माधवाश्रम न्यास इन्दौर को ग्राम मंडलेश्वर तहसील महेश्वर सर्वे नंबर 472/1 रकबा 13.689 हेक्टेयर में से पैकि रकबा 4.000 हेक्टेयर शासकीय भूमि वंटित की गई है। इन्दौर संभाग के शेष जिलों अलीराजपुर, बुरहानपुर, बड़वानी, खण्डवा, झाबुआ जिले में भूमि आवंटित नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में संभाग उज्जैन के अंतगत जिला उज्जैन में निजी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु कलेक्टर गाईड लाईन के आधार पर म.प्र. राजस्व पुस्तक परिपत्र में निहित प्रावधान अनुसार कंडिका 28 के अंतर्गत पंजीकृत लीज डीड का संम्पादन हुआ है। मंदसौर जिले में शैक्षणिक संस्था शासकीय विभाग होने से यह भूमि निःशुल्क प्रदान की गई है। इन्दौर संभाग अंतर्गत इन्दौर जिले की दोनों संस्थाओं को आवंटित भूमि का लीज अनुबंध तैयार किया गया है जिसमें प्रीमियम एवं भू-भाटक तथा शासन द्वारा निर्धारित शर्तों का उल्लेख है, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। धार जिले में शैक्षणिक संस्था संचालक समर्थ श्री विशाल पब्लिक स्कूल समिति, धार को राशि रू. 5505/- वार्षिक भू-भाटक की दर से पट्टे में उल्लेखित शर्त (2-अ) एवं (3-क) से (3-ड) तक पर दी गई है, पट्टा की शर्त 1 अनुसार अनुबंध निष्पादित किया गया है। जिला खरगोन में भूमि लीज पर 30 वर्ष के लिए गौशाला निःशक्त जन की सेवा व अन्य सार्वजनिक उत्थान के कार्यों के लिए रा.पु.प. 4-1 की कंडिका 26 के तहत् नियमानुसार देय प्रीमियम एवं भू-भाटक पर शर्तों के अधीन आवंटित की गई है। (ग) उज्जैन संभाग अंतर्गत जिला उज्जैन में एम.आई.टी. कॉलेज निर्माण की कार्यवाही की जा रहीं है। मंदसौर जिले में ग्राम खोखरा में आवंटित 2.40 हेक्टेयर भूमि में निर्माण कार्य चल रहा है तथा ग्राम पहेड़ा में आवंटित 4.00 एकड़ भूमि पर कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। इन्दौर संभाग के अंतर्गत इंन्दौर जिले में सिम्बायसिस फाउण्डेशन नई दिल्ली द्वारा मौके पर बाउण्ड्रीवाल बनाकर अन्य निर्माण कार्य किया जा रहा हैं एवं श्री विले पारले केलवानी मंडल मुंबई द्वारा आवंटित भूमि पर बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य किया गया है। जिला धार में शैक्षणिक संस्था द्वारा स्कूल का संचालन का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, वर्तमान में स्कूल संचालित हैं। जिला खरगोन में एक ही सामाजिक संस्था को दिनांक 01.01.2010 से भूमि प्रदान की गई हैं कार्य प्रारंभ किया गया है। (घ) उज्जैन संभाग अंतर्गत आवंटित की गई भूमि जिस उद्देश्य एवं जिन शर्तों पर प्रदान की गई है उसका पालन संबंधित संस्था द्वारा किया जा रहा है। इन्दौर संभाग अंतर्गत आवंटित की गई भूमि की लीज शर्तों का पालन किया जा रहा है।
फूल एवं सब्जी उत्पादन में कमीशन वसूली
186. ( क्र. 4093 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने कुछ ही दिनों पूर्व यह कहा कि सब्जी फूल उत्पादन किसानों से अढ़तिया 10 प्रतिशत कमीशन वसूल रहे है यदि हाँ, तो उन क्षेत्रों के नाम बतावें जहां कृषक से 10 प्रतिशत कमीशन वसूला जा रहा है? (ख) क्या मुख्यमंत्री जी ने यह कहा कि अब मंडियों में कृषकों से मात्र 2 प्रतिशत कमीशन ही वसूला जायेगा यदि हाँ, तो बतावें कि इस हेतु आदेश किस दिनांक को जारी किया गया उसकी प्रतिलिपि देवें? (ग) क्या म.प्र. कृषि अधिनियम में कृषकों में किसी भी प्रकार का कोई कमीशन नहीं वसूला जा सकता है? यदि हाँ, अधिनियम की धारा बतावें तथा उसकी प्रतिलिपि देवें तथा खण्ड (ख) में उल्लेखित विरोधाभास कैसे दूर किया जायेगा? (घ) प्रदेश में किस-किस जिलों में फल फूल की मंडी नहीं है तथा कब तक किस जिलें में मंडी बनाई जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि मंथन के दौरान माननीय मुख्यमंत्रीजी के द्वारा फल-सब्ज़ी की आढ़त को 8 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत किये जाने संबंधी घोषणा की गई थी। वर्तमान में 136 फल-सब्ज़ी मंडियां अधिसूचित है। जिनमें से किसी भी मंडी प्रागंण में फल-सब्ज़ी के विक्रय पर कृषक से कमीशन नहीं लिया जाता है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा फल-सब्ज़ी विक्रय पर आढ़त को घटाने संबंधी की गई घोषणा के अनुपालन में म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश दिनांक 01.02.2016 से फल-सब्ज़ी मंडियों के लिये लागू उपविधि सन् 2000 में फल-सब्ज़ी के विक्रय मूल्य का 2 प्रतिशत कमीशन स्थापित करने के निर्देश जारी किये जा चुके है जो कि दिनांक 01.03.2016 से मंडी समिति पर आबद्वकर होंगे। इस आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) वर्तमान में जिला रायसेन, विदिशा, खरगोन, डिण्डोरी, नरसिंहपुर, शहडोल, उमरिया एवं सीधी में फल-सब्ज़ी मंडियां अधिसूचित नहीं है। फूल के लिये इंदौर जिलें में केवल इंदौर को छोड़कर शेष जिलों मे फूल के लिये मंडियां अधिसूचित नहीं है। प्रदेश के अन्य जिन मंडी प्रांगण में फल-सब्ज़ी के विपणन के लिये आवश्यक अधोसंरचनायें एवं सुविधायें उपलब्ध है उन्हे फल-सब्ज़ी मंडी के रूप में अधिसूचित कराने के निर्देश दिये गये हैं। जिन पर कार्यवाही पूर्ण होने बाबत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
मूंगावली
में कस्बारेंज
पंचायत भवन पर
अवैध कब्जा
1. ( क्र. 95 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र मुंगावली की ग्राम पंचायत कस्बारेंज को दिनांक 26 जनवरी 2015 की साधारण सभा के प्रस्ताव क्रमांक 4 अनुसार किरायेदारी समाप्त कर ग्राम पंचायत कार्यालय के उपयोग हेतु अपील किस-किस तिथि व किसने एस.डी.ओ. मुंगावली को प्रस्तुत की गई है? (ख) उक्त भवन की वास्तविक स्थिति बताते हुए बताएं कि उक्त भवन को क्या खाली करवाया जायेगा? (ग) यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों समय-सीमा बताएं? यदि एस.डी.ओ. का आदेश हो गया है तो किरायेदारों को हटाकर कब तक डिपो भवन उसके बगल में विधायक फंड से बने रेनबसेरा धर्मशाला को ग्राम पंचायत कस्बारेंज को सौंप देंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 34 मुंगावली की ग्राम पंचायत कस्बारेंज के ठहराव प्रस्ताव क्रमांक 03 दिनांक 26.1.14 के साधारण सभा की अपील अनुविभागीय अधिकारी मुंगावली को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा दिनांक 23.7.15 को की गई थी। (ख) उक्त भवन जगदीश पुत्र जनकीलाल ओझा, निवासी कस्बारेंज के कब्जे में होने से उक्त भवन का कब्जा ग्राम पंचायत कस्बारेंज को सौंपने हेतु अनुविभागीय अधिकारी मुंगावली द्वारा दिनांक 27.1.16 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मुंगावली को आदेश दिया गया है। अनुविभागीय अधिकारी मुंगावली के प्र.क्रं. 09 आदेश दिनांक 2.1.2016 के कब्जा सौंपने के आदेश की अपील माननीय राजस्व मण्डल ग्वालियर के न्यायालय में की गई। मा0 राजस्व मण्डल मध्यप्रदेश ग्वालियर के प्र.क्र. आर 4741/16 आदेश दिनांक 3.2.2016 को अनुविभागीय अधिकारी मुंगावली के आदेश का क्रियान्वयन आगामी तीन माह तक स्थगित किया गया है। माननीय राजस्व मण्डल के आदेश अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) उत्तरांश ‘ख‘ अनुसार।
अशोक नगर जिले में अवैध कब्जा
2. ( क्र. 97 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले में अशोक नगर शहर, पिपरई, अथाईखेड़ा पर शासकीय भूमि के अवैध कब्जों में जो प्रकरण तहसीलदार, एस.डी.ओ. व जिलाधीश कार्यालय में लम्बित प्रकरणों में कब से लम्बित है व जिन प्रकरणों में न्यायालय या रेवन्यू बोर्ड में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वाले प्रकरण अतिक्रमणकर्ता ले गये है उनके प्रकरण में जिलाधीश ने शासकीय व निजी वकीलों को शासन का पक्ष रखने हेतु मॉनिटरिंग की क्या व्यवस्था की है? न्यायालय व रेवेन्यू बोर्ड वाले प्रकरणों के प्रकरण नम्बर तथा कहाँ-कहाँ प्रकरण चल रहे हैं? (ख) अशोक नगर शहर के मध्य भोसले का बाड़ा की भूमि पर अतिक्रमण जब तत्कालीन जिलाधीश श्रीमति नीलम राव ने हटवा दिया था तो गुना से हटकर अशोक नगर अलग से जिला बना तो पुन: अतिक्रमण होने दिया गया इसका जिम्मेदार कौन है? इसकी जाँच कर शासकीय भूमि पर पुन: अतिक्रमण कराने वालों की जिम्मेदारी तय करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अशोकनगर शहर की शासकीय भूमि के संबंध में प्रकरण क्रमांक 80/अ/15 गजराम विरूद्ध म.प्र. शसन एवं 63 अ-15 भालचंद राव विरूद्ध गजराम प्रकरण क्रमांक 18 अ-15 भालचंद विरूद्ध राजेश द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश में प्रचलित है तथा क्रमांक 99-अ-15 प्रतापभान विरूद्ध शासन सी.जे. द्वितीय एवं डब्ल्यू पी. 2260/2001 म.प्र. शासन विरूद्ध 2260/2001 म.प्र.शासन विरूद्ध शांतनकुमार तथा एस.ए.281/2005 उधम सिंह विरूद्ध म.प्र.शासन एस.ए 135/2005 प्यारेलाल आदि म.प्र. शासन उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में विचाराधीन है। प्रकरण क्रमांक-9 अपील 14-15 आदेश दिनांक 4.2.2016 से न्यायालय तहसीलदार अशोकनगर के प्र.क्र. 68/13-14, आ.दि. 10.12.2014 का आदेश स्थिर रखते हुए उक्त सर्वे नं. में धारा 248 के तहत कार्यवाही के निर्देश दिये गये। प्र.क्र. 1480-2-15 माननीय राजस्व मंडल में विचाराधीन है। उक्त सभी प्रकरणों में शासन का पक्ष रखने हेतु शासकीय अधिवक्ता नियुक्त किये गये हैं जो शासन की ओर से प्रकरणों की निरंतर मानिटरिंग कर रहे हैं। ग्राम पंचायत पिपरई के अंतर्गत पूर्व तहसील मुंगावली से तहसील पपरई को प्रकरण क्रमांक 01 अ-68/2014-15 एवं 5 अ-68/13-14 दो प्रकरण तहसील मुंगावली से अंतरित होकर नव तहसील पिपरई को प्राप्त हुए तथा प्रकरण क्रमांक 04-अ-68/15-16, 05-अ-68/15-16 तहसील पिपरई में पंजीबद्ध होकर विचाराधीन है। प्रकरण क्रमांक 07-अ-68/15-16 में कार्यवाही प्रचलित है। जिसमें अनावेदक यादवेन्द्र सिंह के अभिभाषक द्वारा आवेदन पत्र एवं संलग्न माननीय राजस्व मण्डल के निगरानी प्रकरण 22-11/14 आदेश दिनांक 06.01.2016 द्वारा नायब तहसीलदार वृत पिपरई तहसील मुंगावली का आदेश दिनांक 5.7.2004 अनावेदक के पक्ष में पारित आदेश स्थिर रखे जाने के निर्देश दिये गये हैं। इस अनुक्रम में सुनवाई दिनांक 23.02.2016 नियत है। ग्राम अथाईखेड़ा तहसील मुंगावली का प्रकरण क्रमांक 227 अ-68/2011-12 हरिशंकर विरूद्ध नरेश कुमार न्यायालय नायब तहसीलदार मुंगावली में प्रचलित था। जो माननीय राजस्व मण्डल ग्वालियर के निगरानी प्रकरण क्र- 298/री-2/निगरानी/2015 में भेजा गया है। (ख) वर्ष 2003 में प्रश्नाधीन भूमि का अतिक्रमण हटाया गया था तथा मौके पर गड़ी हुई फर्सियां भी तोड़ी गई थीं। अतिक्रामक द्वारा आज से 10-11 वर्ष पूर्व पुनः अतिक्रमण कर लिया गया था। तब से विभिन्न न्यायालयों में प्रकरण विचाराधीन है। तहसीलदार अशोकनगर के प्रकरण क्रमांक 8 अ-68/2013-14 आ.दि. 10.12.2014 द्वारा अतिक्रामक गजरामसिंह पुत्र अलोलसिंह यादव निवासी खानपुर तहसील चंदेरी को म.प्र.भू-रा.संहिता 1959 की धारा 248 के तहत 10,000/-रूपये का अर्थदण्ड आरोपित कर बेदखल करने का आदेश पारित किया गया था। उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रकरण क्र.डब्ल्यू.पी. 8034 आदेश दिनांक 22.12.2014 द्वारा तहसील न्यायालय के आदेश के विरूद्ध स्थगन प्राप्त कर लिया गया था। इस कारण माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में उपयुक्त प्रकरण में आगामी आदेश तक कार्यवाही स्थगित की गई है। वर्तमान में जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय अशोकनगर के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक-80 अ/15 अपील दीवानी विचाराधीन है एवं स्थगन जारी है। इसलिये प्रकरण में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही मान. उच्च न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण के अंतिम निराकरण के पश्चात ही की जा सकेगी।
खेल मैदान हेतु आरक्षित भूमि
3. ( क्र. 103 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न 2 (क्रमांक 76) दिनांक 29 जुलाई 2015 के संदर्भ में बताएं कि अशोकनगर तथा रतलाम जिले में किस-किस तहसील में किस-किस गांव में खेल मैदान के लिये भूमि आरक्षित कर पटवारी रिकार्ड में अंकित कर ली है व किस-किस गांव में नहीं हुई है व किस-किस गांव में भूमि ही उपलब्ध नहीं है? (ख) गांव व तहसील के साथ विवरण देते हुए बताए कि कब तक भूमि बचे हुए गाँवों में आरक्षित की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अशोकनगर जिले में आरक्षित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। जिले में कुल 360 ग्रामों में खेल मैदान के लिये भूमि चिन्हांकित की गई है। कुल 414 ग्रामों में खेल मैदान के लिये भूमि उपलब्ध नहीं है। रतलाम जिले में खेल मैदान के लिये आरक्षित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘’ अनुसार है। जिले में कुल 814 ग्रामों में भूमि आरक्षित नहीं की गई है। कुल 146 ग्रामों में उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं है। (ख) अशोकनगर जिले में चिन्हांकित की गई भूमि तहसीलदारों की ओर से प्रस्ताव प्राप्त होने पर आरक्षित की जावेगी। रतलाम जिले में शेष ग्रामों में भूमि चयन कर आरक्षित करने के निर्देश दिये गये हैं। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मंदसौर पंचायतों में ई-कक्ष की स्थापना
4. ( क्र. 152 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या-8 क्रमांक 367 दिनांक 8 दिसम्बर, 2014 में अवगत कराया की रतलाम, मंदसौर व नीमच जिले में 1368 ग्राम पंचायतों में ई-कक्ष की स्थापना की जानी शेष है? शेष बची इन पंचायतों में से कितनों में ई-कक्ष की स्थापना कर दी गई? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) उक्त जिलों में ई-कक्ष स्थापित 834 ग्राम पंचायतों में 1 जनवरी 2015 से 1 जनवरी 2016 तक कितने व्यक्तियों (कृषक) को किस-किस तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई संख्या बतायें? इसकी जाँच किस सक्षम अधिकारी द्वारा किस-किस दिनांक को की गई अधिकारी का नाम ग्राम पंचायत सहित उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित प्रश्न के उत्तर के भाग (ग) में दी गई जानकारी जिन पंचायतों में विद्युत संयोजन का कार्य पूर्ण नहीं हुआ था। क्या उन पंचायतों में विद्युत संयोजन किया जा चुका है। यदि हाँ, तो किन-किन पंचायतों में कार्य पूर्ण हो चुका है तथा उनमें से किस-किस में से नहीं? जिलेवार, पंचायतवार जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रतलाम जिले की सभी 418 मंदसौर जिले की सभी 440 एवं नीमच जिले की सभी 236 ग्राम पंचायतों में स्थापना हो चुकी है। (ख) स्थापित ई-कक्ष में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं का कार्य संपादित किया जाकर इनमें हितग्राही मूलक योजनाओं की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। उक्त समस्त कार्य पंचायत दर्पण पोर्टल पर ऑनलाइन फिडिंग होकर दृष्टिगत है, जिसके माध्यम से मॉनिटरिंग की जाती है। (ग) नीमच तथा मंदसौर की सभी पंचायतों में विद्युत संयोजन किया जा चुका है। रतलाम जिले की 72 पंचायतों में विद्युत संयोजन किया जाना शेष है। वैकल्पिक रूप में ऊर्जा के लिए यूपीएस मय 02 बैटरी के साथ समस्त ग्राम पंचायतों में उपलब्ध है।
पंचायत विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं में लापरवाही
5. ( क्र. 205 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग द्वारा कितने लोगों को वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग पेंशन एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है? योजनावार संख्या एवं प्रदाय की जाने वाली राशि बतायें? (ख) क्या विगत दो वर्षों में कई हितग्राहियों की पेंशन बिना सूचना एवं कारण बतायें विभाग द्वारा बंद कर दी गयी है? यदि हाँ, तो क्यों और इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? (ग) खंडवा जिले में उप संचालक सामाजिक न्याय का पद कब से रिक्त है? क्या मूल पद रिक्त होने से इसका प्रभार जिले के अन्य अधिकारियों के पास अतिरिक्त रूप से रहने से विभाग का कार्य प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो पंचायत विभाग द्वारा इस पद की पूर्ति कब तक की जायेगी? (घ) विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में विभिन्न योजनाओं के शिविरों का आयोजन कब-कब एवं कहाँ-कहाँ किया गया? (ड.) विभागीय उप संचालक के बाद से अब तक किस-किस अधिकारी के पास कब-कब अतिरिक्त रूप से प्रभार रहा है? नाम एवं अवधि की जानकारी दी जाए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 18/04/2012 से रिक्त है। जी नहीं। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’ अनुसार।
मनासा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वेयर हाउस का निर्माण
6. ( क्र. 223 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 1 हजार मैट्रिक टन के दो वेयर हाउस मनासा विधानसभा के क्षेत्र के अंतर्गत बनाने का निर्णय लिया गया था? (ख) क्या उक्त निर्णय के तहत कलेक्टर नीमच द्वारा भूमि का आवंटन भी किया जा चुका है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त कार्य प्रारंभ न होने के क्या कारण है? उक्त कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं. (ख) जिला कलेक्टर नीमच द्वारा दिनांक 18.2.2016 को मनासा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम साण्डिया तहसील मनासा में गोदाम निर्माण हेतु शासन के नियमानुसार भूमि आवंटन किया गया है. (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित कार्य स्वीकृत नहीं हुआ है. अत: कार्य प्रारंभ होने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता.
मुख्यमंत्री आवास योजना, होम स्टेट योजना का लाभ
7. ( क्र. 224 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषदों के पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित नागरिकों को ग्रामीण क्षेत्र में दिए जाने वाली योजनाएं मुख्यमंत्री आवास योजना, होम स्टेट योजना आदि योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है? (ख) क्या शासन नगर पंचायत के पाँच किलोमीटर परिधि के अंतर्गत आने वाले गांवों के हितग्राहियों को नगरीय क्षेत्र मानकर नगर पंचायत क्षेत्र में दी जाने वाली योजनाओं का लाभ देने पर विचार करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, नगर परिषदों के 05 कि.मी. की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायतों में निवास करने वाले ग्रामीणों को मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास योजना एवं इंदिरा आवास-होम स्टेट योजना आदि योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है, किन्तु मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन की नीति/दिशा निर्देश की कण्डिका 1.1 के अनुसार वर्तमान में नजूल बाह्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में यह योजना लागू नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्रामीण क्षेत्र में नगरीय सुविधा देने का कोई प्रावधान नहीं है।
मनरेगा मार्गों की वन विभाग से अनापत्ति
8. ( क्र. 254 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने अपने पत्र दिनांक 03.12.2015 द्वारा कलेक्टर, वन संरक्षक एवं कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवायें कटनी को कतिपय प्रचलित वन मार्गों के मनरेगा योजनान्तर्गत निर्माण हेतु वन विभाग से अनापत्ति हेतु लेख किया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) मार्गों में से किन मार्गों को तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है? (ग) प्रश्नांश (क) मार्गों का निर्माण कार्य कब प्रारंभ कर कब पूर्ण कर लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र बडवारा द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत मार्गों में जो मार्ग वन क्षेत्र में आते है, उन मार्गों की समय रहते वन विभाग से अनापत्ति प्राप्त करने की आवश्यकता का उल्लेख उक्त पत्र में किया गया था। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्यों की निविदा कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। ठेकेदारों से अनुबंध निष्पादित किया जाना प्रक्रियाधीन है अत: कार्य प्रारंभ करने एवं कार्य पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान
9. ( क्र. 293 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के बासौदा क्षेत्र रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वर्ष 01-04-2010 से 31-03-2014 तक कुल कितने कितने सड़क तालाब एवं कूप निर्माण व अन्य कार्य कुल कितनी लागत के स्वीकृत किये गये हैं? इन कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों पर मनरेगा के तहत कितनी राशि मजदूरी के रूप में भुगतान की गई है? कितनी मजदूरी भुगतान होना शेष है, शेष मजदूरी का भुगतान कब तक किया जावेगा? विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ग) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बासौदा जिला विदिशा के पत्र क्रमांक 239, दिनांक 23.08.11 के द्वारा ग्राम स्यारी के हितग्राहियों को मजदूरी का भुगतान न होने पर सचिव, सरपंच को अंतिम चेतावनी देते हुये मजदूरी भुगतान के आदेश दिये गये थे या नहीं? यदि हाँ, तो क्या मजदूरी का भुगतान कर दिया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? कब तक भुगतान किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के क्रम में विदिशा जिले के विकासखंड बासौदा एवं ग्यारसपुर क्षेत्र में पंचायतों द्वारा मनरेगा के तहत किये गये मजदूरी भुगतान का सामाजिक अंकेक्षण कराया गया है या नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विदिशा जिले के बासौदा क्षेत्र में मनरेगा के तहत वर्ष 01.04.2010 से 31.03.2014 तक स्वीकृत पूर्ण एवं प्रगतिरत कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों पर मनरेगा अंतर्गत राशि रू. 1088.56 लाख रूपये एवं जनपद पंचायत ग्यारसपुर में 962.57 लाख मजदूरी का भुगतान किया गया तथा उक्त अवधि का मजदूरी भुगतान होना शेष नहीं है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ।
नाला निर्माण
10. ( क्र. 294 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने जिला पंचायत विदिशा को प्रेषित पत्र क्रमांक व दिनांक 2815/08.01.16 में पंचायत हरदूखेड़ी के ग्राम बहलोट में मेन रोड पर गन्दे पानी की निकासी की समस्या होने से जिला पंचायत में उपलब्ध निधि से नाला निर्माण कराने का प्रस्ताव दिया था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रस्ताव कब प्राप्त हुआ, प्राप्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? प्रस्ताव अनुसार स्वीकृति कब तक जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 14.01.2016 को प्रस्ताव कार्यालय में प्राप्त हुआ है। जिला पंचायत में उक्त कार्य से संबंधित कोई निधि उपलब्ध नहीं होने के कारण कार्य ये कार्य स्वीकृत नहीं किये गये है।
वाहनों के बनाये गये चालान
11. ( क्र. 345 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यातायात विभाग के अंतर्गत दुपहिया वाहनों के चालान बनाए जाने के अधिकार किस स्तर के अधिकारियों को प्रदत्त है? (ख) दुपहिया वाहनों के चालान किस परिस्थिति में बनाए जाते हैं? क्या चालान बनाए जाने की प्रक्रिया मोटरयान अधिनियम के अंतर्गत की जाती है अथवा किसी अन्य नियम के अंतर्गत? चालान से प्राप्त राशि का क्या उपयोग किया जाता है? (ग) क्या दुपहिया वाहनों के मुख्यत: चालान तीन सवारी, बीमा न होना, नम्बर प्लेट पंजीयन न होना आदि कारणों को लेकर बनाए जाते हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रत्येक कारण पर चालान बनाए जाने की राशि निर्धारित है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी, यदि नहीं, तो क्या, चालान की राशि चालानकर्ता अधिकारी के विवेकाधीन है? (घ) धार जिले में वर्ष 2015 में दुपहिया वाहनों के कुल कितने चालान बनाए गए वाहनों की संख्या एवं राशि का उल्लेख करें?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 22-41/2011/आठ दिनांक 21.01.2013 में वर्णित अधिकारियों को दुपहिया वाहनों के चालान बनाये जाने/प्रशमन हेतु विनिर्दिष्ट किया गया है। अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दुपहिया वाहनों के चालान मोटरयान अधिनियम 1988 एवं उसके अधीन बनाये गये नियमों में निहित प्रावधानों के उल्लंघन करने पर बनाये जाते हैं। जी हाँ। चालान की राशि एम.पी.टी.सी. 6 में वसूल की जाकर कोषालय में जमा की जाती है। वित्तीय वर्ष में जमा राशि का 75 प्रतिशत सड़क सुरक्षा कोष के अंतर्गत पुलिस विभाग को यातायात संसाधनों के उन्नयन हेतु आवंटित किये जाने का प्रावधान है। (ग) दुपहिया वाहनों के चालान मोटरयान अधिनियम 1988 एवं उसके अधीन बनाये गये नियमों में निहित प्रावधानों के उल्लंघन करने पर बनाये जाते हैं। नियमों के उल्लंघन की प्रशमन शुल्क राशि का निर्धारण परिवहन विभाग की अधिसूचना दिनांक 21.01.2013 एवं दिनांक 02.07.2013 द्वारा किया गया है। यह राशि चालानकर्ता अधिकारी के विवेकाधीन नहीं है। (घ) धार जिले में वर्ष 2015 में दुपहिया वाहनों के कुल 3202 चालान बनाए गये, जिनसे रूपये 8,45,250/- प्रशमन शुल्क की राशि वसूल की गई है।
स्व-सहायता समूहों के संचालन
12. ( क्र. 346 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से दिसम्बर 2015 तक धार जिला अंतर्गत कौन-कौन स्व-सहायता समूह को मध्यान्ह भोजन एवं सांझा चुल्हा कार्यक्रम संचालन का कार्य दिया गया? (ख) क्या विकासखण्ड धरमपुरी, नालछा के अधिकांश पंचायतों में उस पंचायत क्षेत्र के बाहर के समूह को कार्य दिये गये है? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से स्व-सहायता समूह है जो उस क्षेत्र का ना होकर दूसरे पंचायतों का कार्य संचालित कर रहे है? नाम व पता सहित जानकारी देवें? (ग) ऐसे कौन-कौन से स्व-सहायता समूह है जिन्हें मध्यान्ह भोजन एवं सांझा चुल्हा कार्यक्रम संचालित करने के उपरांत भी राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों तथा भुगतान न करने वाले कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? नाम व पदनाम सहित जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में वर्ष 2013 से दिसम्बर 2015 तक समूहों द्वारा मध्यान्ह भोजन एवं सांझा चुल्हा कार्यक्रम संचालित करने के उपरांत भी किन-किन समूह को कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया है विकासखण्डवार, स्व-सहायता समूहवार राशि की जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2013 से दिसम्बर 2015 तक धार जिले के अंतर्गत मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम एवं सांझा चुल्हा कार्यक्रम संचालन का कार्य कुल 2378 स्व सहायता समूहों को दिया गया है। समूहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। विकासखण्ड धरमपुरी की ग्राम पंचायत पीपलगढ़ (एक पंचायत) एवं जनपद पंचायत-नालछा की ग्राम पंचायत आमखोह, भीलकुण्डा एवं सुलाबड़ (तीन पंचायत) में पंचायत क्षेत्र के बाहर के समूह को मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम संचालन का कार्य दिया गया है। समूह के नाम, पता सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में जानकारी निरंक है।
वित्तीय अनियमितता करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
13. ( क्र. 349 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों हेतु प्रदाय राशि का अनियमित आहरण कर कार्य नहीं करते हुए उसका दुरूपयोग करने पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा प्रकरण दर्ज कर समीक्षा/सुनवाई उपरांत जनपद पंचायत नालछा/ धरमपुरी की ग्राम पंचायत कांकलपुरा, के सचिव श्री हरेसिंह कटारे एवं ग्राम पंचायत पटलावद, के सचिव श्री अशोक वर्मा के विरूद्ध लाखों रूपयों की वसूली का निर्णय दिया गया था। इस पर कलेक्टर (पंचायत) जिला धार द्वारा दोषी पंचायत सचिवों को निलंबित किया गया था। (ख) क्या संबंधित सचिवों द्वारा न्यायालय कमिश्नर, इन्दौर से कलेक्टर के निलंबन आदेश के विरूद्ध स्टे प्राप्त कर लिये जाने से इन्हें पुन: बहाल कर अन्य पंचायत में पदस्थ किया जा चुका है। प्रकरण में स्टे होने से राशि वसूली की कार्यवाही आज भी स्थगित है। (ग) धार जिले की जनपद पंचयत नालछा,धरमपुरी में इसी प्रकार वर्ष 2013-14 से अन्य प्रकरणो में भी यही स्थिति हैं व स्टे की आड़ में शासन की करोड़ों रूपयों की विकास निधि का दुरूपयोग आज भी बदस्तुर जारी है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) अनुसार धार जिले में जनपद पंचायत नालछा, धरमपुरी में वर्ष 2013-14 से अब तक निम्न न्यायालय द्वारा राशि वसूली संबंधी दिये गये निर्णय के विरूद्ध अपर न्यायालय द्वारा स्टे दिये जाने से राशि वसूली स्थगित किये गये व बहाल किये गये सचिवों की मय वसूली योग्य राशि की जानकारी उपलब्ध करावें, तथा क्या शासन इस ओर ध्यान देकर दोषी पंचायत सचिवों/पदाधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए करोड़ों रूपये की राशि की वसूली कर विकास कार्यों में लगाई जावेगी? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। कलेक्टर धार द्वारा श्री अशोक वर्मा सचिव ग्राम पंचायत पटलावद जनपद पंचायत धरमपुरी जिला धार के विरूद्ध सचिवीय अधिकार निरस्त कर राशि रू. 1923783.00 सरपंच एवं सचिव से समान रूप से वसूली करने एवं श्री हरेसिंह कटारे सचिव ग्राम पंचायत कांकलपुरा जनपद पंचायत नालछा की सचिवीय अधिसूचना निलंबित कर राशि रूपये 953000.00 वसूली के आदेश दिये गये थे। (ख) जी हाँ। न्यायालय अपर आयुक्त इन्दौर संभाग द्वारा श्री अशोक वर्मा सचिव ग्राम पंचायत पटलावद जनपद पंचायत धरमपुरी जिला धार की अपील स्वीकार करते हुए कलेक्टर जिला धार का आदेश निरस्त कर यथोचित निर्णय लिये जाने हेतु प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मनावर को प्रत्यावर्तित किया गया। न्यायालय अपर आयुक्त इन्दौर के आदेश के तारतम्य में श्री अशोक वर्मा की सचिवीय अधिसूचना बहाल कर उन्हे सचिव ग्राम पंचायत सेमल्दा जनपद पंचायत धरमपुरी में पदस्थ किया गया। न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मनावर द्वारा श्री अशोक वर्मा सचिव के अतिरिक्त उपयंत्री, लेखाधिकारी एवं सरपंच को सामूहिक रूप से दोषी मान्य किया जाकर केवल सचिव से वसूली निरस्त की गई। वसूली सामूहिक रूप से की जाने के संबंध में पुनः जाँच कराई जाकर नियमानुसार वसूली प्रकरण दर्ज कराये जाने हेतु जनपद पंचायत धरमपुरी को निर्देशित किया गया है। श्री हरेसिंह कटारे सचिव ग्राम पंचायत कांकलपुरा जनपद पंचायत नालछा की अपील न्यायालय अपर आयुक्त इन्दौर संभाग इन्दौर से निरस्त होने के उपरांत राशि वसूली की कार्यवाही जनपद पंचायत नालछा द्वारा प्रचलित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) श्री अशोक वर्मा, सचिव की पुनः जाँच उपरांत वसूली योग्य अधिरोपित राशि की नियमानुसार वसूली की जायेगी। श्री हरेसिंह कटारे सचिव से राशि रू. 953000.00 की वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं।
सहकारी संस्थाओं में फर्जी ऋण वितरण
14. ( क्र. 451 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मुरैना द्वारा शाखा कैलारस के अंतर्गत सहाकारी समितियों की जाँच हेतु कोई कमेटी गठित की गई थी? यदि हाँ, तो जांचोपरांत क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उपरोक्त जाँच में 998 कृषकों को 2010-11 में रू.2.54 करोड के.सी.सी से नगदी वितरण बताया गया, जिसमें जाँच में केवल 688 कृषकों को 1.74 करोड देने के प्रमाण मिले व शेष 310 कृषकों के प्रमाण के अभाव में किसानों के नाम से किए गए फर्जी ऋण वितरण के तथ्य बैंक एवं सहकारिता विभाग के प्रकाश में आए? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत कराने का कष्ट करें? (ग) क्या जाँच प्रतिवेदन में रसीद कट्टों तथा केशबुक में प्राप्त राशि का भी अंतर पाया गया? यदि हाँ, तो ऐसे नगदी गबन के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) क्या जाँच में दोषी पाए गए संस्था प्रबंधक के विरूद्ध अपराध दर्ज कराने के निर्देश दिए गए? यदि हाँ, तो किन-किन के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई? शेष दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही न किए जाने के क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ. जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्या., राजौधा के संचालक मण्डल को हटाने के लिए सहकारी अधिनियम की धारा 53 (2) के अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है तथा दोषी कर्मचारियों एवं संस्था के संचालक मण्डल के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु थाना चिन्नौनी, जिला मुरैना को आवेदन प्रस्तुत किया गया है. बैंक द्वारा दोषी कर्मचारी की सेवा समाप्त करने तथा राशि की वसूली के निर्देश दिये गये हैं. (ख) जी हाँ. शेष उत्तरांश "क" अनुसार. (ग) जी हाँ. संस्था का संचालक मण्डल तथा समिति प्रबंधक श्री रामलला शर्मा दोषी पाए गए हैं. (घ) जाँच में दोषी पाये गये संस्था प्रबंधक एवं संचालक मण्डल के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु थाना चिन्नौनी जिला मुरैना में आवेदन प्रस्तुत किया गया.
