मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई-अगस्त, 2025 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 01 अगस्त, 2025
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण की योजनाओं
का संचालन
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
1. ( *क्र. 1723 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण विभाग में कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? योजनाओं के नाम की सूची एवं पात्रता नियम उपलब्ध करायें। उक्त योजनाओं में से जबलपुर जिले में कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार जबलपुर जिले की विधानसभा बरगी में किस-किस योजना में कौन-कौन से हितग्राही मूलक योजनाओं में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है? ग्राम पंचायतवार/ग्रामवार/नगर परिषदवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या बरगी विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न श्रेणी के दिव्यांगजनों की पहचान/चिन्हित कर लिया गया है? यदि हाँ, तो दिव्यांगता की श्रेणीवार, ग्रामवार जानकारी दें। यदि पहचान/चिन्हित नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी? (घ) क्या पहचान/चिन्हित किये गये श्रेणीवार दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकता अनुसार सहायक यंत्र तथा ट्राय सायकल, बैसाखी, चश्में, श्रवण यंत्र इत्यादि उपलब्ध कराये गये हैं? यदि नहीं कराये गये तो क्यों? विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने दिव्यांग हैं, इन्हें कब तक सहायक यंत्र/सामग्री उपलब्ध करा दी जायेगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। पहचान चिन्हित किये गये श्रेणीवार दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकता अनुसार सहायक यंत्र तथा ट्रायसाईकिल, बैसाखी, चश्में, श्रवण यंत्र इत्यादि उपलब्ध कराये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण मुक्त की गई भूमि पर पुन: अतिक्रमण
[वन]
2. ( *क्र. 1874 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कंपार्टमेंट नंबर 358, 359, 360, 361 वन परिक्षेत्र उत्तर दक्षिण, सामान्य वनमण्डल विदिशा के अंतर्गत आते हैं? यदि हाँ, तो उक्त कंपार्टमेंट नंबर मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम द्वारा वन विभाग को कब हस्तांतरित किये गये? हस्तांतरण की दिनांक, जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जब निगम द्वारा वन विभाग को उक्त कंपार्टमेंट नंबर हस्तांतरित किये गये थे, तब उक्त भूमि पर कितने वृक्ष रोपित थे? उनमें से कितने जीवित थे? कंपार्टमेंट नंबर सहित बतावें तथा कब-कब अतिक्रमणकारियों द्वारा उक्त वृक्षों को काटकर अवैध रूप से अतिक्रमण कर खेती की गई? कंपार्टमेंट नंबर सहित, नष्ट किये गये वृक्षों की संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में क्या वृक्षों की कटाई से विभाग एवं सरकार को राजस्व की हानि हुई? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? यदि वृक्षों की कटाई नहीं होती, तो विभाग को कितनी आय होगी? (घ) क्या कंपार्टमेंट नंबर 358, 359, 360, 361 में प्रश्नकर्ता की सी.एम. हेल्पलाइन पर एवं पत्र के माध्यम से की गई शिकायत पर अतिक्रमण मुक्ति की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब-कब, कितनी हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण मुक्त कराई गई तथा क्या कुछ दिन पूर्व उक्त अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि पर पुनः अतिक्रमणकारियों द्वारा अवैध रूप से ट्रैक्टर चलाकर खेती की गई? नलकूप खनन किया गया? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ड.) प्रश्नांश (क), (घ) के संदर्भ में क्या उक्त पुनः अतिक्रमण करने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मौखिक एवं व्हाट्सएप के माध्यम से विभाग को शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी तथा क्या मुकेश कैन, वनपरिक्षेत्र अधिकारी, वनपरिक्षेत्र उत्तर (लटेरी) को हटाकर निष्पक्ष जांच कब तक कराई जावेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन कक्ष म.प्र. राज्य वन विकास निगम द्वारा सामान्य वनमण्डल विदिशा को दिनांक 16.02.2023 को हस्तांतरित किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ, कक्षों में अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही की गई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि पर पुन: किसी भी अतिक्रमणकारी द्वारा ट्रैक्टर चलाकर खेती नहीं की गई है और न ही नलकूप खनन किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ, सामान्य वनमंडल विदिशा द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता को कार्यालयीन पत्र क्रमांक/स्टेनो/शि./514, दिनांक 05.03.2025, पत्र क्रमांक/स्टेनो/शि./417, दिनांक 20.02.2025 एवं पत्र क्रमांक/स्टेनो/शि./1563, दिनांक 11.07.2025 से उपरोक्त शिकायतों का प्रतिवेदन प्रेषित किया गया। सभी शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराई गई है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सतना वन मंडल अंतर्गत राजस्व गांवों में भूमि आवंटन
[वन]
3. ( *क्र. 1862 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना वन मंडल अंतर्गत कितने राजस्व गांव हैं? उक्त ग्रामों में निवासरत लोगों को वर्ष 2003 से प्रश्नांक दिनांक तक किस-किस योजना से कितनी-कितनी जमीन किन-किन हितग्राहियों को किस आधार/नियम के तहत आवंटित की गई? ग्रामवार, योजनावार, रकबा सहित हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) सतना वन मंडल का वार्षिक बजट कितने का है? पिछले 5 वित्तीय वर्षों में कितनी राशि का आवंटन किन-किन योजनाओं के लिये किया गया है? योजनावार, राशिवार अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करायें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सतना वनमण्डल में कुल 1471 राजस्व गांव हैं। प्रश्नाधीन अवधि में अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत वन अधिकार पत्र दिये गये हैं, प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
उपयंत्री/सहायक यंत्री के रिक्त व कार्यरत पदों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
4. ( *क्र. 520 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले के अंतर्गत उपयंत्री/सहायक यंत्री के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) बैतूल जिले में स्वीकृत पद के विरूद्व कितने उपयंत्री/सहायक यंत्री कार्यरत हैं? (ग) क्या बैतूल जिले के अंतर्गत उपयंत्री/सहायक यंत्री के पद रिक्त हैं? (घ) यदि हाँ, तो इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) बैतूल जिले के अंतर्गत उपयंत्री के 22 पद एवं सहायक यंत्री के 06 पद स्वीकृत हैं। (ख) बैतूल जिले के स्वीकृत पद के विरुद्ध 13 उपयंत्री एवं 01 सहायक यंत्री कार्यरत है। इसके अतिरिक्त 01 सहायक यंत्री को प्रभारी कार्यपालन यंत्री का कार्यभार दिया गया है। (ग) जी हाँ। बैतूल जिले में उपयंत्री के 09 पद एवं सहायक यंत्री के 05 पद रिक्त हैं। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती/पदोन्नति से किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन एवं वन्य प्राणियों की स्थिति
[वन]
5. ( *क्र. 448 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन परिक्षेत्र बड़ामलहरा, बकस्वाहा एवं वाजना, जिला-छतरपुर अन्तर्गत वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक जंगलों के विकास हेतु शासन ने कितनी-कितनी राशि का व्यय किया? लेखा शीर्षवार व्यय का विवरण वर्षवार देवें। (ख) प्रश्नांश "क" के अनुसार जंगली जानवरों की सुरक्षा/वृक्षों की सुरक्षा पर जो राशि व्यय की गई, उसमें सरकार को कितना लाभ प्राप्त हुआ? उसका भी विवरण सहित उल्लेख करें। (ग) प्रशासन द्वारा सागौन तथा अन्य सूखे वृक्षों का विक्रय किन-किन तारीखों में किस संस्था या व्यक्तियों को किया गया? उनका विवरण वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक देवें। (घ) प्रश्नांश "ग" के तहत जंगलों की वर्तमान में क्या स्थिति है? जंगल अन्दर से समाप्त हो रहे हैं, इसका निरीक्षण जिम्मेदार अधिकारियों ने किन-किन तारीखों में किया? क्या अधिकारियों ने सरकार को वस्तुस्थिति का सुझाव/प्रतिवेदन भेजा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) किसी विशेष क्षेत्र में जंगली जानवरों की सुरक्षा/वृक्षों की सुरक्षा पर व्यय की गई राशि से सरकार को होने वाले लाभ का आकलन करने की वर्तमान में व्यवस्था नहीं होने से उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। वन विभाग के प्रयासों से पूरे राज्य में वन्य प्राणी और जंगलों को लाभ हुआ है और प्रदेश कई वन्य प्राणियों के मामले में देश में प्रथम नंबर पर है। (ग) वनमंडल छतरपुर के अंतर्गत सूखे सागौन तथा अन्य वृक्षों का विक्रय नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला छतरपुर अंतर्गत वनमंडल में जंगलों की वर्तमान स्थिति अच्छी है तथा अंदर से जंगल समाप्त नहीं हो रहे हैं। वरिष्ठों द्वारा बीट निरीक्षण हेतु प्रत्येक वर्ष बीट रोस्टर निर्धारित किया जाता है, जिसके अनुसार जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निरीक्षण के दौरान पाई वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन तैयार किया जा कर कार्यवाही की जाती है।
गैस पीड़ित निगरानी समिति की अनुशंसाओं का पालन
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
6. ( *क्र. 1164 ) श्री आरिफ मसूद : क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा विचाराधीन प्रकरण क्रमांक W.P.15658/2012 में गैस पीड़ित निगरानी समिति की अनुशंसाओं को न्यायालय के निर्देश माने जाने के आदेश समय-समय पर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो निगरानी समिति द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितनी त्रैमासिक रिपोर्ट माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत की गई है? उनकी संख्या का उल्लेख करते हुये रिपोर्ट की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) निगरानी समिति द्वारा दी गई त्रैमासिक रिपोर्ट का पालन प्रतिवेदन कब-कब प्रस्तुत किया गया? क्या निगरानी समिति द्वारा की गई सभी अनुशंसाओं को पूर्ण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी अनुशंसाओं को पूर्ण किया गया है, उनके पालन प्रतिवेदन की प्रतियां उपलब्ध करावें। निगरानी समिति द्वारा प्रस्तुत कितनी और कौन-कौन सी अनुशंसाओं को पूर्ण किया गया है, उनके पालन प्रतिवेदन की प्रतियां उपलब्ध करावें। निगरानी समिति द्वारा प्रस्तुत कितनी और कौन-कौन सी अनुशंसाओं को पूर्ण नहीं किया गया है, उन अनुशंसाओं का उल्लेख करते हुये पूर्ण नहीं करने के कारणों सहित जानकारी देवें। क्या अनुशंसाओं को पूर्ण नहीं किये जाने पर माननीय न्यायालय के जारी निर्देशों की अवमानना/अवहेलना की जा रही है? (ग) क्या शासन/विभाग इस प्रकरण पर अविलंब कार्यवाही करते हुये गैस पीड़ित निगरानी समिति की अनुशंसाओं पर अमल नहीं करने वाले जिम्मेदार दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध तत्काल समुचित कार्यवाही करते हुये अपूर्ण अनुशंसाओं को तत्काल पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। निगरानी समिति द्वारा प्रश्न दिनांक तक कुल 21 त्रैमासिक रिपोर्ट माननीय उच्च न्यायलय, जबलपुर में प्रकरण क्र. W.P. 15658/2012 में प्रस्तुत की गयी है। रिपोर्ट की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा प्रकरण क्र. W.P. 15658/2012 में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में त्रैमासिक रिपोर्ट का पालन-प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रतिवेदन की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं को पूर्ण किया गया। चिकित्सालयों में चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति के समय-समय पर संविदा सेवा (नियुक्ति एवं सेवा शर्तें) नियम 2003 के अंतर्गत पदों की पूर्ति की जाती है। यह सतत् प्रक्रिया है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासियों को राजस्व व वन भूमि से जबरन हटाने की कार्यवाही
[वन]
7. ( *क्र. 1898 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग श्योपुर के अधिकारी, कर्मचारी आदिवासी और अन्य गरीब लोगों के आवास झोपड़ियों को तोड़ रहे हैं, आग लगा रहे हैं, आदिवासियों पर झूठी एफ.आई.आर. दर्ज कर रहे हैं? (ख) क्या जिला श्योपुर की तहसील कराहल, वीरपुर एवं विजयपुर में आदिवासियों को राजस्व व वन भूमि से खदेड़ा जा रहा है? तहसील विजयपुर, वीरपुर एवं कराहल क्षेत्र आदिवासी लोग वर्षों से राजस्व वन भूमि पर निवास कर कृषि कार्य कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं? (ग) विजयपुर विधानसभा क्षेत्र की तहसील विजयपुर, वीरपुर कराहल क्षेत्र के ग्राम सुखदेला, रही का सहराना पन्नावारी, महुआमार (धनायचा) गुरजा, खूंटका, कुसमानी का सहराना, जार की तलैया, धोरेट, मसावनी पीपरवाला (पनवाड़ा) धोरेट का सहराना, रनसिंह का पुरा, झंकापुर उमरी कलाँ, चाँदपुरा, पनार, ऊंकाल, डावली खेरोना, श्यामपुरा, सारसिल्ली, धमानी सेसईपुरा सहित कई वन ग्रामों की वन भूमि व राजस्व भूमि से गरीब आदिवासियों को उजाड़ने का काम वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी कर रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) यदि सही है तो क्या विभाग व सरकार प्रदेश के कई जिलों में वन भूमि व राजस्व भूमि वनों में काबिज निवासरत आदिवासियों को वन अधिकार अधिनियम के तहत भू-अधिकार पत्र प्रदान करेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सामान्य वनमंडल श्योपुर के वन अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा आदिवासी और अन्य गरीब लोगों के आवास एवं झोपड़ियों को तोड़कर आग नहीं लगाई गई है और न ही कोई झूठी एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। (ख) वन अधिकार पत्र हेतु पात्र किसी भी आदिवासी को वन भूमि से बेदखल नहीं किया गया है। राजस्व भूमि पर काबिज आदिवासियों को भूमि से बेदखल करने का अधिकार वन अधिकारियों को नहीं है। (ग) सामान्य वनमंडल श्योपुर के अंतर्गत प्रश्नांकित ग्रामों की वन भूमि से गरीब आदिवासियों को उजाड़ने का कार्य वन विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है। (घ) अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत दिनांक 13.12.2005 को काबिज पात्र आदिवासियों को वन अधिकार पत्र हेतु आवेदन करने पर वन अधिकार पत्र जारी किये जा चुके हैं। आवेदन प्राप्ति पर परीक्षण और अधिकार-पत्र जारी करने की प्रक्रिया सतत् स्वरुप की है।
विद्यालयों में जल आपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( *क्र. 734 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा सत्र फरवरी मार्च 2025 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1084, दिनांक 24.03.2025 के उत्तर के साथ संलग्न परिशिष्ट 'एक' में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि गुनौर विधानसभा के 252 स्कूलों में, जल जीवन मिशन जिसकी कार्य संपादन एजेन्सी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग रही है, द्वारा जल आपूर्ति का कार्य किया गया, किन्तु संबंधित एजेन्सी द्वारा आधिपत्य सौंपे जाने के समय से लेकर कहीं पर निर्माण एजेन्सी के कार्य सौंपने के समय ही, कहीं पर 5 दिन बाद, 10 दिन बाद, 15 दिन बाद, 30 दिन बाद, 5 माह बाद जल आपूर्ति बाधित हो गई? क्या इस प्रकार का घटिया कार्य कर कार्य संपादन एजेन्सी लो.स्वा. यांत्रिकी विभाग जिला पन्ना द्वारा शासकीय राशि का दुरूपयोग नहीं किया गया है? प्रश्न क्रमांक 1084 के उत्तर के साथ संलग्न परिशिष्ट 'एक' का अवलोकन कर उत्तर दायित्व निर्धारित कर दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) उक्त तारांकित प्रश्न क्रमांक 1084 के प्रश्न (ख) के उत्तर में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कार्य संपादन एजेन्सी लो.स्वा. यांत्रिकी विभाग को बताकर शेष प्रश्न उद्भूत न होने का लेख किया गया है, क्या विभाग द्वारा इसका समाधान निकालकर गुनौर विधानसभा के उपरोक्त 252 स्कूलों में जल आपूर्ति की व्यवस्था को दुरूस्त किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विभाग द्वारा समस्त कार्य गुणवत्तापूर्ण किये गये हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्न में उल्लेखित 252 शालाओं में से कुल 198 शालाओं की पेयजल व्यवस्था संबंधित शालाओं को हस्तांतरित हैं, जिसका संचालन संधारण संबंधित शाला प्रबंधन द्वारा किया जाना है। 43 शालाओं में पेयजल व्यवस्था की योजना का कार्य प्रगतिरत है, शेष 11 शालाओं में विभाग द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया है। शालाओं को हस्तांतरित 198 पेयजल योजनाओं से पेयजल आपूर्ति व्यवस्था का संचालन, रख-रखाव एवं जलापूर्ति व्यवस्था दुरुस्त रखने का कार्य संबंधित शाला प्रबंधन द्वारा कराया जाना प्रावधानित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय संपत्तियों का विक्रय
[लोक परिसंपत्ति प्रबंधन]
9. ( *क्र. 1741 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक परिसंपत्ति प्रबंधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में म.प्र. लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग की स्थापना के बाद से प्रश्न दिनांक तक अलग-अलग जिलों में कौन-कौन सी शासकीय संपत्ति बेची गई? संपत्ति बेचने का दिनांक, विक्रय मूल्य, क्रेता का नाम तथा इस पर चुकाई गई स्टाम्प ड्यूटी का विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) उपरोक्त में ऐसी कौन-कौन सी संपत्ति है, जिन्हें कलेक्टर गाइड लाइन से कम मूल्य पर बेचा गया? क्या म.प्र. लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा बेची जाने वाली सरकारी संपत्ति के लिये कलेक्टर गाइड लाइन और स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन मामलों में कितनी-कितनी छूट दी गई? जिलेवार विवरण देवें। (ग) सरकारी संपत्तियां बेचने के लिये कलेक्टर गाइड लाइन और स्टाम्प ड्यूटी में छूट देने के कारण शासन को कितना आर्थिक नुकसान हुआ? (घ) खरगोन, खण्डवा, बुरहानपुर, बड़वानी और देवास जिलों में भी कोई शासकीय संपत्तियां बेची गई है?
लोक परिसंपत्ति प्रबंधन मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विभाग द्वारा 101 परिसंपत्तियों का निर्वर्तन किया गया है, जिनमें से 5 परिसंपत्तियां अक्रियाशील संयंत्रों के प्लांट एण्ड मशीनरी के स्क्रैप है, जिनमें रजिस्ट्री की आवश्यकता नहीं है एवं 6 परिसंपत्तियों में निविदाकार द्वारा रजिस्ट्री संपादित नहीं की गई। महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय के पत्र क्रमांक CT/13/0021/2025-STAT-IGRS, दिनांक 22.07.2025 द्वारा दी गयी 90 परिसंपत्तियों की स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला कलेक्टर के प्रस्ताव पर आवासीय/व्यावसायिक/मिश्रित भू–उपयोग का निर्धारण विभाग की साधिकार/कार्यपालिक समिति द्वारा किया जाता है। तद्नुसार जिला कलेक्टर से कलेक्टर गाइड लाइन अनुसार प्रति वर्ग मीटर दर प्राप्त कर, मंत्री-परिषद द्वारा अनुमोदित रिज़र्व मूल्य निर्धारण नीति मापदंडों के अनुसार रिज़र्व मूल्य निर्धारित किया जाता है। परिसंपत्ति के विक्रय मूल्य की कलेक्टर गाइड लाइन के मूल्य से तुलना नहीं की जाती। जी नहीं, विभाग द्वारा निर्वर्तित की गईं परिसंपत्तियों में से किसी भी परिसंपत्ति पर कलेक्टर गाइड लाइन एवं स्टाम्प ड्यूटी में छूट प्रदान नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। खरगोन में 02, खंडवा-01 एवं देवास-01 शासकीय संपत्तियां विक्रय की गई हैं। बुरहानपुर एवं बड़वानी में कोई भी शासकीय संपत्तियां विक्रय नहीं की गई हैं।
यूका के जहरीले कचरे का पीथमपुर स्थित भस्मक में निष्पादन
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
10. ( *क्र. 1659 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को पीथमपुर स्थित भस्मक में जलाने का कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो इस कचरे के जलने से पीथमपुर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में क्या प्रभाव हुआ? क्या कोई प्रतिकूल प्रभाव रहा है तथा क्या इसकी मॉनिटरिंग की गई? रिपोर्ट उपलब्ध करवाएं। (ग) इस 307 मैट्रीक टन जहरीले कचरे के जलने के उपरांत अपशिष्ट राख/ठोस की मात्रा कितनी प्राप्त हुई तथा इसमें कौन-कौन से रसायन/यौगिक हैं? उनमें से कौन-कौन से रसायन/यौगिक पर्यावरण व भूमिगत जल को प्रदूषित कर सकते हैं? उनसे बचाव हेतु क्या उपाय किये जा रहे हैं? भविष्य में पीथमपुर में इससे कोई खतरा उत्पन्न न हो इस हेतु क्या सावधानी रखना होगी?
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, कोई प्रतिकूल प्रभाव परिलक्षित नहीं हुआ है। जी हाँ। मॉनिटरिंग रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) यू.सी.आई.एल. कचरे के दहन से राख/ठोस अपशिष्ट की कुल 899.08 मीट्रिक टन मात्रा उत्पन्न हुई है। इसमें उपस्थित रसायन/यौगिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। कोई भी रसायन का रिसाव भूमिगत जल की गुणवत्ता प्रभावित नहीं कर सकेगा, क्योंकि अपशिष्ट दहन से उत्पन्न राख/ठोस अपशिष्ट को एच.डी.पी.ई. जम्बो बैग्स में भरकर डेडीकेटेड लीकप्रूफ स्टोरेज शेड में भंडारित किया गया है, जिसे मेसर्स पीथमपुर इण्डस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्रा.लि. पीथमपुर (टी.एस.डी.एफ.) के परिसर में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुरूप डबल लाईनर युक्त सिक्योर्ड लैण्डफिल का निर्माण कर अन्तिम निपटान किया जायेगा, जिसमें भूमिगत जल प्रदूषण होने की संभावना नहीं होगी। भविष्य में कोई खतरा नहीं हो, इसके लिये 30 वर्ष तक निगरानी एवं मॉनिटरिंग किये जाने का प्रावधान है।
वन भूमि के रूप में अधिसूचित भूमि
[वन]
11. ( *क्र. 1488 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अलग-अलग जिलों में प्रश्न दिनांक तक ऐसी कितनी-कितनी जमीन है, जो वन भूमि के रूप में अधिसूचित है, लेकिन राजस्व विभाग के कब्जे में है या राजस्व विभाग ने किसी संस्था, व्यक्तियों को उपयोग के लिये दी है अथवा उस जमीन पर अवैध कब्जा है? (ख) क्या माननीय सर्वोच्य न्यायालय ने ऐसी सभी जमीन को एक साल के भीतर वापस लिये जाने तथा जो जमीन सार्वजनिक हित में वापस नहीं ली जा सकती, उसके बदले में उक्त भूमि का मूल्य वसूल करके दूसरे स्थानों पर पौधे लगाकर वन तैयार किये जाने का आदेश किया है? (ग) यदि हाँ, तो राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 लागू होने के पूर्व दिनांक 24.10.1980 तक की वनभूमि विभिन्न उद्देश्यों एवं प्रयोजनों के लिये राजस्व विभाग को हस्तान्तरित की गई। वन प्रबंधन के उद्देश्य से वन भूमि राजस्व विभाग को हस्तान्तरित नहीं की गई। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 15.05.2025 से निर्णय दिया है कि वन विभाग के प्रबंधन के बाहर अधिसूचित वन भूमि जो राजस्व विभाग के कब्जे में है या जिसे राजस्व विभाग द्वारा निजी व्यक्तियों/संस्थाओं को आवंटित किया गया है या जिस पर अवैध अतिक्रमण किया गया है, को आदेश दिनांक से एक वर्ष के भीतर वन विभाग को वापस दिया जाना है। प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित वन भूमियों को वन विभाग को वापस दिये जाने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेशित नहीं किया गया है, क्योंकि उक्त अधिसूचित वन भूमियां विभिन्न उद्देश्यों एवं प्रयोजनों के लिये नियमानुसार राजस्व विभाग को दिनांक 24.10.1980 के पूर्व हस्तान्तरित की गई हैं। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 15.05.2025 के पालनार्थ जारी किये गये निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
वन भूमि पर बनने वाली सड़कों की राशि की स्वीकृति
[वन]
12. ( *क्र. 2015 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के वन ग्रामों को मुख्य सड़क से जोड़ने हेतु पक्की सड़क बनाने प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न किया गया था? प्रश्न के आधार पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि वन ग्राम आलपुर से प्रतापपुर तिराहा जतारा-मऊरानीपुर मुख्य मार्ग तक सी.सी. रोड कराने एवं जनपद पंचायत टीकमगढ़ के हरिनगर लोधी बस्ती से डूडा रोड तक जो वन भूमि का मार्ग है, उसकी तकनीकी स्वीकृति कितनी-कितनी लम्बाई की, क्रियान्वयन वर्ष में कितनी-कितनी राशि की कब-कब प्राप्त हो गई है एवं इसकी वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जावेगी तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि कब तक सड़कों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की जावेगी? कब तक दोनों कच्ची सड़कों को पक्का बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ, प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1766, सदन में उत्तर दिनांक 20.12.2024 के उत्तरांश 'घ' में उत्तर दिया गया था कि लोक निर्माण विभाग द्वारा उल्लेखित रोड की अनुमति हेतु वन (संरक्षण एवं संर्वधन) अधिनियम, 1980 के तहत परिवेश पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन करने पर स्वीकृति की कार्यवाही संभव है। भारत सरकार से सैद्धान्तिक स्वीकृति प्राप्त होने के उपरान्त ही वैकल्पिक वृक्षारोपण एवं नेट प्रेजेण्ट वैल्यू की राशि बताया जाना संभव होगा। प्रकरण में स्वीकृति के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार प्रश्नांकित सड़कें बनाये जाने पर 480 लाख रूपये अनुमानित व्यय है। प्रश्नाधीन दिनांक तक लोक निर्माण विभाग ने ऑनलाईन आवेदन नहीं किया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हाटपिपल्या विधानसभा में निवासरत निहाल जाति की श्रेणी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
13. ( *क्र. 1759 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता की विधानसभा क्षेत्र में निहाल जाति के लोग निवासरत हैं, जिनके पूर्व में जाति प्रमाण-पत्र अनुसूचित जनजाति के बने हुए हैं, किन्तु अब इस जाति के प्रमाण-पत्र नहीं बन पा रहे हैं, इस जाति को किस श्रेणी/वर्ग में रखा गया है? ताकि सक्षम अधिकारी इनके प्रमाण-पत्र बना सके।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : विधानसभा क्षेत्र हाटपिपल्या अंतर्गत आने वाले ग्रामों एवं हल्का पटवारी क्षेत्र में निहाल जाति के लोग निवासरत नहीं है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजातीय एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को जारी जाति प्रमाण पत्र शासन निर्देशों में परिपत्र क्रमांक एफ-7-2012/आ.प्र./एफ, भोपाल दिनांक 13.01.2014 के पालन अनुसार नहाल/नाल जाति अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्ज है, जिनके जाति प्रमाण पत्र समय-सीमा में सक्षम अधिकारी द्वारा बनाये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश राज्य के लिये भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रमांक 27 पर ''निहाल (निहाल) जाति'' संपूर्ण मध्यप्रदेश के लिये अनुसूचित जनजाति वर्ग में अधिसूचित होकर अंकित है।
ग्राम नवीन झालर में वन विभाग द्वारा ग्रामवासियों को परेशान किया जाना
[वन]
14. ( *क्र. 1753 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना टाईगर रिजर्व के अंतर्गत अर्जित ग्राम झालर एवं ग्राम खमरिया के ग्रामवासियों को नवीन झालर में वन विभाग द्वारा भूमि कृषि योग्य बनाकर मौके में सीमा चिन्हांकित कर काबिज किया गया था एवं उन्हें उक्त भूमि के अधिकार पत्र दिये गये थे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि के निर्वनीकरण की अधिसूचना जारी कर वन विभाग द्वारा भूमि राजस्व विभाग को प्रदाय कर दी गई है? (ग) क्या मौके पर कृषि कर रहे 10-12 कृषकों एवं सार्वजनिक तालाब की भूमि निर्वनीकरण से छूट जाने से वन विभाग द्वारा संबंधितों को कृषि करने से रोक जा रहा है तथा भूमि अपने कब्जे में ले रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो मैदानी कर्मचारी/अधिकारी जो कृषकों को कृषि करने से रोक रहे हैं, के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) मौके पर कृषि कर रहे 12 कृषकों एवं सार्वजनिक तालाब की प्रश्नाधीन भूमि को निर्वनीकरण से छूट नहीं है, अपितु डी-नोटिफाई की गई भूमि की सीमा के बाहर भूमि पूर्ण/आंशिक रूप से पाई गई, जो सामान्य वनमंडल उत्तर पन्ना के कक्ष क्रमांक पी-414 में काबिज है तथा सिंचाई हेतु 01 तालाब भी उक्त क्षेत्र में निर्मित है। ग्रामीणों को बसाने हेतु निर्वनीकृत की गई भूमि के बाहर स्थित 12 कृषकों की भूमि एवं तालाब के संबंध में ग्रामीणों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पन्ना के समक्ष एक आवेदन दिया है। आवेदन वन एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की संयुक्त जांच में है। मैदानी कर्मचारी/अधिकारी द्वारा किसी कृषकों को कृषि कार्य से नहीं रोका जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन परिक्षेत्र से खनिज उत्खनन
[वन]
15. ( *क्र. 1810 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जिगनिया-बारकरी का वन क्षेत्र किस वन परिक्षेत्र अधिकारी (रेंजर) के अधीन है? इस वन क्षेत्र में पदस्थ रेंजर तथा डिप्टी रेंजर एवं फॉरेस्ट गार्ड का नाम, संपर्क एवं यह किस दिनांक से पदस्थ हैं? पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार ग्राम जिगनिया-बारकरी जो कि सिंध नदी के समीप स्थित है, इसके आस-पास का अधिकांश क्षेत्र वन भूमि का है? वर्षा के मौसम में सिंध नदी में बहकर आई रेत इस वन क्षेत्र में कुछ स्थानों पर कई वर्षों से जमा है, जिसे वन विभाग द्वारा किस नियम/आदेश के अनुसार उत्खनन करवाया जा रहा है? यदि नहीं, तो गत पांच वर्षों में इस वन परिक्षेत्र से मुरम/बोल्डर तथा रेत उत्खनन करने वाले किस-किस व्यक्ति के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वनमण्डल ग्वालियर के अंतर्गत डबरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जिगनियां-बारकरी का वन क्षेत्र वन परिक्षेत्र बेहट में आता है। वर्तमान में पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वनमण्डल ग्वालियर के अंतर्गत वन परिक्षेत्र बेहट के वन क्षेत्र में रेत उत्खनन, मुरम एवं बोल्डर का अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है। विगत पांच वर्षों में वनमण्डल स्तर पर अवैध उत्खनन के 20 प्रकरण में पी.ओ.आर. दर्ज किया गया है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
आदिवासी कृषकों को विद्युतीकरण हेतु राशि का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
16. ( *क्र. 1450 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखंड सौंसर के ग्राम चिरकुटागोंदी एवं कोंडासावरी के लिये जनजातीय कार्य विभाग द्वारा विद्युतीकरण कार्य हेतु राशि स्वीकृत की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि आज दिनांक तक उपरोक्त राशि प्रदान नहीं की गई और न ही कोई कार्य किया गया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) विधान सभा क्षेत्र सौंसर के ग्राम चिरकुटागोंदी एवं कोंडासावरी में वित्तीय वर्ष 2017-18 में पम्पों का उर्जीकरण योजना अंतर्गत विद्युत पोल कार्य हेतु प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 28.03.2018 को जारी की गयी थी। प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत उक्त कार्य की स्वीकृत राशि क्रियान्वयन एजेन्सी मध्यप्रदेश पू.क्षे.वि.वि.क. लिमिटेड, छिंदवाड़ा को अंतरित किये जाने हेतु देयक जनरेट किया गया, किन्तु वित्तीय वर्ष समाप्ति के अंतिम दिवस होने के कारण राशि का आहरण नहीं किया जा सका। वित्तीय वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण एवं पम्पों का ऊर्जीकरण योजना अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना एकीकृत हो गयी। वर्ष 2018-19 से 2024-25 तक संचालित अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना में प्रतिवर्ष ग्राम चिरकुटागोंदी एवं कोंडासावरी में विद्युत पोल कार्य स्वीकृति हेतु समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उक्त कार्य पर समिति से अनुमोदन नहीं प्राप्त होने के कारण कार्य की स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी।
घोड़ारोज़ की समस्या का निराकरण
[वन]
17. ( *क्र. 204 ) श्री विपीन जैन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 55, दिनांक 13.3.2025 के संदर्भ में सदन में आसंदी द्वारा दिये गये आश्वासन/निर्देश पर प्रश्न दिनांक तक घोड़ारोज़ की समस्या के निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या क्या कार्यवाही की गई है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : नीलगायों द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचायें जाने पर सहायता राशि का भुगतान यथा संशोधित राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक-4 के प्रावधानों के तहत किया जाता है। किसानों की फसलों को नुकसान करने वाली नीलगाय को आखेट करने की अनुमति जारी करने के लिये मध्यप्रदेश के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अपने-अपने अधिकार क्षेत्र की सीमाओं के भीतर प्राधिकृत अधिकारी घोषित हैं। वर्ष 2016 में मंदसौर जिले के ऐरा ग्राम से 27 एवं NATRAX कैम्पस, पीथमपुर धार से 45 नीलगायों को वर्ष 2023-24 में प्रायौगिक तौर पर बोमा विधि से पकड़कर गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा गया है। वर्तमान में शाजापुर जिले से 400 काले हिरण एवं 100 नीलगाय स्थानांतरित करने की अनुमति भारत सरकार से प्राप्त है, जिसके अनुसार नीलगायों को अन्यत्र स्थानांतरित करने की कार्यवाही प्रक्रिया में है। यह कार्यवाही प्रायौगिक तौर पर की जा रही है, जिसके सफल परिणाम प्राप्त होने पर अन्यत्र नीलगाय उपस्थिति वाले क्षेत्रों में भी लागू करने की कार्यवाही गुण-दोष के आधार पर की जाना संभव है। घोड़ारोज (नीलगाय) से सड़क हादसों के रोकथाम के लिये आमजन को जागरूक करने हेतु सड़कों पर स्पीड ब्रेकर एवं सड़क किनारे वन्यजीवों की उपस्थिति के सूचक बोर्ड लगाये गये हैं।
वनखण्डों में शामिल भूमि पर सामूहिक अधिकार
[जनजातीय कार्य]
18. ( *क्र. 1702 ) श्री सुनील उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त आदिवासी विकास म.प्र. शासन भोपाल के पत्र क्रमांक 621/वनअधि/15/136, दिनांक 16 अप्रैल, 2015 में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की किस कानून के अनुसार कौन-कौन सी भूमिका का उल्लेख कर किस-किस अभिलेख में दर्ज भूमियों पर सामुदायिक वन अधिकारों को मान्यता दिये जाने का प्रावधान किया गया है? (ख) छिंदवाड़ा एवं बैतूल जिले में किस अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के समक्ष वर्तमान में किस वनखण्ड में शामिल किस ग्राम की कितनी भूमियों से संबंधित धारा 5 से 19 तक की जांच लंबित है? (ग) पत्र दिनांक 16 अप्रैल, 2015 के अनुसार किस-किस वनखण्ड में शामिल कितनी भूमियों से संबंधित निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख में दर्ज अधिकारों का ब्यौरा दर्ज कर किस-किस पंचायत को किस दिनांक को उपलब्ध करवाया? प्रति सहित उपलब्ध कराएंे। (घ) पत्र दिनांक 16 अप्रैल, 2015 का कब तक पालन किया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) आयुक्त आदिवासी विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 621/वनअधि/15/136, दिनांक 16 अप्रैल, 2015 में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत वन व्यवस्थापन अधिकारी तथा वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत उपखण्ड स्तरीय वन अधिकार समिति के अध्यक्ष की भूमिका का उल्लेख कर निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज भूमियों पर सामुदायिक वन अधिकार को मान्यता दिये जाने के प्रावधान दिये गये हैं। आयुक्त आदिवासी विकास मध्यप्रदेश भोपाल का पत्र क्रमांक 621/वनअधि/15/136, दिनांक 16 अप्रैल, 2015 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) छिंदवाड़ा एवं बैतूल जिले के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के समक्ष वनखण्ड में शामिल ग्राम की भूमियों से संबंधित धारा 5 से 19 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) आयुक्त आदिवासी विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 621/वनअधि/15/136, दिनांक 16 अप्रैल, 2015 में भूमियों का ब्यौरा ग्राम पंचायत को प्रदाय करने संबंधी निर्देश का उल्लेख नहीं होने से छिंदवाड़ा एवं बैतूल जिले में भूमियों का ब्यौरा ग्राम पंचायत को प्रदाय नहीं किया गया। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासियों को वनभूमि के पट्टे का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
19. ( *क्र. 1843 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जनजाति तथा वन में परंपरा से रहने वाले वनवासियों के (वन अधिकारों की मान्यता) अधिकारों की मान्यता अधिनियम-2006 लागू होने के बाद कितने प्रकरण दर्ज हुए तथा कितने का निराकरण किया गया? विगत पांच वर्ष की जानकारी दें। (ख) उपरोक्त प्राप्त दावों में से कितने दावे स्वीकृत किये गये? कितने निरस्त किये गये तथा वर्तमान में कितने दावें लंबित हैं? (ग) निरस्त किये गये दावों में से कितने मामलों में आवेदकों को लिखित रूप से दावा खारिज करने का कारण बताया गया? (घ) स्वीकृत किये गये पट्टों में से कितने पट्टे मौखिक साक्ष्य, ग्राम के बुजुर्गों के बयान परंपरागत रीतियों या स्थानीय प्रमाणों के आधार पर दिये गये?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारो की मान्यता) अधिनियम 2006 लागू होने के बाद विगत पांच वर्षों में प्राप्त एवं निराकृत दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
विभाग द्वारा करवाए गये वृक्षारोपण कार्यों में भ्रष्टाचार
[वन]
20. ( *क्र. 1821 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2020 से 31.01.2024 तक कराये गये वृक्षारोपण कार्यों में जहां 5000 से अधिक पौधे लगाए गये हैं, किन्तु धरातल पर कोई भी पौधे जीवित नहीं है, उन परियोजनाओ की प्रमाणित सूची देवें? इन परियोजनाओ पर कितना खर्च किया गया है, उक्त स्थानों की प्रोजेक्ट रिपोर्ट, व्हाउचर एवं क्रय सामग्री के बिल तथा योजनाओं पर कराये गये कार्यों में श्रमिकों की सूची प्रमाणित प्रति उपलब्ध करवाएं। (ख) विभाग द्वारा करायें गये वृक्षारोपण परियोजनाओं में दिनांक 01.07.2025 की स्थिति में पौधों की जीवितता का क्या प्रतिशत है? उक्त योजना में कितने पोधे जीवित हैं? प्रमाणित जानकारी देवें। (ग) दिनांक 01.01.2020 से 31.01.2024 तक ग्राम वन समितियो में जमा एवं व्यय राशि की जानकारी तथा व्यय किये गये कार्यों के प्रोजेक्ट/इस्टीमेट रिपोर्ट तथा प्रत्येक प्रोजेक्ट पर व्यय राशि की प्रमाणित जानकारी देवें तथा उपरोक्त प्रोजक्टों पर व्यय बिल एवं श्रमिकों की सूची प्रोजेक्ट इस्टीमेटवार व्हाउचर की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नांश में चाहे अनुसार ऐसा कोई स्थल नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वन विभाग द्वारा वन विकास निगम सहित दिनांक 01.01.2020 से 31.01.2024 तक लगाए गये पौधों की जानकारी निम्नानुसार है :-
विभाग/वन विकास निगम |
रोपित पौधे |
जीवित पौधे |
जीवितता का प्रतिशत |
वन विभाग |
11,61,92,557 |
10,35,32,600 |
89.10% |
म.प्र. राज्य वन विकास निगम |
4,60,81,090 |
4,09,67,129 |
88.90% |
योग |
16,22,73,647 |
14,44,99,729 |
89.05% |
(ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
O.P.M. द्वारा प्रदूषण फैलाने पर संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही
[पर्यावरण]
21. ( *क्र. 1973 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले अंतर्गत संचालित ओरियंटल पेपर मिल कब से संचालित है? संचालित समय से ही ओरियंटल पेपर मिल प्रबंधन द्वारा मिल में कार्यरत कर्मचारियों, मजदूरों एवं आसपास निवास करने वालों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय प्रदूषण को रोकने के प्रति गंभीर नहीं है तथा मिल के पास (प्रबंधन) आकस्मिक गंभीर हादसों को टालने के कोई उपाय नहीं किये जा रहे हैं? पर्यावरण की सुरक्षा एवं पर्यावरण के समुचित व्यवस्था संबंधी निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है, इसके लिये विभाग द्वारा क्या कोई कार्ययोजना तैयार की गई है तथा उक्त संबंध में ओ.पी.एम. को समय-समय पर जारी निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या ओरियंटल पेपर मिल से गंदा दूषित पानी सोन नदी एवं छोटे बड़े सभी नालों में छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण आसपास के गांव में पानी दूषित हो चुका है और अब पीने योग्य नहीं रह गया है? इसके साथ ही इन नदी नालों में बहते पानी को पशु, मवेशी पी रहे हैं, जिससे बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। पर्यावरण व्यवस्था संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन न करने के कारण क्या विभाग ओ.पी.एम. से गंदा दूषित पानी सोन नदी तथा छोटे बड़े नालों में छोड़े जाने वाले जल प्रदूषण की उच्च स्तरीय जांच करवाकर इसको तत्काल रोकने की कार्यवाही करेगी?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) शहडोल जिले के अंतर्गत ओरियंटल पेपर मिल के नाम से कोई उद्योग संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऑनलाईन व्यापार में गड़बड़ी की शिकायतें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( *क्र. 1894 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बढ़ते ऑनलाइन व्यापार के पश्चात् लगातार आ रही शिकायतों से निपटने के लिये उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई है? (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2023 के पश्चात् प्रदेश की विभिन्न उपभोक्ता अदालतों में कुल कितने प्रकरण दर्ज हुए तथा कितनों का निराकरण किया गया? इनमें से कुल कितने प्रकरणों में निर्णय उपभोक्ता के पक्ष में हुए? (ग) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 3153, दिनांक 12.07.2024 के उत्तर "ख" में बताया गया कि इंदौर, धार, सतना, शिवपुरी, उज्जैन, गुना, बुरहानपुर, डिंडोरी, दतिया आदि जिलों में अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद रिक्त होने के कारण प्रकरणों की संख्या अधिक है तथा इससे उपभोक्ता एक्ट के प्रकरणों का निस्तारण नियमानुसार 90 दिन में नहीं हो पा रहा है। क्या विभाग ने इस संबंध में कोई कार्य योजना बनाई है? (घ) प्रश्नांश (ग) संदर्भित प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न के उत्तर "ग" में बताया गया था कि रिक्त पदों के लिये आयोजित परीक्षा में मौखिक परीक्षा आयोजित किया जाना संभव नहीं है। क्या माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध में कोई निर्णय दिया है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विभागान्तर्गत उपभोक्ता आयोगों द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानांतर्गत प्रकरणों पर सुनवाई कर निराकरण किया जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा प्रकरणों की संख्या एवं अधिनियम की मंशा को दृष्टिगत रखते हुये समय-समय पर आवश्यकतानुसार जिला उपभोक्ता आयोग/अतिरिक्त जिला उपभोक्ता आयोग का गठन किया गया है। रिक्त स्थानों पर पदों की स्थिति में अन्य जिलों के अध्यक्षों एवं सदस्यों को अतिरिक्त प्रभार दिया जाकर कार्य किया जाता है। (घ) माननीय उच्चतम न्यायालय में दायर सिविल क्रमांक 9982/2024 में केंद्र सरकार को नए नियमों (Rules) को 4 माह के भीतर अधिसूचित (Notify) करने के निर्देश दिये गये। जिसके पालन में नियमों में संशोधन की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा किया जाना है।
मध्यप्रदेश में दिव्यांगजन को मिलने वाली पेंशन
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
23. ( *क्र. 1890 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में दिव्यांग लोगों को मिलने वाली पेंशन भारत के अन्य राज्यों में दिव्यांग लोगों को मिलने वाली पेंशन से बहुत ही कम है, प्रश्नकर्ता की जानकारी के अनुसार ऐसे दिव्यांगजन जो 40 % या इससे अधिक दिव्यांग हैं, उन्हें पेंशन की पात्रता रहती है, इस संदर्भ में अन्य राज्य जैसे आंध्रप्रदेश में राशि 6000/- रुपए, हरियाणा में राशि 3000/- रुपए, दिल्ली में राशि 2500/- रुपए, गोवा में 2000/- रुपए, बिहार में 1100/- रुपए दिव्यांगजन को पेंशन है, इस प्रकार से मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में पेंशन बहुत ही कम है, इनमें भी कुछ दिव्यांगजन तो अत्यंत गरीब और बिल्कुल ही असहाय होकर ऐसी स्थिति में हैं, कि वह किसी प्रकार काम भी नहीं कर सकते हैं, क्या उपरोक्त विषय में शासन द्वारा कभी दिव्यांग लोगों को मिलने वाली पेंशन बढ़ाने पर विचार किया गया? (ख) क्या भविष्य में शासन इस प्रकार की कोई योजना लाने वाली है, जिससे कि मध्यप्रदेश के दिव्यांगजनों को भी उपरोक्त वर्णित राज्यों में दिव्यांग लोगों को मिलने वाली पेंशन के अनुरूप सम्मानजनक पेंशन की राशि मिलेगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य में दिव्यांगजनों के लिये केंद्र एवं राज्य अंतर्गत संचालित दिव्यांग पेंशन योजनाओं में 80 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत की दिव्यांगता क्रमशः निर्धारित है। प्रदेश में उक्त श्रेणी के दिव्यांगजनों को रूपये 600/- प्रति हितग्राही प्रतिमाह पेंशन प्रदाय की जा रही है, जो कि असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, मणिपुर, नागालैंड एवं उड़ीसा के राज्यों में म.प्र. से कम पेंशन प्रदाय की जा रही है। पेंशन राशि में वृद्धि करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। (ख) राज्य शासन द्वारा उपलब्ध संसाधनों के अंतर्गत इस प्रकार की वृद्धि का निर्णय लिया जाता है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टीकमगढ़ जिले में नल-जल योजना का विफल होना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( *क्र. 1479 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान में टीकमगढ़ जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं और कितनों में पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं लगा है? (ख) क्या फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र लेकर सरपंच, सचिव के साथ भ्रष्टाचार कर योजना पंचायतों को सौंप कर इतिश्री मान ली गई? यदि नहीं, तो ग्राम बरेठी जनपद जतारा में कितने नल कनेक्शन हैं, कितनों में पानी आ रहा है और टोटियाँ लगी हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित योजना की कब तक जांच करवाकर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 148 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं, इन सभी 148 योजनाओं में पूर्णता प्रमाण-पत्र लगाया गया है। (ख) जी नहीं। ग्राम बरेठी जनपद पंचायत जतारा में 370 नल कनेक्शन हैं एवं सभी घरों में टोटियाँ लगाकर जल प्रदाय चालू कर योजना ग्राम पंचायत को हस्तांतरित की गई हैं। (ग) वर्तमान में योजना चालू हैं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
आपराधिक प्रकरण दर्ज कर पद से पृथक किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( *क्र. 1331 ) श्री अभय मिश्रा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 969, उत्तर दिनांक 18.03.2025 एवं विधानसभा प्रश्न क्रमांक 523, उत्तर दिनांक 20.12.2024 के उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही है, दी गई थी? एकत्रित जानकारी देते हुये बतायें कि प्रश्नों अनुसार कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? संबंधित पर विभागीय जांच एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार श्री देवेन्द्र तिवारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय से कब-कब, किन-किन प्रकरणों में स्थगन प्राप्त किये गये? स्थगन का विवरण देते हुये बतावें कि स्थगन समाप्ति बावत् विभागों द्वारा कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही की गई? न्यायालय में प्रस्तुत जवाब की प्रति विभागवार/प्रकरणवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विपणन वर्ष 2023-24 की धान की कस्टम मिलिंग के चलते वेयर हाउस में चावल जमा किये बगैर 22 लॉट चालान में हेरा-फेरी कर करोड़ों रूपये की राशि की हानि पहुंचाई गई, जिसकी जांच एडिश्नल डायरेक्टर, श्री हरेन्द्र सिंह द्वारा की गई थी? प्रतिवेदन की प्रति देते हुये कार्यवाही की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की जानकारी समय पर उपलब्ध न कराने के जवाबदारों के पदनाम के साथ उन पर कार्यवाही क्या प्रस्तावित करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? प्रश्नांश (ग) के प्रतिवेदन पर आपराधिक प्रकरण/राशि वसूली प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो कारण बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 523 एवं प्रश्न क्रमांक 969 का उत्तर दिनांक 08.07.2025 को प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रकरणों में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) 1. श्री देवेन्द्र तिवारी, सहायक यंत्री, म.प्र. विधानसभा की सेवाएं कॉर्पोरेशन के आदेश क्रमांक 201, दिनांक 24.04.2024 द्वारा मूल विभाग को वापस करते हुए दिनांक 24.04.2024 से भारमुक्त किया गया। 2. उक्त आदेश पर श्री देवेन्द्र तिवारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 11530/2024 दायर की गई। 3. माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उक्त आदेश के विरूद्ध दिनांक 06.05.2024 को आदेश जारी कर स्थगन प्रदान किया गया। 4. उक्त स्थगन आदेश के विरूद्ध स्थगन वेकेट कराने हेतु कॉर्पोरेशन मुख्यालय के आदेश क्रमांक 44, दिनांक 29.05.2024 से क्षेत्रीय प्रबंधक जबलपुर को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया, जिनके द्वारा जवाब प्रस्तुत किया गया है। 5. श्री देवेन्द्र तिवारी, जिला प्रबंधक, कटनी को कॉर्पोरेशन मुख्यालय आदेश दिनांक 22.11.2024 द्वारा स्थानांतरित कर मुख्यालय में पदस्थ किया गया था। 6. उक्त आदेश पर श्री देवेन्द्र तिवारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 38117/2024 दायर की गई। 7. माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कॉर्पोरेशन के आदेश के विरूद्ध दिनांक 05.12.2024 को स्थगन आदेश जारी किया गया। इस प्रकरण में प्रभारी द्वारा कॉर्पोरेशन की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया। 8. पुन: राज्य शासन खाद्य विभाग द्वारा श्री देवेन्द्र तिवारी की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के उपरांत उनकी सेवाएं मूल विभाग मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय को आदेश दिनांक 25.02.2025 से वापस की गई। 9. उक्त आदेश के विरूद्ध श्री देवेन्द्र तिवारी द्वारा पुन: माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 7526/2025 दायर की गई। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा उक्त आदेश पर स्थगन प्रदान किया गया है। 10. प्रकरण में कॉर्पोरेशन द्वारा क्षेत्रीय प्रबंधक जबलपुर को पत्र क्रमांक 07, दिनांक 08.04.2025 द्वारा प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। 11. उपरोक्त प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में अंतिम सुनवाई हेतु दिनांक 06.10.2025 को सूचीबद्ध है। 12. न्यायालय में प्रस्तुत जबाव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) कटनी जिले में विपणन वर्ष 2023-24 में धान की कस्टम मिलिंग के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच श्री हरेन्द्र सिंह, संयुक्त संचालक खाद्य द्वारा की गई थी। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। उक्त जांच के आधार पर राज्य शासन खाद्य विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 126/2467935/2024/29-1, भोपाल दिनांक 10.01.2025 द्वारा श्री देवेन्द्र तिवारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया था। उक्त आधार पर श्री देवेन्द्र तिवारी को कॉर्पोरेशन मुख्यालय द्वारा दिनांक 17.03.2025 से आरोप पत्रादि जारी किये गये हैं। श्री तिवारी द्वारा उक्त आरोप पत्र का प्रति उत्तर प्रस्तुत किया गया है। (घ) प्रश्नांश 'क' के प्रश्नों का उत्तर दिया जा चुका है। प्रश्नांश 'ख' के न्यायालयीन प्रकरणों में जवाब प्रस्तुत किया गया है। प्रश्नांश 'ग' के जांच प्रतिवेदन के आधार पर श्री भगवानदीन कुशवाह, केन्द्र प्रभारी एवं श्री देवेन्द्र तिवारी, तत्कालीन जिला प्रबंधक के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई है। जांच के निष्कर्ष के आधार पर उचित निर्णय लिया जायेगा।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
वन
भूमि से बेदखल
की कार्यवाही
पर तत्काल रोक
[वन]
1. ( क्र. 24 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र परासिया अन्तर्गत जो वन भूमि खाली पड़ी हुई है उस वन भूमि में अनुसूचित जनजाति व अन्य वर्ग के गरीब परिवारों के लोग लगभग 100 वर्षों से भी अधिक समय से खेती किसानी करते हुए अपने परिवार का पालन-पोषण करते चले आ रहे है। परन्तु वर्तमान में विभाग द्वारा ऐसे सभी वर्ग के लोगों को जो वन भूमि में खेती कर रहे हैं, उन्हें वन भूमि में खेती करने से रोक दिया गया है एवं उन पर बेदखली की कार्यवाही की जा रही है जिसके कारण गरीब परिवारों को बहुत अधिक असुविधाओं व परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे सभी गरीब लोगों को वन भूमि से बेदखल किया जाना कहां तक उचित है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार गरीब वर्ग के लोगों पर वन विभाग द्वारा वन भूमि से बेदखल किए जाने की कार्यवाही को तत्काल रोका जाना आवश्यक है, कब तक बेदखल की कार्यवाही पर रोक लगा दी जायेगी? (ग) मध्यप्रदेश में जितने भी अनुसूचित जनजाति या अन्य वर्ग के लोग जो 100 वर्षों से भी अधिक समय से वन भूमि में खेती करते आ रहे हैं, ऐसे सभी लोगों को उस वन भूमि का पट्टा या वन भू-अधिकार अभी तक क्यों नहीं दिया गया? ऐसे सभी लोगों को कब तक वन भूमि का पट्टा या भू-अधिकार प्रदान कर दिया जायेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विधान सभा क्षेत्र परासिया अंतर्गत अनुसूचित जनजाति व अन्य वर्ग के गरीब परिवारों के व्यक्तियों को जो दिनांक 31.12.1976 तक वनभूमि पर पात्र काबिज थे, उन्हें कृषि पट्टा दिया जा चुका है। अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के तहत अनुसूचित जनजाति व अन्य वर्ग के पात्र काबिजों को वन अधिकार पत्र प्रदाय किये गये है। वन भूमि पर पट्टा/अधिकार पत्र हेतु अपात्रों को विधिसम्मत कार्यवाही कर वन भूमि से बेदखल किया जाता है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में वन भूमि पर कृषि पट्टा देने की कोई योजना प्रभावशील नहीं है, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के तहत दिनांक 13-12-2005 को काबिज पात्र व्यक्तियों को वन अधिकार पत्र हेतु आवेदन करने पर वन अधिकार पत्र जारी किए जा चुके हैं।
सामूहिक विवाह सम्मेलन में अनियमिताओं की जाँच
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
2. ( क्र. 25 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत परासिया के अन्तर्गत दिनांक 13.04.2025 को मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनान्तर्गत सामूहिक विवाह सम्मेलन सम्पन्न हुआ, जिसमें विवाह के आयोजन हेतु जो राशि एकत्रित हुई उस राशि से विभिन्न व्यवस्थाओं जैसे भोजन, टेन्ट, पुष्पमाला, साज-सज्जा आदि व्यवस्थाओं के लिये निविदाकारों/वेन्डरों को बहुत अधिक राशि के बिलों का भुगतान किया गया और भी बहुत सारी अनियमितायें व भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी भोपाल स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम गठित कर जांच कराया जाना तथा दोषियों के उपर कार्यवाही किया जाना अत्यंत ही आवश्यक है। कब तक जांच टीम गठित कर जांच करते हुये दोषियों के ऊपर कार्यवाही की जायेगी? (ख) सामूहिक विवाह सम्मेलन से संबंधित जानकारी प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परासिया को पत्र क्र.वि.स./परासिया/2025/303 दिनांक 22.05.2025 एवं अनुस्मरण पत्र क्र.वि.स./परासिया/2025/ 332 दिनांक 06.06.2025 प्रेषित किया गया था, जिस संबंध में न तो प्रश्नकर्ता को अभिस्वीकृति प्रदान की गई है और न ही जानकारी प्रदान की गई है, जिसका क्या कारण है? कब तक जानकारी उपलब्ध करा दी जायेगी? अवगत कराये।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। व्यवस्थाओं पर नियमानुसार व्यय सीमा के अंतर्गत राशि खर्च की गई है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) माननीय विधायक को जानकारी प्रदाय कर दी गई है। प्रदाय जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शाजापुर में स्थित नेहरू स्मृति वन का विकास
[वन]
3. ( क्र. 47 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर नगर में स्थित नेहरू स्मृति वन लगभग 35 वर्ष पूर्व विकसित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इसकी वर्तमान स्थिति क्या है यदि जीर्ण-र्शीण अवस्था में है तो इसको विकसित करने की क्या योजना है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ (ख) वर्तमान में नेहरू स्मृति वन में पैगोड़ा, कुर्सियां, सीढ़िया इत्यादि जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है जिसे वर्तमान में विकसित करने संबंधी कोई योजना प्रचलित नहीं है।
ग्राम पंचायतों में नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
4. ( क्र. 50 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर विधानसभा 167 की कितनी ग्राम पंचायतों में पेयजल हेतु जल-जीवन मिशन में नल-जल योजना का क्रियान्वयन किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) यदि हाँ, तो कितने ग्रामों में नल-जल योजना कार्य पूर्ण है या अपूर्ण है? सूची देकर स्पष्ट करें। (ग) यदि अपूर्ण हे तो नियुक्त अधिकृत एजेन्सियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) पेयजल हेतु 78 ग्राम पंचायतों के 87 ग्रामों में एकल ग्राम नल-जल योजनाओं तथा 69 ग्राम पंचायतों के 118 ग्रामों के लिए 03 विभिन्न समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। 03 विभिन्न समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। (ग) एकल ग्राम नल-जल योजनांतर्गत नियुक्त अधिकृत एजेन्सियों को कार्य समय पर पूर्ण करने हेतु समय-समय पर नोटिस जारी किये गये हैं एवं समयावधि/कार्य में विलम्ब हेतु अनुबंध की शर्तों के अनुसार संबंधित ठेकेदारों के देयक से राशि रोकी गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं, अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मड़ीखेड़ा समूह जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
5. ( क्र. 86 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में जल निगम द्वारा मड़ीखेड़ा समूह जल प्रदाय योजनान्तर्गत कौन-कौन से ग्राम शामिल है व उक्त ग्रामों में से कौन-कौन से ग्रामों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है व किस-किस ग्राम में कार्य अपूर्ण है व ऐसे कौन-कौन से ग्राम में जिनमें अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है? कारण सहित जानकारी ग्रामवार, पंचायतवार, विकासखण्डवार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ व आवंटन के विरूद्ध किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस ग्राम में कौन-कौन सी सीसी व अन्य सड़कें पाइप-लाइन डाले जाने हेतु खोदी गयी व उनमें से किस-किस सड़क का री-स्टोरेशन कार्य पूर्ण कर लिया गया है व किस-किस का किस कारण से अपूर्ण है व ऐसे कौन-कौन से ग्राम है जिनमें री-स्टोरेशन कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है, जानकारी ग्रामवार, पंचायतवार, विकासखण्डवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत ग्रामवार आवंटन प्राप्त नहीं होता है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
राशन की दुकानों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( क्र. 131 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंट विधानसभा के अंतर्गत कितनी उचित मूल्य की राशन दुकानें संचालित हैं? (ख) केंट विधानसभा के कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ मिल रहा हैं? (ग) केंट विधानसभा के ऐसे कितने हितग्राहियों के आवेदन अभी तक लंबित हैं? इन हितग्राहियों को कब इस योजना का लाभ मिलेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत-52 शासकीय उचित मूल्य दुकानें संचालित है। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में 24835 परिवार के 93,043 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ मिल रहा है। (ग) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नवीन पात्रता पर्ची हेतु प्राप्त 1473 आवेदनों को सत्यापन उपरांत ई-केवायसी करने हेतु पीओएस मशीन में प्रदर्शित कराया गया है। परिवार के सदस्यों की ई-केवायसी उपरांत नवीन पात्रता पर्ची जारी करने का प्रावधान है। पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत प्रक्रिया है।
जल-जीवन मिशन के कार्यों की प्रगति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( क्र. 185 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विकासखण्ड जवा एवं विकासखण्ड सिरमौर में जल-जीवन मिशन के तहत किन-किन ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं तथा किन ग्राम पंचायतों में कार्यों को पूरा किया जाना बाकी है? प्रत्येक ग्राम पंचायतवार पृथक-पृथक निविदा विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या कई ग्राम पंचायतों में पेयजल लाइन बिछाने के दौरान मार्गों की खुदाई की गई है एवं वन्य भूमि से लगी हुई पंचायतों में पत्थर की बाउण्ड्री ठेकेदार के द्वारा तोड़ दी गई हैं? क्या ऐसे क्षतिग्रस्त मार्गों एवं वन्य जीव संरक्षण हेतु बनाई गई बाउण्ड्री का पुनर्निर्माण एजेंसी द्वारा कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यह कि विकासखण्ड जवा एवं विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत ग्राम पंचायतों में जल-जीवन मिशन कार्य पूर्णता की अवधि विभाग के द्वारा क्या निर्धारित की गई है? पंचायतवार पृथक-पृथक विवरण उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ, पाइप-लाइन बिछाने के उपरांत खोदी गई सड़कों एवं संरचना को सुधार कर पुर्वानुसार किया जाता है, निश्िचत तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है।
जल-जीवन मिशन में भ्रष्टाचार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( क्र. 188 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 5 वर्षों में जल-जीवन मिशन के अंतर्गत नल-जल योजनाओं में सिविल खंड द्वारा कितने नलकूप खनित कराए गए? ग्रामवार, योजनावार, डी.टी.एच./ग्रेविल पैक/काम्बीनेशनवार सूची दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन ग्रामों में पूर्व में साधारण/ग्रेविल पैक नलकूप खनित कराए गए उन्हीं ग्रामों में भू-भाग का प्रकार बदल कर अत्याधिक लागत के काम्बीनेशन मशीन से नलकूप खनित कराए गए? (ग) यदि हाँ, तो कहां-कहां सूची देवें? खनित कराए गए कितने नलकूप, सफल/असफल हैं? कितनी गहराई के नलकूप खनन कराये जाने थे? कितनी गहराई के कराए गए? अनुबंधित से कम गहराई के नलकूपों को विभाग द्वारा किस श्रेणी में भुगतान किए गया है? (घ) प्रश्नाधीन परिप्रेक्ष्य में योजनाओं में किस प्रकारण के नलकूप खनित कराए जाने की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई और उन योजनाओं में किस प्रकार के नलकूप खनित कराए गए? योजनावार, खनन के प्रकार, प्रशासकीय स्वीकृति एवं खनित नलकूपवार सूची दें? (ड.) प्रश्नाधीन योजनाओं में नलकूप खनन के प्रकार में परिवर्तन करते हुए किन-किन अधिकारियों के आदेश पर ठेकेदारों की मिलीभगत से ऐसे नलकूप खनित कराकर शासन को करोड़ों रूपए का चूना लगाया गया इस हेतु कौन दोषी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 70 ग्रामों में कुल 127 नलकूप खनित कराए गए। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) मिश्रित भू-गर्भीय संरचना वाले ग्रामों में कॉम्बीनेशन रिग मशीन से नलकूप खनन् किया जाना तकनीकी रूप से उपयुक्त होता है, तद् नुसार उत्तरांश (क) में उल्लेखित 70 ग्रामों में से 30 ग्रामों में 34 नलकूपों का खनन् कॉम्बीनेशन रिग मशीन द्वारा कराया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। 33 नलकूप सफल एवं 01 असफल है, प्रावधानित एवं वास्तविक गहराई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। अनुबंध अनुसार निर्धारित गहराई के पूर्व नलकूप में उपयुक्त जल आवक क्षमता प्राप्त होने पर ऐसे नलकूप को और अधिक गहरा खनन् कराये जाने का तकनीकी रूप से औचित्य नहीं होता है, वास्तविक मापांकन अनुसार भुगतान की कार्यवाही की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के संचालित छात्रावास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
9. ( क्र. 264 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग के कौन-कौन से कितने-कितने छात्रावास संचालित हैं। इन्हें किस-किस योजना मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन छात्रावासों का सुधार, मरम्मत, रख-रखाव पुनर्निर्माण सामग्री आदि की खरीदी पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। किन-किन छात्रावासों का कब से कौन-कौन सा सुधार, मरम्मत, पुनर्निर्माण कार्य कब से नहीं कराया गया? किन-किन छात्रावासों में कौन-कौन सी बुनियादी सुविधाएं शुद्ध पेय जल, बिजली स्वच्छ टायलेट, मेस आदि की सुविधा नहीं है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास अधारताल की वर्तमान में क्या स्थिति है। यह कब से किस भवन में संचालित है एवं क्यों? इसमें कौन-कौन सी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं एवं क्यों? इसके नवीन भवन का निर्माण कार्य कराने का कब कितनी राशि का प्रस्ताव शासन को भेजा गया हैं। प्रस्ताव कब से किस स्तर पर लम्बित है एवं क्यों? शासन इसके लिये बजट में आवश्यक राशि का कब तक प्रावधान कर बनवाना सुनिश्िचत करेगा? इस छात्रावास में कितने छात्र निवासरत हैं?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जिले के विभागीय छात्रावास निम्नानुसार है:-
क्र. |
विभाग |
जूनियर |
सीनियर छात्रावास |
पोस्ट मैट्रिक छात्रावास |
आश्रम |
कुल योग |
||||
कन्या |
बालक |
कन्या |
बालक |
कन्या |
बालक |
कन्या |
बालक |
|||
1 |
अनुसूचित जाति |
0 |
2 |
13 |
15 |
2 |
2 |
0 |
0 |
34 |
2 |
अनुसूचित जनजाति |
0 |
2 |
9 |
20 |
3 |
5 |
3 |
6 |
48 |
अनुसूचित जाति एवं जनजातीय कार्य विभाग की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति एवं जनजातीय कार्य विभाग की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास आधारताल आधारताल कैंपस में स्थित जनजातीय छात्रावास भवन में संचालित किया जा रहा है, जिसमें आवश्यकता अनुसार बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध है, जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग के 02 संस्थाओं के कुल 79 बच्चे निवासरत है। वर्तमान में उक्त छात्रावास के नवीन भवन निर्माण के संबंध में स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जनजातीय कार्य विभाग की जानकारी निरंक है।
वृक्षारोपण हेतु नीमखली गोबर खाद की सप्लाई में टेण्डर प्रक्रिया
[वन]
10. ( क्र. 359 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में सामान्य वन मण्डल के अन्तर्गत वृक्षारोपण हेतु वर्ष 2025-2026 कितनी निविदा नीमखली, गोबर खाद एवं उपजाऊ मिट्टी क्रय हेतु फर्म का नाम एवं निविदा की शर्तों सहित सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) क्या वर्ष 2025-2026 में निविदा शर्तों के अनुसार फर्म को कार्य आदेश टेण्डर दिया है या बगैर निर्धारित प्रक्रिया के पालन बगैर जिसमें वर्ष 2025 की ऑडिट रिपोर्ट तथा वर्ष 23-24 तथा 22-23 की बगैर ऑडिट रिपोर्ट एवं शपथ पत्र बगैर ऑडिट रिपोर्ट के बाद उक्त टेण्डर शुभ टेडर्स एवं तनव टेर्डस के टेण्डर बिना शर्तों के निर्धारित प्रक्रिया की सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) वर्ष 2024-25 में वृक्षारोपण हेतु नीमखली, गोबर खाद उपजाऊ मिट्टी कुल कितनी क्रय की गयी तथा प्लाटेंशन में कुल कितने वृक्ष लगाये गये तथा किस फर्म से उक्त सामग्री खरीदी गई है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वनमण्डल शिवपुरी अंतर्गत वृक्षारोपण हेतु वर्ष 2025-26 में एक निविदा नीमखली, गोबर खाद एवं उपजाऊ मिट्टी क्रय हेतु एम.पी. ई-टेण्डर पोर्टल के माध्यम से आमंत्रित की गयी है, निविदा शर्तों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निविदा के माध्यम से फर्म चयन अभी शेष है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्ष 2024-25 में वृक्षारोपण हेतु नीमखली 725.56 क्विंटल, गोबर खाद 13529 घनमीटर तथा उपजाऊ मिट्टी 15460 घनमीटर क्रय की गयी। वन मण्डल शिवपुरी अंतर्गत वर्ष 2024-25 में की गई क्षेत्र तैयारी में वर्ष 2025 में कुल 2029219 पौधों का रोपण कार्य किया जाना है, जिसमें दिनांक 11/07/2025 तक 1918019 पौधे रोपित किये गये हैं। उक्त सामग्री वर्ष 2024-25 के सफल निविदाकार मेसर्स तनव ट्रेडर्स शिवपुरी से क्रय की गई है।
वर्ष 2024-25 में उपार्जन केन्द्र का निर्धारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
11. ( क्र. 394 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2024-25 खरीफ उपार्जन वर्ष में क्या सेवा सहकारी समिति मढ़ी एवं दलदल को धान खरीदी केन्द्र बनाया गया था? जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या धान उपार्जन नीति की कंडिका 7.1 (iv) के तहत् क्या पूर्व वर्षों की किसी अपात्र संस्था के उपार्जन केन्द्र प्रभारी को उपार्जन कार्य देने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो जानकारी दी जावे। यदि नहीं, क्या सीईओ डी.सी.सी.बी. सतना द्वारा अनियमितता में संलिप्त कर्मचारियों से पोस्ट डेटेड चेक लेकर उपार्जन कार्य दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या उपार्जन नीति में ऐसा प्रावधान था? जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में उपार्जन अवधि समाप्त हो जाने के उपरान्त क्या ऐसे पोस्ट डेटेड चेकों की वसूली की जा चुकी हैं। यहि हाँ तो कब और कितनी राशि वसूल की गयी जानकारी दी जावे, यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी दी जावे। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तथ्यों के अनुसार उपार्जन नीति के विरुद्ध धान खरीदी केन्द्र बनाने की अनुशंसा करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यहि हां, तो समयावधि बतायी जावे? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) :(क) जी हाँ। खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु मढ़ी एवं दलदल को धान खरीदी केन्द्र बनाया गया था। (ख) उपार्जन नीति के तहत पूर्व वर्षों की किसी अपात्र संस्था के उपार्जन केन्द्र प्रभारी को उपार्जन कार्य देने का प्रावधान नहीं था। खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में जारी उपार्जन नीति अनुसार विगत 4 सीजन (विगत 2 खरीफ एवं 2 रबी) में उपार्जित मात्रा एवं स्वीकृत मात्रा में 0.5 प्रतिशत से अधिक के अंतर नहीं पाए जाने से सेवा सहकारी समिति को उपार्जन का दायित्व दिया गया, फिर भी उपार्जन केन्द्र निर्धारण के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा हेतु संबंधित संस्थाओं के विगत 4 सीजन के पूर्व वर्षों की शार्टेज की राशि जमा हो सके, इस हेतु संबंधित संस्थाओं से शपथ पत्र एवं पोस्ट डेटेड चेक मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, सतना द्वारा जमा कराया जाकर उपार्जन समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। पूर्व वर्षों में अनियमितता में संलिप्त व दोषी पाए जाने वाली संस्था के कर्मचारी (प्रबंधक/आपरेटर) को उपार्जन कार्य में संलग्न नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में उपार्जन अवधि समाप्त हो जाने के उपरांत पूर्व वर्षों की शार्टेज मात्रा की राशि जमा हो सके, इस हेतु संबंधित संस्थाओं से जमा कराए गए पोस्ट डेटेड चेक के विरूद्ध सेवा सहकारी समिति, मढ़ीकला द्वारा राशि रू. 4 लाख एवं सेवा सहकारी समिति, दलदल द्वारा रू. 5 लाख की राशि जमा कराई जा चुकी है। शेष शार्टेज राशि जमा कराए जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) सतना जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में जारी उपार्जन नीति अनुसार जिला उपार्जन समिति द्वारा उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण किया गया है। उपार्जन नीति निर्देशानुसार किसी भी संस्था को उपार्जन कार्य का दायित्व नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
नल-जल योजनांतर्गत पानी की टंकियों का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
12. ( क्र. 427 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की व्यवस्था हेतु नल-जल योजना के तहत प्रत्येक गांव में पानी की टंकियों निर्माण कर पाइप-लाइन डाली जा रही है। (ख) यदि हाँ, तो उस नल-जल योजना के तहत बनाई जा रही टंकियों के निर्माण में ठेकेदारों द्वारा शासन के मापदण्डों के अनुसार उच्च गुणवक्ता पूर्ण निर्माण सामाग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। (ग) जिला मुरैना के कुछ क्षेत्रों में कुछ नल-जल योजना के तहत किये गये टंकियों के निर्माण कार्य पूर्ण होने एवं भुगतान होने के कुछ दिनों बाद ही उक्त टंकिया भरभरा कर गिर गई थी जैसे विधानसभा सबलगढ़ के ग्राम पंचायत टेंटरा एवं अन्य जगह पर तथा उक्त घटना में कुछ बच्चों की जाने भी गई थी। यदि हाँ तो। (घ) इस प्रकार की गुणवक्ताहीन टंकिया का कार्य करने वाले एवं पाइप-लाइन डालने वाले ठेकेदारों पर जांच करा कर कार्यवाही होगी। यदि हाँ तो कब तक। (ड.) क्या विभाग ऐसे निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों पर कार्यवाही करेगा। यदि हाँ, तो कब तक।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं, केवल 1000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्रामों में ही पानी की टंकी (उच्च स्तरीय टंकी) एवं पाइप-लाइन डालने का निर्माण कार्य किया जा रहा है। 1000 से कम जनसंख्या वाले ग्रामों में केवल पाइप-लाइन बिछाने का कार्य किया जाना प्रावधानित है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। नल-जल योजना अंतर्गत कोई भी टंकी भर-भराकर नहीं गिरी है। विधानसभा सबलगढ़ के अंतर्गत ग्राम पंचायत टेंटरा के ग्राम भोगीपुरा के आंगनवाड़ी केन्द्र एवं ग्राम पंचायत खिरका के शासकीय माध्यमिक विद्यालय खिरका में पेयजल हेतु निर्मित प्याऊ सरंचना के क्षतिग्रस्त होने पर 02 छात्रों की गंभीर रूप से घायल होने से मृत्यु हुई। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित दुर्घटना के बाद संबंधित ठेकेदार को काली सूची में डालने एवं पुलिस में एफ.आई.आर. की कार्यवाही की गई। (ड.) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित दुर्घटना के बाद उक्त कार्य की मॉनिटरिंग करने वाले उपयंत्री के निलम्बन की कार्यवाही की गई है।
खरीदी केन्द्र प्रभारियों की नियुक्ति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
13. ( क्र. 443 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की विधान सभा बड़ामलहरा में गेहूं, चना एवं अरहर फसल खरीदी केन्द्र बनाकर किसानों से फसल खरीद की गई थी? यदि हाँ, तो कितने खरीदी केन्द्र बनाये गये थे? (ख) इन खरीदी केन्द्रों पर वर्ष 2024-25 एवं इस वर्ष किस किसान से क्या-क्या, कितना-कितना अनाज खरीदा गया एवं कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई? (ग) क्या किसानों को गुमराह कर 100 किलो के स्थान पर 104 किलो की तौल की गई है? इसके बाद भी मंडी चार्ज, सर्वेयर चार्ज, वेयर हाउस चार्ज और पल्लेदारी के चार्ज के नाम पर किसानों से काटा जाता है? जो किसान नकद नहीं देता उसकी इन्ट्री कम कर दी जाती? (घ) क्या भ्रष्ट केन्द्र प्रभारियों को हटाकर इनके स्थान पर नये प्रभारियों की नियुक्ति कर सकती है? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर जिले की विधानसभा बड़ामलहरा क्षेत्रांतर्गत में खाद्यान्न एवं दलहन उपार्जन हेतु वर्ष 2024-25 में गेहूं-24, चना-03 तथा वर्ष 2025-26 में गेहूं-23, चना-03 एवं अरहर-02 खरीदी केन्द्र बनाए गए थे। (ख) छतरपुर जिले की विधानसभा बड़ामलहरा क्षेत्र में वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर किसानवार गेहूं एवं वर्ष 2025-26 में अरहर की उपार्जित मात्रा एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विधानसभा बड़ामलहरा क्षेत्रांतर्गत में वर्ष 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 चने की खरीदी एवं वर्ष 2024-25 में अरहर की खरीदी निरंक रही है। (ग) उपार्जन नीति के अनुसार कृषकों से उपार्जित स्कंध की मानक भर्ती 50 किलोग्राम एवं बारदाना वज़न अनुसार तौल किए जाने का प्रावधान है। किसानों से अधिक उपज तौलने, मंडी, सर्वेयर, वेयरहाऊस, पल्लेदारी चार्ज काटे जाने तथा किसान द्वारा नगद राशि नहीं देने पर उपज की प्रविष्टि कम करने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आए है। (घ) उपार्जन करने वाली संस्थाओं में कार्यरत केन्द्र प्रभारी द्वारा किसी प्रकार की अनियमितता करने पर उपार्जन कार्य से पृथक करने एवं किसी अन्य संस्था में केन्द्र प्रभारी को नहीं रखा जाने का प्रावधान उपार्जन नीति में है। रबी उपार्जन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु विधानसभा क्षेत्र बड़ामलहरा अंतर्गत किसी भी उपार्जन केन्द्र के केन्द्र प्रभारियों द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत प्राप्त न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हैण्डपम्प खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
