मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
सोमवार, दिनांक 01 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
वन क्षेत्रों के लिये पी.पी.पी. अनुबंध
[वन]
1. ( *क्र. 1702 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार ने वन्य क्षेत्र का कुछ प्रतिशत पी.पी.पी. मॉडल पर निजी क्षेत्र को सौंपने का निर्णय लिया है? (ख) अगर हाँ, तो मध्यप्रदेश के किन जिलों में कितना वन क्षेत्र निजी हाथों में सौंपा जा रहा है? (ग) निजी क्षेत्र में वन्य क्षेत्र जाने के बाद उनमें क्या-क्या गतिविधियां होंगी? वन्य विकास से संबंधित जानकारी दें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन मण्डल कार्यालय हेतु पदों की स्वीकृति
[वन]
2. ( *क्र. 1784 ) श्री अनिल जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिले में वन मण्डल कार्यालय तथा पदों की स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन स्तर से कब कब तथा क्या क्या कार्यवाही की गई है? पत्र क्रमांक, दिनांक तथा की गई कार्यवाही सहित अद्यतन स्थिति बतायी जाये। वर्तमान में भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी साथ में दी जावे। (ख) क्या जिले में स्थित ओरछा परिक्षेत्र में वन्य प्राणी अभ्यारण संचालित हैं, जिसमें बाहर से वन्य प्राणियों को लाकर उनका संवर्धन किया जा रहा है? साथ ही विलुप्तप्रायः पक्षी गिद्ध का संरक्षण स्थल है और वन आच्छादित क्षेत्र भी पर्याप्त है? यदि हाँ, तो वन मण्डल कार्यालय खोले जाने में विलम्ब क्यों किया जा रहा है? (ग) विभाग द्वारा कराये जाने वाले विकास कार्यों के नियोजन एवं लोकार्पण करते समय ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक के किन्हीं जनप्रतिनिधियों की भागीदारी करने का यदि प्रावधान है, तो किन-किन कार्यों में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है? कार्यवार विवरण देवें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। निवाड़ी जिले में वनमण्डल कार्यालय तथा पदों की स्वीकृति हेतु कार्यवाही की गई है। विभिन्न स्तर पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। निवाड़ी जिले में वनमण्डल गठन बाबत् कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से वर्तमान में भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जिला मुख्यालय निवाड़ी में वनमण्डल कार्यालय खोले जाने की प्रक्रिया प्रचलित है। (ग) वनमण्डल टीकमगढ़ के अंतर्गत वन विभाग के विकास कार्यों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाता है। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
विदिशा जिला चिकित्सालय हेतु सिटी स्केन मशीन उपलब्ध करायी जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
3. ( *क्र. 1796 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा में स्थित जिला चिकित्सालय एवं अटल बिहारी बाजपेयी मेडीकल कॉलेज में मरीजों की सुविधा हेतु सीटी स्केन मशीन उपलब्ध कराये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक सीटी स्केन मशीन चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जिले के नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा के क्रम में सीटी स्केन मशीन हेतु दिनांक 11.08.2020 को कलेक्टर विदिशा एवं अधिष्ठाता शासकीय अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा को पत्र क्रमांक 4749 के तहत कार्यवाही की मांग की थी? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो पत्र के क्रम में कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या नहीं तो क्यों? क्या शासन जिले की जनता की स्वास्थ्य सुविधा को ध्यान में रखते हुये शीघ्र सीटी स्केन मशीन उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। (ग) मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल द्वारा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा सहित अन्य स्थानों पर सी.टी./एम.आर.आई मशीन स्थापित करने हेतु दिनांक 30.12.2020 को निविदा जारी कर दी गयी है एवं दिनांक 11 जनवरी 2021 को प्री-बिड मीटिंग रखी गयी थी। दिनांक 22 जनवरी 2021 से Bid Submission चालू है। बिड खोलने की दिनांक 19 फरवरी 2021 निर्धारित थी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्थानांतरण आदेश का परिपालन न करने पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
4. ( *क्र. 1792 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा इलेक्ट्रॉनिक के कितने पद किन-किन विद्यालयों में स्वीकृत हैं? मण्डला जिला अंतर्गत एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सिझौरा में श्री अजय शर्मा व्याख्याता (व्यावसायिक शिक्षा) को किस नियम के तहत पदस्थ किया गया था? क्या एकलव्य विद्यालय सिझौरा में इनकी पदस्थापना में नियमों की अवहेलना की गई? यदि हाँ, तो दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा आदेश क्रमांक 7457, दिनांक 08.08.2019 के माध्यम से श्री अजय शर्मा व्याख्याता का स्थानांतरण एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सिझौरा जिला मण्डला से हाईस्कूल झिरिया जिला मण्डला किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या उनके द्वारा आदेश के परिपालन में संबंधित स्कूल में अपनी उपस्थिति दी गई? यदि नहीं, तो इनके विरुद्ध विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो शासकीय आदेश के परिपालन न करने को लेकर इनके विरुद्ध क्या कार्यवाही आगामी कितने दिनों में की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) निरंक। पूर्व में उक्त विद्यालय मॉडल स्कूल के रूप में संचालित था एवं व्यावसायिक व्याख्याता का पद स्वीकृत था, जिसमें श्री अजय शर्मा निरंतर कार्यरत थे। तत्पश्चात् उक्त विद्यालय मॉडल स्कूल से परिवर्तित कर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कर दिया गया परिवर्तन के पश्चात भी श्री शर्मा निरंतर कार्यरत रहे थे। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। श्री अजय शर्मा के संबंध में आयुक्त, जबलपुर संभाग जबलपुर को अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु जिला स्तर से प्रस्ताव प्रेषित किया जा रहा है। कार्यवाही प्रचलन में होने से समय-सीमा बताना संभव नही है।
छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितता
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
5. ( *क्र. 2096 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति राज्य शासन द्वारा निर्धारित दरों पर प्रदान की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 (31 जनवरी 2021) तक कितने-कितने अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की गई? (ग) वर्ष 2020-21 में छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत इंदौर एवं उज्जैन संभाग के किस-किस अशासकीय कॉलेजों में अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई? यदि नहीं, की गई तो इसके लिये उत्तरदायी कौन है और कब तक छात्रवृत्ति स्वीकृत कर दी जावेगी? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या छात्रवृत्ति योजना एवं विदेश में अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति योजना में छात्रवृत्ति स्वीकृत करने के लिये विभागीय अधिकारियों को रिश्वत देना पड़ती है तभी छात्रवृत्ति स्वीकृत की जाती है? क्या विभाग के सहायक संचालक श्री एच.बी. सिंह को दिनांक 28.01.2021 को विदेश में पढ़ाई हेतु छात्रवृत्ति स्वीकृत कराने के एवज में रिश्वत लेने पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा रंगे हाथ पकड़ा गया है? यदि हाँ, तो क्या छात्रवृत्ति स्वीकृति की उच्च स्तरीय जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) जनवरी 2020 से दिसम्बर 2020 तक की अवधि में बच्चों को छात्रवृत्ति न मिलने की कितनी शिकायतें सी.एम. हेल्प लाईन पर प्राप्त हुईं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2019-2020 में कुल 5,83,725/- विद्यार्थियों को राशि रूपये 8,35,81,68,004/- राशि स्वीकृत की गई। वर्ष 2020-21 ( 31 जनवरी, 2021) में छात्रवृत्ति पोर्टल पर छात्रवृत्ति स्वीकृति पेपरलेस किये जाने संबंधी प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) जी नहीं। कोई उत्तरदायी नहीं है। वर्ष 2020-21 में छात्रवृति योजना अंतर्गत छात्रवृत्ति पोर्टल पर छात्रवृत्ति स्वीकृति पेपरलेस किये जाने संबंधी प्रक्रिया प्रचलन में होने के कारण छात्रवृत्ति स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। (घ) जी नहीं। जी हाँ। जी नहीं। क्योंकि प्रकरण पर लोकायुक्त द्वारा विवेचना की जा रही है। (ड.) जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक अवधि में बच्चों को छात्रवृत्ति न मिलने की 14,455 शिकायतें प्राप्त हुईं हैं।
बस्ती विकास योजना के तहत जिलों को राशि का आवंटन
[जनजातीय कार्य]
6. ( *क्र. 1884 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना के तहत जिलों को राशि आवंटन के क्या नियम हैं? उपरोक्त योजना के तहत वर्ष 2020-21 में मण्डला जिले में कब-कब कुल कितनी राशि का आवंटन प्रदाय किया गया एवं इससे कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत कार्यों के प्रस्ताव किन-किन के द्वारा दिये गये थे? प्रत्येक कार्य के प्रस्ताव की जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त योजना के तहत कार्यों की स्वीकृति के लिये जिला स्तर पर समिति गठन के लिये शासन के क्या नियम हैं? क्या मण्डला जिले में इस नियम के तहत वर्ष 2020-21 में प्रदाय आवंटन का खर्च किया गया? यदि नहीं, तो ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं, जिनमें समिति के अनुमोदन के बिना स्वीकृति देकर राशि जारी की गई? इसमें दोषी कौन-कौन हैं एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) उपरोक्त योजना के तहत मण्डला जिले में वर्तमान में कितनी राशि उपलब्ध है? इस राशि से कार्यों की स्वीकृति के प्रस्ताव किन-किन से कब-कब लिये गये हैं एवं इन प्रस्तावों को अनुमोदन हेतु कब एवं कहां भेजा गया है? क्या उपलब्ध लगभग 80 लाख रूपये की राशि के विरूद्ध 27 करोड़ रूपये से भी ज्यादा के प्रस्ताव मान. मंत्री जी को भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो इसमें क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या मान. मंत्री द्वारा विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यों की मांग वाले उनके पत्र में ही यह लिख दिया जाता है कि जिला कलेक्टर राशि जारी करें, जबकि उपरोक्त योजना से कार्यों की स्वीकृति की प्रक्रिया शासन द्वारा अलग से निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या मान. मंत्री जी द्वारा जनप्रतिनिधियों के मांग पत्रों पर की गई अनुशंसा को शून्य किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित राशि एवं मण्डला जिले से भेजे गये प्रस्तावों को लेकर जिला स्तरीय समिति से अनुमोदन लिया जायेगा या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जिले एवं प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या के अनुपात में जिले को राशि आवंटित की जाती है। योजनान्तर्गत जिले को वर्ष 2020-2021 में प्राप्त आवंटन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्राप्त आवंटन से कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। योजनान्तर्गत प्राप्त प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) म.प्र. अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2018 अनुसार कार्यों के अनुमोदन के लिये समिति गठित है। जी नहीं। योजनान्तर्गत समिति के अनुमोदन के बिना कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किया गया, न ही राशि जारी की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) योजनान्तर्गत मंडला जिले में राशि रू. 79.72 लाख उपलब्ध है। जी हाँ, स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। जी नहीं। योजनान्तर्गत आवंटन की सीमा में कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। (घ) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शासन के आदेश क्रमांक एफ 23-15/2015/25-3/54, दिनांक 04.02.2021 अनुसार कार्यों की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
वन भूमि पर अवैध निर्माण पर कार्यवाही
[वन]
7. ( *क्र. 1438 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के जनपद पंचायत बड़वारा के राजस्व ग्राम बम्हौरी में ग्राम पंचायत बम्हौरी के वर्तमान सरपंच और सचिव द्वारा वन विभाग की आरक्षित वन भूमि (बफर जोन जिला उमरिया) पर नाली नर्सरी का निर्माण कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रश्नाधीन ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिव द्वारा क्या बफर जोन के अधिकारियों से नाली नर्सरी निर्माण कराये जाने हेतु अनुमति ली गई? यदि हाँ, तो अनुमति की छायाप्रति दें? नहीं तो उक्त निर्माण शासन के किन नियमों के अन्तर्गत कराया गया? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त संबंध में बफर जोन के रेन्जर द्वारा स्थल निरीक्षण कर एफ.आई.आर. कराए जाने हेतु ग्रामीणों से चर्चा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या वन विभाग द्वारा एफ.आई.आर. कराई गई? नहीं तो क्यों? कौन-कौन दोषी है? नाम एवं पदनाम का उल्लेख करें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिव द्वारा कोई अनुमति नहीं ली गई है एवं अवैधानिक रूप से कार्य कराया गया है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) अनुसार अवैधानिक कृत्य के लिये श्रीमती बबिता बाई पति धनेश जायसवाल, सरपंच ग्राम पंचायत बम्हौरी एवं रोजगार सहायक व प्रभारी सचिव श्री देवेश द्विवेदी के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक/353/11, दिनांक 30.11.2020 पंजीबद्ध किया गया है।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत व्याख्याताओं की प्रतिनियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
8. ( *क्र. 2046 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्रमांक 1304, दिनांक 26.03.2003 के द्वारा समस्त कलेक्टर को पत्र जारी किया गया था, जिसमें सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत विकासखण्ड स्तर पर विकासखण्ड स्रोत केन्द्र समन्वयक के रूप में व्याख्याता की प्रतिनियुक्ति करने के निर्देश दिए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो इसके साथ परिशिष्ट (अ), (ब), (स) एवं (द) संलग्नक किए गए थे, इसमें से परिशिष्ट 'ब' में विकासखण्ड समन्वयक व्याख्याता के रूप में विकासखण्ड में नियुक्ति हेतु पदों की संख्या प्रदर्शित की गई थी। इन संख्याओं में संविदा आधार पर बी.आर.सी. जिन जिलों में पदस्थ थे, वहां उनको छोड़कर नियुक्ति हेतु पद दर्शाए गए थे, जैसे सतना में एक राजगढ़ मंदसौर नीमच रतलाम में शून्य। (ग) यदि हाँ, तो व्याख्याता वेतनमान पर पदस्थ संविदा बी.आर.सी.सी. को उनके पद से पृथक क्यों किया गया, जबकि पद रिक्त न थे, स्पष्ट करें। (घ) क्या इनमें से राजगढ़ सतना व अन्य जिले के संविदा बी.आर.सी.सी. को वर्ष 2011 में ही माननीय हाईकोर्ट में पुन: मूल पद बी.आर.सी.सी. पर नियुक्त करने का आदेश पारित किया था? (ड.) यदि हाँ, तो फिर भी अभी तक इन्हें इनके मूल पद पर नियुक्त क्यों नहीं किया गया है? इसके पीछे कारण क्या है और कब तक इन्हें न्याय स्वरूप सभी अधिकारों के साथ बी.आर.सी.सी. पद पर नियुक्त किया जायेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के स्कूल की मान्यता निरस्त की जाना
[स्कूल शिक्षा]
9. ( *क्र. 1864 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जय माँ वैष्णों कान्वेंट स्कूल झारड़ा एवं भारतीय माध्यमिक विद्यालय बनबना, जो महिदपुर विधानसभा के अंतर्गत आते हैं, के संबंध में हुई जाँच का प्रतिवेदन देवें? (ख) इस प्रतिवेदन पर अब तक की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति देवें? (ग) कब तक प्रश्नांश (क) अनुसार स्कूलों की मान्यता निरस्त कर दी जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित अशासकीय शालाओं को जारी कारण बताओ सूचना पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) शिक्षा का अधिकार नियम 2011 के नियम 11 (7) के अन्तर्गत संबंधित स्कूलों की मान्यता निरस्त करने की कार्यवाही प्रचलनशील है।
धार जिलांतर्गत शा.उ.मा.वि. बड़दा के भवन का निर्माण
[जनजातीय कार्य]
10. ( *क्र. 2100 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार जिले के डही विकासखण्ड के ग्राम बड़दा में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन हेतु भूमि चयन के उपरांत भवन निर्माण का भूमि पूजन दिनांक 26.02.2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय श्री कमलनाथ ने किया था? 26.02.2020 के पूर्व जो जमीन भवन निर्माण हेतु आवंटित की गई थी, उसके आदेश की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त चयनित भूमि पर 26.02.2020 को हुए भूमि पूजन का शिलालेख लगा दिया गया है, यदि हाँ, तो कब यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) चयनित भूमि पर कार्य प्रारंभ किए जाने में विलंब क्यों हो रहा है, उसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? शासन उन पर कब कार्यवाही करेगा? (घ) यह कार्य कब तक प्रारंभ होकर पूर्ण होगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। भवन निर्माण के आवंटित भूमि के आवंटन आदेश की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। निर्माण कार्य की भूमि का परिवर्तन होने से शिलालेख नहीं लगाया गया है। (ग) निर्माण कार्य की भूमि परिवर्तन होने से कार्य प्रारंभ होने में विलंब हो रहा है, इसके लिये कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। (घ) कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाकर पूर्ण कराया जावेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बैगा जनजाति को बैगा विकास प्राधिकरण में शामिल किया जाना
[जनजातीय कार्य]
11. ( *क्र. 1186 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति की बैगा की जनसंख्या कितनी है? जिलावार/विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश शासन के द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के कल्याण हेतु कोई योजना संचालित है? यदि है तो पूर्ण विवरण के साथ जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या सीधी एवं सिंगरौली जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के लिये बैगा विकास प्राधिकरण के माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कब तक बैगा विकास प्राधिकरण में शामिल कर योजनाओं का लाभ दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति को एक हजार रूपये प्रतिमाह पोषण आहार के लिये दिये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, है तो कब तक प्रावधानित कर एक हजार रूपये प्रतिमाह दिया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) सीधी, सिंगरौली जिले विशेष पिछडी जनजाति हेतु चिन्हित नहीं हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर नगर में गौ-अभ्यारण्य की स्थापना
[पशुपालन एवं डेयरी]
12. ( *क्र. 1554 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में आवारा पशुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिससे सड़कों पर दुर्घटनाएँ एवं पशुओं की अकाल मृत्यु हो रही है? क्या शासन ने इस हेतु कोई नीति बनाई है? यदि हाँ, तो इसका विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्या शासन कोई नीति बनाये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक? (ख) क्या सागर नगर में हजारों की संख्या में आवारा पशु सड़कों पर विचरण करते हैं, जिससे अनेक दुर्घटनायें भी होती रही हैं एवं यातायात बाधित होता है? क्या शासन व्यवस्थित यातायात एवं पशुओं/गायों के उचित संरक्षण एवं विचरण हेतु सागर में गौ-अभ्यारण्य की स्थापना कराये जाने हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। निराश्रित गौवंश के सड़कों पर बैठने के कारण दुघर्टनाएं हो जाती हैं। जी नहीं। किन्तु शासन द्वारा निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन हेतु प्रदेश में 1000 गौशालाओं का निर्माण कराया गया है साथ ही भूमि की उपलब्धता अनुसार पूर्व में संचालित गौशालाओं की क्षमता वृद्धि की योजना तैयार कर निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन की दिशा में कार्य किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। शहर में हजारों की संख्या में निराश्रित पशु नहीं हैं। सागर नगर निगम क्षेत्र में आवारा पशुओं/गायों की संख्या 785 है। आवारा एवं निराश्रित गौवंश को रखने हेतु जिले में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 33 नवीन गौशालाओं का निर्माण किया गया है, जिनमें से 22 गौशालाओं का संचालन प्रारंभ हो गया है एवं अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 17 गौशालाएं संचालित हैं। मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत, सागर विकासखण्ड में 3 नवीन गौशालाएं स्थापित की गईं हैं एवं 04 निजी गौशालाएं संचालित हैं। जी नहीं गायों के उचित सरंक्ष्ाण हेतु जिला सागर में गौशालाएं संचालित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सतना जिलांतर्गत छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितता की जाँच
[जनजातीय कार्य]
13. ( *क्र. 1791 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले में जिला संयोजक के पद पर वर्ष 2009 से 2020 तक कौन-कौन कितनी-कितनी अवधि के लिये पदस्थ रहा है? पूर्ण जानकारी देवें। (ख) सतना जिले में वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में किनके कार्यकाल के दौरान लगभग 82 लाख का छात्रवृत्ति घोटाला हुआ? जाँच प्रतिवेदन कार्यवाही की प्रति सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में जिला संयोजक के पद पर पदस्थ प्रभारी/अधिकारी द्वारा पदीय दायित्वों के विपरीत शासन की राशि के व्यय में अनियमितता कर अपने एवं रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज वाहनों में डीजल भरवाये हैं? उक्त अवधि में डीजल व्यय हेतु वाहन क्रमांक, वाहन मालिक का नाम की जानकारी देवें। (घ) क्या एकीकृत आदिवासी विकास माडा सतना का भवन जिसकी लागत लगभग 20 लाख रही है, जो वर्ष 2016-17 में तैयार हो गया था, किन्तु वर्तमान परियोजना प्रभारी द्वारा प्रश्न दिनांक तक उक्त भवन में कार्यालय को शिफ्ट नहीं किया गया है एवं भवन खण्डहर हो रहा है एवं शासन राशि का भी उपयोग नहीं हो पा रहा है? (ड.) प्रश्नांश (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार उपरोक्त अनियमितताओं के लिये संबंधित पर अब तक कार्यवाही न करने का कारण स्पष्ट करें कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) श्री कमलेश्वर सिंह प्रभारी जिला संयोजक के कार्यकाल में रूपये 82,36,950/- की अनुसूचित जाति पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति का अधिक भुगतान प्राथमिक जाँच में परिलक्षित हुआ है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन कार्यालयीन पत्र क्र./स्था.6/शिका./सी.1/223/2020/50, दिनांक 01.01.2021 द्वारा शासन को प्रेषित किया गया है। (ग) निम्न गैर शासकीय वाहनो में अनियमितता कर डीजल भरवायें गये।
वाहन क्रमांक |
वाहन मालिक |
एम.पी. 53 टी.ए. 0904 |
श्री सुधेश्वर सिहं आत्मज श्री अमर बहादुर सिंह, ग्राम टिकत खुर्द पोस्ट मवई |
एम.पी 09 टी.ए. 3919 |
श्री सुदामा विश्वकर्मा आत्मज श्री अंगद प्रसाद विश्वकर्मा ग्राम पोस्ट रोयनी |
एम.पी 19 टी 1607 |
श्री महेन्द्र सिंह आत्मज श्री एस.एन. सिंह मुख्त्यारगंज सतना |
वाहन मालिक तत्कालीन जिला संयोजक के रिश्तेदार हैं या नहीं इस आशय की जानकारी उपलब्ध नहीं है। (घ) एकीकृत आदिवासी विकास माडा पाकेट सतना का भवन वर्ष 2008-09 में रूपये 6.95 लाख का स्वीकृत हुआ था। भवन निर्माण 19.11.2011 को पूर्ण हुआ एवं भवन का आधिपत्य 15.02.2014 को लिया गया। भवन में कार्यालय अब तक शिफ्ट नहीं किया गया है। वर्तमान में भवन क्षतिग्रस्त है। (ड.) शिकायत की प्राथमिक जाँच हुई है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उप वन मण्डलाधिकारी छतरपुर द्वारा की गई अनियमितताओं की जाँच
[वन]
14. ( *क्र. 1939 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में छतरपुर अनुभाग में पदस्थ छतरपुर उप वन मण्डलाधिकारी प्रथम मूल पद पर पदस्थी दिनांक से जनवरी 2021 तक कितने वर्ष से छतरपुर जिले में पदस्थ हैं? इनका कितनी बार छतरपुर जिले से अन्यत्र स्थानांतरण हुआ है? विवरण देवें। (ख) इनके पदस्थी कार्यकाल में वन परिक्षेत्राधिकारी से लेकर उप वन मण्डलाधिकारी के पदस्थी कार्यकाल में कितनी शिकायतें हुईं हैं? उन पर कब-कब क्या कार्यवाही हुई? नहीं तो क्यों? (ग) क्या इनके विरूद्ध गंभीर विभागीय जाँच संस्थित है? यदि हाँ, तो क्या शासन गंभीर विभागीय जाँच के बावजूद उन्हें क्षेत्रीय प्रभार में रखेगा? यदि हाँ, तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में छतरपुर उप वनमण्डलाधिकारी की मूल पद पर पदस्थिति दिनांक से जनवरी 2021 तक का विवरण निम्नानुसार है :-
मूल पद |
अवधि |
वर्ष |
परिक्षेत्राधिकारी के पद पर |
दिनांक 19.07.2000 से 23.07.2004 तक |
4 वर्ष |
04.05.2006 से 14.05.2008 तक |
2 वर्ष |
|
उप वनमण्डलाधिकारी के पद पर |
दिनांक 03.05.2017 से लगातार |
लगभग 3 वर्ष 8 माह से |
प्रश्नाधीन अधिकारी का स्थानांतरण दो बार वर्ष 2004 एवं 2008 में छतरपुर जिले से अन्यत्र हुआ। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में कुल 16 शिकायतें प्राप्त हुईं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) छतरपुर अनुभाग में पदस्थ छतरपुर उप वनमण्डलाधिकारी श्री वाय.एस. परमार, सहायक वन संरक्षक तत्कालीन उप वनमण्डलाधिकारी कूनों (दक्षिण) पोहरी के विरूद्ध अनियमितताएं पाये जाने पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख के आदेश क्रमांक 138 दिनांक 07.06.2019 से नियमित विभागीय जाँच संस्थित की गयी है। विभागीय जाँच पूर्णं होने पर आरोपों की गंभीरता के निर्धारण उपरांत ही क्षेत्रीय प्रभार में रखे जाने के बिन्दु पर निर्णय लेना संभव होगा।
नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
15. ( *क्र. 1971 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा शासकीय माध्यमिक शाला हाई स्कूल में एवं शासकीय हाई स्कूलों का हायर सेकेण्ड्री में उन्नयन हेतु कोई योजना है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) वर्तमान में उन्नयन हेतु शासकीय माध्यमिक शाला के कितने प्रस्ताव एवं शासकीय हाई स्कूल से हायर सेकेण्ड्री उन्नयन के कितने प्रस्ताव लंबित हैं? (ग) क्या सागर जिला अंतर्गत वि.खं. सागर की शासकीय माध्यमिक शाला सड़ेरी, साईखेड़ा एवं वि.खं. राहतगढ़ अंतर्गत देवरी, ढाना नरयावली तथा शासकीय हाई स्कूल से हायर सेकेण्ड्री में शासकीय हाई स्कूल मेनपानी, पड़रिया, शास. कन्या हाई स्कूल कर्रापुर एवं मकरोनिया के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित शासकीय शालाओं का उन्नयन कब तक किया जायेगा? यदि उक्त शलाएं उन्नयन हेतु शासन की समस्त शर्तों/नियम के अनुरूप हैं, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त शालाओं का उन्नयन क्यों नहीं किया गया?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 44-30/20-2/2017 दिनांक 13.02.2018 अनुसार शालाओं का उन्नयन किया जाता है। निर्धारित मापदण्ड की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन शाला मापदण्ड अनुसार अपात्र होने से उन्नयन में कठिनाई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वरिष्ठ पदों पर नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
16. ( *क्र. 1227 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग में उप संचालक/डी.ई.ओ. व इनसे अन्य वरष्ठि पदों के कुल कितने-कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने-कितने पद रिक्त हैं? पदवार विवरण देवें। (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्र. 354/दिनांक 09.03.2020 के माध्यम से निर्देशित किया था कि सभी विभाग राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की तरह उच्च पदों पर दी जाने वाली क्रमोन्नति अनुसार विभाग अपने-अपने भर्ती नियमों में संशोधन की कार्यवाही करें? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में भर्ती नियमों में संशोधन हेतु कर्मचारी संघों के ज्ञापन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई, मय पत्राचार/नस्तियों की प्रतियां भी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में यह भी बतायें कि विभाग में कार्यरत सहायक संचालक व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों में से किसे-किसे, किस-किस पद का वेतनमान मिल रहा है तथा उनकी वरिष्ठ पदों पर नियुक्ति में कितना अतिरिक्त खर्चा आयेगा? यदि अतिरिक्त खर्च नहीं आयेगा तो उनको क्रमोन्नति क्यों नहीं दी जा रही?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। नियम संशोधन उपरांत ही व्यय का आंकलन किया जा सकेगा। उत्तरांश (ख) के उत्तर में प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनांतर्गत कटनी को प्राप्त बजट
[पशुपालन एवं डेयरी]
17. ( *क्र. 409 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में पशुपालन विभाग कटनी को विगत पाँच वर्षों में मदवार कितना बजट प्राप्त हुआ तथा कितनी राशि व्यय की गई? मदवार विवरण दें। (ख) क्या म.प्र. में दूध उत्पादन व रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना पशु चिकित्सा विभाग द्वारा चलाई जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या किसानों को ऋण के साथ साथ सब्सिडी भी दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या सब्सिडी की राशि सभी वर्ग के लोगों के लिए निर्धारित की गई? यदि हाँ, तो वर्गवार विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में विगत 2 वर्षों में कटनी जिले में कितने लोगों को लाभ मिला? लाभ प्राप्त लोगों का विवरण, प्राप्त सब्सिडी राशि, ऋण उपलब्ध कराने वाले बैंक के नाम का विवरण उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, योजनांतर्गत सामान्य वर्ग हेतु परियोजना लागत का 25 प्रतिशत (अधिकतम रूपये 150000/-) तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग हेतु परियोजना लागत का 33 प्रतिशत (अधिकतम रू 200000/-) मार्जिन मनी सहायता राशि अनुदान साथ ही बैंक से प्राप्त ऋण पर 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से (अधिकतम रूपये 25000/-प्रतिवर्ष) ब्याज की प्रतिपूर्ति 07 वर्षों तक दिये जाने का प्रावधान है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के अंतर्गत गौ शालाओं की स्वीकृति
[पशुपालन एवं डेयरी]
18. ( *क्र. 2092 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना के अंतर्गत द्वितीय चरण में कितनी गौ शाला स्वीकृत हैं? कितनी निर्माणाधीन हैं? कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्वीकृत/निर्माणाधीन गौ-शाला का कार्य समय-सीमा में पूर्ण किया जावेगा? उक्त कार्य की समय-सीमा क्या है एवं कार्य पूर्ण न होने की दशा में दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना के अंतर्गत द्वितीय चरण में 2365 गौशालाएं स्वीकृत हैं तथा 1808 में कार्य प्रारंभ होकर निर्माणाधीन हैं। इनमें से 11 गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्वीकृत/निर्माणाधीन गौशालाओं का कार्य प्रगति पर है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं है।
विभागीय स्कूलों का स्कूल शिक्षा विभाग में विलय
[जनजातीय कार्य]
19. ( *क्र. 1856 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के पत्र क्रमांक/एफ 3-1/2020/25-2/937 दिनांक 24.12.2020 के अनुसार आदिम जाति विभाग के स्कूलों का स्कूल शिक्षा विभाग में मर्जर करने के लिये जिस 9 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है इसका कारण स्पष्ट करें कि ऐसा क्यों किया जा रहा है? (ख) क्या केन्द्र शासन ने विभाग के बजट में कमी कर दी है? वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के बजट की तुलनात्मक जानकारी देवें। (ग) कब तक इस समिति को भंग कर पूर्ववत व्यवस्था जारी रखने के आदेश प्रसारित किये जायेंगे? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश रोडमेप 2023 की कार्य योजना एवं नीति बनाने के अनुक्रम में आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यों का स्कूल शिक्षा विभाग के विद्यालयों के साथ विलय अंतर्गत रोडमेप एवं कार्य योजना तैयार करने के लिए दोनों विभागों के अधिकारियों की समिति गठित की गई, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। तुलनात्मक पत्रक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित स्कूल
[स्कूल शिक्षा]
20. ( *क्र. 1995 ) श्री संजय यादव : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के बरगी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभाग के कितने हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूल संचालित हैं? सूची देवें। गत पाँच वर्षों में कितने छात्र-छात्राओं द्वारा कक्षा 10 उत्तीर्ण की है एवं कितनों ने कक्षा 11 में प्रवेश लिया है एवं कितनों ने पढ़ाई छोड़ दी है? वर्षवार, स्कूलवार, ब्लॉकवार सूची देवें। (ख) कक्षा 10 के बाद छात्र-छात्राओं द्वारा पढ़ाई छोड़ने के क्या-क्या कारण हैं? विभाग इस समस्या को हल करने के लिए कौन-कौन से हाई स्कूलों को हायर सेकेण्ड्री में उन्नयन करेगा? (ग) उपरोक्त क्षेत्रान्तर्गत पाँच वर्षों में विभाग के हायर सेकेण्ड्री स्कूलों (शासकीय एवं प्रायवेट) से कितने छात्र-छात्राओं द्वारा कक्षा 12वीं उत्तीर्ण की गई है? संकायवार, स्कूलवार, ब्लॉकवार जानकारी दी जाए। क्या विभाग द्वारा कक्षा 12वीं के छात्र-छात्राओं को केरियर काउंसलिंग दी जाती है? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र बरगी में विभाग द्वारा संचालित समस्त स्कूलों में छात्र-छात्राओं हेतु पृथक-पृथक शौचालय एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध है? कितने स्कूलों के शौचालय जर्जर स्थिति में हैं? सूची दें। ऐसे कितने कक्षा 8 से कक्षा 12 तक के स्कूल हैं जिनमें छात्राओं हेतु शौचालय नहीं हैं अथवा जर्जर हैं? जर्जर शौचालयों की मरम्मत कब तक की जायेगी? इन शौचालयों में साफ-सफाई कौन करवाता है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ख) पढ़ाई छोड़ने का मुख्य कारण परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होना व माता-पिता के अशिक्षित होने के कारण बच्चों की पढ़ाई के प्रति रूचि न लेना है। शालाओं का उन्नयन निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति एवं बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (घ) विधानसभा क्षेत्र बरगी अंतर्गत समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में पृथक-पृथक शौचालय हैं एवं 06 शालाओं में पेयजल स्त्रोत उपलब्ध नहीं है। 28 स्कूलों के शौचालय जर्जर परंतु मरम्मत योग्य हैं, जिनका मरम्मत कार्य शाला प्रबंधन समिति एवं ग्राम पंचायत के माध्यम से कराया जा रहा है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है। समस्त शालाओं में छात्र-छात्राओं हेतु पृथक पृथक शौचालय एवं पर्याप्त पेयजल व्यवस्था है, जिसका रख-रखाव एवं मरम्मत कार्य शाला प्रबंधन समिति एवं ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। शौचालय की साफ-सफाई ग्राम पंचायत एवं शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से कराई जाती है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में साफ-सफाई का कार्य एस. एम.डी.सी. निधि से अंशकालीन स्वीपर द्वारा कराया जाता है।
सीहोर विकासखण्ड अंतर्गत शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
21. ( *क्र. 127 ) श्री सुदेश राय : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर विकासखण्ड सीहोर में वर्ष 2019-20 में किन-किन स्थानों पर नवीन स्कूल भवनों का (प्रा. शाला, मा. शाला, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी) निर्माण कार्य चल रहा है तथा कितने प्रस्तावित हैं? स्थान सहित शाला भवनों की जानकारी बतावें। (ख) विकास खण्ड सीहोर अन्तर्गत वर्ष 2019-20 से शालाओं के उन्नयन के कितने प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये गये हैं तथा इनमें कितनी प्रा. शाला को माध्यमिक शाला, माध्यमिक शाला को हाई स्कूल तथा हाई स्कूल को हायर सेकेण्डरी में उन्नयन के प्रस्ताव थे, की जानकारी स्थान सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये गये तथा कितने अस्वीकृत किये गये? यदि अस्वीकृत किये गये है तो कारण बतावें?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में कोई भी नवीन शाला भवन प्रस्तावित नहीं है। (ख) सत्र 2019-20 में किसी भी प्राथमिक शाला का माध्यमिक शाला में उन्नयन प्रस्तावित नहीं किया गया है। मापदण्ड की पूर्ति नहीं करने के कारण माध्यमिक शाला से हाईस्कूल में उन्नयन हेतु कोई प्रस्ताव प्रस्तावित नहीं किया गया है। शासकीय हाईस्कूल बरखेडी (डाईस कोड 233330504713) का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। (ग) शालाओं का उन्नयन निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति एवं बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
जिलाध्यक्ष बड़वानी के पत्र पर जांच
[जनजातीय कार्य]
22. ( *क्र. 33 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर/उज्जैन जनजाति कार्य विभाग में पदस्थ वर्तमान में प्रभारी उपायुक्त गणेश भावर की प्रथम नियुक्ति किस दिनांक को, किस पद पर, किस स्थान पर हुई थी? प्रश्न तिथि तक उक्त अधिकारी किस स्थान पर किस पद पर पदस्थ हैं? (ख) उक्त अधिकारी के द्वारा 01.04.2013 से 31.03.2017 के दौरान बड़वानी जिले सहित अन्य जिलों में किस सक्षम अथॉरिटी के रूप में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को/अन्य पदनामों को नियुक्ति पत्र किस अधिकार के तहत किस सुपीरियर अथॉरिटी के अनुमोदन के पश्चात जारी किये? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या राज्य शासन प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियुक्तियों को वैध मानता है या अवैध? (घ) क्या तात्कालीन कलेक्टर बड़वानी के द्वारा पत्र क्रमांक/5493/आदिम/सामा.स्था/2017 (या अन्य पत्र क्रमांक से) बड़वानी दिनांक 20/07/2017 (या अन्य दिनांक से) से मंत्रालय वल्लभ भवन में प्रमुख सचिव/अन्य कार्यालय प्रमुखों को अनियमित नियुक्तियों के संबंध में पत्र लिखा था? उक्त पत्र के पश्चात किन दिनांकों/क्रमांकों से कब व क्या कार्यवाही की गई जारी सभी पत्रों/आदेशों की एक प्रति दें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) दिनांक 25.04.1994 को मण्डल संयोजक के पद पर जिला झाबुआ एवं दिनांक 22.01.1999 को जिला संयोजक के पद पर तथा पदस्थापना सहायक परियोजना प्रशासक, कुसमी जिला सीधी के पद पर हुई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार है। (ख) उक्त अधिकारी के द्वारा बड़वानी जिले में सहायक आयुक्त के प्राधिकार से नियुक्ति पत्र म.प्र. शासन आदिम जाति कल्याण विभाग का पत्र दिनांक 22.11.1999 में वर्णित प्राधिकार के तहत जारी किये। उक्त पत्रानुसार सुपीरियर अथारिटी से अनुमोदन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जारी आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियुक्तियों को कलेक्टर, बड़वानी के पत्र क्रमांक/5493/आदिम/सामा./स्था./2017 बड़वानी दिनांक 20.7.2017 द्वारा अनियमित माना है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स''अनुसार है। कार्यवाही प्रचलन में है।
छतरपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
23. ( *क्र. 1119 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर में मेड़ीकल कॉलेज निर्माण हेतु सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कदम उठाए गए? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या मेड़ीकल कॉलेज का निर्माण शुरू हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बताएं। प्रश्न दिनांक तक कितना बजट मेडीकल कॉलेज निर्माण हेतु अवांटित किया जा चुका है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, चिकित्सा शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश के ज्ञाप क्रमांक एफ 1-12/2018/55-2, दिनांक 04.10.2018 द्वारा छतरपुर में राशि रूपये 300.00 करोड़ से चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किये जाने की स्वीकृति दी गई है। (ख) जी नहीं। प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत लोक निर्माण विभाग, (पी.आई.यू) द्वारा उक्त कार्य का प्राक्कलन तैयार कर रूपये 206.21 करोड़ की तकनीकी स्वीकृति अनुसार निविदा आमंत्रित की गई, किन्तु निविदा की वित्तीय दर स्वीकृत नहीं हुई। चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण हेतु कलेक्टर, जिला छतरपुर द्वारा आवंटित की गई शासकीय भूमि पर श्री बहादुर सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्रमांक 3076/2018 दायर की गई, जिसके कारण उक्त के संबंध में आगामी कार्यवाही लंबित रखी गई। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा दिनांक 02.12.2019 को उक्त याचिका पर निर्णय करते हुए आवेदक श्री बहादुर सिंह की याचिका को निरस्त कर उक्त भूमि को शासकीय मान्य किया गया है। पुन: निविदा बुलाने की कार्यवाही प्रचलन में है। निविदा स्वीकृति के अभाव में बजट आवंटन नहीं किया गया है।
भिण्ड जिले के अनु.जाति बाहुल्य बस्तियों में अधोसंरचना विकास के कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
24. ( *क्र. 2104 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्तियों के अधोसंरचना विकास हेतु संचालित योजना अंतर्गत भिण्ड जिले की गोहद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कहां-कहां पर सी.सी.रोड, नाली निर्माण, मंगल भवन, हैण्डपंप खनन, पहुँचमार्ग, छात्रावास के मुख्य सड़क तक पहुँच मार्ग, रपटा, पुलिया आदि निर्माण कार्य एवं ग्राम मजरे, टोले में विद्युतीकरण के कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये हैं? इनमें से कितने कार्य पूर्ण करा दिये गये हैं एवं कितने कार्य अधूरे हैं तथा वह कब तक पूर्ण करा दिये जायेंगे? (ख) क्या उपरोक्त स्वीकृत कार्यों में से अधिकांश स्वीकृत कार्य जमीन पर नहीं है? यदि नहीं, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी निर्माण कार्यों का स्थल निरीक्षण विभाग के उपयंत्री द्वारा किया गया। सभी निर्माण कार्य पूर्ण पाये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एकलव्य आवासीय विद्यालय का संचालन
[जनजातीय कार्य]
25. ( *क्र. 1808 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एकलव्य आवासीय विद्यालयों में विगत 3 वर्षों में क्या-क्या कार्य किए गए? क्या क्या खरीदा गया एवं किस-किस मद में अलग-अलग राशि प्राप्त हुई और उसको कहां कहां खर्च किया गया? (ख) क्या विगत 3 वर्षों में आवासीय विद्यालयों में की गई खरीदी बिक्री में खरीदी बिक्री का जो अधिनियम है, उसका पालन किया गया? यदि किया गया तो उनकी छायाप्रति देवें एवं नहीं किया गया तो दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाएगी? (ग) क्या आवासीय विद्यालयों में कार्य एजेंसियों द्वारा जी.एस.टी. भरवा लिया गया है? यदि हाँ, तो उनकी पूर्ण जानकारी और दस्तावेजों की छाया प्रति देवें एवं नहीं लिया गया है तो दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या एकलव्य आवासीय विद्यालयों द्वारा आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा,दैनिक वेतन भोगी,मजदूरी, या अन्य कार्य हेतु किसी को नौकरी पर रखा गया है? यदि रखा गया है तो उनका नाम, पता, कार्य जो उनसे लिया जा रहा है, उनको भुगतान किस माध्यम से किया जा रहा है? नगद/चेक/बैंक खाते में सूची सहित जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। नियमों की छायाप्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (घ) जी नही, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
उपायुक्त/सहायक
आयुक्त
द्वारा की गई
अवैधानिक
नियुक्तियाँ
[जनजातीय कार्य]
1. ( क्र. 34 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 01/04/2015 से 31/04/2018 के दौरान दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्ति के संबंध में बड़वानी एवं खरगौन जिलों में वर्तमान के जनजाति कार्य विभाग (तात्कालीन आदिम जाति कल्याण विभाग) द्वारा कोई दिशा निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो जारी पत्रों/आदेशों की एक-एक प्रति दें? अगर नहीं तो क्या नियुक्तियां हुई? जारी सभी नियुक्ति आदेशों की एक-एक प्रति दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं जिलों में सहायक आयुक्तों/उपायुक्तों दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्तियां करने का अधिकार क्या शासन ने दे रखा था? अगर हाँ, तो जारी आदेशों की एक प्रति दें? अगर नहीं दे रखा था तो नियुक्तियाँ किन कानूनों/नियमों के तहत हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं जिलों में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्ति संबंधी आदेश जो सहायक आयुक्त/उपायुक्त जनजाति कल्याण (आदिम जाति कल्याण/जनजाति कार्य विभाग) द्वारा जारी किये उन सभी की एक-एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (घ) तात्कालीन कलेक्टर बड़वानी के द्वारा दिनांक 20/07/2017 या अन्य दिनांक से उक्त अवैध नियुक्तियों के संबंध में जो पत्र प्रमुख सचिव जनजाति कार्य को लिखा था उसकी एक प्रति दें? क्या कार्यवाही राज्य शासन ने प्रश्नतिथि तक की?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नही। बडवानी जिले की जानकारी निरंक तथा खरगोन द्वारा जारी आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासन पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
विवाह सहायता योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
2. ( क्र. 99 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह सहायता योजना तथा नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना में क्या-क्या प्रावधान है? पूर्ण विवरण दें। (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक की अवधि में प्रश्नांश (क) की योजना में राशि प्राप्त करने हेतु किन-किन के आवेदन उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग रायसेन को कब-कब, किन-किन माध्यमों से प्राप्त हुए? (ग) कितनों को कब-कब सहायता/प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया तथा कितने प्रकरण क्यों अस्वीकृत किये गये? प्रकरणवार कारण बतायें। (घ) किन-किन के आवेदन पत्र किन-किन बिन्दुओं की जाँच हेतु एस.डी.एम./अन्य अधिकारियों को कब-कब दिये तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? संबंधितों को कब तक राशि भुगतान किया जायेगा तथा जाँच करवाने का क्या औचित्य था?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार। (घ) म.प्र.शासन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक/आर-2/2021/26-2 दिनांक 01-01-2021 द्वारा योजनान्तर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों एवं लंबित प्रकरणों का परीक्षण समग्र सुरक्षा विस्तार अधिकारी से कराया जाकर योजना का लाभ सभी पात्र व्यक्तियों को नियमानुसार सहायता राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौ-शालाओं को अनुदान
[पशुपालन एवं डेयरी]
3. ( क्र. 100 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में शासकीय एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीकृत किन-किन गौशालाओं में कितना-कितना गौवंश है? (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक की अवधि में किन-किन गौशालाओं को किस आधार पर कितनी-कितनी अनुदान राशि, दाना एवं अन्य सुविधाओं हेतु दी गई? (ग) रायसेन जिले में शासकीय एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीकृत किन-किन गौशालाओं में बिजली, पानी की क्या-क्या व्यवस्था है? (घ) 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक मान. मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) क्रमांक 310 दिनांक 11.06.2020 के पत्र द्वारा डॉ. पी.के. शर्मा, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, पशु चिकित्सालय सिलवानी, जिला रायसेन से स्थानांतरण पशु चिकित्सालय मिसरोद, जिला भोपाल किया जाने का अनुरोध किया गया हैं। पशु चिकित्सालय मिसरोद जिला भोपाल में पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ का पद रिक्त न होने से स्थानांतरण प्रस्तावित नहीं किया गया हैं। प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के पत्र क्रमांक 5073/वि.स./2020-21, भोपाल दिनांक 18.02.2021 द्वारा बुल मदर फार्म, भदभदा, भोपाल में पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ का पद रिक्त नहीं हैं। पत्र क्रमांक 552 दिनांक 15.02.2020 द्वारा शासकीय गौशालाओं मनरेगा मद में वर्ष 2019-20 सियरमऊ जनपद पंचायत सिलवानी तथा शासकीय गौशाला गोपालपुर, (ग्राम पंचायत माला), शासकीय गौशाला टेकापारकलां (ग्राम पंचायत मरखेड़ा गुलाब) जनपद पंचायत बेगमगंज को अनुदान राशि भुगतान कराये जाने का अनुरोध किया गया हैं। इन गौशालाओं को अनुदान राशि प्रदाय की जा चुकी हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
कलेक्टर के जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
4. ( क्र. 141 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले की 43 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में सामग्री क्रय में हुई अनियमितता की जाँच कलेक्टर द्वारा गठित दल द्वारा की गयी थी, कलेक्टर के जाँच प्रतिवेदन पर आयुक्त इंदौर संभाग इंदौर द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ख) जाँच प्रतिवेदन पर सम्बंधित प्राचार्यों या दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) आयुक्त, इंदौर संभाग इंदौर द्वारा की जा रही जाँच वर्तमान में प्रचलन में है। (ख) जाँच में प्राप्त तथ्यों के आधार पर ही अग्रिम कार्यवाही की जाती है, जिसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार से प्राप्त आंवटन
[जनजातीय कार्य]
5. ( क्र. 152 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केन्द्र सरकार से आदिवासी उपयोजना क्षेत्र एवं राज्य सरकार के बजट से आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिये किये गये प्रावधानों का योजनावार (सब स्कीम) के अंतर्गत विभिन्न योजनाओ हेतु राशि प्राप्त की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वितीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब योजनावर प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि जिलों को योजनावर आवंटित की गयी? (ग) केन्द्र सरकार, राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में जिला बालाघाट को किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि जनपदवार व्यय की गई वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हां। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा जनपद पंचायत वार राशि जारी नहीं की जाती है। केन्द्र सरकार राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में जिला बालाघाट को वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
चिकित्सकों द्वारा अनिवार्य ग्रामीण सेवा नहीं किया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
6. ( क्र. 170 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्ष 2018-19 में कुल कितना व्यय किया गया? क्या विभाग द्वारा प्रति यूजी चिकित्सा छात्र एवं प्रति पीजी चिकित्सा छात्र औसत व्यय निकाला गया है? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रति छात्र सरकार कितना व्यय कर रही है? (ख) क्या विभिन्न वर्षों में चिकित्सा महाविद्यालयों में यूजी/पीजी करने वाले छात्र/छात्राओं ने अनिवार्य ग्रामीण सेवा अवधि पूर्ण नहीं की है और न ही बांड की राशि भरी है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालय में वर्ष 2018-19 में हुए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। बांड डिफाल्टरों के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने हेतु महाविद्यालय स्तर पर उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जिसकी कार्यवाही के फलस्वरूप बांड डिफाल्टरों द्वारा महाविद्यालयों में बांड की राशि जमा कराई जा रही है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
शासकीय विद्यालयों में गणवेश खरीदी
[स्कूल शिक्षा]
7. ( क्र. 193 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं (कक्षा 1 से 8 ) हेतु म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की स्व. सहायता समूहों को गणवेश हेतु कपड़ा एवं अन्य अनुषांगिक सामग्री, बटन, धागा, जपि, बकरम, हुक, नाड़ा डोरी, आदि, खरीदी एवं सिलाई कार्य हेतु आवंटन प्रदाय किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनाँक तक किस-किस स्व. सहायता समूह ने कब-कब कोटेशन/निविदा आमंत्रित किया उसकी प्रति दें। निविदा/कोटेशन कब-कब खोला गया एवं तुलनात्मक पत्रक बनाये गये? उसकी प्रति दें। किस-किस दिनाँक को बैठक कर किस-किस फर्म/संस्था की कितने-कितने दर स्वीकृत की गयी, संस्था/फर्म द्वारा डाले गये कोटेशन/निविदा प्रपत्र एवं संलग्न प्रपत्र, क्रय कार्य आदेश, अनुबन्ध पत्र, कपड़ा एवं अनुषांगिक सामग्री कब प्रदाय की गयी, उपरोक्त सभी की दस्तावेजों सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) गणवेश हेतु कपड़ा एवं अनुषांगिक सामग्री खरीदी उपरान्त प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के छात्र एवं छात्राओं को अलग-अलग गणवेश सिलाई हेतु कितनी-कितनी राशि शेष बची/बचेगी? (घ) शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं हेतु स्व. सहायता समूह के माध्यम से गणवेश प्रदाय एवं कपड़ा एवं अन्य अनुषांगिक सामग्री खरीदी हेतु म.प्र. डे राज्य आजीविका ग्रामीण मिशन, शिक्षा विभाग, जन जातीय कार्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश की प्रति वित्तीय वर्ष 2015 से प्रश्न दिनाँक तक की उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिकायतों की जाँच एवं कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
8. ( क्र. 213 ) श्री तरूण भनोत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या तत्कालीन वित्त मंत्री एवं प्रभारी मंत्री जिला मण्डला के द्वारा पत्र क्रमांक 111 दिनांक 10.01.2020 को आयुक्त जबलपुर संभाग तथा उपायुक्त आदिवासी विकास को मण्डला जिले के अंतर्गत विकासखण्ड नारायणगंज में आदिवासी बालक आश्रम कापा तथा मझगांव की बाउण्ड्रीवाल गिरने की शिकायत की जाँच संबंधी पत्र लेख किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की शिकायत की जाँच हेतु आयुक्त जबलपुर संभाग के पत्र क्रमांक 166 दिनांक 06.02.2020 के द्वारा कार्यपालन यंत्री RES क्रमांक 2 संभाग मण्डला को जाँच एजेन्सी नियुक्त किया गया एवं संबंधित अधिकारी द्वारा एवं अपने जाँच प्रतिवेदन में उपयंत्री एवं ठेकेदार द्वारा जानबूझकर गुणवत्ताहीन कार्य कराये जाने की पुष्टि की है? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) सही तो संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? क्या दोषियों से अपव्यय की राशि वसूल की जावेगी, यदि हाँ, तो कब तक एवं आदिवासी बालक आश्रम मझगांव की एजेन्सी (कमल पोर्ते) का भुगतान कब और कैसे किया जावेगा एवं कापा की बाउण्ड्रीवाल की राशि कैसे वसूल की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) संबंधित उपयंत्री को आयुक्त, (राजस्व) जबलपुर द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है तथा प्रश्नांश (क) एवं (ख) की जाँच संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. मंडला से संभागीय आयुक्त, (राजस्व) संभाग जबलपुर द्वारा कराई गई जिसमें बाउंड्रीवाल निर्माण कार्य भू-स्खलन व अत्यधिक वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुआ था उसे संबंधित ठेकेदार द्वारा पुन: निर्धारित मापदण्ड अनुसार पूर्ण कराया गया। जी नहीं विभाग द्वारा वसूली के कोई आदेश नहीं हुये, प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कार्य का कोई भी भुगतान शेष नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
9. ( क्र. 214 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग द्वारा विगत 06 माह में भेजे गये अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण संचालनालय लोक शिक्षण म.प्र. भोपाल एवं मंत्रालय स्कूल शिक्षा विभाग म.प्र. भोपाल में निराकरण हेतु लंबित है? आवेदकों के नाम सहित सूची प्रदाय की जावे। (ख) क्या अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त न होने की स्थिति में आवेदनकर्ता एवं उसके परिवार को मानसिक प्रताड़ना झेलने के साथ आर्थिक हानि नहीं उठानी पड़ रही है? (ग) क्या शासन 01 वर्ष से लंबित उक्त अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरणों का निराकरण कर आवेदकों को शीघ्र अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करेगा? क्या शासन प्रकरण लंबित रखने वाले दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही कर उन्हें दंडित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कुल 51 प्रकरण संचालनालय को प्राप्त हुये थे जिसमे से 43 प्रकरण संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग को निराकरण हेतु वापस भेजे गये। 08 प्रकरणों में संबंधित जिला कलेक्टर हेतु शासन द्वारा जारी अनापत्ति के क्रम में प्रकरण संबंधित जिलों को भेजे गये। इनमें से 01 प्रकरण में अनुकंपा नियुक्ति के आदेश जारी किये गये है। (ख) मृतक शासकीय कर्मियों के आश्रितों को वरीयताक्रम में वर्गवार पद की उपलब्धता अनुसार ही अनुकम्पा नियुक्ति दी जाती है। (ग) म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्रमाक एफ 1-10/2021/20-1 दिनांक 01.02.2021 द्वारा लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों के निराकरण हेतु नवीन निर्देश जारी किये गये है। उक्त निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं अर्हता के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदाय की जा रही है। उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशासकीय विद्यालयों द्वारा अवैध फीस वसूली
[स्कूल शिक्षा]
10. ( क्र. 338 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में संचालित अशासकीय विद्यालयों द्वारा अवैध फीस वसूली के विरूद्ध पालकों एवं अभिभावकों द्वारा 1 मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक की अवधि में किन-किन अधिकारियों को कब-कब ज्ञापन/आवेदन पत्र दिये तथा कहां-कहां धरना दिया गया। (ख) उक्त ज्ञापनों एवं आवेदन पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) रायसेन जिला अन्तर्गत 01 मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक अवैध वसूली के विरूद्ध में ज्ञापन/आवेदन पत्र, धरना की जानकारी एवं इन पत्रों में की गई मांग के अनुसार विभन्न स्तरों से की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
संविलयन किये गये अध्यापकों को उपलबध सुविधायें
[स्कूल शिक्षा]
11. ( क्र. 339 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक एवं सहायक अध्यापकों का शिक्षक संवर्ग में संविलियन नहीं हुआ तथा क्यों तथा कब तक संविलियन होगा। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई। (ग) उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही से संबंधित विधायकों को कब-कब अवगत कराया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) रायसेन जिले में शिक्षक संवर्ग में संविलियन किये गये अध्यापक संवर्ग को क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) स्थानीय निकायों के अधीन नियुक्त एवं स्कूल शिक्षा विभाग की शालाओं में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक एवं सहायक अध्यापकों को मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के अन्तर्गत संविलियन किये जाने का प्रावधान नहीं है, अपितु नवीन संवर्ग में नियुक्त किये जाने के प्रावधान है। रायसेन जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। संबंधित कर्मचारी नियमानुसार पात्र होने पर नवीन संवर्ग में नियुक्ति की कार्रवाई की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ग) संबंधित माननीय विधायकों को उनके ई-मेल एवं पत्र में अंकित पते पर डाक से संचालनालय के पत्र दिनांक 22.12.20 के द्वारा अवगत कराया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार।
आर.एल. कॉलेज ऑफ नर्सिंग, टेकरी ए.बी. रोड मुरैना के अनियमित संचालन
[चिकित्सा शिक्षा]
12. ( क्र. 401 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर.एल. कॉलेज ऑफ नर्सिंग टेकरी मुरैना में 100 बिस्तर वाला अस्पताल संचालित कर रहा है? यदि हाँ, तो 100 बिस्तर वाले अस्पताल संचालन करने के क्या मापदण्ड हैं? क्या मापदण्डों का पालन किया जा रहा है? संचालन नियम सहित अवगत करावें। उपरोक्त संस्था द्वारा क्या-क्या कार्य किया जा रहा है? (ख) क्या उपरोक्त संस्था द्वारा एक ही भवन में विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों संचालित की जा रही हैं? यदि हाँ, तो संचालित शैक्षणिक एवं अस्पताल हेतु मानक के अनुरूप पर्याप्त भवन हैं एवं संसाधन हैं? यदि हाँ, तो भौतिक सत्यापन कब-कब, किस-किस अधिकारियों द्वारा किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन से अवगत कराया जा सकेगा? क्या वर्तमान स्थिति में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भवन निरीक्षण कराया जाकर यथास्थिति से अवगत कराया जावेगा? (ग) 100 बिस्तर अस्पताल हेतु किस एजेन्सी एवं भवन नक्शा स्वीकृत किया गया है एवं कितने चिकित्सक और नर्सें सेवाएं दे रहे हैं? क्या भवन नक्शानुसार भवन का निर्माण कराया गया है? स्वीकृत भवन नक्शा की प्रति उपलब्ध कराएं एवं पदस्थ चिकित्सक, नर्सों की योग्यता एवं नाम, पदों, वेतन/मानदेय सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के तारतम्य में क्या संस्था संचालकों द्वारा विभिन्न गतिविधियाँ अमानक भवन में नियम विरूद्ध संचालित कर शासन की योजनाओं का बेजा लाभ लेकर करोड़ों रूपये की राशि को खुर्दबुर्द किया है? क्या उच्च स्तरीय जाँच समिति स्थापित कर स्वास्थ्य कॉलेज माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तों क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। जी हाँ। संचालन के नियम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। नर्सिंग पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भौतिक सत्यापन एवं निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी संभाग मुरैना द्वारा। 12 चिकित्सक, 10 नर्स सेवाएं दे रहे है। जी हाँ। नक्शे की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। पदस्थ चिकित्सक एवं नर्सों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौशालाओं के निर्माण एवं संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
13. ( क्र. 456 ) श्री संजय शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शासन द्वारा कितनी गौशालायें स्वीकृत की गई हैं एवं स्वीकृत गौशालाओं में से कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? गौशालावार स्वीकृत राशि सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, क्या निर्मित हो चुकी गौशालाओं का विधिवत संचालन प्रारम्भ हो चुका है? यदि हाँ, तो उक्त गौशालाओं में विद्युत व्यवस्था की क्या स्थिति है? गौशालावार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार, शासन द्वारा गौशालाओं के विधिवत संचालन हेतु प्रति गाय कितनी अनुदान राशि निर्धारित की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) नरसिंहपुर जिले के तेंदुखेड़ा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत शासन द्वारा मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत प्रथम चरण में 9 गौशालाएं एवं द्वितीय चरण में 19 गौशालाएं स्वीकृत की गई हैं। प्रथम चरण की 09 गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) गौशाला में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु राशि रू़ 20.00 प्रति गौवंश प्रतिदिवस के मान से राशि निर्धारित की गई हैं।
छात्रवृत्ति के नाम पर फर्जीवाड़े की जाँच
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
14. ( क्र. 553 ) श्री राकेश मावई : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति के नाम हुये फर्जीवाड़े की जाँच कर दोषियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने के लिये पत्र क्रमांक 36 दिनांक 14.12.2020 कलेक्टर, जिला मुरैना को प्रेषित किया गया? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ख) क्या मुरैना जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं को प्रदेश के बाहर कालेजों में अध्ययन करने के लिये पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति प्रदाय की जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 में 100 छात्रों को और 2016-17 में 61 छात्रों के नाम पर कुल 468629/- रू. की छात्रवृत्ति जारी करके फर्जीवाड़ा किया गया। यह राशि जिन छात्र-छात्राओं के नाम से जारी की गई है उनके बैंक में नाम कुछ और है तथा विभाग में कुछ और नाम दर्ज करके राशि आहरित कर गबन किया गया है। इसके लिये दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई। (ग) क्या यह भी सही है वर्ष 2016-17 में ही 7 छात्र-छात्राओं को 1 वर्ष में दो बार छात्रवृत्ति जारी की गई? यदि हाँ, तो किस आधार पर दी गई? क्या इसके लिये दोषियों पर कार्यवाही करेगें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही की गई है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोन चिरैया अभयारण्य से बाहर हुई जमीनों के विक्रय की अनुमति
[वन]
15. ( क्र. 615 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के सोन चिरैया अभयारण्य से घाटीगांव क्षेत्र के तेईस गांवों को डिलिट कर दिया है, इसका नोटिफिकेशन शासन द्वारा कब किया है तथा कौन-कौन से गांवों की कितनी जमीन अभयारण्य से बाहर हुई है? (ख) क्या घाटीगांव, गिरवाई, कृषि क्षेत्र की अभयारण्य से बाहर हुई जमीनों की रजिस्ट्री (विक्रय पत्र) कराये जाने की अनुमति क्यों प्रदान नहीं की जा रही है? कारण सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या यह सही है कि उक्त जमीनों के विक्रय अनुमति नहीं होने से क्षेत्र के किसानों को परेशानी हो रही है, शासन कब तक उक्त क्षेत्र के किसानों को अनुमति प्रदान करेगा? समय-सीमा बताई जावे।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक-15-39/2005/10-2, दिनांक 16 नवम्बर, 2020 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 27 नवम्बर, 2020 से ग्वालियर जिले के अंतर्गत घाटीगांव हुकना पक्षी अभयारण्य के तेईस ग्रामों को अभयारण्य से बाहर किया गया है। अभयारण्य से बाहर की गई 111.73 वर्ग कि.मी. राजस्व भूमि की ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नाधीन बाहर हुई जमीनें डीनोटिफाई होने के कारण वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 20 के प्रावधानों से मुक्त हो गई है इस कारण भूमि के क्रय-विक्रय से प्रतिबंध स्वत: हट गया है, अत: पृथक से अनुमति जारी करने की आवश्यकता नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोविड-वैकसीन का क्लीनिकल ट्रायल
[चिकित्सा शिक्षा]
16. ( क्र. 710 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड-वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल प्रदेश के किन-किन मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों द्वारा किस नियम के तहत किन-किन पर किया गया? कोविड-वैक्सीन के क्लीनिक ट्रायल के पश्चात मृत हुए किन-किन लोगों को कितना मुआवजा दिय गया? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) लोगों को वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा बनने/बनाने के लिए वर्तमान में कौन सा नियम प्रचलित है? प्रति सहित ब्यौरा दें। (ग) लोगों को वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा बनने/बनाने से पूर्व उनका बीमा करने एवं कितना मुआवजा देने का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद अथवा प्रचलित कानून के तहत है? यदि नहीं, है तो विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) कोविड-वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में क्या प्रश्नांश (क) के मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों द्वारा प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के नियमों का पालन किया गया? यदि हां, तो उसकी प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो उक्त मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई एवं ट्रायल का हिस्सा बनने वाले लोगों को कितना मुआवजा दिया गया? (ड.) पीपुल्स मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, भोपाल द्वारा कोविड-वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का हिस्सा बने आदिवासी मजदूर दीपक मरावी की मौत के उनके परिजनों को कितना मुआवजा दिया गया? यदि नहीं, दिया गया तो विधिसम्मत कारण बताएं। (च) प्रश्नकर्ता के पत्र सं. 960/एमपी-एमएलए/2021 दिनांक 09/01/2021 पर क्या कार्यवाही की गई? तत्संबंधी ब्यौरा दें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) यदपि यह विषय भारत सरकार से संबंधित है, परन्तु राज्य में स्थित संस्थान में किए गए ट्रायल के संबंध में निजी संस्थान से जानकारी प्राप्त की गई है। प्राप्त जानकारी अनुसार को-वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज एवं रिसर्च सेंटर तथा संबंद्ध चिकित्सालय में न्यू ड्रग्स एंड क्लीनिकल ट्रायल्स रूल्स, 2019 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक के तहत ट्रायल हेतु सहमत एवं इच्छुक व्यस्क व्यक्तियों पर किया गया। ट्रायल्स में सम्मिलित एक व्यक्ति की मृत्यु हुई, पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। मृत्यु का कारण संदिग्ध पॉयजनिंग से हुए कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल्योर से होना उल्लेखित है। किसी को मुआवजा नहीं दिया गया है। (ख) न्यू ड्रग्स एंड क्लीनिकल ट्रायल्स रूल्स, 2019 नियम प्रचलित हैं। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ग) National Ethical Guidelines for Biomedical and Health Research involving Human Participants, 2017 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार के बिन्दु (2.6.2) में बीमा सुरक्षा दिये जाने का उल्लेख है तथा न्यू ड्रग्स एंड क्लीनिकल ट्रायल्स रूल्स, 2019 के अध्याय VI (39 एवं 42) में मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है। (घ) जी हाँ। (ड.) जी नहीं। केन्द्रीय अनुज्ञापन प्राधिकरण (Central Licensing Authority) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार के द्वारा मुआवजे की राशि निर्धारित किये जाने का प्रावधान है। संस्था द्वारा सब्जेक्ट आईडी 30900809 की मृत्यु संबंधी रिपोर्ट दिनांक 19.01.2021 को प्रेषित की गई है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार वर्तमान में मुआवजा देने संबंधी कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। (च) उल्लेखित पत्र विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है।
आदिवासी विकासखण्डों के लिये जारी की गई राशि
[जनजातीय कार्य]
17. ( क्र. 711 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आदिवासी विकासखण्डों में विभिन्न योजनाओं के लिये ट्राईवल सब-प्लान के अतिरिक्त अन्य मदों से भी राशि जारी की जाती है? (ख) क्या आदिवासी विकासखण्डों में निवास करने वाली गैर-आदिवासी आबादी के लिये विभाग द्वारा अलग से राशि जारी की जाती है? यदि हाँ, तो जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक 89 आदिवासी विकासखण्डों में जारी की गई राशि का ब्यौरा दें। (ग) क्या आदिवासी विकासखण्डों में निवास करने वाली गैर-आदिवासी आबादी के लिये ट्राईबल सब-प्लान की राशि खर्च की जाती है? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों में? (घ) जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले के आदिवासी विकासखण्डों के लिये ट्राईबल सब-प्लान के अतिरिक्त विभाग द्वारा जारी की गई अन्य राशि का ब्यौरा दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जी नहीं।
राजगढ़ जिले में स्वीकृत मेडीकल कॉलेज की स्वीकृति
[चिकित्सा शिक्षा]
18. ( क्र. 722 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राजगढ़ जिले में नवीन मेडीकल कॉलेज प्रारम्भ करने की स्वीकृति दी है? हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक मेडीकल कॉलेज प्रारम्भ करने के संबंध में विभाग ने क्या पत्राचार किया है तथा MOU कब साईन करा गया? पत्राचार तथा MOU की प्रति उपलब करायें? (ग) प्रश्न कंडिका (क) एवं (ख) के आधार पर नवीन मेडीकल का कार्य किस दिनांक को प्रारम्भ हो जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) से डी.पी.आर. प्राप्त होने की दशा में प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
को-वैक्सीन थर्ड फेस ट्रायल में की गई लापरवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
19. ( क्र. 734 ) श्री
आरिफ अक़ील : क्या
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भोपाल
स्थित पीपुल्स
मेडिकल कॉलेज
में को-वैक्सीन
के थर्ड फेस
ट्रायल के
अंतर्गत
कितने लोगों
को वैक्सीन
लगाई गई?
