मध्यप्रदेश विधान सभा

 

की

 

कार्यवाही

 

(अधिकृत विवरण)

 

 

 

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षोडश विधान सभा                                                                         पंचम सत्र

 

 

मार्च, 2025 सत्र

बुधवार, दिनांक 12 मार्च, 2025

(21 फाल्‍गुन, शक संवत्‌ 1946 )

 

 

[खण्ड- 5]                                                                                     [अंक- 3 ]

 

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मध्यप्रदेश विधान सभा

 

बुधवार, दिनांक 12 मार्च, 2025

 

(21 फाल्‍गुन, शक संवत्‌ 1946 )

 

विधान सभा पूर्वाह्न 11.02 बजे समवेत हुई.

 

{ अध्यक्ष महोदय (श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर) पीठासीन हुए.}

 

 

 

 

 

11.03 बजे         वर्ष 2025-2026 के आय-व्‍ययक का उपस्‍थापन

 

                    अध्‍यक्ष महोदय- श्री जगदीश देवड़ा जी.

 

 

 

(मेजों की थपथपाहट)

 

 

 

 

 

 

 

                   उप मुख्‍यमंत्री, वित्‍त ( श्री जगदीश देवड़ा)-

          श्री बाला बच्‍चन-  XXX

          अध्‍यक्ष महोदय-  बाला भाई, आप बैठ जायें, आपको बोलने के लिए समय मिलेगा. यह कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं आयेगा.

(मेजों की थपथपाहट)

          श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव-  XXX

          श्री हेमंत सत्‍यदेव कटारे-  XXX

          अध्‍यक्ष महोदय-  आप सभी को बजट पर बोलने का अवसर मिलेगा.   

 

 

 

 

.. (व्‍यवधान)...

          अध्‍यक्ष महोदय -- बाला बच्‍चन जी, आपको बजट पर बोलने का समय मिलेगा. मेरा सभी सदस्‍यों से आग्रह है कि जब बजट पर चर्चा हो तो आप अपनी बात रखिएगा. 

 

          नेता प्रतिपक्ष (श्री उमंग सिंघार)अध्यक्ष महोदय, हवाई पट्टी पर कुत्ते घूम रहे हैं, गाय गोबर कर रही है. हवाई पट्टियां खाली पड़ी हैं. जल जीवन मिशन को लेकर इतना बड़ा घोटाला है. 40 हजार करोड़ रूपये का घोटाला, आदिवासी क्षेत्रों में पैसा नहीं, यहां पर असत्य आंकड़े गिनाये जा रहे हैं. बजट में असत्य आंकड़े गिनाये जा रहे हैं. इसमें कोई नया विजन नहीं है. (व्यवधान)

          अध्यक्ष महोदय---कृपया शांति बनाये रखें. (व्यवधान)

 

12.01 बजे                                            बहिर्गमन

 

नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में सदन में बजट पर असत्य आंकड़े गिनाये जाने के विरोध में इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण का सदन से बहिर्गमन

          नेता प्रतिपक्ष(श्री उमंग सिंघार)माननीय अध्यक्ष महोदय, बजट में माननीय उप मुख्यमंत्री जी के द्वारा असत्य आंकड़े गिनाये जानेके विरोध में हम सदन से बहिर्गमन करते हैं.

          (नेता प्रतिपक्ष श्री उमंग सिंघार के नेतृत्व में सदन में बजट पर असत्य आंकड़े गिनाये जाने के विरोध में इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा सदन से बहिर्गमन किया गया.)            (व्यवधान)

          अध्यक्ष महोदय -- आप लोग बैठ जाएं. आप लोगों को बोलने का मौका मिलेगा.  अभी वित्त मंत्री जी बोल रहे हैं.

          (व्यवधान)

          अध्यक्ष महोदय -- वित्त मंत्री जी के भाषण के अलावा कुछ रिकार्ड में नहीं आएगा.

          श्री ओमकार सिंह मरकाम -- (XXX)

          श्री बाला बच्चन -- (XXX)

          (व्यवधान)

          (मेजों की थपथपाहट)

          अध्यक्ष महोदय -- माननीय सदस्यों मेरा आपसे कहना है आप बैठ जाएं, आपको बजट पर अपनी बात रखने का मौका मिलेगा.

          श्री सोहनलाल बाल्मीक -- (XXX)

          (व्यवधान)

          अध्यक्ष महोदय -- यह तरीका ठीक नहीं है. इसको उचित नहीं कहा जा सकता है. आपको बजट पर बोलने का अवसर मिलेगा उस समय अपनी बात रखिएगा. वित्त मंत्री जी आप भाषण जारी रखें.

          (व्यवधान)

 

 

 

12.35 बजे           वर्ष 2025-2026 के आय व्‍ययक का उपस्‍थापन

 

          उप मुख्‍यमंत्री (वित्‍त) (श्री जगदीश देवड़ा) -- अध्‍यक्ष महोदय, मैं, राज्‍यपाल महोदय के निर्देशानुसार वर्ष 2025-2026 के आय-व्‍ययक के उपस्‍थापन के सा‍थ-साथ मध्‍यप्रदेश राजको‍षीय उत्‍तरदायित्‍व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत यथा-अपेक्षित राजकोषीय नीति का विवरण वर्ष 2025-2026 सदन के समक्ष रखता हूं.

 

12.36                                स्‍वागत उल्‍लेख

केन्‍दीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का सदन में स्‍वागत

 

          अध्‍यक्ष महोदय-- आज दीर्घा में केन्‍द्र सरकार के कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह जी उपस्थित हैं. सदन की ओर से उनका स्‍वागत है.

          अध्‍यक्ष महोदय:- मैं, आय-व्‍ययक पर सामान्‍य चर्चा के लिए दिनांक 13 एवं 17 मार्च, 2025 नियत करता हूं

          आय व्‍ययक में सम्मिलित मांगों पर प्रस्‍तुत किये जाने वाले कटौती प्रस्‍तावों की सूचनाएं निर्धारित प्रपत्र में आज दिनांक 12 मार्च, 2025 को सायंकाल 4.00 बजे तक विधान सभा सचिवालय में दी जा सकती हैं.

          विधान सभा की कार्यवाही अपराह्न 3.00 बजे तक के लिए स्‍थगित.

 

(12.37 बजे से 3.00 बजे तक अंतराल)

 

03.06 बजे

{अध्‍यक्ष महोदय (श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर) पीठासीन हुए.}

          संसदीय कार्य मंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय)-  अध्‍यक्ष महोदय, सुबह आपकी जैकेट का कलर अलग था, अभी अलग है. संभवत: सुबह वाली जैकेट बजट के लिए थी.

          नेता प्रतिपक्ष (श्री उमंग सिंघार)-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा आपसे अनुरोध है कि आज चूंकि मेरा एक प्रश्‍न, तीसरे क्रमांक पर था, वह आज बजट के कारण सदन में नहीं आ पाया, वह प्रश्‍न परिवहन घोटाले को लेकर था और हमारे दल की ओर से, इस संबंध में हमने स्‍थगन प्रस्‍‍ताव की सूचनायें पूर्व में दी हैं. मैं, चाहता हूं कि इस पर चर्चा होनी चाहिए, आप कृपया इस पर व्‍यवस्‍था देने का कष्‍ट करें.

          अध्‍यक्ष महोदय-  इस विषय पर हमारी बात हुई है, इसे बजट पर चर्चा के बाद विचार में लिया जायेगा.

          श्री उमंग सिंघार-  धन्‍यवाद.

03.07 बजे

अध्‍यक्षीय घोषणा

राज्‍यपाल के अभिभाषण पर प्रस्‍तुत कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्‍ताव पर चर्चा विषयक

          अध्‍यक्ष महोदय-  कार्य मंत्रणा समिति में सहमति अनुसार माननीय राज्‍यपाल के अभिभाषण पर प्रस्‍तुत कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्‍ताव पर, आज चर्चा माननीय मुख्‍यमंत्री जी के जवाब के पश्‍चात् पूर्ण होना नियत थी परंतु इस चर्चा में दोनों पक्षों के कतिपय सदस्‍य भाग लेने से रह गये हैं.

          अत: आज पहले दोनों पक्षों के शेष सदस्‍यों द्वारा कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्‍ताव पर चर्चा में भाग लिया जायेगा. तदुपरांत कल पूर्वाह्न में माननीय मुख्‍यमंत्री जी के जवाब के साथ इस चर्चा का समापन किया जायेगा.

          मैं समझता हूं सदन इससे सहमत है.

(सदन द्वारा सहमति प्रदान की गई.)

 

03.08 बजे

राज्‍यपाल के अभिभाषण पर श्रीमती अर्चना चिटनीस सदस्‍य द्वारा प्रस्‍तुत कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्‍ताव पर चर्चा का पुनर्ग्रहण

 

          अध्‍यक्ष महोदय-  अब राज्‍यपाल महोदय के अभिभाषण पर चर्चा का पुनर्ग्रहण होगा.

           श्री भूपेन्‍द्र सिंह (खुरई)-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं, महामहिम राज्‍यपाल महोदय के अभिभाषण पर अपनी ओर से कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं, उनको धन्‍यवाद ज्ञापित करता हूं और सरकार का भी अभिनंदन करता हूं जो महामहिम का अभिभाषण रहा, अध्‍यक्ष महोदय आपका तो बहुत लंबा राजनैतिक अनुभव है, देश के सबसे बड़े सदन में लंबे समय का आपका अनुभव है.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, महामहिम राज्‍यपाल महोदय का जो अभिभाषण होता है, वह सरकार के कार्यक्रम, नीतियां, जनकल्‍याण को लेकर महामहिम का अभिभाषण होता है. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं राजनीति में दो तरह की चीजें मानता हूँ. एक राजनीतिक होते हैं और एक राजनेता होते हैं, इसी तरह से राजनीतिक पार्टियां होती हैं और राजधर्म निभाने वाली पार्टियां भी होती हैं. जो राजनीतिक पार्टी होती है, उसके दिमाग में हमेशा चुनाव कैसे जीता जाये ? इस गणित को लेकर वह काम करती है और हमारे देश का यह दुर्भाग्‍य रहा है कि 50-60 वर्ष तक जिस कांग्रेस पार्टी ने इस देश पर राज किया, वह पूरी तरह से राजनीतिक पार्टी थी और उसके दिमाग में हमेशा सिर्फ चुनाव कैसे जीता जाये, यह इनका लक्ष्‍य होता था. चुनाव जीतने के जो हथकंडे होते हैं, वह सारे हथकंडे वह अपनाते थे. इसी का परिणाम यह हुआ कि देश लगातार पिछड़ता गया.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, एक वह पार्टी होती है, जो राजधर्म निभाती है और इस देश के अन्‍दर राजधर्म निभाने वाली यदि कोई पार्टी है, तो वह भारतीय जनता पार्टी है. (मेजों की थपथपाहट) जो राजधर्म निभाती है. राजधर्म का मतलब होता है कि राज्‍य के हितों के लिए सोचना, राज्‍य की जनता के लिए सोचना एवं सेवा का संकल्‍प होना, यह राजधर्म होता है और इसीलिये उस राजधर्म का ही परिणाम है कि आज पूरे देश के अन्‍दर कांग्रेस पार्टी का सफाया हो गया है और राजधर्म पर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी को आज पूरे देश की 70 प्रतिशत जनता ने स्‍वीकार किया है, यह राजधर्म का परिणाम है. (मेजों की थपथपाहट)

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जब हम विकास की बात करते हैं, तो चूंकि यह विषय हमारे सभी माननीय सदस्‍यों द्वारा सदन में लाया जा चुका है, मैं तो बहुत बाद में बोल रहा हूँ. अगली बार अगर माननीय कैलाश विजयवर्गीय जी का आशीर्वाद मिला, तो पहली बार बोलने का मौका मिलेगा, तो उसमें ज्‍यादा समय मिल जायेगा.

          संसदीय कार्य मंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय) - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, बाकी सभी सदस्‍यों का समय भी इनको दिया जाता है. आप इनको बोलने दीजिये.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं उनका ह्दय से धन्‍यवाद करता हूँ और मैं उनका फैन भी हूँ. वह मानते हैं कि नहीं मानते, मुझे नहीं पता है, पर मैं उनका फैन हूँ.

          श्री कैलाश विजयवर्गीय - आप फैन हो और मैं आपका एसी हूँ.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं फैन इस मामले में हूँ कि मुझे आपके और माननीय कैलाश विजयवर्गीय जी के साथ काम करते हुए लगभग 40 वर्ष हो गए हैं पर कैलाश जी में जो सबसे बड़ा गुण है, वह कार्यकर्ता की जितनी चिन्‍ता करते हैं, उतनी चिन्‍ता करते हुए मैंने बहुत कम लोगों को देखा है (मेजों की थपथपाहट). इसके लिए मैं उनका हमेशा फैन रहता हूँ, वह मेरे हैं कि नहीं, मुझे नहीं पता, पर माननीय उनका स्‍नेह मेरे लिए हमेशा रहा है.

          अध्‍यक्ष महोदय - एकतरफा का भी महत्‍व होता है. (हंसी)

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, किसी भी राज्‍य के विकास का जो मापदण्‍ड होता है, वह उस राज्‍य के विकास की जो दर होती है, वह उस राज्‍य के विकास का मापदण्‍ड होता है. जब हम राज्य के विकास के मापदण्ड की बात करते हैं. हमें कोई आंकड़े गिनवाने की या योजनाएं गिनवाने की आवश्यकता नहीं है. अभी बजट में भी हमारे वित्त मंत्री जी ने बड़े विस्तार से सारे विषय रखे हैं लेकिन जब हम राज्य के विकास की बात करते हैं तो वर्तमान में राज्य की विकास दर 11.5 परसेंट है जो कि राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है तो इसका मतलब यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा विकास करने वाला कोई राज्य है तो वह हमारा मध्यप्रदेश है यह इस बात का प्रमाण है. मध्यप्रदेश के प्रति व्यक्ति की जो आय है यह भी विकास का एक मापदण्ड होता है. जब हम प्रति व्यक्ति की आय देखते हैं तो मध्यप्रदेश में आय एक वर्ष में 9.3 प्रतिशत बढ़कर 1लाख 52 हजार 615 रुपये हो गई जो कि देश में सबसे ज्यादा है.

          श्री बाला बच्चन - यह राष्ट्रीय स्तर से कम है. राष्ट्रीय स्तर की 1 लाख 85 हजार है.

          श्री भूपेन्द्र सिंह - बाला जी, आपकी कांग्रेस में तो कोई सुनता नहीं था आप बैठो.

          श्री बाला बच्चन - आप राष्ट्र से भी तुलना कर रहे हैं डबल इंजन से कर रहे हैं तो मैंने बोला कि यह औसत राष्ट्रीय स्तर पर टेली करेंगे तो यह कम है वह  1 लाख 85 हजार प्रति व्यक्ति है.

          श्री भूपेन्द्र सिंह - यह बौद्धिक विषय है आपकी समझ में नहीं आएगा.

          श्री बाला बच्चन - समझ में क्यों नहीं आएगा अगर मैं गलत हूं तो बताईये. राष्ट्रीय स्तर का 1 लाख 85 हजार प्रति व्यक्ति है यहां का 1 लाख 52 हजार है.

          श्री भूपेन्द्र सिंह - बाला जी, देश में प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा आय अगर कहीं पर है तो मध्यप्रदेश में है. मैं आंकड़ों के साथ प्रमाण के साथ बोलता हूं मैं कभी गलत बात नहीं करता.

          श्री बाला बच्चन - आप तुलना करेंगे तो केवल उत्तर प्रदेश ऊपर है.बाकी कर्नाटक के पीछे है.तमिलनाडु के पीछे है. छत्तीसगढ़ से भी पीछे हैं आप.

          श्री अभय मिश्रा - गोवा सबसे ऊपर है इसमें.

          अध्यक्ष महोदय - अभय जी, आपकी विद्वता के कायल हैं हम लोग.

                                                स्वागत उल्लेख

        मुरैना श्योपुर के सांसद श्री शिवमंगल सिंह तोमर जी का सदन में स्वागत

          अध्यक्ष महोदय -  आज दीर्घा में हमारे मुरैना श्योपुर के सांसद श्री शिवमंगल सिंह तोमर जी उपस्थित हैं सदन की ओर से उनका स्वागत है.

राज्यपाल के अभिभाषण पर श्रीमती अर्चना चिटनीस,सदस्य द्वारा प्रस्तुत कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा (क्रमश:)

          श्री भूपेन्द्र सिंह - माननीय अध्यक्ष महोदय,हम अगर कृषि उत्पादन की दृष्टि से देखें तो हमारा राज्य आज देश में सोयाबीन उत्पादन में देश में पहले नंबर पर है. इसका मतलब कि कृषि के क्षेत्र में हमारा राज्य किस तेजी के साथ आगे बढ़ा है यह इस बात का प्रमाण है. आप भी अध्यक्ष महोदय, कांग्रेस में जब दिग्विजय सिंह जी की सरकार थी उसके बाद तो ज्यादा अवसर नहीं मिला उनको,उस समय कृषि उत्पादन में हम देश में दसवें नंबर पर थे. आज देश में कृषि उत्पादन में पहले नंबर पर हैं. उस समय मैं भी विधायक था आप भी विधायक थे.तो चाहे हमारी आर्थिक विकास दर हो,चाहे हमारी कृषि उत्पादन की बात हो उसमें हम नंबर वन पर हैं. हम सब अटल जी के चरणों में नमन करते हैं जिन्होंने इस देश को एक नदी जोड़ो योजना जैसा एक देश की दिशा बदलने वाला,कृषि के क्षेत्र में क्रांति लाने वाला,देश के विकास में क्रांति लाने वाला जो निर्णय लिया जब अटल जी के बाद जब यूपीए की सरकार बनी तो मैं उस समय संसद में था आप भी थे उस समय (XX) कहा करते थे कि यह नदी जोड़ो योजना फालतू है इससे सारे जंगल नष्ट हो जाएंगे और पार्लियामेंट में (XX) ने इस योजा का विरोध किया था आन रिकार्ड.

          श्री बाला बच्‍चन-- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, यहां (XX) तो हैं नहीं, क्‍या (XX) का उल्‍लेख होना चाहिये ?

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह--  मैं तो कोड कर रहा हूं, उनका उल्‍लेख कर रहा हूं.

          डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, यह वक्‍ताओं को बोलने ही नहीं दे रहे.

          श्री बाला बच्‍चन-- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आपने ही व्‍यवस्‍था दी है कि जो यहां नहीं है, जो इस सदन का हिस्‍सा नहीं है, उसका उल्‍लेख नहीं होना चाहिये.

          डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय--  आपने बजट के समय भी बार-बार व्‍यवधान किया. उनकी बात पूरी होने दो. ...(व्‍यवधान)...

          श्री प्रहलाद सिंह पटेल--  अध्‍यक्ष जी, मैं रूल बुक पढ़ रहा था जब वित्‍त मंत्री जी का भाषण चल रहा था उसमें रूल 205 ख दूसरे नंबर की जो कंडिका है, मैं बाला बच्‍चन जी को लेकर ही कह रहा था कि कितने सीनियर आदमी हैं और हमारे कार्य संचालन के जो नियम हैं उसमें 250 ख अभी भी आप वही कर रहे हैं. आप लोगों से हम सीखते हैं, मेरे जैसा व्‍यक्ति तो पहली बार विधायक है तो मुझे लगता है कि हर चीज में नहीं, बजट में तो अध्‍यक्ष जी किसी भी परंपरा में बजट प्रस्‍तुत करने वाला बैठ नहीं सकता तो इंट्रप्‍ट करने का कोई फायदा नहीं. आप इतने सीनियर मोस्‍ट भी हो और मुझे लगता है कि भूपेन्‍द्र सिंह जी भी उसी श्रेणी में आते हैं, इतने सीनियर एमएलए हैं और आप भी सीनियर एमएलए हो. मुझे लगता है कि बोलने का मौका मिले तब जरूर हमें जवाब देना चाहिये. इंट्रप्‍शन तो अच्‍छा लगता है लेकिन डिस्‍टरबेंस अच्‍छा नहीं लगता.

          श्री बाला बच्‍चन-- हम आप लोगों से ही हाउस में सुनते हैं कि जो इस सदन के सदस्‍य नहीं है, जो इसका हिस्‍सा नहीं हैं ...(व्‍यवधान)... अब (XX) हम लोगों के नेता हैं और उनके बारे में इस तरह की बात होगी तो अध्‍यक्ष महोदय हमको उसका जवाब तो देना पड़ेगा. वह इस सदन के सदस्‍य नहीं हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय--  बाला जी, मेरे कहने का कुल मिलाकर यह है कि उन्‍होंने जो बात कही कोई व्‍यक्ति पर आरोप नहीं लगाया. आरोप होता है तो फिर आपत्तिजनक होता है. सामान्‍य तौर पर नाम लिया है, लेकिन अगर उसमें आपत्ति है तो कोई दिक्‍कत नहीं है.

          श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव--  उन्‍होंने ही कहा कि (XX) ने इसका विरोध किया अब वह तो इस सदन में हैं नहीं ...(व्‍यवधान)...

          अध्‍यक्ष महोदय-- सचिन जी, आपने हमारी बात पूरी ही नहीं होने दी, बीच में ही खड़े हो गये. ...(व्‍यवधान)...

          डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जब उच्‍च सदन में किसी बात को माननीय सदस्‍य के द्वारा रखा गया, वह पूरे देश को प्रभावित करने वाली कार्य योजना है. वह योजना यहां मध्‍यप्रदेश में लागू हुई, उससे राजस्‍थान भी लाभांवित हो रहा है, उससे उत्‍तर प्रदेश भी लाभांवित हो रहा है, उससे महाराष्‍ट्र भी लाभांवित हो रहा है तो जो विगत वर्षों में उच्‍च सदन में किसी सदस्‍य के द्वारा उल्‍लेख किया गया अगर उसको यहां पर उद्धत किया जाता है तो वह तो नियमानुकूल है. वह तो प्रासंगिक है.

          श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा आग्रह था आदरणीय प्रहलाद पटेल जी ने जो बात कही मैं उनसे सहमत हूं 250 ख में जो बताया और मैं सिर्फ याद दिलाना चाहूंगा कि जब माननीय वित्‍तमंत्री जी का भाषण चल रहा था तो इंट्रप्‍शन जो सबसे बड़ा हुआ था वह माननीय मुख्‍यमंत्री मोहन यादव जी के द्वारा हुआ था और उन्‍होंने शिवराज सिंह चौहान साहब का इंट्रोडक्‍शन मतलब वित्‍तमंत्री जी के अभिभाषण को रोककर के केन्‍द्रीय मंत्री जी का स्‍वागत हो रहा था तो मुझे लगता है वह जो बात कह रहे थे वह शायद डॉ. मोहन यादव जी के लिये थी वह होंगे तो उन तक आप यह संदेश जरूर पहुंचाइएगा.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह-- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, बाला बच्‍चन जी इतने अच्‍छे व्‍यक्ति हैं ये जब गृहमंत्री थे उसके पहले मैं भी गृहमंत्री था. जब यह गृहमंत्री थे तो ये डॉग हेंडलर का ट्रांसफर कर देते थे इतने अच्‍छे गृहमंत्री थे. मतलब मध्‍यप्रदेश के इतिहास में पहली बार डॉग हेंडलर का ट्रांसफर हुआ, कुत्‍ते का ट्रांसफर हुआ, जब यह गृहमंत्री थे. आप मुझसे क्‍यों बुलवाते हो.

          श्री बाला बच्‍चन--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इसको भी किसी नियम के तहत चर्चा करा लें तो मैं उसके लिये भी तैयार हूं. उसका जवाब दूंगा, आप भी होम मिनिस्‍टर रहे हो हम भी होम मिनिस्‍टर रहे हैं लेकिन मध्‍य प्रदेश की विधान सभा नियम और प्रक्रिया के अंतर्गत चलती है अगर आप व्‍यवस्‍था देंगे तो हम उसके लिये तैयार हैं.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह-- नहीं-नहीं आप तो करो.

          अध्‍यक्ष महोदय--  भूपेन्‍द्र सिंह जी, आगे कंटीन्‍यू करें इसी में समय चला जाता है.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, नदी जोड़ो योजना जो है केन वेतवा परियोजना, पार्वती कालीसिंध चंबल नदी जोड़ो परियोजना और हमारी अंतर्राज्‍यीय परियोजना ताप्‍ती वेगा रिचार्ज परियोजना. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इन तीन-तीन परियोजनाओं की सौगात हमारे देश के यशस्‍वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्‍द्र मोदी जी, हमारे यशस्‍वी मुख्‍यमंत्री माननीय डॉ. मोहन यादव जी, हमारी सरकार ने यह इतना बड़ा निर्णय लिया है जो मध्‍यप्रदेश को आर्थिक क्षेत्र में न केवल देश में, बल्कि दुनिया में सबसे ऊपरी आर्थिक समृद्धि के क्षेत्र में लेकर जायेगा, यह काम हमारी सरकार ने किया, जो वर्षों नहीं हुआ, वह काम हम लोगों ने किया है.

          अध्‍यक्ष महोदय, हम यह पूरा वर्ष उद्योग वर्ष के रूप में मना रहे हैं और उद्योग के इतिहास में 30 लाख करोड़ रूपये का इंवेस्‍टमेंट हुआ है. आज तक भारत में जितनी भी इंवेस्‍टर्स समिट हुई है, किसी इंवेस्‍टर्स समि‍ट में 30 लाख करोड़ रूपये के एम.ओ.यू. साईन नहीं हुए हैं. यहां पर प्रधानमंत्री जी आये और वह दो दिन भोपाल में रूके, वह मध्‍यप्रदेश के विकास के लिये रूके. भारत सरकार की तरफ से न केवल देश के बल्कि दुनिया के सबसे बड़े नेता, दो दिन मध्‍यप्रदेश में विकास की गति और तेजी से कैसे बढ़े, इसके लिये माननीय मोदी जी, माननीय अमित शाह जी, हमारा शीर्ष नेतृत्‍व यहां पर रहा कि मध्‍यप्रदेश औद्योगिक क्षेत्र में कैसे तेजी से आगे बढ़े और हम उस क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय, हम जब किसानों की बात करते हैं, आज हमारी सरकार ने 2600 रूपये क्विंटल जैसा अभी विषय आ गया है, यह देने का निर्णय लिया है. अभी कल की ही बात है मिनरल ऑक्‍शन में हमारे मध्‍यप्रदेश को देश में पहला स्‍थान मिला है. हमारी सरकार कितनी पारदर्शिता के साथ, कितने सुशासन के साथ, इस प्रदेश के अंदर काम कर रही है, यह इस बात का प्रमाण है.

           अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपको बधाई देता हूं कि आप मुरैना में देश का पहला सोलर ऊर्जा स्‍टोर करने का 600 मेगावाट का संयत्र लगवा रहे हैं, सरकार लगा रही है, इसके पहले हमारे माननीय उपमुख्‍यमंत्री जी श्री राजेन्‍द्र शुक्‍ल जी ने भी यह किया है और देश का सबसे बड़ा सोलर प्‍लांट अगर लगा तो वह रीवा के अंदर ही लगा है.

          अध्‍यक्ष महोदय, हमारी सरकार ने मध्‍यप्रदेश में जो काम किये हैं, हर काम में देश में अगर हम देखें तो हम ऊंचाईयों पर मध्‍यप्रदेश को हर क्षेत्र में लेकर गये हैं और इसी का परिणाम है कि लगातार पिछले 20-22 वर्षों से प्रदेश में जनता का आर्शीवाद भारतीय जनता पार्टी को मिल रहा है.

          अध्‍यक्ष महोदय, अगर हम सकल घरेलू उत्‍पाद के क्षेत्र में भी देखें तो सकल घरेलू उत्‍पाद के क्षेत्र में वर्ष 2024-25 में प्रचलित भाव पर हम 15.3 लाख करोड़ रूपये से अधिक तक हमारा सकल घरेलू उत्‍पाद पहुंच गया है, तो इस प्रकार से हर क्षेत्र में हमने मध्‍यप्रदेश को विकास की ऊंचाईयों पर ले जाने का काम किया है और अभी तो बहुत काम हमारी सरकार को करना है.

          अध्‍यक्ष महोदय, मध्‍यप्रदेश के विकास के लिये आज भी माननीय वित्‍तमंत्री जी ने जो बजट लायें हैं, वह भी अपने आपमें एक विकास को और तेजी से आगे ले जाने वाला बजट माननीय वित्‍तमंत्री जी लेकर आये हैं और यह जो सारी गलतियां कांग्रेस ने देश के साथ की, यह उसका ही पूर्व का परिणाम है कि देश तो आगे बढ़ गया, मध्‍यप्रदेश तो आगे बढ़ रहा है पर कांग्रेस लगातार पीछे जा रही है,  देश भी बढ़ रहा है, राज्‍य भी बढ़ रहा है, पर कांग्रेस पीछे जा रही है, यह इस बात का प्रमाण है.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं कोई ज्ञान नहीं दे रहा हूं. पर मैं यह भी निवेदन करुंगा कि मैं मध्‍यप्रदेश की विधान सभा की, जो उच्‍च परम्‍परा हमेशा रही है और एक उस परम्‍परा को बनाकर रखना, हम सब लोगों की जिम्‍मेदारी है. पर पिछले दिनों से हम लोग देख रहे हैं कि जो कमजोर विपक्ष है, वह तर्कहीनता, सतही राजनीति और इस कारण से अपने आपको और कमजोर करने का काम देश और मध्‍यप्रदेश के अंदर कांग्रेस पार्टी कर रही है. तर्कहीनता है, न तर्क है, न सतही राजनीति है, ऐसे लोगें के कारण ही यह स्थिति देश के अंदर कांग्रेस पार्टी की हो रही है. कांग्रेस पार्टी बार बार हिन्‍दुओं का अपमान करने काम इस देश के अंदर कर रही है.(...व्‍यवधान)

          श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे अध्‍यक्ष जी, इस‍को विलोपित करवाईए.

          श्री महेश परमार अध्‍यक्ष जी यह क्‍या बात कर रहे हैं, क्‍या इन्‍होंने हिन्‍दुओं का ठेका ले रखा है क्‍या. .(...व्‍यवधान)

          श्री अभय मिश्रा अध्‍यक्ष जी, यह विलोपित होना चाहिए.(...व्‍यवधान)

          श्री सचिव सुभाष यादव ये क्‍या बात कर रहे हैं .(...व्‍यवधान)

          श्री महेश परमार अध्‍यक्ष जी, माननीय पूर्व मंत्री जी की पार्टी में यह स्थिति है. वे बहुत विद्वान व्‍यक्ति हैं. इस तरह की असत्‍य जानकारी देना ठीक नहीं, इसको विलोपित किया जाए. (...व्‍यवधान)

          अध्‍यक्ष महोदय देखिए सचिन भाई, अगर मुझसे सुनना है तो आपको बैठना पड़ेगा. मैं प्रोसीडिंग दिखवा लूंगा. अगर उसमें कुछ भी आपत्तिजनक है तो उसको विलोपित कर दिया जाएगा, ठीक है.

          संसदीय कार्य मंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय) अध्‍यक्ष महोदय, एक पार्टी के अध्‍यक्ष अगर यह कहे कि प्रयागराज में नहाने से कोई गरीबी दूर हो जाती है क्‍या? तो प्रश्‍न तो उठता है.

          श्री बाला बच्‍चन अध्‍यक्ष जी, कुंभ में जाने से] स्‍नान करने से कोई रुके क्‍या. हम भी परिवार सहित गए थे. मैं समझता हूं कि ये मैटर हाउस का नहीं है और पूर्व मंत्री जी ये बयां कर रहे हैं. मेरे हिसाब से ये टाइम खराब करने वाली बात है, इस पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए, नहीं तो इसकी भी किसी नियम के अंतर्गत चर्चा करवा लीजिए, कांग्रेस पार्टी पर आ गए, कुंभ पर आ गए, तो कुंभ में तो हम भी गए हैं.

          डॉ. चिंतामणि मालवीय अध्‍यक्ष जी, मेरा तो आग्रह है कि कांग्रेस के सारे नेताओं के बयान एक बार इनको पढ़ना चाहिए. जरा आत्‍म अवलोकन कर लें कि किस तरह के बयान आ रहे हैं, तो बात तो होगी ही.

          अध्‍यक्ष महोदय चिंतामणि जी बैठ जाए. भूपेन्‍द्र जी अभी राज्‍यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चल रही है. आप लोग विषय के अंतर्गत रहें, यह ध्‍यान रखें सभी(...मेजों की थपथपाहट)

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह अध्‍यक्ष जी, भारत की जो मुख्‍य धारा है, वह है राष्‍ट्रवाद, भारतीय सभ्‍यता और संस्‍कृति ये आज की भारत की मुख्‍य धारा है और जो राजनीतिक दल इस मुख्‍य धारा को नहीं समझेगा, उसकी यही हालत होने वाली है. अध्‍यक्ष जी कल मैं सदन में नहीं था तो कांग्रेस के एक सदस्‍य हैं (XX) मेरे ऊपर लगाया कि एक आरक्षक, परिवहन में सौरभ शर्मा उसकी नियुक्ति मैंने की थी. 

          माननीय अध्यक्ष महोदय, यह वह नोटशीट है.  मैंने पटल पर भी रखी है. मेरे पास मेरे कार्यालय में एक किसी व्यक्ति का आवेदन आया उस आवेदन में उन्होंने जो भी लिखा होगा. मेरे आफिस से लिखकर के गया संबंधित आवेदन प्राप्त हुआ है. संबंधित आवेदन में विभाग का क्या अभिमत है. वह अभिमत मुझे दें. इसमें मेरे द्वारा नियुक्ति कैसे हो गई. मंत्री के कार्यालय में अगर पत्र आता है तो मंत्री क्या अभिमत नहीं मांगेगा. मेरे पास में अभिमत भी नहीं आया. बिना अभिमत के उस आरक्षक की नियुक्ति हो गई. आरक्षक की नियुक्ति में ना तो मंत्री का अनुमोदन लगता है, ना ही मैंने अनुशंसा की, ना ही मैंने उसमें लिखा कि इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें, ना ही मैंने यह लिखा कि इसमें आदेश करें. तो मैंने कहां गलत कर दिया यह उसकी नोटशीट है. आरोप लगाया कि सौरभ शर्मा की नियुक्ति मेरी अनुशंसा में हुई. यह उसकी नोटशीट है. (नोटशीट दिखाते हुए) राजनीति का स्तर किस स्तर पर गिर गया है जो मैं कह रहा था, यह इसका प्रमाण है. यह नियुक्ति हुई अक्टूबर 2016 में मैं मंत्री था 2018 तक नियम यह है कि आरक्षक की भर्ती होने के बाद मैं आज कह रहा हूं कि वह नियुक्ति गलत हुई थी. वह नियुक्ति नहीं होना थी. उसमें जो जांच एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं उसमें जिसने भी यह नियुक्ति की है सरकार उस पर कार्यवाही करेगी. यह नियुक्ति नियम से हो ही नहीं सकती थी. पर इस बात को छुपाया गया कि नियुक्ति कैसे हुई ? पर चीजों को कैसे भी मेरे ऊपर आरोप लगाना है या मामले को डायवर्ट करना है तो कह दो कि उन्होंने की थी. यह राजनीति का स्तर है जिससे मेरे कोई लेना देना नहीं. फिर कहा कि

          श्री अभय मिश्राअध्यक्ष महोदय,मेरी मुर्गी की तीन टांग यही तो सुनता आया हूं इससे तो मुझे समझ में आता है कि कौन कितना विद्वान है. कौन सूपा है और कौन चलनी है.

          श्री राजेन्द्र मेश्रामअभय जी जरा धैर्य रखिये और अनुशासन बनाकर रखिये.

 

 

 

          श्री अभय मिश्राअध्यक्ष महोदय, इनसे पहले मंत्री कौन थे जिन्होंने इतना बड़ा कारनामा किया जिनको आप दोषी ठहरा रहे हैं उनका भी तो नाम बता दीजिये. कौन सूपा है और कौन चलनी है. जब आप कह रहे हैं कि इस पर कार्यवाही होनी चाहिये सरकार भी आपकी थी. यहां तक आप पहुंच गये हैं तो थोड़ा और बता दीजिये कि वह मंत्री कौन था ? आप ही उत्सुकता पैदा कर रहे हैं और आप ही रोक रहे हैं.

          श्री भूपेन्द्र सिंहभईया आरक्षक की नियुक्ति मंत्री नहीं करता. आरक्षक की नियुक्ति ट्रांसपोर्ट कमिश्नर करता है. जब यही नहीं पता है तो काहे को खड़े हो जाते हो.

          अध्यक्ष महोदयभूपेन्द्र सिंह जी आप विषय पर आ जायें.

          श्री भूपेन्द्र सिंह माननीय अध्यक्ष महोदय, नियम यह है कि सात महीने तक किसी आरक्षक की नियुक्ति होती है तो सात महीने तक उसकी पोस्टिंग नहीं होती है. पोस्टिंग भी नहीं हुई और सात महीने तक उसका परीवीक्षा अवधि होती है वह करना पड़ता है. मेरे समय में अध्यक्ष महोदय, ना ही मैंने उसकी नियुक्ति की ना ही मैंने पोस्टिंग की, ना ही उसकी फील्ड में पोस्टिंग हुई तो मैं कहां दोषी हो गया अध्यक्ष महोदय.

          श्री बाला बच्चनअध्यक्ष महोदय, हम आपको कहां कह रहे हैं कि आप दोषी हैं. यह तो जिसने की है वह दोषी है. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सरकार के अंडर अथवा किसी मंत्री जी के अंडर में आते हैं.

          श्री भूपेन्द्र सिंह माननीय अध्यक्ष महोदय, यह बाला बच्चन जी आपका बात करने का तरीका ठीक नहीं है. आप हर बात पर खड़े होते हो. आप विषय की गंभीरता तो समझो.

          अध्यक्ष महोदयआप विषय को कन्टीन्यु करिये.

          श्री भूपेन्द्र सिंह माननीय अध्यक्ष महोदय, किसी पर गलत आरोप लग जाये मैं अपनी बात भी न कह पाऊं उसमें आप टोकाटाकी करो. मेरे तो केरियर का सवाल है. मेरे समय में किसी चेक पोस्ट पर उसकी पोस्टिंग नहीं हुई, जब कि मैं नहीं करता. पर फिर भी संयोग से किसी चेकपोस्‍ट पर 18 तक जब तक मैं मंत्री रहा, उसमें भी 6 महीने आचार संहिता थी. पोस्‍टिंग नहीं हुई, फिर मैं कहां दोषी हो गया. माननीय  अध्‍यक्ष महोदय, मध्‍यप्रदेश के इतिहास का पहला परिवहन मंत्री हॅूं. श्री जगदीश देवड़ा जी भी रहे. यह आदेश है (आदेश की कापी दिखाते हुए) जिसमें मध्‍यप्रदेश के चेकपोस्‍टों को बंद कर दिया, यह आदेश हमने किया. मध्‍यप्रदेश के चेकपोस्‍टों को बंद किया. (मेजों की थपथपाहट) शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि बॉर्डर चेकपोस्‍ट जो एमपीआरडीसी के माध्‍यम से कम्‍प्‍यूटरीकृत संचालित है उनके अलावा परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश की सीमा में स्‍थित समस्‍त जांच चौकियों को तत्‍काल प्रभाव से बंद किया जाये. यह मेरा आदेश है. यह आदेश दिनांक 12.9.2017 मैं पटल पर रख रहा हॅूं. मैंने परिवहन मंत्री रहते हुए चेकपोस्‍ट बंद किये. पहला परिवहन मंत्री मध्‍यप्रदेश के इतिहास का, जिसने चेकपोस्‍ट बंद किए. मुझ पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगाए.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, अब जिन्‍होंने आरोप लगाए, अब जरा उनके बारे में अपनी बात मैं कह लूं. श्री हेमन्‍त कटारे जी ने मेरे ऊपर आरोप लगाये. (XX)

          श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा एक पाइंट ऑफ ऑर्डर है.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष जी,...

          अध्‍यक्ष महोदय -- भूपेन्‍द्र जी.....

          श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं इसमें अपनी सिर्फ थोड़ी-सी बात रखना चाहता हॅूं. बड़ा आनंद आ रहा था सुनते हुए. मैं अभी पूरा सुनूंगा.

          अध्‍यक्ष महोदय -- एक मिनट हेमन्‍त जी...

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह -- अभी तो सुनो जरा. अभी तो शुरूआत है. सुनो तो जरा...(व्‍यवधान)..

          श्री हेमन्‍त सत्‍येदव कटारे -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय...(व्‍यवधान)..

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इस मामले में हाईकोर्ट के जज ने कहा कि मैं इस मामले को नहीं सुनूंगा. मेरे ऊपर इतना दबाव है. जस्‍टिस विवेक अग्रवाल ने वह केस वापस कर दिया.

          श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे -- अध्‍यक्ष महोदय, सब गलत, सब गलत. हाईकोर्ट एफआईआर को क्‍वॉश कर चुका है....(व्‍यवधान)....

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, केस वापस कर दिया और उसके बाद मैं इसको लेकर (XX)...(व्‍यवधान)..

          श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे -- अध्‍यक्ष महोदय, सब गलत बोल रहे हैं..(व्‍यवधान)..

          अध्‍यक्ष महोदय -- भूपेन्‍द्र सिंह जी..

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह -- अध्‍यक्ष महोदय जी, यह आरोप लगा रहे हैं हमारे ऊपर. ये आरोप लगाएंगे...(व्‍यवधान)...

          श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे -- नहीं, नहीं, हाईकोर्ट निरस्‍त कर चुका है. हाईकोर्ट क्‍वॉश कर चुका है...(व्‍यवधान)..

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह – (XX)..(व्‍यवधान)...

          अध्‍यक्ष महोदय -- भूपेन्‍द्र सिंह जी, प्‍लीज....

          श्री अभय मिश्रा -- आप किस भाषा का इस्‍तेमाल कर रहे हैं..(व्‍यवधान)..

          अध्‍यक्ष महोदय -- भूपेन्‍द्र सिंह जी, देखिए, बातचीत और शब्‍दों की मर्यादा का ध्‍यान रखना चाहिए...(व्‍यवधान)...

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह -- अध्‍यक्ष महोदय, मैं मर्यादा रखूंगा.

          अध्‍यक्ष महोदय -- हेमन्‍त कटारे जी, आपने इनका नाम लिया था. वह आज यहां अपनी बात कह रहे हैं. उन्‍होंने आपका नाम लिया था आपको तो...(व्‍यवधान)...

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह -- अध्‍यक्ष महोदय, मैं तो उपस्‍थिति में आरोप लगा रहा हॅूं. इन्‍होंने तो अनुपस्‍थिति में आरोप लगाया और रिकार्ड में रखकर लगा रहा हॅूं...(व्‍यवधान)..

          अध्‍यक्ष महोदय -- मैं आपको अपनी बात रखने का अवसर दूंगा..(व्‍यवधान)...

          श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जो बात माननीय सदस्‍य भूपेन्‍द्र सिंह जी कह रहे हैं..(व्‍यवधान)...

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह -- आप सुनें तो, आप सुनें तो..(व्‍यवधान)..

          श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे -- अध्‍यक्ष महोदय, (XX) और उनके कैरियर के बारे में माननीय श्री अभय मिश्रा जी बता चुके हैं...(व्‍यवधान)..

          श्री अभय मिश्रा -- कैरियर का सवाल है. आपको अपना कैरियर दिख नहीं रहा. दो-दो उपमुख्‍यमंत्री आपको चेक कर ले रहे हैं. नये मुख्‍यमंत्री जी आपको समझ गए, यह अच्‍छा हुआ.

          अध्‍यक्ष महोदय -- आपको बोलना है तो मैं आपको मौका दूंगा, जो उन्‍होंने आरोप लगाया है....(व्‍यवधान)..

          श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे -- अध्‍यक्ष महोदय, इनको रोक कर रखिएगा. नहीं, तो ये निकल जाएंगे फिर. इनको रोक कर रखिएगा...(व्‍यवधान)..

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय,...

          अध्‍यक्ष महोदय -- एक मिनट, माननीय राजेन्‍द्र कुमार जी कुछ कह रहे हैं..(व्‍यवधान)..हजारीलाल जी, एक मिनट, थोड़ा बैठ जाएं. माननीय राजेन्‍द्र कुमार जी कुछ कह रहे हैं...(व्‍यवधान)..

डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह - अध्यक्ष महोदय, मेरा पाइंट ऑफ आर्डर है.

अध्यक्ष महोदय - एक मिनट, डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह जी कुछ कह रहे हैं.

डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह (अमरपाटन) - अध्यक्ष महोदय, आपके आसंदी में बैठते वक्त सदन की सारी मर्यादाएं तार-तार हो रही हैं. एक बात, इस स्तर पर तो डिस्कशन नहीं जाना चाहिए. दूसरा, अगर यह सब-ज्युडिस मामला है जैसा माननीय श्री भूपेन्द्र सिंह जी कह रहे हैं.

श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे - हाईकोर्ट क्वॉश कर चुका है.

श्री भूपेन्द्र सिंह - कुछ नहीं हुआ. फर्जी है.

श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे - इनको अते-पते ही नहीं है.

श्री भूपेन्द्र सिंह - मुझे सब पता है. आदेश लेकर आया हूं. ऐसे ही नहीं आया हूं, बताऊंगा.

डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह- अध्यक्ष महोदय, तीसरी बात कहना चाहता हूं कि यह जो आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, नियम यह कहते हैं, परंपरा यह कहती है कि माननीय सदस्य के खिलाफ आरोप लगाने के पहले लिखित में सूचना देनी चाहिए. क्या माननीय श्री भूपेन्द्र सिंह जी ने सूचना दी है?

श्री भूपेन्द्र सिंह - मैंने सूचना दे दी. सब कुछ दे दिया है. मैंने पेपर पटल पर रख दिये.

श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे - अध्यक्ष महोदय, आपके संज्ञान में होना चाहिए.

श्री भूपेन्द्र सिंह - अध्यक्ष जी को दे दिया है.

डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह- इस चीज का कॉग्निजेंस लें, यह तो गलत हो रहा है. सदन में परंपराएं गलत पड़ रही हैं.

अध्यक्ष महोदय - इसमें मेरा सिर्फ इतना ही आग्रह है कि कुल मिलाकर शब्दावली का हम सब लोग ध्यान रखें. दूसरा, श्री हेमन्त जी ने आपके नाम का उल्लेख किया, जिस विषय को लेकर किया, उसके बारे में आपने स्पष्टीकरण दे दिया और अब मुझे लगता है कि आगे अपने को राज्यपाल जी के अभिभाषण पर आना चाहिए.

श्री भूपेन्द्र सिंह - अध्यक्ष महोदय, अभी मेरा विषय रह गया है. मैंने आपको लिखकर भी दिया है और सारे पेपर पटल पर भी रखे हैं. दूसरा आरोप धारा 420 का ईओडब्ल्यू में केस रजिस्टर्ड हुआ है, अभी हुआ है. इसमें जो आरोपी हैं श्री हेमन्त कटारे, उनकी पत्नी, उनकी मां, ये सब आरोपी हैं. अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल पर नियम विरुद्ध भूखण्ड आवंटन करके,  आवासीय भूखण्ड आवंटन करके..

श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव - अध्यक्ष महोदय, यह क्या राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर चर्चा हो रही है? (व्यवधान)

श्री भूपेन्द्र सिंह - फिर कल क्यों बोलने दिया? कल फिर राज्यपाल महोदय के भाषण में मैं कहां से आ गया? फिर कल क्यों बोला? अब बोला है तो सुनो. मैं तो उस समय हाउस में था भी नहीं, तब नियम कहां गये थे?

अध्यक्ष महोदय - श्री सचिन जी, अगर श्री हेमन्त जी उस मामले में बोलने का अवसर मांगेंगे तो मैं उनको स्पष्टीकरण का अवसर दूंगा.

श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव - क्या यह राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर चर्चा हो रही है?

अध्यक्ष महोदय - मैं पहले उनको कह चुका हूं.

श्री भूपेन्द्र सिंह -श्री सचिन जी आप सुनें.

श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव -आप हमको ज्ञान बांट रहे हो.

श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे - अध्यक्ष महोदय, मुझे भी इस पर बोलने का समय दीजिएगा. माननीय सदस्य को जो बोलना है वह मैं पूरा सुनूंगा. एक अवसर मुझे बोलने का जरूर दीजिएगा, नहीं तो थोड़ा-सा मन में रह जाएगा.

श्री भूपेन्द्र सिंह - आपको पता नहीं है श्री सचिन जी, कल मेरे ऊपर जो आरोप लगाए वह क्या आरोप राज्यपाल महोदय के अभिभाषण में थे? फिर कल क्यों आरोप लगाए?

संसदीय कार्यमंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय) - अध्यक्ष महोदय, मेरा व्यवस्था का प्रश्न है. कभी भी सदन में कोशिश यह होना चाहिए कि व्यक्तिगत आरोप नहीं लगे. यही सदन की परंपरा रही है. बहुत जरूरी हो तो आवश्यक पेपर टेबल करें उसके बाद लगाएं. यह मध्यप्रदेश का उच्च सदन है.

अध्यक्ष महोदय, इसमें गरिमामय चर्चा हो. आप जैसे गरिमामय अध्यक्ष यहां पर बैठे हुए हैं और इस प्रकार की चर्चा से मन दुखी हो रहा है. मेरा आपसे निवेदन है कि कल जो श्री हेमन्त जी ने भी जो कहा है, उसको भी आप रिकार्ड से निकालें और अभी जो श्री भूपेन्द्र जी ने जो कहा है, उसके लिए भी श्री भूपेन्द्र जी से निवेदन करूंगा, आप बहुत सीनियर सदस्य हैं, बहुत गंभीर सदस्य हैं. अगर कोई बच्चा गलती कर दे तो हमें माफ कर देना चाहिए और सदन की गरिमा का हमें ध्यान रखना है बाकी और कुछ भी नहीं. सदन चलता रहता है, लोग आते रहते हैं, जाते रहते हैं. हम सदन की मर्यादा को खराब करें, मेरा ख्याल है, मैं बहुत दुखी मन से यह बात बोल रहा हूं और इस प्रकार का कोई भी सदस्य अगर व्यक्तिगत आरोप लगाए तो बचना चाहिए. अध्यक्ष महोदय, आपसे भी करबद्ध हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं  कि आप भी इस प्रकार कोई आरोप लगाए तो आप रोकने की कोशिश करें.

          अध्‍यक्ष महोदय- मैं कैलाश जी की भावना से पूरी तरह सहमत हूं.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह- मैं भी पूरी तरह  से सहमत हूं और मैंने शुरूआत नहीं की.

          अध्‍यक्ष महोदय- मैंने पहले भी आग्रह किया कि हम अभिभाषण पर चर्चा में आयें और दूसरा उनका जो पाइंट ऑफ आर्डर है, मैं कार्यवाही को दिखवा लूंगा जो होगा उचित कार्यवाही करूंगा.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह- अध्‍यक्ष महोदय, आपको भी मालूम है कि कल में सदन में नहीं था, उसके बाद राज्‍यपाल जी के अभिभाषण पर हेमन्‍त कटारे जी ने मेरे ऊपर आरोप लगाये तो क्‍या यह राज्‍यपाल के अभिभाषण का पार्ट था. वह आपको नोटिस देते, व्‍यवस्‍था है,नियम है.

           अध्‍यक्ष महोदय- इसीलिये आपने जब स्‍पष्‍टीकरण दिया तो मैंने बिल्‍कुल भी आपत्ति नहीं ली, क्‍योंकि मुझे मालूम है कि हेमन्‍त जी ने कल आपकी अनुपस्थिति में आरोप लगाये थे और आप सदन के सदस्‍य हैं और सदन के सदस्‍य की हैसियत से अगर आप अलग से भी समय मांगते तो मैं आपको अवसर देता.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह- माननीय अध्‍यक्ष्‍ा महोदय, बस मैं फैक्‍ट रख दूं. बाकी आप सब डिलिट कर देना, मुझे कोई आपत्ति नहीं है और मुझे इसमें कोई दिक्‍कत नहीं है. मैं तो सिर्फ फैक्‍ट रखना चाहता हूं और अपनी बात दो मिनिट में खत्‍म कर दूंगा.

