मध्यप्रदेश विधान सभा

 

की

 

कार्यवाही

 

(अधिकृत विवरण)

 

 

 

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षोडश विधान सभा                                                                               षष्टम सत्र

 

 

जुलाई-अगस्त,2025 सत्र

 

सोमवार, दिनांक 28 जुलाई, 2025

 

(6 श्रावण, शक संवत्‌ 1947 )

 

 

[खण्ड- 6 ]                                                                                                                 [अंक-1]

 

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मध्यप्रदेश विधान सभा

सोमवार, दिनांक 28 जुलाई, 2025

(6 श्रावण, शक संवत्‌ 1947 )

विधान सभा पूर्वाह्न 11.01 बजे समवेत हुई.

{अध्यक्ष महोदय (श्री नरेन्द्र सिंह तोमर) पीठासीन हुए.}

 

राष्ट्रगीत

राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् का समूह गान.

                   अध्यक्ष महोदयअब, राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् होगा. सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया अपने स्थान पर खड़े हो जायें.

                   (सदन में राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् का समूहगान किया गया.)

 

11.02  बजे                                 

विशेष उल्लेख

                   विधान सभा सचिवालय के  अधिकारी/कर्मचारियों के ड्रेस कोड का उल्लेख

                   संसदीय कार्य मंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय) -- अध्यक्ष महोदय, इस सावन की  फुलवारी, सावन का महीना और इस सबके साथ आज सावन सोमवार भी है. मैं आपको और पूरे सदन को बधाई देता हूं और धीरे धीरे लोक सभा को आप replicate कर रहे हैं. वहां पर भी इस प्रकार का ड्रेस कोड है और आज आपके सचिवालय का ड्रेस कोड देख कर बड़ा आनन्द हुआ.सब बड़े खूबसूरत लग रहे हैं. आपका कलर का चयन भी बहुत अच्छा है.हिन्दी में बोलते हैं, आपकी रंगबाजी  भी अच्छी है.  ..(हंसी..

                   अध्यक्ष महोदयधन्यवाद.

 

 

 

 

 

 

 

 

1.03 बजे                                    निधन का उल्लेख

 

 (1)     राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(2)     श्री रघुनाथ चौधरी, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(3)     श्री शिवशंकर लाल मुन्ना खेरी, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(4)     श्री खेमराज पाटीदार, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(5)     सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा, भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री,

(6)     डॉ. गिरिजा व्यास, भूतपूर्व केन्द्रीय उप मंत्री,

(7)     श्री विजय कुमार रमणीकलाल रूपाणी, भूतपूर्व मुख्यमंत्री, गुजरात,

(8)     श्री मनोज कुमार, सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता,

(9)     श्री रामसहाय पांडे, सुप्रसिद्ध लोक कलाकार,

(10)    दिनांक 22 अप्रैल, 2025 को कश्मीर के अनंतनाग के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मृत नौसेना के अधिकारी, मध्यप्रदेश के पर्यटक सहित अन्य पर्यटक, एवं

(11)    दिनांक 12 जून, 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान एआई-171 के अचानक दुघर्टनाग्रस्त हो जाने से मृत यात्रियों सहित अनेक मेडिकल छात्र.                            

 

 

 

 

 

 

 


 

पहलगाम एवं अहमदाबाद की एयर इंडिया की घटना निश्चित रूप से बहुत ही हृदय विदारक है इसलिए सदन इसकी निंदा करता है.