(ख)
क्या
जिन व्यक्तियों
पर को-वैक्सीन
का ट्रायल
किया जाना था
उन्हें
को-वैक्सीन
ट्रायल से
पूर्व अस्पताल
प्रबंधन
द्वारा कोई
सूचना नहीं दी
गई थी तथा न ही
उनका हेल्थ
फालोअप किया
गया था? यदि
हाँ, तो
इसके लिए
कौन-कौन दोषी
है? (ग) क्या
को-वैक्सीन
के थर्ड फेस
ट्रायल में
शामिल दीपक
मरावी की मृत्यु
पीपुल्स
मेडिकल कॉलेज
की लापरवाही
के कारण हुई
थी? यदि
हाँ, तो
क्या प्रश्न
दिनांक तक
संबंधित
दोषियों पर
कोई कार्यवाही
की गई? यदि
हाँ, तो
क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
कार्यवाही न
किये जाने के
क्या कारण है?
चिकित्सा
शिक्षा
मंत्री ( श्री
विश्वास
सारंग ) : (क)
पीपुल्स
कालेज आफ मेडिकल
साइंसेज एंड
रिसर्च सेंटर
भोपाल से प्राप्त
जानकारी के
अनुसार
को-वैक्सीन
के थर्ड फेज
ट्रायल के
अंतर्गत
इंवेस्टीगेशनल
प्रोडक्ट (वैक्सीन/प्लेसिबो)
की प्रथम डोज 1724 व्यक्तियों
को एवं
द्वितीय डोज 1422 व्यक्तियों
को लगाई गई। (ख) जी
नहीं। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। शेषाशं
का प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
मुलताई के ग्राम इकलहरा में नवीन स्वीकृत हाईस्कूल का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
20. ( क्र. 752 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र मुलताई जिला बैतूल के अंतर्गत ग्राम इकलहरा में शासकीय हाई स्कूल स्वीकृत है? यदि हां, तो कक्षा 9वीं एवं 10वीं में वर्तमान पंजीकृत छात्र संख्या कितनी-कितनी है? (ख) क्या इकलहरा का हाई स्कूल वर्तमान में माध्यमिक शाला भवन में संचालित हो रहा है। जो हाईस्कूल एवं मिडिल स्कूल में छात्रों की संख्या के मान में अपर्याप्त है? (ग) उक्त स्थिति के दृष्टिगत इकलहरा हाई स्कूल का भवन कब तक स्वीकृत किया जाएगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। उक्त शाला में वर्तमान में पंजीकृत छात्र संख्या कक्षा 9वीं एवं 10वीं में क्रमशः 53 एवं 40 दर्ज है। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) नवीन भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पिछड़ा
वर्ग सूची से उप
जातियों को
विलोपित किया
जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
21. ( क्र. 937 ) श्री पारस चन्द्र जैन, श्री आलोक चतुर्वेदी, श्री तरबर सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्रिपरिषद आदेश दिनांक 25 जून, 2003 को मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग सूची क्रमांक 12 पर अंकित ढीमर, भोई, कहार, केवट, मल्लाह आदि को विलोपित करने का निर्णय लिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा विलोपित करने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या विभाग के आदेश दिनांक 09/08/2018 को पिछड़ा वर्ग सूची क्रमांक 58 पर अंकित खेरबा जाति को जनजाति खेरबा की उपजाति मानते हुए विलोपित किया गया है। (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ग) के नियमानुसार पिछड़ा वर्ग सूची क्रमांक 12 पर अंकित ढीमर, भोई, कहार, केवट, मल्लाह आदि को मांझी जनजाति के पर्याय आयुक्त जनजाति कार्य विभाग के पत्र दिनांक 18/12/2018 द्वारा मान्य करने एवं पत्र दिनांक 11/06/2019 द्वारा अनुशंसा के बाद विलोपित क्यों नहीं किया?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास योजना के कार्य
[जनजातीय कार्य]
22. ( क्र. 1017 ) श्री संजय शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले में शासन द्वारा वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक में अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास निधि के अंतर्गत कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, उक्त राशि से कौन-कौन सी विधानसभा में किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि प्रदान गई? वर्षवार, विधानसभावार सूची उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
जबलपुर जिले के शासकीय स्कूलों में अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की कमी
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 1144 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के शासकीय स्कूलों में अंग्रेजी विषय के शिक्षक न होने के कारण छात्रों को विषय का पर्याप्त ज्ञान प्राप्त नहीं हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या अंग्रेजी विषय पढ़ाने हेतु शिक्षकों की पदस्थापना की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत यदि नहीं, तो शासकीय माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में अंग्रेजी विषय के कितने पद रिक्त हैं? स्कूलवार जानकारी देवें?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। शालाओं में विषयमान से रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। (ख) माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जबलपुर जिले के उन्नयन हो चुके स्कूलों हेतु नये भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
24. ( क्र. 1145 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के स्कूलों के उन्नयन पश्चात अतिरिक्त भवन न होने के कारण उन्हीं स्कूलों के कक्षों में सभी कक्षायें एक साथ संचालित हो रही हैं? (ख) क्या एक ही स्कूल भवन में कक्षायें संचालित होने के कारण अध्ययन एवं अध्यापन कार्य प्रभावित नहीं होता है? (ग) क्या उन्नयन पश्चात नये भवन निर्माण हेतु शासकीय भूमि प्राप्त की गई है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में विगत 5 वर्षों में 33 माध्यमिक शालाओं का उन्नयन हाईस्कूलों में एवं 08 हाईस्कूलों का उन्नयन हायर सेकेण्डरी में किया गया है। इन 41 शालाओं में से 13 शालाएं स्वभवन में संचालित हैं शेष शालाओं में उन्नयन के पश्चात उन्नयित कक्षाएं पूर्व भवन के कक्षों में ही संचालित हैं। (ख) आवश्यकतानुसार शालाओं का संचालन दो पालियों, प्रयोगशाला एवं आर्ट-क्राफ्ट कक्षों का उपयोग भी कक्षा संचालन हेतु किया जाता है। अतः अध्यापन कार्य बहुत अधिक प्रभावित नहीं होता है। (ग) भवन निर्माण की स्वीकृति उपरांत शासकीय भूमि प्राप्त की जाती है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में शेषांश उपस्थित नहीं होता है।
प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
25. ( क्र.
1240 ) श्री
संजय उइके : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
आदिवासी
उपयोजना
क्षेत्र के
विकास हेतु आदिम
जाति कल्याण
विभाग एवं मध्यप्रदेश
बजट पुस्तिका
के भाग नौ
आर्थिक एवं सामाजिक
क्षेत्र के
अन्तर्गत
अनुसूचित
जाति एवं जन
जातियों के
लिये किये गये
प्रावधानों
में विभाग को
राशि आवंटित की
गई? (ख)
यदि हाँ, तो
वित्तीय
वर्ष 2016-17 से
प्रश्न
दिनाँक तक
आदिम जाति कल्याण
विभाग द्वारा
कितनी-कितनी
राशि कब आवंटित
की गई? (ग) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
राज्य सरकार
के बजट भाग नौ
में
प्रावधानित
राशि का आवंटन
वित्तीय
वर्ष 2016-17 से
प्रश्न
दिनाँक तक
विभाग को
कितना-कितना
प्राप्त हुआ? कितनी-कितनी
राशि जिलों को
योजनावार
आवंटित की गई
एवं
कितनी-कितनी
राशि समर्पण
की गई?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( सुश्री मीना
सिंह माण्डवे
) : (क)
से (ग)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
नेशनल पार्क की आरक्षित भूमि पर अवैध रूप से सौर ऊर्जा प्लान्ट
[वन]
26. ( क्र. 1250 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में वन नेशनल पार्क की आरक्षित भूमि पर सौर ऊर्जा का प्लांट लगा है? यदि हाँ, तो कब लगा था, कितनी लागत का था, किन-किन अधिकारियों के समय में लगा था? इसकी परमीशन किस अधिकारी द्वारा किस नियम से दी गयी थी? नियम आदेश की प्रति देते हुये जानकारी देवें। (ख) क्या नेशनल पार्क की आरक्षित भूमि से किसी भी मनुष्य को निकलने की परमीशन नहीं दी जाती, तो फिर सौर प्लांट लगाने की परमीशन कैसे दी गयी है? क्या संबंधित अधिकारी का उक्त नियम विरूद्ध आदेश कदाचरण की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध दी गई परमीशन को निरस्त करेंगे? (ग) क्या वन भूमि नेशनल पार्क में सौर ऊर्जा प्लांट किसी व्यक्ति विशेष, ठेकेदार, उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य में कौन-कौन से लोग दोषी है? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या वन भूमियों अथवा नेशनल पार्क की आरक्षित भूमियों को नोइयत परिवर्तन कर किसी निजी व्यक्ति या उद्योगपति को देने के लिये भारत सरकार से नियम संशोधन या आदेश होना आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) की भूमि के लिये उक्त प्रक्रिया का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। यदि नहीं, तो उक्त नियम विरूद्ध सौर ऊर्जा प्लांट कब तक हटा दिया जायेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, माधव राष्ट्रीय उद्यान, शिवपुरी की आरक्षित भूमि पर कोई सौर ऊर्जा प्लांट नहीं लगा है और न ही इस संबंध में कोई अनुमति जारी की गई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध कार्य करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 1264 ) श्री राकेश मावई : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुरौना, अन्दुवा कन्या चाकघाट मार्तण्ड क्रमांक-2 एवं 3 तथा गहिलवार एवं शासकीय हाईस्कूल खैरा चोरहटा संकुल मार्तण्ड 3 एवं अतरेला संकुल बरहुला की कुल कितनी शिकायतें वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की गई हैं? प्राप्त शिकायतों पर कब क्या जाँच व कार्यवाही की गई है? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि एवं प्रश्नांश (क) की शालाओं को शासन, विभाग/जन प्रतिनिधियों/संस्था में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से प्राप्त शुल्क के माध्यम से एवं छात्र हितग्राही मूलक योजनाओं के लिये कितनी राशि प्राप्त हुई है? वर्षवार,विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि एवं विद्यालयों में किस-किस विषय के लिये अतिथि शिक्षक रखे गये हैं? उन कक्षाओं में छात्र संख्या क्या थी तथा क्या रखे गये अतिथि शिक्षकों के रखने के लिये एस.एम.सी. में प्रस्ताव पारित किया गया है? यदि हाँ, तो कार्यवाही पंजी, सदस्यता पंजी, एजेण्डा रजिस्ट्रर की प्रति देवें। यदि बिना प्रस्ताव व बिना कोरम पूर्ण के अतिथि शिक्षक रखे गये हैं, तो क्या नियम विरूद्ध हैं? यदि हाँ, तो देय मानदेय की वसूली संस्था प्रमुखों से की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) में अंकित पुरौना विद्यालय के प्राचार्य पद का प्रभार वरिष्ठ व्याख्याता गिरजा प्रसाद शास्त्री को देने का किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या वर्तमान प्रभारी शासन विभाग के आदेश का पालन न करने का आदि है? यदि हाँ, तो उसे कब हटा देगें?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में चयनित अभ्यर्थियों की शिक्षक पद पर नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
28. ( क्र. 1295 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्ववर्ती राज्य सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में लगभग 30 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी एवं भर्ती प्रक्रिया के अंतिम चरण में केवल दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया शेष रह गई थी एवं वर्तमान राज्य सरकार बनने के बाद से उक्त संपूर्ण प्रक्रियाएं लंबित हैं एवं चयनित अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति हेतु दीर्घकाल से प्रतिक्षारत हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ जी ने प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी मध्यप्रदेश शासन को अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 698 दिनांक 28 नवम्बर 2020 एवं स्मरण पत्र अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 106 दिनांक 23 जनवरी 2021 को लिखकर उक्त संबंध में शासन स्तर पर शीघ्र-अतिशीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया था? (ग) यदि हाँ, तो नेता प्रतिपक्ष के पत्र के संदर्भ में शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की है एवं कब तक चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान कर दी जायेगी बतायें? (घ) यदि उपरोक्त संबंध में शासन स्तर से कोई कार्यवाही नहीं की गई है, तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत 17000 उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं 5670 माध्यमिक शिक्षक पदों पर भर्ती हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 आयोजित की गई थी। प्रथम चरण में 15000 उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं 5670 माध्यमिक शिक्षक की भर्ती का विज्ञापन जारी कर प्रावधिक चयन सूची एवं प्रावधिक प्रतीक्षा सूची जारी की गई। दिनांक 01.07.2020 से चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन की कार्रवाई प्रारम्भ की गई, परन्तु कोरोना महामारी के कारण दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को स्थगित किये जाने से लंबित है। (ख) जी हाँ। (ग) उतरांश (क) अनुसार सत्यापन की कार्यवाही प्रारंभ की गई थी, तथापि महामारी के कारण इसे स्थगित किया गया, महामारी की वर्तमान स्थिति का आंकलन कर निर्णय लिया जायेगा, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शा.मा.वि. क्र. 2 लहार की भूमि पर किए गए अतिक्रमण
[स्कूल शिक्षा]
29. ( क्र. 1320 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र लहार जिला भिण्ड के शा.मा.वि. क्र. 2 की भूमि सर्वे क्र. 3452 के कुछ भाग पर एवं विद्यालय के समीप ही सर्वे क्र. 3453 पर भू-माफियाओं द्वारा शासकीय भूमि बेचकर मकान बनवाए जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी द्वारा सीमाकंन के समय शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्र. 2 की सर्वे क्र. 3452 एवं शासकीय भूमि सर्वे क्र. 3453 पर अतिक्रमण पाया था? यदि हाँ, तो अभी तक अतिक्रमण न हटाने के क्या कारण हैं एवं कब तक भू-माफिया अभियान के तहत अतिक्रमण कब हटा दिया जएगा? (ग) लहार नगर स्थित बी.आर.सी. कार्यालय तथा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को कितनी भूमि आवंटित हैं? भूमि का सर्वे क्र. रकबा बताएं? उक्त कार्यालयों की कितनी-कितनी भूमि पर किन-किन व्यक्तियों ने अतिक्रमण किया है एवं अतिक्रमण हटाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं अतिक्रमण कब तक हटा दिया जाएगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र लहार में सर्वे क्रमांक 3452 रकबा 0.324 नगर पंचायत लहार के नाम अभिलेख दर्ज है। जिसके अंश भाग 0.24 सड़क व 0.300 पर स्कूल संचालित है। भूमि के कुछ भाग पर अवैध पक्का चबुतरा निर्मित है। सर्वे क्रमांक 3453 रकबा 0.052 नगर पंचायत लहार के नाम दर्ज है। जिस पर कुछ लोगों के द्वारा पक्की नींव निर्मित कर अतिक्रमाण किया गया है। अतिक्रमणकर्त्ता के नाम राजस्व निरीक्षक के द्वारा तहसीलदार, लहार को प्रस्तुत आवेदन में दर्ज है। आवेदन की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यवाही हेतु राजस्व विभाग को पत्र लिखा गया है। (ग) मौजा लहार के सर्वे क्र.5584 रकबा 0.094 एवं 560412 रकबा 0.408 अभिलेख शिक्षा विभाग लहार को आरक्षित है। सर्वे क्रमांक 5584 रकबा 0.094 में बी.आर.सी. कार्यालय निर्मित होकर संचालित है। जो अतिक्रमण से मुक्त है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय की कोई भूमि आरक्षित नहीं है।
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा आंवटित राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
30. ( क्र. 1371 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा राजगढ़ जिले को विभिन्न निर्माण एजेन्सियों को अनुसूचित जाति मद की कितनी-कितनी राशि किस-किस विभाग को आवंटित की गयी है? विभागवार, आवंटित राशि की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित विभागवार आवंटित राशि में कौन-कौन से कार्य संपादित कराये गये हैं? विभागवार, आवंटित राशि के विरुद्ध कराये गये कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति से विधानसभा क्षेत्रवार अवगत करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बालाघाट में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किये जाने की योजना
[चिकित्सा शिक्षा]
31. ( क्र. 1402 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र शासन की देश के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने की योजना है? यदि हाँ, तो प्राथमिकता सूची में प्रदेश शासन ने प्रदेश के एक मात्र नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट का नाम प्रस्तावित किया है या नहीं बतावें? (ख) क्या बालाघाट में नक्सल की समस्या तथा छिन्दवाड़ा, जबलपुर, रायपुर तथा नागपुर सभी मेडिकल कालेज से अत्याधिक दूरी को आधार बनाकर पूर्व की सरकार द्वारा बालाघाट का नाम प्राथमिकता सूची में शामिल कर लिया गया था? क्या वर्तमान सरकार बालाघाट के स्थान पर सिवनी का नाम प्रस्तावित करने जा रही है जो कि जबलपुर, नागपुर तथा छिन्दवाड़ा से बालाघाट की तुलना में काफी कम दूरी पर स्थित है? यदि हाँ, तो तथ्यात्मक कारण बतायें? (ग) क्या बालाघाट में मेडिकल कालेज को प्राथमिकता सूची में रखकर आगामी समय में जिन मेडिकल कालेजों को प्रारंभ करने राज्य शासन अपना 40 प्रतिशत अंश देने तैयार होगी उनमे बालाघाट भी रहेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत 60 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत अंश देने की नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों में संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों का नियमितीकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
32. ( क्र. 1417 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कार्यरत दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों सामाजिक न्याय नि:शक्तजन कल्याण में लम्बे समय से संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को जनवरी 2021 तक नियमित नहीं किया गया है, ऐसे कर्मचारियों की संख्या, पदस्थी का स्थान, नाम सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या 5 जून 2018 में सामान्य प्रशासन के परिपत्र क्र C-5-2/2018/1/3 शासन द्वारा संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया गया था? आदेश के परिपालन में क्यों विलम्ब हो रहा है? कारण सहित जानकारी दी जावें। (ग) प्रदेश में करीब एक दर्जन से भी अधिक जिलों में दिव्यांग पुर्नवास केन्द्र भवनों का निर्माण किया गया है, जहां भवनों का डिजाईन, ड्राइंग समान है केवल ग्वालियर अस्पताल परिसर में भवन के डिजाईन में परिवर्तन किया गया है क्यों? क्या शासन से उक्त परिवर्तन की अनुमति ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? पूर्ण जानकारी तथ्यों सहित दी जावे।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) प्रदेश के जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों में मानदेय पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) पुनर्वास केन्द्रों के लिये राज्य शासन तथा भारत सरकार से नियमित पद स्वीकृत नहीं है। भारत सरकार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग नई दिल्ली की दिनांक 01.04.2018 की गाईड लाईन अनुसार जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों का संचालन स्वैच्छिक संस्थाओं को कार्यान्वयन एजेंसी नियुक्त कर केन्द्रों का संचालन कराया जा रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग का प्रश्नाधीन परिपत्र दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों पर लागू नहीं होता है। जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र की गाईड लाईन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) जी नहीं, ग्वालियर जिले में जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र का निर्माण प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत किया गया है। भवन के बाहरी डिजाईन में परिवर्तन नहीं किया गया है जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के आंतरिक कक्षों की संरचना में दिव्यांगजनों की फिजियोथेरेपी मशीनों की व्यवस्था एवं दृश्यता आदि आवश्यकता को ध्यान में रखते हुये दिव्यांगजनों के हितार्थ बाधारहित वातावरण उपलब्ध कराये जाने के दृष्टिकोण से आंशिक आंतरिक संशोधन किया गया है।
अभयारण्य, रिजर्व स्थलों की जानकारी
[वन]
33. ( क्र. 1418 ) डॉ.
सतीश सिकरवार
: क्या
वन मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
प्रदेश में
बाघों, सिंह
(शेर) के कितने अभयारण्य, रिजर्व
स्थल
कहाँ-कहाँ हैं, उनमें
बाघों, शेरों
की कितनी संख्या
है? अभयारण्यों, रिजर्व
स्थलों के
नाम स्थल, संख्या
सहित पूर्ण
जानकारी दी
जावे। (ख) वर्ष
2018 से जनवरी 2021 तक
कितने बाघों, शेरों
की मृत्यु
हुई है, जिनमें
शिकारियों
द्वारा की गई
मृत्यु एवं
बीमारियों के
कारण हुई मृत्यु
की संख्या की
जानकारी दी
जावे। (ग) जिन
स्थानों पर
शिकारियों के
कारण मृत्यु
हुई है उनमें
कितनों के
खिलाफ अपराध
कायम हुआ एवं
कितनों की अभी
तक
गिरफ्तारियां
की गई है?
(घ)
जिन
अभयारण्यों
में
बीमारियों के
कारण मृत्यु
हुई है उनकी
संख्या, बीमारी
का नाम, इलाज
की समय अवधि व
खर्च की राशि
सहित
प्रकरणवार
जानकारी दी
जावे।
वन
मंत्री ( श्री
कुंवर विजय
शाह ) : (क) प्रदेश
में एशियाई
सिंहों की
पुनर्स्थापना
हेतु कूनों
राष्ट्रीय
उद्यान का गठन
किया गया है। वर्तमान
में प्रदेश
में सिंह
प्राकृतिक
रूप से नहीं
पाये जाते हैं।
बाघों के
संरक्षण हेतु
गठित टाइगर
रिजर्व,
राष्ट्रीय
उद्यान तथा
वन्यप्राणी
अभ्यारण्यों
की सूची तथा
उनमें पाये
जाने वाले
बाघों की संख्या
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'क' अनुसार है।
(ख) प्रश्नाधीन
अवधि में 93 बाघों
की मृत्यु
हुई है इनमें
से 25
बाघों की मृत्यु
अवैध शिकार
एवं शेष बाघों
की मृत्यु
प्राकृतिक
कारणों
बीमारी,
आपसी
संघर्ष,
वृद्धावस्था
आदि से हुई है।
(ग) प्रश्नाधीन
अवधि में
बाघों के अवैध
शिकार के 25 प्रकरण
पंजीबद्ध
किये गये हैं
जिनमें अभी तक
77
आरोपियों को
गिरफ्तार
किया गया है। (घ) उपरोक्त
अवधि के मध्य
बीमारी से मृत
बाघों की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ख'
अनुसार है।
शासकीय शालाओं में दस साल में विधार्थियों की घटती संख्या
[स्कूल शिक्षा]
34. ( क्र. 1427 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1939 दिनांक 23.12.2019 के सन्दर्भ में बतावें कि क्या वर्ष 2010-11 से 2018-19 तक कक्षा 01 से 08 तक के शासकीय शालाओं में जो नामांकन दिखाए गये हैं वह आंकड़ें वास्तविक हैं? इन आंकडों को संग्रहित कर रिक्त रिकन्साईल करने की क्या प्रक्रिया है? उसकी सम्पूर्ण जानकारी दे. तथा 2019-20 तथा 2020-21 के नामांकनाक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में नामांकनाक सही है तो कक्षा 01 से 08 के नामांकनाक में 10 वर्षों में 37.88 लाख की कमी कैसे हुई और निजी विद्यालय को मिलाने पर भी कमी 36.02 लाख कैसे है? अगर 0-06 साल के बच्चों की संख्या में जनगणना 2001 तथा 2011 में कमी माने तो वह भी मात्र 2.33 लाख है चाईल्ड ट्रेकिंग के तहत डाटा शुद्धिकरण में 10 वर्षों में 36 लाख नामांकनाक कैसे कम हुये तथा भविष्य में और कितना होगा? चाईल्ड ट्रेकिंग के समस्त दस्तावेज तथा डाटा शुद्धिकरण रिपोर्ट की प्रति देवें। (ग) वर्ष 2010-11 से 2020-21 तक कक्षा 01 से 08 तक के शासकीय शालाओं के कुल कितने बच्चों को कुल कितनी मात्रा में पुस्तकें तथा गणवेश वितरित किये गये तथा दोनों पर कुल खर्च कितना हैं? प्रति विद्यार्थी पुस्तक तथा गणवेश का खर्च क्या है? (घ) जिलेवार 2010-11 से 2020-21 तक शासकीय शालाओं में 01 से 08 कक्षावार नामांकनाक पाठ्यपुस्तक, गणवेश, साईकिल से लाभान्वित छात्राओं की संख्या बतावें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) तारांकित प्रश्न क्रं. 1939 में दिखाये गये शासकीय नामांकन के आंकडें डाईस डाटा के आधार पर है। भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 30 सितम्बर की स्थिति में शालावार डाईस प्रपत्र के माध्यम से नामांकन का संकलन किया जाता है। 2019-20 एवं 2020-21 का नामांकन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) शालाओं में 0 से 6 आयु समूह के बच्चों की संख्या में कमी होने के कारण कक्षा 1 में नामांकन कम हुआ है जबकि कक्षा 8 से उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या अधिक है। निजी विद्यालयों में नामांकन में वृद्धि हुई है। निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (सी) के अंतर्गत निजी विद्यालयों में बच्चों का प्रवेश तथा चाईल्ड ट्रेकिंग के द्वारा डाटा का शुद्धिकरण के कारण शासकीय विद्यालयों में नामांकन में कमी आई है। भविष्य में नामांकन की कमी का वास्तविक आकंलन संभव नहीं है। चाईल्ड ट्रेकिंग की रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। शासकीय शालाओं में कक्षा 1 से 8 तक नामांकित समस्त छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठयपुस्तक एवं गणवेश प्रदाय योजना से लाभांवित हुई है। सायकल वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ड' अनुसार है।
निजी चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश के आदेश की जाँच
[चिकित्सा शिक्षा]
35. ( क्र. 1429 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र.1623 दिनांक 19.12.2019 के सन्दर्भ में बतावें कि प्रवेश एवं फीस की नियामक समिति अगर निजी कॉलेज में प्रवेश की जाँच हेतु अधिकृत है तो व्यापम घोटाले में पीएमटी परीक्षा से निजी कॉलेज में भर्ती की विभागीय जाँच किस एजेंसी द्वारा की गई तथा एएफआरसी गठन के अध्यादेश की प्रति उपरोक्त विषय को रेखांकित करके प्रदान करें। (ख) एनआरआई कोटे में चयनित विद्यार्थी फीस किस मुद्रा में जमा कर सकते हैं तथा वर्ष 2013 से 2018 तक एनआरआई कोटे में चयनित विद्यार्थियों की सूची तथा उनके द्वारा फीस किस मुद्रा में कितनी जमा की, विवरण देवें। (ग) किस-किस निजी चिकित्सा महाविद्यालय ने व्यापम घोटाले के संबंध में किस-किस विद्यार्थी की पात्रता समाप्त कर महाविद्यालय का प्रवेश निरस्त किया? सूची देवें। (घ) क्या शासन ने विभिन्न आदेश में सभी शासकीय तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश की जाँच के आदेश दिये थे? यदि हाँ, तो निजी चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश की जाँच क्यों नहीं की गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) व्यापम घोटाले में पीएमटी परीक्षा से निजी कॉलेज में भर्ती की जाँच सीबीआई एवं एसटीएफ द्वारा की जा रही है। एएफआरसी अध्यादेश 2007 में संशोधन उपरांत 12 सितंबर 2013 के राजपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) एनआरआई कोटे में चयनित विद्यार्थी फीस भारतीय मुद्रा में जमा कर सकते है। वर्ष 2013 से 2018 तक एनआरआई कोटे में चयनित विद्यार्थियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) संस्थाओं से प्राप्त प्रवेश निरस्त की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रतलाम मेडिकल कालेज में स्वीकृत पदों की पूर्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
36. ( क्र. 1431 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम मेडिकल कालेज का कार्य लगभग पूर्ण होकर शासन/विभाग द्वारा इसे संचालित भी किया जा रहा है तो मेडिकल कॉलेज में अब अपूर्ण एवं आगामी प्रस्तावित कार्यों की क्या स्थिति है? (ख) मेडिकल कॉलेज में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं एवं मेडिकल कॉलेज हेतु आवश्यक अन्य सभी कार्यों हेतु कितने पद स्वीकृत होकर कितने भरे गये तथा कॉलेज प्रारम्भ होने के पश्चात किन-किन पदों की पदपूर्ति कब-कब किस नियम प्रक्रिया के माध्यम से की गयी? वर्षवार, माहवार जानकारी दें l (ग) अवगत कराएँ कि मेडिकल कॉलेज में कॉलेज का चिकित्सालय प्रारम्भ किया जाना है तो इस हेतु कितने पदों का सृजन होकर पदपूर्ति कर कब प्रारम्भ किया जाएगा? (घ) कोरोना काल में कितने मरीज कोरोना अथवा अन्य बीमारियों से पीड़ित होकर भर्ती हुए,कितने स्वस्थ हुए, कितनों की मृत्यु हुई? शासन/विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितना बजट स्वीकृत होकर किन कार्यों पर व्यय हुआ?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, रतलाम अंतर्गत स्वीकृत कार्यों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) चिकित्सा महाविद्यालय के स्वीकृत/भरें पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उक्त पदों पर नियुक्ति ''मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम 2018'' ''मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सकीय सेवा आदर्श नियम 2018'' एवं ''मध्यप्रदेश स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय गैर शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम 2018'' में दिये गये प्रावधानों के अंतर्गत की गई है। नियुक्ति की वर्षवार, माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में सम्मिलित है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में स्वीकृत पदों पर भर्ती की प्रक्रिया सतत् रूप से जारी है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबंद्ध अस्पताल को प्रारंभ किया जा चुका है। (घ) कोरोना काल में चिकित्सालय में भर्ती किये गये, स्वस्थ हुये तथा मृत्यु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक आवंटित बजट एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
विभागीय प्रस्तावित कार्ययोजना
[स्कूल शिक्षा]
37. ( क्र. 1432 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न कार्यों/योजनाओं के माध्यम से अनेक कार्य किये जाते रहे हैं एवं आगामी समय हेतु अनेक कार्य प्रस्तावित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि मिशन 1000 योजना में रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन स्कूलों को चयनित कर उक्त योजना के माध्यम से क्या-क्या नवीन व उल्लेखनीय कार्य किये जायेगे? विकासखंडवार जानकारी देंl (ग) उपरोक्त उल्लेखित विभिन्न विभागीय कार्ययोजनाओं के माध्यम से किन-किन स्कूलों में व्यवसायिक व कृषि ट्रेड प्रारम्भ करने के लिए विद्यालय सम्मिलित किये गये तथा योजना अंतर्गत अटल टिंकरिंग लेब प्रारम्भ किये जाने की योजना प्रस्तावित की गयी? विकासखंडवार जानकारी दें l (घ) अवगत कराएं कि विगत वर्षों से प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय, हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी भवन विहीन स्कूलों के भवन व बाउण्ड्रीवाल बनाए जाने की स्वीकृति जावरा विधानसभा क्षेत्र में कब तक दी जा सकेगी? इस हेतु विगत कई वर्षों से मांग की जा रही है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) मिशन 1000 एक पृथक योजना नहीं है अपितु पूर्व से संचालित विद्यालयों की अद्योसंरचना एवं शैक्षणिक गुणवत्ता की दृष्टि से सुदृढ़ीकरण की गतिविधि है। चयनित शालाओं की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इन विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार हेतु कार्यवाही की जाएगी। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अटल टिंकरिंग लैब नीति आयोग द्वारा सीधे स्वीकृत की जाती है, शाला द्वारा सीधे प्रस्ताव नीति आयोग को भेजे जाते है। योजना राज्य शासन द्वारा संचालित नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों में रतलाम जिले में कोई भी भवन विहीन शाला नहीं है एवं बाउण्ड्रीवाल विहीन प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं हेतु प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना में सम्मिलित किये गये है भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर कार्य किया जा सकेगा। हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल के नवीन निर्माण एवं बाउंड्रीवाल की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाना
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
38. ( क्र. 1475 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विमुक्त घुमक्कड़, अर्द्ध घुमक्कड़ को प्रदेश के किस-किस जिले में किस-किस जाति में शामिल किया गया है? जिलावार, जातिवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की जातियों एवं जिले में उक्त जाति के कल्याण/विकास के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं तथा उक्त जिले में उनके कल्याण हेतु कितनी-कितनी राशि के बजट का प्रावधान रखा गया है? वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त बजट एवं खर्च राशि का ब्यौरा जिलावार, मदवार उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संबंध में धनगर, पाल, गड़रिया, गाड़री जातियों का नाम अनुसूची के क्रमांक 30 में दर्ज है किंतु इन्हें प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है क्यों? क्या इन जातियों को भी प्रश्नांश (क) में अंकित जातियों की तरह जाति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) ग्वालियर चंबल संभाग की तहसीलों में प्रश्नांश (ग) अनुसार कितने जाति प्रमाण पत्र के प्रकरण लंबित हैं? उनका निराकरण कब तक कराकर संबंधितों को प्रमाण पत्र दे दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण ( श्री
रामखेलावन
पटेल ) : (क) मध्यप्रदेश
शासन आदिम
जाति कल्याण
के परिपत्र
क्रमांक 6209/XXY/GEN/IL/63, दिनांक
21 सितम्बर
1993
द्वारा जारी
अनुसूची क्र. 1 एवं
अनुसूची क्र. 2 द्वारा
प्रदेश में 51
जातियों को
विमुक्त, घुमक्कड़
एवं
अर्द्धघुमक्कड़
जनजाति घोषित
किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
जातिगत सर्वे
नहीं होने से
जिलेवार
जातिवार जानकारी
उपलब्ध नहीं
है। (ख) प्रश्नांश
(क)
में
उल्लेखित
जातियों के
कल्याण/विकास
के लिए विभाग
द्वारा
संचालित योजनाएं पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
बजट जिलावार
नहीं होता है।
अत: राज्यस्तर
पर व्यय की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स''
पर
है। (ग) जी
हाँ। प्रमाण
पत्र जारी
किये जा रहे, संबंधित
विभागीय
अधिकारियों
को समय-समय पर
निर्देश दिये
जाते है। पुन:
पत्र क्रमांक 3333, दिनांक 18/02/2021 द्वारा
निर्देश जारी
किये गये है। (घ)
जाति प्रमाण
पत्र जिला स्तर
पर बनाये जाते
है, अत:
प्रकरणों के
लंबित होने की
जानकारी
विभाग संकलित
नहीं करता है।
सभी कलेक्टर्स
को पुन: पत्र
क्रमांक 3334, दिनांक 18/02/2021 द्वारा
लिखा गया है।
प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
39. ( क्र. 1523 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा जिले में कई प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाएँ एकल शिक्षक एवं शिक्षक विहिन संचालित हो रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो, कितनी शालाएँ एकल शिक्षक एवं कितनी शालाएँ शिक्षक विहिन हैं? ग्रामीण क्षेत्र की इन शालाओं में शैक्षणिक स्तर सुधार करने के लिये इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जाएगी? (ग) क्या पिछली सरकार में हुए नियम विरुद्ध सैकड़ों शिक्षकों के स्थानान्तरण होने से जिले की कई शालाएँ शिक्षक विहीन हो गई है? (घ) यदि हाँ, तो, क्या इन शालाओं में योग्य अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने के अधिकार शाला विकास समिति को दिये जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) खण्डवा जिले में 19 प्राथमिक एवं 80 माध्यमिक शालाएं शिक्षक विहीन है तथा 102 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय तथा 123 माध्यमिक शालाएं एकल शिक्षकीय है। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, स्थानांतरण नियम विरूद्ध नहीं किये गये हैं। जिले में स्थानांतरण के पश्चात् कुल 14 माध्यमिक शालाएं शिक्षक विहीन हुई है। (घ) शासनादेश 07.07.2018 के अनुसार अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित करने के अधिकार शाला प्रबंध समिति (SMC) को प्राप्त है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनमंडल परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा की गई अनियमितता की जांच
[वन]
40. ( क्र. 1531 ) श्री महेश परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन वनमंडल अधिकारी द्वारा वरिष्ठ अधिकारी से सक्षम स्वीकृति लिए बिना लेखों का समायोजन किए बिना सामग्री खरीदी के कई बिलों में जीएसटी नंबर के बिना भुगतान कर देने के मामले में क्या शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) धन आदेश क्रमांक 102255 दिनांक 29/03/2018 राशि 743213 एवं 101257 दिनांक 30/03/18 राशि 03 लाख कुल राशि 10 लाख 43 हज़ार 213 रुपए के भुगतान में प्रमाणक क्रमांक 3,14,16,17,18,21 के बिलों पर न दिनांक है और न ही सक्षम अधिकारी की स्वीकृति है? (ग) क्या लेखे प्रतिमाह प्रस्तुत करने होते हैं, यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी ने कितने वर्षों से लेखे प्रस्तुत नहीं किए हैं? (घ) क्या कार्यालय वन अधिकारी वनमंडल उज्जैन की स्टेनो शाखा से दिनांक 09/12/2020 को पत्र क्रमांक 4274 के माध्यम से सूकेअ के बिंदु क्रमांक 01-08 तक की जानकारी चाहने पर क्या आवेदक से अभिमत मांगा गया था? यदि हाँ, तो संबंधित तथ्यों के संज्ञान में आने के बाद वरिष्ठ कार्यालय द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? नोटशीट सहित समस्त नस्ती की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वनमंडलाधिकारी द्वारा प्रदत्त अधिकारों के अंतर्गत स्वीकृति जारी कर लेखों का समायोजन किया गया है। जिन प्रकरणों में जी.एस.टी. दर्शित है उन प्रकरणों में सामग्री क्रय के बिलों के भुगतान हेतु मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम 2015 में दिये गये निर्देशों का पालन करते हुये नियमानुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नाधीन प्रमाणकों में उल्लेखित बिलों पर दिनांक अंकित है एवं संबंधित अधिकारी को प्रदत्त वित्तीय अधिकारों के अनुसार भुगतान की कार्यवाही की गई है। वनमंडलाधिकारी द्वारा नियमानुसार प्राक्कलन की स्वीकृति जारी की गई है। (ग) जी हाँ। वनमंडल उज्जैन के अंतर्गत ऐसे कोई भी अधिकारी नहीं हैं जिनके द्वारा लेखे प्रस्तुत नहीं किये गये हैं। (घ) जी हाँ। संबंधित आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराई गई। अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील आवेदन प्रस्तुत नहीं किये जाने से कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
परियोजनाओं का वित्तीय समितियों द्वारा परीक्षण
[स्कूल शिक्षा]
41. ( क्र. 1534 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं चालू वित्त वर्ष में स्कूल शिक्षा विभाग की कौन-कौन सी परियोजनाओं का किन-किन वित्तीय समितियों द्वारा राज्य स्तर पर परीक्षण किया जा चुका है? (ख) परीक्षण उपरांत सक्षम प्राधिकारी से कब-कब प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त किया गया है? विवरण देवें। (ग) स्थायी वित्तीय समिति ने उक्त अवधि में 20 करोड़ तक कितनी योजना परियोजना की अनुशंसा की और विभागीय मंत्री जी से अनुमोदन कब-कब प्राप्त किया? सभी योजना अंतर्गत स्वीकृत राशि, योजना का नाम और संबंधित अधिकारी सहित पूर्ण विवरण देवें। (घ) वित्तीय व्यय समिति की बैठक कब-कब हुई और 20 करोड़ से अधिक और 100 करोड़ तक की कितनी योजनाएँ और परियोजनाएं स्वीकृत की गयी? इसमें विभागीय और वित्त मंत्री का अनुमोदन कब-कब लिया गया? (ङ) परियोजना परीक्षण समिति की बैठक कब-कब हुई और 100 करोड़ से अधिक के कितने कार्य स्वीकृत किए गए और मंत्री परिषद का अनुमोदन, समिति का अनुमोदन करवाकर वित्त विभाग को कब-कब भेजे गए? संक्षेपिका और अभिमत के रिकार्ड उपलब्ध कराएं।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है।
दूध प्रशीतक केंद्र बिजावर के प्रारम्भ करना
[पशुपालन एवं डेयरी]
42. ( क्र. 1540 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दूध प्रशीतक केंद्र बिजावर को पुनः प्रारम्भ करने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ख) दूध प्रशीतक केंद्र बिजावर को पुनः प्रारम्भ करने में क्या-क्या परेशानी आ रही है? इनका निराकरण कब तक करके केंद्र पुनः प्रारम्भ किया जा सकेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) बुंदेलखण्ड दुग्ध संघ द्वारा वर्तमान में बिजावर में 19 पंजीकृत संस्थायें संचालित की जा रही है। जिनसे लगभग 700 लीटर दुग्ध संकलन प्रतिदिन प्राप्त हो रहा है। दुग्ध शीत केन्द्र बिजावर हेतु 3000 लीटर क्षमता की बीएमसी क्रय की जा चुकी है। (ख) बिजावर क्षेत्र की दुग्ध संस्थाओं से अति अल्प दुग्ध संकलन (वर्तमान में लगभग 700 लीटर प्रतिदिन) प्राप्त होने से दुग्ध शीत केन्द्र का संचालन (वर्तमान में व्यय अत्याधिक होने से ) नहीं किया जा रहा है। बिजावर क्षेत्र में 15-20 अतिरिक्त नवीन दुग्ध समितियां गठित किये जाने के प्रयास किये जाकर दुग्ध संकलन प्रतिदिन 2000 लीटर होने पर ही बिजावर में दुग्ध शीत केन्द्र प्रारंभ किया जा सकेगा।
बस्ती विकास योजना अंतर्गत विकास कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
43. ( क्र. 1542 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र की तहसील खिलचीपुर एवं जीरापुर में बस्ती विकास योजना अंतर्गत विकास कार्य हेतु वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुए? कार्यों के नाम व पंचायतवार बताएं। (ख) विगत दो वर्षों में स्वीकृत हुए कार्यों की कितनी राशि ग्राम पंचायतों को जारी की गई? (ग) ग्राम पंचायतों द्वारा निर्माण कार्य हेतु कितनी राशि आहरित की गई? पंचायतवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) इनमें से कितने निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है व कितने कार्य प्रगति पर हैं? ऐसे कितने कार्य हैं, जिनका निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया? अगर नहीं हो पाये तो उसके क्या कारण हैं? कब तक कार्य प्रारंभ किये जायेंगे? पंचायतवार जानकारी दें। अगर कार्य प्रारंभ नहीं किये जा रहे हैं, तो विलंब के लिए कौन जिम्मेदार है व उस पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विगत 02 वर्षों में स्वीकृत हुए कार्यों की राशि रूपये 124.94 लाख ग्राम पंचायतों को निर्माण एजेन्सी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, खिलचीपुर एवं जीरापुर के द्वारा जारी की गई है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अप्रारंभ कार्यों हेतु संबंधित कार्य एजेंसी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
शासकीय चिकित्सालय महाविद्यालय छिंदवाड़ा का प्रदत्त बजट
[चिकित्सा शिक्षा]
44. ( क्र. 1548 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय चिकित्सालय महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) छिंदवाड़ा की निर्माण की लागत क्या है? अभी तक इस निर्माण लागत के अनुसार कितने कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं? (ख) शासकीय चिकित्सालय महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) छिंदवाड़ा की स्वीकृति के उपरांत सम्पूर्ण मेडिकल कॉलेज का निर्माण एवं उपकरणों के क्रय हेतु कितना बजट शासन द्वारा प्रदान किया गया था? जो बजट पिछली सरकार के द्वारा निर्धारित किया गया था क्या उसी बजट के अनुसार कार्य किया जा रहा है या नहीं? (ग) जो बजट पिछली सरकार के द्वारा मेडिकल कॉलेज निर्माण व उपकरणों के क्रय हेतु निर्धारित किया गया था, क्या उस बजट राशि में से कटौती कर, अन्य कार्य हेतु राशि स्थानांतरित की गई है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) छिंदवाड़ा की लागत एवं पूर्ण किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) छिंदवाड़ा की स्वीकृति के उपरांत संपूर्ण मेडिकल कॉलेज के निर्माण पर राशि रूपये 185.94 करोड़ एवं उपकरणों के क्रय पर राशि रूपये 68.99 करोड़ का बजट विभाग द्वारा प्रदाय किया गया था। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
जिला स्तरीय सर्तकता एवं मॉनीटरिंग समिति का गठन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
45. ( क्र. 1549 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के अन्तर्गत जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति का गठन किया गया है या नहीं? यदि शासन के नियमों के अनुसार इस समिति का गठन किया गया है तो इसका प्रारूप क्या है? इस समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की पिछले एक वर्ष में कितनी बैठक आयोजित की गई हैं और इस समिति की अनुशंसा पर अभी तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किए गये? छिन्दवाड़ा जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति गठन करने के बाद यदि इस समिति की शासन के नियमों के अनुसार बैठक आयोजित नहीं कराई गई है तो इसका क्या कारण है और बैठक आयोजित नहीं कराने के लिए कौन संबंधित अधिकारी जवाबदार है? शासन के नियमों का उल्लंघन करने व बैठक आयोजित नहीं कराने पर क्या ऐसे संबंधित अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति के प्रारूप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर एवं समिति के अध्यक्षों/सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (ख) कोविड 19 महामारी के कारण विगत एक वर्ष में बैठक आयोजित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अत्याचार अधिनियम 1995 के तहत दर्ज प्रकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
46. ( क्र. 1558 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति/अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में अत्याचार अधिनियिम 1995 के तहत सागर संभाग में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक हत्या के कितने प्रकरण दर्ज हुये हैं? विवरण सहित बताएँ। (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित प्रकरण में आश्रितों की श्रेणी में पत्नी, बालक विवाहित अथवा अविवाहित, आश्रित माता-पिता, विधवा बहिन तथा अत्याचार से पीड़ित के पूर्वमृत पुत्र की विधवा और बालक सम्मिलित हैं? इसके अलावा क्या मृतक के अविवाहित होने पर भाई भी आश्रित की श्रेणी में आता है? (ग) यदि हाँ, तो सागर संभाग में पुनर्वास के तहत मृतकों के आश्रितों को प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि एवं क्या-क्या रोजगार दिया गया? रोजगार के प्रकार सहित आश्रितों के नाम की सूची उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' की कंडिका 2 (8) अनुसार है। 'भाई' आश्रित की श्रेणी में नहीं आता है। (ग) जी नहीं, 'भाई' आश्रित की श्रेणी में नहीं आता है। जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार है।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित स्कूल
[स्कूल शिक्षा]
47. ( क्र. 1562 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां के कौन-कौन से शिक्षक स्थानांतरित हो कर विधानसभा से बाहर गये एवं कितने शिक्षक स्थानांतरित होकर विधानसभा क्षेत्र में आये? स्थानांतरण तिथि वार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानांतरणों में से कितने स्वैच्छिक एवं कितने प्रशासनिक स्थानांतरण थे? किन-किन के प्रशासनिक स्थानांतरण किन कारणों से किसकी अनुशंसा पर किये गये? किन-किन को माननीय न्यायालय से स्टे प्राप्त हुआ तथा किन-किन के स्थानांतरण किन कारणों से अनुशंसा पर कब निरस्त किये गये? सूची देवें। (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान समय में कितने शिक्षकों की कमी है? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानांतरण से कौन-कौन सी शालाओं में कितने शिक्षक विहीन हो गई? सूची देवे एवं रिक्त शिक्षकों की पद पूर्ति हेतु क्या ऐसे शिक्षक जो विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं तथा स्वेच्छा से बहोरीबंद विधानसभा के अंदर अपना स्थानांतरण चाह रहे हैं, का स्वैच्छिक स्थानांतरण किया जाएगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) 356 स्वैच्छिक एवं 39 प्रशासनिक स्थानांतरण किये गये। स्थानांतरण नीति अनुसार प्रशासनिक स्थानांतरण जिले के अंदर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से एवं जिले के बाहर प्रशासकीय अनुमोदन से संचालनालय स्तर से किये गये। 20 स्थानांतरण के प्रकरण पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया एवं 03 स्थानांतरण आदेश निरस्त किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 एवं 04 अनुसार है। (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान समय में 967 शिक्षकों की कमी है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानांतरण उपरांत 37 विद्यालय शिक्षक विहीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 05 अनुसार है। वर्तमान में स्थानांतरण में प्रतिबंध होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्र में जनजातिय विभाग की संचालित पाठशाला
[स्कूल शिक्षा]
48. ( क्र. 1580 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय विभाग की सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्र में कितनी पाठशालायें प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेण्ड्री संचालित है? विकासखण्डवार बतावें। (ख) कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में छात्रावास की सुविधायें हैं? (ग) जिन हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में छात्रावास की सुविधायें नहीं हैं, उनमें छात्रावास सुविधा कब तक होगी?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जनजातीय विभाग की सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड केसला में 130 प्राथमिक शालाएं, 58 माध्यमिक शालाएं, 16 हाईस्कूल, 10 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं 02 विशिष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संचालित है। (ख) जनजातीय विभाग की सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में संचालित 01 हाईस्कूल, 01 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय एवं 07 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में छात्रावास की सुविधा है। (ग) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना
[चिकित्सा शिक्षा]
49. ( क्र. 1581 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक खोलने की योजना? यदि नहीं, तो किन-किन जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है? (ग) होशंगाबाद जिले में कब तक खोलने की योजना है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार की पी.एम.एस.एस.वाय. योजना के अंतर्गत चिन्हांकित जिलों में चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने की स्वीकृत प्रदान की जाती है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जैविक खेती घोटाले की जांच/कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
50. ( क्र. 1600 ) श्री विनय सक्सेना : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2018 से वर्तमान तक भारत सरकार द्वारा आदिवासी विशेष केन्द्रीय सहायता अन्तर्गत स्वीकृत कौन-कौन से और कितनी-कितनी राशि के प्रोजेक्ट भारत सरकार की अनुमति के बिना मध्यप्रदेश स्तर पर बदल दिये गये? बदलाव की अनुमति देने वाले अधिकारियों के नाम-पद बतावें। (ख) जैविक खेती योजना में भ्रष्टाचार के संबंध में वर्ष 2018 से वर्तमान तक लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू, एसटीएफ, सीबीआई सहित विभिन्न शिकायतों, भारत सरकार के पत्रों/विभिन्न बैठकों के कार्यवाही विवरण और उन पर दोनों विभागों द्वारा भेजे गये जवाबों-प्रतिवेदनों की प्रति उपलब्ध करावें? कितनी-कितनी राशि के अनाधिकृत व्यय के लिये कौन-कौन उत्तरदायी है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। जनजातीय कार्य विभाग/संचालनालय स्तर से कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विधान सभा सचिवालय मध्यप्रदेश के पत्र क्र. 2776/वि.स./स्थ./ध्या./2020 दिनांक 22.02.2020 द्वारा जाँच एवं दायित्व निर्धारण हेतु विधान सभा समिति गठित की गई है।
निजी विद्यालयों की सुरक्षा निधि
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 1621 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में बोर्ड द्वारा निजी विद्यालयों को मान्यता देते समय सुरक्षा निधि के रूप में हाईस्कूल से 40 हजार तथा हायर सेकेण्डरी से 50 हजार वसूल की जाती थी? यदि हाँ, तो बोर्ड के पास सुरक्षा निधि की कुल कितनी राशि वर्तमान में F.D या अन्य रूप में मौजूद है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) संदर्भित वर्तमान में शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों की मान्यता का कार्य लोक शिक्षण संचनालय भोपाल द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या पूर्व के विद्यालय जिनकी सुरक्षा निधि माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल के पास मौजूद है, क्या उस राशि को लोक शिक्षण संचनालय द्वारा ली जाने वाली सम्बद्धता शुल्क में समायोजित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) वर्तमान में जिन निजी हाईस्कूल/हायर सेकंडरी स्कूल द्वारा सम्बद्धता शुल्क वसूली जा चुकी है उनकी सुरक्षा निधि बोर्ड द्वारा कब तक लौटा दी जायेगी? (घ) क्या विभाग द्वारा शासकीय विद्यालयों से भी मान्यता राशि प्रतिवर्ष ली जाती है? यदि हाँ, तो क्यों? विद्यालय द्वारा कौन से मद से मान्यता शुल्क दी जाती है क्या यह राशि बच्चों से फीस के रूप में वसूली जाती है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2014 के पूर्व मंडल द्वारा संस्थाओं से हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी मान्यता हेतु सुरक्षा निधि के रूप में हाई स्कूल राशि रूपये 25,000/- एवं हायर सेकेण्डरी राशि रूपये 15,000/- तथा हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी दोनों मान्यता एक साथ लेने पर राशि रूपये 40,000/- सुरक्षा निधि राशि जमा कराई जाती थी। मण्डल के खातों में विभिन्न मदों से प्राप्त आय को समय-समय पर एफ.डी. में विनियोजित किया जाता है। सुरक्षा निधि राशि को पृथक से एफ.डी. में विनियोजित नहीं किया गया है। अपितु पूर्व से जमा एफ.डी. में ही जमा कराया जाता है। सुरक्षा निधि हेतु एफ.डी. में उपलब्ध राशि पृथक से बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों की मान्यता का कार्य वर्ष 2014 से लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा किया जा रहा है। पूर्व के विद्यालय जिनकी सुरक्षा निधि माध्यमिक शिक्षा मण्डल, भोपाल के पास मौजूद है, लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा ली जाने वाली मान्यता शुल्क में समायोजित नहीं किया गया है। माध्यमिक शिक्षा मण्डल, भोपाल द्वारा संस्थाओं की जमा सुरक्षा निधि राशि से सम्बद्धता शुल्क में समायोजन किया गया है। आवेदन करने पर संस्था को शेष राशि वापिस की जा रही है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों से सम्बद्धता शुल्क जमा कराया जा रहा है। उन संस्थाओं की पूर्व से जमा सुरक्षा निधि राशि की शेष राशि लोटाई जा रही है। कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2339/सम्बद्धता/2021, भोपाल दिनांक 30.01.2021 द्वारा संस्थाओं को सुरक्षा निधि राशि के संबंध में आवेदन करने हेतु सूचित किया गया है। (घ) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मृतक शिक्षकों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
