मध्यप्रदेश विधान सभा
की
कार्यवाही
(अधिकृत विवरण)
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पंचदश विधान सभा चतुर्दश सत्र
फरवरी-मार्च, 2023 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 17 मार्च, 2023
(26 फाल्गुन, शक संवत् 1944 )
[खण्ड- 14 ] [अंक-10]
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मध्यप्रदेश विधान सभा
शुक्रवार, दिनांक 17 मार्च, 2023
(26 फाल्गुन, शक संवत् 1944 )
विधान सभा पूर्वाह्न 11.06 बजे समवेत हुई.
{अध्यक्ष महोदय (श्री गिरीश गौतम) पीठासीन हुए.}
प्रश्नकाल में उल्लेख
दिनांक 15.03.2023 को जिला इंदौर के थाना बडगोदा अंतर्गत पुलिस चौकी डोंगरगांव
में घटित घटना.
अध्यक्ष महोदय - प्रश्न क्रमांक 1, विजय राघवेन्द्र सिंह जी.
श्री बाला बच्चन - माननीय अध्यक्ष महोदय, कल जिस स्थान पर घटना हुई है, घटना घटी वहां जाकर हम आए हैं.
अध्यक्ष महोदय - प्रश्नकाल हो जाने दीजिए, उसके बाद अवसर देंगे, रोज रोज प्रश्नकाल में (...व्यवधान)
श्री बाला बच्चन - अध्यक्ष महोदय, एक आदिवासी युवती जो 20 साल की थी, जिसकी हत्या कर दी गई है, उसके परिवारजनों से हम मिलकर आए हैं, पुलिस की गोली से एक 20 साल का जो लड़का भैरूसिंह (...व्यवधान)
श्री कांतिलाल भूरिया - अध्यक्ष महोदय, आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा है. (...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय - प्रश्नकाल हो जाने दीजिए, उसके बाद अवसर देंगे, (...व्यवधान)
श्री बाला बच्चन - अध्यक्ष महोदय (...व्यवधान)
श्री सज्जन सिंह वर्मा - परिवार के खिलाफ एफआईआर कर दी. (...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय - माननीय सदस्यों के प्रश्न लगे हुए हैं, बैठ जाइए. सब बैठ जाइए (...व्यवधान) प्रश्न क्रमांक 1 श्री विजय राघवेन्द्र सिंह जी. (...व्यवधान)
श्री सज्जन सिंह वर्मा - अध्यक्ष महोदय, एफआईआर की कापी है(कागजों की प्रति दिखाते हुए)जो लड़की की हत्या हुई उसके माता, पिता, भाई पर एफआईआर कर दी, जो लड़का गोली चलाने में मरा उसके खिलाफ एफआईआर कर दी, (XXX) ये अन्यायपूर्ण सरकार है. (...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय - प्रश्न क्रमांक 1 श्री विजय राघवेन्द्र सिंह, प्रश्न क्रमांक 2 श्री एनपी प्रजापति जी. (...व्यवधान)
श्री सज्जन सिंह वर्मा - माननीय अध्यक्ष महोदय, इस पर गृहमंत्री का वक्तव्य आना चाहिए. (...व्यवधान) इन्होंने कहा था कि विस्तृत जांच रिपोर्ट आने पर, मैं फिर से वक्तव्य दूंगा.(...व्यवधान)
श्री कांतिलाल भूरिया - लड़की के मां-बाप के खिलाफ मुकदमा कायम कर दिया, (XXX) अध्यक्ष महोदय हम आपको बताना चाहते हैं.(...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय - प्रश्नकाल हो जाने दीजिए, उसके बाद, प्रश्न काल हो जाने दीजिए. (...व्यवधान)
संसदीय कार्यमंत्री(डॉ. नरोत्तम मिश्र) - माननीय अध्यक्ष महोदय, दो विषय अभी उभरकर आए हैं. जैसा सम्माननीय सदस्य सज्जन वर्मा जी ने कहा और सम्माननीय सदस्य बाला बच्चन जी ने कहा. वह बिटिया की हत्या के बारे में. पी.एम. रिपोर्ट के बारे में अभी सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, उसकी शॉर्ट टर्म पी.एम. रिपोर्ट आ गई है, उस पीएम रिपोर्ट में करंट से मौत होना शॉर्ट टर्म में आया है. जहां तक सवाल आता है, एफआईआर का जो माननीय. (...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय - (...व्यवधान) जब मंत्री जी बोल रहे हैं तो, सुन लीजिए न, ये कोई बात नहीं हुई (...व्यवधान) आप उनको बोलने नहीं देंगे क्या? (...व्यवधान)
श्री कांतिलाल भूरिया - पूरे गांव में जाकर इस तरह से दवाब डाला जाता है, आदिवासी की हत्या होती है. (...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय - आप बोलने नहीं देंगे क्या. (...व्यवधान)
डॉ. नरोत्तम मिश्र - अध्यक्ष महोदय, दूसरा सम्मानित सदस्य बाला बच्चन जी ने जैसा विषय रखा है कि उनके परिजनों पर एफआईआर हो गई है. सीसीटीव्ही फुटेज के आधार पर जो उस वक्त थाने पर बलवा जिसमें थानेदार साहब है, जिनका आंख से दिखना बंद हो गया है, आंख में गहरी चोट आई है, उसके आधार पर 13 या 17 लोगों पर एफआईआर हुई है, जिसमें उसके पिता का नाम भी है, लेकिन उसके बावजूद भी इस पूरे विजुअल की जांच के आदेश दे दिए और उनके साथ न्याय होगा. जहां तक सम्मानित सदस्य भूरिया जी का सवाल हैं वे बार बार कह रहे हैं कि हत्या की गई है और वे होकर आए हैं, तो वे हमारा मार्गदर्शन कर दें कि उन्होंने हत्या काहे से होना पाया है, तो हम उस बिन्दु को भी जुड़वा लेंगे अध्यक्ष जी, बहुत सरल सी बात हैं.
अध्यक्ष महोदय - ठीक है, प्रश्न क्रमांक 1.
श्री कांतिलाल भूरिया - अध्यक्ष जी, हमने देखा उनके शरीर में सीने में चोट थी, (...व्यवधान) हत्या की है, हम खुद जाकर देखे हैं. (...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय - भूरिया जी प्रश्नकाल चलने दीजिए. (...व्यवधान)
श्री बाला बच्चन - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं भी बोलना चाहता हूं. (...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय - (...व्यवधान) विधान सभा की कार्यवाही प्रश्नकाल तक के लिए स्थगित .
(11.10 बजे सदन की कार्यवाही 12:00 बजे (प्रश्नकाल तक) के लिए स्थगित की गई.)
12.03 बजे विधान सभा पुन: समवेत हुई
{अध्यक्ष महोदय (श्री गिरीश गौतम) पीठासीन हुए.}
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ - माननीय अध्यक्ष महोदय.
अध्यक्ष महोदय - आपका हो गया है. आपकी बात पहले आ गई थी.
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपका संरक्षण चाहती हूँ.
अध्यक्ष महोदय - आप बैठ जाइये.
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ - यह मेरे क्षेत्र की घटना है, माननीय अध्यक्ष महोदय. मैं आपका संरक्षण चाहती हूँ.
अध्यक्ष महोदय - आप बैठ जाइये. दूसरों के भी विषय हैं.
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपका संरक्षण चाहती हूँ.
अध्यक्ष महोदय - आप बैठ तो जाइये.
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. नरोत्तम मिश्र) – (XXX) माननीय अध्यक्ष महोदय (XXX) आपने कहा, मैंने वक्तव्य दिया और अक्षरश: बात स्पष्ट कर दी.
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ - मैं अपने क्षेत्र से ...(..व्यवधान..)
श्री सज्जन सिंह वर्मा – (XXX)
डॉ. नरोत्तम मिश्र - नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह जी ने कहा, सज्जन सिंह वर्मा जी ने कहा, उसके बाद हमने एक-एक बात स्पष्ट कर दी. इसके बाद लाशों पर राजनीति कर रहे हैं ये.
(..व्यवधान..)
श्री सज्जन सिंह वर्मा – (XXX)
(..व्यवधान..)
डॉ. नरोत्तम मिश्र - माननीय अध्यक्ष महोदय, यह सस्ती लोकप्रियता लेना चाहते हैं. यह विषय को डायवर्ट करना चाहते हैं. यह भोले-भाले आदिवासियों को ....(..व्यवधान..) असत्य बोलते हैं. ..(..व्यवधान..)
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपसे भीख मांगती हूँ. (XXX)
डॉ. नरोत्तम मिश्र - माननीय अध्यक्ष महोदय, आपने तीन बार समय दे दिया. आप बार-बार समय दे रहे हो. एक ही विषय पर चर्चा कर रहे हैं.
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ - मैं आपसे भीख मांगती हूँ, माननीय अध्यक्ष महोदय.
अध्यक्ष महोदय - अब किसी का नहीं लिखा जायेगा.
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ - (XXX)
श्री सज्जन सिंह वर्मा - (XXX)
डॉ. नरोत्तम मिश्र - यह (XXX) कहलाता है, माननीय अध्यक्ष महोदय. (XXX) अध्यक्ष जी, कार्यवाही आगे बढ़ाई जाये.
एक माननीय सदस्य - माननीय अध्यक्ष महोदय, आज भी प्रश्नकाल खराब किया है.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री (श्री विश्वास सारंग) - माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी ने वक्तव्य दे दिया. दूध का दूध पानी का पानी सामने आ गया.
12.05 बजे नियम 267-क के अधीन विषय
(सदन द्वारा सहमति प्रदान की गई.)
अब मैं सूचना देने वाले सदस्यों के नाम पुकारूंगा.
(व्यवधान)
...
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री (श्री भूपेन्द्र सिंह) - अध्यक्ष महोदय, इन्होंने आज भी सदन का समय खराब किया है, आज भी प्रश्नकाल खराब किया है. (व्यवधान) ...
श्री सज्जन सिंह वर्मा-- (XXX) …(व्यवधान)...
डॉ.नरोत्तम मिश्र -- अध्यक्ष महोदय, सदन चलाना चाहते हैं कि नहीं यह पूछ लीजिये, नेता प्रतिपक्ष सदन चलाना चाह रहे है कि नहीं. (व्यवधान) ...
श्री सज्जन सिंह वर्मा-- इस सदन में लाड़ली बहना को रक्षा की भीख मांगनी पड़ रही है (व्यवधान) ...
डॉ. नरोत्तम मिश्र – (XXX) …(व्यवधान)…
श्री सज्जन सिंह वर्मा-- आदिवासी परिवारों के साथ अन्याय हो रहा है. (व्यवधान).. श्री भूपेन्द्र सिंह -- अध्यक्ष जी यह विपक्ष सदन चलाना ही नहीं चाहता है और प्रश्नकाल बाधित किया है. (व्यवधान) ...
श्री सज्जन सिंह वर्मा -- आपकी सरकार न्याय दिलाना नहीं चाहती है, आदिवासियों पर अत्याचार करना चाहती है. (व्यवधान) ...
श्री भूपेन्द्र सिंह -- लगातार यह सदन को बाधित करने का काम कर रहे हैं. (व्यवधान) ...
डॉ.नरोत्तम मिश्र -- तुम्हें आदिवासी नहीं मिलेंगे, तुम्हारे (XXX) को जानते हैं आदिवासी और इसीलिये रसातल में कांग्रेस जा रही हैं. आप इस बार के नेता प्रतिपक्ष नहीं बना पायेंगे, जैसे दस साल से लोकसभा में नहीं बना पाये. यह (XXX) कर रहे हैं. (व्यवधान..)
सज्जन सिंह वर्मा -- (व्यवधान..) (XXX) को देख रही है.
श्री भूपेन्द्र सिंह -- यह राजनीति कर रहे हैं. इतना स्पष्ट जवाब आने के बाद भी. (व्यवधान..)
अध्यक्ष महोदय -- आप बैठ जाईये.
12.06 बजे गर्भगृह में प्रवेश
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ,सदस्य द्वारा गर्भगृह में प्रवेश
(डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ,सदस्य द्वारा गर्भगृह में प्रवेश कर घुटनों पर बैठकर हाथ जोड़कर दिनांक 15.03.2023 को जिला इंदौर के थाना बडगोदा अंतर्गत पुलिस चौकी डोंगरगांव में घटित घटना के संबंध में चर्चा की मांग की. इंडियन नेशनल कांग्रेस की कुछ महिला सदस्यों द्वारा उन्हें सदन से बाहर ले जाया गया)
डॉ.नरोत्तम मिश्र – (XXX)
12.07 बजे ध्यानाकर्षण
अध्यक्ष महोदय -- ध्यानाकर्षण की सभी सूचनाएं पढ़ी हुई मानी जायेंगी और उनके उत्तर कार्यवाही में सम्मिलित किये जायेंगे.
12.08 बजे अनुपस्थिति की अनुज्ञा
निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 64-नागौद से निर्वाचित सदस्य, श्री नागेन्द्र सिंह की विधान सभा के फरवरी-मार्च, 2023 सत्र की बैठकों से अनुपस्थित रहने की अनुज्ञा.
अध्यक्ष महोदय -- निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 64-नागौद से निर्वाचित सदस्य, श्री नागेन्द्र सिंह की ओर से मध्यप्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली 277 (1) के अधीन आवेदन पत्र प्रस्तुत हुआ, जिसमें उन्होंने फरवरी मार्च 2023 सत्र में सभा की बैठकों से अनुपस्थित रहने की अनुज्ञा चाही है.
श्री नागेन्द्र सिंह सदस्य की ओर से प्राप्त निवेदन इस प्रकार है कि मैं स्वास्थ्य कारणों से वर्तमान विधानसभा सत्र फरवरी मार्च 2023 में उपस्थित होने में असमर्थ हूं.
क्या सदन सहमत है कि निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-64, नागौद के सदस्य श्री नागेंद्र सिंह को इस सत्र की बैठकों से अनुपस्थित रहने की अनुज्ञा प्रदान की जाये.