          श्री हेमन्‍त सत्‍यदेव कटारे- आप तो सारे फैक्‍ट्स ले आयें और मुझे भी बोलने का एक अवसर दे लीजियेगा.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह- अध्‍यक्ष महोदय, धारा-420 का केस रजिस्‍टर्ड ईओडब्‍ल्‍यू में. एक पेट्रोल पम्‍प लालघाटी पर स्‍वीकृत हुआ कटारे जी का. नियम यह है कि यदि एक पेट्रोल पम्‍प आपका स्‍वीकृत हो गया, तो आपने आवेदन दिया कि इसको हम ISBT पर करना चाहते हैं और उसको हम बंद करना चा‍हते हैं. वह पेट्रोल पंप आज भी बंद नहीं हुआ. लालघाटी का भी पेट्रोल पंप चल रहा है और ISBT का भी चल रहा है, यह भी चार सौ बीसी है. इसके लिये भी मैंने लिखा है. इसकी भी माननीय अध्‍यक्ष महोदय कार्यवाही चल रही है और एक माननीय अध्‍यक्ष महोदय..

          अध्‍यक्ष महोदय- यह काफी हो गया. अब आप अभिभाषण पर आ जाओ.आपका स्‍पष्‍टीकरण पर आ जाओ.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह- अध्‍यक्ष महोदय, अभी तो बहुत हैं..

          अध्‍यक्ष महोदय:- होंगे, मैं यह नहीं कह रहा हूं.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह- अध्‍यक्ष महोदय, मैं नहीं बोलूंगा. आपका आदेश सर्वोपरि है.

          डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह- आप इस पर व्‍यवस्‍था तो दे दें. माननीय कैलाश जी ने वह विषय उठाया, मैंने भी पहले उठाया था उस पर आप व्‍यवस्‍था दे दें. क्‍या उचित है, इस तरह से चलना. क्‍योंकि दो माननीय सदस्‍य सदन को हाईजैक कर लें और इतनी महत्‍वपूर्ण कार्यवाही बाधित, यह क्‍या उचित है.

          अध्‍यक्ष महोदय:- मैंने बता दिया कि मैं कार्यवाही को दिखवा लूंगा.

          डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय- अध्‍यक्ष महोदय, माननीय सदस्‍य (XX) है तो विद्धवता से उनके पास में जो तथ्‍यात्‍मक जानकारी है, सदन उससे अवगत होना चाहता है. उसमें क्‍या नियमानुसार नहीं है, उसमें क्‍या कठिनाई है. हेमन्‍त कटारे जी ने यह चुनौती दी कि आप (XX) हैं. आपको अंग्रेजी नहीं आती है. मतलब आपको ज्ञान नहीं हैं, आप अज्ञानी हैं तो अब वह अपने ज्ञान से जो तथ्‍यात्‍मक जानकारी से सदन को अवगत करा रहे हैं, सदन अवगत होना चाहता है उसमें क्‍या बुराई है.

          श्री भूपेन्‍द्र सिंह- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपसे एक निवेदन और करना चाहता हूं. मैं आपसे एक जानकारी चाहता हूं कि विधान सभा के नियमों में क्‍या कहीं पर उप नेता का प्रावधान है विधान सभा के नियमों में ? (XX) स्‍वयं मियां मिट्ठू घूम रहे हैं. खुद ही,मैं उप नेता, अरे काहे का उप नेता, फर्जी उप नेता. डॉ. राजेन्‍द्र जी आप इस पर तो कुछ बोलें. क्‍या इसमें कहीं उप नेता का नियम है.

XX :  आदेशानुसार विलोपित.

            श्री भूपेन्द्र सिंहअध्यक्ष महोदय, मैं खतम कर रहा हूं, कैलाश जी ने बहुत दिन में समय दिया है.

          अध्यक्ष महोदयभूपेन्द्र सिंह जी, कैलाश जी ने  सारा  समय आपको ही एलाट कर दिया है. 

          श्री कैलाश विजयवर्गीय अध्यक्ष जी, भूपेन्द्र सिंह  जी इधर से उधर आ गये अब.

..(हंसी)..

          अध्यक्ष महोदयमेरा आग्रह यह है कि  कुल मिलाकर अभिभाषण पर चर्चा हो रही है.  यह चर्चा दो व्यक्तियों तक सीमित  नहीं  रहना  चाहिये, इसलिये मैं समझता हूं कि  इसको व्यापकता प्रदान करके  आप अभिभाषण पर आइये.  शुरुआत आपने जितनी ऊंचाई से की है,  उसी ऊंचाई पर  आप  भाषण को रखें.

          श्री भूपेन्द्र सिंहअध्यक्ष महोदय, अब  मैं  (xx) के साथ फंस गया, तो  मुझे मजबूरी में  इस स्तर पर आना पड़ा.   मेरा तो स्वभाव ही नहीं है, मैं तो ऊंचाई पर ही रहता हूं.

          श्री अभय मिश्राअध्यक्ष महोदय,  इस (xx) शब्द के बारे में  आप कुछ नहीं बोल रहे हैं.

          अध्यक्ष महोदयइस शब्द को विलोपित कर दें.  भूपेन्द्र सिंह जी, अब आप राज्यपाल जी के अभिभाषण पर आइये.

          श्री भूपेन्द्र सिंहअध्यक्ष महोदय, मैं महामहिम  राज्यपाल जी के अभिभाषण का  बहुत हृदय से स्वागत करता हूं, अभिनन्दन करता हूं  और  माननीय डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में  मध्यप्रदेश देश   में  विकास की ऊंचाइयों को  छुएगा. मैं फिर से बहुत धन्यवाद ज्ञापित  करता हूं.  अध्यक्ष जी, आपका भी और माननीय कैलाश जी का  भी   धन्यवाद करता हूं. बहुत बहुत धन्यवाद.

          डॉ. सीतासरन शर्मा--  अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय भूपेन्द्र सिंह जी को धन्यवाद देता हूं,  आगे से कोई ऐसे आरोप  लगाने  की हिम्मत नहीं करेगा.  सदन में एक अच्छी परम्परा डाल दी.

          श्री हेमंत सत्यदेव कटारेअध्यक्ष महोदय, मैं इसका कल ही उत्तर देना चाहूंगा.  आप आज कहें, तो मैं इसका उत्तर आज दूं.

          अध्यक्ष महोदयकल नहीं देंगे, आज ही कर देंगे.  मैं बाकी यह प्रोसीडिंग  दिखवा लूंगा.  हम आपको अवसर देंगे.

          डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंहअध्यक्ष महोदय,  भूपेन्द्र सिंह जी कह रहे थे कि  इनको उप नेता किसने बनाया.  तो आपके सचिवालय से लेटर  इशू हुआ है.  आप रेकार्ड चेक करवा लें.

          श्री भूपेन्द्र सिंह नहीं हुआ है.

          अध्यक्ष महोदयचलो, डॉ. हिरालाल अलावा कल रह गये थे,  उनको बात करने दीजिये.

          श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव--  अध्यक्ष महोदय, लेटर जारी हुआ है, पता कर लें.

          श्री भूपेन्द्र सिंहपता कर लिया है मैंने, नहीं हुआ है.

श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादवअध्यक्ष महोदय, लेटर जारी हुआ है. सचिवालय ने जारी किया है. तो यह किस प्रकार से कह रहे हैं.      

श्री भूपेन्द्र सिंहअध्यक्ष महोदय, नहीं हुआ है, पता कर लिया है.  मैं पता करके ही बोलता हूं.   

            श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादवहमारे पास लेटर है.  अध्यक्ष महोदय, आप कहेंगे, तो हम पटल पर रख देंगे.

            श्री भूपेन्द्र सिंह वह भी फर्जी है.

            अध्यक्ष महोदयसचिन जी, इसमें हेमंत जी जवाब दे देंगे.  हेमंत जी को अवसर मिलेगा,  आप काहे को चिंता कर रहे हैं.  हेमंत जी, जवाब दे देंगे.

            डॉ. हिरालाल अलावा (मनावर)अध्यक्ष महोदय,  आपने  मुझे महामहिम राज्यपाल  जी के अभिभाषण पर  बोलने का मौका दिया है.  मैं आपका तहेदिल से धन्यवाद  एवं आभार प्रकट करता हूं.   मैं सबसे पहले  आप सभी को  पूरे सदन को  आदिवासियों के  पारम्परिक सांस्कृतिक  पर्व  भगोरिया हाट की ढेर सारी  बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं.  साथ ही होली पर्व की भी   शुभकामनाएं एवं बधाई देता हूं.  राज्यपाल जी  के अभिभाषण में प्रदेश के पौने 2 करोड़ आदिवासियों  के लिये पेसा एक्ट का जिक्र हुआ,  अभिभाषण में युवाओं की बात हुई.  विकसित भारत की बात हुई.  मैं इसी पर अपनी बात रख रहा हूं. मध्यप्रदेश में  अधिसूचित क्षेत्र में  पेसा एक्ट   जब लागू किया  गया और पेसा एक्ट  के नियम बनाये गये, तो प्रदेश में आदिवासियों को  इस बात का भरोसा था कि सरकार उनकी जमीन नहीं छीनेगी, आदिवासियों को इस बात का भी भरोसा था कि  उनको  कोर्ट कचहरी के चक्कर  नहीं लगाने पड़ेंगे, लेकिन पेसा एक्ट 1996  में लागू हुआ, नियम    नवम्बर,2022  में बने.  इसके  बाद भी न तो आदिवासियों की  जमीन  छीनना बंद हुई, न आदिवासियों  का छोटे छोटे मालमों में  जेल में  जाना बंद  हुआ. पेसा एक्ट की धारा 4 (क) और 4 (घ)  में स्पष्ट रुप से यह प्रावधान किया गया है कि  आदिवासियों की  रुढ़ियों, परम्पराओं, धार्मिक  और सामाजिक रीति रिवाजों   का संरक्षक्षण किया जायेगा.

 

समय 4.00 बजे          {सभापति महोदय(डॉ.राजेन्द्र पाण्डेय) पीठासीन हुए}

 

            डॉ. हीरालाल अलावा --

          माननीय सभापति महोदय, मध्यप्रदेश में जब पेसा अधिनियम बना तो आदिवासियों की रूढियों-परम्पराओं और धार्मिक  रीति-रिवाजों को रूढिजन्य संहिता में विधि का रूप दिये बिना ही पेसा नियम लागू कर दिया गया. आज मध्यप्रदेश के जो आदिवासी बाहुल्य जिले धार, झाबुआ, रतलाम, खरगोन और बड़वानी हो सबसे ज्यादा आदिवासियों के ऊपर मुकद्दमें दर्ज किये जा रहे हैं.

          माननीय सभापति महोदय, आपके माध्यम से मैं सदन और सरकार को अवगत कराना चाहता हूं कि आदिवासियों का स्वभाव आक्रामक नहीं होता है, बहुत सीधे-साधे, बहुत विनम्र और बहुत ईमानदार होते हैं. पिछले दिनों रतलाम में एक आदिवासी की एक्सीडेंट में मृत्यु हुई, धार जिले के मनावर जो मेरी विधानसभा क्षेत्र है वहां पर भी अल्ट्राटेक में एक व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु हुई, आदिवासी युवाओं और आदिवासी समाज में इस बात का आक्रोश था कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जाये और जिन युवाओं की मृत्यु कंपनी की गलती के कारण हुई है उस कंपनी के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज होना चाहिये.रतलाम में भी ऐसा ही मामला था लेकिन मृतक के परिवार को न्याय मिलने के बजाए, न्याय की मांग करने वाले आदिवासियों को न्याय मिलने के बजाए जब उन्होंने आंदोलन किया तो उनके ऊपर एनएसए की धारा के तहत मुकदमे दर्ज किये गये. आज तीन माह से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन उन युवाओं को जेल से बाहर आने नहीं दिया जा रहा है. क्या यही न्याय आदिवासियों के साथ में यह सरकार करेगी. क्या लोकतंत्र में जो न्याय मांगने वाले लोग हैं उनके ऊपर धारायें एनएसए की लगाई जायेंगी, यह धारायें तो आतंकवादियों के ऊपर लगाई जाती है. यह धारायें प्रदेश के और देश के आदिवासियों के ऊपर क्यों लगाई जा रही हैं.

          माननीय सभापति महोदय, मैं आपके माध्यम से एक ओर महत्वपूर्ण पक्ष इस सदन में रखना चाहता हूं. आदिवासियों की वैवाहिक पद्धति के जो तरीके हैं रूढी-प्रथा के तहत और उस रूढीवादी प्रथा के अंदर आदिवासियों के जो भी मामले हैं जैसे जमीन संबंधी विवाद हों, विवाह से संबंधित विवाद हो,आज भी गांव में पंचायत बैठती है, आज भी गांव में पटेलों को राजस्व का दर्जा है, उनके समक्ष आज भी फैसला होता है और गांव के फैसले गांव में ही होते हैं और यही पेसा नियम का मूल आधार भी है, आज भी मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों में पुलिस न तो ग्राम सभा से अनुमति लेती है, न ही ग्राम समिति जो पेसा के तहत बनी है उससे अनुमति लेती है, डायरेक्ट आदिवासियों के ऊपर गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज करती है. सभापति महोदय, जब यह कानून बना- एक्ट बना है क्या यह एक्ट और कानून सिर्फ दिखावा है.

          सभापति महोदय, मैं आपके माध्यम से सरकार से चाहता हूं कि इस देश और प्रदेश के आदिवासियों के साथ में न्याय होना चाहिये, लोकतंत्र में उनके अधिकारों की रक्षा होनी चाहिये, खासकर पांचवी अनुसूची के जिलों में 6वीं अनुसूचित क्षेत्रों में जो आदिवासी अपनी संस्कृति के लिये जाना जाता है, अपनी परम्पराओं के लिये जाना जाता है वही उनकी पहचान है, उनकी रक्षा और सुरक्षा करने की जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिये.

          माननीय सभापति महोदय, युवाओं के बारे में महामहिम राज्यपाल महोदय जी ने बात रखी कि युवा शक्ति मिशन सरकार चला रही है. सभापति महोदय, युवाओं के साथ में सरकार को न्याय करना चाहिये. आज मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा युवा बेरोजगार हैं. जब चुनाव आते हैं तो सरकार उनसे बड़े बड़े वायदे करती है. मैं पिछले 6 माह से युवाओं के साथ में बैठा, कई बैठकें उनके साथ की और जो बातें सामने निकल कर के आई हैं वही बात मैं सदन में रख रहा हूं. आपके समक्ष रख रहा हूं. "जन सेवा मित्र". सभापति महोदय में इस "जन सेवा मित्र" के बारे में कहना चाहता हूं कि चुनाव से एक साल पहले तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने उन मित्रों को भरोसा और विश्वास दिलाया था, मेरे भांजे-भांजियो, मेरे बेटे-बेटियों, लाल परेड मैदान, भोपाल में तो उन्होंने आई लव यू भी बोला था. लाल परेड मैदान, भोपाल में तो आई लव यू बोला था. लड़कों ने भी विश्वास करके आई लव यू टू भी बोला था. लेकिन जैसे ही चुनाव हुआ सरकार बनी, बिना नोटिस दिए उन 9300 जनसेवा मित्रों को सरकार ने निकाल दिया. सरकार उन बेरोजगार युवाओं के साथ न्याय करे. सरकार उनको तत्काल नियुक्तियां दे और सरकार की योजनाएं जन-जन तक पहुंचें उसके लिए इनकी नियुक्ति की जाए.

          सभापति महोदय, वर्ष 2023 में पुलिस भर्ती परीक्षा हुई लेकिन उसका रिजल्ट आज तक नहीं आया है. प्रदेश में 25 हजार पुलिस कांस्टेबल के पद रिक्त हैं. कानून-व्यवस्था दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है. सरकार ने दूसरी विज्ञप्ति भी निकाल दी है लेकिन पुरानी परीक्षा के परिणाम घोषित नहीं किए हैं.

          सभापति महोदय, शिक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2018 में हुई थी. 60 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं. वर्ष 2018 में परीक्षा ली गई लेकिन अभी तक शिक्षकों की पूरी तरह भर्ती नहीं की गई है.

          सभापति महोदय, पिछले दिनों मध्यप्रदेश पीएससी के अभ्यर्थी इंदौर में पीएससी आयोग से सामने आंदोलन कर रहे थे, मैं भी उसमें शामिल हुआ था. उनकी मांग थी कि पीएससी की परीक्षा में पारदर्शिता होना चाहिए. पीएससी की परीक्षा की मेन्स की कॉपी दिखाई जानी चाहिए. इंटरव्यू जातिगत नहीं होना चाहिए. मध्यप्रदेश पीएससी में  इंटरव्यू जाति के आधार पर हो रहे हैं. इसलिए उनको नंबर भी जाति के आधार पर कम करके दिए जा रहे हैं. एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग को नंबर ही नहीं दिए जा रहे हैं. जब युवा यह मांग कर रहे थे तो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वत किया था कि आपकी मांगें मानी जाएंगी. मांगें मानने की बजाए उन्हीं आंदोलनकारी युवाओं के ऊपर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई और उनको जेल में डाल दिया गया. क्या मध्यप्रदेश सरकार युवाओं के साथ यह न्याय कर रही है.

          सभापति महोदय, निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था नहीं है. राष्ट्रीय संस्थाओं के निजीकरण का एक चलन चल रहा है. चाहे बैंकिंग हो, रेलवे हो, आईटी सेक्टर हो. सरकारी क्षेत्र की जो बैंक थीं उनका और रेलवे सभी का निजीकरण हो रहा है. निजी क्षेत्र में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग  को आरक्षण नहीं दिया जाता है. बड़े पैमाने पर अप्रत्यक्ष रुप से आरक्षण को खत्म किया जा रहा है. मैं चाहता हूं कि सरकार इन वर्गों को भी बराबरी का हक और सम्मान देना चाहती है तो निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की व्यवस्था होना चाहिए. सभापति महोदय, यह बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज देश की जो स्थिति है गरीब, गरीब होता जा रहा है और अमीर, अमीर होता जा रहा है. आज मार्केट में पैसा नहीं है. देश की जीडीपी वर्ष 2022 में 13 प्रतिशत थी आज वह 6 प्रतिशत रह गई है. लोगों के पास खर्च करने के लिए पैसा नहीं है. मनरेगा जैसी योजनाएं जिससे गरीब तक पैसा पहुंचता है यह योजनाएं चालू रहना चाहिए. गरीबों को आर्थिक रुप से बराबरी का मौका मिलना चाहिए. प्रायवेट सेक्टर में वर्ष 2021 में 36,342 नौकरियां थीं.  यह वर्ष 2024 में घटकर 21054 रह गई हैं. महिलाओं की भागीदारी 10963 थी वह वर्ष 2024 में 6564 रह गई है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार जो आंकड़े दिखाती आ रही है कि हमारी जो आंकडे़ सरकार दिखाती आ रही है कि हमारी जीडीपी 11 प्रतिशत से 14 प्रतिशत तक जा रही है और हकीकत में जब बैलून फूटता है तो जीडीपी के सही आंकड़े पेश होते हैं. मध्‍यप्रदेश में नर्सिंग घोटाला हुआ था और इस नर्सिंग घोटाले में 75 हजार छात्र-छात्राओं को पिछले चार वर्षों से स्‍कॉलरशिप नहीं मिली है. कई छात्र छात्राओं का जीवन बर्बाद हो गया है. इसमें छ: साल लग गए न तो उनके समय पर एग्‍जॉम हुए और न ही उनको समय पर छात्रवृत्ति मिली. मैं आपके माध्‍यम से मांग करता हूं कि ऐसे छात्र-छात्राएं जिनको छात्रवृत्ति नहीं मिली उनको छात्रवृत्ति दी जाए.

          माननीय सभापति महोदय, आज भर्ती परीक्षा की व्‍यवस्‍था लागू होना चाहिए. अभ्‍यर्थियों को एक ही भर्ती के लिए कई परीक्षाएं देने के लिए मजबूर किया जाता है. समय-समय पर पैसों की भी बर्बादी होती है. हर भर्ती के लिए अलग-अलग परीक्षाएं करवाने की बजाय सरकार एक भर्ती एक परीक्षा का नियम लागू करे जिससे पारदर्शिता रहे और समय की बचत हो. अभी ज्‍यादातर परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही हैं और ऑनलाइन परीक्षाओं में बार-बार पेपर लीक होना, सर्वर फेल होना और साफ्टवेयर में गड़बड़ी जैसी गंभीर समस्‍या आती हैं. यह जो पिछले दिनों नर्सिंग परीक्षा में घोटाला हुआ, पटवारी परीक्षा में घोटाला हुआ, शिक्षक पात्रता भर्ती में घोटाला हुआ और यह जो धांधलियां हैं यह सब ऑनलाइन परीक्षा के माध्‍यम से हो रही हैं. मैं आपके माध्‍यम से यह मांग करता हूं कि यह मध्‍यप्रदेश के युवाओं की मांग है कि परीक्षा ऑफलाइन होना चाहिए ताकि युवाओं को न्‍याय मिल सके. परीक्षा केन्‍द्रों का आवंटन अभ्‍यर्थियों की प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए. मध्‍यप्रदेश में कई अभ्‍यर्थियों को उनकी प्राथमिकता वाले परीक्षा केन्‍द्र नहीं दिये जाते हैं. अभ्‍यर्थियों को 500, 600 किलोमीटर दूर भेज दिया जाता है जिससे गरीब और दूरदराज़ के छात्रों को दिक्‍कत होती है.

          सभापति महोदय-- अलावा जी आप कृपया अपना भाषण समाप्‍त करें.

          डॉ. हिरालाल अलावा-- सभापति महोदय, पहली प्राथमिकता के अनुसार अभ्‍यर्थी को परीक्षा केन्‍द्र आवंटित. ओबीसी आरक्षण का मुद्दा भी गंभीर है. कांग्रेस सरकार ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण बिल विधान सभा में पास किया था लेकिन ओबीसी आरक्षण विरोधी बीजेपी सरकार आज तक इसको पूरी तरह लागू नहीं कर पा रही है. ईएसबी ने हाईकोर्ट में अंतरिम आदेश डब्‍ल्‍यूपी 18105/2021 4/8/2023 के तहत कई रिजल्‍ट रोक दिये थे. अब याचिका खारिज हो चुकी है जिससे आदेश स्‍वत: निरस्‍त हो गया है लेकिन सरकार अभी भी ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दे रही है. ओबीसी वर्ग के 13 प्रतिशत पदों को होल्‍ड कर दिया गया है जिससे छात्रों का भविष्‍य अंधकार में लटक गया है.

          सभापति महोदय, आरक्षित वर्ग के जो छात्र छात्राएं हैं नये-नये नियम लागू किये जा रहे हैं. नियमों में कहा है कि 90 प्रतिशत से कम अंक प्राप्‍त करने वाले छात्र-छात्राओं को आरक्षित वर्ग में अर्हता अर्जित किये वह अनारक्षित वर्ग में चयन के लिए पात्र नहीं होंगे. अनारक्षित वर्ग में उन्‍हीं अभ्‍यर्थियों पर विचार किया जाएगा जिन्‍हें पात्रता परीक्षा में 90 या उससे अधिक अंक प्राप्‍त किये हों साथ ही चयन परीक्षा में 50 प्रतिशत या उससे अधिक अंक अर्जित किये हों. यह नियम आरक्षित वर्ग के अभ्‍यर्थियों के अवसर को समाप्‍त कर देगा और पिछडे़ वर्ग के लोगों के साथ भेदभाव करेगा. मैं आपको कुछ महत्‍वपूर्ण बिंदु मेरे विधान सभा क्षेत्र से संबंधित कहना चाहता हूं. मेरे विधान सभा क्षेत्र में किसानों की बहुत ही महत्‍वपूर्ण समस्‍या है कि किसानों को बिजली का लो वॉल्‍टेज मिलता है. वर्ष 2016-2017 तक किसानों के ट्रांसफार्मर के लिए मुख्‍यमंत्री अनुदान योजना चलती थी और उस योजना में 60 प्रतिशत सब्सिडी सरकार देती थी 40 प्रतिशत पैसा किसान भरता था. योजना बंद होने के कारण जब किसान मोटर चालू करता है और पानी देने जाता है तो बार-बार ट्रांसफार्मर या तो चल जाते हैं या लाईट चली जाती है और किसानों के पास पैसा नहीं होने के कारण किसानों की फसलें भी बर्बाद हो जाती हैं. मैं आपके माध्‍यम से मांग करता हूं कि सरकार किसान अनुदान योजना चालू करे और किसानों को राहत दे. मेरे विधान सभा क्षेत्र में तीसरे और चौथे चरण की नहर है लेकिन नहर के आसपास का सारा रोड उखड़ गया है और रोड उखड़ने के कारण बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए हैं और इस कारण नहर में कोई भी गिरता है और उसकी मृत्‍यू हो जाती है. माननीय सभापति महोदय, मैं, चाहता हूं कि वह सड़क बने और दुर्घटनायें रूकनी चाहिए. आपके माध्‍यम से एक अंतिम बिंदु कहना चाहता हूं कि हमारे आदिवासी क्षेत्रों में सबसे ज्‍यादा अवैध शराब बिकती है, उसमें जो अंग्रेजी शराब बिकती है, उस पर कोई पुलिस प्रकरण नहीं बनाया जाता लेकिन हमारा आदिवासी महुए की शराब बेचता है जबकि महुए की शराब धार्मिक परंपराओं के लिए भी आदिवासियों द्वारा बनाई जाती है लेकिन उसके ऊपर सबसे ज्‍यादा प्रकरण दर्ज किये जाते हैं. अंग्रेजों के समय बाम्‍बे आबकारी एक्‍ट और महुआ एक्‍ट बना था, उसी के आधार पर आज भी आदिवासियों के ऊपर केस बनाये जाते हैं. जब सरकार कहती है कि हमने पुराने कानून समाप्‍त कर दिये तो क्‍यों न आदिवासियों को महुए की शराब बेचने की छूट दी जाये और उन पर इससे संबंधी प्रकरण दर्ज नहीं किया जाये.

