मध्यप्रदेश विधान सभा

 

की

 

कार्यवाही

 

(अधिकृत विवरण)

 

 

 

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पंचदश विधान सभा                                                                                              सप्‍तम् सत्र

 

 

सितम्‍बर, 2020 सत्र

 

सोमवार, दिनांक 21 सितम्‍बर, 2020

 

(30 भाद्र, शक संवत्‌ 1942)

 

 

[खण्ड- 7 ]                                                                                                             [अंक- 1 ]

 

              __________________________________________________________

 

 

 

 

 

 

 

मध्यप्रदेश विधान सभा

 

सोमवार, दिनांक 21 सितम्‍बर, 2020

 

(30 भाद्र, शक संवत्‌ 1942)

 

विधान सभा पूर्वाह्न 11:00 बजे समवेत हुई.

 

{सामयिक अध्यक्ष महोदय (श्री रामेश्‍वर शर्मा) पीठासीन हुए.}

 

राष्ट्रगीत ''वन्दे मातरम् का समूह गान.

 

सामयिक अध्यक्ष महोदय  अब, राष्ट्रगीत ''वन्दे मातरम् होगा. सदस्यों से अनुरोध है कि वे कृपया अपने स्थान पर खड़े जाएं.

( सदन में राष्ट्रगीत “ वन्दे मातरम् “ का समूह गान किया गया. )

 

 

11:01                 मुख्‍य प्रतिपक्षी दल एवं नेता प्रतिपक्ष की घोषणा

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय - वर्तमान विधान सभा में प्रतिपक्षी दलों में इंडियन नेशनल कांग्रेस दल के सदस्‍यों की संख्‍या सबसे अधिक है तथा गणपूर्ति के लिए आवश्‍यक सदस्‍य संख्‍या से अधिक है, इसलिए मैं इंडियन नेशनल कांग्रेस दल को सदन का मुख्‍य प्रतिपक्षी दल और उसके नेता श्री कमलनाथ, सदस्‍य विधान सभा को नेता प्रतिपक्ष घोषित करता हूं. 

 

 

 

 

11:02                                    अध्‍यक्षीय घोषणा

कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु जारी मापदण्‍डों का पालन करना एवं माननीय सदस्‍यों का अपनी सीट से बैठकर ही कार्यवाही में भाग लेना

 

 

.

 

 

         

         

         

 

 

 

                                     

 

 

 

 

 

 

 

11.05                               निधन का उल्लेख

(1)     श्री प्रणब मुखर्जी, भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति,

(2)     श्री लालजी टंडन, मध्यप्रदेश के राज्यपाल,

(3)       श्री मनोहर ऊंटवाल, सदस्य विधान सभा,

(4)     श्री गोवर्धन दांगी, सदस्य विधान सभा,

(5)     श्री हजारीलाल रघुवंशी, भूतपूर्व उपाध्यक्ष विधान सभा,

(6)     श्री डेरहू प्रसाद धृतलहरे, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(7)     श्री उदय सिंह पण्ड्या, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(8)     श्री चम्पालाल देवड़ा, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(9)       श्रीमती देवेन्द्र कुमारी, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(10)    श्री बलिहार सिंह, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(11)    श्री बलवीर सिंह कुशवाहा, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(12)    श्री घनश्याम प्रसाद जायसवाल, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(13)    श्री बूंदीलाल रावत, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(14)    श्रीमती विमला शर्मा, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(15)    श्री मनमोहन शाह बट्टी, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(16)    श्री चिमनलाल सडाना, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(17)    पं. रमाकांत तिवारी, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(18)    श्री गणेश राम खटीक, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(19)    श्री बिन्द्रा प्रसाद साकेत, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,

(20)    श्री अजीत जोगी, छत्तीसगढ़ के भूतपूर्व मुख्यमंत्री,

(21)    श्री हंसराज भारद्वाज, भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री,

(22)    लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद जवान,

(23)    जम्मू-कश्मीर के बारामूला में हुए आतंकी हमले में शहीद जवान, तथा             (24)    देश एवं प्रदेश में कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी के संक्रमण से मृत व्यक्ति.

 

 

 

         


                                                                                                                                                                                                                                                           


 

                                                                                         

                                                                                                

 

 

(सदन द्वारा 2 मिनट मौन खड़े रहकर दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई.)

 

       सामयिक अध्‍यक्ष महोदय-  दिवंगतों के सम्‍मान में सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिये स्‍थगित.

 

(पूर्वाह्न 11.20 बजे सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्‍थगित की गई.)

 

 

 


11:27 बजे                    विधान सभा पुन: समवेत हुई

(सामयिक अध्‍यक्ष महोदय {श्री रामेश्‍वर शर्मा} पीठासीन हुए)

11:27 बजे                   अध्‍यादेशों का पटल पर रखा जाना

(क) मध्‍यप्रदेश वित्त अध्यादेश, 2020 (क्रमांक 1 सन् 2020),

(ख) मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी (संशोधन) अध्‍यादेश, 2020 (क्रमांक 4 सन्           2020),

(ग) मध्यप्रदेश श्रम विधि (संशोधन) अध्‍यादेश, 2020 (क्रमांक 5 सन् 2020),

(घ) मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी (संशोधन) अध्‍यादेश, 2020                 (क्रमांक 7 सन् 2020),

(ङ) श्रम विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) अध्‍यादेश, 2020 (क्रमांक 8 सन् 2020),

(च) मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अध्‍यादेश, 2020 (क्रमांक 9 सन्  2020), तथा

(छ) मध्यप्रदेश नगरपालिक विधि (संशोधन) अध्‍यादेश, 2020 (क्रमांक 10 सन्  2020),

        संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. नरोत्‍तम मिश्र) :- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 213 की अपेक्षानुसार, कार्यसूची के पद क्रमांक 2 के उपपद (क) से (छ) में अंकित निम्‍नलिखित अध्‍यादेशों को पटल पर रखता हूं :-

 (क) मध्‍यप्रदेश वित्त अध्यादेश, 2020 (क्रमांक 1 सन् 2020),

(ख) मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी (संशोधन) अध्‍यादेश, 2020 (क्रमांक 4 सन्             2020),

(ग) मध्यप्रदेश श्रम विधि (संशोधन) अध्‍यादेश, 2020 (क्रमांक 5 सन् 2020),

(घ) मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी (संशोधन) अध्‍यादेश, 2020                       (क्रमांक 7 सन् 2020),

(ङ) श्रम विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) अध्‍यादेश, 2020 (क्रमांक 8 सन् 2020),

(च) मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अध्‍यादेश, 2020 (क्रमांक 9 सन्  2020), तथा

(छ) मध्यप्रदेश नगरपालिक विधि (संशोधन) अध्‍यादेश, 2020 (क्रमांक 10  सन् 2020),

 

 

 

 

 

11:27 बजे                   पत्रों का पटल पर रखा जाना

(1)  अधिसूचना फा. क्रमांक 7175-2081-क/21/ब(दो)2020, दिनांक 04 मई, 2020

विधि और विधायी कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं,  मध्‍यप्रदेश अधिवक्‍ता कल्‍याण निधि अधिनियम, 1982 (क्रमांक 9 सन् 1982) की धारा 15 की उपधारा (2)) की अपेक्षानुसार अधिसूचना फा. क्रमांक 7175-2081-क/21/ब(दो)2020, दिनांक 04 मई, 2020  पटल पर रखता हूं.

 

(2) संत रविदास म.प्र.हस्‍तशिल्‍प एवं हाथकरघा विकास निगम लिमिटेड, भोपाल का 37 वां वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखा वर्ष 2017-2018

 

संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 394 की उपधारा (2) की अपेक्षानुसार संत रविदास म.प्र.हस्‍तशिल्‍प एवं हाथकरघा विकास निगम लिमिटेड, भोपाल का 37 वां वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखा वर्ष 2017-2018 पटल पर रखता हूं.

 

(3) (i) भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का राजस्‍व क्षेत्र पर प्रतिवेदन 31 मार्च, 2018 को समाप्‍त हुए वर्ष के लिए मध्‍यप्रदेश शासन का वर्ष 2019 का प्रतिवेदन संख्‍या-2, एवं

(ii) भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का सामान्‍य एवं सामाजिक क्षेत्र पर प्रतिवेदन 31 मार्च, 2018 को समाप्‍त हुए वर्ष के लिए मध्‍यप्रदेश शासन का वर्ष 2019 का प्रतिवेदन संख्‍या-3,

(iii) 31 मार्च, 2018 को समाप्‍त वर्ष के लिए आर्थिक क्षेत्र पर भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन मध्‍यप्रदेश शासन का वर्ष 2020 का प्रतिवेदन क्रमांक-1, तथा

(iv) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर 31 मार्च, 2018 को समाप्‍त वर्ष के लिए मध्‍यप्रदेश शासन का वर्ष 2020 का प्रतिवेदन संख्‍या-2,

(ख) नगरीय निकायों पर संचालक स्‍थानीय निधि संपरीक्षा म.प्र. का वार्षिक संपरीक्षा प्रतिवेदन, वर्ष 2016-2017 एवं वर्ष 2017-2018,

(ग) त्रिस्‍तरीय पंचायतराज संस्‍थाओं का संचालक, स्‍थानीय निधि संपरीक्षा का वार्षिक संपरीक्षा प्रतिवेदन, वर्ष 2016-2017 एवं  वर्ष 2017-2018,

 

 

संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं,

(क) भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 151 के खण्‍ड (2)  की अपेक्षानुसार -

       (i) भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का राजस्‍व क्षेत्र पर प्रतिवेदन 31 मार्च, 2018 को समाप्‍त हुए वर्ष के लिए मध्‍यप्रदेश शासन का वर्ष 2019 का प्रतिवेदन संख्‍या-2, एवं

       (ii) भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का सामान्‍य एवं सामाजिक क्षेत्र पर प्रतिवेदन 31 मार्च, 2018 को समाप्‍त हुए वर्ष के लिए मध्‍यप्रदेश शासन का वर्ष 2019 का प्रतिवेदन संख्‍या-3,

       (iii) 31 मार्च, 2018 को समाप्‍त वर्ष के लिए आर्थिक क्षेत्र पर भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन मध्‍यप्रदेश शासन का वर्ष 2020 का प्रतिवेदन क्रमांक-1, तथा

       (iv) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर 31 मार्च, 2018 को समाप्‍त वर्ष के लिए मध्‍यप्रदेश शासन का वर्ष 2020 का प्रतिवेदन संख्‍या-2,

(ख) मध्‍यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 130 (क) की उपधारा (2) एवं मध्‍यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 122-क की उपधारा (2) की अपेक्षानुसार नगरीय निकायों पर संचालक स्‍थानीय निधि संपरीक्षा म.प्र. का वार्षिक संपरीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2016-2017 एवं वर्ष 2017-2018, एवं

(ग) मध्‍यप्रदेश पंचायतराज एवं ग्राम स्‍वराज अधिनियम, 1993 की धारा 129 की उपधारा (2) की अपेक्षानुसार त्रिस्‍तरीय पंचायतराज संस्‍थाओं का संचालक, स्‍थानीय निधि संपरीक्षा का वार्षिक संपरीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2016-2017 एवं  वर्ष 2017-2018, पटल पर रखता हूं.

 

 (4) मध्‍यप्रदेश राज्‍य खाद्य आयोग, भोपाल के वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018, 2018-2019 एवं 2019-2020

 

संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (क्रमांक 20 सन् 2013) की धारा 16 की उपधारा (6) (च) एवं मध्‍यप्रदेश खाद्य सुरक्षा नियम, 2017 के नियम 15 (5) की अपेक्षानुसार मध्‍यप्रदेश राज्‍य खाद्य आयोग, भोपाल के वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018, 2018-2019 एवं 2019-2020  पटल पर रखता हूं.


(5) (क) म.प्र.गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल के लेखा परीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2016-2017 एवं वर्ष 2017-2018, तथा

(ख) कम्‍पनी अधिनियम, 2013 की धारा 395 की उपधारा (1) (ख) की अपेक्षानुसार मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्‍पनी लिमिटेड का प्रथम वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2015-2016,

 

संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं,  

(क) मध्‍यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्‍डल (संशोधन) अधिनियम, 1972 (क्रमांक 3 सन् 1973) की धारा 74 की उपधारा (3) की अपेक्षानुसार म.प्र.गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल के लेखा परीक्षा प्रतिवेदन, वर्ष 2016-2017 एवं वर्ष 2017-2018, तथा

(ख) कम्‍पनी अधिनियम, 2013 की धारा 395 की उपधारा (1) (ख) की अपेक्षानुसार मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्‍पनी लिमिटेड का प्रथम वार्षिक प्रतिवेदन, वर्ष 2015-2016, पटल पर रखता हूं.

