मध्यप्रदेश विधान सभा
की
कार्यवाही
(अधिकृत विवरण)
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पंचदश विधान सभा एकादश सत्र
मार्च, 2022 सत्र
बुधवार, दिनांक 16 मार्च, 2022
(25 फाल्गुन, शक संवत् 1943 )
[खण्ड- 11 ] [अंक- 8]
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मध्यप्रदेश विधान सभा
बुधवार, दिनांक 16 मार्च, 2022
(25 फाल्गुन, शक संवत् 1943 )
विधान सभा पूर्वाह्न 11.02 बजे समवेत हुई.
{अध्यक्ष महोदय (श्री गिरीश गौतम) पीठासीन हुए.}
प्रश्न काल में उल्लेख.
''द कश्मीर फाइल्स'' फिल्म को देखने विषयक.
संसदीय कार्यमंत्री (डॉ. नरोत्तम मिश्र) - अध्यक्ष जी, आज के अखबार में फ्रंट पेज पर मेरे बड़े भाई आदरणीय लक्ष्मण सिंह जी का समाचार छपा है कि वे ''द कश्मीर फाइल्स'' फिल्म को देखने जा रहे हैं. (....मेजों की थपथपाहट) मैं, कांग्रेस के जितने भी सम्मानीय सदस्य हैं, सभी से अनुरोध करता हूं कि माननीय लक्ष्मण सिंह जी का अनुकरण करें, क्योंकि ये फिल्म नहीं है, भवष्यि की तस्वीर है. यदि आज आप जाग गए तो हमारी सबकी संतति सुरक्षित रहेगी.
माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा कहना है कि अगर आपको इतिहास के बारे में जानना है तो ''द कश्मीर फाइल्स'' फिल्म को एक बार जरूर देखें और भविष्य जानना है तो उसको बार बार देखें, ऐसी फिल्म है और इसलिए कांग्रेस के सभी सम्मानित सदस्यों को मैं आमंत्रित करता हूं. माननीय मुख्यमंत्री जी आज मंत्रीमंडल के साथ फिल्म देखने जा रहे हैं. सज्जन भाई आप भी पधारो, सारे के सारे लोग और अपने अपने भविष्य के बारे में एक बार चिंतन जरूर करें और लक्ष्मण सिंह जी मैं आपको बहुत बहुत बधाई देता हूं.
श्री लक्ष्मण सिंह - अध्यक्ष महोदय, मैं आभारी हू.
श्री सज्जन सिंह वर्मा - अध्यक्ष महोदय, गृहमंत्री जी आपकी आज्ञा मानेंगे, वे संसदीय कार्यमंत्री भी है और होम डिपार्टमेंट चलाते हैं. यदि हमें गृह व्यवस्था ठीक रखना है तो आपकी आज्ञा माननी पड़ेगी और मेरा ये कहना है कि सदन में जनहित के सारे मुद्दे पूरे हो जाए, फिर हम फिल्म देखने चलेंगे, ठीक है. प्रदेश की ज्वलंत समस्याएं हाजिर हैं, इस पर चर्चा करना आवश्यक है.
डॉ. नरोत्तम मिश्र - जरूर.
डॉ. गोविन्द सिंह - माननीय अध्यक्ष जी, पहले ब्रीफ तो करिए कि उस फिल्म में है क्या? जो देखने जा रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय - फिल्म देखेंगे तो अपने आप जान जाएंगे.
डॉ. नरोत्तम मिश्र - इसीलिए तो आपको साथ में देखने के लिए बुला रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय - गोविन्द सिंह जी, अभी फिल्म के बारे में बता देंगे तो उसका आकर्षण खत्म हो जाएगा, खुद देखिए न.
डॉ. नरोत्तम मिश्र - अध्यक्ष जी, गोविन्द सिंह जी ने पूछा कि उस फिल्म में है क्या, आप चीफ व्हिप हो, बजट में क्या है, ये बिना जाने हल्ला कर देते हो, राज्यपाल के अभिभाषण में क्या है, बिना जाने आपका सदस्य बहिष्कार कर देता है. मुख्यमंत्री क्या बोलने वाले हैं, नेता प्रतिपक्ष बाहर ही कह देते हैं कि असत्य सुनने नहीं जा रहे. जब आप लोग ऐसे-ऐसे विद्वान हो तो फिल्स के भी अंतर्यामी हो, तीसरे नेत्र से देखों.
श्री लक्ष्मण सिंह - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय गृहमंत्री जी का बहुत आभारी हूं. मैं सिर्फ ये कहना चाहूंगा कि ''द कश्मीर फाइल्स'' फिल्म हम जरूर देखेंगे, लेकिन जब कश्मीर से हिन्दुओं का पलायन हुआ था, उस समय विश्वनाथ प्रताप सिंह जी प्रधानमंत्री थे. यह भी हमने कहा है इसका उल्लेख आपने नहीं किया. वह भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे. उस समय राजीव गांधी जी नेता प्रतिपक्ष थे. उन्होंने लोकसभा में मुद्दा उठाया था आप लोकसभा की डिबेट्स को पढ़िये. हिन्दुओं का जो पलायन हो रहा है उसे रोकना चाहिये, लेकिन कुछ नहीं हुआ. प्यारेलाल जी खण्डेलवाल आपके संघ के बहुत वरिष्ठ नेता वह राजगढ़ के 1979 सांसद थे. प्यारेलाल जी खण्डेलवाल ने अपने भाषण में राघोगढ़ में आकर कि इस सरकार को बहुत गलती से समर्थन दे दिया और इस इस तरह से हिन्दुओं का पलायन हो रहा है, उसे रोकना चाहिये, लेकिन कुछ नहीं हुआ ?
अध्यक्ष महोदय--तब सरकार गिर गई थी.
श्री लक्ष्मण सिंह-- अध्यक्ष महोदय, उस समय नहीं गिरी. बहुत सालों बाद गिरी. हिन्दुओं का पलायन वहां से होता रहा. (व्यवधान)
डॉ.नरोत्तम मिश्र--यह सरकार चल नहीं पायी और सरकार गिर गई. (व्यवधान)
भाजपा ने समर्थन वापस लेकर के सरकार को गिराया. इसके बाद में आपके लोगों के द्वारा जो किया गया है, वह निन्दनीय कृत्य था.
अध्यक्ष महोदय--बैठिये हो गया.
श्री लक्ष्मण सिंह--अध्यक्ष महोदय, मुझ पर आप कितने भी डोरे डाल लो मैं कांग्रेस में ही रहूंगा धन्यवाद. (व्यवधान)
डॉ.नरोत्तम मिश्र--भाजपा तो ओव्हर लोडेड है आप चिन्ता ना करो. (व्यवधान) इधर जरूरत भी नहीं है. मैं यह कह रहा था कि श्री लक्ष्मण सिंह जी इसको आप भाजपा कांग्रेस से मत देखो आप जिस भाव को लेकर के जा रहे हो उस भाव से हिन्दुओं पर जो अत्याचार हुआ मैं उस भाव की बात कर रहा हूं.
श्री लक्ष्मण सिंह-- अध्यक्ष महोदय, मैं भी हिन्दुओं के अत्याचार की बात कर रहा हूं.
डॉ.नरोत्तम मिश्र-- अध्यक्ष महोदय, आप लोगों की सबसे बड़ी विसंगति है कि आप हर चीज में राजनीति को देखते हो. (व्यवधान)
श्री लक्ष्मण सिंह-- अध्यक्ष महोदय, मैं तो तथ्य सामने रख रहा हूं. (व्यवधान)
श्री सज्जन सिंह वर्मा-- अध्यक्ष महोदय, उस समय बीजेपी के नेता माननीय जगमोहन जी उप राज्यपाल थे. (व्यवधान)
डॉ.नरोत्तम मिश्र-- अध्यक्ष महोदय, मेरी प्रार्थना सज्जन भाई से इतनी है कि हर मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से देखना बंद करिये. (व्यवधान) अन्यथा आप लोगों की यही दुर्गति होने वाली है. (व्यवधान) कांग्रेस का भविष्य तो पांच राज्यों में हुए चुनावों से तय हो गया है. (व्यवधान) क्या आपने अरूण यादव जी का ट्रीट देखा. (व्यवधान)
श्री सज्जन सिंह वर्मा-- अध्यक्ष महोदय, 2023 में कबीले का सरदार कौन होगा. (व्यवधान)
डॉ.नरोत्तम मिश्र-- अध्यक्ष महोदय, आप लोग तो पांच राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा मांग रहे हो. (व्यवधान) खराबी इंजन में आप लोग डिब्बे बदल रहे हो. (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--कृपया आप लोग बैठें. आप लोग प्रश्नकाल चलने दीजिये. प्रश्न क्रमांक 1 श्री चेतन्य कुमार काश्यप.
डॉ.विजय लक्ष्मी साधौ-- अध्यक्ष महोदय, आपकी उमा भारती जी पत्थर क्यों फेंक रही हैं. (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--प्रश्नकाल चलने दें. प्रश्न क्रमांक एक
11.08 बजे
तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर
कुपोषण की स्थिति
[महिला एवं बाल विकास]
1. ( *क्र. 3090 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कुपोषण की क्या स्थिति है? कुल कितने कुपोषित बच्चे हैं? जिलेवार एवं ब्लॉकवार जानकारी देवें। (ख) चेतन्य काश्यप फाउन्डेशन ने रतलाम में वर्ष 2018, 2019 और 2020 में कुपोषण के विरूद्ध अभियान चलाया, जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुये, कुल 2300 कुपोषित बच्चों में से 1300 कुपोषण मुक्त हुये? क्या फाउन्डेशन द्वारा अपनाई गई कार्य प्रक्रिया को अंगीकार कर कुपोषण की मुक्ति हेतु प्रदेश व्यापी समग्र कार्यक्रम चलाया जायेगा अथवा समग्र नीति बनाई जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुपोषित बच्चों की विभागीय एम.आई.एस. अनुसार जिलेवार एवं परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ, कुपोषण के स्तर में परिवर्तन आया है, जिले के आंकड़े की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी नहीं। विभाग द्वारा समग्र नीति तैयार की गई है, जिसके तहत कुपोषण निवारण हेतु अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम एवं पोषण अभियान कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
श्री चेतन्य कुमार काश्यप-- अध्यक्ष महोदय, मेरे प्रश्न क्रमांक 1 में माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब मुझे प्राप्त हुआ है. मैं सबसे पहले मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने बजट के अंदर चाईल्ड बजट का अलग से प्रावधान किया है. यह निश्चित रूप से बड़ा सराहनीय है. परन्तु कुपोषण में मध्यप्रदेश के कुछ ब्लाक देश के अंदर बड़े गंभीर चिन्ता के विषय हैं. रतलाम नगर में 2018 में मेरे फाऊंडेशन के माध्यम से हमने कुपोषण के विरूद्ध एक अभियान चलाया था जिसमें रतलाम नगर के 27 सौ बच्चे कुपोषित थे. उसमें से 14 सौ बच्चे कुपोषण से बाहर 7 माह के अंदर हुए फिर 2019 के अंदर हमने कुछ समय के लिये अभियान चलाया फिर कोरोना काल में वह अभियान बंद रहा. मैंने 2019 के अंदर विधान सभा में मुझे तत्कालीन महिला बाल विकास मंत्री के द्वारा एक सूचना दी गई थी कि उस अभियान की सफलता को देखते हुए हमने एक परिपत्र जारी किया है. और अभी के जवाब में मुझे प्राप्त हुआ है कि मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन योजना के तहत एक नीति के तहत कार्य किया जा रहा है. मेरा यही आग्रह एवं सुझाव भी है कि उस नीति में जिस तरीके से हमने रतलाम नगर में कार्य किया और बच्चों को थर्ड मील के रूप से 24 सौ बच्चों को प्रतिदिन शाम को 4.00 बजे भोजन दिया उसमें 50 लोग स्वयं सेवी लगाये. जो 290 आंगनबाड़ी का एक मोबाइल एप तैयार किया और उनको मॉनिटरिंग करके मोटीवेशन किया, आज 270 बच्चों में से 1400 बच्चे ही बाकी हैं, तो उस मॉडल को अपनाकर के हम मध्यप्रदेश को कुपोषण मुक्त बहुत जल्दी कर सकते हैं. आज मुझे जो परिशिष्ट दिया गया है उसमें कम से कम 63 लाख बच्चे प्रदेश में हैं. उसमें से साढ़े छ: लाख बच्चों का एक आंकड़ा दिया गया है, मुझे लगता है वह अति-कुपोषित का है. अभी मुख्यमंत्री बाल संवर्धन योजना में भी जो चिंता की गयी है वह अति-कुपोषित की है,जबकि कुपोषित बच्चों का प्रतिशत सिर्फ 10 प्रतिशत ही होता है. जबकि समग्र कुपोषित बच्चों पर ध्यान दिया जाना आवश्ययक है. क्योंकि कुपोषण से बच्चों का आधार बनना रूकता है. अगर बच्चे बचपन में ही कमजोर रह जायेंगे तो उनकी जीवनभर जो एक हमारी मालवी के अंदर एक कहावत है कि जन्म मांदा है मतलब यह जन्म से ही बीमार रहता है, उसका मुख्य कारण ही कुपोषण है. तो यह जो विषय है इसके अंदर जो कार्यक्रम दिया गया है..
अध्यक्ष महोदय:- आप प्रश्न करें.
श्री चेतन्य कुमार काश्यप:- मेरा मंत्री जी से अनुरोध है कि मेरा फाउन्डेशन का कार्यक्रम था उसके जो परिणाम हैं उस नवाचार को शासन स्वीकार करके और उसके अनुरूप कुपोषण मुक्त करने का कार्य करे.
श्री भारत सिंह कुशवाह:- माननीय अध्यक्ष महोदय, चेतन्य फाउन्डेशन ने रतलाम के अंदर बहुत अच्छा काम किया है और कुपोषण में काम भी काफी अच्छा हुआ है. कुपोषण में जिस तरह फाउन्डेशन का प्रयास रहा है वह सराहनीय प्रयास रहा है. मैं माननीय सदस्य को बताना चाहूंगा कि पहले से ही विभाग मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम के तहत और दूसरा, अटल बिहारी बाल आरोग्य कार्यक्रम के तहत, इन दोनों कार्यक्रमों के तहत पहले से ही कुपोषण पर जिस से हम बच्चों के पोषण आहार के लिये, जो कार्यक्रम कर रहे हैं उसमें मुझे सदन को यह बताने में खुशी है कि विगत दो वर्षों के माननीय बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम के परिणाम स्वरूप 6 लाख, 31 हजार, 55 गंभीर कुपोषित बच्चों का पंजीयन किया गया जिसमें से 5 लाख, 8 हजार, 762 लगभग 81 प्रतिशत बच्चों को सुपोषित किया गया.
माननीय अध्यक्ष महोदय, कुपोषण एक निरंतर प्रक्रिया है. मुझे आशा है कि निकट भविष्य में इसे हम न्यूनतम स्तर तक ले आयेंगे. चूंकि इस क्षेत्र में विभाग के प्रयास सतत्, निरंतर चल रहे हैं और कुपोषण से बच्चों को दूर रखने के लिये यह बात सही है कि जैसे संस्था ने उदाहरण पेश किया है, वैसे ही सरकार अपने कार्यक्रम तो निरंतर जारी रखे ही है, प्रायवेट सेक्टर की संस्थाओं को भी इस क्षेत्र में मदद करना चाहिये. क्योंकि हम सबकी गारंटी है कि वर्तमान को सुनिश्चित करते हुए भविष्य को तैयार करना. इसलिये मैं माननीय सदस्य को यह आश्वस्त करना चाहूंगा
कि जिस तरह से आपने समग्र कार्यक्रम चलाने की बात कही है तो विभाग पहले से ही यह कार्यक्रम कर रहा है.