52. ( क्र. 1622 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2014 के पश्चात् शिक्षा विभाग में कुल कितने शिक्षक/अध्यापक/अध्यापक संवर्ग एवं अन्य कर्मचारियों का निधन सेवाकाल में हुआ? वर्षवार सिर्फ संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त अवधि में कितने मृतक के आश्रितों ने प्रदेश में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदन किया एवं कितनों को नियुक्ति दी गयी? अनुकम्पा नियुक्ति के लिए उक्त अवधि में कुल कितने प्रकरण मा.न्यायालय में विचाराधीन हैं, कितनों का निराकरण होकर नियुक्ति दे दी गयी है, कितनों में अवमानना प्रकरण उक्त अवधि में प्रचलित हैं? सिर्फ वर्षवार संख्या बतायें। (ग) क्या विभाग ने उक्त अवधि में अनुकम्पा नियुक्ति अधिनियम आर.टी.ई 2009 के सरलीकरण या पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता को समाप्त करने हेतु केंद्र सरकार से कोई पत्र व्यवहार किया है? यदि हाँ, तो कब-कब? पत्राचार की प्रतिलिपियाँ उपलब्ध करायें। (घ) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 29.09.2014 की कंडिका 6.3 में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए प्रयोगशाला सहायक को अनुकम्पा नियुक्ति नियम से मुक्त रखा है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में कितने आश्रितों को प्रयोगशाला पद पर अनुकम्पा नियुक्ति मिली? सिर्फ संख्या बतायें। वर्तमान में विभाग के पास अनुकम्पा नियुक्ति के सरलीकरण हेतु कोई योजना प्रचलन में है तो अवगत करायें। नई शिक्षा निति में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए क्या नियम है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (घ) जी नहीं। म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 29.09.2014 की कंडिका 6.3 में भर्ती नियमों में प्रावधानित चयन प्रक्रिया संबधी शर्त से छूट रखी गई है। तत्संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी नवीन निर्देश दिनांक 01.02.2021 के अनुक्रम में प्रयोगशाला शिक्षक के पद पर की गई अनुकंपा नियुक्ति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' पर अंकित है। नई शिक्षा नीति में अनुकंपा नियुक्ति के बारे में कोई विशिष्ट उल्लेख अंकित नहीं है।
नर्सिंग कॉलेज के छात्रों का नामांकन
[चिकित्सा शिक्षा]
53. ( क्र. 1625 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर में सत्र 2018-19 के मध्यप्रदेश नर्सिंग काउन्सिल से अमान्य किये गए नर्सिंग कॉलेज के छात्रों का नामांकन किया गया है। यदि हाँ, तो किसके आदेशानुसार किया गया है। (ख) क्या नामांकन के बाद मध्यप्रदेश नर्सिंग काउन्सिल से अमान्य कॉलेज के छात्रों की नर्सिंग परीक्षाओं के प्रवेश-पत्र जारी किये गए हैं। यदि हाँ, तो किसके आदेशानुसार जारी किए गए हैं। (ग) क्या मध्यप्रदेश नर्सिंग काउन्सिल से सत्र 2018-19 के लिए अमान्य किये गए महाविद्यालयों द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट में राहत हेतु दायर याचिका डिसमिस कर दी गई थी? यदि हाँ, तो क्या माननीय न्यायालय द्वारा याचिकाओं के डिसमिस करने के पश्चात भी इन मध्य प्रदेश नर्सिंग काउन्सिल से अमान्य किए गए महाविद्यालय के छात्रों के प्रवेश-पत्र अवैध रूप से अनियमित ढंग से जारी करने हेतु जिम्मेदार विश्वविद्यालय के अधिकारी पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो इस अनियमितता के लिए दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल के पत्र दिनांक 28/12/2019 द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 16/12/2019, 18/12/219 एवं माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ, ग्वालियर के द्वारा दी गई अंतरिम राहत दिनांक 20/01/2020 के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालय की कार्य परिषद के आदेशानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3, 4 एवं 5 अनुसार। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) जी हाँ। जी नहीं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में उत्तरांश (क) के अनुसार सम्मिलित किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी चिकित्सा महाविद्यालय में फर्जी भर्तियों पर दर्ज प्रकरण
[चिकित्सा शिक्षा]
54. ( क्र. 1640 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के यह संज्ञान में है कि सी.बी.आई. ने पी.एम.टी.-2012 की चार्टशीट क्र. 55 दिनांक 23.11.17 में संचालनालय के तत्कालीन डारेक्टर, ज्वाईन्ट डारेक्टर तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालय के 26 मालिक तथा अधिकारी को आरोपी बनाया? क्या सी.बी.आई. ने निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पी.एम.टी.-2011 तथा 2012 से भर्ती संबंधी पत्राचार तथा दस्तावेज संचालनालय से मांगे थे तथा बतावें कि सी.बी.आई. इसी तर्ज पर किस-किस वर्ष की जाँच कर रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के दोनों भाग का उत्तर यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1108 दिनांक 10 जुलाई 2019 के खण्ड (ग) का भ्रामक उत्तर क्यों दिया गया? क्या विभाग के संज्ञान में नहीं था कि पी.एम.टी. 2011 तथा 2012 से निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ? स्पष्ट उत्तर देवें कि तिवारी तथा श्रीवास्तव के कार्यकाल में हुये निजी चिकित्सा महाविद्यालय में चयन की जाँच विभागीय स्तर पर की जावेगी या नहीं? (ग) क्या पी.एम.टी. से निजी चिकित्सा महाविद्यालय में स्टेट कोटे में 2007 से 2010 तक हुई भर्ती की विभागीय स्तर पर जाँच की जावेगी या नहीं? (घ) बतावें कि प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित वर्ष में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पी.एम.टी. से स्टेट कोटे में भर्ती की सारी प्रक्रिया मा. उच्चतम न्यायालय के प्रिया गुप्ता के प्रकरण में दिये गये आदेश अनुसार हुई या नहीं? यदि नहीं, तो वर्षवार अनियमितता की जानकारी देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, सी.बी.आई. से पीएमटी 2012 की चार्ज शीट क्रमांक 55 दिनांक 23.11.2017 संबंधी जानकारी विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। जी हाँ। यह जानकारी विभाग का विषय वस्तु नहीं है। (ख) जी नहीं। यह प्रश्न पूर्व में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 1108 दिनांक 10 जुलाई 2019 से भिन्न विषय वस्तु का है। जी नहीं। जी नहीं। (ग) उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर ऐसी कोई जाँच विचाराधीन नहीं है। (घ) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी विद्यालयों में छात्रों के नामांकन में कमी
[स्कूल शिक्षा]
55. ( क्र. 1641 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शाजापुर अन्तर्गत वर्ष 2004-05 से 2009-10 तथा 2017-18 से 2020-21 तक कक्षा 01 से 12 तक शासकीय एवं निजी विद्यालयों में नामांकनाक की संख्या बतावें तथा बतावें कि आलोच्य वर्ष में किस-किस कक्षा में पिछले वर्ष की तुलना में कितनी संख्या में वृद्धि/कमी हुई तथा कारण क्या रहा? (ख) वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक शासकीय एवं निजी विद्यालयों में प्राथमिक, माध्यमिक, हायर सेकेण्ड्री तथा हाई स्कूल में शिक्षक विद्यार्थी का अनुपात क्या था तथा उक्त चारों प्रकार के विद्यालयों में प्रोजेक्ट लक्ष्य क्या था? (ग) विभाग सिर्फ इस बात की जानकारी देवें कि शासकीय विद्यालयों में कक्षा 01 से 08 तक नामांकनाक में प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत वृद्धि होना चाहिए तथा इस अनुसार 2010-11 से 2020-21 में वृद्धि हुई या नहीं? कारण बतावें। (घ) वर्ष 2010-11 से 2020-21 तक शासकीय शालाओं में कक्षा 08वीं तक कितने बच्चों को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक तथा गणवेश प्रदान की गई तथा दोनों वस्तुओं की वर्षवार लागत कितनी-कितनी थी? (ड.) क्या शासन कक्षा 01 से 08 के शासकीय तथा निजी विद्यालयों के कुल नामांकनाक में 2010-11 से 2020-21 में 50 लाख बच्चों की कमी पर जाँच हेतु कोई समिति गठित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' अनुसार है। छात्र संख्या में कमी वृद्धि कई कारण से हो सकती है, परन्तु प्रमुख रूप से शासकीय हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी शालाओं में दर्ज संख्या की कमी/वृद्धि संबंधित वर्ष के परीक्षा परिणाम पर निर्भर करता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''02'' अनुसार है। कक्षा 9 से कक्षा 12 के लिए शिक्षक छात्र अनुपात लक्ष्य 1:45 होता है। (ग) शासकीय विद्यालयों में प्रतिवर्ष नामांकन में वृद्धि का आंकलन किया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''03'' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आवश्यकता नहीं होने से।
अनुसूचित जाति बस्ती के विकास कार्य हेतु आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
56. ( क्र. 1695 ) श्री मनोज चावला : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014-15 से वर्ष 2019-20 तक अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत रतलाम जिले में कुल कितनी राशि का आवंटन विभाग द्वारा हुआ है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्ष में विभाग से प्राप्त आवंटन के आधार पर रतलाम जिले के किन-किन स्थानों पर अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत निर्माण कार्य, किस किस जनप्रतिनिधि, अधिकारी की अनुशंसा से हुए हैं? राशि सहित, तहसीलवार सूची उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्न अवधि में हुए निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य अधूरे हैं अधूरे निर्माण कार्य हेतु सम्बन्धित को कब-कब नोटिस जारी किए गए हैं? प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं तथा पूर्ण निर्माण कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (घ) क्या प्रश्न उल्लेखित वर्ष में स्वीकृत कार्यों में से सभी कार्यों हेतु प्रथम एवं द्वितीय किस्तों का भुगतान संबंधित एजेंसी को विभाग द्वारा कर दिया गया है या भुगतान शेष है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परिशिष्ट अनुसार है। अपूर्ण निर्माण कार्यों हेतु संबंधितों को जारी नोटिस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। पूर्णता प्रमाण पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) जी हाँ। कोई भुगतान शेष नहीं है।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
57. ( क्र. 1696 ) श्री मनोज चावला : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आलोट विधान सभा क्षेत्र में शासकीय विद्यालयों में अध्यापन कार्य हेतु वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक कितने अतिथि शिक्षक वर्ग-1, वर्ग-2, वर्ग-3 के पदों हेतु शासकीय विद्यालयों में रखे गये है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्ष हेतु अतिथि शिक्षकों के लिए कितनी राशि का आवंटन बजट में किया गया है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के संबंध में विगत 05 वर्षों में समय-समय पर सांसदों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों द्वारा पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध कराए और उन पर क्या विचार विमर्श किया गया है? (घ) क्या अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के संबंध में शासन द्वारा कोई योजना या कमेटी बनाई गई है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध कराए और यदि नहीं, तो कब तक बनाई जाएगी।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। सूची जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। म.प्र. राजपत्र स्कूल शिक्षा विभाग दिनांक 28 जुलाई 2018 की कंडिका 11 (7) (ख) के अनुसार शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तयों की 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग कि लिये आरक्षित की जायेगी, जिनके द्वारा न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों में एवं न्यूनतम 200 दिवस शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन कार्य किया गया है। (घ) जी नहीं।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजातीय बाहुल्य ग्राम
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
58. ( क्र. 1712 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की किस-किस तहसील में विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति बाहुल्य ग्राम कौन-कौन से हैं? तहसीलवार विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के ग्रामों के नाम बतावे। (ख) सारंगपुर तहसील के ग्राम बनी, बूडनपुर भी विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के अंतर्गत आते हैं तो उन ग्रामवासियों को जनजाति के प्रमाण पत्र क्यों नहीं बनाए जा रहे हैं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जिले में विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति का सर्वे होना शेष है। सामान्य जानकारी के आधार पर तहसीलवार विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति बाहुल्य ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जाति प्रमाण पत्र जाति के आधार पर बनाये जाते है। ग्राम के आधार पर नहीं। राजगढ़ जिले की सांरगपुर तहसील में निवासरत सभी विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति के जाति प्रमाण पत्र बनाये जा रहे है।
कटनी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
59. ( क्र. 1717 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-626, दिनांक-23/09/2020 के दिये गए उत्त्तर के दस्तावेजों और उत्तरानुसार प्रचलित कार्यवाही से अवगत कराये। (ख) क्या कटनी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की कार्यवाही शासन/विभाग/जिला स्तर पर प्रचलन में हैं? यदि हाँ,तो अब तक की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं। (ग) कटनी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्थापना की स्वीकृति हेतु शासन/विभाग/जिला स्तर से क्या-क्या कार्यवाही किया जाना शेष हैं? पूर्ण विवरण बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में बतायें, कि कटनी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना/स्वीकृति हेतु प्रचलित कार्यवाही को शीघ्रता से अवधि नियत कर पूर्ण करने के निर्देश दिए जायेंगे? यदि हाँ,तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) CSS Phase-III योजना अंतर्गत कटनी चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने के संबंध में कार्यालय आयुक्त चिकित्सा शिक्षा, मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 341/योवि/02/संचिशि/2020, दिनांक 23/10/2020 से भारत शासन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मंत्रालय, नई दिल्ली को प्रेषित किया गया। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। की गई कार्यवाही उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) प्रकरण में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जबलपुर संभाग में विभागीय तकनीकी अधिकारियों के कार्य
[जनजातीय कार्य]
60. ( क्र. 1718 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभागीय निर्माण/मरम्मत कार्यों के प्राक्कलन बनाने,कार्यों की स्वीकृति,कार्यों की नाप/माप करने,सत्यापित करने तथा देयक/बिल तैयार करने के क्या नियम/निर्देश हैं? जबलपुर-संभाग में किस नाम/पदनाम के तकनीकी शासकीय सेवकों द्वारा वर्ष 2016-17 से इन कार्यों को जिलावार किया गया हैं? (ख) जबलपुर-संभाग में जिलावार वर्ष 2016-17 से मरम्मत/निर्माण के कौन-कौन से कार्य कब-कब कराये गए? किए गए कार्यों को किस-किस ठेकेदार कंपनी द्वारा किया गया? कार्यों की नाप/माप तथा नाप/माप पुस्तिका (M.B.) में दर्ज नाप/माप का सत्यापन किस नाम/पदनाम के शासकीय सेवक द्वारा किया गया और किस नाम/पदनाम के शासकीय सेवकों द्वारा देयक/बिल तैयार किए गए? (ग) प्रश्नांश (ख) किए गए कार्यों की नाप/माप सहायकयंत्री द्वारा की गयी? लेकिन नाप/माप-पुस्तिका (M.B.) में दर्ज नाप/माप के बिना सत्यापन के उसी सहायकयंत्री द्वारा कार्यों के देयक/बिल तैयार किए गए,जिनका भुगतान भी हो गया? यदि हाँ,तो किस नियम और अधिकारिता से? यदि नहीं, तो क्या ऐसा ना होना सत्यापित किया जायेगा? (घ) क्या श्री प्रशांत श्रीवास्तव, सहायक यंत्री द्वारा कटनी-जिले में लगातार विगत-04 वर्षों से कार्यों का निरीक्षण/पर्यवेक्षण एवं माप/नाम करने,नाप/माप-पुस्तिका (M.B.) में दर्ज और देयक तैयार करने का कार्य किया गया? जिनका बिना सत्यापन के भुगतान भी हो गया? यदि हाँ,तो किस नियम, अधिकारिता से? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) क्या एक ही शासकीय सेवक द्वारा विभागीय मरम्मत/निर्माण के तकनीकी कार्यों को करने/सत्यापित करने और नाप/माप के बिना सत्यापन के भुगतान की जाँच की जाएंगी? हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं,तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विभाग के पत्र क्रमांक/निर्माण/2006/20889 दिनांक 17.11.2006 द्वारा निर्माण कार्यों के दिशा-निर्देश तथा वित्तीय अधिकार पुस्तिका में प्रदत्त अधिकार, अनुसार विभागीय निर्माण कार्यों के प्रॉक्कलन, कार्यों की स्वीकृति, देयक तैयार करने के नियम/निर्देश है। जबलपुर संभाग अंतर्गत वर्ष 2016-17 से विभागीय कार्य कराये जाने के संबंध में तकनीकी शासकीय सेवकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जबलपुर संभाग अंतर्गत केवल जिला कटनी में सहायक यंत्री द्वारा कार्यों के माप, माप पुस्तिका में दर्ज किये गये है। जी हाँ। कार्यालयीन आदेश क्रमांक/निर्माण/2/0607/744 दिनांक 15.01.2007 अनुसार सहायक यंत्री द्वारा कार्य किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जी नहीं, कार्यों के सत्यापन उपरांत देयक का भुगतान किया गया। (ड.) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निर्माण कार्यों के देयक का भुगतान नियमानुसार तकनीकी अधिकारी द्वारा संधारित देयक पर किया गया है।
शिक्षकों के स्थानांतरण नीति
[स्कूल शिक्षा]
61. ( क्र. 1730 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिलान्तर्गत विभागीय स्थानांतरण नीति 2017-18 से 2020-21 के तहत प्राचार्य/व्याख्याता/शिक्षक संवर्ग/अध्यापक संवर्ग के कितने स्थानांतरण आदेश जारी किये गये हैं? क्या शिक्षकों के स्थांनातरण नीति के अनुसार किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? स्थानांतरण नीति की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थांनांतरण आदेश से कितने विद्यालय एक शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन हो गये हैं? सिवनी, छपारा,एवं लखनादौन विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) सिवनी, छपारा एवं लखनादौन विकासखण्ड में हायर सेकेण्ड्री, हाई स्कूल, माध्यमिक शाला एवं प्राथमिक शालाओं में कितने-कितने शिक्षक पदस्थ है? विद्यालयवार, विषयवार जानकारी दें। (घ) क्या सिवनी,छपारा व लखनादौन विकासखण्ड के माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान शिक्षक,संस्कृत शिक्षक एवं हिन्दी विषय के शिक्षकों को अतिशेष माना गया है? यदि हाँ, तो क्या एक शिक्षकीय शाला के शिक्षकों को भी अतिशेष माना है? (ड.) क्या वर्ष 2018 में तत्कालीन सी.ई.ओ. जिला पंचायत सिवनी श्री स्वरोचिश सोमवंशी द्वारा नीति विरूद्ध शिक्षा विभाग के स्थानांतरण आदिजाति कल्याण विभाग की शालाओं में कर दिये गये थे? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कारण बतावें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। स्थानांतरण नीति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ख) जिलान्तर्गत स्कूल शिक्षा विभाग की शालाओं में स्थानांतरण के कारण कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं हुआ है। जिला सिवनी में आदिम जाति कल्याण विभाग अन्तर्गत छापारा एवं लखनादौन विकासखण्ड में स्थानांतरण/शिकायत/अन्य कारणों से एक शिक्षकीय एवं शिक्षक विहिन शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -तीन अनुसार है। सिवनी विकासखण्ड में स्थानांतरण से कोई शाला शिक्षक विहीन नहीं हुई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार। (घ) जी हाँ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत विषयमान से सेटअप के आधार पर गणना की जाती है। (ड.) जी हाँ। वर्ष 2018 में जिला पंचायत सिवनी द्वारा एक सहायक अध्यापक का स्थानांतरण आदिम जाति कल्याण विभाग में स्कूल शिक्षा विभाग की शाला से किया गया था। इसे कार्यालयीन आदेश क्रमांक 2887, दिनांक 26.11.2018 द्वारा निरस्त किया जा चुका है। प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने पर शाखा लिपिक श्री बी.पी.सनोडिया सहा.ग्रेड-1, श्री डी.के.यादव सहा.ग्रेड-1 एवं श्री तुषार सुखदेव सहा.ग्रेड-3 को निलंबित किया गया है। इनमें से श्री डी.के.यादव सहा.ग्रेड-1 की मृत्यु दिनांक 19.10.2020 को चुकी है।
वित्तीय अनियमितता के दोषियों के विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
62. ( क्र. 1731 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सिवनी अंतर्गत विभाग के कहाँ-कहाँ, कितने-कितने सीटर के आश्रम/छात्रावास संचालित हैं तथा निवासरत छात्र/छात्राओं को क्या-क्या सुविधा मुहैया कराई जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2017-18 से अप्रैल 2020 तक छात्र/छात्राओं को सुविधा मुहैया कराने हेतु आश्रम/छात्रावासों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? आश्रमवार/छात्रावासवार वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार छात्रावासों/आश्रमों को आवंटित राशि का उपयोग किस-किस रूप में किया गया? छात्रावास/आश्रम में छात्र/छात्राओं को सुविधा मुहैया कराने हेतु सामग्री क्रय करने पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? आश्रमवार/छात्रावासवार कितनी-कितनी राशि नगद एवं चैक से भुगतान की गई? आश्रमवार/छात्रावासवार वर्षवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या आश्रम/छात्रावासों द्वारा क्रय सामग्री का भुगतान चैक/नेफ्ट/आर.टी.जी.एस. से करने के शासन के निर्देश थे? यदि हाँ, तो छात्रावास/आश्रम द्वारा नगद भुगतान करने पर जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग जिला सिवनी द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु किन-किन दिनांकों को पत्र लिखा गया? पत्र क्र. एवं दिनांक से अवगत करावें। यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्या नगद भुगतान जिला अधिकारी की सहमति से किया गया?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा आश्रम संचालित नहीं हैं। सिवनी जिले में संचालित छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' पर है। छात्रावास में निवासरत विद्यार्थियों के नि:शुल्क आवास, मेस सुविधा, खेलकूद सामग्री, पुस्तकालय, पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में कोचिंग व्यवस्था आदि सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' पर है। (घ) जी हाँ। भुगतान रेखांकित चैक के माध्यम से किये जाने के निर्देश हैं। छात्रावास अधीक्षकों द्वारा नगद भुगतान करने पर सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, जिला सिवनी द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु पत्र नहीं लिखा गया है परन्तु विभिन्न समीक्षा बैठकों में नियमानुसार व्यय/भुगतान करने की समीक्षा की गयी है। छात्रावास अधीक्षकों द्वारा शिष्यवृत्ति मद से क्रय की जाने वाली किराना सामग्री, सब्जियां एवं पुस्तक, पत्र पत्रिकाओं का क्रय एवं आकस्मिक मद से क्रय सामग्री की राशि का भुगतान चैक/नकद दोनो माध्यमों से किया गया है।
वन अधिकार अधिनियम के तहत वन भूमि के पट्टे
[जनजातीय कार्य]
63. ( क्र. 1733 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिला के बहोरीबंद-रीठी एवं ढीमरखेड़ा तहसील में कितने व्यक्तिगत दावे प्राप्त हुए कितने मान्य एवं कितने अमान्य किये गये? ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दावे किन कारणों से अमान्य किये गये? अमान्य दावेदारों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अमान्य-आवेदनों में से किस-किस ने कब-कब कहां अपील की एवं उन अपीलों पर क्या पुनर्विचार हुआ? सूची देवें। (घ) वन अधिकार-अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) में वर्णित वन-भूमि पर धारा 3 (1) में वर्णित प्रयोजन क्या है? इसके द्वारा किस प्रकार से सामुदायिक दावे पर पट्टे दिये जा सकते हैं। इसके द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तहसील में कितने -कितने सामुदयिक दावे मान्य एवं कितने अमान्य किए गये? (ड.) क्या शासन उल्लेखित तहसीलों में वन-अधिकार पट्टों से वंचित लोगों की पुनः जांच कराकर अतिक्रमणकारियों/दावेदारों को पट्टे प्रदान करने तथा जिन्हें वन-अधिकार पट्टे प्राप्त हो चुके हैं, उन पट्टों को राजस्व-अभिलेख में दर्ज कर पट्टेधारकों को ऋण-पुस्तिका प्रदान करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब-तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) कटनी जिला के बहोरीबंद-रीठी एवं ढीमरखेड़ा तहसील अन्तर्गत प्राप्त हुये व्यक्तिगत दावे एवं उनमें से मान्य एवं अमान्य किये गये दावों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अमान्य दावेदारों की कारणवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अमान्य - आवेदनों में से कटनी जिले अन्तर्गत अपील नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 2 (घ) में ''वनभूमि'' से किसी वन क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली किसी प्रकार की भूमि अभिप्रेत है और उसके अन्तर्गत अवर्गीकृत वन, असीमांकित विद्यमान वन या समझे गए वन, संरक्षित वन, आरक्षित वन, अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान भी है। अधिनियम की धारा 3 (1) में वर्णित प्रायोजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तहसील में मान्य/अमान्य किये गये सामुदायिक दावो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है। (ड.) पूर्व के निरस्त दावों का पुनः परीक्षण एम.पी. वनमित्र पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। वन अधिकार पत्र धारकों के अभिलेख वन विभाग द्वारा संधारित किये जा रहे हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर जिले में पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता
[चिकित्सा शिक्षा]
64. ( क्र. 1738 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2020-21 में कौन-कौन सी संस्थाओं द्वारा पैरामेडिकल कॉलेज की मान्यता हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है? सभी संस्थाओं के पैरामेडिकल कौंसिल में प्रस्तुत आवेदन की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन आवेदित संस्थाओं के स्वामित्व तथा प्रबंधन में कौन-कौन से अस्पताल हैं व उनकी बिस्तर क्षमता कितनी-कितनी है? सभी की सूची उपलब्ध करावें। (ग) जबलपुर जिले में वर्ष 2019-20 में कौन-कौन से पैरामेडिकल कॉलेज संचालित थे तथा उनके स्वामित्व तथा प्रबंधन में कौन-कौन से अस्पताल थे? उक्त अस्पतालों की बिस्तर क्षमता कितनी कितनी थी व बिस्तर क्षमता को किस अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया गया था? संस्थावार, अस्पतालवार बतावें। (घ) क्या जबलपुर जिले में वर्ष 2019-20 की मान्यता हेतु आवेदित संस्थाओं का निरीक्षण/सत्यापन जिला स्तर की कमेटी द्वारा कराया गया था? यदि हाँ, तो कमेटी में कौन-कौन से व्यक्ति शामिल थे एवं उनके द्वारा प्रत्येक संस्था हेतु की गयी अनुशंसा की विवरण उपलब्ध करावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2020-21 में पैरा मेडिकल की मान्यता के लिये प्राप्त आवेदन की सूची तथा उससे संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
वन अपराधों की जानकारी
[वन]
65. ( क्र. 1787 ) श्री अनिल जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन परिक्षेत्र निवाड़ी एवं ओरछा अन्तर्गत दिनांक 01 जुलाई 2020 से विभिन्न अपराधों में पकड़े गये वाहनों की जानकारी की गई कार्यवाही के विवरण सहित दी जावे। इनमें से राजसात किये गये एवं छोड़ दिये गये वाहनों की जानकारी कारण सहित पृथक से दी जावे। (ख) वन परिक्षेत्र ओरछा में अवैध उत्खन्न एवं अवैध कटाई के दर्ज प्रकरणों की जानकारी सहित बतावें कि ओरछा पृथ्वीपुर मार्ग पर चन्द्रपुरा सब रेंज में आंधी तूफान से गिरे वृक्षों की संख्या एवं लकड़ी की गोलाई एवं मोटाई एवं लम्बाई की जानकारी तथा डिपो में भण्डारित की गई लकड़ी की समान जानकारी विवरण सहित देवें। (ग) दिनांक 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक वन भूमि पर अतिक्रमण के कितने अपराध किन-किन पर कायम किये गये? संख्या विवरण एवं प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (घ) वन परिक्षेत्र निवाड़ी के पृथ्वीपुर सब रेंज की वन भूमि में होकर किन-किन टेलीकॉम कम्पनी की लाईनें किन अधिकारियों की अनुमति से बिछवाई गई? अनुमति के पत्र क्रमांक, दिनांक सहित जानकारी दी जावे।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वनमंडल टीकमगढ़ अंतर्गत वन परिक्षेत्र निवाड़ी एवं ओरछा अंतर्गत दिनांक 01 जुलाई, 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न वन अपराधों में पकड़े गये वाहनों एवं राजसात/अभिसंधानित किये गये वाहनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। ओरछा-पृथ्वीपुर मार्ग पर चन्द्रपुरा सबरेंज में आंधी-तूफान से गिरे वृक्षों की संख्या, लकड़ी की गोलाई, मोटाई एवं लम्बाई तथा डिपो में भंडारित की गई लकड़ी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
मण्डला जिले में वनभूमि के समीप संचालित डोलोमाइट खदानें
[वन]
66. ( क्र. 1795 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनभूमियों के समीप खनिजों की खदानों के संचालन की अनुमति देने के क्या नियम हैं? वनभूमि से कितनी दूरी में खदानों के संचालन की अनुमति देने नियम हैं? (ख) मण्डला जिले के मोहगांव प्रोजेक्ट अंतर्गत वन परिक्षेत्र अंजनियाँ, पूर्व सामान्य वनमंडल मण्डला के जगमण्डल परिक्षेत्र अंजनियाँ एवं पश्चिम सामान्य वनमंडल मण्डला के वन परिक्षेत्र बम्हनी अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन सी डोलोमाइट खदानें वर्तमान में संचालित हैं एवं प्रत्येक के संचालन हेतु अनापत्ति कब कब प्रदान की गई है? खदानों के निरीक्षण के लिए क्या नियम निर्धारित हैं? उपरोक्त खदानों का निरीक्षण कब-कब एवं किन-किन के द्वारा किया गया एवं निरीक्षण रिपोर्ट में क्या पाया गया? (ग) क्या विगत कई वर्षों से खदानों का निरीक्षण नहीं किया गया है, जिसके कारण वर्तमान में अनेक खदानों के द्वारा वनभूमियों में उत्खनन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इसे रोकने के लिए सम्बंधित वन परिक्षेत्रों द्वारा डोलोमाइट खदानों का पुनः सीमांकन कराया जाएगा? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में सीमांकन कराया जाएगा? (घ) मोहगांव प्रोजेक्ट मण्डला में वर्तमान में डी.एम. के पद पर जबलपुर संभाग की जगह सिवनी संभाग के अधिकारी को पदस्थ किया गया है? किस नियम के तहत अन्य संभाग के अधिकारी की पदस्थापना की गई है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वन भूमियों के समीप खनिजों की खदानों की अनुमति हेतु वनक्षेत्र की सीमा से 250 मीटर की अधिक दूरी होने की स्थिति में क्षेत्रीय वन मण्डलाधिकारी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु अधिकृत है। खदान के वन सीमा से 250 मीटर के भीतर के स्थिति में संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा उपरान्त अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के नियम है। इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्र../एफ 5/16/81/10-3 दिनांक 07.10.2002 एवं सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्र क्र. एफ-19-71/2012/1/4 दिनांक 31.07.2012 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) वर्तमान में संचालित डोलोमाइट खदान की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा पत्र दिनांक 15.10.1999 से जारी की गई है। स्वीकृत खदान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। खदानों के निरीक्षण के संबंध में पृथक से कोई नियम नहीं बनाये गये हैं। खदानों के किये गये निरीक्षणों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) वर्तमान में मोहगांव परियोजना मंडल में डी.एम. का पद रिक्त होने के कारण डी.एम. के पद पर पदस्थापना का निर्णय प्रबंधन द्वारा प्रशासनिक आधार पर लिया गया है।
वन भूमि पर काबिज हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
67. ( क्र. 1797 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत वन मंडल क्षेत्र विदिशा में 10 वर्षों से भी अधिक समय से काबिज वन भूमि पर कृषि कार्य कर अपना एवं अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले कितने हितग्राही हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के क्रम में 10 वर्षों से भी अधिक समय से वन भूमि पर काबिज सभी हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र (पट्टे) प्रदान किये गये? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों को पट्टे दिये गये एवं कितने हितग्राहियों को अभी तक पट्टे प्रदान नहीं किये गये? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या शासन शीघ्र ही सभी पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार प्रमाण पत्र प्रदान कर आये दिन वन कर्मियों की प्रताड़ना का शिकार होने वाले हितग्राहियों को राहत प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विदिशा जिले में सामान्य वन मण्डल विदिशा अन्तर्गत 10 वर्षों से अधिक समय से वन भूमि पर काबिज कृषि कार्य करने वाले अतिक्रमणकारियों के 2937 प्रकरण पंजीबद्ध है। (ख) जी नहीं। सामान्य वन मण्डल विदिशा अन्तर्गत 13/12/2005 तक वनभूमि पर काबिज सभी 1405 पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र (पट्टे) दिये गये एवं 1532 अपात्र हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग को 13/12/2005 तक वनभूमि पर काबिज होने के अभिलेख, प्रमाण एवं अन्य परम्परागत वन निवासियों के द्वारा 75 वर्ष से वन भूमि पर काबिज होने संबंधी साक्ष्य न पाये जाने एवं साक्ष्य से संबंधित अभिलेख प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण शेष हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र प्रदान नहीं किये गये। (ग) संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनायें के पत्र क्रमांक 352 - 353 दिनांक 1.05.2019 द्वारा जिला कलेक्टर्स को निर्देश जारी किये गये है कि वन अधिकार अधिनियम के तहत निरस्त/अमान्य किये गये दावेदारों को आगामी आदेश तक बेदखल न किया जाये। पत्र की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति वर्ग की कल्याण योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
68. ( क्र. 1800 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण हेतु विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक योजनाओं के लिए कितनी-कितनी राशि विदिशा जिले को आंवटित की गई है। योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत विदिशा जिले में कौन-कौन से ग्रामों का चयन किया गया है? विकासखण्डवार चयनित ग्रामों की जानकारी उपलब्ध करावें एवं चयन के मापदण्डों के नियम/निर्देश/आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में चयनित ग्रामों में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से किस दिनांक को स्वीकृत किये गये हैं? कार्यों का निरीक्षण कौन-कौन से अधिकारियों ने कब-कब किया है तथा कार्यों की गुणवत्ता कैसी पाई गई? चयनित ग्रामों में निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुये तो कब तक कर दिए जावेंगे? चयनित ग्रामों की विकास योजना क्या-क्या है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में 1 अप्रैल 2018 से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गए हैं एवं हितग्राहियों को लाभान्वित किया है? योजनावार, हितग्राही संख्या एवं राशि सहित बतलावें। (ङ) क्या निर्माण कार्य स्वीकृति के भ्रष्टाचार एवं कार्य गुणवत्ताविहीन होने की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शिकायतकर्ता के नाम, विवरण सहित जानकारी देवें एवं शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विदिशा जिले में संचालित विद्यालयों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
69. ( क्र. 1801 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में प्रश्नांकित दिनांक तक संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हाई सेकेण्डरी स्कूलों में किन-किन विद्यालयों के भवन हैं? कितने विद्यालय भवन विहीन हैं एवं किन-किन विद्यालयों में कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद रिक्त हैं तथा शैक्षिणक तथा गैर-शैक्षिणक स्टॉफ एवं अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं? विद्यालयवार, विकासखण्डवार एवं जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में कितने स्कूल शिक्षक विहीन हैं? कितने स्कूलों में विषय के मान से शिक्षक पदस्थ नहीं है तथा किन-किन शिक्षकों का अटैचमेंट किन-किन विद्यालयों में एवं कार्यालयों में किया गया है एवं किसके आदेश से किया गया है? रिक्त पदों की पदपूर्ति की कार्यवाही कब तक की जावेगी? क्या नियम विरूद्ध अटैचमेंट किये गये हैं? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध अटैचमेंट कब-तक समाप्त कर दिये जावेंगे? इसके लिए दोषी कौन है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में सी.एम. राईज योजनांतर्गत कौन-कौन से स्कूल प्रस्तावित हैं? उसमें से कौन-कौन से विद्यालयों का चयन किया गया है? चयन के क्या नियम/निर्देश/परिपत्र हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं इसके अंतर्गत क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जावेंगी? नियम निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले में कौन-कौन से विद्यालयों के भवन स्वीकृत होने के बाद भी भवन निर्माण कार्य अप्रारंभ व अपूर्ण हैं? स्वीकृत वर्ष राशि, निर्माण एजेन्सी सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 1142/एस.आर.जे./2020, दिनांक 08/12/2020 एवं 1200/एस.आर.जे./2020 दिनांक 23/12/2020 जिला शिक्षा अधिकारी को प्राप्त हुए? इन पर क्या कार्यवाही की गई? जाँच किसके द्वारा करवाई गई तथा जाँच के क्या निष्कर्ष निकले? प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। यदि कोई दोषी पाया गया है? तो उन पर क्या कार्यवाही की गई तथा कृत कार्यवाही से कब अवगत कराया गया?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर शैक्षणिक/गैर शैक्षणिक स्टॉफ के स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर एवं अतिथि शिक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। उच्च माध्यमिक शिक्षक/माध्यमिक शिक्षक की भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है। प्राथमिक शिक्षक की पात्रता परीक्षा का आयोजन निकट भविष्य में संभावित है। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी नहीं, अपितु शैक्षणिक कार्य सुचारू रूप से संचालित करने हेतु व्यवस्था की गई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सी.एम. राइज सर्व संसाधन सम्पन्न स्कूलों की स्थापना की योजना की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 पर है। (ड.) विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सिरोंज को जांच सौंपी गई है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
चैनलिंक फेंसिग की स्वीकृति
[वन]
70. ( क्र. 1804 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1257, दिनांक 12 जुलाई 2019 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि वन्यप्राणियों से फसल हानि रोकने के लिये नरसिंहगढ़ अभयारण्य की सीमा पर तींजबडली श्री हनुमान मंदिर से कोटरा तक 10 कि.मी. 9 फीट ऊंचाई की चैनलिंक फेंसिग का प्लॉन स्टीमेट एवं प्रस्ताव तैयार किये जाने की कार्यवाही वन मण्डल राजगढ़ से प्रचलित है, तो क्या उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उपरोक्तानुसार वन्यप्राणियों से फसल हानि की रोकथाम हेतु प्लान अनुसार चैनलिंक फेंसिंग कार्य की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वनमंडल राजगढ़ द्वारा वन्यप्राणियों से फसल नुकसानी को बचाने के लिये नरसिंहगढ़ अभयारण्य की सीमा पर तींजबडली श्री हनुमान मंदिर से कोटरा तक आवश्यक स्थानों पर 6 किलो मीटर तक चैनलिंक फेंसिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, इसके अतिरिक्त नरसिंहगढ़ अभयारण्य से 500 चीतलों को गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ने हेतु आदेश दिनांक 31 अगस्त 2020 को जारी किया गया है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार आवश्यक स्थानों पर चैनलिंक फेंसिंग का कार्य किया जा चुका है तथा चीतलों की संख्या सीमित की गई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन क्षेत्र में आरामशीन लगाये जाने के प्रावधान
[वन]
71. ( क्र. 1805 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा संरक्षित एवं आरक्षित वन क्षेत्र ( वन अभयारण्य सहित ) अंतर्गत आरा मशीन, लगाये जाने के क्या प्रावधान है तथा उक्त मशीनों की वन सीमा से कितनी दूरी होना अनिवार्य है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत किन-किन स्थानों पर आरा मशीन, का संचालन कब-कब से किया जा रहा है एवं विगत तीन वर्षों में उक्त संचालित मशीनों का विभाग के किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया, जिसमें क्या-क्या कमियां पाई गई तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब-कब की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या संरक्षित एवं आरक्षित वन क्षेत्र के प्रतिबंधित क्षेत्र में आरामशीन का संचालन किया जा रहा है तथा आरामशीन संचालकों द्वारा परिवहन कर लकड़ी लाई जाकर व्यापार किया जा रहा है, जो कि वन अधिनियम के विरूद्ध है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक नियम विरूद्ध संचालित मशीन संचालकों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक उपरोक्तानुसार मशीनों की जाँच कर कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 26 फरवरी, 2019 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक/एफ 30-04-2002-दस-3 के अनुसार वन तथा पर्यावरण को संरक्षित तथा सुरक्षित रखने के लिये नगर पालिका निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत तथा विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के क्षेत्रों को छोड़कर आरक्षित या संरक्षित वनों की सीमा के बाहर 10 कि.मी. से अधिक दूरी पर आरामशीन लगाये जाने का प्रावधान है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ग) संरक्षित एवं आरक्षित वन क्षेत्र के आसपास के नियमानुसार प्रतिबंधित क्षेत्र में आरामशीन का संचालन नहीं किया जा रहा है। यदि किसी आरामशीन संचालक द्वारा आरामशीन का संचालन नियमानुसार नहीं किया जाता है तो उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है।
अतिथि शिक्षकों को मानदेय का भुगतान
[जनजातीय कार्य]
72. ( क्र. 1809 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले में किन-किन विकास खंडों में विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अतिथि शिक्षकों को एक मुश्त 10 माह का मानदेय विगत 3 वर्षों में दिया गया? (ख) उक्त अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान वाले बिल संलग्न दस्तावेजों सहित छायाप्रति देवें। इनकी पास-बुक की छायाप्रति भी देवें। (ग) उक्त अतिथि शिक्षकों के उपस्थिति सत्यापन संबंधी दस्तावेजों की छायाप्रति देवें। (घ) उक्त अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान हेतु डी.ई.ओ. कार्यालय को प्राप्त स्कूल प्राचार्य संकुल प्रभारी के पत्र की छायाप्रति देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वर्ष 2019-20 में 29 अतिथि शिक्षकों का केवल झिरन्या विकासखण्ड में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा एक मुश्त 10 माह का मानदेय भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। बैंक पास-बुक व्यक्तिगत अभिलेख होने के कारण दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) आदिम जाति कल्याण विभाग के अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति संकुल प्राचार्यों द्वारा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को दी जाती है। विभाग के अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति जिला शिक्षा कार्यालय को संकुल प्राचार्यों द्वारा नहीं दी जाती है। अत: विभागीय स्कूल प्राचार्य संकुल प्रभारी द्वारा डी.ई.ओ. कार्यालय को पत्र प्रेषित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना में अशासकीय शालाओं की स्थिति
[स्कूल शिक्षा]
73. ( क्र. 1822 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से विकासखण्ड शिक्षा सबलगढ़ जिला मुरैना में कितनी अशासकीय हायर सेकेण्डरी, हाई स्कूल, माध्यमिक एवं प्राथमिक शालाएं संचालित थीं? उन शालाओं के नाम, स्थान से अवगत करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शालाएं बंद कर दी गई हैं? यदि हाँ, तो बंद होने के कारण बताया जावे व उनके स्थान पर छात्र/छात्राओं के भविष्य को देखते हुए क्या शिक्षण कार्य की व्यवस्था कर दी गई है? यदि हाँ, तो उससे अवगत करावें। (ग) यदि हाँ, तो उन गांवों के नाम विकासखण्डवार दिये जावे। बंद शालाओं के स्थान पर कई गांवों में प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक शाला प्रारंभ नहीं की गई है, जो छात्र/छात्राओं के हितों का हनन है। म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कब तक शालाएं प्रारंभ करने की व्यवस्था कर दी जावेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तरांश में अंकित शालाओं में से बंद होने वाली शालाओं की जानकारी एवं कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। बंद हुई शालाओं के स्थान पर नजदीकी शालाओं में छात्रों को प्रवेश दिलाया जाकर शिक्षण कार्य प्रारंभ कराया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो में समाहित है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण आयोग की अनुशंसा
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
74. ( क्र. 1823 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा प्रदेश भ्रमण दौरान विभाग द्वारा देयक लाभान्वित व हितकारी सुविधायें प्रदाय हेतु शासन (विभाग) को अनुशंसा की है। अनुशंसाओं की विस्तार से जानकारी प्रस्तुत करें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में आयोग की अनुशंसाओं के अनुसार क्या सभी सुविधाएं स्वीकृत कर प्रदाय की जा चुकी हैं अथवा शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में शेष सुविधायें हेतु क्या शासन स्तर पर लंबित होकर उनके निराकरण हेतु वर्तमान स्थिति क्या है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष है। (ग) निराकरण की कार्यवाही प्रचलित है।
स्कूलों में विद्यार्थियों की गिरती संख्या
[स्कूल शिक्षा]
75. ( क्र. 1837 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3740 दिनांक 26.07.2019 के संदर्भ में बतावें कि प्राथमिक तथा माध्यमिक विद्यार्थियों की संख्या में 12 से 15 प्रतिशत कमी तथा हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी में 10 से 15 प्रतिशत वृद्धि क्यों हुई? इस विरोधाभास का विस्तृत कारण बतावें। क्या आर्थिक अफरा तफरी के लिये विद्यार्थीयों की संख्या में गोलमाल किया जा रहा है? (ख) आदिवासी क्षेत्र में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का स्तर कैसे बनेगा? शासन इस अनुपात को सुधारने हेतु क्या कदम उठा रहा है? (ग) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में शासकीय विद्यालय अनुसार वर्ष 2010-11 से 2020-21 तक कक्षा 1 से 12 तक (जैसी कक्षा लागू हो) का नामांकन बतावें तथा प्राथमिक माध्यमिक में वितरीत गणवेश, पुस्तकें तथा मध्यान्ह भोजन एवं 9 से 12 में वितरित सायकल एवं पुस्तकों की संख्या तथा खर्च राशि बतावें एवं कक्षा 10वीं तथा 12वीं का स्कूल तथा वर्ष अनुसार परिणाम प्रतिशत बतावें (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावें कि वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक प्रति विद्यार्थी पुस्तक, गणवेश तथा सायकल का खर्च क्या है तथा स्पष्ट करें कि उत्तर में दी गयी (परिशिष्ट - 3) हजार, लाख या करोड़ में है?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्न क्रं- 3740 के संदर्भ में धार जिले के शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या में 08 से 10 प्रतिशत कमी का मुख्य कारण निजी विद्यालयों में छात्रों का प्रवेश होना तथा 0 से 6 आयु समूह के बच्चों की संख्या में कमी होना है। हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में छात्र संख्या में कमी/वृद्धि कई कारणों से हो सकती है, परन्तु प्रमुख रूप से शासकीय शालाओं में दर्ज संख्या की कमी/वृद्धि संबंधित वर्ष के परीक्षा परिणाम पर निर्भर करता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) एक शाला एक परिसर योजना प्रारंभ की गई है। प्रत्येक आदिवासी विकासखण्डों में सर्व-सुविधायुक्त विशिष्ट विद्यालय (एकलव्य आर्दश विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर, मॉडल स्कूल) संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें विद्यार्थियों को आवासीय सुविधाओं के साथ आधुनिक शिक्षा प्रणाली, स्मार्ट क्लास, विशेष कोचिंग आदि की व्यवस्था की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। आलौच्य वर्ष में कक्षा 09 एवं 10 के लिये पाठ्य पुस्तक की औसत राशि रू. 595.00 एवं कक्षा 11वीं से 12वीं की राशि रू. 1100.00 प्रति विद्यार्थी व्यय है। कक्षा 10वीं से 12वीं का परीक्षा परिणाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
पी.एम.टी. के माध्यम से निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
76. ( क्र. 1838 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के संज्ञान में है कि निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में पी.एम.टी. के माध्यम से वर्ष 2007 तक भर्ती में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है तथा वर्ष 2012 तथा वर्ष 2011 में इसी संदर्भ में सी.बी.आई. ने निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के मालिक को आरोपी भी बनाया है? यदि हाँ, तो शेष वर्ष के फर्जीवाड़े को लेकर क्या एस.टी.एफ. प्रकरण दर्ज करने का पत्र लिखा जायेगा? (ख) क्या यह संज्ञान में है कि अपील अथॉरिटी ए.एफ.आर.सी. ने प्रश्नांश (क) के फर्जीवाड़े को लेकर 2010 से 2013 में 741 कुल प्रवेश के 48 प्रतिशत फर्जी पाये जिसे लेकर उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्या विभाग ने शीघ्र सुनवाई हेतु आवेदन पेश किया है? यदि हाँ, तो कब? (ग) बतावें कि पी.एम.टी. 2011 तथा 2012 में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में फर्जीवाड़े को संचालनालय चिकित्सा शिक्षा जिनके सुपरविजन में प्रक्रिया हुई, क्यों नहीं पकड़ पाई। (घ) पी.एम.टी. से 2007 से 2013 में चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश हेतु 30 सितम्बर को इंकार करने वाले विद्यार्थी के नाम, पिता का नाम, पता, महाविद्यालय का नाम, पी.एम.टी. अनुक्रमांक प्राप्तांक सहित सूची देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्ष 2007 तक भर्ती संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालय के मालिक को आरोपी बनाये जाने संबंधी जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में माह जनवरी 2021 में वकालतनामा प्रस्तुत किया जा चुका है। प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय में सुनवाई की अगली तिथि 25.03.2021 नियत है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण सी.बी.आई./एस.टी.एफ. में विवेचनाधीन है। (घ) वर्ष 2007 से 2013 तक प्रवेश संबंधी जाँच सी.बी.आई./एस.टी.एफ. में विवेचनाधीन है।
मॉडल स्कूल खोलने के मापदण्ड
[स्कूल शिक्षा]
77. ( क्र. 1840 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक विकासखण्ड में मॉडल स्कूल खोले गए हैं, मॉडल स्कूल खोले जाने के क्या मापदण्ड/नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में उज्जैन जिले के किस-किस विकासखण्ड में मॉडल स्कूल खोले गए हैं? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिन विकासखण्डों में मॉडल स्कूल नहीं खोले गए हैं, उन विकासखण्डों में मॉडल स्कूल प्रांरभ करने की शासन की क्या योजना है? (घ) बड़नगर विकासखण्ड में मॉडल स्कूल कब तक स्वीकृत किया जावेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन 201 शैक्षिक रूप से पिछड़े विकासखण्डों में से मॉडल स्कूल संचालित है। भारत सरकार द्वारा शैक्षिक रूप से पिछड़े विकासखण्डों में मॉडल स्कूल वर्ष 2009-10 में स्वीकृत किये गये हैं। नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' पर है। (ख) प्रश्नाधीन जिले में घट्टिया, खाचरौद, महिदपुर और उज्जैन में मॉडल स्कूल संचालित है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) उत्तरांश 'ग' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों में अनाज का वितरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
78. ( क्र. 1842 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कोरोना काल में उज्जैन जिले के कितने छात्रावासों में खाद्य आपूर्ति विभाग से कौन-कौन से अनाज कब-कब आए और उसके लिए विभाग द्वारा कितना चेक कर किस-किस कंट्रोल को दिया गया? (ख) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग के उज्जैन स्थित सभी छात्रावासों में कोरोना संक्रमण को देखते हुए अनाज वितरण किया गया था? यदि हाँ, तो अनाज छात्रावास के कितने बालकों को वितरित किया गया? कितनी मात्रा में अनाज प्राप्त हुआ था एवं कितना वर्तमान में शेष है? प्रति छात्रावासवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में कितने बालकों को और बालिकाओं को कोरोना काल में छात्रावास की ओर से क्या-क्या अनाज किन-किन योजनाओं में, कब-कब दिया गया? प्राप्त आवंटन, प्राप्त स्वीकृति, प्राप्त वितरण की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या कोरोना काल में सभी छात्रावास बंद थे? हाँ तो मार्च 2020 के प्रश्न दिनांक कितनी राशि कब-कब छात्रावास के खाते में आई और उसका उपयोग क्या-क्या किया गया? पूर्ण जानकारी प्रति छात्रावासवार उपलब्ध कराएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) कोरोना काल में उज्जैन जिले में 20 अनुसूचित जाति छात्रावासों में अधीक्षकों द्वारा खाद्य आपूर्ति विभाग से गेहूं एवं चावल क्रय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। अधीक्षक द्वारा उसकी संबंधित कंट्रोल को चेक कर भुगतान किया गया है। (ख) जी नहीं। किसी भी अनुसूचित जाति छात्रावास के बालक/बालिकाओं को अनाज वितरित नहीं किया गया। छात्रावासों में प्राप्त अनाज और शेष अनाज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति के किसी भी छात्रावास में किसी भी योजनान्तर्गत बालक/बालिकाओं को अनाज वितरण नहीं किया गया। क्रय खाद्यान्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मार्च 2020 से अद्यतन तक अनुसूचित जाति छात्रावास बंद है। वर्ष 2020-21 हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की राशि आहरण कर छात्रावासों को नहीं दी गई है।
अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास योजना के तहत किये गये कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