अनुज्ञा प्रदान की गई.
12.09 बजे आवेदनों की प्रस्तुति
अध्यक्ष महोदय -- आज की कार्यसूची में सम्मिलित सभी आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये माने जायेंगे. (व्यवधान ) ..
अध्यक्ष महोदय -- नेता प्रतिपक्ष जी कहां गये?
श्री विश्वास सारंग -- इधर आ गये हैं बधाई(हंसी)
श्री कुणाल चौधरी -- अभी परमानेंट उधर ही आ रहे हैं, आप चिंता मत करो आपको इधर ही आना है थोड़े दिन में.
श्री विश्वास सारंग -- कौन बोला, (XXX)
श्री कुणाल चौधरी -- आप क्या समझाओगे पक्का उधर ही आयेंगे.
श्री विश्वास सारंग – (XXX) …(व्यवधान)…
अध्यक्ष महोदय -- कुणाल जी बैठ जाओ (श्री सज्जन सिंह, सदस्य द्वारा अपने आसन पर खड़े होने पर) सज्जन सिंह जी आपकी बात आ गई है, विधानसभा चलने दीजिये. मैं सभी सदस्यों से आग्रह करता हूं, जो अपनी चर्चा में भाग ले रहे हैं, थोड़ा सा संक्षेप करें क्योंकि कई विभागों की चर्चा होना है, सबको अवसर मिलेगा, इसलिये सबसे आग्रह है कि एक ही बात को रिपीट न करें, जो पहले बोल चुके हैं, वह दोबारा बोलने का प्रयास नहीं करें और कम समय लें. श्री नारायण सिंह पट्टा जी बोलें. (श्री संजय यादव, सदस्य द्वारा अपने आसन पर खड़े होने पर) नहीं, नहीं अब कुछ नहीं आयेगा, अब आगे निकल गयें हैं, उसमें चर्चा में आ गये हैं.
श्री संजय यादव -- आपने क्यों गोल कर दिया है, बात तो सुन लें हमारी. भाई अशासकीय संकल्प लगना था, इसमें से चार थे, दो बार आया आज गोल कर दिया. हमारी बात तो सुन लें. (व्यवधान ) ..
अध्यक्ष महोदय -- मैं आगे निकल गया, उस समय इतना ज्यादा हल्ला कर रहे थे. (व्यवधान ) ..
श्री तरूण भनोत -- माननीय अध्यक्ष महोदय, फिर हमें कब मौका मिलेगा. (व्यवधान.)
अध्यक्ष महोदय -- शून्यकाल से आगे निकल गये हैं. ध्यानाकर्षण निकल गया है(व्यवधान.)
श्री पी.सी.शर्मा -- अध्यक्ष महोदय, इंग्लिश के पेपर लीक हो गये, ए, बी,सी,डी, एजईटीज लीक हो गये हैं, पहले बारहवीं के हो गये, फिर दसवीं के लीक हो गये हैं, यह व्यापमं है, (व्यवधान ) ..
श्री तरूण भनोत -- अध्यक्ष महोदय, संरक्षण दीजिये यह महत्वपूर्ण विषय है, यह प्रदेश के छात्र, छात्राओं से जुड़ा हुआ विषय है. (व्यवधान ) ..
अध्यक्ष महोदय -- श्री तरूण भनोत जी ध्यानाकर्षण निकल गया है, डॉ. राजेंद्र पाण्डेय जी आप बोलें, (श्री तरूण भनोत, सदस्य द्वारा अपने आसन पर खड़े होने पर) नहीं अब आगे निकल गये हैं. (व्यवधान ) ..
श्री तरूण भनोत -- अध्यक्ष जी आपसे निवेदन किया था, हम लोग तो बैठे ही हैं.
अध्यक्ष महोदय -- अब हल्ला हो रहा है तो क्या करें. (व्यवधान ) ..
अर्जुन सिंह काकोडि़या -- अध्यक्ष महोदय, मेरी ध्यानाकर्षण की सूचनाएं हैं और बहुत महत्वपूर्ण है ये. (व्यवधान ) ..
अध्यक्ष महोदय -- नहीं ध्यानाकर्षण पास हो गया है. (व्यवधान ) ..
श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या -- यह आदिवासी क्षेत्र की है, आदिवासी समाज की है यह बहुत महत्वपूर्ण है, यह मेरी ध्यानाकर्षण की सूचना है. (व्यवधान..)
अध्यक्ष महोदय -- डॉ.राजेंद्र पाण्डेय जी, आप बोलें. (व्यवधान ) ..
12.10 बजे वर्ष 2023-2024 की अनुदानों की मांगों पर मतदान ..... (क्रमश:)
(1) |
मांग संख्या – 1 |
सामान्य प्रशासन |
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मांग संख्या – 2 |
विमानन |
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मांग संख्या – 20 |
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी |
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मांग संख्या – 32 |
जनसम्पर्क |
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मांग संख्या – 41 |
प्रवासी भारतीय |
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मांग संख्या – 45 |
लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन |
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मांग संख्या – 48 |
नर्मदा घाटी विकास |
|
मांग संख्या – 55 |
महिला एवं बाल विकास |
|
मांग संख्या – 57 |
आनंद.
|
डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय (जावरा)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 1, 2, 20, 32, 41, 45, 48, 55, 57 के समर्थन में अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूं. ....(व्यवधान)....
श्री नारायण सिंह पट्टा-- माननीय अध्यक्ष महोदय, ध्यानाकर्षण तो ले लीजिये. बहुत ही गंभीर विषय पर आदिवासियों से जुड़ा हुआ मामला है. ....(व्यवधान)....
डॉ. गोविन्द सिंह-- ध्यानाकर्षण नहीं लेगें क्या.
अध्यक्ष महोदय-- ध्यानाकर्षण ले लिया, उसको पढ़ दिया ....(व्यवधान)....
डॉ. नरोत्तम मिश्र-- अध्यक्ष जी, आपने नाम लिये थे यह उठे नहीं, यह सदन को बाधित करते हैं और ऐसे लोगों को बिलकुल ठीक करना चाहिये. यह प्रश्नकाल को बाधित करें, यह ध्यानाकर्षण को बाधित करें. माननीय अध्यक्ष महोदय, आप यह देखिये सबसे ज्यादा ताकत प्रश्न की, ध्यानाकर्षण की विपक्ष के लिये मिलती है. आसंदी देती है, लेकिन यह लोग उसको बाधित करते हैं, अकारण (XXX) करते हैं और राजनैतिक माइलेज लेने की कोशिश करते हैं, यह सदन का उपयोग इस तरह से करते हैं. ....(व्यवधान)....
श्री लाखन सिंह यादव-- माननीय अध्यक्ष महोदय, ध्यानाकर्षण तो लेना चाहिये.
डॉ. नरोत्तम मिश्र-- बिलकुल नहीं ले रहे, कार्यवाही आगे बढ़ाई जाये. ....(व्यवधान)....
श्री लाखन सिंह यादव-- यहां आपकी (XXX) चल रही है क्या. ....(व्यवधान)....
डॉ. गोविन्द सिंह-- अध्यक्ष महोदय, सोमवार को ले लेंगे.
अध्यक्ष महोदय-- हां ले लेंगे, देख लेंगे.
श्री लाखन सिंह यादव-- माननीय अध्यक्ष महोदय, यह तरीका ठीक नहीं है. ....(व्यवधान)....
डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय-- आपका कौन सा तरीका ठीक है. ....(व्यवधान)....
अध्यक्ष महोदय-- तरीका मतलब आप हल्ला मचाओगे, विधान सभा नहीं चलने दोगे, हम नाम बुलाते हैं, आप पढ़ते नहीं है, कौन सा तरीका ठीक नहीं है. कैसी बात करते हो लाखन सिंह जी. विधान सभा चलने देना चाहते हो कि नहीं, अगर नहीं चलने देना चाहते हो तो बात अलग है. ....(व्यवधान)....
श्री विश्वास सारंग-- माननीय अध्यक्ष महोदय, (XXX) आप अध्यक्ष जी की व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाओगे. ....(व्यवधान).... आप अध्यक्ष जी की आसंदी से बड़े हो गये. ....(व्यवधान).... पहले क्यों नहीं बोले.
श्री सज्जन सिंह वर्मा-- अरे जनहित के मुद्दों पर चर्चा करा लो. ....(व्यवधान)....
श्री विश्वास सारंग-- अध्यक्ष जी ने तो बोला था. उस समय तो (XXX) कर रहे थे. ....(व्यवधान)....
श्री सज्जन सिंह वर्मा—(XXX) करवाईये चर्चा. ....(व्यवधान).... यह बहुत महत्वपूर्ण है.
श्री विश्वास सारंग-- चर्चा तो हो ही रही है. ....(व्यवधान)....
डॉ. नरोत्तम मिश्र-- क्या प्रश्नकाल महत्वपूर्ण नहीं था, बाधित किया आपने प्रश्नकाल. ....(व्यवधान)....ध्यानाकर्षण में आप क्यों नहीं उठे. ....(व्यवधान)....
श्री विश्वास सारंग-- आप लोग आसंदी से बड़े नहीं हैं. ....(व्यवधान)....
श्री सज्जन सिंह वर्मा-- प्रश्नकाल 5 मिनट के लिये स्थगित होता है.
……………………………………………………………………………………
XXX : आदेशानुसार रिकार्ड नहीं किया गया.
श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या-- यह आदिवासियों के हितों पर कुठाराघात है. यह मेरा ध्यानाकर्षण का है और मैं इसमें बोलूंगा.
अध्यक्ष महोदय-- जबरदस्ती बोलेंगे.
डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय-- अध्यक्ष महोदय, यह कौन सी जबरदस्ती है. यह तो आसंदी का अपमान है.
श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या-- विधायक जायेगा कहां, सदन में बात नहीं उठायेगा तो कहां जायेगा. ....(व्यवधान).... विधायक कहां बोलेगा.
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री (श्री भूपेन्द्र सिंह)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, आज हमारे प्रश्न थे, ....(व्यवधान)....हम पूरी रात तैयारी करते रहे, ....(व्यवधान)....एक मिनट नहीं सोये ....(व्यवधान).... उसके बाद प्रश्नकाल नहीं चलने दे रहे ....(व्यवधान).... ध्यानाकर्षण की तैयारी की, ध्यानाकर्षण नहीं चलने दिया. ....(व्यवधान).... यह लोग किसी भी विषय में चर्चा नहीं करना चाहते, सिवा हो हल्ला करने के अलावा कुछ करते नहीं है, माननीय अध्यक्ष महोदय, ऐसा विपक्ष आज तक नहीं देखा. ....(व्यवधान)....
डॉ. नरोत्तम मिश्र-- अध्यक्ष महोदय, आप साक्षी हो, नेता प्रतिपक्ष साक्षी हैं, सज्जन वर्मा जी साक्षी हैं, अंदर बातचीत में बहुत स्पष्ट यह बात आई थी, आपके सामने आई थी कि वक्तव्य देने के बाद में प्रश्नकाल चलेगा, आप इस बात के साक्षी हो, माननीय अध्यक्ष महोदय, आपके आदेश से मैंने वक्तव्य दिया, सज्जन सिंह वर्मा जी के आग्रह पर मैंने वक्तव्य दिया. जबकि कल मैं वक्तव्य दे चुका था, उसके बाद भी प्रश्नकाल बाधित हुआ. मैंने अंदर कहा था अध्यक्ष जी आप साक्षी हो, नेता प्रतिपक्ष साक्षी हैं कि यही विषय आप शून्यकाल में उठा लेना, यह बात हमारी सबकी हुई थी. सज्जन भाई ने कहा कि प्रश्नकाल में ही उठेगा. चलिये ठीक है उठ गया. हमारा मंत्री पूरी रात नहीं सोया प्रश्न की तैयारी में. भूपेन्द्र सिंह जी और गोपाल भार्गव जी यह दोनों हमारे सागर के मंत्री सागर में डूबने की जगह प्रश्नों में डूबे रहे.
श्री गोपाल भार्गव - अध्यक्ष महोदय, देखिये, आंखें लाल हैं.
डॉ.नरोत्तम मिश्र - आंखें तो देखिये कितनी लाल हैं.
अध्यक्ष महोदय - संसदीय कार्य मंत्री जी आपने कहा कि आपके मंत्री की आंखें लाल हैं. आंखें लाल दो तरह से होती हैं. आंखें लाल मेहनत वाली भी होती हैं और आंखें लाल गुस्से में भी होती हैं.
डॉ.गोविन्द सिंह - अध्यक्ष महोदय, हमारी आपसे प्रार्थना है कि आज जो ध्यानाकर्षण थे वह अगली तारीख में ले लें.
अध्यक्ष महोदय - विचार कर लेंगे.
श्री सज्जन सिंह वर्मा - अध्यक्ष महोदय,बड़े महत्वपूर्ण विषय थे.
अध्यक्ष महोदय - नेता प्रतिपक्ष के आग्रह को हमने विचार करने के लिये कह दिया.
डॉ.नरोत्तम मिश्र - सज्जन भाई, यह आपके आपस के मतभेद हैं. उन्होंने कहा उन्होंने माना अब आप फिर तीसरी बात करने लगी. यही बात उन्होंने प्रश्नकाल के लिये कही थी. गोविन्द सिंह जी, सच में आपके हितों की बात करने के लिये, हाऊस चलाने की बात कर रहे हैं और आप और आपके पड़ोसी लगातार सदन को बाधित कर रहे हैं
श्री अर्जुन सिंह काकोड़िया - अध्यक्ष महोदय, मैं आपसे हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं. यह आदिवासी समाज का मुद्दा है.
