मध्यप्रदेश विधान सभा
की
कार्यवाही
(अधिकृत विवरण)
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पंचदश विधान सभा अष्टम सत्र
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
सोमवार, दिनांक 22 फरवरी, 2021
( 3 फाल्गुन, शक संवत् 1942 )
[खण्ड- 8 ] [अंक- 1 ]
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मध्यप्रदेश विधान सभा
सोमवार, दिनांक 22 फरवरी, 2021
( 3 फाल्गुन, शक संवत् 1942 )
विधान सभा पूर्वाह्न 11. 01 बजे समवेत हुई.
{ सामयिक अध्यक्ष महोदय (श्री रामेश्वर शर्मा) पीठासीन हुए.}
राष्ट्रगीत 'वन्दे मातरम्' का समूहगान
सामयिक अध्यक्ष महोदय:- अब, राष्ट्रगीत 'वन्दे मातरम्' होगा. सदस्यों से अनुरोध है कि वे कृपया अपने स्थान पर खड़े हो जाएं.
(सदन में राष्ट्रगीत 'वन्दे मातरम्' का समूहगान किया गया)
11.03 बजे सामयिक अध्यक्ष महोदय का उद्बोधन
सामयिक अध्यक्ष महोदय:- माननीय सदस्यगण विधान सभा का यह सत्र कोविड-19 के संबंध में जागरूकता एवं संयुक्त प्रयासों से संक्रमण में राहत तथा वैक्सीन के उपयोग के निर्मित विश्वास के वातावरण में आहूत किया गया है. परन्तु अभी भी इस महामारी से बचाव हेतु पूर्ण सतर्कता और सावधानी जरूरी है. अत: हमारा यह दायित्व है कि इस वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये सामूहिक रूप से सावधानी का पालन करते हुए संवैधानिक कर्तव्यों के निर्वहन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां पूर्ण की जायें.
माननीय सदस्यों की सुरक्षा के संबंध में विधान सभा परिसर में माननीय सदस्यों एवं संबंद्ध अधिकारियों / कर्मचारियों के लिये रैपिड टेस्ट, थर्मल स्क्रीनिंग तथा सेनीटाइजेशन आदि के साथ स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी व्यवस्था की गयी है. साथ ही यहां सभा-भवन, समीप के स्थल एवं आसनों को सतत् सैनेटाईज किया गया है. सदन में आसनों के मध्य उपयुक्त दूरी को दृष्टिगत रखकर प्रायोगिक रूप से अभी सामान्य बैठक व्यवस्था की गयी है, परन्तु दीर्घाएं रिक्त रखी गयी हैं, जिससे आवश्यकता पड़ने पर बैठक व्यवस्था परिवर्तित की जा सकती है. सदन में माननीय सदस्यों के उपयोग हेतु मास्क, फेस कवर व सैनेटाइजर की व्यवस्था की गयी है.
आप सबसे अनुरोध है कि कोरोना से बचाव हेतु कृपया परस्पर दूरी एवं मापदण्ड का पालन करने के साथ सदन की कार्यवाही में भाग लेते समय मास्क का अनिवार्यत: उपयोग करें. वैकल्पिक रूप से इच्छुक माननीय सदस्यों के लिये एन.आई.सी केन्द्रों के माध्यम से वर्चुअल तथा ऑनलाईन उपस्थिति की व्यवस्था भी की गई है.
11.05 बजे अध्यक्ष का निर्वाचन
सामयिक अध्यक्ष महोदय-- अध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिये प्रस्ताव की 11 सूचनाएं दिनांक 21 फरवरी, 2021 को मध्याह्न पूर्व तक प्राप्त हुई हैं.
(1) मुख्यमंत्री (श्री शिवराज सिंह चौहान)-- अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं कि "श्री गिरीश गौतम जी जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाय".
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ.नरोत्तम मिश्रा)-- अध्यक्ष महोदय, अभी माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के द्वारा जो माननीय श्री गिरीश गौतम जी का विधान सभा के अध्यक्ष हेतु प्रस्ताव किया है मैं उसका समर्थन करता हूं.
(2) चिकित्सा शिक्षा मंत्री (श्री विश्वास सारंग)-- अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं कि "श्री गिरीश गौतम जी जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाय".
सहकारिता मंत्री (श्री अरविन्द भदौरिया)-- अध्यक्ष महोदय, जो माननीय विश्वास सारंग जी ने प्रस्ताव रखा है उस प्रस्ताव का मैं समर्थन करता हूं.
(3) डॉ.सीतासरन शर्मा-- (होशंगाबाद) अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं कि "श्री गिरीश गौतम जी जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाय"
श्री राजवर्द्धन सिंह--(नरसिंहगढ़) अध्यक्ष महोदय, जो माननीय सीतासरन शर्मा जी ने प्रस्ताव रखा है उस प्रस्ताव का मैं समर्थन करता हूं.
(4) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं कि श्री गिरीश गौतम, जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को इस विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाए.
श्री राजेन्द्र शुक्ल(रीवा) - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूं.
(5) श्री रामपाल सिंह(सिलवानी) - अध्यक्ष महोदय, माननीय मुख्यमंत्री जी ने जो प्रस्ताव रखा है, मैं उसका समर्थन करता हूं.
श्री विष्णु खत्री (बैरसिया) - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूं.
(6) खनिज मंत्री(श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह) - मैं प्रस्ताव करता हूं कि गिरीश गौतम जी, जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को इस विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाए.
श्रीमती कृष्णा गौर(गोविन्दपुरा) - अध्यक्ष महोदय, मैं इस प्रस्ताव का समर्थन करती हूं.
(7) श्री पंचूलाल प्रजापति(मनगंवा) - मैं प्रस्ताव करता हूं कि श्री गिरीश गौतम जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाए.
श्री रघुनाथ सिंह मालवीय(आष्टा)- माननीय अध्यक्ष महोदय, आदरणीय पंचूलाल प्रजापति जी ने जो प्रस्ताव रखा है, मैं उसका समर्थन करता हूं.