79. ( क्र. 1846 ) श्री राकेश गिरि : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम 2018 लागू किये गये हैं? यदि हाँ, तो इन नियमों के लागू होने के पश्चात टीकमगढ़ जिले के लिये वर्षवार कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधानसभा क्षेत्र 43-टीकमगढ़ में विकास कार्यों के लिये वर्ष 2019-20 में 43 टीकमगढ़ विधायक द्वारा विकास कार्यों के कौन-कौन से प्रस्ताव दिये गये थे? सूची दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार दिये गये प्रस्तावों में से कौन-कौन से विकास कार्य स्वीकृत किये गये? कार्यों का विवरण लागत राशि सहित बतायें। यदि कार्य स्वीकृत नहीं किये गए हैं तो कारण बतायें। इसके लिये दोषी अधिकारी पर कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या वर्ष 2019-20 में जिले को आवंटित राशि किसी एक विधानसभा क्षेत्र अथवा 43 टीकमगढ़ को छोड़कर अन्य विधानसभाओं में व्यय की गई है? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी पर कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? प्रश्नांश (ख) में दिये गये प्रस्तावों अनुसार कार्य कब तक स्वीकृत किये जायेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित कार्यों के प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति दिनांक 13.03.2020 को प्राप्त होने से वित्तीय वर्ष 2019-20 की समाप्ति तथा कोविड 19 के कारण जिला स्तरीय समिति की बैठक उक्त दिनांक के पश्चात नहीं हो सकी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। सभी विधानसभा क्षेत्रों में कार्य स्वीकृत किये गये हैं। स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित प्रस्ताव पर विभागीय निर्देश दिनांक 10.02.2021 के अनुसार प्रक्रियाधीन है।
शासकीय सेवकों के विरुद्ध अपराधिक शिकायतों पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
80. ( क्र. 1852 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में नीमच जिले में पदस्थ शासकीय सेवकों के विरुद्ध अपराधिक प्रकरणों में संलिप्तता की कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं और किन-किन शिकायतों में आपराधिक प्रकरणों में संलिप्तता होने की पुष्टि पाई गई है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में जांच सम्पन्न उपरान्त कितने शासकीय सेवकों के दोषी पाये जाने के बावजूद भी उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित है? नाम एवं पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में लंबित कार्यवाही कब तक पूर्ण कर दोषी शासकीय सेवकों को दण्डित किया जाएगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्री जीतेश सागर, उ.मा.शि. रेवली देवली, नीमच एवं श्री नीतेश सागर, सहायक ग्रेड-2, उ.मा.वि, चीताखेड़ा, नीमच के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण क्रमांक- 2703/2016 में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी नीमच के द्वारा दिनांक 11-02-2020 को पारित निर्णय से अधिरोपित 6-6 माह के सश्रम कारावास तथा 100-100 रूपये अर्थदंड की सजा को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के निर्णय दिनांक 16-12-2020 से यथावत रखा गया है। उक्त दोनों कर्मचारियों का कृत्य आचरण नियमों के प्रतिकूल होने से इनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 11.02.2020 को पारित निर्णय के क्रम में तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्री कंवरलाल बामनिया, मूलपद प्राचार्य, उ.मा.वि. द्वारा यथासमय यथोचित कार्यवाही नहीं करने से श्री बामनिया के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु संचालनालय लोक शिक्षण के पत्र दिनांक 19.02.2021 से कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार कार्यवाही की जा रही है। प्रतिवाद प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
81. ( क्र. 1853 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनायें संचालित हैं? क्या किसानों के सिंचाई हेतु विभाग द्वारा विद्युतीय कार्य किये जाते हैं? यह भी बतायें कि वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले में किस-किस योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? योजनावार, विकासखण्डवार, कार्यवार हितग्राहियों का संख्यात्मक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले में विभाग की विद्युतीकरण योजनान्तर्गत कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए और कितने आवेदनों का निराकरण किया गया? विकासखंडवार प्राप्त आवेदन किए गए निराकरण, प्रक्रियाधीन तथा निराकरण हेतु शेष आवेदन की संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अनुसूचित जनजाति के विद्युतीकरण योजना से विभाग द्वारा हीलाहवाली कर हितग्राहियों को लाभान्वित ना किये जाने के लिए जिला स्तर पर कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारियों के ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति वर्ग के उत्थान के लिये हितग्राही मूलक योजनायें की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले में विद्युतीकरण योजना अंतर्गत आवंटित राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। योजनावार, विकासखण्डवार, कार्यवार हितग्राहियों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) विद्युतीकरण योजनांतर्गत 176 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुये हैं। 37 आवेदनों का निराकरण किया गया। विकासखण्डवार प्राप्त आवेदनों के निराकरण, प्रक्रियाधीन तथा निराकरण हेतु शेष आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग की योजनाओं में कृषकों को लाभान्वित किया जाना
[पशुपालन एवं डेयरी]
82. ( क्र. 1854 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन में पशुपालन एवं डेयरी विकास के लिए विभाग की क्या-क्या योजना है? योजना में किस-किस वर्ग को किस रूप में लाभान्वित किया जा सकता है? शासन के निर्देश, आदेश की प्रति देवें। (ख) पशुपालन में कृषकों को किस रूप में सहयोग किया जा सकता है? प्रदेश सहित उज्जैन जिले में विभाग की क्या-क्या योजनाएं वर्तमान में संचालित हैं? कृषकों को क्या-क्या सुविधाएं दी जा सकती हैं? (ग) पशुपालन के लिए भारत शासन का क्या सहयोग, अनुदान और मध्यम व सभी स्तर के कृषकों का स्तर ऊँचा करने के लिए क्या प्रयास हो रहे हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) पशुपालन एवं डेयरी विकास के लिऐ संचालित हितग्राहीमूलक योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) पशुपालन में कृषकों को विभाग द्वारा संचालित विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं से लाभान्वित करने के साथ-साथ पशुओं के उपचार, टीककरण, कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण आदि गतिविधियों के माध्यम से सहयोग किया जा सकता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) पशुपालन के लिऐ भारत शासन द्वारा संचालित केन्द्र प्रवर्तित एवं केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं के माध्यम से कृषकों का स्तर ऊँचा करने के लिऐ प्रयास किए जा रहे हैं। केन्द्र प्रवर्तित एवं केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
किसानों की भूमि पर वन विभाग का कब्जा
[वन]
83. ( क्र. 1857 ) श्री बाला बच्चन, श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्रं.286 दिनांक 29/02/2016 के (ख) उत्तर अनुसार गुना जिले की 6476.38 हेक्टेयर, शिवपुरी जिले की 4418.89 हेक्टेयर, अशोकनगर जिले की 2505.68 हेक्टेयर भूमि एवं सागर जिले की 1602.689 हेक्टेयर भूमि किसानों को मुआवजा दिए बिना वन विभाग ने कब्जा कर रखी है, इन किसानों के नाम, भूमि रकबा सहित जिलावार देवें। यदि भूमि किसानों के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति की भी हो तो उपरोक्तानुसार जानकारी देवें। (ख) क्या यह भूमि किसान/अन्य व्यक्ति को वापस दी जाएगी या इसका मुआवजा दिया जाएगा? कब तक विभाग इन किसानों को मुआवजा राशि वितरित करेगा? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? (घ) अब तक मुआवजा राशि वितरित न होने के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम एवं बिना मुआवजा दिए भूमि पर कब्जा करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांकित जिलों की भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 में अधिसूचित वनखण्डों में शामिल निजी भू-स्वामियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) निजी भू-स्वामियों की वनखण्डों में शामिल भूमियों का भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 से अधिसूचित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा धारा-5 से 19 तक की वन व्यवस्थापन की अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया के तहत भूमि का मुआवजा अथवा वनखण्ड के बाहर करने का विनिश्चयन की कार्यवाही की जाती है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में किसी भी अधिकारी के जिम्मेदार होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
डेयरियों को शासन द्वारा दिया गया अनुदान
[पशुपालन एवं डेयरी]
84. ( क्र. 1865 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितनी डेयरियां संचालित है? कितनी डेयरियों को शासन द्वारा कब-कब कितना अनुदान दिया गया? दिनांक 01.01.16 से 31.12.2020 के संदर्भ में डेयरी नाम, अनुदान राशि सहित विधानसभावार देवें। (ख) ड़ेयरी में कार्यरत कर्मचारियों का पी.एफ. जमा क्यों नहीं करवाया जाता है? डेयरी का नाम, कर्मचारी संख्या, पी.एफ. कटौत्रे की जानकारी विधानसभावार देवें। (ग) दिनांक 01.01.2019 से 31.01.2021 तक उज्जैन जिले के अधिकारियों ने इन डेयरियों का कब-कब निरीक्षण किया? अधिकारी नाम, निरीक्षण दिनांक, निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति सहित देवें। (घ) उपरोक्त (ग) अनुसार जिन मामलों में अनियमितता पाई गई उनमें की गई कार्यवाही की प्रकरणवार जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) उज्जैन जिले में उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित, उज्जैन का प्लांट कार्यरत है। उज्जैन दुग्ध संघ दक्षिण विधान सभा उज्जैन के अंतर्गत आता है। उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित, उज्जैन को दिनांक 01.01.2016 से दिनांक 31.12.2020 तक शासन से निम्नानुसार अनुदान प्राप्त हुआ है।
क्र. |
वर्ष |
विवरण |
राशि (लाख में) |
1 |
2016-17 |
सिंहस्थ हेतु |
469.00 |
2 |
2018-19 |
मिल्क फोर्टीफिकेशन |
02.00 |
3 |
2018-19 |
बायलर हेतु |
251.00 |
4 |
2019-20 |
- |
- |
(ख) डेयरी में कुल 117 नियमित कर्मचारी कार्यरत है। जिनके पी.एफ. का नियमित भुगतान जमा कराया जा रहा है। माह जनवरी 2021 की जमा पी.एफ. की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफ.एफ.एस.आय.) द्वारा दिनांक 24 एवं 25 सितम्बर 2020 को निरीक्षण किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) उपरोक्त (ग) अनुसार किये गये निरीक्षण में कोई अनियमितताएं नहीं पायी गयी।
किसानों की भूमि पर कब्जे की कार्यवाही
[वन]
85. ( क्र. 1872 ) श्री सुनील सराफ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 286 दिनांक 29/02/2016 के (ख) उत्तर अनुसार शहडोल की 2637.50 हेक्टेयर, अनूपपुर की 1392.17 हेक्टर, उमरिया की 970.85 हेक्टेयर भूमि किसानों को मुआवजा दिए बिना वन विभाग ने कब्जा कर रखा है? इन किसानों के नाम, भूमि रकबा सहित इन तीनों जिले के बारे में जिलावार देवें। (ख) क्या यह भूमि किसानों को वापस दी जाएगी या इसका मुआवजा दिया जाएगा? समय-सीमा देवें। (ग) यदि नहीं, तो क्यों? (घ) बिना मुआवजा दिए किसानों की भूमि पर कब्जा करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांकित जिलों की भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 में अधिसूचित वनखण्डों में शामिल निजी भू-स्वामियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) निजी भू-स्वामियों की वनखण्डों में शामिल भूमियों का भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 से अधिसूचित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा धारा-5 से 19 तक की वन व्यवस्थापन की अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया के तहत भूमि का मुआवजा अथवा वनखण्ड के बाहर करने का विनिश्चयन की कार्यवाही की जाती है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी भी अधिकारी के जिम्मेदार होने का प्रश्न की उपस्थित नहीं होता।
उच्च माध्यमिक शिक्षक को प्राचार्य पद का प्रभार
[जनजातीय कार्य]
86. ( क्र. 1885 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या उच्च माध्यमिक शिक्षक का पद द्वितीय श्रेणी राजपत्रित घोषित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या किसी विद्यालय में प्राचार्य का पद रिक्त होने पर उसी संस्था में उच्च माध्यमिक शिक्षक कार्यरत होने पर क्या अन्य संस्था के प्राचार्य या व्याख्याता को प्रभार सौंपा जाता है? यदि हाँ, तो क्यों और यदि नहीं, तो क्या इस बाबत् कोई स्पष्ट पत्र विभाग से जारी किया गया है? पत्र की जानकारी देवें। (ग) क्या विभाग द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक की वरिष्ठता सूची जारी की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक जारी होगी और किस अधिकारी स्तर से सूची जारी की जाना है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। संस्थान के सुचारू रूप से संचालन की दृष्टि से स्थानीय व्यवस्था के तहत अनुभवी एवं वरिष्ठ को प्रभार सौंपा जाता है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वरिष्ठता सूची आयुक्त आदिवासी विकास स्तर से जारी किया जाना है।
गौ-माता पर लगाया गया कर
[पशुपालन एवं डेयरी]
87. ( क्र. 1886 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार गाय पर सेस लगाने जा रही है? अगर लगा रही है, तो क्यों? क्या इससे पूर्व कभी गौ-माता के लिए किसी सरकार ने कर लगाया है? (ख) अगर गाय के ऊपर सेस लगाया जा रहा है तो कितना और यह पैसा कहां खर्च होगा? (ग) शासकीय जमीन पर निजी गौ-शाला जो अनुदान प्राप्त है, क्या इन्हें हटाये जाने का प्रावधान है? यदि है तो क्यों? (घ) नयागांव नीमच में आर.टी.ओ. चेक पोस्ट पर गौ-वध नियंत्रण हेतु स्थापित 15 वर्ष पुराना श्री सांवरिया महावीर गौरक्षा केन्द्र को जिसे जिला प्रशासन द्वारा तोड़ा जा रहा है के आदेश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो क्यों एवं उसी स्थान पर अन्य निर्माण जैसे शासकीय विद्यालय, निजी भवन के विरूद्ध भी इसी तरह की कार्यवाही करने का प्रावधान है तो क्यों? (ड.) करोड़ों रूपए के निर्माण कार्य को एवं श्रद्धालुओं की आस्था गौ-रक्षा केन्द्र प्रदेश का नहीं बल्कि देश का प्रथम गौ-रक्षा केन्द्र है, जिसे तत्कालीन परिवहन आयुक्त श्री एन.के. त्रिपाठी, गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री मेघराज जैन, परिवहन मंत्री हिम्मत कोठारी जी की सहमति से निर्मित किया गया था? गौ-रक्षा केन्द्र के विरूद्ध इस तरह की कार्यवाही क्यों की जा रही है? (च) नयागांव नीमच में आर.टी.ओ. चेक पोस्ट पर गौ-वध नियंत्रण हेतु स्थापित 15 वर्ष पुराना श्री सांवरिया महावीर गौरक्षा केन्द्र को परिवहन विभाग को क्यों नहीं सौंपा जा रहा है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। इसके पूर्व मध्यप्रदेश की सरकार ने गौवंश पर कर नहीं लगाया हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ग) शासकीय भूमि पर किसी भी प्रकार के अवैधानिक अतिक्रमण पर भू-राजस्व संहिता अंतर्गत प्रावधान निहित हैं। (घ) तहसीलदार, तहसील जावद, जिला नीमच के पत्र क्रमांक 164, जावद, दिनांक 12 फरवरी 2021 के अनुसार नयागांव नीमच में आर.टी.ओ. चेक पोस्ट के समीप स्थापित सांवरिया महावीर गौरक्षा केन्द्र को जिला प्रशासन द्वारा तोड़ा नहीं जा रहा हैं बल्कि ग्राम नयागांव, तहसील जावद, जिला नीमच स्थित शासकीय भूमि खसरा न. 1890, मि-2, रकबा 2.508 के अंश रकबा 2.00 हैं, में समिति सदस्यों द्वारा किऐ गये अवैधानिक अतिक्रमण से न्यायालय, तहसीलदार जावद के राजस्व प्रकरण क्रमांक 135/अ-68/2019-20 आदेश दिनांक 17-02-2020 द्वारा बेदखली आदेश पारित कर शासकीय भूमि रिक्त किए जाने हेतु आदेश जारी किया गया हैं। शासकीय भूमि पर किसी भी प्रकार के अवैधानिक अतिक्रमण पर धारा 248, म.प्र.भू. राजस्व संहिता 1959/2018 अंतर्गत प्रावधान निहित हैं। (ड.) सांवरिया महावीर गौरक्षा केन्द्र गौ-शाला पूर्ववत् संचालित है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (च) सांवरिया महावीर गौरक्षा केन्द्र का संचालन स्वयं सेवी संस्था द्वारा किया जा रहा है। जो पंजीकृत है एवं गौ-शाला को नियमित रूप से जिला गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन समिति के माध्यम से आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है। गौ-शाला का संचालन स्वयं सेवी संस्था के द्वारा किया जा रहा है। अन्य किसी विभाग को सौंपे जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
सांची दुग्ध संघ में श्रमिकों की भर्ती
[पशुपालन एवं डेयरी]
88. ( क्र. 1887 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांची दुग्ध संघ में श्रमिकों को नियुक्ति के क्या प्रावधान है? श्रमिकों की अर्हताएं क्या रखी गयी हैं? कितने श्रमिक कार्यरत है एवं कितने नियमित किये गये हैं? संख्या एवं उनका वेतन आदि सहित बतायें। (ख) क्या सांची दुग्ध संघ के श्रमिकों को ठेकेदारी प्रथा के तहत रखा जाता है? यदि हाँ, तो क्यों? उनके वेतन भत्ते आदि भी ठेकेदार द्वारा ही प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? यदि ऐसा है तो क्यों? (ग) सांची दुग्ध संघ में श्रमिकों की भर्ती सीधे तौर पर की जाती है? यदि की गई तो किस वर्ष में की गई है? यदि नहीं, की जाती है तो क्यों? (घ) क्या सांची दुग्ध संघ में ठेकेदार प्रथा खत्म किये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ड.) क्या कोई ऐसी योजना है कि ठेकेदारी प्रथा खत्म कर उन्हीं श्रमिक कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) सहकारी दुग्ध संघ में श्रमिकों की आपूर्ति श्रमिक ठेकेदार के माध्यम से कार्य की आवश्यकतानुसार संबंधित दुग्ध संघ द्वारा की जाती है। श्रमिकों की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। श्रमायुक्त म.प्र. द्वारा श्रमिकों के श्रेणीकरण यथा अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्च कुशल के लिये निर्धारित अर्हताओं के अनुरूप श्रमिक ठेकेदार द्वारा दुग्ध संघों में जनशक्ति प्रदाय की जाती है, जिनका पारिश्रमिक श्रमायुक्त, म.प्र. शासन, इंदौर द्वारा समय-समय पर घोषित दर के अनुरूप मानव दिवस के आधार पर भुगतान किया जाता है। नियमितीकरण नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। कार्य की आवश्यकता तथा उत्पादन एवं बाजार मांग अनुसार श्रमिकों की संख्या परिवर्तनीय है। श्रमिक ठेका की निविदा में निहित शर्तों के अनुरूप नियोजित श्रमिकों को श्रमायुक्त, म.प्र. शासन द्वारा समय-समय पर घोषित दर पर ठेकेदार द्वारा भुगतान किया जाता है। (ग) जी नहीं। दुग्ध संघ में श्रमिक ठेका प्रथा कई वर्षों से प्रचलन में है। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। प्रदेश के सहकारी दुग्ध संघ के सेवा नियमों में ठेका श्रमिकों के नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल में गैस पीड़ितों के इलाज की जानकारी
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
89. ( क्र. 1888 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गैस पीड़ित कैंसर मरीजों का इलाज जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल ने बंद कर दिया है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? (ख) जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल द्वारा गैस पीड़ित कैंसर मरीजों का इलाज बन्द कर दिए जाने के कारण क्या गैस राहत विभाग द्वारा किसी अन्य अस्पतालों से अनुबंध किया गया है? यदि हाँ, तो उन अस्पतालों का नाम बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) गैस पीड़ित कैंसर मरीजों को समुचित उपचार न मिलने के कारण कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो किस-किस पर? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल भोपाल में इलाज निरंतर जारी है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अन्य किसी से अनुबंध की आवश्यकता नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में स्थिति स्पष्ट की गई है। अत: शेष पर प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन भूमि पर अतिक्रमण
[वन]
90. ( क्र. 1902 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला टीकमगढ़ वन मंडल अधिकारी टीकमगढ़ के वन परीक्षेत्र अधिकारी ओरछा रेंज अंतर्गत सब रेंज कोटी गुलेदा (वन क्षेत्र) के रिजर्व वन क्षेत्र कक्ष क्रमांक 156, 157, 158 में अतिक्रमण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त अतिक्रमण कब से है? क्या उक्त क्षेत्र में अवैध नलकूप खनन है। यदि हाँ, तो नलकूप किसके द्वारा खनन किए हुए हैं? उक्त व्यक्तियों के नाम उल्लेख करें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त वन क्षेत्र में अवैध कृषि की जा रही है? यदि हाँ, तो किन-किन व्यक्तियों द्वारा? उल्लेख करें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अंतर्गत क्या अवैध तरीके से किए जा रहे कार्य को शासन बंद किए जाने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) क्या शासन सक्षम अधिकारी द्वारा अवैध तरीके से कार्य करने वाले व्यक्तियों पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त अतिक्रमण वर्ष 2016-17 से है। उक्त क्षेत्र में अवैध नलकूप खनन श्री रामस्वरूप यादव, निवासी-कोटी द्वारा किया गया है। विस्तृत जानकारी परिशिष्ट में संलग्न है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के अनुसार सबरेंज कोटी कुलेंदा के रिजर्व वनक्षेत्र कक्ष क्रमांक 156, 157, 158 में श्री रामस्वरूप यादव, श्री संतोष यादव एवं श्री ज्ञानसिंह यादव, निवासी-कोटी द्वारा 10.380 हेक्टेयर वनभूमि पर अवैध कृषि की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अंतर्गत वनक्षेत्र में अवैध तरीके से किये जा रहे कार्य को बंद करने हेतु विभाग द्वारा निम्नानुसार कार्यवाही की गई हैः- (1) कक्ष क्र. 156 एवं 158 में अतिक्रामक रामस्वरूप यादव, निवासी-कोटी को वनभूमि से अतिक्रमण हटाने हेतु निर्धारित प्रक्रिया अनुसार भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 80 (अ) के अंतर्गत नियमानुसार बेदखली का नोटिस जारी कर वन मंडलाधिकारी, टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक/मा.चि./2018/369 दिनांक 25.01.2018 से बेदखली आदेश जारी किया गया था। अतिक्रामक द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में अतिक्रमण बेदखली के विरूद्ध रिट प्रिटिशन क्रमांक 20725/18 दायर की गई, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिनांक 21.12.2018 को स्थगन आदेश पारित किया गया कि अतिक्रमण बेदखली के संबंध में यथास्थिति बनाई रखी जावे। वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। (2) कक्ष क्रमांक 157 में श्री संतोष यादव एवं श्री ज्ञान सिंह यादव, निवासी-कोटी का अतिक्रमण है, जिनके विरूद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक 444/03 दिनांक 08.01.2021 जारी है। प्रकरण में विवेचना जारी है, विवेचना के उपरान्त नियमानुसार बेदखली की कार्यवाही की जावेगी। (ङ) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पांचवी अनुसूची का अनुपालन
[जनजातीय कार्य]
91. ( क्र. 1911 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के 89 ट्राईबल ब्लाकों में संविधान के अनुच्छेद 224 (1) पांचवीं अनुसूची कानून एवं पेसा एक्ट 1996 का अनुपालन नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो विधिसम्मत कारण बताएं। यदि नहीं, तो पांचवी अनुसूची एवं पैसा एक्ट के किन-किन प्रावधानों का कितना भाग किस क्षेत्र में कब से पालन किया जा रहा है? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) पेसा अधिनियम 1996 के 4 (ण) के तहत अनुसूचित क्षेत्र के लिए क्या प्रावधान है? इसका अनुपालन नहीं होने का विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) संविधान के अनुच्छेद 243 (ड.) एवं 243 (यघ) में अनुसूचित क्षेत्र के लिए क्या प्रावधान है? इसका अनुपालन नहीं होने का विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) विधानसभा प्रश्न क्र. 96 (ख) से (घ) उत्तर दिनांक 22/09/2020 की जानकारी प्रश्न दिनांक तक भी प्रस्तुत नहीं किए जाने का क्या कारण है? कब तक जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदिवासी और संवैधानिक नियम
[जनजातीय कार्य]
92. ( क्र. 1912 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति ''आदिवासी'' जनजाति, अनुसूचित जनजाति शब्द का संविधान या किस प्रचलित कानून में क्या परिभाषा दी गयी है या किस रूप में उल्लेखित है? संविधान या किस प्रचलित कानून में उक्त चारों शब्द किन प्रावधानों के तहत क्या समानार्थी हैं अथवा अलग-अलग? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) क्या ''आदिम जाति कल्याण विभाग'' का नाम बदलकर ''जनजाती कार्य विभाग'' किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग का नाम संविधान के किस अनुच्छेद या प्रचलित कानून के तहत किन कारणों से बदला गया? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ग) वनवासी शब्द का संविधान के किस अनुच्छेद या किस प्रचलित कानून में उल्लेख किया गया है? प्रति सहित बताएं। आदिवासियों या जनजातियों को राज्य में वनवासी संबोधित करने का क्या कारण है? ऐसा किस प्रावधान के अनुसार किया जा रहा है? (घ) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 578 उत्तर दिनांक 30.12.2020 की जानकारी प्रश्न दिनांक तक भी प्रस्तुत नहीं किए जाने का क्या कारण है? कब तक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय योजनाओं के लिए स्वीकृत राशि
[जनजातीय कार्य]
93. ( क्र. 1925 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग जिला अशोकनगर में जिला संयोजक श्री विवेक नागवंशी की पदस्थापना कब की गई? श्री नागवंशी की पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक जिला अशोकनगर के लिए कितनी-कितनी राशि किन-किन योजनाओं के लिए स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत सम्पूर्ण राशि का उपयोग कहाँ-कहाँ किस प्रकार किया गया? (ग) प्रश्नांश अनुसार विभागीय योजनाओं का लाभ पृथक-पृथक योजनावार कितने हितग्राहियों को दिया गया? सूची उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) श्री विवेक नागवंशी की पदस्थापना जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण, अशोकनगर के पद पर दिनांक 13.07.2018 को की गई। श्री नागवंशी की पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक अशोकनगर जिले को विभागीय योजनाओं में प्राप्त आवंटन एवं स्वीकृत राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) स्वीकृत राशि का उपयोग, कहाँ-कहाँ एवं किस प्रकार का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
शासन एवं मान. न्यायालय के आदेशों की अवहेलना
[वन]
94. ( क्र. 1940 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर अनुभाग में उप वनमण्डलाधिकारी छतरपुर में विगत 3 वर्ष 8 माह से अधिक समय से छतरपुर में पदस्थ हैं? इनके द्वारा माननीय न्यायालय में वाहनों के राजसात की सूचना देने के बावजूद कितने वाहनों को अभिसंधानित कर निजी स्वार्थवश विधि विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन इनके विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या विभागीय भुगतान हेतु शासन के साप्ताहिक भुगतान के निर्देश हैं? कार्यालय उप वनमण्डलाधिकारी छतरपुर में विगत 3 वर्ष में कब तक प्रमाणक प्राप्त हुये तथा कब तक भुगतान भेजा गया? दिनांकवार विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) से क्या गरीब मजदूरों के विलम्ब के लिये शासन के निर्देशों का पालन नहीं किये जाने के लिये जिम्मेदार उप वनमण्डलाधिकारी छतरपुर के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वन अपराध में जप्त वाहनों की वन परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा परिक्षेत्र स्तर पर जाँच उपरांत प्रकरणों को उप वनमण्डल कार्यालय छतरपुर में प्रस्तुत किया गया, जिन पर परिक्षेत्राधिकारियों द्वारा की गई अनुशंसा एवं उप वनमण्डलाधिकारी छतरपुर द्वारा नियम/निर्देशों का भलीभांति परीक्षण कर जाँच उपरांत वाहनों में नियमानुसार अभिसंधान की कार्यवाही की गई जिसमें 24 वाहन निर्मुक्त किये गये हैं। भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 (4) के प्रावधानों के तहत प्राधिकृत अधिकारी को वन अपराध में जप्त सम्पत्ति के अधिहरण की कार्यवाही किये जाने के बारे में सूचना अधिकारिता रखने वाले न्यायालय के मजिस्ट्रेट को विहित प्रारूप में दिये जाने का प्रावधान है, जिससे कि माननीय न्यायालय को धारा 52 ग के प्रावधानों के तहत सम्पत्ति को कब्जे, परिदान, व्यय या वितरण के विषय में आदेश जारी करने की अधिकारिता को वर्जित करती है। उक्त प्रावधानों के तहत अधिकारिता रखने वाले न्यायालय को सूचना दी गई, जो नियमानुकूल है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासन के निर्देशों का पालन करते हुये समय से प्रमाणक भुगतान हेतु कोषालय को भेजे गये हैं। जिन प्रमाणकों में कोषालय द्वारा आपत्ति ली गई है, के निराकरण उपरांत भुगतान किया गया है। अत: उप वनमण्डलाधिकारी छतरपुर के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
माध्यमिक शाला निपानिया का हाई स्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
95. ( क्र. 1951 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 2391 दिनांक 26.07.2019 प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया गया कि वर्ष 2019-20 में माध्यमिक से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूलों के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तो क्या प्रक्रिया पूर्ण हो गई है? विवरण दें? (ख) विधान सभा प्रश्न 174 (क्र.2030) दिनांक 23 दिसम्बर 2019 के प्रश्न (ग) के उत्तर में वर्ष 2019-20 में शाला उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, बताई गई है? उन्नयन की प्रक्रिया कब तक पूर्ण हो जायेगी? (ग) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 5 (क्र.18) दिनांक 22.09.2020 के प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के उत्तर में बताया गया है कि शासकीय माध्यमिक शाला निपानिया मापदण्ड की पूर्ति करती है तो निपानिया को कब तक हाई स्कूल की स्वीकृति प्रदान की जायेगी तथा भीकमपुर, सिमरोल, बरखेड़ा, जावरा, नायन, शासकीय माध्यमिक शाला विद्यालय क्रमांक 2 खाचरौद, मेहतवास उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्डों में कौन-कौन से मापदण्डों की पूर्ति नहीं करते हैं? प्रत्येक स्कूलवार पृथक-पृथक विवरण दें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। (ख) बजट प्रावधान एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) शासकीय माध्यमिक शाला निपानिया हेतु स्वीकृति बजट प्रावधान एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्कूल शिक्षा विभाग में अनुकम्पा नियुक्तियां न होना
[स्कूल शिक्षा]
96. ( क्र. 1952 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति देने के क्या नियम हैं? उज्जैन जिले में जनवरी 2015 से 1 फरवरी 2021 तक कितने-कितने अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं, कितनों को नियुक्ति प्रदान कर दी है? कितने प्रकरण लम्बित हैं? कितने प्रकरण निरस्त कर दिए हैं? लम्बित रखने व निरस्ती के कारण सहित क्षेत्रवार सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या अनुकम्पा नियुक्ति मानवीय आधार पर मृतक कर्मचारी, शिक्षक/अध्यापक के आश्रित को देने का प्रावधान है, तो फिर प्रशिक्षित डी.एड., बी.एड. का प्रावधान क्यों नहीं है और 2015 से प्रकरण लम्बित क्यों है? लंबित रखने वालों पर क्या कार्यवाही की जा रही है? लम्बित आवेदनों पर कब तक नियुक्ति प्रदान कर दी जाएगी? (ग) क्या शिक्षा विभाग में शिक्षक/सहा.शिक्षक/अध्यापक आदि की मृत्यु पर आश्रित को संविदा शिक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो क्या यह नियम प्रचलित है? यदि नहीं, तो नवीन नियम क्या है? कृषि भूमि व परिवार में शासकीय नौकरी जैसे जटिल नियम क्यों? प्रश्नांश (क) अनुसार मृतक के आश्रितों को शासन व विभाग कब तक अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी 3-12/ 2013/1/3 भोपाल दिनांक 29 सितम्बर 2014 अनुसार अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है। अनुकंपा नियुक्ति सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर दी जाती है। शिक्षक संवर्ग हेतु प्रशिक्षित डी.एड., बी.एड एवं पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। यह एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) शासकीय सेवक की सेवाकाल में मृत्यु होने पर म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी 3-12/2013/1/3 भोपाल दिनांक 29 सितम्बर 2014 की कंडिका 5.1 अनुसार अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। अध्यापक संवर्ग के दिवंगत कर्मचारियों के लिये म.प्र.शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपत्र क्रमाक/2-11/ 05/22/पं./दिनांक 01.04.2010 के अनुसार संविदा शाला शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। विभाग के पत्र क्रमाक एफ 1-10/2021/20-1 दिनांक 01.02.2021 द्वारा भी अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ये परिपत्र सुस्पष्ट है और इनमें जटिलता नहीं है। अनुकंपा नियुक्ति एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अश्व प्रजनन इकाई प्रारम्भ करने एवं पशु औषधालय का उन्नयन किया जाना
[पशुपालन एवं डेयरी]
97. ( क्र. 1960 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड खिलचीपुर एवं जीरापुर, जिला राजगढ़ में अश्व प्रजनन इकाई प्रारम्भ करने के संबंध में विभाग में प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उसकी वर्तमान स्थिति क्या है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या खिलचीपुर विधान सभा में पशु औषधालय से पशु चिकित्सालय में उन्नयन के संबंध में कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कौन सी संस्थाओं के उन्नयन का प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन स्तर पर नवीन पशु औषधालय खोलने हेतु विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या प्रावधान और मापदण्ड तय किये गए हैं? खिलचीपुर विधान सभा के अंतर्गत किन स्थानों पर पशु औषधालय खोलना प्रस्तावित है? (ग) इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कब और क्या पत्राचार किया गया है एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। योजना अनुमोदित नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
इको पार्क स्थापित किया जाना
[वन]
98. ( क्र. 1972 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में पर्यटकों, आम नागरिकों हेतु विभाग के कितने इको पार्क, पार्क एवं पर्यटक स्थल हैं? (ख) क्या विभाग की सागर जिले अंतर्गत अन्य वन क्षेत्रों में इको पार्क, पार्क एवं पर्यटक स्थल स्थापित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या नरयावली विधान सभा क्षेत्र स्थित वन क्षेत्र के उत्तर वन मण्डल एवं दक्षिण वन मण्डल या अन्य वन मण्डल में इको पार्क, पार्क एवं पर्यटक स्थल स्थापित है तथा वर्तमान में स्थापित इको पार्क संचालित है? (घ) क्या नरयावली विधान सभा क्षेत्र स्थित वन क्षेत्र दक्षिण वन मण्डल सिरोजा में सिद्ध क्षेत्र को पर्यटक स्थल इको पार्क स्थापित करने की विभाग की कोई योजना/प्राक्कलन तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो इस सिद्ध क्षेत्र को कब तक इको पार्क/पर्यटक क्षेत्र के लिए विकसित किया जायेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) सागर जिले में पर्यटकों, आम नागरिकों हेतु विभाग के 01 ईको पार्क, 01 पार्क तथा 04 पर्यटक स्थल निर्मित हैं। (ख) जी हाँ। सागर जिले में घोषित मनोरंजन क्षेत्र में ईको पर्यटन गतिविधियों हेतु राशि स्वीकृति की जानकारी निम्नानुसार है :-
वनमंडल |
स्थल |
स्वीकृत राशि (रूपये) |
उत्तर सागर |
सिद्धधाम स्थल कनैरा गौड़ |
19.10 लाख |
दक्षिण सागर |
पथरिया |
38.25 लाख |
रमना |
44.75 लाख |
(ग) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वनमंडल दक्षिण सागर में ईको पार्क पथरिया स्थल स्थापित है जो वर्तमान में संचालित है। (घ) जी नहीं।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे शासकीय सेवा की प्राप्ति
[जनजातीय कार्य]
99. ( क्र. 1986 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर शासकीय सेवा पाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध छानबीन समिति के समक्ष कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक की स्थिति में विचाराधीन हैं? व्यक्तिवार, विभागवार एवं प्रकरण की संक्षिप्त जानकारी दी जाये। (ख) छानबीन समिति द्वारा दोषी पाये गये कर्मचारियों के विरूद्ध जो अनुशंसायें विगत पाँच वर्षों में विभिन्न शासकीय विभागों को भेजी गई हैं, उसका पालन प्रतिवेदन प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनका पालन समिति के अनुशंसा अनुसार नहीं किया गया हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उद्धत अनुशंसा पालन न किये जाने पर संबंधित विभाग एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों के शासकीय सेवकों के जाँच हेतु कुल लंबित प्रकरणों की संख्या-227। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। यह विभाग का कार्यक्षेत्र नहीं है। (ग) कार्यवाही संबंधित विभाग जिसका अधिकारी/कर्मचारी है, के द्वारा की जाती है। अत: (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
हाई स्कूलों का उन्नयन किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
100. ( क्र. 1996 ) श्री संजय यादव : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत कोहला एवं घाटपिपरिया में संचालित हाईस्कूलों का उन्नयन कर हायर सेकेण्ड्री किये जाने का प्रस्ताव विभाग में लंबित हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करायें एवं किये गये पत्राचार/नस्ती/प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करायें। उक्त स्कूलों का उन्नयन कब तक किया जावेगा? (ख) गत 5 वर्षों में उक्त स्कूलों के कितने छात्र-छात्राओं द्वारा कक्षा 8 एवं कक्षा 10 के बाद पढ़ाई छोड़ दी गई है? वर्षवार, स्कूलवार, छात्र-छात्राओं वार पृथक सूची देंवें। छात्र-छात्राओं के पढाई छोड़ने के मुख्य कारण क्या हैं? (ग) बरगी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने शाला भवनों की जर्जर स्थिति है? खेल मैदान नहीं है? बाउन्ड्रीवाल नहीं है? पृथक-पृथक सूची देवें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन शालाएं निर्धारित मापदण्ड अनुसार न होने से उन्नयन हेतु प्रस्तावित नहीं की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कक्षा 8वीं के एवं 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ने वाले छात्र-छात्राओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। पढ़ाई छोड़ने का मुख्य कारण परिवारों की कमजोर आर्थिक स्थिति, विद्यार्थियों का फेल होना एवं पढ़ाई में मन न लगना है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
लॉकडाउन अवधि में फीस वसूली
[स्कूल शिक्षा]
101. ( क्र. 2011 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन अवधि में निजी विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों से शिक्षण व अन्य शुल्क लिये जाने के संबंध में शासन द्वारा क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) शासन के पास लॉकडाउन अवधि में निजी विद्यालयों द्वारा जबरन फीस वसूलने की कितनी शिकायतें आई तथा उन शिकायतों के आधार पर कितने विद्यालयों पर कार्यवाही की गई? सूची देवें। (ग) इन्दौर संभाग अन्तर्गत शासकीय विद्यालयों में अलग-अलग कक्षा 1 से 12 तक नामांकन की वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक की वर्षवार संख्या बताएं तथा प्रति वर्ष में शासकीय विद्यालयों में किस-किस कक्षाओं में कितने प्रतिशत की कमी अथवा वृद्धि हुई? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित वर्ष में शासकीय विद्यालयों में वर्षवार कक्षा अनुसार वितरित मध्यान्न भोजन गणवेश पुस्तकें तथा साईकिल की संख्या बताएं।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। (ग) कक्षा 1 से 8 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं कक्षा 9 से 12 तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार। (घ) कक्षा 1 से 8 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। कक्षा 9 से 12 तक वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक शासकीय विद्यालय में कक्षा 9 के छात्रों को वितरित साइकिल का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' तथा वितरित पुस्तकों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पांच'' अनुसार।
विभाग में समयमान वेतनमान दिया जाना
[जनजातीय कार्य]
102. ( क्र. 2069 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग में इंक्रीमेंट की पात्रता कितने माह कार्य करने के बाद आती है? (ख) क्या तृतीय समयमान वेतनमान शिक्षकीय एवं लिपिकीय वर्ग के लिये एक समान रूप से लागू किया गया है? (ग) क्या जी.एम. पराशर प्रधान अध्यापक मा. शाला सिरपुर विकासखण्ड खालवा जिला खंडवा ने विभाग में उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर 1 जुलाई 1979 को कार्यभार ग्रहण किया था तथा प्रधान अध्यापक माध्यमिक शिक्षा सिरपुर से 30 जून 2014 को सेवानिवृत्त हुए इस प्रकार क्या 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर 35 वेतन वृद्धि दी जाना थी? इनके द्वारा 2014 के सत्र में 1 जुलाई 2013 से लेकर 30 जून 2014 तक सेवा की है उसके बाद भी इन्हें जुलाई 2014 में दिये जाने वाली वेतन वृद्धि एवं जुलाई 2014 में दिये गये तृतीय समयमान वेतनमान से भी वंचित किये जाने का क्या कारण है? क्या इस प्रकरण में हाईकोर्ट की लोक अदालत में भी विभाग ने समयमान/वेतनमान देने का समझौता किया है? (घ) समयमान वेतनमान में 2006 का उल्लेख है तो उसे जुलाई 2014 से लागू करने का क्या आधार है? सभी वेतनमान जनवरी माह में दिये जाते रहे फिर तृतीय समयमान वेतनमान जुलाई से देने का क्या आधार है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) 01 जुलाई को 06 माह या अधिक की नियमित सेवा के अपरांत पात्रता आती है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। किन्तु 01 जुलाई को शासकीय सेवा में नहीं होने से अंतिम वार्षिक वेतन वृद्धि देय नहीं होगी। तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान दिनांक 01/07/2014 से प्रभावशील है। श्री जी.एम.पाराशर प्रधान अध्यापक मा.शा. सिरपुर वि.ख. खालवा दिनांक 01/07/2014 को शासकीय सेवा में नहीं थे। अत: तृतीय समयमान वेतनमान हेतु पात्र नहीं थे। जी नहीं, इस प्रकरण में हाई कोर्ट की लोक अदालत में भी विभाग ने समयमान/वेतनमान देने का समझौता नहीं किया है। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक सी-3-04/2018/3/एक दिनांक 29 जून 2018 के अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध की गई पदोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
103. ( क्र. 2070 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री कीर्ति उमर्लिया, ग्रेड-3 माध्यमिक शिक्षा मण्डल, भोपाल को चतुर्थ श्रेणी से ग्रेड-3 के पद पर फर्जी अंकसूची पर पदोन्नति दिये जाने एवं व्यापम के द्वारा सहायक ग्रेड-1 के पद पर हुई सीधी भर्ती में फर्जी अंकसूचियां लगाये जाने पर नियुक्ति आदेश जारी करने की नामजद शिकायत की गई थी? (ख) क्या नियम विरूद्ध की गई पदोन्नति पर तत्कालीन अपर संचालक, वित्त के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 15.10.2014 एवं ग्रेड-1 के पद पर हुई नियुक्ति में फर्जी अंकसूचियों एवं फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों की जानकारी होने के बावजूद दस्तावेजों का सत्यापन किये बिना ही नियुक्ति ओदश जारी किये गये तथा उनको पदोन्नति दी गई? (ग) क्या लोक आयुक्त में शिकायत होने पर तत्कालीन अतिरिक्त सचिव द्वारा कार्यवाही करने के बजाय मिथ्या एवं असत्य पत्र दिनांक 23.11.2017 द्वारा लोक आयुक्त को भेजकर इसका बचाव किया गया? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) सही है तो क्या विभाग श्री कीर्ति उमर्लिया, ग्रेड-3 पर तत्कालीन अपर संचालक वित्त के जाँच प्रतिवेदन एवं वर्तमान अपर संचालक, वित्त की अध्यक्षता में गठित समिति के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा, यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। नामजद शिकायत प्राप्त हुई, किंतु श्री कीर्ति उमर्लिया, सहायक ग्रेड-3 माध्यमिक शिक्षा मण्डल को चतुर्थ श्रेणी से सहायक ग्रेड-3 के पद पर फर्जी अंकसूची पर पदोन्नति ही नहीं दी गई, बल्कि इनकी नियुक्ति सीधी सहायक ग्रेड-3 के पद पर कार्यालयीन आदेश क्र./प्रशा/स्था/ए-2/2332-33/2007 भोपाल दिनांक 08.06.2007 दवारा अनुकम्पा नियुक्ति से प्रदान की गई। (ख) तत्कालीन अपर संचालक वित्त का जाँच प्रतिवेदन दिनांक 15.10.2014 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदोन्नति के संबंध में था। सहायक ग्रेड-1 के पद पर हुई नियुक्ति के समय में मण्डल में सत्यापन नहीं कराया गया। बाद में तत्कालीन सचिव महोदय के आदेश दिनांक 03.04.2014 से संबंधित कार्यालयों से सभी कर्मचारियों के सत्यापन प्रचलन में है। (ग) जी नहीं। दिनांक 23.11.2017 दवारा लोकायुक्त को अभिलेखानुसार वास्तविक स्थिति बताई गई थी जिसमें कोई मिथ्या एवं असत्य जानकारी नहीं दी गई। (घ) उतरांश (क) के संबंध में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता क्योंकि श्री कीर्ति उमर्लिया की चतुर्थ श्रेणी से सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदोन्नति नहीं हुई है। (ख) एवं (ग) के संबंध में उत्तर में स्थिति दर्शायी गई तथा तत्कालीन अपर संचालक वित्त के जाँच प्रतिवेदन पर मार्गदर्शन एवं अभिमत शासन की ओर पत्र क्रमांक 2391 दिनांक 02.07.2015 को भेजा गया था जिसके आधार पर शासन से प्राप्त आदेशानुसार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदोन्नति आदेश को निरस्त किया गया। वर्तमान में अपर संचालक वित्त की अध्यक्षता में इस संबंध में कोई जाँच प्रचलन में नहीं है।
स्कूल बसों में स्कूल मान्यता प्रमाण पत्र जारी करना
[स्कूल शिक्षा]
104. ( क्र. 2072 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा अधिकारी से स्कूल मान्यता प्रमाण पत्र जारी किए बिना स्कूल के नाम पर स्कूल बस खरीदकर स्कूल बस के रूप में पंजीयन किया जा सकता है एवं संपत्ति अर्जित की जा सकती है, यदि हाँ, तो नीति, नियम एवं निर्देशों की प्रति देवें। नहीं तो क्यों नहीं कारण बताएं। (ख) क्या स्कूल मान्यता प्राप्त करने हेतु आवेदन करते समय स्कूल बस स्कूल के नाम से खरीदना आवश्यक होता है, यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें। यदि नहीं, तो दिनांक 30 मार्च 2017 की स्थिति में बड़वानी जिलांतर्गत नवीन मान्यता हेतु कुल कितनी स्कूलों ने आवेदन किया था, जिन्होंने आवेदन करने के साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी से स्कूल मान्यता प्रमाण पत्र जारी किए बिना स्कूल बस खरीद ली, ऐसी स्कूलों की सूची दी जावें। (ग) क्या शिक्षा का अधिकार अधिनियम में बिना स्कूल मान्यता सक्षम अधिकारी से प्राप्त किए बगैर स्कूल का संचालन करना दंडनीय अपराध है, यदि हाँ, तो नियमों की प्रति देवें। यदि नहीं, तो मात्र मान्यता हेतु आवेदन पत्र के आधार पर स्कूल के नाम पर संपत्ति कैसे अर्जित की जा सकती है, नियम एवं प्रावधानों सहित कारण बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के आधार पर दिनांक 30 मार्च 2017 की स्थिति में लोटस वेली स्कूल ओझर, जिला बड़वानी के द्वारा किन नीति, नियमों के तहत स्कूल के नाम पर बस खरीदी गई, संपत्ति अर्जित की गई, उसका स्कूल बस के रूप में पंजीयन इंदौर में करवाया गया, पूरी प्रक्रिया की जानकारी मय दस्तावेजों के प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग के अभिमत के साथ दी जावें, जिससे कि अन्य आवेदकों को भी इस प्रक्रिया का ज्ञान हो सके एवं वे भी बिना स्कूल मान्यता प्रमाण पत्र के स्कूल के नाम से बस खरीदकर उसका उपयोग कर सकें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 तथा नियम, 2011 के तहत प्राइवेट स्कूलों को मान्यता प्रदान करने की जो शर्तें विहित है, उसमें बस खरीदने/उनके पंजीयन जैसी कोई शर्त शामिल नहीं है। (ख) आरटीई एक्ट 2009 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसमें स्कूल मान्यता लेने हेतु बस, वाहन खरीदना आवश्यक हो। शिक्षा का अधिकार अधिनियम अंतर्गत मान्यता एवं बस खरीदी में कोई संबंध नहीं है। अत: ऐसे विद्यालयों जिन्होंने मान्यता से पूर्व बस खरीदी हो, की सूची उपलब्ध नहीं है। (ग) अनिवार्य नि:शुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी/सक्षम अधिकारी से अशासकीय विद्यालय को मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य है तथा बगैर मान्यता प्राप्त किये विद्यालय का संचालन करना आर.टी.ई. एक्ट की धारा-18 अनुसार दण्डनीय अपराध है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय विद्यालय में पेयजल, शौचालय व विद्युत व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
105. ( क्र. 2075 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ऐसे कितने शासकीय विद्यालय है जिनमें पेयजल, शौचालय व विद्युत व्यवस्था नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्या संतोषजनक है? पेयजल के स्त्रोत का भी विवरण दें। (ख) डबरा विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से प्राथमिक, माध्यमिक हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं, जो भवनविहीन हैं या जिनके भवन जीर्णशीर्ण हैं? इन विद्यालयों के भवन बनाये जाने हेतु विभाग की क्या योजना हैं? (ग) डबरा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन विद्यालयों की भूमि पर विद्यालय दर्ज है? विद्यालयों की भूमि पर क्या किसी प्रकार के अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो कब तक अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्राथमिक/माध्यमिक पेयजल विहीन शालाओं में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन अंतर्गत शालाओं में पेयजल व्यवस्था कराई जा रही है। कुल 82 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्युतविहीन शालाओं के लिए विद्युत संयोजन हेतु प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। एक हाईस्कूल जहाँ पेयजल स्त्रोत नहीं हैं वहाँ गांव के हैडंपम्प से परिवहन से पेयजल व्यवस्था की जाती है। (ख) डबरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 08 शासकीय प्राथमिक शाला भवन जीर्ण-शीर्ण है जिन्हें स्वीकृति हेतु वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 में प्रस्तावित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जीर्ण-शीर्ण भवन वाले प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय परिसर में स्थित अन्य शाला भवन/अतिरिक्त कक्ष में संचालित हैं। हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों से संबंधित जानकारी निरंक है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) प्रश्नाधीन विधानसभा अंतर्गत सभी विद्यालयों की भूमि पर विद्यालय दर्ज हैं। प्रश्नाधीन विधानसभा की विद्यालय भूमि पर अतिक्रमण की सूचना नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
गौशालाओं का निर्माण कार्य
[पशुपालन एवं डेयरी]
106. ( क्र. 2076 ) श्री सुरेश राजे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत दो वर्षों में कहाँ-कहाँ कितनी गौशालायें स्वीकृत की गई है? कहाँ-कहाँ कितना निर्माण कार्य कर लिया गया है? (ख) प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशालाओं का कार्य पूर्ण किया जाकर उनका संचालन आरंभ कर दिया गया है? इनमें कितना पशुधन रखा गया है? प्रत्येक गौवंश के लिये चारा, पानी आदि पर कितनी राशि किस मद से व्यय की जा रही है? (ग) क्या विभाग/संचालन एजेंसी के पास गौशालाओं के संचालन के लिये पर्याप्त व नियमित वित्तीय व्यवस्थायें हैं? यदि नहीं, तो कैसे व्यवस्था संचालित की जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) डबरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत, प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 08 गौशालाओं का कार्य पूर्ण हो गया हैं तथा 05 गौशालाओं का संचालन प्रारंभ हो गया हैं। जिसमें 647 गौवंश रखा गया हैं। गौशालाओं में पानी की व्यवस्था हेतु विभागीय मद से बोर की व्यवस्था की गई हैं। गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु रू. 20.00 प्रति गौवंश प्रतिदिवस के मान से विभागीय मद से प्रावधान किया गया हैं। (ग) गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु आर्थिक सहायता प्रदाय करने हेतु राज्य शासन द्वारा बजट उपलब्ध कराया जाता हैं। अन्य व्यवस्थाएं संचालन समिति द्वारा अन्य स्त्रोतों तथा दान में प्राप्त राशि, गोबर खाद, गौमूत्र आदि को विक्रय कर की जाने का प्रावधान है।
दण्डित एवं अपात्र प्राचार्य को डी.पी.सी. पदस्थ किये जाने का मामला
[स्कूल शिक्षा]
107. ( क्र. 2079 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले में डी.पी.सी. के पद पर हाईस्कूल प्राचार्य पदस्थ है? क्या डी.पी.सी. के पद हायरसेकण्डरी स्कूल (10 + 2) के प्राचार्य को पदस्थ करने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या प्रावधान है? नियम की प्रति भी दें। (ख) क्या सागर जिला में योग्य हायर सेकण्डरी स्कूल प्राचार्य है? यदि हाँ, तो कितने हैं? (ग) क्या सागर में पदस्थ डी.पी.सी. को मोकलपुर हाईस्कूल में प्राचार्य पद पर पदस्थी के दौरान, अनुपस्थित महिनों की अपनी वेतन निकालने के जुर्म में आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल ने आदेश क्रमांक 733 दिनांक 14 मार्च 2019 से दो वेतन वृद्धि रोकी एवं अनुपस्थित काल का वेतन वसूलने का आदेश जारी किया था? यदि हाँ, तो राशि कब वसूली गई? कितनी वसूली गई? (घ) अपात्र एवं दोषी ठहराये गये हाईस्कूल प्राचार्य को अनुचित लाभ देकर डी.पी.सी. का प्रभार देने के लिये कौन दोषी है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जिला परियोजना समन्वयक के पद की पूर्ति प्रतिनियुक्ति पर हायर सेकेण्डरी संवर्ग से की जा रही है। जिलों में रिक्त जिला परियोजना समन्वयक का प्रभार जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपे जाने के जिलों को निर्देश है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जी हाँ। सागर जिला अंतर्गत 39 प्राचार्य उमावि. है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (घ) रिक्त जिला परियोजना का प्रभार जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपे जाने के निर्देश को छुपाने के कारण दोषी पाये गये सहायक ग्रेड-3 को कलेक्टर सागर द्वारा आदेश दिनांक 17/02/2021 के माध्यम से निलंबित किया गया। आदेश की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है।
वृक्षारोपण कार्य में भ्रष्टाचार एवं वन भूमि पर अतिक्रमण
[वन]