अध्यक्ष महोदय:- उनका कहना यह है कि हमने जो मॉडल पेश किया है आप उसका परीक्षण करा लीजिये ना,अच्छा है तो क्या दिक्कत है.
श्री भारत सिंह कुशवाह:- निश्चित रूप से, मैं माननीय सदस्य से अनुरोध करना चाहूंगा कि और भी कोई लिखित में सुझाव हों तो हम आपस में बैठकर चर्चा करके प्रदेश हित के जो भी उपयोगी सुझाव होंगे, हम उनका जरूर परीक्षण करवा लेंगे.
बिस्टान लिफ्ट इरिगेशन योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
2. ( *क्र. 2931 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिस्टान लिफ्ट इरिगेशन योजना के टेंडर और अनुबंध की किस-किस कंडिका में समय वृद्धि के प्रावधान रखे गए हैं, उनकी छाया प्रति देवें एवं उक्त योजना में ठेकेदार को जो समय में वृद्धि करके काम करने का मौका दिया है? वह किस कंडिका के माध्यम से दिया है और क्यों दिया गया? क्या कारण रहा कि विभाग द्वारा पेनल्टी नहीं लगाई गई एवं अब जो समय दिया गया है, क्या उस समय-सीमा में ठेकेदार कार्य पूर्ण कर लेगा? (ख) उक्त योजना में क्या हाइड्रो टेस्ट करना था? यदि हाँ, तो क्या किया गया? यदि नहीं किया गया तो क्यों नहीं किया गया और कितने किलोमीटर पाइप लाइन की गई एवं कितने किलोमीटर का हाइड्रो टेस्ट किया गया? हाइड्रो टेस्ट करना क्यों आवश्यक है? (ग) उक्त टेंडर के अनुबंध एवं टेंडर की छाया प्रति देवें। (घ) उक्त योजना के क्षेत्र में आने वाले ग्राम सिलोटिया को इस सिंचाई योजना से क्यों वंचित रखा गया? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सिलोटिया को जोड़ने हेतु पत्र लिखे गए थे? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्रवाई की गई? पत्राचारों की छायाप्रति देवें। सिलोटियों को किस योजना से सिंचाई हेतु पानी दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुबंध के वाल्यूम-II सेक्शन-III कंडीशन ऑफ कान्ट्रेक्ट की कंडिका-74 में। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। समयावृद्धि पर्यावरण स्वीकृति में विलंब तथा कोविड-19 के कारण दी गई। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार छ: माही समीक्षा में स्वीकृत निर्माण कार्यक्रम के अनुरूप प्रगति होने से पेनाल्टी नहीं लगाई गई। जी हाँ। (ख) जी हाँ। योजना में 413 कि.मी. पाईप लाईन की लेईंग का कार्य एवं 56.72 कि.मी. पाईप लाईन में हाइड्रो टेस्ट किया गया है। हाइड्रो टेस्ट किये जाने का उद्देश्य पाईप लाईन के ज्वाइंटों का परीक्षण करना है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) ग्राम सिलोटिया के 56.072 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित किया जाना है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। बिस्टान लिफ्ट इरिगेशन योजना से।
श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी:- माननीय अध्यक्ष महोदय, बिस्टान लिफ्ट इरिगेशन योजना के अनुबंध की शर्तें 30 माह में कार्य पूर्ण करने की थी, लेकिन 30 माह के विपरित 34 माह का समय बढ़ाया गया. अभी कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, क्या उस काम में और समय बढ़ाया जायेगा. समय बढ़ाने के बाद में जो पेनाल्टी लगती है तो क्या पेनाल्टी लगायी गयी ? अगर नहीं लगायी गयी तो क्यों नहीं लगायी गयी ? दूसरा मेरा निमाड़ क्षेत्र में बिस्टान है, एक लिफ्ट इरिगेशन खरगोन है, एक लिफ्ट इरिगेशन पीपरी है और लिफ्ट इरिगेशन भीकनगांव की बिंजलवाड़ा है, लिफ्ट इरिगेशन नागलवाड़ी है इन सारी परियोजनाओं को में जो पाइप डाले जा रहे हैं, उन पाइप का हाइड्रो टेस्ट हो रहा है या नहीं हो रहा है ? और नहीं हो रहा है तो क्यों नहीं हो रहा है और किसके आदेश से नहीं हो रहा है. ? क्योंकि उसका उदाहरण है कि के.एन.सी. एक योजना थी वह आज से 4 वर्ष पूर्व योजना पूर्ण हुई थी, उसमें 38 किलोमीटर तक पाईप डाले गए थे, 38 किलोमीटर की पाईप लाईन का पहली बार उपयोग हुआ और सारे पाईप हाइड्रो टेस्ट न होने के कारण खड़े हो गए थे और पाईप लाईन खराब हो गई, शासन को सौ करोड़ रुपये तत्काल पुन: मंजूर करने पड़े और फिर पाईप लाईन की मरम्मत करनी पड़ी. माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं, मंत्री जी से जानना चाहता हूं और निवेदन करता हूं कि क्या पूरे खरगोन जिले में जो 7-8 परियोजनायें चल रही हैं, उन सभी परियोजनाओं में हाइड्रो टेस्ट करवाया जा रहा है कि नहीं ?
माननीय अध्यक्ष महोदय, दूसरी बात यह है कि इन 4 परियोजनाओं बी.आर.-2, बी.आर.-4, अपरवेदा और बिस्टान लिफ्ट इरिगेशन योजना, चारों का काम वहां चल रहा है, उसमें आदिवासी अंचल का एक ग्राम सिलोटिया जिसमें मात्र 166 हेक्टेयर जमीन सिंचाई हेतु शेष है, क्या उसे भी, इसमें जोड़ा जायेगा.
माननीय अध्यक्ष महोदय, इन सभी परियोजनाओं के जो टैंक बने हैं, के.एल.सी. में 38 किलोमीटर दूर से पानी ला रहे हैं, उसमें यदि हम कुंदा में एक पंप हाऊस बनायें तो उसकी मात्र 25 प्रतिशत दूरी से पानी उठाया जा सकेगा और पंप हाऊस निर्माण में जो खर्च आयेगा, उसे मात्र एक वर्ष के बिजली के बिल से बचाया जा सकेगा. ऐसे ही बी.आर.-2 में यदि हम वेदा नदी से, बारिश का बहता हुआ पानी उठा लेंगे तो नवंबर तक हमारे पास दोनों टैंक फुल होंगे और दोनों पंप हाऊस का खर्च मात्र एक वर्ष के बिजली के बिल से बचाया जा सकता है.
श्री भारत सिंह कुशवाह- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्य, ने जो पहला प्रश्न किया है कि काम में देरी का कारण क्या है तो मैं बताना चाहूंगा कि कोविड की वजह से और वन विभाग की NOC की वजह से हमें कुछ विलंब हुआ है लेकिन 6 माह में कार्य की जो समीक्षा होती है, उसमें प्रथम दृष्टया देखते हुए कार्य, समय के अनुरूप प्रगति पर था इसलिए इसमें समय की वृद्धि की गई और इसमें पेनल्टी लगाने का कोई प्रश्न नहीं है क्योंकि उस एजेंसी ने सही समय पर अपने कार्य में प्रगति दी है.
दूसरा, माननीय सदस्य ने कहा कि इस योजना में हाइड्रो टेस्ट करना था, यह बात सही है और हमने किया भी है और पाईप लाईन के ज्वाईंट को टेस्ट करने के लिए हाइड्रो टेस्ट बहुत जरूरी भी है. इसलिए हमने हाइड्रो टेस्ट करवाये, कुल मिलाकर 413 किलोमीटर की पाईप लाईन थी, जिसमें से आज हम 81 प्रतिशत का टेस्ट करवा चुके हैं, शेष पाईप लाईन का टेस्ट भी जल्दी पूर्ण करवा लिया जायेगा.
तीसरा, माननीय सदस्य ने पूछा था कि उक्त टेण्डर की छायाप्रति उपलब्ध करवाई जाये तो वह छायाप्रति माननीय सदस्य को, पुस्तकालय से प्राप्त हो गई होगी.
चौथा माननीय सदस्य ने कहा कि इस योजना के क्षेत्र में आने वाले ग्राम सिलोटिया को, इस सिंचाई योजना से क्यों वंचित रखा गया है तो मैं माननीय सदस्य को जानकारी देना चाहूंगा कि ग्राम सिलोटिया को वंचित नहीं रखा है, 56.072 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित किया जाना है और साथ ही आपने जिस क्षेत्र की बात की है कि कुछ क्षेत्र छूट रहे हैं तो मैं आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि उसका परीक्षण हम करवायेंगे, यदि उस क्षेत्र में अनुकूलता रही, ठीक प्रकार से यदि वह क्षेत्र साध्य पाया जाता है तो हम निश्चित रूप से इस पर आगे विचार करेंगे.
अध्यक्ष महोदय- माननीय मंत्री जी, उनका एक बड़ा प्रश्न था कि आप 1 करोड़ रुपये सालाना बिजली बिल देते हैं. 1 करोड़ रुपये सालाना बिल जाता है ऐसा उनका कहना है, यदि वहां कोई स्टॉप डैम बन जायेगा तो दूरी कम हो जायेगी और यह बिजली का बिल समाप्त हो जायेगा और उसी राशि से उनका स्टॉप डैम बन जायेगा, माननीय सदस्य, ऐसा प्रश्न है क्या ?
श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी- जी हां. ऐसा ही है, वहां पंप हाऊस बनवा दे.
अध्यक्ष महोदय- माननीय मंत्री जी, इसका भी परीक्षण करवाया जा सकता है.
श्री भारत सिंह कुशवाह- माननीय अध्यक्ष महोदय, हम परीक्षण करवा लेंगे और साध्य पाये जाने पर, हम इस पर विचार करेंगे.
श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी- माननीय मंत्री जी, आदिवासी क्षेत्र में केवल 156 हेक्टेयर जमीन सिंचाई हेतु शेष है, मेरा कहना है उसे भी बी.आर.-2 या किसी अन्य योजना से जोड़ लें.
अध्यक्ष महोदय- मंत्री जी, ने परीक्षण करवाने का कह दिया है, इसका भी परीक्षण करवा लेंगे.
श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी- धन्यवाद.
शहरी सामु. स्वा. केन्द्र मकरोनिया में सामग्री की आपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
3. ( *क्र. 2893 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले का शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया स्वयं के भवन में कब से संचालित हुआ है? (ख) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में संचालन हेतु सभी आवश्यक मेडिकल उपकरण सामग्री, चिकित्सा अधिकारी, अन्य पेरामेडिकल स्टाफ एवं कर्मचारी शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) केन्द्रों में संचालन हेतु आवश्यक मेडिकल उपकरण सामग्री, दवाइयां एवं अन्य अस्पताल को संचालन करने हेतु सामग्री पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं/पूर्ति नहीं की गई है तो विभाग द्वारा कब तक पूर्ति की जायेगी? (घ) शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया में चिकित्सा अधिकारी एवं पेरामेडिकल स्टाफ तथा अन्य कर्मचारियों की पूर्ति कब तक की जायेगी एवं चिकित्सा अधिकारी जिनका संलग्नीकरण किया गया है, उन्हें कब तक मूल पदस्थापना हेतु कार्यमुक्त किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सागर जिले की शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया स्वयं के भवन में दिनांक 16.01.2022 से संचालित हो रही है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) मातृ स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कुछ आवश्यक उपकरणों की प्रदायगी राज्य स्तर से प्रचलन में है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) सभी पद भरे हुये हैं, केवल सर्जिकल विशेषज्ञ के पद रिक्त हैं। प्रथम श्रेणी के विशेषज्ञों के समस्त पद पदोन्नति से भरे जाने के प्रावधान के कारण एवं पदोन्नति के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय ने माह मई 2016 से प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है, अत: प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों की पद पूर्ति किये जाने में कठिनाई हो रही है। शेष रिक्त पदों की पूर्ति हेतु नियमित/संविदा/बंधपत्र चिकित्सक/कर्मचारियों की नियुक्ति की कार्यवाही उपलब्धता अनुसार निरंतर की जा रही है एवं डॉ. संतोष पटेल, चिकित्सा अधिकारी (मेडिकल ऑफिसर) को कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुये प्रशासन के निर्देशानुसार उनकी ड्यूटी जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में लगाई गई थी, कोविड उपरांत पुन: शहरी स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया में कार्य करने हेतु आदेशित कर दिया गया है।
इंजी. प्रदीप लारिया-- माननीय अध्यक्ष महोदय, सबसे पहले तो मैं माननीय मुख्यमंत्री जी और मंत्री जी को बधाई देता हूं कि मकरोनिया में बहुत अच्छा स्वास्थ्य केन्द्र खुला है, लेकिन जो मेरे प्रश्न घ के उत्तर में मंत्री जी ने जवाब दिया है कि सारे पद भरे हुए हैं तो मैं माननीय मंत्री जी से जानना चाहता हूं और मेरा प्रश्न भी प्वाइंटेड है कि कुल कितने पद चिकित्सा विशेषज्ञ और पैरामेडिकल के हैं और उसके विरुद्ध कितने भरे हुए हैं, कितने रिक्त हैं.
अध्यक्ष महोदय-- आप यह पूछना चाहते हैं कि कितने पद स्वीकृत हैं.
इंजी. प्रदीप लारिया-- जी हां कितने पद स्वीकृत हैं और उसके विरुद्ध कितने पद रिक्त हैं. दूसरी बात यह कि आपने स्वयं स्वीकार किया है कि मातृ स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कुछ आवश्यक उपकरण राज्य सरकार के प्रचलन में हैं तो उसकी पूर्ति कब तक कर दी जाएगी?
अध्यक्ष महोदय-- लारिया जी अब उत्तर आ जाने दीजिए.
डॉ. प्रभुराम चौधरी-- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय वरिष्ठ सदस्य प्रदीप लारिया जी ने जो प्रश्न किया है और उनका पहला प्रश्न यह है कि कितने पद स्वीकृत हैं और उसमें से कितने पद भरे हुए हैं तो मैं आपके माध्यम से उन्हें बताना चाहता हूं कि चिकित्सा विशेषज्ञ का एक पद स्वीकृत है और वह भरा हुआ है. स्त्री रोग विशेषज्ञ का एक पद स्वीकृत है वह भी भरा हुआ है. चिकित्सा अधिकारी के दो पद स्वीकृत हैं दोनों भरे हुए हैं. मात्र एक शल्य चिकित्सक का पद अभी रिक्त है बाकी जहां मैं पैरामेडिकल स्टॉफ की बात करूं तो स्टॉफ नर्स के छ: पद स्वीकृत हैं और छ: ही भरे हुए हैं. एमपीएस का एक पद स्वीकृत है वह भी भरा हुआ है. एएनएम के दो पद हैं दोनों भरे हुए हैं. नेत्र सहायक का एक पद है वह भी भरा हुआ है. फार्मासिस्ट का एक पद है वह भी भरा हुआ है. ड्रेसर के दो पद हैं वह खाली हैं. रेडियोग्राफर का एक पद है वह भी भरा हुआ है. लेबटेक्निशियन का एक पद है वह भी भरा हुआ है. ओटी अटेंडेंट का एक पद है वह अभी रिक्त है. वार्ड ब्वॉय का एक पद है वह भी भरा हुआ है. स्वीपर आउटसोर्स के दो पद है दोनों भरे हुए हैं. कम्प्यूटर आउटसोर्स का एक पद है वह भी भरा हुआ है तो यह व्यवस्थाएं हैं. पांच में से चार पद डाक्टरों के भी भरे हुए हैं. पैरामेडिकल स्टॉफ नर्स के सब पद भरे हुए हैं.