 

          (6) मध्‍यप्रदेश राज्‍य बीज एवं फार्म विकास निगम के वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2016-2017 एवं वर्ष 2017-2018

संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, मध्‍यप्रदेश राज्‍य बीज एवं फार्म विकास निगम अधिनियम, 1980 (क्रमांक 18 सन् 1980) की धारा 30 की उपधारा (3) की अपेक्षानुसार मध्‍यप्रदेश राज्‍य बीज एवं फार्म विकास निगम के वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2016-2017 एवं वर्ष 2017-2018 पटल पर रखता हूं.

 

(7) (क) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता (संभागों, जिलों, उपखण्‍डों तथा तहसीलों के परिवर्तन, सृजन तथा समाप्ति) नियम, 2018 में संशोधन,

(ख) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता (दखलरहित भूमि, आबादी तथा वाजिब उल-अर्ज) नियम, 2020,

(ग) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम,                       2020 , तथा

(घ) राजस्‍व विभाग की अधिसूचना दिनांक 7 जनवरी, 2020,

 

संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता, 1959 की धारा 258 की उपधारा (4) की अपेक्षानुसार -

(क) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता (संभागों, जिलों, उपखण्‍डों तथा तहसीलों के परिवर्तन, सृजन तथा समाप्ति) नियम, 2018 में संशोधन,

(ख) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता (दखलरहित भूमि, आबादी तथा वाजिबउल-अर्ज) नियम, 2020,

(ग) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम, 2020 , तथा

(घ) भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 की धारा 111 की अपेक्षानुसार राजस्‍व विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 12-2-2014-सात-2, दिनांक 7 जनवरी, 2020, पटल पर रखता हूं.

 

(8) (क) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018, तथा

(ख) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान, जिला पन्‍ना का वर्ष 2017-2018 एवं  जिला  कटनी, नरसिंहपुर, छिन्दवाड़ा तथा नीमच के  वर्ष 2019-2020 के वार्षिक प्रतिवेदन  के वार्षिक प्रतिवेदन

 संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र) :- अध्‍यक्ष महोदय, मैं,

(क) भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा-शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 की धारा 27 की उपधारा (5) की अपेक्षानुसार मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018, तथा

(ख) मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 के नियम 18 (3) की अपेक्षानुसार जिला खनिज प्रतिष्‍ठान, जिला पन्‍ना का वर्ष 2017-2018 एवं  जिला कटनी, नरसिंहपुर, छिन्दवाड़ा तथा नीमच के  वर्ष 2019-2020 के वार्षिक प्रतिवेदन, पटल पर रखता हूं.

 

(9) (क) मध्‍यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर का सत्रहवां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(ख) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड का 17 वां वार्षिक प्रतिवेदन वित्‍तीय वर्ष 2018-2019,

(ग) शहपुरा थर्मल पॉवर कम्‍पनी लिमिटेड, जबलपुर का तेरहवां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(घ) मध्‍यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर का 17 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

  (ङ) बाणसागर थर्मल पॉवर कम्‍पनी लिमिटेड का 8 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(च) मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी लिमिटेड, भोपाल का 17 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019, तथा

 (छ) एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड का 13 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(ज) ऊर्जा विभाग की निम्‍नलिखित अधिसूचनाएं दिनांक :-

(i) क्रमांक 1780-म.प्र.वि.नि.आ.2019, दिनांक 17 दिसम्‍बर, 2019,

(ii) दिनांक 6 फरवरी, 2020 ,(iii) दिनांक 7 मार्च, 2019, (iv) दिनांक 12  जून, 2019, (v) दिनांक 25 सितम्‍बर, 2019, (vi) दिनांक 7 मार्च, 2020, (vii) दिनांक 20 फरवरी, 2020,

 

संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, कंपनी अधिनियम, 2013 (क्रमांक 18 सन् 2013)  की धारा 395 की उपधारा (1) (ख) की अपेक्षानुसार -

(क) मध्‍यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर का सत्रहवां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(ख) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड का 17 वां वार्षिक प्रतिवेदन वित्‍तीय वर्ष 2018-2019,

(ग) शहपुरा थर्मल पॉवर कम्‍पनी लिमिटेड, जबलपुर का तेरहवां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(घ) मध्‍यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर का 17 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(ङ) बाणसागर थर्मल पॉवर कम्‍पनी लिमिटेड का 8 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(च) मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी लिमिटेड, भोपाल का 17 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019, तथा

(छ) एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड का 13 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(ज) विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 182 की अपेक्षानुसार ऊर्जा विभाग की निम्‍नलिखित अधिसूचनाएं :-

      (i) क्रमांक 1780-म.प्र.वि.नि.आ.2019, दिनांक 17 दिसम्‍बर, 2019,

      (ii) क्रमांक 234/मप्रविनिआ/2020, दिनांक 6 फरवरी, 2020,

      (iii) क्रमांक 342/मप्रविनिआ/2019, दिनांक 7 मार्च, 2019,

      (iv) क्रमांक 834-मप्रविनिआ-2019, दिनांक 12 जून, 2019,

      (v) क्रमांक 1322/मप्रविनिआ/2019, दिनांक 25 सितम्‍बर, 2019,

      (vi) क्रमांक 343/मप्रविनिआ/2019, दिनांक 7 मार्च, 2020,

      (vii)क्रमांक 300/मप्रविनिआ/2020, दिनांक 20 फरवरी, 2020, पटल पर रखता हूं.

 

(10) (क) मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम मर्यादित, भोपाल का 55 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2016-2017, तथा

(ख) कंपनी अधिनियम, 2013 (क्रमांक 18 सन् 2013)  की धारा 395 की उपधारा (1) (ख) की अपेक्षानुसार

(i) मध्‍यप्रदेश स्‍टेट इलेक्‍ट्रानिक्‍स डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड का 34 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018,

(ii) भोपाल इलेक्‍ट्रानिक्‍स मेन्‍युफेक्‍चरिंग पार्क लिमिटेड का द्वितीय वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018, तथा

          (iii) जबलपुर इलेक्‍ट्रानिक्‍स मेन्‍युफेक्‍चरिंग पार्क लिमिटेड का द्वितीय वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018,

संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं,

(क) कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 394 की उपधारा (2) की अपेक्षानुसार मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम मर्यादित, भोपाल का 55 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2016-2017, तथा

(ख) कंपनी अधिनियम, 2013 (क्रमांक 18 सन् 2013)  की धारा 395 की उपधारा (1) (ख) की अपेक्षानुसार

      (i) मध्‍यप्रदेश स्‍टेट इलेक्‍ट्रानिक्‍स डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड का 34 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018,

      (ii) भोपाल इलेक्‍ट्रानिक्‍स मेन्‍युफेक्‍चरिंग पार्क लिमिटेड का द्वितीय वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018, तथा

                (iii) जबलपुर इलेक्‍ट्रानिक्‍स मेन्‍युफेक्‍चरिंग पार्क लिमिटेड का द्वितीय वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018, पटल पर रखता हूं.

 

(11) मध्‍यप्रदेश सहकारी सोसाइटी नियम, 1962 में किये गये संशोधन की अधिसूचना दिनांक 26 अगस्‍त, 2020

 

संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, मध्‍यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 95 की उपधारा (3) की अपेक्षानुसार मध्‍यप्रदेश सहकारी सोसाइटी नियम, 1962 में किये गये संशोधन की अधिसूचना क्रमांक एफ-5-3-2020-पन्‍द्रह-एक, दिनांक 26 अगस्‍त, 2020  पटल पर रखता हूं.

 

(12) (क) (i) विक्रम  विश्‍वविद्यालय, उज्‍जैन (म.प्र.) का 62 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(ii) बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय, भोपाल (म.प्र.) का 47 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(iii) रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(iv) देवी अहिल्‍या विश्‍वविद्यालय, इन्‍दौर (म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(v) अवधेश प्रताप सिंह विश्‍वविद्यालय, रीवा (म.प्र.) का 51 वां प्रगति प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019, तथा

(vi) जीवाजी विश्‍वविद्यालय, ग्‍वालियर (म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(ख) (महर्षि महेश योगी वैदिक विश्‍वविद्यालय, करौंदी, जिला-कटनी (म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(ग) महर्षि पाणिनि संस्‍कृत एवं वैदिक विश्‍वविद्यालय, उज्‍जैन (म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष  2018-2019,

(घ) म.प्र. भोज (मुक्‍त) विश्‍वविद्यालय, भोपाल का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(ड.)पंडित एस.एन. शुक्ला विश्वविद्यालय, शहडोल (मध्यप्रदेश) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

(च) मध्‍यप्रदेश निजी विश्‍वविद्यालय विनियामक आयोग, भोपाल का वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखा संपरीक्षण प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

 

(छ) मध्‍यप्रदेश निजी विश्‍वविद्यालय विनियामक आयोग, भोपाल का वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखा संपरीक्षण प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

 

(ज) महाराजा छत्रसाल बुन्‍देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय, छतरपुर (मध्‍यप्रदेश) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

 

संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं,  

(क)  मध्‍यप्रदेश विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा 47 की अपेक्षानुसार

       (i) विक्रम  विश्‍वविद्यालय, उज्‍जैन (म.प्र.) का 62 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

       (ii) बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय, भोपाल (म.प्र.) का 47 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

       (iii) रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

       (iv) देवी अहिल्‍या विश्‍वविद्यालय, इन्‍दौर (म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

     (v) अवधेश प्रताप सिंह विश्‍वविद्यालय, रीवा (म.प्र.) का 51 वां प्रगति प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019, तथा

     (vi) जीवाजी विश्‍वविद्यालय, ग्‍वालियर (म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

 

(ख) महर्षि महेश योगी वैदिक विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 1995 (क्रमांक 37 सन् 1995) की धारा 39 की उपधारा (2) की अपेक्षानुसार महर्षि महेश योगी वैदिक विश्‍वविद्यालय, करौंदी, जिला-कटनी (म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

 

(ग) महर्षि पाणिनि संस्‍कृत एवं वैदिक विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 2006 (क्रमांक 15 सन् 2008) की धारा 43 की उपधारा (2) की अपेक्षानुसार महर्षि पाणिनि संस्‍कृत एवं वैदिक विश्‍वविद्यालय, उज्‍जैन (म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष  2018-2019,

 

(घ)  मध्‍यप्रदेश भोज (मुक्त)  विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 1991 (क्रमांक 20 सन् 1991) की धारा 29 की उपधारा (2) की अपेक्षानुसार म.प्र. भोज (मुक्‍त) विश्‍वविद्यालय, भोपाल का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

 

(ङ) मध्यप्रदेश विधान सभा की प्रत्यायुक्त विधान समिति के अष्टम् प्रतिवेदन (चतुर्थ विधान सभा) की कंडिका 28 एवं 29 तथा नवम् प्रतिवेदन (चतुर्थ विधान सभा) की कंडिका 28 की अपेक्षानुसार पंडित एस.एन. शुक्ला विश्वविद्यालय, शहडोल (मध्यप्रदेश) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

 

(च) मध्‍यप्रदेश निजी विश्‍वविद्यालय (स्‍थापना एवं संचालन) अधिनियम, 2007 (क्रमांक 17 सन् 2007) के नियम 22 एवं 23 की अपेक्षानुसार मध्‍यप्रदेश निजी विश्‍वविद्यालय विनियामक आयोग, भोपाल का वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखा संपरीक्षण प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019,

 

 (छ) चित्रकूट ग्रामोदय विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 1991 (क्रमांक 9 सन् 1991)  की धारा 36 की उपधारा (5) की अपेक्षानुसार महात्‍मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्‍वविद्यालय चित्रकूट, जिला-सतना (मध्‍यप्रदेश) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019, तथा

 

 (ज) मध्‍यप्रदेश विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा 47 की अपेक्षानुसार महाराजा छत्रसाल बुन्‍देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय, छतरपुर (मध्‍यप्रदेश) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019, पटल पर रखता हूं.