डॉ.राजेन्द्र पाण्डेय - अध्यक्ष महोदय, लगातार पहले दिन से यह देखा जा रहा है कि विपक्ष पक्ष के सदस्यों को बोलने से रोकता है. हम अपनी बात को ठीक ढंग से रख भी नहीं पाते. अध्यक्ष महोदय, उनका यह तरीका ठीक नहीं है क्योंकि हम भी विषय से भटक जाते हैं. " सजन रे झूठ मत बोलो खुदा के पास जाना है न हाथी है न घोड़ा है वहां पैदल ही जाना है. "
श्री सज्जन सिंह वर्मा - अध्यक्ष महोदय, दो-तीन दिन का एक सत्र होगा इनको डिप्टी स्पीकर बनवा दो.
डॉ.राजेन्द्र
पाण्डेय - माननीय
अध्यक्ष
महोदय, यह
बहुत अच्छा
बजट लेकर और
यह बजट पहली
बार,आप हम सभी
देख रहे हैं
विगत वर्ष से
प्रारंभ किया
गया कि जन-जन
से सुझाव
लेकर, जनता से
सुझाव लेकर,
प्रबुद्ध
जनों,वरिष्ठ,अर्थशास्त्री,विद्वान
लोगों से
सुझाव लेकर एक
बजट को बनाया
जाता है और
बजट के
सुझावों में
लगभग चार हजार
से अधिक लोगों
ने अपने सुझाव
दिये पूरे
मध्यप्रदेश
की जन-जन की
भावना उसमें जुड़ी
और उन भावनाओं
को जोड़कर यह
बजट बनाया गया.
आज मांग
अनुदान के
समर्थन में
मैं अपने विचार
व्यक्त कर रहा
हूं. सामान्य
प्रशासन
विभाग समस्त
विभागों को एक
साथ लेकर,
समस्त
विभागों में
समन्वय करते
हुए, समस्त
विभागों में
सामन्जस्य
करते हुए
प्रदेश भर में
उन विकास
कार्यों को
अच्छे और
बेहतर ढंग से
किया जा सके
और उसी के
साथ-साथ उसका
नियंत्रण
करते हुए, उसकी
मानीटरिंग
करते हुए उन
जनकल्याणकारी
योजनाओं को
जन-जन तक
अच्छे ढंग से
पहुंचाया जा सके.
इन सारे
कार्यों को
लगातार बहुत
ही अच्छे ढंग
से कर रहा है
और इसीलिये 1023
करोड़ रुपये
की राशि
स्वीकृत करते
हुए यह कार्य
लगातार किया
जा रहा है.
यहां पर
विभिन्न
वर्गों के
बारे में
चिंता व्यक्त
की जा रही है.
कुछ वर्ग
विशेष के बारे
में, यह
भारतीय जनता
पार्टी की
सरकार है.
वसुधैव
कुटुम्बकम्
की भावनाओं को
लेकर काम करने
वाली सरकार
है. माननीय
प्रधानमंत्री
श्री
नरेन्द्र
मोदी जी ने
कहा है सबका
साथ,सबका साथ
विकास,सबका
विश्वास और सबका
प्रयास. उन
प्रयासों के
माध्यम से यह
सरकार काम कर
रही है.
माननीय
मुख्यमंत्री
जी ने उन आमजनों
के लिये
जिन्हें किसी
भी माध्यम से
मदद नहीं मिल
पाती. वे
वंचित रह जाते
हैं. अभी हम
सबके लिये
प्रसन्नता की
बात है जब विधायकों
का
स्वेच्छानुदान
50 लाख रुपये था
उसे बढ़ाकर 75
लाख रुपये
किया गया है. उस
आम आदमी के
लिये 500 रुपये, 1000
रुपये भी
बहुत महत्वपूर्ण
होते हैं. अगर
उसे 5 हजार, 10
हजार रुपये की
राशि मिल
जाये, वह राशि
उसके लिये
लाखों रुपये
का काम करने
वाली होती है.
उन गरीबों के
कल्याण के
लिये और वे जब
गरीब परिवार
बहुत ज्यादा
कठिनाई में
आते हैं, वे किसी
नियम के
अंतर्गत नहीं
आते हैं, किसी
नियमावली के
अंतर्गत नहीं
आते हैं, उनको
भी मदद किये जाने
के लिये
मुख्यमंत्री जी
ने अपना
स्वैच्छानुदान
लगातार
बढ़ाते हुए 200
करोड़ रुपये
की राशि का
प्रावधान
किया है. उस 200
करोड़ रुपये
की राशि के
माध्यम से
मुख्यमंत्री
जी लगातार उन
वंचितों के
लिये, उन
पीड़ितों के
लिये, उन
गरीबों के
लिये और जो एक
आकस्मिकता
परिवार में आ
जाती है,
अचानक कोई
दुर्घटना हो
जाती है, उन
परिवारों को
सम्बल और
सहारा देने
के लिये
मुख्यमंत्री
जी स्वयं
स्वैच्छानुदान
के माध्यम से
लगातार काम कर
रहे हैं और
लगातार जन जन
का विश्वास
प्राप्त कर
रहे हैं. वे
विश्वास
प्राप्त करने
के साथ में
उनके सहयोगी
बन करके एक
भाई के रुप
में, एक
मुखिया के रुप
में पूरे
मध्यप्रदेश
का संचालन कर
रहे हैं. अभी
विभाग के
द्वारा
निश्चित रुप
से एक और
अभिनव प्रयास
किया गया है. ई
बजट के साथ
साथ में कैसे
सारे के सार
कार्य हम
लेपटॉप,टेबलेट
एवं कम्प्यूटर
के माध्यम से
किस तरह से कर
सकें,
क्योंकि अधिक
कागजों का
उपयोग होने के
कारण जहां एक
ओर हमारे
लगातार
वृक्षों की
कटाई के कारण,
लगातार वृक्ष
काटे जाने के
कारण पूरे
प्रदेश में
निश्चित रुप
से हमारा पर्यावरण
प्रदूषित
होता है और
लगातार
पर्यावरण प्रदूषित
बनने के कारण
अनेक बीमारिया
जन्म लेती
हैं. आज
ई बजट के साथ
साथ में
विभागों ने
लगातार काम करना
प्रारंभ
किया. 54
विभागों में
ई कार्य प्रारम्भ
हुए हैं. 54
विभागों में
अब धीरे धीरे
कागजों का
उपयोग कम किया
जा रहा है.
लगभग इस हेतु
लगातार बजट
का प्रावधान
किया जा रहा
है. इसी के साथ
साथ में यहां
पर
भ्रष्टाचार
की काफी बातें
होती हैं.
भ्रष्टाचार
का एक स्मरण
मैं करना चाहूंगा.
सरकार बने
हुए तो समय ही
नहीं हुआ था, हमने
विगत् समय में
देखा है वर्ष
2018-19 में. सरकार बने
समय नहीं हुआ
था, अब मैं
व्यक्त करना
चाहूंगा कि
मुख्यमंत्री
जी के ही
निकटतम से
निकटतम
उन्हीं के
सहयोगी उनके
यहां पर भी
छापा पड़ा था,
वहां पर भी
भ्रष्टाचार
पाया गया था
और वहां से भी
लाखों रुपये की
राशि प्राप्त
की गई थी. ऐसे
कार्य करने के
लिये
लोकायुक्त
संगठन लगातार
काम कर रहा है.
लोकायुक्त के
द्वारा पूरे
प्रदेश भर
में 17 छापे
डाले गये हैं
और 17 छापे
डालने के साथ
साथ में लगभग 11
करोड़ 15 लाख 22
हजार 677 रुपये की
सम्पत्ति को
उजागर करने का
काम किया है,
भ्रष्टाचार
निश्चित रुप
से प्रदेश में
कदापि बर्दाश्त
नहीं किया
जायेगा एवं
मुख्यमंत्री जी
लगातार कह रहे
हैं कि मैं
भ्रष्टाचार
मुक्त, एक
समता युक्त,
एक सुशासन को
लाना चाहता
हूं और उसके
लिये हम सबको
मिलकर
निश्चित रुप
से काम करना
चाहिये.
लगातार
लोकायुक्त इस
कार्य में
लगा हुआ है और
लोकायुक्त
संगठन के
द्वारा इस
कार्य को
निरन्तर रुप
से किया जा
रहा है.
आर्थिक रुप से
जो कमजोर लोग
हैं,
ईडब्ल्यूएस
में जो हमारे
बंधु परिवार
जन आते हैं,
उनके लिये भी 10
प्रतिशत की
छूट देकर के
इसके निर्देश
जारी किये गये
हैं. इसी के
साथ साथ में
आप और हम सभी
अपने विभिन्न
शासकीय
कार्यों के
लिये दिल्ली
जाते हैं. दिल्ली
में हमारा एक
पुराना
मध्यप्रदेश
भवन निश्चित
रुप से बना
हुआ था, लेकिन
वह एक समय के
साथ साथ में,
आवश्यकताओं
के साथ साथ
में काफी छोटा
पड़ने लगा था.
एक नवीन भवन
वहां पर
बनाया गया और
नवीन भवन का
निर्माण करने
के लिये लगभग 150 करोड़
रुपये की
राशि प्रदान
की गई है. इसी
तरह से एक
अभिनव योजना
और योजना
बनाने में
हमारा प्रदेश,
देश में एक
अग्रणी राज्य
के रुप में है.
अनेक योजनाएं
ऐसी बनी हैं,
उन अभिनव
योजनाओं को
पूरे देश भर
के साथ साथ
में विश्व
में भी
प्रशंसा मिली
है. लाड़ली
लक्ष्मी बेटी
योजना के साथ
साथ में
लाड़ली बहना
योजना को
प्रारंभ करना
निश्चित रुप
से स्वागत
योग्य है और
इसके लिये 8
हजार करोड़
रुपये की राशि
का प्रावधान
किया गया है.
इसी के साथ
साथ मैं
निवेदन करना
चाहता
हूं,क्योंकि
समय की
बाध्यता है.
एक आनंदम्,
आनंद विभाग की
परिकल्पना की
जाना निश्चित
रुप से
सराहनीय है,
प्रशंसनीय है.
हम सब काम-काज
के कारण,
लगातार
परिश्रम के
कारण कहीं न
कहीं आम जन के
साथ में आम जन
भी तनाव
ग्रस्त होने
लगा है, इस आपा
धापी में. उस
तनाव को कैसे
कम किया जा
सके. एक
आनंद
मंत्रालय की
कल्पना अगर
करना, निश्चित
रूप से बहुत
ही प्रशंसनीय
है और आनंद
विभाग के
द्वारा पूरे
प्रदेश भर में
यदि किसी के पास
में अधिक
सामान है,
किसी के पास
में अधिक वस्तुएं
हैं और अगर
स्वयं के लिए
वह वस्तुएं अनुपयोगी
हो गई हैं तो
प्रत्येक
जिले के साथ
साथ में
विभिन्न
नगरों में
शहरों में एक
नेकी की दीवार
जैसा एक कार्य
प्रारंभ हुआ
है, जहां आमजन
जुड़ता जा रहा
है और आनंदम
के माध्यम से
कक्षा नवीं से
लेकर बारहवीं
कक्षा के छात्र
छात्राओं के
लिए भी
बालसभाएं भी,
यहां पर काफी
बड़े बुजुर्ग
भी हैं, वे
बालसभाएं फिर
से होना
प्रारंभ हुई
हैं. आनंद के
उत्सव होना
प्रारंभ हुए
हैं, गीत,
संगीत, नृत्य
सांस्कृतिक
और
राष्ट्रगीत
के गीत दोहराए
जा रहे हैं और
एक ऐसा
वातावरण लाने
का प्रयास
किया जा रहा
है कि लगातार
हमारे प्रदेश
में कामकाज के
साथ में
प्रसन्नता हो.
अध्यक्ष
महोदय, आपने मुझे
बोलने का जो
समय दिया है,
उसके लिए बहुत
बहुत धन्यवाद.
श्री पी.सी. शर्मा (भोपाल दक्षिण-पश्चिम) - अध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 1,2,20,32,41,45,48,55 एवं 57 के संबंध में मैं यहां बोलने के लिए खड़ा हुआ हूं. यह सामान्य प्रशासन विभाग जो कि पूरे प्रशासन की कड़ी है. पूरे प्रदेश के प्रशासन की बागडोर एक तरह से जितने भी अधिकारी कर्मचारी सभी इसके कंट्रोल में आते हैं, लेकिन जितने भी कर्मचारी संगठन हैं इनको कैसे कमजोर किया जाय, कैसे बांटा जाय. इस पर पूरी तरह से सरकार का उद्देश्य एक ही रहता है. जितने भी प्रयोग होते हैं. जैसे कोई दवाई का प्रयोग करना हो तो कोई बंदर, चूहा उस पर परीक्षण किया जाता है, ऐसे ही कर्मचारियों के ऊपर यह प्रयोग भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सिंह जी सरकार कर रही है. जितने भी टेस्ट हैं इन पर किये जाते हैं.
अध्यक्ष महोदय, अब पुरानी पेंशन, बाकी सब चीजें कर रहे हैं, कह रहे हैं कि लाखों करोड़ रुपयों का बजट है, लेकिन पुरानी पेंशन कर्मचारियों को नहीं दे रहे हैं. ओपीएस की डिमांड पूरा कर्मचारी वर्ग कर रहा है, जिदंगी भर काम करते हैं, उनको पेंशन क्यों नहीं मिलेगी? हम विधायकों को मिल रही है, पूर्व विधायकों को मिल रही है, अधिकारियों को मिल रही है तो यह जो कर्मचारी काम करते हैं. 20-30 साल काम करते हैं उनको पेंशन क्यों नहीं मिलेगी? यह हमारी मांग है कि पुरानी पेंशन बहाल की जाय. यह मामला पहले भी यहां पर उठा है.
अध्यक्ष महोदय, दूसरा निगम मंडल अधिकारियों कर्मचारियों को सातवां वेतन उनको अभी तक प्रदाय नहीं किया गया है. राज्य कर्मचारियों को केन्द्रीय तिथि से महंगाई भत्ता देना चाहिए, वह नहीं दिया जा रहा है.
अध्यक्ष महोदय, भत्ता एरियर्स इसके साथ ही पेंशनर्स को केन्द्रीय तिथि से महंगाई भत्ता प्रदाय किया जाना चाहिए वह नहीं दिया जा रहा है.