सूखे से प्रभावित किसानों के राहत राशि में अनियमितता
15. ( क्र. 540 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में पौने तीन लाख किसानों का आर.बी.सी. एक्ट के तहत 110 करोड की रिकार्ड राहत राशि खरीफ में अवर्षा जनित अभूतपूर्व सूखे से फसलों की बरबादी होने से वितरण हेतु शासन स्तर से आवंटन दिया गया है? (ख) क्या ज्यादातर रकवे में बोई गई धान की फसल भी सूखे से बच नहीं पाई थी, समर्थन मूल्य में पिछले साल अनुकूल मौसम में हुई भरपूर पैदावार के बाद भी इस वर्ष यदि समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन गत वर्ष से अधिक होने जा रहा है तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या इस वर्ष 2015-16 में वर्तमान स्थिति के अनुसार कुल पंजीकृत 28519 किसानों में से 10039 किसानों की 49 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी कर ली गई है, जबकि धान का उपार्जन कार्य 25 जनवरी तक किया जाना है? क्या 10039 किसानों द्वारा धान बेचे जाने के बाद भी पंजीकृत किसानों में से 18480 किसान अभी भी धान बेचने से वंचित है? (घ) क्या गत वर्ष 2014-15 में समर्थन मूल्य पर जिले में 49 हजार किसानों द्वारा 274.63 मैट्रिक टन धान का उपार्जन पंजीकृत किसानों से किया गया था? यदि हाँ, तो इस वर्ष सूखे से प्रभावित धान की फसल की उपार्जन इतनी अधिक कैसे हो गई, क्या पटवारियों एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा फर्जी तरीके से सर्वेकर शासन को करोड़ों रूपये की हानि पहुंचाई गई एवं किसानों से सांठ-गांठ कर राशि हड़प ली गई एवं पात्र किसान वंचित रह गए क्या इस संपूर्ण प्रकरण की जाँच कराई जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। सतना जिले को सूखे से फसल क्षति के लिये 2,56,816 कृषकों को राहत राशि वितरण हेतु राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत जिला कलेक्टर की मांग अनुसार राशि रूपये 11902.38 लाख (119 करोड 2 लाख 38 हजार) का आवंटन दिया गया है। (ख) सतना जिले में वर्ष 2015 में धान की फसल 104000 हेक्टर भूमि में से बोई गई थी जिसकी उत्पादकता 1480 किलो ग्राम प्रति हेक्टर है जो पिछले वर्ष की तुलना में आधी है। जिले में धान का कुल उत्पादन 76960 मैट्रिक टन हुआ है। (ग) इस वर्ष 2015-16 में वर्तमान स्थिति के अनुसार कुल पंजीकृत 28795 किसानों का पंजीयन हुआ था जिसमें से 10303 किसानों से 49836.23 मैट्रिक टन धान का उपार्जन निर्धारित तिथि तक किया गया है। 18492 किसानों द्वारा धान का विक्रय नहीं किया गया है। समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन अंतर्गत समस्त उपार्जन केन्द्रों से पंजीकृत किसानों को एस.एम.एस. द्वारा अपनी धान बेचने के लिये सूचित किया गया है तथा कृषक के लिये यह बंधन नहीं है कि वह अपनी धान समर्थन मूल्य के अंतर्गत धान उपार्जन खरीदी केन्द्रों पर विक्रय करें। (घ) वर्ष 2014-15 में समर्थन मूल्य पर जिले में 9832 किसानों से 49057.49 मैटिक टन धान का उपार्जन किया गया है तथा वर्ष 2015-16 में 10303 किसानों से 49836.23 मैट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ है, जो वर्ष 2014-15 की तुलना में 778.74 मैट्रिक टन धान, बोए गये रकबे के कारण अधिक है। यह सही नहीं है कि पटवारियों एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा फर्जी तरीके से सर्वे कर शासन को करोडों रूपये की हानि पहुंचाई गई एवं किसानों से सांठ-गांठ कर राशि हड़प ली गई एवं पात्र किसान वंचित रह गये।
रीवा जिले के 58 गांवों में पब्लिक परिवहन सेवा की स्थिति
16. ( क्र. 554 ) श्रीमती
ऊषा चौधरी : क्या
परिवहन मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) रीवा जिले
में आजादी के 69 साल बाद भी
58 गाँव ऐसे
हैं जहाँ पब्लिक
परिवहन सेवा उपलब्ध
नहीं है जबकि इन
गांवों में सड़क
तो है लेकिन बसें
प्रारम्भ नहीं
हुई इन गांवों
की सूची उपलब्ध
करावें?
(ख) क्या
परिवहन विभाग रीवा
द्वारा मुख्यमंत्री
ग्रामीण परिवहन
सेवा अंतर्गत इन
रूटों पर परमिट
जारी नहीं किये
गये क्या कारण
है? (ग) क्या
परिवहन विभाग द्वारा
आयुक्त परिवहन
भोपाल को ग्रामीण
क्षेत्रों में
बेहतर परिवहन सेवा
मुहैया कराने, मुख्यमंत्री
ग्रामीण परिवहन
सेवा अंतर्गत 58 ग्रामीण
मार्गों का सूत्रीकृत
करने हेतु प्रस्ताव
भेजा गया था? जिसमें प्रथम
चरण में 39 ग्रामीण
मार्गों का सूत्रीकरण
किया गया था लेकिन
इसके बावजूद भी
बस सेवा प्रारम्भ
नहीं हो पाई जबकि
इन मार्गों पर
बस आपरेटर बिना
परमिट के बसें
चला रहे हैं लेकिन
परमिट लेने का
तैयार नहीं है
क्यों?
(घ) क्या
परिवहन विभाग रीवा
ने जिन 39 ग्रामीण
मार्गों को सूत्रीकृत
किया है इनमें
जे.पी.नवस्ता, छिबौरा होकर
सतना, चाकघाट
से सोनौरी, जवॉ से पनवार
एवं देवतालाब से
अनदर ग्रामीण क्षेत्र
से होकर नई गढ़ी
रीवा से टीकर गोविंदगढ़
सहित अन्य मार्गों
पर अब तक बसों के
परमिट जारी न होने
के क्या कारण
हैं?
परिवहन
मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) जी
हाँ, ऐसे
बहुत से गाँव हैं, जहाँ विभिन्न
निर्माण एजेंसियों, यथा ग्राम
पंचायतें, ग्रामीण
यांत्रिकी सेवा
विभाग, प्रधानमंत्री
ग्रामीण सड़क योजना, वन विभाग
आदि द्वारा सड़कें
तो निर्मित की
गई हैं, लेकिन
ऐसी सड़कें यात्री
बसों के संचालन
के लिये साध्य
न होने से निजी
बस प्रचालक इन
मार्गों में बस
संचालन के लिये
परमिट हेतु आवेदन
नहीं कर रहे
हैं। सूची पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
सूत्रीकृत ग्रामीण
मार्गों पर बस
संचालित करने के
लिये बस प्रचालकों
द्वारा परमिट हेतु
आवेदन करने पर
ग्रामीण
मार्गों के परमिट
जारी किये जाते
हैं। नियम के अनुसार, परमिट जारी
करने के लिए आवेदन
शुल्क, पंजीयन
फिटनेस,
बीमा
आदि आवश्यक हैं।
मुख्यमंत्री ग्रामीण
परिवहन सेवा अंतर्गत
इन रूटों हेतु
वाहन स्वामियों
से आवेदन प्राप्त
नहीं होने के कारण
परमिट जारी
नहीं हुए। (ग) जी
हाँ, विभिन्न
सड़क निर्माण एजेंसियों
द्वारा रीवा जिलें
के ग्रामीण क्षेत्रों
में सड़कें निर्मित
की गई हैं और ऐसी
ग्रामीण सड़कों
में वाहन सेवा
सुविधा मुहैया
कराने के 45 ग्रामीण
मार्गों के सूत्रीकरण
का प्रस्ताव प्रेषित
किया गया था। जिसमें
से 41 मार्ग
ग्रामीण मार्ग
के रूप में राज्य
परिवहन प्राधिकार
द्वारा सूत्रीकृत
किये गये हैं।
इन मार्गों पर
बस आपरेटरों द्वारा
बिना परमिट बसें
चलाने की जानकारी
नहीं हैं। निजी
बस मालिकों के
अनुसार अधिकांश
ग्रामीण
मार्गों पर बस
संचालन व्यावसायिक
तौर पर साध्य
नहीं होते हैं।
(घ) उक्त सूत्रीकृत
ग्रामीण
मार्गों के लिये
बस प्रचालक परमिट
हेतु आवेदन
नहीं दिये है, इसलिए परमिट
जारी नहीं हो सके
हैं।
जनपद पंचायत बल्देवगढ़ एवं पलेरा की पंचायतों में निर्माण कार्य
17. ( क्र. 612 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा-47 की जनपद पंचायत बल्देवगढ़ एवं जनपद पंचायत पलेरा में भारी सूखे का संकट है और ग्रामीण को भरण-पोषण की समस्या बनी हुई है? पलेरा एवं बल्देवगढ़ जनपदों के सरपंचों द्वारा सितम्बर 2015 से जनवरी 2016 तक किन-किन ग्राम पंचायतों में कार्य खोले गये और किन-किन ग्राम पंचायतों में कार्य नहीं खोले गये उसकी ग्राम पंचायतवार दोनों जनपद-पलेरा एवं बल्देवगढ़ की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या सरपंचों द्वारा श्रमिकों में प्रचार-प्रसार कर यह जानकारी दी गई कि श्रमिक पलायन न करें आवेदन देकर मजदूरी अपने ही ग्राम में करे ऐसी कितनी पंचायतें है जिन्हें श्रमिकों ने कार्य करने हेतु आवेदन दिये, संख्या बताएं? (ग) क्या सूखे की स्थिति को देखते हुये जिन ग्राम पंचायतों ने कार्य नहीं खोले है उनमें शासन की योजनानुसार आगे आवश्यक रूप कार्य खोले जाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो जनपद बल्देवगढ़ जनपद पलेरा की संपूर्ण ग्राम पंचायतों में कब तक कार्य खोले जायेंगे जिससे श्रमिक पलायन ना कर सकें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) यह सही है कि जनपद पंचायत बल्देवगढ़ एवं पलेरा सूखाग्रस्त घोषित है किन्तु संकट पूर्ण भरण-पोषण की समस्या निर्मित नहीं है। महात्मा गांधी नरेगा के तहत जनपद पंचायत पलेरा एवं बल्देवगढ़ में पंचायतवार खोले गये तथा प्रगतिरत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी जहां। ग्राम पंचायतों द्वारा जॉबकार्डधारी परिवारों को पात्रतानुसार रोजगार प्राप्त करने हेतु प्रिय मित्र के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया गया है। श्रमिकों द्वारा कार्य हेतु दिये गये आवेदनों की ग्राम पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 6 अनुसार है। (ग) जी हाँ। सूखे की स्थिति को देखते हुए किसी भी समय प्रत्येक ग्राम पंचायत में 05 सामुदायिक एवं 25 हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत कर रखे जाने के निर्देश हैं। रोजगार की मांग तथा प्रगतिरत कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण कराये जाने के दृष्टिगत नवीन कार्य सक्षम स्तर से स्वीकृत किये जा रहे है।
परिवहन विभाग द्वारा वाहनो में एक्सिडेंट नियंत्रण हेतु उपाय
18. ( क्र. 640 ) श्री राजेश सोनकर : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार द्वारा कमर्शियल और ट्रांसपोर्ट वाहनों से एक्सिडेंट नियंत्रण करने हेतु स्पीड गवर्नर लगाने का नोटिफिकेशन जारी किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश सरकार परिवहन विभाग द्वारा इस नोटिफिकेशन के पालन में कब से प्रदेश में कमर्शियल और ट्रांसपोर्ट वाहनों, स्कूल वाहनों आदि पर इस योजना को लागू किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या कमर्शियल और ट्रांसपोर्ट वाहनों की स्पीड नियंत्रण कर कितनी स्पीड लिमिट की जायेगी व इसका पालन किस प्रकार कराया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में परिवहन विभाग कब से कौन-कौन से वर्ष में वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य करेगा व इसकी मॉनिटरिंग व स्पीड गवर्नर किस स्तर का लगाया जायेगा? इसकी गुणवत्ता की जाँच कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा की जायेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ, अधिसूचना क्रमांक सा.का.नि. 290 (अ) नई दिल्ली दिनांक 15.04.2015 को जारी की गई है। अधिसूचना की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) केन्द्र सरकार की अधिसूचना के पालन में राज्य सरकार द्वारा दिनांक 07.01.2016 को अधिसूचना जारी की गई, जिसके क्रम में समस्त क्षेत्रीय कार्यालयों को अधिसूचना में दर्शायें नियमों अनुसार वाहनों में स्पीड गवर्नर को चेक करने हेतु निर्देशित किया गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) कमर्शियल और ट्रांसपोर्ट वाहनों की अधिकतम गति सीमा केन्द्र सरकार की अधिसूचना क्रमांक का.आ. 425 (अ) दिनांक 09.06.1989 के द्वारा निर्धारित की गई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में दर्शायी अधिसूचना के दिनांकों से स्पीड गवर्नर के संबंध में जारी निर्देशों का पालन कराया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसियों के द्वारा प्रमाणित स्पीड गवर्नर को ही मान्यता दी जायेगी। स्पीड डिवाइस खराब (नकली) पाये जाने पर परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जावेगी।
स्मार्ट विलेज योजना शामिल गांवों में विवाद कार्य
19. ( क्र. 657 ) श्री राजेश
सोनकर : क्या पंचायत
मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) इन्दौर
जिला अंतर्गत किन-किन
पंचायतों को स्मार्ट
विलेज बनाने हेतु
कब शामिल किया
गया? प्रश्न
दिनांक तक क्या-क्या
कार्य कराये जा
रहे है? (ख)
प्रश्नांश
(क) के संदर्भ में
स्मार्ट विलेज
में क्या-क्या
कार्य कराये जाने
का प्रावधान किया
गया है? स्मार्ट
विलेज में क्या-क्या
कार्य किस-किस
मद में कराये जायेगें? (ग)
प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ में
क्या स्मार्ट
विलेज योजना में
शामिल कुछ गांव
में पहले से ही
पक्की सड़क, हायर सेकण्डरी, स्कूल राष्ट्रीकृत
बैंक के अलावा
अन्य सुविधा होने
के पश्चात् भी
उन्हें इस योजना
में शामिल किया
गया है? (घ)
प्रश्नांश (ग) के
संदर्भ में क्या
इन गांवों के स्थान
पर सांवेर तहसीलों
के गांवों को इस
योजना में शामिल
किया जाकर सारी
सुविधायें उपलब्ध
कराई जायेगी व
खेती को बेहतर
बनाने के लिये
क्या प्रयास किये
जायेंगे?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ‘‘अ‘‘
अनुसार। कराये
जाने वाले
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी
उत्तरांश ‘‘क‘‘ के
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार।
(ग) जी हाँ। (घ) जी
हाँ। स्मार्ट
विलेज में
कृषि विभाग के
माध्यम से खेती
को बेहतर बनाने
का प्रयास किया
जा रहा है।
पंचायत सचिवों को छठवां वेतनमान एवं सुविधाएं
20. ( क्र. 673 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कार्यरत पंचायत सचिवों को शासन द्वारा छठवां वेतनमान दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो कब तक दिए जाने की योजना है? क्या पंचायत सचिवों के वेतन का श्रेणीकरण किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक श्रेणीकरण करने की योजना है? (ख) क्या पंचायत सचिवों को मुख्यमंत्री की घोषणा दिनांक 24.03.2013 के अनुसार वेतन मान दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो मुख्यमंत्री की घोषणा का पालन कब तक सुनिश्चित किया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। ग्राम पंचायत सचिव शासकीय कर्मचारी नहीं है। अतः छठवां वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा परिक्रमा पथ का निर्माण
21. ( क्र. 675 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा नर्मदा परिक्रमा पथ निर्मित किया जा रहा है? यदि हाँ तो सीहोर जिले में कितने कि.मी. मार्ग का निर्माण किया जा रहा है? कार्य की प्रगति का ब्यौरा दें? (ख) सीहोर जिले में कितने स्थानों पर नर्मदा घाटों का निर्माण किया जा चुका है और कितने घाटों का कार्य अपूर्ण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा की उपयोजना के रूप मे नर्मदा परिक्रमा पथ निर्मित किये जाने हेतु जिलों को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार दिशा-निर्देश विभाग द्वारा जारी किये गये हैं। सीहोर जिले में नर्मदा परिक्रमा पथ निर्माण का कार्य नहीं लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सीहोर जिले मे 18 स्थानों पर नर्मदा घाटों का निर्माण किया जा चुका है और 04 स्थानों पर घाट निर्माण कार्य अपूर्ण/प्रगतिरत है।
पटवारियों के रिकॉर्ड का कम्प्यूटराईजेशन
22. ( क्र. 689 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के समस्त पटवारियों के रिकॉर्ड को ग्रामवार/ हल्कावार कम्प्यूटरीकृत कर दिया गया है? यदि नहीं, तो किन ग्राम पटवारियों का रिकॉर्ड प्रश्न दिनांक तक कम्प्यूटरीकृत नहीं किया गया है? (ख) क्या बड़नगर तहसील कार्यालय में जो भू-अभिलेख कम्प्यूटर पर उपलब्ध है उसमें तथा पटवारी के रिकॉर्ड में भूमि सर्वे नं. एवं रकबे में भिन्नता है तो कुल कितने व्यक्तियों के खाते में एवं रकबे में अंतर है व कब तक सुधार कर दिया जायेगा (ग) जवाबदारों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, बड़नगर विधान सभा क्षेत्र के समस्त पटवारी हल्कों के खसरा एवं बी-1, रिकार्ड के ग्रामवार/हल्कावार कम्प्यूटरीकृत कर दिया गया है। (ख) बड़नगर तहसील कार्यालय में जो कम्प्यूटराईज भू-अभिलेख उपलब्ध है, उसकी प्रिन्ट पटवारियों को प्रतिवर्ष उपलब्ध कराई जाती है। अतः उसमें तथा पटवारी रिकार्ड में भिन्नता संबंधी कोई प्रकरण संज्ञान मे नहीं आये। भू-अभिलेखों का अद्यतन एवं संशोधन सतत् प्रक्रिया है। प्रविष्टियों में संशोधन हेतु आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त मध्यप्रदेश ग्वालियर द्वारा हल्कों के पटवारियों को पासवर्ड उपलब्ध कराये गये है। जिसके माध्यम से संबंधित हल्के के पटवारी द्वारा नामांतरण बंटवारा होने पर संशोधित प्रविष्टियों का इन्द्राज कम्प्यूटर में किया जाकर अद्यतन किया जाता है। (ग) उत्तरांश ”ख” के परिप्रेक्ष्य प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले में सिंहस्थ 2016 के अंतर्गत स्मार्ट विलेज
23. ( क्र. 693 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में सिंहस्थ 2016 को दृष्टिगत रखते हुए कितने स्मार्ट विलेज विकसित किये जा रहे हैं? विधानसभावार ग्राम (स्मार्ट विलेज) की आवंटन जो राज्य शासन से प्राप्त हुआ है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) स्मार्ट विलेज किन-किन पैमानों पर बनाये गये? स्मार्ट विलेज बनाने में संबंधित विधानसभा क्षेत्र के विधायकों से प्रस्ताव लिये गये अथवा नहीं? स्मार्ट विलेज बनाने से पहले जिले के अधिकारियों ने इस संबंध में विधायकों के साथ किसी प्रकार की जानकारी साझा की अथवा नहीं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बड़नगर की इंगोरिया इंदौर रोड एवं बड़नगर से केसूर रोड के ग्रामों को स्मार्ट विलेज में सम्मिलित नहीं किया गया? यदि नहीं, तो उन्हें सम्मिलित न करने के क्या कारण थे? क्या स्मार्ट विलेज हेतु किसी प्रकार के मापदण्ड का निर्धारण नहीं किया गया? स्मार्ट विलेज बिना जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर मनमाने तरीके से निर्धारित कर दिये गये? (घ) विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में प्रश्न दिनांक तक स्मार्ट विलेजों में कितने कार्य स्वीकृत हो चुके हैं, कितने कार्य प्रारंभ हो चुके हैं, कार्य गुणवत्तापूर्ण हो इसकी मॉनिटरिंग कब-कब किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई है? क्या जिले के अधिकारियों द्वारा इन कार्यों का भूमि पूजन जनप्रतिनिधियों द्वारा कराया जाना आवश्यक महसूस नहीं किया गया? क्या स्मार्ट विलेज में विधायक की कोई भूमिका नहीं है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 94 ग्रामों को स्मार्ट रूप में विकसित करने की कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) उज्जैन में सिंहस्थ का आयोजन हो रहा है। जिसमें लगभग 5 करोड तीर्थ यात्रियों के आने का अनुमान है। मार्ग में पड़ने वाले ग्राम के विकास के आधार पर पूरे प्रदेश की छवि निर्मित होगी। इसी उददेश्य से स्मार्ट विलेज चयनित किये गये है। इसीलिये स्मार्ट विलेज के संबंध में दिनांक 30.09.2015 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा माननीय मंत्रीजी एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव महोदया की उपस्थिति में संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन उज्जैन में किया गया। जिसमें सभी माननीय विधायकों एवं अन्य जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। कार्यशाला में स्मार्ट विलेज की अवधारणा पर विस्तृत चर्चा की गई। (ग) स्मार्ट विलेज के चयन में मान. विधायकों के अभिमत को उच्च प्राथमिकता दी गई। प्रथम चरण में मार्ग में पड़ने वाले बड़नगर जनपद पंचायत के 09 ग्राम स्मार्ट विलेज में सम्मिलित किये गये। पत्र क्रमांक 16540 दिनांक 31.12.2015 द्वारा सभी मा. विधायक महोदय को स्मार्ट विलेज में शामिल होने से यदि कोई नाम वंचित रह गया हो तो उनके नाम मांगे गये है। (घ) विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में 09 स्मार्ट विलेजों में 31 कार्य स्वीकृत हो चुके है, जिसमें 19 कार्य प्रारंभ हो चुके है, निर्माण कार्यों की एजेन्सी ग्राम पंचायत है। कार्यों की गुणवत्तापूर्ण हो इसकी मॉनिटरिंग सहायक यंत्री, उपयंत्री एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा की जा रही है। कार्यों के भूमि पूजन किससे कराया जाना है, यह निर्णय ग्राम पंचायत स्तर पर लिया जा रहा है। प्रशासकीय प्रक्रिया में भूमि पूजन अनिवार्य नहीं किया गया है। मान. विधायकों द्वारा उज्जैन में आयोजित कार्यशाला दिनांक 30.09.2015 भाग लिया था अतः स्मार्ट विलेज निर्माण में मान. विधायकों की भूमिका है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की जानकारी
24. ( क्र. 695 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग कितनी लम्बाई और कितनी लागत के कब-कब स्वीकृत हुए? (ख) क्या स्वीकृत कार्य सभी पूर्ण हो गये हैं? यदि अपूर्ण हैं, तो उसका क्या कारण है? अधूरे निर्माण कार्य के लिये कौन जवाबदार है? (ग) सत्र 2015-16 में बड़नगर विधानसभा में कितने ग्रामों तक तथा कितने कि.मी. एवं कितनी राशि का लक्ष्य रखा गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से उक्त वर्षों में कोई भी मार्ग स्वीकृत नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2015-16 में बड़नगर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 03 ग्रामों को जोड़ने का प्रस्ताव है। इन सड़कों की कुल लम्बाई 5.50 कि.मी. एवं अनुमानित लागत राशि रू. 163.07 लाख है।
महिलाओं के लिये वाहन परमिट/लायसेंस की नि:शुल्क सुविधा
25. ( क्र. 744 ) श्री जितेन्द्र
गेहलोत : क्या
परिवहन मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) क्या केन्द्र
सरकार ने 01 जनवरी 2016 से महिलाओं
के लिये वाहन परमिट/लायसेंस
नि:शुल्क बनाने
का प्रावधान/आदेश
जारी किया है? (ख) यदि
हाँ, तो तत्संबंधी
ब्यौरा क्या
है एवं प्रदेश
में इसे कब से लागू
किया गया है? (ग) क्या
प्रदेश में अभी
तक महिलाओं से
परमिट/लायसेंस
शुल्क वसूला जा
रहा है? यदि
हाँ, तो किस
कारण?
परिवहन
मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) महिलाओं
के लिये वाहन परमिट
नहीं अपितु लाइसेंस
नि:शुल्क बनाने
का प्रावधान/आदेश
केन्द्र सरकार
ने नहीं बल्कि
प्रदेश सरकार द्वारा
जारी किया गया
है। (ख) प्रदेश
में चालक अनुज्ञप्ति
के लिये आवेदन
करने वाली महिला
आवेदकों को शुल्क
में छूट संबंधी
प्रावधान
दिनांक 28.12.2015 से किया
गया है। अधिसूचना
की प्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग
) प्रदेश में अधिसूचना
जारी होने के उपरान्त
महिलाओं से लाइसेंस
शुल्क नहीं वसूला
जा रहा है। शेषांश
का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
मजरा-टोला एवं वन ग्राम
26. ( क्र. 748 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के जिलों में कितने एवं कौन-कौन से ग्राम मजरा टोला एवं वन ग्राम हैं? जिलेवार ब्यौरा क्या है? (ख) मजरा-टोला तथा वन ग्राम घोषित करने हेतु शासन के मापदण्ड क्या है तथा इनमें विगत दस वर्षों में क्या-क्या संशोधन किए गए? (ग) क्या संभाग में वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में सम्मिलित करने की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों की?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसान मेलों की जानकारी
27. ( क्र. 822 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में किसानों की सहायता एवं मार्गदर्शन हेतु 01.04.2010 से 31.03.2013 तक किस-किस स्थानों पर किसान मेलों का आयोजन हुआ? उक्त आयोजनों में कितने किसानों के द्वारा रजिस्ट्रेशन करवा गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार आयोजित किसान मेलों में कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि की, किस प्रकार का अनुदान/सहायता प्रदान की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार उक्त मेलों के लिए कितनी-कितनी राशि का आवंटन किस मद में व्यय करने हेतु प्राप्त हुआ था? कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में व्यय की गयी? किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) किसान मेलों में 2656 कृषकों हेतु आत्मा योजना से टेंट, मानदेय, विद्युत, वाहन, भोजन, चाय-पानी, प्रचार-प्रसार सामग्री मदों के अंतर्गत रू. 8.32 लाख की राशि व्यय की गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2/3 अनुसार है।
विभागीय जानकारी
28. ( क्र. 823 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2010 से 31.03.2013 तक दो लाख रूपये से ज्यादा राशि के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेंटेनेंस पर किस-किस स्थान पर, किस-किस प्रकार के कार्यों पर कितनी राशि, कब-कब व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
छतरपुर जिले की नव गठित कृषि उपज मंडी के नौगांव संचालन
29. ( क्र. 937 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के नौगांव में नव गठित कृषि उपज मण्डी बनाई गई है नौगांव कृषि उपज मण्डी में हरपालपुर मण्डी का लगभग 75% क्षेत्र आ गया है। नवगठित नौगांव मण्डी में कितने कर्मचारियों की तैनाती की गई है तथा किस आधार पर या किस नियम तहत किस सक्षम अधिकारी द्वारा की गई है? (ख) उप संचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड सागर में उप संचालक के पद पर कब से पदस्थ है तथा इनके कार्यकाल में जब हरपालपुर मण्डी थी उस समय नौगांव क्षेत्र में पदस्थ कितने उपनिरीक्षकों को कौन सी दिनांकों को नाकों पर ड्यूटी लगाई गई और उन्हें हरपालपुर से किन-किन दिनांकों में रिलीव किया गया? (ग) क्या हरपुरपाल मण्डी में जब नौगांव शामिल था तब तीन निरीक्षक एवं 8 सहायक निरीक्षक पदस्थ थे अब नौगांव मण्डी जब से बना दी गई तब मात्र तीन सहायक उपनिरीक्षक कैसे संभाल रहे है? (घ) उप संचालक सागर के अधीन छतरपुर जिले की कितनी अंतर्राज्यीय मंडी चौकी है और उप संचालक वर्तमान के कार्यकाल में एक ही कर्मचारी को एक ही स्थान पर पदस्थ क्यों किया गया जिसे तत्काल शासन के हित में हटायेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की अधिसूचना क्रमांक/डी-15-43/ 2015/14-3, दिनांक 15.10.2015 द्वारा छतरपुर जिले में नौगांव उपमंडी को स्वतंत्र मंडी अधिसूचित हुई है। म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 27 के प्रावधान अंतर्गत प्रशासनिक आधार पर प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य क़षि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा कृषि उपज मंडी समिति नौगांव में 1 सचिव, 1 मंडी निरीक्षक, 4 सहायक उप निरीक्षक की पदस्थापना की गई है एवं प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड द्वारा आंचलिक उप/संयुक्त संचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड को प्रत्यायोजित अधिकार के तहत मंडी अधिनियम की धारा 30 (3) के अंतर्गत प्रशासनिक आधार पर संयुक्त संचालक, मंडी बोर्ड सागर द्वारा मंडी सेवा के 2 लिपिक एवं 1 भृत्य को प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है। (ख) वर्तमान संयुक्त संचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड सागर में उप संचालक के रूप में दिनांक 30.06.2011 से तथा पदोन्नति उपरांत संयुक्त संचालक के रूप में दिनांक 08.12.2014 से पदस्थ है। दिनांक 15.10.15 से कृषि उपज मंडी समिति, नौगांव अधिसूचित होने के पूर्व नौगांव क्षेत्र कृषि उपज मंडी समिति हरपालपुर के अंतर्गत था, तद्नुसार कृषि उपज मंडी समिति हरपालपुर के सहायक उपनिरीक्षकों की अंतर्राज्यीय सीमा जाँच चौकियों पर ड्यूटी लगाने से संबंधित वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, मंडी समिति हरपालपुर में जब नौगांव क्षेत्र शामिल था तब कृषि उपज मंडी समिति हरपालपुर में 04 मंडी निरीक्षक एवं 14 सहायक उप निरीक्षक पदस्थ थे। दिनांक 15.10.15 से नौगांव स्वतंत्र मंडी अधिसूचित होने के उपरांत मंडी समिति हरपालपुर में वर्तमान में 03 मंडी निरीक्षक एवं 07 सहायक उप निरीक्षक पदस्थ है। जिनके द्वारा सुचारू रूप से मंडी का कार्य संपादित हो रहा है। (घ) छतरपुर जिले में मंडी के 03 अंतर्राज्यीय सीमा जाँच चौकी केमाहा, देवरीबंधा, चितहरी, स्थापित है जिन पर कर्मचारियों की चक्रपद्धति से ड्यूटी लगाई जाती है। अत: शेष प्रश्न निर्मित नहीं होता है
पंचायतों में सामुदायिक एवं व्यक्ति मूलक कार्य
30. ( क्र. 962 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा ग्राम पंचायतों के माध्यम से मनरेगा के अंतर्गत सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक के कौन-कौन से कार्य करने के आदेश प्रदान किये गये हैं, कार्यों के नाम की जानकारी देवें? (ख) मंदसौर जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में मनरेगा अंतर्गत कितने सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक कार्य प्रगति पर है, विकासखण्डवार संख्या बतायें? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्राम पंचायतों में कितने-कितने से सामुदायिक तथा हितग्राही मूलक कार्य कराये जा रहे है? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कुल ऐसी कितनी पंचायत हैं, जिनमें विकास कार्य होने के बाद भी मजदूरी एवं सामग्री की राशि देना बाकी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासन द्वारा ग्राम पंचायतों के माध्यम से मनरेगा के अंतर्गत सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक जो कार्य करने के आदेश है उन कार्यों के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मंदसौर जिले के विभिन्न विकासखंडों में मनरेगा अंतर्गत किये जा रहे सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में कितने-कितने सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक कार्य कराये जा रहे है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 127 ग्राम पंचायतों में मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान किया जाना शेष है।
सिंचित भूमि और असिंचित भूमि में कृषि उत्पादन
31. ( क्र. 1013 ) श्री मधु भगत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सिंचित और असिंचित भूमि पर बोई गई फसल का रिकार्ड रखा जाता है? यदि हाँ, तो बताएं कि जबलपुर संभाग में वर्ष 2013 से वर्ष 2015 के बीच कितने रकबे में फसल बोई गई थी? सिंचित और असिंचित का रकबा प्रत्येक वर्ष का जिलेवार बताएं? (ख) कृषि उत्पादन हेतु सिंचाई के साधन है उसमें से प्रश्नांश (क) संभाग में कितनी-कितनी भूमि पर जल संसाधन विभाग की नहरों से सिंचाई की गई तथा कहाँ-कहाँ जल संसाधन विभाग द्वारा पानी की व्यवस्था सिंचाई के लिये उपलब्ध नहीं कराई गई है। प्रत्येक जिले का अलग-अलग रकबा बताएं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सिंचित असिंचित भूमि पर बोई गई फसल का रिकार्ड भू-अभिलेख विभाग द्वारा रखा जाता है। जबलपुर संभाग में वर्ष 2013 से 2015 में सिंचित एवं असिंचित क्षेत्र में बोई गई फसलों के जिलेवार रकबे की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) वर्ष 2013 से 2015 में जल संसाधन विभाग द्वारा शासकीय श्रोतो (नहरों के माध्यम) से सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया गया। जिलेवार सिंचाई किये गये क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।
पंचायतकर्मियों को मानदेय/वेतन भुगतान
32. ( क्र. 1047 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंचायतकर्मी/सचिव को मानदेय/वेतन का भुगतान किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ, तो विगत 05 माहों से उक्त कर्मचारियों को प्रश्न दिनांक तक वेतन/मानेदय का भुगतान किय गया है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक भुगतान किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जनपद पंचायत जयसिंहनगर में माह सितम्बर, 2015 एवं जनपद पंचायत ब्यौहारी में अक्टूबर, 2015 से आवंटन के अभाव में वेतन/मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। अन्य मद से शीघ्र भुगतान की कार्यवाही की जा रही है।
राजस्व ग्रामों के जीर्ण-शीर्ण नक्शों का सुधार
33. ( क्र. 1087 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2016 की स्थिति में ग्वालियर जिले के तहसील भितरवार, चीनौर, एवं घाटीगांव के अंतर्गत आने वाले राजस्व ग्रामों में से कितने ग्रामों की भूमियों के नक्शे पूर्णत: जीर्ण-शीर्ण होकर अनुपयोगी हो चुके हैं उन ग्रामों के नाम दें तथा इन ग्रामों के नक्शे कब से जीर्ण-शीर्ण या अनुपयोगी हैं। इन ग्रामों के नक्शों को कब तक तैयार करा लिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त क्षेत्र में वर्तमान राजस्व ग्रामों का सर्वे किस वर्ष में किया गया था? क्या उक्त सर्वे में जो गांव राजस्व ग्राम थे उनमें कई राजस्व ग्राम से वेचिराग हो गये हैं तथा कुछ गांव जो राजस्व गांवों के सर्वे के बाद नये आवासीय गांव के रूप में बस गये हैं उन गांवो को राजस्व ग्राम नहीं माना गया है ऐसे गांव की सूची जनसंख्या सहित स्पष्ट करें? अब इन गांवों को क्या राजस्व ग्राम में माना जावेगा? यदि हाँ, तो कब से यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासकीय नियमों के अनुसार उन ग्रामों को विकास की मुख्य धारा में वर्तमान जनसंख्या का आधार मान्य कर विकास कार्य कराया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पेंशन वितरण में अनियमितता