(8) श्री दिव्यराज सिंह(सिरमौर) - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं श्री गिरीश गौतम जी जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, उनको विधान सभा का अध्यक्ष चुनने के लिए प्रस्ताव रखता हूं.
श्री सुरेन्द्र पटवा (भोजपुर)- अध्यक्ष महोदय, मैं इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूं.
(9) श्री प्रदीप पटेल(मऊगंज) - मैं प्रस्ताव करता हूं कि श्री गिरीश गौतम, जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाए.
श्रीमती लीना संजय जैन(बासौदा) - माननीय अध्यक्ष जी, मैं इस प्रस्ताव का समर्थन करती हूं.
(10) श्री के.पी. त्रिपाठी (सेमरिया)- माननीय अध्यक्ष जी, श्री गिरीश गौतम जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाए. मैं यह प्रस्ताव करता हूं.
श्री हरिसिंह सप्रे (कुरवाई)- माननीय अध्यक्ष जी, मैं इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूं.
(11) किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री (श्री कमल पटेल) - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं कि श्री गिरीश गौतम जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाए.
श्री विजय पाल सिंह(सुहागपुर) - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूं.
नेता प्रतिपक्ष(श्री कमल नाथ) - माननीय अध्यक्ष जी, जो प्रस्ताव माननीय शिवराज सिंह, मुख्यमंत्री जी ने और संसदीय कार्यमंत्री जी और अन्य लोगों ने रखा है. मैं उसका समर्थन करता हूं. (...मेजो की थपथपाहट)
डॉ. गोविन्द सिंह - माननीय नेता प्रतिपक्ष जी ने जो प्रस्ताव रखा है. मैं उस प्रस्ताव का कांग्रेस पार्टी और विधायक दल की ओर से समर्थन करता हूं. (...मेजो की थपथपाहट)
सामयिक अध्यक्ष महोदय - प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ. प्रश्न यह है कि श्री गिरीश गौतम जी, जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाए. सदन अगर सर्वसम्मति से सहमत है तो (...मेजो की थपथपाहट)
प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकृत हुआ.
मैं, श्री गिरीश गौतम जी को उनके अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने पर बधाई देता हूं तथा श्री गिरीश गौतम जी को अध्यक्षीय पीठ पर आसीन होने के लिए आमंत्रित करता हूं. (...मेजो की थपथपहट) नेता दल के संसदीय कार्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष आएं, आप सभी शेष सदस्य अपने स्थान पर बैठकर माननीय अध्यक्ष जी का अभिवादन करें.
(सदन के नेता श्री शिवराजसिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, नेता प्रतिपक्ष श्री कमल नाथ, डॉ. गोविन्द सिंह एवं अन्य सदस्यगण द्वारा नवनिर्वाचित अध्यक्ष ''श्री गिरीश गौतम'' को अध्यक्षीय पीठ पर आसीन करने के लिए ले जाया गया.)
11.15 बजे (अध्यक्ष महोदय (श्री गिरीश गौतम) पीठासीन हुए)
नवनिर्वाचित अध्यक्ष का स्वागत एवं बधाई
(मेजों की थपथपाहट)
अध्यक्ष महोदय - आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद.
श्री रामेश्वर शर्मा - बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं.
अध्यक्ष महोदय - धन्यवाद.
मुख्यमंत्री (श्री शिवराज सिंह चौहान) - माननीय अध्यक्ष महोदय, आप इस सदन की ओर से सर्वानुमति से विधान सभा अध्यक्ष बने हैं. मैं आपको हृदय से बधाई देता हूँ एवं शुभकामनाएं देता हूँ. मैं आगे कुछ कहूँ, उसके पहले मैं इस सदन के सामयिक स्पीकर महोदय, श्रीमान् रामेश्वर शर्मा जी को भी बहुत-बहुत धन्यवाद दूँगा. उन्होंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में एक नया रिकॉर्ड बनाया है, शायद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में, उनका नाम इस बात के लिए लिखा जायेगा कि आज तक के संसदीय इतिहास में प्रोटेम स्पीकर इतने लम्बे समय कोई नहीं रहा. हम कोरोना की परिस्थितियों के कारण सदन की नियमित बैठकें नहीं कर पाये लेकिन आपने कोरोनाकाल में विधान सभा अध्यक्ष के कार्यों एवं दायित्वों का निर्वहन पूरी कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी के साथ करने का भरसक प्रयत्न किया है, मैं आपको धन्यवाद देता हूँ.
आदरणीय श्री गिरीश गौतम जी, सदन के वरिष्ठ सदस्य हैं. सन् 1972 से छात्र राजनीति के माध्यम से ही आपने अपने संघर्ष की यात्रा प्रारंभ की है. आप जमीन से जुड़े हुए खांटी नेता रहे हैं, आपने एक नहीं, अनेकों आन्दोलनों की श्रृंखला, अत्याचार और अन्याय के खिलाफ विन्ध्य की धरा पर छेड़ीं. आप गरीबों के ऐसे हितैषी रहे, जो केवल सावधिक संघर्ष ही नहीं करते थे बल्कि सड़क पर भी संघर्ष करते थे. आप भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता रहे हैं, प्रारंभ में मजदूरों के लिए भी काम करते रहे और आप संघर्ष करते-करते सन् 1998 में तब चर्चा में आए जब प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता, जो कई वर्षों तक इस सदन की आसन्दी पर बैठे, आपसे केवल 294 वोटों से पराजित हुए थे, आप बाद में भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से प्रभावित हुए एवं सन् 2003 में आपने मनगवां विधान सभा क्षेत्र से विजय का एक नया रिकॉर्ड बनाया था. मैं उससे पहले की संघर्ष यात्रा के बहुत विस्तार में नहीं जाना चाहता हूँ. लेकिन वे अपनी तरह के ऐसे नेता हैं, जो उनके दिल में होता है, वही उनकी जुबान पर भी होता है. मैं विधायक रहते हुए वहां हर साल जाता था, श्री गिरीश गौतम जी साइकिल यात्रा पूरे विधान सभा क्षेत्र की करते थे. मैं उनकी साइकिल यात्रा के समापन पर जाता रहा हूँ. जमीन से जुड़ा हुआ ऐसा खांटी नेता जो जनता के द्वार पर साइकिल से जाये.