प्रत्येक विभाग में कार्यरत् संविदा आउटसोर्स, रोज भोपाल शहर के अंदर विधान सभा चले या नहीं चले, यह संविदा कर्मचारी, आउटसोर्स के यह आन्दोलन करते हैं. ये भी 8-8, 12-12 घंटे काम करते हैं तो इनको रेग्युलर क्यों नहीं किया जाय? अतिथि विद्वान, नर्सेस हैं. अध्यक्ष महोदय, नियमितीकरण की मांग लगातार चली आ रही है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है. दूसरा जो पेंशनर्स हैं, जब तक छत्तीसगढ़ से एप्रूवल नहीं हो तब तक उनको भत्ता नहीं मिलता है तो इसमें कोई नियम लेकर आना चाहिए, जिससे यह मामला खत्म हो और मध्यप्रदेश में ही सरकार इसको कर सके.
अध्यक्ष महोदय, यही स्थिति अनुकंपा नियुक्ति की है, बहुत से इनके मामले लंबित पड़े हैं. अधिकारियों कर्मचारियों के अवकाश नगदीकरण की असमानता को समाप्त करना चाहिए. जब आईएएस अधिकारियों, दूसरे अधिकारियों को 300 दिवस का अर्जित अवकाश नगदीकरण का लाभ मिलता है तो बाकी कर्मचारियों को क्यों नहीं?
शासकीय नगर निगम, मंडल यह सब ठेकेदारी समाप्त हो. यह कब तक ठेकेदारी से चलेंगे? पुलिस विभाग के कर्मचारियों की कमलनाथ सरकार ने हफ्ते में एक दिन की छुट्टी रखी थी, वह बंद कर दी. वन रक्षकों को भी पुलिस के समान शस्त्र रखने की पात्रता है, लेकिन पात्रता का आदेश सरकार नहीं निकाल रही है. अध्यक्ष महोदय, आवास नीति जो कर्मचारियों को आवास आवंटित किये जाते हैं. वर्ष 2000 की यह नीति चल रही है, इसमें संशोधन करें. गृह मंत्री जी से भी कहूंगा कि यह वर्ष 2000 की नीति चल रही है. पोर्टल पर जैसे कॉलेज, मेडीकल कॉलेज में एडमिशन के लिए जैसे पोर्टल में जानकारी डलती है, ऐसे कितने मकान खाली हैं, कौन कर्मचारी पात्र है, उनको आवास दिये जाय, उसकी मीटिंग हो. यह कुछ नहीं हो रहा है. जो स्मार्ट सिटी ने मकान बनाए हैं वह 2 साल, 3 साल से पड़े हुए हैं. उनको पजेशन में लें और कर्मचारियों को बांटें. आपने स्मार्ट सिटी में बहुत से सरकारी मकान खत्म कर दिये. दूसरा, एक मामला यह है कि एससी का जाति प्रमाण पत्र किसी को चाहिये तो 50 साल का रिकार्ड चाहिये, वह कहां से 50 साल का रिकार्ड लाएगा. जो यहां पढ़ा है, यहां पैदा हुआ है, उसके पास पांचवीं, दसवीं का सर्टिफिकेट है उसको मिलना चाहिये. यह कई बार पहले भी मैंने उठाया, लेकिन इस बात पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
अध्यक्ष महोदय, कोरोना काल के कोरोना योद्धाओं की सेवा पुन: बहाल की जाए. जब उनसे काम था तब तो उनको ले लिया कोरोना में, फिर उनको बाहर कर दिया. इसके अलावा राज्य के कर्मचारियों के लिये स्वास्थ बीमा लागू किया जाए. जब कमलनाथ जी की सरकार थी तो 4 अप्रैल, 2020 को यह निर्णय सरकार ने लिया था, लेकिन उसके बाद इसको पेंडिंग कर दिया. अभी स्थिति यह है कि प्रथम श्रेणी को 600 रुपये, द्वितीय श्रेणी को 400 रुपये, तृतीय श्रेणी को 200 रुपये और चतुर्थ श्रेणी को 100 रुपये, यह सब चल रहा है, इसमें जो अधिकारी कर्मचारी को मेडिक्लेम की सुविधा प्रदान की जा सकती है वह करनी चाहिये और यह सरकार का एक निर्णय है. दूसरी चीज, यह है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2018 के बाद नियुक्त तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को शासन द्वारा नियुक्त कर्मचारी को पहले साल में मूल वेतन 70 प्रतिशत दिया जाता है, द्वितीय साल में 80 प्रतिशत, फिर 90 प्रतिशत दिया जाता है. यह बाकी लोगों के लिये नहीं है, यह केवल तृतीय और चतुर्थ वर्ग के लिये है, तो जब आपने उनको भर्ती कर लिया है, तो पहले दिन से या पहले महीने से जो तनख्वाह होती है, मानदेय है, वह पूरा मिलना चाहिये लेकिन वह नहीं दिया जा रहा है.
अध्यक्ष महोदय, दूसरा, चार स्तरीय वेतनमान स्वीकृत किया जाना, राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को चार स्तरीय वेतनमान 6-6 वर्ष की सेवा में प्रदान किया जा रहा है. राज्य के चिकित्सकों को भी चार स्तरीय वेतनमान 6-6 वर्ष की सेवा में दिया जा रहा है, जबकि राज्य सिविल सेवा के सीधी भर्ती के पदों पर 10-10 वर्ष की सेवा में तीन स्तरीय वेतनमान स्वीकृत किया जाता है. अत: राज्य सिविल सेवा की सीधी भर्ती के पदों को भी चार स्तरीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किया जाना चाहिये एक ही राज्य में सेवारत् अधिकारियों को अलग-अलग समयावधि में समयमान वेतनमान दिया जाना एक विसंगति है, जिसे दूर किया जाय. जो प्रमोशन के मामले पेंडिंग हैं सुप्रीम कोर्ट में है, वहां पर सुप्रीम कोर्ट में शासन जाए और उसका निराकरण कराये. उसकी वजह से लोगों का प्रमोशन मध्यप्रदेश में सालों साल से रुका हुआ है और डिसीजन नहीं आये तो उनकी सेवावृद्धि बढ़ाई जाए या उनको चार स्तरीय समयमान दिया जाय. उनको जो नुकसान हो रहा है मैं समझता हूं कि इससे वह ठीक होगा.
अध्यक्ष महोदय, इसके अलावा यह जनसंपर्क विभाग, प्रवासी भारतीयों के लिये तो 86 लाख है. अब 86 लाख में होगा क्या ? लेकिन जनसंपर्क में 700 करोड़ रुपये हैं क्योंकि पब्लिसिटी करनी है. जो भी योजनाएं चल रही हैं या नहीं चल रही हैं लेकिन पब्लिसिटी तो उसकी होनी है, इवेंट मैनेजमेंट तो करना है तो उसके लिये 700 करोड़ रुपये हैं. हमारी जब सरकार थी तो पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट हमने तैयार कर लिया था, सरकार चली गई नहीं तो वह आ जाता. पत्रकारों के खिलाफ जगह-जगह बहुत से अपराधी तत्व के लोग हमला करते हैं, तो एक प्रोटेक्शन एक्ट आना चाहिये ना, हम इसकी मांग करते हैं. दूसरा, पत्रकारों की अधिमान्यता के लिये एक समिति बनती है वह बन नहीं रही है. वह बने तो पत्रकारों को अधिमान्यता मिल सके. दूसरा, हमारे संजय यादव जी ने मांग की थी कि 10,000 रुपये की बजाय 20,000 दें, हम कह रहे हैं कि 35,000 रुपये देना चाहिये. पत्रकारों को 60 साल के बाद उनको पैसा इतना तो मिले कि उनकी फैमिली चल सके और उन्होंने जो कहा था कि यह बाकी भी जो चीजें हैं उनके आश्रितों को जब कोई नहीं रहे तो उनके आश्रितों को पूरी की पूरी राशि मिलनी चाहिये. उनके लिये भी प्रावधान होना चाहिये.
अध्यक्ष महोदय, इसके अलावा मैं बात करूंगा महिला बाल विकास विभाग की, यह आंगनबाड़ी, जहां छोटे-छोटे बच्चे रहते हैं, यहां बिजली और पानी के लिये 26 करोड़ आया था अनुपूरक मांगों में, लेकिन उसका पेमेंट नहीं होता है जिससे वहां बिजली चली जाती है और पानी बच्चों को नहीं मिलता है. वहीं पर पोषण आहार के मामले आये थे कि ट्रक की जगह स्कूटर, मोटर साइकिल और जहां पांच लाख का बिजली का बिल आना चाहिये वहां 25,000 रुपये आता है, यह सब लंबे घोटाले इन सब में हुये हैं. जो निर्भया बच्चियों के संस्थान हैं, उनको चार-चार साल से अनुदान नहीं मिला है. मैं एक चीज और कहना चाहूंगा कि यह पीएचई विभाग जो ट्यूबवेल और यह सब ग्रामीण क्षेत्र में करता है जो शहरी क्षेत्र में बहुत से ग्राम आ गये हैं. इसमें भी पानी की और ट्यूबवेल की व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि गांवों का लंबा एरिया होता है. कई गांव शहरी क्षेत्रों में आ गए हैं, यदि इनमें पानी की व्यवस्था हो जाए तो मैं समझता हूँ कि बेहतर होगा.
अध्यक्ष महोदय, विमानन विभाग, जब हम लोगों की सरकार थी, तब हम लोगों ने एक प्लेन खरीदा था, जिसमें कांग्रेस के मुख्यमंत्री तो सफर नहीं कर पाए, लेकिन शिवराज सिंह जी, सबसे पहले वह आया, उसी समय वे उस प्लेन से तिरुपति गए थे. दिक्कत यह है कि जो हेलिकॉप्टर था, उसका बीमा हुआ नहीं, एक्सीडेंट हो गया, उसका जितना भी पैसा है, वह सब चला गया. यदि बीमा होता तो सरकार को पैसा मिलता. वह नुकसान इस विभाग ने किया है. एक बात और, सिंगरौली में हवाई-अड्डा बना है, वह भी हम लोगों ने शुरू किया था. मैं उस समय विमानन मंत्री भी था. यह उस समय की बात है. पक्ष के कोई विधायक जी बोल रहे थे कि वह हमने बनाया. जितने भी इस तरह के काम थे, ये काम कांग्रेस के जमाने में हुए थे. हमारी एक मांग यह भी है कि भोपाल से दुबई के लिए एक इंटरनेशनल फ्लाइट होनी चाहिए. यहां ऑलरेडी उसकी पूरी व्यवस्था है.
अध्यक्ष महोदय -- शर्मा जी, हो गया.
श्री पी.सी. शर्मा -- माननीय अध्यक्ष महोदय, दूसरी बात मैं यह कहना चाहूँगा कि जो बात शैलेन्द्र जैन जी ने की थी कि मेडिकल के लिए जो मुख्यमंत्री जी का स्वेच्छानुदान है, उससे मरीजों को फायदा होता है, लेकिन जब कांग्रेस के विधायक लिखकर देते हैं तो कहा जाता है कि बीजेपी के किसी विधायक से लिखवा कर लाओ. बीमार कहां से बीजेपी या कांग्रेस का हो गया. वह तो बीमार है. उसके लिए चाहे पक्ष का विधायक लिखे या विपक्ष का विधायक चिट्टठी लिखे, यह मानना चाहिए.
अध्यक्ष महोदय, आखरी में एक चीज मैं नर्मदा घाटी विकास विभाग के मामले में यह कहना चाहूँगा कि वर्ष 2024 तक अगर हमने 3.7 एमएएफ पानी का उपयोग नहीं किया तो यह हमारे पास से चला जाएगा. इसको यूज करना चाहिए. इसके अलावा सरदार सरोवर परियोजना से जुड़े मुद्दे हैं, इसकी बैठक नहीं बुलाई जा रही है. यह मामला निपट नहीं रहा है. गुजरात को अपने हिस्से का पूरा पानी मिला, लेकिन मध्यप्रदेश को 1200 मेगावॉट बिजली, जो मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली. 289 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति भी उन्होंने नहीं की है.
अध्यक्ष महोदय, आखरी प्वॉइन्ट, आनंद विभाग के बारे में बड़ी बातें हुईं. आनंद तो तब आएगा, जब बिजली सस्ती कर दोगे. आनंद तो तब आएगा, जब महंगाई कम कर दोगे. रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल के दाम कम कर दोगे. सस्ती बिजली मिले, तब आएगा आनंद. पाण्डे जी, 8 करोड़ रुपये में कुछ नहीं होने वाला है. आनंद आएगा, जब लोगों को सस्ती बिजली मिले और रोजगार मिले. धन्यवाद, जयहिंद, आपने मुझे मौका दिया, इसके लिए मैं आपका आभारी हूँ.
12.38 बजे अध्यक्षीय घोषणा
भोजनावकाश न होने विषयक
अध्यक्ष महोदय -- आज भोजनावकाश नहीं होगा. माननीय सदस्यों के लिए भोजन की व्यवस्था सदन की लॉबी में की गई है. माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि सुविधानुसार भोजन ग्रहण करने का कष्ट करें.
12.39 बजे वर्ष 2023-24 की अनुदानों की मांगों पर मतदान..(क्रमश:)
श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय (इंदौर-3) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, धन्यवाद. मैं मांग संख्या - 55, महिला एवं बाल विकास विभाग, मांग संख्या - 41 प्रवासी भारतीय एवं अन्य मांगों का समर्थन करता हूँ.
माननीय अध्यक्ष महोदय, सर्वप्रथम तो मैं इस सदन में उपस्थित सभी विधायकों को, सभी जनप्रतिनिधियों को बधाई देना चाहता हूँ. जब इस प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी, आज से लगभग 20 वर्ष पहले, तब के लिंगानुपात की यदि हम बात करें तो एक हजार बेटों पर 900 से भी कम बेटियों का जन्म होता था. जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है...