34. ( क्र. 1088 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं के अंतर्गत पेंशन देने का प्रावधान है और उनके नियम और मापदण्ड क्या हैं? आवंटन प्राप्त होने के बाद कितने दिन के अंदर पेंशन प्राप्त होना चाहिए इस संबंध में क्या दिशा-निर्देश हैं? (ख) 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले के लिये उपरोक्त पेंशन वितरण के लिये कब-कब, कितनी-कितनी धन राशि आवंटित की गई एवं जिले में कब प्राप्त हुई? (ग) 1 जनवरी 2016 की स्थिति के अनुसार भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जो पेंशन पाने वाले हैं, उन्हें 1 अप्रैल 2015 से 31 दिसम्बर 2015 तक कितनी राशि दी गई? क्या इस अवधि में कुछ पात्र व्यक्ति को पेंशन से वंचित कर अपात्र व्यक्तियों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो उक्त अवधि में किस-किस पंचायत में किस-किस व्यक्तियों द्वारा अनियमितताओं की शिकायतें की गई तथा शिकायत में क्या कार्यवाही की गई, की गई कार्यवाही का विवरण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पेंशन योजनाओं के अंतर्गत नवीन व्यवस्था के तहत जिलावार राशि आवंटित न की जाकर केन्द्रीयकृत आहरण व्यवस्था के तहत बजट नियंत्रणकर्ता के कोड में संपूर्ण प्रदेश के लिए राशि उपलब्ध कराई जाती है,जिसे आवश्यकतानुसार हितग्राही के अनुपात में जिले द्वारा आहरण किया जाता है। (ग) 01 अप्रैल 2015 से 31 दिसम्बर 2015 तक राशि रु. 1,64,92,115/- भुगतान की गई है। जी नहीं। उक्त अवधि में अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नईसराय तहसील का गठन
35. ( क्र. 1215 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र चंदेरी के अंतर्गत 3 वर्ष पूर्व नईसराय तहसील का गठन हुआ था? क्या उक्त तहसील के गठन हुये 3 वर्ष पूर्ण हो चुके है लेकिन आज दिनांक तक न तो वहां पर कोई लिपिकीय स्टॉफ है और न ही स्थायी तहसीलदार की नियुक्ति की गई है जिससे विवश होकर क्षेत्र की जनता को राजस्व काम के निपटारे हेतु ईशागढ़ आना पड़ता है? (ख) नई तहसील के गठन हेतु 3 वर्ष हो चुके है? क्या शासन द्वारा भूमि का चयन करने के बाद भी तहसील कार्यालय के भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत नहीं की गई हैं? (ग) क्या इस वित्तीय वर्ष उक्त कार्यालय के भवन निर्माण हेतु बजट में प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त भवन का निर्माण कार्य कब तक शुरू होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र चंदेरी अंतर्गत नवीन तहसील नईसराय का गठन म.प्र.शासन, राजस्व विभाग द्वारा 22.08.2013 से किया गया है। म.प्र. शासन राजस्व विभाग के आदेश दिनांक 01.01.2014 से तहसीलदार का 1 पद, नायब तहसीलदार का 1 पद, सहायक ग्रेड-3 के 5 पद एवं भृत्य/प्रोसेस सर्वर के 6 पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है। राजस्व अधिकारियों/कर्मचारियों की कमी होने से वैकल्पिक व्यवस्था हेतु एक नायब तहसीलदार की पदस्थापना तहसील नईसराय में की गई है। जो सप्ताह में तीन दिन तहसील नईसराय में कार्य संपादित करते हैं। (ख) जी नहीं। कलेक्टर अशोकनगर के द्वारा तहसील नईसराय भवन निर्माण हेतु भूमि चिन्हित की गई है, संसाधन उपलब्ध होने पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि मण्डी बोर्ड द्वारा कराये गये सड़क निर्माण कार्य
36. ( क्र. 1245 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14, 2014-15 व 2015-16 में कृषि मण्डी बोर्ड द्वारा दमोह जिले में कितनी सड़कें, कितनी राशि से किस कार्य एजेन्सी द्वारा बनाई गई एवं किस उपयंत्री द्वारा मूल्यांकन किया गया? (ख) कृषि मण्डी बोर्ड की विगत वर्ष 2014-15 या 2015-16 की शासन स्तर पर हटा विधान सभा की सड़कें लंबित पड़ी है, उन्हें कब तक स्वीकृति प्राप्त हो जावेगी एवं कौन-कौन सी सड़कें हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मंडी बोर्ड द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15 व 2015-16 में दमोह जिलें में कराये गये सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृत लागत, निर्माण एजेंसी तथा कार्यों के मूल्यांकन करने वाले उपयंत्रियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) हटा विधान सभा क्षेत्र की लंबित सड़कों के प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त सड़कों के प्रस्तावों को किसान सड़क निधि के तहत स्वीकृति के निर्णय हेतु गठित समिति के समक्ष रखे जाने वाले एजेण्डा में सम्मिलित किया गया है। गठित समिति की बैठक की तिथि नियत न होने से सड़क प्रस्तावों की स्वीकृति की समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
ई-कक्षों का निर्माण
37. ( क्र. 1289 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन दक्षिण विधान सभा क्षेत्र में कितनी पंचायतों में ई-कक्षों का निर्माण किया गया है एवं कितनी ग्राम पंचायतों में ई-कक्षों का निर्माण होना है, ग्राम पंचायतवार जानकारी प्रदान करे? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार निर्मित कितने ई-कक्षों में पंचायतों द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? ग्राम पंचायतवार जानकारी प्रदान करें? क्या अधिकांश पंचायतों में ई-कक्ष खाली पड़े हुए है? पंचायतों द्वारा उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है जिससे शासन की मंशा पूर्ण नहीं हो पा रही है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में 07 ग्राम पंचायतों में ई-कक्षों का निर्माण किया गया है एवं 10 ग्राम पंचायतों में ई-कक्षों का निर्माण किया जाना शेष है। ग्राम पंचायत जहां ई-कक्ष निर्मित हुए हैं:- तालोद, टंकारियापंथ, टकवासा, फतेहाबाद, जमालपुरा, पंथपिपलई एवं पिपल्याराघौ। ग्राम पंचायत जहां ई-कक्ष निर्मित होना शेष हैं:-असलाना, खेमासा, गोंदिया, हमीरखेड़ी, कांकरियाचिराखान, दाऊदखेड़ी, गंगेड़ी, नायाखेड़ी, जरखोदा एवं डेंडिया। (ख) उत्तरांश ‘‘क’’ अनुसार निर्मित ई-कक्षों की निर्माण एजेंसी म.प्र. लघु उद्योग निगम है। जिसके द्वारा पूर्णतः प्रमाण-पत्र जिलो को प्रस्तुत होने पर ग्राम पंचायतों को ई-कक्ष हस्तांतरित किए जा सकेंगे। वर्तमान में ई-पंचायत का कार्य ग्राम पंचायत भवन से किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी को निर्देशित किया गया है।
राजस्व विभाग अंतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति
38. ( क्र. 1324 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधान सभा अंतर्गत राजस्व विभाग में कुल कितने पद स्वीकृत है? कृपया तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कुल स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे हुए है तथा कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की जानकारी तहसीलवार प्रदाय करें? (ग) वर्तमान में इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कोई योजना है? हाँ तो कब तक इन रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल स्वीकृत पद 83, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार। (ग) रिक्त पद पूर्ति सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताना संभव नहीं।
अतिवृष्टि का मुआवजा
39. ( क्र. 1479 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को वर्ष 2015-16 में अतिवृष्टि से नष्ट हुई फसलों का शासन द्वारा मुआवजा वितरण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से ग्रामों में कितना-कितना मुआवजा वितरण किया गया है? भुगतान की गई राशि सहित बतावें? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के समस्त ग्रामों में नष्ट हुई फसलों का मुआवजा किसानों को भुगतान किया गया है? क्या कोई पीडि़त किसान शेष भी रहे है? (घ) यदि रहे है तो कितने तथा शेष रहने का कारण बतावें? भुगतान नहीं होने में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? दोषी अधिकारी/कर्मचारी का नाम बतावें एवं इसके संबंध में क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील राजगढ़ के 389 ग्रामों एवं तहसील खिलचीपुर के 206 ग्रामों में सूखा से प्रभावित फसलों के लिए राहत राशि वितरित की गई। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के अंतर्गत तहसील राजगढ़ के 389 एवं खिलचीपुर के 206 ग्रामों में राहत राशि का भुगतान ई-पेमेंट के माध्यम से किया गया। तहसील खिलचीपुर के 1149 कृषक राहत राशि भुगतान हेतु शेष हैं। (घ) शासन स्तर से जिले को आवंटन जारी नहीं होने से 1149 कृषक शेष हैं। बजट प्रावधान होते ही जिलें के शेष प्रभावितों को राहत राशि वितरण हेतु उपलब्ध करा दी जायेगी। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना की स्वीकृति
40. ( क्र. 1480 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में मुख्यमंत्री सड़क योजनान्तर्गत एन.एच. 12 से भोजपुर से गुलखेड़ी व्हाया गणेशपुर में राजगढ़ जिले के पैकेज क्रमांक 2604 द्वारा उक्त सड़क कौन से वर्ष में निर्माण हेतु स्वीकृत हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त सड़क मार्ग की स्वीकृत लागत एवं निर्माण एजेन्सी का नाम बतावें? (ग) क्या उक्त सड़क मार्ग निर्माण पूर्ण हो गया है? यदि हाँ, तो कब दिनांक एवं राशि सहित बतावें? (घ) उक्त निर्माण कार्य का मूल्यांकन किस अधिकारी के द्वारा किया गया है? नाम, पदनाम एवं स्थान सहित बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2010-11 में स्वीकृत हुई थी। (ख) उक्त सड़क की लागत रू. 57.82 लाख है एवं इसकी निर्माण एजेंसी मेसर्स बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी आवास कालोनी जीरापुर है। (ग) जी हाँ। उक्त निर्माण कार्य दिनांक 19/07/2014 को राशि रू. 35.37 लाख में पूर्ण हुआ है। (घ) उक्त कार्य का मूल्यांकन श्री आर.एस. चौहान सहायक परियोजना प्रबंधक जनपद पंचायत खिलचीपुर एवं श्री डी.एस.सिसौदिया उपयंत्री द्वारा किया गया।
इन्दिरा आवास योजना के तहत आवासों की स्वीकृति/निर्माण
41. ( क्र. 1523 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2014-15 में इन्दिरा आवास योजनान्तर्गत कितने इन्दिरा आवास कितने हितग्राहियों को स्वीकृत किये गये? इस हेतु कितना बजट जिले को प्रदाय किया में से कितने हितग्राहियों को कब पहली किश्त का भुगतान किया गया? योजना का निर्धारित लक्ष्य क्या था? (ख) उक्त हितग्राहियों में से जिन-जिन हितग्राहियों ने पहली किश्त की राशि आवास निर्माण में व्यय कर दी हैं उन्हें वर्तमान तक दूसरी किश्त का भुगतान न करने के क्या कारण हैं कब तक किया जावेगा? (ग) क्या शासन द्वारा वर्तमान तक बजट उपलब्ध न कराने के कारण हितग्राहियों को दूसरी किश्त नहीं मिल पा रही हैं? यदि हाँ, तो इस हेतु जिला/जनपद पंचायतों द्वारा क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या दूसरी किश्त के अभाव में संबंधित हितग्राही आवास निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करवा पा रहे हैं तथा योजना के लाभ से वंचित हैं? लक्ष्य पूर्ति बाधित हो रहा हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन अब जिले के हितग्राहियों को दूसरी किश्त के भुगतान हेतु कब तक बजट उपलब्ध करवाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2014-15 में 1207 हितग्राहियों को इंदिरा आवास योजनान्तर्गत आवास स्वीकृत किए गये। इस हेतु 689.43 लाख बजट का प्रावधान था। जिसमें से 955 हितग्राहियों को माह नवम्बर, दिसम्बर, 2014 में प्रथम किश्त का भुगतान किया गया। 90 हितग्राहियों को प्रथम किश्त की राशि जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। योजनान्तर्गत जिले को वर्ष 2014-15 में 1207 आवासों का लक्ष्य निर्धारित था। (ख) 955 हितग्राहियों में से 166 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त जारी कर दी गई है। शेष हितग्राहियों द्वारा आवास साफ्ट में निर्धारित मापदण्ड के फोटो अपलोड करने एवं हितग्राही से उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के उपरांत राशि जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। आवास साफ्ट में दरबाजा स्तर तक के निर्धारित मापदण्ड के फोटो अपलोड करने एवं हितग्राही से उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के उपरांत राशि जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
मनरेगा योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों की अनिवार्यता
42. ( क्र. 1524 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सूखे की स्थिति के मद्देनजर प्रदेश के समस्त जिलों की सभी ग्राम पंचायतों में प्रतिदिन 50 मजदूरों को नियमित रोजगार उपलब्ध कराने हेतु मनरेगा योजनान्तर्गत 5 सामुदायिक मूलक एवं 25 हितग्राहीमूलक कार्य स्वीकृत कर प्रारंभ कराने के निर्देश म.प्र. रोजगार परिषद भोपाल ने समस्त कलेक्टरों को जारी किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो श्योपुर जिले में उक्त निर्देशानुसार क्या सभी पंचायतों में उक्त कार्य प्रारंभ करा दिये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत समस्त पंचायतों में कितने व कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत कर प्रारंभ कराये उनमें कितने-कितने मजदूरों को रोजगार मिल रहा हैं पंचायतवार बतावें? (घ) क्या विभाग के संबंधित अमले की उदासीनता के कारण वर्तमान तक श्योपुर क्षेत्र की दर्जनों पंचायतों में उक्त निर्देशानुसार न तो कार्य स्वीकृत किये गये हैं और ना ही प्रारंभ किये गये नतीजन जिले में मजदूरों के पलायन की स्थिति निर्मित हो रही हैं? यदि हाँ, तो इस हेतु दोषी विभागीय अमले के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? क्या शासन अब उक्त निर्देशानुसार सभी पंचायतों में शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित करवाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 05 सामुदायिक तथा 25 हितग्राहीमूलक कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर ले-आऊट देकर कार्य प्रारंभ करने की तैयारी रखने के निर्देश जारी किये गये है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में प्रगतिरत कार्यों एवं रोजगार की मांग के दृष्टिगत पर्याप्त संख्या में सक्षम स्तर से कार्य स्वीकृत कर रखे गये है, जिन्हें रोजगार की मांग के अनुरूप प्रारंभ किया जा सकेगा। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जॉबकार्डधारियों की मांग अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्दौर में गलत पतों पर वाहनों का रजिस्ट्रेशन
43. ( क्र. 1573 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इन्दौर में गलत पतों पर कई वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया गया है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में गलत पतों पर किये गये वाहनों के रजिस्ट्रेशन की वर्षवार संख्या बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार किये गये रजिस्ट्रेशन से शासन को राजस्व की हानि हुई है? यदि हाँ, तो इस तरह के किये गये रजिस्ट्रेशनों के लिए विभाग संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही कर रहा है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इन्दौर में गलत पते पर वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
बीज उर्वरक कीटनाशक औषधि के क्रय-विक्रय में अनियमितता
44. ( क्र. 1642 ) कुँवर विक्रम
सिंह : क्या किसान
कल्याण मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) बीज उर्वरक
कीटनाशक औषधि के
क्रय-विक्रय एवं
भण्डारण के लिए
विभाग द्वारा लायसेन्स
किस नियम के अंतर्गत
एवं किन-किन व्यक्ति
संस्थाओं को जारी
किये जाते है? (ख) सागर
संभाग में कौन-कौन
सहकारी समितियां
लायसेन्स प्राप्त
करके एवं कितनी
सहकारी समितियां
बगैर लायसेन्स
के ही नियम विरूद्ध
बीज उर्वरक कीटनाशक
औषधि के क्रय-विक्रय
एवं भण्डारण का
कार्य कर रही है? जिलेवार
जानकारी दें? (ग)
प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य
में क्या विभाग
को प्रतिवर्ष लाखों
रूपयों की वित्तीय
हानि अधिकारियों
की मिली भगत से
होती है?
(घ) जिलों
में उप संचालकों
तथा संयुक्त संचालक
सागर ने 2013 से प्रश्न
दिनांक तक किन-किन
तिथियों में कार्यवाही
की?
किसान
कल्याण मंत्री
( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) बीज उर्वरक
तथा कीटनाशक औषधि
के क्रय-विक्रय
एवं भण्डारण के
लिए विभाग द्वारा
क्रमश: बीज (नियंत्रण)
आदेश 1983 की धारा
5, उर्वरक
(नियंत्रण) आदेश
1985 की धारा
8 व 9
तथा कीटनाशी अधिनियम
1968 की धारा
13 के
अंतर्गत पात्रता
रखने वाले व्यक्ति
एवं संस्थाओं
को जिलें में उप
संचालक कृषि पदेन
अनुज्ञापन अधिकारी
के द्वारा निहित
प्रावधानों के
अनुसार लायसेंस
जारी किये जाते
है। (ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार है।
(ग) जी नहीं। सोसायटी
के वरिष्ठ अधिकारियों
को लायसेंस प्राप्त
करने हेतु समय-समय
पर अवगत कराया
गया है, इसलिये
विभागीय अधिकारियों
की मिलीभगत का
प्रश्न हीं नहीं
उठता है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है।
बीज उर्वरक तथा
कीटनाशक औषधि के
नवीन लायसेंस हेतु
क्रमंश: रूपया
1000/- रूपया
1250/- तथा रूपया
300/- शुल्क
निर्धारित है, अत: उक्त
दर से राजस्व
प्राप्त नहीं
हुआ है। (घ) जिलों
में उप संचालकों
द्वारा 2013 से प्रश्नांश
दिनांक तक की गई
कार्यवाही का विवरण
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है।
संभाग में लायसेंस
जारी करने एवं
नवीनीकरण की कार्यवाही
जिला स्तर पर
की जाती है, इस लिये संयुक्त
संचालक सागर द्वारा
कार्यवाही करने
का प्रश्न नहीं
उठता।
शासकीय योजनाओं से संबंधित कार्यों पर व्यय
45. ( क्र. 1643 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के जिलो में कृषि विभाग द्वारा एन.जी.ओ. को प्रदर्शन, कृषि एवं संबंध विभाग, प्रशिक्षण, भ्रमण, खेत पाठशाला, क्षमता विकास प्रशिक्षण, सीडमनी, कृषक संगोष्ठी सोलर कम्पोस्टिंग के कार्य वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक किस मापदण्डानुसार दिये गये? (ख) जिलेवार व्यय की गई राशि का विवरण मदवार योजनावार उपलब्ध करावें? (ग) उक्त संस्थाओं को किन-किन तिथियों में भुगतान किया गया? उपसंचालक द्वारा भौतिक सत्यापन कराया गया? (घ) यदि हाँ, तो विवरण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भारत सरकार के मार्गदर्शी निर्देशों के अनुरूप संचालनालय स्तर पर इच्छा की अभिव्यक्ती व्यक्ति जारी कर संस्थाओं के प्रस्ताव मंगाये जाकर संस्थाओं का चयन किया गया। मापदण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। भौतिक सत्यापन उप संचालक द्वारा नहीं किया जाता है। (घ) आयोजित गतिविधियों का सत्यापन परियोजना संचालक आत्मा, उप परियोजना संचालक आत्मा, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, ब्लॉक टैक्नालॉजी मैनेजर एवं सहायक टैक्नालॉजी मैनेजर द्वारा किया जाता है।
मुआवजा वितरण में गुना जिले में पक्षपात
46. ( क्र. 1671 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में वर्ष 2015 (खरीफ) को सोयाबीन उड़द फसलें मौसम की मार से नष्ट हुई? उन फसलों काकिसानों को मुआवजा राशि स्वीकृत कर वितरण की है? यदि हाँ, तो संपूर्ण मुआवजा राशि के वितरण की जानकारी दें? (ख) यदि गुना जिले में प्रश्नांश (क) में स्वीकृत राशि का बोए गये संपूर्ण रकवे का वितरण हो गया है तो माफी मंदिर भूमि और वनाधिकार पट्टेधारियों का सोयाबीन उड़द फसल का मुआवजा वितरण क्यों नहीं किया? कब तक करेंगे? (ग) यदि प्रश्नांश (क) में जिला प्रशासन द्वारा राशि स्वीकृत कर वितरण की है तो समभाग के भूमि स्वामियों को यानी बराबर रकवे के भू-धारियों को राहत राशि वितरण में पक्षपात क्यों किया है? ऐसे कितने कृषक हैं जिन्हें उनकी भूमि के हक से कम मुआवजा दिया है? (घ) शासन द्वारा मुआवजा राशि प्रति हेक्टेयर किस दर से स्वीकृत की है और वितरण उस स्वीकृत दर से कम या अधिक क्यों किया है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। गुना जिले में वर्ष 2015 खरीफ की सोयाबीन उड़द फसलों के नुकसानी के लिए प्रभावित कृषकों को राशि रूपये 16476.70 लाख (रूपये एक सौ चौसठ करोड छिहत्तर लाख सत्तर हजार) राहत राशि का वितरण किया गया है। (ख) गुना जिले में माफी मंदिर भूमि और वनाधिकार पटटेधारियों को भी राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानानुसार राहत राशि का वितरण किया गया है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में किसी भी किसान के साथ पक्षपात नहीं किया गया है। सभी पात्र कृषकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मानदण्डानुसार राहत राशि का वितरण किया गया है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अनुसार लघु एवं सीमांत कृषकों (2 हेक्टेयर तक भूमि धारित करने वाले) को 8000/- रूपये प्रति हेक्टेयर एवं लघु एवं सीमांत कृषकों से भिन्न (2 हेक्टेयर से अधिक भूमि धारित करने वाले) कृषकों को रूपये 6,800/- प्रति हेक्टेयर की दर से सभी पात्र कृषकों को वितरित की गई है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
अनुदान योजनाओं की स्वीकृति
47. ( क्र. 1672 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में गुना जिले को सूखाग्रस्त घोषित करके विभाग द्वारा अतिरिक्त वित्तीय बजट दिया है? यदि नहीं, तो कारण बतायें। यदि हाँ, तो विवरण दें एवं क्या विभाग द्वारा गुना जिले के किसानों को लक्ष्य अनुसार आवंटन हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा में नीति परिवर्तन की स्वीकृति के पूर्व विभाग की अनुदान योजनाओं की स्वीकृति बिना अनुमति के ऑफ लाईन के स्थान पर ऑनलाईन क्यों की गई? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या विभाग द्वारा गुना जिले में स्वीकृत लक्ष्य अनुसार प्रश्न दिनांक तक संपूर्ण योजनाओं का आवंटन ऑफ लाईन कृषकों के आवेदन पर किया है या ऑनलाईन स्वीकृति की है? कितनी आवंटन शेष है? क्या ऑनलाईन प्रक्रिया चालू करने को विभाग ने कोई प्रचार-प्रसार या न्यूज पेपर में प्रकाशन कराया है या नहीं कौन जिम्मेदार है? (घ) गुना जिले में ब्लॉकवार योजनाओं में प्राप्त बजट का आवंटन दोहरी नीति ऑफलाईन एवं ऑनलाईन से प्राप्त आवेदन एवं स्वीकृति के लिये पक्षपात करने वाले कौन दोषी है विभाग क्या इन दोषियों पर कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2015-16 में गुना जिले की 8 तहसीलें सूखा घोषित हुई है सूखा से हुई फसल क्षति के लिए प्रभावित किसानों को राहत राशि 16476.70 लाख का आवंटन उपलब्ध कराया गया है। सभी पात्र प्रभावित किसानों को राहत राशि का वितरण किया गया। (ख) विभागीय योजना में पारदर्शिता बढ़ाने हेतु परिवर्तन किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं होता है। (ग) विभाग द्वारा गुना जिले में स्वीकृत लक्ष्य अनुसार प्रश्न दिनांक तक सम्पूर्ण योजनाओं का आवंटन का व्यय दिनांक 07.11.2015 से पूर्व ऑफ लाइन कृषकों के आवेदन पर किया है। संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास संचालनालय म.प्र. भोपाल के पत्र क्र.एन.एम.ओ.ओपी./लक्ष्य/02/2015-16/757 दिनांक 07.11.2015 के द्वारा ऑनलाइन प्राप्त प्रकरण की स्वीकृति के निर्देश हैं। आवंटन शेष की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ऑनलाइन प्रक्रिया चालू करने को विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार एवं न्यूज पेपर में प्रकाशन कराया गया है। (घ) गुना जिले में ब्लॉकवार योजनाओं में प्राप्त बजट का आवंटन कृषकों द्वारा ऑनलाइन पंजीयन कराने के आधार पर पात्र कृषकों को पारदर्शी तरीके एवं लाभ देने के उददेश्य से नियमानुसार किया गया है किसी के साथ पक्षपात नहीं किया गया है इसलिए किसी के खिलाफ कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
गरीबी रेखा कार्ड एवं पेंशन के हितग्राहियों को योजना का लाभ
48. ( क्र. 1698 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र की तहसील उमरेठ एवं तहसील परासिया के लोक सेवा केंद्र में वर्ष 2012 से दिसंबर 2015 तक कुल कितने गरीबी रेखा कार्ड एवं पेंशन के आवेदन हितग्राहियों द्वारा जमा किये गये थे? (ख) वर्ष 2012 से दिसंबर 2015 तक तहसील उमरेठ एवं तहसील परासिया के लोक सेवा केंद्र में जितने गरीबी रेखा कार्ड एवं पेंशन के आवेदन हितग्राहियों द्वारा जमा किये गये थे? उनमें से कुल कितने हितग्राहियों के गरीबी रेखा कार्ड एवं पेंशन के आवेदन स्वीकृत किये गये हैं और कितने हितग्राहियों के अस्वीकृत? (ग) कया गरीबी रेखा कार्ड एवं पेंशन बनाये जाने हेतु हितग्राहियों को लोक सेवा केंद्र में ही आवेदन जमा करना आवश्यक है या संबंधित ग्राम पंचायत/नगरीय निकायों में भी हितग्राहियों द्वारा आवेदन जमा किया जा सकता है? (घ) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र की तहसील उमरेठ एवं तहसील परासिया के लोक सेवा केंद्रों में हितग्राहियों को शासन के द्वारा निर्धारित समय-सीमा के आधार पर योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र की तहसील परासिया एवं तहसील उमरेठ क्षेत्र के लोक सेवा केन्द्र में वर्ष 2012 से 31 दिसम्बर 2015 तक गरीबी रेखा कार्ड (बी.पी.एल.) के कुल 1584 एवं पेंशन संबंधी कुल 1508 आवेदन हितग्राहियों द्वारा जमा किये गये हैं। (ख) वर्ष 2012 से 31 दिसम्बर 2015 तक तहसील परासिया एवं तहसील उमरेठ क्षेत्र में निम्नानुसार प्रकरणों को निराकृत किया गया- 1- कुल स्वीकृत (ग) गरीबी रेखा कार्ड (बीपीएल) की संख्या 1063, 2- कुल अस्वीकृत गरीबी रेखा कार्ड (बीपीएल) की संख्या 521, 3- स्वीकृत पेंशन के कुल आवेदनों की संख्या 1038, 4- अस्वीकृत पेंशन के कुल आवेदनों की संख्या 430 गरीबी रेखा कार्ड एवं पेंशन बनाये जाने हेतु हितग्राही लोक सेवा केन्द्र या पदाभिहित अधिकारी कार्यालय में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आवेदन दे सकता है। (घ) जी हाँ।
परासिया कृषि मण्डी को प्रारंभ कराया जाना
49. ( क्र. 1699 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत परासिया में जो कृषि मण्डी स्वीकृत है, मण्डी का निर्माण भी कई वर्ष पहले पूर्ण कर दिया गया है परन्तु कृषि मण्डी अभी तक प्रारंभ नहीं की गई है? कृषि मण्डी प्रारंभ नहीं किए जाने का क्या कारण है? (ख) परासिया में स्थित कृषि मण्डी को कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) उक्त कृषि मण्डी को अभी तक प्रारंभ नहीं किए जाने में क्या विभागीय लापरवाही उजागर नहीं होती है? अगर हाँ, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार है और उन पर विभाग द्वारा क्या और कब तक कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। कृषि उपज मंडी समिति छिंदवाड़ा की उपमंडी परासिया में व्यापारियों की कमी होने तथा बाउण्ड्रीवाल एवं पहुंच मार्ग अपूर्ण होने से प्रांगण में क्रय-विक्रय प्रारंभ नहीं हो पा रहा है। (ख) कृषकों को अपनी कृषि उपज मंडी प्रांगण में विक्रय के लिये लाने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है, एवं नीलामी प्रारंभ करने के प्रयास किये जा रहे है, परंतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश "क" एवं "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जन प्रतिनिधि की प्राप्त शिकायतों का निराकरण
50. ( क्र. 1730 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच विधान सभा क्षेत्र की कितनी शिकायतें जन प्रतिनिधियों के माध्यम से की जाकर संभाग स्तर/जिला स्तर पर जाँच हेतु प्राप्त हुई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई प्राप्त शिकायतों पर क्या जाँच की कार्यवाही पूर्ण कर उसका अंतिम निराकरण करते हुए जन प्रतिनिधियों को सूचित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन ऐसे प्रकरणों को गंभीरता से लेकर संबंधित उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें।
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पंचायतों को देय अनुदान राशि
51. ( क्र. 1782 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार सीहोर जिले की जनपद पंचायत सीहोर को किस-किस योजना के तहत कितनी-कितनी अनुदान राशि प्रदाय की गई है? (ख) क्या अनुसूचित जाति बाहुल्य पंचायतों को विशेष योजना मद में राशि प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से वर्षवार ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से कार्य कराये गये? ग्राम पंचायतवार ब्यौरा दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार।
मनरेगा में स्वीकृत कार्य
52. ( क्र. 1784 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत जिला सीहोर के विकासखण्ड सीहोर में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस विभाग के कन्वर्जेन्स कितने-कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत कार्यों की वर्षवार तथा विभागवार पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में कन्वर्जेन्स से कार्य होने के कारण राशि के अभाव में कितने कार्य आज दिनांक तक अपूर्ण है, कितने कार्य स्वीकृति के उपरांत अप्रारंभ है, कितने कार्य के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी हो चुके हैं? अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार अपूर्ण, अप्रारंभ एवं पूर्ण कार्य कितनी-कितनी राशि के हैं? किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? क्या इन कार्यों में मनरेगा के तहत सामग्री एवं मजदूरी का निर्धारित अनुपात (कन्वर्जेन्स) में ही भुगतान हुआ है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सीहोर विकासखण्ड में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कन्वर्जेन्स के अंतर्गत कुल 802 कार्य स्वीकृत किये गये। स्वीकृत कार्यों का वर्षवार तथा विभागवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत 667 कार्य, मनरेगा मद में राशि के अभाव के कारण आज दिनांक तक अपूर्ण हैं, 135 कार्य के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी हो चुके हैं। अपूर्ण कार्यों की पूर्णता जॉबकार्डधारियों द्वारा काम की मांग पर निर्भर है, जिससे पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार अपूर्ण, अप्रारम्भ एवं पूर्ण कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। जी हाँ, इन कार्यों पर मनरेगा के तहत सामग्री एवं मजदूरी का निर्धारित अनुपात (कन्वर्जेंस) में ही भुगतान हुआ है।
पूर्ण जानकारी दी जाना
53. ( क्र. 1804 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्नोत्तरी दिनांक 29 जुलाई 2015 के प्रश्न क्रमांक 2119 के उत्तर के संदर्भ में माननीय मंत्री जी ने अवगत कराया है कि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) तक की जानकारी एकत्रित की जा रही है? (ख) कृपया प्रश्नांशवार का उत्तर दें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जानकारी एकत्रित किया जाना
54. ( क्र. 1805 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधान सभा प्रश्नोत्तरी दिनांक 29 जुलाई 2015 के प्रश्न संख्या 77 क्रमांक 2104 के उत्तर के संदर्भ में माननीय मंत्री जी ने जानकारी एकत्रित की जा रही है उत्तर दिये हैं? यदि जानकारी एकत्रित हो गई हो, तो प्रश्नांशवार उत्तर दें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
55. ( क्र. 1859 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में पवई में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई? स्वीकृत राशि तथा सड़क की लंबाई बतावें? (ख) उक्त स्वीकृत सड़कों में से किन-किन सड़कों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? सड़कवार कारण बतावें। उक्त कार्य पूर्ण करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) उक्त पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन से पात्र ग्राम है, जहां उक्त दोनों योजनाओं में सड़क स्वीकृत नहीं की गई क्यों? ऐसे ग्रामों में कब तक सड़क स्वीकृत की जायेगी? (घ) उक्त योजनाओं के अंतर्गत प्रश्नांश (ख) की स्वीकृत सड़कों का कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त ग्रामों को पक्की सड़क से जोड़ने के प्रस्ताव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किये गये है, स्वीकृति अपेक्षित हैं। स्वीकृति हेतु कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की जानी है एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत स्वीकृति हेतु कार्यों के प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को राहत राशि
56. ( क्र. 2037 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के लिये सूखा राहत हेतु वर्ष 2014-15 और 2015-16 में कितनी राशि घोषित की जाकर आवंटित की गई है? (ख) क्या राज्य सरकार द्वारा राज्य के किसानों को राहत राशि प्रदान की जा रही है या प्रदान की गई है? (ग) यदि राज्य सरकार केन्द्र द्वारा प्रदत्त राशि किसानों में वितरित नहीं कर रही है तो इसका समायोजन किस प्रकार किया जावेगा? (घ) राज्य सरकार द्वारा जनवरी, 2015 तक कितनी राशि कितनी तहसीलों में राहत राशि के रूप में वितरित की गई है? कितनी राशि भुगतान की जाना है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 2014-15 में प्रदेश में सूखा आपदा का प्रभाव नहीं होने से प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। वर्ष 2015-16 में सूखा आपदा के लिए अतिरिक्त राहत राशि अपेक्षित है। (ख) जी हाँ। राहत राशि प्रदान की जा रही है। (ग) राज्य सरकार द्वारा राज्य संसाधनों से प्रभावित किसानों को राहत राशि वितरित करायी जा रही है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2014-15 में सूखा आपदा नहीं होने से 15 जनवरी तक सूखा आपदा हेतु राहत राशि वितरित नहीं की गई। अत: शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
आवासीय कॉलोनियों में आरक्षण
57. ( क्र. 2054 ) श्री आर.डी.
प्रजापति : क्या
राजस्व मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) छतरपुर जिले
के समस्त आवासीय
कॉलोनियों में
अनुसूचित जाति/
अनु.जनजाति के
गरीब लोगों को
आवासों तथा भूखंडों
में कितने प्रतिशत
आरक्षण की व्यवस्था
है? (ख) विकासखण्ड
छतरपुर की समस्त
कॉलोनीवार अनुसूचित
जाति/जन जाति वर्ग
के लोगों को वर्ष
2014 से प्रश्न
दिनांक तक कितने
आवासीय भूखंड उपलब्ध
कराये गये? कॉलोनीवार
जानकारी उपलब्ध
करायें?