          माननीय सभापति महोदय, कोरोना काल में बहुत से डॉक्‍टर, नर्स, पैरामेडिकल स्‍टाफ ने हमारी मदद की थी. जब हमें कोई डॉक्‍टर-नर्स नहीं मिल रहे थे, तब उन्‍हें सरकार ने कुछ समय के लिए रखा था लेकिन कोरोना काल समाप्‍त होने पर सरकार ने उन्‍हें निकालकर फेंक दिया. मुश्किल समय में जिन्‍होंने प्रदेश की सेवा की, ऐसे डॉक्‍टर, नर्स, पैरामेडिकल स्‍टाफ, लैब टेक्‍नीशियन और अन्‍य स्‍टाफ को भी रोजगार देने की दिशा में, सरकार को प्रयास करना चाहिए. आपने मुझे बोलने का अवसर दिया, धन्‍यवाद, आभार.

          श्री आशीष गोविंद शर्मा (खातेगांव)-  माननीय सभापति महोदय, महामहिम राज्‍यपाल महोदय के अभिभाषण पर, मैं, कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं. निश्चित ही मध्‍यप्रदेश, भारत का बहुत तेजी से विकसित राज्‍य बनने की दिशा में आगे बढ़ने वाला वह राज्‍य है, जहां की ऐतिहासिक, सांस्‍कृतिक विरासतें न सिर्फ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं बल्कि मां नर्मदा जो जीवनदायिनी है, मां क्षिप्रा जो मोक्षदायिनी है, ताप्‍ती-केन-बेतवा इस तरह की नदियां हमारे मध्‍यप्रदेश के किसानों को समृद्धि प्रदान करती है. महामहिम राज्‍यपाल महोदय का अभिभाषण, इस सरकार के उस संकल्‍प को पुष्‍ट करता है जो माननीय प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्‍ट्र बनाने के स्‍वप्‍न के रूप में देखा है. यदि भारत के समस्‍त राज्‍य इस दिशा में केंद्र सरकार के साथ काम करेंगे तो निश्चित ही आने वाला समय जब भारत पूरी दुनिया का नेतृत्‍व करने में सक्षम होगा, विश्‍व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था होगा और जनसंख्‍या में सर्वप्रथम देश होने के बाद भी, जहां मानव संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं, उसके बाद भी भारत दुनिया का नेतृत्‍व करने में आगे बढ़ेगा.

          माननीय सभापति महोदय, मैं, महामहिम राज्‍यपाल महोदय के अभिभाषण पर, जो उन्‍होंने अपनी भावना व्‍यक्‍त की कि हमारी सरकार जो समाज के चार प्रमुख वर्ग हैं, जिनके इर्द-गिर्द ही विकास की योजनायें घूमती हैं और जिन्‍हें वास्‍तव में यदि सरकार की योजनाओं का लाभ मिलता है तो उनके अंदर न सिर्फ आत्‍मविश्‍वास जागता है बल्कि समाज को दिखता है कि इन वर्गों के जीवन में परिवर्तन आया है. सरकार का उद्देश्‍य व्‍यक्ति के जीवन में, समाज की व्‍यवस्‍थाओं में परिवर्तन करना होना चाहिए और हमारी सरकार इस उद्देश्‍य को सफल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. गरीब, युवा, अन्‍नदाता और नारी, इन चारों का सशक्तिकरण यदि ठीक तरह से हो जाये तो समाज में कोई ऊंच-नीच, भेदभाव देखने को नहीं मिलेगा इसलिए विकास की जितनी योजनायें बनती हैं, उनके केंद्र में इन चार वर्गों को रखना चाहिए. माननीय नरेंद्र मोदी जी के निर्देशानुसार, मध्‍यप्रदेश की सरकार भी इन चार वर्गों के कल्‍याण के लिए कार्य कर रही है. नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में हमारी सरकार "देवी अहिल्‍या नारी सशक्तिकरण मिशन" चला रही है. युवाओं के लिए उद्यमिता प्रशिक्षण और उन्‍हें स्‍वावलंबी बनाने की दिशा में "स्‍वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन" प्रारंभ हुआ है जो कि बहुत कारगर साबित होगा. किसानों के लिए, जो हमारे अन्‍नदाता हैं और नि:संदेह यहां पक्ष-विपक्ष दोनों बैठे हैं लेकिन वह दिन भी सभी को याद है, यहां सदन में बहुत वरिष्‍ठ सदस्‍य भी बैठे हैं, जब बिजली के लिए किसान को भटकना पड़ता था और बिजली की व्‍यवस्‍था नहीं होने के कारण वह रबी की फसल नहीं ले पाता था. लेकिन आज किसानों को पर्याप्‍त 10 घण्‍टे बिजली हमारी सरकार उपलबध करा रही है और आने वाले समय में सोलर एनर्जी, जो प्रकृति के द्वारा हमको प्रदत्‍त की गई है. आज पूरी दुनिया सोलर एनर्जी की ताकत को समझ चुकी है. मान्‍यवर प्रधानमंत्री जी ने भी इसे समझा और हमारे मध्‍यप्रदेश में बड़े-बड़े सोलर प्‍लांट सरकार लगाने जा रही है. अभी सरकार ने सब्सिडी के माध्‍यम से किसानों के खेतों पर पांच हॉर्स पावर और आठ हॉर्स पावर के सोलर पम्‍प लगाए हैं. जिसको दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर किसान ऑपरेट कर सकता है और इसके कारण उसके बिजली का बजट, वह पहले से बहुत कम हुआ है. जब 30 लाख किसानों के खेतों पर सोलर पम्‍प लग जाएंगे, तब हमको एक नया कृषि क्षेत्र देखने के लिए इस मध्‍यप्रदेश में मिलेगा.

          सभापति महोदय, हमारी सरकार श्री अन्‍न को प्रोत्‍साहन दे रही है. आज जो समाज का श्रेष्‍ठ वर्ग है, जो चिकित्‍सा विज्ञान से जुड़े हुए लोग हैं, उन्‍होंने भी श्री अन्‍न/मोटे अनाज की महत्‍ता को स्‍वीकार किया है. भारत की परम्‍पराओं में, यहां जो मुख्‍य फसलें हैं, उसमें ज्‍वार, बाजरा, मक्‍का, कोदो, कुटकी हैं, यह हमारे पूर्वज खाया करते थे और वह स्‍वस्‍थ रहते थे. यह आज अनुसंधान का विषय भी है. आप बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल में जाएंगे, तो आज वहां पर आपको इसके स्‍टॉल मिल जाएंगे. लोग श्री अन्‍न को अपने आहार का हिस्‍सा बना रहे हैं, यह बड़ी प्रसन्‍नता का विषय है. मध्‍यप्रदेश की सरकार भी श्री अन्‍न के प्रोत्‍साहन के लिए 3,900 रुपये का अनुदान प्रति हेक्‍टेयर उन किसानों को देने जा रही है, जो अपने खेत पर अपनी जमीन पर श्री अन्‍न उपजाना चाहते हैं, यही समाज के लिए अच्‍छा काम होगा क्‍योंकि हम स्‍वस्‍थ एवं निरोगी रहेंगे, तो ही हम समाज और देश की सेवा कर पाएंगे, इसलिए हमारी सरकार इस दिशा में काम कर रही है.

          सभापति महोदय, नदी जोड़ो के विषय में बहुत सारी बातें सदन में होती हैं. पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्‍न स्‍व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने सपना देखा था. उस सपने को मध्‍यप्रदेश की धरती पर साकार करने का काम हमारी सरकार कर रही है. केन-बेतवा के बाद तापती नदी पर, जो कि हमारे बुरहानपुर और खण्‍डवा जिले को जोड़ती है और हम सिर्फ अपने यहां के किसानों के लिए पेयजल की व्‍यवस्‍था नहीं कर रहे हैं, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान, उत्‍तरप्रदेश इसके भी सीमावर्ती जिलों को जब इन राष्‍ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना से पानी मिलेगा, तब 'परहित सरिस धर्म नहीं भाई', यह उक्ति चरितार्थ होगी कि हम अपने यहां के लोगों का तो कल्‍याण कर ही रहे हैं, लेकिन पड़ोसी धर्म भी निभा रहे हैं. इसलिए मैं मानता हूँ कि यह परियोजना मध्‍यप्रदेश के विकास में मील का पत्‍थर साबित होंगी. मैं माननीय मुख्‍यमंत्री जी को धन्‍यवाद देता हूँ.

          सभापति महोदय, गौवंश हम सबकी चिन्‍ता है. निश्चित ही सड़कों पर हम सब लोग जनप्रतिनिधि हैं, प्रतिदिन परिवहन करते हैं, हाईवे और सड़कों पर जो गौवंश फिरता रहता है, वह दुर्घटनाग्रस्‍त भी होता है और इसलिए सरकार की चिन्‍ता में जब तक गौवंश आधारित उद्योग चालू नहीं होंगे एवं उनसे जुड़े हुए प्रोडक्‍ट निर्मित नहीं होंगे, तब तक गौवंश के प्रति सकारात्‍मक भाव समाज में नहीं आएगा. धर्माचार्य निश्चित रूप से प्रयास कर रहे हैं. लेकिन प्रति गौवंश 40 रुपये देने की जो भावना है, वह भी गौवंश के संरक्षण के लिए बहुत कारगर होगी. मैं आपके माध्‍यम से जो हमारे मछुआरे भाई हैं, मध्‍यप्रदेश में नरेगा खेत तालाब योजना और बलराम तालाब जैसी योजनाओं के माध्‍यम से जिनके पास जमीन है, उन्‍होंने अपने खेतों पर एक एकड़, डेढ़ एकड़ के छोटे-छोटे तालाब बनवाये हैं, कई किसान उनमें कमल के फूल की खेती कर रहे हैं, सिंघाड़े की खेती कर रहे हैं और मछलीपालन भी कर रहे हैं. ऐसे मत्‍स्‍यपालकों के 1.30 लाख कार्ड मध्‍यप्रदेश की सरकार ने, विभाग ने बनाए हैं. निश्चित ही जब काम करते हैं, कोई दुर्घटना हो जाती है, तो बेटा-बेटी की पढ़ाई के लिए यह कार्ड बहुत कारगर सिद्ध होगा, इसके लिए भी मैं सरकार को धन्‍यवाद देता हूँ.

          सभापति महोदय, मध्‍यप्रदेश के विद्यार्थी जो मेडिकल के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, पहले प्रदेश में 8-10 मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे, लेकिन आज 30 मेडिकल कॉलेज हमारे मध्‍यप्रदेश में हैं और सरकार यह भी प्रयास कर रही है कि इन मेडिकल कॉलेजों की संख्‍या और बढ़ाई जाये, बड़ी संख्‍या में जब डॉक्‍टर पढ़कर निकलेंगे, तो डॉक्‍टरों की जो कमी है, वह भी काफी हद तक पूरी हो सकेगी. जिला मुख्‍यालयों पर हमारी सरकार का संकल्‍प था कि जो किडनी के मरीज हैं, उनको डायलिसिस के लिए बड़े महानगरों की ओर जाना पड़ता है. आजकल किडनी की बीमारी के बहुत मरीज ग्रामीण क्षेत्रों में भी हैं, जिला मुख्‍यालयों पर आयुष्‍मान कार्ड के माध्‍यम से उनका नि:शुल्‍क डायलिसिस हो जाता है. यह एक बहुत बड़ी सौगात है और मध्‍यप्रदेश के अधिकांश जिला अस्‍पतालों में, शत-प्रतिशत अस्‍पतालों में डायलिसिस किया जा रहा है. मैं माननीय मुख्‍यमंत्री जी को इसलिए भी धन्‍यवाद देना चाहता हूँ. हम अभी तक डिस्‍कवरी चैनल पर देखते थे, फॉरेन में कहीं पर दुर्घटना होती है, कोई आपदा में फंसा रहता है तो उसको एयर एंबुलेंस या बचाव दल लेने के लिए आता है. लेकिन हमारे मध्‍यप्रदेश की धरती पर भी सरकार ने यह विश्‍वास व्‍यक्‍त किया है कि हर तहसील मुख्‍यालयों पर जो स्‍टेडियम हैं, अच्‍छी जगह पर हैं, वहां पर हैलिपेड बनाया जाएगा. आपदा में पड़े हुए गंभीर परिस्‍थिति में बीमार व्‍यक्‍ति को एयर लिफ्ट करके बड़े अस्‍पताल तक पहुँचाया जाएगा. यह मानवीय संवेदनाओं से भरा हुआ काम है. निश्‍चित ही मध्‍यप्रदेश जैसे राज्‍य में जहां पर जननी एक्‍सप्रेस, 108 एम्‍बुलेंस, संजीवनी एम्‍बुलेंस, ये मरीजों को अस्‍पतालों तक लेकर जा रही है, उनकी जान बचाने का काम कर रही है, वहां इस प्रयास की भी मैं अपनी तरफ से सराहना करता हूँ.

          सभापति महोदय, साथ ही साथ हमारी जो प्राचीन चिकित्‍सा पद्धति है, जिसे चरक, सुश्रुत, महर्षि पतंजलि ने इस देश को दिया है, जो प्राचीन विरासत है, जिसके आधार पर पूरे विश्‍व में आयुर्वेद को लेकर शोध हो रहे हैं और कोरोना के समय भी हमने देखा कि आयुर्वेदिक दवाओं ने जटा, हमारे गिलोय जैसी दवाओं ने कोरोना में लोगों के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास किया है और आज भी उसे आयुर्वेद की सबसे बड़ी मेडिसिन माना जा रहा है. ऐसे मध्‍यप्रदेश सरकार आयुर्वेद को प्रोत्‍साहन देने के लिए 108 आयुष औषधालय और बालाघाट में जड़ी-बुटियों पर शोध करने का एक केन्‍द्र खोल रही है, यह भी बहुत बड़ा काम है और इसके लिए मैं साधुवाद देना चाहता हूँ कि आयुर्वेद जो रोगों का निदान तो करता ही है, लेकिन हम निरोगी रहें, इसके लिए भी उसके ट्रीटमेंट और उपचार मौजूद होते हैं, उसके लिए हमारी सरकार काम कर रही है और 11 आयुर्वेद महाविद्यालय इस मध्‍यप्रदेश में सरकार की खोलने की योजना है. वास्‍तव में हमारी प्राचीन चिकित्‍सा पद्धति को लेकर इस तरह का काम होना ही चाहिए.

          माननीय सभापति महोदय, महिलाओं के लिए इस सरकार ने बहुत कुछ किया है. लाड़ली लक्ष्‍मी-02, आज मध्‍यप्रदेश में 1 करोड़ से अधिक लाड़ली लक्ष्‍मी हो गई है. आज माननीय वित्‍त मंत्री जी के भाषण में हमको यह जानकारी लगी, लाड़ली लक्ष्‍मी योजना जिसका प्रभाव बहुत लंबे समय तक, कई पीढ़ियों तक इस मध्‍यप्रदेश में देखने के लिए मिलेगा, बेटी के जन्‍म को अभिशाप मानने वाला समाज आज उसे लाड़ली लक्ष्‍मी के रूप में स्‍वीकार करना सीख गया है. जब वह 6वीं कक्षा में जाती है, तब उसे 2,000 रुपये सरकार देती है. 9वीं में, 11वीं में और कॉलेज की पढ़ाई करती है, तब भी सरकार उसके खाते में पैसा डालती है, जिस दिन वह बेटी 21 वर्ष की होगी, तब 2 लाख रुपये की राशि लेकर अपने ससुराल जाएगी, यह प्रयास मान्‍यवर शिवराज सिंह चौहान जी की सरकार ने वर्ष 2006 से इस प्रदेश में प्रारंभ किया और हमारी सरकार ने इस योजना के लिए भी बजट में बहुत बड़ा प्रावधान किया है. मैं नारी सशक्‍तिकरण की दिशा में इस काम की सराहना करता हूँ.

          माननीय सभापति महोदय, 'प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना', महिलाओं की जब प्रसूति होती है, तब परिवार के लिए बोझ हो जाता है, लेकिन आर्थिक समस्‍या परिवार के सामने न आए, इसलिए हमारी सरकार संबल कार्डधारी को 'जननी सुरक्षा योजना' के अंतर्गत राशि देती है. प्रधानमंत्री जी भी प्रथम प्रसूति पर 'जच्‍चा बच्‍चा कार्ड' बनने पर आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी के माध्‍यम से 5,000 रुपये की राशि उस महिला को प्रथम प्रसूति पर प्राप्‍त होती है. दूसरी प्रसूति पर यदि उसके यहां बेटी का जन्‍म होता है तो फिर 5,000 की राशि उसको प्राप्‍त होती है. इन योजनाओं के कारण संस्‍थागत प्रसव को बढ़ावा मिला है, सुरक्षित प्रसव हमारे मध्‍यप्रदेश में हो रहे हैं. मैं इसके लिए भी सरकार को धन्‍यवाद देता हूँ. हमारी सरकार पर बहुत सारे लोग आरोप लगाते हैं कि आप धार्मिक कामों को बढ़ावा दे रहे हैं. यदि राम और कृष्‍ण इस देश के लिए धार्मिक हैं तो मुझे विपक्ष की सोच पर तरस आता है. जहां पर ईसा मसीह पैदा हुए, उस देश की जनता उनको भगवान नहीं अपनी जन्‍मभूमि पर जन्‍मा हुआ अपना पुत्र मानती है, जहां जिस भूमि पर भगवान ने, उनके दूतों ने अवतार लिया, वहां सब लोग उनको पूजते हैं, लेकिन इस देश में राम और कृष्‍ण को पूजना साम्‍प्रदायिक माना जाता है. यदि श्रीकृष्‍ण की शिक्षा सांदीपनी में हुई और उसका विकास हमारी सरकार कर रही है. आने वाली पीढ़ी में कैसा विद्यार्थी बने, कैसी गुरुकुल की पद्धति थी, जो हमको उनको दिखा सकें तो इसमें अगर विकास कार्य उनके उन स्‍मारकों का, उनके इन चिह्नों का जो इस इतिहास में बिखरे पड़े हैं अगर कराती है तो हमें साम्‍प्रदायिक कहा जाता है. राम वन गमन पथ का भी विकास सरकार करना चाहती है और मैं सबसे बड़ा धन्‍यवाद सरकार को देना चाहता हूँ कि नर्मदा परिक्रमा पथ, जहां पूरे भारतवर्ष से निकलने वाले प्रतिदिन सैकड़ों, हजारों की संख्‍या में यात्री नर्मदाजी की लगभग 3,000 किलोमीटर की परिक्रमा करते हैं, उनके लिए नर्मदा परिक्रमा पथ का विकास करना इस सरकार का संकल्‍प है और नर्मदा जी के स्‍नान के लिए घाटों का निर्माण और वहां यात्रियों के विश्राम की व्‍यवस्‍था करना ये इस सरकार की योजना में शामिल है, इसलिए मैं...

          सभापति महोदय -- आशीष जी, आप बहुत अच्‍छा बोलते हैं, थोड़ा शीघ्र पूरा करें.

          श्री आशीष गोविन्‍द शर्मा -- सभापति महोदय, बस मैं समाप्‍त कर रहा हूँ.  ओंकारेश्‍वर में एकात्‍मधाम, जगतगुरु शंकराचार्य, जिन्‍होंने सनातन की परिभाषा को नए रूप में गढ़ा, समाज के सामने प्रस्‍तुत किया, चारों धामों के दर्शन करने के लिए करोड़ों तीर्थयात्री आज इस देश में इन धामों के दर्शन के लिए जाते हैं. उसका विकास सरकार कर रही है और सरकार को धन्यवाद देता हूं यह छोटा कदम जरूर है लेकिन नर्मदा के किनारे के और प्राचीन धार्मिक नगरियों में लगभग 19 स्थानों पर सरकार ने शराब बंदी का फैसला लिया है. शराब बंदी समाज की आवश्यक्ता है और इन धार्मिक नगरियों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर सरकार का एक बहुत साहसिक निर्णय निकलकर सामने आया है. हम प्रयास करते हैं सरकार से मांग भी करते हैं कि धीरे-धीरे स्टेप बाय स्टेप मध्यप्रदेश पूर्ण शराब बंदी की दिशा में आगे बढ़े. आखिरी बात कहकर अपनी बात समाप्त करूंगा. इस सरकार ने पर्यावरण की चिंता की है वनों की चिंता की है. हम सब जनप्रतिनिधि हैं हर कोई अपने क्षेत्र में जमीन पर वन भूमि के पट्टे की मांग करता है. अतिक्रमण जब कोई कर लेता है तो हम सबको संकोच होता है कि ठीक है कर लिया तो कर लिया. रहने,खेती के लिये जमीन चाहिये लेकिन इस सरकार ने नौवां टाईगर अभ्यारण,माधव अभ्यारण्य बनाया. निश्चित ही वन्य प्राणी जो मूक होते हैं लेकिन हम अपने इस जीवन चक्र को चलाना चाहते हैं. इस प्रकृति को बचाना चाहते हैं तो मधुमख्खी से लेकर चींटी से लेकर हाथी तक की आवश्यक्ता इस प्रकृति में है. इसलिये सरकार वनों के संरक्षण  और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिये बहुत अच्छा काम कर रही है जो  चीते विलुप्त हो चुके थे. जिनके बारे में सरकार को बहुत क्रिटिसाईज किया गया.वन विभाग का मनोबल भी टूटा जब उन चीतों की मृत्यु हुई लेकिन आज वह मध्यप्रदेश के वातावरण के अनुरूप अपने को ढाल पाए हैं. आज से 20 साल बाद जब हमारे बच्चे,बच्ची उनको देखने जाएंगे तब यह कोई नहीं कहेगा कि यह वही विलुप्त प्राणी है जो कि मध्यप्रदेश और भारत से विलुप्त हो चुका था. हमें कुछ काम प्रकृति के लिये भी करना चाहिये. पर्यावरण की सुरक्षा के लिये भी करना चाहिये इसलिये मैं सरकार और  महामहिम राज्यपाल के इस अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं. 

          श्री कमलेश्वर डोडियार (सैलाना) - माननीय सभापति महोदय, महामहिम राज्यपाल महोदय ने सरकार की पिछली उपलब्धियों को गिनाया. अभी वर्तमान में सरकार लोगों की भलाई के लिये क्या करना चाहती है इसका भी जिक्र किया और आने वाले समय में प्रदेश के लोगों की भलाई के लिये सरकार क्या-क्या करना चाहती है बहुत सारी चीजें हुईं.मैं प्रदेश के नौजवानों की बात आपके समक्ष रखना चाहता हूं. छात्र लोग,नौजवान लोग बहुत संघर्ष करके पढ़ाई करते हैं और पढ़ाई करने के बाद आज नौकरी के लिये बहुत तड़फ रहे हैं परेशान हो रहे हैं. आपके माध्यम से सरकार से यह कहना है कि प्रदेश में जितने भी बैकलाग पद पड़े हुए हैं उन सभी बैकलाग पदों को भरा जाये. सरकार के सभी विभागों के अन्दर लाखों की तादात में बैकलाग पद रिक्त पड़े हुए हैं और पुलिस भर्ती की जो प्रक्रिया है उसमें तेजी लाई जाए.2 साल हो गये हैं अभी तक पुलिस भर्ती का फाईनल रिजल्ट घोषित नहीं हुआ है. सरकार को चलाने में प्रशासन को चलाने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रोल पुलिस का होता है और पुलिस की भर्ती में इतनी लापरवाही बरती जा रही है. अलग-अलग विभागों में आउटसोर्स से कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है अस्थाई तौर पर मेरा यह कहना है कि जो ठेके पर कर्मचारियों को भर्ती करने की जो परंपरा शुरू की है. अभी पिछले सत्र में जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री जी ने भी कहा कि आदिवासी और अनुसूचित जाति के छात्रों के लिये जो छात्रावास बने हुए हैं उन सभी छात्रावासों में अधीक्षकों के पद पर अस्थाई तौर पर भर्ती करने की बात कही है. मैं इसमें आपत्ति लेकर यह कहना चाहता हूं कि स्थाई तौर पर सभी पदों पर भर्ती की जाये और बेरोजगार युवा बहुत हैं प्रदेश में मेरी मांग है कि बेरोजगारी भत्ता शुरू किया जाये क्योंकि अलग-अलग महानगरों में जाकर लाखों की तादात में छात्र पढ़ाई करते हैं. घर से पैसे का इंतजाम नहीं हो पाता है ऐसे में अगर पढ़े-लिखे युवाओं को जो आगे चलकर सरकार में सेवा करना चाहते हैं लोगों की ऐसे लोगों की अगर थोड़ी बहुत सहायता बेरोजगारी भत्ते के रूप में दी जाए तो बहुत बेहतर होगा. आजकल परीक्षा के पहले ही पेपर लीक हो जाते हैं.                                   माननीय सभापति महोदय, मध्‍यप्रदेश के अंदर भी कुछ ऐसा किया जाये और मेरे से पहले भी माननीय सदस्‍य ने अवगत करवाया कि जो जनसेवा मित्र होते हैं ये सरकार की जितनी भी योजनायें होती हैं यानि यहां पर बैठकर जितना भी डिस्‍कशन होता है, जमीन पर उतारने का काम यह जनसेवा मित्र लगतार कर रहे थे पिछली सरकार में और तकरीबन डेढ़ साल तक इन्‍होंने अपनी सेवायें दीं और सेवा के बदले इनको कुछ मानदेय दिया गया. लेकिन अभी न इनकी सेवायें ली जा रही हैं और न इनको किसी भी प्रकार का कोई मानदेय दिया जा रहा है. मेरी मांग है कि पूरे प्रदेश में जनसेवा के जितने भी मित्र हैं जो काम करते हैं सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिये इन सभी को वापस सर्विस में लगाया जाये. माननीय सभापति महोदय, मैं रतलाम जिले की सैलाना विधान सभा से आता हूं, आप मेरे पड़ौसी हैं, आपकी और मेरी विधान सभा की बार्डर भी लगी हुई है. लाखों की तादाद में आदिवासी लोग मेरा आदिवासी बाहुल्‍य वाला इलाका है मजदूरी करने के लिये बाहर चले जाते हैं इसका एक ही कारण है कि यह जो मनरेगा योजना है यह तकरीबन दो दशक पहले बनी थी इसका मूल उद्देश्‍य था कि गांव के लोगों को रोजगार दिया जाये. इन दिनों की अगर हम बात करें तो मनरेगा में एक मजदूर की मजदूरी 200 रूपये से नीचे है, 190, 180 तकरीबन 200 रूपये एक दिन की मजदूरी, तो मजदूर लोग मजबूरी में मजदूरी नहीं करना चाहते हैं और फर्जी तरीके से मस्‍टर भरे जाते हैं, वह क्‍या प्रक्रिया है वह आप और हम सब जानते हैं. मेरी यह मांग है कि मनरेगा में मजदूरी बढ़ाई जाये. 200 रूपये को बढ़ाकर उसको त‍करीबन 400 रूपये हर दिन के हिसाब से तो किया ही जाना चाहिये. अब माननीय सभापति महोदय, एक बड़ा गंभीर विषय है रतलाम जिले में आपने देखा भी होगा मीडिया के माध्‍यम से मैं पहले भी तकरीबन एक साल पहले भी सदन के अंदर उठाया था कि आदिवासी इलाके के अंदर जो अवैध शराब होती है दूध की तरह मोटर साइकिलों पर बांटी जाती है उसका परिवहन किया जाता है, हर गांव के अंदर अवैध शराब बेची जाती है. उसको लेकर मैं पहले बोला भी था, लिखा भी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की फिर मैं खुद ही सड़क पर उतरा, शराब की अवैध गाडि़यां, मोटर साइकिल पकड़ने की कोशिश की, मेरे साथ मारपीट तक हुई, मेरा गला तक दबा दिया था, वह दुनिया को पता है. माननीय सभापति महोदय, मेरा आपके जरिये यह कहना है कि कोई ठोस कदम ऐसा उठाया जाये इस तरह की जो हरकत करते हैं चाहे वह आबकारी विभाग के कर्मचारी, अधिकारी अगर मिले हुये हैं, वह खुद अगर अवैध शराब का परिवहन अपना टारगेट पूरा करने के लिये, रेवेन्‍यू जनरेट करने के लिये अगर अवैध शराब का परिवहन करवाते हैं या अवैध शराब की बिक्री करवाते हैं तो इनके खिलाफ भी कड़ी से कड़ी कार्यवाही होना चाहिये.

