मध्यप्रदेश
विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2025 सत्र
सोमवार, दिनांक 01
दिसम्बर, 2025
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खुरई
एवं मालथौन
में आई.टी.आई. की
स्थापना
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
कौशल विकास एवं
रोजगार)]
1.
( *क्र. 275 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि विधानसभा
क्षेत्र खुरई अंतर्गत
खुरई एवं
मालथौन में
औद्यौगिक
प्रशिक्षण संस्थान
की स्थापना
हेतु विभाग की
क्या योजना है? क्या खुरई
प्रदेश में
कृषि यंत्रों
के निर्माण का
प्रमुख
केन्द्र है और
यहां स्थापित
कृषि यंत्र
उद्योगों को
कुशल मानव
संसाधन
उपलब्ध हो
इसके लिये
खुरई एवं
मालथौन में
औद्यौगिक प्रशिक्षण
संस्थान की
स्थापना
आवश्यक है? यदि हाँ, तो कब तक
स्वीकृति
प्रदान की
जावेगी?
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार ( श्री गौतम
टेटवाल ) : विधानसभा
क्षेत्र खुरई अंतर्गत
विकासखण्ड
खुरई एवं
मालथौन आते हैं।
विकासखण्ड
मालथौन में
शासकीय आई.टी.आई., मालथौन, सत्र 2018 से
संचालित हैं। विभाग
की नीति प्रत्येक
विकासखण्ड
में एक शासकीय
आई.टी.आई.
प्रारंभ करने
की है। वर्तमान
में 51 आई.टी.आई.
विहीन
विकासखण्डों
में शासकीय आई.टी.आई.
प्रारंभ किया
जाना विभाग की
प्राथमिकता
है, जिसमें
विकासखण्ड
खुरई भी
सम्मिलित है। जी
हाँ। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
सरकारी
नौकरियों में
खिलाड़ियों
को बोनस अंक
[खेल एवं
युवा कल्याण]
2.
( *क्र. 401 ) श्री दिलीप
सिंह परिहार : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) उज्जैन
संभाग में दिनांक
1 अप्रैल, 2020 के
बाद
खिलाड़ियों
के लिये किन
आयोजनों, प्रोत्साहनों
और खेलों हेतु
कितनी राशि
स्वीकृत की गई? किस विभाग
के माध्यम से
किन कार्यों
पर कितनी राशि
व्यय की गई? स्वीकृति
आदेशों की
प्रतियों
सहित विवरण दें।
(ख) प्रदेश
के कितने
खिलाड़ियों
को किस प्रकार
से
रोज़गार/नौकरियाँ
दी गईं? कितने
आवेदन लंबित
हैं? क्या
अन्य
प्रदेशों की
तर्ज़ पर, प्रदेश
में भी आयोजित
होने वाली
विभिन्न प्रतियोगी
परीक्षाओं में
राष्ट्रीय
स्तर के
खिलाड़ियों
को बोनस अंक
दिये जाने की
कोई कार्य
योजना प्रचलन
में है? यदि हाँ, तो
वर्तमान
स्थिति से
अवगत कराएँ। (ग) प्रदेश
में दिनांक 1 अप्रैल 2020 के
पश्चात् प्रश्न
दिनांक तक
कहाँ-कहाँ पर
टीम कोच
द्वारा बालिकाओं/महिलाओं
पर मानसिक
शोषण, छेड़छाड़
या अन्य तरह
से प्रताड़ित
करने की घटनाएँ
सामने आईं? कितनों पर
पुलिस प्रकरण
दर्ज किये गये? उक्त तरह
की घटनाओं को
रोकने के लिये
विभाग द्वारा
क्या प्रयास
किये जा रहे
हैं? किस-किस
खेल के कितने
खिलाड़ियों
ने किन कारणों
से आत्महत्या
की? भविष्य
में खिलाड़ियों
द्वारा
आत्महत्या
रोकने के लिये
सरकार/विभाग
ने किन
तिथियों को
क्या कदम उठाए? (घ) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा नीमच
विधानसभा के
प्रतिभावान खिलाड़ियों
को खेल
सामग्री
प्रदाय एवं
अन्य सुविधा
हेतु कोई पत्र
विभाग को प्रेषित
किये गये हैं? यदि हाँ, तो उन
पत्रों पर की
गई कार्यवाही
की वर्तमान
स्थिति से अवगत
कराएं।
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) उज्जैन
संभाग में दिनांक
1 अप्रैल, 2020 के
बाद आयोजनों, प्रोत्साहनों
और खेलों हेतु
स्वीकृत राशि
एवं व्यय राशि
की जानकारी स्वीकृति
आदेशों की
प्रति सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) खेल
और युवा
कल्याण विभाग
द्वारा
सामान्य प्रशासन
विभाग द्वारा
जारी
दिशा-निर्देशों
के तहत
उत्कृष्ट
खिलाड़ियों को
तृतीय एवं
चतुर्थ
श्रेणी के
पदों पर
शासकीय सेवा
में नियुक्ति
प्रदान की जाती
है। दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से
खेल और युवा
कल्याण विभाग
द्वारा 37 उत्कृष्ट
खिलाड़ियों को
शासकीय सेवा
में नियुक्ति
प्रदान की गई, जिसकी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। विक्रम
पुरस्कार
प्राप्त
उत्कृष्ट
खिलाड़ी सुश्री
वर्षा वर्मन, विक्रम
अवार्डी, वर्ष 2015 व सुश्री
मुस्कान
किरार, विक्रम
अवार्डी, वर्ष 2019 के द्वारा
विलम्ब से
आवेदन
प्रस्तुत
करने के कारण
शासकीय सेवा
में नियुक्ति
नहीं दी गई है।
इनके द्वारा
प्रस्तुत
आवेदन पत्रों
का परीक्षण
किया जा रहा
है। परीक्षण
उपरांत
इन्हें नियम व
पात्रतानुसार
शासकीय सेवा
में नियुक्ति
देने की
कार्यवाही की
जावेगी। जी
नहीं, विक्रम
पुरस्कार
प्राप्त अभ्यर्थी
को सामान्य
प्रशासन
विभाग के
निर्देशानुसार
अधिकतम आयु
सीमा में 05 वर्ष की
छूट दिये जाने
का प्रावधान
है। (ग) प्रदेश
में दिनांक 1 अप्रैल, 2020 के
पश्चात् श्री
जी.एल. यादव, मुख्य
प्रशिक्षक, सैलिंग के
विरूद्ध गलत
इरादे से
छेड़खानी के आरोप
प्राप्त हुए
थे,
जिसकी जांच
उपरांत उनके
विरूद्ध लगे
आरोप निराधार
पाये गये हैं।
अतः शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। विभाग
द्वारा
संचालित
म.प्र. राज्य
शूटिंग
अकादमी भोपाल
के शॉटगन
खिलाड़ी श्री
यथार्थ
रघुवंशी द्वारा
दिनांक 01 दिसम्बर, 2024 को
व्यक्तिगत
कारणों से
आत्महत्या की
गई। पुलिस
द्वारा अपराध
क्रमांक 05/25, धारा 107 बी.एन.एस.
दर्ज कर जांच
की जा रही है। विभाग
द्वारा
संचालित खेल
अकादमियों के
खिलाड़ियों के Mental
Strength Development हेतु
स्पोर्टस साइकोलॉजिस्ट
की नियुक्ति
की जाती है, अतः शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
हाँ। माननीय
सदस्य द्वारा
नीमच
विधानसभा के
प्रतिभावान
खिलाड़ियों को
खेल सामग्री
प्रदाय एवं
अन्य सुविधा
हेतु 4
पत्र प्रेषित
किये हैं। उन
पत्रों पर की
गई कार्यवाही
एवं उनकी
वर्तमान
स्थिति की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र
3
अनुसार
है।
युवाओं
को कौशल विकास
का प्रशिक्षण
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
कौशल विकास एवं
रोजगार)]
3.
( *क्र. 584 ) डॉ. अभिलाष
पाण्डेय : क्या राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
के युवाओं को
आत्मनिर्भर
बनाने हेतु मुख्यमंत्री
कौशल विकास
योजना एवं
प्रधानमंत्री
कौशल विकास
योजना के
अंतर्गत अब तक
कितने युवाओं
को प्रशिक्षण
प्रदान किया
गया है, विशेषकर
जबलपुर उत्तर
विधानसभा
क्षेत्र में
इस योजना का
क्या प्रभाव
रहा है? (ख) प्रदेश
में वर्तमान
में संचालित
कौशल विकास प्रशिक्षण
केन्द्रों की
कुल संख्या
कितनी है तथा इनमें
से कितने
केन्द्र
जबलपुर उत्तर
विधानसभा
क्षेत्र में
कार्यरत हैं? अब तक इन
योजनाओं के
अंतर्गत
प्रदेश एवं
जबलपुर उत्तर
क्षेत्र के
कितने युवाओं
को प्रशिक्षण
प्रदान किया
गया है? (ग) प्रशिक्षित
युवाओं में से
कितनों को
स्व-रोजगार
अथवा नियोजित
रोजगार
प्राप्त हुआ
है? (घ) वर्ष
2025-26 में
जबलपुर सहित
समूचे प्रदेश
में कितने युवाओं
को प्रशिक्षण
देने का
लक्ष्य
निर्धारित
किया गया है?
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार ( श्री
गौतम टेटवाल ) : (क) मुख्यमंत्री
कौशल विकास
योजना
विभागांतर्गत
संचालित नहीं
है। योजनाओं
की विधानसभा
जानकारी
संधारित नहीं की
जाती है। विभाग
अंतर्गत
संचालित मुख्यमंत्री
कौशल संवर्धन
योजना
अंतर्गत मध्यप्रदेश
में अब तक कुल 47856
युवाओं को
प्रशिक्षण
प्रदान किया
गया है, जबलपुर
जिले में कुल 1832
युवाओं को
प्रशिक्षण
प्रदान किया
गया है। विभाग
अंतर्गत
संचालित मुख्यमंत्री
युवा स्वाभिमान
योजना
अंतर्गत मध्यप्रदेश
में अब तक कुल 25478
युवाओं को
प्रशिक्षण
प्रदान किया
गया है, जबलपुर
जिले में कुल 1941
युवाओं को
प्रशिक्षण
प्रदान किया
गया है। प्रधानमंत्री
कौशल विकास
योजना
अंतर्गत मध्यप्रदेश
में अब तक कुल 34780
युवाओं को
प्रशिक्षण
प्रदान किया
गया है, जबलपुर
जिले में कुल 498
युवाओं को
प्रशिक्षण
प्रदान किया
गया है। (ख) वर्तमान
में संचालित
कौशल विकास
केन्द्र की
संख्या
निरंक है, शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। जानकारी
उत्तरांश 'क' अनुसार
है। (ग) प्रधानमंत्री
कौशल विकास
योजना में कुल
प्रशिक्षित 34780
युवाओं में से
6697 को स्व-रोजगार
अथवा नियोजित
रोजगार
प्राप्त हुआ
है। (घ) वर्ष 2025-26
में कौशल
विकास एवं
उद्यमशीलता
मंत्रालय, भारत
सरकार से
प्रधानमंत्री
कौशल विकास
योजना 4.0
अंतर्गत कुल 23380
युवाओं को
प्रशिक्षण
देने का लक्ष्य
प्राप्त हुआ
है, जिसमें
जबलपुर जिले
हेतु 220
युवाओं को
प्रशिक्षण
देने का लक्ष्य
है।
नर्सिंग
कॉलेजों की संबद्धता
[उच्च
शिक्षा]
4.
( *क्र. 500 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
ग्वालियर
चंबल संभाग
में भारतीय
नर्सिंग काउंसिल/म.प्र.
नर्सिंग काउंसिल
द्वारा मान्यता
प्राप्त
नर्सिंग
कॉलेज हैं? यदि हाँ, तो समस्त
कॉलेजों की
सूची प्रदान
करें। (ख) क्या
सत्र 2025-26
से ग्वालियर
चंबल संभाग के
नर्सिंग
कॉलेजों को संबद्धता
देने की व्यवस्था
क्षेत्रीय विश्वविद्यालय
को दी गई है? यदि हाँ, तो जीवाजी
विश्वविद्यालय
ग्वालियर के
पास मैकेनिज्म
न होने के
कारण किस
नियम/परिनियम
अंतर्गत संबद्धता
प्रदान की
जायेगी? पूर्ण
विवरण उपलब्ध
करायें। (ग) क्या
नर्सिंग
कॉलेजों के
संबद्धता
निरीक्षण दल
हेतु कोई
शैक्षणिक
योग्यता
शासन एवं
विभाग द्वारा
निर्धारित की
गई है? यदि
हाँ, तो
इस संबंध में
जारी
आदेश/सर्कुलर
की प्रतियां
उपलब्ध
कराते हुये
विस्तार से
बतायें कि किस
पद स्तर का
व्यक्ति
जीवाजी विश्वविद्यालय
में निरीक्षण
कर सकता है और
जीवाजी विश्वविद्यालय
ग्वालियर
में विगत तीन
सत्र 2023-24, 2024-25
एवं 2025-26
में किस-किस
व्यक्ति एवं
निरीक्षण दल
द्वारा
नर्सिंग कॉलेजों
का निरीक्षण
किया गया है? प्रत्येक
निरीक्षणकर्ताओं
का नाम, मूल पद एवं
पदस्थापना
स्थल का
विवरण प्रदान
करें। (घ) क्या
सत्र 2025-26
में जीवाजी विश्वविद्यालय
द्वारा
अशासकीय
महाविद्यालयों
को संबद्धता
प्रदान की गई
है? यदि
हाँ, तो
समस्त
संबद्धता
प्राप्त
महाविद्यालयों
की सूची सहित
महाविद्यालयों
में कार्यरत
प्राचार्य
एवं सहायक
प्राध्यापकों
की सूची उपलब्ध
कराने का कष्ट
करें। क्या
वर्ष 2019
में B.Sc. नर्सिंग
IVth
Years के
परीक्षा
परिणाम में
अनुत्तीर्ण
छात्रों को
उत्तीर्ण कर
दिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त
परीक्षा
परिणाम के बाद
जीवाजी विश्वविद्यालय
ग्वालियर के
निलंबित
कर्मचारियों
एवं दोषी अधिकारियों
के विरूद्ध
जीवाजी विश्वविद्यालय
द्वारा की गई
कार्यवाही की
प्रतियां
उपलब्ध
करायें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
हाँ। मध्यप्रदेश
नर्सेस रजिस्ट्रेशन
काउंसिल से
प्राप्त ग्वालियर
संभाग के मान्यता
प्राप्त
नर्सिंग
महाविद्यालयों
की सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
(ख) जी
हाँ। मध्यप्रदेश
विश्वविद्यालय
अधिनियम 1973 के
प्रावधानों
के अंतर्गत
परिनियम 27 के तहत संबद्धता
प्रदान करने
संबंधी
कार्यवाही की
जायेगी। (ग) जी
हाँ। परिनियम 27 अंतर्गत
विश्वविद्यालय
स्तर पर गठित
समिति के माध्यम
से संबद्धता
हेतु
निरीक्षण की
कार्यवाही की
जाती है। मध्यप्रदेश
आयुर्विज्ञान
विश्वविद्यालय
जबलपुर की स्थापना
होने के
उपरांत
जीवाजी विश्वविद्यालय
ग्वालियर
द्वारा
नर्सिंग
कॉलेजों को
संबद्धता
प्रदान नहीं की
गई है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं होता।
(घ) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
जी
नहीं। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं होता।
शास.
महाविद्यालय
में नवीन स्नातकोत्तर
पाठ्यक्रम प्रारंभ
किया जाना
[उच्च
शिक्षा]
5.
( *क्र. 569 ) श्री विष्णु
खत्री : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बैरसिया
के स्वामी
विवेकानंद
शासकीय
महाविद्यालय
में नवीन स्नातकोत्तर
पाठ्यक्रम
प्रारंभ करने
के संबंध में
माननीय
मंत्री जी को
लिखे गये पत्र
क्र. ए 337,
दिनांक 22.07.2025 पर विभाग
द्वारा आज
दिनांक तक क्या
कार्यवाही की
गई है? (ख) बैरसिया
के स्वामी
विवेकानंद
शासकीय
महाविद्यालय
में नवीन स्नातकोत्तर
पाठ्यक्रम
प्रारंभ करने
के संबंध में
विभाग की क्या
मंशा है?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) विभागीय
मापदण्डों
की पूर्ति एवं
वित्तीय
संसाधनों की
उपलब्धता के
आधार पर स्व-वित्तीय
पाठ्यक्रमों
को शासनाधीन
करने में कठिनाई
है। (ख) शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता।
आश्रितों
को अनुकम्पा
नियुक्ति दी
जाना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
6.
( *क्र. 318 ) श्री अमर
सिंह यादव : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
पंचायत सचिव
की सेवा में
रहते हुए
मृत्यु होने
पर उसके
परिवार के
आश्रित को
अनुकम्पा
नियुक्ति
दिये जाने का
प्रावधान है? यदि हाँ, तो शासन
आदेश की प्रति
उपलब्ध करावें।
(ख) राजगढ़
जिला अंतर्गत
किन-किन
पंचायत
सचिवों के
परिवार के
आश्रितों को अनुकंपा
नियुक्ति
दिये जाने के
प्रकरण कब से
तथा किस कारण
से लंबित हैं? (ग) क्या
राजगढ़ जिला
अंतर्गत मृतक
पंचायत सचिवों
के परिवार के
आश्रितों को
अनुकंपा
नियुक्ति दी
जावेगी। यदि
हाँ, तो
कब तक?
यदि नहीं, तो क्यों
नहीं? कारण
बतावें। (घ) क्या
ओ.बी.सी. को
अनारक्षित
वर्ग में
नियुक्ति
दिये जाने का
प्रावधान है? यदि हाँ, तो बतावें
और यदि नहीं, तो क्यों
नहीं? आदेश
की प्रति
उपलब्ध करावें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी
नहीं। अन्य प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
नियम
विरूद्ध
इलेक्ट्रो
होम्योपैथी
कोर्स का
संचालन
[उच्च
शिक्षा]
7.
( *क्र. 347 ) श्री राजन
मण्डलोई : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
भोपाल शहर में
स्थित अटल
बिहारी
वाजपेयी
हिन्दी विश्वविद्यालय
में
इलेक्ट्रो
होम्योपैथी
का कोर्स
संचालित किया
जा रहा है? यदि हाँ, तो यह
कोर्स कब से
लगातार
संचालित है? वर्तमान
में उसमें
कितने
छात्रों को
पंजीकृत किया
गया है एवं उनसे
फीस के रूप
में कितनी-कितनी
राशि ली जा
रही है एवं पूर्व
में इस कोर्स
से कुल कितने
छात्र पास
हुये हैं? उनके नाम
पते की सूची
देवें। (ख) क्या
उक्त
पाठ्यक्रम
संचालित करने
के लिये नियमानुसार
प्रदेश की
होम्योपैथिक
काउंसिल या
आयुष विभाग
द्वारा
मान्यता ली गई
है? यदि
हाँ, तो
मान्यता की
प्रति संलग्न
करें। क्या
इलेक्ट्रो होम्योपैथी
को उपचार करने
की विधि के
अनुरूप भारत
सरकार द्वारा
मान्यता दी गई
है?
यदि नहीं, तो ऐसे
पाठ्यक्रम
संचालित करने
वाली संस्थाओं
पर क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में उक्त
पाठ्यक्रम से
पास कितने
डॉक्टर के रूप
में प्रैक्टिस
कर रहे हैं
एवं इनकी प्रैक्टिस
से कितने मरीजों
की मृत्यु हो
चुकी है? क्या ऐसी
कोई जानकारी
संधारित है? यदि है तो
मरीजों के नाम, पते की
सूची देवें
एवं उक्त पैथी
से चिकित्सा
करने वालों के
नाम पते की
सूची देवें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) अटल
बिहारी
वाजपेयी
हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल में
इलेक्ट्रो
होम्योपैथी
का कोर्स
संचालित नहीं
किया जाता है, अपितु विश्वविद्यालय
के अध्ययन
केंद्रों में
यह पाठयक्रम
सत्र 2022-23
से संचालित
किया जा रहा
है। वर्तमान
सत्र में 232 छात्रों
द्वारा
पंजीकरण किया
गया है एवं
प्रति छात्र 30,000/- रूपये
शिक्षण शुल्क
लिया जाता है।
पूर्व में इस
कोर्स से कुल 294 छात्र पास
हुए हैं। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। जी नहीं।
परीक्षण
उपरांत
यथोचित
कार्यवाही की
जावेगी। (ग) इस
विषय में कोई
भी जानकारी
संधारित नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सागर
में आयुष
महाविद्यालय
की स्थापना
[आयुष]
8.
( *क्र. 403 ) श्री
शैलेन्द्र
कुमार जैन : क्या आयुष
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
माननीय
मुख्यमंत्री
द्वारा सागर
में आचार्य श्री
विद्यासागर
जी महाराज के
नाम से आयुष
महाविद्यालय
स्थापित किये
जाने की घोषणा
की गई थी और
राष्ट्रीय
आयुष मिशन की
कार्यकारी
निकाय से सागर
में आयुर्वेद
महाविद्यालय
स्थापना हेतु
अनुमोदन
उपरांत आयुष
मंत्रालय
भारत सरकार से
अनुमति
प्राप्त हो गई
है?
यदि नहीं, तो इसका
क्या कारण है
तथा प्रश्न
दिनांक तक
क्या
कार्यवाही
प्रचलन में है? (ख) क्या
सागर में आयुष
महाविद्यालय
स्थापित किये
जाने हेतु
भूमि आरक्षित
कर ली गई है? यदि हाँ, तो कहाँ
तथा कितनी
भूमि का
आरक्षण किया
गया है? यदि नहीं, तो इसकी
आवंटन
प्रक्रिया कब
तक पूर्ण कर
ली जायेगी? (ग) सागर
नगर में आयुष
महाविद्यालय
स्थापित किये
जाने हेतु
शासन द्वारा
कितना बजट
प्रावधानित
किया गया है
तथा कौन-कौन
से कार्य
कराया जाना
प्रस्तावित
है? क्या
इसकी निविदा
जारी की जा
चुकी है? यदि नहीं, तो कब तक
जारी की
जावेगी?
आयुष मंत्री
( श्री इन्दर
सिंह परमार ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ। प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
हाँ। तिलीमौजा
जिला सागर। 3 हेक्टर
भूमि आवंटित
की गई है। प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) राशि
रू. 70.00
करोड़ बजट
प्रावधानित
किया गया है। प्रवेश
क्षमता 100 हेतु
महाविद्यालय
भवन, 100
बिस्तरीय
चिकित्सालय
भवन, बालक
छात्रावास 100 सीटर एवं
बालिका
छात्रावास 100 सीटर, नर्सेस
हेतु आवासीय
इकाइयां, हर्बल
गार्डन, महाविद्यालय, चिकित्सालय, छात्रावास
हेतु आवश्यक
फर्नीचर, उपकरण
पुस्तकें आदि।
NCISM
के आवश्यक
Norms
के
अनुसार कार्य
कराया जा रहा
है। जी हाँ, निविदा
प्रक्रिया
पूर्व में
जारी की जा
चुकी है।
प्रदेश
में भावांतर
योजना व
किसानों की
कर्जमाफी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
9.
( *क्र. 506 ) श्री बाला
बच्चन : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2025 के पूर्व
प्रदेश में
भावांतर
योजना कब-कब, किन-किन
फसलों के लिये
लागू की गई? वर्षवार, फसल नाम
सहित देवें। इसका
कितना
भुगतान प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
शेष है? किसान
संख्या, फसल नाम, लंबित
भुगतान, जिलावार, वर्ष सहित
देवें। (ख) उपरोक्त
लंबित भुगतान
कब तक होगा? समय-सीमा
देवें। (ग) क्या
वर्ष 2025
में सोयाबीन, मक्का, कपास की
समर्थन मूल्य
पर प्रदेश में
खरीदी नहीं की
जा रही है? मक्का, कपास को
भावांतर
योजना में कब
तक सम्मिलित
किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रदेश
में किसानों
की कर्जमाफी
के लिये सरकार
ने विगत 02 वर्षों
में क्या कदम
उठाए हैं? विवरण
देवें। कब तक
कर्ज माफी की
प्रक्रिया
प्रारंभ की जायेगी? समय-सीमा
देवें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) वर्ष
2017-18 में
सोयाबीन, अरहर, मूंगफली, तिल, रामतिल, मूंग, उड़द एवं
मक्का फसल
तथा वर्ष 2018-19 में मक्का
एवं सोयाबीन
फसल की लिये
भावांतर
योजना लागू की
गई। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (ख) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न उद्भूत
नहीं होता। (ग) वर्ष
2025 में कपास
की न्यूनतम
समर्थन मूल्य
पर भारतीय कपास
निगम लिमिटेड
इंदौर द्वारा
खरीदी की जा रही
है। भारत
सरकार द्वारा
नवीन भावांतर
योजना (P.D.P.S.) में कपास
एवं मक्का
फसलों को
सम्मिलित
नहीं किया गया
है, शेष
प्रश्न उद्भूत
नहीं होता। (घ) समय-समय
पर शासन
द्वारा उचित
निर्णय लिया
जाता है, समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
सहायक
संचालक द्वारा
रिश्वत लिये
जाने की जांच
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
10.
( *क्र. 116 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
संचालक किसान
तथा कृषि
विकास म.प्र.
भोपाल के पत्र
क्रमांक/अ-5-सी/शिका/07/2023/317, दिनांक 13.04.2023 द्वारा
श्री बी.एल. सिंह
(भाक्य), सहायक
संचालक कृषि, संचालनालय
कृषि भोपाल के
विरुद्ध
रुपये पचास
हजार की रिश्वत
लेने की
शिकायत की
जाँच श्री
आर.डी. सिलावट, संयुक्त
संचालक (सासा) संचालनालय
किसान कल्याण
तथा कृषि
विकास म.प्र.
भोपाल से कराई
गई? (ख) यदि हाँ, तो जांचकर्ता
अधिकारी श्री
आर.डी. सिलावट, संयुक्त
संचालक (सासा) संचालनालय
किसान कल्याण
तथा कृषि
विकास म.प्र.
भोपाल ने अपने
पत्र क्रमांक/शिकायत/जांच, 'सासा/2023-24/109, दिनांक 30.06.2023 द्वारा
क्या आयुक्त
सह संचालक, किसान
कल्याण तथा
कृषि विकास, म.प्र.
भोपाल को जांच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
किया गया? (ग) प्रश्नांश
(ख) के
तारतम्य में
प्रस्तुत जांच
प्रतिवेदन
में
शिकायतकर्ता
श्री आर.जी.
माथुर की
शिकायत
जिसमें उनकी
मृतक शिक्षक
पत्नी के
स्थान पर उनकी
बेटी की
अनुकम्पा
नियुक्ति
दिलाने के
लिये श्री
बी.एल. सिंह (भाक्य), सहायक
संचालक कृषि, संचालनालय
कृषि भोपाल ने
शिकायतकर्ता
श्री आर.जी.
माथुर से
रुपये पचास
हजार लेना एवं
काम नहीं होने
पर वापिस किये
जाने से श्री
बी.एल.सिंह (भाक्य)
का
भ्रष्टाचार
प्रमाणित
पाये जाने के
अपराधिक
प्रकरण में
विभाग ने इनके
विरुद्ध क्या
कार्यवाही की
है?
यदि नहीं, तो श्री
बी.एल.सिंह (भाक्य)
के भ्रष्टाचार
साबित पाये
जाने पर भी
विभाग इनको
शासकीय सेवा
से पृथक कर
अपराधिक
प्रकरण कायम
कर कार्यवाही
कब तक करेगा? समय-सीमा बतायें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) एवं
(ख) जी
हाँ। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के क्रम
में प्राप्त
जांच
प्रतिवेदन पर
स्पष्ट
अभिमत प्रस्तुत
करने हेतु
संचालनालय, किसान कल्याण
तथा कृषि
विकास भोपाल
के आदेश
क्रमांक एल/05/2025/403, दिनांक 20.11.2025 द्वारा
जांच कमेटी का
गठन कर दिया
गया। तथ्यों
के आधार पर
कार्यवाही की
जावेगी। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
बैकलॉग
सहायक
प्राध्यापकों
की नियुक्ति
[उच्च
शिक्षा]
11. ( *क्र. 225 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2004-2005
में 630 बैकलॉग
सहायक
प्राध्यापकों
को नेट/स्लेट/पीएच.डी.
उपाधि अर्जित
की शर्त पर दो
वर्ष
परिवीक्षा अवधि
पर नियुक्त
किया था? उक्त
शर्त को
आदेश-दिनांक 09.06.2006, 27.05.2009, 27.09.2017
द्वारा वर्ष 2017 तक
बढ़ाया? (ख) क्या
याचिका-क्रमांक
डब्लयू.पी.6540/2025
माननीय उच्च
न्यायालय
खंडपीठ-इंदौर
के पारित
निर्णय को
उच्च शिक्षा
विभाग के
आदेश-क्रमांक 272/3486341/2025/DHE (Confid) दिनांक 28.10.2025
द्वारा लिखा
कि
याचिकाकर्ता
डॉ. दारासिंह
वास्केल, सहायक
प्राध्यापक
प्राणीशास्त्र, शासकीय
स्नातकोत्तर
महाविद्यालय
धार की नियुक्ति
25.07.2005 और
परिवीक्षा
अवधि समाप्ति
दिनांक 25.07.2007 है? इनके
द्वारा
नियुक्ति के 2
वर्ष के भीतर
नेट/स्लेट
उपाधि अर्जित
न करते हुए पीएच.डी.
उपाधि दिनांक
20.9.2011 को
अर्जित की। अतः
उनके
नियुक्ति-आदेश
में वर्णित
शर्त अनुसार
नियुक्ति
हेतु
निर्धारित
अर्हता समयावधि
में पूर्ण न
करने के कारण
इनका वेतनमान
में स्थानन
संबंधी
प्रकरण
अमान्य किया
जाता है? (ग) क्या
पूर्व में
समस्त वर्ग के
तदर्थ
नियुक्त सहायक-प्राध्यापकों
को 8 वर्ष में
नेट/स्लेट/पीएच.डी.
उपाधि अर्जित
करने की शर्त
पर दो वर्ष की
परिवीक्षा
अवधि पर
नियुक्त किया
गया और उक्त
निर्धारित
अर्हता
अर्जित नहीं
करने पर भी
विभाग ने सारे
वेतनमान का
लाभ समय पर दिये? (घ)
विभाग
में 20 वर्ष से
सेवारत
निर्धारित
अवधि वर्ष 2017 के
पूर्व उक्त
निर्धारित
अर्हता
अर्जित करने
वाले तथा परिवीक्षा
अवधि समाप्त 528
बैकलॉग सहायक
प्राध्यापकों
को समय पर
वेतनमान
क्यों नहीं
दिया जा रहा? निर्धारित
समयावधि में
वेतनमान कब दिया
जायेगा?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) एवं
(ख) जी
हाँ। जी हाँ। (ग) 08 वर्ष में
स्नातकोत्तर
उपाधि के बाद
की मान्यता
प्राप्त
उपाधि अर्जित
करने की शर्त
पर परिवीक्षा
पर नियुक्ति
दी गई और
वेतनमान के
लाभ नियमानुसार
दिये गये हैं।
(घ) म.प्र.
लोक सेवा आयोग
के विज्ञापन 2003 अनुसार
निर्धारित
योग्यता
निश्चित
समय-सीमा में
पूर्ण नहीं
करने के कारण
वेतनमान नहीं
दिया जा रहा
है। प्रकरण
यथायोग्य
निर्णय हेतु
विचाराधीन है।
निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
धान
की फसल का
बीमा एवं
दवाइयों पर
अनुदान
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
12.
( *क्र. 268 ) श्री
सुरेश राजे : क्या किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
ग्वालियर
अंतर्गत विकासखंड
मुरार, घाटीगांव, भितरवार
एवं डबरा में
वर्ष 2025
में कितने
किसानों की
धान की फसल का
बीमा हुआ? विकासखंडवार
बताएं। (ख) अक्टूबर
2025 में जिला
ग्वालियर में
हुई बेमौसम
अतिवर्षा से
धान की फसल को
कितनी
प्रतिशत
क्षति होने से
किन-किन
किसानों को
किस दर से
कितनी-कितनी
फसल बीमा की
राशि अभी तक
भुगतान की गई? किन
किसानों को
राशि देना शेष
है? पूर्ण
जानकारी
ग्रामवार दें? (ग) निजी
दुकानदारों
से किसानों
द्वारा खरीफ, रबी की
फसलों हेतु
कीटनाशक दवाई
क्रय करने पर अनुदान
राशि देने संबंधी
आदेश की
सत्यापित
प्रति देवें
तथा वर्ष 2023-24 से 2024-25 एवं 2025-26 में प्रश्न
दिनांक तक
जिला
ग्वालियर में
विकासखंडवार
कितने-कितने
किसानों को
खरीफ एवं रबी
में कीटनाशक
दवाई क्रय
करने पर कुल
कितनी-कितनी अनुदान
राशि का
भुगतान किया
गया तथा विकासखंड
डबरा में उक्त
अवधि में दवाई
क्रय करने से
अनुदान
प्राप्त
किसानों की
वर्षवार एवं
ग्रामवार
सूची उपलब्ध
करवाएं।
किसान
कल्याण एवं कृषि
विकास मंत्री
( श्री ऐदल
सिंह कंषाना ) : (क) जिले
में खरीफ 2025 में कुल
धान फसल वाले
किसानों का
विकासखण्डवार
मुरार में 5826 किसान, विकासखंड
घाटीगांव में 2730 किसान, विकासखंड
डबरा में 11027 किसान तथा
विकासखंड
भितरवार में 15029 किसानों
का बीमा किया
गया है। जिले
में कुल 34612 धान फसल
वाले किसानों
का बीमा किया
गया है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 1 अनुसार है।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 2 अनुसार है।
शासकीय
राशि का
दुरूपयोग एवं
अवैध भूमि पर
निर्माण
[सहकारिता]
13. ( *क्र. 902 ) श्री
शिवनारायण
सिंह : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
अनूपपुर जिला
अंतर्गत
जैतहरी स्थित
विपणन सहकारी
समिति
मर्यादित
जैतहरी के स्वत्व
की भूमि खसरा
नं. 554 केन्द्रीय
सहकारी बैंक
में ऋण के विरूद्ध
गिरवी है? यदि
हाँ, तो पूर्ण
विवरण देंवे। (ख)
क्या प्रश्नांश
(क) वर्णित भूमि
पर नगर परिषद
जैतहरी ने
सामुदायिक
भवन निर्माण
कराकर खनिज मद
प्रतिष्ठान
निधि का
दुरूपयोग एवं
अवैध भूमि पर
निर्माण किया
है? यदि हाँ, तो
राशि से अवैध
भूमि में
निर्माण के
दोषीजनों का
नाम, पद तथा
इनसे कब तक
राशि वसूली की
जायेगी, की
जानकारी
उपलब्ध
कराएं। (ग) क्या
किसी संस्था
की भूमि पर
अवैधानिक ढंग
से कोई भी स्थाई
भवन निर्माण
वैध है? यदि
नहीं, तो कलेक्टर
अनूपपुर खनिज
मद प्रतिष्ठान
से स्वीकृत
राशि के
दुरूपयोग एवं
अवैध भूमि पर
निर्माण के
लिये दोषी
जनों से राशि
वसूली के साथ
ही अपराधिक प्रकरण
कायम किया
जायेगा? यदि
नहीं, तो
वैधानिक स्वीकृत
निर्माण के
पूर्व भूमि का
संस्था से स्वत्व
हस्तांतरण
किया गया है?
यदि नहीं, तो
इसके लिये कौन-कौन
दोषी है, उनके
नाम एवं पद
अनुसार
जानकारी दें। (घ) क्या
तत्कालीन
सहकारिता
निरीक्षक ने
सी.एम.ओ. नगर
परिषद जैतहरी
को अवैध
निर्माण रोके
जाने के लिये पत्र
लिखा था? यदि
हाँ, तो पत्र
की छायाप्रति उपलब्ध
कराते हुए
सहकारिता
विभाग या
नगरीय प्रशासन
द्वारा
समय-सीमा में
अपराधिक प्रकरण
कायम कराते
हुए वैधानिक
कार्यवाही की
जायेगी? यदि
नहीं, तो क्यों? (ड.)
क्या श्री
कैलाश सिंह
मरावी एवं
श्री अनिल
कुमार गुप्ता
ने मुख्यमंत्री, नगरीय
प्रशासन
मंत्री, प्रमुख
सचिव नगरीय
प्रशासन सहित
अन्य
अधिकारियों
को पुन: जांच
हेतु आग्रह
किया है? यदि हाँ, तो
पत्र की प्रति
उपलब्ध
कराते हुए सभी
तथ्यों एवं
दस्तावेजों
के आधार पर
विशेष जांच दल
गठित किये जाने
की कार्यवाही
की जायेगी? यदि
हाँ, तो कब तक? समय-सीमा
बतायें।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) यह
सही है कि प्रश्नांश
'क' में
वर्णित संस्था
भूमि पर नगर
परिषद जैतहरी
द्वारा अवैध
रूप से
सामुदायिक
भवन का
निर्माण किया
गया है। शेष प्रश्नांश
का उत्तर
जांच के निष्कर्षाधीन।
(ग) जी
नहीं। शेष उत्तरांश
"ख" अनुसार
जांच उपरांत
जांच निष्कर्षों
के आधार पर। (घ) जी
हाँ, संस्था
के तत्कालीन
प्रशासक
द्वारा कलेक्टर
अनूपपुर एवं
अध्यक्ष/नगर
पालिका
अधिकारी
जैतहरी को
संस्था की
भूमि पर किये
जा रहे अवैध
निर्माण को रोकने
हेतु पत्र
लिखा गया था, पत्र की प्रति
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है, शेष जांच
निष्कर्षाधीन।
(ड.) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
शास.
महाविद्यालय
ओरछा में
विज्ञान एवं
वाणिज्य संकाय
की कक्षाएं
प्रारंभ की
जाना
[उच्च
शिक्षा]
14.
( *क्र. 420 ) श्री अनिल
जैन : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
निवाड़ी जिले
के अंतर्गत
नवीन स्वीकृत
शासकीय
महाविद्यालय
ओरछा में
वर्तमान सत्र
से समस्त
कक्षाएं
प्रारंभ हो गई
हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में यदि नहीं, तो शासकीय
महाविद्यालय
ओरछा में
वर्तमान में
कौन-कौन से
संकाय की
कक्षाएं
वर्तमान में
संचालित हैं? (ग) क्या
विभाग द्वारा
शासकीय
महाविद्यालय
ओरछा में
विज्ञान एवं
वाणिज्य
संकाय की
कक्षाएं प्रारंभ
किये जाने हेतु
कोई
कार्ययोजना
प्रस्तावित
है?
यदि हाँ, तो क्या
अगले सत्र से
उक्त संकायों
की कक्षाएं
प्रारंभ हो
सकेगी?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) एवं
(ख) जी हाँ। वर्तमान
में कला संकाय
की कक्षाएं
संचालित हैं। (ग) जी
नहीं। शासकीय
महाविद्यालय
ओरछा में
विज्ञान एवं
वाणिज्य
संकाय की
कक्षाएं
प्रारंभ किये
जाने हेतु विभागीय
मापदण्डों
की पूर्ति
नहीं हो रही
है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
अनियमितताओं
की जांच से
कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
15.
( *क्र. 432 ) श्री अभय
मिश्रा : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
म.प्र. शासन
के पोर्टल
अनुसार विगत 02 रबी, 02
खरीफ वर्ष
खरीदी एवं
स्वीकृत
मात्रा एवं 0.5 अंतर
प्रतिशत से
ऊपर की शॉर्टेज
वाली
समितियां
जिनके द्वारा
विगत दो
वर्षों में 21717.65 क्विंटल
जिसकी समर्थन
मूल्य राशि 52122360 करोड़
रूपये के गबन
पर कार्यवाही
के निर्देश देंगे? यदि नहीं, तो क्यों? तत्संबंध
में प्रश्नकर्ता
सदस्य द्वारा
पत्र क्रमांक-1202/शिकायत/2025-26/रीवा
दिनांक 02.11.2025 के द्वारा
प्रमुख सचिव, खाद्य एवं
कलेक्टर रीवा
को पत्र लिखकर
कार्यवाही का
आग्रह किया
गया था, तत्सबंध
में की गई
कार्यवाही की
जानकारी उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) के तारतम्य
में म.प्र. शासन के
पत्र क्रमांक
एफ F.C.S/43/40003/2025-Sec-1-29 (Fcs) भोपाल
दिनांक 25 अगस्त, 2025 के
कण्डिका
क्रमांक-4.6 के पैरा-3 अनुसार 0.5 प्रतिशत
के ऊपर अंतर
प्रतिशत के
कारण अपात्र समितियों
को कलेक्टर
रीवा के आदेश
क्रमांक-168
खाद्य/उपार्जन/2025/ दिनांक 10.09.2025 के द्वारा
पंजीयन/उपार्जन
का कार्य
क्यों दिया
गया, जो
शासन के
निर्देश के
अनुपालन में
नहीं था, अपात्र
संस्थाओं को
उपार्जन
समिति सहित
अनुमोदन करने
वाले उपार्जन
समिति के
अध्यक्ष/सदस्यों
के विरूद्ध
क्या
कार्यवाही की
जावेगी? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
शासन के
निर्देश के
परिपालन में
कितने NRLM के तहत
पंजीबद्ध स्व-सहायता समूहों को
पंजीयन/उपार्जन
के कार्य दिये
थे या नहीं तो
क्यों? विगत 02 वर्ष
पूर्व में जिन
स्व-सहायता
समूहों SHG को कार्य
आवंटित किया
गया था, उनमें से
कितने समूह
ब्लैक
लिस्टेड एवं
अपात्र पाए
गये थे तथा
उनके विरूद्ध
क्या कार्यवाही
हुई,
प्रति देते
हुये बतावें
पूर्व में यदि
SHG
द्वारा
कोई गबन नहीं
पाया गया है
तो SHG को FPO को
कार्यादेश
जारी क्यों
नहीं किये गये, जबकि रीवा
संभाग के अन्य
सीमावर्ती
जिलों में NRLM के तहत
पंजीबद्ध
समूहों को
उपार्जन का
कार्य प्रदत्त
किया जा रहा
है। (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं (ग) के
संबंध में
जिम्मेदारों
के विरूद्ध
अनुशासनात्मक
एवं
दण्डात्मक
कार्यवाही की
जावेगी तो कब
तक बतावें एवं
प्रश्नांश (ग)
अनुसार NRLM/SHG/FPO के तहत
पंजीबद्ध
समूहों को
उपार्जन/पंजीयन
के कार्य न
देने के
जिम्मेदारों
पर कार्यवाही के
क्या निर्देश
देंगे बतायें?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) एवं
(ख) माननीय प्रश्नकर्ता
सदस्य
द्वारा रीवा
जिले में
सहकारी
समितियों द्वारा
उपार्जित स्कन्ध
में से पाई गई
शॉर्टेज
मात्रा/गबन के
संबंध में
दिनांक 02.11.2025 को की गई
शिकायत की
जांच राज्य
स्तर से कराई
जा रही है। जांच
दल द्वारा
प्रस्तुत
प्रतिवेदन के
आधार पर
नियमानुसार
कार्यवाही की जायेगी।
(ग) समर्थन
मूल्य पर
खाद्यान्न
उपार्जन हेतु
किसान पंजीयन
के जारी
निर्देश में NRLM अंतर्गत
पंजीकृत
महिला स्व-सहायता
समूहों को
किसान पंजीयन
का कार्य देने
के प्रावधान
नहीं है। विगत
दो वर्ष में
खरीफ विपणन
वर्ष 2023-24
में रीवा जिले
में 22
महिला स्व-सहायता
समूहों को
उपार्जन
कार्य दिये
गये थे, रबी 2024-25 एवं 2025-26 तथा खरीफ 2024-25 में महिला
स्व-सहायता
समूहों को
उपार्जन
कार्य आवंटित
नहीं किया गया
है। विगत 02 वर्ष
पूर्व में जिन
महिला स्व-सहायता
समूहों को
उपार्जन
कार्य आवंटित
किया गया था, उनमें से
अपात्र एवं ब्लैक
लिस्टेड
समूहों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। मध्यप्रदेश
शासन खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण
भोपाल के
निर्देश क्र. FCS/43/4/0003/2025/29-1/2439 भोपाल
दिनांक 30.10.2025 की कंडिका 3 अनुसार
उपार्जन
कार्य हेतु
सहकारी
समितियों को
प्राथमिकता
से दिये जाने
का प्रावधान
है। पात्र
सहकारी
समितियां
उपलब्ध न
होने पर महिला
स्व-सहायता
समूहों को
उपार्जन कार्य
दिये जाने के
प्रावधान
अनुसार जिले
में सहकारी समितियों
को
प्राथमिकता
के आधार पर
उपार्जन केन्द्र
निर्धारित
किये गये हैं, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उत्तरांश
(क) अनुसार। खरीफ
विपणन वर्ष 2025-26 में
समर्थन मूल्य
पर धान एवं
मोटा अनाज
उपार्जन हेतु
जारी निर्देश
अनुसार जिला
उपार्जन
समिति से अनुशंसा
एवं परीक्षण
उपरांत पात्र
महिला स्व-सहायता
समूह/CLF को
उपार्जन का
कार्य दिये जाने
का प्रावधान
है। समर्थन
मूल्य पर धान
एवं मोटा अनाज
उपार्जन हेतु
जारी नीति एवं
SOP
अंतर्गत
FPO
को
उपार्जन का
कार्य देने का
प्रावधान
नहीं है।
मनरेगा
योजनांतर्गत
पदस्थ अमले
पर कार्यवाही
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
16.
( *क्र. 616 ) श्री केशव
देसाई : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
भिण्ड जिले
में मनरेगा
योजनान्तर्गत
तथाकथित गैर
अनुमत्य
संबंधी कार्य
कराने के
संबंध में
किन-किन
अधिकारी/कर्मचारियों
को नोटिस म.प्र.रा.रो.
गारंटी परिषद
भोपाल एवं
जिला स्तर से
जारी किये गये? किन-किन पर
किस स्तर से
कार्यवाही की
गई, शेष
पर किस स्तर
पर कार्यवाही
लंबित है, नहीं करने
का स्पष्ट
कारण देवें। (ख) तत्कालीन
कलेक्टर, जिला
भिण्ड स्तर पर
प्रश्नांश ''क'' में
जारी नोटिस
कार्यवाही
हेतु किस-किस
के, कब
से लंबित थे, क्या अपनी
स्वेच्छानुसार
पक्षपात
पूर्वक तरीके
से बगैर किसी जांच
के कुछ
कर्मचारियों
के संविदा
समाप्ति के
आदेश जारी
किये गये हैं? जांच
कार्यवाही की
जानकारी
उपलब्ध
करायें। संविदा
नीति 2025 का
पालन क्यों
नहीं हुआ? (ग) क्या
उक्त तथाकथित
गैर अनुमत्य
श्रेणी के कार्य
जैसे
नाला/नाली, (सी.सी./पत्थर)
इंटरलॉकिंग/पेबर
ब्लॉक, बाउन्ड्रीवॉल
आदि कार्य
मनरेगा योजना
में म.प्र. में
किन-किन जिलों
में कराये गये
हैं, वर्ष
2020-21 से प्रश्न
दिनांक तक
सूची कार्य का
नाम, वर्ककोड, स्वीकृत
राशि, मजदूरी, सामग्री
पर व्यय राशि
सहित उपलब्ध
करायें। क्या भिण्ड
जिलें में की
गई कार्यवाही
निरस्त की
जावेगी। (घ) भिण्ड
जिले की जनपद
पंचायत अटेर, भिण्ड एवं
रौन में उक्त
कार्यवाही
क्यों नहीं की
गई है, स्पष्ट
कारण बतायें। क्या
उक्त श्रेणी
के कार्य इन
ब्लॉकों में
हुए हैं?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) उत्तरांश
'क' अनुसार
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'क' में उल्लेखित
संबंधितों को
जारी नोटिस की
कार्यवाही पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ख' अनुसार है। 07 प्रकरणों
में नोटिस के
प्रति उत्तर
समाधानकारक
नहीं होने से
संविदा
समाप्ति के
आदेश जारी
किये गये। विधिवत
जांच
प्रक्रिया
पूर्ण करने के
पश्चात ही
कार्यवाही
पूर्ण की गई। जांच
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ग' अनुसार है। 04 प्रकरणों
में तत्समय
प्रभावशील
निर्देशों के
अंतर्गत एवं 03 प्रकरणों
में संविदा
नीति 2025 के
अंतर्गत
कार्यवाही की
गई है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'घ' अनुसार है। कार्यवाही
जिला स्तर से
की गई है। संविदा
नीति में अपील
का प्रावधान
है। (घ) जनपद
पंचायत अटेर
के अतिरिक्त
कार्यक्रम अधिकारी
एवं प्रभारी
सहायक
लेखाधिकारी
के विरूद्ध
कार्यवाही
संस्थित है। जांच
प्रतिवेदन
में भिण्ड एवं
रौन के किसी
अधिकारी एवं
कर्मचारी का
उल्लेख नहीं
होने से कार्यवाही
नहीं की गई। कार्यों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ड.' अनुसार है।
खेल
स्टेडियम के
संबंध में
[खेल एवं
युवा कल्याण]
17.
( *क्र. 58 ) डॉ. राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जावरा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
जावरा ब्लॉक
एवं पिपलौदा ब्लॉक
में आउटडोर
स्टेडियम एवं
इंडोर
स्टेडियम की विगत
वर्षों से
निरन्तर मांग
की जा रही है? (ख) यदि
हाँ, तो
विगत वर्षों
में माननीय
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
पिपलौदा ब्लॉक
में आउटडोर
एवं इंडोर
स्टेडियम
बनाये जाने की, साथ ही
जावरा ब्लॉक
में विभाग को
भूमि प्राप्त
होते ही
स्वीकृति
दिये जाने की
घोषणा भी की
गई? (ग) यदि हाँ, तो
पिपलौदा ब्लॉक
में स्टेडियम
हेतु भूमि
विभाग को दी
जा चुकी है, साथ ही
जावरा ब्लॉक
में स्टेडियम
की भूमि को
चिन्हित किया
जाकर विभाग को
भूमि आवंटन
किया जाना
प्रक्रिया
में है? (घ) तो
अवगत कराएं कि
पिपलौदा ब्लॉक
में विभाग को
भूमि प्राप्त
हो चुकी तथा जावरा
ब्लॉक में
विभाग को भूमि
आवंटन
प्रक्रियाधीन
है तो बताएं
कि शासन/विभाग
द्वारा कब तक संपूर्ण
कार्यवाही की
जाकर
प्रशासकीय व
वित्तीय
स्वीकृति दी
जा सकेगी?
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जी
हाँ। (ख) पिपलौदा
ब्लॉक में
आउटडोर
स्टेडियम
निर्माण की
घोषणा
तत्कालीन
माननीय
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
दिनांक 19.11.2017 को गई है तथा
जावरा ब्लॉक
में विभाग में
उपलब्ध जानकारी
अनुसार
स्टेडियम की
स्वीकृति
प्रदान किये
जाने की घोषणा
नहीं की गई है।
(ग) पिपलौदा
ब्लॉक में
जिला प्रशासन
द्वारा 5.00 एकड़ भूमि
आवंटित की गई
है, जबकि
विभागीय नीति
अनुसार इंडोर
व आउटडोर स्टेडियम
निर्माण हेतु 10.00 एकड़ भूमि
की आवश्यकता
होती है, जिसके
संदर्भ में
कलेक्टर
रतलाम को 5.00 एकड़
अतिरिक्त
भूमि आवंटन
हेतु लेख किया
गया है। जावरा
ब्लॉक में
भूमि आवंटन की
कार्यवाही
प्रचलन में है।
(घ) प्रश्नांश
''ग'' अनुसार
पिपलौदा
ब्लॉक में 5.00 एकड़
अतिरिक्त
भूमि जावरा
ब्लॉक में 10.00 एकड़ भूमि
विभाग के नाम
आंवटित होने
के उपरांत शासकीय
निर्माण
एजेंसी से
प्राक्कलन
प्राप्त कर
बजट की
उपलब्धता व
आवश्यकता का
आंकलन कर
सक्षम समिति
के समक्ष
प्रस्ताव
तैयार कर
प्रेषित किया
जावेगा। सक्षम
समिति के
अनुमोदन
पश्चात ही
पिपलौदा व जावरा
में
इंडोर/आउटडोर
स्टेडियम
हेतु स्वीकृति
प्रदान की जा
सकेंगी, जिसकी
निश्चित
समय-सीमा बतायी
जाना संभव
नहीं है।
मंडला
जिला अंतर्गत
राइस मिलों के
संबंध में
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
18.
( *क्र. 406 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मंडला
जिला अंतर्गत
कितनी राइस
मिल हैं, जिन्हें
कस्टम राइस मिलिंग
का कार्य दिया
जाता है, राइस मिल का
नाम
संचालक/मालिक
का नाम मिलिंग
क्षमता सहित
जानकारी
उपलब्ध कराएं? वर्ष 2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक
राइस मिलों को
जारी किये गये
आर.ओ. की
जानकारी उपलब्ध
कराएं? प्रत्येक
राइस मिलर की
मिलिंग
क्षमता एवं उसके
अनुरूप उनके
द्वारा जमा की
जाने वाली
बैंक गारंटी/एफ.डी.आर.
की जानकारी
वर्ष 2023-24
से प्रश्न
दिनांक तक
उपलब्ध
कराएं? क्या
कार्यालय
द्वारा धान का
आर.ओ. जारी
करने का कोई
शेड्यूल
निर्धारित है? (ख) राइस
मिलरों
द्वारा वर्ष 2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक
भुगतान हेतु
लगाए गये
बिलों के
भुगतान हेतु
जिला मंडला
कार्यालय
द्वारा राशि
की मांग हेतु
भेजे गये
डिमांड लेटर/पत्र
प्रपत्र की
जानकारी
उपलब्ध कराएं? (ग) धान
खरीदी से लेकर
मिलिंग होने
तक 1
क्विंटल चावल
की कुल लागत
कितनी होती है? इस चावल को इथेनॉल
कम्पनियों को
किस दर पर
विक्रय किया
जाता है? क्या इथेनॉल
कम्पनियों को
विक्रय चावल
को इन कम्पनियों
द्वारा राइस
मिलरों को बेच
दिया जाता है
एवं राइस
मिलरों
द्वारा इसी
चावल को विभाग
में जमा करवा
दिया जाता है? जबलपुर
जिले में वर्ष
2024-25 में धान
खरीदी में
हुईं गड़बड़ी की
जाँच का प्रतिवेदन
उपलब्ध कराएं? (घ) वर्ष
2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक
मंडला जिले
में खरीदी
केंद्रों से वेयरहाउस
तक धान व
गेंहू के
परिवहन की
जानकारी वाहन
नंबर आर.ओ. नंबर
एवं परिवहन के
बिलों की
जानकारी
उपलब्ध कराएं? उक्त अवधि
में ही वेयर
हाउसों से रेक
के लिये भेजे गये
चावल के
परिवहन से
संबंधित
बिलों की जानकारी
उपलब्ध कराएं?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) मण्डला
जिले में 45
राईस मिलों के
द्वारा कस्टम
मिलिंग का
कार्य किया
जाता है, राइस
मिल/संचालक/मालिक
का नाम एवं
मिलिंग क्षमता
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'एक' अनुसार है।
वर्ष
2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक
राईस मिलर्स
को जारी किये
गये RO की प्रति
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
मिलर्स
द्वारा जमा की
गई बैक गारंटी
एवं FDR की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'तीन' अनुसार है।
धान
मिलिंग नीति के
अनुसार
मिलर्स से
अनुबंध एवं FDR के
आधार पर RO जारी
किये जाते हैं।
(ख) वर्ष 2023-24 से
प्रश्न
दिनांक तक
भुगतान हेतु
बिल ऑनलाईन
जारी किये जाते
हैं, जिसके
आधार पर
भुगतान किया
जाता है। मिलर्स
के बिलों के
भुगतान हेतु
जिला मण्डला
द्वारा मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज़ कॉर्पोरेशन
के मुख्यालय
भोपाल से राशि
की मांग हेतु
भेजे गये
डिमांड
लेटर/पत्र की प्रति
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'चार' अनुसार है।
(ग) समर्थन
मूल्य पर
उपार्जित धान
के खरीदी से
लेकर मिलिंग
होने तक प्रति
क्विंटल लागत
धान उपार्जन
केन्द्रों
से भण्डारण
केन्द्र एवं
राईस मिल की
दूरी तथा
गोदामों में
भण्डारण
अवधि के आधार
पर लागत कम/ज्यादा
होती है। मण्डला
जिले से मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज कॉर्पोरेशन
द्वारा
इथेनॉल कम्पनी
को चावल
विक्रय नहीं
किया जाता है।
वर्ष 2024-25 में
जबलपुर जिले
में धान खरीदी
में हुई गड़बड़ी
के प्रतिवेदन
की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'पांच' अनुसार है।
(घ) मण्डला
जिले में वर्ष
2023-24 एवं 2024-25 में
खरीदी केन्द्रों
से गोदाम तक
धान एवं गेहूं
के परिवहन में
संलग्न
वाहनों के
नंबर, RO नंबर एवं
परिवहन के
देयकों की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'छ:' अनुसार है।
रबी
विपणन वर्ष 2025-26 के
परिवहन के
देयक उपार्जन
नीति एवं
परिवहनकर्ता
द्वारा
ऑनलाईन प्रस्तुत
किये जाते हैं, उसके
उपरांत जिला
कार्यालय
द्वारा
भुगतान की
कार्यवाही की
जाती है, जो शेष
है। वर्ष 2023-24 से
प्रश्न
दिनांक तक
वेयर हाउस से
रैक के लिये भेजे
गये चावल के
परिवहन
देयकों की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'सात' अनुसार
है।
शास.
महाविद्यालयों
में पद
स्वीकृति एवं एल.एल.एम.
पाठ्यक्रम का
आरंभ
[उच्च
शिक्षा]
19.
( *क्र. 223 ) श्री
नितेन्द्र
बृजेन्द्र
सिंह राठौर : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) निवाड़ी
एवं टीकमगढ़
दोनों जिलों
के शासकीय
महाविद्यालयों
में प्रोफेसर
एवं असिस्टेंट
प्रोफेसर के
कितने पद
स्वीकृत हैं? इनमें से
वर्तमान में
कितने पद
रिक्त हैं? सरकार इन
रिक्त पदों को
कब तक भरने की
कार्यवाही
करेगी? (ख) निवाड़ी
एवं टीकमगढ़
दोनों जिलों
में मात्र एक
ही शासकीय
विधि
महाविद्यालय
है और कोई अन्य
निजि विधि
महाविद्यालय
न होने से
विधि की स्नातकोत्तर
कक्षायें
संचालित नहीं
होती है। उक्त
संबंध में
विधि
महाविद्यालय
में एल.एल.एम.
पाठ्यक्रम कब
तक आरंभ किया
जायेगा, जिससे
क्षेत्र के लॉ
विद्याथियों
का पलायन रूक
सके।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) निवाड़ी
एवं टीकमगढ़
जिले के
शासकीय
महाविद्यालयों
में प्राध्यापक/सहायक
प्राध्यापक
के कुल 249 पद स्वीकृत
हैं एवं 168 पद
रिक्त हैं। वर्ष
2022 में
विज्ञापित
पदों पर म.प्र.
लोक सेवा आयोग
से चयन सूची
प्राप्त हो
चुकी है, जिस पर
नियुक्ति की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। वर्ष 2024
में 2197 पदों
का विज्ञापन
जारी किया जा
चुका है, जैसे
ही चयन सूची प्राप्त
होगी, नियुक्ति
की कार्यवाही
पूर्ण की
जावेगी। निश्चित
समयावधि बताई
जाना संभव
नहीं है। (ख) कार्यालय
आयुक्त, उच्च
शिक्षा
द्वारा जारी
आदेश क्रमांक 145/132''ए''/163/स्व.वि./आउशि/योजना/2023, दिनांक
08.04.2023 अनुसार
महाविद्यालय
स्ववित्तीय
योजनान्तर्गत
विश्वविद्यालय
से संबद्धता
प्राप्त कर
स्नातकोत्तर
पाठ्यक्रम
प्रारंभ कर
सकते हैं।
बहुसंकाय
शिक्षण व्यवस्था
[उच्च
शिक्षा]
20.
( *क्र. 525 ) श्री अनिल
जैन
कालूहेड़ा : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में कितने शासकीय
महाविद्यालय
है,
जिनमें स्नातक
स्तर पर एकल
संकाय का
शिक्षण होता है? (ख) क्या
राष्ट्रीय
शिक्षा नीति 2020 में
बहुसंकाय
शिक्षा उपलब्ध
कराने का
प्रावधान है? (ग) यदि
प्रश्नांश
(ख) का उत्तर
हाँ है तो
प्रदेश के एकल
संकाय
महाविद्यालयों
को बहुसंकाय
महाविद्यालयों
में
परिवर्तित
करने की क्या
योजना है?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'एक' अनुसार है।
(ख) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
(ग) विभागीय
मापदण्डों
की पूर्ति एवं
वित्तीय
संसाधनों की
उपलब्धता
अनुसार एकल
संकाय
महाविद्यालयों
को बहुसंकाय
महाविद्यालयों
में
परिवर्तित
करने की
कार्यवाही
सतत् है।
महर्षि
वैदिक विश्वविद्यालय
के संबंध में
दस्तावेजों
की जानकारी
[उच्च
शिक्षा]
21.
( *क्र. 61 ) श्री
विवेक विक्की
पटेल : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
उच्च शिक्षा
विभाग
मंत्रालय
पत्र क्रमांक 1/14/0001/2025-3-38 भोपाल
दिनांक 09.09.2025 प्रति, महर्षि
महेश योगी
वैदिक विश्वविद्यालय
करौंदी को
जारी किया गया
है? यदि
हाँ, तो
विश्वविद्यालय
द्वारा
उपलब्ध कराये
गये समस्त सुसंगत
दस्तावेजों
सहित जानकारी
उपलब्ध करायें? (ख) म.प्र.
शासन उच्च
शिक्षा विभाग
मंत्रालय अवर
सचिव द्वारा
हस्ताक्षरित
पत्र दिनांक 29.08.2025 प्रति कुलसचिव
महर्षि महेश
योगी वैदिक विश्व
विद्यालय
करौंदी को
जारी किया गया
है? यदि
हाँ, तो
विश्वविद्यालय
द्वारा
उपलब्ध कराये
गये समस्त सुसंगत
दस्तावेजों
सहित जानकारी
उपलब्ध करायें? यदि
संपूर्ण
जानकारी
उपलब्ध नहीं
करायी गयी है, तो क्यों
स्पष्टीकरण
सहित जानकारी
उपलब्ध करायें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
हाँ। विश्वविद्यालय
से उत्तर
नहीं प्राप्त
हुआ है। स्मरण-पत्र
जारी किया गया
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
मनरेगा
योजना
अंतर्गत
निर्माण
कार्यों की सामग्री
का भुगतान
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
22.
( *क्र. 411 ) श्रीमती
सेना महेश
पटेल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के अतारांकित प्रश्न
क्रमांक 2443, दिनांक 04.08.2025 के उत्तर
में यह
जानकारी दी गई
थी कि पुल, पुलिया
निर्माण
कार्य बंद
नहीं हैं, किन्तु
विभाग द्वारा
जारी पत्र क्रमांक
2258, दिनांक 01.07.2024 में केवल
मजदूरी
भुगतान
संबंधी
कार्यों की ही
स्वीकृति
देने का
उल्लेख किया
गया है, जबकि उक्त
पत्र में
मनरेगा से
सामग्री
भुगतान का कोई
उल्लेख नहीं
किया गया है? जब जिले
में 60 : 40
के अनुपात का
पालन किया जा
रहा है, तो ऐसे
मनरेगा में
सामग्री का
भुगतान का
प्रावधान
क्यों नहीं
किया गया? (ख) यदि
सामग्री
भुगतान की
स्वीकृति
नहीं दी जायेगी, तो पुल पुलिया
एवं स्टॉप डेम
जैसे पक्के
निर्माण कार्य
कैसे संपन्न
होंगे? (ग) क्या
विभाग द्वारा
मनरेगा में
सामग्री भुगतान
हेतु कोई दिशा-निर्देश
दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक
अवधि बतावें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) म.प्र.
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
का पत्र
क्रमांक 2258/MGNREGA-MP/NR-3/Tech./2024 भोपाल, दिनांक 01.07.2024 पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार महात्मा
गांधी नरेगा
अंतर्गत
प्रदेश में कुल
7.11 लाख कार्य
प्रगतिरत है, जिनमें 2.52 लाख कार्य
प्रधानमंत्री
आवास के है
तथा शेष कार्य
कूप, खेत
तालाब, पुलिया, सुदूर
सड़क, चेकडेम, स्टॉपडेम
सेग्रीग्रेशन
शेड, शौचालय, ग्राम
पंचायत भवन आंगनवाड़ी
भवन
बाउंड्रीवॉल
नाली निर्माण
इत्यादि के हैं।
इन प्रगतिरत
कार्यों को
पूर्ण करने
हेतु लगभग
राशि रु. 12422 करोड़ की
आवश्यकता
होगी जो कि
लगभग 02
वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 हेतु
पर्याप्त
नरेगा के
प्रावधान
अनुसार MWC जनपदों
में एन.आर.एम.
आधारित
कार्यों पर
न्यूनतम 65 प्रतिशत
व्यय किया
जाना
अनिवार्य है, परंतु
विगत वित्तीय
वर्ष में 43 M.W.C. जनपदों
में यह
प्रतिशत 65 % से कम रहा। इसी
प्रकार नरेगा
के प्रावधान
अनुसार प्रत्येक
जिले में कृषि
आधारित
कार्यों पर
न्यूनतम 60 प्रतिशत
व्यय किया
जाना
अनिवार्य है, परंतु
विंगत वर्ष
में यह राज्य
के लिये मात्र
24.50 प्रतिशत
रहा। विगत
वर्ष 17
जिलों का
सामग्री
अनुपात 40 प्रतिशत
से अधिक रहा
है। जो कि
नरेगा के
प्रावधान
अनुसार 40 प्रतिशत
से कम होना
चाहिए। पुल-पुलिया
निर्माण
चैकडेम
इत्यादि
कार्यों के
मनरेगा से
मात्र मजदूरी
लिये जाने का
निर्णय लिया
गया है। (ख) प्रगतिरत
कार्यों में
सामग्री की आवश्यकता
जिले में श्रम
सामग्री का
अनुपात, कृषि
आधारित
कार्यों की
स्वीकृति एवं
एन.आर.एम.
कार्यों पर
किये गये व्यय
अनुसार
निर्णय लिया
गया है। (ग) प्रगतिरत
कार्यों में
सामग्री की आवश्यकता
जिले में श्रम
सामग्री का
अनुपात, कृषि
आधारित
कार्यों की
स्वीकृति एवं
एन.आर.एम.
कार्यों पर
किये गये व्यय
अनुसार
निर्णय लिया
गया है।
राजस्व
ग्रामों को
सुदूर ग्रामों
से जोड़ा जाना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
23.
( *क्र. 12 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
शिवपुरी
जिले की पोहरी
विधानसभा
क्षेत्र में
कुल कितने
राजस्व ग्राम
है, जो
प्रधानमंत्री
सड़क तथा लोक
निर्माण विभाग
एवं अन्य
सुदूर सड़कों
से जुड़े है
तथा जो ग्राम
पक्की सड़कों
से नहीं जुड़े
है,
उनके न जुड़ने
का क्या कारण
है? जो
ग्राम राजस्व
ग्राम हैं, उनमें
पक्की एवं
सुदूर सड़कें बनाये
जाने हेतु
शासन की
क्या-क्या
कार्य योजना
है, ऐसे
ग्रामों को कब
तक पक्की, सुदूर
सड़कों से
जोड़ा जायेगा? सूची सहित
जानकारी दें। (ख) शिवपुरी
जिले में
सड़कों के
निर्माण हेतु
शासन ने वर्ष 2024-25 में
कितनी-कितनी
राशि, किन-किन
सड़कों को
किस-किस की
अनुशंसा पर
स्वीकृत की गई? विकासखण्डवार
जानकारी दी
जावे। (ग) विधानसभा
क्षेत्र
पोहरी में 01 अप्रैल, 2024 से किस-किस
योजना में
कौन-कौन सी
सड़कों के
निर्माण
कार्य, कितनी-कितनी
राशि के
स्वीकृत किये
गये तथा कितने
और कौन-कौन से
निर्माण
कार्य स्वीकृति
हेतु लंबित हैं? लंबित
निर्माण
कार्य कब-तक
स्वीकृत किये
जायेंगे? (घ) क्या
विधानसभा
क्षेत्र
पोहरी में
अतिवृष्टि से
खराब हुई
सड़कों का
सर्वे कर
मरम्मत करायी
गई है? यदि
हाँ, तो
कौन-कौन सी
सड़कें, कहां-कहां
पर, कितनी-कितनी
खराब पाई गयी
एवं किन-किन
सड़कों की
मरम्मत की गई? शेष
सड़कों की
मरम्मत कब तक
करायी जायेगी? (ड.) शिवपुरी
जिले में खेत
सड़क योजना
हेतु सरकार द्वारा
कोई योजना
बनायी जा रही
है? यदि
हाँ, तो
कब तक जानकारी
दें?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह पटैल
) :
(क) शिवपुरी
जिले की पोहरी
विधानसभा
क्षेत्र में
वर्ष 2001 की
जनगणना के
अनुसार कुल 350 राजस्व
ग्राम हैं, जिसमें से
कुल 296
राजस्व ग्राम
पक्की सड़क से
जुड़े हैं। शेष
राजस्व ग्राम
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क योजना-1 के
मापदण्डानुसार
अपात्र होने
के कारण योजना
से नहीं जोड़े
गये। मनरेगा
से प्राप्त
जानकारी के
अनुसार आयुक्त
मध्य प्रदेश
राज्य रोजगार
गारंटी परिषद
के पत्र
क्रमांक 844/एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस.-एम.पी./2025 भोपाल
दिनांक 27.05.2025 के माध्यम
से भारत सरकार
द्वारा जारी
किये गये
मार्गदर्शी
दिशा-निर्देशों
के तहत नवीन दिशा-निर्देश
जारी होने तक सुदूर
संपर्क/खेत
सड़क के नवीन
कार्य नहीं
लिये जाने है।
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना-IV हेतु जारी
दिशा-निर्देश
के अनुसार
जनगणना 2011 के आधार पर
सामान्य
विकासखण्ड
में 500 + एवं
आदिवासी
विकासखण्ड
एवं आकांक्षी
विकासखण्ड/जिले
में 250 + की
संपर्कविहीन
बसाहटों को
एकल संपर्कता
प्रदान किये जाने
की
कार्ययोजना
है। योजना
अंतर्गत
पोहरी
विधानसभा में 05 बसाहटों
का चिन्हांकन
किया गया है, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। पात्रता
एवं
प्राथमिकता
के सत्यापन
की कार्यवाही
प्रचलन में है।
मुख्यमंत्री
मजरा टोला सड़क
योजना हेतु 11 जुलाई, 2025 को
जारी
दिशा-निर्देश
अनुसार 100 + आबादी की
संपर्कविहीन
बसाहटों को
जोडे़ जाने की
कार्ययोजना
है। सर्वेक्षण
उपरांत
सत्यापन की
कार्यवाही प्रचलन
में है। पी.एम. जनमन
योजना हेतु
जारी दिशा-निर्देश
के अनुसार
अंतर्गत 100 से अधिक
आबादी के
बैगा/भारिया/सहरिया
जनजाति आबादी
को जोडे़ जाने
की
कार्ययोजना
है। उक्तानुसार
योजनाओं में
बसाहटों के
चिन्हांकन
एवं पात्रता
परीक्षण होने
के उपरांत स्वीकृति
किया जाना
संभव है। (ख) शिवपुरी
जिले में वर्ष
2024-25 में मध्यप्रदेश
ग्रामीण सड़क विकास
प्राधिकरण पी.एम.जनमन
योजनांतर्गत 80 मार्गों
की स्वीकृति
मापदण्डानुसार
पात्र होने पर
प्राप्त हुई
है, जिसका
विवरण जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''2'' अनुसार
है। मनरेगा
से प्राप्त
जानकारी के
अनुसार प्रश्नांकित
अवधि में
मनरेगा योजना
अंतर्गत
वित्तीय वर्ष 2024-25 अंतर्गत
सड़क निर्माण
के स्वीकृत
कार्यों की
विकासखण्डवार
स्वीकृत लागत
सहित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। कार्यों
का चिन्हांकन
ग्राम
पंचायत/विकासखण्ड
में दर्ज एस.ओ.पी.
के आधार पर
किया गया है। (ग) विधानसभा
क्षेत्र-24 पोहरी
अंतर्गत 01 अप्रैल-2024 से
पी.एम.-जनमन
हेतु 20
मार्गों की
स्वीकृति
प्राप्त हुई
है, जिसका
मार्गवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। पी.एम.-जनमन
बैच-1-2025-26
योजनांतर्गत
ए.बी.रोड से कोटका
व्हाया मजरा
नांद मार्ग
एवं
पी.एम.जी.एस.वाय.-4 बैच-1 अंतर्गत
पी.एम.जी.एस.वाय.
नौन्हेटा खुर्द
रोड से अहेरा
मार्ग का
प्रस्ताव
केन्द्र
सरकार को
प्रेषित है, स्वीकृति
अपेक्षित है। ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा से
प्राप्त
जानकारी के
अनुसार
मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क योजना
अंतर्गत 07 राजस्व
ग्रामों में
ग्रेवल कार्य
स्वीकृत किया
जाना है, उपलब्ध
आवंटन पूर्व
कार्यों के
लिये आबद्ध
होने से
कार्यों की
स्वीकृति की
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
मनरेगा से
प्राप्त
जानकारी के
अनुसार मनरेगा
योजना
अंतर्गत 01 अप्रैल, 2024 से
स्वीकृत
सडकों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''5'' अनुसार
है। आयुक्त
मध्य प्रदेश
राज्य रोजगार
गारंटी परिषद
के पत्र
क्रमांक 844/एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस.-एम.पी./2025 भोपाल
दिनांक 27.05.2025 के माध्यम
से भारत सरकार
द्वारा जारी
किये गये
मार्गदर्शी दिशा-निर्देशों
के तहत नवीन दिशा-निर्देश
जारी होने तक सुदूर
संपर्क/खेत
सड़क के नवीन
कार्य नहीं
लिये जाने हैं।
(घ) विधानसभा
क्षेत्र पोहरी
अंतर्गत
म.प्र. ग्रामीण
सड़क विकास
प्राधिकरण
द्वारा निर्मित
16 मार्ग
वर्ष 2025
में
अतिवृष्टि से
खराब/क्षतिग्रस्त
हुये थे, जिसमें से 02 मार्गों पर
संधारण कार्य
पूर्ण शेष 14 मार्गों पर
स्वीकृति
उपरांत कार्य
प्रगति पर है।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''6'' अनुसार है। ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा से
प्राप्त
जानकारी के
अनुसार
वित्तीय वर्ष 2025-26 में
अतिवृष्टि
खराब एवं मरम्मत
हेतु शेष
सड़कों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''7'' अनुसार है। (ड.) मनरेगा
से प्राप्त
जानकारी के
अनुसार जानकारी
शासन से
संबंधित है।
खेत
सड़क योजना का
क्रियान्वयन
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
24.
( *क्र. 194 ) श्री मोहन
सिंह राठौर : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या प्रश्नकर्ता
द्वारा अपने
पत्र क्रमांक 405, दिनांक 15.04.2025 द्वारा प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित
वर्ष में खेत
सड़क योजना अंतर्गत
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, जनपद
पंचायत
घाटीगांव, जिला
ग्वालियर को
प्रस्ताव
प्रेषित किया
गया था। उक्त
प्रस्ताव में
प्रस्तावित
सड़क वर्ष 2026-27 में
सम्मिलित की
गई है? यदि
हाँ, तो
कौन-कौन सी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या
वर्ष 2026-27
के लिये खेत
सड़क योजना के
प्रस्ताव
तैयार किये जा
रहे हैं? यदि हाँ, तो
विधानसभा
क्षेत्र
भितरवार में कितनी
सड़कों के
निर्माण का
प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो सूची
उपलब्ध
करायें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा पूछे गये
विधानसभा
तारांकित प्रश्न
क्रमांक 311, दिनांक 11 मार्च, 2025 के
उत्तर में
विधानसभा
क्षेत्र
भितरवार में 11 ग्रेवल सड़क
निर्माण हेतु
शामिल करने का
उत्तर दिया गया
था? यदि
हाँ, तो
कितनी सड़कों
के लिये कितनी-कितनी
राशि स्वीकृत
कर कार्य
प्रारंभ कर
दिये गये हैं? सड़कवार
जानकारी दें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ, पत्र
प्राप्त हुआ
है, परंतु
वित्तीय वर्ष 2026-27 की
कार्ययोजना
के निर्माण
हेतु भारत
सरकार के पत्र
क्रमांक G-31011/10/2025, दिनांक 26.09.2025 द्वारा
समय-सीमा निर्धारित
की गयी है। अतः
चाही गई
जानकारी
वर्तमान में
दी जाना संभव
नहीं है। (ख) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
हाँ। निरंक।
समय-सीमा बताना
संभव नहीं है।
शासकीय
आई.टी. कॉलेजों
का संचालन
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
कौशल विकास एवं
रोजगार)]
25.
( *क्र. 279 ) इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कौशल विकास
संचालनालय
भोपाल द्वारा
मध्यप्रदेश में
संचालित 05 शासकीय आई.टी.आई.
कॉलेज के
संचालन के
संबंध में कोई
आदेश प्रसारित
किया गया है? तो आदेश की
जानकारी
देवें तथा
संचालन के
संबंध में
संपूर्ण
जानकारी से
अवगत करायें। (ख) प्रश्न
(क) में वर्णित
यदि 05
शासकीय आई.टी.आई.
कॉलेज के
संचालन हेतु
आदेश जारी
किया गया है तो
वर्तमान में
इन शासकीय
कॉलेजों को
अन्य जिलों
में संचालन या
स्थापित करने
हेतु शासन स्तर
से कोई योजना
बनाई गई है? (ग) क्या
सागर संभाग
में संचालित
शासकीय आई.टी.आई.
कॉलेज, तेंदूखेड़ा
को सागर संभाग
में अन्यत्र
स्थापित
करने/संचालित
करने/ट्रेड को
अन्य आई.टी.आई.
कॉलेज में
स्थानांतरित
करने कोई
कार्यवाही/आदेश
जारी किया गया
है। (घ) क्या
शासकीय आई.टी.आई.
कॉलेज, तेंदूखेड़ा
को नगर पालिका
क्षेत्र
मकरोनिया में
स्थानांतरित
करने के संबंध
में शासन स्तर
से कोई
पत्राचार
किया गया है? यदि हाँ, तो नगर
पालिका
क्षेत्र
मकरोनिया में
शासकीय आई.टी.आई.
कॉलेज की
आवश्यकता को
ध्यान में
रखते हुए क्या
स्वीकृति
प्रदान की
जायेगी।
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार ( श्री
गौतम टेटवाल ) : (क) जी
नहीं, परम
फाउण्डेशन
को 05
शासकीय आई.टी.आई.
भवन को सौंपने
के संबंध में
कौशल विकास
संचालनालय
द्वारा पत्र
दिनांक 17.04.2025 जारी किया
गया है। पत्र
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है। संचालन
के संबंध में जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी
नहीं। (ग) जी
नहीं। (घ) जी
नहीं। शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
दादा
ईश्वरदास
रोहाणी खेल
परिसर का
लोकार्पण
[खेल एवं
युवा कल्याण]
1.
( क्र. 1 ) श्री अशोक
ईश्वरदास
रोहाणी : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दादा
ईश्वरदास
रोहाणी खेल
परिसर का जो
कुछ समय पहले
लोकार्पण
माननीय मुख्यमंत्री
जी के द्वारा
किया गया था, उसमें
कौन-कौन से
विधाओं के
खिलाड़ियों
को लाभ मिल
रहा है? (ख) क्या
दादा ईश्वरदास
रोहाणी खेल
परिसर की देख-रेख
हेतु शासन
द्वारा किसी
को नियुक्त
किया गया है? अगर हाँ, तो कृपया
जानकारी दें। (ग)
तीरंदाजी के
ऐसे कितने
खिलाड़ी है जो
कि इस खेल
परिसर में
प्रशिक्षण ले
रहे हैं?
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) रांझी, जबलपुर
स्थित स्व.
दादा ईश्वरदास
रोहाणी खेल
परिसर में
तीरंदाजी, एथलेटिक्स, क्याकिंग-कैनोइंग,रोइंग एवं
फुटबॉल खेल के
खिलाड़ियों को
लाभ प्राप्त
हो रहा है। (ख) जी
हाँ। दादा ईश्वरदास
रोहाणी खेल
परिसर की देख-रेख
का दायित्व
जिला खेल और
युवा कल्याण
अधिकारी,जबलपुर का
है। (ग)
तीरंदाजी
खेल के कुल 28 खिलाड़ी (14 बालक एवं 14 बालिका) प्रशिक्षण
प्राप्त कर
रहे है।
संबल
के
हितग्राहियों
को सहायता
राशि का
प्रदाय
[श्रम]
2. ( क्र.
2 ) श्री
अशोक ईश्वरदास
रोहाणी : क्या
श्रम मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जबलपुर
जिले में
कितने
श्रमिकों के
संबल कार्ड
बने हुए हैं?
(ख) मृत्यु
के उपरांत
मिलने वाली
अनुग्रह
सहायता राशि 2023 से 2025
वर्तमान तक
जबलपुर केंट
विधानसभा में
कितने
हितग्राहियों
के परिवार को
मिली है एवं
कितनों
परिवार को
मिलना बाकी है?
(ग) केंट
विधानसभा में
लंबित सहायता
राशि हितग्राहियों
के परिवार के
खातों में कब
भेजी जावेगी?
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जबलपुर
जिले में मुख्यमंत्री
जनकल्याण (संबल)
योजना
अंतर्गत कुल 4,79,261
पंजीकृत
श्रमिक हैं। (ख) मुख्यमंत्री
जनकल्याण (संबल)
योजना
अंतर्गत
जबलपुर कैंट
विधानसभा में
वर्ष 2023 से वर्ष 2025
वर्तमान तक
अनुग्रह
सहायता के
कुल 233
स्वीकृत
प्रकरणों में
भुगतान किया
गया है व अनुग्रह
सहायता के कुल 58 प्रकरण स्वीकृत
तथा डिजिटल
हस्ताक्षरित
कर भुगतान हेतु
स्वीकृत है। (ग) मुख्यमंत्री
जनकल्याण
संबल
योजनांतर्गत
अनुग्रह
सहायता भुगतान
एक सतत्
प्रक्रिया है,
योजनातर्गत
प्रत्येक
सिंगल क्लिक
कार्यक्रम
में स्वीकृत/डिजिटल
हस्ताक्षरित
प्रकरणों में
भुगतान मृत्यु
दिनांक के
क्रमानुक्रम
में बजट
उपलब्धता अनुसार
किया जाता है।
टीकमगढ़
जिले में शिकायतों
पर कोई
कार्यवाही न
होना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
3. ( क्र.
7 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
टीकमगढ़
जिलान्तर्गत
जनपद पंचायत
जतारा की ग्राम
पंचायत बरेठी
खास की विगत 05 वर्षों,
वर्ष 2021 से 2025 तक
कुल कितनी
शिकायतें
कलेक्टर
टीकमगढ़, जिला
पंचायत
टीकमगढ़ एवं
जनपद पंचायत
जतारा सहित
कमिश्नर सागर
संभाग को की
गई? विस्तृत
विवरण दें। (ख) प्रश्नांश
"क" में वर्णित
शिकायतों पर
क्या
कार्यवाही
किस-किस अधिकारी
द्वारा की गई?
विस्तृत
विवरण दें और
यदि
कार्यवाही
नहीं की गई या
जांच नहीं की
गई तो इसके
लिए कौन-कौन
कर्मचारी/अधिकारी
दोषी है? (ग) क्या
ग्राम पंचायत
बरेठी खास में
लगभग 10 से 15 करोड़
का घपला है
जिसका कोई
अभिलेख नहीं
है और न ही
मौके पर किसी
तरह का कार्य
किया गया है
उदाहरण
के लिये तालाब
निर्माण लोढ़
का पोरा 26.3.2021 स्टाप
डेम राका पठा
नाला 9.06.2021 स्प्रोच
रोड़ निर्माण,
मुख्य
सड़क से
मुक्तिधाम 5.11.20 स्टाप
डेम निर्माण
सुनार वाले
नाले पर 26.03.2021 इस
तरह लगभग 20 कार्य
प्रत्येक
कार्य औसत 14-15 लाख
लागत का है। इस
तरह करोड़ों
का घोटाला
किया गया इनकी
जांच कब तक
उच्च स्तर से
कराई जावेगी?
(घ) प्रश्नांश
(ग) में
वर्णित सरपंच
व सचिव के
विरूद्ध जांच
कर कब तक क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह पटैल
) : (क)
टीकमगढ़
जिले के जनपद
पंचायत जतारा
की ग्राम पंचायत
बरेठी खास की
विगत 5 वर्षों,
वर्ष 2021 से 2025 तक
कुल 7 शिकायतें
प्राप्त हुई
है, जिनका
विवरण पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
'अ'
अनुसार
है।
(ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
शिकायतों पर
की गई कार्यवाही
का विवरण
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
‘ब’
अनुसार है। पुस्तकालय
में
रखे
परिशिष्ट 'अ'
के
सरल क्र. 03 पर अंकित
शिकायत
दिनांक 20.11.2025 को
प्राप्त
होने से
शिकायत की
जांच हेतु
आदेश क्र. 5315
दिनांक 20.11.2025
द्वारा जांच
दल का गठन कर
दिया गया है। जो
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
'स'
अनुसार है। पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट 'अ'
सरल
क्र. 02 में
उल्लेखित
शिकायत के
जांच
प्रतिवेदन
अनुसार 3
निर्माण
कार्यों में
कार्य की
गुणवत्ता
असंतोषजनक
पाये जाने पर
कार्यालय
जिला पंचायत
टीकमगढ़ के
पत्र क्र 5311
दिनांक 20.11.2025 के
माध्यम से
सरपंच/सचिव
ग्राम रोजगार
सहायक एवं
उपयंत्री को
कारण बताओ
नोटिस जारी कर
07
दिवस में स्पष्टीकरण
चाहा गया है। (ग)
उल्लेखित
निर्माण
कार्यों की
जांच जनपद एवं
जिला स्तर से
कराई गई, जो
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
'द'
अनुसार है। जांच
प्रतिवेदन के
सरल क्र. 7 में
कार्य की
गुणवत्ता
असंतोषजनक
पाये जाने के
कारण संबंधित
सरपंच एवं
सचिव ग्राम
पंचायत बरेठी
खास को कारण बताओ
नोटिस जारी
किया गया है। (घ)
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत टीकमगढ़
के आदेश क्र 5246
दिनांक 16.11.2025 के
द्वारा सचिव
श्री बृजेन्द्र
खरे को
निलंबित किया
गया है पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
'अ'
में
सरल क्र. 03 पर
वर्णित
शिकायत की
जांच
प्रतिवेदन के
निष्कर्ष के
आधार पर
संबंधित
सरपंच एवं
सचिव के विरूद्ध
कार्यवाही की
जायेगी।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं।
जनपद
पंचायत टीकमगढ़
द्वारा किये
जा रहे नियम
विरूद्ध
कार्य
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
4.
( क्र. 8 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
में जिला
पंचायत एवं
जनपद पंचायत
के अधिकारी
कर्मचारियों
की उपस्थिति
दर्ज किये जाने
हेतु शासन के
क्या निर्देश
है, निर्देश
की प्रति
उपलब्ध
करावें? (ख) क्या
सार्थक ऐप से
कर्मचारियों
की उपस्थिति दर्ज
किये जाने
हेतु शासन
द्वारा
आनिवार्य किया
गया है यदि
नहीं, तो
टीकमगढ़ जनपद
पंचायत में ही
क्यों लागू है
अन्य जनपदों
में क्यों
नहीं? (ग) प्रश्नांश
"ख" में
वर्णित ऐप से
उपस्थिति
दर्ज न करने
वाले कितने
कर्मचारी है
क्या उनकी
वेतन कटौती की
गई सूची सहित
सी.ई.ओ. जनपद
पंचायत
टीकमगढ़ द्वारा
जारी समस्त
पत्रों की
प्रति उपलब्ध
करावें? (घ) क्या
जनपद पंचायत
टीकमगढ़
सी.ई.ओ. द्वारा
सचिवों के
वेतन आहरण में
मनमानी की जा
रही है? यदि नहीं, तो संलग्न
समस्त सचिवों
की माह जुलाई, अगस्त, सितम्बर व
अक्टूबर 2025 में
अनुपस्थित
रहने पर भी
वेतन जारी की
गई जबकि
संलग्न सचिव
ने एक दिन भी
उपस्थिति
दर्ज नहीं की
और उनकी
संपूर्ण वेतन
का भुगतान
सी.ई. ओ. जनपद
पंचायत
टीकमगढ़
द्वारा किया गया
सी.ई.ओ. के
मनमाने
आदेशों की
जांचकर क्या
कार्यवाही की
जायेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) मध्यप्रदेश
शासन सामान्य
प्रशासन
विभाग के
ज्ञापन
क्रमांक 172/315/1 (3)
/75 भोपाल
दिनांक 27 फरवरी 1975 में
प्रावधानित
किया गया है
कि कार्यालय
के संचालन के
लिये नितान्त
आवश्यक है कि
कार्यालय में
समय की पाबंदी
का कड़ाई से
पालन कराने के
लिये जिम्मेवार
अधिकारी वर्ग-3 एवं 4 श्रेणी के
कर्मचारियों
को उपस्थिति
पंजी में हस्ताक्षर
कराने के लिये
निर्देशित
करे। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। वर्तमान
परिप्रेक्ष्य
में इलेक्ट्रानिक्स
डिवाइस के
माध्यम से
कार्यालय में
उपस्थिति
दिये जाने से
नियंत्रण में
सुगमता हुई है।
(ख) जी नहीं। जनपद
पंचायत
टीकमगढ़
द्वारा
सार्थक एप में
कर्मचारियों
की उपस्थिति
को नवाचार के
रूप में किया
गया। टीकमगढ़
जिले की अन्य
जनपद
पंचायतों
द्वारा इस
प्रकार का
नवाचार नहीं
किया गया है। (ग)
सार्थक एप
में उपस्थिति
दर्ज नहीं
कराने वाले
कर्मचारी- (1) श्रीमती
उमा यादव, पंचायत
सचिव (2) श्रीमती
अनिता जैन, पंचायत
सचिव (3) श्री
मुकेश खरे, पंचायत
सचिव। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत
टीकमगढ़ द्वारा
वेतन आहरण में
कोई मनमानी
नहीं की जा रही
है, जनपद
पंचायत
टीकमगढ़ में संलग्न
सभी सचिवों की
कार्यालय में
उपस्थिति के
आधार पर ही
वेतन भुगतान
किया गया है। माह
जुलाई व अगस्त, में
उपस्थिति
पंजी/कार्यालय
में उपस्थिति
के आधार पर ही
वेतन भुगतान
की गई है व माह
सितम्बर व
अक्टूबर 25 में
सार्थक ऐप से
उपस्थिति
दर्ज की गई है
जिसमें से
केवल माह
सितम्बर में 3 संलग्न
सचिवों की
कार्यालय में
उपस्थिति न
होने पर वेतन
कटौत्रा की गई
है। उक्त
माहों में
संलग्न सचिव
कार्यालय
जनपद पंचायत
टीकमगढ़ में
पदस्थ थे। चूंकि
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत
टीकमगढ़ द्वारा
कोई मनमानी
सिद्ध नहीं
होती है इसलिए
जांच का प्रश्न
नहीं उठता। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
शासकीय
महाविद्यालय
सतवास में
बाउण्ड्रीवॉल
का निर्माण
[उच्च
शिक्षा]
5.
( क्र. 13 ) श्री
मुरली भँवरा : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शासकीय
महाविद्यालय
सतवास जिला
देवास के
परिसर में
बाउण्ड्रीवॉल
निर्माण हेतु
संबंधित
विभाग में
प्रक्रिया
प्रचलित हैं? (ख) यदि
हाँ, तो
उक्त बाउण्ड्रीवॉल
निर्माण
कार्य हेतु
प्रस्ताव
स्वीकृति, बजट
प्रावधान एवं
प्रशासकीय
स्वीकृति की
वर्तमान
स्थिति क्या
है? (ग) क्या यह
प्रकरण शासन
स्तर पर किस
विभाग/अधिकारी
के पास लंबित
है और इस
निराकरण हेतु
क्या-क्या
कार्यवाही की
गयी हैं? (घ) क्या
इस कार्य हेतु
तकनीकी
स्वीकृति एवं
वित्तीय
स्वीकृति
जारी की गयी
हैं। यदि हाँ, तो उसका
विवरण प्रदान
किया जाए? (ड.) क्या
उक्त निर्माण
कार्य के लिये
समय-सीमा निर्धारित
की गई हैं? यदि हाँ, तो
निर्माण
कार्य कब तक
प्रारंभ एवं
पूर्ण किया
जाना
प्रस्तावित
हैं?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
हाँ। (ख) कार्यवाही
प्रचलन में है।
अभी स्वीकृति
प्राप्त नहीं
है। (ग) जी नहीं, कार्यवाही
सतत् है। (घ) जी
नहीं, शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) जी
नहीं, शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता।
नवीन
कृषि महाविद्यालय
को आरंभ करने
हेतु प्रस्ताव
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
6.
( क्र. 16 ) श्री
मुरली भँवरा : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शासन द्वारा
ग्राम पंचायत
पुंजापुरा
जनपद पंचायत
बागली जिला
देवास में
नवीन कृषि महाविद्यालय
की स्थापना
हेतु कोई
प्रस्ताव
तैयार किया गया
हैं। (ख) यदि
नहीं, तो
इस दिशा में
प्रस्ताव
तैयार कर
स्वीकृति प्रदान
करने के लिए
शासन द्वारा
कौन-कौन से
चरण और
प्रक्रिया
निर्धारित
हैं।
किसान
कल्याण एवं कृषि
विकास मंत्री
( श्री ऐदल
सिंह कंषाना ) : (क) जी
नहीं। (ख) नवीन
महाविद्यालय
के संदर्भ में
विश्वविद्यालय
स्तर से
प्रस्ताव
प्राप्त
होने पर शासन
द्वारा
कार्यवाही की
जाती है।
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना से
निर्मित
सड़कें
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
7.
( क्र. 18 ) श्री
कुँवर सिंह
टेकाम : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सीधी
जिले के
विकासखंड
कुसमी एवं
मझौली अंतर्गत
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना से वर्ष
2020-21 से प्रश्न
दिनांक तक
कितने सड़कों
की स्वीकृति
प्रदान की गई
थी? सूची
उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में स्वीकृत
सड़कों में
कितनी सड़कों
का निर्माण कार्य
प्रारंभ करा
दिया गया है? सूची
उपलब्ध
करायें। कितनी
सड़कों का
निर्माण
कार्य
प्रारंभ नहीं
करा गया है? सड़कवार
कारण बतायें। (ग)
सीधी जिले के
अंतर्गत
महखोर से
कुसमी मार्ग
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना से सड़क
का निर्माण कब
कराया गया है? महखोर से
कुसमी मार्ग
पूरी तरह से
क्षतिग्रस्त
हो चुकी है
लेकिन मरम्मत/पुनर्निर्माण
का कार्य नहीं
कराया गया है
कारण बतायें। सड़क
का मरम्मत
एवं पुनर्निर्माण
कार्य कब तक
करा दिया
जावेगा? समय-सीमा
बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के
संदर्भ में
महखोर से
कुसमी मार्ग
में पूरी तरह
अतिक्रमण कर
लिया गया है, जिससे
आवागमन बाधित
है? अतिक्रमण
कब तक हटाया
जावेगा? समय-सीमा
बतायें। महखोर
से कुसमी
मार्ग को
माननीय मुख्यमंत्री
जी के द्वारा
एम.डी.आर.
घोषित किये
जाने की घोषणा
की गई थी? कब तक
एम.डी.आर.
घोषित कर सड़क
का निर्माण
कार्य कराया
जायेगा? समय-सीमा
बतायें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) सीधी
जिले के विकासखण्ड
कुसमी एवं
मझौली
अंतर्गत
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना
अंतर्गत वर्ष 2020-21 से प्रश्न
दिनांक तक PMGSY-III के
अंतर्गत 05 मार्ग एवं
पीएमजनमन
योजना
अंतर्गत 38 मार्ग इस
प्रकार कुल 43 मार्गों की
स्वीकृति
प्राप्त है। सड़कवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में स्वीकृत
कुल 43
मार्गों में
से 05
मार्गों का
कार्य पूर्ण
हो चुका है, 22 मार्ग
निर्माणाधीन
है एवं 16 मार्गों का
कार्य
अप्रारंभ है। सड़कवार
सूची एवं
कार्य
प्रारंभ न
होने से संबंधित
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में
उल्लेखित
मार्ग महखोर
से कुसमी के
अंतर्गत
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना द्वारा
निर्मित 02 मार्ग आते
है, जिनका
विवरण
निम्नानुसार
है:- कमचड़ (महखोर)
से भदौरा, लंबाई 3.44 कि.मी.
मार्ग के मूल
पैकेज MP41106 का
निर्माण
कार्य दिनांक 10.04.2009 को पूर्ण
कराया गया। मार्ग
में भारी
वाहनों के
आवागमन के
कारण मार्ग के
अपग्रेडेशन
का कार्य
पैकेज
क्रमांक MP41UPG02 के
अंतर्गत
दिनांक 15.05.2015 को पूर्ण
कराया गया। डीएलपी
अवधि पूर्ण
होने के
उपरांत पैकेज
क्र.MP41MTN117
के अंतर्गत
संविदाकार
द्वारा
संधारण न करने
से अनुबंध
निरस्त किया
गया है। कुसमी
से भदौरा, लंबाई 27.70 कि.मी. इस
मार्ग का
निर्माण
कार्य दिनांक 15.05.2012 को पूर्ण
कराया गया था।
वर्तमान में
मार्ग संधारण
के पैकेज
क्रमांक MP41PTN056 के
अंतर्गत
संधारित है, मार्ग का
संधारण कार्य
नियमित रूप से
कराया जा रहा
है। (घ) प्रश्नांश (ग) में
उल्लेखित
महखोर से
कुसमी मार्ग में
कोई स्थाई
अतिक्रमण
नहीं किया गया
है। अस्थाई
रूप से कुछ
स्थानों पर
मार्ग के
सोल्डर में
बाड़ी लगाकर
अतिक्रमण
किया गया था, जो
संज्ञान में
आने पर हटवा
दिया गया है। वर्तमान
में मार्ग पर
आवागमन
अबाधित
संचालित है। लोक
निर्माण
विभाग से
प्राप्त
जानकारी के अनुसार
महखोर से
कुसमी मार्ग
लम्बाई 30.00 किमी के
माननीय
मुख्यमंत्री
जी के द्वारा
एमडीआर घोषित
किये जाने की
घोषणा
क्रमांक 0655 दिनांक 15/05/2025 को की गई है।
एमडीआर घोषित
करने का
प्रस्ताव
कार्यपालन यंत्री
सीधी के पत्र
क्रमांक 3437/तक/2025-26 सीधी
दिनांक 11/11/2025 के द्वारा
कलेक्टर जिला
सीधी की ओर
प्रेषित किया
गया है।
सीधी
जिले में स्वीकृत
निर्माण
कार्य की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
8.
( क्र. 19 ) श्री
कुँवर सिंह
टेकाम : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सीधी
जिले के अंतर्गत
कलेक्टर सीधी
के प्रशासकीय
स्वीकृति क्रमांक-2177 दिनांक 22.09.2023 में
स्वीकृत
निर्माण
कार्यों की
कार्य एजेंसी
ग्रामीण
यांत्रिकीय
सेवा संभाग
सीधी को बनाया
गया था, जिसमें
कितने
निर्माण
कार्यों की
प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी की गई थी? कार्यों
की सूचीमय
स्वीकृत राशि
सहित जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क)
के
संदर्भ में
स्वीकृत
निर्माण
कार्यों में ग्रामीण
यांत्रिकीय
सेवा संभाग
सीधी द्वारा
कितने
निर्माण
कार्यों को
पूर्ण कराया
जा चुका है? सूची
उपलब्ध
करायें। कितने
कार्य अपूर्ण
हैं, कब
तक पूर्ण करा
दिये जायेंगे? समय-सीमा
बतायें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में ग्रामीण
यांत्रिकीय
सेवा संभाग
सीधी द्वारा
बिजौर नदी पर
पुल/रपटा का
निर्माण एवं
मवई नदी पर
पुल का निर्माण
कार्य पूर्ण
रूपेण
क्षतिग्रस्त
हो गया है? यदि हाँ, तो
जानकारी
उपलब्ध
करायें। प्रश्न
दिनांक तक क्षतिग्रस्त
पुल/रपटों का
निर्माण
कार्य नहीं
कराया गया है? तो क्यों कारण
बतायें? क्षतिग्रस्त
पुल/रपटों का
पुनर्निर्माण
कब तक करा
दिया जायेगा? समय-सीमा
बतायें। (घ) प्रश्नांश
(ग) के संदर्भ
में ग्रामीण
यांत्रिकीय
सेवा विभाग
द्वारा
निर्मित
बिजौर नदी पर
पुल/रपटा व
मवई नदी पर
पुल एक वर्ष
के अन्दर पूरी
तरह से क्षतिग्रस्त
होने संबंधी
शिकायतें
विभाग को
प्राप्त हुई
है? यदि
हाँ, तो
कौन-कौन से
अधिकारी दोषी
हैं? दोषी
अधिकारियों
पर क्या
कार्यवाही की
गई है? यदि
कार्यवाही
नहीं गई है तो
कारण बतायें? कब तक
दोषियों के
विरुद्ध कार्यवाही
की जायेगी
समय-सीमा
बतायें? शासन की
कितनी राशि का
दुरुपयोग हुआ
है? क्या
उस राशि को
वसूल की
जायेगी? यदि हाँ, तो
समय-सीमा बतायें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। कार्यों
की सूची संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
उत्तरांश (ख) के
संदर्भ में
उल्लेखित
कार्य दुबरी
से चिन्गवाह
मार्ग में
बिजौर नदी पर
पुल/ रपटा
निर्माण
कार्य
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा द्वारा
कराया गया था
जो
क्षतिग्रस्त
हो गया है।
मवई नदी पर
पुल निर्माण
कार्य की स्वीकृति
प्रश्नांश
(क) में अंकित
पत्र में
शामिल नहीं
है। यद्यपि इस
पुल का
निर्माण भी
क्षतिग्रस्त
हो गया है।
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा अंतर्गत
क्षतिग्रस्त
पुल/रपटा
निर्माण
कार्य कराये
जाने की कोई
योजना नहीं
होने से
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) जी हाँ। शिकायत
प्राप्त
होने पर शासन
स्तर से जांच
करायी जाकर
म.प्र. शासन, पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग
के आदेश पृ. क्र.
371/2587560/2025/22/
वि-5/स्था/भोपाल
दिनांक 26.03.2025 द्वारा
कार्य अवधि
में पदस्थ
अभियंताओं
श्री हिमांशु
तिवारी
कार्यपालन
यंत्री, श्री ए.के.
द्विवेदी सहायक
यंत्री श्री
बृजेन्द्र
सिंह सहायक
यंत्री के
विरूद्ध
विभागीय जांच
प्रचलन में है
एवं श्री
राकेश सिंह
उपयंत्री (संविदा)
के विरूद्ध
जिला स्तर से
कार्यवाही
प्रचलन में है।
विभागीय जांच
एक अर्द्ध-न्यायिक
स्वरूप की
कार्यवाही
होने से
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
सहकारिता
सेक्टर की
प्रगति
[सहकारिता]
9.
( क्र. 30 ) डॉ.
चिंतामणि
मालवीय : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) माननीय
केंद्रीय सहकारिता
मंत्री
द्वारा
सहकारिता के
नए आयाम खोलने
के लिए जो
दिशा निर्देश
दिए थे उन दिशा
निर्देशों के
संबंध में
क्या
कार्यवाही की गई।
(ख) पर्यटन, चिकित्सा
तथा अन्य क्षेत्रों
में जो
सहकारिता
सेक्टर खोलना
था उसकी
प्रगति से
अवगत करावें।
सहकारिता
मंत्री ( श्री विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) विवरण
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) पर्यटन
को सहकारी
क्षेत्र के
माध्यम से
विस्तार देने
के लिए
प्रथमत: जिलों
में 50
पर्यटन
सहकारी
संस्थाओं का
गठन होने के
बाद राज्य
पर्यटन संघ को
पंजीकृत किया
गया। इस संघ
ने श्योपुर
जिले से कूनों
नामक स्थल पर
पर्यटन
शुरूआत की है।
चिकित्सा
क्षेत्र के
अन्तर्गत
प्रदेश की पैक्स
द्वारा
वर्तमान में 62 जनऔषधि
केन्द्रों का
संचालन किया
जा रहा है।
अन्य
क्षेत्रों
जैसे- श्री
अन्न (मिलेट), सौर उर्जा, वस्त्र
व्यवसाय सहित
स्थानीय
उत्पादकों को
बढ़ावा देने
के लिए
विभागीय
नवाचार के
माध्यम से
अनेक सहकारी
संस्थाओं
द्वारा नवीन
कार्य
व्यवसाय
प्रारंभ किए
गए है। प्रदेश
की राज्य
स्तरीय
नवाचार
प्रकोष्ठ के माध्यम
से सहकारिता
क्षेत्र में
नए आयामों का
निरंतर
पर्यवेक्षण
किया जा रहा
है। कृषकों की
सुविधा विस्तार
को महत्व देते
हुए 629
नवीन बहुउद्देशीय
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
संस्थाओं का
गठन किया गया
है।
माननीय
मुख्यमंत्री
जी की घोषणा
का
क्रियान्वयन
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
10.
( क्र. 46 ) श्री
घनश्याम
चन्द्रवंशी : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनांक
12/01/2025 को माननीय
मुख्यमंत्री
महोदय द्वारा
पोलाय कलाँ उप
कृषि उपज मंडी
को मुख्य मंडी
का दर्ज दिया
जाने कि घोषणा
की गई थी? (ख) उक्त
संबंध में अब
तक क्या
कार्यवाही कि
गई? (ग) पोलाय
कलाँ उप मंडी
को मुख्य उप
कृषि मंडी का दर्जा
कब तक दिया
जायेगा?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी, हाँ। (ख) कार्यवाही
प्रचलन में है।
(ग) उत्तरांश (ख)
के परिप्रेक्ष्य
में
निर्देशानुसार
आगामी
कार्यवाही की
जावेगी।
ग्राम
पंचायतों में सुदूर
सड़क योजना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
11.
( क्र. 47 ) श्री
घनश्याम
चन्द्रवंशी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
ग्रामों में रहने
वाले किसानों
और आबादी
क्षेत्रों के
लिए सुदूर सड़क
अंतर्गत
ग्रेवल सड़कों
का निर्माण
करने हेतु
राशि दी जाती
थी? (ख) वर्तमान
में यह योजना
किस स्तर पर
संचालित है यदि
हाँ, तो? (ग) ग्राम
पंचायतों को
कितना फंड
दिया जा रहा
है? (घ) यदि नहीं, तो कब तक यह
योजना
प्रारंभ करने
की शासन की
योजना है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) सुदूर
सड़क निर्माण
हेतु रोजगार
की मांग होने
पर विगत
वर्षों से
स्वीकृति की
अनुमति है। वित्तीय
वर्ष 2024-25
में जिलों
द्वारा श्रम
सामग्री
अनुपात का संधारण
न करने, कृषि
आधारित
कार्यों की
स्वीकृति तथा
एनआरएम
कार्यों पर
व्यय नरेगा के
वार्षिक मास्टर
परिपत्र
अनुसार न होने
एवं पूर्व वर्षों
के लंबित
भुगतान को
दृष्टिगत
रखते हुये विभाग
के पत्र
क्रमांक 2258 दिनांक 01.07.2024 पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार सुदूर
सड़क में
मात्र मजदूरी
दिये जाने के
निर्देश जारी
किये गये, किंतु
ग्राम
पंचायतों एवं
जनप्रतिनिधियों
की मांग को
दृष्टिगत
रखते हुये
विभाग के पत्र
क्रमांक 5191 दिनांक 19.11.2024 पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'ब' के बिंदु
क्रमांक 3 के अनुसार ग्राम
पंचायतों में
सुदूर सड़क में
सामग्री
अनुमत करते
हुये जिलों को
स्वीकृति की
अनुमति दी गई।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत
सरकार
ग्रामीण
विकास विभाग
का पत्र क्रमांक
J-11017/01/2025-RE-VII
दिनांक
20.05.2025
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-स
अनुसार दिये गये
दिशा-निर्देशों
के पालन में
परिषद के पत्र
क्रमांक 844 दिनांक 27.05.2025 पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-द अनुसार नवीन सड़क
नहीं लिए जाने
के निर्देश
प्रसारित
किये गये। जाबकार्डधारियों
द्वारा
रोजगार की
मांग होने पर
प्रगतिरत
कार्यों में
उपलब्ध मानव
दिवस तथा
रोजगार दिये
जाने हेतु
आवश्यक मानव
दिवस को देखते
हुये नवीन
कार्य ग्राम
पंचायत
द्वारा
प्रारंभ किये
जाते है। (ख) वार्षिक
मास्टर
परिपत्र के
बिंदु
क्रमांक 7.7 (छ) पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ई
अनुसार दिये गये दिशा
निर्देश
अनुसार
संचालित है। (ग) मनरेगा
योजना
अंतर्गत फण्ड
देने का
प्रावधान
नहीं है। जाबकार्डधारियों
द्वारा रोजगार
की मांग होने
पर प्रगतिरत
कार्यों में
उपलब्ध मानव
दिवस तथा
रोजगार दिये
जाने हेतु
आवश्यक मानव
दिवस को देखते
हुये नवीन
कार्य ग्राम पंचायत
द्वारा
प्रारंभ किये
जाते है। (घ) वित्तीय
वर्ष 2025-26
में भारत
सरकार
ग्रामीण
विकास विभाग
का पत्र क्रमांक J-11017/01/2025-RE-VII
दिनांक
20.05.2025
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-स
अनुसार दिये गये
दिशा-निर्देशों
के पालन में
परिषद के पत्र
क्रमांक 844 दिनांक 27.05.2025 पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-द
अनुसार नवीन सड़क
नहीं लिए जाने
के निर्देश
प्रसारित
किये गये। जाबकार्डधारियों
द्वारा
रोजगार की
मांग होने पर
प्रगतिरत
कार्यों में
उपलब्ध मानव
दिवस तथा
रोजगार दिये
जाने हेतु
आवश्यक मानव
दिवस को देखते
हुये नवीन
कार्य ग्राम पंचायत
द्वारा
प्रारंभ किये
जाते है।
विभिन्न
ग्रामीण
योजनाओं की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
12.
( क्र. 59 ) डॉ. राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
केंद्र/राज्य
प्रवृत्तित
योजना
अंतर्गत
जावरा एवं पिपलोदा
विकासखंड
अंतर्गत
प्रधानमंत्री
सिंचाई योजना, वाटरशेड
योजना एवं जल
गंगा अभियान
के तहत माध्यम
से वर्ष 2023- 24 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक
अनेक कार्य
किए गए? (ख) यदि
हाँ, तो
उपरोक्त
उल्लेखित
वर्षों के
अंतर्गत प्रश्न
अंतर्गत
उल्लेखित
तीनों
योजनाओं के
माध्यम से
किन-किन ग्राम
पंचायत के
किस-किस ग्राम
में
कितनी-कितनी
लागत के
किस-किस
प्रकार के कार्य
किए गए? ग्राम
पंचायतवार, ग्रामवार
जानकारी दें? (ग) कार्य
क्रियान्वयन
हेतु किस-किस
वर्ष में किस
दिनांक को
स्वीकृति दी
जाकर किन-किन
स्थानों पर
कार्य
प्रारंभ हुए
एवं कार्य
पूर्ण हुए? साथ ही
अपूर्ण कार्य
एवं प्रारंभ
कार्य किन-किन
कारणों से शेष
रहे एवं कब
पूर्ण होंगे
तथा कब
प्रारंभ
होंगे? संपूर्ण
जानकारी दें? (घ) कार्यों
की स्वीकृति
के पश्चात
वित्तीय
स्वीकृति दी
जाकर
कितनी-कितनी
राशि का आवंटन
हुआ, कितना
भुगतान हुआ, कितना
भुगतान शेष
रहा? कार्यों
की विलंबता
एवं अपूर्णता
की लापरवाही
एवं गुणवत्ता
विहीन
कार्यों को
किए जाने की स्थिति
में शासन/विभाग
द्वारा
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ)
कार्यों की
स्वीकृति
एवं भुगतान
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। किये गये
कार्यों में
विलंबता एवं
अपूर्णता नहीं
हुई है एवं
कार्य गुणवत्ता
विहीन नहीं है।
अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
महर्षि
वैदिक विश्वविद्यालय
में व्याप्त
अनियमितताओं
की जांच
[उच्च
शिक्षा]
13.
( क्र. 62 ) श्री
विवेक विक्की
पटेल : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
महर्षि महेश
योगी वैदिक विश्वविद्यालय
को विश्वविद्यालय
अनुदान आयोग
द्वारा डिफॉल्टर
घोषित किया
गया है यदि
हाँ, तो
किन कमियों
एवं किन
दस्तावेजों
की पूर्ति करने
हेतु समय दिया
गया है
संबंधित
समस्त सुसंगत
दस्तावेज विश्वविद्यालय
की प्रायोजक
निकाय के नाम
एवं
रजिस्ट्रेशन
कॉपी सहित
उपलब्ध
करायें। (ख) मध्यप्रदेश
शासन उच्च
शिक्षा विभाग
मंत्रालय
क्रमांक 880 /212 /सीसी 2024 /38 - भोपाल
दिनांक 12/09/2025 अवर सचिव
द्वारा
हस्ताक्षरित
जारी पत्र पर
क्षेत्रीय
अतिरिक्त
संचालक उच्च
शिक्षा
जबलपुर संभाग
जबलपुर
द्वारा उच्च
शिक्षा विभाग
मंत्रालय को
प्रस्तुत संपूर्ण
जाँच
प्रतिवेदन
समस्त सुसंगत
दस्तावेजों
सहित उपलब्ध
करायें। यदि
कोई
कार्यवाही
नहीं की गई है
तो क्यों स्पष्टीकरण
सहित संपूर्ण
जानकारी
कितनी
समय-सीमा में
उपलब्ध कराई
जाएगी।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
हाँ, विश्वविद्यालय
द्वारा
जानकारी अपनी
वेबसाईट पर अपलोड
की गई है। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) प्रतिवेदन
अप्राप्त है।
स्मरण पत्र
जारी किया गया
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
खाद
के खरीदी हेतु
बजट की
जानकारी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
14.
( क्र. 67 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में वर्ष 2022 से 2025 तक विभाग
ने किसानों को
सरकारी दर पर
खाद उपलब्ध
कराने हेतु
कितना बजट रखा
है। वर्ष
अनुसार
जानकारी दी
जाए। (ख) प्रश्नांश
(क) के सबन्ध
में वर्ष 2022 से 2025 तक कितने
टन खाद खरीदी
गई और प्रति
जिले कितने टन
खाद का वितरण
किसानों को
हुआ। जानकारी
प्रदान करें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) म.प्र. शासन
द्वारा खाद
भण्डारण पर
ब्याज
अनुदान योजना
हेतु बजट
प्रावधान जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 1
अनुसार
है। (ख) उर्वरकों
पर भारत सरकार
द्वारा
अनुदान दिया जाता
है। इसलिए उक्तावधि
में खरीदी की
जानकारी
निरंक है। शेष
प्रश्नांश
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 2 अनुसार है।
वाल्मी
संस्था चन्दनपुरा
भोपाल का
राजस्व
अभिलेख में
कब्जा
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
15.