(ग)
यदि नहीं, तो ऐसे कितने
कॉलोनाइजरों के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की गई
और कब तक की जायेगी? (घ) क्या
इन कॉलोनियों के
लाइसेंस निरस्त
कर एफ.आई.आर. दर्ज
की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व
मंत्री ( श्री रामपाल
सिंह ) : (क) नियमानुसार
पात्र व्यक्तियों
को विकासित क्षेत्र
के 15 प्रतिशत
के बराबर निर्धारित
आकार के पूर्ण
विकसित भू-खण्ड
उपलब्ध कराये जाने
का प्रावधान है।
(ख) वर्ष 2012
से प्रश्न दिनांक
तक तीन कॉलोनाईजर्स
को कॉलोनी विकास
की अनुमति दी गई
है। कॉलोनाईजर्स
द्वारा कॉलोनी
का विकास कार्य
प्रगति पर है।
विकास पूर्ण होने
पर नियमानुसार
भू-खण्ड आवंटन
की प्रक्रिया प्रारम्भ
की जायेगी। (ग)
एवं (घ) के संबंध
में प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
पौडी फार्म प्रारंभ किये जाना
58. ( क्र. 2073 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले कि पुष्पराजगढ़ तहसील अंतर्गत पौडी फार्म कब से प्रारंभ किया गया? (ख) फार्म के नाम से कितनी हेक्टेयर जमीन है और किन में खेती की जा रही है? (ग) वर्ष 2012 से 2015 तक रवि एवं सियारी फसल पैदावार सहित प्रतिवर्ष कितना लाभ हुआ तथा फसलवार कितनी हानि में रही, की जानकारी देवें? (घ) पोडी फार्म में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों की स्वीकृति एवं भरे पदों की जानकारी? किस स्तर की पद कब से रिक्त है और क्यों? कब तक पदों की पूर्ति की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील अंतर्गत पौडी फार्म वर्ष 1947 में प्रारम्भ हुआ था। बीज निगम को जुलाई 1983 में शासन से हस्तान्तरित किया गया। (ख) वर्ष 1983 में पौडी फार्म का कुल रकबा 587 हेक्टर था। वर्ष 2009 में शासन के आदेशानुसार 150 हेक्टर भूमि केन्द्रीय इन्दिरा गांधी आदिवासी विश्वविद्यालय अमरकंटक को हस्तान्तरित की गई है। हस्तान्तरण पश्चात फार्म पौडी का कुल रकबा 437 हेक्टर में से 325 हेक्टर जमीन में खेती की जा रही थी। जुलाई 14 से कार्य संचालन के दृष्टिकोण से दो भागों में विभाजन के पश्चात प्रक्षेत्र पौडी का कुल रकबा 293.50 एवं सिंदूर फार्म का रकबा 143.50 हेक्टर हो गया है। जिसमें से प्रक्षेत्र पौडी पर 250 हेक्टर एवं सिन्दूरखार में 97 हेक्टर रकबे में खेती वर्ष 2014 से की जा रही है। (ग) प्रक्षेत्र पौडी एवं सिन्दूरखार पर वर्ष 2012 से 2015 तक रबी एवं खरीफ फसलों की पैदावार तथा वर्षवार लाभ-हानि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (घ) (1) प्रक्षेत्र पौडी एवं सिन्दूरखार के लिए स्वीकृत 14 पदों के विरूद्ध वर्तमान में कुल 08 पद भरे हुए हैं एवं 06 पद रिक्त हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (2) कनिष्ठ उत्पादन सहायक/सहायक स्तर के पद क्रमश: 04 एवं 02 पद रिक्त हैं जो वर्ष 14 एवं वर्ष 15 से रिक्त हैं। रिक्त पदों की पूर्ति की आवश्यकता वर्तमान में नहीं है।
पंचायतों को विकास कार्य हेतु देयक राशि
59. ( क्र. 2111 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत राज अधिनियम के तहत प्रदेश में पंचायतों को विकास हेतु किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित हेतु नियम/प्रक्रियाएं संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में मध्यप्रदेश शासन एवं केन्द्र शासन द्वारा जनवरी 2015 से जनवरी 2016 तक जनपद पंचायत अम्बाह जिला मुरैना को पंचायतों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार।
मजरों का राजस्व ग्राम में परिवर्तित
60. ( क्र. 2112 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के नियमों के अनुसार मजरों को किन नियमों के तहत राजस्व ग्राम का दर्जा दिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में ऐसे कितने मजरे हैं जो राजस्व ग्राम की श्रेणी में आते हैं? मजरों के नाम बताये जावे? (ग) क्या (ख) में उल्लेखित राजस्व ग्राम योग्य मजरों को कब तक राजस्व ग्राम में शामिल किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता में विहित प्रावधान एवं शासन निर्देशानुसार मजरे टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जो के मापदण्ड निम्नानुसार है:-
(1) मूल राजस्व ग्राम से मजरे टोलों की दूरी लगभग 2 कि.मी. या अधिक होनी चाहिए।
(2) पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम का क्षेत्रफल 200 एकड़ से कम न हो तथा पृथक हुए उक्त ग्राम की आबादी 200 या अधिक होनी चाहिए।
(3) पृथक बनाये जा रहे, राजस्व ग्राम की चर्तुसीमायें मूल ग्राम से एवं अन्य सीमावर्ती ग्रामों से मिलनी चाहिये, मजरे टोलों से पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की सीमायें मूल ग्राम की सीमाओं के अन्दर ही स्थित न रहे। (ख) जिला मुरैना के विधान सभा क्षेत्र दिमनी की तहसील अम्बाह एवं मुरैना के अंतर्गत 04 मजरे, मजरा शिकारीपुरी, मजरा जालौनी, मजरा पीपरीपुरा तथा मजरा महेवा का पुरा को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया गया है। (ग) उल्लेखित राजस्व ग्राम योग्य मजरों के अधिकार (आर.ओ.आर.) तैयार करने हुतु राजस्व निरीक्षकों को आदेशित किया जा चुका है। लगभग 06 माह की समयावधि में कार्य पूर्ण कर मजरों को राजस्व ग्रामों में शामिल किया जावेगा।
विवाह प्रोत्साहन योजना
61. ( क्र. 2182 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत खरगौन जिले में विगत 3 वर्षों में कितने हितग्राहियों का चयन किया गया तथा इन्हें कितनी सहायता राशि किस माध्यम से प्रदान की गई? (ख) बिंदु (क) के हितग्राहियों का विवाह प्रायोजक का नाम, आयोजन की तिथि, आयोजन स्थल, एकल विवाह, सामूहिक विवाह की स्थिति, दंपत्ति में एक नि:शक्त वाले विवाह, दोनों नि:शक्त वाले विवाह की संख्या बतायें तथा इन आयोजनों को देय राशि बतायें? (ग) नि:शक्त विवाह योजना के लाभ हेतु खरगोन जिले में विगत 3 वर्षों में कितने आवेदन प्राप्त हुए, कितने स्वीकृत हुए तथा कितने, किन कारणों से अस्वीकृत हुए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत खरगोन जिले में विगत 3 वर्षों में 143 हितग्राहियों का चयन किया गया तथा इन्हें कुल राशि रूपये 70.00 लाख निराश्रित निधि की ब्याज राशि से सीधे हितग्राहियों को ई-पेमेन्ट के माध्यम से प्रदाय की गई। (ख) निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत कुल 143 हितग्राहियों का विवाह उनके द्वारा पृथक-पृथक तिथियों में स्वयं के संसाधनों द्वारा किया गया है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) निःशक्त विवाह योजना के लाभ हेतु विगत 03 वर्षों में कुल-143 आवेदन प्राप्त हुये है। समस्त आवेदन परीक्षण उपरांत पात्र पाए गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत भवन का निर्माण
62. ( क्र. 2220 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र भिण्ड के अंतर्गत ऐसी कितनी पंचायतें हैं जिनके स्वयं के पक्के ग्राम पंचायत भवन नहीं है? कितनी ऐसी ग्राम पंचायतें है जिनके पंचायत भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है? (ख) क्या ग्राम पंचायतों के स्वयं के भवन नहीं होने के कारण ग्राम पंचायत का कार्य प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो भवन निर्माण के लिए क्या कार्यवाही चल रही है कब तक भवन निर्माण हो जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में भवन विहीन ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण कराने के लिए शासन स्तर पर क्या योजना चल रही है? ग्राम पंचायत के भवन में मरम्मत के लिए कोई योजना बनाई गई हैं? यदि हाँ, तो कौन से भवन पर मरम्मत करवाया जायेगी? (घ) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आदर्श ग्राम पंचायत के लिए शासन स्तर पर क्या योजना चल रही है? किस ग्राम पंचायत में क्या कार्य हो रहा है? कितने कार्य पूर्ण हुए कितने कार्य लंबित/अप्रारंभ हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 47 ग्राम पंचायतें है, जिनमें से 16 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन नहीं है एवं 13 ग्राम पंचायतों के पंचायत भवन जीर्ण-शीर्ण है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। भवनविहीन पंचायतों में नवीन पंचायत भवन निर्माण की विभाग की योजना है समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। ग्राम पंचायत भवन मरम्मत के लिये ग्राम पंचायत अपनी निधि से मरम्मत का कार्य नियमानुसार कर सकती है। (घ) ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत विकास योजना (जी.पी.डी.पी.) तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा प्रबंधन के प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही
63. ( क्र. 2231 ) श्री संजय पाठक : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक लोक सेवा प्रबंधन के तहत कितने आवेदन प्राप्त हुये? विभागवार, विकासखण्डवार, वर्षवार प्राप्त आवेदनों की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) यदि आवेदन प्राप्त हुये हैं, तो लोक सेवा अधिनियम की समय-सीमा में कितने आवेदनों का निराकरण किया गया? वर्षवार, विभागवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन समय-सीमा में लोक सेवा अधिकारी द्वारा पारित नहीं किये गये तथा समय-सीमा के पश्चात निराकरण किये गये आवेदनों में कितनी दण्डराशि संबंधित लोक सेवक से प्राप्त की गई? (घ) कितने प्रकरण अपील के पश्चात् निराकरण किये गये?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक विभागवार, वर्षवार, विकासखण्डवार कुल आवेदन 4,98,657 (चार लाख अन्ठानवे हजार छः सौ सत्तावन) प्राप्त हुये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) में लोक सेवा अधिनियम की समय-सीमा में 3,78,470 (तीन लाख अठहत्तर हजार चार सौ सत्तर) आवेदनों का आनलाईन निराकरण किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) में प्राप्त आवेदन समय बाह्य 41,204 (इक्तालीस हजार दो सौ चार) आवेदन निराकृत किये गये जिसमें से 04 पदाभिहित अधिकारियों से 18000/- (अठारह हजार रूपये) की दण्ड राशि प्राप्त की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार। (घ) प्रथम अपील में 205 और द्वितीय अपील में 19 प्रकरणों का निराकरण किया गया है।
प्रधानमंत्री सड़क निर्माण
64. ( क्र. 2241 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 800 से अधिक जनसंख्या वाले ग्रामों को सम्मिलित किया गया है, तो विधान सभा क्षेत्र शुजालपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत उगाह जिसकी जनसंख्या लगभग 1000 वर्ष 2000 में थी, को इस योजना में क्यों सम्मिलित नहीं किया गया? (ख) क्या ग्राम सुंदरसी कल्याणपुरा से सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग के अंतर्गत आने वाले समस्त पुल, पुलिया का निर्माण किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) क्या अमोदिया शुजालपुर मुख्य मार्ग (परलावदा जोड़) पेवची कउवाला मंडलखा मार्ग प्रधान मंत्री सड़क निर्माण पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य के अंतर्गत पेवची वृहद नाले पर पुल निर्माण किया जा चुका है? यदि नहीं, तो पुल निर्माण कार्य कब तक किया जावेगा? (घ) क्या ग्राम उगाह में सड़क निर्माण कार्य सम्मिलित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य कब तक प्रारंभ होकर पूर्ण होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सामान्य विकासखण्डों में वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर 500 या अधिक जनसंख्या वाली ऐसी बसाहटों को जो पक्की सड़कों से 500 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित है, को कोर-नेटवर्क में सम्मिलित किया गया है। विधानसभा क्षेत्र शुजालपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत उगाह की जनसंख्या वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर 839 थी। शुजालपुर-अकोदिया मार्ग से उगाह सड़क योजनांतर्गत प्रस्तावित है किंतु उक्त सड़क पर पेवची नदी स्थित होनें से 25 मीटर से अधिक लंबाई के पुल का निर्माण किया जाना आवश्यक था उक्त मार्ग का निर्माण की स्वीकृति से पूर्व उक्त पुल की स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक था। अतः सड़क निर्माण के कार्य का प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रेषित नहीं किया गया था। वर्तमान में उक्त पुल की स्वीकृति प्राप्त हो गयी है। अतः सड़क के निर्माण का प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। (ख) जी नहीं, ग्राम सुंदरसी से कल्याणपुरा मार्ग के लक्ष्य ग्राम कल्याणपुरा की जनसंख्या वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 202 है। उत्तरांश (क) के प्रकाश में कल्याणपुरा की जनसंख्या 500 से कम होने के कारण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत उक्त सड़क का निर्माण किया जाना संभव नहीं है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। अमोदिया शुजालपुर मुख्यमार्ग (परलावदा जोड़) से पेवची कउवाला मंडलखा सड़क मार्ग पर पेवची नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। वर्तमान में निविदा आमंत्रित की गई है। एजेंसी निर्धारण के उपरांत कार्य प्रारंभ कराया जा सकेगा, पूर्ण कराने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश (क) के प्रकाश में वर्तमान में स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है अतः कब तक प्रारंभ होकर पूर्ण होगा, की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कपिल धारा कूप निर्माण
65. ( क्र. 2262 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में योजना प्रारम्भ से कुल कितने कपिल धारा कूप निर्माण की स्वीकृति दी गई? विकासखण्डवार बताया जावे? (ख) दिनांक 31.01.2016 तक वर्तमान तक उपरोक्त में से कुल कितने कपिलधारा कूप पूर्ण हो गये? पूर्ण कूपों में से कुल कितने कूपों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जा चुके है? विकसखण्डवार जानकारी करावें? (ग) यदि पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किये गये तो किस अधिकारी द्वारा पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया? उक्त अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) झाबुआ जिले में योजना प्रारम्भ से वर्तमान तक कपिल धारा उपयोजना के अंतर्गत कुल 23907 कूप निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान तक जिले में कुल 19405 कपिलधारा कूप पूर्ण हो चुके है, विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समस्त पूर्ण कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जा चुके है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सड़क योजना
66. ( क्र. 2309 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 500 जनसंख्या वाले ग्रामों में मुख्यमंत्री सड़क योजना निर्माण किये जाने की योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में जिला शाजापुर के कितने ग्रामों को सम्मिलित किये गये हैं? विधानसभा क्षेत्रवार संख्या नाम सहित देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में सन् 2016-17 में शाजापुर विधानसभा के कितने ग्राम मुख्यमंत्री सड़क योजना में सम्मिलित किये जावेंगे?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क योजनांतर्गत
सामान्य विकासखण्डों
में 500 से कम, आदिवासी
विकासखण्ड में
250 से कम आबादी
के ग्राम प्रधानमंत्री
सड़क योजना से
कोर-नेटवर्क के
आधार पर एकल सम्पर्कता
से जोड़े जाने
की योजना है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) वर्ष 2016-17 हेतु मुख्यमंत्री
ग्राम
सड़क योजना की
कोई
कार्ययोजना
शाजापुर
विधानसभा के
लिए नहीं बनाई
गई है।
परिशिष्ट
- ''तिरेपन''
जिला जनपद एवं ग्राम पंचायतों द्वारा कराये गये विकास कार्य
67. ( क्र. 2365 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा में स्थित जनपद पंचायत व ग्राम पंचायतों द्वारा वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से विकास कार्य कराये गये? उसमें कितने कार्य पूर्ण कितने अपूर्ण एवं कितने कार्य अप्रारंभ है जानकारी दें? कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ रहने के क्या कारण है तथा कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे? (ख) क्या जनपद पंचायत उदयपुरा की ग्राम पंचायत कुचवाड़ा में हाट बाजार निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या निर्माण नियमानुसार किया गया है? क्या इस संबंध में ग्रामवासियों द्वारा उनकी भूमि पर निर्माण संबंधी शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है व उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अथवा की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रायसेन जिले की विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा में विस्तृत जनपद पंचायत व ग्राम पंचायतों में प्रश्नाधीन अवधि में कुल 5627 स्वीकृत कार्यों में से 4570 कार्य पूर्ण, 1018 कार्य अपूर्ण तथा 39 कार्य अप्रारंभ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। शिकायत की जाँच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बरेली के द्वारा की गई, उनके द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन अनुसार तथा प्रकरण क्रमांक 1785 बी-121/14-15 से आदेश दिनांक 22.11.2014 में ग्राम पंचायत कुचवाड़ा में निर्देशित किया गया है कि आवेदक के विवादित भू-खंड के सामने पूर्व की ओर उत्तर से दक्षिण की दिशा में 10 फीट रास्ता छोड़कर हाट बाजार का निर्माण किया जाये।
सुदूर खेत सड़क योजनांतर्गत कार्यों की जानकारी
68. ( क्र. 2366 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में ग्राम पंचायतों द्वारा सुदूर खेत सड़क योजना के तहत कितनी सड़कों का निर्माण किया गया है? लंबाई एवं लागत सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) विगत दो वर्षों में सुदूर खेत सड़क योजना में कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कार्य प्रारंभ करने एवं पूर्ण होने की दिनांक एवं वर्ष बतावें? क्या उनका पूर्ण भुगतान हो चुका है या नहीं? (ग) इस वर्ष सुदूर खेत सड़क योजना में कितने नए कार्य प्रारंभ किए गए हैं? पंचायत/गांवों की जानकारी देवें? (घ) जिन पंचायतों में सुदूर खेत सड़क योजना के तहत सड़क का कार्य पूर्ण हो चुका है उनको कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है तथा जो कार्य शेष है उन कार्यों की स्थिति एवं भुगतान की जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रायसेन जिले की ग्राम पचायतों द्वारा सुदूर खेत सड़क योजना के तहत 329 सड़कों का निर्माण किया गया है, जिनकी लम्बाई 262.66 कि.मी. एवं लागत 4008.77 लाख रूपये है। (ख) विगत वर्षों में सुदूर खेत सड़क योजना में 01 कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसकी प्रारंभ करने का दिनांक 17.04.2014 एवं पूर्ण होने का दिनांक 27.06.2014 वर्ष 2014-15 उक्त कार्य का पूर्ण भुगतान किया जा चुका है। (ग) इस वर्ष सुदूर खेत सड़क योजना में 95 नए कार्य प्रारंभ किये गये हैं पंचायत/गांवों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिन पंचायतों में सुदूर खेत सड़क योजना के तहत 01 सड़क कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसमें उनको राशि रू. 14.99 लाख राशि का भुगतान किया गया है तथा 328 कार्य शेष है, जो प्रगतिरत है जिन पर कार्य की भौतिक प्रगति अनुसार राशि का भुगतान किया जा चुका है।
मनरेगा योजनान्तर्गत कूप निर्माण
69. ( क्र. 2380 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 03 वर्षों में मनरेगा योजनान्तर्गत कूप निर्माण के कुल कितने कार्य स्वीकृत हुए? उनमें कितनी राशि का भुगतान किया गया है और कितनी राशि भुगतान हेतु शेष है? स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण किये गये एवं कितने अपूर्ण हैं, अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) उक्त अवधि में निर्मित कार्यों में अनियमितताओं की कितनी शिकायत कब-कब प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों की जाँच किस अधिकारी से कराई गई और उनमें क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त अवधि में स्वीकृत कूप निर्माण कार्यों में मृत व्यक्तियों को भी मजदूरी भुगतान करने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो ऐसी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है और कितने मृत मजदूरों को राशि प्राप्त होना पाया गया? इसके लिए कौन दोषी है, दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिरोंज विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत 03 वर्षों में मनरेगा योजनांतर्गत कूप निर्माण के 290 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। इन कार्यों में रूपये 241.92 लाख का भुगतान किया है, भुगतान हेतु शेष राशि रूपये 528.18 लाख है। कुल स्वीकृत कूपों में 58 कूप पूर्ण हैं तथा 232 कूप अपूर्ण हैं। अपूर्ण कार्यों की पूर्णता जॉबकार्डधारियों द्वारा काम की मांग पर निर्भर हैं, जिससे पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) उक्त अवधि में निर्मित कार्यों पर वर्ष 2012-13 में 6, 2013-14 में 8 एवं 2014-15 में 7, कुल 21 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। शिकायतों की जाँच सहायक यंत्री एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, मनरेगा से कराई जाकर नियमानुसार कार्यवाही की गई। (ग) जी हाँ। एक शिकायत प्राप्त हुई है। जाँच में एकमत मजदूर के नाम से भुगतान होना पाया गया। इसके लिये कियोस्क संचालक तथा सचिव, ग्राम पंचायत बैरागढ़ जनपद पंचायत लटेरी को जाँच मे दोषी पाया गया है। संबंधित कियोस्क संचालक के विरूद्ध पुलिस थाना लटेरी में प्रकरण दर्ज कराया गया है एवं सचिव, ग्राम पंचायत को निलंबित किया गया है।
मण्डी सदस्यों की मानदेय
70. ( क्र. 2401 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मण्डी की आय की 50 प्रतिशत राशि राज्य शासन के कोष में दी जाती है एवं 30 प्रतिशत राशि को मण्डी बोर्ड को प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो मण्डी निर्वाचन में निर्वाचित सदस्यों, अध्यक्ष, उपाध्यक्षों को जो कि 50 से 60 पंचायतों से निर्वाचत होते हैं इन्हें क्या-क्या सुविधाएं एवं अधिकार दिये गये हैं? (ग) क्या इन्हे पंचायत प्रतिनिधियों जैसा मानदेय दिया जाता है? यदि नहीं, तो क्या सरकार इन्हें भी मानदेय देने पर विचार करेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 43 के अनुसार कृषि उपज मंडी समितियों की आय का राज्य शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित प्रतिशत "म.प्र. राज्य विपणन विकास निधि" में भुगतान करने के निर्देश है। म.प्र. शासन द्वारा जारी की गई अधिसूचना दिनांक 30 अक्टूबर 2000 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में "राज्य विपणन विकास निधि" से निर्वाचित प्रतिनिधियों को कोई सुविधाएं नहीं दी गई है अपितु मंडी अधिनियम की धारा 16 तथा 17 में मंडी समिति के अध्यक्ष एवं मंडी समिति के निर्वाचित सदस्यों की "शक्तियां एवं कर्तव्य" निर्धारित किये गये हैं। इन धाराओं के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा जारी मंडी लेखा नियम 2000 में "अध्यक्ष, मंडी समिति" एवं मंडी समितियों को सशक्त बनाया गया है। अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष मंडी समितियों को शासन द्वारा निर्धारित मानदेव एवं सत्कार भत्ता दिया जा रहा है तथा निर्वाचित अन्य सदस्यों को मंडी समितियों की बैठक में भाग लेने पर बैठक भत्ता की सुविधा प्राप्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मंडी समितियों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानदेय दिया जा रहा है।
सोयाबीन फसल वर्ष 2015 के मुआवजा राहत राशि वितरण में पक्षपात
71. ( क्र. 2408 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 खरीफ की सोयाबीन एवं उड़द की प्राकृतिक प्रकोप से नष्ट फसलों का गुना जिले में राहत राशि स्वीकृत कर वितरण की? यदि हाँ, तो प्रति हेक्टेयर किस दर से राशि वितरण की है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में नष्ट फसलों की मुआवजा (राहत) राशि वितरण में गुना जिले की प्रत्येक तहसील में प्रत्येक गांव के कृषकों को क्या अलग-अलग दर से राशि स्वीकृत कर वितरण की है? क्यों कारण बतायें। (ग) गुना जिले की गुना एवं बमोरी तहसील में सोयाबीन की मुआवजा राशि वितरण में किसी किसान को कम किसी को अधिक का वितरण किस मान से किया है? क्या राहत राशि स्वीकृति में अंतर है यदि हाँ, तो कारण सहित उत्तर दें? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में उल्लेखित मुआवजा वितरण में पटवारी एवं तहसीलों द्वारा किसानों को उनके द्वारा बोयी गयी सोयाबीन की फसलों के आंकलन के कम या अधिक रकवा दर्शा कर पक्षपात किया है तो दोषी लोगों पर क्या विभाग कार्यवाही करेगा या उन्हें शेष राशि का भुगतान करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अनुसार लघु एवं सीमान्त कृषकों (2 हेक्टेयर तक भूमि धारित करने वाले) को रूपये 8000/- प्रति हेक्टेयर एवं लघु एवं सीमान्त कृषक से भिन्न (2 हेक्टेयर से अधिक भूमि धारित करने वाले) कृषकों को रूपये 6,800/- प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि वितरण की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मानदण्ड अनुसार जिला गुना के प्रत्येक तहसील के प्रत्येक ग्राम के प्रत्येक प्रभावित कृषकों को राहत राशि वितरित की गई है। (ग) जी नहीं। सभी प्रभावित कृषकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मानदण्डों अनुसार ही राहत राशि का वितरण किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में उल्लेखित अनुसार फसल क्षति आंकलन एवं राहत राशि वितरण में किसी प्रकार को कोई पक्षपात नहीं किया गया अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों को खाद-बीज की जाँच के अधिकार
72. ( क्र. 2429 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों को क्या उर्वरक बीज एवं कीटनाशक विक्रेताओं की गोदामों/दुकानों का निरीक्षण करने के अधिकार प्राप्त है? यदि हाँ, तो इनकी शैक्षणिक योग्यता क्या होती है? (ख) जिला जबलपुर के विकासखण्ड मुख्यालयों कौन-कौन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पदस्थ हैं? इनकी शैक्षणिक योग्यता प्रश्नांश (क) के अनुसार है या नहीं यदि नहीं, तो क्या इनके द्वारा उर्वरक बीज एवं कीटनाशक विक्रेताओं की गोदामों/दुकानों का निरीक्षण किया जा रहा है बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जिनकी शैक्षणिक योग्यता बी.एस.सी. (कृषि) अथवा बी.एस.सी. (रसायन शास्त्र विषय के साथ) है, उनको उर्वरक एवं कीटनाशक विक्रेताओं की गोदामों/दुकानों का निरीक्षण करने के अधिकार प्राप्त हैं, परन्तु बीज विक्रेताओं की गोदामों/दुकानों का निरीक्षण करने हेतु वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी की योग्यता बी.एस.सी. (कृषि) होना आवश्यक है। (ख) जबलपुर जिले के विकासखण्ड मुख्यालयों में पदस्थ वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के नाम एवं उनकी शैक्षणिक योग्यता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सीहोरा एवं कुण्डम विकासखण्ड में बीज विक्रेताओं की गोदामों/दुकानों का निरीक्षण करने हेतु कार्यालय उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जबलपुर में पदस्थ वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री एम.एल. जाटव को बीज निरीक्षक के रूप में अधिकृत किया गया है, जिनके द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है।
सब्जी व्यापारियों को भू-खण्ड दुकानें उपलब्ध कराया जाना
73. ( क्र. 2503 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिला अंतर्गत गोरहा तालाब, गौरव कॉम्प्लेक्स में 40 वर्षों से सब्जी एवं फल की मण्डी संचालित हो रही थी? यदि हाँ, तो क्या इस कृषि उपज मण्डी को करहिया रीवा में विस्थापित करने की कार्यवाही प्रगतिरत है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो विस्थापितों के व्यापार हेतु जिले के अधिकारियों द्वारा क्या व्यवस्था की गई है? क्या म.प्र. कृषि उपज मण्डी (भूमि एवं संरचना का आवंटन) नियम 2009 के तहत व्यापारियों को भू-खण्ड आवंटन कर शासन द्वारा तैयार किये गए माप अनुसार दुकान बनाने हेतु आदेश जारी किये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कृषि उपज मण्डी समिति द्वारा नियम से व्यापारियों की क्षमता अनुसार उनका विक्रय/आवंटन किया जायेगा। आवंटन में क्या आरक्षण का पालन किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के व्यापारियों का सर्वे कराकर उनकों भू-खण्ड आवंटन की कार्यवाही करते हुए स्वतंत्र रूप से जारी नक्शा अनुसार दुकान बनाने की स्वतंत्रता का आदेश जारी करेंगे? नहीं तो क्यों? साथ ही गोदाम की नि:शुल्क व्यवस्था अथवा लीज में देने का नियम तैयार करायेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं, प्रश्नाधीन सब्ज़ी मंडी नगर पालिका निगम रीवा द्वारा संचालित की जा रही है। मंडी समिति रीवा से कोई कार्यवाही नहीं होना है। (ख) मंडी प्रागंण करहिया रीवा में निर्माणाधीन फल एवं सब्ज़ी मंडी में दुकानों का निर्माण स्ववित्तीय योजना अंतर्गत प्रगतिरत है। म.प्र. कृषि उपज मंडी (भूमि एवं संरचना का आवंटन) नियम 2009 के तहत व्यापारियों को स्व-वित्तीय योजना अंतर्गत दुकानों का निर्माण कर थोक फल एवं सब्ज़ी अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों को खुली नीलामी प्रक्रिया के अंतर्गत आवंटन किया जाने का प्रावधान है। (ग) जी हाँ। म.प्र. कृषि उपज मंडी (भूमि एवं संरचना का आवंटन) नियम 2009 के तहत व्यापारियों को दुकान आवंटन का प्रावधान है, जिसमें आरक्षण नियम का पालन करना सुनिश्चित किया गया है। (घ) प्रश्नांक (क) अनुसार संचालित फल सब्ज़ी मंडी नगर पालिका निगम रीवा द्वारा संचालित होने से प्रश्नांश कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भू-राजस्व संहिता में संशोधन
74. ( क्र. 2504 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 में नामांतरण/इत्तलाबी कर खसरे में सुधार कराने का कार्य संबंधित तहसीलदारों को दिया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो क्या वरिष्ठ सिविल न्यायालयों अथवा राजस्व न्यायालयों से निर्णीत प्रकरणों को संबंधित न्यायालय के आदेशों के परिपालन में हल्का पटवारियों द्वारा राजस्व रिकार्डों में सुधार पारित न्यायालयों के निर्णय के सापेक्ष में कर देना चाहिए, लेकिन म.प्र. भू-राजस्व संहिता में इस तरह की व्यवस्था नहीं की गई है, जिसके चलते मुकदमा जीतने के बाद भी संबंधित पक्षकारों को तहसील, न्यायालयों में नये सिर से प्रकरण इत्तलाबी/नामांत्रण हेतु दायर करने पड़ते हैं, जिससे मुकदमेबाजी बढ़ती है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के सापेक्ष में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 में संशोधन करते हुए सीधे संबंधित हल्का पटवारियों को वरिष्ठ न्यायालय के आदेश के पालन में राजस्व अभिलेखों में सुधार (नामांत्रण/इत्तेलाबी) करने का संशोधित आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वरिष्ठ सिविल न्यायालयों एवं राजस्व न्यायालयों निर्णीत प्रकरणों के आदेशों को राजस्व रिकार्डों में पटवारी को बिना राजस्व अधिकारी के आदेश के बिना रिकार्ड सुधार करने का अधिकार नहीं है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, सहपठित 110 के अंतर्गत तहसीलदार ही सक्षम प्राधिकारी है। अत: विधि विरूद्ध निर्देश जारी नहीं किये जा सकते है।
चुटका परमाणु विद्युत परियोजना हेतु अधिग्रहीत जमीन
75. ( क्र. 2517 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुटका परमाणु विद्युत परियोजना मण्डला में कितने गांवों के कितने परिवार प्रभावित हो रहे हैं तथा उक्त परियोजना हेतु कुल कितनी जमीन अधिग्रहण की जा रही है? (ख) उक्त परियोजना हेतु जो जमीन अधिग्रहण की जा रही है, उसमें टाटीघाट एवं कुण्डा ग्राम का एक संपूर्ण मोहल्ला जिसमें जमीन तो पूरी अधिग्रहण की गई है परंतु मकानों को विस्थापन की श्रेणी में नहीं लिया गया है, तो क्या उक्त ग्राम में बचे हुये भाग एवं मकानों को परियोजना की सीमा मानकर पुनर्वास एवं मुआवजा भुगतान का कार्य किया जावेगा? (ग) उक्त परियोजना में विस्थापित लोगों को मुआवजा वितरण के क्या मापदण्ड होंगे तथा जमीन का मुआवज़ा एवं पुर्नवास हेतु क्या मापदण्ड तय किये गये है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पंचायत सचिवों का निलंबन
76. ( क्र. 2537 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतें हैं? इन ग्राम पंचायतों में कितने पंचायत सचिव कार्यरत हैं? कितने पद रिक्त हैं? (ख) जनपद पंचायत, बड़वाहा अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतें हैं? इन ग्राम पंचायतों में कितने पंचायत सचिव कार्य रहे हैं, कितने ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिवों के पद किस दिनांक से रिक्त हैं? उन ग्राम पंचायतों में कार्यरत सचिव कितने समय से कार्य कर रहे हैं, उनकी पदस्थीकरण दिनांक तक संपूर्ण सूची दी जावे, तथा कितने पंचायत सचिव किन कारणों से सेवा से पृथक अथवा निलंबित हैं? निलंबित पंचायत सचिवों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया? उनके द्वारा कब उत्तर दिया तथा विभाग द्वारा प्राप्त उत्तर के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाही किस दिनांक को की गई? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा जनपद पंचायत, बड़वाहा में निलंबित पंचायत सचिवों की शीघ्र जाँच कर गुण दोष के आधार पर निलंबन से बहाल करने के संबंध में जिला प्रशासन को लिखे गये पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खरगोन जिले में 594 ग्राम पंचायतें हैं। इन ग्राम पंचायतों में 582 सचिव कार्यरत् हैं। 14 पद रिक्त हैं। (ख) जनपद पंचायत बड़वाह में 114 ग्राम पंचायतें हैं। इन ग्राम पंचायतों में 81 पंचायत सचिव कार्यरत् हैं। 09 ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिवों के पद दिनांक 27-6-2015 से रिक्त हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जनपद पंचायत बड़वाह में निलंबित पंचायत सचिवों की शीघ्र जाँच कर गुण दोष के आधार पर निलंबन से बहाल करने के संबंध में संबंधित सचिवों के विरुद्ध नियमानुसार जाँच संस्थित की गई है। जाँच उपरांत गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है।
ग्राम सताजना से टोकलाय मार्ग का निर्माण