इंजी. प्रदीप लारिया-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मंत्री जी का जो जवाब आया है उसमें उन्होंने स्वयं यह स्वीकार किया है कि पैरामेडिकल के पांच पद रिक्त हैं. उसमें से एक तो ड्रेसर का और ओटी अटेंडेंट का पद बहुत ही महत्वपूर्ण है. यह तो चिकित्सा से ही जुड़े हुए विषय हैं. दूसरा जो सर्जीकल विशेषज्ञ हैं और आप कह रहे हैं कि आप अभी नहीं कर सकते हैं तो इसमें मेरा यह कहना है कि आसपास के अस्पताल से तीन दिन के लिए किसी को वहां भेज दीजिएगा. दूसरा मातृ स्वास्थ्य से संबंधित जो उपकरण है आप वह मुहैया करा दीजिएगा.
अध्यक्ष महोदय, वहां ओटी चल ही नहीं रही है तो वहां की ओटी भी चलने लगे तो अच्छा होगा क्योंकि वह नया अस्पताल है उसको खड़ा करने की जिम्मेदारी सरकार की है. मेरा माननीय मंत्री जी से निवेदन है कि वह या तो वहां किसी को भेज दें वह अस्पताल ठीक ढंग से चल रहा है कि नहीं चल रहा है. बिल्डिंग अच्छी बन गई है लेकिन मेरा कहना यह है कि वह अस्पताल चलने लगे, उसमें पर्याप्त इलाज की व्यवस्था हो जाए यदि यह हो जाएगी तो अच्छा होगा. दूसरा इसमें मेरा यह निवेदन यह है कि वहां न तो फायर सेफ्टी का कोई इंतजाम है न आपातकाल विद्युत व्यवस्था के लिए कोई जनरेटर है, न कुपोषित बच्चों के लिए एनआरसी की कोई व्यवस्था है , न ही ऑक्सीजन प्वाइंट है, न ही वहां पर सुरक्षा गार्ड से संबंधित कोई अमला है, सोनोग्राफी की मशीन नहीं है तो यह सारे के सारे विषय यह कब तक पूर्ण हो जाएंगे आप चाहें तो किसी वरिष्ठ अधिकारी को वहां पर भिजवाकर उसकी पूर्ति करवा दें. चूंकि वह नया अस्पताल है इसलिए मैं माननीय मंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूं कि यदि इसकी पूर्ति हो जाएगी तो मकरोनिया बहुत बड़ा क्षेत्र है लगभग दो लाख की आबादी नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र की है तो उनको स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक अच्छा लाभ मिलने लगेगा.
डॉ. प्रभुराम चौधरी-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय सदस्य को बताना चाहता हूं कि जो मैंने अभी स्टॉफ के बारे में बताया कि मेग्जिमम पद भरे हुए हैं कुछ पद जो रिक्त हैं हम उसकी प्रोसेज़ कर रहे हैं. स्पेशलिस्ट के लिए आप सभी जानते हैं और यह सदन भी जानता है कि वर्ष 2016 के बाद विशेषज्ञों के प्रमोशन न होने के कारण कमी है लेकिन उसके लिए भी सरकार माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में केबिनेट में भी हम लोगों ने भी पास किया है कि अब हम 25 प्रतिशत पद स्पेशलिस्ट के सीधी भर्ती से करेंगे वह प्रोसेज़ में है तो जैसे ही हमारे पास उपलब्धता होगी तो जो बाकी के रिक्त पद हैं उनको हम भरेंगे.
अध्यक्ष महोदय-- अभी माननीय सदस्य का यह कहना है कि जो शल्य विशेषज्ञ हैं उन्हें आसपास से दो दिन के लिए भेज दीजिए उनका सिर्फ यह कहना है. वहां का ओटी चलने लगे.
डॉ. प्रभुराम चौधरी-- माननीय अध्यक्ष महोदय, हम उसका परीक्षण करा लेंगे अगर इस तरीके की स्थिति बनती है और हमारे पास स्टॉफ और भी होगा तो हम उसकी व्यवस्था करेंगे.
इंजी. प्रदीप लारिया-- माननीय अध्यक्ष महोदय, इसमें परीक्षण का क्या है जैसे हमारे यहां से कोरोना में डॉक्टरों को दूसरी जगह लगा दिया थे.
डॉ. प्रभुराम चौधरी-- पहले मकरोनिया में प्राईवेट में अस्पताल लगता था हमने उसको सरकारी में ट्रांसफर किया.
इंजी. प्रदीप लारिया-- मैंने उसके लिए पहले ही धन्यवाद दे दिया है.
MS
डॉ. प्रभुराम चौधरी -- जहां तक इक्विपमेंट की बात है, वह हमने काफी मात्रा में वहां पर उपलब्ध कराए हैं. अभी माननीय सदस्य ने जैसे जनरेटर की बात कही है वह भी हम वहां पर उपलब्ध करा देंगे. जो भी संभव हो सकता है वह सब हम करेंगे. स्वास्थ्य के क्षेत्र में हम लगातार काम कर रहे हैं. माननीय अध्यक्ष महोदय, आप देख रहे हैं दो साल के कोविड काल में जिस तरह से स्वास्थ्य विभाग के अमले ने नीचे से ऊपर तक काम किया है. जब घर परिवार के लोग कोविड पाजीटिव से नहीं मिल रहे थे उस समय हमारे डॉक्टर्स और नर्स उन लोगों के लिए काम किया है.
इंजीनियर प्रदीप लारिया -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा निवेदन है कि कोई वरिष्ठ अधिकारी यहां से चला जाए. वह बहुत अच्छा अस्पताल बना है उसके लिए मैं धन्यवाद भी दे रहा हूँ लेकिन उसकी जो भी आवश्यकता है उसकी पूर्ति करने का काम आपका और सरकार का है.
अध्यक्ष महोदय -- मंत्री जी ने जनरेटर की तो घोषणा कर दी है कि वे जनरेटर लगा देंगे.
इंजीनियर प्रदीप लारिया -- अध्यक्ष महोदय, केवल जनरेटर की बात नहीं है उसमें मैंने और भी जो चीजें हैं जिनका उल्लेख किया है. एक अधिकारी यहां से चले जाएंगे वो देख लेंगे, परीक्षण करा लेंगे और उसकी पूर्ति करा देंगे.
डॉ. प्रभुराम चौधरी -- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्य की भावना के अनुसार किसी वरिष्ठ अधिकारी को मैं भोपाल से भेज दूंगा और परीक्षण करा लूंगा. जिन आवश्यकताओं की हम वहां पर पूर्ति कर सकते हैं उनकी पूर्ति आपकी भावनाओं के अनुसार करेंगे.
इंजीनियर प्रदीप लारिया -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा इतना कहना है कि...
अध्यक्ष महोदय -- आपकी भावनाओं के अनुसार कार्यवाही करने के लिए मंत्री जी ने कह दिया है. अब हो गया.
डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ -- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी ने अपने जवाब में यह कहा है कि वर्ष 2016 से पदोन्नति नहीं हुई है. इसका क्या कारण है क्योंकि पूरे प्रदेश की स्थिति ऐसी ही है. क्लास वन के जो डॉक्टर होना चाहिए, सीएससी पूरी खाली पड़ी हुई है.
अध्यक्ष महोदय -- अरे दीदी, उत्तर में देख लीजिए लिखा हुआ है कि क्यों नहीं भरे गए हैं.
डॉ. प्रभुराम चौधरी -- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय बहन जी खुद चिकित्सा विभाग की मंत्री रही हैं वे बता दें कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कितने प्रमोशन किए थे.
श्री गोपाल भार्गव -- अध्यक्ष महोदय, मेरी जानकारी के अनुसार जिन लोगों को डॉक्टरी करना चाहिए. यह भी पीजी में अभी विशेषज्ञ होतीं यह विधान सभा में आ गईं ऐसे कर करके ही तो कम होते जा रहे हैं. डॉ. गोविन्द सिंह जी बैठे हैं, डॉ. सीतासरन जी बैठे हैं, डॉ. शेजवार जी आए नहीं हैं वह वहां हैं. मैं 20 लोगों के नाम गिना सकता हूँ जो आज विशेषज्ञ हो सकते थे. (हंसी)
डॉ. सीतासरन शर्मा -- यह गलती हम इस बार सुधार लेंगे.
अध्यक्ष महोदय -- संसदीय कार्य मंत्री यह बताएं कि वे बहन (सुश्री विजय लक्ष्मी साधौ) से चिकित्सा कराने के लिए तैयार हैं या नहीं हैं.
डॉ. नरोत्तम मिश्र -- माननीय अध्यक्ष महोदय, दिमाग की चिकित्सा या कहां की चिकित्सा के बारे में कह रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय -- यह कहा जा रहा है कि डॉक्टर विधान सभा में आ गईं इसलिए डाक्टर कम हो गए हैं, तो क्या आप उनसे चिकित्सा कराने के लिए तैयार हैं.
डॉ. नरोत्तम मिश्र -- अकेली बहन थोड़ी आ गई हैं. गोविन्द सिंह जी भी आ गए हैं. इनकी डिग्रियां महान हैं जिनका परीक्षण कराना पड़ेगा. कैसे पास हुए हैं, मालूम है.
श्री गोपाल भार्गव -- यह (डॉ. गोविन्द सिंह) चार पैरों वालों के डॉक्टर हैं. आप विटनरी के डॉक्टर हैं ना.
अध्यक्ष महोदय -- अभी तक उन्होंने बताया नहीं है. (हंसी)
संविदा चिकित्सक को पद से हटाकर जांच करायी जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( *क्र. 2883 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर जिला ग्वालियर के 1. पत्र क्र. 5153, दिनांक 03.11.2021 एवं दिशा की बैठक 2. पत्र क्र. 3794, दिनांक 19.08.2021 जिसमें मजिस्ट्रियल जांच हेतु आदेशित है 3. पत्र क्र. 6405 एवं 9280, दिनांक 22 एवं 29.07.2021 एवं 04.10.2021 कार्यालय पुलिस थाना मोहना के 4. पत्र क्र. 595121, दिनांक 09.09.2021 तथा बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री दिनेश मौर्य के द्वारा संभाग आयुक्त ग्वालियर को लिखे 5. पत्र दिनांक 28.01.2021 की छायाप्रतियां दें। इन पत्रों पर पत्रों के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाहियां की गई हैं, प्रत्येक पत्रवार अलग-अलग जानकारी दें। क्या इतने महत्वपूर्ण पत्रों को दरकिनार कर सी.एम.एच.ओ. ग्वालियर डॉ. मनीष शर्मा द्वारा क्या इतनी जांचों को प्रभावित करने उसी विकासखण्ड में बी.एम.ओ. बनाकर एक आदिवासी महिला जिसकी मृत्यु डॉ. रवि शर्मा की लापरवाही से हुई थी, उनको प्रोत्साहन स्वरूप पदस्थ किया गया है? यदि नहीं, तो ऐसे शासकीय सेवा के प्रति लापरवाह संविदा चिकित्सक डॉ. रवि शर्मा को तुरन्त बी.एम.ओ. बरई के पद से हटाकर निष्पक्ष जांच जो लंबित है, कराई जावेगी? (ख) ग्वालियर जिले के जिला मुख्यालय एवं भितरवार विधानसभा क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 15 फरवरी, 2022 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, वर्तमान स्थान पर पदस्थापना दिनांक तथा मुख्यालय एवं मोबाईल नम्बर बतावें। भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत पद के विरूद्ध जो रिक्त पद हैं, उनकी कब तक पूर्ति कर ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कार्यालय कलेक्टर जिला ग्वालियर के 1 पत्र क्र. 5153, दिनांक 03.11.2021 एवं दिशा की बैठक 2. पत्र क्र. 3794, दिनांक 19.08.2021 जिसमें मजिस्ट्रियल जांच हेतु आदेशित किया गया है, जिसमें अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व घाटीगांव जिला ग्वालियर द्वारा मजिस्ट्रियल जांच की जा रही है। कार्यालय पुलिस थाना मोहना के पत्र क्र. 159/21, दिनांक 23.02.2021 एवं पत्र क्रमांक 595, दिनांक 09.08.2021 के द्वारा जांच प्रतिवेदन ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बरई से चाहा गया था, जांच प्रतिवेदन की प्रति पुलिस थाना मोहना को उपलब्ध करा दिया गया है। बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री दिनेश मौर्य के द्वारा संभाग आयुक्त ग्वालियर को लिखे गये पत्र दिनांक 28.01.2021 की छायाप्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त प्रकरण में जिला स्तर से डॉ. बिन्दु सिंघल, जिला कुष्ठ अधिकारी जिला ग्वालियर एवं डॉ. सृष्टि भगत सिंह निर्भय जिला स्वास्थ्य अधिकारी-1 द्वारा जांच की जाकर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसमें डॉ. रवि शर्मा को दोषी नहीं माना गया, संस्था में पदस्थ श्रीमती उर्मिला वाल्मीकि को दोषी पाए जाने के उपरांत संबंधित के विरूद्ध सेवा समाप्ति की कार्यवाही की गई है। जी नहीं, डॉ. रवि शर्मा को प्रोत्साहन स्वरूप पदस्थ नहीं किया गया था, अपितु डॉ. अम्बरीश गुप्ता के द्वारा बी.एम.ओ. के पद पर कार्य करने में असमर्थता व्यक्त की गयी, तदोपरांत डॉ. रवि शर्मा को बी.एम.ओ. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, बरई का प्रभार दिया। वर्तमान में डॉ. रवि शर्मा को बी.एम.ओ. प्रभार से मुक्त कर डॉ. अशोक राजधान चिकित्सा अधिकारी को बी.एम.ओ. पद का प्रभार सौंपा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' ब'' अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले के जिला मुख्यालय एवं भितरवार विधानसभा क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 15 फरवरी, 2022 की स्थिति में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' ब'' अनुसार है। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है, परंतु प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों के समस्त पद पदोन्नति से भरे जाने के प्रावधान के कारण एवं पदोन्नति के संदर्भ में माननीय उच्चतम न्यायालय में माह मई 2016 से प्रचलित प्रकरण के कारण प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ व अन्य श्रेणी के पदोन्नति के पदों की पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। शेष सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से संविदा चिकित्सकों की तथा बंधपत्र के अनुक्रम में चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही उपलब्धता अनुसार निरंतर की जाती है। अस्पतालों में नियमित पैरामेडिकल स्टाफ की कमी दूर किये जाने हेतु विभाग द्वारा सीधी भर्ती की प्रक्रिया अपनाई जाकर मांग पत्र के अनुसार मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिन बोर्ड, भोपाल के माध्यम से परीक्षा आयोजित कराई जाकर परीक्षा में उत्तीर्ण होकर आये चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति संबंधी कार्यवाही समय-समय पर की जाती रही है। साथ ही अनुकम्पा नियुक्ति के नियम वर्ष 2014 के प्रावधान अनुसार चतुर्थ श्रेणी के पैरामेडिकल संवर्ग के तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के पदों की नियुक्ति किये जाने संबंधी कार्यवाही की जाकर रिक्त पदों की पूर्ति की जाती है। शत-प्रतिशत पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
श्री लाखन सिंह यादव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरे प्रश्न के उत्तर में दो साल जांच के बाद भी कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाए हैं. मेरा प्रश्न एक अनुसूचित जाति की महिला की मृत्यु से लेकर उसके परिवार की बर्बादी तक से जुड़ा हुआ है.
अध्यक्ष महोदय, सीएचसी हास्पिटल मोहना में दिनांक 22.12.2020 को डिलेवरी के समय एक अनुसूचित जाति की 23 वर्षीय महिला सोमवती की मृत्यु होती है. उसके परिवारजनों ने डॉक्टरों की घोर लापरवाही को उसकी मृत्यु का कारण बताया है. इसको लेकर लगातार उसके परिवारजनों ने कलेक्टर, ग्वालियर, एसपी ग्वालियर और थाना प्रभारी मोहना को आवेदन दिए हैं.