श्री सज्जन सिंह वर्मा -- आकाश, इसमें विधायकों का क्या रोल है यार ?
श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय -- मैं आपको बताता हूँ ना क्या रोल है.
श्री रामेश्वर शर्मा -- लेकिन यार भैया, जब भतीजा बोल रहा है तो बोलने देना चाहिए ना. आपको इतना तो ध्यान रखना चाहिए कि भतीजा है आपका.
श्री दिलीप सिंह परिहार -- बीच में कोई मत बोलो भई.
श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय -- मैं वही बता रहा हूँ कि क्यों लिंगानुपात बढ़ा है. जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है. तब से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, हर मंच से माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा पाठ-पूजन करके कार्यक्रम का शुभारंभ करना. इसके अलावा बलात्कारियों को फांसी जैसी सजा, इस बात से, इन सब कामों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जब यह सब काम किए, तो हम सब के लिए खुशी और गौरव की बात है कि आज ये लिंगानुपात 1 हजार बेटों पर लगभग 960 बेटियों तक पहुंच गया है, यह हम सब के लिये बहुत-बहुत बधाई की बात है.(मेजों की थपथपाहट)
माननीय अध्यक्ष महोदय, अब तो लाड़ली बहना योजना आ रही है. मुझे पूरा विश्वास है कि हम सब मिलकर यदि एक-एक बहन तक इस योजना का लाभ पहुंचाएंगे तो नारी सशक्तिकरण इस प्रकार होगा, नारी का सम्मान इस तरह बढे़गा कि अब यह जो रेश्यों है, यह 1 हजार बेटों पर लगभग 1 हजार बेटियां भारतीय जनता पार्टी की सरकार पहुंचाएगी, ऐसा मेरा विश्वास है.
अध्यक्ष महोदय, मैं दूसरी बात प्रवासी भारतीय सम्मेलन पर करना चाहता हॅूं. प्रवासी भारतीय सम्मेलन इंदौर में हुआ. इसमें 3 देशों के राष्ट्रपति सहित 70 देशों से 3500 प्रवासी भारतीय आए थे.
12.42 बजे हास-परिहास
डॉ.नरोत्तम मिश्र -- डॉ.गोविन्द सिंह जी, आपकी कुर्सी आगे है. अपनी कुर्सी पर तो बैठो. कुर्सी आगे है. उमर हावी हो रही है. आओ आगे...(हंसी)
श्री यशपाल सिंह सिसौदिया -- अभी भी पीछे ही हैं...(हंसी)
श्री सोहनलाल बाल्मीक -- जबरदस्ती क्यों परेशान करते हो. यह दोस्ती-यारी बाहर निभाया करो..(हंसी)
डॉ.नरोत्तम मिश्र -- तुम क्या जानो दोस्ती को. हर जगह होती है दोस्ती. आरिफ भाई से पूछो.(हंसी)
श्री कुणाल चौधरी -- अध्यक्ष महोदय, डेंटिंग-पेंटिंग ऐसी करानी पडे़गी. आपके साथ लेकर जाया करो साहब को, फिर देखो आप. आप अकेले-अकेले चले जाते हो...(हंसी)
श्री सज्जन सिंह वर्मा -- नरोत्तम भाई, बड़ी मुश्किल से कुर्सी मिली है, काहे छोड़ रहे हो...(हंसी)
डॉ.नरोत्तम मिश्र -- कुणाल भाई, जब जितु तुझे साथ लेकर नहीं गया, तुम अकेले रह गए..(हंसी)
श्री कुणाल चौधरी -- नहीं, नहीं. आप अकेले छोड़ जाते हो, इसका मतलब ऐसा है..(हंसी)..
श्री अजय विश्नोई -- अध्यक्ष महोदय, सज्जन सिंह जी चाहते हैं कि अगले 5 साल में भी वे वहीं पर बैठें. बिल्कुल, मुबारक हो, हम लोगों की तरफ से शुभकामनाएं...(हंसी)..
अध्यक्ष महोदय -- आकाश जी को बोलने दीजिए. बीच में टोका-टाकी ना करें.
श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय -- माननीय अध्यक्ष महोदय, हाल ही में इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन 8-9-10 जनवरी 2023 को हुआ था, जिसमें 3 देशों के राष्ट्रपति सहित 70 देशों से 3500 प्रवासी भारतीय आए थे. यह संख्या सबसे ज्यादा है. सर्वप्रथम तो मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को बधाई देता हॅूं कि उन्होंने मुझे पर्सनल इन्विटेशन दिया था, उसके लिए उन्हें और इस सदन के सदस्यों को बधाई देता हॅूं. प्रवासी भारतीय सम्मेलन का जो मूल उद्देश्य होता है, वह दुनिया में बसे हुये भारतीयों को यह बताना कि भारत में क्या चल रहा है, भारत की संस्कृति क्या है, भारत के संस्कार क्या हैं, इससे परिचय कराना होता है और हमारे भारत का विकास कैसा हो रहा है, यह दिखाना होता है. विकास कैसा होता है यह दिखाने के लिये केन्द्र सरकार ने, माननीय प्रधानमंत्री जी ने प्रवासी भारतीयों को इंदौर भेजा. यह न सिर्फ मेरे लिए, न सिर्फ इंदौर वासियों के लिये, बल्कि यह पूरे प्रदेश के लिये गौरव की बात है. आज इंदौर पूरे देश का आईना बना है, जिसे केन्द्र सरकार दिखाना चाह रही है कि यदि आप भारत का विकास देखना चाहते हैं तो इंदौर जाकर देखिए कि इंदौर में क्या हो रहा है.
अध्यक्ष महोदय, स्वच्छता में तो हम नंबर वन हैं ही. हम वॉटर प्लस सिटी बने हैं. इसके अलावा एक कान्ह नदी वहां से बहा करती थी, जो कई वर्षों पहले नाले के रूप में आ गई थी. भारतीय जनता पार्टी की सत्ता ने उस कान्ह नदी को पुन: कान नदी का रूप दे दिया है, जो इंदौर के बीचोंबीच से बहती है.
अध्यक्ष महोदय, मेट्रो आ ही रही है. अभी मैं कुछ समय पहले पुणे गया था. उसके पहले मैं तमिलनाडु गया. मैंने तमिलनाडु में भी 5 साल पढ़ाई की है. मैं जब वहां जाता था, तब ऐसा लगता था कि हमारा मध्यप्रदेश बहुत पीछे है, तमिलनाडु आगे है. मैं साल भर पहले वहां पर गया, लेकिन वह वैसा के वैसा ही है. बिल्कुल जैसे आज से 15-20 साल पहले था. अभी मैं पुणे गया था. मेरा छोटा भाई वहां पढ़ता था. आज से 10 साल पहले वहां ऐसा लगता था कि पुणे कितना आगे है लेकिन अगर आज जाओ, तो ऐसा लगता है कि इंदौर और मध्यप्रदेश की चमक के आगे अब पुणे भी फीका हो गया है तो जैसा कि कल कांग्रेस के हमारे कुछ साथी कह रहे थे कि मध्यप्रदेश में विकास नहीं हुआ है, यह असत्य बातें कर रहे हैं. मैं सम्मान के साथ, दावे से कह सकता हॅूं कि आप लोग पूरे देश में घूमें, आपको भी समझ में आ जाएगा कि मध्यप्रदेश में कितना विकास हो रहा है और मैं उसके लिए पूरे सदन को बधाई देता हॅूं..(मेजों की थपथपाहट) माननीय मुख्यमंत्री जी और हर जनप्रतिनिधि के दिल में विकास की जो तड़प है, उसका परिणाम है कि आज मध्यप्रदेश बहुत तेजी से विकास कर रहा है. मैं उसके लिए एक बार पुन: सबको बधाई देता हॅूं..(मेजों की थपथपाहट) प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान हमने अतिथियों का स्वागत तो किया ही, पूरे शहर को दुल्हन की तरह हमने सजाया था. उसके अलावा हैरिटेज वॉक के माध्यम से उन्हें हमारे इतिहास से, हमारे कल्चर से भी परिचित कराया. एयरपोर्ट पर उनके लिए विशेष रिसीविंग की और स्वागत की व्यवस्था तो हमने की ही थी, वहाँ पर, जहाँ पर, वे लोग रुके हुए थे, वहाँ पर हमारे प्रदेश के साथ साथ, देश भर के सांस्कृतिक कलाकारों के और भोजन में भी पूरे देश के अलग अलग प्रकार के व्यंजन लगाकर हमने अपने देश को उन्हें बताने का प्रयास किया.
माननीय अध्यक्ष महोदय, एक बहुत ही अनूठा प्रयोग इन्दौर में हुआ था, “पधारो म्हारा घर” इसमें हमने लोगों से निवेदन किया कि आप लोग होस्ट बनें, मुझे बताते हुए खुशी है कि लगभग 50 परिवार ऐसे निकल कर आए, जिन्होंने कहा कि हम अपने घर पर रोकेंगे. उन्होंने ही रुकवाया, उन्होंने ही खाने-पीने, लाने-जे-जाने की व्यवस्था की. यह हमारे मध्यप्रदेश ने एक बहुत अच्छा उदाहरण पेश किया. इसके अलावा हमने प्रवासी भारतीयों के लिए, महाकाल मंदिर, ओंकारेश्वर, जैसे पैकेजेस बनाए थे, उन्हें दर्शन करवाए. सिटीजन कॉप ऐप के माध्यम से उनकी सुरक्षा की चिन्ता की. इसके अलावा हर होटल में एक योग प्रशिक्षक लगा करके योग के भी अलग अलग प्रकारों से हमारे प्रवासी भारतीयों का हमने परिचय कराया और इन सबकी स्मृति उन लोगों के साथ रहे इसके लिए एक ग्लोबल गार्डन बनाया, जिसमें उन्होंने अपने पूर्वजों की याद में, अपनी स्मृति के लिए, पेड़ लगाए, जिसका वे ऑन लाइन भी ट्रैकिंग कर सकते हैं, एक ऐप भी बनाई है उसकी ट्रैकिंग के लिए. इस तरह से यह आयोजन बहुत सफल रहा था.
अध्यक्ष महोदय, यहाँ पर एक खुशी की बात और है. जैसा कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन भारत का परिचय देने के लिए होता है. मगर माननीय मुख्यमंत्री जी ने और इस सदन के नेताओं ने, बहुत ही होशियारी से उस कार्यक्रम को एक इन्वेस्टर समिट के रूप में भी परिवर्तित कर दिया. जो 3 दिन प्रवासी भारतीय रहे थे, इन लोगों ने वहाँ पर अलग अलग कंपनीज़ को बुलाकर उनके स्टॉल्स लगवाए. उन्हें पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया का दौरा करवाया. इसका परिणाम यह हुआ अध्यक्ष महोदय, कि जो 11 और 12 को इन्वेस्टर्स समिट हुई, कई सारे प्रवासी भारतीय उस समिट में रुके. उस समिट में माननीय प्रधानमंत्री जी स्वयं आए. उसमें हमारी राष्ट्रपति महोदया स्वयं आईं. कई सारे केन्द्रीय मंत्री आए और उन्होंने नये भारत की तस्वीर हमारे प्रवासी भारतीयों के सामने, हमारे इन्वेस्टर्स के सामने, रखी. उन्होंने बताया कि किस प्रकार जब से हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी बने हैं तब, उसके पहले इस देश में 6 किलोमीटर सड़क प्रति दिन बनती थी. आज केन्द्र सरकार के द्वारा पूरे देश मे 46 किलोमीटर सड़क प्रति दिन बन रही है. यह एक बहुत बड़ा परिवर्तन देश में है. यह बताता है कि हमारा देश कितनी तेजी से विकास कर रहा है. जहाँ 4-4, 6-6 घंटे तक बिजली काटी जाती थी. कई गाँवों में तो बिजली ही नहीं पहुँची थी. आज हर गाँव में बिजली पहुँची भी है और लगभग हर जगह, गाँव तो गाँव, मजरे-टोलों में भी, 24-24 घंटे बिजली दी जा रही है. यह नये भारत की तस्वीर हमारे मंत्रियों ने आकर उनके सामने प्रस्तुत की. इसके अलावा अध्यक्ष महोदय, उन्होंने बताया कि इन सबकी वजह से आज शिक्षक स्कूल्स में पहुँच पा रहे हैं क्योंकि पहले सड़क बिजली की व्यवस्था नहीं होती थी, तो शिक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं पहुँच पाते थे. बच्चे स्कूल ही नहीं जाते थे क्योंकि शिक्षक ही नहीं आते थे तो बच्चे जाकर क्या करेंगे. इस वजह से, इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से, बच्चे स्कूल जाने लगे. डॉक्टर्स अस्पतालों में जाने लगे, माननीय उन्हें यह बताया गया.
अध्यक्ष महोदय, उसके अलावा जब एक हमारे काँग्रेस के वरिष्ठ नेता थे उन्होंने एक बयान दिया था कि मैं एक रुपया भेजता हूँ तो 10 पैसे ही नीचे पहुँचता है बाकी भ्रष्टाचार में खत्म हो जाता है. इसके जवाब में हमारी सरकारों ने जनधन खाते के माध्यम से बैंक के खाते खोलकर डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर का एक सिस्टम लाया. अध्यक्ष महोदय, मुझे बताते हुए खुशी है कि अब एक रुपया जब सरकार नीचे भेजती है तो सीधा एक रुपया ही हितग्राही के खाते में पहुँचता है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नये भारत में यह काम किया है.