77. ( क्र. 2540 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले के बडवाहा विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत ग्राम सताजना से टोकलाय के मार्ग की स्वीकृति के साथ निर्माण हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग की स्वीकृति कब कितनी लागत की हुई एवं किस कंपनी द्वारा कब मार्ग निर्माण कराया गया है? (ख) क्या ग्राम सताजना से टोकलाय मार्ग के मध्य रास्ते में ग्राम रायझर की कनेक्टीविटी की गई जबकि उक्त मार्ग का अनुमोदन शासन द्वारा स्वीकृत पुस्तिका में किया जा चुका है तथा निविदा में भी तथा गत वर्ष में अप्रैल माह की महाप्रबंधक की प्रगति संक्षेपिका में भी ग्राम रायझर की कनेक्टीविटी दर्शाई गई है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 17/06/2013, 17/02/2014 एवं दिनांक 09/01/2016 पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इस संबंध में संबंधित विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? समय-सीमा बताई जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। खरगौन जिले के बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत ग्राम सताजना से टोकलाय सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति वर्ष 2012-13 में रू. 161.49 लाख की जारी की गयी थी। इस सड़क का निर्माण कार्य मेसर्स अर्नव प्रोजेक्ट झारखंड द्वारा माह जनवरी 2015 में पूर्ण कराया गया हैं। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देंशों के अंतर्गत यदि पात्र ग्राम पक्की सड़क से 500 मी. तक की दूरी पर स्थित है, तो वह ग्राम पक्की सड़क से जुड़े हुये ग्रामों की श्रेणी में आता है। ग्राम रायझर, सताजना-टोकलाय सड़क से 500 मीटर से कम दूरी पर स्थित है। अतः उक्त ग्राम को महाप्रबंधक द्वारा प्रगति प्रतिवेदन में पक्के मार्ग से जुड़ा दर्शाया गया है। (ग) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पत्रों के संबंध में माननीय विधायक को विभाग द्वारा अवगत कराया गया है। योजना के मार्गदर्शी दिशा-निर्देशों के अनुसार उत्तरांश (ख) के प्रकाश में ग्राम रायझर जुड़े हुये ग्रामों की श्रेणी में होने से विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डेम निर्माण की स्वीकृति
78. ( क्र. 2576 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कसरावद विधान सभा के अंतर्गत कार्यपालन यंत्री द्वारा ग्राम बोरावां में डेम निर्माण की तकनीकी स्वीकृति रूपये 47.01 लाख की दिनांक 05.08.14 को बी.आर.जी.एफ. योजनान्तर्गत जारी की गई है? क्या इसे जिला स्तर पर बी.आर.जी.एफ. कार्य योजना का प्रस्ताव कार्य योजना में शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें? (ख) उक्त डेम निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग महेश्वर द्वारा उक्त कार्य की तकनीकी स्वीकृति रूपये 47.01 लाख की बी.आर.जी.एफ. योजना अंतर्गत प्रदान की गई। उक्त कार्य को जिला स्तर पर बी.आर.जी.एफ. कार्य योजना मे शामिल नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य मे प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायतों में सोलर लाईट लेम्प एवं स्ट्रीट लाईट की योजना
79. ( क्र. 2577 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में ग्राम पंचायतों में सोलर लाईट लेम्प एवं सोलर स्ट्रीट लाईट लगाने हेतु संबंधित विभाग द्वारा कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण किये जाने के लिए कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया है जिलेवार जानकारी दें? (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में सोलर लाईट लेम्प एवं सोलर स्ट्रीट लाईटें लगाने हेतु राशि आवंटित की जायेगी? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्रदेश की ग्राम पंचायतों में सोलर लेम्प एवं सोलर स्ट्रीट लाईट लगाने हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘‘क‘‘ अनुसार।
पेंशनरों का समय पर भुगतान
80. ( क्र. 2690 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किस-किस जनपद पंचायतों के कितने हितग्राहियों को निराश्रित, वृद्धावस्था, विधवा पेंशन तथा अन्य कौन-कौन सी पेंशन उपलब्ध कराई जा रही है और कितने प्रकरण पेंशन हेतु विचाराधीन है? (ख) उपरोक्त में वर्णित वर्ष 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक किस-किस माह भुगतान किया गया और किस माह भुगतान नहीं किया गया? कारण बताते हुये जिम्मेदार कौन है? (ग) हितग्राहियों को समय पर पेंशन भुगतान करने की प्रक्रिया क्या है तथा किस चरण में कितना समय लगा और विलंब के लिये दोषी कौन-कौन पदाधिकारी है? (घ) क्षेत्र के नवीन व्यक्तियों को शामिल करने की कार्यवाही किस-किस के द्वारा की गई? किस जनपद पंचायत के कितने प्रकरण विचाराधीन हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पेंशन योजनाओं के हितग्राहियों को वर्ष 2015-16 के माह जनवरी 2016 तक की पेंशन समग्र पोर्टल के माध्यम से भुगतान की जा चुकी है। शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन निर्देशानुसार पेंशनधारियों को केन्द्रीयकृत आहरण व्यवस्था (ग्लोबल बजट) के अंतर्गत हितग्राहियों के अनुपात में प्रत्येक माह में राशि का आहरण किया जाकर सीधे हितग्राहियों के खातों में उनकी पेंशन राशि का भुगतान आगामी माह की 5 तारीख तक किया जाता है। शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला अंतर्गत संबंधित पेंशन योजनाओं के नवीन हितग्राहियों के प्रकरणों को शामिल किये जाने हेतु पंचायत समन्वयक/ग्राम सचिव/ग्राम रोजगार सहायक को दायित्व सौंपा गया है। आवेदक द्वारा स्वयं भी लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से आवेदन जमा किया जा सकता है एवं समग्र पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किये जा सकते हैं। संबंधित पंचायतों के प्राप्त नवीन प्रकरणों की स्थिति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है।
फसल बीमा की राशि का भुगतान
81. ( क्र. 2699 ) श्री रजनीश सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी तहसील के अंतर्गत विगत वर्ष 2015 में सूखा से प्रभावित कितने कृषकों को कौन-कौन सी फसलों का बीमा लाभ मिला एवं कितने किसान लाभांवित हुये? तहसीलवार उपलब्ध करावें? (ख) उक्त लाभांवित कृषकों को कौन-कौन सी बैंक से फसल बीमा की राशि का वितरण किया गया है? (ग) क्या सिंचित क्षेत्रों जैसे– जहाँ संजय सरोवर परियोजना के अंतर्गत नहरों से सिंचाई होती है क्या ऐसे क्षेत्रों को फसल बीमा का लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें और नहीं तो क्यों कारण बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ 2015 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान उन पात्र कृषकों को नौडल बैंको के माध्यम से किया जायेगा जिनके अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल की उपज यदि थ्रेश होल्ड उपज में कम पाई जायेगी तो नियमानुसार पात्र कृषकों को क्षतिपूर्ति राशि देय होगी। (ग) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल की उपज यदि थ्रेश होल्ड उपज से कम पाई जायेगी जो नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि देय होती है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
तहसील बैराढ़ में वर्षा मापक यंत्र की स्थापना
82. ( क्र. 2744 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में ऐसी कौन-कौन सी तहसीलें है जिनमें प्रश्न दिनांक तक वर्षा मापक यंत्र स्थापित नहीं है? सूची तहसीलवार, विकासखण्डवार, जिलावार उपलब्ध करावें? (ख) क्या शिवपुरी जिले की बैराढ़ तहसील के गठन के पश्चात् से प्रश्न दिनांक तक वहां पृथक वर्षा मापक यंत्र स्थापित नहीं किया जा सका हैं व बैराढ़ तहसील के वर्षा का अनुमान 25 कि.मी. दूर स्थित तहसील पोहरी की वर्षा के आधार पर किया जा रहा है? (ग) क्या तहसील बैराढ़ में पृथक वर्षा मापक यंत्र लगाये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय महोदय से निवेदन किया गया है? यदि हाँ, तो तहसील बैराढ़ में पृथक वर्षा मापक यंत्र की स्थापना कब तक कर दी जावेगी? समय-सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तहसील बैराढ़ में रिक्त पदों की पूर्ति
83. ( क्र. 2745 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन तहसील बैराढ़ के लिये सेटअप अनुसार कितने व कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं व स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पद भरे व कौन-कौन से पद रिक्त हैं? शेष रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ख) क्या तहसीलदार बैराढ़ को ही तहसील पोहरी का प्रभार भी दिया गया है? यदि हाँ, तो पोहरी तहसील में पृथक से तहसीलदार की नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) बैराढ़ तहसील के लिये नवीन भवन कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा? समय अवधि बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) बैराढ़ तहसील के लिए सेटअप अनुसार 01 पद तहसीलदार, 01 पद नायब तहसीलदार, 05 पद सहायक ग्रेड-3 एवं 06 पद भृत्य के स्वीकृत हैं उक्त पदों के विरूद्ध 01 तहसीलदार, 03 सहायक ग्रेड-3 एवं 01 पद भृत्य का भरा है। नायब तहसीलदार 01 पद, सहायक ग्रेड-3 के 02 एवं भृत्य के 05 पद रिक्त हैं पद पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ शेष की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बसाहट हेतु शासकीय पड़त भूमि का उपयोग
84. ( क्र. 2792 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मऊगंज एवं हनुमना ब्लाक अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग की शासकीय पड़त भूमि की जानकारी पंचायतवार, ग्रामवार/टोला मोहल्ला, पटवारी हल्कावार भूमि नम्बरवार अद्यतन स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन शासकीय पड़त भूमियों का उपयोग भूमिहीन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की बसाहट हेतु उपलब्ध कराई जा सकती है? (ग) यदि हाँ, तो आवंटन के नियम एवं कानून की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में बसाहट आवंटन हेतु प्रकिया लंबित है? यदि हाँ, तो उसका विस्तृत विवरण दें तथा निराकरण कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। भूमि बसाहट हेतु उपयुक्त नहीं है। (ग) उत्तरांश ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी नहीं। वर्तमान में ऐसी कोई प्रक्रिया लंबित नहीं है।
कृषि विभाग में गबन के प्रकरण पर कार्यवाही
85. ( क्र. 2803 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में गत दिनों कृषि विभाग में व्यापक गबन पकड़ में आया है, जिसकी जाँच संचालक कृषि के नेतृत्व में राज्य स्तरीय जाँच टीम द्वारा की गयी है? (ख) यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन अनुसार कौन-कौन उप संचालक, सहायक संचालक, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी पाये गये हैं? किन-किन अधिकारियों द्वारा कितनी-कितनी राशि का गबन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? शासकीय राशि के गबन मामले में दोषियों के विरूद्ध कब तक आपराधिक प्रकरण कायम कर दिया जावेगा बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। सतना जिले में समस्त विभागीय योजनाओं की अनियमितताओं की जाँच हेतु राज्य स्तरीय जाँच दल से जाँच कराई गई है। (ख) जाँच समिति के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दोषी पाये गये तत्कालीन उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री संजीव कुमार शाक्य, श्री एस.के.शर्मा, श्री ए.पी.सुमन के विरूद्ध विभागीय जाँच आदेशित की जा चुकी है। (ग) विभागीय जाँच पूर्ण होने पर गबन का प्रकरण परिलक्षित होने पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
जिला सहकारी संघों में समान सेवा नियम लागू करना
86. ( क्र. 2833 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाऐं म.प्र. भोपाल के पत्र क्रं./विप/वनो/13/1564/2, दिनांक 16/09/2013 से समस्त वनोपज सहकारी समितियों के पत्र क्रं./साख/विधि/2014/05, दिनांक 13/01/2014 से समस्त जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों, पत्र क्रं./साख/विधि/33/2013/2046, दिनांक 30/08/2013 से समस्त प्रा. कृषि साख सहकारी संस्थाओं के सेवा नियम जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या सभी सेवा नियम क्रमश: म.प्र. की सभी प्राथमिक वनोपज/जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों, प्रा. कृषि साख संस्थाओं में लागू होंगे? यदि हाँ, तो क्या सेवा नियम आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए प्रभावशील होंगे या नहीं? (ख) क्या आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाऐं म.प्र. भोपाल के आदेश क्रं./ई.टी./07/134, भोपाल, दिनांक 23/06/2007 से जिला सहकारी संघ मर्या. रतलाम के नवीन सेवा नियम जारी किये गये? यदि हाँ, तो उक्त सेवा नियम रतलाम जिले के लिए हैं या अन्य सभी जिलों में भी लागू किये जायेंगे? (ग) क्या शासन द्वारा तिलहन संघ, जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों की भॉति जिला सहकारी संघों की भी आय कम कर/खत्म कर, उनकों परिसमापन में लाने की कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो जिला सहकारी संघों के आर्थिक पुनर्रूद्धार के लिये शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ. जी हाँ. सेवानियम प्रभावशील हैं, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है. (ख) जी हाँ. जी हाँ, जी नहीं. (ग) जी नहीं. वर्तमान में ऐसी कोई योजना प्रचलन में नहीं है.
कपिलधारा योजनांतर्गत कूप खनन
87. ( क्र. 2901 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2014, 2015 में कपिल धारा योजना के तहत कितने किसानों के कूप खनन कराये गये हैं? वर्ष, संख्या सहित विकासखण्डवार जानकारी दी जावे? (ख) उक्त योजना के अंतर्गत कितनी अनुदान राशि अथवा ऋण कितने किसानों को उपलब्ध कराया गया है? (ग) उक्त समयावधि में कितने आवेदन प्राप्त हुये? कितने जनवरी 2016 तक लंबित है, उनका निराकरण कब तक कर लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला मुरैना मे वर्ष 2014 मे कपिलधारा योजना के तहत 03 किसानों के कूप निर्माण कराये गये हैं, वर्ष 2015 मे कपिलधारा योजना के तहत 03 किसानों के कूप निमार्ण कराये गये हैं। वर्षवार, संख्या सहित विकासखण्ड जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला मुरैना मे कपिलधारा उपयोजना मनरेगा मद से ही कराये गये हैं, किसी भी किसान को पृथक से अनुदान/ऋण उपलब्ध नहीं कराया गया है। (ग) जिला मुरैना में प्रश्न समयावधि 2014-15 से जनवरी 2016 तक 06 आवेदन प्राप्त हुये, सभी 06 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है लंबित आवेदनों की संख्या निरंक होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों/अधिकारियों को बोनस भुगतान
88. ( क्र. 2931 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों/अधिकारियों को वर्ष 2007, 2008 का बोनस भुगतान कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो विदिशा जिले के राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों/अधिकारियों को भी लंबित बोनस की राशि का भुगतान कर दिया गया है? (ग) क्या मुख्यमंत्री हेल्पलाईन के माध्यम से इस संबंध में वर्ष 2014 में कई शिकायतें की गई है? क्या शिकायतकर्ताओं को आज दिनांक तक बोनस का भुगतान किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि नहीं, किया गया है तो कब तक कर दिया जायेगा तथा क्या विलंब के दोषी संबंधितों के विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। निगम से पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों को वर्ष 2007-2008 के बोनस का भुगतान किया जा चुका है। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) माननीय मुख्यमंत्री के हेल्पलाईन के माध्यम से एक शिकायत विदिशा जिले के कर्मचारी की प्राप्त हुई है। उक्त शिकायत का परीक्षण वर्ष 2007-2008 के अभिलेखों से किया जा रहा है। मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम में अधिकांश अधिकारी/कर्मचारी द्वारा वर्ष 2010 में वी.आर.एस. लिये जाने के कारण उक्त अवधि का अभिलेख का मिलान करने में कठिनाई उत्पन्न हो रही हैं। फिर भी निगम में उपलब्ध कर्मचारियों से अभिलेखों का मिलान कर उक्त शिकायत का नियमानुसार निराकरण शीघ्र किया जावेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुदान आधारित एवं संरक्षण संवर्द्धन योजना
89. ( क्र. 2943 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसान कल्याण एवं कृषि विभाग व आत्मा योजना द्वारा किसानों के कल्याण द्वारा अनुदान आधारित एवं किसानों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये योजनाएं संचालित की जाती हैं? (ख) यदि हाँ, तो किसान कल्याण कृषि विभाग व आत्मा योजना द्वारा कौन-कौन सी योजना संचालित की जाती हैं? हितग्राही चयन हेतु किस योजना में कौन-कौन से मापदंड हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र गुनौर के अंतर्गत किस ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के किस केंद्र पर कौन सी योजना संचालित प्रश्न दिनांक तक की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) आत्मा अंतर्गत योजनायें संचालित नहीं है अपितु भारत सरकार द्वारा जारी विस्तार सुधार कार्यक्रम ''आत्मा'' के मार्गदर्शी निर्देशों के केफेटेरिया अनुरूप कृषक आधारित गतिविधियां जैसे- प्रशिक्षण, भ्रमण, प्रदर्शन फार्म स्कूल समूहों का क्षमता विकास नवाचार, कृषि विज्ञान मेला, कृषक संगोष्ठि आदि गतिविधियां आयोजित की जाती है। हितग्राहीयों का चयन विकासखंड स्तरीय कृषक सलाहकार समिति के प्रतिनिधि, उद्यानिकी, पशुपालन मत्स्य विभाग के मैदानी अधिकारी बी.टी.एम., ए.टी.एम., ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं क्षेत्रीय ग्राम पंचायत की सहायता से लघु सीमांत अनुसूचित जाति जनजाति एवं अन्य कृषकों का चयन वरीयता के अनुसार किया जाता है। शेष योजनाओं के हितग्राही चयन के मापदण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
निजी वाहन मालिकों को परमिट
90. ( क्र. 2944 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दूरस्थ क्षेत्रों में यात्रियों की आवागमन सुविधा हेतु निजी वाहन मालिकों को प्राथमिकता के आधार पर परमिट दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो परमिट दिये जाने के क्या नियम निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधान सभा क्षेत्र गुनौर के मुख्यालय गुनौर अमानगंज एवं देवेन्द्रनगर से कहाँ-कहाँ तक का किस वाहन का परमिट कितनी सवारी पास है, कृपया वाहन का नंबर एवं वाहन का प्रकार एवं रूट बतायें? (ग) क्या वाहन में यात्रीगणों की सुविधा एवं सुरक्षा हेतु अग्नि शमन व प्राथमिक उपचार हेतु चिकित्सीय व्यवस्था का भी प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस वाहन में क्या-क्या व्यवस्था है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि वाहन में नियम होने के बावजूद सुविधा नहीं है तो सम्बद्ध वाहन मालिक अथवा चालक के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? स्पष्ट करें?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) म.प्र. मोटरयान नियम 1994 के नियम 116 के (1) (दो) में दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित ग्रामीण मार्गों पर 7+1 की बैठक क्षमता की वाहनों को अनुज्ञा देने का प्रावधान है, यात्रियों की सुविधा हेतु निजी वाहन मालिकों द्वारा अनुज्ञा चाहे जाने पर प्राथमिकता से मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 72 या 87 के अधीन परमिट जारी किये जाते है। शासन निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित मार्ग गुनौर अमानगंज एवं देवेन्द्रनगर हेतु संचालित बसों की वाहन क्रमांक, बैठक क्षमता व मार्ग आदि की जानकारी सहित परमिट सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। वाहनों में यात्रीगण की सुविधा एवं सुरक्षा की दृष्टि से मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 176 में अग्निशमन यंत्र लगाने तथा नियम 180 में प्राथमिक उपचार पेटी रखने का प्रावधान है। परमिट प्राप्त संचालित वाहनों में यह सुविधायें लगा होना सुनिश्चित किया जाता है। (घ) जी हाँ। निरंतर व आकस्मिक जाँच के दौरान नियमानुसार वाहन संचालन सुनिश्चित किया जाता है। नियमानुकूल वाहन संचालन न पाये जाने पर विधिविहित चालानी कार्यवाही की जाती है। वाहनों का जाँच कार्य निरंतर कार्यवाही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जैविक खेती प्रोत्साहन पर व्यय
91. ( क्र. 2953 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में जैविक खेती संबंधी कार्यों पर वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि शासन से उप संचालक कृषि विभाग सागर को प्राप्त हुई है? प्राप्त राशि कहाँ-कहाँ एवं किन-किन कार्यों पर व्यय की गई? (ख) सागर जिले के कितने किसानों को किन सामग्रियों से लाभान्वित किया गया है? कृषक भ्रमण राज्य में एवं राज्य के बाहर किस अधिकारी के द्वारा एवं किस वाहन के द्वारा कराया गया? (घ) क्या कृषकों पर करोड़ों रू. दो वर्षों में व्यय करने के उपरांत भी जैविक खेती करने वाले 100 कृषक भी पंजीकृत नहीं हैं? यदि हाँ, तो कारण बताएं? क्या शासन लक्ष्य की पूर्ति में जवाब देही सुनिश्चित करने पर विचार करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में रू. 173.28 लाख आवंटन प्राप्त हुआ। प्राप्त राशि विकासखंड शाहगढ में कृषक खेत पाठशाला, वर्मी कम्पोस्ट पिट, एक दिवसीय प्रशिक्षण, राज्य के बाहर/अंदर भ्रमण, जैव कीटनाशक एवं जैव उर्वरक/हार्मोन्स घटकों (कार्यों) पर व्यय की गई। (ख) सागर जिले में सामग्री, लाभांवित एवं वाहन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ/ब अनुसार है। (घ) सागर जिले में जैविक खेती करने वाले कृषकों का म.प्र. राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था, भोपाल में पंजीयन नहीं हुआ है। परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत जिले में दो क्लस्टर में 100 कृषकों का चयन किया गया है। पंजीयन की प्रक्रिया जारी है।
आत्मा योजना
92. ( क्र. 2954 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक कृषि विभाग की आत्मा योजना के लिए शासन से कितनी राशि प्राप्त हुई? कितनी राशि व्यय की गई? कहाँ-कहाँ प्रशिक्षण कैम्प लगाए गये? उन पर किस-किस मद में व्यय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने कृषकों को राज्य के अंदर भ्रमण पर एवं कितनों को राज्य में एवं राज्य के बाहर कितने कृषकों को भेजा गया? इसमें से कितने किसानों को बार-बार भ्रमण कराया गया? क्या कृषक भ्रमण निर्धारित दिनों से कम दिन करके उन्हें अधिक दिवस का भ्रमण बताकर शासकीय धन निकाला गया है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) योजनांतर्गत कृषकों को प्रदाय की गई सामग्री कौन-कौन सी है तथा यह कहाँ से क्रय की गई हैं? (घ) क्या किसानों को बीज, दवा एवं खाद आदि सामग्री गुणवत्ता परखने के उपरांत दी गई है? यदि हाँ, तो सामग्री के नमूने कब-कब तथा कहाँ-कहाँ भेजे गए? क्या परिणाम प्राप्त हुए? क्या सामग्री वितरण उपरांत गुणवत्ता पर खी गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिले में आत्मा योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक शासन से प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं आयोजित प्रशिक्षण तथा मदवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। कृषक भ्रमण निर्धारित दिनों में ही कराये गये हैं। अत: शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) प्रदाय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) सागर जिले में किसानों को बीज, दवा एवं खाद आदि सामग्री प्रदाय करने से पूर्व संबंधित संस्था से संबंधित आदान सामग्री के नमूने प्रयोगशाला भेजे जाते हैं, परन्तु विश्लेषण परिणाम प्राप्त होने में अधिक समय लगने के कारण सामग्री किसानों को प्रदाय कर दी जाती है। सामग्रीवार लिये गये नमूनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
सड़क निर्माण योजना की स्वीकृति
93. ( क्र. 2960 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड नलखेड़ा एवं आगर के ग्राम पंचायत खेलागांव से ग्राम गुराड़िया देव को प्रधानमंत्री सड़क योजना/लोक निर्माण विभाग/मुख्यमंत्री सड़क योजना से जोड़ने का प्रस्ताव शासन के विचाराधीन है? (ख) यदि हाँ, तो इस योजना को शासन कब तक लागू करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, प्रधानमंत्री गाम सड़क योजनांतर्गत विकासखण्ड नलखेड़ा के ग्राम खेलागांव को पिलवास से जोड़ने हेतु सड़क का निर्माण कराया जा चुका है, तथा विकासखण्ड नलखेड़ा के ग्राम गुराड़िया देव को ग्राम रिछी से जोड़ने हेतु भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हो गयी है। इस प्रकार दोनों ही ग्रामों की एकल सड़क संपर्क सुविधा सुनिश्चित हो चुकी है। अतः प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशा निर्देशों के अंतर्गत जिन ग्रामों को एकल सड़क संपर्क सुविधा प्राप्त है, उन्हें योजना के मापदण्डों के अनुसार द्वितीय सड़क सम्पर्क सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा सकती। अतः खेलागांव को ग्राम गुराड़िया से जोड़ना उक्त दोनों योजनाओं के अंतर्गत संभव नहीं है। वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत भी उक्त ग्रामों को जोड़ने का कोई प्रस्ताव, प्रस्तावित नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डी.आर.डी.ए. योजनांतर्गत वेतन भुगतान
94. ( क्र. 2968 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजनांतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को विगत वर्षों से वेतन भुगतान अन्य मद की राशि से उधार लेकर अनियमित रूप से करने की जानकारी शासन को है? क्या इन्हें गत माहों से वेतन भुगतान भी नहीं हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो शासन ने अब तक नियमित वेतन वितरण हेतु क्या कार्यवाही की? (ग) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशों के अंतर्गत डी.आर.डी.ए. प्रशासन अंतर्गत नियुक्त-पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को वेतन भुगतान की जिम्मेवारी किसकी है? (घ) क्या उपरोक्त में से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को उनकी मूल पदस्थापना स्थल/विभाग से वेतन भुगतान किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या जिला पंचायत में संचालित योजनाओं में कार्यरत अधिकारियों/ कर्मचारियों का वेतन आहरण उनकी योजना के वेतन मद से किया जा सकता? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो शासन उक्तानुसार आदेश कब तक प्रसारित करेगा? यदि नहीं, तो उक्त अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन की विभाग की क्या व्यवस्था कब तक कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी, हाँ। (ख) डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजना केन्द्र प्रवर्तित योजना है, जिसमें 60 प्रतिशत राशि केन्द्र तथा 40 प्रतिशत राशि राज्य की होती है। विगत एक वर्ष से केन्द्र द्वारा राशि में कटौती की जाने के फलस्वरूप डीआरडीए प्रशासन योजना के कर्मचारियों/अधिकारियों के वेतन भत्तों के प्रदाय में कठिनाई आ रही है। इस राशि की कमी की पूर्ति हेतु राज्य शासन द्वारा अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों को उनके पैतृक विभागों में वापिस किया गया। ग्रामीण विकास विभाग एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधिकारियों की वेतन व्यवस्था विभागीय बजट से की जाने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। (ग) वेतन भत्तें आदि के भुगतान की जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की है। (घ) उत्तर ‘’ख’’ अनुसार।
डी.आर.डी.ए. प्रशासन अंतर्गत नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों को वेतन भुगतान
95. ( क्र. 2969 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत सागर अंतर्गत डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजनांतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को विगत वर्षों से वेतन भुगतान अन्य मद की राशि से उधार लेकर अनियमित रूप से किया जा रहा था एवं गत माहों से वेतन भुगतान भी नहीं हो रहा है? (ख) उधार ली गई राशि की जानकारी क्या शासन को थी? यदि हाँ, तो शासन द्वारा अब तक नियमित वेतन व्यवस्था हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ग) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशों के अंतर्गत डी.आर.डी.ए. प्रशासन अंतर्गत नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों को वेतन भुगतान की जिम्मेदारी किसकी है? (घ) डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजनांतर्गत कार्यरत सीधी भर्ती कर्मचारियों को मध्यप्रदेश के लाइन डिपार्टमेंट में दर्ज करने के संबंध में भारत शासन के क्या निर्देश हैं? यह प्रकरण कब से किस स्तर पर लंबित है? गाइडलाईन-निर्देश उपलब्ध करावें? भारत शासन के निर्देशानुरूप सीधी भर्ती से नियुक्त कर्मचारियों को मध्यप्रदेश शासन में कब तक मर्ज किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) विगत दो वर्षों में डी.आर.डी.ए. प्रशासन मद योजनांतर्गत सीधी भर्ती से नियुक्ति कितने कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए एवं आगामी एक वर्ष मं कितने सेवानिवृत्त होना है? इन्हें शासन के कर्मचारियों के समान पेंशन जैसी सुविधाएं कब तक दी जाएगी? नियत अवधि बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी, हाँ। (ख) जी, हाँ। डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजना केन्द्र प्रवर्तित योजना है, जिसमें 60 प्रतिशत राशि केन्द्र तथा 40 प्रतिशत राशि राज्य की होती है। विगत एक वर्ष से केन्द्र द्वारा राशि में कटौती की जाने के फलस्वरूप डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजना के कर्मचारियों/अधिकारियों के वेतन भत्तों के प्रदाय में कठिनाई आ रही है। इस राशि की कमी की पूर्ति हेतु राज्य शासन द्वारा अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों को उनके पैत्रक विभागों में वापिस किया गया। ग्रामीण विकास विभाग एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधिकारियों की वेतन व्यवस्था विभागीय बजट से की जाने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। (ग) वेतन भत्तें आदि के भुगतान की जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की है। (घ) भारत शासन की गाईड लाईन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शासन में संविलियन की कोई योजना नहीं है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) डी.आर.डी.ए. प्रशासन योजनांतर्गत विगत वर्षों में 95 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए एवं आगामी वर्ष में 32 कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे। डी.आर.डी.ए. कर्मचारियों हेतु पेंशन व्यवस्था लागू नहीं है।
मुआवजा राशि का भुगतान
96. ( क्र. 2996 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम भुर्तिया टोला की तहसील चितरंगी जिला सिंगरौली में आकाशीय बिजली गिरने से संतोष यादव पिता लालजीत यादव के बकरियों के मरने पर क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या पशु चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी द्वारा मुआयना किया गया? अगर हाँ तो किस दिनांक को किया गया? आपदा की सूचना, किस माध्यम से किस दिनांक को प्राप्त हुई? (ग) क्या संतोष यादव को मुआवजा राशि वितरित की गयी? अगर हाँ तो कब कितनी राशि भुगतान की गयी? अगर नहीं तो क्यों नहीं वितरित की गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ग्राम भुर्तिया टोला की तहसील चितरंगी जिला सिंगरौली के संतोष यादव पिता लालजी यादव के आवेदन पत्र प्राप्त होने पर प्रकरण क्रमांक 932/बी-121/2014-15 दर्ज किया जाकर जाँच कराई गई। आवेदक व अन्य ग्रामीणों के कथन अंकित किये गये प्रकरण में संतोष यादव के 93 बकरियों की मृत्यु दम घुटने से होना पाया गया। बकरियों की मृत्यु आकाशीय बिजली गिरने से नहीं होने के कारण प्रकरण खारिज किया गया है। (ख) घटना का मुआयना तत्कालीन पशु सहायक चिकित्सक व हल्का पटवारी द्वारा किया गया। पशु सहायक चिकित्सक द्वारा दिनांक 29.06.2015 को एवं हल्का पटवारी द्वारा दिनांक 04.07.2015 को घटना का मुआयना किया गया। घटना की सूचना हल्का पटवारी द्वारा दिनांक 20.08.2015 के प्रतिवेदन के द्वारा दिया गया। तत्कालीन पीठासीन अधिकारी द्वारा दिनांक 11.09.2015 को घटना की स्वयं मुआयना कर कथन लिये गये। (ग) बकरियों की मृत्यु प्राकृतिक आपदा से नहीं होने के कारण प्रकरण खारिज किया गया एवं कोई भी राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
स्मार्ट विलेज में एल.ई.डी लाईट
97. ( क्र. 3022 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के स्मार्ट विलेज में कहाँ-कहाँ और कितनी-कितनी एल.ई.डी. लाईट्स किसकी अनुमति से, किस क्षमता की, किस ब्रांड की एवं किस दर पर लगाई जा रही हैं? (ख) क्या स्मार्ट विलेज में एल.ई.डी. लाईट्स जिला पंचायत के द्वारा स्वीकृत कर लगवाई जा रही हैं, किन्तु भुगतान पंचायतों के माध्यम से करने हेतु निर्देशित किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम/आदेश से उक्त स्वीकृति एवं किस मद से पंचायतों को भुगतान हेतु निर्देशित किया जा रहा है? (ग) उक्त एल.ई.डी. लाईट्स हेतु जारी की गई निविदा, भाग लेने वाली एवं निविदा प्राप्त करने वाली कंपनियों की सूची दर सहित उपलब्ध करावें? क्या जो कंपनी एल.ई.डी. लगा रही है, वह नियम विरूद्ध एवं पंचायतों के सरपंच, सचिव पर दबाव बनाकर लगाई जा रही हैं? नियम विरूद्ध एल.ई.डी. लगवाने हेतु अधिकारियों पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उज्जैन जिले के स्मार्ट विलेज में जनपद पंचायत घट्टिया एवं उज्जैन द्वारा लगाई एल.ई.डी. लाईट की अनुमति/स्वीकृति ग्राम पंचायत द्वारा की गइ्र्र है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) स्मार्ट विलेज में एल.ई.डी. लाईट जिला पंचायत उज्जैन द्वारा स्वीकृत कर नहीं लगवाई जा रहीं है, जिला पंचायत द्वारा ऐसे कोई निर्देश जारी नहीं किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला पंचायत द्वारा इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसलिये किसी भी अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि उपज मंडियों से प्राप्त मंडी शुल्क आय
98. ( क्र. 3072 ) श्री लखन पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में कुल कितनी कृषि उपज मंडियां हैं? (ख) वर्ष 2014-15 एवं जनवरी, 2015-16 में कितनी राशि मंडी शुल्क से प्राप्त हुई? (ग) उपरोक्त वर्षों में रवि एवं खरीफ विपणन वर्ष की पृथक-पृथक आय कितनी हुई? (घ) अर्द्धशासकीय संस्थाओं से रबी एवं खरीफ विपणन में मंडी शुल्क में आय कितनी हुई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दमोह जिले में 04 कृषि उपज मंडी समितियाँ दमोह, पथरिया, जबेरा, एवं हटा है। (ख) दमोह जिले की 04 कृषि उपज मंडी समितियों में वर्ष 2014-15 में 12,49,88,364/- एवं अप्रैल 2015 से जनवरी 2016 तक 13,44,93,361/- मंडी फीस प्राप्त हुई है। (ग) प्रश्नांगत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) प्रश्नांगत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