 

(13) (क) एम.पी.औद्योगिक केन्‍द्र विकास निगम (इन्‍दौर) लिमिटेड, इन्‍दौर का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018,

(ख) मध्‍यप्रदेश प्‍लास्टिक सिटी डेवलपमेन्‍ट कॉरपोरेशन ग्‍वालियर लिमिटेड का वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखा वर्ष 2016-2017,

(ग) इण्‍डस्ट्रिअल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेन्‍ट कॉरपोरेशन (ग्‍वालियर) म.प्र. मर्यादित का 32 वां वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखा वर्ष 2016-2017,

(घ) एम.पी. इण्‍डस्ट्रिअल डेवलपमेन्‍ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड का 39 वां वार्षिक प्रतिवेदन तथा लेखे वित्‍तीय वर्ष 2015-2016,

(ङ) डी.एम.आई.सी.पीथमपुर जल प्रबंधन लिमिटेड का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019 एवं डी.एम.आई.सी.विक्रम उद्योगपुरी लिमिटेड का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019, तथा

(च) मध्‍यप्रदेश औद्योगिक केन्‍द्र विकास निगम (जबलपुर) लिमिटेड का 36 वां वार्षिक प्रतिवेदन एवं वार्षिक लेखा वित्तीय वर्ष 2017-2018

 

 

 संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, कंपनी अधिनियम, 2013 (क्रमांक 18 सन् 2013) की धारा 395 की उपधारा (1) (ख) की अपेक्षानुसार -

(क) एम.पी.औद्योगिक केन्‍द्र विकास निगम (इन्‍दौर) लिमिटेड, इन्‍दौर का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018,

(ख) मध्‍यप्रदेश प्‍लास्टिक सिटी डेवलपमेन्‍ट कॉरपोरेशन ग्‍वालियर लिमिटेड का वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखा वर्ष 2016-2017,

(ग) इण्‍डस्ट्रिअल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेन्‍ट कॉरपोरेशन (ग्‍वालियर) म.प्र. मर्यादित का 32 वां वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखा वर्ष 2016-2017,

(घ) एम.पी. इण्‍डस्ट्रिअल डेवलपमेन्‍ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड का 39 वां वार्षिक प्रतिवेदन तथा लेखे वित्‍तीय वर्ष 2015-2016,

(ङ) डी.एम.आई.सी.पीथमपुर जल प्रबंधन लिमिटेड का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019 एवं डी.एम.आई.सी.विक्रम उद्योगपुरी लिमिटेड का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019, तथा

(च) मध्‍यप्रदेश औद्योगिक केन्‍द्र विकास निगम (जबलपुर) लिमिटेड का 36 वां वार्षिक प्रतिवेदन एवं वार्षिक लेखा वित्तीय वर्ष 2017-2018, पटल पर रखता हूं.

 

 

 

 

 

 (14)  एन.एच.डी.सी. लिमिटेड का 18 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018

संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, कंपनी अधिनियम, 2013 (क्रमांक 18 सन् 2013)  की धारा 395 की उपधारा (1) (ख) की अपेक्षानुसार एन.एच.डी.सी. लिमिटेड का 18 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018 पटल पर रखता हूं.

 

(15) (क) स्‍कूल शिक्षा विभाग की अधिसूचना दिनांक 2 मार्च, 2020,

(ख) समग्र शिक्षा अभियान मध्‍यप्रदेश का वार्षिक प्रतिवेदन एवं अंकेक्षित लेखे वर्ष 2018-2019, तथा

(ग) मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम का वार्षिक प्रतिवेदन एवं अंकेक्षित लेखे वर्ष 2018-2019,

 संसदीय कार्य मंत्री, (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र):- अध्‍यक्ष महोदय, मैं,

(क) मध्‍यप्रदेश माध्‍यमिक शिक्षा अधिनियम, 1965 (क्रमांक-23 सन् 1965) की धारा-27 की उपधारा (2) की अपेक्षानुसार स्‍कूल शिक्षा विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ-37-2-2020-बीस-3, दिनांक 2 मार्च, 2020,

(ख) समग्र शिक्षा अभियान मध्‍यप्रदेश का वार्षिक प्रतिवेदन एवं अंकेक्षित लेखे वर्ष 2018-2019, तथा

(ग) मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम विनियम, 1974 के नियम- 48 की अपेक्षानुसार मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम का वार्षिक प्रतिवेदन एवं अंकेक्षित लेखे वर्ष 2018-2019, पटल पर रखता हूं.

 

          डॉ. नरोत्‍तम मिश्र (संसदीय कार्य मंत्री) :- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, कार्यसूची के पद क्रमांक 3 के उपपद (1) से (15) में उल्लिखित प्रतिवेदनों/अधिसूचनाओं को पटल पर रखता हूं.

11:28 बजे    दिसम्‍बर, 2019-जनवरी 2020 सत्र की प्रश्‍नोत्‍तरी तथा इसी सत्र के प्रश्‍नों के अपूर्ण उत्‍तरों के पूर्ण उत्‍तरों का संकलन खण्‍ड-3 तथा मार्च, 2020 सत्र की प्रश्‍नोत्‍तरी तथा इसी सत्र के प्रश्‍नों के अपूर्ण उत्‍तरों के पूर्ण उत्‍तरों का संकलन खण्‍ड-4 पटल पर रखा जाना

 

        सामयिक अध्‍यक्ष महोदय :- दैनिक कार्यसूची के  पद क्रमांक 4 में अंकित दिसम्‍बर, 2019- जनवरी , 2020 सत्र की प्रश्‍नोत्‍तरी तथा इसी सत्र के प्रश्‍नों के अपूर्ण उत्‍तरों के पूर्ण उत्‍तरों का संकलन खण्‍ड-3 तथा मार्च, 2020 सत्र की प्रश्‍नोत्‍तरी तथा इसी सत्र के प्रश्‍नों के अपूर्ण उत्‍तरों के पूर्ण उत्‍तरों का संकलन खण्‍ड-4 पटल पर रखा गया.

 

11:29 बजे   नियम 267-क के अधीन दिसम्‍बर, 2019- जनवरी, 2020 सत्र में पढ़ी गई सूचनाओं तथा उनके उत्‍तरों का संकलन पटल पर रखा जाना

 

            सामयिक अध्‍यक्ष महोदय:- दैनिक कार्यसूची के पद क्रमांक 5 में अंकित नियम 267-क के अधीन दिसम्‍बर, 2019-जनवरी, 2020 सत्र में पढ़ी गई सूचनाओं तथा उनके उत्‍तरों का संकलन पटल पर रखा गया.

 

 

नियम 267- क के अधीन विषय

 

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- नियम 267- क के अधीन शून्‍यकाल की निम्‍नांकित 8 माननीय सदस्‍यों की सूचनाएं पढ़ी हुई मानी जाएंगी :-

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

11:30 बजे     राज्‍यपाल की अनुमति प्राप्‍त विधेयकों की सूचना

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

11.30 बजे                 

 

 

 

 

11.31 बजे                           अनुपस्थिति की अनुज्ञा

                              श्री जगदीश देवड़ा, वित्त मंत्री की अनुपस्थिति

          सामयिक अध्यक्ष महोदय -- माननीय श्री जगदीश देवड़ा, वित्त मंत्री द्वारा सूचित किया गया है कि वे विधान सभा के सितम्बर, 2020 सत्र में स्वास्थ्यगत कारणों से उपस्थित नहीं हो सकेंगे. उनके द्वारा उनके विभागों से सत्र संबंधित कार्यों के निर्वहन के लिए माननीय डॉ. नरोत्तम मिश्र, संसदीय कार्य मंत्री को अधिकृत किया गया है. जिसकी मैंने अनुज्ञा प्रदान की है.

11.32                                     अध्यक्षीय घोषणा  

सदन की कार्यवाही में विभिन्न जिलों के माननीय सदस्यों द्वारा वर्चुअल रुप से भाग लिया जाना

     

          सामयिक अध्यक्ष महोदय -- अभी इस बैठक में विभिन्न जिलों से वर्चुअल रुप से 23 माननीय सदस्य भाग ले रहे हैं.

         जिलों में NIC केन्द्रों में उपस्थित माननीय मंत्री एवं सदस्यगण का विवरण -

1.       मंडला            डॉ. अशोक मर्सकोले

                             श्री नारायण सिंह पट्टा

2.       सिवनी           श्री अर्जुन सिंह काकोडिया

3.       अनूपपुर         श्री बिसाहूलाल सिंह

                             श्री फुन्देलाल सिंह मार्को

4.       जबलपुर         श्री सुशील कुमार तिवारी

                             श्री विनय सक्सेना

                             श्री अजय विश्नोई

                             श्रीमती नंदिनी मरावी

5.       बुरहानपुर       ठाकुर सुरेंद्र सिंह नवल सिंह

6.       धार              श्री प्रताप सिंह ग्रेवाल

                             श्री पांचीलाल मेड़ा

7.       छतरपुर          श्री राकेश कुमार शुक्ला

8.       बालाघाट        सुश्री हिना कावरे

                             श्री राम किशोर कावरे

                             श्री प्रदीप जायसवाल

9.       रीवा              श्री श्याम लाल द्विवेदी

10.     खण्डवा            श्री राम दांगोरे

11.     खरगोन          श्री केदार चिड़ाभाई डाबर

                             श्री रवि जोशी

12.     छिंदवाड़ा        श्री सुनील उईके

                             श्री कमलेश प्रताप शाह

                             श्री नीलेश उईके

 

 

11.33 बजे                                    अध्यक्षीय घोषणा 

वर्ष 2012-2013 के आधिक्य व्यय के विवरण का उपस्थापन, तत्संबंधी अनुदानों की मांगों पर मतदान तथा मध्यप्रदेश विनियोग (क्रमांक 2) विधेयक, 2020 का आज ही पुर:स्थापन, विचार एवं पारण किया जाना.

 

          सामयिक अध्यक्ष महोदय -- वर्ष 2012-2013 के आधिक्य व्यय के विवरण का उपस्थापन, तत्संबंधी अनुदानों की मांगों पर मतदान तथा मध्यप्रदेश विनियोग (क्रमांक-2)  विधेयक, 2020 (क्रमांक 19 सन् 2020) के पुर:स्थापन, विचार एवं पारण के संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि उक्त वित्त वर्ष में विभागों द्वारा स्वीकृत राशि के अतिरिक्त किये गये समस्त आधिक्यों की पूर्ति हेतु सदन की लोक लेखा समिति द्वारा इसका परीक्षण किया जाकर अनुशंसा तथा महालेखाकार एवं वित्त विभाग द्वारा सहमति के उपरांत व्यय हुई अतिरिक्त धन राशि के नियमितीकरण के लिए सदन की स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है. अत: मैंने आज ही उक्त विधेयक के पुर:स्थापन, विचार एवं पारण हेतु अनुज्ञा प्रदान की है.

          मैं समझता हूँ सदन इससे सहमत है.

                                                          सदन द्वारा सहमति प्रदान की गई.

 

 

 

 

 

 

11.34 बजे                   वर्ष 2012-2013 के आधिक्य व्यय के विवरण का उपस्थापन

          संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. नरोत्तम मिश्र) -- अध्यक्ष महोदय, मैं, राज्यपाल महोदया के निर्देशानुसार वर्ष 2012-2013 के दत्तमत अनुदान और भारित विनियोग पर आधिक्य के विवरण का उपस्थापन करता हूँ.

 

                                                                                               

 

11.35 बजे           वर्ष 2012-2013 की अधिकाई अनुदानों की मांगों पर मतदान    

 

          संसदीय कार्य मंत्री (डॉ.नरोत्‍तम मिश्र) -- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, राज्‍यपाल महोदया की सिफारिश के अनुसार प्रस्‍ताव करता हॅूं कि :-

          "दिनांक 31 मार्च, 2013 को समाप्‍त हुये वित्‍तीय वर्ष में अनुदान संख्‍या 10 एवं 24 के लिए स्‍वीकृत राशि के अतिरिक्‍त किये गये समस्‍त आधिक्‍य व्‍यय की पूर्ति के निमित्‍त राज्‍यपाल महोदया को चौबीस लाख छब्‍बीस हजार एक सौ नवासी रुपये की राशि दिया जाना प्रस्‍तावित किया जाय."

            सामयिक अध्‍यक्ष महोदय :- प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत हुआ.

          प्रश्‍न यह है कि -

          "दिनांक 31 मार्च, 2013 को समाप्‍त हुये वित्‍तीय वर्ष में अनुदान संख्‍या 10 एवं 24 के लिए स्‍वीकृत राशि के अतिरिक्‍त किये गये समस्‍त आधिक्‍य व्‍यय की पूर्ति के निमित्‍त राज्‍यपाल महोदया को चौबीस लाख छब्‍बीस हजार एक सौ नवासी रुपये की राशि दिया जाना प्राधिकृत किया जाय."

 

                             अधिकाई मांगों का प्रस्‍ताव स्‍वीकृत हुआ.

 

 

 

 

 

 

 

11.37 बजे                                 शासकीय विधि विषयक कार्य

 

मध्‍यप्रदेश विनियोग (क्रमांक-2) विधेयक, 2020 (क्रमांक 19 सन्  2020) का पुर:स्‍थापन एवं पारण

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

11.39 बजे                           अध्‍यक्षीय घोषणा

 

वर्ष 2020-2021 के आय-व्‍ययक के अनुदानों की मांगों पर मतदान और तत्‍संबंधी विनियोग विधेयक पर आज ही विचार एवं पारण की अनुमति प्रदान की जाना

 

 

(सदन द्वारा सहमति प्रदान की गई.)