कलेक्टर, ग्वालियर ने जाँच के आदेश दिए, आज दिनाँक तक माननीय अध्यक्ष महोदय, यह क्लियर नहीं हो पाया कि जिस दिन उस महिला की मृत्यु हुई उस दिन वहाँ डॉक्टर कौन तैनात था, कौन ड्यूटी पर था, मेरा पहला प्रश्न. अध्यक्ष महोदय, मेरा दूसरा प्रश्न यह है कि यह जाँच में आज दिनाँक तक स्पष्ट नहीं हो पाया कि कौन वहाँ ड्यूटी पर तैनात था? और अभी जो उत्तर में आया है, एक बेचारी बाल्मीक समाज की स्वीपर महिला, जो कंटेनजेंसी पर, डेलि बेसिस पर, नौकरी पर आती थी, सफाई कर्मचारी, उसको दोषी मानकर, उसको नौकरी से हटा दिया, यह प्रश्न के उत्तर में है. अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय मंत्री जी से यह जानना चाहता हूँ कि 2 साल में आप यह जाँच तो कर नहीं पाए कि वहाँ उस दिन ड्यूटी पर कौन तैनात था, पहली चीज. क्या उस सफाई कर्मचारी महिला को, बाल्मीक समाज की महिला की वजह से उस महिला की मौत हो गई? उसको आपने दोषी मान लिया? हकीकत में जो दोषी डॉक्टर है, जो संविदा चिकित्सक है, जो बीएमओ के पद पर पोस्ट हो ही नहीं सकता, उसको राजनैतिक प्रभाव के कारण से ये पोस्ट करते रहे, दो दो बार पोस्ट किया और मैं इनसे व्यक्तिगत जाकर मिला, मैंने कहा, यह गलत हो रहा है, तो अध्यक्ष महोदय, आपने मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया. अध्यक्ष महोदय, मैं आज यह जानना चाहता हूँ कि क्या उस दोषी डॉक्टर की वजह से, जो उसके परिवार जनों ने लगातार आवेदन दिए, इसके खिलाफ आप कार्रवाई करेंगे? अभी मेरा प्रश्न लगा तो 2 दिन पहले उसको आपने बीएमओ के पद से हटा दिया. अध्यक्ष महोदय, यह तो 2 साल से प्रकरण चल रहा है. पहले तो आप मुझे यह बता दें कि उस दिन ड्यूटी पर कौन तैनात था? यह आज तक डिसाइड नहीं कर पाए और उस बाल्मीक समाज की महिला को क्यों आपने हटा दिया?
डॉ.प्रभुराम चौधरी-- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्य द्वारा जो प्रसूता सोमवती की मृत्यु के संबंध में प्रश्न लगाया. माननीय सदस्य ने स्वयं अपने प्रश्न में कहा है कि यह 2 साल पहले की घटना है. प्रसूता अस्पताल में आई, अस्पताल में 2 घंटे रही, उसके बाद उनके पैरेंट्स वहाँ से ले गए. सुबह 10 बजे डेड बॉडी लेकर हॉस्पिटल में, पहले मृत्यु अस्पताल में नहीं हुई, लेकिन बाहर हुई, वहाँ आए, उसके बाद भीड़ वहाँ आई, थाने में बातचीत की.....
श्री लाखन सिंह यादव-- अध्यक्ष महोदय, असत्य जानकारी है.
अध्यक्ष महोदय-- पहले पूरा उत्तर तो आ जाने दीजिए.
श्री लाखन सिंह यादव-- उसकी डेथ अस्पताल में ही हुई है. मोहना में कोई बड़ा अस्पताल नहीं है जहाँ दूसरी जगह ले जाते. डेथ उसी अस्पताल में हुई है, ये असत्य जानकारी दे रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय-- पहले उत्तर पूरा आ तो जाने दीजिए.
डॉ.प्रभुराम चौधरी-- अध्यक्ष महोदय, उसके बावजूद विभाग के द्वारा जिले से एक दल गठित किया गया. उसकी डेथ रिव्यू हुई, डेथ रिव्यू में जो उन्होंने प्रारंभिक तौर से जिसको दोषी पाया, उसको वहाँ से हटा दिया गया. उसके बाद भी....
श्री लाखन सिंह यादव-- “उसको” का नाम तो बता दो.
डॉ.प्रभुराम चौधरी-- जब जुलाई में माननीय सदस्यों द्वारा वहाँ पर कलेक्टोरेट में इस बात को रखा तो उसकी मजिस्ट्रियल जाँच के आदेश किए गए और उसकी मजिस्ट्रियल जाँच लंबित है और जैसे ही वह जाँच आ जाएगी तो जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
श्री लाखन सिंह यादव-- अध्यक्ष महोदय, बड़े अफसोस की बात है जिस महिला का पूरा परिवार उजड़ गया, वह खुद बेचारी इस दुनिया से चली गई, 2 साल में आप जाँच नहीं करा पाए. जब जाँच नहीं हुई, कोई दोषी नहीं पाया गया, तो आपने रवि शर्मा को क्यों हटा दिया, वह बाल्मीक समाज की महिला क्यों हटा दी, जिसका कहीं कोई रोल ही नहीं है बेचारी का, स्वीपर महिला को आपने क्यों हटा दिया? जब जाँच रिपोर्ट नहीं आई तो फिर हटा क्यों दिया?
अध्यक्ष महोदय-- मजिस्ट्रियल जाँच का कह तो रहे हैं कि हो रही है.
डॉ.गोविन्द सिंह-- अध्यक्ष जी, एक तो इन्होंने डॉक्टर का नाम नहीं बताया. सफाई कर्मचारी क्या डिलेवरी कराने के लिए अधिकृत है? दूसरा, डॉक्टर कौन था? जो डॉक्टर था उसकी जिम्मेदारी नहीं बनती? और जब जाँच नहीं हुई तो फिर हटाया क्यों? आप कह रहे हैं कि जाँच अभी जारी है. जब जाँच जारी है तो सफाई कर्मचारी महिला को हटाने का क्या औचित्य है?
डॉ.प्रभुराम चौधरी-- अध्यक्ष महोदय, कोई भी मेटर्नल डेथ होती है तो हमारे विभाग का यह प्रोसिज़र है कि हम एक दल भेजते हैं उसका रिव्यू करते हैं कि उसका क्या कारण है, तो जो वहाँ डॉक्टर्स का दल गया.
श्री लाखन सिंह यादव -- यह प्रोसीज़र है कि सफाई कर्मचारी को हटा दो, जो बेचारी डेली वेजेस की है और जिसकी वजह से यह मौत हुई, उसकी आपने आज तक जॉंच नहीं करवाई दो साल में. मेरा वही कहना है अध्यक्ष महोदय.
डॉ.प्रभुराम चौधरी -- उस जॉंच से संतुष्ट न होते हुए मीटिंग में मजिस्ट्रियल जॉंच के आदेश दिये गये. अब मजिस्ट्रियल जॉंच में और रही बात डॉक्टर की, कि आपने कहा कि उस समय यह तय नहीं कर पाए कि मोहना में कौन डॉक्टर वहां पर पदस्थ था, तो उस समय वहां पर डॉक्टर संजय नरवरिया जी ड्यूटी पर 23 दिसम्बर से थे.
श्री लाखन सिंह यादव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, यह असत्य जानकारी दे रहे हैं सदन में. हकीकत तो यह है उस दिन डॉक्टर रवि शर्मा जो संविदा चिकित्सक हैं वह उस दिन ड्यूटी पर थे और राजनैतिक प्रभाव की वजह से उसको आप लगातार बचाने का काम कर रहे हैं और यदि वह ड्यूटी पर नहीं थे, तो इन्होंने मेरे प्रश्न के दो दिन पहले क्यों हटाया?
अध्यक्ष महोदय -- लाखन सिंह जी, यदि माननीय मंत्री जी असत्य जानकारी दे रहे हैं तो उसके तरीके हैं अपने, तो आप प्रश्न एवं संदर्भ में जाकर..(व्यवधान)..
श्री लाखन सिंह यादव -- जी, माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से यह कह रहा हॅूं कि अगर वह जॉंच में नहीं था और नरवरिया ड्यूटी पर था तो मेरे प्रश्न के दो दिन पहले आपने डॉक्टर रवि शर्मा को क्यों हटाया.
अध्यक्ष महोदय -- हटाना तो उनकी प्रक्रिया है.
श्री लाखन सिंह यादव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपका संरक्षण चाहता हॅूं. मैं यह चाहता हॅूं दूसरा आज की स्थिति में वह डॉक्टर पूरे हॉस्पिटल में यह कहते हुए घूम रहा है कि विधानसभा खतम हो जाए दो दिन बाद फिर मैं बीएमओ बनकर यहीं आ रहा हॅूं जो कि संविदा चिकित्सक है. वह बीएमओ के लिए इनटाइटल नहीं है लेकिन फिर भी आपके राजनैतिक प्रभाव की वजह से और इनको मैंने व्यक्तिगत जाकर सब समझाया था.
अध्यक्ष महोदय -- आप प्रश्न पूछिए न. मैं एक प्रश्न का अवसर देता हॅूं...(व्यवधान)..
श्री लाखन सिंह यादव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा आपके माध्यम से यह कहना है माननीय मंत्री जी, मैंने आपसे यह कहा कि जैसा कि वह पूरे हॉस्पिटल में घूमकर कह रहा है क्या आप वहां उसको दोबारा पदस्थ करेंगे. क्या बीएमओ की पोस्ट पर दोबारा पोस्टिंग करेंगे जो उसको इनटाइटल नहीं है ?
अध्यक्ष महोदय -- यह प्रश्न उद्भूत नहीं होता. माननीय लाखन जी, इसी का प्रश्न पूछिए. यह प्रश्न उद्भूत नहीं होता...(व्यवधान)...
डॉ.गोविन्द सिंह -- जो उद्भूत हुआ, उसका तो उत्तर दें. जब जॉंच नहीं हुई...(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय -- हां, तो प्रश्न पूछिए न. डॉ. गोविन्द सिंह जी, केवल वह, अब तो आपने कर लिया, अब प्रश्न पूछिए. सीधा प्रश्न क्या है, क्या चाहते हैं. वह उद्भूत नहीं होता कि करेंगे या नहीं करेंगे.
श्री लाखन सिंह यादव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से मेरा प्रश्न यह है कि यह एक तो असत्य जानकारी दे रहे हैं. दूसरी बात यह है कि आपने जिस महिला को हटा दिया, जो दोषी नहीं है, उसका कोई दोष नहीं है उसको एक तो रिइंस्टेट कर देंगे आप, जो गलत हटाया आपने. सेकेंडरी सेकेंड टाइम जैसा वह कह रहा है उस बीएमओ को, जो इनटाइटल नहीं है उसको आप दोबारा उस मोहना बीएमओ में पदस्थ नहीं करेंगे, यह आप सदन के सामने आश्वासन दें.
डॉ.प्रभुराम चौधरी -- माननीय अध्यक्ष महोदय, उसकी मजिस्ट्रियल जॉंच चल रही है. मजिस्ट्रियल जॉंच में...(व्यवधान)..
श्री लाखन सिंह यादव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, उसकी जॉंच चल रही है तो फिर उसको हटा क्यों दिया आपने...(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय -- आप बैठ जाइए. बैठ जाइए.
डॉ.प्रभुराम चौधरी -- मैंने आपसे बोला कि जो हमारा रूटिन परीक्षण किया जाता है मेटरनल डेथ का, उसमें जो वहां पर दल गया, उसमें जिसको दोषी पाया गया, उसको हटाया गया, उसके बाद अगर संतुष्टि नहीं हुई, उसके बाद मजिस्ट्रियल जॉंच की इंक्वायरी की गई.
अध्यक्ष महोदय -- माननीय मंत्री जी, वह कोई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की बात कर रहे हैं उसकी बात कर रहे हैं. लाखन जी, वह कौन-सा पद है, किसको कर रहे हैं.
डॉ.प्रभुराम चौधरी -- अध्यक्ष महोदय, जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की बात कर रहे हैं...(व्यवधान)...
डॉ.गोविन्द सिंह -- वही तो, वह दोषी कहां से हो गई. आप स्वीकार कर रहे हैं कि ...(व्यवधान)...
डॉ.प्रभुराम चौधरी -- मैंने आपको बताया जिले से डॉक्टरों का दल गया. प्रत्येक मेटरनल डेथ का रिव्यू होता है. प्रारम्भिक जॉंच में पाया गया, उसे हटाया गया. अगर मजिस्ट्रियल जॉंच में वह दोषी नहीं पायी जाती तो निश्चित रूप से जो भी जॉंच की रिपोर्ट होगी, उसके अनुसार कार्यवाही करेंगे...(व्यवधान)..
श्री लाखन सिंह यादव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, आपका संरक्षण चाहिए. यह कुछ भी बोले जा रहे हैं. यह पहले ही देकर आया करो, जब पर्ची बुलाते हो आप.
अध्यक्ष महोदय -- नहीं, नहीं, उसको आप क्वेश्चन मार्क मत करिए न.
श्री लाखन सिंह यादव -- मैं आपसे यह जानना चाह रहा हॅूं मेरा इसमें कोई इंट्रेस्ट नहीं है सिर्फ आप मुझे इतना बता दो कि एक तो जिस महिला को, जो बेचारी गरीब है, उससे उसकी रोजी-रोटी चलती थी, उस महिला को आपने दोषी मानकर हटा दिया. आप उसको आज ही रिइंस्टेट करेंगे क्या...(व्यवधान)..
डॉ.प्रभुराम चौधरी -- जॉंच में अगर निर्दोष पायी जायेगी तो निश्चित रूप से रिइंस्टेट कर दिया जाएगा. मजिस्ट्रियल जॉंच जारी है, जॉंच में अगर निर्दोष पायी जायेगी तो....(व्यवधान)...
श्री लाखन सिंह चौधरी -- जब जॉंच जारी है, तो हटा क्यों दिया ?
डॉ.प्रभुराम चौधरी -- प्रारम्भिक जॉंच जो मेडिकल दल गया था जिसमें..(व्यवधान)..
श्री लाखन सिंह चौधरी -- माननीय अध्यक्ष महोदय, आपका संरक्षण चाहिए. इनको आप..(व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय -- नहीं, हो गया.
श्री लाखन सिंह यादव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, क्या हो गया.
अध्यक्ष महोदय -- मजिस्ट्रियल जॉंच की रिपोर्ट आ जायेगी, उसके हिसाब से कार्यवाही करेंगे...(व्यवधान)..
श्री तरूण भनोत -- माननीय अध्यक्ष महोदय, एक अनुसूचित जाति वर्ग की महिला को हटा दिया, जॉंच पूरी नहीं हुई, उसको वापस लेने में क्या है. एक पर्ची वहां से आ जाएगी, तो यहां ले लेंगे. मंत्री जी बोल देंगे. उसको वापस रखने में आपका क्या जा रहा है, जब जॉंच पूरी नहीं हुई है....(व्यवधान)....
श्री लाखन सिंह यादव -- अध्यक्ष महोदय, आपका संरक्षण चाहिए...(व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय -- हो गया, हो गया...(व्यवधान)..
श्री तरूण भनोत -- अध्यक्ष महोदय, एक अनुसूचित जाति की महिला को....(व्यवधान)....
अध्यक्ष महोदय -- प्रश्न क्रमांक 5 डॉ.गोविन्द सिंह. अब बहुत हो गया.
श्री लाखन सिंह यादव -- अध्यक्ष महोदय, मेरा आपसे निवेदन है...(व्यवधान)..
श्री तरूण भनोत -- अध्यक्ष महोदय, हम लोग वाकआउट करेंगे.
अध्यक्ष महोदय -- हां, करिए ना.
....(व्यवधान)..
श्री लाखन सिंह यादव -- अध्यक्ष महोदय, मेरा आपसे निवेदन है कि दो चीजें आप आसंदी की तरफ से निर्देश कर दें, एक तो उस महिला को आप आज ही रिइन्सटेट करवा दें, दूसरा, वह जो संविदा चिकित्सक है, उसको दोबारा बीएमओ के पद पर मोहना में पदस्थ नहीं करेंगे...(व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय -- नहीं, नहीं, वह आश्वासन शायद ठीक नहीं होगा. ...(व्यवधान)...