अध्यक्ष महोदय, इसके अलावा जीएसटी जैसे नियम लाकर के सरकार की आय बढ़ाई है. अध्यक्ष महोदय, उज्ज्वला योजना में 8 से 10 करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला गैस की व्यवस्था, ढाई से तीन करोड़ लोगों को पीएम आवास की व्यवस्था और कई देशों की तो जनसंख्या भी इतनी नहीं है. हमारे देश में माननीय नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में और शिवराज जी के नेतृत्व में प्रदेश में चल रहा है कि 130 करोड़ लोगों में से 80 करोड़ लोगों तक हर महीने राशन पहुंच रहा है. यह हमारी सरकार की बड़ी उपलब्धि है. हम सब जानते हैं कोविड के दौरान भारत में क्या काम हुआ है. 220 करोड़ वैक्सीन लगाए गए और तो और एक्सपोर्ट भी किए गए. जब इस नए भारत की उन्होंने जब वहां पर परिभाषा दी, सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बताया तो मुझे बताते हुए खुशी है कि यह प्रवासी भारतीय समेट इनवेस्टर्स भी हमारे प्रदेश में रुके और उन्होंने 15 लाख करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए हैं. यह हम सब के लिए बहुत गौरव की बात है, हम सब के लिए बहुत खुशी की बात है.
अध्यक्ष महोदय, लिंगानुपात बढ़ाने के उद्देश्य से 1500 करोड़ रुपए की मांग की गई है. जो एमओयू प्रवासी भारतीय ने साइन किए हैं इनके फॉलो-अप के लिए लगभग 1 करोड़ रुपए प्रवासी भारतीय विभाग को दिया गया है. मैं इसकी मांग का समर्थन करते हुए एक बार पुन: जो विकास की गंगा हमारे प्रदेश में बह रही है उसके लिए सभी को बधाई देते हुए. आपका धन्यवाद करते हुए अपनी वाणी को विराम देता हूँ. बहुत-बहुत धन्यवाद.
अध्यक्ष महोदय -- आकाश विजयवर्गीय पहली बार के विधायक हैं उम्र भी बहुत कम है जिस तरह से उन्होंने अपनी भावना का प्रस्तुतिकरण किया. मैं समझता हूँ कि हमारे यहां जो वरिष्ठ विधायक हैं उनको आशीर्वाद देने की आवश्यकता है और बाकी जो साथी हैं उन्हें बधाई देने की आवश्यकता है.
श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय -- माननीय अध्यक्ष महोदय, बहुत-बहुत धन्यवाद.
श्री दिलीप सिंह परिहार -- आकाश जी आपको बहुत-बहुत बधाई.
श्रीमती कल्पना वर्मा (रैगांव) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मांगों का विरोध करने और कटौती प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए खड़ी हुई हूँ. सरकार ने विगत वर्ष के बजट की तुलना में इस वर्ष का बजट कम कर दिया है. माननीय अध्यक्ष महोदय, ऐसा लगता है कि सरकार ने ऐसा मान लिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या बिलकुल भी नहीं है जबकि अभी मार्च का महीना चल रहा है. कई जगह स्थितियां ऐसी हैं जहां अभी से 5 से 10 किलोमीटर दूर लोगों को पानी लेने जाना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या अभी से बहुत ज्यादा गहराने लगी है. वर्ष 2023-2024 में सरकार ने बजट में किस आधार पर कटौती की है. सरकार कहती है कि देश आगे बढ़ रहा है, हमारे प्रदेश में विकास हो रहा है. क्या यही विकास है कि गरीब लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है. प्रतिदिन आदमी बढ़ते क्रम में बढ़ रहा है और सरकार घटते क्रम में घट रही है. मेरी मांग है कि ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति कार्यक्रम में कटौती न कर राशि को वर्ष 2022-2023 की तुलना में बढ़ाया जाए. आज पूरे प्रदेश में नल जल योजना के तहत सड़कों को खोद दिया गया है लेकिन दोबारा से उसे रिपेयर नहीं किया गया है. आज भी ग्रामों के लिए जो नल जल योजना बनाई गई है वह कहने को तो नल जल योजना है पर उन नलों को चलाएं तो उनसे पानी नहीं केवल हवा निकलती है. आज पूरे प्रदेश में पानी का बहुत ज्यादा संकट है. अभी बरगी नहर की बात भी आई थी इसका काम कम से कम 15 सालों से चल रहा है आज तक उसका काम पूरा नहीं हो पाया है. वर्ष 2008 से उस पर काम चालू हुआ था 15 साल में महज 8 किलोमीटर टनल का ही काम पूरा हो पाया है.
अध्यक्ष महोदय, मैं आपकी अनुमति से सरकार से पूछना चाहती हूँ अभी जो 3 किलोमीटर की टनल बची हुई है उसमें भी क्या 10 से 15 वर्ष का समय लग जाएगा. आज हमारे यहां जो पानी की स्थिति है उसी तरह पूरे प्रदेश में बहुत ही ज्यादा समस्या है. जिससे हम लोगों को निजा़त मिल सके उसके लिए भी हमारी सरकार को कुछ न कुछ सोचना चाहिए. चूंकि पानी की समस्या सबसे बड़ी समस्या है.
"रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून.
पानी गए न ऊबरे, मोती मानुष चून"
यदि पानी नहीं है तो कुछ भी नहीं है. पानी है तो सब कुछ है. एक बार खाना खाये बिना काम चल सकता है, लेकिन पानी पिये बिना किसी का काम नहीं चलता है. मैं सरकार से मांग करना चाहती हूं कि पानी के लिए बजट बढ़ाया जाए. बहुत से क्षेत्रों में पानी की समस्या है. कई सारे क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर न ही हैण्डपम्प हैं, न ही नल जल योजना है और न ही किसी भी तरीके से कोई प्रावधान रखा गया है. बहुत सारी जगह ऐसी भी हैं जहां वॉटर लेवल बिलकुल भी नहीं है उनके लिए सरकार क्या सोच रही है यही भी बताया जाए, इसको भी प्रावधान में रखा जाए.
अध्यक्ष महोदय, आपने मुझे बोलने का अवसर दिया इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद और आप हमेशा मेरा उत्साहवर्द्धन करते हैं उसके लिए भी मैं आपको धन्यवाद कहना चाहती हूं.
श्री जालम सिंह पटेल (नरसिंहपुर)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 1, 2, 20, 32, 41, 45, 48, 55, एवं 57 के समर्थन में अपनी बात रखना चाहता हूं. सामान्य प्रशासन की बात करें, नर्मदा घाटी विकास की बात करें, महिला बाल विकास की बात करें, आनंदम की बात करें प्रत्येक क्षेत्र में आदरणीय शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में हमारी सरकार लगातार विकास के अनेक कीर्तिमान स्थापित कर रही है. अगर हम नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की बात करें तो प्रदेश में सिंचाई के माध्यम से हमनें किसानों का उत्पादन बढ़ाने का काम भी किया है और उससे लोगों को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है. निर्माण कार्य के माध्यम से बहुत सारे पूंजीगत व्यय हो रहे हैं उससे भी लोगों को रोजगार प्राप्त होता है. नर्मदा जल विवाद अभिकरण की बात करें तो इसमें हमको अभी तक 18.25 एमएएफ नर्मदा जल जो प्राप्त हुआ है उसमें हमने अनेक कार्य योजना बनाने का काम किया है. जो हमको जल की हिस्सेदारी प्राप्त हुई है इसके माध्यम से 59 परियोजनाएं जो विभिन्न चरणों में किये गये हैं.
12.58 बजे {सभापति महोदय (श्री हरिशंकर खटीक) पीठासीन हुए.}
सभापति महोदय, इसी प्रकार से प्रदेश के मुखिया आदरणीय श्री शिवराज सिंह चौहान जी जब से प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. वर्ष 2005-2006 के बाद अगर हम बात करें तो इसमें 9 परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं और यदि हम विगत तीन वर्षों की बात करें तो इसमें 5 हजार 272.72 करोड़ रुपए से हमने 13 परियोजनाओं के कार्य पूर्ण किए हैं. इसमें जो हमारी पूर्ण और निर्माणाधीन परियोजनाएं हैं इसमें हम लगभग-लगभग 6 लाख 44 हजार हेक्टेयर की सिंचाई सुविधा उपलब्ध करा चुके हैं और हमने वह किसानों को समर्पित की है. इससे सिंचाई बढ़ रही है और लगातार उत्पादन बढ़ रहा है. हमारी ऐसी 37 परियोजनाओं के कार्य हैं जिनमें लगभग 17 लाख 66 हजार हेक्टेयर की सिंचाई उपलब्ध हो सकेगी. इस कार्य योजना के माध्यम से हम लगातार उसमें काम कर रहे हैं. इसी प्रकार से एन.डब्ल्यू.डी.टी. अवॉर्ड के माध्यम से हमने 27 लाख हेक्टेयर की सिंचाई का लक्ष्य रखा है और इसके माध्यम से लगातार काम किया जा रहा है. विभाग द्वारा प्रेशराइज्ड पाइप के माध्यम से लगभग 39 लाख हेक्टेयर सिंचाई की कार्ययोजना हमने तैयार की है और उसके माध्यम से हम सभी ने देखा है कि लभगभ 9 परियोजनायें इसके लिए स्वीकृत की गई हैं और मेरे जिले में भी 3 परियोजनायें हैं. इन परियोजनाओं के माध्यम से जैसी हमने कार्य योजना बनाई है लगभग राशि 18 हजार 1 सौ 28 करोड़ रुपये से, 9 परियोजनायें नर्मदा में चिनकी उद्वहन सिंचाई योजना है, इसमें बैराज बोरास और चिनकी में बनाए जा रहे हैं, 58 हजार करोड़ रुपये से इसे स्वीकृत किया गया है. दुधी परियोजना है, शक्कर-पेंच परियोजना है, जिसमें 38 हजार करोड़ रुपये की राशि से इसका टेंडर हो गया है. डोबी है, बसानिया है, राघवपुर है, कुक्षी है, झिरन्या है, हांडिया है और इन परियोजनाओं के माध्यम से 3 लाख 81 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी. इसी प्रकार वर्ष 2023-24 में कुल 12 परियोजनायें पूर्ण करने का लक्ष्य है, जिसकी लागत लगभग 5 हजार 6 सौ 77.68 करोड़ रुपये की राशि है. इसमें 1 लाख 91 हजार 3 सौ 75 हेक्टेयर की सिंचाई होने वाली है.
सभापति महोदय, इसके पूर्व जो हमारा मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण आया था, इसमें जो सिंचाई सुविधा में उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है. मध्प्रदेश में सिंचाई क्षमता में 558 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. हमारी 7 लाख 68 हजार हेक्टेयर वर्ष 2003 में जो सिंचाई क्षमता थी, वह बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा हो गई है, यह वर्ष 2022 तक का आंकड़ा है. इसे बढ़ाकर वर्ष 2025 में 65 लाख हेक्टेयर में सिंचाई करने का लक्ष्य, हमारी सरकार ने रखा है. इस दिशा में लगातार हमारी सरकार काम कर रही है. उसके पहले की यदि हम बात करें तो पहले भी सरकारें रही हैं लेकिन पहले सिंचाई के क्षेत्र में ज्यादा काम नहीं हुए, जिसके दुष्परिणाम भी हमने देखे हैं. किसान परेशान रहता था, मध्यप्रदेश में रोजगार की समस्या हुआ करती थी. आज लगातार इस क्षेत्र में हम काम कर रहे हैं.
सभापति महोदय, इसी प्रकार से विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 में 6 हजार 7 सौ 98.12 करोड़ रुपये का अनुपूरक एवं पुनर्विनियोजन सहित के बजट प्रावधान के विरूद्ध फरवरी 2023 तक 5 हजार 1 सौ 61 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है और इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि वर्ष 2022-23 में विभिन्न परियोजनाओं में 5 हजार 5 सौ 1.52 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है. इसी प्रकार अगर हम वित्तीय वर्ष 2023 की बात करें तो राजस्व मद में लगभग 234 करोड़ 90 लाख 95 हजार रुपये तथा पूंजीगत मद में 3 हजार 6 सौ 30 करोड़ 92 लाख 25 हजार इस प्रकार कुल 3 हजार 8 सौ 65 करोड़ 83 लाख 20 हजार रुपये का बजट प्रावधान हमारी सरकार ने किया है.
सभापति महोदय, मैं, आप सभी से निवेदन करना चाहता हूं कि हम लगातार खर्च कर रहे हैं और इसके परिणाम हम सभी ने देखे हैं. हमारे जिले में रानी अवंति बाई नहर परियोजना में, जो बरगी बांध है, उससे हमारे यहां पानी आता है. एक नहर है, एक बड़ी कैनाल है, एक छोटी कैनाल भी है. अगर हम बांध की बात करें तो जो बांध है, वह बहुत पुरानी तकनीक से बना है. उसमें जितनी जल-राशि भरनी चाहिए, उसमें कमी आ रही है. दूसरी तरफ हमारी नहर भी सतना की ओर जा रही है, टनल में भी काम चल रहा है. मेरा ऐसा मानना है कि भविष्य में वहां तक पानी जायेगा तो पानी में कमी आयेगी. अभी नरसिंहपुर, जबलपुर में बायीं तट है, उसमें पानी आता है. मेरा मानना है कि बरगी बांध में सिल्ट जम गई है, उसमें रेत-मिट्टी जम गई है. मेरा मंत्री जी से निवेदन है कि वे इस पर जरूर विचार करें कि यदि सिल्ट निकलेगी, बड़ा बांध है तो उसके माध्यम से पानी में कमी आई है, यदि हम सिल्ट निकालने का काम करेंगे तो जल-भराव में वृद्धि होगी. जैसे ओंकारेश्वर बांध में, बैक वॉटर है, उसमें सोलर-सिस्टम के माध्यम से बिजली पैदा की जा रही है. बरगी बांध में भी पैदा की जा सकती है. मेरा मंत्री जी से निवेदन है कि वह बहुत बड़ा क्षेत्र है वहां यदि हम यह काम करेंगे तो वहां भी बिजली का उत्पादन बढ़ेगा. पूरा जंगल का क्षेत्र लगभग 80 किलोमीटर दूर तक मण्डला तक जाता है, सिवनी के क्षेत्र में भी जाता है. इस क्षेत्र में भी यदि हम काम करेंगे, तो उसका लाभ मिलेगा.