14. ( क्र. 449 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र बड़ामलहरा में वर्ष 2024-25 एवं 2025-2026 में कितने-कितने हैण्डपम्प स्वीकृत कर खनन कराये गये? हैण्डपम्प स्वीकृत एवं खनन किस प्रक्रिया के आधार पर होते हैं? (क) क्या विभागीय अधिकारी किस आधार पर स्थान चयन करते है? (ग) यदि नहीं, तो प्रश्नकर्ता द्वारा हैण्डपम्प खनन के लिये कब-कब पत्र लिखकर अनुशंसा की गई और अनुशंसित स्थानों में से अभी तक कितने स्थानों पर हैण्डपम्प खनन कराये गये कृपया अनुशंसित पत्रों एवं हैण्डपम्प खनन की वर्षवार सूची दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़ामलहरा में वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में क्रमश: 19 एवं 10 नवीन नलकूप खनन कर हैंडपंप स्थापना के कार्य स्वीकृत हो कर कराए गए। हैंडपंप स्वीकृति एवं खनन की प्रक्रिया के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक- एफ 08-03/2017/2/34 भोपाल दिनांक 01 जून 2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) नलकूप खनन का स्थल चयन उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित शासन के आदेश अनुसार किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
पीड़ितों को प्रदान की जाने वाली सुविधाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
15. ( क्र. 657 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन नियम 2016 के उपबन्धों के तहत राहत राशि के प्रावधान के तहत, हत्या, मृत्यु, सामूहिक हत्या, बलारसंग सामूहिक स्थायी अक्षमता के ग्वालियर से चंबल संभाग कितने प्रकरण जनवरी 24 से 20 जून 2025 तक दर्ज हुये है, पीड़ितों के नाम एवं सम्पूर्ण पता सहित बतायें। (ख) क्या उपरोक्त पीड़ितों या उनके आश्रितों को कितनी राशि स्वीकृत एवं वितरित की गई है, प्रकरणवार बतायें। (ग) क्या पीड़ित परिवार को संदत्त अनुतोष की रकम के अतिरिक्त अनुतोष का अत्याचार की तारीख के तीन माह के भीतर मृतक व्यक्ति की विधवा या अन्य आश्रितों को पांच हजार, मूल पेंशन के साथ अनुज्ञेय महंगाई भत्ता दिया गया है, यदि हाँ, तो प्रकरणवार जानकारी दें यदि नहीं, तो कौन जिम्मेदार है, यदि पीड़ित को योजना की जानकारी न ही है तो विभाग के किस फील्ड अधिकारी द्वारा समझाइश दी गई, यदि नहीं, तो क्या विभागीय फील्ड अधिकारी समझाइश देकर उनका मांग पत्र लेगा यदि हाँ, तो कब तक? (घ) इसी योजना के तहत पीड़ित परिवार को पुनर्वास योजनान्तर्गत दिये गये प्रावधान अनुसार क्या-क्या सुविधायें दी गई। यदि हां, तो प्रकरणवार बतायें यदि नहीं, दी गई हैं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? पीड़ितों को यह सुविधायें कब तक दी जायेगी।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखित है। (ग) अधिनियम के प्रावधानों के तहत पीड़ितों को राहत स्वीकृत करने के अधिकार जिला स्तरीय समिति के पास है। जिला- ग्वालियर, भिण्ड, शिवपुरी, अशोकनगर, मुरैना एवं श्योपुर द्वारा पात्रता नहीं होने का उल्लेख कर मूल पेंशन के साथ अनुज्ञेय मंहगाई भत्ता नहीं दिया गया है। इन जिलों हेतु प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी निरंक है। जिला- गुना एवं दतिया द्वारा मूल पेंश्न के साथ अनुज्ञेय मंहगाई भत्ता दिया गया है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल-जीवन मिशन में चयनित गांव
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( क्र. 682 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा के कौन-कौन से गाँव जल जीवन मिशन के अंतर्गत लिए गए हैं? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा के किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना पूर्ण होकर घर घर पानी दिया जा रहा है? (ग) ऐसे कितने ग्राम हैं जिनमें नल-जल योजना का कार्य अपूर्ण है? (छ) नल-जल योजना का कार्य कब तक पूर्ण हो जवेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्र चौरई में जल-जीवन मिशन अंतर्गत एकल ग्राम नल-जल योजना के क्रियान्वयन एवं समूह जल प्रदाय योजना (माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना) के क्रियान्वयन हेतु सम्मिलित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) एकल ग्राम नल जल योजनांतर्गत 144 ग्रामों की योजनाएं अपूर्ण (प्रगतिरत) तथा 01 ग्राम की योजना अप्रारंभ है। माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना का कार्य (अपूर्ण) प्रगतिरत है। (घ) एकल ग्राम नल जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना के कार्य मार्च 2026 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
समूह नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( क्र. 683 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा के कि कौन-कौन से गाँव माचागोरा बांध से समूह नल-जल प्रदाय योजना अंतर्गत लिए गए हैं? (ख) यह योजना कब तक पूर्ण हो जावेगी? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा के कुछ गाँव समूह जल प्रदाय योजना से वंचित रह गए हैं, सूची उपलब्ध कराई जावे। (घ) क्या वंचित ग्रामों को इस योजना में शामिल करने की योजना है यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। (ख) माचागोरा समूह जल प्रदाय योजना के कार्य मार्च 2026 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) जी हाँ, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 अनुसार है, तथापि सूची के 62 ग्रामों के लिए जल-जीवन मिशन की गाइड-लाइन अनुसार एकल ग्राम नल जल योजनाएं स्वीकृत हैं। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना व अधीक्षकों की पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
18. ( क्र. 771 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला पांढुर्ना की उप-तहसील नांदनवाड़ी में एकलव्य आदर्श आ.विद्यालय खोलने हेतु स्थानीय विधायक से शासन/विभाग/जिला-कलेक्टर को कोई पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक कि जावेगी? क्या उक्त जनजातीय बाहुल्य स्थान में निकट भविष्य में आदर्श एकलव्य आ.विद्यालय प्रारम्भ करने की योजना है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पांढुर्ना के ग्राम-मैनीखापा में कन्या छात्रावास खोलने/प्रारंभ किये जाने हेतु शासन/विभाग के पास कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन/लंबित है या भविष्य में इस बाबत कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो उक्त कन्या छात्रावास कब तक प्रारम्भ हो जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) (क) जी हाँ। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा दिनांक 13.11.2020 को जारी गाइड-लाइन में निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति न होने के कारण पांढुर्ना की उप-तहसील नांदनवाड़ी में नवीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खोला जाना भारत सरकार के मापदण्ड में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ-12-01/2017/25-2691 दिनांक 24.03.2017 के प्रावधानों के अनुसार नवीन छात्रावासों की स्थापना के लिये जारी नीति/मापदण्डों अनुसार अब ग्राम स्तर पर छात्रावास खोले जाने की नीति नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्षतिग्रस्त नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
19. ( क्र. 981 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या फोरलेन सड़क निर्माण की सीमा में आने के कारण ग्राम रैपुरा में नल जल योजना के अंतर्गत डाली गई पाइप-लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है? (ख) ऐसी कौन-कौन सी नल-जल योजनायें हैं जो फोरलेन सड़क निर्माण के कारण क्षतिग्रस्त हुई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्षतिग्रस्त योजनाओं का पुनर्निर्माण किस विभाग के द्वारा किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत पुनर्निर्माण हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) फोरलेन सड़क निर्माण के कारण कंदराखेडा, रैपुरा एवं केवलारी ग्रामों की नल जल योजना क्षतिग्रस्त हुई हैं। (ग) उत्तरांश ''ख'' के अंतर्गत क्षतिग्रस्त योजनाओं का पुनर्निर्माण लोक निर्माण विभाग (भ/स) मुख्यालय उपसंभाग क्रमांक-01 जबलपुर के द्वारा किया जाएगा। (घ) पुनर्निर्माण की निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आदिवासी ब्लॉक में पूर्ण और अपूर्ण नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( क्र. 1010 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ जिले में "नल-जल मिशन" के तहत वर्ष 2020 से 2025 तक कितनी योजना स्वीकृत हुई? कौन-कौन से ग्राम पंचायत, गाँव के लिए स्वीकृत है, इनका बजट कितना था, कौन-कौन सी योजना 100℅ पूर्ण हो गयी और कौन सी अपूर्ण है? सूची प्रदान की जाए। (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में सभी योजना को ग्रामीण एरिया के समस्त घर पर 100% नल लगा दिये गए हैं और पानी की टंकी और जल संचय के स्त्रोत, बिजली की भी पूरे हो गए है? यदि नहीं, तो कितनी योजना में कितना काम बाकी है? (ग) नल-जल योजना के पूर्ण होने के बावजूद भी दूरस्थ एरिया के आदिवासी ग्रामीण आज भी पीने के जल हेतु, जलाशय, तालाब, नलकूप पर निर्भर क्यों है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) झाबुआ जिले में जल-जीवन मिशन अंतर्गत वर्ष 2020 से 2025 तक 716 एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त हुई है, ग्रामवार शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त 05 समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। जल स्त्रोत की उपलब्धता एवं सुनिश्िचता को देखते हुए इन 05 समूह योजनाओं के कुल 297 ग्रामों के कार्य पेटलावद एवं धमोही समूह योजना में समाहित किए गए हैं। (ख) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। दोनों समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है।
वन क्षेत्र से लगे ग्राम के आवगमन हेतु मार्ग का निर्माण
[वन]
21. ( क्र. 1042 ) श्री मोहन शर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत वन्य अभयारण्य के अंतर्गत आस-पास आने वालों ग्रामों के निवासियों को आवगमन के लिये कोई रास्ता निर्धारण किया गया हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्यो वन क्षेत्र से लगे ग्राम कोटरा से छाबड़ एवं रेसई भटपुरा मार्ग तथा, विजयगढ़ से चैनपुरा मार्ग निर्माण कार्य के लिये विभाग द्वारा कोई योजना बनाई गई? यदि हाँ, तो बताएं? (ग) क्या वन विभाग के आस-पास ग्रामीण क्षेत्र के किसान बंधुओं को आवगमन एवं पीने के पानी की सुविधा, हैडपंप खनन की स्वीकृति विभाग द्वारा दी जाएगी। जिससे ग्रामीणों को सुविधा हो सकेगी।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) राजगढ़ वनमंडल के वन्यजीव अभयारण्य नरसिंहगढ़ के अंतर्गत आस-पास आने वाले ग्रामों के निवासियों द्वारा पूर्व में बने कच्चे एवं पक्के मार्गों का ग्रामीणों द्वारा अपनी आवश्यकता अनुसार उपयोग किया जा रहा है। (ख) वन क्षेत्र से लगे ग्राम कोटरा से छाबड़ एवं रेसई भटपुरा मार्ग तथा विजयगढ़ से चैनपुरा वनमार्गों की मरम्मत वन विभाग द्वारा वानिकी कार्य के अंतर्गत की जाती है। वन विभाग की उक्त मार्गों के निर्माण की कोई योजना नहीं है। अपितु मार्ग निर्माण विभाग द्वारा विधिवत आवेदन पत्र प्राप्त होने पर नियमानुसार अनुमति देने की कार्यवाही की जाती है। (ग) राजगढ़ वनमंडल अंतर्गत वन्यजीव अभयारण्य नरसिंहगढ़ अंतर्गत आस-पास ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को आवागमन एवं पीने के पानी की सुविधा, हैडपंप खनन की अनुमति से संबंधित आवेदन सम्बंधित विभाग द्वारा वनमण्डलाधिकारी, वनमण्डल राजगढ़ के माध्यम से प्राप्त होने पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक म.प्र. द्वारा नियमानुसार कार्यवाही कर वन्यजीव अनुमति सम्बंधी कार्यवाही कर प्राप्त आवेदनों का निराकरण कर ग्रामीणों को उक्त सुविधाओं का लाभ दिया जा सकता है।
हितग्राहियों को संचालित योजनाओं का लाभ
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
22. ( क्र. 1065 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजना अंतर्गत कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई व प्राप्त राशि का उपयोग कहाँ-कहाँ किया गया? वर्षवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) विभाग द्वारा वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को संचालित योजनाओं का लाभ दिया गया? योजनावार, वर्षवार, ग्रामवार हितग्राही के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) हितग्राहियों को जिस योजनांतर्गत लाभ प्रदाय किया गया उसकी वर्तमान में क्या स्थिति है, कितनी योजनाएँ चालू है व कितनी बंद हो चुकी है? योजनावार जानकारी उपलब्ध करावे। (घ) वर्तमान में चालू योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावे तथा जो योजनाएं वर्तमान में बंद हो चुकी है उनके बंद होने का क्या कारण है?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’क’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ख’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ग’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’घ’’ अनुसार है।
काकनवानी नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
23. ( क्र. 1125 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा काकनवानी नल-जल योजना तीन वर्षों से बंद पडी है तथा यह योजना करोडों की है? बलवासा से लेकर काकनवानी तक पाइप-लाइन डालकर के प्रारंभ की गई है परंतु क्षेत्र के लोगों को एक बूंदा पानी प्राप्त नहीं हो रहा है और करोड़ों की शासकीय राशि का खुलेआम दुरूपयोग हो रहा है एवं ठेकेदार ने तीन वर्ष में इस योजना पर कितना खर्च किया है और इससे क्षेत्र की जनता को क्या लाभ हो रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) लगभग 15 वर्ष पूर्व क्रियान्वित की गई 05 ग्रामों की 46 फ्लोराइड प्रभावित ग्रामीण बसाहटों की समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत ग्राम बलवासा से काकनवानी तक बिछाई गई पाइप-लाइन द्वारा वर्तमान में 03 दिवस छोड़कर पेयजल उपलब्ध हो रहा है एवं साथ ही विभाग द्वारा काकनवानी ग्राम में स्थापित किए गए हैंडपंपों से भी नियमित पेयजल उपलब्ध हो रहा है। जल-जीवन मिशनांतर्गत वर्ष 2020-21 में स्वीकृत की गई रु. 164.32 लाख लागत की एकल ग्राम नल-जल योजना अंतर्गत बनाए गए कुएं में पर्याप्त जल आवक क्षमता प्राप्त नहीं होने के कारण उक्त योजना का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण नहीं हुआ है, पुनरीक्षित योजना में 01 अतिरिक्त कुआं तथा अनुषांगिक कार्य प्रस्तावित कर स्वीकृति प्राप्त की गई है। जल जीवन मिशन की योजना में अद्यतन प्रगति लगभग 85.00 प्रतिशत है, तथापि निर्मित कुएं से ग्राम काकनवानी तक बिछाई गई लगभग 05 कि.मी. लम्बी एच.डी.पी.ई. पाइप की पम्पिंग मेन से वर्तमान में नियमित जल प्रदाय प्रारंभ नहीं किया गया है, पुनरीक्षित योजनानुसार कार्य पूर्ण कराये जाकर नियमित जल प्रदाय प्रारंभ किया जाना प्रावधानित है। जल जीवन मिशन की योजना में अब तक रु. 85.95 लाख व्यय किया गया है।
शासकीय अंध-मूक बधिर शाला का भवन निर्माण
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
24. ( क्र. 1144 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर स्थित शासकीय अंध-मूक बधिर शाला पंडापुरा के भवन निर्माण कार्य हेतु कब और कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? स्वीकृत राशि से कौन-कौन से कार्य कराया जाना प्रावधानित थे? अब तक कितने कार्य पूर्ण कर लिये गये है तथा कितने शेष है? अब तक किये गये कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गई है? क्या राशि के अभाव में शेष कार्य पूर्ण नहीं किये गये है? यदि हाँ, शेष कार्यों को पूर्ण किये जाने हेतु कितनी राशि की और आवश्यकता होगी? क्या शासन शेष कार्य हेतु राशि स्वीकृति कर पूर्ण करायेगा तथा कब तक? (ख) शासकीय अंध-मूक बधिर शाला पंडापुरा के भवन के निर्माण कार्य को पूर्ण कराये जाने हेतु शासन से अनकों बार संपर्क करने पर भी प्रश्न दिनांक तक कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है, इसका क्या कारण है? क्या शासन इस भवन का भौतिक सत्यापन कर शेष कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु व्यवस्था सुनिश्िचत करेगा?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) वर्ष 2018 में राशि रूपये 189.00 लाख स्वीकृत की गयी थी। स्वीकृत राशि से मानचित्र अनुसार 13 डोरमेट्री कक्ष, वार्डन रूम, ऑफिस केयर गिवर रूम, स्टोर रूम, किचिन, डायनिंग रूम, मनोरंजन कक्ष, रेम्प एवं 02 नग प्रसाधन ब्लॉक इत्यादि का प्रावधान था। वर्तमान में 07 डोरमेट्री कक्ष, केयर गिवर रूम, स्टोर रूम, कार्यालय कक्ष, अधीक्षक कक्ष, पार्च एन्ट्रेन्स लॉबी, 01 प्रसाधन कक्ष (बांई तरफ) सर्वेंट रूम, का निर्माण कार्य किया जा चुका है। शेष कार्य किचन, डायनिंग हॉल तथा दाएं भाग में 06 डोरमेट्री दांयी ओर का बरामदा प्रसाधन ब्लॉक 01 मनोरंजन कक्ष का कार्य लिंटल स्तर पर है। भवन निर्माण हेतु राशि रूपये 189.00 लाख में से 151.20 लाख की व्यय की गयी। जी हाँ। लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव अनुसार शेष कार्य के लिये 367.96 लाख की अतिरिक्त राशि चाही गयी है। चाही गयी राशि के संबंध में भौतिक सत्यापन उपरांत संशोधित प्रस्ताव चाहे गये है। तथ्यात्मक प्रस्ताव आने पर परीक्षण कर पुनरीक्षित स्वीकृति की कार्यवाही की जायेगी। (ख) सागर जिले में निर्माणाधीन शाला छात्रावास भवन हेतु शासन द्वारा राशि रूपये 189.00 लाख की स्वीकृति प्रदान किये जाने के उपरांत स्वीकृत राशि से भवन निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा था। जिसके लिये लोक निर्माण विभाग ने भवन हेतु काफी अधिक राशि 367.96 लाख की पुनरीक्षित स्वीकृति चाही है, जबकि समान रूप से बन रहे उज्जैन आई.टी.आई. भवन के लिये 274.72 लाख की पुनरीक्षित स्वीकृति चाही गयी है। राशि की मांग में काफी भिन्नता होने के कारण लोक निर्माण विभाग से शेष कार्य का भौतिक सत्यापन उपरांत संशोधित प्रस्ताव चाहे गये है। तथ्यात्मक प्रस्ताव आने पर परीक्षण कर पुनरीक्षित स्वीकृति की कार्यवाही की जायेगी।
उपार्जन कार्य में प्रासंगिक व्यय, कमीशन एवं लोडिंग तथा स्टेसिंग की दरें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( क्र. 1148 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समर्थन मूल्य पर धान/गेहूं उपार्जन कार्य में भारत शासन द्वारा उपार्जन एजेंसियों को वर्ष 23-24, 24-25 एवं 25-26 में प्रासंगिक व्यय, कमीशन, लोडिंग एवं स्टेगिंग किस दर पर भुगतान किया जाना निर्धारित किया गया है तथा उक्त संबंध में भारत शासन के पत्र की प्रतियां उपलब्ध करायी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या वर्तमान में बढ़ी हुयी महंगाई एवं मजदूरी के परिप्रेक्ष्य में उपार्जन एजेंसियों को वास्तविक लागत से कम प्रासंगिक व्यय, लोडिंग एवं स्टेगिंग की दर निर्धारित कर भुगतान प्रत्येक वर्ष में किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी दी जावे? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या भौतिक स्थिति में कार्य करने वाली उपार्जन एजेंसियों को उपार्जन नीति के अनुसार परिवहन न हो पाने से अधिभार स्वरूप क्रय स्कंध का रख-रखाव करने से साथ ही असामयिक जल वृष्टि से स्कंध खराब होने आदि पर अधिक व्यय होने से निर्धारित दरों का बढ़ाया जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या खरीफ उपार्जन वर्ष 25-26 में दरों की वृद्धि की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी दी जाये। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्धारित दरों का संशोधन किये जाने की अधिकारिता किसे है? यह भी जानकारी दी जावे।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उपार्जन एजेंसियों को वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान एवं गेहूं उपार्जन हेतु देय प्रासंगिक एवं कमीशन व्यय की दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है एवं इस संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं धान उपार्जन हेतु मंडी लेबर व्यय का निर्धारण स्टेट लेवल कमेटी द्वारा किया जाता है, जिसके आधार पर कार्य किया जाता है। भारत सरकार द्वारा स्वीकृत दर में अस्थाई स्टेकिंग सम्मिलित नहीं है इसके संबंध में भारत सरकार स्तर पर निरंतर अभ्यावेदन प्रस्तुत करने एवं समन्वय किया जा रहा है। (ग) भारत सरकार के पत्र दिनांक 06.05.2019 में दिए गए निर्देशानुसार राज्य में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन, वितरण एवं HLRT हेतु परिवहन की दरे SOR अनुसार राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा विभिन्न दूरियों हेतु निर्धारित की जाती है जिस पर भारत सरकार द्वारा प्रावधानिक आर्थिक लागत में परिवहन व्यय स्वीकृत किया जाता है। राज्य में इसी प्रक्रिया अनुसार कार्य सम्पादित किया जाता है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में भी SLC द्वारा निर्धारित SOR दरों पर ही कार्य किया जाएगा। (घ) समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं धान उपार्जन में प्रासंगिक एवं कमीशन व्यय की दरों में संशोधन करने की अधिकारिकता भारत सरकार को है।
प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[वन]
26. ( क्र. 1210 ) श्री विपीन जैन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग जिला मंदसौर के गरोठ रेंज में वर्ष 2016-17 हनुमंतिया एवं बरामॉ (मलकाना) ग्राम में वृक्षारोपण में भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) उक्त शिकायत किस-किस कर्मचारी, अधिकारी के विरुद्ध किसके द्वारा की गई थी? (ग) उक्त शिकायतों पर क्या कार्यवाहियां हुई हैं और यदि जांच की गई है तो क्या निष्कर्ष विभाग को प्राप्त हुए हैं। (घ) शिकायत के निष्कर्ष पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां दोषी अधिकारियों के विरुद्ध की गई, कब की गई तारीख बताये व निष्कर्षों की प्रति देवें।
राज्य मंत्री, वन (श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन विभाग जिला मंदसौर के गरोठ रेंज में वर्ष 2016-17 हनुमंतिया एवं बरामॉ (मलकाना) ग्राम में वृक्षारोपण में भ्रष्टाचार के संबंध में 04 शिकायतें प्राप्त हुई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) उक्त शिकायतों की विधिवत जांच कराई गई तथा प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर शिकायत में दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध विधिवत अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। (घ) शिकायत के निष्कर्ष पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
27. ( क्र. 1225 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैरसिया विधानसभा में कुल कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत है? कितनी पूर्ण हो चुकी हैं? कितनी निर्माणाधीन हैं? कितनी सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा नल-जल योजनाओं के निर्माण के दौरान क्षतिग्रस्त हुये मार्गों एवं सावर्जनिक स्थलों की मरम्मत करायी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उक्त मरम्मत कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) बैरसिया विधानसभा में कुल 318 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं स्वीकृत हैं। उक्त योजनाओं में से 173 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं एवं 145 योजनाएं निर्माणाधीन/प्रगतिरत हैं। 163 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं, इसके अतिरिक्त प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 02 समूह जल प्रदाय योजनाएं- संजय सागर (नहरयाई) एवं हलाली समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत हैं, इन योजनाओं में क्रमश: 42 एवं 09 ग्राम बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के सम्मिलित हैं। समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत कोई भी योजना पूर्ण नहीं है। दोनों समूह योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा एकल ग्राम नल-जल योजनाओं के निर्माण के दौरान क्षतिग्रस्त हुए मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों की 294 योजनाओं में मरम्मत कराई गई है तथा 06 योजनाओं में कार्य प्रगतिरत हैं। जिन योजनाओं में कार्य प्रगतिरत है, उनमें पाइप-लाइन टेस्टिंग एवं नल कनेक्शन प्रदान करने के उपरांत क्षतिग्रस्त मार्गों की मरम्मत का कार्य पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है, निश्िचत तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
संरक्षित वन अधिसूचित भूमि
[वन]
28. ( क्र. 1255 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अविभाजित होशंगाबाद जिले के राजस्व ग्रामों की दखल रहित भूमियों को भा.व.अ. 1927 की धारा 29 के अनुसार राजपत्र में दिनांक 26/09/1955 एवं दिनांक 08/08/1958 को संरक्षित वन अधिसूचित करने के बाद भी धारा 5 से 19 की जाँच प्रश्न दिनांक तक पूरी नहीं की गई है? (ख) 1955 एवं 1958 में किस ग्राम की कितनी भूमि को संरक्षित वन अधिसूचित किया? इसमें से किस ग्राम की कितनी भूमि की धारा 5 से 19 तक की जाँच वर्तमान में किस अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के समक्ष लंबित है? (ग) संरक्षित वन अधिसूचित भूमि राजस्व अभिलेख, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किस मद एवं किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि है? (घ) 1955 एवं 1958 में अधिसूचित कितनी भूमियों की धारा 5 से 19 तक की जाँच लंबित है और यह कब तक पूरी की जावेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक एवं दो अनुसार है। (ग) संरक्षित वन अधिसूचित भूमियां राजस्व अभिलेखों में मुख्यत: छोटे-बड़े झाड़ का जंगल, पहाड़ चट्टान, चरोखर,घास, चरनोई, निस्तार, बंजर/पड़त भूमि, जंगलजला, गोठान, काबिल कास्त इत्यादि मदों एवं प्रयोजनों में दर्ज रही है। (घ) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 तक वन व्यवस्थापन की कार्यवाही अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया में है, अतः समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
29. ( क्र. 1280 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत जनजातीय कार्य विभाग के द्वारा कितने कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है? योजनावार जानकारी उपलब्ध करायें। प्रधानमंत्री जन-मन योजना एवं धरती आबा योजना के अंतर्गत विभिन्न विभागों के द्वारा कौन-कौन से कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है? पूर्ण विवरण सहित जानकारी दें। विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति परिवार को प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं से लाभान्वित किया गया है? (ख) सीधी एवं सिंगरौली जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजातियों के उत्थान एवं कल्याण के लिये बैगा विकास प्राधिकरण का गठन शहडोल, उमरिया, अनूपपुर जिले की भांति किया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बत्तायें। (ग) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत मध्यप्रदेश के मूल निवासी अनुसूचित जनजाति वर्ग को जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने हेतु 50 वर्ष की राजस्व रिकार्ड की मांग की जाती है? राजस्व रिकार्ड की अनुपलब्धता के कारण जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता है? जाति प्रमाण पत्र सरलता से जारी करने हेतु शासन स्तर पर क्या कदम उठाये जायेंगे? (घ) मध्यप्रदेश के अंतर्गत फर्जी एवं कूटरचित अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) प्रमाण पत्र प्राप्त कर शासकीय सेवा में नौकरी एवं जनजातीय वर्ग के जमीनों की क्रय की गई है? यदि हाँ, तो कितनी शिकायतें मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय छानबीन समिति के समक्ष लम्बित हैं? फर्जी एवं कूटरचित जाति प्रमाण पत्रों की निरस्तगी की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा क्रियान्वित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। प्रधानमंत्री जनमन योजना एवं धरती आबा योजना अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है। विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के पात्र परिवारों को जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –एक में उल्लेखित योजनाओं से लाभान्वित किया गया है। (ख) जिलेवार प्राधिकरण का गठन नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जाति प्रमाण पत्र सरलता से जारी किये जाने के संबंध में मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 7-42/2012/आ.प्र./एक भोपाल दिनांक 13 जनवरी 2014 के अनुसार निर्देश जारी किये गये है। (घ) प्रश्नांश अनुसार शासकीय सेवा में नौकरी कर रहे 377 शिकायतें जांच हेतु लंबित है एवं जनजातीय वर्ग की जमीन क्रय करने के संबंध में वर्तमान में कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति की प्रक्रिया अर्द्ध न्यायायिक स्वरूप की होने से जांच प्रक्रियाधीन प्रकरणों के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
घर-घर नल-जल योजना का लाभ
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
30. ( क्र. 1287 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के घर-घर नल-जल योजना का लाभ म.प्र. शासन उन गाँवों को भी पहुँचाना चाहता है। जिन गाँवों में पूर्व से नल-जल योजना चल रही हैं परन्तु गाँव का विस्तार हो जाने से अनेकों घर नल-जल योजना के लाभ से वंचित है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ, है तो ऐसे गाँवों में पूर्व की नल-जल योजनाओं के विस्तार की क्या योजना बनाई है। इस पर कितना खर्च अनुमानित है। राशि की व्यवस्था केन्द्र सरकार करेगी अथवा प्रदेश सरकार? (ग) अतिरिक्त बजट कब तक स्वीकृत हो जायेगा और योजना पर काम कब से प्रारम्भ करके, कब तक पूरा कर लिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) जल-जीवन मिशन की गाइड-लाइन के अनुसार रेट्रोफिटिंग योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनकी लागत रू 8,774.46 करोड़ है उक्त राशि की व्यवस्था केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत नवीन/ रेट्रोफिटिंग योजनाओं के क्रियान्वयन से ग्राम के समस्त घर नल कनेक्शन से लाभान्वित ना होने की स्थिति में इन योजनाओं की पुनरीक्षित योजनाएं तैयार की जा रही हैं। अब-तक 8032 एकल ग्राम नल जल योजनाओं की पुनरीक्षित योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी हैं, इन योजनाओं में लागत वृद्धि की राशि रू 2692.51 करोड़ है, उक्त लागत वृद्धि की राशि की पूर्ण व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा किया जाना है। (ग) निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खाद्यान्न भण्डारण गोदामों के किराये के भुगतान में पारदर्शिता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 1288 ) श्री अजय विश्नोई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय विभागीय मंत्री तथा प्रमुख सचिव को पत्र लिख कर, खाद्यान्न भंडारण के लिये गये गोदामों के किराये के भुगतान की पारदर्शी व्यवस्था करने का अनुरोध किया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो कृपया इस संदर्भ में अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी दें। यदि अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो कृपया स्पष्ट करें कि विभाग किराये भुगतान की पारदर्शी व्यवस्था करना चाहता है या नहीं चाहता है? यदि नहीं, चाहता है तो क्यों और यदि चाहता है तो यह व्यवस्था कब तक लागू हो जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 1332 ) श्री अभय मिश्रा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी परिक्षेत्र जबलपुर द्वारा पत्र क्रमांक 1591/स्टेनो/मुअ/लो.स्वा.या./25 दिनांक 19.05.25 के द्वारा मुख्य अभियंता, जल भवन भोपाल के पत्र के पालन में अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव स्पष्ट अधिक्षण यंत्री मंडल रीवा से चाहा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के पालन में अधीक्षण यंत्री द्वारा, अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु अनुशंसा की गई है जिसमें तत्कालीन कार्यपालन यंत्री श्री शरद सिंह एवं कार्यरत कार्यपालन यंत्री श्री संजय पाण्डेय सहित अन्य 30 नामों का उल्लेख है, अनुशासनात्मक कार्यवाही की स्थिति क्या है बतावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार पाण्डेय की सेवा पुस्तिका व शैक्षणिक योग्यता की जानकारी न देने पर प्रमुख अभियंता के पत्र क्रमांक 3996 दिनांक 09.05.25 एवं अधिक्षण यंत्री रीवा मंडल रीवा द्वारा पृष्ठा. 708 रीवा, दिनांक 16.5.25 के द्वारा उपरोक्त जानकारी बाबत् निर्देश दिये गये जो अप्राप्त है क्या निर्देश देंगे बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के दोषी श्री पाण्डेय को विभाग के आदेश क्रमांक 1/1/4/0017/2025/1/34 भोपाल दिनांक 30 मई 2025 द्वारा निरस्त कर मऊगंज में पदस्थ कर रीवा जिले का अतिरिक्त प्रभार सौंप कर उपकृत किया गया क्यों जबकि इन पर करोड़ों रूपये के गबन के आरोप प्रमाणित है रीवा के प्रभार से मुक्त व अनुशासनात्मक कार्यवाही बावत् क्या निर्देश देंगे बतावें। बतावें नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। अधीक्षण यंत्री रीवा ने अपने पत्र क्र. 629 दिनांक 13.05.2025 द्वारा प्रेषित पत्र में तत्का. कार्यपालन यंत्री श्री शरद सिंह एवं कार्यरत कार्यपालन यंत्री श्री संजय पाण्डेय तथा अन्य 21 नामों का उल्लेख है। मुख्य अभियंता परिक्षेत्र जबलपुर ने अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रस्ताव परिक्षेत्र कार्यालय को उपलब्ध कराने हेतु अधीक्षण यंत्री रीवा को लेख किया गया है। प्रस्ताव अपेक्षित है। (ग) जी हाँ। सेवा पुस्तिका व शैक्षणिक योग्यता की जानकारी नहीं देने के कारण प्रमुख अभियंता द्वारा श्री पाण्डेय को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गए हैं। (घ) कार्य आवश्यकता के कारण अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। गबन के आरोप प्रमाणित नहीं हैं। शेष उत्तरांश "ख" अनुसार।
सानडा टायर फैक्ट्री को दी गई अनुमति
[पर्यावरण]
33. ( क्र. 1380 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में भानपुरा विकासखण्ड के जालखेडी रोड पर टायर से ऑइल बनाने की फैक्ट्री को किन-किन शर्तों पर अनुमति प्रदान की गई है? (ख) उपरोक्त टायर फैक्ट्री के धुएं व बदबू के कारण किसान परेशान है। प्रदूषण के कारण फसलों को भी क्षति हो रही है। शासन म.प्र. प्रदुषण नियंत्रण अधिनियम के तहत उक्त फैक्ट्री पर कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है? (ग) कृषकों के स्वास्थ्य एवं फसलों की क्षति के आधार पर उक्त उद्योग को हटाया जाएगा?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’अ’’ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंदसौर से प्राप्त जानकारी अनुसार ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला- मंदसौर से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन उद्योग के प्रदूषण के फलस्वरूप कोई मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिटी पोर्शन सड़क निर्माण कार्य में वन विभाग द्वारा लगाई गई आपत्ति
[वन]
34. ( क्र. 1387 ) श्री मोहन शर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा के नगर नरसिंहगढ़ में लोक निर्माण विभाग द्वारा सिटी पोर्शन रोड/सड़क के निर्माण कार्य में वन विभाग द्वारा आपत्ति लगाई गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो वन विभाग द्वारा लगाई गई आपत्ति में राजस्व विभाग द्वारा वन विभाग को आपत्ति का निराकरण करने हेतु राजस्व भूमि वन विभाग को दी गई हैं? यदि हाँ, तो कितनी भूमि वन विभाग को दी गई हैं? (ग) यदि हाँ, तो राजस्व विभाग द्वारा वन विभाग को भूमि देने के उपरान्त भी आपत्ति का निराकरण प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र वन्यजीव अभयारण्य नरसिंहगढ़ के ईको सेंसिटिव जोन में होने के कारण वन्यजीव अनुमति हेतु आपत्ति लगाई गई थी। (ख) प्रश्नाधीन सिटी पोर्शन रोड/सड़क के निर्माण में 1.00 हेक्टेयर से कम वन भूमि प्रभावित होने के कारण राजस्व भूमि उपलब्ध कराने हेतु आपत्ति नहीं ली गई है एवं न ही कोई राजस्व भूमि राजस्व विभाग से प्राप्त की गई है। (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा 02 ऑनलाईन आवेदन किये गये हैं, एक आवेदन वन (संरक्षण एवम सम्वर्धन) अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत सिटी पोर्शन रोड/सड़क के निर्माण कार्य हेतु किया गया जिसकी औपचारिक स्वीकृति दिनांक 23.09.2024 से जारी की गई है। दूसरा आवेदन वन्यप्राणी अनुमति हेतु किया गया जिसकी स्वीकृति दिनांक 09.07.2025 से जारी की गई है।
नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
35. ( क्र. 1401 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में विगत तीन वर्षों में बालाघाट जिले में नल-जल योजना के तहत किस-किस विकासखण्ड में कितनी-कितनी राशि से किस-किस ग्रामों में नल-जल योजना से पानी टंकी एवं पेयजल व्यवस्था हेतु पाइप-लाइन कार्य कराया गया है प्रशासकीय स्वीकृति एवं प्राक्कलन सहित समस्त जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) नल-जल योजना से जिले में स्वीकृत कार्य में से कितने पूर्ण है? कितने प्रगति पर है? पूर्ण कार्यों में से कितनी नल-जल योजना चालू हालत में है? ग्रामवार विवरण देवें? (ग) क्या विधानसभा परसवाड़ा के कुछ ग्रामों में ग्रामीणों को अप्रैल से जून माह तक पानी की भारी समस्या से जूझना पड़ा ग्रामीणों को पानी की समस्या की शिकायत पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायतों को सुपुर्द करने का बहाना बता कर विभाग के अधिकारियों द्वारा अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा के कुछ क्षेत्रों में जल स्तर नीचे जाने के कारण अल्प समय के लिए आंशिक रूप से पेयजल समस्या उत्पन्न हुई थी, समस्याग्रस्त क्षेत्र में विभाग द्वारा 25 नग नवीन नलकूप खनन कर, 06 नग सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित कर तथा क्षेत्र के जल स्तर गिरने से प्रभावित समस्त हैण्डपंपों में राईजर पाइप बढ़ाकर एवं सुधार कार्य कर सुचारू रूप से पेयजल समस्या को दूर किया गया। नल-जल योजनाओं का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण होने एवं पूर्ण योजना के ट्रायल रन की अवधि समाप्त होने के पश्चात योजनाओं को उनके संचालन-संधारण हेतु ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित किया गया। हस्तांतरण के पश्चात योजना के संचालन-संधारण का कार्य संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा ही किया जाता है एवं सुचारू रूप से संचालन हेतु ग्राम पंचायत को तकनीकी मार्गदर्शन दिया जाता है।
प्रधानमंत्री जल-जीवन मिशन योजना अंतर्गत अपूर्ण कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
36. ( क्र. 1409 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रधानमंत्री जलजीवन मिशन योजना अंतर्गत बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी योजनायें प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण हैं? उन अपूर्ण योजनाओं में कौन-कौन से कार्य कितनी लागत से किये गये और कौन-कौन से कार्य कितनी लागत के किया जाना शेष हैं? योजनावार/ग्रामवार सम्पूर्ण सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अपूर्ण नल-जल योजनाओं के निविदाकार कौन-कौन हैं? निविदा की शर्तों के अनुरूप इनका निर्माण कार्य कितनी लागत से कब तक पूर्ण होना था? योजनावार/ग्रामवार सम्पूर्ण सूची देवें। (ग) समय पर निर्माण कार्य न करने वाले निविदाकारों की निविदायें विखण्डित कर क्या विभाग नई निविदायें आमंत्रित करेगा? यदि हां, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामों के कौन-कौन से मोहल्ले प्रधानमंत्री जल-जीवन मिशन योजना से वंचित हैं तथा इस हेतु कितनी लम्बी और पाइप-लाइन की आवश्यकता है? शासन इस हेतु क्या योजना बना रहा है, जिससे लाभान्वित ग्रामों के प्रत्येक घरों में नल द्वारा पेयजल की आपूर्ति हो सके, ग्रामवार सूची देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। समूह योजनांतर्गत कार्यवार लागत बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) समय पर निर्माण कार्य पूर्ण न करने वाले निविदाकारों द्वारा कार्य में अत्यधिक विलंब परिलक्षित होने पर अनुबंध की शर्तों के संदर्भ में अनुबंध के शेष बचे कार्यों के लिए नई निविदा आमंत्रित करके कार्य कराए जाने का प्रावधान है, विकासखण्ड रीठी के ग्राम बकलेहटा, मुरावल एवं बिलहरी की योजना का कार्य मूल निविदाकार द्वारा कार्य पूर्ण नहीं करने की स्थिति में पुनः निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की गई है। (घ) विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बहोरीबंद में 10 ग्रामों में बसाहट/मोहल्ले मुख्य ग्राम से दूर स्थापित है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। इन बसाहटों को मुख्य ग्राम के लिए स्वीकृत नल-जल योजना में सम्मिलित कर प्रत्येक घर को लाभान्वित करने के लिए पुनरीक्षित डी.पी.आर. तैयार की गई है, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
कम जनसंख्या वाले ग्रामों में पानी टंकी का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
37. ( क्र. 1453 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या 500 से कम जनसंख्या वाले ग्रामों में पानी टंकी की स्वीकृति नहीं दी जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या सरकार 500 से कम जनसंख्या वाले ग्रामों में भी पानी की टंकी स्वीकृत करने के लिए विभाग को आदेशित करेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) विभागीय तकनीकी समिति की 24वीं बैठक दिनांक 17 जून, 2020 में योजनाओं के तकनीकी वित्तीय व्यवहार्यता (Techno Economic Feasibility) के दृष्टिगत 300 से 1000 जनसंख्या तक के ग्रामों में भूमिगत टंकी तथा 1000 से अधिक जनसंख्या वाले ग्रामों में आर.सी.सी. उच्च स्तरीय टंकी के निर्माण का प्रावधान रखा गया है। (ग) तकनीकी वित्तीय व्यवहार्यता के संदर्भ में ऐसा किया जाना प्रस्तावित नहीं है।
खिवनी अभयारण्य में कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
38. ( क्र. 1462 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 4 एवं धारा 6 में अभयारण्य, पार्क की सीमा में आनेवाले क्षेत्रों के संबंध में क्या-क्या प्रावधान दिया गया है इन प्रावधानों का पालन किए जाने के संबंध में राज्य शासन ने किस-किस दिनांक को पत्र/परिपत्र जारी किए हैं, प्रति सहित बतावें। (ख) खिवनी अभयारण्य की सीमा में किस-किस राजस्व ग्राम एवं किस-किस वनग्राम की कितनी-कितनी भूमि शामिल की गई है, इसमें से किस ग्राम में किस दिनांक को ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति बनाई गई उसमें किस-किस को सदस्य बनाया गया। (ग) किस ग्राम के कितने काबिजों के कितने दावे प्राप्त हुए कितने दावे मान्य किए कितने दावे अमान्य किए कितने काबिजों को किस-किस दिनांक को बेदखल किया गया बेदखली का आदेश किस दिनांक को किसने जारी किया प्रति सहित बतावें। (घ) बेदखली का आदेश जारी किए बिना ही बेदखली के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है उसके विरूद्ध विभाग ने कब और क्या कार्यवाही की, यदि नहीं की तो कारण बताएं कब तक क्या कार्यवाही की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 के धारा 4 एवं धारा 6 में अभयारण्य पार्क की सीमा में आने वाले क्षेत्रों के संबंध में उल्लेखित प्रावधान जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक अनुसार है। राज्य शासन द्वारा जारी पत्र/परिपत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ख) खिवनी वन्य प्राणी अभयारण्य की सीमा में एक वन ग्राम खिवनी बुजुर्ग की 0.8 वर्ग किलोमीटर की भूमि शामिल थी, जिस पर निवासरत ग्रामीणों को वर्ष 2017-18 में शासन के नियमानुसार विस्थापित किया जा चुका है। वर्तमान में खिवनी अभयारण्य की सीमा में कोई भी वनग्राम अथवा राजस्व ग्राम स्थित नहीं है। ग्राम वन अधिकार समिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- तीन अनुसार है। (ग) देवास जिले के खिवनी अभयारण्य में ग्राम कोलारी, खिवनी बुजुर्ग के कुल 130 दावे प्राप्त हुए। जिसमें ग्राम कोलारी 54 एवं ग्राम खिवनी बुजुर्ग के 26 दावे मान्य किये गये। ग्राम खिवनी खुर्द के 23 दावों में से 20 दावे वन भूमि पर काबिज नहीं होने तथा 03 दावे वन अधिकार धारकों द्वारा द्वितीय आवेदन प्रस्तुत करने से जिला स्तरीय वन समिति द्वारा अमान्य किये गये, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -चार अनुसार है। ग्राम खिवनीखुर्द 23 दावों में से 20 दावे वन भूमि पर काबिज नहीं होने तथा 03 दावे वन अधिकार धारकों द्वारा द्वितीय आवेदन प्रस्तुत करने से जिला स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा अमान्य किए गये दावों के संबंध में बेदखली का आदेश जारी करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार देवास जिले के खिवनी अभयारण्य के वन क्षेत्र में ग्राम खिवनी खुर्द के जिला स्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा अमान्य किए गये 23 दावों के संबंध में बेदखली का आदेश जारी करने का प्रश्न उपस्थित होता है। अत: जिम्मेदार व्यक्ति का निर्धारण या उसके विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना
[वन]
39. ( क्र. 1463 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मुख्यालय वन भवन भोपाल में उपलब्ध अधिसूचनाओं के अनुसार वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की किस-किस धारा के अनुसार राजपत्र में किस-किस दिनांक को किस अभयारण्य, पार्क, रिजर्व का कितना-कितना क्षेत्र अधिसूचित किया, इसमें से किस क्षेत्र में कितने राजस्व ग्राम एवं कितने वनग्राम होना वन मुख्यालय ने प्रतिवेदित किया है। (ख) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 4 के अनुसार किस पार्क, अभयारण्य एवं रिजर्व के दायरे में आनेवाले ग्रामों में वनाधिकार समिति बनाकर धारा 6 में दिए गए किस-किस प्रावधान का पालन किया गया है, धारा 4 एवं धारा 6 के प्रावधानों का पालन नहीं किया हो तो कारण बतावें। (ग) वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 लागू होने के पूर्व किस-किस कानून के अनुसार अधिसूचित क्षेत्रों को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की किस-किस धारा के अनुसार अभयारण्य, पार्क माना जाकर कार्यवाही का अधिकार दिया है। (घ) खिवनी अभयारण्य के लिए वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 18 के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को अभयारण्य अधिसूचित किया गया, राजपत्र की अधिसूचना सहित बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा 4 के अनुसार अधिकारों की मान्यता एवं धारा 6 के अंतर्गत दिये गये प्रावधानों का प्रदेश के समस्त अधिसूचित संरक्षित क्षेत्रों (राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्यों) तथा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत त्रि-स्तरीय वन अधिकार समितियों का गठन कर प्राप्त आवेदनों के निराकरण की कार्यवाही समिति द्वारा की जाती है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 लागू होने के पूर्व मध्यप्रदेश राष्ट्रीय उद्यान अधिनियम, 1955 की धारा 2 एवं 3 के अनुसार राष्ट्रीय उद्यान/अभयारण्य माना जाकर कार्यवाही का अधिकार दिया गया है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 18 के अंतर्गत अधिसूचना क्रमांक 15-4-x- (2) -82 दिनांक 04.12.82 से खिवनी अभयारण्य के गठन की प्रारंभिक अधिसूचना जारी की गई एवं धारा 26ए के अंतर्गत अधिसूचना क्रमांक F 15-13/06/10-2 दिनांक 13.09.2006 से अभयारण्य के गठन की अंतिम अधिसूचना जारी की गई है। अधिसूचनाओं की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के तहत स्वीकृत कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
40. ( क्र. 1480 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिला में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत कुल कितनी राशि प्रदत्त की गई, वर्षवार बतावें? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा 40 प्रतिशत से अधिक अनु.जाति/जनजाति वाले ग्रामों में बस्ती विकास योजना हेतु पत्र क्र.एम.एल.ए./टी.के.जी./1-621/2024 दिनांक 27.12.2024 लेख किया था। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित राशि का उपयोग कहां-कहां कैसे किया गया, विस्तृत विवरण दें? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा कुल कितने प्रस्ताव जिला संयोजक, अनुसूचित जाति विभाग, टीकमगढ़ को प्रस्तुत किये? उनमें कितने स्वीकृत और कितने अस्वीकृत हुए? अस्वीकृत होने का कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित राशि के उपयोग का सत्यापन एवं राशि सही स्वीकृत की गई? इसकी मॉनीटरिंग किसके द्वारा की जाती है?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) विगत 05 वर्षों में टीकमगढ़ व निवाडी जिला को अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' पर है। जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित राशि के उपयोग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' पर है। (ग) प्रश्नकर्ता मान.विधायक टीकमगढ़ के कुल 04 ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव प्राप्त हुये थे। परन्तु जिले में सीमित बजट एवं कार्यों की अधिकता होने के कारण जिला स्तरीय समिति से अनुमोदित नहीं हो सकें। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित भोपाल दिनांक 15 मई 2018 के नियमानुसार गठित जिला स्तरीय समिति के द्वारा कार्यों की स्वीकृति/अनुशंसा एवं मॉनिटरिंग की जाती है।
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कराए गए कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
41. ( क्र. 1542 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय कार्य विभाग द्वारा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में कराए गए निर्माण कार्य की जानकारी बतावे। इन कार्यों पर कुल कितनी राशि व्यय की गई है? विकासखंडवार एवं वर्षवार कार्यों की जानकारी बतावे? किन-किन ग्रामों/बस्तियों को लाभ मिला है। जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं में किसी प्रकार के भ्रष्टाचार, अनियमितता या वित्तीय गड़बड़ी की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हां, तो प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं और किस-किस योजना/परियोजना/कार्य से संबंधित हैं? उक्त शिकायतों की जांच किस एजेंसी से कराई जा रही है या कराई जाएगी? शिकायतों पर विभाग द्वारा की गई जांच की स्थिति क्या है? दोषी अधिकारी/कर्मचारियों व ठेकेदारों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है तथा उनके विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराकर उनसे कितनी राशि वसूली हेतु नोटिस जारी किए गए हैं? जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार बतावें। (ग) क्या विभाग द्वारा ऐसी भ्रष्टाचार की रोकथाम हेतु कोई विशेष निगरानी तंत्र विकसित किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी बतावे? नहीं तो क्यों नहीं स्पष्ट कारण सहित जानकारी बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत अपूर्ण 02 कार्यों में वित्तीय गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। प्राप्त शिकायत की जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सैलाना द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन अनुसार संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव से राशि वसूली के आदेश दिये गये है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। विभाग में योजनान्तर्गत शिकायत प्राप्त होने पर प्रचलित अधिनियमों/नियमों अनुसार कार्यवाही की जाती है।
स्कूलों में मरम्मत के नाम से राशि का गबन
[जनजातीय कार्य]
42. ( क्र. 1567 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह धार जिले में जनजातीय विभाग द्वारा स्कूलों में मरम्मत के नाम से राशि स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो किन-किन स्कूलों में क्या-क्या मरम्मत का कार्य किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। मरम्मत कार्य में उपयोग में की गई सामग्री के बिलों की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या मरम्मत के नाम से जनजातीय विभाग के अधिकारी और कर्मचारी द्वारा करोड़ों रुपयों का गबन किया गया है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी और कर्मचारी क्या कार्यवाही की जावेगी और यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। धार जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा स्कूलों में मरम्मत की स्वीकृति आदेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के संबंध में कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। कार्यों में उपयोग सामग्री का पृथक से भुगतान नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्न का शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
जल निगम द्वारा पाइप-लाइन बिछाने का कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
43. ( क्र. 1568 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में जल-जीवन मिशन के तहत पाइप-लाइन बिछाने के कार्य की गाइड-लाइन की प्रति देवें। (ख) क्या पाइप-लाइन डाले जाने के पूर्व संबंधित विभागों जैसे लोक निर्माण विभाग, मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम या मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क अभिकरण से पाइप-लाइन बिछाने से पूर्व अनुमति प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो धार जिले के किन-किन विभागों से अनुमति ली गई। विभागों द्वारा अनुमति हेतु क्या शर्तें दी गई हैं और पाइप-लाइन बिछाने के दौरान क्या सड़कों की खुदाई के समय उन शर्तों का पालन किया जा रहा है? सड़कों के हार्ड शोल्डर पर खुदाई करने का क्या कारण है, इस अमानक-स्तर की खुदाई से सड़क की मूल संरचना को गंभीर क्षति पहुंची है और बिना दबाई किए गाइड-लाइन में दिए गए मापदंड अनुसार रिफिलिंग नहीं किए जाने से भारी वाहन फंसकर दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। (ग) क्या जल निगम पाइप-लाइन डालने के पूर्व लेआउट डालकर संबंधित विभागों से अनुमति प्राप्त करता है? प्रायः देखा गया है निर्माण एजेंसी देर रात पाइप-लाइनों के लिए खुदाई करती हैं, यदि लेआउट संबंधित विभागों से अनुमोदन के बिना कार्य हो रहा है तो इसके लिए कौन दोषी है तथा संबंधित विभागों द्वारा आपत्ति के बावजूद मनमानी तरीके से कार्य जारी रखा गया है तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। (ख) जी हां, म.प्र, ग्रामीण सड़क प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग से अनुमति ली गई है। शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। जी हाँ, कुछ स्थानों पर जगह उपलब्ध न होने के कारण शोल्डर पर पाइप-लाइन बिछाने का कार्य किया गया है एवं पाइप-लाइन की हाइड्रोटेस्टिंग व नल कनेक्शन प्रदाय किये जाने के पश्चात मापदंडानुसार रिफिलिंग कर रेस्टोरेशन किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। कार्य नियमानुसार एवं मापदंडानुसार कराया जा रहा है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
राशन पात्रता पर्ची जारी न होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
44. ( क्र. 1586 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्र. 237 दिनांक 18 मार्च 2025 के उत्तरांश (घ) में बताया है कि वार्ड 72, 73, 74, 75, 76, 77 एवं 78 के हितग्राहियों की राशन पात्रता पर्चियां लंबित हैं एवं यह भी बताया है कि राज्य का लक्ष्य पूर्ण होने के कारण वर्तमान में पात्रता पर्चियां जारी नहीं की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक गरीब पात्र परिवारों को राशन के लाभ से वंचित रहना पडे़गा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में मृत, पलायन, डुप्लीकेट, विवाह आदि कारणों से अपात्र हितग्राहियों के विलोपन उपरांत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 29 श्रेणी के पात्र परिवारों के सदस्यों को पीओएस मशीन के माध्यम से ई-के.वाय.सी. करवाने के निर्देश दिये गये है। पात्र परिवारों के सदस्यों द्वारा ई-के.वाय.सी. करवाने के उपरांत पात्रता पर्ची निरंतर जारी की जा रही है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वार्ड 72, 73, 74, 75, 76, 77 एवं 78 के 17 परिवारों के पात्रता पर्चियां जारी की जा चुकी है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
45. ( क्र. 1604 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विगत पांच वर्षों में जल-जीवन मिशन के अंतर्गत नल-जल योजनाओं में सिविलखंड द्वारा कितने नलकूप खनित कराए गए? ग्रामवार, योजनावार, डी.टी.एच./ग्रेविल पैक/काम्बीनेशनवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन ग्रामों में पूर्व में साधारण/ग्रेविल पैक नलकूप खनित कराए गए उन्हीं ग्रामों में भू-भाग का प्रकार बदल कर अत्याधिक लागत के काम्बीनेशन मशीन से नलकूप खनित कराए गए? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो कहां-कहां सूची देवें? खनित कराए गए कितने नलकूप, सफल/असफल हैं? कितनी गहराई के नलकूप खनन कराये जाने थे? कितनी गहराई के कराए गए? अनुबंधित से कम गहराई के नलकूपों को विभाग द्वारा किस श्रेणी में भुगतान किए गया है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में योजनाओं में किस प्रकारण के नलकूप खनित कराए जाने की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई और उन योजनाओं में किस प्रकार के नलकूप खनित कराए गए? योजनावार, खनन के प्रकार, प्रशासकीय स्वीकृति एवं खनित नलकूपवार सूची उपलब्ध करावें? (ड.) प्रश्नाधीन योजनाओं में नलकूप खनन के प्रकार में परिवर्तन करते हुए किन-किन अधिकारियों के आदेश पर ठेकेदारों की मिलीभगत से ऐसे नलकूप खनित कराकर शासन को करोड़ों रूपए का चूना लगाया गया इस हेतु कौन दोषी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में 70 ग्रामों में कुल 127 नलकूप खनित कराए गए। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) मिश्रित भू-गर्भीय संरचना वाले ग्रामों में कॉम्बीनेशन रिग मशीन से नलकूप खनन किया जाना तकनीकी रूप से उपयुक्त होता है, तद् नुसार उत्तरांश (क) में उल्लेखित 70 ग्रामों में से 30 ग्रामों में 34 नलकूपों का खनन कॉम्बीनेशन रिग मशीन द्वारा कराया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। 33 नलकूप सफल एवं 01 असफल है, प्रावधानित एवं वास्तविक गहराई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। अनुबंध अनुसार निर्धारित गहराई के पूर्व नलकूप में उपयुक्त जल आवक क्षमता प्राप्त होने पर ऐसे नलकूप को और अधिक गहरा खनन कराये जाने का तकनीकी रूप से औचित्य नहीं होता है, वास्तविक मापांकन अनुसार भुगतान की कार्यवाही की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
बड़वानी जिले में जल-जीवन मिशन के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
46. ( क्र. 1622 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 30.06.2025 की स्थिति में बड़वानी जिले में जल-जीवन मिशन एवं अन्य योजनाओं में कितने कार्य किन स्थानों पर प्रचलित हैं? योजना नाम सहित विधानसभावार देवें। स्थान, नाम, लागत उपरोक्त दिनांक तक आहरित राशि, कार्य पूर्णता प्रतिशत देवें। (ख) राजपुर विधान सभा क्षेत्र में जल-जीवन मिशन के तहत कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने अपूर्ण हैं की सूची देवें। जल जीवन मिशन के तहत कितने कार्य पूर्ण होकर जल आपूर्ति प्रारम्भ हो गयी है एवं कितने शेष है कि जानकारी कार्य नाम, स्थान नाम, लागत, आहरण राशि सहित कार्यवार बतावें। कितने कार्यों में सड़कों की खुदाई के पश्चात पुनर्निर्माण शेष है कार्य नाम, स्थान नाम, लम्बाई सहित देवें। (ग) बड़वानी जिले में जल जीवन मिशन के तहत जो फर्में ब्लेक लिस्टेड की गयी है उनकी सूची, कार्य नाम, स्थान नाम, लागत प्रश्न दिनांक तक आहरित राशि कार्यपूर्णता प्रतिशत सहित देवें। इनके लंबित कार्य कब तक पूर्ण होंगे कार्यवार बतावें। (घ) दिनांक 01.01.2024 से 30.06.2025 तक बड़वानी जिले में कितनी राशि के हैण्डपम्प, बोरवेल खनन कार्य कहां-कहां किये गये हैं? विधानसभावार देवें। स्थान नाम, लागत सहित पूर्ण जानकारी देवें। जल जीवन मिशन के तहत अधूरे कार्यों के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिये विभाग इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत बड़वानी जिले में स्वीकृत 336 एकल ग्राम नल जल योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, वर्तमान में इनमें से 258 पूर्ण, 75 प्रगतिरत एवं 03 योजनाएं अप्रारंभ है, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 अनुसार है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा 02 समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 02 अनुसार है। (ख) राजपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 73 एकल ग्राम नलजल योजनाओं में से 51 पूर्ण, 21 प्रगतिरत एवं 01 योजना अप्रारंभ है। 73 योजनाओं में से 62 योजनाओं में पेयजल प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। समूह योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 04 अनुसार है। योजनाओं में रोड़ पुनर्निर्माण कार्य के शेष होने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 05 एवं 06 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है, कार्य शीघ्र पूर्ण कराने का प्रयास किया जा रहा है, कोई निश्िचत तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 07 अनुसार है। जल जीवन मिशन के तहत अधूरे (प्रगतिरत) कार्यों को पूरा करने के लिए अधिकारियों द्वारा सतत सुपरविजन किया जा रहा है, विलंब पर ठेकेदारों को नोटिस देकर शीघ्र कार्य पूरा करने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी समाज के घरों को तोड़ने पर कार्यवाही
[वन]
47. ( क्र. 1623 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के ग्राम खिवनी में माह जून 2025 में आदिवासी समाज के घरों को बुलडोजर से गिराने के आदेश की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) क्या कारण है कि इस आदेश से प्रताड़ित संबंधित परिवारों को शासन ने प्रश्न दिनांक तक मुआवजा राशि एवं प्रधानमंत्री आवास तथा वन अधिकार पट्टे स्वीकृत नहीं किये है? यह समस्त स्वीकृतियां कब तक प्रदान कर दी जायेंगी? समय-सीमा देवें। (ग) वन विभाग आदिवासी परिवारों के प्रति वर्षाकाल में इस तरह की घटना होने के जिम्मेदार भोपाल स्तरीय अधिकारियों की जवाबदेही अभी तक क्यों नहीं तय की गई? यह कब तक तय की जाकर इन पर कार्यवाही की जायेगी? (घ) भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी कब तक दिशा-निर्देश जारी करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रश्नकर्ता द्वारा दिये पत्र पर की गई कार्यवाही से भी अवगत करायें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) देवास जिले के ग्राम खिवनी में माह जून 2025 में आदिवासी समाज के घरों को बुलडोजर से गिराने का कोई आदेश न दिये जाने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आदिवासी परिवारों की बेदखली ग्राम खिवनी से न होकर खिवनी अभयारण्य में माह जून, 2025 में टास्क फोर्स की बैठक में लिये गये निर्णय पश्चात बेदखली आदेश जारी करने के बाद की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। बेदखल किये गये अतिक्रमणकारियों को मध्यप्रदेश शासन की तरफ से दस-दस हजार की आर्थिक सहायता राशि एवं राशन सामग्री मानवीयता के आधार पर प्रदाय की गई है। खिवनी अभयारण्य के कक्ष क्रमांक 209, 202, 215 से बेदखल किये गये 51 अतिक्रमणकारियों में से 49 अतिक्रमणकारियों को प्रधानमंत्री कुटीर स्वीकृत थी, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। अनुक्रमांक 44 को विस्थापन की मुआवजा राशि पूर्व में दी जा चुकी है, अनुक्रमांक 26 में उल्लेखित विक्रम पिता कहर सिंह तथा अनुक्रमांक 25 में उल्लेखित राहुल पिता भाई सिंह का दामाद है एवं इनके साथ निवासरत है जो कि तहसील इछावर, जिला सीहोर का रहने वाला है, उल्लेखित अतिक्रमणकारी स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास में रह रहे थे। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में दर्शाये अनुसार टास्क फोर्स की बैठक में दिये गये निर्देशानुसार एवं नियमानुसार कार्यवाही की गई है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अतिक्रमित क्षेत्र में कोई व्यक्ति मकान अथवा झुग्गी झोपड़ी बनाकर निवास कर रहा है तो मानवीय दृष्टिकोण को दृष्टिगत रखते हुये वर्षा ऋतु में नहीं हटाये जाने हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख के पत्र क्रमांक/अपराध/2025/3013 दिनांक 07.07.2025 के माध्यम से जारी किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
शासन की धनराशि का दुरुपयोग
[अनुसूचित जाति कल्याण]
48. ( क्र. 1629 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एक ही परिवार के व्यक्तियों को शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर भेजकर लोक सेवक मानते हुये अन्य विभागों को छोड़कर अनु. जाति कन्या उत्कृष्ट छात्रावास जतारा, अनु. जनजाति कन्या सीनियर छात्रावास जतारा, अनु. जाति बालक सीनियर छात्रावास डूड़ा में इनकी पदस्थापना किस नियम के तहत की गई और इन तीनों के द्वारा शासन की योजनाओं में करोड़ों रूपयों का फर्जीवाड़ा कर शासन की धनराशि का दुरुपयोग किया गया है? इनके आदेश जारी करने वाले सक्षम अधिकारी सहित इनके द्वारा किये गये फर्जीवाड़ा की जांच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या इन तीनों की प्रतिनियुक्ति शिक्षा विभाग द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र के आधार पर की गई है? क्या इन तीनों का 02 वर्ष का कार्यकाल समाप्त हो गया है एवं क्या टीकमगढ़ जिले के आदेश क्र. -23260 दिनांक 24/8/19 में, आदेश क्र.-20227 दिनांक 29/11/2021 में एवं आदेश क्र.- 550/दिनांक 6/10/2003 में कितने लोक सेवकों को शिक्षा विभाग द्वारा अन्य विभागों में पदस्थ किया गया तथा इन तीनों लोक सेवकों को छात्रावासों के अधीक्षकों के पदों पर भी क्यों पदस्थ किया गया? सम्पूर्ण जानकारी सहित कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या इन तीनों के द्वारा शासन की धनराशि का दुरुपयोग किया गया है और मेरे शिकायती पत्र 3/5/2025 से द्वारा प्रमुख सचिव एवं माननीय मंत्रीजी जी को डाक द्वारा प्रेषित किया गया है, जिस पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? क्या इन तीनों अधीक्षकों की उच्च स्तरीय जांच कराये जाने हेतु क्षेत्रीय विधायक एवं प्रश्नकर्ता को शामिल करते हुये कमेटी गठित करेंगे? यदि हाँ, तो आदेश जारी करें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षक-अधीक्षिका के शासन आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्यालय जिला संयोजक, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, टीकमगढ़ में इन अधीक्षकों के विरूद्ध प्रश्नांश में उल्लेखित शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग के आदेश क्रमांक/23260 दिनांक 24/08/2019 द्वारा श्री नारायणदास वर्मा मा. शिक्षक, आदेश क्रमांक/20227 दिनांक 29/11/2021 द्वारा श्रीमती माधुरी वर्मा प्रा.शि. की प्रतिनियुक्ति की गई है। यह दोनों लोक सेवक एक ही परिवार के नहीं है। इन दोनों लोक सेवकों द्वारा शासन की योजनाओं में करोड़ों रूपयों का फर्जीवाड़ा कर शासन की धनराशि के दुरूपयोग करने संबंधी शिकायत इस कार्यालय में प्राप्त न होने से जांच नहीं की गई है। श्रीमती भारती वर्मा श्री नारायण दास वर्मा की पत्नी है जो विभागीय प्राथमिक शिक्षक हैं प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ नहीं हैं। शेष जानकारी इस विभाग से संबंधित नहीं है। (ख) उप सचिव म.प्र. शासन जनजातीय कार्य विभाग के आदेश क्रमांक 1564 दिनांक 06/10/2023 के द्वारा लोक सेवकों की प्रतिनियुक्ति की अवधि आदेश जारी होने के दिनांक से 02 वर्ष हेतु बढ़ाई गई है। यह कार्यकाल दिनांक 06/10/2025 को समाप्त होगा। आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक/23260 दिनांक 24/08/2019 द्वारा 01 माध्यमिक शिक्षक तथा आदेश क्रमांक 20227 दिनांक 29/11/2021 द्वारा 470 प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति आदेश जारी किये गये हैं। प्रतिनियुक्ति आदेश में उल्लेखित लोक सेवक प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक होने से इन्हें जिले में संचालित छात्रावासों में अस्थाई रूप से अधीक्षक के रिक्त पद पर कार्य करने हेतु पदस्थ किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तीनों के द्वारा शासन की धनराशि का दुरूपयोग नहीं किया गया है। कार्यालयीन अभिलेख अनुसार पत्र प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल-जीवन मिशन योजनांतर्गत संचालित योजनाओं में अनियमितताएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
49. ( क्र. 1648 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल-जीवन मिशन अंतर्गत शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? योजनाओं का विस्तृत विवरण देते हुए नियम-निर्देश की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) उक्त योजनाओं में व्यापक स्तर पर अनियमितताओं, भ्रष्टाचार एवं गुणवत्ताविहीन कार्य किये जाने के कारण अपूर्ण पड़ी हुई हैं तथा व्यापक स्तर पर गबन, घोटाले एवं भ्रष्टाचार की शिकायतें आई है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश के मंडला, डिण्डौरी, बड़वानी जिलों की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? क्या दतिया जिले में भी इसी प्रकार की स्थिति निर्मित है, जिसके कारण आमजनता को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्या शासन द्वारा गुणवत्ताहीन तथा अनियमितता पूर्ण कार्यों के संबंध में उच्च स्तरीय जांच कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या दतिया जिला में लो.स्वा.या.वि. द्वारा बुंदेलखण्ड पैकेज तथा अन्य योजनाओं में किये गये व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार, अनियमितताओं के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा एवं भांडेर विधायक द्वारा प्रश्न लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो भ्रष्टाचार की जांच कराये जाने के संबंध में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो कब तक जाँच कराई जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) ग्रामीण क्षेत्रों में नल-जल योजनाएं, ग्रामीण शालाओं/आंगनवाड़ियों में पेयजल कार्य की योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। योजनांतर्गत प्रदेश के समस्त ग्रामीण परिवारों को नल से जल प्रदाय किया जाना प्रावधानित है, प्रदेश में जल जीवन मिशन अंतर्गत 19, 979 ग्रामों में नल-जल योजना के कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं, स्वीकृत नल-जल योजनाओं के अंतर्गत शेष ग्रामों में कार्य प्रगतिरत हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 75, 931 शालाओं एवं 43, 875 आंगनवाड़ियों में जल जीवन मिशन अंतर्गत संस्थागत नल से पेयजल के कार्य कराए गए हैं। जल जीवन मिशन के नियम-निर्देश जल जीवन मिशन की Website https://jaljeevanmission.gov.in/guidelines पर उपलब्ध है। (ख) वर्तमान में जल जीवन मिशन अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्वीकृत की गई नल-जल योजनाओं के अंतर्गत 13, 099 ग्रामों में कार्य पूर्ण कर उक्त ग्रामों को ''हर घर जल'' प्रमाणीकृत किया जा चुका है। विभाग द्वारा मापदंडानुसार गुणवत्तापूर्ण कार्यों का मापांकन एवं भुगतान किया जाता है। शिकायतों से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दतिया जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में पेयजल संकट की कोई स्थिति नहीं है। (ग) प्रतिवेदन प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) वर्तमान में अन्य कोई प्रश्न नहीं है। दतिया जिले में बुंदेलखण्ड पैकेज के संबंध में कथित अनियमितताओं की शिकायत पर जिले में तत्कालीन पदस्थ रहे संबंधित कार्यपालन यंत्रियों, सहायक यंत्रियों एवं उपयंत्रियों के विरुद्ध आरोप पत्र जारी किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्कूल एवं आंगनवाड़ियों में पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
50. ( क्र. 1671 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्योपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र क्र. 01 श्योपुर के अंतर्गत जल जीवन मिशन के तहत स्कूल, आंगनवाड़ी में पेयजल व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा टेण्डर स्वीकृत होकर उक्त फर्मों के द्वारा किये गये कार्यों की सम्पूर्ण जानकारी प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में पत्रों के माध्यम से किये गये सम्पूर्ण कार्यों की जानकारी कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग श्योपुर से मांगी गई थी परन्तु आज दिनांक तक उक्त जानकारी नहीं दी गई है? क्यों नहीं दी गई? (ख) आगंनवाड़ी व स्कूलों में स्वीकृत टेण्डर की कुल लागत व किन फर्मों के टेण्डर स्वीकृत हुऐ थे? फर्मों द्वारा कुल कितने स्कूलों एवं आंगनवाड़ियों में क्या-क्या कार्य कराये गये थे तथा कितनी-कितनी राशि से? उक्त कार्यों का नाम व स्थान सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) टेण्डर अनुसार इलेक्ट्रिक मोटर पम्प, जी.आई. पाइप, एच.डी.पी.ई. पाइप की टी.पी.आई.ए. रिर्पोट व टेण्डर अनुसार पाइप-मोटर डाले गये, उसकी लम्बाई तथा कितने नवीन बोर कहाँ-कहाँ उत्खनन किये गये? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। वर्तमान में भौतिक स्थिति का जांच प्रतिवेदन सम्बंधित विभाग प्रमुख की टीप सहित प्रस्तुत करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री खण्ड श्योपुर द्वारा पत्र क्रमांक 1395 दिनांक 02.07.2021 से जानकारी माननीय प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करा दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) टेण्डर अनुसार प्रस्तावित मोटर पंप, एच.डी.पी.ई. पाइप डाले गए हैं, कार्य विभागीय मापदंडों तथा निविदा की शर्तों के अनुसार किये गये हैं, जिनका टी.पी.आई.ए. (तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी) द्वारा निरीक्षण किया गया है तथा उपयुक्त गुणवत्तायुक्त कार्यों का मापांकन व भुगतान किया गया है, अतः प्रमुख अभियंता की टीप है कि पुनः वर्तमान भौतिक स्थिति की जांच किया जाना आवश्यक नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति/जनजाति बस्तियो में कराये गये निर्माण कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
51. ( क्र. 1672 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2019-20 से वर्तमान तक अनुसूचित जाति बस्ती विकास एवं अनुसूचित जनजाति विकास योजना के अंतर्गत सी.सी. रोड, खरंजा, रपटा, पुलिया, सामुदायिक भवन, हैण्डपम्प, ट्यूबवेल मोटर सहित अन्य समस्त कार्य किन-किन ग्रामों की कौन-कौन सी बस्तियों में क्या-क्या कार्य कब-कब कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? कार्यों की निर्माण एजेंसी का नाम बताते हुए विधानसभा क्षेत्रवार एवं विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य कब-कब पूर्ण हुए? कौन-कौन से कार्य प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण एवं अप्रारंभ है? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे? उक्त बस्तियों में निर्माण कार्य स्वीकृत करने के मापदण्ड क्या हैं? नियम/निर्देशों की प्रति संलग्न कर विस्तृत जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित कौन-कौन से कार्यों का किन-किन के द्वारा कब-कब कितनी राशि का मूल्यांकन एवं भौतिक सत्यपान किया गया? मूल्यांकनकर्ता एवं सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम व पद सहित बतायें। (घ) क्या प्रश्नाधीन वर्णित अवधि में निर्मित कुछ निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक की स्थिति में अस्तित्व में नहीं है? यदि हाँ तो वह निर्माण कार्य कौन-कौन से हैं? क्या प्रश्नकर्ता यदि अस्तित्व विहीन कार्यों की सूची उपलब्ध करायें तो शासन/प्रशासन राशि वसूली आदि की कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो क्या एवं किस-किस के विरूद्ध अवगत कराएं।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2019-20 से वर्तमान तक अनुसूचित जाति, जनजाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत प्राप्त आवंटन व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) श्योपुर जिले में अनुसूचित जाति/ जनजाति विकास योजना अंतर्गत पूर्ण एवं अपूर्ण निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' में समाहित है। अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम 15 मई 2018 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) संबंधित उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के द्वारा मूल्यांकन एवं भौतिक सत्यापन समय-समय पर किया गया है। निर्माण कार्यों की सूची मूल्यांकनकर्ता एवं सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम व पद सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' में समाहित है। (घ) उपरोक्त सभी कार्य पूर्ण/प्रगतिरत है। शेष प्रश्न उत्पन्न ही नहीं होता है।
बिना टेंडर प्रक्रिया कर विभिन्न सामग्री का मनमाने दर पर क्रय
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