          माननीय सभापति महोदय, अब मैं मेरी विधान सभा क्षेत्र की समस्‍या आपके सामने रखना चाहता हूं. राज्‍यपाल महोदय ने बहुत बड़ी-बड़ी बातें कही हैं प्रदेश की बेहतरी के लिये लेकिन ऐसा लगा है कि आदिवासी इलाकों को जानबूझकर नजर अंदाज किया गया और जो विकास की मुख्‍यधारा से जोड़ने से रोका गया है ऐसा मुझे लगा है. मेरी विधान सभा क्षेत्र का पहले भी मैंने सवाल उठाया था इस मुद्दे को और माननीय सभापति महोदय आपके बिलकुल करीब लगा हुआ है सरबन वहां पर कृषि उपज मंडी नहीं है, उसकी लगातार मांग की जा रही है. मैंने पहले लिखा भी है और बोला भी है, लेकिन अभी तक कृषि उपज मंडी शुरू करने के लिये कोई कार्यवाही नहीं की है. राजस्‍थान से सटा हुआ इलाका है बांसबाड़ा जिला प्रतापगढ़ जिले के लोग भी अपनी उपज बेचने के लिये सरबन में आते हैं, वहां मंडी का निर्माण जल्‍दी से जल्‍दी शुरू किया जाये.

          माननीय सभापति महोदय, मेरी विधान सभा क्षेत्र सैलाना के बाजना और रावटी के अंदर में उपमंडियां बनी हुई है. एक उपमंडी बाजना में है जहां पर न तो तौल कांटा है न ही गोडाउन है व्‍यापारियों की उपज रखने के लिये और मंडी का कोई भी कर्मचारी बाजना में जाता नहीं है. बहुत सेटिंग करके व्‍यापारियों के साथ में मंडी के जो अधिकारी कर्मचारी होते हैं वह व्‍यापारियों को अपनी दुकानों पर ही बिक्री खरीदी करवाते हैं और जो अनपढ़ किसान होते हैं कम पढ़े लिखे उनको औने पौने दाम पर उनकी उपज ठग ली जाती है. मेरी यह मांग है कि सरबन और बाजना के अंदर जो उपज मंडी बनी हुई हैं उनको ठीक तरीके से संचालित किया जाये और किसानों की उपज की खरीदी बिक्री कृषि मंडी परिसर के अंदर ही की जाये. मेरी विधान सभा क्षेत्र के अंदर एक ढोलावर डेम है उस ढोलावर डेम में दो पाइप लाइन रतलाम सिटी में पानी सप्‍लाई करने के लिये लगाई हुई है. पर्याप्‍त से भी ज्‍यादा पानी रतलाम सिटी को ढोलावर डेम का दिया जा रहा है और वह जो हमारा इलाका है रावटी  वाला तकरीबन 100 गांव है इस बार की फसलें सूख गई हैं.                  

          माननीय सभापति महोदय, जिले के अंदर कोई सुन नहीं रहा था, रतलाम के जिला कलेक्‍टर फोन नहीं उठा रहे थे, जलसंसाधन विभाग के, डब्‍ल्‍यूआरडी के ई.ई. भी फोन नहीं उठा रहे थे, जब मजबूरन जाकर मैं दो दिन तक आमरण अनशन पर बैठा रहा, तब जाकर नहर चालू की गई है. मेरा यह कहना है कि अगर पानी उपलब्‍ध है, तो उस पानी का सदुपयोग होना चाहिए. जानबूझकर के आदिवासी किसानों के खेतों में पानी नहीं जाने दिया जा रहा है, आदिवासी किसानों की फसलें जानबूझकर सुखायी जा रही है, तो मेरी आपसे मांग है कि इस प्रकार की जो हरकत करने वाले अधिकारी कर्मचारी हैं, उनके खिलाफ में कठोर कार्यवाही किया जाना चाहिए.

          सभापति महोदय, यहां जो नहरें हैं, जल संसाधन विभाग के तकरीबन 60 के आसपास छोटे बड़े तालाब और यह एक धोलाबड़ बांध है, इसकी नहरों को पक्‍का किया जाये यह मेरी मांग है. राज्‍यपाल महोदय ने बहुत चीजें कहीं हैं कि किसानों की आय को कैसे दोगुना करना है, कैसे चार गुना करना है और उपज बढ़ाने की बातें भी हो रही हैं, लेकिन मेरा जो इलाका है, वहां पर पानी नहीं पहुंच पा रहा है और पानी है, लेकिन उसको दिया नहीं जा रहा है और कुछ तालाब तो ऐसे हैं, जिनकी प्रशासकीय स्‍वीकृति करना बाकी है.

          सभापति महोदय, मेरी विधानसभा क्षेत्र में एक धाबडि़या बैराज है, संगेसरा बैराज है, गौरपाड़ा बैराज है, बांकी का तालाब है, रूपारेल का तालाब है, इनकी साध्‍यता प्राप्‍त हो चुकी है, सिर्फ इतना निवेदन है कि इनकी प्रशासकीय स्‍वीकृति दी जाये और इन जगहों पर तालाब बना दिये जायें और जल संसाधन विभाग के जितने भी तालाब और बांध हैं, उन सबकी नहरें पक्‍की की जायें, यह मेरी आपसे मांग और अपेक्षा है. आपने बोलने के लिये अवसर दिया, इसके लिये बहुत बहुत धन्‍यवाद, जय भील प्रदेश.

          श्री हरिशंकर खटीक (जतारा) -- माननीय सभापति महोदय, मैं माननीय राज्‍यपाल महोदय जी के कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्‍ताव पर बोलने के लिये खड़ा हुआ हूं. हमारे मध्‍यप्रदेश की सड़कें वर्ष 2003 के पहले की क्‍या स्थिति थी ? आज की हमारी सड़कें देखी जा सकती हैं. मध्‍यप्रदेश में बिजली की क्‍या स्थिति थी? आज मध्‍यप्रदेश में बिजली की स्थिति देखी जा सकती है, शिक्षा के क्षेत्र में पूर्व में क्‍या था और जो गुणात्‍मक सुधार हुआ है, जिससे प्रतिभाशाली बच्‍चे बहुत आगे बढ़ रहे हैं, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के कल्‍याण के लिये भी वर्ष 2003 के पहले योजनाएं क्‍या थीं और आज योजनाएं क्‍या हैं? हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने जो ज्ञान के मंत्र के रूप में हम सब लोगों को लक्ष्‍य दिया है, उसके आधार पर सरकार ने क्‍या-क्‍या काम किये हैं और सरकार का क्‍या लक्ष्‍य है, हमारे महामहिम राज्‍यपाल महोदय ने आप सब लोगों के समक्ष, हम लोगों के समक्ष बताया है.

          सभापति महोदय, सम्‍माननीय डॉक्‍टर मोहन यादव जी की सरकार, मध्यप्रदेश की भलाई के लिये अनेकों कार्य कर रही है, जो आज बजट प्रस्‍तुत हुआ है,उसमें भी हर वर्ग के कल्‍याण के लिये चहॅुंमुखी विकास के लिये यह बजट प्रस्‍तुत किया गया है. सभापति महोदय, सबसे पहले तो हम आपको यह बताने चाहते हैं कि जो बजट में प्रावधान किया गया है, हमारे देश के तत्‍कालीन प्रधानमंत्री माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी हुआ करते थे, उन्‍होंने एक सपना संजोया था कि जिस क्षेत्र में सबसे ज्‍यादा प्राकृतिक आपदाएं आती हैं, वहां हम उन नदियों को जोड़ने का काम करेंगे, उसी समय उस सपने को उन्‍होंने साकार करने का जो लक्ष्‍य निर्धारित किया था, उसके संबंध में सबसे ज्‍यादा सर्वे हुआ और उस सर्वे में पाया कि सबसे ज्‍यादा बुंदेलखंड  में सूखे की स्थिति बनती है और नदियों का  पानी उत्‍तरप्रदेश में होकर समुद्र में चला जाता है और उन नदियों का पानी रूक नहीं पाता है, बिचारे किसान परेशान होते हैं और सूखे की मार के कारण वह पलायन भी करते हैं. आज वह हम सब लोगों के बीच में नहीं है, लेकिन हम सभी लोग उनके सपने को साकार करने के लिये हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने केन बेतवा लिंक सिंचाई परियोजना के लिये 44 हजार 605 करोड़ स्‍वीकृत किये हैं, यह हम सब लोगों के लिये बहुत बड़ा सौभाग्‍य है, उससे जहां केन नदी में पानी है और बेतवा जी अगर सूख गईं हैं, तो बेतवा जी में पानी डालने का काम किया जायेगा और बेतवा जी में पानी है और केन नदी सूख गई है, तो बेतवा का पानी केन में डालने का काम किया जायेगा, उसका जो केंद्र बिंदु है वह हमारे मध्‍यप्रदेश और उत्‍तरप्रदेश का जो हमारी विधानसभा का बार्डर है, वह है. वह टीकमगढ़ जिले का विधानसभा क्षेत्र है.

          सभापति महोदय, हम आपसे यह अनुरोध करना चाहते हैं कि इस केन बेतवा लिंक सिंचाई परियोजना से जहां मध्‍यप्रदेश और उत्‍तरप्रदेश के दस जिलों को उसका लाभ मिल रहा है, उससे 10 लाख 40 हजार हेक्‍टेयर भूमि सिंचित हो रही है.उसमें पीने के पानी की भी बात रखी गई है. 63 लाख लोगों को पानी देने की व्‍यवस्‍था वहां पर की गई, वहां पर विद्युत का उत्‍पादन भी होगा, 66 मेगावाट बिजली भी उससे बनाने का काम किया जाएगा. मध्‍यप्रदेश और उत्‍तरप्रदेश को लाइट मिलेगी, बल्कि राष्‍ट्रीय ग्रिड में भी जुड़ने से ऊर्जा की आपूर्ति में मदद करेगा. ऐतिहासिक फैसला हमारी सरकार ने किया और उसको 25 दिसम्‍बर 2024 को उसका भूमि पूजन भी हो गया है, उसका कार्य भी प्रारंभ हो गया है. पन्‍ना, छतरपुर, टीकमगढ़, सागर, दमोह के साथ साथ उत्‍तरप्रदेश के ललितपुर, झांसी, महोबा, उरई, जालौन और हमीपुर जैसे जिलों को इसका लाभ मिलेगा और हमारे किसानों को लाभ मिलेगा. हमारा जतारा विधान सभा क्षेत्र जो छूटा हुआ था, हमारी मध्‍यप्रदेश की सरकार ने उसमें जुड़वा दिया है. इसके साथ साथ पार्वती-कालीसिंध, चंबल नदी जोड़ों परियोजना भी स्‍वीकृत हुई है, हमारे अन्‍य सदस्‍यों ने बताया कि उससे भी 11 जिलों को लाभ मिलेगा. हमारी सरकार लगातार चिन्‍ता  करती है. एक काम के बाद भविष्‍य में क्‍या करें, भविष्‍य के लिए तो दो योजनाओं जिनका भूमि पूजन हुआ, उसके बाद तीसरी परियोजना अंतर्राष्‍ट्रीय परियोजना, ताप्‍ती-बेसिन मेगा रिचार्ज योजना का कार्य भी मध्‍यप्रदेश एवं महाराष्‍ट्र में संयुक्‍त रूप से लाभ देगी. इसके लिए सरकार का प्रयास चालू हो गया है. कल कांग्रेस के मित्र हमारे प्रधानमंत्री जी के ज्ञान के बारे में बोल रहे थे तो उनको हम बताना चाहते हैं,  जी से गरीब होता है, वाय से युवा होता है, ए से अन्‍नदाता किसान और एन से नारी. ऐसे चार वर्गों के कल्‍याण के लिए हमारी सरकार कार्य कर रही है. युवा शक्ति, गरीब कल्‍याण, किसान कल्‍याण और नारी सशक्तिकरण के लिए हमारी सरकार का एक मिशन है उसके आधार पर हमारी सरकार कार्य कर रही है. गरीब कल्‍याण मिशन का कार्य हमारी सरकार ने प्रारंभ कर  दिया, गरीब और वंचित वर्ग के उत्‍थान के लिए हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर है और उनकी आय कैसे बढ़ा सके. युवाओं के कल्‍याण के लिए स्‍वामी विवेकानंद युवा शक्ति सरकार ने प्रारंभ किया है. स्‍वामी विवेकानंद जी ने कहा था, उठो, जागो, तब तक, लक्ष्‍य प्राप्‍त न हो जाए, तब तक. जो उनकी यह बात की उसके आधार पर हम कार्य कर रहे हैं और लगातार प्रयास भी कर रहे हैं. महिलाओं के समग्र सामाजिक आर्थिक विकास के उद्देश्‍य से देवी अहिल्‍या नारी सशक्तिकरण मिशन कार्य भी शुरू हो गया है. उसमें हमारी माताओं, बहनों के लिए आर्थिक विकास, सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य पोषण, महिला एवं बालकों तक सरकारी योजनाओं के लक्ष्‍य इसमें निर्धारित किए हैं.

          किसान कल्‍याण की बात करें तो, जब कांग्रेस का जमाना था वर्ष 2003 के पहले की स्थिति, हमारे सभी सदस्‍यगण बैठे हैं यहां पर. पहले यह स्थिति थी कि किसानों को 18 प्रतिशत ब्‍याज दर कर्जा दिया जाता था. किसान का जन्‍म कर्ज में होता है और कर्ज चुकाने के पहले ही किसान ऊपर चले जाते थे, लेकिन उनका ब्‍याज नहीं चुक पाता था. हमारी सरकार ने 18 प्रतिशत से घटाकर जीरो प्रतिशत ब्‍याज दर पर  कर्जा देने का कार्य किया.

          सभापति महोदय हरिशंकर जी थोड़ा संक्षेप करें.

          श्री हरिशंकर खटीक सभापति महोदय हमने तैयारी की है. किसान सम्‍मान निधि के माध्‍यम से हमारे देश के प्रधानमंत्री, केन्‍द्र सरकार की ओर से 6 हजार रुपए और मध्‍यप्रदेश की सरकार भी 6 हजार रुपए, यानि गरीब से गरीब किसान को 12 हजार रुपए हमारी सरकार की तरफ से दिए जा रहे हैं, अभी मध्‍यप्रदेश में 80 लाख किसानों को इसका लाभ दिया जा रहा है. इसके लिए 2024-25 में 1 हजार 624 करोड़ रुपए किसानों के हित में सरकार ने देने का काम किया. किसानों का गेहूं का समर्थन मूल्‍य पहले 2425 रुपए प्रति क्विंटल के अतिरिक्‍त अब 175 रुपए का बोनस देते हुए प्रति क्विंटल 26 रुपए  देने का सरकार ने निर्णय लिया है कि हम 26 सौ रुपए प्रति क्विंटल खरीदने का काम करेंगे. मध्‍यप्रदेश सोयाबीन उत्‍पादन के क्षेत्र में भी देश में प्रथम है. मध्‍यप्रदेश का गेहूं विदेश जा रहा है और विदेश में लोग उसको पंसद भी कर रहे हैं. एक जमाना वह था कि पंजाब और हरियाणा में गेहूं का उपार्जन हिन्‍दुस्‍तान में सबसे ज्‍यादा होता था. आज हम सौभाग्‍यशाली है कि जहां साढ़े सात लाख हेक्‍टेयर भूमि सिंचित हुआ करती थी, आज हम 50 लाख हेक्‍टेयर से ज्‍यादा भूमि सिंचित कर रहे हैं. इसके साथ साथ हिन्‍दुस्‍तान में सबसे ज्‍यादा गेहूं का उपार्जन हो रहा है, तो वह मध्‍यप्रदेश राज्‍य में हो रहा है, ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार की उपलब्धि है. इन्‍होंने किसानों के लिए काम किया है. एक और चीज बताना चाहता हूं पहले गरीब लोग कोदो, कुटकी खाया करते थे. गरीब से गरीब कोदो कुटकी की खेती करके अपना भरण-पोषण करते थे. लेकिन हमारी सरकार ने चिन्ता की. हम भी कांग्रेस के मित्रों से कहना चाहते हैं कि कोदो कुटकी खाने से शुगर नहीं होती है. शुगर ना हो इसलिये आप लोग भी कोदो कुटकी का उपयोग करें. इसके लिये एक योजना सरकार ने बनायी है रानी दुर्गावती अन्न प्रोत्साहन योजना प्रारंभ करने का सरकार ने निर्णय किया है. इसमें कोदो कुटकी के उपार्जन के लिये महासंघ का गठन भी किया जा रहा है. उद्यानिकी के क्षेत्र में बताएं आपको तो सरकार की चिन्ता है कि हमारे किसान फूलों की खेती करें, फलों की खेती करें. अपनी खेती को लाभ का धंधा कैसे बनाये इसके लिये सरकार चिन्ता कर रही है. पहले 20 लाख हैक्टेयर फूलों और फलों की खेती होती थी आज हम 30 लाख हैक्टेयर रखने का लक्ष्य सरकार ने किया है. 3 वर्षों में 30 लाख किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध करायें जायेंगे, ऐसा सरकार ने निश्चय किया है. किसानों को 5 रूपये में बिजली का स्थायी कनेक्शन देने का सरकार ने ऐतिहासिक फैसला किया है, वह हमारे साथी भाईयों को भी सोचना चाहिये कि 5 रूपये में कैसे स्थायी पम्प का कनेक्शन मिलेगा. जल संसाधन तथा नर्मदा घाटी विकास के माध्यम से हम कहना चाहते हैं कि 2007 के पहले साढ़े सात लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित होती थी.आज 50 लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित कर रहे हैं. इस बार सरकार ने 2028-29 तक यह बढ़ाकर के हम 100 लाख हैक्टेयर भूमि मध्यप्रदेश की सिंचित करेंगे, यह ऐतिहासिक फैसला सरकार ने किया है. इसके साथ साथ दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड का गठन भी हमारे मध्यप्रदेश में हो गया है. सांची ब्रांड को और मजबूत किया जा रहा है. जो हमारी गाय माता है उसमें हम भूसे की व्यवस्था करते थे उसका मात्र 20 रूपया प्रतिदिन के हिसाब से गौवंश के लिये भोजन की व्यवस्था की जाती थी उसको बढ़ाकर 40 रूपये प्रति गौवंश बढ़ाने का निर्णय किया है. शिक्षा के क्षेत्र में हमारे यहां पर गुणात्मक सुधार हुआ है विद्यार्थियों को पहले लेपटॉप नहीं दिये जाते थे, लेकिन आज सरकार लेपटॉप देने का काम हमारी सरकार कर रही है. बच्चों को स्कूटी भी देने का सरकार के द्वारा काम किया जा रहा है. इस वर्ष 89710 मेघावी विद्यार्थियों को सरकार ने लेपटॉप देने का काम किया है. उनके खातों में 25-25 हजार रूपये मानदण्ड के आधार पर 224 करोड़ रूपये सरकार ने उनके खातों में दिये हैं. सरकार ने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिये 7832 निशुल्क ई स्कूटी प्रदान की है. सरकार ने चिन्ता की है जो हमारी यूनिवर्सिटी खुली हैं पहले यूनिवर्सिटी बहुत कम हुआ करती थीं. लेकिन सरकार ने इस बार तीन विश्वविद्यालय नवीन खोलने का निर्णय लिया है. इसमें क्रांति, सूर्यदेव, टंट्या भील विश्वविद्यालय खरगोन में क्रांति सूर्यदेव, तात्याटोपे विश्वविद्यालय गुना में, रानी अवंतीबाई विश्वविद्यालय सागर में खोलने का सरकार ने फैसला किया है.

          श्री हेमंत सत्यदेव कटारेसरकार ने जो लेपटॉप देने का निर्णय किया है. मेरे ख्याल से 25 हजार रूपये में कोई लेपटॉप नहीं आता है. कौन सी कंपनी का आ रहा है, बतायें. इसमें तो टेबलेट भी नहीं आता.

          श्री हरिशंकर खटीकआप किलप रहे हैं. आपका सत्ता में आने का सपना कभी पूरा नहीं होगा.

          सभापति महोदयहरिशंकर जी आप विषय पर आईये.

          श्री हरिशंकर खटीकसभापति महोदय, हमारी सरकार ने फैसल किया है कि हम हर जिले में एक पीएम कॉलेज खोलने का सरकार ने फैसला किया है. यह ऐतिहासिक फैसला है. 55 कॉलेज इसमें संचालित है. 700 पीएमश्री स्कूलों की स्थापना भी की जा रही है. लेकिन इसके साथ साथ हमारे मध्यप्रदेश के चार ऐसे इंजीनियरिंग कॉलेज चाहे वह सागर हो, जबलपुर हो, उज्जैन हो, चाहे रीवा हो. ऐसे चार इंजीनियरिंग कॉलेज बरसों से चल रहे थे उनका उन्नयन करके मध्यप्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी की स्थापना सरकार करने जा रही है. सरकार ने ऐतिहासिक फैसले हम लोगों के बीच में लिये हैं.

          सभापति महोदयकृपया खटीक जी आप वरिष्ठ सदस्य हैं और भी वक्ता हैं बोलने के लिये आप कृपया समाप्त करें.

          श्री हरिशंकर खटीकसभापति महोदय, आपने जितना भी बोलने के लिये समय दिया है इसके लिये आपका धन्यवाद.

            श्री दिनेश जैन (महिदपुर) -- सभापति महोदय, मैंने अभिभाषण भी सुना और पढ़ा भी. मैंने सदन को भी सुना, सभी ने किसानों के बारे में बात की. लेकिन मध्‍यप्रदेश में जिस गति से, जिस तेजी से किसानों की जमीनें बिक रही हैं और किसान कौन बन रहा है. चारों तरफ दलाल घूम रहे हैं. किसानों की जमीनों की रोज 50 से 100 रजिस्‍ट्रियां तहसील स्‍तर पर और जिला स्‍तर पर हो रही हैं. यह जमीन बिक किसकी रही है और इनको खरीद कौन रहा है. बड़े-बडे़ आईएएस अफसर, बडे़-बडे़  उद्योगपति, बडे़-बडे़ व्‍यापारी. यदि इसी तरह से जमीनें बिकती रहीं, आप आंकडे़ देख लीजिए. रोज 50 से 100 रजिस्‍ट्रियां मेरी तहसील महिदपुर में होती हैं. सब किसान बेचते हैं. विषय यह है कि किसानों की जमीन ही नहीं बचेगी, तो किसान कौन कहलाऐगा. यह बडे़-बडे़ आईएएस अफसर, बडे़-बडे़ उद्योगपति. यह बहुत बड़ा विषय है जिस तेजी से किसानों की जमीनें बिक रही हैं, इनको रोकना बहुत जरूरी है. यही कल्‍याण की बात होगी.

          सभापति महोदय, मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना सहित कई योजनाएं किसानों को लाभान्‍वित कर रही हैं. मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना में प्रदेश के 80 लाख से अधिक किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रूपए की राशि डायरेक्‍ट बेनीफिट ट्रांसफर के माध्‍यम से प्रदाय की जाती है. आप 2 हजार रूपए दे रहे हैं, बहुत अच्‍छी बात है लेकिन जमीन को बेचने से रोकना उससे ज्‍यादा जरूरी बात है. मैं इसके लिए माननीय मुख्‍यमंत्री जी और प्रधानमंत्री जी को धन्‍यवाद देता हॅूं लेकिन किसान के कल्‍याण की बात तब ही होगी, जब वह जमीन बेचना बंद करेगा.

