मध्यप्रदेश विधान सभा

 

की

 

कार्यवाही

 

(अधिकृत विवरण)

 

 

 

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षोडश विधान सभा                                                                                             चतुर्थ सत्र

 

 

दिसम्‍बर, 2024 सत्र

 

सोमवार, दिनांक 16 दिसम्‍बर, 2024

 

(25 अग्रहायण, शक संवत्‌ 1946 )

 

 

[खण्ड-  4 ]                                                                                                        [अंक- 1 ]

 

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मध्यप्रदेश विधान सभा

 

सोमवार, दिनांक 16 दिसम्‍बर, 2024

 

(25 अग्रहायण, शक संवत्‌ 1946 )

 

विधान सभा पूर्वाह्न 11.01 बजे समवेत हुई.

 

{ अध्‍यक्ष महोदय (श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर) पीठासीन हुए.}

 

राष्‍ट्रगीत

राष्‍ट्रगीत ''वन्‍दे मातरम्'' का समूहगान

 

          अध्यक्ष महोदय - अब, राष्‍ट्रगीत ''वन्‍दे मातरम्'' होगा. सदस्‍यों से अनुरोध है कि वे कृपया अपने स्‍थान पर खड़े हो जाएं.

(सदन में राष्‍ट्रगीत ''वन्‍दे मातरम्'' का समूहगान किया गया.)

 

11.03 बजे                           शपथ/प्रतिज्ञान

 

          अध्‍यक्ष महोदय - उपचुनाव में निर्वाचित सदस्‍य विधान सभा की सदस्‍यता संबंधी शपथ-प्रतिज्ञान करेंगे और सदस्‍यों की नामावली में हस्‍ताक्षर करेंगे एवं सभा में अपना स्‍थान ग्रहण करेंगे.

 

 

क्रमांक                    सदस्‍य (क्षेत्र)                                   शपथ/प्रतिज्ञान

1.                श्री मुकेश मल्‍होत्रा (विजयपुर)                            (अनुपस्थित)

2.                श्री कमलेश प्रताप शाह (अमरवाड़ा)                        (शपथ)

3.                श्री रमाकान्‍त भार्गव (बुधनी)                                 (शपथ)

 

 

                              

                  

 

 

11.07 बजे

निधन का उल्‍लेख

 

 

(1)       श्री विजय सिंह, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(2)     कैप्टन जयपाल सिंह, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(3)     श्री महेश प्रसाद मिश्र, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(4)     चौधरी गंभीर सिंह, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(5)     श्री भारत सिंह, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(6)     श्री प्रभात झा, भूतपूर्व संसद सदस्य,

(7)     श्री आरिफ अकील, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(8)     श्री बैजनाथ सिंह, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(9)     श्री नंदाराम सोरी, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(10)    श्री  के. नटवर सिंह, भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री,

(11)    श्री  एस.एम. कृष्णा, भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री,

(12)    श्री रतन नवल टाटा, सुप्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी

(13)    श्रीमती जोधइया बाई बैगा, आदिवासी चित्रकार एवं पद्मश्री , तथा

(14)    सिक्किम के पाक्योंग में सड़क दुर्घटना में शहीद जवान.

 

                        आदिवासी चित्रकार, पद्मश्री श्रीमती जोधइया बाई बैगा का निधन भी 15 दिसंबर, 2024 को हो गया है.

 

 

 

 


 

 


 

आदिवासी चित्रकार श्रीमती जोधईया बाई का आकस्मिक निधन 15 दिसम्‍ब, 2024 ो 80 वर्ष की उम्र में हुआ है. उन्‍हें वर्ष 2023 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्‍मानित किया गया. बैगा समुदाय से ताल्‍लुक रखने वाली जोधईया बाई का जन्‍म उमरिया जिले के ग्राम लोढ़ागांव में हुआ था. उनका सामान्‍य जीवन आदिवासी परिवार की महिलाओं की तरह रहा. जोधईया जी ने 60 वर्ष की उम्र से ही चित्रकारी सीखी और उन्‍होंने कैनवास और कागज पर प्रिंटिंग करने के बाद मिट्टी व लकड़ी आदि का उपयोग किया. उनकी पेटिंग मिलान व पेरिस में प्रदर्शित हो चुकी है. आदिवासी चित्रकार स्वर्गीय जोधईया बाई के निधन से प्रदेश में बैगा समुदाय से आने वाली एक उच्च स्तरीय कलाकार को खो दिया है.

          दिनांक 5 सितम्बर 2024 को सिक्किम के पाक्योंग में हुये सड़क हादसे में भारतीय सेना के जवान श्री प्रदीप पटेल सहित तीन अन्य जवान शहीद हुये. श्री प्रदीप पटेल मध्यप्रदेश के कटनी जिले की विजयराघगढ़ तहसील के ग्राम हरदुआ के निवासी थे. यह सदन प्रदीप पटेल सहित शहीद हुये जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है.

          मुख्य मंत्री, (डॉ.मोहन यादव)- माननीय अध्यक्ष महोदय, आज दिवंगत हुई पवित्र आत्माओं के लिये जैसा कि आपने सूची से उल्लेख किया है मुझे भी अत्यंत दुख है. मध्यप्रदेश विधानसभा के  माननीय सदस्यगण श्रीमान् विजय सिंह, 17 जुलाई, कैप्टन जयपाल सिंह, 2 नवम्बर महेश प्रसाद मिश्र जी, 26 नवम्बर, चौधरी गंभीर सिंह जी, 1 नवम्बर, श्री भारत सिंह जी, 6 दिसम्बर, राज्यसभा सदस्य, माननीय प्रभात झा जी, 26 जुलाई, एवं मध्यप्रदेश के भूतपूर्व सदस्यगण सम्माननीय स्वर्गीय आरिफ अकील जी 19 जुलाई इत्यादि लोग हमारे अपने बीच में से गये हैं .

          अध्यक्ष महोदय, स्वर्गीय विजय सिंह जी मूलत: छत्तीसगढ़ जो वर्तमान में हमारे ही राज्य से निकला हुआ एक राज्य है . इसमें 1966-69 से आपने राजनीति में भाग लिया. सहकारी संस्थाओं एवं पंचायतों से निकलते हुये 1980 में सातवीं विधानसभा और 1985 में आठवीं विधानसभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से मनेन्द्रगढ़ का प्रतिनिधित्व करते रहे. आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन में अपूरणीय क्षति हुई है.

          अध्यक्ष महोदय, कैप्टन जयपाल सिंह जी, मूलत: बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, हमारे बुन्देलखण्ड की धरती पर पन्ना के रहने वाले थे. 5 नवम्बर, 1946 में आपका जन्म हुआ. आपने विभिन्न प्रकार की रुचियों के आधार पर वन्यजीव से लगाकर के फ्लाईंग क्लब तक आपने अपनी रूचि के अनुसार कार्य किया. 1980 और 1985 की आठवीं विधानसभा में आप सदस्य निर्वाचित हुये. दोनों अवधियों में आप मंत्रि-परिषद् के विभिन्न विभागों के उप मंत्री और राज्य मंत्री रहे . आपके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय नेता, समाजसेवी और कुशल प्रशासक खोया है.

          अध्यक्ष महोदय,स्वर्गीय महेश प्रसाद मिश्र जी का जन्म 18 नवम्बर 1933 को बरघाट जिला सिवनी हुआ. मूलत: शिक्षक ,शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों  में काम करते हुये आपने काम किया  1956 में कांग्रेस के सदस्य बने , 1978 में जिला कांग्रेस के मंत्री और वर्ष 1980 में सातवीं विधानसभा की ओर से आप माननीय सदस्य निर्वाचित हुये. आपके निधन से सार्वजनिक जीवन में अपूरणीय क्षति हुई है.

          अध्यक्ष महोदय, चौधरी गंभीर सिंह ,19 मार्च 1952 को ग्राम टॉप तहसील चौरई जिला छिंदवाड़ा में आपका जन्म हुआ. आप विभिन्न,  क्षेत्रों में काम करते रहे और सहकारिता क्षेत्र में खासकर आपकी पहचान रही है.  जिला पंचायत के भी आप उपाध्यक्ष रहे. 1998 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से चौरई विधानसभा क्षेत्र से आप ग्यारहवीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुये.  आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन में अपूरणीय क्षति हुई है.

          माननीय अध्यक्ष महोदय,  भारत सिंह जी का जन्म 8 जून, 1945 को जावरा जिला रतलाम में जन्म हुआ था.  आपने जावरा नगर पालिका के अध्यक्ष के रूप में अपनी राजनैतिक यात्रा प्रारंभ की. कई बार जेल गये, 1980 सातवीं एवं 1985 आठवीं विधानसभा में आप निर्वाचित हुये. 1982-83, सन् 1983 से 1985, सन 1985 से 1988, एवं सन्  1988 से 1990 में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में  उप मंत्री, राज्य मंत्री और मंत्री रहे . तीसरी बार आप 1998 मंदसौर जिले की सीतामऊ से 11वीं विधानसभा के माननीय सदस्य निर्वाचित हुये थे. आपके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय नेता एवं कुशल प्रशासक खोया है.

 

          माननीय अध्यक्ष महोदय, हमारे भारतीय जनता पार्टी के पू्र्व प्रदेशाध्यक्ष श्रीमान् प्रभात झा जी का जन्म 4 जून, 1957 को हरिहरपुर जिला दरभंगा, बिहार में हुआ था. आप मूलत: पत्रकार रहे हैं . भारतीय जनता पार्टी में विभिन्न दायित्व जैसे राष्ट्रीय सचिव, उपाध्यक्ष, मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष  मूलत:पत्रकार और लेखक होने के नाते से आपकी मीडिया क्षेत्र में एक विशेष पहचान रही है. आप भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता भी रहे हैं  आप वर्ष 2008 और 2014 में  राज्यसभा के माननीय सदस्य के नाते निर्वाचित हुये हैं. अनेक संसदीय एवं विभागीय परामर्शदात्री समितियों के सदस्य भी आप रहे हैं.  मेरा व्यक्तिगत जीवन में भी  उनसे बहुत सम्पर्क रहा.  मैं मानकर चलता हूं कि उनका जाना  हम सबके लिये अत्यन्त  कष्टकारी है.  आपके निधन से देश  ने एक  वरिष्ठ एवं लोकप्रिय नेता, पत्रकार, लेखक एवं समाजसेवी खो दिया  है.