108. ( क्र. 2080 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला दक्षिण वन मंडल अंतर्गत देवरी तहसील के खतौला ग्राम के समीप वन भूमि किसे, कब, कितने हेक्टेयर पट्टे पर दी गई? यदि नहीं, तो इस भूमि पर कब्जा एवं निर्मित मकान अवैध है कब्जा हटाकर वनभूमि मुक्त क्यों नहीं कराई जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित भूमि पर अवैध कब्जा बनाये रखने के लिए दोषी डी.एफ.ओ. सहित अन्य शासकीय सेवकों पर क्या कार्यवाही होगी? (ग) देवरी तहसील के मुड़ेरी गाँव में करोड़ों रूपये से हुए वृक्षारोपण संबंधी कार्य में घोटाले की जाँच में कौन दोषी पाया गया है? जाँच किसने की? (घ) जब जाँच डी.एफ.ओ. से उच्च अधिकारी ने की है, तक डी.एफ.ओ. किस नियम से दोषी नहीं है? डी.एफ.ओ. सहित किन-किन से धन हानि की वसूली होगी? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) सागर जिला दक्षिण वनमंडल अंतर्गत देवरी तहसील के खतौला ग्राम की भूमि में अधिसूचित खतौला दक्षिण वनखण्ड अंतर्गत वन कक्ष क्रमांक पी. 989 में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत प्रदाय किये गये वनाधिकार हक पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वन कक्ष क्रमांक पी. 989 के अंतर्गत पटवारी हल्का नं. 40 खसरा नं. 153 रकबा 6.02 हेक्टेयर में भूमि स्वामी श्री घनश्याम आत्मज श्री भगवत पाण्डे, ग्राम खतौला राजस्व विभाग द्वारा प्रदाय पट्टा से काबिज है। पी. 989 अंतर्गत अवैध कब्जे एवं मकान से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वन भूमि से कब्जा हटाने के संबंध में वैधानिक कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में दर्शित विवरण अनुसार प्रचलित है। (ख) प्रश्नांश (क) में अवैध कब्जे से संबंधित प्रकरणों में विधि अनुकूल कार्यवाहियां प्रचलित हैं। अतः डी.एफ.ओ. सहित अन्य शासकीय सेवकों पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) देवरी तहसील के ग्राम मुडेरी खसरा नं. 54 एवं कक्ष क्रमांक 1142 सिंगपुर में बीना बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के अंतर्गत कराये गये वृक्षारोपण में पाई गई अनियमितता के संबंध में दोषी अधिकारी/कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उक्त जाँच श्री असीम श्रीवास्तव (भा.व.से.), अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संरक्षण), मध्यप्रदेश, भोपाल के द्वारा की गई है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के ज्ञाप क्रमांक/25/63/92/10/2 दिनांक 16 जून, 1994 से जारी निर्देशानुसार वृक्षारोपण क्षेत्रों में शासन को हुई हानि के संबंध में उप वनमंडलाधिकारी स्तर से वनरक्षक स्तर तक के अधिकारी/कर्मचारियों का ही उत्तरदायित्व निर्धारण किये जाने के निर्देश हैं। अतः डी.एफ.ओ. से धन राशि वसूली प्रस्तावित न होकर शासकीय कार्यों में अपने कर्तव्यों के प्रति बरती गई लापरवाही एवं उदासीनता हेतु डी.एफ.ओ. के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित है। धन हानि की वसूली हेतु अधिकारी/कर्मचारियों की नामवार/पदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
पशुपालन विभाग की योजनाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
109. ( क्र. 2083 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिंगरौली जिलें में पशुपालन एवं डेयरी विभाग के तहत कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? संचालित योजनाओं में से विगत दो वर्षों में किस-किस को क्या-क्या लाभ दिया गया है। (ख) विभाग अंतर्गत सीधी जिले में विकासखण्डवार ग्राम पंचायतों में कहाँ-कहाँ पशु चिकित्सा, पशुधन विकास केन्द्र खोले गये हैं? केन्द्र खोले जाने हेतु कितनी दूरी निर्धारित की गई है? कितने केन्द्र खोले जाने शेष हैं? उक्त केन्द्रों में कहाँ-कहाँ डॉ. पदस्थ हैं? कहां पद रिक्त है, रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) सीधी सिंगरौली जिले में विभाग में विगत दो वर्षों में कितना बजट प्राप्त हुआ एवं कहाँ-कहाँ व्यय किया गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) विभाग अंतर्गत सीधी जिले में विकासखण्डवार ग्राम पंचायतों में कार्यरत विभागीय संस्थाओं एवं रिक्त पदों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। पशु औषधालय का पशु चिकित्सालय में उन्नयन हेतु 16 कि.मी. एवं नवीन पशु औषधालय हेतु 8 कि.मी. की दूरी निर्धारित है पशुधन विकास केन्द्र के नाम से कोई संस्था स्थापित नहीं है। वर्तमान में योजना अनुमोदित नहीं होने से नवीन पशु औषधालयों की स्थापना तथा पशु औषधालय का पशु चिकित्सालय में उन्नयन किया जाना विचाराधीन नहीं है। केन्द्रों में पदस्थ एवं रिक्त संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
छात्र-छात्राओं के नाम से फर्जी छात्रवृत्ति का आहरण किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
110. ( क्र. 2086 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी एवं भिण्ड जिले में वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 से 2018-19 तक अशासकीय एवं शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूलों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति/जनजाति के कितने छात्र-छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई? (ख) क्या जनपद पंचायत, नगरपालिका, शिक्षा विभाग और कियोस्क सेंटर की मिलीभगत से छात्र-छात्राओं के नाम से लॉगिन-पासवर्ड से फर्जी समग्र आई.डी. जनरेट कर कियोस्क के जरिए बैंकों में फर्जी बैंक खाते खुलवाकर करोड़ों रूपये की राशि निकाल ली गई? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 से 2018-19 तक शिवपुरी एवं भिण्ड जिले के अशासकीय/शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल में कितने अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्र/-छात्राओं को कितनी-कितनी राशि वितरित की गई विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या फर्जी छात्रवृत्ति आहरण की जाँच कराकर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) के संबंध में जाँच हेतु जिला कलेक्टर भिण्ड एवं शिवपुरी को संचालनालय के पत्र क्र/समे/वि.स./35/2021/3 दि. 10.02.21 द्वारा निर्देशित किया गया है। कार्यालय कलेक्टर जिला शिवपुरी के पत्र क्र-826 दि. 15.02.2021 एवं कार्यालय कलेक्टर भिण्ड के पत्र क्र 1414 दि 15.02.2021 द्वारा जाँच हेतु समिति का गठन किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार जिला कलेक्टर भिण्ड एवं शिवपुरी से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
वन अधिकार पट्टे का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
111. ( क्र. 2093 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वन अधिकार पट्टा प्रदान करने हेतु क्या पात्रता शर्तें है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत वर्ष 2021 में जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में कितने पात्र हितग्राही है, कितनों को पट्टे प्रदान कर दिए गए है और कितनों को प्रदान किया जाना शेष है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अंतर्गत शेष पट्टे कब तक प्रदान कर दिये जावेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006, मान्यता नियम 2008 एवं संशोधन नियम 2012 की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2021 में जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में मान्य किये गये वन अधिकार पत्रों एवं प्रदान किये गये वन अधिकार पत्रों तथा वितरण हेतु शेष वन अधिकार पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जिला सागर में 69 वन अधिकार पत्र वितरण हेतु शेष है। वन अधिकार अधिनियम 2006 की प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह समारोह के आयोजनकर्ताओं की बकाया राशि का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
112. ( क्र. 2097 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री कन्या विवाह सहायता योजना अंतर्गत धार जिले में वर्ष 2018, 2019, 2020 से प्रश्न दिनांक तक विवाह समारोह आयोजित किये गये थे? यदि हाँ, तो किस-किस दिनांक को, किस-किस स्थान, किस-किस आयोजनकर्ता द्वारा, कितन-कितने जोड़ों का, किस-किस वर्ष में विवाह समारोह आयोजन किया गया? वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में विवाह समारोह के आयोजन के लिये कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है तथा कितनी-कितनी राशि का भुगतान किन-किन कारणों से अभी तक शेष है? (ग) उपरोक्त के तारतम्य में आयोजनकर्ताओं द्वारा विवाह समारोह के आयोजन की राशि का भुगतान न किये जाने को लेकर शिकायतें किस-किस स्तर पर, प्राप्त हुई है उसमें क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में विवाह समारोह आयोजनकर्ताओं की शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत धार जिले में वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल 25 समारोह आयोजित किये गये थे। सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) विवाह समारोह के आयोजन की राशि का भुगतान न किये जाने को लेकर शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिले में आयोजित विवाह समारोह के आयोजनकर्ता एवं संबंधित निकाय को उनकी मांग/शासन नियमानुसार भुगतान किया जा चुका है।
स्कूली बच्चों को प्रदाय की जाने वाली ड्रेस
[स्कूल शिक्षा]
113. ( क्र. 2101 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में वर्ष 2020-21 में स्कूली बच्चों को प्रदाय की जाने वाली ड्रेस की खरीदी प्रक्रिया की जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार देवें। (ख) इसकी टेंडर प्रक्रिया की विज्ञप्ति किन-किन अखबारों में प्रकाशित कराई गई उनकी छायाप्रति देवें। यदि प्रकाशित नहीं कराई गई तो क्यों? (ग) टेंडर प्रक्रिया में चयनित, अचयनित फर्मों की जानकारी भी देवें। (घ) क्या कारण है कि एक ही फर्म को जिले का पूरा कार्य आवंटित किया गया? कब तक इसे निरस्त कर नवीन टेंडर निकाले जाएंगे?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (घ) धार जिले में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं राज्य शहरी आजीविका मिशन के द्वारा गणवेश प्रदाय की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
शासकीय विद्यालय में भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
114. ( क्र. 2106 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2020-21 गुना जिले के राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने विद्यालय हैं, उन विद्यालयों में कितने-कितने, किस-किस वर्गीकरण के शिक्षक, प्राचार्य, प्रभारी प्राचार्य हैं? नाम, पदनाम सहित स्कूलवार पृथक-पृथक बतायें। कितने विद्यालय भवन विहीन हैं? उनके संबंध में क्या कार्ययोजना है? कब तक विद्यालय को भवन प्राप्त हो जायेगा? (ख) कक्षा 9वीं से 12वीं तक के कक्षावार कुल छात्र संख्या जिसमें छात्र एवं छात्रा पृथक-पृथक कक्षावार, विद्यालयवार बतायें? कितने दिव्यांग छात्र हैं तथा किस-किस कक्षा में अध्ययनरत हैं? पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त के तारतम्य में विषय शिक्षकों के अतिरिक्त खेल शिक्षक, योग शिक्षक, संगीत शिक्षक, कम्प्यूटर शिक्षक, लाईब्रेरी एवं कम्प्यूटर, विज्ञान लैब सहायक, भृत्य, चौकीदार, फर्राश, दैनिक वेतन भोगी, कुशल, अर्द्धकुशल, अकुशल तथा उच्च कुशल तथा अन्य कौन-कौन से पद के लोग विद्यालय से सम्बद्ध है, जिनका वेतन विद्यालय से जारी होता है? गौशवार बनाकर विद्यालयवार पृथक-पृथक बताये? क्या विद्यालयों में रात को सुरक्षा हेतु चौकीदार की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो किस-किस विद्यालय में है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) ऐसे कितने विद्यालय हैं, जिसमें छात्र संख्या शून्य अथवा नगण्य के बराबर है किन्तु शिक्षक कार्यरत हैं? विद्यालयवार, कक्षावार पृथक-पृथक बताये। उपरोक्त विद्यालयों में छात्र, छात्राओं, स्टॉफ, शौचालयों की जानकारी विद्यालयवार पृथक-पृथक बतायें। बाउण्ड्रीवॉल विहीन विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल बनाने हेतु क्या-क्या प्रस्ताव कब-कब शासन को भेजे गये है? उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ड.) क्या उपरोक्त विद्यालयों में लाईब्रेरी, कम्प्यूटर लेब, इंटरनेट, एन.सी.सी., स्कॉउट गाईड, खेल सामग्री/सुविधा उपलब्ध है? यदि हाँ, तो विद्यालयवार गौशवारा बनाकर क्या-क्या सुविधा उपलब्ध है के बारे में पृथक-पृथक बतायें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। 02 प्राथमिक विद्यालय एवं 01 हाईस्कूल भवन विहीन है। भवन विहीन प्राथमिक शालाओं में छात्र संख्या के मान से वार्षिक कार्ययोजना में अतिरिक्त कक्ष की मांग भारत शासन से की गई है। स्वीकृति प्राप्त होने पर भवन का निर्माण कराया जा सकेगा। भवन विहीन हाईस्कूल में भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। बाउण्ड्रीवाल विहीन प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना में सम्मिलित कर स्वीकृति हेतु भारत सरकार को भेजे जाते है। भारत सरकार से स्वीकृति एवं हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 पर है।
पी.व्ही.टी.जी. योजना अंतर्गत सामुदायिक भवन (देवस्थान) निर्माण
[जनजातीय कार्य]
115. ( क्र. 2107 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भारत सरकार की विशेष पिछड़ी जनजाति समूह योजना (पी.व्ही.टी.जी.) के तहत आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत सामुदायिक भवन (देवस्थान) निर्माण हेतु प्रदेश के 3 संभाग स्तर, 10 जिला स्तर एवं 37 विकासखण्ड स्तर पर चयन किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन संभाग/जिला/विकासखण्ड स्तर का चयन किया गया है, निर्माण कार्य की लागत/प्रशासकीय स्वीकृति राशि सहित संपूर्ण ब्यौरा पृथक-पृथक बताये। (ख) उपरोक्त के तारतम्य में क्या आदिम जाति कल्याण विभाग ने कलेक्टर जिला गुना को निर्देश/आदेश जारी किये है? यदि हाँ, तो कब-कब और क्या-क्या? पृथक-पृथक बतायें। आदिम जाति कल्याण विभाग से प्राप्त निर्देश/आदेश के अक्षरश: अनुपालन में कलेक्टर, जिला गुना द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में भारत सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य नहीं होने की स्थिति में कलेक्टर, जिला गुना कार्यालय में कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) गुना जिले में किस-किस स्थान पर पी.व्ही.टी.जी. योजना के अंतर्गत कार्य संपादित किये जाने वाले चयनित स्थान पर (देवस्थल) निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है? कार्यपूर्ण होने की निश्चित समयावधि बतायें। (ङ) उपरोक्त के संबंध में क्या कार्ययोजना, टेण्डर, लागत, भुगतान के अधिकार, जिले में योजना के हिसाब से प्राप्त राशि, ठेकेदार एवं अन्य कार्य से संबंधित संपूर्ण ब्यौरा किस-किस फेज में क्या-क्या होना है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निर्माण कार्य की निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कार्य पूर्ण होने की समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) निर्माण कार्यों की राशि कार्य की निर्माण एजेंसी को विभाग द्वारा प्रदाय की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
न्यूनतम
योग्यता को
नियम विरूद्ध
कम करना
[स्कूल शिक्षा]
1. ( क्र.
43 ) श्री
प्रदीप पटेल : क्या
राज्य मंत्री,स्कूल
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) क्या
म.प्र. लोक
सेवा आयोग के
विज्ञापन
दिनांक 14.11.2019 एवं
विज्ञापन क्र.
3/2020
दिनांक 28.12.2020 में
सहायक संचालक
लोक शिक्षण के
पद की न्यूनतम
शैक्षणिक
योग्यता
घटाकर स्नातक
कर दी गई? यदि हाँ, तो
कारण एवं नियम
दें। (ख) क्या
म.प्र. लोक
सेवा आयोग के
विज्ञापन क्र.
08/परीक्षा/2010
दिनांक 12.07.2010 में
प्राचार्य की
न्यूनतम
योग्यता स्नातकोत्तर+बी.एड.+5 वर्ष
का न्यूनतम
शैक्षणिक
अनुभव एवं उप
संचालक
शिक्षा के
विज्ञापन
क्रमांक 03/चयन/2008
दिनांक 29.12.2008 में न्यूनतम
योग्यता स्नातकोत्तर+बी.एड.+10 वर्ष
का न्यूनतम
शैक्षणिक
अनुभव में से 3 वर्ष
का प्राचार्य
पद का
प्रशासनिक
अनुभव मांगा
गया था? (ग) क्या
सहायक संचालक
शिक्षा का पद
प्राचार्य
एवं उप संचालक
शिक्षा के मध्य
(बीच) का पद है? वहां
पर सहायक
संचालक पद के
लिये
शैक्षणिक योग्यता
क्यों कम की
गई? कारण
दें। (घ)
शासन कब तक
उक्त नीति
निरस्त कर
पूर्व की तरह
न्यूनतम
योग्यता की
सीमा को पुन:
बढ़ाकर
शिक्षा के
अधिकार अधिनियम
के तहत भर्ती
की प्रक्रिया
करेगा? अगर नहीं तो
क्यों? कारण दें।
राज्य
मंत्री,स्कूल
शिक्षा ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क) जी
नहीं। सीधी
भर्ती के पदों
के लिए
मध्यप्रदेश
राज्य एवं
अधीनस्थ
शिक्षा सेवा
(शाला शाखा)
भर्ती तथा
पदोन्नति
नियम 2016
के अनुसार
कार्यवाही की
गई है। (ख)
जी हाँ। (ग)
जी हाँ। सहायक
संचालक सीधी
भर्ती के पद
के लिए
शैक्षणिक
योग्यता नियम 2016 की
अनुसूची-तीन
में उल्लेखित
प्रावधान
अनुसार है।
प्राचार्य का
पद पदोन्नति
का पद होने से
पूर्व पद की
शैक्षणिक
योग्यता
यथावत मान्य
होती है तथा वरिष्ठता
के आधार पर
पदोन्नति
होती है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) शिक्षा
का अधिकार
अधिनियम में
सहायक संचालक की
योग्यता
निर्धारित
नहीं है, प्रश्नांश 'ग' के
उत्तर में
प्रकाश में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अवैध नियुक्ति पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
2. ( क्र. 44 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 01.04.2012 से 31.03.2015 के दौरान दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियुक्ति के संबंध में बड़वानी एवं खरगौन जिलों में वर्तमान के जनजाति कार्य विभाग (तात्कालीन आदिम जाति कल्याण विभाग) द्वारा कोई दिशा-निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो जारी पत्रों/ आदेशों की एक-एक प्रति दें। क्या नियुक्तियां हुई है? जारी सभी नियुक्ति आदेशों की एक-एक प्रति दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं जिलों में सहायक आयुक्तों/उपायुक्तों दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्तियां करने का अधिकार क्या शासन ने दे रखा था? यदि हाँ, तो जारी आदेशों की एक प्रति दें। अगर नहीं दे रखा था तो नियुक्तियां किन कानूनों/नियमों के तहत हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं जिलों में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियुक्ति संबंधी आदेश जो सहायक आयुक्त/उपायुक्त जनजाति कल्याण (आदिम जाति कल्याण/ जनजाति कार्य विभाग) द्वारा जारी किये उन सभी की एक-एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (घ) तात्कालीन कलेक्टर बड़वानी के द्वारा क्या दिनांक 20.07.2017 या अन्य दिनांक से उक्त अवैध नियुक्तियों के संबंध में जो पत्र प्रमुख सचिव जनजाति कार्य को लिखा था उसकी एक प्रति दें। क्या कार्यवाही राज्य शासन ने प्रश्नतिथि तक की?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। उक्त अवधि में जिला बड़वानी तथा खरगौन द्वारा जारी किये गये नियुक्ति आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जारी आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ग) उत्तरांश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जी हाँ। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। कार्यवाही प्रचलित है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को सुविधायें
[वन]
3. ( क्र. 114 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेन्दूपत्ता संग्राहकों को एवं उनके परिजनों को विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही है तथा इस संबंध में शासन के क्या निर्देश है उनकी प्रति दें। (ख) रायसेन जिले में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने तेन्दूपत्ता संग्राहकों की मृत्यु हुई किन-किन के प्रकरण बीमा कंपनी को कब-कब भेजे तथा कितने प्रकरण बीमा कंपनी को नहीं भेजे प्रकरणवार कारण सहित जानकारी दें। (ग) बीमा कंपनी तथा विभाग के पास कितने प्रकरण लंबित है उक्त प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा। (घ) प्रश्नांश (ख) की अवधि में कहाँ-कहाँ तेन्दूपत्ता बोनस का वितरण नहीं हुआ तथा क्यों? कब तक बोनस का विरतण होगा इस संबंध में विभाग को सांसद/विधायक व अन्य किन-किन के पत्र कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 26 मार्च 2018 से लागू ''मुख्यमंत्री तेन्दूपत्ता संग्रहण योजना'' में बीमा कम्पनी शामिल नहीं है, इस योजना में म.प्र. लघु वनोपज संघ एवं म.प्र. शासन द्वारा राशि का वहन किया जाना है, इस कारण बीमा कम्पनी को प्रकरण भेजने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'ख' के संदर्भ में, बीमा कंपनी के पास कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है परंतु विभाग के पास-35 प्रकरण लंबित है। मुख्यमंत्री तेन्दूपत्ता संग्राहक कल्याण सहायता योजना अंतर्गत दावा/अनुग्रह राशि के भुगतान की विधिक प्रक्रियाओं की पूर्ति उपरांत ही भुगतान हो सकेगा, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
दिव्यांगों को सुविधायें
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
4. ( क्र. 115 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिव्यांगों के कल्याण के लिए भारत सरकार तथा राज्य सरकार की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में किस-किस योजना में कितने दिव्यांगों को क्या-क्या लाभ मिला तथा कितनी राशि किस-किस मद से व्यय हुई? (ग) रायसेन जिले में मानसिक, मूक बधिर, अंधे, बहुविकलांग एवं अन्य श्रेणी के कितने दिव्यांग पंजीकृत हैं, ग्राम पंचायतवार एवं नगरीय क्षेत्रों में वार्डवार संख्या बतायें तथा जिले में ऐसे कितने दिव्यांग हैं जो पंजीकृत नहीं हैं उनके पंजीयन हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ग) में से ऐसे कितने दिव्यांग हैं जिनके पास दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं है तथा उनके दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है तथा प्रश्नांश (ग) में से कितने दिव्यांगों को पेंशन नहीं मिल रही है तथा क्यों कारण बतायें उनकी पेंशन स्वीकृति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) रायसेन जिले में मानसिक, मूक बधिर, दृष्टिबाधित, बहुविकलांग एवं अन्य श्रेणी के कुल 13081 दिव्यांगजन स्पर्श पोर्टल पर पंजीकृत है, ग्राम पंचायतवार एवं नगरीय क्षेत्रों में वार्डवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। रायसेन जिले में अपंजीकृत दिव्यांगों की संख्या निरंक है, शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित सभी दिव्यांगों के पास दिव्यांग प्रमाण पत्र है, शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। उत्तरांश (ग) अनुसार समस्त दिव्यांगजनों को पात्रतानुसार पेंशन उपलब्ध करायी जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
अल्पसंख्यक स्कूल की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 171 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में कितने स्कूल अल्पसंख्यक वर्ग में आते हैं? क्या अल्पसंख्यक स्कूलों में गरीबों/ अ.जा./अज.जा. के बच्चों हेतु निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम में छूट प्राप्त है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन्दौर शहर में विभिन्न स्कूलों द्वारा अपने को अल्पसंख्यक वर्ग में लिया जा रहा है? वर्ष 2010 के बाद ऐसे कितने स्कूल है जिन्होंने अल्पसंख्यक घोषित किया है, किन्तु मान्यता के समय वो अल्पसंख्यक नहीं थे?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) इन्दौर शहर में कुल 45 अशासकीय स्कूल अल्प-संख्यक श्रेणी में आते हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण क्र.WP (C) 95/2010 में पारित निर्णय दिनांक 12.04.2012 के अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा जारी निर्देश दिनांक 26.07.2012 के अनुसार अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों से मुक्त रखा गया है। निर्देश दिनांक 26.07.2012 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2010 के पश्चात इन्दौर शहर में कुल 31 ऐसे विद्यालय हैं, जिन्हें अल्पसंख्यक विद्यालय घोषित किया गया है, जो कि मान्यता के समय अल्पसंख्यक स्कूल नहीं थे।
कैंसर चिकित्सालय इन्दौर में पर्याप्त दवाइयों की उपलब्धता
[चिकित्सा शिक्षा]
6. ( क्र. 174 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर व आसपास के जिलों हेतु कैंसर रोग के लिए एकमात्र शासकीय कैंसर चिकित्सालय इन्दौर में है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विगत कुछ महीनों से वहाँ पर मरीजों हेतु पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध नहीं है? क्या मेडिकल कारपोरेशन द्वारा दवाइयों के दर निर्धारण नहीं होने से वहाँ दवाइयां नहीं खरीदी जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो पर्याप्त दवाई आदि हेतु दर निर्धारण एवं पर्याप्त बजट कब तक उपलब्ध कराया जावेगा एवं आगे से यह स्थिति निर्मित न हो इसके लिए क्या उपाय किए गए है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं उपलब्ध दवाइयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कैंसर चिकित्सालय, इंदौर में दवाइयों का क्रय मेडिकल कॉर्पोरेशन, भोपाल द्वारा निर्धारित दरों पर निरन्तर किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कार्यपालन यंत्री के पद का सृजन
[जनजातीय कार्य]
7. ( क्र. 220 ) श्री तरूण भनोत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग में क्या कार्यपालन यंत्री का पद सृजित किया गया है। यदि हाँ, तो कब किया गया है? दिनांक माह एवं वर्ष सहित जानकारी दी जावे एवं स्वीकृत आदेश एवं वर्तमान में कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ अधिकारी का नाम भी बताया जावे। (ख) कार्यपालन यंत्री के भर्ती नियम क्या है? क्या भर्ती नियम 01 वर्ष से ज्यादा समय व्यतीत होने के पश्चात भी नहीं बने है, यदि भर्ती नियम नहीं बनाए गये है तो क्यों? विलम्ब का कारण क्या है? अब कब तक कार्यपालन यंत्री के भर्ती नियम बनाये जावेंगे? क्या इस हेतु कार्यवाही प्रचलन में है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। शासन स्वीकृति आदेश क्रमांक 4/73/2018/25-1 दिनांक 16.10.2019 द्वारा कार्यपालन यंत्री का 01 पद स्वीकृत किया गया है। श्री प्रशांत श्रीवास्तव, सहायक यंत्री को प्रभारी कार्यपालन यंत्री को शासन आदेश क्रमांक 1794/ 3531/2019/25/1 दिनांक 06.12.2019 द्वारा पदस्थ किया गया है। (ख) मध्य प्रदेश आदिम जाति, अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग राजपत्रित सेवा भर्ती नियम1969 में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
सामान्य निर्धन वर्ग हेतु योजनायें
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
8. ( क्र. 366 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य निर्धन वर्ग आयोग की कौन-कौन सी अनुशंसा शासन स्तर पर विचाराधीन है तथा उक्त अनुशंसाओं पर शासन कब तक निर्णय करेगा फरवरी 2021 की स्थिति में कौन-कौन सी योजनायें संचालित है मापदण्डों एवं शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) सामान्य निर्धन वर्ग के छात्र/ छात्राओं के लिए कौन-कौन सी योजनायें संचालित है रायसेन जिले के विद्यालय में उक्त योजनान्तर्गत वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक योजनावार वर्षवार कितने-कितने छात्र/छात्राओं को लाभ मिला। (ग) आयोग को 1 जनवरी 2018 से फरवरी 2021 तक की अविध में आम जनता/ जनप्रतिनिधियों से कितने सुझाव प्राप्त हुए तथा उन पर आयोग द्वारा क्या अनुशंसायें की गई? (घ) क्या यह सत्य है कि आयोग की अनुशंसा पर प्रारंभ की गई योजनाओं में बहुत कम राशि का प्रावधान है राशि बढ़ाने पर आयोग/शासन विचार करेगा।
पशुपालन
मंत्री ( श्री
प्रेमसिंह
पटेल ) : (क) विभाग
में सामान्य
निर्धन वर्ग
आयोग से
संबंधित कोई
भी अनुशंसा
विचाराधीन
नहीं है।
योजनाओं की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। (ख) सामान्य
निर्धन वर्ग
के
छात्र/छात्राओं
के लिये संचालित
योजनाओं की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार एवं
रायसेन जिले
में संचालित
योजनाओं की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार
है। (ग) जानकारी
निरंक है। (घ) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- "तीस"
संचालित योजनाओं की जानकारी एवं कार्य
[पशुपालन एवं डेयरी]
9. ( क्र. 367 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा रायसेन जिले में कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें? वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितने-कितने व्यक्तियों को क्या-क्या लाभ दिया गया? (ख) वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले को किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ करवाये गये तथा कौन-कौन सी सामग्री कहां-कहां से क्रय की गई पूर्ण विवरण दें। (ग) जिला पशु कल्याण समिति में कौन-कौन सदस्य हैं विगत 3 वर्षों में उक्त समिति की कब-कब बैठक हुई उक्त बठकों में पारित प्रस्तावों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) जिला पशु कल्याण समिति रायसेन के पास प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस खाते में कितनी-कितनी राशि जमा है उक्त राशि व्यय क्यों नहीं की जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार।
आदिवासी उद्यमिता एवं स्वरोजगार
[जनजातीय कार्य]
10. ( क्र. 400 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति उद्यमिता एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कौन-कौन से कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं? उद्यमिता से अनुसूचित जनजाति सदस्यों को आसानी से जोड़ने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? (ख) जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जनजाति उद्यमिता मद में शासन द्वारा कितनी राशि जारी की गई? वर्षवार, जिलेवार ब्यौरा दें। (ग) सितम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले में अनुसूचित जनजाति उद्यमिता के लिए कितनी राशि जारी की गई, कितनी रशि किन-किन मदों में खर्च की गई? विकासखंडवार खर्च की गई राशि का ब्यौरा दें। (घ) क्या प्रदेश में अनुसूचित जनजाति उद्यमिता एवं स्वरोजगार के आंकड़े एकत्र किए जाते हैं? यदि हाँ, तो धार जिले में सितम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक के आंकड़े विकासखंडवार प्रस्तुत करें, यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) म.प्र. आदिवासी वित्त एवं विकास निगम से प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग हेतु निम्नानुसार योजनायें संचालित हैं:- 1. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना। 2. मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना। 3. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना। 4. मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना। उद्यमिता से अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को जोड़ने के लिये अपनाई जा रही प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जनवरी 2013 से वर्ष 2020-21 तक शासन से म.प्र. आदिवासी वित्त एवं विकास निगम को अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभांवित करने हेतु वर्षवार कुल राशि 2,16,92,80,000/- प्राप्त हुई है, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) म.प्र. आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित योजनाओं में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये बैंकों द्वारा ऋण प्रदाय किया जाता है। निगम द्वारा जिलों में राशि प्रदाय नहीं की जाती है। निगम द्वारा केवल अनुदान राशि नोडल बैंकों को प्रदान की जाती है। (घ) हाँ, म.प्र. आदिवासी वित्त एवं विकास निगम जिला शाखा धार द्वारा अनुसूचित जनजाति के लाभांवित हितग्राहियों के विकासखण्डवार आंकड़े निम्नानुसार है:- विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''तीन'' अनुसार है।
विकासखण्ड |
सितम्बर 2018 से मार्च 2019 तक |
अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक |
निसरपुर |
- |
03 |
नालछा |
20 |
11 |
धार |
08 |
14 |
कुक्षी |
15 |
06 |
धरमपुरी |
02 |
10 |
उमरबन |
20 |
15 |
डही |
03 |
16 |
बाग |
02 |
05 |
बदनावर |
04 |
04 |
सरदारपुर |
08 |
17 |
तिरला |
03 |
07 |
मनावर |
08 |
20 |
गंधवानी |
17 |
18 |
योग |
110 |
146 |
गौशालाओं
का निर्माण
[पशुपालन एवं डेयरी]
11. ( क्र. 419 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी एवं सतना जिले में कितनी गौशालाएं कहाँ-कहाँ पर कब-कब से संचालित हैं? यह गौशाला किन-किन के द्वारा संचालित की जा रही हैं? संचालक कर्ताओं के नाम/पिता का नाम पता सहित/संस्था का नाम एवं संस्था का जीवित पंजीयक क्रमांक बतावें। (ख) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक उक्त गौशालाओं के संचालन हेतु राज्य सरकार व गौसंवर्धन बोर्ड के द्वारा कितनी-कितनी राशि का अनुदान स्वीकृत किया गया? प्रत्येक संस्था का वर्षवार विवरण दें तथा प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशालाएं कितनी लागत की निर्माणाधीन हैं, कब-तक निर्माण हो जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) की अवधि में उक्त संचालित गौशालाओं में की जा रही अनियमितताओं के संबंध में किस-किस स्तर पर कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक गौशालाओं को प्रदाय आर्थिक सहायता राशि की संस्थावार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार। प्रश्न दिनांक तक जिला कटनी में वर्ष 2019-20 की 03 गौशालाऐं निर्माणाधीन हैं, जिनकी प्रति गौशाला निर्माण की प्राक्कलन राशि लगभग रू.27.62 लाख है तथा जिला सतना में वर्ष 2019-20 में 03 गौशालाऐं निर्माणाधीन हैं, जिनकी प्रति गौशाला निर्माण की प्राक्कलन राशि लगभग रू.27.72 लाख हैं तथा वर्ष 2020-21 में 58 गौशालाऐं निर्माणाधीन हैं, जिनकी प्रति गौशाला निर्माण प्राक्कलन राशि लगभग रू.38.47 लाख हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ग) उक्त अवधि में जिला कटनी में संचालित श्री वृन्दावन गौशाला लखाखेरा, जो रविदास स्वसहायता समूह लखाखेरा द्वारा संचालित हैं। जिसकी शिकायत की जाँच मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, बड़वारा द्वारा कराई गई। जाँच रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
12. ( क्र. 500 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने दिव्यांग हैं जिन्हें विकलांग पेंशन योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है तथा ऐसे कितने दिव्यांग है? जिन्हें विकलांग पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है अगर नहीं मिल रहा है तो क्यों नहीं मिल रहा है कारण बतावें। (ख) दिव्यांगों की वर्तमान में जो पेंशन रशि मिल रही है क्या शासन उक्त पेंशन राशि को बढ़ाये जाने सम्बन्धी कोई योजना बना रहा है? अगर हां, तो कब तक पेंशन की राशि बढ़ाई जावेगी? (ग) अगर दिव्यांगों की पेंशन राशि बढ़ाने के विचार में नहीं है तो शासन दिव्यांगों के उत्थान के लिए आगे क्या योजना बना रहा है योजना का नाम बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 1753 दिव्यांगों को पेंशन योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जा रहा है तथा 123 दिव्यांगजन ऐसे है जो 40 प्रतिशत से कम एवं पलायन होने से पेंशन हेतु पात्रता की श्रेणी में नहीं आते है। (ख) जी नहीं। पेंशन राशि विभाग के आदेश दिनांक 13-02-2019 के अनुसार 300/- रूपये से बढ़ाकर 600/- की वृद्धि की गई है वर्तमान में अतिरिक्त पेंशन वृद्धि किये जाने का कोई प्रस्ताव विभाग स्तर पर विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ऐसे दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए पेंशन के अतिरिक्त छात्रवृति, नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत लेपटाप, मोट्रेड साईकिल वितरण, उच्च, शिक्षा हेतु फीस, निर्वाह भत्ता, परिवहन भत्ता, छात्रगृह आवास सहायता, सिविल सेवा प्रोत्साहन, कृत्रिम अंग उपकरण वितरण, नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन एवं यू.डी.आइ.डी. कार्ड के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दर्ज छात्र संख्या के मान से शिक्षकों का पदस्थीकरण
[स्कूल शिक्षा]
13. ( क्र. 518 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की प्राथमिक माध्यमिक शालाओं में छात्र संख्या के मान से कितने-कितने छात्रों पर कितने शिक्षकों के पद स्वीकृत/पदस्थापना किए जाने के मापदण्ड हैं? (ख) क्या भोपाल एवं बैतूल जिले में उक्त मापदण्ड के अनुसार शिक्षक संवर्ग की पदस्थापना की गई है यदि मापदण्ड के अनुसार छात्र संख्या से शिक्षकों के अधिक संख्या में पदस्थ होने के कारण उन्हें अतिशेष घोषित किया जाकर युक्तियुक्तकरण के तहत अन्यत्र पदस्थ किए जने की शासन की कोई युक्ति है? यदि हाँ, तो नियम/निर्देश की प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अतिशेष कर्मचारियों में से शाला में पदस्थ किन कर्मचारियों को अतिशेष माना जाएगा वरिष्ठतम या कनिष्ठतम स्पष्ट करें। इस संबंध में नियम/निर्देश की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि इस संबंध में शासन की कोई स्पष्ट नीति नहीं है तो क्या आगामी सत्र से अतिशेष कर्मचारियों के संबंध में स्पष्ट नीति बनाकर युक्तियुक्तकरण के संबंध में कार्यवाही की जाएगी?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। भोपाल एवं बैतूल जिले में प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में छात्र संख्या कम हो जाने से शिक्षक अतिशेष हुए है। मापदण्ड के क्रम में छात्र संख्या के अनुसार अधिक शिक्षक होने से स्थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 के तहत अन्यत्र पदस्थ किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 के अनुसार सम्पूर्ण सेवा अवधि के आधार पर कनिष्ठतम शिक्षक को अतिशेष माना जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिक्षाकर्मी/संविदा शिक्षक एवं अध्यापक संवर्ग के लिए पेंशन योजना
[स्कूल शिक्षा]
14. ( क्र. 519 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन के कर्मचारियों के साथ ही शिक्षाकर्मी, संविदा शिक्षक एवं अध्यापक संवर्ग के लिए 01/01/2004 से नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई है? (ख) वर्ष 1998-99 में नियुक्त शिक्षाकर्मियों को सेवा में नियमित किया जाकर नियमित वेतनमान दिए जाने के आदेश विभाग द्वारा जारी किए गए थे? (ग) स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1-4/2007/बी-1 दिनाक 28 जून 2007 से अध्यापक संवर्ग का गठन कर शिक्षाकर्मियों को अध्यापक संवर्ग में संविलियन मान्य किया गया है। (घ) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 30/06/2007 के संबंध में विभाग द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि शिक्षाकर्मियों का अध्यापक संवर्ग में संविलियन शिक्षाकर्मियों की सेवा की निरंतरता में मान्य होगा? क्या विभाग के आदेश दिनांक 25/05/2011 द्वारा दिनांक 01/04/2011 से अंशदायी पेंशन योजना सभी शासकीय विद्यालयों में नियुक्त अध्यापकों के लिए अनिवार्य की गई है? (ड.) क्या शिक्षाकर्मियों का अध्यापक संवर्ग में संविलियन हुआ है? यदि हाँ, तो 01/01/2004 के पूर्व से कार्यरत शिक्षाकर्मियों को एन.पी.एस. के स्थान पर सामान्य भविष्य निधि योजना का लाभ दिया जाएगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं, अपितु स्थानीय निकायों के अधीन नियुक्ति एवं शासकीय शालाओं में कार्यरत अध्यापकों को नवीन अंशदायी पेंशन योजना दिनांक 01.04.2011 से लागू की गई है। (ख) स्थानीय निकायों यथा पंचायत/नगरीय निकायों के भर्ती नियम 1997/1998 में उल्लेखित प्रावधान एवं वेतनमान अनुसार शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति की गई। (ग) जी हाँ। स्थानीय निकायों के अधीन शिक्षाकर्मियों के संविलियन एवं संविदा शाला शिक्षकों के नियुक्ति से अध्यापक संवर्ग का गठन, निकायों के अधीन किया गया। (घ) अध्यापक संवर्ग के भर्ती नियम में शिक्षाकर्मियों के संविलियन के पश्चात शिक्षा कर्मी के रूप में उनके द्वारा की गई सेवा की गणना केवल पदोन्नति/क्रमोन्नति/वरिष्ठता के प्रयोजन हेतु की जाएगी का प्रावधान है शेषांश का उत्तर (क) अनुसार है। (ड.) अध्यापक संवर्ग का गठन 01.04.2007 से किया गया है एवं एन पी एस योजना अध्यापक संवर्ग के लिए 01.04.2011 से लागू की गई अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में मशीनों की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
15. ( क्र. 627 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर में निर्मित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को कब तक प्रारम्भ करने का लक्ष्य रखा गया था? आज दिनांक तक प्रारंभ क्यों नहीं किया जा सका है? (ख) उक्त स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट हेतु कौन-कौन सी मशीनें स्थापित की जानी थी? कौन-कौन सी मशीनें लगायी जा चुकी है? शेष कब तक लगायी जायेंगी? (ग) आज दिनांक तक उक्त इंस्टीट्यूट के प्रारंभ न होने हेतु कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? नाम पदनाम बतावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर में निर्माणाधीन स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को प्रारंभ करने के संबंध में लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया था। विभाग द्वारा जारी की गई दिनांक 22/06/2016 को राशि रूपये 135.21 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति के पश्चात माह अगस्त, 2016 से निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाकर अगस्त, 2018 में पूर्ण किया जाना था। परियोजना से संबंधित अन्य अत्यावश्यक कार्यों को पूर्ण करने हेतु राज्य शासन के आदेश दिनांक 24/12/2020 से राशि रूपये 153.09 करोड़ की पुनरीक्षित स्वीकृति जारी की गई है। निर्माण अंतिम चरण में है। (ख) स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में स्थापित की जाने वाली मशीनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण कार्य पूर्ण न होने के कारण मशीनें स्थापित नहीं की गई है। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर मशीनें स्थापित की जायेगी। (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरीदी प्रक्रिया के सम्बन्ध में
[स्कूल शिक्षा]
16. ( क्र. 648 ) श्री मनोज चावला : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश के जिलों में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्यालयीन व्यवस्था के लिए 4 लाख का आवंटन विभाग द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो समस्त जिलों के किन-किन बी.ई.ओ. कार्यालय में राशि जारी की गई है सूची उपलब्ध कराएं। (ख) क्या सभी बी.ई.ओ. कार्यालय में सामग्री खरीदी का कार्य एक ही फर्म द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो फर्म का नाम बताएं। (ग) क्या खरीदी प्रक्रिया में भंडार क्रय नियमों का पालन हुआ है? यदि नहीं, तो क्यों? खरीदी का कार्य मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम से क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या सम्पूर्ण सामग्री सीधे एक ही फर्म से beo कार्यालय को भेजी गई। यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में कोई शासन आदेश है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ख' के प्रकाश में ''घ'' उपस्थित नहीं होता।
महरा जनजाति के संबंध में
[अनुसूचित जाति कल्याण]
17. ( क्र. 712 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश गजट 8 दिसम्बर 1950 पार्ट IV (C) में महरा (MAHRA) को Aboriginal Tribe के क्रमांक 69 में परिभाषित किया गया है? यदि हाँ, तो संविधान के किस अनुच्छेद अथवा प्रचलित कानून के द्वारा महरा जाति को Aboriginal Tribe से कब विलोपित किया गया? तत्संबंधी ब्यौरा दें? (ख) संविधान के अनुच्छेद 342 में Aboriginal Tribe के बारे क्या प्रावधान है? क्या Aboriginal Tribe श्रेणी से किसी जनजाति को राज्य शासन के किसी अधिसूचना या आदेश के द्वारा विलोपित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो संविधान के किस अनुच्छेद अथवा प्रचलित कानून के तहत? प्रति सहित ब्यौरा दें। (ग) किसी जनजाति को Aboriginal Tribe सूची में शामिल करने या उससे पृथक करने के लिए संविधान के किस अनुच्छेद अथवा प्रचलित कानून में क्या प्रावधान हैं? (घ) क्या महरा और महार एक जी जाति हैं या अलग-अलग? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ड.) क्या वर्ष 1994 में महरा जाति का नृजातीय अध्ययन कराया गया था? यदि हाँ, तो उक्त अध्ययन का आधार/मानक क्या था?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976 एवं संविधान अनुसूचित जातियां आदेश (द्वितीय संशोधन) अधिनियम 2002 जो भारत का राजपत्र दिनांक 18 दिसम्बर 2002 में प्रकाशित है, में पार्ट ix मध्यप्रदेश के लिए अनुसूचित जाति की सूची में अनुक्रमांक 36 पर महार, मेहरा, मेहर के साथ महरा (Mahara) जाति नाम अंकित है। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भवन का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
18. ( क्र. 832 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समान्यत: शाला भवनों की आयु कितनी मानी जाती है? (ख) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पंडित विष्णु दत्त शासकीय उत्कृष्ट शाला सिहोरा का भवन निर्माण कब कराया गया था? क्या यह प्रश्नांश (क) के अनुरूप है यदि नहीं, तो छात्रों की संख्या के अनुपात से नया निर्माण/विस्तार की क्या कार्य योजना है? इसे कब मूर्त रूप दिया जावेगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) किसी भी भवन की आयु उसके प्रकार, स्ट्रक्चरल डिजाईन एवं रख-रखाव पर निर्भर करती है। अतः वास्तविक आयु बताना संभव नहीं है। (ख) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शासकीय पंडित विष्णु दत्त उ.मा.वि. सिहोरा का भवन निर्माण वर्ष 1908 में कराया गया था। शाला भवन 111 वर्ष पुराना होने के कारण इसके अधिकांश अध्यापन कक्ष मरम्मत योग्य है, जिन्हें समय-समय पर मरम्मत कर उपयोग लायक बनाया जाता है। नवीन भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला लघु वनोपज संघों के विकास कार्य हेतु राशि
[वन]
19. ( क्र. 876 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में 4% की ब्याज दर पर ऋण निधि से जिला लघु वनोपज संघों को प्रबन्ध संचालक के माध्यम से बहुत सी राशि विकास एवं अन्य कार्यों हेतु दी गई थी, जो वर्षों से लौटाई नहीं गई हैं। यदि हाँ, तो कब तक वसूल की जावेगी? (ख) कितनी-कितनी राशि किस-किस जिला यूनियन से ब्याज सहित वापस लेना लंबित है? (ग) म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघों एवं जिला यूनियन एवं लघु वनोपज समितियों के चुनाव कब तक सम्पन्न कराए जाएंगे। (घ) छिंदवाड़ा जिले में लघु वनोपज संघ की किन किन नोडल अधिकारियों के पास कितनी-कितनी राशि वसूली हेतु लंबित है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। ऋण वसूल किये जाने की एक निर्धारित प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वनोपज सहकारी समितियों के त्रि-स्तरीय, प्रदेश व्यापी निर्वाचन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सी.एम.राईज योजना का विवरण
[स्कूल शिक्षा]
20. ( क्र. 1083 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.एम.राईज योजना क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में क्या-क्या कार्य किये गए है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सी.एम.राईज डिजिटल शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है। भारत सरकार के ''दीक्षा प्रोर्टल'' के माध्यम से यह प्रशिक्षण संचालित किया गया है। इसका उददेश्य शिक्षकों को डिजिटली उनकी गति अनुसार, रोचक आनंददायी तरीके से प्रशिक्षण प्रदान करना है। प्रदेश के लगभग 2.7 लाख शिक्षकों के शैक्षणिक क्षमता संवर्धन का लक्ष्य है। (ख) प्रश्नांश 'क' के अंतर्गत जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में भी शिक्षकों के प्रशिक्षण आयोजित किये गये है।
पौधारोपण तथा रखरखाव में हुए भ्रष्टाचार
[वन]
21. ( क्र. 1112 ) श्री मनोज चावला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017- 18 से 2019- 20 तक विभाग द्वारा वनमंडलवार कितने पौधे लगाये गये तथा उन पर वर्षवार कितना व्यय हुआ? वनमंडलवार पौधों के रख-रखाव पर कितना व्यय हुआ? वर्षवार बतायें? (ख) वर्ष 2017-18 से 2019 -20 तक बजट राशि में कुल कितना प्रावधान था तथा वास्तविक खर्च कितना हुआ कुल वास्तविक खर्च से वेतन भत्ते पेंशन का खर्च काटकर बचा हुआ खर्च कितना रहा? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2021 दिनांक 23/12/2019 के संदर्भ में यदि रतलाम जिले के पौधारोपण में अनियमितता की जाँच हो गई हो तो रिपोर्ट की प्रति देवे तथा वर्ष 2015 में सैलाना में हुए घोटाले की जाँच में जिम्मेदारों पर की गई कार्रवाई से अवगत कराएं? (घ) वर्ष 2017-18 से 2020 21 तक वन क्षेत्र में वनमंडलवार लगाए गए पौधों की संख्या तथा उस पर हुए खर्च की वर्षवार जानकारी देवें तथा बतावें कि जनवरी 2021 तक उनमें से जीवित पौधों की संख्या कितनी-कितनी है तथा इन 3 वर्षों में पूर्व के पौधों पर रखरखाव में कितना कितना खर्च हुआ है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उक्त वृक्षारोपणों में से केवल परिक्षेत्र सैलाना के अंतर्गत कक्ष क्रमांक 155 में हुए पौधारोपण में अनियमितता पाई गई, जिसके आधार पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2018 की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
22. ( क्र. 1124 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2018 में आयोजित की गई थी जिसके परीक्षा परिणाम के अनुसार कितने अभ्यार्थी क्वालीफाइड हुए हैं? वर्ग जाति अनुसार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी चयनित एवं प्रतीक्षा सूची अनुसार कितने अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया गया? क्या डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया 1 जुलाई 2020 से लेकर 3 जुलाई 2020 तक की गई तथा अचानक 4 जुलाई को कोरोना एवं परिवहन सुविधा ना होने का कारण बताते हुए अचानक से भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई महोदय यह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया पुनः कब तक शुरू की जावेगी? (ग) सम्पूर्ण दस्तावेज सत्यापन के पश्चात चयनित शिक्षकों को कब तक ज्वाइनिंग दी जावेगी?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उच्च माध्यमिक शिक्षक पद की प्रावधिक चयन सूची एवं प्रतीक्षा सूची के 5702 अभ्यर्थियों के डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन कार्य का कार्य सम्पन्न हुआ है। जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
यूनानी महाविद्यालय बुरहानपुर की सप्लीमेंट्री परीक्षा के परिणाम
[चिकित्सा शिक्षा]
23. ( क्र. 1146 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. मेडीकल साईंस विश्वविद्यालय जबलपुर के अंतर्गत यूनानी महाविद्यालय बुरहानपुर के बी.यू.एम.एस. II एवं III वर्ष 2018 की सप्लीमेंट्री परीक्षा के परिणाम विधिवत घोषणा के पूर्व लीक हुये थे? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या विश्वविद्यालय द्वारा जाँच समिति का गठन किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो जाँच समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करें? (घ) क्या दोषी पायें गये अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो बतावें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (घ) जी हाँ। दोषी के विरूद्ध विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मध्यप्रदेश जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत कार्य
[जनजातीय कार्य]
24. ( क्र. 1147 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-2021 में जबलपुर जिले को आवंटन प्राप्त हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्रवार स्वीकृत राशि की जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पनागर के कितने प्रस्ताव प्राप्त हुये? कितने स्वीकृत हुये? कितने निरस्त किये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत निरस्त किये गये प्रकरणों की कारण सहित जानकारी दें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत विधानसभावार स्वीकृत राशि की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
विधानसभा का नाम |
वित्तीय वर्ष |
स्वीकृत राशि (लाख में) |
1 |
सीहोरा |
2018-19 |
107.63 |
|
|
2019-20 |
89.08 |
|
|
2020-21 |
10.00 |
2 |
बरगी |
2018-19 |
162.15 |
|
|
2019-20 |
223.83 |
|
|
2020-21 |
41.00 |
3 |
पाटन |
2018-19 |
11.52 |
|
|
2019-20 |
12.00 |
|
|
2020-21 |
19.20 |
4 |
पनागर |
2018-19 |
8.66 |
|
|
2019-20 |
18.00 |
|
|
2020-21 |
10.00 |
5 |
जबलपुर पूर्व |
2018-19 |
0.00 |
|
|
2019-20 |
0.00 |
|
|
2020-21 |
0.00 |
6 |
जबलपुर पश्चिम |
2018-19 |
0.00 |
|
|
2019-20 |
0.00 |
|
|
2020-21 |
0.00 |
7 |
जबलपुर उत्तर मध्य |
2018-19 |
0.00 |
|
|
2019-20 |
0.00 |
|
|
2020-21 |
0.00 |
8 |
जबलपुर केन्ट |
2018-19 |
0.00 |
|
|
2019-20 |
0.00 |
|
|
2020-21 |
0.00 |
(ग) विधानसभा क्षेत्र पनागर के 44 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। 06 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। शेष 38 कार्य आवंटन के उपलब्धता अनुसार स्वीकृत नहीं किये गये हैं। (घ) जिले को प्राप्त आवंटन की सीमा में कार्य स्वीकृत किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांग कर्मचारियों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
25. ( क्र. 1166 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मंदसौर, रतलाम जिले में लिपिक वर्ग में एसे कितने दिव्यांग कर्मचारी हैं जिनको टाइपिंग की छूट प्रदान की गयी है? (ख) उक्त जिलों में ऐसे कितने लिपिक है जो दिव्यांग हैं, जिन्हें वाहन भत्ता, आयकर में छूट, पदोन्नति आदि में भी दिव्यांग का लाभ मिल रहा है लाभ लेने वाले कर्मचारियों का नाम, उनका दिव्यांग प्रतिशत चिकित्सीय प्रमाण पत्र, विभागीय पद सहित जानकारी उपलब्ध कराये? (ग) क्या उक्त जिलों में कई लिपिक मामूली दिव्यांग होने के बावजूद भी फर्जी तरीके से दिव्यांग का लाभ ले रहे, इसकी जाँच विभाग के किस-किस सक्षम आधिकारी ने कब-कब की? इसमें कितने लिपिक फर्जी पाए गये? 1 जनवरी 2017 के पश्चात ऐसे फर्जी दिव्यांग लिपिकों के खिलाफ विभाग को कितनी-कितनी शिकायत कहाँ-कहाँ पर प्राप्त हुई, उस पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) वर्तमान में मंदसौर जिले एवं रतलाम जिले में प्रत्येक में एक-एक लिपिक वर्गीय कर्मचारी को दिव्यांग होने से टाइपिंग की छूट प्रदान की गई है। (ख) मंदसौर जिला तथा रतलाम जिला की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जी नही। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिले में संचालित कक्षाएं
[स्कूल शिक्षा]
26. ( क्र. 1242 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में प्रदेश में कहां-कहां पर कुल कितने माध्यमिक शालाओं एवं हाईस्कूलों का क्रमशःहाईस्कूल, हायरसेकेन्ड्री स्कूलों में उन्नयन हुआ? सूची देवें, अगर नहीं दिया गया है तो इसके क्या कारण है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहां-कहां, कौन-कौन से शासकीय माध्यमिक एवं हाईस्कूल के उनयन हेतु कब -कब कहां कहां शासन स्तर पर पत्र व्यवहार किया गया? प्रेषित पत्रों की छायाप्रति देवें एवं उन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित उन्नयन के मापदण्ड क्या हैं? नियमों की छायाप्रति देवें एवं इन नियमों/ मापदण्ड के अनुरूप बहोरीबंद विधानसभा की कौन-कौन सी शालाऐं पात्रता रखती हैं तथा इन पात्र शालाऐं का किस प्रकार से कब तक उन्नयन करा दिया जावेगा? (घ) कटनी जिले में कार्यरत ऐसे कितने अध्यापक/माध्यमिक शिक्षक है जिनकी शासकीय सेवा के 12 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी उन्हें प्रथम क्रमोन्नति वेतन अभी तक प्रदाय नहीं किया गया है बतलावे? उनके नाम पदस्थापना, पात्रता दिनांक सहित सम्पूर्ण सूची देवें एवं यह भी बतलावे कि अभी तक प्रथम क्रमोन्नति वेतन प्रदाय न करने के क्या कारण है? इसका दोषी कौन है? शासन इन्हें कब तक प्रथम क्रमोन्नति वेतनमान प्रदान करेगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार। शेषांष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार। प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार। शाला का उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''04'' अनुसार, नवीन संवर्ग के लोक सेवकों को क्रमोन्नत वेतनमान स्वीकृत करने के निर्देश जारी करने की प्रक्रिया प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शाला का उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हरे-भरे वृक्षों के रख-रखाव व सुरक्षा