( क्र. 77 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भोपाल
जिले के
चन्दनपुरा
ग्राम के किस
खसरा नम्बर का
कितना रकबा जल
संसाधन विभाग
कलियासोत
परियोजना
भोपाल ने किस
पत्र क्रमांक
दिनांक से
विभाग की
वाल्मी
संस्था को
सौंपा, वर्तमान
में किस खसरा
क्रमांक के
कितने रकबे पर
संस्था ने
कब्जा कर
राजस्व
अभिलेख में
संस्था का नाम
दर्ज करवा
लिया है। (ख) भू-स्वामी
हक में दर्ज
भूमि को
विधिवत
अर्जित किए
बिना संस्था
के द्वारा किस
प्रावधान के अनुसार
अपने कब्जे
में लेकर बाउण्ड्रीवॉल
का निर्माण
करवाया है, बिना
अर्जित किए
भू-स्वामी हक
की भूमि के
किस खसरा
नम्बर के
कितने रकबे पर
संस्था ने अपना
नाम दर्ज
करवाया है। (ग) भू-स्वामी
हक की जिस
भूमि को प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
अर्जित नहीं
किया उस भूमि
को
बाउन्ड्रीवॉल
से बाहर कर कब
तक संस्था
राजस्व
अभिलेखों से
अपना नाम
कटवाकर कब्जा
भू-स्वामी को
सौंपेगा समय-सीमा
सहित बताया
जाए।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) से (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
शिकायत
की जांच
[खेल एवं
युवा कल्याण]
16.
( क्र. 82 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा लिखे
गये पत्र पर
माननीय खेल
एवं युवक कल्याण
मंत्री
द्वारा अपने
पत्र क्र. 1218 दिनांक 10.07.2025 से संचालक, खेल एवं
युवक कल्याण
को जाँच हेतु
लिखा गया था? (ख) क्या
उक्त शिकायत
के संबध में
जांच की गयी।
यदि हाँ, तो कब एवं
किसके द्वारा
तथा जांच में
कौन से तथ्य
प्रकाश में
आये।
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
हाँ। पुलिस
अधीक्षक, नर्मदापुरम
द्वारा
प्रस्तुत
जाँच प्रतिवेदन
दिनांक 17.11.2025 के अनुसार
खिलाड़ियों की
वास्तविक
जन्मतिथि, शिक्षा
पोर्टल पर उपलब्ध
जन्मतिथि, हॉकी फीडर
सेंटर की सूची
पर दर्ज
जन्मतिथि एवं
जिला खेल और
युवा कल्याण
अधिकारी
नर्मदापुरम की
सूची में दर्ज
जन्मतिथि में
भिन्नता होने एवं
प्रमाणिक
दस्तावेजों
का कार्यालय
में उपलब्ध
नहीं होने से
जिला खेल और
युवा कल्याण अधिकारी
की
त्रुटि/लापरवाही
पाई गई है। शिकायत
प्राप्त होते
ही विभाग
द्वारा श्री कन्हैया
गुरयानी को
जुलाई 2025 में फीडर
सेंटर, इटारसी के
प्रशिक्षक के
पद से हटा
दिया गया है। पुलिस
अधीक्षक, नर्मदापुरम
से प्राप्त
जाँच
प्रतिवेदन के
आधार पर
संचालनालय
द्वारा जिला
खेल और युवा
कल्याण
अधिकारी, नर्मदापुरम
से
स्पष्टीकरण
प्राप्त कर
अग्रिम
कार्यवाही की
जायेगी।
कृषि
महाविद्यालय
हेतु हॉस्टल
एवं बस सुविधा
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
17.
( क्र. 105 ) श्री
ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विधानसभा
सत्र जुलाई 2024 के
तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 138, दिनांक 01/07/2024 में प्रश्नकर्ता
द्वारा पन्ना
जिले में संचालित
कृषि
महाविद्यालय
हेतु हॉस्टल
एवं बस सुविधा
उपलब्ध कराने
के संबंध में
पूछे गए प्रश्न
के उत्तर में
माननीय
मंत्री जी
द्वारा आगामी
बजट आवंटन
प्राप्त होने
पर भवन, हॉस्टल
एवं बस सुविधा
छात्र-छात्राओं
को उपलब्ध हो
सकेगी से अवगत
कराया गया था।
डेढ़ वर्ष का
समय व्यतीत हो
जाने के बाद
भी प्रश्न
दिनांक तक
उक्त सुविधा
उपलब्ध क्यों
नहीं कराई गई? कारण
बतावे? (ख) क्या
वर्तमान में
भी कई छात्र-छात्राओं
द्वारा हॉस्टल
एवं बस सुविधा
न होने कारण
अन्य कालेज में
स्थानांतरण
हेतु आवेदन
किया गया है
अथवा उनका
स्थानांतरण
किया जा चुका
है यदि हाँ, तो कब तक
छात्र-छात्राओं
को हॉस्टल एवं
बस सुविधा
उपलब्ध कराई
जावेगी? जिससे
सुविधा के
अभाव में हो
रहे स्थानांतरण
रूक सके।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी
हाँ। कृषि
महाविद्यालय
जिला पन्ना
अनावर्ती मद
से राशि रूपये
5190.35 लाख जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 1 अनुसार है।
शासन
से स्वीकृत
हुए थे। इस स्वीकृत
बजट में
वाहनों हेतु
राशि रूपये 47.50 जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 2 अनुसार है।
लाख का
प्रावधान रखा
गया था। आज
दिनांक तक
राशि रूपये 500.00 लाख जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 3
अनुसार
प्रदान
की गई है। जिसमें
महाविद्यालय
के प्रथम फेस
का निर्माण
कार्य कराया
जा रहा है। 40 सीटर बस
हेतु जेम पोर्टल
से बस के
तकनीकी स्पेसिफिकेशन
प्राप्त कर
लिए गए है। (ख) जी
नहीं। पूर्व
में छात्राओं
को कस्तूरबा
गांधी
छात्रावास
जिला पन्ना
आंवटित किया
गया था। वर्तमान
में 03
कमरे
छात्राओं के
लिए उपलब्ध
है, जिनका
उपयोग
छात्राओं
द्वारा किया
जा रहा है। वर्तमान
शिक्षण सत्र
में किसी भी
छात्रा का स्थानातंरण
नहीं किया गया
है। शेष का
प्रश्न ही उद्भूत
नहीं होता है।
सिविल
एवं मैकेनिकल
ब्रांच के पद
की स्वीकृति
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
तकनीकी
शिक्षा)]
18.
( क्र. 106 ) श्री
ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह : क्या
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पन्ना
जिले के
पॉलिटेक्निक
कॉलेज में
सिविल एवं
मैकेनिकल
ब्रांच की
स्वीकृति कब
प्रदाय की गई
थी? क्या
उक्त ब्रांच
से संबंधित पद
पॉलिटेक्निक
कॉलेज में
स्वीकृत है? यदि हाँ, तो
स्वीकृति कब
प्रदाय की गई? (ख) यदि
नहीं, तो
क्यों? कॉलेज में
सिविल और मैकेनिकल
ब्रांच के
छात्रों के
अध्यापन हेतु
क्या
व्यवस्था की
गई है? कब
तक सिविल एवं
मैकेनिकल
ब्रांच के पद
स्वीकृत किये
जावेंगे?
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) पॉलिटेक्निक
महाविद्यालय, पन्ना
में सिविल
इंजीनियरिंग
एवं मैकेनिकल
इंजीनियरिंग
पाठयक्रमों
को प्रारंभ
किये जाने की
अनुमति अखिल
भारतीय
तकनीकी
शिक्षा परिषद, नई दिल्ली
से प्राप्त
किये जाने
हेतु स्वीकृति
दिनांक 23 नवम्बर, 2016 को जारी की
गई। जी नहीं।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) स्वीकृति
के समय इन
पाठयक्रमों
के लिये पद
निर्माण पृथक
से किये जाने
का लेख किया
गया था। महाविद्यालय
में सिविल
इंजीनियरिंग
एवं मैकेनिकल
इंजीनियरिंग
पाठ्यक्रम
शैक्षणिक सत्र
2022-23 से
प्रारंभ कर, समीपस्थ
स्थित तकनीकी
महाविद्यालयों/संस्थानों
से छात्रों के
अध्यापन
हेतु व्यवस्था
की गई है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं।
संविदा
कर्मचारियों
को मुख्य
कार्यपालक
अधिकारी
बनाया जाना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
19.
( क्र. 110 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 548, दिनांक 28/07/25 के प्रश्नांश (ड.) में
उल्लेखित
जांच
प्रतिवेदन की
प्रति उपलब्ध
करावें। क्या
विभाग के
संज्ञान में
है कि श्री
ललित मोहन
बेलवाल के खिलाफ
लोकायुक्त
में जांच
प्रकरण तथा
ई.ओ.डब्ल्यू.
में आपराधिक
प्रकरण दर्ज
है। यदि हाँ, तो
शिकायतकर्ता
का नाम तथा
प्रकरण
क्रमांक, दिनांक की
जानकारी दें
तथा इस संदर्भ
में लोकायुक्त
तथा
ई.ओ.डब्ल्यू.
से प्राप्त
पत्रों तथा
उत्तरों की
प्रतियां, भेजे गए
तथा प्राप्त समस्त
दस्तावेज
सहित जानकारी
देवें। (ख) क्या
आजीविका मिशन
में संविदा पर
आए कर्मचारियों
को मुख्य
कार्यपालक
अधिकारी
बनाया जा सकता
है? यदि
हाँ, तो
इस संदर्भ में
आदेश परिपत्र
की प्रति देवें
तथा बतावें की
मुख्य
कार्यपालिका
अधिकारी के
वित्तीय
अधिकार
क्या-क्या है
तथा इसके तहत
बेलवाल ने
संविदा अवधि
में क्या-क्या
निर्णय लिए
सारे निर्णय
आदेश की
प्रतियां
दस्तावेज
सहित उपलब्ध
करावें। (ग) संविदा
पर अधिकारी की
नियुक्ति और
उसके कार्यकाल
को बढ़ाने या
न बढ़ाने
संबंधी
क्या-क्या निर्देश
है, उनकी
समस्त
प्रतिया
देवें तथा
बतावें कि
सुषमा रानी
शुक्ला
तत्कालीन
राज्य परियोजना
प्रबंधक के
पक्ष में
जबलपुर
हाईकोर्ट के आदेश
दिनांक 24 अप्रैल 2025 के खिलाफ
अगले सक्षम
उच्च
न्यायालय में
अपील क्यों
नहीं की गई। क्या
विधि विभाग से
इस संदर्भ में
राय ली गई।
यदि हाँ, तो, विधी
विभाग से किये
गए पत्राचार
तथा प्राप्त
उत्तर की
प्रति देवें। (घ) सुषमा
रानी शुक्ला
का कार्यकाल
नहीं बढ़ाने संबंधी
विभागीय आदेश 9/4/25 तथा शासन
द्वारा जारी 22.07.2023 के
परिपत्र की
प्रति देवें
तथा माननीय
उच्च न्यायालय
के आदेश पर
उन्हें किए गए
भुगतान की माह
अनुसार मद
अनुसार
अक्टूबर 2025 तक की
जानकारी दें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) से (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
समाजों
के बोर्ड गठन हेतु
दिशा निर्देश
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
कौशल विकास एवं
रोजगार)]
20.
( क्र. 111 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2023 में
किस-किस समाज
के बोर्ड
मात्र दो वर्ष
के लिए क्यों
बनाये गये थे? इस संबंध
में जारी
समस्त आदेश की
प्रतियां देवे।
धर्म तथा जाति
के नाम पर
समाज के बोर्ड
बनाने के पीछे
क्या
उद्देश्य था? बोर्ड गठन
के संबंध में
जारी दिशा
निर्देश की
प्रति दे तथा
बतावे की
बोर्ड का
कार्यकाल 2 वर्ष,आदेश की
दिनांक से या
मंत्रिपरिषद
द्वारा
कार्योत्तर
स्वीकृति की
दिनांक से
माना जाएगा। इस
संदर्भ में
जारी परिपत्र
की प्रति
देवें। (ख) 2023 में गठित
प्रत्येक
समाज के बोर्ड
को वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक कितना
कितना बजट
किस-किस कार्य
के लिए आवंटित
किया गया? किस-किस
समाज के बोर्ड
के लिए क्या
उद्देश्य तथा
कार्य
निर्धारित
किए गए थे? अलग-अलग
बोर्ड के गठन
के बाद कितने
हितग्राही लक्षित
किये गए? लक्षित
हितग्राहियों
की पात्रता
क्या थी? लक्षित
हितग्राहियों
को क्या-क्या
लाभ दिया गया? बोर्ड के
माध्यम से लाभ
प्राप्त
हितग्राहियों
के पूरा नाम, पता और
राशि की
जानकारी दें? (ग) अलग-अलग
समाजों के
बोर्ड गठन के
उपरांत बोर्ड के
संचालन के लिए
कितना-कितना
स्टाफ
नियुक्त किया
गया? स्टाफ
के नाम और पद
क्या थे? बोर्ड के
कार्यालय किस
स्थान पर
संचालित किए गए? कार्यालय
के संचालन के
लिए कितनी
राशि दी गई व
किस खाते में
राशि दी गई? समाजों के
बोर्ड के
अध्यक्ष और
सदस्य के नाम, पता और
इनको क्या
सुविधा दी गई? (घ) समाजों
के बोर्ड के
गठन उपरांत
बोर्ड के
संचालन के
संबंध में
कितनी राज्य स्तर
पर बैठक हुई? कितनी
जिला स्तर पर
बैठक की गई? इन बैठकों
के एजेंडों की
प्रति देवें? (ड.) किस-किस
समाज के बोर्ड
के अध्यक्ष और
सदस्यों की
नियुक्ति
समाप्त की गई? आदेश की
प्रतियां
देवें। उनका
कार्यकाल
क्यों नहीं
बढ़ाया गया? क्या
नियुक्ति का
उद्देश्य
प्राप्त हो
गया था? क्या
बोर्ड अभी भी
कार्यरत है, सिर्फ
अध्यक्ष और
सदस्यों की
नियुक्ति
समाप्त की गई
है क्या बोर्ड
के अधिकारी
कर्मचारी वर्तमान
में भी पदस्थ
हैं? या
उन्हें अन्य
विभाग में भेज
दिया गया है।
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार ( श्री
गौतम टेटवाल ) : (क) विभागीय
आदेश दिनांक 05.10.23 के द्वारा 09 बोर्ड यथा
म.प्र. विश्वकर्मा
कल्याण बोर्ड, म.प्र.रजक
कल्याण बोर्ड, म.प्र.
स्वर्ण कला
बोर्ड, म.प्र.
तेलघानी
बोर्ड, म.प्र. कुश
समाज कल्याण
बोर्ड, म.प्र. वीर
तेजाजी
कल्याण बोर्ड, म.प्र.
महाराणा
प्रताप
कल्याण बोर्ड, म.प्र. जय
मीनेश कल्याण
बोर्ड एवं माँ
पूरीबाई कीर
कल्याण बोर्ड
का गठन दो
वर्ष के लिए
किया गया था। आदेश
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है।
(ख) वर्ष 2023 में
मध्यप्रदेश
राज्य कौशल
विकास एवं
रोजगार
निर्माण
बोर्ड को समस्त
नवगठित बोर्ड
की राशि सम्मिलित
कर संचालन
व्यवस्था
हेतु अनुदान
के रूप में
कुल राशि
रूपये 8.34 करोड़
प्राप्त हुई
थी, सामाजिक
बोर्डों को
पृथक से राशि
आवंटित नहीं
की गई थी। बोर्ड
के उद्देश्य
एवं कार्यों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है।
जानकारी
निरंक है। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) स्टॉफ
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है। वीर
तेजाजी
कल्याण बोर्ड
और माँ
पुरीबाई कीर कल्याण
बोर्ड किराये
के भवन में
भोपाल में
संचालित थे, शेष
बोर्डों का
कार्यालय
मध्यप्रदेश
राज्य कौशल
विकास एवं
रोजगार
निर्माण
बोर्ड, ए.वी.एन.
टॉवर, एम.पी.नगर, जोन-1, भोपाल में
था। कार्यालय
के संचालन के
लिए राशि
अनुदान के रूप
में मध्यप्रदेश
राज्य कौशल
विकास एवं
रोजगार निर्माण
बोर्ड के एसबीआई
बैंक खाता
क्रमांक 31458991806 में
प्राप्त हुई
थी। समाजों के
बोर्ड के
अध्यक्ष और
सदस्यों के
नाम, पता
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार है। समाजों
के बोर्ड के
अध्यक्षों को
मध्यप्रदेश
शासन के
नियमानुसार
वाहन, मानदेय, गृह भाड़ा
भत्ता और
दूरभाष की
सुविधा
प्रदान की गई
थी। (घ) किसी
भी बोर्ड की
जिला स्तर पर
बैठक आयोजित
नहीं की गई। विश्वकर्मा
कल्याण
बोर्ड की राज्य
स्तर पर
आयोजित
संयुक्त
बैठक दिनांक 09.08.2024 एवं अन्य
बैठकों
दिनांक 20.02.2025 एवं 03.04.2025 की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-5 अनुसार है। वीर
तेजाजी कल्याण
बोर्ड की राज्य
स्तर पर
आयोजित
संयुक्त
बैठक दिनांक 09.08.2024 की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-6 अनुसार है। स्वर्णकला
बोर्ड की राज्य
स्तर पर
आयोजित
संयुक्त
बैठक दिनांक 09.08.2024 एवं अन्य
बैठक दिनांक 16.01.2025 की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-7 अनुसार है। म.प्र. कुश
समाज कल्याण
बोर्ड की राज्य
स्तर पर
आयोजित बैठक
दिनांक 25.03.2025 की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-8 अनुसार है। म.प्र. जय
मीनेश कल्याण
बोर्ड की राज्य
स्तर पर
आयोजित बैठक
दिनांक 03.02.2025, 03.03.2025 एवं 04.07.2025 की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-9 अनुसार है। माँ पूरी
बाई कीर कल्याण
बोर्ड की राज्य
स्तर पर
आयोजित बैठक
दिनांक 28.03.2025 की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-10 अनुसार है। (ड.) म.प्र.
विश्वकर्मा
कल्याण बोर्ड, म.प्र.रजक
कल्याण बोर्ड, म.प्र.
स्वर्ण कला
बोर्ड, म.प्र.
तेलघानी
बोर्ड, म.प्र. कुश
समाज कल्याण
बोर्ड, म.प्र. वीर
तेजाजी
कल्याण बोर्ड, म.प्र. जय
मीनेश कल्याण
बोर्ड, माँ
पूरीबाई कीर
कल्याण बोर्ड
का कार्यकाल
तथा इनके अध्यक्ष
एवं सदस्यों
की नियुक्ति
समाप्त की गई
तथा म.प्र.
महाराणा
प्रताप कल्याण
बोर्ड का
कार्यकाल
समाप्त किया
गया। आदेशों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-11 अनुसार है। विभागीय
आदेश दिनांक 05.10.2023 में बोर्ड
का कार्यकाल
गठन से 02 वर्ष
पूर्ण होने के
कारण नहीं
बढ़ाया गया, जिसके
कारण उद्देश्य
प्राप्त
होने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। जी
नहीं। जी नहीं, जी नहीं। बोर्ड
के अध्यक्ष
और सदस्यों
के अतिरिक्त
सेडमेप से
आउटसोर्स के
माध्यम से
नियुक्त कर्मचारियों
की सेवाएं भी
समाप्त की गई
है। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
फर्जी
प्रमाण-पत्र
से नियुक्ति
प्रकरण में आपराधिक
कार्यवाही
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
21.
( क्र. 117 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) क्या
संचालक किसान
कल्याण तथा
कृषि विकास
म.प्र. भोपाल
ने अपने
अर्धशासकीय
पत्र क्र. अ/5/सी/2/31/2014/374 भोपाल
दिनांक 06.05.2017 द्वारा
कलेक्टर जिला
विदिशा से
श्री आलोक कुमार
मीणा उप
संचालक कृषि
के फर्जी
अनुसूचित जनजाति
प्रमाण पत्र
होने के
सम्बंध में
प्रतिवेदन
भेजने हेतु लिखा
गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के
तारतम्य में कलेक्टर
जिला विदिशा
के पत्र क्रमांक
क्यू/सतर्कता/2017/8237 विदिशा
दिनांक 05.07.2017 द्वारा श्री
आलोक मीणा उप
संचालक कृषि
इंदौर के फर्जी
जाति प्रमाण
पत्र के
सम्बंध में
संचालक कृषि
म.प्र. भोपाल
को प्रतिवेदन
प्रेषित किया
गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के
तारतम्य में
कलेक्टर जिला
विदिशा
द्वारा
प्रेषित जांच
प्रतिवेदन
अनुसार श्री
आलोक कुमार
मीणा उप संचालक
कृषि का
अनुसूचित
जनजाति
प्रमाण पत्र
जारी नहीं
होने के गम्भीर
फर्जी एवं
अपराधिक
प्रकरण में
विभाग ने क्या
कार्यवाही की
है? की
गई कार्यवाही
का विस्तृत
विवरण दें।
यदि नहीं की
गई है तो इस
फर्जीवाड़े
को दबाये रखने
के लिये विभाग
में कौन-कौन
जिम्मेदार है
तथा उन जिम्मेदारों
के विरुद्ध
क्या
कार्यवाही की
गई है?
यदि नहीं, तो कब तक की
जावेगी तथा इस
फर्जी जाति
प्रमाण-पत्र
के आधार पर
विभाग में नियुक्ति
पाने वाले
आलोक कुमार
मीणा के
विरुद्ध क्या
कार्यवाही की
गई है विस्तृत
विवरण दें।
यदि नहीं तो
क्या
कार्यवाही कब
तक की जावेगी
समय-सीमा बताये।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी, हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 1
अनुसार
है। (ख) जी, हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 2
अनुसार
है। (ग) कार्यालय
आयुक्त
जनजातिय
कार्य विभाग
मध्यप्रदेश
का पत्र
क्रमांक
जा.प्र.समिति/1054/2013/8865 दिनांक 05.04.2019 द्वारा
जाति प्रमाण
पत्र की
छानबीन हेतु
गठित समिति
द्वारा दिनांक
18.03.2019 का पारित
आदेश जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 3
अनुसार
है। जिसमें
जाति प्रमाण
पत्र को वैध
मान्य करने
का निर्णय
लिया गया। शेष
कार्यवाही का
प्रश्न नहीं
उठता है।
उद्यानिकी
महाविद्यालय
में स्वीकृत
पदों की
पूर्ति
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
22.
( क्र. 120 ) श्री
गोपाल भार्गव
: क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
माननीय
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
दिनांक 28.02.2025 को
उद्यानिकी
महाविद्यालय
रहली जिला
सागर के
अधोसंरचना
विकास एवं
मानव संसाधन
के लिये इस
वर्ष बजट में
न्यूनतम 30 करोड़
रूपये
स्वीकृत किये
जाने की घोषणा
की गई थी? यदि हाँ, तो इस
संबंध में अब
तक क्या
कार्यवाही की
गई है। (ख) क्या
उद्यानिकी
महाविद्यालय, रहली, जिला सागर
के लिए
मंत्रिपरिषद
आदेश उपरांत पद
स्वीकृत किये
गये हैं? यदि हाँ, तो कृपया
स्वीकृत पद, भरे पद एवं
रिक्त्त पद की
जानकारी दी
जावे? (ग) स्वीकृत
रिक्त पद
पूर्ति किये
जाने के लिए
अब तक क्या
कार्यवाही की
गई है तथा
वर्तमान में महाविद्यालय
के अध्यापन के
लिए प्रत्येक
विषय के लिये
प्राध्यापक
तथा गैर
तकनीकी पदों
पर पदस्थ
कर्मचारियों
का विवरण दिया
जावे? (घ) उद्यानिकी
महाविद्यालय
रहली का भवन
एवं अधोसंरचना
निर्माण
कार्य कब तक
पूर्ण हो
जावेगा अवधि
स्पष्ट की
जावें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी
हाँ। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 1
एवं 2 अनुसार है।
(ख) जी
हाँ। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 3
अनुसार
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 4
एवं 5 अनुसार है।
(घ) उद्यानिकी
महाविद्यालय,रहली की
अधोसंरचना
विकास हेतु
प्रथम चरण में
प्राप्त राशि
से अधोसंरचना
निर्माण
कार्य प्रगति
पर है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
शासकीय
महाविद्यालय
में नियमित
प्राध्यापकों
के पदों की स्वीकृति
[उच्च
शिक्षा]
23.
( क्र. 121 ) श्री
गोपाल भार्गव
: क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शासकीय
महाविद्यालय
रेहली एवं
शासकीय महाविद्यालय
गढाकोटा में विषय
अनुरूप
नियमित
प्राध्यापकों
के पद स्वीकृत
किये जाने के
संदर्भ में
माननीय
मुख्यमंत्री
जी द्वारा दिनांक
28.02.2025 को घोषणा
की गई थी? यदि हाँ, तो नियमित
पदों को
स्वीकृत किये
जाने के लिए आज
तक क्या
कार्यवाही की
गई है। पूर्ण
विवरण दिया
जावें। (ख) दोनों
महाविद्यालयों
में वर्तमान
में विषयवार
स्वीकृत पद, भरे पद, रिक्त पद
तथा अतिथि
प्राध्यापकों
का विवरण दिया
जावें। (ग) माननीय
मुख्यमंत्री
जी की
घोषणानुसार
दोनों
महाविद्यालयों
में नियमित पद कब तक
स्वीकृत किये
जावेंगे?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
हॉं। कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) समय-सीमा
बताई जाना
संभव नहीं है।
बमीठा
में नवीन
शासकीय कन्या
महाविद्यालय
प्रारंभ किया
जाना
[उच्च
शिक्षा]
24.
( क्र. 122 ) श्री
अरविन्द
पटैरिया : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
अंतर्गत
बमीठा में 25km के दायरे
में कोई भी
शासकीय कन्या
महाविद्यालय
नहीं है। इस
संबंध में
प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
क्र. 470
एवं 471
दिनांक 20/11/2024 द्वारा भी
बमीठा में
नवीन शासकीय
कन्या
महाविद्यालय
स्वीकृत करने
का अनुरोध
किया गया था? इस संबंध
में क्या
कार्यवाही
हुई? (ख) बमीठा में
स्थानीय एवं
आस-पास के
कन्या छात्राओं को अध्ययन
हेतु अन्य
शहरों में
जाना पड़ता है।
जिससे
छात्राओं को
कई समस्याओं
का सामना करना
पड़ता है। क्या
छात्राओं को
स्थानीय स्तर
पर अध्ययन की
सुविधा
प्रदान करने
हेतु शासन की
कोई नीति है? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
बमीठा में कब
तक नवीन
शासकीय कन्या
महाविद्यालय
स्वीकृत कर
दिया जावेगा? (घ) यदि
नहीं, तो
क्यों?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी हाँ। बमीठा
में नवीन
महाविद्यालय
प्रारंभ करने
हेतु विभागीय
मापदण्डों की
पूर्ति नहीं
हो रही है। (ख) बमीठा
से 15
कि.मी. की दूरी
पर शासकीय
महाविद्यालय
राजनगर जो
सहशिक्षा
संचालित है। जहाँ
छात्राएं
अध्ययन कर
सकती हैं। (ग) बमीठा
में नवीन
महाविद्यालय
प्रारंभ करने
हेतु विभागीय
मापदण्डों की
पूर्ति नहीं
हो रही है। अतः
नवीन
महाविद्यालय
प्रारंभ नहीं
किया जा सकता।
(घ) शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
प्रधानमंत्री
फलस
बीमा/मुआवजे की
शिकायत पर
जांच
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
25.
( क्र. 131 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) योजना
के प्रारम्भ
से जिला हरदा
में प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना के तहत
कितने
किसानों को
कब-कब बीमा
प्रदान किया
गया? किसानों
से कुल काटे
गए प्रीमियम
की राशि एवं संख्या
दिए हुए
मुआवजे से
अधिक हुआ या
कम है स्पष्ट
करें? प्रधानमंत्री
फसल बीमा की
राशि में
कितना अंश/राशि
शासन द्वारा
मिलाया गया
एवं कितना
अंश/राशि
किसान का
स्वयं का रहा? इसमें
कब-कब
परिवर्तन
किया गया? इसकी
संपूर्ण
जानकारी
ग्रामवार, किसानों
की संख्यावार, फसलवार
उपलब्ध
करावें? (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
अवधि में जिला
हरदा अंतर्गत
कितने
किसानों को
फसल बीमा की
कितनी राशि का
लाभ कितनी फसल
क्षति होने पर
उपलब्ध कराया
गया? इसकी
गणना किस आधार
पर की गई? किसान
संख्यावार, फसलवार, राशिवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। कितने
किसानों की
बीमा न मिलने
की शिकायतें
आज दिनांक तक
लंबित है उन
पर वस्तुस्थिति
सहित जानकारी
ग्रामवार, किसान
संख्यावार
उपलब्ध
करावें? (ग) बीमा
कंपनी द्वारा
किसानों को
फसल क्षति की
बीमा राशि
कितने दिनों
में उपलब्ध
करानें के प्रावधान
है? कंपनी
द्वारा
निर्धारित
समय में बीमा
राशि उपलब्ध
नहीं कराने पर
कंपनी के
विरूद्ध
कार्यवाही के
क्या नियम है? विगत 03 वर्षों
में शासन
द्वारा कृत
कार्यवाही की
जानकारी
उपलब्ध
करावें? (घ) प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना के
संबंध में शासन
द्वारा क्या
दिशा निर्देश, शासन आदेश, गाइड-लाइन
एवं नियम जारी
किये गये है? इसकी
प्रतियाँ
उपलब्ध कराई
जावे। प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना
अंतर्गत बीमा
कंपनी का चयन
किस आधार पर
किया गया है?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है।
वास्तविक
प्रीमियम दरों
एवं बीमित
राशि के
अनुसार कृषक
अंश प्रीमियम
एवं शासन अंश
प्रीमियम
परिवर्तित
होता है। योजनांतर्गत
निविदा के
माध्यम से
वर्ष 2016 से 2018, 2019,
2020, 2021, 2022, 2023 से 2025 के लिये
पृथक-पृथक
वास्तविक
प्रीमियम दर
प्राप्त
किये गये। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है।
वर्षवार
जिलावार
फसलवार बीमित
राशि जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है।
(ख) प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजनांतर्गत
दावा भुगतान
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार है।
योजना
के
प्रावधानों
अनुसार दावा
गणना की प्रक्रिया जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 5 अनुसार है।
फसल
बीमा से
संबंधित
शिकायतों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 6 अनुसार है।
(ग) प्रधानमंत्री
फसल बीमा योजना
की मार्गदर्शी
निर्देशिका
के अनुसार
लागू
प्रीमियम
राशि बीमा कम्पनी
को भुगतान
होने एवं वास्तविक
उपज के आंकड़े
बीमा कम्पनी
को उपलब्ध
कराने के 21 दिवस में
दावा राशि का
भुगतान करने
का प्रावधान
है। उक्त
नियम के उल्लंघन
की स्थिति में
बीमा कम्पनी
पर 12 प्रतिशत
वार्षिक दर से
ब्याज
अधिरोपित
करने का नियम
है। विगत 3 वर्षों में
हरदा जिले में
उक्त नियम के
उल्लंघन का
कोई प्रकरण
संज्ञानित
नहीं हुआ है। (घ) प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना की
मार्गदर्शी
निर्देशिका
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-7 अनुसार है।
बीमा
कम्पनी का
चयन योजना के
प्रवधानों
अनुसार निविदा
के आधार पर
किया गया है।
राजस्व
विभाग की 155/8 की भूमि को
खेल मैदान
हेतु स्वीकृति
[खेल एवं
युवा कल्याण]
26.
( क्र. 132 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
सरकार द्वारा
प्रत्येक
विधानसभाओं, नगर परिषद, तहसील
मुख्यालयों
पर युवाओं के
लिए खेल मैदान
बनाने की योजना है? टिमरनी
विधानसभा में
खेल मैदान
बनाने के लिए सरकार
की क्या योजना
है? (ख) राजस्व
विभाग द्वारा
वन विभाग को
टिमरनी के खसरा
क्र. 155/8
कब एवं किस
नियम के तहत
आवंटित की गई
क्या वन विभाग
को आवंटित की
गई खसरा क्र. 155/8 की डिपो के
रूप में जिसे
उपयोग लिया जा
रहा है, क्या यह
नगर की होना
अनिवार्य है
अगर नहीं तो इसे
नगर के बाहर
भी
स्थानांतरित
किया जा सकता है
तो प्रश्नकर्ता
की विधानसभा
के ग्राम नौसर
के पूरा एवं
ग्राम बिछापुर
के ग्राम
बघवाड में 20 एकड़ से
अधिक की
शासकीय भूमि
उपलब्ध है
क्यों न डिपो
को वहां
स्थानांतरित
किया जाकर
उल्लेखित
खसरा क्रमांक
को टिमरनी के
युवाओं के लिए
खेल मैदान
हेतु स्वीकृत
किया जाए? यह
कार्यवाही कब
तक पूर्ण होगी।
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) सी.एम.
युवा शक्ति
योजनान्तर्गत
प्रत्येक विधानसभा
क्षेत्र में
खेल मैदान (स्टेडियम)
निर्माण की
योजना
प्रस्तावित
है। टिमरनी
विधानसभा
क्षेत्र में
विभाग द्वारा लागत
राशि रू. 167.00 लाख से
इंडोर
स्टेडियम
निर्मित किया
जा चुका है, जिसमें
खेल
गतिविधिया
संचालित की जा
रही है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) प्रकरण
का परीक्षण कर
आवश्यकता का
आंकलन कर नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सहायक
समिति प्रबंधकों
की बैंक में
नियुक्तियां
[सहकारिता]
27.
( क्र. 146 ) श्री
प्रदीप
अग्रवाल : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्य
प्रदेश की
कौन-कौन से
जिलों में
सहकारी समितियों
की सहायक
समिति
प्रबंधकों की
बैंक में (कैडर)
नियुक्तियां
की गई है जिलेवार
कर्मचारियों
के नाम पद एवं
पदस्थी स्थल
की सूची सहित
जानकारी दी
जाए। (ख) उक्त
नियुक्तियां
किन-किन
अधिकारियों
द्वारा किस
नियम से कौन
से सेवा नियम
के आधार पर की
गई है
पात्रता/अपात्रता
का क्या आधार
माना गया
परिभाषित कर भर्ती
करने वाले
अधिकारियों
के नाम एवं पद
सहित जानकारी
दी जाए। (ग) दतिया
जिले में कुल
कितने पदों पर
भर्ती होना है
यहां कौन से
सेवा नियम के
आधार पर एवं
किन-किन
नियमों की
आधार पर कब तक
नियुक्तियां
किए जाने के
आदेश है? (घ) क्या
दतिया जिले
में नियमों के
विपरीत सहकारिता
विभाग के
अधिकारियों
द्वारा
मनमर्जी से
कर्मचारियों
को पात्र एवं
अपात्र किया
जा रहा है यदि
नहीं, तो
इसकी जांच
कराई जाए तथा
इसकी सतत्
निगरानी एवं
भर्ती में
पारदर्शिता
हेतु अनुरोध
है कि एक पृथक
से कमेटी गठित
करने की कृपा करें।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) प्रदेश
के 03
जिला सहकारी
केन्द्रीय
बैंकों यथा -
जबलपुर, छतरपुर
एवं शहडोल में
सहायक समिति
प्रबंधकों की
बैंक कैडर में
नियुक्तियां
की गई, जिला
बैंकवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिला
सहकारी
केन्द्रीय
बैंकों के
सेवायुक्तों
हेतु तत्समय
लागू
सेवानियम के
प्रावधानों
में वर्णित
पात्रता/अपात्रता
के आधार पर
बैंकों में गठित
कैडर कमेटी के
द्वारा की गयी
थी, कैडर
कमेटी के
अधिकारियों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है।
(ग) दतिया
जिले में कुल 57 बैंक कैडर
के समिति प्रबंधकों
के पदों पर
चयन की
कार्यवाही
वर्तमान में
लागू जिला
सहकारी
केन्द्रीय
बैंकों के सेवायुक्तों
हेतु
सेवानियम के
प्रावधान अनुसार
होना है, समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
गोविंद
महाविद्यालय
हेतु नवीन भवन
की स्वीकृति
[उच्च
शिक्षा]
28.
( क्र. 149 ) श्री
प्रदीप
अग्रवाल : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दतिया
जिले के
विधानसभा
क्षेत्र
सेवड़ा के नगर
सेवड़ा में
स्थित शासकीय
गोविंद
महाविद्यालय
का भवन कितने
वर्षों
पुराना है
इसमें कौन-कौन
से विषय
बच्चों की
अध्ययन के लिए
उपलब्ध हैं इसमें
कितने बच्चे
अध्यनरत हैं? (ख) उक्त
कालेज भवन में
कुल कितने
स्थाई/अस्थाई/
संविदा/ अतिथि
विद्वान किस-किस
विषय के पदस्थ
है नाम एवं
विषय सहित
जानकारी
उपलब्ध कराई
जाए। (ग) क्या
यह सत्य है कि
सेवड़ा के
आसपास के लगभग
एक सैकड़ा
ग्रामों की
बच्चे यहां
अध्ययन करते
हैं भवन के अभाव में
पढ़ाई की
उत्तम
व्यवस्था न
होने के कारण
वह प्राइवेट
कॉलेज में
जाने के लिए
बाध्य हो रहे
है जो आर्थिक
रूप से कमजोर
हैं वे अपना अध्ययन
बीच में ही
छोड़ रहे हैं
जिससे उनका भविष्य
संकट में आ
गया है। (घ) क्या
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
सेवड़ा के
विद्यार्थियों
के उज्जवल
भविष्य को
देखते हुए यहां
शासकीय
गोविंद
महाविद्यालय
हेतु नवीन कॉलेज
भवन स्वीकृत
करने की कृपा
करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक
स्वीकृत हो
जाएगा।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) दतिया
जिले के
शासकीय
गोविंद
स्नातक
महाविद्यालय
सेवढ़ा का भवन
38
वर्ष पुराना
है। महाविद्यालय
में बच्चों के
अध्ययन हेतु
उपलब्ध विषय
हिन्दी, अंग्रेजी,
संस्कृत,
भूगोल,
अर्थशास्त्र,
इतिहास,
समाजशास्त्र
एवं राजनीति
विज्ञान हैं
एवं बी.एससी.
की कक्षाएं महाविद्यालय
द्वारा
स्ववित्तीय
योजना के अंतर्गत
संचालित हैं। अध्ययनरत
विद्यार्थियों
की संख्या 719 है। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) भवन
पुराना है,
परन्तु
प्रायवेट
कॉलेज में
जाने की
बाध्यता निर्मित
होने या
आर्थिक
कारणों से
अध्ययन बीच
में छोड़ देने
जैसी स्थिति
नहीं है। (घ) महाविद्यालय
में अतिरिक्त
नवीन भवन
निर्माण हेतु
भूमि आवंटन की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। शेष प्रश्नांश
हेतु समय-सीमा
बताई जाना
संभव नहीं है।
वेयर
हाउस में रखे
सड़े हुए अनाज
का निस्तारण
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
29.
( क्र. 154 ) श्री दिव्यराज
सिंह : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विकासखण्ड
सिरमौर के
ग्राम उमरी
स्थित वेयर
हाउस में विगत
01 वर्ष से
खराब अनाज रखा
हुआ है? यदि हाँ, तो क्या
कारण है कि
वेयर हाउस में
संग्रहित अनाज
जो कि सड़ चुका
है को विभाग
के द्वारा
हटाया नहीं जा
सका? (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में खराब सड़े
हुए अनाज की
दुर्गंध पूरे
क्षेत्र में
व्याप्त है, ऐसी
स्थिति में
यदि
महामारी/बीमारी
फैलती है तो
विभाग के द्वारा
किसकी
जिम्मेदारी
सुनिश्िचत
की जावेगी? (ग) वेयर
हाउस उमरी में
सड़ चुके अनाज
का निस्तारण कब
तक करा लिया
जावेगा? कृपया
समय-सीमा
बतावें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ। खरीफ
विपणन वर्ष 2020-21 में
उपार्जित धान
की मिलिंग
फरवरी 2022 तक कराने
की अनुमति
भारत सरकार से
प्राप्त हुई
थी। उक्त
समयावधि में
मिलिंग पूर्ण
न होने एवं
भारत सरकार से
समयावधि में
पुन: वृद्धि न
मिल पाने के
कारण राज्य
स्तरीय
समिति द्वारा
मिलिंग से शेष
रही धान को निविदा
के माध्यम से
विक्रय किये
जाने का
निर्णय लिया
गया। उक्त
निविदा NeML के e-auction पोर्टल के
माध्यम से
खरीफ विपणन
वर्ष 2020-21
के लॉट
क्रमांक 279 (मात्रा 3682 मे.टन) प्रदाय
केंद्र
भेड़रहा, मार्कफेड
कैप उमरी जिला
रीवा की
विक्रय की गई धान
के उठाव की स्वीकृति
जारी की गई। मे.
जय अंबे
एग्रोटेक की
दरें 935
रुपये प्रति
क्विंटल थी और
उसे दिनांक 12.07.2025 तक 3682 मे.टन धान
का उठाव करना
था, किन्तु
उनके द्वारा
मात्र 2742.956 मे.टन
मात्रा का
उठाव किया गया
है। शेष 939.044 मे.टन का
उठाव नहीं
किया गया है। उठाव
न करने के
कारण MPSCSC के
साथ किये गये
अनुबंध की
शर्तों का उल्लंघन
होने के कारण
पत्र
क्रमांक/मिलिंग/126550/2025/484 भोपाल
दिनांक 07.11.2025 के माध्यम
से म.प्र. स्टेट
सिविल सप्लाई
कार्पोरेशन
लिमिटेड मुख्यालय
भोपाल द्वारा
मे. जय अंबे
एग्रोटेक
अंबिकापुर
जिला-शरगुजा, छत्तीसगढ़
को कारण बताओ
सूचना पत्र
जारी किया गया
है। (ख) मेसर्स जय
अंबे
एग्रोटेक
अंबिकापुर
जिला सरगुजा
छतीसगढ़ को
शेष धान
मात्रा 939.044 मे. टन के तत्काल
उठाव करने तथा
उक्त शेष धान
का उठाव न
करने की
स्थिति में
यदि किसी
प्रकार की
महामारी/बीमारी
फैलती है तो
उसकी पूर्ण
जिम्मेदारी
मेसर्स जय
अंबे
एग्रोटेक
अंबिकापुर जिला
सरगुजा छत्तीसगढ़
की होगी, के संबंध
में कॉर्पोरेशन
मुख्यालय
पत्र क्रमांक/मिलिंग/
1255602025/515 भोपाल
दिनांक 18/11/2025 जारी किया
गया है। (ग) रीवा
जिले के
सिरमौर
विकासखंड के
उमरी ग्राम
स्थित
वेयरहाउस में
विगत वर्षों के
अनाज खराब
होने एवं खराब
अनाज का निस्तारण
न होने के
संबंध में
भंडारित खराब
अनाज का
सूक्ष्मता
से परीक्षण कर, जांच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
करने हेतु
मुख्यालय
पत्र
क्रमांक/गु.नि./20852/2025/344 भोपाल
दिनांक 18.11.2025 से जांच दल
का गठन किया
गया है। निश्िचत
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
आर्थिक
अनियमितताओं
पर दण्डात्मक
कार्यवाही
[उच्च
शिक्षा]
30.
( क्र. 157 ) श्री दिव्यराज
सिंह : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
रीवा जिले के
विकासखण्ड
जवा अंतर्गत
स्थापित
शासकीय बिरसा
मुण्डा महाविद्यालय
में पदस्थ
प्रभारी
प्राचार्य के
विरुद्ध
भ्रष्टाचार, आर्थिक
अनियमितता, धोखाधड़ी, शासकीय धन
के दुरुपयोग
के संबंध में
विभागीय जाँच
संस्थित है? यदि हाँ, तो उक्त
प्राचार्य के
विरुद्ध
शिकायतों एवं विभागीय
जाँच प्रतिवेदनों
पर क्या
दण्डात्मक
कार्यवाही की
गई है? (ख) क्या
प्रभारी
प्राचार्य के
विरुद्ध विगत 01 वर्ष से
अनियमितताओं
संबंधी कई
विभागीय जाँचें
चल रही हैं? यदि हाँ, तो क्या
कारण है कि
विभागीय जाँच
के दौरान आरोपित
प्रभारी
प्राचार्य को
जाँच पूर्ण
होने तक पद से
हटाया नहीं
गया? उक्त
प्रभारी
प्राचार्य को
पद से कब तक
हटाया जा
सकेगा? कृपया
समय-सीमा बतावें।
(ग) कार्यालय
कलेक्टर जिला
रीवा के आदेश
क्रमांक/260/स्था./शिका./04/2025 रीवा
दिनांक 17.10.2025 में
उल्लेखित बिंदुओं
की संवैधानिक
जाँच
प्रतिवेदन कब
तक प्राप्त हो
सकेगा? क्या
अपराध सिद्ध
होने की
स्थिति में
दोषी प्रभारी
प्राचार्य को
सेवा से पृथक
किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा
बतावें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) एवं
(ख) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) प्रश्नांश
में उल्लेखित
कलेक्टर
रीवा का पत्र
क्रमांक 260/स्था./शिका/04/2025 रीवा
दिनांक 17.10.2025 प्राप्त
होना नहीं
पाया गया है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता।
15वें
वित्त की
राशि का उपयोग
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
31.
( क्र. 162 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
जिले की जनपद
पंचायतों को 15वें वित्त
आयोग की राशि
वर्ष 21-22
से चालू वित्तीय
वर्ष तक की
स्थिति में
राज्य शासन
से कितना
आवंटन प्राप्त
हुआ है? आवंटन से
संबंधित आदेश
की प्रक्रिया
उपलब्ध करावें।
वर्षवार
प्राप्त
आवंटन से जनपद
सदस्यों के
क्षेत्रों
में कौन-कौन
से कार्य
कितनी-कितनी
राशि से कहां-कहां
स्वीकृत
किये गये? कार्य का
नाम, लागत
राशि सहित
जनपद
पंचायतवार, वर्षवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
वर्ष 2021-22
से 2022-23
तक आवंटित
राशि का जनपद
सदस्यवार
आवंटन न करके
कुछ जनपद सदस्यों
को ही पूरी
राशि के कार्य
आवंटित कर
दिये गये है? यदि हां, तो ऐसा किस
नियम/आदेश के
तहत किया गया
है? उसकी
प्रमाणित
प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) जैसे
स्थिति भविष्य
में न हो एवं
कार्यों का
आवंटन निष्पक्ष
रूप से सभी
सदस्यों में
समान हो इसके
लिये विभाग क्या
कदम उठायेगा? (घ) क्या
जिले में 15वें वित्त
आयोग की
प्रशासकीय स्वीकृति
के पूर्व सभी
जनपद
पंचायतों को
जिला पंचायत
से अनुशंसा
प्राप्त
करना होता है
यदि हां, तो ऐसा किस
नियम/आदेश के
तहत किया जा
रहा है उसकी
प्रमाणित
प्रति देवें।
(ड.) क्या अनेक
कार्यों की
अनुमति जिला
पंचायत से
अप्राप्त होने
पर अनेक कार्य
अप्रांरभ है? यदि हां, तो इसके
लिये कौन जिम्मेदार
है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) 15वें वित्त
आयोग की राशि
केन्द्र
शासन द्वारा
आवंटित की जाती
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) आवंटित
राशि का जनपद
सदस्य
क्षेत्रवार
आवंटन के
संबंध में कोई
नियम नहीं है।
जनपद पंचायत
की सामान्य
सभा की बैठक
में जनपद सदस्यों
द्वारा प्रस्तुत
प्रस्ताव
सर्व समिति से
पारित किये
जाने के
उपरांत 15वें वित्त
की कार्य
योजना तैयार
की जाती है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के
संदर्भ में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) एवं
(ङ) जी नहीं। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
किसानों
को खाद की
आपूर्ति
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
32.
( क्र. 164 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र में
विगत 3
वर्षों में
खरीफ व रबी की
फसल का रकबा
कितना-कितना
रहा है? (ख) उक्त
अवधि में
प्रत्येक
वर्ष यूरिया, डी.ए.पी. एवं
सुपर फास्फेट
खाद की मांग
एवं मांग के
एवज में की गई
आपूर्ति का
अलग-अलग ब्यौरा
देवें? (ग) सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र के
कृषकों के
लिये आगामी
वर्ष हेतु खाद
आपूर्ति की
कितनी-कितनी मात्रा
तय की गई है? (घ) खाद
के उचित समय
पर वितरण के लिये
क्या-क्या
व्यवस्थाएं
सुनिश्चित की
गई है? सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र में
खाद वितरण
केन्द्रों
की सूची तथा
वितरण केन्द्र
पर तय मात्रा
के संबंध में
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 1 अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है।
(ग) सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र के
कृषकों के लिए
आगामी वर्ष
हेतु माह
फरवरी 2026 में
क्षेत्राच्छादन
एवं पिछले
वर्ष की उर्वरक
की खपत के
आधार पर
उर्वरकों की
मांग
निर्धारण
किया जावेगा। (घ) उर्वरक
वितरण के लिए
सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र में 15 सहकारी
समितियां, 01 डबल लॉक
केन्द्र, 01
मार्केटिंग
सोसायटी, 1 एमपी
एग्रो एवं 271 निजी
उर्वरक
विक्रेता
संस्थान
संचालित हैं। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 3 अनुसार है।
किसानों
की मांग एवं
उर्वरक उपलब्धता
अनुसार वितरण
हेतु उर्वरक
उपलब्ध
कराया जाता है।
फसल
बीमा से वंचित
ग्रामों की
जानकारी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
33.
( क्र. 167 ) श्री
विपीन जैन : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मंदसौर
जिले अंतर्गत
रबी वर्ष 2023 - 24, रबी वर्ष 2024 - 25 और खरीफ
वर्ष 2024
अंतर्गत फसल
बीमा अंतर्गत
कौन-कौन से
गांव फसल बीमा
योजना से
वंचित रहे हैं
उनके नाम
देवें और फसल
बीमा से वंचित
रहने के क्या
कारण रहे हैं? (ख) वंचित
रहे ग्रामीण
क्षेत्र के
किसानों को
फसल बीमा की
राशि का वितरण
कब तक कर दिया
जाएगा?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) मंदसौर
जिले अंतर्गत
रबी वर्ष 2023-24, रबी वर्ष 2024-25 और खरीफ
वर्ष 2024
में
प्रधानमंत्री
फसल बीमा
अंतर्गत कुछ
ग्रामों में फसल
उपज में कमी
नहीं पाई जाने
के कारण दावों
का भुगतान
नहीं किया गया
है, उनकी
सूची जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। फसल बीमा
योजना के
प्रावधानों
अनुसार फसल उपज
में कमी नहीं
पाई जाने के
कारण दावा
हेतु पात्रता
न बनने के
कारण उक्त
ग्रामों में बीमा
दावा भुगतान
नहीं किया गया।
(ख) उत्तरांश (क) अनुसार
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
बमीठा
में नवीन
शासकीय कन्या
महाविद्यालय
प्रारंभ किया
जाना
[उच्च
शिक्षा]
34.
( क्र. 171 ) श्री
अरविन्द
पटैरिया : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
अंतर्गत
बमीठा में 25 कि.मी. के दायरे
में कोई भी
शासकीय कन्या
महाविद्यालय
नहीं है। इस
संबंध में
प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
क्रमांक 470 एवं 471 दिनांक 20-11-2024 द्वारा भी
बमीठा में
नवीन शासकीय
कन्या
महाविद्यालय
स्वीकृत
करने का
अनुरोध किया गया
था इस संबंध
में क्या
कार्यवाही
हुई? (ख) बमीठा में
स्थानीय एवं
आस-पास के कन्या
छात्रों को
अध्ययन हेतु
अन्य शहरों
में जाना पड़ता
है। क्या
छात्राओं को
स्थानीय स्तर
पर अध्ययन की
सुविधा
प्रदान करने
हेतु शासन की
कोई नीति है? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
बमीठा में कब
तक नवीन शासकीय
कन्या
महाविद्यालय
स्वीकृत कर
दिया जावेगा
और यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) बमीठा
में नवीन
महाविद्यालय
प्रारंभ करने
हेतु विभागीय
मापदण्डों की
पूर्ति नहीं
हो रही है। (ख) जी
नहीं। बमीठा
से 15
कि.मी. की दूरी
पर शासकीय
महाविद्यालय
राजनगर (सहशिक्षा)
संचालित है, जहाँ
छात्राएं
अध्ययन कर
सकती हैं। (ग) बमीठा
में नवीन
महाविद्यालय
प्रारंभ करने
हेतु विभागीय
मापदण्डों की
पूर्ति नहीं
हो रही है। अतः
नवीन
महाविद्यालय
प्रारंभ करने
में कठिनाई है।
डिफॉल्टर
किसानों को
खाद उपलब्ध
कराया जाना
[सहकारिता]
35.
( क्र. 173 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
हरदा जिले में
अनेक ऐसे
किसान है
जिन्हें
डिफॉल्टर
होने के कारण
जिला सहकारी
समितियों
द्वारा खाद
वितरण बंद कर
दिया गया है? (ख) यदि
हाँ, तो
मध्य प्रदेश
के समस्त
जिलों में कुल
कितने ऐसे
किसान है? (ग) हरदा
जिले में ऐसे
कितने किसान
है? जानकारी
उपलब्ध करावे।
(घ) क्या
सरकार
डिफॉल्टर
किसानों को
पुनः खाद वितरण
शुरू करने या
उनकी
समस्याओं का
निराकरण करने
हेतु कोई
विशेष योजना
बना रही है? (ड.) यदि
नहीं, तो
इसका कारण
स्पष्ट करे।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) :
(क) जी
हाँ। (ख) प्रदेश के
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
समितियों में
कुल 11,98,945 डिफॉल्टर
किसान है। (ग) हरदा जिले
की समितियों
में 6746 डिफॉल्टर
किसान है। (घ) डिफॉल्टर
किसानों को
विपणन संघ,
मार्केटिंग
सोसायटी, एम.पी.
एग्रो एवं
प्रायवेट
रिटेलर आदि
केन्द्रों से
नगद में खाद
वितरण की
व्यवस्था
राज्य शासन
द्वारा की गई
है, डिफॉल्टर
किसानों को
समितियों से
खाद वितरण पर
भी विचार किया
जा रहा है। (ड.) उत्तरांश
(घ)
अनुसार।
जय
किसान फसल ऋण
माफी योजना
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
36.
( क्र. 174 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कमलनाथ
सरकार द्वारा
वर्ष 2019
में शुरू की
गई फसल ऋण
माफी योजना
जिसमें
प्रदेश के 27 लाख
किसानों
कार्जा माफ
किया गया था
के अंतर्गत
हरदा जिले में
कितने
किसानों का
कितना-कितना
कर्जा माफ
किया गया? नाम सहित
सूची उपलब्ध
करावे। (ख) क्या
जय किसान फसल
ऋण माफी योजना
बंद कर दी गई है, यदि हाँ, तो क्यों? इसका कारण
स्पष्ट करे। (ग) यदि
नहीं, तो
हरदा जिले
सहित प्रदेश
के अन्य
किसानों का कर्जा
कब तक माफ
किया जावेगा? समय-सीमा
बतावे।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) :(क) एवं (ख) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (ग) समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
मध्यप्रदेश
में संचालित
शक्कर
कारखानों में
संचालकों
मंडलों की
स्थिति
[सहकारिता]
37.
( क्र. 177 ) श्रीमती
अर्चना
चिटनीस : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सहकारी
सोसायटी
अधिनियम,1960 के अनुसार
कितने शक्कर
कारखानों में
संचालक मंडल कार्यरत
है? मंडल
का ब्यौरा
उपलब्ध कराए। (ख) क्या
मंडल को उक्त
अधिनियम की
धारा 53 (1), (ए/क
से सी/ग) तहत
सक्षम
अधिकारी
द्वारा भंग
किया है? यदि हॉं, तो उक्त
धारा तहत भंग
किए जाने के
कारण व विभाग
द्वारा की गई
कार्यवाही के
परिपालन के
साथ मंडल के
सदस्यों
नाम/पदनाम/सदस्यता
क्रमांक/पूर्ण
पता का ब्यौरा
उपलब्ध कराएं।
(ग) क्या
भंग हुए
संचालक मंडल
वाले
कारखानों में विभाग
द्वारा
निर्वाचन
कराए जा रहे
है? यदि
हाँ, तो
निर्वाचन
प्रक्रिया की
वर्तमान
स्थिति से
अवगत कराए। क्या
निर्वाचन
प्रक्रिया
न्यायालयीन
प्रकरणों के
कारण लंबित है? कार्यवाही
से अवगत कराए।
(घ) क्या
अधिनियम 1960 व
आयुक्त/पंजीयक
सहकारी
संस्थाएं
भोपाल द्वारा
स्वीकृत
संबंधित
कारखानों की
उपविधि के अनुसार
की जा रही है? यदि हाँ, तो किस
कारखाने के
कितने
प्रतिशत कुल
पात्र गन्ना
उत्पादक
कृषकों में से
कितने
प्रतिशत सदस्यों
द्वारा
निर्वाचन
प्रक्रिया
में भाग लिया? (ड.) क्या
निर्वाचन
प्रक्रिया
अधिनियम/उपविधि
अनुसार पात्र
गन्ना
उत्पादक
कृषकों
द्वारा ही भाग
लेना
अनिवार्य है? यदि हाँ, तो कितने
प्रतिशत
पात्र कृषक
सदस्यों
द्वारा मतदान
प्रक्रिया
में भाग लिया? क्या
अधिनियम/उपविधि
अनुसार
गणपूर्ति के पश्चात
निर्वाचन
प्रक्रिया
लंबित है? क्या शासन
गणपूर्ति के
विषय पर
न्यायालय में अपना
पक्ष
प्रस्तुत
करेगा यदि
नहीं, तो
ब्यौरा
स्पष्ट करें?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) म.प्र.
सहकारी
सोसाइटी
अधिनियम, 1960 के
प्रावधान अनुसार
वर्तमान में 01
कारखाना
(जवाहरलाल
नेहरू सहकारी
एग्रीकल्चरल
प्रोड्यूस
प्रोसेसिंग
सोसायटी
खरगोन शक्कर
कारखाना इकाई
सरवरदेवला)
में संचालक
मंडल कार्यरत
है। संचालक
मंडल का
ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र- 01
अनुसार है। (ख) अन्य
कारखाना (नवल
सिंह सहकारी
शक्कर
कारखाना
मर्यादित
नवलनगर (झिरी)
जिला बुरहानपुर)
के संचालक
मंडल को
अधिरोपित
किये गये कर्त्तव्यों
का पालन करने
में
उपेक्षावान
होने से
सहकारी
अधिनियम की
धारा 53 (1) के
अंतर्गत
संयुक्त
पंजीयक
सहकारी
संस्थाएं, इंदौर
के आदेश
दिनांक 12.11.2021
द्वारा अतिष्ठित/भंग
किया गया है।
अतिष्ठित
संचालक मंडल के
सदस्यों के
नाम/पदनाम/सदस्यता
क्रमांक/पता संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र- 02
अनुसार है। (ग) जी हां, उत्तरांश
(ख) में
उल्लेखित नवल
सिंह सहकारी
शक्कर
कारखाना
मर्यादित
नवलनगर (झिरी)
जिला बुरहानपुर
की निर्वाचन
प्रक्रिया
वर्तमान में
प्रचलित है।
दिनांक 28.02.2025 को
विशेष साधारण
सभा में
प्रत्यायुक्तों
का निर्वाचन
सम्पन्न
कराया गया।
म.प्र. सहकारी
सोसाइटी
अधिनियम, 1960 एवं
नियम 1962 के
प्रावधानों
के अन्तर्गत
शेष रिक्त
प्रत्यायुक्तों
के पदों पर
सहयोजन हेतु
दिनांक 09.03.2025 को
प्रत्यायुक्तों
की बैठक
आयोजित की गई
किन्तु
निर्धारित
समयावधि में
गणपूर्ति न
होने के कारण
प्रत्यायुक्तों
के सहयोजन की
कार्यवाही
नहीं हुई। जी
हाँ। माननीय
उच्च न्यायालय
में दायर
याचिका
क्रमांक 8056/2025
में दिनांक 02.04.2025 को
पारित आदेश के
अनुसार प्रत्यायुक्तों
के रिक्त
स्थान सहयोजन
द्वारा भरे
जाने हेतु
बैठक बुलाई
जाने, यदि
कोरम के अभाव
में सहयोजन की
कार्यवाही नहीं
हो पाती है तो
अधिनियम के
प्रावधान
अनुसार शेष
रिक्त पदों
हेतु पुन:
निर्वाचन
प्रक्रिया
प्रारंभ किये
जाने के आदेश
के पालन में
दिनांक 20.04.2025 को
रिक्त
प्रत्यायुक्तों
के पदों पर
सहयोजन हेतु
बैठक आयोजित
की गई किन्तु
समयावधि में
गणपूर्ति न
होने के कारण
सहयोजन की
कार्यवाही
नहीं हुई।
माननीय उच्च
न्यायालय के
उक्त आदेश के
विरूद्ध
निर्वाचन
प्राधिकारी
की ओर से रिट
अपील क्रमांक 1229/2025
प्रस्तुत की
गई है, जिसमें
आगामी सुनवाई
दिनांक 16.12.2025 नियत
है। (घ) जी
हाँ।
उत्तरांश (ख) में
वर्णित
कारखाना के
निर्वाचन में
भाग लेने वाले
पात्र
सदस्यों का
प्रतिशत 10.79
है। (ड.) जी
हाँ।
उत्तरांश (घ) अनुसार।
शेष प्रश्नांश
का उत्तर (ग) अनुसार।
एकमुश्त
समझौता योजना
विषयक
[सहकारिता]
38.
( क्र. 178 ) श्रीमती
अर्चना
चिटनीस : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विभाग द्वारा
प्राथमिक
कृषि सहकारी संस्थाओं
में एकमुश्त
समझौता योजना
वर्ष 2018 को
बंद कर दिया
गया है? यदि हाँ, तो क्या
प्रदेश के
किसानों के
ऋण-मान अधिक
होने से कृषक
अधिक संख्या
में कालातीत
हो रहे है? (ख) क्या
कृषकों को
अन्य बैंकों
ब्याज में
अधिक छूट व
पूर्व छूट दे
रही है? यदि हाँ तो
कृषि संस्थाओं
के कृषक अधिक
संख्या में कालातीत
हो रहे है? क्या
प्रदेश
प्राथमिक
कृषि सहकारी
संस्थाओं/बैकों
के कालातीत
ऋणों की वसूली
व कृषि संस्थाओं
के ऋणधारक
कृषक हित में
पुनः एकमुश्त
समझौता योजना
प्रारंभ की
जाएगी? यदि हो तो
समय बताए।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
संस्थाओं
हेतु वर्ष 2018 में
एकमुश्त
समझौता योजना
लागू नहीं रही
है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ख) प्रदेश
की जिला
सहकारी
केंद्रीय
बैंकों द्वारा
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
संस्थाओं के माध्यम
से कृषकों को
शून्य
प्रतिशत
ब्याज दर पर
फसल ऋण दिया
जा रहा है, अत:
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
संस्थाओं के
कृषक अधिक
संख्या में
कालातीत हो
रहे है, का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। वर्तमान
में जिला
सहकारी
केंद्रीय
बैंकों में
कालातीत ऋणों
की वसूली हेतु
एकमुश्त समझौता
योजना लागू है, प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
समितियों के
लिए भी विचार
किया जा रहा
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
कर्मचारियों
को समयमान
वेतनमान की स्वीकृति
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
39.
( क्र. 180 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
प्रश्न क्र. 985 दिनांक 04-08-2025 के उत्तर
में बताये
अनुसार 65
कर्मचारियों
को समयमान
वेतनमान/एरियर्स
की कुल राशि
रूपये 1 करोड़ 77 लाख का
भुगतान
प्रक्रियाधीन
है? (ख) प्रश्नांश
(क) के
अंतर्गत
भुगतान करने
हेतु कौन-कौन
सी प्रक्रिया
लंबित है? कर्मचारीवार
बतावे। (ग) प्रश्नांश (ख) के
अंतर्गत कब तक
भुगतान किया
जायेगा?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) :(क) जी
हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है।
(ग) प्रश्नांश (ख) के
अंतर्गत उल्लेखित
कर्मचारियों
को वित्तीय
वर्ष 2026-27
में प्रश्नांश
''ख'' की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 2, 3 एवं 4 अनुसार है।
गुण-दोषों
एवं वित्तीय
स्थिति के
आधार पर
निराकरण किया
जावेगा।
शिवपुरी
द्वारा गुणवत्ता
विहनी सुदूर
संपर्क सड़कों
की जांच
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
40.
( क्र. 183 ) श्री
महेंद्र
रामसिंह यादव
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
कलेक्टर
शिवपुरी के
पत्र
क्र./शिका./सांसद, मंत्री, विधायक/2023/706 शिवपुरी
दिनांक 28.08.2023 द्वारा
ग्रामीण
यांत्रिकी
विभाग
शिवपुरी द्वारा
सुदूर संपर्क
सड़कों में
गुणवत्ता विहीन
एवं बिना
भौतिक प्रगति
के अमान्य
फर्मों में
अग्रिम
भुगतान के
संबंध में
एप्रोच रोडों
की जाँच कराये
जाने हेतु
अनुविभागीय
अधिकारी राजस्व
कोलारस की
अध्यक्षता
में जाँच
समिति का गठन
किया गया था।
यदि हाँ तो
पत्र की
छायाप्रति
सहित जाँच की
अद्यतन
स्थिति से
अवगत करावें। (ख) क्या
जाँच कर तीन
दिवस में
प्रतिवेदन
चाहा गया था। यदि
हाँ तो जाँच
किस दिनांक को
पूर्ण हुई? जाँच में
कौन-कौन
अधिकारी/कर्मचारी
दोषी पाये गये।
जाँच में संबंधित
अधिकारी/कर्मचारियों
के कथन, जाँच में
संलग्न समस्त
दस्तावेजों
सहित जाँच
प्रतिवेदन की
सुस्पष्ट
छायाप्रति
उपलब्ध करावें? (ग) क्या
जाँच रिपोर्ट
में संबंधित
विभाग के
अधिकारियों/कर्मचारियों
पर नियम
विरूद्ध
भुगतान किये
जाने पर वसूली
अधिरोपित की गयी
है? यदि
हाँ, तो
उक्त
कर्मचारियों
पर
कितनी-कितनी
वसूली अधिरोपित
की गयी
जानकारी
कार्यालयवार
नामवार, पदवार, वसूली
राशि सहित
पृथक-पृथक
उपलब्ध
करावें? क्या उक्त
कर्मचारियों
से वसूली राशि
जमा करा ली
गयी है? यदि नहीं, तो कारण
स्पष्ट करें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। जाँच की
अद्यतन
स्थिति की
प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (ख) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी
नहीं। प्रकरण
पर कार्यवाही
कार्यालय
कलेक्टर
शिवपुरी में
प्रचलन में
होने से शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
निर्माण
कार्य में
अनियमितता की
शिकायत
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
41. ( क्र. 185 ) श्री
मधु भगत : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मार्च सत्र 2025 के
दौरान
तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 322
दिनांक 28/07/2025 के
माध्यम से
सी.ई.ओ
बालाघाट जनपद
की निर्माण
कार्य में
अनियमितता
संबंधी
शिकायत की गई
थी यदि हाँ, तो
यह भी बताये
की उक्त
लोकसेवक की
प्रश्नकर्ता
द्वारा विगत 18
माह में जनपद
स्तर,जिला
स्तर तथा
राज्य स्तर
पर की गई कौन
सी शिकायते
प्राप्त हुई? शिकायतों
पर कार्यवाही
की जानकारी
दें। (ख) जनपद
पंचायत में
निर्माण
कार्य किये
जाने हेतु
निकटतम
सबंधित
पंचायतों को
एजेंसी बनाकर कार्य
किये जाने के
आदेश है किन्तु
18-20 कि.मी. दूर
की पंचायतों
को कार्यादेश
प्रदाय करना
क्या नियम
विरूद्ध नहीं
है? जानकारी
दें। (ग) क्या
उक्त प्रकरण
की जांच
संचालनालय स्तर
से करवाकर
कार्यवाही
किये जाने
हेतु प्रश्नकर्ता
द्वारा
पत्राचार
किया गया था? यदि
हाँ, तो
पत्रों पर
कार्यवाही क्यों
नहीं की गई? जनपद
बालाघाट में
विगत 2 वर्षों
में कितने
निर्माण
कार्य की स्वीकृति
सी.ई.ओ. द्वारा
प्रदान की गई
नियमावली जनपद
मीटिंग के
प्रस्ताव, कार्यवाही
विवरण उपलब्ध
करावे दो
वर्षों का
आय-व्यय का
ब्यौरा
उपलब्ध
करावें? (घ) बालाघाट
जिले में विगत
दो वर्षों में
सुदुर सड़क
निर्माण का
विस्तृत ब्यौरा
देकर यह
जानकारी दें
कि मनरेगा के
कार्यों को कब
तक प्रारंभ
किया जायेगा एवं
कब तक जिले को
स्वीकृत
राशि प्रदान
की जायेंगी? यदि
हाँ, तो तिथि
बताये? यदि
नहीं, तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। 18
माह में जनपद
स्तर, जिला स्तर
एवं राज्य स्तर
पर एक ही बाउंड्रीवाल
निर्माण
कार्य में
अनियमितता के
संबंध में शिकायत
प्राप्त हुई
थी, जिसकी
जांच जिला स्तरीय
संयुक्त
जांच दल गठित
कर कराई गई है।
जांच
प्रतिवेदन
अनुसार
शिकायत में
लगाये गये
आरोपों की
पुष्टि नहीं
हुई है, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट –
''अ'' अनुसार है। (ख) जनपद
पंचायत में
निर्माण
कार्य किये
जाने हेतु
निकटतम
संबंधित
पंचायतों को
एजेंसी बनाकर
कार्य किये
जाने के आदेश
नहीं है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
हाँ, संचालनालय
द्वारा जिला
स्तर से की
गई जांच को
संतोषप्रद
पाया गया है
इसलिए पृथक से
कार्यवाही
नहीं की गई। जनपद
पंचायत
बालाघाट में
विगत 2
वर्षों में 52 निर्माण
कार्यों की स्वीकृति
प्रदाय की गयी
है। नियमावली
जनपद मीटिंग
के प्रस्ताव, कार्यवाही
विवरण एवं दो
वर्षों का
आय-व्यय का
ब्यौरे की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट –
''ब'' अनुसार है। (घ) बालाघाट
जिले में विगत
दो वर्षों में
सुदूर सड़क
निर्माण का
विस्तृत ब्यौरे
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट -
''स'' अनुसार है। मनरेगा
योजनांतर्गत
अनुमत्य
कार्य स्वीकृति
उपरांत
प्रारंभ किये
जाते हैं। निर्माण
कार्य की स्वीकृत
राशि कार्य के
व्यय अनुसार
राज्य स्तरीय
नोडल खाते से
श्रमिक एवं
वेंडर को
नियमानुसार
हस्तांतरित
की जाती है, शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
कृषि
उपज मंडी
द्वारा
प्रदाय राशि
या अंशपूंजी
की जानकारी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
42.
( क्र. 189 ) सुश्री
मंजू राजेन्द्र
दादू : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
बुरहानपुर, खण्डवा, खरगौन, इंदौर, झाबुआ, हरदा कृषि
उपज मंडी
द्वारा वर्ष 1995 से
वर्तमान तक
मंडी द्वारा
किन
व्यक्ति/फर्म/संस्था
को राशि या
अंशपूंजी
प्रदाय की गई
है, राशि
या अंशपूंजी
प्रदाय की
पूर्ण
जानकारी दस्तावेजों
सहित देवें। (ख) क्या
कृषि उपज
मंडियों
द्वारा किसी
भी व्यक्ति/फर्म/संस्था
को राशि या
अंशपूंजी
प्रदाय की जा
सकती है यदि
हाँ, तो
निर्देशों की
प्रतियां
देवें एवं
मंडी द्वारा
व्यक्ति/फर्म/संस्था
को राशि या
अंशपूंजी
कितने
प्रतिशत
ब्याज दर पर, कितने समय
के लिए प्रदाय
की जाती है? विस्तृत
विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश
(क) व (ख) अनुसार
मंडी द्वारा
प्रदाय राशि
या अंशपूंजी
यदि ब्याज
सहित वापस की
गई है, तो
उसका पूर्ण
विस्तृत
विवरण देवें
एवं आज दिनांक
तक
व्यक्ति/फर्म/संस्था
पर कितने
प्रतिशत
ब्याज दर से
कितनी राशि बकाया
है? (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) व (ग) अनुसार
क्या मंडी को
ब्याज सहित
राशि वापस नहीं
किये जाने पर
संबंधित पर
कोई
कार्यवाही की गई
है, यदि
हाँ, तो
विस्तृत
विवरण देवें
एवं नहीं तो
क्यों? यदि किसी
व्यक्ति/फर्म/संस्था
को राशि या
अंशपूंजी
प्रदाय नहीं
की जा सकती तो
नियम विरूद्ध
जारी राशि के
लिए कौन
उत्तरदायी है।
उनके विरूद्ध
क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) :(क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- अ अनुसार है।
(ख) जी
हाँ। तत्संबंधी
आदेशों/निर्देशों
की प्रति जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ग) जानकारी
उत्तरांश (क)
अनुसार है। (घ) जी
नहीं। उत्तरांश (क) के
अनुसार बकाया
मूलधन एवं
लाभांश की
राशि को वापस
करने के संबंध
में मंडी
समितियों के
द्वारा
पत्राचार
किया गया है।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-स
अनुसार है।
अनियमितता
पर कार्यवाही
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
43.
( क्र. 190 ) सुश्री
मंजू राजेन्द्र
दादू : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
नेपानगर
अन्तर्गत
मनरेगा (रोजगार
गारंटी योजना)
के तहत वर्ष 2023 से प्रश्न
दिनांक तक
क्लस्टर
देडतलाई व
अंबाडा की समस्त
ग्राम पंचायत
एवं ग्रा.पं.
तुकईथड, चिडियामाल, सावली, शेखापुर, बिजोरी, खडकी, मांजरोदखुर्द
में कन्वर्जन/5वां
वित्त/अन्य मदों
से जोड़कर
कितने
सामुदायिक
कार्य कितनी
लागत से किस
ग्राम पंचायत
में कराये गये, जानकारी
ग्राम
पंचायतवार
देवें। इनकी
प्रशासकीय
स्वीकृति
किसके द्वारा
प्रदान की गई? पदनाम
बतावें? मौके पर
कार्यों की
भौतिक स्थिति
के साथ
पूर्णता
प्रमाण पत्र कितने
जारी किये गये
तथा कितने
कार्य शेष है, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
कार्यों में 60:40 के अनुपात
का पालन किया
गया अथवा नहीं? कार्यों
की सूची देवें।
यदि नहीं, तो क्यों? नियम
विरूद्व
कार्यवाही के
लिए दोषियों
पर क्या
कार्यवाही कब
तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
ग्राम
पंचायतों में
वर्ष 2023 से
प्रश्न
दिनांक तक 5वां
वित्त/आदि
आदर्श ग्राम
योजना की राशि
कब-कब कितनी
प्राप्त हुई
एवं उसका
उपयोग कहां
किस प्रयोजन
हेतु किन
नियमों के तहत
व्यय किया गया
भुगतानकर्ता
का पूर्ण
विवरण सहित
जानकारी
देवें? (घ) प्रश्नांश
(ग) अनुसार
नियम विरूद्ध
व्यक्ति/मजदूर/संस्था
को भुगतान
करने पर
संबंधितों पर
क्या कार्यवाही
की जावेगी। राशि/भुगतानकर्ता
का पूर्ण
विवरण देवें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जनपद
पंचायत खकनार
में विधानसभा
क्षेत्र नेपानगर
अंतर्गत
सेक्टर
देड़तलाई एवं
अम्बाडा की
समस्त ग्राम
पंचायत एवं
ग्राम पंचायत
तुकईथड, चिडियामाल, सावली, शेखापुर, बिजोरी, खडकी एवं
माजरोदखुर्द
में वर्ष 2023 से
वर्तमान तक
कुल 31
कार्य मनरेगा
एवं कन्वर्जन/5वां
वित्त/अन्य
मदों के
अभिसरण से
जोड़े गये हैं, जिनकी कुल
लागत 112.71
लाख है। उक्त
कार्यों की
प्रशासकीय
स्वीकृति
कलेक्टर एवं
जिला
कार्यक्रम
समन्वयक, मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी एवं
अतिरिक्त जिला
कार्यक्रम
समन्वयक जिला
पंचायत
बुरहानपुर
एवं सरपंच
ग्राम पंचायत
के द्वारा की
गई है। मौके
पर 07
कार्य पूर्ण
है। जिनके
पूर्णता
प्रमाण जारी
किये गये हैं
एवं शेष 24 कार्य
प्रगतिरत हैं।
कारण सहित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ अनुसार
है। (ख) महात्मा
गांधी राष्ट्रीय
ग्रामीण
रोजगार
गारंटी
अधिनियम 2005, एनुअल
मास्टर
सर्कुलर 2024-25 के बिन्दु
क्रमांक 6.1.10 अनुसार
मनरेगा
योजनान्तर्गत
60:40 मजदूरी एवं
सामग्री का
अनुपात का
संधारण जिला
स्तर पर
संधारित किये
जाने के
निर्देश है। जिसका
पालन जिला
स्तर पर किया
जा रहा है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जनपद
पंचायत खकनार
में विधानसभा
क्षेत्र नेपानगर
अंतर्गत
सेक्टर
देडतलाई एवं
अम्बाड़ा की
समस्त ग्राम
पंचायत एवं
ग्राम पंचायत
तुकईथड, चिडियामाल, सावली, शेखापुर, बिजोरी, खडकी एवं
माजरोदखुर्द
में 5
वां वित्त
वर्ष 2023 से
वर्तमान तक
शासन के पत्र
क्रमांक/पं.रा./5FC/2022/10062 भोपाल
दिनांक 05/07/2022 के
निर्देशानुसार
ग्राम
पंचायतों
द्वारा प्राप्त
राशि का उपयोग
कर कार्य
कराये गये हैं।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट- स अनुसार है। आदि
आदर्श ग्राम
योजना में
संचालनालय, जनजातीय
क्षेत्रीय
विकास योजना, सतपुडा
भवन, भोपाल
का पत्र क्रमांक/अनु./ए.सी.ए./2021-22/306/5878 भोपाल
दिनांक 07.03.2023 द्वारा
स्वीकृति/प्राप्त
राशि का उपयोग
ग्राम
पंचायतों
द्वारा
उपरोक्त आदेशानुसार
अनुसार किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ब
अनुसार है। (घ) उत्तरांश
(ग) अनुसार
नियम विरुद्ध
भुगतान नहीं
किया गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वर्ष
2024
के पत्रों की
जानकारी प्रदाय
की जाना
[सहकारिता]
44.
( क्र. 191 ) श्री
राजेश कुमार
वर्मा : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कार्यालय
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित पन्ना
जिला पन्ना
द्वारा अपने
कार्यालय का
कब-कब
निरीक्षण किया
गया तथा वरिष्ठ
अधिकारियों
द्वारा कब-कब
निरीक्षण
किया गया वर्ष
2020 से प्रश्न
दिनांक तक की
जानकारी
उपलब्ध
करावे। विभाग
द्वारा
निरीक्षण
करने के क्या
निर्देश जारी
किये गये है? (ख) कार्यालय
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित पन्ना
जिला पन्ना
द्वारा वर्ष 2024 में जारी
किये गये
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 61,72, 73,
107, 108, 140, 147, 157, 158, 202, 203, 205, 209, 237, 262, 267, 272, 273, 286,
290, 291, 292, 293, 294, 300, 318, 319,355, 356, 369, 383,421, 463, 468, 470,
471, 480, 513, 525, 656, 657, 673, 680, 681, 733, 734, 779, 834, 835, 848, 849,
906, 921, 924, 948, 949, 974, 986, 993, 994 की
प्रतियां
उपलब्ध
करावे।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जिला
सहकारी
केंद्रीय
बैंक
मर्यादित, पन्ना में
मुख्य
कार्यपालन अधिकारी
ही बैंक
मुख्यालय में
पदस्थ हैं। मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी
द्वारा बैंक
कार्यों की
निगरानी एवं
समीक्षा की
जाती है। विभाग
द्वारा
निरीक्षण
करने के
निर्देश अंतर्गत
बैंक का
आंतरिक
अंकेक्षण, नियमित
तौर पर एवं
सी.ए. द्वारा
सांविधिक
अंकेक्षण तथा
बी.आर. एक्ट के तहत
नाबार्ड
द्वारा
वार्षिक तौर
पर निरीक्षण
किये गये है। वर्ष
2020 से प्रश्न
दिनांक तक
किये गये
निरीक्षण की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है।
(ख) प्रश्नांश
में उल्लेखित
विभिन्न पत्र
क्रमांकों
में से बैंक
द्वारा मात्र 01 पत्र
क्रमांक/फील्ड/2023-24/147 दिनांक 29.04.2024 जारी किया
गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है, शेष 59 जावक
नम्बर रिक्त
हैं, जिसके
संबंध में
जावक कक्ष के
कर्मचारी ने
शपथ पत्र पर
त्रुटि
स्वीकार की है।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है।
खेत
सड़क सुदूर सड़क
पहुंच मार्ग
कार्य की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
45.
( क्र. 197 ) श्री
अनिरुध्द (माधव)
मारू : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मनरेगा योजना
अंतर्गत खेत
सड़क सुदूर सड़क
पहुंच मार्ग
का कार्य बंद
कर दिया गया
है? यदि
हाँ, तो
उक्त कार्य
क्यों बंद किए
गए? (ख) क्या खेत
सड़क पहुंच
मार्ग नॉन NRM श्रेणी
में आते हैं यदि
हाँ, तो
खेत सड़क
सिर्फ कृषि
कार्यों के
उपयोग में आता
है। मनरेगा
में कृषि
कार्य NRM श्रेणी
में आता है। तो
खेत सड़क भी NRM श्रेणी
में क्यों
नहीं होना
चाहिए। क्या
इसमें संशोधन
करेंगे यदि
हाँ, तो
कब तक और अगर
यह संशोधन
केंद्र सरकार
द्वारा किया
जाना है तो
क्या इस
बाबत् केंद्र
सरकार को
प्रस्ताव
भिजवाया
जाएगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
नहीं।
म.प्र.शासन पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग
के पत्र क्रमांक
5191 दिनांक 19.11.2024 पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- अ के कंडिका-3 अनुसार जनपद
पंचायतों को
सुदुर सड़क
स्वीकृत किये
जाने की
अनुमति दी गई।
भारत सरकार
ग्रामीण विकास
मंत्रालय का
अर्द्ध शा.
पत्र क्रमांक J-11017/01/2025-RE-vii
दिनांक
20.05.2025
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- ब
में दिये गये
दिशा-निर्देशों
के परिपालन
में मध्यप्रदेश
रोजगार
गारंटी परिषद
द्वारा पत्र
क्रमांक 844 दिनांक 27.05.2025 पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट -स
से नवीन
दिशा-निर्देश
जारी होने तक
सुदुर संपर्क/खेत
सड़क के नवीन
कार्य नहीं
लिये जाने के
निर्देश
प्रसारित
किये गये।
जाबकार्डधारियों
द्वारा
रोजगार की
मांग होने पर
प्रगतिरत
कार्यों में
उपलब्ध मानव
दिवस तथा
रोजगार दिये
जाने हेतु
आवश्यक मानव
दिवस को देखते
हुये नवीन
कार्य ग्राम पंचायत
द्वारा
प्रारंभ किये
जाते है। (ख) जी
हाँ, खेत
सड़क रूरल
इनफ्रास्ट्रक्चर
की श्रेणी में
आता है, NRM श्रेणी
में नहीं आता
है, NRM
कार्यों की
सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-द
अनुसार है। खेत
सड़क कृषि
कार्य को सुगम
आवागमन के
लिये बनाई
जाती है, साथ ही
इसका उपयोग
ग्रामवासी
विभिन्न
कार्यों के
लिये आवागमन
हेतु उपयोग
करते है। जी
नहीं, समस्त
कृषि कार्य NRM श्रेणी
में नहीं आते
है। NRM के
अंतर्गत
सम्मिलित
कार्य पानी
एवं मिट्टी के
संरक्षण से
संबंधित है
एवं खेत सड़क
का उक्त उपयोग
नहीं है, जिस कारण
खेत सड़क
कार्य NRM श्रेणी
में नहीं आ
सकते है। जी
नहीं, संशोधन
का प्रस्ताव
केन्द्र
सरकार को नहीं
भेजा जाना है।
शेष प्रश्न उत्पन्न
नहीं होता।
श्रमिकों
का मजदूरी का
भुगतान
[श्रम]
46.
( क्र. 200 ) श्री आतिफ
आरिफ अकील : क्या श्रम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
शासन श्रम
विभाग जिला
अनूपपुर
द्वारा सभी
ठेका
कंपनियों को ठेका
श्रम (विनिमयन
और उत्सादन) अधिनियम
1970 के नियम 25 (1) तथा
ठेकेदार
श्रमिक (विनिमयन
एवं उन्मूलन) म.प्र.
नियम 1973
फार्म 7 जो under section 12 (1) of the contract
labour (Regulations and Abolition Act 1970 के अन्तर्गत
क्या लेबर
लाइसेंस जारी
किया जाता है? यदि हाँ, तो क्या
अलग-अलग कंपनी
को अलग-अलग
मजदूरी भुगतान
कराये जाने के
नियम है? जिला
अनूपपुर
अंतर्गत
अमरकंटक ताप
विद्युत गृह
चचाई के
सीएचपी 210 MW में कार्य
कर रहे सभी
लाइसेंस धाकर
ठेका कंपनियों
एवं इंडियन
कॉफी हाउस के
श्रमिकों को
श्रम
नियमानुसार
कितनी मजदूरी
एवं अन्य
भत्ते का
भुगतान किया
जाना चाहिए? वर्तमान
में कितना
भुगतान किया
जा रहा है? सीएचपी के
ठेका
कंपनियों और
इडियन काफी
हाउस के
मजदूरी
भुगतान में
कितना अंतर है? विस्तृत
विवरण दें। (ख) अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 1542, दिनांक 03/03/2023 के उत्तर में
संगठित
श्रमिकों की
संख्या 770 और मजदूरी
की दरें
मध्यप्रदेश
पावर जनरेशन कंपनी
लिमिटेड में
उपलब्ध नहीं
होने का लेख
किया गया था? मजदूरी की
दरें कब तक
उपलब्ध कराई
जावेगी? नहीं तो
क्यों?
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। मजदूरी
की दरें
श्रमायुक्त
म.प्र. द्वारा
निर्धारित न्यूनतम
वेतन दरों से
कम नहीं होना
चाहिए। जिला अनूपपुर
अंतर्गत
अमरकंटक ताप
विद्युत गृह चचाई
के सीएचपी 210 MW एवं
इंडियन कॉफी
हाउस में सत्यापन
के दौरान
श्रमिकों को
न्यूनतम
वेतन दरों से कम
भुगतान किया
जाना नहीं
पाया गया है। (ख) अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 1542, दिनांक 03/03/2023 ऊर्जा
विभाग से
संबंधित था।
उक्त प्रश्न
के उत्तर में
संगठित
श्रमिकों की
संख्या
संबंधी जवाब
प्रस्तुत
किया गया था, जिसकी जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है। इसी
प्रकार
अमरकंटक ताप
विद्युत गृह
चचाई से प्राप्त
उत्तर जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- ब
अनुसार है। उत्तरांश
(ख) में भी
तदाशय का ही
उल्लेख है, अत: यह कहना
गलत है कि
संगठित
श्रमिकों की
मजदूरी की
दरें उपलब्ध
नहीं होने का
लेख किया गया
था।
पंचायत
भवन निर्माण
में आर्थिक
अनियमितताएं
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
47.
( क्र. 201 ) श्री आतिफ
आरिफ अकील : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या वर्तमान
स्थिति में ई-ग्राम
स्वराज
पोर्टल के
डैश-बोर्ड पर
प्रदेश में
निर्मित
पंचायत भवनों
की संख्या दर्ज है? (ख) यदि
हाँ, तो
वर्तमान में
इनकी कितनी
संख्या दर्ज
है एवं
तीन वर्ष
पूर्व कितने
पंचायत भवन
दर्ज थे? इस अवधि
में पंचायत
भवनों की
संख्या कम हुई
हैं तो इसके
क्या कारण है? (ग) भोपाल
जिले में
किन-किन तहसील
के अन्तर्गत
नवीन पंचायत
भवन बनाने के
लिए कितनी-कितनी
राशि स्वीकृत
की गई? (घ) प्रश्नांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में स्वीकृत
नवीन पंचायत भवनों
में से
कौन-कौन से
पुराने
पंचायत भवन के
स्थान पर नये
बनाये जा रहे
एवं इन भवनों
का निर्माण कब
किया था इनके
रख-रखाव पर
कितनी- कितनी
राशि व्यय की
गई?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ, दर्ज
तो हैं परंतु
अपूर्ण हैं। (ख)
वर्तमान में 13741 पंचायत
भवन दर्ज हैं, तीन वर्ष
पूर्व पंचायत
भवन की दर्ज
संख्या
प्रदर्शित
होने की व्यवस्था
नहीं थी। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) भोपाल
जिले की
बैरसिया
तहसील
अंतर्गत 25 ग्राम
पंचायत भवन
राशि रूपये 7.375 करोड़ से
स्वीकृत
किये गये। इसी
प्रकार हुजूर
तहसील
अंतर्गत 21 पंचायत
भवन राशि
रूपये 5.590 करोड़ से
स्वीकृत
किये गये हैं।
(घ) भोपाल
जिला पंचायत
अंतर्गत जनपद पंचायत
बैरसिया की
ग्राम पंचायत
रमगढा, सेमरीकलां, भैंसोदा
में पुराने
भवन
जीर्ण-शीर्ण
एवं क्षतिग्रस्त
थे, उनके
स्थान पर
नवीन पंचायत
भवन निर्माण
कार्य प्रगतिरत
है, ग्राम
पंचायत रमगढा
में पूर्व से
स्वीकृत
पंचायत भवन
वर्ष 1998-99
में निर्मित
किया गया था
ग्राम पंचायत
रमगढा के
पंचायत भवन के
रख-रखाव हेतु
राशि रू. 14600/- खर्च किये
गये है। ग्राम
पंचायत
सेमरीकलां
में पूर्व से
स्वीकृत
पंचायत भवन
वर्ष 1998-99
में निर्मित
किया गया था
ग्राम पंचायत
सेमरीकलां के
पंचायत भवन के
रख-रखाव हेतु
राशि रू. 17200/- खर्च किये
गये है। ग्राम
पंचायत
भैंसोदा में
पूर्व से स्वीकृत
पंचायत भवन
वर्ष 1998-99
में निर्मित
किया गया था
ग्राम पंचायत
भैंसोदा के
पंचायत भवन के
रख-रखाव हेतु
राशि रू. 15600/- खर्च किये
गये है। इसी
प्रकार जनपद
पंचायत फंदा
की ग्राम
पंचायत
कलखेडा में
पूर्व से स्वीकृत
पंचायत भवन
वर्ष 1995
में निर्मित
किया गया था
ग्राम पंचायत
कलखेडा के
पंचायत भवन के
रख-रखाव हेतु
राशि रू. 11500/- खर्च किये
गये है। ग्राम
पंचायत
आदमपुरछावनी
का पंचायत भवन
वर्ष 1995
में स्वीकृत
किया गया था, ग्राम
पंचायत
आदमपुरछावनी
के पंचायत भवन
के रख-रखाव हेतु
राशि रू.1,00,000/- खर्च किये
गये है एवं
ग्राम पंचायत
झिरनिया का
पंचायत भवन एल
एण्ड पी कम्पनी
द्वारा लकड़ी
की प्लाई का
वर्ष 2007
में बनाकर
दिया गया था, ग्राम
पंचायत
झिरनिया के
पंचायत भवन के
रख-रखाव
हेतु राशि रू. 48,700/- खर्च किये
गये है।
पीएमजीएसवाई
योजना
अंतर्गत बनाई गई
सड़कें
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
48.
( क्र. 216 ) श्री
अम्बरीष
शर्मा : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पीएजीएसवाई
के अंतर्गत
भिण्ड जिले
में विगत पांच
वर्षों में
कहां-कहां पर
सड़क बनाई गई
तथा इनकी
मेटेनेंस
कितने वर्ष का
था। वर्तमान
में कितनी सड़कें
टूट गई जिनका
मेंटेनेंस
नहीं कराया
गया विस्तृत
जानकारी
निम्न
प्रारूप में
उपलब्ध कराये।
क्र., वर्ष, कार्य का
प्रकार, कहां से
कहां तक, स्वीकृत
हुई,
स्वीकृत राशि, व्यय
राशि,
सड़क का रख-रखाव
कितने वर्ष का
है,
सड़क की
वर्तमान
स्थिति क्या
है यदि
जीर्णशीर्ण
है तो कौन
जिम्मेदार है
उसका नाम
ठेकेदार एवं
एजेन्सी पर की
गई कार्यवाही (ख) क्या
पीएमजीएसवाई
के अंतर्गत
दबोह खजूरी मार्ग, रावतपुरा
सानी मेन
मार्ग, महाराणा
प्रताप
चौराहा से
सुन्दरपुरा
मार्ग,लपवाह से शिकारपुरा
मार्ग, अडोखर से
कच्छपुरा
इन्दुर्खी
मार्ग बनाये गये
है। वर्तमान
में उक्त सभी
सड़कें
क्षतिग्रस्त
है, इन
मार्गों के
मेन्टेनेन्स
से सड़क मार्ग
सही क्यों
नहीं करवाये
गये? दोषी
अधिकारियों
पर कार्यवाही
कब तक की जावेगी
तथा ठेकेदारों
के विरूद्ध
क्या कार्यवाही
की जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) पीएमजीएसवाई
के अन्तर्गत
भिण्ड जिले
में विगत पांच
वर्षों में 22 मार्गों के
निर्माण
कार्य
स्वीकृत हुये
थे। जिनमें से
21 मार्गों के
निर्माण
कार्य पूर्ण
किये जा चुके
है। शेष 01 मार्ग का
निर्माण कार्य
प्रगतिरत है। वर्तमान
में 21
मार्ग 5 वर्षीय परफॉर्मेंस
गांरटी अवधि (DLP) के
अर्न्तगत है। वर्तमान
में 20
मार्ग पूर्ण
रूप से
संधारित
अवस्था में है।
शेष 1
मार्ग में
समुचित
संधारण न होने
के कारण संविदाकार
को कारण बताओ
सूचना पत्र
दिनांक 04/11/2025 को जारी
किया गया है। समुचित
संधारण न किये
जाने पर
अनुबंधानुसार
अनुबंध
निरस्तीकरण
की कार्यवाही
की जाएगी। सड़कों
की वर्तमान
स्थिति एवं
अन्य जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) प्रश्नांश
में उल्लेखित
सभी 06
मार्ग संधारण
अवधि में है। साथ
ही सभी मार्ग
संधारित होकर
आवागमन हेतु उपयुक्त
है। सड़कों की
वर्तमान
संधारण की
स्थिति एवं
अन्य जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
पीएमजीएसवाई
योजना
अंतर्गत बनाई
गई सड़कों का
रख-रखाव
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
49.
( क्र. 218 ) श्री
अम्बरीष
शर्मा : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पीएजीएसवाई
के अंतर्गत
भिण्ड जिले
में विगत पांच
वर्षों में
कहां-कहां पर
सड़क बनाई गई
तथा इनकी
मेटेनेंस
कितने वर्ष का
था। वर्तमान
में कितनी
सड़कें टूट गई
जिनका मेंटेनेंस
नहीं कराया
गया विस्तृत
जानकारी निम्न
प्रारूप में
उपलब्ध
करायें। क्र., वर्ष, कार्य का
प्रकार, कहां से
कहां तक
स्वीकृत हुई, स्वीकृत
राशि,
व्यय राशि, सड़क का रख-रखाव
कितने वर्ष का
है सड़क की
वर्तमान
स्थिति क्या
है यदि
जीर्णशीर्ण
है तो कौन
जिम्मेदार है
उसका नाम
ठेकेदार एवं एजेन्सी
पर की गई
कार्यवाही। (ख) क्या
पीएमजीएसवाई
के अंतर्गत
दबोह खजूरी मार्ग, रावतपुरा
सानी मेन
मार्ग, महाराणा
प्रताप
चौराहा से
सुन्दरपुरा
मार्ग, लपवाह से
शिकारपुरा
मार्ग,अडोखर से
कच्छपुरा
इन्दुर्खी
मार्ग बनाये गये
है। वर्तमान
में उक्त सभी
सड़कें
क्षतिग्रस्त
है, इन
मार्गों के
मेन्टेनेन्स
से सड़क मार्ग
सही क्यों
नहीं करवाये
गये? दोषी
अधिकारियों
पर कार्यवाही
कब तक की
जावेगी तथा ठेकेदारों
के विरूद्ध
क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) पीएमजीएसवाई
के अन्तर्गत
भिण्ड जिले
में विगत पांच
वर्षों में 22 मार्गों के
निर्माण
कार्य
स्वीकृत हुये
थे। जिनमें से
21 मार्गों के
निर्माण
कार्य पूर्ण
किये जा चुके
है। शेष 01 मार्ग का
निर्माण
कार्य
प्रगतिरत है। वर्तमान
में 21
मार्ग 5 वर्षीय
परफोरमेन्स
गांरटी अवधि (DLP) के
अर्न्तगत है। वर्तमान
में 20
मार्ग पूर्ण
रूप से
संधारित
अवस्था में है।
शेष 1
मार्ग में
समुचित
संधारण न होने
के कारण संविदाकार
को कारण बताओ
सूचना पत्र
दिनांक 04/11/2025 को जारी
किया गया है। समुचित
संधारण न किये
जाने पर
अनुबंधानुसार
अनुबंध
निरस्तीकरण
की कार्यवाही
की जाएगी। सड़कों
की वर्तमान
स्थिति एवं
अन्य जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) प्रश्नांश
में उल्लेखित
सभी 06
मार्ग संधारण
अवधि में है। साथ
ही सभी मार्ग
संधारित होकर
आवागमन हेतु उपयुक्त
है। सड़कों की
वर्तमान
संधारण की
स्थिति एवं
अन्य जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
ग्राम
पंचायत सचिवों
का स्थानांतरण
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
50.
( क्र. 233 ) श्री
नितेन्द्र
बृजेन्द्र
सिंह राठौर : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पृथ्वीपुर
विधानसभा
अन्तर्गत
कितनी ग्राम पंचायतों
में विगत 10 वर्षों से
एक ही सचिव
पदस्थ हैं? क्या कारण
है कि एक ही
ग्राम पंचायत
में 10
वर्ष से अधिक
से पदस्थ है? यदि शासन
ने जुलाई 2025 में
स्थानांतरण
नीति के तहत 10 वर्ष से
अधिक के
ट्रांसफर कर
दिये गये है
तो कुछ ग्राम
पंचायतों में
स्थानांतरण
नीति के तहत
ट्रांसफर
क्यों नहीं
किये गये हैं? जैसे
ग्राम पंचायत
नदनवारा/हतेरी
के पंचायत सचिवों
के बिन्दुवार
कारण सहित
स्पष्ट करें, कौन
अधिकारी/कर्मचारी
दोषी है? दोषियों
पर कब
कार्यवाही की
जावेगी? (ख) टीकमगढ़
जिले की समस्त
जनपद
पंचायतों में
पंचायत
समन्वय अधिकारी
का चार्ज किस
आदेश के तहत
खण्ड पंचायत
अधिकारी को
दिया गया है? आदेश की
छायाप्रति
उपलब्ध कराये? जूनियर
पंचायत
समन्वय
अधिकारी को
चार्ज देने का
क्या
उद्देश्य है? सीनियर को
क्यों नहीं
दिया गया है? स्पष्ट
कारण सहित
सम्पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करायें? कौन
अधिकारी/कर्मचारी
दोषी हैं? दोषियों
पर कब
कार्यवाही की
जावेगी? (ग) टीकमगढ़
जिले में 5वां वित्त
आयोग में विगत
दो वर्षों में
कौन-कौन सी
ग्राम
पंचायतों में
कितनी-कितनी
राशि साफ-सफाई
एवं
कार्यालयीन
उपयोग हेतु
व्यय की गई है? किस
वेण्डर में
कितनी-कितनी
राशि ग्राम
पंचायत के
द्वारा डाली
गई है? वेण्डर
ने जीएसटी का
कितना
कटौत्रा कर
शासन के खाते
में राशि जमा
की गई? जमा
की गई राशि की
सम्पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध कराये?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) पृथ्वीपुर
विधानसभा क्षेत्र
अन्तर्गत 07
ग्राम पंचायत
में 10
वर्षों से
अधिक एक ही
पंचायत सचिव
पदस्थ है।
ग्राम पंचायत
सचिव के स्थानान्तरण
के संबंध में
स्थानान्तरण
नीति 2025 लागू
की गई थी।
जिसके अनुसार
जिला संवर्ग
में कार्यरत
सचिवों की
संख्या का 10
प्रतिशत से
अधिक स्थानान्तरण
नहीं किये जा
सकने के
निर्देश हैं।
उक्त नीति के
अनुसार जिला
पंचायत के
द्वारा पंचायत
सचिव का स्थानान्तरण
किया जाता है।
स्थानान्तरण
नीति अनुसार
टीकमगढ़ जिले
में केवल 52
सचिव की स्थानान्तरण
की सीमा होने, ग्राम
पंचायत में
सचिव का
नातेदार
सरपंच या उप
सरपंच चुने
जाने, ससुराल
की ग्राम
पंचायत में
पदस्थ होने, गंभीर
बीमारी, दिव्यांगता, पति-पत्नी
को एक साथ
पदस्थ किये
जाने के संबंध
में
प्रावधानित
होने से ग्राम
पंचायत
नदनवारा एवं
हतेरी के
पंचायत सचिवों
का स्थानान्तरण
नहीं किया
गया। किसी भी
पंचायत सचिव का
स्थानान्तरण
स्थानान्तरण
नीति के
विरूद्ध नहीं
किया गया है।
किसी अधिकारी/कर्मचारी
के दोष न होने
से कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ''
अनुसार है। (ख) टीकमगढ़
जिले के जनपद
पंचायतों में
पंचायत समन्वय
अधिकारी को
खण्ड पंचायत
अधिकारी का
प्रभार
पंचायत राज संचालनालय
भोपाल के पत्र
क्रमांक– स्था-1/पं.रा./एफ
6/632/2021/6297 भोपाल
दिनांक 10.06.2021 के
अनुक्रम में
सौंपा गया है।
पत्र की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''ब''
अनुसार है।
किसी भी कनिष्ठ
पंचायत समन्वय
अधिकारी को
खण्ड पंचायत
अधिकारी का
प्रभार नहीं
सौंपा गया है।
खण्ड पंचायत
अधिकारी के
प्रभार के
आदेश की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट ''स''
अनुसार है।
किसी भी कनिष्ठ
पंचायत समन्वय
अधिकारी को
खण्ड पंचायत
अधिकारी का
प्रभार नहीं
सौंपे जाने से
अन्य
कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''द''
अनुसार है।
फसल
बीमा का मुआवजा
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
51.
( क्र. 234 ) श्री बाबू
जन्डेल : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) श्योपुर
जिले में
प्रधानमंत्री
फसल बीमा योजनांतर्गत
कौन-कौन से
कृषक की
किस-किस फसल
का किन-किन
ग्रामों में
कितने रकवा का
बीमा किया गया
है? कृषकवार
ग्रामवार
तहसीलवार
बतावें? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
उक्त बीमित
फसल में से
अतिवर्षा/जल
भराव से किस-किस
कृषक की
कौन-कौन सी
फसले एवं
कितने बीघा/हेक्टेयर
में नष्ट हुई
है? (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
क्या
प्राकृतिक
आपदा से नष्ट
हुई फसलों में
खेत को इकाई
का आधार मानकर
ही आंकलन किया
गया है? यदि नहीं, तो किस
आधार पर फसल
नष्ट होने का
आंकलन किया गया
है? क्यो? (घ) क्या
फसल बीमा करते
समय वर्तमान
में फसलो को पैदा/तैयार
करने में व्यय
होने वाली
प्रति हेक्टेयर
वर्तमान लागत
को ही आधार
बनाया गया है? यदि हाँ तो
फसलवार लागत
बतावे? यदि नहीं, तो किस
आधार एवं
कितनी लागत
किस वर्ष एवं
नियम को आधार
मानकर बीमा
किया गया है? (ड.) किसानों
की बीमित किस
फसल के नष्ट
होने पर प्रति
बीघा/हेक्टेयर
कितनी राशि के
मान से किस
नियम के आधार
पर मुआवजा
दिया जावेगा?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 1 अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है।
(ग) प्रधानंमत्री
फसल बीमा
योजना की
प्रचालन मार्गदर्शिका
के
प्रावधानों
अनुसार अति वर्षा/जल
भराव से नष्ट
फसलों की
क्षतिपूर्ति
का आंकलन व्यक्तिगत
आधार पर एवं
क्षेत्र आधार
पर (जो भी लागू
हो) किया जाता
है। योजनांतर्गत
दावा गणना का
संक्षिप्त
विवरण जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है
एवं योजना
की प्रचालन
मार्गदर्शिका जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार है।
(घ) प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना
अंतर्गत
जिलावार, फसलवार, अल्पकालिक
फसल ऋणमान के
बराबर प्रति
हेक्टेयर
बीमित राशि
निर्धारित की
जाती है। जिला
स्तरीय
तकनीकी समिति
एवं राज्य स्तरीय
तकनीकी समिति
द्वारा
जिलावार
फसलवार लागत
को दृष्टिगत
रखते हुए अल्पकालिक
फसल ऋणमान का
निर्धारण
किया जाता है।
वित्तीय
वर्ष 2025-26
में बीमित
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र- 5 अनुसार
है। (ड.) उत्तरांश (ग)
अनुसार।
म.प्र.
नागरिक
आपूर्ति निगम
पर वित्तीय
संकट
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
52. ( क्र. 237 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
खाद्य मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या म.प्र.
नागरिक
आपूर्ति निगम 77 सौ
करोड़ के कर्ज
में है? (ख) क्या
कर्ज पर 11 करोड़
रू. प्रतिदिन
ब्याज की दर
से लगभग 330 करोड़
रू. ब्याज
प्रतिमाह देय
होता है, जिसकी
प्रतिपूर्ति
की जा रही है
या नहीं? (ग) क्या
कुप्रबंधन के
कारण वित्तीय
संकट उत्पन्न
हुआ है? यदि
नहीं, तो क्या
कारण है? (घ) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में इस वित्तीय
संकट के लिये
कौन दोषी है?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) वर्तमान
में एम.पी. स्टेट
सिविल सप्लाइज
कॉर्पोरेशन
लिमिटेड की
बैंकों से
उधार राशि
रूपये 62, 944.71 करोड़ है। (ख) उक्त
उधार राशि पर
प्रति दिवस
बैंक ब्याज
राशि रूपये 14.17 करोड़ आ
रही है। प्रति
दिवस आउट स्टेंडिंग
राशि पर ब्याज
मासिक तौर पर
देय होता है। बैंकों
को ब्याज का
भुगतान नियमित
रूप से किया
जा रहा है। (ग) जी
नहीं। प्रदेश
में वृहद
मात्रा में
उपार्जन एवं
विकेन्द्रीकृत
उपार्जन
योजना की
प्रकृति आदि
के कारण ऋण भार
है। (घ) जानकारी
उत्तरांश (ग) अनुसार।
श्योपुर
जिले हेतु
नवीन जिला
बैंक का गठन
[सहकारिता]
53.
( क्र. 238 ) श्री बाबू
जन्डेल : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) श्योपुर
को जिला बने
लगभग 27
वर्ष से अधिक
समय हो चुका
है, परन्तु
आज भी जिला
सहकारी
केन्द्रीय
बैंक का मुख्यालय
आज भी मुरैना
है? यदि
हाँ तो क्यों? (ख) जिला
सहकारी
केन्द्रीय
बैंक का
मुख्यालय
मुरैना से
पृथक कर
मुख्यालय
श्योपुर कब तक
बना दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सहकारी
संस्थाओं एवं
निजी
विक्रेताओं
को किस अनुपात
में
उर्वरक/खाद का
आवंटन कर वितरण
किये जाने के
क्या नियम हैं? अवगत
करावें। (घ) क्या
आये दिन
सहकारी
संस्थाओं, वितरण केन्द्रों
पर उर्वरक/खाद
लेने हेतु किसानों
की
लम्बी-लम्बी
कतारें लगी
रहती हैं? यदि हाँ तो
क्या
उर्वरक/रासायनिक
खादों की
पूर्ति नहीं
होती है? पूर्ति कब
तक कर दी
जावेगी?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जिला
सहकारी केंद्रीय
बैंक
मर्यादित
मुरैना की
वित्तीय स्थिति
कमजोर होने, बैंक का सी.आर.ए.आर.
भारतीय
रिजर्व बैंक
के मापदण्डों
के अनुसार न्यूनतम
09 प्रतिशत
से काफी कम
होने, बैकिंग
रेग्युलेशन
एक्ट, 1949 की धारा 11 (1) का पालन
करने में बैंक
का असमर्थ
होने से जिला
बैंक मुरैना
को पुनर्गठित
कर श्योपुर
जिले हेतु
नवीन जिला
बैंक गठित
किये जाने का
प्रस्ताव
वायबल नहीं
होने के कारण
जिला सहकारी
केंद्रीय
बैंक मर्यादित
मुरैना की
प्रशासक
समिति की बैठक
दिनांक 06-08-2025 में
असहमति दिये
जाने से
श्योपुर जिले
का मुख्यालय
यथावत जिला
सहकारी केंद्रीय
बैंक
मर्यादित
मुरैना रखा
गया है। (ख) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) नियम
की प्रति
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) जी
नहीं। उर्वरक/रासायनिक
खादों की
पूर्ति
नियमित रूप से
की जा रही है।
हितग्राहियों
को शासन की
योजनाओं का
लाभ
[श्रम]
54.
( क्र. 239 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे : क्या श्रम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या म.प्र. असंगठित
व शहरी
ग्रामीण
कर्मकार मंडल
भोपाल में पंजीकृत
अनेक
श्रमिकों की
पत्नी जो
आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता
के पद पर
पदस्थ हैं, उनको पति
की मृत्यु के
पश्चात भी
अनुग्रह सहायता
का लाभ नहीं
मिल पा रहा है? क्या
विभाग द्वारा
माननीय
सर्वोच्च
न्यायालय के
प्रकरण
"अमीरी बी व अन्य"
के संदर्भ में
आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता एवं
सहायक/आशा
कार्यकर्ता
को मानसेवी
होने से
शासकीय सेवक
की श्रेणी में
नहीं माना गया
है। (ख) मुख्यमंत्री
जनकल्याण (संबल)
योजना का लाभ
महिला एवं बाल
विकास विभाग व
अन्य विभाग
में कार्यरत
ऐसे कर्मचारी
जो शासकीय कर्मचारी
की श्रेणी में
नहीं आते हैं, प्रदेश
में कितने
आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता
एवं सहायिका
को इस संबल
योजना का लाभ
दिया गया है? संख्या
बताएं। (ग) मा.
सर्वोच्च
न्यायालय के
निर्णय
उपरांत भारत
सरकार, महिला एवं
बाल विकास
मंत्रालय, नई दिल्ली
द्वारा जारी
पत्र क्रमांक No.19-50/2014-CD.I
दिनांक
13.11.2015 की कॉपी
उपलब्ध कराने
के बाद भी
बालाघाट जिले
में पात्र
हितग्राही के
राशि के आहरण
पर रोक नहीं हटाई
गई, यदि
नहीं, तो
क्यों? कलेक्टर
बालाघाट
द्वारा उक्त
संबंध में मार्गदर्शन
चाहने हेतु
विभाग को
कितने पत्र
लिखे गये तथा
उन पत्रों पर
विभाग द्वारा
की गई?
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
नहीं, ऐसी
स्थिति नहीं
है।
आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता
एवं सहायक/आशा
कार्यकर्ता
महिला एवं बाल
विकास विभाग
अंतर्गत
कार्यरत हैं। ''अमीरी बी व
अन्य'' के संदर्भ
में केंद्र
शासन द्वारा
जारी पत्र की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री
जनकल्याण
संबल योजना का
लाभ योजना
अंतर्गत
निर्धारित 39
श्रेणियों के
सभी पात्र
हितग्राहियों
को दिया जाता
है।
आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता
एवं सहायिका
संबल योजना
अंतर्गत
निर्धारित 39 श्रेणियों
में सम्मिलित
न होने के
कारण उनका
पंजीयन नहीं
किया जाता है, तत्सम्बंध
में आदेश की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। अतः
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) विभाग
द्वारा किसी
भी पात्र
हितग्राही के
राशि के आहरण
पर किसी
प्रकार की रोक
नहीं लगाई गई
है। अतः शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। जिला
कलेक्टर
द्वारा
प्रेषित पत्र
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-स
अनुसार है।
मनरेगा
योजनान्तर्गत
उपयंत्रियों
की मांगों का
निराकरण
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
55.
( क्र. 241 ) श्रीमती
झूमा डॉ.
ध्यानसिंह
सोलंकी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सम्पूर्ण
मध्यप्रदेश
में मनरेगा
योजनान्तर्गत
पदस्थ
उपयंत्री कब
से हड़ताल पर
हैं तथा
हड़ताल पर
जाने का क्या
कारण है तथा
उनकी कौन-कौन
सी मांगों के
निराकरण हेतु
शासन से मांग
की जा रही है? (ख) क्या
शासन द्वारा
उनकी मांगों
का निराकरण कर
दिया गया है? यदि
हाँ तो
कौन-कौन सी मांगों
का निराकरण
किया गया है
तथा उक्त मांगों
के निराकरण के
संबंध में
जारी आदेश की
प्रतिलिपि उपलब्ध
करायें तथा
नहीं तो क्या
कारण है तथा
कब तक उक्त मांगों
का निराकरण
किया जायेगा? नहीं तो
क्या कारण है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) कोई
उपयंत्री
हड़ताल पर
नहीं है, अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। मनरेगा
अभियंता संघ
के पत्र की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मांग
क्र. 3
एवं 6 का
निराकरण किया
गया है। आदेश/पत्रों
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
फसल
क्षतिपूर्ति
राशि का प्रदाय
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
56.
( क्र. 242 ) श्रीमती
झूमा डॉ.
ध्यानसिंह
सोलंकी : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) भीकनगाँव
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
कुल कितने
किसानों
द्वारा कितने
रकबे में
सोयाबीन की
फसल की बुवाई
की गई थी? कृपया
तहसीलवार
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ख) क्या
भीकनगाँव
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत
भी पीला मोजेक एवं अन्य
कारणों से
सोयाबीन की
फसल खराब हुई
है? यदि
हाँ तो क्या
विभाग द्वारा
फसल का सर्वे
कर फसल क्षतिपूर्ति राशि प्रदाय
करने हेतु कोई
कार्यवाही की
गई है? की
गई कार्यवाही
का विवरण देवें। (ग) कब
तक उक्त
किसानों को
फसल
क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान
किया जायेगा? नहीं तो
क्या कारण है? (घ) क्या
भीकनगाँव
विधानसभा के
समीपवर्ती
तहसील पंधाना
में सोयाबीन
की फसल खराब
होने से फसल
क्षतिपूर्ति
की राशि का भुगतान
किया गया है? यदि हाँ तो
फिर झिरन्या
एवं भीकनगाँव
तहसील के
किसानों को क्यों
छोड़ दिया गया
है?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) भीकनगाँव
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
भीकनगाँव
तहसील के
अंतर्गत 17066 किसानों
द्वारा 16844.765 रकबा हेक्टर
में सोयाबीन
की फसल की बुवाई
की गई है। झिरन्या
तहसील के
अंतर्गत 14629 किसानों
द्वारा 19217.347 रकबा हेक्टर
में सोयाबीन
की फसल की बुवाई
की गई है। (ख) भीकनगाँव
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
तहसील झिरन्या
में अन्य
कारणों से
सोयाबीन की
फसल क्षति 25 प्रतिशत
से कम हुई है। राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 के
प्रावधानों
के तहत 25 प्रतिशत
से कम फसल
क्षति होने पर
राहत राशि दिए
जाने का
प्रावधान
नहीं है। तहसील
भीकनगांव की
जानकारी
निरंक है।
(ग) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न उद्भूत
नहीं होता। (घ) जी
हाँ, खण्डवा
जिले की तहसील
पंधाना में
सोयाबीन की
फसल खराब होने
से 13325 कृषकों
को राशि रू. 8, 15, 08, 078/-का भुगतान
किया गया है। शेष
उत्तरांश (ख) अनुसार
है।
सड़क
निर्माण हेतु
त्रुटिपूर्ण
सर्वे
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
57.