          श्री आरिफ अकील, हमारे अपने भोपाल के नेता  का जन्म 14 जनवरी,1952  को हुआ था.  आप अलग अलग प्रकार से बहुत सारी  संस्थाओं में  सामाजिक  क्षेत्रों में काम करते  रहे.  आप नौवीं, ग्यारहवीं,बारहवीं,तेरहवीं,चौदहवीं  एवं  पन्द्रहवीं विधान सभा के माननीय सदस्य  निर्वाचित हुए.  आपके निधन से प्रदेश ने एक वरिष्ठ  एवं लोकप्रिय  नेता और कुशल प्रशासक खोया है.

          श्री बैजनाथ सिंह जी  का जन्म 1930 को हुआ था.  आपने सरपंच से लेकर के  कई अलग अलग  पदों पर  काम करते हुए  1977 में जनता पार्टी  की ओर से  ब्योहारी  क्षेत्र से छठवीं  विधान सभा  में आप सदस्य   निर्वाचित हुए.  आपके निधन से प्रदेश के एक लोकप्रिय नेता एवं समाजसेवी   हमारे बीच से गये हैं.

          श्री  नंदाराम सोरी,  20 जून,1955 को  ग्राम बड़ेबेड़मा, जिला- दक्षिण बस्तर, दन्तेवाड़ा में आपका जन्म हुआ था.  आप वर्ष 1984 में जनपद सदस्य बने.  1993 में  दसवीं विधान सभा   में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से   आपने दन्तेवाड़ा से  माननीय सदस्य के नाते  से  निर्वाचन हासिल किया.  लेकिन मूल रुप से आपने  खास करके  सलवा  जुडुम के माध्यम से   नक्सलियों के खिलाफ  बड़ी भूमिका अदा की और समाज का विश्वास जीता.  आपके निधन से प्रदेश ने  सार्वजनिक क्षेत्र  में  एक बड़ी क्षति महसूस की है.

          श्री के.नटवर सिंह,  मूलतः आप विदेश सेवा से आये  और अलग अलग प्रकार के  मंत्रालयों  में आपने काम किया और खासकर के  वर्ष 1984  में  भारत सरकार ने आपको पद्म भूषण दिया था. आपके निधन से  देश ने एक लोकप्रिय राजनेता, लेखक तथा समाजसेवी खोया है.

          श्री एस.एम.कृष्णा,  मूलतः कर्नाटक के रहने वाले थे.  आपने अलग अलग क्षेत्रों  में  सभी प्रकार से काफी काम किया. आप विधान सभा के अध्यक्ष भी रहे.  सरकार में मुख्यमंत्री भी रहे.  आप भारत सरकार के मंत्री रहे.  मई,2009 से लेकर अक्टूबर,2012 तक  आप केन्द्र सरकार में विदेश मंत्री रहे. आपके निधन  से  देश  एक वरिष्ठ नेता  एवं कुशल प्रशासक से वंचित  हुआ है.

          श्री रतन नवल टाटा,  आपका जन्म 28 दिसम्बर, 1937 को हुआ.  श्री रतन नवल टाटा सहज, सरल, सौम्य  व्यक्तित्व के धनी थे. वे न केवल एक उद्योगति,  बल्कि परोपकार,  समाज सेवा ऐसे बहुत  सारे  क्षेत्रों में  आपकी विशेष पहचान रही है.  आप पद्म भूषण एवं  पद्म विभूषण से भी  सम्मानित हुए हैं.  श्री रतन नवल टाटा  के  निधन से देश ने एक उद्योगपति, समाजसेवी एवं राष्ट्रभक्त  खोया है.  आपने विभिन्न संस्थानों के माध्यम से देश एवं मानवता की सेवा  करने में सदैव एक बड़ी भूमिका अदा  की है.

          दिनांक 5 सितम्बर,2024 को सिक्किम के पाक्योंग में हुए  सड़क हादसे में भारतीय  सेना के  जवान श्री प्रदीप पटेल सहित 3 अन्य जवान शहीद हुए.  श्री प्रदीप पटेल मध्यप्रदेश के कटनी   जिले की  विजयराघवगढ़ तहसील के गांव  हरदुआ के निवासी थे.  सदन श्री प्रदीप  पटेल सहित सभी शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि  अर्पित करता है.

          एक और जानकारी, हमारे बीच  आदिवासी चित्रकार, जोधईया बाई, पद्मश्री,  मैं इस मामले में  विशेष उल्लेख करना चाहूंगा.  जोधईया बाई मूलतः  हमारे अपने आदिवासी अंचल   की रहने वाली हैं.  लेकिन 60 वर्ष की उम्र   में उन्होंने चित्रकारी सीखी और चित्रकारी सीख करके  इतनी कुशलता के साथ  अपनी देश भर में पहचान बनाई, बल्कि उन्होंने चित्रकारी  करते करते कैनवास  और कागज  पर प्रिंटिंग करने के बाद मिट्टी और लकड़ी पर भी इसका उपयोग किया.  इसी आधार पर यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने  उनको पद्मश्री भी दिया.  उनकी पेंटिंग मिलान, पेरिस, ऐसे कई क्षेत्रों  में प्रदर्शित हुई.  यह आदिवासी अंचल की  बहुत होनहार  अलग प्रकार की कलाकार थीं.  उनका जाना यह हमारे  लिये अत्यन्त कष्टकारी है.  मैं अपनी ओर से  सदन की ओर से  सभी  शोकाकुल परिवारों के लिये भी  संवेदना प्रकट करता हूं.

          नेता प्रतिपक्ष (श्री उमंग सिंघार)अध्यक्ष महोदय, कई महत्वपूर्ण लोग, जो विख्यात थे.  चाहे नेता, चाहे उद्योगपति, सामाजिक क्षेत्र  में,  चाहे कलाकार,  इनके निधन से देश और प्रदेश को एक अपूर्णीय क्षति  हुई है.  माननीय विजय सिंह जी, जिला सरगुजा, छत्तीसगढ़  के रहने वाले थे.  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के  निर्वाचित मनेन्द्रगढ़ के थे. 

          कैप्‍टन जयपाल सिंह जी, फ्लाइंग क्‍लब, एयरो क्‍लब ऑफ इंडिया,वाईल्‍ड लाईफ और कई परिषदों से जुड़े थे. निश्चित तौर से इस सदन के एक महत्‍वपूर्ण सदस्‍य भी रहे हैं.

          श्री महेश प्रसाद मिश्र जी, जिला सिवनी, बरघाट के एक सहकारी नेता थे.

          चौधरी गंभीर सिंह जी, जिला कांग्रेस कमेटी छिंदवाड़ा के महामंत्री, जिला पंचायत के उपाध्‍यक्ष थे. मैं कह सकता हूं कि वह सहकारी क्षेत्र के एक महत्‍वपूर्ण नेता थे.

          श्री भारत सिंह जी, जावरा से सदस्‍य रहे और कई राजनीतिक आंदोलनों में जेल गये और जावरा नगर पालिका के चेयरमेन रहे. निश्चित तौर से एक समय में उनका जावरा में काफी वजूद था.

          श्री प्रभात झा जी, जो भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष रहे हैं और मैं समझता हूं कि कई सत्‍ता पक्ष के विधायक इस मध्‍यप्रदेश को देन देने में उनकी एक भूमिका रही है. वह निश्चित तौर से संगठनकर्ता थे और जमीनी रूप से जुड़े थे. भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने में उनकी एक अहम भूमिका रही.

          कांग्रेस पार्टी के वरिष्‍ठ नेता आरिफ अकील जी, जो अपनी सादगी के लिये पहचाने जाते थे. वह कई वरिष्‍ठ सदस्‍यों के साथ के साथी रहे हैं. वह अपनी जो भी बात करते थे, बेबाकी से करते थे और वह हमेशा एक हवाई चप्‍पल पहनकर उन्‍होंने अपना पूरा जीवन गुजारा. भोपाल की गलियों में कहीं भी एक जनसेवक के रूप में उन्‍हें जाना जाता है. वह कोई भेदभाव नहीं रखते थे, चाहे हिन्‍दू हों, मुस्लिम हों वह सबके अधिकार के लिये, जनता की बात के लिये लड़ते रहते थे. यह हमारी कांग्रेस पार्टी के लिये एक अपूरणीय क्षति है.

          श्री बैजनाथ सिंह जी, एक लोकप्रिय नेता और समाजसेवी थे और श्री नंदाराम सोरी जी, बस्‍तर, दंतेवाड़ा के रहने वाले थे और वह नक्‍सलाईट जो सलवा जुड़म आंदोलन था उससे जुड़े थे और उसके प्रमुख थे तो उनकी भी नक्‍सल समस्‍या को खत्‍म करने में, मुक्‍त करने में एक अहम भूमिका रही .

          श्री नटवर सिंह जी, विदेश मंत्रालय में सचिव रहने के बाद फिर विदेश मंत्री बने, उन्‍होंने देश को एक नयी ऊचांई दी. अंतरराष्ट्रीय स्‍तर पर कई देशों से जो एक समन्‍वय और जो एक कूटनीति होती है, उसका उन्‍होंने परिचय दिया और अन्‍य देशों से सौहाद्रपूर्ण संबंध कैसे बने रहे उसमें उनकी एक महत्‍वपूर्ण भूमिका रही.

          श्री एस.एम.कष्‍णा जी, जो कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री रहे, एक कुशल प्रशासक रहे.