52. ( क्र. 1677 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी. स्टेट एग्रो द्वारा चैनल पार्टनर के माध्यम से जो काउ केचर (मवेशी वाहन) एवं जो सेग्रीगेशन मशीन विभिन्न जिलों में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग अंतर्गत वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन को दी गई है, उसकी दर तय करने के लिए टेंडर प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं किया गया है? किस आधार पर दरें तय की गई हैं? (ख) चैनल पार्टनर द्वारा कौन-कौन से सामग्री/उपकरण का उत्पादन किया गया है तथा यह उपकरण निगम की खुद की वर्कशॉप में बनाये गये हैं या चैनल पार्टनर की निजी वर्कशॉप में बनाये गये हैं? इन उपकरणों की दर तय करने के लिए क्या टेंडर प्रक्रिया का पालन किया गया? यदि नहीं, तो किस प्रक्रिया के तहत मनमानी दरों पर विभिन्न जिलों में सामग्री/उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं? (ग) चैनल पार्टनर के द्वारा बनाये गये उपकरणों/सामग्री को क्या निगम के खुद का सरकारी उत्पाद माना जायेगा और इनकी दरों को तय करने के लिए टेंडर प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाएगा? (घ) एम.पी. एग्रो निगम द्वारा चैनल पार्टनर की जो व्यवस्था अपनाई गई है इसकी कल्पना कैसे हुई है एवं इसके उद्देश्य क्या है तथा इससे निगम को क्या आर्थिक लाभ है? क्या यह व्यवस्था किसी अन्य विभाग में भी है? चैनल पार्टनर को निगम के मुख्यालय में जो ऑफिस दिया गया है उसका किराया क्या तय किया गया और किराया तय करने में क्या प्रक्रिया अपनाई गई है?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) काउ केचर (मवेशी वाहन) एवं सेग्रीगेशन मशीन निगम द्वारा चयनित चैनल पार्टनर के सहयोग से निर्मित की गयी है, इन मशीनों की दरों के निर्धारण के लिए पी.डब्ल्यू.डी. एस.ओ.आर. के आधार पर तैयार प्राक्कलन, एम.एस.एम.ई. ट्रेनिंग सेंटर, अचारपुरा द्वारा तैयार प्राक्कलन एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार प्राक्कलन का गठित समिति द्वारा तुलनात्मक अध्ययन कर दरों का निर्धारण किया गया है। चूंकि चैनल पार्टनर का निर्माण संबंधी पूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर निगम को समर्पित है एवं अनुबंध की कंडिका क्रमांक 3 (3.2) के अनुसार चैनल पार्टनर की वर्कशाप में तैयार किये गये सम्पूर्ण उत्पाद केवल निगम के लिए ही निर्मित किये जाते हैं। यह आयटम प्रो-प्राईटरी मद के अंतर्गत आता है, अतः इसमें टेण्डर प्रक्रिया आवश्यक नहीं है। (ख) चैनल पार्टनर द्वारा हाईड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग ट्राली एवं मैकेनाईज्ड सीड सेग्रीगेशन मशीन का उत्पादन अनुबंध की कंडिका क्रमांक 3 (3.2) के अनुसार निगम द्वारा चयनित चैनल पार्टनर की वर्कशप में तैयार किये गये हैं। चैनल पार्टनर की वर्कशाप पूर्णतः निगम को समर्पित है। शेष उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। शेष उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में उपस्थित नहीं होता है। (घ) चैनल पार्टनर की व्यवस्था (चयन) निगम द्वारा पारदर्शी प्रक्रिया के अंतर्गत ई.ओ.आई. के माध्यम से की गई है। इसकी कल्पना संचालक मण्डल की 194वीं बैठक दिनांक 24.03.2022 में व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अतिरिक्त क्षेत्र विस्तार हेतु निगम ऐसी संस्था का चयन करे जो निगम के तकनीकी एवं विपणन पार्टनर के रूप में कार्य कर सके तथा इस कार्य को प्रारंभ करने में निगम को कोई भी धनराशि व्यय न करना पड़े, बल्कि उक्त संस्था द्वारा तैयार किये गये उत्पादों का विक्रय निगम अपनी शाखाओं के माध्यम से कर सेवा शुल्क (निगम मार्जिन) के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त कर सके। चैनल पार्टनर के माध्यम से संपादित व्यवसाय में निगम का आर्थिक लाभ जुड़ा है। इस प्रकार की व्यवस्था अन्य विभागों में है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। चैनल पार्टनर को चैनल पार्टनर एवं निगम के मध्य निष्पादित अनुबंध की कंडिका क्र. 7.5 (C) के अनुसार निगम मुख्यालय में स्टाफ बैठक व्यवस्था एवं परियोजनाओं के समन्वय हेतु जो ऑफिस दिया गया है, उसका विधिवत किराया प्रति राशि रूपये 5406/- तय किया गया है, जो कि कुल स्पेस 1970 वर्गफिट का 520.30 वर्गफिट है जिसकी गणना पंचानन मैनेजमेंट कमेटी द्वारा निर्धारित गणना अनुसार की गयी है।
बस्ती विकास की राशि के वितरण में अनियमितता
[अनुसूचित जाति कल्याण]
53. ( क्र. 1678 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में वर्ष 2024 -25 में बस्ती विकास योजना अंतर्गत कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई? प्राप्त राशि किन-किन जनप्रतिनिधियों के अनुशंसा पत्र पर किन-किन ग्राम पंचायतों को दी गई? विकासखंडवार अनुशंसा पत्रों की छायाप्रति के साथ सूची उपलब्ध कराई जाए। (ख) क्या बस्ती विकास की राशि का वितरण विभाग द्वारा विकासखंडों में समान रूप से न देकर भेदभावपूर्ण एवं मनमाने तरीके से किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके नाम, पद एवं उनके खिलाफ कब और क्या कार्रवाई होगी? (ग) वर्ष 2025-26 में दतिया जिले में बस्ती विकास हेतु शासन से कितनी राशि प्राप्त हुई है? प्राप्त राशि को विकासखंडवार कितनी-कितनी राशि दी जाएगी? जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (घ) क्या वर्ष 2024 -25 की राशि में अनियमितता करने वाले कर्मचारियों को दंडित करते हुए वर्ष 2025-26 की राशि को नियमानुसार वितरण कराए जाने हेतु आदेश प्रसारित करने की कृपा करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? जानकारी दी जाए।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) राशि व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं अनुशंसा पत्रों की छायाप्रति परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत कार्यों की स्वीकृति योजना नियम 15 मई 2018 की कंडिका 4.3 के अनुसार प्रभारी मंत्री महोदय की अध्यक्षता में गठित समिति के द्वारा ही की गई है। जी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2025-26 हेतु बस्ती विकास योजनान्तर्गत राशि रूपये 85.00 लाख की राशि प्राप्त हुई। अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम 15 मई 2018 की कंडिका 4.3 के अनुसार कार्यवाही की जाती है। विकासखण्डवार आवंटन का प्रावधान नहीं है। (घ) कार्यवाही योजना नियमानुसार की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति एवं दुकानों के आवंटन की जांच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
54. ( क्र. 1681 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में खाद्य विभाग में स्टाफिंग पैटर्न के आधार पर कितने पद स्वीकृत हैं? इनमें कितने पदों पर कौन-कौन कर्मचारी पदस्थ हैं तथा कितने पद कब से रिक्त हैं? रिक्त पदों की कब तक पूर्ति की जाएगी? विकासखंडवार सूची सहित जानकारी देवें। (ख) जिले में खाद्यान्न वितरण हेतु कुल कितनी व कहाँ-कहाँ पी.डी.एस. की दुकानें हैं? ये प्राइवेट डीलर/सहकारी समिति/स्वयं सहायता समूह/अन्य के द्वारा संचालित की जा रही हैं? विकासखंडवार/दुकानवार/संचालक के नाम एवं पते सहित जानकारी दी जाए। (ग) क्या दिनांक 1 अप्रैल 2020 से सहकारी समितियों को आवंटित पी.डी.एस. की दुकानें विभाग द्वारा बिना कारण समितियों के ठहराव प्रस्ताव के बिना अन्यत्र आवंटित कर दी हैं? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक आवंटित दुकानों की ऑर्डर-शीट एवं समितियों के ठहराव प्रस्तावों की छायाप्रति सहित जानकारी दी जाए। यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? उनके नाम एवं पद की जानकारी देवें। (घ) क्या शासन पुन: आवंटित दुकानों की कार्यवाही की एक दल गठित कर जांच कराने एवं दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने तथा जिले में रिक्त पड़े पदों को भरने हेतु आश्वासन देने की कृपा करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ति की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दतिया जिले में खाद्य विभाग में स्टाफिंग पैटर्न के आधार पर स्वीकृत/कार्यरत पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। कर्मचारी चयन मण्डल को कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के रिक्त 65 पदों को शीघ्र भरने हेतु सूची उपलब्ध कराने के लिए लिखा गया है। सूची प्राप्त होते ही रिक्त पदों पर युक्तियुक्तकरण करते हुए पूर्ति की जायेगी। पदोन्नति के पदों की पूर्ति अभी माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन होने के कारण की जाना संभव नहीं है। विभाग अन्तर्गत पदों की स्वीकृति विकासखण्डवार न दी जाकर जिला स्तर पर दी जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। सहायक आयुक्त सहकारिता विभाग दतिया के ठहराव प्रस्ताव/पत्र क्रमांक/पी.डी.एस./2022/01 दिनांक 02.01.2023 द्वारा पूर्ण कालिक सेल्समेन नहीं होने से 18 शासकीय उचित मूल्य दुकानों की प्रेस विज्ञप्ति क्रमांक/खाद्य/7-3/23/28-06 दिनांक 12.01.2023 द्वारा अनुभाग दतिया में उचित मूल्य दुकान (1) अकोला (2) बसवाहा (3) बीकर (4) परासरी अनुभाग सेवढ़ा में उचित मूल्य दुकान (1) इकोना (2) भरसूला (3) भडौल (4) अतरेटा (5) डीपार (6) ईगुई (7) महरौली (8) मरसेनीबुजुर्ग (9) सिकरी अनुभाग भाण्डेर में शासकीय उचित मूल्य दुकान (1) बैसोरा (2) पोरसा (3) कुतौली (4) लहारहवेली (5) बरका, इस प्रकार कुल 18 उचित मूल्य दुकानों की प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी। उपरोक्त दुकानों में से अतरेटा उचित मूल्य पर अभियोजन की कार्यवाही होने से अनुविभागीय अधिकारी सेवढ़ा द्वारा दुकान आवंटन निरस्त कर नवीन विज्ञप्ति जारी कर दुकान आवंटन की कार्यवाही ठहराव प्रस्ताव के पूर्व की जा चुकी थी। ऑर्डर-शीट एवं आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में पुन: दल गठित कर जांच कराने का औचित्य नहीं है। प्रदेश में वर्तमान में स्वीकृत पदों के विरूद्ध 45 प्रतिशत पद रिक्त है। कर्मचारी चयन मण्डल को कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के रिक्त 65 पदों को शीघ्र भरने हेतु सूची उपलब्ध कराने के लिए लिखा गया है। सूची प्राप्त होते ही रिक्त पदों पर युक्तियुक्तकरण करते हुए पूर्ति की जायेगी। पदोन्नति के पदों की पूर्ति अभी माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन होने के कारण की जाना संभव नहीं है।
पौधारोपण कार्य में अनियमितता एवं चौकीदारों का मानदेय
[वन]
55. ( क्र. 1686 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में विगत पांच वर्षों में विभिन्न योजनाओं में पौधारोपण किया गया है। सर्वे नं. सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में किए गए कार्य के देयकों का एवं लेबर का भुगतान किस-किस वैन्डर को किया गया है? प्रत्येक देयक की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। साथ ही भुगतान किये गए लेबर का आधार कार्ड सहित बैंक खाते की जानकारी देवें। (ग) क्या एक ही स्थान पर पृथक-पृथक योजनाओं में अनेक बार पौधारोपण किया गया है? यदि हाँ, तो शासन को वित्तीय हानि पहुंचाने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक? (घ) चंदेरी विधान सभा में विगत पांच वर्षों में कितने चौकीदार पदस्थ हैं? प्रतिमाह इनको कितना भुगतान किया जाता है? नाम, आधार कार्ड एवं बैंक खाते सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) विगत दस वर्षों में चौकीदारों को नियुक्त करने वाले अधिकारियों का नाम व कार्यकाल, चौकीदारों की उपस्थिति पंजी की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वनमंडल अशोकनगर अंतर्गत विगत 05 वर्षों में पौधारोपण सर्वे नम्बर में नहीं किया जाकर वनकक्षों में पौधारोपण किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में कार्य में लगाये गये श्रमिकों को सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान किया जाता है, वेण्डर को नहीं किया गया है। वर्ष 2024 से आधार नम्बर आधारित भुगतान की कार्यवाही की गई है। वर्षवार देयक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। आधार कार्ड और बैंक खाते की जानकारी धारक की सहमति के बिना सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। (ग) वनमंडल अशोकनगर में विगत 05 वर्षों में एक ही स्थान पर अनेक बार पौधारोपण नहीं किया गया है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) चंदेरी विधानसभा के अंतर्गत कोई भी चौकीदार पदस्थ नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) वनमंडल अशोकनगर में विगत 10 वर्षों में चौकीदारों को नियुक्त नहीं किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रावासों में क्रय की गई सामग्री की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
56. ( क्र. 1689 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में जनजातीय कार्य विभाग एवं छात्रावासों में वर्ष 2020 से कितनी सामग्री क्रय की गई है? राशि की जानकारी वर्षवार एवं सामग्री की जानकारी नामवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में क्रय की गई सामग्री क्रय करने में भण्डार क्रय नियमों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो क्रय करने हेतु जारी टेंडर की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में क्रय की गई सामग्री के स्टॉक-रजिस्टर की छायाप्रति उपलब्ध करावें। साथ ही सामग्री का भौतिक सत्यापन हेतु गठित की गई समितियों के आदेशों की छायाप्रति एवं उनके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करावें। सामग्री सप्लाई करने वाली एजेंसियों के नाम बतावें और उनको भुगतान की गई राशि की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में क्रय की गई सामग्री के भुगतान के व्यय व्हाउचर की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्रय की गई सामग्री वर्तमान में भौतिक रूप से उपलब्ध नहीं है। यदि है तो जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग, जिला अशोकनगर के काउंटर साइन से भौतिक रूप से उपलब्ध सामग्री की डिटेल बतावें। यदि नहीं, है, तो संबंधितों पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत जिला अशोकनगर में सामग्री नहीं क्रय की गई। छात्रावासों में क्रय सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) छात्रावासों में क्रय सामग्री का मूल्य कम होने से भण्डार क्रय नियम के अनुसार टेंडर जारी करने की आवश्यकता नहीं थी (ग) स्टॉक रजिस्टर की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब’’ अनुसार है। सामग्री का भौतिक सत्यापन छात्रावास पालक समिति द्वारा किया गया जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘स’’ अनुसार है। सामग्री सप्लाई करने वाली एजेंसियों के नाम एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। (घ) व्यय व्हाउचर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘द’’ अनुसार है। सामग्री उपलब्धता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न की कालाबाजारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
57. ( क्र. 1700 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अपूर्ति नियंत्रक कार्यालय जिला सिवनी में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? नाम, पदनाम, मोबाइल नम्बर, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय निवास (पते के विस्तृत विवरण सहित) कार्य विभाजन एवं आवंटित कार्य क्षेत्र की जानकारी का विवरण उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार कार्यालय में पदस्थ सहायक आपूर्ति अधिकारियों, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों द्वारा कब-कब क्षेत्र में भ्रमण/निरीक्षण किया गया? संबंधित मासिक दैनन्दिनी भ्रमण डायरी, जांच/निरीक्षण प्रतिवेदन, उपभोक्ता संपर्क एवं निर्मित पंचनामे की जानकारी का अभिलेखीय विवरण वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध करायें। (ग) सिवनी जिले के समस्त राजस्व अनुभागों में अनुविभागीय दण्डाधिकारियों के कार्यालय में ग्रामीण क्षेत्रों के विक्रेताओं एवं उपभोक्ता भण्डारों के विरूद्ध खादयान्न की कालाबाजारी एवं अन्य अनियमितताओं के कितने प्रकरण कितने वर्षों से लंबित हैं? वर्षवार, तहसीलवार, प्रकरणवार विवरण तथा संबंधित दोषियों के विरूद्ध प्रस्तुत प्रतिवेदनों एवं की गई कार्यवाही से संबंधित जानकारी का अभिलेखीय विवरण प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश ''क'' कार्यालय को सिवनी जिले के समस्त स्रोतों से कालाबाजारी, मिलावट एवं अनियमितताओं संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? विवरण उपलब्ध करायें। प्राप्त शिकायतों में क्या कार्यवाही की गई? अभिलेखीय विवरण वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
वन्य प्राणियों से पीड़ित ग्रामीणों को मुआवजा राशि का भुगतान
[वन]
58. ( क्र. 1701 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी दक्षिण वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत वन परिक्षेत्र सिवनी, रूखड, कुरई, खबासा, अरी, बरघाट व केवलारी में विगत 5 वर्षों में बाघ, हिरण, जंगली सुअर एवं अन्य प्राणियों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने, ग्रामीणों के घरों में तोड़-फोड़ करने एवं ग्रामीणों/राहगीरों को मौत के घाट पर उतार देने के फलस्वरूप पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि दिये जाने के क्या नियम हैं? नियमावली की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में सिवनी जिले में मुआवजा राशि के संबंध में कितने आवेदन प्राप्त हुये? उन प्रकरणों में कितने प्रभावितों को मुआवजा राशि का भुगतान किया गया? जानकारी उपलब्ध करावें। क्या विभाग द्वारा घटना की जांच हेतु कोई समिति बनाई गई है? समिति द्वारा किन-किन बिन्दुओं पर कब-कब जांच की गई? जांच की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (ग) सिवनी दक्षिण वन मंडल क्षेत्र में जिन प्रभावितों को जनहानि, फसल नुकसान एवं घरों में वन्य प्राणियों द्वारा तोड़-फोड़ की गई है या जिन परिवारों को आर्थिक एवं जनक्षति हुई है, उन को प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी मुआवजा राशि का भुगतान किया जा चुका है? नामवार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा जिन प्रभावितों को अभी तक मुआवजे का भुगतान नहीं हुआ है उनको विभाग द्वारा मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया जायेगा? (घ) क्या विभाग इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिये कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो जानकारी दें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि एवं जन घायल किये जाने पर शासन द्वारा निर्धारित क्षतिपूर्ति दिये जाने का प्रावधान है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। फसल हानि, घर तोड़-फोड़ के नुकसानी की नुकसानी होने पर क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान राजस्व पुस्तक परिपत्र क्रं 6 (4) के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। मुआवजा प्रकरणों के निराकरण की व्यवस्था लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम से शासित है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। (ख) वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि, फसल हानि के फलस्वरूप मुआवजा राशि के संबंध में प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। उत्तरांश ‘‘क’’ में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दिये गये प्रावधान अनुसार पात्र हितग्राही को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाता है। घटनाओं की जांच हेतु कोई समिति नहीं बनाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दक्षिण सिवनी वनमंडल क्षेत्र में जनहानि या जिन परिवारों को आर्थिक एवं जनक्षति हुई है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 में है। वन्य प्राणियों द्वारा फसलों को नुकसान पहुँचाने की जानकारी उत्तरांश ‘‘ख’’ के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। वन्य प्राणियों से ग्रामीणों के घरों में तोड़-फोड़ करने के प्रकरण प्रकाश में नहीं आये हैं। (घ) विभाग द्वारा वनों से लगे ग्रामों एवं प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों की वन सीमा में चैनलिंक फेंसिंग, सोलर पावर केसिंग, वन्य जीव अवरोधक पत्थर की दीवार निर्माण के कार्य कराये गये हैं। वनों से लगे संवेदनशील ग्रामों के ग्रामीणों को जागरूक करने के लिये मुनादी, सयाने मोगली की सायकिल, बाघ चौपाल तथा समय-समय पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। योजना क्रमांक 2899 राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत चैनलिंक फेंसिंग हेतु पेंच राष्ट्रीय उद्यान को राशि रुपये 7, 32, 55, 000/- की राशि स्वीकृत की गई है। वर्ष 2025-26 से योजना क्रमांक 1621 टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्रों का विकास प्रारंभ की गई है।
राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना
[वन]
59. ( क्र. 1705 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले से संबंधित राजपत्र में भा.व.अ. 1927 की धारा 29 के अनुसार दिनांक 04/06/1955 सिवनी जिले के लिए भी दिनांक 04/06/1955 को प्रकाशित अधिसूचना एवं धारा 34अ के अनुसार दिनांक 24/11/1972 तथा दिनांक 17/11/1972 को प्रकाशित अधिसूचना के आधार पर वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास में प्रश्नांकित दिनांक तक भी आवश्यक प्रविष्टि दर्ज नहीं की गई? (ख) दिनांक 04/06/1955 को छिन्दवाड़ा एवं सिवनी जिले के किस राजस्व ग्राम की कितनी भूमि राजपत्र में संरक्षित वन अधिसूचित की गई? इसमें से किस ग्राम की समस्त संरक्षित वन भूमि दिनांक 17/11/1972 एवं दिनांक 24/11/1972 को राजपत्र में डिनोटिफाइड की गई? (ग) धारा 29 एवं धारा 34अ में अधिसूचित भूमि निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किस-किस में दर्ज भूमि है? इन भूमियों को किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज किया गया है? (घ) धारा 29 एवं धारा 34अ में अधिसूचित भूमियों से संबंधित आवश्यक प्रविष्टियां वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास एवं वनकक्ष मानचित्र में दर्ज नहीं करने का क्या कारण है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित अधिसूचनाओं के अनुसार वर्किंग प्लान एवं वन अभिलेखों में आवश्यक प्रविष्टियां की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। प्रश्नांश में वर्णित अधिसूचनाओं में ग्रामों के समक्ष रकबा उल्लेखित नहीं है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29 एवं धारा-34 (अ) के तहत अधिसूचित संरक्षित वन घोषित भूमियां राजस्व अभिलेखों में मुख्यत: घास, चरनोई, छोटे-बड़े झाड़ का जंगल, पहाड़ चट्टान, चरोखर, निस्तार, बंजर/पड़त भूमि, जंगलजला, गोठान, काबिल काश्त इत्यादि मदों एवं प्रयोजनों में दर्ज रही है। (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्यान्न वितरण में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
60. ( क्र. 1712 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत ब्लॉकवार कुल कितने पात्र परिवार चिन्हित किये जाकर उन परिवारों को वर्ष 2020-21 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किस-किस प्रकार की कितनी खाद्यान्न सामग्री प्राप्त हुई? (ख) बताएं कि क्या वर्तमान में नए बी.पी.एल. कार्ड जारी किए जाने की रोक होकर चिन्हित परिवारों को पर्चियां दी जा रही हैं? (ग) यदि हाँ, तो ब्लॉकवार कितने नवीन परिवारों को चिन्हित कर पर्चियों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है एवं उन्हें कब तक नवीन बी.पी.एल. कार्ड जारी कर दिया जाएगा? (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत किन-किन खाद्यान्न वितरण दुकानों/केंद्रों से खाद्यान्न नहीं दिए जाने, खाद्यान्न कम दिए जाने एवं कालाबाजारी कर खुले बाजार में विक्रय करने तथा लगातार दुकान बंद रहने की किस-किस प्रकार की शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रतलाम जिला अंतर्गत ब्लॉकवार/निकायवार कुल पात्र परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जिले के समस्त पात्र परिवारों हेतु वर्ष 2020-21 से लेकर अद्यतन गेहूं 2475084.41 क्विंटल, चावल 1097414.71 क्विंटल, नमक 103859.01 क्विंटल एवं शक्कर 8715.35 क्विंटल प्राप्त हुई है। (ख) वर्तमान में नये बी.पी.एल. कार्ड के स्थान पर बी.पी.एल. श्रेणी की पात्रता पर्ची हितग्राहियों द्वारा स्वयं ई-के.वाय.सी. करवाने के उपरांत निरंतर जारी की जा रही है। नवीन चिन्हित परिवारों एवं सदस्यों को ई-के.वाय.सी. करवाने के निर्देश दिये गये हैं। पात्र हितग्राहियों द्वारा ई-के.वाय.सी. करवाने के उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) निरतंर जारी किये जा रहे हैं। म.प्र. शासन की अधिसूचना क्रमांक 257 भोपाल दिनांक 07 जून, 2017 द्वारा लोक सेवाओं के प्रदान की गांरटी अधिनियम, 2010 में संशोधन कर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की सेवाएं क्रमांक 9.1 से 9.8 में बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी होने के स्थान पर नवीन पात्रता पर्ची जारी होना, नाम सुधार, नाम जोड़ना आदि सुविधाओं को जोड़ा गया है। (ग) वर्ष 2020-21 से लेकर अब तक ब्लॉकवार जारी नवीन बी.पी.एल. परिवारों जिन्हें राशन पर्ची के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है, उनकी ब्लॉकवार/निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। बी.पी.एल. श्रेणी की पात्रता पर्ची पात्र हितग्राहियों द्वारा ई-के.वाय.सी. करवाने के उपरांत निरतंर जारी की जा रही है अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
दिव्यांगजनों के कल्याण हेतु केंद्र एवं राज्य परिवर्तित योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
61. ( क्र. 1713 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग द्वारा दिव्यांगजनों के कल्याण हेतु रतलाम जिले में केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से अनेक उल्लेखनीय कार्य किया जा रहे हैं? समस्त संबंधित कार्यों की जानकारी दें। (ख) दिव्यांग को उनकी आवश्यकता अनुसार विभिन्न प्रकार के उपकरण दिए जाते हैं तो कौन-कौन से तथा रोजगार मूलक एवं शासकीय सेवा संबंधी कार्य हेतु किस प्रकार की योजनाएं एवं कार्य किया जा रहे हैं? (ग) शासन/विभाग द्वारा दिव्यांगों को दी जा रही पेंशन राशि को बढ़ाये जाने के संबंध में विचार किया जा रहा था? कार्ययोजना से अवगत करें। (घ) दिव्यांगों को मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल रतलाम जिले में आनुपातिक रूप से अत्यंत कम संख्या में आने से कई वंचित रहते हैं तो क्या विधायक निधि के माध्यम से भी यह दिए जाने हेतु अनेक बार सुझाव आए तो उसे पर क्या किया जा रहा है?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) दिव्यांगजनों हेतु रतलाम जिले में केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से निम्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है :- दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरणों का वितरण, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना, सामाजिक सुरक्षा दिव्यांग पेंशन योजना, मानसिक एवं बहुविकलांगों को आर्थिक सहायता, दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, केन्द्रीय दिव्यांग छात्रवृत्ति, मध्यप्रदेश दिव्यांग छात्र/छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा में दी जाने वाली फीस, निर्वाह भत्ता, परिवाहन भत्ता योजना, दिव्यांग विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु विदेश अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन योजना एवं दिव्यांग छात्र गृह योजना। (ख) जी हाँ। दिव्यांग को उनकी आवश्यकता अनुसार व्हील चेयर, बैशाखी, ट्राईसाइकिल, मोटराइज्ड, कान की मशीन, छड़ी, टेकी, ब्रेल कीट, चश्मे, एम.आर. किट, स्मार्ट केन, कृत्रिम अंग जैसे - नकली हाथ, नकली पैर, कैलिपर्स इत्यादि प्रकार के उपकरण दिये जाते हैं। रोजगार मूलक एवं शासकीय सेवा संबंधी कार्य हेतु शासन द्वारा दिव्यांगजनों हेतु समस्त विभागों में नियुक्ति में 6 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित है जिसके अनुसार ही विभागों द्वारा दिव्यांगजनों को शासकीय सेवा में नियुक्ति प्रदान की जाती है। (ग) राज्य शासन द्वारा उपलब्ध संसाधनों के अंतर्गत इस प्रकार की वृद्धि का निर्णय लिया जाता है। (घ) भारत सरकार की एडिप योजना के अंतर्गत भारत सरकार के उपक्रम एलिम्को संस्थान द्वारा परीक्षण शिविर आयोजित कर 80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता के चिन्हांकित दिव्यांगजनों को आवश्यकता अनुसार मोटराईज्ड ट्राईसाइकिल प्रदान की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन मण्डलों में कराये गये निर्माण कार्य
[वन]
62. ( क्र. 1732 ) श्री मधु भगत : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के समस्त वन मण्डलों में 1 अप्रैल 2023 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद से कहाँ-कहाँ क्या-क्या निर्माण कार्य एवं अन्य कार्य कराये गये? समस्त कार्य वन मण्डलवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समस्त कार्यों के प्राक्कलन तकनीकी स्वीकृति सहित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) उल्लेखित कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण है? कितने अपूर्ण है? कितने प्रगतिरत है? किस-किस कार्य हेतु किस-किस कार्य एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किस तिथि को किया गया है? यदि कार्य प्रशासकीय स्वीकृति से अधिक कम लागत में किया गया है, तो विभाग द्वारा बिल की बचत राशि से क्या-क्या कार्य कराये गए? क्या विभाग को उक्त राशि वापसी की कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा ग्रामीणों की शिकायत पर कुछ निर्माण कार्यों का स्थल निरीक्षण में कार्य गुणवत्ताहीन एवं प्राक्कलन अनुसार नहीं पाया गया? क्या समस्त कार्य की जाँच कराकर दोषी लोक सेवकों/निविदाकारों पर कार्यवाही करेंगे?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वनमंडल उत्तर सामान्य, दक्षिण सामान्य, लामटा परियोजना वनमंडल, जिला यूनियन उत्तर बालाघाट, बफर जोन वन मण्डल मण्डला (जिला बालाघाट) एवं उत्पादन वनमंडल बालाघाट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति से कम लागत में करने के उपरांत शेष बचत राशि से कोई कार्य नहीं कराये जा रहे हैं। विभाग को लागत की बचत राशि समर्पित की गई है। (घ) बालाघाट जिले के अंतर्गत अधीनस्थ वनमंडलों द्वारा कराये गये निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं प्राक्कलन अनुसार कराये गये हैं। ग्रामीणों से निर्माण कार्यों के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
जल जीवन मिशन योजनांतर्गत कार्यों की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
63. ( क्र. 1742 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विकासखण्ड भीकनगांव और कसरावद में जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत कितनी नल-जल योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं? कितनी अपूर्ण हैं? (ख) जल जीवन मिशन अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र कसरावद में कितनी टंकियों और ओवर-हेड टैंकों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्मित पानी की टंकियों, ओवर-हेड टैंकों का परीक्षण किया गया है? अगर हाँ तो कब और किन के द्वारा? (घ) क्या आधी-अधूरी नल-जल योजनाओं और बिना परीक्षण कर यह नल-जल योजनाएं ग्राम पंचायतों को हेण्ड-ओवर की गई है? अगर हाँ तो जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत विकासखंड भीकनगांव एवं कसरावद में जल जीवन मिशन अंतर्गत 150 स्वीकृत एकल ग्राम योजनाओं में से 140 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं तथा 10 योजना प्रगतिरत है। इसके अतिरिक्त विकासखंड भीकनगांव एवं कसरावद हेतु 03 समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत हैं, जो कि वर्तमान में प्रगतिरत हैं। (ख) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत विकासखंड भीकनगांव एवं कसरावद में 61 ओवर-हेड टैंकों, 100 भूमिगत टंकी एवं स्टील स्टेजिंग पर एच.डी.पी.ई. टंकियों की स्थापना के अंतर्गत 12 टंकियों का निर्माण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन में 45 ओवर हेड टंकियों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्मित पानी की टंकियों, ओवर-हेड टैंकों के निर्माण के दौरान सहायक यंत्री, उपयंत्री एवं टी.पी.आई. के इंजीनियर के द्वारा परीक्षण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामवासियों को वन विभाग द्वारा परेशान किया जाना
[वन]
64. ( क्र. 1754 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा अपने आदेश क्रमांक 03/1966 निर्णय दिनांक 21.03.1969 तथा प्रकरण क्रमांक 1/1969 निर्णय दिनांक 03.09.1977 द्वारा वनखण्ड दहलान चौकी 360.39 एकड़ भूमि में से 124.52 एकड़ भूमि वन खण्ड से पृथक करने का आदेश पारित किया गया है? (ख) क्या उक्त आदेश में जिन काश्तकारों का मौके पर कब्जा प्रदर्शित किया गया है, उनके नाम राजस्व अभिलेख (खसरा) में दर्ज है? क्या विगत 50 वर्षों से अधिक समय से खेती करने वाले भूमि स्वामी घोषित किसानों को वन विभाग द्वारा खेती करने से रोका जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन वन विभाग द्वारा किये जा रहे इस दमनकारी कार्य को रोकेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन ऐसे स्वेच्छाचारी एवं निरंकुश अधिकारियों/कर्मचारियों को चिन्हांकित कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ, प्रकरण क्रमांक 1/1969 निर्णय दिनांक 03.08.1977 अनुसार आदेश पारित किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिटी फॉरेस्ट-02 के विकास कार्य की स्थिति
[वन]
65. ( क्र. 1773 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर स्थित मंगलगिरी पहाड़ी क्षेत्र में वन विभाग की रिक्त भूमि को सिटी फॉरेस्ट-02 के रूप में विकसित करने की कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो इस हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं स्वीकृत राशि से कौन-कौन से कार्य कराये जाना थे? इनमें से कौन-कौन से कार्य कर लिये गये हैं एवं कौन-कौन से कार्य कराया जाना शेष है? (ख) सिटी फॉरेस्ट-02 अंतर्गत शेष रह गये कार्यों का क्या कारण है एवं इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) क्या सिटी फॉरेस्ट-02 अंतर्गत शेष रह गये कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु शासन के समक्ष कोई योजना विचाराधीन है? यदि नहीं, तो क्या शासन सिटी फॉरेस्ट-02 को पूर्ण रूप से विकसित किये जाने हेतु राशि स्वीकृत करेगा तथा कब तक?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। सिटी फॉरेस्ट मंगलगिरी हेतु कुल राशि रूपये 137.00 लाख स्वीकृत की गयी है एवं स्वीकृत राशि अनुसार कराये जाने वाले कार्य, पूर्ण किये गये कार्य एवं शेष कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिटी फॉरेस्ट मंगलगिरी अंतर्गत स्वीकृत योजना वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-27 तक स्वीकृत है, योजना अंतर्गत वर्षवार स्वीकृत कार्य को वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक स्वीकृति अनुसार पूर्ण किया गया है, वित्तीय वर्ष 2025-26 एवं 2026-27 के कार्य समय अवधि अनुसार ही पूर्ण होंगे। (ग) जी नहीं। सिटी फॉरेस्ट मंगलसिटी के तहत कुल स्वीकृत राशि प्राप्त हो चुकी है, शेष उत्तरांश (ख) अनुसार।
दिव्यांगजनों को प्रदाय किए जाने वाले उपकरण
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
66. ( क्र. 1785 ) श्री विपीन जैन : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को कौन-कौन से उपकरण प्रदाय किए जाते हैं? उपकरण, ट्राईसाइकिल और बैटरी चलित ट्राईसाईकिल प्रदाय किए जाने की क्या नियमावली है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा सामाजिक न्याय विभाग मंदसौर को प्रश्न दिनांक तक प्रेषित पत्र में कितने हितग्राहियों को उपकरण, ट्राईसाइकिल, बैटरी चलित ट्राईसाईकिल उपलब्ध कराई गई है? (ग) शेष रहे हितग्राहियों को कब तक उपकरण, ट्राईसाइकिल और अन्य उपकरण प्रदाय कर दिये जाएंगे?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत संचालित जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र मंदसौर के माध्यम से भारत सरकार की एडिप योजना के तहत भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम सहायक उत्पादन केन्द्र (एल्मिको) उज्जैन के माध्यम से दिव्यांगजन सहायक उपकरण परीक्षण शिविर आयोजित कर चिन्हित दिव्यांगजनों को उनकी दिव्यांगता अनुसार ट्राईसाईकिल व बैटरी चलित ट्राईसाईकिल, व्हील चेयर, कैलिपर्स, ब्लाईन्ड स्टिक, श्रवण यंत्र एवं अन्य सहायक उपकरण एल्मिको उज्जैन के विषय विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण के उपरांत ही प्रदान किये जाते है। मोटर ट्राईसाईकिल एडिप योजना के तहत 80 प्रतिशत और उससे अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांग व्यक्ति को ही मोटरयुक्त ट्राईसाईकिल के लिए पात्रता का प्रावधान है। यह 16 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को पाँच वर्ष में एक बार प्रदान किये जाने का प्रावधान है। ट्राईसाईकिल एवं अन्य सहायक उपकरण हेतु 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांग व्यक्ति ही ट्राईसाईकिल एवं अन्य सहायक उपकरण के लिए पात्रता का प्रावधान है। इन दिव्यांगजनों को ट्राई साईकिल एवं अन्य सहायक उपकरण 3 वर्ष में एक बार ही प्रदान किये जाने एवं 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सहायता का न्यूनतम समय एक वर्ष का प्रावधान है। म.प्र. शासन की मुख्यमंत्री निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत अस्थि बाधित (दोनों पैरों से चलने में अक्षम न्यूनतम 60% दिव्यांगता) श्रेणी के विद्यार्थी जिसने गत परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये हो, 10वीं में प्रथम बार प्रवेश लेने पर स्नातक/पॉलिटेक्निक में प्रवेश लेने पर एक बार मोटराईज्ड ट्राईसाइकिल (बैटरी चलित) दिये जाने की योजना है। दिव्यांगजनों को प्रदाय किये जाने वाले उपकरण, ट्राईसाईकिल और बैटरी चलित ट्राईसाईकिल की सूची एवं नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार। (ख) माननीय विधायक महोदय द्वारा सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण जिला मंदसौर को 11-07-2024 से प्रश्न दिनांक 14-07-2025 तक दिव्यांग हितग्राहियों को उपकरण, ट्राईसाईकिल, बैटरी चलित ट्राईसाईकिल प्रदाय किये जाने हेतु कुल 17 आवेदन पत्र के साथ प्राप्त हुए जिसमें से 13 आवेदक भारत सरकार की एडिप योजना के तहत अपात्र पाये गये। कुल 04 आवेदकों को पात्रतानुसार परीक्षण/मूल्यांकन हेतु ऐलिम्को उज्जैन को पत्र प्रेषित किया गया है। हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार माननीय विधायक महोदय से प्राप्त पत्रों के संलग्न आवेदनों में से कुल 04 आवेदकों को पात्रतानुसार उपकरण, ट्राईसाईकिल, बैटरी चलित ट्राईसाईकिल उपलब्ध कराये जाने की मांग अनुसार जिले के पत्र क्रमांक/93 दिनांक 10-03-2025 तथा पत्र क्रमांक/22 दिनांक 23-06-2025 से दिव्यांगजनों को परीक्षण/मूल्यांकन हेतु कनिष्ठ प्रबंधक भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम सहायक उत्पादन केन्द्र उज्जैन को पत्र प्रेषित किया गया है। जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र मंदसौर द्वारा एलिम्को उज्जैन संस्थान से सतत् सम्पर्क स्थापित है एवं उपकरण वितरण की यह प्रक्रिया नवीन आवेदनों के क्रम में निरंतर जारी रहती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार।
अ.ज.जा. बस्ती विकास मद अन्तर्गत स्वीकृत राशि की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
67. ( क्र. 1796 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2024-2025 में अ.ज.जा. बस्ती विकास मद अन्तर्गत जिला खरगोन में कितनी राशि प्राप्त हुई थी? उक्त प्राप्त राशि से कार्य स्वीकृति हेतु कौन-कौन से जनप्रतिनिधि द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये थे? कृपया प्राप्त प्रस्ताव में वर्णित कार्य के नाम एवं जनप्रतिनिधि के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा उक्त प्राप्त राशि से कौन-कौन से कार्यों की स्वीकृति प्रदाय की गई है? कृपया जारी स्वीकृति की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें तथा क्या उक्त वित्तीय वर्ष की राशि से समय पर स्वीकृति जारी न करने से वापस शासन के खाते में जमा हो गई है? यदि हाँ तो क्या कारण है कि राशि प्राप्त होने के उपरान्त कार्यों की स्वीकृति समयावधि में नहीं हो सकी तथा इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषियों के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी? (ख) क्या उक्त स्वीकृत राशि शासन को वापस जमा होने से वर्तमान वित्तीय वर्ष में पुनः जिले को प्रदाय की जायेगी? हाँ तो कब तक तथा नहीं तो क्या कारण है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2024-25 में अ.ज.जा. बस्ती विकास मद अन्तर्गत जिला खरगोन को रूपये 228.82 लाख राशि प्राप्त हुई थी। प्राप्त राशि से कार्य स्वीकृति हेतु जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्ताव, प्रस्ताव में वर्णित कार्य एवं जनप्रतिनिधियों के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, कार्यों की स्वीकृति हेतु गठित समिति से समय-सीमा में अनुमोदन प्राप्त नहीं होने के कारण कार्य स्वीकृत नहीं हुए। गठित समिति से समयावधि में कार्यों का अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। योजना अंतर्गत राशि वित्तीय वर्ष अनुसार स्वीकृत तथा व्यय की जाती है।
ग्रामों एवं मजरे फाल्यो में पेयजल की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
68. ( क्र. 1797 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने ऐसे ग्राम एवं मजरे फाल्या हैं, जिनमें जल जीवन मिशन अन्तर्गत कार्य नहीं होने से वर्तमान में पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है? कृपया सूची उपलब्ध करावें तथा वर्तमान तक पेयजल उपलब्ध नहीं होने का क्या कारण है? (ख) उक्त पेयजल से वंचित ग्रामों/मजरों फाल्या में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु विभाग की क्या योजना है तथा कब तक उक्त फाल्यो में पेयजल उपलब्ध होगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में 91 ग्रामों के 175 मजरे फाल्या में जल जीवन अंतर्गत बसाहटों की दूरी मुख्य ग्राम से अधिक दूर होने से वर्तमान में क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन द्वारा पेयजल उपलब्ध नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त 175 मजरे फाल्या में शासन द्वारा लगाए गए सार्वजनिक हैंडपंपों एवं अन्य निजी पेयजल स्रोतों से समुचित पेयजल उपलब्ध है, नल से जल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उक्त ग्रामों/मजरे फाल्या में नल-जल योजना के प्रस्ताव तैयार करने तथा स्वीकृति प्राप्त करने के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, नल-जल योजना की स्वीकृति/क्रियान्वयन के लिए कोई निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
कोल जाति वर्ग को जनजातीय योजनाओं का लाभ
[जनजातीय कार्य]
69. ( क्र. 1811 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2003 के पूर्व मध्यप्रदेश में जनजातीय वर्ग में शामिल जातियों की सूची तथा जनवरी 2003 के पश्चात वर्तमान में प्रदेश के जिलों में जनजाति वर्ग में शामिल जातियों की सूची उपलब्ध करवाएं। क्या अनुसूचित जनजाति वर्ग की सूची में कोल जाति को शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो जिला ग्वालियर में वर्षों से निवासरत कोल जाति वर्ग को जनजातीय योजनाओं का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा? जिला ग्वालियर के अंतर्गत निवासरत कोल जाति को किस श्रेणी में शामिल किया गया? नियम आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करवाएं। (ख) जनमन योजना प्रारंभ से वर्ष 2025-26 तक विधानसभा क्षेत्र 19 डबरा अंतर्गत किस-किस स्थान पर कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के योजना में शामिल किये गए? शामिल किये गए इन कार्यों में से प्रश्न दिनांक तक किस कार्य पर कितनी राशि व्यय की गई? कार्यवार पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी कारण सहित बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' पर है। जी हाँ, कोल जाति अनुसूचित जनजाति की सूची में सरल क्रमांक 25 पर अधिसूचित है। ग्वालियर जिले में निवासरत् कोल जाति को पात्रता अनुसार जनजातीय योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। (ख) जनमन योजना प्रारंभ से वर्ष 2025-26 तक विधानसभा क्षेत्र 19 डबरा अंतर्गत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
कान्हा टाइगर रिजर्व के बफर जोन वनमंडल की जानकारी
[वन]
70. ( क्र. 1815 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कान्हा टाइगर रिजर्व के बफर जोन वन मंडल में हालोन कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट योजना अंतर्गत अप्रैल 2024 से प्रश्न दिनांक तक खोदे गए/निर्माण किये गए तालाबों की जानकारी रेंजवार लागत सहित उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त योजना अंतर्गत अप्रैल 2024 से प्रश्न दिनांक तक कितनी मात्रा में कब-कब कितनी लागत से चैनलिंक फेंसिंग किन-किन के द्वारा क्रय की गई? खरीदी गई चैनलिंक फेंसिंग किन-किन कार्यों में उपयोग की गई? कार्य का नाम व मात्रा सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। खरीदी प्रक्रिया के नियम बतायें। क्या 2.5 लाख से अधिक की खरीदी में प्रत्येक संवितरण अधिकारी द्वारा टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाये जाने का नियम हैं? क्या बफर जोन वन मंडल अंतर्गत की गई चैनलिंक की खरीदी में इसका पालन किया गया? यदि हाँ, तो टेंडरिंग संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्या इसकी जाँच करवाई जाएगी? क्या बिना टेंडरिंग के खरीदी करने वाले संवितरण अधिकारी दोषी हैं? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पत्र क्रमांक/एफ1527666/2023/10-2, दिनांक 23/11/2023 के अनुसार चैनलिंक फेंसिंग की गुणवत्ता जाँच जिला स्तर पर कराये जाने के निर्देश वन मण्डल अधिकारी स्तर के अधिकारियों को दिए हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त खरीदी गई चैनलिंक फेंसिंग की गुणवत्ता जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो गुणवत्ता जाँच सम्बंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो बिना गुणवत्ता जाँच के क्रय व उपयोग करने वालों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) अप्रैल 2024 से प्रश्न दिनांक तक बफर जोन वनमंडल में किन-किन सामग्रियों का क्रय किया गया है? सामग्री की मात्रा व राशि सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। उक्त अवधि में कितने सोलर पैनलों का कितनी दर से क्रय किया गया? क्या यह सही है कि 1 के.व्ही. के ख़रीदे गए सोलर पैनलों का क्रय बाजार मूल्य से अधिक दरों में किया गया है? क्या सभी सोलर पैनलों का क्रय एक ही फर्म से किया गया है? क्या इस खरीदी की जाँच करवाई जाएगी? (ड.) अप्रैल 2024 से प्रश्न दिनांक तक बफर जोन वन मंडल के विभिन्न परिक्षेत्रों में कराये गए वन मार्ग मरम्मत व उन्नयन के कार्यों के नाम लागत राशि पूर्णता/अपूर्णता स्तिथि सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। क्या यह सही हैं कि कुछ पंचायतों द्वारा किये गए कार्यों को परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा बिना कार्य किये प्रमाणक बनाकर राशि आहरण कर भ्रष्टाचार किया गया है? क्या उक्त समस्त कार्यों की जाँच करवाई जाएगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) बफर जोन वन मण्डल, कान्हा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत हालोन कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट योजना के अंतर्गत अप्रैल 2024 से प्रश्न दिनांक तक खोदे गये/निर्माण किये गये तालाबों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिरिष्ट-1 अनुसार है। (ख) बफर जोन वन मण्डल के अंतर्गत हालोन कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट योजना अंतर्गत अप्रैल 2024 से प्रश्न दिनांक तक क्रय की गई चैनलिंक फेंसिंग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। खरीदी प्रक्रिया यथा संशोधित म.प्र. भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 अनुसार है। राशि रूपये 2.50 लाख से अधिक की खरीदी में सक्षम प्राधिकारी द्वारा टेण्डरिंग प्रक्रिया अपनाये जाने का प्रावधान उक्त नियम के नियम क्रमांक 10.1.1 में किया गया है। जी हाँ। बफर जोन वन मण्डल अंतर्गत की गई चैनलिंक की खरीदी में सक्षम प्राधिकारी द्वारा म.प्र. भण्डार क्रय नियम के नियम क्रमांक 10.1.1 के पालन कर क्रय हेतु निर्धारित न्यूनतम दरों पर स्वीकृत निविदाकार से सामग्री का क्रय किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। सामग्री का क्रय टेण्डरिंग प्रक्रिया का पालन करते हुए किया गया है। अत: खरीदी किये जाने वाले संवितरण अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित पत्र राज्य शासन का है। प्रश्नाधीन फेंसिंग सामग्री की गुणवत्ता की जाँच Prob N Analytical Service LLP (NABL Accredited) से गुणवत्ता परीक्षण हेतु कराई गई, जांच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अप्रैल 2024 से प्रश्न दिनांक तक बफर जोन वन मण्डल में क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। दर्शित अवधि में क्रय किये गये सोलर पेनल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। समस्त 1 के.व्ही. सोलर का क्रय नियमानुसार ई-निविदा के माध्यम से किया गया है। निविदा में प्राप्त न्यूनतम दर पर में. एस.जी. इन्फ्रा इंदौर से 1 किलोवाट सोलर सिस्टम का क्रय किया गया है। निविदा में प्राप्त दर ऊर्जा विकास निगम से अनुमोदित दरों से कम है। अत: बाजार मूल्य से अधिक दरों पर सोलर सिस्टम क्रय का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) अप्रैल 2024 से प्रश्न दिनांक तक बफर जोन वन मण्डल के विभिन्न परिक्षेत्रों में कराये गए वन मार्ग मरम्मत व उन्नयन के कार्यों के नाम लागत राशि पूर्णता/अपूर्णता स्थिति सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है। यह सही नहीं है कि बफर जोन वन मण्डल के अंतर्गत पंचायतों द्वारा किए गये कार्यों को परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा बिना कार्य किये प्रमाणक बनाकर राशि आहरण कर भ्रष्टाचार किया गया है। अतः जांच किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंडला जिलांतर्गत किये गए स्थानान्तरण की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
71. ( क्र. 1816 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक/एफ6-1/2024/एक/9, दिनांक 29.04.2025 के अनुसार जिले में जो स्थानांतरण किये गए हैं, उन सभी के आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। इन स्थानांतरण हेतु प्रभारी मंत्री जिला मंडला द्वारा किये गए अनुमोदन दस्तावेजों की भी छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं। (ख) वर्ष 2025-26 में स्थानांतरण हेतु जनप्रतिनिधियों व प्रभारी मंत्री द्वारा विभाग को भेजे गए पत्रों/प्रस्तावों की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं। इनके आधार पर प्रभारी मंत्री से अनुमोदन कराने हेतु विभाग द्वारा तैयार किये गए प्रस्तावों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। प्रभारी मंत्री द्वारा किन-किन प्रस्तावों को मान्य-अमान्य किया गया? इसकी विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) विभाग द्वारा जितने भी स्थानांतरण किये गए, क्या सभी का अनुमोदन प्रभारी मंत्री से लिया गया था? यदि नहीं, तो जिन स्थानांतरण के लिए प्रभारी मंत्री से अनुमोदन नहीं लिया गया, उनके आदेश की प्रतियां उपलब्ध कराएं। इस हेतु किस नियम के तहत आदेश जारी किये गए? सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग मंडला के आदेश क्रमांक/AC/MANDLA/SS/TR/ 2025/6029/1, दिनांक 17/06/2025 के माध्यम से किये गए स्थानांतरण के प्रस्ताव, प्रभारी मंत्री का अनुमोदन आदि समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (घ) क्या प्रभारी मंत्री से अनुमोदन हेतु विभाग द्वारा भेजे गए सभी प्रस्तावों में कलेक्टर जिला मंडला के हस्ताक्षर लिए गए थे? यदि हाँ, तो प्रतियां उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रभारी मंत्री से अनुमोदन लिए बिना किये गए स्थानांतरण आदेशों के लिए कौन दोषी हैं, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? क्या उक्त आदेश निरस्त किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) मंडला जिला अंतर्गत सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक/एफ 6-1/2024/एक/9, दिनांक 29.04.2025 के अनुसार किये गये स्थानांतरण आदेशों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। इन स्थानांतरण हेतु माननीय प्रभारी मंत्री जिला मंडला द्वारा किये गये अनुमोदन दस्तावेजों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब’’ पर है। (ख) स्थानांतरण हेतु जनप्रतिनिधियों व प्रभारी मंत्री द्वारा विभाग को भेजे गए पत्रों/प्रस्तावों की छायाप्रतियां तथा प्रभारी मंत्री से अनुमोदन कराने हेतु विभाग द्वारा तैयार किये गए प्रस्तावों एवं प्रस्तावों को मान्य-अमान्य किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’स’’ पर है। (ग) जी हाँ। जिले में सभी स्थानांतरण प्रकरणों में प्रभारी मंत्री जी का अनुमोदन लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग जिला मंडला के आदेश क्रमांक/AC/MANDLA/SS/TR/2025/6029/1 दिनांक 17/06/2025 के माध्यम से किये गये स्थानांतरण के प्रस्ताव पर माननीय प्रभारी मंत्री का अनुमोदन आदि समस्त दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’द’’ पर है (घ) जी हाँ, छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’इ’’ पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) सभी स्थानांतरण प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन उपरांत ही किये गये हैं। इसलिए शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल जीवन मिशन योजनांतर्गत प्राप्त राशि की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
72. ( क्र. 1825 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत जून 2025 तक मुरैना जिले के कितने ग्रामों की कितनी राशि की एकल ग्राम नल-जल योजना तथा कितनी राशि की समूह योजना स्वीकृत की गई है? 2025 जून तक कितने गांव में शत्-प्रतिशत घरों में क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराया जा चुका हैं? जिलेवार जानकारी दें। (ख) जल जीवन मिशन के अंतर्गत मुरैना जिले में जून 2025 तक कितने लाख घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं तथा कितने प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या का कवरेज हो चुका है? कितने ग्रामों में घरों में क्रियाशील घरेलू कनेक्शन उपलब्ध नहीं हुआ है तथा कितने प्रतिशत ग्रामीण आबादी को योजना में कवरेज नहीं मिला है? (ग) राशि 30, 000 करोड़ रूपये की जल जीवन मिशन की नल-जल योजना में मुरैना जिले में कितने ठेकेदार गुजरात राज्य से है तथा उनको कुल कितनी राशि का ठेका कितने एकल ग्राम तथा कितने समूह योजना के लिए दिया गया है? (घ) मुरैना जिले में कितने ग्राम में योजना पूर्ण होने के बाद घरेलू नल कार्यरत है तथा कितने गांव में किसी कारण से व्यवधान हो गया है? क्या नल-जल योजना के क्रियान्वयन का सोशल ऑडिट कराया गया है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 705 ग्रामों की एकल ग्राम नल-जल योजनाएं राशि रू. 848.29 करोड़ तथा 21 ग्रामों की राशि रू. 47.47 करोड़ की दतेहरा समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत की गई है। जानकारी जल जीवन मिशन की Website https://ejalshakti.gov.in/jjmreport/JJMBlockMap.aspx पर उपलब्ध है। (ख) जानकारी जल जीवन मिशन की Website https://ejalshakti.gov.in/jjmreport/JJMBlockMap.aspx पर उपलब्ध है। (ग) मुरैना जिले में गुजरात राज्य से किसी भी ठेकेदार को कार्य आवंटित नहीं किया गया है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्रामों में पूर्ण की गई योजनाओं से लगाए गए क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन से आच्छादित ग्रामों की जानकारी जल जीवन मिशन की Website https://ejalshakti.gov.in/jjmreport/JJMBlockMap.aspx पर उपलब्ध है, वर्तमान में कोई व्यवधान की स्थिति नहीं है, शेष स्वीकृत योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। एकल ग्राम नल-जल योजना पूर्ण होने के उपरांत उक्त योजना के कार्यों को समुदाय द्वारा उपयोगी पाया गया है तथा योजना से लाभान्वित परिवारों को पेयजल उपलब्ध हो रहा है, इसका सत्यापन कराने के लिए ग्राम सभा का आयोजन किया जाकर यह प्रमाणीकरण कराए जाने के उपरांत ग्राम को ''हर घर जल'' प्रमाणित मान्य किया जाता है, यह कार्यवाही सोशल ऑडिट के संदर्भ में लाभान्वित समुदाय के माध्यम से की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन क्षेत्र एवं वन अपराधों की जानकारी
[वन]
73. ( क्र. 1826 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक वन सुरक्षा एवं वन क्षेत्र वृद्धि हेतु बजट में कुल कितनी राशि का प्रावधान किया गया तथा वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक की स्थिति में प्रतिवर्ष कितने-कितने प्रतिशत वन क्षेत्र की वृद्धि हुई कमी हुई? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक वन्य प्राणियों की हत्या, तस्करी, वनों की कटाई वनोपज का अवैध परिवहन एवं अन्य वन अपराधों के कितने प्रकरण दर्ज किए गए एवं कितनी राशि जुर्माने के रूप में वसूली गई एवं कुल कितनी राशि की वनोपज एवं अन्य सामग्री जप्त की गई? जानकारी वर्षवार एवं जिलेवार उपलब्ध करायें। (ग) वर्ष 2020-21 से वर्ष 2025-26 तक वन कर्मियों की हत्या, उन पर हमले तथा अन्य अपराधों के कितने प्रकरण दर्ज किए गये? जानकारी जिलेवार एवं वर्षवार उपलब्ध करायें। सरकार द्वारा वन कर्मियों को आत्मरक्षा हेतु क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक वन सुरक्षा एवं वनक्षेत्र वृद्धि हेतु बजट में प्रावधानित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वन क्षेत्र में वृद्धि तथा कमी का आकलन भारतीय वन सर्वेक्षण के द्वारा दो वर्ष के अंतराल पर वर्ष 2023 एवं 2021 के तुलनात्मक प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 (अ) में हैं। (ख) वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) वर्ष 2020-21 से वर्ष 2025-26 तक वन कर्मियों की हत्या, उन पर हमले तथा अन्य अपराधों की जिलावार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। सरकार द्वारा वन कर्मियों को आत्मरक्षा हेतु बन्दूकें, रिवॉल्वर, प्लास्टिक के डंडे, स्मार्ट स्टिक, चेस्टगार्ड, सुरक्षा जैकेट, हेलमेट, हंटर शूज, आई-प्रोटेक्टर एवं टॉर्च जैसी सुविधायें उपलब्ध कराई जाती हैं।
भ्रष्टाचारियों को स्थानीय निकाय का संरक्षण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
74. ( क्र. 1829 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी सहकारी उपभोक्ता भंडार, जिला अशोकनगर के अध्यक्ष, प्रबंधक एवं संचालक मंडल के सदस्यों पर अपर कलेक्टर की जांच रिपोर्ट उपरांत उस दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं कराई गई? यदि एफ.आई.आर. दर्ज हुई है तो उसकी प्रति दें। उक्त संस्था की वास्तविक स्थिति क्या है? (ख) क्या विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 921, दिनांक 02/03/2023 के उत्तर में सदन को गुमराह करते हुए विभागीय अधिकारियों द्वारा मा. मंत्री जी के माध्यम से गलत जानकारी सदन में प्रस्तुत की गई थी? जिसकी पुष्टि कलेक्टर, अशोकनगर द्वारा कराई गई जांच में भी स्पष्ट हुआ है? यदि हाँ, तो संबंधित विभागीय अधिकारियों पर प्रश्न दिनांक तक नियमानुसार क्या कार्यवाही की गई? (ग) राज्यसभा सांसद माननीय दिग्विजय सिंह जी द्वारा मान. विभागीय मंत्री जी को प्रेषित पत्र क्रमांक 461/2025 दिनांक 23. 05. 2025 पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त वर्णित तथ्यों के आधार पर क्या यह कहना उचित होगा कि उक्त समिति के अध्यक्ष, प्रबंधक एवं संचालक मंडल को स्थानीय प्रशासन का संरक्षण प्राप्त होते हुए उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है? यदि नहीं, तो उन पर तत्काल प्रभाव के साथ कब तक एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सहकारी उपभोक्ता भंडार अशोकनगर के अध्यक्ष, प्रबंधक एवं संचालक मंडल के सदस्यों पर एफ.आई.आर. दर्ज करने के संबंध में कार्यालय कलेक्टर खाद्य शाखा जिला अशोकनगर से पत्र दिनांक 18.01.2021, थाना प्रभारी अशोकनगर को प्रेषित कर एफ.आई.आर. दर्ज कराये जाने हेतु लेख किया गया, जिस संबंध में थाना प्रभारी थाना कोतवाली अशोकनगर के पत्र क्रमांक/5190 दिनांक 16/09/2024, पत्र दिनांक 17.02.2022 और पत्र क्रमांक 3046-ए/2021 दिनांक 26.10.2021 के माध्यम से अवगत कराया कि प्रकरण में कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता, उक्त प्रकरण में कोई नवीन साक्ष्य व दस्तावेज संलग्न नहीं होने के कारण एफ.आई.आर दर्ज करने की कार्यवाही नहीं करने का उल्लेख किया गया है तत्पश्चात उपायुक्त सहकारिता जिला अशोकनगर के द्वारा पत्र क्रमांक 506 दिनांक 21.10.2024 में उल्लेख कर जिला आपूर्ति अधिकारी जिला अशोकनगर को पत्र लिखकर लेख किया है कि इस प्रकरण में कोई नवीन साक्ष्य व दस्तावेज कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। इसके पश्चात थाना प्रभारी थाना कोतवाली जिला अशोकनगर से प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज करने के संबंध में अद्यतन स्थिति की जानकारी के लिये प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी, कलेक्टर खाद्य शाखा जिला अशोकनगर के पत्र क्रमांक/विधानसभा/2025/596 दिनांक 16.07.2025 के द्वारा पत्र जारी किया गया है जिसकी जानकारी थाना प्रभारी कोतवाली जिला अशोकनगर से अपेक्षित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 921 दिनांक 02/03/2023 का जवाब तैयार कर श्री रविशंकर द्विवेदी, उपायुक्त सहकारिता एवं तत्कालीन प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी जिला अशोकनगर द्वारा कलेक्टर खाद्य शाखा जिला अशोकनगर के पत्र क्रमांक/141/खाद्य/2023 अशोकनगर दिनांक 21.02.2023 एवं विधानसभा प्रश्न क्रमांक 921 अतारांकित का संशोधित उत्तर कलेक्टर खाद्य शाखा जिला अशोकनगर के पत्र क्रमांक/159/खाद्य/2023 अशोकनगर दिनांक 22.02.2023 के माध्यम से संचालनालय भोपाल को प्रेषित किया गया। जिसके आधार पर विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 921 की जानकारी शासन द्वारा प्रेषित की गई। गलत जानकारी प्रेषित करने वाले अधिकारी के विरूद्ध उचित कार्यवाही हेतु जिला कलेक्टर अशोकनगर द्वारा आयुक्त, सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल म.प्र. को पत्र प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) उल्लेखित पत्र के संबंध में प्रतिवेदन तथा नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला अशोकनगर, जिला प्रबंधक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन जिला अशोकनगर, तहसीलदार अशोकनगर को पत्र प्रेषित किये गये, तहसीलदार अशोकनगर द्वारा संबंधित उचित मूल्य दुकानों से नियमानुसार वसूली की कार्यवाही प्रचलित होना उल्लेखित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''क'' अनुसार है।
बस्ती विकास योजनांतर्गत स्वीकृत विकास कार्यों की जाँच
[जनजातीय कार्य]
75. ( क्र. 1830 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बस्ती विकास योजना के अंतर्गत गत 2 वर्षों में स्वीकृत राशि का पूरा उपयोग वास्तविक विकास कार्यों में हुआ है या फिर राशि का दुरुपयोग अथवा गबन किया गया है? क्या इसकी लेखा परीक्षा (Audit) हुई है? यदि हुई है, तो उसमें क्या अनियमितताएं उजागर हुईं? यदि नहीं, तो इसकी ऑडिट कराकर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (ख) क्या बस्ती विकास योजना में सड़क निर्माण, आवास, पेयजल व्यवस्था, सामुदायिक भवन आदि के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता का पालन किया गया है? क्या फर्जी बिलिंग, अपूर्ण कार्य या बिना कार्य के भुगतान की जांच की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या माना जा सकता है कि इसमें विभाग की मिलीभगत है? (ग) क्या इस योजना के अंतर्गत कुछ बस्तियों को बार-बार लाभ मिला (उनकी सूची देवें), जबकि अन्य उपेक्षित रहीं? गत 2 वर्षों में किन-किन पंचायतों में कितनी-कितनी राशि जारी की गई है? वर्षवार, जिलेवार सूची देवें एवं ऐसी शीर्ष/टॉप 10 पंचायतों की सूची पृथक से दें, जिनमें सबसे अधिक राशि प्रदाय की गई है? इन पंचायत को किस आधार पर किसकी अनुशंसा पर बार-बार राशि दी गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत राशि का पूरा उपयोग वास्तविक कार्य में किया गया, राशि का दुरूपयोग अथवा गबन नहीं हुआ। जी हाँ, जिलों में सभी योजनाओं का लेखा परीक्षा द्वारा समय-समय पर ऑडिट किया जाता है, लेखा परीक्षा में कोई अनियमितता होना नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी हाँ, फर्जी बिलिंग, अपूर्ण कार्य या बिना कार्य के भुगतान की शिकायत प्राप्त होने पर जांच की जाती है। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश ‘ग’ के संबंध में विगत दो वर्षों में योजना अंतर्गत स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। वर्षवार जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है।, टॉप 10 पंचायतों की सूची जिनमें योजना अंतर्गत अधिक राशि प्रदाय की गई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। कार्य स्वीकृत किए जाने की अनुसंशा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है।
वृक्षारोपण की जानकारी
[वन]
76. ( क्र. 1833 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2022 से जून 2025 तक कौन-कौन से प्लान्टेशन किन अधिकारियों के द्वारा किस वन परिक्षेत्र के किस कम्पार्टमेंट में, कितने-कितने क्षेत्रफल में, कितने गड्ढे खोदकर, कितने पौधों का रोपण किया गया? कितनी बाउंड्री बनायी गई तथा वृक्षारोपण पर कुल कितनी राशि व्यय की गई? वर्तमान में कितने रोपित पौधे जीवित हैं? कौन-कौन चौकीदार, किस प्लान्टेशन पर रखे गये? प्लान्टेशनवार एवं वर्षवार जानकारी दें। (ख) क्या उक्त प्लान्टेशनों का गणना पत्रक एवं पंचनामा तैयार किया गया था? यदि हाँ, तो प्लान्टेशनवार किये गये गणना पत्रक एवं पंचनामा की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें कि जब वृक्षारोपण कराया गया तब अतिक्रमण था? यदि था तो किन व्यक्तियों का था? उसकी सूची और की गई कार्यवाही की प्रति संलग्न कर जानकारी दें। (ग) शिवपुरी जिले में वर्ष 2025-2026 में प्लान्टेशन कहाँ-कहाँ प्रस्तावित है? शिवपुरी जिले में जून 2025 की स्थिति में वन भूमि पर 05 हेक्टेयर भूमि से अधिक कहाँ-कहाँ पर, किस-किस का कितना-कितना अतिक्रमण कब से है? वर्ष 01 अप्रैल 2024 से 30 जून 2025 में अतिक्रमणों की कौन-कौन सी शिकायतें व्यक्तिगत एवं समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त और प्रकाशित हुई? प्रति संलग्न कर जानकारी दें। (घ) सामान्य वन मण्डल कार्यालय, शिवपुरी में 30 जून 2025 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी-अधिकारी कब से कार्यरत हैं? इनके मूल पद एवं कार्यरत सेक्शन की जानकारी दें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन मण्डल शिवपुरी के अंतर्गत वर्ष 2022 से जून 2025 तक संबंधित वन परिक्षेत्राधिकारी एवं उनके अधीनस्थ परिक्षेत्र सहायक एवं बीट गार्ड द्वारा प्लान्टेशन कार्य कराया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। वन मण्डल शिवपुरी अन्तर्गत वन परिक्षेत्र शिवपुरी, पोहरी, कोलारस एवं बदरवास के प्लान्टेशन चार माह मई 2025 की स्थिति में गणना पत्रक एवं पंचनामा की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। शेष वन परिक्षेत्र सतनवाडा, करैरा एवं पिछोर के गणना पत्रक एवं पंचनामा की छायाप्रति एकत्रित की जा रही है। वृक्षारोपण कराये जाने के समय स्थल पर अतिक्रमण की स्थिति व्यक्तियों के नाम सहित स्थलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है, की गई कार्यवाही की प्रति एकत्रित की जा रही है। (ग) वन मण्डल शिवपुरी में वर्ष 2025-26 में प्रस्तावित प्लान्टेशन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। शिवपुरी जिले में जून 2025 की स्थिति में वन भूमि पर 05 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अतिक्रमण की जानकारी पृथक से उपलब्ध नहीं होने के कारण एकत्रित की जा रही है। वर्ष 01 अप्रैल 2024 से 30 जून 2025 तक अतिक्रमण की शिकायतों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।
नवीन खाद्यान्न पर्ची एवं राशन पर्ची में नाम जोड़े जाने की प्रक्रिया
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 1839 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अगस्त 2024 से प्रश्न दिनांक तक नवीन खाद्यान्न पर्ची जारी नहीं की जा रही है एवं मौजूदा राशन पर्ची में नाम जोड़े नहीं जा रहे हैं? यदि हाँ तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में यदि खाद्यान्न पर्ची जारी की जा रही है, तो 1 अगस्त 2024 से प्रश्न दिनांक तक शहरी क्षेत्र ग्वालियर में कितनी खाद्यान्न पर्ची जारी की गई? क्षेत्रीय कार्यालय/वार्डवार जानकारी दी जावे। (ग) शहरी क्षेत्र ग्वालियर में दिनांक 1 जनवरी 2025 से 1 जून 2025 के मध्य कितने आवेदन राशन मित्र पोर्टल पर दर्ज हुये एवं दर्ज आवेदनों में से कितने आवेदनों की खाद्यान्न पर्ची शुरू की गई? संख्यात्मक एवं माहवार जानकारी दी जावे। (घ) नवीन खाद्यान्न पर्ची एवं मौजूदा राशन पर्ची में नाम जोड़े जाने की जो प्रक्रिया बंद है, वह कब तक पुनः शुरू कर दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश में अगस्त, 2024 से प्रश्न दिनांक तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 29 श्रेणियों में से पात्र हितग्राहियों को ई-के.वाय.सी. करवाने के निर्देश दिये गये हैं। हितग्राहियों के द्वारा पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से ई-के.वाय.सी. करवाने के उपरांत पात्रता पर्ची निरंतर जारी की जा रही है। वर्तमान में भी नवीन पात्रता पर्ची जारी करने एवं प्रचलित परिवारों की राशन पर्ची में सदस्य जोड़े जाने की कार्यवाही राशन मित्र पोर्टल पर जारी है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) शहरी क्षेत्र ग्वालियर में 01 अगस्त, 2024 से प्रश्न दिनांक तक 6241 पात्रता पर्ची जारी की गई है। क्षेत्रीय कार्यालय/वार्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट "एक" अनुसार है। (ग) शहरी क्षेत्र ग्वालियर में दिनांक 1 जनवरी, 2025 से 1 जून, 2025 के मध्य राशन मित्र पोर्टल पर 2234 आवेदन दर्ज हुए। जिनमें से 57 हितग्राहियों की ई-के.वाय.सी. कराकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। संख्यात्मक एवं माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट "दो" अनुसार है। शेष हितग्राहियों को ई-के.वाय.सी. करवाने के निर्देश दिये गये हैं। हितग्राहियों के द्वारा पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से ई-के.वाय.सी. करवाने के उपरांत पात्रता पर्ची निरंतर जारी की जा रही है। (घ) नवीन पात्रता पर्ची एवं मौजूदा पात्रता पर्ची में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत 29 श्रेणियों में सम्मिलित पात्र हितग्राहियों को ई-के.वाय.सी. करवाने के निर्देश दिये गये हैं। हितग्राहियों के द्वारा पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से ई-के.वाय.सी. करवाने के उपरांत पात्रता पर्ची निरंतर जारी की जा रही है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
वृद्धावस्था, निःशक्त एवं कल्याणी पेंशन के प्रकरण
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
78. ( क्र. 1840 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2025 से 30 मई 2025 के मध्य ग्वालियर में किस-किस योजना के कितने पेंशन के आवेदन प्राप्त हुये एवं कितने आवेदन स्वीकृत किये गये? संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ख) दिनांक 1 जनवरी 2025 से 30 मई 2025 के मध्य ग्वालियर में किस-किस योजना के कितने हितग्राहियों की पेंशन बंद की गई है? वार्डवार जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि के मध्य पेंशन बंद किये जाने के क्या कारण रहे एवं किस आदेश के तहत यह पेंशन बंद की गईं? आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (घ) कल्याणी पेंशन बनवाने हेतु पति की समग्र आई.डी. की आवश्यकता होती है, लेकिन जिन कल्याणी महिलाओं के पास पति की समग्र आई.डी. नहीं है, उन महिलाओं की कल्याणी पेंशन नहीं बन पाती है। ऐसे में शासन द्वारा उन महिलाओं की पेंशन बनवाने हेतु क्या व्यवस्था की गई है? अगर नहीं तो व्यवस्था कब तक कर दी जायेगी? (ड.) अन्य प्रदेशों में 1000 से लेकर 3500 रूपये तक की राशि पेंशन के रूप में प्रदाय की जा रही है, जबकि कई वर्षों से मध्यप्रदेश में 600 रूपये पेंशन दी जा रही है। पेंशन वृद्धि कब तक की जावेगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) 01 जनवरी, 2025 से 30 मई, 2025 के मध्य पेंशन योजनाओं के योजनावार 3416 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 3354 स्वीकृत किये गये हैं। योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार। (ख) 01 जनवरी, 2025 से 30 मई, 2025 के मध्य ग्वालियर जिले में वार्डवार हटाये गये हितग्राहियों की कुल संख्या 3071 है। वार्डवार हितग्राहियों की स्थिति संलग्न परिशिष्ट- ‘ब’ अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि के मध्य हितग्राहियों का आधार ई-के.वाय.सी. किये जाने से ई-के.वाय.सी. के दौरान मृत एवं पलायन चिन्हित किये जाने से अपात्र पाए गए हितग्राहियों की पेंशन बंद की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। पति की मृत्यु उपरांत समग्र पोर्टल पर वैवाहिक स्थिति कल्याणी दर्ज कराना ही पर्याप्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) राज्य शासन द्वारा उपलब्ध संसाधनों के अंतर्गत इस प्रकार की वृद्धि का निर्णय लिया जाता है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फर्जी बैंक गारंटी की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
79. ( क्र. 1844 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इंदौर स्थित तीर्थ गोपीकान कंपनी के द्वारा परियोजना के कार्य हेतु फर्जी बैंक गारंटी जमा की तो कब एवं किन परियोजना के संबंध में? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रकरण की जांच किसके द्वारा की जा रही है? (ग) कितनी राशि की बैंक गारंटी फर्जी पायी गई है? (घ) क्या शासन ने संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रकरण में सी.बी.आई. द्वारा जाँच की जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रावास/आश्रमों का संचालन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
80. ( क्र. 1847 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कितने छात्रावास/आश्रम संचालित हैं एवं कितने-कितने सीटर हैं? छात्रावास/आश्रमवार जानकारी दें। (ख) जिले में संचालित छात्रावास/आश्रमों में वर्ष 2023-24, 2024-25 में कितने विद्यार्थियों को स्वीकृत सीट्स के विरूद्ध प्रवेश दिया गया? छात्रावास/आश्रमवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वर्षों में छात्रावास/आश्रमों में संचालन हेतु विभिन्न मदों में कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ एवं व्यय किया गया? छात्रावास/आश्रमवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ख) वर्षों में छात्रावास/आश्रम में निवासरत विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम क्या रहा? वर्षवार/छात्रावासवार जानकारी दें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
स्वीकृत नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
81. ( क्र. 1848 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक जल जीवन मिशन योजना अन्तर्गत कितने ग्रामों में नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई? वर्षवार, ग्रामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत ग्रामीण नल-जल योजनाओं में भितरवार विधानसभा क्षेत्र की कितनी योजनाएं शामिल थीं? वर्षवार-ग्रामवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित वर्षों में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत योजनाओं में से कितनी योजनाएं सौ प्रतिशत पूर्ण है? कितनी अपूर्ण हैं? योजनावार, व्यय कितना-कितना किया गया है? वर्षवार, योजनावार जानकारी दें। (घ) भितरवार क्षेत्र की अपूर्ण नल-जल योजनाओं को कब तक पूर्ण कर ग्रामीण जनता को पेयजल उपलब्ध करा दिया जाएगा? योजनाओं के पूर्ण होने में विलंब के लिए कौन उत्तरदायी है? उत्तरदायित्व निर्धारण कर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) 142 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई, इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वयन हेतु 02 समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत की गई, जिनमें 213 ग्राम सम्मिलित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) 59 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं तथा मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वयन हेतु स्वीकृत 01 समूह जल प्रदाय योजना (घाटीगांव-भीतरगांव समूह जल प्रदाय योजना) में 181 ग्राम सम्मिलित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 एवं 02 अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित वर्षों में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत योजनाओं में से 15 एकल ग्राम योजनायें 100.00 प्रतिशत पूर्ण हैं एवं 44 योजनायें अपूर्ण है। घाटीगांव-भीतरगांव समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है। एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की योजनावार एवं समूह जल प्रदाय योजना के व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 एवं 04 अनुसार है। (घ) भितरवार क्षेत्र की अपूर्ण एकल नल-जल योजनाओं को माह दिसम्बर 2025 तक पूर्ण कर ग्रामीण जनता को पेयजल उपलब्ध कराया जाना लक्षित है। योजनांतर्गत सफल स्रोत निर्माण एवं टंकी निर्माण हेतु स्थल की उपलब्धता में देरी तथा ठेकेदार की धीमी कार्य प्रगति मुख्य कारक है, जो योजनाओं में हो रहे विलम्ब के लिए उत्तरदायी हैं। विभागीय मैदानी अधिकारियों द्वारा योजना के क्रियान्वयन का सतत् सुपरविजन किया जा रहा है एवं विलम्ब करने वाले ठेकेदारों को नोटिस के माध्यम से समय पर कार्य पूरा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। घाटीगांव - भीतरगांव समूह जल प्रदाय योजना दिनांक 28 सितम्बर 2026 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है, उक्त योजना के पूर्ण होने में विलंब का मुख्य कारण जल शोधन संयंत्र को वन भूमि से स्थानांतरित कर राजस्व भूमि में करने हेतु भूमि चयन एवं फर्म द्वारा कार्य की धीमी प्रगति है। अनुबंध की शर्तों के अंतर्गत विलंब हेतु उत्तरदायी ठेकेदारों के देयक से राशि भी काटी जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तीन माह से वंचित कार्डधारियों को राशन का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
