मध्यप्रदेश विधान सभा
की
कार्यवाही
(अधिकृत विवरण)
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षोडश विधान सभा द्वितीय सत्र
फरवरी, 2024 सत्र
सोमवार, दिनांक 12 फरवरी, 2024
( 23 माघ, शक संवत् 1945)
[खण्ड- 2 ] [अंक- 4 ]
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मध्यप्रदेश विधान सभा
सोमवार, दिनांक 12 फरवरी, 2024
(23 माघ, शक संवत् 1945)
विधान सभा पूर्वाह्न 11.02 बजे समवेत हुई.
{अध्यक्ष महोदय (श्री नरेन्द्र सिंह तोमर) पीठासीन हुए.}
तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर
मेडिकल कॉलेज का भवन निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
1. ( *क्र. 1293 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा टीकमगढ़ जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति दी जा चुकी है? कृपया ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर यह भी बताएं कि मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई है? प्रश्न दिनांक तक भवन निर्माण हेतु शासन द्वारा एवं जिले से भूमि आवंटन हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है? कृपया अद्यतन स्थिति से अवगत कराएं एवं संपूर्ण कार्यवाही का विवरण प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक भूमि आवंटन न होने के क्या-क्या कारण हैं? मवई के पास की भूमि पर मेडिकल कॉलेज भवन बनेगा तो किस स्थान पर भवन बनने से जिले की जनता को अधिक लाभ होगा? कृपया कारण सहित संपूर्ण जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कब तक मेडिकल कॉलेज का भवन निर्माण कार्य स्वीकृत राशि से प्रारंभ हो जायेगा?
उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। टीकमगढ़ जिले में चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने की सैद्धांतिक सहमति दी गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। मेडिकल कॉलेज हेतु आवंटित भूमि पर माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 29472/2023 विचाराधीन है। माननीय उच्च न्यायालय के पारित आदेश दिनांक 05.12.2023 द्वारा कलेक्टर के आदेश दिनांक 08.09.2023 को स्थगित रखा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
श्री हरिशंकर खटीक- माननीय अध्यक्ष महोदय, मध्यप्रदेश सरकार द्वारा टीकमगढ़ जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई थी. इसकी स्वीकृति के पूर्व जिला प्रशासन ने तैयारी की थी और ग्राम मवई के पास जमीन आवंटित करने की कार्यवाही की गई थी, उसमें 18 हैक्टेयर भूमि आवंटित की गई थी लेकिन शासन द्वारा तय मापदण्ड के अनुसार 5 किलोमीटर दूर मेडिकल कॉलेज नहीं बनाया जा सकता है, ऐसा शासन का आदेश है.
माननीय अध्यक्ष महोदय, सर्वप्रथम मैं, अपनी सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं कि हमारी सरकार ने मेडिकल कॉलेज खोलने की जो सैद्धांतिक स्वीकृति दी है, उसके लिए मैं, पूरे टीकमगढ़ जिले की ओर से धन्यवाद देना चाहता हूं.
माननीय अध्यक्ष महोदय, इसके बाद टीकमगढ़-कुण्डेश्वर रोड पर दूसरी जमीन आवंटित की गई थी, जो कि कृषि विभाग की भूमि है. कृषि विभाग के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा उस भूमि पर स्थगन दे दिया गया है. मैं, माननीय मंत्री जी से प्रार्थना करना चाहता हूं कि एक अन्य भूमि जो टीकमगढ़ से धजरई रोड पर लगभग 5 किलोमीटर दूरी पर है और 25 एकड़ से अधिक भूमि है.
मेरा निवेदन है कि मंत्री जी आदेश करें कि वह भूमि जो किलोमीटर की सीमा में है, उस भूमि को आवंटित करने की कार्यवाही की जाये.
श्री राजेन्द्र शुक्ल- माननीय अध्यक्ष महोदय, जैसा कि सदस्य महोदय ने बताया कि जो भूमि आवंटित थी उसमें माननीय उच्च न्यायालय से स्टे लगे होने के कारण काम आगे नहीं बढ़ा है, दूसरी भूमि का जो भी विकल्प उपलब्ध है, उसके लिए विभाग जरूर शासन को लिखेगा और दूसरी भूमि मेडिकल कॉलेज के लिए आरक्षित हो जाये, इसके लिए हम जरूर निर्देशित करेंगे.
श्री हरिशंकर खटीक- अध्यक्ष महोदय, टीकमगढ़ से धजरई रोड पर भूमि है. क्योंकि पूर्व में टीकमगढ़ से कुण्डेश्वर रोड की भूमि पर स्टे लगा हुआ है और दूर जाने से भूमि मिलेगी नहीं. टीकमगढ़ से जतारा रोड है, वहां पहले मवई की भूमि आवंटित हुई थी लेकिन मवई दूर पड़ता है परंतु धजरई टीकमगढ़ से पास पड़ता है, यह 5 किलोमीटर की सीमा में भी आयेगा. यह भूमि आवंटित करने के लिए कार्यवाही की जाये.
तत्कालीन मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्चुअली, बाउंड्री वॉल के लिए स्वीकृति राशि का भूमि पूजन भी कर दिया गया था. इसलिए क्षेत्र में जनता हमसे पूछती हैं कि यह कार्य कब तक प्रारंभ होगा. हमारी प्रार्थना है कि मंत्री जी निर्देश जारी करें और विनम्र प्रार्थना है कि आज ही जारी करें, जिससे भूमि समय-सीमा में आवंटित हो जाये और जो वर्चुअली भूमि पूजन किया गया था, उसका कार्य प्रारंभ हो जाये.
श्री राजेन्द्र शुक्ल- अध्यक्ष महोदय, जैसा कि सदस्य ने बताया परंतु वहां बाउंड्री वॉल तो तब बनेगी जब भूमि, न्यायालय के स्टे से बाहर आयेगी. चूंकि स्टे लगा हुआ है इसलिए बाउंड्री वॉल बनाना संभव नहीं है. नई भूमि जिसके लिए आपने सुझाव दिया है उसके लिए हम जरूर जिला प्रशासन को लिखेंगे. गुण दोष के आधार पर, मापदंडों के आधार पर यदि वह उपयुक्त पाई जायेगी तो उसके आरक्षण की कार्यवाही करेंगे.
श्री हरिशंकर खटीक-- माननीय अध्यक्ष महोदय, आपको भी धन्यवाद और माननीय मंत्री जी को भी धन्यवाद.
परिशिष्ट - "दो" ओला पीड़ित किसानों को राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
2. ( *क्र. 289 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा के जनपद पंचायत जवा राजस्व तहसील जवा वृत्त अतरैला के अधीन ग्रामों में वर्ष 2023 के माह मार्च-अप्रैल में प्राकृतिक आपदा ओलावृष्टि के द्वारा कृषकों की फसल चौपट होने के उपरांत सर्वे कार्य कराया गया था? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि लगभग 10 माह व्यतीत हो जाने के पश्चात भी किसानों को राहत राशि प्रदाय नहीं की जा सकी? (ख) प्रश्नांक (क) के अनुक्रम में जनपद पंचायत जवा के अधीन कुल कितने ग्रामों का ओलावृष्टि राहत राशि का सर्वे कराकर क्षतिपूर्ति राहत राशि का प्रकरण तैयार किया गया था? कुल कितने कृषकों के बैंक खातों में राहत राशि ट्रांसफर कर दी गई है तथा कुल ऐसे कितने कृषक शेष हैं, जिनके खातों में अभी तक राहत राशि ट्रांसफर नहीं की जा सकी है? (ग) कब तक ऐसे वंचित किसानों के बैंक खातों में ओला पाला क्षतिपूर्ति राहत राशि ट्रांसफर की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। वृत्त अतरैला अंतर्गत कुल 1313 कृषक प्रभावित पाये गये थे, जिनमें से 678 कृषकों का सहखाते में भूमि दर्ज होने से एवं सहखातेदारों के मध्य सहमति न बनने एवं बैंक खाता आधार लिंक न होने के कारण राहत राशि प्रदाय नहीं की जा सकी है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में जनपद पंचायत जवा अन्तर्गत कुल 28 ग्रामों में ओलावृष्टि से हुई क्षति का हल्का पटवारियों से सर्वे कराया गया था, जिसमें से राजस्व वृत्त अतरैला अन्तर्गत कुल 24 ग्रामों में 1313 प्रभावित कृषक एवं राजस्व वृत्त जवा के 4 ग्रामों में 376 प्रभावित कृषक पाये गये थे। कुल 1689 कृषकों का क्षतिपूर्ति राशि का प्रकरण तैयार किया गया था, जिसमें से 907 कृषकों के बैंक खातों में राहत राशि ट्रान्सफर कर दी गई है। शेष 782 प्रभावित कृषकों की भूमि सहखाते में होने व सहखातेदारों के मध्य सहमति न बनने एवं बैंक खाता आधार लिंक न होने के कारण राहत राशि ट्रान्सफर नहीं की जा सकी है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
श्री दिव्यराज सिंह--माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरे विधान सभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत हमारा जो जवा क्षेत्र है वहां पिछले साल मार्च में ओलावृष्टि हुई थी जिसका मैंने और तत्कालीन कलेक्टर ने स्थल निरीक्षण भी किया था, लेकिन लगभग एक वर्ष होने को आया है वहां के राजस्व अमले ने इसका मुआवजा बांटने का काम बहुत ही धीमा किया है. मैं मंत्री जी को धन्यवाद देता हूं कि मेरे प्रश्न लगाने के बाद कम से कम दो दिन पहले से इन्होंने मुआवजा देना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी भी कई सारे लोग छूट रहे हैं. मेरा माननीय मंत्री जी से निवेदन है कि अगर पटवारी के पास लोगों ने आवेदन किये थे क्योंकि लगभग 100 लोग उसमें अभी भी छूट रहे हैं जिनकी मुआवजा राशि अभी भी नहीं बनी है. मैं माननीय मंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूं कि पटवारी के पास उनके आवेदन पड़े हुए हैं तो उन आवेदनों को निकलवाकर और उन आवेदनों का परीक्षण करके उनका नाम भी इसमें जोड़ा जाए.
श्री कैलाश विजयवर्गीय-- माननीय अध्यक्ष महोदय, जैसा कि माननीय विधायक जी ने बताया है कि कुल 1689 प्रभावित कृषक हैं और वितरण योग्य राहत राशि 88 लाख 37 हजार है. निश्चित रूप से इसमें चुनाव के कारण, पटवारियों की हड़ताल के कारण थोड़ा सा विलंब हुआ है. जैसे ही माननीय विधायक जी ने प्रश्न पूछा वैसे ही एकदम वितरण का कार्य चालू हो गया है, लेकिन लगभग 175 खाते ऐसे हैं जो कि आधार से लिंक नहीं हैं. मैंने कलेक्टर को निर्देश दिये हैं कि उनसे बात करके, उनके खातों को आधार से लिंक करके उनकी मुआवजा राशि भी वितरित की जाए. जहां तक आपने कहा है कि नए कुछ लोग छूट गए हैं तो मुझे लगता है कि उस समय जिनका सर्वे किया था उन सभी के नाम इसमें आ गए हैं और अभी मेरी जानकारी के अनुसार वहां कोई भी एप्लीकेशन विलंबित नहीं है और यदि माननीय विधायक जी बताएंगे तो हम एक बार उसका परीक्षण करा लेंगे.
श्री दिव्यराज सिंह-- माननीय अध्यक्ष महोदय, इसमें मेरा ऐसा मानना है कि जो जानकारी है मैंने अपने क्षेत्र से कार्यकर्ताओं के माध्यम से निकलवाई है इसमें लगभग 60 से 100 लोगों के नाम छूटे हुए हैं जिनकी सूची मैं माननीय मंत्री जी को दे दूंगा. उसमें कुछ नाम हैं जैसे रघुवीर प्रसाद साहू, उर्मिला साहू और कुछ लोगों के नाम उसमें छूटे हुए हैं उनका भी एक बार परीक्षण कर लें. इसमें रामरति पाण्डे नाम का एक पटवारी है जिसने इस कार्य में बहुत लापरवाही की है अगर हम उसके पास से दस्तावेज निकलवा लें, क्योंकि उसने उन दस्तावेजों को दबाकर रखा है, अगर वह दस्तावेज एसडीएम के माध्यम से प्राप्त हो जाएंगे तो उन आवेदकों के नाम भी जोड़ दिये जाएंगे. मेरा मंत्री जी से निवेदन है कि जो छूटे हुए नाम हैं और अगर पटवारी के पास उनके आवेदन पड़े हुए हैं तो उन नामों को भी जोड़ने का कष्ट करें. मैं दोबारा सर्वे की बात नहीं कह रहा हूं मेरा निवेदन केवल इतना सा ही है कि पटवारी के पास जो छूटे हुए आवेदन हैं उनको भी उसमें जुड़वा दिया जाए.
श्री कैलाश विजयवर्गीय-- माननीय अध्यक्ष जी, इसे देख लेंगे. मेरी जानकारी अनुसार जितने सर्वे हुए थे सभी नाम आ गए हैं परंतु यदि माननीय विधायक जी कह रहे हैं तो मैं कलेक्टर को निर्देशित कर दूंगा कि इस प्रकार के कोई आवेदन बाकी हैं जिनका सर्वे हो चुका है और उनका मुआवजा नहीं बना है तो तत्काल बनाने के निर्देश दे देंगे.
श्री दिव्यराज सिंह -- धन्यवाद मंत्री जी.
सिविल हॉस्पिटल निर्माण की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
3. ( *क्र. 1039 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीतामऊ सिविल हॉस्पिटल की स्वीकृति दिनांक एवं हॉस्पिटल हेतु आरक्षित चिन्हित भूमि सर्वे क्र. की जानकारी देवें तथा आरक्षित भूमि में निर्माणाधीन भवन का सर्वे क्र. एवं रिक्त पडे़ सर्वे क्र. की जानकारी पृथक-पृथक देवें? (ख) जनप्रतिनिधि एवं राजस्व तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा किए गए भूमि पूजन के सर्वे क्र. एवं स्थान की जानकारी देवें? (ग) जन भावना को दृष्टिगत रखते हुए भूमि पूजन जिस स्थान पर हुआ था, उस ही स्थान पर निर्माण कार्य किया जा रहा या अन्य स्थान पर निर्माण हो रहा है? यदि अन्य स्थान पर निर्माण हो रहा है, तो कारण की जानकारी देवें। (घ) क्या राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त निर्माण कार्य जो कि भूमि पूजन स्थान को छोड़ अन्य स्थान पर हो रहा है, उसे बंद कराने के आदेश दिए थे? यदि हाँ, तो वर्तमान निर्माण की स्थिति से अवगत करावें।
उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सीतामऊ में 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का 50 बिस्तरीय सिविल हॉस्पिटल में उन्नयन/निर्माण कार्य हेतु मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक PHFW-234/2022/सत्रह/मेडि-3, दिनांक 22.04.2023 द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी एवं जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (ख) जनप्रतिनिधि एवं राजस्व तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा सर्वे क्रमांक 338/1/1 कस्बा सीतामऊ तहसील सीतामऊ में भूमिपूजन किया गया। (ग) भूमिपूजन जिस स्थान पर हुआ था, उसी स्थान पर भवन निर्माण किया जा रहा है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्री हरदीप सिंह डंग-- माननीय अध्यक्ष महोदय, कोई विधायक प्रश्न तभी पूछता है जहां पर उसको कुछ कमी नजर आती है. मेरा प्रश्न बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसमें मैंने तीन बातें पूछी हैं एक तो आवंटित भूमि में से जो निर्माण कार्य चल रहा है उसके अतिरिक्त उस आवंटित भूमि में से कितनी भूमि रिक्त पड़ी है. इसमें उत्तर आया है कि शासकीय भूमि में से कितनी भूमि आवंटित की गई है मैंने वह नहीं पूछा है मैंने यह पूछा है कि आवंटित भूमि में से कितनी भूमि रिक्त पड़ी है एक तो मेरे पास उसका उत्तर आ जाए और दूसरा प्रश्न यह था कि जब भूमिपूजन हुआ उसमें कौन-कौन से अधिकारी उपस्थित थे वह इसलिए पूछा गया उसमें आपने उत्तर दे दिया कि उसमें राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग के जनप्रतिनिधि थे बिलकुल सही है वह इसलिए पूछा गया कि तीसरे नंबर पर जो प्रश्न पूछा गया है कि जहां पर भूमि पूजन हुआ था उसी स्थान पर निर्माण कार्य चल रहा है यह बिलकुल असत्य जानकारी सदन में दी जा रही है. इसीलिए नाम पूछा गया है कि वहां पर कौन-कौन उपस्थित थे. बात छोटी है परन्तु सदन में गलत जानकारी देने की है कि जहां पर भूमि पूजन हुआ था वहीं निर्माण कार्य चल रहा है यह गलत जानकारी दी गई है. इसकी जांच आप तत्काल करें. वहां पर एसडीएम, तहसीलदार, स्वास्थ्य विभाग से बीएमओ उपस्थित थे और ठेकेदार उपस्थित थे. इन लोगों ने स्थान बदलकर दूसरे स्थान पर निर्माण प्रारंभ कर दिया है. सर्वे नंबर एक ही है परन्तु जहां पर भूमि पूजन हुआ था वहां निर्माण नहीं किया जा रहा है. एक भू-माफिया को लाभ पहुंचाने के लिए पीछे की तरफ निर्माण किया जा रहा है. यह हास्पिटल जनहित में रोड पर बनना था इसे इन्होंने पीछे बनाना शुरु किया है. इस निर्माण कार्य को तत्काल रोका जाए. आप यहां से एक आदेश दें, एसडीएम को, तहसीलदार को, बीएमओ को टेलीफोन करें और उनसे पूछें कि जहां पर भूमि पूजन किया गया था क्या वहां पर निर्माण कार्य हो रहा है. वे इसकी जानकारी दें.
श्री राजेन्द्र शुक्ल -- माननीय अध्यक्ष महोदय, सीतामऊ सिविल अस्पताल में लगभग 19 करोड़, 32 लाख रुपए के उन्नयन की आपके विशेष प्रयास से मंजूरी मिली है.