इंदिरा आवास
99. ( क्र. 3094 ) श्रीमती
प्रतिभा सिंह : क्या
पंचायत मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) जबलपुर जिले
में
विकासखण्डवार
विगत तीन वर्षों
में कितने इंदिरा
आवास स्वीकृत
किये गये? उक्त इंदिरा
आवासों में से
कितने इंदिरा आवासों
का निर्माण अब
तक पूर्ण हुआ है? कितने इंदिरा
आवासों का निर्माण
अब अपूर्ण हैं? (ख) उक्त
स्वीकृत इंदिरा
आवासों की राशि
की दूसरी किस्त
का भुगतान अब तक
क्यों नहीं हुआ
है?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जबलपुर
जिले में विगत
03 वर्षों
में कुल 7028 इंदिरा
आवास स्वीकृत किए
गये, जिसमें
से 2429 आवास
पूर्ण एवं 4599 आवास अपूर्ण
हैं। विकासखण्डवार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
(ख) उक्त स्वीकृत
इंदिरा आवासों
में प्रथम किश्त
की राशि से हितग्राही
द्वारा दरवाजा
स्तर तक पक्का
इंदिरा आवास निर्माण
करने एवं उपयोगिता
प्रमाण पत्र जिला
पंचायत में प्रस्तुत
करने तथा आवास
साफ्ट में निर्धारित
मापदण्ड के फोटो
अपलोड करने के
उपरांत द्वितीय
किश्त की राशि
जारी करने की कार्यवाही
प्रचलन में है।
डि-नोटिफाईड करके राजस्व ग्राम घोषित करना एवं अभिलेखों में दर्ज करना
100. ( क्र. 3098 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले की जबलपुर तहसील के बरगी राजस्व निरीक्षक मण्डल के अंतर्गत रा.अ.बाई, सागर परियोजना के तहत डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामों में से कुछ ग्रामों के डूब क्षेत्र में न आने के कारण नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा डि-नोटिफिकेशन करके उन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु राजस्व विभाग को प्रस्तावित किया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव राजस्व विभाग को कब प्राप्त हुआ? उक्त प्रस्ताव में कौन-कौन से ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि सम्मिलित हैं? प्रस्ताव पर विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गयी? (ग) उक्त ग्रामों को कब तक राजस्व गाम घोषित कर शासकीय अभिलेखों में राजस्व ग्राम के रूप में दर्ज किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा के तहत स्वीकृत अपूर्ण कार्य एवं शेष मजदूरी का भुगतान
101. ( क्र. 3139 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी, 2016 की स्थिति में श्योपुर जिले में मनरेगा के तहत स्वीकृत कार्यों में कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं? इन कार्यों में कितनी राशि का भुगातन क्रय की गई सामग्री एवं कितना मजदूरी का किया जाना शेष है? अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने एवं शेष भुगतान सुनिश्चित करने के लिए अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) मजदूरों को शेष राशि का भुगतान कब तक करा दिया जायेगा? (ग) वर्ष, 2014-15 एवं 2015-16 में मनरेगा के तहत कौन-कौन से कार्य, कितनी राशि के कब स्वीकृत कर किसे एजेंसी बनाया गया है? इन पर अब तक कितनी-कितनी राशि व्यय कर कितना-कितना कार्य कराया जा चुका है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) माह जनवरी 2016 की स्थिति में श्योपुर जिले में मनरेगा के तहत स्वीकृत कार्यों में 5312 कार्य अपूर्ण है। मनरेगा मांग आधारित योजना है अत: कार्यों की पूर्णता, मुख्यत: मजदूरों द्वारा कार्य की मांग पर निर्भर है। इन कार्यों में सामग्री पर रूपये 73.29 लाख तथा मजदूरी पर रूपये 308.28 लाख भुगतान किया जाना शेष है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने के लिये, जॉबकार्डधारियों को कार्य पर आने के लिये प्रेरित किया जाता है तथा कार्य एजेंसियों को समीक्षा बैठकों में कार्य शीघ्र पूर्ण करने के लिये निर्देशित किया जाता है। शेष भुगतान हेतु केन्द्र शासन से राशि की मांग की गई है। (ख) केन्द्र शासन से राशि प्राप्त होने के उपरांत शेष भुगतान किया जा सकेगा। (ग) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मनरेगा के तहत स्वीकृत कार्यों के संबंध में वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कृषि विभाग में हुये घोटालों की जाँच
102. ( क्र. 3140 ) श्री रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में कृषि विभाग में संचालित योजनाओं, जैसे- अन्नपूर्णा, सूरजधारा, बलराम तालाब, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, लघु सिंचाई योजना, फसल प्रदर्शन, स्प्रिंकलर ड्रिप प्रदाय, कृषि यंत्रों का वितरण आदि अनुदान वाली योजनाओं में व्यापक गड़बड़ी एवं अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त होने पर प्रमुख सचिव, कृषि द्वारा दिनांक 11 मार्च, 2015 एवं उसके बाद समय-समय पर श्योपुर जिले के कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को इन योजनाओं के भौतिक सत्यापन एवं जाँच कर जाँच रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे? (ख) यदि हाँ, तो उक्त निर्देशों के क्रम में श्योपुर जिले में भौतिक सत्यापन एवं जाँच कराकर रिपोर्ट शासन को भेजी गई है? श्योपुर जिले से जाँच प्रतिवेदन आना शेष है? श्योपुर जिले में की गई जाँच में क्या-कया अनियमितताएं उजागर हुई तथा कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाए गए? (ग) जिला श्योपुर के दोषियों के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक अनियमितताओं के लिए दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच प्रक्रियाधीन है। (ग) गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं को भूमि का आवंटन
103. ( क्र. 3155 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गैर शासकीय संस्थाओं और सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं को शासकीय भूमि आवंटित करने के संबंध में नीति बनाई जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो यह नीति कब तक बन जाएगी एवं उसका क्रियान्वयन कब से किया जाएगा? (ग) क्या नीति के अभाव में इन संस्थाओं को एक लम्बे समय से भूमि का आवंटन न होने से प्रदेश में सबके लिए घर का सपना साकार नहीं हो पा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णीत सिविल अपील क्र. 2965/2011 में पारित निर्णय दिनांक 06.04.2011 में दिये गये निर्देशानुसार नीति बनाये जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलित है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। नीति बन जाने के उपरांत क्रियान्वित की जावेगी।
सड़क निर्माण की स्वीकृति
104. ( क्र. 3174 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कौन-कौन से सड़क निर्माण कार्य प्रस्तावित है? कितने मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति हुई है और कितनी शेष है? शेष सड़क मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी कर दी जायेगी प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त मार्गों पर बारहमासी आवागमन के लिये क्या शासन पुल-पुलियाओं का निर्माण कार्य करेगा हाँ तो कब, नहीं तो क्यों कारण दें? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित कितने ग्राम व मजरे टोले शेष है जो उक्त योजना के लाभ से वंचित है तो इन्हें कब तक लाभान्वित किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त प्रस्तावित सड़क निर्माण कार्यों में से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 9 सड़कों की स्वीकृति प्राप्त हो गयी है। एक सड़क की स्वीकृति शेष है। जिसका प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया गया है स्वीकृति की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की जाना है। अतः स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सभी 11 सड़कों की स्वीकृति जारी की गयी है किसी भी सड़क की स्वीकृति शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, सड़क निर्माण का कार्य पुल-पुलिया सहित किया जाना है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र राजस्व ग्रामों को जोड़ने का प्रावधान है। मजरे-टोलों को जोड़ने का प्रावधान नहीं है, अतः सभी पात्र ग्रामों को जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। किसी भी पात्र ग्राम को योजना के लाभ से वंचित रखने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में मजरे-टोलों कों उक्त योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित किया जाना संभव नहीं है।
तहसील कार्यालय का निर्माण
105. ( क्र. 3198 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अम्बाह (मुरैना) तहसील कार्यालय भवन, जो कि क्षतिग्रस्त हो चुका है, का पुन: उसी स्थान पर निर्माण कराने की शासन की कोई मंशा है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक पुन: नया भवन या उसी भवन का जीर्णोद्धार करा लिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर भवन का निर्माण किया जायेगा।
परिवहन विभाग में परमिट खरीदने में भ्रष्टाचार की जाँच
106. ( क्र. 3218 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में परिवहन आयुक्त एवं उपायुक्तों द्वारा दिनांक 1.1.2015 से 30.1.2016 तक कितने स्थायी एवं अस्थाई परमिट जारी किये गये एवं कितनी राशि परिवहन विभाग को परमिट से प्राप्त हुई? (ख) डिप्टी कमिश्नर परिवहन, जबलपुर कार्यालय से तथा परिवहन आयुक्त ग्वालियर कार्यालय से 1.1.15 से 1.2.16 तक अस्थाई परमिट जारी करने में अनियमितता की कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं तथा परिवहन आयुक्त के कार्यालय में पदस्थ लिपिक कर्मचारियों के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? (ग) पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा सिवनी जिले के सवाझा चेक पोस्ट में पदस्थ चेक पोस्ट प्रभारियों के विरूद्ध की गई शिकायत पर जाँच नहीं कराये जाने का कारण बताया जाय एवं कब तक जाँच की जावेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश में परिवहन आयुक्त एवं संभागीय परिवहन उपायुक्त (प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार) की प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में जारी स्थायी एवं अस्थायी परमिटों की जानकारी तथा इनसे प्राप्त राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अस्थायी परमिट सक्षम प्राधिकारी द्वारा आवेदन का विवरण प्रकाशित कर सुनवाई का अवसर देने के उपरान्त गुण-दोष के आधार पर अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत स्वीकृत/जारी किये जाते हैं। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 89 एवं 90 में असंतुष्ट पक्षकार को राज्य परिवहन अपीलीय अधिकरण/माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष रिट/अपील/रिवीजन किये जाने के अधिकार प्राप्त है। परिवहन आयुक्त एवं अधीनस्थ कार्यालयों के कर्मचारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों का समय-समय पर निराकरण किया जाता है। (ग) पूर्व विधायक श्री किशोर समरीते द्वारा की गई शिकायत की जाँच कराई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नि:शक्तजनों के कल्याण हेतु योजनाएं एवं क्रियान्वयन
107. ( क्र. 3269 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा नि:शक्तजनों के कल्याण हेतु विभिन्न प्रकार की अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है और इस हेतु पर्याप्त बजट भी प्रदान किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष, 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा कितना-कितना बजट स्वीकृत किया जाकर क्या-क्या कार्य किये गये हैं? (ग) साथ ही यह भी स्पष्ट करें कि रतलाम जिला अंतर्गत कितने ब्लाक, कितनी जनपद पंचायतें, कितनी नगर पालिका, कितनी नगर निगम एवं कितनी नगर परिषदें होकर उनके अंतर्गत आने वाले चिन्हित किये गये नि:शक्तजनों, विकलांगों हेतु उपरोक्त वर्षों में क्या-क्या किया गया? (घ) कृपया उपरोक्त वर्षों की उपरोक्त व्यवस्था अंतर्गत आने वाले नि:शक्तजनों विकलांगों के कल्याणार्थ किये गये कार्यों, दी गई सहायता एवं प्राप्त आवेदनों पर की गई कार्यवाहियों सहित पेंशन में होने वाले विलंब के कारणों को भी अवगत करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। (ग) रतलाम जिले में छः जनपद पंचायत, एक नगर निगम, एक नगर पालिका, सात नगर परिषद है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। प्राप्त आवेदनों के निराकरण तथा पेंशन में विलम्ब नहीं किया गया है।
सुखेडा में उपमंडी स्थापना हेतु शासकीय भूमि का आवंटन
108. ( क्र. 3270 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले की कृषि उपज मंडी समिति, जावरा के अंतर्गत ग्राम सुखेड़ा (तह.-पिपलौदा) में उपमंडी स्थापना हेतु शासकीय भूमि आवंटन के संबंध में मंडी समिति जावरा द्वारा भू-माटक की राशि जमा की जाकर भूमि आवंटन की कार्यवाही की है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला कलेक्टर के द्वारा उज्जैन संभागायुक्त को पत्र दिनांक 9.3.2015 के माध्यम से प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग को प्रेषित प्रस्ताव के निराकरण हेतु पत्र अग्रेषित किया है? (ग) यदि हाँ, तो प्राप्त प्रस्ताव पर मंडी समिति जावरा द्वारा उपमंडी सुखेड़ा की शासकीय भूमि के आवंटन हेतु नियमानुसार रतलाम जिला कलेक्टर के माध्यम से की गई कार्यवाही के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) किसानों के हित संवर्धन एवं कृषकों के कल्याण संबंधी क्षेत्रीय कृषि उपज के क्रय-विक्रय के प्रमुख केन्द्र सुखेड़ा (तह.-पिपलौदा) की उपमंडी हेतु शासकीय भूमि के आवंटन की कार्यवाही शीघ्र करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) शासन स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है। (घ) नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
पुर्नवास भूमि के पट्टों का आवंटन
109. ( क्र. 3342 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माधवनगर कटनी में पुनर्वास भूमि के पट्टे पट्टाधारकों को किन-किन शर्तों के अधीन प्रदान किये गये थे और किन-किन शर्तों के उल्लंघन पर पट्टों का आवंटन निरस्त किये जाने के नियम है एवं पुनर्वास भूमि शीट क्रमांक 08 के प्लाट क्रमांक 308, 309 का आवंटन अपर कलेक्टर कटनी के आदेश दिनांक 09.10.2015 के अनुसार किन कारणों एवं किस आधार पर निरस्त किया गया बताएं? (ख) माधवनगर कटनी में ऐसे कितने परिवार है जिन्हें पुनर्वास भूमि के एक से अधिक पट्टे प्राप्त हैं? (ग) क्या तत्कालीन जिला कलेक्टर श्रीमती अंजू सिंह बघेल द्वारा पुर्नवास पट्टों स्थल/भौतिक सत्यापन किये जाने के आदेश किये गये थे? यदि हाँ, तो शासकीय सेवकों द्वारा मौके पर की गई जाँच में क्या पाया गया? सक्षम प्राधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या माधवनगर कटनी की पुर्नवास भूमि के अनेक प्लाटों पर पट्टा धारक के बजाए अन्य व्यक्ति वर्तमान में काबिज है यदि हाँ, तो किस हक एवं अधिकार से? यदि नहीं, तो क्या सक्षम प्राधिकारी इस तथ्य को सत्यापित करेंगे एवं क्या राजस्व अधिकारियों द्वारा पुर्नवास भूमि के कई प्लाटों को वारसान हक के बजाए अनाधिकृत व्यक्तियों को नामांकित किया गया है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत बताएं कि पुर्नवास भूमि के अधिक पट्टों का आवंटन प्राप्त करने, पट्टे की भूमि किराये पर देने, अन्य व्यक्ति को मालिकाना हक देने एवं राजस्व अधिकारियों द्वारा नामांतरण प्रकरणों में नियम विपरीतत कार्यवाहियों की जाँच कराये जाने के आदेश दिये जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) पट्टे की शर्तों का उल्लेख पट्टों में है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शर्तों का पालन न करने पर पट्टे की निरस्ती संबंधी कार्यवाही नियमानुसार की जाती है। शिकायत प्राप्त होने पर जाँच उपरान्त अनावेदक द्वारा पूर्व से ही पट्टे प्राप्त होने के बावजूद शपथ पत्र में गलत जानकारी देकर पुन: पट्टा प्राप्त करने के कारण न्यायालय अपर कलेक्टर कटनी के प्रकरण क्रमांक/बी-121/2014-15 आदेश दिनांक 09/10/2015 के द्वारा श्री गोपीचन्द पिता मानिकराम को पुनर्वास भूमि शीट क्रमांक 08 के प्लाट क्रमांक 308, 309 का जारी पट्टा निरस्त किया गया है। आदेश के विरूद्ध माननीय न्यायालय कमिश्नर जबलपुर में अपील विचाराधीन है। (ख) ऐसे परिवार जिन्हें पुनर्वास भूमि के एक से अधिक पट्टे प्राप्त है, इसकी पृथक से जाँच कराई जा रही है। (ग) जी हाँ। जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी हाँ। अनाधिकृत काबिज व्यक्तियों के संबंध में विस्तृत जाँच करा कर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जी हाँ। पुनर्वास नीति के तहत कार्यवाही की जावेगी। जी हाँ। पुनर्वास भूमि के प्लाटों को वारिसाना हक के बजाय अनाधिकृत व्यक्तियों के नाम किया गया है ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (ड.) प्रश्नांश ''क'' के संबंध में माननीय कमिश्नर न्यायालय जबलपुर में अपील प्रकरण विचाराधीन है। नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिकायतों की जाँच
110. ( क्र. 3343 ) कुँवर सौरभ
सिंह : क्या किसान
कल्याण मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) कृषि उपज
मंडी समिति कटनी
की किन-किन शिकायतों
की जाँच माह 1.11.15 से प्रश्न
दिनांक तक की गई
है? (ख) वर्ष, 2013 से सितम्बर, 2015 तक जो शिकायतें
कटनी मंडी की हुई
थीं, जिनके
जाँच प्रतिवेदन
मंडी बोर्ड, भोपाल को
प्राप्त हो चुके
हैं, जिनके
जाँच प्रतिवेदन
परीक्षणाधीन थे, कुछ में स्पष्ट
अभिमत उपसंचालक
मंडी बोर्ड, जबलपुर से
चाहे गये थे? क्या उनके
परीक्षण हो गए
और स्पष्ट अभिमत
प्राप्त हो गए? यदि हाँ, तो दोषियों
पर क्या कार्यवाही
की गई? (ग) दिनांक
1.4.2012 से प्रश्न
दिनांक तक कृषि
उपज मंडी कटनी
के किन-किन फर्मों
के लेखा सत्यापन
हो गए? वर्षवार, फर्मवार, राशिवार
विवरण दें? जिन फर्मों
द्वारा राशि जमा
नहीं की गई, उनके विरूद्ध
क्या कार्यवाही
की गई? (घ) कृषि
उपज मंडी कटनी
से जारी अनुज्ञा
पत्र बाहर से सत्यापन
हेतु किन-किन मंडियों
के लंबित हैं? मंडीवार
जानकारी दें? अभी तक सत्यापन
न करने के लिए दोषी
कौन है और उसके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की, कब तक की जावेगी?
किसान
कल्याण मंत्री
( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख)
प्रश्नाधीन अवधि
में मंडी समिति
कटनी के प्राप्त
जाँच प्रतिवेदन, जिनमें प्रतिवेदन
परीक्षणाधीन थे, कुछ में स्पष्ट
अभिमत उपसंचालक
जबलपुर से चाहे
गये थे का जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ग)
दिनांक 01.04.2012 से प्रश्न
दिनांक तक कृषि
उपज मंडी कटनी
द्वारा फर्मों
के लेखा सत्यापन
किये गये है। वर्षवार, फर्मवार, राशिवार
विवरण की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-स
अनुसार है। उपरोक्त
सूची अनुसार संबंधित
फर्मों पर लेखा
सत्यापन के पश्चात
राशि वर्तमान में
बकाया नहीं होने
से कार्यवाही लंबित
नहीं है। (घ) कृषि
उपज मंडी कटनी
से जारी 728 अनुज्ञा
पत्र सत्यापन हेतु
लंबित है। मंडीवार
जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-द
अनुसार है। मंडी
समिति कटनी से
जारी अनुज्ञा पत्र
सत्यापन के लिये
पुन: मंडी समिति
कटनी को प्राप्त
होने पर सत्यापन
की कार्यवाही की
जावेगी। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं होता
है।
विधानसभा प्रश्न क्रमांक 52 दिनांक 20.7.2015
111. ( क्र. 3352 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दि. 20.7.2015 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक 52 के परिप्रेक्ष्य में संबंधित फर्मों को एवं ऐसे प्रकरणों में कार्यवाही करने में विलम्ब होने से संबंधित मंडी कर्मचारियों को सूचना पत्र जारी किए गए हैं और कर्मचारियों पर कार्यवाही प्रचलन में हैं, उत्तर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो संबंधित फर्म/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई, बतावें? यदि नहीं, हुई, तो कब-तक की जावेगी, बतावें? एवं अब तक न करने के लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) कृषि उपज मंडी कटनी के दो कर्मचारियों को महत्वपूर्ण फाइलें गायब करने के कारण पत्र क्रमांक 4076 एवं 4078, दिनांक 5.1.16 को अंतिम कारणदर्शी सूचना पत्र जारी कर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का उल्लेख किया गया था? क्या गायब फाइलें मिल गईं? यदि नहीं, मिली तो क्या उक्त कर्मचारियों के विरूद्ध अब तक पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई गई, बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त दोनों कर्मचारी वर्तमान में अन्य प्रकरणों में निलंबित है संबंधित कर्मचारी द्वारा दिनांक 10.12.15 को 78 नस्तियां उपलब्ध करा दी गई है एवं लेखा सत्यापन की शेष 103 नस्तियां वर्तमान में प्रभार में नहीं सौंपी गयी हैं जिन्हें उपलब्ध कराये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नस्तियां उपलब्ध न कराये जाने की स्थिति में संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
रोड निर्माण
112. ( क्र. 3353 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विकासखण्ड मझगवां के अंतर्गत ग्राम खांच की रोड जैतवारा रोड से ग्राम नगौरा मोड़ तक मुरम रोड का निर्माण किस वर्ष में किस मद से और कितनी लागत से ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) की रोड निर्माण के बाद कब-कब मरम्मत कराई गई तथा मरम्मत में क्या तथा कितनी राशि व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) की रोड में जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं? स्कूल जाने वाली छात्राओं/छात्रों तथा नागरिकों को चलने में भारी परेशानी हो रही है? रात्रि के अंधेरे में दुर्घटनाएं भी हो रही हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शासन उक्त रोड की मरम्मत कराकर डामरीकरण कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों, कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जैतवारा रोड से ग्राम खांच तक मिट्टी मुरमीकरण का कार्य वित्तीय वर्ष 2006-07 में महात्मा गांधी नरेगा मद से स्वीकृत राशि रूपये 4.97 लाख के विरूद्ध राशि रूपये 2,45,739/- व्यय कर ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार रोड निर्माण के पश्चात ग्राम खांच से ग्राम नागौरा मोड तक मुरमीकरण वित्तीय वर्ष 2010-11 मे, मूलभूत मद से राशि रूपये 101163/- एवं वित्तीय वर्ष 2011-12 में राशि रूपये 30,416/- मूलभूत मद तथा वित्तीय वर्ष 2013-14 में 20 प्रतिशत पंच परमेश्वर मद से राशि रूपये 1,47,136/- मरम्मत कार्य पर ग्राम पंचायत द्वारा व्यय की गई। (ग) वर्तमान में मार्ग की स्थित मरम्मत योग्य है, किन्तु प्रश्न दिनांक तक कोई दुर्घटना होना प्रतिवेदित है। (घ) उक्त रोड की मरम्मत कराया जाना प्रक्रियाधीन है। ग्रामीण क्षेत्र का पहुंच मार्ग होने के कारण वर्तमान में इस पर डामरीकरण प्रस्तावित नहीं है।
एन.एल.आर.एम.पी. अंतर्गत अभिलेखागारों का आधुनिकीकरण
113. ( क्र. 3391 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय भू-रिकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम अंतर्गत, कटनी जिले में अभिलेखागारों के आधुनिकीकरण का कार्य किया गया है, यदि हाँ, तो शासनादेश उपलब्ध कराये एवं बताये कि यह कार्य चरणबद्ध तरीके से कब-कब पूर्ण किया जाना था? कब-कब पूर्ण किया गया एवं कार्य का कौन सा चरण वर्तमान में किन कारणों से अपूर्ण है? कार्यों के अब तक अपूर्ण होने पर क्या कार्यवाही की गई? क्या संबंधितों द्वारा कार्य पूर्णता प्रमाण दिये गये? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) में अभिलेखागारों में कौन-कौन सी सामग्री, उपकरण, स्थापित की गई, वर्तमान में इनका क्या उपयोग किया जा रहा है और किये गये कार्य, लगायी गई सामग्री, उपकरणों की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) जिले के अभिलेखागारों में स्थायी स्वरूप के कौन-कौन से राजस्व अभिलेख वर्तमान में कितनी-कितनी संख्या में है? कितने अभिलेखों को वेंडर द्वारा मार्डन-रिकार्ड रूम के सर्वर में कब से कब तक अपलोड किया गया, कितने अभिलेख, किन कारणों से अपलोड होना शेष है? अभिलेखों को अपलोड ना होने का कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या वर्तमान में अभिलेखों के अपलोडिंग का कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) में क्या स्थायी स्वरूप के राजस्व अभिलेख सर्वर पर अपलोड नहीं किये जा रहे है? अभिलेखागार बंद पड़े हैं? स्थापित सामग्री, उपकरण अनुपयोगी होकर क्षतिग्रस्त हो रही है शासकीय राशि का दुरूपयोग हो रहा है शासन की मंशानुरूप नागरिकों को सुविधा का लाभ प्राप्त नहीं है यदि हाँ, तो इसका कौन जिम्मेदार है यदि नहीं, तो अभिलेखागार अब तक प्रारंभ क्यो नहीं हो पाये है? क्या इसकी जाँच करवाकर, कार्यवाही की जायेगी और जिले में मार्डन रिकार्ड रूम कब तक प्रारंभ किये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्यादेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार जिले में भू-रिकार्ड के आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत कराए गये चरणबद्ध कार्यक्रमों का विवरण निम्नानुसार है:-
प्रथम चरण कार्य प्रारम्भ करने का दिनांक |
17.12.2012 |
प्रथम चरण कार्य पूर्ण करने का दिनांक |
17.9.2013 |
द्वितीय चरण कार्य प्रारम्भ करने का दिनांक |
17.12.2012 |
द्वितीय चरण कार्य पूर्ण करने का दिनांक |
17.9.2013 |
तृतीय चरण कार्य प्रारम्भ करने का दिनांक |
29.9.2013 |
तृतीय चरण कार्य पूर्ण करने का दिनांक |
30.62014 |
(ख) अभिलेखागार में स्थापित उपकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। वर्तमान में उपरोक्त उपकरणों का उपयोग जिले द्वारा नकल निकालने एवं राजस्व विभाग संबंधी अन्य कार्यों में किया जा रहा है। उपकरण वर्तमान में सही स्थिति में है। (ग) जिले के अभिलेखागारों में स्थाई स्वरूप के निम्न अभिलेख ग्राम नक्शा, अधिकार अभिलेख, री-नम्बरिंग सूची, नामांतरण पंजी/संशोधन पंजी जिले में मिसिल बंदोबस्त एवं नामांतरण पंजी क स्केन करने के प्रावधान है। जिले के अभिलेखागारों मे मिसिल बंदोबस्त एवं नामांतरण पंजी के अनुमानित 11 लाख पृष्ठ उपलब्ध है। वेण्डर द्वारा 8.47.672 पृष्ठों के स्केन्ड डाटा सर्वर पर अपलोड किया गया है। म.प्र. भू-अभिलेख प्रबंधन समिति की शासी निकाय की बैठक दिनांक 19.7.2013 के अनुक्रम में कार्यलयीन पत्र दिनांक 26.12.2013 द्वारा समस्त कलेक्टरों को विस्तृत निर्देश जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। सभी तीनों चरणों में आई.टी/नॉन आई.टी. स्केनिंग आदि कार्यों हेतु भारत सरकार द्वारा प्रति अभिलेखागार राशि रू.25.00 लाख निर्धारित है एवं उक्त समयावधि तथा निर्धारित स्वीकृत राशि के प्रावधान अनुसार ही कार्य सम्पन्न कराए गये हैं। (घ) जी नहीं, स्थाई स्वरूप के राजस्व अभिलेख का सर्वर पर अपलोड किये गये हैं। जी नहीं, जिले द्वारा स्केन किए गये पुराने अभिलेखों की नकल उपलब्ध कराने एवं राजस्व विभाग से संबंधित अन्य कार्यों में उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। शासकीय राशि का दुरूपयोग नहीं हुआ है। राजस्व संबंधी आमजन को सुविधाएं दी जा रही हैं। जिला कटनी के सभी रिकार्ड रूम सुचारू रूप से सेवाएं दे रहे हैं। जिले की सभी तहसीलों में कर्मचारियों को डोक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम इंस्टोलेशन का प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही यदि किसी कारणवश कुछ अभिलेख स्केन कराने से शेष रह गये है एवं आगामी अभिलेखों को भी जिले के प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा सतत अपलोड कराए जाने की कार्यवाही की जावेगी।
स्वच्छ भारत मिशन के कार्य
114. ( क्र. 3392 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्मल भारत/समग्र स्वच्छता/स्वच्छ भारत मिशन के तहत् जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक अभियान के प्रचार-प्रसार एवं जागरुकता के कार्य किये जाने, कार्यक्रम आयोजित करने हेतु शासन/विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या आदेश दिये गये? (ख) कटनी जिले में अभियान/मिशन के प्रचार-प्रसार जागरूकता के लिये उल्लेखित समयावधि में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? राशि का व्यय किस-किस कार्य में किया गया, किन-किन को कब-कब, कितना-कितना भुगतान किया गया? (ग) क्या-क्या कार्य एवं कार्यक्रम, किन-किन स्थानों पर, किन-किन के द्वारा कब-कब किये गये? (घ) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत कटनी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत ग्राम प्रचायतों द्वारा राशि के गबन प्रकरण के संबंध में विषयक जारी पत्र क्र. 6488/एस.बी.एम./जि.पं./2015, दि. 03.08.2015 के द्वारा जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को 07 दिवस में कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो इनके द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई, जनपदवार बतावें? साथ ही उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना पर संबंधितों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ड.) प्रश्नांश (क) से (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या कटनी जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत् प्रचार-प्रसार, जागरूकता के कार्यों में शासनादेशों की अवहेलना करने, शौचालय निर्मित किये बगैर, राशि आहरित करने, शासकीय राशि का गबन करने एवं कार्यवाही करने में हीला-हवाली करने की शासन स्तर पर उच्च स्तरीय जाँच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) अभियान के दिशा-निर्देश अनुसार प्रचार-प्रसार जागरूकता के लिये अलग से राशि प्राप्त नहीं होती है। व्यक्तिगत शौचालय पर कुल व्यय का निर्मल भारत अभियान में 15 प्रतिशत राशि व स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत व्यक्तिगत शौचालय पर कुल व्यय का 5 प्रतिशत राशि प्रचार-प्रसार पर व्यय किया जा सकता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (क) से (ख) तक कटनी जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रचार-प्रसार जागरूकता के कार्य शासन के आदेशों के अनुरूप किया गया है। शौचालय में राशि का भुगतान निर्माण उपरांत तथा भौतिक सत्यापन उपरान्त ही किया जाता है। अत: राशि गबन व हीला-हवाली का प्रश्न ही नहीं उठता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को औजार, उपकरण, बीज दवाइयों का वितरण
115. ( क्र. 3415 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत कृषि यंत्र, उपकरण, बीज दवाइयां आदि प्रदान की गई है? कई योजनाओं में गहरी जुताई आदि के लिये भी अनुदान दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त तीन वर्षों में किस ग्राम में कितने किसान को कृषि यंत्र औजार, उपकरण, बीज दवाइयां आदि दी गई? (ग) क्या चैपकटर, सीड्रिल आदि कृषि यंत्र ब्लॉक मुख्यालय पर वितरित न करते हुए जिला मुख्यालय से वितरित किये जा रहे हैं और वह भी मनमर्जी अनुसार? (घ) क्या इस धांधली को लेकर जनप्रतिनिधि द्वारा कलेक्टर दतिया को एवं उप संचालक कृषि को अवगत कराया गया था किंतु पुन: वही प्रक्रिया अपनाई गई और अपनाई जा रही है, इसके लिये क्या कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ब्लॉक स्तर से जनप्रतिनिधियों के माध्यम से शासन की नीति अनुसार पहले आओ पहले पाओ की नीति के अनुसार वितरण कराये गये तथा विधान सभा भांडेर का एक बड़ा क्षेत्र विकासखंड दतिया में भी होने से दतिया विकासखंड के ग्रामों को दतिया से यंत्र उपलब्ध कराये गये। कोई मनमर्जी नहीं की गई। (घ) माननीय विधायक श्री घनश्याम पिरोनियाँ के द्वारा कलेक्टर दतिया को, की गई शिकायत पर कार्यवाही करते हुए जाँच समिति गठित कर दी गई है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है साथ ही पहले आओ पहले पाओ के आधार पर निर्धारित दर पर विकासखंड स्तर से वितरण कराया जा रहा है।
भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र की परिवहन व्यवस्था
116. ( क्र. 3416 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र में आवागमन हेतु वाहनों को परमिट जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र से गुजरने वाले सवारी वाहनों को कितने समय पर किस वाहन को कहाँ-कहाँ के लिए परमिट दिया गया है? भाण्डेर से दतिया, भाण्डेर से सासई, भाण्डेर से चिरगांव, भाण्डेर से दवोह लहार आदि का कितना किराया निर्धारित किया गया है और वाहनों में रेट लिस्ट चस्पा क्यों नहीं की गई है? (ग) क्या यह सही है कि ग्रामीण क्षेत्र के लिए आवागमन हेतु अवैध वाहनों का संचालन हो रहा है? (घ) यदि हाँ, तो इसे वैधानिक बनाने की क्या कार्यवाही की गई या की जा रही है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) परमिटों तथा समय चक्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। किराया निम्नानुसार है:-
मार्ग |
किराया |
भाण्डेर से दतिया |
30/- |
भाण्डेर से चिरगांव |
23/- |
भाण्डेर से दबोह |
36/- |
भाण्डेर से लहार |
60/- |
भाण्डेर से सरसई |
19/- |
वाहनों में रेट लिस्ट चस्पा की जाती है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों की संपत्तियों का विवरण
117. ( क्र. 3427 ) श्री विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग जिला सहकारी बैंक और सेवा सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों पर प्रतिवर्ष अपनी सम्पत्ति घोषित करने का नियम लागू नहीं है? यदि हाँ, तो क्यों नहीं है? क्या अब नियम लागू किया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत यदि नियम लागू है, तो भोपाल और रायसेन जिले के कर्मचारियों द्वारा वर्ष 2013, 2014 व 2015 में घोषित संपत्ति की संख्या वर्गवार दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या नियम के बाद भी उक्त किन-किन कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का विवरण प्रश्न दिनांक तक नहीं दिया है? प्रश्न दिनांक तक उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, लागू है. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ख) भोपाल एवं रायसेन जिले के सहकारिता विभाग तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के कर्मचारियों द्वारा घोषित अचल संपत्ति के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 तथा 4 अनुसार है. प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों द्वारा अचल सम्पत्ति का विवरण प्रेषित नहीं किया गया है. (ग) उत्तरांश ’’ख’’ अनुसार भोपाल एवं रायसेन जिले में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों द्वारा अचल संपत्ति का विवरण प्रेषित नहीं किया गया है. कर्मचारी सेवा-नियम के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं.