( क्र. 243 ) श्री
दिनेश जैन बोस
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 2446 दिनांक 04/08/2025 के
परिप्रेक्ष्य
में ग्राम
पंचायत
गोगापुर द्वारा
नागदा-गोगापुर
मार्ग से शुगर
मिल मार्ग, जिसका
निर्माण
कार्य सर्वे
क्रमांक 318 व 344 पर
किया गया है। क्या
उक्त सड़क
निर्माण
कार्य सर्वे
क्रमांक 318 व 344 पर
ही किया जाना
प्रस्तावित
था? यदि
हाँ, तो
उक्त मार्ग का
भौतिक
सत्यापन कर
जानकारी दें
कि उक्त
निर्माण
कार्य
प्रस्तावित
सर्वे क्रमांकों
पर ही किया
गया है? (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) वर्णित
उक्त
निर्माण
कार्य
प्रस्तावित
सर्वे
क्रमांकों पर
न करते हुए
कुछ निजी
व्यक्तियों
को लाभ पहुंचाने
के उद्देश्य
से अन्य सर्वे
क्रमांकों
एवं निजी भूमि
पर किया गया
है? यदि
हाँ, तो
संपूर्ण
सर्वे
क्रमांकों की
प्रतियां उपलब्ध
कराएं। (ग) क्या
उक्त निर्माण
कार्य सर्वे
क्रमांक 344 पर न करते
हुए सर्वे
क्रमांक 317, 316 व 345 पर
किया गया है? यदि हाँ, तो क्या
शासन की राशि
का दुरूपयोग
कर अवैध
निर्माण करने
पर संबंधित के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जायेगी? क्या
संबंधितों से
राशि की
वसूली की
जायेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) ग्राम
पंचायत
गोगापुर
द्वारा सी.सी.
रोड निर्माण (नागदा
रोड से शुगर
मिल मार्ग तक) विधायक
निधि मद से
वर्ष 2022-23
में स्वीकृत
लागत राशि
रूपये 11.60 लाख
शासकीय सर्वे
क्रमांक 318 एवं 344 पर स्वीकृत
किया गया था। शेष
प्रश्नांश की
जानकारी हेतु
जिला पंचायत
उज्जैन के
पत्र क्रमांक 6672 उज्जैन
दिनांक 11.11.2025 से
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
महिदपुर से
सीमांकन इत्यादि
कराकर स्थिति
का स्पष्ट
प्रतिवेदन
चाहा गया है। प्रतिवेदन
प्राप्त
होने पर
स्थिति स्पष्ट
की जा सकेगी। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लिखित
पत्र क्रमांक 6672 उज्जैन
दिनांक 11.11.2025 के
अनुक्रम में
प्रतिवेदन
प्राप्त
होने के पश्चात
सर्वे
क्रमांक के
भूमि की नोईयत
की जानकारी
दिया जाना
संभव होगा। (ग) अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
से जांच
रिपोर्ट
अपेक्षित है।
MSP पर
सोयाबीन
खरीदी में
लापरवाही
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
58. ( क्र. 251 ) श्री
महेश परमार : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
का पत्र
दिनांक 16.09.2025 विभाग
को प्राप्त
हुआ था, जिसमें
सोयाबीन को MSP
में
शामिल करने और
तकनीकी
समस्याओं (FAQ)
को
दूर करने की
मांग थी? यदि हाँ,
तो
उक्त पत्र पर
प्रश्न
दिनांक तक
क्या
कार्यवाही की
गई है? (ख) कृषि
उपज मंडी में
सौदा पर्ची
में विक्रय
मूल्य एवं
समर्थन मूल्य
के अन्तर की
राशि को कब-तक
भावांतर के
माध्यम से
किसानों को
भुगतान किया
जाएगा? किसान
विरोधी मॉडल
रेट के
प्रावधान की
शर्तों को
कब-तक
समाप्त कर, अन्तर की
राशि सीधे
किसानों के
बैंक खाते में
दी जायेगी? (ग) प्रीमियम
राशि लेने के
बाद भी बीमा
राशि क्यों
नहीं दी गई? पूर्व में
वर्ष 2017-2018
में घोषित की
गई भावांतर के
अंतर की राशि का
भुगतान कब तक
किसानों के
खाते में किया
जायेगा?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी
नहीं। शेष
प्रश्न उद्भूत
नहीं होता है।
(ख) खरीफ
2025 हेतु
सोयाबीन में
भावांतर
योजना
प्रावधान अनुसार
मंडी में
विक्रय
दिनांक से 15 दिवस में
भावांतर राशि
का भुगतान
किया जाना है जो
कि मॉडल रेट
की घोषणा पर
निर्भर हैं। मॉडल
रेट गणना के
प्रावधान, भारत
सरकार द्वारा
जारी
पुनरीक्षित
प्राइस डेफिसिट
पेमेंट स्कीम
गाइड लाइन्स
वर्ष 2024 के
प्रावधानों
पर आधारित हैं, जो कि कृषक
हित में हैं। शेष
प्रश्न उद्भूत
नहीं होता। (ग) प्रधानमंत्री
फसल बीमा के
प्रावधान
अनुसार पात्र
बीमित कृषकों
की उपज में
कमी के आधार
पर क्षति
पूर्ति राशि
का भुगतान
किया जाना
प्रावधानित
हैं। वर्ष 2017-18 की
भावांतर राशि
का भुगतान
किया जा चुका
है।
उपयंत्री
को सहायक
यंत्री का
प्रभार दिये
जाने हेतु शासन
के नियम
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
59. ( क्र. 255 ) श्री
पंकज
उपाध्याय : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
मनरेगा योजना
अंतर्गत
रिक्त सहायक
यंत्री के पद
पर ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा के
उपयंत्री को प्रभार
देने हेतु
आवश्यक शर्त
क्या है? समस्त आदेश/परिपत्र
उपलब्ध
कराएं। (ख) कार्यालय
प्रमुख
अभियंता,
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा,
मध्यप्रदेश,
भोपाल के
नियुक्ति
आदेश क्र. 4538/22/वि-3/ग्रा.यां.से./2023 के
अनुसार सहायक
यंत्री की नियुक्ति
3
वर्ष की परिवीक्षा
अवधि पर की गई
है जिसके
अनुसार अभी
उनकी
परिवीक्षा अवधि
पूर्ण नहीं
हुई है। जनपद
पंचायत
कैलारस जिला
मुरैना
अंतर्गत
उपयंत्री को
सहायक यंत्री
का प्रभार किस
नियम के तहत
दिया गया है? (ग)
इनके
द्वारा सहायक
यंत्री का
प्रभार ग्रहण
किए जाने के
उपरांत
किन-किन
कार्यों की कुल
कितनी-कितनी
राशि की अवैध
तकनीकी स्वीकृतियां
जारी की गई
हैं तथा कितनी
राशि के अवैध
पूर्णता
प्रमाण-पत्र जारी
किए गए हैं? संपूर्ण
विवरण उपलब्ध
कराएं। (घ) क्या
सहायक यंत्री
का प्रभार
होने पर
उपयंत्री का
कार्य किया जा
सकता है? यदि
नहीं, तो
प्रभारी सहायक
यंत्री किस
नियम के तहत
एवं किसके
आदेश से
उपयंत्री का
भी कार्य कर
रहे हैं? नियम/आदेश
की प्रति
उपलब्ध
कराएं। (ङ)
क्या
उपयंत्री को
सहायक यंत्री
का प्रभार शासन
नियमों के
विरुद्ध दिया
गया है? यदि
हाँ, तो
इसके लिए कौन
अधिकारी दोषी
हैं एवं उनके
विरुद्ध क्या
कार्रवाई की
जाएगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी
नहीं। प्रश्नाधीन
आदेश
उपयंत्री
नियुक्ति से
संबंधित है। उत्तरांश
'क' अनुसार।
(ग) सहायक
यंत्री के
प्रभार में
सहायक
यंत्रियों के
विभिन्न
कर्तव्यों
का निर्वहन
किया गया है, इसलिये
प्रभार अवधि
में संपादित
किये गये कोई
भी कार्य अवैध
नहीं है। (घ) जी
नहीं। सहायक
यंत्री के
प्रभार
संबंधी आदेश
निरस्त किया
गया है। आदेश
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ङ) जी
नहीं। विस्तृत
जांच उपरांत
प्राप्त
प्रतिवेदन
में वास्तविक
तथ्य प्रकाश
में आयेंगे।
फसल
क्षति का
मुआवजा एवं
न्यूनतम
समर्थन मूल्य
पर उपार्जन
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
60.
( क्र. 272 ) इंजीनियर
हरिबाबू राय : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा करेंगे
कि (क) अत्यधिक
वर्षा होने के
कारण खरीफ फसल
बुवाई में
जिले के
किसानों को
हुए नुकसान का
मुआवजा
प्रदान करने
की क्या
कार्यवाही की
गई? (ख) जिले में
अत्यधिक
बरसात से बची
हुई मक्के की
फसल का दाम 1000 रूपये से 1800 रूपये तक
ही किसानों को
मिल पा रहा है
जबकि भारत
सरकार द्वारा
मक्का उपार्जन
हेतु विपणन
वर्ष 2025-26
के लिए समर्थन
मूल्य 2400 रूपये
प्रति
क्विंटल
घोषित किया
गया है। प्रदेश
सरकार द्वारा क्यों
लागू नहीं किया
जा रहा है? (ग) जिले
में मक्के के
न्यूनतम
समर्थन मूल्य
पर उपार्जन कब
तक सुनिश्चित
किया जायेगा?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) अशोनगर
जिले में अत्यधिक
वर्षा होने के
कारण बुवाई के
समय नुकसान
होना प्रकाश
में नहीं आया
है। खरीफ फसल
में जिले के
किसानों को
हुए नुकसान का
मुआवजा राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 के
अंतर्गत 950 कृषकों को
राशि रू. 60, 14, 619/-का भुगतान
किया गया है। (ख) अशोकनगर
जिले की कृषि
उपज मंडियों
में मक्के के
भावों की है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। भारत
सरकार की नीति
अनुसार
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
मक्का को
लक्षित सार्वजनिक
वितरण प्रणाली
के अंतर्गत
पात्र
परिवारों को
वितरण की अनिवार्यता, सरप्लस
मक्का को
केन्द्रीय
पूल में
प्राप्त न
करने, मक्का
की सेल्फ लाईफ
सीमित होने के
कारण समय-समय
पर राज्य
शासन द्वारा
उचित निर्णय
लिया जाता है।
(ग) प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
अनुसार।
कृषि
महाविद्यालय
के
विद्यार्थियों
के लिए आवश्यक
सुविधाओं का
प्रदाय
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
61.
( क्र. 276 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
क्षेत्र खुरई
अन्तर्गत अटल
बिहारी
वाजपेयी कृषि
महाविद्यालय
खुरई का नवीन
भवन, छात्र-छात्राओं
को छात्रावास, प्रयोगशाला
कक्ष, प्रयोगशाला
के उपयोगी
उपकरण, प्रोजेक्टर
व
आवश्यकतानुरूप
फर्नीचर की व्यवस्था
कब तक करने का
विचार है? क्या
महाविद्यालय
में 82
छात्र-छात्राओं
का सीट आवंटन
है, लेकिन
भवन व
सुविधाओं के
अभाव में 40
छात्र-छात्राओं
को
विश्वविद्यालय
के अन्य केन्द्रों/महाविद्यालयों
में अध्यापन
हेतु भेजा जा
रहा है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
क्या कृषि
महाविद्यालय में
स्वीकृत
सहायक
प्राध्यापकों
के 32
पदों के
विरूद्ध 31 पद एवं
स्वीकृत
अशैक्षणिक 54 पदों के
विरूद्ध
पूर्ण पद
रिक्त हैं? यदि हाँ, तो इस
संबंध में
विभाग के
द्वारा की जा
रही कार्यवाही
का ब्यौरा दें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) शैक्षणिक
सत्र 2025-26
में नवीन
प्रवेशित
छात्राओं
हेतु शासकीय
हायर सेकेण्डरी
मॉडल स्कूल, खुरई
परिसर में
संचालित
बालिका
छात्रावास में
08 कमरे
आवंटित किये
गये हैं। प्रत्येक
कक्ष में 06 छात्राओं
के ठहरने की
क्षमता है। वर्तमान
में कृषि
महाविद्यालय, स्कूल के
भवन में
संचालित हो
रहे है। उल्लेखित
आवश्यक
उपकरणों यथा
प्रयोगशाला
उपकरण, प्रोजेक्टर
एवं फर्नीचर
इत्यादि को
क्रय किये
जाने की
प्रशासनिक
अनुमति प्रदाय
कर दी गई है। प्रश्न
में उल्लेखित
40
छात्र-छात्राओं
को विश्वविद्यालय
के अन्य केन्द्रों/महाविद्यालय
में अध्यापन
हेतु भेजे
जाने संबंधी
कार्यवाही
वर्तमान में
प्रस्तावित
नहीं है। (ख) जी
हाँ। कृषि
महाविद्यालय
में स्वीकृत
सहायक प्राध्यापक
के 23 पद
एवं
अशैक्षणिक
संवर्ग के
समस्त 54 पद रिक्त
हैं। कृषि
महाविद्यालय
खुरई अंतर्गत
अधिष्ठाता
का 01 पद
एवं सहायक
प्राध्यापक
के 21
पदों को
विज्ञापन
क्रमांक 74 दिनांक 10.10.2025 एवं 01 पद को
विज्ञापन
क्रमांक 80 दिनांक 10.11.2025 को
विज्ञापित
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
सेवा
सहकारी
समितियों का
संचालन
[सहकारिता]
62.
( क्र. 281 ) इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सागर
एवं राहतगढ़
विकासखंड
अंतर्गत
कितनी सेवा
सहकारी समिति
संचालित/पंजीकृत
है? विकासखण्डवार
जानकारी देवें। (ख) क्या
प्रश्नांश (क)
में वर्णित
कौन-कौन सी
सेवा सहकारी
समिति विभागीय
कार्य
संपादित कर
रहीं हैं/संचालित
कर रही हैं? प्रश्नांश
(क) में
वर्णित कार्य
संपादित/संचालित
नहीं हो रही
है? कारण
सहित जानकारी
देवें। (ग) प्रश्नांश
(ख) में वर्णित
सेवा सहकारी
सेवा समिति जो
शासकीय कार्य
संपादित नहीं
कर रही
है/संचालित
नहीं है तथा
शासन से
इन्हें
किसानों के
मूलभूत कार्य
जैसे खाद-बीज
वितरण, गेहूं
खरीदी आदि का
कार्य
दायित्व/अधिकार
नहीं सौंपा
जाता है? नरयावली विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत आने
वाली समितियों
के नाम एवं
उनमें संलग्न
गांव के नाम
सहित जानकारी
देवें। (घ) प्रश्नांश
(ग) में वर्णित
समितियों के
डिफॉल्टर/बकायादार
होने के कारण
किसानों को हो
रही
परेशानियों
को दृष्टिगत
रखते हुए क्या
शासन इन डिफॉल्टर/बकायादार
से मुक्त करने
लिए कोई विशेष
योजना/अभियान
चलाकर इन्हें
मुख्यधारा
में लाने का
कोई प्रयास
करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) विकासखण्ड
सागर अंतर्गत 23 एवं
विकासखण्ड राहतगढ़
अंतर्गत 14 प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
समितियां
संचालित/पंजीकृत
हैं। विकासखण्डवार
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विकासखण्ड
सागर अंतर्गत 23 प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
समितियां एवं
विकासखण्ड राहतगढ़
अंतर्गत 13 प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
समितियां
विभागीय
कार्य
संपादित कर
रही है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है। विकासखण्ड
राहतगढ़ की
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी समिति
रजवांस नवीन
गठित होने से
इसके द्वारा
कार्य
प्रारंभ नहीं
किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है।
नरयावली
विधानसभा क्षेत्र
अंतर्गत आने
वाले
समितियों के
नाम एवं उनमें
संलग्न
गांवों के नाम
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) वर्तमान
में प्राथमिक
कृषि साख सहकारी
समितियों के
डिफॉल्टर/बकायादार
किसानों के
लिए कोई योजना
लागू नहीं है।
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
मनरेगा
से निर्मित चेक
डैम की राशि का
भुगतान
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
63. ( क्र. 290 ) सुश्री
रामश्री (बहिन
रामसिया
भारती) राजपूत
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
छतरपुर में
वर्ष 2020-2021 एवं 2021-22
में कितनी
पंचायतों में
मनरेगा चेक
डैमों की जाँच
पूर्व
मुख्यमंत्री
माननीय
शिवराज सिंह
जी के समय में
की गई थी, उसमें
बड़ामलहरा
जनपद की कुल
कितनी
पंचायतें हैं? (ख)
बड़ामलहरा
जनपद की उक्त
पंचायतें जो
इस कार्यवाही
में सम्मिलित
थीं, उनमें से
फुटवारी, सैरोरा, रजपुरा का
भुगतान कर
दिया गया है, तो
पंचायत
सेंघपा के
हसरी नाला चेक
डैम का भुगतान
क्यों लंबित
है? कृपया
कारण बतायें
एवं दोषियों
के विरुद्ध
क्या
कार्यवाही
स्थापित की जा
रही है एवं
सेंधपा का
लंबित भुगतान
कब तक किया जा
रहा है? (ग) जिले
के सम्पूर्ण
जाँच में
सम्मिलित चेक
डैमों के
भुगतान की
सूची, एम.बी., बिल
वाउचर,
कार्यपालन
यंत्री-सहायक
यंत्री के
भुगतान में
संलग्न प्रमाण
पत्रों की
छायाप्रतियां
उपलब्ध करायें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जिला
छतरपुर में
वर्ष 2020-21
एवं 2021-22
में 23
पंचायतों में
मनरेगा चेकडैमों
की जांच पूर्व
मुख्यमंत्री
माननीय
शिवराज सिंह
जी के समय की
गई थी, उसमें
बड़ामलहरा
जनपद की कुल 05 पंचायतें
हैं। (ख) जनपद
पंचायत बड़ामलहरा
की ग्राम
पंचायत
सैरोरा, रजपुरा जांच
में सम्मिलित
न होने के
कारण भुगतान
किया गया। ग्राम
पंचायत फुटवारी
के चेक डैम की
जांच की गई, जांच में
कोई
कार्यवाही
प्रस्तावित
न होने से
भुगतान किया
गया। ग्राम
पंचायत सेंघपा, हसरी नाला चेक
डैम का जांच
में स्थल
अनुपयुक्त
पाये जाने के
कारण भुगतान
नहीं किया गया
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जिला
छतरपुर
अंतर्गत जांच
में सम्मिलित
चेक डैमों में
भुगतान की
जानकारी
मनरेगा
पोर्टल www.nrega.nic.in पर उपलब्घ
है, माप
पुस्तिका की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
ग्राम
पंचायतों के
निर्माण
कार्यों की
जाँच
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
64. ( क्र. 293 ) सुश्री
रामश्री (बहिन
रामसिया
भारती) राजपूत
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
छतरपुर की जनपद
पंचायत
बड़ामलहरा की
पंचायतें कयन, मुंगवारी, एवं
परा में वर्ष 31
मार्च 2022 से
वर्तमान तक
कौन-कौन से
किस-किस मद से
कितनी-कितनी
राशि के
निर्माण
कार्य
स्वीकृत किये
गये? कृपया
वर्षवार सूची
उपलब्ध करायें। (ख) उक्त
पंचायतों में
निर्मित
कार्यों की
एम.बी., बिल व्हाउचर, स्थल
चयन का
प्रमाण-पत्र, कार्य
स्थल
निरीक्षण
प्रमाण-पत्र
एवं जनपद कार्यपालन
अधिकारी
बड़ामलहरा की
टीप सहित उपलब्ध
करायें। (ग) क्या उक्त
पंचायतों के
निर्माण
कार्यों की जाँच
निरीक्षण
कमेटी
राष्ट्रीय
रोजगार गारंटी
परिषद् एवं
आयुक्त
संचालनालय
पंचायत विभाग
एवं प्रमुख
सचिव पंचायत
ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा
निरीक्षण
कराया जा सकता
है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के कॉलम (7) में
उल्लिखित 30 निर्माण
कार्यों को छोड़कर
शेष निर्माण
कार्यों की
एम.बी. संलग्न
है। 30
कार्यों के
एम.बी. की
जानकारी
संकलित की जा
रही है।
कार्यों के
बिल/बाउचर की
भी जानकारी
संकलित की जा
रही है। उपयंत्री
द्वारा स्थल
निरीक्षण
उपरांत स्थल-चयन
के आधार पर
प्राक्कलन
तैयार किया
जाता है। इसी
प्रकार
उपयंत्री, सहायक
यंत्री सहित
अन्य
अधिकारियों
द्वारा
समय-समय पर
कार्य स्थल
निरीक्षण
किया जाता है।
पृथक से इस
आशय का कोई
प्रमाण-पत्र
जारी नहीं किया
जाता है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) निर्माण
कार्यों अनियमितता
की तथ्यात्मक
शिकायत
प्राप्त होने
की स्थिति में
निरीक्षण/जांच
कराई जाती है।
कृषि
योजनाओं हेतु
राशि का आवंटन
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
65.
( क्र. 298 ) श्रीमती
रीती पाठक : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
वर्ष 2024-25
एवं वर्ष 2025-26 (दिनांक 31 अक्टूबर 2025 तक) की अवधि
में उप संचालक
कृषि, सहायक
भूमि संरक्षण
अधिकारी
परियोजना
संचालक आत्मा सीधी
में
कार्यालयों
को कुल कितनी
राशि आवंटित
की गई है? कृपया
घटकवार
प्राप्त एवं
व्यय की गई
राशि का विवरण
प्रदान करें। उनकी
संस्थावार
जानकारी भी
उपलब्ध कराएं।
(ख) कार्यालय
सहायक मृदा
संरक्षण
अधिकारी, सीधी के
अंतर्गत वर्ष 2023-24 से आज
दिनांक तक कुल
कितने
किसानों की
मृदा परीक्षण
की गई है तथा
कितने मृदा
स्वास्थ्य कार्ड
जारी किए गए
हैं? कृपया
वर्षवार एवं
किसानवार
सूची
प्रस्तुत करने
की कृपा करें।
(ग) कृषि
अभियांत्रिकी, सीधी
द्वारा वर्ष 2023-24 से दिनांक 31 अक्टूबर 2025 तक किन-किन
कृषकों को
कितने-कितने
कृषि यंत्र
वितरित किए गए
हैं? वर्षवार
जानकारी
प्रदान करें। साथ ही
प्रदत्त
यंत्रों पर
दिए गए अनुदान
की जानकारी भी
कृषकवार रूप
में उपलब्ध कराएं।
(घ) कार्यालय
सहायक संचालक
उद्यान सीधी
में 2024-25
एवं वर्ष 2025-26 (दिनांक 31 अक्टूबर 2025 तक) की अवधि
में कितनी
राशि का आवंटन
प्राप्त हुआ? कृपया
घटकवार
प्राप्त एवं
व्यय की गई
राशि का विवरण
प्रदान करें। उनकी
संस्थावार
जानकारी भी उपलब्ध कराएं।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास मंत्री
( श्री ऐदल
सिंह कंषाना ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
(सहायक
भूमि संरक्षण
अधिकारी जिला
सीधी में वित्तीय
वर्ष 2024-25
में बलराम
तालाब हेतु
प्राप्त
राशि 2.40
लाख का भुगतान
हितग्राहियों
के खाते में
डी.बी.टी. के
माध्यम से भी
किया गया। (ख) सहायक
मृदा
सर्वेक्षण
अधिकारी सीधी
अन्तर्गत
वित्तीय
वर्ष 2023-24
से प्रश्नांकित
तिथि तक
किसानों के
खेतों से
एकत्रित मृदा
नमूनों के
परीक्षण एवं
जारी मृदा स्वास्थ्य
कार्ड की
जानकारी एवं
कृषकवार/वर्षवार
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है।
(ग) कृषि
अभियांत्रिकी
जिला सीधी में
वर्ष 2023-24
से (दिनांक 31 अक्टूबर 2025 तक) की अवधि
में चाही गई जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार है।
(घ) उद्यान
विभाग जिला
सीधी में वर्ष
2024-25 से (दिनांक 31 अक्टूबर 2025 तक) की अवधि
में प्राप्त
आवंटन एवं व्यय
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-5 अनुसार है।
खेल
सम्बन्धी
मूलभूत
सुविधाओं की
स्वीकृति
[खेल एवं
युवा कल्याण]
66.
( क्र. 300 ) श्रीमती
रीती पाठक : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सीधी
विधानसभा
अंतर्गत जिला
मुख्यालय में बायपास
के समीप एक
क्रिकेट
स्टेडियम के
स्वीकृति का प्रस्ताव
जिला प्रशासन
द्वारा भेजा
गया है। इस
स्टेडियम की
स्वीकृति कब
तक प्रदान की
जाएगी? (ख) सीधी
विधानसभा
अंतर्गत जिला
मुख्यालय में
एक इनडोर
स्टेडियम एवं
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
की मांग प्रश्नकर्ता
द्वारा
लगातार सदन के
माध्यम से की
गई है। इसकी
स्वीकृति के
लिए विभाग की
क्या योजना है? (ग) सीधी
विधानसभा के
ग्रामीण
क्षेत्रों
में खेल
गतिविधियों
को बढ़ावा देने
एवं
खिलाड़ियों की
प्रतिभा को
प्रोत्साहन
देने हेतु
क्या-क्या
योजनायें
चलाई जा रही
हैं एवं इस
हेतु सीधी
जिले में वर्ष
2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में कितनी
राशि का आवंटन
किया गया? (घ) जिला
सीधी में
विभाग द्वारा
शासकीय
कार्यक्रम के
तहत कौन-कौन
से
टूर्नामेंट
या खेल प्रतियोगितायें
आयोजित की गईं?
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास कैलाश
सारंग ) : (क) जी
नहीं, कलेक्टर
जिला सीधी
द्वारा सीधी
में क्रिकेट स्टेडियम
निर्माण हेतु
आदेश क्रमांक 0009/अ-20 (1) 2016-17
दिनांक09 जून 2017
द्वारा 3.359
हेक्टेयर
भूमि
हस्तांतरित
की गई थी। यह
भूमि असमतल व
ऊबड़ खबड़ होने
के कारण
क्रिकेट
स्टेडियम
हेतु उपयुक्त
नहीं पायी गई
है। जिला
प्रशासन
द्वारा नवीन
भूमि आवंटित
किये जाने के
उपरांत जिला
खेल और युवा
कल्याण
अधिकारी सीधी
द्वारा जिला
प्रशासन के
माध्यम से
प्रस्ताव
प्रस्तुत
होने के
उपरांत सक्षम
समिति के
समक्ष बजट
उपलब्धतानुसार
स्वीकृति
हेतु
प्रस्तुत
किये जा सकेंगे।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) सीधी
जिले में
इंडोर
स्टेडियम एवं
स्पोर्ट् स
कॉम्पलेक्स
निर्माण हेतु
विभागीय नीति
अनुसार नगर
निकाय सीमा से
2.00 कि.मी. की
परिधि में
विभाग के नाम 10.00
एकड़ भूमि
आवंटित होने
के उपरांत
जिले से
समुचित
प्रस्ताव
प्राप्त होने
के पश्चात
प्रस्ताव का
परीक्षण कर
बजट उपलब्धतानुसार
सक्षम समिति
के समक्ष
स्वीकृति हेतु
प्रस्तुत
किये जा
सकेंगे। (ग) विभाग
द्वारा
विधानसभा
क्षेत्रवार
योजना संचालित
नहीं की जाती
है, विभाग
द्वारा जिला
सीधी में
संचालित
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार
है, संचालित
योजनाओं का
लाभ जिला सीधी
के विधानसभा
क्षेत्र सीधी
के युवाओं को
भी प्राप्त
होता है। जिला
सीधी को वर्ष 2023-24
एवं वर्ष 2024-25
में आवंटित
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार
है।
(घ) जिला सीधी
में विभाग
द्वारा
आयोजित
कार्यक्रम, टूर्नामेंट
एवं खेल
प्रतियोगिताओं
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार
है।
उर्वरक
आवंटन, भंडारण
एवं वितरण
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
67.
( क्र. 302 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सिवनी
जिले को
प्राप्त
होने वाले
यूरिया, डी.ए.पी., ग्रोमोर, सुपर फास्फेट
एवं अन्य
फर्टीलाइजर (उर्वरक)
खाद की भारी
कमी का सामना
करना पड़ रहा
है, जिसके
कारण रबी एवं
खरीफ की फसलों
की बुवाई एवं
उत्पादन
प्रभावित हो
रहा है? यदि हाँ, तो
वर्तमान में
सिवनी जिले
में यूरिया, डी.ए.पी., ग्रोमोर, सुपर फास्फेट
एवं अन्य
फर्टीलाइजर (उर्वरक)
खाद की उपलब्धता
क्या है? विवरण दें। (ख) किसानों
को निर्धारित
मात्रा में
खाद उपलब्ध
कराय जाने
हेतु शासन
द्वारा क्या
कदम उठाए जा
रहे हैं? क्या कई
सहकारी
समितियों एवं
विक्रय केन्द्रों
पर खाद की
आपूर्ति समय
पर नहीं हो पा
रही है? यदि हाँ, तो उसके क्या
कारण हैं? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में आवंटन अनुरूप
सहकारिता में
उर्वरक न देकर
निजी विक्रेताओं
को आवंटन अधिक
उर्वरक देने
के लिये कौन अधिकारी
एवं कौन-कौन
कंपनी
प्रतिनिधि
दोषी है? क्या
दोषियों के
ऊपर
कार्यवाही की
जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी
नहीं। वर्ष 2025-26 में
उर्वरक उपलब्धता, वितरण एवं
शेष उपलब्ध की
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''1'' अनुसार है।
(ख) किसानों
को उर्वरक
उपलब्ध कराये
जाने हेतु जिले
में 57
सहकारी
समितियां, 07 डबल लॉक
केन्द्र, 04
मार्केटिंग
सोसायटी, 01 एम.पी. एग्रो
एवं 865
निजी उर्वरक
विक्रेता
संस्थान
संचालित हैं। सहकारी
समितियों एवं
विक्रय
केन्द्रों पर
उर्वरक की
आपूर्ति, उपलब्धता
के आधार पर
निरंतर जारी
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जोनल
मैनेजर, मार्कफेड
के द्वारा जारी
रैक प्लान
अनुसार
उर्वरक
आपूर्ति सहकारी
क्षेत्र में
कराई जाकर शेष
मात्रा निजी
क्षेत्र में
उपलब्ध कराई
गई है। सहकारी
एवं निजी
क्षेत्र में
उर्वरक वितरण की
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''2'' अनुसार है।
शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
मक्का
फसल का न्यूनतम
समर्थन मूल्य
पर खरीदी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
68.
( क्र. 303 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सिवनी जिले
में किसानों
द्वारा बड़े
पैमाने पर
मक्के की खेती
की जाती है
परंतु
वर्तमान में
मक्के का
बाजार मूल्य ₹1000 से ₹1800 प्रति
क्विंटल तक ही
मिल रहा है जो
केंद्र सरकार
द्वारा घोषित
न्यूनतम
समर्थन मूल्य ₹2400 प्रति
क्विंटल से
काफी कम है? यदि हाँ, तो क्या
राज्य सरकार
मक्का फसल के
उपार्जन को
न्यूनतम
समर्थन मूल्य
(MSP)
पर
सुनिश्चित
करने हेतु कोई
ठोस
कार्ययोजना बना
रही है? यदि हाँ, तो उसका
विवरण क्या है
और यदि नहीं, तो क्यों? (ख) वर्तमान
में सिवनी जिले
की कृषि उपज
मंडियों में
मक्के का
बाजार भाव ₹1000 से ₹1800 प्रति क्विंटल
तक चल रहा है
जो कि केंद्र
सरकार द्वारा घोषित
न्यूनतम
समर्थन मूल्य
से काफी कम है।
इस कारण
किसानों को
भारी आर्थिक
नुकसान उठाना
पड़ रहा है और
उनकी उपज का
उचित मूल्य
नहीं मिल पा
रहा है, तो शासन
द्वारा क्या
प्रयास किये
जा रहे हैं? नहीं किये
जा रहे हैं तो
क्यों नहीं? (ग) किसानों
के हित में
मक्का उपज का
उपार्जन न्यूनतम
समर्थन मूल्य
पर सुनिश्चित
कराया जाए ताकि
किसानों को
उनके परिश्रम
का उचित मूल्य
प्राप्त हो
सकें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी
हाँ। सिवनी
जिले की कृषि
उपज मंडियों
में मक्के के
भावों की
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। भारत
सरकार की नीति
अनुसार
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
मक्का को
लक्षित सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली के
अंतर्गत
पात्र परिवारों
को वितरण की
अनिवार्यता, सरप्लस
मक्का को
केन्द्रीय
पूल में
प्राप्त न
करने, मक्का
की सेल्फ लाइफ
सीमित होने
तथा मक्का
उपार्जन
मात्रा
अनुसार
लक्षित
सार्वजनिक
वितरण प्रणाली
में खपत न
होने के कारण
विगत वर्षों
से मक्के का
उपार्जन नहीं
होता रहा है। (ख) जानकारी
उत्तरांश 'क' अनुसार
है। (ग) कृषि
उपज मंडियों
में मक्का
खुली नीलामी
प्रक्रिया के
माध्यम से
मंडियों में
पंजीकृत व्यापारियों
द्वारा क्रय
किया जाता है, जिससे
किसानों को
उसका मूल्य
प्राप्त हो
सके। समर्थन
मूल्य पर मक्का
उपार्जन न
करने का कारण उत्तरांश
'क'
अनुसार।
15वे
वित्त आयोग की
राशि से कराए गए
विकास कार्य
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
69.
( क्र. 306 ) श्री
सुनील उईके : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
छिंदवाड़ा
जिले में पिछले
5 वर्षों
में प्रश्न
दिनांक तक
अमृत सरोवर
तालाब
निर्माण मद से
क्या-क्या
निर्माण
कार्य कराए गए
हैं? कार्य
का नाम, स्वीकृत
राशि, व्यय
राशि एवं
कार्य की
वर्तमान
भौतिक स्थिति
की
विकासखंडवार
जानकारी
प्रदान करें। (ख) इसी
प्रकार पिछले 5 वर्षों
में प्रश्न
दिनांक तक
अधोसंरचना मद
से क्या-क्या
निर्माण कार्य
कराए गए हैं? कार्य का
नाम, स्वीकृत
राशि, व्यय
राशि एवं
कार्य की
वर्तमान
भौतिक स्थिति
की
विकासखंडवार
जानकारी
प्रदान करें। (ग) छिंदवाड़ा
जिले में
पिछले 5 वर्षों
में प्रश्न
दिनांक तक 15वे वित्त
आयोग की राशि
से क्या-क्या
निर्माण कार्य
कराए गए हैं? कार्य का
नाम, स्वीकृत
राशि, व्यय
राशि एवं
कार्य की
वर्तमान
भौतिक स्थिति
की
विकासखंडवार
जानकारी
प्रदान करें। (घ) विकासखण्ड
जुन्नारदेव
एवं तामिया
अंतर्गत
ग्राम
पंचायतों में
सामुदायिक
भवन एवं मोक्षधाम
शेड निर्माण
पिछले 5 वर्षों
में प्रश्न
दिनांक तक
कितने कराये
गये एवं कितनी
ग्राम पंचायतों
में
सामुदायिक
भवन एवं
मोक्षधाम शेड
निर्माण बनना
बाकी है एवं जिन
ग्राम
पंचायतों में
नहीं बनाये
गये हैं, क्या उन
ग्राम
पंचायतों में
सामुदायिक
भवन एवं मोक्षधाम
शेड निर्माण
कार्य करायेंगे? यदि हाँ तो
कब तक?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) छिन्दवाड़ा
जिले में
पिछले 05 वर्षों
में प्रश्न
दिनांक तक
अमृत सरोवर
तालाब
निर्माण मद से
निर्मित
तालाबों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) छिन्दवाड़ा
जिले में
पिछले 05 वर्षों
में प्रश्न
दिनांक तक
अधोसंरचना मद
से
स्वीकृत/निर्मित
निर्माण
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट- 'ब' अनुसार। (ग) छिन्दवाड़ा
जिले में
पिछले 05 वर्षों
में प्रश्न
दिनांक तक 15वे वित्त
आयोग से स्वीकृत/निर्मित
निर्माण
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट- 'स' अनुसार। (घ) विकासखंड
जुन्नारदेव
में 05
सामुदायिक
भवन प्रगतिरत
है एवं 10 मोक्षधाम
शेड निर्माण
कार्य कराये
गये है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट- 'द' अनुसार विकासखंड
तामिया
अंतर्गत
ग्राम
पचायतों में
सामुदायिक
भवन एवं मोक्षधाम
शेड का
निर्माण नहीं
कार्य कराये
गये है। विकासखंड
जुन्नारदेव
में 73
ग्राम
पचायतों में
सामुदायिक
भवन एवं 06 ग्राम
पचायतों
मोक्षधाम शेड
निर्माण
कार्य कराया
जाना शेष है
एवं विकासखंड
तामिया में 37 ग्राम
पंचायतों में
सामुदायिक
भवन एवं 01 ग्राम
पंचायत में
मोक्षधाम शेड
का निर्माण कार्य
कराया जाना
शेष है। सामुदायिक
भवन हेतु बजट
की उपलब्धता
के आधार पर
कार्य
स्वीकृत किये
जाते है। मुक्तिधाम
निर्माण हेतु
मनरेगा
योजनांतर्गत
कार्य की मांग
के आधार पर
श्रमिकों को
कार्य उपलब्ध
कराते हुए
कार्य कराया
जाता है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
समर्थन
मूल्य पर उपार्जन
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
70.
( क्र. 307 ) श्री
सुनील उईके : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) खाद्य
विभाग के
अधीनस्थ
म.प्र. स्टेट
सिविल सप्लाइज
कॉरपोरेशन
लिमिटेड
भोपाल द्वारा
पिछले 05 वर्षों
में कब-कब, कितनी-कितनी
राशि बैंकों
से कर्ज के
रूप में ली गई
है एवं उस
राशि का क्या-क्या
उपयोग किया
गया है? वर्षवार
जानकारी
प्रदान करें। (ख) पिछले
05 वर्षों
में समर्थन
मूल्य
विकेंद्रीकरण
उपार्जन
योजना
अंतर्गत
केंद्र सरकार
से कितनी प्रतिपूर्ति
राशि म.प्र.
स्टेट सिविल सप्लाइज
कॉरपोरेशन को
प्राप्त हुई
है? वर्षवार
एवं अनाजवार
जानकारी दें। (ग)
पिछले 05 वर्षों
में राज्य
सरकार द्वारा
उपार्जन कार्य
में खर्च की
गई वास्तविक
लागत से कितनी
प्रतिपूर्ति
राशि केंद्र
सरकार द्वारा
कम दी गई है
एवं राशि कम
देने का क्या
कारण बताया
गया है? (घ) राज्य
सरकार के इस
उपक्रम को
उपार्जन
कार्य में
कितनी हानि
उठानी पड़ी है
और क्यों
उठानी पड़ी है? वर्षवार
अनाजवार
जानकारी
देवें। (ड.) प्रश्न
दिनांक तक
राज्य सरकार
को उपार्जन कार्य
की कितनी राशि
केंद्र सरकार
से लेनी बकाया
है? (च) क्या
राज्य सरकार
नागरिक
आपूर्ति निगम
की वित्तीय
स्थिति और
उपार्जन
योजना के
संबंध में सदन
के पटल पर
श्वेत पत्र
प्रस्तुत
करेगी? (छ) क्या
सरकार समर्थन
मूल्य पर
गेहूं और धान
खरीदी से पीछे
हटना चाहती है?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) 1. एम.पी. स्टेट
सिविल सप्लाइज
कार्पोरेशन
लिमिटेड की
बैकों से
उधारी शेष की
जानकारी निम्नानुसार
प्रस्तुत है
:-A.
31 मार्च
2021
-रूपये 37381.73 करोड़ B. 31 मार्च 2022 -रूपये 44612.70 करोड़ C. 31 मार्च 2023 – रूपये 39, 442.36 करोड़ D. 31 मार्च 2024 – रूपये 35, 998.30 करोड़ E. 31 मार्च 2025 – रूपये 47, 652 करोड़ F. अद्यतन
स्थिति में
दिनांक 13.11.2025 – (RMS 2025 गेहूँ
उपार्जन
उपरांत) रूपये
62,
944.71 करोड़ 2. उक्त
उधार ली गई
राशि का उपयोग
प्रदेश में
समर्थन मूल्य
पर विकेन्द्रीकृत
उपार्जन
योजना व अन्य
शासकीय
योजनाओं यथा NFSA आदि के
संदर्भ में
किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
(ग) कम
प्रतिपूर्ति की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' तथा कारण की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
(घ) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
(ड.) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (च) उत्तरांश
(क) से (ड.)
तक जानकारी के
आधार पर प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (छ) जी
नहीं।
इनडोर
स्टेडियम एवं
हॉल की
स्वीकृति
प्रदान किया
जाना
[खेल
एवं युवा
कल्याण]
71.
( क्र. 310 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) परासिया
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
खिलाड़ियों की
सुविधा को
देखते हुए
इनडोर
स्टेडियम (इनडोर
हॉल) के
निर्माण
कार्य हेतु 2 हेक्टयर
शासकीय भूमि
जिला कलेक्टर
छिंदवाड़ा
द्वारा म.प्र.
शासन खेल एवं
युवा कल्याण
विभाग को
आवंटित कर
हस्तांतरित
कर दी गई है और
विभिन्न
कार्यवाही को
पूर्ण करते
हुए स्वीकृति
हेतु
प्रस्ताव
शासन स्तर पर
प्रेषित किया
जा चुका है, परन्तु
अभी तक (इनडोर
हॉल) की
स्वीकृति
प्राप्त नहीं
हो पाई है, जिसका
क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
खिलाड़ियों की
सुविधा हेतु
कब तक इनडोर
स्टेडियम (इनडोर
हॉल) निर्माण
कार्य की
स्वीकृति
प्रदान किए
जाने के संबंध
में विभिन्न
औपचारिकताओं
एवं कार्यवाही
को पूर्ण करते
हुए कब तक
इनडोर हॉल
निर्माण
कार्य की
स्वीकृति
शासन/विभाग
द्वारा प्रदान
कर दी जायेगी?
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) :
(क) जी हाँ।
जिला
कार्यालय से
स्थल
निरीक्षण कर
प्रतिवेदन
चाहा गया था,
जो कि
दिनांक 14/11/2025 को
प्राप्त हो
गया है। प्रतिवेदन
में उल्लेख
किया गया है
कि उक्त भूमि
विकासखंड
मुख्यालय से 5.00
किलोमीटर की
दूरी पर
स्थिति एवं
पहाड़ी की ढलान
पर है एवं कुछ
भाग समतल एवं
असमतल है। अतः
भूमि इंडोर
हॉल निर्माण
हेतु उपयुक्त नहीं
होने के कारण
स्वीकृति
प्रदान की
जाना संभव
नहीं है। (ख) उत्तरांश
''क''
के
संदर्भ में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
मोरडोंगरी
में शासकीय
महाविद्यालय
खोले जाने की
स्वीकृति
[उच्च
शिक्षा]
72. ( क्र.
312 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) ग्राम
मोरडोंगरी व
उसके आस-पास
के ग्रामों में
निवासरत्
विद्यार्थियों
के अध्ययन
संबंधी
सुविधा को
देखते हुये
मोरडोंगरी
में शासकीय
महाविद्यालय
को खोला जाना
अत्यंत
आवश्यक है।
परासिया
में सिर्फ एक
ही शासकीय
महाविद्यालय
पेंचव्हेली
कॉलेज
संचालित है। परासिया
से ग्राम
मोरडोंगरी की
दूरी लगभग 26 किमी.
है। दूरी अधिक
होने के कारण
मोरडोंगरी व
उसके आस-पास
के ग्रामों
में निवासरत
विद्यार्थियों
को परासिया
पेंचव्हेली
कॉलेज
आने-जाने में
बहुत अधिक
परेशानी होती
है? यदि
हाँ तो
विद्यार्थियों
की सुविधा
हेतु ग्राम
मोरडोंगरी
में शासकीय
महाविद्यालय
खोले जाने के
संबंध में
आवश्यक कार्यवाही
पूर्ण कर
मोरडोंगरी
में शासकीय
महाविद्यालय
खोले जाने के
संबंध में
स्वीकृति प्रदान
कर दी जायेगी?
(ग) मोरडोंगरी
में शासकीय
महाविद्यालय
की स्वीकृति
हेतु प्रश्नकर्ता
द्वारा मान.
मुख्यमंत्री
जी को पत्र
क्र.वि.स./परासिया/127/2025/150 दि. 10.03.2025 एवं
अनुस्मरण
पत्र
क्र.वि.स./परासिया/127/2025/428 दि. 28.07.2025 एवं
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
को पत्र
क्र.वि.स./परासिया/127/2025/151 दि. 10.03.2025 एवं
अनुस्मरण
पत्र
क्र.वि.स./परासिया/
127/2025/427
दि. 28.07.2025 को
प्रेषित किये
गये हैं, जिन
प्रेषित
पत्रों पर अभी
तक क्या
कार्यवाही की
गई है? कब तक
कार्यवाही को
पूर्ण करते
हुए स्वीकृति प्रदान
कर दी जायेगी?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
नहीं। नवीन
महाविद्यालय
प्रारंभ करने
हेतु विभागीय
मापदण्ड की
पूर्ति नहीं
हो रही है। अत:
महाविद्यालय
खोले जाने में
कठिनाई है। (ख) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता।
महाविद्यालयों
एवं
छात्रावासों की
जानकारी
[उच्च
शिक्षा]
73.
( क्र. 314 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) महाविद्यालय
लटेरी का
छात्रावास
भवन एवं 6 अतिरिक्त
कक्षों का
निर्माण कब
पूर्ण हुआ? बतावें
तथा
प्रशासकीय
स्वीकृति एवं
आधिपत्य प्रमाण-पत्र
की छायाप्रति
उपलब्ध
करावें एवं
प्राचार्य
द्वारा कब-कब
छात्रावास
भवन का संचालन
एवं 6
अतिरिक्त
कक्षों में
कक्षाएं कब से
प्रारंभ कर दी
गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक
प्रारंभ की
जावेंगी? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में
महाविद्यालय
लटेरी के
छात्रावास
भवन का संचालन
एवं 6
अतिरिक्त
कक्षों में
कक्षाएं कब से
संचालित होंगी? बतावें।
यदि नहीं, तो क्यों? छात्रावास
संचालन हेतु
विभाग के क्या
नियम-निर्देश
हैं? विभाग
द्वारा किये
गये पत्राचार
की छायाप्रति
उपलब्ध करावें। यदि समय पर
छात्रावास का
संचालन नहीं हुआ
है तो इसके
लिए कौन-कौन दोषी
है? दोषियों
पर क्या
कार्यवाही की
गई? जानकारी
दें। (ग) आनंदपुर
जिला विदिशा
में
महाविद्यालय
प्रारंभ करने
की माननीय
मुख्यमंत्री
जी द्वारा की
गई घोषणा पर
क्या
कार्यवाही की
गई है एवं कब तक
महाविद्यालय
की स्वीकृति
दी जावेगी? समय-सीमा
बतावें। (घ) प्रश्नकर्ता
के पत्र
क्रमांक-2363/2025 एवं 22/66, माननीय
मंत्री जी का पत्र
क्रमांक 2362/2025 एवं 2265/2025, अपर मुख्य
सचिव महोदय
उच्च शिक्षा विभाग
का पत्र
क्रमांक 2367/2025, आयुक्त
उच्च शिक्षा
विभाग का पत्र
क्रमांक -2338/2025 एवं 2339/2025 पर पत्र
पावती एवं कृत
कार्यवाही से
कब-कब अवगत
कराया? पत्रों की
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें।
पत्रों पर
कार्यवाही की
जावेगी? समय-सीमा बतावें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) शासकीय
महाविद्यालय,
लटेरी
(जिला विदिशा) में
छात्रावास
भवन का
निर्माण
दिनांक 22/04/2015 एवं 6 अतिरिक्त
कक्षों का
निर्माण
दिनांक 08/01/2025 को
पूर्ण हुआ। प्रशासकीय
स्वीकृति
एवं आधिपत्य
लिए जाने की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ'
अनुसार
है। छात्रावास
संचालन में
नहीं है परंतु
6
अतिरिक्त
कक्षों को
महाविद्यालय
द्वारा
प्रयोग में लिया
जा रहा है। प्रदेश
के शासकीय
महाविद्यालयों
में छात्रावास
का संचालन
जनभागीदारी
मद से मैन पावर
की व्यवस्था
तथा
छात्र/छात्राओं
से शुल्क
लेकर मैस,
बिजली
एवं अन्य व्यवस्थाएं
की जाकर किया
जा रहा है। शासकीय
महाविद्यालय,
लटेरी
में
जनभागीदारी
मद में
पर्याप्त
राशि नहीं होने
तथा
विद्यार्थियों
द्वारा
छात्रावास शुल्क
अतिरिक्त
रूप से वहन
नहीं कर पाने
की स्थिति,
इन
दोनों कारणों
से छात्रावास
संचालित नहीं हो
रहा है। (ख) छात्रावास
संचालन के
संबंध में
स्थिति प्रश्नांश
(क) के उत्तरांश
अनुसार है। छात्रावास
संचालन
संबंधित
महाविद्यालय
द्वारा प्रक्रिया
का निर्धारण
कर किया जाता
है। छात्रावास
निर्माण के
पश्चात
छात्रावास
संचालन की
प्रक्रिया उत्तरांश
(क) अनुसार प्रचलित
है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) आनंदपुर
जिला विदिशा
में
महाविद्यालय
खोलने के
संबंध में
विभागीय
मापदण्डों
की पूर्ति
नहीं होने से
नवीन
महाविद्यालय
प्रारंभ किए
जाने में
कठिनाई है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) विभाग में
प्राप्त
पत्रों की छायाप्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'ब'
अनुसार
है। शेष
उत्तरांश (क)
अनुसार है।
कृषि
उपज मण्डी
समितियों के
आय-व्यय की
जानकारी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
74.
( क्र. 315 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित
दिनांक तक
विदिशा जिले
की कृषि उपज
मण्डी समिति
को कौन-कौन से
मद से
कितनी-कितनी
राशि प्राप्त
हुई एवं
किन-किन मदों
में राशि व्यय
की गई है? विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
'क' के
संदर्भ में
क्या आर्थिक अनियमितताओं
की किन-किन
व्यक्तियों
द्वारा
शिकायत की गई
है? शिकायतों
की जांच
किन-किन अधिकारियों
द्वारा की गई
है? जांच
प्रतिवेदन की
छायाप्रति
उपलब्ध करावें। यदि जांच
नहीं की गई है
तो कब तक जांच
की जावेगी? समय-सीमा
बतावें। (ग) प्रश्नांश
'क', 'ख' के संदर्भ
में उक्त
मंडियों में
कौन-कौन से निर्माण
कार्य
स्वीकृत हुए? कितने
पूर्ण हुए? कितने अधूरे
हैं? प्रशासकीय
स्वीकृति
उपलब्ध
करावें एवं
कार्य एजेंसी
को
कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान कब-कब
किया गया एवं
कौन-कौन से
कार्य
प्रस्तावित
हैं? जानकारी
देवें। (घ) प्रश्नकर्ता
द्वारा
माननीय
मंत्री जी का पत्र
क्र. 29
एवं श्रीमान
प्रमुख सचिव
महोदय का पत्र
क्र. 30
नवीन कृषि उपज
मण्डी सिरोंज
की स्थापना
हेतु पत्र
प्राप्त हुए
एवं उन पर
क्या
कार्यवाही की
गई है तथा कब
तक कृषि उपज
मण्डी समिति सिरोंज
का
स्थानांतरण
कर दिया
जावेगा? समय-सीमा
बतावें। (ड.) कृषि
उपज मण्डी
सिरोंज
द्वारा
कौन-कौन सी
दुकानों की
नीलामी की गई
है एवं
कितनी-कितनी
राशि प्राप्त
हुई है? अनुबंधकर्ता
सहित जानकारी
उपलब्ध करावें। (च) क्या
दुकान नीलामी
में आर्थिक
अनियमितताएं
की गई हैं? यदि हाँ, तो किन-किन
अधिकारियों
द्वारा जांच
की गई है? जांच में
कौन-कौन
अधिकारी दोषी
पाये गए हैं?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''एक'' अनुसार है।
(ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''दो'' अनुसार है।
शेष
प्रश्न उद्भूत
नहीं होता है।
(ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''तीन'', ''चार'' एवं ''पाँच'' अनुसार है।
(घ) कार्यालय
में प्राप्त
पत्रों के
आधार पर
सिरोंज मंडी
के नवीन भूमि
आवंटन की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ड.) कृषि
उपज मंडी
समिति सिरोंज, जिला
विदिशा के
मंडी प्रांगण
में 01
जनवरी 2019 से प्रश्न
दिनांक तक
किसी भी दुकानों
की नीलामी
नहीं की जाने
से जानकारी
निरंक है। (च) उत्तरांश
(ड.) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न उद्भूत
नहीं होता है।
राजगढ़
विधानसभा के
नगर खुजनेर
में शासकीय
महाविद्यालय की
खोले जाना
[उच्च
शिक्षा]
75.
( क्र. 319 ) श्री अमर
सिंह यादव : क्या उच्च
शिक्षा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
नगर खुजनेर
एवं उसके आस-पास
के हायर सेकेण्डरी
स्कूल, मॉडल, कन्या, बखेड़, चाटूखेड़ा
आदि के लगभग 1000 छात्र-छात्राओं
को उच्च
शिक्षा
अध्ययन हेतु 30-35 किलोमीटर
दूर राजगढ़, खिलचीपुर, जीरापुर
अथवा
सारंगपुर
जाना पड़ता है? (ख) क्या
पूर्व में नगर
खुजनेर में
नवीन महाविद्यालय
खोले जाने
हेतु पूर्व
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
घोषणा की गई
थी? यदि
हाँ, तो
बतावें। (ग) क्या
उक्त घोषणा के
पालन में
खुजनेर नगर
में नवीन
शासकीय
महाविद्यालय
खोला जाना
प्रस्तावित
है? यदि
हाँ, तो
कब तक खोला जावेगा
और यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) खुजनेर
से 15
कि.मी. की दूरी
पर शासकीय
महाविद्यालय, पचोर
संचालित है। (ख) जी
हाँ। माननीय
मुख्यमंत्री
जी के खुजनेर
तहसील, राजगढ़
प्रवास दौरान
घोषणा
क्रमांक बी. 4834, दिनांक 11/06/2018 को की गई थी।
(ग) नवीन
महाविद्यालय
प्रारंभ करने
हेतु निर्धारित
विभागीय
मापदण्डों की
पूर्ति नहीं
होने के कारण
महाविद्यालय
प्रारंभ करने
में कठिनाई है।
सड़क
निर्माण
कार्य में
अनियमितता
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
76. ( क्र.
322 ) श्री
संजय
सत्येन्द्र
पाठक : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 193,
दिनांक
28
जुलाई 2025 के
उत्तर में
विभाग एजेंसी
के विरूद्ध
घटिया निर्माण
की जांच के
संबंध में
प्रश्नकर्ता
द्वारा सड़क
निर्माण के
पश्चात पी.एम.जी.एस.वाय.
के जिले के
अधिकारी एवं
प्रमुख सचिव
सामान्य
प्रसासन
विभाग को
मुख्य तकनीकी
परीक्षक से जांच
कराये जाने
हेतु पत्र
प्रेषित किये
गये थे? प्रश्नकर्ता
द्वारा
प्रेषित
पत्रों की
प्रति उपलब्ध
करावें। (ख) निर्माण
एजेंसी के
द्वारा
संधारण कार्य
अनुबंध अनुसार
नहीं करने पर
दिनांक 15.07.2021 एवं 09.02.
2025
में अनुबंध
निरस्त किया
जाना
उल्लेखित है।
साथ ही संधारण
अवधि में उचित
रख-रखाव एवं
संविदाकार
द्वारा वर्ष 2024 में
समुचित
संधारण न करने
पर अनुबंध
निरस्त किया
गया है, परन्तु
संबंधित
एजेंसी के
विरूद्ध
नियमानुसार
क्या
कार्यवाही की
गई है की
जानकारी
उपलब्ध कराएं।
(ग)
प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में एजेंसी की
मांग अनुसार
अनुबंध
पुनर्जीवित
किये जाने के
पश्चात एजेंसी
द्वारा कार्य
नहीं किये
जाने के कारण
पुनः निरस्त
किये जाने की
कार्यवाही का
उल्लेख है
परन्तु
संबंधित
कार्य एजेंसी
के विरूद्ध
कार्यवाही
क्या की गई है,
इसका
उल्लेख नहीं
है। उक्त
संबंध की गई
कार्यवाही की
प्रति उपलब्ध
करावें। (घ) क्या
प्रश्नाधीन
संदर्भित
सड़क के घटिया
निर्माण एवं रखरखाव
नहीं किये
जाने की
स्थिति में
शासन द्वारा
संबंधित
कार्य एजेंसी,
तकनीकी
अधिकारी एवं
भुगतानकर्ता
अधिकारी की
वसूली हेतु
शासन स्तर पर
तकनीकी एवं
प्रशासनिक अधिकारियों
की टीम गठित
कर जांच कराई
जायेगी? यदि
हाँ, तो कब तक
नहीं तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) परियोजना
क्रियान्वयन
इकाई को इस
संबंध में कोई
पत्र प्राप्त
नहीं हुआ है। सामान्य
प्रशासन
विभाग से जानकारी
संकलित की जा
रही है। (ख) अनुबंध
निरस्तीकरण
पश्चात
संविदाकार को
दो वर्ष के
लिये निविदा
में भाग लेने
से डिबार किया
गया है। पोर्टल
के डिबार सूची
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। साथ ही
संविदाकार
द्वारा जमा की
गई FDR की
राशि (ब्याज
सहित) रू. 9956756.00 (निन्यान्वे
लाख छप्पन
हजार सात सौ
छप्पन रूपये) का
नगदीकरण कर
प्राधिकरण के
खाते में जमा
की गई है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश
''ख'' अनुसार है।
(घ) सड़क
निर्माण
गुणवत्ताविहीन
नहीं हुई थी
अपितु संधारण
अवधि में उचित
रखरखाव न करने
के कारण संविदाकार
का अनुबंध
निरस्त किया
गया था। चूंकि
संबंधित
अधिकारी
द्वारा
संविदाकार के
विरूद्ध उत्तरांश
''ख'' अनुसार
अनुबंधानुसार
कार्यवाही की
गई है। अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
शासकीय
महाविद्यालय
की स्वीकृति
[उच्च
शिक्षा]
77.
( क्र. 338 ) श्री मनोज
नारायण सिंह
चौधरी : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बरोठा
विधानसभा
क्षेत्र
हाटपिपल्या
का केन्द्र
बिंदु है, जिसमें
हायर सेकेण्डरी
की पढ़ाई के
लिए काफी
संख्या में
छात्र-छात्राएं
आस-पास के
ग्राम नेवरी, सिरोल्या, पटाड़ी
सन्नौड आदि 10 कि.मी. के
क्षेत्र से
आते हैं। उच्च
शिक्षा के लिए
छात्रों को
देवास और
इन्दौर जाना
पड़ता है।
पूर्व में
शासकीय कॉलेज
की मांग की गई
थी, जिसे
निरस्त कर
दिया गया जबकि
बरोठा एक बड़ा
क्षेत्र है। (ख) छात्र-छात्राओं की शिक्षा
को देखते हुए
क्या बरोठा
में शासकीय
महाविद्यालय
की स्वीकृति
प्रदान की
जाएगी? यदि हाँ तो
कब तक?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) विभागीय
मापदण्डों
की पूर्ति
नहीं होने के
कारण बरोठा
में नवीन
महाविद्यालय
प्रारंभ किये
जाने में
कठिनाई है। (ख) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सी.सी.
रोड के निर्माण
कार्य में
अनियमितता
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
78.
( क्र. 339 ) श्री मनोज
नारायण सिंह
चौधरी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र के
ग्राम सिया-मालसापुरा
रोड पर जो
सी.सी. रोड का
निर्माण किया
जा रहा है। उक्त
चलते हुए
कार्य में गिट्टियां
तक बाहर आ रही
हैं। यह कार्य
बहुत ही निम्न
स्तर का हो
रहा है? क्या
ठेकेदार और
अधिकारियों
की सांठ-गांठ
से यह कार्य
किया गया है
जिससे लोगों
को परेशानियों
का सामना करना
पड़ रहा है, उसका
जिम्मेदार
कौन है और जो
जिम्मेदार है
उनके खिलाफ
क्या कोई
कार्यवाही की
जाएगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) प्रश्नाधीन
मार्ग ग्राम
सिया से
मालसापुरा
सड़क, लंबाई 3.024
कि.मी. 5 वर्ष पश्चात
संधारण के
पैकेज MP10MTN084 के
अंतर्गत
संधारित की जा
रही है।
अनुबंध के अनुसार
पहुंच मार्ग
के चैनेज 0 से
766 की
लम्बाई के
मध्य कुल 434
मीटर लंबाई
में सी.सी.
सड़क का कार्य
किया जाना है।
तदानुसार 434
मीटर लंबाई
में सी.सी.
सड़क का कार्य
किया गया है।
जिसमें से
चैनेज 626 से
चैनेज 700 मी. तक
कुल 140 मी.
लंबाई में
किये गये
सी.सी. सड़क
कार्य की गुणवत्ता
की जांच
दिनांक 20.07.2025 को
सी.सी. कोर
निकालकर की
गई। परीक्षण
में उक्त भाग
में किये गये
सी.सी. सड़क का
कार्य
गुणवत्ता के
अनुरूप नहीं
पाये जाने से
संविदाकार को
पत्र क्रमांक 1416
दिनांक 21/07/2025
द्वारा पूर्व
में किये गये
सी.सी. सड़क
कार्य को
निकालकर पुनः
स्वयं के व्यय
से करने के
निर्देश दिये
गये है। प्रश्न
के शेष भाग
हेतु प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
किसानों
की समस्यायें
एवं मांग
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
79.
( क्र. 342 ) श्रीमती
कंचन मुकेश
तनवे : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) किसानों
के हित में फसलों
के सही दाम, निश्चित
फसल बीमा, खराब मौसम
से नुकसान का
सही व त्वरित
आंकलन, मंडी में
किसानों की
दुर्दशा को
लेकर विभाग की
क्या
कार्ययोजना
है? इसको
लेकर विगत 2 वर्षों में
अब तक प्रदेश
में कितनी
बैठकें, प्रस्ताव, निर्णय, निर्देश, आदेश जारी
किये गए? (ख) खंडवा
जिले में विगत
2 वर्षों में
रबी एवं खरीफ
के किस-किस
किस्म के बीजों
का
प्रमाणीकरण
किया गया? सेम्पल
संख्या – सफल
सेम्पल
संख्या -शेष
अमानक सेम्पल
की बीजवार
संख्या तथा
कितने अमानक, नकली बीज
बेचने वाली
फ़र्म, संस्थाओं, व्यक्तियों
पर कार्यवाही
की गई की
नामजद सूची
प्रदान की
जावे। विगत 2 वर्षों में
विभाग द्वारा
कितने बीज
विक्रेताओं
की दुकान का
निरीक्षण, सेम्लिंग, जाँच की गई
तथा अमानक बीज
विक्रेताओं
के विरुद्ध
क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) खंडवा
जिले में विगत
2 वर्षों
में कितने
किसानों का
फसल बीमा किया
गया? बीमा
करने वाली
कंपनी का नाम, अनुबंध की
शर्तें, फसलवार बीमा
किश्त की राशि कितने
किसानों को
विगत 2
वर्षों में
बीमा राशि का
भुगतान किया
गया? फसलवार, किसान की
संख्या, वर्षवार प्रमाणित
जानकारी
प्रदान की
जावेl (घ) विगत 3 वर्षों में
खंडवा जिले की
खाद आपूर्ति
की मांग, खंडवा को
प्रदाय खाद की
मात्रा, खाद का नाम तथा कितना
वितरण किया
गया एवं वितरण
का पूर्ण
विवरण प्रदान
किया जावेl
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) किसानों
के हित में
फसलों के सही
दाम, भुगतान
के लिए न्यूनतम
समर्थन मूल्य
एवं भावांतर
योजना से
किसानों को
उनकी फसलों को
भुगतान किया
जा रहा है। मंडी
समिति द्वारा
कृषकों के
हितार्थ कृषि
उपज की नीलामी
एवं तौल में
पारदर्शिता, निर्धारित
समय-सीमा में
भुगतान, अवैध
कटौती पर
नियंत्रण, आधारभूत
सुविधाओं का
सुदृढ़ीकरण
तथा कृषक
शिकायतों के
समाधान हेतु
त्वरित व सतत
सुधारात्मक
कार्यवाही
सतत की जाती
है। (ख) बीज
प्रमाणीकरण
संस्था खंडवा
से प्राप्त
जानकारी
अनुसार जिले
में विगत 2 वर्षों
में रबी एवं
खरीफ अंतर्गत
अरहर, मूंग, सोयाबीन, कपास, गेहूं, चना, प्याज एवं
धनिया फसल की
किस्मों के
बीजों का प्रमाणीकरण
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है।
जिले
में विगत 2 वर्षों
में खरीफ मौसम
में 564 एवं
रबी मौसन में 578 कुल 1142 बीज नमूने
लिए गए है, जिसमें से 1065 नमूने
मानक व 77 नमूने
अमानक स्तर के
पाये गये है। अमानक
बीज प्रदाय
करने वाले 30 विक्रेताओं
के लाइसेंस
निलंबित एवं 39 विक्रेताओं
के लाइसेंस
निरस्त किये
गए है। जिले
में 1159 बीज
विक्रेताओं
की दुकानों का
निरीक्षण, बीज
अधिनियम के
अंतर्गत अन्य
धाराओं में 8 लाइसेंस
निलंबित एवं 14 लाइसेंस
निरस्त किये
गए है। विगत 2 वर्षों
में बीज गुण
नियंत्रण
अंतर्गत की गई
कार्यवाही, सैंपल
संख्या, मानक, अमानक, नमूनों
इत्यादि का विवरण
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है।
अमानक
बीज नमूनों की
बीजवार
संख्या की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है।
विगत 2 वर्षों
में निरीक्षण
के दौरान जिले
में कुल 22 बीज
विक्रेताओं
पर कार्यवाही
की गई है, जिसकी सूची
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार है।
विगत 2 वर्षों
में अमानक बीज
विक्रय करने
वाले जिसकी 69 बीज
विक्रेताओं
पर कार्यवाही
की गई है। बीज
की वर्षवार, मौसमवार, फसलवार
एवं किस्मवार सूची
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-5 अनुसार है।
(ग) क्षेत्रीय
प्रबंधक, एच.डी.एफ.सी.
एर्गो जनरल
इंश्योरेन्स
कंपनी
लिमिटेड भोपाल
के पत्र
क्रमांक 5741 दिनांक 11-11-2025 से
प्राप्त
जानकारी
अनुसार HDFC ERGO द्वारा
जिले में PMFBY योजना का क्रियान्वयन
वर्ष 2023-24
एवं 2024-25
में किया गया
है। मौसम वर्ष
2023-24 एवं 2024-25 के
अंतर्गत
मौसमवार, फसलवार
बीमित कृषकों, लाभान्वित
कृषकों एवं
बीमा दावा
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-6 अनुसार है।
(घ) जिले
में विगत 3 वर्षों
में उर्वरक की
मांग 545700
मैट्रिक टन की
गई थी, जिसके
विरुद्ध 625866 मैट्रिक
टन उर्वरक की
मात्रा
प्राप्त हुई
है तथा 440325 मैट्रिक
टन उर्वरक का
वितरण किया
गया है। नामवार
एवं वर्षवार
उर्वरक की
मांग, प्राप्त
उर्वरक की
मात्रा एवं वितरण
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-7 अनुसार है।
पंचायत
सचिवों के
रिक्त पदों
की पूर्ति
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
80.
( क्र. 343 ) श्रीमती
कंचन मुकेश
तनवे : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पंचायत
विभाग
अंतर्गत
रिक्त पंचायत
सचिवों के
रिक्त पदों की
पूर्ति की
जाना है। यदि हाँ, तो कब तक की
जाएगी एवं
प्रक्रिया
में विलम्ब का
कारण व
प्रचलित
कार्यवाही से
अवगत करावें l (ख) विगत
5 वर्षों में
खंडवा जिले की
जनपद पंचायतों
को कौन-कौन से
मदों की कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की गई? आवंटित
राशि की मदवार, वर्षवार, आय-व्यय की
जानकारी व
उपयोगिता प्रमाण-पत्र
की प्रतिलिपि
प्रदान की
जावे। (ग) प्रश्नकर्ता
के विधान सभा
क्षेत्र
खंडवा
अंतर्गत विगत 5 वर्षों में
पंचायत विभाग
द्वारा
स्वीकृत
कार्यों की
ग्रामवार, मदवार, वर्षवार व
एजेंसी/ठेकेदार
की सूची, अनुबंध
सहित विस्तृत
जानकारी
प्रदान की जावे
l
(घ) खंडवा
जिले में पी.एम.
आवास योजना
में कितने
हितग्राही
पात्र, अपात्र हैं, उनकी सूची, 5 वर्षों में
खंडवा जिले
में स्वीकृत
प्रधानमंत्री
आवासों, निर्मित
आवासों, लंबित
आवास के
प्रकरणों व
उनके निराकरण
की कार्यवाही
की ग्रामवार, वर्षवार
प्रदान की
जावे l
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) ग्राम
पंचायत
सचिवों की
भर्ती नियम का
प्रथम प्रकाशन
दिनांक 11.11.2025 किया गया
है। अंतिम
प्रकाशन
उपरांत रिक्त
पदों की
पूर्ति की
जावेगी।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
कौशल
प्रशिक्षण
योजनांतर्गत
युवाओं को रोजगार
मूलक योजनाओं
का लाभ
[श्रम]
81.
( क्र. 348 ) श्री राजन
मण्डलोई : क्या श्रम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार
कल्याण मंडल
के द्वारा
वित्तीय
वर्ष 2016-17
से लेकर वित्तीय
वर्ष 2021-22
की अवधि में कौशल
प्रशिक्षण
योजना के
अन्तर्गत
किस-किस वर्ष
में कितने
युवाओं को
प्रशिक्षण
दिलाया गया
एवं प्रशिक्षण
किन-किन
एजेंसियों के
द्वारा दिया गया? इसके एवज
में उन
एजेंसियों को
कितनी-कितनी
राशि का
किस-किस वर्ष
में
कितना-कितना
भुगतान किया
गया? (ख) क्या जिन
युवाओं को
कौशल
प्रशिक्षण
दिलाया गया है, उन्हें
कोई
प्रमाण-पत्र
संबंधित
संस्थाओं द्वारा
या विभाग के द्वारा
दिया गया है? यदि नहीं, तो क्या
ऐसे
प्रशिक्षित
युवाओं को
बिना
प्रमाण-पत्र
के सरकार की
रोजगार मूलक
योजनाओं का
लाभ मिल
पायेगा अथवा
नहीं? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में क्या
विभिन्न स्तरों
पर मय प्रमाण
के शिकायतें
प्राप्त होने
पर जांच की गई
एवं जांच में फर्जी
ट्रेनिंग
देने के तथ्य
आये हैं? यदि हाँ, तो उक्त
फर्जी
प्रशिक्षण के
नाम पर भुगतान
की गई राशि
वसूली हेतु
तथा इसमे श्रम
विभाग के
उत्तरदायी के
विरूद्ध अभी
तक क्या
कार्यवाही की
गई है?
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) मध्यप्रदेश
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
मंडल के
द्वारा वित्तीय
वर्ष 2016-17
से वित्तीय
वर्ष 2021-22
की अवधि में ''मध्यप्रदेश
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
श्रमिक कौशल
प्रशिक्षण
योजना'' के अन्तर्गत
प्रशिक्षणार्थी, प्रशिक्षण
हेतु
निर्धारित
एजेंसियों
एवं एजेंसियों
को किये गये
भुगतान की
वर्षवार
वांछित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) मण्डल
की कौशल
प्रशिक्षण
योजना
अंतर्गत
प्रशिक्षणार्थियों
को संबंधित संस्थाओं
द्वारा
प्रमाण-पत्र
प्रदाय किये
गये है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ग) प्रकरण
में विवेचना
आर्थिक अपराध
ब्यूरो में
प्रचलित है, अतः शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
प्रधानमंत्री
ग्रामीण सड़क
योजना की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
82.
( क्र. 350 ) श्री कालु
सिंह ठाकुर : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
धार जिले की
धरमपुरी
विधानसभा में
प्रधानमंत्री
ग्रामीण सड़क योजना
में सड़कों के
प्रस्ताव
विभाग द्वारा
शासन की ओर
प्रेषित किये
गए हैं? (ख) यदि
हाँ, तो
किन-किन सड़कों
के प्रस्ताव
भेजे गए हैं
और उक्त सड़कों
की स्वीकृति
कब तक प्रदान
की जाएगी? (ग) धरमपुरी
विधानसभा में
वर्ष 2023 से
प्रश्न
दिनाक तक
कौन-कौन सी सड़कें
स्वीकृत है? उक्त सड़कों
में से
कौन-कौन सी पूर्ण
हो गई हैं और
कौन-कौन सी सड़कें
प्रगतिरत हैं
एवं धरमपुरी
विधानसभा में
कौन-कौन सी
सड़कों के मरम्मत
के कार्य
स्वीकृत हुए
हैं? (घ) क्या धरमपुरी
विधानसभा में
कई सड़कों के
मरम्मत के
कार्य
स्वीकृत होने
के बाद भी आज
दिनांक तक
कार्य चालू
किस कारण से
नहीं किये गए
है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) वर्तमान
में धार जिले
की धरमपुरी
विधानसभा के
अन्तर्गत आने
वाले
विकासखण्ड
धरमपुरी एवं
नालछा में
प्रधानमंत्री
ग्रामीण सड़क
योजना में
सड़को के
प्रस्ताव
विभाग द्वारा
शासन की ओर
प्रेषित नहीं
किए गये है। (ख) जी
नहीं। (ग) धरमपुरी
विधानसभा में
वर्ष 2023 से
प्रश्न
दिनांक तक
नवीन सड़कें
स्वीकृत नहीं है।
धरमपुरी
विधानसभा
अंतर्गत
विकासखण्ड
धरमपुरी एवं
नालछा में 144 सड़कें
जिनकी लम्बाई 480.65 किमी के पाँच
वर्षीय
संधारण कार्य
प्रगतिरत है
मार्गों के
संधारण की
स्थिति एवं
विवरण की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (घ) धरमपुरी
विधानसभा में
योजनान्तर्गत
निर्मित 144 सड़कों का
संधारण कार्य
स्वीकृति उपरांत
सुचारू रूप से
किया जा रहा
है। विस्तृत
विवरण की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
संबल
कार्डधारी की
मृत्यु हो
जाने पर
आर्थिक सहायता
का प्रदाय
[श्रम]
83.
( क्र. 351 ) श्री कालु
सिंह ठाकुर : क्या श्रम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या धार
जिले की
धरमपुरी
विधानसभा में
ब्लाक
धरमपुरी और
नालछा में
वर्ष 2019-20
से प्रश्न
दिनांक तक
संबल
कार्डधारी की
मृत्यु हो जाने
पर आर्थिक
सहायता
प्रदान की गई
है?
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार यदि
हाँ, तो
संपूर्ण
आदेशों की
छायाप्रति
उपलब्ध करावें
और किन-किन हितग्राहियों
को अपात्र
किया गया है? सूची
उपलब्ध करावें
और अपात्र
होने का कारण
भी बतावें। (ग) क्या
ग्राम पंचायत
मियापूरा में
जीवित व्यक्ति
को मृत बताकर
इस योजना का
लाभ दिलवाया
गया है? यदि हाँ, तो किन-किन
लोगों को लाभ
दिया गया है?
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। (ख) प्रश्नांश
'क' के
संबंध में
वांछित स्वीकृत
आदेशों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है। अपात्र
हितग्राहियों
की कारणवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ग) जी
नहीं। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। मुख्यमंत्री
जनकल्याण
संबल
योजनांतर्गत
जीवित
व्यक्ति को
मृत बताकर
योजना का लाभ
नहीं दिया गया
है।
गृह
निर्माण
सहकारी
समितियों में वित्तीय
अनियमितता
[सहकारिता]
84.
( क्र. 354 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जिला इंदौर
एवं रतलाम में
सहकारिता विभाग
के अंतर्गत
पंजीकृत गृह
निर्माण
सहकारी समितियों
में हुए
भ्रष्टाचार
एवं वित्तीय
अनियमितताओं
के संबंध में
प्रश्नकर्ता
द्वारा पूर्व
में तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 1894, दिनांक 15.02.2024 एवं
तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 222, दिनांक 01.07.2024 द्वारा
प्रश्न
लगाये गये थे, किन्तु
विभागीय
अधिकारियों
द्वारा उक्त
विषय पर आज
दिनांक तक कोई
प्रभावी जांच
कार्यवाही
नहीं की गई है? यदि हाँ, तो उक्त
पूर्व प्रश्न
के आधार पर
विभाग द्वारा
की गई जांच की
वर्तमान
स्थिति क्या
है? (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित किन
अधिकारियों
को उक्त जांच
की
जिम्मेदारी
सौंपी गई थी
और उन्होंने
क्या कार्यवाही
की है? जांच
में लापरवाही
बरतने वाले
अधिकारियों
पर उनके
विरुद्ध क्या
शासन द्वारा
कार्यवाही की
गई है? (ग) क्या जिला
इंदौर और
रतलाम के
उपायुक्त
भारी भ्रष्टाचार
में लिप्त हैं? क्या जांच
दल का गठन कर
जांच कराएंगे? यदि नहीं, तो क्यों
नहीं?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) :
(क) विधानसभा
तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 222
दिनांक 01/07/2024 में
भोपाल एवं
इंदौर जिले
तथा तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 1894
दिनांक 15/02/2024 में
रतलाम एवं
उज्जैन जिले
में पंजीकृत
गृह निर्माण
सहकारी
संस्थाओं के
संबंध में
जानकारी चाही
गयी थी। इंदौर
जिले में
तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 222 में
दी गई जानकारी
पर की गयी
कार्यवाही की
वर्तमान
स्थिति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-01
अनुसार तथा
रतलाम जिले
में तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 1894 में
दी गयी
जानकारी पर की
गयी
कार्यवाही की
वर्तमान
स्थिति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-02
अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क''
के पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-01
अनुसार। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जिला
इंदौर के
पूर्व
उपायुक्त
सहकारिता श्री
एम.एल. गजभिये (सेवानिवृत्त)
के विरूद्ध
शिकायत
प्राप्त हुई
थी, जिसकी
जांच संयुक्त
आयुक्त सहकारिता
इंदौर संभाग
इंदौर से कराई
जा रही है। उपायुक्त
सहकारिता
रतलाम के
विरूद्ध
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्र के
लिए श्रम
विभाग की विशेष
कार्ययोजनाएं
[श्रम]
85.
( क्र. 355 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या श्रम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र
आदिवासी बाहुल्य
एवं मजदूरी
आधारित
क्षेत्र होने
के बावजूद
यहाँ के मजदूर
वर्ग को श्रम
विभाग की योजनाओं
का पूर्ण लाभ
नहीं मिल पा
रहा है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश
शासन का श्रम
विभाग सैलाना
जैसे आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्रों के
श्रमिकों के
कल्याण हेतु कोई
विशेष
कार्ययोजना
बनाने पर
विचार कर रहा है? यदि हाँ तो
जानकारी
बतावें। (ख) सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र के
श्रमिकों के
पंजीयन, सामाजिक
सुरक्षा, स्वास्थ्य
एवं शिक्षा
सहायता के लिए
वर्तमान में
कौन-कौन सी
योजनाएं
संचालित हैं? जानकारी
पृथक-पृथक बतावें। (ग) क्या
सरकार द्वारा
आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्र के
लिए विशेष
कार्ययोजना
श्रमिक
परिवारों की
आजीविका
सुधार एवं
कौशल विकास
हेतु कोई नया
प्रशिक्षण
केंद्र अथवा
कार्यक्रम
प्रारंभ करने
की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित
समयावधि बतावें। नहीं तो
क्यों नहीं?
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
नहीं, श्रम
विभाग के
अंतर्गत
संगठित
क्षेत्र के मजदूरों
को श्रम कल्याण
मंडल, तथा
असंगठित
क्षेत्र के
श्रमिकों को
म.प्र. असंगठित
शहरी एवं ग्रामीण
कर्मकार
कल्याण मण्डल
तथा म.प्र. भवन
एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
मण्डल की
विभिन्न
योजनाओं के
अंतर्गत
आर्थिक
सहायता
प्रदान की जा
रही है, जिनका
विवरण निम्नानुसार
है:-(i) म.प्र. श्रम कल्याण
मंडल :-म.प्र.
श्रम कल्याण
मंडल निधि
अधिनियम, 1982 के
प्रावधानों
के अंतर्गत
मंडल द्वारा
प्रदेश की
समस्त
औद्योगिक इकाइयों
में कार्यरत
श्रमिकों एवं
ऐसी स्थापनाओं
जहां वर्ष के
किसी भी कार्य
दिवस पर 9 से अधिक
श्रमिक
कार्यरत हैं, उन
श्रमिकों के
लिए निम्नलिखित
योजनाओं का
संचालन किया
जा रहा है :-(1) शैक्षणिक
छात्रवृत्ति
योजना (2)शिक्षा
प्रोत्साहन
पुरस्कार
योजना (3) विवाह
सहायता योजना (4) अंतिम
संस्कार
योजना (5) कल्याणी
सहायता योजना (6) उत्तम
श्रमिक पुरस्कार
योजना (7) श्रमिक
साहित्य
पुरस्कार
योजना (8) अनुग्रह
सहायता योजना
(ii)
म.प्र. भवन एवं
अन्य संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
मण्डल अंतर्गत
संपूर्ण मध्यप्रदेश
के पंजीकृत
निर्माण
श्रमिकों
हेतु 25
कल्याणकारी
योजनायें
संचालित है। उक्त
योजनाओं का
लाभ सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र के
पंजीकृत
निर्माण
श्रमिकों को
भी उपलब्ध
कराया जा रहा
है। (iii) असंगठित
क्षेत्र के
श्रमिकों
हेतु श्रम
विभाग
अंतर्गत म.प्र.
असंगठित शहरी
एवं ग्रामीण
कर्मकार
कल्याण मण्डल द्वारा
मुख्यमंत्री
जनकल्याण (संबल
2.0)
योजना
संचालित है, योजनांतर्गत
अंत्येष्टि
सहायता (रू. 5 हजार), सामान्य
मृत्यु
सहायता (रू. 2 लाख), दुर्घटना
मृत्यु
सहायता (रू. 4 लाख), आंशिक
दिव्यांगता
सहायता (रू. 1 लाख) एवं स्थायी
दिव्यांगता
सहायता (रू. 2 लाख) की
आर्थिक
सहायता सम्पूर्ण
म.प्र. में
प्रदान की
जाती है। उक्त
मण्डलों
द्वारा किसी
आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्र हेतु
कोई विशेष
योजना
संचालित नहीं
की जाती है, अपितु मण्डलों
की योजनाओं का
लाभ संपूर्ण
मध्यप्रदेश
के पंजीकृत
श्रमिकों
द्वारा पात्रता
अनुसार लिया
जा रहा है। सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र के
लाभान्वित
हितग्राहियों
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) (i) म.प्र. श्रम कल्याण
मंडल अंतर्गत
सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र के
संगठित
क्षेत्र में
औद्योगिक इकाइयों
एवं स्थापनाओं
में कार्यरत
श्रमिकों के
लिये भी वही
योजनाएं
संचालित हैं
जिनका उल्लेख
प्रश्नांश
(क) के उत्तर
में उल्लेखित
है। (ii) म.प्र. भवन एवं
अन्य संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
मण्डल अंतर्गत
ऑनलाइन
पोर्टल के
माध्यम से
निर्माण
श्रमिकों का
पंजीयन किया
जाता है। मण्डल
द्वारा
पंजीकृत
श्रमिकों के
सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य
एवं शिक्षा
सहायता के लिए
25 कल्याणकारी
योजनायें
संचालित की जा
रही है। योजनाओं
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। म.प्र. असंगठित
शहरी एवं
ग्रामीण
कर्मकार
कल्याण मण्डल द्वारा
असंगठित
क्षेत्र के
श्रमिकों की
सामाजिक सुरक्षा
हेतु मुख्यमंत्री
जनकल्याण (संबल
2.0)
योजना
संचालित है, योजना के
दिशा निर्देश
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) श्रम
विभाग
अंतर्गत म.प्र. भवन एवं
अन्य
संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
मण्डल द्वारा
पंजीकृत
निर्माण
श्रमिकों की
संतानों को
रोज़गारोन्मुख
प्रशिक्षण
प्रदाय करने
हेतु कौशल
प्रशिक्षण
योजना एवं
शैक्षणिक सत्र
2023-24 से ग्राम
मुगालिया छाप, जिला
भोपाल में
श्रमोदय
आदर्श
आई.टी.आई.
संचालित है। आदिवासी
बहुल्य
क्षेत्र के
लिये पृथक से
वर्तमान में
कोई विशेष
कार्ययोजना
आजीविका
सुधार, कौशल
विकास हेतु
कोई नया
प्रशिक्षण
केन्द्र
अथवा
कार्यक्रम
प्रारंभ करने
हेतु योजना नहीं
है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
कृषि
उपज मंडी
समितियों का
चुनाव
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
86.
( क्र. 360 ) डॉ.
तेजबहादुर
सिंह चौहान : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
मध्यप्रदेश
में विगत कई
वर्षों से
कृषि उपज मंडी
समितियों के
चुनाव
सम्पन्न
क्यों नहीं हुए
है? (ख) कृषि उपज
मंडी
समितियों के
चुनाव को शासन
कब तक संपन्न
करायेगा? समय-सीमा
बतावें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) म.प्र.
कृषि उपज मंडी
अधिनियम, 1972 में निर्वाचन
संबंधी
प्रावधान के
संशोधन के
संबंध में
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
होने से निर्वाचन
कार्यवाही
विचाराधीन है।
माननीय उच्च
न्यायालय में
मंडी
निर्वाचन संबंधी
याचिका
डब्ल्यू.पी.-26584/2022 लंबित है। (ख) उत्तरांश
(क) के परिप्रेक्ष्य
में समय-सीमा
नियत की जाना संभव
नहीं है।
जिला
पंचायत
कार्यालय में
पदस्थ
अधिकारियों/कर्मचारियों
की विभागीय
जांच
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
87.
( क्र. 361 ) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
सीधी एवं रीवा
अन्तर्गत
कार्यालय
जिला पंचायत
सीधी एवं रीवा
में कितने
अधिकारी/कर्मचारी
ऐसे पदस्थ हैं जिनके
विरूद्ध
भ्रष्टाचार, वित्तीय
अनियमितता, प्रशासनिक
अनियमितता, लोकायुक्त
संगठन द्वारा
ट्रेप
विभागीय जांच
में
दोषी/आरोपी हैं? उनके नाम, पदनाम तथा
पदस्थापना की
जानकारी दी
जावे। (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार यदि
हाँ, तो
उनके विरूद्ध
लंबित जांच
प्रतिवेदनों
और बार-बार
दोषी पाये
जाने के
बावजूद विकास
आयुक्त एवं
अपर मुख्य
सचिव स्तर पर
क्या
कार्यवाही की
गई है? यदि
नहीं, तो
क्यों और कब
तक की जायेगी? कार्यवाही
न करने वाले
दोषी अधिकारी
कौन है और
कार्यवाही कब
तक की जायेगी? क्या इसके
संबंध में
विस्तार से
अवगत कराया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों
नहीं? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
अनुसार ऐसे
अधिकारियों/ कर्मचारियों
से क्या
वित्तीय
संव्यवहार कराया
जा सकता है? यदि नहीं, तो दोषी
जिम्मेदार
अधिकारी कौन
है? शासन
के नियम/नीतियां
क्या हैं? नियम से
अवगत करावें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ, दो
अधिकारी है, जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग)
जी
नहीं जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
''स'' अनुसार है।
मऊगंज
जिला अंतर्गत
गौशालाओं का संचालन
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
88.
( क्र. 362 ) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
मऊगंज जिले
में मनरेगा
योजना
अंतर्गत कुल
स्वीकृत गौशालाओं
की संख्या
कितनी है एवं
उनकी स्वीकृत
गौशालाओं में
से कितनी
संचालित हैं? कृपया
उनके नाम, स्थान तथा
संचालित करने
वाले
संस्था/समूह की
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) उक्त
गौशालाओं को
शासन द्वारा
दिए गए अनुदान
की वर्ष 2020-21 से माहवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। साथ
ही उक्त
गौशालाओं में
कार्यरत
कर्मचारियों
का विवरण जैसे
उनका पदनाम
एवं उनकी
मासिक मजदूरी, साथ ही अब
तक भुगतान
किये गये का
विवरण उपलब्ध
करावें।
उक्त
अवधि का
माहवार
भुगतान पत्रक की
जानकारी
उपलब्ध कराने
का कष्ट करें।
(ग) उपरोक्त
प्रश्नांश 'क एवं ख' से संबंधित
गौशालाओं के
संचालन हेतु
आवश्यक सामग्री
जैसे भूसा, चूनी, आटा, दवाइयां
आदि का क्रय
किन
संस्थाओं/फर्मों
से किया गया
है एवं कितनी
राशि का कब-कब
भुगतान किया गया
है? (घ) जिले में
मनरेगा
योजनान्तर्गत संचालित
गौशालाओं का
निरीक्षण एवं
जांच हेतु
क्या प्रावधान
है हां, क्या उक्त
प्रावधानों
के अनुसार
साप्ताहिक, मासिक एवं
वार्षिक
निरीक्षण
जिम्मेदार
अधिकारियों
द्वारा किया
गया है? यदि हाँ, तो जांच
प्रतिवेदन
उपलब्ध
करावें। यदि नहीं, तो दोषी
अधिकारियों
के विरूद्ध
क्या कार्यवाही
की जाएगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जिला
मऊगंज
अन्तर्गत 84 गौशाला
स्वीकृत एवं 74 गौशाला
संचालित है। उनके
नाम, स्थान
तथा संचालित
करने वाले
संस्था समूह की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) गौशालाओं
को शासन
द्वारा दिए गए
अनुदान की वर्ष
2020-21 से माहवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' पर अनुसार है। समस्त
संचालित गौशालाओं
संचालक गौवंश
की देखरेख
करने के लिए
कर्मचारियों/चौकीदार
की व्यवस्था
सम्बन्धी
गौशाला संचालक
समूह/एन.जी.ओ.
तथा ग्राम
पंचायत के
अध्यक्ष/सचिव
तथा सदस्यों
स्वयं के
द्वारा
गौशाला के
संचालन, गौशाला की
देखरेख, साफ सफाई
आदि का कार्य
किया जाता है, और गौशाला
संचालनकर्ता
के द्वारा
मानदेय आवश्यकयतानुसार
भुगतान किया
जाता है। (ग) प्रश्नांश
"क" एवं "ख" से
सम्बंधित
गौशालाओं के
संचालन हेतु
आवश्यक
सामग्री जैसे
भूसा, चूनी, आटा, दवाइयां
आदि का क्रय
उक्त संचालित
गौशालाओं के 10 कि.मी.
परिधि के
अन्दर आवश्यक
सामग्री जैसे-भूसा, चूनी, आटा, दवाइयां
आदि का
प्रावधान है
और किसी
फर्म/प्राइवेट
किसान से
गौशाला
संचालक भेंट
कर लोकल क्रय
किया जाता है, जिससे की
भाड़े की लागत
कम हो, तथा
गौशालाओं को
प्रदायित
राशि
आवश्यकतानुसार
उपचार एवं दवाइयों
का क्रय कर
भुगतान किया
जाता है। (घ) जिले
में संचालित
पंजीकृत
गौशालाओं का निरीक्षण
एवं सत्यापन
सबंधित
विकासखंड के
पशु चिकित्सा
अधिकारी (गौशाला
नोडल अधिकारी)
के द्वारा
गौशाला
संचालकों के
द्वारा भरी गयी
एम.पी. गौशाला
एप के माध्यम
से माह के 08 से 14 तारीक के
बीच सत्यापन
एवं भौतिक रूप
से उक्त गौशालाओं
में जाकर नोडल
अधिकारियों
द्वारा सत्यापित
किया जाता है, नोडल
अधिकारी के
सत्यापन के
पश्चात आगामी
माह की 15 तारीक से 21 तरीष्ठतक
जिले के उप संचालक
द्वारा गौवंश
संख्या का
अनुमोदन/सत्यापन
कर जानकारी
बोर्ड को
प्रेषित की
जाती है। तत्पश्चात
बोर्ड द्वारा
कार्यवाही की
जाती है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
प्राध्यापक
एवं सहायक
प्राध्यापक
के रिक्त पद
[उच्च
शिक्षा]
89.
( क्र. 373 ) श्री लखन
घनघोरिया : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या रानी
दुर्गावती
विश्वविद्यालय, जबलपुर
में दीर्घकाल
से शैक्षणिक
संवर्ग (प्राध्यापक, सह
प्राध्यापक
एवं सहायक
प्राध्यापक) के
नियमित पद
रिक्त हैं, जिसके
कारण शिक्षण
एवं शोध कार्य
प्रभावित हो
रहा है? (ख) पिछले
दस वर्षों में
विश्वविद्यालय
द्वारा नियमित
शैक्षणिक
पदों पर भर्ती
हेतु कुल कितने
विज्ञापन
जारी किए गए? प्रत्येक
विज्ञापन की
तिथि, क्रमांक
और उस पर की गई
कार्यवाही की
अद्यतन स्थिति
उपलब्ध कराई
जाए। इन सभी
विज्ञापनों
से संबंधित
पूर्ण भर्ती रोस्टर, चयन
सूची/अचयन
सूची तथा
निरस्तीकरण
या स्थगन के
आदेशों की
प्रमाणित
प्रतियां
उपलब्ध
करावें। (ग) वर्तमान
में
विश्वविद्यालय
में
प्राध्यापक, सह
प्राध्यापक
एवं सहायक
प्राध्यापक
के कुल स्वीकृत
पद कितने हैं
तथा इनमें से
कितने पद रिक्त
हैं? नवीनतम
स्वीकृत पदसूची
एवं आरक्षण
रोस्टर
रजिस्टर की
प्रमाणित
प्रतियां सदन
में प्रस्तुत
की जाएं। इन
रिक्त पदों के
विरुद्ध
कितने
अतिथि/अस्थायी/कॉन्ट्रेक्ट
शिक्षक
कार्यरत हैं? (घ) विश्वविद्यालय
में वर्तमान
में संचालित
पाठ्यक्रमों
की संपूर्ण
सूची तथा उन
पाठ्यक्रमों
में अध्ययनरत
कुल छात्र
संख्या क्या
है? विश्वविद्यालय
अनुदान आयोग (UGC) द्वारा
निर्धारित
शिक्षक-छात्र
अनुपात के आधार
पर
विश्वविद्यालय
में उपलब्ध
कुल शिक्षकों
की संख्या और
आवश्यक
शिक्षकों की
संख्या की
तुलना तालिका
के रूप में
प्रस्तुत की
जाए। (ङ) तकनीकी
पाठ्यक्रमों
जैसे बी.टेक., बी.सी.ए., एम.सी.ए. आदि
के लिए AICTE द्वारा
निर्धारित
प्रयोगशाला
उपकरण कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर
एवं अन्य
तकनीकी
संसाधनों की
उपलब्धता का
विवरण
प्रस्तुत
किया जाए। यदि
निर्धारित
मानकों के
अनुरूप
संसाधन उपलब्ध
नहीं हैं, तो कारण
सहित यह
स्पष्ट किया
जाए कि किस
अधिकारी/विभाग
की लापरवाही
से यह स्थिति
उत्पन्न हुई, तथा इसके
सुधार हेतु
क्या
कार्यवाही
प्रस्तावित
है?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
हाँ, पद
रिक्त हैं
परंतु रिक्त
पदों के कारण
शैक्षणिक
कार्य
प्रभावित नहीं
हो रहा है। अतिथि
विद्वानों से
शिक्षण कार्य
एवं शोध
संबंधी कार्य कार्यरत
शिक्षकों के
माध्यम से
कराया जा रहा
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
(ग) वर्तमान
में प्राध्यापक-27, सह प्राध्यापक-55 एवं सहायक
प्राध्यापक-74 पद स्वीकृत
हैं। इनमें से
प्राध्यापक-27, सह प्राध्यापक-53 एवं सहायक
प्राध्यापक-58 पद रिक्त
हैं। नवीनतम
स्वीकृत पद सूची
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
आरक्षण
रोस्टर
प्रक्रियाधीन
है। रिक्त
पदों के
विरूद्ध 87 अतिथि
विद्वान से
शिक्षण कार्य
कराया जा रहा है।
(घ) विश्वविद्यालय
में संचालित पाठ्यक्रमों
में कुल छात्र
संख्या 5024 है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
(ड.) विश्वविद्यालय
में बी.टेक.
पाठ्यक्रम
विश्वविद्यालय
स्तर पर सत्र
2024-25 से
संचालित किया
जा रहा है। कोर्स
से संबंधित
प्रयोगशाला
उपकरण, कम्प्यूटर
सॉफ्टवेयर
एवं अन्य
तकनीकी
संसाधनों की
उपलब्धता
हेतु क्रय
संबंधी
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। एम.सी.ए., बी.सी.ए.
पाठ्यक्रम
हेतु 25
कम्प्यूटर
उपलब्ध हैं। इस
कार्य में कोई
भी
अधिकारी/विभाग
द्वारा लापरवाही
नहीं की गई है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
म.प्र.
नागरिक
आपूर्ति निगम
में गंभीर
वित्तीय
संकट
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
90.
( क्र. 374 ) श्री लखन
घनघोरिया : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या मध्यप्रदेश
नागरिक
आपूर्ति निगम
पर करोड़ों
रूपये का ऋण
बकाया है? (ख) यदि
हाँ, तो
कितना ऋण
बकाया है और
उक्त ऋण पर
किस दर से
प्रतिमाह
कितने रूपये
ब्याज देना
होता है? (ग) क्या
यह ब्याज
भुगतान
नियमित रूप से
किया जा रहा
है? (घ) क्या
निगम में
कुप्रबंधन के
चलते यह गंभीर
वित्तीय
संकट उत्पन्न
हुआ है? यदि नहीं, तो इसके
अन्य कारण क्या
है?
(ड.) प्रश्नांश
(क) और (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में इस वित्तीय
संकट के लिये
उत्तरदायी
कौन है?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ। (ख) वर्तमान में एम.पी.
स्टेट सिविल
सप्लाइज
कॉर्पोरेशन
लि. की बैकों से
उधार राशि रूपये 62,
944.71 करोड़
है। प्रति दिवस
आउट स्टेंडिंग
राशि पर ब्याज
मासिक तौर पर देय
होता है।
वर्तमान
स्थिति में
औसत ब्याज दर 8.22 प्रतिशत की दर से एक
माह की कुल ब्याज
राशि लगभग
रूपये 425 करोड़
होती है। (ग) जी
हाँ। (घ) जी
नहीं। प्रदेश
में वृहद
मात्रा में
उपार्जन एवं
विकेन्द्रीकृत
उपार्जन
योजना की
प्रकृति के
कारण ऋण भार
है। (ड.) जानकारी
उत्तरांश (घ)
अनुसार।
प्रदेश
में
भ्रामक/फर्जी
विज्ञापनों
के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
91. ( क्र.
392 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश में
विभिन्न बीमा
कंपनियों,
कोचिंग
केंद्रों एवं
अन्य
कंपनियों
द्वारा भ्रामक
प्रचार के
माध्यम से
उपभोक्ताओं
को लूटा जा
रहा है? यदि
हाँ, तो 1 जनवरी
2020
के पश्चात
प्रदेश में इन
कंपनियों के
खिलाफ कब-कब
और किस-किस
व्यक्ति ने
कहाँ-कहाँ
शिकायत दर्ज
कराई? शिकायतकर्ता
का नाम, कंपनी
का नाम और
कंपनी के
खिलाफ की गई
विभागीय
कार्यवाही की
जानकारी दें। (ख) प्रश्नकर्ता
विधायक के
तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 1895
दिनांक 01.08.2025 के
उत्तरांश 'ग'
में
बताया गया था
कि 55 प्रकरणों
में से 6
प्रकरणों का
निराकरण हो
गया है, जिसमें
सभी प्रकरण
उपभोक्ता के
पक्ष में निराकृत
किए गए। शेष 49
प्रकरण कब तक
निराकृत
होंगे? क्या
उपभोक्ता
न्यायालय ने
इसके लिए कोई
विशेष
व्यवस्था की
है? यदि
हाँ, तो
जानकारी दें। (ग) गत 5
वर्षों में
ऑनलाइन खरीद
करने वाले
उपभोक्ताओं
की संख्या
बढ़ने के
पश्चात
उन्हें
शीघ्र न्याय
दिलाने हेतु
विभाग ने क्या-क्या
प्रयास किए
हैं?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) प्रदेश
के विभिन्न
जिला आयोगो
में बीमा
कंपनियों, कोचिंग
केंद्रों और
अन्य
कंपनियों
द्वारा
भ्रामक
प्रचार-प्रसार
के माध्यम से
उपभोक्ताओं
से धोखाधड़ी
किये जाने के
संबंध में प्रकरण
प्रकाश में
आये है। 01 जनवरी, 2020 के पश्चात
दर्ज प्रकरणों
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। किसी
कम्पनी के
विरूद्ध
विभागीय
कार्यवाही का
प्रावधान
नहीं है। (ख) जिला
उपभोक्ता
आयोगों से
प्राप्त
जानकारी के
अनुसार शेष 49 प्रकरणों
में से 27 प्रकरणों
का निराकरण
किया जा चुका
है। निराकृत
प्रकरणों में 22 प्रकरण का
निराकरण
उपभोक्ताओं
के पक्ष में
हुआ है। जिला
उपभोक्ता
आयोगों
द्वारा
प्रकरणों का
निराकरण उपभोक्ता
संरक्षण
अधिनियम के
प्रावधान
अंतर्गत विधिवत
सुनवाई कर
किया जाता है।
इसके लिये
पृथक से कोई
व्यवस्था
नहीं है। (ग) अधीनस्थ
जिला उपभोक्ता
आयोगों
द्वारा प्रकरणों
का निराकरण
उपभोक्ता
संरक्षण
अधिनियम के
प्रावधान
अंतर्गत विधिवत
सुनवाई कर
किया जाता है।
इसके लिए
समय-समय पर
लोक अदालत एवं
मध्यस्थता
का आयोजन किया
जाकर
प्रकरणों का
निराकरण किया
जाता है।
केन्द्र
प्रवर्तित
योजनाओं का
संचालन
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
92.
( क्र. 394 ) श्री अजय
अर्जुन सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
प्रदेश में
पंचायत एवं
ग्रामीण विकास
विभाग की
वर्तमान में
कौन-कौन सी
केन्द्र
प्रवर्तित
योजना
संचालित हैं? इनमें
केन्द्र की
राशि एवं राज्य
शासन की राशि
का प्रतिशत क्या
है?
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
प्रदेश में
संचालित केन्द्र
प्रवर्तित
योजनाओं में
वित्तीय
वर्ष 2024-25
एवं 2025-26
में केन्द्र
से
कितनी-कितनी
राशि का आवंटन
किया गया? आवंटन के
विरूद्ध
प्रदेश सरकार
द्वारा
कितनी-कितनी
राशि व्यय की
है? योजनावार, वर्षवार
जानकारी दें। (ग)
प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
संचालित केन्द्र
प्रवर्तित
योजनाओं में
वित्तीय
वर्ष 2024-25
एवं 2025-26
में
कितनी-कितनी
राशि का
राज्यांश
मिलाकर कुल
कितनी-कितनी
राशि का आवंटन
जिलों को किया
गया? आवंटन
के विरूद्ध
अभी तक
कितनी-कितनी
राशि व्यय की
है? कितनी-कितनी
राशि व्यय
किया जाना शेष
है? कृपया
योजनावार, वर्षवार, जिलेवार
जानकारी दें। कितनी
राशि के
उपयोगिता प्रमाण-पत्र
राज्य शासन
द्वारा केन्द्र
सरकार को
कब-कब भेजे गए? योजनावार
जानकारी दें। किन-किन
योजनाओं की
राशि में
कटौती की गई
है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'स' एवं 'द' अनुसार है।
खेल
स्टेडियम का
रखरखाव
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
93.
( क्र. 395 ) श्री अजय
अर्जुन सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
ग्रामीण खेल
परिसर/स्टेडियम
निर्माण के
अंतर्गत मध्यप्रदेश
के सभी 230 विधानसभा
क्षेत्रों
में लगभग 80-80 लाख रूपये
की लागत से
बनाए गए स्टेडियम
वर्तमान में
भारी उपेक्षा
और दुर्दशा का
शिकार है? (ख) क्या इन स्टेडियमों
का न तो
नियमित
रखरखाव किया
जा रहा है, न ही इन्हें
गांव के
युवाओं और खिलाड़ियों
के लिए उपयोगी
बनाया गया है? अधिकांश
स्थानों में
ये परिसर
लावारिस पड़े
हैं तथा कई क्षेत्रों
में इनका
उपयोग
मवेशियों के
तबेले के रूप
में हो रहा है? (ग) वर्तमान
में इनमें से
कौन-कौन से स्टेडियम
उपयोग में है
और कितने
अनुपयोगी या
अधूरी अवस्था
में है? (घ) इन
स्टेडियम के
रखरखाव के लिए
निर्धारित
वार्षिक बजट
क्या है और
उसका उपयोग
किस तरह किया
गया? (ड.)
क्या
इन अव्यवस्थित
परिसरों के
जिम्मेदार
अधिकारियों/ठेकेदारों
पर कार्यवाही का
प्रस्ताव है
तथा क्या
सरकार इस
योजना की पुनर्समीक्षा
कर इसे जनहित
और खिलाड़ियों
के वास्तविक
विकास के
अनुरूप बनाने
पर विचार कर
रही है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) स्टेडियम
के रखरखाव के
लिए पृथक से
बजट का कोई
प्रावधान
नहीं है, स्टेडियम
उपयोगी है। स्टेडियम
हस्तांतरण
किये गये है, लावारिस
होने जैसी
स्थिति नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (घ)
स्टेडियम
के रखरखाव के
लिए पृथक से
बजट का कोई
प्रावधान
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ड.) उत्तरांश
(ख) के क्रम में
कार्यवाही का
प्रस्ताव
नहीं है। वर्तमान
में विभाग
अंतर्गत
विचाराधीन
नहीं है।
शासकीय
उचित मूल्य
राशन दुकान के
संचालकों को कमीशन
का भुगतान
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
94.
( क्र. 404 ) श्री
शैलेन्द्र
कुमार जैन : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण विभाग
द्वारा
संचालित शासकीय
उचित मूल्य की
दुकानों के
संचालकों को
कमीशन दिये
जाने की क्या
पद्धति है? (ख) प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र सागर
के शासकीय
उचित मूल्य की
राशन दुकानों
के संचालकों
को 6-6
माह का कमीशन
नहीं दिया गया
है, इसके
लिये कौन
जिम्मेदार है
तथा कब तक शेष
कमीशन का
भुगतान किया
जायेगा? (ग) क्या
शासन कोई ऐसी
व्यवस्था
सुनिश्चित
करेगा कि
दुकान संचालकों
को प्रतिमाह
दिये जाने
वाला कमीशन
समय पर प्राप्त
होता रहे?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) उचित
मूल्य की
दुकान के
कमीशन भुगतान
की प्रक्रिया
संबंधी जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) विधानसभा
क्षेत्र सागर
के शासकीय
उचित मूल्य
राशन दुकान
संचालकों के
कमीशन के
भुगतान हेतु
माह सितम्बर, 2025 तक
की राशि जिले
को आवंटित की
जा चुकी है।
अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग)
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार मासिक
आधार पर उचित
मूल्य की
दुकान के
कमीशन का
भुगतान भारत
सरकार द्वारा
निर्धारित
प्रक्रिया से SNA Sparsh मॉडल
से सीधे उचित
मूल्य
दुकानों की
संचालक संस्थाओं
के खाते में
किया जा रहा
है।
शासन
को हुए आर्थिक
नुकसान की
वसूली
[उच्च
शिक्षा]
95.
( क्र. 408 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता
के तारांकित
प्रश्न क्र. 2045 दिनांक 04/08/2025 के प्रश्नांश
(क) के उत्तर
में जाँच प्रतिवेदन
अप्राप्त
होना बताया
गया था। उक्त जाँच
हेतु जारी
आदेशों की
छायाप्रति एवं
जाँच कमेटी
में नियुक्त
अधिकारियों
के नाम, पदनाम
सहित जानकारी
उपलब्ध करावें। जाँच
प्रतिवेदन की
प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) तारांकित
प्रश्न क्र. 2045 दिनांक 04/08/2025 के प्रश्नांश
(घ) के उत्तर
में सत्र 2013 एवं 2014 में किए गए
नियमितीकरण/नियुक्तिकर्ता
अधिकारी का नाम
डॉ. प्रवीण
जैन बताया गया
था। क्या इनके
विरुद्ध
ई.ओ.डब्ल्यू.
में प्रकरण
दर्ज है? क्या इनके
इस कृत्य से
शासन को हुए
करोड़ों रुपये
के आर्थिक
नुकसान की
वसूली की
जाएगी? यदि हाँ, तो कितनी
और कब तक? (ग) वि.वि.
के कर्मचारी
रहे अनिल राय, सुनील
कनेरिया, श्रीमती
अर्चना खरे (मौर्य)
एवं अन्य की
आरक्षण
नियमों के
विरुद्ध नियुक्ति
के संबंध में
कुलपति के
आदेशानुसार
जारी पृ.
क्रमांक/3615/ स्था./मप्रभोमुविवि/2013 भोपाल, दिनांक 14/03/2013 आदेश सहित
अन्य आदेश के
परिपालन में
नियुक्तिकर्ता
डॉ. प्रवीण
जैन से वसूली
करने हेतु जारी
आदेशों के
परिपालन में
कितनी राशि
कब-कब वसूली
गई है? यदि
वसूली नहीं की
गई है तो
क्यों? (घ) क्या
मध्यप्रदेश
भोज मुक्त विश्वविद्यालय
के कुलपति
प्रो. डॉ. संजय
तिवारी
द्वारा
हस्ताक्षरित
पत्र क्रमांक 294/मप्रभोमुविवि/
व्हीसी/2023 भोपाल
दिनांक 27/09/2023 प्रति अपर
मुख्य सचिव, म.प्र. शासन
उच्च शिक्षा
विभाग
मंत्रालय को
संलग्नकों
सहित जारी
किया गया है? यदि हाँ, तो पत्र
सहित पत्र में
उल्लिखित
संदर्भ पत्रों
सहित,
समस्त
संलग्नकों
सहित जानकारी
उपलब्ध करायें। (ङ) क्या
उक्त पत्र के
संबंध में
नियमानुसार
कार्यवाही की
गई है? समस्त
जानकारी
संपूर्ण जाँच
प्रतिवेदन, समस्त
सुसंगत
दस्तावेजों
सहित उपलब्ध
करायें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जांच
समिति के आदेश
की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है, प्रतिवेदन
प्राप्त
नहीं है। (ख) जी
हाँ। ई.ओ.डब्ल्यू.
में डॉ.
प्रवीण जैन
एवं अन्य के
विरूद्ध
प्रथम सूचना
रिपोर्ट
क्रमांक 122/25 दर्ज है। अंतिम
रिपोर्ट
प्राप्त
होने पर
नियमानुसार
यथोचित
कार्यवाही की
जावेगी। (ग) उत्तरांश
'ख' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
हाँ। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
(ड.) जी हाँ।
शेष जानकारी
उत्तरांश 'क' अनुसार
है।
मध्यान्ह
भोजन तैयार
करने हेतु
किचन शेड का निर्माण
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
96.
( क्र. 412 ) श्री चन्दरसिंह
सिसौदिया : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत कुल
कितने विद्यालय
हैं, जिनमें
किचन शेड भवन
नहीं है? वर्तमान
में इन
विद्यालयों
में पी.एम.
पोषण अंतर्गत मध्यान्ह
भोजन कहां से
तैयार किया जा
रहा है? (ख) क्या
शासन के पी.एम.
पोषण मध्यान्ह
भोजन बनाने
हेतु किचन शेड
के निर्माण की
कोई योजना है? यदि हाँ, तो गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र कुल
कितने विद्यालयों
में किचन शेड
निर्माण किये
गए हैं? वर्तमान
में इन किचन
शेड की क्या
स्थिति है? (ग) कितने
ऐसे विद्यालय
हैं, जिनमें
किचन शेड नहीं
है? जहां
किचन शेड नहीं
है, वहां
पी.एम. पोषण
भोजन कहां से
तैयार किया जा
रहा है तथा जहां
किचन शेड नहीं
है, क्या
शासन इन
विद्यालय में
किचन शेड
निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र कुल 8 विद्यालय
हैं, जिनमें
किचन शेड भवन
नहीं हैं। वर्तमान
में इन
विद्यालयों
में
प्रधानमंत्री
पोषण शक्ति
निर्माण
अंतर्गत मध्यान्ह
भोजन, अतिरिक्त
कक्ष में तैयार
किया जा रहा
है। (ख) जी हाँ। गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत कुल 436 किचन शेड
निर्माण किये
गये हैं। वर्तमान
स्थिति में
कुल 326 किचन
शेड कार्यशील
है एवं कुल 110 मरम्मत
योग्य हैं। (ग) गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत कुल 08 विद्यालय
ऐसे हैं, जिनमें किचन
शेड भवन नहीं
है वर्तमान
में जहां किचन
शेड नहीं हैं
वहां पी.एम.
पोषण अंतर्गत
मध्यान्ह
भोजन, अतिरिक्त
कक्ष में
तैयार किया जा
रहा है। जी हाँ, भारत
सरकार से किचन
शेड निर्माण
का अनुमोदन
प्राप्त, किन्तु
राशि प्राप्त
नहीं,
इसलिए
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
आगजनी
की घटनाओं से
बचाव हेतु
स्वचलित
अग्निशामक
यंत्र का
उपयोग
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
97.
( क्र. 415 ) श्री
अनिरुध्द (माधव)
मारू : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
में कुल कितनी
ग्राम पंचायत, जनपद
पंचायत एवं
जिला पंचायत
हैं? उज्जैन
एवं भोपाल
संभाग की सूची
उपलब्ध कराएं।
(ख) क्या
उपरोक्त
वर्णित सभी
कार्यालयों
में असमय
आगजनी की
घटनाओं से
बचाव हेतु
मानव रहित
स्वचलित
अग्निशामक
यंत्र (फायरबॉल
एक्सटिंगुइशर)
लगाये गए हैं? यदि हाँ, तो सूची
उपलब्ध
करायें और यदि
नहीं, तो
इस विषय में
शासन द्वारा
असमय अग्नि
दुर्घटनाओं
से बचाव हेतु
की जा रही
कार्यवाही से
अवगत कराएं और
यदि नहीं, तो
कार्यवाही कब
तक होगी? (ग) क्या
असमय अग्नि
दुर्घटनाओं
से बचाव हेतु
विभाग द्वारा
कोई नीति
निर्धारित की
गई है अथवा मानव
रहित
स्वचालित
अग्निशामक
यंत्र जैसे फायरबॉल
एक्सटिंगुइशर
का उपयोग किया
जा रहा है या
नहीं? यदि
नहीं, तो
कब तक इस
समस्या के
निवारण हेतु
नीति बनाई
जाएगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) मध्यप्रदेश
में कुल 23011 ग्राम
पंचायत, 313 जनपद
पंचायत एवं 52 जिला
पंचायतें हैं।
उज्जैन एवं
भोपाल संभाग
की सूची पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
उपरोक्त
वर्णित सभी
कार्यालयों
में असमय आगजनी
की घटनाओं से
बचाव हेतु
मानव रहित स्वचलित
अग्निशामक
यंत्र (फायरबॉल
एक्सटिंगुइशर)
नहीं लगाये
गये हैं। इस
विषय में राज्य
की ग्राम
पंचायतों
द्वारा
अंगीकृत करने
के लिए आदर्श
उपविधियां
बनाई गई हैं
तथा पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
के पत्र
क्रमांक/पं.रा./एफ-1/2024-25/671 भोपाल, दिनांक 30.05.2024 द्वारा
दिशा-निर्देश
जारी किये गये
हैं। अग्निशामक
यंत्र लगाना
है अथवा नहीं
या किस प्रकार
का अग्निशामक
यंत्र लगाना
है, आर्थिक
स्थिति व स्वीकृत
बजट के
परिप्रेक्ष्य
में यह निर्णय
पंचायतों
द्वारा स्वयं
लिया जाता है।
(ग) जानकारी
उत्तरांश (ख) अनुसार
है।
कैप
में भण्डारित
स्कन्ध की
सुरक्षा एवं उपचार
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
98.