श्री हरदीप सिंह डंग-- उसके लिए पूरे शासन को बहुत-बहुत धन्यवाद.
श्री राजेन्द्र शुक्ल -- माननीय अध्यक्ष महोदय, उसके लिए मैं आपको बधाई देता हूँ. जहां तक भूमि पूजन का सवाल है. एक पीस ऑफ लेंड है जिसमें 25 प्रतिशत ओपन एरिया था उसके बाद एक हेरिटेज बिल्डिंग है और 75 प्रतिशत एरिया उस हेरिटेज बिल्डिंग के पीछे है जो कि एक ही जमीन का खसरा नंबर है. भूमि पूजन माननीय सदस्य ने किया था. भूमि पूजन वहां पर हुआ था जहां खुला क्षेत्र था, साफ सुथरा था. भूमि पूजन तो वहीं होता है जहां साफ सुथरा रहता है, पीछे झाड़ झंगाड़ था. लेकिन जब 17 हजार स्क्वायर फिट में 19 करोड़ रुपए की बिल्डिंग बनाने की बात आई तो उसके लिए वह जमीन छोटी थी तो पीछे जो बड़ी जमीन थी, जो कि आवंटित है उस पर निर्माण कार्य शुरु हुआ है. कहीं कोई एप्रोच की भी समस्या नहीं है. सामने कृषि विभाग का ऑफिस है. बीच में हेरिटेज बिल्डिंग है. उन दोनों के बीच में माननीय सदस्य ने भूमि पूजन किया था और उसके पीछे एक बहुत बड़ी जमीन है, जहां पर यह बिल्डिंग बनेगी. इससे सामने का जो एरिया है वह पार्किंग में और अन्य कामों में उपयोग होगा क्योंकि सिविल अस्पताल में काफी फुटफाल रहता है. सामने ओपन एरिया रहेगा तो आपके लिए ज्यादा सुविधाजनक रहेगा. चूंकि जहां पर आपने भूमि पूजन किया है वहां पर लोगों के बैठने की बहुत बड़ी जगह रहेगी. आप यह मानकर चलें कि आपका भूमि पूजन बहुत सार्थक है.
श्री हरदीप सिंह डंग -- माननीय अध्यक्ष महोदय, जिन्होंने आपको यह जानकारी दी है उनको धन्यवाद. मैं वहां पर रहता हूँ. मेरा जन्म वहां पर हुआ है. वहां पर पार्किंग के लिए कौन सी जमीन उपयुक्त होगी, कहां पर बिल्डिंग बनना चाहिए. तीन जगह कैंसिल करके मऊखेड़ा रोड पर कैंसिल की, लदूना रोड पर कैंसिल की और जहां पर भूमि पूजन किया वहां पर पूरी जनता को बुलाकर वहां के नगर पालिका के अध्यक्ष, मैं, एसडीएम, पूरे अधिकारी पूरे जनप्रतिनिधि उपस्थित थे. सबने तय किया था कि बिल्डिंग यहां पर बनेगी जो जनता की सुविधा के लिए रहेगी. परन्तु जहां पीछे बिल्डिंग बना रहे हैं वहां पर मरीज को ले जाने के लिए एक्सट्रा टाइम बर्बाद होगा. वहां पर वाहनों के जाने के लिए उचित जगह नहीं है. इसलिए तत्काल इस निर्माण कार्य को रोका जाए. जहां पर भूमि पूजन हुआ था वहां पर ही इसका निर्माण कार्य किया जाए. मंत्री जी आप खुद कह रहे हैं कि जहां पर भूमि पूजन हुआ था उसके पीछे बिल्डिंग बनाई जा रही है. उत्तर में दिया जा रहा है कि जहां पर भूमि पूजन हुआ था वहीं पर निर्माण कार्य चल रहा है. सर्वे नंबर एक है परन्तु स्थान एक नहीं है.
अध्यक्ष महोदय -- हरदीप जी प्रश्न आ गया है अब मंत्री जी को बोलने दीजिए.
श्री राजेन्द्र शुक्ल -- माननीय अध्यक्ष महोदय, उत्तर में तो यह दिया गया है कि जिस भूमि पर भूमि पूजन हुआ था उसी भूमि पर निर्माण कार्य हो रहा है. भूमि कोई एक पाइंट तो है नहीं पूरा रकबा है. उसी रकबे पर ही निर्माण हो रहा है, रकबा चेंज नहीं हुआ है. जहां पर ज्यादा फैला हुआ क्षेत्र है वहां पर बिल्डिंग बनाने से फायदा होगा यह सोचकर बनाया जा रहा है. चूंकि आप वहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि हैं और यदि आपकी कुछ बात है तो उसके पीछे जरुर कुछ न कुछ कारण होगा. आपके साथ बैठकर चर्चा करके जब तक आपको संतुष्ट नहीं कर लेंगे तब तक आगे नहीं बढ़ेंगे.
श्री हरदीप सिंह डंग -- अध्यक्ष महोदय, एक तो तत्काल निर्माण कार्य रोका जाए.
अध्यक्ष महोदय -- हरदीप सिंह जी, मैं समझता हूँ पर्याप्त है.
श्री हरदीप सिंह डंग -- अध्यक्ष महोदय, यह सीरियस मेटर है, यह जनता के हित का मामला है. मंत्री जी जो कहेंगे मैं उनकी बात को मानूंगा. अभी तत्काल बंद कराया जाए और यह जिसने उत्तर दिया, जहां से आया है क्या वहां पर ही निर्माण कार्य ? इसका मतलब है कि हम गलत, हम असत्य और वह सत्य हैं ? इस पर तत्काल कार्यवाही की जाए जिसने भी गलत उत्तर दिया है.
अध्यक्ष महोदय -- मंत्री जी ने आपको कहा है कि व्यक्तिगत रूप से आप बात कर लें. आपको संतुष्ट करेंगे तभी आगे बढेंगे. इससे ज्यादा और क्या हो सकता है ?
श्री राजेन्द्र शुक्ल -- अध्यक्ष महोदय, उत्तर बिल्कुल गलत नहीं है. भूमि वही है, आगे-पीछे का मामला है. उत्तर सही है. आपकी यदि उसमें कोई आपत्ति है तो बात करकें हम लोग देखेंगे, क्योंकि उसमें करीब 70-75 लाख रुपये खर्च भी हो गये हैं.
श्री हरदीप सिंह डंग -- मात्र 15 परसेंट है.
श्री राजेन्द्र शुक्ल -- 76 लाख रुपये खर्च हो गया है.
अध्यक्ष महोदय -- चलिये, संपर्क से समाधान करें. प्रश्न क्रमांक 4 वीरेन्द्र सिंह लोधी जी.
श्री हरदीप सिंह डंग -- अध्यक्ष महोदय, आपका संरक्षण चाहता हूं कि 15 परसेंट मात्र काम हुआ है और वह जनता के हित का मामला है, तो खाली वह काम रोक दिया जाए.
अध्यक्ष महोदय -- हरदीप जी, आपकी बात आ गई है.
श्री हरदीप सिंह डंग -- इतना आश्वासन आ जाए कि अभी काम रुक जाएगा. तब तक अगला काम नहीं चलेगा. उस काम को रोक दिया जाए.
अध्यक्ष महोदय -- नहीं, अब कार्यसूची आगे बढ गई.
श्री हरदीप सिंह डंग -- अध्यक्ष महोदय, प्लीज मेरा निवेदन है वह जनहित का मामला है, आपका संरक्षण चाहता हूं कि उस काम को रोक दिया जाए. बहुत महत्वपूर्ण है नहीं तो मैं इतनी जिद नहीं करता है.
अध्यक्ष महोदय -- मैं समझता हूं कि चर्चा पर्याप्त हो गई है.
श्री हरदीप सिंह डंग -- खाली निर्माण कार्य को अभी तत्काल बंद कर दिया जाए.
अध्यक्ष महोदय -- आप चर्चा करेंगे तो समाधान निकल आएगा. प्रश्न क्रमांक 4 श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी जी.
संसदीय कार्य मंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय) -- आप अभी आकर मिल लेना.
श्री हरदीप सिंह डंग -- जी. धन्यवाद.
पेयजल उपयोग हेतु पगराडैम से 2 एम.सी.एम. पानी का आवंटन
[जल संसाधन]
4. ( *क्र. 614 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बंडा नगर के पेयजल उपयोग हेतु पगराडैम से 2 एम.सी.एम. पानी नगर परिषद बंडा को आवंटित हो जायेगा? (ख) आवंटन में कितना समय लगेगा? (ग) क्या आवंटन की कार्यवाही एक माह में होना संभव है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) वस्तुस्थिति यह है कि बेवस नदी पर निर्मित पगरा बांध में अनुपयोगी जल क्षमता (Dead Storage including Water below LSL + Evaporation Losses + Drinking Water use + Industrial Water use) 20.93 मि.घ.मी. है, जिसमें से वाष्पीकरण को घटाते हुए पगरा बांध से संलग्न परिशिष्ट अनुसार जल पूर्व से ही आवंटित किया जाना प्रतिवेदित है। अतः नगर परिषद् बण्डा को वर्तमान में पगरा डैम से 02 एम.सी.एम. जल आवंटित किया जाना संभव नहीं है, क्योंकि नगर परिषद बंडा की मांग अनुसार बेवस नदी से 2.00 मि.घ.मी. वार्षिक जल वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल भोपाल के आदेश दिनांक 13.03.2023 द्वारा आवंटित किया जा चुका है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी -- अध्यक्ष महोदय, आपने मुझे इस लोकतंत्र के मंदिर में बोलने का पहला अवसर दिया आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं. आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूं कि मेरी बंडा विधान सभा क्षेत्र में जो बंडा नगर है वहां कई वर्षों में 6 से 8 दिन में पीने का पानी उपलब्ध होता है. बेवस नदी से जहां 2.00 मि.घ.मी. पानी आवंटित हुआ है वहां से कई वर्षों से हम लोग पानी उठाते हैं, मगर उससे हर दिन नगर को पानी मिलना संभव नहीं है तो मैं चाहता हूं कि जो उसके नीचे पगरा डैम बंधा है उससे नगर के लिये हमको पानी आवंटित करवाने की कृपा करें.
श्री तुलसीराम सिलावट -- अध्यक्ष महोदय, सदस्य ने जो भावना व्यक्त की है मैं भी मानता हूं कि पानी की कमी है. जिस डैम से आप बात कर रहे हैं वहां से पानी देना संभव नहीं है. हमने इनको बेवस नदी से 2.00 एमसीएम पानी आवंटित कर दिया है. कोई वैकल्पिक व्यवस्था बताएं तो उस डैम से पानी देने की कोशिश करेंगे.
श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी -- अध्यक्ष महोदय, जहां से अभी पानी आवंटित हुआ है वहां से कई वर्षों से पानी की लिफ्टिंग की जाती है मगर उससे 6-8 दिन में ही हमें पानी उपलब्ध हो पाता है.
श्री तुलसीराम सिलावट -- अध्यक्ष महोदय, मैंने आपसे पहले ही अनुरोध किया है कि कोई अन्य विकल्प बता दें जिस प्रकार से पंचम नगर परियोजना है वह 26 किलोमीटर दूर है, उसी के बाद उल्दर बांध बंडा 21 किलोमीटर है, क्योंकि वहां से जल मिशन की भी पाइपलाइन जा रही है, तो हमारी कोशिश होगी कि उसमें उसको सम्मिलित करके आपके पानी का समाधान करने की हम कोशिश करेंगे.
श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी -- अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी, जो बेवस का बंडा डैम है उसकी दूरी ज्यादा है तो मुझे लगता है कि यह संभव नहीं है कि वहां से हम बंडा नगर के लिये पानी ला सकते हैं.
अध्यक्ष महोदय -- वीरेन्द्र जी, हो गया. कृपया बैठ जाएं. धन्यवाद.
चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ के रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
5. ( *क्र. 686 ) श्री संजय उइके : क्या उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र में उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सिविल अस्पताल में चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ के कितने पद स्वीकृत हैं, स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने कार्यरत हैं, कितने रिक्त हैं? (ख) बैहर विधानसभा क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त चिकित्सकों के पद कब तक भरे जायेंगे?
उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग रिक्त पदों की पूर्ति लोक सेवा आयोग तथा संविदा आधार पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से निरंतर की जाती है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
श्री संजय उइके -- अध्यक्ष महोदय, मेरा यह प्रश्न पिछले पंचवर्षीय कार्यकाल में मैं बार-बार लगाता रहा हूं डॉक्टरों की पद पूर्ति के लिये, लेकिन आज पहली बार चर्चा में आ पाया है, तो मैं आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से जानना चाहता हूं कि मेरे यहां एक सिविल अस्पताल, एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और 9 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं, जिसमें लगभग 38 डॉक्टरों के पद हैं जिनमें से 22 पद रिक्त हैं और इसमें 7 पद विषय विशेषज्ञों के हैं जिसमें एक भी पद पूर्ति नहीं हो पाई है, तो यह 22 पद और विशेषज्ञों के पदों की कब तक पद पूर्ति की जाएगी ? मैं यह माननीय मंत्री जी से जानना चाहता हूं.
श्री राजेन्द्र शुक्ल-- अध्यक्ष महोदय, इन अस्पतालों में जो रिक्त पद हैं, उसके लिये अभी तात्कालिक रुप से 21 पद के विरुद्ध 7 पद में चिकित्सा अधिकारी हैं और बाकी में 8 बांड एमबीबीएस की पोस्टिंग करके उसकी प्रति पूर्ति की गई है और 2 एनएचएम के डॉक्टर्स भी पदस्थ किये गये हैं. इसका मतलब यह है कि 7 और 8+2=17 भरे गये हैं. लेकिन पीएससी में हमारे नियमित पदों की भर्ती के लिये आवेदन वहां पर कार्यवाही में हैं और पूरे प्रदेश के लिये लगभग 406 स्पेशलिस्ट और 690 मेडिकल ऑफिसर, इनके पदों की भर्ती आने वाले 3-4 महीनों के अन्दर जब होगी, तो यह जो संविदा और बांड पोस्टिंग के डॉक्टर्स हैं, उनकी जगह हम नियमित डॉक्टर्स की भर्ती करने में सक्षम हो पायेंगे.
श्री संजय उइके-- अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से मंत्री जी से जानना चाहता हूं कि ये विशेषज्ञ डॉक्टर्स के 7 पद रिक्त हैं. इसके एक भी डॉक्टर्स की पद स्थापना नहीं हो पाई है. तो मैं चाहता हूं कि कम से कम स्त्री रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना सिविल अस्पताल बैहर में हो. यह मैं चाहता हूं.
श्री राजेन्द्र शुक्ल-- अध्यक्ष महोदय, अभी एनएचएम के थ्रू हम कोशिश करेंगे कि उन पदों की प्रति पूर्ति हो जाये. लेकिन जो रेगुलर स्पेशलिस्ट चाहिये और मेडिकल ऑफिसर चाहिये. जैसा मैंने आपको बताया कि उसकी शासन के स्वीकृत पदों के विरुद्ध जो पीएससी से भर्ती होती है, उसमें 3-4 महीने का समय लगता है. तो अभी तक जिस प्रकार की स्थिति रही है, आने वाले दिनों में उससे बेहतर स्थिति आपको मिलेगी.
श्री संजय उइके-- अध्यक्ष महोदय, जब तक रेगुलर पदस्थापना न हो, तब तक कम से कम कोई महिला डॉक्टर की पदस्थापना सप्ताह में दो दिन जिला चिकित्सालय से करने की व्यवस्था करेंगे.
अध्यक्ष महोदय-- मंत्री जी कुछ कहना चाहेंगे.
श्री राजेन्द्र शुक्ल-- अध्यक्ष महोदय, ठीक है, वह तो बात हो ही गई है. जो भी बेहतर हो सकेगा, क्योंकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर होना बहुत जरुरी है और हम लोग सारी एक्सरसाइज कर रहे हैं कि जहां कहीं से भी डॉक्टर को वहां पर पहुंचाया जा सके, पहुंचायें.
श्री सोहनलाल बाल्मीक -- अध्यक्ष महोदय, मेरा भी प्रश्न लगा हुआ है इसी से है, अनुमति हो जाये.
श्री शैलेन्द्र कुमार जैन-- अध्यक्ष महोदय, क्योंकि नये पदों का सृजन करना, नये डॉक्टर्स, फैकल्टी आने में टाइम लग रहा है, तो पूरे प्रदेश की यह स्थिति है. तो मैं यह सलाह जरुर देना चाहता हूं कि जो डॉक्टर्स, फैकल्टी, विशेषज्ञ हमारे रिटायर हो गये हैं, उनको अगर किसी पैकेज के तहत उनकी सेवायें ले ली जायें, तो मैं समझता हूं कि वह एक बेहतर विकल्प होगा और पूरे प्रदेश को इसका लाभ मिलेगा.
अध्यक्ष महोदय-- यह तो सुझाव है.
श्री सोहनलाल बाल्मीक -- अध्यक्ष महोदय, चूंकि मेरा भी प्रश्न इसमें लगा हुआ था, लेकिन वह नहीं आ पाया है. मैंने मंत्री जी जी को पत्र दिया है. मेरे विधान सभा क्षेत्र में 100 बिस्तर के अस्पताल की बिल्डिंग बन चुकी है, वह कम्पलीट हो चुका है. शिफ्ट भी हो गया है हास्पीटल. मगर उसमें वर्ष 2019 में 1 करोड़ 77 लाख रुपये का प्रावधान था उपकरणों का. उन उपकरणों के बारे में कई पत्र लिख चुका हूं, विभाग से मुझे जवाब नहीं मिल पा रहा है. यदि उस व्यवस्था को आप बना देंगे, तो जो हमारा 100 बिस्तर का अस्पताल है, वह सुचारु रुप से संचालित हो जायेगा और जो उसका एक स्टैण्डर्ड होता है कि डॉक्टर्स का, पैरामेडिकल स्टाफ का, वह भी यदि व्यवस्था बन जायेगी, तो उस बिल्डिंग बनने का कोई औचित्य होगा और वह सुचारु रुप से संचालित होगा. यह परासिया का है, मैंने आपको पत्र भी दिया है.