 


 

11.40 बजे                         वर्ष 2020-21 के आय-व्‍ययक का उपस्‍थापन

राजकोषीय नीति का विवरण तथा मध्‍यप्रदेश विनियोग अध्‍यादेश, 2020

(क्रमांक 6 सन् 2020)

          संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. नरोत्‍तम मिश्र) -- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, राज्‍यपाल महोदया के निर्देशानुसार वर्ष 2020-2021 के आय-व्‍ययक के उपस्‍थापन के साथ-साथ मध्‍यप्रदेश राजकोषीय उत्‍तरदायित्‍व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत राजकोषीय नीति के विवरण तथा मध्‍यप्रदेश विनियोग अध्‍यादेश, 2020 (क्रमांक 6 सन् 2020) सदन के समक्ष रखता हूँ.

 

 

अध्‍यक्षीय घोषणा

                             वर्ष 2020-2021 की अनुदानों की मांगों पर मतदान

 

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- आय-व्‍ययक के उपस्‍थापन के पश्‍चात् विभागीय मंत्रियों की अनुदान मांगों पर चर्चा की जाती है, किन्‍तु कोविड-19 के व्‍यापक संक्रमण से बचाव को दृष्‍टिगत रखते हुए माननीय मंत्री जी विभागों की सभी अनुदान मांगें एक साथ प्रस्‍तुत करेंगे  तथा उन पर एक साथ मत लिया जाएगा.

          मैं समझता हूँ सदन इससे सहमत है.

 

                                                                       (सदन द्वारा सहमति प्रदान की गई)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

11.41 बजे               वर्ष 2020-2021 की अनुदानों की मांगों पर मतदान

 

मांग संख्या 01

सामान्‍य प्रशासन

मांग संख्या 02

सामान्‍य प्रशासन विभाग से संबंधित अन्‍य व्‍यय

मांग संख्या 03

पुलिस

मांग संख्या 04

गृह विभाग से संबंधित अन्‍य व्‍यय

मांग संख्या 05

जेल

मांग संख्या 06

वित्‍त

मांग संख्या 07

वाणिज्यिक कर

मांग संख्या 08

भू-राजस्‍व तथा जिला प्रशासन

मांग संख्या 09

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा

मांग संख्या 10

वन

मांग संख्या 11

औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्‍साहन

मांग संख्या 12

ऊर्जा

मांग संख्या 13

किसान कल्‍याण तथा कृषि विकास

मांग संख्या 14

पशुपालन

मांग संख्या 15

विमुक्‍त, घुमक्‍कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्‍कड़ जनजाति कल्याण

मांग संख्या 16

मछुआ कल्‍याण तथा मत्‍स्‍य विकास

मांग संख्या 17

सहकारिता

मांग संख्या 18

श्रम

मांग संख्या 19

लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण

मांग संख्या 20

लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी

मांग संख्या 21

लोक सेवा प्रबंधन

मांग संख्या 22

नगरीय विकास एवं आवास

मांग संख्या 23

जल संसाधन

मांग संख्या 24

लोक निर्माण कार्य-सड़कें और पुल

मांग संख्या 25

खनिज साधन

मांग संख्या 26

संस्‍कृति

मांग संख्या 27

स्‍कूल शिक्षा (प्रारंभिक शिक्षा)

मांग संख्या 28

राज्‍य विधान मंडल

मांग संख्या 29

विधि और विधायी कार्य

मांग संख्या 30

ग्रामीण विकास

मांग संख्या 31

योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी

मांग संख्या 32

जनसम्‍पर्क

मांग संख्या 33

आदिमजाति कल्‍याण

मांग संख्या 34

सामाजिक न्‍याय एवं नि:शक्‍तजन कल्‍याण

मांग संख्या 35

सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम

मांग संख्या 36

परिवहन

मांग संख्या 37

पर्यटन

मांग संख्या 38

आयुष

मांग संख्या 39

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण

मांग संख्या 40

स्‍कूल शिक्षा विभाग से संबंधित अन्‍य व्‍यय (प्रारंभिक शिक्षा को छोड़कर)

मांग संख्या 41

प्रवासी भारतीय

मांग संख्या 42

भोपाल गैस त्रासदी राहत तथा पुनर्वास

मांग संख्या 43

खेल एवं युवा कल्‍याण

मांग संख्या 44

उच्‍च शिक्षा

मांग संख्या 45

लघु सिंचाई निर्माण कार्य

मांग संख्या 46

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

मांग संख्या 47

तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार

मांग संख्या 48

नर्मदा घाटी विकास

मांग संख्या 49

अनुसूचित जाति कल्‍याण‍

मांग संख्या 50

उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्‍करण

मांग संख्या 51

अध्‍यात्‍म

मांग संख्या 52

चिकित्‍सा शिक्षा

मांग संख्या 53

त्रिस्‍तरीय पंचायती राज संस्‍थाओं को वित्‍तीय सहायता

मांग संख्या 54

कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा

मांग संख्या 55

महिला एवं बाल विकास

मांग संख्या 56

कुटीर एवं ग्रामोद्योग

मांग संख्या 57

पर्यावरण

मांग संख्या 58

प्राकृतिक आपदाओं एवं सूखा-ग्रस्‍त क्षेत्रों में राहत पर व्‍यय

मांग संख्या 59

ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित विदेशों से सहायता प्राप्‍त परियोजनाएं

मांग संख्या 60

जिला परियोजनाओं से संबंधित व्‍यय

मांग संख्या 61

बुन्‍देलखण्‍ड पैकेज से संबंधित व्‍यय

मांग संख्या 62

पंचायत

मांग संख्या 63

अल्‍प संख्‍यक कल्‍याण

मांग संख्या 64

नगरीय निकायों को वित्‍तीय सहायता

मांग संख्या 65

विमानन

मांग संख्या 66

पिछड़ा वर्ग कल्‍याण

मांग संख्या 67

लोक निर्माण कार्य-भवन

 

 

 

 

 

         

          डॉ. गोविन्‍द सिंह (लहार) -- माननीय अध्‍यक्ष जी, आपने प्रस्‍तुत किया, मेरा आपसे अनुरोध है कि कम से कम एक-दो माननीय सदस्‍यों को तो इस पर अपना मत रखने का अवसर देना चाहिए, क्‍योंकि यह बजट है. पूरे वर्ष का बजट है और करोड़ों रुपयों की राशि आप मांग रहे हैं, तो ज्‍यादा समय नहीं, लेकिन कम से कम एक-दो माननीय सदस्‍यों को 5-5 मिनट का समय आप दें, ऐसी हमारी प्रार्थना है. समय देना चाहिए क्‍योंकि यह हमारा अधिकार है. अपनी बात रखने का हमें इसमें अधिकार है.

          डॉ. नरोत्‍तम मिश्र -- अध्‍यक्ष जी, अधिकार वाली बात नहीं है...

          डॉ. गोविन्‍द सिंह -- अध्‍यक्ष जी, बजट आपने रखा, मैं सहमत हूँ.

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- आपने जो बात की, अब आप सुन लें.

          डॉ. नरोत्‍तम मिश्र -- अध्‍यक्ष जी, जब आपने बैठक बुलाई थी, तब सम्‍मानित सदस्‍य चीफ व्‍हीप हैं, चीफ व्‍हीप के नाते उपस्‍थित नहीं हुए थे लेकिन माननीय नेता प्रतिपक्ष जी, सदन के नेता और आप स्‍वयं भी उपस्‍थित थे. जो विषय अभी आपकी अनुमति से आ रहे हैं, इसमें दोनों दलों के नेताओं की सहमति है. मेरी समझ में जब आपने इतना संवेदनशील विषय महामहिम राज्‍यपाल महोदय के निधन पर भी दोनों सम्‍मानित सदस्‍यों को नहीं बोलने दिया. आप ही ने उस औपचारिकता को पूरा किया. अगर ये क्रम प्रारंभ होगा तो फिर, अत: एक बार पुनर्विचार कर लें चीफ व्‍हीप जी, इसलिए मैं चाहता हूँ कि वे प्रतिपक्ष के नेता जी से एक बार बात कर लें. नेता प्रतिपक्ष जी बोल दें.

          नेता प्रतिपक्ष (श्री कमल नाथ) -- माननीय अध्‍यक्ष जी, यह बात सच है कि ऐसी चर्चा हुई थी. मैं इससे सहमत हूँ, पर माननीय सदस्‍य, हमारे वरिष्‍ठ सदस्‍य हैं. इन्‍होंने निवेदन किया है, अब आप इस पर विचार कर लीजिए. यह बात आपकी सही है कि हमने सर्वसम्‍मति से यह तय किया था, सबके साथ, मेरे साथ जो प्रतिनिधि आए थे, उस दिन माननीय गोविन्‍द सिंह जी नहीं आ पाए, क्‍योंकि वे भोपाल में नहीं थे, पर अगर माननीय सदस्‍यों की ऐसी मंशा है और वरिष्‍ठ सदस्‍य की मंशा है तो इस पर आप विचार कर लें और मैं संसदीय कार्य मंत्री जी से भी कहता हूँ कि वे भी विचार कर लें. हम इसमें कोई अपनी बात से हटना नहीं चाहते हैं.

          लोक निर्माण मंत्री (श्री गोपाल भार्गव) -- अध्‍यक्ष महोदय, माननीय नेता प्रतिपक्ष जी और हमारे पूर्व संसदीय कार्य मंत्री जी, वे अभी चीफ व्‍हीप भी हैं, 67 विभागों की मांगें हैं, यदि 5-5, 10-10 मिनट भी, जैसा आपने उल्‍लेख किया है, चर्चा करेंगे, आसंदी से व्‍यवस्‍था दी गई है कि कोरोना के विशेष संक्रमण और उसके प्रभाव को देखते हुये हमने यह सत्र सीमित किया है, फिर तो मैं यह मानकर चलता हूं कि एक सप्‍ताह तक चलेगा. आप इस पर विचार कर लें.

          डॉ. गोविन्‍द सिंह -- अध्‍यक्ष महोदय, जितना आप लोग बोले हैं, केवल 5 मिनट में बात रख दूंगा. जबकि माननीय नेता प्रतिपक्ष और माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने सहमति दी है तो मैं उनसे असहमति व्‍यक्‍त नहीं करता हूं, लेकिन हमको कम से कम एक-दो मांगों पर बोलने की अनुमति दी जाए. केवल एक-दो मांगों पर, दो मिनट में भी दिक्‍कत आ रही है ?

          चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री (श्री विश्‍वास सारंग) -- अध्‍यक्ष महोदय, यह निर्णय हुआ था. सर्वदलीय बैठक में तय हुआ था उसके बाद नई बहस शुरू करना ठीक नहीं है.

          डॉ. गोविन्‍द सिंह -- अध्‍यक्ष महोदय, मैं सहमत हूं सदन के नेता जी ने और विपक्ष के नेता जी ने जो तय किया है, लेकिन बताइये यह तय तो नहीं हुआ था कि वाणी बंद कर दी जाएगी.

          श्री विश्‍वास सारंग -- अध्‍यक्ष महोदय, बंद कहां कर रहे हैं ?

          श्री कमलेश्‍वर पटेल (सिंहावल) -- अध्‍यक्ष महोदय, कुछ महत्‍वपूर्ण विषय हैं, ज्‍वलंत समस्‍याएं हैं मध्‍यप्रदेश की आम जनता की और विधान सभा सत्र आहूत हुआ है, उसमें कुछ चर्चा होनी चाहिए. हम बडे-बड़े आयोजन कर रहे हैं, परंतु महत्‍वपूर्ण विषयों पर अगर हम सदन में चर्चा नहीं करते तो कहीं न कहीं प्रदेश की जनता के साथ नाइंसाफी होगी.

          श्री कमलनाथ -- अध्‍यक्ष महोदय, मैं चाहता हूं कि लिखित में भेज देंगे और वह रिकॉर्ड में ले ली जाए. 

          मुख्‍यमंत्री (श्री शिवराज सिंह चौहान) -- अध्‍यक्ष महोदय, ठीक है. माननीय सदस्‍य जो कहना चाहते हैं, वह लिखकर भेज दें, उसे रिकॉर्ड में सम्मिलित कर लिया जाए मैं समझता हूं कि उसमें कोई आपत्ति नहीं है. उससे आपका उद्देश्‍य भी पूरा हो जाएगा और हम लोगों ने सर्वस‍म्‍मति से जो तय किया था, उसका भी सम्‍मान होगा.

           सामयिक अध्‍यक्ष महोदय – ठीक है.**

          डॉ. गोविन्‍द सिंह – (XXX)

 

 

 

 

 

 

 

11.47 बजे           वर्ष 2020-2021 की अनुदानों की मांगों पर मतदान (क्रमश:)

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- प्रश्‍न यह है कि 31 मार्च, 2021 को समाप्‍त होने वाले वर्ष में प्रस्‍तावित व्‍यय के निमित्‍त अभी संसदीय कार्य मंत्री जी द्वारा प्रस्‍तुत अनुदान की मांगों हेतु राज्‍य की संचित निधि में से प्रस्‍तावित व्‍यय के निमित्‍त राज्‍यपाल महोदया को प्रस्‍तावित राशि दी जाए.