डॉ. गोविन्द सिंह -- अध्यक्ष जी, केवल आपसे विनय है, मेरा कहना यह है कि .. ...(व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय -- नहीं, नहीं, आप सुन लीजिए, मैं कहता हूँ. माननीय मंत्री जी, वह जो दैनिक वेतन भोगी के रूप में महिला काम कर रही थी, इनका यह कहना है कि गरीब महिला है, उसको यदि हटाया है, तो उसको रिइन्सटेट करिए, ऐसा कह रहे हैं...(व्यवधान)...
डॉ. प्रभुराम चौधरी -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैंने आपके माध्यम से माननीय सदस्य को और माननीय सदन को अवगत कराया है.. ...(व्यवधान)...
श्री लाखन सिंह यादव -- क्या अवगत कराया है ...(व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय -- वह तो हो गया.. ...(व्यवधान)...
डॉ. प्रभुराम चौधरी -- अध्यक्ष महोदय, मैंने यह अवगत कराया है कि आपकी ही डिमाण्ड पर जांच चल रही है.. ...(व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय -- नहीं, नहीं, वह डेली वेज की महिला है, दैनिक वेतन भोगी है ...(व्यवधान)...
श्री लाखन सिंह यादव -- अध्यक्ष महोदय, ये सदन को गुमराह कर रहे हैं, कौन सा बड़ा भारी मुद्दा है, जिसकी दो साल से आप जांच करा रहे हैं. ...(व्यवधान)...
डॉ. गोविन्द सिंह -- इन्होंने कहा कि जांच जारी है, जब जांच जारी है, तो हटा क्यों रहे हैं आप ? ...(व्यवधान)...
श्री लाखन सिंह यादव -- इतने छोटे से काम के लिए आप इतना ...(व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय -- आगे बढ़ने दीजिए...(व्यवधान)...
श्री लाखन सिंह यादव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, आसंदी की तरफ से निर्देश जाना चाहिए कि एक तो उसको आज ही रिइन्सटेट करें. दो साल से आप जांच कर रहे हैं और उनको हटाया भी जा रहा है. ...(व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय -- उसका जवाब दीजिए...(व्यवधान)...
श्री तरूण भनोत -- ये वही चीज मानेंगे, जो पर्ची में लिखकर आएगा. ...(व्यवधान)...
श्री लाखन सिंह यादव -- पर्ची मंगा लो, बगल से, पर्ची मंगाकर कह दो.. ...(व्यवधान)...
डॉ. गोविन्द सिंह -- अध्यक्ष महोदय, आपका निर्देश नहीं मान रहे हैं...(व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय -- डॉ. गोविन्द सिंह जी, अगला आप ही का प्रश्न है...(व्यवधान)...
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ -- एसीएस साहब ने इशारा कर दिया है. ...(व्यवधान)...
डॉ. प्रभुराम चौधरी -- माननीय अध्यक्ष महोदय, अब सुन लें मेरी बात ...(व्यवधान)... अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्यों की जो भावनाएं हैं कि उसको दोबारा रख लिया जाए, तो हम उसको दोबारा रख लेंगे.
अध्यक्ष महोदय -- बस ठीक है, चलिए हो गया, प्रश्न संख्या 5 डॉ. गोविन्द सिंह जी.
श्री लाखन सिंह यादव -- अध्यक्ष महोदय, उसको किसको, श्रीमती उर्मिला बाल्मीक को आज ही रिइन्सटेट करेंगे, ऐसा बोल दो ना.. ...(व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय -- आपकी भावना के अनुसार कर लिया भाई, कर लिया, अब क्यों, डॉ. गोविन्द सिंह जी. ...(व्यवधान)...
श्री लाखन सिंह यादव -- प्रभुराम जी, बहुत देर में दुरुस्त आते हैं आप... ...(व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय -- लाखन सिंह जी, बस हो गया, डॉ. गोविन्द सिंह अपना प्रश्न करें.
प्रदेश सरकार पर कर्ज की स्थिति
[वित्त]
5. ( *क्र. 3103 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन वित्तीय संस्थाओं से कब-कब, कितना-कितना कर्ज किन-किन प्रयोजनों हेतु लिया गया? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या कर्ज प्राप्त करने के लिए शासन द्वारा कोई गारंटी दी गई है? यदि हाँ, तो संस्थावार कर्ज की राशि व दी गई गारंटी की जानकारी दें। (ग) फरवरी 2022 तक की स्थिति में प्रदेश सरकार पर किस-किस संस्था का कितना-कितना कर्ज बकाया है एवं लिए गए कर्ज के अनुपात में प्रदेश के प्रत्येक नागरिक पर कितना कर्ज आएगा? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार पर कुल कितना कर्ज है एवं ब्याज की कितनी राशि वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में दी गई?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक लिए गए बाजार ऋण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1A एवं 1B अनुसार है। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतिम लेखे विधानसभा पटल पर वर्तमान में प्रस्तुत नहीं होने के कारण दर्शाई अवधि में अन्य संस्थाओं से लिए गए कर्ज की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंतिम लेखे प्राप्त नहीं होने से अंकेक्षित जानकारी दी जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट साहित्य में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 के पुनरीक्षित अनुमान अनुसार दर्शाई अवधि में संस्थावार ऋणों का अनुमान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतिम लेखे विधानसभा पटल पर वर्तमान में प्रस्तुत नहीं होने के कारण दर्शाई अवधि में अन्य संस्थाओं से लिए गए कर्ज की जानकारी दी जाना संभव नहीं है, जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 अभी समाप्त नहीं हुआ है। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है । (ग) नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा वित्त लेखे वित्तीय वर्ष की समाप्ति के आधार पर तैयार किए जाते हैं। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंकेक्षित लेखे विधानसभा पटल पर वर्तमान में प्रस्तुत नहीं हुए हैंl वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट साहित्य में प्रकाशित आंकड़ों के (वित्तीय वर्ष 2021-22 के पुनरीक्षित अनुमान) अनुसार मार्च 2022 की समाप्ति पर राज्य सरकार पर संस्थावार ऋणों का अनुमान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट साहित्य में प्रकाशित आंकड़ों के (वित्तीय वर्ष 2021-22 के पुनरीक्षित अनुमान) अनुसार मार्च 2022 की समाप्ति पर राशि रूपए 2,95,532.91 करोड़ का कर्ज रहने का अनुमान है। बजट साहित्य में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु राशि रूपए 15,917.87 करोड़ तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु राशि रूपए 20,040.73 करोड़ के ब्याज भुगतान का अनुमान हैl
डॉ. गोविन्द सिंह -- माननीय अध्यक्ष जी, मैं माननीय मंत्री जी से जानना चाहता हूँ कि आपका बजट 2 लाख 79 हजार करोड़ रुपये का है और आपके ऊपर अभी 2 लाख 95 हजार करोड़ रुपये का कर्जा है. जो आपके आंकड़े हैं, उनके हिसाब से 3 लाख 25 हजार करोड़ रुपये कर्ज होने वाला है, 3 लाख 25 हजार करोड़ रुपये और 16 हजार करोड़ रुपये तो 3 लाख 41 हजार करोड़ रुपये आपके पास ओवर रहेंगे तो आप कर्जा कैसे चुकाएंगे ? दूसरा प्रश्न मेरा यह है कि आप किश्त भी कैसे चुकाएंगे, यह आप कृपा करके बता दें ?
श्री जगदीश देवड़ा -- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्य ने जो पूरी जानकारी चाही है, बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं, उनको पूरी जानकारी दी गई है. जब से उन्होंने जानकारी मांगी है, 1 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दी गई है और बाजार के ऋण की भी पूरी जानकारी हमने दी है. अब कर्जा, यह विषय सदन में बहुत बार आ गया है कि जितना बजट रखा, उससे ज्यादा कर्जा लिया, अध्यक्ष महोदय, यह प्रक्रिया है, सभी राज्य कर्जा लेते हैं और कर्जा पटाते भी हैं. ऐसा नहीं है, ये तो सरकार अपने काम करती है, कर्जा लेती है और कर्जा देती भी है. सब नियम प्रक्रिया के अंतर्गत ही लिया है. एफआरबीएम के जो नियम हैं, उसके अंतर्गत ही कर्जा लिया है, कोई ऊपर कर्जा नहीं लिया है. जितनी कर्ज की सीमा होती है, उसके अंतर्गत कर्जा लिया है और भारत सरकार की अनुमति से लिया है. डॉक्टर साहब भी बहुत लंबे समय से सदन में बैठते हैं, सबको पता है कि कर्जा लिया, अब कर्जा, जितना बजट है, उससे ज्यादा कर्जा, माननीय अध्यक्ष महोदय, यह मेरे पास चार्ट है...
डॉ. गोविन्द सिंह -- कर्जा और ले लो आप, जितना ले सकते हो, ले लो, हमें आपत्ति नहीं है. अध्यक्ष महोदय, मैं केवल यह पूछ रहा हूँ कि आखिर ये कर्जा चुकेगा कैसे, इसका कोई जरिया है, आपने क्या सॉल्युशन, क्या जरिया तय किया है ? दूसरा, मैं यह पूछना चाहता हूँ कि इसमें एक शब्द आया है कि महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट के बाद अंतिम आंकड़े आते हैं तो महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट तो एक वर्ष बाद आती है तो हमने कितना कर्जा लिया है, इसकी जानकारी सरकार को होनी चाहिए कि नहीं ? बस दो बातें बता दो, ज्यादा और पूछना नहीं है.
श्री जगदीश देवड़ा -- अध्यक्ष महोदय, यह जानकारी पूरी बता दी है. मार्च 2020-21 की समाप्ति पर कर्ज की पूरी जानकारी हमने बता दी है. हमने ए.जी. की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार बता दिया है कि 2 लाख, 53 हजार, 59.79 करोड़ और मार्च 2022 की समाप्ति पर हमने 2 लाख, 95 हजार, 532.91 करोड़ की राशि बता दी है.
डॉ. गोविंद सिंह -- माननीय मंत्री जी, वह तो आपने पूरा लिखा है, लेकिन आप चुकाएंगे कैसे, आपके पास क्या रास्ता है ? हमें जरा बताएं.
श्री जगदीश देवड़ा -- सरकार के पास अन्य जो राजस्व प्राप्त करने वाले विभाग हैं, उससे जो अर्निंग होती है उसी से चुकाएंगे. पिछले दो वर्षों से कोरोना का संकट रहा है यह सब जानते हैं. उसके कारण रेवेन्यू 40 परसेंट कम पड़ी थी. अब धीरे-धीरे सामान्य स्थितियां हो रही हैं. कर्जा चुकेगा. तरुण भनोत जी, मैं आपको बता दूं यह कोई मध्यप्रदेश सरकार ही कर्जा नहीं ले रही है. मैं आपको अन्य राज्यों का आंकड़ा भी बता देता हूं. यह राजस्थान का आंकड़ा ले लीजिये. वहां अभी 3 लाख, 46 हजार, 182 करोड़ का बजट रखा गया है और वहां का कर्जा 4 लाख, 12 हजार, 481 करोड़ है. यह मैं बता रहा हूं. यह पंजाब का भी है.
श्री तरुण भनोत -- अध्यक्ष महोदय, आप वहां की पेंशन स्कीम भी लागू कर दीजिये. वह आप लागू कर दीजिये. आप राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार की बात कर रहे हैं. हम यहां मध्यप्रदेश के बजट की चर्चा करते हैं, प्रश्न पूछते हैं, आप राजस्थान की बात करते हैं. आप पूर्व पेंशन स्कीम लागू कर देंगे ? आप पूर्व पेंशन स्कीम लागू कर दीजिये.
श्री यशपाल सिंह सिसौदिया -- तरुण जी, अभी बजट एलोकेटेड नहीं हुआ है. ..(व्यवधान)...
डॉ. नरोत्तम मिश्र -- कश्मीर फाइल्स को हमने टैक्स फ्री कर दिया है. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी उसको टैक्स फ्री कराइये.
श्री तरुण भनोत -- अध्यक्ष महोदय, आप राजस्थान के सदन से पूछिये. यह मध्यप्रदेश की विधान सभा का, यह मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता का सदन है. आप राजस्थान की बात करते हैं. आप छत्तीसगढ़ की बात करते हैं. आप मध्यप्रदेश की बात कीजिये. अध्यक्ष महोदय, मैं आपकी अनुमति से सिर्फ एक बात पूछना चाहता हूं कि आपने हमें बताया कोरोना का संक्रमण काल था. कोई भी सरकार होती तो उसको दिक्कत होती. हमने इस बात को भी स्वीकार किया कि आप कर्ज ले लीजिये. गोविंद सिंह जी तो कह रहे हैं और ले लीजिये. मैं भी कह रहा हूं और ले लीजिये. सिर्फ सवाल यह है कि कोविड के दौरान केन्द्र सरकार ने आपकी एफआरबीएम लिमिट को बढ़ाया था और आपने बजट में कहा है कि उसको कम कर दिया गया है. हम आपसे सिर्फ यह पूछ रहे हैं कि जो आपने बजट प्रस्तावित किया है उसकी पूर्ति करने के लिये आपने यह कहा कि आपको स्टेट से रेवेन्यू 75 हजार करोड़ मिल रहा है. आपने अपना जो इस्टीमेट बनाया है उसमें 65 हजार करोड़ रुपये केन्द्र से मिल रहा है. 2 लाख, 80 हजार करोड़ रुपये का बजट है, तो यह डेढ़ लाख करोड़ की भरपाई आप कैसे करेंगे ? आपकी एफआरबीएम लिमिट को कम कर दिया गया है. या तो आप सदन को बता दें ना, हम सब आपके साथ हैं कि इस साल आप इतना कर्जा और लेने जा रहे हैं तो हम उसकी वैकल्पिक तैयारी करें. आपका रेवेन्यू बढ़े. हम आपका साथ देंगे.
श्री जगदीश देवड़ा -- राज्य सरकार अतिरिक्त संसाधनों से करेगी. आप भी वित्त मंत्री थे, उस समय कितना कर्जा था ?
श्री तरुण भनोत -- आपने संसाधन में कहा है कि 75 हजार करोड़ मिल रहे हैं. आपने तो स्वीकार किया है कि आपका रेवेन्यू 75 हजार करोड़ आना वाला है. आप बजट में देखिये ना.
अध्यक्ष महोदय -- हो गया, आपकी बात आ गई है. उन्होंने उसका उत्तर दे दिया.
श्री जगदीश देवड़ा -- आपके समय में 11-11 परसेंट ब्याज पर कर्ज लिया था. आपने 10 परसेंट, 11 परसेंट ब्याज पर कर्ज लिया है. आज वह स्थिति नहीं है.
श्री तरुण भनोत -- अध्यक्ष महोदय, सिर्फ कहना यह है कि आप कह रहे हैं 75 हजार करोड़ रुपये राज्य से रेवेन्यू आएगा. वह आ गया और 65 हजार करोड़ रुपये केन्द्र से आ गया, बाकी डेढ़ लाख करोड़ रुपये कहां से आएगा ?
अध्यक्ष महोदय -- नहीं, उन्होंने बता दिया कैसे करेंगे. बता दिया ना.
श्री संजय पाठक -- प्रश्न गोविंद सिंह जी को करने दें. आपके चक्कर में हमारा प्रश्न नहीं आएगा. तरुण भनोत जी का तो प्रश्न ही नहीं है. क्यों खड़े हो रहे हैं ?
अध्यक्ष महोदय -- संजय जी, तरुण जी बैठ जाइये.
श्री यशपाल सिंह सिसौदिया -- इन सब बातों को आपने बजट पर बोल लिया था.