क्षेत्र के विकास के प्रयत्न भी करें लेकिन जनता के कल्याणों में भी कोई कसर न छोडे़ं.(श्री लक्ष्मण सिंह के अपने आसन पर बैठे-बैठे कुछ कहने पर) अभी तो बहुत है मौका, यह सदन लंबा चलेगा.
श्री कमलेश्वर पटेल(सिहावल) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, आपको बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं कि आप अध्यक्ष के रूप में आसंदी पर आसीन हुए और हमारे विंध्य रीजन में हम सबका संरक्षण करेंगे, क्योंकि आप वहीं से आते हैं. 54 लोगों की बस दुर्घटना में जान चली गई है, यह बहुत बड़ी घटना है.
श्री शिवराज सिंह चौहान -- यह ठीक नहीं है...(व्यवधान).......
अध्यक्ष महोदय -- (एक साथ कई माननीय सदस्यों के अपने-अपने आसन से कुछ कहने पर) माननीय सदस्य और सभी सदस्यों से अनुरोध है कि सदन के नेता बोल रहे हैं कृपया धीरज रखिये, आपका भी नंबर आयेगा.
श्री शिवराज सिंह चौहान -- माननीय अध्यक्ष महोदय, एक बात और जो मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए और आपके साथ काम करते करते हुए महसूस की, शायद इस सदन में स्वेच्छानुदान से बीमारों के इलाज के लिये अगर सर्वाधिक राशि लेकर जाते थे तो श्री गिरीश गौतम जी लेकर जाते थे. कोई भी बीमार हुआ और गिरीश जी उसे छोड़ते नहीं थे, उसका इलाज करवाना है और आपकी यह बात गरीबों के लिये या पीडि़तों के लिये जो आपके दिल में दर्द होता था, उसको अभिव्यक्त करती थी. मैं आज अध्यक्ष निर्वाचित होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं, मुझे पूरा विश्वास है कि इस गुरूत्तर दायित्व का निर्वाह क्योंकि हम जानते हैं कि यह सदन केवल ईंट और गारे का भवन नहीं है, यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है, इसकी मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए, आप इस सदन का कुशल संचालन करेंगे यह मुझे विश्वास है. सात्विक कार्यकर्ता के लिये भगवान कृष्ण ने गीता जी में अर्जुन को एक श्लोक में बताया जब अर्जुन ने पूछा कि सात्विक कार्यकर्ता कौन हैं तो उन्होंने एक श्लोक में कहा था :-
मुक्तसङ्गोअनहंवादी धृत्युत्साहसमन्वितः।
सिद्ध्यसिद्ध्योर्निर्विकारः कर्ता सात्त्विक उच्यते ।
मुक्तसङ्गो मतलब संग से मुक्त, राग द्वेष से दूर, अनहमवादी मतलब अंहकार शून्य धृत्यु मतलब धैर्य, सदन में तो धैर्य की जरूरत पड़ेगी और हमेशा उत्साह से भरे रहने वाले कार्यकर्ता को ही सात्विक कार्यकर्ता कहते हैं, यह भगवान श्री कृष्ण ने कहा था. मुझे पूरा विश्वास है कि वह सात्विक कार्यकर्ता के सारे गुण आपके अंदर मौजूद हैं और उन्हीं गुणों के अनुरूप आप इस सदन का कुशल संचालन करेंगे. अब आपका संरक्षण तो हम सबको चाहिये, पक्ष को भी और विपक्ष को भी संरक्षण चाहिये और मुझे लगता है कि आप सबके साथ न्याय करेंगे. मैं अध्यक्ष निर्वाचित होने पर आपको हृदय से बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं. बहुत-बहुत धन्यवाद.
नेता प्रतिपक्ष( श्री कमलनाथ) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, कल की दुर्घटना के बाद मेरा यहां आना मुश्किल था क्योंकि मेरे गर्दन और घुटनों में चोट थी, पर मैंने यह तय किया कि आपके सम्मान में और पंरपराओं के सम्मान में, इस सदन के सम्मान में आज के दिन मेरा रहना आवश्यक है. आपको बधाई देता हूं कि आप केवल एक दल से ही नहीं चुने गये हैं, बल्कि पूरे सदन की सहमति से आप चुने गये हैं. मैं हमारे प्रोटेम स्पीकर को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने सबसे लंबे सफर का इतिहास बनाया, मैं सफर कहता हूं क्योंकि लोकसभा, विधानसभा तो कम चली, मेरी मुंह से निकल जाता है लोकसभा, क्योंकि इतने साल मैं लोकसभा में ही बोला था. इतना लंबा सफर आपने कोविड के समय यह जिम्मेदारी उठाई और मैं धन्यवाद भी देना चाहता हूं जो हमारे पूर्व स्पीकर लगभग 15 महीने तक थे, वह भी आज इस सदन में मौजूद हैं प्रजापति जी, इस सदन को मौका नहीं मिला कि उन्हें धन्यवाद देना चाहिये, मैं उन्हें भी धन्यवाद देता हूं कि उनके कार्यकाल में यह सदन चला. यह तो एक ऐतिहासिक सदन है, यहां एक नव निर्वाचित अध्यक्ष, ऐतिहासिक सदन है कि हमारे प्रोटेम स्पीकर का इतना लंबा सफर और ऐतिहासिक विधान सभा है जहां पूर्व स्पीकर भी मौजूद हैं. ऐसी कम मिसाल होगी जहां यह तीनों चीजें देखने को आईं. यह सदन केवल हमारे प्रजातंत्र का मंदिर ही नहीं है जो शिवराज जी कह रहे थे, अपितु हमारी प्रजातंत्र की नींव है, यह सदन शासन का नहीं है, शासन का तो मंत्रालय है, यह सदन तो विपक्ष का है और मुझे पूरा विश्वास है कि जो परंपरायें बनी हैं, परंपरायें बड़ी मुश्किल से बनती हैं और मुझे खुशी है कि आज आपको सर्वसम्मति से चुना है. यह मौका जब हम उस तरफ बैठे थे हमें भी मिलता, परंपरा तो यही थी पर पहली बार इस परंपरा का उल्लंघन हुआ, यह बात हमें एहसास करनी चाहिये, हां उपाध्यक्ष का चुनाव हमें मजबूरी से करना पड़ा, क्योंकि हमारे पास कोई उपाय नहीं था. परंपरायें बहुत मुश्किल से बनती हैं और अपना देश संस्कृति और परंपराओं का देश है और यही हमारी पहचान है, यही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है तो मुझे पूरा विश्वास है कि आपके कार्यकाल में इस सदन का एक इतिहास बनेगा, पूरे देश में सदन तो बहुत सारे हैं पर मध्यप्रदेश की विधान सभा देश के लिये एक उदाहरण बने और उसके रक्षक अध्यक्ष जी आप हैं.