82. ( क्र. 1852 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इस वर्ष खुरई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत राशन की दुकानों में राशन परिवहन समय पर न हो पाने के कारण या समय पर राशन उपलब्ध न कराए जाने के कारण 30 जून तक हजारों राशन कार्डधारियों को जून, जुलाई व अगस्त माह का राशन प्राप्त नहीं हो सका है? (ख) क्या शासन के 30 जून तक सभी कार्डधारियों को तीन माह का राशन उपलब्ध कराये जाने के निर्देश थे? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र में जून माह के 8 हजार सहित जुलाई माह के 18 हजार एवं अगस्त माह के 31 हजार से अधिक कार्डधारियों को तीन माह का राशन प्राप्त नहीं हो सका है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत पात्र परिवारों को माह जून, जुलाई व अगस्त, 2025 हेतु आवंटित खाद्यान्न दिनांक 30.06.2025 तक 70 प्रतिशत उचित मूल्य दुकानों पर प्रदाय एवं 68 प्रतिशत परिवारों को राशन का वितरण किया गया है। दिनांक 15.07.2025 की स्थिति में खुरई विधानसभा क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों पर आवंटन अनुसार सामग्री का प्रदाय कर 82.37 प्रतिशत परिवारों को राशन का वितरण किया जा चुका है। भारत सरकार द्वारा वितरण की बढ़ाई गई अवधि दिनांक 31.07.2025 तक शेष परिवारों को भी खाद्यान्न का वितरण प्रक्रियाधीन है। (ख) भारत सरकार द्वारा जून, जुलाई व अगस्त, 2025 हेतु आवंटित खाद्यान्न का वितरण दिनांक 30.06.2025 तक करने के निर्देश जारी किए गए थे, जिसे बढ़ाकर दिनांक 31.07.2025 तक की गई है। (ग) खुरई विधानसभा क्षेत्र में खाद्यान्न प्राप्त करने से शेष रहे परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। खाद्यान्न प्राप्त करने से शेष रहने वाले परिवारों में से उचित मूल्य दुकान पर खाद्यान्न प्राप्त करने हेतु उपस्थित होने वाले परिवारों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित अवधि दिनांक 31.07.2025 तक खाद्यान्न का वितरण प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अन्नदूत योजनांतर्गत राशन परिवहन कार्य में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
83. ( क्र. 1853 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में अन्नदूत योजना में किस-किस सेक्टर में किस-किस एजेंसी के द्वारा उचित मूल्य की दुकानों में राशन परिवहन का कार्य किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या राशन परिवहन के उक्त कार्य में अनियमितताओं संबंधी शिकायतें विभाग, अनुविभागीय अधिकारी अथवा जिला प्रशासन के लिए प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार किस-किस सेक्टर में किस एजेंसी के राशन परिवहन कार्य में अनियमितताएं किए जाने की शिकायतें सर्वाधिक प्राप्त हुईं?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्राप्त शिकायत की जांच उपरांत पाई गई अनियमितता के फलस्वरूप परिवहनकर्ता से किए गए अनुबंध के प्रावधान अनुसार पेनल्टी अधिरोपित की गई है। इस संबंध में जारी आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) खुरई विधानसभा क्षेत्र के सेक्टर क्रमांक 16 में अनुबंधित परिवहनकर्ता के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई, जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जा चुकी है।
खाद्यान्न वितरण में ई-के.वाय.सी. की अनिवार्यता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
84. ( क्र. 1854 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह जून में शासकीय उचित मूल्य दुकान से प्रदाय किये जाने वाले खाद्यान्न वितरण में शासन द्वारा उपभोक्ता कार्ड/समग्र आईडी/राशन कार्ड में अंकित परिवार के सभी सदस्यों की ई-के.वाय.सी. की अनिवार्यता उपरांत ही राशन प्रदान करने के नियम प्रसारित किये गये थे? (ख) यदि इस प्रकार का कोई नियम/आदेश शासन स्तर से प्रसारित नहीं किया गया था तो राशन उपभोक्ताओं को इस नियम या आदेश के लिए बाध्य क्यों किया गया एवं उपभोक्ताओं को ई-के.वाय.सी. के उपरांत ही राशन वितरण किया गया है? अधिकांश उपभोक्ताओं को जिनकी ई-के.वाय.सी. नहीं हुई उन्हें खाद्यान्न प्रदाय नहीं किया गया है? (ग) क्या विभाग द्वारा राशनकार्ड उपभोक्ता को राशन प्रदाय करते समय बायोमेट्रिक में उपभोक्ता के फिंगर प्रिंट की अनिवार्यता है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा फिंगर प्रिंट न आने की स्थिति में उपभोक्ता को राशन प्रदाय नहीं किया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित यदि वृद्धजन जिनके परिवार/एकल सदस्य या पति-पत्नि दोनों वृद्ध है जिनके बायोमेट्रिक में फिंगर प्रिंट नहीं आ रहे है, उन उपभोक्ताओं को राशन प्रदाय करने के लिए क्या कोई नियम है, यदि हाँ, तो जानकारी देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित समस्त पात्र हितग्राहियों की पहचान सुनिश्चित करने हेतु ईकेवायसी करने के निर्देश दिए गए है ताकि पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अंतर्गत खाद्यान्न का वितरण किया जा सके एवं मृत/दोहरे/स्थाई रूप से पलायन करने वाले हितग्राहियों को पोर्टल से विलोपन किया जा सके। (ख) भारत सरकार द्वारा पात्र हितग्राहियों के ईकेवायसी करने के संबंध में जारी निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, साथ ही 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, वृद्धजन, दिव्यांग एवं कुष्ठ रोगियों की ईकेवायसी करने में कठिनाई को दृष्टिगत रखते हुए ईकेवायसी से शिथिलता प्रदान की गई है। (ग) उचित मूल्य दुकान पर राशन प्राप्त करने हेतु उपस्थित सदस्य के बायोमेट्रिक सत्यापन से खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। परिवार के सदस्यों के बायोमेट्रिक सत्यापन सफल न होने पर ओटीपी/नॉमिनी के माध्यम से खाद्यान्न वितरण की सुविधा उपलब्ध है। नेट कनेक्टिविटी विहीन उचित मूल्य दुकानों से समग्र परिवार आईडी के द्वारा खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। (घ) वृद्धजन जिनके परिवार में एकल सदस्य या पति/पत्नि दोनों वृद्ध होने पर नॉमिनी के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त किया जा सकता है।
स्वीकृत नलजल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
85. ( क्र. 1856 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राहतगढ़ एवं सागर विकासखण्ड के किन-किन ग्रामों में समूह जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगतिरत है/पूर्ण हो गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत जलजीवन मिशन योजना के तहत स्वीकृत नलजल योजनाओं की कार्यपूर्णता की तिथि क्या थी तथा प्रश्न दिनांक तक कितनी योजनाएं पूर्ण हो गई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित पूर्ण योजनाओं में कितने ग्रामों में प्रश्न दिनांक तक समूह जलप्रदाय योजना से जल प्रदाय किया जा रहा है। ग्रामों के नाम सहित जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समूह नलजल योजना की कार्य अवधि का समय पूर्ण हो गया है। विभाग द्वारा कार्य एजेन्सी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई हैं यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा शेष नलजल योजनाएं कब तक पूर्ण होंगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। (ग) नरयावली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत राहतगढ़ विकासखण्ड के 02 ग्राम, बेरखेरी गोपाल एवं फतेहपुर में मडिया समूह जल प्रदाय योजना से जल प्रदाय किया जा रहा है। (घ) जी हाँ, तथापि कार्यों को पूर्ण करने हेतु समयावृद्धि प्रदान की गई है। जी हाँ, अनुबंधानुसार चलित देयकों में से राशि रोकी गई है। योजनाओं के पूर्ण होने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''02'' अनुसार है।
ढूटी डेम में रेस्ट हाउस निर्माण
[वन]
86. ( क्र. 1858 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला अंतर्गत केवलारी विकासखण्ड के ग्राम पांडिया छपारा के पास ढूटी डेम एवं हरे भरे वन का प्राकृतिक अनुपम दृश्य देखने दूर-दूर से पर्यटक आते-जाते है व उनके ठहरने के लिए कोई उपयुक्त व्यवस्था नहीं होने के कारण क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगातार पांडिया छपारा के पास रेस्ट हाउस निर्माण की मांग की जा रही है? (ख) सिवनी जिला अंतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पांडिया छपारा में वन विभाग का रेस्ट हाउस निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है? (ग) विभाग द्वारा ग्राम पांडिया छपारा में रेस्ट हाउस निर्माण कार्य को लेकर आज दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गई?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सिवनी जिला अंतर्गत केवलारी विकासखंड के ग्राम पांडिया छपारा के पास नवीन फॉरेस्ट रेस्ट हाउस निर्माण हेतु जन प्रतिनिधियों का वन वृत्त सिवनी कार्यालय में कोई भी मांग पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। ग्राम पांडिया छपारा में बरघाट परियोजना मंडल के अंतर्गत पूर्व से ही दो कक्षों का रेस्ट हाउस उपलब्ध है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन भूमि को कृषि भूमि में दर्ज किया जाना
[वन]
87. ( क्र. 1859 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जिला सिवनी में दिनांक 20.10.2015 के प्रकरण क्रमांक 434/1970 ग्राम रमपुरी (अ) वनखंड क्रमांक-6 द्वारा वन व्यवस्थापना का आदेश दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या कार्यवाही की गई है? यदि हां, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) कब तक प्रकरण का निराकरण कर दिया जायेगा।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) वनखंड रमपुरी (अ) का पूर्ण वन व्यवस्थापन नहीं कर आंशिक वन व्यवस्थापन किया है, इस कारण वन व्यवस्थापन अधिकारी का प्रश्नाधीन आदेश एवं कार्यवाही अपूर्ण है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वन व्यवस्थापन की कार्यवाही सतत् रूप से अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जनजाति कार्य विभाग अंतर्गत संचालित योजना
[जनजातीय कार्य]
88. ( क्र. 1864 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला अन्तर्गत जनजाति वर्ग के लोगों के लिये क्या-क्या योजनायें संचालित की जाती हैं? उक्त योजनाओं का वार्षिक बजट कितना है? योजनावार, राशिवार अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करायें? सतना विधानसभा अंतर्गत कितने जनजाति वर्ग के लोगों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया गया? (ख) सतना जिला अंतर्गत जनजातीय ग्रामों/बस्ती/मोहल्ले के विकास के लिये क्या-क्या कार्ययोजनायें संचालित की जाती हैं? जानकारी योजनावार उपलब्ध करायें? (ग) सतना जिले की जनजाति बस्ती/लोगों के विकास के लिये किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि के किन-किन कार्यों को कराया गया है? पिछले 3 वित्तीय वर्षों की कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) सतना विधानसभा के जनजाति बस्तियों/मोहल्लों के विकास कार्यों के लिये पिछले वित्तीय वर्ष में प्रश्नकर्ता द्वारा सतना जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग सतना को प्रस्ताव भेजा गया था, उक्त कार्यों की प्रगति/स्थिति क्या है? उक्त कार्यों को अभी तक क्यों नहीं कराया गया? यदि कराया गया तो कौन-कौन से कार्यों को कहां-कहां कराया गया? (ड.) सतना जिला अंतर्गत वनाधिकार के तहत किस-किस वर्ग के लोगों को पट्टे देने का नियम है तथा वनाधिकार के तहत किन-किन वर्ग के लोगों को पट्टे दिये गये? अलग-अलग विगत 3 वर्षों की सूची एवं पट्टा उपलब्ध करायें? क्या वनाधिकार के तहत अनुसूचित जनजाति वर्ग के अलावा भी अन्य वर्ग के हितग्राहियों को पट्टे देने का नियम है? यदि नहीं, तो कुछ जगहों पर अन्य वर्ग के लोगों को किस नियम के तहत पट्टे दिये गये? नियम की प्रति उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) सतना जिला अंतर्गत जनजाति वर्ग के लोगों के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) सतना जिला अंतर्गत जनजातीय ग्रामों/बस्ती/मोहल्ले के विकास के लिये अनुसूचित जनजातीय बस्ती विकास/पम्प उर्जीकरण/विद्युतीकरण एवं प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना संचालित हैं। (ग) सतना जिले की जनजाति बस्ती/लोगों के विकास के लिये विगत 03 वर्षों में कराये गये कार्यों की योजनावार, विधानसभावार, कार्यवार, राशिवार, मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) सतना विधानसभा के जनजाति बस्तियों/मोहल्लों के विकास कार्यों के लिये पिछले वित्तीय वर्ष में प्रश्नकर्ता द्वारा सतना जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग सतना को भेजे गये प्रस्ताव कार्य योजना के अनुमोदन की कार्यवाही शासन द्वारा गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाती है। (ड.) अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006, वन अधिकारों की मान्यता नियम 2008 तक संशोधन नियम 2012 अनुसार अनुसूचित जनजातीय और अन्य परम्परागत वर्ग के पात्र वन निवासियों को वन अधिकार पत्र दिये जाने के नियम हैं। अधिनियम एवं नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। विगत 05 वर्षों से जारी किये गये वन अधिकार पात्रों की सूची एवं वन अधिकार पत्रों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अनुसूचित जनजातीय के अलावा अन्य परम्परागत वर्ग के वन निवासियों को वन अधिकार पत्र देने का नियम है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शाला भवन, छात्रावास, आश्रम भवन, पीने का पानी, शौचालय की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
89. ( क्र. 1866 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में जनजातीय विभाग द्वारा कुल कितने प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला, हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल, उत्कृष्ट विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर, आश्रम, छात्रावास, खेल परिसर, संचालित है? संस्था प्रारंभ कब हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सभी संस्थाओं में उपयुक्त भवन, पीने का पानी, उपर्युक्त शौचालय, उपलब्ध है। अगर हाँ तो बतावें। शासकीय हाई स्कूल सेनगूड़ा जिला डिण्डौरी में उपयुक्त भवन क्यों नहीं है। अगर नहीं तो बतावें कहां-कहां की संस्थाओं में भवन पानी शौचालय उपर्युक्त नहीं है कब से नहीं है, क्यों नहीं है, कौन जिम्मेदार है कब तक व्यवस्था होगी? (ग) विभाग द्वारा संचालित संस्थाओं की उपयुक्त भवन, पीने का पानी, शौचालय की व्यवस्था हेतु विभाग ने 2021 से आज तक कितनी राशि का प्रावधान किया, कितना खर्च हुआ वर्षवार जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सभी संस्थाओं में उपयुक्त भवन, पीने का पानी एवं शौचालय उपलब्ध हैं। भवन विहीन हाई स्कूलों के भवन निर्माण का कार्य लोक शिक्षण विभाग द्वारा कराये जाने के कारण शासकीय हाई स्कूल सेनगूड़ा जिला डिण्डौरी के भवन का निर्माण कराये जाने हेतु इस कार्यालय के पत्र क्रमांक/निर्माण/64/2024-25/1676 दिनांक 22/01/25 के माध्यम से आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल को लेख किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभाग द्वारा डिण्डौरी जिला अंतर्गत संचालित संस्थाओं में उपयुक्त भवन, पीने का पानी एवं शौचालय की व्यवस्था हेतु वर्ष 2021-22 से आज दिनांक तक प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी निम्नानुसार है :-
(राशि रूपये लाख में)
क्र. |
वर्ष |
प्राप्त आवंटन |
व्यय |
1. |
2021-22 |
569.25 |
548.58 |
2. |
2022-23 |
1234.00 |
1157.32 |
3. |
2023-24 |
767.22 |
765.88 |
4. |
2024-25 |
192.56 |
192.55 |
5. |
2025-26 |
600.09 |
0 |
वन भूमि का व्यवस्थापन
[वन]
90. ( क्र. 1867 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मण्डलाधिकारी दक्षिण सिवनी के पत्र क्र. 1976 दिनांक 18.07.2024 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी सिवनी को ग्राम सिलधार ग्रा.प. टेटमा तहसील बरघाट के आवेदकों को वन व्यवस्थापन हेतु लेख किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कुल कितने लोगों को कितनी-कितनी भूमि का व्यवस्थापन किया जाना है कृषकवार, जमीनवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में भूमि के बदले भूमि अभी तक प्रदाय नहीं करने के क्या कारण है? इस दिशा में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? इसके दोषी कौन है? कब तक उक्त प्रकरण का निराकरण किया जायेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) 01 कृषक, श्री पूरनलाल वल्द रामलाल, रकबा 8.05 एकड़ भूमि का व्यवस्थापन किया जाना है। (ग) वन व्यवस्थापन के तहत वनखण्ड में शामिल की गई भूमि के बदले प्रदान की जाने वाली भूमि को भूमि स्वामी के वारिसान द्वारा लेने से इंकार किया गया एवं नगद मुआवजा राशि की मांग की गई। मुआवजा राशि का चेक तैयार किये जाने के उपरांत उसे भी लेने से मना कर दिया गया। आवेदक के वारिसानों के द्वारा मना किये जाने के कारण से भूमि प्रदाय नहीं की गई। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित कर राशि की वसूली
[वन]
91. ( क्र. 1870 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1723 दिनांक 18-3-2025 के प्रश्नांश (क) के संबंध में मा. मंत्री जी द्वारा दिये गये उत्तर में यह स्वीकार किया कि बालाघाट अंतर्गत जिला लघु वनोपज संघ उत्तर बालाघाट में वर्ष 2020 से 2025 तक मटेरियल सप्लाई एवं नलकूल खनन हेतु सामग्री एल-1 निविदाकारों/सप्लायर्स से ही क्यों प्राप्त की गई? बिना निविदा बुलाये जाने का कारण बतायें। क्या इस कार्य हेतु संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों को कोई राशि ठेकेदार द्वारा दी गई थी? यदि दी गई तो कितनी राशि दी गई? दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के बैंक में निविदाकारों द्वारा कोई राशि जमा की गई है? यदि की गई है तो कितनी? (ख) तारां. प्रश्न क्रमांक 1723 के प्रश्नांश (ग) के संबंध दिये गये उत्तर में वर्ष 2023-24 में जेम पोर्टल में बिड टेंडर 31 लाख था, किन्तु 1 करोड़ 87 लाख 89 हजार रूपये में निर्माण कार्य के लिए ठेकेदार से सामग्री क्रय की गई, जिसमें दोषियों पर केवल अनुशासनात्मक कार्यवाही कर मुक्त कर देगी? विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या उन दोषी अधिकारियों को निलंबन करने की कार्यवाही करेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन को राशि रूपये 1,56,89,000/- (एक करोड़ छप्पन लाख उन्यासी हजार) की हानि हुई है? क्या उक्त राशि वसूलने की कार्यवाही शासन/विभाग दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों व ठेकेदार से करेगी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त राशि शासन आम जनता से वसूलेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1723 दिनांक 18.03.2025 के प्रश्नांश (क) के संबंध में जिला लघु वनोपज संघ उत्तर बालाघाट में वर्ष 2020 से 2025 तक मटेरियल सप्लाई एवं नलकूप खनन हेतु सामग्री एल-1 निविदाकारों/सप्लायर्स से ही बिना निविदा बुलाये जाने के संबंध में अनियमितता हेतु आरोपी अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु दिनांक 10/07/2025 से आरोप पत्र जारी किया गया है। ठेकेदारों द्वारा कार्य हेतु आरोपी अधिकारी के खाते में कोई राशि जमा नहीं की गई है। (ख) अनियमितता के आरोपी के विरूद्ध आरोप पत्र दिनांक 10/07/2025 में जारी कर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ की गई है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रकरण वित्तीय अनियमितता का है, परंतु हानि की राशि का निर्धारण विभागीय जांच के उपरांत ही संभव है। अतः शेष प्रश्नांश जानकारी अभी दिया जाना संभव नहीं है।
वन विभाग बालाघाट की जानकारी
[वन]
92. ( क्र. 1872 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के समस्त वन मण्डल अंतर्गत वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक किये गये हेण्डपंप उत्खन्न की निविदा नियमावली व सफल निविदाकार की सूची, कार्य पूर्ण का प्रमाणीकरण की तिथि व विभाग द्वारा निविदाकार को दिये गये कार्य आदेश व किस फर्म को भुगतान किया गया की बिल, व्हाउचर व सूची वर्षवार उपलब्ध करायें। (ख) दक्षिण वन मण्डल सामान्य (रेंज- लैंगुर, बालाघाट व हट्टा) के अंतर्गत वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक किये गये वानिका कार्य, क्षेत्र अनुसार व कक्ष क्रमांक अनुरूप कूप का विवरण, बांस, भर्रा, लेनटाना सफाई की जानकारी उपलब्ध करायें। चेकडेम कार्य का अक्षांश व देशांश कक्ष क्रमांक अनुसार पूर्ण किये गये कार्य का प्रमाणीकरण व कार्यों में व्यय की गई राशि का ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) रेंज में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक उड़न दस्ते द्वारा रेत परिवहन कर वाहन की जब्ती व रेत की निलामी के आदेश व पेपर कटिग उपलब्ध करें, विभाग को उससे अर्जित आय का विवरण भी देवें। (घ) विभाग द्वारा करायें गये निर्माण कार्यों की सूची वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कार्य पूर्णता प्रमाण व प्रमाणीकरण अधिकारी का नाम, पद नाम, प्रारंभ दिनांक व कार्य पूर्णतः दिनांक वर्षवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) बालाघाट जिले के अन्तर्गत आने वाले वनमण्डलों में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक किये गये हैण्डपम्प उत्खनन की निविदा नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। सफल निविदाकार की सूची, कार्य पूर्ण का प्रमाणीकरण की तिथि की जानकारी एवं फर्म को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। निविदाकार को दिये गये कार्य आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। बिल एवं वाउचर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''4'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''5'' अनुसार है। (ग) दक्षिण वनमण्डल सामान्य (रेंज-लौगुर, बालाघाट व हट्टा) के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक उड़नदस्ता द्वारा रेत परिवहन कर वाहन जप्ती के प्रकरण दर्ज नहीं हुये है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''6'' अनुसार है। निर्माण कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''7'' अनुसार है।
वनों की अवैध कटाई
[वन]
93. ( क्र. 1876 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन परिक्षेत्र दक्षिण (लटेरी) एवं वन परिक्षेत्र उत्तर (लटेरी) में कीमती सागौन की अवैध कटाई रोकने हेतु प्रदेश स्तरीय एवं संभागीय स्तरीय अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया है? नाम, पदनाम, निरीक्षण दिनांक कृत कार्यवाहियों सहित जानकारी उपलब्ध करावें? यदि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अवैध कटाई रोकने हेतु वनों का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है? तो कब-तक निरीक्षण करवाया जावेगा? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा मंत्री जी, प्रमुख सचिव, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक वन विभाग भोपाल एवं वनमंडल अधिकारी जिला विदिशा को 01 अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक कब-कब डाक एवं ई-मेल से पत्र प्राप्त हुए? पत्र पावती एवं कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब-कब अवगत कराया बतावें? यदि अवगत नहीं कराया गया, तो इसके लिए दोषी कौन है? प्रश्नकर्ता के पत्रों की दिनांक, पावती सहित छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा CM हेल्पलाइन वनों की अवैध कटाई को रोकने के संबंध में कार्यवाही करवाने हेतु लगाई गई थी? उस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या कार्यवाही शिकायत के मंशानुरूप की गई है? जिन अधिकारियों को हटाकर निष्पक्ष जांच करवाने हेतु निवेदन किया था? उन्हें हटाया गया? वन परिक्षेत्र अधिकारी को हटाकर निष्पक्ष जांच कराई गई? यदि नहीं, तो कब-तक कराई जावेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नाधीन परिक्षेत्रों में अवैध कटाई का निरीक्षण प्रदेश स्तरीय अधिकारियों ने नहीं अपितु संभाग स्तरीय अधिकारियों एवं उड़नदस्ता दल ने किया है, प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। संभाग स्तरीय मुख्य वन संरक्षक स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कलेक्टर जिला-विदिशा से उनके पत्र पृष्ठांकित क्रमांक-2068 दिनांक 10.12.2024 क्रमांक-1935, दिनांक 06.02.2025, क्रमांक-4060, दिनांक 17.03.2025, क्रमांक-4003, दिनांक 13.03.2025 से शिकायतें कार्यालय वनमंडल, विदिशा को प्राप्त हुई हैं, जिनकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संरक्षण) के पत्र क्रमांक 548 दिनांक 04.02.2025 एवं क्रमांक 897 दिनांक 27.02.2025 से कार्यालय वनमंडल विदिशा को शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। प्रश्नकर्ता की शिकायतों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''4'' अनुसार है, की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कार्यालय वनमंडल विदिशा के पत्र क्रमांक/स्टेनो/शि./514 दिनांक 05.03.2025, क्रमांक/स्टेनो/शि./417 दिनांक 20.02.2025 एवं क्रमांक/स्टेनो/1563 दिनांक 11.07.2025 से उपरोक्त समविषयक शिकायतों का प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है, जिनकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''5'' अनुसार है। (ग) सी.एम. हेल्पलाईन शिकायत क्रमांक 29743716 दिनांक 13.11.2024 से प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायत की जांच एवं निराकरण हेतु वनमंडल कार्यालय विदिशा के आदेश क्रमांक/स्टेनो/01 दिनांक 21.11.2024 से जांच समिति गठित की गई है। वनमंडलाधिकारी, विदिशा के पत्र क्रमांक/स्टेनो/520 दिनांक 20.02.2025 से प्रश्नकर्ता को शिकायत में की गई कार्यवाही से अवगत कराया गया है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''6'' अनुसार है।
गैस पीड़ित समिति की अनुशंसाओं का पालन
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
94. ( क्र. 1878 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा गैस पीड़ित निगरानी समिति की अनुशंसाओं को न्यायलय के निर्देश माने जाने सम्बंधित आदेश विधारधीन प्रकरण क्रमांक W.P. 15658/2012 में दिनांक 28/10/2024 के साथ-साथ समय-समय पर दिए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो निगरानी समिति द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितनी त्रैमासिक रिपोर्ट माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत की गई है? निगरानी समिति द्वारा दी गई त्रैमासिक रिपोर्ट का पालन प्रतिवेदन कब-कब प्रस्तुत किया गया? कौन-कौन सी अनुशंसाओं को पूर्ण किया गया? रिपोर्ट सहित उनके पालन प्रतिवेदन की जानकारी देते हुए प्रतियां उपलब्ध करावें? (ग) निगरानी समिति द्वारा प्रस्तुत कितनी और कौन-कौन सी अनुशंसाओं को पूर्ण नहीं किया गया है? उन अनुशंसाओं का उल्लेख करते हुए पूर्ण नहीं करने के कारणों सहित जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन/विभाग निगरानी समिति की अनुशंसाओं को पूर्ण नहीं करते हुए माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों की अवमानना/अवहेलना करने वाले जिम्मेदार दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल समुचित कार्रवाई करते हुए निगरानी समिति की अपूर्ण अनुशंसाओं को तत्काल पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं प्रकरण क्र. WP 15658/2012 में दिनांक 28.10.2024 को कोई आदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा पारित नहीं किया गया है। (ख) निगरानी समिति द्वारा प्रश्न दिनांक तक कुल 21 त्रैमासिक रिपोर्ट माननीय उच्च न्यायलय, जबलपुर में प्रकरण क्र. WP 15658/2012 में प्रस्तुत की गयी है। रिपोर्ट की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा प्रकरण क्र. WP 15658/2012 में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में त्रैमासिक रिपोर्ट का पालन-प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रतिवेदन की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं को पूर्ण किया गया। चिकित्सालयों में चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति के समय-समय पर संविदा सेवा (नियुक्ति एवं सेवा शर्ते) नियम 2003 के अंतर्गत पदों की पूर्ति की जाती है। यह सतत् प्रक्रिया है। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल जीवन मिशन योजना में आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
95. ( क्र. 1880 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले में जल जीवन मिशन के तहत कराए गए कार्यों में आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में कलेक्टर रीवा के आदेश से दिनांक 27 जून 2023 को 5 सदस्यी जांच समिति गठित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट दिनांक 4 मार्च 2024 को कलेक्टर रीवा को सौंप दी थी और वह जांच रिपोर्ट शासन/मंत्रालय को आवश्यक कार्रवाई करने हेतु भेजी थी? (ग) यदि हाँ, तो उक्त रिपोर्ट शासन को कब प्राप्त हुई और शासन द्वारा कब तथा क्या कार्रवाई की गई? कृपया उक्त रिपोर्ट पटलित करें? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रदेश में मिशन के कार्यों में व्यापक स्तर पर आर्थिक अनियमितताएं किए जाने की शिकायत देश के माननीय प्रधानमंत्री जी को किए जाने एवं प्रधानमंत्री कार्यालय से रिपोर्ट मांगे जाने पर माह जून 2025 में अभियंता कार्यालय द्वारा इस संबंध में मुख्य अभियंता PHE परियोजना निदेशक म.प्र. जल निगम से पत्र लिखकर 7 दिन में रिपोर्ट मांगी गई थी? यदि हाँ, तो लिखे गए पत्र की प्रति, प्राप्त जांच की प्रति पटल पर पटलित करें? इस जांच रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर कौन-कौन दोषी पाए गए और उनके विरुद्ध क्या-क्या कार्रवाई की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) रिपोर्ट दिनांक 15.04.2024 को प्राप्त हुई। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शत्-प्रतिशत नल जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
96. ( क्र. 1882 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष अप्रैल-2025 तक झाबुआ जिले के सभी गाँव में शत्-प्रतिशत (100℅) "नल जल योजना" लागू कर दी गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भ में प्रत्येक गाँव में पूर्ण और अपूर्ण योजना की जानकारी , कब से शुरू हुई और प्रति योजना का कितना बजट है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जिले के 780 ग्रामों में से जल जीवन मिशन अंतर्गत 716 एकल ग्राम नल जल योजनाएं एवं 05 समूह जल प्रदाय योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त हुई है। जल स्त्रोत की उपलब्धता एवं सुनिश्चितता को देखते हुए इन 05 समूह जल प्रदाय योजनाओं के कुल 297 ग्रामों के कार्य 02 समूह योजना क्रमश: पेटलावद एवं धमोही समूह योजना में समाहित किए गए हैं। कुल सम्मिलित 297 ग्रामों में से 249 बल्क ग्राम एवं 48 समूह ग्राम की श्रेणी के हैं। 10 ग्राम जल जीवन मिशन के पूर्व से 100.00 प्रतिशत नल जल योजना से आच्छादित हैं। 01 ग्राम बबलीपाडा, जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत ग्राम बोरियापाडा की नल जल योजना एवं 01 ग्राम आमलीरेला, जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत ग्राम धातुरिया की नल जल योजना से आच्छादित किया गया है। 04 ग्राम की योजनाएं वर्तमान में स्वीकृति हेतु शेष हैं। (ख) एकल ग्राम नल जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है।
आदिवासी उपयोजना (TSP) का बजट और उपयोग
[जनजातीय कार्य]
97. ( क्र. 1883 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 3 वर्ष (2022-23, 2023-24 एवं 2024-25) में "आदिवासी उपयोजना" (TSP) "Tribal Sub Plan" का प्रति वर्ष कितना बजट रहा है? यह बजट कौन-कौन से कार्यों में खर्च किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में TSP का बजट योजना के मद से अन्यत्र, अन्य विभाग और कार्यों पर खर्च कर कितनी-कितनी राशि अन्य विभाग और कार्यों पर दी गयी? संपूर्ण जानकारी दी जाए। (ग) किस संवैधानिक नियम के तहत "आदिवासी उपयोजना" का बजट अन्यत्र उपयोग किया गया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
हितग्राहियों को पेंशन सुविधा का लाभ
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
98. ( क्र. 1886 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिव्यांग अधिकार अधिनियम की धारा 24 (1) के अनुसार दिव्यांग को मिलने वाली पेंशन मिल रही है? यदि नहीं, तो क्यों? केन्द्र सरकार के क्या नियम एवं निर्देश हैं? क्या उच्च न्यायालय द्वारा दिव्यांगों को नियम अनुसार दिव्यांग पेंशन देने के आदेश जारी किये हैं? यदि हाँ, तो कब तक आदेश का पालन किया जाएगा? आदेश की प्रति प्रदान करें। (ख) धार जिले में सामाजिक न्याय विभाग के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को किस दर से कितनी वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन दी जा रही है? (ग) प्रदेश में दी जा रही पेंशन की राशि में से राज्य शासन का कितना हिस्सा है? भारत शासन का कितना हिस्सा है? इन पेंशनधारियों को प्रतिमाह की 1 या 15 तारीख पर भुगतान नहीं करने का क्या कारण है? (घ) धार जिले में वर्ष 2024 से प्रश्न दिनांक तक कितने वृद्धों का नाम सूची में जोड़ा गया? इसमें से कितनी वृद्ध महिलाओं को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा था? विधानसभावार जानकारी देवें। (ड.) वर्ष 2024 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह के आयोजन हुए हैं? इन आयोजन में कितने जोड़ों का विवाह हुआ? सम्पूर्ण दस्तावेज सहित विधानसभावार सूची प्रदान करें। मुख्यमंत्री कन्या विवाह में कितनी शिकायत प्राप्त हुई? उसमें से कितनी का निराकरण किया गया? पात्र एवं अपात्र हितग्राही की आयोजनवार एवम् विधानसभावार सूची प्रदान करें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। जिला धार अंतर्गत दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की धारा 24 (1) के तहत दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त हो रही है। केंद्र सरकार की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तजन पेंशन योजना अंतर्गत दिव्यांगजनों को केन्द्रांश एवं राज्यांश (300+300 इस प्रकार कुल 600/- रुपये) मिलाकर कुल 600/- प्रति हितग्राही प्रतिमाह प्रदान किये जाते हैं। माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इंदौर, मध्यप्रदेश के रिट याचिका क्रमांक/WP No 23923/2023 में पारित निर्णय/निर्देश दिनांक 26/08/2023 द्वारा आयुक्त, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण, म.प्र. भोपाल को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम की धारा 24 (1) के संदर्भ में दिये गये प्रतिवेदन के संबंध में समयावधि में स्पीकिंग ऑर्डर जारी करने के निर्देश दिये गये थे जिसके संबंध में विभाग द्वारा स्पीकिंग ओर्डर जारी किया गया था। (ख) धार जिले में सामाजिक न्याय विभाग के अंतर्गत वृद्धावस्था पेंशन में 41278, विधवा पेंशन योजना में 73315 एवं दिव्यांगजनों को 14724 एवं कन्या अभिभावक पेंशन योजना के 752, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के 731 इस प्रकार कुल 12 पेंशन योजनाओं में कुल 1,30,800 हितग्राहियों को 600/- रुपये प्रतिमाह पेंशन राशि प्रदाय की जा रही है। (ग) प्रदेश में दी जा रही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में 60 से 79 वर्ष आयु के हितग्राहियों को प्रतिमाह 600/- रूपये की दर से पेंशन प्रदाय की जा रही है, जिसमें 200/- केन्द्रांश 400/- राज्यांश सम्मिलित है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना अंतर्गत 40 से 79 वर्ष आयु की विधवा महिलाओं को प्रतिमाह 600/- रूपये की दर से पेंशन प्रदाय की जा रही है, जिसमें 300/- केन्द्रांश और 300/- राज्यांश सम्मिलित है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना में 18 से 79 वर्ष आयु के हितग्राहियों को प्रतिमाह 600/- रुपये की दर से पेंशन प्रदाय की जा रही है, जिसमें 300/- केन्द्रांश और 300/- राज्यांश सम्मिलित है एवं 80 वर्ष अथवा उससे अधिक आयु के वृद्धा, विधवा एवं निःशक्त हितग्राहियों को प्रतिमाह 600/- रूपये की दर से पेंशन प्रदाय की जा रही है, जिसमें से रुपये 500/- केन्द्रांश 100/- रूपये राज्यांश सम्मिलित है। शासन निर्देशानुसार प्रत्येक माह की आगामी 01 से 15 तारीख के पूर्व सिंगल क्लिक के माध्यम से पेंशन राशि का भुगतान किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) धार जिले में वर्ष 2024 से प्रश्न दिनांक तक 3799 वृद्धों का नाम सूची में जोड़ा गया एवं इसमें से 355 वृद्ध महिलाओं को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा था। शेष विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। धार जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनातंर्गत 2042 जोड़ों का विवाह हुआ है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह में 60 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनमें से 45 का निराकरण कर लिया गया है। शेष 15 प्रकरण अपात्र होने से पृथक किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। धार जिला अंतर्गत 2042 पात्र हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार एवं 799 अपात्र हितग्राहियों की विधानसभावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है।
पूर्व विधायक द्वारा की गई शिकायत पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
99. ( क्र. 1887 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त पूर्व विधायक कैलाश समरिते की शिकायत की दस्तावेज सहित प्रति तथा प्रमुख अभियंता द्वारा तथ्यात्मक प्रतिवेदन हेतु लिखे पत्र की प्रति देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण की हाल ही में संपन्न कैबिनेट बैठक के लिये विभाग द्वारा इस विषय पर चर्चा का बिंदु मुख्य सचिव को भेजा गया था? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त पत्र पर मुख्य अभियंता को तथ्यात्मक प्रतिवेदन के लिये पत्र देना था या नहीं देना था। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र देने के लिए मुख्य अभियंता पर सख्त कार्रवाई की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित नाम के व्यक्ति द्वारा की गई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जलजीवन मिशन योजना का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
100. ( क्र. 1893 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि नागदा खाचरौद विधान सभा में जलजीवन मिशन योजना के अंतर्गत कुल कितने गाँव में यह योजना लागू की गयी है और ऐसे गाँव जहाँ यह योजना अपूर्ण है वहां पर कब तक यह योजना पूर्ण करवा ली जाएगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत 87 ग्रामों में एकल ग्राम नल जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 83 ग्रामों की योजनाएं पूर्ण एवं 04 ग्रामों की योजनाएं प्रगतिरत हैं। प्रगतिरत योजनाओं को सितम्बर 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा नागदा समूह जल प्रदाय योजना से 21 एवं नर्मदा गंभीर समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम से 19 इस प्रकार कुल 40 ग्रामों हेतु जल प्रदाय योजना लागू की गई है। नागदा समूह जल प्रदाय योजना के कार्य पूर्ण कर जल प्रदाए किया जा रहा है एवं नर्मदा-गंभीर समूह जल प्रदाय योजना के कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है, जिसका कार्य सितंबर 2026 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
भ्रामक प्रचार करने वाली कंपनियों के विरूद्ध कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
101. ( क्र. 1895 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विभिन्न बीमा कंपनियों, कोचिंग केंद्रों एवं अन्य कंपनियों द्वारा भ्रामक प्रचार के माध्यम से उपभोक्ताओं को लूटा जा रहा है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2020 के पश्चात प्रदेश में इन कंपनियों के खिलाफ कब-कब, किस-किस व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ पर शिकायत दर्ज कराई? शिकायतकर्ता का नाम, कंपनी का नाम, कंपनी के खिलाफ की गई विभागीय कार्यवाही से अवगत कराएँ। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित ऐसी भ्रामक/फर्जी कंपनियों के खिलाफ 1 जनवरी 2020 के पश्चात विभाग ने स्वतः कब संज्ञान लेकर उक्त कंपनियों के खिलाफ किस प्रकार की कार्यवाही की? (ग) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2158 दिनांक 18.03.2025 के उत्तर (ग) में बताया गया कि फर्जी/भ्रामक बीमा कंपनियों के 88 प्रकरणों में से 33 प्रकरण निराकृत किए गए, जिसमें 27 प्रकरण उपभोक्ताओं के पक्ष में निराकृत किए। क्या शेष 55 प्रकरणों का निराकरण हो गया है? यदि हाँ, तो उनमें भी कितने प्रकरण उपभोक्ता के पक्ष में निराकृत हुए? (घ) प्रश्नांश (ग) संदर्भित फर्जी बीमा कंपनियों के स्वतः संज्ञान में लेने के विभाग के कोई निर्देश हैं? यदि हाँ, तो जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग अंतर्गत उपभोक्ता के वाद का निराकरण तथा उपभोक्ता जागरूकता किया जाता है। उपभोक्ता जागरूकता अन्तर्गत समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। (ग) तारांकित प्रश्न क्रमांक 2158 दिनांक 18.03.2025 के उत्तर (ग) के अनुसार जिले में फर्जी/भ्रामक बीमा कंपनियों के 55 प्रकरणों में से 06 प्रकरणों का निराकरण किया गया और वे सभी उपभोक्ताओं के पक्ष में निराकृत किये गये है। (घ) जी नहीं।
स्व-सहायता समूहों के माध्यम से की जा रही धान खरीदी एवं खाद्यान्न वितरण व्यवस्था
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
102. ( क्र. 1901 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022-23 से अब तक सीधी जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु कितने स्व-सहायता समूहों को शामिल किया गया है? वर्षवार एवं विकासखंडवार जानकारी दें। (ख) उपरोक्त अवधि में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से खरीदी गई धान की मात्रा कितनी रही है? साथ ही समूहवार व पंचायतवार विवरण प्रदान करें। (ग) वर्तमान में सीधी जिले में कितने स्व-सहायता समूह सक्रिय रूप से धान खरीदी के कार्य में संलग्न हैं? उनका नाम, स्थान एवं कार्यक्षेत्र सहित विवरण दें। (घ) स्व-सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे क्रियाकलापों की निगरानी, मूल्यांकन व पारदर्शिता हेतु क्या व्यवस्था की गई है? संबंधित दिशा-निर्देशों की प्रति भी उपलब्ध कराई जाए। (ड.) सीधी जिले में खाद्यान्न वितरण हेतु परिवहन कार्य किस एजेंसी या संस्था के माध्यम से कराया जा रहा है एवं उक्त एजेंसी को वर्ष 2022-23 से अब तक किया गया भुगतान कब-कब, कितनी-कितनी राशि में हुआ है? वर्षवार जानकारी दी जाए।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2022-23 से अभी तक सीधी जिले में कुल 11 स्व-सहायता समूह द्वारा समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य किया गया है। वर्षवार एवं विकासखण्डवार धान उपार्जन करने वाले स्व-सहायता समूह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2022-23 से अभी तक सीधी जिले में स्व-सहायता समूहवार धान उपार्जन की मात्रा एवं उपार्जन केन्द्र स्थल की ग्राम पंचायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। पंजीकृत कृषक द्वारा अपनी सुविधा अनुसार तहसील में स्थापित किसी भी उपार्जन केन्द्र पर स्लॉट बुक कर धान विक्रय करने के कारण उपार्जन केन्द्र पर एक से अधिक ग्राम पंचायतों के कृषकों द्वारा धान का विक्रय किए जाने से पंचायतवार खरीदी मात्रा की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) सीधी जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन 04 समूहों द्वारा किया गया था जिनके नाम, स्थान एवं कार्यक्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। इस संबंध में जारी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। (ड.) सीधी जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रदाय केन्द्र से उचित मूल्य दुकान तक खाद्यान्न परिवहन करने वाली संस्थाओं के नाम, भुगतान अवधि एवं भुगतान की गई राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''य'' अनुसार है।
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति
[जनजातीय कार्य]
103. ( क्र. 1902 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में विभिन्न संवर्गों में रिक्त पदों की कुल संख्या वर्तमान में कितनी है? कृपया पदनामवार व वर्गवार जानकारी दें। (ख) विभाग में नियुक्ति प्रक्रिया विगत कितने वर्षों से लंबित है? अंतिम बार किस वर्ष में नियमित नियुक्तियां की गई थीं? (ग) रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विभाग द्वारा अब तक क्या प्रयास किए गए हैं? क्या कोई प्रस्ताव/भर्ती प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलन में है? (घ) इन रिक्त पदों के कारण अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों और हितग्राहियों को किन-किन स्तरों पर असुविधा हो रही है, इस पर नियंत्रण हेतु विभाग क्या योजना बना रहा है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्न दिनांक तक रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सीधी भर्ती की नियुक्ति प्रक्रिया लंबित नहीं है। सीधी भर्ती के पद रिक्त होने पर पदों की पूर्ति हेतु प्रक्रिया निरन्तर है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी करने हेतु मांग पत्र मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग, इन्दौर तथा कर्मचारी चयन मण्डल, भोपाल को प्रेषित। (घ) विभाग द्वारा कार्य सुचारू रूप से संपादित हो सके इसलिए कर्मचारियों/अधिकारियों को उच्च पद प्रभार सौंपे गए है।
औद्योगिक प्रदूषण की जाँच पर कार्यवाही
[पर्यावरण]
104. ( क्र. 1907 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लैंक्सेस उद्योग को प्रदूषण विभाग की सम्मति शर्तों के अनुपालन में उद्योग को शून्य निस्त्राव करने हेतु किस दिनांक, वर्ष तक करने के निर्देश दिए थे? सम्मति शर्तों का उल्लंघन करने पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) लैंक्सेस उद्योग के खिलाफ एनजीटी में कितनी शिकायतें व कितने प्रकरण प्रचलित है? प्रत्येक का विवरण दें। (ग) लैंक्सेस उद्योग द्वारा उद्योग का प्रदूषित जल अण्डरग्राउण्ड ड्रेनेज सिस्टम व नालियों/नालों के माध्यम से चम्बल नदी में छोड़कर नदी को प्रदूषित किया जा रहा है? शिकायत होने पर जब जांच दल आता है तो प्राप्त पूर्व सूचना अनुसार उद्योग द्वारा प्रदूषित पानी का प्रवाह बंद कर दिया जाता है? जिसके कारण प्रदूषण विभाग के अधिकारी सूखी नालियों के फोटो लेकर शिकायत को दबा देते है? (घ) लैंक्सेस उद्योग के उमरना स्थित भूसा भण्डार क्षेत्र में प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने कब-कब निरीक्षण किया? क्या-क्या त्रुटि पाई गई है? भूसे को सीमेन्ट कांक्रीट प्लेटफार्म पर नहीं रखते हुए सीधे भूमि पर रखा जाता है, बाउण्ड्रीवाल भी नहीं है? जिससे भूसा उड़कर नागदा-खाचरौद रोड़ किनारे स्थित होने पर निकलने वाले रहगीरों के आखों में गिरता है?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) दिनांक 31/12/2011 तक जिसमें दिनांक 30/10/2012 तक की वृद्धि की गई। जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के प्रावधानों अनुसार माननीय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी उज्जैन के न्यायालय में उद्योग के विरूद्ध वाद दायर किया गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। बायोमास (भूसा) को भूमि पर पैराशूट प्लास्टिक कवर से ढक कर रखा जाता है एवं भण्डारण क्षेत्र के चारों ओर लगभग 02 मीटर ऊंचाई की बाउंड्रीवॉल निर्मित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला रतलाम में पेयजल की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
105. ( क्र. 1913 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला रतलाम में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालित पेयजल योजनाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं है? जिला रतलाम के समस्त ग्राम पंचायतों में पेयजल योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? योजनाओं में विगत वर्षों में कितनी योजनाएं प्रारंभ की गईं तथा कितनी योजनाएं बंद हुईं? विभाग द्वारा रतलाम जिले में संचालित नल-जल योजनाओं के अंतर्गत कितने गांवों तक पाइप-लाइन से जल प्रदाय सुनिश्चित किया गया है तथा जिले में नलजल योजनाओं के संचालन, रखरखाव एवं मरम्मत हेतु वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक में कितना बजट स्वीकृत एवं व्यय हुआ? जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार अनुसार उपलब्ध करावें। (ख) क्या रतलाम जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालित पेयजल योजनाओं, नल-जल कनेक्शन, पाइप-लाइन बिछाने एवं निर्माण कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार एवं अनियमितताएँ हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा रतलाम जिले में वर्ष 2018 से अब तक किन-किन पेयजल योजनाओं में भ्रष्टाचार/घोटाले की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उक्त शिकायतों की विभागीय/प्रशासनिक जांच कराई गई है? जांच प्रतिवेदन की मुख्य निष्कर्ष एवं दोषियों के विरुद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी प्रदान करें। संपूर्ण जानकारी वर्षवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्नांकित अवधि की एकल ग्राम नल जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। नल जल योजनाओं के बजट एवं व्यय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है। समूह योजनांतर्गत संचालन-संधारण एवं रख-रखाव हेतु पृथक से बजट स्वीकृत नहीं होता है। (ख) जी नहीं, अपितु माननीय विधायक महोदय, विधान सभा क्षेत्र 221 सैलाना द्वारा विधान सभा आश्वासन क्रमांक 152 (सत्र दिसम्बर 2024) अंतर्गत शासन को रतलाम, झाबुआ एवं अलीराजपुर जिलों में विभागीय नलजल योजनाएं, मुख्यमंत्री नलजल योजनाएं एवं जल जीवन मिशन अंतर्गत अनियमितताओं की जांच कराये जाने का उल्लेख किया था, जिसके परिपालन में मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग इंदौर परिक्षेत्र इंदौर द्वारा पत्र क्रमांक 1774/तक/व्हीआईपी/मुअ/लोस्वायांवि/2025 इंदौर दिनांक 13.03.2025 द्वारा माननीय विधायक महोदय को प्रतिवेदन प्रेषित किया गया। तत्पश्चात प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 4227/प्र.अ./मॉनि-4/लो.स्वा.या.वि./2025 भोपाल दिनांक 20.05.2025 द्वारा मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग इंदौर परिक्षेत्र इंदौर को विधान सभा आश्वासन क्रमांक 152 (सत्र दिसम्बर 2024) के सन्दर्भ में जांच समिति गठित किये जाने के आदेश जारी किये गये जिसके परिपालन में मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग इंदौर परिक्षेत्र इंदौर द्वारा आदेश क्रमांक 232/पीए/तक/मु.अ./लोस्वायांवि/25 इंदौर दिनांक 06.06.2025 को अधीक्षण यंत्री, लो.स्वा.यां. विभाग इंदौर मंडल इंदौर, सम्बंधित जिलों के कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्रियों को सम्मिलित कर जांच दल गठित किया गया। वर्तमान में गठित जांच दल द्वारा निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है।
जावक पंजी का संधारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
106. ( क्र. 1921 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधानसभा सत्र फरवरी-मार्च 2025 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 2166 के साथ संलग्न कार्यालय जिला आपूर्ति अधिकारी जिला पन्ना की जावक पंजी में वर्ष 2025 के जावक क्रमांक 202, 203, 204, 205, 206, 207, 208, 509 एवं 510 को रिक्त छोड़ा गया है इसी प्रकार कुछ वर्षों में और भी है, क्या इस प्रकार के शासन के नियम है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या कार्यालय के प्रमुख अधिकारी को वर्ष में इन पंजियों के निरीक्षण किये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा इस पंजी का कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। यदि निरीक्षण नहीं किया गया तो इसके लिये दोषी पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : वर्ष 2025 में कार्यालय जिला आपूर्ति अधिकारी जिला पन्ना के जावक पंजी क्रमांक 202 पर गेहूं उपार्जन के दौरान जिला स्तर पर जिला नियंत्रण कक्ष गठन संबंधी आदेश का जावक किया गया है, परन्तु जावक क्रमांक 203, 204, 205, 206, 207, 208, 509 एवं 510 रिक्त पाये गये थे। ऐसी स्थिति इसके पूर्व वर्षों में भी थी। जावक पंजी में रिक्त जावक क्रमांक छोड़ने संबंधी कोई नियम नहीं है। कार्यालय प्रमुख के निरीक्षण के समय जावक पंजी का निरीक्षण भी किया जाता है। तत्कालीन प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी का स्थानांतरण नरसिंहपुर हो गया है। उनके द्वारा पन्ना जिले में पदस्थी के दौरान दिनांक 28.02.2025 को जावक पंजी का निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण टीप की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दिनांक 15.07.2025 को कार्यालयीन पत्र क्रमांक/2050/खाद्य/2025 द्वारा जावककर्ता लिपिक कु. अपूर्वा तिवारी को जावक संबंधी प्रविष्टि प्रक्रिया का पालन नहीं करने के कारण ‘कारण बताओ सूचना पत्र’ जारी किया गया है।
वन विभाग के अंतर्गत चल रही योजनाएं
[वन]
107. ( क्र. 1924 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बड़वानी अन्तर्गत वन मण्डल बड़वानी व सेंधवा में केन्द्र/राज्य शासन की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) वन मण्डल बड़वानी व सेंधवा में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कितने वानिकी कार्य करवाये गये? कराये गये कार्य क्षेत्र के स्थान का नाम, कुल रकबा, मजदूरी भुगतान, पौधों क्रय एवं क्रय सामग्री की राशि की जानकारी दें। (ग) वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक वन मण्डल बड़वानी व सेंधवा में कितने वाहन अनुबंधित किये गये है? अनुबंधित वाहनों को किये गये भुगतान की जानकारी दें। (घ) वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक विभाग में पदस्थ/कार्यरत अधिकारी जिन्हें शासकीय/अनुबंधित वाहन आवंटित है, उन अधिकारियों का विवरण दें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) वनमंडल बड़वानी एवं सेंधवा में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक वानिकी कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। पौधों के क्रय पर कोई राशि व्यय नहीं की गई है। पौधे सामाजिक वानिकी वृत्त खण्डवा की शासकीय रोपणियों से प्राप्त किये गये है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''4'' अनुसार है।
ध्वस्त स्कूल भवनों के विद्यार्थियों की व्यवस्था
[जनजातीय कार्य]
108. ( क्र. 1926 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिलें में लगभग 122 स्कूल शाला ध्वस्त की गई है? क्या उन स्कूल के बच्चों को अध्ययन करने हेतु व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो कहां, स्कूल व स्थल की जानकारी देवें। (ख) क्या स्कूल शाला भवन ध्वस्त करने पर स्कूल शाला निजी भवन में संचालित करवाई जा रही है? उसका क्या किराया निर्धारित किया गया है, नाम व किराया दर सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या स्कूल शाला ध्वस्त/भवन विहिन स्कूल शाला ध्वस्त करने के पूर्व भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त की गई थी? यदि हाँ, तो स्वीकृत सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो शासन वित्तीय वर्ष 2025-26 में ही स्कूल भवन निर्माण की राशि स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। स्कूल व स्थल संचालन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हां, 13 शालाएं निजी भवन में संचालित की जा रही है। निजी भवन के किराया निर्धारण की प्रक्रिया प्रचलन में है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। स्कूल भवन निर्माण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजना में भ्रष्टाचार की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
109. ( क्र. 1927 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अलीराजपुर जिले में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक नल-जल योजना के अंतर्गत लगभग 156 योजनाएं स्वीकृत की गई थीं? विभाग द्वारा लगभग 82 योजनाओं को ही पूर्ण किया गया है? (ख) क्या जिला अलीराजपुर क्षेत्र के अनेक ग्रामों में आज भी नल-जल योजना का समुचित लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है? (ग) क्या कई ग्रामों में नल-जल टंकी तो निर्मित है लेकिन मोटर नहीं लगी, या मोटर लगी है लेकिन जलप्रदाय नहीं हो रहा, और कहीं-कहीं विद्युत आपूर्ति की भी व्यवस्था नहीं है? (घ) क्या सरकार इस तथ्य से अवगत है कि कई नल-जल टंकियाँ क्षतिग्रस्त हैं तथा योजना में भ्रष्टाचार की भी शिकायतें सामने आई हैं? यदि हाँ, तो अब तक क्या जाँच की गई है तथा दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ, 156 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई थीं। वर्तमान स्थिति में 86 एकल ग्राम नल-जल योजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं। इसके अतिरिक्त प्रश्नाधीन अवधि में मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वयन हेतु 01 समूह जल प्रदाय योजना (अलीराजपुर समूह जल प्रदाय योजना) स्वीकृत की गई है, जिसका कार्य प्रगतिरत है। (ख) वर्तमान में 191 ग्रामों में एकल/समूह नलजल योजनाओं से जल प्रदाय प्रारम्भ है, इन ग्रामों में नलजल योजना का समुचित लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है। शेष ग्रामों में नलजल योजनाओं के कार्य प्रगतिरत् हैं। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित स्थिति प्रगतिरत योजना वाले ग्रामों में परिलक्षित है, सभी अवयव पूर्ण नहीं होने के कारण ऐसे ग्रामों में योजना के सभी कार्य पूर्ण होने के उपरांत जल प्रदाय प्रारंभ किया जाना प्रावधानित है। (घ) अलीराजपुर जिले में जल जीवन मिशन में बनाई गई नई नल-जल टंकियों के कार्य गुणवत्ता पूर्ण हैं, कोई भी टंकी क्षतिग्रस्त नहीं है तथा योजना में कथित भ्रष्टाचार की कोई तथ्यात्मक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वनमण्डल शिवपुरी में हुए प्लांटेशन की जानकारी
[वन]
110. ( क्र. 1929 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य वनमण्डल शिवपुरी के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कहां-कहां व किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी वन भूमि पर कितनी-कितनी राशि से प्लांटेशन कार्य किया गया? साथ ही यह भी बतायें कि कौन-कौन से ग्राम व ग्राम पंचायतों के निकट किन-किन स्थानों पर प्लांटेशन किया गया उनके नाम बतायें व किये गए प्लांटेशन का क्षेत्रफल बतायें। प्लांटेशनवार, बीटवार, वनपरिक्षेत्रवार तथा वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्लांटेशन कार्य हेतु कुल कितने-कितने गड्ढे कहां-कहां खोदे गए व उनमें कितने-कितने व कौन-कौन से पौधे लगाये गए? प्लांटेशन हेतु गड्ढों की गहराई/लंबाई/चौड़ाई मानक अनुसार क्या निर्धारित की गई है? गड्ढे मजदूरों द्वारा खोदे गए अथवा मशीनों से? यदि मजदूरों द्वारा खोदे गए थे तो किन-किन मजदूरों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? प्लांटेशनवार किये गए भुगतान की सूची उपलब्ध करावें? यदि मशीनों से खोदे गए तो उनको किये गए भुगतान की जानकारी दें? गड्ढों की खुदाई कार्य हेतु शासन द्वारा क्या-क्या निर्देश व नियम हैं? जारी नियम/निर्देशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार किये गए प्लांटेशन में से वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं तथा कितने सूख कर खत्म हो चुके हैं? प्लांटेशन के रखरखाव पर किये गए व्यय की जानकारी सहित समस्त जानकारी प्लांटेशनवार, वर्षवार उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वनमण्डल शिवपुरी अन्तर्गत विगत 03 वर्ष में वनभूमि पर किये गये पौधारोपण पर व्यय सहित प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) उक्त पौधारोपण कार्य हेतु स्थलवार गड्ढे, पौधों की संख्या तथा लगाये गये पौधों की प्रजाति की जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पौधारोपण में गड्ढे का आकार 0.45X0.45X0.45 मीटर एवं 0.60X0.60X0.60 मीटर क्षेत्र की आवश्यकता के अनुरूप निर्धारित की गई। गड्ढे मजदूरों के द्वारा खोदे गये। मजदूर वार भुगतान की राशि की जानकारी एकत्रित की जा रही है। गड्ढे खुदाई में मजदूरों को भुगतान की गयी कुल राशि का विवरण उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मशीनों के द्वारा गड्ढे नहीं खोदे गये। शासन के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गुणवत्ताविहीन कार्यों की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
111. ( क्र. 1935 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले की विधानसभा देवरी में जल जीवन मिशन एवं कौन-कौन सी विभागीय योजनाएं वर्ष 2025-26 के बजट में शामिल की है एवं स्वीकृत हैं अपूर्ण योजना की जानकारी देवें। क्या जहां भी पेयजल लाइनें बिछाई गई है सड़कें खोदी गई है वहां आज तक मरम्मत कार्य ठेकेदारों द्वारा नहीं कराऐ गये है, क्या इस कार्य की विभाग द्वारा जांच की गई है? यदि हाँ, तो कहां-कहां, नहीं तो क्यों। इस संबंध की 30 जून तक कितनी शिकायतें विभाग को की गई, किन शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है? शिकायतवार विवरण देवें। जिनका निराकरण नहीं हुआ है तो क्यों? (ख) किन-किन ग्रामों में बनी टंकियों की जल क्षमता बढ़ाये जाने हेतु क्षेत्रीय विधायक के द्वारा मांग की गई है किन टंकियों की क्षमता बढ़ाने के प्रस्ताव जिले से शासन स्तर पर भेजे गये है? नामवार, क्षमतावार जानकारी देवें। (ग) क्या क्षेत्र के ग्राम अनंतपुरा में दो लाख लीटर क्षमता की टंकी की स्वीकृति शासन स्तर पर लंबित है, यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? ऐसे कितने प्रस्ताव जिला एवं शासन स्तर पर किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक लंबित है? नामवार जानकारी देवें। विलंब के लिये कौन दोषी है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विधानसभा क्षेत्र देवरी में जल जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2025-26 में कोई भी नई योजना बजट में शामिल एवं स्वीकृत नहीं की गई हैं, जल जीवन मिशन अंतर्गत स्वीकृत - अपूर्ण योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पेयजल पाइप-लाइन बिछाने के दौरान काटी गई सड़कों को पाइप-लाइन बिछाकर टेस्टिंग किए जाने के उपरांत यथास्थिति में लाया जाकर आवागमन योग्य बनाया जाता है एवं स्वीकृत नल कनेक्शन कार्य पूर्ण करने के बाद काटी गई पक्की सड़क को सी.सी. कार्य कर मरम्मत की जाती है, सभी प्रगतिरत् योजनाओं में सड़क मरम्मत कराने की प्रक्रिया जारी है, विभागीय उपयंत्री द्वारा इन कार्यों का सुपरविजन, जांच तथा मापांकन इत्यादि किया जाता है। इस संबंध में 01 शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसका निराकरण किया जा चुका है। (ख) ग्राम अनन्तपुरा विकासखण्ड देवरी की स्वीकृत एकल ग्राम नल जल योजना में 50 कि.ली. क्षमता की उच्च स्तरीय टंकी के स्थान पर 200 कि.ली. क्षमता की उच्च स्तरीय टंकी के प्रस्ताव को सम्मिलित करते हुए ग्राम अनन्तपुरा की योजना की पुनरीक्षित योजना प्रमुख अभियंता कार्यालय के माध्यम से शासन को प्राप्त हुई थी। (ग) जी नहीं, ग्राम अनन्तपुरा की एकल ग्राम नल जल योजना की पुनरीक्षित योजना की प्रशासकीय स्वीकृति शासन के आदेश क्रमांक- एफ 08-03/2020/2/34 (1013) भोपाल दिनांक 13.06.2025 द्वारा जारी की जा चुकी है। उक्त स्वीकृत पुनरीक्षित योजना में 2.00 लाख लीटर क्षमता की उच्च स्तरीय टंकी का निर्माण किया जाना सम्मिलित है। जिला एवं शासन स्तर पर वर्तमान में कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फैक्ट्रियों द्वारा हो रहा पर्यावरण प्रदूषण
[पर्यावरण]
112. ( क्र. 1941 ) श्री केशव देसाई : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोहद में मोडलेज प्राइवेट लिमि. (केडबरी) एवं मोन्टेज प्राइवेट लिमि. मालनपुर स्थित फैक्ट्रियों द्वारा गंदा पानी सीधे वैशाली नदी में छोड़ा जा रहा है। जिससे पारिस्थितिक तंत्र प्रभावित हो रहा है फैक्ट्रियों द्वारा छोड़े जाने वाले गंदे पानी के कारण वैशाली नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है? क्षेत्र में गंभीर बीमारियों की होने की पूर्ण संभावना बनी हुई है। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र गोहद में मोन्टेज प्राइवेट लिमि. मालनपुर स्थित फैक्ट्री द्वारा वायु प्रदूषण किया जा रहा है। फैक्ट्री की चिमनी द्वारा अत्यधिक प्रदूषित धुआं छोड़ा जा रहा है जिससे वायु प्रदूषण हो रहा है। क्षेत्र के निवासियों में गंभीर स्वास्थ्य संबंधी रोग फैलने की संभावना है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार संबंधित फैक्ट्रियों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु इनकी जांच हेतु जांच दल गठित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक। यदि नहीं, तो कारण बतायें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्यूबवेल उत्खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
113. ( क्र. 1942 ) श्री हरिबाबू राय [इंजीनियर] : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा अशोकनगर के भीषण जल संकट से निपटने हेतु 600 फुट गहराई वाले मोटरपंप सहित ट्यूबवेल उत्खनन हेतु प्रश्न क्रमांक 1652 दिनांक 18.03.2025 आग्रह किया था, परंतु विभाग द्वारा कम गहराई के 10 बोर किये गये और कई बोर में पानी भी नहीं निकला, जल स्तर नीचे जाने के कारण लगभग 500 से अधिक गहराई में पर्याप्त पानी मिल पाता है क्या जल संकट से निपटने हेतु 150 नग 600 फुट मोटर पंप सहित ट्यूबवेलों की स्वीकृति प्रदान की जाएगी? (ख) प्रश्नकर्ता ने शिकायत की थी कि नलकूप बोर में पूरी केसिंग नहीं डाली जाती है केवल 30 से 40 फुट केसिंग डालते हैं, कुछ ही महीने बाद बोर में मिट्टी भर जाती है, बोर फैल हो जाते हैं तथा विधानसभा अशोकनगर के नलकूपों की केसिंग में हुये भ्रष्टाचार के संबंध में दोषियों पर कार्यवाही हेतु आग्रह किया था। परंतु प्रश्न दिनांक तक किसी भी अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई न ही केसिंग संबंधी कोई जांच की गई, क्या जांच हेतु आदेश दिये जायेंगे यदि हां, तो कब तक? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1652 के उत्तर में दिये गये आश्वासन की पूर्ति कब तक की जायेगी। क्या अशोकनगर विधानसभा में ग्रीष्मकाल से अभी तक जल संकट विभाग हल कर पाया है या नहीं। प्रश्नकर्ता के वि.स. क्षेत्र के 180 हैण्डपंप/ट्यूबवेल को उत्खनन हेतु कब तक कार्यवाही करेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) नलकूप खनन कार्य के पूर्व वैज्ञानिक सर्वेक्षण अनुसार उपयुक्त गहराई की अनुशंसा की जाती है, तद्नुसार अनुशंसित गहराई के आधार पर नलकूप खनन् कराए जाते हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नलकूप खनन की स्वीकृति विभागीय मापदंडों के आधार पर आवश्यकतानुसार की जा सकेगी। (ख) नलकूप के लिए खनित् किए जाने वाले बोर में पाए गए भसकने वाले स्ट्रेटा को स्थिरता प्रदान करने के लिए बोर में आवश्यकतानुसार केसिंग पाइप लगाए जाते हैं, साधारण नलकूपों के बोर में पूरी गहराई तक केसिंग डालने की सामान्यतः आवश्यकता नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न क्रमांक 1652 के उत्तर से कोई आश्वासन उद्भूत नहीं हुआ है। अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में वर्तमान में कोई पेयजल समस्या नहीं है। जिले को दिए गए नवीन हैंडपंप लगाने के वार्षिक लक्ष्यों के अंतर्गत आवश्यकतानुसार नलकूप खनन् कर हैंडपंप लगाने के कार्य कराये जाते हैं, कोई निश्िचत तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
खाद्यान्न वितरणकर्ताओं द्वारा अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
114. ( क्र. 1943 ) श्री हरिबाबू राय [इंजीनियर] : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली जिला अशोकनगर में कितनी खाद्यान्न वितरण की दुकानें संचालित हैं और विधानसभा अशोकनगर के किस-किस ग्राम में संचालित है तथा इनका संचालन कौन कर रहा है, सूचीबद्ध जानकारी दें। (ख) 10-10 दुकानों को एक ही व्यक्ति ठेकेदारी प्रथा से संचालित कर रहा है, ऐसे व्यक्तियों के नाम दें। विधानसभा अशोकनगर के कितने संचालकों पर कौन-कौन सी अनियमितता के संबंध में क्या प्रकरण चल रहे है। स्पष्ट जानकारी देवें। क्या किसी संचालक या अधिकारी को विभाग द्वारा दण्डित या दोषी किया है। बिना जांच के जिन पात्र हितग्राहियों के नाम काट दिए गये, क्या ऐसे राशन कार्डधारियों की जांच कराई जायेगी और पात्र व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड में जुड़वाने हेतु आदेशित किया जाएगा। (ग) जो व्यक्ति लगातार कई वर्षों से राशन माफिया बनकर दुकानों को चला रहा है, ऐसे व्यक्ति को तत्काल बदलकर दूसरों लोगों को या महिला समूह को ये कार्य सौंपने की कार्यवाही की जायेगी ताकि महिला सशक्तिकरण को और सुदृढ़ बनाया जा सके। (घ) वर्तमान में तीन-तीन महीने का राशन वितरण किया जा रहा है, दुकान पर अधिक संख्या में भीड़ होती है, कई लोगों को राशन दुकानदार यह कहकर भगा देते है कि कल देगें-परसों देगे और हस्ताक्षर अंगूठा लगवाकर राशन नहीं देते, कई लोगों की शिकायतें आ रही है, अधिकारियों को भी यह जानकारी है। कई लोग राशन से वंचित रहते है, दुकानदार कालाबाजारी कर रहे है, ऐसी स्थिति में क्या विभाग हर माह राशन वितरण हो, ऐसा आदेश जारी करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला अशोकनगर अंतर्गत 355 शासकीय उचित मूल्य दुकानें संचालित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में प्रश्नांकित विधानसभा अंतर्गत संचालित 103 ग्रामीण एवं 15 शहरी उचित मूल्य दुकानों पर पृथक-पृथक विक्रेता नियुक्त है। विधानसभा अशोकनगर अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालकों द्वारा की गई अनियमितता एवं प्रचलित प्रकरण में की गयी कानूनी कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। अनुविभागीय अधिकारी (रा.) अनुभाग अशोकनगर के पत्र क्र/बी.पी.एल/एस.डी.ओ/2025/828 अशोकनगर दिनांक 16.07.2025 अनुसार किसी भी हितग्राही का बिना जांच किये नाम नहीं काटा गया है। (ग) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के अनुसार किसी ‘’व्यक्ति’’ को नहीं अपितु संस्था को दुकान आवंटन का प्रावधान है। दुकानदारों द्वारा राशन वितरण में अनियमित्ता पाये जाने पर उनके विरूद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। दुकान का आवंटन वर्तमान प्रावधान अनुसार पात्र संस्थाओं को ही किया जा रहा है। (घ) भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों के पालन में वर्तमान में शासकीय उचित मूल्य दुकान से तीन-तीन महीने का राशन वितरण किया जा रहा है। सितंबर माह से प्रतिमाह राशन का वितरण पूर्ववत जारी रहेगा। दुकानदारों द्वारा अंगूठा लगवाकर राशन नहीं देने की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई है एवं कालाबाजारी की शिकायत भी प्राप्त नहीं हुई है। जिले में 95.95 प्रतिशत राशन का वितरण पात्र परिवारों को किया जा चुका है। शिकायत प्राप्त होने पर जांच करायी जाती है।
जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
115. ( क्र. 1953 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पूर्व विधायक श्री किशोर समरीते द्वारा म.प्र. जल-जीवन मिशन में विभाग के अधिकारियों के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये की घूस लेने संबंधी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय व राज्य शासन को कर सी.बी.आई. जांच करने की मांग करने पर प्रधानमंत्री कार्यालय से कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो संपूर्ण शिकायत, उसमें संलग्न दस्तावेजों सहित प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए पूर्ण जानकारी दी जाए। (ख) क्या शिकायत में विभाग के दो अधिकारियों व अकाउण्टेंट के माध्यम से घूस लेने का उल्लेख होने के विभाग के ई.एन.सी. द्वारा इन अधिकारियों सहित विभागीय मंत्री की संपत्ति की जांच सहित शिकायत जांच के लिखित निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त निर्देश पत्र की प्रति सहित जांच प्रतिवेदन की छायाप्रतियां उपलब्ध करायी जाये। (ग) क्या शिकायत आर.टी.आई. से प्राप्त प्रमाणिक दस्तावेजों पर आधारित होने से शिकायत की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो अथवा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के माध्यम से करायी जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायी जाये।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय से सी.बी.आई. जांच करने हेतु लेख नहीं किया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, शिकायत का तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का लेख किया गया था, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल योजनाओं की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
116. ( क्र. 1957 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत पिछोर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में किन-किन योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है? स्वीकृत योजनाओं में कौन-कौन से ग्राम पेयजल योजनाओं से जुड़ जायेंगे? शेष ग्रामों के लिए क्या-क्या योजनायें बनाई गई है या प्रस्तावित है जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित क्षेत्र में वर्तमान में निर्माणाधीन योजनाएं कौन-कौन सी है? इनकी निर्माण एजेंसी कौन है? गुणवत्ताहीन कार्य होने के क्या कारण है? समय-सीमा में कार्य पूर्ण हो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) पिछोर विधानसभा क्षेत्र से संबंधित कौन-कौन सी प्रस्तावित पेयजल योजनाएं किस स्तर पर किस कारण लंबित है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत पिछोर विधानसभा क्षेत्र में एकल ग्राम नल जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं का कार्य किया जा रहा है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। नल जल योजना प्रस्तावित करने के लिए वर्तमान में कोई ग्राम शेष नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है, विभागीय मापदंडों के अनुसार गुणवत्ता पूर्ण कार्य कराये जा रहे है, विभाग द्वारा थर्ड पार्टी ऐजेन्सी एवं संबंधित मैदानी अधिकारियों/कर्मचारियों की निगरानी में समय-सीमा में कार्य कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं साथ ही निर्माण कार्यों की विभिन्न विभागों से आवश्यक अनुमति समय पर प्राप्त करने हेतु सतत् प्रयास किये जा रहे है। (ग) पिछोर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में किसी भी ग्राम हेतु पेयजल की प्रस्तावित नल जल योजना स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है।
सरकारी सम्पत्ति का विक्रय
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
117. ( क्र. 1958 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में म.प्र. लोक सम्पत्ति प्रबंधन विभाग की स्थापना के बाद से प्रश्न दिनांक तक अलग-अलग जिलों में कौन-कौन सी सरकारी सम्पत्ति बेची गई? सम्पत्ति बेचने की दिनांक, विक्रय मूल्य, क्रेता का नाम तथा इस पर चुकाई गई स्टाम्प ड्यूटी का विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) उपरोक्त में ऐसी कौन-कौन सी सम्पत्ति है जिन्हें कलेक्टर गाइड लाइन से कम मूल्य पर बेचा गया? (ग) क्या "म.प्र. लोक सम्पत्ति प्रबन्धन विभाग" द्वारा बेची जाने वाली सरकारी सम्पत्ति के लिए कलेक्टर गाइड लाइन और स्टॉम्प ड्यूटी में छूट दी गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन मामलों में कितनी-कितनी छूट दी गई? (घ) सरकारी सम्पत्ति बेचने के लिए कलेक्टर गाइड लाइन और स्टॉम्प ड्यूटी में छूट देने के कारण शासन को कितनी आर्थिक क्षति हुई?
लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विभाग द्वारा 101 परिसम्पत्तियों का निर्वर्तन किया गया है, जिनमें से 5 परिसम्पत्तियां अक्रियाशील संयंत्रों के प्लांट एण्ड मशीनरी के स्क्रैप हैं जिनमे रजिस्ट्री की आवश्यकता नहीं है एवं 6 परिसंपत्तियों में निविदाकार द्वारा रजिस्ट्री संपादित नहीँ की गई। महानिरीक्षिक पंजीयन कार्यालय के पत्र क्रमांक CT/13/0021/2025-STAT-IGRS दिनांक 22/07/2025 द्वारा दी गयी 90 परिसम्पत्तियों की स्टॉम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला कलेक्टर के प्रस्ताव पर आवासीय/व्यावसायिक/मिश्रित भू–उपयोग का निर्धारण विभाग की साधिकार/कार्यपालिक समिति द्वारा किया जाता है। तद् नुसार जिला कलेक्टर से कलेक्टर गाइडलाइन अनुसार प्रति वर्ग मीटर दर प्राप्त कर, मंत्री-परिषद द्वारा अनुमोदित रिज़र्व मूल्य निर्धारण नीति मापदंडों के अनुसार रिज़र्व मूल्य निर्धारित किया जाता है। परिसम्पत्ति के विक्रय मूल्य की कलेक्टर गाइड-लाइन के मूल्य से तुलना नहीं की जाती। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा निर्वर्तित की गईं परिसम्पत्तियों में से किसी भी परिसम्पत्ति पर कलेक्टर गाइड-लाइन एवं स्टॉम्प ड्यूटी में छूट प्रदान नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रायसेन जिले में जल-जीवन मिशन के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
118. ( क्र. 1962 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत कौन-कौन सी समूह पेयजल योजनाएं व पेयजल आपूर्ति हेतु अन्य योजनाएँ स्वीकृत हैं? इनकी लागत, निर्माण एजेंसी की जानकारी देते हुए बताएं कि कौन-कौन सी योजनाएं पूर्ण, अपूर्ण, प्रगतिरत् हैं? योजनाओं के क्रियान्वयन में विलम्ब के क्या कारण है? जिले में प्रस्तावित योजनाओं का विवरण भी दें। (ख) जिले की स्वीकृत, प्रस्तावित पेयजल योजनाओं के पूर्ण हो जाने के उपरांत सिलवानी, बेगमगंज व गैरतगंज विकासखण्डों के कौन-कौन से ग्राम/बसाहटें पेयजल आपूर्ति से वंचित रहेगी? इनमें पेयजल आपूर्ति हेतु क्या योजना बनाई जावेगी? (ग) जल जीवन मिशन के जिले में चल रहे निर्माण कार्यों के गुणवत्ताहीन होने के क्या कारण हैं? योजनाओं के कार्य विलम्ब से क्यों चल रहे हैं? गुणवत्तापूर्ण व समय-सीमा में कार्य पूर्ण हो इस संबंध में शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) समूह जल प्रदाय योजनाओं एवं पेयजल आपूर्ति हेतु अन्य योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। रायसेन जिले के विकासखण्ड बाडी, उदयपुरा, ओबेदुल्लागंज एवं साँची के कुल 204 ग्राम, एकल ग्राम योजना से आच्छादित हैं। इन 204 ग्रामों को समूह जल प्रदाय योजना से जल प्रदाय करने हेतु नर्मदा नदी स्त्रोत आधारित लागत राशि रु. 339.24 करोड़ का प्रथम चरण प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिस पर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विचार नहीं किया जा रहा है। (ख) जल जीवन मिशन की गाइडलाइन अनुसार विकासखंड सिलवानी, बैगमगंज एवं गैरतगंज के सभी ग्रामों/बसाहटों को एकल ग्राम नल जल योजना/समूह जल प्रदाय योजना से पेयजल आपूर्ति किया जाना प्रावधानित है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जल जीवन मिशन की योजनाओं के कार्य अनुबंधानुसार गुणवत्तापूर्वक कराए जा रहे हैं। एकल ग्राम नल जल योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। जिले में सभी 05 प्रगतिरत् समूह जल प्रदाय योजनाएं स्वीकृत कार्यावधि में क्रियान्वित हो रही हैं। कार्यों की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए सामग्री का परीक्षण सीपेट, राईट्स एवं ई.आई.एल. इत्यादि एजेंसियों तथा निर्माण कार्य का परीक्षण टी.पी.आई. से निविदा में प्रावधानानुसार विभाग द्वारा कराए जा रहे हैं। कार्य समय-सीमा में पूर्ण हों, इस हेतु निविदा अनुबंध में निहित प्रावधानानुसार कार्यवाही की जा रही है।
शहडोल संभाग में अमानक स्तर का राशन वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
119. ( क्र. 1974 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग अंतर्गत 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों, छात्रावासों में अमानक गुणवत्ताविहीन राशन (गेहूं-चावल) सामग्री वितरण किये जाने के संबंध में प्रेषित शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई, यदि हाँ, तो जिलेवार, कार्यालयवार की गई कार्यवाही से अवगत करावें यदि नहीं, तो क्यों? शिकायत की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) अमानक स्तर के खाद्यान वितरण के चयन के लिये उत्तरदायी लोगों के विरूद्ध कार्यवाही न करने का कारण भी बतायें। अनुबंधित भण्डारों के निरीक्षण और भंडारित सामग्री की गुणवत्ता की जांच और सत्यापन का दायित्व किन-किन का होता है, इन जिम्मेदारी को नियत करने के नियम हैं, यदि हाँ, तो क्या और नियमों का उल्लंघन करने पर क्या दंडात्मक कार्यवाही की जाती है, इस प्रकरण में यदि विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? क्या विभाग अमानक स्तर के खाद्यान वितरण के चयन के लिये उत्तरदायी लोगों के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही करेगा। समय-सीमा बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अमानक गुणवत्ताविहीन राशन (गेहूं-चावल) सामग्री वितरण किये जाने के संबंध में पूर्व में विभाग द्वारा गुणवत्ता की जांच हेतु जांच समिति शहडोल, अनूपपुर और उमरिया में भेजी गई थी, यदि हाँ, तो उस समिति के जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये बतायें कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिये क्या निर्देश जारी किये गये हैं. यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शहडोल संभाग के अंतर्गत जिला अनूपपुर को छोड़कर शहडोल, उमरिया में 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालो, छात्रावासों में अमानक गुणवत्ताविहीन राशन (गेहूं-चावल) सामग्री वितरण किये जाने के संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल में माननीय विधायक श्री फुन्देलाल सिंह मार्को के पत्र क्र. 65/2025 दिनांक 03.02.2025 के द्वारा विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर में घटिया स्तर का चावल गरीब परिवारों को वितरित करने के संबंध में संलग्न पेपर कटिंग के बिन्दुओं पर जिला स्तरीय जांच दल द्वारा जांच की गई। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। माननीय सदस्य विधानसभा द्वारा मुख्य सचिव को संबोधित पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) शहडोल संभाग में अमानक स्तर का खाद्यान्न वितरण नहीं किया गया। अनुबंधित भण्डारों के निरीक्षण और भंडारित सामग्री की गुणवत्ता की जांच और सत्यापन के दायित्व के संबंध में निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) शहडोल संभाग के जिला अनूपपुर में अमानक गुणवत्ताविहीन राशन (गेहूं-चावल) सामग्री वितरण किये जाने की शिकायत के संबंध में विभाग द्वारा राज्य स्तर से भी जांच समिति का गठन किया गया है राज्य स्तर की जांच समिति का प्रतिवेदन अपेक्षित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विद्यालय/छात्रावासों को अत्याधुनिक बनाया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
120. ( क्र. 1977 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिला के भिण्ड विकास खण्ड के अंतर्गत विभागीय कितने विद्यालय आवासीय व गैर आवासीय संचालित किये जा रहे है, उन्हें अत्याधुनिक उपकरण उत्तम गुणवत्ता पूर्ण सुसज्जित क्लास रूम/छात्रावासों के कक्ष व अन्य आवश्यकतानुसार सामग्री प्रदान करने की योजना प्रस्तावित है तथा सामग्री के गुणवत्ता निर्धारण हेतु तकनीकी परीक्षण हेतु एक दल का गठन किया जावेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? (ख) भिण्ड विकासखण्ड में विभागीय आवासीय/गैर आवासीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाने हेतु विभाग की कोई योजना प्रस्तावित है, उक्त योजना का नाम चिंहित स्थान का नाम संभावित राशि/लागत बतायें? (ग) भिण्ड विकासखण्ड अंतर्गत संचालित आवासीय/गैर आवासीय विद्यालय/छात्रावासों में प्रदाय की जाने वाली सामग्री व प्रदाता फर्म की पंजी का निर्धारण किया जाकर गुणवत्ता संधारण हेतु दल का गठन किया जाएगा जिसमें जिला परियोजना समन्वय जिला शिक्षा, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग/कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकीय विभाग/कार्यपालन यंत्री नगर पालिका परिषद भिण्ड को शामिल किया जावेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बताने का कष्ट करें?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) भिण्ड विकास खण्ड अंतर्गत अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा आवासीय एवं गैर आवासीय विद्यालय संचालित नहीं किये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
अ.जा. बस्तियों में समुचित विकास हेतु अनुदान दिया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
121. ( क्र. 1978 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड के भिण्ड विकासखण्ड अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायत व नगर पालिका परिषद भिण्ड के परिक्षेत्र में विभिन्न वार्ड अनुसूचित जाति संवर्ग के लिए आरक्षित है, उक्त वार्डों में विभिन्न प्रकार के निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है, नगर पालिका परिषद भिण्ड में बजट के अभाव में उक्त निर्माण कार्य नहीं हो पा रहे क्या विभाग द्वारा कोई योजना के तहत विभाग व नगर पालिका परिषद भिण्ड संयुक्त रूप से निर्माण कार्य कराये जाने के लिए विशेष राशि उपलब्ध कराई जा सकती है यदि हाँ, तो योजना का नाम बतायें? (ख) भिण्ड शहरी क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग की आबादी अनुपात में अधिक होने तथा इनके लिए आरक्षित व अनारक्षित वार्डों में रहवासियों के निवास स्थलों तक सड़क, पेयजल, स्ट्रीट लाईट, हाई मास्क लाईट, विद्यालय, छात्रावास व अन्य जनपयोगी कार्य की नितांत आवश्यकता के कारण विभाग द्वारा आवश्यक बजट का अनुमोदन कर नगर पालिका भिण्ड को प्रदाय किया जाना सुनिश्चित किया जा सकता है यदि हाँ, तो नगर पालिका परिषद भिण्ड प्राक्कलन तैयार करवाकर उपयुक्त बजट का निर्धारण सुनिश्िचत किया जाएगा?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकलित की जा रही है।
वन विभाग द्वारा शासकीय संपत्ति का विक्रय
[वन]
122. ( क्र. 1996 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता का पत्र क्र. 831 दिनांक 09.06.25 जो मा. मुख्यमंत्री जी, म.प्र. भोपाल एवं प्रतिलिपि पत्र क्र. 832 दिनांक 09.06.2025 जो अपर मुख्य सचिव, वन विभाग, भोपाल को प्रेषित किया गया था पत्र प्राप्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.03.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1,2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें। (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो सा.प्र.वि. के आदेश के बिन्दु क्र. 5 एवं सा.प्र.वि. के आदेश क्र. एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 19.07.2019 के अंतर्गत संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही निर्धारित करते हुये उनके विरूद्ध आचरण या सेवा के नियमों के अधीन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर निलंबन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) खिवनी अभयारण्य में वनभूमि पर काबिज आदिवासियों के आवास तोड़े गये है? किसके आदेश, निर्देश पर? आवास तोड़ने के पूर्व क्या इन्हें कोई नोटिस दिये गये थे? नोटिस की प्रति दें। नियम विरूद्ध आवास तोड़ने पर कब और किसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य का प्रश्नांकित पत्र म.प्र.शासन वन विभाग को दिनांक 18/06/2025 को प्राप्त हुआ जिसे राज्य शासन के पत्र दिनांक 23/06/2025 द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, मध्यप्रदेश को भेजा गया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय से यह पत्र जानकारी तैयार करने हेतु दिनांक 08/07/2025 को वन मण्डलाधिकारी सामान्य वन मंडल को भोपाल को भेजा गया। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) चाही गयी जानकारी प्रदेश स्तर की होकर अत्यंत विस्तृत स्वरूप की है और उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य के क्षेत्र से संबंधित कोई जानकारी यदि वे चाहते हैं तो बताने पर उपलब्ध कराई जा सकेगी। (ग) प्रश्नाधीन अभयारण्य में अवैध रूप से वन सीमा में अतिक्रमणकारियों को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 34 (ए) में अधिकृत सक्षम अधिकारी के आदेश पर अवैध अतिक्रमण हटाने के पूर्व नोटिस देकर बेदखली आदेश दिये गये। उक्त आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है, बेदखली आदेश नियमानुसार है अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांगजनों की भर्ती
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
123. ( क्र. 1997 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिव्यांगजन स्पर्श पोर्टल पर कितने दिव्यांगजन पंजीकृत है? दिव्यांगजनों की भर्ती के संबंध में मा.उ. न्यायालय के आदेश दिनांक 30.01.24 डब्ल्यू.पी.नं. 7275/2019 के अनुपालन में किस दिनांक तक प्रक्रिया पूरी की जाना थी? किन विभागों ने भर्ती प्रक्रिया पूर्ण एवं कितने विभागों ने सा.प्र.वि. एवं सामाजिक न्याय विभाग के निर्देश का पालन नहीं किया है? विभागवार गौशवारा दें। (ख) उपरोक्तानुसार किन विभागों में भर्ती प्रक्रियाधीन है? विभाग का नाम, पदों की संख्या, विज्ञापन कब और कैसे जारी किया गया, कितने आवेदन पत्र किस पद हेतु प्राप्त हुये सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा दें बतायें। (ग) 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक दिव्यांगजन के फर्जी प्रमाण के आधार पर कितने प्रकरण किस विभाग के कहां पर पंजीबद्ध हुए है? विभागवार, प्रकरणवार उनके नाम, पते, मोबाईल नं., धारा, प्रकरण की अद्यतन स्थिति सहित समस्त जानकारी का गौशवारा दें। (घ) मा.उ.न्यायालय साप्रवि एवं सामाजिक न्याय विभाग के आदेश का पालन नहीं होने पर कब और किसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, जिसके कारण सरकार को अवमानना का सामना करना पड़ रहा है? बतायें। कब तक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी निश्िचत अवधि बतायें। कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो कारण सहित बतायें क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) दिव्यांगजन स्पर्श पोर्टल पर वर्तमान में 8,43,792 दिव्यांगजन पंजीकृत है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश दिनांक 30.01.2024 डब्ल्यू पी.नं. 7275/2019 के अनुपालन में दिनांक 15 जुलाई 2024 तक प्रक्रिया पूर्ण की जाना थी। जानकारी विभागों से संकलित की जा रही है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
षड़यंत्रपूर्वक धान बेच देने पर एफ.आई.आर.
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
124. ( क्र. 2008 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर जिले में खरीफ उपार्जन वर्ष 2024-2025 में सेवा सहकारी समिति जरौहा-1 का खरीदी स्थल मनकीसर में बनाया गया जबकि मनकीसर की सेवा सहकारी समिति डिफॉल्टर थी? इस जरौहा क्रमांक-एक खरीदी केंद्र में 6526 क्विंटल धान शॉर्टेज बताई जा रही है जबकि उक्त धान सेवा सहकारी समिति जरौहा क्रमांक-1 एवं मनकीसर की पुरानी सेवा सहकारी समिति वालों ने षड्यंत्रपूर्वक बेच दी है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित धान की कुल कितनी लागत/कीमत शासन किस नाम से वसूलेगा और कब तक क्या कलेक्टर मैहर ने खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी (राजीव) धान उपार्जन प्रभारी दीपेन्द्र सिंह, ऑपरेटर अनिल कुमार दहायत, सुरेन्द्र कुमार निगम, विनय कुमार मिश्रा, राधे श्याम प्यासी, सुरेन्द्र तिवारी सहित अन्य आरोपियों के विरुद्ध प्रश्नतिथि तक आपराधिक प्रकरण किस-किस थानों में, किन धाराओं के तहत् कितनी शासकीय धनराशि के गबन करने पर प्रकरण दर्ज करवाया है? तो क्यों? कारण दें? (ग) क्या शासन सतना/मैहर जिलों में गत 01-04-2022 से प्रश्न तिथि तक विभिन्न खाद्यान खरीदी केंद्रों में गेहूं/धान अन्य खाद्यान्नों की खरीदी में हुये गबनों पर किस-किस प्रकरणों में किस-किस से प्रश्नतिथि तक वसूली कर पाई है? किस-किस के विरुद्ध किन-किन थानों में, किन धाराओं में अपराध कायम करवाये हैं? प्रकरणवार, वर्षवार नाम वार सूची दें?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मैहर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में सेवा सहकारी समिति जरौहा का मनकीसर में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु द्वितीय केन्द्र बनाया गया था, जिस पर उपार्जित धान में से 6,166.60 क्विंटल धान की शॉर्टेज पाई गई। शॉर्टेज पाई गई धान पूर्व संस्था द्वारा षडयंत्रपूर्वक बेचे जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) उपार्जन केन्द्र मनकीसर में शॉर्टेज पाई गई 6,166.60 क्विंटल धान की कीमत रू. 1,41,43,640 में से रू. 27,67,053.33 सेवा सहकारी समिति, जरौहा को देय कमीशन से कटौती कर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन, जिला मैहर द्वारा वसूल कर किसानों को भुगतान की जा चुकी है। धान उपार्जन में अनियमितता करने वाली संस्था जरौहा के प्रभारी समिति प्रबंधक श्री दीपेन्द्र सिंह, ऑपरेटर श्री अनिल कुमार दहायत एवं संजीव तिवारी (राजीव) से शेष राशि वसूली करने हेतु कलेक्टर, मैहर द्वारा दिनांक 11.06.2025 को आदेश जारी किया गया है। प्रभारी समिति प्रबंधक श्री दीपेन्द्र सिंह, संजीव तिवारी (राजीव) एवं अनिल कुमार दहायत के विरूद्ध थाना रामनगर में बीएनएस, 2023 की धारा 316 (5), 318 (2), 61 (2) (a), के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सतना एवं मैहर जिले में दिनांक 01.04.2022 से प्रश्न तिथि तक खाद्यान्न उपार्जन केन्द्रों में गबन के प्रकरणों में वसूल की गई राशि एवं अनियमितता करने वालों के विरूद्ध दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट, थाने का नाम एवं लगाई गई धाराओं एवं आरोपियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
तीन महीने के खाद्यान्न का एक मुश्त वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
125. ( क्र. 2014 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के कौन-कौन से नगरीय निकायों के वार्डों में एवं ग्राम पंचायतों में, कौन-कौन सी सोसायटियों द्वारा, किस मैनेजर द्वारा एफ.पी.एस., किस सेल्समेन द्वारा वर्तमान में खाद्यान्न वितरण का कार्य किया जा रहा है? प्रत्येक पर प्रतिमाह कितना-कितना खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री वितरण हेतु दी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक के माह तक यानि वर्तमान माह तक जिले की प्रत्येक दुकान पर समस्त प्रकार के कितने-कितने राशन कार्ड संख्या सहित बताएं जिनके आधार पर खाद्यान्न भेजा जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि अभी तीन माह का खाद्यान्न जिले में कहां-कहां, किस-किस की दुकानों/उपरोक्त भण्डारों एवं अन्य पर भेजा जा चुका है और कहां-कहां पर नहीं भेजा गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि जिले में कहां-कहां की एवं किस-किस की खाद्यान्न वितरण में लापरवाही या जो खाद्यान्न प्रतिमाह दुकानों पर भेजता है उसकी प्राप्त हो रही है? जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या प्रश्न दिनांक तक कब-कब कार्यवाही की गई है एवं यह जानकारी दें कि कहां-कहां बुजुर्गों से हस्ताक्षर, अंगूठा तो लगवा लिये जाते हैं एवं उन्हें खाद्यान्न नहीं दिया जाता है? ऐसे उपरोक्त भण्डारों को जिले से आवंटित दुकान निरस्त की जायेगी तो कब तक और नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) टीकमगढ़ जिले में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत खाद्यान्न वितरण हेतु नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में वार्ड एवं पंचायतवार उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली संस्था का नाम, प्रबंधक एवं विक्रेता के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। उचित मूल्य दुकानवार प्रतिमाह वितरण हेतु आवंटित खाद्यान्न, शक्कर एवं नमक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले की उचित मूल्य दुकानवार, राशनकार्ड (पात्रता पर्ची) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। उचित मूल्य दुकान से राशन कार्ड/पात्र हितग्राही की संख्या के आधार पर खाद्यान्न का आवंटन जारी किया जाता है। (ग) टीकमगढ़ जिले की उचित मूल्य दुकानों पर माह जून, जुलाई, अगस्त 2025 के आवंटन के विरूद्ध प्रदाय खाद्यान्न मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। उचित मूल्य दुकानों का आवंटन के विरूद्ध प्रदाय से शेष मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''इ'' अनुसार है। (घ) टीकमगढ़ जिले में खाद्यान्न वितरण में लापरवाही के प्रकरणों में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''फ'' अनुसार है। बुजुर्ग हितग्राहियों के पीओएस मशीन में बायोमेट्रिक/ओटीपी सत्यापन उपरांत राशन प्रदाय न करने एवं प्रदाय केन्द्र से उचित मूल्य दुकानों पर परिवहन कर प्रदाय खाद्यान्न के अनियमितता के प्रकरण प्रकाश में नहीं आए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
अनुकम्पा
नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
1. ( क्र. 12 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना अंतर्गत श्री गिरीश रावत पिता स्व. श्री गोविंद रावत, निवासी सुसारी तहसील कुक्षी जिला धार को प्रश्न दिनांक तक भी अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं किए जाने का विधिसम्मत कारण बताएं। (ख) मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना अंतर्गत श्री गिरीश रावत पिता स्व. श्री गोविंद रावत, निवासी सुसारी तहसील कुक्षी जिला धार की अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किए जाने के संबंध में पत्र पंजीयन क्र. 2664/CMS/MLA/199/2025 दिनांक 09/05/2025 के संबंध में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाहियों का ब्यौरा देवें। (ग) श्री गिरीश रावत पिता स्व. श्री गोविंद रावत, निवासी सुसारी तहसील कुक्षी जिला धार को अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने बाबत् विभाग को किस-किस दिनांक को कितने पत्र प्राप्त हुए, उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही का ब्यौरा देवें। (घ) प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना अंतर्गत जिला धार के किस-किस ने अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने बाबत् आवेदन दिया, किन-किन को नियुक्ति दी गई, किन-किन को किन कारणों से नियुक्ति नहीं दी गई, प्रति सहित बताएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-12/2013/1/3 दिनांक 28.05.2021 द्वारा दिनांक 01 मार्च 2021 से 30.06.2021 तक की अवधि के लिए ‘‘मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना’’ लागू की गई। उक्त परिपत्र की कंडिका 7.2 अनुसार आवेदन मृत्यु दिनांक से 04 माह के भीतर प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। अपरिहार्य स्थिति में विलंब के कारणों से संतुष्ट होने पर दावा स्वीकृति हेतु सक्षम प्राधिकारी अधिकतम तीन माह तक का विलंब माफ कर सकेंगे’’ के प्रावधान किए गए। उक्त अवधि तक एम.पी.ई. सर्विस पोर्टल एवं जिलों से प्राप्त समस्त प्रकरणों को सम्मिलित कर कार्यालयीन पत्र दिनांक 29/12/2021 के द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिए 46 सांख्येत्तर पद निर्मित करने हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया। श्री गिरीश रावत पिता स्व. श्री गोविन्द रावत का प्रकरण सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य जिला धार के पत्र क्रमांक 87 दिनांक 04.01.2022 के द्वारा निर्धारित समयावधि के पश्चात प्राप्त होने से इनका नाम सांख्येत्तर पद स्वीकृति हेतु प्रेषित प्रस्ताव में शामिल नहीं किया जा सका। पद रिक्त न होने से मध्यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग के पत्र क्रमांक एफ 4-1/2019/1/25 भोपाल दिनांक 17/12/2024 द्वारा जिले में अन्य विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु विभाग में पद रिक्त न होने का प्रमाण पत्र जारी किया गया तथा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 7885 दिनांक 04/04/2025 द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति संबंधी आगामी कार्यवाही हेतु मूल प्रकरण विभाग में पद रिक्त न होने का प्रमाण पत्र सहित कलेक्टर जिला धार को प्रेषित किया गया है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) श्री गिरीश रावत को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने हेतु पत्र क्रमांक 87 दिनांक 04/01/2022, पत्र क्रमांक 4750 दिनांक 29/04/2022, पत्र क्रमांक 7612 दिनांक 08/07/2022 एवं माननीय विधायक श्री महादेव वर्मा (मधु वर्मा) का पत्र क्रमांक 1278 दिनांक 02/09/2024 प्राप्त हुए। शेष प्रश्नांश (क) अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उद्यानिकी एवं कृषि आधारित योजनायें एवं उनका क्रियान्वयन
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
2. ( क्र. 134 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा पन्ना जिले में उद्यानिकी एवं कृषि क्षेत्र में कौन-कौन सी योजना संचालित है? योजनाओं के नाम लाभान्वित लोगों की संख्या सहित समस्त जानकारी सहित उपलब्ध करावें। (ख) 1 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक फल पौधरोपण अनुदान योजना के तहत कितने किसानों को कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई है? संपूर्ण जानकारी किसानवार उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु लोगों को जागरूक करने के लिए, विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित कराये जाते हैं। पवई विधानसभा में इन योजनाओं की क्या प्रगति है? (घ) केन्द्र सरकार द्वारा संचालित "एकीकृत बागवानी विकास मिशन" इस योजना का उद्देश्य क्या है? पवई विधानसभा में इस योजना के तहत कौन-कौन से कार्य कराए गए हैं, जमीनी स्तर पर इस योजना के संचालन की क्या स्थिति है? सम्पूर्ण डाटा सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) पन्ना जिले में उद्यानिकी एवं कृषि क्षेत्र से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 01 एवं 01 (अ) अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अवधि में कृषकों को दी गई अनुदान राशि की जानकारी वर्षवार निम्नानुसार है:-
वर्ष |
लाभांवित हितग्राही |
अनुदान राशि (लाख में) |
2022-23 |
24 |
2.388 |
2023-24 |
285 |
39.412 |
2024-25 |
119 |
21.36 |
किसानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ग) योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु लोगों को जागरूक करने हेतु विभाग द्वारा कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण, कृषक संगोष्ठियां, मेला प्रदर्शनी इत्यादि कार्यक्रम कराये जाते हैं। पवई विधानसभा में योजनाओं की प्रगति निम्नानुसार है:-
विकासखण्ड |
योजना का नाम |
लाभार्थी कृषक (संख्या) |
पवई |
एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण |
150 |
राज्य के बाहर कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण |
30 |
|
कृषक संगोष्ठि |
30 |
|
शाहनगर |
एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण |
24 |
राज्य के बाहर कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण |
30 |
|
कृषक संगोष्ठि |
30 |
(घ) एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना का मुख्य उद्देश्य फल/सब्जी/मसाला/पुष्प क्षेत्र विस्तार, यंत्रीकरण, पोष्टहार्वेस्ट मैनेजमेंट एवं जैविक खेती को बढ़ावा देना है। उक्त योजना की जमीनी स्तर पर संचालन की अच्छी स्थिति है। पवई विधानसभा में योजनान्तर्गत कराये गये कार्य का विवरण/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 03 अनुसार है।
विभाग के कार्यों का क्रियान्यवयन
[जनजातीय कार्य]
3. ( क्र. 144 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु किस दिनांक को मध्य प्रदेश शासन या केन्द्र शासन द्वारा आवंटित हुई हैं? उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हेतु किन-किन कार्य एजेंसी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस माध्यम से किया गया? निविदा प्रकाशन किए गए विज्ञापन एवं निविदाकारों को दिए गए कार्यादेश के प्रति सहित समस्त बिल वाऊचर की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए हैं कितने अपूर्ण हैं बगैर विज्ञापन निकाले कितने कार्य मैन्युअल आधार पर प्रदान किए गए दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) पन्ना जिला के पवई विधानसभा अंतर्गत विभाग द्वारा कितने छात्रावास संचालित हैं? इन छात्रावासों में विगत तीन वषों में छात्रावास अधीक्षकों द्वारा किए गए आय-व्यय की संपूर्ण जानकारी बिल वाऊचर सहित उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या विगत 3 वर्षों में छात्रावासों के संचालन में अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त हुई है यदि हाँ, तो इन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? कृपया संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) पन्ना जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार है तथा निर्माण कार्यों की राशि, निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत के खाते में जमा कराई जाती हैं। ग्राम पंचायत स्वयं निर्माण एजेंसी होने के कारण निविदा प्रक्रिया से मुक्त है। कार्यों के स्वीकृत आदेश की प्रति एवं उपयोगिता/कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र की छायाप्रति संलग्न है। (ख) वित्तीय वर्ष 2020-21 से आज दिनांक तक निर्माण कार्य पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ग) जिले के पवई विधानसभा अंतर्गत संचालित 33 छात्रावास/आश्रम एवं छात्रावास अधीक्षकों द्वारा किये गये आय-व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (घ) जिले में विगत 3 वर्षों में छात्रावासों के संचालन में अनियमिताओं के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संजय निकुंज भवन की अनुपलब्धता
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
4. ( क्र. 156 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोटेगांव में उद्यानिकी विभाग के अंतर्गत संजय निकुंज तो स्थापित है, किंतु उसके संचालन हेतु आवश्यक कार्यालय/भवन का अभाव है, जिसके कारण विभागीय कार्यों एवं देखरेख व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है? (ख) क्या शासन के संज्ञान में यह तथ्य है कि भवन नहीं होने से उद्यान की रख-रखाव व्यवस्था, सुरक्षा एवं विभागीय दस्तावेजों/कर्मचारियों के बैठने की उचित सुविधा उपलब्ध नहीं है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा गोटेगांव स्थित संजय निकुंज के लिए पृथक भवन निर्माण हेतु कोई योजना या प्रस्ताव विचाराधीन है? (घ) यदि नहीं, तो क्या शासन निकट भविष्य में उक्त उद्यान हेतु स्थायी कार्यालय भवन की स्वीकृति प्रदान करेगा, जिससे विभागीय कार्य एवं नागरिकों के लिए सुविधाएं बेहतर रूप से संचालित की जा सकें?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। यह सही है कि उद्यानिकी विभाग के अंतर्गत संजय निकुंज गोटेगांव में वर्तमान में कार्यालय भवन उपलब्ध नहीं है। (ख) शासकीय संजय निकुंज गोटेगांव का रकवा 4.000 हे. में से 2.200 हे. सिविल न्यायालय के लिये स्थानांतरित होने के कारण उपलब्ध संसाधन हटाये गये हैं। शेष 1.800 हे. रकवा में शासकीय संजय निकुंज गोटेगांव संचालित है। (ग) जी नहीं। (घ) वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं हैं।
एफ.डी.आर. का सत्यापन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
5. ( क्र. 189 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत ठेकदारों के द्वारा जमा की गई परफॉरमेंस एफ.डी.आर. का सत्यापन विभाग द्वारा बैंक से कराया जाना चाहिये? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कटनी जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जिले में वर्ष 2020 से मई 2025 तक कितनी बार विभाग द्वारा बैकों से एफ.डी.आर. का सत्यापन कराया गया है? वर्षवार दिनांकवार ठेकेदारवार ब्यौरा दें? (ग) क्या एफ.डी.आर. के संबंध में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं कलेक्टर कटनी को शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं तथा कलेक्टर द्वारा जांच हेतु विभाग को पत्र भी लिखे गये हैं? हाँ तो कब-कब तथा इन शिकायतों के पश्चात सत्यापन कराया गया? दिनांक सहित ब्यौरा दें। नहीं तो क्यों? कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2020 से मई, 2025 तक ठेकेदारों की कुल 261 एफ.डी.आर. प्राप्त हुई थी, प्राप्त एफ.डी.आर. में से 179 एफ.डी.आर. का सत्यापन हेतु संबंधित बैंक को लेख किया गया है, जिसमें से 91 एफ.डी.आर. का सत्यापन हो चुका है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। शेष एफ.डी.आर. का सत्यापन प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ, कलेक्टर जिला कटनी के पत्र क्रमांक 6785, दिनांक 08.10.2024 से शिकायत प्राप्त हुई। जी हाँ, सत्यापन कराया गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लंबित कमीशन का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
6. ( क्र. 192 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक विपणन समिति/सहकारी समिति एवं स्व-सहायता समूह के माध्यम से शासकीय खाद्यान्न रबी एवं खरीफ की फसलों को क्रय किया गया है? उपरोक्तानुसार केन्द्रवार, समितिवार, क्रय किये गये जिंसों की मात्रा का पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें (ख) प्रश्नाधीन क्रय किये गये खाद्यान्न की मात्रा का प्रासंगिक व्यय कितना-कितना किया गया है तथा समितियों को कितनी राशि के कमीशन का भुगतान किया गया है? प्रश्नांश (क) अनुसार ब्यौरा उपलब्ध करावें। (ग) उक्त प्रासंगिक व्यय एवं कमीशन का भुगतान किया जाना कितना शेष है तथा शेष राशि का भुगतान कब तक किया जायेगा? समयावधि बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक उपार्जन केन्द्रवार एवं समितिवार उपार्जित गेहूं एवं धान मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं एवं धान के प्रासंगिक व्यय एवं कमीशन भुगतान की उपार्जन केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) रबी एवं खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 तक उपार्जित गेहूं एवं धान के प्रासंगिक एवं कमीशन व्यय का भुगतान किया जा चुका है। रबी विपणन वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 तथा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान एवं गेहूं के प्रासंगिक एवं कमीशन व्यय का तदर्थ भुगतान किया गया है। उपार्जन संस्थाओं द्वारा अंतिम देयक प्रस्तुत किए जाने पर शार्टेज एवं बारदाना मिलान उपरांत भुगतान किया जाएगा।
वनों की सुरक्षा एवं एप्रोच रोड
[वन]
7. ( क्र. 234 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से वन परिक्षेत्रों में वनों की सुरक्षा हेतु विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य किये गये हैं? कार्यों के नाम बतावें। (ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्रों के अंतर्गत वनों की सुरक्षा हेतु विभाग द्वारा तार फेंसिंग या जाली लगवाये जाने संबंधी कार्य किया जाता है अथवा चल रहा है तो किन वन परिक्षेत्रों में कार्य चल रहा है? उन वन परिक्षेत्रों के नाम बतावें। (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से वन परिक्षेत्र है, जहां पर जाने हेतु एप्रोच रोड बना हुआ है, उन एप्रोच रोड की लम्बाई बतावें। (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के जिन वन परिक्षेत्रों में एप्रोच रोड नहीं बने हैं तो क्या उन वन परिक्षेत्रों में एप्रोच रोड बनाये जाने संबंधी विभाग की कोई योजना हो तो बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन मण्डल (क्षेत्रीय) देवास अंतर्गत खातेगांव विधानसभा के परिक्षेत्र खातेगांव, कन्नौद, पानीगांव एवं अभयारण्य खिवनी में वनों की सुरक्षा हेतु अग्नि सुरक्षा एवं वृक्षारोपण के सुरक्षा कार्य कराये गये है। (ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्रों के अंतर्गत वनों की सुरक्षा हेतु विभाग द्वारा तार फेंसिंग या जाली लगवाये जाने संबंधी जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वन परिक्षेत्रों के कार्य क्षेत्र में जाने हेतु आवश्यकतानुसार एप्रोच रोड है। एप्रोच रोड सम्पूर्ण वन क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर होने के कारण उनकी लम्बाई की जानकारी संधारित नहीं है। (घ) विभाग में पूर्व से निर्धारित वन मार्ग की मरम्मत उपलब्ध बजट की सीमा में की जाती है।
वन परिक्षेत्रों में पौधारोपण
[वन]
8. ( क्र. 235 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत वन विभाग द्वारा वर्ष 2025-26 में कितने हेक्टेयर वन भूमि पर पौधारोपण किया जाने का लक्ष्य मिला है वन क्षेत्र का नाम एवं क्षेत्रफल बतावें। (ख) क्या विभाग द्वारा देवास जिले की वन क्षेत्रों में विगत वर्ष की पौधारोपण किये जाने हेतु कोई लक्ष्य निर्धारित किया गया था तो वर्तमान से कितने पौधे जीवित है उनका प्रतिशत बतावें। (ग) विभाग द्वारा प्रतिवर्ष वन क्षेत्रों में पौधारोपण का कार्य किया जाता है तो क्या विभाग ने उक्त लगाये गये पौधों का कभी ऑडिट करवाया है अगर हाँ तो ऑडिटर द्वारा कोई आपत्ति दर्ज करवाई हो तो बतावें? (घ) विभाग द्वारा करोड़ों रूपये खर्च करके जिन वन क्षेत्रों में पौधारोपण कार्य करवाया जाता है तो कुल लगाये गये पौधों में से कितने प्रतिशत पौधे जीवित रहना अतिआवश्यक है इसका कोई मापदण्ड हो तो बतावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वनमंडल क्षेत्रीय देवास द्वारा वर्ष 2025-26 में 1560 हेक्टेयर में 900500 पौधों का रोपण किये जाने हेतु लक्ष्य प्राप्त हुआ है। वन क्षेत्र का नाम एवं क्षेत्रफल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) वनमंडल क्षेत्रीय देवास अंतर्गत विगत वर्ष 2024-25 में 1665 हेक्टेयर में 958750 पौधों का रोपण किये जाने हेतु लक्ष्य निर्धारित था। माह अक्टूबर 2024 की स्थिति में 921096 पौधे जीवित थे जिनका प्रतिशत 96.07 है। (ग) वन विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वन क्षेत्रों में पौधा रोपण कार्य कराया जाता है। वन क्षेत्र में लगाए गए पौधों का पृथक से ऑडिट नहीं किया जाता है। विभाग के क्रियाकलापों का ऑडिट महालेखाकार द्वारा किया जाता है, जिसका प्रतिवेदन सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और विधान सभा को भी प्रस्तुत किया जाता है। (घ) वनमंडल क्षेत्रीय, देवास अंतर्गत वन क्षेत्रों में विभागीय निर्देशानुसार कैम्पा मद अंतर्गत रोपित किये गये पौधों से 75 प्रतिशत पौधे (जिसमें फेंसिंग अनिवार्य है) तथा कार्य आयोजना अंतर्गत लगाये गये पौधों में 20 प्रतिशत पौधे (बिना फेंसिंग के) जीवित रहना आवश्यक है।
सम्पत्तियों की नीलामी
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
9. ( क्र. 251 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा 2022 से 2024 तक प्रदेश में कुल कितनी सम्पत्तियों की नीलामी की गई और कितनी रजिस्ट्रियां हुई क्रेताओं के नाम, सम्पत्ति का विवरण, रजिस्ट्री के वर्ष तथा उसके दो वर्ष पूर्व की गाइडलाइन कीमत और नीलामी मूल्य सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इन सम्पत्तियों का न्यूनतम बिक्री मूल्य किस आधार पर तय किया गया? क्या इन सम्पत्तियों के गाइडलाइन मूल्य में हेरफेर करके बेचा गया है ऐसी कितनी सम्पत्तियां है, जिनकी बिक्री कलेक्टर गाइडलाइन से कम मूल्य पर की गई शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन से कम पर बिक्री करने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कई खबरें प्रकाशित होने एवं शिकायतें होने के बावजूद गाइडलाइन कम दर्शाने और स्टाम्प ड्यूटी की चोरी करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (घ) इसमें होने वाली राजस्व हानि की कितनी वसूली हो चुकी है और शेष वसूली कब तक की जाएगी? सम्पत्तिवार जानकारी देवें।
लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विभाग द्वारा कुल 101 परिसम्पत्तियों का निर्वर्तन किया गया है, जिनमें से 5 परिसम्पत्तियां अक्रियाशील संयंत्रों के प्लांट एण्ड मशीनरी के स्क्रैप हैं जिनमें रजिस्ट्री की आवश्यकता नहीं है एवं 6 परिसंपत्तियों में निविदाकार द्वारा रजिस्ट्री संपादित नहीँ की गई। विभाग द्वारा रजिस्ट्री के वर्ष तथा उसके दो वर्ष पूर्व की गाइडलाइन कीमत की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अतः निर्वर्तन मूल्य एवं गाइडलाइन मूल्य की जानकारी नहीं है। महानिरीक्षिक पंजीयन कार्यालय के पत्र क्रमांक CT/13/0021/2025-STAT-IGRS दिनांक 22/07/2025 द्वारा दी गयी 90 परिसम्पत्तियों की स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला कलेक्टर के प्रस्ताव पर आवासीय/व्यावसायिक/ मिश्रित भू–उपयोग का निर्धारण विभाग की साधिकार/कार्यपालिक समिति द्वारा किया जाता है। तदनुसार जिला कलेक्टर से कलेक्टर गाइडलाइन अनुसार प्रति वर्ग मीटर दर प्राप्त कर, मंत्री-परिषद द्वारा अनुमोदित रिज़र्व मूल्य निर्धारण नीति मापदंडों के अनुसार रिज़र्व मूल्य निर्धारित किया जाता है। परिसम्पत्ति के विक्रय मूल्य की कलेक्टर गाइडलाइन के मूल्य से तुलना नहीं की जाती। अतः हेरफेर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दिव्यांगजन पेंशन का विवरण
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
10. ( क्र.
284 ) श्री
लखन घनघोरिया
: क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
शासन द्वारा
दिव्यांगजनों
को दिव्यांगजन
पेंशन योजना
के तहत कब से
कितनी राशि दी
जा रही है।
इसमें कब
कितनी राशि की
वृद्धि की गई
थी।
दिव्यांगजन
पेंशन में अभी
तक वृद्धि न
करने का क्या
कारण हैं? (ख) क्या
देश में
प्रदेश में
सबसे कम राशि 600/- रु.
प्रतिमाह
दिव्यांगजनों
को
दिव्यांगजन पेंशन
दी जा रही है।
जबकि देश में
अन्य प्रदेशों
में इससे बहुत
अधिक राशि दी
जाती हैं? यदि
हाँ,
तो प्रदेश
शासन इसमें कब
तक वृद्धि
करेगी? (ग) क्या
प्रदेश में
भा.ज.पा. ने
वर्ष 2023
के विधानसभा
चुनाव के
दौरान अपने
घोषणा पत्र में
दिव्यांगजनों
को राशि 1500/- दिव्यांगजन
पेंशन देने का
वादा किया था।
यदि हाँ, तो प्रदेश
भा.ज.पा. शासन
इसका कब तक
पालन करेगा? यदि
नहीं,
तो क्यों? (घ) क्या दिव्यांगजन
अधिकार
अधिनियम 2016 की
धारा 24
(1) के अनुसार
प्रदेश में
किसी भी योजना
में दी जाने
वाली
सर्वाधिक
राशि से कम से
कम 25%
अधिक राशि
दिव्यांगजनों
को देने का
प्रावधान है? यदि
हाँ,
तो इस सम्बंध
में मा.म.प्र.
उच्च
न्यायालय जबलपुर
ने शासन को
नियमों के तहत
दिव्यांगजनों
को
दिव्यांगजन
पेंशन देंने
बाबत् कब क्या
आदेश दिया है? इस पर
शासन ने कब
क्या
कार्यवाही की
हैं?
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) दिव्यांगजनों
को मार्च 2019 से
रूपये 600/- प्रति
हितग्राही
प्रतिमाह
पेंशन प्रदाय
की जा रही है।
राशि रूपये 600/- से
बढ़ाकर
रूपये 1500/- किये
जाने का प्रस्ताव
शासन के
विचाराधीन
है। राज्य
शासन द्वारा
उपलब्ध
संसाधनों के
अंतर्गत इस
प्रकार की
वृद्धि का
निर्णय लिया
जाता है। (ख) जी
नहीं। राज्य
में संचालित
केन्द्र एवं
राज्य की
पेंशन
योजनाओं में
मार्च 2019 से राशि
रूपये 600/- प्रतिमाह
के मान से
दिव्यांगजनों
को पेंशन
प्रदाय की जा
रही है। जानकारी
अनुसार कुछ
राज्यों में
पेंशन राशि
रूपये 600/- से भी कम
है। उत्तरांश
(क) अनुसार
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग)
जी हाँ। शेष
उत्तरांश (क) अनुसार।
(घ)
जी हाँ।
माननीय न्यायालय
के निर्णय एवं
उसके पालन में
की गयी कार्यवाही
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
पायली प्रोजेक्ट की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
11. ( क्र. 285 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बरगी बांध से किन-किन जिलों के कितने-कितने गांवों की जनता को शुद्ध पेयजल पहुंचाने हेतु कब कितनी राशि की मूल योजना पायली प्रोजेक्ट के तहत कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य कब कहां-कहां पर कराये गये हैं। कौन-कौन से कार्य निर्माणाधीन अवधि से कब से अपूर्ण, निर्माणाधीन है एवं क्यों? इस पर अभी तक कुल कितनी राशि व्यय हुई। निर्माण एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ख) योजना के तहत जबलपुर जिले के कितने गांवों की जनता को शुद्ध पेयजल पहुँचाने हेतु क्या-क्या व्यवस्था की गई है तथा कितने गांवों की कितनी ग्रामीण जनता को कब से शुद्ध पेयजल प्रदाय किया जा रहा है? कितने गांवों की जनता अभी भी शुद्ध पेयजल से वंचित है एवं क्यों? कितने गांवों में पाइप लाइन डालने का कार्य पूर्ण कराने के पश्चात कब से पेयजल आपूर्ति से वंचित है एवं क्यों? क्या शासन इसकी जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? बतलावें। (ग) प्रश्नांश (क) में मूल कार्य योजना के तहत निर्माण एजेंसी ने निर्धारित समयावधि में कब से कौन-कौन सा कार्य पूर्ण नहीं कराया है एवं क्यों? इसके कारण कितने गांवों की कितनी ग्रामीण जनता शुद्ध पेयजल से वंचित है? शासन ने इसके लिये दोषी एजेन्सी एवं अधिकारियों पर कब क्या कार्यवाही की है? (घ) क्या शासन राशि का अपव्यय एवं भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) बरगी बांध से पायली प्रोजेक्ट की मूल योजना के तहत सिवनी जिले के 395, नरसिंहपुर जिले के 50 ग्राम एवं जबलपुर जिले के 193 ग्रामों को जल प्रदाय किया जाना है। जानकारी संलन परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले के 186 ग्रामों को जल प्रदाय हेतु अधोसंरचना निर्माण कार्य किया गया है वर्तमान में टेस्टिंग कार्य प्रगतिरत है नियमित पेयजल प्रदाय प्रारंभ नहीं किया गया है। योजना का कार्य प्रगतिरत है कार्य पूर्ण होने पर जल प्रदाय किया जा सकेगा। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) पाईप लाईन बिछाने, टंकियों का निर्माण, विद्युत लाईन आदि के कार्य में विभिन्न विभागों से अनुमति मिलने में विलंब होने, कोविड-19 महामारी, समुचित संसाधनों का नियोजन न करने के कारण कार्य विलंबित हुआ है। शेष कार्य पूर्ण होने पर योजना में सम्मिलित 662 ग्रामों को पेयजल प्रदाय हो सकेगा। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) राशि के अपव्यय अथवा भ्रष्टाचार का कोई प्रकरण नहीं है अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
बालिका एवं बालक छात्रावास के लिये आवंटित राशि
[जनजातीय कार्य]
12. ( क्र. 311 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिला में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कितने बालिका एवं बालक छात्रावास संचालित है? (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक इन छात्रावासों में शासन द्वारा दिये गये आवंटन से कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में व्यय की गयी राशि का परीक्षण/भौतिक सत्यापनकर्ता अधिकारी कौन-कौन रहें उनके नाम एवं पद सहित जानकारी दें। (घ) क्या देयकों/वाउचरों का भंडार क्र्य नियमों के तहत आहरण अधिकारी द्वारा अवलोकन कर भुगतान की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) दमोद जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा 01 बालिका एवं 19 बालक छात्रावास संचालित है। (ख) प्रश्नांश अवधि में छात्रावासों के मरम्मत एवं संधारण मद के अंतर्गत जिला स्तर से कुल राशि रूपये 2,06,39,000/- व्यय की गई। शेष मदों में राशि का आवंटन सीधे छात्रावास के खाते में उपलब्ध कराया गया जिसके व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिले स्तर पर कराए गए मरम्मत एवं संधारण कार्य का परीक्षण एवं सत्यापन का कार्य निर्धारित क्रियान्वयन एजेंसी श्री बी.एल.यादव, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा दमोह म.प्र., श्री अनुग्रह सिंह, प्र.कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा दमोह म.प्र., श्री जे.पी.सोनकर, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग दमोह म.प्र., श्री अनिल कुमार अठया, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग दमोह म.प्र. क्रियान्वयन एजेंसी के सहायक यंत्री तथा उपयंत्री जनजातीय कार्य विभाग दमोह म.प्र. द्वारा किया गया। छात्रावास स्तर पर व्यय होने वाली राशि का विवरण छात्रावास पालक समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों की लापरवाही
[वन]
13. ( क्र. 458 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक जंगलों के विकास और विस्तार हेतु सरकार द्वारा कितनी धनराशि दी गई? उक्त राशि से कौन-कौन से कार्य किये गये? उनका विवरण वर्षवार लागत सहित प्रमाणित करे। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत जंगलों में मार्ग बनाये जाने तथा बाउंड्रीवाल, तार फेंसिग पुल-पुलिया, रोड, पौधारोपण, जल कटाव आदि के कार्य किन-किन स्थानों पर कब-कब किये गये? उनका वर्षवार विवरण देवें। (ग) विभाग द्वारा सागौन तथा अन्य ऐसे कितने वृक्षों का जो सूख गये उनका विक्रय किया? जिससे शासन को आय प्राप्त हुई? उनका विवरण सहित जानकारी देवे? (घ) जिला छतरपुर में जंगलों की वर्तमान में क्या स्थिति है? जंगल अन्दर से समाप्त हो रहे हैं? उसका निरीक्षण DFO छतरपुर ने किन-किन तारीखों में किया तथा धरातल की स्थिति का प्रतिवेदन राज्य सरकार को भेजा यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) वनमंडल छतरपुर के अंतर्गत सूखे सागौन तथा अन्य वृक्षों का विक्रय नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला छतरपुर के अंतर्गत वनमंडल छतरपुर में जंगलों की वर्तमान स्थिति अच्छी है तथा अंदर से जंगल समाप्त नहीं हो रहे हैं। वरिष्ठ द्वारा बीट निरीक्षण हेतु प्रत्येक वर्ष बीट रोस्टर निर्धारित किया जाता है जिसके अनुसार वनमंडलाधिकारी छतरपुर द्वारा समय-समय पर किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। धरातल की विशेष स्थिति होने पर प्रतिवेदन शासन को भेजा जाता है, विशेष स्थिति उत्पन्न न होने से शासन को प्रतिवेदन नहीं भेजा गया।
पेंच टाइगर रिजर्व को प्राप्त राशि
[वन]
14. ( क्र. 684 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पेंच टाइगर रिजर्व को राज्य/केन्द्र सरकार की योजना एवं पर्यटन से राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो पेंच टाइगर रिजर्व को वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई, वित्तीय वर्षवार देवें? (ग) प्राप्त राशि से कौन-कौन से निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ, कितनी लागत के कराए गए? (घ) क्या सामग्री/उपकरण किस दर पर कितनी-कितनी किस एजेंसी से खरीदे गए वित्तीय वर्ष के आधार पर जानकारी दी जावे? (ड.) निर्माण कार्य में प्रयुक्त मशीनरी, मजदूरी भुगतान की जानकारी, सामग्रियों/उपकरणों की खरीदी हेतु बुलाई गई निविदा में शामिल होने वाले फर्म/एजेंसी का नाम एवं दर, सफल निविदाकार का नाम एवं स्वीकृत दर की प्रति सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) पेंच टाइगर रिजर्व को वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी को प्राप्त राशि से कराये गये निर्माण कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी के अंतर्गत उक्त निर्माण कार्य सामग्री/ उपकरण क्रय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ड.) पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी के अंतर्गत निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामग्री एवं मजदूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। निविदा में शामिल होने वाले फर्म/एजेंसी का नाम एवं दर, सफल निविदाकार का नाम एवं स्वीकृत दर तथा निविदा पूर्ण होने पर बनाई गई तुलनात्मक पत्रक शीट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 (I) से 4 (II) अनुसार है।
वेयर हाउस का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( क्र. 685 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा में जय माता दी वेयर हाउस एवं अग्रवाल वेयर हाउस को मध्यप्रदेश सरकार ने किराये पर किस वर्ष लिया था? (ख) क्या उपरोक्त दोनों वेयर हाउसों के किराये का पूर्ण भुगतान मध्यप्रदेश लॉजीस्टिक कॉर्पोरेशन छिंदवाड़ा द्वारा कर दिया गया है? (ग) यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक दोनों वेयर हाउसों को पृथक-पृथक कितना भुगतान कर दिया गया है? (घ) शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जवेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला छिन्दवाड़ा अंतर्गत जय माता दी वेअरहाउस चौरई को रबी विपणन वर्ष 2021-22 एवं अग्रवाल वेअरहाउस चौरई, 01,02 को रबी विपणन वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में संयुक्त भागीदारी योजना अंतर्गत अनुबंधित किया गया था। (ख) जी नहीं। उक्त गोदामों की शेष किराया राशि का भुगतान जमाकर्ता मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन से भंडारण शुल्क प्राप्त होते ही गोदाम संचालकों को किया जावेगा। इस संबंध में शाखा प्रबंधक मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन जिला छिंदवाड़ा द्वारा जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन जिला छिन्दवाड़ा को पत्र क्रमांक 315 दिनांक 25.06.2025 जारी किया गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जय माता दी वेअरहाउस चौरई के गोदाम किराया देयकों की राशि रूपये 74,00,046/-का भुगतान कर दिया गया है। अग्रवाल वेअरहाउस चौरई-01 के गोदाम किराया देयकों का राशि रूपये 21,46,675/- का भुगतान कर दिया गया है एवं अग्रवाल वेअरहाउस चौरई-02 के गोदाम किराया देयकों की राशि रूपये 19,67,909/- का भुगतान कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
शिक्षकों का स्थानांतरण
[जनजातीय कार्य]
16. ( क्र.
706 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2025 स्थानांतरण
नीति में
जनजातीय
कार्य विभाग में
03
वर्ष की सेवा
पूर्ण नहीं
करने वाले
शिक्षकों के
स्थानांतरण
किये गये अथवा
नहीं?