श्री राजेन्द्र शुक्ल-- अध्यक्ष महोदय, ठीक है, मैं माननीय सदस्य के साथ बैठकर देख लूंगा कि क्या हो सकता है, क्योंकि आज कर्मचारी चयन मण्डल से भी हमें पर्याप्त पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की जो प्रक्रिया थी, आज उसके परिणाम निकलेंगे, तो उससे हमें काफी पैरा मेडिकल का स्टाफ मिलेगा.
श्री सोहनलाल बाल्मीक -- अध्यक्ष महोदय, मैं कब आऊं, मुझे समय बता दीजियेगा. कब मिलूं आपसे मैं.
श्री राजेन्द्र शुक्ल-- अध्यक्ष महोदय, आप तो आज ही मिल सकते हैं.
श्री सोहनलाल बाल्मीक -- अध्यक्ष महोदय, चलिये ठीक है.
अध्यक्ष महोदय-- कभी भी मिलो, सरकार पूरी तरह आपकी सेवा के लिये तैयार है. सही है ना.
माननीय मुख्यमंत्रीजी की गई घोषणा का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
6. ( *क्र. 1136 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ब्लॉक गैरतगंज में डैम बनाने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गयी थी? यदि हाँ, तो डैम की स्वीकृति कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित डैम का सर्वे विभाग द्वारा कराया जा चुका है? यदि हाँ, तो कितने किसानों की भूमि सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है? पंचायतवार जानकारी देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। मदनपुर तालाब, बेलनागढ़ी तालाब एवं सईदपुर तालाब की डी.पी.आर. परीक्षणाधीन होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। स्वीकृति हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है।
डॉ. प्रभुराम चौधरी--अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से मंत्री जी से जो मैंने प्रश्न किया था, उसमें मैंने पूछा था कि मुख्यमंत्री जी के द्वारा कितने तालाब की घोषणा की गई. तो मंत्री जी ने जवाब तो दिया है कि कहुला, मदनपुर, बेलनागढ़ी और सईदपुर तालाब की घोषणा की गई थी. मैंने दूसरा इसमें साथ में यह भी प्रश्न किया था कि इसकी स्वीकृति कब तक की जायेगी. तो मंत्री जी ने जो उत्तर दिया है, उसमें कहुला डैम का तो बताया है कि इसकी प्रशासकीय स्वीकृति हो गई है, लेकिन 3 डैम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि यह डैम कब तक स्वीकृत किये जायेंगे. अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से जानना चाहता हूं कि बाकी तीनों डेम मदनपुर तालाब, बेलनागढ़ी तालाब एवं सईदपुर तालाब कब तक स्वीकृत कर देंगे?
श्री तुलसीराम सिलावट - अध्यक्ष महोदय, हमारे यह वरिष्ठ सदस्य हैं, जो मुख्यमंत्री जी ने घोषणाएं की थी, उनको पूरा करने का हमारी सरकार का दायित्व है.
अध्यक्ष महोदय - आप दोनों के बीच आत्मीयता काफी है तो दूरी दिखनी नहीं चाहिए.
श्री तुलसीराम सिलावट - अध्यक्ष महोदय, जो इन्होंने कहुला डेम की बात की है, वह 11 करोड़ 98 लाख रुपये की है. इसमें सिंचाई का रकबा 406 हैक्टेयर है, इनको मध्यप्रदेश सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं, उसकी प्रशासकीय हमने दे दी है. मदनपुर तालाब की लागत 23 करोड़ 7 लाख रुपये है, सिंचाई का रकबा 825 है, इसका परीक्षण कराकर कार्यवाही की जाएगी. सईदपुरा तालाब, इसकी लागत 9826 लाख रुपये है, इससे 3177 हैक्टेयर में सिंचाई होगी. इसमें परीक्षण कराकर कार्यवाही कर रहे हैं. एक जो गंभीर मामला बेलनागढ़ी का है, इसकी लागत 16 करोड़ 28 लाख रुपये है इसमें प्रति हैक्टेयर लागत एवं डूब सिंचित क्षेत्र का जो मापदण्ड है वह बढ़कर 37 प्रतिशत आ रहा है, जबकि हमारा मापदण्ड 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए, यह बाधा आ रही है, यह दिक्कत है.
डॉ. प्रभुराम चौधरी- अध्यक्ष महोदय, मैंने माननीय मंत्री जी से यह जानना चाहा था, यह तो मैंने ही बता दिया था कि 4 की घोषणा की गई, आपने जवाब में यह दे दिया है. एक की स्वीकृति हुई है, 3 कब तक स्वीकृत करेंगे और जहां तक परीक्षण की बात है तो उत्तर में आपने बताया है कि इनका परीक्षण हो चुका है और जो बेलनागढ़ी की बात कर रहे हैं कि उसमें अधिक दिक्कत है तो मैं चाहता हूं कि बेलनागढ़ी का आप दोबारा परीक्षण करा लें और बाकी सईदपुर और मदनपुर का तो परीक्षण पहले ही हो चुका है और साथ में रायसेन तहसील में भादनेर डेम भी है जिसका का परीक्षण हो चुका है और वह इंजीनियर इन चीफ लेवल पर भी लंबित है तो मैं माननीय मंत्री जी से यही निवेदन कर रहा हूं, मूल प्रश्न ही यह है कि मैंने जो प्रश्न पूछा था कि घोषणा की गई तो घोषणा 4 की गई, अब कब तक उनको स्वीकृत कर देंगे, एक जो स्वीकृति हुई है उसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं कि कहुला का आपने पहले ही स्वीकृत कर दिया है, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
अध्यक्ष महोदय- प्रभुराम जी का प्रश्न है कि कब तक स्वीकृत कर देंगे? हां या न में जवाब दे दें.
श्री तुलसीराम सिलावट - अध्यक्ष महोदय. अतिशीघ्र.
प्रश्न संख्या 7 - (अनुपस्थित)
प्रश्न संख्या 8 - (अनुपस्थित)
शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाया जाना
[राजस्व]
9. ( *क्र. 967 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की अम्बाह विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत शासकीय/नजूल भूमियों पर कहां-कहां पर किस-किस खसरा क्रमांक पर किस-किस का अवैध कब्जा/अतिक्रमण है? (ख) उक्त अतिक्रमण को हटाने की क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की तो क्यों? (ग) क्या उक्त अतिक्रमण राजस्व अधिकारियों/कर्मचारियों की मिली-भगत से किया गया है? यदि नहीं, तो क्या इसकी जांच करायेंगे? (घ) उपरोक्तानुसार क्या अम्बाह विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत शमशान घाट की भूमियों पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया हुआ है? यदि हाँ, तो अतिक्रमण हटाने के लिये जिला प्रशासन ने क्या कार्यवाही की और कब तक उक्त अतिक्रमण हटा लिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) मुरैना जिले की विधानसभा अम्बाह अन्तर्गत तहसील अम्बाह एवं पोरसा की शासकीय/नजूल भूमियों पर न्यायालय तहसीलदार में दर्ज अतिक्रमण/अतिक्रमणकर्ता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) तहसील अम्बाह एवं पोरसा की शासकीय/नजूल भूमियों पर अतिक्रमणों को हटाने के लिये प्रकरण दर्ज कर संबंधित न्यायालय में विधिवत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) तहसील अम्बाह एवं पोरसा की शासकीय/नजूल भूमियों पर अतिक्रमण में राजस्व अधिकारी/कर्मचारियों की मिली-भगत संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः जांच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) अम्बाह विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत तहसील अम्बाह एवं पोरसा में श्मशान घाट की भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है।
श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार - अध्यक्ष महोदय, मेरा जो प्रश्न था, उसका जवाब माननीय मंत्री जी के द्वारा मुझे मिला है. मैं उससे संतुष्ट हूं.
अध्यक्ष महोदय - बहुत बहुत धन्यवाद.
संसदीय कार्यमंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय) - माननीय विधायक जी बहुत बहुत धन्यवाद.
हाई स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
10. ( *क्र. 26 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अन्तर्गत शासकीय हाईस्कूल सिकरा, जमुआ नं. 1, छुही एवं घरभरा का उन्नयन किस वर्ष में किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उन्नयित हाईस्कूलों में भवन के लिये राशि स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उन्नयित हाईस्कूलों में भवन के लिये राशि स्वीकृत नहीं की गयी है तो कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उन्नयित हाईस्कूल भवन विहीन हैं? यदि हाँ, तो बच्चों को अध्ययन अध्यापन के लिये भवन के निर्माण के लिये विभाग की क्या कार्ययोजना प्रस्तावित है?
परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला शिकरा एवं जमुआ नं-1 का हाईस्कूल में उन्नयन वर्ष 2016 में एवं राज्य बजट अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला छुही एवं घरभरा का उन्नयन वर्ष 2018 में किया गया। (ख) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत उन्नयित हाईस्कूल शिकरा एवं जमुआ नं. 1 के लिए भवन निर्माण हेतु प्रति भवन राशि रू. 100.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति संचालनालय के पत्र दिनांक 09.05.2017 द्वारा प्रदान की गई थी, जमीन के अभाव में उक्त कार्य प्रारंभ नहीं हो सके, अतः प्रशासकीय स्वीकृति आदेश को संचालनालय के पत्र दिनांक 12.08.2021 द्वारा निरस्त किया गया है। उन्नत हाई स्कूल छुही एवं घरभरा के भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति बजट अभाव में जारी नहीं की गई है। (ग) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत उन्नत स्कूलों की प्रशासकीय स्वीकृति भूमि के अभाव में निरस्त की जा चुकी है। राज्य योजना अंतर्गत उन्नत स्कूलों में नवीन भवन निर्माण बजट की उपलब्धता तथा सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष उत्तरांश ''ग'' अनुसार।
श्री कुंवर सिंह टेकाम - अध्यक्ष महोदय, हमारे शासकीय हाई स्कूल सिकरा, जमुआ नं. 1, छुही एवं घरभरा का उन्नयन हुआ था, जिसमें से जमुआ नं. 1 और सिकरा का पैसा भवन निर्माण के लिए जारी हुई था, जमीन के अभाव में कार्य नहीं हो पाया, लेकिन अभी इन चारों स्थानों सिकरा, जमुआ नं. 1, छुही एवं घरभरा में जमीन उपलब्ध है. मेरा निवेदन है कि माननीय मंत्री महोदय अगर राशि स्वीकृत कर देंगे, जिससे वह भवनविहीन हाईस्कूल विद्यालय बन जाय.
अध्यक्ष महोदय - श्री केवर सिंह टेकाम जी, थोड़ा जोर से बोलें.
श्री कुंवर सिंह टेकाम - आवाज नहीं आ रही है और तेज करें.
अध्यक्ष महोदय - हां.
श्री कुंवर सिंह टेकाम -- माननीय अध्यक्ष महोदय, शासकीय हाई स्कूल सिकरा, जमुआ नं. 1, छुही और घरभरा का पिछले दिनों में इनका उन्नयन हुआ था. इसमें जमुआ नं.1 और सिकरा के लिये राशि जारी हुई थी लेकिन जमीन के अभाव में भवन की राशि वापिस हो गई. अब जमीन सिकरा, जमुआ नं.1, छुही और घरभरा के लिये उपलब्ध है. मेरा माननीय मंत्री जी निवेदन है कि क्या राशि स्वीकृत करेंगे, जिससे भवनविहीन शासकीय स्कूलों के लिए भवन का निर्माण कर सकेंगे.
श्री उदय प्रताप सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, हमारे माननीय वरिष्ठ सदस्य ने 4 स्कूलों के बारे में जानकारी मांगी है. एक इनका सिकरा स्कूल का है कि इसका कार्य प्रारम्भ क्यों नहीं हुआ है और जमुआ नं. 1 है. यह 4 स्कूल हैं इन चारों की अलग-अलग परिस्थितियां हैं. जो सिकरा स्कूल है आपने कहा है कि इनका कार्य क्यों प्रारम्भ नहीं हुआ है और कब राशि मिलेगी. अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से बताना चाहता हॅूं कि प्रथम स्थान जो माध्यमिक शाला से 500 मीटर दूर था, वहां ग्रामीणों ने स्थल परिवर्तिन कराकर हाईवे में बनवाना चाहा, किन्तु जब विभाग इस पर तैयार हुआ, तो ग्रामीणों ने फिर स्थल को परिवर्तित कराना चाहा. पुन: नवीन स्थल चिन्हिृत किया गया, जिसका ले-आउट हुआ और इस प्रक्रिया में लगभग 2 वर्ष से अधिक का समय लग गया, जिसके कारण यह कार्य निरस्त कर दिया गया क्योंकि यह एक वित्तीय सिस्टम है उससे ज्यादा देर तक हम उसको डिले नहीं कर सकते. उसकी अपनी एक सीमा होती है. जमुआ नं.1 का जिस तरह से आपने जानना चाहा है वहां जमीन का आवंटन जितनी आवश्यकता है उससे कम जमीन उपलब्ध कराई गई है और इस पर भी जो जमीन उपलब्ध कराई, वहां पर उसमें भी एक आगंनवाड़ी भवन का निर्माण करा लिया गया है. अब नवीन भूमि प्राप्त नहीं होने के कारण उस पर भी हम काम नहीं कर सके. स्थानीय स्तर पर जब तक जमीन नहीं मिलेगी, तब तक हम वह काम चालू नहीं कर सकते और जो छुही और घरभरा का निर्माण का है उसमें भी यह राज्य योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों में शाला उन्नयन के साथ भवन निर्माण करने की अनिवार्यता चूंकि नहीं है इसलिए इन कारणों से स्कूल भवनों की स्वीकृति नहीं हो सकी है और बहुत विस्तार से पहले भी आपको बताया गया है और यह टेक्नीकल फेल्योर के कारण जमीन की उपलब्धता न होना और जहां पर उन्नयन के समय यह अनिवार्यता नहीं है कि हम भवन उसके साथ में दें, इसलिए इन चीजों की हम पूर्ति नहीं कर सके.
श्री कॅुंवर सिंह टेकाम -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय मंत्री जी की बात से सहमत हॅूं बहुत प्रयास करके अब जमीन जमुआ नं.1 और सिकरा में तय हो चुकी है और छुही और घरभरा में जमीन ऑलरेडी विद्यालय के पास उपलब्ध है तो मेरा निवेदन था कि इसमें कब तक राशि स्वीकृत कर देंगे, जिससे भवन के अभाव में बच्चों को पढ़नें में असुविधा होती है तो वह असुविधा समाप्त हो.
श्री उदय प्रताप सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माननीय सदस्य को आग्रहपूर्वक एक प्रार्थना करना चाहता हॅूं कि मैंने पूर्व में भी कहा है कि इस योजना में जिन शालाओं का उन्नयन होना है उसमें नये भवन की बाध्यता नहीं है चूंकि सरकार सीएम राइज़ स्कूलों पर फोकस कर रही है और भविष्य में हमारी प्राथमिकता है कि इस प्रदेश में लगभग 9 हजार के आसपास सीएम राइज़ स्कूल खोले जाने हैं तो उस पर हम फोकस कर रहे हैं. उस पर प्राथमिकता दे रहे हैं और शीघ्र ही उस पर सरकार काम भी कर रही है. फिर भी मैं आपके साथ एक बार बैठ जाऊंगा, कि उसमें क्या बेहतर हो सकता है, एक बार बात कर लेंगे.
श्री कॅुंवर सिंह टेकाम -- ठीक है, धन्यवाद.
श्री सोहन लाल बाल्मीक -- अध्यक्ष महोदय, मुझे जवाब जो मिला था कि प्राथमिक और माध्यमिक शाला भवनहीन नहीं हैं. मैं यह बताना चाहता हॅूं कि भवनहीन नहीं हैं यह बात सही है परन्तु जो भवन 20-25 साल पुराने हो गए हैं वे पूरे तरीके से जर्जर स्थिति में हैं और टूट चुके हैं. वहां स्कूल नहीं लग पा रहा है तो ऐसे भवनों को चिन्हिृत कराकर नये भवनों की स्वीकृति प्रदान करने की कृपा करेंगे.
अध्यक्ष महोदय -- माननीय मंत्री जी, सोहनलाल बाल्मीक जी का प्रश्न है. आपका सप्लीमेंट्री चल रहा है.
श्री सोहनलाल बाल्मीक -- अध्यक्ष महोदय, मेरा भी प्रश्न लगा हुआ था. उसमें माध्यमिक शाला और प्राथमिक शाला भवनहीन नहीं हैं. इसका मुझे जवाब चाहिए था.
श्री उदय प्रताप सिंह -- मैं जानकारी लेकर व्यक्तिगत रूप से आपको उपलब्ध करा दूंगा.
श्री सोहनलाल बाल्मीक -- माननीय मंत्री जी, मेरी बात सुन लीजिए. यह बात सही है कि भवनहीन नहीं हैं लेकिन स्कूल की जो हालत है वह पूरी तरह से डिस्मेंटल की स्थिति है. प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. ऐसी सूची मैं आपको दे दूंगा, तो नये भवन की स्वीकृति मिल जाएगी.
अध्यक्ष महोदय -- सोहनलाल जी, आपका प्रश्न आ गया. माननीय मंत्री, आप कुछ कहना चाहेंगे ?
श्री उदय प्रताप सिंह -- माननीय अध्यक्ष जी, मैं माननीय विधायक जी से चर्चा कर लूंगा.
श्री मधु भगत - अध्यक्ष महोदय, आपने इस पूरक प्रश्न पर बोलने का समय दिया इसके लिए धन्यवाद, मैं माननीय मंत्री जी से परसवाड़ा विधान सभा के विषय में कहना चाहता हूं, वहां एक घुनाड़ी पंचायत है, जिसमें बच्चियां 12-12 किलोमीटर तक बारहवीं की कक्षा पढ़ने के लिए जाती है, जंगल अंचलों में, अगर हम घुनाड़ी पंचायत में बारहवीं की शिक्षा को उन्नयन कर दें, वहां इस शिक्षा को संचालित कर दें तो हम मानकर चलते हैं कि बच्चियों का भविष्य उज्ज्वल होगा और वे सुरक्षित महसूस करेंगी, इसी प्रकार से परसवाड़ा के आदिवासी अंचल होने के कारण ऐसी सूची मंगा लिया जाए जहां बच्चियों को बारहवीं की कक्षा पढ़ने के लिए 12 से 15 किलोमीटर अन्य स्थान पर न जाना पड़े, बहुत बहुत धन्यवाद.