2 लाख रूपये से ज्यादा राशि के कार्य
118. ( क्र. 3428 ) श्री विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं रायसेन जिले में 1 अप्रैल, 2013 से प्रश्न तिथि तक 2 लाख रूपये से ज्यादा राशि के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में कार्य, किस-किस स्थान पर किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिलों में उक्त कार्यों में मेंटेनेंस पर किस-किस स्थान पर कितने कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं उक्त सभी कार्यों का पूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किसके द्वारा जारी किया गया नाम, पदनाम बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यों में मेन्टेनेंस पर राशि व्यय नहीं की गई। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
बड़नगर से उज्जैन की बसों के परमिट
119. ( क्र. 3491 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर से जिला मुख्यालय की दूरी 45 किलोमीटर है? क्या यात्रा करने में यात्रियों को वर्तमान में 2 घण्टे का समय लगता है जबकि दूरी बहुत कम है? (ख) क्या समय की अधिकता को देखते हुए आर.टी.ओ. द्वारा परमिट के पुन: निर्धारण का कोई प्रस्ताव है बनाया गया है? (ग) परिवहन के नियम के अनुसार एक घण्टे में कितने किलो मीटर यात्रा का परमिट जारी किया जाता है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मार्ग बड़नगर से उज्जैन की दूरी यात्रा के प्रारंभ एवं गंतव्य स्थान तक के लिए राज्य परिवहन प्राधिकारी ग्वालियर द्वारा 50 किलोमीटर नियत की गयी है। यात्रा का समय 1 घण्टा 45 मिनिट निर्धारित किया गया है। (ख) मार्ग बड़नगर से उज्जैन पर सड़क की स्थिति अच्छी हो जाने के कारण यात्रियों एवं जन प्रतिनिधियों के प्रस्ताव अनुसार दिनांक 29.05.2007 को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार उज्जैन द्वारा पूर्व आवंटित समय चक्रो में कमी करते हुये मार्ग का यात्रा समय 1 घण्टा 45 मिनिट निर्धारित किया गया है। (ग) केन्द्र सरकार की अधिसूचना क्रमांक का.आ. 425 (अ) दिनांक 09.06.1989 के अनुसार वाहनों की अधिकतम गति सीमा निर्धारित की गई है। जिसकी प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 71 एवं 72 में दर्शाये अनुसार परमिट के स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी सड़क मार्ग की स्थिति मार्ग में आने वाली बाधाओं, मार्ग पर यातायात की आवश्यकता एवं परमिट के आवेदक वाहन स्वामी द्वारा प्रस्तावित समय चक्रों का परीक्षण कर परमिट पर निर्दिष्ट यात्रा मार्ग के समय चक्र आवंटित करते है।
लोकसेवा केन्द्र संचालन
120. ( क्र. 3505 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकसेवा केन्द्र संचालन के क्या नियम है? क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत केन्द्र संचालन हेतु नियमों का पालन हो रहा है? यदि नहीं, तो क्या विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ अंतर्गत लोक सेवा गांरटी संचालन हेतु शासन नियमानुसार कितनी अवधि में निविदाएं आमंत्रित की जाती है? वर्तमान में ठेकेदारों द्वारा संचालित केन्द्रों की समयावधि कब तक पूर्ण की जाकर निविदाएं आमंत्रित की जावेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) लोक सेवा केन्द्रों के संचालन के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। जिला राजगढ़ अंतर्गत लोक सेवा केन्द्रों का संचालन नियमानुसार किया जा रहा है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) लोक सेवा प्रबंधन विभाग के निर्देशानुसार जिला राजगढ़ अंतर्गत लोक सेवा केन्द्रों के संचालन की तीन वर्ष की अवधि के पश्चात निविदाएं आमंत्रित की जाती है। जिलें में लोक सेवा केन्द्र जीरापुर, खिलचीपुर, राजगढ़ ब्यावरा एवं सारंगपुर का कार्य संतोषप्रद होने पर दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से आगामी तीन वर्षों तक नवीनीकरण हेतु अनुबंध किया जा रहा है एवं लोक सेवा केन्द्र नरसिंहगढ़ का कार्य संतोषप्रद नहीं होने पर अनुबंध निरस्त किया गया। जिसकी निविदा दिनांक 08 मार्च 2016 दोपहर 3:00 बजे तक आमंत्रित की गयी है।
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में पदस्थ प्रभारी अधिकारी
121. ( क्र. 3548 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत अभियंताओं को जबलपुर राजस्व संभाग अंतर्गत अपने मूल पद से एक पद वरिष्ठ का प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो इनके मूल पद प्रभार का पद वर्तमान पदस्थापना आदेश का पूर्ण विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रभारी के तौर पर अधिकारियों की नियुक्ति के शासन, विभाग के क्या मापदण्ड/नियम है क्या विभाग में नियुक्त प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति में इनका पालन किया गया है? (ग) क्या वरिष्ठ पद का प्रभार वरिष्ठ को न दिया जाकर कनिष्ठ को दिया गया है यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में बतायें कि क्या शासनादेशों एवं विभागीय मापदण्डों के विपरीत भेदभाव पूर्ण तरीके से प्रभारी अधिकारी के पदों पर नियुक्त अपात्र अधिकारियों को पृथक कर वास्तविक पात्र अधिकारियों की पद स्थापना की जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जी
हाँ। ग्रामीण यांत्रिकी
सेवा राजस्व संभाग
जबलपुर अंतर्गत
विभिन्न कार्यालयों
मे प्रभारी अधिकारियों
तथा उनके मूल पद
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग
में वरिष्ठ पदों
में रिक्तियां
होने पर अस्थाई
रूप से कनिष्ठ
अभियंताओं को वरिष्ठ
पद का प्रभार दिये
जाने की व्यवस्था
है। यह प्रभार
अधिकारियों की
कार्यकुशलता एवं
पद के लिए उपयुक्तता
के अनुसार प्रशासकीय
दृष्टिकोण से दिया
जाता है। (ग)
जी हाँ। प्रशासकीय
कारणों से अपरिहार्य
परिस्थितियों
में अस्थाई व्यवस्था
की गई है। (घ)
जी हाँ। वरिष्ठ
पदों के लिये पदोन्नति
उपरांत अधिकारी
उपलब्ध होने पर
पदस्थापना की
जाती है।
परिशिष्ट
–
''छियासठ''
पाटन विधानसभा अंतर्गत स्वच्छता अभियान
122. ( क्र. 3549 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) क्या है एवं इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा अभियान के अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा कौन-कौन से कार्य किये जा रहे है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अभियान के अंतर्गत पाटन विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी लागत से कराये गये? (ग) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत शौचालय निर्माण हेतु किस प्रकार के शौचालय का निर्माण किया जाना है इस योजना अंतर्गत किस आकार के कौन-कौन से निर्माण होना आवश्यक है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित योजना अनुसार पाटन विधानसभा अंतर्गत कितने हितग्राहियों ने शौचालय का निर्माण कराया गया तथा इन शौचालय का सत्यापन कब किस अधिकारी द्वारा किया गया? (ड.) प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित शौचालय के निर्माण में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं उस पर क्या कार्यवाही की गई एवं क्या शासन एक बार फिर इन निर्माण कार्यों का सत्यापन उच्चअधिकारियों से कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत दो लीच पिट वाले जलबंद शौचालय बनाए जाने का प्रावधान है। जिसमें हनीकोम वाले लीच पिट, सुपर स्ट्रक्चर बनाये जाते है। शौचालय में दरवाजा व ए.सी.सी. छत तथा पानी के लिए टंकी के साथ वॉशबेसिन बनाने का प्रावधान है। (घ) पाटन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 9514 हितग्राहियों ने शौचालयों का निर्माण कराया गया। शौचालय निर्माण उपरांत भुगतान किये गये शौचालयों के सत्यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनाओं की जानकारी
123. ( क्र. 3579 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में अनूपपुर जिले को कुल कितने बजट का आवंटन प्राप्त हुआ था? (ख) प्रश्नाधीन राशि में से किस प्रकार के व्यय किए गये है? अनुदान राशि प्राप्त योजनाओं से कितने किसानों को लाभ पहुँचाया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) अनूपपुर जिले को वित्तीय वर्ष 2014-15 में रू. 736.56 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में अद्यतन रू. 928.17 लाख कुल राशि रू. 1664.73 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक/दो अनुसार है।
मुख्यमंत्री सड़क योजनान्तर्गत अनूपपुर जिला में सड़कों का निर्माण
124. ( क्र. 3582 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में मुख्यमंत्री सड़क योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 तथा 2015-16 की अवधि में विभिन्न सड़कों के निर्माण कार्य कराने हेतु सड़कवार प्राप्त आवंटन, व्यय एवं बचत की राशि क्या-क्या है? (ख) प्रश्नाधीन सड़कों में से किन-किन सड़कों का निर्माण कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है और अपूर्ण कार्य कब तक में पूर्ण कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 8 एवं 9 अनुसार है।
शौचालय निर्माण
125. ( क्र. 3595 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा भोपाल संभाग में 2012 तक संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम 2012 से 2014 तक निर्मल भारत अभियान और 2014 से आज दिनांक तक स्वच्छ भारत अभियान के तहत कितने बी.पी.एल. और ए.पी.एल. परिवारों के शौचालय निर्मित किए है एवं कितनी राशि इन पर व्यय की गई है? (ख) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत बनाए गए कितने प्रतिशत शौचालय आज उपयोगी है? (ग) क्या सरकार के पास अनुपयोगी शौचालयों को उपयोगी बनाने की कोई योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा भोपाल संभाग में 2012 तक संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम 2012 से 2014 तक निर्मल भारत अभियान और 2014 से आज दिनांक तक स्वच्छ भारत अभियान के तहत 613372 बी.पी.एल. और ए.पी.एल. परिवारों के शौचालय निर्मित किए है जिसमें राशि रूपये 19931.36 लाख व्यय की गई है। (ख) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत बनाये गये शौचालयों में से भोपाल संभाग के भोपाल जिले में 97 प्रतिशत शौचालय एवं भोपाल संभाग के शेष जिलों में 100 प्रतिशत शौचालय आज उपयोगी है। (ग) जी नहीं। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा अनुपयोगी शौचालयों को उपयोगी बनाने हेतु स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत स्वच्छ भारत कोष का प्रावधान किया गया है। जिसके अंतर्गत जिलों के द्वारा हितग्राहीवार प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजने का प्रावधान है।
कॉलोनाईजरों/बिल्डरों द्वारा अवैध कालोनियों का निर्माण
126. ( क्र. 3596 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजधानी भोपाल के नीलबड़, रातीबड़ क्षेत्र से सीहोर जाने वाली सड़क के दोनों ओर अनेकों कॉलोनाईजरों/बिल्डरों द्वारा कॉलोनी बनाने की अनुमति जारी की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ, है तो क्या उक्त क्षेत्र को नगर निगम की सीमा में ले लिया गया है और नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा उक्त क्षेत्र में आवास बनाए जाने की छूट प्रदान की जाने लगी है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर नहीं है तो उक्त क्षेत्र में कॉलोनाईजरों/बिल्डरों द्वारा अवैध रूप से कॉलोनी बनाने व सीधे-सीधे नागरिकों से राशि ऐठने के विरूद्ध विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भोपाल जिले में नीलबड रातीबढ़ क्षेत्र से सीहोर जाने वाली सड़क के अंतर्गत ग्राम नीलबड़, कलखेड़ा, बरखेड़ी बाज्यापत, रातीबड़, छापरी, सरवर, सेमरी, बाज्यापत, बडझिरी में कालोनाईजर्स/बिल्डरों को कालोनी बनाने की अनुमति जारी नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कालोनाईजर्स/बिल्डरों द्वारा बिना सक्षम अधिकारी को अनुमति के बिना कृषि भूमि पर प्लाट काटकर बेचे जाने की शिकायत होने पर विभाग द्वारा समय-समय पर कार्यवाही कर भूमि को मूल स्वरूप में लाने की कार्यवाही की जाती है।
खाचरौद जनपद पंचायत की बोरसंग पित्रामन पंचायत संदर्भ में
127. ( क्र. 3607 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत जनपद पंचायत खाचरौद की पंचायत-बोरखेड़ा पित्रामन में दिनांक 01.04.2010 से 31.03.14 तक कितने कार्य स्वीकृत किए गए? कार्य स्वीकृति दिनांक, लागत पूर्ण/अपूर्ण स्थिति बतावें? (ख) मनरेगा योजनान्तर्गत प्रश्नांश (क) कि अवधि के स्वीकृत पूर्ण एवं अपूर्ण कपिलधारा कुएं एवं इंदिरा आवास आवंटन की जानकारी वर्षवार देवें? (ग) जो कार्य अपूर्ण है उनमें कितनी राशि आहरित की जा चुकी है? ये कब तक पूर्ण होंगे? (घ) अपूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदारों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के अन्तर्गत जनपद पंचायत खाचरौद की ग्राम पंचायत बोरखेड़ा पित्रामल में दिनांक 01.04.2010 से 31.03.2014 तक 10 कार्य स्वीकृत किये गये। कार्य स्वीकृति दिनांक लागत पूर्ण/अपूर्ण स्थिति का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मनरेगा योजनान्तर्गत प्रश्नांश (क) की अवधि के स्वीकृत, पूर्ण एवं अपूर्ण कपिलधारा कुएं एवं इंदिरा आवास आवंटन का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अपूर्ण कार्य में रू. 11.96 लाख राशि आहरित की जा चुकी है। अपूर्ण कार्यों की पूर्णता जॉबकार्डधारियों द्वारा काम की मांग पर निर्भर है, जिससे की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नही है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बसों के परमिट दिये जाना
128. ( क्र. 3608 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन नगर निगम द्वारा नगर निगम सीमा से बाहर कहाँ-कहाँ परमिट दिए गए है? कब से दिए गए है? (ख) महिदपुर से उज्जैन व्हाया घोंसला अभी तक परमिट नहीं देकर बसे नहीं प्रारंभ की गई है क्यों? (ग) इस मार्ग पर कब तक परमिट देकर बसें प्रारंभ कर दी जावेगी?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) नगर निगम सीमा के बाहर यात्री बसों के परमिट नगर निगम उज्जैन द्वारा नहीं दिये गये हैं, क्योंकि बस परमिट परिवहन विभाग द्वारा स्वीकृत किये जाते हैं। नगर निगम उज्जैन के स्वामित्व की यात्री बसों को माह फरवरी 2014 से उज्जैन जिला सीमा के आसपास के स्थानों फतेहबाद, चंद्रवतीगंज, शाजापुर, माकडोन, देवास, आगर, इंदौर, तराना, महिदपुर के लिये लोक परिवहन सुविधा प्रदान करने हेतु परमिट स्वीकृत किये गये हैं। (ख) एवं (ग) महिदपुर से उज्जैन व्हाया घोसला मार्ग हेतु माह सितंबर 2015 में नगर निगम उज्जैन को बस परमिट स्वीकृत किया गया है। नगर निगम उज्जैन से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नांकित मार्ग पर एक सप्ताह के अंदर बस संचालन प्रांरभ कर दिया जावेगा।
बीज उत्पादक समितियों की जाँच
129. ( क्र. 3630 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में कितनी बीज उत्पादन समितियों को बीज उत्पादन का लायसेंस अथवा अनुमति देने से पहले अधिकारियों द्वारा उन समितियों की नियमानुसार जाँच पूरी कर ली है या उन नियमों में कोई ढील प्रदान की गई? लायसेंस की मियाद कितनी रहती है तथ नवीनीकरण की प्रक्रिया क्या है? (ख) विदिशा जिले में जिन समितियों के बीच उत्पादन का लायसेंस दिया उनके द्वारा कितने क्षेत्र में बीज उत्पादन कार्यक्रम लिया गया है? क्या पिछले खरीफ एवं रबी की फसल के समय पंजीकृत रकवा से संबंधित गांवों और खेतों में जाकर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया है और रिपोर्ट दी है? (ग) क्या विदिशा जिले में बीज समितियों ने पिछले वर्ष अप्रैल 2014 से मार्च 2015 तक जितना बीज बेचा है क्या वह बीज उत्पादन समितियों के द्वारा जिन किसानों यहा बीज उत्पादन की सूचना थी उससे खरीद हुआ था अथवा बाजार से भी खरीद हुआ था? क्या अधिकारियों ने इसकी जाँच कर ली थी इसमें कितना बीज उत्पादन समितियों की देखरेख वाला है और कितना बाहर का था? इसमें गेहूँ चना, मसूर, सोयाबीन और उड़द की अलग-अलग जानकरी देवें? (घ) क्या विदिशा जिले में बीज उत्पादन समितियों द्वारा बीज तैयार करते समय जो तुलाई, पैकिंग और टैग लगाने का कार्य किया जाता हैं उस समय विभाग का किस श्रेणी का अधिकारी उपस्थित रहता है? यदि नहीं, तो क्या किसी अधिकारी की उपस्थिति में यह कार्य कराना उचित नहीं होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विदिशा जिले में 15 बीज उत्पादन समितियों को बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 के तहत बीज विक्रय का लायसेंस नियमानुसार जारी करने की कार्यवाही की गई है। इस प्रकार नियमों में कोई ढील प्रदान करने का प्रश्न ही नहीं उठता हैं। बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 की धारा 6 के अनुसार बीज विक्रय लायसेंस की वैधता लायसेंस जारी होने की दिनांक से तीन वर्ष तक होती है तथा लायसेंस का नवीनीकरण बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 की धारा 7 के अनुसार किया जाता है। (ख) विदिशा जिले में समितियों द्वारा लिये गये बीज उत्पादन कार्यक्रम संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों ने नियमानुसार फसल निरीक्षण किया और रिपोर्ट संबंधित को दी है। (ग) विदिशा जिले में बीज उत्पादन समितियों ने पिछले वर्ष अप्रैल 2014 से मार्च 2015 तक जितना बीज बेचा है। वह बीज उत्पादन समितियों के द्वारा जिन किसानो के यहा बीज उत्पादन की सूचना थी उनसे ही बीज उपार्जन कर खरीदा गया। विभाग को बाजार से बीज खरीदने की कोई सूचना अथवा शिकायत प्राप्त नहीं हुई इसलिये इसकी जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) मानकों के अनुरूप पाये गये बीज लॉट की पैकिंग हेतु म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी द्वारा नियमानुसार टैग जारी किये जाते है तथा बीज की तुलाई, पैकिंग और टैग लगाने का कार्य सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी की देखरेख में किया जाता है।
कृषि बीज उत्पादन समितियों की कार्य प्रणाली
130. ( क्र. 3631 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में कितनी बीज उत्पादन समितियां संचालित हैं उनका नाम एवं रजिस्ट्रेशन दिनांक सहित जानकारी देवें? समिति में एक ही परिवार के सदस्य कितने प्रतिशत में रह सकते है? क्या यह समितियां समय-समय पर अपना नवीनीकरण करा रही है तथा जिसमें नवीनीकरण नहीं कराया है उन पर क्या कार्यवाही की गई नाम सहित दर्शाने का कष्ट करें? (ख) क्या विदिशा जिले में वर्ष 2013-14 और 2014-15 में बीज उत्पादक समितियों द्वारा शासन के नियमानुसार उच्च गुणवत्ता वाला बीज अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा लघु किसानों को निशुल्क एवं अनुदान पर बीज प्रदाय किया गया? यदि हाँ, तो किस समिति में कितने लोगों को बीज प्रदाय किया? (ग) विदिशा जिले में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में उत्पादन समितियों में सहकारी समितियों द्वारा कितना बीज किसानों को बेचा उसमें कितने किसानों के यहा खरीफ का बीज सोयाबीन एवं उड़द आदि की फसल नहीं ऊगी ऐसी अफलन की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और कितने पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या विदिशा जिले प्राथमिक सहाकारी समितियों की उत्पादन समितियों द्वारा किसानों को देने के लिये जो प्राप्त हुआ उनकी सेम्पल किसी प्रयोगशाला में भेजकर जाँच कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विदिशा जिले में कुल पंजीकृत 34 प्राथमिक बीज उत्पादक सहकारी संस्थाओं में से 7 संस्थायें संचालित अर्थात कार्यशील है। इन 7 संस्थाओं के नाम एवं रजिस्ट्रेशन दिनांक संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। समिति में एक ही परिवार के सदस्य रहने संबंधी प्रतिशत का निर्धारण नहीं है। समितियों के नवीनीकरण का प्रावधान नहीं है, अत: उन पर कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) विदिशा जिले में वर्ष 2013-14 और 2014-15 में बीज उत्पादक समितियों द्वारा शासन के नियमानुसार उच्चगुणवत्ता वाला बीज अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं लघु किसानों को नि:शुल्क प्रदाय नहीं किया गया है। अपितु विदिशा जिले की सेवा सहकारी समिति के माध्यम से संचालित योजनाओं में पात्र कृषकों को नियमानुसार अनुदान पर बीज प्रदाय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विदिशा जिले में बीज उत्पादन समितियों द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से वर्ष 2013-14 में 29,994 क्विंटल एवं 2014-15 में 22,539 क्विंटल बीज, किसानों को बेचा। विदिशा जिले में खरीफ में सोयाबीन, उड़द आदि की फसल नहीं उगने तथा अफलन संबंधी कोई भी शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं हुई है, इसलिये कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जिले में प्राथमिक सेवा सहकारी समितियों में भंडारित बीज के सेम्पल बीज परीक्षण प्रयोगशाला, ग्वालियर को भेजकर जाँच कराई गई।
ग्राम पंचायतों में दिये गये सौर ऊर्जा प्लाट की जानकारी
131. ( क्र. 3634 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुरवाई जनपद पंचायत क्षेत्र की कितनी ग्राम पंचायतों में सौर ऊर्जा लाइट दिये गये है? वह किस योजना और किसकी अनुमति से दिये गये है? इनकी ऊर्जा की क्षमता क्या है? (ख) इस सौर ऊर्जा प्लांट की खरीदी क्या नियमित तरीके से टेन्डर आमंत्रित करके की गई है? यदि हाँ, तो टेन्डर किस तारीख के अखबार में प्रकाशित हुआ था? यदि नहीं, तो क्यों? क्या सरपंचों की मांग आई थी या उन्हें जबरन देकर उनके चैक वसूले गये है? यदि इनकी खरीदी में अनियमितता हुई है तो क्या शासन इन पर कार्यवाही करेगा? (ग) यह सौर ऊर्जा लाइट की एक इकाई की कीमत कितने रूपये में खरीद की गई तथा इसकी बाजारू कीमत क्या है तथा इसमें शासन द्वारा प्रत्येक इकाई पर कितनी सब्सिडी दी जाती है? (घ) इन सौर ऊर्जा लाइट की गारन्टी कितनी है? बीच में खराब होने पर इनको ठीक कौन करेगा? इनती लाइटें किसी एक आदमी से खरीदी गई है या अलग-अलग व्यक्तियों से उनके नाम बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुरवाई जनपद पंचायत क्षेत्र की 37 ग्राम पंचायतों में सौर ऊर्जा लाईट के वैकल्पिक स्त्रोतों की स्थापना हेतु राशि प्रदाय की गई है। उक्त राशि परफॉरमेन्स ग्राण्ट योजना से अध्यक्ष जनपद पंचायत कुरवाई द्वारा सामान्य प्रशासन समिति के निर्णयानुसार जारी की गई। ग्राम पंचायतों द्वारा स्वतंत्र रूप से सोलर लाईटे क्रय की गई, उनकी क्षमता 24 वॉट एस.पी.व्ही. मॉड्यूल पैनल, 75 वॉट बैटरी, 75 ए.एच. पोल 12 फीट है। (ख) जी नहीं। क्योंकि जनपद पंचायत द्वारा खरीदी नहीं की गई। सरपंचों एवं ग्रामीणजनों द्वारा मांग मान. अध्यक्ष से भ्रमण के दौरान की गई, जनपद द्वारा किसी से भी कोई भी राशि का चेक वसूला नहीं गया। किसी भी ग्राम पंचायत से अनियमितता की शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ग) ग्राम पंचायतों द्वारा जानकारी दी गई है कि प्रति सौलर लाईट 26900 एवं इन्स्टालेशन चार्ज 3200 रूपये हैं। ग्राम पंचायतों द्वारा उक्त लाईट मध्यप्रदेश राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ मर्यादित, टी.टी. नगर, भोपाल से क्रय की गई है। बाजार के कीमत एवं सब्सिडी की जानकारी प्राप्त नहीं है। (घ) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ मर्यादित, टी.टी. नगर, भोपाल द्वारा प्रत्येक लाईट पर एक वर्ष की गारंटी दी गई है। उक्त लाईटें किसी व्यक्ति विशेष से न खरीद कर मध्यप्रदेश शासन के उपक्रम से क्रय की गई है।
वाहन किराया संबंधी
132. ( क्र. 3635 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा और रायसेन जिले में कितने जनपद पंचायत कार्यालयों में अध्यक्ष और अधिकारियों के लिये ए.सी. कार अथवा एस.यू.व्ही. आदि किराये पर ली गई है? (ख) इन किराये पर ली गई वाहनों में किस-किस जगह और कितनी वाहनें, टैक्सी कोटे की रजिस्टर्ड तथा किस-किस जगह प्रायवेट रजिस्ट्रेशन की गाडि़यां कितने-कितने किराये पर की गई है? अलग-अलग सभी गाडि़यों का नाम और किराया सहित विवरण देवें तथा कौन-कौन से जनपद अध्यक्ष उपाध्यक्ष अथवा सदस्यों की अथवा उनके रिश्तेदारों की गाडि़यां लगाई गई हैं? (ग) क्या पंचायत विभाग म.प्र. सरकार को मालूम है कि परिवहन विभाग का नियम है कि किसी भी प्राइवेट वाहन को किराये पर नहीं लिया जावे यह नियम क्या राज्य सरकार ने जनपद पंचायत अधिकारियों को बता दिया है? तो फिर भी प्राइवेट गाडि़यों को किराये पर लेने वाले जनपद के अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या अब प्राइवेट गाडि़यों को जनपद पंचायतों से हटवाने और टैक्सी कोटे की गाडि़यां आवश्यकता होने पर किराये पर लेने की पाबन्दी पर सरकार कार्यवाही करेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (घ) नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश शासन द्वारा लागू है, अतः प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
किचन शेड
133. ( क्र. 3652 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टिमरनी विधान सभा क्षेत्र के रहटगांव तहसील के अंतर्गत ग्राम मन्नासा का स्कूल भवन के किचन शेड के पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा क्या थी, कितनी राशि स्वीकृत की गई? कार्य पूर्ण एवं समय-सीमा में नहीं करने के लिए दोषी कर्मचारी/अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ख) हरदा जिले के टिमरनी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 3 वर्षों में कितने किचन शेड स्वीकृत हुए एवं स्वीकृत भवनों की प्रश्न दिनांक की क्या स्थिति है? तहसीलवार ग्रामवार सूची दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) टिमरनी विधान सभा क्षेत्र के रहटगांव तहसील के अंतर्गत ग्राम मनासा (ग्राम पंचायत बोथी) के स्कूल भवन के किचन शेड को पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा 31.03.2007 निर्धारित की गई थी। इस कार्य हेतु राशि रू. 60,000/- (साठ हजार मात्र) स्वीकृत की गई। कार्य अपूर्ण पाये जाने एवं समय-सीमा पर पूर्ण नहीं किये जाने के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत-हरदा द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत सचिव के विरूद्ध कार्यवाही हेतु दिनांक 12.02.2016 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) हरदा जिले के टिमरनी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 3 वर्षों में 18 किचन शेड स्वीकृत हुए है। स्वीकृत भवनों की प्रश्न दिनांक तक तहसीलवार एवं ग्रामवार अद्यतन स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कार्यालयों का निरीक्षण
134. ( क्र. 3675 ) श्रीमती
पारूल साहू केशरी
:
क्या पंचायत मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रशासनिक
कार्यों की निरंतर
कसावट एवं अधिकारियों
तथा कर्मचारियों
द्वारा कर्तव्य
पालन में कोताही
न बरतने,
अनियमिततायें
न करने आदि के दृष्टिकोण
से शासन के जिला, तहसील, विकासखण्ड
आदि कार्यालयों
का निरीक्षण वर्ष
में एक बार कराये
जाने का प्रावधान
नियमों में है? इस हेतु निरीक्षण
रोस्टर भी संधारित
किया जाता है? (ख) यदि
हाँ, तो
प्रश्नांश
(क) अनुसार विगत
2 वर्षों
में संधारित रोस्टर
के अनुसार सागर
जिले में जिला
पंचायत कार्यालय
का एवं जनपद पंचायत
कार्यालयों का
कब-कब, किस-किस
अधिकारी द्वारा
अकादमिक निरीक्षण
किया गया? (ग)
प्रश्नांश
(ख) अनुसार जिन कार्यालयों
का निरीक्षण, रोस्टर
के अनुसार नहीं
हुआ है उसके लिये
कौन उत्तरदायी
है? कब तक
निरीक्षण रोस्टर
का पालन कराया
जाना सुनिश्चित
किया जावेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ। (ख)
वर्ष 2014-15 में
आयुक्त सागर द्वारा
दिनांक 12.02.2015 को जिला
पंचायत सागर का
निरीक्षण किया
गया। जिले की विभिन्न
जनपदों का निरीक्षण
की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार। (ग) निरीक्षण
रोस्टर अनुसार
किया जा रहा है।
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता।
दमोह में ई-गर्वनेंस सोसायटी राशि उपलब्ध
135. ( क्र. 3713 ) श्री लखन पटेल : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा दमोह जिले को ई-गर्वनेंस सोसायटी को वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में पृथक कितनी धनराशि आवंटित की गई? (ख) प्रत्येक वर्ष किस-किस मद में कितना-कितना धन व्यय किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो इस योजना के प्रचार-प्रसार हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर व्यय की गई, आवंटित की गई राशि, ग्राम पंचायतवार बतायें? (घ) जनपद पंचायत स्तर पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? चालू वित्तीय वर्ष में अब तक आवंटित राशि में से कितनी राशि शेष है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) शासन द्वारा दमोह जिले की ई-गवर्नेंस सामिति को वित्तीय वर्ष 2013-14 में कुल 54,66,836.00 रूपये की राशि एवं वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 32,65,349.00 रूपये की राशि आवंटित की गयी। (ख) प्रत्येक वर्ष में वित्तीय वर्ष 2013-14 में मदवार व्यय राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014 15 में जनपद पंचायत स्तर पर कोई भी राशि व्यय नहीं की गयी। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदौर एवं मांगलिया में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
136. ( क्र. 3731 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर नगर तथा मांगलिया पंचायत में कई कॉलोनाईजरों द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो किस प्रकार? (ख) क्या ऐसे कॉलोनाईज़रों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है? यदि की गई है, तो क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्यों दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? अभी तक किन-किन पर कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ’’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ’’क’’ एवं ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हिस्से की राशि वसूल किया जाना
137. ( क्र. 3742 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के सेवा सहकारी समिति गढ़वा, चांदी, जवा, मनगवां, नईगढ़ी, सितलहा, टंगहा, (नौवस्ता) रीमारी एवं सिरमौर में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को नगद कृषि ऋण कितने रूपये का दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के समितियों ने किसानों को दी गई नगद ऋण पर यदि हिस्से की राशि जमा नहीं कराई गई तो क्यों? क्या किसी अधिकारी/न्यायालय का आदेश था? यदि हाँ, तो आदेश प्रति के साथ जानकारी देवें? यदि नहीं, तो हिस्से की राशि जमा न करने में कौन-कौन समिति प्रबंधक/अधिकारी दोषी है? उनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के समितियों एवं वर्षों में कुल कितने रूपये का रबी/खरीफ की फसलों में समितिवार ऋण दिया गया है तथा समितियों को हिस्से की राशि कितना प्राप्त होनी चाहिए और कितनी हुई है? अंतर राशि क्या है? क्या उक्त अंतर राशि की वसूली ऋण देने वाले अधिकारियों से की जाकर हिस्सा ब्याज राशि के साथ जमा करायेंगे? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के नियम विरूद्ध ऋण देने वाले समिति प्रबंधकों को क्या तत्काल निलंबित कर मुख्यालय उपस्थित करायेंगे? ऋण हिस्से की राशि जमा न होने पर क्या दोषी समिति प्रबंधकों पर पुलिस प्रकरण दर्ज करायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 12389 किसानों को राशि रूपये 725.71 लाख का नगद ऋण वितरण किया गया है. (ख) प्रथम दृष्टया फसल ऋण पर कृषकों से अनुपातिक हिस्सा पूंजी की राशि नहीं लिये जाने के प्रमाण है. समिति प्रबंधकों को अनुपातिक आधार पर अंशपूंजी नहीं लिये जाने के लिये किसी अधिकारी या न्यायालय का कोई आदेश नहीं है. वर्ष 2013 से पूर्व की अंशपूंजी भी समितियों में जमा है. वर्ष 2013 एवं उसके बाद जमा की गई अंशपूंजी एवं दिये गये ऋण की विस्तृत जाँच उपरांत ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि कितनी समितियों में कितने सदस्यों की अंशपूंजी के अनुपात से अधिक ऋण दिया गया है. कम अंशपूंजी की स्थिति जाँच उपरांत ही बताई जा सकेगी तथा जाँच में यदि सदस्यों को अंशपूंजी के अनुपात से अधिक ऋण दिया जाना पाया जाता है तो दी गई अधिक ऋण राशि को आर्थिक अनियमितता मानते हुये उत्तरदायी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी. समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है. (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है. शेष उत्तरांश ‘ख’ अनुसार जाँच उपरांत स्थिति स्पष्ट हो सकेगी. (घ) उत्तरांश ‘ख’ अनुसार जाँच उपरांत स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.
अवैध पट्टा निरस्त किया जाना
138. ( क्र. 3744 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के पटवारी हल्का बड़ाछ, मोजा चम्पागढ़ राजस्व निरीक्षक मण्डल डभौरा तहसील जवा के खसरा नंबर 998/1, 998/2, 998/3, 998/4, 1006/2, 1006/3, 1006/4, 1100 भा. 1 एवं 999/1, 999/2, 999/3, 999/4, 1006/1, 1006/2, 1006/3, 141/184 कुल रकवा 22 एकड़ म.प्र. शासन तालाब शासकीय रिकॉर्ड वर्ष 1958-59 के खतौनी एवं 1990 के पूर्व खसरा पंचशाला में म.प्र. शासन तालाब अंकित है? (ख) प्रश्नांश (क) के भूमि का नवैयत परिवर्तन करने का अधिकार किसे और किन परिस्थितियों में है नियम आदेश के प्रति के साथ जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) की भूमि वर्तमान में किसके नाम है और किस अधिकारी, पटवारी, कानूनगो के द्वारा किस वर्ष में नवैयत परिवर्तन कर किसके नाम की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) के भूमि को क्या पूर्ववत म.प्र. शासन तालाब राजस्व रिकॉर्ड दर्ज कराते हुये दोषी अधिकारियों के तथा भूमिस्वामी के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा शिक्षकों की सेवाएं बहाल न करना
139. ( क्र. 3747 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2001-02 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत जबलपुर द्वारा 55 संविदा शिक्षकों को नियुक्ति आदेश जारी किये गये थे? (ख) क्या नियुक्त किये गये 55 संविदा शिक्षकों को वर्ष 2002 में निकाल दिया गया? (ग) क्या वर्ष 2003 में 55 संविदा शिक्षकों में से 7 शिक्षकों को छोड़कर शेष 48 को बहाल किया गया? (घ) क्या यह भी सही है कि पुन: वर्ष 2015 में शेष 7 शिक्षकों भी यथावत् नियुक्ति हेतु मु.का.अ. जनपद पंचायत जबलपुर को आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो इन शिक्षकों को अब तक नियुक्ति आदेश क्यों नहीं दिये गये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। दिनांक 23.5.2002 को अपर कलेक्टर जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 31.बी-121.2000-2001 में पारित आदेश में संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया निरस्त की गई थी। (ग) जी हाँ। दिनांक 07.10.2002 को अतिरिक्त कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर के द्वारा प्रकरण क्रमांक-324.बी-121-2001-2002 में 07 संविदा शिक्षकों के नियुक्ति आदेश को निरस्त किया गया था, तथा शेष 48 संविदा शिक्षकों को पूर्वत पदस्थापना पर कार्यरत रखने की कार्यवाही के आदेश जारी किये गये थे। (घ) वर्ष 2015 में पूर्व से हटाये गये 07 संविदा शिक्षकों को यथावत् नियुक्ति हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जबलपुर को आदेश जारी नहीं किये गये, परंतु न्यायालय अतिरिक्त आयुक्त, जबलपुर संभाग जबलपुर द्वारा पुनरीक्षण प्रकरण क्रमांक 334-बी-121-2001-2002, दिनांक 06.05.2015 की कंडिका क्रमांक 17 में निम्नानुसार आदेश जारी किये गये। ‘‘मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत जबलपुर को निर्देश दिये जाते है कि पदानुसार मेरिट सूची में संशोधन करें, और जो अभ्यर्थी अपात्र हो गये है, उनकी सेवाएं समाप्त करने की कार्यवाही करे‘‘। उल्लेखनीय है कि इन संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती मध्यप्रदेश पंचायत संविदा शाला शिक्षक (नियोजन एवं संविदा की शर्तें) नियम 2001 के अंतर्गत की गई थी। जो मध्यप्रदेश पंचायत संविदा शाला शिक्षक (नियोजन एवं संविदा की शर्ते) नियम 2005 के नियम 16 के द्वारा निरसित हो गये थे।
किसानों की फसल खरीदी
140. ( क्र. 3770 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नैनपुर विकासखण्ड की आदिम जाति सहकारी समिति मर्यादित पिकरई, डिठौरी, चिरई डोंगरी, टाटरी फसल खरीदी केंद्र में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में वर्षवार कितनी खरीब की फसल खरीदी गयी? (ख) क्या पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष कम खरीदी की गयी? तो क्या कारण है? क्या अल्पवर्षा के कारण कम पैदावार हुई या विभागीय चूक या अव्यवस्था के कारण या शासन से सहयोग न मिलने के कारण किसानों ने अपनी फसल सेठ साहूकारों को बेचा कारण सहित बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है. (ख) उत्तरांश 'क' के तारतम्य में पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष अधिक उपार्जन किया गया है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता.