          मुख्‍यमंत्री (डॉ. मोहन यादव) -- अध्‍यक्ष महोदय, बाबा महाकाल की लीला है जन्‍म से मृत्‍यु के बीच में हरेक अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं. हमारे सभी माननीय सदस्‍यगण जो हमारे बीच से दिवंगत हुए हैं जिन नामों का आपने उल्‍लेख किया है मध्‍यप्रदेश विधान सभा के पूर्व सदस्‍य, राजा सुरेन्‍द्र बहादुर सिंह का दिनांक 29 अप्रैल को, रघुनाथ चौधरी का दिनांक 20 अप्रैल को, शिवशंकर लाल मुन्‍ना खेरी का दिनांक 30 जून को, खेमराज पाटीदार का 20 जुलाई को, पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा का 28 मई को, केन्‍द्रीय उप मंत्री डॉ. गिरिजा व्‍यास का 1 मई को, गुजरात के पूर्व सी.एम. विजय रूपाणी जी का 12 जून को तथा मशहूर फिल्‍म अभिनेता मनोज कुमार का 4 अप्रैल, सुप्रसिद्ध लोक कलाकार रामसहाय पांडे का 8 अप्रेल को निधन हुआ है. जैसा आपने उल्‍लेख किया है कि राजा सुरेन्‍द्र बहादुर सिंह मूलत: कांग्रेस के नेता रहे हैं. आपका जन्‍म 23 अक्‍टूबर, 1945 को शक्ति, जिला बिलासपुर में हुआ था और आप 6 वीं, 7 वीं, 8 वीं,  और 10 वीं विधान सभा में भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस की ओर से सक्‍ती विधान सभा का प्रतिनिधित्‍व किया. आप 10 वीं विधान सभा अवधि में 20 मई, 1998 को पर्यटन मंत्री के पद पर भी रहे हैं. आपके निधन से प्रदेश ने एक वरिष्‍ठ नेता एवं कुशल प्रशासक को खो दिया है. श्री रघुनाथ चौधरी का जन्‍म 4 अगस्‍त, 1952 को ग्राम पाडकसे भुसावल, महाराष्‍ट्र में हुआ. आपने कई अलग-अलग प्रकार के दायित्‍वों का निर्वहन किया. जैसे विशेष क्षेत्र प्राधिकरण, नगर पालिका नेपानगर, ब्‍लाक कांग्रेस के भी आप अध्‍यक्ष रहे हैं. श्री चौधरी ने प्रदेश की 11 वीं विधान सभा में भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस की ओर से नेपानगर विधान सभा का प्रतिनिधित्‍व किया. आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन में अपूरणीय क्षति हुई है. मीसाबंदी और लोकतंत्र सेनानी श्री शिवशंकर लाल मुन्‍ना खेरी का जन्‍म 1949 में हुआ. आप 1974 में नगर पालिका परिषद् भिण्‍ड के सदस्‍य निर्वाचित हुए. आपने आपातकाल में पूरे 19 महीने रहकर प्रदेश की 6 वीं विधान सभा में जनता दल की ओर से अटेर विधान सभा का प्रतिनिधित्‍व किया. आपके निधन से भी प्रदेश के सार्वजनिक क्षेत्र में हमारे लिए एक अपूरणीय क्षति हुई. किसान नेता, उन्‍नत कृषक, आदर्श एमएलए श्री खेमराज पाटीदार का जन्‍म 12 दिसम्‍बर, 1957 को ग्राम गाजनोद जिला धार में हुआ था. पहले सरपंच, फिर जनपद अध्‍यक्ष, फिर किसान मोर्चा के जिलाध्‍यक्ष, वर्ष 1993 में मध्‍यप्रदेश एवं राजस्‍थान पाटीदार समाज के प्रादेशिक संगठन सचिव रहे. पाटीदार ने प्रदेश की 11 वीं विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से विधान सभा का प्रतिनिधित्‍व किया था. आपके निधन से भी प्रदेश के सार्वजनिक एवं किसान क्षेत्र में एक अपूरणीय क्षति हुई है. पद्मभूषण सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा जी का जन्म 9 अप्रैल,  1936 को हुआ था. वे अलग प्रकार के व्यक्तित्व के धनी थे. सभी क्षेत्रों में उन्होंने प्रतिनिधित्व किया है. उदाहरण के लिए वे 4 बार विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए. अनेक विभागों में राज्यमंत्री रहे.  वर्ष 1998, 2010 और 2016 में राज्य सभा सदस्य रहे. वर्ष 2004 में चौदहवीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए. आपने केन्द्र सरकार के अनेक मंत्रालयों का काम भी सम्हाला. वर्ष 2019 में यशस्वी प्रधानमंत्री श्रीमान् नरेन्द्र मोदी जी ने इनकी उत्कृष्ट सार्वजनिक सेवाओं के लिए पद्मभूषण से भी विभूषित किया है.