          श्री रतन नवल टाटा जी, के निधन से निश्चित तौर से उद्योग जगत में एक बड़ी क्षति है. श्री जे.आर.डी टाटा इनके अंकल थे और मैं अभी माननीय कमल नाथ जी से बात कर रहा था तो वह बता रहे थे कि श्री रतन टाटा को जब श्री जे.आर.डी.टाटा ने जब इनसे मिलवाला तो ऐसे हमारे पूर्व मुख्‍य मंत्री भी साथ में हैं, जो श्री रतन टाटा को बड़े करीब से जानते थे. निश्चित तौर से उन्‍होंने समाज सेवा को, जो एक नई ऊंचाईयां दी हैं. सी.एस.आर.(कार्पोंरेट सोशल रिस्‍पांसिबिलिटी) को उन्‍होंने एक नई दिशा दी. कैसे उद्योगजगत से समाज-सेवा की जाय, उन्होंने इसके लिए विभिन्न ट्रस्ट बनाए, जो देश के अंदर कई हजारों लाखों बेरोजगार या कमजोर वर्ग की आज भी मदद कर रहे हैं. उनमें निर्भीकता भी उतनी ही थी, मुझे याद है कि जब नैनो कार को लेकर पश्चिम बंगाल में सुश्री ममता बनर्जी ने उन्हें 400 एकड़ जमीन देने से मना किया. सिंगुर के अंदर विवाद हुआ, लेकिन उन्होंने अपने प्रोजेक्ट को बंद नहीं किया. उन्होंने तत्काल निर्णय किया कि इसे मैं गुजरात लेकर जाऊंगा तो ऐसे उद्योगपति जिन्होंने राजनीतिक रूप से कभी घुटने नहीं टेके. ऐसे उद्योगपति जो आज हमारे बीच में नहीं हैं. देश के लिए निश्चित तौर से यह एक क्षति है. वे राष्ट्रभक्त थे. साथ में उन्होंने निर्भीकता और सिद्धांतों को लेकर कभी कॉम्प्रोमाइज़ नहीं किया. ऐसे विरले लोग होते हैं जो सिद्धांत और नैतिकता पर रहते हैं.

अध्यक्ष महोदय, निमाड़ के एक हमारे संत सियाराम बाबा, जिनका निधन 110 वर्ष की आयु में हुआ. 11 दिसम्बर को मोक्षदायी एकादशी थी. उस दिन पंचतत्व में विलीन हुए. उन्होंने 8 दिन पहले कह दिया था कि मैं इस तारीख को मैं प्राण त्याग दूंगा. बाबा कर्मप्रधान थे. उन्होंने 12 साल एक पैर पर मौन खड़े रहकर तपस्या की. ऐसे संत सियाराम बाबा को भी मैं श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता हूं. जिन्होंने सामाजिक व धार्मिक क्षेत्र में योगदान दिया.

आदिवासी चित्रकार पद्मश्री जोधइया बाई का जन्म उमरिया में हुआ. उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उनकी पेटिंग्स विदेशों में प्रदर्शित होती रही. एक जानी-मानी चित्रकार थीं. ऐसे कई चित्रकार हैं जो अपने चित्रकारिता के कारण आदिवासी क्षेत्रों में जाने जाते हैं, उनमें से यह एक बड़ा नाम है. शोकाकुल परिवारों के प्रति मैं और मेरे दल की ओर से संवेदना व्यक्त करता हूं और दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. अध्यक्ष महोदय, धन्यवाद.

अध्यक्ष महोदय - मैं सदन की ओर से शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं. अब यह सदन दो मिनट मौन खड़े रहकर दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करेगा.

(सदन द्वारा दो मिनट मौन खड़े रहकर दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई.)

सदन की कार्यवाही दिवंगतों के प्रति सम्मान में 10 मिनट के लिए स्थगित.

 

(सदन की कार्यवाही प्रातः 11.39 बजे 10 मिनट के लिए स्थगित की गई.)

 

11.49 बजे                      विधानसभा पुन: समवेत हुई.

                        { अध्‍यक्ष महोदय (श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर) पीठासीन हुए.}

 

          अध्‍यक्ष महोदय -- कृपया, आप सभी अपने-अपने स्‍थान पर जाकर बैठ जाइए. दिलीप जी, संदीप जी आप सभी अपने स्‍थान पर जाकर बैठिए.

            श्री कमलेश्‍वर डोडियार -- अध्‍यक्ष महोदय, स्‍थगन के प्रस्‍ताव में सूचना दी है कि रतलाम में मुझे एक डॉक्‍टर ने गालियां दी हैं. इस पर चर्चा हो.

 

11.50 बजे                       तारांकित प्रश्‍नों के मौखिक उत्‍तर

 

अमृत सरोवर तालाब एवं चेकडैम निर्माण

[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]

1. ( *क्र. 303 ) श्री सुरेश राजे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत जनपद पंचायत मुरार, बरई, भितरवार एवं डबरा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों एवं ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) मद राशि से वर्ष 2021-22 से 2023-24 में किस-किस ग्राम पंचायत क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि से अमृत सरोवर तालाब एवं चेकडैम बनवाए गये? ग्राम पंचायत एवं वर्षवार बताएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उक्त वर्षों में बनाये गए अमृत सरोवर तालाब एवं चेकडैम के प्रत्येक कार्य पर कितने-कितने पुरुष व महिला श्रमिकों को रोजगार दिया गया? कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार एवं कार्यवार बतावेंl (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुसार उक्त वर्षों में बनाये गए किस स्थान के अमृत सरोवर तालाब एवं चेकडैम के निर्माण में की गई वित्तीय अनियमितताओं की प्राप्त शिकायत की जांच किस सक्षम अधिकारी से करवाई गई? जांचकर्ता का नाम, पद सहित जांच प्रतिवेदन की प्रति के साथ दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।

पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) ग्‍वालियर जिले में कुल 239 अमृत सरोवर एवं चैकडेम के संबंध में विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '' अंतर्गत अमृत सरोवर तालाब एवं चैकडेम के प्रत्‍येक कार्य पर कार्यवार एवं वर्षवार व्‍यय एवं उपलब्‍ध कराये गये रोजगार की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश '' एवं '' के अनुसार कार्यों पर वित्‍तीय अनियमितता के संबध में कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आयी।

          श्री सुरेश राजे -- अध्‍यक्ष महोदय, तीन साल पिछला कार्यकाल और एक वर्ष का यह कार्यकाल, पहली बार मेरा प्रश्‍न समय पर आया है, इसके लिए मैं आपको धन्‍यवाद देना चाहता हॅूं.

          अध्‍यक्ष महोदय -- आप मुझको इसके लिए धन्‍यवाद न दें, यह तो लॉटरी में आपके भाग्‍य से निकला है.

          श्री सुरेश राजे -- अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से माननीय मंत्री जी से पूछना चाहता हॅूं.

          अध्‍यक्ष महोदय -- सुरेश राजे जी, आपकी उपस्‍थिति के बाद माननीय मंत्री जी की उपस्‍थिति हो जाए.

          श्री प्रहलाद सिंह पटैल -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, उत्‍तर सदन के पटल पर रख दिया गया है.

          श्री सुरेश राजे -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी से मैं केवल इतनी जानकारी चाहता हॅूं कि डबरा, गढ़ी चेक डेम लगभग 86 लाख रूपए में बना. लेकिन मैं आपको जो बता रहा हॅूं कि डबरा, देवगढ़, घाटीगांव में थोड़ा कष्‍ट करके, आप इनकी जॉंच करवा लीजिए. वहां इतनी बड़ी राशि गई है और वहां पर चेक डेम कहां हैं. 86 लाख रूपए बहुत बड़ी राशि होती है और 86 लाख रूपए में बहुत बड़ा काम हो सकता है. माननीय मंत्री महोदय मैं ज्‍यादा कुछ न कहते हुए आपसे यह पूछना चाहता हॅूं कि देवगढ़ चेक डेम, गढ़ी का चेक डेम, घाटीगांव और घाटीगांव बरई श्‍यामपुर है, इसमें मैंने आपसे निवेदन किया है और मैं आपसे यह जानना चाहता हॅूं कि वाकई में क्‍या यह चेक डेम बने हैं और यह कहां हैं क्‍योंकि इतनी बड़ी राशि इस पर व्‍यय हुई है और मुझे जो बताया गया है कि कोई शिकवा-शिकायत नहीं हुई है. कृपया, आप इसकी भी जॉंच करवा लीजिए.

          अध्‍यक्ष महोदय -- ठीक है, आपका प्रश्‍न आ गया है.

          श्री प्रहलाद सिंह पटैल -- विभाग का उत्‍तर आपके पास भी है लेकिन उसके बाद भी माननीय सदस्‍य के मन में अगर कोई आशंका है तो माननीय अध्‍यक्ष जी, जॉच करवाने में कोई दिक्‍कत नहीं है और जहां तक सवाल चेक डेम का है तो अभी तो सरकार ने बंद किए हैं और इसका मूल्‍यांकन भी हुआ है, लेकिन अगर माननीय सदस्‍य के मन में कोई शंका है तो मैं इसको दिखवाऊंगा.

          श्री सुरेश राजे -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, धन्‍यवाद.