विभाग द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी
141. ( क्र. 3785 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में ग्रामीण सेवा यांत्रिकी विभाग को परियोजना मद, 275 (1) कलेक्टर सेक्टर, राज्य शासन से वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? मदवार, वर्षवार बतायें? (ख) प्राप्त आवंटन से कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी राशि से कराये गये? (ग) उक्त कार्यों का मापन मूल्यांकन एवं सत्यापन किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा किया गया? नाम, पदनाम सहित बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पेंशन का वितरण
142. ( क्र. 3859 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में कितने हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा, वृद्धावस्था विकलांग, विधवा मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन का भुगतान प्रतिमाह कितनी राशि का किया जा रहा है? विकासखण्डवार योजनावार संख्या बतायें? (ख) फरवरी 2016 की स्थिति में संबंधित हितग्राहियों को किस माह तक की पेंशन का भुगतान हो गया है? पेंशन का भुगतान किस माध्यम से कैसे किया जाता है? प्रतिमाह पेंशन का भुगतान क्यों नहीं किया जाता है? (ग) जनपद पंचायत द्वारा बैंक/पोस्ट ऑफिस में पेंशन की राशि जमा कर दी गई है? यह सूचना हितग्राही को किस माध्यम से कौन देता है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विकलांग वृद्ध, विधवाओं को ग्राम सभा के माध्यम से नगद पेंशन का वितरण कब से प्रारंभ होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) माह जनवरी 2016 तक पेंशन का भुगतान हितग्राहियों को किया जा चुका है। जनपद पंचायत द्वारा कोशालय में देयक प्रस्तुत कर बैंक/पोस्ट ऑफिस द्वारा ई-पेमेंट के माध्यम से हितग्राहियों को प्रतिमाह पेंशन का भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पंचायत सचिव/रोजगार सहायक के माध्यम से। (घ) नीतिगत विषय है, वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचारधीन नहीं है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्य
143. ( क्र. 3875 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2013 से प्रश्न तिथि तक 2 लाख रूपये से ज्यादा राशि के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त कार्यों में मेंटेनेंस पर किस-किस स्थान पर कितने कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का पूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किसके द्वारा जारी किया गया नाम पदनाम बताये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) मे वर्णित कार्यों मे मेन्टेनेंस पर कोई राशि व्यय नहीं की गई। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) कार्यों का पूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र श्री जे.पी. रोहित, श्री के.सी. कोरी कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा टीकमगढ़ द्वारा जारी किया गया।
किसानों को सहकारिता क्षेत्र से जोड़ना
144. ( क्र. 3887 ) श्री नारायण
सिंह पँवार : क्या
पंचायत मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) क्या मध्यप्रदेश
शासन द्वारा सहकारिता
से शत-प्रतिशत
किसानों को जोड़ने
हेतु कोई योजना
है? यदि
हाँ, तो क्या
राजगढ़ जिले के
ऐसे सभी पात्र
किसानों को किसान
क्रेडिट कार्ड
जारी कर दिये गये
है? यदि
नहीं, तो क्या
ऐसे सभी किसानों
को योजना का लाभ
दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि
नहीं, तो क्यों? (ख)
प्रश्नांश
(क) के परिप्रेक्ष्य
में विधानसभा क्षेत्र
व्यावरा के अंतर्गत
विगत दो वर्षों
में पूर्व में
जारी किये गये
किसान क्रेडिट
कार्ड पर किसानों
द्वारा ऋण साख
सीमा बढ़ाने हेतु
दिये गये आवेदनों
पर कितने-कितने
किसानों की पात्रतानुसार
कितनी-कितनी सीमा
बढ़ाई गई? (ग) उपरोक्तानुसार
पात्र किसानों
की ऋण साख सीमा
प्रश्न दिनांक
तक नहीं बढ़ाये
जाने के क्या
कारण है तथा कब
तक पात्र किसानों
की ऋण साख सीमा
बढ़ाई जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री गोपाल
भार्गव ) : (क) जी
हाँ. जी नहीं.
जी हाँ. किसानों
द्वारा फसल ऋण
नीति के अनुसार
पात्रताधारित
करने पर प्राथमिक
कृषि साख सहकारी
संस्थाओं को के.सी.सी.
बनाने हेतु वांछित
दस्तावेज प्रस्तुत
करने पर के.सी.सी.
जारी किये जा रहे
हैं. समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है. (ख) 3491 किसानों
को फसल ऋण नीति
अनुसार ऋणमान के
आधार पर राशि रूपये
2049.36 लाख की
साख सीमा बढ़ाई
गई है. (ग) आवेदित
सभी किसानों की
साख सीमा फसल ऋण
नीति अनुसार ऋणमान
के आधार पर स्वीकृत
की गई है. अतः शेष
का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है.
जीर्ण-शीर्ण व मरम्मत योग्य जल संरचनाएं
145. ( क्र. 3888 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पूर्ववर्ती वर्षों में राहत कार्यों के तहत सैंकड़ों की संख्या में स्टापडेम और तालाबों का निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो मरम्मत एवं रख-रखाव के अभाव में ऐसी सभी जल संरचनाएं जो कि लाखों की रूपये की लागत से निर्मित हुई थी, वह वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण होकर अनुपयोगी हो चुकी है? क्या विभाग द्वारा ऐसे अनुपयोगी व जीर्ण हुई संरचनाओं का सर्वे कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या ये संरचनाएं कम लागत में उपयोग बनाई जा सकती है? (ख) क्या शासन द्वारा सिंचाई एवं पेयजल के संकट को हल करने के लिये विशेषकर चौकी इमलियाखों तालाब पाल मरम्मत, सामरखों तालाब मरम्मत, टोड़ी तालाब मरम्मत, सेमलापार तालाब गहरीकरण, पीपल्याधाकड़ (नरसिंहगढ़) स्टापडेम मरम्मत, बारवॉ स्टापडेम मरम्मत, बरखेड़ी-17 स्टापडेम मरम्मत, लखनवास, दूधी (संजय ग्राम) स्टापडेम मरम्मत, पनाली स्टापडेम मरम्मत, नरी बोरदा मार्ग पर घोड़ापछाड़ नदी पर स्टापडेम मरम्मत, नरी निस्तारी तालाब, हूडा स्टापडेम हांसरोद स्टापडेम मरम्मत, बैरसिया (नई दिल्ली) स्टापडेम मरम्मत, घोघरा घाट पार्वती नदी स्टापडेम मरम्मत इत्यादि अनेकों तालाब एवं स्टापडेम जो लाखों रूपये की लागत से निर्मित थे उनकी मरम्मत कर उपयोगी बनाये जाने हेतु कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा वर्ष 2001 से 2004 के मध्य स्टॉपडेम एवं निस्तार तालाबों का निर्माण किया गया है। इन संरचनाओं के सर्वे उपरान्त परीक्षण कराया जा कर उन्हें उपयोगी बनाये जाने हेतु लागत का आंकलन कराया जा रहा है। (ख) उत्तरांश ''क'' के अनुसार प्रश्न में उल्लेखित अनुपयोगी कार्यों का सर्वेक्षण उपरान्त मरम्मत कर उपयोगी बनाये जाने हेतु कार्यवाही की जा सकेगी। समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
सूखा राहत राशि का प्रदाय
146. ( क्र. 3902 ) श्री दिनेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.बी.सी. (6-4) के तहत प्राकृतिक आपदाओं आदि के तहत राहत राशि प्रदाय हेतु शासन द्वारा क्या-क्या नीति निर्धारित है? (ख) वर्ष 2015-16 में सिवनी जिले को सूखा घोषित करने के उपरांत कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी द्वारा गांव-गांव जाकर कृषि फसलों का आंकलन किया गया। विधानसभा क्षेत्र सिवनी की ग्रामवार जानकारी दी जावे? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा विशेष सत्र 05 नवम्बर, 2015 को विधानसभा में घोषणा अनुसार दीपावली पूर्व कृषकों को राहत राशि प्रदाय कर दी जायेगी। यदि हाँ, तो क्या राशि दी जा चुकी है। यदि नहीं, तो क्यों कारण बताते हुए कब तक राशि प्रदाय कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में प्राकृतिक आपदाओं के लिये राहत राशि प्रदाय करने हेतु स्पष्ट प्रावधान है। आर.बी.सी. 6-4 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जिला सिवनी में सूखा से प्रभावित फसलों का आकलन तहसीलदार, नायब तहसीलदार के पर्यवेक्षण में राजस्व, कृषि, पंचायत एवं उद्यानिकी विभाग के संयुक्त सर्वे दलों द्वारा कराया गया। विधानसभा क्षेत्र सिवनी की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) प्रभावित कृषकों को राशि वितरित की जा चुकी है।
कोटवारों के वेतन में असमानता
147. ( क्र. 3903 ) श्री दिनेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासन द्वारा रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत मजदूरी की दर प्रति दिवस कितनी निर्धारित की गई है। (ख) सिवनी जिले में कुल कितने कोटवार पदस्थ है, प्रत्येक कोटवार को माहवार कितना वेतन दिया जाता है, जो वेतन दिया जाता है, वह प्रति दिवस के अनुसार कितना बनता है। (ग) क्या शासन द्वारा निर्धारित मजदूरी दर एवं कोटवारों को दिये जा रहे प्रति दिवस वेतन में असमानता है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. में रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत प्रति दिवस 159 रू. राशि निर्धारित की गई है। (ख) कोटवारों का मासिक पारिश्रमिक का भुगतान निम्नानुसार बनता हैः-
5 एकड़ से कम भूमि धारण वाले कोटवार |
7.5 एकड़ से कम भूमि धारण करने वाले कोटवार |
10 एकड़ भूमि धारण करने वाले कोटवार |
भूमि हीन कोटवारों का प्रतिमाह |
कुल कोटवारों
की संख्या |
||||
संख्या |
पारिश्रमिक |
संख्या |
पारिश्रमिक |
संख्या |
पारिश्रमिक |
संख्या |
पारिश्रमिक |
|
31 |
1000 |
73 |
600 |
313 |
400 |
921 |
2000 |
1338 |
प्रति कोटवार 33.33 रूपये प्रतिदिन |
प्रति कोटवार 20 रूपये प्रतिदिन |
प्रति कोटवार 13.33 रूपये प्रतिदिन |
प्रति कोटवार 66.66 रूपये प्रतिदिन |
|
(ग) इसमें भूमि से अर्जित आय सम्मिलित नहीं है प्रश्नांश ‘ख‘ के संदर्भ में स्पष्ट तुलना नहीं की जा सकती है।
नशा मुक्ति अभियान
148. ( क्र. 3913 ) श्री संजय पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन ने नशा मुक्ति अभियान के तहत कुछ निश्चित तारीखें नशा मुक्ति दिवस के रूप में मनाने हेतु तय की हैं? विगत एक वर्ष में कटनी जिले के विकासखण्ड विजयराघवगढ़ में किन-किन दिनांकों में नशा मुक्ति दिवस मनाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नशा मुक्ति दिवस मनाने के उपलक्ष्य में कौन-कौन से कार्यक्रम किये गये? नशा मुक्ति दिवस यदि नहीं, मनाया गया तो कारण सहित जानकारी दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस-31 मई, अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस-26 जून, मद्य निषेध सप्ताह- 2 से 8 अक्टूबर, मद्य निषेध संकल्प दिवस-30 जनवरी। इन तिथियों में ग्राम पंचायतों/ग्राम सभाओं में नशामुक्ति एवं मद्य निषेध दिवस मनाया गया। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायतों/ग्राम सभाओं द्वारा रैली निकाल कर, नशामुक्ति दिवस एवं मद्य निषेध दिवस मनाया गया तथा ग्राम सभा/रैली में उपस्थित नागरिकों से नशामुक्ति/मद्य निषेध से संबंधित संकल्प/शपथ पत्र भरवाये गये।
राजस्व विभाग द्वारा समय-सीमा पर कार्य न करना
149. ( क्र. 3918 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में राजस्व विभाग के लिये लोक सेवा प्रबंधन में 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुये? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिन पर समय-सीमा पर विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की गई? (ग) लंबित आवेदनों पर कार्यवाही न करने के लिये कौन-कौन जवाबदार हैं उनके नाम व विभाग द्वारा की गई कार्यवाही सहित बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल 31850 (ख) कोई भी प्रकरण समय-सीमा बाह्य नहीं है, कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
नामांतरण आवेदनों पर समय पर कार्यवाही न होना
150. ( क्र. 3919 ) श्रीमती
ललिता यादव : क्या
राजस्व मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) जिला छतरपुर
के तहसील छतरपुर
में 01.04.2014 से किस-किस
दिनांक तक नामांतरण
के लिये कितने
आवेदन प्राप्त
हुये हैं। (ख)
प्रश्नांश
(क) के प्रकाश में
कितने आवेदकों
का नामांकरण कर
दिया गया है? (ग)
प्रश्नांश
(क) के प्रकाश में
कितने आवेदक का
नामांकरण प्रश्न
दिनांक तक नहीं
किया गया तथा क्यों? (घ)
प्रश्नांश
(क) के प्रकाश में
इसमें कौन दोषी
हैं, दोषी
लोगों के खिलाफ
क्या कार्यवाही
कब तक की जावेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री रामपाल
सिंह ) : (क) कुल 1163
नामांतरण
प्रश्न
दिनांक तक
आवेदन पत्र
प्राप्त हुए
है। (ख) प्रश्न
दिनांक तक कुल
823
नामांतरण
आवेदन पत्रों
का निराकरण
किया गया है। (ग)
वर्तमान में
कुल 340
नामांतरण
संबंधी आवेदन
पत्र निराकरण
हेतु शेष है, जो न्यायालयीन
प्रक्रिया के
अधीन
म.प्र.भू-राजस्व
संहिता 1959 की
धारा 109,110 के
उद्भूत
नियमों के तहत
समय-सीमा के
अंतर्गत
प्रचलित है। (घ)
नियमानुसार कार्यवाही
प्रचलित होने
से कोई दोषी
नहीं है। अत: कार्यवाही
करने का प्रश्न
उत्पन्न
नहीं होता है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. झाबुआ द्वारा ऋण वितरण
151. ( क्र. 3940 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. झाबुआ द्वारा दिनांक 01 अप्रैल 2013 से 31 दिसम्बर 2015 तक कितना ऋण किस-किस संस्था के माध्यम से किस-किस योजना अंतर्गत कितने व्यक्तियों को स्वीकृत किया गया? (ख) क्या बैंक द्वारा अपात्र व्यक्तियों/संस्थाओं को ऋण स्वीकृत किये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त ऋण वसूली की वर्तमान स्थिति क्या है? ऐसे व्यक्तियों/संस्थाओं की सूची उपलब्ध कराई जावें जिनके द्वारा ऋण की राशि जमा नहीं कराई जा रही है इन बकायादारों के विरूद्ध एवं दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक झाबुआ द्वारा सीधे वितरित ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा वितरित ऋणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है. (ख) जी हाँ. जाँच प्रकियाधीन है. शेष जाँच निष्कर्षाधीन. (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक झाबुआ द्वारा सीधे वितरित ऋण की वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार, बैंक द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को वितरित ऋणों की वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार तथा बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा वितरित ऋणों की वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है. बैंक द्वारा वितरित ऋण राशि जमा नहीं करने वाले व्यक्तियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार, बैंक द्वारा वितरित ऋण राशि जमा नहीं करने वाली संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार तथा बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा वितरित ऋण राशि जमा नहीं करने वाले व्यक्तियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 अनुसार है. बकायादार सदस्यों के विरूद्ध सहकारी अधिनियम की धारा 84 के तहत कार्यवाही की जा रही है. उत्तरांश ‘ख’ के अनुसार प्राप्त होने वाले जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.
झाबुआ जिले में सड़क निर्माण
152. ( क्र. 3941 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2011 में प्रश्नांश दिनांक तक ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत कितनी जी.एस.बी. रोड बनाई गई? वर्षवार, स्थानवार, राशिवार पृथक-पृथक बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जिन सड़कों को बनवाया गया है क्या वे विभाग द्वारा अथवा टेण्डर प्रक्रियाओं से बनाई गई? (ग) जी.एस.बी. रोड बनवाये जाने का क्या मापदण्ड है? कैसे बनाई गई है? क्या सड़कें गुणवत्ता पूर्वक निर्धारित मापदण्ड के तहत बनाई गई? (घ) उक्त निर्माण कार्यों की फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी किसके आदेश से किस-किस दिनांक को किस-किस एजेंसी से कराई गई एवं उनको किस-किस दर से भुगतान किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। मार्ग निर्माण में मिट्टी का कार्य विभागीय रूप से एवं ग्रेवल तथा पुलियों का कार्य टेण्डर प्रक्रिया से कराया गया है। (ग) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत ग्रेवल सड़कों के मानक भारतीय रोड कांग्रेस के मानक 1977-2008 के मापदण्डानुसार है। सड़कों का निर्माण गुणवत्तापूर्वक उक्त मापदण्डानुसार किया गया है। (घ) कार्यपालन यंत्री के आदेश से कराई गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
मुलताई विधानसभा में पटवारियों की जानकारी
153. ( क्र. 3988 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के नियमों के तहत शासकीय कर्मचारियों का कार्यालय मुख्यालय पर रहना निहित है? यदि हाँ, तो मुलताई विधानसभा क्षेत्र में आज दिनांक तक कितने पटवारी कार्यरत है? (ख) यदि बिन्दु (क) के अनुसार मुलताई विधानसभा में कितने पटवारी आज दिनांक तक कार्यालय पर रहते है? क्या वेतन आहरण अधिकारी द्वारा वेतन आहरण के पूर्व संबंधित पटवारियों के मुख्यालयों का सत्यापन किया गया है? (ग) मुख्यालय में न रहने वाले पटवारियों का सत्यापन यदि वेतन आहरण के पूर्व नहीं किया गया है तथा पटवारियों द्वारा नियमित वेतन का आहरण किया जा रहा है? ऐसे अधिकारी/कर्मचारी पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, मुलताई तहसील में 62 पटवारी कार्यरत है। (ख) भू-अभिलेख निमयावली में दिये गये प्रावधान एवं पुनर्गठित हल्कों का रिक्त प्रभार होने एवं समय-समय पर शासन द्वारा जारी निर्देशो के अनुसार प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर कार्यरत पटवारियों के उपस्थित रहने के दिन निश्चित किये गये है। निहित दिनों पर पटवारी अपने मुख्यालयों पर उपस्थित रहते है। राजस्व एवं मैदानी अधिकारियों द्वारा इनका सत्त सत्यापन कराया जाता है। (ग) राजस्व अधिकारियों एवं मैदानी अधिकारियों के सत्यापन रिपोर्ट मे पटवारी मुख्यालय पर नहीं पाये जाने की स्थिति मे संबंधित पटवारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है, एवं नियमानुसार ही वेतन आहरण भी किया जाता है।
शौचालय का निर्माण
154. ( क्र. 3989 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में बालाघाट जिले के कटंगी जनपद पंचायत के अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत किस-किस पंचायत में कितने शौचालय बनाये गये है और कितने अपूर्ण है? अपूर्ण शौचालय कब तक पूर्ण कराये जायेंगे? (ख) ग्राम पंचायतवार कितनी सामग्री किस वेण्डर से क्रय की गई? (ग) क्या क्रय नियमों के तहत उक्त सामग्री के लिए निविदा/कोटेशन बुलाये गये? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त जनपद क्षेत्र के किस-किस ग्राम पंचायत के खिलाफ शौचालय निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग कर भ्रष्टाचार करने के संबंध में शिकायतें कब-कब किसके द्वारा की गई? शिकायतों के आधार पर विभाग के द्वारा दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जनपद पंचायत कटंगी अंतर्गत शौचालय निर्माण के संबंध में घटिया सामग्री के उपयोग कर भ्रष्टाचार करने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मण्डला जिले की बीज उत्पादन सहकारी समितियों से बीज का उठाव
155. ( क्र. 3993 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में म.प्र. शासन के निर्देशानुसार 406 बीज उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया गया है उनमें से कितनी समितियां कौन-सा कार्य कर रही है, शेष समितियां कार्य क्यों नहीं कर रही हैं, इन समितियों की सतत् मॉनिटरिंग संबंधित विभाग द्वारा की जा रही है या नहीं, इन समितियों को प्रशिक्षित किया गया? (ख) क्या इन समितियों से कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं हेतु एवं खण्ड एवं जिला स्तरीय कार्यालय तथा सहकारी समितियों के खण्ड एवं जिला स्तरीय कार्यालयों द्वारा इन समितियों से बीज उठाव किया जा रहा है? (ग) खरीफ फसल में बलराम बीज उत्पादक सहकारी समिति बिछिया रवी फसल में नवदुर्गा बीज उत्पादन सहकारी समिति नैनपुर, उमरिया, बीज उत्पादक सहकारी समिति चीचगांव एवं वर्तमान में बीज उत्पादक सहकारी समिति करियागांव बिछिया के द्वारा कुल कितना बीज उठाया गया है क्या इन समितियों के पास से संपूर्ण बीज खरीद लिया गया है या कुछ शेष बचा है अथवा बिल्कुल भी नहीं खरीदा गया? (घ) यदि स्थानीय समितियों से बीज नहीं खरीदा जा रहा है तो क्या ये समितियां कार्य कर रही हैं, वर्तमान में कितनी समितियां कार्य कर रही हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मण्डला जिले में 27 बीज उत्पादक सहकारी समितियां पंजीकृत है जिनमें से 12 अकार्यशील, 12 परिसमापन में तथा 3 समितियां कार्यशील है जो बीज उत्पादक का कार्य कर रही है, ये समितियां निगमित निकाय होकर स्वशासी हैं जिनके द्वारा यथा आवश्यकता एवं परिस्थिति अनुसार उत्पादन कार्यक्रम लेने का स्वयं निर्णय लिया जाता है. इन समितियों की मानीटरिंग यथा आवश्यकता विभाग द्वारा की जाती है, बीज संघ से प्राप्त प्रशिक्षण राशि से वर्ष 2012-13 में बीज उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित निवारी (नैनपुर) के 30 सदस्यों एवं 2013-14 में बीज उत्पादक सहकारी समिति देवगांव के 30 सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया. (ख) कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत इन समितियों से खरीफ 2015 एवं रबी 2015-16 में बीज का उठाव नहीं किया गया है, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित मण्डला से संबद्ध आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों द्वारा बीज उत्पादक सहकारी समितियों से खरीफ 2015 में 895.30 एवं रबी 2015-16 में 374.80 क्विंटल बीज का उठाव किया गया है. (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है. (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' अनुसार बीज उत्पादक समितियों से बीज क्रय किया जा रहा है, वर्तमान में 03 समितियाँ कार्य कर रही है.
सुदूर सड़कों का निर्माण कार्य
156. ( क्र. 4003 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के चंदला विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वि.ख.लवकुशनगर एवं गौरिहार में कुल कितनी सुदूर सड़कें वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत की गई है तथा किस मापदंड को आधार मानते हुए सभी सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई? पंचायतवार विवरण दें? (ख) क्या जितनी सुदूर सड़कों का निर्माण कार्य कराया गया है वो पूर्ण से प्राक्कलन के अनुसार नहीं कराया गया? यदि हाँ, तो मूल्यांकनकर्ता अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या सुदूर सड़कों को पूर्ण न कराये जाने के बावजूद भी अधिकांशत: सुदूर सड़कों की फर्जी मूल्यांकन करके राशि निकाल ली गई है? यदि नहीं, तो मूल्यांकनकर्ता अधिकारी का नाम, मूल्यांकन राशि बताएं? (घ) क्या सुदूर सड़कों में प्राक्कलन के अनुसार पुलिया एवं सह रपटा का निर्माण नहीं कराया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छतरपुर जिले के चंदला विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक विकासखण्ड लवकुशनगर में 53 एवं गौरिहार में 97, इस प्रकार कुल 150 सुदूर सड़कें स्वीकृत की गई हैं। भारतीय सड़क कांग्रेस द्वारा प्रकाशित आई.आर.सी. एसपी 77-2008 द्वारा प्रसारित मापदण्डों के अनुसार इन सड़कों में तकनीकी स्वीकृती प्रदान की गई है। पंचायतवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) में उल्लेखित सुदूर सड़कों का निर्माण स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। सुदूर सड़कों में प्राक्कलन के अनुसार पुलिया सह रपटा का निर्माण कराया जा रहा है।
मेढ़ बंधान के निर्माण कार्य की जानकारी
157. ( क्र. 4004 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के विकासखण्ड लवकुश नगर/गौरिहार के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में किन-किन पंचायतों में कितने-कितने मेढ़ बंधान का कार्य कराया गया है? (ख) दोनों विकासखण्डों की ग्राम पंचायतों में क्या शासन निर्देशानुसार उपयंत्री एवं सहायक यंत्रियों द्वारा इन मेढ़ बंधान कार्यों का मूल्यांकन किया गया? विकासखण्डवार, वर्षवार स्वीकृत राशि एवं भुगतान राशि का विवरण देवें? (ग) क्या इन विकासखण्डों की कुछ ग्राम पंचायतों में मेढ़ बंधान का निर्माण कार्य किये बगैर ग्राम पंचायत के कर्मचारियों व अधिकारियों से सांठगांठ कर राशि का भुगतान कर लिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छतरपुर जिले के विकासखण्ड लवकुशनगर के अंतर्गत वर्ष 2013-14 में निरंक, 2014-15 में 26 एवं 2015-16 में 296 तथा गौरिहार के अंतर्गत वर्ष 2013-14 में निरंक, 2014-15 में 8 एवं 2015-16 में 390 इस प्रकार कुल 720 मेढ़ बंधान के कार्य कराये गये हैं। (ख) जी हाँ। विकासखण्डवार, वर्षवार स्वीकृत राशि एवं भुगतान राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि की अनुमति
158. ( क्र. 4021 ) श्री आरिफ
अकील : क्या राजस्व
मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
श्रीमती राधारानी
पत्नी श्री वल्लभ
जी अग्रवाल निवासी
काशीपुरा भोपाल
द्वारा ग्राम बावडि़या
कला तहसील हुजूर
जिला भोपाल स्थित
खसरा नंबर 418, 420 कुल रकबा
6.70 एकड़
भूमि का आवासीय
उपयोग हेतु व्यपवर्तन
आवेदन प्रस्तुत
किया गया था? (ख) यदि
हाँ, तो प्रस्तुत
जाँच प्रतिवेदन
के अनुसार नगर
एवं ग्राम निवेश
द्वारा जारी पत्र
क्र. 677/एलपी./भुउ./नग्रानि/777/ (50) /जिला/2006 भोपाल दिनांक
11.06.2007 में प्रश्नाधीन
भूमि का उपयोग
मास्टर प्लान
2005 में आवासीय
मार्ग एवं वृक्षारोपण
बताया और एस.एल.आर.
द्वारा आवेदित
भूमि के व्यपवर्तन
की अनुशंसा की
है? (ग)
यदि हाँ, तो जब
उक्त भूमि पर
वृक्षारोपण तथा
मार्ग है तो आवासीय
उपयोग किस नियम
के तहत हो सकता
है तथा इसकी
जाँच किस-किस अधिकारी
द्वारा की जाकर
अनुमति दी गई और
आवेदक को आवासीय
उपयोग वास्तव
में अनुमति किस
भूमि की दी गई है
और अनुमति किस
भूमि की चाही थी? पुन:
जाँच कर वास्तविकता
उजागर की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि
नहीं, तो क्यों
कारण सहित बतावें?
राजस्व
मंत्री ( श्री रामपाल
सिंह ) : (क) एवं (ख)
जी हाँ। (ग) आवेदिका
के आवेदन पर प्रकरण
क्र. 143/अ-2/06-07 में
आदेश दिनांक 06.12.2007 से आवासीय
पुनःनिर्धारण
कर वृक्षरोपन हेतु
हरित पट्टी छोड़ने
एवं मार्ग हेतु
भूमि रिक्त छोड़ने
सहित सशर्त आदेश
पारित किये गये
थे। आदेश में यह
स्पष्ट निर्देशित
शर्त थी कि आवेदक
नगर तथा ग्राम
निवेश के द्वारा
अनुमोदन अनुसार
विकास कार्य करेगा।
जमीनों की धारा 5 से 19 तक की जांचों का लंबित होना
159. ( क्र. 4022 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के किस-किस अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) के अनुसार किस वर्ष में प्रकाशित अधिसूचना में अधिसूचित कितने वनखण्डों में शामिल है कितनी जमीनों की धारा 5 से 19 तक की जाँच वर्तमान में कब-कब से लंबित है? (ख) धारा 4 (1) में अधिसूचित वनखण्डों में शामिल भूमि राजस्व अभिलेखों में किन-किन मदों में राजस्व विभाग ने किन-किन सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीन है इन जमीनों की धारा 5 से 19 तक की जाँच के अधिकार भूराजस्व संहिता 1959 की किस धारा में अनुविभागीय अधिकारी को प्रदान किए गए है? (ग) धारा 4 (1) में अधिसूचित वनखण्डों में शामिल कितनी भूमियों को वन विभाग द्वारा वर्किंग प्लान में सम्मिलित कर लिया है? इसकी कलेक्टर या अनुविभागीय अधिकारी ने किस-किस दिनांक को अनुमति वन विभाग को प्रदान की है? (घ) राजस्व अभिलेखों में दर्ज जमीनों को राजस्व विभाग की अनुमति के बिना वर्किंग प्लान में सम्मिलित किए जाने पर वन विभाग के विरूद्ध राजस्व विभाग ने कब और क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
160. ( क्र. 4043 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के टिमरनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 31 दिसम्बर 2015 की स्थिति में ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से कार्य अपूर्ण अप्रारंभ हैं तथा क्यों? (ख) उक्त कार्यों की निर्धारित समय अवधि में पूर्ण करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या प्रयास किये? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में वर्ष 2013 से 31 दिसम्बर 2015 तक में कराये गये कार्यों में भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिला प्रशासन द्वारा अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों को समयावधि में पूर्ण करानें हेतु समय-समय पर आयोजित बैठकों में संबंधित निर्माण एजेंसी, उपयंत्रियों एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाकर उक्त संबंध में पत्राचार भी किये गये तथा भ्रमण के दौरान जिला अधिकारियों द्वारा कार्य स्थल पर निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश भी प्रदाय किये गये। (ग) वर्ष 2013 से 31 दिसम्बर 2015 तक में कराये गये कार्यों में जनपद पंचायत खिरकिया अंतर्गत भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं की ग्राम पंचायत जूनापानी भवरदी की एक शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी कार्यवाही लोकपाल मनरेगा म.प्र. भोपाल में प्रचलित है।
बी.आर.जी.एफ. योजना का संचालन
161. ( क्र. 4052 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन ने बी.आर.जी.एफ. योजना कितने जिले में संचालित की है? केन्द्र शासन से बी.आर.जी.एफ. योजना कब बंद की गई है? बंद हो जाने के उपरांत किन-किन जिलों के पास योजनान्तर्गत ब्याज की राशि एवं निरस्त कार्यों की राशि क्या शासन स्तर पर वापस की गई है? यदि हाँ, तो उसकी सूची उपलब्ध करायें? साथ ही अन्य जिलों के द्वारा ब्याज की राशि एवं निरस्त कार्यों की राशि को उपयोग करने हेतु किस आधार पर आदेश जारी किये गये? उनकी जानकारी प्रदान करें? (ख) पंचायती राज संचालय भोपाल के पत्र क्र. 16228 दिनांक 06.11.2015 द्वारा सिर्फ सिवनी जिला पंचायत को बी.आर.जी.एफ. योजनान्तर्गत ब्याज की राशि एवं निरस्त कार्यों की राशि का उपयोग करने हेतु निर्देश जारी किये गये है? अन्य जिलों को क्यों नहीं? (ग) उक्त योजना को बंद होने के पूर्व सिवनी जिले में वर्ष 2012-13 से क्या-क्या कार्य कितनी लागत के कराये गये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश में बी.आर.जी.एफ. योजना 30 जिलों में संचालित थी। योजना केन्द्र शासन स्तर से मुक्त की जाकर दिनांक 01.04.2015 से बंद कर दी गई। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। जिलों से प्राप्त मांग पत्र एवं बी.आर.जी.एफ. योजना की मार्गदर्शिका अनुसार जिला योजना समिति के अनुमोदन प्राप्त होने के आधार पर जिलों को राशि उपयोग करने हेतु अनुमति दी गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (ख) जी नहीं। जिला सिवनी के अलावा अन्य जिलों को भी जिनके द्वारा जिला योजना समिति से अनुमोदन अनुसार मांग पत्र प्रेषित किये गये उपयोग की अनुमति दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार।
दतिया जिले में तालाबों का निर्माण
162. ( क्र. 4078 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 में कुल कितने बलराम तालाब निर्मित कराये गये? (ख) कंडिका (क) में वर्णित तालाबों का निर्माण कौन-कौन सी एजेंसियों द्वारा कराया गया तथा कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा इनका निरीक्षण किया गया? (ग) क्या अधिकांश बलराम तालाब अधिकारियों की मिलीभगत से सिर्फ दस्तावेजों में निर्मित होकर रह गये हैं ग्रामों में इनका कोई स्वरूप दिखाई नहीं पड़ रहा है? यदि नहीं, तो इनकी पुन: जाँच एवं पुनर्मूल्यांकन कराया जावेगा? यदि हाँ, तो अनुदान की राशि (शासन से प्राप्त) की वसूली किससे की जावेगी, तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दतिया जिले में वर्ष 2012-13 में 21, वर्ष 2013-14 में 23 एवं वर्ष 2014-15 में 29 इस प्रकार कुल 73 बलराम तालाब निर्मित किये गये। (ख) कण्डिका (क) में वर्णित तालाबों का निर्माण कृषकों द्वारा स्वयं अपने खेतों पर किया गया है। भौतिक सत्यापन करने वाले अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बीज ग्राम योजना अंतर्गत प्रशिक्षण
163. ( क्र. 4081 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्र. 1002 दिनांक 14.12.15 का उत्तर जानकारी एकत्रित की जा रही है दिया गया था, यदि जानकारी एकत्रित हो गई हो तो उपलब्ध कराई जावें? (ख) यदि नहीं, तो जानकारी एकत्र न करने के लिये कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी जिम्मेदार है उनके खिलाफ क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्र. 1002 का उत्तर म.प्र. शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के पत्र क्र. बी-10-232/2015/14-2 भोपाल दिनांक 17.02.2016 से विधानसभा सचिवालय को प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुत उक्त प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के तारतम्य में कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है।
एम्बुलेंस की टैक्स वसूली
164. ( क्र. 4094 ) श्री जितू पटवारी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा शासकीय एवं निजी हॉस्पिटलों की स्वयं की अथवा अटैच की गई एम्बुलेंसों को टैक्स से मुक्त किया गया है अथवा इनसे भी टैक्स वसूल किया जाता है? (ख) प्रश्नांक (क) के तारतम्य में, यदि इन वाहनों से टैक्स नहीं लिया जाता है तो क्या विभाग के पास शासकीय एवं निजी हास्पिटलों की स्वयं के अथवा अटैच एम्बुलेंसों की सूची वाहन क्रमांक एवं हास्पिटल के नाम सहित उपलब्ध है? यदि हाँ, तो राऊ विधान सभा क्षेत्र की सूची नाम एवं वाहन क्रमांक सहित उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रदेश में शासकीय एवं निजी हास्पिटलों में अटैच एम्बुलेंस बिना रोक टोक एवं बिना टैक्स चुकाये सड़कों पर दौड़ रही है एवं वाहन मालिक एम्बुलेंस शब्द लिखवाकर लाभ भी कमा रहे है एवं शासन को टैक्स भी नहीं दे रहे है? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या विभाग के पास जिलेवार अटैच वाहनों की सूची उपलब्ध होकर विभाग द्वारा इनकी जाँच या कार्यवाही की गई है?
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) राज्य शासन के चिकित्सालयों की एम्बुलेंस मोटरयान कर के भुगतान से मुक्त है। निजी हाँस्पिटल की एम्बुलेंस पर 6 प्रतिशत की दर से जीवनकाल कर देय होता हैं। (ख) दिनांक 01.10.2014 के बाद वाहन के पंजीयन के समय ही जीवनकाल कर का भुगतान किया जाता है। शासकीय एम्बुलेंस का पंजीयन क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, भोपाल द्वारा किया जाता हैं। निजी हाँस्पिटल की एम्बुलेंस का पंजीयन संबंधित जिला परिवहन कार्यालय द्वारा किया जाता है। निजी हाँस्पिटल की एम्बुलेंसों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया हैं। वाहन मालिक द्वारा पंजीयन के समय जीवनकाल कर दिया जाता हैं। इस कारण शासन को टैक्स की हानि नहीं होती है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नामांतरण एवं बंटवारे के लंबित प्रकरण
165. ( क्र. 4095 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में किस-किस तहसील में नामांतरण तथा बंटवारे के कितने-कितने प्रकरण लंबित है तथा समयावधि गुजर जाने के बाद के प्रकरणों की संख्या कितनी-कितनी है? (ख) इंदौर संभाग में पिछले 3 वर्षों में कितनी अहस्तांतरणीय जमीन को हस्तांतरणीय में परिवर्तित किया गया? (ग) क्या शासन जमीन नामांतरण, बंटवारे आदि के कार्य तहसील से लेकर नगरीय प्रशासन, पंचायत को देने जा रहा है? यदि हाँ, तो इस सदंर्भ में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) इंदौर संभाग में शासकीय/नजूल की जमीन पर अवैध कब्जा करने के पिछले 3 साल के प्रकरणों की सूची प्रदान करें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।