          सभापति महोदय, मैंने अभी नवीनीकरण ऊर्जा के बारे में बहुत सुना और सौर ऊर्जा सब्‍सिडी को आपने तीन भागों में बांट दिया है. कुसुम-1, कुसुम-2, कुसुम-3. कुसुम-1 में आप सोलर पंप दे रहे हैं और हीटर, पाइप बहुत सारी चीजें दे रहे हैं लेकिन उनकी लागत कितनी है. 60 हजार रूपए की कोई चीज बाजार में 30 हजार रूपए में भी मिलती है. 40 हजार रूपए में भी मिलती है और उसमें आपने 20 परसेंट सब्‍सिडी दे दी, तो उसका क्‍या फायदा हुआ. चलो, इस बात को भी छोड़ दिया जाएगा. आप बड़ी-बड़ी बात कर रहे हैं कि किसानों के लिए दूसरी योजना है, उसमें कोई सब्‍सिडी नहीं है. जमीनें रोज बिक रही हैं. यह किलोवाट की बात थी, वह मेगावाट की बात है. आपकी योजना में 1 हेक्‍टेयर जमीन साढ़े चार बीघा जमीन पर जो आज बंजर है, उपजाऊ नहीं है, वहां 1 हेक्‍टेयर पर अगर आप 1 मेगावाट का पावर प्‍लांट लगाना चाहते हैं, तो साढ़े तीन करोड़ रूपए में आपको पडे़गा. उसमें कोई सब्‍सिडी नहीं है और बैंक वाला 70 लाख रूपए उसको 20 परसेंट भरवाएगा. तो यह कैसी योजना है. जो बंजर जमीन है सूखी जमीन है. 4-5 बीघा जमीन उसके पास है. वह कहां से 70 लाख रूपए लाएगा. कहां से उसकी सिबिल बनेगी. एक मोबाइल लेने में ही उसकी सिबिल खराब हो जाती है तो इसके कारण किसानों को अपनी जमीनें बेचना पड़ रही है. उद्योगपतियों का राज हो रहा है, आईएएस अफसरों का राज हो रहा है, व्‍यापारियों का राज हो रहा है. यह जमीनें खरीद कौन रहा है. ये जमीनें वे सब खरीद रहे हैं जो किसान नहीं हैं. किसान की कोई क्षमता नहीं है. उनकी आय दोगुनी करने की बात की जाती है लेकिन वह नहीं होता है. यह हकीकत है, यह एक्‍चुअल फैक्‍ट है. आप रिकार्ड उठाकर देख लीजिए. कितनी जमीनें बिक रही हैं. किसान किसान नहीं रह जाएगा, किसान मजदूर हो जाएगा और किसान बनेंगे वे सब, जो बहुत बडे़ लोग हैं. उन सब योजनाओं का फायदा उन लोगों को मिलेगा, किसानों को नहीं मिलेगा.

          सभापति महोदय, मैंने नवीनीकरण ऊर्जा के तीनों पार्ट बताए. आप उनकी एमआरपी पर कंट्रोल कीजिए न. वह 80 हजार रूपए पर 20 परसेंट सब्‍सिडी दे रहे हैं तो क्‍या मतलब है. 100-100, 1000-1000 बीघा जमीन में आप बोल रहे हैं कि हमने मुरैना में इतना कर दिया, यहां इतना कर दिया, यह जमीनें आयी कहां से. यह जमीनें गरीब किसानों की हैं. वह किसान भीखमंगा हो रहा है वह भीख मांगने पर मजबूर हो रहा है, वह आत्‍महत्‍या कर रहा है. उसकी जवाबदारी पक्ष और विपक्ष दोनों की है. यहां सदन में बैठे हर एक एमएलए की है कि वे उनकी लड़ाई लडे़ं. किसानों की लड़ाई लडे़ं.

          सभापति महोदय, सरकार की बहुत सारी योजनाएं चलती हैं. एक पशुपालन का विषय ले लिया जाए. सरकार का टॉरगेट दो सौ केस बनाने का था. उन्‍होंने कहा, हमने डेढ़ सौ केस बना दिए. 80 परसेंट योजना हमारी सफल हो गयी. लेकिन डेढ़ सौ योजनाएं जो आपने बैंक में भेजी, बैंक वालों ने उसमें से केवल 2 या 3 व्‍यक्‍तियों के लोन पास किए हैं. बाकी के लोन पास नहीं किये हैं, सरकार की योजनाएं फेल हो रही हैं. रिकार्ड में लगता है कि योजनाएं पास हो रही हैं. इसके कारण किसान अपनी जमीनें बेचने के लिए मजबूर हो रहा है. मेरी हाथ जोड़कर विनती है, चांद पर पहुंचना जरूरी है लेकिन किसानों को बचाना भी जरूरी है. चांद पर पहुंचना तभी सफल होगा जब गरीबी, भुखमरी और किसानों को बचा पाएंगे. आप बड़ी बड़ी बातें तो करते हैं  लेकिन किसान जिंदा नहीं है. हमें न्याय नहीं मिलता है. आप एसडीएम के पास जाओ, तहसीलदार के पास जाओ, जिनको हक मिलना चाहिए, उनको हक नहीं मिलता है. नामांतरण उनके हो जाएंगे जो रिश्वत दे देगा. मैं कोई देखकर नहीं बोल रहा हूं, यह हकीकत है. जो देखा है वही मैं सदन में बोल रहा हूं और मेरी जवाबदारी है, अगर मैं विधायक बनकर आया हूं तो हकीकत से वाकिफ कराऊं, उसमें पक्ष और विपक्ष की बात मैं नहीं कर रहा हूं. मैं किसानों की हकीकत की बात कर रहा हूं. आप बोलते हैं प्रधानमंत्री सड़क योजना, मैं सभी विधायकों से पूछना चाहता हूं, एक कि.मी. से दो कि.मी., एक कि.मी. से पांच कि.मी. तक के गांव अभी भी प्रधानमंत्री सड़क योजना से जुड़े हुए नहीं हैं. अभी भी गांवों में लोगों की शादियां नहीं होती है क्योंकि आपके यहां पर सड़क ही नहीं है. ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जिसकी हमें जवाबदारी लेना है. किसानों की आय कैसे बढ़े, नवीकरणीय ऊर्जा में बदलाव हो, किसानों को भी सब्सिडी मिले. जो भाव बहुत ज्यादा हैं वह कम हो. इन सब किसानों की मांग और मैं महिदपुर की भी मांग रखता हूं. मेरी हाथ जोड़कर विनती है कि कहीं यह नामांतरण, बंटवारे के रेट डिसाइड नहीं हों.  25 हजार रुपये, 50 हजार रुपये देंगे, यह रेट डिसाइड हो गये हैं.

          सभापति महोदय, अब बात ले लेते हैं मेडिकल की, हेल्थ एजूकेशन की. साहब, बिल्डिंग तो बन गई, स्वास्थ्य केन्द्र बन गये. मेरी महिदपुर तहसील में एक भी डॉक्टर नहीं है. पूरे मध्यप्रदेश की यह हालत है. बिल्डिंग किस काम की जिसमें इलाज के लिए डाक्टर नहीं हैं. अभी दिशा की मीटिंग में मैं बैठा था. सांसद जी ने कोविड में वहां पर ऑक्सीजन प्लांट दिया था. मुझे पता लगा, मैंने वहां पर प्रश्न उठाया तो मालूम हुआ कि वह चालू ही नहीं है. सांसद निधि से बना हुआ ऑक्सीजन प्लांट चालू नहीं है. 18-20 मेरे यहां स्वास्थ्य केन्द्र हैं, वहां कोई डॉक्टर नहीं है. एक नगरपालिका में डॉक्टर है, वह भी आर्थोपेडिक्स का है तो यह कैसी दुर्दशा कर रखी है. इसके ऊपर हमें विचार करना चाहिए. इसी तरीके से स्कूल की हालत है, स्कूल में शिक्षक नहीं हैं. कैसे भारत की नींव बनेगी, पहले ही ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का स्तर बहुत हल्का है उनके पास सीबीएससी कोर्स भी नहीं है. एमपी बोर्ड से पढ़ते हैं और उसमें टीचर्स नहीं हैं. यह हिन्दुस्तान की कैसी दुर्दशा है और उस मध्यप्रदेश की और मैं चाहूंगा कि इन सब चीजों पर ध्यान देकर कम से कम मेरी महिदपुर तहसील में जरूर कुछ न कुछ करवाएं ताकि लोगों को न्याय मिले. बहुत बहुत धन्यवाद.

          डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान (नागदा-खाचरोद) - सभापति महोदय, मैं राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए खड़ा हुआ हूं. मुझे लगता है कि उनके भाषण को प्रतिपादित करते हुए एक ही बात यदि कही जाय मध्यप्रदेश बनने के पश्चात् कांग्रेस के पूरे शासनकाल में यदि पूरे मध्यप्रदेश भर में सिंचाई का रकबा सरकारी संसाधनों से होता था तो वह मात्र 7 लाख हैक्टेयर भूमि होता था,  लेकिन वर्तमान की सरकार में लगातार सिंचाई के क्षेत्र में काम करते हुए सरकार ने नये आयाम स्थापित किये हैं. वर्तमान में डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व वाली सरकार ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल सिंचाई परियोजना को मंजूरी देकर 35 हजार करोड़ रुपये की. जिसमें मालवा अंचल के 11 जिले आयेंगे, बुन्‍देलखण्‍ड सहित और केन-बेतवा परियोजना के अंतर्गत केवल इन दो योजनाओं को यदि हम देखें तो इन दो योजना से ही 7 लाख हेक्‍टेयर भूमि सिंचित होने वाली है. मध्‍यप्रदेश बनने के बाद से केवल 7 लाख हेक्‍टेयर भूमि और वर्तमान की सरकार में केवल इन दो परियोजनाओं के माध्‍यम से 7 लाख हेक्‍टेयर भूमि को सिंचित करना यह सरकार की बड़ी उपलब्धि है. प्रदेश की सरकार किसानों के हित में कल्‍याणकारी योजनाओं को लागू करके युवाओं के कल्‍याण की बातों को आगे बढ़ाते हुए, महिलाओं के सशक्तिकरण को आगे बढ़ाते हुए नये विकास को आयाम दे रही है.

          सभापति महोदय, मैं बताना चाहता हूं मध्‍य प्रदेश की सरकार ने पिछले दिनों में मुख्‍य मंत्री जन-कल्‍याण के माध्‍यम से गांव-गांव, पंचायत-पंचायत पहुंचने का काम किया, नगरीय क्षेत्रों में प्रत्‍येक वार्डों में पहुंचने का काम किया और मध्‍यप्रदेश सरकार के लगभग11-12 विभागों के उन तमाम हितग्राहियों को चिन्ह्ति करने का काम किया, जो मध्‍यप्रदेश की विभिन्‍न योजनाओं के पात्र होते हुए भी अभी उसका लाभ लेने से वंचित थे. मध्‍य प्रदेश में लगभग लाखों लोगों को फिर से इन योजनाओं में जो पात्र होने के बाद भी नहीं जुड़ पाये थे उनको जोड़ने का काम किया है.

          सभापति महोदय, मध्‍यप्रदेश की सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भू-स्‍वामित्‍व उनको क्रेडिट कार्ड, क्रेडिट की तरह उनको सम्‍पत्ति देने का काम किया है. गांव में शहरों में मध्‍य प्रदेश की सरकार ने 70 से अधिक उम्र के लोगों को आयुष्‍मान योजना का लाभ देकर, उनको चिन्ह्ति करके और उनको कार्ड बनाकर वितरित करने का काम किया है.

          सभापति महोदय, मैं इस सदन को बताना चाहता हूं कि मध्‍य प्रदेश में ही नहीं अपितु पूरे देश भर में किसी भी परिवार में किसी वृद्धजन के इलाज के लिये और उस वृद्धजन के इलाज के लिये और उस वृद्धजन के इलाज के लिये जिसने अपने परिवार को खड़ा करने के लिये अपने पूरे जीवन को समर्पित कर दिया है, चाहे बच्‍चों की पढ़ाई से लेकर उनके रोजगार लगाने तक और उन्‍हें व्‍यवसाय तक खड़ा करने की बात हो. लेकिन जब उसी वृद्ध व्‍यक्ति के इलाज की बात आती है तो फिर परिजन इस बात पर विचार करने लगते थे कि इनके इलाज में तो पांच लाख रूपये खर्च होने वाले हैं, इनके इलाज में तो 2-4 लाख रूपये खर्च होने वाले हैं. वही परिजन जो अपने बच्‍चों के इलाज में या अपने स्‍वयं के इलाज में लाखों रूपये खर्च कर देता था लेकिन एक वृद्धजन के इलाज को कराते समय उसके परिवार के लोग उस खर्चे पर विचार करने लगते थे, लेकिन सरकार ने उनकी पीड़ा को महसूस करने का काम किया है.

          मान्‍यवर् मोदी जी के सहयोग से, केन्‍द्र सरकार के इस योजना का क्रियान्‍वयन जो मध्‍य प्रदेश की सरकार ने किया है, उसमें एक विशेष बात यह रखी है कि इसमें गरीबी रेखा का कोई मापदण्‍ड नहीं रखा, चाहे वह शासकीय कर्मचारी हो, चाहे वह 100 बीघा का काश्‍तकार हो, चाहे वह व्‍यापारी रहा हो अगर वह बीमार है और 70 प्‍लस का है तो उसे पांच लाख रूपये का आयुष्‍मान योजना के अंतर्गत लाभ देने का काम सरकार करेगी और मैं समझता हूं कि राज्‍यपाल महोदय के अभिभाषण में जो इन बातों को शामिल किया गया है, वह अक्षरश: सही प्रमाणित हो रही है.

          सभापति महोदय, मध्‍य प्रदेश मान्‍यवर् मोदी जी के नेतृत्‍व में उनके साथ में वर्ष 2047 तक विकसित प्रदेश की और आगे बढ़ना चाहता है और मध्‍य प्रदेश विकसित प्रदेश की राह पर तेज गति से आगे बढ़ रहा है. मैं सदन को इस बात से भी अवगत कराना चाहूंगा कि मध्‍य प्रदेश में अभी वर्ममान में जिस तरीके से देव-स्‍थानों को विकसित करने का काम किया है और उनको विकसित करने के साथ-साथ, जो रोजगार के नये संसाधन विकसित हुए हैं, वह अद्भूत हैं. हम यदि केवल एक महाकाल लोक के निर्माण को देख लें तो महाकाल के लोक के निर्माण में घर-घर विश्राम गृह बनने का काम हुआ है. जिसके घर में यदि 1 या 2 कक्ष की भी अतिरिक्‍त जगह थी तो उसने अपने घर पर अतिथिगृह बनाकर और लगभग महीने के तीस से चालीस हजार कमाने का काम किया है. नये रोजगार के तहत ई-रिक्‍शा के माध्‍यम से, चाय की दुकानों के माध्‍यम से, स्‍टेशनरी, पूजा के सामान की सामग्री के माध्‍यम से हजारों लोगों को रोजगार मिलने का काम हुआ है. जहां महाकाल मंदिर उज्‍जैन में दर्शन के लिये केवल लाख एवं डेढ़ लाख लोग आया करते थे, आज वहीं पर लगभग सात लाख से ज्‍यादा लोगों का आवागमन रोजगार के नये संसाधनों के साथ हमारी धार्मिक आस्‍था को भी बढ़ाने का का काम कर रहा है और यह केवल मध्‍य प्रदेश सरकार का विषय महाकाल लोक, उज्‍जैन तक नहीं है. चाहे सल्‍कनपुर माता जी का मंदिर हो, चाहे ओंकारेश्‍वर ज्‍योतिर्लिंग स्‍थान हो.

 ऐसे सारे स्थानों पर  मध्यप्रदेश की सरकार विकास करके पर्यटन के साथ साथ रोजगार के नये  संसाधनों को भी उपलब्ध  कराने का  काम कर रही है और इसलिये मैं आज इस सदन में  समय की गरिमा को ध्यान में रखते हुए  इतने ही विषय पर अपनी बात  को समाप्त करता हूं.   सभापति महोदय, मेरी ओर देख रहे हैं,   वे टोकें, उसके पहले   ही  मैं अपन कथन  को समाप्त करता हूं.धन्यवाद. 

            सभापति महोदय--  डॉ. साहब, बहुत बहुत धन्यवाद. आप  बहुत विद्वान  हैं,  अनुभवी  हैं. बाकी सदस्यगण भी सब अनुभवी एवं विद्वान हैं,  वह भी  इसका अनुसरण करेंगे, तो  सुविधा रहेगी.

          श्री महेन्द्र नागेश (गोटेगांव)--  सभापति  महोदय,  मैं राज्यपाल जी के अभिभाषण के समर्थन में खड़ा हूं.  हमारी सरकार जिन  जिन विभागों में काम कर रही है, उनका  राज्यापल जी ने अभिभाषण में उल्लेख किया है.  हमने अभी तक ऐसी कोई योजना नहीं देखी,  क्योंकि  कभी आवेदन और निवेदन   बगैर किये  हमारे प्रधानमंत्री जी ने प्रधानमंत्री आवास देकर  गरीबों के मकान बनवाये. इसी प्रकार हम कह सकते हैं कि हमारे  पूर्व प्रधानमंत्री, श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने  गांव की दशा को देखते हुए उस समय  प्रधानमंत्री सड़क  योजना  दी,  जिस पर आज हम सुलभता से जा रहे हैं. हमने सुना था कि कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री  कहा करते थे कि हम किसी  हितग्राही को  एक रुपया  देते हैं, तो उसके  खाते में 15 पैसे जाते हैं.  लेकिन हम दावे के साथ कह सकते हैं कि  हमारी सरकार  अगर किसी हितग्राही को  एक रुपये भी देती है, पूरा का पूरा पैसा हित्ग्राही  के पास में जाता है.  हमारे  पूर्व  प्रधानमंत्री जी ने  जो सपना देखा था,  उनको पूरा करने का काम हमारी मोदी जी  की सरकार कर  रही  है. कहीं प्रदेश में सूखा, बाढ़  आ जाती थी, कभी क्षेत्र में कैसे पानी  पहुंचे, उसके लिये  नदी जोड़ो अभियान प्रारम्भ किया.  हम जिस क्षेत्र से आते हैं, गोटेगांव विधान सभा है,  अनुसूचित जाति की, पिछड़ी विधान सभा है.  अभी हमने देखा कि  एक वर्ष में मुख्यमंत्री जी के माध्यम से,  मंत्री जी के माध्यम से  हमारे क्षेत्र में  चहुमुखी विकास के लिये हम बढ़ रहे हैं. हमारे पास  अभी और भी समय है.  आज हम धन्यवाद कहना चाहते हैं,  वित्त मंत्री, देवड़ा जी को, जिन्होंने सभी क्षेत्र में अपना  बजट बढ़ाकर  उससे पूरे प्रदेश में हम सबको उसका लाभ  मिलेगा.  हम उनको धन्यवाद देना चाहते हैं.

          सभापति महोदयबहुत बहुत धन्यवाद महेन्द्र जी.

          श्री दिनेश राय मुनमुन (सिवनी)सभापति महोदय, बहुत बहुत धन्यवाद.  मैं राज्यपाल जी के अभिभाषण  पर कृतज्ञता ज्ञापित करने  एवं धन्यवाद देने के लिये खड़ा हुआ हूं. राज्यपल जी के अभिभाषण में  मध्यप्रदेश की जो प्रगति   हम देख रहे हैं 20 सालों में जो सड़कें गांव से शहर आने के लिये बनी थीं,  जहां लोग पहले  छकड़ों से  शहर आते थे,  आज प्रधान मंत्री सड़क, मुख्यमंत्री सड़क,  जिसके  माध्यम से जो विकास हुआ है, वह  वास्तव में मध्यप्रदेश में  इन 20 सालों  में देखने को मिल रहा है.  आज मैं शिक्षा का क्षेत्र हो, शिक्षा के क्षेत्र में बात आ रही थी कि  सीएम राइज  स्कूल क्यों बनाया  जा रहा है और  पुराने, छोटे स्कूलों को खतम किया जा रहा है.  मैं कहना चाहूंगा कि गरीबों के बच्चे प्रायवेट स्कूलों में नहीं पढ़ सकते हैं.  सिर्फ बड़े लोगों के बच्चे पढ़ते हैं.  अगर यह सीएम राइज स्कूल खुलता है,  तो उनके बच्चों के लिये अच्छ से  शिक्षक, अच्छी व्यवस्थाएं और साथ में उनको 20 किलोमीटर  के अन्दर उनको लाने  और ले जाने के लिये जो बसें लगाई जायेंगी  हमारी सरकार की तरफ से,  वह भी अपने आपको गौरवान्वित महसूस  करेंगे और  हमारे प्रदेश के बच्चे बेहतर  स्कूल  में पढ़ने  का काम करेंगे.  जो प्रायवेट स्कूलों में  शिक्षा  नहीं  हो रही है, जहां  उनको फीस भी देना पड़ती है. ऐसे काम हमारी सरकार कर रही है. आज  मेडिकल कालेज, मैं कहना चाहता हूं कि मैं जहां  से आता हूं सिवनी, जहां आज मेडिकल कालेज स्टार्ट हो गया. लगभग 100 बच्चे डॉक्टर बनकर के निकलेंगे , तीन जगह का हमारे प्रधान मंत्री महोदय ने उसका लोकार्पण किया था. आने वाले समय में शीघ्र ही हमारे यहां हास्पीटल भी प्रारंभ होने जा रहा है .हमारे वित्त मंत्री जी को इसके लिये धन्यवाद देता हूं.

          सभापति महोदय, रोजगार की बात सदन में आई थी मैं कांग्रेस के साथियों से पूछना चाहता हूं कि आज गांव में भी अगर हम लेबर ढूढने के लिये जाते हैं तो हमें लेबर नहीं मिलते हैं. आप रोजगार को सिर्फ नौकरी के रूप में मत देखिये, मैं तो कहता हूं कि लोगों को नौकरी देने वाला बनना चाहिये, आज व्यवसाय से हमारी सरकार ने स्ट्रीट वेंडर से जो स्टार्टअप किया है,  आज ही माननीय वित्त मंत्री जी के बजट भाषण में हमने देखा है कि 39 और औद्योगिक केन्द्र खुल रहे हैं. लोगों के पास में समृद्धि आ रही है, व्यवसाय आ रहा है और वे खुद सक्षम बन रहे हैं. नौकरी करने वाले नौकर हो सकते हैं लेकिन मालिक बनाने का काम मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव जी की सरकार और केन्द्र में मोदी जी की सरकार कर रही है. इसके लिये में साधुवाद देना चाहता हूं.

          सभापति महोदय, आज हमारे प्रदेश के बच्चे विदेश में जाकर के पढ़ेंगे, लगभग 50 बच्चे प्रदेश से जाकर के विदेश में पढ़ेंगे, इस दिशा में भी हमारी सरकार अच्छा काम कर रही है. शेरों के बारे में कहना चाहता हूं कि पिछले 20 सालों में जंगलों में शेर खतम हो गये थे, आज शेरों की संख्या बहुत बढ़ गई है, नेश्नल पार्क में तो हम शेरों को देखते ही हैं आज वह शेर हमारे खेतों में ,गांव में आ रहे हैं, कहीं न कहीं शेरों की रक्षा और सुरक्षा संरक्षण के कारण ही प्रदेश में ऐसी स्थिति शेरों की बनी है.

          सभापति महोदय, मैं स्वास्थ्य के बारे में कहना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री सहायता योजना और आयुष्मान योजना के माध्यम से लाखों गरीबों की जान को बचाने का काम हमारी सरकार कर रही है. लाड़ली लक्ष्मी योजना के बारे में कहना चाहता हूं कि पूर्व में बिटिया के जन्म लेने से पूर्व सामाजिक कुरीतियों के कारण मां की कोख में ही उसकी हत्या कर दी जाती है. आज लाड़ली  बिटिया सम्मान से जन्म लेती है, उसका विवाह भी हमारी सरकार कर रही है, आज अगर लाड़ली लक्ष्मी बहना से कोई विवाह करना चाहता है तो स्वयं उसका पूरा खर्चा सरकार उठाती है. इस योजना का गरीब वर्ग को बहुत बड़ा फायदा मिला है.

          माननीय सभापति महोदय, हमारे छिंदवाडा-सिवनी में पेंच व्यपवर्तन योजना है वहां पर सूखा रहता था एक फसल मुश्किल से लोग लेते थे आज इस योजना में सिंचाई के माध्यम से देश में, और नदी से नदी जोड़ने की जो योजना हमारी डबल इंजन की सरकार ने लाई है, उसके कारण किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, क्योंकि एक समय था जब हमारे नदी नालों में पानी 12 महिने बहता था, आज क्यों नहीं बहता है उसका कारण भी आपको समझना होगा, उस समय लोग इंजन से पानी लेते थे, आज हमारे यहां बिजली की पर्याप्त व्यवस्था है, संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था हमारी सरकार कर रही है तो किसान हर छेद से पानी निकालकर के अपनी फसलों को बहुत अच्छे तरीके से पैदा कर रहा है जिससे फसल का उत्पादन भी बढ़ रहा है. सभापति महोदय जो शेष गांव हमारे क्षेत्र के जोड़े गये हैं उसके लिये मैं वित्त मंत्री जी को धन्यवाद देना चाहूंगा कि नल जल योजना के माध्यम से, लिफ्ट माइक्रो इरीगेशन भी आपने हमें दिया है इसके लिये भी मैं वित्त मंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं.

          माननीय सभापति महोदय, हमारी सरकार गरीबों को अनाज का वितरण करती है. इसमें मेरा सुझाव है मैं चाहता हूं कि गरीबों को जो आप अनाज दे रहे हैं उसकी तुलना में अगर आप गरीबों को नगद राशि दें तो हमारे किसानों से वह अनाज खरीदेंगे भी, किसान भी सक्षम बनेगा और गोदाम में लाना-ले जाना,ट्रांसपोटिंग करना फिर गरीबों तक पहुंचाने में जो अतिरिक्त भार आता है उसको कहीं कम करने के लिये योजना बनाई जाये ऐसी मैं वित्त मंत्री जी से अपेक्षा करता हूं.

          माननीय सभापति महोदय, एक बात मेरे मन मे है वह मैं सदन में कहना चाहता हूं कि आरक्षण का लाभ जिनको मिल रहा है उनको मिलना चाहिये, हमारी सरकार ने पिछड़ा वर्ग के लिये भी आरक्षण बढ़ाया है इसके लिये धन्यवाद लेकिन मेरा निवेदन इसमें यह है कि आप ऐसा मापदंड लायें कि जो गरीब है, कमजौर है वह उस आरक्षण का लाभ ले, अधिकांश देखने में आता है कि सक्षम व्यक्ति ही उसका लाभ ले जाता है. गरीब तो गरीब ही रह जाता है उसके लिये अनुरोध है कि ऐसी कोई व्यवस्था सरकार बनाये.