          आपके निधन से देश ने एक वरिष्ठ नेता एवं कुशल प्रशासक खो दिया है.

 

          महिलाओं में विशेष रुप से लोकप्रिय कांग्रेस की नेत्री डॉ. गिरिजा व्यास का जन्म 8 जुलाई, 1946 को नाथद्वारा (राजस्थान) में हुआ था. महिलाओं की कांग्रेस की जो बॉडी है उसकी आप राष्ट्रीय अध्यक्ष रही हैं. डॉ. गिरिजा व्यास वर्ष 1985 व 1990 में राजस्थान, विधान सभा की सदस्य रहीं. विभिन्न विभागों में राज्यमंत्री रहीं. दसवीं, ग्यारहवीं, तेरहवीं व पंद्रहवीं लोक सभा की सदस्य निर्वाचित हुईं. अनेक संसदीय व विभागीय समितियों में भी आप माननीय सदस्य रहीं.  आपने दसवीं लोक सभा में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण उप मंत्री के नाते भी काम किया है.

          आपके निधन से देश ने एक वरिष्ठ नेत्री को खोया है.

 

          पूर्व सीएम, पूर्व विद्यार्थी परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक ऐसे हमारे वरिष्ठ नेता स्वर्गीय श्री विजय कुमार रमणीकलाल रूपाणी, जिनका जन्म 2 अगस्त 1956 को वर्तमान के म्यांमार और तत्कालीन बर्मा में हुआ था. रूपाणी जी वर्ष 2006 से 2012 तक राज्य सभा के सदस्य रहे. वर्ष 2014 से तेरहवीं गुजरात, विधान सभा के माननीय सदस्य निर्वाचित हुए. अनेक विभागों के मंत्री रहे. वर्ष 2016 से 2021 तक आप दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे. 12 जून 2025 को अहमदाबाद के दुखद हादसे में आपका भी निधन हुआ है.

          आपके निधन से एक वरिष्ठ नेता और कुशल प्रशासक हमने खोया है.

 

          एक अभिनेता जिसने आजादी के बाद फिल्म लाइन की ही दिशा बदल दी. हम सब जानते हैं कि अभिनेता मनोज कुमार जी का जन्म 24 जुलाई, 1937 को अविभाजित भारत के एबटाबाद में हुआ था. आपकी फिल्मों से फिल्मों की लाइन बदली थी. फिल्म "शहीद" के माध्यम से आप शहीद भगत सिंह जी के योगदान को देश के सामने लाए थे. उसी का परिणाम था कि उनकी पिक्चर देखने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने किसानों को लेकर भी पिक्चर बनाने का मनोज कुमार से निवेदन किया था. उस समय खाने के लिए गेहूं भी अमेरिका से मंगाना पड़ता था. ऐसे समय में उनकी प्रेरणा से "उपकार" पिक्चर उन्होंने बनाई. लाल बहादुर शास्त्री जी का कमिटमेंट था कि वे पूरी पिक्चर देखेंगे लेकिन एक दुखद घड़ी आई कि वर्ष 1962 में युद्ध प्रारंभ हो गया था. शास्त्री जी को समय नहीं मिल रहा था. मनोज कुमार जी ने शास्त्री जी ने निवेदन किया कि आप इस पिक्चर के प्रीमियर शो में शुरुआत में कम से कम 10 मिनट के लिए तो बैठें. शास्त्री जी की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता थी वे आए तो 10 मिनट के लिए थे लेकिन उन्होंने पूरी पिक्चर देखी और मनोज कुमार ने उनके भाव को देखते हुए उस दिन पिक्चर का इंटरवल भी समाप्त करवा दिया था. उन्होंने पूरी पिक्चर देखकर बताया कि उनकी कला के प्रति प्रतिबद्धता थी. एक अभिनेता, एक निर्देशक, लेखक, गायन, संगीत सभी क्षेत्रों में एक एक करके उन्होंने जो जो पिक्चरें बनाईं. "पूरब-पश्चिम" और "उपकार" की बात करें इससे उन्हें फिल्म फेयर का पुरस्कार तो मिला ही साथ ही देश की मूल संस्कृति को समझने का मौका भी मिला. माननीय मंत्री जी (श्री कैलाश विजयवर्गीय जी) बता रहे हैं कि उन्हें किशोर कुमार पुरस्कार भी दिया गया था.