[वन]
27. ( क्र. 1245 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग एवं अन्य स्थानों पर विगत वर्षों में सड़क किनारे छाया एवं फलदार वृक्षों पर विभाग द्वारा लाखों रूपये खर्च किये गये हैं लेकिन वर्तमान में यह हालत हैं कि उन वृक्षों में पानी देने वाला, देख-रेख करने वाला कोई न होने से लगाये गये वृक्ष सूख कर नष्ट हो गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो जिससे शासन को लाखों रूपये का नुकसान हुआ हैं? पर्यावरण हेतु लगाये गये वृक्षों की देखभाल के लिए विभाग द्वारा कोई कदम उठाया जा रहा हैं। अगर हाँ तो किस प्रकार, अवगत करावें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जानकारी उपलब्ध कराया जाना
[वन]
28. ( क्र. 1269 ) श्री राकेश मावई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के वन परिक्षेत्र डभौरा, अतरैला के किन-किन वन भूमियों पर कहां-कहां पर कौन-कौन सी बस्ती बसी हुयी है? उक्त बस्ती तत्समय तक किसके आदेश से बसायी गयी थी? वन परिक्षेत्रवार गांव मौजा का नाम अंकित करते हुये आदेश की प्रति के साथ ही जानकारी देवें। इनमें कितने लोगों को वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत वन अधिकार पत्र दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के वन परिक्षेत्र डभौरा के गुमारी, गेदुरहा, पोंगल्ला में कितने लोगों को वन अधिकार पत्र दिये गये हैं? (ग) भूमिहीन, आवासहीन परिवारों को भूमि, आवास उपलब्ध कराने की सरकार की क्या नीति एवं नियम हैं? नियम के साथ जानकारी देवें। साथ ही यह बतायें कि गेदुरहा, गुमारी एवं पोंगल्ला के लोगों को क्यों उजाड़ा जा रहा हैं? क्या उक्त कार्यवाही पर रोक लगाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक आदेश की जारी कर दिये जायेंगे? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) हाँ तो भूमिहीन, आवासहीन परिवारों को भूमि आवास उपलब्ध कराने की सरकार की क्या नीति एवं नियम है? नियम के साथ जानकारी देवें। साथ ही यह बतायें कि गेदुरहा, गुमारी एवं पोगल्ला के लोगों को क्यों उजाड़ा जा रहा है? क्या उक्त कार्यवाही पर रोक लगायी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक आदेश जारी कर दिये जायेंगे?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) रीवा जिले के वन परिक्षेत्र डभौरा, अतरैला में वनभूमि पर कोई भी बस्ती नहीं है। अतः बस्ती बसाये जाने संबंधी आदेश जारी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अपितु वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत ग्राम से लगे वनक्षेत्रों पर काबिज पात्र दावेदारों को परिक्षेत्र डभौरा में 598 एवं परिक्षेत्र अतरैला में 388 वन अधिकार पत्र वितरित किये गये हैं। (ख) वन अधिकार अधिनिमय, 2006 के तहत वन परिक्षेत्र डभौरा के ग्राम गुमारी (रिमारी) एवं पोंगल्ला में किसी भी व्यक्ति को वन अधिकार पत्र नहीं दिया गया है। ग्राम गेदुरहा से लगे वनक्षेत्रों में 59 पात्र काबिजों को वन अधिकार पत्र दिये गये हैं। (ग) मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन का पत्र क्रमांक/एफ-16-48/2017/सात-2ए दिनांक 03.01.2018 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम गेदुरहा के कक्ष क्रमांक-आर.एफ. 259 में दिनांक 01.01.2021 को अस्थाई रूप से साड़ी एवं पन्नी लगाकर 931 हरिजन, आदिवासी एवं सामान्य जाति के लोगों द्वारा अतिक्रमण का प्रयास किया गया है। अतिक्रमण के प्रयास को विफल करने हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
29. ( क्र. 1271 ) श्री राकेश मावई : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में विभाग द्वारा कौन-कौन योजनायें संचालित की जा रही हैं? वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा किस-किस योजना में कितने हितग्राही को लाभ दिया गया? जनपद पंचायतवार, योजनावार राशि की जानकारी देवें। (ख) मुरैना विधान सभा क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन एवं दिव्यांग पेंशन के कितने-कितने प्रकरण स्वीकृति के अभाव में लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार लंबित प्रकरणों की जाँच किस-किस अधिकारी द्वारा की गई तथा आज दिनांक तक प्रकरण स्वीकृत क्यों नहीं किये गये? (घ) मुरैना विधान सभा क्षेत्र के दिव्यांगों को दी जाने वाली ट्राईसायकल एवं कृत्रिम अंगों के कितने प्रकरण लंबित हैं? लंबित प्रकरणों को कब तक स्वीकृत किया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुरैना विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन एवं दिव्यांग पेंशन के कोई प्रकरण स्वीकृति के लिये लंबित नहीं है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मुरैना विधानसभा क्षेत्र के दिव्यांगों को दी जाने वाली ट्रायसाईकिल एवं कृत्रिम अंगों के कोई प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन विहीन शालाओं का भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
30. ( क्र. 1324 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लहार जिला भिण्ड में कौन-कौन से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं हाईस्कूल भवन विहीन हैं? उक्त भवन विहीन विद्यालयों के भवन कब तक बनाए जाएंगे? (ख) शासकीय स्व. ठाकुर ज्ञानसिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय वैशपुरा विकासखण्ड लहार जिला भिण्ड में वर्तमान में कितने छात्र अध्ययनरत हैं? (ग) उक्त विद्यालय में शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टॉफ के कुल कितने पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे हैं एवं कौन-कौन से पद कब-कब से रिक्त हैं? (घ) उक्त विद्यालय में क्या प्राचार्य का पद भी रिक्त हैं? यदि हाँ, तो प्राचार्य सहित अन्य रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जाएगी?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी उ.मा.वि. भवन विहीन नहीं है। हाईस्कूलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विद्यालय भवन निर्माण सक्षम समिति के अनुमोदन एवं बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है। तद्नुसार ही भवन विहीन हाईस्कूलों के भवन का निर्माण हो सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक 719 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) विधिक कारणों से प्राचार्यों के पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही अवरूद्ध होने से रिक्त पदों की पूर्ति नहीं की जा सकी है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पशु औषधालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[पशुपालन एवं डेयरी]
31. ( क्र. 1327 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पशु चिकित्सालय तथा पशु औषधालय स्वीकृत हैं? उनमें कौन-कौन से कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने भरे तथा कितने रिक्त हैं? प्रत्येक का पूर्ण विवरण दें। रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पशु चिकित्सालयों, औषधालायों में कहाँ-कहाँ कौन अधिकारी, कर्मचारी पदस्थ है? (ग) उपरोक्त स्वीकृत पशु चिकित्सालय, औषधालय कौन-कौन से भवन विहीन हैं? भवन कब तक बना दिये जायेंगे।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। पदस्थापना निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स' अनुसार। वित्तीय उपलब्धता अनुसार निर्माण कार्य किया जाता है।
विभाग द्वारा किए गए वृक्षारोपण
[वन]
32. ( क्र. 1343 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक में कितने वृक्षारोपण किस-किस प्रजाति के किये गये? वनमंडलवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार किये गये वृक्षारोपण हेतु कितनी राशि का बजट प्रावधानित किया गया था? जिसमें अलीराजपुर वनमंडल को कितनी राशि प्राप्त हुई थी? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार अलीराजपुर वनमंडल को प्राप्त राशि से किस-किस कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार अलीराजपुर वनमंडल में किये गये वृक्षारोपण में से प्रश्न दिनांक तक कितने और किस-किस प्रजाति के पौधे जीवित है? परिक्षेत्रवार जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
वन प्राणियों द्वारा कि गई हानि
[वन]
33. ( क्र. 1356 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन प्राणियों द्वारा की गई जनहानि, घायल, पशु हानि पर विभाग द्वारा कितनी सहायता राशि दी जाती है? इस हेतु क्या दिशा निर्देश हैं? उनकी प्रति देवें एवं इसमें बंदरों द्वारा की गई हानि का भी समावेश है या नहीं है? (ख) वित्त वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नांश (क) के संबंध में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं, कितनों का निराकरण किया गया है? कितनी राशि प्रदान की गई एवं किन-किन को क्यों नहीं प्रदान की गई? किन के प्रकरण प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से निराकरण हेतु लंबित हैं? बिंदुवार संपूर्ण सूची देवें। (ग) क्या शासन बहोरीबंद परिक्षेत्र अंतर्गत पूर्व में संचाालित कुआं नर्सरी को पुनः प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। इन नियमों में बंदरों द्वारा की गई हानि का भी समावेश है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र में जनहानि, जनघायल एवं पशुहानि की क्षतिपूर्ति भुगतान के कोई प्रकरण लंबित नहीं हैं। (ग) परिक्षेत्र बहोरीबंद अंतर्गत ग्राम कुआं स्थित नर्सरी की स्थापना वर्ष 2016 में मनरेगा योजना के तहत की जाकर पौधा तैयार का कार्य किया गया था। वर्ष 2017-18 में बजट के अभाव में उक्त नर्सरी को बंद कर दिया गया है। वर्तमान में आवश्यकता नहीं होने से नर्सरी को पुन: प्रारंभ करने की कोई योजना नहीं है।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में व्यवस्था हेतु राशि
[स्कूल शिक्षा]
34. ( क्र. 1357 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 जनवरी 2020 के पश्चात प्रदेश के समस्त विकासखंड शिक्षा कार्यालयों को व्यवस्था हेतु 4 लाख आवंटन प्राप्त हुये है? यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग के समस्त विकासखंड में भंडार एवं क्रय नियमों का पालन करते हुये कौन-कौन से कार्य किये या सामग्री की खरीदी की गयी? (ख) क्या यह सही है की खरीदी में भण्डार एवं क्रय नियमों का पालन नहीं करते हुए म.प्र लघु उद्योग निगम से भुगतान से खरीदी नहीं की गयी क्यों कारण सहित जानकारी देवें। (ग) क्या प्रदेश के सभी विकासखंडों ने एक ही फर्म से भोपाल से ही खरीदी की, यदि हाँ तो किस नियम के अंतर्गत, किस अधिकारी ने एक ही फर्म से खरीदी हेतु आदेश दिए आदेश की प्रतिलिपि देवें। इसकी जाँच किस सक्षम अधिकारी ने की? जानकारी देवें। (घ) उक्त नियम विरुद्ध खरीदी को लेकर पूरे प्रदेश में कहाँ-कहाँ, किस-किस व्यक्ति ने शिकायत की? शिकायतकर्ता का नाम सहित जानकारी देवें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांगों को मोटोराईज्ड ट्राईसिकल का वितरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
35. ( क्र. 1395 ) श्री संजीव सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग के माध्यम से केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के द्वारा दिव्यांगों को भिन्न-भिन्न प्रकार के उपकरण यथा श्रवण यंत्र, वैसाखियां, ट्राईसिकल, व्हील चेयर तथा मोटोराईज्ड ट्राईसिकल इत्यादि एवं अन्य प्रकार के संसाधन प्रदान किये जाते हैं। (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत उक्ताशय के कितने दिव्यांगों को चिन्हित किया जाकर उन्हें क्या-क्या सामग्री प्रदान की गई? (ग) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों (2016-17 से प्रश्न दिनांक तक) में वर्षवार शासन विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु भिण्ड विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शिविर अथवा सम्मेलनों के माध्यम से इन्हें कब-कब वितरित किया गया? वर्षवार जानकारी दें। (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों (2016-17 से प्रश्न दिनांक तक) में इस हेतु समस्त कार्य किये जाने के संदर्भ में भिण्ड विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितनी-कितनी बजट राशि स्वीकृत होकर उसमें क्या-क्या व्यय किया गया? साथ ही भिण्ड विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्षवार हितग्राहियों की जानकारी भी दें तथा वर्तमान में लंबित रहे आवेदनों की संख्यात्मक जानकारी भी दें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड विधान सभा क्षेत्रांतर्गत राशि रूपये 9.50 लाख, विधान सभा निर्वाचन 2018 में दिव्यांगजनों को मतदान केन्द्रों तक पहुचाने हेतु स्वीकृत किये गये है, उक्त राशि से 148 नग व्हील चेयर क्रय की जाकर संबंधित मतदान केन्द्रों को उपलब्ध कराई गई है। भिण्ड विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्षवार हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में कोई पात्र आवेदन लंबित नहीं है।
वन उपज के लाभांश से क्षेत्रीय विकास की योजनाओं की जानकारी
[वन]
36. ( क्र. 1404 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनोपज जैसे काष्ठ, बांस तथा लघुवन उपज इत्यादि के लाभांश से क्षेत्रीय विकास की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दें। किस वन उपज के लाभांश का कितना प्रतिशत विकास कार्यों में खर्च करने के प्रावधान है? (ख) बालाघाट जिले में विगत पाँच वर्षों में वनोपजों के लाभांश से हुए विकास कार्यों की जानकारी वन परिक्षेत्र अनुसार दें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) इमारती लकड़ी के विदोहन से अर्जित लाभांश में से संयुक्त वन प्रबंधन समितियों को 20 प्रतिशत लाभांश दिया जाता है। समितियों हेतु परिगणित शुद्ध लाभ का 80 प्रतिशत उस समिति को वितरित किया जाता है, जिनके वन क्षेत्र में पातन उस वर्ष में किया गया है। समिति द्वारा प्राप्त राशि का कम से कम 25 प्रतिशत वन विकास कार्यों में उपयोग करने के निर्देश हैं। अवशेष 20 प्रतिशत राज्य के समस्त जिलों की वन समितियों को प्रशिक्षण सुविधाओं का विकास, सूक्ष्म प्रबंध योजना की तैयारी, जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार, लाभांश वितरण की व्यवस्था एवं वन समितियों से सम्बद्ध वन कर्मियों की आवास सुविधा के विकास पर व्यय किया जाता है। बांस के लाभांश से विकास कार्य करने का प्रावधान नहीं है। लघु वनोपज संघ द्वारा तेंदूपत्ता के व्यापार से अर्जित शुद्ध लाभ की राशि का 15 प्रतिशत भाग ग्रामों की अधोसंरचना तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास एवं संग्राहकों के लिये लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं में व्यय किये जाने का प्रावधान है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गैर जनजातीय विकासखण्डों की योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
37. ( क्र. 1405 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विषयांकित विकासखण्डों में निवास करने वाले जनजातीय परिवारों के लिये शासन की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दें? (ख) उक्त विकासखण्डों में निवासरत ऐसे कृषक जिनके पास कुआं या टयूबवेल है उनके खेतों में बिजली पहुंचाने के लिये विगत तीन वर्षों में कितने आवेदन प्राप्त हुए है कृपया नाम सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित आवेदन पर अब तक क्या कार्यवाही हुई है? यदि कोई कार्यवाही नहीं हुई तो कारण बतायें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' में वर्णित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों का संचालन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
38. ( क्र. 1415 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने जिलों में दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र संचालित हैं? जिलों के नाम तथा जहां पुनर्वास केन्द्र स्थापित हैं, उन स्थानों का नाम सहित जानकारी दी जावें। (ख) क्या ये पुनर्वास केन्द्र कुछ जिलों में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित हो रहे हैं जिनका नियंत्रण एवं संचालन प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय विभाग के नोडल अधिकारी करते है, ऐसे जिला केन्द्रों के नाम तथा नोडल अधिकारियों के नाम सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या जिन केन्द्रों को प्रदेश के सामाजिक न्याय संचालनालय द्वारा संचालित किया जाता है वहां दिव्यांगों को उपकरण नहीं दिये जाते है, जैसे कृत्रिम पैर, हाथ, कान के उपकरण, क्यों? (घ) क्या सामाजिक न्याय विभाग की उदासीनता के कारण केन्द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली ग्रान्ट लैप्स हो रही है? वर्ष 2017, 18, 19, 20 की वर्ष में किन-किन जिलों की ग्रान्ट लैप्स हुई? इस कार्य के लिये कौन अधिकारी दोषी है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) प्रदेश में 51 जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र स्थापित किये गये है, दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) जी नहीं। दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकता व विषय विशेषज्ञ के परामर्श पर पात्रतानुसार कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण प्रदाय किये जाते है। (घ) जी नहीं, केन्द्र सरकार द्वारा जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों को वर्ष 2017, 18, 19, 2020 में भारत सरकार से प्राप्त अनुदान का उपयोग केन्द्रों के संचालन के लिये किया गया है। दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संयुक्त संचालक शिक्षा के कार्यालय पद पर दो अधिकारियों की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
39. ( क्र. 1416 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर के संयुक्त संचालक शिक्षा के कार्यालय पद पर दो अधिकारी कार्यरत हैं? जनवरी 2021 की स्थिति में जानकारी कारण सहित दी जावें। (ख) आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. द्वारा विवाद की स्थिति में कार्य का बंटवारा करना चाहिये था जो नहीं किया गया जिससे कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों की दुविधा है कि वो किस अधिकारी के आदेश का पालन करें। क्या इस स्थिति का शासन द्वारा अविलम्ब निराकरण किया जावेगा? (ग) प्रदेश में कोरोना काल के बाद ग्वालियर चम्बल संभाग के बीस हजार स्कूलों की मॉनिटरिंग, मान्यता, परीक्षा से संबंधित कार्यों में बाधा के कारण कार्यों की प्रगति, प्रक्रिया धीमी पड़ी हुई है, क्या इसका निराकरण शासन स्तर पर जल्द किया जावेगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विभाग के आदेश दिनांक 24/09/2020 के द्वारा श्री अरविन्द सिंह संयुक्त संचालक, ग्वालियर का स्थानांतरण संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण नर्मदापुरम संभाग होशंगाबाद एवं श्री आर.के. उपाध्याय उप संचालक एवं प्रभारी संयुक्त संचालक, उज्जैन के पद से, प्रभारी संयुक्त संचालक ग्वालियर के पद पर किया गया। श्री उपाध्याय दिनांक 28/09/2020 को नवीन स्थानांतरित कार्यालय में उपस्थित हो गये। विभाग द्वारा दिनांक 29/09/2020 को स्थानांतरण आदेश दिनांक 24/09/2020 में संशोधन कर श्री अरविन्द सिंह एवं श्री आर.के. उपाध्याय को यथावत पूर्व कार्यालयों में पदस्थ करते हुए पदांकित किया गया। मान. उच्च न्यायालय द्वारा श्री आर.के. उपाध्याय के द्वारा प्रस्तुत न्यायालयीन प्रकरण डब्ल्यू.पी. 14915/2020 में दिनांक 07/10/2020 को आदेश दिनांक 29/09/2020 पर याचिकाकर्ता के पक्ष में स्थगन दिया गया। जिसके पालन में श्री उपाध्याय प्रभारी संयुक्त संचालक, ग्वालियर के पद पर पदस्थ है। श्री अरविन्द सिंह आदेश दिनांक 24/09/2020 के क्रम में भार मुक्त नहीं हुए है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार श्री उपाध्याय न्यायालयीन निर्णय के क्रम में प्रभारी संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण ग्वालियर के पद पर पदस्थ/कार्यरत है। अन्य अधिकारी को कार्य आवंटन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कर्मचारियों में कोई दुविधा की स्थिति नहीं है। मान. न्यायालय के निर्णय अनुसार प्रकरण का निराकरण किया जाएगा। (ग) संभाग अंतर्गत सभी कार्य सुचारू रूप से संचालित हो रहे है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बंजारा समाज के कल्याण हेतु प्राप्त आवंटन
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
40. ( क्र. 1420 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक विमुक्त, घुम्मकड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ (बंजारा समाज) जाति के लिये कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ है? वित्तीय वर्षवार स्पष्ट करें तथा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किस-किस गांव में किन-किन कार्यों में एवं किस-किस हितग्राही को (नाम, पिता/पति का नाम, ग्राम, जाति) कितना लाभ दिया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बंजारा समाज के कल्याण हेतु विभाग द्वारा जो निर्माण कार्य उक्त अवधि में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं उन निर्माण कार्यों का नाम, किस ग्राम में कितनी लागत से किस स्थान पर क्या-क्या कार्य कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? किस-किस कार्य के लिये कितना-कितना वित्तीय आवंटन स्वीकृत किया गया था? निर्माण किस ऐजेन्सी/ठेकेदार से किस-किस यंत्री के सुपरवीजन में कराया गया था तथा कराया जा रहा है? वर्तमान में उन निर्माण कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ग) ग्वालियर जिले में बंजारा समाज किस-किस गाँव/ मजरा/टोला में रहता है? उस ग्राम का नाम, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत तथा निवासरत् परिवार एवं जनसंख्या सहित ग्राम मजरा, टोलावार स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (ग) जातिगत सर्वे के अभाव में जानकारी प्रदायें करना सभंव नहीं है।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग हेतु संचालित योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
41. ( क्र. 1422 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण हेतु वर्तमान में शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं, उक्त योजनाओं के माध्यम से पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण वर्ग के हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदाय कराई गई है? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में उक्त योजनाओं में से किन-किन योजनाओं में किस-किस हितग्राही को क्या-क्या लाभ दिया गया है? हितग्राही का नाम, पिता-पति का नाम, जाति, ग्राम, ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत सहित स्पष्ट करें। (ग) ग्वालियर जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/ अधिकारी पदस्थ है उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) ग्वालियर जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण हेतु वर्तमान में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में संचालित योजनाओं में से हितग्राही मूलक दो योजनाएं संचालित है। (1) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (2) मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना। उक्त दोनों योजनाओं में भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किसी भी हितग्राही को लाभ नहीं दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्वालियर जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- दो अनुसार है।
आदिमजाति कल्याण के कार्य
[जनजातीय कार्य]
42. ( क्र. 1428 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक सैलाना विधानसभा क्षेत्र में आदिमजाति उपयोजना की राशि से किस-किस विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कितनी राशि के किये गये? क्या विभाग आदिमजाति उपयोजना की राशि प्रत्येक विभाग सभी आदिम जाति क्षेत्र में समानुपात में लगाये इसकी मानिटरिंग करता है या नही? (ख) क्या सैलाना विधानसभा क्षेत्र में प्राथमिक, माध्यमिक शासकीय शालाओं में विद्यार्थियों की संख्या में वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक निरंतर कमी हुई है? यदि हाँ, तो उसके कारण बतावें तथा कक्षा 01 से 08 तक वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक नामांकन की संख्या बतावें तथा उक्त वर्ष में वितरित पुस्तकें, गणवेश, सायकल तथा मध्यान्ह भोजन से लाभान्वित हितग्राही संख्या तथा कुल लागत राशि बतावें? (ग) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में आदिमजाति कृषकों के विकास तथा उनकी आय में वृद्धि हेतु क्या-क्या कार्य पिछले 03 वर्षों में किये गये तथा बतावें कि इससे किस-किस फसल की उत्पादकता में कितनी-कितनी वृद्धि हुई? (घ) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में आदिमजाति की पिछले तीन वर्षों की शिशु मृत्यु दर, गर्भवती महिला मृत्यु दर, बतावें तथा बतावें कि आदिम जाति उपयोजना की राशि से आदिम जाति के जीवनांक सुधार के लिए क्या कार्य किये गये?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। प्रत्येक विभाग की आवश्यकता, मांग तथा बजट की उपलब्धता अनुसार जनजातीय मद में प्रावधान वित्त विभाग द्वारा विभागों के बजट में किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'घ' अनुसार है। सैलाना विधानसभा क्षेत्र में जीवनांक सुधार के लिये आदिम जाति उपयोजना की राशि से कोई भी आवंटन पृथक से नहीं दिया गया है।
खेती के पानी के लिए विद्युत लाईन की अनुमति देना
[वन]
43. ( क्र. 1430 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार अधिनियम के तहत कृषि कार्य के लिए वितरित वन अधिकार धारक भूमि पर कृषि कार्य हेतु मोटर चलाने के लिए विद्युत की मांग को गैर वानिकि कैसे माना गया है? कृषि उपकरणों हेतु विद्युत लाईन के बिना आदिवासी कृषक उन्नत खेती कैसे करेगा? गैर वानिकी कार्य की अधिनियम 1980 के अनुसार परिभाषा बतावें? (ख) वन भूमि में अभिजात्य वर्ग की सुविधा के लिए 04 लेन से 08 लेन बन रही है, फ्लायओवर ब्रिज बन रहे हैं, हवाई पट्टी बन रही है, अगर इन गैर वानिकी कार्य हेतु अनुमति दी जा सकती है तो फिर कृषि उपकरण विद्युत लाईन की अनुमति क्यों नहीं दी जाती हैं? सक्षम अधिकारी को अनुमति हेतु पत्र क्यों नहीं लिखा जाता? (ग) आदिवासी को दी गई वन भूमि पर कृषि यदि वानिकी कार्य है तो कृषि उपकरण चलाना गैर वानिकी कार्य कैसे हो सकता है? भूमि पर हाथ से, पशुधन से, डीजल से या विद्युत से उपकरण चलाना क्या गैर वानिकी है? (घ) क्या सन्दर्भ में शासन सख्त निर्देश देगा की आदिवासी भूमि धारक को उन्नत खेती के लिए खेती में पानी लाने की जरूरत के लिए विद्युत लाईन का उपयोग करने दें?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत प्रदत्त अधिकारों के अनुसार वन अधिकार धारक संबंधित वन भूमि पर कृषि कार्य करने के लिये स्वतंत्र है। वनक्षेत्र में नई विद्युत लाईन बिछाने का कार्य गैर वानिकी कार्य होने के कारण इसकी भारत सरकार से पूर्व अनुमति आवश्यक है। वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के बिन्दु-2 में गैर वानिकी कार्य वर्णित किया गया है। इस अधिनियम की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित कार्य गैर वानिकी कार्य है। वन (सरंक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत इन कार्यों को करने की पूर्व अनुमति भारत सरकार से प्राप्त की जाती है। कृषि कार्यों हेतु वनक्षेत्रों में विद्युत लाईन बिछाने का कार्य भी भारत सरकार से वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत पूर्व अनुमति प्राप्त कर किया जा सकता है। इस हेतु संबंधित विभाग द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने पर नियमानुसार स्वीकृति दी जा रही है। (ग) वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत प्रदत्त अधिकारों के अनुसार वन अधिकार धारक संबंधित वन भूमि पर हाथ से/पशुधन से/डीजल या विद्युत से संचालित उपकरणों से कृषि कार्य करने हेतु स्वतंत्र है। (घ) उन्नत खेती के लिए खेतों में पानी लाने की जरूरत के लिए क्षेत्र में विद्यमान विद्युत लाईन से कनेक्शन लेने में कोई आपत्ति नहीं है। विद्युत कनेक्शन के लिये यदि वनक्षेत्र में नई विद्युत लाईन बिछाने की आवश्यकता है तो इस कार्य के लिये वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत पूर्व अनुमति आवश्यक है।
विभागीय कार्य व योजनाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
44. ( क्र. 1433 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण हेतु विगत कई वर्षों से अनेक उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त उल्लेखित विभिन्न कार्यों को किये जाने हेतु वर्षवार कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर उसके माध्यम से वर्षवार किन-किन कार्यों पर कितना-कितना व्यय हुआ? विकासखंडवार जानकारी दें l (ग) शासन/विभाग की कार्ययोजनाओं को क्रियान्वित किये जाने हेतु रतलाम जिले में किन-किन स्थानों पर किस-किस आशय के भिन्न-भिन्न कार्य किये जाने हेतु किस प्रकार की विभागीय व्यवस्थाएं हैं? विकासखंडवार बताएं l (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में रतलाम जिला अंतर्गत विभिन्न विकासखंडों में किस-किस प्रकार की गतिविधियाँ की गयी व किन कार्यों हेतु की गई? उन पर कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ? क्या निर्माण कार्य भी किये गये तो कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ? कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे, कितने लंबित हैं तो किन कारणों से?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) शासन/विभाग की समस्त योजनाऐं जिला अतंर्गत समस्त विकासखण्डों में क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय कार्यालय के माध्यम से संचालित किये जाने की व्यवस्था है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
विभागीय कार्यों में व्यय राशि
[वन]
45. ( क्र.
1434 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
वन मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
रतलाम
वनमंडल में
वन विभाग वर्ष
2017-18,2018-19
से 2019-20
में
किन-किन स्थानों
पर कौन-कौन से
कार्य कराये
गये हैं? स्थलवार, कार्यवार
जानकारी दें। (ख) रतलाम
वनमंडल के अंतर्गत
किस-किस
प्रकार के वन्यप्राणी
हैं तथा उन पर
निगरानी, सुरक्षात्मक
उपाय गणना आदि
की वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं
वर्ष 2019-20
की
परिक्षेत्रवार
जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में दिये गये
कार्यों पर
कितना बजट स्वीकृत
तथा व्यय हुआ? जानकारी
दें l (घ)
वर्ष 2017-18 से
वर्तमान तक
रतलाम वनमंडल
में वर्षवार
पर्यावरणीय
कार्यों पर
प्राप्त बजट
तथा व्यय की
जानकारी दें।
वन मंत्री (
श्री कुंवर
विजय शाह ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1
अनुसार
है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2
अनुसार
है। वनमंडल
रतलाम के
अंतर्गत पाये
जाने वाले वन्यप्राणियों
की
सुरक्षा/निगरानी
मैदानी अमले
एवं गठित
संयुक्त वन
प्रबंधन
समितियों
द्वारा सतत्
की जाती है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1
अनुसार
है। (घ)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3
अनुसार
है।
निष्पक्ष जाँच करवाते हुए आवश्यक कार्यवाही करना
[स्कूल शिक्षा]
46. ( क्र. 1445 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा.शि.मं. द्वारा आदेश क्र.3383 भोपाल, दिनांक 17.06.2020 एवं आदेश क्र.-3385 भोपाल दिनांक 17.06.2020 के द्वारा सहायक सचिवों को वरिष्ठता का स्पष्ट उल्लंघन करके पंजीयक का प्रभाव एवं आपसी सांठ-गांठ करके प्रदान किया गया है, जबकि श्री उमेश ठाकुर की जाति का प्रमाण-पत्र फर्जी होने तथा उसकी शिकायत होने पर अभी तक सांठ-गांठ के कारण विभागीय जाँच नहीं करते हुए कैसे पदोन्नतियां प्रदान की गई तथा कनिष्ठ सहायक सचिव होने पर भी नियम विरूद्ध पंजीयक के प्रभार प्रदान करने की जाँच अध्यक्ष मा.शि.मं. द्वारा करवाई जाएगी? (ख) अध्यक्ष मा.शि.मं. को प्रश्नकर्ता द्वारा प्रदान किये गये पत्र क्र. 1013 दिनांक 19.10.2020 एवं पत्र क्र.241 दिनांक 01.02.2021 के उल्लेखित बिन्दुओं की निष्पक्ष जाँच करवाकर, दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) मीना भौरिया वरिष्ठ व्याख्याता संस्था में अनुसूचित जनजाति संवर्ग में प्रथम समयमान वेतनमान में उनकी वरिष्ठता 28.09.2018 होने पर इस संवर्ग में अन्य कोई वरिष्ठ व्याख्याता के नहीं होने पर तथा मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री कार्यालय से आये पत्रों की निरन्तर उपेक्षा करने तथा उप-प्राचार्य पद के प्रभार से वंचित करने पर तथा दोहरा मापदण्ड अपनाने वाले दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? (घ) हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं, आदेश क्रमांक 3383 भोपाल, दिनांक 17.06.2020 एवं आदेश क्र.-3385 भोपाल दिनांक 17.06.2020 दवारा प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से अस्थायी रूप से सहायक सचिवों को पंजीयक का प्रभार प्रदान किया गया है। श्री उमेश ठाकुर के जाति प्रमाण-पत्र के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी जिसके संदर्भ में कार्यपालिका दण्डाधिकारी संयुक्त कलेक्टर न्यायालय जबलपुर के दिनांक 22.06.2013 पत्रानुसार ''श्री उमेश कुमार ठाकुर के जाति प्रमाण पत्र से संबंधित अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध न होने के कारण प्राप्त जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन किया जाना संभव नहीं है। न्यायालय में उपलब्ध कम्प्यूटर में जाति प्रमाण-पत्र की वेबसाइट का अवलोकन किया गया जिसमें प्रकरण क्रमांक 1653/बी-121/ 12-13 में दिनांक 09.05.2013 को जाति गौंड अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी होना पाया जाता है। ''विभागीय पदोन्नति समिति के निर्णय की अनुशंसा के आधार पर पूर्व में समय-समय पर पदोन्नतियां नियमानुसार की गई, प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से अस्थायी रूप से पंजीयक का प्रभार दिया गया। (ख) पत्र क्रमांक 1013 दिनांक 19.10.2020 के संबंध में परीक्षण उपरांत बिंदु क्रमांक 1 से 6 तक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है तथा पत्र क्रमांक 241 दिनांक 01.02.2021 के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) आदर्श उ.मा.वि. टी.टी. नगर भोपाल में पूर्व से ही श्री राकेश श्रीवास्तव उप प्राचार्य के पद पर कार्यरत है तथा यह कहना सही नहीं है कि मीना भौरिया अनुसूचित जनजाति संवर्ग में वरिष्ठतम है। इस प्रकार माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय शिक्षा मंत्री कार्यालय से आये पत्रों की उपेक्षा नहीं की गई है, अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निलंबन अवधि को कर्तव्य अवधि मान्य कर वेतन का प्रदान
[स्कूल शिक्षा]
47. ( क्र. 1446 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुभाष चंद्र शर्मा अध्यापक एवं सुषमा शर्मा सहायक अध्यापक शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सारंगपुर जिला राजगढ़ द्वारा प्रदान किये गये अभ्यावेदन दिनांक 09/11/2020 तथा संलग्न सभी आदेशों तथा मा. उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा सभी पारित आदेशों के पश्चात कोई भी विभागीय जाँच नहीं होने पर भी अभी तक बहाली के एक वर्ष पश्चात भी निलंबन अवधि को कर्तव्य अवधि मान्य कर वेतन नहीं देने के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? (ख) अभी तक वेतन का निर्धारण क्यों नहीं किया गया? इस संबंध में प्रश्नकर्ता तथा सुभाष चन्द्र शर्मा अध्यापक द्वारा कलेक्टर राजगढ़ एवं आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को दिनांक 09/11/2020 को अभ्यावेदन के साथ समस्त न्यायालयीन आदेश प्रदान करने के पश्चात निलंबन अवधि के वेतन से कैसे वंचित हैं?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) श्री सुभाष चंद्र शर्मा अध्यापक एवं सुषमा शर्मा सहायक अध्यापक शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सारंगपुर जिला राजगढ़ के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मोहन बडोदिया जिला शाजापुर की जाँच रिपोर्ट दिनांक 19.06.2015 पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निरस्त की गई है, अतः श्री सुभाष चंद्र शर्मा अध्यापक एवं सुषमा शर्मा के प्रकरणों का निराकरण किये जाने हेतु नस्ती-231/2021/20-1 पंचायत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को जावक क्रमांक- 866/पी.ए./प्र.स./स्कूल शिक्षा दिनांक 19-02-2021 से प्रेषित की गई है। शेष जानकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से एकत्र की जा रही है। (ख) जानकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से एकत्र की जा रही है।
अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र बनाना
[जनजातीय कार्य]
48. ( क्र. 1490 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कोरकू जाति, अनुसूचित जनजाति के अनुसूची क्रमांक 27 में दर्ज हैं? यदि हाँ, तो शिवपुरी जिले में उक्त जाति के लोगों को उक्त श्रेणी का जाति प्रमाण पत्र क्यों नहीं बनाये जा रहे हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो जिले के तहसील नरवर नगर पंचायत मग रौनी के कु. निशा ने जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र हेतु गत 3 वर्षों में कितनी बार आवेदन किया है? उक्त आवेदन पत्रों में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के जिले एवं तहसील में गत तीन वर्षों से आय, निवास, जाति के कितने लंबित प्रकरण हैं? आवेदन प्राप्त होने का दिनांक प्रमाण पत्र जारी होने का दिनांक एवं लंबित प्रकरणों के कारण अंकित कर सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संबंध में समय पर प्रकरणों का निराकरण न करने में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उन पर कब क्या कार्यवाही करेंगे तथा कब तक लंबित प्रकरणों का निराकरण करा देंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। शिवपुरी जिले में कोरकू जनजाति के लोग मूलत: निवासरत न होने से उक्त श्रेणी के जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाये जा रहे हैं। (ख) कु.निशा कोरकू द्वारा जाति प्रमाण पत्र के लिए दो बार लोक सेवा के माध्यम से आवेदन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) करैरा में प्राप्त हुये, आवेदिका द्वारा कोरकू जाति के प्रमाण पत्र की मांग की गई। तहसीलदार नरवर से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार आवेदिका की वास्तविक जाति अनुसूचित जाति के क्रमांक 34 पर होकर कुचबंधिया है। आवेदिका द्वारा अनुसूचित जनजाति के लिए किया गया आवेदन न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) करैरा के प्रकरण क्रमांक/350/ 19-20/बी-121 पर दर्ज कर दिनांक 20.8.2019 को निरस्त किया गया। उक्त आदेश के विरूद्ध अपर कलेक्टर शिवपुरी के न्यायालय में अपील प्रस्तुत की गई। पुन: जाँच पर तहसीलदार नरवर द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में आवेदिका की जाति कुचबंधिया पाई गई जो कि अनुसूचित जाति के क्रमांक 34 पर अंकित है। प्रकरण दिनांक 4.1.2020 को निरस्त किया गया। आय एवं मूलनिवासी प्रमाण पत्र आवेदकगणों के स्व-घोषणा पत्र पर आधारित होकर लोकसेवा केन्द्र के माध्यम से निर्धारित समय-सीमा में जारी किये जाते हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत जिले में वर्तमान में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के अंतर्गत आवेदन लोकसेवा के माध्यम से प्राप्त होते हैं जिनमें निराकरण हेतु समय-सीमा निर्धारित होती है। आवेदनों की तत्समय ही जाँच कराई जाकर समय-सीमा में निराकृत किये जाते हैं।
अंक सूची में जन्म तिथि का सत्यापन
[स्कूल शिक्षा]
49. ( क्र. 1502 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय उ.मा.विद्यालय पिछोर जिला ग्वालियर के छात्र राधेश्याम मोदी पुत्र भुलुआ मोदी ने वर्ष 1979 में हायर सेकेण्डरी की परीक्षा विद्यालय पिछोर से उत्तीर्ण की है? यदि हाँ, तो छात्र ने हायर सेकेण्डरी परीक्षा किस संकाय व किस श्रेणी में उत्तीर्ण की है? (ख) क्या परीक्षा में प्रदाय रोल नं. 035960 के अनुसार छात्र की अंकसूची में छात्र की जन्म तिथि दिनांक 10.02.1960 अंकित है। जन्म तिथि का सत्यापन कर अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के अनुसार प्रश्न दिनांक तक छात्र की आयु कितने वर्ष की मान्य की गई है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। शासकीय उ.मा.वि.पिछोर, जिला ग्वालियर के छात्र राधेश्याम मोदी पुत्र भुलुआ मोदी ने मण्डल द्वारा आयोजित हायर सेकेण्डरी परीक्षा वर्ष 1979 में अनुक्रमांक 035960 से कला संकाय में सम्मिलित होकर द्वितीय श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण की है। (ख) जी हाँ। हायर सेकेण्डरी सर्टिफिकेट परीक्षा वर्ष 1979, रोल नंबर 035960, छात्र RADHESHYAM MODI S/O BHULUA MODI जन्मतिथि 10.02.60, अंकित है। सत्यापन हेतु मण्डल के मूल अभिलेख (प्रतिपण) की प्रमाणित प्रति संलग्न परिशष्ट पर है। (ग) गणनानुसार 61 वर्ष।
सामग्री क्रय/निर्माण कार्य में अनियमितता की जांच
[अनुसूचित जाति कल्याण]
50. ( क्र. 1506 ) श्री संजीव सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला संयोजक कार्यालय भिण्ड द्वारा छात्रावास/आश्रमों में सामग्री पूर्ति हेतु कितनी, कौन-कौन सी सामग्री कितनी धनराशि की किस-किस मूल्य पर क्रय की गई? 01 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक सामग्री की जानकारी प्रपत्र बनाकर प्रदाय की जावे। (ख) क्या अनुसूचित जाति बस्ती के लिए शासन द्वारा भेज गया बजट यथा हैण्डपम्प, रोड, विद्युतीकरण विद्युत पम्प आदि को गैर अनुसूचित क्षेत्रों में व्यय कर दिया गया है? यदि हां, तो उक्त कृत्य के लिए दोषी कौन है? (ग) छात्रावास/आश्रमों की मरम्मत हेतु 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट प्राप्त हुआ व कहां-कहां व्यय किया गया? छात्रावास/आश्रमों की जानकारी प्रदाय की जावे। (घ) क्या क्रय/ स्टोर/स्थापना/निर्माण, शाखा में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारियों को सामन्यतः 03 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर अन्य शाखा में पदस्थ करने का नियम है? यदि हां, तो जिला संयोजक कार्यालय भिण्ड में ऐसे कौन-कौन से कर्मचारी हैं? जो कि एक ही शाखा में काफी लम्बे समय से पदस्थ हैं एवं जिन पर शासकीय धन का दुरूपयोग/गबन/वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी लगे हैं? ऐसे अधिकारी/ कर्मचारियों को अब तक अन्य शाखा में पदस्थ नहीं करने के लिए दोषी कौन है? (ड.) क्या शासन ऐसे कर्मचारी/अधिकारियों को भविष्य में उपरोक्त शाखाओं में पदस्थ नहीं करने संबंधी आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जिला कार्यालय, भिंड में क्रय/स्टोर/स्थापना/ निर्माण शाखा में ऐसा कोई भी कर्मचारी लंबे समय से पदस्थ नहीं है जिस पर शासकीय धन के दुरूपयोग/गबन/वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी लगे हों। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश 'घ' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षक विहीन एक शिक्षकीय शालाओं में शिक्षकों की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 1507 ) श्री संजीव सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के नियमानुसार शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या कितनी-कितनी होना आवश्यक हैं? क्या भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में शासन द्वारा निर्धारित विद्यार्थिंयों की संख्या के अनुपात अनुसार ही शिक्षक कार्यरत हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने व कौन-कौन से प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय शिक्षक विहीन हैं तथा कितने विद्यालय ऐसे हैं जहां मात्र एक ही शिक्षक पदस्थ है व कब से? शिक्षक विहीन शालाओं में अध्यापन कार्य कैसे संचालित होता है तथा ऐसे विद्यालयों का विगत 02 शैक्षणिक सत्रों का परीक्षा परिणाम का प्रतिशत क्या रहा? शालावार, वर्षवार, विकासखण्डवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) अनुसार जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा शिक्षक विहीन शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना हेतु विगत 3 वर्षों में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा निकट भविष्य में कब तक शिक्षक विहीन शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना कर दी जावेगी?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जी नहीं। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में प्राथमिक/माध्यमिक एक भी शाला शिक्षक विहीन नहीं है तथा एक शिक्षकीय शाला की सूची, कब से एक शिक्षकीय है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शिक्षक विहीन कोई शाला नहीं होने से प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में पदस्थ शिक्षकों द्वारा अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। विगत दो शैक्षणिक सत्रों का परीक्षा परिणाम शालावार, वर्षवार, विकासखण्डवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) माध्यमिक शिक्षकों की शिक्षक पात्रता भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है, प्राथमिक शिक्षक की पात्रता परीक्षा हेतु पी.ई.बी. को अनुरोध किया गया है। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्कूलों में शौचालयों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
52. ( क्र. 1508 ) श्री संजीव सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में ऐसे कौन-कौन से प्रायमरी/मिडिल/हाई स्कूल हैं जहां पर प्रश्न दिनांक तक बालक व बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है? कारण सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किन-किन स्कूलों की आर्थिक अनियमितताओं की क्या-क्या शिकायतें 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई हैं? शिकायतवार, स्कूलवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या प्रश्न दिनांक तक शिकायतों का निराकरण हो गया है? यदि हाँ, तो स्कूलवार, निराकरणवार जानकारी दें। यदि नहीं, तो कब तक हो जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत कब तक स्कूल में शौचालयों का निर्माण करा दिया जायेगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) भिण्ड जिले में समस्त शासकीय प्राथमिक/ माध्यमिक स्कूलों में बालक/बालिकाओं के लिये पृथक-पृथक शौचालय उपलब्ध हैं। प्रश्नाधीन जिले के समस्त हाईस्कूलों में शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है। शेषाश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में सी.एम.हेल्पलाइन में शिक्षा गारंटी शाला मातापुरा में शौचालय निर्माण नहीं किये जाने की शिकायत थी। शिकायतकर्ता की सहमति के आधार पर शिकायत को बंद किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के कार्यों के संबध में आर्थिक अनियमितताओं की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
उज्जैन ज़िले में गौवंश की घटती हुई संख्या
[पशुपालन एवं डेयरी]
53. ( क्र. 1533 ) श्री महेश परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन में गौवंश और गौशालाओं की संख्यायेँ कितनी है? (ख) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक गौशालाओं में प्रतिवर्ष गायों की संख्या कितनी बढ़ी और प्रतिवर्ष पाली जाने वाली गायों में से कितनी घटी? (ग) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक गौसंवर्धन और संरक्षण को लेकर कौन-कौन से कानून सरकार ने बनाए? गौवंश की घटती हुई संख्या को दृष्टिगत रखते हुए कानून के उल्लंघन पर उज्जैन जिले में सरकार ने कब-कब कानूनी कार्यवाहियाँ की? घटती दर को लेकर सरकार द्वारा कब-कब बैठकें ली गयी और बैठकों में क्या-क्या निर्णय लिए गए? उपरोक्त तीनों बिन्दुओं की प्रशासकीय एवं वित्तीय एवं शासन की समीक्षा रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध कराएं। (घ) उक्त अवधि 2015 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले की गौशालाओं में कुल कितनी गायों की मृत्यु हुई और उक्त मृत्यु किन कारणों से और किन अधिकारियों की लापरवाही से हुई? सभी बिन्दुओं पर प्रमाणित रिकार्ड के साथ जवाब प्रस्तुत करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक गौसंवर्धन एवं संरक्षण को लेकर राज्य सरकार द्वारा कानून नहीं बनाया गया है। गौसंवर्धन एवं संरक्षण से संबंधित सशक्त कानून मध्यप्रदेश में पूर्व से ही लागू है। गौवंश संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उज्जैन जिले में पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में 8, वर्ष 2016-17 में 8, वर्ष 2017-18 में 6, वर्ष 2018-19 में 4, वर्ष 2019-20 में 6 इस प्रकार कुल 32 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। घटती दर के विषय पर बैठकें आयेजित नहीं कि गई हैं, किन्तु गौवंश संरक्षण हेतु शासन द्वारा मुख्यमंत्री गौसेवा योजना प्रारंभ की गई हैं। जिसमें वर्ष 2019-20 में 1000 गौशालाऐं एवं वर्ष 2020-21 में 2365 गौशालाऐं स्थापित किये जाने का लक्ष्य रखा गया हैं। साथ ही गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु राशि रूपये 20 प्रतिदिवस प्रति गौवंश दिये जाने का प्रावधान निर्धारित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
सिंहदेव योजना अंतर्गत भूमि का सीमांकन
[वन]
54. ( क्र. 1537 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिला में सिंहदेव योजनान्तर्गत वन एवं राजस्व भूमि के सीमांकन की प्रक्रिया शुरू की गई थी? यदि हाँ, तो प्रक्रिया का सम्पूर्ण विवरण, नियम निर्देश प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत किन-किन स्थानों की भूमि का सीमांकन किया गया? कहाँ-कहाँ किसे-किसे आधिपत्य दिया गया? स्थान, खसरा नंबर सहित सम्पूर्ण विवरण प्रदाय करें। किन खसरा नंबर में विवाद की स्तिथि निर्मित हुई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में क्या सभी भूमि का आधिपत्य विभागों को प्राप्त हो चुका है? यदि नहीं, तो किन कारणों से किस खसरा नंबर एवं क्षेत्र की भूमि में विवाद है? विवाद का निपटारा कब तक एवं कैसे किया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जिला छतरपुर अन्तर्गत सिंहदेव योजनान्तर्गत वन एवं राजस्व भूमि के सीमांकन की प्रक्रिया नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
सिंहदेव योजना अंतर्गत भूमि का सीमांकन
[वन]
55. ( क्र. 1538 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिला अंतर्गत सिंहदेव योजनान्तर्गत वन एवं राजस्व भूमि के सीमांकन की प्रक्रिया की गई थी? यदि हाँ, तो प्रक्रिया का सम्पूर्ण विवरण, नियम निर्देश प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत किन-किन स्थानों की भूमि का सीमांकन किया गया? कहाँ-कहाँ किसे-किसे आधिपत्य दिया गया? स्थान, खसरा नंबर सहित सम्पूर्ण विवरण प्रदाय करें। किन खसरा नंबर में विवाद की स्तिथि निर्मित हुई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में क्या सभी भूमि का आधिपत्य विभागों को प्राप्त हो चुका है? यदि नहीं, तो किन कारणों से किस खसरा नंबर एवं क्षेत्र की भूमि में विवाद है? विवाद का निपटारा कब तक कैसे किया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जिला छतरपुर अन्तर्गत सिंहदेव योजनान्तर्गत वन एवं राजस्व भूमि के सीमांकन की प्रक्रिया नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
56. ( क्र. 1539 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कितनी गौशालाएं निर्मित की गई, कितनी निर्माणाधीन हैं एवं कितनी प्रस्तावित हैं? (ख) इन गौशालाओं के नियमित संचालन हेतु किस प्रकार की दैनिक जरूरतों की आवश्यकता होगी? इन दैनिक जरूरतों एवं अन्य जरूरतों की पूर्ति, जैसे विद्युत, चौकीदार, सेवादार, भूसा, पानी आदि सहित गौशालाओं के रखरखाव एवं संचालन हेतु किस प्रकार व्यवस्था की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में गौशालाओं के संचालन में होने वाले व्यय की नियमित व्यवस्था किस प्रकार से की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु राशि रू. 20.00 प्रतिदिवस प्रतिगौवंश के मान से उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। जिसकी व्यवस्था पशुपालन विभाग द्वारा की जावेगी। गौशालाओं के रख-रखाव एवं उनके संचालन का दायित्व ग्राम पंचायत को सौंपा गया है। ग्राम पंचायत यदि गौशाला का संचालन किसी संस्था के माध्यम से कराना चाहे तो वह आजीविका मिशन की महिला स्वसहायता समूह व स्वयं सेवी संस्था से अनुबंध कर सकती है। (ग) गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु आर्थिक सहायता प्रदाय करने हेतु राज्य शासन द्वारा बजट उपलब्ध कराया जाता है। अन्य व्यवस्थाऐं संचालन समिति द्वारा अन्य स्त्रोतों तथा दान में प्राप्त राशि, गोबर खाद्, गौमूत्र आदि को विक्रय कर की जाने का प्रावधान है।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
57. ( क्र. 1546 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना (तामिया) अन्तर्गत सम्पूर्ण छिन्दवाड़ा जिले की प्रत्येक विधानसभाओं से वित्तीय वर्ष 2018-19, वर्ष 2019-20, वर्ष 2020-21 में कौन-कौन से विभिन्न निर्माण कार्यों के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विभाग को भेजे गये हैं? प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार वर्षवार जानकारी बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वर्षों में भेजे गये प्रस्तावों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किए गये हैं और शासन द्वारा वित्तीय वर्षों में कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? प्रत्येक विधानसभावार वर्षवार जानकारी देवें। (ग) उक्त वित्तीय वर्षों में स्वीकृत किए गये निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हो चुके हैं व कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ हैं, कौन-कौन से कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं और कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं? कार्य प्रारंभ नहीं होने व कार्यों के अपूर्ण होने का क्या कारण है? कार्यों की प्रश्न दिनांक तक भौतिक स्थिति बतायें। (घ) तामिया परियोजना अन्तर्गत शासन के निर्देशानुसार वर्ष 2018-19, वर्ष 2019-20, वर्ष 2020-21 में कितनी बैठकों का आयोजन किया जाना था? क्या संबंधित अधिकारी के द्वारा उतनी बैठकें आयोजित की गई हैं? अगर बैठक आयोजित नहीं की गई है तो इसके लिए कौन अधिकारी जबावदार है? ऐसे अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) संपूर्ण छिन्दवाड़ा जिले में एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना तामिया एवं सौंसर तथा माडा पॉकेट लहगडुआ संचालित है। प्रश्नाधीन अवधि में विभाग को भेजे गये विभिन्न निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (घ) म.प्र. शासन, आदिमजाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के आदेश क्र-एफ/23/42/96/3/25, दिनांक 12.8.96 में निहित निर्देशों के तहत् परियोजना सलाहकार मंडल की बैठक बुलाये जाने का प्रावधान है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'चार' अनुसार है। परियोजना तामिया अंतर्गत वर्ष 2018-19 में परियोजना सलाहकार मण्डल का गठन न होने से बैठक आयोजित नहीं की जा सकी। शासन द्वारा दिनांक 07.03.2019 को परियोजना सलाहकार मण्डल का गठन होने के उपरांत वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिनांक 08.02.2020 को बैठक का आयोजन किया गया। परियोजना सौंसर अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में एक-एक बैठक का आयोजन किया गया है। कोरोना काल एवं परि. सलाहकार मण्डल का कार्यकाल निरस्त किये जाने से बैठक का आयोजन नहीं किया गया।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