                                                                   अनुदान मांगों का प्रस्‍ताव स्‍वीकृत हुआ.

 

 

 

..…………………………………………………………………………………………

 **परिशिष्ट "अ" - डॉ. गोविन्द सिंह का लिखित भाषण.

 

11.48 बजे                           अध्‍यक्षीय घोषणा

                नियम शिथिल कर विधेयकों के पुर:स्‍थापन, विचार एवं पारण

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- आज की दैनिक कार्यसूची में वित्‍त विधेयक एवं विनियोग विधेयकों के अतिरिक्‍त अन्‍य 2 शासकीय विधेयक पुर:स्‍थापन, विचार एवं पारण के लिए सम्मिलित किये गये हैं चूंकि यह सत्र विशेष परिस्थितियों में हो रहा है अत: शासकीय विधेयकों की महत्‍ता, उपादेयता एवं पारण हेतु तात्‍कालिकता को दृष्टिगत रखते हुए स्‍थायी आदेश की कंडिका-24 तथा मध्‍यप्रदेश विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम 65 के परन्‍तुक में विद्यमान अपेक्षाओं को शिथिल कर मैंने आज की कार्यसूची में सम्मिलित इन विधेयकों के आज ही पुर:स्‍थापन, विचार एवं पारण में लिये जाने की अनुज्ञा प्रदान की है.

          मैं समझता हूं कि सदन इससे सहमत है.

                                                                   (सदन द्वारा सहमति प्रदान की गई.)

11.49 बजे                   शासकीय विधि विषयक कार्य

(1) मध्‍यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2020 (क्रमांक 18 सन् 2020) का

पुर: स्‍थापन एवं पारण

 

          संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. नरोत्‍तम मिश्र) -- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, मध्‍यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2020 का पुर: स्‍थापन करता हूं.

          मैं, प्रस्‍ताव करता हूं कि मध्‍यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2020 पर विचार किया जाए.

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत हुआ कि मध्‍यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2020 पर विचार किया जाए.

          प्रश्‍न यह है कि मध्‍यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2020 पर विचार किया जाए.

                                                                                      प्रस्‍ताव स्‍वीकृत हुआ.

 

          अब विधेयक के खण्‍डों पर विचार होगा.

          प्रश्‍न यह है कि खण्‍ड 2, 3, 4 तथा अनुसूची इस विधेयक का अंग बने.

                                                खण्‍ड 2, 3, 4 तथा अनुसूची इस विधेयक का अंग बने.

          प्रश्‍न यह है कि खण्‍ड 1, पूर्ण नाम तथा अधिनियम सूत्र विधेयक का अंग बने.

                                      खण्‍ड 1, पूर्ण नाम तथा अधिनियम सूत्र विधेयक का अंग बने.

          डॉ. नरोत्‍तम मिश्र -- अध्‍यक्ष महोदय, मैं प्रस्‍ताव करता हूं कि मध्‍यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2020 पारित किया जाए.

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत हुआ, प्रश्‍न यह है कि मध्‍यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2020 पारित किया जाए.

                             प्रस्‍ताव स्‍वीकृत हुआ.

विधेयक पारित हुआ.

 

         

 

          श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ( पृथ्वीपुर ) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, अभी नेता प्रतिपक्ष जी और अध्यक्ष महोदय जी की जो बात हो गई है, उससे असहमति नहीं है. लेकिन कृपा करके इस बजट में इतना जरूर देख लें कि केवल 27 जगह पर आप पैसा खर्च कर रहे हैं. जो सदस्य यहां पर उपस्थित नहीं है उनके क्षेत्र का भी ध्यान रखा जाय. यदि हम सभी सदस्य सर्वसम्मति से आपका सहयोग कर रहे हैं तो हम लोगों का भी ध्यान रखा जाय. दूसरा अगर माननीय मुख्यमंत्री जी 2 मिनट कोरोना के बारे में सदन को अवगत करा सकें कि क्या व्यवस्थाएं हैं और जो कमी हैं वह हम बता सकें तो वह मध्यप्रदेश के हित में है.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय -- धन्यवाद्.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

समय 11.51

(2)मध्यप्रदेश वित्त विधेयक,2020(क्रमांक 17 सन् 2020) का पुर:स्थापन एवं पारण

 

          संसदीय कार्य मंत्री ( डॉ नरोत्तम मिश्र) - अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2020 के पुर:स्थापन की अनुमति चाहता हूं.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय -- प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2020 के पुर:स्थापन की अनुमति दी जाय.

                                                                   अनुमति प्रदान की गई.

          डॉ नरोत्तम मिश्र -- अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2020 का पुर:स्थापन करता हूं.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय -- डॉ नरोत्तम मिश्र.

          डॉ नरोत्तम मिश्र -- अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2020 पर विचार किया जाय.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय -- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2020 पर विचार किया जाय.

          प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2020 पर विचार किया जाय.

                                                                   प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.

          अब विधेयक के खण्डों पर विचार होगा.

          प्रश्न यह है कि खण्ड 2 तथा 3 इस विधेयक का अंग बने.

                                                                   खण्ड 2 तथा 3 इस विधेयक का अंग बने.

          प्रश्न यह है कि खण्ड 1, पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र इस विधेयक का अंग बने.

                             खण्ड 1, पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र इस विधेयक का अंग बने.

          डॉ नरोत्तम मिश्र -- अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2020 पारित किया जाय.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय -- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ, प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक,2020 पारित किया जाय.

                                                                   प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.

                                                                   विधेयक पारित हुआ.

 

समय - 11.53

(3) मध्यप्रदेश वेट ( संशोधन) विधेयक, 2020 (क्रमांक 12 सन् 2020) का

पुर:स्थापन एवं पारण.

 

          संसदीय कार्य मंत्री ( डॉ नरोत्तम मिश्र ) -- अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश वेट ( संशोधन) विधेयक, 2020 के पुर:स्थापन की अनुमति चाहता हूं.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय -- प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश वेट ( संशोधन ) विधेयक, 2020 के पुर:स्थापन की अनुमति दी जाय.

                                                                   अनुमति प्रदान की गई.

          डॉ नरोत्तम मिश्र -- अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश वेट ( संशोधन ) विधेयक, 2020 का पुर;स्थापन करता हूं.

          अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश वेट ( संशोधन ) विधेयक, 2020 पर विचार किया जाए.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय -- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश वेट ( संशोधन ) विधेयक, 2020 पर विचार किया जाए.

          प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश वेट (संशोधन) विधेयक, 2020 पर विचार किया जाए.

                                                                   प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.

          अब विधेयक के खण्डों पर विचार होगा.

          प्रश्न यह है कि खण्ड 2 तथा 3 इस विधेयक का अंग बने.

                                                                   खण्ड 2 तथा 3 इस विधेयक का अंग बने.

          प्रश्न यह है कि खण्ड 1, पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.

                                      खण्ड 1, पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.

          डॉ नरोत्तम मिश्र -- अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश वेट ( संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया जाए.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय -- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ, प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश वेट ( संशोधन ) विधेयक, 2020 पारित किया जाए.

                                                                   प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.

                                                                   विधेयक पारित हुआ.

                            

11.55 बजे

(4) मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2020 (क्रमांक 13 सन् 2020) का पुरःस्थापन एवं पारण

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

          श्री लक्ष्मण सिंह (चाचौड़ा) – माननीय अध्यक्ष महोदय, हमारे नेता प्रतिपक्ष की उदारता को सत्ता पक्ष कमजोरी न समझे. आज उन्होनें  प्रस्ताव पारित करने के लिए जो सहमति दी है तो यह उनकी उदारता है. वैसे भी मैच में पहले ओवर में बल्लेबाज अपनी बल्लेबाजी का हुनर नहीं दिखाते हैं. आज पहला दिन है, पहला ओवर है. विपक्ष को आप कमजोर मत समझिए. अभी और ओवर आने दीजिए. विपक्ष अपना दम दिखाएगा, लेकिन विपक्ष को आप गंभीरता से लें, मेरा आपसे यही निवेदन है, धन्यवाद.

          श्री पी.सी.शर्मा (भोपाल दक्षिण-पश्चिम) – माननीय अध्यक्ष महोदय, जो अभी राठौर जी ने बात कही है. यहां हम कोरोना काल में बैठे हुए हैं. पूरे प्रदेश में हम देख रहे हैं. भोपाल में 307 मरीज परसों आए, इंदौर में 407 मरीज आए. अस्पतालों में बैड नहीं मिल रहे हैं. अभी भदभदा विश्रामघाट में लकड़ी नहीं मिली और यहां तक जानकारी में आया कि वहां शवों के दाहसंस्कार के लिए बाहर के लोगों को नहीं दिया जाएगा तो यह जो विषय है इस पर आदरणीय मुख्यमंत्री जी की क्या क्या व्यवस्था हो रही है, ऑक्सीजन की क्या व्यवस्था हो रही है, मैं समझता हूं कि दो मिनट में उनकी बात आ जाएगी.

          डॉ. नरोत्तम मिश्र – अध्यक्ष महोदय, यह विषय आएगा.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय –संसदीय कार्यमंत्री जी ने बोल दिया है.

          श्री पी.सी. शर्मा – अध्यक्ष महोदय, यह जो नवरात्री पर्व आ रहा है. आप भी उसमें कई बार कह चुके हैं कि प्रजापति समाज वहां मूर्ति बनाना चाहता है वह 10 फीट की बन गई है. पिछली बार भी गणेश उत्सव में दिक्त आई थी. इस पर पंडाल पर विचार करें. दूसरा, हमारी एक विधायक महोदया धरने पर बैठी हैं, वह आपसे, मुख्यमंत्री जी और नेता प्रतिपक्ष दोनों से मिली थीं. कृपा करके उनकी समस्या को भी सुलझाने की कृपा करें, यह मेरा आपसे निवेदन है.


 

12.00 बजे

(9)                 मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि(तृतीय संशोधन) विधेयक,2020

                            (क्रमांक 15 सन्2020) का पुर:स्थापन एवं पारण

            श्री भूपेन्द्र सिंह, मंत्री,नगरीय विकास और आवास - अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि(तृतीय संशोधन) विधेयक,2020 के पुर:स्थापन की अनुमति चाहता हूं.

        सामयिक अध्यक्ष महोदय - प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि(तृतीय संशोधन) विधेयक,2020 के पुर:स्थापन की अनुमति दी जाए.

अनुमति प्रदान की गई.

        श्री भूपेन्द्र सिंह, मंत्री,नगरीय विकास और आवास - अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि(तृतीय संशोधन) विधेयक,2020 का पुर:स्थापन करता हूं.

        श्री भूपेन्द्र सिंह, मंत्री,नगरीय विकास और आवास - अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि(तृतीय संशोधन) विधेयक,2020पर विचार किया जाए.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय - प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि(तृतीय संशोधन) विधेयक,2020 पर विचार किया जाए.

        सामयिक अध्यक्ष महोदय - प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि(तृतीय संशोधन) विधेयक,2020पर विचार किया जाए.

          प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.

        सामयिक अध्यक्ष महोदय - अब विधेयक के खण्डों पर विचार होगा.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय - प्रश्न यह है कि खण्ड 2,3 तथा 4 इस विधेयक का अंग बने.

खण्ड 2,3 तथा 4 इस विधेयक का अंग बने.

          प्रश्न यह है कि खण्ड 1, पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.

खण्ड 1,पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.

          श्री भूपेन्द्र सिंह, मंत्री,नगरीय विकास और आवास - अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि(तृतीय संशोधन) विधेयक,2020 पारित किया जाए.

        सामयिक अध्यक्ष महोदय - प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ, प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश नगर पालिक विधि(तृतीय संशोधन) विधेयक,2020 पारित किया जाए.

प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.

विधेयक पारित हुआ.

        श्री सुरेन्द्र हनी सिंह बघेल(कुक्षी) - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं  आपके माध्यम से सदन में अपनी बात रखना चाहता हूं. पक्ष और विपक्ष में ट्रायबल के विधायक हैं और पूरे विश्व में आदिवासी समाज को सम्मान दिया जाता है, उनका सम्मान किया जाता है चाहे आदिवासी संगठन हो चाहे आदिवासी समाज हो पर सदन के एक वरिष्ठ मंत्री इस तरह का वक्तव्य दें कि जयश एक देशद्रोही संगठन है, नक्सलाईट है तो कहीं न कहीं इससे आदिवासी समाज उससे अपमानित महसूस करता हूं.

          अध्यक्ष महोदय - यह कार्य पूर्ण होने के बाद आप बोलिये.