क्या
जनजातीय
कार्य विभाग
के स्कूलों
में भी स्कूल
शिक्षा विभाग
के अधिकांशतः
नियम लागू किये
जाते है? (ख) वर्ष
2025
स्थानांतरण
नीति अनुसार
स्कूल शिक्षा
विभाग में ऐसे
शिक्षकों के
स्थानांतरण
किये गये है
जिनकी 03 वर्ष की
सेवा पूर्ण
नहीं हुई है
तो फिर जनजातीय
कार्य विभाग
में ऐसे
शिक्षकों के
स्थानांतरण
क्यों नहीं
किये गये? (ग) जनजातीय
कार्य विभाग
में कार्यरत
महिला शिक्षकों
के लिए क्या
कोई
स्थानांतरण
में शिथिलता
प्रदान की गयी
है एवं
पति-पत्नि
दोनों शासकीय
सेवा में होने
पर उनके
स्थानांतरण
में कोई शिथिलता
प्रदान की गयी
है अथवा नहीं? महिला
शिक्षकों को
शिथिलता
प्रदान नहीं
की गयी तो
क्यों नहीं? (घ) दिनांक
24.12.2020
को आदेश जारी
कर आदिम जाति
कल्याण विभाग
के स्कूलों को
स्कूल शिक्षा
विभाग के
स्कूलों के
साथ विलय किये
जाने हेतु
समिति गठित की
गयी थी, उस समिति
द्वारा क्या
निर्णय दिया
गया। कृपया
प्रतिवेदन
एवं निर्णय की
प्रति प्रदाय
करें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी
नहीं।
जनजातीय
कार्य विभाग
के स्कूलों
का संचालन, विभागीय
नियमों के
अनुसार किया
जा रहा है। (ख) जनजातीय
कार्य विभाग
में, नवनियुक्त
शिक्षकों के
नियुक्ति
आदेश में 03 वर्ष
की अवधि में
स्थानांतरण
पर विचार नहीं
किये जाने का
उल्लेख है।
इस कारण से
तीन वर्ष की
सेवा पूर्ण
नहीं करने
वाले
शिक्षकों के
स्थानांतरण
नहीं किये गये
हैं। (ग) मध्यप्रदेश
शासन सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा
जारी स्थानांतरण
नीति में उल्लेखित
प्रावधान
अनुसार महिला
शिक्षकों एवं पति-पत्नि
शासकीय सेवा
में होने पर
शिथिलता प्रदान
की गयी है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी
हाँ। उक्त
गठित समिति के
सन्दर्भ में
आयुक्त लोक
शिक्षण
संचालनालय
द्वारा एक
बैठक दिनांक 25.01.2021
को आयोजित की
गयी थी, जिसका
कार्यवाही
विवरण पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
राशन दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( क्र. 961 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तेवर सोसायटी के अंतर्गत कितनी राशन दुकानें संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें। उक्त दुकानों में कितने कार्डधारी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित राशन दुकानों में राशन का वितरण किसके द्वारा किया जा रहा है? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तेवर सोसायटी के द्वारा 08 शासकीय उचित मूल्य दुकानें संचालित है। शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है।
शिक्षकविहीन शालाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
18. ( क्र. 1034 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्थानांतरण करने के पूर्व कितनी शालाएं शिक्षकविहीन थी? शाला के नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। स्थानांतरण पश्चात कितनी शालाएं शिक्षकविहीन है? स्कूल के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के बाहर कितने शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है? शिक्षक के नाम एवं स्कूल के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा यह भी बताएं कि कितने शिक्षक भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत स्थानांतरण पश्चात आये हैं? शिक्षक के नाम एवं स्कूल के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) स्थानांतरण पश्चात आदिवासी क्षेत्र होने से बिना रिलीवर के कितने शिक्षकों को रिलीव किया गया है? कृपया सूची उपलब्ध करावें। क्या यह नियमानुसार सही है नहीं तो क्या कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थानांतरण करने के पूर्व 69 शालाएं शिक्षकविहीन थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। स्थानांतरण पश्चात 10 शालाएं शिक्षकविहीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब’’ अनुसार है। (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के बाहर 74 शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है। शिक्षकों के नाम एवं शाला के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’स’’ अनुसार है। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बाहर से स्थानांतरण पश्चात 26 शिक्षक आये हैं। शिक्षकों के नाम एवं शाला के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’द’’ अनुसार है। (ग) शिक्षकों की नवीन स्थानांतरित संस्था, अनुसूचित क्षेत्र में होने से बिना रिलीवर के 23 शिक्षकों को रिलीव किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’इ’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जंगली जानवरों द्वारा फसल नष्ट की जाना
[वन]
19. ( क्र. 1041 ) श्री मोहन शर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत आस-पास ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की कृषि भूमि पर वन विभाग के जंगली जानवरों (हिरण, जंगली सुअर, नीलगाय आदि) द्वारा किसानों की फसल नष्ट की जाती हैं? (ख) यदि हाँ, तो ग्रामीण किसानों की कृषि भूमि जानवरों द्वारा फसल नष्ट की जाती है, उसके लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या विभाग द्वारा किसानों की नष्ट फसल का मूल्यांकन किया जाकर मुआवजा राशि का भुगतान किया जाता हैं? यदि हाँ, तो बताए?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत आस-पास ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की कृषि भूमि पर प्रश्नाधीन जंगली जानवरों द्वारा फसल नष्ट की घटनाएं यदा-कदा होती है। (ख) वनमंडल राजगढ़ अंतर्गत वन्यजीव अभयारण्य नरसिंहगढ़ में हिरण, जंगली सुअर, नीलगाय के भ्रमण के संवेदनशील स्थलों में 48 किलोमीटर सीमा में चैनलिंक फैन्सिंग से घेरा गया है। नीलगायों एवं जंगली सुअर द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने पर सहायता राशि का भुगतान यथा संशोधित राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक-4 के प्रावधानों के तहत किया जाता है तथा इनके आखेट करने की अनुमति देने के लिए मध्यप्रदेश के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र की सीमाओं के भीतर प्राधिकृत अधिकारी घोषित किया गया है। (ग) वन्यप्राणियों द्वारा फसल हानि का मूल्यांकन वन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। राजस्व विभाग द्वारा हानि का मूल्यांकन कर नियमानुसार राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक-4 के प्रावधानों के तहत मुआवजा भुगतान किया जाता है।
खोदी गई सड़कों की मरम्मत
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
20. ( क्र. 1045 ) श्रीमती निर्मला सप्रे [एडवोकेट] : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा जल जीवन मिशन अंतर्गत जल निगम एवं पी.एच.ई. द्वारा नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने पानी टंकियों का निर्माण एवं आवासीय क्षेत्र में पाइप लाइन डाली जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सम्बंधित एजेंसी द्वारा डाली जा रही पाइप लाइन के लिए खोदी गई सड़कों की मरम्मत हेतु कार्यरत एजेंसी को निर्देश हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि हाँ, है तो विधान सभा बीना के बीना नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में सम्बंधित एजेंसी द्वारा पाइप लाइन के लिए खोदी गई सड़कों को बिना मरम्मत छोड़ दिया गया, जिससे वर्तमान में बारिश होने से वार्डों ग्रामों में खोदी गई सड़कों में जल भराव एवं कीचड के कारण रहवासियों का जीवन कष्टमय हो गया है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या सम्बंधित एजेंसी को नियमानुसार मरम्मत हेतु निर्देशित किया गया है? सम्बंधित एजेंसी कब तक मरम्मत का कार्य पूर्ण करेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। केवल गामीण क्षेत्रों में, जल जीवन मिशन अंतर्गत जल निगम एवं पी.एच.ई. द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में स्वीकृत की गई नल-जल योजनाओं के अंतर्गत प्रावधानित पानी की टंकियों का निर्माण एवं पाइपलाइन बिछाने के कार्य कराये जा रहे हैं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र बीना के ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत 51 एकल नल-जल योजनाओं में ठेकेदारों द्वारा पाइपलाइन डालने के उपरांत पाइपलाइन कार्य के लिए काटी गई सड़क का मरम्मत कार्य पूर्ण कर दिया गया है, तथापि ग्राम बारधा में पाइपलाइन कार्य के लिए काटी गई 980 मीटर रोड के रेस्टोरेशन का कार्य शेष है। समूह योजनान्तर्गत पाइपलाइन बिछाने हेतु निर्माण एजेंसी द्वारा 76.30 कि.मी. सी.सी. रोड को खोदा गया था, जिसमें से 54.70 कि.मी. रोड रेस्टोरेशन का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। शेष 21.60 कि.मी. का पुनर्भरण कर आवागमन हेतु उपयोगी बना दिया गया है। जी हाँ, पाइपलाइन टेस्टिंग के उपरांत शीघ्र पूरा कराया जाना प्रावधानित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत प्रोत्साहन राशि
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
21. ( क्र. 1048 ) श्रीमती निर्मला सप्रे [एडवोकेट] : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत राज्य की गरीब निर्धन कन्याओं के विवाह कार्यक्रम सागर जिले में माह जनवरी 2025 से माह मई 2025 के बीच किस-किस विधानसभा में आयोजित किये गए? विधानसभावार, दिनांक, स्थान, वर-वधु जोड़ों की संख्या एवं नोडल एजेंसी के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार म.प्र.शासन की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत विवाह करने वाली कन्या को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि क्या सभी नव विवाहित कन्याओं को दी जा चुकी है? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि नहीं, है तो क्यों? यदि हाँ, तो मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत दिनांक 30 अप्रैल 2025 को बीना विधानसभा के बीना नगर कृषि उपज मंडी प्रांगण में होने वाले सामूहिक विवाह सम्मलेन में विवाह करने वाली कन्याओं को प्रश्न दिनांक तक दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उनके बैंक खाते में राशि नहीं भेजी गई। यह भी बतावें कि कब तक दी जावेगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) विधानसभा रहली, खुराई, बीना, नरयावली (मकरोनिया) सुरखी जनपद पंचायत राहतगढ़ एवं देवरी में विवाह करने वाली कन्याओं को प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है उक्त योजना केन्द्रीयकृत आहरण व्यवस्था में सम्मिलित है। शेष विधानसभा में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत विवाह करने वाली कन्याओं को प्रोत्साहन राशि सभी नवविवाहित कन्याओं को ग्लोबल बजट के अभाव में दिया जाना शेष है। प्रश्न दिनांक तक 402 नवविवाहित कन्याओं की राशि नगर पालिका बीना के खाता क्रमांक 00000053023290020 में प्रदाय की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय संजय निकुंज कुआं की व्यवस्थाओं की जानकारी
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
22. ( क्र. 1162 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय संजय निकुंज नर्सरी कुआं की स्थापना कब की गई? इस नर्सरी में कार्यालय एवं कितने आवासीय परिसरों का कब निर्माण किया गया, वर्तमान समय में ये संरचनायें किस स्थिति में हैं? नर्सरी में सिंचाई की व्यवस्था हेतु क्या नलकूप का खनन किया गया है? आवासीय परिसरों एवं कार्यालय में क्या घरेलू विद्युत-कनेक्शन की व्यवस्था है तथा नर्सरी के चारों ओर बाउण्ड्रीवाल/तार फेंसिंग की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्था द्वारा शासन की कौन-कौन सी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है? यहां कौन-कौन से कितने फलदार-वृक्ष लगे हैं तथा उनसे विगत तीन वर्षों में कितनी आय हुई तथा विगत एक वर्ष में नर्सरी द्वारा किस-किस प्रजाति के पौधों का कितनी राशि से विक्रय किया गया? (ग) नर्सरी के संचालन हेतु एवं शासकीय-योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कितने कर्मचारी/ अधिकारी पदस्थ हैं? कितनों की और आवश्यकता है? आवश्यक स्टाफ कब तक पदस्थ कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शासन इस नर्सरी को आदर्श-नर्सरी बनाने हेतु आवश्यक अधिकारी/कर्मचारियों की पदस्थी व कार्यालय एवं आवासीय-परिसरों का निर्माण कर उसमें विद्युत कनेक्शन एवं पानी के स्रोत हेतु नलकूप का खनन तथा नर्सरी की सुरक्षा हेतु बाउण्ड्रीवाल/तार फेंसिंग का कार्य करायेगा? उत्तर में यदि हां, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्था द्वारा राज्य पोषित योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY), पर ड्रॉप मोर क्रॉप (PDMC), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) का क्रियान्वयन किया जा रहा है। संस्था द्वारा विभिन्न प्रजाति के फलदार, शौभायमान एवं वानिकी आदि पौधों का उत्पादन किया जाकर किसानों को शासकीय दर पर उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब, ''स'' एवं ''इ’’ अनुसार है। (ग) नर्सरी के संचालन एवं शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु नवीन सेटअप अनुसार स्वीकृत/भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’द’’ अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान में कोई कार्य योजना नहीं है।
शासनादेशों का पालन सुनिश्चित किया जाना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
23. ( क्र. 1166 ) श्री आरिफ मसूद : क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 204/1840713/2022/1 भोपाल दिनांक 20.02.2024 के अंतर्गत सभी विभागों के प्रमुख सचिवों/विभागाध्यक्षों एवं सभी संबंधितों को ''विभागीय जांच प्रकरणों को समयावधि में निराकरण करने के संबंध में'' विषयान्तर्गत निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) उक्त निर्देशों के अंतर्गत विभागीय जांच की न्यूनतम/अधिकतम समयावधि कितनी निर्धारित की गई है? उक्त निर्देशोपरांत जांचकर्ता अधिकारी/संचालक गैस राहत एवं पुनर्वास के अधीन किन-किन की जांचें कब से लंबित है? उनके नामों सहित जानकारी देवें। (ग) शासन द्वारा निर्धारित समयावधि में जांच पूर्ण नहीं किये जाने के क्या-क्या विधियुक्त/नियमयुक्त कारण रहे? समयावधि में जांच पूर्ण नहीं किये जाने के कारण किन-किन को सेवानिवृत्ति पश्चात् उनके कौन-कौन से स्वत्वों के भुगतानों को किन-किन नियमयुक्त/ विधियुक्त कारणों से रोका गया है, की जानकारी देवें? उनके रोके स्वत्वों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा। (घ) अपचारी अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्ति पश्चात उन्हें कौन-कौन सी पेंशन कितने-कितने प्रतिशत किन-किन प्रावधानों के अंतर्गत प्रदान की जा रही है? पूर्ण पेंशन नहीं देने के क्या कारण हैं? शासन विभाग अपचारी अधिकारी/कर्मचारी की लंबित जांचे कब तक पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित करेगा? निश्चित समयावधि बतावें? यदि नहीं, तो कारणों सहित जानकारी देवें।
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त निर्देशों के अंतर्गत विभागीय जांच की न्यूनतम/अधिकतम समयावधि मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम), 1966 के नियम 14 के अधीन मुख्य शास्ति अधिरोपित की जाने वाली प्रक्रिया एक वर्ष की समयावधि में तथा लघुशास्ति के मामले अधिकतम 150 दिवस अर्थात 5 माह में आवश्यक रूप से पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये गये है। विभाग के अधीन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ डॉ. रविशंकर वर्मा, प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, गैस राहत, भोपाल के विरूद्ध म.प्र. शासन भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के आदेश क्रमांक एफ 6-5/2015/47, दिनांक 14.08.2020 द्वारा संस्थित विभागीय जांच लंबित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्यालयों में शौचालय, फर्नीचर, पेयजल की व्यवस्था
[जनजातीय कार्य]
24. ( क्र. 1211 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सैलाना विधानसभा क्षेत्र में संचालित शासकीय विद्यालयों में छात्र/छात्राओं हेतु पृथक-पृथक सुविधायुक्त शौचालय निर्मित है? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण हो जायेगी? यदि नहीं, तो कारण बताये? (ख) क्या सैलाना विधानसभा क्षेत्र में संचालित शासकीय विद्यालयों में छात्र/छात्राओं को बैठने के लिये पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है एवं कब तक पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध करा दिये जायेंगे? (ग) क्या सैलाना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित शासकीय विद्यालयों में स्वयं के शुद्ध पेयजल के स्त्रोत है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है एवं कब तक इन विद्यालयों में स्वयं के शुद्ध पेयजल स्त्रोतों की व्यवस्था की जायेगी? (घ) क्या सैलाना विधानसभा क्षेत्र के कई विद्यालयों में शिक्षक, प्रधानाध्यापक, अतिथि शिक्षक एवं लैब स्टाफ के पद वर्षों से रिक्त हैं? यदि हाँ, तो उन पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र में संचालित शासकीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं हेतु पृथक-पृथक सुविधायुक्त शौचालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। जिन विद्यालयों में शौचालय निर्मित नहीं है या अतिरिक्त आवश्यकता है, जिले को प्राप्त बजट की सीमा में कार्य प्राथमिकता अनुसार स्वीकृत किये जाते हैं। प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा शौचालय निर्माण कार्य हेतु जिला शिक्षा केन्द्र (स.शि.अभि.) को आवंटन प्रदाय किया जाता है विद्यालयों में सुविधा युक्त शौचालय पूर्ण किये जाने की प्रक्रिया सतत् होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में संचालित शासकीय विभागीय उ.मा.वि. एवं हाई स्कूलों में छात्र-छात्राओं को बैठने के लिये फर्नीचर उपलब्ध है, प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में फर्नीचर व्यवस्था राज्य शिक्षा केन्द्र के माध्यम से की जाती है। प्रक्रिया सतत् होने से प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सैलाना विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित शासकीय उ.मा.वि. एवं हाईस्कूलों में स्वयं के शुद्ध पेयजल के स्त्रोत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जिन विद्यालयों में शुद्ध पेयजल के स्त्रोत नहीं है या अतिरिक्त आवश्यकता है, वहां जिले को प्राप्त बजट की सीमा में पेयजल कार्य प्राथमिकता अनुसार स्वीकृत किये जाते है। प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा पेयजल व्यवस्था हेतु जिला शिक्षा केन्द्र (स.शि.अभि.) को आवंटन प्रदाय किया जाता है। विद्यालयों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराये जाने की प्रक्रिया सतत् होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रधानाध्यापक के रिक्त पद उच्च पद प्रभार से भरे जाने की कार्यवाही की जा रही है। अतिथि शिक्षक के संबंध में शासन निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्नांश शासन से संबंधित है।
नर्मदापुरम संभाग अंतर्गत आने वाले वनग्राम
[जनजातीय कार्य]
25. ( क्र. 1254 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम संभाग अंर्तगत आने वाले किस वनग्राम को एस.ओ.पी. दिनांक 16 अप्रैल 2025 के अनुसार राजस्व ग्राम का दर्जा देने की कार्यवाही की जा रही है? इसमें से किस वनग्राम के संयुक्त जाँच दल ने किस दिनांक को ग्राम के पट्टाधारियों एवं काबिजो के संबंध में अपना प्रतिवेदन तैयार किया? (ख) किस वनग्राम का 1980 में बंदोबस्त कर बनाया गया पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, निस्तार पत्रक एवं 31/12/1976 तक के पात्र अतिक्रमणकारियों की सूची वनमंडल के द्वारा संयुक्त जाँच दल को उपलब्ध कराई गई? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) खसरा पंजी में ग्राम का कितना रकबा दर्ज बताया है। कितना रकबा, कितने पट्टाधिकारियों के नाम दर्ज है, कितना रकबा कितने अतिक्रमणकारियों के कब्जे में होना खसरा पंजी में दर्ज बताया गया है। इनमें से कितने रकबे पर कितने व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र मान्य किए है? (घ) पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, निस्तार पत्रक एवं अतिक्रमण पंजी संयुक्त जाँच दल को उपलब्ध नहीं करवाये जाने का मुख्य कारण क्या है? यह अभिलेख कब तक जाँच दल को उपलब्ध करवा दिए जावेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) एस.ओ.पी. दिनांक 16 अप्रैल 2025 के अनुसार नर्मदापुरम संभाग अंतर्गत आने वाले हरदा, नर्मदापुरम एवं बैतूल जिले के वनग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संयुक्त जांच दल द्वारा वनग्राम संबंधी प्रतिवेदन तैयार नहीं है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार वनग्राम के 1980 में बंदोबस्त कर बनाया गया पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, निस्तार पत्रक एवं 31/12/1976 तक के पात्र अतिक्रमणकारियों की सूची वनमंडल के द्वारा संयुक्त जाँच दल को उपलब्ध कराई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भू-स्वामी हक में दर्ज भूमि से काटी गई लकड़ी का भुगतान
[वन]
26. ( क्र. 1256 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदापुरम वनमंडल के अंतर्गत ग्राम खटामा की भूमि खसरा क्रमांक 83/1, 83/2, 83/3, 83/4 के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) इटारसी के द्वारा की गई जाँच में भूमि को भू-स्वामी हक की भूमि दर्ज बताए जाने के बाद भी काटी गई वनोपज का भुगतान संबंधित किसान को प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है? (ख) अनुविभागीय अधिकारी इटारसी के द्वारा की गई जाँच का प्रतिवेदन वनमंडल को किस दिनांक को प्राप्त हुआ, खसरा क्रमांक 83 का पुराना खसरा नम्बर क्या जाँच प्रतिवेदन में बताया जाकर उसे कब से किस-किस किसान के भू-स्वामी हक में दर्ज होना जाँच प्रतिवेदन में बताया गया है? प्रति सहित बतावें। (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1954 लागू होने के दिनांक से खसरा पंजी में भू-स्वामी हक में दर्ज भूमि को अधिकार अभिलेख में खसरा क्रमांक 83 किसके नाम पर दर्ज बताया गया है, उससे काटी गई लकड़ी के कितने मूल्य का भुगतान कब से वनमंडल द्वारा नहीं किया गया है? (घ) निजी भूमि से काटी गई वनोपज के मूल्य का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी इटारसी के आदेश क्रमांक/1977/अविअ/रीडर-1/2025 दिनांक 23.04.2025 द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 में अधिसूचित वन खण्ड खोरी, ग्राम खटामा का अधिनियम की धारा 5 से 19 में पूर्ण वन व्यवस्थापन न कर आंशिक वन व्यवस्थापन किए जाने के कारण काटी गई वनोपज का भुगतान संबंधित किसान को प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) इटारसी के द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक/1977/अविअ/रीडर-1/2025 दिनांक 23.04.2025, वनमण्डल कार्यालय नर्मदापुरम में दिनांक 25.04.2025 को प्राप्त हुआ है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) इटारसी के प्रतिवेदन में अधिकार अभिलेख पंजी वर्ष 1955-56 अनुसार खसरा क्रमांक 83 (पुराना खसरा नम्बर 166, 167, 168, 170, 176) पुरूषोत्तम लाल पिता दीनानाथ नम्बरदार, निवासी जमानी भूमि स्वामी के नाम दर्ज होना प्रतिवेदित किया गया है। काटे गये वृक्षों से प्राप्त काष्ठ का डिपो में परिवहन होने के उपरान्त दिनांक 15.01.2024, 21.01.2024, 02.01.2025 को गणना पत्रक अनुसार काष्ठ के मूल्य की राशि रूपये 51,88,9242/- वनमण्डल नर्मदापुरम के पी.डी. खाता क्रमांक पीडी/160/0417/95-1001 में जमा है। राशि का भुगतान उत्तरांश (क) अनुसार नहीं किया गया है। (घ) प्रकरण के निराकरण हेतु संबंधित वनखंड के पूर्ण वन व्यवस्थापन हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी इटारसी को मध्य प्रदेश शासन, वन विभाग के पत्र दिनांक 23/07/2025 द्वारा निर्देश दिया गया है। प्रक्रिया अर्धन्यायिक होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सड़कों का पुनर्निर्माण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
27. ( क्र. 1274 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जल निगम द्वारा मैहर विधानसभा अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में पाइप-लाइन व नल कनेक्शन कार्य हेतु सड़कों की खुदाई की गयी है? यदि हाँ, तो क्या खुदाई उपरांत सड़क पुनर्निर्माण/मरम्मत (रोड रेस्टोरेशन) किया गया है? यदि हाँ, तो कहां-कहां किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में (रोड रेस्टोरेशन) पुनर्निर्माण/मरम्मत के लिये शेष ग्रामों की जानकारी देते हुए ऐसे ग्रामों में कब तक सड़क पुनर्निर्माण/मरम्मत (रोड रेस्टोरेशन) किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में ग्रामीण अंचल की आंतरिक सड़कों के पुनर्निर्माण/मरम्मत (रोड रेस्टोरेशन) के कार्य में विलंब करने के लिये उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी हाँ। जी हां, कार्य प्रगति पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्य दिसम्बर 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) रोड रेस्टोरेशन का कार्य प्रगतिरत है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही के साथ कार्य कराये जाने की स्वीकृति
[वन]
28. ( क्र. 1347 ) श्री अभय मिश्रा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा परिक्षेत्रवार वर्किंग प्लान तैयार किये जाने बावत् निर्देश हैं? निर्देश की प्रति देते हुये बतावें वर्ष 2023-24, 2024-25 में वन मण्डल रीवा अंतर्गत परिक्षेत्रवार तैयार किये गये वर्किंग प्लान की प्रति विवरण सहित उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार तैयार वर्किंग प्लान के अनुसार किन-किन वन परिक्षेत्रों में किस-किस तरह के कार्य कितनी-कितनी लागत से प्रस्तावित किये गये, प्रस्तावित कर कहां-कहां, कितनी-कितनी लागत से कराये गये, इन पर व्यय की गई राशि का विवरण प्रमाण सहित देते हुये बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जारी निर्देश के पालन में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में मण्डल रीवा द्वारा वर्किंग प्लान तैयार नहीं की गई, कार्य परिक्षेत्रवार नहीं कराये गये, इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी हैं, उनके पदनाम सहित उन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे साथ ही वर्किंग प्लान प्रश्नांश की अवधि अनुसार तैयार कराये जाने बावत् क्या निर्देश देंगे, अगर नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं, Working Plan सम्पूर्ण वन संभाग का दस वर्ष के लिए तैयार किया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समाधान पूरा न होने पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
29. ( क्र. 1348 ) श्री अभय मिश्रा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला योजना समिति की समीक्षा बैठक दिनांक 23.12.24 के पालन प्रतिवेदन में कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार दिनांक 30.06.2025 तक सभी एकल ग्राम नल योजना का कार्य पूर्ण कराने की कार्यवाही की जा रही है। इस अनुसार योजनावार स्थिति क्या हैं बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जल जीवन मिशन अंतर्गत योजनाओं की स्थिति में ट्रायल रन एवं कार्यों को 90 व 100 प्रतिशत पूर्ण कर दी गई जिनका भौतिक सत्यापन एवं पेयजल आपूर्ति के मौके की स्थिति क्या है। इसकी जांच कार्यवाही के निर्देश देंगे बतावें। नहीं तो क्यों सेमरिया विधान सभा के कार्यों की जानकारी पृथक से देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जिला योजना समिति एवं जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक दिनांक 10.04.2023 में दी गई जानकारी पृथक-पृथक हैं जिनकी जांच उच्च स्तरिय समिति से कराकर कार्यवाही के निर्देश देंगे। बतावें नहीं तो क्यों। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित योजनाओं को निर्धारित अवधि पर पूर्ण न कराने शासन को भ्रमित करने पृथक-पृथक जानकारी अलग-अलग बैठकों में देने की जांच एवं कार्यवाही बावत् क्या निर्देश देंगे बतायें? संविदाकारों के कार्यादेश कब-कब किन शर्तों पर बढ़ाये गये तो क्यों विवरण देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
एकल ग्राम नल योजना व समूह जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
30. ( क्र. 1377 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) एकल ग्राम नल योजना व समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत मंदसौर जिले के विधानसभावार ग्रामों में वर्तमान समय में क्या स्थिति है? कितने स्थानों पर योजना कार्य अपूर्ण है व किस कारण? पूर्ण ब्यौरा दें? (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में उपरोक्त योजनाओं में वर्ष 2023 से अब तक कितने ग्रामों में जल प्रदाय किया जा रहा है? कितने ग्रामों में अब भी पेयजल संकट विद्यामन है? (ग) गरोठ विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों में पेयजल समस्या का समाधान कब तक कर दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजना अंतर्गत सम्मिलित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 अनुसार है। एकल ग्राम नल-जल योजना अंतर्गत 196 ग्रामों की योजनाओं में से 176 ग्रामों की योजनाएं पूर्ण एवं 20 ग्रामों की योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। शेष 725 ग्रामों में समूह जल प्रदाय योजना का कार्य जल निगम द्वारा किया जा रहा है, जो प्रगतिरत है। विधानसभावार एवं ग्रामवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -02 अनुसार है। (ख) 51 ग्रामों में एकल ग्राम योजना से जल प्रदाय किया जा रहा है। किसी भी ग्राम में पेयजल संकट विद्यमान नहीं है। (ग) गरोठ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रगतिरत एकल स्वीकृत ग्राम योजनाओं को पूर्ण करने की संभावित तिथि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 अनुसार है एवं समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत सम्मिलित ग्रामों की योजनाओं के कार्य दिसम्बर 2026 तक किया जाना संभावित है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना की जानकारी
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
31. ( क्र. 1378 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का पूर्ण ब्यौरा क्या है? (ख) उक्त योजनांतर्गत मंदसौर जिले में क्या-क्या सुविधायें प्रदान की गई है? (ग) जिले में बीज अंकुरण परीक्षण हेतु क्या-क्या सुविधायें प्रदान की गई है व कहाँ-कहाँ? ब्यौरा दें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के मार्गदर्शी निर्देश/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत मंदसौर जिले में व्यक्तिगत इकाई स्थापना हेतु 327 ऋण प्रकरण स्वीकृत किये जाकर 149 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। (ग) बीज अंकुरण परीक्षण हेतु विभाग में कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गांधीसागर अभयारण्य की भूमि
[वन]
32. ( क्र. 1379 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधीसागर अभयारण्य में कुल कितनी वन भूमि संरक्षित है? (ख) उपरोक्त भूमि पर कहाँ-कहाँ, कितना-कितना अतिक्रमण है व कब से है? (ग) अतिक्रमण हटाने की दिशा में अब तक क्या कार्यवाही की गई?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) गांधीसागर अभयारण्य में कुल 368.62 वर्ग कि.मी. क्षेत्र अधिसूचित है। (ख) वनमण्डल मन्दसौर अंतर्गत गेम रेंज पूर्व गांधीसागर अभयारण्य के बीट हरीगढ़ वन कक्ष क्रमांक 1098 में 0.040 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिक्रमण दिनांक 28.08.2005 से है। (ग) उत्तरांश (ख) के अतिक्रमण में से 0.016 हेक्टेयर अतिक्रमण को बेदखल किया गया है। शेष अतिक्रमण प्रकरण दर्ज किया गया है।
समितियों के निर्वाचन में की गई शिकायत एवं कार्यवाही
[वन]
33. ( क्र. 1402 ) श्री मधु भगत : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के उत्तर सामान्य वन मंडल बालाघाट में वर्ष 2022/23 में वन विभाग में किये गये वन सुरक्षा समिति के निर्वाचन की प्रक्रिया के समस्त कार्यवाही करावे? (ख) 2022 से प्रश्न दिनाँक तक समिति द्वारा किये गये कार्यों के बैठक की जानकारी सहित क्रियान्वयन के कार्यों एवं साथ ही वन विभाग के नियम अनुसार समिति द्वारा वन विभाग को किये गये सहयोग की जानकारी भी बतावें। (ग) वन सुरक्षा समिति लामता विकासखण्ड बालाघाट में निर्वाचन प्रक्रिया का नियम विरूद्ध पालन किया गया है? क्या उक्त समिति के निर्वाचन की जांच प्रश्नकर्ता या प्रश्नकर्ता के प्रतिनिधि की उपस्थिति में की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों? जबकि प्रश्नकर्ता द्वारा वन सुरक्षा समिति लामता के निर्वाचन की जांच किये जाने हेतु पत्र क्रमांक 639 दिनांक 01/07/2025 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वनबल प्रमुख मध्यप्रदेश शासन भोपाल को शिकायत संलग्न पत्रक सहित शिकायत की जा चुकी है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विभाग उत्तर सामान्य वनमण्डल बालाघाट में वर्ष 2022-23 में 42 वन सुरक्षा समितियों के निर्वाचन की प्रक्रिया संयुक्त वन प्रबंधन के संकल्प 2001 के अनुसार की गई है, जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट-क अनुसार है। (ख) उत्तर सा. वनमण्डल बालाघाट के अंतर्गत वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक 08 समितियों द्वारा कराये गये कार्यों के बैठक की जानकारी सहित क्रियान्वयन के कार्यों के एवं साथ ही वन विभाग के नियम अनुसार वनमण्डल के अंतर्गत गठित समितियों द्वारा वन विभाग को वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा, अवैध शिकार, अतिक्रमण, उत्खनन, वनों की अग्नि से सुरक्षा आदि कार्यों में आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाता है। वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक समिति द्वारा वन विभाग को किये गये सहयोग का मूल्यांकन कार्य प्रगतिरत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ख अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बायोफ्यूल का उपयोग करना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
34. ( क्र. 1429 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में बायोफ्यूल का उपयोग यात्री बसों में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा सकता है? यदि हाँ, तो इस संबंध में जारी आदेश/परिपत्र की जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि उत्तर ना है तो, शासन द्वारा बायोफ्यूल से संचालित बसों पर क्या कार्यवाही की गयी? जिलेवार, प्रकरणवार विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ग) भोपाल नगर निगम के जवाहर चौक डिपो में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा दिनांक 27/09/2021 का बी.सी.एल.एल. की गाड़ियों में बायोफ्यूल के उपयोग पर क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में बायोडीजल नामक बॉयोफ्यूल का उपयोग बसों में ईंधन में मिश्रण के रूप में किया जाता है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रदेश में बायोडीजल (बॉयोफ्यूल) से संचालित बसों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है, परन्तु अवैध संग्रहण/विक्रय करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। (ग) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधीनस्थ अमलों एवं पुलिस के संयुक्त दल द्वारा दिनांक 06.10.2021 को भोपाल नगर निगम के जवाहर चौक स्थित बी.सी.सी.एल. डिपो पर जांच में गम्भीर अनियमितताएं पाई जाने के कारण अवैध रूप से संग्रहित 2785 लीटर बायोडीजल जिसकी कीमत रूपये 2,22,880/- (दो लाख बाईस हजार आठ सौ अस्सी रूपये मात्र) जप्त कर प्रकरण न्यायालय कलेक्टर भोपाल में प्रस्तुत किया जाकर सुनवाई के दौरान दिनांक 04.02.2022 को संबंधितों के विरूद्ध पुलिस थाना टी.टी.नगर में अभियोजन हेतु एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है। प्रकरण में न्यायालय कलेक्टर भोपाल द्वारा जप्त सामग्री पूर्ण रूप से राजसात कर दिनांक 09.06.2023 को आदेश जारी किये गये।
आदिवासी उप योजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद से प्राप्त राशि
[वन]
35. ( क्र. 1456 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2024-25 आदिवासी उप योजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद से प्राप्त राशि में से कितनी-कितनी राशि परीक्षण कार्यों में व्यय की गई है? (ख) क्या इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रशिक्षण हेतु किसी एन.जी.ओ. को चयनित किया गया था? यदि हाँ, तो उसका नाम एवं उसके चयन की प्रक्रिया प्रकाशित निविदा आदि की वन मंडलवार जानकारी देने का कष्ट करेंगे। (ग) इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बाद लाभान्वित हितग्राहियों को क्या-क्या लाभ हुआ?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वर्ष 2024-25 में आदिवासी उप योजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद में वन विभाग को कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष प्रशिक्षण कार्यों में व्यय करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनरक्षक का वेतनमान
[वन]
36. ( क्र. 1460 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार का आदेश क्र./F No.110011/01/2006/Dir (IFS) Date 25.01.2007 के अनुरूप क्या म.प्र. में वनरक्षकों को पुलिस विभाग के प्रधान आरक्षक तथा राजस्व पटवारियों के समकक्ष का वेतन एवं भत्ता दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो वन कर्मचारियों को 13 माह का वेतन एवं भत्ता दिया जा रहा है या शासन स्तर पर लंबित है? यदि नहीं, तो भविष्य में क्षेत्रीय वन कर्मचारियों को समान पद समान वेतन का लाभ कब तक दिए जाने का प्रावधान है? समान पद समान कार्य के अनुरूप वनरक्षकों को वृत्त स्तर/संभागीय स्तर/जोन स्तर का पद का समायोजन किए जाने का क्या भविष्य में प्रावधान है? (ख) वन परिसरों में पदस्थ वनरक्षकों को गस्ती हेतु पेट्रोलिंग एवं स्टेशनरी भत्ता तथा जोखिम भत्ता हेतु क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं? (ग) क्या वर्ष 1980 के पूर्व वनरक्षक का वेतनमान राजस्व पटवारी, पुलिस प्रधान आरक्षक एवं शिक्षा विभाग से उच्चतर था? यदि हाँ, तो कब से कब तक। यदि नहीं, तो वेतनमान कम होने का क्या कारण है।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। (ख) वन विभाग में पदस्थ वनरक्षकों को गश्ती हेतु पेट्रोलिंग एवं स्टेशनरी भत्ता तथा जोखिम भत्ता हेतु प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन मुख्यालय को लिखे गए पत्र एवं उनके उत्तर
[वन]
37. ( क्र. 1461 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के द्वारा गत चार वर्षों में किस-किस दिनांक को किस-किस विषय पर लिखा पत्र वन मुख्यालय को किस दिनांक को प्राप्त हुआ, मध्य प्रदेश राजभवन से प्रश्नकर्ता का किस विषय पर लिखा पत्र वन मुख्यालय को किस दिनांक को प्राप्त हुआ। (ख) प्रश्नकर्ता के किस-किस दिनांक को किस-किस विषय पर वन मुख्यालय को प्राप्त किस पत्र पर वन मुख्यालय ने किस दिनांक को प्रश्नकर्ता को पत्र लिखकर चाही गई जानकारी या जांच प्रतिवेदन या कार्यवाही का प्रतिवेदन उपलब्ध करवाया, प्रति सहित बतावें। (ग) वन मुख्यालय द्वारा प्रश्नकर्ता को शासन के निर्देशानुसार लिखे गए पत्र के संदर्भ में आवश्यक कार्यवाही कर सूचना नहीं दिए जाने का क्या-क्या कारण है, इसके लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है। (घ) प्रश्नकर्ता के किस दिनांक के पत्र का प्रतिवेदन प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवाया जाएगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिविल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन
[वन]
38. ( क्र. 1470 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार के कर्मचारियों को विदेश जाने के पूर्व व सम्पत्ति क्रय करने के पूर्व विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है एवं प्रतिवर्ष 31 दिसम्बर को विभाग को जानकारी देना अनिवार्य है? (ख) यदि हाँ, तो इन्दौर स्थित वन विभाग के कितने कर्मचारियों द्वारा 2023 से प्रश्न दिनांक तक बिना विभाग की अनुमति के विदेश यात्रा की है व बिना अनुमति वाहन/सम्पत्ति की खरीद की है। जिनकी शिकायत भी हुई है उनके विरूद्ध क्या ठोस कार्यवाही की गई है। ऐसे आदतन कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा कब कठोर कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या विभाग से प्रतिवर्ष उत्कृष्ठ कर्मचारियों को जिला प्रशासन को स्वतंत्रता दिवस पर पुरस्कृत किए जाने के नाम भेजे जाते है। इसका क्या पैमाना है। क्या जिन कर्मचारियों पर विभागीय नियमों के उल्लंघन एवं भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बावजूद उनके नाम पुरस्कृत किए जाने के लिए भेजे गए है? (घ) क्या इन्दौर स्थित विभाग में विभिन्न वृक्षारोपण कार्य में भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतें आ रही है। यदि हाँ तो उक्त शिकायतों पर अभी तक विभाग द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) शासकीय सेवक को विदेश जाने के पूर्व विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है तथा सम्पत्ति क्रय की पूर्ण जानकारी नियमानुसार विभाग को देना अनिवार्य है। (ख) वन वृत्त इन्दौर के अंतर्गत वनमण्डल कार्यालय इन्दौर स्थिति 1 कर्मचारी श्रीमती लीना झाला, कार्यवाहक उप वनक्षेत्रपाल द्वारा माह फरवरी 2024 में बिना विभाग की अनुमति के विदेश यात्रा की गई है। वनमण्डलाधिकारी, इन्दौर द्वारा आरोप पत्र जारी किया गया है। अनुमति वाहन/सम्पत्ति की खरीद के पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होने से शेष जानकारी निरंक है। (ग) जी हाँ। इन्दौर वनमण्डल में कर्मचारियों द्वारा किये गये कार्यों के मूल्यांकन के आधार पर नाम प्रस्तावित किये गये हैं। पुरस्कृत किये जाने हेतु कोई शर्त नहीं होने से कर्मचारियों का नाम प्रस्तावित किया गया है। (घ) जी हाँ। शिकायत प्रकरणों की जांच सतत् प्रक्रिया में है।
जप्त वाहनों की जानकारी
[वन]
39. ( क्र.
1484 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, वन महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
टीकमगढ़
जिले में विगत
दो वर्ष में
कुल कितने वाहन
किस-किस अपराध
में जब्त
किये गये हैं? वाहन
का प्रकार
सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित जब्त
वाहनों में
कितनों की अधिग्रहण
करने की
कार्यवाही की
और कितने नियम
विरूद्ध
तरीके से
जुर्माना कर
छोड़ दिये, खासकर
वन
परिक्षेत्र
जतारा में ऐसा
क्यों? (ग) वनमंडल
टीकमगढ़ में
ऐसे कितने
अधिकारी हैं जो
नियम विपरीत
गृह जिले में
पदस्थ हैं? (घ) प्रश्नांश
(ग) में
वर्णित भूल
में कब तक सुधार
किया जावेगा?
राज्य
मंत्री, वन (
श्री दिलीप
अहिरवार ) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1
अनुसार है।
(ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-2
अनुसार
है। उक्त
वाहनों में से
जुर्माना कर
छोड़े गये वाहन
जांच
प्रक्रिया
में है। (ग) वनमंडल
टीकमगढ़ में कोई
भी अधिकारी
नियम विपरीत
गृह जिले में
पदस्थ नहीं
हैं। (घ) उत्तरांश (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वन परिक्षेत्राधिकारी ओरछा द्वारा रिकार्ड में हेराफेरी
[वन]
40. ( क्र. 1485 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री आमिर खान, वन परिक्षेत्र अधिकारी की सेवापुस्तिका में उनका घर का पता निवाड़ी लेख है? (ख) वर्तमान में इनका पता सीनियरिटी लिस्ट में टीकमगढ़ लेख कर दिया गया? ऐसा क्यों? (ग) क्या कभी इनका पता निवाड़ी लेख कर दिया जाता है और कभी टीकमगढ़ ऐसा क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित अनियमितताओं के लिये कौन-कौन दोषी है? कब तक इनको गृह जिला से हटाया जायेगा?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन वनक्षेत्रपाल मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सम्मिलित हुए थे, जिसका परिणाम जून 2018 में प्रकाशित हुआ, तत्समय निवाड़ी जिला अस्तित्व में नहीं था। नव गठित जिला निवाड़ी 1 अक्टूबर 2018 से अस्तित्व में आया है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अभ्यार्थियों के द्वारा मई 2018 में प्रस्तुत किये गये अभिलेखों के आधार पर वरीयता सूची तैयार की गई है। इस कारण वरीयता सूची में प्रश्नाधीन वनक्षेत्रपाल का गृह जिला टीकमगढ़ अंकित है। (ग) प्रश्नाधीन वनक्षेत्रपाल की सेवापुस्तिका उनकी परिवीक्षा अवधि के दौरान परिवीक्षित वनमण्डल टीकमगढ़ में वर्ष 2021 में तैयार की गई है। इसीलिये प्रश्नाधीन वनक्षेत्रपाल की सेवापुस्तिका में गृह जिला निवाड़ी एवं वरीयता सूची में गृह जिला टीकमगढ़ लिखा है। (घ) प्रश्नाधीन वनक्षेत्रपाल की सेवापुस्तिका में दर्ज गृह जिला के आधार पर वरीयता सूची में गृह जिला संशोधन हेतु कार्यवाही प्रारम्भ है। प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के लिए कोई दोषी नहीं है, ना ही कोई अनियमितता हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल जीवन मिशन योजना में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
41. ( क्र. 1569 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धरमपुरी विधानसभा में जल जीवन मिशन योजना योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन पंचायत में किस फर्म/कंपनी/ठेकेदार द्वारा कार्य किए गए हैं? उक्त कार्यों की अनुबंध अवधि कब तक की थी क्या ठेकेदार/कंपनी द्वारा अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण कर दिया गया है? कितनी पंचायतों में कार्य पूर्ण कर टोटी लगाकर जल प्रदाय चालू कर दिया गया है एवं कितनी में नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन पंचायतों में अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है उन एजेन्सी/ठेकेदारों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिन पंचायतों में पानी की टंकियां बनाई है तथा पाइप-लाइन बिछाई गई है वहां सी.सी.रोड को खोदा गया है और खोदने के पश्चात उन्हें सही तरीके से रिपेयर नहीं किया गया है क्या लाखों रुपए की लागत से बने ग्रामीण क्षेत्रों में सी.सी.रोड का भारी नुकसान ठेकेदारों की लापरवाही से हुआ है? कहां-कहां सी.सी.रोड के पुनर्निर्माण करवाया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार संचालित कार्यों का निरीक्षण किन-किन स्थानीय और उच्च अधिकारियों द्वारा किया गया सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? क्या सम्पूर्ण कार्य तय मापदण्डों एवं अनुबंध अनुसार किया गया है यदि नहीं, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारी एवं संबंधित ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है तथा समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन में कार्यों की प्रगति अनुबंधानुसार समानुपातिक न होने पर चलित देयकों से राशि काटी गई है, योजनाओं के कार्य पूर्ण होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं, सी.सी.रोड के पुनर्निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 03 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 04 अनुसार है। जी हां, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
गरीबी रेखा के राशन कार्ड
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
42. ( क्र. 1570 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरीबी रेखा के राशन कार्ड शासन द्वारा बनाये जाना बंद कर दिया गया है। (ख) यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है। (ग) यदि नहीं, तो, शहरी व ग्रामीण क्षेत्रानुसार गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनाये जाने क्या-क्या नियम व प्रावधान है। (घ) विगत पाँच वर्ष में धार जिला अंतर्गत कितने पात्र हितग्राहियों को शासन द्वारा गरीबी रेखा के राशन कार्ड जारी किए गए हैं एवं कितने हितग्राहियों को अपात्र किया गया है व क्यों? विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को राशन कार्ड के स्थान पर पात्र हितग्राहियों के द्वारा ई-केवायसी करवाने के उपरांत बी.पी.एल. श्रेणी की पात्रता पर्ची जारी की जाती है। (ख) म.प्र.शासन की अधिसूचना क्रमांक 257 भोपाल दिनांक 07 जून, 2017 द्वारा लोक सेवाओं के प्रदान की गांरटी अधिनियम, 2010 में संशोधन कर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की सेवाएं क्रमांक 9.1 से 9.8 में बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी होने के स्थान पर नवीन पात्रता पर्ची जारी होना, नाम सुधार, नाम जोड़ना, आदि सुविधाओं को जोड़ा गया है। अधिसूचना एवं पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र.सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानों के अनुसार हितग्राहियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ ऑनलाईन जारी पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) के द्वारा प्रदाय किया जा रहा है। विगत 5 वर्षों में जिले में गरीबी रेखा कार्ड अंतर्गत कुल 4865 ई-राशन पर्ची जारी की गई एवं हितग्राही अपात्र, मृत राशन नहीं लेने, डुप्लीकेट आदि कारणों से कुल 25055 गरीबी रेखा के परिवारों की पात्रता पर्ची निरस्त की गई है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
धरती आबा योजना के कार्य
[जनजातीय कार्य]
43. ( क्र. 1626 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरती आबा योजना के अंतर्गत शासन के किन-किन विभागों को योजना कार्य में शामिल किये गए हैं? विभाग नाम, योजना/कार्य नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। इसके लिये राजपुर विधान सभा क्षेत्र में अब तक कितने सर्वे किस विभाग द्वारा किये गये एवं उनकी सूची शासन स्तर पर भेजी गई है? सभी विभागों द्वारा भेजी गयी सूची की छायाप्रति देवें। (ख) राजपुर विधान सभा में जिन अविद्युतीकृत स्थानों को आफग्रिड रूफटाप एस.पी.व्ही. संयंत्र स्थापना हेतु चिन्हित किया गया है उनकी सूची देवें। (ग) यह कार्य कब से प्रारम्भ होगा एवं इसकी कार्य पूर्णता दिनांक कब होगी, धरती आबा योजना अन्तर्गत राजपुर विधान सभा के समस्त विद्युतिकरण एवं अन्य कार्य कब तक प्रारम्भ होंगे इस संबंध में हुये ऊर्जा विभाग एवं अन्य विभागों के पत्राचार की छायाप्रति देवें। विद्युतिकरण कार्यों में टेंडर कब तक जारी करके कार्य प्रारम्भ कर दिये जायेंगे? (घ) विद्यतिकरण एवं अन्य कार्यों के क्रियान्वयन में विलम्ब के उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि विभाग इसके लिये इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'अ' अनुसार है। धरती आबा योजना के अंतर्गत विभागों द्वारा जिला स्तर पर अपने विभाग से संबंधित कार्य योजनाएं तैयार कर संबंधित विभाग प्रमुखों को प्रेषित की गई हैं, जिनमें राजपुर विधान सभा क्षेत्र से संबंधित कार्य योजनाएं भी सम्मिलित है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –स अनुसार है। (ग) आफग्रीड रूफटाप एस.पी.व्ही. संयंत्र हेतु कम्पनी स्तर से अभी तक कोई निर्देश अप्राप्त है, जिस कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जिला अन्तर्गत ऑनग्रीड के माध्यम से विद्युतीकरण हेतु टेंडर प्रकाशित किया जा चुका है, टेंडर प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अन्य विभागों के कार्यों में संबंधित विभागों की स्वीकृति अपेक्षित होने से कार्य प्रारम्भ होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विद्युतीकरण कार्यों में ऑनग्रीड कार्यों के टेंडर हो चुके है, विद्युतीकरण के आफग्रीड कार्यों/अन्य विभागों के कार्यों में स्वीकृति अपेक्षित होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़वानी जिले में योजनाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
44. ( क्र. 1627 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में प्रधानमंत्री जनमन योजना प्रारम्भ होने से दिनांक 30.06.2025 तक कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के स्वीकृत किये गये विधान सभावार देवें। कार्य नाम, स्थान नाम, लागत, कार्य प्रारम्भ दिनांक, निर्माण एजेन्सी नाम, कार्य पूर्ण, अपूर्ण, तिथि सहित वर्षवार विधान सभावार देवें। (ख) अनुसुचित जाति जनजाति विकास योजना/बस्ती विकास योजना के तहत दिनांक 11/01/2023 से 30/06/2025 तक जिन जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर कार्य स्वीकृत हुए उन अनुशंसा पत्रों की प्रमाणित प्रति बड़वानी जिले के सन्दर्भ में देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार जो कार्य अपूर्ण है वे कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे। ऐसे कार्यों की सूची भी दे जो एक वर्ष से अधिक समय में अभी तक अपूर्ण है कार्य नाम, लागत, आहरित राशि, अपूर्ण प्रतिशत, निर्माण एजेंसी नाम सहित देवें। यह कार्य कब तक पूर्ण होंगे। (घ) अपूर्ण कार्यों के उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा समय-सीमा देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) बड़वानी जिला पी.एम. जनमन योजना अन्तर्गत सम्मिलित न होने से जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। (ग) अपूर्ण कार्य प्रगतिरत है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’ब’’ पर है। (घ) अपूर्ण कार्य प्रगतिशील होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जांच कराये जाने बाबत्
[जनजातीय कार्य]
45. ( क्र. 1632 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त जनजातीय कार्य म.प्र. द्वारा प्राथमिक शिक्षक/माध्यमिक शिक्षक/उच्च मा.शिक्षकों को दो वर्ष की सेवायें देने हेतु प्रतिनियुक्ति पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी शर्तों के अधीन विभागीय विकल्प पर गई गई थी, जिसके संबंध में आदेश क्र./शिक्षा/ स्था.4/2021/20227, भोपाल दिनांक 29.11.2021 में जारी आदेश के तहत टीकमगढ़ जिले में कितने लोक सेवकों के नाम सूची में जारी किये गये एवं तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कब-कब अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये गये उनकी प्रमाणित छायाप्रतियॉं एवं सामान्य प्रशासन विभाग की शर्तों की प्रमाणित छायाप्रतियों सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या दिनांक 29.11.2021 की सूची में लोक सेवक जो अनु.जाति कन्या उत्कृष्ट छात्रावास, जतारा एवं अनु.जनजाति कन्या सीनियर छात्रावास, जतारा एवं अनु.जाति बालक सीनियर छात्रावास, डूड़ा में तीनों एक ही परिवार के लोक सेवक छात्रावासों के अधीक्षक क्यों नियुक्ति किये गये अन्य किसी को नियुक्त क्यों नहीं किया गया तथा किस सक्षम अधिकारी द्वारा आदेश जारी किये गये। समस्त जानकारी सहित आदेशों की प्रमाणित छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। (ग) क्या उपायुक्त जनजातीय कार्य अनु.जाति विकास, सागर संभाग, सागर द्वारा जारी आदेश क्र./550/स्थापना/2023-24, सागर दिनांक 6.10.2023 को पारित आदेश में सीनियर कन्या नवीन छात्रावास, पदस्थ किये जाने हेतु कार्यालय के समक्ष उपस्थित होकर समक्ष में आवेदन दिया गया है इसलिये आदेश में संशोधन करते हुये कन्या उत्कृष्ट छात्रावास जतारा का प्रभार सौंपा जाता है, क्या इस प्रकार का आदेश जारी करने के लिये किसी वरिष्ठ कार्यालय से अनुमति ली गई हां/नहीं तथा किस नियम के तहत आदेश को संशोधित किया गया कारण सहित स्पष्ट करते हुये नियमों की प्रमाणित छायाप्रतियॉं उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, मध्यप्रदेश, भोपाल के आदेश क्रमांक 20227 दिनांक 29/11/2021 में टीकमगढ़ जिले के 03 लोक सेवकों के नाम उल्लेखित हैं। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किये गये। प्रतिनियुक्ति पर लेने हेतु मध्यप्रदेश शासन,सामान्य प्रशासन विभाग, की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’अ’’ पर है। (ख) आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, मध्यप्रदेश भोपाल के आदेश क्रमांक 20227 दिनांक 29/11/2021 द्वारा जारी आदेश में अंकित उक्त लोक सेवक एक ही परिवार के नहीं हैं। उक्त लोक सेवकों को, कलेक्टर टीकमगढ़ के अनुमोदन उपरांत कार्यालयीन आदेश क्रमांक 144 दिनांक 31/01/2022 द्वारा छात्रावास अधीक्षक के पद पर पदस्थ किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’ब’’ पर हैं। (ग) जी हाँ। संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति विकास, सागर संभाग सागर, माध्यमिक शिक्षक पद के नियुक्तिकर्ता अधिकारी है। इसी आधार पर प्राथमिक शिक्षक से माध्यमिक शिक्षक के उच्च पद का प्रभार प्राप्त श्रीमती भारती वर्मा, माध्यमिक शिक्षक की पदस्थापना, स्थान अनुसूचित जाति सीनियर कन्या छात्रावास, जतारा जिला टीकमगढ़ को संशोधित कर शासकीय कन्या सीनियर उत्कृष्ट छात्रावास, जतारा जिला टीकमगढ़ का प्रभार सौंपा गया। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’’स’’ पर हैं।
प्रधानमंत्री जनमन योजना
[जनजातीय कार्य]
46. ( क्र. 1652 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत आदिवासियों के सुख/सुविधा/संपन्नता एवं विकास हेतु कौन-कौन सी योजनाएं किन-किन उद्देश्यों के लिए संचालित की जा रही है? नियम/ निर्देशों/कार्ययोजना की विस्तृत विवरण देते हुये प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) उक्त योजना के अंतर्गत क्या विभाग द्वारा आदिवासियों के हितों को मद्देनजर रखते हुए योजना संचालित है? यदि हाँ, तो विवरण दें? उक्त योजनाओं के अंतर्गत दतिया जिला में सहरिया आदिवासियों को छोड़कर अन्य आदिवासी कौन-कौन सी जाति, उपजाति निवासरत है? यदि हाँ, तो जिला प्रशासन द्वारा चयनित आदिवासियों/गांव/मोहल्ला एवं जनसंख्या का विवरण दें। (ग) दतिया जिला प्रशासन द्वारा जनमन योजना के अंतर्गत आदिवासियों की बस्ती में पानी, सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं की गई है? अलग-अलग विस्तृत विवरण दें। (घ) वर्ष 2023 में क्या शासन द्वारा विधानसभा में स्वीकार किया है कि मांझी में समाहित केवट, मल्लाह, भोई, ढीमर के संबंध में अनु. जनजाति छानबीन समिति द्वारा कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो पत्र/प्रतिवेदन उपलब्ध करायें तथा पिछड़ा वर्ग सूची क्रमांक 12 में विलोपित क्यों नहीं किया गया है? क्या शासन, प्रशासन उपयुक्त जनजातीय कार्य विभाग म.प्र. का पत्र क्रमांक/जा.प्र.समिति/टी/2018/2734 भोपाल दिनांक 18.12.2018 के परिप्रेक्ष्य में दतिया जिला में जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में निर्देश जारी किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -एक अनुसार है। (ख) नहीं। पी.एम. जनमन योजना अन्तर्गत सभी आदिवासी नहीं अपितु विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया एवं सहरिया को विभिन्न विभागों की योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। दतिया जिले में मात्र सहरिया विशेष पिछड़ी जनजाति निवासरत है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) जी हाँ। पत्र/ प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय के पत्र क्रमांक/F.No.12016/14/2001-C&LM दिनांक 13 मार्च 2020 द्वारा ढीमर, कहार, भोई, केवट, मल्लाह, निषाद आदि को मध्यप्रदेश राज्य के लिये अधिसूचित अनुसूचित जनजातियों में मांझी जाति के पर्याय (synonym) के रूप में सम्मिलित करने का प्रस्ताव अमान्य किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। । शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नलजल योजनाओं की जांच एवं स्वीकृत
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
47. ( क्र. 1679 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों में किस-किस दिनांक को नल जल योजना कितनी-कितनी लागत की स्वीकृत हुई है? विकासखण्डवार ग्रामों की सूची सहित जानकारी दी जाए। (ख) उक्त स्वीकृत नल जल योजनाएं किस ठेकेदार द्वारा किस दिनांक को प्रारंभ कर किस दिनांक को पूर्ण कर किस दिनांक को ग्राम पंचायतों को हैंड ओवर की गई है इनका कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर जांच प्रतिवेदन दिया गया है? जांच अधिकारी के नाम एवं पद सहित जानकारी दी जाए। (ग) विधानसभा क्षेत्र सेंवढा के ऐसे कौन-कौन से गांव हैं जिनमें नल जल योजना तो पूर्ण हो गई है, लेकिन अभी तक चालू नहीं है या किसी कारण से बंद पड़ी हुई है? क्या कारण हैं इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है तथा ऐसे कौन-कौन से गांव हैं? जिनमें अभी तक इस योजना की शुरुआत भी नहीं हुई है इन गांवों में इस योजना का लाभ कब तक मिल सकेगा जानकारी दी जाए? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र सेंवढा की नल जल योजनाओं की जांच एक दल गठित कर एवं वंचित ग्रामों में इस योजना को शीघ्र स्वीकृत कराने की कृपा करेंगे यदि हाँ, तो कब तक जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। समूह जल प्रदाय योजनाओं को ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित किए जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। एकल ग्राम नल जल योजना पूर्ण होने के उपरांत ग्राम पंचायत को हस्तांतरित की जाती है, जिसका पंचायत द्वारा संचालन संधारण कराया जाता है तथा जल प्रदाय बंद होने की स्थिति में ग्राम पंचायत द्वारा पुनः चालू कराने के लिए कार्यवाही की जाती है, ग्राम पंचायत द्वारा चाहे जाने पर विभाग द्वारा तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाती है। (घ) विधानसभा क्षेत्र सेवढ़ा के जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका अनुसार समस्त पात्र ग्रामों की नलजल योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राहियों के लंबित आवेदनों का निराकरण
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
48. ( क्र. 1680 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कुल कितने विकलांग/वृद्ध/विधवा/निराश्रित लोग हैं? विकलांगता के प्रतिशत के साथ विकासखण्डवार/ग्रामवार सूची सहित जानकारी दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित किन-किन हितग्राहियों को पेंशन का लाभ मिल रहा है क्या इनमें कुछ ऐसे पात्र हितग्राही भी है जिन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन कर्मचारी दोषी है? यदि नहीं, तो जांच कराई जावे संपूर्ण जानकारी सूची सहित उपलब्ध कराई जाए। (ग) दिनांक 01/04/2023 के बाद विभाग में ट्राई साइकिल/पेंशन/विकलांग विवाह सहायता/विधवा विवाह सहायता के कितने आवेदन प्राप्त हुए? इनमें से कितने आवेदनों का किस-किस दिनांक को निराकरण हुआ? कितने-कितने व कौन-कौन से प्रकरण अभी तक लंबित हैं कारण सहित इनका कब तक निराकरण होगा? प्रकरणों की सूची सहित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र सेंवढा के हितग्राहियों के लंबित आवेदनों के निराकरण हेतु निर्देश जारी कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की कृपा करेंगे, यदि हाँ, तो कब तक निराकरण हो जाएगा?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) दतिया जिले में समग्र/स्पर्श पोर्टल अनुसार हितग्राहियों की संख्या निम्नानुसार है:- विकलांग (दिव्यांगता प्रतिशत 40% and above) 11417, वृद्ध 94545, कल्याणी (विधवा) 25097 एवं निराश्रित वृद्धजन 2156 इस प्रकार कुल 133215 दर्ज है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) दतिया जिले में वृद्धजन, दिव्यांगजन, कल्याणी श्रेणी की 58750 हितग्राहियों को पात्रता के आधार पर पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। अतः समस्त पात्र हितग्राहियों को पेंशन दी जा रही है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। हितग्राहियों की सूची समग्र पेंशन पोर्टल पर उपलब्ध है। https://socialsecurity.mp.gov.in/home.aspx ।(ग) दिनांक 01.04.2023 के बाद विभाग द्वारा ट्राईसाईकिल/पेंशन/विकलांग विवाह सहायता/कल्याणी (विधवा) सहायता के प्राप्त आवेदनों एवं इनमें से निराकरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र सेंवढा के हितग्राहियों को सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा योजनाओं में सभी पात्र हितग्राहियों को समय-समय पर लाभान्वित किया गया है एवं यह सतत् प्रक्रिया है। शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं है।
तेंदूपत्ते की खरीदी
[वन]
49. ( क्र. 1687 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक जिला अशोकनगर में तेन्दूपत्ता क्रय किस फर्म द्वारा किये जा रह है? अनुबंध की स्पष्ट छायाप्रति उपलब्ध करावें। उक्त फर्म ने तेन्दूपत्ता क्रय करने का कितना भुगतान संबंधित तेन्दूपत्ता संकलन करने वाले व्यक्तियों को किया है और किस दर से भुगतान किया गया है? वर्षवार एवं सारणीवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में तेंदूपत्ता क्रय करने हेतु जिला अशोकनगर में कितने फड़मुंशी नियुक्त करने की शासन की क्या प्रक्रिया है और वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक वन मण्डलाधिकारी जिला अशोकनगर द्वारा नियुक्त किये गये? फड़ मुंशियों के नियुक्ति आदेशों एवं वन समितियों के प्रस्ताव की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा चन्देरी में तेंदूपत्ता खरीदी की मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी का नाम व पदनाम बतावें। साथ ही कम दर से तेंदूपत्ता क्रय करने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? सारणीवार, नामवार एवं वर्षवार जानकारी देवें और इन पर क्या कार्यवाही की गई? संपूर्ण कार्यवाही विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) जिला अशोकनगर में जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित अशोकनगर में 172 फड़मुंशी को नियुक्त किया जाता है। म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ म.प्र. भोपाल के ज्ञापन क्रमांक/ वनोपज/व्यापार/2583 भोपाल दिनांक 12.04.1989 में दिये गये निर्देशानुसार फड़मुंशी की नियुक्ति की कार्यवाही की जाती है। उक्त ज्ञापन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक (वर्ष 2025) तक प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के द्वारा फड़मुंशियों ठहराव-प्रस्ताव पारित कर फड़मुंशी प्रस्ताव अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किये जाते हैं जिनका जिला यूनियन द्वारा अनुमोदन किया जाता है अनुमोदन की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। वन समितियों द्वारा तेन्दूपत्ता संग्रहण नहीं किया जाता है अतः वन समितियों के प्रस्ताव का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में विधानसभा चन्देरी में मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी एवं पदनाम की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। उक्त अवधि में लघु वनोपज संघ में निर्धारित संग्रहण पारिश्रामिक दर से कम दर से तेन्दूपत्ता क्रय करने की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
50. ( क्र. 1688 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में कितने छात्रावास है? इनके अधीक्षक कौन है और किस दिनांक से पदस्थ है? सारणीवार, कार्यालयवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पृथक-पृथक छात्रावासों में सत्र 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक छात्रों की संख्या कक्षावार, माहवार सारणीवार प्रत्येक छात्र/छात्रा का नाम, ग्राम सहित जानकारी देवें, साथ ही छात्रावास में निवासरत प्रत्येक छात्र/छात्राओं के विद्यालय की उपस्थिति पंजी की, प्राचार्य द्वारा सत्यापित, छायाप्रति देवें। (ग) छात्रावासों को राशि देने का क्या प्रावधान है? नियम उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित छात्रावासों में प्रतिमाह कितनी राशि व्यय की जाती है? पृथक-पृथक छात्रावासों को प्रदाय राशि माहवार सारणीवार जानकारी देवें तथा पृथक-पृथक छात्रावासों के अधीक्षक द्वारा प्रस्तुत संपूर्ण राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र की छायाप्रति वर्षवार देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जिला अशोकनगर में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा 02 छात्रावास संचालित है। छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी अनेक वर्षों की और अत्यंत विस्तृत है। (ग) छात्रावासों को प्रदाय किए जाने वाली राशि MPTAASC पोर्टल के माध्यम से सीधे संस्था के खाते में उपलब्ध कराई जाती है। जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित छात्रावासों में प्रतिमाह व्यय हेतु राशि निर्धारित नहीं है, प्रतिमाह छात्रों की उपस्थिति के आधार पर शिष्यवृत्ति एवं बिजली/पानी के बिलों पर राशि व्यय की जाती है। छात्रावासों में प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। छात्रावास अधीक्षकों से राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र लिए जाने का प्रावधान नहीं है।
विभागीय पदों पर पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
51. ( क्र. 1694 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जनजातीय बाहुल 89 विकासखण्डों की जनपद पंचायतों में सीईओ एवं बी.डी.ओ. एवं क्षेत्र संयोजक के कितने-कितने पद किस-किस विभाग द्वारा स्वीकृत है तथा इन पदों के विभागाध्यक्ष कौन है? उक्त दोनों पदों पर वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार मूल रूप से किस विभाग के पास है और वर्तमान में इसका क्रियान्वयन कौन सा विभाग कर रहा है? बिन्दुवार जानकारी व आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिले के भीतर प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर स्थानांतरण विगत दिवस विभाग द्वारा किये गये है? यदि हाँ, तो चालू वित्तीय वर्ष में कितने अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण किये गये है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रभारी मंत्री की अनुशंसा के उपरांत भी अनेक अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानांतरण नहीं किये गये है? यदि हां, तो ऐसे कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराते हुये बताये कि उक्त कर्मचारी के स्थानांतरण क्यों नहीं किये गये? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) के तहत किये गये स्थानांतरण निरस्त अथवा संशोधित किये गये है? यदि हां, तो कारण स्पष्ट करें। ऐसे प्रकरणों में प्रभारी मंत्री की अनुशंसा ली गई अथवा नही? (ड.) प्रश्नांश (ख) के तहत प्रशासनिक आधार पर किये गये स्थानांतरणों के कारण सहित सूची उपलब्ध करावें। उक्त प्रकरणों में शिकायत के आधार पर किये गये स्थानांतरणों की शिकायतों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) अनुसूचित जनजाति बाहुल्य 89 विकास खण्डों की जनपद पंचायतों में अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त के 89 एवं बी.डी.ओ. के 89 पद जनजातीय कार्य विभाग के स्वीकृत है, स्वीकृति आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विकासखण्ड स्तर पर क्षेत्र संयोजक पद नाम से पद स्वीकृत नहीं है। इन पदों का वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार जनजातीय कार्य विभाग के पास है। म.प्र. शासन, जनजातीय कार्य मंत्रालय के आदेश क्रमांक/एफ-27/2017/25/1 भोपाल,दिनांक 03.02.2018 द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विशेष अनुमति याचिका क्रमांक 6580/2016 में पारित आदेश दिनांक 14.09.2016 के अनुपालन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त की यूनीफाईड ग्रेडेशन लिस्ट में शामिल करने हेतु सहमति प्रदान की गई है, दी गई सहमति के आधार पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों के पद पर पदस्थापना की जा रही है। (ख) जी हाँ। स्थानांतरण नीति 2025 के प्रावधान अंतर्गत जिले के भीतर प्रभारी मंत्री की अनुसंशा पर कर्मचारियों के स्थानांतरण किये गये है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कर्मचारियों द्वारा चाही गई संस्थाओं में पद रिक्त न होने, परिवीक्षा अवधि में कार्यरत होने एवं प्रशासनिक कारणों से ऐसे कर्मचारियों के स्थानांतरण नहीं किए गए हैं, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिलों द्वारा शिक्षक संवर्ग में तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूर्ण न होने, रिक्त पदों की अनुपलब्धता, स्थानांतरण नीति की शिथिलीकरण अवधि समाप्त होने के पश्चात अनुमोदन प्राप्त होने, शिक्षक विहीन एवं एक शिक्षकीय विद्यालय में पद पूर्ति, द्वितीय श्रेणी के स्थानांतरण के अधिकार जिला स्तर पर न होने से स्थानांतरण निरस्त/संशोधित किये गये हैं। प्रभारी मंत्री की अनुसंशा से किये गये है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है।
बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीन
[वन]
52. ( क्र. 1706 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 366 दिनांक 07/11/2006 में बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान, घास, चरनोई मद में दर्ज जमीनों को 1980 के पूर्व एवं 1980 के बाद संरक्षित वन अधिसूचित करने की जानकारी सदन के पटल पर प्रस्तुत की है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो राजपत्र में किस-किस दिनांक को बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान, घास चरनोई मद की जमीनों को 1980 के पहले, 1980 के बाद एवं सदन में प्रस्तुत उत्तर प्रश्न क्रमांक 366 दिनांक 07/11/2006 के बाद संरक्षित वन अधिसूचित करने की अधिसूचना वन मुख्यालय वन भवन भोपाल में उपलब्ध है उनमें कितनी जमीनों को संरक्षित वन अधिसूचित किया? (ग) बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान, घास, चरनोई आदि मदों की जमीनों को 1980 के पहले, 1980 के बाद संरक्षित वन अधिसूचित करने का क्या कारण रहा है? इस संबंध में भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में संरक्षित वन अधिसूचित करने का किसे अधिकार दिया है? कृपया स्पष्ट करने का कष्ट करें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हां। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संविधान के नीति-निर्देशक सिद्धांत के तहत राज्य शासन के वन/पर्यावरण/ वन्यप्राणी/जैव विविधता जल स्त्रोतों तथा प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण के दायित्व के तहत भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29 के तहत वन वर्धनिक वैज्ञानिक प्रबंधन हेतु संरक्षित वन अधिसूचित किया गया है, इसके अतिरिक्त वन (संरक्षण एवं सम्वर्धन) अधिनियम, 1980 के प्रकरणों में व्यपवर्तित वनभूमि के एवज में वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु प्राप्त भूमियों को संरक्षित वन अधिसूचित किया गया है। भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 1 (2) के अनुसार उक्त संहिता के प्रावधान ऐसे क्षेत्रों पर लागू नहीं होगी जिन्हें भारतीय वन अधिनियम 1927 के अधीन समय-समय पर आरक्षित या संरक्षित वनों के रूप में गठित किया जाये।
वन अधिकार पत्रों की प्रविष्टि दर्ज की जाना
[जनजातीय कार्य]
53. ( क्र. 1707 ) श्री सुनील उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व ग्रामों की वन भूमियों पर मान्य किए गए व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों एवं सामुदायिक वन अधिकार पत्रों की प्रविष्टी खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज किए जाने के संबंध में राज्य मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-2-4/2014/सात-7/261 दिनांक 30/05/2022 के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक भी छिन्दवाड़ा एवं बैतूल जिले में कार्यवाही प्रारम्भ नहीं हो पाई? (ख) छिन्दवाड़ा एवं बैतूल जिले के किस राजस्व ग्राम के पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज कितनी भूमि पर कितने व्यक्तिगत वन अधिकार एवं सामुदायिक वन अधिकार प्रश्नांकित दिनांक तक मान्य किए गए है? (ग) मान्य अधिकार पत्रों से संबंधित प्रविष्टी पत्र दिनांक 30/05/2022 के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक भी खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज नहीं करने का क्या कारण है? प्रविष्टि कब तक दर्ज की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। राज्य मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-2-4/2014/सात-7/261 दिनांक 30/05/2022 के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक जिला छिंदवाडा एवं बैतूल में कार्यवाही प्रचलित है। (ख) छिन्दवाड़ा एवं बैतूल जिले के राजस्व ग्राम के पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज भूमि पर व्यक्तिगत एवं सामुदायिक मान्य किये गये वन अधिकार दावे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला छिंदवाडा एवं बैतूल में कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभागीय कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
54. ( क्र. 1714 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा/पिपलोदा तहसील अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) पिपलोदा तहसील अंतर्गत आने वाले ग्रामों में किस-किस प्रकार के निर्माण कार्यों, कृषि पंपों तथा विद्युतीकरण इत्यादि अन्य कार्य भी कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत होकर कितने कार्य पूर्ण रहे, कितने अपूर्ण रहे? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत उल्लेखित उक्ताशय के समस्त विभागीय कार्य अथवा अन्य भी कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत होकर कितने पूर्ण रहे, कितने अपूर्ण रहे तो किन-किन कारणों से? (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में कितने ऐसे कार्य रहे जो अपूर्ण अथवा अप्रारंभ है? साथ ही कितने ऐसे कार्य जिनकी राशि आहरित किए जाने के बाद भी कार्य नहीं किए गए? कितने कार्य गुणवत्ता विहीन पाए गए तो उन पर क्या कार्यवाही हुई? समय-समय पर किस-किस सक्षम अधिकारी के द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत रतलाम जिले में प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अपूर्ण अथवा अप्रारंभ कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गुणवत्ता विहीन कार्यों की जानकारी निरंक है। कार्यों के भौतिक सत्यापन किये जाने वाले अधिकारी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभागीय कार्यों की जानकारी
[वन]
55. ( क्र. 1715 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिलांर्गत ब्लॉकवार किन-किन स्थानों पर कितने-कितने क्षेत्रफल का सीमांकित होकर वन भूमि शासन/विभाग के कार्य क्षेत्र में आती है? (ख) उपरोक्त प्रश्न में उल्लेखानुसार शासनाधीन सीमांकित भूमि पर किस-किस प्रकार के कार्य किया जा रहे हैं तथा किन-किन स्थानों की वन भूमि पर अतिक्रमण होकर अवैध कब्जे धारी है तो उन पर क्या कार्यवाही की? वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक की स्थिति से अवगत कराए। (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत उल्लेखित वर्षों में किन-किन स्थानों में में वर्तमान में नर्सरियों का संचालन किया जा रहा है तो अलग-अलग स्थान पर किस-किस प्रकार के कार्य किया जा रहे हैं? (घ) साथ ही विगत वर्षों में वर्षवार किन-किन स्थानों पर कितना-कितना वृक्षारोपण किया जाकर वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं? कुल स्वीकृत बजट एवं व्यय भौतिक सत्यापन सहित अवगत कराए।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) रतलाम जिले के वनमंडल अंतर्गत प्रचलित कार्य आयोजना अनुसार विभाग के नियंत्रण एवं प्रबंधन में कुल 48237.97 हेक्टेयर वन भूमि है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) उपरोक्त वन भूमियों का कार्य योजना के क्रियान्वयन कार्य के अंतर्गत बिगड़े वनों का सुधार, चारागाह विकास, वन्यप्राणी प्रबंधन एवं रोपण कार्य, भू-जल संरक्षण आदि कार्य किये जाते है। वनमंडल रतलाम अंतर्गत कार्य आयोजना वर्ष 2020-21 से 2030-31 अनुसार 4934.570 हेक्टेयर वनक्षेत्र में अतिक्रमण प्रतिवेदित है, जिसमें से 2017.003 हेक्टेयर में व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र दिये गये है, 780.191 हेक्टेयर वन भूमि से अतिक्रमणकारियों को बेदखल किया गया है तथा शेष 2137.376 हेक्टेयर अतिक्रमित वन भूमि में से 408.601 हेक्टेयर क्षेत्र से अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही विधिक प्रक्रिया में है। (ग) वन संरक्षक, सामाजिक वानिकी वृत्त रतलाम के अंतर्गत वर्तमान स्थिति में 05 नर्सरियां क्रमश: 1. सागोद रोड़, रतलाम 2. बिलपाक नर्सरी 3. बासिन्द्रा नर्सरी 4. नाल नर्सरी 5. दुधाखेड़ी नर्सरी संचालित है। इन नर्सरियों में विभागीय रोपण हेतु पौधे तैयार कर प्रदाय किये जाते है। (घ) वनमंडल रतलाम अंतर्गत स्वीकृत बजट एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। पौधारोपण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
ग्रामों में अधोसंरचना के कार्य
[जनजातीय कार्य]
56. ( क्र. 1721 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार द्वारा जनजातीय ग्रामों में चिन्हित योजनाओं के लिए पात्र जनजातीय हितग्राहियों एवं ग्रामों में अधोसंरचना कार्य के लिए धरती आबा योजना प्रारंभ किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के किन-किन जिलों के कौन-कौन से जनजातीय ग्रामों को योजना में शामिल किया गया है? प्रत्येक की कुल जनसंख्या, आदिवासी जनसंख्या की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) धरती आबा योजनान्तर्गत योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय कार्य विभाग द्वारा बालाघाट जिले के कौन-कौन से ग्रामों में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत से स्वीकृत किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हां। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–‘’अ’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–‘’ब’’ अनुसार है। (घ) योजना में योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय से राशि रूपये 91,36,88,200/- प्राप्त हुई है।
अधोसंरचना विकास के अंतर्गत प्रस्तावों पर स्वीकृति
[वन]
57. ( क्र. 1722 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर अंतर्गत तेंदूपत्ता व्यापार के शुद्ध आय की 15 प्रतिशत की अधोसंरचना विकास कार्यों हेतु जनवरी 2023 से प्रश्नांश दिनाँक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नांश (क) अवधि में किन-किन ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से कार्य कितनी राशि से स्वीकृत किये गये? सूची उपलब्ध करावें। उक्त निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है, कार्यों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? कब तक कार्य पूर्ण हो जावेगें? कार्य अपूर्ण होने पर विलम्ब के लिये दोषी कौन है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा तेंदूपत्ता निधि अधोसंरचना मद से कब-कब कार्यों के प्रस्ताव दिये गये? उक्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जिला जबलपुर अंतर्गत तेन्दूपत्ता व्यापार के शुद्ध आय की 15 प्रतिशत की अधोसंरचना विकास कार्यों हेतु जनवरी 2023 से प्रश्नांश दिनांक तक निम्नानुसार राशि प्रदान की गई :-
दिनांक |
प्रदाय राशि (लाख रू. में) |
17.05.2023 |
194.89 |
20.06.2023 |
39.83 |
23.08.2024 |
0.85 |
25.03.2025 |
20.48 |
योग |
256.05 |
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 पर है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा तेन्दूपत्ता निधि अधोसंरचना मद से वन मण्डल अधिकारी सामान्य वन मण्डल जबलपुर को पत्र क्र./1535 दिनांक 26.07.2024 से शहपुरा विकास खण्ड के 05 प्रस्ताव एवं पत्र क्र./1922 दिनांक 27.03.2025 से 03 प्रस्ताव दिए गए। जिसके परिपालन में जिला यूनियन जबलपुर द्वारा परिक्षेत्र अधिकारी शहपुरा को पत्र क्र./ते.प./178 दिनांक 27.02.2025 एवं पत्र क्र./ते.प./229 दिनांक 12.03.2025 को प्रस्तावों के प्राक्कलन तैयार करने हेतु लेख किया गया। शहपुरा परिक्षेत्र के 05 प्रस्ताव एवं बरगी परिक्षेत्र का 01 प्रस्ताव प्राप्त हुये है। कार्यों का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 पर है। उक्त प्रस्तावों का परीक्षण क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर किया जा रहा है। प्रस्ताव प्राप्त होने पर मुख्यालय स्तर पर गठित छानबीन समिति के समक्ष प्रस्तुत कर स्वीकृति हेतु यथोचित कार्यवाही की जावेगी।
संचालित कार्य की योजनाओं
[जनजातीय कार्य]
58. ( क्र. 1724 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनजातीय कार्य विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? योजनाओं के नाम की सूची एवं पात्रता नियम उपलब्ध करावें। उक्त योजनाओं में से जबलपुर जिले में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जबलपुर जिले की विधानसभा बरगी में वर्ष 2022 से प्रश्नांश दिनाँक तक किस-किस योजना में कौन-कौन से हितग्राहीमूलक योजनाओं में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा हैं? ग्राम पंचातवार/नगर परिषदवार जानकारी एवं सार्वजनिक कार्य कितनी-कितनी राशि से कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? इन्हें कब तक पूर्ण किया जायेगा? विकासखण्डवार एवं कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जबलपुर जिले में संचालित योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले की बरगी विधानसभा में वर्ष 2022 से वर्तमान तक हितग्राही मूलक योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है एवं सार्वजनिक निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान प्रारंभ की जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
59. ( क्र. 1743 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में शासकीय उचित मूल्य की दुकान प्रारंभ करने के कोई निर्देश प्रदान किए गए हैं? (ख) अगर हाँ तो इन दुकानों का संचालन करने के क्या मापदण्ड हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद की प्रत्येक ग्राम पंचायत में यह दुकानें प्रारंभ की जा चुकी है? यदि हाँ, तो ग्रामों के नाम सहित संचालनकर्ता संस्था, समिति का नाम और मोबाईल नम्बर सहित विवरण देवें? नहीं तो कारण देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय उचित मूल्य दुकानें संचालन करने के मापदण्ड ''सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015'' में समाहित है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जी हां, शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
आवास निर्माण योजना की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