          मैं, ऐसे महान अभिनेता के निधन पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त करता हूँ.

 

          श्री रामसहाय पाण्डे जी का जन्म मूलत: 11 मार्च, 1933 को मडधार पाठा, जिला-सागर में हुआ था. आपने नृत्य, गायन, वादन की अद्भुत कला शैली से बुंदेलखण्ड के राई नृत्य को अन्तराष्ट्रीय मंच तक पहचान दिलाई. देश विदेश में 500 से ज्यादा प्रस्तुतियां दी हैं. मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 1980 में नृत्य शिरोमणि, वर्ष 1984 में शिखर सम्मान तथा भारत सरकार में माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री जी के माध्यम से पद्मश्री से भी उनको सम्मानित किया गया था.

          आपके निधन से प्रदेश ने एक उच्च स्तरीय लोक कलाकार खो दिया है. दिनांक 22 अप्रैल 2025 को कश्‍मीर के अनन्‍तनाग जिले में पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में आतंकवादियों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग करने से नौसेना के एक अधिकारी, इंदौर के वरिष्‍ठ अधिकारी सहित अनेक पर्यटकों की हत्‍या हुई है और कई घायल हुए हैं. यह हमारे लिए अत्‍यंत दुखद घटना है. देश के साथ-साथ हम सभी जानते हैं कि इस घटना के साथ ही व्‍यक्तिगत रूप से माननीय प्रधानमंत्री जी ने भी एक तरह से इस घटना के बाद पाकिस्‍तान को ऑपरेशन सिंदूर से सबक सिखाया. यह हमारी सभी शहादतकर्ताओं के प्रति मन की भावना थी. यह अच्‍छी बात है कि देश एवं पक्ष, विपक्ष सभी ने भी एकजुटता के साथ सेना पर भरोसा किया एवं हम सभी इस दुख में सहभागी भी हुए. मैं पाकिस्‍तान की इस कायराना हरकत की सदन के साथ कड़े शब्‍दों में निंदा करता हूं.

          12 जून, 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 के दुर्घटनाग्रस्‍त सैकड़ों यात्रियों सहित अनेक मेडिकल छात्रों की जो दुखद मृत्‍यु हुई है इस हृदय विदारक घटना में मारे गये सभी व्‍यक्तियों के प्रति भी मैं, हार्दिक संवेदना व्‍यक्‍त करता हूं.

          नेता प्रतिपक्ष (श्री उमंग सिंघार)-- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, निश्चित तौर से किसी परिवार का सदस्‍य जब उस परिवार से बिछड़ता है या मृत्‍यु होती है तो उस परिवार के लिए तो यह बहुत महत्‍वपूर्ण है लेकिन जो समाज में अपने विचार, अपनी सोच और एक विजन किसी भी क्षेत्र में देकर जाता है तो निश्चित तौर से वह पूरे समाज देश और प्रदेश की क्षति होती है. स्‍वाभाविक रूप से जो भी महान व्‍यक्ति थे वे दिवंगत हुए उनकी कुछ खूबियां थीं, उनकी कुछ अच्‍छाइयां थीं और निश्चित तौर से किसी न किसी की बायेग्राफी होती है उस बायेग्राफी के पन्‍ने जब हम पलटते हैं तो उस इंसान का संघर्ष भी हमें याद आता है. उस इंसान की सोच दिखती है कि वह समाज में कैसे परिलक्षित होगी, क्‍या विजन था. मैं समझता हूं कि यह एक शोक है यह हम सभी के लिए, संवेदना की बात है.