मुझे विश्वास है कि यह उदाहरण बनाने में आपका पूरा सहयोग रहेगा. यह सदन मैंने कहा विपक्ष का है साथ-साथ में जनता का है, जनता की आवाज उठाने का है, शासन को मौका मिले उसका जबाव देने का है, हम ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं. आलोचना की बात नहीं है, सदन केवल आलोचना का नहीं होता. मैं भी लोकसभा में संसदीय कार्यमंत्री रहा हूं और मैं हमेशा यह कहता था कि यह सदन, हमारी लोक सभा हुई यह सबसे पवित्र मंदिर पूरे विश्व में है और इससे बड़ा प्रजातंत्र पूरे विश्व में नहीं है, भारत का ही प्रजातंत्र पूरे विश्व में सबसे बड़ा है और हमारा सम्मान, हमारे देश का सम्मान केवल लोक सभा से ही नहीं है अपितु हमारी विभिन्न विधान सभाओं से भी है और मुझे पूरा विश्वास है केवल उम्मीद ही नहीं है कि आप इस सदन की कार्यवाही में विपक्ष को पूरा मौका देंगे कि विपक्ष को जनता की जो बात रखनी है, सरकार का ध्यान आकर्षित करना है और इसमें हम पूरे देशभर में, हम किसी की नकल न करें मैं नहीं कहना चाहता कि हमें लोक सभा की नकल नहीं करना चाहिये, मैं नहीं कह रहा पर यह मैं जरूर कह रहा हूं कि पूरा देश देखता है, पूरे मध्यप्रदेश की जनता देखती है कि विधान सभा में कैसे कार्यवाही चल रही है और मुझे विश्वास है कि यह सदन हमारे देश के प्रजातंत्र के मंदिरों में एक उदाहरण बनेगा, आपको फिर से मेरी ओर से बहुत-बहुत बधाई.
मुख्यमंत्री (श्री शिवराज सिंह चौहान)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, ईश्वर का लाख-लाख शुक्र है कल इंदौर में एक लिफ्ट दुर्घटना में, उस लिफ्ट में हमारे नेता प्रतिपक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ राजनेता श्री कमल नाथ जी भी थे, अचानक गिर गई और भगवान की कृपा से एक बड़ी दुर्घटना बची है, वह सुरक्षित हैं यह हम सबके लिये बहुत संतोष की बात है और मैं इसके लिये भगवान के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूं, वह हमेशा स्वस्थ रहें. मैंने लिफ्ट दुर्घटना की जांच के निर्देश दिये हैं. क्योंकि ऐसे एक नहीं कई घटनाएं हो गईं जिसमें लिफ्ट अचानक खराब हो गई या गिर गई और यह लिफ्ट तो बेसमेंट में गिरी थी, जहां सांस लेने में भी काफी तकलीफ हो रही थी. उसमें जीतू जी और हमारे मित्र सज्जन वर्मा जी भी थे. आप सब सुरक्षित हैं. लोकतंत्र में मतभेद होते हैं लेकिन मनभेद नहीं होने चाहिये. लिफ्ट दुर्घटना की जांच भी होगी. आगे हम एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे कि लिफ्ट में चढ़ने के पहले कम से कम चढ़ने वाले को यह पता चले कि लिफ्ट पूरी तरह से फिट है. उसके लिये भी मैंने निर्देश दिये हैं कि क्या उपाय किये जा सकते हैं, क्योंकि भोपाल में भी एक लिफ्ट कल गिरी है. आपने अखबारों में पढ़ा होगा, उसमें गंभीर रूप से लोग घायल हुए हैं लेकिन आज तो मैं अपने मित्रों और प्रिय नेताओं, वे भले विपक्ष से हैं लेकिन हमारे अपने हैं वे दुर्घटना में सुरक्षित रहे इसलिये मैं भगवान के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूं. आप हमेशा स्वस्थ रहें.
श्री कमलेश्वर पटेल - अध्यक्ष महोदय, 54 लोगों की जो जान गई है उसके बारे में मैंने स्थगन प्रस्ताव दिया है. इस पर भी सारा काम रोक कर चर्चा कराई जाये.
अध्यक्ष महोदय - आपके नेता खड़े हैं.
श्री कमलनाथ - अध्यक्ष जी, मैं मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने जो भावनाएं प्रकट की हैं कि एक घंटे के अंदर ही उन्होंने जांच के निर्देश दे दिये. यह दुर्घटना केवल बेसमेंट तक नहीं थी. बेसमेंट के नीचे जो पिट था उस पिट तक थी. हमें तो बेसमेंट में चढ़कर आना पड़ा. बेसमेंट तक दो-तीन फुट चढ़कर आना पड़ा. आवश्यकता है कि नियम बनाए जाएं. बहुत सारी जगहों पर हर लिफ्ट में लिखा रहता है कि इसका आखिरी इन्सपेक्शन कब हुआ ? नियम है. राज्य में एक नियम बना हुआ है कि हर तीन महीने, छह महीने, साल भर में उसका इन्सपेक्शन होता है. यह घटना तो गुजर गई पर आगे की घटनाओं के लिये सावधानी बरतते हुए अगर आप एक तकनीकी समिति बनवाएं ताकि वह इस संबंध में नियम और सुझाव दे. ऐसी घटनाएं और भी हो सकती हैं और इसमें लापरवाही से बहुत बड़ी घटना बन सकती है.