          श्री सुरेन्द्र हनी सिंह बघेल - मैं चाहता हूं कि प्रदेश के उन मंत्री को माफी मांगना चाहिये क्योंकि यह पूरे आदिवासी समाज पर प्रहार है. विरसा मुण्डा, टंट्या मामा, आदिवासी क्रातिकारी रहे हैं.  उनके द्वारा किये गये कार्यों पर प्रश्न चिन्ह होता है कि एक आदिवासी संगठन जो आदिवासियों के विकास लिये उनकी मुख्य धारा के लिए काम करता है. (..व्यवधान..)

          सामयिक अध्यक्ष महोदय - सुरेन्द्र भाई आपकी पूरी बात आ गई. कृपया बैठें.

12.03 बजे

(13) मध्यप्रदेश  साहूकार(संशोधन) विधेयक,2020(क्रमांक 7 सन् 2020) का पुर:स्थापन एवं पारण  

            श्री गोविन्द सिंह राजपूत,मंत्री,राजस्व - अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश साहूकार(संशोधन)विधेयक,2020 के पुर:स्थापन की अनुमति चाहता हूं.

            सामयिक अध्यक्ष महोदय - प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश साहूकार(संशोधन) विधेयक,2020के पुर:स्थापन की अनुमति दी जाए.

अनुमति प्रदान की गई.

       श्री गोविन्द सिंह राजपूत,मंत्री,राजस्व-अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश साहूकार(संशोधन) विधेयक,2020 का पुर:स्थापन करता हूं.

            (..व्यवधान..)

          सामयिक अध्यक्ष महोदय - अब किसी माननीय सदस्य की कोई बात रिकार्ड में नहीं आयेगी केवल गोविन्द सिंह राजपूत जी की बात  लिखी जायेगी.

 

 

 

 

          श्री पांचीलाल मेड़ा(धरमपुरी) - (वर्चुअल) -              (xxx)

        श्री गोविन्द सिंह राजपूत,मंत्री,राजस्व -  अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश साहूकार(संशोधन)विधेयक,2020 पर विचार किया जाय.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय - प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश साहूकार(संशोधन) विधेयक,2020 पर विचार किया जाय.

          प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश साहूकार(संशोधन) विधेयक,2020 पर विचार किया जाय.

प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय - अब विधेयक के खण्डों पर विचार होगा.

          प्रश्न यह है कि खण्ड 2,3 4 तथा 5 इस विधेयक का अंग बने.

खण्ड 2,3 4 तथा 5 इस विधेयक का अंग बने.

          प्रश्न यह है कि खण्ड 1 इस विधेयक का अंग बने.

खण्ड 1 इस विधेयक का अंग बना.

          प्रश्न यह है कि पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.

पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.

         

          श्री गोविन्द सिंह राजपूत,मंत्री,राजस्व - अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश साहूकार(संशोधन) विधेयक,2020पारित किया जाय.

          सामयिक अध्यक्ष महोदय - प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश साहूकार(संशोधन) विधेयक,2020 पारित किया जाय.

          प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश साहूकार(संशोधन)विधेयक,2020 पारित किया जाय.

प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.

विधेयक पारित हुआ.

 

 

 

--------------------------------------------------------------------------------------------------XXX :  आदेशानुसार रिकार्ड  नहीं किया गया.

 

 

 

 (14) मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक, 2020 (क्रमांक 16 सन् 2020) का पुर:स्‍थापन एवं पारण

 

राजस्‍व मंत्री(श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत) -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक, 2020   के पुर:स्‍थापन की अनुमति चाहता हूं.

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- प्रश्‍न यह है कि मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक, 2020 के पुर:स्‍थापन की अनुमति दी जाए.

                                                                                                अनुमति प्रदान की गई.

                  

श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक, 2020 का पुर:स्‍थापन करता हूं.

राजस्‍व मंत्री(श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत) -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं, प्रस्‍ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक, 2020 पर विचार किया जाए.

 

सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत हुआ कि मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक, 2020 पर विचार किया जाए.

प्रश्‍न यह है कि मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमु्क्ति विधेयक, 2020   पर विचार किया जाए.

                                                                                    प्रस्‍ताव स्‍वीकृत हुआ.

 

अब विधेयक के खण्डों पर विचार होगा.

प्रश्न यह है कि खण्ड 2 से 9 इस विधेयक के अंग बने.

खण्ड 2 से 9 इस विधेयक के अंग बने.

 

प्रश्न यह है कि खण्ड 1 इस विधेयक का अंग बने.

खण्ड 1 इस विधेयक का अंग बना.

प्रश्न यह है कि पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.

                               पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.

 

श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं, प्रस्‍ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक, 2020 पारित किया जाए.

सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत हुआ कि मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक, 2020 पारित किया जाए.

प्रश्‍न यह है कि मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक, 2020 पारित किया जाए.

                                                                                          प्रस्‍ताव स्‍वीकृत हुआ.

                        विधेयक पारित हुआ.

 

डॉ.अशोक मर्सकोले(निवास) (वर्चुअल) -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इस बीच में हमारी बहुत सारी ऐसी समस्‍याएं हैं, बालाघाट में एक बहुत शर्मनाक घटना हुई है, जिसमें आदिवासी को नक्‍सलाइट बोलकर गोली मार दी गई. जबकि किसी भी तरीके से उसके गांव में और उसके आसपास के किसी भी क्षेत्र में नक्‍सलाइट का किसी प्रकार का कोई मूवमेंट नहीं है. अध्‍यक्ष महोदय, मुख्‍यमंत्री जी, गृहमंत्री जी इस बात का जवाब दें कि सिर्फ नक्‍सलाइट की खानापूर्ति करने के लिये एक आदिवासी को गोली मार दी गई, जबकि उस क्षेत्र में नक्‍सलाइट का किसी प्रकार का कोई मूवमेंट नहीं है.

सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- आप एक मिनट रूक जाएं संसदीय कार्यमंत्री जी को बोलने दें. (वर्चुअल वीडियो से डॉ.अशोक मर्सकोले, सदस्‍य के लगातार बोलने  पर ) एक मिनट ऊपर के वर्चुअल वीडियो को बंद कर दीजिये.

संसदीय कार्यमंत्री(डॉ.नरोत्‍तम मिश्र) -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जैसा कि आपने जब कार्यमंत्रणा समिति बुलाई थी और इस सदन के नेता, नेता प्रतिपक्ष और सम्‍मानित पी.सी.शर्मा जी, सज्‍जन सिंह वर्मा वगैरह आये थे, तब उसमें तय हुआ था कि जो विषय सहमति से आयें, उसके बाद सदन समाप्‍त करें. आज  बृजेन्‍द्र सिंह जी ने और पी.सी.शर्मा जी के विषय अलग आये हैं. मैं समझता हूं कि सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष ने जो विषय तय किये थे, अगर नेता प्रतिपक्ष जी सहमत हों तो कार्य सूची में उल्‍लेखित विषयों की आज की कार्यवाही पूर्ण हुई है, इसलिये सदन समाप्‍त किया जाये. (व्‍यवधान)....

सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- ( प्रतिपक्ष के कई माननीय सदस्‍यों के अपने आसन से एक साथ बोलने पर) एक मिनट, आप अपने नेताजी को बोलने दीजिये. (श्री कुणाल चौधरी, सदस्‍य के खड़े होने पर)श्री कुणाल जी आप अपने नेताजी को बोलने दें, आप बैठ जायें.  

12.09 बजे            मुख्‍यमंत्री का वकतव्‍य

                मध्‍यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति.

 

नेता प्रतिपक्ष (श्री कमलनाथ) -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं सहमत हूं कि ऐसा निर्णय किया गया था, पर अगर मुख्‍यमंत्री जी कोविड पर कुछ बोलना चाहे तो वह बोल लें.

डॉ. नरोत्‍तम मिश्र -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, नेता प्रतिपक्ष जी ने आग्रह किया है, इसलिये मैं मुख्‍यमंत्री जी से नेताप्रतिपक्ष के आग्रह में समाहित करते हुए पूरे सदन की ओर से कोराना के ऊपर आग्रह करूंगा की वह कोविड के बारे में जैसा नेता प्रतिपक्ष ने इंडीकेट किया है एक विषय, उस एक विषय के बारे में जरूर माननीय मुख्‍यमंत्री जी पूरे सदन को अवगत करायें, सदन के माध्‍यम से प्रदेश की जनता को अवगत करायें. अध्‍यक्ष महोदय, मेरा निवेदन है कि जब मुख्‍यमंत्री बोलें तो कोई बीच में न बोले, चूंकि माननीय नेता प्रतिपक्ष जी ने आग्रह किया है.

            सामयिक अध्‍यक्ष महोदय -- (श्री कांतिलाल भूरिया, सदस्‍य के खड़े होने पर) देखिये माननीय भूरिया जी, एक तो आज की सारी कार्यवाही बैठकर पूर्ण करने की है, दूसरी बात मेरा आपसे यह आग्रह है कि आप अपने नेता जब खड़े हों, तब तो आप कम से कम बैठ जायें और दूसरा माननीय मुख्‍यमंत्री जी जब अपना वकतव्‍य देंगे, जो नेता प्रतिपक्ष जी का प्रश्‍न है, या उधर के सदस्‍यों के जो कोराना के संक्रमण के संबंध में जो प्रश्‍न हैं, उसके बारे में माननीय मुख्‍यमंत्री का जो वकतव्‍य आयेगा, उस समय आप सभी धैर्य से सुने. माननीय नेता प्रतिपक्ष जी आप बोलें.                                                 

          नेता प्रतिपक्ष (श्री कमलनाथ) -  मैंने यह सुझाव दिया था कि अगर मुख्‍यमंत्री चाहें तो कोविड-19 के बारे में कुछ जानकारी दे दें और मेरा अपने साथियों से निवेदन है कि जो हमारे सदन की परम्‍परा है कि हम भी वहां बैठे थे और आगे भी वहां बैठेंगे, तो हम यह परम्‍परा बनाये रखें कि जब मुख्‍यमंत्री जी बोलें तब हम बीच में न बोलें.

          डॉ. गोविन्‍द सिंह - यह अपने लच्‍छेदार भाषण का ......

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय - आप एक मिनट सुनें.

          डॉ. नरोत्‍तम मिश्र - आप हमेशा नेता प्रतिपक्ष जी के विरोध में रहते हैं.

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय - (प्रतिपक्ष के कई माननीय सदस्‍यों के एक साथ खड़े  होकर बोलने पर) अच्‍छा, आप लोग यह बताइये कि जो कमलनाथ जी ने कहा, वह आपने सुना कि नहीं.

          श्री कांतिलाल भूरिया - आदिवासी समाज को, देश को, जिन पर आपने देशद्रोह का आरोप लगाया, उसका जवाब देना चाहिए, माफी मांगनी चाहिए.

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय - आपके दल के नेता ने जो कहा, वह आपने सुना कि नहीं. माननीय भूरिया जी, जो आपके दल के नेता ने कहा, वह आपने सुना कि नहीं. उन्‍होंने यह कहा है कि जब मुख्‍यमंत्री जी बोलेंगे, तब कोई सदस्‍य नहीं बोलेगा.

          श्री सज्‍जन सिंह वर्मा (सोनकच्‍छ) - अध्‍यक्ष जी, जब शिवराज सिंह जी ने कमलनाथ जी को ज्‍योतिषाचार्य बनाया था और खुद एम.बी.बी.एस. डॉक्‍टर बन गए थे, तब कितनी मौतें हुई थीं और आज कितनी मौतें हुईं ? उसका कम्‍पेरेटिव्‍ह चार्ट बताएं.

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय - प्‍लीज, आप बैठ जाएं.

          श्री के. पी. सिंह (पिछोर) - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरी माननीय मुख्‍यमंत्री जी और माननीय नेता प्रतिपक्ष जी से भी आग्रह है कि जितने भी हमारे धार्मिक कार्यक्रम कोरोनाकाल के हैं, लगभग सबके प्रोसेशन में और इकट्ठा होना सब बन्‍द कर रखे हैं और हम राजनीतिक लोग चाहे वे इस तरफ के हों या उस तरफ के हों, दोनों दलों के राजनीतिक कार्यक्रम भीड़ भरे होते हैं, खूब प्रोसेस वगैरह सब हो रहे हैं. इससे बार-बार प्रदेश की जनता के मन में एक सवाल पैदा होता है कि आखिरकार धार्मिक कार्यक्रम आप बैन कर रहे हो, कोई प्रोसेशन निकल नहीं सकता, लेकिन राजनीतिक कार्यक्रम बहुत बढ़-चढ़कर हो रहे हैं. माननीय मुख्‍यमंत्री जी, मेरा आपसे आग्रह है कि इस संबंध में सरकार की क्‍या सोच है?  आप इस बारे में थोड़ा सा बताएं. आपका समय 15 वर्ष से अधिक का हो गया है और 15 महीने माननीय कमलनाथ जी का समय गुजर गया है. यह दोनों राजनीतिक दल सरकार में रह चुके हैं और काम कर चुके हैं. आम आदमी को यह अच्‍छी तरह से पता है कि सबने क्‍या किया, यह सबको पता है. अब यह राजनीतिक रूप से हम जो कार्यक्रम कर रहे हैं, उनकी आलोचना का शिकार कभी-कभी हमको बनना पड़ता है. मेरा मुख्‍यमंत्री जी से आग्रह है कि इस विषय पर आपकी क्‍या सोच है ? इस पर आप प्रकाश डालेंगे तो मैं समझता हूँ कि प्रदेश की जनता में एक संदेश जाएगा. 