          अध्‍यक्ष महोदय, दिवंगत राजा सुरेन्‍द्र बहादुर सिंह जी, श्री रघुनाथ चौधरी जी, श्री शिवशंकर लाल मुन्‍ना खेरी जी, सार्वजनिक जीवन में इन‍की एक भूमिका थी. यह एक अपूर्णीय क्षति हुई है इसे यह सदन हमेशा याद रखेगा. श्री खेमराज पाटीदार जी को मैं स्‍वयं व्‍यक्तिगत रूप से जानता था. माननीय जमुना देवी जी के साथ वह राजनीति में रहे. चूंकि वह मेरे क्षेत्र धार जिले से थे तो उनकी बेबाकी पूरे भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ता, पदाधिकारी और नेता जानते हैं. वह स्‍पष्‍टवादी व्‍यक्ति थे. वह जो ठानते थे वो करते थे. कई बार मुझे यह लगता है कि पार्टी के अंदर भी उनके विचारों को लेकर अंतर्द्वंद होता था, लेकिन ऐसे कुछ लोग होते हैं जो अपनी बात को कैसे सामूहिक विचार बनाएं उनमें एक बात थी वह जमीनी थे, किसान परिवार के थे कई पदों पर रहे, विधायक रहे, जनपद अध्‍यक्ष रहे, लेकिन उन्‍होंने हमेशा संघर्ष किया और लड़ाई लड़ते रहे. उस विधान सभा की बात अलग है. आपको पता है कि किस प्रकार से वहां पर वर्ग संघर्ष होता रहा, लेकिन मैं समझता हूं कि उन्‍होंने हमेशा जीवटता का परिचय दिया.

          अध्‍यक्ष महोदय, सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा जी निश्चित तौर से पंजाब के एक वरिष्‍ठ मंत्री थे. श्री गिरिजा व्‍यास जो महिला कांग्रेस की अध्‍यक्ष रहीं उन्‍होंने माननीय सोनिया गांधी जी के साथ भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के माध्‍यम से महिलाओं को कांग्रेस पार्टी में आगे बढ़ाने में एक विशेष प्रयास किया. मैं समझता हूं कि उनकी क्षति भी अपूरणीय है.

          श्री विजय कुमार रमणीकलाल रूपाणी जी, वह एक ह्दय विदारक घटना थी, यदि इंसान को अपनी नियति का ज्ञान हो तो वह वहां जाये ही नहीं. यह जीवन का सच है. हम सोचते हैं कि हम जो कर रहे हैं, वह अच्‍छा है, लेकिन जो हम से, मैं, में आ जाते हैं, उनकी सोच समाज से अलग हो जाती है. यह सच है कि यदि इंसान को अपनी नियति का ज्ञान हो तो हमारे माता-पिता हमारे लिए बचपन से जो सपने देखते हैं, वही हमारे सपने हों, हमारी नियति हो, लेकिन होता यह है कि हमारे माता-पिता सपने कुछ देखते हैं और हम किसी और दिशा में चले जाते हैं, यही जीवन का सत्‍य है, इसलिए मैं, कहना चाहता हूं कि अहमदाबाद में एक बड़ी दुर्घटना हुई, उस दु:खद विमान हादसे में रूपाणी जी के साथ जो अन्‍य यात्री थे, उनके परिवार के प्रति भी, मैं, अपनी शोक-संवेदना व्‍यक्‍त करता हूं.       

          श्री मनोज कुमार जी, हमारे सम्‍मानित कलाकार, पद्मश्री अवॉर्ड, दादासाहेब फाल्‍के अवॉर्ड, कई फिल्‍में में अभिनेता, निर्देशक रहे लेकिन उनकी एक फिल्‍म काफी प्रसिद्ध रही क्‍योंकि उस समय समाज की एक अलग सोच थी, जब देश आजाद हुआ था, उसके बाद जब क्रांतिकारी फिल्‍में आती थीं तो हमारा उन पर विशेष ध्‍यान रहता था. उनकी फिल्‍म "क्रांति" बहुत बड़ी हिट थी जो कि अंग्रेजों के खिलाफ हमारा देश किसी प्रकार लड़ा, हमने वहां घुटने नहीं टेके, वह हमारे देश के लिए एक प्रेरणादायक फिल्‍म थी. मैं, उन महान अभिनेता और उनके परिवार के प्रति शोक-संवेदना व्‍यक्‍त करता हूं.

          श्री रामसहाय पांडे जी, ये एक उच्‍च स्‍तरीय कलाकार थे और बुंदेलखण्‍ड में जिस प्रकार "राई नृत्‍य" को सम्‍मान दिया जाता है, वे उसके जानकार थे, उन्‍होंने कई अंतर्राष्‍ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लिया.