श्री शिवराज सिंह चौहान - माननीय नेता प्रतिपक्ष जी ने जो तकनीकी समिति बनाने का सुझाव दिया है इसे हम स्वीकार करते हैं और एक तकनीकी समिति बनाकर इस बात की व्यवस्था की जायेगी कि आइन्दा कोई भी लिफ्ट फिट रहे और कोई कमी उसमें न रहे.
अध्यक्ष महोदय - सदन के नेता की भावना से मैं समझता हूं पूरा सदन सहमत है और माननीय नेता प्रतिपक्ष के दीर्घायु होने की कामना करता है.
संसदीय कार्य मंत्री( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) - अध्यक्ष जी, आपको हृदय की गहराईयों से बधाई. कोटिश: बधाई. जैसा सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह ईंट, गारे से बना हुआ भवन नहीं है. यह जीता-जागता लोकतंत्र का मंदिर है और इस मंदिर के आप सुप्रीम हैं. सिंघासन बत्तीसी पर आप विराजमान हैं. असीम शक्तियों के आप स्वामी हैं अध्यक्ष जी, आपकी शक्तियों से, आपके आभा मण्डल से, पक्ष और विपक्ष दोनों आलोकित होते हैं. अब आप न पक्ष के हैं, न विपक्ष के हैं. अब आप निष्पक्ष हैं. अध्यक्ष जी, स्वाभाविक रूप से आपके आसंदी पर विराजमान होने से जो ताकत सदन के प्रत्येक सदस्य को मिलती हैं. उसकी नजीरें भी हैं, आसंदी की व्यवस्थाओं में. ऐसी नजीरें, जो आज भी देश में दी जाती हैं. मुझे ध्यान आता है. आपके स्थान पर सन् 1990 में, उस समय शायद आप सम्माननीय सदस्य नहीं थे. श्री बृजमोहन मिश्रा जी यहां पर विराजमान होते थे. यहां पर कठघरे लगे थे जिन्होंने हमारे विधायकों की गरिमा के अनुकूल कार्य नहीं किया था. विशेषाधिकार हनन की सूचना पर आये और उससे एक संदेश गया कि सदन के सम्मानित सदस्य के सम्मान का कितना ध्यान रखना चाहिये. ऐसे अनेक उदाहरण आसंदी की व्यवस्थाओं के हैं ,जो इस देश के अन्दर दिये गये. एक तो आप स्वयं सदन के सदस्य थे और उस समय मुझे ध्यान आता है अध्यक्ष महोदय की आसंदी पर रोहणी जी यहां पर विराजमान होते थे. उस समय वे आसंदी पर विराजमान नहीं थे, ज्ञान सिंह जी हमारे सम्मानित सदस्य यहां पर आसंदी पर बैठे थे. जैसा होता है कि सदन में आवेश आया, एक वेग आया, मैं किसी आलोचना- प्रत्यालोचना के लिये नहीं कह रहा हूं, मैं सिर्फ आपकी शक्तियों का आभास करा रहा हूं. मुझे मालूम है कि आप वरिष्ठ सदस्य हैं, आपको अपनी शक्तियों का आभास है, लेकिन जैसे हनुमान जी को मालूम था कि समुद्र लांघने की ताकत उनके पास है, पर फिर भी आरती गाकर याद दिलाना पड़ा ‘‘कहइ रीछपति सुनु हनुमाना, का चुप साधि रहेहु बलवाना’’ अध्यक्ष महोदय, ऐेसे ही आसंदी के ऊपर सम्मानित कुछ सदस्य पहुंच गये और उसके बाद में आसंदी की अवमानना के उसमें उन दोनों सदन के सदस्यों की सदस्यता चली गई. यह हिन्दुस्तान की एक नजीर ऐसी है कि जहां संविधान मौन है, वहां भी यहां अधिकार हुए. अभी तक हम मानते थे कि सदस्य चुनकर आते हैं, उसके बाद जनता सदस्य हटाती है. लेकिन उसके बाद यह जानकारी देश को हुई कि यह अधिकार आसंदी के पास भी सुरक्षित है कि चुनाव शून्य घोषित हो सकता है और आप उदार भी बनते हैं, महामना भी हैं. उसके बाद सदन आहूत होता है और 15 मिनट के अंदर पुनः उनकी सदस्यता बहाल हो जाती है और दोनों बातों को चुनाव आयोग, पहली वाली को भी और बाद वाली को भी मान्यता देता है. यह अपने आप में आपकी शक्तियों के बारे में कि जहां संविधान मौन है, वहां वह अधिकार सदन को है, अध्यक्ष महोदय, वह अधिकार यहां पर आपको है. सदन में बहुत सारे ऐसे क्षण आते हैं..
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ -- अध्यक्ष महोदय, संसदीय कार्यमंत्री जी इस आधार पर चमका रहे हैं क्या.
डॉ. नरोत्तम मिश्र -- अध्यक्ष महोदय, हमको सबका एक वर्ग भी लगाना पड़ेगा. पटेल साहब भी बोल रहे थे, बोलना चाहिये, यह बोलने का ही फ्लोर है,पर कौन सी बात कब,कैसे,कहां कही जाती है और यह सलीका हो, तो हर बात सुनी जाती है.
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ -- संसदीय कार्य मंत्री जी, जिस तरह से आप जो यह बोल रहे हैं, ऐसा लग रहा है कि आप सदस्यों को चमकाने के अंदाज में बोल रहे हैं.
डॉ. नरोत्तम मिश्र -- बहन जी,मैं कहां चमकाऊंगा, आपको कौन चमका पाया है, अगल-बगल के नहीं चमका पाये, मैं कहां लग रहा हूं.
श्री कमलेश्वर पटेल -- अध्यक्ष महोदय, संसदीय कार्य मंत्री जी ने मेरा उल्लेख किया है.
अध्यक्ष महोदय -- माननीय सदस्य, संसदीय कार्य मंत्री जी को बोलने दीजिये.