          मुख्‍यमंत्री (श्री शिवराज सिंह चौहान) -  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं लम्‍बी बात नहीं करूँगा, बहुत संक्षेप में कहूँगा. कोविड-19 की रफ्तार को देखते हुए मैं माननीय सदस्‍यों से यह प्रार्थना करता हूँ कि यह विषय बहुत महत्‍वपूर्ण है. यह विषय न पक्ष का है, न विपक्ष का है, यह हम सबका है. यह मेरा निवेदन है कि अगर गंभीरता से सुनें तो मैं 5 मिनट में, जो प्रयास किये जा रहे हैं, उसको सदन के सामने रखने का प्रयत्‍न करता हूँ. जैसा कि हम जानते हैं कि इस समय हमारा प्रदेश, देश और पूरी दुनिया एक भयानक महामारी से जूझ रही है और आज तक, इस दुनिया में इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, इलाज केवल लक्षणों का हो रहा है. अध्‍यक्ष महोदय, दिनांक 23 मार्च के बाद, माननीय प्रधानमंत्री जी ने 24 तारीख से लॉकडाउन की घोषणा की. मध्‍यप्रदेश में भी हम लोगों ने लॉकडाउन को जनता के सहयोग से जहां भी जरूरत पड़ी, सख्‍ती से लागू किया. जब तक लॉकडाउन था, मध्‍यप्रदेश में स्थितियां आप जानते हैं कि दुनिया और देश में जो समस्‍या की व्‍यापकता है, उसके हिसाब से बहुत नियंत्रित थी, लेकिन लॉकडाउन अनंतकाल तक नहीं चल सकता. हम सब जानते हैं कि अर्थव्‍यवस्‍था ध्‍वस्‍त हो गई, आर्थिक गतिविधियां चौपट हो गईं इसलिए आनलॉक की तरफ जाना पड़ा और अनलॉक की तरफ जाने के बाद मध्‍यप्रदेश में भी संक्रमण बढ़ रहा है, इसमें कोई दो मत नहीं है. लेकिन माननीय अध्‍यक्ष महोदय, पिछले 6 माह में कोई दिन ऐसा नहीं है, जब मैंने कोविड -19 की समीक्षा अपनी टीम के साथ लगातार न की हो. 21 सितम्‍बर 2020 की स्थिति में मध्‍यप्रदेश में कुल 1,08,167 कोविड पॉजीटिव प्रकरण है. संतोष की बात यह है कि इनमें से 77 प्रतिशत से अधिक, यानी 83,618 कोविड रोगी पूरी तरह से स्‍वस्‍थ होकर घर चले गए हैं. वर्तमान में आज मध्‍यप्रदेश में एक्टिव केस 22,542 है. हम सभी जानते हैं, यह कोई पक्ष और प्रतिपक्ष का विषय नहीं है. ऐसे राज्‍य भी हैं जहां दो-दो, ढाई-ढाई लाख एक्टिव केस हैं, काफी कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं, उस तुलना में मैं इसको उपलब्धि नहीं कह रहा, प्रयास और करने की आवश्‍यकता है. लेकिन मध्‍यप्रदेश की स्‍थति 16 वें स्‍थान पर बाकी राज्‍यों में है.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, अब तक 2007 मरीजों की मृत्‍यु हुई हैं, जो संक्रमण प्रभावित मरीजों का 1.89 प्रतिशत है, एक भी मृत्‍यु हो हमारे लिए कष्‍टकारक है, लेकिन मैं बहुत कम शब्‍दों में जो सरकार ने प्रयास किए हैं. पहले जब हमने सरकार संभाली थी, टेस्टिंग की क्षमता, किसी भी राज्‍य में नहीं थी. कोई आरोप प्रत्‍यारोप का सवाल है नहीं, क्‍योंकि ऐसी बीमारी पहले कभी आई नहीं थी, लगभग 300 थी और 60 टेस्‍ट हो पाते थे. आने के बाद हमने टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाकर 29,780 टेस्‍ट प्रतिदिन किया है और 23 मार्च की स्थिति में 3 लैब कार्यरत थीं. आज 78 लैब क्रियाशील हो चुकी हैं और आज की स्थिति में हम प्रतिदिन, 22,160 टेस्‍ट कर रहे हैं.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, पहले तो हम कान्‍टेक्‍ट ट्रेसिंग पर जोर देते थे कि किससे किसको हुआ, लेकिन संक्रमण बढ़ा है, इसलिए फीवर क्लिनिक्‍स की स्‍थापना हमने सभी जिलों में की है. इस समय 751फीवर क्लिनिक्‍स काम कर रहे हैं. जहां कोई भी लक्षण हो या आशंका हो वैसे हमारे भाई बहन आते हैं तो उनका टेस्‍ट किया जाता है. जब हमने शुरू किया था तो न तो पीपीई किट्स थे, वेंटीलेटर्स, मास्‍क, टेस्टिंग किट्स, क्‍योंकि इस समस्‍या से हम दो-चार हुए नहीं, इसलिए उसकी व्‍यवस्‍था नहीं थी. अब पर्याप्‍त मात्रा में इन सब चीजों की व्‍यवस्‍था की गई है. एक बड़ी समस्‍या जिससे मैं इंकार नहीं करता. बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए, अस्‍पतालों में बेड्स की संख्‍या, वह हमारे लिए चुनौती है. अभी हमने अस्‍पतालों में बेड कैपीसिटी बढ़ाने की भरसक कोशिश की है. जनरल बेड्स की संख्‍या 2428 थीं, बढ़ाकर 24650 की हैं, ऑक्‍सीजन युक्‍त जनरल बेड, क्‍योंकि इसमें ऑक्‍सीजन बहुत महत्‍वपूर्ण हैं, उनकी संख्‍या 5983 से बढ़ाकर 7000 की गई है, आईसीयू बेड की संख्‍या 537 से बढ़ाकर 681 की गई है. वर्तमान में प्रदेश में आईसोलेशन बेड्स की संख्‍या और बढ़ाने के लगातार प्रयास जारी है और हम दोनों स्‍तरों पर प्रयास कर रहे हैं. एक सरकारी अस्‍पतालों में मेडीकल कालेज से जुड़े अस्‍पतालों में, जितने बेड बढ़ाये जा सकते हैं. हम लगातार रोज प्रयास करके बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. हमने प्रयावेट अस्‍पतालों के साथ टाईअप करके, क्‍योंकि उनको साथ लिए बिना हम बड़ी संख्‍या में बेड्स बढ़ा नहीं पाएंगे. हमने कई प्रायवेट अस्‍पतालों से टाईअप किया है और उनके साथ ही हम बेड्स की संख्‍या लगातार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.

        नेता प्रतिपक्ष (श्री कमलनाथ) - माननीय मुख्‍यमंत्री जी, आपने यह सब आंकड़े बताएं और अभी आप कह रहे थे कि प्रायवेट हॉस्पिटल्‍स में भी यह सुविधा उपलब्‍ध की है. पर इसमें कितनी शिकायतें आई हैं, इसकी भी आप जानकारी इकट्ठा कीजिए. प्रायवेट हॉस्‍पिटल्‍स, जो भी हॉस्पिटल हो, खासकर के प्रायवेट हॉस्पिटल क्‍या लापरवाही हो रही है, जिसको कोविड नहीं है उनको बता दिया जाता है कि आपको कोविड है, ऐसी शिकायतें मेरे पास आयी हैं. हार्ट-अटैक हो गया और मुझे फोन पर दिखाया जाता है कि उनके परिवार ने तीन घंटे पहले बात मरीज से बात की. मैं इस सदन में नाम नहीं लेना चाहता हूं,  पर आपको कोई इन्क्वायरी का माध्यम आवश्यक बनाना चाहिये, आप कोई कम्पलेन सेन्टर बनाइये कि वहां लोग जाकर के कम्पलेन करें कि हमें ऐसा धोखा हुआ है. मरीज को किसी भी तरह का रिकार्ड नहीं दिया जाता है. उनको कोविड का क्या सर्टिफिकेट था, जब वह डिस्चार्ज हो गया, तो उनका क्या इलाज किया गया. अगर कोई मरीज मर गया तो किसलिये मर गया, उनको कब अटैक आया, कोविड के अलावा उनको कौन सी बीमारी थी ? कहते हैं लंग्स फेल हो गये, अगर लंग्स फेल हो गये, तो उसका आपने क्या इलाज किया ? मरीज के परिवार वाले लोग जानना चाह रहे हैं, यह स्वाभाविक है. तो मेरा आपसे निवेदन है कि यह आप आम जनता के लिये एक कम्पलेंट सेन्टर, पब्लिक सेन्टर बनाइये ताकि लोग कह सकें कि हम चार गये थे हमें ऑक्सीजन नहीं मिला, परिवार वाले इसके गवाह हैं, कोई कहता है मुझे ऑक्सीजन नहीं मिला, तो कोई कहता है कि वेन्टीलेटर नहीं मिला, वेन्टीलेटर नहीं मिला, इसलिये उसकी मृत्यु हो गई. किसी को कोई कागज नहीं दिया जाता है, खास करके यह जो प्रायवेट हॉस्पीटल हैं. तो मेरा आपसे निवेदन है कि आप एक इन्क्वायरी सेन्टर कृपा करके बना लीजिये पब्लिक इन्क्वायरी सेन्टर, ताकि सब वहां पर एक शिकायत दर्ज करें, ताकि आपको भी शिकायत को चेक करने में आपको भी सुविधा हो और हमें भी जानकारी प्राप्त करने में सुविधा हो.

          श्री पी.सी.शर्मा--कई गरीब लोग प्रायवेट हॉस्पीटल में फंस जाते हैं,उनसे ज्यादा चार्जेस इलाज के दौरान लग जाते हैं, उनकी बड़ी ही बुरी हालत होती है. जैसा कि पूर्व में निःशुल्क इलाज चल रहा था, वैसा ही चले, यही मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूं.        