          पहलगाम में जो आतंकवादी घटना घटी, निश्चित तौर से उसने पूरे देश को हिला दिया. इस ह्दय विदारक घटना से एक भावना जगी कि हमारे देश में इस प्रकार के आतंकी हमले हो रहे हैं. निश्चित तौर से केंद्र सरकार ने, विपक्ष ने, माननीय राहुल गांधी जी ने, केंद्र सरकार को पूरा समर्थन दिया कि आप जो निर्णय करेंगे, उसमें हम आपके साथ हैं. मैं, समझता हूं कि इस प्रकार की घटनायें भविष्‍य में न हों. यह बात दोनों पार्टियां मानें क्‍योंकि वह हर परिवार, जिसका कोई सदस्‍य जाता है, उस परिवार पर क्‍या गुजरती है, यह हम समझ सकते हैं.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय मैं, प्रतिपक्ष की ओर से, मेरे दल की ओर शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्‍य‍क्‍त करता हूं. दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, धन्‍यवाद.

          श्री भंवरसिंह शेखावत,बाबुजी (बदनावर)-  माननीय अध्‍यक्ष जी, आज सभी दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यह सदन आहूत है. इसी कड़ी में मेरी विधान सभा के आदरणीय श्री खेमराज पाटीदार जी, जो मेरे मित्र थे, सहयोगी भी थे, विधायक भी थे. जब मैं अपैक्‍स बैंक का अध्‍यक्ष था, तब उन्‍हें धार जिला बैंक का अध्‍यक्ष बनने का अवसर मिला था. बहुत ही कुशल किसानों के नेता थे और बदनावर विधान सभा, जहां से वर्तमान में, मैं विधायक हूं वहां से वे विधायक का एक कार्यकाल भी पूर्ण कर चुके थे. ऐसे किसान नेता और भारतीय जनता पार्टी के बहुत ही कर्मठ और निष्‍ठावान कार्यकार्ता, जिन्‍होंने पार्टी को खड़ा करने से लेकर, अपने संपूर्ण जीवनकाल में पार्टी के काम में निरंतर लगे रहे, मैं अपने ऐसे साथी, सहयोगी को मेरी विधान सभा बदनावर की ओर से और मेरी ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परमपिता परमात्‍मा से प्रार्थना करता हूं कि इन सभी आत्‍माओं को वे अपने श्री-चरणों में स्‍थान दें.

          आज एक ह्दय विदारक घटना हरिद्वार में हुई है. वहां से काफी लोगों के हताहत होने और उनकी मृत्‍यु होने की खबरें आ रही हैं, ऐसा समाचार मिला है. यह भी एक दु:खद घटना है, हरिद्वार में भी जो लोग दिवंगत हुए हैं, उन सभी के प्रति हम सभी मिलकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, धन्‍यवाद.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह (खुरई) - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, स्‍वर्गीय रामसहाय पांडे जी, जिन्‍होंने बुन्‍देलखण्‍ड की जो हमारी लोक संस्‍कृति है, लोक परम्‍परा है. उस लोक संस्‍कृति को न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में बुन्‍देलखण्‍ड की उस लोक संस्‍कृति को लोगों तक पहुँचाने का काम स्‍वर्गीय रामसहाय पांडे जी ने किया.

          मैं माननीय प्रधानमंत्री जी का बहुत हृदय से अभिनन्‍दन करना चाहता हूँ कि उन्‍होंने बुन्‍देलखण्‍ड के स्‍वर्गीय रामसहाय जी की लोक कला का सम्‍मान करते हुए उनको 'पद्मश्री' से अलंकृत किया. उनकी लोक कला के प्रति इतनी प्रतिबद्धता थी कि वह 90 वर्ष की आयु में भी जिस तरह से अपनी लोक कला की प्रस्‍तुति करते थे, तो सारे लोग अचंभित रह जाते थे. वह 90 वर्ष की आयु में भी लोक कला में जमीन से 2-2, 3-3, 4-4 एवं 5-5 फीट ऊपर तक उठकर और जो तबला, ढोलकी बाजन, वह जिस तरह से करते थे, तो निश्चित रूप से उनकी लोक कला को हम सब प्रणाम करते हैं, उनके चरणों में प्रणाम करते हैं, सागर के होने के नाते हम सबको उन पर गर्व है, इसलिए मैं अपनी ओर से उन्‍हें श्रृद्धांजलि अर्पित करता हूँ.   