डॉ. नरोत्तम मिश्र -- अध्यक्ष महोदय, यह लम्बा चलने वाला सत्र है और इसका सभी लोग अपने विषय पर फायदा उठायें. मैं तो सिर्फ यह कह रहा था कि कभी कभी ऐसे क्षण आते हैं, जब विपक्ष भी और पक्ष भी आवेश में आता है और उस क्षण को बैलेंस करने की जिम्मेदारी आपकी है. आपका धैर्य, आपका संयम, वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों, नाविक की धैर्य परीक्षा क्या, जब धाराएं प्रतिकूल न हों. विपरीत परिस्थितियों में भी सदन को एक सम्मानपूर्वक ले जाने की जिम्मेदारी आपकी है. यहां बहुत सारे ऐेसे क्षण आये हैं और सदन के दोनों पक्षों के सम्मानित सदस्यों से मेरी प्रार्थना है कि लोकतंत्र में संवाद एक सशक्त माध्यम है और सशक्त माध्यम के लिये यह फ्लोर सबसे सर्वाधिक सशक्त है. हम अपनी बात को वजनदारी के साथ में इस फ्लोर पर रखें. जितनी वजनदारी के साथ में इस फ्लोर पर रखेंगे, हो हल्ला कराने से उसकी वजनदारी नहीं आती है. कभी हम अर्द्धनग्न आ जायें, कभी हम सनसनी फैलाने के लिये कुछ कह दें, उससे मैं समझता हूं कि इस सदन की गरिमा को ही ठेस लगती है और हम अगर हमने संवाद के माध्यम से, इस सशक्त माध्यम का प्रयोग किया, तो निश्चित रुप से इस प्रदेश के अन्दर, क्षेत्र के अन्दर हमारी साख बनती है,अधिकारियों के अन्दर भी हमारी साख बनती है, जनता के अन्दर भी हमारी साख बनती है. इस फ्लोर का उपयोग हम ज्वलंत विषयों को उठाने के लिये करें. चाहे जैसा विषय हो, बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय आम आदमी से जुड़े हुए विषय अगर इस सदन में उठेंगे और आप अनुमति देंगे, तो निश्चित रुप से आपके संरक्षण में हम लोग और फलेंगे, फूलेंगे,लोकतंत्र और फलेगा, फूलेगा. यहां मध्यप्रदेश के जनहित के मुद्दे और ज्यादा होंगे, यही मेरी आपसे कामना है. आपको एकबार पुनः बहुत बहुत शुभकामना और बधाई देता हूं.
आपको उसका पालन अवश्य करना पड़ेगा. अन्यथा नरोत्तम जी आप सही कह रहे थे कि प्रोटेम कुछ घंटों के होते हैं. यहां तो महीनों के हो गये हैं. इसलिए शायद आप लोग भी निवृत्तमान अध्यक्ष को भूल गये. आपको पुनश्च मंगलमय शुभकामनाएं, बधाइयां आपका कार्यकाल बहुत उज्ज्वल रहे और इस विधायिका को बांधकर नये आयाम में कैसे ले जाय ऐसी मैं आपसे उम्मीद करता हूं. पुन: बधाई.
अध्यक्ष महोदय -- सबसे पहले तो मैं सभी को प्रणाम करता हूं. सदन के नेता माननीय शिवराज जी, नेताप्रतिपक्ष माननीय कमलनाथ जी संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा जी और सभी उपस्थित माननीय सभी सदस्यगण.
सबसे पहले मैं ईश्वर का स्मरण करता हूं. इसके बाद माता पिता के चरणों में नमन करता हूं, जिनकी कृपा से जिनके आशीर्वाद से यह जीवन है, इसके बाद में हमारे मुख्यमंत्री जी का हमारे दल के नेताओं का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मुझे इस काबिल समझा. मुझे टिकट देकर विधान सभा का प्रत्याशी बनाया, फिर मैं देवतालाब विधान सभा क्षेत्र के मतदाताओं का आभारी हूं, और उन तमाम लोगों का आभारी हूं जो मत नहीं दे सकते थे परंतु अपनी शुभकामनाओं से आशीर्वाद से हमें जीताकर इस विधान सभा में आने का अवसर दिया है. मैं पुन: अपने मुख्यमंत्री जी का, अपने दल के नेताओं का धन्यवाद करता हूं, आभार व्यक्त करता हूं कि इस विधान सभा में इस आसंदी पर, इस आसंदी पर जो तमाम लोग बैठे हैं जिनका उल्लेख मैं बाद में करूंगा. उसके लिए मुझे मौका मिला है और नेता प्रतिपक्ष जी का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं. सभी साथियों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि जो बीच में इस विधान सभा की परंपरा थी, जो मैंने देखा या जो मैंने सुना. उस परंपरा को बीच में कहीं ग्रहण लगा था उस ग्रहण को दूर करने का प्रयास किया गया है. उसके लिए मैं आप सबका आभारी हूं.
मैं आप सबको विश्वास दिलाता हूं कि जो दायित्व मुझे सौंपा गया है. इस दायित्व के निर्वहन में मुझसे जो बन पड़ेगा वह करने का प्रयास करूंगा. मैं यहां पर एक बात जरूर कहना चाहता हूं. इस आसंदी पर जहां पर आज मुझे बैठाया गया है. इस पर 1956 से लेकर 2020 तक कितने ही अध्यक्ष बैठे, कई हमारे सदस्य जानते हैं कई हमारे नये सदस्य हैं वह नहीं जानते हैं इसलिए मैं उनके नाम का यहां पर उल्लेख करना चाहता हूं. हमारे पंडित कुंजीलाल दुबे जी, श्री काशी प्रसाद पाण्डे जी, श्री तेजलाल टेंभरे जी, श्री गुलशेर अहमद जी, श्री मुकुंद सखाराम नेवालकर जी, श्री यज्ञदत्त शर्मा जी, श्री रामकिशोर शुक्ला जी, श्री राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला जी, श्री बृजमोहन मिश्रा जी, श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी जी, श्री ईश्वरदास रोहाणी जी, डॉ. सीतासरन शर्मा जी, श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति जी और अभी 8 माह का जिन्होंने रिकार्ड बनाया है हमारे श्री रामेश्वर शर्मा जी.