श्री उदय प्रताप सिंह - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माननीय सदस्य को बताना चाहता हूं, चूंकि हम सी.एम. राइज स्कूल पर काम कर रहे हैं, फिर भी हम देखते हैं, चूंकि आदिवासी अंचल आपने बताया है तो, आदिम जाति कल्याण विभाग भी शिक्षा के क्षेत्र में जुड़ा रहता है, तो इसमें क्या हो सकता है, इस बारे में आपसे बात कर लेंगे.
श्री सूर्यप्रकाश मीणा - माननीय अध्यक्ष महोदय, प्रारंभ में जब हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल स्वीकृत हुए तो उनमें भवन का प्रावधान नहीं था. बाद में सरकार ने योजना बनाई कि हम जहां हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल स्वीकृत करेंगे भवन के सहित करेंगे, तो प्रारंभ में जो स्वीकृत हुए वहां बहुत सारी शालाएं ऐसी हैं, जहां भवन अभी तक नहीं बने हुए हैं. मेरा आपसे आग्रह है कि समसाबाद विधान सभा क्षेत्र में जो भवन विहीन शालाएं हैं, उनमें भवन बनाने की स्वीकृति शीघ्र प्रदान की जाए.
श्री उदय प्रताप सिंह - अध्यक्ष महोदय, मैंने पूर्व में भी कहा है कि जैसे राज्य योजना के अंतर्गत स्वीकृत स्कूलों में भवन स्वीकृति की अनिवार्यता नहीं है. अत: भवन स्वीकृत नहीं हो सके और समग्र शिक्षा में अभियान के अंतर्गत उन्नत होने वाले भवन स्वीकृति भी की जाती है, किन्तु भूमि के अभाव में कई जगह भवन निर्माण नहीं हो पाए हैं. मैं एक बार आपसे इस बारे में बात करुंगा.
प्रश्न संख्या 11. डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय - (अनुपस्थित)
प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला भवन, शौचालय, खेल मैदान आदि की व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
12. ( *क्र. 785 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में सभी प्रा.शाला एवं मा.शालाओं के भवन, शौचालय, खेल मैदान, स्वच्छ पेयजल, बाउंड्रीवाल है, अगर हाँ तो प्रा.शाला पाटनगढ़ बड़ेटोला सेनगूड़ा, बड़े टोला, बिलाईखार, खिरिया, बहेराटोला, किमारिया, करेगिटोला आदि में भवन, शौचालय खेल मैदान बाउंड्रीवाल आदि क्यों नहीं हैं? अगर नहीं तो आदिवासी जिले के प्रा.शाला मा.शाला में भवन आदि की व्यवस्था क्यों नहीं है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कौन कौन से संस्थाओं में उपरोक्त व्यवस्था नहीं है, कब से नहीं है? कब तक उपरोक्त व्यवस्था होगी? संस्थावार जानकारी दें। (ख) वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 का गणवेश वितरण क्यों नहीं हुआ है? कब तक वितरण होगा?
परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) डिण्डौरी जिले की 1816 प्रा.शाला एवं मा.शालाओं में से 1679 में शाला भवन, 1766 में बालक शौचालय, 1742 में बालिका शौचालय, 1733 में खेल मैदान, 1816 में स्वच्छ पेयजल, 608 में शालाओं में बाउण्ड्रीवाल उपलब्ध है। प्रा.शाला पाटनगढ़ (करंजिया) में शाला भवन मरम्मत योग्य है, शौचालय उपलब्ध है एवं क्रियाशील है, खेल मैदान हेतु भूमि शाला से समीपस्थ 200 मीटर दूरी पर माध्यमिक शाला का उपयोग किया जा रहा है। प्रा.शाला बड़ेटोला सेनगूड़ा में नवीन भवन निर्माण हेतु जिला स्तर से राशि 9.31 लाख स्वीकृत की गई है, कार्य प्रगतिरत है, शौचालय उपलब्ध एवं क्रियाशील है, स्वच्छ पेयजल एवं खेल मैदान उपलब्ध है, बाउण्ड्रीवाल उपलब्ध नहीं है। प्राथमिक शाला बडेटोला बिलाईखार के भवन एवं शौचालय मरम्मत हेतु शाला प्रबंधन समिति को आकस्मिक निधि से आवश्यक मरम्मत कार्य हेतु निर्देशित किया गया है, स्वच्छ पेयजल एवं खेल मैदान उपलब्ध है, बाउण्ड्रीवाल उपलब्ध नहीं है। प्राथमिक शाला खिरिया बहेराटोला, किमारिया, करेनिटोला नाम की शाला जिले के किसी भी विकासखण्ड में संचालित नहीं है। समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2024-25 में उक्तानुसार अधोसंरचनाओं की पूर्ति हेतु मांग की जा रही है, भारत सरकार से स्वीकृति एवं बजट उपलब्धता अनुसार निर्माण कार्य कराये जाना निर्भर है। वर्तमान में खेल मैदान एवं बाउण्ड्रीवाल निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किये जाते हैं। उक्त व्यवस्था विहिन शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सत्र 2022-23 में कक्षा-1 से 4 एवं 6 से 7 के 1,34,988 गणवेश का वितरण किया जाना था. स्व-सहायता समूह के माध्यम से 133110 गणवेश वितरण किया गया है। शेष गणवेश वितरण की कार्यवाही जारी है. सत्र 2023-24 में स्व-सहायता समूह के माध्यम से गणवेश प्रदाय की कार्यवाही जारी है।
श्री ओमकार सिंह मरकाम - माननीय अध्यक्ष महोदय जी, मंत्री जी ने जो उत्तर दिए हैं, उसमें असत्य जानकारी आंकड़े पर दिए गए हैं, जिस तरह से मैंने डिण्डौरी जिले के प्राथमिक शाला और माध्यमिक शाला के भवनों की उपलब्धता, शौचालय, पीने के पानी की उपलब्धता के विषय में पूछा. मुझे उम्मीद थी कि आप सही जानकारी देंगे, पर आपने आंकड़े ही पूरी तरह से जिस तरह से 1816 प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शालाओं में से आपने कहा है कि 1679 भवन अच्छे हैं. अगर आप इस आंकड़े से सहमत है तो मैं चाहूंगा कि आप इसके भौतिक सत्यापन के लिए एक विधान सभा स्तर की कमेटी बनाकर के भेज दी जाए और अगर आपके आंकड़े सही है तो मैं दलगत नीति से ऊपर उठकर आपका सार्वजनिक सम्मान करने के लिए तैयार हूं, अगर आंकड़े सही नहीं तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा, इसकी जानकारी आप मुझे देने की कृपा करेंगे. दूसरा आप ने ही स्पष्ट किया है कि 137 प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला भवन नहीं है, दूसरे में बालक के शौचालय 50 नहीं है. बालिकाओं के शौचालय, एक तरफ समग्र स्वच्छता से जुड़े हुए प्रत्येक व्यक्ति को आप व्यवस्थित शौचालय देने की बात करते हैं, ये आपके आंकड़े हैं, इसमें 78 बालिकाओं के शौचालय नहीं है और वहीं पर, अध्यक्ष महोदय जी मैं आपको धन्यवाद भी दूंगा कि आपने कहा है कि भारत सरकार पैसा नहीं दे रही इसलिए आप ये काम नहीं कर पा रहे हैं तो मैं माननीय मंत्री जी से जानना चाहूंगा कि क्या आपके प्रदेश सरकार की कोई धनराशि इसमें नहीं है, क्या भारत सरकार पर ही है? अगर भारत सरकार पर ही है तो माननीय मोदी जी पूरी दुनिया में बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए बात कर रहे हैं तो हमारे डिण्डौरी आदिवासी जिले के लिए क्या पैसे नहीं है? क्या आप मुझे इसमें जानकारी देंगे कि क्या आपके पास पैसे नहीं है या भारत सरकार के पास नहीं है.
अध्यक्ष महोदय - ओमकार सिंह जी जवाब आने दीजिए.
श्री उदय प्रताप सिंह - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माननीय सदस्य को बताना चाहता हूं कि डिण्डौरी विधान सभा में 859 शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाएं संचालित हैं, जिसमें 67 शालाओं के भवन जर्जर होने के कारण नवीन भवन की आवश्यकता है, यह विभाग ने स्वयं स्वीकार किया है. 627 शाला भवन मरम्मत योग्य है, 24 शालाओं में बालक एवं 39 शालाओं में बालिका शौचालय जर्जर होकर अनुपयुक्त हो चुके हैं, इस हेतु नवीन शौचालय निर्माण की आवश्यकता है. वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2024-25 में जिलों से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार नवीन निर्माण हेतु नियमानुसार राशि की आवश्यकता है, जिस पर हम काम भी कर रहे हैं. दूसरा एक आग्रह मैं और करना चाह रहा था कि जो जर्जर भवन जो आपने बताया है, उसमें लगभग अनुमानित लागत 33 करोड़ रूपये की आना है, मरम्मत योग्य में 5 करोड़, बालक शौचालय में 67 लाख रूपये, बालिका शौचालय में 1 करोड़ 14 लाख रूपये, ऐसे कुल लगभग 40 करोड़ रूपये की राशि इसमें लगना है, जिसके लिये हम इसमें देखते हैं कि किस स्तर पर इसका उपयोग हो सकता है, बाकी आदिवासी अंचल में बेहतर शिक्षण व्यवस्था हो और भवनों की प्रापर उपलब्धता हो और साथ ही सी.एम.राईज हमारे जो हैं, जिस पर हम लोग काम कर रहे हैं, हमारा फोकस उस पर है कि बेहतर से बेहतर और निर्धारित दूरी पर सी.एम.राईज आपको आगे आने वाले समय में मिले, जिससे यह जो विसंगतियां हैं, उन विसंगतियों को हम दूर कर सकें.
श्री ओमकार सिंह मरकाम -- माननीय अध्यक्ष महोदय, जी मैं आपका संरक्षण चाहूंगा, एक तरफ तो आप कहते हैं कि आदिवासी जिले में आप पूरी तरह से ध्यान दे रहे हैं, दूसरी तरफ आप 40 करोड़ की बात कर रहे हैं और यहां 3 हजार 200 करोड़ रूपये आप ब्याज में पैसा दे रहे हो. हमारे आदिवासी जिले की आप शैक्षणिक व्यवस्था के लिये पैसा नहीं दे रहे हो. माननीय मंत्री जी आप दिलदारी से घोषणा करिये कि 40 करोड़ रूपये हम स्वीकृति दे रहे हैं. एक तरफ चुनाव में जाकर अभी कल मोदी जी कह रहे थे कि जनजाति विकास के लिये हमने खजाना खोला है तो आपको क्यों नहीं मिल रहा है भाई, कौन सा अंतर है. आप इस पर घोषणा करिये, माननीय अध्यक्ष महोदय जी, यह जो राशि के लिये बोल रहे हैं कि आपके पास स्कूल के लिये पैसा नहीं है और आप जनजाति विकास के लिये बात कर रहे हैं. मेरा अनुरोध माननीय मंत्री जी से है कि आप घोषणा करिये. आप दिलेरी से करिये, आप दमदारी से संसद में भी बात करते थे, यहां काहे कमजोर होने लगे हैं, आप घोषणा करिये की 40 करोड़ रूपये की राशि आप दे रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय -- मरकाम जी, प्रश्न पूछिये निर्देशित मत करिये.
श्री ओमकार सिंह मरकाम -- अध्यक्ष महोदय, मेरा एक ही प्रश्न है कि क्या आप यह जो राशि का आपने प्रपोजल किया है, इसकी क्या आप घोषणा करेंगे कि इसकी राशि हम स्वीकृत करते हैं? तो हम पर बड़ी कृपा होगी.
श्री उदयप्रताप सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, पूर्व में ही विस्तार से माननीय सदस्य को जवाब दे चुका हूं. मुझे लगता है कि इसके आगे और जवाब देने की आवश्यकता महसूस नहीं हो रही है.
श्री ओमकार सिंह मरकाम -- माननीय अध्यक्ष महोदय, यह पैसा नहीं दे रहे हैं, यह घुमा रहे हैं. हम भी चार बार के विधायक हैं, माननीय मंत्री जी आप घुमाओ मत, आप घोषणा कर दो और छोटी सी राशि 40 करोड़, 50 करोड़ कौन सी बड़ी बात है. अध्यक्ष महोदय, आप इनसे घोषणा करने का आदेश कर दीजिये, आपसे बड़ी उम्मीद है, आपके आदेश मानेंगे, आपसे डरते हैं.
अध्यक्ष महोदय-- प्रश्न क्रमांक-13.
श्री ओमकार सिंह मरकाम -- माननीय अध्यक्ष महोदय, एक प्रश्न और मेरा महत्वपूर्ण है.
अध्यक्ष महोदय -- अब उसके बाद पूछ लेना, मैं आगे बढ़ गया हूं. आप प्रश्न नहीं कर रहे थे, इसीलिये मैं आगे बढ़ा हूं, मैंने सोचा आप तीसरा प्रश्न करोगे, इसका अवसर भी आपको दिया था, अब प्लीज आगे बढ़ने दीजिये.
श्री ओमकार सिंह मरकाम -- माननीय अध्यक्ष महोदय, जी एक प्रश्न गणवेश से जुड़ा हुआ है. एक प्रश्न पूछने की आप कृपा करे दें.
अध्यक्ष महोदय -- चलिये आप प्रश्न करें.
श्री ओमकार सिंह मरकाम -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा प्रश्न है कि आपने वर्ष 2022-23 की गणवेश का वितरण नहीं किया है. यह आपने अपने ही उत्तर में दिया है. 1878 बच्चों को वर्ष 2022-23 का नहीं मिला है तो वर्ष 2023-24 की आप कल्पना ही मत कीजिये, तो मेरा निवेदन है कि क्या इसी तरह से आप गणवेश वितरण नहीं कर पायेंगे? तो आप कृपा कर सदन में जानकारी दे दें.
श्री उदयप्रताप सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माननीय सदस्य को बताना चाहता हूं कि वर्ष 2022-23 की जो हमारी गणवेश है, वह पूरी तरह से उपलब्ध करा दी गई है और वर्ष 2023-24 की जो गणवेश की स्थिति है, उसकी जानकारी मैं आपको देना चाहता हूं कि 98 लाख 12 हजार 930 गणवेश हमको प्रदाय करने का लक्ष्य था, जिसमें 95 लाख 22 हजार 90 गणवेश हम विद्यालय को उपलब्ध करा चुके हैं, जो लक्ष्य का 97 प्रतिशत है, शेष जो है उसको जिले वार हम शीघ्र उपलब्ध करवा देंगे.
अध्यक्ष महोदय -- प्रश्न क्रमांक-13 श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर जी आप अपना प्रश्न करें. (श्री ओमकार सिंह मरकाम द्वारा लगातार अपने आसन से कहने पर) श्री मरकाम जी आप कृपा करके बैठिये.
श्री ओमकार सिंह मरकाम -- माननीय अध्यक्ष महोदय, यदि आंकड़े सही नहीं आयेंगे तो फिर कैसे काम चलेगा, जनता क्या देखेगी.
अध्यक्ष महोदय -- उसकी भी व्यवस्था अपनी प्रक्रिया में है, आप मुझे बताईयेगा.
श्री ओमकार सिंह मरकाम -- अध्यक्ष महोदय, आप निर्देशित कर दें. आप चाहें तो पी.एस. से पढ़वा लें, हायर एज्यूकेशन वाले से पढ़वा लें कि यह आंकड़े सही है या नहीं. अध्यक्ष महोदय, यह असत्य आंकड़े पढ़ेंगे तो कैसे काम चलेगा.
अध्यक्ष महोदय -- आप कृपा करके बैठ जायें श्री नितेन्द्र जी को प्रश्न करने दें.
धारा 115 के तहत लंबित प्रकरण
[राजस्व]
13. ( *क्र. 6 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में धारा 115 के तहत रिकॉर्ड दुरस्ती एवं पोथी में नाम परिवर्तन के कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) कब तक उक्त लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा? कृपया प्रकरण लंबित रहने के कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) प्रदेश में धारा 115 के तहत राजस्व न्यायालयों में कुल 36435 प्रकरण लंबित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) न्यायालयीन प्रक्रिया के अध्यधीन है।
श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैंने माननीय मंत्री जी से प्रश्न के माध्यम से जो आग्रह किया था उसके जवाब से तो मैं सहमत हूं, किंतु दूसरा जवाब मुझे उतना संतोष जनक नहीं लगा. माननीय अध्यक्ष महोदय, चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की सरकार रही हो, दोनों ने अच्छे कानून बनाये, लेकिन मेरा मानना है कि उनका पालन जमीन पर सही से नहीं हो रहा. आज तहसील में आम आदमी सबसे ज्यादा परेशान है, चाहे पैतृक संपत्ति का ट्रांसफर हो या बंटवारा हो, या क्रय विक्रय हो और मुझे लगता है मेरी बात से सदन में हर व्यक्ति सहमत होगा कि कई जनप्रतिनिधियों के पास फोन आते होंगे कि अधिकारियों से कह दो कि लोग परेशान हो रहे हैं. माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं अपने पिताजी के समय से देखता आ रहा हूं कि कई वृद्धजन आकर परेशान होते हैं कि उनके काम नहीं हो रहे हैं, सुनवाई नहीं हो रही है. मैं कहना चाहता हूं कि समस्या यह है कि सही काम के लिये व्यक्ति को सिफारिश की जरूरत क्यों पड़ रही है. माननीय अध्यक्ष महोदय, जो चिंता का विषय है और मुझे लगता है कि इसके लिये हमें सोचना होगा जिससे प्रदेश के नागरिकों को ट्रांसफर, बंटवारे, क्रय विक्रय के लिये दर-दर नहीं भटकना पड़े. धन्यवाद अध्यक्ष जी.