राघौगढ़ में पी.जी. महाविद्यालय का संचालन

[उच्च शिक्षा]

2. ( *क्र. 673 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के राघौगढ़ में संचालित शासकीय महाविद्यालय का कब पी.जी. में उन्नयन हुआ? जीवाजी विश्‍वविद्यालय से कब सम्बद्धता प्राप्त हुई? सम्बद्धता की प्रति सहित बतायें। सम्बद्धता प्राप्त होने के बाद किस साल में कितने शिक्षकों की नियुक्ति एवं विद्यार्थियों ने किस संकाय में प्रवेश लिया? शिक्षकों के नाम, आदेश एवं छात्रों के प्रवेश फार्म की सूची, प्रति सहित बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में यद्यपि राघौगढ़ महाविद्यालय अभी तक स्नातक स्तर पर ही संचालित हो रहा है, तो प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 507, उत्तर दिनांक 01 जुलाई, 2024 में किस आधार पर उसे पी.जी. स्तर पर संचालित होना बताया गया है? कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) उपरोक्त के अनुक्रम में सदन में गलत जानकारी पटल पर रखे जाने पर क्‍या विभाग इसकी जिम्मेदारी लेकर इस गलती को सुधारते हुये राघौगढ़ महाविद्यालय को पी.जी. घोषि‍त करते हुये नये शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रारंभ करेंगे? यदि नहीं, तो सदन में गलत जानकारी देने पर किस-किस के विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न के बिन्दु क्रमांक (ड.) के उत्तर में जानकारी एकत्र की जा रही का लेख है, उसकी जानकारी से भी प्रश्‍नकर्ता को अद्यतन स्थिति तक अवगत नहीं कराया गया है? अवगत न कराने का कारण बतायें। कब तक जानकारी दी जायेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्‍दर सिंह परमार ) : (क) गुना जिले के राघौगढ़ में संचालित शासकीय महाविद्यालय मात्र स्नातक स्तर का महाविद्यालय है, जिसका पी.जी. में उन्नयन नहीं हुआ है। स्नातकोत्तर महाविद्यालय के रूप में उन्नयन न होने के कारण महाविद्यालय की स्नातकोत्तर संबंधी संबद्धता विश्‍वविद्यालय से प्राप्त नहीं की गई है। उपरोक्त वस्तुस्थिति के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) सत्र जुलाई 2024 अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 507 के उत्तर में त्रुटिवश शासकीय महाविद्यालय राघौगढ़ के स्थान पर शासकीय महाविद्यालय आरोन में संचालित स्नातकोत्तर विषयों यथा हिन्दी, राजनीतिशास्‍त्र, भौतिकशास्‍त्र, रसायनशास्‍त्र एवं गणित की जानकारी उल्लेखित हो गई थी। उपरोक्त प्रश्‍न का उत्तर अपूर्ण था, जिसे पूर्ण कर संशोधित किया गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्‍य में परीक्षण उपरांत शासकीय महाविद्यालय राघौगढ़ को स्नातकोत्‍तर का दर्जा प्रदान करने संबंधी मापदण्ड की पूर्ति नहीं होने के कारण स्नातकोत्तर का दर्जा प्रदान किया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश '''' अनुसार हुई त्रुटि के लिये नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) सत्र जुलाई 2024 अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 507 के प्रश्‍नांश ''ड.'' का पूर्ण उत्तर प्रेषित किया जा चुका है, शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "एक"

            श्री जयवर्द्धन सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा प्रश्‍न है.

          अध्‍यक्ष महोदय -- एक मिनट जयवर्द्धन सिंह जी, माननीय मंत्री जी ने उत्‍तर पटल पर रख दिया है. माननीय मंत्री जी.

          श्री इन्‍दर सिंह परमार -- अध्‍यक्ष महोदय जी, उत्‍तर पटल पर रखा है और संशोधित उत्‍तर भी रखा है.

          श्री जयवर्द्धन सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा प्रश्‍न राघौगढ़ डिग्री कॉलेज के संबंध में था लेकिन उसके साथ-साथ इस प्रश्‍न के अंतर्गत एक बहुत गंभीर विषय है जो हर माननीय सदस्‍य के साथ जुड़ा हुआ है. पिछले सत्र में 1 जुलाई 2024 को मैंने माननीय मंत्री जी से प्रश्‍न पूछा था कि राघौगढ़ डिग्री कॉलेज कब स्‍थापित हुआ, वहां पर कौन-कौन से पाठ्यक्रम चल रहे हैं और उसके साथ-साथ मैंने पूछा था कि क्‍या कोई आवेदन यूजी से पीजी करने के लिए दिये गये हैं. मुझे पिछले सत्र में अतारांकित उत्‍तर दिया गया कि राघौगढ़ डिग्री कॉलेज में जहां पर पीजी कोर्सेस चलते ही नहीं हैं लेकिन मंत्री जी ने उत्‍तर दिया कि वहां पर एमएससी फिजिक्‍स पाठ्यक्रम भी चल रहा है, एमएससी केमिस्‍ट्री भी चल रहा है, एमए राजनीति भी चल रहा है तो मेरा यही कहना है कि एक-एक विधायक सदन के अंदर इस उम्‍मीद के साथ प्रश्‍न पूछता है कि उनको सही उत्‍तर मिलेगा क्‍योंकि हम सभी विधानसभा को लेकर अधिकतर प्रश्‍न पूछते हैं, वहां के विकास को लेकर प्रश्‍न पूछते हैं लेकिन अगर एक साधारण प्रश्‍न है जिस पर मैं यह पूछ रहा हॅूं कि वहां पर कौन-कौन से कोर्सेस चल रहे हैं और माननीय मंत्री जी उत्‍तर दे रहे हैं कि वहां पर एमए पाठ्यक्रम चल रहा है, एमएससी पाठ्यक्रम चल रहा है जबकि वहां पर पीजी कोर्सेस ही नहीं है तो यह बहुत दुख की बात है. मेरा माननीय मंत्री जी से पहला प्रश्‍न यह है कि जब कोई गलत उत्‍तर सदन में आता है तो उसमें त्रुटि सुधारने के क्‍या नियम हैं क्‍या प्रक्रिया है. कृपया, मंत्री जी बताएं.

          श्री इन्दर सिंह परमारअध्यक्ष महोदय, निश्चित रूप से जो माननीय सदस्य का प्रश्न था उस कालेज के बजाय विभाग के द्वारा क्योंकि यह अतारांकित प्रश्न था लिखित में उत्तर चला गया दूसरे कालेज का, उस त्रुटि को हमने सुधारा है. त्रुटि को सुधार करके पूरा उत्तर दिया है. माननीय सदस्य का जब विभाग का प्रश्न आया है. उसके पहले हमने दो लोगों पर कार्यवाही सुनिश्चित की है. यह भी तय किया है कि भविष्य में कभी भी, किसी भी सदस्य के उत्तर की गलत जानकारी विभाग के द्वारा न भेजी जाये. यदि ऐसा किया गया है तो उनके खिलाफ हमने कार्यवाही सुनिश्चित कर दी है.

          श्री जयवर्द्धन सिंहअध्यक्ष महोदय, मेरा सवाल था कि क्या माननीय मंत्री जी के द्वारा पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है अथवा नहीं किया गया है. स्थायी आदेश की पुस्तक में स्पष्ट उल्लेख है 20 नम्बर पाईंट पर कि अगर कोई भी मंत्री गलत उत्तर देता है तो आने वाले सत्र की कार्य सूची में उसका उल्लेख किया जाता है. स्वयं मंत्री जी उसका अलग से प्रश्नोत्तर की मैं बात नहीं कर रहा हूं कार्य सूची में उल्लेख करके उसको पूरा पढ़ते हैं जिसका पालन माननीय हमारे वरिष्ठ नेता माननीय कैलाश विजयवर्गीय जी हमारे संसदीय कार्य मंत्री भी विराजमान हैं. मैं आपसे यही आग्रह करूंगा कि इसमें जो नियम हैं उसका पालन नहीं किया गया है. यह मुद्दा जुड़ा हुआ है सभी विधायकों के साथ में चाहे वह सत्तापक्ष के हों, चाहे विपक्ष के हों. अगर इतना साधारण उत्तर सरकार नहीं दे पा रही है तो यह बहुत ही गंभीर विषय है. मैं आपसे यही आग्रह करूंगा कि इस पर आगे आने वाले चार दिनों में या अगले सत्र में कार्य सूची में इसका उल्लेख किया जाये. तथा स्वयं मंत्री जी इसका खेद व्यक्त करें. यह जो मेरा पहला बिन्दु था. दूसरा बिन्दु मेरा यह है कि चाहे मंत्री जी हों, चाहे हम सब सदस्य हों. हम सबका एक ही उद्देश्य है कि हमारे प्रदेश का अच्छा विकास हो, सबका भला हो. मेरा मंत्री जी से आग्रह है कि कोई भी डिग्री कॉलेज अथवा पी.जी.में उन्नयन के लिये क्या मापदण्ड हैं. कृपया इसकी जानकारी दें.

          श्री इन्दर सिंह परमारअध्यक्ष महोदय, राघोगढ़ के पी.जी.संचालन के संबंध में माननीय सदस्य के पूर्व के प्रश्न में भी और वर्तमान में भी जो पूछा गया है. आपने पी.जी.का दर्जा देने की मांग की गई थी. जब तक पांच विषय में न्यूनतम 100 विद्यार्थी यदि उसमें नहीं होते हैं तो उस महाविद्यालय को पी.जी का दर्जा नहीं दिया जाता है. लेकिन इनके राघोगढ़ के महाविद्यालय है इसमें कलां संकाय में हिन्दी और इतिहास संकाय में जो मापदण्ड हैं वह पूरे हो रहे हैं इसलिये हमने आने वाले समय में और भी प्रदेश के महाविद्यालयों का परीक्षण किया है. जहां पर महाविद्यालय मापदण्ड पूरी करते हैं जहां पर 30 किलोमीटर के एरिया तक कोई भी पी.जी.कॉलेज नहीं है. उस प्रकार के हम सभी कॉलेजों को हम पी. जी. कॉलेज के रूप में परिवर्तित करने पर काम करेंगे उनका उन्नयन करेंगे.

          श्री जयवर्द्धन सिंहअध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी ने कहा राघोगढ़ महाविद्यालय उसमें माननीय मंत्री जी से आग्रह है कि जो मेरे पास में जानकारी है हर वर्ष जनवरी और अप्रैल माह के बीच में उन्नयन के लिये प्रस्ताव लिये जाते हैं तो कृपया अगले एक महीने में ही इसका प्रस्ताव स्वीकार करके जो वहां पर मूल कोर्सेस हैं एम.ए. एम.एस. सी. का वह स्वीकार करें.