( क्र. 422 ) श्री
धीरेन्द्र
बहादुर सिंह : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) ओपन-कैपों
में भंडारित
अनाज की
सुरक्षा/उपचार
एवं भंडारण की
समयावधि हेतु
वर्तमान में
क्या
नियम/निर्देश
हैं और
भंडारित अनाज
की
सुरक्षा/उपचार/देखरेख
और अनाज के
भंडारण/उठाव
का
दायित्व/कार्य
किस-किस
कार्यालय/विभाग
के किन-किन
अधिकारियों/कर्मचारियों
को नियत हैं? (ख) कटनी
में
कितनी-कितनी
क्षमता के
कितने ओपन-कैप
कहाँ-कहाँ कब से
स्थापित/संचालित
हैं? विगत
05 वर्षों
में कैपवार
कितनी-कितनी
राशि से मरम्मत/संधारण
के क्या-क्या
कार्य कराये
गये? भंडारित
अनाज की
सुरक्षा/उपचार
के लिए क्या-क्या
व्यवस्था की
गई एवं किस
नाम और पदनाम
के कौन-कौन
अधिकारी/कर्मचारी
कार्यरत रहे? इनके क्या
दायित्व थे? (ग) प्रश्नांश
(ख) में वर्णित
विगत 03
वर्षों में
कैपवार
किस-किस
कृषि-उपज/अनाज
का कितनी-कितनी
मात्रा में
कब-कब भंडारण
किया गया? अनाज को कब
से कब तक
भंडारित रखना
था? कब
तक रखा गया? नियत अवधि
के पश्चात भी
अनाज के
भंडारित रहने
का कारण
बताइये। (घ) प्रश्नांश
(ग) के संबंध
में क्या
भंडारित अनाज
खराब/क्षतिग्रस्त
हुआ है? यदि हाँ, तो कितनी
मात्रा में
कितनी लागत का
कौन-कौन सा
अनाज और
किन-किन
कारणों से? भंडारित
अनाजों को
सुरक्षित
करने के
क्या-क्या
प्रयास किए
गये? कैपवार बताइये।
(ड.) प्रश्नांश
(क) से (घ) के तहत
क्या अनाज के
खराब/क्षतिग्रस्त
होने के
कारणों की
शासन/विभाग स्तर
से
जांच/कार्यवाही
करायी जायेगी? यदि
हाँ, तो किस
प्रकार एवं कब
तक? नहीं
तो क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश
वेयर हाउसिंग
एण्ड
लॉजिस्टिक
कार्पोरेशन
द्वारा
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
खाद्यान्न
कैप में
भण्डारण को
बंद करने, विशेष
परिस्थितियों
में कैप में
भण्डारण की दशा
में 3 माह से
अधिक समय तक
भण्डारण न
करने तथा
भण्डारित
स्कन्ध को
अनिवार्यता 3
माह में उठाव
करने, उठाव न
करने की दशा
में संबंधित
की जिम्मेदारी
निर्धारण
करने हेतु
निर्देश जारी
किए गए है। जिसकी
प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार
है। मध्यप्रदेश
वेयर हाउसिंग
एण्ड
लॉजिस्टिक कार्पोरेशन
द्वारा कटनी
जिले में वर्ष
2024-25 में
स्कन्ध का
भण्डारण ओपन
कैप में किया
गया था। कैप
में भण्डारित
स्कन्ध की सुरक्षा/उपचार, देखरेख
का सम्पूर्ण
दायित्व निगम
के संबंधित
शाखा प्रबंधक
एवं अधीनस्थ
कर्मचारियों
का होता है।
कैप में अनाज
का भण्डारण
एवं उठाव का
कार्य
जमाकर्ता
एजेन्सी
मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज़
कार्पोरेशन
द्वारा किया
जाता है। (ख) कटनी
जिले में
स्थापित कैप
का नाम, स्थान, क्षमता
एवं कैप की
स्थापना वर्ष
की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार
है। विगत 05
वर्षों में
कैपवार
मरम्मत एवं
संधारण में किए
गए कार्य एवं
व्यय राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'स' अनुसार
है। कैप में
भण्डारित
अनाज की
सुरक्षा हेतु
कैप कवर, कैप
टॉप, रस्सी
से बांधकर
सुरक्षित
किया गया एवं समय-समय
पर आवश्यकता
अनुसार
कीटोपचार
किया गया।
वर्ष 2021-22 में
निगम से
अनुबंधित PMS एजेंसी
गो-ग्रीन वेयर
हाउस
प्रायवेट
लिमिटेड
द्वारा
भण्डारित
अनाज की
सुरक्षा/उपचार
की व्यवस्था
की गई, जिसका
व्यय एजेंसी
द्वारा ही वहन
किया गया। वर्ष
2022-23 एवं 2023-24 में
कैपों में
अनाज का
भण्डारण नहीं
किया गया।
वर्ष 2024-25 में
कैप में
भण्डारित
अनाज की
सुरक्षा/उपचार
हेतु कार्यरत
कर्मचारी/अधिकारी
की सूची
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'द' अनुसार
है। (ग) कटनी
जिलें में
विगत 03
वर्षों में
कैपवार
भण्डारित
स्कन्ध की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'इ' अनुसार
है। कैप में
अनाज को
जमाकर्ता
द्वारा
भण्डारित कराई
गई मात्रा को
जमाकर्ता के
अंतिम भुगतान
आदेश/उठाव
होने तक भण्डारित
रखा जाता है।
जमाकर्ता
द्वारा पूर्ण
उठाव न किए
जाने के कारण
कैपों में
स्कन्ध
भण्डारित है। (घ) विगत 03
वर्षों में
कैपों में
भण्डारित
अनाज खराब अथवा
क्षतिग्रस्त
नहीं हुआ है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) प्रदेश
में कैप में
स्कन्ध का
भण्डारण
विशेष परिस्थितियों
में ही कराया
जा रहा है। उत्तरांश
'घ' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
खाद्यान्न
का उपार्जन
एवं भंडारण
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
99.
( क्र. 423 ) श्री
धीरेन्द्र
बहादुर सिंह : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्रमांक–1737, दिनांक-05/07/2024 के प्रश्नांश-''घ” का उत्तर
क्या था और अन्य
विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक–2212, दिनांक–18/03/2025 के प्रश्नांश–''ग” का
उत्तर क्या है? क्या
दोनों
प्रश्नों के
दिये गए उत्तर
सत्य हैं? हाँ, तो कैसे? नहीं तो
सदन में असत्य
जानकारी दिये
जाने पर क्या
दोषियों के
विरूद्ध कार्यवाही
की जाएगी? (ख) म.प्र.
में
खाद्यान्न
एवं मूंग सहित
अन्य दलहन उपज
के उपार्जन
किस नीति/नियम
के अध्यधीन
किस
प्रक्रिया से
की जाती हैं? उपार्जन
कार्य के लिए
कौन-कौन शासकीय
सेवक
दायित्ववान
होते हैं? (ग) कटनी
जिले में विगत
03 वर्षों
में मूंग एवं
अन्य दलहन और
खाद्यान्न
खरीदी हेतु किस
नाम, पदनाम
के किन सक्षम
प्राधिकारियों
द्वारा किन-किन
खरीदी
केन्द्रों की
स्थापना के
क्या-क्या
आदेश कब-कब
जारी किए गए? खरीदी केन्द्रों
का संचालन किन
समितियों एवं
अन्य द्वारा
किया गया और
केंद्रवार
कौन-कौन
प्रभारी थे तथा कौन-कौन
कर्मचारी
कार्यरत रहे? (घ) प्रश्नांश
''ख” खरीदी
केन्द्रों के
वर्णित खरीदी
कार्यों का
निरीक्षण
किस-किस
शासकीय सेवक
द्वारा कब-कब किया
गया और
क्या-क्या
निरीक्षण
प्रतिवेदन
किन सक्षम प्राधिकारी
को कब-कब
प्रस्तुत किए
गए और प्रतिवेदनों
पर क्या
कार्यवाही की
गयी? (ङ) प्रश्नांश
''ख” से
”घ” के
तहत मूंग एवं
अन्य दलहन और
खाद्यान्न
खरीदी में
पायी गयी
अनियमितताओं
की शिकायतों
एवं ज्ञात
अनियमितताओं
पर प्रश्न
दिनांक तक
प्रकरणवार की
गयी
कार्यवाही की
जानकारी दें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक-1737, दिनांक-05/07/2024 के प्रश्नांश
'घ' के
तहत कटनी जिले
में विगत 03 वर्षों
में अनुबंधित
भंडार गृहों
एवं भंडारित
सामग्री का जिन
शासकीय
सेवकों
द्वारा
निरीक्षण
किया गया, उनकी सूची
प्रेषित की गई
थी। उक्त सूची
भंडार गृहों
में भंडारित
स्कंध के
सामान्य
निर्धारित रोस्टर
अनुसार
निरीक्षण से
संबंधित थी, जो कि उक्त प्रश्नांश
के अनुक्रम
में दी गई थी जबकि विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक-2212, दिनांक-18/03/2025 के प्रश्नांश
"ग" के संबंध
में म.प्र.
वेयर हाउसिंग
एण्ड लॉजिस्टिक
कॉर्पोरेशन
मुख्यालय
भोपाल द्वारा
कटनी जिले में
भंडारित
खाद्यान्न की
जानकारी देते
हुए यह लेख
किया गया था
कि प्रश्नांकित
अवधि में इन भंडार
गृहों की जांच
और निरीक्षण
नहीं किया गया।
उक्त प्रश्नांश
के तहत दिये
गये उत्तर का
आशय किसी भी
प्रकार की
अनियमितता की
जांच से
संबंधित था। चूंकि
उक्त प्रश्नांकित
अवधि में
अनियमितता से
संबंधित कोई
जांच नहीं
कराई गई। अतः प्रश्नांश
में 'ग' के उत्तर
में भंडार
गृहों की जांच
एवं निरीक्षण
नहीं किये जाने
का लेख उक्त
प्रश्न के
अंतर्गत किया
गया था। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) समर्थन
मूल्य पर
खाद्यान्न
एवं
दलहन-तिलहन उपार्जन, राज्य
शासन द्वारा
जारी उपार्जन
नीति के अनुरूप
मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल सप्लाइज
कार्पोरेशन
तथा विपणन संघ
द्वारा
सहकारी समितियों
एवं स्व-सहायता
समूह के
माध्यम से
समर्थन मूल्य
पर कराया जाता
है। राज्य
शासन द्वारा
जारी उपार्जन
नीति अनुसार
जिला कलेक्टर
की अध्यक्षता
में गठित जिला
उपार्जन
समिति के
आदेशानुसार
जिला, उपखंड
स्तरीय
उपार्जन
समिति जिसमें
खाद्य, कृषि, सहकारिता, नागरिक आपूर्ति
निगम, वेयर
हाउसिंग, जिला
सहकारी
केन्द्रीय, मार्कफेड, भू-अभिलेख, कृषि उपज
मंडी, जिला
लीड बैंक
अधिकारी, NIC के
अधिकारी
दायित्वाधीन
होते हैं। (ग) कटनी
जिले में विगत
03 वर्षों
में मूंग, खाद्यान्न
एवं अन्य दलहन
खरीदी हेतु
जिला उपार्जन
समिति के
अध्यक्ष जिला
कलेक्टर
द्वारा खरीदी
केन्द्रों की
स्थापना के
आदेश जारी
किये गये है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
खरीदी
केन्द्रों का
संचालन करने
वाली समितियों
एवं संस्थाओं की
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
उपार्जन
केन्द्र व
प्रभारी/कर्मचारी
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
(घ) प्रश्नांश
'ख' खरीदी
केन्द्रों
में खरीदी
कार्यों का
निरीक्षण, प्रतिवेदन
तथा की गई
कार्यवाही का विवरण
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
(ङ) मूंग
एवं अन्य दलहन
और खाद्यान्न
खरीदी में पायी
गई
अनियमितताओं की
प्रकरणवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'स' एवं 'द' अनुसार है।
प्रदेश
के समस्त
जिलों में मिड
डे मील से
लाभान्वित
विद्यार्थी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
100.
( क्र. 426 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
प्रदेश के
समस्त जिलों
में मिड डे
मील (एम.डी.एम.) के
तहत प्रति
बालक/बालिका
प्रति दिवस
कितने बजट का
प्रावधान है? उस बजट में
क्या शासन
द्वारा
निर्धारित मीनू
अनुसार भोजन
से प्रति दिन
की पूर्ति की
जा रही है? (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध में
वर्ष 2022 से 2025 तक
एम.डी.एम. का
प्रतिवर्ष, प्रति
जिला कितना
बजट रखा गया और प्रति
जिला कितना
खर्चा किया
गया? (ग) प्रश्नांश
(क) संबंध में
झाबुआ,
अलीराजपुर
एवं रतलाम
जिलों में
वर्ष 2022 से 2025 तक क्या 100℅ स्कूल के
बालक/बालिका लाभान्वित
हुए? विस्तृत
जानकारी
जनपदवार, वर्षवार
दी जाए।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) प्रदेश
के समस्त
जिलों में मिड
डे मील (एम.डी.एम.)
के तहत
प्राथमिक
शाला हेतु
राशि रू 6.78/- प्रति
बालक/बालिका
प्रति दिवस
एवं माध्यमिक
शाला हेतु
राशि रू 10.17/- प्रति
बालक/बालिका
प्रति दिवस का
प्रावधान है।
हाँ उक्त बजट
से शासन
द्वारा
निर्धारित मीनू
अनुसार भोजन
से प्रतिदिन
की पूर्ति की
जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) जी
नहीं। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
''ब'' अनुसार।
ग्राम
पंचायत सचिव
एवं रोजगार
सहायकों की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
101.
( क्र. 428 ) श्री सचिन
सुभाषचंद्र
यादव : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) खरगोन
जिले में ऐसी
कितनी ग्राम
पंचायतें हैं
जिनमें ग्राम
पंचायत के
सचिव एवं
रोजगार सहायक
के पद रिक्त
हैं? कितनों
को मूल पंचायत
के साथ
अतिरिक्त
पंचायत का भी
प्रभार सौंपा
गया है? जनपद
पंचायतवार
विवरण देवें। (ख) ग्राम
पंचायत सचिव
एवं रोजगार
सहायक के अतिरिक्त
प्रभार के
क्या मापदण्ड
हैं? (ग) क्या
रिक्त ग्राम
पंचायत के 5 किलोमीटर
या अधिकतम 15 किलोमीटर
की दूरी के
पंचायत
सचिवों तथा
ग्राम रोजगार
सहायकों को
अतिरिक्त
प्रभार सौंपे जाने
के निर्देश
हैं? यदि
हाँ तो ग्राम
पंचायतवार
आदेश दिनांक की
जानकारी
जनपदवार देवें। (घ) प्रश्नांश
(ग) के संबंध
में नियमों की
अनदेखी करने
पर कार्यालय
प्रमुख
द्वारा
किन-किन प्रभारी
अधिकारियों
के विरूद्ध
कोई कार्यवाही
की गई है? अगर हाँ तो
विवरण देवें।
नहीं तो कारण
बताएं?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) खरगोन
जिले में
ग्राम पंचायत
सचिव के 58 पद रिक्त
हैं एवं
रोजगार सहायक
के 79 पद
रिक्त हैं। सचिव
के संबंध में
अतिरिक्त
प्रभार की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है एवं
रोजगार सहायक
के संबंध में
अतिरिक्त
प्रभार की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश
(ग) के संबंध
में किसी भी
अधिकारी
द्वारा नियम
विरूद्ध
कार्यवाही
नहीं की गई है।
अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
स्वामी
विवेकानंद
केरियर
मार्गदर्शन
योजना
[उच्च
शिक्षा]
102.
( क्र. 429 ) श्री सचिन
सुभाषचंद्र
यादव : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश में
विभाग की
स्वामी
विवेकानंद केरियर
मार्गदर्शन
योजना
संचालित है? अगर हाँ, तो कब से? (ख) योजनान्तर्गत
केरियर मेले, ट्रेनिंग
तथा अन्य
गतिविधियों
के लिए विगत 3 वर्षों
में कितना बजट
दिया गया? वर्षवार
पृथक-पृथक
विवरण दें। (ग) वर्ष
2022-23 से प्रश्न
दिनांक तक
केरियर मेले, ट्रेनिंग
तथा अन्य
गतिविधियों
में कितने विद्यार्थियों
ने भाग लिया? जिलेवार जानकारी
दें। (घ) क्या
विवेकानंद
केरियर
मार्गदर्शन
योजना में भाग
लेने से
विद्यार्थियों
को रोजगार
मिला है? अगर हाँ, तो
जिलेवार सूची
उपलब्ध कराएं। (ड.) क्या
उपरोक्त
योजना में
करोड़ों रूपये
व्यय करने के
बाद भी
अपेक्षित
उपलब्धि नहीं
मिल रही है? अगर हाँ, तो योजना
में क्या कोई
बदलाव किए
जायेंगे? जानकारी
उपलब्ध
करायें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
हाँ, वर्ष
2006-2007 से
संचालित है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-01 अनुसार
है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-02 अनुसार
है। (घ) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार
है। (ड.) जी
नहीं। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
जिम्मेदारों
पर दण्डात्मक
कार्यवाही
[सहकारिता]
103.
( क्र. 433 ) श्री अभय
मिश्रा : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
वर्ष 2024-25
में सेवा
सहकारी समिति
बीड़ा
केन्द्र-02 (विजया
वेयर हाउस)
में धान
उपार्जन
कार्य में 59 किसानों
को 1.28
करोड़ रूपये
का भुगतान आज
दिनांक तक
प्राप्त नहीं
हुआ जिसकी
जांच वरिष्ठ
सहायक
निरीक्षक (प्रशासक)
समिति बीड़ा
श्री रीना
श्रीवास्तव
द्वारा पत्र
क्रमांक-2025 के माध्यम
से प्रस्तुत
निरीक्षण
प्रतिवेदन में
लेख है कि
किसानों
द्वारा
वास्तविक रूप
से धान का
विक्रय किया
गया है एवं
समिति प्रबंधक
घोटाले का
दोषी है। (ख) प्रश्नांश
(क) के तारतम्य
में कलेक्टर
रीवा के अनुमोदन
से कलेक्टर
खाद्य के आदेश
क्रमांक-970/खाद्य
दिनांक 21.05.2025 द्वारा
गठित जांच दल
द्वारा दिये
गये प्रतिवेदन
में किसानों
को फर्जी
घोषित किया
गया एवं समिति
प्रबंधक को
क्लीन चिट दी
गई इसी प्रतिवेदन
के आधार पर
किसानों के
खरीदी को
पोर्टल से
डिलीट कर दिया
गया। (ग) क्या
कार्यालय
कलेक्टर के
अनुमोदन से
पुनः कार्यालय
कलेक्टर
खाद्य द्वारा आदेश क्रमांक-111/खाद्य/उपार्जन/2025/दिनांक 04.03.2025 में समिति
प्रबंधक को
दोषी मानते
हुये उसके
विरूद्ध 03 माह
विलम्ब से
एफ.आई.आर. के
आदेश हुये। (घ) क्या
प्रश्नांश
(ग) अनुरूप
दोषियों के
विरूद्ध आज
दिनांक तक
एफ.आई.आर./अपराध
दर्ज नहीं हुआ
क्यों साथ ही
श्री रीना
श्रीवास्तव
का प्रतिवेदन
कार्यालय
कलेक्टर
खाद्य के पत्र
क्रमांक-111/2025 दिनांक 04.03.2025 से एकरूप
होने पर रीना
श्रीवास्तव
का निलंबन बहाल
नहीं किया
गया। (ड.) प्रश्नांश
(क) अनुसार
किसानों की
राशि का
भुगतान कब तक
कराया जाएगा
एवं जिला
उपार्जन
समिति के
अध्यक्ष एवं
प्रश्नांश (ख) अनुरूप
गठित जांच दल
द्वारा झूठा
प्रतिवेदन देने
पर इनके
विरूद्ध क्या
दण्डात्मक
कार्यवाही की
जावेगी? जानकारी
दें।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) वर्ष
2024-25 में सेवा
सहकारी समिति
बीड़ा
केन्द्र-02 (विजया
वेयर हाउस)
में धान
उपार्जन
कार्य में 59 किसानों
को रूपये 1.28 करोड़ का
भुगतान शेष
रहने की जांच
वरिष्ठ सहकारी
निरीक्षक
(प्रशासक)
सेवा सहकारी
समिति बीड़ा
श्रीमती रीना
श्रीवास्तव
द्वारा नहीं की
गई, बल्कि
श्रीमती रीना
श्रीवास्तव
द्वारा प्रश्नांश
में वर्णित
समिति के
प्रशासक की
हैसियत से
दिनांक 27.01.2025 को
वस्तुस्थिति
का प्रतिवेदन
उप आयुक्त सहकारिता
जिला रीवा को
दिया गया था। (ख) कार्यालय
कलेक्टर
(खाद्य) जिला
रीवा से प्राप्त
जानकारी
अनुसार कलेक्टर
रीवा के आदेश
क्रमांक 970/खाद्य/उपा./2025 रीवा
दिनांक 21.01.2025 द्वारा
गठित जांच दल द्वारा
प्रस्तुत
प्रतिवेदन
दिनांक 23.01.2025 के आधार पर
तथा समिति
प्रबंधक
द्वारा
प्रस्तुत शपथ
पत्र अनुसार 27 किसानों
की फर्जी
खरीदी पोर्टल
से डिलीट किया
गया था।
प्रतिवेदन
में समिति
प्रबंधक को
क्लीन चिट
नहीं दी गई
है। (ग) कार्यालय
कलेक्टर
(खाद्य) जिला
रीवा से प्राप्त
जानकारी
अनुसार
कार्यालय
कलेक्टर
(खाद्य) जिला
रीवा के पत्र
क्र. 996/खाद्य/उपा./2025 रीवा
दिनांक 28.01.2025 द्वारा
खरीदी
केन्द्र बीडा.
क्र. 2
बीरखाम खरीदी
प्रभारी एवं
सर्वेयर के
विरूद्ध
एफ.आई.आर. दर्ज
कराने के निर्देश
पर दिनांक 28.01.2025 को थाना
सेमरिया जिला
रीवा में
अपराध क्र. 0060/2025 दर्ज कराई
गई एवं समिति
प्रबंधक सहित
दोषियों के
विरूद्ध
कार्यवाही
हेतु कारण
बताओ सूचना
पत्र जारी
किया गया था।
समिति
प्रबंधक द्वारा
दिये गये शपथ
पत्र अनुसार
वास्तविक
किसानों को
भुगतान न करने
के कारण
कार्यालय
कलेक्टर (खाद्य)
जिला रीवा के
पत्र क्र. 1111/खाद्य/उपा/2025 दिनांक 04.03.2025 के माध्यम
से सेवा
सहकारी समिति
बीडा के समिति
प्रबंधक एवं
कम्प्यूटर ऑपरेटर
के विरूद्ध
एफ.आई.आर. दर्ज
कराने के निर्देश
जारी किये गये
थे, जिसमें
माननीय उच्च
न्यायालय
जबलपुर में याचिका
क्र. 8805/25
दिनांक 13.03.2025 के अनुसार
आदेश क्र. 1111/खाद्य/उपा./25 रीवा दिनांक
04.03.2025 पर माननीय
उच्च
न्यायालय
द्वारा
याचिकाकर्ता
के विरूद्ध
आगामी सुनवाई
तक कोई Coercive action न लेने का
आदेश पारित
किया गया है, माननीय
उच्च
न्यायालय
जबलपुर में
जवाबदावा प्रस्तुत
किया जा चुका
है तथा प्रकरण
की अगली सुनवाई
दिनांक 26.11.2025 नियत है। (घ) जी
हाँ।
कार्यालय
कलेक्टर
(खाद्य) जिला
रीवा से
प्राप्त
जानकारी
अनुसार थाना
प्रभारी थाना
सेमरिया के पत्र
क्र.
थाना/सेमरिया/रीवा/वि.सभा/
433/2025 दिनांक 15.11.2025 अनुसार
आरोपीगण
समिति प्रबंधक
एवं ऑपरेटर
द्वारा
माननीय उच्च
न्यायालय
जबलपुर में
याचिका क्र. 8805/25 के माध्यम
से आदेश क्र. 1111/खाद्य/उपा./25 रीवा दि. 04.03.2025 को चुनौती
दी गई, जिस
पर माननीय न्यायालय
द्वारा
सुनवाई तक
एफ.आई.आर. दर्ज
न करने का
आदेश दिये गये
हैं, जिसकी
अगली सुनवाई
दिनांक 26.11.2025 नियत है
तथा श्रीमती
रीना
श्रीवास्तव
को कार्यालय
कलेक्टर
(खाद्य) के
आदेश क्र.
स्था/2025/671
रीवा दिनांक 16.07.2025 द्वारा
निलंबन से
बहाल किया गया
है। (ड.) कार्यालय
कलेक्टर
(खाद्य) जिला
रीवा से प्राप्त
जानकारी
अनुसार, किसानों
के भुगतान
हेतु
कार्यवाही
प्रचलित है।
प्रश्नांश
"ख" अनुसार
गठित जांचदल
द्वारा
प्रस्तुत
प्रतिवेदन
अनुसार
कायर्वाही की
गई है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
फार्म
मशीनरी योजनांतर्गत
लाभान्वित
स्वसहायता समूह
की जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
104. ( क्र.
444 ) श्री
ऋषि अग्रवाल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या म.प्र.
के साथ ही
गुना जिला के
लिए ग्रामीण आजीविका
मिशन के
अंतर्गत
फार्म मशीनरी
योजना संचालन
करने हेतु
शासन स्तर से
स्वसहायता
समूहों को
चयनित कर
लाभान्वित
करने हेतु
दिशा-निर्देश,पत्र
जारी किये गये
है। यदि हाँ, तो
प्रति दें।
शासन के उक्त
दिशा-निर्देश,पत्र
के पालन में
स्वसहायता
समूहों को
चयनित कर
लाभान्वित
करने हेतु
पात्रता के
मापदंड क्या
हैं। रा.ग्रा.आजी.मिशन
जिला गुना के
द्वारा भी
आदेश,पत्र जारी
किये गये हैं।
यदि हाँ, तो 01-04-2020 से
प्रश्न
दिनांक तक की
प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के सम्बंध
में गुना जिले
में फार्म
मशीनरी योजना
अंतर्गत
लाभांवित
स्वसहायता समूहों/सदस्यों
को प्राप्त
उपकरण,मशीनरी
के सत्यापन
हेतु गठित दल
के सदस्यों
का नाम,पदनाम
सहित आदेश, 01-04-2020 से
प्रश्न
दिनांक तक के
स्वीकृत एवं
वितरण की
जानकारी
देवें। फार्म
मशीनरी योजना
अंतर्गत
लाभान्वित
सदस्यों की जानकारी
देवें। यदि
टैक्टर
प्रदाय किया
गया है तो स्वसहायता
समूह का नाम
सदस्य का नाम
पता सहित एवं
जिनके नाम से
टैक्टर का
रजिस्ट्रेशन
हुआ है, रजिस्ट्रेशन
न. सहित 01-04-2020 से
प्रश्न
दिनांक तक के
स्वीकृत एवं
वितरण की सम्पूर्ण
जानकारी
देवें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) प्रमुख
सचिव, मध्यप्रदेश
शासन, किसान
कल्याण तथा
कृषि विकास
विभाग के पत्र
क्रमांक 2311
दिनांक 15/12/2020 के
पालन में
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, राज्य
ग्रामीण
आजीविका मिशन
द्वारा म.प्र.
के साथ ही
गुना जिला के
लिए फार्म
मशीनरी बैंक
की स्थापना के
सम्बन्ध में
दिशा निर्देश
पत्र जारी
किये गए है।
पत्र की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''1''
अनुसार है, फार्म
मशीनरी बैंक
की स्थापना
हेतु आजीविका मिशन
के कृषक समूह
पात्र है। रा.ग्रा.आजी.
मिशन जिला
गुना के
द्वारा जारी
आदेश पत्र की प्रति
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-''2''
अनुसार है। (ख) गुना जिले
में फार्म
मशीनरी योजना
अंतर्गत लाभांवित
स्व सहायता
समूहों/सदस्यों
को प्राप्त
उपकरण, मशीनरी
के सत्यापन
हेतु गठित दल
के सदस्यों की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''3''
अनुसार है एवं
टैक्टर
प्रदाय की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''4''
अनुसार है।
सर्टिफिकेट
कोर्स इन
मार्डन
फार्मालॉजी
(सीसीएमपी)
प्रारम्भ करना
[आयुष]
105.
( क्र. 445 ) श्री
वीरेन्द्र
सिंह लोधी : क्या आयुष
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
प्रदेश में
लगभग कितनी
संख्या में
होम्योपैथिक डॉक्टर
है? (ख) क्या यह डॉक्टर
प्रदेश के
विभिन्न शहरी
एवं सुदूर
ग्रामीण इलाकों
में सेवायें
दे रहे है? (ग) क्या
यह सही है कि
होम्योपैथिक डॉक्टर
को मॉर्डन-फार्मालॉजी
में
प्रैक्टिस
हेतु मेडिकल
कॉउन्सिल में
पंजीयन
करवाने की
पात्रता नहीं
है? (घ) क्या
होम्योपैथिक डॉक्टर
सामान्य
बुखार आदि
बीमारियों
में एलोपैथिक दवाओं
से
ट्रीटमेन्ट
कर सकते है? (ड.) क्या
होम्योपैथिक
डॉक्टर्स को
कुछ प्रदेशों
में सर्टिफिकेट
कोर्स इन
मार्डन
फार्मालॉजी
(सी.सी.एम.पी.)
द्वारा
मेडिकल
काउन्सिल में
पंजीयन एवं
सीमित
क्षमताओं के साथ
मॉर्डन
फार्मालॉजी/ऐलोपैथिक
ट्रीटमेन्ट
की स्वीकृति
दी गई है? (च)
क्या प्रदेश
में ऐसे
विकल्पों (सी.सी.एम.पी.)
पर विचार
करेंगे? जिससे
ग्रामीण
इलाकों में
सामान्य
बीमारियों के
इलाज के लिये
प्रश्नांश
(क) अनुसार
हजारों की
संख्या में
अल्पशिक्षित
आर.एम.पी. डॉक्टर्स
से बेहतर
विकल्प तैयार
हो सके।
आयुष
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) दिनांक
08/11/2025 की स्थिति
में
होम्योपैथिक
चिकित्सक 24471 पंजीकृत
है। (ख) जी हाँ। (ग) से
(ड.) जी नहीं। (च)
जी नहीं।
वर्तमान में
कोई प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं होने से।
जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक पन्ना
में
अनियमितता की
जांच
[सहकारिता]
106.
( क्र. 447 ) श्री
राजेश कुमार
वर्मा : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जिला सहकारी
केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित पन्ना, जिला पन्ना
में बैंक के
ही
कर्मचारियों
से कराई गई
जांच के
अनुसार वर्ष 2017 से 2022 तक लगभग 1.85 करोड़ का
गबन मुख्यालय
स्तर पर हुआ
है? यदि
हाँ, तो
क्या यह संभव
है कि उक्त
गबन लगातार 2017 से होता
रहा और बैंक
में पदस्थ तत्कालीन
महाप्रबंधक/प्रभारी
महाप्रबंधक/लेखाकक्ष
प्रभारी
देखते रहे तथा
हर वर्ष
बैलेन्स शीट
पर हस्ताक्षर
कर वित्तीय
आंकड़ों को
भेजते रहे, और प्रकरण
में दोषी नहीं
है? (ख) क्या
तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 385 दिनांक 28.07.2025 प्रश्नांश
(क) के उत्तर
में यह बताया
गया है कि जाँच, बैंक में
पदस्थ एक
शाखा प्रबंधक, एक
उपयंत्री एवं
एक लिपिक
द्वारा की गई
और
नियमानुकूल
थी? यदि
हाँ तो क्या
यह व्यवहारिक
रूप से संभव
है कि यह
कनिष्ठ
अधिकारी अपने
वरिष्ठ
अधिकारियों
की उक्त
प्रकरण में
संलिप्तता
की रिपोर्ट का
उल्लेख कर
सकते थे? क्या यह
जाँच दूषित
नहीं है? (ग) क्या
तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 385 दिनांक 28.07.2025 के उत्तर
में बताया गया
है कि उक्त
प्रकरण में
बैंक की जिस
रिपोर्ट को
संयुक्त
आयुक्त
सहकारिता
सागर द्वारा
अपने पत्र
दिनांक 05.07.2024 से अपूर्ण
माना है, उसी
रिपोर्ट को
आयुक्त
सहकारिता
द्वारा पूर्ण
माना गया है? यदि हाँ, तो जाँच
रिपोर्ट को सही
मानने का आधार
क्या है? जानकारी
दें।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जी
हाँ। प्रकरण
में केवल लेखा
कक्ष प्रभारी
दोषी है। (ख) जी
हाँ। बैंक
द्वारा जाँच
कमेटी गठित कर
जाँच कराई
जाने से यह
नियमानुकूल
थी। अत: जाँच
दूषित होने का
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता। (ग) जी
नहीं।
संयुक्त
आयुक्त
सहकारिता
सागर संभाग का
पत्र दिनांक 05.07.2024 प्राप्त
होने पर
कार्यालय
आयुक्त
सहकारिता एवं
पंजीयक
सहकारी
संस्थाएं, म.प्र.
द्वारा आदेश
दिनांक 22.07.2024 से 5 सदस्यीय
उच्च स्तरीय जाँच
दल गठित कर
प्रकरण की जाँच
कराई गई। जाँच
प्रतिवेदन
में बैंक स्तर
से गठित जाँच
कमेटी से कराई
गई जाँच में
उल्लेखित
राशि का गबन
प्रमाणित
माना गया है।
प्रकरण के
प्रकाश में जाँच
दल द्वारा जाँच
प्रतिवेदन
में 10
बिन्दुओं पर
सुझाव भी दिये
गये हैं। जाँच
प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी हटाए
जाने की
कार्यवाही
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
107.
( क्र. 452 ) श्री भैरो
सिंह बापू : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
मुख्यमंत्री
कार्यालय की
नोटशीट
क्रमांक 53/CMS/AYS/2025,
दिनांक
07-04-2025 पोषण आहार
संयंत्र
शिवपुरी की
मुख्य कार्यपालन
अधिकारी को
तत्काल हटाए
जाने के संबंध
में आज दिनांक
तक क्या
कार्यवाही की
गई? (ख) क्या
प्राप्त
शिकायतों की
जांच में दोषी
पाये जाने पर
कलेक्टर
शिवपुरी
द्वारा
प्रशासकीय
विभाग को
उन्हें पोषण
आहार संयंत्र
शिवपुरी से
अन्यत्र
स्थानांतरित
करते हुए किसी
वरिष्ठ एवं
योग्य अधिकारी
को पोषण आहार
संयंत्र
शिवपुरी में
पदस्थ किए
जाने हेतु
विभाग को जावक
क्रमांक 69 दिनांक 14.05.2025 को लेख
किया गया था। यदि
हाँ तो
संबंधित
अधिकारी को
पोषण आहार
संयंत्र शिवपुरी
से कब तक
अन्यत्र
पदस्थ किया
जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या
पोषण आहार
संयंत्र
शिवपुरी से
पहले इन अधिकारी
की
औबेदुल्लागंज
जनपद सीईओ के
पद पर रहते
हुए पीएफएमएस
पोर्टल से रू. 11,80,580/- का
गलत तरीके से
भुगतान किया
गया। जिसकी
जांच के आदेश
पत्र क्रमांक 1951 दिनांक 28.03.2025 को दिए गए
थे। क्या
श्रीमती
युक्ति शर्मा
इस जांच में
दोषी पाई गई
थी यदि हाँ, तो विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) मुख्यमंत्री
कार्यालय की
नोटशीट
क्रमांक 53/CMS/AYS/2025, दिनांक 07-04-2025
पोषण आहार
संयंत्र
शिवपुरी की
मुख्य कार्यपालन
अधिकारी को
तत्काल हटाए
जाने के संबंध
में नोटशीट
महिला एवं बाल
विकास विभाग
को प्रेषित
किया गया था।
महिला एवं बाल
विकास विभाग
के द्वारा
पत्र के
माध्यम से
नोटशीट उप
सचिव, मुख्यमंत्री
कार्यालय, मध्यप्रदेश
शासन को पुनः
प्रेषित किया
गया था।
श्रीमती
युक्ति शर्मा
के विरूद्ध
प्राप्त
शिकायतों के
आधार पर
उन्हें पोषण
आहार संयंत्र, शिवपुरी
से अन्यत्र
स्थानांतरित
करते हुए किसी
वरिष्ठ
अधिकारी को
पोषण आहार
संयंत्र, शिवपुरी
में पदस्थ
करने हेतु
प्रशासकीय
विभाग को जावक
क्र. 69, दिनांक
14.05.2025 एवं
प्रशासकीय
विभाग को जावक
क्र. 112, दिनांक
19.08.2025 में मिशन
कार्यालय में
लेख किया गया
है। (ख) कलेक्टर, जिला
शिवपुरी के
द्वारा
श्रीमती
युक्ति शर्मा
के विरुद्ध
प्राप्त
शिकायतों की
जांच कराई गई
है। जांच
प्रतिवेदन
में श्रीमती
युक्ति शर्मा, मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी
द्वारा श्री
महेन्द्र
कुमार जैन, तत्कालीन
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, पोषण
आहार संयंत्र, शिवपुरी
एवं श्रीमती
लक्ष्मी
शर्मा, तत्कालीन
अध्यक्ष, महिला
आजीविका
औद्योगिक
सहकारी
संस्था मर्यादित, शिवपुरी
के विरुद्ध
प्रस्तुत कथन
एवं दस्तावेजों
के संबंध में
पृथक से जांच
समिति गठित कर
जांच कराए
जाने का लेख
किया गया था।
श्रीमती युक्ति
शर्मा के
विरुद्ध
प्राप्त
शिकायतों के आधार
पर उन्हें
पोषण आहार
संयंत्र, शिवपुरी
से अन्यत्र
स्थानांतरित
करते हुए किसी
वरिष्ठ
अधिकारी को
पोषण आहार
संयंत्र, शिवपुरी
में पदस्थ
करने हेतु
प्रशासकीय
विभाग को जावक
क्र. 69, दिनांक
14.05.2025 एवं
प्रशासकीय
विभाग को जावक
क. 112, दिनांक 19.08.2025 से
मिशन
कार्यालय से
लेख किया गया
है। (ग) मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, जिला
पंचायत, जिला-रायसेन
से प्राप्त
प्रस्ताव के
संलग्नक आरोप
पत्र क्र. 81
दिनांक 07.01.2025 के
आधार पर विभाग
के ज्ञापन
क्रमांक 2264, दिनांक
23.04.2025 द्वारा
नियम-14 के
आरोप पत्र
जारी किए जाकर
श्रीमती
युक्ति शर्मा
का प्रतिवाद
चाहा गया है।
श्रीमती युक्ति
शर्मा द्वारा
अपने
प्रतिवाद
हेतु प्रकरण संबंधी
दस्तावेजों
की
छायाप्रतियां
चाही गई हैं।
कार्यालय के
पत्र क्र. 5686, दिनांक
22.09.2025 द्वारा
श्रीमती
युक्ति शर्मा
को दस्तावेजों
की
छायाप्रतियां
उपलब्ध करा दी
गई हैं।
प्रदेश
में सहकारी
साख समिति के
चुनाव
[सहकारिता]
108.
( क्र. 468 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
राज्य में
संचालित
सहकारी
समितियों के
चुनाव कब से
संपन्न नहीं हो पाये
हैं? कारण
सहित जानकारी
दें। (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में माननीय
उच्च न्यायालय
ने चुनाव
कराये जाने हेतु
कोई निर्णय
दिया है? तो कब? (ग) ऐसे
कौन से कारण
है जिनकी वजह से अभी तक
प्राथमिक साख
सहकारी
समितियों के निर्वाचन
नहीं कराये
गये है। (घ) कब
तक निर्वाचन
करा दिये
जायेंगे
समय-सीमा बतावें?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) प्रदेश
में सहकारी
संस्थाओं के
निर्वाचन
मध्यप्रदेश
राज्य सहकारी
निर्वाचन
प्राधिकारी
द्वारा कराए
जाते हैं, निर्वाचन
प्राधिकारी
से प्राप्त
जानकारी अनुसार
सहकारी
संस्थाओं के
त्रुटिरहित
प्रस्ताव
प्राप्त होने
पर निर्वाचन
कराए जा रहे हैं
केवल
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
संस्थाओं के निर्वाचन
वर्ष 2017-18 से
नहीं हुए है।
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी संस्थाओं
के निर्वाचन
विधानसभा
निर्वाचन 2018 की
आदर्श आचार
संहिता
प्रभावशील
होने से, जय
किसान फसल ऋण
माफी योजना 2018 के
अंतर्गत
सदस्यों की
पात्रता/अपात्रता
में परिवर्तन
संभावित होने, लोकसभा
निर्वाचन 2019 की
आदर्श आचार
संहिता
प्रभावशील
होने, वर्ष 2019
में निर्वाचन
सूची का नया
प्रारूप
अधिसूचित होने
तथा सदस्यता
सूची तैयार
कराई जाने, वर्ष
2020 एवं 2021 में
कोरोना
महामारी एवं
वर्ष 2022 में
स्थानीय
निकाय चुनाव
की आचार
संहिता प्रभावशील
होने, वर्ष 2023 में
विधानसभा
निर्वाचन की
आदर्श आचार
संहिता तथा
जून 2024 के
लोकसभा
निर्वाचन की
आदर्श आचार
संहिता प्रभावशील
होने एवं भारत
सरकार की ''सहकार
से समृध्दि'' योजनान्तर्गत
प्रत्येक
ग्राम पंचायत
में पैक्स/दुग्ध/मत्स्य
समितियों का
गठन किया जाना
है, इस
हेतु प्रदेश
में पैक्स
संस्थाओं का
पुनर्गठन कर
नवीन पैक्स बनाए
जाने की
कार्यवाही
होने से
संस्थाओं के निर्वाचन
संपन्न नहीं
कराए जा सके
हैं। (ख) जी हां, प्राथमिक
कृषि सहकारी
संस्थाओं के
संबंध में
माननीय उच्च
न्यायालय के
समक्ष
याचिकाकर्ताओं
द्वारा
याचिका दायर
करने पर
संबंधित संस्था
के निर्वाचन
कराने हेतु
माननीय न्यायालय
द्वारा
समय-समय पर
आदेश
प्रसारित
किये गये हैं, जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) उत्तरांश
"क" अनुसार। (घ) उत्तरांश
"क" में
उल्लेखित
तथ्यों के
कारण समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं
हैं।
भावांतर
योजना में
किसानों को
राशि नहीं मिलना
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
109.
( क्र. 469 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
भावंतर योजना
अंतर्गत
प्रदेश की
विभिन्न
मंडियों में
एक ही फसल के
लिए FAQ गुणवत्ता
के बावजूद
किसानों को
मूल्य अंतर
का लाभ नहीं
दिये जाने की
शिकायतें प्रकाश
में आई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2025 की
जानकारी दें। (ख)
प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में इसके लिये
क्या मापदण्ड
निर्धारित
किये गये हैं? (ग) क्या
किसानों के
फसलों को
खरीदे जाने के
समय बिलिंग न
होने एवं उन्हें
राशि प्राप्त
न होने की
शिकायतें
भोपाल संभाग
के कृषकों की
प्राप्त हुई
है? संख्या
सहित विगत चार
माह की
जानकारी दें। (घ)
शीघ्र कृषकों
को उनकी फसल
का भुगतान हो
इस दिशा में
क्या प्रयास
किये है?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी, नहीं। (ख) भारत
सरकार द्वारा
जारी
पुनरीक्षित प्राईस
डेफिसिट
पैमेंट स्कीम
गाइड-लाइन
वर्ष 2024 के
प्रावधानों
के अनुसार
खरीफ 2025
हेतु सोयाबीन
में भावांतर
योजना
अंतर्गत विक्रय
अवधि में
प्रदेश की
अधिसूचित
मंडी/उप मंडी
में विक्रय की
गई औसत अच्छी
गुणवत्ता (FAQ) की कृषि
उपज सोयाबीन
पर ही भावांतर
का लाभ दिये
जाने का
प्रावधान है। (ग) जी
नहीं, शेष
प्रश्न उद्भूत
नहीं होता। (घ) भारत
सरकार की
पीडीपीएस
गाइड-लाइन
अनुसार 15 दिवस के
भीतर भावांतर
भुगतान योजना
के किसानों को
भुगतान
सुनिश्चित
किया जाता है।
पंचायत
सचिव के
विरूद्ध
कार्यवाही
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
110.
( क्र. 472 ) श्री फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
पंचायत मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शहडोल जिले के
सोहागपुर
जनपद पंचायत
अंतर्गत
ग्राम पंचायत
कल्याणपुर के
सचिव के विरूद्ध
जयसिंहनगर
विधायक एवं
जनपद सदस्य के
शिकायती पत्र
पर मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी ने
जांच दल गठित
कर
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 2946 दिनांक 12.01.2024 के अनुसार
जांच कराई है.
यदि हाँ, तो जांच
प्रतिवेदन की
सत्यापित
प्रति उपलब्ध
कराते हुये
उत्तर दिनांक
तक संबंधित के
विरूद्ध
विभाग द्वारा
की गई
कार्यवाही से
अवगत करावें।
क्या विभाग
संबंधित
दोषियों से
विधि विरूद्ध
व्यय की गई
राशि की वसूली
करके आपराधिक
प्रकरण दर्ज
करायेगा? (ख) क्या
पंचायत सचिव
ग्राम
कल्याणपुर
पंचायत में ही
आवास बनाकर
रहने के कारण
स्थानीय
निवासी है।
यदि हाँ, तो
स्थानीय
पंचायत में
पंचायत सचिव
की पदस्थापना
किस नियम के
तहत की गई है, नियम की
प्रति उपलब्ध
करावें। (ग) क्या
उक्त पंचायत
की महिला
सरपंच द्वारा
पंचायत सचिव
के विरूद्ध जनपद, जिला
पंचायत व
कलेक्टर को
शिकायत की है, यदि हाँ, तो शिकायत
की प्रति
उपलब्ध कराते
हुये पत्र पर
की गई
कार्यवाही से
अगवत करावें।
पंचायत सचिव
के विरूद्ध ही
जयसिंहनगर के
विधायक एवं
जनपद सदस्य के
द्वारा
पंचायत सचिव
के विरूद्ध
भ्रष्टाचार
संबंधी
शिकायत आयुक्त
को की गई थी
जिस पर जिला
स्तर पर एक जांच
टीम गठित की
गई थी। जांच
समिति द्वारा
कब जांच की गई
जांच प्रतिवेदन
की सत्यापित
प्रति उपलब्ध
कराते हुये विभाग
द्वारा जांच
प्रतिवेदन पर
क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) शहडोल
जिले में
संबंधित
पंचायत सचिव
का स्थानांतरण
किये जाने
हेतु कलेक्टर
एवं प्रभारी
मंत्री
द्वारा
अनुमोदन किया गया
था यदि हाँ, तो उसके
पश्चात भी स्थानांतरण
आदेश जारी क्यों
नहीं किया गया? कब तक
पंचायत सचिव
को अन्यत्र
स्थानांतरित
कर दिया
जायेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत
सोहागपुर द्वारा
प्रथम बार
दिनांक 12.01.2024 को जांच
समिति गठित की
गई थी, जिसमें
सचिव द्वारा
सहयोग न करना
कहते हुये 09.02.2024 अपूर्ण
प्रतिवेदन
पेश किया गया।
जो पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। इसके
बाद अतिरिक्त
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत शहडोल
द्वारा आदेश
क्र. 1853 दिनांक 01.05.2024 से
कार्यपालन
यंत्री
ग्रामीण
यांत्रिकी सेवा
शहडोल की अध्यक्षता
में दूसरी
जांच समिति
गठित की गई, इस समिति
द्वारा
दिनांक 21.06.2024 में जांच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
किया जो पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
दिनांक 21.06.2024 के जांच
प्रतिवेदन के
आधार पर मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत शहडोल
के द्वारा
म.प्र.
पंचायतराज
एवं ग्राम स्वराज
अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत
प्रकरण क्र. 02/पंचायत
वसूली दर्ज
किया गया,जिसमें
दिनांक 03.03.2025 में पारित
आदेश में वित्तीय
अनियमितता न
होने से
प्रकरण समाप्त
किया गया,परन्तु
अभिलेख समय पर
प्रस्तुत न
करने के लिये
चेतावनी दी
गई थी। आदेश
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जी
नहीं, श्रीमती
नीलम मिश्रा
सचिव,ग्राम
पंचायत
कल्याणपुर की
मूल निवासी
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
शिकायत पर
जांच
प्रतिवेदन
खण्ड पंचायत
अधिकारी जनपद
पंचायत
सुहागपुर के पत्र
क्र. 1233
दिनांक 20.08.2025 के द्वारा
प्राप्त हुआ, जो पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ई'' अनुसार है। जयसिंहनगर
के मान.
विधायक एवं
जनपद सदस्य के
द्वारा
पंचायत सचिव
के विरूद्ध
भ्रष्टाचार संबंधी
शिकायत की
जांच प्रतिवेदन
दिनांक 21.06.2024 को प्राप्त
हुआ है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार
है।
इसके अतिरिक्त
भी उपसरपंच
एवं अन्य
ग्रामीणों
द्वारा ग्राम
पंचायत कल्याणपुर
के पत्र
दिनांक 26.09.2023 को शिकायत
प्रस्तुत की
गई है जो पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''ऊ'' अनुसार है। जिसके
आधार पर
दिनांक 08.01.2025 के द्वारा
श्रीमती नीलम
मिश्रा की
विभागीय जांच
सस्थिंत की गई
है जो प्रचलन
में है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''ए'' अनुसार
है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) संबधित
पंचायत सचिव
को अनुमोदन
अनुसार
स्थानांतरण
कर कार्यमुक्त
किया जा चुका
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''ए'' अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अनूपपुर
जिले में
अमानक स्तर
का बीज प्रदाय
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
111.
( क्र. 473 ) श्री फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
अनूपपुर
अंतर्गत
पुष्पराजगढ़
विधानसभा
क्षेत्र में
बीज ग्राम (FRA) योजना के
अंतर्गत गेहूं
HD
4728 के
बीज एवं गेहूं
HI
8759 के
कुल कितने बीज
का वितरण रबी
फसल वर्ष 2024-25 के लिये
किया गया एवं
कितने
किसानों को
बीज उपलब्ध कराया
गया। उक्त
क्षेत्र में
वर्ष 2024 से
प्रश्न
दिनांक तक
विभाग के
अधिकारियों
द्वारा किन-किन
और कितने
किसानों को
खेतों में
बुवाई हेतु
कितना-कितना
बीज का वितरण
किया गया, उनके नाम
पता सहित कौन
सा बीज किस
मात्रा में
दिया गया उसकी
सूची सहित
संपूर्ण
जानकारी विकासखंडवार
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में कृषकों को
कृषि कार्य हेतु
कौन-कौन से
बीज कितनी
मात्रा में
प्रदाय किये
गये, बीज
की प्रति किलो
दर क्या थी, बीज की
गुणवत्ता एवं
प्रमाणिकता
की जांच किसके
द्वारा की गई, बीज पर
अनुदान राशि
कितनी थी, निःशुल्क
बीज किस
कृषकों को
दिये गये, बीजवार
मात्रा वितरण
की जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ग) क्या
अनुविभागीय
अधिकारी
(राजस्व)
पुष्पराजगढ़
जिला अनूपपुर
को शिकायती
पत्र प्राप्त
हुआ था जिसमें
48 रूपये
प्रति
किलोग्राम
गेहूँ बीज
प्रति
किसानों को, वन भूमि के
पट्टाधारी
किसानों एवं
विशेष पिछड़ी
जाति बैगा के
किसानों को बीज
मिनि किट के
पैकेट वितरण
नहीं करने
संबंधी थी।
जिस पर
अनुविभागीय
अधिकारी
(राजस्व)
द्वारा
पंचायत सचिव
एवं पटवारियों
का एक जांच दल
बनाकर
पंचायतवार
जांच करके
जांच प्रतिवेदन
प्रस्तुत
करने के
निर्देश दिये
थे? यदि
हां, तो
जांच
प्रतिवेदन की
सत्यापित
प्रति उपलब्ध
कराते हुये
संबंधित
दोषियों के
विरूद्ध विभाग
द्वारा की गई
कार्यवाही से
अवगत करावें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जिला
अनूपपुर अंतर्गत
पुष्पराजगढ़
विधानसभा
क्षेत्र में
बीज ग्राम (FRA) योजना के
अंतर्गत
गेहूं HD 4728 (आधार बीज) 50 क्विंटल, HD
4728 (प्रमाणित
बीज) 30
क्विंटल एवं
गेहूं HI 8759 (प्रमाणित
बीज) 20
क्विंटल कुल 100 क्विंटल
गेहूं बीज का
वितरण रबी फसल
वर्ष 2024-25
में 250
किसानों को
किया गया।
उक्त क्षेत्र
में वर्ष 2024 से प्रश्न
दिनांक तक
विभाग के
मैदानी अमले
के माध्यम से
वितरित किये
गये बीज की
मात्रा, दर, नाम एवं पता की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''एक'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में कृषकों को
कृषि कार्य
हेतु फसलवार
प्रदाय बीज की
मात्रा एवं दर
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''दो'' अनुसार है। बीज की
प्रति
किलोग्राम दर
गेहूं आधार
बीज हेतु रू. 43.50 एवं
प्रमाणित बीज
हेतु रू. 43.00 थी। बीज की
गुणवत्ता एवं
प्रमाणिकता
की जांच बीज
प्रमाणीकरण
अधिकारी, रीवा/जबलपुर
(म.प्र.) के
द्वारा की गई।
बीज पर अनुदान
राशि एवं
निःशुल्क बीज
वितरण की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''दो'' अनुसार है। (ग) जी
हाँ, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''तीन'' अनुसार है। वन भूमि के
पट्टाधारी
किसानों को
बीजग्राम
योजनान्तर्गत
गेहूं आधार
बीज रू. 43.50 एवं
प्रमाणित बीज
रू. 43.00
प्रति
कि.ग्रा. के
मान से प्रदाय
किया गया है। देयक
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''चार'' अनुसार है। कार्यालय
कलेक्टर
जिला-अनूपपुर
द्वारा जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''तीन'' अनुसार है। जांच दल
गठित कर जांच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत करने
के निर्देश
दिये थे। जांच
प्रतिवेदन
अपेक्षित है।
सामुदायिक
भवन निर्माण
की जांच
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
112.
( क्र. 485 ) श्रीमती
चंदा
सुरेन्द्र
सिंह गौर : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या यह
सच है कि
ग्राम पंचायत
चंदेरी विकास
खण्ड बल्देवगढ़
जिला- टीकमगढ़
में वर्ष 2017-2018 में
सामुदायिक
भवन 20
लाख रुपये की
स्वीकृत राशि
किस योजना के
तहत एवं किस
मद से स्वीकृत
की गई थी इसका
प्राक्कलन
तथा तकनीकी
स्वीकृति एवं
कहाँ निर्माण
किया जाना
प्रस्तावित
था, उसके
खसरे की
छायाप्रतियां
समस्त
पत्रावली मय
प्राक्कलन
सहित उपलब्ध
करायें। (ख) क्या
इस सामुदायिक
भवन का
निर्माण
ग्राम चंदेरी
मुख्यालय
ग्राम पंचायत
में आम जनता
की सुविधा के
लिये होना
चाहिये था परंतु किस
अधिकारी या
जनप्रतिनिधि
की मिली भगत
से मुहल्ला
रमकुण्डा में
निर्माण किया
गया जहां पर
एक ही परिवार
के मात्र-5-6 घर बने है।
ऐसा क्यों
किया गया? कारण
स्पष्ट करें। (ग) क्या
उक्त
सामुदायिक
में मनमोहन
नाम का व्यक्ति अपने घर के
पास निर्माण
करवा कर लगभग 6-7 वर्षों से
स्थाई निवास
बनाकर पूरे
परिवार सहित
रह रहा था
जिसमें ए.सी.
भी लगे हुये
थे सामुदायिक
भवन में मंदिर
वेदिका बनी
हुई थी धर्म
ध्वज लगा हुआ
जिसकी
फोटोग्राफी
कर शिकायत की
गई शिकायतों
पर क्या
कार्यवाही
हुई सम्पूर्ण
जानकारी से
अवगत कराये। (घ) क्या
वर्ष 2017-18
में जिस
उपयंत्री
द्वारा ले-आऊट
दिया और
सामुदायिक
भवन निर्माण
कराया उसका स्थानान्तरण
वर्ष 2022
में हो गया
फिर भी 2023 में
पूर्णता पर
हस्ताक्षर
कैसे किये गये, क्या
दोषी सरपंच, सचिव, रोजगार
सहायक, उपयंत्री के
विरूद्ध जांच कर कार्यवाही
करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हां, यह
सही है कि
जनपद पंचायत
बल्देवगढ़
जिला टीकमगढ़
के ग्राम
चंदेरीखास ग्राम
पंचायत
चंदेरीखास
में संचालक
पंचायत राज
संचालनालय
म.प्र. भोपाल
की प्रशासकीय
स्वीकृति
आदेश क्रमांक/पं.रा./आर-2/2018/12375 भोपाल
दिनांक 27.08.2018 द्वारा
योजना
क्रमांक-4610 अतिरिक्त
स्टाम्प
शुल्क वसूली
के विरूद्ध
अनुदान मद से
सामुदायिक भवन
लागत राशि
रूपये 20.00 लाख का स्वीकृत
किया गया था।
मानक प्राक्कलन
के आधार पर
प्रदत्त
प्रशासकीय स्वीकृति
में ग्राम
चंदेरीखास
ग्राम पंचायत
चंदेरीखास का
उल्लेख है।
निर्माण हेतु
स्थान विशेष
खसरा क्रमांक
का उल्लेख
नहीं किया गया
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) ग्राम
पंचायत
चंदेरीखास
में एक ही
ग्राम चंदेरीखास
सम्मिलित है
एवं उक्त
कार्य ग्राम
सभा दिनांक 02.10.2018 में पारित
प्रस्ताव के
आधार पर ग्राम
चंदेरीखास के
रमकुण्डा
खिरक में
कराया गया है।
रमकुण्डा
खिरक पृथक से
कोई राजस्व
ग्राम नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उक्त
शिकायत की
जांच जिला स्तर
से गठित अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
-अनुभाग बल्देवगढ़, कार्यपालन
यंत्री-
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा संभाग
टीकमगढ़ एवं
लेखाधिकारी
मनरेगा-जिला
पंचायत
टीकमगढ़ की
त्रि-सदस्यीय
जांच दल के
द्वारा कराया
गया। जांच
प्रतिवेदन के
बिन्दु 6 के अनुसार
सामुदायिक
भवन पूर्व
सरपंच श्रीमती
रामाबाई लोधी पति
मनमोहन के कब्जे
में था।
वर्तमान में
पूर्व सरपंच
से कब्जा
मुक्त कराकर
ग्राम पंचायत
के अधिपत्य
में सौंप दिया
गया है।
सामुदायिक
भवन में निर्मित
वेदिका एवं
हवन कुण्ड, धर्मध्वजा
को हटा दिया
गया है। (घ) जांच
समिति के जांच
प्रतिवेदन
में उल्लेखित
श्री सत्येन्द्र
सिंह तोमर, तत्कालीन
उपयंत्री
ग्राम पंचायत
चंदेरीखास जनपद
पंचायत बल्देवगढ़
के कथन दिनांक
22.10.2025 अनुसार
सामुदायिक
भवन निर्माण
का ले-आउट श्रीमती
प्रार्थना
पाराशर
द्वारा किया
जाकर कार्य
प्रारंभ
कराया गया था
एवं उक्त
प्रगतिरत
कार्य का मूल्यांकन
एवं सी.सी.
श्री तोमर के
कार्यकाल में
जारी किया गया
था। निर्माण
कार्य का
पूर्णता
प्रमाण-पत्र
दिनांक 23.03.2023 को जारी
होना पाया
गया। श्री सत्येन्द्र
सिंह तोमर तत्कालीन
उपयंत्री
ग्राम पंचायत
चंदेरीखास द्वारा
स्थानांतरण
के बाद मूल्यांकन
करने तथा पूर्णता
प्रमाण-पत्र
जारी कराने के
संबंध में मुख्य
कार्यपालन
अधिकरी जनपद
पंचायत के
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक/3939/ज.पंचा./2025 बल्देवगढ़
दिनांक 11.11.2025 से कारण
बताओ नोटिस
जारी किया
जाकर श्री सत्येन्द्र
सिंह तोमर तत्कालीन
उपयंत्री से
स्पष्टीकरण
चाहा गया है, स्पष्टीकरण
प्राप्त
होने पर
नियमानुसार
आगामी आवश्यक
कार्यवाही की
जावेगी।
खाद
की
कालाबाजारी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
113.
( क्र. 486 ) श्रीमती
चंदा
सुरेन्द्र
सिंह गौर : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) खरगापुर
विधानसभा 47 के
विकासखण्ड बल्देवगढ़
में कितने
प्राईवेट खाद
विक्रेताओं का
रजिस्ट्रेशन
कर एस.एस.डी.ओ.
कृषि विभाग
बल्देवगढ़
ने लायसेंस
जारी किये है
सम्पूर्ण
सूची संस्थाओं
के नाम, संचालकों
के नाम सहित
उपलब्ध
करायें। (ख) बल्देवगढ़
विकासखण्ड के
एस.एस.डी.ओ.
द्वारा जारी
लायसेंसों के
धारकों
द्वारा शासन
से कितनी
बोरियों या
कितने टन माल
का उठाव किया
गया तथा उठाव
किये गये खाद
को आस्था
उर्वरक केन्द्र
के विक्रेता, पलया बीज
भण्डार के
विक्रेता, अनिल
मशीनरी के
विक्रेता, जय बुन्देलखण्ड
खाद भण्डार
के विक्रेता
खुले में खाद
रखकर विक्रय
कर रहे हैं।
इनके माल को
गोदामों में
क्यों नहीं
रखा गया तथा
इनके विरूद्ध
कोई जांच क्यों
नहीं की गई, कारण स्पष्ट
करें। (ग) क्या
आस्था
उर्वरक खाद
विक्रेता के
विरूद्ध 2020 या 2021 में
एफ.आई.आर. दर्ज
की गई थी? फिर इनको
लायसेंस क्यों
दिया गया
एफ.आई.आर. की
प्रमाणित
छायाप्रति
एवं लायसेंस
जारी किये
जाने हेतु
नियम क्या-क्या
है? समस्त
दस्तावेजों
की प्रमाणित
प्रतियां एवं
एस.एस.डी.ओ. बल्देवगढ़
की समस्त
लायसेंसों पर
की गई अनुशंसा
की प्रतियां
उपलब्ध
करायें? (घ) क्या
बल्देवगढ़
में पदस्थ
एस.एस.डी.ओ.
कृषि विभाग
द्वारा भारी
भ्रष्टाचार
कर नियमों को
दर किनार कर
आस्था
उर्वरक खाद
विक्रेता को
लायसेंस देकर
खाद की
कालाबाजारी
कराई जा रही
है? क्या
ऐसे भ्रष्ट
अधिकारी के
विरूद्ध जांच
कर पद से
हटाये जाने की
कार्यवाही
करेंगे? यदि हां, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों
नहीं?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) एस.ए.डी.ओ.
स्तर के
अधिकारियों
द्वारा
उर्वरक
विक्रय लायसेंस
जारी नहीं
किये जाते
हैं। अपितु
विकासखण्ड बल्देवगढ़
में निजी
उर्वरक
विक्रेताओं
को जारी
लायसेंस संबंधित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ख) एस.ए.डी.ओ.
स्तर के
अधिकारियों
द्वारा
उर्वरक
विक्रय लायसेंस
जारी नहीं
किये जाते
हैं। बल्देवगढ़
विकासखण्ड के
निजी
विक्रेताओं
को प्राप्त
उर्वरक
मात्रा की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। प्रश्नांकित
विक्रेताओं
के
प्रतिष्ठानों
की जाँच कराई
गई तथा पाया
गया कि
प्रतिष्ठान
खुलने से बंद
होने तक ही
कुछ उर्वरक
बोरियां
प्रदर्शन के
लिये रखी जाती
हैं, उसके
बाद उन्हें
पुन: गोदाम
में रख दिया
जाता है।
अनियमितता
परिलक्षित न
होने से शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) मे.
आस्था उर्वरक
विक्रेता के
विरूद्ध 2020 एवं 2021 में
एफ.आई.आर. दर्ज
नहीं है। मे.
आस्था उर्वरक
विक्रेता को
नियमानुसार
लायसेंस जारी
किया गया है।
उर्वरक
विक्रय
लायसेंस जारी
करने संबंधित
परिपत्र/निर्देश जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''3'' अनुसार है। एस.ए.डी.ओ.
बल्देवगढ़ के
द्वारा
लायसेंसो
हेतु नक्शा
अनुशंसा/सत्यापन
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''4'' अनुसार
है। (घ) एस.ए.डी.ओ.
स्तर के
अधिकारियों
द्वारा
उर्वरक विक्रय
लायसेंस जारी
नहीं किये
जाते हैं।
आस्था उर्वरक
विक्रेता का
लायसेंस
नियमानुसार
जारी किया गया
है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
ग्राम
पंचायत भवन का
निर्माण
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
114.
( क्र. 494 ) श्री
गिरीश गौतम : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
पंचायतराज
एवं ग्राम
स्वराज
अधिनियम 1993 (क्रमांक- 1 सन् 1994) के अनुसार
ग्राम पंचायत
मुख्यालय एवं
भवन उसी ग्राम
में बनेगा, जिसके नाम
से वह पंचायत
बनी है। क्या
पंचायत भवन
अन्य किसी
स्थान पर ले
जाना है या
बनाने की
आवश्यकता
होती है तो इस
अधिनियम के
प्रावधानों
के तहत ही
आवश्यक
प्रक्रिया पूर्ण
कर किया जाना
चाहिए तथा
मध्यप्रदेश
पंचायतराज
एवं ग्राम
स्वराज
(संशोधन)
विधेयक 2022 के अनुसार
पंचायत भवन के
स्थान
परिवर्तन या भवन
निर्माण के
लिये आवेदन की
स्वीकृति प्राप्त
होने की तारीख
से 45
दिन की अवधि
के भीतर
(अनुज्ञा)
प्राप्त करनी
होती है? (ख) क्या
रीवा जिले की
जनपद पंचायत
रायपुर कर्चुलियान
के तहत ग्राम
पंचायत खैरा
है जिसके लिये
पंचायत भवन की
स्वीकृति
प्रदान की गयी
है? यदि
हाँ, तो
कितनी राशि
स्वीकृत की गई
है। स्वीकृत
आदेश की प्रति
उपलब्ध
करायें तथा क्या
उक्त पंचायत
भवन को खैरा
से हटाकर अन्य
ग्राम में भवन
का निर्माण
किया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
किस ग्राम में
तथा किस भूमि
में खसरा नंबर
तथा रकबा सहित
की प्रति
उपलब्ध
करायेंगे तथा क्या
जहाँ भवन
निर्माण किया
जा रहा है उस भवन
तक पहुंचने के
लिये कोई
मार्ग है यदि
हाँ, तो
भूमि खसरा
नम्बर सहित
बतायें तथा यह
खैरा
मुख्यालय से
कितनी दूर है? (ग) क्या
मुख्यालय
खैरा के स्थान
पर अन्यत्र
भवन बनाए जाने
हेतु
प्रावधान के
अनुसार
अनुज्ञा प्राप्त
की गयी, यदि हाँ, तो किस
अधिकारी ने
प्रदान की है? पद, नाम सहित
बतायेंगे तथा आदेश
की प्रति
उपलब्ध
करायें? क्या
ग्रामीणजनों
की शिकायत
आयुक्त संभाग
रीवा को किये
जाने पर उनके
द्वारा भी
आदेश किया गया, जिसका
उल्लंघन किया
जा रहा है।
संभागायुक्त के
आदेश की प्रति
उपलब्ध
करायें तथा इस
संबंध में
कितनी राशि आहरित हो
चुकी है? क्या
प्रावधानों
के विपरीत
कार्य पर रोक
लगायेंगे एवं
क्या संबंधित
अधिकारियों
के विरूद्ध
कार्यवाही
करेंगे तथा
पंचायत भवन
मुख्यालय
खैरा में
बनावाए जाने
का आदेश
करेंगे।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ, मध्यप्रदेश
पंचायत राज एवं
ग्राम स्वराज
अधिनियम, 1993 (क्रमांक 1 सन् 1994) के अनुसार
ग्राम पंचायत
मुख्यालय
एवं ग्राम
पंचायत
कार्यालय का
भवन उसी ग्राम
में बनेगा, जिसके नाम
से वह पंचायत
बनी है। ग्राम
पंचायत कार्यालय
भवन के लिए स्थान
का चयन भूमि
की उपलब्धता
के आधार पर
तथा मध्यप्रदेश
पंचायत
(सम्मिलन की
प्रक्रिया
तथा कामकाज का
संचालन) नियम, 1994 के अनुसार
पारित संकल्प
अनुसार किया
जाता है। मध्यप्रदेश
पंचायत राज
एवं ग्राम स्वराज
(संशोधन)
अधिनियम, 2022 (क्रमांक 10 सन् 2022) का संबंध
प्रश्नाधीन
नवीन पंचायत
भवन (अटल
ग्राम सेवा
सदन) की
अनुज्ञा से
नहीं है। (ख) रीवा
जिले की जनपद
पंचायत
रायपुर
कर्चुलियान
की ग्राम
पंचायत खैरा
के लिए नवीन
पंचायत भवन
(अटल ग्राम
सेवा सदन) की
स्वीकृति
प्रदान की गई
है। राशि
रूपये 37.50 लाख स्वीकृत
की गई है। स्वीकृति
आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। इस भवन
को खैरा से
हटाकर ग्राम
खझवा 121
में भूमि खसरा
क्रमांक 09 रकबा 0.437 हेक्टेयर
में निर्माण
किया जा रहा
है। प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब''' अनुसार है। जहां
भवन निर्माण
किया जा रहा
है उस भवन तक
पहुंचने के
लिए मार्ग है
भूमि खसरा
क्रमांक 10 है तथा
मुख्यालय से
दूरी 1.5
कि.मी. है। (ग) जी
नहीं।
ग्रामीणजनों
द्वारा
शिकायत आयुक्त
रीवा संभाग
रीवा को किये
जाने पर उनके
पत्र क्रमांक 6/वि./यो/शिका./2025/534018 दिनांक 06.10.2025 द्वारा
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत रीवा
को पत्र
प्रेषित कर
शिकायत की
जांच कराने
हेतु निर्देशित
किया गया, जिसके
अनुक्रम में
जिला पंचायत
रीवा के पत्र क्रमांक
4413/जिप/निर्माण/25 दिनांक 28.10.2025 से मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत
रायपुर कर्चुलियान
को शिकायत
प्रेषित कर
जांच प्रतिवेदन
चाहा गया है, जिससे
आदेश का उल्लंघन
नहीं किया गया
है।
संभागायुक्त
के निर्देश की
प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। इस
संबंध में
रूपये 18.60 लाख राशि
आहरित हो चुकी
है। मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत
रायपुर कर्चुलियान
के पत्र
क्रमांक 1904/जप/2025 दिनांक 06.11.2025 से जांच
समिति का गठन
कर प्रतिवेदन
चाहा गया था।
जांच अधिकारी
तथा नायब
तहसीलदार
वृत्त
मनिकवार के
प्रतिवेदन
अनुसार ग्राम
खैरा में
पर्याप्त
जमीन उपलब्ध
नहीं होने पर
प्रशासकीय स्वीकृति
की शर्त
कंडिका
क्रमांक 4.4 के
अंतर्गत
ले-आउट दिया
गया है।
वर्तमान में
छत तक का
कार्य पूर्ण
पाया गया।
प्रश्नकर्ता
सदस्य के
पत्रों पर
कार्यवाही
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
115.
( क्र. 495 ) श्री
गिरीश गौतम : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
क्या
दिनांक 12.07.2025 को कलेक्टर
मऊगंज को उक्त योजना में
हुई
अनियमितताओं ब्लाक
कोआर्डिनेटर
की संलिप्तता
तथा बिना भूमि
वाले किसानों
को राशि वितरण
के संबंध में
प्रश्नकर्ता
द्वारा
शिकायती पत्र
दिया गया था।
जिस पर कलेक्टर
द्वारा सीईओ
जिला पंचायत
को जांच हेतु
पत्र लिखा
गया। उक्त
पत्रों की
प्रतियां उपलब्ध
कराई जाये।
साथ ही 14.07.2025 को कलेक्टर
द्वारा
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
करने हेतु
लिखा गया तथा 17.09.2025 को स्मरण
पत्र भेजा गया, उनकी
प्रतियां भी
प्रदान
कराएं। (ख) क्या 11.09.2025 को सीईओ
जिला पंचायत
को निर्माण
कार्यों, हितग्राहियों
व फर्मों का विवरण उपलब्ध
कराने हेतु
पत्र लिखा गया
तथा 31.10.2025
को कलेक्टर
को स्मरण
पत्र भेजा
गया। सभी
पत्रों की
प्रतियाँ
उपलब्ध
करायें। (ग) क्या
उक्त पत्रों
पर जानबूझकर
कार्यवाही
नहीं की गई? क्या
भ्रष्टाचार
करने वालों के
बचाव हेतु
विलंब किया
गया? क्या जांच कराई जाकर
दोषियों पर कार्यवाही
न करने वालों
पर दण्डात्मक
कार्यवाही की
जाएगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी हाँ।
वांछित पत्र पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''क''
अनुसार है। (ख) जी हाँ।
वांछित पत्र पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''ख''
अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन
पत्रों के
अनुपालन में
जिला पंचायत
रीवा का पत्र
क्रमांक 2993/विस/2025
दिनांक 06.08.2025
द्वारा श्री
यू.बी. बागरी,
उप
संचालक, कृषि
विकास एवं
किसान कल्याण
विभाग रीवा को
जांच अधिकारी
नियुक्त कर
शिकायती-पत्र
में उल्लेखित
बिन्दुओं की
जांच कराई गई।
जांच
प्रतिवेदन की
प्रति
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 4759/जिपं/2025 रीवा,
दिनांक
10.11.2025
द्वारा कलेक्टर,
मऊगंज
एवं माननीय
विधायक
विधानसभा-72
देवतालाब को
उपलब्ध
कराया गया है।
प्राप्त
प्रतिवेदन के
आधार पर भ्रष्टाचार
के आरोप
प्रमाणित
नहीं पाए गए
है। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
ग्रामीण
अंचल में
स्थित
तालाबों के
सुदृढ़ीकरण
एवं गहरीकरण
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
116.
( क्र. 497 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष
2024 एवं 2025 में
किन-किन ग्राम
पंचायतों
द्वारा जल
गंगा संवर्धन
योजनान्तर्गत
तालाबों के
सुदृढ़ीकरण
एवं गहरीकरण
हेतु कार्य
योजना तैयार
कर प्रस्ताव
स्वीकृत
हेतु जनपद
/जिला पंचायत
को भेजे गये
थे? ग्राम
पंचायतवार, तालाबों
के नामवार
जानकारी उपलब्ध
करायी जावें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उद्भूत ग्राम
पंचायतों के
संबंधित तालाबों
का
सुदृढ़ीकरण
एवं गहरीकरण
कार्य क्या
स्वीकृत
किये गये है? यदि हां, तो ग्राम
पंचायतवार
तालाबों के
नामवार स्वीकृत
राशिवार
जानकारी दी
जावें। यदि
नहीं, तो
स्वीकृत न
किये जाने के
क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
प्रकाश में जल संवर्धन
एवं जल
संरक्षण हेतु
ग्रामीण अंचल के
तालाबों का
गहरीकरण एवं
सुदृढ़ीकरण
कराया जाना
जनहित में अत्यावश्यक
होने की
प्राथमिकता
पर ग्राम
पंचायतों द्वारा
प्रस्तुत
ऐसे कार्यों
की प्रशासकीय
जारी की
जावेगी? समयावधि
बतायी जावे और
यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जॉबकार्ड
धारियों
द्वारा
रोजगार की
मांग के आधार
पर प्रगतिरत कार्यों
का परीक्षण
करने पर
आवश्यकता
अनुरूप नवीन
कार्यों की
स्वीकृति की
जाती हैं।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं
हैं।
नवगठित
जिला मैहर में
खाद्य आपूर्ति
कार्यालय का
संचालन
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
117.
( क्र. 498 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नवगठित
जिला मैहर से
संचालित
कलेक्टर
(खाद्य शाखा)
कार्यालय के
सुचारू रूप से
संचालन हेतु
अप्रैल 2025 से अब तक
किन-किन व्यवस्थाओं
की पूर्ति
हेतु विभागीय
अधिकारियों
के द्वारा
प्रस्ताव
शासन की ओर
प्रेषित किये
गये है? जानकारी
दें। (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में आये हुए
व्यवस्था
के बिन्दुओं
पर अभी तक क्या
कार्यवाही की
गयी आवश्यक
शेष स्टॉफ
एवं तकनीकी
आई.डी. आदि की
उपलब्धता कब
तक करा दी
जावेगी? समयावधि
स्पष्ट की
जावे।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) नवगठित
जिला मैहर
विभाग द्वारा
दिनांक 18.08.2025 को जिला
आपूर्ति
अधिकारी को
कार्यालय
प्रमुख घोषित
कर दिया गया
है। (ख) जिला मैहर
में 01
कनिष्ठ
आपूर्ति
अधिकारी की
पदस्थापना
भी की जा चुकी
है। तकनीकी
आई.डी.निर्माण
की कार्यवाही
एन.आई.सी.
द्वारा की
जाती है इस हेतु
संचालनालय स्तर
से राज्य
सूचना
अधिकारी
एन.आई.सी. भोपाल
को लिखा जा
चुका है। जिला
आपूर्ति अधिकारी
के पदस्थापना
की कार्यवाही
शीघ्र की
जायेगी।
नियमों
का उल्लंघन
करने वाले
कर्मचारियों
पर कार्यवाही
[सहकारिता]
118.
( क्र. 501 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
प्रश्कर्ता
द्वारा लगाये
गये प्रश्न
क्रमांक 138 (क्रमांक 2491) दिनांक 20 मार्च 2025 एवं प्रश्न
क्रमांक 9 (क्रमांक 346) दिनांक 4 अगस्त 2025 की
जानकारी आज
दिनांक तक
क्यों प्रदान
नहीं की गई है? कारण सहित
जानकारी
उपलब्ध
कराएं। (ख) क्या
सहकारिता
विभाग द्वारा
जिला सह. कृषि
एवं ग्रामीण
विकास बैंक
दतिया की ऑडिट
की गई थी? यदि हाँ, तो कृपया
वर्ष 2010-11, 2011-12
एवं 2012-13
की ऑडिट
रिपोर्ट की
प्रतियां
उपलब्ध
करायें।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) से (ख) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
गेहूं
और धान
उपार्जन
योजना
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
119.
( क्र. 507 ) श्री बाला
बच्चन : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
माह अक्टूबर-नवंबर
2025 में मा.
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
केंद्रीकृत उपार्जन
योजना
संचालित करने
के लिए (गेहूँ
व धान के
संदर्भ में)
केंद्रीय
मंत्री मा.
श्री प्रहलाद
जोशी जी को
लिखे पत्र में
बैंकों से उधार
ली गई राशि का
वर्णन है यदि
हाँ तो
यह बताएं कि
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में यह
राशि कितनी है? बैंक नाम, उधार राशि, बैंक शाखा
नाम स्थान
सहित देवें। (ख)
केंद्र
सरकार से
गेहूँ और धान
उपार्जन के
लिए वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक कितनी
राशि प्राप्त
हुई, वर्षवार
पृथक-पृथक देवें।
किसानों को इस
अवधि में
राज्य शासन ने
गेहूँ और धान
उपार्जन के
लिए कितना
भुगतान किया
वर्षवार
पृथक-पृथक
देवें। इस
अवधि में
बैंको से लिए
कर्ज, ब्याज
भुगतान, मूल
भुगतान की
जानकारी भी इस
संदर्भ में
देवें। (ग) किसान
हित में प्रश्नांश "क" अनुसार
प्रस्ताव को
वापस लेकर
वर्तमान व्यवस्था
निरंतर करना
सुनिश्चित कब
तक किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? कारण
स्पष्ट करें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ। दिनांक 13.11.2025 की स्थिति
में मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज़
कार्पोरेशन
द्वारा राशि
रू. 62,944.71
करोड़ एवं मध्यप्रदेश
राज्य
सहकारी विपणन
संघ द्वारा
राशि रू. 5,404.14 करोड़ कुल
राशि रू. 68,348.85 करोड़ ब्याज
पर राशि उधार
ली गई है। मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज़
कार्पोरेशन
द्वारा स्टेट
बैंक ऑफ
इंडिया शाखा
रातीबड़ एवं
होशंगाबाद
रोड़ भोपाल, बैंक ऑफ
इंडिया शाखा
अरेरा हिल्स
भोपाल, इंडियन
बैंक शाखा
अरेरा कालोनी
भोपाल, केनरा
बैंक शाखा
बागमुगलिया
भोपाल, पंजाब
नेशनल बैंक
शाखा अरेरा
हिल्स भोपाल, यूको बैंक
शाखा मालवीय
नगर भोपाल से
मध्यप्रदेश
राज्य
सहकारी विपणन
संघ द्वारा स्टेट
बैंक ऑफ
इंडिया शाखा
रातीबड़ जिला
भोपाल से राशि
उधार ली गई
है। (ख) केन्द्र
शासन से गेहूं
एवं धान
उपार्जन के
लिए वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक
वर्षवार
प्राप्त
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। समर्थन
मूल्य पर
उपार्जित
गेहूं एवं धान
के लिए
किसानों को
भुगतान की गई
वर्षवार राशि
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज़
कार्पोरेशन
एवं मध्यप्रदेश
राज्य
सहकारी विपणन
संघ द्वारा
बैंकों से लिए
कर्ज़, ब्याज़
एवं मूल राशि
के भुगतान की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''स'' अनुसार
है। मध्यप्रदेश
शासन की
शासकीय प्रत्याभूति
पर उधार ली गई
राशियां
निरंतर जारी
रहती है एवं
बैंकवार
बदलाव होता
रहता है। (ग) राज्य
शासन द्वारा
गेहूं एवं धान
का उपार्जन
कृषकों से
समर्थन मूल्य
पर किया जा
रहा है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नियमों
की अवहेलना कर
पदस्थापना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
120.
( क्र. 513 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
WP/14084/2019 प्रकरण
में माननीय
मुख्य सचिव
मध्यप्रदेश शासन
द्वारा
प्रस्तुत
हलफनामा
दिनांक 23.09.2019 में
अनुसूचित
क्षेत्रों की
जनपद पंचायतों
में पंचायत
ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा स्वीकृत
पदों पर
पदस्थापना
किये जाने के
संबंध में कहा
गया है या
जनजातीय
कार्य विभाग के
स्वीकृत पदों
पर सीधे
पदस्थापना
पंचायत
ग्रामीण
विकास कर सकता
है, ऐसा
कहा गया है? (ख) अनुसूचित
क्षेत्रों की
जनपद
पंचायतों में
कौन-कौन
अधिकारी
कर्मचारी के
कितने-कितने
पद कब-कब से
स्वीकृत है? पद
निर्माण व पद
स्वीकृत की
सभी आदेशों की
छायाप्रतियां
उपलब्ध करावें।
(ग) अनुसूचित
क्षेत्रों की
जनपद
पंचायतों में
पंचायत
ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा
स्वीकृत कौन-कौन
से पदों पर
नियमानुसार
सीधे
पदस्थापना
पंचायत ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा की जा
सकती है? (घ) वर्ष
2018 के पश्चात
अनुसूचित
क्षेत्रों की
जनपद पंचायतों
में स्वीकृत विभागीय
पदों के अलावा
कौन-कौन पदों
पर किस-किस
आदेश द्वारा
पंचायत एवं
ग्रामीण विकास
विभाग द्वारा
सीधे
पदस्थापना की
गई है? क्या
WP/14084/2019 एवं WP/1281/2006 में पारित
निर्णयों में
माननीय
न्यायालय
द्वारा
पंचायत
ग्रामीण
विकास विभाग
को जनजातीय
कार्य विभाग
के सीईओ के
पदों पर सीधे
पदस्थापना
किये जाने के
भी निर्देश दिये
गये है? यदि हाँ, तो सभी
आदेशों की
छायाप्रतियां
एवं जानकारी
उपलब्ध करावें?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। WP/14084/2019
में मुख्य
सचिव द्वारा
प्रस्तुत
हलफनामा
दिनांक 23.09.2019 के अनुसार
अनुसूचित
क्षेत्र की
जनपद पंचायतों
में स्वीकृत
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत के
पदों पर पदस्थापना
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग कर
सकता है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित
पदों पर पदस्थापना
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
कर सकता है। (घ) मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत के पद
पर सीधे पदस्थापना
की गई है।
आदेश पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। WP/1281/2006 में पारित
निर्णय के
अनुक्रम में WP/14084/2019 में पारित
निर्णय में
पंचायत एवं
ग्रामीण विकास
विभाग द्वारा
अनुसूचित
क्षेत्र की
जनपद पंचायतों
में स्वीकृत
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत के
पदों पर सीधे
पदस्थापना
को मान्य
किया गया है।
आदेश पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''स'' एवं ''द'' अनुसार है।
प्रतिनियुक्ति
नियमों एवं न्यायालयीन
निर्णयों की
अवहेलना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
121.
( क्र. 514 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
के तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 72 दिनांक 17.07.2025 भाग (क) के उत्तर
में यह
जानकारी दी गई
है कि याचिका
क्रमांक 1281/2006 एवं
याचिका
क्रमांक 14084/2019 में दिये
गये निर्णय के
परिप्रेक्ष्य
में पंचायत
ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा अनुसूचित
क्षेत्रों की
जनपद
पंचायतों में
पदस्थापना
की गई है। यदि
हाँ, तो
क्या WP/1281/2006 में तीनों
प्रतिवादियों
को
प्रतिनियुक्ति
पदस्थापना
हेतु निर्देश
दिये गये है
या सीधे पदस्थापना
किये जाने
हेतु पंचायत
ग्रामीण
विकास विभाग
को माननीय न्यायालय
द्वारा
निर्देश दिये
गये है? जानकारी
उपलब्ध
करायें? (ख) क्या WP/1281/2006 में
प्रतिनियुक्ति
पर 17
याचिकाकर्ता
एवं अन्य
समान रूप से
रखे गये 45 सहित कुल 62 अतिरिक्त
सहायक विकास
आयुक्त जिन
पर उक्त
निर्णय लागू
होता है। इनके
अतिरिक्त
किन-किन
अधिकारियों
की पदस्थापना
पंचायत
ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा
जनजातीय
कार्य विभाग
के जनपद सीईओ
के पदों पर
सीधे पदस्थापना
की गई है सभी
आदेशों की
छायाप्रति
उपलब्ध
करायें। (ग) प्रश्नांकित
आदेश क्रमांक 460 दिनांक 21.04.2025 के द्वारा
जनजातीय
कार्य विभाग
के सीईओ के
पदों पर जिन 16
अधिकारियों
की पदस्थापना
उक्त न्यायालीन
निर्णय लागू
नहीं होने के
बावजूद भी उक्त
नियम विरूद्ध
पदस्थापना
आदेश अभी तक
निरस्त क्यों
नहीं किया गया
है? जानकारी
देवें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। WP/1281/2006
में पारित
निर्णय के
अनुक्रम में WP/14084/2019 में पारित
निर्णय में
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा
अनुसूचित
क्षेत्र की
जनपद पंचायतों
में स्वीकृत
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत के
पदों पर सीधे
पदस्थापना
को मान्य
किया गया है। (ख) उत्तरांश (क)
के
अनुसार। आदेशों
की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क)
के
अनुक्रम में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैकों में रिक्त
पदों की
पदपूर्ति
[सहकारिता]
122. ( क्र.
528 ) श्री
रमाकांत
भार्गव : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश के
जिला सहकारी
केन्द्रीय
बैंकों में स्टाफिंग
पैटर्न अनुसार
कौन-कौन से पद
है उनकी संख्या
कितनी है
जिलेवार
जानकारी
देवें? (ख) जिला
बैंकों में स्टाफिंग
पैटर्न अनुसार
सीधी भर्ती के
कितने पदों के
विरूद्ध कितने
पद रिक्त है?
(ग) बैंकों
में पदोन्नति
वाले कितने पद
रिक्त है यदि
हां, तो क्यों?
जिलेवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) सभी जिले
के बैंकों में
स्टाफिंग
पैटर्न
अनुसार रिक्त
पदों की भर्ती
एवं पदोन्नति
वाले पद कब तक
भर लिए
जावेंगे?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) :
(क) प्रदेश
के जिला
सहकारी
केन्द्रीय
बैंकों की
बैंकवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार
है।
(ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार
है।
(ग)
रिक्त
पदों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। जी हां,
माननीय
सर्वोच्च
न्यायालय एवं
माननीय उच्च न्यायालय
के समक्ष
शासकीय
कर्मचारियों
की पदोन्नति
में आरक्षण से
संबंधित
याचिकाएं
विचाराधीन
होने से जिला
सहकारी
केन्द्रीय
बैंकों में भी
पदोन्नति की
कार्यवाही की
अनुमति
प्रदान नहीं
गई है। (घ) सभी जिला
सहकारी
केन्द्रीय
बैंकों में
सीधी भर्ती के
रिक्त पदों पर
भर्ती की
कार्यवाही
निरंतर की जा
रही है।
माननीय
सर्वोच्च
न्यायालय एवं
माननीय उच्च
न्यायालय के
समक्ष शासकीय
कर्मचारियों
की पदोन्नति
में आरक्षण के
संबंध में
विचाराधीन
याचिकाओं पर
निर्णय/आदेश
जारी होने के
उपरांत
बैंकों में भी
पदोन्नति की
कार्यवाही की
जावेगी।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं।
धान
खरीदी परिवहन
में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
123.
( क्र. 531 ) श्री गौरव
सिंह पारधी : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2024-25 में विभाग
की किस संस्था
के द्वारा
समर्थन मूल्य
पर धान की
खरीदी की गई
थी? (ख) खरीदी हुई
धान का परिवहन
का टेण्डर
विभाग की किस
संस्था के
द्वारा
निकाला गया था
एवं मॉनिटरिंग
की गई थी? (ग) क्या
परिवहन के
दौरान जिन
ट्रांसपोर्टरों
के द्वारा
रास्ते में
धान की चोरी
की गई जिसकी एफ.आई.आर.
भी दर्ज हुई
है? ऐसे
परिवहनकर्ता
को ब्लैक
लिस्टेड करने
की कार्यवाही
की गई? यदि
हाँ, तो
प्रश्नकर्ता
विधानसभा
क्षेत्र
कटंगी में ऐसे
कार्य पर हुई
एफ.आई.आर. के
बाद
परिवहनकर्ता
को ब्लैक लिस्टेड
किया गया? यदि किया
गया है तो
सम्पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध करायें और
यदि नहीं, किया गया
तो क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) खरीफ
विपणन वर्ष 2024-25 में
समर्थन मूल्य
पर धान
उपार्जन हेतु
नोडल एजेंसी
मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज़
कार्पोरेशन
एवं भारतीय
राष्ट्रीय
उपभोक्ता
सहकारी संघ (NCCF) द्वारा
जिले (बैतूल, अनुपपूर, शहडोल एवं
उमरिया) धान
की खरीदी की
गई। (ख) वर्ष 2024-25 में मध्यप्रदेश
राज्य
सहकारी विपणन
संघ द्वारा
जबलपुर एवं
बालाघाट
जिलों में तथा
मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज़
कार्पोरेशन
द्वारा
प्रदेश के शेष
जिलों में
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
धान की परिवहन
हेतु निविदा
जारी की गई, इन
निविदाओं में
स्वीकृत दर
पर खरीफ विपणन
वर्ष 2024-25
में समर्थन
मूल्य पर
उपार्जित धान
का परिवहन मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज़
कार्पोरेशन
एवं भारतीय
राष्ट्रीय
उपभोक्ता
सहकारी संघ
द्वारा कराया
गया। समर्थन
मूल्य पर
उपार्जित धान
के परिवहन की
मॉनीटरिंग का
कार्य
संबंधित
उपार्जन
एजेन्सियों
द्वारा किया
गया है। (ग) कटंगी
जिला बालाघाट
में धान
परिवहन के
दौरान ट्रांसपोर्टरों
द्वारा रास्ते
में धान चोरी
संबंधी कोई
एफआईआर दर्ज
नहीं होने से
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
धान
परिवहनकर्ताओं
पर एफ.आई.आर.
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
124.
( क्र. 532 ) श्री गौरव
सिंह पारधी : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
बालाघाट जिले
अंतर्गत
कटंगी विधान
सभा क्षेत्र
में वर्ष 2024-25 में धान की
खरीदी के
उपरांत मात्रा
में कमी पाई
गई? समितिवार
विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख) किस
समिति के
द्वारा
परिवहनकर्ताओं
पर एफ.आई.आर.
दर्ज की गई? संपूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ग) क्या
एफ.आई.आर. के
पश्चात
समितियों के
द्वारा ऐसे
परिवहनकर्ताओं
को ब्लैकलिस्ट
करने को लेकर
विभाग/परिवहन
एजेंसियों को
लेख/अवगत कराया
गया? अगर
नहीं कराया
गया तो क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) बालाघाट
जिले के कटंगी
विधानसभा
क्षेत्र में
खरीफ विपणन
वर्ष 2024-25
में समर्थन
मूल्य पर
समिति द्वारा
उपार्जित धान
में से गोदाम
में जमा
मात्रा में
पाई गई कमी
मात्रा की समितिवार
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। समिति
स्तर पर धान
की कमी की
राशि की वसूली
जिला सहकारी
केन्द्रीय
बैंक बालाघाट
द्वारा की जा
चुकी है। (ख) जिले
में किसी भी
समिति द्वारा
परिवहनकर्ता पर
FIR
दर्ज
नहीं कराई गई
है। समितियों
के द्वारा
परिवहनकर्ता
पर FIR दर्ज
कराए जाने के
संबंध में कोई
जानकारी व सूचना
नहीं दी गई
है। (ग) परिवहनकर्ताओं
पर FIR दर्ज
नहीं होने से
जानकारी
निरंक है।
खरीफ
फसलों हेतु
उत्पन्न
हुए उर्वरक
संकट
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
125.
( क्र. 562 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में खरीफ फसल
मौसम (01.04.2025
से 30.09.2025) हेतु
राज्य सरकार
द्वारा भारत
सरकार से
जिलावार
कितने-कितने
उर्वरक आवंटन
की मांग की गई
थी? इस
अवधि में मांग
की तुलना में
कितना उर्वरक
जिलावार
उपलब्ध
कराया जा सका
है? (ख) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
सीजन में किन
कारणों से
प्रदेश के
विभिन्न
जिलों में
उर्वरक संकट
उत्पन्न
हुआ? क्या मांग और
आपूर्ति हेतु
गलत आंकलन
किये गये थे? रासायनिक
खाद और
उर्वरकों की
समय पर उपलब्धता
न हो पाने और
वितरण व्यवस्था
में खामियों
हेतु कौन उत्तरदायी
है? आगामी
वर्षों में
इसे ठीक करने
हेतु विभाग क्या
उपाय करेगा? (ग) रायसेन
जिले में इस
वर्ष रबी और
खरीफ फसलों की
बोनी के समय
उर्वरकों की
मांग, अव्यवस्था
को लेकर कब-कब
किसान आंदोलन
हुए? किसानों, किसान
संगठनों और
राजनैतिक
दलों द्वारा
तत्संबंधी
मांगों और
ज्ञापनों पर
किस स्तर से
क्या
कार्यवाही
हुई?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) प्रदेश
में भारत
सरकार से
प्राप्त
उर्वरक
मात्रा का
आवश्यकतानुसार
जिलों में
वितरण कराया
गया है। प्रदेश
के जिलों में
उर्वरक संकट
जैसी स्थिति उत्पन्न
नहीं हुई है।
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। अपितु
कृषकों को
सुगमता से
उर्वरक
प्राप्त हो
इस हेतु चयनित
जिलों में
"ई-टोकन एवं
उर्वरक वितरण
प्रणाली"
द्वारा
उर्वरक व्यवस्था
हेतु पायलेट
का क्रियान्वयन
किया जा रहा
है। (ग) रायसेन
जिले में इस
वर्ष रबी एवं
खरीफ फसलों की
बोनी के समय
उर्वरकों की
मांग एवं
अव्यवस्था को
लेकर किसान
आंदोलन नहीं
हुए। किसानों, किसान
संगठनों और
राजनैतिक
दलों द्वारा
तत्संबंधी
प्रस्तुत
ज्ञापनों में
उर्वरक पूर्ति
की मांग की
गई। मांग के
अनुरूप
कृषकों को उर्वरक
उपलब्ध कराया
गया साथ ही
कालाबाजारी रोकने
एवं गुण
नियंत्रण पर
विशेष अभियान
चलाकर 424 नमूने
परीक्षण हेतु
भेजे गए
जिनमें से 19 नमूने
अमानक पाए गए
जिन पर विक्रय
प्रतिबंधित
कर कारण बताओ
सूचना पत्र
जारी किए गए
साथ ही जिले
में अवैध
उर्वरक
परिवहन
प्रकरण में एक
एफआईआर दर्ज
कराई गई।
युवाओं
को विभिन्न
योजनाओं के
माध्यम से रोजगार
का प्रदाय
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
126.
( क्र. 565 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दीनदयाल
उपाध्याय
ग्रामीण
कौशलय योजना (DDUGKY) व ILP के
रोजगार
संबंधी
दिशा-निर्देश
व उद्देश्य क्या-क्या
है? योजना
प्रारंभ से आज
दिनांक तक
किस-किस मद
में कितना बजट
आवंटन
प्राप्त हुआ व
कितनी-कितनी राशि
व्यय हुई
वर्षवार
जानकारी दी
जाये। योजना
प्रारंभ से
किन-किन
कंपनियों को
कितनी-कितनी
राशि किस-किस
प्रशिक्षण
हेतु भुगतान
की गयी? वर्षवार
प्रशिक्षणवार
कंपनियों के
नाम, पता
सहित
प्रशिक्षण
में कितने
प्रतिभागी सम्मिलित
हुये पूर्ण
जानकारी दी
जाये।
प्रशिक्षण
उपरान्त
रोजगार
प्राप्त
युवाओं की
पूर्ण
जानकारी दी
जाये। (ख) प्रदेश
में रोजगार
मेला आयोजित
करने के क्या उद्देश्य
हैं? आजीविका
मिशन अंतर्गत
वर्ष 2015 से
वर्तमान तक
कितने रोजगार
मेले
कहां-कहां आयाजित
किये व इन पर
कुल कितनी
राशि व्यय हुई? वर्षवार
जानकारी दी
जाये साथ ही इन
मेलों में
कौन-कौन सी
कंपनियों ने
शामिल होकर
कितने युवाओं
को रोजगार
दिया? रोजगार
प्राप्त
युवाओं की
पूर्ण
जानकारी दी जाये।
(ग) सेल्फ
एम्प्लायमेंट
के रोजगार
संबंधी दिशा-निर्देश
एवं उद्देश्य
क्या हैं? प्रदेश में
इस योजना
अंतर्गत
वर्षवार
कितनी राशि
व्यय की गयी।
सेल्फ
एम्प्लायमेंट
के रोजगार
प्राप्त युवाओं
की पूर्ण
जानकारी दी
जाये। (घ) प्रदेश
में वर्ष 2015 से प्रश्न
दिनांक तक
रोजगार
दिलाने
संबंधी कितनी
शिकायतें
जिला, राज्य
स्तर पर एवं
सी.एम.
हेल्पलाईन के
माध्यम से
प्राप्त हुई? प्राप्त
शिकायतें किस
प्रकार की हैं?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) दीन दयाल
उपाध्याय
ग्रामीण कौशल
योजना
(डीडीयू-जीकेवाय)
व आई.एल.पी के
दिशा-निर्देश
एवं उद्देश्य पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है।
दीन दयाल
उपाध्याय
ग्रामीण कौशल
योजना
(डीडीयू-जीकेवाय)
प्रारंभ से आज
दिनांक योजना
अंतर्गत बजट
आवंटन एवं
वर्षवार व्यय
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''2''
अनुसार है।
योजना
प्रारंभ से
कंपनीवार,
प्रशिक्षण
एवं भुगतान की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट- ''3''
अनुसार है।
वर्षवार, प्रशिक्षणवार,
कंपनियों
के नाम, पता
एवं
प्रशिक्षित
युवाओं की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''4'' अनुसार है।
प्रशिक्षण
उपरांत
रोजगार
प्राप्त
युवाओं की
संख्यात्मक
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''5''
अनुसार है।
विस्तृत
जानकारी भारत
सरकार के
पोर्टल https://kaushalbharat.gov.in/
पर
पब्लिक
रिपोर्ट पर भी
उपलब्ध है। (ख) रोजगार
मेलों का
आयोजन स्थानीय
स्तर पर
नौकरी योग्य
कौशल प्राप्त
युवाओं एवं
नियोक्ताओं को
आमने-सामने
लाकर रोजगार
के अवसर उपलब्ध
कराना है।
आजीविका मिशन
अंतर्गत वर्ष 2015 से
वर्तमान तक
आयोजित
वर्षवार, जिलेवार
रोजगार मेलों
की संख्या,
व्यय
राशि एवं
रोजगार
प्राप्त
युवाओं की
संख्या की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''6''
अनुसार है।
जिलेवार
रोजगार मेलों
में शामिल
कंपनियों एवं
रोजगार
प्राप्त
युवाओं की
संख्यात्मक
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''7''
अनुसार है। (ग) सेल्फ
एम्प्लायमेंट
के रोजगार
संबंधी
दिशा-निर्देशा
एवं उद्देश्य पुस्तकालय में
रखे
परिशिष्ट-''8''
अनुसार है।
प्रदेश में
योजना
अंतर्गत
वर्षवार व्यय
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''9''
अनुसार है।
सेल्फ एम्प्लायमेंट
के रोजगार प्राप्त
युवाओं की
संख्यात्मक
जानकरी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''10''
अनुसार है। (घ) प्रदेश
में वर्ष 2015 से
प्रश्न
दिनांक तक
रोजगार
दिलाने
संबंधी
शिकायतें जिला,
राज्य
स्तर पर एवं
सी.एम. हेल्प
लाईन पर निरंक
है। सी.एम.
हेल्प लाईन
पर शिकायतें
अभ्यार्थी
के पोस्ट प्लेसमेंट
सपोर्ट
(पीपीएस) के
भुगतान, प्रशिक्षण
के दौरान
सुविधाएं व
सर्टिफिकेट इत्यादि
दिलाये जाने
से संबंधित
है।
प्रदेश
में खेलों का
विकास
[खेल एवं
युवा कल्याण]
127.
( क्र. 566 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
के ग्रामीण
एवं शहरी
युवाओं को
खेलों के
प्रति जागरूक
कर
प्रोत्साहित
करने हेतु शासन
की क्या
नीतियां हैं? क्या इस
हेतु स्पोर्ट्स
कैलेण्डर
तैयार कर, राष्ट्रीय
पर्वों पर खेल
गतिविधियां
संचालित करने
की योजना है? (ख) प्रदेश
के उत्कृष्ट
खिलाड़ी एवं
ओलम्पिक
अवॉर्डी खेल
प्रतिभाएं
जैसे श्री
कपिल परमार, ऐश्वर्य
प्रताप सिंह
एवं अन्य को
स्पोर्ट्स कोटा
के अंतर्गत
सम्मानजनक पद
पर नियुक्ति हेतु
सरकार द्वारा
क्या
कार्यवाही की
जा रही है? खेल
प्रतिभाओं का
अन्य राज्यों
में पलायन होने
पर रोक लगायी
जा सके। (ग) प्रदेश
के पात्र
खिलाड़ियों
को आउट ऑफ
टर्न
पदोन्नति
प्रदान करने
की शासन की
क्या योजना है? (घ) क्या
विभागीय
समीक्षा बैठक
में लिये गये
निर्णय
अनुसार
प्रदेश की खेल
प्रतिभाओं को
खेल कोटा में 10 खिलाड़ियों
को पुलिस उप
निरीक्षक एवं 50 को आरक्षक
पद पर
नियुक्ति
प्रदान की जा
चुकी है? यदि हाँ, तो उनकी
सूची उपलब्ध
करायी जाये, यदि नहीं, तो कब तक
प्रदान कर दी
जावेगी? समय-सीमा
बतायी जावे। (ड.) क्या
वर्ष 2024
में सम्पन्न
हुई विभागीय
समीक्षा बैठक
के समस्त
बिन्दुओं का
पालन विभाग
द्वारा किया
जा चुका है? यदि नहीं, तो कब तक
पालन
कार्यवाही की
जायेगी? समय-सीमा
बतायी जाये।
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास कैलाश
सारंग ) : (क) प्रदेश
के ग्रामीण
एवं शहरी
युवाओं को
खेलों के
प्रति जागरूक
कर
प्रोत्साहित
करने हेतु शासन
की खेल नीति-2005एवं युवा
नीति-2023है।
खेल नीति एवं
युवा नीति
अनुसार
राष्ट्रीय
पर्वों आदि
महत्वपूर्ण
दिवसों पर खेल
एवं युवा कल्याण
गतिविधियां
संचालित की
जाती है। (ख) प्रदेश
के विक्रम
पुरस्कार से
सम्मानित
उत्कृष्ट
खिलाड़ियों
को सामान्य
प्रशासन
विभाग के दिशा
निर्देशानुसार
तृतीय एवं
चतुर्थ
श्रेणी पद पर
नियुक्ति
प्रदान की
जाती है।
ओलम्पिक
अवॉर्डी खेल
प्रतिभाएं एवं
अन्य को
स्पोर्ट्स
कोटा के
अंतर्गत सम्मानजनक
पद पर
नियुक्ति
हेतु विभाग
द्वारा नीति
तैयार की जा
रही है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) प्रदेश
के पात्र
खिलाड़ियों
को आउट ऑफ
टर्न
पदोन्नति
प्रदान करने
की शासन की
वर्तमान में
कोई योजना
नहीं है। खेल
और युवा कल्याण
विभाग द्वारा
प्रदेश के
पात्र
खिलाड़ियों
को आउट ऑफ
टर्न
पदोन्नति
प्रदान करने
की नीति बनाई
जा रही है। (घ) जी
नहीं, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
निश्चित
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है। (ड.) जी
नहीं, निश्चित
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है।
बैरसिया
में खेल मैदान
का निर्माण
[खेल एवं
युवा कल्याण]
128.
( क्र. 570 ) श्री विष्णु
खत्री : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) तत्कालीन
मान.
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
दिनांक 14/02/2023 को
बैरसिया में
खेल मैदान के
निर्माण के
संबध में
घोषणा (घोषणा
क्रमांक सी-1992) की गयी थी, उक्त
घोषणा के
क्रियान्वयन
के संबध में
विभाग द्वारा
अब तक क्या
कार्यवाही की
गयी है? (ख) क्या
बैरसिया में
खेल मैदान के
निर्माण हेतु
विभाग द्वारा
भूमि/स्थान का
चयन कर लिया
गया है? यदि हाँ, तो उक्त
खेल मैदान का
निर्माण कब तक
किया जायेगा?
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास कैलाश
सारंग ) : (क) जी
हाँ। माननीय
मुख्यमंत्री
जी की घोषणा
क्र. सी-1992 दिनांक 14.02.2023 के पालन
में बैरसिया
भोपाल में 11.154 हेक्टेयर (27.00 एकड़) भूमि
खेल और युवा
कल्याण विभाग
के नाम आवंटित
करने हेतु
कलेक्टर
भोपाल को
दिनांक 22.01.2024 को ऑनलाईन
आवेदन क्र. 0228010102024
-APP- 19783837 किया
गया है। (ख) जी
हाँ। कलेक्टर
भोपाल द्वारा
स्टेडियम निर्माण
हेतु चिन्हित 11.154 हेक्टेयर (27.00 एकड़) भूमि
विभाग के नाम
आवंटित किये
जाने के उपरांत
प्रस्ताव का
परीक्षण कर
बजट उपलब्धता अनुसार
सक्षम समिति
के समक्ष
प्रस्ताव
तैयार कर
प्रस्तुत
किया जा सकेगा।
स्टेडियम
निर्माण की
निश्चित तिथि
बतायी जाना
संभव नहीं है।
शासकीय
महाविद्यालयों
में खरीदी
[उच्च
शिक्षा]
129.
( क्र. 573 ) श्री बृज
बिहारी
पटैरिया : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा
विभाग
अर्न्तगत
जनवरी 2025 से प्रश्न
दिनांक तक
शासकीय
महाविद्यालयों
में जिला रायसेन, जिला
पाढुंर्णा, जिला सागर
एवं जिला
मुख्यालय
छतरपुर के सभी
महाविद्यालयों
में विभिन्न
प्रकार की
खरीदी में की
गई निविदाओं
में म.प्र. भंडार
क्रय नियमों
का पालन किया
गया है, नियमावली के
साथ की गई
प्रक्रिया के
दस्तावेज
उपलब्ध करायें।
क्या म.प्र. भंडार
क्रय नियमों
का पालन नहीं किये
जाने से उक्त
टेंडरों/निविदाओं
को निरस्त
किया जाकर
पुनः
प्रक्रिया
प्रारम्भ की
जावेगी। यदि
हां, तो
कब तक
समय-सीमा
बताये, नहीं, तो क्यों? (ख) क्या
रूसा एवं
विश्व बैंक
परियोजना के
संचालक का पद
राज्य
प्रशासनिक
सेवा का है
यदि हाँ, तो कब तक
राज्य
प्रशासनिक सेवा
के अधिकारी को
पदस्थ करा
दिया जावेगा।
यदि नहीं, तो क्यों, क्या वर्तमान
में जिन
अधिकारियों
के पास प्रभार
है उन पर
विभिन्न
आर्थिक
अनियमितताओं, लोकायुक्त, इ.ओ.डब्ल्यू
(पुलिस अपराध
अनु.) में
शिकायतें
होकर प्रकरण पंजीबद्ध
है, यदि
हाँ, तो
इनको उक्त
प्रभार से कब
तक मुक्त कर
दिया जावेगा।
यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विभाग
अर्न्तगत
रूसा एवं
विश्व बैंक
परियोजना के
द्वारा दिसम्बर
2024 से
अक्टूबर 2025 तक
विभिन्न
प्रकार की
क्रय की गई
सामग्री से संबंधित
क्रय समिति
एवं क्रय
शर्तों नियमों
एवं किन-किन
फर्मों को
क्रय आदेश जारी
किये गये
विवरण देवें, इससे
संबंधित
दस्तावेज
उपलब्ध करा
दिये जावेंगे यदि हाँ, तो कब तक।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (ख) जी नहीं।
वर्तमान में
आयुक्त, उच्च
शिक्षा ही
परियोजना
संचालक है।
अभिलेखों के अनुसार
परियोजना
संचालक के
विरूद्ध
शिकायतें
प्राप्त
होना नहीं
पाया गया। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
देवरी
एवं केसली में
स्टेडियम/इंडोर
स्टेडियमों
की स्थापना
[खेल एवं
युवा कल्याण]
130.
( क्र. 574 ) श्री बृज बिहारी
पटैरिया : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) खेल एवं
युवा कल्याण
की संचालित
योजना मई 2025 को जारी
आदेशानुसार
संकल्प 2024 कैप्टन
रूपसिंह
स्पोर्ट्स
मिशन अंतर्गत
खेल इन्फास्टक्चर
के द्वारा खेल
अधोसंरचना के
नवीनीकरण एवं
नव निर्माण हेतु
सागर जिले के
किन-किन
विकासखण्ड
में इन्डोर
स्टेडियम के
नवीनीकरण एवं
नव निर्माण
हेतु
कितनी-कितनी
राशि के
प्राक्कलन तैयार
हुये है। किन
की स्वीकृति
हो चुकी, विवरण
देवें। (ख) क्या
देवरी में
पूर्व से
इन्डोर
स्टेडियम जो नवनिर्माण
या नवीनीकरण/मेन्टेनेंस
हेतु
प्राक्कलन 1.50 करोड़ का
तैयार कराया
गया है यदि
हाँ, तो
कब तक राशि
प्रदाय करा कर
निर्माण
कार्य प्रारम्भ
करा दिया
जावेगा? (ग) क्या
जनजाति
बाहुल्य
विकास खंड
केसली में खेल
प्रतिभाओं के
लिये भी
इन्डोर
स्टेडियम लागत
लगभग 150.00
लाख रू. के
प्रावधान किये
गये है। यदि
हाँ, तो
कब तक निर्माण
कराया जावेगा, यदि नहीं, तो
वस्तुस्थिति
से अवगत
करायेगें।
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास कैलाश
सारंग ) : (क) सागर
जिले के किसी
भी विकास खण्ड
में संकल्प 2024 कैप्टन
रूपसिंह
स्पोर्ट्स
मिशन योजना
अन्तर्गत खेल
इन्फ्रास्टक्चर
के द्वारा खेल
अधोसंरचना के
नवीनीकरण एवं
नव निर्माण
हेतु
प्रस्ताव
प्राप्त नहीं
हुए हैं। जिले
से प्रस्ताव
प्राप्त होने
एवं योजना की
स्वीकृति
उपरांत
कार्यवाही की
जा सकेंगी।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है (ख) एवं
(ग) उत्तरांश ''क'' के
संदर्भ में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सड़क
निर्माण
योजनाओं का
क्रियान्वयन
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
131.
( क्र. 580 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक 2435 दिनांक 04.08.2025 के (क), (ख), (ग), (घ) के
उत्तर के
संदर्भ में
बताए कि
मुरैना विधानसभा
क्षेत्र के
अनेक ग्राम
एवं मजरे-टोले
केवल इस कारण
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना से वंचित
हैं कि उनकी
आबादी 500 से कम है? यदि हाँ, तो क्या
विभाग द्वारा
ऐसे ग्रामों
की सूची तैयार
की गई है? यदि हाँ, तो
ग्रामवार
विवरण उपलब्ध
कराएं। (ख) क्या
विभाग द्वारा
इन ग्रामों
हेतु कोई वैकल्पिक
योजना – जैसे मजरा
टोला जोड़ो
योजना, मुख्यमंत्री
ग्राम संपर्क
मार्ग योजना, अथवा अन्य
विभागीय
योजना - लागू
करने का प्रस्ताव
तैयार किया
गया है? यदि हाँ, तो इन
योजनाओं के
अंतर्गत
मुरैना
विधानसभा
क्षेत्र के
कितने ग्राम
सम्मिलित किए
गए हैं, इसका
विवरण सूची दी
जाए। (ग) क्या
इन ग्रामों के
पहुँच मार्ग
निर्माण हेतु
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
ने किसी अन्य
विभाग (जैसे -
लोक निर्माण
विभाग, पर्यटन
विभाग या कृषि
विभाग) से
वित्तीय सहायता
अथवा बजट
आवंटन हेतु
प्रस्ताव
प्रस्तुत किया
है? यदि
हाँ, तो
उक्त
प्रस्तावों
की वर्तमान
स्थिति (स्वीकृत
या लंबित)
बताएं। (घ) क्या
शासन द्वारा
भविष्य में
ऐसे छोटे
ग्रामों, मजरे-टोलों
एवं धार्मिक
स्थलों तक
सड़क निर्माण
हेतु कोई नई
नीति या विशेष
योजना प्रारंभ
करने पर विचार
किया जा रहा
है, ताकि
ग्रामीण
क्षेत्रों
में सामाजिक
एवं आर्थिक
संपर्क को
सुदृढ़ किया
जा सके? यदि हाँ, तो उसका
प्रारूप एवं
संभावित
कार्यान्वयन
अवधि की
जानकारी दें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना के
अंतर्गत
आबादी अनुसार
सामान्य
विकासखण्ड में
500+
आबादी
एवं आदिवासी
विकासखण्ड
में 250+ आबादी
को एकल
संपर्कता
प्रदान किये
जाने का प्रावधान
है।
संपर्कविहीन
बसाहटें जो
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना एवं
अन्य योजना में
पात्र नहीं है
तथा जिनकी
आबादी 100+ से अधिक है
उन्हें
मुख्यमंत्री
मजरा टोला
सड़क योजना
अंतर्गत
संपर्कता
प्रदान करने
हेतु चिन्हांकित
किया गया है।
बसाहटों की
पात्रता एवं प्राथमिकता
सूची
निर्धारण
हेतु भौतिक
सत्यापन की
कार्यवाही
प्रचलन में
है। (ख) जी हाँ, मुख्यमंत्री
मजरा टोला
सड़क योजना
अंतर्गत संपर्कविहीन
बसाहटें
जिनकी आबादी 100 से अधिक है, को जोड़े
जाने का
प्रावधान है।
चिन्हांकित
बसाहटों के
भौतिक
सत्यापन की
कार्यवाही
प्रचलन में
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) वित्तीय
वर्ष 2025-26
के लिये
मुख्यमंत्री
मजरा टोला सड़क
योजना क्रमांक
1647 अंतर्गत
राशि रू. एक सौ
करोड़ का बजट
प्रावधान
किया गया है। (घ) वर्तमान
में
प्राधिकरण
में संपर्कता
प्रदान करने हेतु
उक्त के
अतिरिक्त कोई
योजना
प्रस्तावित
नहीं है।
भावांतर
योजनांतर्गत
किसानों के
साथ अन्याय
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
132.