          श्री शिवराज सिंह चौहान--सामयिक अध्यक्ष महोदय, ऐसी बीमारी, जिसको दुनिया पहले कभी जानती भी नहीं थी वह कितनी बढ़ेगी उसका कोई ठिकाना नहीं है, इसका क्या स्वरूप होगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है. आज तक उसकी कोई वेक्सीन बनी ही नहीं है, ऐसी परिस्थितियों में जो बेहतर प्रयास किये जा सकते थे, वह हमने सारे करने की कोशिश की है. मैं यह सकता हूं कि बाकी राज्यों के मुकाबले मध्यप्रदेश की हालत आज बहुत बेहतर है. आप दोनों ने जो बात सदन में कही है, उस पर ध्यान देंगे. लेकिन हमको एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना पड़ेगा. कोविड मरीज के इलाज करके डॉक्टर भी संक्रमित होते हैं, पैरा मेडिकल स्टॉफ भी संक्रमित होता है. उनका मनोबल भी न गिरे, इसकी कोशिश भी हमको करनी पड़ेगी. स्पेसिफिक कहीं की कम्पलेन होगी, तो उसकी जांच भी होगी अगर गड़बड़ है तो कार्यवाही भी होगी, लेकिन मैं यह निवेदन करना चाह रहा था कि हम मिल-जुलकर प्रयास करेंगे. अभी जबलपुर की बात आयी, वहां पर भी हम कोशिश कर रहे हैं कि वहां भी मेडिकल कॉलेज में निश्चित संख्या है, उसको हम ज्यादा बढ़ा नहीं सकते, वहां पर जो प्रायवेट में सुविधाएं मिल सकती हैं, उनके साथ टाईअप करके सुविधाएं देंगे. मेरा निवेदन माननीय नेता प्रतिपक्ष जी से तथा बाकी सभी मित्रों से निवेदन यही है कि अलग तरह का संकट है इसमें हम सब मिलकर के काम करेंगे तो ही इस महामारी का मुकाबला कर पायेंगे. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ेगी. अभी बीच में ऑक्सीजन की बात आयी, महाराष्ट्र ने ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकने की बात पर मैंने स्वयं वहां के माननीय मुख्यमंत्री जी से चर्चा की मैंने उनसे आग्रह किया कि ऐसी परिस्थितियों में ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकी नहीं जा सकती है, क्योंकि कोविड के मरीज को ऑक्सीजन एक लेवल से कम होती है, तो बहुत जरूरी होती है. आज मुझे कहते हुए संतोष है कि भारत सरकार से भी इस संबंध में चर्चा की, भिलाई स्टील प्लांट से भी हमको ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है. वर्तमान में हमारी ऑक्सीजन की उपलब्धता 50 टन थी, जिसको बढ़ाकर 130 टन की क्षमता कर दी है. 30 सितम्बर तक इसको बढ़ाकर 150 टन कर लेंगे. भारत सरकार के सहयोग से प्रतिदिन 50 टन अतिरिक्त ऑक्सीजन भी हमको प्राप्त हुई है, यह सब कहने की बात है, लेकिन हम यह कोशिश कर रहे हैं कि एक ऑक्सीजन प्लांट बाबई के मुहासा में खोलने की एक कम्पनी ने रूचि प्रकट की है तो उसको भी हम सारी स्वीकृतियां देकर जल्दी ही चालू करवाने का प्रयास हम लोग करेंगे. मैं केवल इतना ही निवेदन करना चाहता हूं कि सरकार के स्तर पर कोई लापरवाही का सवाल ही नहीं है. मैं रात को अगर सोता हूं, तो पूरे कोविड की क्या स्थिति है और सवेरे क्या करना है, उसकी योजना बनाकर सोता हूं. मैं आपके साथ लगातार संपर्क में रहूंगा, आपके जो भी सुझाव होंगे उस पर हम मिलकर काम करेंगे. मैंने कहा कि यह बीमारी ऐसी है कि जिस पर हम पक्ष और विपक्ष के रूप में बहस नहीं कर सकते हैं. आप आश्‍वस्‍त रहिये, यह कठिन परिस्थिति है इसमें कोई दो-मत नहीं है लेकिन व्‍यवस्‍था को बनाये रखने में किसी कीमत पर कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी. मैं एक निवेदन और करना चाहता हूं कि हम पक्ष और विपक्ष एक बार बैठकर कोविड के इस दौर से कैसे बाहर निकलें और कौन-कौन सी सावधानियां जरूरी हैं, इस पर निश्चित तौर पर हमको विचार करना चाहिये, क्‍योंकि गतिविधियां बढ़ी तो सब तरह की बढ़ी अब रेस्‍टोरेंट भी खुले तो लोग भोजन करने भी जा रहे हैं, पिकनिक स्‍पॉट पर भी जनता जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में, शहरी क्षेत्रों में भी कई बार मास्‍क का प्रयोग नहीं होता और लोगों को लगता है आखिर कब तक घर में रहें, लेकिन मैं सदन के माध्‍यम से, आपके माध्‍यम से जनता से अपील करना चाहता हूं कि अभी हमारा केवल एक ही रास्‍ता है कि हम मास्‍क का निश्चित तौर पर प्रयोग करें और निश्चित दूरी बनायें रखें. हमने यदि मास्‍क का ठीक ढंग से प्रयोग किया और दूरी बनाये रखी तो इस संक्रमण से बचाव निश्चित तौर पर किया जा सकता है, इसके अलावा अभी कोई निश्चित दवाई इस बीमारी की नहीं है लेकिन निराश होने का सवाल नहीं है. दुनिया में वैक्‍सीन बनाने के प्रयास जारी हैं, भारत सरकार से भी हम लगातार मार्गदर्शन लेते हैं और जनता के सहयोग से हम सब मिलकर निश्चित तौर इस महामारी पर हम विजय पायेंगे, लेकिन एक बात जरूर हम बैठकर करें कि हम कौन-कौन सी गाईड लाइन बनायें, जिसका सख्‍ती से पालन करना जरूरी है वह हम जरूर करेंगे, जब भी आप कहेंगे मैं चर्चा के लिये तैयार रहूंगा और, मैं फिर निवेदन करना चाहता हूं कि इस बीमारी से पक्ष और विपक्ष के रूप में नहीं हम सब मिलकर जनता के साथ-साथ मिलकर लड़ें, अब तक भी जनता का बहुत सहयोग मिला है, धार्मिक संगठन, सामाजिक संगठन अलग-अलग तरह के संगठनों का बहुत सहयोग मिला है. आगे भी हम इस महामारी का मिलकर मुकाबला करेंगे और निश्चित तौर हम लोग एक दिन जरूर जीतेंगे, धन्‍यवाद.

 

 

12.25 बजे

सदन की कार्यवाही का अनिश्चितकाल के लिये स्‍थगित किया जाना: प्रस्‍ताव

          संसदीय कार्य मंत्री( डॉ. नरोत्‍तम मिश्र):- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, विधान सभा के वर्तमान सत्र के लिये निर्धारित समस्‍त वित्‍तीय एवं अन्‍य आवश्‍यक शासकीय कार्य पूर्ण हो चुके हैं. अत: मध्‍यप्रदेश विधान सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 12-ख के द्वितीय परंतुक के अंतर्गत, मैं, प्रस्‍ताव करता हूं कि '' सदन की कार्यवाही का समापन किया जाकर तदुपरांत बैठक अनिश्चितकाल के लिये स्‍थगित की जाए.''

          अध्‍यक्ष महोदय:- प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत हुआ.

                                                                                प्रस्‍ताव स्‍वीकृत हुआ

12.26 बजे                  राष्‍ट्रगान '' जन गण मन'' का समूह गान

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय:- अब राष्‍ट्रगान (जन गण मन) होगा.

( माननीय सदस्‍यों द्वारा राष्‍ट्रगान '' जन गण मन'' का समूह गान किया गया.)

12.27 बजे

सदन की कार्यवाही का अनिश्चितकाल के लिये स्‍थगित किया जाना: घोषणा

          सामयिक अध्‍यक्ष महोदय:- सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्‍थगित.

          अपराह्न 12.28 बजे विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्‍थगित की गई.

 

 

                                                                                               ए. पी. सिंह

भोपाल :                                                                                       प्रमुख सचिव,

दिनांक: 21 सितम्‍बर, 2020                                                       मध्‍य प्रदेश विधान सभा

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

                                                                                      परिशिष्‍ट -  ''''     

 

वर्ष 2020-2021 की अनुदानों की मांगों पर मतदान

 (डॉ. गोविन्‍द सिंह का लिखित भाषण)

 

          डॉ. गोविन्‍द सिंह (लहार) - अध्‍यक्ष महोदय, सदन में वर्ष 2020-21 के लिए पारित किए वाले बजट पर बिना विपक्ष के विचार जाने बजट पारित करने पर मैंने अनुरोध किया था कि 5 मिनट का समय मुझे भी दिया जाए ताकि प्रदेश की ज्‍वलन्‍त समस्‍याओं की ओर सदन का ध्‍यान आकर्षित कराना था, ताकि शासन इन समस्‍याओं के निराकरण करने की ओर ठोस कदम उठाती. वैसे तो प्रदेश में माह मार्च, 2020 को जनता द्वारा निर्वाचित सरकार को अलोकतांत्रिक तरीके से गिराकर भाजपा सरकार आई है. तभी से समूचा प्रदेश कोविड-19 जैसे महामारी के अलावा किसानों की ज्‍वलन्‍त समस्‍याओं से घिर गया है. प्राकृतिक आपदा जैसे सूखा, अतिवृष्‍टि, फसलों में कीट लगना एवं बाढ़ आदि की समस्‍याओं सहित आम जनता के सामने अनेक समस्‍याएं खड़ी हो गई हैं. इन समस्‍याओं के निराकरण की दिशा में सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. प्रस्‍तावित बजट में विभिन्‍न विकास योजनाओं की राशि में कटौत्री की गई है. कोविड-19 के उपचार के लिए विभिन्‍न विभागों में भारी बजट का प्रावधान किया गया है. वस्‍तुस्‍थिति यह है कि कोविड-19 के नाम पर निजी चिकित्‍सालयों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है तथा उनके साथ लूट-खसोट किए जाने की अनेक शिकायतें लगातार प्राप्‍त हो रही हैं. इन शिकायतों के निराकरण के लिए कोई फोरम सरकार द्वारा नहीं बनाया गया है.     

          प्रदेश में लॉकडाऊन के दौरान रोजगार समाप्‍त हो गया है. मजदूरों तथा छोटे दुकानदारों को अभी तक रोजगार नहीं मिल पाया है. प्रदेश में 14 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हुई है. जिनकी घर वापसी पर सरकार ने डेढ़ सौ करोड़ से अधिक रुपये व्‍यय कर दिए हैं, जबकि अधिकांश मजदूर एवं उनका परिवार पैदल व अपने साधनों से वापस आए हैं. इस डेढ़ सौ करोड़ रुपये की राशि की बंदरबांट हुई है. इसकी जांच होना आवश्‍यक है. दिनांक 23 मार्च, 2020 से प्रदेश में लॉकडाऊन प्रभावी हो गया था. स्‍कूल, आंगनवाड़ी केन्‍द्र सभी बंद थे, फिर भी लॉकडाऊन की अवधि में लगभग 316 करोड़ रुपये  से अधिक की राशि मध्‍याह्न भोजन के नाम पर बच्‍चों के खातों में डाले गए हैं तथा 69,441 मैट्रिक टन खाद्यान्‍न का वितरण भी किया गया है. आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में करोड़ों रुपयों का पोषण आहार वितरित किया गया है. इस संबंध में मैंने अपने जिले के स्‍कूली बच्‍चों तथा आंगनवाड़ी केन्‍द्रों व अभिभावकों से जानकारी ली है. जानकारी से पता चला कि बच्‍चों के खाते में कोई राशि नहीं आई है, न ही खाद्यान्‍न प्राप्‍त हुआ है और न ही पोषण आहार मिला है. सरकार बिना चर्चा के बजट पारित कर इन घोटालों को छिपा रही है. बड़ा घोटाला सामने आया है. इसकी जांच की मैं मांग करता हूँ.

          प्रदेश में रेत का अवैध उत्‍खनन तेजी से चल रहा है, जिससे सरकार को राजस्‍व की हानि हो रही है, वहीं दूसरी ओर रेत माफिया आये दिन सरकारी अधिकारी/कर्मचारियों पर हमला करने से बाज नहीं आ रहे हैं. यह सारा रेत का खेल सरकार के संरक्षण में चल रहा है.

          प्रदेश में जिन ठेकेदारों अथवा निर्माण एजेन्‍सी द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण कर दिए हैं, उनका 20 प्रतिशत ही भुगतान किया जा रहा है, जिससे निर्माण कार्य बाधित हो रहे हैं.

          प्रदेश के दैनिक वेतन भोग कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे उनके परिवार के समक्ष भुखमरी की स्‍थिति उत्‍पन्‍न हो गई है.

          प्रदेश में अराजकता का माहौल है, जिसका विपक्ष द्वारा विरोध करने पर कार्यकर्ताओं  व जनप्रतिनिधियों पर फर्जी प्रकरण दर्ज कराए जाकर उन्‍हें डराया व धमकाया जा रहा है. प्रजातन्‍त्र के इतिहास में मध्‍यप्रदेश में भाजपा सरकार का यह कार्य अप्रजातांत्रिक है.

          मध्‍यप्रदेश अजब और गजब है. देश के इतिहास में किसी भी राज्‍य की विधानसभाओं एवं लोक सथा में अध्‍यादेश के माध्‍यम से बजट पारित नहीं हुआ है, किन्‍तु भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने संसदीय नियमों, परम्‍पराओं को दर किनार करते हुए अध्‍यादेश के माध्‍यम से बजट पास कर प्रदेश को कलंकित किया है.

          प्रदेश की भाजपा सरकार, जो कि बैसाखी पर चल रही है, जिसका कोई एजेण्‍डा/कार्यक्रम घोषित नहीं है. भाजपा द्वारा विधान सभा चुनाव 2018 के घोषणा-पत्र में किए गए वादे में से एक भी वादा 5 महीने में पूरा नहीं किया गया.

          विगत 15 वर्षों में भाजपा सरकार ने प्रदेश में जहां-जहां भी उपचुनाव हुए हैं, उन उपचुनावों में प्रदेश के मुख्‍यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वोट प्राप्‍त करने के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थीं. चुनाव जीतने के बाद उन घोषणाओं की आज भी पूर्ति नहीं की है. इसी तरह से प्रदेश में होने वाले उप चुनाव को दृष्‍टिगत रखते हुए उन क्षेत्रों में लोक लुभावन घोषणाएं लगातार कर रहे हैं. जबकि राज्‍य सरकार की वित्‍तीय स्‍थिति बहुत ही खराब है. कर्ज पर कर्ज सरकार लिए जा रही है. ऐसी स्‍थिति में मुख्‍यमंत्री द्वारा की जा रही घोषणाओं की पूर्ति किया जाना संभव नहीं है. केवल जनता को गुमराह किया जा रहा है.

          राज्‍य की कानून व्‍यवस्‍था पूरी तरह से ध्‍वस्‍त हो चुकी है. आम आदमी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहा है. महिलाओं के साथ बलात्‍कार, सामूहिक बलात्‍कार व हत्‍याएं, लूट आदि घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है. पुलिस प्रशासन मूक बना हुआ है.

 

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