          श्री इन्दर सिंह परमारअध्यक्ष महोदय,कलॉ में हिन्दी और इतिहास हम इन दो विषयों में वहां पर एम.ए.प्रारंभ कर सकते हैं जिसके प्रस्ताव हमारे पास में विचाराधीन हैं और उस पर हम कार्यवाही करेंगे.

          श्री जयवर्द्धन सिंहअध्यक्ष महोदय, धन्यवाद..

          अध्यक्ष महोदयप्रश्नकाल समाप्त

                                                (प्रश्नकाल समाप्त)

 

           


 

12:00 बजे                                 नियम 267(क) के अधीन विषय.

अध्‍यक्ष महोदय निम्‍नलिखित माननीय सदस्‍यों की शून्‍यकाल की सूचनाएं क्रमश: सदन में पढ़ी हुई मानी जाएगी.

1.      श्री यादवेन्‍द्र सिंह

2.      डॉ. सीतासरन शर्मा

3.      श्री रजनीश हरवंश सिंह

4.      श्री हेमंत सत्‍यदेव कटारे

5.      श्री दिनेश राय ‘’मुनमुन’’

6.      श्री बाला बच्‍चन

7.      श्री कैलाश कुशवाह

8.      श्री भैरो सिंह बापू

9.      श्री महेश परमार

10. श्री विपीन जैन

श्री कमलेश्‍वर डोडियार अध्‍यक्ष महोदय रतलाम में एक डॉक्‍टर ने मुझे मां-बहन की गालियां दी हैं इस पर चर्चा कराएं.

          नेता प्रतिपक्ष (श्री उमंग सिंघार) माननीय अध्‍यक्ष महोदय, पूरे प्रदेश के अंदर खाद नहीं मिलने के कारण किसान परेशान है, वह बोवनी नहीं कर पा रहा है. सरकार खाद की व्‍यवस्‍था नहीं कर पाई. सरकार बार बार यूक्रेन की बात करती है, सरकार क्‍यों नहीं मैक्सिको या मोरक्‍को से बुलवा पाई, क्‍यों नहीं सरकार ब्राजील से बुलवा पाई? वहां से भी हमारे यहां इम्‍पोर्ट होता था, लेकिन आज पूरे प्रदेश में अव्‍यवस्‍था है, सरकार इस पर बात ही नहीं करना चाहती.

          अध्‍यक्ष महोदय मेरा नेता प्रतिपक्ष से अनुरोध है कि इस मामले मे चर्चा लगी हुई है. मैं उस पर सदन में चर्चा करवाऊंगा.

          श्री उमंग सिंघार चर्चा तो होगी, लेकिन मेरा आपसे अनुरोध है कि इस पर सरकार तत्‍काल कोई व्‍यवस्‍था तो करें, किसान बोवनी नहीं कर पा रहे हैं. मैं अभी रीवा गया था, वहां पर 60 प्रतिशत बोवनी नहीं हो पाई.

          अध्‍यक्ष महोदय इस पर चर्चा लगी हुई है, चर्चा करने का अवसर आप सभी लोगों को मिलेगा, उस समय आप सभी अपनी अपनी बात रख सकते हैं.

          श्री उमंग सिंघार अध्‍यक्ष महोदय, चर्चा तो हो जाएगी, लेकिन किसानों को खाद कब मिलेगी यह तो बताएं. पिछले एक महीने से पूरी कांग्रेस पार्टी बोल रही है लेकिन इस पर सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आ रहा है. इसमें आपकी तरफ से सरकार को निर्देश तो जाए, यह पूरा मामला किसानों का है.

          अध्‍यक्ष महोदय नेता प्रतिपक्ष जी, जब इस विषय पर चर्चा होगी, तो पक्ष और विपक्ष के सदस्‍य इस पर अपने विचार रखेंगे और सरकार का भी उस पर जवाब आएगा. तो निश्चित रूप से आपका समाधान होगा.

          श्री उमंग सिंघार अध्‍यक्ष महोदय, मैंने शून्‍यकाल में यह बात उठाई है तो इस पर सरकार तत्‍काल क्‍या व्‍यवस्‍था करेगी यह तो बताएं, चर्चा तो हो जाएगी, विधान सभा में, लेकिन उसके बाद खाद मिलेगा या नहीं मिलेगा, किसान समय पर बोवनी नहीं कर पा रहा है. (व्‍यवधान....)

12:01                                           विशेष उल्‍लेख.

बंगलादेश के उदय के संबंध में

          संसदीय कार्यमंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय)  अध्‍यक्ष जी, आपकी अनुमति चाहिए, एक पाइंट आफ इन्‍फर्मेशन है. आज का दिन एक और विषय में बहुत महत्‍वपूर्ण दिन है. (व्‍यवधान....) आज के दिन ही बंगलादेश का उदय हुआ था और 93 हजार पाकिस्‍तान के सैनिकों को आत्‍मसमर्पण के लिए हमारी बहादुर सेना ने मजबूर किया था, यह विश्‍व का सबसे बड़ा उदाहरण है कि 93 हजार सैनिकों को समर्पण करवाया. इसलिए मैं प्रस्‍ताव रखता हूं यह सदन भारतीय सेना को उनकी बहादुरी के लिए बधाई और धन्‍यवाद देता है. (व्‍यवधान....)

          श्री उमंग सिंघार अध्‍यक्ष जी, किसानों को खाद मिलना चाहिए (व्‍यवधान....) अध्‍यक्ष जी, आपसे आग्रह है सरकार का इस पर वक्‍तव्‍य आना चाहिए.

          अध्‍यक्ष महोदय (व्‍यवधान....)नेता प्रतिपक्ष से आग्रह करना चाहूंगा कि जब चर्चा होगी तब समय दिया जाएगा.  (व्‍यवधान....)

 

 

 

12:03 बजे                                       बहिर्गमन.

                      इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण का सदन से बहिर्गमन

          श्री उमंग सिंघार अध्‍यक्ष महोदय, किसानों को हो रही खाद की संकट को लेकर सरकार की ओर से कोई व्‍यवस्‍था नहीं करने के कारण हम असंतुष्‍ट होकर सदन से बहिर्गमन करते हैं.

(श्री उमंग सिंघार, नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में खाद संकट को लेकर इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगणों द्वारा नारे लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया गया.)

 

12:04 बजे                           अध्‍यादेश का पटल पर रखा जाना.

  मध्यप्रदेश नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2024 (क्रमांक 4 सन् 2024)

राज्यमंत्री (श्री गौतम टेटवाल), तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री द्वारा अधिकृत) , भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 की अपेक्षानुसार मध्यप्रदेश नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2024 (क्रमांक 4 सन् 2024) पटल पर रखता हूं.



12.05 बजे                               पत्रों का पटल पर रखा जाना.         

(1) कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 395 की उपधारा (1) (ख) की अपेक्षानुसार म.प्र. स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड का 45वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019    

        खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण मंत्री (श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत)-  अध्‍यक्ष महोदय मैं, कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 395 की उपधारा (1) (ख) की अपेक्षानुसार म.प्र. स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड का 45वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2018-2019  पटल पर रखता हूं.            

 

 

 

 

(2) मध्‍यप्रदेश राज्‍य कृषि उद्योग विकास निगम लिमिटेड का 51वां वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखे वर्ष 2019-2020.

 

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्‍करण मंत्री (श्री नारायण सिंह कुशवाह)-- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं कंपनी अधिनियम, 2013 (क्रमांक 18 सन् 2013) की धारा 394 की उपधारा (2) की अपेक्षानुसार मध्‍यप्रदेश राज्‍य कृषि उद्योग विकास निगम लिमिटेड का 51वां वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखे वर्ष 2019-2020 पटल पर रखता हूं.

 

(3)  (क)   (i) मध्‍यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की                  21वीं वार्षिक रिपोर्ट वित्‍तीय  वर्ष 2022-2023, तथा

              (ii) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड का 17वां वार्षिक प्रतिवेदन            वित्तीय वर्ष 2022-2023, एवं

      (ख)  मध्‍यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के वित्‍तीय वर्ष 2023-2024 के         अंकेक्षित लेखे, तथा

      (ग) मध्‍यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग की निम्‍नलिखित अधिसूचनाएं :-

           (i) क्रमांक 1852/मप्रविनिआ/2024, दिनांक 01 अगस्‍त, 2024,

                   (ii) क्रमांक 1539/मप्रविनिआ/2024, दिनांक 26 जून, 2024, एवं

                   (iii) क्रमांक मप्रविनिआ-संचा.-(एल एण्‍ड आर)-2024-1540, दिनांक 26 जून, 2024 (शुद्धि पत्र)

 

जल संसाधन मंत्री (श्री तुलसीराम सिलावट) (श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर, ऊर्जा मंत्री द्वारा अधिकृत) --  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, कंपनी अधिनियम, 2013 (क्रमांक 18 सन् 2013) की धारा 395 की उपधारा (1) (ख) की अपेक्षानुसार  (i) मध्‍यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की 21वीं वार्षिक रिपोर्ट वित्‍तीय वर्ष 2022-2023, तथा

(ii) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड का 17वां वार्षिक प्रतिवेदन वित्तीय वर्ष 2022-2023, एवं (ख) विद्युत अधिनियम, 2003 (क्रमांक 36 सन् 2003) की धारा 104 की उपधारा (4) की अपेक्षानुसार मध्‍यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के वित्‍तीय वर्ष 2023-2024 के अंकेक्षित लेखे, तथा

     (ग) विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 182 की अपेक्षानुसार मध्‍यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग की निम्‍नलिखित अधिसूचनाएं :-

           (i) क्रमांक 1852/मप्रविनिआ/2024, दिनांक 01 अगस्‍त, 2024,

                     (ii) क्रमांक 1539/मप्रविनिआ/2024, दिनांक 26 जून, 2024, एवं

                     (iii) क्रमांक मप्रविनिआ-संचा.-(एल एण्‍ड आर)-2024-1540, दिनांक 26 जून, 2024 (शुद्धि पत्र) पटल पर रखता हूं.