अभी जो हमारे निवृत्तमान अध्यक्ष हैं जो कि इस विधान सभा में मौजूद हैं सम्माननीय सीतासरन जी और सम्माननीय नर्मदा प्रसाद प्रजापति जी. मैं आपसे यह अपेक्षा करता हूं कि जो जिम्मेदारी मुझे मिली है इसमें मैं आपको अपना मार्गदर्शक मानूंगा. इसलिए यह जिम्मेदारी मैं आपको देता हूं. मैं कहीं भटक नहीं पाऊं, आपको यह जिम्मेदारी यह मानकर दे रहा हूं कि मैं यहां पर नया हूं सीखने के लिए आया हूं.
मैं इस विधान सभा की जो गरिमा और परंपरा रही हैं आपको विश्वास दिलाता हूं, हमारे अध्यक्षों ने जिन परंपराओं को कायम किया था, जिनके आधार पर पूरे हिन्दुस्तान के अंदर गौरवशाली परंपराओं से भरी हुई विधान सभा में गिनती होती है तो उसमें मध्यप्रदेश विधान सभा की होती है. जिन परंपराओं को हमारे पूर्ववर्ती अध्यक्षों ने कायम किया है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि उसमें एक भी खरोंच अपनी तरफ से नहीं लगने दूंगा, प्राण प्रण से इस बात का प्रयास करूंगा. कहीं उस पर खरोंच नहीं आने पाये. हमारी इस विधान सभा के भीतर अनुभव का पूरी तरह से भण्डार है. हमारे सदन के नेता श्री शिवराज सिंह जी लोकसभा में थे, विधान सभा में हैं. हमारे नेता प्रतिपक्ष जी वह भी लोकसभा में थे, विधान सभा में हैं. हमारे यहां लगातार 8 बार से जीतकर आने वाले श्री गोपाल भार्गव जी हैं. 7 बार से जीतकर इस विधान सभा में बैठने वाले हमारे श्री विजय शाह जी, हमारे गोविंद सिंह जी हैं, हमारे करण सिंह जी हैं और गौरीशंकर बिसेन जी हैं. अब इतने अनुभवों से भरी हुई, संसदीय परम्पराओं के इतने ज्ञाता बैठे हों, तो मैं आप सबसे यही अपेक्षा करता हूं कि इस विधान सभा में जहां तक मुझे जानकारी है 90 से ज्यादा लोग नये चुनकर आये हैं. यह कोरोना महामारी के कारण जो एक वैश्विक महामारी आयी है इसके कारण विधान सभा संचालन का अवसर नहीं मिला. स्वाभाविक है जो नये लोग आये हैं उनको सीखने की इच्छा होती है. हमारे यहां जिनको अनुभव एवं ज्ञान है मैं उनसे जरूर अपेक्षा करना चाहता हूं कि हमारे जो नये साथी सदस्य जीतकर आये हैं उन साथियों को अपने अनुभवों का लाभ लेने दें और यह प्रयास करें कि वह भी संसदीय नियमों एवं परम्पराओं का ज्ञान प्राप्त करें और मैं अपनी तरफ से यह जरूर प्रयास करूंगा कि हमारे जो नये साथी जीतकर आये हैं उनको अनुभव प्राप्त हो, ज्ञान प्राप्त हो और उनको प्रशिक्षण प्राप्त हो, इस दिशा में जो अभी तक होता रहा है उसको और आगे बढ़ाने का काम करूंगा.
साथियों, मैं एक बात जरूर कहना चाहता हूं कि अभी यह कहा गया कि निष्पक्षता के साथ मैं यहां बैठा हूं, जब इस आसंदी पर हूं तब निष्पक्ष हूं, बाकी मैं कई बार कहता हूं यदि मैं कहीं पैदा हुआ तो मेरे माता-पिता हैं, मैं वहां से निकलकर आया और बड़े पद पर चला गया, तो मैं अपने परिवार को, अपने माता-पिता को भूल नहीं सकता, भूलना भी नहीं चाहिये, परंतु जब यहां निर्णय के लिये बैठूं तब निश्प्रिय होकर, निष्पक्ष होकर और मेरा पक्ष क्या हो, न पक्ष का हो, न प्रतिपक्ष का हो, निष्पक्ष का पक्ष हमारा रहे, इस बात का मैं प्रयास करूंगा. मैं आपको यह विश्वास दिलाना चाहता हूं और हमारे संसदीय ज्ञान के जो लोग यहां बैठे हैं, हमारे सदन के नेता बैठे हैं, सरकार बैठी हुई है, आपसे अपेक्षा जरूर करना चाहते हैं कि हमारे प्रतिपक्ष के लोग लगातार सवाल उठाएंगे, प्रश्न करेंगे और कई बार हास-परिहास, नोंक-झोंक भी होती है, परंतु वह चलेगा क्योंकि हम कोई मशीन, कम्प्यूटर नहीं बैठे हैं हम मनुष्य बैठे हैं, मनुष्य बैठे हैं तो यह सब चलेगा. आपसे जरूर अपेक्षा करना चाहता हूं कि इस पंक्ति को जरूर याद रखियेगा ''तुलसी संत सुअंब तरु, इनकर गति समवेत्, इतते पाहन हनत हैं, उतते वे फल देत.'' यहां पर विचार मंथन करते हैं. कई बार वाद-विवाद होता है. मैं ऐसा समझता हूं कि वाद-विवाद से एक पक्ष बोलता है दूसरा सुनता नहीं, दूसरा बोलता है तो पहला नहीं सुनता, तो वाद-विवाद से कोई निर्णय या कोई परिणाम नहीं निकलता. इसलिये संवाद की, विचार मंथन की परम्परा शुरू हो इसमें सबके सहयोग की आवश्यकता होगी और विचार मंथन से आप सब जानते हैं कि मंथन से जहर एवं अमृत दोनों निकले हैं, जहर भी निकला अमृत भी निकला. प्रयास हम यह करें कि अमृत निकले और हमारे अलीराजपुर के अंतिम छोर में बसे हुए गांव को, सिंगरौली के अंतिम छोर में बसे हुए गांव को, बुरहानपुर के अंतिम छोर में बसे हुए गांव के लोगों को, हमारे मुरैना के अंतिम छोर में बसे हुए गांव के लोगों को इससे जो परिणाम और फल निकले उसका फायदा उस जनता को मिले. विचार मंथन से यह बातें हो सकती हैं कि जब मंथन से जहर निकलता है, तो हम अमृत निकालने का प्रयास करें, परंतु जहर भी निकले तो जहर भी वेनम हो. वह भी मनुष्य का जीवन बचाने के काम आता है. सांप काटता है तो वेनम लगाते है. इसलिये मैं फिर आपको एक बार भरोसा देता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि मैंने जैसा पहले निवेदन किया मैं पूरी ताकत लगाकर पूरा प्रयास करूंगा कि निष्पक्षता से सदन चले. उसमें आप सबके सहयोग की आवश्यकता होगी. एक बार पुन: अपने सदन के नेताजी को, संसदीय कार्य मंत्री जी को, नेता प्रतिपक्ष जी को और सभी सदस्यों का मैं आभारी हूं और मैं यह संकल्प लेता हूं कि मैंने जो बातें कही हैं, उन सबको पूरा करने का प्रयास करूंगा. मैं आप सबको एक बार फिर से प्रणाम करता हूं.