58. ( क्र. 1547 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? प्राप्त राशि का उपयोग किन-किन कार्यों एवं निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान किए जाने के लिये किया गया है? प्रत्येक विधानसभावार वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वित्तीय वर्षों में स्वीकृत किए गये निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारंभ किए जा चुके हैं व कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारंभ होना शेष हैं एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं और कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण हैं? स्वीकृत निर्माण कार्यों को प्रारंभ नहीं किए जाने एवं निर्माण कार्य के अपूर्ण होने का क्या कारण है? निर्माण कार्यों की प्रश्न दिनांक तक भौतिक स्थिति से अवगत करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं प्राप्त राशि से स्वीकृत कार्यों की विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
पाठशालाओं में प्राचार्य, प्राध्यापक एवं शिक्षकों की व्यवस्था
[जनजातीय कार्य]
59. ( क्र. 1582 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र की जन-जाति विभाग की सभी पाठशालाओं में प्राचार्य, प्राध्यापक एवं शिक्षकों के कितने पद रिक्त है? पाठशालावार बतायें। (ख) रिक्त पदों के कारण पाठशालाओं के शिक्षण स्तर में क्या अंतर आता है? (ग) इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) 306 पद रिक्त हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन द्वारा शिक्षक संवर्ग के रिक्त पदों के विरूद्ध शैक्षणिक कार्य सुचारू रूप से संचालित हो इस हेतु अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाती है। (ग) शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सरस्वती इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर के छात्रों द्वारा प्राप्त की गई छात्रवृत्ति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
60. ( क्र. 1604 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्थित सरस्वती इंजीनियरिंग कॉलेज के अंतर्गत वर्ष 2010 से 2015 तक पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किन-किन छात्रों के नाम से छात्रवृत्ति स्वीकृत कर भुगतान की गयी है? छात्रों की वर्षवार, कक्षावार सूची देवें। (ख) वर्ष 2010 से 2015 तक की समयावधि में उक्त कॉलेज को पिछड़ा वर्ग, अनु.जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस बैंक खाते में भुगतान की गयी? सूची देवें। (ग) वर्ष 2010 से 2015 तक की समयावधि में उक्त कॉलेज में कौन-कौन से छात्र विभिन्न सेमेस्टर परीक्षाओं में सम्मिलित हुए तथा उनका परीक्षा परिणाम क्या रहा? छात्रवार जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहायक शिक्षक की हायर सेकेंडरी अंकसूची का सत्यापन
[स्कूल शिक्षा]
61. ( क्र. 1605 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1986 में सहायक शिक्षक/उप शिक्षक की नियुक्ति हेतु न्यूनतम योग्यता हायर सेकेंडरी निर्धारित की गयी थी? (ख) क्या अरुण कुमार प्यासी, सहायक शिक्षक, शासकीय हाई स्कूल, रामपुर जिला जबलपुर द्वारा विभाग में नियुक्ति हेतु प्रस्तुत की गयी हायर सेकेंडरी उत्तीर्ण की अंकसूची, म.प्र. माध्य.शिक्षा मंडल की हायर सेकेंडरी पूरक परीक्षा वर्ष 1982 के अभिलेखों में अनुक्रमांक 50390 के अंतर्गत अरुण कुमार प्यासी के नाम पर दर्ज है? यदि हाँ, तो उक्त अभिलेख उपलब्ध करावें, यदि नहीं, तो क्या उक्त अंकसूची फर्जी है? (ग) क्या अरुण कुमार प्यासी द्वारा फर्जी अंकसूची प्रस्तुत कर विभाग में नियुक्ति प्राप्त की गयी है? यदि हाँ, तो क्या उक्त शासकीय सेवक को सेवा से पृथक कर अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री ,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। इस अनुक्रम में मण्डल मूल अभिलेख (अंकसूची) की प्रमाणित प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा महाविद्यालयों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
62. ( क्र. 1642 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालय (MBBS) की सूची तथा प्रथम वर्ष में प्रवेश की पात्रता के नियमों की जानकारी देवें तथा बतावें कि शासकीय में कितने स्वशासी है तथा स्वशासी बनाने संबंधी समस्त प्रक्रिया के परिपत्र की प्रतियां देवें। (ख) स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय बनाने संबंधी निर्णय किस स्तर पर लिया गया है? क्या यह विधानसभा में रखा गया? किस दिनांक की केबिनेट बैठक में इसे स्वीकृति प्रदान की गई तथा स्वशासी महाविद्यालय का खर्च किस मद से दिया जाएगा तथा उसमें नियुक्ति, निलम्बन का अधिकार किसका होगा? क्या उसमें आरक्षण का रोस्टर का पालन होगा? (ग) स्वशासी महाविद्यालय के वित्तीय एवं प्रशासकीय अधिकार संबंधी परिपत्र, आदेश की प्रतियां देवें तथा बतावें कि उसमें भर्तियां कैसे, किस नियम से की जा रही है? (घ) क्या स्वशासी महाविद्यालय का स्वरूप शासकीय, अशासकीय या अर्द्धशासकीय कहलाएगा? क्या इसी तर्ज पर अन्य महाविद्यालय खोले जायेंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शासकीय तथा निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। प्रथम वर्ष के प्रवेश की पात्रता संबंधी नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। प्रदेश में 13 स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों को स्वशासी घोषित किये जाने संबंधी मध्यप्रदेश का असाधारण राजपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ख) स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय बनाने के संबंध में निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया। जी नहीं। चिकित्सा महाविद्यालयों को स्वशासी घोषित किये जाने संबंधी निर्णय मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 24 दिसम्बर, 1996 में लिया गया। स्वशासी महाविद्यालयों के संचालन हेतु बजट शासकीय मद से दिया जाता है। चिकित्सा महाविद्यालयों के स्वीकृत पदों के लिये आदर्श सेवा नियम 2018 लागू किये गये है तथा स्वशासी द्वारा नियुक्त किये गये अधिकारियों कर्मचारियों की नियुक्ति, निलंबन का अधिकार स्वशासी संस्था को प्रदत्त है। जी हाँ। (ग) वित्तीय अधिकार पुस्तिका भाग-02 के अनुसार चिकित्सा महाविद्यालयों को प्रदत्त वित्तीय शक्ति संबंधी प्रपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। चिकित्सा महाविद्यालयों को प्रदत्त प्रशासकीय अधिकार एवं पदों पर की जा रही नियुक्तियों के संबंध में ''आदर्श सेवा नियम 2018'' पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है। (घ) शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय कहलायेगा। जी हाँ।
संविदा कर्मचारियों का संविलियन
[स्कूल शिक्षा]
63. ( क्र. 1679 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविदा पूर्व बी.आर.सी.सी. वर्तमान बी.ए.सी. प्रदेश में कहाँ-कहाँ और कब से कार्यरत है? सूची प्रदाय उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या सभी कर्मचारियों को अपने पद पर कार्य करते हुए 20 वर्ष से अधिक समय हो गया है? यदि हाँ, तो संविदा से नियमितीकरण की प्रक्रिया 5 जून, 2018 के नियमानुसार इनको पात्रता आती है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) राज्य शिक्षा सेवा 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत संविदा पूर्व बी.आर.सी.सी. वर्तमान बी.ए.सी. को एरिया एजुकेशन आफिसर (एलिमेंटी एजुकेशन) बनाने के लिए अनुमोदन तत्कालीन शिक्षा मंत्री द्वारा अगस्त 2018 में दिया था? (घ) प्रश्नांश (ग) हाँ है तो दीर्घ अनुभवी पात्र संविदा कर्मचारियों का अनुमोदन उपंरात AEO (EE) पद पर अब तक संविलियन कर आदेश जारी क्या नहीं किया गया?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एक कर्मचारी को छोड़कर सभी को 20 वर्ष से अधिक समय हो गया है। जी नहीं। क्योंकि परियोजना के पद होने से विभागीय सेटअप में संविदा पर नियुक्ति के लिए पद चिन्हित नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) म.प्र. सर्व शिक्षा अभियान मिशन के सभी पद परियोजना के पद है। भर्ती नियम में संविदा कर्मचारियों को सीधे नियुक्त करने का प्रावधान नहीं है।
उचित मूल्य की दुकान से हॉस्टलों में भेजे गए अनाज का सत्यापन
[स्कूल शिक्षा]
64. ( क्र. 1690 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या करोना काल में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित सभी छात्रावासों में उचित मूल्य की दुकान से कितना अनाज कब-कब भेजा गया और कब-कब बांटा गया? हस्ताक्षर सहित प्रमाणित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितना अनाज हॉस्टल में बच्चों को बांटा, कितना बचा, अनाज खरीदने के लिए वार्ड वालों ने कितने-कितने चेक का भुगतान कब-कब किया? कोरोना काल की जानकारी उपलब्ध कराएँ। (ग) जो अनाज हॉस्टल में गया किस तादाद में गया और उसे किस के सुपुर्द किया गया, सुपुर्दगी दिनांक से आज तक हॉस्टल में कितना अनाज उपलब्ध है, कितनी बार दिया गया है और वर्तमान में अनाज की क्या स्थिति है? (घ) क्या माननीय स्कूल शिक्षा मंत्री जी प्रदेश के सभी हॉस्टलों में अनाज के संबंध में उपरोक्त अनुसार जाँच करवाएंगे कि कितना अनाज बच्चों तक पहुँचा, कितना बचा और शासन का कितना पैसा खर्च हुआ? शासन के पैसे का और खरीदी गई सामग्री का किसी प्रकार दुरुपयोग तो नहीं हुआ, इस संबंध में सत्यापन रिपोर्ट सदन में कब तक उपलब्ध कराएंगे?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) कोरोना काल में उचित मूल्य की दुकान से छात्रावास में भेजे गये अनाज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। शिकायत के आधार पर निर्णय लिया जायेगा।
नि:शक्त जन कल्याण हेतु विकलांग शिविर
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
65. ( क्र. 1713 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस तहसील में किस-किस दिनांक से विकलांग शिविर आयोजित किए गए थे? तहसीलवार आयोजित शिविर की दिनांक तथा प्राप्त आवेदन तथा निराकृत आवेदनों तथा शेष रहे आवेदनों की संख्या से अवगत कराएं। (ख) क्या प्रश्नांश (क) दर्शित निराकृत आवेदकों को उनको दिए जाने वाले उपकरणों/सामग्री को उनको बताई गई दिनांक को प्रदाय कर दिए गए हैं? प्रदाय किए गए उपकरणों/सामग्री की शिविरवार, हितग्राहीवार जानकारी से अवगत करावें तथा शेष रहे आवेदकों को कब तक उपकरण सामग्री प्रदान कर दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित वर्ष 2019 में आयोजित किये गये विकासखण्ड स्तरीय चिकित्सकीय मूल्यांकन शिविर में उपकरण हेतु चिन्हित 382 दिव्यांगजनों को जिला शिक्षा केन्द्र राजगढ़ द्वारा उपकरण वितरण किये गये है। प्रदाय किये गये उपकरणों/सामग्री की शिविरवार, हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। वर्ष 2020 में जिला शिक्षा केन्द्र एवं कृत्रिम अंग निर्माण निगम उज्जैन द्वारा आयोजित शिविर में 338 दिव्यांगों को उपकरणों हेतु चिन्हित किया गया है जिन्हें राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल, भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण उज्जैन द्वारा तिथि का निर्धारण होने पर मार्च 2021 में उपकरण वितरण शिविरों का आयोजन जिला शिक्षा केन्द्र राजगढ़ द्वारा किया जायेगा। उपकरणों/सामग्री की शिविरवार, हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
गौशाला का निर्माण
[पशुपालन एवं डेयरी]
66. ( क्र. 1714 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशालाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं? उनमें से कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं कितनी का शेष है? विधानसभावार, तहसीलवार, ग्रामवार, गौशालाओं की प्रशासकीय स्वीकृत राशि एवं वास्तविक रूप से निर्माण की राशि, पूर्णता की दिनांक की जानकारी से अवगत करावे। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित विधानसभावार, तहसीलवार, ग्रामवार पूर्ण की गई गौशालाओं का संधारण किस-किस संस्था एजेंसी द्वारा किया जा रहा है? उन गौशालाओं में गायों की कितनी संख्या है? संधारण हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित शेष अपूर्ण/प्रगतिरत गौशालाओं का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? विधानसभावार, तहसीलवार, ग्रामवार, निर्माणाधीन गौशालाओं की जानकारी तथा पूर्ण करने की दिनांक से अवगत करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) राजगढ़ जिले अंतर्गत वर्ष 2019-20 में से प्रश्न दिनांक तक कुल 150 गौशालाऐं स्वीकृत की गई हैं। उनमें से 27 गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका हैं एवं 123 शेष है। प्रश्न की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) निर्माणाधीन गौशालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार। गौशालाओं का पूर्ण कराने का दिनांक बताया जाना संभव नहीं हैं।
विभागीय कार्य और ई-भुगतान के निर्देशों का पालन
[वन]
67. ( क्र. 1728 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन-विकास निगम के पत्र-क्रमांक/वि.वि.नि./बजट/बी.29/2018/2019 दिनांक 18.07.2018 एवं संभागीय प्रबंधक कुण्डम परियोजना मण्डल-जबलपुर द्वारा दिनांक 26.06.2019 को लिखे गये पत्र क्रमांक-08/व्यय/2019/1257 से क्या निर्देश किन्हें दिए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) क्या निर्देशानुसार ई-पेमेंट से भुगतान किया गया? हाँ, तो वर्ष 2018-19 से राशि का नगद/ई-पेमेंट से भुगतान का विवरण एवं अनियमितता पर की गई कार्यवाही भुगतानवार बतायें। (ग) क्या वन मंडल कटनी के अधीन कैम्पा और अन्य मदों/योजनाओं में वर्ष-2017-18 से वनमंडल-कटनी के किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी लागत से किस मद/योजना में कब-कब पौधा/वृक्षारोपण कार्य किया गया और वर्तमान में पौधा/वृक्षारोपण की भौतिक स्थिति से अवगत कराएं। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) कार्यों की विधानसभा प्रश्नों और अन्य कारणों से प्रचलित व जाँच पूर्ण हो गई? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन एवं कार्यवाही से अवगत करायें। नहीं तो क्यों? प्रकरणवार बतायें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम के पत्र क्रमांक/ वविनि/बजट/बी29/2018/2219, दिनांक 18.07.2018 द्वारा मण्डल प्रबंधकों को ई-भुगतान के निर्देश दिये गये हैं एवं मण्डल प्रबंधक कुण्डम परियोजना मण्डल के पत्र क्रमांक 1257, दिनांक 26.06.2019 के द्वारा ई-भुगतान करने के निर्देश समस्त परियोजना परिक्षेत्र अधिकारियों को जारी किये गये थे। (ख) निर्देशानुसार समस्त प्रकार के कार्यों का भुगतान ई-भुगतान पद्धति से कराये जाने का पूर्ण प्रयास किया जा रहा है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। ई-भुगतान के निर्देशानुसार प्रयास किये गये हैं, क्षेत्रीय परिस्थिति एवं व्यवहारिक कठिनाई को देखते हुए शत-प्रतिशत ई-भुगतान नहीं किया जा सका है, तथापि संबंधितों का स्पष्टीकरण लेने के निर्देश निगम को दिये गये हैं। ई-भुगतान में कोई अनियमितता प्रकाश में नहीं आई है अत: कार्यवाही का प्रश्न निहित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) कटनी सामान्य वनमण्डल की कोई जाँच प्रचलित नहीं है। मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम के विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक-205 सत्र दिसम्बर 2019 में निर्मित आश्वासन क्रमांक-1135 की जाँच कराई गई जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के कार्य
[जनजातीय कार्य]
68. ( क्र. 1729 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्य किये गये, कितने लंबित है, लंबित रहने के क्या कारण है? परियोजनावार, वर्षवार जानकारी देवें। (ख) सिवनी जिले के अंतर्गत एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के निर्माण कार्यों का सत्यापन किस-किस अधिकारी ने किया? प्रश्नांश (क) अवधि तक की जानकारी परियोजनावार देवें। (ग) क्या वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक किये गये कार्यों की शिकायते क्षेत्रीय जनता, जनप्रतिनधियों द्वारा की गई हैं? यदि हाँ, तो जाँच में क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) सिवनी जिले के अंतर्गत एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना लखनादौन, कुरई एवं माडा पाकेट सिवनी में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक किये गये निर्माण कार्य एवं लंबित रहने का कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) सिवनी जिले के अंतर्गत परियोजना लखनादौन, कुरई एवं माडा पाकेट सिवनी के वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्यों का सत्यापन कार्य एजेंसी के अधिकारियों एवं परियोजना प्रशासक/अधिकारी तथा सहायक सांख्यिकीय अधिकारी द्वारा किया गया है। प्रश्नांश (क) अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) सिवनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक किये गये कार्यों की कोई शिकायतें क्षेत्रीय जनता, जनप्रतिनिधियों से प्राप्त नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु रोगी कल्याण समिति द्वारा क्रय सामग्री
[पशुपालन एवं डेयरी]
69. ( क्र. 1732 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशु रोगी कल्याण समिति जिला सिवनी द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक सामग्री/उपकरण क्रय किये गये? यदि हाँ, तो क्या-क्या सामग्री किस-किस फर्म से कितनी-कितनी मात्रा/संख्या में खरीदी गई? सामग्री के क्रय आदेश, सामग्री का बिल, भुगतान वाउचर एवं नोटशीट जिसके ऊपर सामग्री क्रय हेतु अनुमति ली गई है? उसकी प्रति संलग्न कर जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त सामग्री क्रय करने हेतु संचालक पशुपालन में अनुमति ली गई? यदि हाँ, तो अनुमति आदेश की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें कि क्या उप संचालक पशुपालन सिवनी एवं सिविल सर्जन जिला पशु चिकित्सालय सिवनी को पशु कल्याण की राशि से उसके कार्यालय में कूलर अथवा ए0सी0 लगाने की पात्रता है? यदि हाँ, तो अभिलेख का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या पशु कल्याण समिति के राशि से कूलर अथवा ए0सी0 एवं अन्य ऐसी सामग्री जो पशुओं के काम न आती हो खरीदी जा सकती है? यदि हाँ, तो शासन अभिलेख का विवरण देवें। (घ) क्या पशु रोगी कल्याण समिति की राशि से फ्रिज, कूलर खरीदे गये है, यदि हाँ तो कब, कहाँ से कितनी राशि के किस कंपनी के किस दर से क्रय किये गये? यदि कोटेशन से क्रय किये गये तो कोटेशन की छायाप्रति एवं क्रय आदेश तथा तुलनात्मक पत्रक तथा पशु रोगी कल्याण समिति के वॉयलॉज की प्रति उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) उक्त सामग्री क्रय करने हेतु संचालक पशुपालन से अनुमति की आवश्यकता नहीं है। वरन जिला रोगी पशु कल्याण समिति की राशि को व्यय करने का अधिकार समिति की शासी निकाय का ही है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रोगी पशु कल्याण समिति की नियमावली के बिन्दु क्रमांक 12 ''ज'' अनुसार समिति के द्वारा जो धनराशि एकत्रित की जावेगी उसका व्यय करने का अधिकार समिति को होगा। रोगी पशु कल्याण समिति के उद़देश्य क्रमांक 4 ''पशु चिकित्सा प्रबंधन में सुधार'' अंतर्गत रोगी पशु कल्याण समिति की नियमावली के बिन्दु क्रमांक 12 ''झ'' के अनुसार समिति नये उपकरण क्रय करने, उपकरणों की मरम्मत, दवाऐं तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं के क्रय पर भी व्यय कर सकेंगी। उपरोक्त नियमों के अंतर्गत पशु चिकित्सा संस्थाओं में ऑपरेशन थियेटर, रोग अनुसंधान प्रयोगशाला आदि के सुदृढ़ीकरण करने हेतु एसी, इत्यादी सामग्री क्रय की जा सकती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत पदों एवं योजनाओं को क्रियान्वयन
[पशुपालन एवं डेयरी]
70. ( क्र. 1785 ) श्री अनिल जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में वर्तमान में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों की संख्या जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तरवार बतायी जावे। इनमें से कौन-कौन से पद भरे हैं? पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी के नाम सहित विवरण दिया जावे। (ख) दिनांक 1 अक्टूबर, 2018 से विभाग द्वारा जिले के पशु पालकों के लिये विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति वर्षवार, योजनावार एवं घटकवार दी जावे। (ग) विभाग द्वारा आवारा पशुओं के नियंत्रण एवं रख-रखाव हेतु शासन द्वारा क्या-क्या योजनायें संचालित हैं? वर्तमान में जिले में उपलब्ध समस्त अवारा पशुओं के नियंत्रण का लक्ष्य कब तक पूरा किया जा सकेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) मुख्यमंत्री नवीन गौ सेवा योजना संचालित है। वर्तमान में 10 गौशालायों निर्मित होकर 991 गौवंश को रखा गया है एवं जिले में वर्ष 2020-21 में 30 ग्राम पंचायतों में गौशाला निर्माण हेतु यथा स्वीकृति कार्यवाही उपरांत निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है। सतत प्रक्रिया है। अत: समय बताना संभव नहीं।
जिला कार्यालय, पद स्वीकृति एवं योजना का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
71. ( क्र. 1786 ) श्री अनिल जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या निवाड़ी जिले में विभाग का जिला कार्यालय तथा आवश्यक पदों की स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन स्तर से कब-कब तथा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पत्र क्रमांक, दिनांक तथा की गई कार्यवाही सहित अद्यतन स्थिति बतायी जाये। यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें कि वर्तमान में स्वीकृत पद जिले के लिये पर्याप्त हैं। भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी साथ में दी जावे। (ख) जिले में विभाग के भरे हुये पदों पर पदस्थ अमले की जानकारी देते हुये इनके कार्यालयों के पते की जानकारी पृथक से दी जावे।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। मध्य प्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ 4-132/2018/25/1 भोपाल, दिनांक 19.03.2020 द्वारा जिला संयोजक निवाड़ी का पद स्वीकृत किया गया है तथा शेष पद टीकमगढ़ जिला कार्यालय से ट्रांसफर किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में स्वीकृत पद पर्याप्त है। सभी पद रिक्त है। (ख) निवाड़ी जिला कार्यालय में कर्मचारियों की पद स्थापना नहीं की गई हैं तथा निवाड़ी जिले के समस्त कार्यों का क्रियान्वयन जिला टीकमगढ़ से ही किया जा रहा है।
आयातित दलहन पर निराश्रित शुल्क की वसूली
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
72. ( क्र. 1788 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के तत्कालीन कलेक्टर ने प्रमुख सचिव म.प्र. शासन सामाजिक न्याय एवं नि:शुक्त जन कल्याण विभाग को पत्र क्रमांक 3211 दिनांक 20/2/2019 से कृषि उपज मंडी समिति कटनी के दाल मिलों पर आयातित दलहन पर निराश्रित शुल्क माफ किये जाने हेतु लेख किया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। उक्त पत्र पर विभाग द्वारा जो भी कार्यवाहियाँ की गई, उनकी पूर्ण जानकारी नोटशीट, आदेश की प्रति अभिलेख सहित देवें। करोड़ों अरबों के मालिक दाल मिलर्स को लाभ पहुँचाने के लिये इस तरह शासन को भ्रामक पत्र लिखने के लिये तत्कालीन कलेक्टर के विरूद्ध शासन क्या और कब कार्यवाही करेगी? (ग) कलेक्टर कटनी एवं सचिव मंडी कटनी को शासन निर्देश देगा कि वर्ष 1998 से वर्ष 2016-17 तक की बकाया लगभग 25 करोड़ रूपये निराश्रित शुल्क की वसूली कब प्रारंभ की जावेगी? (घ) प्रदेश की अन्य मंडियों पर आयातित दलहन पर कितना निराश्रित शुल्क बकाया है? मंडीवार जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) कलेक्टर जिला कटनी ने पत्र दिनांक 20-02-2019 से उद्योगों के सुचारु संचालन को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2014-15 से पूर्व के वर्षों में मण्डी शुल्क छूट की अवधि में निराश्रित शुल्क जमा किये जाने के संबंध में दालमिलों के संघ की मांग पर प्रकरण में शासन स्तर पर उचित निराकरण किये जाने हेतु लेख किया गया था। कलेक्टर द्वारा निराश्रित शुल्क माफ करने की कोई अनुशंसा नहीं की गई है। (ख) विभाग से संबंधित बिन्दुओं पर कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ''अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रदेश की मंडी समितियों पर आयातित दलहन पर निराश्रित शुल्क बकाया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब''अनुसार।
अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
73. ( क्र. 1789 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत किन-किन संवर्गों के पदों में कार्यरत लोक सेवकों के दिवंगत होने पर उनके आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति किन-किन पदों पर प्रदान करने के नियम हैं? पूर्ण जानकारी आदेश सहित देवें। बतावें कि सतना जिले में वर्तमान में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु कौन-कौन से पद कहाँ-कहाँ रिक्त हैं एवं वर्तमान में कितने प्रकरण अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित हैं? लंबित होने का क्या कारण है? बतावें। (ख) क्या दिवंगत सहायक अध्यापक माया मिश्रा पर आश्रित प्रतीक्षा मिश्रा को अनुकम्पा नियुक्ति अभी तक प्रदान नहीं की गई है, जबकि वह संविदा शाला शिक्षक वर्ग 2 की पात्रता परीक्षा भी उत्तीर्ण है? कारण बतावें ऐसा क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम विलंब से आने के कारण संबंधित को अनुकम्पा नियुक्ति शासनादेश के अनुक्रम में 7 वर्ष की बंधनकारी समय-सीमा पूर्ण हो जाने पर नहीं प्रदान की गई है? प्रकरण में कलेक्टर सतना द्वारा पत्र क्रमांक 146 दि0-28/6/2019 द्वारा मार्गदर्शन चाहा था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) (ग) अनुसार आश्रित प्रतीक्षा मिश्रा के अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सतना जिले में अनुकंपा नियुक्ति हेतु रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सतना जिले अन्तर्गत अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता रखने वाले कोई प्रकरण लंबित नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) जी हाँ। स्व. श्रीमती माया मिश्रा, सहायक अध्यापक की मृत्यु दिनांक 01.07.2012 को हुई थी। कु0 प्रतीक्षा मिश्रा का माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने का परिणाम दिनांक 26.10.2019 को घोषित हुआ है तब तक मृत्यु दिनांक से 07 वर्ष की समय-सीमा (अर्थात 19.07.2019 तक) समाप्त हो जाने एवं माध्यमिक शिक्षक पद पर अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान न होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति प्रदान नहीं की गई। जी हाँ। जी हाँ। विभागीय आदेश दिनांक 01.02.2021 के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण का परीक्षण कराया जा रहा है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्च माध्यमिक शिक्षक को प्राचार्य हाई स्कूल के पद पर पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
74. ( क्र. 1793 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम 2018 नियम 14 की अनुसूची 4 में उच्च माध्यमिक शिक्षक को प्राचार्य हाई स्कूल के पद पर पदोन्नति का नियम है? (ख) क्या इसी प्रकार समानता के नियम को ध्यान में रखकर मध्यप्रदेश जनजाति एवं अनुसूचित जाति शिक्षण संवर्ग नियम 2018 में उच्च माध्यमिक शिक्षक की हाई स्कूल प्राचार्य पद पर पदोन्नति का प्रावधान किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विभाग इनकी पदोन्नति का नियम बनाएगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जनजातीय कार्य विभाग के भर्ती नियम 1970 संशोधित नियम 1992 में व्याख्याता से प्राचार्य हाई स्कूल के पद पर पदोन्नति का प्रावधान होने एवं व्याख्याता के साथ उच्च माध्यमिक शिक्षक प्रतिस्थापित करने की प्रक्रिया चलन में होने के कारण। (ग) जी हाँ, जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वनाधिकार अधिनियम से प्रदाय वनाधिकार पट्टा
[जनजातीय कार्य]
75. ( क्र. 1794 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से दिसंबर 2018 तक, जनवरी 2019 से मार्च 2020 तक एवं अप्रैल 2020 से प्रश्न-दिनांक तक मण्डला जिले में कितने आदिवासियों एवं गैर-आदिवासियों के कितने-कितने दावे मान्य किए गए, कितने दावे अमान्य किए गए, कितनी भूमि के कितने सामुदायिक दावे मान्य एवं अमान्य किए गए? अमान्य किये गए दावों को किन कारणों से अमान्य किया गया? क्या अमान्य दावों को पुनः संज्ञान में लेकर दावा प्रदान करने की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो प्रकरणवार स्थिति स्पष्ट करें। शासकीय कार्यों हेतु सामुदायिक दावों के कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक आये हैं एवं उनमें क्या कार्यवाही की गई है? इनमें से अमान्य दावों को मान्य करने के लिए नियमों में शिथिलता करने के लिए शासन की क्या योजना है? (ख) वन अधिकार कानून 2006 की धारा 2 (ण), धारा 4 (3), धारा 2 (झ) एवं धारा 3 (1) ग, धारा 2 (घ), धारा 3 (1) ज, धारा 2 (क) एवं धारा 3 (1) ख में किस-किस विषय पर क्या-क्या प्रावधान दिए हैं? उनका पालन किए जाने के संबंध में राज्य मंत्रालय भोपाल ने किस-किस दिनांक को किस-किस विषय पर आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी किया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित धाराओं का पालन सुनिश्चित किए जाने के संबंध में राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति ने अपनी किस दिनांक की बैठक में क्या-क्या निर्णय लिए? प्रति सहित बताएं।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनवरी, 2008 से दिसम्बर, 2018 तक, जनवरी, 2019 से मार्च, 2020 तक एवं अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक मान्य एवं अमान्य किये गये दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'', ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार है। मण्डला जिले अन्तर्गत शासकीय कार्यों हेतु 11 सामुदायिक दावे प्राप्त हुये है। जिला स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा सभी 11 दावों को मान्य किया गया है। अमान्य दावों को मान्य करने के लिये नियमों में शिथिलता करने लिये शासन की कोई योजना नहीं हैं। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 की प्रति एवं समय-समय पर जारी आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''चार'' एवं ''पांच'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''छः'' अनुसार है।
अनुसूचित जाति जनजाति बस्तियों में विकास एवं निर्माण कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
76. ( क्र. 1798 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विदिशा जिला अंतर्गत विभागीय पात्रता सूची में चयनित अनुसूचित बाहुल्य ग्राम/बस्तियों में वित्तीय वर्ष 2020-21 में विकास एवं निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम बस्ती में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से स्वीकृत किये गये? जिला विदिशा अंतर्गत कुल उपलब्ध राशि सहित विधानसभा क्षेत्रवार स्वीकृत कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराये। यदि प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो? निर्माण कार्य अभी तक स्वीकृत नहीं किये जाने के कारण सहित जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना की शासन विकल्प की 20 प्रतिशत राशि से स्वीकृत किये गये कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम 15 मई, 2018 के अंतर्गत जिलों को उपलब्ध कराई गई 80 प्रतिशत राशि से कार्यों की स्वीकृति के अधिकार जिले के प्रभारी मंत्रीजी को हैं। वर्तमान में प्रभारी मंत्री का मनोनयन नहीं होने से विभाग के पत्र क्रमांक एफ 12-22/2016/4-25 पार्ट, दिनांक 10.02.2021 द्वारा कार्य स्वीकृत किये जाने हेतु निर्देश जारी किये जा चुके हैं।
स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल की मरम्मत
[स्कूल शिक्षा]
77. ( क्र. 1799 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में स्थित शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल हायर सेकेण्डरी स्कूलों में से कितने स्कूलों की चार दीवारी (बाउण्ड्रीवॉल) बनी हुई है एवं कितने स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य अभी तक नहीं कराया गया एवं उक्त संस्थाओं में कितनी संस्थाये ऐसी हैं, जिनमें आवश्यक मरम्मतीकरण कार्य किये जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में जिन शासकीय स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य नहीं कराये गये हैं, उक्त संस्थाओं में कब तक बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्यों हेतु राशि स्वीकृत की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में मरम्मतीकरण कार्य हेतु वांछित संस्थाओं में मरम्मतीकरण कार्य हेतु राशि कब तक स्वीकृत की जायेगी? क्या वर्ष 2021-22 शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पूर्व सभी संस्थाओं में आवश्यक मरम्मतीकरण कार्य पूर्ण कराये जाने के संबंध में विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्राथमिक/ माध्यमिक 298 संस्थाओं में मरम्मतीकरण के प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना 2020-21 में प्रस्तावित किये गये है, भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने पर कार्य किया जा सकेगा। शेष 343 प्राथमिक/ माध्यमिक शालाओं का माइनर रिपेयर शाला ग्रांट से पूर्ण किया जाएगा। हाई स्कूल एवं हायर सेकेन्डरी स्कूल हेतु जिले से प्राप्त प्रस्ताव एवं बजट की उपलब्धता के आधार पर मरम्मतीकरण कार्य हेतु राशि दी जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। अत: शेषांश उपस्थित नहीं होता है।
वन अधिकार पत्रों का वितरण
[जनजातीय कार्य]
78. ( क्र. 1802 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में वनाधिकार अधिनियम के तहत एम.पी. वन मित्र पर एम.पी. ऑन लाइन के माध्यम से कितने दावेदारों द्वारा दावा दर्ज किया? विकासखण्ड जिलेवार संख्या बतावें एवं कितने-कितने दावेदारों को वनाधिकार पत्रों का वितरण किया गया है? विकासखण्ड, जिलेवार संख्या बतावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में वनाधिकार अधिनियम के तहत एम.पी. वन मित्र पर कितने दावेदारों के दावे दर्ज किये गये? कितने पात्र पाये गए एवं कितने अपात्र पाये गये? पात्र पाये गये हितग्राहियों को कितना रकबे के पट्टे दिए गये? हितग्राही का नाम,पता,विकासखण्ड सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में क्या सभी पात्र हितग्राहियों को वनाधिकार पत्रों का वितरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस के द्वारा वितरण किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक वितरण कर दिए जावेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में वनाधिकार समिति पंजीकृत दावों का भौतिक सत्यापन किस-किस दिनांकों में किया गया तथा किन-किन दिनांकों में ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किया गया? ग्रामवार जानकारी बतलावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रदेश में वनाधिकार अधिनियम के तहत एम.पी. वनमित्र पर एम.पी. ऑन लाईन के माध्यम से दावेदारों द्वारा दावा दर्ज किये जाने संबंधी तथ्य नहीं पाये गये। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घुमक्कड़ जातियों की जनकल्याणकारी योजनाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
79. ( क्र. 1803 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विमुक्त घुमक्कड़ अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के कल्याण हेतु वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? योजनाओं की छायाप्रति उपलब्ध करावें। 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक योजनाओं के लिए कितनी-कितनी राशि किस-किस जिले को आंवटित की गई है? योजनावार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में 1 अप्रैल, 2014 से विमुक्त, घुमक्कड़ अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति ग्रामों, मजरा/टोलों में कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु राशि स्वीकृत की गई है तथा किन-किन हितग्राहियों को योजनाओं से लाभान्वित किया गया है? योजनावार एवं ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले में विमुक्त घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति किन-किन ग्रामों में निवास करती है तथा कौन-कौन सी जाति विमुक्त घुमक्कड़ अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति में सम्मिलित है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में विमुक्त घुमक्कड़ अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के कल्याण हेतु कौन-कौन से कार्य किये जावेगे?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण हेतु संचालित योजनाएं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। हितग्राही मूलक योजनाओं की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक चाही गई जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'',''द'' एवं ''ई'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ जातिगत सर्वे नहीं होने से जिलेवार/ग्रामवार जानकारी उपलब्ध नहीं है। सामान्य जानकारी के आधार पर विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति बाहुल्य ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''फ'' अनुसार है। विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति में सम्मिलित जातियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''भ'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विकासखण्डवार कल्याण कार्यक्रम निर्धारित नहीं है, विभाग द्वारा संचालित समस्त योजना अंतर्गत लाभांवित किया जाता है।
दुग्ध संकलन/संग्रहण पर अतिरिक्त भुगतान
[पशुपालन एवं डेयरी]
80. ( क्र. 1806 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत कितनी दुग्ध समितियां कार्यरत हैं? नाम पते सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य एक जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक शीत केन्द्र नरसिंहगढ़ द्वारा किन-किन दुग्ध समितियों द्वारा कितने लीटर प्रतिदिन दूध का संकलन/संग्रहण किया गया? क्या शासन द्वारा दुग्ध उत्पादन पर पशुपालकों को 5 रूपये प्रतिलीटर अतिरिक्त भुगतान किये जाने के निर्देश प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में किन-किन पशुपालकों को नियमानुसार दुग्ध उत्पादन पर कब-कब, कितनी-कितनी राशि का अतिरिक्त भुगतान किया गया? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शीत केन्द्र नरसिंहगढ़ द्वारा दुग्ध समितियों एवं पशुपालकों से दूध/दुग्ध उत्पाद का संकलन/संग्रहण तो किया गया, लेकिन प्रश्न दिनांक तक उनके उत्पादों व नियमानुसार अतिरिक्त राशि का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इस हेतु कौन-कौन दोषी है एवं दोषियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक पशुपालकों/दुग्ध समितियों को उत्पादों व नियमानुसार अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) दुग्ध समितियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) समितियों द्वारा प्रदायित दूध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में वर्णित है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौशाला संचालन एवं अनुदान
[पशुपालन एवं डेयरी]
81. ( क्र. 1807 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों पर कब से गौ-शालाएं संचालित हो रही हैं तथा इनका संचालन किनके द्वारा किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में गौ-शालाओं के संचालन हेतु शासन द्वारा क्या-क्या सुविधा व अनुदान दिये जाने का प्रावधान है? विगत पाँच वर्षों में नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन गौशालाओं को क्या-क्या सुविधाएं तथा कितना अनुदान प्रदान किया गया तथा उक्त अवधि में कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा इन गौशालाओं का निरीक्षण किया गया, जिसमें क्या-क्या अनियमितताएं पाई गई व उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्राम तिन्दोनिया में संचालित गौ-शाला का संचालन समिति द्वारा न कर एक ही व्यक्ति द्वारा किया जाकर गौशाला में खुले में घूम रहे गौवंश की रोकथाम नहीं की जा रही है तथा गौशाला के नाम प्राप्त होने वाले अनुदान का भी दुरूपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त गौशाला में विगत पाँच वर्षों में प्राप्त अनुदान व उसके व्यय लेखों की सम्पूर्ण जाँच करवाकर दोषी व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) गौशालाओं के संचालन हेतु गौशालाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु बुनियादी सुविधाऐं जैसे चारा पानी, शेड आदि के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का प्रावधान है। विगत पाँच वर्षों में नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण हेतु प्रदाय अनुदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। गौशालाओं का निरीक्षण प्रत्येक माह पशु पालन विभाग की नजदीकी संस्था के अधिकारियों द्वारा किया गया हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। निरीक्षण के समय कोई अनियमितता नहीं पाई गई। (ग) विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्राम तिन्दोनिया में गौशाला का संचालन, संचालन समिति के अध्यक्ष, सचिव द्वारा किया जा रहा हैं। जी नहीं। शेष प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
जनजाति कार्य विभाग के कर्मचारियों का संलग्नीकरण
[जनजातीय कार्य]
82. ( क्र. 1810 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगौन जिले में जनजाति कार्य विभाग के ऐसे कितने कर्मचारी हैं जो अपनी मूल पदस्थापना पर कार्यरत न होकर अन्य किसी जगह पर कार्य कर रहे हैं और जिनका वेतन अपने मूल पदस्थापना से निकल रहा है? उनकी जानकारी नाम, पता, पद, मूल पदस्थापना, कब से संलग्न हैं दिनांक एवं जहां संलग्न हुए हैं उसकी पूर्ण जानकारी की छायाप्रति सूचीबद्ध विकासखण्डवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन कर्मचारियों को संलग्न अटैच कर रखा है, क्या उनका संलग्नीकरण नियमानुसार किया गया है? यदि हाँ, तो नियमों की छायाप्रति देवें और नहीं तो दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही कब की जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन अधिकारी कर्मचारियों का जिस दिनांक को अपने मूल पद से अन्य जगह संलग्न किया गया, क्या उसका कोई विभागीय कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार जितने भी संलग्नीकरण किए गए हैं। उनको निरस्त करने का विगत 3 वर्षों में कोई आदेश जारी हुआ है? यदि हुआ है तो उसके पश्चात भी आज दिनांक तक उनके संलग्नीकरण निरस्त क्यों नहीं किए गए? क्या यह आदेश की अवहेलना है? यदि है तो इन पर क्या कार्रवाई की जाएगी और नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) खरगौन जिले में जनजातीय कार्य विभाग के कोई भी कर्मचारी अपनी मूल पदस्थापना के अतिरिक्त अन्य जगह कार्यरत नहीं है विकासखण्डों की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले में कर्मचारियों को संलग्न नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। (ग) निरंक। (घ) संलग्नीकरण किये जाने संबंधी जानकारी निरंक होने से प्रश्नांश (घ) की जानकारी निरंक मानी जावे।
खरगौन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दिव्यांगों की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
83. ( क्र. 1811 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगौन विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में शासन की जानकारी में कितने दिव्यांग निवासरत हैं? उनका दिव्यांग प्रतिशत, नाम, पता, सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार खरगौन जिले में ऐसे कितने दिव्यांग हैं जो शासन के नियमानुसार बैटरी चलित साइकल/बाइसिकल/ट्राईसाईकिल लेने हेतु पात्र हैं परंतु उनको आज दिनांक तक नहीं मिली? नहीं मिलने का क्या कारण है? उनको कब तक दी जाएगी? शासन द्वारा उनके लिए क्या कोई योजना बनाई जा रही है? उन दिव्यांगों की सूची नाम, पता, दिव्यांगता का प्रतिशत और किस श्रेणी के लिए पात्र हैं? जानकारी दें। (ग) दिव्यांगों को शासन द्वारा किन-किन श्रेणियों में रखा गया है और अलग-अलग श्रेणियों में क्या-क्या लाभ दिए जा रहे हैं? दिशा-निर्देश की छाया प्रति देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) खरगौन विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कुल 2598 दिव्यांगजन निवासरत है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार खरगौन जिले में कुल 2598 में से 58 दिव्यांगजन है जिन्हें केन्द्र शासन द्वारा संचालित सहायक यंत्रों/उपकरणों की खरीद/फिटिंग के लिये विकलांग व्यक्तियों को सहायता योजना के तहत दिनांक 21.10.2019 को परीक्षण शिविर आयोजित किया जाकर भारती कृत्रिम अंग निर्माण निगम उज्जैन की टीम द्वारा मोटरराईज्ड ट्राईसायकल हेतु पात्र चिन्हांकित किया गया है, किन्तु योजना मण्डल खरगौन से स्वीकृति अपेक्षित होने एवं वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के चलते स्वास्थ्य सुरक्षा एवं सावधानी के दृष्टिगत मोटरराईज्ड ट्राईसायकल वितरण की कार्यवाही नहीं की जा सकी। योजना मण्डल खरगौन से स्वीकृति उपरांत नियमानुसार मोटरराईज्ड ट्राईसायकल वितरण की कार्यवाही की जायेगी। वर्तमान में विभाग में पृथक से कोई योजना बनाये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 अनुसार 21 प्रकार की दिव्यांगता की श्रेणी को समाहित किया गया है जिन्हें पात्रतानुसार योजनाओं का लाभ दिया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
हायर सेकेण्ड्री, हाई स्कूल में सुविधाओं की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
84. ( क्र. 1834 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हायर सेकेण्ड्री, हाई स्कूल, माध्यमिक एवं प्राथमिक शालाओं में शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं, की जानकारी अलग-अलग दी जावें। (ख) क्या उपरोक्त उल्लेखित सभी शालाओं में शैक्षणिक कार्य के अतिरिक्त सुविधाएं प्रदाय की जा रही हैं? यदि नहीं, तो कितनी शालाओं में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है व इन सुविधाओं हेतु शाला प्रबंधन ने संबंधित उच्च अधिकारियों को पत्र व्यवहार एवं मौखिक रूप से अवगत कराया गया? इसकी जानकारी पत्रों की प्रति सहित उपलब्ध करावें व पत्रों पर प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई अथवा नहीं, उससे भी अवगत करावें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति एवं बजट की उपलब्धता के अनुसार प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में क्रमश: प्राथमिक शाला भवन, माध्यमिक शाला भवन, अतिरिक्त कक्ष, प्रधानपाठक कक्ष, बालक शौचालय, बालिका शौचालय, पेयजल हेतु हैण्डपम्प, बाउण्ड्रीवॉल, विद्युतीकरण एवं रैम्प सह रेलिंग का प्रावधान है। हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार हैं। प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में सुविधाएं यू-डाइस में दिये गये प्रपत्र के अनुसार भरी जाती हैं। शाला प्रबंधन द्वारा यू-डाइस में मूलभूत सुविधा उपलब्घ है या नहीं की जानकारी दी जाती है। यू-डाइस से संबंधित मांग पत्र जिलों में संधारित किये जाते है। इसी आधार पर प्रतिवर्ष वार्षिक कार्ययोजना में प्रावधान कर स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये जाते है। समस्त हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों को पात्रता अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाती है। कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
स्वीकृत पदों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
85. ( क्र. 1835 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ जिला मुरैना में कार्यरत हायर सेकण्डरी, हाई स्कूल, माध्यमिक एवं प्राथमिक शालाओं में शैक्षणिक कार्य हेतु कितने पद स्वीकृत हैं? शालावार बतावें। (ख) क्या सभी पद भरे हुये हैं या रिक्त हैं? रिक्त पदों की जानकारी भी अलग-अलग शाला व विषयवार दी जावे। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शाला प्रबंधन ने प्रश्न दिनांक तक किस स्तर पर आवेदन दिये व उन पर क्या कार्यवाही हुई?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शाला प्रबंधन द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल शिक्षा में निरंतर गिरावट
[स्कूल शिक्षा]
86. ( क्र. 1836 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3045 दिनांक 19.07.2019 के संदर्भ में बतावें कि धार जिले में 2010-11 से 2018-19 तक 30 प्रतिशत कमी क्यों हुई तथा बतावें कि वर्ष 2017-18 में प्रति विद्यार्थी पुस्तक खर्च 184 रूपये से बढ़कर 2018-19 में 301 रूपये कैसे हो गया संबंधित दस्तावेज देवें। (ख) बतावें कि 2001 से 2011 में 0 से 6 साल के बच्चों में कितनी कमी हुई? आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में 10-11 से 18-19 तक कितने प्रवेश हुए तथा चाईल्ड ट्रेकिंग के तहत डाटा शुद्धिकरण के प्राप्त समस्त आंकड़ों की विस्तृत जानकारी दस्तावेज सहित देवें तथा बतावें कि क्या वर्ष 2011-12 से 2017-18 तक निजी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 के नामांकन में 02.11 लाख की कमी हुई, इसका क्या कारण है? (ग) वर्ष 2010 से 2020-21 तक शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक, हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी शालाओं में वितरत गणवेश, मध्यान भोजन तथा साईकल का प्रति विद्यार्थी पर हुए खर्च की जानकारी देवें तथा प्रदेश की शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी शालाओं में आलोच्य वर्ग में शिक्षक विद्यार्थी अनुपात बतावें। (घ) क्या प्रश्नाधीन अवधि में विद्यार्थियों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी,बजट में 50 प्रतिशत वृद्धि पुस्तकें साईकल, मध्यान्ह भोजन के प्रति विद्यार्थी खर्च में 5 गुना वृद्धि क्या जाँच का विषय नहीं है? क्या शासन जाँच नियुक्त करेगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) धार जिले में 2010-11 से 2018-19 तक 30 प्रतिशत की कमी नहीं हुई है। कागज एवं मुद्रण की लागत में वृद्धि होने तथा दक्षता उन्नयन अंतर्गत छात्रों को नि:शुल्क पाठय पुस्तक के अतिरिक्त अभ्यास पुस्तिका भी उपलब्ध कराने के कारण प्रति विद्यार्थी पुस्तक खर्च में वृद्धि हुई है। (ख) जनगणना 2011 के अनुसार 0 से 6 आयु वर्ग के बच्चों में 2.34 लाख की कमी आई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार हैं। निजी विद्यालयों में भी कमी का कारण 0 से 6 आयु वर्ग के बच्चों में कमी, डाटा शुद्धिकरण एवं कक्षांतरण दर में कमी मुख्य कारण है। (ग) हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों में गणवेष वितरण एवं मध्यान्ह भोजन योजना संचालित नहीं है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार हैं। आलोच्य वर्ष में कक्षा 09 से 12 का छात्र-शिक्षक अनुपात 1:44 है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी नहीं हुई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
आदिम जाति कल्याण की मूल अवधारणा
[जनजातीय कार्य]
87. ( क्र. 1839 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सभी विभाग आदिवासी क्षेत्र उप योजना के लिये कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? इसकी सूचना देकर यह राय लेते हैं कि इसे किस-किस विशेष कार्य के लिये खर्च किया जाये ताकि आदिवासी समुदाय उन्नत हो सके? यदि नहीं, तो क्या विभाग अपने स्तर पर अन्य विभागों द्वारा आदिवासी उपयोजना की खर्च की गई राशी की समीक्षा करता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विभाग के पास यह जानकारी है कि पिछले पाँच वर्षों के बजट में आदिवासी उपयोजना के लिये सभी विभागों की मिलाकर कुल कितनी राशि का प्रावधान रखा गया था? यदि नहीं, तो विभाग क्या मात्र अपने बजट से आदिम जाति कल्याण का लक्ष्य प्राप्त कर लेगा? (ग) आदिम जाति कल्याण की मुख्य अवधारणा क्या है? आदिम जाति की आय को कैसे बढ़ाया जा सकता है? उनके जिवनांक तथा शिक्षा के स्तर को कैसे उन्नत किया जा सकता है? क्या विभाग के पास जानकारी है कि आदिम जाति में नवजात शिशु मृत्युदर, बाल मृत्युदर, गर्भवती महिला मृत्युदर क्या है? पुरूष महिला औसत आयु क्या है? जन्मदर मृत्यु दर क्या है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं, तो बतावें कि यह जानकारी क्यों नहीं ह? (घ) आदिम जाति का कृषि, पशुपालन, खेती हर मजदूर, कर्मकार आदि व्यवसाय में क्या हिस्सा है? औसत कृषि स्त्रोत क्या है? आदिवासी को आर्थिक रूप से उन ही पारम्परिक कार्यों में स्वालम्बी बनाने में विभाग कैसी गतिविधियां संचालित कर रहा है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नही। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिक्षको की एन.पी.एफ. राशि सही PRAN नम्बर में जमा करने
[स्कूल शिक्षा]
88. ( क्र. 1845 ) श्री राकेश गिरि : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के ब्लॉक टीकमगढ़ के संकुल केन्द्र बुडेरा के अन्तर्गत शासकीय प्राथमिक शाला बेलाटौरा में श्री बालाराम यादव और संकुल केन्द्र पठा के अन्तर्गत शासकीय प्राथमिक शाला मातौली में श्री चन्दन प्रसाद लोधी, शिक्षक के पद पर वर्ष 2015-16 से अब तक पदस्थ है? (ख) प्रश्नांश (क) में हाँ तो, यूनिक आई.डी. BD1330 पर एन.पी.एफ राशि जमा करने हेतु श्री बालाराम यादव को PRAN नम्बर 110193028580 तथा श्री चन्दन प्रसाद लोधी को PRAN नम्बर 110065432220 आवंटित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो, क्या श्री बालाराम यादव की वेतन से वर्ष 2015-16 से काटी जा रही एन.पी.एफ. राशि इनके आवंटित PRAN नम्बर में जमा हो रही है? यदि हाँ, तो अब तक जमा राशि का योग बतायें। यदि नहीं, तो क्या श्री बालाराम यादव की राशि श्री चन्दन प्रसाद लोधी के PRAN नम्बर में जमा हो रही है? यदि हाँ, तो कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो, श्री बालाराम यादव की राशि इनके PRAN नम्बर में कब तक अन्तरित कर जमा करा दी जायेगी? इस त्रुटि के लिये दोषी पर कब तक और क्या कार्यवाही जावेगी?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। श्री बालाराम यादव के वेतन से वर्ष 2015-2016 से अब तक कुल राशि रू. 283480/- (दो लाख तिरासी हजार चार सौ अस्सी रू. मात्र) का कटौत्रा किया गया है। जी हाँ। श्री बालाराम यादव के प्रान नम्बर से श्री चन्दन सिंह लोधी की यूनिक आई.डी. मैप होने के कारण श्री बालाराम यादव की एन.पी.एस. की राशि श्री चन्दन सिंह लोधी के प्रान नम्बर में जमा हो रही थी। (घ) श्री बालाराम यादव की राशि इनके प्रान नम्बर में अंतरित करने के संबंध में तकनीकी रिकवेस्ट (ईआरएम) पूर्ण कर एनएसडीएल मुम्बई को दिनांक 17.02.2021 को ऑनलाईन भेज दी गई है। एन.एस.डी.एल. द्वारा राशि सम्बंधित के खाते में भेजने की कार्यवाही की जावेगी। शेष मई 2020 से जनवरी 2021 तक की राशि आई.एफ.एम.आई.एस. प्रणाली लागू होने के कारण इस राशि का समायोजन संचालक पेंशन, म.प्र. के द्वारा किया जावेगा, इस संबंध में संलग्न परिशिष्ट अनुसार उन्हें आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया है। त्रुटिपूर्ण मैपिंग के सम्बन्ध में जाँच कर नियमानुसार कार्यवाही हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक/123 दिनांक 17.02.2021 द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़ को निर्देशित किया गया है।