 

12.06 बजे

जुलाई, 2024 सत्र की स्थगित बैठकों की प्रश्नोत्तर सूची तथा प्रश्नों के अपूर्ण उत्‍तरों  के पूर्ण उत्‍तरों का संकलन खण्ड- 2 पटल पर रखा जाना.

 

          अध्‍यक्ष महोदय -- जुलाई, 2024 सत्र की स्थगित बैठकें  यथा दिनांक-08,09,10,11,12,15,16,18 एवं 19 जुलाई 2024 की प्रश्‍नोत्‍तर सूचियां तथा प्रश्नों के अपूर्ण उत्‍तरों  के पूर्ण उत्‍तरों का संकलन खण्ड- 2, पटल पर रखा गया.

 

12.07 बजे

नियम 267-क  के अधीन जुलाई, 2024 सत्र में पढ़ी  गई सूचनाओं तथा उनके संबंध में शासन से प्राप्त उत्‍तरों का संकलन पटल पर रखा जाना.

 

          अध्‍यक्ष महोदय -- नियम 267-क,  के अधीन जुलाई, 2024 सत्र में सदन में जो सूचनाएं पढ़ी गईं तथा उनके संबंध में शासन से प्राप्‍त उत्‍तरों का संकलन पटल रखा गया.

 

 

12.08 बजे

                                राज्यपाल की अनुमति प्राप्‍त विधेयकों की सूचना.

          अध्‍यक्ष महोदय -- विधानसभा के विगत सत्र में पारित 12 विधेयकों को माननीय राज्‍यपाल महोदय की अनुमति प्राप्‍त हो गई है, अनुमति प्राप्‍त विधेयकों के नाम दर्शाने वालें विवरण की प्रतियां माननीय सदस्‍यों को वितरित कर दी गई हैं, इन विधेयकों के नाम कार्यवाही में मुद्रित किये जायेंगे.               

विशेष उल्‍लेख.

बंगलादेश के उदय के संबंध में (क्रमश:)

          अभी कुछ ही देर पहले माननीय संसदीय कार्य मंत्री जी ने बंगलादेश  के उदय संबंधी विषय का उल्‍लेख किया है. मैं समझता हूं कि उस समय जो हमारी बहादुर सेना का प्रदर्शन रहा है, उसके प्रति यह सदन पूरा आदर और सम्‍मान व्‍यक्‍त करता है. (मेजों की थपथपाहट)

 

12.10 बजे                              ध्यान आकर्षण.

 

1. सिंगरौली जिले में ग्रामीण सड़कों पर अवैध परिवहन से दुर्घटनाएं घटित होना.

 

श्री अजय अर्जुन सिंह (चुरहट) -- अनुपस्थित.

                                                                                               

2.     सागर जिले के मालथौन में एक अशासकीय शैक्षणिक संस्‍था के संचालन में      अनियमितताएं किया जाना.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरी ध्‍यानाकर्षण सूचना का विषय इस प्रकार है -

          सागर जिले के खुरई विधान सभा क्षेत्र में संचालित अशासकीय शैक्षणिक संस्‍था आदर्श कान्‍वेन्‍ट स्‍कूल मालथौन के संबंध में विकासखंड शिक्षा अधिकारी मालथौन द्वारा जांच में बच्‍चों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान नहीं किये जाने एवं शाला का संचालन नियमानुसार नहीं किये जाने जैसी गंभीर अनियमितताएं पायी गईं थी, साथ ही संस्‍था द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्‍लंघन करने, छात्र/छात्राओं की मैपिंग नियमानुसार नहीं करने, शुल्‍क का विवरण पत्रक सही न होने, खेल मैदान न होने एवं फर्नीचर के अभाव में नीचे बैठकर शैक्षणिक कार्य कराने के कारण जिला शिक्षा अधिकारी सागर के पत्र क्रमांक 8421 दिनांक 29.10.2024 के द्वारा मान्‍यता निलंबित की गई । शैक्षणिक गतिविधियों में गंभीर अनियमितताएं किये जाने के साथ ही संस्‍था के संचालनकर्ताओं द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर शाला भवन बनाया गया है, इस कारण तहसीलदार मालथौन द्वारा भी इस अतिक्रमण को हटाने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी सागर को पत्र दिनांक 28.10.2024 में भवन शासकीय भूमि पर होने से बेदखल कर छात्र/छात्राओं को अन्‍यत्र व्‍यवस्थित किये जाने हेतु लेख किया गया है । विकासखंड शिक्षा अधिकारी व त‍हसीलदार मालथौन द्वारा की गई कार्यवाही के बाद भी आदर्श कान्‍वेंट स्‍कूल मालथौन की मान्‍यता समाप्‍त न किये जाने एवं तहसीलदार द्वारा बेदखल का नोटिस देने के बाद भी नियम विरूद्ध स्‍कूल का संचालन लगातार जारी होने से क्षेत्र के नागरिकों में रोष व्‍याप्‍त है ।

          स्‍कूल शिक्षा मंत्री (श्री उदय प्रताप सिंह)--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जैसा कि हमारे माननीय वरिष्‍ठ सदस्‍य जी ने जो अपनी चिंता जाहिर की और ध्‍यानाकर्षण के माध्‍यम से एक विषय सदन के सामने रखा, मैं आपके माध्‍यम से माननीय सदस्‍य को बताना चाहता हूं उन्‍होंने अपने वक्‍तव्‍य में भी बहुत विस्‍तार से इन चीजों का उल्‍लेख किया है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने क्‍या कार्यवाही की, विकासखंड शिक्षा अधिकारी का प्रतिवेदन क्‍या था, अतिक्रमण की कार्यवाही और राजस्‍व के अधिकारियों का उस पर निर्णय. जैसा उन्‍होंने कहा भी है कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी मालथौन के जांच प्रतिवेदन दिनांक 26.10.2024 एवं तहसीलदार मालथौन के प्रतिवेदन क्रमांक 28.10.2024 के अनुक्रम में तथा इस बात को इंगित करता है कि दो दिवस पहले विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने प्रतिवेदन किया, दो दिन के अंदर राजस्‍व अधिकारी ने उसकी जांच करके अपना प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किया और एक दिन के बाद दिनांक 29.10.2024 को जिला शिक्षा अधिकारी ने उस पर कार्यवाही हेतु जो हमारा निशुल्‍क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 18 के प्रयोजन के लिये निशुल्‍क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2010 के नियम 11 के तहत तत्‍कालीन समय में प्रचलित नियमों के तहत तुरंत कार्यवाही करते हुये संस्‍था की मान्‍यता निलंबित करने का निर्णय किया, लेकिन माननीय अध्‍यक्ष जी, मैं आपके माध्‍यम से बताना चाहता हूं कि जो स्‍कूल के संचालक हैं अशासकीय संस्‍था आदर्श कान्‍वेंट स्‍कूल मालथौन उनके संचालक हमारे डीईओ के आदेश के विरोध में माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर गये और डब्‍ल्‍यूपी क्रमांक 37551/2024 दायर की. माननीय न्‍यायालय द्वारा दिनांक 12.12.2024 को स्‍थगन किया है और चूंकि माननीय न्‍यायालय का स्‍थगन है इसलिये मुझे लगता है कि इस पर बहुत विस्‍तार से विचार की आवश्‍यकता भी नहीं है और मुझे लगता है कि उचित भी नहीं होगा. जहां तक माननीय सदस्‍य ने कहा है कि क्षेत्र में नागरिकों में रोष और आक्रोष व्‍याप्‍त है. मैं इससे असहमति व्‍यक्‍त करता हूं. इस तरह की कोई चीज नहीं है, छोटा स्‍कूल है और माननीय न्‍यायालय का जैसे ही निर्णय आता है उसकी सौ फीसदी कम्‍पलाइंस विभाग द्वारा कराई जायेगी. धन्‍यवाद.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैंने दो चीजें निवेदन की हैं. मैं इसमें बहुत टेक्निकली और लीगली बात अध्‍यक्ष जी मैं नहीं समझता की करने की आवश्‍यकता है, मंत्री जी सब चीजों को समझेंगे पर मेरे पास सारे आदेशों की कापी है और दूसरा मेरा निवेदन यह है कि जो स्‍कूल है वह शासकीय भूमि में चल रहा है तो शासकीय भूमि पर तो किसी प्रकार का कोई स्‍टे माननीय अध्‍यक्ष महोदय है नहीं हालांकि यह राजस्‍व से जुड़ा हुआ विषय है इसमें शिक्षा मंत्री जी नहीं कह पायेंगे.