60. ( क्र. 1774 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग छिंदवाड़ा को वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार से कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना के अन्तर्गत प्राप्त हुई है? प्राप्त राशि से कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि के कार्य किस-किस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत किये गये? कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? जिले की प्रत्येक विधान सभावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) किस योजना के अन्तर्गत तामिया में अनुसूचित जनजातीय वर्ग के लोगों लिए आवास निर्माण किए जाने की स्वीकृति प्राप्त हुई है? योजना के अन्तर्गत कितने आवासों का निर्माण कार्य किया जाना है? आवास निर्माण हेतु स्वीकृत राशि क्या है? योजना की सम्पूर्ण विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं के अन्तर्गत किन-किन कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जाती है? योजनाओं की जानकारी नियमावली सहित उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग छिंदवाड़ा को वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में राज्य सरकार से प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’एक’’ पर है। उक्त अवधि में केन्द्र सरकार की योजना में कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। राज्य सरकार से प्राप्त राशि से स्वीकृत कार्य एवं कार्यों की भौतिक स्थिति की विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’दो’’ पर है। (ख) तामिया में अनुसूचित जनजातीय वर्ग के लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना एवं पीएम जनमन (केवल भारिया हेतु) अंतर्गत आवास निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई है। उपरोक्त दोनों योजनाओं में स्वीकृत आवासों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन एवं ‘’चार’’ पर है। (ग) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत योजनाओं व कार्यों की जानकारी नियमावली सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’चार’’ पर है।
विभागीय जांच में अनियमितता
[वन]
61. ( क्र. 1782 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रीमती किरण बिसेन की विभागीय जांच में, सभी मुख्य अभियोजन साक्षियों के बयान लिये गये है एवं प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन के सही पाये गये सभी तथ्यों/बिन्दुओं को विचारण में लिया गया है? यदि नहीं, तो कौन से बिन्दु लिये गये और कौन से छोड़ दिये गये हैं? (ख) क्या आरोप पत्र के अभिलेखीय साक्ष्य का परीक्षण कर जांच अधिकारी द्वारा उसे गलत ठहराया जाकर किरन बिसेन को आरोपो से मुक्त कर दिया गया है? (ग) क्या प्रस्तुतकर्ता अधिकारी द्वारा शासन की मंशा के विरूद्ध स्वयं अपचारी अधिकारी के पक्ष में रिपोर्ट एवं ब्रीफ दी गई? जिसमें स्वयं प्रस्तुतकर्ता अधिकारी द्वारा उनसे आरोप सिद्ध नहीं होने की रिपोर्ट विभागीय जांच अधिकारी को षडयंत्र के तहत दी गई? जिससे किरन बिसेन को लाभ पहुँचाया जा सके। (घ) क्या उपरोक्त तथ्यों की सत्यता जानने हेतु शासन एक समिति बनाकर विभागीय जांच अधिकारी द्वारा दी गई दूषित जांच रिपोर्ट के सभी संलग्नक बयान आदि का दोबारा परीक्षण करेगा? (ड.) किरन बिसेन के प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन के साथ विभागीय जांच प्रतिवेदन समस्त साक्षियों के बयान एवं दोषमुक्ति आदेश की कॉपी उपलब्ध कराने की कृपा करें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नांकित विभागीय जांच में सभी साक्षियों के बयान लिये गये हैं, जिसमें 05 अभियोजन साक्षियों द्वारा कथन लिपिबद्ध कराकर हस्ताक्षर किये गये हैं, जबकि 01 अभियोजन साक्षी द्वारा कथन उपरांत हस्ताक्षर नहीं किये गये। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विभागीय जांच अधिकारी द्वारा अभिलेखीय साक्ष्य, अभियोजन साक्ष्य, बचाव साक्ष्य एवं उक्त पर अपचारी अधिकारी द्वारा प्रस्तुत बचाव उत्तर तथा अखिल भारतीय सेवायें (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 के नियम 8 (19) के अंतर्गत सामान्य परीक्षण उपरांत जांच प्रतिवेदन प्रेषित किया है, जिसमें आरोप प्रमाणित नहीं होने का निष्कर्ष दिया गया है। (ग) प्रस्तुतकर्ता अधिकारी द्वारा अभिलेखीय साक्ष्य एवं साक्ष्यों के परीक्षण उपरांत अपनी ब्रीफ प्रेषित की गई है। अत: षडयंत्र के तहत जांचकर्ता अधिकारी को रिपोर्ट देने की बात सही नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अखिल भारतीय सेवायें (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 के नियम-8 में दी गई व्यवस्थानुसार विभागीय जांच की गई है। अत: दोबारा जांच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भरे हुए पदों पर स्थानांतरण
[जनजातीय कार्य]
62. ( क्र. 1783 ) श्री विपीन जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में भरे हुए पदों पर कर्मचारियों के स्थानांतरण किस आधार और नीति के तहत किए गए हैं? (ख) भरे हुए पदों पर स्थानांतरित कर्मचारियों को जिले में अन्य स्थानों पर समायोजित करने के नियम क्या हैं? (ग) क्या जिला संयोजक/सहायक आयुक्त द्वारा कर्मचारियों को जिले में अन्य स्थानों पर समायोजित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो इसके लिए शासनादेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (घ) स्थानांतरण से पूर्व मध्यप्रदेश के समस्त जिला संयोजक/सहायक आयुक्त द्वारा प्रस्तुत रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध कराएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत स्थानान्तरण सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/1/2024/एक/9 भोपाल, दिनांक 29 अप्रैल 2025 के द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति की कंडिका 41 में निहित प्रावधान अनुसार ऑनलाईन e-HRMS पोर्टल के माध्यम से पोर्टल में उपलब्ध वेकेन्सी मास्टर में दर्शित रिक्तियों के आधार पर किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। (घ) वर्ष 2025 में विभागांतर्गत कर्मचारियों के स्थानान्तरण जिला संयोजक/सहायक आयुक्त द्वारा e-HRMS पोर्टल पर ऑनलाईन दर्ज रिक्त पदों के आधार पर किए गए है। वर्तमान में स्थानान्तरण पश्चात कार्यमुक्त एवं कार्यग्रहण की कार्यवाही पूर्ण हो जाने से स्थानान्तरण के पूर्व की रिक्तियां बताया जाना संभव नहीं है।
जिला संयोजक के विरूद्ध कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
63. ( क्र. 1784 ) श्री विपीन जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 12 मार्च, 2025 को जिला पंचायत मंदसौर की साधारण सभा की बैठक में जिला संयोजक मंदसौर जनजातीय कार्य विभाग द्वारा माननीय जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ अभद्र व्यवहार और सदन की गरिमा भंग करने के कारण उनके विरूद्ध सदन ने निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था। इस निंदा प्रस्ताव के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त निंदा प्रस्ताव के तारतम्य में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा पत्र क्रमांक/स्टेनो/1177 मन्दसौर, दिनांक 03 अप्रैल, 2025 को अपर सचिव, जनजातीय कार्य विभाग भोपाल को जिला संयोजक मंदसौर के विरूद्ध कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया था इस पत्र की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) उक्त पत्र के आधार पर जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जिला संयोजक के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई, तो कारण बताएं और कार्यवाही हेतु निर्धारित समय-सीमा की जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हां। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मंदसौर के पत्र क्रमांक/स्टेनो/1177 दिनांक 03 अप्रैल 2025 के द्वारा प्रकरण में कार्यवाही हेतु म.प्र. शासन जनजातीय कार्य विभाग को प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। (ख) प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला संयोजक को शासन पत्र क्रमांक/1/1/20/0007/2025/1/25 दिनांक 22/05/2025 के द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया। प्राप्त उत्तर पर शासन पत्र क्रमांक/1/1/20/0007/2025/1/25-E-528885 दिनांक 16/07/2025 के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, मंदसौर का अभिमत चाहा गया है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
प्राथमिक वनोपज समितियां एवं उनके कार्य
[वन]
64. ( क्र. 1788 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में कितनी प्राथमिक वनोपज समितियां संचालित है? इनके द्वारा विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने कार्य कब-कब, कितनी-कितनी लागत से कराये गये? यह राशियां किन-किन मदों से कब-कब प्राप्त हुई? मदवार समितिवार बतावें। कार्य की भौतिक स्थिति क्या है? इसकी जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 5 वर्षों में कराये गये कार्यों का भुगतान कब-कब, किन-किन के द्वारा कितनी-कितनी राशि के किये गये? विवरण समितिवार एवं समयवार देवें। इन कार्यों का सत्यापन कब-कब, किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में वन समितियों के द्वारा तेंदूपत्ता खरीदी के कार्य प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार की गई का विवरण समितिवार देवें। तेंदूपत्ता खरीदी मद से प्राप्त बोनस राशि का उपयोग कब-कब, कहाँ-कहाँ किया गया? समितिवार विस्तृत जानकारी बतायें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित श्योपुर अंतर्गत 16 प्राथमिक वनोपज समितियां संचालित है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों द्वारा तेन्दूपत्ता खरीदी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। वर्ष 2019 से 2023 तक की बोनस राशि प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के द्वारा संग्राहकों के खातों में जमा की जा चुकी है। वर्ष 2024 के बोनस की राशि गणना की प्रक्रिया में है। गणना उपरान्त बोनस राशि इस वर्ष वितरित करना सम्भव है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
जनजातीय मद से कराये गए विकास कार्य
[जनजातीय कार्य]
65. ( क्र. 1791 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय बस्ती विकास योजना के तहत श्योपुर जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? उस राशि से क्या-क्या कार्य स्वीकृत कराए गए? कार्य का नाम, लागत राशि, पूर्णता एवं अपूर्णता की स्थिति के साथ विधानसभावार जानकारी देवें। श्योपुर जिले में वर्ष 2019-20 से 2024-25 में किस-किस मद में क्या-क्या खरीदी एक लाख से ज्यादा की गई? उसके बिल की प्रतियां देवें। (ख) श्योपुर जिले में उक्त अवधि में आवंटित राशि से कार्य स्वीकृत करने हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लिए गए? जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गए प्रस्तावों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या जनप्रतिनिधि से अनुमोदन होने के बाद भी उक्त वर्ष की राशि आवंटित नहीं की गई? यदि हां तो दोषी कौन है? दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) श्योपुर जिले में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक विभाग से एवं अन्य विभाग से कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? वर्षवार, विभागवार जानकारी देवे। अंतरित की गई राशि के आदेश की छायाप्रति देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय बस्ती विकास योजना अंतर्गत श्योपुर जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल आवंटित राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। श्योपुर जिले में वर्ष 2019-20 से वर्ष 2024-25 तक जनजाति मद में खरीदी हेतु आवंटन प्राप्त न होने से जानकारी निरंक है। (ख) श्योपुर जिले में उक्त अवधि में आवंटित राशि से कार्य स्वीकृत करने हेतु जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्ताव पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब’’ अनुसार है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब’’ अनुसार है। जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव समिति के अनुमोदन उपरांत ही राशि जारी की गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) श्योपुर जिले में राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक बस्ती विकास योजना अंतर्गत प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’स’’ एवं अन्य विभागों से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’द’’अनुसार है।
आदि आदर्श ग्राम योजना में राशि प्रदाय की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
66. ( क्र. 1798 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदि आदर्श ग्राम योजना भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा कब प्रारंभ की गई है तथा भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से ग्रामों को सम्मिलित किया गया है? कृपया सूची उपलब्ध करावें। उक्त योजनान्तर्गत सम्पूर्ण मध्यप्रदेश हेतु कितना बजट निर्धारित किया गया है तथा वर्ष 2024-2025 एवं 2025-2026 में कितनी बजट राशि प्रदाय की गई है? कृपया प्रदाय राशि की जानकारी ग्रामवार पंचायत एवं ब्लॉक के विवरण सहित जिलेवार बतावें। (ख) क्या आदिवासी बाहुल्य जिला खरगोन में राशि प्रदाय की गई है? हाँ तो कितनी? कृपया ग्रामवार राशि प्रदाय की जानकारी उपलब्ध कराये। नहीं तो क्या कारण है तथा उक्त योजनान्तर्गत ग्रामों में कब तक राशि उपलब्ध होगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) आदि आदर्श ग्राम योजना भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रारंभ की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त योजना अंतर्गत प्रदेश को भारत सरकार से प्रदेश को राशि रूपये 39963.30 लाख निर्गमित की गई है तथा वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में भारत सरकार से राशि प्रदाय नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत कार्यों हेतु भारत सरकार से राशि प्राप्त नहीं होने से खरगोन जिले को राशि प्रदाय नहीं की गई है। आदि आदर्श ग्राम योजना धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में सम्मिलित होने से धरती आबा योजना की गाइड लाइन अनुसार संभव है।
वन अधिकार पट्टों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
67. ( क्र. 1799 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने वन अधिकार पट्टे प्रदाय किये गये हैं? कृपया ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। कितने वन अधिकार पट्टे प्राप्त करने हेतु आवेदन लंबित हैं? कृपया लंबित वन अधिकार पट्टो की जानकारी ग्रामवार उपलब्ध करावें। (ख) उक्त पट्टे लंबित होने का क्या कारण है तथा कब तक सम्पूर्ण कार्यवाही कर लंबित पट्टे वितरण किये जायेगे तथा भीकनगॉव विधानसभा अन्तर्गत स्थित सतपुड़ा जंगल एवं महाराष्ट्र राज्य के समीपवर्ती क्षेत्र में टाईगर रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र बनाने की कोई योजना प्रकियाधीन है? हाँ तो भीकनगॉव विधानसभा के कौन-कौन से ग्रामों को उक्त क्षेत्र अन्तर्गत सम्मिलित किया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक 7793 वन अधिकार पत्र प्रदाय किये गये हैं वन अधिकार पत्र के 2171 दावे ग्राम वन अधिकार समिति स्तर पर लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त लंबित दावा आवेदन पत्र ग्राम वन अधिकार समिति के स्तर पर परीक्षण में होने से लंबित है। वन अधिकार के दावों के निराकरण की प्रकिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बाताया जाना संभव नहीं है। खरगोन वनमंडल के अंतर्गत विधानसभा भीकनगांव अंतर्गत सतपुडा जंगल एवं महाराष्ट्र राज्य के समीपवर्ती क्षेत्र में टाईगर रिजर्व फोरेस्ट क्षेत्र बनाने की कोई योजना प्रकियाधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
व्यय राशि की जानकारी
[वन]
68. ( क्र. 1813 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 से 2024-25 में जिला ग्वालियर अंतर्गत वृक्षारोपण, भूजल संवर्धन, भूजल संरक्षण एवं वन्यजीवों को पेयजल उपलब्धता के उद्देश्य से किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी राशि के कार्य किये गए? किस ठेकेदार/फर्म अथवा विभाग द्वारा किस सक्षम अधिकारी की देखरेख में कार्य करवाया गया? इन कार्यों को पूर्ण करने की अवधि कब तक है? प्रत्येक कार्य पर अभी तक कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कार्य पूर्ण/अपूर्ण का कारण बताएं। (ख) क्या भुगतान पूर्व वनमंडल अधिकारी (DFO) अथवा उच्च अधिकारी द्वारा किन-किन कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया? यदि नहीं, तो कारण सहित बताएं।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वनमंडल ग्वालियर के अंतर्गत किये गये समस्त कार्यों का भौतिक सत्यापन/निरीक्षण वन संरक्षक, वनमंडलाधिकारी, उपवनमंडलाधिकारी/समक्ष अधिकारी द्वारा किया गया है, तत्पश्चात ही भुगतान कि कार्यवाही की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनजातीय वर्ग हेतु कल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
69. ( क्र. 1814 ) श्री सुरेश राजे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत जनजातीय वर्ग में कौन-कौन सी जाति शामिल की गई हैं? जनजातीय वर्ग के कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? इनके क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक योजनावार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि योजनावार कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी, किन-किन कार्यों पर व्यय की गई? वर्षवार पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक जिला ग्वालियर अंतर्गत जनजातीय वर्ग के हितग्राहियों को स्वरोजगार हेतु कितनी-कितनी अनुदान राशि, किस दिनांक को भुगतान की गई? हितग्राही का नाम/पता/पिता/पति/निवास/संपर्क प्रयोजन अनुदान राशि वर्षवार पूर्ण जानकारी देवें। (ग) जिला ग्वालियर में जनजातीय छात्रावास कहाँ-कहाँ स्थित हैं? कितने हैं? सीट क्षमता क्या है? इनमें कार्यरत स्टाफ पोजीशन देवें तथा इन छात्रावासों के लिए वर्ष 2021-22 से 2025-26 में क्रय की गई विभिन्न सामग्री की सूची तथा छात्रावास अनुसार वितरित सामग्री की सूची वर्षवार उपलब्ध करवाएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) भारत सरकार द्वारा असाधारण राजपत्र दिनांक 08 जनवरी 2003 के अनुसार मध्य प्रदेश राज्य के लिए अनुसूचित जनजाति अंतर्गत अधिसूचित जातियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। जिला ग्वालियर अंतर्गत विभाग में संचालित योजनाओं में प्राप्त राशि तथा व्यय की वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब'अनुसार है। (ख) निरंक। (ग) ग्वालियर जिले में संचालित छात्रावास/आश्रम के स्थान स्वीकृत सीट एवं स्टाफ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स’ अनुसार है। वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक अनुसूचित जनजाति छात्रावास/आश्रम हेतु जिला स्तर पर कोई सामग्री क्रय नहीं किए जाने से जानकारी निरंक है।
उच्च माध्यमिक शिक्षकों एवं बी.ई.ओ. की वरिष्ठता सूची
[जनजातीय कार्य]
70. ( क्र. 1818 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत उच्च माध्यमिक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची का अंतिम प्रकाशन हुआ है? यदि हाँ, तो किस तारीख की स्थिति में? वरिष्ठता सूची की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक एक बार भी अंतिम प्रकाशन क्यों नहीं हुआ? कारण बतावें। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च माध्यमिक शिक्षकों का उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया एक साल पहले हो चुकी है लेकिन जनजातीय कार्य विभाग में अभी तक उच्च माध्यमिक शिक्षकों के उच्च पद प्रभार/पदोन्नति की कार्यवाही अब तक क्यों नहीं हुई? कारण बतावें। कब तक कार्यवाही की जाएगी? बताने का कष्ट करें। इसी तरह माध्यमिक शिक्षकों के उच्च पद प्रभार/पदोन्नति के बारे में बताने का कष्ट करें। (ग) क्या मंडला जिले के नैनपुर विकासखंड में पदस्थ प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री सुभाष चतुर्वेदी द्वारा शिक्षकों के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किए जाने समय पर वेतन और एरियर्स आदि का भुगतान नहीं किए जाने की लिखित शिकायत एसडीएम नैनपुर, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग मंडला और कलेक्टर मंडला से की गई थी, यदि हाँ, तो क्या इसकी जांच समय-सीमा में विभाग द्वारा कराई गई? कराई गई तो किन अधिकारियों द्वारा कराई गई और क्या कार्यवाही की गई? विस्तार से बताएं। यदि नहीं, तो जांच क्यों नहीं की गई? क्या अब उनके विरूद्ध जांच कर दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा बताने का कष्ट करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हां। उच्च माध्यमिक शिक्षकों की दिनांक 1.04.2020 की स्थिति में अंतिम वरिष्ठता सूची का प्रकाशन कार्यालयीन पत्र क्रमांक/शिक्षा स्था.2/732/2025/15256 दिनांक 22.07.2025 द्वारा किया गया है। वरिष्ठता सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ‘’मध्यप्रदेश जनजातीय एवं अनुसूचित जाति शैक्षणिक संवर्ग (सेवा भर्ती) नियम 2018’’में उच्च माध्यमिक शिक्षक को पदोन्नति देने का प्रावधान नहीं था। इस कारण पूर्व में इनकी पदोन्नति नहीं हुई है। ‘’मध्यप्रदेश जनजातीय एवं अनुसूचित जाति शैक्षणिक संवर्ग (सेवा भर्ती) नियम 2018’’में 6 दिसम्बर 2024 को संशोधन हुआ है। व्याख्याता संवर्ग की उच्च पद प्रभार/पदोन्नति की नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत उच्च माध्यमिक शिक्षकों को उच्च पद प्रभार/पदोन्नति की कार्यवाही की जायेगी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। व्याख्याता/उच्च माध्यमिक शिक्षकों को उच्च पद प्रभार/पदोन्नति की कार्यवाही हो जाने के उपरांत नियमानुसार माध्यमिक शिक्षकों के उच्च पद प्रभार/पदोन्नति की कार्यवाही की जाएगी। (ग) जी हां। कार्यालय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य मंडला केपत्र क्रमांक/सहा.आयु./शि.स्था./2025/4009 मंडला दिनांक 6.05.2025 द्वारा शिक्षकों के स्वत्वों के निराकरण हेतु विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी नैनपुर को निर्देशित किया गया था जिसके संदर्भ में की गई कार्यवाही का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय योजनाओं की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
71. ( क्र. 1819 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2025 की स्थिति में क्रियान्वयन की जा रही समस्त कल्याणकारी योजना में वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक पुरुष, महिला व्यय राशि तथा हितग्राही की संख्या बतावें? किन-किन योजनाओं में पंजीयन निरंतर जारी है, किसमे बंद कर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में किस-किस आयु के हितग्राही को प्रतिमाह केंद्र एवं राज्यांश मिलकर कितनी राशि दी जाती है? यह राशि राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र राज्य की तुलना में कितनी कम अथवा ज्यादा है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में पात्रता की न्यूनतम सीमा और अधिकतम सीमा क्या है? अधिकतम सीमा को किसी संख्या पर सीमित करने का क्या उद्देश्य है? उस सीमा के बाद हितग्राही के जीवित रहने पर उसका जीवन यापन कैसे होगा? (घ) क्या समस्त कल्याणकारी योजनाओं का सोशल ऑडिट अटल बिहारी विश्वविद्यालय या आईआईएम इन्दौर द्वारा करवाया गया है, यदि नहीं तो क्या कराया जाएगा? ताकि यह ज्ञात हो सके कि किस योजना में क्या राशि में उम्र में परिवर्तन करना है? (ड.) क्या शासन सभी योजनाओं में जहां उम्र की सीमा 60 वर्ष या 79 वर्ष तय की गई है, उसे जीवन पर्यंत करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। योजनाओं में पंजीयन की निरंतरता सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत है। अत: बंद किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि 'ब' एवं 'स' अनुसार आयु सीमा का निर्धारण भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा किया गया है। (घ) भारत सरकार की संचालित उक्त योजनाओं का पायलट प्रोजेक्ट के तहत मध्यप्रदेश ग्रामीण विकास विभाग सामाजिक संपरीक्षा समिति भोपाल को आदेश जारी कर सोशल ऑडिट हेतु राशि भी जारी की गयी है, साथ ही उक्त योजनाओं में लाभ प्राप्त करने वाले हितग्राहियों का समग्र पोर्टल पर भौतिक एवं दस्तावेजों का सत्यापन किया जाकर आधार ई-केवायसी का भी कार्य कराया गया है। जी नहीं। (ड.) उक्त संचालित भारत सरकार की योजनाओं में आयु सीमा का निर्धारण भारत सरकार द्वारा किया गया है एवं राज्य सरकार की योजनाओं में निर्धारित आयु सीमा की स्थिति राज्य सरकार द्वारा तय की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उत्तरांश (ख) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
पेयजल की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
72. ( क्र. 1822 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को इस बात की जानकारी है कि सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में नल जल योजना के तहत किए गए निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है, जिसके कारण कई स्थानों पर पाइप लाइन बिछाने के बावजूद पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है? (ख) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की किन-किन ग्राम पंचायतों में नल जल योजना के तहत पानी की टंकी का निर्माण नहीं हुआ है? कृपया पंचायतों की सूची उपलब्ध कराएं। (ग) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के किन स्कूलों में बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध है और किन स्कूलों में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है? उन स्कूलों की सूची प्रदान करें। जहां बच्चों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं है, क्या कारण है की उन स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कितने स्कूलों को हैण्डओवर कर दिया जिनमें पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध हैं उन स्कूलों की सूची उपलब्ध करावें। (घ) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की किन ग्राम पंचायतों में नल जल योजना के तहत पर्याप्त पानी की आपूर्ति हो रही है? उन ग्राम पंचायतों की सूची दें, जहां पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है और पानी की आपूर्ति नहीं होने का क्या कारण हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जी नहीं, विभाग द्वारा किये गये कार्यों में विभागीय मानक एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सामग्री का उपयोग किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।
छात्रवृत्ति की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
73. ( क्र. 1827 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक कक्षा 1 से 8 तक कुल कितने विद्यार्थियों को कुल कितनी राशि की छात्रवृत्ति दी गई तथा प्रत्येक वर्ष में कक्षावार प्रत्येक विद्यार्थी के अनुसार छात्रवृत्ति की राशि कितनी-कितनी थी? (ख) प्रश्नाधीन अवधि में कक्षा 9 से 10 के कुल कितने विद्यार्थियों को कुल कितनी राशि की छात्रवृत्ति दी गई तथा प्रत्येक वर्ष में प्रत्येक विद्यार्थी के अनुसार छात्रवृत्ति की राशि कितनी-कितनी थी? (ग) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक कक्षा 11 तथा 12 के कुल कितने विद्यार्थी को कुल कितनी राशि की छात्रवृत्ति दी गई? प्रत्येक वर्ष में प्रत्येक विद्यार्थी की कक्षावार छात्रवृत्ति की राशि कितनी थी? (घ) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक कुल कितने महाविद्यालयीन छात्रों को कुल कितनी राशि की छात्रवृत्ति दी गई? कक्षावार प्रत्येक विद्यार्थी के अनुसार छात्रवृत्ति की राशि कितनी थी? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) तक प्रतिवर्ष अनुसार विद्यार्थियों की संख्या में कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी हुई तथा छात्रवृत्ति की कुल राशि में कितने प्रतिशत की वृद्धि तथा कमी हुई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’द’’ अनुसार है। (ड.) विद्यार्थियों के द्वारा छात्रवृत्ति आवेदन विलंब से करने, प्रवेश विलंब से होने, परीक्षा परिणाम समय पर नहीं आने एवं आवंटन आदि कारणों से विद्यार्थियों को आगामी वर्षों में पूर्व के वर्षों की छात्रवृत्ति वितरित की जाती है। अत: छात्रवृत्ति वितरण के आधार पर विद्यार्थियों की संख्या में कमी या वृद्धि का आंकलन नहीं किया जा सकता है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
74. ( क्र. 1828 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम बस्तियां में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने हेतु क्या प्रावधान एवं प्रकिया है? संपूर्ण जानकारी आदेश एवं परिपत्र सहित उपलब्ध करायें एवं 2022-23 एवं 2025-26 में आवंटित विभागीय बजट कितना-कितना है? (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में जिला मुरैना अंतर्गत कुल कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ग) वर्ष 2024-25 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास हेतु कार्यालय जिला संयोजक अनुसूचित जाति कल्याण विभाग जिला मुरैना में कितनी अनुशंसा प्राप्त हुई? कार्ययोजना सूची अनुशंसाकर्ता का उल्लेख करते हुए उपलब्ध करायें। (घ) वर्ष 2024-25 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के तहत जिला मुरैना अंतर्गत क्या-क्या कार्य स्वीकृत किए गए विधानसभावार सूची अनुशंसाकर्ता एवं राशि का उल्लेख सहित उपलब्ध करायें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम बस्तियां में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने हेतु नियम निर्देश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। विभागीय बजट वर्ष 2022-23 में राशि रूपये 30.00 करोड़ एवं वर्ष 2025-26 में राशि रूपये 60.00 करोड़ का आवंटन कराया गया है। (ख) मुरैना जिले को वर्ष 2024-25 में राशि रूपये 89.20 लाख एवं वर्ष 2025-26 में राशि रूपये 178.00 लाख का आवंटन उपलब्ध कराया गया है। (ग) मुरैना जिले में वर्ष 2024-25 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास हेतु कार्यालय जिला संयोजक मुरैना में 78 जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा सहित प्रस्ताव प्राप्त हुये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' पर है। (घ) वर्ष 2024-25 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के तहत जिला मुरैना अंतर्गत स्वीकृत किये गये कार्य, विधानसभावार अनुशंसा राशि का उल्लेख एवं प्रशासकीय स्वीकृत सहित आदेश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' पर है।
दिव्यांगजन, विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन की राशि में वृद्धि
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
75. ( क्र. 1831 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्तमान में दिव्यांगजन, विधवा और वृद्धजन को दी जा रही मासिक पेंशन राशि क्या न्यूनतम जीवन यापन की आवश्यकताओं के अनुरूप है? क्या इसे महंगाई दर के अनुसार बढ़ाए जाने की कोई योजना है? (ख) क्या सरकार ने किसी सर्वे या समीक्षा के माध्यम से यह मूल्यांकन किया है कि वर्तमान पेंशन राशि दिव्यांग, विधवा और वृद्ध व्यक्तियों की चिकित्सा, देखभाल और जीविकोपार्जन के लिए पर्याप्त है या नहीं? (ग) क्या राज्य सरकार द्वारा पेंशन राशि बढ़ाने हेतु कोई प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है? यदि हाँ, तो उसकी वर्तमान स्थिति और संभावित समय-सीमा क्या है? (घ) क्या अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश सरकार भी वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजन पेंशन को रू.1,500 या उससे अधिक करने पर विचार कर रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) दिव्यांगजन, विधवा (कल्याणी) और वृद्धजनों को दी जा रही मासिक पेंशन रुपये 600/- प्रति हितग्राही प्रतिमाह मार्च 2019 से प्रदाय की जा रही है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि रुपये 600/- से बढाकर रुपये 1500/- किये जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है। राज्य शासन द्वारा उपलब्ध संसाधनों के अंतर्गत इस प्रकार की वृद्धि का निर्णय लिया जाता है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) जी हां। उत्तरांश (क) अनुसार।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र का विकास
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
76. ( क्र. 1832 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना क्षेत्र में फल सब्जी मसाले जैसी उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में नई और मौजूदा योजनाएं कौन सी हैं? फ्रूट पल्प केंद्र, मिनी कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग इकाइयाँ, क्लस्टर डेवलपमेंट इत्यादि की कौन-कौन सी इकाई वर्तमान में संचालित की जा रही है? (ख) क्या मुरैना जिले में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु कोई वित्तीय सहायता योजनाएं (जैसे अनुदान, सब्सिडी, ऋण सहायता) उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो उनकी शर्तें क्या हैं? कितने हितग्राहियों को गत 2 वर्षों में लाभान्वित किया गया है? (ग) मुरैना जिले में कोल्ड स्टोरेज, ग्रेडिंग-पैकिंग केंद्र, फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर जैसी अधोसंरचना के विकास हेतु किन योजनाओं को लागू किया जा रहा है? योजनावार विवरण दें। (घ) उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में युवाओं, किसानों और महिला स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण व उद्यमिता के अवसर किस प्रकार प्रदान किए जा रहे हैं? क्या कोई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, इन्क्यूबेशन सेंटर या फील्ड डेमो साइट मुरैना में संचालित है?
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) निम्नानुसार योजनाएं संचालित हैं- 1. एकीकृत बागवानी योजना (MIDH) 2. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) 3. पर ड्रॉप मोर क्रॉप योजना (PDMC) 4. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) 5. खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए विशिष्ट वित्तीय सहायतायें योजना. 6 राज्य योजना। जिले में फ्रूट पल्प केन्द्र, मिनी कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग इकाईयाँ, क्लस्टर डेवलपमेंट इत्यादि अंतर्गत आवेदन प्राप्ति पर पात्रतानुसार लाभान्वित किये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में उक्त घटकों में आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु योजनाएं निम्नानुसार हैं:- 1. खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए विशिष्ट वित्तीय सहायताएं योजना- योजनांतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापना पर 25 प्रतिशत या अधिकतम 02.50 करोड़ का अनुदान प्रावधान है। शर्तें-मार्गदर्शी दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। गत दो वर्षों (2023-24 एवं 2024-25) में 07 इकाइयों को वित्तीय अनुदान सहायता प्रदान की गई। 2. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्ययम उन्नयन खाद्य योजना (PMFME) -योजनांतर्गत सूक्ष्म प्रसंस्करण उद्यम स्थापना पर 35% या अधिकतम राशि रु. 10.00 लाख का अनुदान प्रावधान है। शर्तें-मार्गदर्शी दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। गत दो वर्षों (2023-24 एवं 2024-25) में 191 इकाइयों को वित्तीय अनुदान सहायता प्रदान की गई। (ग) योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है। (घ) उद्यानिकी और प्रसंस्करण क्षेत्र में युवाओं और किसानों को राज्य में कृषि विज्ञान केन्द्र, विशेष उद्यानिकी क्षेत्र व राज्य के बाहर संस्थाओं में भ्रमण एवं सेमीनार तथा स्व-सहायता समूहों को PMFME योजनान्तर्गत प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। मुरैना जिले में शासकीय प्रक्षेत्र नूराबाद में 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' स्थापित है व इन्क्यूबेशन सेंटर निर्माणाधीन है।
जल जीवन मिशन योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
77. ( क्र. 1834 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी में जल जीवन मिशन योजना प्रारंभ होने से किस-किस ग्राम में किस दिनांक को नल-जल योजना प्रारंभ की गई? इस योजना के तहत कितने घरों में कितने कनेक्शन दिए गये एवं कितने सार्वजनिक कनेक्शन लगाये गये तथा कितने घरों में नल-जल योजना का पानी पहुंचाया गया? ग्रामवार जानकारी दी जावे। (ख) ग्राम में योजना के संचालन हेतु नलकूप का कब खनन किया गया? नलकूप खनन की गहराई, कितने फुट केसिंग पाइप, किस कंपनी की टयूबवेल मोटर, बोर मोटर हेतु चौकीदार/स्टार्टर किस-किस ग्राम में लगाये गये? उनका परीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया गया जानकारी दें तथा किस ग्राम में पुराने हैण्डपंप का उपयोग किया गया? किस ग्राम में बिजली कनेक्शन लिये गये एवं किस-किस ग्राम में कनेक्शन नहीं लिये गये? उनकी ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) पोहरी विधानसभा में किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना पूर्ण हो चुकी है एवं किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना अपूर्ण है, जो अपूर्ण है, वह किस ग्राम में किस कारण से अपूर्ण है? (घ) पोहरी विधानसभा क्षेत्र में जून 2025 की स्थिति में ऐसे कौन-कौन से नवीन नलकूप है जिसमें मोटर/हैण्डपंप एवं अन्य सामग्री डाला जाना शेष है? इसके लिए वांछित सामग्री कब तक उपलब्ध करा दी जाएंगी? सूची संलग्न कर जानकारी दी जावे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) एकल ग्राम नल जल योजनाओं एवं समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (घ) नलजल योजनाओं में मुख्य स्रोत के अतिरिक्त "स्टैंडबाय" स्रोत हेतु नलकूप खनित् कराए गए हैं, सभी सफल मुख्य योजना स्रोतों के नलकूपों में मोटरपंप तथा हैंडपंपों के लिए खनित् सफल नलकूपों में हैंडपंप लगाए गए हैं, 'स्टैण्डबाय' स्रोत पर मुख्य स्रोत अनुपयोगी होने की स्थिति में मोटर पंप स्थापित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
78. ( क्र. 1835 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले को बस्ती विकास योजना से, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को राज्य शासन से वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति तक कितना आवंटन वर्षवार प्राप्त हुआ? आवंटन से संबंधित आदेश की प्रतियां उपलब्ध करावें। वर्षवार प्राप्त आवंटन से विधानसभावार क्या-क्या कार्य, कितनी-कितनी लागत के, कहां-कहां स्वीकृत किये गये? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्राप्त आवंटन में से निर्माण कार्य स्वीकृत किये जाने के लिये क्या गाइड लाइन है? विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) उक्त कार्य आवंटन से किस-किस की अनुशंसा पर, किस आवेदन पर कौन-कौन से कार्य कितनी लागत के कार्य स्वीकृत किये गये? वर्षवार, कार्यवार, विधानसभा, क्षेत्रवार जानकारी उपलब्धा करावें। (घ) क्या उक्त कार्य स्वीकृत किये जाने में शासन के नियम/निर्देश का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्या इसकी जांच कराकर नियमानुसार उचित कार्यवाही की जाएगी। (ड.) अनुसूचित जाति विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है जिसमें विगत 03 वर्षों में शिवपुरी जिले में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? प्राप्त आवंटन को किस-किस मद में कहां-कहां व्यय किया गया? वर्षवार जानकारी दें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के शासन द्वारा जारी गाइड लाइन/दिशा-निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा जारी नियम निर्देशों का पालन किया गया है। जांच कराई जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) अनुसूचित जाति विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की विगत 03 वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
खाद्यान पर्ची का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
79. ( क्र. 1838 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किस श्रेणी के परिवारों को खाद्यान्न प्रदाय किया जाता है, हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची दिये जाने हेतु क्या नियम है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) शहरी क्षेत्र ग्वालियर में दिनांक 31 मार्च 2024 की स्थिति में कितने परिवारों को खाद्यान्न का वितरण किया गया एवं मई 2025 में कितने हितग्राहियों को राशन दिया जा रहा है? (ग) वर्ष 2024 में शासन द्वारा ई-श्रम कार्ड से राशन शुरू किये जाने के लिये हितग्राहियों के आवेदन जमा किये गये थे, शहरी क्षेत्र ग्वालियर में उक्त योजना अवधि के मध्य कुल कितने आवेदन जमा हुये एवं कितने हितग्राहियों का राशन ई-श्रम कार्ड से शुरू किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में जिन हितग्राहियों का राशन शुरू नहीं किया गया है, तो क्या कारण रहे। ऐसे हितग्राहियों को राशन पर्ची कब तक जारी की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत सम्मिलित पात्रता श्रेणी के वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। पात्रता श्रेणी परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करने के संबंध में जारी निर्देश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शहरी क्षेत्र ग्वालियर में दिनांक 31 मार्च, 2024 की स्थिति में 1,50,417 परिवारों के 6,25,313 एवं माह मई, 2025 की स्थिति में 1,54,414 परिवारों के 6,37,294 हितग्राहियों हेतु राशन सामग्री का आवंटन जारी किया गया है। (ग) शहरी क्षेत्र ग्वालियर में कुल 4728 असंगठित एवं प्रवासी श्रमिक श्रेणी के हितग्राहियों द्वारा पात्रता पर्ची हेतु आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 2,544 आवेदकों को पात्रता पर्ची जारी कर राशन वितरण प्रारम्भ किया गया है। (घ) प्राप्त आवेदनों में से 1384 परिवारों के सत्यापन किया जाकर ईकेवायसी हेतु पीओएस मशीन पर प्रदर्शित कराए गए हैं। पात्र परिवारों के ईकेवायसी पूर्ण होने पर नवीन पात्रता पर्ची जारी करने का प्रावधान है। पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत प्रक्रिया है।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
80. ( क्र. 1841 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जिला ग्वालियर में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कितनी राशि शासन द्वारा आवंटित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वित्तीय वर्षों में आवंटित राशि के विरूद्ध कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं? विधानसभावार/वर्षवार स्वीकृत किए गए निर्माण कार्य की जानकारी स्वीकृति पत्र सहित उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में स्वीकृत निर्माण कार्यों की पूर्णतः अवधि क्या थी, कितने कार्य पूर्ण हो चुके है एवं कितने कार्य शेष है। कार्यों के नाम सहित जानकारी दी जावे। (घ) उक्त निर्माण कार्यों की निर्माण अवधि के दौरान कार्यों की गुणवत्ता का निरीक्षण मापदण्डों के अनुरूप किया गया है या नही, इस संबंध में कब-कब, किस-किस अधिकारी के द्वारा निरीक्षण किया गया? दिनांकवार जानकारी दी जावे।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जिला ग्वालियर को वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में आवंटित राशि के विरूद्ध स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हां, निर्माण कार्यों की निर्माण अवधि के दौरान कार्यों की गुणवत्ता का निरीक्षण मापदण्डों के अनुरूप किया गया है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वृक्षारोपण हेतु पौधे का क्रय
[वन]
81. ( क्र. 1842 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा वृक्षारोपण हेतु प्रायवेट नर्सरियों से पौधो का क्रय किया जाता है? यदि हां तो किस नियम/निर्देश के अन्तर्गत, नियम निर्देश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) ग्वालियर जिले में विभाग की कितनी नर्सरी है एवं इसमें कितने पौधे वर्ष 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक तैयार किये गए एवं कितने पौधे वर्षवार वृक्षारोपण हेतु वितरित किए गए? वर्षवार, नर्सरीवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वर्षों में कितना-कितना बजट ग्वालियर जिले को प्राप्त हुआ एवं व्यय कितना किया गया? मदवार जानकारी दें। (घ) प्रायवेट फर्मों से कितने पौधो का क्रय किया गया? किस-किस फर्म से? वर्षवार जानकारी दें। क्या क्रय प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों के अनुसार किया गया है? फर्मवार जानकारी दें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) विभाग द्वारा वृक्षारोपण हेतु प्रायवेट नर्सरियों से पौधों का क्रय नहीं किया जाता है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्वालियर जिले में विभाग की 01 नर्सरी है एवं इसमें वर्ष 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक तैयार किये गए एवं वर्षवार, नर्सरीवार, वृक्षारोपण हेतु वितरित पौधों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वर्षों में ग्वालियर सामाजिक वानिकी वृत्त को प्राप्त बजट एवं व्यय की मदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) प्रायवेट फर्मों से पौधा क्रय नहीं किया गया अतः शेष जानकारी निरंक है।
वन भूमि डायवर्सन की जानकारी
[वन]
82. ( क्र. 1845 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विगत पांच वर्षों में कुल कितने हेक्टेयर वन भूमि को गैर-वनीय उद्देश्यों के लिये डायवर्ट किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में गैर वनीय उद्देश्यों के लिये वन भूमि डायवर्ट करने के मुख्य कारण क्या है? कितनी भूमि औद्योगिक, कितनी अधोसंरचना (सड़क, बिजली आदि) तथा कितनी अन्य कारणों से डायवर्ट की गई?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत गैर वानिकी कार्य हेतु विगत पांच वर्षों में कुल 21657.0385 हेक्टेयर वनभूमि व्यपवर्तित हुई है। (ख) वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत गैर वानिकी कार्य हेतु मुख्यतः सिंचाई, विद्युत संरचनाऐं, सड़क निमार्ण, रेलवे, पेयजल आपूर्ति, खनिज उत्खनन इत्यादि हेतु वनभूमि व्यपवर्तित की जाती है। औद्योगिक विकास हेतु 16.5180 हेक्टेयर वनभूमि, सड़क निर्माण हेतु 1459.8957 हेक्टेयर वनभूमि, विद्युत संरचनाएँ हेतु 1671.2806 हेक्टेयर वनभूमि, सिंचाई कार्य हेतु 11370.5640 हेक्टेयर वनभूमि, पेयजल आपूर्ति हेतु 352.9310 हेक्टेयर वनभूमि एवं अन्य गैर वानिकी कार्य हेतु 6785.8492 हेक्टेयर वनभूमि व्यपवर्तित की गई है।
वृद्धावस्था पेंशन योजना
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
83. ( क्र. 1846 ) श्री उमंग सिंघार : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को रूपये 600 प्रतिमाह की पेंशन दी जा रही है? (ख) क्या शासन द्वारा यह मूल्यांकन किया गया है कि उक्त राशि वृद्धजनों की दवा, भोजन एवं दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त है? (ग) वृद्धावस्था पेंशन की राशि में कितनी बार वृद्धि की गई है? कृपया वर्षवार जानकारी दी जाए? (घ) क्या राज्य सरकार भविष्य में पेंशन राशि में वृद्धि करने पर विचार कर रही है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ड.) 31 मार्च 2025 की स्थिति में योजना के अंतर्गत प्रदेश में कुल कितने लाभार्थी पंजीकृत हैं? कृपया वर्गवार (सामान्य, अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला/पुरुष) संख्या बताएं?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग को प्रति हितग्राही प्रतिमाह पात्रता के आधार पर पेंशन राशि रूपये 600 प्रदाय की जा रही है। (ख) जी नहीं। (ग) वृद्धावस्था पेंशन के साथ-साथ समस्त पेंशन योजनाओं में वर्ष 2007-08 में राशि रूपये 275/-, 2016-17 में राशि रूपये 300/- एवं मार्च 2019 में पेंशन वृद्धि की जाकर रूपये 600/- किये गये है। (घ) राज्य शासन द्वारा उपलब्ध संसाधनों के अंतर्गत इस प्रकार की वृद्धि का निर्णय लिया जाता है। (ड.) कुल 27,56,492 पेंशन लाभार्थी पंजीकृत है। वर्गवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अधिकारी/कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान
[जनजातीय कार्य]
84. ( क्र. 1849 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवर्तित तारांकित प्रश्न क्रमांक 1613 दिनांक 20.12.2024 में ग्वालियर जिला अंतर्गत विभागीय कर्मचारियों के स्वत्वों के निराकरण के संबंध में जानकारी ली गई थी? क्या कर्मचारियों के स्वत्व अभी लंबित है? यदि हां तो क्यों? (ख) क्या कर्मचारियों के स्वत्वों के निराकरण में जिला कार्यालय स्तर पर अनावश्यक विलंब कर कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है? यदि हां तो क्या स्वत्वों के निराकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हां तो कब तक? समय-सीमा बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के उत्तर में किन कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान/लाभ देना लंबित बताया गया है? क्या प्रश्न दिनांक तक उनका निराकरण कर लाभ दिया जाकर भुगतान कर दिया गया है? यदि हां तो कर्मचारीवार, निराकरण भुगतान, दिनांकवार जानकारी दें। (घ) यदि प्रश्न दिनांक तक जिले में कार्यरत कर्मचारियों को स्वत्वों का लाभ/भुगतान नहीं किया गया है तो कर्मचारियों की नामवार, पदवार लंबित रहने के कारण सहित जानकारी दें निराकरण की समय-सीमा बताएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हां। विभाग अंतर्गत ग्वालियर जिले में 36 कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। 58 कर्मचारियों को क्रमोन्नति/समयमान का लाभ दिये जाने हेतु नस्ती प्रचलन में है एवं 07 शिक्षकीय कर्मचारियों को चतुर्थ क्रमोन्नति नियमानुसार देय नहीं है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब’’ पर है। (ख) 58 कर्मचारियों की क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान की नस्ती प्रचलन में है। प्रकरण में जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। 36 कर्मचारियों को समयमान वेतनमान स्वीकृत किया गया है, नियमानुसार वेतन निर्धारण उपरांत लाभ दिया जाना संभव है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। (घ) 36 कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान नहीं हुआ है, वेतन निर्धारण की कार्यवाही चलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभिन्न परिक्षेत्रों में भू-जल संवर्धन की जानकारी
[वन]
85. ( क्र. 1850 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत उत्तर वन मण्डल के वन परिक्षेत्र खुरई, मालथौन एवं बांदरी में माह अप्रैल 2023 से 30 जून, 2025 तक वृक्षारोपण, भू-जल संवर्धन, भू-जल संरक्षण एवं अन्य कितने-कितने निर्माण कार्य, किस-किस मद एवं योजना से स्वीकृत किए गए? वर्षवार व परिक्षेत्रवार अलग-अलग बताएं। कार्यों का भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कार्यों हेतु प्राप्त आवंटन, व्यय एवं शेष राशि का ब्यौरा क्या है? परिक्षेत्रवार अलग-अलग बतायें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जल-जीवन मिशन अंतर्गत अप्रांरभ कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
86. ( क्र. 1851 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा खुरई विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन अन्तर्गत किन-किन ग्रामों में वर्तमान में एकल नल जल योजना के कार्य अप्रारंभ हैं एवं कौन-कौन से समूह के जल प्रदाय योजना के कार्य किन-किन कारणों से अप्रारंभ हैं? विस्तृत ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जल जीवन मिशन अन्तर्गत एकल नल जल योजना के कार्य जिन-जिन ग्रामों में पूर्ण हो गये हैं? क्या उन सभी ग्रामों में सी.सी. कार्य पूर्ण कर लिया गया है? किस-किस ग्राम के कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र किस-किस विभागीय इंजीनियर द्वारा प्रदान किये गये?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन अंतर्गत एकल ग्राम नल जल योजना एवं समूह जल प्रदाय योजना के कोई भी कार्य अप्रारम्भ की श्रेणी में नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वृद्धावस्था/विधवा पेंशन योजना की राशि में वृद्धि
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
87. ( क्र. 1855 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की वृद्धावस्था पेंशन/विधवा पेंशन योजना की राशि में वृद्धि करने की शासन द्वारा कोई योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सामाजिक वृद्धावस्था पेंशन योजना में महिला/पुरूष वर्ग का नाम गरीबी रेखा सूची में दर्ज होना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित सामाजिक वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए वर्ष-2021-22, 2022-23 में महिला/पुरूष के लिए गरीबी रेखा सूची में नाम दर्ज होने की अनिवार्यता नहीं थी? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) शासन सामाजिक वृद्धावस्था/विधवा पेंशन योजना अंतर्गत प्रदाय की जाने वाली राशि में वृद्धि कब तक की जाएगी तथा वृद्धावस्था पेंशन में गरीबी रेखा सूची में नाम की अनिवार्यता में क्या शिथिलता प्रदान की जाएगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हां। राज्य शासन द्वारा उपलब्ध संसाधनों के अंतर्गत इस प्रकार की वृद्धि का निर्णय लिया जाता है। (ख) राज्य शासन की योजनाओं में कोई गरीबी रेखा का बंधन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार राज्य सरकार की योजना में गरीबी रेखा का बंधन नहीं है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश 'ग' अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण नलजल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
88. ( क्र. 1857 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्रामीण नलजल प्रदाय योजना के अंतर्गत स्वीकृत नलजल योजनाओं का कार्य नरयावली विधानसभा क्षेत्र के सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत किन-किन ग्रामों में पूर्ण हो गया है तथा किन ग्रामों में योजना से ग्राम में पेयजल प्रदाय किया जा रहा है? (ख) ग्रामीण नलजल प्रदाय योजना के अंतर्गत स्वीकृत नलजल योजनाओं का कार्य नरयावली विधानसभा क्षेत्र के सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत किन-किन ग्रामों में प्रगतिरत हैं तथा कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) ग्रामीण नलजल प्रदाय योजना के अंतर्गत कितने ग्रामों में जलस्त्रोत प्राप्त हुए/सफल रहे/असफल रहा/जल स्त्रोत नहीं मिला?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है।
स्वीकृत नल-जल योजना की भौतिक स्थिति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
89. ( क्र. 1860 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र केवलारी में विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 में नवीन हैण्डपंप उत्खनन हेतु वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य कितना था व वर्ष 2024-25 में विभाग द्वारा कितने हैण्डपंप उत्खनन किए गए? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार दिये गये वित्तीय वर्षों में हैण्डपंप उत्खनन हेतु दिये गये भौतिक लक्ष्यों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल हेतु व्यवस्था पूर्ण की जा सकेगी? यदि नहीं, तो शासन द्वारा हैण्डपंप उत्खनन के लक्ष्यों को बढ़ाने की क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्र में पूर्व से स्थापित/स्वीकृत नल-जल की भौतिक स्थिति क्या है? पूर्व से बंद नल-जल योजनाओं को पुनः चालू करने के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) विभाग द्वारा नवीन नलकूप खनन कर हैंडपंप स्थापना हेतु लक्ष्य जिले/खंडवार आवंटित किए जाते हैं, ना कि विधानसभा क्षेत्रवार। विधानसभा क्षेत्र केवलारी में नवीन हैंडपंप स्थापना हेतु खनित नलकूपों की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) नलकूप खनन कर हैंडपंप स्थापना के माध्यम से पेयजल व्यवस्था हेतु प्राप्त लक्ष्यों के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की आवश्यकतानुसार नवीन हैंडपंप स्थापना के कार्य किए जाते हैं। पेयजल व्यवस्था हेतु जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल जल योजनाओं का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। इसके अतिरिक्त केवलारी विधानसभा क्षेत्र के लिए मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वयन हेतु 04 समूह जल प्रदाय योजनाएं क्रमश: बंडोल, सिद्धघाट, संगमघाट एवं पायली स्वीकृत हैं, जिनमें से बंडोल एवं सिद्धघाट समूह जल प्रदाय योजना का कार्य पूर्ण कर ग्रामों में जल प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है तथा संगमघाट एवं पायली योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं।
डिपो में बांस, बल्ली एवं जलाऊ लकड़ी की उपलब्धता
[वन]
90. ( क्र. 1861 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्थित वन डिपो में बांस, बल्ली एवं जलाऊ लकड़ी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है? यदि हाँ, तो किन-किन डिपो में कितनी-कितनी मात्रा में बांस-बल्ली एवं जलाऊ लकड़ी उपलब्ध है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्थित वनों में हवा तूफान से गिरे कई बड़े-बड़े पेड़ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही के चलते जंगल में पड़े-पड़े सड़ रहे हैं, जिससे विभाग को अत्यधिक हानि हो रही है। क्या विभाग दोषियों पर कार्यवाही करेगा? (ग) क्या विभाग हवा तूफान में गिरे वृक्षों को कटवाकर डिपो में जलाऊ चट्टे के लिए उपयोग करेगा, जिससे विभाग को लाभ होगा व साथ ही क्षेत्रीय जनों की जलाऊ लकड़ी की आवश्कता भी पूर्ण हो सकेगी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सिवनी जिले के केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 22 निस्तार डिपो तथा एक बांसगार है, जिनमें स्थानीय मांग अनुसार बांस, बल्ली एवं जलाऊ लकड़ी उपलब्ध करायी जाती है, प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग द्वारा समय-समय पर परिस्थितियों के अनुसार हवा तूफान से गिरे वृक्षों का विदोहन कर काष्ठ का परिवहन समीपस्थ डिपो में किया जाता है, जिससे क्षेत्रीय जनों की आवश्यकता की पूर्ति की जाती है। उक्त घटना प्राकृतिक परिस्थिति जन्य है अत: निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की वृद्धि
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
91. ( क्र. 1863 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि रु. 600 को बढ़ाया/वृद्धि की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक और कितनी राशि बढ़ेगी? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि देश के कुछ राज्यों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन रु. 850 से रू. 3000 तक है तो फिर मध्यप्रदेश सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन की वृद्धि क्यों नहीं करती है? क्या आज इतनी महंगाई में रू. 600 प्रतिमाह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन में जीवन यापन संभव है? आज की स्थिति और आर्थिक हालातों को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश में भी सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि में वृद्धि किया जाना आवश्यक है, क्या सरकार इस पर विचार करेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) पेंशनधारियों को केवाईसी के नाम पर बेवजह परेशान होकर बार-बार लाइन में लगने से दिव्यांगजनों और बुजुर्गों (60 वर्ष से ऊपर) को असुविधा होती है इस पर सरकार की क्या कोई कार्ययोजना है? जिससे कि बुजुर्गों और दिव्यांगजनों को लाइन में लगने से छुटकारा/मुक्ति मिले? यदि हाँ, तो क्या कार्ययोजना है? यदि नहीं, है तो क्यों?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) राज्य में वृद्धजन, कल्याणियों एवं दिव्यांगजनों के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा पेंशन संचालित की जा रही है जिनमें वर्तमान में प्रति हितग्राही राशि रुपये 600/- प्रदान किये जा रहे है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन को रूपये 600/- से बढ़ाकर रूपये 1500/- प्रतिमाह किए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है। राज्य शासन द्वारा उपलब्ध संसाधनों के अंतर्गत इस प्रकार की वृद्धि का निर्णय लिया जाता है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवायसी हेतु समय-समय पर विशेष अभियान चलाये गये है, उक्त अभियान के दौरान ग्राम/वार्ड स्तर पर विशेष कैम्प लगाकर आधार ई-केवायसी की कार्यवाही की गई है। आधार ई-केवायसी हेतु MPOnline, CSC एवं लोकसेवा केन्द्र को भी अधिकृत किया गया है, कोई भी व्यक्ति MPOnline, CSC एवं लोकसेवा केन्द्र के माध्यम से आधार ई-केवायसी करा सकता है। आधार ई-केवायसी सुगमता से हो सके, इस हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मोबाइल एप्प भी विकसित की गई है। साथ ही स्थानीय आवश्यकता के दृष्टिगत ग्राम रोजगार सहायक/वार्ड प्रभारी द्वारा भी चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के घर जाकर मोबाईल एप पर ओटीपी के माध्यम से समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवायसी का कार्य किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनु.जाति कल्याण विभाग में संचालित योजनाओं की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
92. ( क्र. 1865 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. अनु.जाति वर्ग के लोगों के लिये क्या-क्या योजनाएं संचालित की जाती हैं? उक्त योजनाओं का वार्षिक बजट कितना है? योजनावार, राशिवार अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करायें? सतना विधानसभा अंतर्गत कितने अनु.जाति वर्ग के लोगों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ दिया गया? ग्रामवार, वार्डवार अलग-अलग सूची उपलब्ध करायें। (ख) म.प्र. में अनु.जाति ग्रामों/बस्ती/मोहल्ले के विकास के लिये क्या-क्या कार्ययोजनाएं संचालित की जाती हैं? जिलेवार, कार्ययोजनावार, मदवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) सतना जिले की अनु.जाति बस्ती/लोगों के विकास के लिये किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि के किन-किन कार्यों को कराया गया है? पिछले 3 वित्तीय वर्षों की विधानसभावार, कार्यवार, राशिवार, मदवार अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) सतना विधानसभा के अनु.जाति बस्तियों/मोहल्लों के विकास कार्यों के लिये पिछले वित्तीय वर्ष में प्रश्नकर्ता द्वारा सतना जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग सतना को प्रस्ताव भेजा गया था, उक्त कार्यों की प्रगति/स्थिति क्या है? उक्त कार्यों को अभी तक क्यों नहीं कराया गया? यदि कराया गया तो कौन-कौन से कार्यों को कहां-कहां कराया गया?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम 2018 अनुसार कार्य योजना संचालित की जाती है। योजना नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'द'' अनुसारहै। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ई'' अनुसार है। (घ) सतना विधानसभा के अनुसूचित जाति बस्तियों मोहल्लों के विकास कार्यों के लिये पिछले वित्तीय वर्ष में प्रश्नकर्ता द्वारा सतना जिला संयोजक, जनजातीय कार्य विभाग सतना को भेजे गये प्रस्ताव अंतर्गत कार्ययोजना के अनुमोदन की कार्यवाही शासन द्वारा गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत की गई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्राप्त बजट के अनुक्रम में कार्ययोजना तैयार की जाकर पुन: समिति के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत की जावेगी। अनुमोदन के पश्चात संबंधित ग्राम पंचायतों में आवश्यक अभिलेख प्राप्त होने पर अनुसूचित जाति कल्याण विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल का राजपत्र क्र./एफ 12-22/2016/25-4, भोपाल, दिनांक 15 मई 2018 में दिये गये निर्देश एवं पात्रता अनुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी।
प्रा.शाला, माध्यमिक शाला एवं आंगनवाड़ी भवन में पीने का पानी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
93. ( क्र. 1868 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर सम्भाग के सभी जिलों में विभाग द्वारा 2023 से आज तक प्रा. शाला, मा. शाला, आंगनवाड़ियों में पीने के पानी हेतु किस-किस मद से क्या-क्या कार्य किये, कितनी-कितनी राशि स्वीकृत थी कितना-कितना व्यय किये संस्थावार जानकरी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सभी संस्थाओं की वर्तमान की भौतिक स्थिति बतावें। (ग) क्या अधिकतर संस्थाओं में भौतिक स्थिति अच्छी नहीं है? उसके जिम्मेदार कौन है, स्थिति कब तक अच्छी होगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जबलपुर संभाग के जबलपुर, नरसिंहपुर छिंदवाड़ा, डिंडौरी एवं पांढुर्णा जिलों में विभाग द्वारा वर्ष 2023 से किए गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिला कटनी, मण्डला, बालाघाट एवं सिवनी में वर्ष 2023 से प्रा.शाला, मा.शाला एवं आंगनवाड़ियों में कोई कार्य नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, डिंडौरी एवं पांढुर्णा जिलों में विभाग द्वारा वर्ष 2023 से किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, डिंडौरी एवं पांढुर्णा जिलों में विभाग द्वारा वर्ष 2023 से किए गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा शालाओं/आंगनवाड़ियों में पेयजल कार्य पूर्ण करके संचालन तथा रख-रखाव के लिए संबंधित शाला/आंगनवाड़ी संस्था को हस्तांतरित किया जाता है, जिनके द्वारा जलापूर्ति तथा रख-रखाव किया जाना प्रावधानित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पीएम एफएमई की जानकारी
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
94. ( क्र. 1869 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2023 से आज दिनांक तक म.प्र. में पी.एम. एफ.एम.ई. योजनान्तर्गत किस-किस कृषक व हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि दी गई अनुदान के रूप में, कृषक का नाम, पता सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) द्वारा अनुदान प्राप्त कृषकों की भौतिक प्रगति वर्तमान में कितनी है भौतिक स्थिति कैसी है।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) 2023 से आज दिनांक तक म.प्र. में पीएमएफएमई योजनांतर्गत 4456 हितग्राहियों को अनुदान के रूप में प्रदाय राशि का विवरण कृषक के नाम, पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) द्वारा 4456 अनुदान प्राप्त हितग्राहियों में से 2500 इकाइयां स्थापित की गई है। शेष 1956 इकाइयों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। इकाइयों की भौतिक स्थिति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
दिव्यांगजनों को मिलने वाली पेंशन व उपकरण
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
95. ( क्र. 1871 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने दिव्यांगजन हैं? क्या दिव्यागंजन को उपकरण प्रदाय किये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्षवार, विधानसभावार संख्या एवं किस-किस प्रकार के उपकरण दिये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने दिव्यागंजनों को उपकरण उपलब्ध नहीं करवाये गये हैं? विधानसभावार संख्या एवं सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रति वर्ष जिले में लगाये गये शिविरों में शत-प्रतिशत दिव्यांगजनों को परीक्षण कर उपकरण उपलब्ध कराये गये थे? यदि हाँ, तो वर्ष 2025 में पुनः लगाये जाने वाले शिविर में क्या नवीन दिव्यांगजनों के प्रमाण पत्र जारी कर चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। (घ) दिव्यांगजनों को शासन से कितनी पेंशन प्रदान की जाती हैं? उक्त राशि से उनका गुजारा संभव नहीं है, क्या पेंशन को बढ़ाने का कोई प्रावधान सरकार की तरफ से वर्तमान में किया गया है? यदि हाँ, आदेश की प्रति उपलब्ध करायें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2022 से वर्तमान दिनांक तक स्पर्श पोर्टल में दर्ज जानकारी अनुसार कुल 23945 दिव्यांगजन हैं। भारत सरकार की सहायक उपकरण प्रदाय योजना एडिप अंतर्गत भारत सरकार के उपक्रम एलिम्कों द्वारा दिव्यांगजन सहायक उपकरण परीक्षण शिविर आयोजित कर दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण हेतु चिन्हांकित किया गया हैं जिनकी वर्षवार, विधानसभावार, संख्या एवं उपकरण के नाम इत्यादि की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार। (ख) भारत सरकार की सहायक उपकरण प्रदाय योजना एडिप अंतर्गत भारत सरकार के उपक्रम एलिम्कों द्वारा दिव्यांगजन सहायक उपकरण परीक्षण शिविर आयोजित कर दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण हेतु चिन्हांकित किया जाकर समस्त पात्र हितग्रहियों को सहायक उपकरण वितरण किये गये हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भारत सरकार की सहायक उपकरण प्रदाय योजना एडिप अंतर्गत भारत सरकार के उपक्रम एलिम्कों द्वारा दिव्यांगजन सहायक उपकरण परीक्षण शिविर आयोजित कर दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण हेतु चिंहांकित किया जाकर समस्त पात्र हितग्रहियों को सहायक उपकरण वितरण किये जाते रहे हैं साथ ही वर्ष 2025 में शिविर आयोजित कर नवीन हितग्रहियों को 891 दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार। (घ) दिव्यांगजनों को वर्तमान में रूपये 600/- प्रतिमाह सामाजिक सहायता प्रदान की जा रही है। राज्य शासन द्वारा उपलब्ध संसाधनों के अंतर्गत इस प्रकार की वृद्धि का निर्णय लिया जाता है।
नल-जल योजनांतर्गत जल प्रदाय की जानकारी व कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
96. ( क्र. 1873 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जल जीवन मिशन अंतर्गत बालाघाट विधानसभा के किस-किस ग्राम में किस दिनांक को नल-जल योजना प्रारंभ की गई? इस योजना के तहत कितने घरों में कितने कनेक्शन दिए एवं कितने सार्वजनिक कनेक्शन लगाये गये? (ख) किस ग्राम में योजना के संचालन हेतु नलकूप का कब खनन किया गया। किस ग्राम में पुराने हैण्ड पंप का उपयोग किया? किस ग्राम में बिजली कनेक्शन लिया गया? (ग) बालाघाट विधानसभा में किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना पूर्णतः पूर्ण हो चुकी है एवं किन- किन ग्रामों में नल-जल योजना अपूर्ण है, जो अपूर्ण है, वह किस ग्राम में किस कारण से अपूर्ण है? (घ) बालाघाट विधानसभा में ऐसे कितने ग्राम है। जिनमें नल-जल योजना के नलकूप में से पानी नहीं निकला है, तो उस ग्राम में जल आपूर्ति के लिये शासन द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे है एवं जल आपूर्ति का लक्ष्य इन ग्रामों में कब तक पूर्ण किया जायेगा? शासन अपनी कार्य योजनाओं एवं रूपरेखा से अवगत करावें। (ड.) जल जीवन मिशन अंतर्गत बालाघाट विधानसभा में नल-जल योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत किस-किस अधिकारी/कर्मचारी की प्राप्त हुई है? जाँच किसके द्वारा किया गया, जानकारी उपलब्ध कराये? दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बालाघाट विधानसभा क्षेत्र में 04 ग्रामों में योजना के संचालन हेतु नलकूप खनन किया गया एवं शेष 62 ग्रामों की योजना सतही स्रोत आधारित है। किसी भी ग्राम में पुराने हैण्डपंपों का उपयोग नहीं किया गया है। नलकूप खनन् एवं बिजली कनेक्श्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) बालाघाट विधानसभा में 04 ग्रामों में योजना के संचालन हेतु नलकूप खनन किया गया एवं शेष 62 ग्रामों की योजना सतही स्रोत आधारित है, जिससे जल प्रदाय प्रारंभ है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जल जीवन मिशन अंतर्गत बालाघाट विधानसभा में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अतः जांच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रावासों की आय-व्यय की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
97. ( क्र. 1875 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में अनुसूचित कल्याण विभाग के कहां-कहां विद्यालय, छात्रावास आश्रम शाला संचालित है? जिलावार, विकासखण्डवार, छात्रावासवार बतावें एवं इन संस्थाओं में 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने-कितने छात्र-छात्राओं में प्रवेश लिया? संस्थावार, छात्रावासवार, जिलावार, विकासखण्डवार स्टॉफ सूची सहित जानकारी देवें तथा कितने स्वीकृत छात्रावास विद्यालय है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भोपाल संभाग में उक्त छात्रावासों विद्यालयों में किस-किस मद से कितना-कितना बजट दिया है? मदवार जानकारी देवें एवं किन-किन मदों में राशि व्यय की गई है? आय- व्यय पत्रक एवं स्टॉक रजिस्टर की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में किन-किन व्यक्तिओं, संस्थाओं, फर्मों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान की गई है? छात्रा का नामवार, वर्षवार जानकारी देवें। (घ) उक्त छात्रावासों विद्यालयों में शिक्षक अधीक्षक कब-कब से पदस्थ है? अधीक्षक की प्रतिनियुक्ति के नियम, निर्देशों, आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
विभाग की योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
98. ( क्र. 1877 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल संभाग के विदिशा जिले में जल निगम एवं विभाग की कौन-कौन सी ग्रामों में समूह नल-जल योजनाओं की स्वीकृति हुई है? प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, निविदा, कार्यादेश, स्वीकृत राशि, कार्यपूर्णतः दिनांक सहित विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त योजनाओं में कौन-कौन से नल-जल योजनाओं के कार्य पूर्ण हो गये? कितने अपूर्ण हैं? कितने अप्रारंभ है? ग्राम का नाम, लागत, कार्य एजेन्सी/ठेकेदार का नाम, अनुबंध दिनांक, कार्यपूर्णतः दिनांक, हस्तांतरित दिनांक योजना पर व्यय राशि सहित ग्रामवार, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त योजनाओं का निरीक्षण योजना प्रारंभ से प्रश्नांकित अवधि तक कलेक्टर विदिशा, प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री एवं अन्य एजेन्सी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? जानकारी उपलब्ध करावें। क्या गुणवत्ताविहीन कार्य पाया गया? यदि हां,तो कार्य एजेन्सी/ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं,तो कब-तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में विकासखण्ड सिरोंज-लटेरी में 80 प्रतिशत ग्रामोंमें गुणवत्ता विहीन कार्य हुआ है? गुणवत्ता विहीन कार्य की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यपूर्ण और अधूरा होने पर भी उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री की मिलीभगत से भुगतान कर दिया जाता है? यदि हां,तो इसके लिए दोषी कौन है? क्या विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाकर जांच की जावेगी? यदि हां,तो कब-तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों में कहां-कहां नल जल योजना की पाइप लाइन डालने हेतु सड़क की खुदाई की गई थी तथा वहां पाइन लाइन डालने के बाद सड़क का सी.सी.करण अथवा डामरीकरण नहीं किया गया? इसके लिए दोषी कौन है तथा उक्त सभी मरम्मतीकरण कब तक कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। कोई नहीं। सभी समूह जल प्रदाय योजनाओं के कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैं। वर्तमान में समूह योजना को हस्तांतरित नहीं किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत सिरोंज एवं लटेरी विकासखंड में प्रगतिरत समूह जल प्रदाय योजनाओं में गुणवत्ता विहीन कार्य होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) समूह जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। पाइप लाइन बिछाने हेतु खोदी गई सड़कों के रेस्टोरेशन का कार्य प्रगतिरत है। एकल ग्राम नल जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। एकल ग्राम नल जल योजनाओं के अंतर्गत 02 ग्राम की योजनाओं के पुनरीक्षित होने की आवश्यकता के कारण पाइप लाइन डालने हेतु सड़क की खुदाई के पश्चात सी.सी.करण अथवा डामरीकरण का कार्य शेष है, वर्तमान में उक्त योजनाओं में खोदी गई सड़क को आवागमन योग्य बना दिया गया है। वर्तमान में उक्त 02 योजनाओं की पुनरीक्षित स्वीकृति प्राप्त हो गई है, सी.सी.करण अथवा डामरीकरण का कार्य कराए जाने के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, कोई दोषी नहीं है। शेष सी.सी.करण अथवा डामरीकरण कराए जाने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास मद व निर्माण कार्य
[जनजातीय कार्य]
99. ( क्र. 1879 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जनजाति जिलों/क्षेत्रों में निर्माण कार्यों हेतु शासन/विभाग द्वारा वर्ष 2020 से अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास हेतु 20% राज्य अनुदान मद से दी गई राशि की कार्यवार, स्थानवार व तिथिवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त मद से मार्च 2025 में प्रदेश/जिलों की पंचायतों में निर्माण कार्य हेतु प्राप्त राशि को मात्र दो-तीन दिन अथवा बहुत ही अल्पअवधि में निर्माण कार्यों की सामग्री विक्रेता वेंडर के खाते में राशि आहरित कर दी गई? यदि हाँ, तो क्या यह विधि सम्मत है? (ग) यदि नहीं, तो क्या प्रदेश के जिला सिवनी के विकासखंड लखनादौन ग्राम व ग्राम पंचायत बिछुआ-लोंदा में निर्माण कार्यों हेतु उक्त मद की राशि मार्च वर्ष 2025 में शासन/विभाग द्वारा डाली गई व उसके मात्र 2-3 दिन उपरांत ग्राम पंचायत द्वारा लगभग 70% राशि सामग्री विक्रेता वेंडर के खाते में डाल दी गई? यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में जिला प्रशासन को शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो उसमें क्या जांच की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास हेतु 20 प्रतिशत राशि से स्वीकृत कार्य, स्थान एवं तिथि की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिलों को प्रदाय आवंटन से निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत के खाते में ई-पेमेंट के माध्यम से राशि प्रदाय की गई जिसमें ग्राम पंचायत बिछुआ लोंदा जिला सिवनी द्वारा अल्पअवधि में सामग्री विक्रेता वेंडर के खाते में राशि आहरित किए जाने की जांच में है। जी नहीं। (ग) जी हाँ। जी हाँ। सरपंच ग्राम पंचायत बिछुआ लोंदा द्वारा राशि आहरित की गई है, जिसके संबंध में जिला पंचायत सिवनी में मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89 के तहत ग्राम पंचायत बिछुआ लोंदा के सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध कार्यवाही हेतु न्यायालय विहित प्राधिकारी/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सिवनी में प्रकरण क्रमांक 01/2025-26 में दर्ज किया गया। सरपंच के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 का प्रकरण क्रमांक 02/2025-26 दर्ज किया गया है। जांच प्रचलन में है।
विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत दिए गए कार्यों का सत्यापन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
100. ( क्र. 1881 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभाग की किन-किन योजनाओं के तहत किन-किन स्वयंसेवी संस्थाओं (NGO) को कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य किन आधार पर जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में दिए गए हैं? संस्थाओं के संचालकों के नाम/पता सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त संस्थानों द्वारा किए गए कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या सत्यापन में सभी संस्थाओं के कार्य मानक स्तर के पाए गए हैं या नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जनवरी, 2024 से प्रश्न दिनांक तक विभाग की योजनाओं के तहत किसी स्वयंसेवी संस्थाओं (NGO) को कार्य नहीं दिए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार अधिनियम (FRA) के तहत स्वीकार और अस्वीकार आवेदन
[जनजातीय कार्य]
101. ( क्र. 1884 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार अधिनियम 2008 के तहत पिछले 5 वर्षों में जिला झाबुआ के समस्त वन मंडल में कितने व्यक्तिगत और सामूहिक दावे प्राप्त हुए और कितने खारिज किए गए, किस आधार पर किए गए? वर्ष अनुसार संपूर्ण जानकारी नाम, पता के साथ दी जाएं (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने दावे और आवेदन पर "ग्राम सभा" की अनुमति ली गई थी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006, नियम 2008 के तहत झाबुआ जिले में पिछले 5 वर्षों में वनमंडल में प्राप्त व्यक्तिगत सामूहिक, खारिज दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’एक’’ एवं ‘’दो ‘’अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’एक’’ एवं ‘’दो’’ अनुसार है।
आदिवासी कल्याण और रोजगार
[जनजातीय कार्य]
102. ( क्र. 1885 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासी कल्याण और रोजगार की कितनी योजनाएं चलाई जा रही हैं, उन योजनाओं का वर्ष 2020 से 2025 तक कितना बजट रहा? (ख) प्रदेश के समस्त आदिवासी ब्लॉक में इन योजना से वर्ष 2023 से 2025 तक कितने हितग्राही व्यक्तियों को कितना-कितना लोन दिया गया है। (ग) पिछले 2 वर्षों में इस प्रकार की सभी योजना के प्रचार प्रसार हेतु, क्या-क्या किया गया और कितनी राशि खर्च की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विभाग अंतर्गत आदिवासी कल्याण और रोजगार की संचालित योनजाओं का वर्षवार बजट का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) प्रदेश के समस्त आदिवासी ब्लॉक में इन योजनाओं से वर्ष 2023 से 2025 तक हितग्राही व्यक्तियों एवं प्रदाय की गई लोन की राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) वन्या रेडियों के माध्यम से विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योनजाओं का जनजाती बोलियों में अनुवाद कर प्रसारित किया गया। उक्त कार्य में कोई राशि व्यय नहीं की गई कार्य पर होने वाला व्यय का भुगतान संबंधित विभागों द्वारा वन्या रेडियों केन्द्रों को किया गया तथा पिछले दो वर्षों में मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम की योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु राशि रूपये 35046.00 (रूपये पैतीस हजार छियालीस मात्र) व्यय की गई है।
प्रदेश में पंजीकृत फैक्ट्रियों द्वारा फैलाया जा रहा प्रदूषण
[पर्यावरण]
103. ( क्र. 1888 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में वर्तमान में कितनी फैक्ट्रियाँ (इकाइयाँ) पंजीकृत हैं या कार्यरत हैं, जहाँ वेस्ट टायर जलाए जाते हैं (जैसे टायर पायरोलिसिस,दहन या रीसाइक्लिंग इकाइयाँ) इकाई का नाम,पता और जिला,संचालक/कंपनी का नाम,मलिक भागीदार का नाम पता,इकाई के प्रारंभ होने की दिनांक बतावें तथा प्रदूषण नियंत्रण मापदंडों के अनुसार पंजीकरण/अनुमति पत्र की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फैक्ट्री पर 5 वर्षों में कितनी बार निरीक्षण किए गए? निरीक्षण की दिनांक, फैक्ट्री का नाम, निरीक्षण में उल्लंघन पाए जाने पर किन-किन फैक्ट्रियों पर क्या कार्यवाही की गई (जैसे नोटिस, जुर्माना, अस्थायी बंदी, स्थायी बंदी आदि) समस्त निरीक्षण रिपोर्ट की प्रतियां देवें। (ग) विगत 5 वर्षों में इन फैक्ट्रियों के खिलाफ कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? फैक्ट्रीवार शिकायतों की संख्या, शिकायत का प्रकार तथा की गई कार्यवाही का प्रत्येक शिकायत अनुसार विवरण दें। (घ) पिछले 5 वर्षों में किस किस फैक्ट्री को स्थायी रूप से किस कारण से, किस दिनांक को बंद (permanently shut down) किया गया? (ड.) क्या इन फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएँ और रसायनों के संबंध में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा कोई विशेष रिपोर्ट, अध्ययन या नियमन जारी किया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’अ’’ (पेन ड्राइव) अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’ब’’ (पेन ड्राइव) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’स’’ (पेन ड्राइव) अनुसार है। (घ) किसी फैक्ट्री को स्थायी रूप से बंद नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालयीन छात्रवृति
[जनजातीय कार्य]
104. ( क्र. 1889 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक कक्षा 1 से 8, कक्षा 9 से 10, कक्षा 11 से 12, के कितने-कितने विद्यार्थियों को कुल कितनी राशि की छात्रवृत्ति दी गई? महाविद्यालयीन छात्रवृति कितने विद्यार्थियों को कुल कितनी राशि की दी गई? वर्षवार, कक्षाओं के उपरोक्त समूह अनुसार बताएं। (ख) धार जिले में वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने हेतु कितने विद्यार्थियों को कितने शुल्क की पूर्ति प्रतिवर्ष की गई? हितग्राही का नाम, पिता का नाम, उम्र, भारत में उत्तीर्ण शिक्षा तथा उसका वर्ष, किस देश के किस विश्वविद्यालय में, किस कोर्स में प्रवेश लिया है, उसकी अवधि, वहां की फीस, शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि तथा अन्य जानकारी सहित जानकारी दें। अध्ययन पूर्ण करने के बाद उन्होंने जो प्रमाण पत्र डिग्री प्राप्त की है उसकी प्रति भी देवें। (ग) क्या विदेश में शिक्षा के लिए जाने वाले विद्यार्थी जिस विश्वविद्यालय में प्रवेश के नाम पर राशि प्राप्त करते हैं, वहां जाकर दूसरे विश्वविद्यालय में प्रवेश ले लेते हैं, जहां शुल्क बहुत कम होता है। इसकी पड़ताल कैसे की जाती है कि अध्ययन नियमानुसार हो रहा है।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुसूचित जनजाति विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक धार जिले से किसी भी अभ्यर्थी को विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति स्वीकृत नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शिक्षण शुल्क का भुगतान सीधे शिक्षण संस्था को किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के लिए विभाग द्वारा संचालित योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
105. ( क्र. 1891 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को कृषि क्षेत्र, निजी क्षेत्र, व्यापार और उद्योग धंधों के संचालन हेतु कौन-कौन सी योजना का संचालन आपके विभाग द्वारा हो रहा है?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
हितग्राहियों को पात्रता पर्ची की स्वीकृति एवं वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
106. ( क्र. 1892 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा खाचरौद विधानसभा में खाद्यान्न हितग्राहियों के वर्तमान में लगभग 2 हजार से 2.5 हजार आवेदन पर पात्रता पर्ची जारी करने हेतु आवेदन स्वीकार किये गये थे, इसमें से कितने लोगों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है? (ख) जिनको पात्रता पर्ची जारी नहीं की गयी है ऐसे कितने आवेदन है और क्यों जारी नहीं की गयी है?