संसदीय कार्यमंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय)-- अध्यक्ष महोदय, धन्यवाद देता हूं माननीय सदस्य महोदय को. मुझे कहते हुये बहुत प्रसन्नता है कि हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद राजस्व महाअभियान 15 जनवरी से 29 जनवरी तक प्रारंभ किया है और मुझे सदन को अवगत कराते हुये बहुत प्रसन्नता है कि इस दौरान अभी यह प्रक्रिया प्रचलित है पर इस दौरान नामांतरण में प्रदेश में लगभग 153960 प्रकरण लंबित थे जिसमें से 115574 का निराकरण हो गया. बंटवारे में 30876 लंबित थे, उसमें 20719 का निराकरण हो चुका है. सीमांकन में भी लगभग 32005 लंबित थे जिसमें से 19774 का निर्णय हो चुका है. अध्यक्ष महोदय, सिर्फ अभिलेख दुरूस्ती जिसके 26834 प्रकरण थे उसमें सिर्फ 7722 का ही निराकरण हुआ है, मैंने फिर विभाग से पूछा कि इसमें इतना धीमा क्यों है तो बाकी नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन में तो समय सीमा है किंतु अभिलेख दुरूस्ती में अभी समय-सीमा नहीं है. मैंने विभाग को निर्देश दिये हैं कि इसमें भी समय-सीमा निर्धारित की जाये. कम से कम 3 महीने और 6 महीने के बीच में अभिलेख दुरूस्ती के जितने भी निर्णय हैं वह हो जाना चाहिये, ऐसे निर्णय मैंने दिये हैं.
अध्यक्ष महोदय-- पूरक प्रश्न.
श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मंत्री जी से पूछना चाहूंगा कि कृपया प्रकरण लंबित रहने के कारण बता दें.
श्री कैलाश विजयवर्गीय-- अध्यक्ष महोदय, मैंने बताया कि समय सीमा के तो सब हो रहे हैं पर जिसमें अभिलेख दुरूस्ती में समय-सीमा नहीं थी तो अब समय-सीमा उसकी निर्धारित कर दी जायेगी, उसमें भी विलंब नहीं होगा.
सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 1007 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में विभाग द्वारा कौन-कौन सी लघु, मध्यम, वृहद सिंचाई परियोजनाएं, नदी, तालाब, बैराज आदि स्वीकृत हैं तथा प्रगतिशील हैं? विकासखण्डवार लघु, मध्यम, वृहद् सिंचाई परियोजनावार, जानकारी उपलब्ध करावें। कितनी परियोजनाओं की डी.पी.आर. बन चुकी है? कितनी परियोजनाओं की साध्यता हो चुकी है? कितनी परियोजनाओं की साध्यता होना शेष है? विस्तृत जानकारी परियोजनावार, विकासखण्डवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त सिंचाई परियोजनाओं का कार्य कब से प्रारंभ है? कार्यादेश की छायाप्रति, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति, कार्यपूर्णता की दिनांक सहित अभी तक हुये कार्य का विवरण एवं ठेकेदार को विगत 05 वर्ष से प्रश्नांकित अवधि तक सिंचाई परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति, भुगतान की जानकारी, शेष भुगतान की जानकारी का विवरण माहवार, परियोजनावार बतावें। यदि इन योजनाओं का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, तो कार्य प्रारंभ कब-तक कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें एवं विलंब के लिए दोषी कौन है? दोषी पर क्या कार्यवाही की गई? कृत कार्यवाही की छायाप्रति तथा कार्य प्रारंभ कब से कर दिया जावेगा? (ग) टेम मध्यम सिंचाई परियोजना लटेरी का क्या भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास हेतु भोपाल एवं विदिशा जिले में कितनी राशि का अंतर है, यदि अंतर है तो अंतर होने के क्या कारण हैं? कारण सहित बतावें। क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इस संदर्भ में शिकायती आवेदन एवं विशेष पैकेज हेतु पत्र कब-कब मान. मुख्यमंत्री महोदय, मान. जल संसाधन मंत्री महोदय, श्रीमान अपर मुख्य सचिव, श्रीमान प्रमुख अभियंता, श्रीमान अधीक्षण यंत्री आदि को पत्र प्रेषित कर निवेदन किया गया है? यदि हाँ, तो पत्रों की छायाप्रति तथा कृत कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें, कार्यवाही उपरांत क्या-क्या निर्णय लिये गये? कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब-कब अवगत कराया गया? क्या पुनः निरीक्षण/परीक्षण किया जाकर विशेष पैकेज की स्वीकृति की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विदिशा जिले में निर्माणाधीन वृहद, मध्यम एवं लघु सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। डी.पी.आर. तैयार परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" एवं साध्यता स्वीकृति तथा चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। वर्तमान में साध्यता स्वीकृति का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति का विवरण एवं कार्य प्रारंभ परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" में दर्शित है। अप्रारंभ परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "इ" एवं विगत 05 वर्षों में प्रगतिरत कार्यों पर हुए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है। कार्यादेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 (पृष्ठ 1 से 15), उपलब्ध तकनीकी स्वीकृति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 (पृष्ठ 1 से 4) अनुसार है। कार्य प्रारंभ करने हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वस्तुस्थिति यह है कि टेम सिंचाई परियोजना तहसील लटेरी जिला विदिशा के डूब क्षेत्र में ग्रामों के कृषकों की प्रभावित निजी भूमि का भू-अर्जन एवं मुआवजा राशि का निर्धारण भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013 के अंतर्गत कलेक्टर विदिशा एवं कलेक्टर भोपाल द्वारा की गई है। कलेक्टर जिला विदिशा एवं कलेक्टर जिला भोपाल की औसत गाईड लाईन अनुसार भोपाल जिले की असिंचित भूमि की दर राशि रू. 2,59,241/- प्रति हेक्टे. एवं सिंचित भूमि की दर राशि रू. 3,72,075/- प्रति हेक्टे. विदिशा जिले की दर से अधिक होना प्रतिवेदित है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "च" अनुसार है। पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 (पृष्ठ 1 से 45) अनुसार है। कृत कार्यवाही की जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र "छ" अनुसार है। वर्तमान में विशेष पैकेज स्वीकृति का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है।
श्री उमाकांत शर्मा-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से जल संसाधन मंत्री महोदय से पूछना चाहता हूं कि. ...(व्यवधान)....
श्री रामनिवास रावत-- माननीय अध्यक्ष महोदय, एक बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है, किसानों से जुड़ा हुआ मामला है.
अध्यक्ष महोदय-- रामनिवास जी, आप बैठ जायें, अब आगे बढ़ गये हैं, उमाकांत जी ने अपनी बात शुरू कर दी. ...(व्यवधान)....
श्री उमाकांत शर्मा-- मेरी विधान सभा क्षेत्र 147, सिरोंज, ग्राम ढक्कन, तहसील लटेरी, जिला विदिशा टेम नदी मध्यम सिंचाई परियोजना में सूक्ष्म सिंचाई प्रेशर पाइप ...(व्यवधान).... पद्धति से लगभग 25 लाख हेक्टेयर भूमि में क्या सिंचाई की योजना प्रस्तावित है और यदि विचाराधीन है और नहीं है तो कृपया मानवीय दृष्टि से सूखे पठार क्षेत्र में वह योजना की स्वीकृति प्रदान करने की कृपा करेंगे.
श्री तुलसीराम सिलावट—माननीय अध्यक्ष महोदय, सम्मानीय सदस्य ने जो इच्छा व्यक्त की थी विदिशा जिले में इनकी विधान सभा में कौन कौन सी योजनाएं प्रारंभ हैं. विस्तृत रूप से मैंने इनको जानकारी दे दी है.
श्री उमाकांत शर्मा—अध्यक्ष महोदय, मैं हाथ जोड़कर बड़े प्रेम-प्यार से निवेदन कर रहा हूं, गिड़गिड़ा रहा हूं, पांच साल से गिड़गिड़ा रहा हूं. पांच सिंचाई योजनाओं में से एक भी योजना भी प्रदान नहीं की. कृपया मैं आज सदन के सहयोग से निवेदन करता हूं इन योजनाओं का पर्यवेक्षण कराकर, इस पर विचार करके इसका परीक्षण करवाकर कृपया मुझको इतना आश्वासन देने की कृपा करें, बड़ी दया होगी.
श्री तुलसीराम सिलावट—माननीय अध्यक्ष महोदय,यह सजग एवं जागरूक हमारे सम्मानीय सदस्य हैं, जब भी यह सदन में बोलते हैं सबका ध्यान आपकी तरफ आकर्षित होता है. इन्होंने जो बात कही है. विदिशा जिले की टहरी तहसील के लटेरी के अंतर्गत आज गांवों की 1800 सौ हैक्टेयर भूमि में सिंचाई हेतु प्रकरण 19.1.24 को तैयार करा लिया गया है. उक्त प्रकरण परीक्षणाधीन है. तकनीकी साध्यता उपयुक्त आ जाने पर निर्णय लिया जाना संभव है.
श्री उमाकांत शर्मा—अध्यक्ष महोदय,बड़े ही अंतहस्थल की अनंत गहराईयों से मंत्री जी का धन्यवाद देता हूं.
अध्यक्ष महोदय—माननीय मंत्री जी ने दो पूरक प्रश्नों का उत्तर दे दिया है. आप बाकी के प्रश्न उनसे मिलकर पूरे करें. श्री लघन घनघोरिया जी. चलिये उमाकांत जी आप एक प्रश्न और करिये. चूंकि घनघोरिया जी खड़े हो गये थे.
श्री उमाकांत शर्मा—अध्यक्ष महोदय, मंत्री जी मध्यप्रदेश में मध्यम- वृहद सिंचाई योजनाओं में जिनका कार्य प्रारंभ नहीं हुआ. कार्य प्रारंभ होने की समय सीमा निकल गई, कार्य समाप्त होने की भी समय सीमा निकल गई. इसके लिये कौन कौन सी परियोजनाएं हैं, कौन सी निर्माण एजेंसियां उत्तरदायी अधिकारी-कर्मचारी दोषी हैं ? यदि दोषी हैं तो उनके विरूद्ध कब कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई. सभी वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं की जिनकी समय सीमा निकल गई है. उन पर सूची सहित मुझे जानकारी प्रदान करें.
अध्यक्ष महोदय—सारी बातें प्रश्न में आ गई हैं. उमाकांत जी कृपया बैठ जायें. मंत्री जी कुछ कहना चाहेंगे.
श्री तुलसीराम सिलावट—माननीय अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से आसंदी से जो निर्देश दिये हैं. उसके एक एक शब्द का पालन किया जायेगा. व्यक्तिगत रूप से सम्मानित सदस्य जी से चर्चा कर लूंगा.
प्रश्न संख्या—15
शिकायतों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( *क्र. 91 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन म.प्र. भोपाल के तहत जिला कार्यक्रम प्रबंधन (इकाई) जबलपुर में जिला कार्यक्रम प्रबंधक का पद कब से रिक्त है? संभागीय मुख्यालय के जिलों में पदधारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक की अभी तक पदस्थी न करने का कारण क्या है? इसके प्रभार में कब से कब तक किसके आदेश से कौन-कौन पदस्थ रहा है? वर्तमान में पदस्थ प्रभारी डी.पी.एम. का मूल पद एवं शैक्षणिक योग्यता व अर्हताएं क्या है? आदेश की छायाप्रति के साथ वर्ष 2023-24 की स्थिति में जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित वर्तमान में पदस्थ प्रभारी डी.पी.एम. की अवैध पदस्थी के विरूद्ध माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत रिट याचिका क्र. 10150/2022, दिनांक 10.05.2022 के संदर्भ में प्रभारी डी.पी.एम. को प्रभारी पद से पृथक न करने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांकित प्रभारी डी.पी.एम. के विरूद्ध शासन से कब प्राप्त शिकायत की जांच संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर संभाग जबलपुर ने कब किससे कराई है? जांच रिपोर्ट पर शासन ने कब क्या कार्यवाही की है? शिकायत एवं जांच रिपोर्ट की छायाप्रति दें। (घ) प्रश्नांकित के विरूद्ध प्रश्नकर्ता विधायक एवं अन्य किन-किन माननीय विधायकों एवं अन्य किस-किस स्तर से प्राप्त शिकायतों की जांच शासन ने कब किससे कराई है? यदि नहीं, तो क्यों? इन्हें प्रभारी डी.पी.एम. पद से पृथक न करने का क्या कारण है? वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 की शिकायतों की छायाप्रति दें।
उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) फरवरी 2020 से। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर तथा खण्डपीठ ग्वालियर एवं इंदौर में विभिन्न याचिकाएं विचाराधीन होने से नवीन भर्ती प्रक्रिया की कार्यवाही स्थगित होने के कारण। जिला कार्यक्रम प्रबंधक जबलपुर का प्रभार विभिन्न वरिष्ठ स्तर से प्राप्त निर्देशानुसार सौपा गया, जिसका विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
प्रभारी डी.पी.एम. का नाम |
अवधि |
1. |
श्री सुभाष शुक्ला |
फरवरी 2020 से मई 2020 तक |
2. |
डॉ.शलभ अग्रवाल |
जून 2020 से अगस्त 2020 तक |
3. |
श्री विजय पाण्डेय |
सितंबर 2020 से दिसंबर 2020 तक |
4. |
श्री सुभाष शुक्ला |
जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक |
5. |
श्री विजय पाण्डेय |
जनवरी 2022 से निरंतर.... |
श्री विजय पाण्डेय, प्रभारी डी.पी.एम. का मूल पद जिला डाटा प्रबंधक है एवं इनकी शैक्षणिक अर्हता एम.एस.डब्ल्यू. है। प्रभार आदेश की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में संस्थित याचिका के खारिज होने के कारण कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 28.03.2023 को प्राप्त शिकायत की जांच हेतु दिनांक 26.04.2023 को क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर संभाग, जबलपुर को निर्देशित किया गया। तत्पश्चात् स्मरण पत्र भी भेजे गये। जांच प्रतिवेदन आज दिनांक तक अपेक्षित है। (घ) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई, इनके अतिरिक्त निम्न स्तर से प्राप्त शिकायतों का विवरण निम्नानुसार है, छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 1. विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, माननीय मंत्री जी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के माध्यम से श्री विजय राघवेन्द्र सिंह, माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र क्र 01 बड़वारा, जिला कटनी की शिकायत। 2. श्री संजय यादव, माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र बरगी, जिला जबलपुर। 3. डॉ. जयराम तिवारी, विजयनगर उखरी चौक जबलपुर। 4. श्रीमती श्रद्धा ताम्रकार, तत्कालीन जिला लेखा प्रबंधक, जिला जबलपुर से। 5. अपर सचिव, मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय, भोपाल से प्राप्त नोटशीट। उपरोक्तानुसार शिकायती प्रकरणों की जांच हेतु भी क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर संभाग, जबलपुर को निर्देशित किया गया है। जांच प्रतिवेदन आज दिनांक तक अपेक्षित है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
श्री लखन घनघोरिया—अध्यक्ष महोदय, मेरे प्रश्न के उत्तर में माननीय मंत्री जी के द्वारा यह आया है कि फरवरी, 2020 से माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की खण्डपीठ, ग्वालियर एवं इन्दौर में विभिन्न याचिकाएं विचाराधीन होनी थीं. नवीन भर्ती प्रक्रिया स्थगित होने के कारण क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक का पद रिक्त है. चार साल हो गये हैं. चार साल में कोर्ट में क्या स्टेटस है, कब तक यह पद रिक्त रहेगा ? यह प्रकरण लंबित है, यह विलंब है, इतना विलंब है कि चार साल में एक ही व्यक्ति को दो दो बार प्रभार दिया गया. इन पांच लोगों में से इनको दिया गया. इनको इतना लंबा समय दिया गया कि आज तक जितने 4 बाकी हैं, वह एक-एक दो दो महीनें रहें. बाकी पूरा समय इनको दिया गया. तो मेरा आपसे निवेदन है कि अध्यक्ष महोदय, चूंकि समय भी समाप्त हो रहा है. एक व्यवस्था आप यह दे दें कि मंत्री जी हमको इसमें सुन लें. दूसरा "ख" में आपने कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय,जबलपुर में संदर्भित याचिका के खारिज होने के कारण कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता. माननीय मंत्री जी, यह याचिका का स्टेटस अभी भी पेंडिंग है यह मैं अभी पटल पर रख दूंगा और यह लिस्टेड हुई है दूसरी कोर्ट में तो एक तो आपको गलत जानकारी दी गई दूसरा तीन-तीन विधायकों ने इसकी शिकायत की और आपने उनकी जांच के आदेश दिये. क्षेत्रीय संचालक को जांच के लिये दिया क्षेत्रीय संचालक और प्रभारी सीएमएचओ एक ही व्यक्ति है. एक साल में वह अभी तक जांच नहीं कर पाए. माननीय 2-2 विधायक और क्षेत्रीय लोग कह रहे हैं. प्रश्न यह है कि एक ही व्यक्ति जिसके ऊपर इतने गंभीर आरोप हैं जांच भी लंबित है और एक साल तक लंबित है और वह व्यक्ति जांच कर रहा है और वह दो पदों पर है और जबलपुर में ही. एक साल तक वह जांच नहीं कर पाए. 2 जिम्मेदार व्यक्तियों की शिकायत है. हमारी खुद की शिकायत थी जिसमें उल्लेख किया गया है कि आपके द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई. एक निवेदन आपसे है कि इसके बाद भी आप अलग से हमको सुन लेंगे.
श्री राजेन्द्र शुक्ल - माननीय अध्यक्ष महोदय, जैसा माननीय सदस्य ने कहा कि कोर्ट में मामला लंबित है तो आपके लिये खुशखबरी है कि कोर्ट में जो स्टे था वह वेकेट हो गया है. अब नये पद की प्रक्रिया शुरू हो गई है. विज्ञापन निकल गया है. 19 पदों पर हम नये डी.पी.एम. की भर्ती करने जा रहे हैं और यह इतना महत्वपूर्ण पद है और भारत सरकार के 33 कार्यक्रमों की यह लोग मानीटरिंग करते हैं और कई प्रकार का उसमें सुपरवीजन होता है तो प्रभारी बनाए जाते हैं. चयन प्रक्रिया चूंकि स्टे हो गई तो हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था कि हम प्रभार दें और प्रभार जिन लोगों को समय-समय पर दिया गया जैसा आपने बताया उसमें एक व्यक्ति के खिलाफ जो दो शिकायत की गई थी उसकी जांच के बाद एक शिकायत तो पूर्णत: असत्य पाई गई. आधारहीन थी और दूसरी शिकायत की जैसे ही जांच रिपोर्ट आएगी. यदि वह भी आधारहीन होगी तो कार्यवाही का कोई सवाल ही नहीं और यदि उसमें कोई तथ्य होंगे तो कार्यवाही हो जायेगी लेकिन नये डी.पी.एम. की भर्ती जैसा आप चाहते हैं तो आपके साथ-साथ 19 जिलों में नये डी.पी.एम. की भर्ती हो जायेगी.