( क्र. 581 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
में वर्तमान
में भावांतर
भुगतान योजना
अंतर्गत केवल
सोयाबीन फसल
को सम्मिलित
किया गया है, जबकि
प्रदेश में
धान की फसल का
उत्पादन
सर्वाधिक
होने के बावजूद
उसे योजना में
नहीं लिया गया
है? यदि
हाँ, तो
धान फसल को
योजना से बाहर
रखने का कारण
क्या है? जबकि इससे
राज्य के बड़े
वर्ग के
किसानों को आर्थिक
नुकसान हुआ
है। (ख) भावांतर
भुगतान योजना
के अंतर्गत अब
तक सोयाबीन
फसल की कितनी
मात्रा खरीदी
गई, उसकी
कुल राशि
कितनी बनी, तथा
किसानों के
खातों में
कितनी राशि
जारी की जा
चुकी है? (ग) क्या सोयाबीन
फसल का
भावांतर
भुगतान समय पर
किसानों को
प्राप्त नहीं
हुआ, जिससे
किसानों को
वित्तीय संकट
का सामना करना
पड़ा? (घ) यदि हाँ, तो औसतन
कितने दिनों
में भाव के
अंतर का भुगतान
किया गया तथा
वर्तमान में
कितनी राशि किसानों
को देना बकाया
है?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी
हाँ। मध्यप्रदेश
में खरीफ 2025
हेतु भावांतर
योजना केवल
सोयाबीन फसल
के लिये लागू
की गई हैं। यह
योजना भारत
सरकार द्वारा
जारी
पुनरीक्षित
प्राइस
डेफिसिट
पेमेन्ट स्कीम
गाईडलाइन्स
वर्ष 2024 के
प्रावधानों
पर आधारित हैं, जिसमें
केवल तिलहनी
फसलों के लिए
भावांतर योजना
लागू किए जाने
का ही
प्रावधान
हैं। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (ख) खरीफ 2025
हेतु सोयाबीन
में भावांतर
योजना के अंतर्गत
शासन के
द्वारा खरीदी
नहीं की जा
रही है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं। योजना
के प्रावधान
अनुसार मंडी
में विक्रय
दिनांक से 15
दिवस में
भावांतर राशि
का भुगतान
किया जाना है
जो कि मॉडल
रेट की घोषणा
पर निर्भर है।
प्रथम मॉडल
रेट दिनांक 07.11.2025 को
घोषित किया
गया हैं जिसके
आधार पर
भावांतर राशि
का भुगतान
दिनांक 13.11.2025 को
किया गया हैं।
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (घ) उत्तरांश (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
युवाओं
को खेल के
क्षेत्र में
प्रोत्साहन
[खेल एवं
युवा कल्याण]
133.
( क्र. 585 ) डॉ. अभिलाष
पाण्डेय : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
के युवाओं को
खेल के
क्षेत्र में
प्रोत्साहित
करने हेतु
शासन द्वारा
संचालित खेल अकादमियों, प्रशिक्षण
केन्द्रों और
छात्रवृत्ति
योजनाओं का
लाभ जबलपुर
उत्तर
विधानसभा
क्षेत्र के
खिलाड़ियों
को किस प्रकार
मिल रहा है? प्रदेश
में वर्तमान
में कितनी खेल
अकादमियाँ
कार्यरत हैं
और किन खेलों
में
प्रशिक्षण दिया
जा रहा है? इनमें
जबलपुर उत्तर
क्षेत्र के
कितने
खिलाड़ी
योजनाओं का
लाभ ले रहे
हैं? (ख) जबलपुर
उत्तर
क्षेत्र में
स्थित खेल
मैदानों, स्टेडियमों
या प्रशिक्षण
केन्द्रों के
उन्नयन हेतु
शासन ने क्या
कदम उठाए हैं? (ग) प्रदेश
के स्तर पर
खिलाड़ियों
को दी जाने
वाली
छात्रवृत्ति
या पुरस्कार
योजनाओं से गत
2 वर्षों
में जबलपुर
उत्तर के
कितने
खिलाड़ी लाभान्वित
हुए हैं? (घ) आगामी
वर्षों में
जबलपुर उत्तर
क्षेत्र में खेल
अधोसंरचना को
मजबूत करने
हेतु क्या
प्रस्ताव
तैयार किए गए
हैं?
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास कैलाश
सारंग ) : (क) विभाग
द्वारा
संचालित खेल
अकादमी, प्रशिक्षण
केंद्र एवं
खेलवृत्ति
योजना की जानकारी
विधान सभावार
संधारित नहीं
की जाती है।
प्रदेश में
संचालित खेल
अकादमी एवं
इनके खेलों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। खेल
अकादमी में
खिलाड़ियों
को प्रवेश की जानकारी
विधानसभा
क्षेत्रवार
संधारित नहीं
की जाती है, अतः शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जबलपुर
उत्तर
क्षेत्र में
विभागीय
वीरांगना
रानीदुर्गावती
खेल परिसर
निर्मित एवं
संचालित है, जिसका
समय-समय पर
आवश्यकतानुसार
रखरखाव एवं उन्नयन
कार्य किया
जाता है। (ग) प्रदेश
स्तर पर
खिलाड़ियों
को दी जाने
वाली
खेलवृत्ति की
जानकारी
विधान सभावार
संधारित नहीं
की जाती है।
गत 02
वर्षों में
जिला जबलपुर
के 309
खिलाड़ी
खेलवृत्ति से
लाभान्वित
हुए हैं। (घ) जबलपुर
उत्तर
क्षेत्र में
उपलब्ध
वीरांगना रानीदुर्गावती
खेल परिसर में
हॉकी सिंथेटिक
टर्फ के
पुर्नस्थापना
का प्रस्ताव
तैयार किया
गया है।
आदेशों
की अवेहलना
[सहकारिता]
134.
( क्र. 588 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता के
अतारांकित
प्रश्न क्र. 482 उत्तर
दिनांक 28/7/25 के प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
पत्र क्रमांक 844, 845,
846, 847, 848, 849
में विभाग ने
पत्र
प्राप्ति से
प्रश्न
दिनांक तक कब
और क्या
कार्यवाही
संपादित की गई? पत्र की
प्रति, प्रकरणवार/कार्यालयवार
एकल नस्ती की
छायाप्रति, नियम
निर्देश एवं
आदेश की प्रति
सहित बतायें।
प्रश्नकर्ता
को कृत
कार्यवाही से
अवगत नहीं
कराने पर
प्रश्नांश
(क) के पूर्व
प्रश्न के
प्रश्नांश
(ख) के अनुक्रम
में निलंबन की
कार्यवाही क्यों
नहीं की गई? जानकारी
दें। (ख) जिला
सह. के. बैं.
मर्या. गुना
अन्तर्गत
जिला अशोकनगर
की शाखाओं में
विगत 6
वर्षों में
किन सहायकों
को पैक्स
संस्थाओं के
प्रशासकों
द्वारा
प्रभार सौंपे
गये है? क्या
इन्हें सीईओ
गुना द्वारा
म.प्र.सहकारिता
अधिनियम की
धारा 54 के
अन्तर्गत
जिला अशोकनगर
में सहायकों
को सौंपे गये
प्रभारों के
संबंध में
आदेश जारी
किये गये है।
क्या आयुक्त
एवं पंजीयक
सहकारिता की
गठित कमेटी के
निर्णय
अनुसार
प्रभारों की
अनुमति प्रदान
की गई?
यदि नहीं, तो इसमें
दोषी
प्रशासकों पर
कब, क्या
कार्यवाही की
जायेगी? (ग) प्रमुख
सचिव
सहकारिता को
प्रेषित पत्र 908 दिनांक 17/10/2025 में
सा.प्र.वि.
आदेश दिनांक 22/03/2011 के अनुसार
कब और क्या
कार्यवाही की
गई? सा.प्र.वि.
आदेश के
बिन्दु क्र. 5 में
कब/क्या
कार्यवाही की
जायेगी।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''01'' अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''02'' अनुसार है। जी
नहीं। आयुक्त
सहकारिता एवं
पंजीयक सहकारी
संस्थाएँ, म.प्र.
द्वारा
सहायकों को
समिति के
प्रभार सौंपने
संबंधी कोई
कमेटी गठित
नहीं की गई
थी। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) प्रश्नांश
में उल्लेखित
पत्र प्राप्त
होने पर आयुक्त
सहकारिता एवं
पंजीयक
सहकारी
संस्थाए, म.प्र.
द्वारा
दिनांक 17.11.2025 को
उपायुक्त
सहकारिता
जिला
सिंगरौली एवं
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, जिला
सहकारी
केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित सीधी
को निर्देशित
किया गया।
माननीय सदस्य
को भी
कार्यालय
आयुक्त
सहकारिता के
पत्र क्र./2293 दिनांक 19-11-2025 से अवगत
कराया गया है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
मजदूरी
भुगतान में
अनियमितता
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
135.
( क्र. 589 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
ग्राम
पंचायत
चौपड़ा एवं
गौडिया, जनपद
पंचायत
राघौगढ़, जिला गुना
में वर्ष 2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक
विभाग
अन्तर्गत कौन
सी योजनाओं के
अन्तर्गत
कितनी लागत के
कौन से कार्य
कब स्वीकृत हुये? पंचायतवार
वर्षवार
गौशवारा
बनाकर बतायें।
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार अद्यतन
स्थिति तक
कितने कार्य
पूर्ण, कितने किन
कारणों से
अपूर्ण एवं
कितने प्रगतिशील
है? प्रकरणवार
गौशवारा दें।
विभाग ने कब
और कितनी राशि
जारी की, कब और
कितना भुगतान
किस प्रयोजन
से किस को किया
गया? मांग
पत्र एवं
देयकों की
प्रति सहित
बतायें। (ग) उपरोक्त
कार्यों का
भुगतान पूर्व
निरीक्षण टीप
अंकित की जाकर
भुगतान किया
गया है? टीप की
प्रति
निरीक्षणकर्त्ता
की संपूर्ण जानकारी
सहित बतायें।
यदि नहीं, तो क्यों
कारण एवं आदेश
सहित बतायें? (घ) उपरोक्त
अवधि में
ग्राम पंचायत
गौड़िया
सहरिया बस्ती के
लिये विशेष
कार्य योजना
है? किस
योजना के
कितने कार्य
कराये गये? हितग्राही
का नाम, पता, राशि सहित
बतायें। (ड.) मजदूरी
का भुगतान कब
और कितना किया
गया? नाम, खाता नं., बैंक
स्टेटमेन्ट
की प्रति सहित
बतायें। (च) उक्त के
अनुक्रम में
सी.एम.
हेल्पलाईन
एवं सूचना के अधिकार
के आवेदन
प्राप्त हुये
है? उस
पर कब और क्या
कार्यवाही की
गई? जानकारी
दें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) ग्राम
पंचायत चौपडा
एवं गोडिया
जनपद पंचायत राघौगढ़
में मनरेगा
योजना
अंतर्गत वर्ष 2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक 96 कार्य 275.15 लाख के
स्वीकृत किये
गये है तथा 15 वित्त एवं 5वां वित्त, विधायक मद, व अन्य मद
के 33
कार्य 110.053 लाख के
स्वीकृत किये
गये है ग्राम
पंचायतवार गोसवारा
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) मनरेगा
योजना में
ग्राम पंचायत
चौपडा एवं गोडिया
जनपद पंचायत
राघौगढ़ में 17 कार्य
पूर्ण एवं शेष
79 कार्य
प्रगतिशील
है। 15
वित्त एवं 5वां वित्त, विधायक मद, व अन्य मद 20 कार्य
पूर्ण एवं शेष
13 प्रगतिरत
है, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। कार्यवार
भुगतान राशि व
देयकों की
छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है। (ग) जी
हाँ। भुगतान
से पूर्व
उपयंत्री एवं
सहायक यंत्री
के द्वारा
सत्यापन टीप
अंकित की जाती
है टीप की
छायाप्रति
निरीक्षण
कर्ता की जानकारी
सहित ग्राम
पंचायतवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट- ''द'' अनुसार है। (घ) उपरोक्त
अवधि में
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
में ग्राम
पंचायत
गोडिया
सहरिया बस्ती
के लिये कोई
विशेष कार्य
योजना नहीं
है। (ङ) ग्राम
पंचायत चौपडा
एवं गोडिया
में मनरेगा योजना
अंतर्गत
मजदूरी का
भुगतान वर्ष 2023-24 राशि
रूपये 41.24 लाख वर्ष 2024-25 में राशि
रूपये 74.32 लाख तथा
वर्ष 2025-26
में राशि
रूपये 77.49 लाख का
भुगतान किया
गया है, साथ ही 15 वित्त एवं 5वा वित्त, विधायक मद, व अन्य मद
में वर्ष 2023-24 राशि
रूपये 2.82 लाख वर्ष 2024-25 में राशि
रूपये 4.00 लाख तथा
वर्ष 2025-26
में राशि
रूपये 4.95 लाख का
भुगतान किया
गया है।
कार्यवार
मजदूरों/श्रमिकों
के नाम व बैंक
खाता में राशि
जमा संबंधी
रिपोर्ट जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''ई'' अनुसार है। बैंक
विवरण हेतु को
चार्ट संलग्न
है। (च) ग्राम
पंचायत
गोड़िया में
सूचना के
अधिकार
अधिनियम के
तहत 02
आवेदन
प्राप्त हुये
थे, आवेदनों
पर कृत
कार्यवाही की
छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- ''फ'' अनुसार है। ग्राम
पंचायत
चोपड़ा में
उक्त अवधि में
कोई भी सूचना
का अधिकार
अधिनियम के
तहत आवेदन प्राप्त
नहीं हुआ है। 2. ग्राम
पंचायत
चोपड़ा में
सीएम
हेल्पलाईन क्रमांक
31797281 दिनांक 10.04.2025 एवं ग्राम
पंचायत
गोड़िया में
सीएम हेल्पलाईन
क्रमांक 31987893 दिनांक 22.04.2025 पोर्टल पर
दर्ज की गई, उक्त
शिकायतों पर
समय-समय पर की
गयी कृत्य कार्यवाही
की छायाप्रतियाँ
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''छ'' अनुसार है।
जिला/जनपद
पंचायत के मूल
कर्मचारियों
को पेंशन का
लाभ
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
136.
( क्र. 601 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या जिला एवं
जनपद पंचायत
के मूल कर्मचारी
शासन के
कर्मचारी न
होकर स्थानीय
निकाय अथवा स्वायत्त
संस्थाओं के
कर्मचारी है? क्या इन
कर्मचारियों
को शासन के
कर्मचारी न
होने तथा
स्थानीय
निकाय अथवा स्वायत्त
संस्थाओं के
कर्मचारी
होने का हवाला
देकर शासकीय
कर्मचारियों
के अनुरूप
पेंशन का लाभ
नहीं दिया जा
रहा है? (ख) क्या नगरीय
निकाय, मण्डी
बोर्ड एवं
विधिक सहायता
प्राधिकरण के कर्मचारी
भी शासन के
कर्मचारी न
होकर स्थानीय
निकाय अथवा
स्वायत्त
संस्थाओं के
कर्मचारी है? क्या इन
कर्मचारियों
को शासकीय
कर्मचारियों
के समान पेंशन
का लाभ दिये
जाने हेतु
पृथक से नियम/विनियम/नीति
तैयार कर
पेंशन का लाभ
दिया जा रहा
है? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
वर्णित
कर्मचारियों
की सेवाएं
लगभग एक समान
होने के
बावजूद भी
प्रश्नांश
"क" में
उल्लेखित
कर्मचारियों
को प्रश्नांश (ख) में
वर्णित
कर्मचारियों
के समान पेंशन
का लाभ न दिये
जाने के क्या
कारण है? क्या कारण
है कि शासन के
द्वारा इन
कर्मचारियों
के साथ
पक्षपातपूर्ण
तथा
भेदभावपूर्ण
रवैया अपनाया
जा रहा है? (घ) क्या
शासन जिला, जनपद
पंचायतों की
आय में वृद्धि
के लिए इन संस्थाओ
की भूमियों और
संपत्तियों
के व्यवसायिक
उपयोग को
बढ़ावा देने
के लिए विशेष
अभियान
चलाएगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। जिला एवं
जनपद पंचायत
के कर्मचारी
स्थानीय
निकाय के
कर्मचारी
हैं। मध्यप्रदेश
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
मंत्रालय
भोपाल के पत्र
क्र-एफ 2/24/2009/पं-1, भोपाल
दिनांक 11 जून 2012 से जिला
एवं जनपद
पंचायत के
कर्मचारियों
के लिये
अंशदायी
पेंशन योजना
लागू करने के
निर्देश जारी
किये गये हैं।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार। (ख) जी
हाँ। सम्बन्धितों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार। (ग) उत्तरांश
''क'' के
अनुक्रम में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) इस
आशय का कोई
प्रस्ताव
शासन स्तर पर
विचाराधीन
नहीं है।
परंतु
जिला/जनपद पंचायतें
अपने स्तर पर
संपत्तियों
के बेहतर
उपयोग का
निर्णय लेने
हेतु सक्षम
हैं।
राष्ट्रीय
एवं अंतर्राष्ट्रीय
खिलाड़ियों
को प्रोत्साहन
राशि एवं
रोजगार का
प्रदाय
[खेल एवं
युवा कल्याण]
137. ( क्र.
602 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
खेल एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या राज्य
सरकार द्वारा
राष्ट्रीय
एवं अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर
उत्कृष्ट
प्रदर्शन
करने वाले
खिलाड़ियों
को
प्रोत्साहन
राशि, सम्मान
एवं शासकीय
सेवा में
नियुक्ति
प्रदान की
जाती है? यदि
हाँ, तो विगत
पाँच वर्षों
में राज्य के
कितने खिलाड़ियों
को राष्ट्रीय
एवं
अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर पदक
प्राप्त करने
पर
प्रोत्साहन
राशि प्रदान
की गई है? वर्षवार,
खेलवार
एवं राशि का
विवरण दें। (ख) उक्त अवधि
में कुल कितने
खिलाड़ियों
को कितनी राशि प्रोत्साहन
स्वरूप
वितरित की गई
है तथा राज्य
शासन द्वारा
खेल
उपलब्धियों
के आधार पर
शासकीय सेवा
(नौकरी) में
नियुक्त किया
गया है, उनके
पद एवं विभाग
सहित सूची
उपलब्ध कराएं।
(ग)
वर्तमान
में
खिलाड़ियों
को
प्रोत्साहन
राशि एवं
रोजगार देने
हेतु कौन-कौन
से नियम, आदेश
या नीति
प्रभावशील
हैं, उसकी
प्रति सहित
जानकारी
उपलब्ध
कराएं। (घ) क्या
विभाग द्वारा
भविष्य में
खिलाड़ियों की
आर्थिक
सहायता, सम्मान
या रोजगार
हेतु नई योजना
अथवा नीति
लागू करने का
प्रस्ताव है?
यदि
हाँ, तो उसका
विवरण दें।
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास कैलाश
सारंग ) : (क) अधिकृत राष्ट्रीय
एवं
अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर उत्कृष्ट
प्रदर्शन
करने वाले
खिलाड़ियों
को विभागीय
प्रोत्साहन
नियम-2019 नियमानुसार
प्रोत्साहन
राशि एवं सम्मान
निधि प्रदान
की जाती है। विक्रम
पुरस्कार
प्राप्त
खिलाड़ी को
उत्कृष्ट
खिलाड़ी
घोषित कर
पात्रतानुसार
शासकीय सेवा
(सहायक ग्रेड-3,
तृतीय
श्रेणी) में
नियुक्ति
प्रदान की
जाती है। वर्ष
2020-21 से
2024-25 तक
राज्य एवं
अकादमी के
खिलाड़ियों
की वर्षवार,
खेलवार
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-''1''
अनुसार
है।
(ख)
विगत
पाँच वर्षों
में खिलाड़ियों
को प्रदान की
गई प्रोत्साहन
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-''1''
में
समाहित है। शासकीय
सेवा (नौकरी) में
नियुक्ति
खिलाड़ियों
के पद एवं
विभाग की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार
है।
(ग)
राष्ट्रीय
एवं
अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर पदक
विजेता
खिलाड़ियों
को प्रोत्साहन
नियम-2019, की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
के
प्रपत्र ''3''
अनुसार
है
तथा उत्कृष्ट
खिलाड़ियों
को शासकीय
सेवा में
नियुक्ति
सामान्य
प्रशासन
विभाग के
परिपत्र
क्रमांक एफ
सी-3-12/09/3/1 भोपाल
दिनांक 17 जून 2009 की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
के
प्रपत्र- ''4''
अनुसार
है,
के
अनुसार
नियुक्ति
प्रदान की
जाती है। (घ) भविष्य
में आवश्यकता
का आंकलन कर
खिलाड़ियों
को आर्थिक
सहायता, सम्मान/रोजगार
हेतु नीति
बनाई जाने पर
विचार किया
जावेगा।
निर्धारित
मानदेय से कम
राशि का
भुगतान
[श्रम]
138.
( क्र. 617 ) श्री केशव
देसाई : क्या श्रम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विधानसभा
तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 2964, दिनांक 06.08.2025 में
प्रदाय
जानकारी
अनुसार
विधानसभा
क्षेत्र गोहद
के शासकीय
अस्पताल गोहद
में आउटसोर्स
कम्पनी
द्वारा
आउटसोर्स
कर्मचारियों
को शासन
द्वारा
निर्धारित
मानदेय से कम
राशि का भुगतान
किया जा रहा
है। (ख) क्या
शासन द्वारा
निर्धारित
मानदेय से कम
राशि का
भुगतान करने
वाली
आउटसोर्स
एजेन्सी के विरूद्ध
कार्यवाही की
जावेगी, यदि नहीं, तो कारण
बतायें। यदि
हाँ, तो
समय-सीमा
बतायें।
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
नहीं। विधानसभा
तारांकित प्रश्न
क्रमांक 2964 दिनांक 06.08.2025 श्रम
विभाग से
संबंधित न
होकर लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा विभाग
से संबंधित
था। लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा विभाग
से प्राप्त जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार
शासकीय अस्पताल
गोहद में
आउटसोर्स
कंपनी के माध्यम
से नियोजित
कर्मचारियों
को शासन
द्वारा निर्धारित
न्यूनतम
वेतन का
भुगतान किया
जाना
प्रदर्शित है।
(ख) उत्तरांश
(क) के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नियम
विरुद्ध
नियुक्तियों की
जानकारी
[आयुष]
139.
( क्र. 758 ) श्री
विवेक विक्की
पटेल : क्या आयुष
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विभाग
अंतर्गत
मध्यप्रदेश
में
होम्योपैथी ड्रग
इंस्पेक्टर
के कुल कितने
पद स्वीकृत हैं
तथा वर्तमान
में इस पद पर
प्रदेश के सभी
जिलों में कौन-कौन
अधिकारी
नियुक्त है? जिलेवार
सूची उपलब्ध
कराएं। (ख)
क्या मौजूदा
होम्योपैथी
ड्रग
इंस्पेक्टर को
होम्योपैथी
चिकित्सा
अधिकारी एवं
ओएसडी के पद
का दायित्व भी
सौंपा गया है, जिसका
प्रकाशन
राजपत्र में
किया गया था? यदि हां, तो एक ही
शासकीय
लोकसेवक की
दोहरी
नियुक्ति किन
नियमों के तहत
की जा सकती है? नियमावली
उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो क्या
विभाग उक्त
दोहरी
नियुक्ति को
निरस्त करते
हुए ऐसे आदेश
जारी करने
वाले
अधिकारियों
पर कार्यवाही
करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा
बताएं? (ग) होम्योपैथी
ड्रग
इंस्पेक्टर
के रूप में
कार्यरत डॉ.
कीर्ति राठौर
के विरुद्ध अब
तक विभाग को
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं? शिकायतों
की सूची
उपलब्ध कराएं? इन
शिकायतों पर
अभी तक क्या-क्या
कार्यवाही की
गयी? विस्तृत
विवरण देवें? इंदौर
निवासी
व्यापारी
मुरारीलाल
बघेल द्वारा
की शिकायत पर
की गई जांच
एवं संबंधित
कार्यवाही का
विवरण दिया
जाए।
आयुष
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) आयुष
विभाग में
ड्रग इंस्पेक्टर
के 02
पद स्वीकृत
हैं जिसमें 01 पद पर होम्योपैथी
ड्रग इंस्पेक्टर
नियुक्त है।
जिले में सभी
जिला आयुष अधिकारी
पदेन ड्रग
इंस्पेक्टर
हैं। (ख) Drug & Cosmetics Act 1940 की धारा 33 G के अधीन
ड्रग इंस्पेक्टर
की नियुक्ति
की जाकर
राजपत्र में
प्रकाशित
किया जाता है।
प्रशासकीय
कार्य सुविधा
की दृष्टि से
उक्त ड्रग
इंस्पेक्टर
को अतिरिक्त
कार्य समय-समय
पर सौंपा जाता
है। (ग) विभाग
को 03
शिकायतें
प्राप्त हुई
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार।
इंदौर निवासी
व्यापारी
मुरारीलाल
बघेल द्वारा
की शिकायत की जाँच
हेतु आयुष
संचालनालय
द्वारा जांच
समिति का गठन
किया गया, जाँच
समिति द्वारा
प्रस्तुत
प्रतिवेदन के
क्रम में गुण
दोष के आधार
पर कार्यवाही
प्रचलित है।
खादयान्न
वितरण में
अनियमितता पर
कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
140.
( क्र. 1232 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
सिवनी अन्तर्गत
विकासखण्डवार
कुल कितने
पात्र परिवार
चिन्हित किये
जाकर उन
परिवारों को
वर्ष 2020-21
से लेकर प्रश्न
दिनांक तक
किस-किस
प्रकार की
कितनी
खादयान्न
सामग्री
प्राप्त हुई? (ख) क्या
वर्तमान में
नये बीपीएल
कार्ड जारी
किये जाने की
रोक होकर
चिन्हित
परिवारों को
पर्चियां दी
जा रही है? यदि हाँ, तो
विकासखण्डवार
कितने नवीन
परिवारों को
चिन्हित कर
पर्चियों के
माध्यम से
खादयान्न
वितरण किया जा
रहा है एवं
उन्हें कब तक
नवीन बीपीएल
कार्ड जारी कर
दिया जावेगा? (ग) उपरोक्त
उल्लेखित
वर्ष के अन्तर्गत
किन-किन
खादयान्न
वितरण
दुकानों/केन्द्रों
से खादयान्न
नहीं दिये
जाने, खादयान्न
कम दिये जाने
एवं काला
बाजारी कर
खुले बाजार
में विक्रय
करने तथा
लगातार दुकान
बंद रहने की
किस-किस
प्रकार की
शिकायतों पर
क्या-क्या
कार्यवाही
हुई?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जिला
सिवनी अन्तर्गत
वर्ष 2020-21
से लेकर प्रश्न
दिनांक तक कुल
जारी पात्र
परिवार
(पात्रता पर्ची)
एवं उन्हें
प्रदाय
खाद्यान्न
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) पात्र
बीपीएल
परिवारों को
निरंतर
पात्रता पर्ची
जारी की जा
रही है। राजस्व
विभाग द्वारा
पात्र नवीन
बीपीएल
परिवारों के
चिन्हांकन
उपरांत एम
राशन मित्र
पोर्टल पर स्वीकृत
परिवारों एवं
सदस्यों
द्वारा स्वयं
ईकेवाईसी
करवाने के
उपरांत
निरंतर पात्रता
पर्चियां
जारी की जा
रही है। सिवनी
जिले के 08
विकासखंडों
में 86472
पात्रता
पर्ची
विकासखंड वार
बीपीएल श्रेणी
के परिवारों
को जारी ''राशन
कार्ड'' (पात्रता
पर्ची) की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। उपरोक्त
हितग्राहियों
को निरंतर
प्रतिमाह
पात्रता
अनुसार
खाद्यान्न
वितरण की
कार्यवाही
जारी है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
चिकित्सा
शिक्षा से
संबंधित
पाठ्यक्रमों
का संचालन
[उच्च
शिक्षा]
141.
( क्र. 1264 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सरदार
पटेल विश्वविद्यालय
डोंगरिया
जिला बालाघाट
में चिकित्सा
शिक्षा से
संबंधित कौन-कौन
से पाठ्यक्रम
कब से संचालित
है? संचालित
पाठयक्रम में
शासन द्वारा
क्या निर्धारित
शुल्क तय किया
गया है? विश्वविद्यालय
प्रबंधन
द्वारा क्या
शुल्क लिया जा
रहा है? शासन
द्वारा
निर्धारित
शुल्क से अधिक
शुल्क लिए
जाने की प्रश्न
दिनांक तक
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई
है एवं प्रश्न
दिनांक तक
कितनी
शिकायतों पर
क्या-क्या निराकरण
किया गया है
विस्तृत
विवरण उपलब्ध
कराएं। (ख) प्रश्नांश (क)
अंतर्गत
वित्तीय वर्ष 2022–23 से प्रश्न
दिनांक तक विश्वविद्यालय
प्रबंधन
द्वारा
संचालित
चिकित्सा
शिक्षा के
कोर्सों में
प्रवेश
प्राप्त
करने वाले
छात्रों की
सूची एवं उनसे
लिये गये
प्रवेश शुल्क
एवं अन्य
समस्त शुल्क
की जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ग) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित विश्वविद्यालय
में संचालित
चिकित्सा
शिक्षा से
संबंधित कोर्स
हेतु विश्वविद्यालय
प्रबंधन
द्वारा कौन-कौन
से विभाग एवं
संस्थाओं
द्वारा कौन-कौन
सी अनुमतियां
ली गई है
समस्त
अनुमतियों की
जानकारी
उपलब्ध करें? (घ) उक्त
विश्वविद्यालय
एवं उसका
कैंपस कुल
कितनी भूमि
में निर्मित है? वह भूमि
शासकीय
अभिलेखों में
किस नाम से
दर्ज है एवं
निर्माण
कार्य हेतु
कौन-कौन से
विभाग से
क्या-क्या
अनुमतियां ली
गई है? समस्त
जानकारियाँ
उपलब्ध कराएं?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) चिकित्सा
शिक्षा से
संबंधित
पैरामेडिकल
एवं नर्सिंग
पाठ्यक्रम
वर्ष 2020 से
संचालित हैं।
संचालित
पाठ्यक्रम
में म.प्र.
निजी विश्वविद्यालय
विनियामक
आयोग द्वारा
शुल्क तय किया
गया है। म.प्र.
निजी विश्वविद्यालय
विनियामक
आयोग द्वारा
निर्धारित
शुल्क विश्वविद्यालय
प्रबंधन
द्वारा लिया
जा रहा है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। निर्धारित
शुल्क से अधिक
शुल्क लिए
जाने की प्रश्न
दिनांक तक कोई
भी शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) विश्वविद्यालय
प्रबंधन
द्वारा
चिकित्सा
शिक्षा से
संबंधित
पैरामेडिकल
कोर्स हेतु
म.प्र. निजी विश्वविद्यालय
विनियामक
आयोग भोपाल, म.प्र.
पैरामेडिकल
काउंसिल
भोपाल एवं
नर्सिंग
कोर्स हेतु
म.प्र. निजी विश्वविद्यालय
विनियामक
आयोग भोपाल, मध्यप्रदेश
नर्सेस
रजिस्ट्रेशन
काउंसिल भोपाल
से अनुमतियाँ
ली गई हैं।
अनुमतियों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (घ) विश्वविद्यालय
का कैंपस कुल 26.2 एकड़ भूमि
में निर्मित
है। वह भूमि
शासकीय अभिलेखों
में विंध्य
शिक्षा समिति
के नाम से दर्ज
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''4'' अनुसार है। निर्माण
कार्य हेतु
ग्राम पंचायत
डोंगरिया द्वारा
अनापत्ति एवं
अपर कलेक्टर
जिला बालाघाट
द्वारा
व्यपवर्तन
प्रमाण पत्र
जारी किया गया
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''5'' अनुसार
है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
पात्रता
पर्चियों से राशन की
प्राप्ति
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
1. ( क्र. 6 ) श्री
अशोक ईश्वरदास
रोहाणी : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जबलपुर
जिले में कुल
कितने
हितग्राहियों
को प्रधानमंत्री
गरीब कल्याण
अन्न योजना के
तहत पात्रता
पर्ची के
माध्यम से
राशन की
प्राप्ति हो
रही है? (ख) केंट
विधानसभा के
कितने
हितग्राहियों
को प्रधानमंत्री
गरीब कल्याण
अन्न योजना के
तहत पात्रता
पर्ची के
माध्यम से
राशन की
प्राप्ति हो
रही है? (ग) केंट
विधानसभा के
ऐसे कितने
हितग्राहियों
के आवदेन अभी
तक लंबित है? इन
हितग्राहियों
को कब तक इस
योजना का लाभ
मिलेगा?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क) जबलपुर
जिले में कुल 389146
परिवारों के 1448048 सदस्यों
को
प्रधानमंत्री
गरीब कल्याण
अन्न योजना के
तहत पात्रता
पर्ची के
माध्यम से
राशन की
प्राप्ति हो
रही है। (ख) केंट
विधानसभा के
कुल 24771 परिवारों
के कुल 92642 सदस्यों
को
प्रधानमंत्री
गरीब कल्याण
अन्न योजना के
तहत पात्रता
पर्ची के
माध्यम से
राशन की प्राप्ति
हो रही है। (ग) केंट
विधानसभा के
कुल 773
हितग्राहियों
का नगरीय
निकायों
द्वारा
पात्रता
श्रेणी में
सत्यापन
किया गया है।
इन
हितग्राहियों
के द्वारा स्वयं
ई-केवाईसी
करवाने के
उपरांत
पात्रता पर्ची
जारी करने की
कार्यवाही
निरंतर जारी
है।
प्रश्नकर्ता
के पत्रों पर
कार्यवाही
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
2. ( क्र. 9 ) श्री यादवेन्द्र
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विधानसभा
तारांकित प्रश्न
क्र.219 दिनांक 11 मार्च,
2025 को
किया गया था
जिसमें ग्राम
पंचायतों
द्वारा
अधिकार विहीन
अनुबंधों का
सहारा लेकर
गौचर भूमि
खुर्द-बुर्द
की गई थी? (ख) यदि प्रश्नांश
(क) हाँ है तो क्या
यह भी सही है
कि प्रश्नांश
"क" में
वर्णित प्रश्न
के प्रश्नांश
(घ) में ग्राम
पंचायत
माडूमर, चरपुवां,
दरगुवां,
बुडेरा,
नन्हीटेहरी,
लक्ष्मणपुरा,
सूड़ाधर्मपुरा,
आदि
में हरीतिका
संस्था को
अनुबंध करना
स्वीकार किया
था? (ग) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा अपना पत्र
क्र.-
एम.एल.ए./टी.के.जी.।
। -1149, दिनांक
30.09.2025
कलेक्टर
टीकमगढ़ को
दिया था और
अनाधिकृत कार्य
करने वालो पर
कार्यवाही
हेतु लेख किया
था? (घ) यदि प्रश्नांश
(ग) हाँ है तो प्रश्नांश
(ग) में वर्णित
पत्र पर अब तक
क्या कार्यवाही
की गई तथा
प्रश्नकर्ता
को अवगत न
कराने के लिए
कौन दोषी है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) पत्र
में उल्लिखित
अनाधिकृत
कार्य करने
वाली संस्था
हरितिका पर न्यायालय
नायब
तहसीलदार
शिवपुरी कुण्डेश्वर
में ग्राम
चरपुंवा का
राजस्व
प्रकरण 27/अ-68/ 2024-25 में
अनावेदक संस्था
हरीतिका संस्था
पर शासकीय
भूमि पर किये
गये अतिक्रमण
के कारण 50000/- रूपये
अर्थदण्ड
एवं न्यायालय
तहसीलदार
टीकमगढ़
द्वारा ग्राम
मांडूमर का
राजस्व
प्रकरण 0123/ अ-68/ 2024-25 में
अनावेदक संस्था
हरीतिका संस्था
पर शासकीय
भूमि पर किये
गये अतिक्रमण
के कारण 50000/- रूपये
अर्थदण्ड
पारित आदेश
अनुसार लगाया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
इसके साथ ही
ग्राम पंचायत
मांडूमर के
सचिव पर
कार्यालय
जिला पंचायत
टीकमगढ़ के
आदेश दिनांक 04.04.2025
एवं
ग्राम पंचायत
चरपुंवा के
सचिव पर
कार्यालय जिला
पंचायत
टीकमगढ़ के
आदेश दिनांक 03.04.2025
के
माध्यम से
शासकीय कार्य
में लापरवाही
किये जाने के
कारण असंचयी
प्रभाव से
आगामी एक-एक वार्षिक
वेतनवृद्धि
रोकी गई है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। साथ ही
संबंधित
ग्राम पंचायत
मांडूमर एवं
चरपुंवा के
सरपंचों को
पंचायत
पदाधिकारी के
कार्यदायित्वों
के संपादन में
लापरवाही
करने तथा अपनी
गलती को
स्वीकार करने
पर कार्यालय
जिला पंचायत
के आदेश
दिनांक 04.04.2025 के
द्वारा
अर्थदण्ड
राशि रूपये 10,000 से
पृथक-पृथक
दंडित किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'स' अनुसार है। शेष
ग्राम पंचायत
नन्हीटेहरी,
सूडाधर्मपुरा,
दरगुवां,
लक्ष्मनपुरा
एवं बुड़ेरा
में अनाधिकृत
कार्य करने
वालों के
विरूद्ध
कार्यवाही
करने के संबंध
में कार्यालय
जनपद पंचायत
टीकमगढ़ के पत्र
क्रमांक - 3806
दिनांक
14.11.2025 के माध्यम
से प्रस्ताव
प्राप्त हुआ
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
प्राप्त
प्रस्ताव पर
कार्यवाही
प्रचलन में
है। कार्यालय
जिला पंचायत
टीकमगढ़ के संशोधित
पत्र दिनांक 14.11.2025
के
माध्यम से की
गई कार्यवाही
के संबंध में
मा. विधायक
टीकमगढ़ को
अवगत कराया
कराया गया है।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ई' अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
मनरेगा
में व्याप्त
अनियमितता
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
3. ( क्र. 10 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
मनरेगा
अंतर्गत
कार्यों के
चयन हितग्राहियों
के चयन कार्य
की तकनीकी एवं
प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी करने
निर्माण
कार्यों का मूल्यांकन
व सत्यापन एवं
कार्य स्थल पर
श्रमिकों की
उपस्थिति एवं
मजदूरी
भुगतान किये
जाने हेतु
कौन-कौन
तकनीकी
सॉफ्टवेयर
एवं मोबाईल ऐप
का उपयोग किया
जा रहा है?
(ख) म.प्र.
मनरेगा में
लागू यह सभी
सॉफ्टवेयर
एवं मोबाईल ऐप
क्या भारत
सरकार द्वारा
सभी प्रदेशों
में अनिवार्य
किये गये है।
यदि हाँ, तो
निर्देशों की
प्रति उपलब्ध
करावें। यदि नहीं,
तो
म.प्र. में ऐसे
कितने
सॉफ्टवेयर
एवं मोबाईल ऐप
है जो केवल
म.प्र. मनरेगा
में ही लागू
है? (ग) म.प्र.
शासन द्वारा
प्रश्नांश
"क" एवं ख" में
वर्णित
सॉफ्टवेयर
एवं मोबाईल ऐप
खरीददारी में
कुल कितना
व्यय किया गया
है संपूर्ण
विवरण दें?
क्या
मनरेगा
कर्मचारियों
को तो 4 माह से वेतन
नहीं दिया गया
और अनावश्यक
तकनीकी व
नवाचार के नाम
पर अनावश्यक
व्यय किया गया
है? यदि नहीं,
तो
खरीददारी
कितनी राशि से
किस नीति से
की गई संपूर्ण
विवरण दें?
(घ) प्रश्नांश
"ग" में की गई
अनियमितताओं
एवं अनावश्यक
व्यय करने
हेतु कौन-कौन
कर्मचारी
अधिकारी दोषी
है? उनके नाम पद
सहित उनके
विरूद्ध
कार्यवाही
करने का विस्तृत
विवरण दें?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) मनरेगा
में
हितग्राहियों
के चयन मनरेगा
के वार्षिक
मास्टर
परिपत्र 2024-25 के
विन्दु
क्रमांक 7.4.12
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-अ अनुसार
किया जाता है।
मध्यप्रदेश
में एक
बगिया माँ के
नाम परियोजना
में महिला
हितग्राहियों
का चयन वार्षिक
मास्टर
परिपत्र 2024-25 के
बिन्दु
क्रमांक 7.5.9
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-ब अनुसार
SIPRI का
उपयोग कर चयन
किया गया है।
जिन कार्यों
की क्रियानवयन
एजेंसी ग्राम
पंचायत है
उक्त कार्यों
की तकनीकी एवं
प्रशासकीय
स्वीकृति हेतु
(अभिसरण के
कार्यों को
छोड़कर)
सिक्योर पोर्टल
का उपयोग होता
है। निर्माण
कार्यों का मूल्याकंन
एवं सत्यापन
नरेगा पोर्टल
पर ईएमबी पर
उपयंत्री
द्वारा
साप्ताहिक
मूल्याकंन दर्ज
किया जाता है
एवं सहायक
यंत्री
द्वारा सत्यापन
किया जाता है।
सामुदायिक
कार्यों पर
नियोजित
श्रमिकों की
उपस्थिति
हेतु NMMS एप के
माध्यम से
प्रतिदिन
कार्यरत
श्रमिकों की
कार्यस्थल पर
फोटोग्राफ
दर्ज की जाती
है। मजदूरी का
भुगतान नरेगा
पोर्टल पर
सहायक लेखाधिकारी
मनरेगा एवं
कार्यक्रम
अधिकारी, मनरेगा
द्वारा एफटीओ
कर भुगतान
किया जाता है।
भारत सरकार के
निर्देश
अनुसार नरेगा
साफ्ट के
भुगतान को राज्य
कोषालय के SNA
SPARSH पद्धति
के माध्यम से
प्रशासनिक
एवं सामग्री व्यय
के भुगतान की
व्यवस्था
प्रारंभ की गई
है। (ख) अन्य
प्रदेशों में
क्या
प्रक्रिया
अपनाई जा रही
है। इसकी
जानकारी
विभाग द्वारा
संधारित नहीं
की जाती है।
मध्यप्रदेश
में मनरेगा
में SIPRI. BISAG-N, युक्तधारा
सिक्योर, Area officer
App एवं NMMS
साफ्टवेयर
तथा एप लागू
है।
युक्तधारा
सिक्योर BISAG-N,
Area officer App एवं NMMS
भारत
सरकार द्वारा
संचालित है। (ग)
मध्यप्रदेश
शासन के अधीन
म.प्र राज्य
रोजगार
गारंटी परिषद
द्वारा SIPRI सॉफ्टवेयर
एवं एप पर
राशि रूपये 241605/-
म.प्र
शासन की
संस्था MAPIT को किया
गया है एवं
राशि रुपए 2064000/-
(GST अतिरिक्त)
का भुगतान
म.प्र. शासन की
संस्था MPSEDC को किया
गया है। भारत
सरकार से प्राप्त
आवंटित राशि
अनुसार माह
अगस्त 2025 तक वेतन
भुगतान हेतु
आवंटन जिलों
को किया जा चुका
है। शेष
भुगतान की
मांग भारत
सरकार से की
जा चुकी है।
म.प्र.राज्य
रोजगार
गारंटी परिषद
की 06 वी
कार्यकारिणी
समिति की बैठक
दिनांक 22.04.2025 के
एजेण्डा
क्रमांक 29ख पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-स के
अनुमोदन
उपरांत
मनरेगा हेतु SIPRI
सॉफ्टवेयर
लागू किया गया
है। (घ) जो व्यय
किया गया है
वह कार्यों के
स्थल चयन की
बेहतरी के
लिये किया गया
है जिसके अच्छे
परिणाम
प्रदर्शित
हुए है। अत:
कोई अनियमितता
एवं अनावश्यक
व्यय नहीं
किया गया है।
रिक्त
पदों की
पूर्ति
[उच्च
शिक्षा]
4. ( क्र. 20 ) श्री
कुँवर सिंह
टेकाम : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सीधी
जिले के
अंतर्गत
शासकीय कला
एवं वाणिज्य
महाविद्यालय
मझौली, शासकीय
महाविद्यालय
मड़वास एवं
कुसमी में
प्राध्यापकों
के पद स्वीकृत
हैं? विषयवार
कितने पद भरे
हुए हैं? विषयवार
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
रिक्त पदों की
पदपूर्ति कब
तक की जावेगी?
(ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में
अशैक्षणिक
संवर्ग
(आउटसोर्स) के
पद कितने
स्वीकृत हैं?
महाविद्यालयवार,
पदवार
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
कितने पद भरे
हैं? जानकारी
उपलब्ध
करायें।
रिक्त पदों की
पूर्ति कब तक
कर दी जावेगी?
समय-सीमा
बतायें।
रिक्त पदों की
पूर्ति प्रश्न
दिनांक तक
नहीं किये
जाने के दोषी
अधिकारी कौन
हैं? दोषियों के
विरुद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक
कार्यवाही की
जावेगी?
समय-सीमा
बतायें। (ग) सीधी
जिले के
अंतर्गत
शासकीय
महाविद्यालय
मड़वास के भवन
की स्वीकृति
कर दी गई है?
यदि
हाँ, स्वीकृति
राशि एवं
दिनांक सहित
जानकारी उपलब्ध
करायें। (घ) सीधी
जिले के
अंतर्गत
शासकीय कला
एवं वाणिज्य
महाविद्यालय
मझौली को
स्नातकोत्तर
महाविद्यालय
के रूप में
उन्नयन किये
जाने हेतु
माननीय
मुख्यमंत्री
जी के द्वारा
घोषणा की गई
थी? यदि हाँ,
तो
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
महाविद्यालय
का उन्नयन कब
तक कर दिया
जायेगा?
समय-सीमा
बतायें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) प्रश्नांकित
महाविद्यालयों
में
प्राध्यापक
के पद स्वीकृत
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) शासकीय
महाविद्यालय,
मझौली
में आउटसोर्स
के पद स्वीकृत
नहीं है। शेष जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार
है। रिक्त पदों
की पूर्ति एक
सतत्
प्रक्रिया है,
जिसके
लिए समय-सीमा
बताई जाना
संभव नहीं है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी हाँ।
घोषणा
क्रमांक डी. 0652,
दिनांक
15.05.2025
अनुसार
"शासकीय कला
एवं वाणिज्य
महाविद्यालय,
मझौली
का उन्नयन कर
स्नातकोत्तर
महाविद्यालय
स्वीकृत किया
जायेगा"।
वर्तमान
संसाधनों के
दृष्टिगत
घोषणा की
पूर्ति हेतु
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
जनभागीदारी
में नियुक्त
कर्मचारियों
को विनियमित/
नियमित करना
[उच्च
शिक्षा]
5. ( क्र. 52 ) श्री
महेन्द्र
हार्डिया : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या यह सही
है कि
मध्यप्रदेश
में विभिन्न
शासकीय
महाविद्यालयों
में वर्षों से
जनभागीदारी
में कर्मचारियों
की नियुक्ति
की गई है। (ख) यदि हाँ
तो इन्दौर
स्थित शासकीय
निर्भय सिंह पटेल
विज्ञान
महाविद्यालय
में कितने
कर्मचारी
जनभागीदारी
में नियुक्त
है और कब से
है। (ग) इन
कर्मचारियों
को
विनियमित/नियमित
कब तक किया
जावेगा। यदि
नहीं, तो क्यों।
उच्च
शिक्षा मंत्री
( श्री इन्दर
सिंह परमार ) :
(क) जी
नहीं।
जनभागीदारी
समिति द्वारा
कर्मचारियों
को आवश्यकतानुसार
महाविद्यालय
में कार्य
हेतु आमंत्रण
दिया जाता है।
(ख) शासकीय
निर्भय सिंह
पटेल विज्ञान
महाविद्यालय
इंदौर में कुल
13
कर्मचारी
जनभागीदारी
में
महाविद्यालय
का कार्य किये
जाने हेतु
आंमत्रित है।
आमंत्रित कर्मचारियों
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) शासकीय
महाविद्यालय
में संचालित
जनभागीदारी
समिति द्वारा
कार्य की
आवश्यकता एवं
वित्तीय
संसाधनों को
दृष्टिगत
रखते हुए
जनभागीदारी
समिति द्वारा
निर्धारित
मानदेय पर
आमंत्रण किया
जाता है।
जनभागीदारी
से आमंत्रित
कर्मचारियों
के नियमितीकरण
की कोई योजना
नहीं है।
दैनिक
वेतनभोगी
कर्मचारियों
का नियमितीकरण
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
कौशल विकास
एवं रोजगार)]
6. ( क्र. 53 ) श्री
महेन्द्र
हार्डिया : क्या
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
में विभिन्न
शासकीय औद्योगिक
प्रशिक्षण
संस्थाओं में वर्षों
से दैनिक
वेतनभोगी
कर्मचारी
कार्यरत है। (ख) यदि हाँ
तो इन्दौर
स्थित शासकीय
औद्योगिक प्रशिक्षण
संस्थाओं में
कितने दैनिक
वेतनभोगी
कर्मचारी
कार्यरत है और
कब से है।
क्या संभागायुक्त
द्वारा
इन्हें
नियमित किए
जाने की प्रक्रिया
प्रारंभ की
थी। (ग) यदि हाँ तो
इन
कर्मचारियों
को नियमित कब
तक किया
जावेगा। यदि
नहीं, तो क्यों।
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार ( श्री
गौतम टेटवाल ) :
(क) जी हाँ। (ख)
इंदौर स्थित
शासकीय
औद्योगिक
प्रशिक्षण संस्थाओं
में एक दैनिक
वेतन भोगी
दिनांक 03/07/1993 से
कार्यरत है।
जी हाँ। (ग) समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
भवन
निर्माण एवं
कर्मचारियों
का वेतन
[उच्च
शिक्षा]
7. ( क्र. 54 ) श्री
महेन्द्र
हार्डिया : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
इन्दौर में
नवीन शासकीय
महाविद्यालय
खजराना
प्रारंभ किया
गया है। यदि
हाँ तो क्या सरकार
द्वारा उसे
भूमि आवंटित
कर दी गई है। (ख) यदि हाँ
तो क्या सरकार
द्वारा की गई
भूमि आवंटन
आदेश पर सरकार
के ही अन्य
विभाग द्वारा
माननीय
न्यायालय में
वाद प्रस्तुत
किया है। यदि
हाँ तो क्या
यह न्यायोचित
है कि सरकार
के ही आदेश पर
सरकार के अन्य
विभाग द्वारा
माननीय
न्यायालय में
वाद प्रस्तुत
किया जा रहा
है। भूमि
आवंटन
प्रक्रिया
एवं भवन
निर्माण कब तक
प्रारंभ किया
जाएगा। (ग) क्या
वहॉं पर स्टॉफ
की नियुक्ति
की गई है। यदि
हाँ तो कितने
स्टॉफ की
नियुक्ति की
गई है। क्या
महाविद्यालय
में कोई डीडीओ
नहीं होने एवं
कोषालय के
आईएफएमएस
पोर्टल में
मेप नहीं होने
से स्टॉफ को
वेतन का
भुगतान नहीं
हो पा रहा है।
यदि हाँ तो
क्यों। स्टॉफ
का वेतन
भुगतान कब तक
हो जाएगा।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी हाँ।
जिला कलेक्टर,
इंदौर
के आदेश
क्रमांक 1581/प्र.अ.न./2024,
दिनांक
03/10/2024
द्वारा
शासकीय
महाविद्यालय,
खजराना
जिला इन्दौर
के नवीन भवन
निर्माण हेतु 2.000
हेक्टेयर
भूमि आवंटित
की गई है। (ख) जी हाँ।
डीन, कृषि
महाविद्यालय,
इंदौर
द्वारा
शासकीय
महाविद्यालय,
खजराना
जिला इंदौर
हेतु आवंटित
भूमि के संबंध
में माननीय
उच्च
न्यायालय,
इंदौर
में याचिका
क्रमांक
डब्ल्यू.पी. 11822/2025
प्रस्तुत की
गई है, जिस पर
कार्यवाही
प्रचलन में
है। शेष प्रश्नांश
हेतु समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है। (ग) जी हाँ।
महाविद्यालय
में 07 सहायक
प्राध्यापक
नियमित
पदस्थापना
में एवं 06 अतिथि
विद्यवान
स्वीकृत पदों
के विरूद्ध कार्यरत
हैं। जी नहीं।
महाविद्यालय
में स्वीकृत
पद
आईएफएमआईएस
पोर्टल पर मेप
नहीं होने के कारण
स्टॉफ का वेतन
अन्य शासकीय
महाविद्यालयों
में रिक्त
पदों से किया
जा रहा है।
ग्रामीण
विकास
कार्यों की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
8. ( क्र. 60 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शासन/विभाग
द्वारा
माननीय
मुख्यमंत्री
जी की विशेष
निधि के
माध्यम से जन
आवश्यकताओं
की पूर्ति
हेतु विभिन्न
निर्माण
कार्यों को
स्वीकृति
प्रदान की जा
रही है? (ख) यदि हाँ, तो
जावरा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
ग्राम अरनिया
गुर्जर एवं
ग्राम मुडला
में पुलिया निर्माण
तथा ग्राम
सुजापुर
ग्राम
नंदावता, ग्राम
गोंदी धर्मसी,
ग्राम
झालवा, ग्राम
मेहंदी, ग्राम
पिपलिया सिर,
ग्राम
मार्तंड़गंज,ग्राम
मोयाखेड़ा,
ग्राम
शक्करखेड़ी,
ग्राम
सोहनगढ़, ग्राम
बोरखेड़ा,
ग्राम
बडायला
माताजी, ग्राम
रियावन, ग्राम
आक्यादेह,
एवं
ग्राम कंसेर
में
सांस्कृतिक
शेड्स निर्माण
के प्रश्नकर्ता
द्वारा
प्रस्तावित
एवं अग्रेषित
प्रस्ताव को
स्वीकृति कब
तक दी जा
सकेगी? (ग) अवगत
चरण की अत्यंत
पुराने जर्जर
एवं क्षतिग्रस्त
ग्राम पंचायत
भवन निर्माण
की स्वीकृति
कब तक दी
जाएगी तथा
नवीन
सामुदायिक
भवनों के
प्रस्तावों
को बजट की
स्वीकृति कब
तक दी जाएगी?
(घ) प्रश्नकर्ता
द्वारा
प्रस्तावित
वर्ष 2024 -25 के अंतर्गत
माननीय
मुख्यमंत्री
जी द्वारा प्रदत
विशेष निधि के
विभागीय शेष
प्रस्तावों को
कब तक वित्तीय
स्वीकृति दी
जाएगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
नहीं। विभाग
अंतर्गत मान.
मुख्यमंत्री
जी की विशेष निधि
संचालित नहीं
है। (ख) प्रश्नांश
में वर्णित
जावरा
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
सांस्कृतिक
शेड आदि
निर्माण
कार्यों का
मैदानी सर्वेक्षण/
परीक्षण की
कार्यवाही
प्रचलन में है।
अत: समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) बजट उपलब्धता
के आधार पर
कार्य स्वीकृत
किये जाते है।
अत: समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
खाद,
बीज
वितरण हेतु
लाइसेंस धारक
विक्रेता
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
9. ( क्र. 68 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) झाबुआ
और अलिराजपुर
जिले में,
कितने
निजी खाद-बीज
लाइसेंसधारी
विक्रेता हैं,
समस्त
विक्रेता की
जानकारी नाम,
पता,
लाइसेंस
की वैधता (कब
से कब तक) है। (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में MRP से अधिक
कीमत पर खाद और
बीज बेचने
वाले, लाइसेंस
धारकों पर
वर्ष 2022 से 2025 तक, कब-कब, किस
प्रकार की
कार्यवाही की
यदि कोई
कार्यवाही
नहीं की गई,
तब
किन कारणों से
नहीं की गई।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र
1 अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 2 अनुसार
है।
खेतों
को मुख्य
सड़क से
जोड़ना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
10. ( क्र. 71 ) श्री
जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
राज्य शासन
द्वारा
किसानों के
खेतों तक
पहुँचने हेतु
खेत सड़क
योजना बन्द
कर दी गई है
यदि हाँ, तो
कृपया यह
बताने की कृपा
करें कि उक्त
योजना बन्द
करने का क्या
कारण है। यदि
नहीं, तो इस योजना
हेतु बजट में
कितनी राशि का
प्रावधान
किया है। (ख) क्या
शासन द्वारा
इस योजना के
स्थान पर कोई
नई योजना
बनाने की नीति
पर विचार किया
जा रहा है।
यदि हाँ, तो
कृपया नवीन
योजना की
रूपरेखा तथा
संभावित प्रारंभ
तिथि बतावें।
यदि नहीं,
तो
किसानों के
खेत पहुंच
सुगमता हेतु
शासन द्वारा
भविष्य में
क्या
वैकल्पिक व्यवस्था
की जायेगी।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) एवं (ख)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
निर्माणाधीन
अपूर्ण
आंगनवाड़ी
भवनों के निर्माण
कार्य पर व्यय
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
11. ( क्र. 74 ) श्री
प्रणय प्रभात
पांडे : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) बहोरीबंद
विधान सभा
क्षेत्र
अंतर्गत
प्रश्न
दिनांक तक
कहाँ-कहाँ के
किन-किन ग्राम
पंचायतों के
कौन-कौन से
आंगनवाड़ी
भवनों का
निर्माण
पूर्व में
स्वीकृत
मनरेगा राशि
के उपयोग को निरस्त
किये जाने के
कारण अपूर्ण
है। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
अपूर्ण
आंगनवाड़ी-भवनों
में कितनी
राशि से
कौन-कौन से
निर्माण
कार्य कराये गये
तथा स्वीकृत
मनरेगा राशि
का उपयोग
अप्रैल 2025 से
प्रतिबंधित
किये जाने के
कारण कितनी
राशि के
कौन-कौन से
कार्य अपूर्ण
है? अपूर्ण
आंगनवाड़ी
भवनवार
सम्पूर्ण
सूची देवें?
(ग) निर्माण-एजेन्सियों
के पास
पर्याप्त
राशि न होने
के कारण प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित
अपूर्ण
आंगनवाड़ी-भवनों
का शेष कार्य
पूर्ण करने
हेतु क्या
शासन किसी
अन्य मद से
अतिरिक्त
राशि की
व्यवस्था
करेगा? यदि हाँ
तो किस प्रकार
से कब तक यदि
नहीं, तो क्यों?
(घ) बहोरीबंद
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत 1 जुलाई 2022 के
पूर्व
स्वीकृत
कौन-कौन सी
आंगनवाड़ी
भवन है, जो
विभिन्न
कारणों से
अपूर्ण है।
इनके निर्माण
की स्वीकृत
राशि दिनांक
सहित शेष
निर्माण की
जमा राशि सहित
सूची देवे एवं
क्या शासन इन अपूर्ण
आगनवाड़ी
भवनों के
निर्माण की
प्रशासकीय
स्वीकृति
वर्तमान
निर्माण मॉडल
एवं निर्माण
राशि के
अनुसार
प्रदान करेगा?
यदि
हाँ तो किस
प्रकार से कब
तक बतलावे?
यदि
नहीं, तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) विधानसभा
बहोरीबंद
क्षेत्र
मनरेगा
अभिसरण अंतर्गत
22
ग्राम
पंचायतों में
आंगनवाड़ी
भवन अपूर्ण है,
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
मध्यप्रदेश
शासन पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग
क्र. 284/ एनआरईजीएस-म.प्र./NR-3/2025 भोपाल,
दिनांक
23/04/2025 (पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'स') मनरेगा
अंतर्गत
अभिसरण से
स्वीकृत की गई
आंगनवाड़ी
केन्द्रों की
मनरेगा
अभिसरण अंश की
स्वीकृतियां
निरस्त करते
हुए अप्रारंभ/ अपूर्ण/निर्माणाधीन
कार्यों को
महिला एवं बाल
विकास विभाग
के वित्तीय मद
से पूर्ण
कराये जाने के
निर्देश दिए
गए हैं। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश
शासन पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग
क्र. 284/ एनआरईजीएस-म.प्र./NR-3/2025 भोपाल,
दिनांक
23/04/2025 (पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट 'स')
मनरेगा
अंतर्गत
अभिसरण से
स्वीकृत की गई
आंगनवाड़ी
केन्द्रों की
मनरेगा
अभिसरण अंश की
स्वीकृतियां
निरस्त करते
हुए अप्रारंभ/ अपूर्ण/निर्माणाधीन
कार्यों को
महिला एवं बाल
विकास विभाग
के वित्तीय मद
से पूर्ण
कराये जाने के
निर्देश दिए
गए हैं तथा
महिला एवं बाल
विकास विभाग
का का आदेश
क्र. 591/1515282/2023/50-2 भोपाल,
दिनांक
29.02.2024 ( पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ड') अनुसार
विभागीय
निर्माणाधीन,
अप्रारंभ
एवं नवीन
आँगनवाड़ी
भवनों के निर्माण
हेतु
निम्नानुसार
स्वीकृति
प्रदान की गई
हैं: (1) नवीन
आंगनवाड़ी
भवन निर्माण
तथा
अपूर्ण/निर्माणाधीन
एवं
अप्रारम्भ
भवनों को
राज्य मद की
योजना 5360 से
पूर्ण किये
जाने के लिए
वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक
योजना की
स्वीकृति एवं
निरन्तरता
प्रदान की
जाती है। (2)
वित्तीय
वर्ष 2015-16 से वित्तीय
वर्ष 2022-23 तक 3140 अपूर्ण
निर्माणाधीन
तथा 1491 अप्रारम्भ
आंगनवाड़ी
भवनों को
शत-प्रतिशत राज्य
मद की योजना 5360-आंगनवाड़ी
भवन निर्माण
योजना 64 वृहद
निर्माण कार्य-001-
वृहद
निर्माण
कार्य से
पूर्ण किये
जाने हेतु कुल
9299.19
लाख रूपये की
स्वीकृति
प्रदान की
जाती है। (3)
वित्तीय
वर्ष 2024-25 में 230
अप्रारम्भ
आंगनवाड़ी
भवनों का
निर्माण किये
जाने के लिए
रु.780.00 लाख एवं
किराए के
भवनों में
संचालित
आंगनवाड़ी
केन्द्रों के
लिए वित्तीय
वर्ष 2024-25 में 1000 तथा 2025-26 में 1000 नवीन
आंगनवाड़ी
भवनों का
निर्माण किये
जाने के लिए
रु.22440.00 लाख के
कार्यों की
योजना 5360-आंगनवाड़ी
भवन निर्माण
योजना
अंतर्गत स्वीकृति
प्रदान की
जाती है। (4)
भविष्य
में अभिसरण
अंतर्गत
स्वीकृत होने
वाले
आंगनवाड़ी
भवनों का
निर्माण
पूर्णतः
राज्य मद की
योजना 5360-आंगनवाड़ी
केन्द्रों के
लिये भवन
निर्माण से
किए जाने की
स्वीकृति
प्रदान की
जाती हैं। (5)
आंगनवाड़ी
भवनों का
निर्माण
ग्रामीण
क्षेत्रों
में ग्राम
पंचायत एवं
नगरीय
क्षेत्रों में
नगरीय निकाय
से कराए जाने
की स्वीकृति
प्रदान की
जाती है। (घ) विधानसभा
बहोरबंद
क्षेत्र
अंतर्गत
अपूर्ण आंगनवाड़ी
भवनों की पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
महिला एवं बाल
विकास विभाग
का आदेश क्र. 591/1515282/2023/50-2 भोपाल,
दिनांक
29.02.2024 पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार
विभागीय
निर्माणाधीन,
अप्रारंभ
एवं नवीन
आँगनवाड़ी
भवनों के निर्माण
हेतु
निम्नानुसार
स्वीकृति
प्रदान (पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ड' अनुसार)
की
गई हैं (2) वित्तीय
वर्ष 2015-16 से वित्तीय
वर्ष 2022-23 तक 3140 अपूर्ण
निर्माणाधीन
तथा 1491 अप्रारम्भ
आंगनवाड़ी
भवनों को
शत-प्रतिशत
राज्य मद की
योजना 5360-आंगनवाड़ी
भवन निर्माण
योजना 64 वृहद
निर्माण
कार्य-001- वृहद
निर्माण
कार्य से
पूर्ण किये
जाने हेतु कुल
9299.19
लाख रूपये की
स्वीकृति
प्रदान की
जाती है। (5)
आंगनवाड़ी
भवनों का
निर्माण
ग्रागीण
क्षेत्रों
में ग्राम
पंचायत एवं
नगरीय
क्षेत्रों
में नगरीय निकाय
से कराए जाने
की स्वीकृति
प्रदान की जाती
है। अपूर्ण
आंगनवाड़ी
भवनों की
वर्तमान निर्माण
मॉडल एवं
निर्माण राशि
के अनुसार राशि
प्रदाय किये
जाने का प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता है।
पृथक
अधिनियम से
स्थापित और
संचालित
विश्वविद्यालय
[उच्च
शिक्षा]
12. ( क्र. 75 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
में पृथक
अधिनियम से
कितने विश्वविद्यालय
स्थापित और
संचालित हैं,
उनके
नाम, स्थान सहित
स्थापना एवं
संचालन हेतु
मध्यप्रदेश
सरकार द्वारा
जारी
अधिसूचना
सहित जानकारी
उपलब्ध कराएं?
उक्त
समस्त
विश्वविद्यालयों
के कुलाधिपति,
कुलगुरु,
कुलसचिव
एवं उप
कुलसचिवों के
नाम, पदनाम की
सूची एवं
नियुक्ति
पत्र भी
उपलब्ध करायें,
यदि
किसी
विश्वविद्यालय
की अधिसूचना
जारी नहीं की
गई है तो
क्यों एवं कब
की जायेगी,
संबंधित
जानकारी
दस्तावेज
उपलब्ध कराएं?
(ख) क्या
पृथक अधिनियम
से स्थापित
एवं संचालित विश्वविद्यालय,
विश्वविद्यालय
अनुदान आयोग
विनियम 2003 के अधीन
संचालित हैं,
यदि
हाँ, तो इन
विश्वविद्यालयों
की सूची भी
उपलब्ध करायें
यदि कोई
विश्वविद्यालय,
विश्वविद्यालय
अनुदान आयोग
विनियम 2003 से
मुक्त है तो
उस
विश्वविद्यालय
का नाम एवं संबंधित
आदेश सहित
विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध करायें?
(ग) विश्वविद्यालय
अनुदान आयोग
अधिनियम 1956 में
उल्लिखित
विश्वविद्यालयों
की कैटेगिरी
(केन्द्रीय
विश्वविद्यालय,
राज्य
विश्वविद्यालय,
निजी
विश्वविद्यालय,
डीम्ड
विश्वविद्यालय)
के अतिरिक्त
अन्य कैटेगिरी
के
विश्वविद्यालय
यदि
मध्यप्रदेश
में संचालित
हैं तो उनके
नाम, स्थान सहित
स्थापना एवं
संचालन हेतु
मध्यप्रदेश
सरकार द्वारा
जारी
अधिसूचना
सहित विश्वविद्यालयों
के कुलाधिपति,
कुलगुरु,
कुलसचिव,
उप
कुलसचिवों के
नाम पदनाम की
सूची एवं
नियुक्ति
पत्र सहित
उपलब्ध
करायें? (घ) म.प्र.
में पृथक
अधिनियम से
स्थापित एवं
संचालित निजी
विश्वविद्यालयों
के नाम सहित
प्रत्येक
विश्वविद्यालय
के प्रायोजक
निकाय संस्था/ट्रस्ट
का नाम, रजिस्ट्रेशन
सहित विभागीय
संबद्धता सहित
जानकारी
उपलब्ध कराएं?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) मध्यप्रदेश
में पृथक
अधिनियम से 07 राज्य
सार्वजनिक
विश्वविद्यालय
एवं 01 राज्य निजी
विश्वविद्यालय
संचालित है,
जिसके
निजी विश्वविद्यालय
होने की
स्थिति पर
माननीय उच्च
न्यायालय में
प्रकरण
प्रचलित है।
शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। (ख) विश्वविद्यालय
अनुदान आयोग
विनियम, 2003 निजी
विश्वविद्यालयों
से संबंधित है
तथा यह समस्त
निजी विश्वविद्यालयों
पर लागू होता
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) राज्य
शासन द्वारा
केवल
सार्वजनिक
विश्वविद्यालय
एवं निजी
विश्वविद्यालयों
की स्थापना की
गई है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) मध्यप्रदेश
में पृथक
अधिनियम से
स्थापित निजी
विश्वविद्यालय
का नाम महर्षि
महेश योगी वैदिक
विश्वविद्यालय
है, परंतु उक्त
विश्वविद्यालय
के निजी होने
की स्थिति के
संबंध में
माननीय उच्च
न्यायालय में
प्रकरण
प्रचलित है।
विश्वविद्यालय
के प्रायोजी
निकाय संबंधी
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार
है।
शासकीय
महाविद्यालय
बागली में
बाउण्ड्रीवाल
का निर्माण
[उच्च
शिक्षा]
13. ( क्र. 76 ) श्री मुरली
भँवरा : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या शासकीय
महाविद्यालय
बागली जिला
देवास के परिसर
में
बाउण्ड्रीवाल
निर्माण हेतु
संबंधित
विभाग में
प्रकिया
प्रचलित हैं?
(ख) यदि हाँ,
तो
उक्त
बाउण्ड्रीवाल
निर्माण
कार्य हेतु
प्रस्ताव
स्वीकृति,
बजट
प्रावधान एवं
प्रशासकीय
स्वीकृति की
वर्तमान
स्थिति क्या
है? (ग) क्या यह
प्रकरण शासन
स्तर पर किस
विभाग/अधिकारी
के पास लंबित
है और इस
निराकरण हेतु
क्या-क्या
कार्यवाही की
गयी हैं? (घ) क्या इस
कार्य हेतु
तकनीकी
स्वीकृति एवं
वित्तीय
स्वीकृति
जारी की गयी
हैं। यदि हाँ,
तो
उसका विवरण
देवें? (ड.) क्या
उक्त निर्माण
कार्य के लिये
समय-सीमा निर्धारित
की गई हैं यदि
हाँ, तो निर्माण
कार्य कब तक
प्रारंभ एवं
पूर्ण किया
जाना
प्रस्तावित
हैं?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
नहीं। (ख) से (ड.) प्रश्नांश
(क) के उत्तर
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
तकनीकी
महाविद्यालयों
में भर्ती
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
तकनीकी
शिक्षा) ]
14. ( क्र. 92 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या
तकनीकी
शिक्षा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में संचालित
शासकीय/स्वशासी
इंजीनियरिंग
एवं
पॉलीटेक्निक
कालेजों की
संख्यात्मक
जानकारी
जिलेवार देते
हुए बतावें कि
इनमें कितनी
संख्या में
अतिथि
विद्वान कब से
कार्यरत है।
पृथक-पृथक
जानकारी दें। (ख) विगत 10 वर्षों
में वर्षवार
कितनी संख्या
में अतिथि
विद्वानों की
भर्ती
इंजीनियरिंग
एवं
पॉलीटेक्निक कालेजों
में की गयी।
वर्षवार
संख्यात्मक
जानकारी दें। (ग) जिन
कालेजों में
अतिथि
विद्वान
अध्यापन कर रहे
है उन कालेजों
का रिजल्ट
कितने
प्रतिशत रहा। (घ) क्या
तकनीकी
शिक्षा कौशल
विकास एवं
रोजगार विभाग
द्वारा प्रश्नांश
''क''
में
उल्लेखित
कालेजों में
सहायक
प्राध्यापकों/व्याख्याताओं
के रिक्त पदों
हेतु गेट 2026 के
माध्यम से
भर्ती किये
जाने हेतु
सितम्बर 2025 में
विज्ञापन
दिये थे। (ड.) यदि
हाँ, तो बतावें
कि भारतीय
तकनीकी
शिक्षा परिषद
द्वारा गेट से
ही नियुक्ति
हेतु निर्देश
है, यदि हाँ, तो इसकी
प्रति उपलब्ध
कराते हुए
उपरोक्त नियुक्तियों
में वर्षों से
कार्यरत
अतिथि विद्वानों
को कोई छूट दी
गयी। यदि हाँ, तो क्या?
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार
है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार
है। (घ)
जी हाँ। (ड.) जी
नहीं। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
रायपुर
सोसायटी के
हितग्राहियों
को राशि न मिलना
[सहकारिता]
15. ( क्र. 93 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) नर्मदापुरम
जिले की जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित,
नर्मदापुरम
में स्थायी
महाप्रबंधक
की नियुक्ति
नहीं की जा
सकी है। यदि
हां, तो कब से?
(ख) जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित,
नर्मदापुरम
की रायपुर
शाखा में
कितने उपभोक्ताओं
के खाते हैं?
(ग) प्रश्नांश
(ख) में उल्लेखित
किसानों/उपभोक्ताओं
में ऐसे कितने
है जिन्हें
उनके खाते में
जमा राशि नहीं
दी जा रही है?
उपभोक्ताओं
के नाम एवं
उनके खाते में
जमा राशि की
जानकारी दें। (घ)
उपभोक्ताओं
को जमा राशि
का भुगतान कब
तक किया जा
सकेगा? (ड.) जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित,
नर्मदापुरम
में विगत 20 वर्षों
से अधिक समय
से कितनी राशि
(नॉन ऑपरेटिंग)
जमा है?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) :
(क) जी हाँ।
दिनांक 17-08-2023 से। (ख) जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित,
नर्मदापुरम
की रायपुर में
कोई शाखा कार्यरत
न होने से
जानकारी
निरंक है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश
''ख''
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित,
नर्मदापुरम
में विगत 20 वर्षों
से अधिक समय
की (नॉन
ऑपरेटिंग) की
कोई भी राशि
जमा नहीं है।
अतिरिक्त
प्रभार हटाये
जाने की
कार्यवाही
[सहकारिता]
16. ( क्र. 107 ) श्री
ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सहायक आयुक्त
सहकारिता
कार्यालय
जिला पन्ना का
प्रभार सहायक
आयुक्त दमोह
को दिया गया
है? यदि हाँ,
तो
जिला सहकारिता
कार्यालय में
अधिकारी की
नियमित
उपस्थिति न
होने के कारण
कार्यालयीन
कार्यों में आ
रही समस्याओं
के निराकरण
एवं सफल
संचालन हेतु पूर्ण
रूप से
अधिकारी की
नियुक्ति की
जावेगी? यदि हाँ,
तो
कब तक? यदि नहीं,
तो
क्यों? (ख) क्या
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
सहकारी बैंक,
पन्ना
के पास जिला
सहकारी बैंक
छतरपुर का भी
अतिरिक्त
प्रभार है?
यदि
हाँ, तो क्या दो
जिलो का
प्रभार होने
के कारण पन्ना
जिले में
कार्य की
अधिकता से
कार्यों का
अपेक्षित
संचालन नहीं
होने के कारण
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, पन्ना
का अतिरिक्त
प्रभार हटाया
जावेगा? यदि हाँ,
तो
कब तक बतावें?यदि
नहीं तो क्यों?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) :
(क) जी हाँ।
आदेश दिनांक 17.06.2025 के
द्वारा पन्ना
जिले में
पूर्णकालिक
अधिकारी की
पदस्थापना
की गई है किन्तु
संबंधित
अधिकारी को स्थानांतरण
के विरूद्ध स्थगन
प्राप्त है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
हाँ, शीर्ष बैंक
में संवर्ग
अधिकारियों
की कमी होने
से। जी नहीं,
दोनों
जिला बैंकों
का कार्य
वर्तमान में
सुचारू रूप से
संपादित होने
से शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
विधि
कक्षायें एवं
स्नातकोत्तर
की कक्षायें
प्रारंभ करना
[उच्च
शिक्षा]
17. ( क्र. 108 ) श्री
ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विधानसभा
सत्र मार्च 2025 के
तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 123 दिनांक 11.03.2025 के
प्रश्नांश
(ख) अनुसार
पन्ना जिले
में विधि
कालेज
प्रारंभ किये
जाने को लेकर
पूछे गये
प्रश्न के
उत्तर में
माननीय
मंत्री जी
द्वारा आयुक्त
उच्च शिक्षा
म.प्र. के पत्र
क्रमांक 145/132ए/ 168/स्ववि/आउशि/
योजना/2023 दिनांक 06.04.2023 के
द्वारा
स्ववित्तीय
पाठयक्रम
प्रारंभ करने
की अनुमति
प्रदान की जा
चुकी है। इसके
तहत बीसीआई के
मापदण्ड पूरे
होने की
स्थिति में
महाविद्यालय
द्वारा
जनभागीदारी
समिति के
माध्यम से
स्ववित्तीय
पाठयक्रम
प्रारंभ किया
जा सकेगा, से अवगत
कराया गया था?
(ख) यदि
प्रश्नांश
(क) हाँ है तो
क्या विधि
कक्षाएं
प्रारंभ कर दी
गई है? यदि नहीं,
तो
कब तक पन्ना
में विधि
कालेज
प्रारंभ किया
जाकर कक्षाएं
प्रारंभ की
जावेगी
जानकारी दें। (ग) क्या
विधानसभा
सत्र जुलाई 2025 में
प्रश्नकर्ता
द्वारा अजयगढ़
में
स्नातकोत्तर
कक्षाओं का
संचालन
प्रारंभ
कराये जाने के
संबंध में
पूछे गये
तारांकित
प्रश्न क्र.501 दिनांक 28/07/2025 के
उत्तर में
माननीय
मंत्री जी
द्वारा कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है से अवगत
कराया गया था?
क्या
उक्त
कार्यवाही
पूर्ण कर ली
गई है? यदि हाँ तो
कब से
स्नातकोत्तर
की कक्षायें
प्रारंभ की
जावेगी? यदि
नहीं, तो क्यों?
कब
तक कार्यवाही
पूर्ण कर
अजयगढ़ में
स्नातकोत्तर
कक्षाओं का
संचालन
प्रारंभ
कराया जावेगा?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी
नहीं।
बी.सी.आई. (बार
काउंसिल ऑफ
इण्डिया) द्वारा
दिनांक 13.08.2025 को जारी
मोरेटोरिम
अनुसार आगामी 3 वर्षों
तक नवीन विधि
महाविद्यालय
प्रारंभ करने
की कार्यवाही
स्थगित रखी
गयी है। (ग) जी हॉं।
जी नहीं।
वित्त विभाग
की सहमति एवं
मंत्रि परिषद
की स्वीकृति
उपरान्त
स्नातकोत्तर
कक्षाएं
प्रारंभ की जा
सकेगी।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
आजीविका
मिशन की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
18. ( क्र. 109 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2025-2026 में
आजीविका मिशन
द्वारा
अप्रैल से
नवंबर तक,
कितनी
चक्रीय राशि,
कितनी
समुदाय निवेश
राशि, जिलों को
जारी की गई?
जिले
अनुसार, समूह
अनुसार, माह
अनुसार
जानकारी
दें। (ख) केंद्र
सरकार के पत्र
क्रमांक J/11060/27/2013-RL
(E- 329769
गवर्नमेंट
ऑफ़ इंडिया,
मिनिस्ट्री
ऑफ़ रूरल
डेवलपमेंट
दिनांक 21 अप्रैल 2025 अनुसार
माननीय
प्रधानमंत्री
द्वारा सिंगल क्लिक
पर प्रदेश में
आजीविका मिशन
की माहिलाओं के
लिए 179 करोड़ की
चक्रीय राशि
और समुदाय
निवेश राशि दी
गई? यदि हां,
तो
प्राप्त राशि
में से कितनी
राशि किस-किस
माह में कितनी
समूहों के
बैंक खातों
में भेज दी गई
है? यदि नहीं,
तो
क्यों? (ग) आजीविका
मिशन द्वारा
समूह बनने के
बाद चक्रीय
राशि, समुदाय
निवेश राशि एवं
अन्य राशि
देने के क्या
वित्तीय नियम
निर्देश है?
चक्रीय
तथा समुदाय
निवेश राशि
समूह गठन से
कितने दिन बाद
दी जाती है?
अभी
तक कितने
समूहों को
चक्रीय राशि,
समुदाय
निवेश राशि,
स्टार्टअप
फण्ड दिया जा
चुका है और
कितने समूहों
को चक्रीय
राशि, समुदाय
निवेश तथा स्टार्ट
अपफंड राशि
देना शेष है?
फंड
अनुसार
जानकारी दें। (घ) समूह
गठन के बाद
समूह सदस्यों
की व्यक्तिगत
कितनी बचत
समूह में जमा
की गई है, 2015 से
नवंबर 2025 तक
वर्षवार
बताएं? कितने
समूहों के पास
बुक्स ऑफ
रिकॉर्ड
उपलब्ध है,
जिसमें
लेखन किया जा
रहा है? वर्ष 2015-2016,
वर्ष
2016-2017
तक मध्य
प्रदेश में
कुल कितने
समूह तथा
कितने समूह
सदस्य थे?
नवंबर
2025
अनुसार कितने
समूह तथा
कितने समूह
सदस्य हैं। (ड.) वर्ष 2015-16 से 2024-25 तक
वर्षवार
कितना बजट था,
कितना
प्राप्त हुआ व
किस-किस
कार्यों में
कितना-कितना
खर्च किया गया?
कुल
कितना खर्च
किया गया।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) वर्ष 2025-26 में
आजीविका मिशन
द्वारा जिले
अनुसार अप्रैल
से नवंबर तक 14,010 समूहों
को राशि रू. 2802.00 लाख
चक्रीय राशि
एवं 206 संगठनों को 4707.90 लाख समुदाय
निवेश निधि
जारी की गई है,
जिसकी
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है।
समूह अनुसार
एवं माह
अनुसार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) भारत
सरकार के
संदर्भित
पत्र के
सम्बन्ध में तत्समय
SNA खाते
में उपलब्ध
प्रारंभिक
शेष राशि में
से चक्रीय
राशि एवं
समुदाय निवेश
राशि वितरण
हेतु
नियमानुसार
फण्ड
डिस्बर्समेंट
मॉड्यूल में
प्रस्ताव का
परीक्षण कर
राशि वितरण हेतु
उल्लेख किया
गया था। फण्ड
डिस्बर्समेंट
मॉड्यूल पर
जिलों द्वारा
दर्ज
प्रकरणों के परीक्षण
एवं जिलों से
प्रस्तुत
मांग के सम्बन्ध
में लोकोस
प्रोफाइल
अद्यतन किये
जाने तथा लोकोस
ट्रांसेक्शन
कट-ऑफ़ दर्ज,
सूक्ष्म
साख योजना के
प्रपत्र चेक
कर प्रस्ताव
दर्ज करने
हेतु जिलों को
अवगत कराया
गया ताकि
ई-बुक्स ऑफ़
रिकार्ड्स की
पारदर्शिता
रहे। जिलों
द्वारा फण्ड
डिस्बर्समेंट
मॉड्यूल पर
अपूर्ण
प्रस्ताव दर्ज
होने के
सम्बन्ध में
राष्ट्रीय
मिशन इकाई की
विडिओ
कॉन्फरेंस
में भी अवगत
कराया गया।
राष्ट्रीय
मिशन इकाई
द्वारा
प्राप्त जानकारी
अनुसार उक्त
कार्यक्रम
में राज्यवार
राशि वितरण
करने जानकारी
प्रदान नहीं
की गई है। राज्य
कार्यालय
द्वारा इस
वित्तीय वर्ष
में माह
नवम्बर 2025 तक
परीक्षण
उपरांत
चक्रीय राशि
रु.2802.00 लाख तथा
समुदाय निवेश
राशि रु.4707.90 लाख
जारी की गयी
है, जिसकी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) चक्रीय
राशि एवं
समुदाय निवेश
राशि जारी किये
जाने संबंधी
निर्देश पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
लोकोस पोर्टल
की FR01 रिपोर्ट
अनुसार अभी तक
कुल 4,09,709 समूहों को
राशि रू.623.84 करोड़
की चक्रीय
राशि एवं कुल 2,05,549 समूहों
कुल राशि रू. 1848.34 करोड़
समुदाय निवेश
राशि प्रदान
की गई है, समूहों
को स्टॉर्टअप
फण्ड संबंधी
राशि जारी
नहीं की गई
है। कुल 29,411 समूहों
को चक्रीय
राशि दिया
जाना शेष है
तथा जिलों
द्वारा नवीन
गठित समूहों
अथवा सक्रिय किये
जाने वाले
समूहों को
पात्रता
अनुसार समुदाय
निवेश राशि
प्रदान की
जाती है।
समूहों को स्टॉर्टअप
फण्ड संबंधी
राशि जारी
नहीं की गयी
है। (घ) लोकोस
पोर्टल की
वर्तमान में F01
रिपोर्ट
अनुसार
सदस्यों की
समेकित
व्यक्तिगत
बचत की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट –
4
अनुसार है।
वर्षवार
जानकारी
पोर्टल पर
उपलब्ध नहीं हैl
(ड.) वर्ष 2015-16 से 2024-25 तक
वर्षवार बजट
एवं कुल खर्च
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।
शिक्षा,
चिकित्सा
शिक्षा तथा
उच्च शिक्षा
संस्थानों
में फीस
वृद्धि
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
तकनीकी
शिक्षा) ]
19. ( क्र. 112 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 2376 दिनांक 04/08/25 के
प्रश्नांश
(क) का स्पष्ट
उत्तर देवें
कि कितने
आवेदन आए,
किस
आवेदन पर
कितने
प्रतिशत
वृद्धि की गई।
आय-व्यय पत्रक
का परीक्षण
किसके द्वारा
किया गया। 2008 से 2015-16 की
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) आय-व्यय
पत्रक के
मुख्य शीर्ष
क्या-क्या
हैं। क्या विभाग
द्वारा
आय-व्यय पत्रक
का कोई
फॉर्मेट बनाकर
दिया गया है,
या
संस्थान अपने
अनुसार
आय-व्यय पत्रक
बनाकर पेश
करता है।
आय-व्यय पत्रक
के किस शीर्ष
में इतना अंतर
होता है कि
शुल्क में चार
गुना अंतर हो
जाता है। (ग) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तथा
अप्रैल 2025 से
अक्टूबर 2025 तक फीस
वृद्धि के लिए
तकनीकी
शिक्षा, चिकित्सा
शिक्षा तथा
उच्च शिक्षा
संस्थानों से
प्राप्त
आवेदनों की
प्रतियां,
आय-व्यय
पत्रक सहित
देवें तथा
आवेदनों पर
विचार तथा
निर्णय के लिए
आयोजित समस्त
बैठक की
नोटशीट, बैठक
में उपस्थित
अधिकारी का
नाम तथा पद
एवं आवेदन
करने वाली
संस्था को
भेजे गए
निर्णय संबंधी
पत्र की प्रति
भी देवें। (घ) प्रश्नांश
(ग) में
प्राप्त
आवेदन के
आय-व्यय
पत्रकों का
परीक्षण किस
विशेषज्ञ
द्वारा किया
गया। उसका नाम,पद, योग्यता,
अनुभव
सहित जानकारी
दें तथा उसके
द्वारा दी गई
रिपोर्ट की
प्रति देवें।
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) प्रश्नावधि
की तकनीकी
शिक्षा, चिकित्सा
शिक्षा एवं
उच्च शिक्षा
के अंतर्गत
संचालित निजी
क्षेत्र की
गैर-अनुदान
प्राप्त व्यवसायिक
पाठ्यक्रमों
से संबंधित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1/2/3 अनुसार
है।
आय-व्यय का
परीक्षण
प्रवेश एवं
शुल्क
विनियामक
समिति द्वारा
नियुक्त
चार्टेड
एकाउन्टेंट
द्वारा किया
जाता है। (ख) आय-व्यय
पत्रक के मुख्य
शीर्ष शिक्षक
एवं गैर
शिक्षकीय
कर्मचारियों
के वेतन एवं
अन्य भत्ते,
संस्था
के संचालन एवं
रखरखाव का व्यय,
सम्पत्ति
का मूल्य
ह्रास, संस्था
के परिचालन का
व्यय, संस्था
का परिवहन व्यय,
छात्र
कल्याण व्यय,
विश्वविद्यालय
के
संबद्धता/शैक्षणिक
व्यय एवं
छात्रों
द्वारा प्राप्त
शुल्क है। जी
नहीं, संस्थान
अपने अनुसार
चार्टेड
एकाउन्टेंट
द्वारा
अभिप्रमाणित
आय-व्यय
पत्रक पेश
करता है। शुल्क
में अत्यधिक
वृद्धि से
संबंधित
प्रकरणों का
परीक्षण किया
जाकर नीति
निर्धारित की
जायेगी। (ग)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (घ) आय-व्यय
का परीक्षण
प्रवेश एवं
शुल्क
विनियामक
समिति द्वारा
नियुक्त
चार्टेड
एकाउन्टेंट
श्री कीर्ति
डागा अनुभव 22 वर्ष,
श्री
अर्पित रॉय
अनुभव 08 वर्ष,
श्री
मिलिन्द
तिवारी अनुभव 23 वर्ष,
श्रीमती
वैशाली बहेती
अनुभव 26 वर्ष
एवं श्री
कार्तिक गुप्ता
अनुभव 13 वर्ष
द्वारा किया
जाता है। सभी
चार्टेड
एकाउन्टेंट
इस्टीट्यूट
ऑफ चार्टेड
एकाउन्टेंट
ऑफ इंडिया की
परीक्षा उत्तीर्ण
है। चार्टेड
एकाउन्टेंट
द्वारा दी गई
रिपोर्ट की जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
मक्का
की फसल को
भावांतर
योजना में सम्मलित
करना
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
20. ( क्र. 113 ) श्री
जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मध्य प्रदेश
राज्य में इस
वर्ष मक्का का
रकबा
सर्वाधिक रहा
है और
अतिवर्षा के
कारण मक्का
फसल को भारी
नुकसान हुआ है
तथा वर्तमान
में बाजार और
मंडियों में
मक्का का
मूल्य उत्पादन
लागत से भी कम
प्राप्त हो
रहा है यदि हां,
तो
शासन किसानों
के हित में क्या
कार्य कर रही
है? (ख) क्या
शासन के
संज्ञान में
है कि इस वर्ष
मध्य प्रदेश
में मक्का का
रकबा
सर्वाधिक रहा
है और अतिवर्षा
से मक्का किसानों
को भारी
नुकसान हुआ है?
यदि
हाँ, तो किसानों
की राहत राशि
कब तक प्रदाय
की जायेगी?
(ग) वर्तमान
में राज्य की
विभिन्न
मंडियों में मक्का
किसानों को
औसतन कितना
मूल्य मिल रहा
है? कृपया
मंडियों सहित
दरें बतायें। (घ) जब
सोयाबीन
किसानों को
भावांतर
भुगतान योजना
में शामिल
किया गया है,
तो
मक्का
किसानों को इस
योजना से
वंचित क्यों रखा
गया है? (ङ) क्या
शासन मक्का
किसानों को भी
भावांतर भुगतान
योजना में
सम्मिलित
करने पर विचार
कर रहा है?
यदि
हाँ, तो कब तक
मक्का
किसानों को इस
योजना में
शामिल किया
जाएगा?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) :
(क) जी हाँ।
कुछ जिलों में
अतिवृष्टि से
क्षति हुई
हैं। मंडियों
में मक्का के
भावों की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। किसान
हित में शासन
द्वारा
समय-समय पर
उचित निर्णय
लिया जाता है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जी हाँ।
प्रदेश के कुछ
जिलों में मक्का
की फसल को
क्षति हुई
हैं। राजस्व
पुस्तक
परिपत्र 6-4 के तहत
प्रभावित
कृषकों को
नियमानुसार
राहत राशि का
भुगतान किया
जा चुका है। (ग) मंडियों
में मक्का के
भावों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) भारत सरकार
द्वारा नवीन
भावांतर
योजना (PDPS) में मक्का
फसल को
सम्मिलित
नहीं किया गया
है। (ड.) उत्तरांश
(घ) के
परिप्रेक्ष्य
में नीतिगत
निर्णय होने
के कारण शासन
स्तर पर
समय-समय पर
उचित निर्णय
लिया जाता
हैं।
ग्राम
पंचायत
सचिवों की
अंशदाई पेंशन
योजना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
21. ( क्र. 114 ) श्री
प्रणय प्रभात
पांडे : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) ग्राम
पंचायत
सचिवों को
मध्य प्रदेश
शासन द्वारा
दी जाने वाली
अंशदाई पेंशन
योजना कब से लागू
की गई है? कटनी
जिले की
किस-किस जनपद
में किस
दिनांक से इसका
लाभ पंचायत
सचिवों को
दिया जा रहा
है? (ख) पंचायत
सचिवों के
वेतन से काटा
जाने वाला अंशदान
और शासन से दी
जाने वाली
राशि क्या
सचिवों की
पेंशन खाते
में नियमित
जमा हो रही है? यदि
नहीं, हो रही है तो
यह राशि किस
खाते में कब
से जमा है और
कितने दिनों
में पंचायत
सचिवों के
एनपीएस खाते
में जमा हो
जावेगी? (ग) NPS की राशि
नियमित
पंचायत
सचिवों के
एनपीएस खाते
में जमा हो
सके इस हेतु
क्या शासन
कटनी जिले में
कोई नियम लागू
करेगा? जिससे
शासन की मंशा
अनुसार NPS योजना
का नियमित लाभ
पंचायत
सचिवों को मिल
सके। यदि हाँ, तो किस
प्रकार से कब
तक? यदि नहीं,
तो
क्यों नहीं?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) ग्राम
पंचायत
सचिवों को
मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
दी जाने वाली
अंशदाई पेंशन
योजना का 2013 से लागू
की गई है, कटनी
जिले में जनपद
पंचायतवार
सचिवों को
दिया जा रहा
एनपीएस का लाभ
की जानकारी
नीचे दिये
अनुसार है :-
|
क्रमांक |
जनपद |
एनपीएस का
लाभ दिये
जाने का
दिनांक |
|
1 |
बडवारा |
अप्रैल 2022 |
|
2 |
कटनी |
मार्च 2023 |
|
3 |
रीठी |
अप्रेल 2024 |
|
4 |
विजयराघवगढ |
जून 2022 |
|
5 |
बहोरीबंद |
अप्रेल 2022 |
|
6 |
ढीमरखेडा |
मार्च 2023 |
(ख) पंचायत
सचिवों के
वेतन से काटा
जाने वाला अंशदान
और शासन से दी
जाने वाली
राशि ग्राम
पंचायत
सचिवों के
एनपीएस खाते
में नियमित
रूप से अंतरण
की जा रही है।
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) उत्तरांश
''ख''
के
प्रकाश में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
राशि
जारी करना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
22. ( क्र. 118 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
दतिया जिले
में आजीविका
मिशन अंतर्गत
कितने संकुल
केन्द्र है। (ख) इस
संकुल केन्द्रों
में सी.आई.एफ.
की वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 में
कितनी राशि
जारी की गई
संकुलवार
बताये। (ग) संकुल
केन्द्रों
से ग्राम
संगठन को
वर्षवार
कितनी-कितनी
राशि जारी की
गई है? (घ) ग्राम
संगठनों से
नगद/चेक
द्वारा कितनी-कितनी
राशि जारी की
गई? ग्राम
संगठन का बैंक
स्टेटमेंट
संलग्न
करें। (ड.) संकुल
स्तरीय
संगठन से व्यक्तिगत
पुरूषों एवं
महिलाओं को
जारी की गई राशि
की सूची उपलब्ध
करायें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जिला
दतिया में 20
संकुल
केंद्र हैं जिसकी
सूची पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) संकुल
केन्द्रों
में सी.आई.एफ.
वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26
में जारी
राशि की
संकुलवार
सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) संकुल
केन्द्रों से
ग्राम संगठन
को वर्षबार
जारी राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) ग्राम
संगठनों से
नगद/चेक
द्वारा जारी
राशि तथा
ग्राम संगठन
के बैंक
स्टेटमेंट
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (ड.) संकुल
स्तरीय संगठन
से व्यक्तिगत
पुरुषों एवं
महिलाओं को
जारी राशि की
सूची संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ड' अनुसार है।
आरक्षण
रोस्टर से
पदों की
पूर्ति
[सहकारिता]
23. ( क्र. 119 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दतिया
जिले में
कितनी
बहुउद्देशीय
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
समितियां हैं,
उनमें
कितने पद स्वीकृत
हैं पदवार
विवरण दें। (ख) उक्त
समितियों में
वर्तमान में
कौन-कौन से
कर्मचारी
पदस्थ है,
नाम
पदवार एवं
वर्गवार
बतायें। (ग) उक्त
समितियों में
कितने पद रिक्त
है, समितिवार
बताये इन पदों
पर आरक्षण
रोस्टर के
मान से पूर्ति
की जायेगी यदि
हां, तो कब तक यदि
नहीं, तो क्यों?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) :
(क) दतिया
जिले में 82
बहुउद्देशीय
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
समितियां हैं, जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार
है। (ग) समितियों
में रिक्त
पदों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार
है।
समितियों में
आरक्षण रोस्टर
संबंधी पंजी
संधारित नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
शासकीय
महाविद्यालय
में नवीन
विषयों के संकाय
प्रारंभ करना
[उच्च
शिक्षा]
24. ( क्र. 124 ) श्री
अरविन्द
पटैरिया : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता
द्वारा
प्रेषित पत्र
क्रमांक 466,
467
दिनांक 20.11.2024 पर क्या
कार्यवाही
हुई? जिसमें
राजनगर एवं
लवकुशनगर
शासकीय
महाविद्यालय
में BSc (मैथ/बायो),
MSc, MA (सभी
विषय), Bcom, Mcom एवं कम्प्यूटर
साइंस के नवीन
संकाय
अतिशीघ्र
प्रारंभ कराने
का अनुरोध
किया गया था?
(ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
कब तक नवीन
संकाय
प्रारंभ कर
दिये जायेंगे
और यदि नहीं,
तो
स्पष्ट
कारण बतावें। (ग) क्या
स्थानीय स्तर
पर छात्रों को
नवीन विषयों
के
पाठ्ययक्रम
उपलब्ध
न होने के
कारण छात्रों
को कई समस्याओं
का सामना करना
पड़ रहा है जो
कि उचित नहीं
है? शासकीय
महाविद्यालय
राजनगर एवं
लवकुशनगर में
प्रश्नांश
(क) अनुसार
नवीन संकाय
प्रारंभ करने
में यदि कोई तकनीकी
समस्या है तो
विवरण देवें? यदि
नहीं, तो कब तक
संकाय
प्रारंभ कर
दिये जावेंगे?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) विस्तृत
परियोजना
प्रतिवेदन
तैयार कर
प्रेषित किया
गया है। वित्त
की सहमति एवं
मंत्रि-परिषद
की स्वीकृति
उपरांत
निर्णय लिया
जाएगा। (ख) समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
'क'
अनुसार।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
किसानों
को उपलब्ध
खाद्य की
जानकारी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
25. ( क्र. 136 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनांक
01.01.2025
से प्रश्न
दिनांक तक
जिला हरदा में
शासन द्वारा
कितना-कितना
यूरिया/खाद किसानों
को वितरण
कराये जाने
हेतु कब-कब
उपलब्ध कराया
गया है? दिनांकवार,
मात्रावार
जानकारी
उपलब्ध
करावे। इस
उपलब्ध कराये
गये
यूरिया/खाद
में से वितरण
हेतु किस-किस
संस्था/समिति
को कब-कब, कितना-कितना
उपलब्ध कराया
गया? कुल
प्राप्ति एवं
कुल वितरण का
पूर्ण ब्यौरा दिनांकवार,
मात्रावार,
संस्थावार
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
संस्थाओं/समिति
द्वारा कितने किसानों
को किस-किस
दिनांक में
यूरिया/खाद का
वितरण किया
गया इसकी
किसान
संख्यावार,
ग्रामवार,
दिनांकवार,
मात्रावार
जानकारी
उपलब्ध
करावें? क्या
जिले में
उर्वरक की
कालाबाजारी
का कोई प्रकरण
निर्मित किया
गया है, यदि हाँ, तो इसकी
विस्तृत
जानकारी
वस्तुस्थिति
सहित उपलब्ध
करावें? (ग) प्रायवेट
संस्थाओं/एजेंसियों
द्वारा कितना-कितना
यूरिया/खाद
कब-कब, किस-किस
संस्था से
मंगवाया गया तथा
यह खाद
किस-किस किसान
एवं संस्था को
वितरण किया
गया? क्या इसकी
जानकारी कृषि
विभाग को
नियमित रूप से
उपलब्ध कराई
गई? यदि हाँ, तो
दस्तावेजों
की सत्यप्रति
उपलब्ध
करावें। (घ) दिनांक 01.01.2025 से
प्रश्न
दिनांक तक
जिले में
प्रायवेट
डीलरों के द्वारा
डीएपी की कालाबाजारी
के संबंध में
विभागीय
अधिकारियों द्वारा
कितने प्रकरण
निर्मित किये
गये इसकी विस्तृत
रिपोर्ट एवं
वस्तुस्थिति
से अवगत करावें?
मछवाई
पुलिया
पिपरिया के
पास हरदा के
निजी डीलर के
पाये गये अवैध
डीएपी
कालाबाजारी
के प्रकरण की
वर्तमान
स्थिति क्या
है?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह कंषाना
) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 1 अनुसार
है। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
संस्थाओं/समिति
द्वारा यूरिया
विक्रय
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 2 अनुसार
है। विभाग
द्वारा किसान
संख्यावार,
ग्रामवार,
दिनांकवार,
मात्रावार
जानकारी
संधारित नहीं
की जाती है।
जिले में
उर्वरक की
कालाबाजारी
का कोई प्रकरण
निर्मित नहीं
हुआ है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) विभाग
द्वारा
किसानवार,
मात्रावार
जानकारी
संधारित नहीं
की जाती है।
शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार
है। जी नहीं,
उर्वरक
फुटकर
विक्रेताओं
द्वारा
कृषकों/संस्थाओं
को पीओएस मशीन
द्वारा
विक्रय होने
से किसानवार
संस्थावार
जानकारी
विभाग को
उपलब्ध नहीं
कराई जाती है।
(घ) जिले
में उर्वरकों
की
कालाबाजारी
सम्बन्धी प्रकरण
की जानकारी
निरंक है।
पिपरिया के
पास डीएपी से
सम्बंधित
प्रकरण में
श्री जय प्रकाश
नारायण राठी,
हरदा
के विरूद्ध
एफआईआर दर्ज
की गयी है एवं
विक्रेता की
उर्वरक
अनुज्ञप्ति
को निरस्त किया
गया है, वर्तमान
में उक्त
प्रकरण पुलिस
थाना, हरदा में
प्रचलन में
है।
सुदूर
सड़क या खेत
सड़क योजना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
26. ( क्र. 137 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
विभाग
द्वारा ग्राम
को खेतों से
जोड़ने वाली
सड़क जैसे कि
सुदूर सड़क या
खेत सड़क
योजना को चालू
करने की क्या कोई
योजना बनाई जा
रही है अगर हां,
तो
ये योजना कब
तक चालू की
जाएगी? क्या
विभाग को लगता
है कि ग्राम
से खेतों तक पहुंचने
के मार्गों की
आवश्यकता है
या नहीं कृपया
स्पष्ट करे?
(ख) प्रश्नकर्ता विधानसभा
में किन-किन
ग्रामों में
सामुदायिक
शेड या
सामुदायिक
भवन नहीं है।
प्रश्नकर्ता विधानसभा
के किन-किन
ग्राम
पंचायतों
द्वारा ग्राम
सभा के माध्यम
से या पंचायत
के लेटर पैड
पर सामुदायिक
शेडों या
भवनों की मांग
की गई और
कहां-कहां
विभाग के
सर्वे के
अनुसार
कहां-कहां
आवश्यकता है,
इन्हें
विभाग द्वारा
कब तक देने की
योजना है?
(ग) प्रश्नकर्ता
विधानसभा
में किन-किन
ग्रामों में
ग्राम पंचायत
भवन जर्जर
अवस्था में है
और नवीन
पंचायत भवन की
आवश्यकता
कहां-कहां है?
(घ) प्रश्नकर्ता
विधान सभा में
किन-किन
ग्रामों में
स्टॉप डैम/चेक
डैम कब-कब
बनाए गए वर्तमान
में किस
स्थिति में
मौजूद है?
किस-किस
मद से
कितनी-कितनी
राशि की लागत
से बनाए गए
स्टॉप डैम/चेक
डैम का
निर्माण
करवाया गया
एवं वर्तमान
समय में विभाग
को किन-किन
ग्राम
पंचायतों
द्वारा स्टॉप
डैम एवं चेक
डैम की मांग
प्राप्त हुई।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) मनरेगा
योजनांतर्गत
कार्य जॉब
कार्डधारियों
की डिमांड पर
स्वीकृत
किये जाते है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) विधानसभा
क्षेत्र-134 टिमरनी
अंतर्गत जनपद
पंचायत
खिरकिया
क्षेत्र की 29 ग्राम
पंचायतों के 70
ग्रामों में
सामुदायिक
शेड या
सामुदायिक भवन
नहीं है तथा
जनपद पंचायत
टिमरनी की 75 ग्राम
पंचायतों में
से 60 ग्राम
पंचायतों में
सामुदायिक
शेड या सामुदायिक
भवन नहीं है।
ग्राम
पंचायतों से
सामुदायिक
शेडों या
भवनों की मांग
की जानकारी
संधारित नहीं
की जाती है,
विभाग
के सर्वे
अनुसार
सामुदायिक
भवनों की आवश्यकता
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार है,
बजट
उपलब्धता के
आधार पर कार्य
स्वीकृत किये जाते
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) विधानसभा
क्षेत्र-134 टिमरनी
अंतर्गत जनपद
पंचायत
खिरकिया
क्षेत्र की 02 ग्राम
पंचायत एवं
जनपद पंचायत
टिमरनी की 18 ग्राम
पंचायतो में
पंचायत भवन
जर्जर अवस्था में
होने से उक्त
ग्राम
पंचायतों में
नवीन पंचायत
भवन बनाए जाने
की आवश्यकता
है, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ब
अनुसार है। (घ) विधानसभा
क्षेत्र-134 टिमरनी
अंतर्गत
क्षेत्र की
पंचायतों में
मनरेगा योजना
से 500
स्टापडेम/चेकडैम
बनाये गये है।
उक्त कार्यों
में से 392 कार्य
पूर्ण तथा 108 कार्य
प्रगतिरत है
उक्त कार्यों
की स्वीकृत राशि
15.99
करोड़ रुपए
है। वर्तमान
समय में
मनरेगा
योजनातर्गत
स्टापडेम/चेकडैम
कार्यों को
मांग नहीं की
गई। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
कृषि
उपज मंडी
स्थान
परिवर्तन एवं
पुनर्विकास
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
27. ( क्र. 143 ) श्रीमती
प्रियंका
पैंची : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता
विधानसभा की
कुम्भराज एवं
बीनागंज कृषि
उपज मंडी के
स्थान
परिवर्तन एवं
पुनर्विकास
के लिए प्रश्नकर्ता
के पत्र
क्रमांक 659/2025 एवं 658/2025 दिनांक 09/07/2025 के
माध्यम से
अनुरोध किया गया
था। संबंधित
पत्र पर प्रश्न
दिनांक तक
क्या कोई
कार्यवाही
हुई है? यदि हाँ, तो क्या?
नहीं
तो क्यों नहीं?
(ख) कुम्भराज
कृषि उपज मंडी
धनिया (मसाला)
की मंडी के
रूप में भारत
की प्रसिद्ध
मंडी है। मंडी
की प्रतिदिन
की आवक सीजन
के समय लगभग 1 लाख
बोरी से
ज्यादा है।
अन्य जिलो के
किसान भी अपनी
धनिया की फसल
लेकर क्षेत्र
की इस
प्रसिद्ध
मंडी में
विक्रय के
लिये आते है।
क्या इस आधार
पर मंडी स्थान
परिवर्तन एवं
पुनर्विकास
नहीं किया जा
सकता है? यदि
किया जा सकता
है, तो कब तक
किया जाएगा?
(ग) बीनागंज
कृषि उपज मंडी
धनिया (मसाला)
की फसल के साथ
साथ अन्य
मोसमी फसलों
की भी बड़ी
मंडी है
जिसमें
प्रतिदिन की
आवक लगभग 60 हजार
बोरी है। मंडी
प्रांगण छोटा
होने के कारण
किसानों एवं
व्यापारियों
को बहुत
समस्या का
सामना करना
पड़ रहा है।
क्या इन
समस्याओं से
आप अवगत है?
यदि
हाँ, तो
शासन/विभाग
द्वारा
समस्या
निराकरण हेतु
क्या कोई
कार्ययोजना
बनाई गई है?
यदि
हाँ, तो क्या?
नहीं
तो क्यों नहीं?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी हाँ।
पत्र एवं कृत
कार्यवाही की
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं।
आय एवं आवक के
मान से
वर्तमान में
मंडी प्रांगण
में पर्याप्त
स्थल उपलब्ध
है। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी, हॉं।
समस्या के
निराकरण के
लिए प्रांगण
विस्तार हेतु
भूमि आवंटन
किये जाने
बाबत्
कार्यालयीन
अर्द्धशासकीय
पत्र दिनांक 19/08/2025
के
माध्यम से
कलेक्टर जिला
गुना को लेख
किया गया है।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
शांति
धामों तक
पहुंच मार्ग
का निर्माण
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
28. ( क्र. 147 ) श्री प्रदीप
अग्रवाल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
दतिया जिले
की विधानसभा
क्षेत्र
सेंवढ़ा की कौन-कौन
सी ग्राम
पंचायत के
कौन-कौन से
ग्रामों में
शांतिधाम/मुक्तिधाम
बने हुए हैं
एवं कौन-कौन
से ग्रामों में
अभी तक नहीं
बने है सूची
सहित जानकारी
उपलब्ध कराई
जाए। (ख) जिन
ग्रामों में
शांतिधाम अभी
तक नहीं बने
हैं उन
ग्रामों में
शांतिधाम
बनाए जाने के
लिए सरकार की
क्या योजना है,
कब
तक बनाए
जाएंगे? (ग) क्या
अनेकों
ग्रामों में
शांतिधाम तो
बन गये है
किंतु
शांतिधाम तक
पहुंचाने के
लिए रास्ता
नहीं है
रास्ते पर अतिक्रमणकारियों
ने कब्जा कर
रखा है फलस्वरुप
यहां
ग्रामीणजनों
को आवागमन
करने में असुविधा
होती है यदि
नहीं, तो
शांतिधामवार
रास्ता
उपलब्धता की
जानकारी सूची
सहित उपलब्ध
करायें। (घ) क्या
शांतिधामों
के पहुँच
मार्ग को अतिक्रमण
मुक्त कराए
जाने हेतु
पृथक से आदेश
करने की कृपा
करेंगे यदि
हाँ, तो कब तक
ग्रामवासियों
को इसका (सुगम
रास्ते) लाभ
मिल सकेगा
जानकारी
उपलब्ध कराई
जाए।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) विधान
सभा सेंवड़ा
अंतर्गत आने
वाली ग्राम पंचायतों
में बने हुए
शांतिधाम एवं
जिन ग्रामों
में अभी तक शांतिधाम
नहीं बने हुए
हैं उसकी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) शांतिधाम
विहीन
ग्रामों में
मनरेगा से
शांतिधाम
बनाये जाने का
प्रावधान है।
मनरेगा कार्य
की मांग
आधारित योजना
होने से
रोजगार की मांग
अनुसार कार्य
कराए जाते
हैं। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) शांतिधामवार
पहुँच मार्ग
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (घ) शांतिधाम
के
पहुंचमार्ग
को अतिक्रमण
मुक्त कराये
जाने हेतु
म.प्र.शासन,
पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग
का पत्र
क्रमांक/
पं.रा./5FC/2025/R-3640951/2025/22/P-1 दिनांक 02.09.2025 द्वारा
निर्देश जारी
है। निर्देश पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब"
अनुसार है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
नवीन
आईटीआई कॉलेज
भवन स्वीकृत
किया जाना
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
कौशल विकास
एवं रोजगार)]
29. ( क्र. 148 ) श्री
प्रदीप
अग्रवाल : क्या
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दतिया
जिले के
विकासखंड
सेवड़ा तथा
इंदरगढ़ में
नवीन आईटीआई
भवन की
स्थापना हेतु
मंत्री परिषद
की बैठक
दिनांक 4 /9 /2018 में
निर्णय लिया
गया था तथा
जिसका
विभागीय आदेश
दिनांक 17/ 9 /18 को जारी
हुआ था
विभागीय आदेश
की छायाप्रति
उपलब्ध कराई
जाए। (ख) एक साथ
एक ही बैठक
में स्वीकृत
होने के
बावजूद भवन
स्थाई वित्त
समिति के
द्वारा केवल
इंदरगढ़ में
स्वीकृत किया
गया सेवड़ा
में अभी तक
भवन का अभाव
है फलस्वरूप
विद्यार्थियों
को अध्ययन
करने में
असुविधा हो
रही है। (ग) क्या
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
सेवड़ा के
विद्यार्थियों
के उज्जवल
भविष्य को
देखते हुए यहां
नवीन आईटीआई
कॉलेज भवन
स्वीकृत करने
की कृपा
करेंगे यदि
हां, तो कब तक
स्वीकृति
होगी जानकारी
दी जाए।
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार ( श्री
गौतम टेटवाल ) :
(क) विभागीय
आदेश की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
हां, विभागीय
आदेश दिनांक 17/09/2018 के
द्वारा स्वीकृत
19
आईटीआई में से
केवल 09 आईटीआई के
भवन निर्माण
कार्य की स्वीकृति
विभागीय आदेश
दिनांक 03/08/2021 के
द्वारा जारी
की गई। सेवड़ा
में
विद्यार्थियों
की सुविधा के
दृष्टिगत अन्य
शासकीय भवन
में
प्रशिक्षण
कार्य सुचारू
रूप से सम्पादित
किया जा रहा
है। (ग) जी हाँ।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं
हैं।
भुगतान
हेतु लंबित
प्रकरणों का
निराकरण
[श्रम]
30. ( क्र. 150 ) श्री
नीरज सिंह
ठाकुर : क्या
श्रम मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बरगी
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
जनवरी 2023 से
प्रश्नांश
दिनाँक तक मुख्यमंत्री
जन कल्याण
संबल योजना
अंतर्गत स्वीकृत,
भुगतान
हुये एवं शेष
प्रकरणों का
जनपदवार व निकायेवार
ब्यौरा क्या
है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
शेष प्रकरणों
में
कितने-कितने
प्रकरण कब-कब
से लंबित हैं?
लंबित
होने का क्या
कारण हैं?
लंबित
प्रकरणों का
कब तक भुगतान
कर दिया
जावेगा?
समय-सीमा
बतायें?