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नागदा खाचरौद विधानसभा में खाद्यान्न हितग्राहियों के वर्तमान में 2717 आवेदन पत्र पात्रता पर्ची जारी करने हेतु ऑनलाईन स्वीकृत किये गये थे, जिसमें से 140 की पात्रता पर्ची जारी हो चुकी है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शेष स्वीकृत 2577 आवेदनों में हितग्राहियों की ई-केवाईसी करवाने के उपरांत पात्रता पर्ची जारी किए जाने का प्रावधान है।
विमुक्त जाति छात्रावासों में की गई पदस्थापना
[जनजातीय कार्य]
107. ( क्र. 1896 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजातीय कार्य विभाग के जिला संयोजक/सहायक आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों को विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्धघुमक्कड़ जनजातीय विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों, सामुदायिक कल्याण केंद्रों या माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापना का अधिकार है अथवा उन पर उनका प्रशासकीय नियंत्रण है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन के आदेशों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ख) नीमच एवं मंदसौर जिलों में जिला संयोजक द्वारा 1 अप्रैल, 2020 से 20 जून, 2025 तक की अवधि में छात्रावासों में जनजातीय कार्य विभाग के कितने अधीक्षकों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदस्थापना शासन के किस आदेश के तहत की गई है? इस अवधि में जिला संयोजक द्वारा किए गए समस्त संवर्गों के आदेशों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में संदर्भित अधिकार के विपरीत विमुक्त जाति छात्रावासों में की गई पदस्थापना के लिए दोषी जिला संयोजकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जनजातीय विकास मंदसौर के छात्रावासों में पदस्थ कर्मचारियों की नियुक्ति जनजातीय कार्य विभाग द्वारा की गई है। जिला संयोजक मंदसौर द्वारा जारी वरिष्ठता सूची में इन कर्मचारियों के नाम अंकित है। विमुक्त जाति छात्रावासों एवं सामुदायिक कल्याण केन्द्रों में पदस्थ कर्मचारी छात्रावास अधीक्षक/प्रधानपाठक, उच्च श्रेणी शिक्षक, सहायक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, प्राथमिक शिक्षक की मूल पदस्थापना जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत है एवं उक्त कर्मचारियों का वेतन आहरण व समस्त प्रकार के स्वत्वों का भुगतान जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किया जाता है। कार्यालय संचालक विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जनजाति विकास भोपाल के पत्र क्रमांक/लेखा शा./2017-18/557 भोपाल,दिनांक 15.11.2017 द्वारा केवल वित्तीय कार्य सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग को दिये गये हैं एवं मैदानी नियमित कर्मचारी जो कि जनजातीय कार्य विभाग से वेतन आदि प्राप्त कर रहे थे, उक्त व्यवस्था को आगामी आदेश तक निरंतर बनाये रखने के निर्देश है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’ब’’ एवं आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘‘स’’ अनुसार है। (ग) शासन द्वारा स्थानांतरित कर्मचारियों की पदस्थापना जिले अंतर्गत की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अ.जा. विद्युतीकरण योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
108. ( क्र. 1897 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अ.जा. कल्याण विभाग, नीमच एवं मंदसौर में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक अ.जा. विद्युतीकरण योजना अंतर्गत प्राप्त आवंटन के विरूद्ध, प्राप्त हितग्राहियों के आवेदन पत्रों की क्रमानुसार सूची, समस्त स्वीकृति आदेश तथा डी.पी. लगाने के स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में संदर्भित हितग्राहियों में से कितने हितग्राही ऐसे हैं जिनकी स्वीकृति के पश्चात भी विभाग द्वारा डी.पी. नहीं लगाई गई तथा डी.पी. न लगाने के कारण हितग्राही द्वारा सीएम हेल्पलाईन पर की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) से संबंधित सीएम हेल्पलाईन शिकायत को हितग्राही की सहमति के बिना निराकृत बताकर बंद कर दिया गया? यदि हाँ, तो क्यों?
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा नीमच एवं मंदसौर जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति विद्युतीकरण योजना अंतर्गत प्राप्त आवंटन व व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है एवं हितग्राहियों के आवेदन पत्रों की वर्ष वार सूची जानकारी पुस्तकायल में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। स्वीकृति आदेश तथा डी.पी. लगाने की स्वीकृति आदेश की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। नियमानुसार स्वीकृत सभी डी.पी लगाई गई। सी.एम. हेल्पलाईन पर की गई कार्यवाही की सम्पर्ण जानकारी पुस्तकायल में रखे परिशिष्ट- ''द'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार जानकारी पुस्तकायल में रखे परिशिष्ट- ''द'' अनुसार है।
कार्यरत श्रमिक कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि
[जनजातीय कार्य]
109. ( क्र. 1899 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-2 विजयपुर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-1 श्योपुर सहित प्रदेश के हजारों छात्रावास/आश्रमों में हजारों वाटरमैन, रसोईयां,चौकीदार एवं स्वीपर पार्ट टाइम (अंशकालीक) कर्मचारी 15-15 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हैं? (ख) रसोईयां, वायरमैन, चौकीदार, स्वीपर पार्ट टाइम कर्मचारी 5000 रुपये, 2500 रुपये के मानदेय पर कार्य कर रहे हैं? क्या इतने कम वेतन में महंगाई के समय में उक्त कर्मी अपने परिवार की आजीविका कैसे चला सकते हैं? (ग) क्या आश्रम/छात्रावासों में कार्यरत वाटरमैन, रसोईयां, चौकीदार, स्वीपर अंशकालीक कर्मियों को कलेक्टर दर पर आउट ऑफ सोर्स के माध्यम से नियमित कर उनके मानदेय में वृद्धि की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) यदि सही है तो क्या विभाग व सरकार उनका मानदेय बढ़ाकर नियमित करेगी? यदि यहां तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं कारण बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हां। (ख) विभागांतर्गत कार्यरत अंशकालीन कर्मचारियों को वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 8-3/2018/नियम/चार भोपाल दिनांक 23 मई, 2018 के अनुसार पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। (ग) एवं (घ) विचाराधीन नहीं।
वनखण्ड में शामिल निजी भूमि
[वन]
110. ( क्र. 1905 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव के पत्र क्र. 974/एफ 25-08/2015/10-3, दिनांक 1 जून, 2015 एवं प्रमुख सचिव के पत्र क्र. एफ. 25-08/2015/10-3, दिनांक 4 जून, 2015 में दिए गए किसी भी निर्देश का छिन्दवाड़ा, पांढुर्णा एवं सिवनी जिले में प्रश्नांकित दिनांक तक भी वनखण्ड में शामिल निजी भूमियों से संबंधित पालन नहीं किया? (ख) पत्र दिनांक 1 जून, 2015 एवं दिनांक 4 जून 2015 में निजी भूमि से संबंधित किस-किस कंडिका या किस-किस पैरा में मुख्य रूप से क्या-क्या निर्देश दिए गए, उनका पालन किए जाने के संबंध में छिन्दवाड़ा, पांढुर्णा एवं सिवनी जिले में वन विभाग के वनवृत एवं वनमंडलों ने प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) छिन्दवाड़ा, पांढुर्णा एवं सिवनी जिले में किस ग्राम के किस किसान की कितनी निजी भूमि को किस वनखण्ड में शामिल किया है इसमें से कितनी निजी भूमि वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास वनकक्ष मानचित्र में दर्ज है कितनी निजी भूमि पर वन विभाग का कब्जा है? (घ) पत्र दिनांक 1 जून, 2015 एवं दिनांक 4 जून, 2015 का पालन किए जाने के संबंध में वनमंडल एवं वनवृत क्या कार्यवाही कर रहे है? कब तक करेंगे?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) प्रश्नाधीन पत्रो के अनुक्रम में छिंदवाड़ा, पांढुर्णा एवं सिवनी जिले में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 तक की कार्यवाही संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी के समक्ष जांच की अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया में है। जांच की कार्यवाही पूर्ण होने तथा पारित निर्णय अनुसार वनखंडों में शामिल निजी भूमि के संबंध में गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही संभव है। (ख) प्रशनाधीन पत्रों द्वारा जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’1’’ अनुसार है, जिसमे पैरावार कार्यवाही उल्लेखित है। पत्र में अपेक्षित कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी के समक्ष जांच की अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया में है। प्रश्नाधीन पत्रों में राज्य शासन से स्पष्ट निर्देश समस्त कलेक्टर/समस्त सम्भाग आयुक्त दिये है अतः पूरक निर्देश प्रश्नाधीन वनवृत एवं वनमंडलों द्वारा नहीं दिये गये है। (ग) वनखण्डों में शामिल निजी भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’2’’ अनुसार है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 3 के प्रावधानों के तहत गठित वनखंडों की सीमा में आने के कारण उक्त भूमि धारा 4 (1) में अधिसूचित है, जो वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र में दर्ज है। निजी भूमि संबंधित भूमि स्वामी के आधिपत्य में है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कार्यवाही समस्त कलेक्टर/समस्त सम्भाग आयुक्त द्वारा करने एवं वन व्यवस्थापन की कार्यवाही अर्द्ध-न्यायिक स्वरुप की होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की लंबित जांच
[वन]
111. ( क्र. 1906 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भा.व.अ. 1927 की धारा 4 के अनुसार 1988 तक अधिसूचित वनखण्डों में शामिल भूमियों की धारा 5 से 19 तक की लम्बित जांच प्रश्नांकित दिनांक तक भी छिन्दवाड़ा एवं बैतूल जिले में पूरी नहीं की जा सकी है। (ख) यदि हाँ, तो छिन्दवाड़ा, पांढुर्णा एवं बैतूल जिले में धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए किस वनखण्ड में शामिल किस ग्राम की कितनी गैर खाता मद की भूमि एवं कितनी निजी भूमि की धारा 5 से 19 तक की जांच वर्तमान में किसके समक्ष लम्बित है। (ग) धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लम्बित कितनी भूमि वर्किंग प्लान, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र एवं एरिया रजिस्टर में किसकी अनुमति से शामिल कर कितनी जमीनों पर किसके आदेश से वन विभाग ने कब्जा किया है। (घ) निजी भूमियों को वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास एवं वनकक्ष मानचित्र से पृथक करने की कार्यवाही हेतु राज्य मंत्रालय भोपाल एवं वन मुख्यालय भोपाल ने किस दिनांक को पत्र जारी किए, नहीं किए तो कारण बतावें?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 के तहत अधिसूचित छिंदवाड़ा जिले में 291 वनखण्डों एवं बैतूल जिले में 471 वनखण्डों में धारा 5 से 19 तक की जांच वन व्यवस्थापन अधिकारी के समक्ष अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’एक’’ अनुसार है। बैतूल, छिंदवाड़ा एवं पांढुर्णा जिले में वनमण्डलों के अंतर्गत वनखण्डों में शामिल निजी भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’दो’’ अनुसार है। जांच संबंधित वन व्यवस्थापन अधिकारी के समक्ष अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया में है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिशिष्ट में शामिल भूमियों को संविधान के नीति निर्देशक सिद्धांत के तहत राज्य शासन के वन/पर्यावरण/वन्यप्राणी/जैव विविधता जल स्त्रोंतों तथा प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण के दायित्व हेतु भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29 के तहत वन वर्धनिक वैज्ञानिक प्रबंधन हेतु भूमियों को संरक्षित वन अधिसूचित किया गया है। पूर्व से संरक्षित वन जो पटवारी मानचित्र पर सीमांकन कर भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 के तहत अधिसूचित किया गया, उन्हें वर्किंग प्लान, वनकक्ष इतिहास, वनकक्ष मानचित्र एवं एरिया रजिस्टर में शामिल किया गया है। वनखण्डों में शामिल निजी भूमि सम्बंधित भूमिस्वामी के स्वमित्व में है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’3’’ अनुसार है।
लैक्सेस उद्योग द्वारा प्रदूषण विभाग के नियमों का उल्लंघन
[पर्यावरण]
112. ( क्र. 1908 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से 2025 तक राज्य व केन्द्र शासन के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लैक्सेस उद्योग नागदा का सहमति शर्तों के पालन किया जा रहा है या नहीं? इस हेतु कब-कब उद्योग का निरीक्षण किया गया? निरीक्षण के दौरान प्रदूषण से संबंधित क्या-क्या त्रुटियां पाई गई? निरीक्षण दिनांक, वर्ष सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश क्र. 1403/विधि/म.प्र./प्रनिबो/2019 के द्वारा लैक्सेस उद्योग का दिनांक 06 व 07 जनवरी, 2020 को संयुक्त समिति द्वारा प्रदूषण संबंधी पाई गई त्रुटियों अनुसार उद्योग को 07 बिन्दुओं पर ऑब्जर्वेशन व 10 बिन्दुओं पर सुधार हेतु अनुशंसाएं की गई? यदि हाँ, तो उद्योग द्वारा कितने बिन्दुओं पर पालन कर उनका निराकरण किया गया है? प्रत्येक बिन्दु का पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) वर्ष 2010 से 03/07/2025 तक लैक्सेस उद्योग के खिलाफ प्रदूषण विभाग द्वारा न्यायालय में कितने जल, वायु, ध्वनि प्रदूषण फैलाने के प्रकरण दर्ज कराए गए है? प्रकरण किस न्यायालय में प्रचलित है तथा उनमें कितने प्रकरणों में फैसला दिया गया है?
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’स’’ अनुसार है। किसी में फैसला नहीं हुआ है।
अवैध वनोपज तस्करी
[वन]
113. ( क्र. 1909 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग की कुल कितनी भूमि आरक्षित है? बताएं की विगत दो वर्षों में किस-किस वनोपज या वनस्पति लकड़ियों की अवैध तस्करी या परिवहन के कितने प्रकरण किस-किस पर कब-कब बनाएं गए हैं? (ख) क्या कुछ अवैध तस्करों द्वारा क्षेत्र में लगातार पेड़ों की कटाई की जा रही है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा तस्करों पर कोई सख्त कार्यवाही की जाएगी। (ग) क्या विभाग द्वारा अनावश्यक एवं अवैध तरीके से वनोपज की कटाई की रोकथाम हेतु विगत दो वर्षों में कोई अभियान या दौरा भ्रमण किया गया है यदि हाँ, तो कब कब? क्या कोई प्रकरण बनाए गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग के अधीन आरक्षित वनभूमि नहीं है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत अधिसूचित वनभूमि नहीं होने से अधिसूचित वनक्षेत्रों से वृक्ष कटाई का प्रश्न निहित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का विभागीय निरीक्षण रिपोर्ट
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
114. ( क्र. 1912 ) श्री महेश परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले की समस्त उचित मूल्य दुकानों का जिला, विकासखंड और स्थानीय स्तर पर विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो कितनी बार, कब-कब और उनकी रिपोर्ट, कारण बताओ नोटिस, दोषमुक्त/दोषसिद्ध निर्णय की प्रमाणित प्रतियां प्रदान करें। यह मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की धारा 13 के अनुरूप है? (ख) उक्त अवधि में कितने प्रकार के खाद्यान्न, कितनी मात्रा में स्टॉक प्राप्त हुआ, कितना कम हुआ और कितना शेष बचा? राशनकार्ड, स्टॉक, वितरण, नगद, निरीक्षण, मासिक वितरण और उपस्थिति रजिस्टर की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ग) निरीक्षण के दौरान स्टॉक रजिस्टर, POS मशीन और भौतिक स्टॉक में कितना अंतर (धनात्मक/ऋणात्मक) पाया गया? विगत माह के शेष स्टॉक में अंतर सहित प्रशासनिक अनियमितता रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की धारा 32 का उल्लंघन क्यों नहीं माना गया? (घ) उचित मूल्य दुकानों का निरीक्षण किन अधिकारियों द्वारा, कब-कब करने के शासन के निर्देश हैं? मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली आदेश, 2015 के तहत निर्देशों की प्रतियां प्रदान करें। (ड.) निरीक्षण प्रपत्र का प्रारूप क्या है? वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक पाई गई गंभीर अनियमितताओं की रिपोर्ट दें। (च) क्या महालेखाकार (CAG), ग्वालियर द्वारा वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक उचित मूल्य दुकानों का ऑडिट किया गया? CAG की ऑडिट रिपोर्ट और कार्यवाही विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है एवं मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की धारा 13 के अनुरूप है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’स’’ अनुसार है। अधिनियम की धारा 32 अन्य कल्याणकारी स्कीम से संबंधित है न कि दाण्डिक प्रावधान से। (घ) मध्यप्रदेश सार्वजिनक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 की कण्डिका 14 (1) के अनुसार शासकीय उचित मूल्य दुकानों का तीन माह में एक बार निरीक्षण करने के निर्देश है। मध्यप्रदेश सार्वजिनक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 की कण्डिका 15 (1) के अनुसार निरीक्षण हेतु खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी से अनिम्न श्रेणी का कोई अधिकारी या राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार से अनिम्न श्रेणी का कोई अधिकारी, सहकारिता विभाग के उप-अंकेक्षक से अनिम्न श्रेणी का कोई अधिकारी अपने अपने अधिकारिता क्षेत्र के भीतर इस आदेश के तहत कार्य करने के लिए सक्षम है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’द’’ अनुसार है। (ड.) निरीक्षण प्रपत्र का ऑनलाईन प्रारूप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’इ’’ अनुसार है। वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक पाई गई गंभीर अनियमितताओं की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ई’’ अनुसार है। (च) उज्जैन जिले में महालेखाकार (CAG), ग्वालियर द्वारा वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक उचित मूल्य दुकानों का ऑडिट नहीं किया गया। अत: जानकरी निरंक है।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण]
115. ( क्र. 1914 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक में उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में किसानों को विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता, उपकरण, बीज तथा प्रशिक्षण प्रदान किए जाते हैं। इन योजनाओं में किसानों के लिए सब्सिडी, माइक्रो-इरिगेशन, ड्रिप/स्प्रिंकलर सिस्टम, संरक्षित खेती, बागवानी एवं प्रसंस्करण उद्योग संबंधी योजनाएं संचालित हैं। जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार अनुसार उपलब्ध करावें। (ख) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में किसानों को मिलने वाली सहायता की जानकारी देवें। इन योजनाओं के तहत भ्रष्टाचार के कोई मामले सामने आए हैं? यदि हां, तो उनकी जांच के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और कौन-कौन दोषी अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदार पाए गए हैं? योजनाओं में किसानों को मिलने वाली सहायता में देरी या अनियमितताओं को रोकने के लिए सरकार ने क्या उपाय किए हैं? क्या इन योजनाओं के संचालन में कोई सुधार की आवश्यकता है? यदि हां, तो सरकार इसके लिए कौन-कौन से कदम उठाने की योजना बना रही है? (ग) जिला रतलाम में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में विभिन्न स्तरों पर वित्तीय अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार के प्रकरण सामने आए हैं? यदि हां, तो जानकारी वर्षवार, योजनावार किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि का गबन हुआ है? भ्रष्टाचार के प्रकरणों में दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई विभागीय/विधिक कार्यवाही की जानकारी देवें।
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’क’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ख’’ अनुसार है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा लगाए गए पौधों की जानकारी
[वन]
116. ( क्र. 1915 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम में वन विभाग द्वारा वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक में कौन-कौन सी योजनाएँ संचालित की गई हैं? योजनाओं के अंतर्गत कुल स्वीकृत राशि, व्यय की गई राशि एवं लाभान्वित ग्राम/क्षेत्रों की संख्या क्या है? (ख) क्या जिला रतलाम में योजनाओं के अंतर्गत वृक्षारोपण, वन संरक्षण, वनों का पुनर्जीवन, वन भूमि विकास, वन्यजीव संरक्षण आदि कार्यों की प्रगति एवं परिणाम क्या हैं? योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की नियमितता, भ्रांतिपूर्ण व्यय या भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो संबंधित शिकायतों की जांच की स्थिति व दोषियों के विरूद्ध की गई कार्रवाई एवं सजा/निलंबन/वसूली की जानकारी बतावें। (ग) जिला रतलाम में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत अब तक कुल कितने गरीब आदिवासी परिवारों को वन अधिकार पट्टे प्रदान किए गए हैं? इनमें से कितने व्यक्तिगत वन पट्टे तथा कितने सामुदायिक वन अधिकार पट्टे शामिल हैं? अब तक कितने प्रकरणों को स्वीकृति मिली है और कितने आवेदन लंबित हैं, उनका पंचायतवार/ग्रामवार जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार अनुसार बतावें। (घ) क्या जिला रतलाम के किसी पात्र आदिवासी को वन पट्टा न मिलने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो सरकार द्वारा उनकी जांच एवं निराकरण हेतु क्या कार्रवाई की गई है?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला रतलाम के सामान्य वनमंडल, रतलाम में वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक 7.89 लाख पौधों का रोपण कार्य किया गया है, जिनमें से वर्तमान में लगभग 7.47 लाख पौधे जीवित है। पौधारोपण के साथ-साथ क्षेत्र में भू-जल संरक्षण कार्य भी किये गये है, जिससे भूमिगत जल स्तर में वृद्धि तथा वन आवरण विकसित होता है तथा पर्यावरण संतुलन के साथ में विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों हेतु प्राकृतिक रूप से आवास एवं आहार श्रृंखला विकसित होती है, जो वन्य जीवों का संरक्षण करती है। विभिन्न प्रकार के वानिकी कार्यों से क्षेत्र का जैविक दबाव कम होता है। योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की अनियमितता, भ्रांतिपूर्ण व्यय या भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिला रतलाम में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कुल 5085 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र एवं कुल 88 सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान किए गए है। शेष 2346 प्रकरण ग्रामसभा/उपखण्ड स्तर के वनमित्र पोर्टल पर जांच की प्रक्रिया में होने से जिला स्तर पर उक्त सूची प्रदर्शित नहीं होने से उनका पंचायतवार/ग्रामवार जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जिला रतलाम में पात्र आदिवासी को वन अधिकार पत्र न मिलने की कोई शिकायत वन विभाग को प्राप्त नहीं हुई है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय भवनों एवं शासकीय जमीनों की जानकारी
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
117. ( क्र. 1918 ) श्रीमती निर्मला सप्रे [एडवोकेट] : क्या लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीना विधानसभा क्षेत्र में स्थित शासकीय भवनों एवं शासकीय जमीनों में से कितनी परिसंपत्तियाँ किराए अथवा लीज पर दी गई हैं एवं उनसे विभाग को वार्षिक रूप से कितनी आय प्राप्त हो रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या इनमें से किसी परिसंपत्ति पर अवैध कब्जा है? ये परिसंपत्तियाँ किन व्यक्तियों/संस्थाओं/फर्मों को दी गई हैं, उनका उपयोग किस प्रयोजन हेतु हो रहा है? उनकी पूरी सूची उपलब्ध कराने की कृपा करेंI
लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) बीना विधानसभा क्षेत्र की कोई परिसम्पत्ति लीज अथवा किराए पर नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी बस्तियों के समग्र विकास हेतु योजनाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
118. ( क्र. 1919 ) श्रीमती निर्मला सप्रे [एडवोकेट] : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीना विधानसभा क्षेत्र की आदिवासी बस्तियों के विकास हेतु जनजाति कार्य विभाग द्वारा पिछले सत्र में कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? यदि कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई, तो इसके क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन द्वारा ऐसी आदिवासी बस्तियों के समग्र विकास हेतु कौन-कौन सी योजनाएँ संचालित की जा रही हैं? योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करने की कृपा करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) बीना विधानसभा क्षेत्र की आदिवासी बस्तियों के विकास हेतु जनजाति कार्य विभाग द्वारा विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में 01 कार्य हेतु राशि रूपये 5.00 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभाग द्वारा आदिवासी बस्तियों के समग्र विकास हेतु अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना 2018 संचालित है। योजना से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वनाधिकार पट्टों के दावे
[जनजातीय कार्य]
119. ( क्र. 1925 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में वन अधिकार अधिनियम 2006 के अन्तर्गत कितने दावे प्रश्न दिनांक तक लम्बित है? (ख) वनक्षेत्र में निवासरत नायक/मानकर जाति के कितने आवेदकों के दावे प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत किये है और कितने दावे लम्बित है? बड़वानी जिले के ग्रामवार आवेदकों के नाम सहित सूची उपलब्ध करायें। (ग) जिन हितग्राहियों के पास दस्तावेजी प्रमाण नहीं है तथा वे वर्ष 2005 से पूर्व वनभूमि पर काबिज है, उनके कितने दावे लम्बित हैं और उनको किस आधार पर वनाधिकार पट्टे प्रदाय किये जायेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) 10324 दावे। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन अधिकार के दावों का निराकरण त्रि-स्तरीय समितियों द्वारा किया जाता है, वन अधिकार समितियों के परीक्षण उपरांत ज्ञात होता है कि वर्ष 2005 से पूर्व वन भूमि पर काबिज दावेदारों के पास दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है। अत: वर्ष 2005 से पूर्व के वन भूमि पर काबिज ऐसे हितग्राहियों की संख्या जिनके पास दस्तावेजी प्रमाण नहीं है बताया जाना संभव नहीं है। वन अधिकारों की मान्यता नियम 2008 एवं संशोधन नियम 2012 के नियम 13 में उल्लेखित किन्ही दो साक्ष्य के आधार पर पात्रतानुसार वन अधिकार पत्र प्रदान किये जाते हैं।
केसली जनजातीय विकास परियोजनांतर्गत राशि का आवंटन
[जनजातीय कार्य]
120. ( क्र. 1936 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की देवरी विधानसभा अंतर्गत संचालित केसली जनजातीय विकास परियोजना में वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 तक किन-किन मदों में कितनी राशि विकास कार्यों हेतु शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई? विवरण देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनजातीय वर्ग के किसानों हेतु उनके खेतों तक विद्युतीकरण हेतु किन-किन ग्रामों, ग्राम पंचायतों को विद्युतीकरण हेतु राशि उपलब्ध कराई गई? यदि नहीं, तो सर्वे कराकर एवं लंबित प्रकरणों के लिये कब तक राशि उपलब्ध करा दी जावेगी? (ग) क्या भवनविहीन छात्रावासों एवं आश्रमों हेतु भवन निर्माण हेतु राशि चालू वित्तीय वर्ष में उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ, तो विवरण प्रदान करायें। वर्तमान में संचालित छात्रावासों एवं आश्रमों में छात्रों के पेयजल हेतु वॉटर कूलर एवं मय प्यूरीफाई सहित कब तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे? छात्रावासों के आधुनिकीकरण एवं सौंदर्यीकरण हेतु क्या शासन कोई योजना तैयार कर रही है? यदि हाँ, तो विवरण देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) सागर जिले की देवरी विधानसभा अंतर्गत जनजातीय लघु परियोजना देवरी संचालित है, परियोजना में जिले के तीन विकासखण्ड देवरी, केसली एवं रहली सम्मिलित है। वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 तक परियोजना अंतर्गत किसी भी मद में आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। जानकारी निरंक है। (ख) देवरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में विद्युतीकरण कार्य हेतु निम्नानुसार राशि उपलब्ध कराई गई है:-
क्रमांक |
विकासखण्ड |
ग्राम पंचायत |
ग्राम का नाम |
1 |
केसली |
पठाखुर्द |
पठाखुर्द |
2 |
केसली |
तूमरी |
तूमरी |
शेष प्रस्तावों का सर्वे कार्य म.प्र.विद्युत मंडल द्वारा कराया जा रहा है, संबंधित कार्य अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत पात्रता एवं प्राथमिकता क्रम में उपलब्ध आवंटन की सीमा में स्वीकृत कराये जाते है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं (ग) छात्रावासों में वॉटर कूलर प्रदाय किये जाने का प्रावधान वर्तमान में नहीं है। छात्रावासों में वॉटर प्यूरीफाई हेतु वर्ष 2017-18 में भारत सरकार से संविधान के अनुच्छेद 275 (1) में प्राप्त राशि से वॉटर प्यूरीफाई की व्यवस्था गई है। छात्रावासों में प्रतिवर्ष फर्नीचर एवं उपकरण मद में राशि रूपये 50,000/- एवं रखरखाव संधारण हेतु राशि रूपये 50,000/- उपलब्ध कराई जाती है। जिसका उददेश्य छात्रावास संचालन में गुणवत्ता बनाए रखना है अत: पृथक से योजना की आवश्यकता नहीं हैं।
वन क्षेत्र विस्तार एवं अतिक्रमण मुक्ति
[वन]
121. ( क्र. 1940 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य में कुल वन क्षेत्रफल कितना है तथा पिछले पांच वर्षों में इसमें कितनी वृद्धि या कमी हुई है? (ख) प्रदेश में वन आवरण बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कौन-कौन सी योजनाएँ और कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं तथा उनका क्रियान्वयन किस प्रकार किया जा रहा है? (ग) क्या सरकार ने आगामी वर्षों में वन आवरण प्रतिशत बढ़ाने का कोई लक्ष्य निर्धारित किया है? यदि हाँ, तो उसे प्राप्त करने के लिए क्या विशेष कदम उठाए जा रहे हैं? (घ) वर्तमान में प्रदेश की कितनी वन भूमि अतिक्रमित है? क्षेत्रफल बताएं, इसे कब तक अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) मध्यप्रदेश में कुल वन क्षेत्रफल 94.689 लाख हेक्टेयर है, विगत पांच वर्षों में क्षतिपूरक वनीकरण हेतु प्राप्त 18,652 हेक्टेयर भूमि वनभूमि के रुप में अधिसूचित कर वृद्धि की गयी है तथा 6,260 हेक्टेयर वन भूमि में निर्वनीकरण के कारण कमी हुई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय वन नीति, 1988 में देश के भौगोलिक क्षेत्र का 33% भाग वन या वृक्षों से आच्छादित करने का लक्ष्य है जो वित्तीय योजनाओं की उपलब्धता पर निर्भर है। लक्ष्य की प्राप्ति हेतु वर्तमान में वनों की सुरक्षा, वनभूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया जाना, वनों का संरक्षण और संवर्धन करके पर्यावरणीय स्थिरता बनाए रखना तथा वन एवं राजस्व भूमियों पर वृक्षारोपण कार्य किये जा रहे है। (घ) वर्तमान में प्रदेश की 7,02,166.95 हेक्टेयर वन भूमि अतिक्रमित है। अतिक्रमण हटाने के लिए भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 80 (अ) के तहत नोटिस जारी कर बेदखल करने की कार्यवाही सतत् रूप से अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया में होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
लोक परिसम्पत्ति विक्रय
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
122. ( क्र. 1955 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग की स्थापना के बाद से प्रश्न दिनांक तक अलग-अलग जिलों में कौन-कौन सी सरकारी सम्पत्ति बेची गयी? सम्पत्ति बेचने का दिनांक, विक्रय मूल्य, क्रेता का नाम तथा इस पर चुकाई गई स्टाम्प ड्यूटी का विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) उपरोक्त में ऐसी कौन-कौन सी सम्पत्ति है जिन्हें कलेक्टर गाइड लाइन से कम मूल्य पर बेचा गया? (ग) क्या मध्यप्रदेश में लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा बेची जाने वाली सरकारी सम्पत्ति के लिये कलेक्टर गाइड-लाइन और स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी गई थी, यदि हाँ, तो किन-किन मामलों में कितनी-कितनी छूट दी गई? (घ) सरकारी सम्पत्ति बेचने के लिये कलेक्टर गाइड-लाइन और स्टाम्प ड्यूटी में छूट देने के कारण शासन को कितनी आर्थिक क्षति हुई?
लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) विभाग द्वारा 101 परिसम्पत्तियों का निर्वर्तन किया गया है, जिनमें से 5 परिसम्पत्तियां अक्रियाशील संयंत्रों के प्लांट एण्ड मशीनरी के स्क्रैप हैं जिनमें रजिस्ट्री की आवश्यकता नहीं है एवं 6 परिसंपत्तियों में निविदाकार द्वारा रजिस्ट्री संपादित नहीँ की गई। महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय के पत्र क्रमांक CT/13/0021/2025-STAT-IGRS दिनांक 22/07/2025 द्वारा दी गयी 90 परिसम्पत्तियों की स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला कलेक्टर के प्रस्ताव पर आवासीय/व्यावसायिक/मिश्रित भू–उपयोग का निर्धारण विभाग की साधिकार/कार्यपालिक समिति द्वारा किया जाता है। तदनुसार जिला कलेक्टर से कलेक्टर गाइड लाइन अनुसार प्रति वर्ग मीटर दर प्राप्त कर, मंत्री-परिषद द्वारा अनुमोदित रिजर्व मूल्य निर्धारण नीति मापदंडों के अनुसार रिज़र्व मूल्य निर्धारित किया जाता है। परिसम्पत्ति के विक्रय मूल्य की कलेक्टर गाइड लाइन के मूल्य से तुलना नहीं की जाती। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा निर्वर्तित की गई परिसम्पत्तियों में से किसी भी परिसम्पत्ति पर कलेक्टर गाइड लाइन एवं स्टाम्प ड्यूटी में छूट प्रदान नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। ।
प्रदेश में जाति प्रमाण पत्रों की जांच
[जनजातीय कार्य]
123. ( क्र. 1956 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य स्तरीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के जाति प्रमाण-पत्रों की जांच हेतु गठित छानबीन समिति के समक्ष दिनांक 01.01.2020 से वर्तमान तक शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों एवं अन्य के प्रकरण जांच हेतु लंबित हैं? वर्षवार नाम, पदनाम, पता व सहित लंबित रहने के कारण सहित सभी प्रकरणों की शिकायत की छायाप्रति उपलब्ध करायी जायें। पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जायें। (ख) म.प्र. राज्य स्तरीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के जाति प्रमाण-पत्रों की जांच हेतु गठित छानबीन समिति के समक्ष दिनांक 01.01.2020 से वर्तमान तक शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों एवं अन्य के जांच हेतु प्राप्त कितने प्रकरणों का निराकरण समिति द्वारा किया गया? निराकरण में सत्य एवं असत्य पाये गये प्रकरणों की वर्षवार नाम, पदनाम, पता व निराकरण दिनांक सहित पूर्ण जानकारी की छायाप्रति उपलब्ध करायी जायें। (ग) लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु शासन की ओर से क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं? कब तक निराकरण किया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्रों की वर्षवार, नाम, पदनाम, पता व लंबित रहने के कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार है एवं शिकायतों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब’ अनुसार है। अनुसूचित जाति प्रमाण पत्रों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द’ अनुसार है। (ख) जाति प्रमाण पत्रों की जांच हेतु गठित मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति के द्वारा दिनांक 01.01.2020 से वर्तमान तक 176 जाति प्रमाण पत्रों की जांच कर निराकरण किया गया। निराकरण में सत्य एवं असत्य पाये गये प्रकरणों की वर्षवार नाम, पदनाम, पता व निराकरण दिनांक सहित की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। अनूसूचित जाति वर्ग के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ध’ अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु प्रत्येक सप्ताह बैठक आयोजित की जाकर प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। अनुसूचित जाति राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति स्तर पर दर्ज प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही नियमित रूप से की जा रही है। राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सीहोर जिले के अभयारण्यों की स्थापना
[वन]
124. ( क्र. 1963 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र इछावर व लाड़कुई के आरक्षित वनों को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 26 ए के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है? इसका प्रकरण किस स्तर पर लंबित है? वन अभयारण्य के नाम सहित जानकारी दें। (ख) सीहोर जिले में कौन-कौन से अभयारण्य प्रस्तावित है? क्या इनके प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिये गए है? यदि हां, तो कब। वर्तमान स्थिति की जानकारी दें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सीहोर वनमंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र इछावर व लाड़कुई के आरक्षित वनों को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 26 ए के अंतर्गत अभयारण्य बनाये जाने का प्रस्ताव स्थगित रखा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रावास अधीक्षकों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
125. ( क्र. 1964 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भोपाल में भदभदा/डिपो चौराहा स्थित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रावास में मो. शाहिद और राजीव सक्सेना की पदस्थापना होने और यहां से पदस्थापना बदलने संबंधी आदेशों की प्रतियां दें। ये अधीक्षक कब से कब तक भदभदा रोड के छात्रावास में पदस्थ रहे? मो. शाहिद द्वारा वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक लिए गए एच.आर.ए./गृह भाड़ा भत्ता की कुल राशि बलाएं? (ख) भदभदा रोड स्थित उक्त छात्रावासों में इन दोनों अधीक्षकों की पदस्थापना के दौरान वर्ष 2021-22, वर्ष 2022-23, वर्ष 2023-24 और वर्ष 2024-25 की छात्रावास की बैंक पासबुक, चेकबुक, केशबुक, बिल वाउचर, भुगतान वाउचर की प्रतियां उपलब्ध कराएं। इन दोनों द्वारा इसी अवधि में जिला कार्यालय में भुगतान के लिए पेश किए गए बिल वाउचर भुगतान वाउचर और आवेदन उपलब्ध कराएं। (ग) उक्त दोनों अधीक्षकों में से किसके परिवार का सदस्य जिला कार्यालय के अधीन, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण/विमुक्त घुमक्कड़ जाति के अधीन कार्यरत है? उस कर्मचारी का नाम और पता बताएं? उस कर्मचारी द्वारा वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक लिए गए एच.आर.ए./गृह भाड़ा भत्ता की कुल राशि बताएं? (घ) विगत 10 वर्ष की अवधि में मो. शाहिद और उसके परिवार के सदस्य के पास जनजातीय कार्य अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के कौन-कौन से होस्टल्स कब-कब रहें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित आदेशों की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक अनुसार है। श्री मो. शाहिद खान, माध्यमिक शिक्षक दिनांक 27/09/2021 के पूर्व पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में प्रतिनियुक्ति पर थे। आयुक्त- जनजातीय कार्य के आदेश क्रमांक/शि.स्था-3/766/2021/7703 दिनांक 27/03/2021 द्वारा श्री मो. शाहिद खान की पदस्थापना सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य जिला भोपाल के विकल्प पर की गई। श्री मो.शाहिद खान की पदस्थापना का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- तीन अनुसार है। श्री राजीव सक्सेना, सहायक शिक्षक (अधीक्षक) शासकीय अनुसूचित जनजातीय महाविद्यालयीन बालक छात्रावास 50 सीट, भदभदा रोड, भोपाल में दिनांक 28/10/2016 से 28/02/2025 तक कार्यरत रहे। श्री मो. शाहिद खान को वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक की अवधि में एच.आर.ए./गृह भाड़ा भत्ता का भुगतान नहीं किया गया। (ख) भदभदा रोड स्थित उक्त छात्रावासों में इन दोनों अधीक्षकों की पदस्थापना के दौरान वर्ष 2022-23, वर्ष 2023-24 और वर्ष 2024-25 की छात्रावास की बैंक स्टेटमेंट, कैशबुक, बिल वाउचर, भुगतान वाउचर की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - दो अनुसार है। प्रश्नावधि में इन दोनों अधीक्षकों द्वारा जिला कार्यालय में भुगतान के लिए कोई भी बिल वाउचर प्रस्तुत नहीं किए गए है। (ग) उक्त दोनों अधीक्षकों में से श्री मो. शाहिद खान की पत्नि श्रीमती इशरत सुल्ताना पता- म.नं. 1305, साजीदा नगर करबला रोड, भोपाल जिला कार्यालय पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण/विमुक्त घुमक्कड़ जाति के अधीन कार्यरत है। उक्त कर्मचारी को प्रश्नावधि में राशि रू. 99660/- एच.आर.ए./गृह भाड़ा भत्ता भुगतान किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -तीन अनुसार है।
वनभूमि पर अतिक्रमण कर कृषि कार्य किया जाना
[वन]
126. ( क्र. 1965 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1945, दिनांक 05.07.2024 के उत्तर में वन भूमि पर अतिक्रमण के संबंध में असत्य जानकारी देकर विभागीय जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अतिक्रमणकारियों को संरक्षण दिया जा रहा है? उक्त प्रश्न में उल्लेखित अतिक्रमण ग्रस्त वनक्षेत्र के संबंध में स्पष्ट विवरण दें। (ख) वनमण्डल रायसेन के अंतर्गत वन विकास निगम को हस्तांतरित वीट गुफा एवं हैदरी में हजारों एकड़ वन भूमि पर अतिक्रमण किया जाकर उसे कृषि योग्य बनाकर कृषि कार्य किये जाने के बावजूद विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही नहीं किये जाने और वनभूमि पर अतिक्रमण होने का प्रकरण दर्ज नहीं किये जाने के क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) उल्लेखित अतिक्रमणों की वस्तुस्थिति की जांच क्या विभाग शासन के किसी वरिष्ठ अधिकारी से करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी नहीं। पूर्व के प्रश्न क्रमांक 1945 में भी वनमंडल रायसेन की बीट हैदरी में 1.261 हेक्टेयर, बीट मुड़ियाखेड़ी 25.815 हेक्टेयर एवं बीट बोरपानी में 203.449 हेक्टेयर अतिक्रमण होने का लेख किया गया था। (ख) मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के विदिशा-रायसेन परियोजना मण्डल को बीट गुफा में 1166.750 हेक्टेयर एवं बीट हैदरी में 1430.280 हेक्टेयर कुल 2597.030 हेक्टेयर वनभूमि हस्तांतरित हुई है। वन विभाग से मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड को हस्तांतरण पश्चात वनभूमि पर किसी भी प्रकार का नया अतिक्रमण नहीं है। वन भूमि में अतिक्रमण के संभावित प्रयासों को विफल किये जाने हेतु मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम के क्षेत्रीय अमले द्वारा लगातार प्रयास किये जाते है तथा अतिक्रामकों को कृषि कार्य नहीं करने दिया जा रहा है। पुराने 313.95 हेक्टेयर वनक्षेत्र में अतिक्रमणों को टास्क फोर्स की बैठक में रखकर आगे कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित अतिक्रमण की बेदखली हेतु कार्यवाही भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 80 'अ' के तहत अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाथियों की मौत पर संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही
[वन]
127. ( क्र. 1975 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया अंतर्गत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व दिनांक 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने वन्य प्राणियों की किन कारणों से मृत्यु हुई? वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उक्त अवधि में कितने प्रकरण दर्ज हुये हैं? क्या मृत प्राणियों का पोस्टमार्टम किया गया? उसमें मौत का कारण क्या बताया गया? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त अवधि में एक साथ 10 से ज्यादा हाथियों की मौत पर वन विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही, कब-कब, किस-किस के द्वारा की गई? प्राथमिकी एवं चालानी कार्यवाही की रिपोर्ट उपलब्ध करायें। क्या इस घटना से सबक लेकर के वन विभाग ने वन्य जीव संरक्षण प्रश्रय को लेकर उपलब्ध सुविधाओं और संसाधनों को लेकर के जांच कर क्या रिपोर्ट दी है? उसकी प्रति उपलब्ध करावें। घटना की पुनरावृत्ति भविष्य में न हो इसके लिये क्या विशेष कार्य योजना बनाई है? यदि हाँ, तो कार्य योजना की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त संबंध में पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था? उस समिति के प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? साथ ही जंगली हाथी के रहवास प्रबंधन एवं मानव हाथी द्वंद के उपायों के संबंध में अन्य राज्यों से प्राप्त सुझाव की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व, उमरिया के अंतर्गत कोर/बफर वन परिक्षेत्रों में 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक 108 वन्यप्राणियों की मृत्यु हुई है, जिसमें से शिकार के प्रकरण मानते हुये 68 प्रकरणों में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम अंतर्गत प्रकरण दर्ज किये गये हैं। साथ ही उक्त प्रकरणों में वन्यप्राणियों का पोस्टमार्टम किया गया है। कारण सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में हाथियों की मृत्यु पर वन विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। हाथियों के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। प्राथमिकी चालानी कार्यवाही की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 4 अनुसार है। घटना से सबक लेकर वन विभाग में उपलब्ध सेवाओं एवं संसाधनों के संबंध में एस.आई.टी. द्वारा जांच की गई। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (ग) जी हाँ। विभाग द्वारा पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था। जांच समिति के सुझावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 6 अनुसार है। जंगली हाथी के रहवास, प्रबंधन एवं मानव हाथी द्वंद के अन्य राज्यों से कोई सुझाव प्राप्त नहीं हुए हैं।
धोबी जाति को अनु.जाति वर्ग में शामिल किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
128. ( क्र. 1976 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा धोबी जाति को संपूर्ण म.प्र. में अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल किये जाने संबंधी प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया था? यदि हाँ, तो प्रेषित प्रस्ताव की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) भारत सरकार को प्रेषित प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें। यदि नहीं, तो उसके कारणों से अवगत करावें। (ग) क्या शासन सरकार द्वारा उक्त प्रस्ताव के संदर्भ में मध्यप्रदेश सरकार से अतिरिक्त जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ, तो क्या अतिरिक्त जानकारी को भारत सरकार को भेजी गयी है? यदि हाँ, तो अतिरिक्त भेजी गई जिलेवार जानकारी की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ( श्री नागर सिंह चौहान ) : (क) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण हेतु संचालित योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
129. ( क्र. 1979 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के भिण्ड विकासखण्ड अंतर्गत कितने वृद्धा आश्रम, अनाथ आश्रम, परित्यक्ता आश्रम, निराश्रित व कामकाजी महिला आश्रम संचालित है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा क्या इन सभी को योजनाओं में सम्मिलित किया जायेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें। (ख) भिण्ड शहर में संचालित निराश्रित भवन के कक्ष, भोजन शाला, शयन कक्ष, भोजन की गुणवत्ता में सुधार हेतु आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने व प्रत्येक दिवस दिये जाने वाले भोजन की समय-समय पर खाद्य निरीक्षक व उत्तम साफ सफाई हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जाती है? जानकारी दें। (ग) भिण्ड विकासखण्ड अंतर्गत बड़ी संख्या में दिव्यांगजनों को इलेक्ट्रॉनिक ट्राई साइकिल की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। क्या विभाग द्वारा दिव्यांगजनों का सर्वेक्षण कर आवश्यकता अनुसार इलेक्ट्रॉनिक ट्राई साइकिल व आवश्यक उपकरण वितरण की योजना बनाई जा रही है। यदि हाँ, तो समयावधि बतायें।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) 01 वृद्धाश्रम अशासकीय संस्था सेवा भारती शाखा भिण्ड द्वारा (सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग), 01 अनाथ आश्रम (बालगृह) अशासकीय संस्था श्री गहोई शिक्षा प्रसार समिति, अटेर रोड भिण्ड द्वारा, 01 शिशुगृह-अशासकीय संस्था सेवा भारती मातृछाया वीरेन्द्र वाटिका भिण्ड द्वारा, (महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित), कामकाजी महिला आश्रम संचालित नहीं है। (ख) वृद्धाश्रम की गुणवत्ता सुधार एक सतत् कार्य है। उक्त संबंध में कलेक्टर जिला भिण्ड को खाद्य अधिकारी के माध्यम से नियमित निरीक्षण कराये जाने के निर्देश दिये गये एवं विभागीय अधिकारियों को गुणवत्ता में सुधार हेतु नियमित निरीक्षण कर गुणवत्ता आडिट रिपोर्ट भेजने के निर्देश है। (ग) जी नहीं। दिव्यांगजनों को इलेक्ट्रॉनिक ट्राई साइकिल एवं अन्य सहायक उपकरण प्रदाय करने चिन्हांकन के लिए एलिम्कों जबलपुर द्वारा 20 एवं 21 अक्टूबर 2024 को कैम्प लगाया गया। एलिम्कों से चिन्हांकन उपरांत पात्र 98 हितग्राहियों को 19/02/2025 को स्थानीय सांसद महोदया के मुख्य आतिथ्य में वितरण किया गया।
निजी भूमियों को पृथक किया जाना
[वन]
130. ( क्र. 1980 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव के पत्र क्र. 974/एफ/25-8/2015/10-3, दिनांक 1.06.2015 एवं प्रमुख सचिव, वन विभाग के पत्र क्र. F-25-8/2015/10-3, दिनांक 04.06.2015 की धारा 5 से 19 की जांच के लिए लंबित वनखण्डों में शामिल निजी भूमि को पृथक नहीं किया गया है? (ख) क्या वनमण्डल के वर्किंग प्लान एरिया रजिस्टर, वन कक्ष इतिहास, वन कक्ष मानचित्रों में दर्ज भू-स्वामी हक की जमीन से संबंधित धारा 11 के आदेश की कार्यवाही वर्तमान में किसके समक्ष लंबित है? (ग) धारा 11 के आदेश की कार्यवाही हेतु लंबित कार्यवाही के बाद भी भू-स्वामी हक की भूमि को वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष इतिहास, वन कक्ष मानचित्र में दर्ज किये जाने की कार्यवाही मा.व.अ. 1927 की किस धारा में दिये किस प्रावधान के अनुसार की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक प्रावधान अनुसार कार्यवाही विवरण से अवगत कराने का कष्ट करें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 की जांच की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी के द्वारा पूर्ण होने के उपरांत वनखंडों में शामिल निजी भूमि को पृथक करने की कार्यवाही सम्भव है। (ख) धारा 11 के आदेश की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी के समक्ष जांच की अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 3 के प्रावधानों के तहत तथा निर्मित किये गये वनखंडों की सीमा में आने के कारण सम्मिलित भूमि धारा 4 (1) में अधिसूचित की गई है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी के समक्ष अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया में है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपशिष्ट के निष्पादन में संयंत्रों की अनुमति
[पर्यावरण]
131. ( क्र. 1998 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री, पर्यावरण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में खतरनाक अपशिष्ट के निष्पादन से संबंधित संयंत्रों की स्थापना में राज्य पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण की भूमिका क्या है तथा पी.सी.बी. बोर्ड के साथ इसकी भूमि क्या है? खतरनाक अपशिष्ट के निष्पादन से संबंधित संयंत्रों की स्थापना के मापदण्ड क्या है तथा किन आधारों पर छूट दी जाती है एवं कितने संयंत्रों के लिये छूट दी गई है? संयंत्रों की संपूर्ण जानकारी के साथ गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) CBMWTF नियम 2016 के अनुसार शासन भी इस तरह के संयंत्रों की स्थापना के लिये भूमि (निजी क्षेत्र या शासकीय भूमि) उपलब्ध कराता है? ऐसे कितने संयंत्र है जिन्हें भूमि उपलब्ध कराई गई है? संयंत्रवार गौशवारा बनाकर मय दस्तावेजों, आवेदन, आदेश एकल नस्ती सहित बतायें। (ग) राज्य पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण जैव अपशिष्ट निष्पाद संयंत्र के पर्यावरण मापदण्डों को पूर्ण न किये जाने, गलत तरीके से निष्पादन करने पर किस प्रकार की कार्यवाही करता है? क्या ऐसे संयंत्रों को बंद करने की क्षमता राज्य पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण को है? यदि नहीं, तो क्यों? 20 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण संज्ञान में आये एवं उस पर कब और क्या कार्यवाही किसके द्वारा की जाकर कितने संयंत्र बंद कराये गये? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतायें।
राज्य मंत्री, पर्यावरण ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन अधिसूचना, 2006 एवं इसमें समय-समय पर किये गये संशोधनों के अनुसार परिसंकटमय अपशिष्टों का निष्पादन करने वाली एकीकृत सुविधाओं को (जिनमें भस्मीकरण और भूमिभरण या केवल भस्मीकरण शामिल) पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करनी होती है तथा केवल भूमिभरण वाली सुविधाओं को राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करनी होती है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरणीय स्वीकृति के पूर्व लोक सुनवाई कराई जाकर कार्यवाही विवरण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार या राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण को प्रेषित किया जाता है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा परिसंकटमय अपशिष्टों का निष्पादन करने वाली सुविधाओं को जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के तहत् सम्मति तथा परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम 2016 के प्रावधानों के तहत् प्राधिकार दिया जाता है। परिसंकटमय अपशिष्टों का निष्पादन करने वाली सुविधाओं की स्थापना के संबंध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी गाइड लाइनों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'’अ'’ एवं परिशिष्ट-'’ब’' (पेन ड्राइव) अनुसार है। छूट का कोई प्रावधान नहीं है। संयंत्रों की सम्पूर्ण जानकारी का गौशवारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘'स'’ (पेन ड्राइव) अनुसार है। (ख) परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम, 2016 में राज्य शासन द्वारा एकीकृत परिसंकटमय अपशिष्ट शोधन भण्डारण और निपटान सुविधा (टी.एस.डी.एफ.) हेतु स्थल पहचान करने के प्रावधान हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘'द'’ (पेन ड्राइव) अनुसार है। (ग) पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन अधिसूचना 2006 एवं यथासंशोधित अधिसूचना दिनांक 28.02.2014 तथा कार्यालयीन ज्ञापन दिनांक 02.09.2019 एवं 26.09.2022 में निहित प्रावधान के अनुसार क्षेत्रीय कार्यालय, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भोपाल द्वारा की गई अनुशंसा पर पर्यावरणीय अनापत्ति को स्थगित रखने या वापस लिये जाने की कार्यवाही। जी नहीं। पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन अधिसूचना 2006 में संयंत्रों को बंद करने के प्रावधान राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण में वैष्ठित नहीं है। दिनांक 20 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक क्षेत्रीय कार्यालय, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार से किसी प्रकरण पर कार्यवाही हेतु अनुशंसा प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वेयर हाऊसों का नियम विरूद्ध उपयोग
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
132. ( क्र. 1999 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक 840, दिनांक 23.06.25 जो ए.सी.एस. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, भोपाल एवं पत्र क्रमांक 841 दिनांक, 23.06.2025 जो कलेक्टर, जिला राजगढ़ को प्रेषित किया गया था पत्र प्राप्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.03.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें? (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो सा.प्र.वि. के आदेश के बिन्दु क्रमांक 5 एवं सा.प्र.वि. के आदेश क्र. एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 19.07.2019 के अंतर्गत संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की जबावदेही निर्धारित करते हुये उनके विरूद्ध आचरण या सेवा के नियमों के अधिन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर निलंबन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) एम.पी.वेयर हाऊसिंग कार्पोरेशन में प्रश्न दिनांक तक कितने वेयर हाउस लिस्टेड है? ये वेयर हाउस कितने प्रकार के है एवं किस उपयोग के लिये आते हैं? 20 मार्च, 2024 से प्रश्न दिनांक तक कितने वेयर हाउस का उपयोग किया गया और कितने का उपयोग क्यों नहीं किया गया कारण सहित बतायें? उपरोक्त अवधि में कब, कितना, कौन-सा सामान इनमें किस दर भरा गया, कुल कितना भुगतान किस प्रयोजन से कब और कितना किया गया? वर्षवार, जिलेवार, तहसीलवार, वेयर हाउस मालिक का नाम, पता, मोबाईल नं. उसका प्रकार, क्षमता, कितना सामान, किस दर, समय के लिये, कुल कितने भुगतान पर, बैंक खातों की जानकारी सहित गौशवारा बनाकर पृथक-पृथक आदेश, निर्देश नियम एवं एकल नस्ती की प्रति सहित बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां, प्रश्नांश पत्र 840 एवं 841 दिनांक 23.06.2025 के साथ संलग्न बाबा रामदेव वेयर हाउस की संचालक उर्मिला तंवर द्वारा की गई शिकायत के संबंध में जिला कलेक्टर राजगढ़ द्वारा की गई कार्यवाही निम्नलिखित अनुसार है :- रबी विपणन मौसम में न्यूनतम समर्थन मूल्य वर्ष 2025-26 पर गेहूँ उपार्जन नीति के अनुसार बाबा रामदेव वेयर हाउस को खरीदी केन्द्र एवं परिवहन के माध्यम से भण्डारण हेतु मैपिंग जिला उपार्जन समिति में लिये गये निर्णय अनुसार किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। ऐसे वेयर हाउस जिनमें क्षमता से अधिक तुलाई की गई है, उन वेयर हाउसों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। वेयर हाउस संचालकों के जवाब लेकर भविष्य के लिये सचेत किया जाकर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। बाबा रामदेव वेयर हाउस रामपुरिया मोहनपुरा बांध जोड़ के प्रोप्राइटर श्रीमति उर्मिला तंवर के प्राप्त आवेदन पर जिला उपार्जन समिति सदस्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाकर जवाब लिया गया प्रस्तुत जवाब समाधानकारक नहीं होने से भविष्य के लिये सचेत किया जाकर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। जी हाँ। प्रकरण में की गई कार्यवाही से पत्र क्र.1231/खाद्य-3/2025 राजगढ़ दिनांक 23.07.2025 द्वारा अवगत कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिला कलेक्टर राजगढ़ द्वारा सम्बंधितों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब लिया गया, प्रस्तुत जवाब समाधानकारक नहीं होने से भविष्य के लिये सचेत करते हुये प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
नि:शक्त उप यंत्रियों की भर्ती
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
133. ( क्र. 2002 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विकलांग नि:शक्त श्रेणी में विभाग द्वारा कितने उपयंत्री की नियुक्ति कब प्रदान की गई थी तथा वर्तमान में उनकी पदस्थापना कहां पर है, स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उप यंत्रियों की नियुक्ति के संबंध में उनकी शैक्षणिक योग्यता तथा उनकी विकलांगता के संबंध में सत्यापन की कार्यवाही की गई थी, जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार भर्ती उप यंत्रियों की शैक्षणिक योग्यता तथा उनकी विकलांगता के संबंध में कब-कब शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन पर कब-कब कार्यवाही की गई? जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘’1’’ एवं ‘’2’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘’3’’ एवं ‘’4’’ अनुसार है।
अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
134. ( क्र. 2003 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गैस राहत भोपाल द्वारा मई-जून 2025 में कितने संविदा चिकित्सा अधिकारियों के स्थानांतरण किए गए हैं तथा स्थानांतरण निरस्त किए गए हैं? किए गए स्थानांतरण आदेश करने पर माननीय मंत्री महोदय, गैस राहत एवं आयुक्त गैस राहत का अनुमोदन लिया गया था या नहीं? (ख) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गैस राहत भोपाल द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए संविदा चिकित्सा अधिकारी, गैस राहत के स्थानांतरण कर, अपने पद का स्पष्ट दुरूपयोग किया गया है क्या इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाएगा? (ग) संविदा चिकित्सा अधिकारियों की सेवा वृद्धि निरस्त करने तथा बहाल करने तक संविदा चिकित्सा अधिकारी के नियुक्ति आदेश में बिन्दु क्र.-15 में स्थानांतरण की पात्रता नहीं होने के उल्लेख होने के बावजूद भी क्या संविदा चिकित्सा अधिकारियों के स्थानांतरण करने के दोषी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, गैस राहत भोपाल के विरूद्ध कार्यवाही कर, पद से हटाया जाएगा? (घ) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गैस राहत, भोपाल द्वारा स्थानांतरण करने, स्थानांतरण निरस्त करने नियम विरूद्ध वेतन काटने तथा नियम विरूद्ध चिकित्सा अधिकारी की डिस्पेंसरी अधीक्षक द्वारा सी.आर. अंकित करने पर सी.आर. निरस्त करने एवं नियम विरूद्ध स्वयं के द्वारा सी.आर. लिखने आदि की अनियमिताओं की जाँच कर, दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी?
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) गैस राहत विभाग के अंतर्गत संचालित चिकित्सीय संस्थान भोपाल नगर निगम सीमा के अंदर है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी चिकित्सालयीन कार्य व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए एक चिकित्सीय संस्थान से दूसरे चिकित्सीय संस्थान में 05 चिकित्सकों के आदेश जारी किये है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संविदा सेवा भर्ती नियम 2003 के अनुसार नियोक्ता संचालक, गैस राहत एवं पुनर्वास, भोपाल द्वारा 02 संविदा चिकित्सक की प्राप्त शिकायत पर जांच उपरांत सेवावृद्धि नहीं की गई। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाई पावर कमेटी की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
135. ( क्र. 2010 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजाति कार्य विभाग में फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर शासकीय नौकरी पाने एवं आरक्षण का लाभ उठाकर फर्जीवाड़ा/धोखाधड़ी करने वालों के जाति प्रमाण पत्रों की जांच करने के लिये क्या हाईपावर कमेटी बनाई गई है? उक्त हाई पावर कमेटी किन नियमों के तहत किस प्रकार के निर्णय लेने के लिये गठित की गई है, बिन्दुवार विवरण दें? (ख) उक्त हाई पावर कमेटी को माह में कितनी बार बैठकें करना नियमानुसार आवश्यक है? उक्त कमेटी में किस पदनाम के सदस्य शासन नामित करता है? 01.01.2020 से प्रश्न तिथि तक उक्त कमेटी की बैठकें कब-कब हुई? किस नाम/पदनाम के सदस्य (अन्य) उपस्थित हुये? क्या-क्या निर्णय लिये गये? क्या-क्या विषय एजेण्डों में रखे गये? निर्णयों की जानकारी दस्तावेजों को उपलब्ध कराते हुये दें? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित समयानुसार उक्त कमेटी के समक्ष खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग एवं किसान कल्याण विभाग के किस नाम/पदनाम के अधिकारियों के फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की शिकायतों के प्रकरण लंबित हैं? इन प्रकरणों में क्या-क्या शिकायतें हुईं? सभी शिकायतों की एक-एक प्रति संलग्न दस्तावेजों सहित उपलब्ध कराएं? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित प्रकरणों में कब तक कार्यवाही की जाऐगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश क्रमांक एफ 7-1/96/आ.प्र./एक दिनांक 08 सितम्बर, 1997 एवं आदेश क्रमांक 7-1/96/आ.प्र./एक, 4 दिसम्बर 1998 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘अ’ अनुसार। राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति गठित है। (ख) राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति के द्वारा अपनायी जाने वाली जांच प्रक्रिया में माह में कितनी बैठकें की जाना है, उल्लेखित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘अ’ अनुसार आदेशों से मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कमेटी में निम्नानुसार सदस्य नामांकित किए गये है :-
1. प्रमुख सचिव/सचिव, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग- अध्यक्ष
2. आयुक्त, आदिवासी विकास, सदस्य सचिव
3. सचिव, अनुसूचित जनजाति आयोग, सदस्य
4. अनुसूचित जनजाति अनुसंधान संस्थान के प्रतिनिधि - सदस्य
5. निदेशक, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति आयोग राज्य कार्यालय भोपाल - विशेष आमंत्रित सदस्य
दिनांक 01.01.2020 से प्रश्न तिथि तक कमेटी की बैठकों, उपस्थित सदस्यों, समिति अधिकारियों, एजेण्डा एवं निर्णयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित समयानुसार उक्त कमेटी के समक्ष खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का जाति प्रमाण पत्र संबंधी प्रकरण लंबित नहीं है। किसान कल्याण विभाग के श्री मनोज कश्यप पिता श्री छोटेलाल कश्यप उप संचालक कृषि जिला सतना के जाति प्रमाण पत्र की जांच लंबित है। शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘स’ अनुसार है। (घ) राज्य उच्च स्तरीय छानबीन समिति की प्रक्रिया अनुसार जांच संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। छानबीन समिति की प्रक्रिया अर्द्ध-न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा से अवगत कराया जाना संभव नहीं है।
छात्रावास अधीक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
136. ( क्र. 2016 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के कौन-कौन से छात्रावास कब से संचालित है? ऐसे छात्रावासों के नाम सहित यह भी बताएं कि वह कब से स्वयं के भवन में स्थित हैं या किराये के भवन में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि इन छात्रावासों में वर्तमान में पदस्थ छात्रावास अधीक्षक एवं अन्य कब से कार्यरत है? उनके नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि इन प्रत्येक छात्रावासों में प्रतिमाह सम्पूर्ण राशि कितनी-कितनी, किस प्रयोजनार्थ भेजी जाती है? जानकारी प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि इन छात्रावासों के ये अधीक्षक कब तक के लिए पदस्थ किए गए थे? क्या जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग के पास इन छात्रावासों की भ्रमण के दौरान अधीक्षकों की अनियमितताओं की एवं लापरवाही की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? अगर है तो उन्हें जांचोपरांत क्यों नहीं हटाया गया है? संपूर्ण जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ अनुसार है। अनुसूचित जाति विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’ब’’ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (घ) अधीक्षकों के पदस्थापना की अवधि पूर्व से निर्धारित नहीं होती है। जी नहीं। जिला संयोजक के भ्रमण के दौरान प्राप्त शिकायतें निरंक है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।