श्री लखन घनघोरिया - माननीय मंत्री महोदय, यदि जनप्रतिनिधि किसी बात की शिकायत कर रहे हैं और एक ही व्यक्ति उसकी जांच कर रहा है और वह वहीं बैठता है. या तो आप बाहर से अपने विभाग के किसी वरिष्ठ अधिकारी से जांच करवा लें क्योंकि वहीं का व्यक्ति जांच कर रहा है और वहीं का मामला है तो सभी चीजें मेनुपुलेट हो रही हैं. मेरा आपसे आग्रह यह है कि एक तो आप जांच की घोषणा कर दें दूसरे जब तक जांच हो आपके पास पर्याप्त लोग हैं आप किसी को भी प्रभार दे सकते हैं. जांच प्रभावित न हो इसीलिये तत्काल प्रभाव से आप उसको हटा दें.
श्री गोपाल भार्गव - लखन भाई, मुझे बीस साल बाद प्रश्न पूछने का अवसर मिल रहा है. इसके बाद मेरा प्रश्न लगा है.
श्री लखन घनघोरिया - एक आग्रह यह है मंत्री जी, कि आप उसको हटाकर किसी और को नियुक्त कर दें. उसमें क्या ऐसा सब कुछ है और जांच आप भोपाल के किसी अधिकारी से करा लें और पद रिक्त है तो उस पर जल्दी से जल्दी नियुक्ति करा दें.
श्री राजेन्द्र शुक्ल - आपकी मंशा है तो हमारे विभाग के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जांच करा ली जायेगी.
श्री लखन घनघोरिया - उनको वहां से हटाकर जांच कराएं धन्यवाद.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नवीन भवन की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( *क्र. 978 ) श्री सतीश मालवीय : क्या उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घट्टिया का भवन जो कि जीर्ण-शीर्ण हो चुका है, उक्त सामुदायिक भवन हेतु नवीन भवन कब तक स्वीकृत किया जावेगा एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उन्हेल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन कब-तक किया जावेगा? (ख) घट्टिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उन्हेल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कितने पद स्वीकृत हैं? पद के विरूद्ध डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ कार्यरत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी। (ग) घट्टिया विधानसभा में कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हो रहे हैं? कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र के भवन का निर्माण किस-किस एजेन्सी द्वारा किया जा रहा है? निर्माणाधीन सामुदायिक भवनों की वर्तमान भौतिक स्थिति बतावें। (घ) ऐसे कितने सामुदायिक भवन हैं, जिनका स्वीकृत होने के बाद भी निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है?
उप मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्रातंर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घट्टिया का नवीन भवन जीर्ण-शीर्ण नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उन्नयन हेतु निर्धारित जनसंख्या के मापदण्ड की पूर्ति न होने के कारण उन्नयन की पात्रता नहीं आती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग एवं कर्मचारी चयन मण्डल के माध्यम से नियमित प्रक्रिया के तहत डॉक्टर एवं पैरामेडिकल संवर्ग के कर्मचारियों की भर्ती की जाती है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) घट्टिया विधानसभा में कुल 49 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। घट्टिया विधानसभा में वर्तमान में कोई भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माणाधीन नहीं है। (घ) घट्टिया विधानसभा में वर्तमान में कोई भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माणाधीन नहीं है।
श्री सतीश मालवीय - माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से निवेदन है कि मेरे विधान सभा क्षेत्र घट्टिया के मुख्यालय पर जो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है वह काफी जीर्ण-शीर्ण हो चुका है. मुझे जवाब आया है कि उसकी स्थिति ठीक है लेकिन 1984 में वह निर्माण हुआ था तो आज करीब 30-40 साल हो चुके हैं तो वहां नवीन भवन स्वीकृत हो जाए. यह मेरा मंत्री जी से आग्रह है.
अध्यक्ष महोदय -- प्रश्नकाल समाप्त.
(प्रश्नकाल समाप्त)
12.00 बजे शून्यकाल में मौखिक उल्लेख
नेता प्रतिपक्ष (श्री उमंग सिंघार) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा आपसे अनुरोध है कि बैतूल में इतनी बड़ी घटना हुई, एक आदिवासी युवा के साथ जिस प्रकार से उसका अपहरण किया गया, दंड बैठक लगवाई गई, मेरा आपसे अनुरोध है कि सरकार का उस पर वक्तव्य आना चाहिए. इसी प्रकार की घटनाएं प्रदेश में हो रही हैं. इस बारे में सरकार अपना वक्तव्य दे.
12.01 बजे अध्यक्षीय घोषणा
शून्यकाल की सूचनाएं माननीय मुख्यमंत्री जी के जवाब के पश्चात् ली जाना
अध्यक्ष महोदय -- आज शून्यकाल की सूचनाएं माननीय मुख्यमंत्री जी के जवाब के पश्चात् ली जाएंगी. जिन माननीय सदस्यों ने सूचनाएं दी हैं और आज लगी हैं, वे कृपया शाम को उपस्थित रहें.
12.02 बजे पत्रों का पटल पर रखा जाना
(1) (क) वित्तीय वर्ष 2022-2023 की द्वितीय छ: माही के दौरान बजट से संबंधित आय और व्यय की प्रवृत्तियों का छ: माही समीक्षा विवरण एवं वित्तीय वर्ष 2023-2024 की प्रथम छ: माही के दौरान बजट से संबंधित आय और व्यय की प्रवृत्तियों का छ: माही समीक्षा विवरण, तथा
(ख) मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन नियम, 2006 के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-2018 एवं 2018-2019 की अनुपालन एवं पुनर्विलोकन रिपोर्ट
(2) (क) मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी लिमिटेड का द्वितीय वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2016-2017 एवं तृतीय वार्षिक प्रतिवेदन
वर्ष 2017-2018, तथा
(ख) मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का 8 वां वार्षिक
प्रतिवेदन वर्ष 2022-2023
(3) जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.) की वैधानिक
ऑडिट रिपोर्ट वर्ष 2021-2022
(4) (क) (i) देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2023 (30 जून, 2023 को समाप्त अकादमिक वर्ष), एवं
(ii) बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल (म.प्र.) का 51 वां
वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2022-2023, तथा
(ख) महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय, करौंदी जिला-कटनी (म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2022-2023, एवं
(ग) महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट,
जिला-सतना (म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2022-2023
5. मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2022
6. नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट्स कंपनी लिमिटेड का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2020-21
12.07 बजे अध्यक्षीय घोषणा
सूचना कार्यालय जाकर खानेदार अलमारी से माननीय सदस्यों द्वारा
प्रत्येक दिवस का साहित्य प्राप्त करने विषयक
अध्यक्ष महोदय - माननीय सदस्यों को सत्र से संबंधित साहित्य का वितरण सूचना कार्यालय स्थित खानेदार अलमारी से किया जाता है. यह देखा गया है कि कतिपय माननीय सदस्यों द्वारा अपनी खानेदार अलमारी से साहित्य नहीं उठाया जा रहा है, जिससे अलमारियां भर गई हैं और साहित्य रखने की जगह नहीं है.
अत: माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया सूचना कार्यालय में जाकर खानेदार अलमारी से प्रत्येक दिवस साहित्य प्राप्त करने का कष्ट करें.
अध्यक्ष महोदय - रामनिवास रावत जी. अपनी ध्यानाकर्षण सूचना पढि़ये.
श्री रामनिवास रावत - माननीय अध्यक्ष महोदय, (मंत्री जी के न दिखने पर) इसका जवाब कौन देगा ? यह काफी गंभीर बात है. माननीय मुख्यमंत्री जी, मंत्रियों को निर्देश देकर रखें कि कम से कम हाउस में तो समय से आएं.
12.08 बजे ध्यान आकर्षण सूचना
(1) श्योपुर जिले के विजयपुर क्षेत्र में पदस्थ विद्युत कर्मियों द्वारा कृषि उपभोक्ताओं पर नियम विरुद्ध विद्युत चोरी के प्रकरण बनाये जाना.
श्री रामनिवास रावत (विजयपुर) - माननीय अध्यक्ष महोदय,
ऊर्जा मंत्री (श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर)-
श्री रामनिवास रावत (विजयपुर)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी ने कुछ चीजें स्वीकार की हैं, कुछ चीजें अस्वीकार की हैं बड़े आश्चर्य की बात है उन्होंने अपने जवाब में यह तो स्वीकार किया है कि जनवेद जाटव पुत्र मंगला जाटव निवासी विजयपुर विद्युत पंप कनेक्शन अनुदान प्राप्त उपभोक्ता था. इसका मेरे पास पत्र भी है उसको 1 लाख 69 हजार का बिल भेजा गया है. आपने जवाब में कहा है कि पांच हॉर्सपॉवर का पंप कनेक्शन था उसने 8 हॉर्सपॉवर का पंप लगा लिया है.
माननीय अध्यक्ष महोदय, मैंने भी बड़ी जिम्मेदारी से प्रश्न लगाया है. जिस सहायक प्रबंधक की आप बात कर रहे हैं उससे तीन दिन पहले मैंने कहा कि आप देखकर आएं 8 एचपी का नहीं है यह लोग मुझसे कह रहे हैं. वह देखकर आया और उसने मुझे जवाब दिया कि हाँ 8 एचपी का तो नहीं लेकिन थोड़ा सा भार ज्यादा बता रहा है. मैं आज माननीय मंत्री जी से कह रहा हूँ कि यहां से किसी को भेज दें और चाहें तो कोई प्रायवेट व्यक्ति ले लें अगर 5 एचपी के पम्प से एक हॉर्स पॉवर भी अधिक हुआ, अगर 8 हॉर्स पॉवर का हुआ तो मैं इस सदन से रिजाइन करके घर बैठ जाऊंगा. आप गलत बयानी करके नहीं बैठे हो, आप जाकर वहां पर दिखवाएं. जो बिल भेज दें वही सही है क्या. इस सहायक के द्वारा ही जांच की गई थी और मुझे उसने खुद कहा था फोन पर और बाद में मैंने कहा तो कहने लगे कि वे जमा कर गए. मैंने तो कहा नहीं था.
अध्यक्ष महोदय -- आपका प्रश्न पूरा हो गया क्या.
श्री रामनिवास रावत -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं यह चाहता हूँ कि अनुदान प्राप्त उपभोक्ता जनवेद जाटव पुत्र मंगला जाटव के पम्प का हॉर्स पॉवर चेक कराकर संबंधितों को दण्ड देंगे क्या और जो अभी तक पैसे जमा हुए हैं वह राशि वापिस कराएंगे क्या. एक प्रश्न तो मेरा यह है इसका उत्तर माननीय मंत्री जी दे दें.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर -- माननीय अध्यक्ष महोदय, पहले तो मैं स्पष्ट कर दूं कि हमारी सरकार उपभोक्ताओं के प्रति इस मेटर में बहुत संवेदनशील है, गंभीर है. आपको मैं स्पष्ट कर दूं, आज की डेट में भी वह पम्प चेक कराया गया है वह 8 एचपी का है. मैं यह कहना चाहता हूँ कि अगर इनको कोई शंका-कुशंका थी मैं भी वहीं का था, यह भी वहीं के थे मुझे बता देते मैं अधिकारी भेजकर वहीं चेक करवा देता. वैसे तो इस प्रश्न का औचित्य भी नहीं बनता, परन्तु मैं आपको इस मेटर में यह कहना चाहता हूँ कि आज भी यह 8 एचपी का पम्प लगा हुआ है.
श्री रामनिवास रावत -- अध्यक्ष महोदय, यहां से जांच के लिए कोई टीम भेज दें और मेरे सामने जाँच करवा लें. मैं भी प्रायवेट लोगों को बुलवा लूंगा. अगर 8 एचपी का होगा तो कोई बात नहीं है आप जाँच करा लें, जाँच कराने के आदेश दे दें. मेरा मानना है कि 5 एचपी का है.
अध्यक्ष महोदय -- रामनिवास जी, मंत्री जी, खुद कह रहे हैं कि 8 एचपी का है, आज ही चेक कराया है. मैं समझता हूँ जिम्मेदारीपूर्ण तरीके से कह रहे हैं.
श्री रामनिवास रावत -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं भी तो कह रहा हूँ कि 5 एचपी का है. अब इसका निराकरण कैसे हो. मंत्री जी तो वह बात कह रहे हैं जो बिजली वालों ने कही है. मेरे तो गांव में है मेरे विजयपुर में है वह कनेक्शन.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर -- माननीय अध्यक्ष महोदय, सम्माननीय सदस्य की भावना को जो हमसे वरिष्ठ हैं मैंने उसको गंभीरता से लिया है. मैं जब सदन में आया एक मिनट मैं लेट भी हुआ परन्तु मैं पूरी तथ्यात्मक जानकारी के बाद ही यह जानकारी सदन को दे रहा हूँ. इस बात में कोई भी त्रुटि, गलती नहीं है.
श्री रामनिवास रावत -- आपको भरोसा है तो मेरे समक्ष जाँच कराने में क्या बुराई है. आपको विश्वास है तो मेरे समक्ष जाँच कराने में क्या बुराई है. मैं जब पहुंचूंगा तब आप भी किसी को भेज दें.
अध्यक्ष महोदय -- रामनिवास जी इसके अलावा आपका कोई और प्रश्न है क्या.
श्री रामनिवास रावत -- जी बिलकुल है. अभी तो बहुत प्रश्न हैं.
अध्यक्ष महोदय -- वह वाला प्रश्न करें इसका तो मंत्री जी ने जवाब दे ही दिया है.
श्री रामनिवास रावत -- आप इस तरह से एचपी बढ़ा बढा़कर प्रदेश के अनुदान प्राप्त समस्त उपभोक्ताओं को लूटने का काम कर रहे हैं. 5 एचपी का आप अनुदान प्राप्त उपभोक्ता बता रहे हैं और आपने अपनी मर्जी से 8 एचपी कर दिया, उस पर बिल वसूल कर रहे हैं. यह कौन सा तरीका है. मैं जब कह रहा हूँ कि आपने जाँच करवा ली है आप विश्वस्त हैं. आपको भरोसा है तो मेरे समक्ष जाँच कराने में क्या बुराई है. अध्यक्ष महोदय, मंत्री जी को आपत्ति तो नहीं होना चाहिए.
अध्यक्ष महोदय -- आप बैठें तो मंत्री जी कुछ कहेंगे.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर -- माननीय अध्यक्ष महोदय, आप स्वयं उस क्षेत्र से आते हैं. मैं पूरी गंभीरता के साथ यह बात कहना चाहता हूँ कि सिर्फ इसमें जाँच का इश्यू नहीं है. हमारी सरकार वैसे ही संवेदनशील है और जो छूट वाले लोग हैं जिनकी एक एकड़ से कम जमीन है अगर ऐसा होगा तो हम इसके लिए समग्र रुप से भी जरुरत पड़ेगी तो कैम्प लगाकर हम जाँच करवा लेंगे. हमारी भावना में कोई बुराई नहीं है.
श्री रामनिवास रावत -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं पर्टिकुलर मामले में कह रहा हूँ कि मेरे समक्ष जाँच करवा लें. इसमें चलकर जाँच करवा लें अगर 8 एचपी का है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है. या तो वह स्वीकार कर लें कि गलत रूप से बढाया है.
श्री गोपाल भार्गव -- तोमर जी, आप मान लो नहीं तो रावत जी बंदूक लेकर उतर जाएंगे.
श्री रामनिवास रावत -- नहीं बंदूक लेकर नहीं उतरेंगे. अब आप ही बता दो भार्गव जी, इसका उत्तर क्या होगा ? या तो आप मान लो. माननीय मंत्री जी, हंसने वाली बात नहीं है, गरीब का सवाल है, गरीब को लूटने का काम कर रहे हैं.
श्री गोपाल भार्गव -- एक बार आप उतरे थे कि नहीं ?
श्री रामनिवास रावत -- हां उतरे थे.
अध्यक्ष महोदय -- रामनिवास जी, मैं कह रहा हूं कि इस प्रश्न को आप यहां छोड दें कोई दूसरा प्रश्न कर लें.
श्री रामनिवास रावत -- नहीं, आसंदी से अनुरोध करूंगा कि आसंदी से निर्देश आ जाए, एक गरीब का संरक्षण देने के लिये.
अध्यक्ष महोदय -- नहीं, निर्देश की स्थिति तब आएगी जब आपके सारे प्रश्न पूरे हो जाएंगे. आप 10 प्रश्न करेंगे तो 10 प्रश्नों पर निर्देश थोडे ही होगा. इसलिये मैं दो बार पूछ चुका हूं कि क्या आपका और कोई प्रश्न है.
श्री रामनिवास रावत -- जी ठीक है. एक प्रश्न तो यह पेंडिंग रहा जिसका मुझे उत्तर नहीं मिला है. दूसरा, मेरा प्रश्न है कि एक उपभोक्ता कोमल प्रसाद के बारे में इन्होंने कहा, अब आप जो कहेंगे वह सही है, लेकिन विद्या देवी पत्नी राम स्वरूप गुप्ता इसकी 7,128 रुपये की रसीद कटी और यह रसीद की कॉपी मेरे पास भी है. यह कह रहे हैं कि बिजली विभाग के पास नहीं थी, यह रसीद की कॉपी है. आप कहें तो मैं पटल पर रख देता हूं.
अध्यक्ष महोदय -- 7 हजार की ?