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) मुख्यमंत्री
जनकल्याण
संबल
योजनांतर्गत
बरगी
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
जनवरी 2023 से
प्रश्नांश
दिनांक तक स्वीकृत,
भुगतान
हुये एवं शेष
प्रकरणों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) की वांछित जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट में उल्लेरखित
है, शेष रहे
प्रकरणों में
सभी में
स्वीकृति की
जा चुकी है,
अत:
कोई प्रकरण
निराकरण हेतु
लंबित नहीं
है। मुख्यमंत्री
जनकल्याण
संबल
योजनांतर्गत
अनुग्रह
सहायता
भुगतान एक सतत
प्रक्रिया है,
योजनांतर्गत
प्रत्येक
सिंगल क्लिक
कार्यक्रम
में पदाभिहित
अधिकारी
द्वारा
स्वीकृत/डिजिटल
हस्ताक्षरित
प्रकरणों का
भुगतान मृत्यु
दिनांक के
क्रमानुक्रम
में बजट
उपलब्धता
अनुसार किया
जाता है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़कों
की मरम्मत एवं
रख-रखाव
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
31. ( क्र. 151 ) श्री
नीरज सिंह
ठाकुर : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
प्रदेश में
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़कों
के निर्माण के
पश्चात सड़कों
की मरम्मत एवं
रख-रखाव ठेकेदार
द्वारा कितनी
अवधि तक किया
जाता है? जर्जर
सड़क के
पुनर्निर्माण
की
जिम्मेदारी किस
विभाग की है?
(ख) बरगी
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
प्रधानमंत्री
सड़कों में से
कितनी एवं कौन-कौन
सी सड़कों की
ठेकेदार
द्वारा
रख-रखाव की
अवधि समाप्त
हो चुकी है?
कितनी
एवं कौन-कौन
सी
प्रधानमंत्री
सड़क रख-रखाव
की निर्धारित
अवधि में भी
जर्जर हैं?
सड़कों
की अवधि
समाप्त होने
वाली जर्जर
प्रधानमंत्री
सड़कों का
पुनर्निर्माण
कब तक किया जायेगा?
(ग) प्रश्नांश
(ख) के अनुसार
बरगी
विधानसभा में
वित्तीय वर्ष 2025-26 में
कितनी सड़कों
को
कार्ययोजना
में सम्मिलित
कर किस-किस
ग्रामों की
सड़क मार्गों
की प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी की गई है
या की जायेगी?
लागत
सहित नामवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजनांतर्गत
निर्मित
मार्गों को
निर्माण के
पश्चात्
संविदाकार
द्वारा 5 वर्ष की
गारंटी अवधि
तक मरम्मत एवं
रखरखाव कार्य
किया जाता है।
क्षतिग्रस्त
सडकों हेतु म.प्र.
ग्रामीण सड़क
विकास
प्राधिकरण
अंतर्गत निर्धारित
प्रक्रिया
अनुसार
परीक्षण किया
जाता है।
परीक्षण में
पुनर्निर्माण
की आवश्यकता
होने पर सक्षम
स्वीकृति
उपरांत
पुनर्निर्माण
कराये जाने का
प्रावधान है। (ख) बरगी
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
निर्मित प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना के 88
मार्गों की 5 वर्षीय
संधारण की
गारंटी अवधि
पूर्ण हो गई
है। इन
मार्गों में
आगामी 5/10/15 वर्षीय
संधारण हेतु
नवीन एजेंसी
द्वारा कार्य
किया जा रहा
है। इन
मार्गों के
संधारण की स्थिति
एवं संधारण
अवधि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है,
बरगी
विधानसभा
अंतर्गत
शहपुरा
विकासखंड का एक
मार्ग
मेरेगांव से
मातापुर भारी
वाहनों के
आवागमन से
क्षतिग्रस्त
हो गया है,
जो
कि
पुनर्निर्माण
हेतु निविदा
प्रक्रिया अंतर्गत
है। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
बरगी
विधानसभा
अंतर्गत
शहपुरा विकासखण्ड
का 01 मार्ग
मेरेगांव से
मातापुर
पुनर्निर्माण
हेतु स्वीकृत
किया गया है
जिसकी प्रशासकीय
स्वीकृति
मुख्यायल
द्वारा पत्र
क्रमांक 15159 भोपाल
दिनांक 17/12/2024 द्वारा
राशि रू. 196.60 लाख
जारी की गई है
जो कि निविदा
प्रक्रिया अंतर्गत
है।
नल-कूप
खनन योजना एवं
प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
32. ( क्र. 152 ) श्री नीरज
सिंह ठाकुर : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शासन द्वारा
किसानों के
लिये विभाग
द्वारा नल-कूप
खनन योजना एवं
प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना
संचालित की जा
रही है? यदि हाँ,
तो
योजना की
जानकारी
देवें (ख) प्रश्नांश
(क) में योजना
संचालित की जा
रही है तो,
जबलपुर
जिला अंतर्गत
किन-किन
विकासखण्डों
में योजना के
तहत कितने
किसानों को
उक्त योजना का
लाभ प्राप्त
हुआ? विकासखण्डवार
वर्ष 2022-23 से 2024-25 की जानकारी
देवें। (ग) बरगी
विधानसभा
अंतर्गत उक्त
योजना में
वर्ष 2022-23 से 2024-25 में कितने
आवेदन विभाग
को प्राप्त
हुये? कितने
आवेदनों का
निराकरण किया
गया? कितने
प्रकरण शेष
हैं? वर्षवार
जानकारी
देवें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी
हां, नलकूप
खनन एवं
प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना संचालित
की जा रही है। 1. राज्य
पोषित नलकूप
खनन योजना अन्तर्गत
नलकूप खनन, विकास तथा
निर्माण के
लिये लागत का 75 प्रतिशत
अथवा रू. 25000/- में
जो भी कम हो
अनुदान देय
होगा।
सबमर्सिबल पंप
एवं सहायक
सामग्री के
लिये लागत का 75 प्रतिशत
या रू. 15000/- में
जो भी कम हो
अनुदान देय
होगा। 2. प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना के
अंतर्गत
स्प्रिंकलर
सेट, ड्रिप
सिस्टम पर
समस्त वर्ग के
लघु/सीमांत
वर्ग के कृषकों
को ईकाई लागत
का 55
प्रतिशत एवं
समस्त वर्ग के
अन्य कृषकों
को इकाई लागत
का 45
प्रतिशत
अनुदान देय
है। (ख) जी
हां, जबलपुर
जिला अंतर्गत
नलकूप खनन एवं
प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना
अंतर्गत
लाभान्वित
कृषकों की
योजनावार, वर्षवार, एवं
विकासखण्डवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार
है। (ग) बरगी
विधानसभा
अंतर्गत वर्ष 2022-23 से 2024-25
में नलकूप खनन
एवं प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना
अंतर्गत प्राप्त
आवेदन, निराकृत
आवेदन एवं शेष
आवेदन की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 3 एवं 4 अनुसार
है।
खाद,
यूरिया,
डी.ए.पी.
एवं सुपर
फॉस्फेट की
जानकारी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
33. ( क्र. 153 ) श्री
नीरज सिंह
ठाकुर : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बरगी
विधानसभा
क्षेत्र में
विगत 3 वर्षों में
खरीफ व रबी की
फसल का रकवा
कितना-कितना
रहा? (ख) उक्त
अवधि में
प्रत्येक
वर्ष यूरिया,
डी.ए.पी.
एवं सुपर
फॉस्फेट खाद
की मांग एवं
मांग के एवज
में की गई
आपूर्ति का
पृथक-पृथक
ब्यौरा
देवें। (ग) बरगी
विधानसभा
क्षेत्र के
कृषकों के
लिये आगामी
वर्ष हेतु खाद
आपूर्ति की
कितनी-कितनी
मात्रा तय की
गई है? (घ) खाद के
उचित समय पर
वितरण के लिये
क्या-क्या व्यवस्थायें
सुनिश्चित की
गईं हैं? बरगी विधानसभा
क्षेत्र में
खाद वितरण
केन्द्रों की
सूची तथा
वितरण
केन्द्र पर तय
मात्रा के संबंध
में जानकारी
उपलब्ध
करावें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) :
(क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार
है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार
है। (ग) बरगी
विधानसभा
क्षेत्र के
कृषकों के लिए
आगामी वर्ष
हेतु माह
फरवरी 2026 में
क्षेत्राच्छादन
एवं पिछले
वर्ष की उर्वरक
की खपत के
आधार पर
उर्वरकों की
मांग निर्धारण
किया जावेगा। (घ)
वर्तमान में
जबलपुर जिले
में ई-विकास
(वितरण एवं
कृषि आपूर्ति
समाधान)
प्रणाली
द्वारा
उर्वरक वितरण
का कार्य किया
जा रहा है।
बरगी
विधानसभा क्षेत्र
में उर्वरक
वितरण
केन्द्रों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार
है। उर्वरक
वितरण
केन्द्रों
में भण्डारण
की मात्रा
निर्धारित न
होकर कृषकों
की मांग एवं
आवश्यकतानुसार
भण्डारण
कराया जाता
है।
कर्मचारियों
का नियम
विरूद्ध
संलग्नीकरण
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
34. ( क्र. 163 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) क्या
सिवनी जिले
में कुछ जनपद
पंचायतों में
जिला पंचायत
अथवा अन्य
विभागों के
कर्मचारियों
को नियम
विरूद्ध संलग्नीकरण
किया जाता है?
यदि
हाँ, तो ऐसा क्यों?
(ख) वर्तमान
में सिवनी
जिला पंचायत
के अधिकारी/कर्मचारियों
को किन-किन
जनपदों में
संलग्नीकरण
किया गया है
नाम, पद सहित
बतावें? (ग) क्या
जिला पंचायत
के निर्वाचित
जनप्रतिनिधियों
द्वारा मांग
करने पर भी
कर्मचारियों
को मूल पद स्थापना
पर वापिस नहीं
किया जा रहा
है? यदि हाँ,
तो
क्यों, कारण स्पष्ट
करें। (घ) कब तक प्रश्नांश
(क), (ख)
एवं (ग) के तथ्यों
की जॉच कर
अधिकारियों/कर्मचारियों
के संलग्नीकरण
समाप्त कर
मूल पदस्थापना
जिला पंचायत
कार्यालय
सिवनी में
करते हुये
नीति विरूद्ध
आदेश करने
वाले दोषी
अधिकारी के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही
होगी? (ड.) जिला
पंचायत सिवनी
में शिक्षा
विभाग अथवा
अन्य विभाग
के
कर्मचारियों
को संलग्नीकरण
किया जाता है?
यदि
हाँ, तो ऐसे
कर्मचारियों
की सूची उपलब्ध
कराते हुये
बतावें कि किस
नियम/आदेश के
तहत? ऐसे
कर्मचारियों
को कब तक मूल
पदस्थापना
में भेजा
जावेगा तथा
नीति विरूद्ध
आदेश जारी
करने वाले अधिकारियों
पर क्या
कार्यवाही
होगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) सिवनी
जिले के जनपद
पंचायतों में
कर्मचारियों
के कमी के
कारण तत्कालिक
आवश्यकता को
दृष्टिगत
रखते हुए
अधिकारी/कर्मचारियों
अस्थाई रूप
से जनपद
पंचायतों में
कार्य करने के
लिए आदेशित
किया गया है। (ख)
तत्कालिक
आवश्यकता को
देखते हुए अस्थायी
रूप से जनपद
पंचायतों में
कार्य करने हेतु
आदेशित किया
गया है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार
है। (ग) जिला
पंचायत के
निर्वाचित
प्रतिनिधियों
द्वारा
कर्मचारियों
को मूल पदस्थापना
पर वापस करने के
संबंध में
पत्र प्राप्त
नहीं हुआ है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) विभागीय
योजनाओं को
सुचारू रूप से
संचालन एवं
क्रियान्वयन
हेतु
प्रशासकीय
कार्य सुविधा
की दृष्टि से
जिला पंचायत
सिवनी के
अधिकारियों
/कर्मचारियों
को अस्थायी
रूप से जनपद
पंचायतों में
कार्य करने
हेतु आदेशित
किया गया है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) जिला
पंचायत सिवनी
में लिपिकीय
अमले एवं भृत्यों
के पद रिक्त
होने के कारण
कार्य सुविधा
की दृष्टि से
अन्य विभाग
के लिपिकों
एवं भृत्यों
को अस्थायी
रूप से जिला
पंचायत सिवनी
में कार्य करने
हेतु आदेशित
किया गया है। जानकारी संलग्न
परिशिष्ट –ब
अनुसार।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अ.जा.
/अ.ज.जा. वर्ग की
महिला
सरपंचों की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
35. ( क्र. 165 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
जिले में
महिलाओं को
सशक्त बनाने
हेतु
पंचायतों में
आरक्षित
अ.जा./अ.ज.जा
वर्ग की
कितनी-कितनी
महिलाएं
सरपंच पद पर
निर्वाचित
पदस्थ हैं?
(ख) प्रश्नांश
(क) आरक्षित
कितनी-कितनी
अ.जा./अ.ज.जा.
महिला सरपंच पद
पर उनके
परिवार के अन्य
सदस्य सरपंच
पद का कार्य
संभाल रहे हैं?
कितनी-कितनी
पंचायतों में
महिला सरपंच
पद का कार्य
अनारक्षित
वर्ग के सरपंच
संभाल रहे हैं?
कितनी-कितनी
आरक्षित
पंचायतों में
महिला सरपंच
पद पर अवैध
रूप से
अनुबंध/शपथ
पत्र के आधार
पर ठेके पर
अन्य उच्च
वर्ग के व्यक्ति
सरपंच पद का
कार्य कर रहे
हैं? इस संबंध
में शासन के
क्या
निर्देश हैं?
इस
संबंध में
शासन एवं जिला
सिवनी को
प्राप्त
शिकायतों पर
क्या
कार्यवाही की
गई? वर्ष 2024-25 से
प्रश्न
दिनांक तक की
जानकारी
दें। (ग) प्रश्नांश
(क) में कितनी
आरक्षित
महिला सरपंच
के पास उनके परिजनों
के पास स्वयं
का स्थाई
रोजगार, जीविका
का साधन, आवास,
आवास
में पक्का
शौचालय एवं
अन्य आवश्यक
बुनियादी
सुविधाएं
संसाधन नहीं
हैं? (घ) जिला
सिवनी में
किन-किन ग्राम
पंचायतों में
अ.जा./अ.ज.जा.वर्ग
की महिलाएं
सरपंच पद पर
पदस्थ हैं?
इनके
द्वारा ग्राम
पंचायतों में
कितनी-कितनी
राशि के विकास
एवं निर्माण
कार्य कराये
गये हैं? पेयजल
की क्या
स्थिति है?
अन्य
कौन-कौन सी
समस्याएं
विद्यमान है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
शासन के
निर्देश पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट –''ब'' अनुसार हैं। इस
संबंध में
सिवनी जिले को
वर्ष 2024-25 से प्रश्न
दिनांक तक
शिकायतें
प्राप्त
नहीं हुई हैं।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (घ)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
नीलाम
किये गए
ट्रैक्टर की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण विकास]
36. ( क्र. 168 ) श्री
विपीन जैन : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) मंदसौर
जिले अंतर्गत
ग्राम पंचायत
दलौदा चौपाटी
में पंचायत
द्वारा सरपंच
के व्यक्तिगत नाम
से ट्रैक्टर
क्रय किया गया
था, जिसकी
किस्त की राशि
पंचायत
द्वारा सरपंच
के व्यक्तिगत
खाते में जमा
कराई गई थी।
उक्त
ट्रैक्टर को
फाइनेंस
कंपनी द्वारा
नीलाम कर दिया
गया है? (ख) ट्रैक्टर
नीलामी के
कारण पंचायत
को आर्थिक नुकसान
हुआ है? इसके
जिम्मेदार
कौन है क्या
इसकी राशि की
वसूली
संबंधित
सरपंच से की
गई है? यदि नहीं,
तो
क्यों? इसकी
वसूली कब तक
कर ली जाएगी।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी हां,
ट्रेक्टर
व्यक्तिगत
नाम से क्रय
होने से कंपनी
ने जब्त भी
कर लिया है,
समस्त
राशि वसूली
योग्य है। (ख) रूपये
372900/- का
आर्थिक
नुकसान हुआ है,
जिसके
लिए सरपंच एवं
सचिव, ग्राम
पंचायत जिम्मेदार
हैं। राशि
वसूली की
कार्यवाही
मध्यप्रदेश
पंचायत राज
एवं ग्राम स्वराज
अधिनियम, 1993 में
निहित
प्रावधानों
के अंतर्गत
प्रकरण दर्ज
है।
अनियमितता
एवं
भ्रष्टाचार
के विरूद्ध
एफ.आई.आर. दर्ज होना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
37. ( क्र. 169 ) श्री
विपीन जैन : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्रमांक 537
तारांकित,
दिनांक
16/12/ 2024 एवं प्रश्न
क्रमांक 538
अतारांकित
दिनांक 16/12/2024 के क्रम
में प्रेषित
उत्तर में
ग्राम पंचायत
दलौदा चौपाटी
जिला मंदसौर
के सरपंच पर
आर्थिक
अनियमितता
एवं
भ्रष्टाचार
को लेकर विभाग
प्रमुख द्वारा
एफ.आई.आर. दर्ज
करने के
निर्देश दिए
गए थे? (ख) प्रश्नांश
(क) यदि हाँ, तो अभी
तक एफ.आई.आर.
दर्ज क्यों
नहीं की गई है
कब तक एफ.आई.आर.
दर्ज कर ली
जाएगी? (ग) क्या पंचायत
में हुई
आर्थिक
अनियमितता
एवं भ्रष्टाचार
की गबन की
राशि की वसूली
कर ली गई है? यदि
नहीं, तो क्यों?
राशि
की वसूली कब
तक कर ली
जाएगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख)
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत
मंदसौर के
आदेश
कमांक/पंचायत
सेल/2024/4592 मंदसौर
दिनांक 18/12/2024 से
श्रीमती
दुर्गा
कैथवास के
विरूद्ध
संबंधित
पुलिस थाने
में एफआईआर
दर्ज कराने
हेतु संबंधित
ग्राम पंचायत
के सेक्टर
अधिकारी श्री मोहनलाल
बामनिया
सहायक विकास
विस्तार अधिकारी
जनपद पंचायत
मंदसौर को
अधिकृत किया
गया है।
न्यायालय मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत
मंदसौर द्वारा
पारित आदेश के
विरूद्ध
सरपंच दलौदा
चौपाटी
द्वारा
माननीय उच्च
न्यायालय
खण्डपीठ इंदौर
में प्रस्तुत
रिट पिटीशन 5463/2025 में
दिनांक 19. 02.2025 को
पारित आदेश
में न्यायालय
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी
महोदय जिला
पंचायत
मंदसौर
द्वारा
प्रकरण कमांक 29/
2024-25/4130
मंदसौर
दिनांक 29/11/2024 पारित
आदेश दिनांक 28/11/2024 को
स्थगित करते
हुए आयुक्त
संभाग उज्जैन
को अपील के
निराकरण हेतु
निर्देशित
किया गया। उक्त
प्रकरण
तत्समय
माननीय
न्यायालय में
प्रचलित होने
से एफआईआर
दर्ज नहीं की
गई। न्यायालय
आयुक्त
उज्जैन संभाग
उज्जैन द्वारा
उक्त प्रकरण
कमांक 273/अपील/2024-25 में
दिनांक 18/10/2025 को
पारित आदेश से
न्यायालय
मुख्य
कार्यपालन अधिकारी
जिला पंचायत
मंदसौर
द्वारा पारित
आदेश को यथावत
रखा।
न्यायालय
आयुक्त
उज्जैन संभाग
उज्जैन
द्वारा पारित
उक्त आदेश के
विरूद्ध
सरपंच दलौदा
चौपाटी द्वारा
पुन: माननीय
उच्च
न्यायालय
खण्डपीठ इंदौर
में प्रस्तुत
रिट पिटीशन 42184/2025 में
दिनांक 31.10.2025 को
पारित आदेश
में न्यायालय
आयुक्त संभाग
उज्जैन एवं
न्यायालय
मुख्य कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत
द्वारा पारित
आदेश को
स्थगित किया
गया। वर्तमान
में उक्त प्रकरण
माननीय
न्यायालय में
विचाराधीन
होने से एफआईआर
संबंधी
कार्यवाही
नहीं की गई।
माननीय उच्च
न्यायालय से
उक्त प्रकरण
में दिए जाने
वाले निर्णय
के अनुरूप
एफआईआर
संबंधी
कार्यवाही की
जाएगी। (ग) जी
नहीं।
वर्तमान में
उक्त प्रकरण
माननीय उच्च
न्यायालय में
विचाराधीन
होने से वसूली
संबंधी
कार्यवाही
नहीं की गई।
माननीय
न्यायालय से
उक्त प्रकरण
में दिए जाने
वाले निर्णय
के अनुरूप
वसूली की
कार्यवाही की
जाएगी।
प्रस्तावित
स्टेडियम का
निर्माण कार्य
[खेल
एवं युवा
कल्याण]
38. ( क्र. 175 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
खेल एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के पिछले
विधायकीय
कार्यकाल
वर्ष 2013 से 2018 के दौरान
हरदा जिले के
ग्राम
नीमगांव में
स्टेडियम
निर्माण
कार्य कराया
जाना
प्रस्तावित
था। जिसकी
वर्तमान स्थिति
क्या है? (ख) हरदा
जिले के ग्राम
नीमगांव में
स्टेडियम निर्माण
कार्य प्रश्न
दिनांक तक
क्यों शुरू
नहीं किया गया?
कारण
स्पष्ट करें। (ग) हरदा
जिले के ग्राम
नीमगांव में
स्टेडियम निर्माण
कार्य कब तक
शुरू कर दिया
जावेगा?
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास कैलाश
सारंग ) : (क) जी नहीं,
विभागीय
मार्गदर्शी
सिद्धांत
क्रमांक 693/30/2017/नौ, दिनांक 24/03/2017 द्वारा
स्टेडियम,
खेल
परिसर व खेल
मैदान
निर्माण हेतु
नीति जारी की
गई है, जिसके
अनुसार
विकासखण्ड
मुख्यालय या
उच्च स्तर पर
ही स्टेडियम,
खेल
परिसर व खेल
मैदान
निर्माण के
निर्देश है।
नीमगांव
विकासखण्ड
मुख्यालय
नहीं होने के कारण
स्टेडियम
निर्माण किया
जाना संभव
नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश
(क) के
प्रकाश में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
किसानों
को वितरित की
गई खाद
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
39. ( क्र. 176 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) हरदा
जिले में खरीफ
फसलों के लिए
इस वर्ष
किसानों को
कितने
मैट्रिक टन
यूरिया, डीएपी,
एसएसपी,
एनपीके,
उर्वरकों
की प्रतिवर्ष
से कितनी अधिक
होने की
आवश्यकता
अनुमानित की
गई थी? (ख) क्या
सरकार द्वारा
किसानों की
आवश्यकतानुसार
पर्याप्त खाद
की उपलब्धता
पूर्व से ही
सुनिश्चित की
गई थी? यदि हाँ, तो हरदा
जिले में
किसानों को
उनकी
आवश्यकतानुसार
पर्याप्त खाद
क्यों नहीं
मिल पाया?
इसका
कारण स्पष्ट
करे। (ग) क्या
हरदा जिले में
यूरिया, डीएपी,
एनपीके,
एसएसपी,
उर्वरकों
की विभाग
द्वारा मांग
की गई थी अगर हाँ
तो
कितनी-कितनी,
क्या
मांग अनुसार
पर्याप्त
उर्वरक
उपलब्ध कराए
गये थे? यदि हाँ, तो
किसानों को
उनकी मांग
अनुसार
उर्वरक उपलब्ध
नहीं होने का
क्या कारण है?
(घ) इस वर्ष
खरीफ फसल के
लिए हरदा जिले
में सहकारी
समितियों और
खुले बाजार के
माध्यम से
अलग-अलग,
कितनी-कितनी
यूरिया, डीएपी,
एनपीके,
एसएसपी,
उर्वरकों
का वितरण किया
गया? (ड.) हरदा
जिले में इस
वर्ष कितने
किसानों ने
खरीफ की फसल
बोनी थी? इनमें
से कितने
किसानों को
खाद उपलब्ध
कराई गई तथा
प्रति किसान
कितनी-कितनी
खाद दी गई?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) :
(क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार
है। (ख) जी हाँ।
प्रत्येक
फसल मौसम हेतु
भारत सरकार से
प्राप्त
होने वाले रैक
अनुसार
निरंतर
उर्वरकों का
भंडारण कराया
जाता है, जिसके
अनुसार
कृषकों को
उर्वरक
आपूर्ति कराई
गई है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी हाँ।
हरदा जिले में
उर्वरकों की
मांग एवं उपलब्धता
अनुसार
उर्वरक उपलब्ध
कराये गये
हैं। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार
है।
(ड.) राजस्व
विभाग के SAARA
पोर्टल
अनुसार
किसानों की
संख्या
उपलब्ध नहीं
है, अपितु हरदा
जिले में 199740.18 हेक्टेयर
निजी क्षेत्र
में गिरदावरी
की गई है। प्रति
किसान उर्वरक
विक्रय की
जानकारी
संधारित
नहीं की जाती
है, अपितु खरीफ 2025 में कुल 53510 मे. टन
उर्वरकों का
वितरण हुआ है।
शासकीय
महाविद्यालय
बरेला में
विज्ञान संकाय
(B.Sc) प्रारंभ
करना
[उच्च
शिक्षा]
40. ( क्र. 181 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
बरेला
महाविद्यालय
में विज्ञान
संकाय हेतु
सरंचना
निर्मित की गई
है? (ख) क्या बरेला
क्षेत्र के
विज्ञान
संकाय के लगभग
250 से
अधिक
विद्यार्थी
उत्तीर्ण
होकर
प्रतिवर्ष 30 कि.मी.
दूरी तय करके
जबलपुर पढ़ने
जाते हैं?
(ग) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में क्या
बरेला में
विज्ञान
संकाय
प्रारंभ किया
जायेगा? (घ) यदि हां,
तो
कब तक?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) एवं (ख) जी
नहीं। (ग) विभागीय
मापदण्डों
की पूर्ति एवं
वित्तीय
संसाधनों की
उपलब्धता के
अनुसार
निर्णय लिया
जाएगा। (घ) समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
कॉलोनाईजर
द्वारा आश्रय
निधि जमा करना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
41. ( क्र. 182 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
शासन पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग
भोपाल के पत्र
क्र. 12843 दिनांक 23.08.2022 के
अनुसार मध्यप्रदेश
ग्राम पंचायत
(कॉलोनियों का
विकास) नियम 2014 के नियम 14
(1) में
प्रावधानित
है कि नियम 12 तथा 13 के अधीन
विहित आश्रय
शुल्क
कॉलोनाईजर
द्वारा
संबंधित जिला
पंचायत की आश्रय
निधि में जमा
किया जायेगा?
(ख) यदि हां,
तो
जिला पंचायत
जबलपुर में
प्रश्न
दिनांक तक
कितनी आश्रय
निधि की राशि
जमा की गई है?
ग्राम
पंचायतवार
बतावे? (ग) प्रश्नांश
(ख) के
अंतर्गत क्या
राशि का उपयोग
किया गया है?
यदि
हां, तो
विधानसभा
क्षेत्र
पनागर के
अंतर्गत कौन-कौन
सी ग्राम
पंचायतों में
राशि का उपयोग
किया गया है?
(घ) यदि
नहीं, तो कब उपयोग
किया जायेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख)
जिला पंचायत
जबलपुर में
प्रश्न
दिनांक तक
आश्रय निधि
अंतर्गत
रजिस्ट्रीकरण
शुल्क,विकास
अनुज्ञा शुल्क
एवं अतिरिक्त
आश्रय शुल्क
में कुल राशि
रूपये 17,47,69,560/- जमा है।
ग्राम
पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) वर्तमान
में आश्रय
निधि में
प्राप्त
राशि के उपयोग
की जानकारी
निरंक है। (घ) यथाशीघ्र,
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं।
नवीन
आउटडोर खेल
परिसर की
स्वीकृति एवं
निर्माण
[खेल
एवं युवा
कल्याण]
42. ( क्र. 184 ) श्री
महेंद्र
रामसिंह यादव
: क्या
खेल एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
कलेक्टर जिला
शिवपुरी के
आदेश
क्र./प्र.क./0049/अ-20 (3)/2024-25/124 दिनांक 23.03.2025 द्वारा
विधानसभा
मुख्यालय
कोलारस में
नवीन खेल
परिसर
निर्माण हेतु
ग्राम
मानीपुरा तहसील
कोलारस में
स्थित शासकीय
भूमि सर्वे
क्र.25 रकबा 8.634
हैक्टेयर में
से रकबा 2.83
हैक्टेयर
भूमि आउटडोर
स्टेडियम
हेतु खेल विभाग
को
हस्तांतरित
की गयी है?
यदि
हाँ तो क्या खेल
विभाग द्वारा
उक्त भूमि का
अधिग्रहण कर लिया
गया है। (ख) क्या यह
भी सही है कि
संचालनालय
खेल एवं युवा कल्याण
म.प्र. भोपाल
द्वारा अपने
द्वितीय स्मरण
पत्र क्र./5361/
खे.यु.क./अधो./भोपाल
दिनांक 13.08.2025 द्वारा
मुख्य
परियोजना
यंत्री, म.प्र.
पुलिस
हाउसिंग कारपोरेशन
भोपाल को
कोलारस में
नवीन आउटडोर
खेल परिसर (स्टेडियम)
हेतु स्थल का
निरीक्षण कर
प्राक्कलन मय
तकनीकी
स्वीकृति
सहित
प्रस्तुत
किये जाने
हेतु लेख किया
गया था? (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
यदि हाँ तो
प्राक्कलन
एवं तकनीकी
स्वीकृति की
स्वच्छ
छायाप्रति
उपलब्ध करावें? यदि
नहीं, तो
प्राक्कलन
एवं तकनीकी
स्वीकृति के
विलंब हेतु
कौन-कौन दोषी
है व उन पर
क्या कोई
कार्यवाही की
गयी है? (घ) प्रश्नांश
(क), (ख) एवं
(ग) के
संदर्भ में
खेल परिसर
निर्माण की
प्रशासकीय
स्वीकृति कब
तक जारी की जाकर
निर्माण
कार्य कब तक
प्रारंभ कर
दिया जावेगा?
समय
अवधि बतावें?
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास कैलाश
सारंग ) : (क) जी हाँ।
जी नहीं, भूमि
अधिग्रहण की
कार्यवाही
प्रचलन में
है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश
''ख''
अनुसार
मुख्य
परियोजना
यंत्री, म.प्र.पुलिस
हॉउसिंग
कारपोरेशन
भोपाल द्वारा
प्राक्कलन
उपलब्ध नहीं
कराये गये है।
शासन मार्गदर्शन
अनुसार
वर्तमान में
म.प्र.भवन
विकास निगम
भोपाल को
संचालनालयीन
पत्र क्रमांक 7887 दिनांक 04.11.2025 द्वारा
प्राक्कलन
प्रस्तुत
करने हेतु लेख
किया गया है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) प्रश्नांश
''क'',
''ख''
व ''ग'' के
संदर्भ में
निर्माण
एजेन्सी
म.प्र.भवन
विकास निगम
भोपाल से
प्राक्कलन मय
तकनीकी
स्वीकृति
सहित चाहे गये
है, प्राक्कलन
प्राप्त होने
के उपरांत
प्रस्ताव का
परीक्षण कर,
बजट
उपलब्धता
अनुसार सक्षम
समिति से अनुमोदन
की कार्यवाही
की जावेगी,
इस
हेतु निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
लिपिकों
की पदोन्नति
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
कौशल विकास
एवं रोजगार)]
43. ( क्र. 186 ) श्री
मधु भगत : क्या
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
कौशल विकास
संचालनालय
मध्यप्रदेश
में लिपिकों
के आगे बढ़ने
के अवसर
समाप्त कर दिए
गए है? लिपिकीय
पदोन्नत पद
सहायक संचालक
जैसे पदों को
तकनीकी कर
दिया गया है
यदि हाँ, तो
क्यों? कब तक
भर्ती नियमों
को परिवर्तित
कर इन्हें लिपिकीय
कर दिया
जावेगा? (ख) वर्तमान
में जबलपुर
एवं संयुक्त
संचालक कार्यालयों
में कितने
अनुदेशक/प्रशिक्षण
अधिकारी
कार्यरत है,
क्या
वह लिपिकीय
कार्य कर रहे
है रिक्त
लिपिकीय पदों
को कब तक भर
दिया जावेगा?
(ग) क्या
आवश्यकता
विहिन उप
संचालक और
सहायक संचालकों
एवं
प्रशिक्षण अधिकारियों
के पद
कार्यालय में
लिपिकीय
कार्य के लिए
सृजित कर दिए
गए? अनुदेशकों
का पदनाम
प्रशिक्षण
अधिकारी करने
का औचित्य
क्या है? क्या
प्रशिक्षण के
लिए भर्ती
होने के बाद
लाखों की
सी.टी.आई.
इत्यादि
ट्रेनिंग
करने के बाद प्रशिक्षण
अधिकारियों
से लिपिकीय
कार्य कराकर
देश के युवाओं
को उनके कौशल
का लाभ लेने
से वंचित रखा
जा रहा हैं?
(घ) क्या
बालाघाट जिले
के 4 विकासखण्ड
(वारासिवनी,
कटंगी,
खैरलॉंजी
एवं लालबर्रा)
में नवीन
आई.टी.आई. की स्थापना
होनी थी? यदि हाँ, तो
वर्तमान समय
तक कोई भी कदम
सरकार द्वारा
नहीं उठाया
गया है क्यों?
नवीन
आई.टी.आई. की
स्थापना कब की
जावेगी?
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार ( श्री
गौतम टेटवाल ) :
(क) जी
नहीं। जी
नहीं। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) वर्तमान
में जबलपुर
एवं संयुक्त
संचालक
कार्यालयों
में 29 अनुदेशक/प्रशिक्षण
अधिकारी
कार्यरत है।
जी नहीं।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं
हैं। (ग) जी
नहीं।
कर्मचारी
संघों की मांग
पर अनुदेशकों
का पदनाम
प्रशिक्षण
अधिकारी किया गया
है। जी नहीं। (घ) विभाग
की नीति प्रत्येक
विकासखण्ड
में एक शासकीय
आईटीआई
प्रारंभ करने
की है। वर्तमान
में 51 आईटीआई
विहीन
विकासखण्डों
में शासकीय
आईटीआई
प्रारंभ किया
जाना विभाग की
प्राथमिकता
है, जिसमें
विकासखण्ड
वारासिवनी,
कटंगी,
खैरलांजी
एवं लालबर्रा
भी सम्मिलित
हैं। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं
हैं।
सुजाता
गेहूं को जीआई
टेग का प्रदाय
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
44. ( क्र. 192 ) श्री
जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शासन के
संज्ञान में
है कि अशोकनगर
जिले में
सुजाता गेहूं
विशेष रूप से
प्रसिद्ध और उच्च
गुणवत्ता
वाला है? यदि हाँ,
तो
अब तक इस
प्रजाति को GI
टैग
प्रदान करने
हेतु क्या
कार्यवाही की
गई है? यदि कोई
कार्यवाही
नहीं की गई है
तो उसके क्या
कारण हैं?
(ख) क्या
शासन भविष्य
में सुजाता
गेहूं को GI
टैग
प्रदान करने
हेतु कोई
प्रस्ताव
केंद्र सरकार
को भेजने जा
रहा है?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) :
(क) जी हाँ।
अशोकनगर जिले
में सुजाता
गेहूं विशेष
रूप से
प्रसिद्ध और
उच्च गुणवत्ता
वाला है यह
शरबती गेहूं
के अन्तर्गत
आता है। वर्ष 2023 में जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। शरबती
गेहूं (सुजाता
गेहूं) को
भौगोलिक
संकेतक (GI) टैग
प्रदान किया
जा चुका है।
शेष प्रश्न
उद्भु्त नहीं
होता। (ख) सुजाता
(शरबती) गेहूं
को GI टैग प्रदान
करने हेतु कोई
प्रस्ताव
केंद्र सरकार
को भेजने की
आवश्यकता
नहीं है क्योंकि
सुजाता
(शरबती) गेहूं
को पहले ही
वर्ष 2023 में जीआई
टैग प्राप्त
हो चुका है और
जिला अशोकनगर
उक्त GI क्षेत्र के
अन्तर्गत
सम्मिलित है।
ग्रामीण
क्षेत्रों
में आवागमन की
सुविधाएं
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
45. ( क्र. 195 ) श्री
मोहन सिंह
राठौर : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
ग्वालियर
जिले की
भितरवार
विधानसभा
क्षेत्र में
ऐसे कितने गांव,
मजरे-टोले
है जिनकी
बारहमासी
सड़कों से
सम्पर्क तक
नहीं है? ग्रामवार,
मजरे,
टोलोंवार
जानकारी दें। (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) में
चिन्हित
ग्रामों, मजरे-टोलों
को बारहमासी
सड़कों से
जोड़ने के लिए
कितनी सड़कों
के प्रस्ताव
वर्ष 2025-26 एवं वर्ष 2026-27 में
सम्मिलित
किये गए है?
ग्रामवार,
मजरे-टोलोंवार
जानकारी दें। (ग) प्रस्ताव
में सम्मिलित
सड़कों को कब
तक स्वीकृत कर
राशि उपलब्ध
कराई जायेगी?
समय-सीमा
बताऐं? यदि
नहीं, तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) (1) प्राधिकरण
अंतर्गत
ग्वालियर
जिले की भितरवार
विधानसभा
क्षेत्र में
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना-IV के
अंतर्गत वर्ष 2011 की
जनगणना के
आधार पर योजना
के दिशा
निर्देशानुसार
500 से
अधिक
जनसंख्या
वाले
संपर्कताविहीन
26
ग्रामों, मजरे
टोलों का
चिन्हांकन
किया गया है सूची
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
"अ" अनुसार
है। (2) प्रधानमंत्री
जनमन योजना
अंतर्गत
पात्रतानुसार
संपर्कताविहीन
21
मजरे टोलों का
चिन्हांकन कर
कार्य
स्वीकृत किये
जा चुके हैं
सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
"ब" अनुसार
हैं। (3) म.प्र.शासन,
पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग,
मंत्रालय
भोपाल के पत्र
क्रमांक एफ 2/3/0007/2025/वि-5/22/स्था.
भोपाल दिनांक 11.07.2025
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट "स"
अनुसार है, के क्रम
में
मुख्यमंत्री
मजरा टोला
सड़क योजना के
अंतर्गत
विधानसभा
क्षेत्र
भितरवार में
संपर्कताविहीन
मजरा/टोला/धानी/पुरा/फालिया
इत्यादि का
सर्वे का
कार्य वर्तमान
में
प्रक्रियाधीन
हैं। (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
पीएमजीएसवाय-IV
एवं
मुख्यमंत्री
मजरा टोला
योजना
अंतर्गत चिन्हित
बसाहटों का
पात्रता एवं
प्राथमिकता का
प्रकरण
प्रक्रियाधीन
है, इस कारण से
वर्ष 2025-26 एवं वर्ष 2026-27 में
स्वीकृति
हेतु
प्रस्तावित
बसाहटों के सम्बंध
में बताया
जाना संभव
नहीं है, पात्रता
अनुसार
प्रस्ताव में
सम्मिलित किया
जा सकेगा। (ग) उत्तरांश
(क) एवं
(ख) के
क्रम में
वर्तमान में
समय-सीमा
बताया जाना संभव
नहीं है।
बिट्ठल
गृह निर्माण
समिति की
अनियमितताएं
[सहकारिता]
46. ( क्र. 209 ) श्री
आतिफ आरिफ
अकील : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या बिट्ठल
नगर गृह
निर्माण
सहकारी
संस्था मर्यादित
भोपाल में की
गई
अनियमितताओं
की शिकायत कार्यालय
संयुक्त
आयुक्त
सहकारिता
भोपाल संभाग, भोपाल को
प्राप्त हुई
थी? क्या
विभाग द्वारा
पत्र
क्रमांक/शिकायत/2024/200, दिनांक 02/04/2024 द्वारा
विभाग के
सुधाकर पांडे
उप अंकेक्षक सहकारिता
जिला भोपाल से
अनियमितताओं
की जांच करवाई
गई थी एवं
श्री सुधाकर
पांडे जी
द्वारा पत्र
आवक क्रमांक-822 दिनांक 20/8/2024 को जांच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
किया था? यदि
हाँ, तो
क्या
प्रतिवेदन
अनुसार
कॉलोनी के
प्लॉट आवंटन
से लेकर अन्य
कामों में
गंभीर
अनियमितताएं
पाई जाकर
कॉलोनी के
अध्यक्षों पर
आपराधिक
प्रकरण दर्ज
कराने की
अनुशंसा की गई? क्या
प्रकरण दर्ज
कराने का
अनुमोदन
उपायुक्त
सहकारिता द्वारा
भी विभागीय
पत्र क्र./
विधि/ 2024/2373, दिनांक
30/12/2024 को
किया गया? (ख) क्या
उक्त जांच के
पश्चात्
कार्यालय
संयुक्त
आयुक्त
सहकारिता
भोपाल संभाग
भोपाल द्वारा
पत्र क्रमांक 539 दिनांक 14/8/2024 को
प्रकरण में
दोषियों के
विरूद्ध एक
माह की समयावधि
में कार्यवाही
करने तथा की
गई कार्यवाही
से संयुक्त
आयुक्त महोदय
को अवगत कराने
हेतु लेख किया
गया है? क्या
अनियमितताएं
करने वाले
कॉलोनाइजर पर
कार्यवाही की
जावेगी? यदि
नहीं, तो
क्यों? यदि
हाँ, तो
कब तक?
समय-सीमा सहित
बतावें। (ग) क्या
टीएनसीपी
द्वारा
अनुमोदित
अभिन्यास के
अनुसार
कैजुअल शॉप के
लिए आरक्षित 972
वर्गमीटर के
भूखड को
अनुमोदित
अभिन्यास के विरूद्ध
16
भूखंडों में
विभक्त किया
जाकर निर्माण
किया गया है? निर्माण
सहकारिता
विभाग की
देखरेख में
किया गया एवं
अनुमोदित
अभिन्यास में
वर्णित खसरा
क्र. 11/2 एवं
खसरा क्र. 12 कुल भूमि 6.80 एकड़ के
अलावा अन्य
खसरा क्र. 13 की
अतिरिक्त
भूमि किसकी
अनुमति से
समायोजन किया
गया है? खसरा
क्रमांक 13 के
समायोजन की
अनुमति की
प्रति प्रदान
करें? दोषियों
पर क्या
कार्यवाही की
गई? नहीं
तो क्यों यदि
हाँ, तो
कब समय-सीमा
बतावें?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) :
(क) जी हाँ।
जी हाँ। जी
हाँ। जी नहीं,
मध्यप्रदेश
सहकारी
सोसाइटी
अधिनियम, 1960 की धारा 76
(2) के
अंतर्गत कारण
बताओ सूचना
पत्र जारी
किया गया है। (ख) जी हाँ।
जी नहीं, प्रस्तुत
जांच
प्रतिवेदन
में
कालोनाईजर के बारे
में कोई तथ्य
अंकित नहीं
पाये गये है परन्तु
प्रतिवेदन
में संस्था के
पदाधिकारी दोषी
पाये जाने के
कारण दोषियों
के विरूद्ध कार्यवाही
हेतु
मध्यप्रदेश
सहकारी
सोसाइटी अधिनियम,
1960 की
धारा 76 (2) के अंतर्गत
कारण बताओ
सूचना पत्र
जारी किया गया
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) प्रश्नांश
''ग''
के
संबंध में
पूर्व में
करायी गई जांच
में स्पष्ट
तथ्य न आने के
कारण पुनः
जांच करवायी
जा रही है।
शेष जांच
निष्कर्षाधीन।
धान
खरीदी के
पूर्व तय
लक्ष्य का
पुनर्निर्धारण
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
47. ( क्र. 217 ) श्री
दिव्यराज
सिंह : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विकासखण्ड
जवा अंतर्गत
शासन के
द्वारा धान उपज
खरीदी का तय
लक्ष्य प्रति
एकड़ कितना
निर्धारित
किया गया है?
विगत
03
वर्षों का
आंकड़ा उपलब्ध
करावें। (ख) क्या तराई
अंचल जवा में
सिंचाई की
पर्याप्त
उपलब्धता
होने के कारण
धान की उपज
शासन के
निर्धारित लक्ष्य
से काफी अधिक
होती है जिससे
कृषकों की काफी
फसल खरीदी से
वंचित रह जाती
है? यदि हाँ, तो क्या
शासन के
द्वारा धान
खरीदी का
लक्ष्य दोगुना
कर प्रति एकड़ 28
क्विंटल किया
जावेगा? यदि
नहीं। तो
कृषकों की बची
हुई फसल को
खरीदने हेतु
शासन के
द्वारा क्या
व्यवस्था की
जावेगी? (ग) यह कि
विकासखण्ड
जवा अंतर्गत
धान खरीदी के
पूर्व तय
लक्ष्य का
क्या
पुनर्निर्धारण
किया जावेगा?
यदि
हाँ, तो कब तक? यदि
नहीं, तो क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क) विकासखण्ड
जवा जिला रीवा
में समर्थन
मूल्य पर धान
उपार्जन हेतु
विगत तीन
वर्षों में प्रति
हेक्टेयर
धान उत्पादकता
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) ई-उपार्जन
पोर्टल पर
दर्ज प्रति
हेक्टेयर
उत्पादकता
के अनुसार
किसानों से
समर्थन मूल्य
पर धान का
उपार्जन किया
जाता है।
पिछले वर्षों
से 10 प्रतिशत
उत्पादकता
अधिक या कम
होने की
स्थिति में
जिला कलेक्टर
की अध्यक्षता
में गठित
समिति के
द्वारा आयुक्त
खाद्य को
औचित्यपूर्ण
प्रस्ताव
प्रेषित करने
पर
निर्णयानुसार
उत्पादकता
में परिवर्तन किया
जाता है। जिला
रीवा से
समर्थन मूल्य
पर धान
उपार्जन हेतु
उत्पादकता
में वृद्धि या
कमी का कोई
प्रस्ताव
प्राप्त
नहीं हुआ है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग)
कलेक्टर
रीवा की अध्यक्षता
में गठित
समिति से
औचित्यपूर्ण
प्रस्ताव
प्राप्त
होने पर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जा सकेगी।
रोजगार
मेलों का
आयोजन
[श्रम]
48. ( क्र. 219 ) श्री
अम्बरीष
शर्मा : क्या
श्रम मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
भिण्ड जिले
में श्रम
मंत्रालय
द्वारा विगत
तीन वर्षों में
कितने मेलों
का आयोजन किया
गया। विधानसभावार,
वर्षवार
जानकारी
उपलब्ध
कराये। इसमें
कितनों को
रोजगार मिला
तथा रोजगार
मेलों के
आयोजन पर
कितनी राशि
व्यय हुई,
विधानसभावार,
वर्षवार
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : श्रम
विभाग द्वारा
रोजगार मेलों
का आयोजन नहीं
कराया जाता
है। अत: भिण्ड
जिले में श्रम
मंत्रालय
द्वारा विगत
तीन वर्ष में
रोजगार मेलों
के आयोजन
संबंधी
जानकारी
निरंक है। उक्त
परिप्रेक्ष्य
में जिले में
श्रम विभाग
द्वारा
रोजगार दिलाये
जाने एवं
रोजगार मेलो
के आयोजन पर
राशि के व्यय
की जानकारी
निरंक है।
यद्यपि
रोजगार कार्यालय
द्वारा
आयोजित
रोजगार
मेलो/युवा
संगम में श्रम
विभाग द्वारा
सहभागिता कर
श्रम कानूनों
की जानकारी दी
जाती है। वर्ष
2025-26
में भिण्ड
जिले में
आयोजित निम्नलिखित
रोजगार मेलों
में श्रम
विभाग द्वारा
उपस्थिति दी
जाकर श्रम
कानूनों की
जानकारी
उपलब्ध
करायी गयी:- 1.
23.04.25
पॉलीटेक्निक
कॉलेज, भिण्ड 2.
28.05.25
आई.टी.आई., भिण्ड 3.
25.06.25
आई.टी.आई., भिण्ड 4.
28.06.2025
दंदरौआ धाम,
मेहगांव
5. 23.07.25 आई.टी.आई.,
भिण्ड
6. 28.08.25 आई.टी.आई.,
भिण्ड
7. 30.09.25 सरस्वती
स्कूल, मेहगांव
8. 15.11.25 महर्षि
अरविंद
महाविद्यालय,
गोहद।
प्रधानमंत्री
आवास योजना
अंतर्गत नियम
विरूद्ध लाभ
देना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
49. ( क्र. 220 ) श्री
अम्बरीष
शर्मा : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) भिण्ड
जिले में
विधानसभा
क्षेत्र 11 लहार
में
प्रधानमंत्री
आवास योजना के
अंतर्गत
कितने अपात्र
हितग्राहियों
को नियम विरूद्ध
लाभ दिया गया
है? उनकी सूची
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
ग्राम पंचायत
असनेहट में 18 से 20 अपात्र
व्यक्तियों
को
प्रधानमंत्री
आवास स्वीकृत
किये जाकर
राशि भी भेजी
गई है? अपात्रों
को योजना का
लाभ दिलवाने
वाले अधिकारियों
एवं
कर्मचारियों
पर क्या
कार्यवाही की
गई? नहीं की गई
तो क्यों तथा
कब तक
कार्यवाही की
जावेगी? (ग) लहार
विधानसभा
क्षेत्र में
ग्राम
पंचायत/शहरी
क्षेत्र में
अपात्रों को योजना
का लाभ दिया
गया है? इन सभी
प्रकरणों की
जॉंच कब तक की
जावेगी तथा दोषी
अधिकारियों
एवं
कर्मचारियों
पर क्या कार्यवाही
की जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) भिण्ड
जिले में
विधानसभा
क्षेत्र 11 लहार
में
प्रधानमंत्री
आवास योजना के
अंतर्गत 17 अपात्र
हितग्राहियों
को नियम
विरूद्ध लाभ दिया
गया है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) ग्राम
पंचायत
असनेहट में 13 अपात्र
व्यक्तियों
को
प्रधानमंत्री
आवास
योजना-ग्रामीण
स्वीकृत
किये जाकर
राशि भेजना
पाया गया।
संबंधित ब्लाक
समन्वयक रौन,
पंचायत
समन्वयक
अधिकारी तथा
ग्राम रोजगार
सहायक को कारण
बताओं नोटिस
जारी किया गया
है, तदानुसार
आगामी
कार्यवाही की
जायेगी। (ग) ग्राम
पंचायत
क्षेत्र के
दोषी
अधिकारियों एवं
कर्मचारियों
पर कार्यवाही
प्रचलन में है
तथा शहरीय
क्षेत्र में
गलत शपथ पत्र
प्रस्तुत
करने से, संबंधित
के खिलाफ
प्राथमिकी
दर्ज कराई गई।
आयुर्वेदिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों के
संचालन का व्यय
[आयुष]
50. ( क्र. 222 ) श्री
मोहन सिंह
राठौर : क्या
आयुष मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 2222 दिनांक 24.7.2025 के
परिशिष्ट ''स'' में
जिले को
उपलब्ध कराए
गए बजट की
हेडवार जानकारी
दी गई है? परिशिष्ट
''स''
में
दी गई बजट
राशि किस-किस
प्रयोजन/कार्य
हेतु राशि
व्यय की जाती
है, बजट हेड एवं
प्रयोजन की
वर्षवार
जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश
(क) में दी गई
जानकारी में
हेडवार, प्रयोजनवार
कार्यवार
राशि व्यय
करने के क्या-क्या
नियम निर्देश
है? नियम
निर्देशों की
प्रति उपलब्ध
कराये? क्या
व्यय नियम
निर्देशों के
अनुसार किया
गया है? यदि
नहीं, तो क्यों?
परिशिष्ट
''द''
में
प्राप्त
सामग्री का
जिले में
प्राप्त होने
का भौतिक
सत्यापन, गुणवत्ता
की जांच की गई
है? यदि हाँ तो
किसके द्वारा?
(ग) प्रश्नांकित
अवधि में जिला
ग्वालियर में
आहरण संवितरण
अधिकार किस
अधिकारी के
पास थे? क्या
प्रश्नांकित
अवधि में
प्राप्त
आवंटन का ऑडिट
कोष एवं
लेखा/महालेखाकर
द्वारा किया
गया है? यदि हाँ
तो कब-कब? ऑडिट
रिपोर्ट की
वर्षवार
जानकारी दें?
(घ) क्या
प्रश्नांकित
अवधि में किये
गए ऑडिट
परीक्षणों
में कोई
आपत्ति ली गई
है/प्रतिकूल
टीप दी गई है?
यदि
हाँ तो आहरण
संवितरण
अधिकारी के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई विवरण दें।
यदि नहीं,
तो
क्यों?
आयुष
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
''अ''
अनुसार। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। जी
हाँ। प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। जी हाँ।
परिशिष्ट ''द'' में
प्राप्त
समस्त
सामग्री का
भौतिक सत्यापन
एवं गुणवत्ता
की जांच जिले
में गठित क्रय
समिति द्वारा
की गई है तथा
जांच पश्चात्
समस्त सामग्री
की प्रविष्टि
स्टॉक
रजिस्टर में
की गई है। (ग) तत्कालीन
प्रभारी जिला
आयुष अधिकारी
डॉ. मंगल सिंह
यादव। जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) कोष
एवं
लेखा/महालेखाकार
द्वारा ऑडिट न
होने से शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
भवन
निर्माता के
आधिक्य राशि
की वापसी
[श्रम]
51. ( क्र. 224 ) श्री
महेन्द्र
हार्डिया : क्या
श्रम मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश में
भवन
निर्माताओं
को मध्यप्रदेश
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार
मण्डल में
कर्मकार
कल्याण उपकर
जमा कराना
अनिवार्य है। (ख) यदि हाँ
तो इन्दौर शहर
में वर्ष 2015 से
कितने भवन
निर्माताओं/संस्थाओं
ने कर्मकार
कल्याण उपकर
जमा किया है।
इनमें से
कितने भवन
निर्माताओं/संस्थाओं
ने अधिक राशि
जमा करा दी
है। (ग) अधिक जमा
राशि की वापसी
की क्या
प्रक्रिया है।
इसे किस
कार्यालय
द्वारा वापस
किया जावेगा।
अभी तक इन्दौर
में कितने भवन
निर्माताओं/संस्थाओं
ने अधिक राशि
की वापसी का
आवेदन दिया
है। इनकी राशि
वापस कब तक की
जावेगी। यदि
नहीं, तो क्यों।
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी हाँ।
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
उपकर अधिनियम,
1996
सहपठित उपकर
नियम, 1998 के
प्रावधानों
के अनुसार
प्रदेश में
राशि रूपये 10 लाख तक
के निजी
आवासीय
निर्माण
कार्यों को छोड़कर
अन्य समस्त
निर्माण
कार्यों हेतु
मध्यप्रदेश
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
मण्डल
अंतर्गत उपकर
जमा किया जाना
अनिवार्य है। (ख) इन्दौर
में वर्ष 2015 से
वर्तमान तक
कुल 1,19,482 भवन
निर्माताओं/संस्थाओं
द्वारा उपकर
जमा किया गया
है। जिनमें से
कुल 38
निर्माताओं/संस्थाओं
ने अधिक राशि
जमा किये जाने
संबंधी आवेदन
प्रस्तुत
किया गया है। (ग) भवन एवं
अन्य
संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
उपकर नियम,
1998 के
नियम (8) में अति
संदत्त उपकर
की वापसी
संबंधी
प्रावधान है,
जिसमें
अधिक जमा उपकर
राशि वापस
करने के संबंध
में प्राप्त
आवेदन एवं
संबंधित उपकर
निर्धारण
अधिकारी द्वारा
तत्संबंध
में जारी
अंतिम उपकर
निर्धारण
आदेश एवं स्पष्ट
अनुशंसा के
अनुसार मण्डल
द्वारा
प्रभावशील नियमानुसार
अधिक जमा राशि
वापस की जाती
है। यह एक सतत
प्रक्रिया
हैं। प्रश्न
दिनांक तक
इंदौर
अंतर्गत कुल 38 भवन
निर्माताओं/संस्थाओं
ने अधिक राशि
की वापसी का
आवेदन प्रस्तुत
किया गया है,
जिसमें
से 19 आवेदनों के
संबंध में
अधिक जमा उपकर
राशि वापस की
जा चुकी है। आवेदनों
में उपरोक्त
प्रक्रिया
अनुसार परीक्षण
कर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
ऑर्गेनिक
(जैविक) कपास
का उत्पादन
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
52. ( क्र. 228 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
धार, बड़वानी,
खरगोन,
झाबुआ
जिलों में
पिछले पाँच
वर्षों में
ऑर्गेनिक
(जैविक) कपास
उत्पादन को
बढ़ावा देने
हेतु विशेष
प्रयास किए गए
हैं? (ख) यदि हाँ,
तो
वर्षवार
विवरण देवें
कि किन-किन
जिलों में ऑर्गेनिक
कपास की खेती की
गई, कितने
किसानों ने
भाग लिया,
और
कुल उत्पादन
कितना रहा?
(ग) किसानों
की सूची
जिलेवार
बताएं जो
ऑर्गेनिक कपास
उत्पादन में
सक्रिय रहे तथा
उन्हें
प्राप्त
तकनीकी या
वित्तीय सहायता
का विवरण भी
देवें। (घ) ऑर्गेनिक
कपास से
संबंधित चल
रही जांचों,
बीज
गुणवत्ता,
प्रमाणन
प्रक्रिया,
सभी
प्रकार की
अनियमितता की
जांच की
जानकारी देवें।
(ङ) PKVY (परंपरागत
कृषि विकास
योजना), NPOF (राष्ट्रीय
जैविक खेती
परियोजना)
समेत राज्य एवं
केंद्र सरकार
की सभी
योजनाएं
जिनके अंतर्गत
ऑर्गेनिक
कपास को
बढ़ावा दिया
गया जानकारी
देवें तथा इन
योजनाओं के
अंतर्गत
वर्षवार खर्च
का संपूर्ण ब्यौरा
और विवरण
बतावें। (च)
ग्वालियर
स्थित कृषि
विश्वविद्यालय
द्वारा
विकसित
ऑर्गेनिक
हाइब्रिड
बीजों की
स्थिति, परीक्षण
रिपोर्ट, और
किसानों तक
पहुँचाने की
प्रक्रिया का
ब्यौरा और
विवरण
बतावें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) :
(क) जी हाँ,
राजमाता
विजयाराजे
सिंधिया कृषि
विश्वविद्यालय,
ग्लालियर
द्वारा जैविक
कपास उत्पादन
को बढ़ावा
देने हेतु
विशेष प्रयास
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 1 अनुसार
है। जैविक कपास
उत्पादन
कार्यक्रम RKVY
योजना
अंतर्गत
स्वीकृत ''Project to promote
sustainable cotton production in Madhya Pradesh with assured market linkages” की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 2 अनुसार
है। जैविक खेती
को बढ़ावा
देने हेतु
परंपरागत कृषि
विकास योजना (PKVY)
संचालित
की जा रही है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 3 अनुसार
है। (ख) ऑर्गेनिक
कपास का
कार्यक्रम
परंपरागत
कृषि विकास
योजना (PKVY) के
अतिरिक्त
अन्य निजी
संस्थाओं
द्वारा भी किसानों
के साथ लिया
जा रहा है।
जिनकी
जानकारी भारत
सरकार
अंतर्गत
संचालित कृषि
और
प्रसंस्कृत
खाद्य उत्पाद
निर्यात विकास
प्राधिकरण (APEDA)
नई
दिल्ली, राष्ट्रीय
जैविक एवं
प्राकृतिक
खेती केन्द्र
(NCONF), गाजियाबाद,
उत्तर
प्रदेश
द्वारा
संधारित की
जाती है। (ग) परंपरागत
कृषि विकास
योजना (PKVY) अंतर्गत
उप संचालक,
कृषि
जिला धार,
बड़वानी
एवं खरगोन से
प्राप्त
ऑर्गेनिक
कपास कृषकों
की सूची जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 5 अनुसार
है। जिला झाबुआ
में परम्परागत
कृषि विकास
योजना (PKVY) अंतर्गत
ऑर्गेनिक
कपास कृषकों
द्वारा नहीं लिया
गया है। (घ) ऑर्गेनिक
कपास का जैविक
प्रमाणीकरण
भारत सरकार के
वाणिज्य और
उद्योग
मंत्रालय के
तहत वैधानिक
निकाय कृषि और
प्रसंस्कृत
खाद्य उत्पाद
निर्यात
विकास
प्राधिकरण (APEDA)
नई
दिल्ली
द्वारा किया
जाता है। अतः
प्रश्नगत
जानकारी APEDA
से
संबंधित है।
(ड.) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 अनुसार
है एवं परंपरागत
कृषि विकास
योजना (PKVY) के
वर्षवार व्यय
का ब्यौरा जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 4 अनुसार
है। (च) राजमाता
विजयाराजे
सिंधिया कृषि
विश्वविद्यालय,
ग्वालियर
द्वारा दी गई
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 1 अनुसार
है।
गौशालाओं
का संचालन
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
53. ( क्र. 235 ) सुश्री
मंजू राजेन्द्र
दादू : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) मनरेगा
योजना
अंतर्गत विगत 3 वर्षों
में
बुरहानपुर
जिले के
अंतर्गत कितनी
ग्राम
पंचायतों में
गौशाला
स्वीकृत की गई
है? कितनी
गौशालाओं का
निर्माण हो
चुका है तथा
कितनी
गौशालाओं का
निर्माण शेष
है? जनपद
पंचायतवार,
वर्षवार
विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
गौशालाओं के
निर्माण पर
कितना व्यय किस
संस्था या
व्यक्ति को
किस वस्तु या कार्य
का किया गया
पूर्ण
जानकारी
देवें। (ग) बुरहानपुर
जिले में
मनरेगा
अंतर्गत
निर्मित एवं
निर्माणाधीन
गौशालाओं में
पेयजल की व्यवस्थाओं
हेतु किस
विभाग से
कितनी राशि
प्रदाय की गई
है। प्रदाय
राशि का उपयोग
किस कार्य हेतु
किस संस्था या
व्यक्ति को
किया गया एवं
किस अधिकारी
के द्वारा
उक्त राशि के
उपयोग का भौतिक
सत्यापन किया
गया पूर्ण
जांच
प्रतिवेदन,
कार्य
के फोटो, एम.बी.
सत्यापित
सहित जानकारी
देवें। (घ) प्रश्नांश
(ख) एवं (ग) के
संदर्भ में जो
भुगतान किया
गया है क्या
उस फर्म/संस्था
का वास्तविक
अस्तित्व है
या नहीं? भौतिक
सत्यापन किस
अधिकारी के
द्वारा किया
गया अधिकारी
का नाम, पदनाम
एवं
प्रतिवेदन की
प्रति देवें
एवं नियम
विरूद्ध
भुगतान फर्म
या व्यक्ति को
किये जाने पर
संबंधितों पर
क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) विगत 03 वर्ष
में जिला
बुरहानपुर
अंतर्गत कोई
भी गौशाला
स्वीकृत नहीं
की गई है। शेष
प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता है। (ख) निरंक।
(ग) गौशाला में
पेयजल
व्यवस्था
हेतु पशुपालन
विभाग से राशि
प्राप्त हुई
है। प्रदाय
राशि का उपयोग
किस कार्य
हेतु किस
संस्था या
व्यक्ति को
किया गया एवं
किस अधिकारी
के द्वारा
उक्त राशि के
उपयोग का
भौतिक सत्यापन
किया गया
पूर्ण जांच
प्रतिवेदन,
कार्य
के फोटो, एम.बी. की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (घ) जी
हाँ, फर्म/संस्था
अस्तित्व में
है। भौतिक
सत्यापन के
संबंध में जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ब
अनुसार है।
नियम विरूद्ध
भुगतान फर्म
या व्यक्ति
को नहीं किया गया।
शेष प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता।
ग्राम
पंचायतों में
अमृत सरोवरों
का निर्माण
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
54. ( क्र. 240 ) सुश्री
मंजू राजेन्द्र
दादू : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
बुरहानपुर
अंतर्गत
नेपानगर
विधानसभा में
वर्ष 2020 से कितने
अमृत सरोवर
स्वीकृत किये
गये हैं? प्रत्येक
सरोवर के स्थल
चयन हेतु किन
अधिकारियों
ने कब-कब स्थल
का निरीक्षण
किया? तकनीकी/प्रशासकीय
स्वीकृति
सहित जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में शासन
द्वारा क्या
दिशा-निर्देश
जारी किये गये
थे, क्या शासन
द्वारा
स्वीकृति
हेतु कम से कम 10 हजार घन मीटर जल
संचय की
अनिवार्यता
की गई थी? यदि हां, तो उक्त
स्वीकृति में
से कितने
सरोवर उक्त क्षमता
के हैं? यदि नहीं, तो इस हेतु
जल संचय
क्षमता कितनी
निर्धारित की
गई थी?
(ग) नेपानगर
विधानसभा में
स्वीकृत
संरचनाओं की जल
संचय क्षमता
कितनी है? क्या
निर्धारित
क्षमता नहीं
होने के बाद
भी सरोवरों की
स्वीकृति की
गई है? यदि
हाँ, तो
क्यों? क्या
स्वीकृति
हेतु गलत
जानकारी देकर
स्वीकृतियां
की गई हैं? यदि हां, तो इसके
लिए
जिम्मेदारों
और दोषी के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी? (घ) इन
सरोवरो में
मत्स्य पालन, सिंघाड़ा
उत्पादन जैसी
गतिविधियों
से लाभान्वित
होने वाले
हितग्राहियों
की संख्या उपलब्ध
करावें?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जिला
बुरहानपुर
अंतर्गत
नेपानगर
विधानसभा में
वर्ष 2020 से 81 अमृत
सरोवर कार्य
स्वीकृत किये
गये हैं। निरीक्षणकर्ता
अधिकारी, तकनीकी
स्वीकृति एवं
प्रशासकीय
स्वीकृति की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जी हाँ, दिशा-निर्देश
जारी किये गये।
जी हाँ, 10 हजार घन
मीटर की
अनिवार्यतः
थी। सभी 81 अमृत
सरोवर 10 हजार घन
मीटर की जल
संचय क्षमता
के है। शेष
प्रश्न
उत्पन्न नहीं होता
है। (ग) स्वीकृत
समस्त 81 अमृत
सरोवरों का जल
संचय क्षमता 10 हजार घन
मीटर एवं उससे
अधिक है, शासन
द्वारा
निर्धारित
क्षमता
अनुसार अमृत सरोवरों
की स्वीकृति
की गई है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट है।
जी नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) अमृत
सरोवरों में
मत्स्य पालन
एवं सिंघाडा
उत्पादन लाभान्वित
हितग्राही की
संख्या निरंक
है।
रजिस्टर्ड
वेंडरों की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
55.
( क्र. 248 ) श्री
दिनेश जैन बोस
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत जनपद
पंचायत महिदपुर
में कुल कितने
सामग्री
प्रदाय वेंडर
रजिस्टर्ड
हैं? संपूर्ण
जानकारी उपलब्ध
कराएं। (ख) ग्राम
पंचायत
सगवाली, गोगापुर, मकला, पिपलिया
धूमा में
जनवरी 2021 से प्रश्न
दिनांक तक
किन-किन
वेंडरों
द्वारा
क्या-क्या
सामग्री
प्रदाय की गई
है? क्या
उक्त ग्राम
पंचायतों में
सामग्री सप्लाई
करने वाले सभी
वेंडर
रजिस्टर्ड है? क्या कुछ
फर्जी वेंडरों
द्वारा भी
ग्राम
पंचायतों में
सामग्री सप्लाई
की गई हैं? यदि हाँ, तो किन-किन
फर्जी
वेंडरों
द्वारा
क्या-क्या सामग्री
प्रदाय की गई
हैं?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) ग्राम
पंचायत सगवाली, गोगापुर, मुकला, पिपल्याधुमा
में जनवरी 2021 से प्रश्न
दिनांक तक
सामग्री
प्रदायकर्ता
वैडरों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है एवं
जिले से
प्राप्त
जानकारी
अनुसार
सामग्री
प्रदायकर्ता
सभी वेण्डर
रजिस्टर्ड
है तथा फर्जी
वेण्डरों द्वारा
ग्राम
पंचायतों को
सामग्री
प्रदाय नहीं की
गई है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नियुक्ति
की प्रक्रिया
[उच्च
शिक्षा]
56.
( क्र. 249 ) श्री महेश
परमार : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सहायक
प्राध्यापक, वनस्पति
विज्ञान, अटल
बिहारी
वाजपेयी
हिंदी
विश्वविद्यालय, भोपाल की
विभाग में
प्रथम
नियुक्ति की
तिथि क्या है? क्या उनके
द्वारा
नियुक्ति से
पूर्व विश्वविद्यालय
में प्रस्तुत
किए गए जाति
प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, स्नातक, स्नातकोत्तर, अनुसंधान
उपाधि (यदि हो) एवं
अन्य
शिक्षण/शोध
अनुभव संबंधी
अभिलेखों की
सत्यापित
प्रतियाँ
उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो उनकी
प्रतियाँ
देवे। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार जिस
विज्ञापन के
माध्यम से
सहायक
प्राध्यापक (वनस्पति
विज्ञान) के
पद पर चयन
किया गया था, उस
विज्ञापन की
सत्यापित
प्रति, उक्त
भर्ती
प्रक्रिया
में प्रयुक्त
आरक्षण रोस्टर, चयन समिति
की कार्यवाही विवरणिका
(Selection
Committee Proceedings), स्कोर
कार्ड/मूल्यांकन
पत्रक तथा चयन
प्रक्रिया से
जुड़े अन्य
सभी अभिलेख
प्रस्तुत करे।
(ग) उक्त
विज्ञापन में
सहायक
प्राध्यापक (वनस्पति
विज्ञान) पद
हेतु
निर्धारित
न्यूनतम
अनिवार्य
शैक्षणिक
योग्यता क्या
थी? क्या
आवेदनकर्ता
ने उक्त
विज्ञापन की
अंतिम तिथि तक
सभी अनिवार्य
शैक्षणिक एवं
नियामकीय
योग्यताओं की
पूर्ति की थी? यदि हाँ, तो
संबंधित
प्रमाण-पत्रों
की सत्यापित
प्रतियाँ
उपलब्ध
करावें। (घ) मध्यप्रदेश
लोक सेवा आयोग
(MPPSC)
द्वारा
सहायक
प्राध्यापक
पद हेतु
अनारक्षित
वर्ग के
अभ्यर्थियों
की अधिकतम आयु
सीमा क्या
निर्धारित की
गई है तथा अनुसूचित
जाति, अनुसूचित
जनजाति, अन्य
पिछड़ा वर्ग, आर्थिक
रूप से कमजोर
वर्ग एवं
महिला
अभ्यर्थियों
हेतु अधिकतम
आयु सीमा क्या
है? साथ
ही यह भी
स्पष्ट किया
जाए कि अटल
बिहारी वाजपेयी
हिंदी
विश्वविद्यालय, भोपाल
द्वारा उक्त
पद पर
नियुक्ति
हेतु कौन-सी
अधिकतम आयु
सीमा लागू की
गई थी?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) सहायक
प्राध्यापक, वनस्पति
विज्ञान, अटल
बिहारी वाजपेयी
हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल की
विभाग में
प्रथम
नियुक्ति
तिथि 06.02.2023
है। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
(ग) अनिवार्य
शैक्षणिक
योग्यता
यूजीसी
अनुसार
संबंधित विषय
में नेट या
पीएचडी थी। जी
हाँ। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार है।
(घ) वर्ष
2022 में सहायक
प्राध्यापक
पद हेतु जारी
म.प्र. लोक
सेवा आयोग
द्वारा जारी
विज्ञापन
अनुसार
अनारक्षित
वर्ग एवं ई.डब्ल्यू.एस.
वर्ग के अभ्यर्थियों
हेतु 43
वर्ष तथा
अनुसूचित जाति/अनुसूचित
जनजाति/ महिलाओं
(अनारक्षित/आरक्षित)
के लिए
अतिरिक्त 05 वर्ष की
छूट प्रदान कर
अधिकतम छूट 48 वर्ष है। यूजीसी
दिशा–निर्देशों
में विश्वविद्यालयों
के शैक्षणिक
पदों पर
नियुक्ति हेतु
अधिकतम
आयु-सीमा का
उल्लेख नहीं
है। तद्नुसार
विश्वविद्यालय
द्वारा
कार्यवाही की
गई।
वित्तीय
उल्लंघनों पर
दंडात्मक एवं
आपराधिक
कार्यवाही
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
57.
( क्र. 252 ) श्री महेश
परमार : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या अतारांकित
प्रश्न क्र. 4, दिनांक
11
मार्च, 2025 के
उत्तर में, उज्जैन
जिले की समस्त
जनपद
पंचायतों में
म.प्र. पंचायत
राज एवं ग्राम
स्वराज
अधिनियम, 1993 की
धारा 73 (वार्षिक
लेखा) और जनपद
पंचायत बजट
अनुमान नियम, 1997 का
उल्लंघन
स्वीकार किया
गया था, जिसके
संबंध में
पत्र क्र. 4171, दिनांक
17.07.2025 द्वारा
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारियों (CEO) पर
दंडात्मक
कार्रवाई
हेतु
प्रतिवेदन
प्रेषित किया
गया था? प्रतिवेदन
सहित संबंधित
दस्तावेज
देवें। (ख) यदि
हाँ, तो प्रश्न
दिनांक तक
अधिनियम की
धारा 92 (गबन/हानि
के लिए
उत्तरदायित्व)
के अंतर्गत राशि
वसूली, सेवा
से
निलंबन/हटाना, तथा
भ्रष्टाचार
निवारण
अधिनियम, 1988 के तहत
किन-किन दोषी
अधिकारियों/
कर्मचारियों
के विरुद्ध
आपराधिक
मुकदमा शुरू
किया गया है? दोषियों
के नाम, पदनाम, और
कार्रवाई
शुरू करने
वाले
प्राधिकारी
का पूर्ण
विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित दंडात्मक/आपराधिक
कार्रवाइयों
को पूर्ण करने
के लिए विभाग
ने क्या
समय-सीमा
निर्धारित की
है? यदि नहीं, तो
देरी का क्या
कारण है? (घ) उज्जैन
जिले के समान
वित्तीय
उल्लंघनों पर
भी खंडवा जिले
की जनपद
पंचायत
छैगांव माखन
के समान
त्वरित और
प्रभावी
कार्रवाई न
करने के लिए
क्या विभाग
जिम्मेदार
अधिकारियों
के विरुद्ध
कोई कार्रवाई
प्रस्तावित
करेगा? यदि
हाँ, तो कब-तक?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) पंचायत
राज
संचालनालय के
पत्र
क्रमांक/पं.रा./एफ-1/ 18300 दिनांक 13-10-2025 से विकास
आयुक्त
कार्यालय को
उत्तरांश (क)
अनुसार
प्राप्त
प्रतिवेदन
में वर्णित
अधिकारियों
के विरूद्ध
अनुशासनात्मक
कार्यवाही का
प्रस्ताव
प्रेषित किया
गया है। (ग) एवं
(घ) कार्यवाही
प्रचलित है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
खाद
वितरण की जानकारी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
58.
( क्र. 256 ) श्री पंकज
उपाध्याय : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मुरैना
जिले में कुल
कितनी कृषि
भूमि,
रकवा कितना है? विगत तीन
वर्ष में
क्षेत्रफलानुसार
सम्पूर्ण
प्रदेश में विभिन्न
प्रकार के
रासायनिक
उर्वरक जैसे
यूरिया, डीएपी, एनपीके, एएसपी
इत्यादि कुल
कितनी मात्रा
में खाद की आवश्यकता
का आंकलन किया
गया? (ख) क्या कृषि
भूमि
क्षेत्रफल
अनुसार
उर्वरक किसानों
को उपलब्ध
कराया गया? मुरैना
जिला अंतर्गत
यूरिया, डीएपी, एनपीके, एएसपी इत्यादि
समस्त
रासायनिक
उर्वरकों की
वितरित मात्रा
की तीन वर्ष
की जानकारी
उपलब्ध कराएं।
(ग) विधानसभा
क्षेत्र जौरा
अंतर्गत कुल
कितनी मार्केटिंग
सोसाइटी एवं
साख सहकारी
समिति कार्यरत
हैं एवं उनका
संचालन किसके
द्वारा एवं कब
से किया जा
रहा है? (घ) विधानसभा
क्षेत्र जौरा
अंतर्गत
सहकारी साख समितियों
को
कितनी-कितनी
मात्रा में
खाद में उपलब्ध
कराया गया एवं
उनके द्वारा
किन-किन किसानों
को कितनी
मात्रा में
खाद वितरण
किया गया? साख
समितिवार तीन
वर्ष की
जानकारी
उपलब्ध कराएं।
(ड.) विधानसभा
क्षेत्र जौरा
अंतर्गत
सहकारी साख
समितियों
द्वारा खाद
वितरण में
अव्यवस्थाओं
एवं अनियमितताओं
के संबंध में
विभिन्न
स्तरों पर विगत
तीन वर्ष में
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई? उनके
संबंध में की
गई कार्यवाही
का प्रतिवेदन
शिकायतवार
प्रदान करें।
किसान
कल्याण एवं कृषि
विकास मंत्री
( श्री ऐदल
सिंह कंषाना ) : (क) मुरैना
जिले में 272158 हेक्टेयर
कृषिगत भूमि
का रकबा है। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है।
(ख) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है।
(ग) जौरा
विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत 2
मार्केटिंग
सोसायटी एवं
कुल 13
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
समितियां
कार्यरत हैं
एवं इनका
संचालन
संस्था के
संचालक मंडल/प्राधिकृत
अधिकारियों
द्वारा लगभग
विगत 50
वर्षों से
अधिक समय से
किया जा रहा
है। (घ) प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
समितियों के सदस्य
कृषकों को
उर्वरक वितरण
किया गया है। विभाग
द्वारा किसानवार
जानकारी
संधारित
नहीं की जाती
है। उर्वरक
भण्डारण एवं
वितरण की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है।
(ड.) विगत
तीन वर्षों
में विधानसभा
क्षेत्र जौरा
अंतर्गत
सहकारी साख
समितियों
द्वारा उर्वरक
वितरण में
अव्यवस्थाओं
एवं अनियमितताओं
के संबंध में
शिकायतें
विभाग को
प्राप्त
नहीं हुई हैं।
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
आजीविका
मिशन की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
59.
( क्र. 257 ) श्री पंकज
उपाध्याय : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) आजीविका
मिशन द्वारा
कितनी गैर
कृषि आधारित गतिविधियां
संचालित की जा
रही है? आजीविका
मिशन के तहत
वर्ष 2021 से
किस-किस जिले
के किस-किस
गांव में
कितने-कितने
सिलाई सेंटर
स्थापित किए
गए थे, जहां
गणवेश सिलाई
कार्य किया
गया? किस-किस
सिलाई सेंटर
में कितनी
मशीन स्थापित है? गणवेश
सिलाई कार्य
क्यों बंद
किया गया तथा सारे
सिलाई सेंटर
को स्थापित
करने में कुल
कितना खर्च
हुआ? (ख) क्या समूह
द्वारा 90% गैर-कृषि
आधारित कार्य
असंचालित है? क्या
राज्य
परियोजना
प्रबंधक
लाइवलीहुड के पद
पर पदस्थ
महिला
अधिकारी की
नियुक्ति
फर्जी तरीके
से की गई है? नियुक्ति
संबंधी उनके
दस्तावेजों
की समस्त प्रतियां
दे। (ग) गैर-कृषि
आधारित कार्य
बंद होने और
लापरवाही बरतने
पर राज्य
परियोजना
प्रबंधन के
विरुद्ध क्या
कार्रवाई की
जाएगी और कब तक की
जाएगी? (घ) CBMII सूक्ष्म
बीमा कार्य
किस वर्ष से
किस वर्ष तक संचालित
किया गया? सूक्ष्म
बीमा करने CBMII से
संबंधित
क्या-क्या
आदेश निकाले
गए? क्या
यह स्कीम
वर्तमान में
संचालित है? क्या CBMII सूक्ष्म
बीमा योजना
बंद की गई है
तो किस कारण से
बंद की गई है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) आजीविका
मिशन गैर-कृषि
अंतर्गत 157
गतिविधियां
जिलों में
संचालित की जा
रही है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-अ
अनुसार है। आजीविका
मिशन के तहत
वर्ष 2021 से 22 जिलों में
गणवेश सिलाई
केन्द्र किसी
भी जिले में
स्थापित नहीं
किये गये है। अन्य
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। राज्य
शिक्षा
केन्द्र
अंतर्गत सर्व
शिक्षा अभियान
के तहत गणवेश
सिलाई का कार्यादेश
दिया गया था। जिसके
माध्यम से स्व
सहायता
समूहों द्वारा
कक्षा 01 से 08 तक
छात्रों की
गणवेश सिलाई
की गई थी। वर्ष
2021-22 एवं 2024-25 से अब तक
आर्डर
अप्राप्त है
अतः गणवेश का
कार्य बंद है।
सारे सिलाई
सेंटर को
स्थापित करने
में मिशन द्वारा
कोई व्यय नहीं
किया गया है। (ख) स्व-सहायता
समूहों के
द्वारा 90% गैर-कृषि आधारित
कार्य
संचालित हैं। राज्य
परियोजना
प्रबंधक-लाइवलीहुड
के पद पर किसी
भी महिला
अधिकारी की
नियुक्ति
नहीं की गई है।
(ग) मिशन
में गैर-कृषि
आधारित
गतिविधियां
संचालित है
तथा राज्य परियोजना
प्रबंधक
द्वारा कोई
लापरवाही
नहीं बरती जा
रही है, जिससे
उनके विरूद्ध
कोई कार्रवाई
प्रचलन में
नहीं है। (घ) CBMII सूक्ष्म
बीमा कार्य
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार है। सूक्ष्म
बीमा करने CBMII से
संबंधित आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स
अनुसार है।
ग्राम
रोजगार
सहायकों को
वेतन का
भुगतान
[पंचायत
एवं ग्रामीण विकास]
60.
( क्र. 260 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
मुरैना में
वर्तमान
स्थिति में
कितने ग्राम
रोजगार सहायक
कार्यरत है, इन्हें
प्रतिमाह
कितना वेतन
दिया जाता है? आदेश की
प्रति उपलब्ध
कराई जावे। (ख) क्या
जिला मुरैना
के ग्रामों
में पदस्थ
ग्राम रोजगार
सहायकों को
पिछले
चार-पांच माह
से वेतन नहीं दिया
गया है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित
जानकारी दी
जावे। (ग) ग्राम
रोजगार
सहायकों को
निर्माणाधीन
कार्य स्थल पर
जाकर मजदूरों
की हाजरी
लगाना, मस्टर
तैयार करना, प्रतिदिन
जनपद
कार्यालय पर
पहुँचकर
प्रगति
कार्यों की
रिपोर्ट देना
आदि जैसे कार्य
किये जाते है
जिसके लिये
उनको निजी
वाहन का उपयोग
करना पड़ता है।
बिना वेतन
मिले उक्त सभी
कार्य कैसे कर
पायेगें? (घ) जिला
मुरैना के
ग्राम रोजगार
सहायकों को
वेतन का
भुगतान कब तक
कर दिया
जावेगा? भुगतान की
दिनांक सहित
जानकारी दी
जावे।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जिला
मुरैना में
कुल 424
ग्राम रोजगार
सहायक
कार्यरत है, जिन्हें
राशि रू. 18000/- प्रति माह
के मान से
मानदेय दिया
जाता हैं। आदेश
की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला
मुरैना के
ग्राम पंचायत
में पदस्थ
ग्राम रोजगार
सहायकों को
माह अगस्त 2025 तक का
मानदेय
भुगतान किया
गया है। माह
सितम्बर एवं
अक्टूबर 2025 के मानदेय
के भुगतान की
कार्यवाही
प्रचलन में है।
(ग) ग्राम
रोजगार सहायक
के कर्तव्य
एवं दायित्व
को मुख्यालय
में रहकर ही
कार्य
संपादित किया
जाना होता हैं।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(घ) उत्तरांश (ख) अनुसार
है।
नाप-तौल
विभाग में पदस्थ
कर्मचारियों
के कार्यों
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
61.
( क्र. 261 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) ग्वालियर
एवं चम्बल
संभाग में
नाप-तौल विभाग
में किस
संवर्ग के
कितने-कितने
पद स्वीकृत है
एवं कितने
कर्मचारी/अधिकारी
पदस्थ है? (ख) विभाग
में पदस्थ
मैदानी अमले
के किस-किस
संवर्ग के
अधिकारी/कर्मचारियों
को क्या कार्य
करने होते है? नियम की
प्रति उपलब्ध
कराई जावे। (ग) क्या
मैदानी अमले
के लिये
प्रतिमाह
लक्ष्य निर्धारित
किया जाता है? यदि हाँ तो
संवर्गवार
लक्ष्य की
जानकारी दी
जावे। (घ) जिला
ग्वालियर एवं
मुरैना में
दिनांक 1 जनवरी, 2025 से
प्रश्न
दिनांक तक
निर्धारित
लक्ष्य के
विरूद्ध किन-किन
संस्थानों
एवं
प्रतिष्ठानों
का निरीक्षण
किया गया? (ड.) प्रश्नांश
(घ) के संबंध
में निरीक्षण
किये गये
संस्थानों/प्रतिष्ठानों
के विरूद्ध
कितने प्रकरण
पंजीबद्ध
किये गये एवं
कितनी राजस्व
की प्राप्ति
की गई? संस्थावार
जानकारी दी
जावे।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार है।
(ख) विभाग
में पदस्थ
मैदानी अमले
के
अधिकारी/कर्मचारियों
के कार्य की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
मध्यप्रदेश
विधिक माप
विज्ञान नियम 2011 की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
(ग) निरीक्षक
नाप-तौल
क्षेत्रवार
राजस्व आय
लक्ष्य
प्रतिमाह
निर्धारित
नहीं किया
जाता है, अपितु
वित्तीय
वर्ष हेतु
किया जाता है।
वित्तीय
वर्ष 2024-25
एवं वर्ष 2025-26 हेतु
प्रतिमाह
निर्धारित
अभियोजन
लक्ष्य की पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'द' अनुसार है।
(घ) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'इ' अनुसार है।
(ड.) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'फ' अनुसार है।
खेल
सामग्री क्रय का
वितरण
[खेल एवं
युवा कल्याण]
62.
( क्र. 267 ) श्री
सुरेश राजे : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) खिलाड़ियों
के लिए खेल
सामग्री क्रय
करने हेतु
जिला ग्वालियर
को वर्ष 2023-24 से 2025-26 में
कितनी-कितनी
राशि प्राप्त
हुई? ग्वालियर
में जिला स्तर
पर खेल
सामग्री क्रय करने
हेतु गठित
समिति में
कौन-कौन
अधिकारी/कर्मचारी
शामिल किये गए? इनका नाम, पद, पदस्थापना
दिनांक एवं
संपर्क सहित
बतावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
उक्त अवधि में
प्राप्त राशि
से सामग्री
क्रय करने
हेतु क्रय
समिति की बैठक
किस-किस
दिनांक को
आयोजित की गई? इनमें
कौन-कौन
अधिकारी/कर्मचारी
उपस्थित रहे? प्रत्येक
बैठक में
कौन-कौन सी
सामग्री क्रय
करने किस-किस
फर्म की
निविदायें
प्राप्त हुई? किस-किस
फर्म की
स्वीकृति की
गई? विस्तृत
सूची देवें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के अनुसार
उक्त क्रय
समिति की बैठक
में स्वीकृत
खेल सामग्री
किस-किस
संस्था को किस
दिनांक को
प्रदाय की गई? वर्षवार
विस्तृत सूची
उपलब्ध
करावें।
खेल
एवं युवा कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जिला
ग्वालियर को
वर्ष 2023-24
से 2025-26
तक खेल
सामग्री क्रय
करने हेतु
प्राप्त राशि, खेल
सामग्री क्रय
करने हेतु
गठित समिति के
अधिकारी/कर्मचारी
का नाम, पद,
पदस्थापना
दिनांक एवं
संपर्क नंबर
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्ष
2023-24 से 2025-26 तक जिलों
को प्राप्त
राशि से
सामग्री क्रय
करने हेतु
गठित क्रय
समिति की बैठक
दिनांक, उपस्थित
अधिकारी/
कर्मचारी की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है। संचालनालय
द्वारा अनुमोदित
निविदा दर पर
जिले को
आवंटित बजट से
खेल सामग्री
का क्रय किया
गया है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ग) क्रय
समिति की बैठक
में स्वीकृत
खेल सामग्री
के वितरण की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है।
किसानों
को बिना ब्याज
दर कृषि ऋण
उपलब्ध
[सहकारिता]
63.
( क्र. 269 ) श्री
सुरेश राजे : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भारत
सरकार द्वारा
वर्ष 2025-26
में
मध्यप्रदेश
शासन को
किसानों को
बिना ब्याज दर
के कृषि ऋण (खाद, बीज, नगदी के
रूप में) हेतु
अभी तक कुल
कितनी राशि
प्राप्त हुई? प्राप्त
राशि जिला
सहकारी
केन्द्रीय
मर्यादित
बैंक को किस-किस
दिनांक को
कितनी-कितनी
राशि प्रदाय (आवंटित)
की गई? (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
जिला सहकारी
केन्द्रीय
मर्यादित बैंक
ग्वालियर को
प्राप्त राशि
अपने अधीनस्थ
शाखाओं को
कितनी-कितनी राशि
किस-किस
दिनांक को
प्रदाय की गई? इनके
द्वारा अपने
अधीनस्थ
किस-किस
प्राथमिक कृषि
सहकारी
समितियों को
किस-किस
दिनांक को कितनी-कितनी
राशि प्रदाय
की गई? (ग) प्रश्नांश
(ख) के अनुसार
जिला
ग्वालियर में
प्राथमिक
कृषि सहकारी
समितियों
द्वारा
कितनी-कितनी
राशि किस-किस
ग्राम के
किस-किस
कृषक/सदस्य को
किस दिनांक को
प्रदाय की गई? सूची
उपलब्ध कराएँ।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) भारत
सरकार द्वारा
वर्ष 2025-26
में राज्य
शासन को, किसानों
को बिना ब्याज
दर के कृषि ऋण
हेतु कोई राशि
प्राप्त नहीं
हुई वरन् नाबार्ड
के माध्यम से
वर्ष 2025-26
में
मध्यप्रदेश
राज्य सहकारी
बैंक को, किसानों
को रियायती
ब्याज दर पर
कृषि ऋण (बीज, खाद, नगदी के
रूप में) हेतु
अभी तक राशि
रू. 5345.00
करोड़
स्वीकृत की गई
है। स्वीकृत
राशि दिनांक 10.09.2025 को जिला
सहकारी
केन्द्रीय
बैंकों को
आवंटित की गई
है, जिला
बैंकवार
आवंटित राशि
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जिला
सहकारी
केन्द्रीय
बैंक
ग्वालियर
द्वारा
नाबार्ड के
पात्रता
मापदंडों की
पूर्ति नहीं
करने के कारण, ग्वालियर
जिला सहकारी
केन्द्रीय
बैंक को साख
सीमा स्वीकृत
नहीं की गई है।
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
आरोग्य
धाम भवन का
निर्माण
[आयुष]
64.
( क्र. 273 ) इंजीनियर
हरिबाबू राय : क्या आयुष
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
अशोकनगर
तहसील के
ग्राम
बगुल्या में
प्रस्तावित
आरोग्य धाम
भवन का
निर्माण
वर्षों से
विभाग की
फाईलों में
भटक रहा है। यह
निर्माण
कार्य दो वर्ष
पहले ही हो
जाना था, परंतु आज
तक शुरु नहीं हो
सका कारण
बतायें? (ख) किन
अधिकारियों
के कारण इसका
यह
महत्वपूर्ण कार्य
नहीं हो पा
रहा है। उन पर
क्या
कार्यवाही की
गई?
नाम सहित
दर्शाने की
कृपा करें। (ग) यह
प्रस्तावित
आरोग्य भवन कब
तक निर्मित
करवा देंगे? ग्राम
बगुल्या में
आयुष विभाग के
कर्मचारी आवास
कर रहे है एवं प्राईवेट
घरों में
किराये पर
आयुष विभाग का
छोटा-मोटा काम
कर रहे है? (घ) विधान सभा
अशोकनगर में
कौन-कौन से
ग्राम में आरोग्य
धाम खुल चुके
है और कौन-कौन
से ग्राम में
प्रस्तावित है या
निर्माणाधीन
है, सूचीबद्ध
कर बताने की
कृपा करें।
आयुष
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी होने के
पश्चात्
भूमि आवंटन
नहीं होने से
निर्माण
कार्य प्रारंभ
नहीं हो सका। (ख)
प्रक्रियागत
विलंब होने से
कोई नहीं। शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता। (ग) समय-सीमा
बताई जाना
संभव नही। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार।
कोई नहीं।
लंबित
प्रकरणों की
जानकारी
[सहकारिता]
65.
( क्र. 274 ) इंजीनियर
हरिबाबू राय : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
सहकारी के.
बैंक गुना अंतर्गत
की समस्त
पैक्स
संस्थाओं में
कार्यरत एवं
पूर्व में
पदस्थ समिति प्रबंधक/समिति
सहायक से बैंक
को विभिन्न
मदों पीडीस, वारदाना, उपार्जन, कैशक्रेडिट, खाद आदि
मदों में कुल
कितनी-कितनी
राशि आज
दिनांक तक
स्थिति में
लेना बाकी है
मदवार, संस्थावार, वर्षवार, कर्मचारी
के नाम सहित
बकाया राशि की
जानकारी दर्शाकर
सूची देवें। (ख) बैंक
में गबन एवं
धोखाधड़ी की
बैठक में रखे
जाने वाले प्रकरणों
को आज दिनांक
तक की स्थिति
में अद्यतन कर
निर्धारित
प्रारूप में
जानकारी
उपलब्ध करावें।
विभिन्न
समितियों में
पदस्थ समिति
प्रबंधकों पर
लंबित एवं निराकृत
विभागीय जांच
के समस्त
प्रकरणों की अद्यतन
जानकारी
देवें। (ग) म.प्र.
शासन
सहकारिता
विभाग भोपाल
के आदेश क्रमांक/एफ/94/15-1 दिनांक 09/12/1994 की प्रति
देवें। क्या
इस आदेश के
द्वारा
कलेक्टर की
अध्यक्षता में
सहकारी
संस्थाओं की
गबन धोखाधड़ी
प्रकरणों की
समीक्षा हेतु
त्रैमासिक
बैठके आयोजित करने
के निर्देश
हैं?
यदि हाँ, तो बैंक अंतर्गत
वर्ष 2020 से
वर्ष 2025 तक
की प्रत्येक
तिमाही में
आयोजित
बैठकों का विवरण
देवें।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-01 अनुसार है।
(ख) बैंक
में गबन एवं
धोखाधड़ी की
बैठक में रखे
जाने वाले
प्रकरणों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-02 अनुसार है। समितियों
में पदस्थ
समिति
प्रबंधकों पर
लंबित एवं
निराकृत
विभागीय जांच
से संबंधित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-03 अनुसार है।
(ग) सहकारिता
विभाग के आदेश
दिनांक 09/12/1994 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-04 अनुसार है। जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-05 अनुसार है।
महाविद्यालयों
में शैक्षणिक
सुविधाओं में वृद्धि
[उच्च
शिक्षा]
66.
( क्र. 277 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) खुरई
विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत
बरोदियाकलां
में नवीन
महाविद्यालय
की स्वीकृति, शासकीय
महाविद्यालय
खुरई में स्नातकोत्तर
व बीएड की
कक्षाएं, बांदरी व
मालथौन में
नवीन विषयों
की स्वीकृति
हेतु विभाग की
क्या योजना है? (ख) क्षेत्र
के आर्थिक रूप
से कमजोर
छात्र-छात्राओं
को उच्च
शिक्षा हेतु
बरोदियाकलां
में
महाविद्यालय
की स्वीकृति
सहित प्रश्नांश
(क) अनुसार
महाविद्यालयों
में उक्त
शैक्षणिक सुविधाओं
की वृद्धि कब
तक कर दी
जावेगी?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) विभागीय
मापदण्डों
की पूर्ति एवं
वित्तीय
संसाधनों की
उपलब्धता के
आधार पर
निर्णय लिया
जा सकेगा। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख) समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
मुक्तिधाम
विहीन
ग्रामों में
मुक्तिधाम का निर्माण
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
67.
( क्र. 278 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) खुरई
विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत
खुरई एवं मालथौन
विकासखण्ड के
किन-किन
ग्रामों में
मुक्तिधाम
निर्माण का
कार्य किन-किन
कारणों से अभी
तक नहीं किया
गया? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
जनपद पंचायतों
द्वारा इन
ग्रामों में
भूमि उपलब्धता
हेतु सक्षम
अधिकारियों
को कब-कब लेख
किया गया? यदि नहीं, तो क्या
कारण हैं? मुक्तिधाम
विहीन
ग्रामों में
कब तक
मुक्तिधाम
निर्माण करा
दिया जावेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) खुरई
विधानसभा
क्षेत्र के
मालथौन
विकासखण्ड
अंतर्गत
अतिक्रमण शासकीय
भूमि उपलब्ध न
होने एवं भूमि
विवाद होने के
कारण 26
ग्रामों में
मुक्तिधाम
शेड का
निर्माण नहीं हुआ
है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। खुरई
विकासखंड के
ग्राम पंचायत
आसौलीघाट के ग्राम
आसौलीघाट
मुक्तिधाम
नहीं बनाया
गया है क्योकि
शमशान
घाट/मुक्तिधाम
हेतु ग्राम
पंचायत
आसोलीघाट के
ख.नं. 266/7
रकबा 0.30 हे.
भूमि
निर्धारित थी
किन्तु उक्त
भूमि हनौता
सिंचाई
परियोजना के
अंतर्गत डूब
प्रभावित
होने से न्यायालय
कलेक्टर
महोदय जिला
सागर के
रा.प्र.क्र. 0128/अ-20 (3) वर्ष
2022-23 आदेश
दिनांक 24.12.2024 द्वारा जल
संसाधन विभाग
म.प्र. शासन को
हस्तांतरित
की जा चुकी है।
यह कि ग्राम
पंचायत
आसौलीघाट की
संपूर्ण आबादी
भी डूब
प्रभावित
होने से आबादी
का विस्थापन
ग्राम
जगदीशपुरा
तहसील खुरई
में किया जा
रहा है। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
खुरई विधानसभा
क्षेत्र के
मालथौन
विकासखण्ड
अंतर्गत
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक/1234/मनरेगा 2025 मालथौन
दिनांक 08.07.2025 के माध्यम
से तहसीलदार
मालथौन/बांदरी
को जमीन
उपलब्ध कराये
जाने हेतु
पत्र प्रेषित
किया गया है। मुक्तिधाम
विहीन ग्राम
में
कार्यवाही
हेतु सक्षम
अधिकारी तहसीलदार
तहसील खुरई को
जनपद पंचायत
खुरई के कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 614 दिनांक 17.07.2025 लेख किया
गया है। जिसके
अंतर्गत
कार्यालय
तहसीलदार
तहसील खुरई के
द्वारा जारी
पत्र क्रमांक 1981 दिनांक 11.11.2025 के माध्यम
से पटवारी
द्वारा
प्राप्त
प्रतिवेदन
अनुसार शमशानघाट
हेतु ख.नं. 266/7 रकबा 0.30 हे. भूमि
निर्धारित थी
किन्तु उक्त
भूमि हनौता सिंचाई
परियोजना के
अंतर्गत डूब
प्रभावित
होने से
न्यायालय
कलेक्टर महोदय
जिता सागर के
रा.प्र.क्र.0128/अ-20 (3) वर्ष
2022-23 आदेश
दिनांक 24.12.2024 द्वारा जल
संसाधन विभाग
म.प्र. शासन को
हस्तांतरित
की जा चुकी है।
यह कि ग्राम
पंचायत
आसौलीघाट की
संपूर्ण आबादी
भी डूब
प्रभावित
होने से आबादी
का विस्थापन
ग्राम
जगदीशपुरा
तहसील खुरई
में किया जा
रहा है। अतः
ग्राम
आसौलीघाट में
मुक्तिधाम का
निर्माण
कार्य नहीं
किया जा सकता
है। संलग्न परिशिष्ट
अनुसार अतिक्रमण
मुक्त होने पर
एवं शासकीय
भूमि उपलब्ध
होने पर
मनरेगा
योजनान्तर्गत
कार्य की मांग
के आधार पर
श्रमिको को कार्य
उपलब्ध कराते
हुए कार्य
पूर्ण कराया
जाता है। समय-सीमा
दी जाना संभव
नहीं है।
शासकीय
आई.टी. कॉलेज, जरूवाखेड़ा
में नवीन
ट्रेड की
स्वीकृति
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
कौशल विकास एवं
रोजगार)]
68.
( क्र. 280 ) इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शासकीय
आई.टी.आई.
कॉलेज, जरूवाखेड़ा
में कितने
ट्रेड/विषय
संचालित है तथा
ट्रेड में
स्वीकृत
छात्र संख्या
तथा वर्तमान
में अध्ययनरत
छात्र-छात्राओं
की संख्या से
अवगत करावें? (ख) क्या
प्रश्नांश (क) में
वर्णित
शासकीय आई.टी.आई.
कॉलेज, जरूवाखेड़ा
में अन्य नवीन
ट्रेड/विषय
स्वीकृति
हेतु कोई
योजना विभाग
द्वारा
प्रस्तावित है?
यदि हाँ, तो
विस्तृत
जानकारी
देवें। (ग) क्या
शासकीय
आई.टी.आई.
कॉलेज, जरूवाखेड़ा
के समीप भारत
ओमान
रिफाईनरी
लिमिटेड, बीना
एवं
हिन्दुस्तान
पेट्रोलियम
कॉर्पोरेशन
लिमिटेड
(आईओसीएल) और
इंडियन ऑयल
कॉर्पोरेशन
लिमिटेड, नरयावली
को दृष्टिगत
रखते हुए
विभाग नवीन ट्रेड/विषय
को प्रारंभ
करने हेतु
विभाग में कोई
योजना/प्रस्ताव
शासन स्तर से
प्रेषित किया
गया है/लंबित
है? (घ) क्या
प्रश्नांश
(ग) में
वर्णित जानकारी
को दृष्टिगत
रखते हुए शासन
नवीन ट्रेड/विषय
को प्रारंभ
करेगा? तो कब
तक जानकारी
देवें?
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार ( श्री
गौतम टेटवाल ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं। (घ) शासकीय
आई.टी.आई., जरूवाखेड़ा
में नवीन
ट्रेड/विषय
प्रारंभ करने
की वर्तमान
में कोई योजना
नहीं है। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
कृषि
उपज मण्डी सागर
की आय-व्यय
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
69.
( क्र. 282 ) इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कृषि
उपज मण्डी, सागर में
विभिन्न
स्त्रोतों से
मण्डी को वर्ष
2024-25 एवं वर्ष-2025 से प्रश्न
दिनांक तक
विभिन्न मदों
से कितनी आय
प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित आय से
कृषि उपज
मण्डी, सागर ने
किन-किन
कार्यों एवं
अन्य मदों में
कितनी राशि
खर्च की? मदवार/वर्षवार/माहवार
जानकारी
देवें। (ग) प्रश्नांश
(ख) में कृषि
उपज मण्डी को
विकास कार्य/ अन्य
मदों में राशि
व्यय करने के
क्या नियम/प्रावधान
है? (घ) प्रश्नांश
(ख) में
वर्णित व्यय
राशि के संबंध
में विभाग ने
किन-किन मदों
में विभाग
से/बोर्ड से
अनुमति ली तथा
प्रश्नांश
(ग) में
वर्णित
किन-किन
प्रावधानों
के तहत अनुमति
ली?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) मदवार
विवरण की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
(ख) मदवार, माहवार
एवं वर्षवार
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है।
(ग) नियम/प्रावधान
की प्रति जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-5 अनुसार है।
(घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-6 एवं 7 अनुसार है।
निर्माण
कार्यों की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
70.
( क्र. 294 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रमुख
अभियंता
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा, मध्यप्रदेश
द्वारा
विभागीय एवं
ग्राम पंचायतों
के निर्माण
कार्यों को
सुचारू रूप से
संपादित किये
जाने बावत
आदेश क्रमांक 5317/22/वि–10/ग्रायांसे/2024 भोपाल
दिनांक 06/08/2024 जारी किया
गया था? यदि हाँ, तो आदेश की
प्रति उपलब्ध
करायें। (ख) क्या
उपयंत्री, सहायक
यंत्री, कार्यपालन
यंत्रियों
द्वारा
निर्माण कार्यों
के
निरीक्षण/पर्यवेक्षण
के संबंध में
उपरोक्त आदेश
का पालन किया
जा रहा है? यदि हाँ, तो आदेश
दिनांक से
प्रश्न
दिनांक तक
रीवा जिले की
जनपद पंचायत
रीवा, रायपुर
कर्चुलियान
एवं सिरमौर
अंतर्गत पदस्थ
उपयंत्रियों
द्वारा
निर्माण
एजेंसी को मौका
स्थल पर सौंपे
गये निरीक्षण
प्रतिवेदन, कार्यालय
से भेजे गये
विस्तृत
प्रतिवेदन, जारी
निरीक्षण/पर्यवेक्षण
की एक्शन
टेकेन रिपोर्ट
की जानकारी
उपलब्ध
करायें, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या
उप
यंत्रियों/सहायक
यंत्रियों
द्वारा प्रत्येक
माह अग्रिम
दौरा
कार्यक्रम
जारी करते
हुये
निरीक्षण टीप
एवं दौरा
डायरी कार्यपालन
यंत्री
प्रेषित की
जाती है? यदि हाँ, तो आदेश
दिनांक से
प्रश्न
दिनांक तक उप
यंत्रियों की
दौरा डायरी
एवं निरीक्षण
टीप तथा सहायक
यंत्रियों
द्वारा जारी
तकनीकी स्वीकृति, निरीक्षण
प्रतिवेदन, दौरा
डायरी, लॉग बुक की
जानकारी
उपलब्ध
करायें, यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। आदेश की
प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी
हाँ। प्रश्नांश
में अंकित
जनपद
पंचायतों में
पदस्थ
उपयंत्रियों
द्वारा
निर्माण
कार्यों के किये
गये निरीक्षण
प्रतिवेदन की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। (ग) जी
हाँ। उपयंत्रियों
का निरीक्षण प्रतिवेदन
प्रपत्र एवं
दौरा डायरी
तथा सहायक
यंत्री
द्वारा जारी
तकनीकी स्वीकृति, निरीक्षण
प्रतिवेदन, दौरा
डायरी एवं लाग
बुक की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
तकनीकी
स्वीकृति एवं
लाग बुक की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
71.
( क्र. 295 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
रीवा जिले में
कार्यपालन
यंत्री (ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा) द्वारा
प्रत्येक माह
सहायक
यंत्रियों
द्वारा जारी
तकनीकी
स्वीकृति, निरीक्षण
प्रतिवेदन, दौरा
डायरी, लाग बुक
एवं उपयंत्री
के निरीक्षण
प्रतिवेदन/ दौरा
डायरी की
विस्तृत
समीक्षा करते
हुये अधीक्षण
यंत्री को
प्रेषित की
जाती है? यदि हाँ, तो जनपद
पंचायत रीवा, रायपुर
कर्चुलियान
क्षेत्रान्तर्गत
शासन द्वारा
जारी आदेश
दिनांक से
प्रश्न
दिनांक तक की
जानकारी
उपलब्ध
करायें, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत एवं
अतिरिक्त
कार्यक्रम
अधिकारी (मनरेगा)
जनपद पंचायत
द्वारा
विभागीय
कार्यदायित्वों
के अनुसार
नियमित
भ्रमण/निरीक्षण/पर्यवेक्षण
किया जाता है? यदि हाँ, तो
वित्तीय वर्ष 2024-25 से प्रश्न
दिनांक तक
रीवा जिले की
जनपद पंचायत
रीवा, रायपुर
कर्चुलियान
में पदस्थ
मुख्य कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत एवं
अतिरिक्त
कार्यक्रम
अधिकारी (मनरेगा)
द्वारा
कार्यक्षेत्र
अंतर्गत किये
गये भ्रमण/निरीक्षण/पर्यवेक्षण
से संबंधित
निरीक्षण
प्रतिवेदन, दौरा डायरी, लाग बुक की
जानकारी
उपलब्ध
करायें, यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
नहीं, रीवा
जिले में
कार्यपालन
यंत्री
ग्रामीण यांत्रिकी
सेवा द्वारा
प्रत्येक माह
सहायक यंत्रियों
द्वारा जारी
तकनीकी
स्वीकृति/निरीक्षण
प्रतिवेदन/दौरा
डायरी/लाग बुक
एवं उपयंत्री
के निरीक्षण प्रतिवेदन/दौरा
डायरी
अधीक्षण
यंत्री को प्रेषित
नहीं की गई है।
तकनीकी
स्वीकृति/निरीक्षण
प्रतिवेदन/दौरा
डायरी/लाग बुक
एवं उपयंत्री
के निरीक्षण
प्रतिवेदन/
दौरा डायरी की
विस्तृत
समीक्षा की जाकर
अधीक्षण
यंत्री को
मासिक समीक्षा
बैठक में
अवलोकन कराया
जाता है। (ख) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
विभागीय
योजनाओं एवं
लाभार्थियों की
जानकारी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
72.
( क्र. 296 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जनवरी
2023 से प्रश्न
दिनांक तक
रीवा जिले में
आत्मा
परियोजना हेतु
कितना बजट
आवंटित किया
गया है? वर्षवार, मदवार
विवरण उपलब्ध
कराये। आत्मा
परियोजना
अंतर्गत
कितने फसल
प्रदर्शन
आयोजित किये
गये एवं कितनी
प्रोत्साहन
राशि किसानों
को प्रदाय की
गई? कितने
किसानों को
बीज, उर्वरक, कीटनाशक
तथा कृषि
यंत्र
निःशुल्क एवं
छूट पर उपलब्ध
कराये गये? विकासखंड
रीवा, रायपुर
कर्चुलियान
के किसानों की
संख्या
वर्षवार
विस्तृत
विवरण उपलब्ध
करायें। (ख) जनवरी
2023 से प्रश्न
दिनांक तक
रीवा जिले में
आत्मा परियोजना
अंतर्गत
प्रदेश में
तथा प्रदेश के
बाहर किन-किन
स्थानों में
कब-कब
प्रशिक्षण
आयोजित किये
गये? कितने
किसानों ने
भाग लिया? प्रत्येक
प्रशिक्षण
में कितनी-कितनी
राशि व्यय की
गयी? प्रतिभागी
संख्या सहित
वर्षवार, प्रशिक्षणवार
विस्तृत
विवरण उपलब्ध
करायें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी
हाँ, वर्षवार
मदवार बजट
आवंटन की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है।
आत्मा
परियोजना
अंतर्गत फसल
प्रदर्शन एवं
प्रोत्साहन
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है।
विकासखण्ड
रीवा एवं रायपुर
कर्चलियान के
किसानों की
संख्या, वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार है।
विभागीय
योजनाओं की
जानकारी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
73.
( क्र. 297 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जनवरी
2023 से प्रश्न
दिनांक तक
रीवा जिले के
विकासखंड
रीवा, रायपुर
कर्चुलियान
एवं सिरमौर के
किसानों को
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा मिशन, तिलहन
मिशन, बीज
ग्राम, प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना एवं
राष्ट्रीय
कृषि विकास
योजना (मिलेट
मिशन) अंतर्गत
क्या-क्या लाभ
प्रदाय किये
गये? वर्षवार, योजनावार
किसानों के
नाम,
पते सहित
विवरण उपलब्ध
करायें। (ख) क्या
ग्रामीण कृषि
विस्तार
अधिकारियों
द्वारा शासन
के दिशा-निर्देशों
अनुसार
क्षेत्र में
नियमित भ्रमण
किया जाता है? यदि हाँ, तो जनवरी 2023 से प्रश्न
दिनांक तक
कार्यालय
वरिष्ठ कृषि
विकास अधिकारी
जनपद पंचायत
रीवा, रायपुर
कर्चुलियान
एवं सिरमौर
अंतर्गत पदस्थ
ग्रामीण कृषि
विस्तार अधिकारियों
के मुख्यालय
निवास के पते
तथा किये गये
समस्त भ्रमण
से संबंधित
अभिलेखों की
प्रतियाँ
उपलब्ध
करायें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है।
(ख) जी
हाँ। प्रश्नांश
(ख) की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है।
परिवहन
कार्यों की
जानकारी
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
74.
( क्र. 299 ) श्रीमती
रीती पाठक : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
सीधी
विधानसभा
अंतर्गत
खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण विभाग
द्वारा वर्ष 2024-25
में किन-किन
समितियों को
उपार्जन का
कार्य दिया
गया था? (ख) कार्य
कर रही इन
समितियों
द्वारा कितने
पंजीयन किये
गए एवं
किस-किस अनाज
की खरीदी
कितनी मात्र
में की गई? समितिवार
विवरण दें। (ग) इन
समितियों के
माध्यम से की
गई अनाज खरीदी
के लिए किये
गए भुगतान का
विवरण दें? (घ) इन
समितियों
द्वारा ख़रीदे
गए अनाज का
कितना परिवहन
किया गया, कितना
उपार्जन जमा
किया गया? (ड.) किन-किन
समितियों
द्वारा ख़रीदे
गए उपार्जन की
तुलना में जमा
किया गया
उपार्जन कम
प्राप्त हुआ
एवं ऐसी
समितियों पर
कार्यवाही की
गई? यदि
हाँ तो
समितिवार विवरण दें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) सीधी
विधानसभा
अंतर्गत खरीफ
विपणन वर्ष 2024-25 में
समर्थन मूल्य
पर धान
उपार्जन करने
वाली
समितियों की सूची संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) सीधी
विधानसभा
अंतर्गत खरीफ
विपणन वर्ष 2024-25 में
समर्थन मूल्य
पर धान
उपार्जन हेतु
निर्धारित
समितियों द्वारा
कुल 4084
कृषकों का
पंजीयन किया
गया एवं
समर्थन मूल्य
पर 131790.85
क्विंटल धान
का उपार्जन
किया गया है, समितिवार
किसान पंजीयन
तथा उपार्जित
धान मात्रा की
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) सीधी
विधानसभा
अंतर्गत खरीफ
विपणन वर्ष 2024-25 में
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
धान की राशि
रु. 30.31
करोड़ का
भुगतान
किसानों को
किया गया है
जिसका विवरण संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) सीधी
विधानसभा
अंतर्गत खरीफ
विपणन वर्ष 2024-25 में
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित 131790.85 क्विंटल
धान के
विरूद्ध 131488.03 क्विंटल
धान का परिवहन
कर गोदामों
में जमा किया
गया। समितिवार
धान जमा
मात्रा की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ड.) सीधी
विधानसभा
अंतर्गत खरीफ
विपणन वर्ष 2024-25 में
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
धान में से 302.82 क्विंटल
धान कम जमा
हुआ है, जिसकी
राशि की वसूली
समितियों से
कर ली गई है। समितिवार
शार्टेज
मात्रा की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
महाविद्यालयों
की स्वीकृति
[उच्च
शिक्षा]
75.
( क्र. 301 ) श्रीमती
रीती पाठक : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
के ऐसे जिलो
में जहाँ उच्च
शैक्षणिक
संस्थानों की
कमी है, वहां
शासकीय
महाविद्यालयों
की स्थापना
एवं संचालन के
लिए म.प्र.
शासन की क्या
नीति है, ताकि
आर्थिक रूप से
कमजोर
अभिभावक अपने
ही जिले में
बच्चों को
उच्च शिक्षा
उपलब्ध करा
सकें? (ख) सीधी जिले
में वर्तमान
में संचालित
कॉलेज ऑफ़
एक्सीलेंस, सीधी एवं
शासकीय कन्या
महाविद्यालय, सीधी में
वर्तमान
सरकार के गठन
से लेकर अब तक शैक्षणिक
गतिविधियों
के उन्नयन
हेतु क्या कार्य
किये गए हैं एवं इन
महाविद्यालयों
में असंचालित
पाठ्यक्रमों
को प्रारंभ
करने की क्या योजना है?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) मध्यप्रदेश
के सभी जिलों
में उच्च
शैक्षणिक संस्थान
संचालित हैं। शेष
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-"अ" अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-"ब", "स" एवं "द"
अनुसार है। कार्यालय
आयुक्त उच्च
शिक्षा
द्वारा जारी आदेश
145/132
(ए) 168/स्व.वि./आउशि/योजना/2023 दिनांक 06.04.2023 के
परिप्रेक्ष्य
में
स्ववित्तीय
योजनान्तर्गत
असंचालित पाठ्यक्रमों
का संचालन
नियमानुसार
किया जा सकता
है।
स्वीकृत
कार्यों की जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
76.