          सभापति महोदय, पुलिस विभाग के बारे में कहना चाहता हू कि पुलिस कर्मचारियों की बहुत हैवीड्यूटी होती है, शनिवार और इतवार में कम से कम एक दिन तो उनको छुट्टी के लिये प्रावधान होना चाहिये. गौशाला हमारे यहां खुली हैं, संधारण बहुत अच्छा हो रहा है. गौ अभ्यारण्य भी है, लेकिन अभी जिस तरीके से गौकशी (गाय की तस्करी) हमारे यहां हो रही है, जिसको लेकर के उनको पकड़ा भी जा रहा है, अंदर भी किया जा रहा है, तो अनुरोध है कि इसके लिये कानून को और कड़ा किया जाये, उस गाय माता के मांस को बेच न सकें, इसके लिये कठोरतम कानून बने जिसमें हम सबकी आस्था जुड़ी हुई है, आपसे विशेष आग्रह करता हूं कि बच्चियों को हम स्कूटी दे रहे हैं, सायकिल हम दे रहे हैं, लेप-टॉप हमारी सरकार दे रही है, कहीं न कहीं हमारी सरकार ने प्रदेश के लोगों की आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाया है इसके लिये सरकार को धन्यवाद देना चाहूंगा.

          सभापति जी, नगरीय प्रशासन मंत्री जी से एक आग्रह करना चाहता हूं कि प्रदेश मे अवैध कालोनियां बढ़ रही हैं. किसान भी उसकी जमीन की अधिक कीमत मिलने के कारण प्लाट काट कर के बेच रहा है, अधिक कीमत मिलने की वजह से प्लाट बेच रहा है और अवैध कॉलोनियां डेवलप करने की नगर पालिका और नगर परिषद की ड्यूटी बनती है. इन कॉलोनियों का डेवलपमेंट करेंगे तो हमारी राशि इसी में खर्च हो जाती है. अवैध कॉलोनियों को रोकें, वैध करें और उनसे पूरा काम करवाएं. सिवनी में 6 माह से सीएमओ खत्म हो गया है. नगर पालिका प्रभारी दो दिन के लिए आती हैं. मेरा निवेदन है कि वहां के लिए पूर्णकालिक सीएमओ पदस्थ किया जाए. मैं राज्यपाल महोदय के अभिभाषण के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ और धन्यवाद देता हूँ.

          श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार (चित्रकूट) -- माननीय सभापति महोदय, मैं राज्यपाल महोदय के अभिभाषण के समर्थन में अपनी बात रखना चाहता हूँ.

          सभापति महोदय, माननीय मुख्यमंत्री जी को बहुत धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने उनके डेढ़ साल के छोटे से कार्यकाल में कृषि के क्षेत्र में बहुत अच्छे काम किए हैं. नए बीज और टेक्नालॉजी को बढ़ावा दिया है. इससे खेती में विकास हो रहा है. गेहूं का रेट 175 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया है. 4 हजार रुपए प्रति हेक्टयर धान का रेट बढ़ाया गया है. इस प्रकार किसानों का सम्मान किया है. 6 हजार रुपए किसान कल्याण के रुप में उनकी सरकार दे रही है. सिंचाई के क्षेत्र में केन-बेतवा लिंक परियोजना के माध्यम से साढ़े दस लाख हेक्टयर भूमि सिंचित होगी. चंबल नदी जोड़ो और ताप्ती बेसिन योजना से लगभग 11 जिले सिंचित होंगे. कई राज्यों को भी पानी जाएगा. इससे सिंचाई क्षेत्र का रकबा बढ़ेगा. अभी करीब 50 लाख हेक्टयर में सिंचाई हो रही है इसे वर्ष 2028 तक 100 लाख हेक्टयर तक पहुंचाने का लक्ष्य है. आज से 21 साल पहले पूरे मध्यप्रदेश में केवल 7 लाख हेक्टयर भूमि सिंचित हो रही थी. आज लगभग 8 गुना से ज्यादा भूमि सिंचित हो रही है. मध्यप्रदेश को पूर्व में 7 कृषि कर्मण पुरस्कार भारत सरकार से प्राप्त हो चुके हैं. इस बार धान की खेती बहुत हुई है और गेहूं का उत्पादन भी ज्यादा होने की उम्मीद है. इससे लगता है कि इस साल भी कृषि कर्मण पुरस्कार मध्यप्रदेश सरकार को मिलने वाला है.

          सभापति महोदय, विद्युत के क्षेत्र में विद्युत विभक्तीकरण का काम हो रहा है. इससे पॉवर कनेक्शन और प्रकाश कनेक्शन अलग अलग किए जा रहे हैं. इससे किसानों की मोटर पूरी क्षमता से चल सकेंगी और लोगों को प्रकाश भी मिलेगा. इस योजना से विद्युत के क्षेत्र में सुधार हो रहा है.

          सभापति महोदय, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत गांवों में भी शहरों की तरह नलजल योजना से लोगों तक पानी जाए यह प्रयास किया जा रहा है. अभी जितने जलाशय बने हैं और जितने बनने जा रहे हैं उनसे गांव-गांव तक पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है. हमारे सतना जिले में 2150 करोड़ रुपए की लागत से यह राष्‍ट्रीय जल जीवन मिशन योजना का काम चालू है. मुझे लगता है कि साल डेढ़ साल के अंदर यह पानी किसानों और उपभोक्‍ताओं के घर-घर पहुंच जाएगा. मैं माननीय मुख्‍यमंत्री जी को बहुत-बहुत धन्‍यवाद देना चाहता हूं कि जिन भी विधायक के क्षेत्र में जिन कामों की जरूरत है उनको 15-15 करोड़ रुपए पहले एक साल के लिए दिया अब उन्‍होंने उसको बढ़ाकर पूरे पांच साल के लिए कर दिया है. प्रत्‍येक वर्ष के लिए 15 करोड़ रुपए की कार्ययोजना है, पैसा दे भी रहे हैं मैं उनको बहुत-बहुत धन्‍यवाद देना चाहता हूं. (व्‍यवधान)

          श्री सोहनलाल बाल्‍मीक-- हमको तो पता ही नहीं है. यह कहां 15-15 करोड़ रुपए हमको तो एक करोड़ भी नहीं मिला है. बहुत बहुत धन्‍यवाद. यही सबका साथ सबका विकास है. (व्‍यवधान)

          सभापति महोदय-- सुरेन्‍द्र सिंह जी आप अपनी बात जल्‍दी पूरी करें. (व्‍यवधान)

          श्री सोहनलाल बाल्‍मीक-- लज्‍जा आना चाहिए यह हमारे साथ नहीं इस प्रदेश की जनता के साथ अत्‍याचार हो रहा है, दुर्व्‍यवहार हो रहा है. (व्‍यवधान)

          श्री दिलीप सिंह परिहार-- अपने 15 महीने के कार्यकाल को याद कर लो.

          श्री सुरेन्‍द्र सिंह गहरवार-- गरीब, युवा, अन्‍नदाता के कल्‍याण के लिए सरकार दिन रात काम कर रही है. नौजवानों के लिए विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना प्रारम्‍भ हुई है. यह काम भी काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. माननीय मुख्‍यमंत्री जी और उनकी सरकार को बहुत-बहुत बधाई दूंगा कि संभागीय स्‍तर पर पूरे प्रदेश में  इन्‍वेस्‍टर्स समिट के बडे़-बड़े कार्यक्रम हुए. भोपल में माननीय प्रधानमंत्री जी पधारे और मुझे यह कहते हुए बहुत ही खुशी हो रही है कि पहली बार ऐसा हुआ तीस लाख करोड़ से ज्‍यादा के आवेदन प्राप्‍त हुए हैं बड़े-बडे़ उद्योग लगाने के लिए. माननीय मुख्‍यमंत्री द्वारा डेयरी विकास के माध्‍यम से पांच रुपए प्रति लीटर दूध उत्‍पादन किसानों को पृथक से बोनस के रूप में दिया जाएगा और 40 रुपए प्रति पशु उसके संरक्षण और संवर्धन के लिए दिये जाएंगे मैं उनको धन्‍यवाद दूंगा. लाड़ली लक्ष्‍मी योजना, हमारे विपक्ष के साथी बहुत ही हल्‍ला मचा रहे थे कि यह योजना बंद होने वाली है लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपए प्रतिमाह लाड़ली लक्ष्‍मी योजना के लिये दिये जाते हैं. अभी जो गांव सड़क विहीन रह गए हैं वह मुख्‍यमंत्री मजरा टोला सड़क योजना के अंतर्गत सड़क विहीन न रह जाए इसके लिए सरकार ने व्‍यवस्‍था कर रखी है.13 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं वहीं सरकार 17 सरकारी मेडिकल कॉलेज बनाकर इलाज की सुविधा गांव गांव तक पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है. निश्चित रूप से यह प्रशंसनीय काम है. स्‍वसहायता समूहों के माध्‍यम से महिलाओं को उनकी तरक्‍की के लिए सरकार द्वारा मदद की जा रही है. चित्रकूट रामपथ गमन के विकास के लिए आज के बजट में भी इस विषय पर चिंता हुई है. मैं मुख्‍यमंत्री जी को धन्‍यवाद देता हूं कि उनके मुख्‍यमंत्री बनने के बाद चित्रकूट को चित्रकूट विकास प्राधिकरण घोषित किया गया. महाकाल उज्‍जैन, बाबा काशी विश्‍वनाथ और अयोध्‍या की तर्ज पर चित्रकूट का अध्‍यात्मिक और धार्मिक विकास हो इसके लिए उन्‍होंने राम महालोक बनाने की सोची है उनको धन्‍यवाद दूंगा. अभी कई बैठकें हो चुकी हैं जिसमें 650 करोड़ रुपए से बढ़ाकर माननीय मंत्री कैलाश जी के नेतृत्‍व में बैठक हुई.

 

5.29 बजे                             अध्‍यक्षीय घोषणा

 

                                   सदन के समय में वृद्धि  विषयक

 

          सभापित महोदय-- माननीय राज्‍यपाल महोदय के अभिभाषण पर प्रस्‍तुत कृतज्ञता ज्ञापन की चर्चा जारी रहे और चर्चा में भाग लेने हेतु शेष सदस्‍यों के भाषण पूर्ण होने तक सदन के समय में वृद्धि की जाए मैं समझता हूं कि सदन इससे सहमत है.  सुरेन्‍द्र जी आप अपनी बात जारी करें.

 


 

5.30 बजे

राज्‍यपाल के अभिभाषण पर श्रीमती अर्चना चिटनीस सदस्‍य द्वारा प्रस्‍तुत कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्‍ताव पर चर्चा का पुनर्ग्रहण (क्रमश:)

 

          श्री सुरेन्‍द्र सिंह गहरवार-  माननीय सभापति महोदय, 37 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें बनाने का लक्ष्‍य है. प्रधानमंत्री आवास में जो गरीब रह गए हैं, प्रधानमंत्री आवास का पंजीकरण 31 मार्च तक हो रहा है. कोई गरीब परिवार शेष न रहे, सभी के पास पक्‍के मकान हों इसलिए प्रधानमंत्री जी की गांव-गांव तक गरीबों को घर पहुंचाने की योजना चली है. मैं, उसका समर्थन करता हूं. सी.एम.राईस स्‍कूल की कई बातें कही जा चुकी हैं, गरीबों के बच्‍चों को पढ़ने के लिए अच्‍छा स्‍कूल मिलेगा, खासकर मेरी विधान सभा जहां गरीबों की संख्‍या अधिक है, वहां भी अच्‍छा स्‍कूल मिलेगा. विमुक्‍त, घुमन्‍तु और अर्द्धघुमन्‍तु समुदाय की भी चिंता हुई है. विक्रमादित्‍य की वैदिक घड़ी को पुनर्जीवित करने के लिए, जिससे कालगणना की जाती थी, उज्‍जैन में उसका विस्‍तार हो रहा है. मैं, राष्‍ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी के इन शब्‍दों के साथ अपनी बात समाप्‍त करूंगा-

"मनुज वही जो पथ की पीड़ायें सहता है,

हार मानता नहीं निरंतर आगे बढ़ता है,

प्रतिबंधों से कभी न अपना शीश झुकाना,

राह कठिन है पथिक कहीं घबरा मत जाना"

 

          सभापति महोदय, मैं, राज्‍यपाल महोदय के अभिभाषण का समर्थन करता हूं. आपने मुझे बोलने का अवसर दिया, धन्‍यवाद.

           सभापति महोदय-  कटारे जी, चूंकि सदन के समय में वृद्धि की गई है, सदन द्वारा सहमति दी गई है. आपके भाषण के समय काफी व्‍यवधान हो गया था और आप अपनी बात रखना चाह रहे थे. यदि आप, अभी अपनी बात रखना चाहें तो रख सकते हैं लेकिन थोड़ा सा समय का ध्‍यान रखकर, सीमित करते हुए, विषय बिंदु को लेते हुए, जितना संक्षेप में अपनी भावना व्‍यक्‍त कर सकें, कर सकते हैं.

          श्री हेमंत सत्‍यदेव कटारे (अटेर)-  धन्‍यवाद, सभापति महोदय. आपने मुझे यह अवसर दिया है, मेरे विधायक बनने के बाद, ऐसा मेरे साथ पहली बार हुआ है लेकिन मेरा आपसे आग्रह है कि मुझे एक आरोप पत्र, प्रमुख सचिव विधान सभा के माध्‍यम से प्राप्‍त हुआ है. इसमें कुछ जानकारियां, बिंदु क्रमांक 1 से 8 तक संलग्‍न की गई हैं लेकिन मुझे संलग्‍न जानकारी प्राप्‍त नहीं हुई है. मैं, चाहूंगा मुझे सारी जानकारियां प्राप्‍त हो जाये क्‍योंकि [XX] लोगों को जवाब, पढ़े-लिखे ढंग से दिया जाना चाहिए. मैं, उसे पूरी तरह पढ़कर, एक-एक जानकारी लेकर जवाब दूंगा. मेरा एक और आग्रह है कि जिन्‍हें मैं उत्‍तर देना चाहता हूं, मैं स्‍वयं भी उनसे निवेदन कर लूंगा लेकिन मेरा फोन नहीं उठायेंगे, आप भी निवेदन कर लें, यदि वे उपस्थित रहें तो उनके सामने जवाब दूंगा.

          सभापति महोदय, मुझे अभी प्राप्‍त आरोप पत्र में तकनीकी समस्‍या यह है कि मुझे पत्र में संलग्‍न जानकारी प्राप्‍त नहीं हैं तो मैं जवाब कैसे दूंगा ? उत्‍तर तब ही दे पाऊंगा, जब मुझे वह प्राप्‍त होगा इसलिए मुझे कृपया आप सारी जानकारी अतिशीघ्र उपलब्‍ध करवायें, फिर मैं, उसका उत्‍तर देता हूं.

          सभापति महोदय, मेरे उत्‍तर के लिए आप कल या 17 मार्च को कोई भी समय पूर्व निर्धारित कर देंगे तो उचित होगा, ऐसा मेरा आपसे आग्रह है.

          साथ ही मुझे प्राप्‍त पत्र में कोई क्रमांक, दिनांक नहीं दिया गया है. जो भी माननीय वरिष्‍ठ सदस्‍य हैं, उन्‍हें थोड़ा सामान्‍य ज्ञान भी पहुंचायें कि बिना दिनांक और क्रमांक के पत्र नहीं आते हैं, वह भी ऐसा पत्र जो विधान सभा के अध्‍यक्ष महोदय को लिखा जा रहा है, थोड़ा-सा सामान्‍य ज्ञान उनको दिया जाता तो सही होता, धन्‍यवाद

          सभापति महोदय-  ठीक है.

          डॉ. राजेश सोनकर-  सभापति महोदय, सदन के वरिष्‍ठ सदस्‍य के बारे में बार-बार [XX] और इस प्रकार के शब्‍द कहना अनुचित है. वे बहुत वरिष्‍ठ सदस्‍य हैं, उनकी गरिमा का ध्‍यान रखा जाये.

          श्री सोहनलाल बाल्‍मीक-  क्‍यों जब वे [XX] शब्‍द बोल रहे थे तो आपको समझ नहीं आ रहा था ?

(...व्‍यवधान...)

          श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव-  आप तब कहां गये थे, जब उन्‍होंने सदन की सारी मर्यादायें तोड़ी थीं ?

          श्री पंकज उपाध्‍याय-  वे वरिष्‍ठ सदस्‍य हैं तो वे कुछ भी बोलेंगे क्‍या ?

(...व्‍यवधान...)

          श्री राजन मण्‍डलोईआपको सब माफ है ? शुरूआत किसने की थी ?

               सभापति महोदय-  ये सब शब्‍द विलोपित किये जायें. यह विषय हो चुका है. इसे पुन: न दोहरायें. कृपया आप सभी बैठ जायें. 

(...व्‍यवधान...)

          श्री नीरज सिंह ठाकुर (बरगी) - माननीय सभापति महोदय, महामहिम राज्‍यपाल महोदय के अभिभाषण पर बोलने का अवसर देने के लिए मैं आपको धन्‍यवाद देता हूँ.

          माननीय सभापति महोदय, मध्‍यप्रदेश देश का ह्दयस्‍थल है. यह देश के मध्‍य और ह्दय में स्थित है. मध्‍यप्रदेश की सामाजिक, सांस्‍कृतिक, आध्‍यात्मिक और औद्योगिक रूप से पहले से ख्‍याति रही है. इसकी अपनी अलग पहचान रही है. मध्‍यप्रदेश की संस्‍कृति, इतिहास, वन्‍यजीव, वन क्षेत्र, तीर्थस्‍थल, प्राकृतिक सौन्‍दर्य और उद्योग के लिए मध्‍यप्रदेश पूर्व से ही प्रसिद्ध रहा है. यहां पर महाकाल मंदिर, ओंकारेश्‍वर मंदिर, खजुराहो मंदिर, सांची स्‍तूप, राष्‍ट्रीय उद्यान में बान्‍धवगढ़ राष्‍ट्रीय पार्क एवं कान्‍हा नेशनल पार्क हैं, अमरकंटक एवं चित्रकूट जैसे पवित्र स्‍थल हैं, धुंआधार जलप्रपात है, तो वहीं दूसरी ओर हमारे यहां की चन्‍देरी और माहेश्‍वरी साडि़यां भी प्रसिद्ध हैं. हमारे यहां का शरबती चावल, रतलाम का नमकीन, मुरैना की गजक हो, इसके लिए मध्‍यप्रदेश की अपनी अलग पहचान रही है.

          सभापति महोदय, मध्‍यप्रदेश का सकल राज्‍य घरेलू उत्‍पाद (जीएसडीपी) अभी लगभग 14 लाख करोड़ रुपये के आसपास है और हमारे देश की जीडीपी अभी लगभग 3,026 लाख करोड़ रुपये के आसपास है. इस हिसाब से हमारा जीडीपी में कॉन्ट्रिब्‍यूशन 4 प्रतिशत है और देश के टॉप 10 राज्‍यों में हमारा जीडीपी में कॉन्ट्रिब्‍यूशन है, इसको बढ़ाने का लक्ष्‍य रखा गया है, हम आने वाले समय में टॉप 5 राज्‍यों में आ सकते हैं. जैसा हमारे मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी की सोच है. हमारी जीडीपी ग्रोथ रेट अभी 11.5 प्रतिशत है, जो राष्‍ट्रीय औसत से कहीं ज्‍यादा है, जीएसडीपी में, मैं मेजर सेक्‍टर्स कॉन्ट्रिब्‍यूशंस की बात करूँ, तो मैं 3 सेक्‍टर्स में उनको बांटूँगा. एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर, सर्विस सेक्‍टर और मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर. एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर, सर्विस सेक्‍टर और मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर का लगभग मध्‍यप्रदेश का 36 प्रतिशत, 40 प्रतिशत और 24 प्रतिशत का कॉन्ट्रिब्‍यूशन है. जब हम राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इसकी तुलना करते हैं तो एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर, सर्विस सेक्‍टर और मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर का कॉन्ट्रिब्‍यूशन 17 प्रतिशत, 55 प्रतिशत और 27 प्रतिशत है.

          सभापति महोदय, इन आंकड़ों के आधार पर, मैं यह कह सकता हूँ कि मध्‍यप्रदेश कृषि आधारित और कृषि प्रधान राज्‍य है और किसान कल्‍याण को मिशन के रूप में लेकर हम मध्‍यप्रदेश में काम कर रहे हैं. कृषि के क्षेत्र में हमारी पूर्ववर्ती सरकार ने जो काम किया है, उसके आधार पर मध्‍यप्रदेश को पूर्व में 7 बार लगातार कृषि कर्मण पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया जा चुका है. वर्तमान में 80 लाख किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की राशि प्रदान की जा रही है, अभी तक 11 किश्‍तों में किसानों को लगभग 18,000 करोड़ रुपये की प्रोत्‍साहन राशि मिल चुकी है, यह राशि डायरेक्‍ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से उनके खातों में ट्रांसफर हुई है. हमने घोषणा-पत्र में, जिसे हम संकल्‍प पत्र भी कहते हैं. उसमें किसानों को 2,700 रुपये प्रति क्विंटल के मान से गेहूँ उपार्जन की बात कही थी, पांच वर्ष में हमें इस दर पर गेहूँ खरीदना था. लेकिन मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि मात्र सवा साल में हमारी सरकार 2,600 रुपये प्रति क्विंटल में गेहूँ उपार्जन करने जा रही है, एवं अगले वर्ष तक संभवत: हम 2,700 रुपये प्रति क्विंटल के मान से गेहूँ खरीदेंगे. जैसा कि हमने संकल्‍प-पत्र में जनता से वादा किया था. इसी तरह हमने धान खरीदी में जो संकल्‍प-पत्र में 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से वादा किया है, उसको भी हम अपनी समय-सीमा में पूरा करेंगे.

          सभापति महोदय, मध्‍यप्रदेश सोयाबीन उत्‍पादन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्‍थान पर है. इतिहास में पहली बार हम सोयाबीन की एमएसपी जो 4,892 रुपये प्रति क्विंटल है, उस पर खरीदने का सरकार ने निर्णय लिया है. हमारी सरकार जैविक, प्राकृतिक और उद्यानिकी खेती को भी प्रोत्‍साहित कर रही है. उद्यानिकी फसल का रकबा 20 लाख हेक्‍टेयर से बढ़ाकर 30 लाख हेक्‍टेयर हम करने जा रहे हैं. इस तरह से सोयाबीन के क्षेत्र में अग्रणी उत्‍पादक राज्‍य के रूप में हम रहने वाले हैं. आगामी 3 वर्षों में हम किसानों को 30 लाख सोलर पम्‍प देने जा रहे हैं. इससे जहां एक ओर बिजली बिल से उन्‍हें मुक्‍ति मिलेगी, दूसरी ओर उत्‍पादन लागत जो कृषि की है, वह कम होगी और साथ में सौर ऊर्जा पर जो बिजली का उत्‍पादन होगा, उसको भी खरीदकर हम किसान की आय बढ़ाएंगे. किसान अन्‍नदाता से ऊर्जादाता भी बनेगा. आगामी 5 वर्ष में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण और जल संसाधन विभाग के द्वारा सिंचाई क्षमता को लगभग 56 लाख हेक्‍टेयर से बढ़ाकर लगभग 100 लाख हेक्‍टेयर करने का लक्ष्‍य रखा गया है. इसमें अटल बिहारी वाजपेई, पूर्व प्रधानमंत्री जी के सपने की मुझे याद आती है, उन्‍होंने कहा था कि भारत देश में हमें नदियों को जोड़ना चाहिए. उनके संकल्‍प को यदि किसी ने पूरा किया है तो हमारे मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी को मैं इसके लिए धन्‍यवाद देना चाहता हूँ. केन बेतवा लिंक परियोजना, पीकेसी, पार्वती कालीसिंध चम्‍बल लिंक परियोजना, इस अंतर्राज्‍यीय परियोजना से जहां हम नदियों को जोड़ रहे हैं, वहीं मुझे लगता है कि किसानों की लगभग 15 लाख हेक्‍टेयर जमीन को हम सिंचित करेंगे. इससे 21 से ज्‍यादा जिलों को लाभ होने वाला है. 75 हजार करोड़ रुपये की लागत की इस योजना से मध्‍यप्रदेश को लाभ होने वाला है. मैं आगे बढ़ूँगा और कृषि क्षेत्र में कृषि आधारित एक और उद्योग की बात करूंगा. हमने राष्‍ट्रीय डेयरी डेव्‍लपमेंट बोर्ड के साथ जो अनुबंध किया है, उसके आधार पर मध्‍यप्रदेश भविष्‍य में डेयरी कैपिटल भी बनेगा.

          सभापति महोदय, अब मैं सेवा क्षेत्र की बात करूंगा. हमारे मध्‍यप्रदेश में सेवा क्षेत्र लगभग 6.9 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है. इसकी वृद्धि दर लगभग 6.9 है. इसमें आईटी, पर्यटन, परिवहन, स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, खेल आदि क्षेत्रों में हम तेजी से विकास कर रहे हैं. जब मैं खेल की बात करता हूँ तो खेल क्षेत्र में विगत दिनों जो खेल चिंतन शिविर का हैदराबाद में आयोजन हुआ था, उसमें मध्‍यप्रदेश ने खेल के क्षेत्र में जो काम किया, उसको सराहा गया है. सहकारिता क्षेत्र में सहकार से समृद्धि मंत्र पर चलकर प्रदेश को विकसित करने के लिए हम संकल्‍पित हैं.

          सभापति महोदय -- ठाकुर साहब, जल्‍दी समाप्‍त करें.