श्री रामनिवास रावत -- जी हां. 7,128 रुपये की है. अब विभाग को रसीद की कॉपी नहीं मिली, वह दूसरी जगह जाकर चेक करने चला गया, रसीद आज कटी है और चोरी का प्रकरण 5 दिन बाद बना रहे हैं. इसके लिये कौन दोषी है ? क्या आपने कारण बताओ नोटिस दे दिया यह पर्याप्त है और अपील समिति कौन सी है ? अपील समिति का मेरे किसी सदस्य को मालूम भी नहीं होगा कि चोरी के प्रकरण में अपील कौन सी समिति के यहां होती है. उस अपील समिति में कौन-कौन हैं ? अपील समिति में यह कब गए ? यह प्रश्न आ गया तो आपने अपील समिति भी बना दी. अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी थोडा सा गंभीरता से इसका उत्तर दें. मैं आपका संरक्षण चाहूंगा.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर -- अध्यक्ष महोदय, सम्माननीय सदस्य ने जो चिंता व्यक्त की है हम इतने संवेदनशील थे कि सामने वहां जांच के लिये जो इंजीनियर गया उसके द्वारा उनसे रिकॉर्ड मांगा, वह रसीद वहां प्रस्तुत नहीं किया क्योंकि अस्थाई कनेक्शन था, स्थाई कनेक्शन होता तो रिकॉर्ड में रहता है. अस्थाई कनेक्श्ान दूसरे संभाग से हुआ. हमारा इंजीनियर गया, उसने पूछा तो वहां संबंधित व्यक्ति रसीद पेश नहीं कर पाया. जब रसीद पेश नहीं कर पाया..
डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह -- अध्यक्ष महोदय, मैं एक निवेदन करना चाहता हूं.
अध्यक्ष महोदय -- एक मिनट मंत्री जी का पूरा हो जाने दीजिए.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर -- संबंधित इंजीनियर द्वारा चोरी का प्रकरण बनाया गया. जब यह बात संज्ञान में आई कि उसकी दूसरे संभाग से रसीद काटी गई है तो इसका शायद आप यह कह रहे हैं कि हमें नहीं मालूम है, यह सबको विदित है कि अगर चोरी का कोई प्रकरण बना है तो उसके ऊपर के अधिकारी के यहां अपील की जाती है. अपील करने के बाद उसमें अगर कोई त्रुटि या गलती होती है तो ऐसे कई प्रकरणों में मैं आपको सूची दे दूंगा जिसमें हमने सुधार किया है. यह विधान सभा प्रश्न आ गया इसलिये यह चीज इनके संज्ञान में जो आई.
श्री रामनिवास रावत -- मेरे प्रश्न का केवल उत्तर चाहिये.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर -- मेरी पूरी बात तो सुन लें फिर आप अपनी बात कहेंगे. मैं बहुत शांति से आपकी बात को सुनूंगा, आपकी प्रत्येक बात का जवाब दूंगा.
अध्यक्ष महोदय -- रामनिवास जी, मंत्री जी की बात तो पूरी होने दें.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर -- अध्यक्ष महोदय, हमने संबंधित का बिल सुधार किया, उसकों संशोधित बिल जारी किया गया और संबंधित इंजीनियर को हमने नोटिश दिया है. यह मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं.
डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह -- अध्यक्ष महोदय, मैं तो मात्र इतना ही कहना चाहता हूं कि माननीय रावत साहब बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं और माननीय मंत्री जी बहुत जुझारू और अत्यंत संवेदनशील हैं, यह तो खंभे में ही चढ जाते हैं. अपने विभाग के प्रति इतनी जिम्मेदारीपूर्ण इनका कार्य रहता है रवैया कि काम को पूर्ण करने के लिये या अंजाम देने के लिये खंभे पर चढ जाते हैं, नाली में भी उतर जाते हैं सफाई के लिये, दूसरों को मंत्री जी प्रेरणा देते हैं. बात सही है, तो वहां टहलते-टहलते क्यों नहीं चले जाते हैं ? रामनिवास जी को भी बुला लेते और अधिकारी रहें, जो उपभोक्ता हैं वह रहें, मामला सुलझ जाएगा. इसमें कौन सी दिक्कत है, मानना चाहिये ?
श्री रामनिवास रावत -- अध्यक्ष महोदय, आपने कहा कि जो शाक्य, सहायक प्रबंधक है जिसके द्वारा यह प्रकडा गया है, यह रसीद कटी है क्षेत्र 2 में, 2 में ही इसका खेत स्थित है, वहीं रसीद कटवाएगा, जो लाइन होगी या जो उनका विभाग होगा. जो उनके बंटे रहते हैं क्षेत्र, क्षेत्र क्रमांक 2 में ही इसने रसीद कटवाई है. उसी में उसका खेत है. ये जब एक में पदस्थ है, तो वह 2 में गया क्यों. क्यों उसकी चोरी पकड़ने के लिये गया. यह सब मनमाना कार्य चल रहा है. मैं यह चाहता हूं कि मंत्री जी थोड़ा सा गंभीरता से उत्तर दें और इस तरह के अधिकारी को जिसने चोरी पकड़ी है, रसीद कटने के बाद भी चोरी का प्रकरण बनाया है, उसको तुरन्त निलंबित करें. यह मेरा मंत्री जी से अनुरोध है. अध्यक्ष महोदय, मैं आगे के भी प्रश्न कर लूं या इसके बाद करुं.
अध्यक्ष महोदय-- हां-हां, कर लो आप. टाइम तो पूरा हो गया है, इसलिये कह रहा हूं.
श्री रामनिवास रावत-- अध्यक्ष महोदय, यह बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है.
अध्यक्ष महोदय--हां, महत्वपूर्ण है, करो ना.
श्री रामनिवास रावत-- अध्यक्ष महोदय, अब यह तो आपको भी पता होगा कि पूरे क्षेत्र में आपको भी शिकायत मिली होगी कि बिजली कितनी जा रही है. कितनी नहीं जा रही है.
अध्यक्ष महोदय-- आप प्रश्न करिये, मंत्री जी बैठे हैं.
श्री रामनिवास रावत-- अध्यक्ष महोदय, लेकिन मंत्री जी को वह जवाब देना है, जो अधिकारियों ने लिखकर दे दिया. लेकिन अधिकारी कभी खम्भे पर चढ़ने की नहीं कहते. इन्होंने पूर्व से स्थापित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का रघुनाथपुर,टर्राकला का अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य स्वीकृत होकर प्रगतिरत् है. मैं इसमें यह जानना चाहता हूं कि किस दिनांक को स्वीकृत हुआ, स्वीकृति के बाद कौन सी एजेंसी को दिया और एजेंसी द्वारा कब पूर्ण किया जाना था. इसी तरह से गसवानी का तो पूर्ण कर दिया. वीरपुर में 132/33केव्ही उच्चताप विद्युत उप केन्द्र निर्माणाधीन है. ये इसके कब टेण्डर हुए प्रथम टेण्डर , ये आप कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश शासन की टीबीसीबी योजना के अंतर्गत मेसर्स म.प्र. पावर ट्रांसमिशन पैकेज-2 लिमिटेड, अहमदाबाद के द्वारा किया जा रहा है. इससे पहले भी किसी को टेण्डर हुए हैं, किस कम्पनी को टेण्डर हुए और उसको कब तक पूर्ण किया जाना था. उसने क्यों पूर्ण नहीं किया. क्या ये टेण्डर निरस्त किये और फिर दोबारा टेण्डर किये. इसकी पूरी स्थिति मंत्री जी बता दें. पूरे क्षेत्र में लाइट नहीं मिल पा रही है. कार्य स्वीकृत होने के बाद स्वीकृत काम नहीं किये जा रहे हैं. तो इन चीजों को मंत्री जरुर बता दें. मगरदेह और अकोरिया के कार्य स्वीकृत हैं एवं उक्त कार्यों हेतु निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. वीरपुर के बारे में और इनके बारे में बता दें कब स्वीकृत हुए, कब टेण्डर हुए और किस किस कम्पनी को गये और कब तक पूर्ण किये जाने थे.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर-- अध्यक्ष महोदय, सम्मानीय सदस्य ने यह बात वीरपुर के बारे में पूछा है.
श्री रामनिवास रावत-- अध्यक्ष महोदय, पहले सहायक प्रबंधक के बारे में पूछा है. क्या उनको निलंबित किया जा चुका है.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर-- अध्यक्ष महोदय, उसका जवाब मैं आपको दे चुका हूं.
श्री रामनिवास रावत-- अध्यक्ष महोदय, उसका आप जवाब दे नहीं रहे हैं. क्या वह कुछ भी करें, कहीं पर भी चोरी का प्रकरण बनायें.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर-- अध्यक्ष महोदय, उसके लिये हमने नोटिस जारी किया है.
श्री रामनिवास रावत-- अध्यक्ष महोदय, वह किसी पर भी बिल बनायें. मैं यह चाहता हूं ..
अध्यक्ष महोदय-- रावत जी, आप प्रक्रिया को समझते हैं.
श्री रामनिवास रावत-- अध्यक्ष महोदय, मैं पूरा समझता हूं, पूरा ध्यानाकर्षण एक गरीब ऐसा आदमी जो अपने जेवर गिरवी रख करके 20 हजार रुपये लाया है. वह रो रोकर कह रहा है कि मेरा पांच हार्स पावर का कनेक्शन है. इसके लिये ध्यानाकर्षण लगाया है. इसका ही उत्तर नहीं आयेगा, तो क्या करेंगे विधान सभा में.
अध्यक्ष महोदय-- मंत्री जी उत्तर दे रहे हैं. वे खड़े हैं.
श्री रामनिवास रावत-- अध्यक्ष महोदय, या तो मंत्री जी कह दें कि मैं असमर्थ हूं. बिजली विभाग के कर्मचारी जो करेंगे, वही होगा.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर-- अध्यक्ष महोदय, मैं आपसे यह कहूं कि मैं बहुत आपका सम्मान करता हूं, जोर से आवाज में प्रत्युत्तर देने की क्षमता यह सिपाही रखता है. मैं आपको वह दिन याद दिलाना चाहता हूं कि जब हम और आप एक साथ थे, जब विजयपुर और श्योपुर अंधेरे में छाया रहता था. इस बात का उल्लेख आपको करना चाहिये .
..(व्यवधान)..
श्री रामनिवास रावत-- अध्यक्ष महोदय, मैंने जो बातें कही हैं, उसका मैं जवाब चाहता हूं. आप गरीबों को लूट रहे हैं. आप उत्तर देने से भाग रहे हैं.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर-- अध्यक्ष महोदय, आप मेरी बात तो सुनिये. मैं संवेदनशील हूं. हमारी सरकार संवेदनशील है.
श्री रामनिवास रावत-- अध्यक्ष महोदय जो व्यक्ति गहने गिरवी रखकर पैसे लाया, पैसे जमा किये. उसका कनेक्शन काट दिया.
..(व्यवधान)..
श्री सुरेश राजे-- ये पूरे प्रदेश में ऐसा कर रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय-- बैठिये सुरेश जी. रामनिवास जी की जो समस्या है, उनको समाधान तक पहुंचने में मदद करें. मंत्री जी उत्तर दे रहे हैं, हमको थोड़ा उत्तर को विस्तार से सुनना चाहिये. हो सकता है कि समाधान उससे हो सके. मंत्री जी बताये.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर-- अध्यक्ष महोदय, एक तो माननीय सदस्य ने हमसे यह चाहा है कि वीरपुर का उप केंद्र 132/33 के.व्ही जनवरी 2023 में स्वीकृत हुआ है. और यह जून, 2024 में पूर्ण होना संभावित है कि हो जाएगा और इसके लिए मैं आज ही माननीय सदस्य की जो चिंता है इसके लिए मैं वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर बात करूंगा, जरूरत पड़ेगी तो सम्मानित सदस्य को बुलाकर भी उनके सामने जो उन्होंने प्रस्ताव दिये हैं, उन पर हम समीक्षा करके और उस काम को समय-सीमा में कराएंगे, यह बात मैं सदन में कहना चाहूंगा.
अध्यक्ष महोदय - रामनिवास रावत जी, एक मिनट प्लीज. एक तरफ मंत्री जी का वक्तव्य है, दूसरी तरफ सदस्य का प्रश्न है. हार्स पॉवर में अटक रहा है, वह जिम्मेवारी से कह रहे हैं वह 5 हार्स पावर की है और मंत्री जी जिम्मेवारी से कह रहे हैं कि 8 हार्स पावर की है. श्री रामनिवास जी ने कहा है कि यह आज ही चलकर देख लो तो आज तो कोई फैसला होगा नहीं.
श्री भंवर सिंह शेखावत - 30 बीघा जमीन है तो वह 8 हार्स पावर का कनेक्शन लेगा क्यों?
अध्यक्ष महोदय - एक मिनट. मेरा मंत्री जी को आग्रह यह है कि कभी ही औचक निरीक्षण करें तो उस समय श्री रामनिवास रावत जी को अचानक आप बुला लें और उस पाइंट पर जाकर देखें तो श्री रामनिवास रावत जी को भी समाधान हो सकेगा और हमको भी समाधान हो सकेगा.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर- अध्यक्ष महोदय, आपकी भावनाओं का सम्मान किया जाएगा. धन्यवाद.
श्री रामनिवास रावत - अध्यक्ष महोदय, वीरपुर सबस्टेशन 132/33 केवी यह आपने कहा है कि वर्ष 2023 में स्वीकृत हुआ, यह पहले किस कंपनी के पास था, अब कौन बना रहा है?
अध्यक्ष महोदय - अभी मंत्री जी ने कह दिया कि आपसे मिलकर बात करेंगे और सारी चीजों पर डिस्कस करेंगे.
श्री रामनिवास रावत - यह वर्ष 2023 में कब स्वीकृत हुआ, किस दिनांक को हुआ? यह पहले स्वीकृत हुआ है, पहले यह अडानी कंपनी के पास था, वह छोड़कर भाग गई.
अध्यक्ष महोदय - आप मंत्री जी को व्यक्तिगत रूप से बता दें. श्री अनिल जैन. मुझे भी बताइएगा, मंत्री जी को भी बताइएगा.
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर- अध्यक्ष महोदय, आप जैसा उचित समझेंगे, मैं आपके पास आसंदी पर आ जाऊंगा, वहां आ जाऊंगा.
श्री रामनिवास रावत - आप आसंदी पर बैठोगे क्या?
श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर - नहीं, नहीं. मैंने ऐसा नहीं बोला. अध्यक्ष जी आएंगे, मुझे बुलाएंगे, मैं चला जाऊंगा, यह कहा है.
श्री रामनिवास रावत - बिजली का खम्भा ही बहुत है. अध्यक्ष महोदय, वह सहायक प्रबंधक है.
अध्यक्ष महोदय - श्री अनिल जी आपसे जूनियर हैं वह ध्यानाकर्षण पढ़ने के लिए खड़े हैं.
श्री रामनिवास रावत - अध्यक्ष महोदय, मैं बैठ जाता हूं. मेरा एक प्रश्न बीच में रह गया, आपने एक पर तो निर्देश दे दिया है. वह सहायक प्रबंधक जिसने चोरी का प्रकरण बनाया, हार्स पावर बढ़ाने की बात तो इसलिए नहीं कर रहा कि यह जांच कराएंगे और औचक आएं . मैं चलूंगा और सामने जांच करेंगे. सहायक प्रबंधक जिसने रसीद कटाई, उसी का चोरी का प्रकरण बना दिया, क्या उसके खिलाफ कार्यवाही करेंगे, उसे वहां से हटाएंगे, निलंबित करेंगे?
अध्यक्ष महोदय- मंत्री जी ने अभी कहा कि समाधान करेंगे.
श्री रामनिवास रावत - अध्यक्ष महोदय, समाधान कोई कार्यवाही नहीं होती.
अध्यक्ष महोदय - आप दोनों बात कर लें.
श्री रामनिवास रावत -क्या आप उसे निलंबित करेंगे, वह रोज चोरी के प्रकरण बना रहा है. अध्यक्ष महोदय, इसका उत्तर तो आ जाए. आपसे संरक्षण चाहिए. आपसे तो अध्यक्ष महोदय, बहुत उम्मीद करते हैं. आपका भी क्षेत्र रहा है. आपकी भी जनता रही है जो आपको मत देती थी.
अध्यक्ष महोदय - मेरी जनता भी है.
श्री रामनिवास रावत - आगे भी रहेगी हो सकता है.
अध्यक्ष महोदय - मैं तो जनता का हमेशा ऋणी रहूंगा.
श्री गोपाल भार्गव - आप अध्यक्ष जी से तो उम्मीद कर रहे हैं, आधा घंटा हो गया, एक भी आपके सदस्य ने आपका सहयोग नहीं किया.
श्री रामनिवास रावत - आप खड़े हुए, आप खड़े हुए, सभी तो खड़े हुए. आपकी भी सहयोग करने की इच्छा है लेकिन आप खड़े नहीं हो पा रहे हैं.
श्री महेश परमार - हमारे श्री रामनिवास रावत जी सक्षम हैं. पंडित जी को आवश्यकता है इस तरफ के लोगों की.
श्री रामनिवास रावत - अध्यक्ष महोदय, आप अलग से बुलाकर निर्देश दे देना.
अध्यक्ष महोदय - वह बात करेंगे, आपसे भी बात करेंगे, हमसे भी बात करेंगे.
श्री रामनिवास रावत - ठीक है.
12.40 बजे
2. निवाड़ी जिला प्रारंभ होने से लंबी अवधि के बाद भी विभागों को डी.डी.ओ.कोड प्रदाय न किया जाना
श्री अनिल जैन (निवाड़ी) -- अध्यक्ष महोदय, मेरी ध्यान आकर्षण सूचना का विषय इस प्रकार है :-
निवाड़ी जिला घोषित हुए लगभग 6 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात् अधिकांश विभागों के डी.डी.ओ.कोड शुरू नहीं हो पाए हैं. इस संबंध में संबंधित विभागों के विभाग प्रमुखों द्वारा कई बार पत्राचार किया गया है, परन्तु इसके बाद भी वित्त विभाग की स्वीकृति एवं डी.डी.ओ. कोड प्रदाय नहीं किए गए हैं. साथ ही अनेक विभागों के विभाग प्रमुख एवं सेटअप भी स्वीकृत नहीं हुआ है. इसके कारण विभागीय कर्मचारियों एवं आम जनमानस को प्रतिदिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तथा शासन की योजनाओं का त्वरित लाभ भी हितग्राहियों को नहीं मिल पाने से उनमें असंतोष व्याप्त है.