श्री गोपाल भार्गव -- अध्यक्ष जी, मैं पड़ोसी धर्म निभा रहा हूं. नीति आयोग इस बात को तय करता है कि कितने प्रतिशत किस राज्य के लिये रखना है. यह पॉलिसी भारत सरकार तय करती है. जीडीपी जितनी होती है, आप चुकाने के काबिल हैं या नहीं हैं, इसके बाद ही भारत सरकार अनुमति देती है, आर.बी.आई. अनुमति देती है. इस कारण से लिया. आप माननीय वित्त मंत्री रहे हैं, आपको मालूम होना चाहिये कि हमारी जीडीपी जिस हिसाब से है और हम जितना पटा सकते हैं, उसी हिसाब से हमें अनुमति मिलती है. अब इसमें क्या प्रश्न करते हैं ?
श्री तरुण भनोत -- वह आप जीडीपी का साढ़े तीन प्रतिशत से ज्यादा ले नहीं सकते हैं. उसके बाद भी एक लाख करोड़ रुपये आप कहां से लाएंगे ? वही तो पूछ रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय -- नहीं, उन्होंने बताया ना कि हम संसाधन जुटाएंगे.
श्री तरुण भनोत -- आप जीडीपी का पूरा साढ़े तीन प्रतिशत का कर्जा ले लीजिये.
अध्यक्ष महोदय -- तरुण जी, हो गया. नहीं, बहुत हो गया.
प्रश्नकर्ता के पत्रों के जवाब दिए जाना
[सामान्य प्रशासन]
6. ( *क्र. 2424 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक एफ. 19-76 स/2007/1/4, भोपाल दिनांक 22 मार्च, 2011 एवं पत्र दिनांक 17 अगस्त, 2016 के आदेश अनुसार क्षेत्रीय माननीय सांसद/माननीय विधायक के पत्रों के उत्तर देने के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत/जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सेंधवा, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सेंधवा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सेंधवा को पत्र लिखे? उक्त पत्रों के उत्तर कब-कब उपरोक्त अधिकारियों ने प्रश्नकर्ता को दिए?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
श्री ग्यारसी लाल रावत - अध्यक्ष महोदय, मेरा सीधा प्रश्न है कि अधिकारियों द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्रों के उत्तर नहीं दिया जाना, मैं माननीय मंत्री जी से यह जानना चाहता हूं क्षेत्रीय सांसद और विधायकों के पत्रों के उत्तर दिये जाने के निर्देश हैं, परन्तु जिले के जितने भी अधिकारी हैं, हम लोग पत्र भेजते हैं, उनके पत्रों का जवाब नहीं देते. क्या आप माननीय मंत्री जी को यह निर्देशित करेंगे कि माननीय सांसदों और विधायकों के दिये हुए पत्रों का उत्तर दिया जाय?
श्री इन्दर सिंह परमार - अध्यक्ष महोदय, 45 पत्र अलग-अलग विभाग को माननीय सदस्य ने दिये हैं, 16 के उत्तर पहले उनको मिल चुके हैं और 29 पत्रों के उत्तर कल तक उनको मिल चुके हैं, इसलिए जितने पत्र लिखे थे, सभी पत्रों के उत्तर विधायक जी को मिल चुके हैं.
अध्यक्ष महोदय, पहले पत्र जो लिखे थे, उनके पहले उत्तर आ गये क्योंकि कई पत्र ऐसे थे, जिसमें कलेक्टर को लिखे थे, लेकिन संबंधित विभाग से संबंधित थे, इसलिए विभागों से उत्तर आने के बाद संबंधित लोगों ने माननीय विधायक जी के पत्रों का उत्तर दिया है. मेरे पास में पूरा रिकॉर्ड है, कुछ पत्रों में जरूर विलंब हुआ है, मैं समझता हूं कि हम उसकी प्रक्रिया में भी सुधार करेंगे कि समय पर उत्तर दे दिये जायं.
(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय - मूल प्रश्नकर्ता का प्रश्न हो जाय.
श्री सुनील सराफ - अध्यक्ष महोदय, हमेशा यह होता है, इससे अच्छा तो आरटीआई कार्यकर्ता है.
11.53 बजे अध्यक्षीय व्यवस्था
विधायक एवं सांसद के पत्रों का जवाब दिया जाना
अध्यक्ष महोदय - आप बैठ जाइए. माननीय मंत्री जी, सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश हैं, सर्क्युलर्स हैं, विधायकों, सांसदों के पत्रों का उत्तर देना, उसमें की जा रही कार्यवाही से अवगत कराना, कोई कठिनाई हो उसको भी अवगत कराना. मेरे विधानसभा में भी विधायकों के पत्र आते हैं, वह यही लिखते हैं कि हमारे पत्रों का जवाब नहीं आया. इसको गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. इस तरह की कोई शिकायत नहीं आए. (मेजों की थपथपाहट)..प्रश्न संख्या 7
डॉ. गोविन्द सिंह - अध्यक्ष महोदय, पिछले सत्र में.
अध्यक्ष महोदय - हो गया, हमने निर्देश कर दिया.
डॉ. गोविन्द सिंह - अध्यक्ष महोदय, सामान्य प्रशासन विभाग के लगातार 12-15 वर्षों में 8 आदेश हैं.
अध्यक्ष महोदय - हां, हैं.
डॉ. गोविन्द सिंह - अध्यक्ष महोदय, मैंने पिछले सत्र में प्रश्न भी लगाया था तो उन्होंने कहा कि आगे सुधार होगा, लेकिन उसके बाद फिर हमने चिट्ठी लिखी. मैं केवल इतना जानना चाहता हूं कि क्या इन पर कोई कार्यवाही करेंगे कि नहीं करेंगे? इन पर कार्यवाही जब तक नहीं होगी, तब तक सुधार नहीं होगा, ये अधिकारी निरंकुश हो चुके हैं, इसलिए हमारा निवेदन है कि मैंने पिछले सत्र में प्रश्न लगाया था, उसके बाद फिर पत्र लिखे तो फिर जवाब नहीं दिया तो एकाध दोषी पर आप कार्यवाही करें. आप लोग हैं, आपके पास में इसका जवाब है?
अध्यक्ष महोदय - हो गया, मैंने अपनी तरफ से निर्देश दिया है, मैंने अपनी तरफ से आसंदी से कह दिया.
श्री बाला बच्चन - अध्यक्ष महोदय, आपको धन्यवाद. लेकिन हमारा भी कहना है कि कोई जवाब नहीं आते हैं. आपने आसंदी से जो निर्देश दिये उसके लिए धन्यवाद है ,लेकिन सरकार को निर्देशित भी करें कि हमारे पत्रों का जवाब आए.
श्री बहादुर सिंह चौहान - अध्यक्ष महोदय, आपने आसंदी से पूरा आश्वस्त कर दिया है. आपने पर्याप्त निर्देश दे दिये हैं. अध्यक्ष महोदय, प्रश्न नहीं होने दे रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय - अब उसके अंदर कुछ नहीं बन रहा है. मेरे निर्देश के बाद इस संबंध में किसी के प्रश्न का कोई औचित्य नहीं है.
तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर (क्रमशः)
कर अपवंचन के लंबित प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
7. ( *क्र. 3034 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में जो क्रेशर संचालित हैं, उनके नाम, जी.एस.टी. नंबर सहित देवें। इन क्रेशर संचालकों द्वारा विगत 3 वर्षों में जमा टैक्स विवरणी की जानकारी फर्मवार, माहवार देवें। (ख) इन क्रेशर संचालकों को खनिज विभाग द्वारा जारी अभिवहन पास की गणना विभाग के अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं की गई? विगत 2 वर्षों के संदर्भ में क्या विभाग खनिज विभाग से जारी अभिवहन पास की जानकारी लेकर इन फर्मों के कर अपवंचन की जानकारी लेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) दिनांक 15.02.2022 की स्थिति में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में जी.एस.टी. एवं जी.एस.टी. विधान के पूर्व के कितने प्रकरणों में कितनी राशि वसूली के लिए लंबित है? फर्म नाम, राशि कब से लंबित है? पृथक-पृथक देवें। यह राशि कब तक वसूल कर ली जाएगी? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार कर अपवंचन व वसूली के लंबित प्रकरणों के उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? इस सर्कल के संबंधित अधिकारियों के नाम, पदनाम भी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म मध्यप्रदेश से प्रदेश के खनिज उत्खनन में संलग्न उत्खननकर्ताओं द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 के माह अगस्त, 2021 तक की रॉयल्टी भुगतान की जिलेवार जानकारी प्राप्त की गई है। प्राप्त जानकारी का विश्लेषण किया जा रहा है। कर अपवंचन के तथ्य संज्ञान में आने की स्थिति में विधि अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जा सकेगी। (ग) दिनांक 15.02.2022 की स्थिति में महिदपुर विधानसभा में जी.एस.टी. विधान के अन्तर्गत एक प्रकरण रूपये 2.12 लाख तथा जी.एस.टी. विधान के पूर्व 1094 प्रकरण राशि रूपये 83.91 लाख के वसूली के लिए लंबित हैं। फर्म नाम, राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) बकाया वसूली की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। विभाग द्वारा बकायादारों के विरूद्ध वसूली हेतु निरंतर विधिक प्रावधानों के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। अत: इस संबंध में किसी अधिकारी पर कार्यवाही की स्थिति नहीं है। उज्जैन वृत्त 3 में वर्तमान में पदस्थ अधिकारियों के नाम संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
श्री बहादुर सिंह चौहान - अध्यक्ष महोदय, मेरा प्रश्न कर अपवंचन को लेकर है, जो परिशिष्ट माननीय मंत्री जी के विभाग से मिला है, उसमें पूरी जानकारी मुझे मिली है.
श्री ग्यारसी लाल रावत - अध्यक्ष महोदय, मैं आपका संरक्षण चाहता हूं.
अध्यक्ष महोदय - मैं आगे बढ़ गया हूं, हो गया.
श्री सज्जन सिंह वर्मा - अध्यक्ष महोदय, वह आदिवासी विधायक हैं.
श्री बहादुर सिंह चौहान - अध्यक्ष महोदय, अभिवहन पास के आधार पर जो कर अपवंचन निर्धारित किया गया है, उसमें काफी अंतर है. जब से जीएसटी लागू हुआ है, उसके पूर्व के 194 प्रकरण का कर लेना उत्तर में बाकी बताया गया है.
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ - अध्यक्ष महोदय, उन्होंने एक ही प्रश्न पूछा है.
(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय -(कई माननीय सदस्यों के एक साथ खड़े होने पर) मेरे निर्देश के बाद कोई औचित्य नहीं है.
श्री बहादुर सिंह चौहान - अध्यक्ष महोदय, आपको बहिर्गमन करना है तो कर दीजिए ना. आप प्रश्न तो होने दीजिए. अध्यक्ष महोदय, बड़ा महत्वपूर्ण प्रश्न है.
श्री आरिफ मसूद - अध्यक्ष महोदय, वह आदिवासी विधायक है उसकी सुन लें.
(व्यवधान)..
श्री सज्जन सिंह वर्मा - वह आदिवासी विधायक है, आदिवासी विधायक की बात तो सुन लें.
अध्यक्ष महोदय - सज्जन सिंह जी, मेरे निर्देश के बाद कोई औचित्य नहीं है.
श्री सज्जन सिंह वर्मा - अध्यक्ष महोदय, मात्र एक प्रश्न किया है, उसको एक प्रश्न का और अधिकार है.
श्री बहादुर सिंह चौहान - अध्यक्ष महोदय, आपने पर्याप्त व्यवस्था दे दी है.
अध्यक्ष महोदय-- विधायक जी की भावना को देखते हुए, समस्त विधायकों की भावना को देखते हुए ही मैंने आसंदी से निर्देश दिया है.
श्री ग्यारसी लाल रावत-- अध्यक्ष महोदय, मैं एक मिनट का समय मांग रहा हूं. मेरे प्रश्न का उत्तर नहीं आया.
अध्यक्ष महोदय-- अब नहीं. हम बहुत आगे बढ़ गये हैं.
श्री सज्जन सिंह वर्मा -- अध्यक्ष महोदय, उनका एक ही प्रश्न हुआ है. एक और प्रश्न की उनको अनुमति दे दीजिये.
अध्यक्ष महोदय-- वे फिर वही पूछेंगे ना.
..(व्यवधान)..
श्री सज्जन सिंह वर्मा -- अध्यक्ष महोदय, उनका आप प्रश्न तो सुन लें. सारे अधिकारी निरंकुश हो गये हैं. वे विधायकों को तवज्जों नहीं दे रहे हैं.
..(व्यवधान)..
11.56 बजे.
बहिर्गमन
इंडियन नेशनल कांग्रेस के माननीय सदस्य, श्री ग्यारसी लाल रावत द्वारा सदन से बहिर्गमन.
श्री ग्यारसी लाल रावत-- अध्यक्ष महोदय, मैं बहिर्गमन करता हूं.
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के माननीय सदस्य, श्री ग्यारसी लाल रावत द्वारा प्रश्न संख्या 6 में शासन के उत्तर से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन किया गया.)
..(व्यवधान)..
11.57 बजे तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर (क्रमशः)
श्री बहादुर सिंह चौहान -- अध्यक्ष महोदय, मेरा जीएसटी को लेकर प्रश्न है. मंत्री जी, मैं सीधा सीधा प्रश्न कर रहा हूं कि जो अभिवहन पास के द्वारा जीएसटी निर्धारित की गई है, इसमें काफी अंतर है. अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि संभाग लेवल के अधिकारी से जो कर अपवंचन में अंतर है, ये जांच करके, क्या इसकी जांच संभागीय अधिकारी से करवा लेंगे.
श्री जगदीश देवड़ा -- अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्य ने जो विषय संज्ञान में लाया है कि वहां इस प्रकार की कोई अनियमितता हुई है या फिर पूरी तरह से जांच नहीं हुई है. तो हम उज्जैन संभाग के किसी डिप्टी कमिश्नर से जांच करवा लेंगे.
श्री बहादुर सिंह चौहान -- अध्यक्ष महोदय, मैं मंत्री जी को धन्यवाद देना चाहता हूं. यह जांच क्या एक माह में पूर्ण करवाकर कार्यवाही हो जायेगी.
अध्यक्ष महोदय-- मंत्री जी, समय बता दीजिये.
श्री जगदीश देवड़ा -- अध्यक्ष महोदय, करवा लेंगे.
श्री बहादुर सिंह चौहान -- मंत्री जी, धन्यवाद.
ISA योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( *क्र. 2923 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा संचालित ISA योजना राजगढ़ जिले में भी लागू है? यदि हाँ, तो कब से तथा उक्त योजना का क्या लक्ष्य/उद्देश्य है एवं क्या-क्या गतिविधियां एवं कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाना था? विस्तृत विवरण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना के लक्ष्यों को मूर्त रूप देने के लिये किन-किन ठेकेदारों से अनुबंध किया गया तथा विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत उक्त अवधि में क्या-क्या कार्यक्रम किन-किन जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कराये गये तथा प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान किया? (ग) क्या शासन की मंशानुरूप उक्त योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार, जन जागरूकता रथ, आदि कार्यक्रमों का आयोजन न कर साथ ही प्रश्नकर्ता एवं जनप्रतिनिधियों को योजना की कोई जानकारी न देकर औपचारिकता कर शासन की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? क्या शासन इसकी विस्तृत जांच करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जल जीवन मिशन प्रारंभ होने के समय से लागू है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) कम्यूनिटी वेल्फेयर ऑर्गेनाईजेशन, भोपाल एवं पर्यावरण शिक्षण संस्थान, भोपाल द्वारा अनुबंध किया गया है। ग्रामों में प्रचार-प्रसार के कार्यक्रम ग्रामवासी सरपंच, सचिव की उपस्थिति में कराये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, रूपये 7,42931.00 का भुगतान किया गया है। (ग) प्रचार-प्रसार कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी जा रही है, उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्री राज्यवर्धन सिंह -- अध्यक्ष महोदय, मेरा प्रश्न आईएसए योजना के क्रियान्वयन के संबंध में है. मेरा प्रश्न यह है कि क्या शासन की मंशा अनुरुप उक्त योजना का व्यपाक प्रचार प्रसार, जन जागरुकता रथ आदि कार्यक्रमों का आयोजन न कर साथ ही प्रश्नकर्ता एवं जन प्रतिनिधियों को योजना की कोई जानकारी न देकर औपचारिकता कर शासन की राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है.