11.55 बजे कार्यमंत्रणा समिति की घोषणा
अध्यक्ष महोदय -- मैं, मध्यप्रदेश विधान सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम 203 (1) के अधीन कार्य मंत्रणा समिति के लिए निम्नलिखित सदस्यों को वर्ष 2021-2022 की अवधि में सेवा करने के लिए नाम-निर्दिष्ट करता हूँ :-
1. श्री शिवराज सिंह चौहान, माननीय मुख्यमंत्री
2. श्री कमलनाथ, माननीय नेता प्रतिपक्ष
3. डॉ. नरोत्तम मिश्र, माननीय संसदीय कार्य मंत्री
4. श्री जगदीश देवड़ा, माननीय वित्त मंत्री
5. श्री गोपाल भार्गव, माननीय लोक निर्माण मंत्री
6. श्री तुलसीराम सिलावट, माननीय जल संसाधन मंत्री
7. श्री भूपेन्द्र सिंह, माननीय नगरीय विकास एवं आवास मंत्री
8. श्री बिसाहूलाल सिंह, माननीय खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री
9. कुमारी मीना सिंह मांडवे, माननीय आदिम जाति कल्याण मंत्री
10. डॉ. गोविन्द सिंह, माननीय सदस्य
11. श्री के.पी. सिंह ''कक्काजू'', माननीय सदस्य
12. श्री कांतिलाल भूरिया, माननीय सदस्य
13. श्री सज्जन सिंह वर्मा, माननीय सदस्य
14. श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.), माननीय सदस्य
माननीय अध्यक्ष, विधान सभा इस समिति के पदेन सभापति होंगे.
अध्यक्षीय घोषणा
सभी माननीय सदस्यों के लिए चाय की व्यवस्था लॉबी में की गई है. सदन की कार्यवाही अपराह्न 12.15 बजे तक के लिए स्थगित की जाती है.
(11.57 बजे विधान सभा की कार्यवाही 12.15 बजे तक के लिए स्थगित की गई.)
12.20 बजे विधानसभा पुन: समवेत हुई
{ अध्यक्ष महोदय (श्री गिरीश गौतम) पीठासीन हुए }
अध्यक्ष महोदय -- अब, सदन माननीय राज्यपाल महोदया के आगमन की प्रतीक्षा करेगा.
(सदन द्वारा माननीय राज्यपाल महोदया के आगमन की प्रतीक्षा की गई.)
12. 32 बजे
(माननीय राज्यपाल महोदया का सदन में चल समारोह के साथ आगमन हुआ.)
12.33 बजे राज्यपाल महोदया का अभिभाषण
राज्यपाल महोदया (श्रीमती आनंदीबेन पटेल) –
(मेजों की थपथपाहट)
(राज्यपाल महोदया द्वारा अभिभाषण के पश्चात् अपराह्न 1.13 बजे
चल समारोह के साथ सभा भवन से प्रस्थान किया गया.)
01.18 बजे {अध्यक्ष महोदय (श्री गिरीश गौतम) पीठासीन हुए.}
राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव की प्रस्तुति
डॉ. सीतासरन शर्मा (सदस्य)-- अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं कि :-
''राज्यपाल ने जो अभिभाषण दिया उसके लिये मध्यप्रदेश की विधान सभा के इस सत्र में समवेत सदस्यगण अत्यंत कृतज्ञ हैं'' ।
श्री बहादुर सिंह चौहान (सदस्य)-- अध्यक्ष महोदय, मैं, इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूं ।
अध्यक्ष महोदय-- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि --
''राज्यपाल ने जो अभिभाषण दिया उसके लिये मध्यप्रदेश की विधान सभा के इस सत्र में समवेत सदस्यगण अत्यंत कृतज्ञ हैं ।''
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिये मैं, दिनांक 24 एवं 25 फरवरी, 2021 नियत करता हूं ।
जो माननीय सदस्य कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव में संशोधन देना चाहते हों, वे आज दिनांक 22 फरवरी, 2021 को सायंकाल 5.00 बजे तक विधान सभा सचिवालय में दे सकते हैं ।
अध्यक्ष महोदय-- विधान सभा की कार्यवाही मंगलवार, दिनांक 23 फरवरी, 2021 को प्रात: 11.00 बजे तक के लिये स्थगित ।
विधान सभा की कार्यवाही मंगलवार दिनांक 23 फरवरी, 2021 को प्रात: 11.00 बजे तक के लिए स्थगित.
अपराह्न 1.19 बजे विधान सभा की कार्यवाही मंगलवार, दिनांक 23 फरवरी, 2021 (फाल्गुन 4, शक संवत् 1942) के प्रात: 11.00 बजे तक के लिए स्थगित की गई.
भोपाल
दिनांक 22 फरवरी, 2021 ए.पी. सिंह
प्रमुख सचिव
मध्यप्रदेश विधान सभा