हितग्राही मूलक योजनाओं में आवंटित लक्ष्य एवं पूर्ति
[पशुपालन एवं डेयरी]
89. ( क्र. 1851 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत प्रदेश में वर्तमान में कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित हैं तथा इसके चयन की क्या प्रक्रिया है? योजनावार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में संचालित हितग्राही मूलक योजनाओं में वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की अवधि में कितना आवंटन जिलों को आवंटित किया गया तथा आवंटित लक्ष्य के विरुद्ध की गई वित्तीय एवं भौतिक पूर्ति की जिलेवार, योजनावार, घटकवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में की गई भौतिक पूर्ति में नीमच जिले के कितने किसानों को प्रश्नाधीन अवधि में लाभान्वित किया गया? नीमच विधान सभा क्षेत्र के लाभान्वित हितग्राहियों की सूची उपलब्ध कराई जावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) नीमच जिले में वर्ष 2018-19 में 278, वर्ष 2019-20 में 176 तथा वर्ष 2020-21 में 67 किसानों को लाभांवित किया गया है। नीमच विधानसभा क्षेत्र के लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
शिक्षकों की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
90. ( क्र. 1862 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सितम्बर 2018 में हुई भर्ती प्रक्रिया में प्रदेश में कुल कितने शिक्षकों का किन-किन संवर्गों में चयन हुआ? (ख) क्या कारण है कि इनकी नियुक्ति प्रश्न दिनांक तक नहीं हो सकी है? दिनांक 01.04.2020 से 31.01.2021 तक इस संबंध में हुये समस्त विभागीय पत्राचार की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) इन्हें कब तक नियुक्ति प्रदान कर दी जायेगी? (घ) इनकी नियुक्ति लंबित रखने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सितम्बर 2018 नही, अपितु फरवरी/मार्च 2019 में आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा के परिणाम के आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत प्रावधिक चयन एवं प्रतीक्षा सूची में 14186 उच्च माध्यमिक शिक्षक तथा 7371 माध्यमिक शिक्षक के पदों पर चयनित हुये है। (ख) कोरोना महामारी के कारण चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन का कार्य दिनांक 04/07/2020 से स्थगित किया गया है। शेषांश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में आवश्यक निर्णय होने पर कार्रवाई की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पौधारोपण की जानकारी
[वन]
91. ( क्र. 1863 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 02 जुलाई, 2017 को हुए पौधारोपण में प्रदेश के कितने वनमंडलों में कितने पौधे रोपे गये? वनमंडलवार पौधों की संख्या बतावें। (ख) वनमंडलवार व्यय की जानकारी देवें। (ग) बड़वानी एवं खरगौन वनमंडलों में इसके लिए कितनी राशि किन फर्मों, व्यक्तियों या अन्य विभाग को दी गई? नाम, राशि सहित बतावें। (घ) बड़वानी एवं खरगौन वनमंडलों में दिनांक 02 जुलाई, 2017 के पश्चात इन पौधों की स्थिति का निरीक्षण कब-कब किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? अधिकारियों के नाम सहित बतायें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में है।
झारड़ा में छात्रावास की स्वीकृति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
92. ( क्र. 1870 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के झारड़ा में पिछड़ा वर्ग छात्रावास की स्वीकृति की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) इसकी स्वीकृति कब तक की जाकर टेंडर बुलाए जाएंगे? (ग) यदि नहीं, तो कारण बतावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के झारड़ा में पिछड़ा वर्ग छात्रावास स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विकासखण्ड स्तर पर, किराये के भवन में छात्रावास खोलने की अनुमति है।
उज्जैन जिले में दवाइयों एवं वाहनों पर व्यय
[पशुपालन एवं डेयरी]
93. ( क्र. 1871 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में दिनांक 01/01/2017 से 31/01/2021 तक किन-किन फर्मों से पशु चिकित्सा दवाईयां, उपकरण व अन्य सामग्री क्रय की गई? वर्षवार, फर्मवार भुगतान राशि सहित देवें। (ख) उक्त अवधि में कितने वाहन किराये पर लिए गए? उनके नंबर, वाहन स्वामी नाम, भुगतान राशि, लंबित राशि, वाहनवार, वर्षवार देवें। (ग) इन वाहनों का कहाँ-कहाँ, किन-किन कार्यों में उपयोग हुआ? एंबुलेंस या अधिकारियों के द्वारा किया उपयोग बतावें। विधानसभावार जानकारी प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) वाहन इकाईयों का संचालन वर्ष 01/10/2018 से प्रारम्भ हुआ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
अतिथि शिक्षकों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
94. ( क्र. 1878 ) श्री सुनील सराफ : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01.03.2020 की स्थिति में कोतमा विधान सभा क्षेत्र में कितने अतिथि शिक्षक कार्यरत थे? उनकी सूची स्कूलवार देवें। (ख) क्या कारण है कि लॉकडाउन एवं उसके बाद इन्हें वेतन नहीं दिया गया? इन्हें इस अवधि का वेतन कब दिया जाएगा? (ग) इनका नियमितीकरण कब तक किया जाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) दिनांक 01.03.2020 की स्थिति में कोतमा विधानसभा क्षेत्र में 310 अतिथि शिक्षक कार्यरत थे। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन दिर्नेशानुसार अतिथि शिक्षकों को लॉकडाउन अवधि माह मार्च-अप्रैल 2020 तक वेतन भुगतान किया जा चुका है। शेष अवधि में लॉकडाउन के कारण विद्यालय बंद होने से मानदेय की पात्रता नहीं आती है। (ग) अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण का कोई नियम नहीं है।
हितग्राहियों का बजट आवंटन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
95. ( क्र. 1879 ) श्री सुनील सराफ : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/04/2020 से 25/01/2021 तक अनूपपुर, उमरिया, शहडोल जिलों में पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग के कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजनाओं में लाभ दिया गया? जिलावार, विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्तानुसार लाभान्वित हितग्राहियों की विधानसभावार, योजना नाम सहित जिलावार देवें। (ग) वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रश्नांश (क) अनुसार जिलों में विभाग को कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है एवं कितनी राशि किन कार्यों में व्यय की गई है तथा कितनी शेष है? प्रश्न दिनांक तक जिलावार देवें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) दिनांक 01.04.2020 से 25.01.2021 तक मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना अंतर्गत जिला शहडोल में 08 तथा जिला अनूपपुर में 05 हितग्राहियों को लाभ दिया गया। जिलेवार/विधानसभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गरीबों को वृद्धावस्था पेंशन का समय पर प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
96. ( क्र. 1890 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा वृद्धावस्था पेंशन गरीबों को जारी की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो भोपाल में जिन गरीबों का गुजारा पेंशन से ही चलता है उनको दो-तीन महीने में पेंशन न मिलने पर उनके परिवार के भरण पोषण की क्या व्यवस्था की गई है? (ग) कभी गरीब व्यक्ति पेंशन के लिये परेशान होता है, कभी पात्रता पर्ची के लिये परेशान होता है तथा सभी समग्र आई.डी. के लिये क्या इन सभी समस्याओं का कोई हल सामाजिक न्याय विभाग, वित्त विभाग या राज्य शासन के पास है अथवा नहीं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में गरीबों को हो रही समस्याओं के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला अंतर्गत पेंशनधारी सभी पात्र हितग्राहियों को माह जनवरी पेड फरवरी 2021 तक सामाजिक सुरक्षा पेंशन को छोड़कर शेष समस्त पेंशन योजनाओं का भुगतान किया जा चुका है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा खाद्य विभाग द्वारा उनके परिवार के भरण पोषण हेतु प्रतिमाह प्रति सदस्य 5 किलो खाद्यान्न, 1 किलो नमक प्रति परिवार एक रूपये किलो की दर से प्रतिमाह पीओएस मशीन के माध्यम से हितग्राही के बायोमेट्रिक सत्यापन द्वारा प्रदाय किया जाता है। (ग) जी नहीं। नगरीय क्षेत्र में नगर निगम/नगर पालिका तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत सचिव द्वारा निर्धारित मापदंड अनुसार सत्यापन करने के पश्चात राशन मित्र पोर्टल पर परिवार की अनुशंसा उपरांत डी.एस.ओ./जे.एस.ओ. खाद्य शाखा द्वारा परिवार को उचित मूल्य दुकान से संलग्न कर पात्रता पर्ची जारी करने हेतु स्वीकृत किया जाता है तथा ईपीडीएस पोर्टल पर भेजकर एन.आई.सी. से पात्रता पर्ची जनरेट होने पर नगरीय निकाय/ग्राम पंचायत के माध्यम से उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) वितरीत की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पात्र पेंशन हितग्राहियों को पेंशन तथा खाद्यान्न सामग्री प्रदाय करने हेतु निर्धारित मापदण्ड अनुसार संबंधित विभागों द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हमीदिया अस्पताल में दवाइयों के एक्सपायर होने की जांच
[चिकित्सा शिक्षा]
97. ( क्र. 1891 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजधानी भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल में विगत दो वर्षों में लाखों रूपये की दवाईयां एक्सपायर हो गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि की दवायें एक्सपायर हुई हैं? (ग) क्या सरकार द्वारा इस मामले की जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी पाये गए हैं? क्या दोषी पाये गये अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय से संबंद्ध हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल में प्रश्न दिनांक तक रूपये 39,07,345/- की राशि की दवाएं एक्सपायर हुई है। (ग) जी नहीं। संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल के द्वारा आदेश दिनांक 02/02/2021 के अनुसार जाँच समिति का गठन किया जाकर जाँच कार्यवाही प्रचलन में है। जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
गणवेश वितरण में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
98. ( क्र. 1898 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के पोर्टल पर गणवेश वितरण हेतु पंजीकृत भोपाल जिले के छात्रों की संख्या बालक/बालिकाओं की पृथक-पृथक जानकारी, गणवेश वितरण पर खर्च की जाने वाली राशि तथा गणवेश वितरण सुनिश्चित एवं निरीक्षण करने हेतु गठित निगरानी/निरीक्षण समिति की जानकारी जिलेवार उपलब्ध कराएं। (ख) गणवेश सिलाई हेतु मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केन्द्र, शहरी आजीविका मिशन, मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, महिला एवं बाल विकास के पोर्टल पर पंजीकृत भोपाल जिले स्व-सहायता समूहों की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) भोपाल जिले के स्व-सहायता समूहों को गणवेश सिलाई एवं वितरण हेतु जारी 80 प्रतिशत राशि की जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2018-2019 सिंगरौली जिले में गणवेश वितरण में हुई अनियमितता एवं घोटाले के शिकायतकर्ता देवेन्द्र प्रकाश मिश्रा भोपाल द्वारा ई-मेल के माध्यम से दिनांक 13/09/2020 को जिला परियोजना अधिकारी मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के विरूद्ध कलेक्टर सिंगरौली द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध कराएं।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) भोपाल जिले में गणवेश वितरण हेतु बालक 38541 एवं बालिका 42782 कुल 81323 को प्रति 600/- के मान से राशि रूपये 4,8793,800/- खर्चे की जायेगी। निगरानी/निरीक्षणहेतु समिति गठित की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भोपाल जिले में राज्य शहरी आजीविका मिशन, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत SHG जीविका पोर्टल अनुसार पंजीयन स्व सहायता समूह की जानकारी राज्य शहरी आजीविका मिशन-5406, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन-2845 एवं महिला एवं बाल विकास विभाग निरंक है। (ग) स्व सहायता समूह को 80 प्रतिशत की राशि जारी नहीं की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यालय जिला पंचायत सिंगरौली के पत्र क्रमांक 3513 दिनांक 30/01/2021 के माध्यम से तीन सदस्यी समिति का गठन जाँच हेतु किया गया है।
शिक्षा विभाग में किये गये संलग्नीकरण
[स्कूल शिक्षा]
99. ( क्र. 1905 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत मण्डला एवं कटनी में शिक्षा विभाग के कौन से कर्मचारी कब से और किसके आदेश से संलग्न हैं? (ख) क्या जहां पर इनकी मूल पद स्थापना है? वहां इनकी आवश्यकता नहीं है? यदि हाँ, तो इन्हें कब तक मूल विभाग में वापस किया जायेगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) श्री लोकेश कुम्हरे, सहायक ग्रेड-3, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मण्डला को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मण्डला के आदेश दिनांक 20 जून, 2018 द्वारा अपने कार्य के साथ-साथ जिला पंचायत मण्डला के लेखाधिकारी के सहयोग हेतु निर्देशित किया गया है। जिला कटनी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला मण्डला के कर्मचारी को अपने कार्य के साथ-साथ प्रशासकीय आवश्यकतानुसार सहयोग हेतु कार्य किये जाने के लिए निर्देशित किया गया है। कटनी जिले के कर्मचारियों को कलेक्टर जिला कटनी के आदेश दिनांक 15.2.2021 से उनके मूल विभाग हेतु कार्यमुक्त कर दिया गया है।
वन मंत्रालय भारत सरकार से प्राप्त पत्र
[वन]
100. ( क्र. 1913 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा वन मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली एवं माननीय वनमंत्री जी भारत सरकार नई दिल्ली को गत एक वर्ष में प्रेषित पत्र 'प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल' को प्राप्त हुए हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के द्वारा किस विषय पर किस दिनांक को लिखा पत्र वन मुख्यालय भोपाल को किस दिनांक को किस निर्देश के साथ प्राप्त हुआ है? उसमें से किस पत्र पर वन मुख्यालय ने किस दिनांक को वन मंत्रालय भारत सरकार को उत्तर या प्रतिवेदन प्रेषित किया? प्रति सहित बताएं। किस पत्र पर प्रश्नांकित दिनांक तक भी उत्तर या प्रतिवेदन प्रेषित नहीं किया गया? (ग) प्रश्नकर्ता के पत्रों पर वन मुख्यालय द्वारा वन मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषित उत्तर या प्रतिवेदन की प्रति प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं करवाए जाने का क्या कारण रहा है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त पत्रों पर परीक्षण की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया
[स्कूल शिक्षा]
101. ( क्र. 1914 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2018 अनुसार आयोजित परीक्षा में कितने अभ्यार्थी शामिल हुए? उक्त अभ्यार्थियों में से कितने क्वालीफाई हुए? जातिवार/वर्गवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्वालीफाई अभ्यार्थियों में से कितने अभ्यार्थियों का चयन किस दिनांक को किया गया? जातिवार/वर्गवार ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार चयनित अभ्यार्थियों में से कितने अभ्यार्थियों का किस-किस दिनांक को डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया गया? कितने शेष बचे है? (घ) क्या 1 जुलाई, 2020 से 3 जुलाई, 2020 तक डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन की जाकर कोरोना एवं परिवहन समस्या बताकर कार्य को अचानक रोक दिया गया है? यदि हाँ, तो परिवहन सुचारू होने के उपरांत वेरिफिकेशन पुन: आरंभ क्यों नहीं किया गया, जबकि राज्य के महाविद्यालयों में 10 गुना अधिक विद्यार्थियों का वेरिफिकेशन किया जा चुका है? (ड.) 1 जुलाई, 2020 से 3 जुलाई, 2020 तक कितने अभ्यार्थियों को किसके द्वारा डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया गया? (च) जो अभ्यार्थी डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन से वंचित हैं, उनका डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन कब किया जाएगा? (छ) क्या चयनित अभ्यार्थियों को नियुक्ति देने की प्रक्रिया चल रही है? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो कारण बताएं।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) दिनांक 01.07.20 से 03.07.20 तक 5702 अभ्यर्थियों के डाक्यूमेन्ट वेरिफिकेशन का कार्य सम्पन्न हुआ है तथा 15337 अभ्यर्थियों के डाक्यूमेन्ट वेरिफिकेशन का कार्य शेष है। (घ) जी हाँ, इस संबंध में आवश्यक निर्णय होने पर कार्रवाई की जा सकेगी। (ड.) उत्तरांश (ग) अनुसार चयनित अभ्यर्थियों के डाक्यूमेन्ट वेरिफिकेशन प्रदेश के 65 सत्यापन केन्दाधिकारी द्वारा किया गया। (च) एवं (छ) उत्तरांश (घ) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[जनजातीय कार्य]
102. ( क्र. 1953 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नागदा-खाचरौद क्षेत्र में वर्ष 2018 से 1 फरवरी, 2021 तक अजजा वर्ग के कृषि पम्पों की बिजली लाईन, ट्रांसफार्मर नि:शुल्क स्थापित करने हेतु किन-किन के आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितने निराकृत किये? कितने शेष है? शेष रहने का क्या कारण है? (ख) अजा, अजजा वर्ग के लघु एवं सीमान्त कृषकों के लिए नि:शुल्क बिजली पंप, ट्रांसफार्मर स्थापित करने की क्या प्रक्रिया है? नागदा-खाचरौद क्षेत्र में कितने कृषकों को इसका लाभ दिया गया है? नाम, कृषक, गांव के नाम, जाति सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ग) उज्जैन जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग को अजा, अजजा बस्तियों, मजरें टोली में विकास कार्य हेतु वर्ष 2018 से 1 फरवरी, 2021 तक कितनी राशि प्राप्त हुई है? वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) उपरोक्त समयावधि में जिले में विकास कार्य हेतु प्राप्त आवंटन में से कौन-कौन से विधानसभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से कार्य हेतु विभाग द्वारा प्रदान की गई? वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार सम्पूर्ण विवरण दें। (ड.) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अजा, अजजा बाहुल्य गांवों में विकास कार्य हेतु अनुशंसा की गई थी? यदि हाँ, तो कब-कब और कितनी-कितनी राशि, किस-किस ग्राम पंचायत में दी गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में पंपों की बिजली लाईन, ट्रांसफार्मर लगाये जाने हेतु नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कुल 5 आवेदन प्राप्त हुये हैं। कोई भी आवेदन निराकृत नहीं हुआ। जिले में योजनान्तर्गत प्राप्त आवंटन की सीमा में कार्य स्वीकृत किये जाने के कारण शेष हैं। (ख) अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों के लिये नि:शुल्क बिजली पंप दिये जाने के प्रावधान नहीं हैं, ट्रांसफार्मर स्थापित करने के संबंध में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास नियमों के अंतर्गत नियमानुसार कार्य स्वीकृत किये जाने के प्रावधान हैं। जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में जिले को प्राप्त राशि का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (घ) के संबंध में वर्षवार, विधान सभावार, क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। प्रश्नकर्ता द्वारा 01 कार्य का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। प्राप्त प्रस्ताव पर अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास नियमों के अंतर्गत स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नीलगायों द्वारा फसल को नष्ट करने से रोक
[वन]
103. ( क्र. 1954 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले विशेषकर नागदा-खाचरौद क्षेत्र में नीलगायों द्वारा किसानों की खेती नष्ट की जा रही है? यातायात दुर्घटनाएं हो रही है विभाग व शासन को सब कुछ पता होने के बाद भी कोई कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? विवरण दें। (ख) जिले व खाचरौद-नागदा क्षेत्र में किसानों के हित में नीलगायों को पकड़ने के लिये वन विभाग व शासन की क्या योजना है? क्या शासन नीलगायों को पकड़ने के लिये सघन अभियान चलाएगी? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नीलगायों की आबादी बढ़ने से रोकने हेतु शासन की कोई योजना है? यदि नहीं, तो किसान हित में कोई योजना बनाई जायेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वन्यप्राणियों से फसल की नुकसानी एवं जनहानि/ जनघायल होने पर क्षतिपूर्ति राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है एवं प्रकरणों का निराकरण लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 में शामिल है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में निर्धारित समय-सीमा के तहत प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। (ख) प्रश्नांश में अंकित क्षेत्र से नीलगायों को पकड़ने के लिये वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग की अधिसूचना 31 मई, 2000 से फसल हानि करने वाली नीलगायों को मारने हेतु अनुमति जारी करने के लिये समस्त जिलों के उपखण्ड अधिकारी राजस्व को अधिकृत किया गया है।
जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित द्वारा कराए गए कार्य
[वन]
104. ( क्र. 1956 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित सतना एवं कटनी द्वारा वर्ष जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य किन-किन लघु वनोपज सहकारी समितियों के कार्य क्षेत्र में कराये गये है? कार्यवार, वर्षवार व्यय एवं वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये निर्माण कार्यों में श्रमिकों पर व्यय की गई राशि की जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या प्रबंध संचालक जिला वनोपज सह.यूनियन सतना एवं कटनी द्वारा वन परिक्षेत्राधिकारी से दबाव डलवाकर करोड़ों की राशि घटिया निर्माण कार्य कराकर दुरूपयोग की गयी है? यदि नहीं, तो कराये गये निर्माण कार्यों की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक विभाग सी.टी.आई. की टीम से कराकर सत्यता प्रमाणित करायी जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिला यूनियन सतना एवं कटनी में प्रबंध संचालक जिला यूनियन द्वारा वन परिक्षेत्र अधिकारियों पर दबाव डलवाकर करोड़ों की राशि से घटिया निर्माण कराकर दुरूपयोग किये जाने का कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
चित्रकूट की भूमि को सुरक्षित करने
[स्कूल शिक्षा]
105. ( क्र. 1957 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट स्थित महंत प्रेम पुजारी दास शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कामता का कुल रकबा कितना है? विद्यालय का कुल बिल्डअप एरिया और कुल रिक्त एरिया कितना है? (ख) क्या विद्यालय की भूमि पर किसी के द्वारा अतिक्रमण किया गया है या अतिक्रमण का प्रयास किया गया? यदि हाँ, तो दोषियों के खिलाफ विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही, किसके-किसके खिलाफ की गई? शिकायतवार और शिकायत पर की गई कार्यवाहीवार विवरण दें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्नाधीन विद्यालय का कुल रकबा 0.647 हेक्टेयर है। प्रश्नाधीन विद्यालय का बिल्डअप एरिया 0.420 हेक्टेयर एवं रिक्त एरिया 0.227 हेक्टेयर है। (ख) जी नही। कलेक्टर, सतना के पत्र क्रमांक/2225/विस./बजट सत्र/2021 सतना दिनांक 19.02.2021 अनुसार विद्यालय की भूमि पर किसी के द्वारा अतिक्रमण नहीं किया गया है। अतः शेषांश उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों के लिये कोचिंग संस्थान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
106. ( क्र. 1987 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के तैयारी के लिये नई दिल्ली स्थित किन-किन कोचिंग संस्थाओं को चयनित किया गया है? वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति से अवगत कराया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के अंतर्गत कितने प्रतिभावान अभ्यर्थियों को वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक लाभांवित किया और उन पर कितना व्यय किया गया? कोचिंग संस्थावार, मदवार एवं वर्षवार, जानकारी दी जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित लाभार्थियों में कितने अभ्यर्थियों ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की चयन में सफलता प्राप्त की है? नाम एवं वर्ष बताया जाये।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास एवं मांगलिक भवन का निर्माण
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
107. ( क्र. 1992 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र कसरावद के ग्राम झिरन्या में विमुक्त जाति बालक छात्रावास को 50 सीटर करने एवं ग्राम बोरखेड़ी में विमुक्त जाति (बंजारा) समाज हेतु मांगलिक भवन निर्माण एवं जनपद पंचायत भीकनगांव के ग्राम जामन्या में मुख्य मार्ग के दोनों ओर नाली निर्माण किए जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कितने पत्र विभागीय स्तर पर प्राप्त हुए? कितने कार्यों की स्वीकृति आदेश जारी किए गए एवं कितने लंबित हैं और क्यों? कारण सहित जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 61, दिनांक 29/01/20, पत्र क्र. 116 दिनांक 04/02/20 एवं पत्र क्रमांक 115 दिनांक 04/02/20 के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों की स्वीकृति आदेश जारी किए गए? इनमें से कितने कार्य प्रारंभ हैं? स्थानवार एवं निर्माण कार्यवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्त निर्माण कार्यों की वस्तुस्थिति प्रश्न दिनांक तक क्या है? कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुये बतायें कि उक्त कार्यों के स्वीकृति आदेश जारी कर कब तक निर्माण कार्य करा लिए जायेगें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) तीन पत्र प्राप्त हुये। कोई भी नहीं। चार लंबित है। छात्रावास में सीट वृद्धि की आवश्यकता नहीं होने से तथा शेष तीन सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार। (ग) प्रश्न दिनांक तक प्रस्ताव लंबित है। कलेक्टर से तकनीकी प्राकलन के साथ पूर्ण प्रस्ताव भेजने का लेख किया गया है, समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
स्कूलों का भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
108. ( क्र. 1993 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र कसरावद में स्कूलों के भवन निर्माण कराये जाने के लिये जिला शिक्षा अधिकारी खरगौन द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 13.02.20 के तारतम्य में प्राक्कलन तैयार कर आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को प्राप्त पत्र में उल्लेखित भवनों के निर्माण कार्य की स्वीकृति जारी की गई है? यदि हाँ, तो भवनवार कितनी राशि जारी की गई और कब तक उक्त निर्माण कार्य करा लिये जाएंगे? प्रश्न दिनांक की स्थिति में जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं (2020-21) में कितने-कितने पत्र कब-कब किस-किस दिनांक को प्राप्त हुये और उस पर विभागीय स्तर पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? स्थान एवं कार्यवार जानकारी प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में दें। (ग) छात्रों के भविष्य को देखते हुये उपरोक्त भवन निर्माणों की स्वीकृति आदेश कब तक जारी किये जायेंगे?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। शेषांश उपस्थित नहीं होता। (ख) दिनांक 30-05-2019 में पत्र प्राप्त हुआ। बजट उपलब्धता के अभाव में निर्माण स्वीकृत नहीं किये जा सके। (ग) नवीन भवन निर्माण, बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हाई स्कूल का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन
[जनजातीय कार्य]
109. ( क्र. 1994 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के ग्राम बेहरामपुर तहसील गोगांव के शासकीय हाई स्कूल का उन्नयन हायर सेकेण्डरी स्कूल में किए जाने के संबंध में विभाग को प्रश्नकर्ता के प्राप्त पत्र क्रमांक 2712/21/12/19 के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? अद्यतन स्थिति में जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित स्कूल के छात्रों के भविष्य को देखते हुए उन्नयन के कब तक आदेश जारी किए जायेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विधान सभा क्षेत्र कसरावद के ग्राम बेहरामपुर तहसील गोगावा के शासकीय हाई स्कूल का उन्नयन हायर सेकेण्ड्री स्कूल में किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 2712/21/12/19 स्कूल शिक्षा विभाग को भेजा गया है। जो सहायक आयुक्त, जिला खरगौन के कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन डेयरी साईन्स एवं फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज की स्थापना
[पशुपालन एवं डेयरी]
110. ( क्र. 1997 ) श्री संजय यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता की विधानसभा क्षेत्र बरगी में आने वाली जनपद पंचायत जबलपुर की ग्राम पंचायत मंगेली नवीन डेयरी साईन्स एवं फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज खोले जाने हेतु प्रस्ताव विभाग में लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक खोला जावेगा एवं की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुए किए गए पत्राचार/नस्ती/प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या ग्राम पंचायत मंगेली नवीन डेयरी साईन्स एवं फूड टेक्नोलॉजी कॉलेज खोले जाने हेतु तत्कालीन सरकार द्वारा जबलपुर में आयोजित केबिनेट में प्रस्ताव पारित किया गया था? पारित प्रस्ताव की प्रतिलिपि देवें। (ग) क्या उक्त कॉलेज हेतु 14 हेक्टेयर शासकीय भूमि भी उपलब्ध कराई गई थी? आदेश की प्रतिलिपि देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
पशु चिकित्सकों की पूर्ति एवं समयमान वेतनमान
[पशुपालन एवं डेयरी]
111. ( क्र. 1998 ) श्री संजय यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बरगी क्षेत्र में पशु चिकित्सकों की पूर्ति विभाग द्वारा पूर्ण नहीं की गई हैं? दोनों ही जनपदों में कितने-कितने पशु चिकित्सक कार्यरत हैं एवं कितने-कितने पशु चिकित्सकों की पूर्ति होना शेष है? (ख) विधानसभा क्षेत्र बरगी की ग्राम पंचायत भिडकी में स्थित पशु चिकित्सालय किन कारणों से प्रारंभ नहीं हो पा रहा है? पशु चिकित्सालय प्रारंभ किये जाने संबंधी अभी तक की गई कार्यवाही से अवगत करते हुए किये गये पत्राचार/नस्ती/प्रस्ताव उपलब्ध करायें एवं पशु चिकित्सालय कब तक प्रारंभ होगा? (ग) पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों को विभाग में समयमान वेतनमान कितने समय बाद दिया जाता है? नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या पशुपालन विभाग में वर्ष 2011 में पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों की नियुक्ति लोक सेवा आयोग द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो इन पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों का समयमान वेतनमान अब तक क्यों नहीं दिया जा रहा है? स्पष्ट कारण बतायें एवं समयमान वेतनमान कब लगेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बरगी में पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के 06 पद स्वीकृत है एवं 06 पशु चिकित्सक कार्यरत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पशुपालन विभाग का पत्र क्रमांक 2-43/2011/पैंतीस दिनांक 23.06.2011 द्वारा पशु औषधालय गंगई (भिडकी) का उन्नयन कर पशु चिकित्सालय किया गया है। उक्त संस्था पूर्व से ग्राम पंचायत गंगई के ग्राम गंगई में विगत 40 वर्षों से भी अधिक समय से संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों को विभाग में समयमान-वेतनमान 08 वर्ष, 16 वर्ष एवं 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर प्रदान किया जाता है। नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। वर्ष 2011 में नियुक्त पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों की 08 वर्ष की सेवा वर्ष 2019 में पूर्ण हो गई है इनके गोपनीय प्रतिवेदन क्षेत्रीय कार्यालयों से एकत्रित किये जा रहें है। एकत्रित होने के बाद समयमान वेतनमान स्वीकृत करने हेतु समिति की बैठक आहुत की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
बी.आर.सी. पद पर नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
112. ( क्र. 2000 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में बी.आर.सी. पद पर नियुक्ति हेतु चयन प्रक्रिया, चयनित व्यक्ति का कार्यकाल शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव सहित पूर्ण जानकारी एवं नियम बतावें। (ख) विदिशा जिले में बी.आर.सी. के कुल कितने पद कहाँ-कहाँ के लिये स्वीकृत हैं? इनमें कौन-कौन व्यक्ति कब-कब से कहाँ-कहाँ कार्यरत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (ग) क्या उपरोक्त कार्यरत व्यक्ति शासन के निर्धारित नियमों अनुसार चयनित किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें। (घ) क्या विदिशा जिले में रिक्त बी.आर.सी. पदपूर्ति हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) वर्तमान में पद रिक्त होने से अस्थाई कार्य व्यवस्था के तहत प्रभारी बी.आर.सी. के रूप में कार्यरत होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राज्य शिक्षा सेवा के गठन में नवीन संरचना में 3286 ए.ई.ओ. के स्वीकृत पदों में बी.आर.सी.सी. के 322 पदों को समायोजित किया गया है। अत: बी.आर.सी.सी. पद के स्थान पर ए.ई.ओ. के पदपूर्ति की कार्यवाही शीघ्र की जाएगी।
प्रदेश में लॉकडाउन अवधि में फीस की वसूली
[चिकित्सा शिक्षा]
113. ( क्र. 2012 ) श्री जितू पटवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी मेडिकल कॉलेज एवं डेन्टल कॉलेज लॉकडाउन अवधि में अप्रैल से दिसम्बर 2020 तक कब-कब चालू रहे तथा बंद अवधि में इन्होंने विद्यार्थियों से फीस ली या नहीं ली? (ख) यदि फीस ली तो क्या पूरी फीस ली या आंशिक फीस ली? कॉलेज अनुसार लॉकडाउन की अवधि में प्रति विद्यार्थी कक्षा अनुसार फीस की राशि बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलेजों में से किस-किस कॉलेज ने लॉकडाउन अवधि में किस-किस महीने का मार्च से जनवरी 21 तक शैक्षणिक कार्य करने वाले स्टॉफ को वेतन का भुगतान नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलेजों ने क्या लॉकडाउन अवधि में फीस लेने तथा वेतन का भुगतान न करने की अनुमति प्राप्त की थी? यदि नहीं, तो उक्त कॉलेजों पर कोई कार्यवाही की जायेगी या नहीं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) निजी मेडिकल कॉलेज एवं डेन्टल कॉलेज लॉकडाउन अवधि में अप्रैल से दिसम्बर 2020 तक बंद रहें, लॉकडाउन अवधि में विद्यार्थियों की ऑन लाईन कक्षाएं संचालित की गई। विद्यार्थियों से वार्षिक शैक्षणिक शुल्क लिया गया जिसमें लॉकडाउन अवधि भी शामिल है। (ख) जी हाँ। निजी मेडिकल/डेंटल संस्थाओं द्वारा छात्रों से फीस वार्षिक रूप से जमा कराई जाती है, जिसमें लॉकडाउन की अवधि भी शामिल है। (ग) निजी मेडिकल/डेंटल संस्थाओं द्वारा लॉकडाउन अवधि में मार्च 2020 से जनवरी 2021 तक शैक्षणिक कार्य करने वाले स्टॉफ को वेतन का पूर्ण भुगतान किया गया। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
NRI कोटा से मेडिकल कॉलेज में प्रेवशित छात्रों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
114. ( क्र. 2013 ) श्री जितू पटवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों में NRI कोटे से प्रवेशित विद्यार्थियों की सूची, पिता का नाम, निवास का पता, नीट के प्राप्तांक सहित वर्ष 2015-16 की प्रदान करें। (ख) प्रदेश में निजी मेडिकल कॉलेजों में अध्ययन करने वाले को अपना यू.जी. डिग्री कोर्स पूरा करने के बाद वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक जिन्हें डिग्री प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये है उनकी वर्षवार, कॉलेज अनुसार सूची दें। (ग) प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेज में अध्ययन कर डिग्री प्रमाण-पत्र (M.B.B.S.) प्राप्त करने वाले उन विद्यार्थियों की सूची देवें जो व्यापक घोटाले में आरोपी है? (घ) विभाग के पास निजी मेडिकल कॉलेज में 2007 से 2013 तक प्रवेशित उन विद्यार्थियों की जानकारी है जो व्यापम घोटाले में आरोपी हैं? यदि हाँ, तो उनकी सूची देवें तथा बतावें कि उनमें से किन-किन को सजा हो चुकी है तथा उनको डिग्री प्राप्त हो चुकी है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एन.आर.आई. कोटे से वर्ष 2015-16 में प्रवेशित छात्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार संधारित है। (ख) वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक डिग्री प्रमाण-पत्र (एम.बी.बी.एस.) प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार संधारित है। (ग) उपरोक्त जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती। (घ) जी नहीं, अपितु पीएमटी 2008 से 2012 के छात्रों जिनकी अभ्यर्थता व्यापम द्वारा दिनांक 22.02.2017 को निरस्त की गई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेष जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है।
चिन्हित किये गये दिव्यांग
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
115. ( क्र. 2047 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत दो वर्षों में कितने दिव्यांगजन चिन्हित किये गये है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अवधि में इन्हें किसी प्रकार के सहायक उपकरण वितरित किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या-क्या उपकरण कितने दिव्यांगों को दिये गये हैं? (ग) मैहर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने चिन्हित दिव्यांगजन है जिन्हें अब तक सहायक उपकरण उपलब्ध नहीं कराये जा सके हैं? साथ ही यह भी बतावें कि ऐसे कितने दिव्यांगजन हैं, जिन्हें पेंशन सुविधा नहीं मिल पा रही है और क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत दो वर्षों में 469 दिव्यांगजन चिन्हांकित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसारा। (ख) उत्तरांश (क) की अवधि में 130 दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरित किये गये है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) मैहर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे 339 दिव्यांगजनों को भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम जबलपुर के विषय विशेषज्ञों द्वारा चिन्हित गया है, जिन्हें अब तक सहायक उपकरण उपलब्ध नहीं कराये जा सके है। कोई भी पात्र दिव्यांगजन पेंशन सुविधा से वंचित नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वर्तमान में कार्यरत बी.ए.सी. की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
116. ( क्र. 2048 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविदा पूर्व बी.आर.सी.सी. वर्तमान बी.ए.सी. प्रदेश में कहाँ-कहाँ, कब से कार्यरत् है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या सभी कर्मचारियों को अपने पद पर कार्य करते हुए 20 वर्ष से भी अधिक समय हो गया है? यदि हाँ, तो संविदा के नियमितीकरण की प्रक्रिया 5 जून, 2018 के नियम अनुसार इनको पात्रता आती है या नहीं? जबकि शासन स्तर इनकी पात्रता के सभी पद रिक्त हैं? (ग) क्या राज्य शिक्षा सेवा 2013 के प्रावधानों के तहत संविदा पूर्व बी.आर.सी.सी वर्तमान बी.ए.सी. को एरिया ऐजुकेशन ऑफीसर (एलीमेंट्री एजुकेशन) बनाने के लिये अनुमोदन तत्कालीन शिक्षा मंत्री महोदय द्वारा दिनांक 01 अगस्त, 2018 को किया गया। (घ) यदि हाँ, तो दीर्घ अनुभवी पात्र संविदा कर्मचारियों का अनुमोदन उपरांत भी AEO (ई.ई.) पद पर अब तक मर्ज कर आदेश जारी किये जायेगें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एक कर्मचारी को छोड़कर सभी को 20 वर्ष से अधिक समय हो गया है। जी नहीं। क्योंकि परियोजना के पद होने से विभागीय सेटअप में संविदा पर नियुक्ति के लिए पद चिन्हित नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। भर्ती नियम में संविदा कर्मचारियों को सीधे ए0ई0ओ0 के पद पर नियुक्त करने का प्रावधान नहीं है।
जिला संयोजक की भर्ती
[जनजातीय कार्य]
117. ( क्र. 2071 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग में जिला संयोजक के पदों पर सीधी भर्ती गत 3 वर्षों में की गई है, यदि हाँ, तो नाम बताएं। (ख) जिला संयोजक की सीधी भर्ती में परीविक्षा अवधि तथा विभागीय परीक्षा पास करने की शर्तों की शासनादेशों की प्रतियां देवें। (ग) जिला संयोजक की भर्ती के पश्चात् 4 वर्षों तक विभागीय परीक्षा न करा पाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शासन आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के दिशा-निर्देश अनुसार विभाग के परीक्षा हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग राजपत्रित सेवा विभागीय परीक्षा नियम दिनांक 18 जनवरी, 2021 जारी किये जा चुके है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से जिम्मेदारी के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाना
[स्कूल शिक्षा]
118. ( क्र. 2073 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्राचार्य संवर्ग के सीधी भर्ती से नियुक्त कितने प्राचार्य/सहायक संचालक सेवारत अथवा सेवानिवृत्त हैं, जिन्हें दिनांक 01/04/2006 से समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया? (ख) वर्ष 1999 उ.मा.वि. प्राचार्य संवर्ग में पदोन्नत एवं दिनांक 01/04/2006 के पश्चात सेवानिवृत्त प्राचार्य/सहायक संचालक कितने हैं? जिन्हें समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया और क्यों? (ग) म.प्र. शासन वित्त विभाग द्वारा जारी स्पष्टीकरण क्र. F-11/01/2008/नियम/4 भोपाल दिनांक 01/04/2008 के बिन्दु क्र. 01 के अनुसार पदोन्नत अधिकारियों/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने की पात्रता आती है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो उपरोक्त बिन्दु क्र. 2 में दर्शित प्राचार्य/सहायक संचालकों को उक्त लाभ कब तक दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में पात्रता होने के बावजूद भी लाभ से वंचित करने के लिए उत्तरदायी कौन है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) शासन आदेश क्र0 एफ 13-36/2012/20-1 दिनांक 08.01.2013 एवं आदेश क्र0 एफ 13-36/2012/20-1 दिनांक 08.01.2013 द्वारा सीधी भर्ती से प्राचार्य पद पर नियुक्ति 116 लोक सेवकों को समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया गया है। (ख) प्राचार्य/सहायक संचालक संवर्ग की पदक्रम सूची वर्ष 01.04.1999 के अनुसार 865 पदोन्नत एवं 01.04.2006 पश्चातृ सेवानिवृत्त प्राचार्यों की संख्या 823 है। प्राचार्य उ.मा.वि. संवर्ग में पदोन्नत प्राचार्यों के लिए समयमान वेतनमान स्वीकृति के नियम/प्रावधान नहीं होने के कारण समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान नहीं किया गया है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों/सहायक शिक्षकों को नियमानुसार वेतनमान प्रदाय
[स्कूल शिक्षा]
119. ( क्र. 2074 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में शासकीय कमला नेहरू कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टी.टी. नगर भोपाल में कितने शिक्षक एवं सहायक शिक्षक पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित विद्यालय में पदस्थ शिक्षकों/सहायक शिक्षकों को नियमानुसार क्रमोन्नति वेतनमान व वरिष्ठ वेतनमान दिया जाता है, दिया जा रहा है? (ग) यदि किसी को नहीं दिया जा रहा है तो क्या कारण हैं? इन्हें कब तक नियमानुसार वेतनमान का लाभ दिया जायेगा? नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) वर्तमान में शासकीय कमला नेहरू कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टी.टी. नगर भोपाल में 18 शिक्षक एवं 08 सहायक शिक्षक पदस्थ है। (ख) उत्तर 'क' में उल्लेखित विद्यालय में पदस्थ समस्त शिक्षक एवं सहायक शिक्षकों को नियमानुसार क्रमोन्नत एवं वरिष्ठ वेतनमान का लाभ किया जा चुका है। (ग) उत्तर 'ख' के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजातियों की स्थिति
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण]
120. ( क्र. 2077 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिलांतर्गत डबरा विधानसभा क्षेत्र में विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जानजाति के कितने परिवार चिन्हित किये गये है? विभाग में इन परिवारों के कल्याण के लिए क्या-क्या योजनायें प्रचलित हैं? (ख) डबरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) वर्णित जनजाति के परिवरों को पट्टा/आवासीय सुविधा दिये जाने हेतु क्या योजना है? क्षेत्र में इस दिशा में अब तक क्या-क्या कार्य किया गया है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जातिगत सर्वें न होने से परिवारों का चिन्हाकंन नहीं हुआ है। योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त जातियों को पट्टा/आवास सुविधा देने की विभाग अतंर्गत कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेंशन प्राप्ति हेतु आवेदन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
121. ( क्र. 2078 ) श्री सुरेश राजे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग अंतर्गत विगत छ: माह में पेंशन योजनाओं में पेंशन प्राप्ति हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदनों का निराकरण कर पेंशन स्वीकृत कर दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित आवेदनों में से कितने प्रकरण अस्वीकृत किये गये? प्रकरणवार कारण बतावें। (ग) विधानसभा डबरा अंतर्गत ऐसे कितने चिन्हित दिव्यांगजन है, जिन्हें अब तक किसी प्रकार के सहायक उपकरण जैसे ट्रायसाईकिल, कान की मशीन, आर्टीफिशियल पैर इत्यादि उपलब्ध नहीं कराये जा सके हैं? कब तक उपकरण उपलब्ध कराये जायेंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) विधानसभा डबरा क्षेत्र अन्तर्गत ट्रायसायकिल, कान की मशीन, आर्टीफिशियल पैर इत्यादि सामग्री हेतु 252 दिव्यांगजनों को चिन्हित है, जिसमें से 29 दिव्यांगजनों को सामग्री वितरण की गई है, शेष को वितरण की कार्यवाही एल्मिको के द्वारा शिविर लगाये जाकर वितरण की कार्यवाही की जावेगी।
संगीत शिक्षकों के रिक्त पद
[स्कूल शिक्षा]
122. ( क्र. 2082 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन हायर सेकेण्डरी स्कूलों में माध्यमिक शिक्षा मंडल से संगीत विषय को मान्यता मिली हुई है, तो इस विषय के अध्यापन हेतु इन विद्यालयों में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद भरे हुए हैं? जिलावार एवं शालावार सूची देवें। (ख) क्या रिक्त पदों पर भर्ती न होने से उक्त विद्यालयों में अब छात्र-छात्राओं को संगीत विषय की शिक्षा नहीं दी जा पा रही है? विगत 5 वर्षों में उक्त हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में संगीत विषय लेकर अध्यापन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या शालावार बतावें। (ग) क्या म.प्र. शासन गंभीरतापूर्वक संगीत विषय के रिक्त पदों पर भर्ती कर छात्रहित में नियमित संगीत विषय के अध्यापन की व्यवस्था करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजातीय ऋण विमुक्त अधिनियम
[जनजातीय कार्य]
123. ( क्र. 2094 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में अनुसूचित जनजातीय ऋण विमुक्त अधिनियम 2020 क्या है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजातियाँ सहरिया बैगा एवं भारिया जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह कितनी है? उक्त योजना का लाभ कितनों को प्रदान किया गया है और कितने शेष है? (ग) शेष पात्रता धारियों को लाभ प्रदान कब तक किया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत मध्यप्रदेश की अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों को ऋण-ग्रस्तता से राहत के लिए उपबंध करने हेतु मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति अधिनियम 2020 लागू है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह की सहरिया, बैगा एवं भारिया जनजाति विशेष पिछड़ी जनजाति के रूप में चिन्हित नहीं हैं, साथ ही यह तीनों जिले अनुसूचित क्षेत्र अन्तर्गत नहीं आने से जिले में उक्त योजना का लाभ किसी को प्रदान नहीं किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांगजनों के रिक्त पदों को भरने हेतु विशेष भर्ती अभियान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
124. ( क्र. 2099 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में 31 मार्च, 2020 की स्थिति में कुल नि:शक्तजनों की संख्या कितनी है? जिलेवार, नि:शक्तजनों का वर्गीकरणवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) क्या नि:शक्तजनों के रोजगार पंजीयन किये जाते हैं? यदि हाँ, तो इन्दौर संभाग में कितने नि:शक्तजनों का पंजीयन किया गया है? (ग) प्रदेश के शासकीय कार्यालय में नि:शक्तजनों के कितने-कितने पद, किस-किस श्रेणी के, किस-किस कार्यालय में कब-कब से रिक्त हैं? कार्यालयवार पृथक-पृथक बतायें। उक्त पदों को भरने हेतु क्या कार्ययोजना है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या वर्ष 2013-14 में दिव्यांगों को स्वीकृत रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विशेष भर्ती अभियान चलाया गया था? यदि हाँ, तो क्या शासन दिव्यांगों के स्वीकृत रिक्त पदों को भरने के लिये विशेष भर्ती अभियान चलायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) इन्दौर संभाग में 31 मार्च, 2020 की स्थिति में 95,297 दिव्यांगजन है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' पर है। (ख) जी हाँ। इन्दौर संभाग के जिलों में 3,342 दिव्यांगजनों का रोजगार पंजीयन किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' पर है। दिव्यांगजनों के आरक्षित पदों को भरने हेतु विशेष भर्ती अभियान संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। दिव्यांगजनों के आरक्षित पदों पर भर्ती हेतु विशेष भर्ती अभियान दिनांक 30.06.2021 तक संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अजजा विभाग के स्कूलों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
125. ( क्र. 2102 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति विभाग द्वारा कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हैं? जिलावार बताये। (ख) प्रदेश में वर्ष 2015-16 के बाद से प्रश्न दिनांक तक कितने प्राथमिक स्कूल किन-किन जिलों में बंद किये गये है कितने प्राथमिक स्कूल अन्य स्कूलों में एकीकृत किये गये है? नाम बताये। (ग) वर्तमान में कितनी प्राथमिक शालाएं शिक्षक विहीन है कितनी एक शिक्षकीय और कितनी 02 शिक्षकीय है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित नहीं हैं। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संभागीय मुख्यालयों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर, रीवा, नर्मदापुरम, शहडोल एवं मुरैना में 10 शासकीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय संचालित हैं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुरूजियों का नियोजन
[स्कूल शिक्षा]
126. ( क्र. 2103 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा ग्यारंटी शाला अन्तर्गत कार्यरत गुरूजियों को परीक्षा के लिये बिना संविदा शिक्षक वर्ग-3 के पद पर नियोजन के निर्देश हैं? (ख) यदि है तो शासनादेश होने के बाद भी प्रदेश में कितने गुरूजियों का संविदा वर्ग 03 के पद पर नियोजन शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के अनुसार शेष रहने के कारण व लापरवाही के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? (घ) क्या विभाग शेष रहे गुरूजियों का संविदा शिक्षक वर्ग-03 पर नियोजन करेगा? यदि हाँ, तो क्या योजना है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन के प्रावधान अनुसार जिलों में कार्यरत गुरूजियों के द्वारा प्रस्तुत आवेदनों/दस्तावेजों का जिला स्तरीय छानबीन समिति द्वारा परीक्षण उपरांत पात्र पाये गये सभी गुरूजियों का संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पद पर नियोजन कर दिया गया है तथा अपात्र पाये गये कार्यरत गुरूजियों का संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पद पर नियोजन शेष है। (ग) एवं (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिम जाति कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजनाओं की स्थिति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
127. ( क्र. 2108 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनायें हैं, जिसमें अध्यनरत छात्र-छात्रों को छात्रवृत्ति दिये जाने का प्रावधान है? योजनावार, राशिवार, विद्यालयीन शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं अन्य शिक्षा का पृथक-पृथक ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में गुना जिले में कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं, जिसके तहत छात्रवृत्तियां प्रदान की गई? ब्लॉक व तहसीलवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में छात्रवृत्तियां नहीं मिलने की क्या-क्या शिकायतें, किस-किस के द्वारा किस-किस स्तर पर प्राप्त हुई हैं? उन शिकायतों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) नियमित अध्ययनरत छात्रों के अतिरिक्त कोचिंग एवं प्रशिक्षण के संबंध में भी कोई कार्ययोजना गुना जिले में संचालित है? यदि हाँ, तो कार्ययोजनावार, तहसीलवार, पृथक-पृथक जानकारी दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। ब्लाक व तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) शिकायत संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग की योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
128. ( क्र. 2109 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 में विभागीय संचालित योजनाओं में कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया था? योजनावार, राशिवार पृथक-पृथक बताये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या बजट प्रावधान के अनुरूप राशि व्यय की गई है? यदि हाँ, व्यय राशि का आंकड़ा, मय प्रतिशत तथा वित्तीय वर्ष 2018-19 की तुलना में कितना प्रतिशत कम/अधिक रहा है? योजनावार, राशिवार, प्रतिशतवार पृथक-पृथक बताये। (ग) उपरोक्त के तारतम्य किन-किन योजनाओं का क्रियान्वयन बजट आवंटन एवं व्यय के मान से शत-प्रतिशत रहा है, किन-किन योजनाओं का प्रतिशत 40-90 के बीच रहा एवं किन-किन योजनाओं का प्रतिशत 1-40 प्रतिशत के बीच रहा? कृपया योजनावार पृथक-पृथक बताये। लक्ष्य प्राप्ति में कमी के क्या कारण रहे? (घ) उपरोक्त के संबंध में क्या बजट प्रावधान होने के बावजूद जहां विभाग कुछ योजनाओं में शत-प्रतिशत परिणाम दे रहा है, वही कुछ योजनाओं में शून्य परिणाम दे रहा है? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (ड.) उपरोक्त के तारतम्य के शत-प्रतिशत परिणाम देने वाली योजना की गुना जिले में अद्यतन स्थिति क्या रही है? कितने हितग्राहियों/आवेदकों को योजना का लाभ मिला? कितनो का किन कारणों से शेष है? संख्यात्मक जानकारी तहसीलवार, ब्लॉकवार पृथक-पृथक बताये?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। उक्त पर दर्शाये कारण को दृष्टिगत रखते हुये कोई उत्तरदायी नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'इ' अनुसार है।