1.05 बजे
{ अध्यक्ष महोदय (श्री गिरीश गौतम) पीठासीन हुए.}
श्री जालम सिंह पटेल:- इसी प्रकार से जैसे हमारी बायीं तट नहर है, दोनों तरफ की जो मेड़ होती, एक तरफ तो डब्ल्यूबीएम तो बनी है, अगर उसमें डामर की सड़क बनेगी तो मैं समझता हूं कि आवागमन के लिये बहुत सुविधा होगी और जबलपुर जिले में भी है, नरसिंहपुर जिले में भी है, उसकी छोटी-छोटी कैनालें भी हैं. उस क्षेत्र में भी हम सबको काम करना चाहिये. मैं मंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूं कि चाहे छोटी नहर हो या बड़ी नहर हो, एक तट पर यदि हम कनकी और डामर कराते हैं तो किसानों के लिये भी आने-जाने का भी रास्ता बनेगा, गांव के लिये भी बनेगा और सीधी नहरें बनी हैं और मजबूत नहरें बनी हैं, उस क्षेत्र में भी आप काम करें, ऐसा मैं निवेदन करता हूं.
अध्यक्ष महोदय, हमारे यहां जो शेर और माझा नदी हमारे नरसिंहपुर जिले में है, उसमें भी चार डेम बनाये जा रहे हैं. उसमें सिवनी, छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर के जो हमारे किसान हैं, उनको लाभ मिलेगा, पाईप से उनमें सिंचाई होगी और हमारी जो चिनकी उद्वहन सिंचाई योजना है उसमें 30 मेगावाट बिजली बनेगी. मैं मानता हूं कि उसमें जो हमारी जमीन है, उसमें से जो जमीन डूब में चल रही है, उसमें हमारी लगभग 119 हेक्टेयर जमीन हमारी डूब में आ रही है और उस डैम से वह बैराज बना है. पहले कांग्रेस के समय वह डेम बना था और फिर उस समय हम सब लोगों ने उसका विरोध किया और जो चिनकी उद्वहन सिंचाई योजना है. चाहे हम बौरास की बात करें, चाहे हमारे नरसिंहपुर में चिनकी की बात करें. एक तो इसमें जो बैराज बन रहा है और इसमें जो जमीन डूब रही है, वह एशिया की सबसे उपजाऊ जमीन है. नर्मदा जी के किनारे में भी जो जमीन है उसका भी अच्छा उत्पादन है. वहां के किसानों की एक मांग है कि अभी जो मुआवजा दोगुना दिया जा रहा है, वह तीन-चार गुना मिले, ऐसा मैं माननीय मंत्री जी से निवेदन करता हूं. इसी प्रकार से अगर हम सामान्य प्रशासन विभाग की बात करें, अगर हम सुशासन की बात करें या हमारी ई-गवर्नेंस की बात करें तो ई-गवर्नेंस के माध्यम से लोक सेवा गारंटी अधिनियम भी अच्छा काम कर रहा है. माननीय अध्यक्ष जी आपने बोलने का समय दिया, आपको बहुत बहुत धन्यवाद.
संसदीय कार्य मंत्री( डॉ.नरोत्तम मिश्र):- माननीय अध्यक्ष महोदय, सम्मानित नेता प्रतिपक्ष जी और हमारी चर्चा हुई थी. सदन को निरन्तर आगे भी चलाने का तय परस्पर बातचीत में हमने किया है. आज शुक्रवार का अशासकीय कार्य का दिन होता है. समय 1.00 बजे से ऊपर भी हो गया है. हमारी यह चर्चा आने वाले दिनों में विभागों पर हो जायेगी. आप आज अशासकीय कार्य ले लें और आगे बढ़ें.
नेता प्रतिपक्ष(डॉ. गोविन्द सिंह):- मैं सहमत हूं.
अध्यक्ष महोदय:- यह विभाग में जो चर्चा हुई है उसको पास कर देते हैं. इसके बाद अशासकीय कार्य ले लेंगे.
डॉ. नरोत्तम मिश्र:- जैसी अध्यक्ष जी आपकी इच्छा हो. हमने अपनी बात कह दी है.
श्री सुखदेव पांसे:- ऐसे, कैसे पास कर दें. हमारा भी नाम है.
अध्यक्ष महोदय:- आपको दूसरे विभाग की चर्चा में अवसर देंगे.
श्री सुखदेव पांसे:- नहीं, दूसरे विभाग पर नहीं बोलना है, पीएचई विभाग पर बोलना है.
अध्यक्ष महोदय:- नहीं, ऐसा मत करो, जब पास हो ही रहा है तो होने दें.
श्री नारायण सिंह पट्टा:- मेरा भी नाम था. मैं सक्षिप्त में अपनी बात कहूंगा.
श्री सुखदेव पांसे:- नहीं, मैं तो इसी विभाग में बोलूंगा. ऐसे कैसे पास कर दें.
अध्यक्ष महोदय:- कोई जरूरी थोड़े ही है कि इसी विभाग पर बोलना है.
श्री सुखदेव पांसे:- नहीं, इसी विभाग पर बोलेंगे.
श्री बहादुर सिंह चौहान:- अध्यक्ष महोदय, अभी यह मांगें पास कर दें, उसके बाद अशासकीय संकल्प ले लें. अभी यह चल ही रहा है इसको पास ही कर दें.
श्री सुखदेव पांसे:- इसी विभाग पर बोलेंगे, अभी इसको पास नहीं करें. इसको पास कर देंगे तो फिर कैसे बोलेंगे.
श्री यशपाल सिंह सिसौदिया:- सुखदेव जी, आप नेता प्रतिपक्ष जी को बोलने दो. उनका विचार तो आ जाये.
अध्यक्ष महोदय:- जब इसको पास करेंगे तभी तो अशासकीय संकल्प पर आयेंगे.
श्री सुखदेव पांसे:- नहीं, यह कोई बात थोड़े ही हुई.
अध्यक्ष महोदय:- इस विषय को फिर लेना पड़ेगा. संसदीय कार्य मंत्री जी.
डॉ. गोविन्द सिंह:- माननीय अध्यक्ष जी, अभी इस विभाग पर चर्चा चल रही है. आज अभी संकल्प पारित हो जायें. संकल्प पारित होने के बाद यह तय हुआ है कि अधिकांश लोगों को जाना है, संकल्प के बाद. बाकि सोमवार को इस विषय पर चर्चा जारी रखें.
श्री संजय यादव--अध्यक्ष महोदय,
अध्यक्ष महोदय--कह दिया है ना लिया जायेगा.
श्री संजय यादव--मेरा तो गायब है वह कहां से आयेगा. अहीर रेसीमेंट का--
अध्यक्ष महोदय-- विवाद मत करिये. हर बात में विवाद करने की आवश्यकता नहीं है.
1.10 बजे अध्यक्षीय घोषणा
अध्यक्ष महोदय--बाकी विभागों पर चर्चा जारी रहेगी. जो रह गये हैं उस पर चर्चा जारी रखेंगे. सदन की सहमति के अनुसार अब अशासकीय संकल्प लिये जायेंगे. श्री विक्रम सिंह
1.11 बजे अशासकीय संकल्प
(1) सतना जिले के रामपुर बघेलान विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत बगहाई रोड रेल्वे स्टेशन का नाम परिवर्तित कर रामपुर बघेलान रोड किया जाना.
श्री विक्रम सिंह--अध्यक्ष महोदय, मैं यह संकल्प प्रस्तुत करता हूं कि यह सदन केन्द्र शासन से अनुरोध करता है कि सतना जिले के रामपुर बघेलान विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बगहाई रोड़ रेल्वे स्टेशन का नाम परिवर्तित कर रामपुर बघेलान किया जाये.
अध्यक्ष महोदय--संकल्प प्रस्तुत हुआ. श्री विक्रम सिंह जी.
श्री विक्रम सिंह--अध्यक्ष महोदय, अशासकीय संकल्प के माध्यम से आपने मुझे अपने क्षेत्र की समस्या का समाधान कराने हेतु बात रखने का मौका दिया, इसके लिये मैं अपनी ओर व क्षेत्रवासियों की ओर से आपके व सदन के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं. ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना के अंतर्गत सतना रीवा रेलखण्ड के बीचों बीच मेरे विधान सभा क्षेत्र जिसका मुख्यालय रामपुर बघेलान है, जो तहसील व जनपद मुख्यालय के साथ-साथ नगर परिषद् क्षेत्र भी है. मेरे क्षेत्र के लोगों को दिल्ली, भोपाल, बिलासपुर, राजकोट रेल्वे स्टेशन के रूप में सतना अथवा रीवा से रेलयात्री के रूप में सफर करना पड़ता है. सन् 1980-81 से सतना रीवा रेलखण्ड का कार्य प्रारंभ हुआ जिसे माननीय मोदी जी ने ललितपुर से सिंगरौली बढ़ाकर इस परियोजना को मूर्त रूप देने का काम किया है. आदरणीय मोदी जी व रेलमंत्री जी को मैं बधाई देना चाहूंगा कि वर्षों से लंबित इस परियोजना को गति देने का उनके द्वारा जो पुनीत कार्य किया गया है, इसे समूचे विन्ध्य व बुंदेलखण्ड के लोगों को रेल सुविधाओं का लाभ मिलेगा. विन्ध्य प्रदेश के रीवा, सतना, पन्ना, छतरपुर, सीधी, सिंगरौली आजि जिले भी सीधे रेल सेवा से जुड़ेंगे और इस क्षेत्र को रेल यात्रा की सुविधा मिलेगी, वहीं इस क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा. आप भी विन्ध्य क्षेत्र से आते हैं, विन्ध्य क्षेत्र की मेरी विधान सभा क्षेत्र रामपुर बघेलान की भौगोलिक स्थिति से आप भली भांति परिचित हैं. सतना रीवा रेल खण्ड के बीचों बीच रामपुर बघेलान स्थित होने के बावजूद रेल सुविधाओं से वंचित है. रीवा से भोपाल, रीवा से बिलासपुर, रीवा से नागपुर, रीवा से इन्दौर, रीवा से राजकोट, रीवा से नई-दिल्ली आदि के लिये यात्री ट्रेने आती जारी हैं, रामपुर बघेलान क्षेत्र के हजारों यात्री प्रतिदिन इन सभी ट्रेनों में यात्रा करने हेतु रीवा अथवा सतना से बोर्डिंग करते हैं. इन यात्री ट्रेनों को पकड़ने के लिये यात्रियों को अपने घरों से स्टेशन के लिये 3-4 घंटे पहले अपनी यात्रा प्रारंभ करनी पड़ती है, जिससे पैसा एवं समय दोनों लगता है. कभी कभी ट्रेने छूट भी जाती हैं. रामपुर बघेलान जनपद, तहसील मुख्यालय एवं नगर परिषद् युक्त शहर के रूप में विकसित हो रहा है. क्षेत्र में एक सीमेंट प्लांट प्रिज्म सीमेंट लिमिटेड संचालित है, दूसरा जे.पी.सीमेंट एवं अल्ट्राटेक आंशिक रूप से संचालित है. इसके साथ साथ दो सीमेंट प्लांट प्रस्तावित हैं. रामपुर बघेलान तेजी से औद्योगिक विकास की ओर अग्रसर हो रहा है, किन्तु रेल सुविधाओं का अभाव होने के कारण इस क्षेत्र के लोगों को रेल यात्रा की वह सुविधायें नहीं मिल पातीं, जिसका वह वास्तविक में हकदार है. सतनी रीवा रेलखण्ड के दोहरीकरण का कार्य भी लगभग पूर्णता की ओर है. आगे चलकर रीवा से मुम्बई, रीवा से पुणे, रीवा से कोलकाता, रीवा से हैदराबाद, रीवा से संपूर्ण भारत के लिये नई यात्री ट्रेनों का परिचालन होगा इसके साथ ही रीवा, सतना, सिंगरौली से कोयला, चूना, पत्थर एवं अनेक प्रकार के खनिजों का परिवहन इस रेलखण्ड के द्वारा संपूर्ण भारत में किया जायेगा, इससे इस रेल खण्ड की उपयोगिता और बढ़ जायेगी. कम समय में ज्यादा से ज्यादा माल की ढुलाई होगी. जिससे रेल की आय भी बढ़ेगी. साथ ही नई ट्रेनों के संचालन से रेल्वे स्टेशनों में यात्रियों की भीढ़ भी बढ़ेगी, जिसे नियंत्रित किया जाना भी भविष्य के लिये आवश्यक है. रामपुर बघेलान से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर बगहाई रोड़ रेल्वे स्टेशन है. जबकि रामपुर बघेलान नगर परिषद् सीमा से उक्त रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 2 किलोमीटर के आसपास होगी. अब इस रेलवे स्टेशन में रीवा, जबलपुर पैसेंजर, रीवा-चिरमिरी का स्टापेज है, शेष का नहीं, जबकि रामपुर बाघेलान क्षेत्र के लगभग 50 गांवों के यात्री जैसे, खारी, तपा, सागौनी, जमुना, झण्ड, चोरमारी, बैरिहा, पटरहाई, जनार्दनपुर, बठिया, छिबौरा, बकिया, बरती, के साथ साथ अमरपाटन विधान सभा क्षेत्र के 20-25 गांवों के लोग इस रेलवे स्टेशन का उपयोग करते हैं, जबकि इस रेलवे स्टेशन में यात्री सुविधाओं का अभाव है, यदि इस रेलवे स्टेशन का नाम बगहाई रोड की जगह रामपुर बाघेलान कर दिया जाए, तो बाहर से आने वाले लोगों को जहां रामपुर बाघेलान पहुंचने के लिए रेल सुविधा प्राप्त होगी, वहीं इस रेलवे स्टेशन को वह सभी यात्री सुविधाएं भी प्राप्त होंगी, जो एक शहरी तहसील तथा जनपद मुख्यालय के रेवले स्टेशनों को प्राप्त होती है, जैसे आरक्षण की सुविधा, संपूर्ण भारत के यात्री ट्रेनों के बोर्डिंग की सुविधा आदि-आदि, जो इस क्षेत्र के लोगों की हमेशा से मांग रही है.