         

          परन्तु क्या कोई शासकीय भूमि पर स्कूल बन सकता है और नियमानुसार चल सकता है जिसमें तहसीलदार ने अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी कर दिये. यह सब तो ठीक है यह सब तो मैं माननीय मंत्री जी से बात करके भी कर सकता था मेरे मन में  इसके लिये ध्यानाकर्षण लाना नहीं था मैं इसके माध्यम से सरकार का ध्यान पूरे प्रदेश की व्यवस्था की तरफ आकर्षित करना चाहता हूं. माननीय अध्यक्ष जी, हम अगर देखें तो प्रदेश में अनेक ऐसे अशासकीय शैक्षणिक संस्थान हैं जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध चल रहे हैं. जिनमें बच्चों को किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं हैं. कई स्कूलों में यौन शोषण हो रहा है. अभी इस मालथौन में एक स्कूल में बच्चे के साथ यौन शोषण हुआ.उसकी एफआईआर हुई है. उनके माता-पिता ने एफआईआर की है तो प्रदेश में हम लोग अगर समाचारपत्रों में देखें तो प्रदेश में इस तरह की अनेक घटनाएं स्कूलों में हो रही हैं तो एक तरह का व्यापार प्रदेश में अनेक स्थानों पर अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के नाम पर चल रहा है न खेल के मैदान हैं, न शिक्षक हैं. अब यहां जैसे मैपिंग नहीं हुई,कार्यवाही नहीं हुई तो यह स्थिति प्रदेश में अनेक स्थानों पर है तो माननीय मंत्री जी अच्छे व्यक्ति हैं. मेरा माननीय मंत्री जी से यह निवेदन है कि इस मामले में सरकार को कोई नीति बनाना चाहिये जिससे इस तरह की जो फर्जी शैक्षणिक संस्थाएं चल रही हैं उन फर्जी शैक्षणिक संस्थाओं पर कार्यवाही हो जिससे प्रदेश में बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित हो बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले तो इस बारे में सरकार क्या कर रही है यह मेरी मूल भावना इसके पीछे है. यह सब तो जो कुछ है वह तो ठीक है परंतु मैं मंत्री जी से क्षमा चाहूंगा मैं भी मंत्री रहा हूं तो क्षमा के साथ एक निवेदन जरूर करूंगा कि मैं उस क्षेत्र का विधायक हूं अगर अधिकारी यह लिख देते हैं कि जनता में कोई रोष व्याप्त नहीं है तो कम से कम मंत्री जी इस बात को न कहें कि जनता में रोष व्याप्त नहीं है. मैं वहां का विधायक हूं तो मुझे यह पता होगा कि जनता में वहां रोष व्याप्त है कि नहीं अगर रोष नहीं होता तो कम से कम मेरा मंत्री जी से आग्रह है कि उत्तर जो बनकर आता है,उसको अन्यथा न ले परंतु कम से कम विधायक को इस तरह से अपमानित न करें. इसका मतलब मैं असत्य कह रहा हूं तो सारी रिपोर्टें हैं. डी.ओ. कह रहा है, जिला शिक्षा अधिकारी कह रहा है, तहसीलदार कह रहा है. यह सारे आदेश हैं तो मेरा मंत्री जी से आग्रह है आप अच्छे,गंभीर व्यक्ति हैं तो अधिकारी कुछ भी उत्तर बनाकर दे दें तो आपको सदन में इस चीज का ध्यान रखना चाहिये. मुझे क्षमा करेंगे मेरा ऐसा भाव नहीं है.

          अध्यक्ष महोदय -  मंत्री जी, अच्छे आदमी हैं तो उनको भी सुन लीजिये ना.

          श्री भूपेन्द्र सिंह - मैं उनको सुनूंगा. मेरा माननीय अध्यक्ष जी, मुझे इसमें कुछ नहीं कहना,मैं इसको ठीक कर लूंगा. यह कोई बड़ा विषय नहीं है. मैं एक घंटे में ठीक कर लूंगा परन्तु मेरा विषय इतना है कि इस बारे में प्रदेश में जो अव्यवस्था है,इसको लेकर चूंकि मंत्री जी गंभीर है इसके लिये वह काम कर रहे हैं उन्होंने बहुत सी चीजें की हैं तो मैं उनका धन्यवाद भी करता हूं लेकिन सरकार आगे प्रदेश में क्या कर रही है मैं तो इसके बारे में जानना चाहता हूं.

          श्री उदय प्रताप सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से विनम्रतापूर्वक माननीय सदस्‍य को बताना चाहता हूँ. चूँकि माननीय सदस्‍य हमारे बहुत वरिष्‍ठ सदस्‍य हैं, पूरा सदन उनका आदर करता है और बहुत लंबे समय से सार्वजनिक जीवन में हम लोग साथ काम कर रहे हैं. ऐसी कोई बात नहीं है. जैसा माननीय सदस्‍य महोदय ने कहा है, हम शिक्षण व्‍यवस्‍था की बेहतरी के लिए जो एक लगातार व्‍यवस्‍था चल रही है, उसमें और क्‍या अच्‍छा कर सकते हैं, जो विसंगतियां हैं, उनको कैसे दूर करेंगे, इसके लिए हम लोग कार्य कर रहे हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से बताना चाहता हूँ कि माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्‍व में नई शिक्षा नीति जो आई है, भारतीय शिक्षण व्‍यवस्‍था को बेहतर करने के लिए उससे बड़ा निर्णय मुझे लगता है कि इस सदी में नहीं हुआ है. बड़ा निर्णय हमारी भारत की सरकार ने किया है और माननीय मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्‍व में, पहले जब वे उच्‍च शिक्षा मंत्री थे, तब भी, और अब बतौर मुख्‍यमंत्री, उनके मार्गदर्शन में हम लोग नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्‍वयन और शीघ्र क्रियान्‍वयन के लिए लगातार काम कर रहे हैं, मॉनिटरिंग कर रहे हैं. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आपने देखा होगा और मैं आपके माध्‍यम से बताना चाहता हूँ कि विगत एक वर्ष में जैसी माननीय सदस्‍य की जो चिंता है कि जो प्राइवेट स्‍कूल्‍स और इंस्‍टीट्यूशंस हैं, लगातार अवैध गतिविधियों में लिप्‍त रहते हैं. कहीं पर खेल के मैदान नहीं हैं. कहीं फी कलेक्‍शन का मुद्दा है. कहीं कुछ दूसरे मामले हैं. मध्‍यप्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सैकड़ों करोड़ रुपयों की फीस की अधिक वसूली की राशि हमारी इसी सरकार के नेतृत्‍व में, माननीय मुख्‍यमंत्री जी के नेतृत्‍व में पालकों के खातों में वापिस करने का काम पहली बार इस प्रदेश में हुआ है. इस प्रदेश में पहली बार हमारी सरकार नीति लेकर आई है कि पहले एक सामान्‍य स्‍टॉम्‍प पर अनुबंध करके, एक नोटराइज़ करके स्‍कूल किरायानामा लिखा लेना, स्‍कूल संचालित कर लेना, भवन किराए पर लेकर संचालित कर लेना, यह होता था, लेकिन यह हमारी सरकार ने फैसला किया है कि अब रजिस्‍टर्ड एग्रीमेंट के बाद ही प्राइवेट स्‍कूल चलेगा. मतलब एक वैधानिक प्रक्रिया को और सख्‍त करने का काम हमने किया है. जैसा माननीय सदस्‍य महोदय की चिंता है कि खेल के मैदान नहीं होते, अन्‍य चीजें नहीं होतीं तो खेल के मैदान सुनिश्‍चित हों, उनके स्‍पोर्ट्स की एक्‍टिविटीज़ हों, दूसरी कल्‍चरल एक्‍टिविटीज़ की व्‍यवस्‍थाएं हों, एक डिजिटल एजुकेशन की तरफ स्‍कूल का ध्‍यान हो, उन सबको भी हमारे विभाग ने बहुत सख्‍ती से पालन कराया है और जो एक एकड़ भूमि का प्रावधान किया है कि न्‍यूनतम भूमि एक एकड़ होना चाहिए, वह इसी चीज को ध्‍यान में रखकर निर्णय लिया गया है. लगातार हम लोग प्रयास कर रहे हैं. चूँकि शिक्षण व्‍यवस्‍था जो है, ये भविष्‍य का निर्माण करने वाली एक व्‍यवस्‍था है. हमारे नौनिहाल बच्‍चे जिन स्‍कूलों में जाते हैं, वे स्‍वाभाविक रूप से हमारे प्रदेश के और इस देश के भविष्‍य हैं, उनके साथ किसी किस्‍म का खिलवाड़ न हो, माननीय मुख्‍यमंत्री जी के नेतृत्‍व में हम लोग इस बात की चिंता कर रहे हैं. मैं माननीय सदस्‍य को आश्‍वस्‍त करना चाहता हूँ कि जो उनकी भावना है, उनकी भावना के अनुरूप हम लोग लगातार इस विषय पर प्रदेश में काम कर रहे हैं और बेहतर से बेहतर शिक्षण व्‍यवस्‍था के लिए काम हम लोग काम कर रहे हैं. जो वहां के स्‍कूल के कैंपस हैं, शिक्षण की जो पद्धति प्राइवेट स्‍कूलों की है, उनकी मॉनिटरिंग, उनकी जांच का मैकेनिज्‍म हम लोगों ने सख्‍त किया है और इस पर भी हम लोग काम कर रहे हैं. आगे आने वाले समय में समय के साथ आपको और बेहतर व्‍यवस्‍थाएं इस प्रदेश में दिखेंगी, ऐसा मैं माननीय अध्‍यक्ष जी के माध्‍यम से आपको आश्‍वस्‍त करना चाहता हूँ.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं माननीय मंत्री जी का बहुत धन्‍यवाद करता हूँ और हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेन्‍द्र मोदी जी का भी मैं हृदय से बहुत अभिनन्‍दन करता हूँ कि उन्‍होंने हमारे देश में नई शिक्षा नीति बनाई. यह जो नई शिक्षा नीति बनी, इस नई शिक्षा नीति के आधार पर मध्‍यप्रदेश में हमारी सरकार ने, माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने और माननीय मंत्री जी ने, जैसा माननीय मंत्री जी ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्‍छे निर्णय लिए हैं, अच्‍छे काम किए हैं, मैं उसका भी स्‍वागत करता हूँ. पर माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं फिर अपनी भावना रखना चाहता हूँ कि मंत्री जी इस बारे में अभी तत्‍काल नहीं, आप चर्चा कर लें, मुख्‍यमंत्री जी से चर्चा कर लें क्‍योंकि इस बारे में हम लोगों को कोई न कोई नीति बनानी पड़ेगी कि निजी शैक्षणिक संस्‍थाओं के नाम पर जिस तरह से ये सारी कठिनाइयां हो रही हैं, ये सारी अनियमितताएं हो रही हैं या जो अपराध हो रहे हैं. जो बच्‍चों के साथ घटनाएं हो रही हैं. इन सबको लेकर एक नीति बनाने की आवश्‍यकता है. मैं मंत्री जी का बहुत स्‍वागत करता हूँ कि उन्‍होंने नई शिक्षा नीति मध्‍यप्रदेश में लागू की है. इसके लिए मैं उनका बहुत धन्‍यवाद करता हूँ और मैं अपेक्षा करता हूँ कि मंत्री जी इस विषय को जरूर देखेंगे. माननीय अध्‍यक्ष जी, मैं चाहता हूँ कि मंत्री जी सिर्फ इतना कह दें कि सरकार इस बारे में एक नीति बनायेगी तो प्रदेश भर में एक विश्‍वास लोगों के मन में होगा कि इन अव्‍यवस्‍थाओं के प्रति सरकार गंभीर है और इसके लिए सरकार अच्‍छा कार्य कर रही है, पर इसको लेकर और क्‍या करने की जरूरत है ? वह सरकार करेगी. आप इतना कह देंगे तो अखबारों में भी आपका अच्‍छा संदेश जायेगा और जनता में भी अच्‍छा विश्‍वास जायेगा.