( क्र. 304 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मनरेगा
योजनांतर्गत
सिवनी जिला के
केवलारी विधानसभा
अंतर्गत जनपद
पंचायत ग्राम
पंचायत माध्यम
से किस-किस
प्रकार की किन-किन
कार्यों का
क्रियान्वयन
वर्ष 2022-23
से लेकर प्रश्न
दिनांक तक
किया जा रहा
है?
ग्राम पंचायत
या जनपद
पंचायतवार
जानकारी दें। (ख)
मनरेगा
योजना के माध्यम
से कितनी-कितनी
लागत के कितने-कितने
वर्षों हेतु
वित्तीय
वर्ष 2022-23
से प्रश्न
दिनांक तक
कार्य स्वीकृत
होकर किये जा
रहे है? (ग) विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
किन
अधिकारियों
तथा
जनप्रतिनिधियों
की अनुशंसा पर
मनरेगा
योजनांतर्गत
वित्तीय
वर्ष 2025-26
से प्रश्न
दिनांक तक
कितने कार्य
स्वीकृत
किये गये एवं
स्वीकृत
कार्यों का
भौतिक सत्यापन
किस सक्षम
अधिकारी या
टीम द्वारा कब-कब
किया गया एवं
क्या
कार्यवाही की
गयी है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) मनरेगा
योजनांतर्गत
सिवनी जिला के
केवलारी विधानसभा
अंतर्गत जनपद
पंचायत
केवलारी, सिवनी एवं धनौरा
की 153
ग्राम
पंचायतों में
ग्राम पंचायत
के माध्यम से
शासन के
निर्देशानुसार
अनुमत्य कुल 6898 कार्यों
का
क्रियान्वयन
वर्ष 2022-23
से लेकर प्रश्न
दिनांक तक
किया जा रहा
है। जनपदवार जानकारी
फोलचार्ट
अनुसार देखी
जा सकती है जो पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार एवं
कार्यवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) मनरेगा
योजना के
माध्यम से
वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न
दिनांक तक कुल
6868 कार्य
लागत राशि रू. 22106.84 लाख के
स्वीकृत कर, कराये जा
रहे हैं। जनपदवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) विधानसभा
अंतर्गत
महात्मा
गांधी नरेगा
अंतर्गत शासन
द्वारा
निर्धारित
नियमों एवं
दिशा-निर्देशानुसार
तथा सेल्फ ऑफ
प्रोजेक्ट (वार्षिक
लेबर बजट) में अनुमोदित
कार्यों की
सूची अनुसार
कार्य स्वीकृत
किये जाते हैं।
समय-समय पर
राज्य स्तरीय, जिला
स्तरीय एवं
जनपद स्तरीय
प्रशासकीय
एवं तकनीकी
अधिकारियों
द्वारा भौतिक
सत्यापन की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
विकास
कार्यों की
राशि के उपयोग
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
77.
( क्र. 305 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) केवलारी
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
ग्राम पंचायतों
को दिनांक 01 अप्रैल, 2023 से प्रश्न
दिनांक तक
किन-किन ग्राम
पंचायतों को
किस-किस कार्य
के लिये
किस-किस
दिनांक में
कितनी-कितनी
राशि प्रदान
की गई? ग्राम
पंचायतवार
पृथक-पृथक
राशि, कार्य
का नाम, कार्य की
स्थिति
बतावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में ग्राम
पंचायतों में
कितनी-कितनी
राशि किस-किस
कार्य में व्यय
की? ग्राम
पंचायत, कार्य, राशि, दिनांक
सहित बतायें। (ग) ग्राम
पंचायतों में
कितने कार्य
पूर्ण हो गए हैं? कितने
कार्य अधूरे
पड़े हैं और
कितने कार्यों
का मूल्यांकन
हो चुका है? ग्राम
पंचायतवार
पृथक-पृथक
बतावें। (घ) प्रश्नांश
(ग) के प्रकाश
में यदि कार्य
अधूरे पड़े
हैं तो कार्य
पूर्ण न होने
का कारण व जवाबदार
पर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई? ग्राम
पंचायतवार
पृथक-पृथक
बतायें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) से (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विधानसभा
केवलारी
अंतर्गत कुल 1240 निर्माण
कार्य में से 838 कार्य
पूर्ण एवं 402 कार्य
प्रगतिरत है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वित्तीय
अनियमितताओं
की जांच
[श्रम]
78.
( क्र. 308 ) श्री
सुनील उईके : क्या श्रम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
भवन एवं अन्य
संनिर्माण कर्मकार
कल्याण मंडल
द्वारा संचालित
रही,
म.प्र. भवन एवं
अन्य
संनिर्माण
श्रमिक कौशल
प्रशिक्षण योजना
अंतर्गत
प्रदेश के
विभिन्न
जिलों में प्रदान
किए गए
प्रशिक्षण
में हुई
अनियमितताओं
को लेकर कोई
जांच की गई थी? (ख) उक्त
जांच रिपोर्ट
प्रदान करें। (ग) क्या
जांच अधिकारी
ने वित्तीय
अनियमितताओं
की जांच के
लिए वित्त
विशेषज्ञ
अधिकारियों
से जांच करने
का अभिमत दिया
है यदि हाँ, तो क्या
सरकार वित्त
विशेषज्ञ
अधिकारियों की
समिति बनाकर
इस मामले की
जांच कराएगी? (घ) उक्त
जांच में यदि
कोई घोटाला
उजागर हुआ है
तो सरकार
द्वारा
घोटाले में
लिप्त
अधिकारियों
पर क्या
कार्रवाई की है
एवं जिन
एजेंसी को
भुगतान किया
गया है? उनके
विरुद्ध क्या
कार्रवाई की
गई है?
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हां। (ख) वांछित
जांच
प्रतिवेदन की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जी
हाँ, प्रकरण
में विवेचना
आर्थिक अपराध
प्रकोष्ठ (EOW) द्वारा की
जा रही है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) प्रकरण
में आर्थिक
अपराध
प्रकोष्ठ (EOW) द्वारा
विवेचना
निरंतरित है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
व्यय
राशि का
भुगतान की
जानकारी
[श्रम]
79.
( क्र. 309 ) श्री
सुनील उईके : क्या श्रम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार
कल्याण मंडल
द्वारा संचालित
रही,
म.प्र. भवन एवं
अन्य
संनिर्माण
श्रमिक कौशल
प्रशिक्षण योजना
अंतर्गत
प्रदेश के
जबलपुर संभाग
के जिलों में
प्रदान किए गए
प्रशिक्षण के
प्रशिक्षणार्थियों
की वर्षवार
सूची प्रदान
करें। (ख) उक्त
योजना
अंतर्गत
प्रदान किए गए
प्रशिक्षण पर
किए गए व्यय, प्रशिक्षण
प्रदाता
एजेंसियों
एवं प्रशिक्षण
की दरों की
जिलेवार एवं
ट्रेडवार
जानकारी प्रदान
करें। (ग) उक्त
प्रशिक्षण
कार्यक्रम
में व्यय की
गई राशि के
भुगतान की
जानकारी
जिलेवार
उपलब्ध कराने
का कष्ट करें।
(घ) प्रशिक्षण
प्रदान किया
गया हो तो
दस्तावेज भी
प्रदान करें।
(ड.) उक्त योजना
के प्रशिक्षण
में क्या-क्या
मापदंड
निर्धारित
किए गए थे
क्या प्रदेश
में योजना की
संचालन अवधि के
दौरान इनका
पालन हुआ है? यदि नहीं, तो इस पर
शासन द्वारा
क्या
कार्रवाई की
गई?
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) से
(ड.) जानकारी
संकलित की जा
रही
है।
सुदूर
सड़क निर्माण
कार्य की
स्वीकृति
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
80.
( क्र. 311 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
परासिया के
अन्तर्गत
कृषकों एवं
ग्रामीणजनों
की आवागमन सुविधा
को देखते हुए
विभिन्न
ग्राम/ग्राम
पंचायतों में
सुदूर ग्राम पहुँच
मार्ग
योजनान्तर्गत
सुदूर सड़क
निर्माण
कार्य की
स्वीकृति
प्रदान किये
जाने के संबंध
में प्रश्नकर्ता
द्वारा
माननीय
पंचायत
मंत्री महोदय जी
को पत्र
क्र.वि.स./परासिया/127/2025/437 दि. 28.07.2025 को पत्र
प्रेषित किया
गया था, प्रेषित
पत्र पर विभाग
द्वारा सुदूर
सड़क निर्माण
कार्यों की
स्वीकृति
प्रदान किए
जाने हेतु
क्या
कार्यवाही की
गई है? (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
प्रेषित पत्र
में उल्लेखित
परासिया
विधानसभा के
अन्तर्गत
विभिन्न
सुदूर सड़क निर्माण
कार्यों की
स्वीकृति
विभाग द्वारा
कब तक प्रदान
कर दी जायेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ, पत्र
प्राप्त हुआ
है। परंतु
भारत सरकार
ग्रामीण
विकास
मंत्रालय
द्वारा अपने
पत्र क्रमांक D.O.No.
J-11017/01/2025
दिनांक 20.05.2025 से जारी
किये गये
मार्गदर्शी
दिशा-निर्देशों
के अनुक्रम
में मनरेगा
परिषद के पत्र
क्रमांक 844 दिनांक 27-05-2025 द्वारा
नवीन दिशा-निर्देश
जारी होने तक
सुदूर सड़क के
नवीन कार्य
लिये जाने पर
रोक लगाने के
निर्देश जारी
किये गये हैं।
जिसके
कारण पत्र पर
कोई
कार्यवाही
नहीं की गई है।
(ख) समय-सीमा
बतायी जाना
संभव नहीं है।
सामुदायिक
भवन निर्माण
कार्य की
स्वीकृति
प्रदान किया
जाना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
81.
( क्र. 313 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) परासिया
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
ग्रामीणजनों
की सुविधा को
देखते हुए
विभिन्न ग्राम/ग्राम
पंचायतों में
सामुदायिक
भवन निर्माण
कार्य की
स्वीकृति
प्रदान किये
जाने के संबंध
में प्रश्नकर्ता
द्वारा
माननीय
पंचायत
मंत्री महोदय जी
को पत्र
क्र.वि.स./परासिया/127/2025/274, दिनांक 07.05.2025 एवं
अनुस्मरण
पत्र 01
क्र.वि.स./परासिया/127/2025/446, दिनांक 28.07.2025 सूची सहित
प्रेषित किए
गये है, जिन
प्रेषित
पत्रों पर
स्वीकृति
हेतु अभी तक विभाग
द्वारा
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई है? (ख) उपरोक्त
दोनों
प्रेषित
पत्रों में
उल्लेखित
परासिया
विधानसभा के
अन्तर्गत
विभिन्न ग्राम/ग्राम
पंचायतों में
सामुदायिक
भवन निर्माण
कार्यों की
स्वीकृति
विभाग द्वारा
कब तक प्रदान
कर दी जायेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) प्रतिवेदित
पत्र में
उल्लिखित
सूची में से 03 कार्य
ग्राम पंचायत
दीघावानी, इकलहरा
एवं परसोली, जनपद
पंचायत
परासिया में
नवीन
सामुदायिक भवन
के कार्य स्वीकृत
किये गये है। (ख)
बजट की उपलब्धता
के आधार पर
नवीन कार्य स्वीकृत
किये जाते है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
निर्माण
कार्यों की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
82.
( क्र. 316 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विदिशा
जिले में 1 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित
दिनांक तक
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा एवं मध्यप्रदेश
ग्रामीण सड़क
विकास
प्राधिकरण एवं
जिला खनिज मद
मुद्रांक
शुल्क, मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क एवं
अवसंरचना
योजना से
कौन-कौन से
निर्माण
कार्य की प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी हुई
छायाप्रति
उपलब्ध करावें।
उक्त कार्यों
में से कितने
निर्माण
कार्य पूर्ण
हुये, कितने
अपूर्ण है, कितने अप्रारम्भ
है एवं कार्य
एजेंसी को
कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान किया
गया जानकारी
दें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में उक्त
निर्माण
कार्यों का
निरीक्षण
किन-किन
अधिकारियों द्वारा
कब-कब
किया गया एवं
निर्माण
कार्यों की
गुणवत्ता में
क्या कमियां
पाई गई हैं
निरीक्षण प्रतिवेदन
की छायाप्रति
उपलब्ध
करावें? यदि
निर्माण
कार्यों की
जांच नहीं की
गई है तो कब तक
की जावेगी? समय-सीमा
बतावें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना फेस-4 में
कौन-कौन सड़कों
की स्वीकृति
हुई एवं कौन-कौन
सी सड़कें
प्रस्तावित
है? जानकारी
उपलब्ध
करावें। कन्सलटेंसी
की नियुक्ति
कब-कब की गई
विकासखण्ड
सिरोंज, लटेरी के
प्रस्ताव कब
तक भारत सरकार
को प्रेषित
किये जावेंगे?
समय-सीमा
बतावें। (घ) प्रश्नकर्ता
के माननीय
मंत्री जी को
प्रेषित पत्र क्र.
488, दिनांक 19.10.2025 एवं
प्रमुख सचिव
महोदय के पत्र
क्र. 487,
दिनांक 19.10.2025 को पत्र
प्राप्त हुये
है यदि हाँ, तो उन पर
क्या
कार्यवाही की
गई है? छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। पत्र में
उल्लेखित
निर्माण
कार्यों की
स्वीकृति कब
तक दी जावेगी
समय-सीमा
बतावें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) विदिशा
जिले में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित
दिनांक तक
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा, म.प्र.
ग्रामीण सड़क
विकास प्राधिकरण, जिला खनिज
मद, मुद्रांक
शुल्क तथा
मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क
एवं अवसंरचना
योजना से
स्वीकृत
पूर्ण, अपूर्ण व
अप्रारम्भ
कार्यों की
जानकारी तथा कार्यों
की प्रशासकीय
स्वीकृति की
छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) निर्माण
कार्यों का
निरीक्षण
करने वाले
अधिकारियों
की एवं
निर्माण
कार्यों की जानकारी
प्रपत्र 'अ' एवं
निरीक्षण
प्रतिवेदन की
छायाप्रति पुस्तकालय में रखे
प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना फेस-4 में
प्रस्तावित
सड़कों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना फेस-4 अंतर्गत
सड़कें
स्वीकृत नहीं होने
से कंसलटेंसी
की नियुक्ति
संबंधी कार्यवाही
नहीं की गई है।
अतः समय-सीमा बताया
जाना संभव नहीं
है। (घ) जी
हाँ। पत्र
क्रमांक 488, दिनांक 19.10.2025 विभाग के
संज्ञान में नहीं
है एवं पत्र
क्रमांक 487, दिनांक 19.10.2025 में उल्लेखितत
कार्यों में
से 08
कार्यों की
स्वीकृति
जारी की जा
चुकी है। अतः
समय-सीमा बताया
जाना संभव नहीं
है। कार्यवाही
की छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
राजीव
गांधी प्रौद्योगिकी
विश्वविद्यालय
कार्य परिषद
की बैठक की
जानकारी
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
तकनीकी
शिक्षा) ]
83.
( क्र. 317 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राजीव
गांधी
प्रौद्योगिकी
विश्वविद्यालय
भोपाल की 1 अप्रैल, 2011 से प्रश्नांकित
दिनांक तक
कार्यपरिषद
की बैठकें
कब-कब आयोजित
की गई हैं?
कार्य एजेंडा
एवं बैठक
निर्णय तथा
कार्यवाही
विवरण की
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें?
बैठकों में
कौन-कौन अधिकारी
जनप्रतिनिधि
उपस्थित थे
बैठकवार
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में राजीव
गांधी
प्रौद्योगिकी
विश्वविद्यालय
भोपाल के
संबद्ध
कौन-कौन से
शासकीय एवं
अशासकीय/अर्द्धशासकीय
इंजीनियरिंग
महाविद्यालय
फार्मेसी, एमसीए और
आर्किटेक्चर
संस्थान
संचालित हो
रहे है एवं इन
महाविद्यालयों
को 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित
दिनांक तक
किन-किन मदों
में
कितना-कितना बजट, अनुदान
उपलब्ध कराया
गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के
संदर्भ में
उक्त
संस्थानों के
मान्यता के
नियम निर्देश
है? वर्ष 2011 से राजीव
गांधी
प्रौद्योगिकी
विश्वविद्यालय
से संबद्ध
शासकीय
इंजीनियरिंग
महाविद्यालय
कब-कब प्रारंभ
किये गए
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में 1 अप्रैल, 2018 से
प्रश्नाकिंत
दिनांक तक
इंजीनियरिंग
महाविद्यालय
में किस-किस
मद में राशि
व्यय की गई है?
मदवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ड.) पॉलिटेक्निक
महाविद्यालय
लटेरी के भवन
एवं
छात्रावास
भवन
क्षतिग्रस्त
हो रहा है, इस हेतु
विभाग द्वारा
क्या-क्या
कार्यवाही की
जा रही है
बतलावें। यदि
कार्यवाही नहीं
की जा रही है
तो क्यों?
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) प्रश्नावधि
में आयोजित
कार्यपरिषद्
की बैठकों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है। कार्य
एजेण्डा/बैठक
निर्णय/कार्यवाही
विवरण/उपस्थिति
की बैठकवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) राजीव
गॉधी
प्रौद्योगिकी
विश्वविद्यालय, भोपाल से
संबद्ध
इंजीनियरिंग, फार्मेसी, एमसीए एवं आर्किटेक्चर
महाविद्यालयों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है। शासकीय/स्वशासी/अनुदान
प्राप्त
महाविद्यालयों
को प्रश्नावधि
में प्रदान
किये गये
बजट/अनुदान की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार है। अनुदान
प्राप्त
अशासकीय
महाविद्यालयों
के अतिरिक्त
अन्य
अशासकीय
महाविद्यालयों
को बजट/अनुदान
प्रदान नहीं किया
जाता है। (ग) एआईसीटीई/पीसीआई/काउंसिल
ऑफ आर्किटेक्चर
से अनुमोदन
उपरांत विश्वविद्यालय
के परिनियम
क्रमांक 29 एवं 30 के
नियमानुसार
संस्थाओं की
संबद्धता की
कार्यवाही
विश्वविद्यालय
स्तर से की
जाती है, परिनियमों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ‘’5’’ अनुसार है। प्रश्नावधि
में राजीव
गॉधी
प्रौद्योगिकी
विश्वविद्यालय
से संबद्ध
शासकीय
इंजीनियरिंग
महाविद्यालय, नौगांव
शैक्षणिक
वर्ष 2012 से
प्रारंभ किया
गया है। (घ) शासकीय/स्वशासी/अनुदान
प्राप्त
महाविद्यालयों
की मदवार व्यय संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार है। अनुदान
प्राप्त
अशासकीय
महाविद्यालयों
के अतिरिक्त
अन्य
अशासकीय
महाविद्यालयों
के व्यय
संबंधी
जानकारी
विभाग द्वारा
संधारित नहीं की
जाती है। (ड.) जी नहीं
,
पॉलिटेक्निक
महाविद्यालय
लटेरी के भवन
एवं
छात्रावास भवन
के निर्माण को
केवल 08
वर्ष हुये हैं
एवं उक्त
भवन/छात्रावास
का नियमित रख-रखाव
संस्था
द्वारा किया
जाता है। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
संचालित
व्यावसायिक
एवं आदर्श
महाविद्यालय
के पहुंच मार्ग
की जानकारी
[उच्च
शिक्षा]
84.
( क्र. 320 ) श्री अमर
सिंह यादव : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) राजगढ़
जिला
मुख्यालय पर
संचालित व्यावसायिक
एवं आदर्श
महाविद्यालय
के भवन का
निर्माण
कार्य क्या
पूर्ण हो गया
है? (ख) यदि हाँ, तो मुख्य
मार्ग से
महाविद्यालय
एवं छात्रावास
भवन तक
पहुंचने हेतु
पक्का मार्ग
नहीं होने से
क्या
छात्र-छात्राओं
को आने-जाने
में परेशानी
का सामना नहीं
करना पड़ रहा
है? (ग) यदि हाँ, तो क्या
उक्त मार्ग को
शीघ्र पक्का
किया जाएगा।
यदि हाँ, तो कब तक और
यदि नहीं , तो क्यों नहीं
?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
हाँ, अभी
पहुंच मार्ग
कच्चा है। (ग) पहुंच
मार्ग
निर्माण हेतु
नियमानुसार
कार्यवाही
प्रचलन में है।
स्नातकोत्तर, विधि, आदर्श एवं
व्यावसायिक
महाविद्यालय
में पदों की
पूर्ति
[उच्च
शिक्षा]
85.
( क्र. 321 ) श्री अमर
सिंह यादव : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) राजगढ़
जिला
मुख्यालय पर
संचालित
शासकीय स्नातकोत्तर
महाविद्यालय, विधि महाविद्यालय, आदर्श
महाविद्यालय
एवं व्यावसायिक
महाविद्यालय
में कौन-कौन
से पद स्वीकृत
है एवं कौन-कौन
से कब से
रिक्त है? (ख) क्या
उक्त रिक्त
पदों की
पूर्ति की
जावेगी? यदि
हाँ, तो
कब तक की
जावेगी? समय-सीमा
बतावें। (ग) वर्तमान
में पदस्थ
अधिकारियों
एवं कर्मचारियों
की जानकारी
नाम, पदनाम, पदस्थापना
स्थल एवं
दिनांक सहित
महाविद्यालयवार
बतावें। (घ) क्या
कर्मचारियों
को आऊट सोर्स
से रखे जाने का
प्रावधान है। यदि
हाँ, तो
किस एजेंसी से
किन-किन पदों
पर किन-किन की
नियुक्ति की
गई है? नाम, पदनाम
सहित बतावें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
(ख) रिक्त
पदों की
पूर्ति एक सतत
प्रक्रिया है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
(घ) जी
हाँ।
महाविद्यालयों
में आऊटसोर्स
के माध्यम से
कोई भी
कर्मचारी
कार्यरत नहीं है।
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं होता।
समूहों
का गठन, ग्रेडिंग, नाम एवं स्वीकृत/प्रदत्त
राशि
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
86.
( क्र. 325 ) श्री
नरेन्द्र
प्रजापति
[इंजीनियर] : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) आजीविका
मिशन के तहत
विभाग द्वारा
जनपद पंचायत
गंगेव, जनपद
पंचायत
नईगढ़ी एवं
जनपद पंचायत
सिरमौर द्वारा
वर्ष 2020 से
अब तक कितने
समूहों का गठन
किया गया है? (ख) वर्ष
2020 से अब तक
गठित किये गये
समूहों में से
कितने समूहों
की ग्रेडिंग (grading) की गई है? (ग) वर्ष
2020 से अब तक
गठित किये गये
समूहों में से
कितने समूहों
को शासन की
विभिन्न
योजनाओं से
लाभान्वित
कराया गया है? समूह का
नाम, योजना
का नाम, स्वीकृत
राशि, प्रदत्त
राशि सहित जानकारी
प्रदान करें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) म.प्र.
राज्य
ग्रामीण
आजीविका मिशन
अंतर्गत जनपद
पंचायत- गंगेव, नईगढ़ी
एवं सिरमौर
में वर्ष 2020 से अब तक 1973
स्व-सहायता
समूहों का गठन
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) वर्ष
2020 से अब तक
जनपद पंचायत-
गंगेव, नईगढ़ी
एवं सिरमौर
में गठित 1973
स्व-सहायता
समूहों में से
1850
स्व-सहायता
समूहों की
ग्रेडिंग की
गई है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) वर्ष
2020 से अब तक
जनपद पंचायत-
गंगेव, नईगढ़ी
एवं सिरमौर
में गठित 1973
स्व-सहायता
समूहों में से
एन.आर.एल.एम.
योजना
अंतर्गत 1465
स्व-सहायता
समूहों को
चक्रिय राशि
एवं इन स्व-सहायता
समूहों में से
730
स्व-सहायता
समूहों को
सामुदायिक
निवेश निधि से
लाभान्वित
किया गया है। समूह, योजना, स्वीकृत
राशि, प्रदत्त
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
कालातीत
समितियों को
उबारने बावत्
[सहकारिता]
87.
( क्र. 326 ) श्री
नरेन्द्र
प्रजापति
[इंजीनियर] : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधान
सभा मनगवां 73 में
संचालित
सहकारी
समितियों की
कुल संख्या
सहित पूर्ण
विवरण की जानकारी
देवें। (ख) कितनी
समितियों में
प्रबंधक है, कितनी
समितियों में
प्रबंधक
प्रभार में है? रिक्त
संख्या कब तक
में भरी
जायेगी? समय-सीमा बतलाये।
(ग) कितनी
समितियां
कालातीत है? कालातीत
समितियों को
उबारने के
लिये क्या
किया जा रहा
है? कब
तक कालातीत
समितियां
सामान्य
समिति बनकर
काम करेंगे?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) 19 प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
समितियों की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) 02 समितियों
में समिति
प्रबंधक
पदस्थ हैं, शेष 17 समितियां
प्रभार में है।
समिति
प्रबंधक के
रिक्त पदों को
भरे जाने की
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) सभी
19 समितियां
कालातीत है। कालातीत
समितियों को
उबारने के
लिये उनके कार्य
व्यवसाय यथा -
ऋण वितरण, खाद वितरण
एवं अन्य
व्यवसाय में
वृद्धि के प्रयास
के साथ जिला
बैंकों के
कालातीत ऋणों
की रिस्ट्रक्चरिंग
एवं वसूली हेतु
एकमुश्त
समझौता योजना
लागू की गई है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
किसानों
के मुआवजा
दिया जाना
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
88.
( क्र. 327 ) श्री नरेन्द्र
प्रजापति
[इंजीनियर] : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनांक
27,
28, 29, 30, 31 अक्टूबर, 2025 को
मोया तूफान
के अतिवृष्टि
के कारण खरीफ
की धान, मूंग, उड़द की
फसलों के
नुकसान की
क्षतिपूर्ति
हेतु उपयुक्त
मुआवजा कब तक
प्रदत्त
किया जायेगा? (ख) फसल
बीमा में धान
एवं गेहूं की
फसल के
अतिरिक्त
मूंग, उड़द, कोदो एवं
अन्य फसलों
को कब-तक
जोड़ा जायेगा? (ग) किसानों
की फसलों को
बेसहारा
पशुओं से
सुरक्षा के
लिये पर्याप्त
मात्रा में भर
गई गौशालाओं
के अतिरिक्त
अन्य क्या
विकल्प है? (घ) मोया तूफान से
प्रभावित
पीडि़त
किसानों को क्या
विद्युत
बिलों में छूट
की योजना है?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) दिनांक
27,
28, 29, 30, 31 अक्टूबर,, 2025 को
मोया तूफान के
अतिवृष्टि के
कारण खरीफ की
धान, मूंग, उड़द की
फसलों के
नुकसान की
राहत राशि का
भुगतान
प्रभावित
जिलों द्वारा
किया गया है। जिला
बालाघाट, शहडोल में
राहत राशि के
वितरण की
कार्यवाही प्रक्रियाधीन
है। (ख) प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना
अंतर्गत धान एवं
गेहूं की फसल
के अतिरिक्त
सोयाबीन, मक्का, तुअर, बाजरा, कपास, मूंगफली, तिल, ज्वार, मूंग, उड़द, कोदो-कुटकी, चना, राई सरसों, अलसी, एवं मसूर
फसल का बीमा
किया जाता है। (ग) गौशालाओं
को आत्मनिर्भर
बनाने हेतु '' स्वावलंबी
गौशालाओं (गोकुल
धाम) की स्थापना
की नीति 2025'' लागू की गई, जिसमें न्यूनतम
5000 गौवंश के
व्यवस्थापन
हेतु राज्य
सरकार द्वारा 130 एकड़ भूमि
उपयोग हेतु
दिए जाने का
प्रावधान है। (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
वर्ष
2022
में
निर्धारित की
गई निर्माण
सामग्री के
पुनरीक्षण
किया जाना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
89.
( क्र. 328 ) श्री
नरेन्द्र
प्रजापति
[इंजीनियर] : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पंचायतों
में निर्माण
के लिये उपयोग
की जा रही
सामग्री की
दरें जुलाई 2022 के आधार पर
की जा रही हैं, यदि हाँ, तो पुन:
पुनरीक्षण कब
किया जायेगा? (ख) जुलाई
2022 में निर्धारित
दरों के आधार
पर सामग्री की
आपूर्ति नहीं हो
पाती है एवं
निर्माण
कार्य की
गुणवत्ता पर
पड़ने वाले
कुप्रभावों
में सुधार किस
वर्ष/ अवधि
में कर लिया
जायेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
नहीं । ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा में
प्रचलित दर
अनुसूची
दिनांक 11.04.2022 से
प्रभावशील है।
(ख) उत्तरांश (क) के क्रम
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
नाली
निर्माण के
संबंध में
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
90.
( क्र. 340 ) श्री मनोज
नारायण सिंह
चौधरी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
हाटपिपल्या
में
पी.एम.जी.एस.व्हाय.
द्वारा बनाई
गई सड़कों के
पास नाली
निर्माण के
कार्य की
स्वीकृति कब
हुई थी, कितने की
हुई थी एवं
उक्त निर्माण
कार्य कब तक
पूर्ण होगा? समय-सीमा
बतायें तथा
वर्तमान में
उसकी क्या
स्थिति है? यदि उक्त
कार्य अभी भी
पूर्ण नहीं हुआ
है, तो
उसके लिए
जिम्मेदार
कौन है और जो
जिम्मेदार है
उनके खिलाफ
क्या कोई
कार्यवाही की
जाएगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क योजनांतर्गत
पहुंच मार्ग
निर्माण हेतु
तैयार किये
गये विस्तृत
प्राक्कलन (डिटेल
प्रोजेक्ट
रिपोर्ट) में
आवश्यकता के
अनुसार नाली
निर्माण का
प्रावधान
किया जाता है।
नाली निर्माण
हेतु पृथक से
स्वीकृति
प्रदान नहीं की
जाती है
म.प्र.ग्रा.स.वि.प्रा.
की संधारण नीति
अनुसार
कालांतर में
ऐसे कार्य जो
कि आवागमन सुलभ
रखने हेतु
आवश्यक है, उन
कार्यों को
संधारण
प्राक्कलन
भाग-1 (आई.आर.)
के अंतर्गत
स्वीकृत करने
का प्रावधान
है। इसी क्रम
में विधानसभा
हाटपिपल्या
में प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजनांतर्गत
निर्मित नरियाखेड़ी
से धनोरा सड़क
के संधारण
अन्तर्गत स्वीकृत
प्राक्कलन के
भाग-1 (आई.आर.कार्य)
में ग्राम
धनोरा के
आबादी
क्षेत्र में 310 मी. लंबाई
नाली निर्माण
का प्रावधान
किया गया था। जिसे
अनुबंध
अनुसार
दिनांक 26.07.2024 तक पूर्ण
किया जाना था।
स्वीकृत 310 मी. लंबाई
के विरूद्ध
संविदाकार
द्वारा 150 मी. एवं
ग्राम पंचायत
नरियाखेड़ा
द्वारा 135 मी. लंबाई
में नाली
निर्माण का
कार्य किया
गया। शेष 25 मी. लंबाई
में कार्य
किया जाना है।
कार्य की धीमी
प्रगति के
कारण
संविदाकार का
अनुबंध
दिनांक 03.05.2025 को निरस्त
किया गया है। अतः
प्रश्न के
शेष भाग के
क्रम में
कार्यवाही
करने का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
लंबित
भुगतान की जानकारी
व कार्यवाही
की जानकारी
[सहकारिता]
91.
( क्र. 344 ) श्रीमती
कंचन मुकेश
तनवे : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) खंडवा
जिले में
सहकारिता
विभाग
अंतर्गत कुल कितनी
समितियां
पंजीकृत है? विगत 05
वर्षों में
कितनी नवीन
समितियां
गठित व
पंजीकृत की गई
हैं? जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) विगत
05 वर्षों में
खंडवा जिले
में कितनी
पंजीकृत
समितियों को
कौन से
दायित्व दिए
गए,
कितनी
समितियों को
रद्द किया गया, उनके नाम कारण सहित
विवरण प्रदान
किया जावें। (ग) विगत
05 वर्षों में
सहकारी समितियों
में कितने नए
अंशकालिक, आउटसोर्स, कर्मचारियों
की नियुक्ति
की गई एवं
संस्थाओं में
पदस्थ कितने
कर्मचारियों
को पदोन्नति, क्रमोन्नति, एरियर्स की राशि का
भुगतान किन-किन
समितियों में किन-किन
कारणों से
लंबित है? (घ) क्या
गृह निर्माण
सहकारी
संस्थाओं को
सरकारी योजना
सब्सिडी का
लाभ दिया जा
रहा है, यदि हॉ, तो भुगतान
का प्रकार व
भुगतान का
वर्षवार
विवरण
प्रस्तुत
करेंl
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) कुल
847 सहकारी
समितियां। विगत
05 वर्षों में
पंजीकृत 221 समितियां।
(ख) पंजीकृत
सहकारी
समितियां
अपनी उपविधियों
में वर्णित उद्देश्यों
के अनुसार
कार्य
संपादित करती
है, साथ
ही समय-समय पर
सौंपे गए अन्य
दायित्वों का
भी संपादन
करती है। विगत
05 वर्षों में 65 सहकारी
समितियों का
पंजीयन
अकार्यशील
होने के कारण
निरस्त किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) विगत
05 वर्षों
में सहकारी
समितियों में
से 105
पैक्स
समितियों में
कोई भी नए
अंशकालिक, आउटसोर्स, कर्मचारियों
की नियुक्ति नहीं
की गई है तथा
संस्थाओं में
पदस्थ
कर्मचारियों
को पदोन्नति, क्रमोन्नति
के एरियर्स की
राशि का
भुगतान किया
जाना लंबित नहीं
है। अन्य
वर्गों की शेष
समितियों के
कर्मचारियों
के संबंध में
कार्यालय
उपायुक्त
सहकारिता
जिला खण्डवा के
रिकॉर्ड
अनुसार
जानकारी
निरंक है। (घ) जी
नहीं , शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
खाद्य
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
विभाग की
जानकारी व
कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
92.
( क्र. 345 ) श्रीमती
कंचन मुकेश
तनवे : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विगत
03
वर्षों में
खाद्यान्न, पेट्रोलियम
उत्पादों, चीनी
और अन्य
अधिसूचित
वस्तुओं के
व्यापार में
कदाचार व
भ्रष्टाचार
के लिए खंडवा
जिले में
विभाग द्वारा
निरीक्षण
किये गए, यदि
हाँ तो किस
अधिकारी ने
कितने और
किन-किन स्थानों
व संस्थानों, दुकानों
में निरीक्षण
किये, तथा
निरीक्षणों
में क्या पाया
कितने प्रकरण खंडवा
जिले में दर्ज
किये गए एवं
उन पर क्या कार्यवाही
की गई, कितने
प्रकरणों में
कार्यवाही
प्रचलित है l (ख)
खंडवा
जिले में
कितने
पेट्रोलियम
उत्पादों से
सम्बंधित
केंद्र या
संस्थाएं
स्थापित है, उनके
संचालकों के
नाम, संस्थाओं
के पंजीयन उपलब्ध
उत्पादों की
जानकारी व
मूलभूत सुविधाओं
की उपलब्धता
का
प्रमाणीकरण
की जानकारी उपलब्ध
कराई जावेंl (ग)
विगत
03
वर्षों में
खंडवा विधान
सभा की राशन
दुकान समितियों
को जिले से
उपलब्ध कराये
खाद्यान्न व वितरण
की जानकारी समितिवार, माहवार, खाद्य
वस्तुवार
वितरण की
जानकारी
प्रदान की जावे।
(घ) खाद्य
विभाग खंडवा
में मालवाहक
कितने वाहन, ट्रांसपोर्ट
अनुबंधित है
एवं कब से
कितने समय के
लिए अनुबंधित है।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट "अ" अनुसार
है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट "ब" अनुसार
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट "स" अनुसार
है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट "द" अनुसार
है।
निर्माण
कार्यों के
संबंध में
जानकारी नहीं
दिया जाना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
93.
( क्र. 346 ) श्री राजन
मण्डलोई : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
ने अपने पत्र
के जावक
क्रमांक 217 व 218
दिनांक 27/06/2025 एवं स्मरण जावक
क्रमांक 297 व 298 दिनांक
26/08/2025 के द्वारा
ग्राम पंचायत
पाटी में
तत्कालीन मुख्यमंत्री
जी द्वारा की
गई घोषणाओं की
निर्माण
कार्यों की
अद्यतन जानकारी
एवं घाट
निर्माण में
अनियमितता
किये जाने की जांच
कराने बावद
पत्र
कार्यपालन
यंत्री
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवाएं
बड़वानी को
पत्र लिखे गये
थे एवं इस
संबंध में तृतीय
पत्र क्रमांक 435, दिनांक 31/10/2025
कार्यपालन
यंत्री को
लिखा गया था? (ख) यदि
हाँ, तो
पत्रों में
उल्लेखित
बिन्दुओं के
संबंध में क्या-क्या
कार्यवाही की
गई एवं की गई
कार्यवाही से
प्रश्नकर्ता
को समय-सीमा में
अवगत नहीं कराने
के लिए
कौन-कौन
उत्तरदायी है? उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई?
यदि नहीं , तो क्यों? (ग) उपरोक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्नकर्ता
के पत्र में
उल्लेखित विषयों
की जानकारी कब
तक उपलब्ध करा
दी जायेगी एवं
क्या
उत्तरदायी
कार्यपालन
यंत्री के विरूद्ध
मध्यप्रदेश
शासन के
सामान्य
प्रशासन
विभाग के
आदेशानुसार/निर्देश
दिनांक 04/04/2022 के
निर्देशानुसार
कार्यवाही
सुनिश्चित की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो
क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। (ख) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
पत्रों के संदर्भ
में जानकारी
उपलब्ध कराई
गई है।
समय-सीमा में
उक्त
जानकारी
उपलब्ध नहीं कराये
जाने पर
संबंधित
कर्मचारी को
भविष्य के
लिए चेतावनी
दी गई है। पत्रों
की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के क्रम
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
नियम
विरुद्ध
नियुक्ति
किया जाना
[उच्च
शिक्षा]
94.
( क्र. 349 ) श्री राजन
मण्डलोई : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विभाग द्वारा
मध्यप्रदेश
निजी विश्वविद्यालय
विनियामक
आयोग भोपाल
मध्यप्रदेश
में सभापति
सचिव एवं
सदस्यों की
नियुक्ति
हेतु पैनल
तैयार किये
जाने के लिए
आवेदन
आमंत्रित किये
जाने के संबंध
में विभाग
द्वारा
दिनांक 14 मई, 2025 को
विज्ञापन
जारी किया गया
था जो कि
दिनांक 16 मई, 2025 को
प्रकाशित हुआ
था। उस
विज्ञापन में
आवश्यक शर्त
क्रमांक-2 के अनुसार
किसी निजी
विश्वविद्यालय
में पद धारण
कर चुका
व्यक्ति
सभापति/सदस्य/सचिव
पद पर
नियुक्ति
हेतु पात्र नहीं
होगा का
उल्लेख किया
था। (ख) यदि हां, तो क्या निजी
पिपुल्स विश्वविद्यालय
में डॉ.
खेमसिंग डहेरिया
को
सदस्य/प्रतिनिधि
नियुक्त/मनोनीत
किया गया था? (ग) यदि
हां, तो
निजी
विश्वविद्यालय
विनियामक
आयोग में क्या
डॉ. खेमसिंग
डहेरिया जो की
निजी
विश्वविद्यालय
में सदस्य रह
चुके है को
विभाग के
विज्ञापन की
आवश्यक शर्त
क्रमांक-2 का उल्लंघन
कर विनियामक
आयोग का
सभापति/सदस्य
बनाया जा सकता
है?
यदि नहीं , तो क्या
नियम विरुद्ध
डॉ. डहेरिया
की नियुक्ति
प्रक्रियाधीन
है?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) मध्यप्रदेश
निजी
विश्वविद्यालय
(स्थापना एवं
संचालन)
अधिनियम 2007 (यथा
संशोधित 23 अप्रैल 2008) की धारा 36 के
प्रावधानों
के अनुसार
प्रो. खेम
सिंह डहेरिया
को
मध्यप्रदेश
राजपत्र (असाधारण)
क्रमांक 302 दिनांक 04 नवम्बर, 2025
में जारी
अधिसूचना
अनुसार
सभापति
नियुक्त किया
गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
रोजगार
मेले का आयोजन
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
कौशल विकास
एवं रोजगार)]
95.
( क्र. 352 ) श्री कालु
सिंह ठाकुर : क्या राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विगत
चार वित्तीय
वर्षों में
राज्य सरकार
द्वारा अलग-अलग
धार जिले में
वर्षवार
कितने-कितने
रोजगार मेले
लगाये गये? (ख) इन
रोजगार मेलों
में
कितने-कितने
आकांक्षी युवाओं
ने भाग लिया
तथा
कितने-कितने
आकांक्षी युवाओं
को ऑफर लेटर
दिए गये? (ग) धार
जिले में
कितने-कितने
आकांक्षी
युवा ऐसे हैं
जिन्हें ऑफर
लेटर देने के
बाद संबंधित
कम्पनी ने ज्वाइन
नहीं कराया? (घ) उपरोक्त
चार वर्षों
में धार जिले
में आकांक्षी
युवाओं की
संख्या में
कितनी कमी या
वृद्धि हुई
हैं? (ड.)
वर्तमान
में धरमपुरी
विधानसभा में
कितने आकांक्षी
युवा हैं?
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार ( श्री
गौतम टेटवाल ) : (क) प्रश्नावधि जानकारी
निम्नानुसार
है:-
|
क्र. |
वित्तीय
वर्ष |
आयोजित
रोजगार
मेलों की
संख्या |
|
1 |
2021-22 |
05 |
|
2 |
2022-23 |
05 |
|
3 |
2023-24 |
05 |
|
4 |
2024-25 |
10 |
(ख)
प्रश्नावधि
की जानकारी
निम्नानुसार
है:-
|
क्र. |
वित्तीय
वर्ष |
भाग
लेने वाले
आवेदकों की
संख्या |
ऑफर
लेटर प्राप्त
आवेदकों की
संख्या |
|
1 |
2021-22 |
356 |
66 |
|
2 |
2022-23 |
375 |
67 |
|
3 |
2023-24 |
528 |
230 |
|
4 |
2024-25 |
1205 |
577 |
(ग)
विभाग
द्वारा
जानकारी
संधारित नहीं की
जाती है। (घ) म.प्र.
रोजगार
पोर्टल पर
दर्ज़ धार
जिले के आकांक्षी
युवाओं की
संख्या में 2.19 प्रतिशत
की वृद्धि हुई
है। (ड.) विभाग
द्वारा
जानकारी
संधारित नहीं की
जाती है।
जल
गंगा संवर्धन
योजना एवं नल
जल योजना में
अनियमितता
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
96.
( क्र. 353 ) श्री कालु
सिंह ठाकुर : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) धार
जिले में जल
गंगा संवर्धन
अभियान
अंतर्गत विधानसभा
वार
कितनी-कितनी
राशि व्यय की
गई, कार्य
के नाम सहित
विवरण देवें। (ख) धरमपुरी
विधानसभा
अंतर्गत जल
गंगा संवर्धन अभियान
अंतर्गत
किन-किन
स्थानों को
बारिश के पानी
के सहेजने
हेतु
क्या-क्या
कार्य हुये है? ग्रामवार, स्थानवार
कार्यवार नाम
बतायें। (ग) जल
गंगा संवर्धन
अभियान के
द्वारा कितने
पुराने
सरोवरों, तालाबों, बावड़ी, कुओं आदि
में जल
संरक्षण के
लिये किये गये
कार्यों में
कितनी-कितनी
राशि व्यय हुई
नामवार, स्थानों
के कामवार
व्यय राशि का
पृथक-पृथक ब्यौरा
देवें। (घ) विधानसभा
क्षेत्र में
जल संरक्षण
हेतु नवीन कौन-कौन
से स्थानों
में किस
प्रकार के
कार्य हुये
हैं? विवरण
देवें एवं
व्यय हुई राशि
का ब्यौरा
वर्तमान में
कितनी नल-जल
योजनाएं बंद
है,
कितनी
प्रारम्भ है, जो बंद है
वो कब तक
प्रारम्भ करा
दी जावेगी। जिन
स्थानों में
पानी की टंकी
छोटी है उनको
बड़ा बनाये
जाने हेतु कहां-कहां
कार्यवाही
प्रचलन में है? कहां बनना
प्रारम्भ हो
गया है।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जिले
में जल गंगा
संवर्धन
अभियान
अंतर्गत हुये
कार्य एवं उन
पर हुये व्यय
की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट फ्लोचार्ट
अनुसार है। (ख) विधानसभा
क्षेत्र
धरमपुरी में
जल गंगा संवर्धन
अभियान
अंतर्गत
वर्षा के पानी
को सहेजने के
लिए किसानों
के खेतों में 314 खेत तालाब
तथा किसानों
के खेतों में
बने कूपों पर 729 डगबेल
रिचार्ज के
कार्य
प्रारंभ किये
गये। शेष जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट फ्लोचार्ट
अनुसार है। (ग) जल
गंगा संवर्धन
अभियान वर्ष 2024-25 में उल्लेखित
कार्य नहीं किये
जाने से
जानकारी
निरंक है। (घ) विधानसभा
क्षेत्र
धरमपुरी में
जल संरक्षण हेतु
ग्राम
पंचायतों में 314 खेत तालाब
तथा 729
डगवेल
रिचार्ज के
कार्य
प्रारंभ किये
गये जिनकी कुल
लागत राशि 617.18 लाख है तथा
कार्यों पर
कुल राशि 258.95 लाख का
व्यय किया गया
है। कार्यों
के स्थान, स्वीकृत
लागत, व्यय
राशि आदि की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट फ्लोचार्ट
अनुसार है। विधानसभा
क्षेत्र
धरमपुरी में 79 योजनाएँ
प्रारंभ है
एवं 3 नल
जल योजनाएं
बंद है, जिन्हें
शीघ्र ही
प्रारंभ किया
जायेगा। पानी
की टंकी
निर्माण में
विभाग द्वारा
विभागीय
मापदण्ड के
अनुसार
निर्धारित
क्षमता एवं
ऊँचाई के
अनुरूप उच्च
स्तरीय
टंकियों का निर्माण
कराया गया है।
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं होता।
आदिवासी
किसानों हेतु
विशेष
कार्ययोजनाओं
की जानकारी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
97.
( क्र. 356 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र
आदिवासी
बाहुल्य क्षेत्र
होने के कारण
यहाँ के
अधिकांश
किसान लघु एवं
सीमांत वर्ग
के हैं तथा
आर्थिक रूप से
कमजोर हैं? यदि हाँ, तो क्या मध्य
प्रदेश शासन
का किसान
कल्याण तथा कृषि
विकास विभाग
सैलाना जैसे
आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्रों के
किसानों के
हित में कोई
विशेष
कार्ययोजना
तैयार करने पर
विचार कर रहा
है? यदि
हाँ, तो
उस
कार्ययोजना
की रूपरेखा, लक्ष्य
एवं संभावित
लाभार्थियों
की संख्या क्या
है? जानकारी
पृथक-पृथक
बतावे? (ख) क्या
विभाग द्वारा
सैलाना
क्षेत्र में
आदिवासी
किसानों के
लिए सरकार
आदिवासी
किसानों की आय
वृद्धि एवं
कृषि उत्पादन
सुधार हेतु
कोई नया विशेष
पैकेज लागू
करने पर विचार
कर रही है? यदि हाँ, तो बतावें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र
आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्र होने
के कारण यहां
के अधिकांश
किसान लघु एवं
सीमांत वर्ग
के हैं। किसान
कल्याण तथा
कृषि विकास
विभाग द्वारा
आदिवासी बाहुल्य
क्षेत्रों
सहित संपूर्ण
मध्यप्रदेश
में
मार्गदर्शी
निर्देशानुसार
कृषकों को
लाभांवित
करने हेतु
विभिन्न
योजनाएं
क्रियान्वित
है। सैलाना विधानसभा
क्षेत्र हेतु
योजनाओं, लक्ष्यपूर्ति
एवं संभावित
लाभार्थी की
संख्या जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं । शेष
प्रश्न ही उद्भूत
नहीं होता।
ग्रामीण
एवं पंचायत
विभाग द्वारा
किए जा रहे विकास
कार्यों की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
98.
( क्र. 357 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र
आदिवासी बाहुल्य
क्षेत्र होने
के बावजूद
यहाँ पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा
अपेक्षित
स्तर पर विकास
कार्य नहीं कराए
जा रहे हैं? यदि हाँ, तो सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में
ग्रामीण विकास
एवं पंचायत
विभाग द्वारा
चालू वित्तीय
वर्ष में
स्वीकृत
विकास
योजनाओं का
विवरण (योजना
का नाम, राशि, कार्य की
स्थिति सहित) देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित गत
पाँच वर्षों
में इस
क्षेत्र में
किए गए प्रमुख
विकास
कार्यों की
सूची एवं व्यय
विवरण देवें? क्या
सरकार (केंद्र
एवं राज्य) द्वारा
इस बाहुल्य
क्षेत्र के
सर्वांगीण विकास
हेतु कोई
विशेष योजना
या पैकेज
प्रस्तावित
है? यदि
हां, तो
यदि नहीं , तो क्यों नहीं
कारण बतावें? (ग) क्या
राज्य सरकार
आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्र के
सर्वांगीण
विकास
कार्यों पर
कोई कार्य
योजना बनायेगी?
यदि हां, तो कब तक? निश्चित
समयावधि
बतावें? यदि नहीं , तो क्यों नहीं
?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में
पंचायत एवं ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा चालू
वित्तीय
वर्ष में स्वीकृत
विकास
योजनाओं से
संबंधी
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। आदिवासी
क्षेत्रों
में सामान्य
योजनाओं के
साथ-साथ
ट्रायबल सब प्लान
के तहत भी
कार्य किये जा
रहे हैं, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ग) राज्य
सरकार
ट्रायबल सब प्लान
के साथ-साथ
पी.एम.जनमन, धरती आबा
जैसे
कार्यक्रमों
के माध्यमों
से आदिवासी
क्षेत्रों के
सर्वांगीण
विकास कार्य
किये जा रहे
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
प्रत्येक
विधानसभा
स्तर पर
स्टेडियम
बनाया जाना
[खेल एवं
युवा कल्याण]
99.
( क्र. 359 ) डॉ.
तेजबहादुर
सिंह चौहान : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
प्रत्येक
विधानसभा
स्तर पर
स्टेडियम
बनाये जाने की
घोषणा की गयी
थी जिससे की
उस स्टेडियम
का उपयोग (हेलीपैड
) एयर
एम्बुलेंस के
रूप में भी
लिया जा सके I इस संदर्भ
में खाचरोद
नागदा
विधानसभा
क्षेत्र में
क्या
कार्यवाही की
गयी है? कृपया
विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास कैलाश
सारंग ) : सी.एम. युवा
शक्ति
योजनांतर्गत
प्रत्येक
विधानसभा
क्षेत्र में
खेल मैदान/स्टेडियम
निर्माण की
योजना प्रस्तावित
है, जिसमें
एयर एम्बूलेंस
हेतु हेलीपेड
का निर्माण भी
किया जाना है।
इस हेतु जिला
प्रशासन
द्वारा न्यूनतम
10.00 एकड़ भूमि
नगर निकाय
सीमा से 2.00 कि.मी. की
परिधि में खेल
और युवा कल्याण
विभाग को
आवंटित करना
होगा। खाचरोद
नागदा
विधानसभा
क्षेत्र में
वर्तमान में
भूमि आवंटन नहीं
हुई है।
स्वीकृत
निर्माण
कार्यों की
जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
100.
( क्र. 363 ) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मऊगंज
एवं रीवा जिला
अन्तर्गत
वर्ष 2019-20
से अब तक
ग्रामीण
आजीविका मिशन
विभाग द्वारा सर्व
शिक्षा
अभियान अन्तर्गत
संचालित
कक्षा 01 से 08 तक के
बच्चों को
विकासखण्डवार
समस्त विद्यालयों
में कुल कितने
हितग्राही
छात्रों को कितने
नग
प्रतिछात्र
वर्षवार एवं
विद्यालयवार
गणवेश उपलब्ध
कराया गया है? (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्ष 2019-20
से अब तक
समूहों
द्वारा अथवा
आजीविका मिशन
अथवा जिला
शिक्षा
केन्द्र
द्वारा
किन-किन फर्मों
को कपड़ा
खरीदी/कपड़ा
सिलाई/परिवहन
आदि के व्यय
का भुगतान किया
गया है। वर्षवार, फर्मवार
व्यय राशियों
का विवरण
उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
वर्णित व्यय
का सत्यापन
आजीविका मिशन
में किन-किन
अधिकारियों
द्वारा गणवेश
वितरण, प्रदाय
विकासखण्डवार
किया गया है, नाम, पदनाम से
संबंधित
जानकारी
उपलब्ध कराई
जावे? (घ) गणवेश
वितरण तथा
हितग्राही
समूहों (SHG) को दिये
जाने वाले
अनुदान/भुगतान
एवं CRP को
दिया गया
अनुदान/भुगतान/मानदेय
आधार वितरण और
किसके प्रभार
में है
वर्षवार
फाइनेंसियल ऑडिट, कितने
स्वसहायता
समूह
मध्यान्ह
भोजन का कार्य
कर रहे है, उनके नाम, योजनाओं
की सूची
विकासखण्डवार
निरीक्षण/जांच
हेतु मॉनिटरिंग
की
जिम्मेदारी
किन-किन
अधिकारियों
की है। उक्त
अधिकारियों
द्वारा
विधिवत मॉनिटरिंग/जांच/
निरीक्षण
किया गया है? यदि
हाँ, तो
जांच
प्रतिवेदन
उपलब्ध
करावें, यदि नहीं , तो
दोषियों के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) मऊगंज
एवं रीवा जिला
अन्तर्गत
वर्ष 2019-20
से अब तक
ग्रामीण
आजीविका मिशन
विभाग द्वारा सर्व
शिक्षा
अभियान अन्तर्गत
संचालित
कक्षा 01 से 08 तक के
बच्चों को
विकासखण्डवार
समस्त विद्यालयों
में कुल 471022
हितग्राही
छात्रों को
औसतन 02 नग
प्रतिछात्र
के मान से कुल 941750 गणवेश
उपलब्ध कराया
गया है। वर्षवार,हितग्राही
छात्र एवं
विद्यालयवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-अ
अनुसार है। (ख) वर्ष
2020-21 से 2023-24 तक समूहों
द्वारा किये
गये फर्मवार
कपड़ा खरीदी/कपड़ा
सिलाई/ परिवहन
आदि के व्यय
के भुगतान की
राशि का जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-ब
अनुसार है। (ग)
प्रश्नांश (क) एवं (ख) में
वर्णित व्यय
का सत्यापन, गणवेश
वितरण प्रदाय
हेतु उत्तरदायी
अधिकारियों
की नाम एवं
पदनाम की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-स
अनुसार है। (घ) गणवेश
वितरण तथा
गणवेश वितरण
कराने वाले
समूहों को
दिये जाने
वाला
अनुदान/भुगतान
एवं CRP को
दिये जाने
वाला
अनुदान/भुगतान
विवरण आधारित मानदेय
समूहों के
प्रभार में है।
फाइनेंशियल
ऑडिट कराना
समूहों के
प्रभार में है।
अत: उक्त
जानकारी
पोर्टल पर
संधारित नहीं है।
रीवा जिले में
1429 एवं मऊगंज
जिले में 616 स्व–सहायता
समूह
मध्यान्ह
भोजन का कार्य
कर रहे है। स्व–सहायता
समूहों की
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द
अनुसार है। ग्रामीण
स्तर पर
क्रियान्वित
योजनाओं जैसे-मध्यान्ह
भोजन, SRLM अंतर्गत
RF/CIF
वितरण
आदि की मॉनिटरिंग/
जांच/ निरीक्षण
जिले एवं
विकासखण्ड
में पदस्थ
अधिकारियों
द्वारा किया
जाता है।
पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग
द्वारा स्वीकृत
निर्माण कार्य
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
101.
( क्र. 364 ) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मऊगंज
जिले के
विकासखंड
मऊगंज, हनुमना, नईगढ़ी
में वर्ष 2019 से अब तक
ग्राम पंचायत/
ग्रामवार खेत
तालाब, अमृतधरोहर, राजीव
गांधी
जलग्रहण एवं
मुख्यमंत्री
सरोवर योजना
के कुल स्वीकृत
कार्य जिनमें
लाभान्वित
हितग्राहियों
का नाम, उपलब्ध
कराई गई राशि, वर्तमान
कार्य की
स्थिति पूर्ण
तथा अपूर्ण की
सूची उपलब्ध
कराई जाए? (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
कार्यों की
तकनीकी एवं
प्रशासकीय स्वीकृति
जारी करने
वाले अधिकारी
का नाम, स्वीकृति
तथा भुगतान
आदेशों की
प्रतियां
उपलब्ध कराई
जावें? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
वर्णित
कार्यों के
लिए जारी
तकनीकी एवं प्रशासकीय
स्वीकृति की
शर्तों का
पालन करते
हुये वर्ष 2019-20 से अब तक
कितने
कार्यों का
पूर्ण कर
लाभान्वितों
को सौंप दिया
गया है, कुल स्वीकृत
कार्यों में
से कितने
कार्यों को अब
तक पूर्ण नहीं
किया जा चुका
है, सूची
उपलब्ध कराई
जावे? (घ) जिले के
अंतर्गत
उपरोक्त
वर्णित स्वीकृत
कार्यों का
निरीक्षण, वार्षिक
जांच आदि हेतु
क्या
प्रावधान है, उक्त
कार्यों की छ:माही/वार्षिक
निरीक्षण
किया गया, इस हेतु
जिम्मेदार
अधिकारी
कौन-कौन
प्रभार में
रहे हैं, उनके
द्वारा
समुचित
निरीक्षण नहीं
किया गया है, तो उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जाएगी, यदि
निरीक्षण
किया गया है, तो
निरीक्षण
प्रतिवेदन
उपलब्ध
कराया जावेगा, यदि हाँ, तो कब, तक यदि
नहीं , तो
क्यों नहीं ?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) महात्मा
गांधी राष्ट्रीय
ग्रामीण
रोजगार
गांरटी योजना
के संबंध में
प्रश्नाधीन
जानकारी nrega.nic.in
portal पर
दर्शित है, जिसका फ्लोचार्ट पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार है। जलग्रहण
क्षेत्र
प्रबंधन
कार्यक्रम के
संबंध में
प्रश्नाधीन जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट–क अनुसार है। मुख्यमंत्री
सरोवर योजना
के कार्य
प्रश्नाधीन
विकासखण्डों
में स्वीकृत नहीं
हुए है, अत:
तत्संबंध में
जानकारी
निरंक है। (ख) महात्मा
गांधी राष्ट्रीय
ग्रामीण
रोजगार
गांरटी योजना
के संबंध में
प्रश्नाधीन
जानकारी nrega.nic.in
portal पर
दर्शित है, जिसका फ्लोचार्ट
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार है। जलग्रहण
क्षेत्र
प्रबंधन
कार्यक्रम के
संबंध में
प्रश्नाधीन जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट–क अनुसार है। मुख्यमंत्री
सरोवर योजना
के कार्य
प्रश्नाधीन
विकासखण्डों
में स्वीकृत नहीं
हुए है, अत:
तत्संबंध में जानकारी
निरंक है। जलग्रहण
क्षेत्र
प्रबंधन
कार्यक्रम के
अंतर्गत जारी
स्वीकृतियों
तथा भुगतान
आदेशों की
पृष्ठ संख्या
लगभग 3000
होने के कारण
जिला पंचायत
रीवा में
कार्यालयीन
समय में
अवलोकन की जा
सकती है। (ग) महात्मा
गांधी राष्ट्रीय
ग्रामीण
रोजगार
गांरटी योजना
के संबंध में
प्रश्नाधीन
जानकारी nrega.nic.in
portal पर
दर्शित है
जिसका फ्लोचार्ट
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार है। जलग्रहण
क्षेत्र
प्रबंधन
कार्यक्रम के
संबंध में
प्रश्नाधीन जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट–क अनुसार है। मुख्यमंत्री
सरोवर योजना
के कार्य
प्रश्नाधीन
विकासखण्डों
में स्वीकृत नहीं
हुए है। अत:
तत्संबंध में
जानकारी
निरंक है। (घ) जलग्रहण
क्षेत्र
प्रबंधन
कार्यक्रम
अंतर्गत स्वीकृत
कार्यों का
निरीक्षण
उपयंत्री, सहायक
यंत्री, अनुविभागीय
अधिकारी
ग्रामीण
यांत्रिकी सेवा, कार्यपालन
यंत्री
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा, मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत, जिला
परियोजना
अधिकारी
वाटरशेड, मुख्य
कार्यपालन अधिकारी
जिला पंचायत, कलेक्टर
एवं मिशन लीडर
द्वारा किया
जाता हैं। तदानुसार
कार्यों का
निरीक्षण
किया गया है अत:
कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
निरीक्षणकर्ताओं
की प्रश्नाधीन
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ख
अनुसार है। निरीक्षण
प्रतिवेदन
उपलब्ध
कराने में कोई
आपत्ति नहीं है।
इनका अवलोकन
जिला पंचायत
रीवा में
कार्यालयीन
समय में किया
जा सकता है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
महात्मा
गांधी राष्ट्रीय
ग्रामीण
रोजगार
गांरटी योजनांतर्गत
स्वीकृत
कार्यों का
निरीक्षण
समय-समय पर
एरिया
ऑफिसर्स एप के
माध्यम से
किया जाता है, जिसका
फ्लोचार्ट पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ग
अनुसार है।
खेल
मैदान एवं खेल
सुविधाएं
[खेल एवं
युवा कल्याण]
102.
( क्र. 382 ) श्री लखन
घनघोरिया : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
शासन ने जिला
खेल एवं युवा
कल्याण विभाग
जबलपुर को
खेलों को
बढ़ावा देने
खेल
प्रतियोगिताओं
का आयोजन, खिलाड़ियों
को
प्रोत्साहित
करने, खेल
सुविधाएं एवं
प्रशिक्षित
हेतु किन-किन
योजनान्तर्गत
किस-किस मद
में कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की है, एवं
कितनी-कितनी
राशि व्यय हुई
है? वर्ष
2021-22 से 2025-26 तक की
जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश
(क) में खेल
सामग्री का
क्रय, खेल
सुविधाओं, संसाधनों
खेल मैदानों, स्टेडियम
का रख-रखाव, सुधार एवं
मरम्मत कार्य
खेल
प्रतियोगिताओं
का आयोजन आदि
पर
कितनी-कितनी
राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश
(क) में
किन-किन
मैदानों, स्टेडियम
में खेल
प्रतियोगिताओं
का आयोजन करने
एवं
खिलाड़ियों
से किस-किस मद
में कितनी-कितनी
राशि लेने का
क्या
प्रावधान हैं, एवं
वर्षवार
कितनी-कितनी
राशि वसूल की
गई है, और
कितनी-कितनी
राशि का क्या
उपयोग किया
गया? बतलायें।
(घ) पूर्व
विधानसभा
क्षेत्र क्र.-97 जबलपुर
में कहां-कहां
पर कौन-कौन से
खेल मैदान, स्टेडियम
हैं। खिलाड़ियों
के लिये खेल
सुविधाएं
प्रशिक्षण
एवं खेल
प्रतियोगिताओं
का आयोजन करने
सम्बंधी
क्या-क्या
सुविधाएं एवं
संसाधन हैं।
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जिला
खेल एवं युवा
कल्याण विभाग
जबलपुर को खेलों
को बढ़ावा देने
खेल
प्रतियोगिताओं
के आयोजन,खिलाड़ियों
को प्रोत्साहित
करने एवं खेल
सुविधाएं, प्रशिक्षण
हेतु योजना
अंतर्गत
आवंटित एवं व्यय
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) में खेल
सुविधाओं, संसाधनों
खेल मैदानों, स्टेडियम
का रख-रखाव, सुधार एवं
मरम्मत कार्य
पर हुये व्यय
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है एवं खेल
सामग्री का
क्रय, खेल
प्रतियोगिताओं
के आयोजन पर
व्यय राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश
(क) में वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक आयोजित
खेल
प्रतियोगिताओं, आयोजन में
खिलाड़ियों से
किसी भी
प्रकार की
राशि वसूल नहीं
की गई है। खेल प्रतियोगिताओं, आयोजन में
आवंटित बजट
एवं व्यय राशि
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। (घ) पूर्व
विधानसभा
क्षेत्र क्र.-97 जबलपुर
में
खिलाड़ियों के
प्रशिक्षण
एवं खेल
प्रतियोगिताओं
हेतु उपलब्ध
खेल सुविधाओं
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार है।
स्टेडियम
निर्माण
योजना
[खेल एवं
युवा कल्याण]
103.
( क्र. 389 ) श्री
राकेश शुक्ला
: क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
क्रमांक 206 इंदौर (3) में खेलों
को बढ़ावा
देने हेतु क्या
कार्य योजना
है? (ख) प्रश्नकर्ता क्षेत्र
के चिमनबाग स्कूल
मैदान में स्टेडियम
निर्माण हेतु शासन
की कार्य
योजना से अवगत
करायें। (ग) क्या
उपरोक्त स्टेडियम
निर्माण हेतु
विभाग राशि
प्रदान कर सकता
है? क्या
वित्त विभाग
से इस स्टेडियम
निर्माण हेतु
राशि की मांग
करेंगे?
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) विभाग
द्वारा
विधानसभावार
खेल
गतिविधियां संचालित
नहीं की जाती
है। विभाग
द्वारा जिलों
में संचालित
योजनाओं की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। इन
योजनाओं का
लाभ विधानसभा
क्षेत्र
क्रमांक 206 इंदौर (3) के नागरिक
भी प्राप्त
कर सकते है। (ख) चिमनबाग
स्कूल मैदान
की भूमि
विभागीय स्वामित्व
का नहीं होने
के कारण खेल
और युवा कल्याण
विभाग द्वारा
स्टेडियम
निर्माण नहीं किया
जा सकता है। (ग) उत्तरांश
(ख) के संदर्भ
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नीमच
जिला
चिकित्सालय
में
होम्योपैथी
चिकित्सा का
संचालन
[आयुष]
104.
( क्र. 393 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या आयुष
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
ने अपने पत्र
क्रमांक 195 दिनांक 08/09/2025 के माध्यम
से माननीय
आयुष मंत्री
को पत्र प्रेषित
कर जिला
चिकित्सालय
नीमच में आयुष
विंग के
अंतर्गत
होम्योपैथी
औषधालय खोलने
एवं होम्योपैथी
चिकित्सा
अधिकारी व
विशेषज्ञ के पद
सृजित करने
हेतु मांग की
थी? यदि
हाँ, तो
विभाग द्वारा
पत्र पर की गई
कार्यवाही से
अवगत कराएं। (ख) प्रदेश
में जिला
चिकित्सालयों
में या जिला स्तर
पर
होम्योपैथी
औषधालय खोले
जाने के संबंध
में वर्तमान
में विभाग की
क्या नीति है? उज्जैन
संभाग में
प्रश्न
दिनांक तक
किन-किन जिलों
में
होम्योपैथी
औषधालय संचालित
किए जा रहे
हैं तथा
औषधालय में
कितने-कितने
मरीजों का
परीक्षण
चिकित्सकों
द्वारा कहाँ-कहाँ
किया जा रहा
है? (ग) वर्तमान
में क्या नीमच
जिला
चिकित्सालय
में आयुर्वेद, यूनानी
एवं अन्य आयुष
व्यवस्था
हेतु स्थान उपलब्ध
है? यदि
हाँ, तो
सेंटर पर
कितने
आयुर्वेद, यूनानी
चिकित्सक के
पद रिक्त हैं?
आयुष
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
हाँ। नीमच
जिले के
अंतर्गत 24-आयुर्वेद, 02-होम्योपैथिक, 01-यूनानी
औषधालय एवं 01-आयुष विंग
संचालित है। आवश्यकता
एवं बजट
उपलब्धता
अनुसार नवीन
औषधालय
स्वीकृत किये
जाते है। अतः
निश्चित
समय-सीमा
बतायी जाना
संभव नहीं है।
उक्त स्थिति
से माननीय
विधायक जी को
अवगत कराया
गया है। (ख) आवश्यकता
एवं बजट
उपलब्धता
अनुसार नवीन
औषधालय
स्वीकृत किये
जाते है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हॉ, आयुर्वेद
चिकित्सा
हेतु आयुष
विंग संचालित है।
आयुष विंग में
आयुर्वेद
चिकित्सा
अधिकारी का 01 पद
स्वीकृत है जो
भरा हुआ है
एवं यूनानी
चिकित्सक का
पद स्वीकृत नहीं
है।
किसानों
को डी.ए.पी. एवं
यूरिया खाद की
जानकारी
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
105.
( क्र. 396 ) श्री अजय
अर्जुन सिंह : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) इस
वर्ष प्रदेश
के अलग-अलग
जिलों में
कितने-कितने किसानों
ने
कितने-कितने
क्षेत्र में
खरीफ की फसल लगाई थी? (ख) उपरोक्त
खरीफ फसल की
बोवनी के आधार
पर अलग-अलग
जिलों में
कितनी-कितनी
डी.ए.पी. और
यूरिया खाद की
आवश्यकता
अनुमानित की
गई थी? (ग) इस वर्ष
खरीफ की फसल
के लिए इन
जिलों में
अलग-अलग
कितनी-कितनी
डी.ए.पी. और
यूरिया खाद भेजी
गई तथा
कितने-कितने
किसानों को
उपलब्ध कराई
गई? (घ) सोसायटी
द्वारा और
खुले बाजार
में बेची गई डी.ए.पी.
और यूरिया खाद
का अलग-अलग
रीवा संभाग के
जिलावार
विवरण दें? (ड.) डी.ए.पी.
और यूरिया खाद
की अनुमानित
आवश्यकता और
वास्तविक
आपूर्ति में
जिलावार कितना
अंतर है, इसका
विवरण दें?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) राजस्व
विभाग के
स्मार्ट
एप्लीकेशन
फॉर रेवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन
(SAARA)
पोर्टल
अनुसार
जिलेवार निजी
क्षेत्र में
गिरदावरी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है।
उर्वरक
क्रय की बारम्बारता
के कारण
क्रेता किसान
संख्या
संधारित नहीं की
जाती है, अत: उक्त
जानकारी
उपलब्ध कराया
जाना संभव नहीं
है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार है।
(ड.) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-5 अनुसार है।
जिला
नीमच में
मिलावटी युक्त
ईधन सप्लाई
किये जाने पर
कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
106.
( क्र. 402 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नीमच
जिले में 1 जनवरी, 2023 के
पश्चात् बॉयोडीजल
एवं अन्य
मिलावट युक्त
ईंधन के परिवहन
एवं सप्लाई को
लेकर विभागीय
अधिकारियों
ने कुल कितने
प्रकरण दर्ज
किए हैं? इनकी
वर्तमान
स्थिति से
अवगत कराएं। (ख) क्या
नीमच जिला
पेट्रोल पंप
एसोसिएशन एवं
प्रश्नकर्ता
द्वारा जिले
के बाहर से
अवैध रूप से
परिवहन कर रहे
बॉयोडीजल एवं
मिलावट युक्त
ईंधन की जांच
हेतु जिला
स्तर पर पत्र
प्रेषित किये
गये थे? विभाग
द्वारा उक्त
संबंध में
अवैध परिवहन
रोकने के लिए
क्या कार्यवाही
की गई? (ग) नीमच जिले
में उक्त अवधि
में सीलबंद, दूषित एवं
एक्सपायरी
डेट वाले
खाद्य पदार्थों
के कुल कितने
प्रकरण
किस-किस
कंपनी/फर्म के
खिलाफ दर्ज
किए गए? इनके
नमूने किस-किस
प्रयोगशाला
में कब-कब भेजे
गए? जांच
रिपोर्ट की
प्रतिलिपि
उपलब्ध कराएं।
(घ) उज्जैन
संभाग में
उक्त अवधि में
कुल कितने अधिकारियों
एवं
कर्मचारियों
के खिलाफ
किस-किस व्यक्ति
ने कहाँ-कहाँ
शिकायत दर्ज
की? इनकी
वर्तमान
स्थिति से
अवगत कराएं।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) नीमच
जिले में 1 जनवरी, 2023 के
पश्चात् बॉयोडीजल
एवं अन्य
मिलावट युक्त
ईंधन के परिवहन
एवं सप्लाई को
लेकर विभागीय
अधिकारियों
ने कुल 04 प्रकरण
दर्ज किये हैं।
प्रकरणों की
स्थिति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
(ख) जी
हाँ। उक्त
संबंध में
अवैध परिवहन
रोकने के लिये
की गई
कार्यवाही का
विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट – ''अ'' अनुसार है। (ग) नीमच
जिले में उक्त
अवधि में
सीलबंद, दूषित एवं
एक्सपायरी
डेट वाले
खाद्य
पदार्थों के
कुल 58
प्रकरण दर्ज
किये गये है। इनके
नमूने
प्रयोगशाला
में भेजने का
विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-‘’ब’’ अनुसार है।
जांच
रिपोर्ट की
प्रतिलिपियां पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट – ‘’स’’ अनुसार है।
(घ) उज्जैन
संभाग में उक्त
अवधि में किसी
भी अधिकारी
अथवा
कर्मचारी के विरूद्ध
शिकायत दर्ज नहीं
की गई है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं।
खेल
परिसर की बिल्डिंग
का रिनोवेशन
[खेल एवं
युवा कल्याण]
107.
( क्र. 405 ) श्री
शैलेन्द्र
कुमार जैन : क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 1789, दिनांक 04.08.2025 के प्रश्नांश
''ग'' के
उत्तरांश में
बताया गया था
कि, खेल
परिसर सागर के
रिनोवेशन/मरम्मत
कार्य हेतु
प्राप्त
प्राक्कलन
राशि रू. 281.14 लाख का
स्थायी वित्त
समिति के
समक्ष
प्रस्तुत
किया गया था, जिसे
समिति द्वारा
संशोधित किये
जाने हेतु निर्देश
दिये गये थे। क्या
संशोधन
उपरांत उक्त
प्राक्कलन
पुनः समिति के
समक्ष
प्रस्तुत
किया गया है? (ख) यदि
हाँ, तो
वह कितनी राशि
है तथा इसमें
कौन-कौन से
घटक शामिल है
एवं इसे कब तक
स्वीकृत करा
लिया जायेगा? (ग) सागर
खेल परिसर में
कौन-कौन से
खेल विधाओं
हेतु
सुविधायें
उपलब्ध है तथा
किन विधाओं का
अभाव है एवं
इन विधाओं के अभाव
की पूर्ति
हेतु शासन
स्तर पर अब तक
क्या कार्यवाही
की गई है?
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जी
हाँ। जी नहीं , एस.एफ.सी. की
बैठक में दिये
गये
निर्देशों के
संदर्भ में
निर्माण
एजेन्सी
म.प्र.भवन
विकास निगम, भोपाल को
प्राक्क्लन
प्रस्तुत
करने हेतु
संचालनालयीन
पत्र क्रमांक 7504, दिनांक 25.10.2025 द्वारा
लेख किया गया
है। निर्माण
एजेंसी से
प्राक्कलन प्राप्त
होने के
उपरान्त पुनः
स्थायी वित्त
समिति के
समक्ष
प्रस्तुत
किया जा सकेगा।
(ख) उत्तरांश
(क) के संदर्भ
में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ग) सागर खेल
परिसर में
वर्तमान में
बास्केटबॉल, व्हालीबॉल, मलखम्ब, एथलेटिक्स, हॉकी, कबड्डी, लॉन टेनिस, फुटबॉल, कराते, टेबल
टेनिस, ताईक्वांडो, बैडमिंटन
खेल के साथ ही
जिम की सुविधा
उपलब्ध है। खेल
परिसर में
उपलब्ध स्थान
अनुसार अन्य
खेल की सुविधा
उपलब्ध कराई
जाना
व्यवहारिक
रूप से संभव नहीं
है।
मंडला
जिले के
सम्बन्ध में
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
108.
( क्र. 407 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मुख्यमंत्री
मजरा टोला
योजना के नियम
निर्देश
प्रक्रिया की विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध
करावें? मंडला
जिला अंतर्गत
विधानसभा
क्षेत्र बिछिया
में कितनी
सड़कों का
चिन्हांकन किया गया
है, सूची
उपलब्ध
करावें? प्रश्नकर्ता
द्वारा कितनी
सड़कों के
प्रस्ताव दिए गए
हैं, प्रति
उपलब्ध
करावें? उनमें
क्या
कार्यवाही की
गई है? वर्तमान
में इस योजना
के तहत बिछिया
विधानसभा में
कितनी सड़कों
का निर्माण
कितनी लागत से
प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्रमांक 196 सदन
दिनांक 28/07/2025 के बिंदु (क)
में उल्लेखित
कार्यों की
स्वीकृति अब
तक नहीं दिए
जाने के क्या
कारण हैं? क्या उक्त
प्रश्न अवधि
से वर्तमान के
बीच इस मद से
प्रदेश में
किसी कार्य की
स्वीकृति दी
गई है, यदि
हाँ, तो
जानकारी
देवें? मुख्यमंत्री
अधोसंरचना मद
हेतु वर्ष 2024-25 से वर्तमान
दिनांक तक
शासन से विभाग
को कब-कब, कितनी-कितनी
राशि प्राप्त
हुई है एवं
वर्तमान में इस
मद में विभाग
के पास कितनी
राशि उपलब्ध
है? (ग) मंडला
जिले में
मनरेगा से
स्वीकृत
कार्यों का
कितना भुगतान
लंबित है, कार्यों
के नाम, स्वीकृत
राशि, स्वीकृति
दिनांक, भुगतान की
गई राशि एवं
लंबित राशि
सहित जानकारी
उपलब्ध कराएं? वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में
मनरेगा से
जिले में कौन-कौन
से कार्यों की
स्वीकृति दी
गई है? क्या
पूर्व वर्षों
की तुलना में
उपरोक्त दो वर्षों
में कम
कार्यों की
स्वीकृति दी
गई है, इसके
क्या कारण हैं?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) मुख्यमंत्री
मजरा टोला
योजना के नियम
निर्देश
प्रक्रिया की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''1'' अनुसार है।
मुख्यमंत्री
मजरा टोला
योजना के
अंतर्गत मण्डला
जिले के
बिछिया
विधानसभा
क्षेत्र में 308 बसाहटों
को
चिन्हांकित
किया गया है, जिनका
भौतिक सत्यापन
भी किया जा
चुका है, इनमें से 145 बसाहट
संपर्क विहीन
पाई गई, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
के माध्यम से
दिये गये प्रस्ताव
एवं उन पर की
गई कार्यवाही
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। पात्रता
अनुसार
प्राथमिकता
सूची एवं
डीपीआर तैयार
होने के
पश्चात ही
संख्या एवं
लागत बताया जाना
संभव हो सकेगा।
(ख) ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा विभाग से
प्राप्त जानकारी
के अनुसार
प्रश्नकर्ता
के क्रमांक 196, सदन
दिनांक 28/07/2025 में
उल्लेखित
कार्य ''बी'' मॉनिट में
अंकित है। उक्त
कार्य
वर्तमान में
स्वीकृति की प्राथमिकता
क्रम में न
होने के कारण
स्वीकृति
जारी नहीं की
गई। प्रश्न
में अंकित
अवधि से
वर्तमान तक
जारी कार्यों की
स्वीकृति की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। मुख्यमंत्री
अधोसरंचना मद
हेतु वर्ष 2024-25 से
वर्तमान तक
शासन से प्राप्त
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''5'' अनुसार है। (ग) महात्मा
गांधी
राष्ट्रीय
ग्रामीण
रोजगार गारंटी
योजना (मनरेगा)
से प्राप्त
जानकारी के
अनुसार
मण्डला जिले में
मनरेगा से
स्वीकृत
कार्यों की
राशि रू. 134952368.30 का भुगतान
लंबित है जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''6'' अनुसार है। वित्तीय
वर्ष 2024-25
में 19818
कार्य एवं
वित्तीय वर्ष 2025-26 में 14590 कार्य कुल 34408 कार्य
स्वीकृत किये
गये है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''7'' अनुसार है। मण्डला
जिले में
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
के पत्र क्रमांक
2258/मनरेगा एमपी/एनआर-3/तक./2024 भोपाल
दिनांक 01/07/2024, पत्र
क्रमांक 1591/मनरेगा एमपी/एनआर-3 /तक./2024 भोपाल
दिनांक 19/11/2024 एवं
मनरेगा परिषद
भोपाल का पत्र
क्रमांक 844/2025 भोपाल
दिनांक 25/05/2025 के परिपालन
में जिले में
रोजगार की
मांग के आधार
पर आवश्यक
कार्य
स्वीकृत किये
जा रहे है।
मनरेगा
योजना
अंतर्गत
स्वीकृत
निर्माण
कार्य
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
109.
( क्र. 409 ) श्रीमती
सेना महेश
पटेल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अलीराजपुर
जिले में
मनरेगा योजना
अंतर्गत वर्ष 2024 से प्रश्न
दिनांक तक पुल, पुलियां, रिंग बण्ड, स्टॉप डेम, आरएमएस
एवं अन्य
पक्के
निर्माण
कार्यों की स्वीकृति
हेतु
जनप्रतिनिधियों
तथा ग्राम पंचायतों
के माध्यम से
प्रस्ताव
प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृति
की क्या
कार्यवाही की
गई? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
प्राप्त
प्रस्ताव की
मनरेगा
अन्तर्गत
सामग्री
भुगतान सहित
पंचायत विभाग
द्वारा
स्वीकृति
प्रदान की गई
है? यदि
हाँ, तो
तो स्वीकृत
कार्यों की
विकासखंडवार
एवं ग्राम
पंचायतवार
सूची उपलब्ध
कराएँ। (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार
कार्य मनरेगा
अन्तर्गत
स्वीकृति प्रदान
करने में जिले
में 60:40
अनुपात का
पालन हो रहा
है? यदि
हाँ, तो
शासन निर्देशानुसार
कार्यों की
स्वीकृति
क्यों प्रदान नहीं
की जा रही है? क्या कारण
है। कब तक
स्वीकृति
प्रदान की
जाएगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) मनरेगा
योजना
अंतर्गत वर्ष 2024 से प्रश्न
दिनांक तक पुल, पुलियां, रिंग बण्ड, स्टॉप डेम, आरएमएस
एवं अन्य
पक्के
निर्माण
कार्यों की स्वीकृति
हेतु
जनप्रतिनिधियों
तथा ग्राम पंचायतों
के माध्यम से
प्राप्त
प्रस्ताव की
संख्या निम्नानुसार
है- (1) पुल/पुलियां-128, (2) रिंग बण्ड-07, (3) स्टॉपडेम-16, (4) आरएमएस-12, (5) अन्य
पक्के
निर्माण
कार्य-33 कुल 196 निर्माण
कार्यों की
स्वीकृति
हेतु जन प्रतिनिधियों
एवं ग्राम
पंचायतों के
प्रस्ताव प्राप्त
हुए हैं। प्राप्त
प्रस्तावों
में से कुल 47 कार्य स्वीकृत
किये गये है। जनप्रतिनिधियों
तथा ग्राम
पंचायतों के
माध्यम से
प्राप्त
प्रस्ताव की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- 'अ' एवं
स्वीकृत किये
गये कार्यों की
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) जी
हाँ, प्राप्त
प्रस्ताव में
मनरेगा
अन्तर्गत
सामग्री
भुगतान सहित
स्वीकृत हुए। कार्यों
की
विकासखण्डवार
एवं ग्राम
पंचायतवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (ग) जी
हॉ, मनरेगा
अन्तर्गत
स्वीकृति
प्रदान करने
में जिले में 60:40 अनुपात का
पालन हो रहा
है। जॉब कार्डधारियों
द्वारा
रोजगार की
मांग के आधार
पर प्रगतिरत
कार्यों का
परीक्षण करने
पर आवश्यकता
अनुरूप नवीन
कार्यों की स्वीकृति
की जाती है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव नहीं
है।
उचित
मूल्य दुकान
भवन
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
110.
( क्र. 410 ) श्रीमती
सेना महेश
पटेल : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) अलीराजपुर
जिले में उचित
मूल्य (राशन) संचालित
दुकानें
उसमें कौन-कौन
से ग्राम सम्मिलित
है? जिले
में संचालित
उचित मूल्य
दुकान के अधीन
ग्रामवार
सूची उपलब्ध
करावें। (ख) जिले
में कुल कितनी
उचित मूल्य
दुकानें अन्य
शासकीय भवन, निजी
भवनों में
संचालित हो
रही हैं? क्या
निजी भवनों का
किराया शासन
द्वारा भवन
स्वामी को
दिया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
कितनी राशि
किस भवन
स्वामी को कब
से दी जा रही
है, भवन
स्वामी सहित
भुगतान की
राशि सहित
सूची उपलब्ध
करावे। (ग) जिले
में उचित
मूल्य
दुकानें भवन
विहीन (बिना
भवन) दुकानों
के लिए भवन
निर्माण की
स्वीकृति की क्या
कार्यवाही की
गई है?
यदि नहीं , की गई है तो
क्या कारण है? क्या भवन
निर्माण की
स्वीकृति
जारी की जाएगी, यदि हां, तो कब तक
बताने की कृपा
करें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
(ख) जिले
में कुल 298 उचित मूल्य
दुकानों में
से 118
संस्था के
भवन, 155
दुकाने अन्य
शासकीय भवन
तथा 25
निजी भवन में
संचालित की जा
रही है। जी नहीं
। संस्था
द्वारा स्वयं
के कमीशन में
से किराये का
भुगतान किया
जा रहा है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
(ग) जिले
में भवन विहिन
दुकानों के
भवन निर्माण
स्वीकृति की
कार्यवाही नहीं
की गई है। उक्त
के संबंध में
विभाग स्तर
से कोई योजना
प्रचलित नहीं है।
कृषि
विपणन मंडी
बोर्ड से
स्वीकृत सड़कें
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
111.
( क्र. 414 ) श्री
चन्दरसिंह
सिसौदिया : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र में
मध्यप्रदेश
कृषि विपणन
मंडी बोर्ड से
पिछले 5 वर्षों
में कितने
ग्राम में सड़क
पहुंच मार्ग
स्वीकृति
प्रदान की है? सूची
ग्रामवार
प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
यदि नहीं , तो क्या
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत कई
मार्ग पूर्णत:
जीर्णशीर्ण
हो गये जो
मंडी निधि से
बनाये गये हैं? क्या शासन
इन मार्गों का
निर्माण
करायेगा यदि
हाँ, तो
कब तक? (ग) गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
संतरा अधिक मात्रा
में उत्पादन
होता है, पूर्व में
भी कई बार
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
संतरा मंडी
खोलने हेतु
लिखा गया है? क्या शासन
गरोठ
विधानसभा में
संतरा मंडी
खोलेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास मंत्री
( श्री ऐदल
सिंह कंषाना ) : (क) जानकारी
निरंक है। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ख) लोक
निर्माण
विभाग में गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत मंडी
निधि से बनाया
गया कोई भी
मार्ग
क्षतिग्रस्त नहीं
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र -अ अनुसार है।
अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ग) जी हाँ, मान.
मुख्यमंत्री
महोदय, म.प्र.शासन
की घोषणा
क्रमांक 2370 के
अनुक्रम में
उद्यानिकी
विभाग एवं
कलेक्टर जिला
मंदसौर के
अभिमत अनुसार
मण्डी समिति गरोठ
में कृषि उपज
"संतरा" के
विपणन हेतु दो
स्थानों को
चिन्हित कर
शेड पृथक से
आरक्षित कर
आवश्यक सुविधायें
विकसित किया
जाकर
कार्यवाही
पूर्ण की गई
है। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र -ब अनुसार है।
स्वचालित
अग्निशामक
यंत्र के
संबंध में
[उच्च
शिक्षा]
112.
( क्र. 416 ) श्री
अनिरुध्द (माधव)
मारू : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
में कुल कितने
महाविद्यालय
हैं भोपाल एवं
उज्जैन संभाग
की सूची
उपलब्ध कराएँ।
(ख) क्या
उपरोक्त
वर्णित सभी
महाविद्यालयों
एवं उनके
कार्यालयों
में असमय आगजनी
की घटनाओं से
बचाव हेतु स्वचालित
अग्निशामक
यंत्र (फायर
बॉल
एक्सटिंग्विशर) लगाये गए
हैं, यदि
हाँ, तो
सूची उपलब्ध
करायें और यदि
नहीं , तो
इस विषय में
शासन द्वारा
असमय अग्नि
दुर्घटनाओं
से बचाव हेतु
की जा रही
कार्यवाही से
अवगत कराएँ और
यदि नहीं , तो कार्यवाही
कब तक होगी। (ग) क्या
असमय अग्नि
दुर्घटनाओं
से बचाव हेतु
विभाग द्वारा
कोई नीति
निर्धारित की
गई है अथवा मानव
रहित
अग्निशामक
यंत्र जैसे फायर
बॉल
एक्सटिंग्विशर का उपयोग
किया जा रहा
है या नहीं और
यदि नहीं , तो कब तक इस
समस्या के
निवारण हेतु
नीति बनाई जाएगी।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) मध्यप्रदेश
में कुल 571 शासकीय
महाविद्यालय
संचालित हैं। भोपाल
एवं उज्जैन
संभाग की सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है।
(ग) जी
हाँ। फायर
बॉल
एक्सटिंग्विशर का उपयोग
किया जा रहा
है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं होता
है।
स्वचालित
अग्निशामक
यंत्र लगाया
जाना
[सहकारिता]
113.
( क्र. 417 ) श्री
अनिरुध्द (माधव)
मारू : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
में सहकारिता
विभाग के कुल
कितने
कार्यालय, भवन हैं। भोपाल
एवं उज्जैन
संभाग की सूची
उपलब्ध कराएँ।
(ख) क्या
उपरोक्त
वर्णित सभी
कार्यालयों, भवनों में
असमय आगजनी की
घटनाओं से
बचाव हेतु स्वचालित
अग्निशामक
यंत्र (फायर
बॉल
एक्सटिंग्विशर) लगाये गए
हैं यदि हाँ, तो सूची
उपलब्ध
करायें और यदि
नहीं , तो
इस विषय में
शासन द्वारा
असमय अग्नि
दुर्घटनाओं
से बचाव हेतु
कार्यवाही की
जा रही से अवगत
कराएँ यदि नहीं
,
तो
कार्यवाही कब
तक होगी। (ग) क्या
असमय अग्नि
दुर्घटनाओं
से बचाव हेतु
विभाग द्वारा
कोई नीति
निर्धारित की
गई है अथवा मानव
रहित अग्निशामक
यंत्र जैसे
फायर बॉल
एक्सटिंग्विशर
का उपयोग किया
जा रहा है या नहीं
?
यदि
नहीं , तो
कब तक इस
समस्या के
निवारण हेतु
नीति बनाई जाएगी।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) 64 कार्यालय
भवन, जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी
नहीं , स्वचालित
अग्निशामक
यंत्र लगाये
जाने के संबंध
में विभाग में
कोई
कार्यवाही
विचाराधीन नहीं
है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ग) विभाग
द्वारा पृथक
से कोई नीति नहीं
बनाई गई है, जी नहीं स्वचालित
अग्निशामक
यंत्र लगाये
जाने के संबंध
में विभाग में
कोई कार्यवाही
विचाराधीन नहीं
है।
कृषि
साख सहकारी
संस्थाओं की
जानकारी
[सहकारिता]
114.
( क्र. 418 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
में विपणन
सहकारी
संस्थाओं की स्थिति
अत्यंत खराब
है, जबकि
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
संस्थाओं को शासन
द्वारा
विभिन्न
योजनाओं का
लाभ देकर सुदृढ़
किया जा रहा
है? क्या
शासन विपणन
सहकारी
संस्थाओं को
भी योजनाओं का
लाभ प्रदान कर
उन्हें मजबूत
करने का
निर्णय लेगी? (ख) विपणन
सहकारी
संस्थाओं के
वायलॉज में
परिवर्तन कर
उन्हें
बहुद्देशीय
बनाने की
प्रक्रिया
में कितना समय
लगेगा? शासन की
क्या कार्य
योजना है? क्या
कृषकों के हित
में कार्य कर
रही इन संस्थाओं
को गोदाम, दुकान, कार्यालय
निर्माण एवं
अन्य कार्य
हेतु भूमि
आवंटन में
प्राथमिकता
देने की कोई
योजना है? (ग) क्या
"ऑपरेशन
ग्रीन" योजना
में शिवपुरी
जिला एवं
पोहरी
विधानसभा का
चयन दिनांक 07.02.2019 को टमाटर
क्षेत्र हेतु
किया गया था? उक्त
योजना का
क्रियान्वयन
अब तक क्यों नहीं
हुआ? क्या
शासन/विभाग के
पास कोई कार्य
योजना है? साथ ही
आत्मनिर्भर
भारत एवं RKVY योजना के
तहत संस्थाओं
के सहयोग से
कार्य प्रस्तावित
है या नहीं ? यदि
मार्कफेड
अथवा शीर्ष
सहकारी
संस्थाओं द्वारा
इस संबंध में
कोई योजना
बनाई गई है तो
इसकी जानकारी
दें। (घ) क्या
पोहरी
विधानसभा के
बैराड़ में नगद
उर्वरक
विक्रय
केन्द्र
स्थापित है, किंतु
गोदाम नहीं है? क्या
विपणन संस्था
के माध्यम से RKVY योजना
अंतर्गत
गोदाम
स्वीकृत किया
जायेगा? साथ ही भूमि
आवंटन हेतु
दिए गए आवेदन
पर क्या
कार्यवाही
हुई है? इसकी भी
जानकारी दें।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जी
नहीं , विपणन
सहकारी
समितियां भी
अपनी वित्तीय
स्थिति के
आधार पर
शासकीय
योजनान्तर्गत
खाद वितरण, उपार्जन, उचित
मूल्य
दुकानों आदि
का कार्य
संचालित कर रही
है। विपणन
सहकारी
समितियों को
बहुउद्देशीय
बनाने के
उद्देश्य से
मॉडल बायलाज
दिनांक 03.06.2025 को
प्रभावशील
किया गया है। (ख) विपणन
सहकारी
समितियों को
बहुउद्देशीय
बनाने हेतु
मॉडल बायलाज
उत्तरांश "क"
अनुसार लागू
कर दिया गया
है। इन
संस्थाओं को
भूमि आवंटन
में
प्राथमिकता के
संबंध में
वर्तमान में
प्रस्ताव
विचाराधीन नहीं
है। (ग) जी
नहीं । शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
जी नहीं । (घ) जी
हाँ। वर्तमान
में जिले में RKVY योजना
लागू नहीं है।
भूमि आवंटन
हेतु संस्था
का आवेदन पत्र
प्राप्त नहीं हुआ
है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
सचिवों
की कमी की
पूर्ति करने
बावत्
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
115.
( क्र. 419 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
राज्य कृषि
विपणन बोर्ड
में कितनी
कृषि उपज
मण्डी
समितियां
कार्यरत् है
उन मण्डियों
में कितने
सचिव पदस्थ है, कितने
मण्डी
निरीक्षकों
को सचिव का प्रभार
सौंपा गया है? (ख) क्या
म.प्र. में जिन
मण्डी
इंस्पेक्टरों
को प्रभारी
सचिव बनाया
गया है, संभागवार
एक
इंस्पेक्टर
पर कितनी
मण्डियों के
चार्ज हैं? (ग) कई
मण्डी
समितियों में
एक
इंस्पेक्टर
के पास 05-05 मण्डी
समितियों के
अतिरिक्त
प्रभार है? क्या यह
संभव है कि एक
इंस्पेक्टर 05-05 मण्डियों
में सचिव का
कार्य कर सकता
है, जबकि
शासन की महत्वपूर्ण
योजना
भावांतर लागू
है? क्या
इससे कृषकों
को सही लाभ
मिल पायेगा? (घ) क्या
शासन के
द्वारा समस्त
विभागों में
प्रमोशन न
होने से उच्च
प्रभार पद
देकर प्रमोशन
किये जा रहे
हैं तब म.प्र.
राज्य कृषि
विपणन बोर्ड
भोपाल द्वारा
उच्च प्रभार
देने की कोई
कार्यवाही नहीं
की जा रही है
जिससे सहायक
उप निरीक्षक
के पद पर जिन
कर्मचारियों
की नियुक्ति
दिनांक से आज दिनांक
तक कोई
प्रमोशन न
देकर
रिटायर्ड
होते चले जा
रहे हैं और
मण्डियों में
एक इंस्पेक्टर
को 05-05
मण्डियों का
प्रभार दिये
हुए हैं, इससे
कर्मचारियों
एवं कृषकों
में असंतोष व्याप्त
है, जबकि
उच्च प्रभार
की नस्ती शासन
स्तर से
अनुमति
प्राप्त हो
चुकी है, इस संबंध
में कब तक
उच्च प्रभार
देने की
कार्यवाही की
जावेगी?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) म.प्र
राज्य कृषि
विपणन बोर्ड
के अन्तर्गत
कुल 259
कृषि उपज
मण्डी
समितियों
कार्यरत है। मण्डी
समितियों में
कुल 49
सचिव पदस्थ है
एवं 138
मण्डी
निरीक्षकों
को कृषि उपज
मण्डी समितियों
में रिक्त
सचिव पद का
प्रभार सौंपा
गया है। (ख) जी
हाँ। संभागवार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जी
नहीं । कृषि
उपज मण्डी
समितियों में
सचिवों एवं
मंण्डी
निरीक्षकों
को भावांतर
भुगतान योजना
एवं मण्डी
समितियों के
कार्य संचालन
को दृष्टिगत
रखते हुये
रिक्त सचिव पद
का अतिरिक्त
प्रभार सौंपा
गया। जानकारी प्रश्नांश (ख) के परिशिष्ट में उल्लेखित
है। (घ) जी नहीं । कतिपय
विभागो में
उच्च पद
प्रभार दिये
गये है। उच्च
पद का प्रभार
देने के संबंध
में म.प्र.शासन, किसान
कल्याण तथा
कृषि विकास
विभाग से
अनुमति
प्राप्त हो
चुकी है। सहायक
उपनिरीक्षक
संवर्ग के
कर्मचारियों
को उच्च पद का
प्रभार दिये
जाने के संबंध
में
निर्धारित
मापदण्ड
अनुसार सेवा
संबंधी जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
निवाड़ी
विधानसभा
क्षेत्र में
नवीन मार्गों
की जानकारी
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
116.
( क्र. 421 ) श्री अनिल
जैन : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
निवाड़ी जिले
अंतर्गत
विधानसभा
क्षेत्र
निवाड़ी में
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना के
अंतर्गत नवीन
मार्ग हेतु
कार्ययोजना
प्रस्तावित
है? यदि
हां, तो
उक्त
कार्ययोजना
में शामिल
सड़कों की जानकारी
उपलब्ध कराई
जावे एवं उक्त
मार्गों का
निर्माण कब
प्रारंभ किया
जा सकेगा, समय-सीमा
बतावें? (ख) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क योजना
में मार्गों
के निर्माण के
संबंध में
प्रस्ताव
प्रेषित किये
गये हैं यदि
हां, तो
उक्त
प्रस्तावों
को कब तक
कार्ययोजना
में सम्मिलित
कर कार्यवाही
की जावेगी? (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में क्या
मुड़ारा-सेन्दरी
मार्ग पर ढ़िमरपुरा
मार्ग से
शिवनगर बायां
सिन्दूरसागर गौशाला
मार्ग एवं
ग्राम पंचायत
पठाराम में छिदामी
कोरी के घर से
माता मंदिर की
ओर मार्ग को
कार्ययोजना
में शामिल
किया गया है? यदि नहीं , तो कब तक
उक्त मार्गों
का सर्वे
कराकर कार्ययोजना
में शामिल
किया जावेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ, निवाड़ी
जिले में PMGSY-IV अंतर्गत
चिन्हांकित
बसाहटों की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
चिन्हांकित
बसाहटों के
पात्रता एवं
प्राथमिकता
का पोर्टल पर
परीक्षण
केन्द्र
सरकार एवं
राज्य सरकार
स्तर पर
प्रचलन में है।
अतः कार्य
प्रारंभ की
समय-सीमा
बताया जाना संभव
नहीं है। (ख) जी
हॉ, परीक्षण
उपरांत, योजना के
दिशा-निर्देशों
के अनुरूप
पात्र एवं पोर्टल
से जनरेटेड
प्राथमिकता
सूची में शामिल
होने पर कार्य
योजना संबंधी
कार्यवाही की
जा सकेगी। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) ढिमरापुरा
मार्ग से
शिवनगर वाया
सिन्दूसागर
गौशाला मार्ग
का
मुख्यमंत्री
मजरा टोला योजना
अंतर्गत
सर्वें
अनुसार बसाहट
को चिन्हांकित
किया गया है। ग्राम
पठाराम को
पैकेज
क्रमांक MP42MTN058 के
अंतर्गत
मुडारा सेदरी
मार्ग (उवोरा) से
पठाराम एवं MP42WBN02 अंतर्गत
धामना से
पठाराम से
सम्पकर्ता
प्राप्त है। छिदामी
कोरी के घर से
माता मंदिर की
ओर मार्ग पूर्व
से निर्मित है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट
- "सैंतालीस"
प्रभारी
प्राचार्यों के
आहरण संवितरण
अधिकार दिया
जाना
[उच्च
शिक्षा]
117.
( क्र. 425 ) श्री
विवेक विक्की
पटेल : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सहायक
प्राध्यापक
को परिवीक्षा
अवधि में आहरण
समवितरण सहित
प्रभारी
प्राचार्य के अधिकार
दिए गए हैं? यदि हां, तो इन
सहायक
प्राध्यापकों
को कब- कब
प्रशासनिक
एवं वित्तीय
प्रशिक्षण
दिया गया है? (ख) जबलपुर
संभाग, सागर
संभाग, भोपाल
संभाग में किन-किन
सहायक
प्राध्यापक
को परिवीक्षा
अवधि में
प्रभारी
प्राचार्य
सहित आहरण
समवितरण के अधिकार
दिए गए हैं
उनके नाम एवं
महाविद्यालय
की जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ग) उक्त
संभाग में ऐसे
कितने
महाविद्यालय
हैं जहां पर
प्रभारी
प्राचार्य पर
कोर्ट की
अवमानना के
प्रकरण लंबित
हैं उनकी नाम
सहित मूल पद
की जानकारी
उपलब्ध
करायें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
हाँ। जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
-''अ'' अनुसार है।
(ख) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
(ग) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
रिक्त
पदों की
जानकारी
[उच्च
शिक्षा]
118.
( क्र. 427 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या उच्च
शिक्षा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विभाग
के अंतर्गत
संचालित
समस्त
महाविद्यालय, विश्वविद्यालय
और मंत्रालय
में, वर्तमान
में
प्राध्यापक, अधिकारी
वर्ग, लिपिक
वर्ग, और
अन्य सभी पदों
के लिए, कितने
रिक्त पद हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में रिक्त
पदों को भरने
की विभाग की
क्या कार्य
योजना है?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) बरकतउल्ला
विश्वविद्यालय, भोपाल से
जानकारी
प्राप्त की
जा रही है, शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है।
(ख) रिक्त
पदों की पूर्ति
एक सतत
प्रक्रिया है।
समय-सीमा बताई
जाना संभव नहीं
है।
मजदूरों
का पलायन
[श्रम]
119.
( क्र. 430 ) श्री बाबू
जन्डेल : क्या श्रम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) आदिवासी
ब्लॉक कराहल
एवं श्योपुर
से प्रतिवर्ष
लोग मजदूरी और
रोजगार के लिए
अन्य राज्य से
पलायन कर रहे
है, क्या
विभाग के पास
इस प्रकार के
पलायन की रोकथाम
हेतु जनमन के
तहत कोई योजना
बनाई जावेगी
या उद्योग
धंधे स्थापित
किये जावेगे? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं , तो क्यों? (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में पलायन और
प्रवास के
दौरान बहुत से
मजदूर किसी
घटना और
दुर्घटना के
शिकार हो जाते
है, उनकी
सहायता करने
के लिए क्या
कोई हेल्प
लाईन डेस्क और
नंबर है, यदि हां, तो
जानकारी दें? (ग) क्या
प्रश्नांश
(क) एवं
(ख) में
वर्णित
मजदूरों को
आर्थिक
सहायता प्रदान
की गई है। अब
तक किन-किन
मजदूरों को
कितनी-कितनी
सहायता राशि
वर्ष 2018 से 2025 तक दी गई है।
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) शासन
की सभी
योजनाएं
नागरिकों की
आर्थिक स्थिति
सुधारने के
अप्रत्यक्ष/प्रत्यक्ष
प्रयोजन से
संचालित है। पृथक
से अंकित
समस्या
संबंधी कोई
योजना विभाग
अंतर्गत
प्रचलित नहीं है।
अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(ख) श्रम
विभाग द्वारा
समस्त
श्रमिकों की
सहायता के लिए
हेल्प लाईन
नम्बर 1800233888 जारी किया
गया है। (ग) उत्तरांश
(क) एवं (ख) में
वर्णित
मजदूरों को भी
म.प्र. असंगठित
शहरी एवं
ग्रामीण
कर्मकार कल्याण
मंडल के
अंतर्गत
पंजीकृत होने
पर मुख्यमंत्री
जनकल्याण (संबंल
2.0)
योजना
तथा म.प्र. भवन
एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
मंडल अंतर्गत
पंजीकृत होने
पर उक्त मंडल
द्वारा
संचालित
योजनाओं का
लाभ पात्रता
अनुसार
प्राप्त
होता है। वांछित
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है।
जिला
अशोकनगर में
खिलाडि़यों
और खेलों को
बढ़ावा देना
[खेल एवं
युवा कल्याण]
120.
( क्र. 431 ) श्री जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) खेल
विभाग
अंतर्गत
विभिन्न खेल
गतिविधि हेतु
मध्यप्रदेश
के समस्त
जिलों को वित्तीय
वर्ष 2025-26
में
कितना-कितना
बजट आवंटित
किया गया है? जिलावार
एवं मदवार
सूची देवें। (ख) जिला
अशोकनगर में
विभिन्न खेल
गतिविधियों
को बढ़ावा
देने हेतु क्या-क्या
योजनाएं है? इन
योजनाओं के
लिये जिला
अशोकनगर को
कितना बजट
आवंटित किया
जायेगा?
(ग) यदि
खिलाडि़यों
को प्रोत्साहन
एवं बढ़ावा
देने के लिये
वर्तमान में
कोई योजनाएं
नहीं है तो क्या
शासन पंचायत
स्तर पर
खिलाडि़यों
को बढ़ावा
देने हेतु
भविष्य में
कोई योजना पर
विचार करेगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं , तो क्यों नहीं
?
खेल
एवं युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) वित्तीय
वर्ष 2025-26
में विभाग
द्वारा
विभिन्न खेल
गतिविधियों हेतु
जिलों को
आवंटित बजट की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिला
अशोकनगर में
खेल
गतिविधियों
को बढ़ावा देने
हेतु संचालित
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है एवं
अशोकनगर में
खिलाड़ियों के
प्रशिक्षण हेतु
खेल परिसर का
निर्माण
कराया गया है।
जिसमें
खिलाड़ियों के
अभ्यास हेतु
एथलेटिक ट्रेक
200-मीटर, बैडमिंटन
कोर्ट-02, कराटे हॉल
एवं जिम की
सुविधा
उपलब्ध है। जिला
अशोकनगर की
मांग व बजट
उपलब्धता
अनुसार बजट
राशि का आवंटन
प्रदाय किया
जाता है। (ग) विभाग
द्वारा खिलाड़ियों
को
प्रोत्साहन
एवं बढ़ावा
देने हेतु संचालित
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है। विभाग
द्वारा
संचालित
योजनाओं का
लाभ जिला, संभाग, विकासखण्ड, पंचायत
एवं राज्य
स्तर पर
खिलाड़ियों को
प्राप्त होता
है। अतः शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
अपराध
पंजीबद्ध
किया जाना
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
121.
( क्र. 438 ) श्री अभय
मिश्रा : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
क्र. 320/2024
दिनांक 11.05.2024 के आधार पर
जाँच उपरान्त
अधिकृत कंपनी
के प्राधिकृत
अधिकारी
एम.पी.कॉन
/भोपाल/90/ दिनांक 24.05.2024 में सेवा
से पृथक के
आदेश जारी
हुये साथ ही
भविष्य में
नागरिक
आपूर्ति निगम के किसी भी
कार्यालय में
सेवाएं न लिये
जाने के लेख के बाद
भी अवैध रूप
से नागरिक
आपूर्ति निगम
कार्यालय
जिला रीवा में
किसके आदेश से
कार्यरत है? (ख) प्रश्नांश
(क) के
तारतम्य में
नागरिक
आपूर्ति
विभाग में आउटसोर्स
कम्प्यूटर
ऑपरेटर श्री
संजय यादव के विरूद्ध
प्रश्नकर्ता
के पत्र
क्रमांक-320/ सेवि/ 2024, दिनांक 11.05.2024 एवं पत्र
क्रमांक/523/ डाटा/आ./2024, रीवा, दिनांक27.09.2024 के द्वारा
आयुक्त खाद्य
नागरिक
आपूर्ति निगम, प्रबंधक
संचालक MPSCSC नागरिक
आपूर्ति निगम
को पत्र लिखकर
कार्यवाही का
आग्रह किया
गया था जिस पर
खाद्य नागरिक
आपूर्ति
संचालनालय
विंध्याचल
भवन भोपाल के
पत्र क्रमांक 2781/शिका./2024 दिनांक 17.05. 2024 के द्वारा
कलेक्टर रीवा
को जाँच हेतु
आदेशित किया
गया था जिस पर
कार्यवाही की
विस्तृत
जानकारी
देवें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
उल्लेखित
श्री यादव
द्वारा वर्ष 2018 से MPSCSC नागरिक
आपूर्ति निगम द्वारा
जिले में कुल
कितने
वारदाने शासन
से प्राप्त
हुये कुल
उपयोग
वारदाने, शेष
वारदाने, कटे-फटे
अनुपयोगी
वारदाने के
कार्य में
वारदानों को
गायब कर
विक्रय करने
का कार्य किये
गये वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक
की जानकारी
देवें, इन्हीं के
द्वारा MPSCSC नागरिक
आपूर्ति निगम
के कार्यालय
से जिला प्रबंधक
के हस्ताक्षर
की जगह स्वयं
हस्ताक्षर कर
अनाधिकृत
पत्र क्रमांक 162/उपार्जन /2024-25 दिनांक 26.04. 2025 के द्वारा
शासकीय
कर्मचारी/थाना
प्रभारी को
भेजा गया
जिसपर
कार्यवाही बावत
क्या निर्देश
देंगे बतावें?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ। क्षेत्रीय
प्रबंधक
म.प्र. स्टेट
सिविल
सप्लाईज कॉर्पोरेशन
लिमिटेड, क्षेत्रीय
कार्यालय
रीवा के आदेश
क्रमांक 107, दिनांक 02.08.2024 के द्वारा
क्षेत्रीय
कार्यालय
रीवा में संलग्न
किया गया तथा
डिप्टी
कमिश्नर (राजस्व)
रीवा संभाग
रीवा का पत्र
क्रमांक 180/तीन/स्था/1/1/2024, रीवा दिनांक
05.12.24 तथा जिला
प्रबंधक, म.प्र.
स्टेट सिविल
सप्लाईज कॉर्पोरेशन, लिमि. के
पत्र
क्रमांक/स्थापना/2024/1229, दिनांक 04.12.2024 से जिला
कार्यालय में
स्टॉफ की कमी
के कारण श्री
संजय यादव
कम्प्यूटर
ऑपरेटर की
सेवाओं की
मांग उपरांत
क्षेत्रीय
कार्यालय के
साथ-साथ जिला
कार्यालय
रीवा का कार्य
भी सम्पादित किया
जा रहा था। इस
विभाग के पत्र
क्रमांक 3811/3931095/2025/29-2, दिनांक 14/11/2025 के अनुसार
श्री संजय
यादव
कम्प्यूटर
ऑपरेटर के
विरुद्ध
प्राप्त
शिकायतों के
कारण म.प्र.
स्टेट सिविल
सप्लाईज
कॉर्पोरेशन
मुख्यालय
भोपाल के पत्र
क्रमांक
स्थापना/912690/2025/3079, दिनांक 18/11/2025 द्वारा
श्री संजय
यादव की
सेवाएं
आउटसोर्स
संस्था
मेसर्स
प्राईम वन को
वापस कर दी गई
है। (ख) माननीय
विधायक जी
द्वारा
प्रेषित
शिकायती पत्र
में उल्लेखित
बिन्दुओं की
जांच हेतु
जिला कलेक्टर
द्वारा आदेश
दिनांक 22.05.2024 द्वारा
जांच दल का
गठन किया गया।
जांच दल
द्वारा
शिकायती पत्र
में उल्लेखित
सभी बिन्दुओं
पर श्री के.बी.
बागरी, जिला
प्रबंधक वेयर हाउसिंग
कॉर्पोरेशन
रीवा एवं श्री
संजय यादव, डाटा
एंट्री
ऑपरेटर म.प्र.
स्टेट सिविल
सप्लाईज
कॉर्पोरेशन
के कथन दर्ज
कराये गये। जांच
में माननीय
विधायक जी से
प्राप्त
शिकायती पत्र
में उल्लेखित
बिन्दुओं की
पुष्टि होना
नहीं पाया
गया। (ग) प्रश्नांश
के संबंध में
वर्ष 2018 से
प्रश्न
दिनांक तक कुल
90565 गठान नये
बारदाने शासन
स्तर से जिले
में प्राप्त
हुए जिनमें से
81074 गठान का
उपयोग समर्थन
मूल्य पर
खाद्यान्न
उपार्जन में
किया गया है
तथा 9491
गठान शासन से
जिले को
प्राप्त
बारदानों में
से शेष उपलब्ध
है। उक्त शेष
उपलब्ध 9491 गठान
बारदानों में
से 381
गठान
समितियों तथा 9110 गठान
गोदामों में
शेष है। शासन
से जिले को
नये बारदानें
की गठानें
प्राप्त
होती है। जिसमें
कटे-फटे
अनुपयोगी
बारदानें का
गायब होने या
विक्रय करने
का प्रकरण
संज्ञान में
नहीं है।
कॉर्पोरेशन
के पत्र
क्रमांक/162/उपार्जन/2024-25 दिनांक 26.04.2025 पर तत्कालीन
जिला प्रबंधक
तत्समय
कार्यालय से
शासकीय कार्य
से बाहर होने
पर जिला
प्रबंधक के मौखिक
निर्देश पर
श्री यादव
द्वारा पत्र
वास्ते जिला
प्रबंधक हस्ताक्षर
कर पुलिस थाना
सेमरिया को
जानकारी प्रदाय
किया गया है, पत्र
कार्यालयीन
नस्ती पर
सुरक्षित है। इनके
विरूद्ध की गई
कार्यवाही उत्तरांश
(क) अनुसार है।
अनुशासनात्मक
एवं दण्डात्मक
कार्यवाही
[सहकारिता]
122.
( क्र. 439 ) श्री अभय
मिश्रा : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विधानसभा
तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 220, दिनांक 28.07.2025 के उत्तर
के बिन्दु
क्रमांक (ख) में
श्री
ज्ञानेन्द्र
पाण्डेय
मुख्य कार्य.
अधि. जिला सह. के.