          श्री शैलेन्‍द्र कुमार जैन (सागर) - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, पंडित रामसहाय पांडे जी का, मेरी विधान सभा के कनैरा गांव में निवास था. मेरा उनसे बड़ा आत्‍मीय संबंध था और उन्‍होंने राई जैसे नृत्‍य को, जो उस समय सम्‍मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता था. लेकिन उसके प्रति उनके मन में बचपन से ही आकर्षण था और उन्‍होंने राई नृत्‍य के प्रति अपना सम्‍पूर्ण जीवन समर्पित करते हुए, सम्‍पूर्ण विश्‍व को हमारी बुंदेली लोक कलाओं से परिचय कराने का काम किया है. उनके निधन से निश्चित रूप से हमारे बुंदेली लोक कला की अपूरणीय क्षति हुई है. मैं पंडित रामसहाय पांडे जी के प्रति श्रृद्धांजलि अर्पित करता हूँ एवं उनके शोक संतप्‍त परिवार को गहन दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे, ऐसी प्रार्थना करता हूँ.

          श्रीमती अर्चना चिटनीस (बुरहानपुर) - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, श्री रघुनाथ चौधरी जी हमारे बुरहानपुर जिले के एक नेता थे और बड़े सज्‍जन, सहज, सरल एवं ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े व्‍यक्ति थे. मैं उनसे वर्ष 1998 में चुनाव लड़ी, वह विजयी हुए. फिर वर्ष 2003 में, मैं और वह फिर आमने-सामने चुनाव लड़े, पर दो चुनाव आमने-सामने लड़ने के बावजूद, मैं आज उनको श्रृद्धा से स्‍मरण करती हूँ कि मेरे और उनके व्‍यक्तिगत और पारिवारिक संबंध बहुत स्‍वस्‍थ और अनौपचारिक रहे. मुझे आज याद आता है कि वह कई बार फोन करके कहते थे कि मैडम यह आपकी सरकार है, यह मामला आपको देखना चाहिए या मैं फलां-फलां व्‍यक्ति को भेज रहा हूँ, आप उसकी मदद कर दीजिये. कई बार व्‍यक्ति फोन करके बोलने का एवं अन्‍दर इगो होने के कारण साहस नहीं कर पाता है. लेकिन उनके अन्‍दर बहुत सहजता और सरलता थी. अंतिम वर्षों में वे बीमार रहे और उनके परिवार ने उनकी अत्‍यधिक सेवा की. आज मैं इस सदन में अपनी ओर से, अपने जिले की ओर से उनको श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ व उनके परिवार को इस दु:ख को सहन करने की शक्‍ति परमात्‍मा दे, ऐसी प्रार्थना करती हूँ. श्री रघुनाथ चौधरी जी को भगवान अपने श्रीचरणों में स्‍थान दे एवं समस्‍त दिवंगत आत्‍माओं को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ. धन्‍यवाद.

          अध्‍यक्ष महोदय -- अब सदन कुछ समय मौन रखकर दिवंगतों के सम्‍मान में श्रद्धा सुमन अर्पित करेगा.

        (सदन द्वारा दो मिनट मौन खड़े रहकर दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई.)

          अध्‍यक्ष महोदय -- ऊँ शांति, शांति, शांति: .....

          दिवंगतों के सम्‍मान में सदन की कार्यवाही मंगलवार, दिनांक 29 जुलाई, 2025 को प्रात: 11.00 बजे तक के लिए स्‍थगित की जाती है.

          पूर्वाह्न 11.36 बजे विधान सभा की कार्यवाही मंगलवार, दिनांक 29 जुलाई, 2025 (श्रावण 7, शक संवत् 1947) को प्रात: 11.00 बजे तक के लिए स्‍थगित की गई.

 

                                                                                                 ए.पी. सिंह

भोपाल :                                                                                      प्रमुख सचिव,

दिनांक : 28 जुलाई, 2025                                                         मध्‍यप्रदेश विधान सभा