अध्यक्ष महोदय-- यह आप पढ़िये नहीं, सीधा प्रश्न करिये.
श्री राज्यवर्धन सिंह -- अध्यक्ष महोदय, जी. मेरा प्रश्न यह है कि हमें कोई जानकारी न देकर, मंत्री महोदय ने जवाब दिया है कि ग्रामों में प्रचार प्रसार के कार्यक्रम ग्रावासी सरपंच, सचिव की उपस्थिति में कराये गये. अब यह सचिव क्या होता है. मैं वहां का विधायक हूं, मुझे सूचित नहीं किया. ग्राम के सरपंच को और सचिव को सूचित किया गया. दूसरा, मेरा प्रश्न यह है कि इस योजना के अंतर्गत जो ठेकेदार को ठेके दिये गये. वह पहले उससे टेंडर मंगवाये, टेंडर लगे 50 प्रतिशत बिलो में. दो बार टेंडर निरस्त किये गये और उसी ठेकेदार को पुनः कोटेशन पर यह कार्य दिया गया और मार्च, 2020 में 36 लाख का कार्य दिया गया और 12 महीने के जो कार्य हैं, उसको 15 दिन में कराकर 36 लाख का पेमेंट कर दिया गया.
अध्यक्ष महोदय-- आप प्रश्न पूछें.
श्री राज्यवर्धन सिंह -- अध्यक्ष महोदय, मेरा मंत्री जी से निवेदन है कि मेरे यहां पीएचई का जो एसडीओ है, श्री घनश्याम अग्रवाल, उसको सस्पेंड करके इसकी जांच कराई जाये.
अध्यक्ष महोदय-- आप प्रश्न जल्दी पूछें. समय हो रहा है.
श्री राज्यवर्धन सिंह -- अध्यक्ष महोदय, मेरा निवेदन यह है कि उनको सस्पेंड करके इसकी जांच कराई जाये कि 36 लाख का पेमेंट कैसे हुआ.
राज्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी (श्री बृजेन्द्र सिंह यादव)-- अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माननीय सदस्य को बताना चाहता हूं कि अब आप जो आईएसए एजेंसी के बारे में पूछ रहे हैं. इस आईएसए एजेंसी का मतलब यह है कि इस आईएसए एजेंसी में लगभग 6 से 8 सदस्य रहते हैं. ये ग्रामीण क्षेत्र में जाते हैं और गांव में जो भी हमारी ग्राम पंचायत की उप समिति होती है, ग्राम जल सुरक्षा समिति होती है, उनका गठन करना..
अध्यक्ष महोदय-- नहीं मंत्री जी, उनका प्रश्न यह है कि जिसका टेंडर आया, दो बार टेंडर आया, फिर उस टेंडर को निरस्त करके कोटेशन में उसी को दे दिया गया, यह कैसे हुआ, यह प्रश्न है. उसकी जांच माननीय सदस्य चाह रहे हैं.
श्री बृजेन्द्र सिंह यादव -- अध्यक्ष महोदय, इन्होंने अगर टेंडर की बात की है, तो माननीय सदस्य को पहली बात तो लिखित में जवाब भेज दिया है और आप एसडीओ की बात कर रहे हैं कि एसडीओ ने कोई भी अगर उसमें धोखाधड़ी की है या गलती की है, तो इसकी हम जांच करा लेंगे.
श्री राज्यवर्धन सिंह -- अध्यक्ष महोदय, उनको सस्पेंड किया जाये. 36 लाख का पेमेंट 15 दिन में कर दिया गया है, वह भी कोविड टाइम में, मार्च,2020 में. उनको सस्पेंड करके जांच की जाये, क्योंकि इसी एसडीओ के अंतर्गत मेरे विधान सभा में जेजेएम के अंतर्गत टंकियों के काम चल रहे हैं, जो कि 200 करोड़ के हैं. मुझे इन पर विश्वास नहीं है. उनको सस्पेंड करके आप जांच कराइये.
श्री बृजेन्द्र सिंह यादव -- अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय सदस्य से कहना चाहता हूं कि आपने पहले शिकायत तो की नहीं और अगर आप बता रहे हैं, तो मैं निश्चित उसकी जांच करा लूंगा. अगर जांच में कुछ आयेगा, तो उसके विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी.
श्री राज्यवर्धन सिंह -- अध्यक्ष महोदय, मैंने सवाल किया है विधान सभा में, मैं शिकायत क्या करता. मैं विधान सभा में सवाल कर रहा हूं. मंत्री जी, आप उसको सस्पेंड करिये.
अध्यक्ष महोदय-- प्रश्नकाल समाप्त.
(प्रश्नकाल समाप्त)
12.00 बजे नियम 267-क के अधीन विषय
अध्यक्ष महोदय - निम्नलिखित माननीय सदस्यों की शून्यकाल की सूचनाएं सदन में पढ़ी हुई मानी जावेंगी:-
1. श्री पी.सी. शर्मा
2. श्री महेश परमार
3. श्री पुरुषोत्तमलाल तंतुवाय
4. श्री आलोक चतुर्वेदी
5. श्रीमती रामबाई
6. श्री प्रियव्रत सिंह
7. श्री संजय सत्येन्द्र पाठक
8. श्री आशीष गोविन्द शर्मा
9. श्री दिलीप सिंह गुर्जर
10. श्री बहादुर सिंह चौहान
12.01 बजे
वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक में उल्लिखित विभागीय अनुदान की मांगों पर मतदान के साथ अन्य आवश्यक कार्य नियमों को शिथिल कर आज ही पूर्ण किया जाना
संसदीय कार्य मंत्री(डॉ.नरोत्तम मिश्र) - माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय नेता प्रतिपक्ष आदरणीय कमलनाथ जी, हमारे चीफ व्हिप माननीय गोविन्द सिंह जी, उनसे संवाद के बाद में और आपकी जो आज की कार्य सूची है, जिसमें लगभग सभी विषय आपने समाविष्ट किये हैं. विनियोग 21 तारीख को आना था माननीय अध्यक्ष जी.
अध्यक्ष महोदय - 21 तारीख को छुट्टी हो गई.
डॉ.नरोत्तम मिश्र - हां छुट्टियां हैं उसके बाद में और इसीलिये नियमों को शिथिल करके आप कार्य सूची को पूर्ण करें.
अध्यक्ष महोदय, आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा लगभग 5 घंटे सदन में की जा चुकी है. जिसमें दोनों पक्षों के अधिकांश सदस्यों द्वारा भागीदारी की गई है तथा इसके पूर्व कृतज्ञता प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की जा चुकी है. बजट सत्र की बैठकों की दिन-दर्शिका में निर्धारित अनुसार बजट में शामिल विभागीय मांगों पर मतदान तत्परता से पूर्ण कर तत्संबंधी विनियोग विधेयक का पारण 23 मार्च,2022 को किया जाना है परन्तु अभी तक विभागीय मांगों पर चर्चा नहीं हो सकी है. यह वित्तीय कार्य नियत समय-सीमा में पूर्ण किया जाना आवश्यक है.
अत: ऐसी स्थिति में मैं, प्रस्ताव करता हूं कि वर्ष, 2022-23 के आय-व्ययक में उल्लिखित विभागीय अनुदानों की मांगों पर मतदान के साथ अन्य आवश्यक शासकीय कार्य नियमों को शिथिल कर आज ही पूर्ण किये जाएं.
अध्यक्ष महोदय - प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
12.03 बजे पत्रों का पटल पर रखा जाना
(1)मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड का 44 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018
खाद्य,नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री( श्री बिसाहूलाल सिंह) - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं कंपनी अधिनियम,2013(क्रमांक 18 सन् 2013) की धारा 395 की उपधारा (1)(ख) की अपेक्षानुसार मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड का 44 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018 पटल पर रखता हूं.
(2) समग्र शिक्षा अभियान,राज्य शिक्षा केन्द्र मध्यप्रदेश का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2020-21
राज्यमंत्री,स्कूल शिक्षा(श्री इन्दर सिंह परमार) - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं, भारत सरकार की गाईड लाईन के बिन्दु क्रमांक-2 के उप बिन्दु(7) की अपेक्षानुसार समग्र शिक्षा अभियान,राज्य शिक्षा केन्द्र मध्यप्रदेश का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2020-21 पटल पर रखता हूं.
12.04 बजे औचित्य का प्रश्न एवं अध्यक्षीय व्यवस्था
डॉ.गोविन्द सिंह - माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा प्वाइंट आफ आर्डर है. मैं आपकी ओर से जारी, नियम विपरीत विधान सभा सचिवालय के संचालक द्वारा जितु पटवारी,सदस्य को दिये गये नोटिस का जिक्र कर रहा हूं. सदस्य को अनुच्छेद 176(1) के तहत् नोटिस जारी हुआ है कि आप इस पर अपना स्पष्टीकरण दें. मैं पूछना चाहता हूं कि किस नियम के तहत् उनको यह नोटिस दिया या. जो आपकी नियम-प्रक्रिया है, इसमें मैंने पूरा पढ़ लिया. इसमे कहीं इस प्रकार का उल्लेख नही है कि बिना नियम के ,बिना अनुच्छेद के कोई नोटिस जारी किया जाय. आरोप लगाए जाएं. ठीक है हमारे नेता जी ने कह दिया था कि सहमत हैं उसके बावजूद भी नोटिस जारी करना एक सदस्य को अपमानित करना है. संविधान के अनुच्छेद 176(1) में साफ उल्लेख है कि....
अध्यक्ष महोदय - गोविन्द सिंह जी, विधान सभा की आचरण समिति का जो नियम बना है उस नियम को थोड़ा पढ़िये.
डॉ.गोविन्द सिंह - जब इसमें उल्लेख था अध्यक्ष जी. जिस नियम के तहत आरोप लगाया गया है संविधान में इसका उल्लेख ही नहीं है. तो किसी माननीय निर्वाचित सदस्य को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत् अगर बोलने की आजादी है. संविधान के मौलिक अधिकारों में भी लिखा है. स्वतंत्र बोल सकते हैं. आजादी है. कहीं भी देश में रहने की आजादी है. यह मौलिक अधिकारों का हनन नहीं है क्या ? विधान सभा में मनमाने तरीके से सत्ता पक्ष के सदस्यों के द्वारा आरोप लगाने के बाद इस तरह का नोटिस दिया जा सकता है. मैं चाहता हूं कि जिन्होंने आरोप लगाया. या तो आरोप लगाने वाले खेद व्यक्त करें या फिर सचिवालय के द्वारा लिखित में दिया जाए कि हमसे गल्ती हुई है या वे खेद व्यक्त करें.
डॉ.नरोत्तम मिश्र - न तो कोई खेद व्यक्त करने की बात है न कोई खेद व्यक्त करेगा. जो नियम-प्रक्रिया है. नियम-प्रक्रिया में आचरण समिति का भी आपने बार-बार कह दिया.
डॉ.गोविन्द सिंह - हमारे पास संविधान भी है. हमारे पास मध्यप्रदेश विधान सभा के कार्य प्रक्रिया संचालन नियम भी हैं. हमारे पास दोनों हैं.
(..व्यवधान..)
डॉ.नरोत्तम मिश्र - (..व्यवधान..) गोविन्द सिंह जी पढ़ दो ना क्यों नहीं पढ़ रहे. आपको कह रहे हैं कि आचरण समिति का नियम पढ़ दो. नियम-प्रक्रिया के तहत् नोटिस दिया है.
(..व्यवधान..)
अध्यक्ष महोदय - मंत्री जी को बोलने दीजिये.
डॉ. नरोत्तम मिश्र-- आप आचरण समिति पढ़ लो, क्यों नहीं पढ़ रहे. ... (व्यवधान)... किस प्रक्रिया के तहत नोटिस दिया है. ... (व्यवधान)...
श्री सज्जन सिंह वर्मा-- सदन नियम प्रक्रियाओं से ही चलता है. ... (व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय-- सुन लीजिये, ... (व्यवधान)... आपको किताब मिली हुई है ... (व्यवधान)... मध्यप्रदेश विधान सभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम, जरा पेज 108 खोलिये 234. किताब आपके पास है. आचरण समिति की शिकायत है प्रक्रिया निम्नानुसार होगी- कोई सदस्य किसी अन्य सदस्य के विधान सभा में अथवा उसके संस्कृति आचरण संबंधित किसी अनैतिक आचरण के संबंध में शिकायत कर सकता है. शिकायत विधान सभा अध्यक्ष को सम्बोधित की जायेगी, इसे जांच एवं प्रतिवेदन हेतु विधान सभा की आचरण समिति के सभापति को अग्रेषित करेगा. शिकायतकर्ता को अपने आरोपों को सिद्ध करने के लिये संबंधित साक्ष्य दस्तावेज अन्य सबूत जो आरोपों को सिद्ध करने में सहायक होंगे, प्रस्तुत करना होगा. इसका मतलब कि आचरण समिति को चला गया, वह अपना जवाब दे देंगे, आप अपना जवाब दे देना, दोनों को सुनकर निर्णय हो जायेगा, इसमें कौन सी दिक्कत है. ... (व्यवधान)...
श्री सज्जन सिंह वर्मा-- विधान सभा की चारदीवारी के अंदर किया हुआ कृत्य आचरण समिति को जाता है. ... (व्यवधान)...
डॉ. गोविन्द सिंह-- माननीय अध्यक्ष जी, ... (व्यवधान)... पिछली बार लोक सभा में 18 विपक्षी दलों ने माननीय राष्ट्रपति महोदय के अभिभाषण का विरोध किया है, बहिष्कार किया था ... (व्यवधान)...
डॉ. नरोत्तम मिश्र-- ऐसा यहां भी कर सकते हैं जैसा आप उनकी कह रहे हो. ऐसे नहीं कर सकते खाट पर लेटे-लेटे. ... (व्यवधान)...
डॉ. गोविन्द सिंह-- नहीं तो क्या विरोध नहीं कर सकते. महामहिम राज्यपाल महोदय राम नरेश यादव जी आये थे ... (व्यवधान)... हम लोगों ने उनके खिलाफ ... (व्यवधान)... लगाये थे.
अध्यक्ष महोदय-- गोविन्द सिंह जी जरा सुन लीजिये. ... (व्यवधान)... केवल अपनी बात कहेंगे, सुनना तो पड़ेगा न. फिर से देखिये इसको मध्यप्रदेश विधान सभा प्रक्रिया कार्य संचालन संबंधी नियम. पेज 140 में देखिये राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदस्यों के लिये आचार संहिता. (क) यदि कोई सदस्य सदन में राज्यपाल के अभिभाषण को अवरूद्ध करता है या बाधा डालता है, अभिभाषण के पहले या उसके दौरान या अभिभाषण के बाद जब राज्यपाल सदन में उपस्थित हों किसी भाषण या व्यवस्था के प्रश्न द्वारा बहिर्गमन करके किसी अन्य तरीके से ऐसी बाधा अवरोध या असम्मान का प्रदर्शन राज्यपाल के प्रति निरादर माना जायेगा. संबंधित सदस्य की ओर से पूर्णतया अमर्यादित व्यवहार माना जायेगा, सदन की अवमानना माना जा सकता है ... (व्यवधान)... पी.सी. शर्मा जी पहले भी है, पहले लिखा हुआ है, राज्यपाल के अभिभाषण के पहले इसी में लिखा हुआ है, जरा देख लीजिये न. ... (व्यवधान)... अपना जवाब दे दीजिये, कोई दिक्कत थोड़ी है. ... (व्यवधान)...