          अध्‍यक्ष महोदय - यह अनुभव की बात है.

          श्री उदय प्रताप सिंह - अध्‍यक्ष जी, मैं आपके माध्‍यम से माननीय को बताना चाहता हूँ कि सारे नियम, जिन पर शिक्षण व्‍यवस्‍था ठीक चले, इसके मापदण्‍ड पहले से ही निर्धारित हैं, उन पर विभाग काम भी करता है और गुड गवर्नेंस का मतलब ही यह है कि हम उन चीजों को फोकस कर रहे हैं एवं सुशासन देने का काम, जो हमारी सरकार का लक्ष्‍य है, हम लोग उसको सर्वोच्‍च प्राथमिकता पर रखते हुए काम कर रहे हैं और आप परिवर्तन देख भी रहे होंगे. मैं बहुत जिम्‍मेदारी से इस बात को कह रहा हूँ कि समय के साथ आपको अन्‍तर दिखेगा और हम लोग इस बारे में पहले से बेहतर व्‍यवस्‍थाएं लगातार देने का काम कर रहे हैं. धन्‍यवाद. 

          श्री ओम प्रकाश सखलेचा - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, पूरा विषय जो मैं समझ पाया हूँ कि प्रायवेट संस्‍थान की जमीन तथा उसके दस्‍तावेज, चाहे वे सही हों या न हों, उसके फोकस से हटकर जो अचीवमेंट हुआ है, वह तो बहुत अच्‍छा हुआ है, उसकी तो मैं भी तारीफ करता हूँ. लेकिन क्‍या मंत्री महोदय इतना बताएंगे कि पूरे प्रदेश में ऐसे कितने संस्‍थान चल रहे हैं ? जिनके जमीन के दस्‍तावेज सही नहीं हैं या डॉक्‍यूमेंट्स गलत हैं, उन्‍हें एक अवसर देकर उसके बारे में यह तय कर लें कि किसी भी हालत में अगर जिसके दस्‍तावेज गलत हैं, उन पर एक्‍शन लें, क्‍योंकि‍ यह तो नियम प्रक्रिया है. लेकिन ऐसी स्थिति नीमच जिले में भी है और अन्‍य जिलों में भी है कि जिस भी स्‍कूल में अतिक्रमण की जमीन है या नॉन वैलिड लैण्‍ड है और उस पर बिल्डिंग किसी भी तरह से बन गई है, उनके बारे में कितने समय में और कैसा एक्‍शन प्‍लान है ?  शिक्षण संस्‍थानों में शिक्षा की क्‍वालिटी के बारे में तो सब तारीफ करते हैं, सिस्‍टम की तारीफ है, सब कुछ अच्‍छा है लेकिन अगर वह इन्‍वैलिड है और गलत जगह पर बैठकर काम कर रहे हैं, तो वह पूरा मैसेज गलत जा रहा है. मैं माननीय मंत्री जी का ध्‍यान दिलाकर, यह कहना चाहता हूँ कि वह उस पर कुछ करें, जिससे पूरे प्रदेश के लिए यह मैसेज चला जाये. धन्‍यवाद. 

          संसदीय कार्य मंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय) - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा ऐसा कहना है कि माननीय सदस्‍य का सुझाव बहुत अच्‍छा है, पर यह ध्‍यानाकर्षण के विषय के बाहर का प्रश्‍न है. इसलिए यदि आप अनुमति देंगे तो मैं इतना ही कहूँगा कि माननीय मंत्री जी से अलग से आकर माननीय सदस्‍य मिल लें, इसके बारे में जानकारी दे भी दें और ले भी लें.

          अध्‍यक्ष महोदय - वैसे मंत्री जी चिन्‍ता से और भावना से, दोनों से अवगत हो गए हैं.

 

12.27 बजे                       

याचिकाओं की प्रस्तुति

 

        अध्यक्ष महोदय--  आज की कार्यसूची में उल्‍लेखित माननीय सदस्‍यों की याचिकाएं प्रस्तुत की हुई मानी जाएँगी.

 

 

 

 

 

12.28 बजे                     

विधान सभा की सदस्‍यता से त्‍याग-पत्र स्‍वीकृति संबंधी सूचना

निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-02, विजयपुर से निर्वाचित सदस्‍य श्री रामनिवास रावत

का विधान सभा के अपने स्‍थान से त्‍याग-पत्र

 

        अध्यक्ष महोदय--  निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-02, विजयपुर से निर्वाचित सदस्‍य, श्री रामनिवास रावत ने विधान सभा के अपने स्‍थान से त्‍याग-पत्र दे दिया है, जिसे मेरे द्वारा दिनांक 8 जुलाई, 2024 को स्‍वीकृत किया गया.

 

 

 

 

 

 

12.29 बजे                     

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्‍वविद्यालय, ग्‍वालियर के

प्रबंध मण्‍डल हेतु तीन सदस्‍यों का निर्वाचन.

 

        किसान कल्‍याण तथा कृषि विकास मंत्री (श्री एदल सिंह कंषाना) --  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, ''यह सभा, उस रीति से जैसी अध्‍यक्ष महोदय निर्दिष्‍ट करें, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 2009 (क्रमांक 4 सन् 2009) की धारा 27 की उपधारा (2) के पद (नौ) की अपेक्षानुसार राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्‍वविद्यालय, ग्‍वालियर के प्रबंध मण्‍डल के लिए राज्‍य विधान सभा के सदस्‍यों में से तीन सदस्‍यों के निर्वाचन के लिए अग्रसर हो.''      

 

          अध्‍यक्ष महोदय-  माननीय सदस्‍यों से मेरा अनुरोध है कि जब वे इस प्रकार के विषय को सदन में रखते हैं तो शुरूआत यह करनी चाहिए कि मैं, प्रस्‍ताव करता हूं, उसके बाद अपना विषय रखना चाहिए. भविष्‍य में बाकी लोग ध्‍यान रखेंगे.

 

          अध्‍यक्ष महोदय-  प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत हुआ.

          अध्‍यक्ष महोदय-  प्रश्‍न यह है कि-

 

                  "यह सभा राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 2009 (क्रमांक 4 सन् 2009) की धारा 27 की उपधारा (2) के पद (नौ) की अपेक्षानुसार राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्‍वविद्यालय, ग्‍वालियर के प्रबंध मण्‍डल के लिए राज्‍य विधान सभा के सदस्‍यों में से तीन सदस्‍यों के निर्वाचन के लिए अग्रसर हो.''.

 

 

  प्रस्‍ताव स्‍वीकृत हुआ.

 

 

 

 

 

 

12.32 बजे

 

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्‍वविद्यालय,ग्‍वालियर के प्रबंध मण्‍डल हेतु तीन सदस्‍यों का निर्वाचन कार्यक्रम

 

12.33 बजे

शासकीय विधि विषयक कार्य

 

(1) मध्यप्रदेश विधान सभा अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष (वेतन तथा  भत्ता) संशोधन विधेयक, 2024 (क्रमांक 20 सन् 2024) का पुर:स्‍थापन

 

 

 

 

 

 

(2) मध्यप्रदेश विधान सभा नेता प्रतिपक्ष (वेतन तथा भत्ता) संशोधन विधेयक, 2024 (क्रमांक 21 सन् 2024) का पुर:स्‍थापन

 

 

 

 

            श्री गोपाल भार्गव (रहली)-  माननीय संसदीय कार्य मंत्री जी, क्‍या यह नेता प्रतिपक्ष के लिए भूतलक्षी प्रभाव से लागू होगा ?   

 

 

(3) मध्यप्रदेश मां शारदा देवी मंदिर (संशोधन) विधेयक, 2024 (क्रमांक 22 सन् 2024) का पुर:स्‍थापन

 

 

 

 


 

(4) मध्‍यप्रदेश नगरपालिक निगम (संशोधन) विधेयक, 2024 (क्रमांक 23 सन् 2024) का पुर:स्‍थापन

 

(5) मध्‍यप्रदेश न‍गरपालिक (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2024 (क्रमांक 24 सन् 2024) का पुर:स्‍थापन

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

(6) मध्‍यप्रदेश विश्‍वविद्यालय विधि संशोधन विधेयक, 2024 (क्रमांक 27 सन् 2024) का पुर:स्‍थापन

 

 

 

 

          अध्‍यक्ष महोदय-- विधान सभा की कार्यवाही मंगलवार दिनांक 17 दिसम्‍बर, 2024 को प्रात: 11.00 बजे तक के लिए स्‍थगित की जाती है.

          अपराह्न 12.38 बजे विधान सभा की कार्यवाही मंगलवार दिनांक 17 दिसम्‍बर, 2024 (26 अग्रहायण, शक संवत् 1946) के पूर्वाह्न 11.00 बजे तक के लिए स्‍थगित की गई.

 

 

 

भोपाल:                                                                                         ए.पी. सिंह

दिनांक: 16 दिसम्‍बर, 2024                                                                   प्रमुख सचिव,

                                                                                            मध्‍यप्रदेश विधान सभा.