          श्री नीरज सिंह ठाकुर -- सभापति महोदय, बस दो मिनट, प्राइवेट पब्‍लिक पार्टनरशीप मॉडल पर जीआईएस में रिलायंस और बैद्यनाथ आदि के साथ हमने 2300 करोड़ के एमओयू किए हैं. रोड संरचना, अधोसरंचना की जब मैं बात करता हूँ तो पीडब्‍ल्‍यूडी और एनएचएआई के मध्‍य जो एमओयू हुआ है, उससे भविष्‍य में 130 लाख करोड़ रुपये की लागत से 1 लाख किलोमीटर की सड़कें बनाई जाएंगी.

          सभापति महोदय -- धन्‍यवाद नीरज सिंह जी, थोड़ा शीघ्र अपनी बात पूर्ण कर दें. समय का ध्‍यान रखें.

          श्री नीरज सिंह ठाकुर -- सभापति महोदय, बस कन्‍क्‍लूड कर रहा हूँ. जब मैं विनिर्माण क्षेत्र की बात करता हूँ तो विनिर्माण क्षेत्र में हमें 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं, जिससे लगभग 18 लाख लोगों को रोजगार प्राप्‍त होगा. उससे भी महत्‍वपूर्ण बात यह है कि जीआईएस में जिस तरह से हमारे मुख्‍यमंत्री जी ने परिश्रम किया, सरकार बनते ही उन्‍होंने जो रिजनल इंडस्‍ट्रियल कान्‍क्‍लेव किए, जो हमारे प्रमुख शहरों में उन्‍होंने रोड शो किए, जापान, जर्मनी जाकर उन्‍होंने इन्‍वेस्‍टर्स को इनवाइट किया, उसका परिणाम यह हुआ कि जीआईएस में इतने लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं. जीआईएस में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी के द्वारा नई नीतियां जारी की गई हैं. उनमें ऐसे सनराईज सेक्‍टर्स भी शामिल किए गए हैं, उभरते हुए क्षेत्र, जिनमें मध्‍यप्रदेश को असीम संभावनाएं नजर आती हैं. आर्टिफिशियल इन्‍टेलीजेंस का क्षेत्र हो, ड्रोन क्षेत्र हो, नवीन और नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र हो, डिफेंस का क्षेत्र हो, इस पर हमारा मध्‍यप्रदेश यदि आगे बढ़ेगा तो मुझे विश्‍वास है कि इन उभरते हुए सेक्‍टर्स से हमें ज्‍यादा से ज्‍यादा लाभ मिलेगा. मोदी जी ने थ्री टी की बात अपने उद्बोधन में कही थी, जब वे जीआईएस में आए थे, टेक्‍सटाइल, टूरिज्‍म एंड टेक्‍नॉलॉजी, इनसे भी मध्‍यप्रदेश को बहुत फायदे की संभावना है. हमारी स्‍टार्टअप नीति के माध्‍यम से 10 हजार स्‍टार्टअप लगने की संभावना है. मैं अंत में..

          सभापति महोदय -- धन्‍यवाद नीरज सिंह जी. धन्‍यवाद प्‍लीज.

          श्री नीरज सिंह ठाकुर - "सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय" और ज्ञान आधारित जो बजट 2025-26 प्रस्तुत हुआ है उसके लिये वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव जी को बधाई देता हूं और अंत में इस लाईनों के साथ अपनी बात को समाप्त करता हूं. "बजट से जलेंगे नये आशाओं के दीप, इसमें हैं उज्जवल कल के मोतियों के सीप,उज्जवल कल के मोतियों के सीप" प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में और मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव जी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश आत्म निर्भर भी बनेगा और विकसित भारत के संकल्प को भी पूरा करेगा. जय हिन्द जय मध्यप्रदेश.

          श्री महेन्द्र सिंह यादव खतौरा(कोलारस) - माननीय सभापति महोदय, मैं राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापित करना चाहता हूं. मध्यप्रदेश सरकार गरीबों,महिलाओं,किसानों के लिये और हमारे मजदूर भाईयों के लिये निरंतर काम कर रही है. इसके साथ-साथ हमारे जो जंगल हैं हमारे जो वन्य प्राणी हैं उनके लिये भी निरंतर काम कर रही है उसी का नतीजा है कि हमारे शिवपुरी जिले में जो माधव नेशनल पार्क था उसे  प्रदेश का माधव नेशनल रिजर्व अभ्यारण्य बनाया गया है इससे हमारे शिवपुरी के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इससे मध्यप्रदेश के मानचित्र पर शिवपुरी का नाम आगे आएगा. यह जो हमारी राज्य सरकार है. हमारे आदरणीय मुख्यमंत्री जी हैं उनकी अच्छी सोच का नतीजा है कि हमारा प्रदेश निरंतर आगे बढ़ रहा है. मैं बात कहूं किसानों के लिये तो किसानों के लिये जितना इस सरकार ने काम किया है खेती लाभ का धंधा बने किसान की लागत कम हो और उसकी आमदनी बढ़े अगर मैं कुछ बिन्दुओं पर नजर डालें तो समर्थन मूल्य पर खरीदी,जो पिछली सरकारों में कभी खरीदी नहीं होती थी और किसान को फसल का मूल्य नहीं मिलता था. समर्थन मूल्य पर जो खरीदी की तो किसान को विश्वास हुआ कि हर फसल चाहे चना हो,मसूर हो,गेहूं हो, उसका समर्थन मूल्य पर अनाज तुला उससे कहीं न कहीं किसान मजबूत हुआ. बिजली बिल पर जो सब्सिडी दी गई उससे उसका जो बिजली का भार कम हुआ और साथ में 10 घंटे बिजली की गारंटी उसको मिले तो उसका डीजल भी बचा जिससे उसकी लागत कम हुई. हमारी सरकार और केंद्र सरकार मिलकर खाद पर सब्सिडी दे रही है ताकि किसान पर अतिरिक्त बोझ न पड़े इसके अलावा दोनों सरकारें 12 हजार रुपये किसान सम्मान निधि दे रही हैं ताकि जो छोटा किसान है उसको कुछ आराम मिले इसके अलावा हमारी जो सिंचाई परियोजनाएं हैं केन-बेतवा और चंबल लिंक परियोजना जो हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सोच थी उसके कारण आज जो सिंचाई का रकबा लाखों हेक्टेयर में बढ़ता जा रहा है उसका हमारे शिवपुरी जिले में दोनों योजनाओं का पानी मिलेगा उससे किसान की लागत कम होगी. इसके साथ-साथ किसान को जीरो परसेंट ब्याज पर कापरेटिव्ह सोसायटियों से पैसा दिलवाकर ताकि उस पर अतिरिक्त ब्याज का बोझ न पड़े ऐसी सुविधा हमारी सरकार ने की है. इसके अलावा किसान को जो सरसों का भूसा,धनिया का भूसा जो किसान खेतों में जला देते थे उसको कहीं न कहीं कोयले के रूप में इस्तेमाल करने के लिये केन्‍द्र सरकार ने 10 परसेंट में फैक्ट्रियों में उसका इस्‍तेमाल करने की जो परमीशन दी है उसके कारण से जो किसान का भूसा अब सब फैक्ट्रियों में जा रहा है जिसके ब्रिक्‍स बनकर भूसे से लकड़ी बनकर जो बिक रही है उससे उनको भूसे का दाम भी हमारी सरकार दिलाने का काम कर रही है. इसके अलावा जो मोटे अनाज जैसे मैं बात करूं जो मक्‍का है और भी जो मोटे अनाज हैं जिनका पहले दाम नहीं मिलता था लेकिन हमारी केन्‍द्र सरकार ने इसका इस्‍तेमाल कुछ परसेंट में डीजल और पेट्रोल में ईंधन के रूप में करने की जो परमीशन दी है उसी का नतीजा है कि आज मक्‍का का भाव और उत्‍पादन पूरे शिवपुरी, गुना, अशोकनगर 10 जिलों में मैंने देखा है जिससे किसान समृद्ध हो रहा है और मक्‍का का भाव क्‍योंकि उससे ऐथेनाल बन रहा है तो उससे किसान को कहीं न कहीं फायदा हो रहा है. किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा बढ़ाकर पहले 3 लाख रूपये थी अब 5 लाख रूपये जो की गई है उससे कहीं न कहीं किसान की जो जमीन उसको कर्ज के कारण बेचनी पड़ती थी, आज जमीन बेचने की जरूरत उसको नहीं है, क्‍योंकि किसान क्रेडिट कार्ड से उसको कम ब्‍याज पर जो पैसा मिल रहा है उसी का नतीजा है कि उसकी जो लागत है वह धीरे-धीरे कम होती जा रही है. अब अगर हम बात करें तो उसमें जो सोलर पम्‍प दिये जा रहे हैं तो उससे उसकी लागत और भी कम आयेगी. इसके अलावा मिट्टी परीक्षण की जो व्‍यवस्‍था की, इसके अलावा ड्रोन से दवाई खेतों में डालने की आदरणीय मोदी जी ने जो व्‍यवस्‍था दी है उसी का कारण है कि आज खेती धीरे-धीरे लाभ की ओर जा रही है, उसकी लागत कम हो रही है. आज हमारे मुख्‍यमंत्री जी ने पूरे भारत में घूमकर सबको निमंत्रण दिया, चाहे ग्‍वालियर में, चाहे भोपाल, चाहे इंदौर उसी का नतीजा है कि आज शिवपुरी जैसी छोटी जगह में ढाई हजार करोड़ रूपये की फैक्‍ट्री अडानी जी द्वारा लगने जा रही है, मैं मुख्‍यमंत्री जी का धन्‍यवाद करता हूं. इसके अलावा मेरा जो उद्योग से संबंधित केवल इतना कहना था कि जो उद्योग आ रहे हैं वह कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी की सरकार, मोहन यादव जी की सरकार, उनकी जो मेहनत है कि इतना पैसा यहां आये कि उससे उद्योग चलें जिसके लिये उन्‍होंने मेहनत की है. हमारे प्रधान मंत्री जी ने जो पीएम जनधन योजना जो हमारे बेगा भारिया और हमारी सहरिया जाति थी जो बिलकुल अंतिम छोर के गरीब लोग थे उनके लिये 9 विभागों को जोड़कर के जो पीएम जनधन योजना बनाई जिससे आज हमारे उन गरीब भाईयों का 2 लाख 20 हजार रूपये से 100 प्रतिशत जिसको कहते हैं सबसे ज्‍यादा आदिवासी सहरिया शिवपुरी जिले में बसते हैं. मैं देख रहा हूं हर गरीब को 6-8 महीने में ही हजारों की तादाद में मकान दे दिये गये और लगभग 50 प्रतिशत बनकर भी पूर्ण हो गये हैं. चाहे उनको बिजली की व्‍यवस्‍था हो, 100 प्रतिशत की जा रही है, चाहे उनके लिये नल से जल की व्‍यवस्‍था हो, वह भी 100 प्रतिशत की जा रही है और हर सहरिया आदिवासी को चाहे उनके 50 घर हों, 100 घर हों प्रधानमंत्री सड़क उनको मुहैया कराई जा रही है. ये हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी की सोच है. भारतीय जनता पार्टी हमेशा गरीबों के साथ खड़ी है. मैं इसी के साथ अपनी बात को समाप्‍त करते हुये हमारे आदरणीय राज्‍यपाल जी के अभिभाषण का समर्थन करता हूं. धन्‍यवाद, जयहिन्‍द. 

          श्री माधव सिंह,''मधु गहलोत'' (आगर)-- माननीय सभापति महोदय, आपने मुझे महामहिम राज्‍यपाल जी के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्‍ताव पर बोलने का अवसर दिया, इसके लिये मैं आपका बहुत आभारी हूं.

          सभापति महोदय, प्रदेश की सभी बातें हो चुकी हैं, मैं मेरी विधानसभा की बात करना चाहता हूं, मेरी विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने चाहे हम पानी की बात कर लें, तो इस एक साल के अंदर लगभग 175 डेमों का निर्माण अभी चल रहा है. मेरी विधानसभा के अंदर अभी इस एक साल के अंदर सी.एम.राईज स्‍कूल बनने जा रहे हैं. मैं भी पहली बार का सदस्‍य हूं, मेरी विधानसभा के अंदर शिक्षा की बात करें तो विधि कॉलेज, आई.आई.टी. कॉलेज यह मेरी सरकार ने देने का काम किया है. मेरी सरकार गरीबों के साथ, हर वर्ग के साथ खड़ी है. मैं माननीय जल संसाधन मंत्री जी यहां पर बैठे हैं, उनसे कहना चाहता हूं कि लगभग 40 से 50 प्रतिशत मेरा किसान जो है, वह सिंचित भूमि को इस्‍तेमाल कर रहा है, लेकिन मेरा आपसे निवेदन है कि मेरे क्षेत्र के अभी कई डेमों की साध्‍यता हो चुकी है, आपसे निवेदन है कि उनकी भी सरकारी साध्‍यता करवा दें ताकि आने वाले समय में मेरा क्षेत्र सम्‍पन्‍न हो जाये, जैसे हढ़ाई डेम, सिरपाई डेम और खंदवास डेम कई लंबे समय से पड़े हुए हैं, पर मैं इस सरकार को धन्‍यवाद देना चाहता हूं कि बीस साल के अंदर लगभग 12 से 15 बडे़-बड़े डेम बनाने का काम सरकार ने किया है और आने वाले समय में माननीय जल संसाधन मंत्री जी से निवेदन करता हूं कि यह बनने जा रहे हैं और बनेंगे.

          सभापति महोदय, मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि हमारी सरकार हर जिले में मेडीकल कॉलेज देने का काम कर रही है, मैं उसके लिये भी सरकार को धन्‍यवाद देता हूं. डॉ. मोहन यादव जी की सरकार निष्‍पक्ष काम करने जा रही है. हमारी सरकार हर वर्ग का ध्‍यान रखती है, हम किसानों की बात कर लें, किसानों की आय की बात कर लें तो मेरे आप किसी भी गांव में चलें, हर गांव के अंदर, हर दूसरे तीसरे मकान को देखें, तो वहां पर आपको कोई न कोई गाड़ी खड़ी मिलेगी. .जब मैं बीस साल पहले उस आगर विधानसभा क्षेत्र के अंदर घूमता था, उस समय भूली भटकी एक आध फोर व्‍हीलर दिखती थी, आज किसान इतना संपन्‍न हो चुका है कि हर घर में आपको एक छोटी बड़ी गाड़ी खड़ी दिखाई देगी. हम गाडि़यों की बात कर लें किसानों की बात कर लें, आप कोई से भी शो रूम पर चले जाओ छोटी सी छोटी गाड़ी अगर आदमी खरीदता है, तो तीन महीने की वेटिंग उसको मिलती है. मध्‍यप्रदेश ने इतनी तरक्‍की की है कि समय पर गाडि़यों को कंपनी बनाने में समक्ष नहीं हो पा रही है, इतना पैसा मध्‍यप्रदेश के अंदर आ चुका है. हमारी सरकार दमदारी के साथ काम करती है, ईमानदारी के साथ काम करती है.

          सभापति महोदय, मेरी विधानसभा के अंदर अभी लगभग 318 उद्योग के लिये प्‍लॉट आवंटित हो चुके हैं, जिनमें रोड बन चुका है, जिनमें लाईट की व्‍यवस्‍था हो चुकी है, पानी की व्‍यवस्‍था हो चुकी है, वहां पर उद्योगपति आना बाकी है और वह प्‍लॉट आवंटन होते से ही उद्योगपति आ जायेंगे और आने वाले समय में वहां लघु उद्योग के माध्‍यम से काम चलना है, एक उद्योग में अगर 50 लोग भी काम करते हैं तो लगभग 15 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा और वार्षिक लगभग 2सौ करोड़ रूपये की सैलरी मेरी विधानसभा में बंटने वाली है, यह मेरी सरकार की उपलब्धि है, सभापति महोदय, आने वाले समय में अभी मेरे क्षेत्र के अंदर हर फसल का भाव बढ़ रहा है. मक्‍का और जो मोटा धान है, उसकी फसल का रेट इसलिए बढ़ रहा है क्‍योंकि मेरे यहां दो बड़े ईथोनॉल के प्‍लांट डल चुके हैं और वह किेसी बाहर के व्‍यक्ति ने नहीं डाले हैं, मेरे क्षेत्र के व्‍यक्ति ने डाले हैं, जिनको पांच सौ लोगों को अभी रोजगार दिया जा रहा है, यह मेरी सरकार की उपलब्धि है.

          सभापति महोदय, मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि मेरे क्षेत्र का संतरा नागपुर में जाता है, दिल्‍ली में जाता है, तो वहां पर फ्रूड प्रोसेसिंग प्‍लांट भी डले ताकि वहां पर सैकड़ों लोगों को रोजगार मिल सके. मेरा क्षेत्र आने वाले समय में किसी भी क्षेत्र से पीछे न रहे. मेरी विधानसभा मेरा मध्‍यप्रदेश है और वह नंबर वन की पोजीशन पर है. मेरे यहां पर मेरी विधानसभा से लगा हुआ 65 किलोमीटर की दूरी पर महाकाल लोक है तो मेरी सरकार और मेरे मुख्‍यमंत्री ने मेरे यहां पर बैजनाथ लोक 18 करोड़ की लागत से बनाने का काम किया है, वहां पर मेरी विधानसभा से लगा हुआ, मेरे जिले में नलखेड़ा मंदिर, मां बगुलामुखी का मंदिर है, वहां पर देश के सभी नेता अभिनेता और सभी लोग आते हैं, उसे भी डेव्‍हलप करने का काम अगर किया है तो यह मेरी सरकार की उपलब्धि है. आने वाले समय में मेरा विधान सभा नंबर 1 बनेगा और नंबर वन की पोजीशन हासिल करेगा. शिक्षा के क्षेत्र में, स्‍वास्‍थ्‍य की बात कर लें, तो अभी इस एक साल के अंदर लगभग बीस उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र मेरी सरकार ने मेरी विधान सभा में दिए हैं मेरी विधान सभा में बड़ौद के अंदर 50 बेड का अस्‍पताल देने का काम मेरी सरकार ने किया है.

          आदरणीय पहली बार बोलने का अवसर मिला है. आने वाले समय में आपका आशीर्वाद और मिले जय हिन्‍द, जय भारत.

          श्री प्रीतम लोधी(पिछोर) सभापति जी, आपने मुझे बोलने का अवसर दिया इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्‍यवाद देता हूं. महामहिम राज्‍यपाल जी के अभिभाषण का सम्‍मान करता हूं, उन्‍होंने बहुत अच्‍छा अभिभाषण विधान सभा के पटल पर रखा गया. सभापति जी इतना करने के बाद भी कुछ लोग, कांग्रेस के लोग उसकी खाल में से बाल और बाल में से खाल निकालने का काम करते हैं. अपने गिरेबान में नहीं झांकते हैं. मैं आज उधर से आ रहा था तो मैंने देखा कि विधान सभा के  दरवाजे पर इतना कचड़ा फैला था, गेहूं की बालों का. ये ज्ञान का मंदिर है, न्‍याय का मंदिर है और यहां पर कचड़ा ही कचड़ा, कौन फैला सकता है. मैंने पता किया तब बताया गया कि हमारे भाई लोगों ने गांव से लाकर गेहूं की बालों का कचड़ा वहां फेंका. तब मुझे ध्‍यान आया कि हमारे मोदी जी को एक कागज का टुकड़ा पड़ा मिला तो उसको उन्‍होंने जेब में रख लिया.

          श्री रजनीश हरवंश सिंह सभापति जी, गेहूं की बालों को, अन्‍न दाता, किसानों की, वेदना को ये कचड़ा कह रहे हैं, जिससे इनका पेट भरता है. (..व्‍यवधान)

          श्री प्रीतम लोधी मुझे बोलने दीजिए, परेशान मत कीजिए. आप बोलते हो तो मैं बीच में नहीं बोलता हूं.

          श्री नरेन्‍द्र शिवाजी पटेल  - रजनीश जी कहना क्‍या चाहते हों, आपने अन्‍न फेंका था(...व्‍यवधान)

          श्री प्रीतम लोधी सामने कचड़ा फैला हुआ मिला, क्‍या आप लोगों ने उसको साफ किया. सभापति जी झाडू उठाकर मैंने वहां से वह कचड़ा साफ किया.

          सभापति महोदय ठीक है, आगे बढि़ए.

          श्री प्री‍तम लोधी आज विधान सभा के मंदिर में कचड़ा फैलाने का काम किया है, उनको साफ करना था. कहीं ये कचड़ा फैलाते हैं, कहीं कबाड़ा कर देते हैं. अपना तो कबाड़ा कर ही लिया इन्‍होंने और प्रदेश के कबाड़े में और जुटे हुए हैं. सोचिए कहीं कीड़े मकोड़े लेकर आ जाते हैं. हमारी पार्टी, हमारे मोदी जी शेर और चीते छोड़ने काम कर रहे हैं, ये सांप और बिच्‍छु छोड़ने का काम कर रहे हैं, विधान सभा में, सोचिए कितना बड़ा फर्क है. (..व्‍यवधान)

          श्री रजनीश हरवंश सिंह सभापति जी, ये उनको कबाड़ा कह रहे हैंशेषनाग पर धरती टिकी हुई है.

          श्री प्रीतम लोधी आप शांत रहिए, मैं आपके बीच में बोलता नहीं हूं, आप शांत रहिए. मुझे समय मिला है बोलने दीजिए.

          सभापति महोदय आप आपस में बात न करें, प्रीतम जी आप अपनी बात को जारी करें और जल्‍दी समाप्‍त करें.

          श्री प्रीतम लोधी आप शांत रहिए, ये विधान सभा है, यहां आप शांत रहिए.

सभापति महोदय आसंदी की ओर देखकर बात करें ऐसी बात न करें. अपनी बात जल्‍दी पूरी करें प्रीतम जी.

            श्री प्रीतम लोधी - सभापति जी, मैं यही कहना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी ने देश का सम्‍मान भी किया है, देश में काम भी किया है और देश में तरक्‍की भी की है. मोदी जी जब कहीं बाहर जाते हैं तो लोग नारे लगाते हैं, विदेश की धरती पर, तो गर्व होता है हमें, ऐसा नेतृत्‍व हमको मिला है जो कभी जीवन में नहीं मिल सकता. मैं पहले सरपंच था. आपको आज से 45 साल पहले की बात बताता हूं. एक कुटीर आई थी पांच साल में कांग्रेस के जमाने में, जो मैंने आदिवासी भाई को दे दी थी, क्‍योंकि उसकी टपरिया आदिवासी भाई की जब आंधी, तूफान तथा बरसात आती थी तो उड़ जाती थी उसका कनस्तर रखा रह जाता था या उसका चूल्हा बना हुआ रह जाता था. पहले मैंने उनको12 हजार रूपये दिये. मैंन उनसे कहा कि आप अपना मकान बनाईये. तो दो महीने बाद जब मकान को देखने गया तो उसने इतनी बड़ी दीवाल ऊपर से कर ली जाल डालकर उसमें कहीं पर कबूतर, मुर्गे, मुर्गियां पले हुए मिले. मैंने पूछा कि यह आपने क्या कर लिया तुमने और उसने कहा कि 12 हजार रूपये में दड़बा नहीं बनेगा तो क्या ताजमहल बनेगा. यह बात कही और हमने सुनी है. वास्तव में हमको इस बात का गर्व होता है कि अब मोदी जी ने जो दिया है, वह वास्तव में ताजमहल जैसा घर बना हुआ है. यह हम कह सकते हैं उसमें नल की सुविधा, बिजली की सुविधा, गैस की सुविधा, चूल्हे की सुविधा हर चीज की सुविधा करके हमारे मोदी जी ने देश के गरीबों का सम्मान बढ़ाया है. हमारे मोदी जी देश का सम्मान बढ़ाते हैं उनके बारे में आप लोग बोलते हैं कहीं उनका बाल खींचते हैं, तो कहीं कुछ कहते हैं, ऐसा नहीं होना चाहिये. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है. आज बजट भाषण को सुन रहा था उस बजट के अंदर गरीबों, नौजवानों, हर वर्ग का सम्मान किया है. इसलिये मैं बहुत ज्यादा न कहते हुए इतना ही कहना चाहता हूं कि हमारे पिछोर विधान सभा के क्षेत्र पर नजर डालें. पिछोर विधान सभा में थोड़ी हमें दिक्कतें आ रही हैं. वहां का एस.पी.भाजपा वालों को दुश्मन मानकर के चलता है. यह सोचिये कि पिछोर में लोधी देश में मोदी और एस.पी.हो रहा है विरोधी. इसलिये आपसे कहना चाहता हूं कि उसका आप इंतजाम करिये. पिछोर में 30 साल के बाद कांग्रेस से सीट छुड़वाई है. 30 साल में भारतीय जनता पार्टी की झोली में सीट आयी है. वहां का कार्यकर्ता इतना दुखी है वह आंदोलन इसलिये नहीं करता है, क्योंकि हमारी सरकार है. इसलिये मैं आप लोगों को अवगत कराना चाहता हूं कि उस एस.पी.का इंतजाम करिये क्योंकि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता, जिला सदस्य, जिसको गोली मारी गई, उसकी गाड़ियां तोड़ी गईं. अभी तक वहां के अपराधी अरेस्ट नहीं हुए हैं. वह लोग एसपी की छत्रछाया में अभी तक भी सहयोग कर रहा हूं. हमारे कार्यकर्ताओं को अभी तक न्याय नहीं मिल रहा है. इसलिये सभापति जी ऐसे लोगों को वहां का एस.पी.संरक्षण दे रहा है इनको आप हटवाईये और इनके विरूद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करिये. आपने मुझे बोलने का समय दिया धन्यवाद.

          सभापति महोदयबहुत बहुत धन्यवाद. विधान सभा की कार्यवाही गुरूवार, दिनांक 13 मार्च, 2025 को प्रातः 11.00 बजे तक के लिये स्थगित.

          अपराह्न 6.09 बजे विधान सभा की कार्यवाही गुरूवार, दिनांक 13 मार्च, 2025 (फाल्गुन 22, शक संवत् 1946) को प्रातः 11.00 बजे तक के लिये स्थगित की गई.

 

 

भोपाल,                                                                                    ए.पी.सिंह

दिनांकः 12 मार्च, 2025                                                               प्रमुख सचिव

                                                                                       मध्यप्रदेश विधान सभा