बैंक रीवा से
शीर्ष बैंक
द्वारा स्पष्टीकरण
चाहा गया का
उत्तर दिया
गया एवं प्रश्न
में उल्लेखित
पत्रों की
शिकायतों पर
बिन्दुवार
जांच कर
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
करने के
निर्देश दिये
गये उत्तर
अनुसार जांच
प्रतिवेदन की
प्रति एवं स्पष्टीकरण
पर की गई
कार्यवाही का
विवरण देवें। (ख)
प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में श्री पाण्डेय
द्वारा पत्र
क्र.-1153,
दिनांक 12.11.2023 के द्वारा
संयुक्त
आयुक्त
सहकारिता
संभाग रीवा के
प्रेषित पत्र
में बिन्दु
क्र. 02 पर
उल्लेख किया है कि मेरा
पैतृक निवास
गुढ़
विधानसभा
अंतर्गत है
जबकि सामान्य
प्र.वि. के
आदेश क्र. एफ 6-1/2021/एक/9 भोपाल, दिनांक 24 जून, 2021 के
बिन्दु
क्रमांक 29 में स्पष्ट
उल्लेख है कि
किन्हीं भी
कार्यपालिक
कर्मचारियों/अधिकारियों
को उनके गृह
जिले में स्थानांतरण/पदोन्नति
कर किसी भी
स्थिति पर
सामान्यत:
पदस्थ न किया
जाये फिर भी
पदस्थ किया
गया क्यों? श्री पाण्डेय
की गृह जिले
में पदस्थापना
अवधि चार वर्ष
से अधिक हो
चुकी है, जबकि गुढ़
गृह जिला रीवा
की तहसील एवं
विधानसभा
मुख्यालय है
ऐसी स्थिति
में स्थानांतरण
बावत क्या विभाग
द्वारा निर्देश
दिये जाएंगे
यदि नहीं , तो क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
श्री पाण्डेय
द्वारा खरीफ
विपणन वर्ष 2025-26 में
समितियों को
पंजीयन केन्द्र
हेतु
अनुशंसा/अनुमोदन
किया गया है
जो अपात्र थी
जिसकी जांच
एवं
कार्यवाही हेतु
प्रश्नकर्ता
सदस्य
द्वारा पत्र
क्रमांक-1161, दिनांक 15.10.2025 द्वारा
कलेक्टर
रीवा एवं पत्र
क्रमांक 1162, दिनांक 16.10.2025 द्वारा
तहसीलदार
सेमरिया एवं
पत्र क्रमांक 1202/शिका./दिनांक
02.11.2025,
पत्र
क्रमांक 1203/ शिका./ दिनांक
02.11.2025 के द्वारा
कलेक्टर
रीवा, प्रमुख
सचिव
सहकारिता को
पत्र देकर
कार्यवाही का
आग्रह किया
गया है अपराध
क्रमांक 0236 वर्ष 2018 में थाना
अमरपाटन
द्वारा 48 करोड़
रूपये के
फर्जी लोन
वितरण में
अभियुक्त
बनाया गया है
इस पर
कार्यवाही
बावत क्या
निर्देश
देंगे एवं अन्यत्र
हटाते हुए अनुशासनात्मक
एवं दण्डात्मक
कार्यवाही
करेंगे?
यदि
नहीं , तो
क्यों? (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं (ग) अनुसार
उल्लेखित
बिन्दुओं पर
क्या
कार्यवाही के
निर्देश दिये
जाएंगे? जानकारी दें, यदि नहीं , तो क्यों?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जी
हां, जांच
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
एवं पूर्ण स्पष्टीकरण
प्रतीक्षित
होने से
वर्तमान में जानकारी
दिया जाना
संभव नहीं है। (ख) जी
हां, राज्य
शासन की
स्थानांतरण
नीति, मध्यप्रदेश
राज्य सहकारी
बैंक के
अधिकारियों
के
स्थानांतरण
पर लागू नहीं है।
श्री
ज्ञानेंद्र
पाण्डे का
रीवा में
स्थानांतरण
मध्यप्रदेश
राज्य सहकारी
बैंक के
सेवानियम के
प्रावधान
अनुसार किया
गया है। श्री
ज्ञानेंद्र
पाण्डे का
अन्यत्र
स्थानांतरण
प्रशासनिक
प्रक्रिया के
अधीन है। (ग) प्रश्नकर्ता
सदस्य के पत्र
क्रमांक 1161, दिनांक 15.10.2025 के संदर्भ
में कार्यालय
कलेक्टर (खाद्य)
जिला रीवा के
आदेश क्र. 1826, दिनांक 04.11.2025 से जांचदल
गठित किया गया।
इसी प्रकार
पत्र क्रमांक 1202/शिका./ दिनांक
02.11.2025 के संदर्भ
में खरीफ
विपणन 2025-26 हेतु
पंजीयन
निर्देश
दिनांक 25.08.2025 की कंडिका 4.6 (iii) एवं 4.8 तथा जिला
उपार्जन
समिति के
निर्णय
अनुसार ई-उपार्जन
पोर्टल पर
दिनांक 02.09.2025 की स्थिति
में सेवा
सहकारी समिति
बम्हनगवा का
अंतर -0.01%, सेवा
सहकारी समिति
उमरी मनगवा का
अंतर 0%, सेवा
सहकारी समिति
हर्दीशंकर का
अंतर में 0.21%, सेवा
सहकारी समिति
चांदी का अंतर
0%,
सेवा
सहकारी समिति
गोविन्दगढ़
बांसा का अंतर
0% का अंतर
सूची रिपोर्ट
में होने तथा
ई-उपार्जन
पोर्टल के
ड्राप डाऊन
में उक्त
समितियां
प्रदर्शित
होने उपरांत
पंजीयन
केन्द्र
निर्धारण
किया गया था। माननीय
उच्च
न्यायालय
जबलपुर की रिट
याचिका क्र. 1589/2024 के निर्णय
अनुसार
कार्यालय
कलेक्टर (खाद्य)
जिला रीवा के
आदेश क्र. 1290/खाद्य/25, दिनांक 08.05.2025 से संस्था सेवा
सहकारी समिति
पडरिया को
ब्लैक
लिस्टेड से
हटाया जाकर
पंजीयन
केन्द्र का निर्धारण
किया गया। खरीफ
विपणन वर्ष 2025-26 हेतु जारी
उपार्जन नीति
दिनांक 30.10.2025 के अनुसार
विगत दो वर्ष
में उपार्जन
समितियो की
ई-उपार्जन
पोर्टल पर
दिनांक 31.10.2025 की स्थिति
में ई-उपार्जन
पोर्टल में
समितियों के
अंतर सूची
रिपोर्ट एवं
ड्राप डाऊन
में
प्रदर्शित
समितियों का
परीक्षण किया
गया, जिसके
अनुसार सेवा
सहकारी समिति
बम्हनगवा का
अंतर 1.75%, सेवा
सहकारी समिति
उमरी मनगवा का
अंतर 1.61%, सेवा
सहकारी समिति
हर्दीशंकर का
अंतर 1.16%, सेवा
सहकारी समिति
चांदी का अंतर
0.62%,
सेवा
सहकारी समिति
गोविन्दगढ़
बांसा का अंतर
0.57%
प्रदर्शित
होने से समिति
उपार्जन हेतु
अपात्र पाई गई।
इस प्रकार धान
पंजीयन हेतु
धान उपार्जन
वर्ष 2024-25
का उक्त
समितियों का
खरीदी का
उपार्जन
पोर्टल के
सर्वर डाटा
में अपडेट नहीं
होने एवं
तकनीकी
त्रुटि के
कारण उक्त
समितियां
पात्र
प्रदर्शित
होने से जिला
उपार्जन समिति
द्वारा
केन्द्र
निर्धारित
किये गये किन्तु
दिनांक 31.10.2025 की स्थिति
में ई-उपार्जन
पोर्टल पर
अपडेट उपार्जन
डाटा के आधार
पर जिला
उपार्जन
समिति के परीक्षण
व निर्णय
अनुसार धान
उपार्जन वर्ष 2025-26 हेतु उक्त
अपात्र
समितियों को
केन्द्र निर्धारण
नहीं किया गया
है। प्रश्नकर्ता
सदस्य के पत्र
क्रमांक 1203/शिका/दिनांक
02.11.2025 से सेवा
सहकारी समिति
बीडा (बीरखाम) विजया
वेयर हाऊस के
किसानों के
भुगतान
संबंधित पत्र
में समिति
प्रबंधक के
विरूद्ध
तहसीलदार तह.
सेमरिया
द्वारा दिनांक
12.06.2025 को RRC जारी कर
वसूली की
कार्यवाही की
जा रही है। कार्यालय
कलेक्टर (खाद्य)
जिला रीवा के
पत्र क्र./उपा/2024-25/1076, दिनांक 20.02.2025 एवं पत्र
क्र. 1412/खाद्य/25 दिनांक 11.06.2025 से किसानों
को राशि भुगतान
हेतु म.प्र.
सिविल
सप्लाईज कॉर्पोरेशन
से अनुरोध
किया गया है। पुलिस
थाना अमरपाटन
में अपराध
क्रमांक-236, दिनांक 07-06-2018 को
ज्ञानेंद्र
पाण्डेय सहित
कुल 09
कर्मचारियों/व्यक्तियों
के विरूद्ध
एफ.आई.आर. दर्ज
हुई थी। इस
संबंध में
आयुक्त सहकारिता
एवं पंजीयक
सहकारी संस्थाएं, म.प्र.
भोपाल के आदेश
क्रमांक/साख/सीबी-2/81/
2019/660, दिनांक
27-02-2019 से श्री
ज्ञानेन्द्र
पाण्डेय को
उत्तरदायी नहीं
ठहराये जाने
तथा श्री
ज्ञानेन्द्र
पाण्डेय को
अन्यत्र स्थानांतरण
करने की
कार्यवाही
प्रशासनिक
प्रक्रिया
अंतर्गत होने
से शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
हैं। (घ) उत्तरांश
(क), (ख) एवं
(ग) अनुसार।
सैडमेंप
द्वारा किये
जा रहे
आउटसोर्सिंग
की जांच
[उच्च
शिक्षा]
123.
( क्र. 449 ) श्री मधु
भगत : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता
के तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 2440 के उत्तर
में वर्ष 2022, 2023,
2024 में
जबलपुर संभाग
के समस्त
महाविद्यालयों
में सैडमेंप
द्वारा किये
जा रहे
आउटसोर्सिंग
की जांच के
संबंध में
असत्य भ्रामक
जानकारी
उपलब्ध कराई
गई थी? जिसके
संबंध में
जांच हेतु
पत्र क्रमांक 1011/वि.स110/परसवाड़ा, दिनांक 26/08/2025 प्रमुख
सचिव उच्च
शिक्षा विभाग
को जांच के संबंध
में लिखा गया
था? क्या
प्रश्न
दिनांक तक
जांच के संबंध
में प्रश्नकर्ता
को कोई
जानकारी
उपलब्ध कराई
गई? क्या
जांच कमेटी
बनाये जाने के
संबंध में
प्रश्नकर्ता
को अवगत कराया
गया? यदि
हाँ, तो
कब और नहीं तो
क्यों नहीं कारण
दें। (ख) यदि
संचालनालय
स्तर से जांच
की कार्यवाही
की गई हैं तो
समस्त जांच
प्रतिवेदन की
प्रमाणित प्रति
उपलब्ध
करावें? यदि जांच नहीं
की गई है तो
क्यों? क्या
विभाग जांच को
प्रभावित
करने वाले
अधिकारियों
एवं विधानसभा
सदस्य के पत्र
की अवहेलना करने
वाले के
विरूद्ध
कार्यवाही
करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
नहीं। संदर्भित
पत्र दिनांक 26.08.2025 के संबंध
में पत्र
दिनांक 12.11.2025 द्वारा
क्षेत्रीय
अतिरिक्त
संचालक, उच्च
शिक्षा, जबलपुर से
जांच
प्रतिवेदन
चाहा गया है। जिसकी
सूचना माननीय
विधायक को
पत्र दिनांक 15.11.2025 द्वारा दी
गई है। जांच
प्रतिवेदन
प्राप्त होने
पर गुण-दोष के
आधार पर
निर्णय लिया
जा सकेगा। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं होता।
(ख) उत्तरांश
"क" के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
अवंती
मिल वर्कर्स
इंडस्ट्रियल
कोऑपरेटिव
सोसायटी लिमिटेड
के ऋण बावत
[सहकारिता]
124.
( क्र. 450 ) श्री सचिन
बिरला : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जिला सहकारी
केंद्रीय
बैंक
मर्यादित खरगोन
द्वारा अवंती
मिल वर्कर्स
इंडस्ट्रियल
कोऑपरेटिव
सोसायटी
लिमिटेड
सनावद जिला
खरगोन को वर्ष
2012 से 2016 के मध्य
राशि रुपए 62.50 करोड़ का ऋण
स्वीकृत किया
गया था? (ख) यदि
हाँ, तो
क्या यह ऋण
प्रथमत:
यूनियन बैंक (राष्ट्रीयकृत
बैंक) के
एनपीए ऋण को
टेकओवर कर
भुगतान किया
गया था? तत्समय
जिला बैंक
खरगोन द्वारा
यूनियन बैंक के
कितनी एनपीए
ऋण राशि का
भुगतान किया
था? (ग) क्या जिला
सहकारी
केंद्रीय
बैंक मर्यादित
खरगोन की
ऋणनीति
अनुसार एनपीए
ऋण को टेकओवर
किए जाने का
प्रावधान था? यदि नहीं , तो क्या
इसकी
स्वीकृति
शासन से ली गई
है? नियमों
का पालन न
करने व उक्त
राशि रुपए 62.50 करोड़ को
डूबत होने से
इस हेतु
कौन-कौन उत्तरदायी
है? (घ) उक्त
राशि रुपए 62.50 करोड़
स्वीकृत करने
से पूर्व
संस्था की जो
भूमि बंधक की
गई थी उसका
नामांतरण
संस्था के पक्ष
में था अथवा नहीं
?
क्या
बगैर
नामांतरित
भूमि को नियम
अनुसार बंधक
किया जा सकता
था?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
हाँ। राशि
रूपये 162.95 लाख। (ग) जी
नहीं। जी नहीं।
प्रकरण में
करायी गई जांच
अनुसार
तत्कालीन बैंक
संचालक मण्डल, गठित
समिति के
सदस्य, बैंक
अधिकारी/कर्मचारी, तत्कालीन
शाखा प्रबंधक
शाखा सनावद
एवं तत्कालीन
प्रबंध
संचालक
उत्तरदायी
हैं। (घ) जी
नहीं। जी नहीं।
फसल
बीमा के संबंध
में
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
125.
( क्र. 453 ) डॉ. राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
केंद्र/राज्य
प्रवर्तित
फसल बीमा योजना
के माध्यम से
कृषकों की फसल
नुकसानी में
निरन्तर
योजना अंतर्गत
क्षतिपूर्ति
की राशि किसान
भाईयों को
प्रदाय की जा
रही है? (ख) यदि
हाँ, तो
वर्ष 2020-21
से लेकर प्रश्न
दिनांक तक
रतलाम जिला
अंतर्गत
तहसीलों में
वर्षवार
कितनी-कितनी
राशि किन-किन
ग्राम पंचायत
के ग्रामों
में किसान भाईयों
को कब-कब
प्रदाय की गई? ग्रामवार
जानकारी दें? (ग) उपरोक्त
उल्लेखित
वर्षों में
तहसील वार कतिपय
कारणों से
बीमा राशि का
प्राप्त नहीं होना, अथवा कम
राशि प्राप्त
होना तथा स्थल
निरीक्षण नहीं
किया जाना
इत्यादि अन्य
प्रकार की भी
शिकायतें
प्राप्त होती
रही तो
प्राप्त
शिकायतों का निराकरण
किस प्रकार
किया गया? (घ) फसल
बीमा राशि किस
प्रक्रिया
एवं
कार्यवाही के
माध्यम से
प्रदान की जा
रही है एवं
प्रक्रिया
में किस-किस
प्रकार के
सुधार किए
जाने की समय
अनुसार
आवश्यकता
महसूस की जा
रही है?अवगत कराएं।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी
हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना की
मार्गदर्शी
निर्देशिका
के
प्रावधानों
अनुसार
प्रकरणवार
निराकरण किया
गया। (घ) भारत
सरकार द्वारा
जारी
प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजना की
मार्गदर्शी
निर्देशिका
के अनुसार
योजना का
क्रियान्वयन
किया जा रहा
है। योजना के
प्रावधानों
में बदलाव
भारत सरकार द्वारा
किया जा सकता
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना जर्जर
और क्षतिग्रस्त
मार्गों को
दुरूस्त किया
जाना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
126.
( क्र. 463 ) श्री
विजयपाल सिंह
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
सोहागपुर के
अंतर्गत मेन
रोड से
लोहारिया, तारारोड़ा, गुर्रा से
कांदई, गुर्रा से
सिलारी, चिल्लई, नांदनेर, खापा से
गजपुर, घोघरी, घोघरी से
बटकुई, नसीराबाद
से बछवाड़ा
तिगड्डा से
कोडरवाड़ा, सर्राकेसली, मारागांव
सांगाखेड़ाखुर्द
तक ऐसे 6 मार्ग
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना के
अंतर्गत
बनाये गये है, जिनकी
हालत जर्जर हो
चुकी है और
मार्ग भी पूर्ण
क्षतिग्रस्त
हो चुके है इस
पर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई है? (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में उपरोक्त
मार्गों की
शिकायत के
संबंध में स्थानीय
विधायक
द्वारा कितने
पत्र लिखे गये
हैं उस पर
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई है? मार्गों
के निर्माण के
संबंध में क्या
शर्तें थी, उनकी
जानकारी
उपलब्ध कराई
जाये? (ग) क्या उक्त
मार्गों का
निर्माण
गुणवत्ताहीन
हुआ है एवं
विगत 5
वर्षों से काम
चल रहा हैं
परन्तु अभी
तक पूर्ण नहीं
हो पाया है? क्या
विभाग द्वारा
कार्य पूर्ण
बताकर पैसे
निकाल लिये
गये हैं एवं
पुल-पुलियां
भी निर्धारित
शर्तों के
आधार पर नहीं बनी
है? पुल-पुलियां
के वाक्स
कलवर्ट
शर्तों से कम
बनाये गये हैं
और इनकी भी
राशि पूरी
निकाल ली गई
है? साईट
शोल्डर भी
निर्धारित
मापदंड के तहत
नहीं बनाये
गये हैं? (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं (ग) के
संबंध में
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई है? इसमें
कौन अधिकारी
एवं ठेकेदार
जिम्मेदार
है इन पर
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
जायेगी एवं
उपरोक्त
मार्गों को कब
तक दुरूस्त
कर दिया
जायेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) प्रश्नांकित
06 मार्गों की
वर्तमान में
संधारण की
स्थिति एवं
संधारण हेतु
की गई
कार्यवाही संबंधी
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी
हाँ। माननीय
विधायक महोदय
द्वारा जिला
कलेक्टर नर्मदापुरम
को प्रेषित
पत्र क्र. 3731, दिनांक 28.01.2025 लिखा गया
है। मार्गों का
निर्माण एवं
संधारण, निर्माण
अनुबंध की
शर्तों के
अनुरूप किया
गया है। माननीय
विधायक महोदय
के पत्र के
क्रम में
मार्गों के
संधारण की
स्थिति एवं की
गई कार्यवाही
के संबंध में जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी
नहीं । प्रश्नांश
(क) में वर्णित
सभी मार्ग
पूर्ण हो चुके
हैं एवं वर्तमान
में उक्त
मार्ग संधारण
अवधि अंतर्गत
है एवं मार्ग
का संधारण
निर्धारित
मापदण्डानुसार
एवं स्पेशिफिकेशन
अनुसार है। मार्गों
पर डीपीआर में
स्वीकृत एवं
स्थल की भौगोलिक
आवश्यकता
अनुसार
पुल-पुलियों
का निर्माण
किया गया है। बाक्स
कल्वर्ट के
कार्य स्थल की
भौगोलिक आवश्यकता
के अनुसार
आवश्यक नहीं होने
से नहीं कराये
गये। मार्ग
निर्माण के
समय स्टेट क्वालिटी
मानीटर, नेशनल क्वालिटी
मानीटर एवं
विभागीय
अधिकारियों
द्वारा
समय-समय पर
गुणवत्ता की
जांच की जाती
है। साईड
शोल्डर भी
निर्धारित
मादण्डानुसार
बनाये गये है
एवं संधारित किये
जाते है। मार्गों
के पूर्ण होने
की दिनांक, मार्गों
पर SQM, NQM द्वारा
किये गये
निरीक्षण में
प्रतिवेदित गुणवत्ता
की श्रेणी एवं
अन्य जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''ब' अनुसार
है। (घ) कार्यवाही
का विवरण उत्तरांश
(क),
(ख) एवं (ग)
अनुसार है। शेष
भाग का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
समर्थन
मूल्य पर धान
एवं गेहूँ की
खरीदी में
वित्तीय
अनियमितताएं
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
127.
( क्र. 470 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राज्य में
समर्थन मूल्य
पर धान एवं
गेहूं की
खरीदी के
दौरान पंजीयन
एवं भुगतान
प्रक्रिया
में वित्तीय
अनियमितताओं
की शिकायतें
प्राप्त हुई है? विगत दो
वर्ष की
जानकारी
देंवे? (ख) यदि
हाँ, तो
किन-किन जिलों
में जांच चल
रही है तथा अब
तक किन
अधिकारियों
या एजेंसियों
पर कार्यवाही
की गई है? (ग) क्या
खरीदे गए अनाज
के भंडारण (वेयर
हाउसिंग) में
भी किसी
प्रकार की
अनियमितता या
हानि का मामला
सामने आया है? (घ) शासन
द्वारा ऐसे
प्रकरणों की
रोकथाम एवं
पारदर्शिता
सुनिश्चित
करने हेतु
क्या कदम उठाए
गए है?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) विगत
02 वर्षों में
समर्थन मूल्य
पर धान एवं
गेहूं की
खरीदी के
दौरान पंजीयन
एवं भुगतान
प्रक्रिया
में वित्तीय
अनियमितताओं
के संबंध में
प्राप्त
शिकायतों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ अनुसार है।
(ख) विगत
02 वर्षों में
समर्थन मूल्य
पर धान एवं
गेहूं की
खरीदी के
दौरान पंजीयन
एवं भुगतान
प्रक्रिया
में वित्तीय
अनियमितताओं
के संबंध में
प्राप्त
शिकायतों के
संबंध में
प्रचलित जांच
एवं की गई
कार्यवाही की
जिलेवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ अनुसार है।
(ग) जी
हाँ। (घ) गोदामों
में खाद्यान्न
के भण्डारण
के दौरान
गंभीर
अनियमितताएं
पाए जाने पर
संबंधितों के
विरूद्ध
प्रथम सूचना
रिपोर्ट दर्ज
कराने, गोदाम ब्लैक
लिस्टेड
करने एवं हानि
राशि की वसूली
करने की कार्यवाही
की गई। प्रकरणों
में की गई
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ब अनुसार है।
राज्य
के विश्वविद्यालयों
में शिक्षकीय
पदों की रिक्त
एवं भर्ती की
स्थिति
[उच्च
शिक्षा]
128.
( क्र. 471 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्तमान
में मध्यप्रदेश
में कुल कितने
राज्य
द्वारा संचालित
विश्वविद्यालय
कार्यरत है और
इन विश्वविद्यालयों
में स्वीकृत
शिक्षकीय
पदों की कुल
संख्या
कितनी है? (ख) इन
स्वीकृत
पदों में से
अब तक कितने
पद रिक्त है
तथा क्या यह
तथ्य है कि
राज्य के कुछ
विश्वविद्यालयों
में 70
प्रतिशत से
अधिक
शिक्षकीय पद
रिक्त पड़े
है? यदि
हां, तो
ऐसे विश्वविद्यालयों
के नाम और
उनके रिक्त
पदों का विवरण
क्या है? (ग) क्या
राज्य सरकार
ने इन रिक्त
पदों को भरने
के लिए कोई
समयबद्ध
योजना या भर्ती
अभियान तैयार
किया है? यदि हां, तो उसकी
समय-सीमा और
चरणवार कार्य
योजना क्या
है तथा यदि
नहीं , तो
इन पदों को
भरने में देरी
के क्या कारण
है?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) वर्तमान
में उच्च
शिक्षा विभाग
अंतर्गत राज्य
में कुल 19 विश्वविद्यालय
संचालित हैं। जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है।
अन्य
विभागों से
संबंधित जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (ख) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है।
(ग) रिक्त
पदों को भरने
हेतु समय-समय
पर विज्ञापन
जारी कर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
अनूपपुर
जिले में
मनरेगा राशि
का भुगतान
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
129.
( क्र. 474 ) श्री फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अनूपपुर
जिले में 1 अप्रैल, 2024 से
प्रश्न दिनांक
तक मनरेगा
योजना में
कितनी राशि सामग्री
मद में व्यय
की गई, जिला
पंचायत एवं
जनपद
पंचायतवार
जानकारी उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में जिला
पंचायत/जनपद
पंचायतों द्वारा
कितनी राशि
किन कार्यों
पर व्यय की गई
है? जनपदवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में जिला
पंचायत एवं
मनरेगा परिषद, भोपाल
द्वारा
अनूपपुर जिले
की जनपद
पंचायतों को
मनरेगा की
राशि भुगतान
हेतु कब कब
पत्र जारी
किये गये.
पत्रों की
छायाप्रति
उपलब्ध करावें? क्या
प्राप्त
आवंटन से अधिक
राशि का
भुगतान किया
गया? यदि
हाँ, तो
किन-किन के
द्वारा तथा
इसकी जांच कर
क्या कार्यवाही
की गई। (घ) प्रश्नांश (ग) के
संदर्भ में
अनूपपुर जिले
की समस्त जनपद
पंचायतों के
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी
द्वारा किन-किन
पंचायतों की
कब-कब कितनी
राशि मनरेगा
की सामग्री के
भुगतान हेतु
कौन-कौन से
कार्यों के लिये
भुगतान की गई
है? पंचायतवार, जनपदवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। क्या
जिला पंचायत
अनूपपुर की
बिना स्वीकृत
की गई राशि का
भी भुगतान
किया गया है, यदि हाँ, तो इसकी
किस अधिकारी
के द्वारा
जांच की गई, यदि नहीं, तो क्यों
और जांच कब तक
की जावेगी।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) अनूपपुर
जिले में 1 अप्रैल, 2024 से
प्रश्न
दिनांक तक
मनरेगा योजना
में सामग्री
मद में व्यय
राशि का जनपद
पंचायतवार
विवरण पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट- 'अ' (पृष्ठ-1) अनुसार है। (ख) जिला
पंचायत/जनपद
पंचायत
द्वारा
कार्यों में
व्यय राशि का
जनपद
पंचायतवार विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- 'अ' (पृष्ठ-2-120) अनुसार है। (ग) जिला
पंचायत एवं
मनरेगा परिषद
भोपाल के द्वारा
मनरेगा की
राशि भुगतान
हेतु जारी
किये गये पत्र
की छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट -'ब' (पृष्ठ-121-179) अनुसार है। जिला
पंचायत
अनूपपुर के
अन्तर्गत
जनपद पंचायतों
में प्राप्त
व्यय सीमा से
अधिक राशि का
भुगतान नहीं किया
गया है। (घ) अनूपपुर
जिले के मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत
अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा, पुष्पराजगढ़
द्वारा
पंचायतों में
मनरेगा की
सामग्री के
भुगतान हेतु
कार्यों में
व्यय की गई
कार्यवार
व्यय राशि का
जनपद
पंचायतवार
विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' (पृष्ठ-2-120) अनुसार है। जिला
पंचायत
अनूपपुर की
बिना स्वीकृत
के कोई भुगतान
जनपद पंचायत
द्वारा नहीं किया
गया है।
मनरेगा
के तहत मजदूरी
का भुगतान
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
130.
( क्र. 475 ) श्री फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
अनूपपुर जिले में
मनरेगा योजना
के तहत विगत
तीन वर्षों से
प्रश्न
दिनांक तक
मटेरियल/मजदूरी
भुगतान की
राशि लंबित
हैं? लंबित
होने की कारण
सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) अंतर्गत
जनपद पंचायत
पुष्पराजगढ़
अंतर्गत
मनरेगा का
भुगतान कब से नहीं
किया गया है
और क्यों? कारण
सहित जानकारी
देवें। क्या
वाटरशेड में
कराये गये
कार्य की
गुणवत्ता
ठीक न होने के
कारण कई खेत तालाब
टूट-फूट चुके
हैं ऐसे
क्षतिग्रस्त
खेत वाटर-शेड, मिट्टी के
तालाब की
जानकारी
उपलब्ध
करावें तथा
इनको कब तक
पूर्ण कर दिया
जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के
संदर्भ में
जिन किसानों
ने भूमि पर
खेत तालाब
निर्माण
कराये क्या
उन किसानों को
विभाग द्वारा
पूर्व में
जानकारी नहीं दी
गई कि
कितनी-कितनी
राशि की
पोखर/खेत
तालाब/अधोसंरचना
का निर्माण
किया जाना है? क्या
विभाग द्वारा
पूर्व में
जानकारी न
देकर के किसानों
के साथ
धोखाधड़ी कर
राशि आहरित की
गई?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) अनूपपुर
जिले में
मनरेगा योजना
के तहत विगत 03
वर्षों से
प्रश्न
दिनांक तक
सामग्री मद की
लंबित राशि रू
854.52 लाख है। अनूपपुर
जिले में
वित्तीय वर्ष 2023-24,2024-25 एवं 2025-26 में
मनरेगा योजना
अंतर्गत
मजदूरी मद की
राशि लंबित नहीं
है। मजदूरी मद
में भारत
सरकार द्वारा
राशि सीधे जॉब
कार्डधारियों
को उपलब्ध
कराई जाती है
एवं सामग्री
मद में भारत
सरकार द्वारा
प्राप्त राशि
के आधार पर
जिलों द्वारा
राशि व्यय की
जाती है यह एक
सतत्
प्रक्रिया है।
(ख) उत्तरांश
"क" अनुसार
मनरेगा योजना
अंतर्गत जनपद
पंचायत
पुष्पराजगढ़
में मजदूरी
भुगतान समय-सीमा
में किया जाता
है एवं
सामग्री मद
में भारत सरकार
द्वारा
प्राप्त राशि
के आधार पर
भुगतान किया
जाता है। खेत
तालाब के
कार्यों को
पूर्ण करके
संबंधित हितग्राहियों
को
हस्तांतरित
कर दिए गए हैं।
टूटे-फूटे/क्षतिग्रस्त
खेत तालाब
संबंधी किसी
प्रकार की
शिकायत प्राप्त
नहीं है। (ग) वाटरशेड
अंतर्गत
स्वीकृत खेत
तालाब में कार्य
स्वीकृत करने
के पूर्व
संबंधित
किसानों का
आवेदन पत्र
एवं सहमति
पत्र लिया गया
है कार्य
पूर्णता
उपरांत
संतुष्टि
प्रमाण पत्र
लिया जाता है
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
पेक्स
समितियों के
कंप्यूटराइजेशन
संबंधी
[सहकारिता]
131.
( क्र. 479 ) श्री आरिफ
मसूद : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश की सभी
पेक्स समिति
कंप्यूटरीकृत
हो गई तथा सभी
समिति लाइव हो
गई हैं?
(ख) क्या
पेक्स
समितियों के
डाटा माईग्रेशन
के पूर्व
अंकेक्षण
कराया गया था? यदि
हाँ, तो
किसके द्वारा
किया गया था? (ग) जब
प्री-माईग्रेशन
ऑडिट हुआ था, तो माईग्रेशन
के बाद राशि
पार्किंग
अकाउंट में
डालकर खाते
मिलाने का
क्या कारण है, इसके लिए
कौन
उत्तरदायी है।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जी
नहीं। (ख) जी
नहीं, भारत
सरकार द्वारा
योजनान्तर्गत
जारी दिशा निर्देशों
में
प्री-माईग्रेशन
ऑडिट का प्रावधान
न होने से
डाटा
माईग्रेशन के
पूर्व अंकेक्षण
नहीं कराया
गया है। (ग) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
शोध
क्षमता
प्रमाण पत्र
के सत्यापन
कार्य
[उच्च
शिक्षा]
132.
( क्र. 480 ) श्री आरिफ
मसूद : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
कार्यालय
आयुक्त उच्च
शिक्षा ने
पत्र क्रमांक 3892/आउशि/04 भोपाल, दिनांक 30/10/2004 के माध्यम
से भोपाल
क्षेत्रांतर्गत
स्थित 50 अशासकीय
महाविद्यालयों
द्वारा अचल
संपत्ति की
पूर्ति में
प्रस्तुत किए
गए सॉल्वेंसी/मूल्यांकन
प्रमाण पत्रों
के सत्यापन
कार्य संबंधी
कार्यवाही हेतु
प्राचार्य
शासकीय
हमीदिया कला
एवं वाणिज्य
महाविद्यालय
को आदेशित
किया गया था? (ख) प्रश्नांश
(क) के परिप्रेक्ष्य
में क्या डॉ. व्ही.एस.
सिंह
प्राचार्य
शासकीय
हमीदिया कला
एवं वाणिज्य
महाविद्यालय
भोपाल ने
कार्यालय
कलेक्टर
भोपाल को अपने
पत्र क्रमांक 2740/274/04, दिनांक 18/11/2004 के माध्यम
से जानकारी
मांगी थी। (ग) प्रश्नांश (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में क्या कार्यालय
कलेक्टर जिला
भोपाल ने अपने
पत्र क्रमांक 260/अ.कले./05 भोपाल, दिनांक 16/02/2005 के द्वारा
अवगत कराया था
कि
निम्नलिखित
संस्थाओं को
शोध क्षमता
प्रमाण पत्र
इस न्यायालय
द्वारा जारी नहीं
किया गया है
जिनमें अमन
एजुकेशन
सोसायटी शाहजहॉनाबाद, टेक्निकल
कम्प्यूटर
एजुकेशन
सोसायटी, सुभाषनगर
सेंट पीटर
एजुकेशन एवं
डेवलपमेंट सोसायटी, संस्कृति
शिक्षा समिति
भोपाल एवं
संस्था टेलीकॉम
कम्प्यूटर
एजुकेशन
सोसायटी है। (घ)
प्रश्नांश (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में उपरोक्त
संस्थाओं पर क्या
कार्यवाही की
गई समस्त
पत्रों सहित
जानकारी उपलब्ध
करावें तथा
उपरोक्त
संस्थायें
किन-किन
महाविद्यालयों
का संचालन
करती हैं महाविद्यालयों
के नाम तथा
सोसायटी के
सदस्यों सहित
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) से
(ग) जी
हाँ। (घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
जिला
पंजीयक
सहकारिता के
विरूद्ध
कार्यवाही
[सहकारिता]
133.
( क्र. 487 ) श्रीमती
चंदा
सुरेन्द्र
सिंह गौर : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
के तारांकित
प्रश्न क्र.-682, दिनांक 16 दिसम्बर, 2024
में मान
मंत्री
द्वारा प्रश्नांश
(क) से (ग) तक
जानकारी
एकत्र की जा
रही है क्या
अभी जानकारी
एकत्र नहीं हुई
यदि हां, तो मुझे
जानकारी
उपलब्ध कराई
जायें यदि नहीं
तो क्यों कारण
स्पष्ट करें। (ख) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा पुनः
जिला पंजीयक
सहकारिता टीकमगढ़
के विरुद्ध
कार्यवाही
किये जाने का
प्रश्न क्र. 1025, दिनांक 20 मार्च, 2025 को
लगाया गया
जिसमे भी मान.
मंत्री जी
द्वारा
नियमानुसार
कार्यवाही की जावेगी
का उत्तर दिया
गया है। डी.आर.
सहकारिता के
विरुद्ध
कार्यवाही
क्यों नहीं की
जा रही है
इसका कारण
स्पष्ट करें। (ग) क्या
डी.आर.
टीकमगढ़
सहकारिता
द्वारा पूरे
जिले की महुआ
समितियों एवं
अन्य समितियों
को तोड़-फोड़कर
कर भारी नियम
विरुद्ध
कार्य किये जा
रहे है मान. उच्च
न्यायालय तक
की शरण में कई
समितियों के आवेदक
गये। न्यायालय
आदेशों का
पालन भी डी.आर.
टीकमगढ़ नहीं कर
रहे है इनको इस जिले से
कब तक हटा
देंगे? जानकारी
दें।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जी
हां, तारांकित
प्रश्न
क्रमांक 682 की
जानकारी
दिनांक 06.11.2025 को विधान
सभा सचिवालय
को भेज दी गई
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(ख) जी हाँ। उपायुक्त
सहकारिता
जिला टीकमगढ़
के विरूद्ध
म.प्र. सिविल
सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण
तथा अपील) नियम
1966 के तहत
अनुशासनात्मक
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(ग) जी हां, शिकायतों
एवं
न्यायालयीन
प्रकरणों में
तथ्य संज्ञान
में आये है। उपायुक्त
सहकारिता
जिला टीकमगढ़
को आदेश दिनांक
18.11.2025 से
निलंबित किया
गया है।
अनियमितताओं
की जांच कराया
जाना
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
134.
( क्र. 488 ) श्रीमती
चंदा
सुरेन्द्र
सिंह गौर : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
खरगापुर
विधान सभा 47 के
विकासखण्ड
बल्देवगढ़
की ग्राम
पंचायत डुम्बार, पटौरी
रमपुरा, करमासन
हटा, चंदेरी
में एवं
विकासखण्ड
पलेरा की
ग्राम पंचायत
रामनगर (बुजुर्ग)
में भारी
अनियमितताएं
करके शासन की
योजना अनुसार
निर्माण
कार्य नहीं करके, राशि
हड़पने का
कार्य किया
गया है? इसलिये
वर्ष 2023 से
प्रश्न
दिनांक तक समस्त
कार्यों के
नाम, योजना
का नाम, स्वीकृति राशि
प्राक्कलन, प्रस्ताव, एवं
कार्यों की
फोटोग्राफ्स, पूर्णत:
प्रमाण पत्र
संलग्न बिल
व्हाउचरों
की प्रमाणित
प्रतियां
वर्षवार उपलब्ध
करावें। (ख) क्या विकासखण्ड
पलेरा की
रामनगर (बुजुर्ग)
ग्राम पंचायत
में भुवन W/O बंटई
चांदसी के नाम
से आवास स्वीकृत
किया गया तथा
पश्चिम बंगाल
के व्यक्ति
को म.प्र. में
कैसे
प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत
किया गया? उसके नाम
को जोड़े जाने
पर पश्चिम
बंगाल से नाम
काटे जाने के
दस्तावेजों
सहित सम्पूर्ण
प्रमाणित
प्रतियां
उपलब्ध
कराये तथा
कितने तालाब
टूट गये हैं
जो ग्राम
पंचायत ने
निर्माण
कराये हैं? (ग) क्या
ग्राम पंचायत
चंदेरी में कई
निर्माण कार्यों
की राशि पूर्व
सरपंच ने
निकाल ली थी
और धरातल पर
कार्य नहीं किया
गया, अब
वर्तमान में
कार्य किये
जाने की
अनुमति किस
सक्षम
अधिकारी
द्वारा दी गई, सम्पूर्ण
कार्यों का
विवरण देकर
प्रतियां
उपलब्ध
करायें तथा
भ्रष्टाचार
के इस कृत्य
की जांच दोनों
विकासखण्डों
में कब-कब की
गई तथा क्या
कार्यवाही की
गई?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
नहीं ,वर्ष
2023 से प्रश्न
दिनांक तक
वर्षवार स्वीकृत
निर्माण
कार्यों में
कोई
अनियमितता
प्रकाश में आई है।
स्वीकृत
निर्माण
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) हितग्राही
भुवनचन्द्र
पिता बटई का
नाम वर्ष 2018 की
सर्वे सूची
में दर्ज था।
वर्ष 2021-22 में
प्रधानमंत्री
आवास योजना
ग्रामीण का लाभ
दिया गया है।
हितग्राही
ग्राम पंचायत
रामनगर
बुजुर्ग में
निवासरत है
एवं ग्राम
पंचायत की
मतदाता सूची
में नाम दर्ज
है। जो पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है।
ग्राम पंचायत रामनगर
बुजुर्ग में
नवीन तालाब
निर्माण वर्ष 2023-24
में अटल भूजल
योजना से
स्वीकृत किया
गया था। तालाब
निर्माण का
मूल्यांकन
उपयंत्री एवं
सहायक यंत्री
के द्वारा
सत्यापन किया
गया था। निर्माण
कार्य का
पूर्णतः
प्रमाण पत्र
दिनांक 10.06.2023 को
जारी किया गया
है। वर्ष 2025 के
माह जून में
अतिवृष्टि
होने के कारण
तालाब टूट गया
है। ग्राम
पंचायत
द्वारा तालाब
के क्षतिग्रस्त
हुये बण्ड का
सुधार कार्य
करा दिया गया
है। पिचिंग
कार्य शेष है।
(ग) ग्राम
पंचायत
चंदेरी में
निर्माण
कार्यों की
राशि पूर्व
सरपंच द्वारा
आहरित की गई
थी और धरातल
पर कार्य
कराये गये थे।
वर्तमान में किसी
भी अधिकारी
द्वारा पूर्व
सरपंच को निर्माण
कार्यों पर
आहरित की गई
राशि के
कार्यों को
पूर्ण कराये
जाने की
अनुमति नहीं
दी गई है। निर्माण
कार्यों की
तकनीकी
स्वीकृति
सहायक यंत्री
एवं
प्रशासकीय
स्वीकृति
सरपंच द्वारा
जारी की गई
हैं। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
ग्राम पंचायत
चंदेरी में
निर्माण
कार्यों की
शिकायत
प्राप्त
होने पर
शिकायत की
जांच सहायक
यंत्री एवं सहायक
विकास विस्तार
अधिकारी जनपद
पंचायत
बल्देवगढ़
द्वारा की गई।
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत बल्देवगढ़
द्वारा पत्र
क्र. 4969
दिनांक 20.11.2025 से
प्रतिवेदित
किया गया की
उक्त कार्य
पूर्व सरपंच
द्वारा कराया
गया था, वर्तमान
में कार्य
अपूर्ण है।
कार्यों पर व्यय
मूल्यांकन
से कम पाया
गया है। जिससे
कोई अनियमितता
प्रमाणित
नहीं हुई है।
जांच
प्रतिवेदन पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट -'द' अनुसार है।
विकासखण्ड
पलेरा के
संबंध में
शिकायत
प्राप्त
नहीं होने के
कारण कोई
कार्यवाही
किये जाने का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वित्तीय
अनियमितताओं
की जांच
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
135.
( क्र. 489 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
सिवनी की जनपद पंचायत
घंसौर की
ग्राम पंचायत
किकारा के
तत्कालीन
प्रभारी सचिव
मूल पद ग्राम
रोजगार सहायक
श्री अजय
डेहरिया, ग्राम
पंचायत
सिकारा के
भ्रष्टाचार
के विरूद्ध जनपद पंचायत
घंसौर के
प्रतिवेदन पर
पंचायत राज ग्राम
सुराज
अधिनियम की
विभिन्न
धाराओं में विहित
प्राधिकारी/मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत सिवनी
के प्रकरण रू. 53,86, 152/-
गबन पर
त्वरित
दण्डात्मक
एवं प्रभावी
कार्यवाही कर
सेवा से पृथक
क्यों नहीं किया
जा रहा है? (ख) जिला
पंचायत
सिवनी/मनरेगा
पत्र क्रमांक 723/2025-26 मध्यप्रदेश
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास विभाग
मंत्रायत के
पत्र क्रमांक/106/3.सा.
मनरेगा/ग्राम
रोजगार सहायक 2023 भोपाल
दिनांक 05/10/2023 के
तारतम्य में
श्री अजय
डेहरिया का
स्थानांतरण
किया गया
परन्तु जिला
कलेक्टर
सिवनी, मनरेगा
शाखा, जिला
कार्यक्रम
अधिकारी ने
गबन की राशि
की वसूली का
हवाला देकर
स्थानांतरण
निरस्त किया गया
क्यों? (ग) जिला
पंचायत सिवनी
की जनपद
पंचायत घंसौर
की ग्राम
पंचायत
शिकारा के
विरूद्ध मध्यप्रदेश
शासन के
विभिन्न
कार्यालयों
में की गई
शिकायतों का
जांच नहीं किया
जाना? पत्र
क्रमांक 675 विकास
शाखा 4/2024
दिनांक 25.09.2024 आयुक्त
कार्यालय
संभाग जबलपुर
के पत्र पर संबंधित
अधिकारी
द्वारा आज
दिनांक तक कोई
जांच नहीं की
गई, सम्पर्क
करने पर
अधिकारी का
कहना है हम
निर्माण
एजेन्सी है, जांच एजेन्सी
नहीं , कमिश्नर
चाहे तो किसी
अन्य से जांच
कराई जाएगी? इस संबंध
में विभाग
स्थिति स्पष्ट
करें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जनपद
पंचायत घंसौर
की ग्राम
पंचायत
शिकारा के तत्कालीन
प्रभारी सचिव
श्री अजय
कुमार
डहेरिया द्वारा
किये गये भ्रष्टाचार
के संबंध में
जाँच
प्रतिवेदन के
आधार पर
न्यायालय
विहित प्राधिकारी/मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, जिला
पंचायत सिवनी
में पंचायत
राज एवं ग्राम
स्वराज
अधिनियम 1993 की धारा 89 के तहत
प्रकरण
क्रमांक 15/2021-22 में राशि 5,20,000/-, प्रकरण
क्रमांक 90/2024-25 में राशि
रूपये 27,16,935/- एवं
प्रकरण
क्रमांक 130/2024-25 में राशि
रूपये 7,37,840/- वसूली किए
जाने हेतु
प्रकरण दर्ज
है। उक्त
तीनों
प्रकरणों में
कार्यवाही
प्रचलित है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट –अ अनुसार है। (ख) न्यायालय
विहित
प्राधिकारी/मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत सिवनी
में वसूली की
कार्यवाही
प्रचलित होने
के कारण तत्समय
की
परिस्थितियों
को दृष्टिगत
रखते हुए स्थानांतरण
निरस्त किया
गया। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट –ब अनुसार है। (ग) समय-समय
पर प्राप्त
शिकायतों की
जांच कर
प्रतिवेदन के
आधार पर
कार्यवाहीयां
संस्थित की गई
है। पत्र
क्रमांक 675 विकास
शाखा 4/2024
दिनाक 25.09.2024 आयुक्त
कार्यालय
संभाग जबलपुर के
संबंध में
शिकायत की जाँच
पूर्व में की
जा चुकी है। कार्यपालन
यंत्री, ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा संभाग
सिवनी से प्राप्त
जाँच
प्रतिवेदन अनुसार
राशि रूपये 2716935.00/-
के
संबंध में
प्रकरण
क्रमांक 90/2024-25 दर्ज कर
कार्यवाही
प्रचलन में है।
अन्य
प्रकरणों में
ग्राम पंचायत
शिकारा में
राशि रूपये 5,20,000.00/-
एवं
राशि रूपयें 7,37,840.00/-
की
वसूली
निर्धारित कर
कार्यवाही
प्रचलित है। जिसका
उल्लेख प्रश्नांश
"क" के जबाव
में भी किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट – स अनुसार है।
अनियमितताओं
की जांच
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
136.
( क्र. 490 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) (1) कलेक्टर
सिवनी को
प्रस्तुत
शिकायत पर
जिला पंचायत सिवनी
मनरेगा शाखा
के पत्र
क्रमांक/4724/मनरेगा/जिला
पंचायत-2024, दिनांक 08.11.2024 पर
नियुक्त दल
श्री
उपेन्द्र
मिश्रा
कार्यपालन
यंत्री
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा सिवनी (2) श्रीमति
श्रद्धा सोनी
चौबे मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत घंसौर
(3)
सहायक
यंत्री श्री
राजुल नामदेव
के द्वारा आज
दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या
जनपद पंचायत
घंसौर के पत्र
क्रमांक 2447 ज.प. किका.
मनरेगा जनपद 2024-25 दिनांक 23.12.2024 पर भी कोई
कार्यवाही नहीं
की गई है? (ग) श्री
अजय कुमार डेहरिया
जो कि वर्ष 2023 से ग्राम
पंचायत के
प्रभारी सचिव
पद से हटा दिये
गये है
तत्पश्चात्
भी प्रश्न
दिनांक तक
ग्राम पंचायत
का प्रभार नहीं
दिया गया है
और वर्ष 2003 से लेकर
वर्ष 2025 तक
के सम्पूर्ण
आवश्यक एवं
अनावश्यक
दस्तावेज एवं
सामग्री उपकरण
अपने निज
स्वामित्व
में रखे हुये
है जिससे
पंचायत का
विकास कार्य
बाधित हो रहा
है।
अधिकारियों
के द्वारा
अनेको बार
प्रभार के
संबंध में लेख
किया गया, परन्तु
समस्त लेख
पत्र
निष्प्रभावी
करते हुये
उन्होंने
प्रभार अपने
पास रखा हुआ
है क्या
जिम्मेदार
अधिकारियों
ने प्रश्न
दिनांक तक
श्री डेहरिया
के विरूद्ध
दण्डात्मक
प्रभावी
कार्यवाही नहीं
की गई है? यदि हां, तो क्या
और नहीं तो क्यों
नहीं? जानकारी
दें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) प्रश्नांश
में उल्लेखित
शिकायत पर
नियुक्त दल
से पूर्व समान
प्रकृति की
शिकायत पर पूर्व
में गठित जाँच
दल दिनांक 21.03.2024 द्वारा जाँच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत कर
दिया गया था, इसलिये प्रश्नांश
के दल से
प्रतिवेदन नहीं
लिया गया। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट – अ अनुसार है। (ख) जी
हाँ। पूर्व से
न्यायालय
विहित
प्राधिकारी/मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, जिला
पंचायत सिवनी
में पंचायत
राज एवं ग्राम
स्वराज
अधिनियम 1993 की धारा 89 के तहत
प्रकरण
क्रमांक 90/2024-25 दर्ज कर
राशि रूपये 2716935/- रूपये
वसूली की
कार्यवाही
प्रचलन में
होने के कारण
जनपद स्तर से
कोई
कार्यवाही नहीं
की गई। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट – ब अनुसार है। (ग) कार्यालयीन
आदेश क्रमांक/2840/पंचा.प्रको./2023 सिवनी
दिनांक 22/09/2023 के द्वारा
सचिव, ग्राम
पंचायत
शिकारा, ज.पं. घंसौर
का अतिरिक्त
प्रभार यथावत
श्री टोपसिंह
नेताम, सचिव, ग्राम
पंचायत
सूरजपुरा ज.प.
घंसौर को
सम्पूर्ण
दस्तावेज व
सामग्री सहित
पूर्व में ही
सौंप दिया गया
है। शेष प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट – स अनुसार है।
तकनीकी
स्वीकृति
पश्चात्
सड़क निर्माण
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
137.
( क्र. 492 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अधीक्षण
यंत्री
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा जबलपुर
मण्डल, जबलपुर
द्वारा
डामरीकृत
मार्ग
निर्माण राठी
रैयत से
शिकारा
बंजारी मार्ग
तक निर्माण कार्य
हेतु प्रथम स्तरीय
तकनीकी स्वीकृति
की राशि रू. 309.21 लाख स्वीकृत
की गई थी? स्वीकृति
के पश्चात्
आज पर्यन्त
तक उक्त सड़क
का निर्माण क्यों
नहीं किया गया? (ख) इस
संबंध में
कलेक्टर
सिवनी को
प्रश्नकर्ता
के पत्र
क्रमांक 169, दिनांक 11.06.2024 को अवगत
कराने के पश्चात्
इस संबंध में
क्या
कार्यवाही की
गई है? (ग) उक्त
सड़क का
निर्माण
कार्य कब तक
किया जाएगा
तथा इस संबंध
में क्या
कार्यवाही की
जा रही है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क
योजना के
मापदण्डों
के अनुरूप न
होने के कारण
कार्य की
प्रशासकीय स्वीकृति
जारी नहीं की
गई। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ख) जी
हाँ। उत्तरांश (क) के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
स्टॉफ
पदस्थ की
प्रक्रिया
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
138. ( क्र. 499 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नवगठित
जिला मैहर में
किसानों की
समुचित सुविधा
की दृष्टि से
मैहर नवगठित
जिले में जिला
स्तरीय
अधिकारी मय स्टॉफ
पदस्थ किये
जाने की प्रक्रिया
क्या प्रचलन
में है? यदि हां,
तो
मैहर जिला
मुख्यालय
में कब तक
कार्यालय
प्रारंभ
कराया जावेगा?
(ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में क्या उक्त
विषय में शासन
स्तर पर कई
बार पत्राचार
किये गये है? यदि हां, तो उन पर की
गयी कार्यवाही
से अवगत कराया
जावें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी
हाँ। कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। समय-सीमा
बताया जाना
सम्भव नहीं
है। (ख) जी नहीं। शेष
प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है।
गौरव
गृह निर्माण
सहकारी संस्था
मर्यादित की
जानकारी
[सहकारिता]
139.
( क्र. 503 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) गौरव
गृह निर्माण
एवं सहकारी
संस्था
मर्यादित, भोपाल की
वर्ष 2015 के
पश्चात
किन-किन
विषयों पर
जांच की गई, जांच
उपरांत जांच
प्रतिवेदन पर
कार्यवाही के
संबंध में
समस्त
दस्तावेजों
की प्रमाणित
प्रति उपलब्ध
कराएं यदि
नहीं, तो
क्यों नहीं? कारण सहित
जानकारी दें। (ख) विधानसभा
अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 2745 दिनांक 20.03.2023 में किन-किन
अधिकारियों
को कार्यवाही
करने हेतु आदेशित
किया था, उन
अधिकारियों
के नाम तथा
अधिकारियों
द्वारा की गई
कार्यवाही से
संबंधित
प्रतिवेदन
उपलब्ध कराया
जायेगा? क्या
संबंधित
अधिकारियों
द्वारा आदेश पालन नहीं
किये पर विरूद्ध
कोई
कार्यवाही की
गई है? यदि
हाँ, तो
कब तक यदि
नहीं, तों
क्यों नहीं
स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) में
उल्लेखित
अधिकारियों
पर कार्यवाही
की जावेगी तो
उसकी समय-सीमा
से अवगत कराया
जावे यदि नहीं, की जायेगी
तो कारण सहित
स्पष्ट करें। अवमानना
याचिका
क्रमांक 112/22 पर
उपायुक्त, सहकारिता, जिला-भोपाल
को दिये गये
आदेश का पालन
किया गया है
अथवा नहीं यदि
नहीं, किया
गया है तो
क्या उनके
विरूद्ध जांच
संस्थापित की
जावेगी यदि
हाँ, तो
कब तक? प्रशासकीय
कार्यालय में
की गई
रजिस्ट्रियों
के संबंध में की गई
कार्यवाही से
अवगत कराया
जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक
यदि नहीं, तो क्यों? कृपया
जानकारी दें।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
खाद्य
वितरण
प्रणाली की जानकारी
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
140.
( क्र. 505 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
खाद्य विभाग
द्वारा
पीडीएस व्यवस्था
के अंतर्गत
ग्रामीण
क्षेत्रों
में समूहों
एवं
सोसायटियों
तथा शहरी
क्षेत्रों
में उपभोक्ता
संघों द्वारा
खाद्यान्न
वितरण की व्यवस्था
की गई है? यदि हाँ, तो दतिया
जिला की वितरण
व्यवस्था
के संबंध में
जानकारी
प्रदान करें। (ख)
क्या दतिया
जिला में भी
उक्त व्यवस्था
के अंतर्गत
खाद्यान्न
वितरण किया जा
रहा है? यदि हाँ, तो कृपया
दतिया जिले
में उक्त व्यवस्था
के अंतर्गत
कार्यरत
समूहों/सोसायटियों/उपभोक्ता
संघों की
अलग-अलग
जानकारी देते
हुये किस गांव
में किस समूह
द्वारा
खाद्यान्न
वितरण किया जा
रहा हैं? समूह का
नाम, पता
सहित समूह
संचालकों एवं
सदस्यों के
नाम,
पता सहित
बतावें। (ग) खाद्यान्न
वितरण व्यवस्था
में हुई
अनियमितताओं/गड़बडियों/गबन
घोटालों के
संबंध में
विभाग द्वारा
खाद्य वितरण
प्रणाली में
संलग्न
समूहों, सोसायटियों
एवं उपभोक्ता
संघों के
विरूद्ध क्या-क्या
कार्यवाही की
गई है? क्या
उक्त संस्थाओं
पर E.C. एक्ट
एवं अन्य
विधियों के
अंतर्गत
पुलिस प्रकरण
भी पंजीबद्ध
किये गये है? यदि हाँ तो
उक्त प्रकरण
में अद्यतन
स्थिति से
पृथक-पृथक जानकारी
प्रदान करें
तथा E.C. एक्ट
एवं अन्य
नियम, कानून
अंतर्गत
कितने-कितने
प्रकरण
पंजीबद्ध
किये गये हैं
तथा उन पर क्या
कार्यवाही की
गई है?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ, दतिया
जिले कि वितरण
व्यवस्था
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
(ख) जी
हाँ, सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली के
अंतर्गत
कार्यरत
समूह/सोसायटियों
जिनके द्वारा
शासकीय उचित
मूल्य
दुकानों का
संचालन किया
जा रहा है, उनकी
जानकारी, समूह
संचालको एवं सदस्यों
की जानकारी, ग्रामों
के नाम सहित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
(ग) खाद्यान्न
वितरण में मध्यप्रदेश
सार्वजानिक
वितरण
प्रणाली
नियंत्रण
आदेश 2015 का
उल्लंघन
पाये जाने से, 01 जनवरी, 2025 से प्रश्न
दिनांक तक की
अवधि में आवश्यक
वस्तु
अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत
प्रकरण
पंजीबद्ध कर 06 प्रकरणों
में प्रथम
सूचना
रिपोर्ट दर्ज
कराई गई है, प्रकरणवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
मंडी
बोर्ड की वित्तीय
स्थिति
संबंधित
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
141.
( क्र. 508 ) श्री बाला
बच्चन : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनांक
01.04.2021 से 01.11.2025 तक मंडी
बोर्ड के आय
एवं व्यय का
वार्षिक
विवरण देवें। प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
मंडी बोर्ड की
परिसंपत्तियां
कितनी है? (ख) मंडी
बोर्ड पर कुल
ऋण कितना है
और इसका ब्याज
विगत 02
वर्षों में
कितना भुगतान
किया गया, वर्षवार
देवें। इंदौर
संभाग में
मंडी टैक्स
की कितनी राशि
की वसूली
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
जिलावार, फर्म, नाम, राशि, लंबित
दिनांक सहित
देवें। (ग) प्रश्नांश
(क) अवधि में
मंडी बोर्ड ने
किस संस्थान
से कितना ऋण
लिया, संस्थान
नाम, ऋण
राशि, ऋण
अवधि, ब्याज
दर सहित देवें।
(घ) 06
माह से अधिक
समय से कितने
कर्मचारियों
के पेंशन
प्रकरण लंबित
है? जिलावार, संख्या
देवें। इनका
निराकरण कब तक
कर दिया जाएगा?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-एक
एवं दो अनुसार है।
(ख) मंडी
बोर्ड द्वारा
वर्तमान तक
कोई ऋण नहीं लिये
जाने से
जानकारी
निरंक है। इंदौर
संभाग की मंडी
समितियों में
प्रश्न
दिनांक तक
मंडी टैक्स की
राशि वसूली
हेतु लंबित न
होने से
जानकारी
निरंक है। (ग) उत्तरांश (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उद्भूत नहीं होता
है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
संबंधितो
पर माननीय न्यायालय
एवं ई.ओ.डब्ल्यू.
में प्रकरण
प्रचलित होने
के कारण
अंतरिम पेंशन
स्वीकृत कर
भुगतान की
जाने से शेष
प्रश्न
उद्भूत नहीं होता
है।
मुख्यमंत्री
अधोसंरचना मद
से स्वीकृत
कार्य
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
142.
( क्र. 563 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2021-22 से वर्ष 2023-24 तक मुख्यमंत्री
अधोसंरचना मद
से रायसेन
जिले में कौन-कौन
से कार्य स्वीकृत
किये गये? कार्य का
नाम, लागत, पूर्णता-अपूर्णता
की स्थिति की
जानकारी दें। (ख)
प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
कार्यों में
से कौन से
कार्य
अप्रारंभ है
और क्यों? प्रगतिरत
और पूर्ण
कार्यों की
गुणवत्ता
किन-किन के
द्वारा कब-कब
जांची गई? (ग) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
निर्माण
कार्यों की
पूर्णता का
प्रतिशत व अब
तक किये गये
भुगतान का
विवरण दें व कौन-कौन से
पूर्ण
कार्यों का
भुगतान किस
कारण से नहीं
हो सका है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) से
(ग) जानकारी
पुस्तकालय में परिशिष्ट
अनुसारहै।
प्रधानमंत्री
सड़क मार्गों
का संधारण
कार्य
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
143.
( क्र. 564 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिलवानी
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन से
प्रधानमंत्री
सड़क मार्ग
संविदाकारों
की संधारण अवधि में
है? क्या
उक्त मार्ग
आवागमन योग्य
है? नहीं
तो क्यों समुचित
संधारण कार्य नहीं
कराया गया? (ख) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
क्षेत्र में भारी
परिवहन के
कारण
क्षतिग्रस्त
हुई किन-किन
सड़कों के
क्रस्ट उन्नयन
(UPG)
की
आवश्यकता है? क्या इस
हेतु समुचित
प्रस्ताव
तैयार कर
पुननिर्माण
की स्वीकृति
ली गई है? नहीं तो
क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
क्षेत्र में
निर्मित सड़कों
में शोल्डर न भरे जाने
के क्या कारण
है? इस
हेतु विभाग
क्या कार्यवाही
करेगा? (घ) प्रश्नांश
के उल्लेखित
क्षेत्र के किन-किन
ग्रामों, मजरे
टोलों को
संपर्कता
प्रदान करने
हेतु प्रधानमंत्री
सड़क
योजनांतर्गत
प्रस्ताव तैयार
किये गये हैं? कब तक इनकी
स्वीकृति
प्राप्त कर
निर्माण कार्य
कराया जावेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) सिलवानी
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना
अंतर्गत 159 मार्ग
संधारण अवधि
में है। उक्त
मार्गों में
से 143
मार्गों पर
संधारण कार्य
निरंतर किया
जा रहा है व
आवागमन
सुचारू रूप से
संचालित है। शेष
16 मार्गों में
से 12
मार्गों का
संधारण
संविदाकार
द्वारा
अनुबंध के
अनुसार न किये
जाने के कारण
अनुबंध
निरस्त कर, पुनः
निविदा
आमंत्रित एवं 01 मार्ग की
निविदा
प्रक्रियाधीन
है एवं 01 मार्ग का
अनुबंध कर
संधारण कार्य
प्रारंभ किया
जा रहा है। 2 मार्गों
को लोक
निर्माण
विभाग के पत्र
क्रमांक 3536 दिनांक 08.10.2025 से हस्तांतरण
के प्रेषित
प्रस्ताव के
क्रम में हस्तांतरण
की कार्यवाही
प्रचलन में है,जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार
है। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
क्षेत्र में
लोक निर्माण
विभाग द्वारा
किये जा रहे
निर्माण
कार्य में
भारी वाहनों
से सामग्री
परिवहन के
कारण 02
मार्ग
क्षतिग्रस्त
हुये है। लोक
निर्माण
विभाग के पत्र
क्रमांक 3536 दिनांक 08.10.2025 से
हस्तांतरण के
प्रेषित
प्रस्ताव के
क्रम में उक्त
दोनों
मार्गों के
हस्तांतरण की
कार्यवाही की
जा रही है। (ग) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
क्षेत्र में संधारण
के साथ-साथ
शोल्डर भराई
का कार्य निरंतर
किया जा रहा
है, जिन
मार्गों पर
संविदाकार
द्वारा
समुचित
संधारण कार्य
नहीं किया
जाता, उनके
विरूद्ध अनुबंधानुसार
नोटिस देकर
भुगतान शून्य
करते हुए
अनुबंध
निरस्त किया
जाता है। (घ) प्रश्नांश
के उल्लेखित
क्षेत्र में PMGSY-IV के
अंतर्गत
पात्रता
परीक्षण में 15 बसाहटें
पात्र पाये
जाने पर
प्रस्ताव
तैयार कर
केन्द्र
सरकार को
प्रेषित किये
गये है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ब'' अनुसार
है। इनकी
स्वीकृति
भारत सरकार से
अपेक्षित है। स्वीकृति
उपरांत
निर्माण
कार्य किया
जाना संभव है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
खाद
वितरण में
अनियमितताएं
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
144.
( क्र. 567 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
भारत सरकार, सहकारिता
विभाग द्वारा
प्रदेश में
खाद का वितरण
अधिक से अधिक
प्राथमिक
सहकारी
संस्थाओं के
माध्यम से
कराये जाने के
निर्देश हैं? यदि हाँ, तो
वर्तमान में
प्रदेश में
खाद वितरण
करने की
प्रक्रिया
क्या है? म.प्र.
विपणन संघ को
वर्ष 2023-24
एवं 2024-25 में
सभी प्रकार की
खादों का
कितना आवंटन
केन्द्र शासन
से प्राप्त
हुआ? सहकारी
संस्थाओं एवं
निजी
व्यापारियों
के माध्यम से
कितने-कितने
प्रतिशत खाद
आवंटित किया
गया? वर्षवार
पूरी जानकारी
उपलब्ध करायी
जाय। (ख) प्रदेश
में विगत 05 वर्षों
में रबी एवं खरीफ
फसल हेतु खाद
का वितरण
सहकारी समिति
व निजी
व्यापारियों से
कितने-कितने
प्रतिशत
कराया गया? वर्षवार
जानकारी दी
जाय। निजी
व्यापारियों
को खाद आवंटित
करने के शासन
के क्या
निर्देश हैं? (ग) संपूर्ण
प्रदेश में
एवं भिण्ड
जिला हेतु इस
वर्ष रबी एवं खरीफ
फसल हेतु कुल
कितनी मात्रा में
खाद वितरण
हेतु उपलब्ध
कराया गया? उपलब्ध
खाद को सहकारी
समितियों के
माध्यम से एवं
निजी
व्यापारियों
के माध्यम से
कितने-कितने
प्रतिशत
वितरित कराने
की व्यवस्था
की गयी? फसलवार
पूर्ण
जानकारी दी
जाये। (घ) भिण्ड
जिले में रबी एवं खरीफ
फसल हेतु खाद
वितरण हेतु
निर्धारित
सहकारी समिति
एवं
व्यापारियों
की सूची सहित
उन्हें वितरण
हेतु उपलब्ध
कराये खाद के
आवंटन की
मात्रा सहित
जानकारी
उपलब्ध करायी
जाये। (ड.) भिण्ड
जिले में इस
वर्ष किसानों
को खाद वितरण में
अनियमितताएं
होने संबंधी
कितनी शिकायतें
प्राप्त हुई? शिकायतकर्ता
का नाम, पता, शिकायत
किस संस्था/व्यापारी
के विरूद्ध थी, शिकायत
दिनांक, जांचकर्ता
अधिकारी का
नाम, जांच
का निष्कर्ष
आदि की पूर्ण
जानकारी दी जाय।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। भारत
सरकार द्वारा म.प्र.
राज्य
सहकारी विपणन
संघ को आवंटन
प्रदाय नहीं
किया जाता है।
सहकारी एवं
निजी क्षेत्र
में आवंटन के
प्रतिशत की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार है।
उर्वरक
वितरण
प्रतिशत की
फसलवार
जानकारी संधारित
नहीं की जाती
है। (घ) IFMS पोर्टल पर
सहकारी एवं
निजी
विक्रेताओं
को प्राप्त
उर्वरक
मात्रा की
विक्रेतावार
जानकारी उपलब्ध
नहीं है, अपितु
विक्रेतावार
विक्रय की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-5 अनुसार है।
(ड.) भिण्ड
जिले में इस
वर्ष उर्वरक
वितरण में अनियमितता
होने संबंधित
शिकायत
प्राप्त नहीं
है। भण्डारण
केन्द्र, लहार के
नियमित
निरीक्षण में
अनियमितता
संज्ञान में
आने पर म.प्र.
राज्य
सहकारी विपणन
संघ, भोपाल
द्वारा भण्डारण
केन्द्र लहार
एवं दबोह
प्रभारी श्री
दीपक शर्मा, क्षेत्र
सहायक को
निलंबित किया
गया है एवं भण्डारण
केन्द्र लहार
एवं दबोह, जिला भिंड
की विस्तृत
जांच हेतु
श्री
देवेन्द्र
यादव, प्रबंधक, श्री
सुनील हेडाउ, उप
प्रबंधक एवं
श्री ऋषि राठौर, उप
प्रबंधक को
सम्मिलित
करते हुए
कमेटी का गठन
किया गया है।
जांच
प्रक्रियाधीन
है।
शासकीय
होम्योपैथी
स्वास्थ्य
कल्याण केन्द्र
स्थापित
किया जाना
[आयुष]
145.
( क्र. 568 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या आयुष
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) योग एवं
प्राकृतिक
चिकित्सा के
केन्द्रीय
अनुसंधान
केन्द्र CCKYN नई दिल्ली
के साथ निष्पादित
हुये MOU की
प्रति प्रदान
की जाये। (ख) भोपाल
में होम्योपैथी
वेलनेस सेंटर
एवं
आयुर्वेदिक
पंडित खुशीलाल
वेलनेस सेंटर
मात्र 500 मीटर की
परिधि में
दो-दो सेन्टर
संचालित किये
जाने का क्या
औचित्य है? क्या
दोनों सेन्टर
की उपचार में
भिन्नता है? स्पष्ट
किया जाये। (ग) क्या
भोपाल में
मात्र 500 मीटर की
परिधि में
संचालित उक्त
दो होम्योपैथी
वेलनेस
सेन्टरों में
से एक सेन्टर
को स्वास्थ्य सुविधाओं
की दृष्टि से
अति पिछड़े
विधान सभा
क्षेत्र अटेर, जिला
भिण्ड में
स्थानांतरित
किया जायेगा? (घ) केन्द्रीय
योग एवं
प्राकृतिक
चिकित्सा अनुसंधान
परिषद CCKYN से वर्ष 2018 से 2020 तक भोपाल
वेलनेस
सेन्टर को सभी
प्रकार के मदों
में
कितनी-कितनी
राशि प्राप्त
हुई एवं भोपाल
सेन्टर में
मरीजों से
कितनी राशि
प्राप्त हुई? इसकी
वर्षवार
पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध कराएं।
(ड.) प्रश्नकर्ता
के अता.
प्रश्न क्र. 556, दिनांक 28.07.2025 में प्रश्नांश (घ) के उत्तर में
शासकीय
होम्योपैथी
स्वास्थ्य
कल्याण केन्द्र
भोपाल में 8 योगा सेशन
चलाया जाना
बताया गया था, इन संचालित
सभी आठों योगा
सेशन में
कितने-कितने
मरीज सुविधा
का लाभ लेने
हेतु आये? विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध कराएं।
आयुष
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ''अनुसार। (ख) शासकीय
होम्योपैथी
चिकित्सा
महाविद्यालय एवं
चिकित्सालय
भोपाल में
संचालित
वेलनेस सेंटर
में योग एवं
प्राकृतिक
चिकित्सा के
साथ-साथ
होम्योपैथिक
चिकित्सा से
उपचार किया
जाता है, जो अन्य
सेंटर की पैथी
से भिन्न है। (ग)
500 मीटर की
परिधि में
होम्योपैथी
के दो वेलनेस
सेंटर
संचालित नहीं
है। अतः एक
होम्योपैथी
एवं एक आयुर्वेद
पैथी का
वेलनेस सेंटर
संचालित है। दोनों
की चिकित्सा
परिचर्या
विधि में अंतर
होने के कारण
अन्यत्र
स्थानांतरित
करने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) केन्द्रीय
योग एवं
प्राकृतिक
चिकित्सा अनुसंधान
परिषद से वर्ष
2018 से 2020 तक किसी भी
प्रकार के मद
में कोई भी
राशि
महाविद्यालय
को प्राप्त
नहीं हुई है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ड.) जी
हाँ। सभी आठों
योगा सेंशस के
मरीजों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
श्रमिकों
की योजनाओं का
लाभ
[श्रम]
146.
( क्र. 572 ) श्री विष्णु
खत्री : क्या श्रम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बैरसिया
विधानसभा के
असंगठित
क्षेत्र के श्रमिकों
को कौन-कौन सी
योजनाओं का
लाभ मिल पा रहा
है? (ख) असंगठित
क्षेत्र के
श्रमिकों के
लिये संचालित
शासन की
योजनाओं से
बैरसिया
विधान सभा के
कितने श्रमिक
लाभान्वित हो
रहे है?
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) असंगठित
क्षेत्र के
श्रमिकों
हेतु श्रम विभाग
अंतर्गत
म.प्र.
असंगठित शहरी
एवं ग्रामीण कर्मकार
कल्याण मंडल
द्वारा
मुख्यमंत्री
जनकल्याण (संबल
2.0)
योजना
संचालित है। इसी
प्रकार मध्यप्रदेश
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
मंडल अंतर्गत
संपूर्ण मध्यप्रदेश
के पंजीकृत
निर्माण
श्रमिकों
हेतु 25
कल्याणकारी
योजनाएं
संचालित है। उक्त
योजनाओं का
लाभ बैरसिया
विधानसभा के
असंगठित
क्षेत्र के
पंजीकृत
निर्माण
श्रमिकों को भी
उपलब्ध
कराया जा रहा
है। योजनाओं
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ एवं
ब अनुसार है। (ख) बैरसिया
विधानसभा
क्षेत्र में
असंगठित क्षेत्र
के कुल 45,387 श्रमिक
मुख्यमंत्री
जनकल्याण (संबल
2.0)
योजनातंर्गत
पंजीकृत है
तथा मध्यप्रदेश
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
मंडल अंतर्गत 18,965 निर्माण
श्रमिक
पंजीकृत है। जो
कि पात्रता
अनुसार
योजनातंर्गत
लाभांवित
होते है।
मार्गों
का निर्माण
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
147.
( क्र. 575 ) श्री बृज
बिहारी
पटैरिया : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सागर
जिले की
विधानसभा देवरी
अंतर्गत
ग्रामीण
विकास की
विभिन्न
योजनाओं
द्वारा
निर्मित
ग्रामीण
मार्ग जो 10 लाख की
लागत से कम की
कौन-कौन सी
सड़क स्वीकृति
हेतु लंबित है, क्या
चालू वित्तीय
वर्ष में स्वीकृत
करा दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? विवरण
ग्रामवार, सड़क के
नाम, लंबाई, लागत सहित
जानकारी
प्रदान कराये? (ख) क्या
देवरी
विधानसभा की 10 लाख रू. से
अधिक की लागत
की सड़कें विभागीय
दस्तावेजी
त्रुटियों/कमियों
के कारण स्वीकृत
नहीं हो पाई
है? क्या
उन सड़कों को
भी चालू वित्तीय
वर्ष में स्वीकृत
करा दिया
जावेगा? ग्रामवार
सड़कों के नाम
लंबाई ग्राम
के नाम एवं
अनु. लागत
सहित जानकारी प्रदाय
करायें। (ग) विधानसभा
क्षेत्र के
जिन ग्रामों
में सामुदायिक
भवन नहीं है
एवं ग्राम
पंचायत जो
भवनविहीन है
उन्हें कब तक
भवन उपलब्ध
करा दिये
जायेगें? समय-सीमा
बतायें यदि
नहीं, तो
क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) सागर
जिले की देवरी
विधानसभा
अंतर्गत
ग्रामीण
विकास की
विभिन्न
योजनाओं
द्वारा 10 लाख से कम
लागत की
स्वीकृति
हेतु लंबित सड़कों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। म.प्र.रा.रो.गां
परिषद भोपाल
के पत्र
क्रमांक 844/ एमजी एनआरईजीएस
एमपी/2025
भोपाल दिनाक 27.05.2025 के माध्यम
से निर्देश
दिये गये है, अत: भारत
सरकार द्वारा
जारी किये गये
मार्गदर्शी
दिशा-निर्देश
के प्रकाश में
परिषद के पत्र
क्रमांक 844 दिनांक 27.05.2025 से सुदूर
सपर्क/खेत
सड़क नवीन
कार्य नहीं
लिये जा रहे
है। जाबकार्डधारियों
द्वारा
रोजगार की
मांग होने पर
प्रगतिरत
कार्यों में
उपलब्ध मानव
दिवस तथा
रोजगार दिये
जाने हेतु
आवश्यक मानव
दिवस को देखते
हुये नवीन
कार्य ग्राम पंचायत
द्वारा
प्रारंभ किये
जाते है। मुख्यमंत्री
अधोसंरचना मद
में पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग
के आदेश
क्रमांक एफ-2/1/2/0011/2025/वि-5/22/स्था.
भोपाल दिनांक 08.08.2025पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-ब
अनुसार है ''योजनांतर्गत
न्यूनतम
रूपये 10.00 लाख या
उससे अधिक के
कार्य
स्वीकृत किये
जावें,'' इस प्रकार
के निर्देश है।
पंचायतराज
अंतर्गत बजट
की उपलब्धता
के आधार पर स्वीकृति
की जाती है। शेष
प्रश्न
उत्पन्न नहीं होता
है। (ख) देवरी
विधानसभा
अंतर्गत इस
प्रकार की
स्थिति
निर्मित नहीं
है। उक्त
अनुसार शेष
प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता है। (ग) सागर
जिले की देवरी
विधानसभा
क्षेत्र जनपद
पंचायत देवरी
एवं केसली
अंतर्गत 69 ग्राम
पचायतें
सामुदायिक
भवन विहीन है।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-स
अनुसार है। पचायत
भवन विहीन
ग्राम
पंचायते जनपद
पंचायत देवरी
की 3
विस्थापित
ग्राम
पंचायतें भवन
विहीन है। जनपद
पंचायत केसली
अंतर्गत 10 ग्राम
पचायतें
पंचायत भवन
विहीन थी
जिनमें पचायत
भवन म.प्र.
शासन पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग
के पत्र क्रमांक/प.रा/निर्माण-56/2025/9599 भोपाल
दिनाक 30.05.2025 के माध्यम
से राशि 37.50 लाख के मान
से स्वीकृत
किये जाकर
प्रथम किस्त
राशि 18.75
लाख ग्राम
पचायतों के
खातों में
प्रदाय की जा
चुकी है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'द' अनुसार है। सामुदायिक
भवन एवं पंचायत
भवन निर्माण
के लिए बजट की
उलब्धता के आधार
पर कार्य
स्वीकृत किये
जाते है, समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
प्रभारी
प्राचार्य को
निलंबित करने
[उच्च
शिक्षा]
148.
( क्र. 576 ) श्री बृज
बिहारी
पटैरिया : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या शासकीय
आदर्श कन्या
महाविद्यालय
श्योपुर के
प्रभारी
प्राचार्य
एवं आग्रणी महाविद्यालय
श्योपुर के
प्राचार्य के
विरूद्ध विधि
महाविद्यालय
की महिला
प्राध्यापक
के द्वारा जून
2025 में
शिकायत की गई
थी, क्या कलेक्टर, पुलिस
अधीक्षक एवं
महिला थाना श्योपुर
में शिकायत की
गई थी? यदि
हाँ, तो
प्रति देवें। (ख)
क्या
शिकायतकर्ता
द्वारा अपर
मुख्य सचिव उच्च
शिक्षा को भी
शिकायत की गई
थी?
हाँ तो शिकायत
के आधार पर
उच्च स्तरीय
कमेटी
प्राचार्य
गीताजंलि महाविद्यालय भोपाल की
अध्यक्षता
में जांच कराई
गई एवं शिकायत
के तथ्य
प्रमाणित
पाये गये यदि
हाँ, तो
प्रभारी
प्राचार्य श्योपुर
एवं सहयोगी को
निलंबित किया
जाकर पुलिस
में प्रकरण
पंजीबद्ध
कराये जाने की
कार्यवाही कब
तक कर दी
जावेगी? यदि हाँ, तो
समय-सीमा
बतायें एवं
आदेश की प्रति
देवें। क्या
प्रभारी
प्राचार्य की
आर्थिक
अनियमितताओं
एवं महिला
प्राध्यापकों
की प्रताड़ना
की और भी
पूर्व में
शिकायतें
लंबित है उन
पर की गई
कार्यवाही का
विवरण देवें। (ग) शासकीय
पी.जी.
महाविद्यालय
श्योपुर के
तत्कालीन
प्रभारी
प्राचार्य के
द्वारा विगत 09 वर्षों
में मेसर्स
विश्वास
सेल्स एवं
सर्विसेज से
खरीदी कब-कब
की गई? विवरण
देवें एवं
सामग्री क्रय
हेतु किन-किन
सप्लायरों
को कब-कब
कार्यादेश
दिये गये
विवरण देवें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
हॉं। शिकायत
की प्रति पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार
है। (ख) जी हॉं। जी
हॉं। जांच
समिति की
अनुशंसा
अनुसार
प्रभारी
प्राचार्य का
स्थानांतरण
किया गया है।
जी हॉं।
प्रभारी प्राचार्य
को कारण बताओ
सूचना पत्र
जारी किया गया
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
ग्रामीण
क्षेत्रों
में विकास
योजनाओं का
सुचारू
संचालन
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
149.
( क्र. 582 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश में
ग्रामीण
विकास
योजनाओं एवं मनरेगा
कार्यों के
क्रियान्वयन
में
अनियमितता की
शिकायतें
लगातार मिल रही
हैं? मुरैना
विधानसभा
क्षेत्र की कई
ग्राम पंचायतों
में अधूरे
निर्माण
कार्य एवं
भुगतान लंबित
हैं? क्या
शासन इस पर
कोई
कार्यवाही
करेगा? (ख) मुरैना
जिले में वर्ष
2024-25 में कितने
मनरेगा कार्य
स्वीकृत हुए
और उनमें से
कितने पूर्ण
हुए हैं? (ग) ग्राम
पंचायतों को
आवंटित राशि
में से कितनी धनराशि
खर्च की गई है
तथा कितनी
लंबित है? (घ) अधूरे
निर्माण
कार्यों की
जांच या ऑडिट
कब तक पूर्ण
होने की
संभावना है? शासन
पारदर्शिता
सुनिश्चित
करने हेतु क्या
नई तकनीकी या
मॉनिटरिंग
प्रणाली लागू
करने जा रहा
है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ। भारत
सरकार द्वारा
मजदूरी की
राशि सीधे
जॉबकार्डधारियों
के खातों में
उपलब्ध
करायी जाती है
एवं सामग्री
मद में भारत
सरकार से
समय-समय पर
प्राप्त
राशि के आधार
पर जिलों
द्वारा राशि
व्यय की जाती
है यह एक सतत्
प्रक्रिया है।
(ख) मुरैना
जिले में वर्ष
2024-25 में
मनरेगा
योजनांतर्गत
कुल 4623
कार्य स्वीकृत
हुये उनमें से
1331 कार्य
पूर्ण हुए है।
(ग) जिला
मुरैना में
आने वाली
ग्राम
पंचायतों में
वर्ष 2024-25
के स्वीकृत
कार्यों पर
राशि रू. 22114.97 लाख धन
राशि खर्च की
गई एवं राशि
रू. 1593.71
लाख धन राशि
लंबित है। (घ) अपूर्ण
निर्माण
कार्यों की
समय-समय पर
जिला एवं जनपद
स्तरीय
तकनीकी अमले
के द्वारा जांच
की जाती है। वित्तीय
वर्ष में उक्त
कार्यों पर
किये गये आय-व्यय
के संबंध में
सी.ए. ऑडिट एवं
समय-समय पर
सामाजिक
अंकेक्षण के
द्वारा उक्त
कार्यों का
ऑडिट भी किया
जाता है। मनरेगा
अंतर्गत
पारदर्शिता
सुनिश्चित
करने हेतु
ई-भुगतान
प्रणाली लागू
की गई है, जो भारत
सरकार के
पोर्टल https://nrega.nic.in पर आमजन के
अवलोकन हेतु
उपलब्ध है।
कार्यों की
मॉनिटरिंग
हेतु एरिया
ऑफिसर एप के
माध्यम से
जिला एवं जनपद
के
अधिकारियों
द्वारा भ्रमण
कर जानकारी
ऑनलाईन की
जाती है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
किसानों
को खाद की
आपूर्ति
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
150.
( क्र. 583 ) श्री दिनेश
गुर्जर : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मुरैना जिले
में डीएपी एवं
यूरिया की कमी
के कारण
किसानों को
टोकन प्रणाली
से खाद दी जा रही
है और कई
केंद्रों पर
वितरण में
अनियमितताएं
हुई है? (ख) मुरैना
जिले में
वर्तमान रबी
सत्र हेतु
आवश्यक
डीएपी एवं
यूरिया की
मांग के
विरूद्ध अब तक
कितनी
आपूर्ति की गई
है? (ग) क्या
शासन ने
केंद्र सरकार
या संबंधित
एजेंसियों से
अतिरिक्त
खाद आवंटन
हेतु कोई मांग
या प्रस्ताव
भेजा है? यदि हाँ, तो उसकी
वर्तमान
स्थिति क्या
है? (घ) नैनों
यूरिया खाद के
वितरण से
किसानों को हो
रही असुविधा
एवं भ्रम को
दूर करने हेतु
क्या
प्रशिक्षण या
जागरूकता
कार्यक्रम
चलाने का
प्रस्ताव है?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी, नहीं। (ख) मुरैना
जिले में
वर्तमान रबी
सत्र हेतु
आवश्यक
डीएपी+एनपीके 43,500 मीट्रिक
टन एवं यूरिया
की 49,000
मीट्रिक टन
अनुमानित
आवश्यकता के
विरूद्ध
डीएपी+एनपीके 20,504 मीट्रिक
टन एवं यूरिया
24,987 मीट्रिक
टन की आपूर्ति
कराई जा चुकी
है। उर्वरक की
आवश्यकतानुसार
पूर्ति करवाई
जा रही है। (ग) जी
हाँ, समय-समय
पर उर्वरक
उपलब्ध
कराने हेतु
भारत सरकार से
अनुरोध किया
गया है। भारत
सरकार द्वारा निरंतर
उर्वरक
आपूर्ति कराई
जा रही है। (घ) मुरैना
जिले में
विभागीय
मैदानी अमला
के माध्यम से
ग्रामीण
अंचलों में
विभागीय
योजनाओं में
कृषक प्रशिक्षण
एवं
संगोष्ठीयो
के माध्यम से
कृषकों को
नैनो यूरिया
एवं नैनो
डीएपी की
उपयोगिता के
बारे में
जागरूक किया
जा रहा है।
आयुष
चिकित्सा
पद्धति के
कार्य
[आयुष]
151.
( क्र. 586 ) डॉ. अभिलाष
पाण्डेय : क्या आयुष
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राष्ट्रीय
आयुष मिशन (NAM) के
अंतर्गत
मध्यप्रदेश
में आयुष
चिकित्सा पद्धति
को मुख्यधारा
में लाने हेतु
क्या-क्या कार्य
किए जा रहे
हैं? (ख) मध्यप्रदेश
में राज्य
आयुष मिशन
सोसायटी तथा
जिला आयुष
सोसायटी के
गठन से आयुष
चिकित्सा सेवाओं
की संस्थागत
क्षमता में
किस प्रकार
वृद्धि हुई है? (ग) राष्ट्रीय
आयुष मिशन के
अंतर्गत
मध्यप्रदेश
में आयुष
चिकित्सा एवं
शैक्षणिक
संस्थाओं के
उन्नयन हेतु
किन योजनाओं
एवं
कार्यक्रमों
का संचालन
किया जा रहा
है? (घ) मध्यप्रदेश
द्वारा तैयार
की गई राज्य
वार्षिक
कार्ययोजना को
भारत सरकार की
स्वीकृति
प्राप्त कर
राष्ट्रीय
आयुष मिशन के
प्रभावी
क्रियान्वयन
के लिए किन
प्रमुख
क्षेत्रों
में कार्य
किया जा रहा
है?
आयुष
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) एवं (घ)
जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार।
नवीन
पाठ्यक्रमों
का संचालन
[तकनीकी
शिक्षा, कौशल
विकास एवं
रोजगार (केवल
तकनीकी
शिक्षा) ]
152.
( क्र. 587 ) डॉ. अभिलाष
पाण्डेय : क्या
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
के शासकीय
इंजीनियरिंग
एवं पॉलीटेक्निक
महाविद्यालयों
में नवीन
तकनीकी विषयों
जैसे—आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस, ड्रोन
टेक्नोलॉजी
एवं
इलेक्ट्रिक
व्हीकल
टेक्नोलॉजी—के
पाठ्यक्रम
प्रारंभ करने
हेतु क्या कदम
उठाए गए हैं तथा
जबलपुर उत्तर
विधानसभा
क्षेत्र के
संस्थानों
में इनका
क्रियान्वयन
किस स्थिति
में है? (ख) प्रदेश
के किन-किन
तकनीकी
महाविद्यालयों
में ये नवीन
तकनीकी विषय
प्रारंभ किए गए
हैं अथवा किये
जाने का प्रस्तावित
हैं? जबलपुर
जिले के
पॉलीटेक्निक
या
इंजीनियरिंग
कॉलेजों में
इन विषयों की
शुरुआत हेतु
क्या प्रयास
किए गए हैं? (ग) इन
विषयों से
संबंधित
प्रशिक्षण के
लिए विद्यार्थियों
को क्या
सुविधाएँ और
उपकरण उपलब्ध
कराए गए हैं
अथवा उपलब्ध
कराये
जायेंगे? (घ) भविष्य
में महाकौशल
के केन्द्र
बिंदु जबलपुर
को तकनीकी
शिक्षा का
क्षेत्रीय हब
बनाने के लिए
शासन की क्या
योजना है?
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) स्वशासी
जबलपुर
इंजीनियरिंग
महाविद्यालय, जबलपुर में
शैक्षणिक
वर्ष 2021 से 02 बी.टेक.
पाठ्यक्रम
यथा
आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस
एंड डाटा
साइंस एवं
मेकाट्रॉनिक्स
इंजीनियरिंग
संचालित है। जबलपुर
उत्तर
विधानसभा
क्षेत्र
स्थित स्वशासी
कलानिकेतन
पॉलिटेक्निक
महाविद्यालय, जबलपुर
में प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
पाठ्यक्रम
संचालित नहीं
है। (ख) नवीन
तकनीकी विषय
संचालित करने
वाली संस्थाओं
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। शेष
शासकीय/स्वशासी
इंजीनियिरंग/पॉलीटेक्निक
महाविद्यालयों
में यह नवीन
तकनीकी विषय
प्रारंभ किये
जाने का
वर्तमान में
प्रस्ताव
नहीं है। स्वशासी
जबलपुर
इंजीनियरिंग
महाविद्यालय, जबलपुर
में शैक्षणिक
वर्ष 2021 से 02 बी.टेक.
पाठ्यक्रम
यथा
आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस
एंड डाटा
साइंस एवं
मेकाट्रॉनिक्स
इंजीनियरिंग
संचालित है। (ग)
प्रशिक्षण
की आवश्यकताओं
यथा
सुविधा/उपकरण
प्रत्येक
महाविद्यालय
अखिल भारतीय तकनीकी
शिक्षा
परिषद्, नई दिल्ली
के मानकों के
अनुरूप
पाठ्यक्रम के
अनुसार प्रदान
करता है। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) वर्तमान
में इस प्रकार
की योजना का
प्रस्ताव
नहीं है।
स्टॉफ
की नियुक्ति
[उच्च
शिक्षा]
153.
( क्र. 590 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
उपाध्यक्ष, एनएसयूआई
का पत्र
क्रमांक 002 एवं 004 दिनांक 04.11.2025 जो सीएस, एसीएस उच्च
शिक्षा एवं
आयुक्त उच्च
शिक्षा को
संबोधित है
एवं राष्ट्रीय
प्रवक्ता, एनएसयूआई
का पत्र जो
एसीएस उच्च
शिक्षा को
ईमेल पर 04.11.25 को दोपहर 01.46 पर भेजा
गया है, दोनों
पत्रों पर कब
और क्या
कार्यवाही, किस-किस के
द्वारा की गई? कृत
कार्यवाही से
संबंधित को
अवगत कराया
गया है कि यदि
हाँ, तो
पत्र की प्रति
दें। यदि नहीं, तो
संबंधितों के
विरूद्ध
कार्यवाही
करते हुये कब
तक जानकारी
प्रेषित की
जायेगी? पत्रों की
प्रति एवं एकल
नस्ती प्रति
एवं आदेश
निर्देशों की
प्रति सहित बतायें।
(ख) समस्त
शासकीय एवं
निजी विश्वविद्यालय
के कुलगुरूओं
के नाम, नियुक्ति
पत्र, शैक्षणिक
स्टॉफ के नाम
एवं पदनाम
सहित गौशवारा
बनाकर विश्वविद्यालयवार, पृथक-पृथक
बतायें। (ग) समस्त
शासकीय विश्वविद्यालय
से कितने
महाविद्यालय
संबंद्धता
प्राप्त है? महाविद्यालयों
के नाम, पते, संकाय, स्टॉफ की
जानकारी सहित
बतायें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) पत्र
क्रमांक 02 दिनांक 04-11-2025 द्वारा
प्राप्त 08
महाविद्यालयों
से संबंधित
शिकायत पर
कार्यवाही कर
कृत
कार्यवाही से
अवगत कराये
जाने हेतु
आयुक्त, लोक स्वास्थ्य
एवं चिकित्सा
शिक्षा एवं
रजिस्ट्रार, मध्यप्रदेश
नर्सेस रजिस्ट्रेशन
कॉउसिंल
भोपाल को पत्र
दिनांक 10-11-2025 द्वारा
अनुरोध किया
गया है। पत्र
क्रमांक 004 दिनांक 04-11-2025 पर
कार्यवाही
प्रचलन में है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
अनियमितता
पर कार्यवाही
[श्रम]
154.
( क्र. 591 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या श्रम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
संबल योजना
में सिंगल
क्लिक से 45 करोड़ गलत
खाते में गये
है? गलत
भुगतान पर
विभाग ने
एमपीएसईडीसी
विभाग के
विरूद्ध
सायबर अपराध, अमानत में
खयानत का
प्रकरण
पंजीबद्ध
क्यों नहीं
कराया? गलत राशि
स्थानांतरित
होने पर
शत-प्रतिशत वसूली
नहीं होने पर
श्रम विभाग के
जिम्मेदारों पर
प्रश्न
दिनांक तक
कार्यवाही
क्यों नहीं की
गई? (ख) संबल
योजना
अनुग्रह
सहायता ईपीओ
क्र. 158349
आदेश दिनांक 28/07/25 मांगीलाल, दो लाख एवं
ईपीओक्र. 99674 दिनांक 11/02/2025 लेखराज, चार लाख
अप्राप्त है। विलंब
एवं भुगतान
नहीं होने से
संबंधित जिम्मेदारों
पर कब तक
कार्यवाही की
जाकर भुगतान
कर दिया
जायेगा, समयावधि
बताये। (ग) 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
भोपाल रायसेन
एवं इंदौर
जिला अन्तर्गत
कितनी
एजेन्सियों
ने श्रम विभाग
में नवीन
पंजीयन कराया, समस्त
दस्तावेज
सहित संपूर्ण
जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में
कितनी
कंपनियों ने
कब,
कितना भुगतान
श्रम विभाग को
किस मद किया? उस
एजेन्सी का
नाम, पता, सहित
संपूर्ण
जानकारी दें। विभाग
अन्तर्गत, वन विभाग
में कौन सी
संपत्ति क्रय
की है उसकी
रजिस्ट्री की
प्रति दें।
श्रम
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
नहीं। योजनांतर्गत
रिप्रोसेस के
प्रकरणों में MPSEDC द्वारा दी
गई जानकारी
अनुसार
प्रोग्रामिंग
त्रुटि के
कारण MPSEDC के
ही एक
कर्मचारी के
खाते में राशि
रू.32.86
करोड स्थानांतरित
हुये थे परन्तु
उसी दिन योजना
के नोडल बैंक
खाते में वापस
प्राप्त हो
गये। दिनांक 02-05-2024 को MPSEDC द्वारा दी
गई जानकारी
अनुसार 572 प्रकरणों
में राशि रू.12.52 करोड़ संबल
योजना के अन्य
श्रमिकों के
खाते में गये
थे, MPSEDC द्वारा
किये गये
परीक्षण
अनुसार उक्त
त्रुटि
प्रोग्रामिंग
संबंधी थी, जिसे
सुधार लिया
गया है। उक्त
राशि रू. 12.52 करोड़ में
से राशि रू 113183940/- वसूली/
समायोजन किया
जा चुका है। शेष
वसूली की
कार्यवाही
निरंतरित रूप
से जिला कलेक्टरों
के माध्यम से
प्रचलित है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) मुख्यमंत्री
जनकल्याण
संबल
योजनांतर्गत
अनुग्रह
सहायता हेतु पंजीकृत
मृतक श्रमिक
मांगीलाल
सिंह (196791567) की
मृत्यु
दिनांक 18/06/2025 के प्रकरण
में ईपीओ क्र.158349 दिनांक 28/07/2025 जारी है, इसी
प्रकार
पंजीकृत मृतक
श्रमिक
लेखराज हरिजन
(126900105)
की मृत्यु
दिनांक 18/01/2025 के प्रकरण
में ईपीओ क्र. 99674 दिनांक 11/02/2025 को जारी है, योजनांतर्गत
अंतिम सिंगल
क्लिक
कार्यक्रम दिनांक
09/09/2025 को किया
गया था, जिसमें
बजट उपलब्धता
अनुसार
दिनांक 28/12/2024 तक की मृत्यु
के स्वीकृत/डिजिटल
हस्ताक्षरित
प्रकरणों में
मृत्यु
दिनांक के
क्रमानुक्रम
में भुगतान
किया गया है। स्वीकृत
अनुग्रह
सहायता
प्रकरणों में
भुगतान एक सतत
प्रक्रिया है, योजनांतर्गत
प्रत्येक
सिंगल क्लिक
कार्यक्रम
में स्वीकृत/डिजिटल
हस्ताक्षरित
प्रकरणों में
भुगतान मृत्यु
दिनांक के
क्रमानुक्रम
में बजट उपलब्धता
अनुसार किया
जाता है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
श्रम विभाग अंतर्गत
पंजीयन की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। पंजीकृत
स्थापनाओं/संस्थानों
की संपूर्ण
जानकारी श्रम
विभागीय पोर्टल https://labour.mponline.gov.in पर ''श्रम
आयुक्त
संगठन'' के
अंतर्गत ''Old/New
Portal Application search facilities" पर
सार्वजनिक
रूप से उपलब्ध
है। उक्त
जानकारी वृहद
स्वरूप की
होने के कारण
पोर्टल पर
सार्वजनिक
रूप से उपलब्ध
करायी गयी है।
(घ) श्रम
विभाग
अंतर्गत उक्त
सभी पंजीयन पद्धति
से किए जाते
हैं। एम.पी. ऑनलाईन
द्वारा
पेमेंट गेटवे 01/01/2022 से लागू
किये जाने से 01/01/2022 से प्रश्न
दिनांक तक
पंजीयन से प्राप्त
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। म.प्र.
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
मंडल के
कार्यालय भवन
हेतु वन विभाग
के तुलसी नगर, भोपाल
स्थित वन भवन
के ई-ब्लॉक
के प्रथम तल
पर आवंटित स्थान
क्रय किया गया, जिसकी
रजिस्ट्री
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-स
अनुसार है। वर्तमान
में म.प्र.
शासन, वन
विभाग के आदेश
क्रमांक एफ 2/1/26/0002/2025/10-2 दिनांक 07/05/2025 के द्वारा
मंडल के उक्त
स्थान का
आवंटन निरस्त
कर दिया गया
है।
गोहद
में पीडीएस
संचालित स्व-सहायता
समूहों की
जानकारी
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
155.
( क्र. 618 ) श्री केशव
देसाई : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
क्षेत्र गोहद
में ऐसे कितने
स्व-सहायता
समूह है, जो एक से
अधिक पीडीएस
दुकानें संचालित
कर रहे है? सूची
उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
उक्त समूहों
के सदस्यों के
नाम, एवं
समूह के
पंजीयन के समय
लगाये गये
दस्तावेजों
की
छायाप्रतियां
उपलब्ध
करायें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
एक से अधिक
पीडीएस
दुकानें
संचालित करने
वाले स्व-सहायता
समूह की संख्या
06 है, जो पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ब' अनुसार है।
खेल
मैदान हेतु
भूमि आरक्षण
[पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास]
156.
( क्र. 647 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
तारांकित
प्रश्न क्र. 391 दिनांक 10 जुलाई, 2023
उत्तरांश (ख) में
बताया है "कि
जिला प्रशासन
द्वारा 33 खेल मैदान
हेतु भूमि
आरक्षण के
संबंध में आवश्यक
कार्यवाही
प्रचलन में
हैं"? (ख) क्या
भूमि आरक्षित
कर ली गई है? (ग) यदि
हां, तो
कहां-कहां
आरक्षित की गई
हैं? जानकारी
देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) के
अंतर्गत यदि
नहीं, तो
क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी
हाँ। (ख) भूमि
आरक्षण की
कार्यवाही
कलेक्टर
द्वारा आवेदन
प्राप्त
होने पर की
जाती है। (ग) यह
एक सतत्
प्रक्रिया है।
(घ) उत्तर
(ख) एवं (ग) के
परिप्रेक्ष्य
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
चयनित
चिकित्सकों
के अनुभव
प्रमाण-पत्र
[आयुष]
157.
( क्र. 759 ) श्री
विवेक विक्की
पटेल : क्या आयुष
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
आयुष अधिकारी
पद पर चयनित
डॉ. मनीषा
पाठक, डॉ.
सुरत्ना
चौहान, डॉ.
नरेंद्र
कुमार पटेल, डॉ.
गिरिराज बाथम
एवं डॉ. निधि
गुप्ता
वर्तमान में
किस पद पर
कार्यरत हैं? क्या
चयनित
अभ्यर्थियों
के
दस्तावेज़ों
के सत्यापन
हेतु गठित
समिति ने इन
पाँचों
अधिकारियों
के अनुभव
प्रमाण पत्र
म.प्र. लोक सेवा
आयोग की
विज्ञापन
शर्तों के
अनुरूप नहीं
पाए थे? यदि हां, तो समिति
की रिपोर्ट
एवं संबंधित
संस्था का पत्र
उपलब्ध कराया
जाए। (ख) क्या
आयोग के
विज्ञापन
दिनांक 31.03.2015 में जिला
आयुष अधिकारी
हेतु न्यूनतम
पाँच वर्ष का
नियमित अनुभव
अनिवार्य था, जबकि
सत्यापन
समिति ने चार
चयनित
उम्मीदवारों
के अनुभव
प्रमाण-पत्र
संविदा
आधारित पाए और
एक प्रमाण-पत्र
संबंधित
संस्था ने
अस्वीकार
किया? (ग) यदि विभाग
के अनुसार
उक्त अनुभव
प्रमाण-पत्र
नियम अनुसार
हैं, तो
क्या समिति की
रिपोर्ट और
संस्था का
जवाब गलत था? यदि नहीं, तो अपात्र
अभ्यर्थियों
की सेवाएं
क्यों जारी
रखी गईं तथा क्या
सरकार ऐसे
अधिकारियों
को सेवा से अलग
कर उनसे
प्राप्त वेतन
एवं सुविधाओं
की वसूली
करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बताएं?
आयुष
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार। शासन स्तर
से गठित समिति
द्वारा
विज्ञापन की
शर्तों के
अनुरूप अनुभव
होने से। (ख) जी
नहीं। उत्तरांश
(क) अनुसार। (ग) जी
हाँ। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अनियमितता
पर कार्यवाही
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
158.
( क्र. 851 ) श्री बाला
बच्चन : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
श्री राकेश
पनिका, तत्कालीन
प्रभारी सचिव
को कृषि उपज
मण्डी उमरिया
एवं कटनी
कार्यालय की
अनियमितताओं
के लिए आरोप
पत्र जारी किए
गए? यदि
हाँ, तो
आरोप पत्रों
के जो उत्तर
दिए गए, उनकी
प्रति उपलब्ध
करावें तथा
श्री पनिका को
बहाल करते हुए
क्या विभागीय
जाँच संस्थित
की गई? (ख) प्रश्नांश
(क) यदि हाँ, तो
जाँचकर्ता अधिकारी
एवं
प्रस्तुतकर्ता
अधिकारी
किसको नियुक्त
किया गया, आदेशों की
प्रति दें।
यदि नहीं, किया तो कब
तक करेंगे और
अब तक नहीं करने के
लिए कौन
अधिकारी/कर्मचारी
उत्तरदायी है? (ग) कृषि
उपज मण्डी
उमरिया में
महुआ फूल एवं
अन्य वनोपज पर
मंडी फीस
अपवंचन की
शिकायत जांच
में दोषी पाये
गये मंडी
सचिव/प्रभारी
मंडी सचिवों
के विरूद्ध
आरोप पत्र
जारी करने के
लिए क्या उप संचालक
मंडी बोर्ड
आंचलिक
कार्यालय
रीवा से आरोप
पत्र दिनांक 19.05.2025 से चाहे
गये थे? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो आरोप
पत्र के
प्रारूप
प्राप्त होने
के बाद संबंधितों
को आरोप पत्र
जारी किए गए
अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक
जारी कर दिये
जायेंगे और अब
तक जारी न
करने के क्या
कारण हैं?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-एक अनुसार है।
श्री
पनिका को
निलंबन से
बहाल करते
हुये आदेश क्रमांक-1440-1441 दिनाक 13.11.2025 से
विभागीय जांच
संस्थित की गई।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-दो अनुसार है।
(ग) दिनांक
20.05.2025 एवं
दिनांक 21.05.2025 को जारी
ज्ञाप से आरोप
पत्र चाहे गये
थे। (घ) जी हाँ। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
अनियमितताओं
की जांच एवं
कार्यवाही
[किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास]
159.
( क्र. 987 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जनवरी, 2023 से प्रश्न
दिनांक तक
मंडीबोर्ड के
सेवानिवृत्त
संयुक्त
संचालक श्री
एच.आर. लारिया
के विभिन्न
पदस्थापना
स्थलों की प्राप्त
शिकायतों का
विवरण, शिकायतकर्ता
का नाम, शिकायत का
विषय, जांचकर्ता
अधिकारी के
नाम का उल्लेख
करते हुए
शिकायत की
प्रति एवं
जांच
प्रतिवेदन
शिकायतवार, कार्यवाहीवार
विवरण दें। (ख) प्रश्नांश
(क) से
संबंधित
शिकायतों में
से कौन-कौन सी
शिकायतें
प्रमाणित
पायी गयी? प्रमाणित
शिकायतों पर
आगे जो भी
कार्यवाही की
गई, उससे
संबंधित जारी
आरोप पत्र, कारणदर्शी
सूचना पत्र की
प्रति उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क),
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में उक्त
संयुक्त
संचालक की परिवहन
विभाग की सेवा
को पेंशन हेतु
जोड़ने संबंधी
अपर संचालक (वित्त)
के अवैधानिक
प्रस्ताव को
मानकर संचालक
मण्डल से
मान्यता देने
संबंधी
अवैधानिक
कार्रवाई को
लेकर कटनी के
प्रथम महापौर
श्री मिश्र द्वारा
कब-कब
शिकायतें की
गई एवं उन पर
अब तक क्या
कार्रवाई की
गई? क्या
उक्त
शिकायतों का
परीक्षण कर
अवैधानिक निर्णय
को अपास्त
किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण
बतावें। (घ) प्रश्नांश
(क) के
संयुक्त
संचालक के
विरुद्ध
अनेकों
विभागीय जांच
प्रचलित होने
के बाद भी
दिनांक 01-07-25 की स्थिति
में काल्पनिक
वेतन वृद्धि
केवल पेंशन
निर्धारण की
गणना के लिए
आदेश दिनांक 28-08-25 से क्यों
स्वीकृत की गई
है जबकि
विभागीय जांच
प्रचलित रहते
वेतनवृद्धि
की पात्रता ही
नहीं होती है।
(ड.) प्रश्नांश
(क),
(ख), (ग), (घ) के
परिप्रेक्ष्य
में उच्च
स्तरीय जांच
कमेटी गठित कर
निष्पक्ष
जांच समयावधि
में कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो
क्यों, कारण
बतावें।
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब अनुसार है।
(ग) श्री
लारिया, संयुक्त
संचालक मण्डी
बोर्ड की
म.प्र. राज्य
सड़क परिवहन
निगम की सेवा
अवधि को केवल
पेंशन
प्रयोजन हेतु
मान्य किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-स अनुसार है।
उक्त
के संबंध
में कटनी के
प्रथम महापौर
श्री विजेन्द्र
मिश्र द्वारा
की गई शिकायत
मंडी बोर्ड में
दिनांक 04.11.25 को
प्राप्त हुई
हैं। म.प्र.
शासन के
निर्देशों के
अनुक्रम में
मण्डी बोर्ड
संचालक मंडल
की बैठक के
निर्णय
अनुसार
कार्यवाही
होने से शेष
प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है। (घ) जी
हाँ।
प्रकरणों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-द अनुसार
है। संयुक्त
संचालक को ''मूलभूत
नियम 24” के
अंतर्गत
म.प्र. शासन
वित्त विभाग
के परिपत्र
क्रमांक एफ 8-1/2024/नियम/चार
दिनांक 18 नवम्बर
2024 के
निर्देशानुसार
सेवानिवृत्ति
उपरांत दिनांक
01.07.2025 की
स्थिति में
काल्पनिक
वेतनवृद्धि
केवल पेंशन के
निर्धारण की गणना
के लिये स्वीकृत
की गई है।
शासन के
नियमानुसार
कार्यवाही
होने से शेष
प्रश्न
उद्भूत नहीं होता
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-स अनुसार
है। (ड.) प्रश्नांश
(क), (ख), (ग), (घ) के
परिप्रेक्ष्य
में शिकायतों
एवं विभागीय
जांच के
प्रकरणों में
जांच
कार्यवाही
प्रचलित होने
से शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता।
राज्य
प्रशासनिक
सेवा की
पदस्थापना
[उच्च
शिक्षा]
160.
( क्र. 998 ) श्री बृज
बिहारी
पटैरिया : क्या उच्च
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कार्या.
आयुक्त उच्च
शिक्षा विभाग
में राष्ट्रीय
उच्चतर
शिक्षा
अभियान के अन्तर्गत
परियोजना
संचालक का पद
भारतीय
प्रशासनिक
सेवा से एवं अतिरिक्त
परियोजना
संचालक का पद
राज्य प्रशासनिक
सेवा से
पदस्थापना के
प्रावधान है।
यदि हां, तो
उच्च शिक्षा
विभाग में
लम्बे समय से
रिक्त अतिरिक्त
परियोजना
संचालक (राज्य
प्रशासनिक
सेवा) को कब तक
पदस्थ किया
जावेगा? नहीं
किये जाने का
कारण बताये। (ख) क्या विश्व
बैंक
परियोजना एवं
रूसा में
गुणवत्तापूर्ण
उच्च शिक्षा
हेतु केन्द्र
सरकार लम्बी
राशि का बजट
उपलब्ध कराती
है लेकिन
रिक्त
अतिरिक्त परियोजना
संचालक (राज्य
प्रशासनिक
सेवा) की पदस्थापना
नहीं होने से
विधिवत बजट का
उपयोग नहीं हो
पाने से उच्च
शिक्षा के
विभिन्न
महाविद्यालयों
को सुविधायें
समय पर नहीं
मिल पाती है।
इस पद पर कब से
कौन-कौन
अधिकारी विगत
वर्ष 2009 से
पदस्थ है।
नामवार पदवार
जानकारी
देवें।
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
हॉं। वर्तमान
में अतिरिक्त
परियोजना
संचालक का पद
रिक्त है। उक्त
पद पर पदस्थापना
हेतु संपूर्ण
अधिकार/प्रावधान
सामान्य
प्रशासन
विभाग को
विहित है। उक्त
पद के पदस्थापना
के संबंध में
समय-सीमा बताई
जाना संभव नहीं
है। (ख) रूसा
परियोजना
अंतर्गत केन्द्रांश
60% एवं राज्यांश
40% अनुदान के
रूप में राशि
प्राप्त
होती है। विश्व
बैंक वित्त
पोषित
परियोजना
अंतर्गत विश्व
बैंक द्वारा 70% एवं 30% राशि राज्य
सरकार द्वारा
बजट उपलब्ध
कराया जाता है।
जी नहीं। राज्य
परियोजना
संचालनालय का
गठन 10
अक्टूबर 2014 में हुआ है
अपर परियोजना
संचालक के पद
पर पदस्थ/प्रभारी
अधिकारियों
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
उत्पादकों
की जांच
[आयुष]
161.
( क्र. 1396 ) श्री
दिनेश जैन बोस
: क्या आयुष
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
क्युरविन
फार्मासुटिकल्स
प्रा.लि. 15 AKVN रंगवासा
तह.राउ जिला
इन्दौर
द्वारा अमानक
एवं नकली (स्यूरियम), खतरनाक
केमिकल युक्त
आयुर्वेदिक
औषधि EnerZy पाउडर
बनाकर खुले
बाजार में
विक्रय किया
जा रहा है। क्या
आयुष विभाग
में उच्च
स्तरीय जांच
व्यवस्था
नहीं होने के
कारण इस
कम्पनी द्वारा
आमजन के साथ
खिलवाड़ कर
जान को जोखिम
में डाला जा
रहा है? (ख) जानकारी
दें कि एनर्जी
पाउडर में
उत्पाद तत्व
लेबल अनुसार 1
डेक्सट्रोज (जिया
माया शूगर 17.50 ग्राम) 2. सुकोज (सेकरम
आफ़िशीनेरियम 50.00 ग्राम) 3. नींबुशन (सिट्रस
लीनोम
एक्सट्रेक्स 50.00 मि.ग्रा) 4. जिंक
सल्फेट (जस्ता
का फूल 32.50 मि.ग्रा.) आयुर्वेदिक
औषधि में
उपयोग कर जिंक
सल्फेट जो ऐलोपेथिक
तत्व है
आयुर्वेदिक
औषधि के नाम
पर उल्लेखित
है? जस्ता
का फूल (यशद
पुष्प) जिंक
आक्साईड होता
तो क्या
आर्युर्वेदिक
औषधि EnerZy पाउडर
में खतरनाक
केमिकलों का
उपयोग किया जा
रहा है? यदि हाँ, तो खाद्य
एवं औषधि
प्रशासन के
सीनियर ड्रग
इन्सपेक्टर
से केमिकल
युक्त EnerZy पाउडर का
परिक्षण
कराया जाए? (ग) क्यूरविन
फार्मास्युटिकल्स
प्रा.ली.
कंपनी द्वारा
निर्मित
समस्त
उत्पादकों का
कब-कब,
किस-किस
अधिकारी
द्वारा
परीक्षण किया
गया?
क्या-क्या
कमियां पाई गई? क्या घातक
केमिकल उपयोग
करने पर उक्त
निर्माण
कंपनी की
कितनी बार
शिकायतें
प्राप्त हुई, प्राप्त
शिकायतों पर
क्या
कार्यवाही की
गई? संपूर्ण
विवरण देवें।
आयुष
मंत्री ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) मेसर्स
क्योर्विन के
उत्पाद Enerzy Powder के
टेस्टिंग
प्रोटोकॉल (मेथड
ऑफ एनालिसिस) DTL (Drug
Testing Laboratory) ग्वालियर
को उपलब्ध न
कराने पर औषधि
नियंत्रक
कार्यालय के
पत्र कमांक
ड्रग/25/2296-98
दिनांक 04/09/2025 द्वारा
उत्पाद Enerzy पाउडर के
उत्पादन की
अनुज्ञप्ति
निरस्त की गई
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ
अनुसार । (ख) आयुष
औषधि
नियंत्रक
कार्यालय के
पत्र क्रमांक
ड्रग/16/1472-73
दिनांक 09/08/2016 द्वारा
क्युरविन
फार्मासुटिकल्स
प्रा.लि. को Enerzy पाउडर की
अनुज्ञप्ति
जारी की गई
तत्समय उक्त
घटक द्रव्य
सम्मिलित है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ब
अनुसार । विभाग
द्वारा
विधानसभा
ध्यानाकर्षण
के माध्यम से
प्रकरण
संज्ञान में
आने पर तत्काल
पदेन औषधि
निरीक्षक
इंदौर, देवास, उज्जैन की
तीन सदस्यीय
समिति गठित कर
Enerzy
पाउडर
के सेम्पल
प्राप्त कर
परीक्षण हेतु
शासकीय औषधि
परिक्षण
प्रयोगशाला
ग्वालियर
प्रेषित किये
गए। उक्त
सेम्पल के
परीक्षण हेतु
टेस्टिंग
प्रोटोकॉल (मेथड
ऑफ एनालिसिस) DTL (Drug
Testing Laboratory) ग्वालियर
द्वारा
संबंधित फर्म
से चाहे गए जो फर्म
द्वारा
उपलब्ध न कराये
जाने से
उत्पाद का
परीक्षण
रिपोर्ट लंबित
है, फर्म
द्वारा ड्रग
एंड
कॉस्मेटिक
एक्ट का पालन
न करने पर
नियम 159 के
तहत Enerzy पाउडर
की
अनुज्ञप्ति
निरस्त की जा
चुकी है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-स
अनुसार । (ग) फर्म
को 349
उत्पादों की
अनुज्ञप्ति
प्रदत्त है, इनमें
कितने उत्पादों
का निर्माण
किया जा रहा
है, इनकी
परीक्षण
संबंधी जानकारी
एकत्रित की जा रही है।