माननीय अध्यक्ष महोदय, यदि बगहाई रोड स्टेशन का नाम बदलकर रामपुर बाघेलान किया जाता है ,तो न कोई वित्तीय भार पड़ेगा और नहीं कोई अन्य परेशानी आने वाली है, बल्कि रामपुर बाघेलान नाम हो जाने से इस क्षेत्र को रेल यात्राओं की सुविधा मिलेगी इस स्टेशन से माल ढुलाई और यात्री ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों से रेलवे की आय भी बढ़ेगी और मेरी विधान सभा क्षेत्र के लोगों को समूचे भारत की ओर यात्रा की बहुप्रतीक्षित सुविधा मिलेगी, जिससे लोगों का आवागमन और सुलभ हो जाएगा.
माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से सदन का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि जो सतना-रीवा, रेलखण्ड का मूल डी.पी.आर. था, उसमें रामपुर बाघेलान का नाम रेलवे स्टेशन के रूप में प्रस्तावित था, किन्तु कब बगहाई हो गया, समझ से परे हैं. वैसे इस तरह के कई रेलवे स्टेशन आज भी विद्यमान हैं, जैसे सतना-जबलपुर के बीच सिहोरा रोड, कटनी-बिलासपुर के बीच पिण्ड्रा रोड, जैसे रेलवे स्टेशन नजदीकी शहर व गांव की बसाहट के आधार पर बनाए गए हैं, बगहाई की जगह रामपुर बाघेलान रेलवे स्टेशन का नाम कर दिए जाने से यात्री सुविधाओं के साथ साथ इस क्षेत्र को भी एक नई पहचान मिलेगी.
माननीय अध्यक्ष महोदय, क्षेत्र की इस बहुप्रतीक्षित मांग के लिए वर्षों से आमजन संघर्ष कर रहे हैं. जनपद पंचायत व नगर परिषद ने इस हेतु प्रस्ताव पारित कर पूर्व में माननीय मंत्री जी को प्रेषित किया है, उसी कड़ी में आज मैं अशासकीय संकल्प के माध्यम से सतना, रीवा रेलखंड के बगहाई रेलवे स्टेशन का नाम रामपुर बाघेलान स्टेशन किए जाने का संकल्प सदन में प्रस्तुत कर रहा हूं. जिसमें समूचे सदन का आशीर्वाद चाहूंगा कि एक मत से, यह संकल्प सदन से पारित होकर भारत सरकार रेल मंत्रालय को माननीय अध्यक्ष महोदय, आपके आशीर्वाद के साथ भेजा जाए. जिससे रामपुर बाघेलान क्षेत्र के लोगों को रेल यात्री सुविधाओं का निर्बाध लाभ मिल सके और इस क्षेत्र का विकास भी उसी गति से हो, जैसे अन्य क्षेत्रों का हो रहा है.
माननीय अध्यक्ष महोदय, अंत में मैं आपके माध्यम से सदन के प्रति और माननीय के प्रति कृतज्ञता व आभार व्यक्त करते हुए निवेदन करना चाहूंगा कि मेरे इस संकल्प को पारित करके मेरे क्षेत्र के बगहाई रोड स्टेशन का नाम बदलकर रामपुर बाघेलान किए जाने का संकल्प अनुशंसा के साथ भारत सरकार, रेल मंत्रालय को भेजा जाए और मेरी इस मांग को पूर्णत: प्रदान कराएं, बहुत बहुत धन्यवाद.
श्री संजय यादव - आदरणीय अध्यक्ष महोदय, मेरा आग्रह है कि..
अध्यक्ष महोदय - नहीं, संजय जी, हर बात पर.
श्री संजय यादव - अध्यक्ष जी, अहीर रेजीमेंट वाला अशासकीय संकल्प केन्द्र सरकार को भेजना है, इसको गोल क्यों कर दिया है. मैं कह रहा हूं, उस दिन कार्यसूची में था.
अध्यक्ष महोदय - नहीं, नहीं कुछ नहीं करना है. संसदीय कार्यमंत्री जी.
संसदीय कार्यमंत्री(डॉ. नरोत्तम मिश्र) - अध्यक्ष जी, दोनों ही संकल्प बहुत महत्व के हैं और दोनों ही संकल्प सर्वानुमति से पारित करने की स्थिति में है. सदस्य विक्रम सिंह जी ने उठाया है, यह भी रेलवे स्टेशन का नाम रामपुर बाघेलना किया जाना, अध्यक्ष महोदय, ये भी सर्वानुमति का है, इसलिए मैं पहले इस प्रस्ताव के लिए आपसे अनुरोध करता हूं कि सर्वानुमति से इसे पारित कर दिया किया जाए.
अध्यक्ष महोदय - प्रश्न यह है कि यह सदन केन्द्र शासन से अनुरोध करता है कि सतना जिले के रामपुर बाघेलान विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत, बगहाई रोड रेलवे स्टेशन का नाम परिवर्तित कर रामपुर बाघेलान रोड किया जाए.
संकल्प सर्वानुमति से स्वीकृत हुआ.
नेता प्रतिपक्ष (डॉ. गोविन्द सिंह) - अध्यक्ष जी, संजय यादव जी हमारे माननीय सदस्य का संकल्प है, वह एक मिनट में रख देंगे. आपको पूरा अधिकार है.
अध्यक्ष महोदय - सोमवार को शून्यकाल में ले लूँगा.
डॉ. गोविन्द सिंह - वह एक लाईन में बोल देंगे.
अध्यक्ष महोदय - उसी दिन समय दे दूँगा.
डॉ. गोविन्द सिंह - (श्री संजय शर्मा को देखते हुए) सोमवार को आपका संकल्प ले लेंगे.
श्री संजय यादव (बरगी) - आज ही ले लें. आप क्यों सोमवार का कह रहे हैं. अध्यक्ष जी, आज ही कर लें.
अध्यक्ष महोदय - डॉ. सीतासरन शर्मा जी.
डॉ. गोविन्द सिंह - अध्यक्ष जी, शून्यकाल में संकल्प नहीं आते हैं.
अध्यक्ष महोदय - संकल्प नहीं, आप शून्यकाल में अपनी बात कह लेंगे, यह कहा है. आपको सोमवार को अवसर दे देंगे.
डॉ. गोविन्द सिंह - बात कह लेंगे, लेकिन आपको संकल्प में क्या परेशानी है ?
श्री संजय यादव - आपने कहां गोल कर दिया है ? आप इस पर व्यवस्था दीजिये.
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. नरोत्तम मिश्र) - अध्यक्ष महोदय, यह कार्य सूची में नहीं है.
श्री संजय यादव - आपने कैसे गोल कर दिया ?
डॉ. गोविन्द सिंह - कार्य सूची में सप्लीमेंट्री हो जाती है.
श्री संजय यादव - यह पहले तो था.
अध्यक्ष महोदय - पर इस समय नहीं जुड़ सकता है. इस समय कैसे जुड़ेगा ? आप बताइये न.
श्री संजय यादव - संसदीय कार्य मंत्री जी, बीबीसी वाला.
अध्यक्ष महोदय - उसका विरोध तो आपने कर लिया था.
श्री संजय यादव - यह देखो, उसकी कॉपी है.
डॉ. नरोत्तम मिश्र - मेरी बात सुन मेरे भाई. तुम पहली बार के विधायक हो. हर एक की सूचना यहां पर दी जाती है. उसकी भी सूचना यहां दी गई थी, बीबीसी की और इन दोनों सदस्यों ने भी, जब यह कार्य सूची के हट गए थे, तो लिखित में दोबारा सूचना सचिवालय को दी थी. अब दे दो.
श्री संजय यादव - हमने तो कबका दिया था ?
डॉ. नरोत्तम मिश्र - अब दे दो. वह तो उसके बाद हट गए थे. उसके बाद अगली कार्यवाही का कह रहा हूँ.
श्री संजय यादव - हमारा गोल क्यों कर दिया.
डॉ. नरोत्तम मिश्र - उसके बाद, इसलिए तो अध्यक्ष जी ने कहा कि अगली बार जब संकल्प आएंगे. अगले संकल्प के दिन में तो आपका आएगा, यह उन्होंने बोल दिया है.
श्री संजय यादव - अगला शुक्रवार कब आएगा ?
श्री सुनील सराफ - यह सरकार अहीर रेजीमेंट के पक्ष में नहीं है. इसको शामिल किया जाये. संसदीय कार्य मंत्री जी इसको शामिल किया जाये.
श्री सज्जन सिंह वर्मा - नरोत्तम भैया, सारे हम सर्वानुमति से पास कर रहे हैं. अहीर रेजीमेंट का मामला है और उसमें एक लाईन बोलकर खत्म कर देंगे.
श्री सुनील सराफ - दो अशासकीय संकल्प सर्वसम्मति से पारित हो रहे हैं, तो अहीर रेजीमेंट जैसा महत्वपूर्ण विषय है, अध्यक्ष महोदय.
डॉ. नरोत्तम मिश्र - मैं तो पक्ष में हूँ, मैं मना कब कर रहा हूँ.
अध्यक्ष महोदय - आप लोग बैठ जाइये.
श्री सज्जन सिंह वर्मा - वह एक मिनट में बोल देंगे. देखिये, सर्वानुमति से सारे संकल्प पारित कर रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय - सज्जन जी, वह प्रक्रिया में नहीं है. आप एक मिनट कहें या आधा मिनट कहें.
श्री सज्जन सिंह वर्मा - यह रेजीमेंट का मामला है.
1.23 बजे (2) निशातपुरा रेल्वे स्टेशन का नाम स्व. श्री कैलाश नारायण सारंग के नाम पर रखा जाना.
डॉ. सीतासरन शर्मा (होशंगाबाद) - अध्यक्ष महोदय, मैं यह संकल्प प्रस्तुत करता हूँ कि यह सदन केन्द्र शासन से अनुरोध करता है कि निशातपुरा रेल्वे स्टेशन का नाम स्व. श्री कैलाश नारायण सारंग के नाम पर रखा जाये.
अध्क्ष महोदय - संकल्प प्रस्तुत हुआ.
डॉ. सीतासरन शर्मा - अध्यक्ष महोदय, स्व. श्री कैलाश नारायण सारंग नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. सारा प्रदेश उनके व्यक्तित्व से प्रभावित था. 14 वर्ष की आयु में वह आन्दोलन में सम्मिलित हुए थे. ...(..व्यवधान..) विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा. (..व्यवधान..) एक आन्दोलन में उनको 3 महीने की जेल भी हुई थी और डॉ. शंकरदयाल शर्मा, जो बाद में भारत के राष्ट्रपति हुए. अध्यक्ष जी, मेरा सदन से अनुरोध है कि सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित करने की कृपा करें.
श्री पी. सी. शर्मा (भोपाल दक्षिण-पश्चिम) - माननीय अध्यक्ष महोदय, स्व. श्री कैलाश नारायण सारंग जी, भोपाल की गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक थे, राज्यसभा सदस्य भी रहे और उन्होंने लगातार एक समाजसेवी के रूप में कार्य किया. जिस समय गैस रिसन भोपाल में हुई थी, तब भी उन्होंने लोगों की सेवा की. कायस्थ समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे, और एक पारिवारिक संबंध उनसे रहे. जब भारतीय जनता पार्टी जनसंघ थी, पीरगेट में इनका ऑफिस हुआ करता था और हम देखते थे कि स्कूल-कॉलेज जाते हुए उनका प्रतिदिन वहां आना और एक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने समाजसेवी के रूप में काम किया और मुझसे ऐसे संबंध थे कि वह पी.सी.शर्मा जी जगह, पी.सी.श्रीवास्तव कहा करते थे, तो मैं समझता हूँ कि एक ऐसे नेता, उनके जितने भी भाषण होते थे, उसमें दो-तीन शेर जरूर रहते थे, उनको उर्दू का भी बड़ा ज्ञान था. मैं समझता हूँ कि इसको सर्वानुमति से पास किया जाना चाहिए.
अध्यक्ष महोदय - प्रश्न यह है कि यह सदन केन्द्र शासन से अनुरोध करता है कि निशातपुरा रेल्वे स्टेशन का नाम स्व. श्री कैलाश नारायण सारंग के नाम पर रखा जाये.
संकल्प सर्वानुमति से स्वीकृत हुआ.
डॉ.गोविन्द सिंह -- माननीय अध्यक्ष जी एक मिनिट हमारी आपसे पुन: विनम्र प्रार्थना है.
अध्यक्ष महोदय -- कर लेंगे न परसों कर लेंगे.
डॉ.गोविन्द सिंह -- नहीं, अब शून्यकाल में नहीं, जब उनने संकल्प लगाया है. वैसे संकल्प की प्रक्रिया यह है कि कार्यमंत्रणा में आयेगा, अभी जो दो संकल्प आये वह कार्यमंत्रणा समिति में आये, आखिर इसमें आपत्ति क्या है?
अध्यक्ष महोदय -- अभी तो सोमवार, मंगलवार को टाईम है न.
डॉ.गोविन्द सिंह -- नहीं, आखिर इसमें आपत्ति क्या है?
अध्यक्ष महोदय -- सोमवार और मंगलवार को समय है तो करेंगे, सोमवार मंगलवार को है न आईये.
विधान सभा की कार्यवाही सोमवार, दिनांक 20 मार्च, 2023 को प्रातः 11.00 बजे तक के लिये स्थगित.
अपराह्न 1.26 बजे विधान सभा की कार्यवाही सोमवार, दिनांक 20 मार्च 2023 (फाल्गुन 29, शक संवत 1944) के पूर्वाह्न 11.00 बजे तक के लिये स्थगित की गई.
भोपाल :
दिनांक : 17 मार्च, 2023 अवधेश प्रताप सिंह
प्रमुख सचिव
मध्यप्रदेश विधान सभा