श्री सज्जन सिंह वर्मा-- जो आचरण किया ही नहीं, उसका जवाब सदस्य कैसे देगा. ... (व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय-- तो यही लिखकर दीजिये न कि नहीं किया है. ... (व्यवधान)...
श्री सज्जन सिंह वर्मा-- माननीय अध्यक्ष महोदय, यह सर्वथा गलत हो रहा है ... (व्यवधान)...
श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति-- माननीय अध्यक्ष महोदय ... (व्यवधान)... उठाये गये बिंदु का जब तक निराकरण नहीं होता है ... (व्यवधान)... तब तक निराकरण नहीं होता है. सदस्य उस समाधान के प्रति संबद्ध नहीं होते हैं ... (व्यवधान)...
श्री सज्जन सिंह वर्मा-- अगर जरूरत पड़ी तो हम आसंदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लायेगे. ... (व्यवधान)...
12.07 बजे बहिर्गमन
इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा सदन से बहिर्गमन.
डॉ. गोविन्द सिंह-- माननीय अध्यक्ष महोदय, अगर सदन इस तरह से चलेगा तो कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है और हम सदन से बहिर्गमन करते हैं.
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्य श्री जितु पटवारी को दिये गये नोटिस संबंधी कार्यवाही के विरोध में डॉ. गोविन्द सिंह के नेतृत्व में इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा सदन से बहिर्गमन किया गया)
श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति-- माननीय अध्यक्ष महोदय.... ... (व्यवधान)...
डॉ. नरोत्तम मिश्र-- आप कांग्रेस पार्टी के साथ नहीं हो, बगावत कर रहे हो. ... (व्यवधान)...
श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति-- बगावत आप लोग कर रहे हो. ... (व्यवधान)...
डॉ. नरोत्तम मिश्र-- पूरी पार्टी बाहर चली गई, आप भाषण दे रहे हो. ... (व्यवधान)...
श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति-- यह गलत तरीका है, विधान सभा की चारदीवारी के अंदर नियम प्रक्रिया का पालन होना चाहिये, यह नहीं कि भेदभाव करें. आप नियम प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ा रहे हैं. ... (व्यवधान)...
12.08 बजे ध्यान आकर्षण
अध्यक्ष महोदय-- आज की कार्यसूची में उल्लिखित माननीय सदस्यों के ध्यानाकर्षण की सूचनायें पढ़ी हुई एवं उन पर संबंधित विभागीय मंत्रियों के वक्तव्य पटल पर रखे हुये माने जायेंगे.
12.08 बजे प्रतिवेदन की प्रस्तुति
श्री बहादुर सिंह चौहान-- अध्यक्ष महोदय, मैं कृषि विकास समिति का द्वितीय प्रतिवेदन प्रस्तुत करता हूं. मैं सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी का और समिति के सदस्यों को धन्यवाद देता हूं कि समय पर पूरी चर्चा करके इस समिति ने बहुत अच्छा कार्य किया. सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं.
10.09 बजे याचिकाओं की प्रस्तुति
अध्यक्ष महोदय-- आज की कार्यसूची में उल्लिखित माननीय सदस्यों की याचिकायें प्रस्तुत की हुई मानी जायेंगी.
12.10 बजे शासकीय विधि विषयक कार्य.
मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2022 (क्रमांक 5 सन् 2022)
वित्त मंत्री (श्री जगदीश देवड़ा) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मध्यप्रदेश मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2022 के पुर:स्थापन की अनुमति चाहता हूं.
अध्यक्ष महोदय -- प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2022 के पुर:स्थापन की अनुमति दी जाये.
अनुमति प्रदान की गई.
(व्यवधान).....
वित्त मंत्री (श्री जगदीश देवड़ा) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मध्यप्रदेश मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2022 का पुर:स्थापन करता हूं.
(व्यवधान)..
डॉ.गोविन्द सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, एक मिनिट (व्यवधान).. सदन में कोई घोषणा (व्यवधान)..
श्री संजय सत्येंद्र पाठक -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैंने एक ध्यानाकर्षण लगाया था कि छिंदवाड़ा जिले में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूलों को मान्यता दिये जाने के लिये भारी राशि की मांग की जा रही है और राशि नहीं दी जाने पर स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाती है. माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरे ध्यानाकर्षण में मैंने आज मंत्री जी से आग्रह किया था कि छिदंवाड़ा के जिला शिक्षा अधिकारी को उसके पद से अलग करते हुए उसके खिलाफ जांच संस्थित की जाये, मैं आपसे यह आग्रह करता हूं कि आज की कार्यसूची में मेरा ध्यानाकर्षण नहीं आ पाया था. माननीय अध्यक्ष महोदय,जिला शिक्षा अधिकारी को वहां से हटाते हुए जांच करने का आग्रह है. (व्यवधान) .
अध्यक्ष महोदय -- माननीय मंत्री जी इसको थोड़ा सा देख लीजिये, क्या शिकायत कर रहे हैं? इस पर कठोर कार्यवाही करिये. (व्यवधान) ..
राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा(श्री इन्दर सिंह परमार) -- जी, माननीय अध्यक्ष महोदय....(व्यवधान) ...
श्री संजय सत्येंद्र पाठक -- माननीय मंत्री जी ने आश्वासन दे दिया है. (व्यवधान) ...
श्री फुंदेलाल सिंह मार्को -- माननीय अध्यक्ष महोदय, शहडोल जिले के बुरहानपुर में 40 वर्ष निर्मित (व्यवधान) ... बुलडोजर चला दिया गया, अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही की जाये. (व्यवधान) ...
अध्यक्ष महोदय -- (श्री जितु पटवारी, सदस्य द्वारा अपने आसन से कुछ कहने पर) आप एक मिनिट में बोले, अपना माईक चालू कर लें.
श्री जितु पटवारी -- आदरणीय अध्यक्ष जी, नरोत्तम मिश्र जी गृहमंत्री यहां बैठे हुए हैं, मैंने एक प्रश्न किया था कि मंदसौर गोली कांड की जांच रिपोर्ट पटल पर आना चाहिये. पिछले चार, पांच, छ: साल (व्यवधान..)
संसदीय कार्यमंत्री(डॉ.नरोत्तम मिश्र) -- यह विषयांतर हो जायेगा. (व्यवधान..)
श्री जितु पटवारी -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा अनुरोध है कि रिपोर्ट छ: साल पहले आपके पास आ गई, वह आज तक पटल पर नहीं आई (व्यवधान..) किसानों के मुआवजे में गबन कर दिया, कर्जे में किसान आत्महत्या कर रहे हैं और फिर उनका गोलीकांड (व्यवधान..) यह गलत बात है आपकी (व्यवधान..)
डॉ.नरोत्तम मिश्र -- पांच-पांच प्रांतों की धूल नहीं झड़ी है? (व्यवधान..)
12.11 बजे मुखबंध प्रस्ताव
वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक में सम्मिलित अनुदानों की माँगों पर मुखबन्ध (गिलोटिन)
12.12 बजे गर्भगृह में प्रवेश
इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में प्रवेश.
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक में सम्मिलित अनुदानों की मांगों पर चर्चा की मांग करते हुए गर्भगृह में प्रवेश किया एवं नारे लगाए गए.)
वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक में सम्मिलित अनुदानों की माँगों पर मुखबन्ध (गिलोटिन) क्रमश:
श्री जगदीश देवड़ा - (..जारी) (...व्यवधान)
प्रश्न यह है कि 31 मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वर्ष में राज्य की संचित निधि में से प्रस्तावित व्यय के निमित्त अभी वित्त मंत्री जी द्वारा प्रस्तुत अनुदान मांगों में दी गई धनराशियों को सम्मिलित करते हुए राज्यपाल महोदय को प्रस्तावित राशि दी जाए. (...व्यवधान)
मांगों का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति - (...व्यवधान) अध्यक्ष महोदय, बजट पर बहस होना चाहिए, अनुदान संख्या पर बहस होनी चाहिए. ये लोकतंत्र की हत्या है. (...व्यवधान) ये बजट मध्यप्रदेश का है (...व्यवधान) आप आम जनता को बजट से वंचित कर रहे हैं.
संसदीय कार्यमंत्री (डॉ. नरोत्तम मिश्र) -(...व्यवधान) अध्यक्ष जी, ये कांग्रेस के सदस्य अपने नेता से बात कर लें हम सदन चलाने के लिए तैयार हैं. आप बात करो हम तैयार है. (...व्यवधान)
डॉ. नरोत्तम मिश्र - आपके चीफ व्हिप बोले, कमलनाथ जी बोले हम तैयार हैं. (...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय - संसदीय कार्य मंत्री कह तो रहे, आप बात करो न अपने नेता से.
श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति - बजट पर चर्चा की जाए, ये गिलोटिन का कार्य रोका जाए और हर विभाग की मांग पर चर्चा कराई जाए. (...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय - विनियोग के लिए श्री जगदीश देवड़ा जी. (...व्यवधान) आप अपने नेता से बात करिए (...व्यवधान)
12:23 बजे (9) शासकीय विधि विषयक कार्य.
(1) मध्यप्रदेश विनियोग (क्रमांक-2) विधेयक, 2022 (क्रमांक-4 सन् 2022)
वित्त मंत्री(श्री जगदीश देवड़ा) - अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश विनियोग (क्रमांक-2) विधेयक, 2022 का पुर:स्थापन करता हूँ.
अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश विनियोग (क्रमांक-2) विधेयक, 2022 पर विचार किया जाए.
अध्यक्ष महोदय - प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश विनियोग (क्रमांक-2) विधेयक, 2022 पर विचार किया जाए.
प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश विनियोग (क्रमांक-2) विधेयक, 2022 पर विचार किया जाए.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
अध्यक्ष महोदय - विधेयक के खंडों पर विचार होगा.
प्रश्न यह है कि खण्ड 2, 3 तथा अनुसूची इस विधेयक का अंग बने.
खण्ड 2,3 तथा अनुसूची इस विधेयक का अंग बने.
प्रश्न यह है कि खण्ड 1 इस विधेयक का अंग बने.
खण्ड 1 इस विधेयक का अंग बना.
अध्यक्ष महोदय--प्रश्न यह है कि पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.
पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.
श्री जगदीश देवड़ा - अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश विनियोग (क्रमांक -2) विधेयक 2022 पारित किया जाए. (..व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय - प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश विनियोग (क्रमांक -2) विधेयक 2022 पारित किया जाए.
प्रश्न यह है कि कि मध्यप्रदेश विनियोग (क्रमांक -2) विधेयक 2022 पारित किया जाए.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ,
विधेयक पारित हुआ.
डॉ. नरोत्तम मिश्र - (...व्यवधान) माननीय अध्यक्ष जी, गोविन्द सिंह जी, नेता प्रतिपक्ष जी, आप सदन में बोले. हम हर विषय पर, जब तक चाहे तब तक सदन चलाने के लिए तैयार है. जीतू की मत मान जाना, कमलनाथ जी ने इसका विरोध किया इसलिए कर रहे हैं ये लोग, मैंने रिकार्ड में डाला है. (...व्यवधान)
श्री सज्जन सिंह वर्मा - अध्यक्ष महोदय, सदन चलना चाहिए और हर विभाग पर चर्चा होनी चाहिए. ये पलायनवादी सरकार है बजट पर चर्चा नहीं कराना चाहती, ये दिवालिया सरकार है, (...व्यवधान) मध्यप्रदेश की जनता को हम मैसेज देना चाहते हैं कि ये दिवालिया सरकार, इनका खजाना खाली है, बजट पर चर्चा करानी नहीं चाहती है. ये हमारा आरोप है, भाजपा की सरकार पर, इस दिवालिया सरकार पर, जनहित के मुद्दों से भागने वाली सरकार है. हम एक एक विषय पर चर्चा कराना चाहते हैं. (...व्यवधान)
12. 24 बजे मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2022
श्री जगदीश देवड़ा - अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक 2022 पर विचार किया जाए.
अध्यक्ष महोदय - प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2022 पर विचार किया जाए.
प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2022 पर विचार किया जाए.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
अध्यक्ष महोदय - विधेयक के खंडों पर विचार होगा.
प्रश्न यह है कि खण्ड 2, 3 तथा 4 इस विधेयक का अंग बने.
खण्ड 2,3 तथा 4 इस विधेयक का अंग बने.
प्रश्न यह है कि खण्ड 1 इस विधेयक का अंग बने.
खण्ड 1 इस विधेयक का अंग बना.
अध्यक्ष महोदय--प्रश्न यह है कि पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.
पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.
श्री जगदीश देवड़ा - अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक 2022 पारित किया जाए.
अध्यक्ष महोदय - प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2022 पारित किया जाए.
प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश वित्त विधेयक, 2022 पारित किया जाए.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
विधेयक पारित हुआ.
(....व्यवधान)
श्री सज्जन सिंह वर्मा - माननीय अध्यक्ष महोदय, ये लोकतंत्र का अपमान हो रहा है. राजनीति के इस पवित्र मंदिर में, जहां जनता के हितों की रक्षा करने के लिए एक एक विधायक आता है. ये सरकार दिवालिया हो चुकी है, इसका खजाना खाली है, पूरा बजट असत्य पढ़ा गया है, हम एक एक विषय पर चर्चा चाहते हैं, यदि हमारे हितों की रक्षा नहीं हुई तो आसंदी के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं. (....व्यवधान)
(3)मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) विधेयक, 2022
(क्रमांक 1 सन् 2022)
(4) मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम-स्वराज (द्वितीय संशोधन) विधेयक,
(क्रमांक 2 सन् 2022)
12.30 बजे
गत वर्ष गठित विधान सभा समितियों के कार्यकाल में आगामी वर्ष के लिये वृद्धि की जाना: प्रस्ताव
संसदीय कार्य मंत्री( डॉ. नरोत्तम मिश्र):- अध्यक्ष महोदय, गत वर्ष गठित निर्वाचित एवं अन्य विधान सभा समितियों के द्वारा कोरोना के कारण कार्य पूर्ण नहीं किये जा सके हैं. आज बजट सत्र समाप्ति की ओर है.
अत: मैं, प्रस्ताव करता हूं कि गत वर्ष गठित विधान सभा समितियों के कार्यकाल में आगामी वर्ष के लिये वृद्धि की जाय.
अध्यक्ष महोदय:- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के स्थगित की जाना: प्रस्ताव
संसदीय कार्य मंत्री(डॉ. नरोत्तम मिश्र):- अध्यक्ष महोदय, विधान सभा के वर्तमान सत्र के लिये निर्धारित समस्त शासकीय, वित्तीय एवं आवश्यक कार्य पूर्ण हो चुके हैं. अत: मध्यप्रदेश विधान सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 12- ख के द्वितीय परन्तुक के अंतर्गत, मैं, प्रस्ताव करता हूं कि '' सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित की जाये.''
अध्यक्ष महोदय:- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
12.31 बजे राष्ट्रगान '' जन गण मन'' का समूह गान
अध्यक्ष महोदय:- अब राष्ट्रगान (जन गण मन) होगा.
( माननीय सदस्यों द्वारा राष्ट्रगान '' जन गण मन'' का समूह गान किया गया.)
12.32 बजे
होली की शुभकामनाएं
अध्यक्ष महोदय:- सभी माननीय सदस्यों को, मंत्रि-परिषद के साथियों को, माननीय मुख्यमंत्री जी को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं.
सदन की कार्यवाही का अनिश्चितकाल के लिये स्थगित किया जाना: घोषणा
अध्यक्ष महोदय:-विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित.
अपराह्न 12.32 बजे विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित की गई.
ए.पी.सिंह
भोपाल प्रमुख सचिव
दिनांक: 16 मार्च, 2022 मध्य प्रदेश विधान सभा