उपमुख्यमंत्री (वित्त) (श्री जगदीश देवड़ा ) -- अध्यक्ष महोदय,
अध्यक्ष महोदय -- अनिल जी, विशेष जो सरकार का जवाब है, उसमें जो आपकी क्वेरीज़ हैं पूरक प्रश्न है वह करो, तो हम समाधान की तरफ बढे़ंगे.
श्री अनिल जैन -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से वित्त मंत्री जी को धन्यवाद देता हॅूं कि जब सदन के माध्यम से ध्यान आकर्षित कराया गया तो संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये गये और कहीं न कही सार्थक पहल हुई, मैं उसके लिए आपको धन्यवाद देता हॅूं लेकिन उसके बाद भी कई ऐसे विभाग हैं जिनके डी.डी.ओ. कोड आज भी जारी नहीं हो पाए. उनके विभाग प्रमुख नहीं हैं, उनकी मैपिंग नहीं है. जिस कारण से आम जनमानस को वह सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं जिनके लिए निवाड़ी जिले से होना चाहिए. आज भी पूर्व के जिले से ही कई विभाग संचालित हो रहे हैं. मेरा आपसे सिर्फ इतना ही अनुरोध है कि कई ऐसे विभाग हैं जिनका डी.डी.ओ. कोड वगैरह सब निवाड़ी से ही जारी हो जाएं. संबंधित विभाग के अधिकारियों को यहां से निर्देश हो जाएं. 27 विभाग जो आपके द्वारा बताएं गए, उनके निश्चित रूप से डी.डी.ओ. कोड हुए, लेकिन 3 जो आपने अपने जवाब में और मौखिक रूप से भी मुझे बताया, उनकी सार्थक पहल हुई है तो एक-दो दिन में जैसे आपके निर्देश हैं कि उनके डी.डी.ओ. कोड वगैरह जारी हो जाएंगे, लेकिन कई विभाग ऐेसे हैं जैसे खनिज विभाग हो, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय हो, लोक निर्माण विभाग हो, जिला परियोजना समन्वय विभाग हो, खाद्य विभाग हो, जिला पंचायत विभाग हो, सामाजिक न्याय विभाग हो, जिला योजना मंडल हो, जिला निर्वाचन कार्यालय हो, जिला पंजीयक कार्यालय हो, परिवहन विभाग हो, अल्पसंख्यक हो, कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा हो, खेल एवं कल्याण विभाग हो, ऐसे कई विभाग हैं जो पूर्व के जिलों से आज भी संचालित हैं तो मेरा उपमुख्यमंत्री (वित्त मंत्री) से इतना ही अनुरोध है कि मेरे जिले को इंडिपेंडेंट पूर्ण रूप से पूरे जिले को भौगोलिक दृष्टि से उसको पूर्ण रूप से कर दें. मेरा यही आग्रह है.
उपमुख्यमंत्री (वित्त मंत्री) (श्री जगदीश देवड़ा ) -- अध्यक्ष महोदय, माननीय विधायक जी ने उनके जिले की ओर से बहुत ही ध्यान आकर्षित किया है. दो विभाग पीएचई विभाग और लोक निर्माण विभाग इनके प्रस्ताव आए हैं लेकिन उनकी जो पूर्ति होना चाहिए, जो मापदण्ड है उस पू्र्ति को पूरा नहीं किया है इसलिए वह अटक गए. बाकी हमने निर्देश जारी कर दिए हैं कि उनकी जल्दी पूर्ति कर दें तो डी.डी.ओ.कोड उनको आवंटित हो जाएंगे और बाकी 27 विभाग में डी.डी.ओ.कोड आवंटित कर दिए गए हैं और शेष अगर हैं तो मैं माननीय विधायक जी को आश्वस्त कर रहा हॅूं कि जैसे-जैसे उनके प्रस्ताव आएंगे, क्योंकि प्रस्ताव विभाग की ओर से आते हैं और हम यहां से चर्चा भी कर लेंगे. जैसे-जैसे विभाग के प्रस्ताव आएंगे, क्योंकि हम भी चाहते हैं कि डी.डी.ओ.कोड उनको आवंटित हो जाएं, तो यह जो परेशानी है यह भी जनता को न हो और मुझे लगता है कि उनको इन सुविधाओं का लाभ भी मिले, तो माननीय विधायक जी की भावना का सम्मान करते हुए हम चाहेंगे कि जल्दी से जल्दी उनका समाधान हो जाए.
अध्यक्ष महोदय -- अनिल जी, एक प्रश्न और करें.
श्री अनिल जैन —अध्यक्ष महोदय, मेरा निवेदन है कि जो विभाग इसमें रूचि नहीं ले रहे हैं. उनको आसंदी से ऐसे निर्देश पहुंच जायें ताकि वह विभाग रूचि भी ले लें. निश्चित रूप से इसमें समय-सीमा शायद संभव न हो, फिर भी इसमें कार्य अतिशीघ्र हो जाये. ताकि निवाड़ी जिला कार्य पूर्ण रूप से निवाड़ी से ही हो, ऐसी व्यवस्था आसंदी के माध्यम से मिल जायेगी तो मेरा आश्वासन भी पूरा हो जायेगा और यह कार्य भी पूरा हो जायेगा.
श्री जगदीश देवड़ा—करेंगे माननीय अध्यक्ष महोदय. वहां से प्रस्ताव जल्दी आ जाये. आपकी भावनाओं का पूरा सम्मान होगा.
12.47 बजे
आवेदनों (याचिकाओं) की प्रस्तुति
अध्यक्ष महोदय– आज की कार्य सूची में जिन याचिकाओं का उल्लेख किया है. वह सभी प्रस्तुत की हुई मानी जायेंगी. क्योंकि आज राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा है. इसलिये अलग से इस पर चर्चा करना संभव नहीं है. इसलिये निम्नलिखित माननीय सदस्यों की याचिकाएं पढ़ी हुई मानी जायेंगी.
1. श्री फूलसिंह बरैया
2. श्री मथुरालाल डामर
3. श्री केशव देसाई
4. श्री श्रीकांत चतुर्वेदी
5. श्री भैरोसिंह बापू
6. श्री रमेश प्रसाद खटीक
7. श्री रामनिवास रावत
8. श्री प्रदीप अग्रवाल
9. श्री मोन्टू सोलंकी
10. श्री प्रहलाद लोधी
11. डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय
12.श्री सोहनलाल वाल्मीक
13. श्री यादवेन्द्र सिंह
14. श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर
15. इंजी. प्रदीप लारिया
16.श्री बिसाहूलाल सिंह
17. श्री प्रताप ग्रेवाल
18. डॉ. सतीश सिकरवार
19. श्री विपिन जैन
20. श्री दिनेश राय मुनमुन
21. श्री शरद जुगलाल कोल
22. श्री साहब सिंह गुर्जर
23. श्री संजय सत्येन्द्र पाठक
24. सुश्री रामश्री राजपूत
25.डॉ.हिरालाल अलावा
26. श्री केदार चिड़ाभाई डाबर
27. श्री अनिल जैन
28. श्रीमती सेना महेश पटेल
29. श्री कालूसिंह ठाकुर
30. श्री मधु भाऊ भगत
31. श्री अभय कुमार मिश्रा
32. श्री राजन मण्डलोई
33. श्रीमती अनुभा मुंजारे
34. श्री विवेक विक्की पटेल
35. श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी
36.श्री हेमंत सत्यदेव कटारे
12.49 बजे
अनुपस्थिति की अनुज्ञा
निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 38-देवरी से निर्वाचित सदस्य, श्री बृजबिहारी पटेरिया को विधान सभा के फरवरी, 2024 सत्र की बैठकों से अनुपस्थित रहने की अनुज्ञा.
अध्यक्ष महोदय :- निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-38-देवरी के सदस्य, श्री बृजबिहारी पटैरिया की ओर से मध्यप्रदेश विधान सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम 277 (1) के अधीन आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें उन्होंने फरवरी, 2024 सत्र में सभा की बैठकों से अनुपस्थित रहने की अनुज्ञा चाही है.
श्री बृजबिहारी पटैरिया, सदस्य की ओर से प्राप्त निवेदन इस प्रकार है :-
"मैं स्वास्थ्यगत कारणों से विगत एक माह से मेदांता हॉस्पिटल, गुड़गांव में उपचार करा रहा हूं, जिसके कारण मैं फरवरी, 2024 सत्र की संपूर्ण बैठकों में उपस्थित नहीं हो सकूंगा."
क्या सदन सहमत है कि निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-38-देवरी के सदस्य, श्री बृजबिहारी पटैरिया को इस सत्र की बैठकों से अनुपस्थित रहने की अनुज्ञा प्रदान की जाये ?
अनुज्ञा प्रदान की गई.
12.44 बजे
वर्ष 2013-2014 एवं वर्ष 2016-2017 के आधिक्य व्यय के विवरणों का उपस्थापन
उप मुख्यमंत्री, वित्त (श्री जगदीश देवड़ा) :- अध्यक्ष महोदय, मैं, राज्यपाल महोदय के निर्देशानुसार वर्ष 2013-2014 एवं वर्ष 2016-2017 के मतदत्त अनुदानों और भारित विनियोगों पर आधिक्य के विवरणों का उपस्थापन करता हूँ.
अध्यक्ष महोदय - आपकी चिन्ता वाजिब है.
श्री रामनिवास रावत - हमें अभी तक मिला नहीं हम मांग रहे हैं. अभी तक पटल पर रखा नहीं तो फिर मीडिया में कैसे लीक हुआ.
अध्यक्ष महोदय - आपकी चिन्ता से सरकार भी संज्ञान ले रही है.
12:51 बजे वर्ष 2024-2025 के वार्षिक वित्तीय विवरण का उपस्थापन.
वर्ष 2024-2025 के आय-व्ययक(लेखानुदान) का उपस्थापन.
12:52 बजे 9. शासकीय विधि विषयक कार्य.
(1) मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2024 (क्रमांक 1 सन् 2024) का पुर:स्थापन
श्री रामनिवास रावत - सरकार ही हाउस को गंभीरता से नहीं ले रही. माननीय अध्यक्ष महोदय, आप निर्देश दीजिए. ये पहले से सूचित होना चाहिए कि मेरी जगह कौन पुर:स्थापन करेगा.
अध्यक्ष महोदय - नहीं वे शायद अभी यहीं बैठे थे. यहीं थे.
श्री रामनिवास रावत - संसदीय मंत्री भी नहीं है, कैसे हाउस चल रहा है.
(2) श्री गौतम टेटवाल, राज्यमंत्री - अनुपस्थित.
(3) मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2024 (क्रमांक 3 सन् 2024) का पुर:स्थापन
श्री रामनिवास रावत - अध्यक्ष महोदय, एक जिज्ञासा है.
अध्यक्ष महोदय - हां जिज्ञासा शांत करो भाई इनकी .
श्री रामनिवास रावत - ये तो गौतम टेटवाल वाला पुर: स्थापित नहीं हुआ है न.
अध्यक्ष महोदय - नहीं हुआ है न, जब वे आएंगे तो होगा, हम ये थोड़ी कह रहे हैं.
श्री रामनिवास रावत - आपकी तरफ से निर्देश जाना चाहिए. सरकार थोड़ी सी गंभीर रहे.
अध्यक्ष महोदय - मैं संसदीय कार्यमंत्री से बात करूंगा, बिल्कुल आपकी बात ठीक है, वित्तमंत्री जी थोड़ा अवगत कराएंगे, संसदीय कार्यमंत्री जी को कि जब मंत्रियों का बिजनेस हो तो उनको गंभीरता से उपस्थित होना चाहिए. आज ही लगभग दो बार ये बात ध्यान में आ गई.
श्री जगदीश देवड़ा - जी अध्यक्ष महोदय, बात करेंगे.
श्री रामनिवास रावत - अध्यक्ष महोदय, मेरी जिज्ञासा ये है कि जो सीरियल क्रमांक 6 पर जो आधिक्य व्यय के विवरण 2013-14 एवं 2016-17 का है इस विवरण की व्यवस्था प्रस्तुत करने का नियमों में कहीं है नहीं, तो इस तरह की व्यवस्था किन नियमों के तहत है, जरा दिखवा दें.
अध्यक्ष महोदय - सामान्य तौर पर लोख लेखा समिति परीक्षण कर लेती है, ऐसी पहले से परम्परा रही है.
12:55 बजे राज्यपाल के अभिभाषण पर श्री रामेश्वर शर्मा, सदस्य द्वारा दिनांक 7 फरवरी, 2024 को प्रस्तुत निम्नलिखित प्रस्ताव पर चर्चा का
..... पुनर्ग्रहण (क्रमश:)
डॉ. अभिलाष पाण्डेय (जबलपुर उत्तर)- धन्यवाद अध्यक्ष महोदय, आपने मुझे सदन में पहली बार बोलने का अवसर दिया है. मैं जबलपुर संस्कार धानी के मां नर्मदा के तट से आता हूं और जब इस सदन के अंदर मैं आ रहा था, इस सदन की सीढि़यों पर माथा टेक कर जब मैं प्रवेश कर रहा था, उस समय की बात याद आ रही थी कि छात्र राजनीति के समय से बहुत सारे ऐसे नौजवान हैं, जिन्होंने अपना सहयोग मुझे प्रदान किया है, साथ ही जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा की वह जनता जनार्धन, जिसने अपने आर्शीवाद के माध्यम से मुझे इस सदन के अंदर प्रवेश करने का यह अवसर प्रदान किया है. इसलिये जब सदन के अंदर प्रवेश कर रहा था, तब अपने अधिकारों से ज्यादा अपने कर्तव्यबोध के साथ और साथ ही जिम्मेदारियों के साथ मैंने इस सदन के अंदर प्रवेश किया है. माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय राज्यपाल जी के अभिभाषण के दौरान जो उन्होंने बातें कहीं हैं कि यह जो सत्र है, यह हम सब लोगों के लिये अमृतकाल का है. चाहे वह स्वतंत्रता का विषय हो, चाहे गणतंत्र का विषय हो, यह अमृतकाल का महोत्सव हम सब लोगों ने मनाया है और हम जैसे नौजवान पीढ़ी तो इस बात की साक्षी बनी है और यह हम सब लोगों के लिये बड़े गौरव का विषय है, इसके लिये भी मैं देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी को बहुत-बहुत धन्यवाद और साधुवाद देता हूं.
अध्यक्ष महोदय, हम सब राम मंदिर के विषय पर इस अभिभाषण के माध्यम से आदरणीय राज्यपाल जी का जो उल्लेख हमने सुना है, मैं आज इस सदन के माध्यम से धन्यवाद देना चाहता हूं उन पुरखों को, उन पूर्वजों को जिनकी यह दृष्टि थी कि आने वाले समय में हम भव्य राम मंदिर बनाने वाले हैं, जो 500 साल से भगवान श्रीराम जब टेंट में रह रहे थे. लेकिन इस दृष्टि के साथ उन्होंने इस विचार को कहा कि राम लला हम आयेंगे, मंदिर वहीं बनायेंगे और आदरणीय अध्यक्ष महोदय, कुछ लोग हम लोगों पर आरोप भी लगाते थे कि राम लला हम आयेंगे, मंदिर वहीं बनायेंगे पर यह डेट नहीं बतायेंगे, तो आज सदन के माध्यम से यह कहते हुए खुशी भी हो रही है कि 22 जनवरी के दिन इस देश ने ही नहीं समूचे विश्व के सामने यदि हम बात करें तो भगवान श्री रामलाल का भव्य मंदिर भी बनाया गया और मेरे जैसे छोटी विधानसभा, उत्तर मध्य विधानसभा के अंदर भी एक हजार से ज्यादा स्थानों पर इस तरह के आयोजन करके पूरी राममय हमारी विधानसभा बनाई गई और मेरे पास तो उस दौरान अमेरिका से भी मेरे कई मित्रों का फोन आया कि न सिर्फ भारत के अंदर समूचे विश्व के सामने भव्य रामलाल मंदिर का जब निर्माण हुआ और जब उनकी स्थापना हुई तो एक उत्सव के रूप से पूरे देश भर ओर पूरे विश्व के सामने इस उत्सव को मानने का काम हम सब लोगों ने किया है और हम सबने सुना है, जब हम हनुमान चालिसा पढ़ते हैं तो उसमें एक विषय आता है कि '' विद्यावान गुणी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर॥'' आदरणीय अध्यक्ष जी विद्यावान तो बहुत लोग हुए, गुणी भी लोकतंत्र के अंदर बहुत सारे लोग हुए, लेकिन आज सदन को मुझे यह कहते हुए यह खुशी हो रही है कि रामकाज करने को कोई आतुर यदि कोई हुआ तो उनका नाम देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी हैं और भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. (मेजों की थपथपाहट)
आदरणीय अध्यक्ष महोदय, मैं अभी कल अभिभाषण में सुन रहा था कि डॉ. भीमराव अंबेडर जी के विषय में भी कुछ हमारे विपक्षी दल के नेता कह रहे थे तो मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हम उस राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप से आये हैं और इस सदन के अंदर पूरी जिम्मेदारी के साथ इस बात को कहता हूं कि डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के यदि सम्मान की किसी ने चिंता की है, यदि पंचतीर्थों की किसी ने चिंता की हो, चाहे वह उनकी शिक्षा भूमि हो, चाहे वह उनकी दीक्षा भूमि हो, चाहे वह उनका लंदन का स्थान हो या महानिर्वाण का जो स्थान है, उन सारे पंचतीर्थों को डेव्हल्प करने का किसी ने काम किया है तो वह भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है. इसीलिये हमारे इस अभिभाषण के दौरान माननीय राज्यपाल महोदय, ने अर्थशास्त्र के विषय की भी बात की थी, हम सभी यह मानते हैं कि एवरी पॉलिसी डिपेंड ऑन इकोनॉमी पॉलिसी, अर्थ के बिना सब व्यर्थ है और आर्थिक दृष्टि से आज भारत विश्व के ऐसी पांचवीं महाशक्ति के रूप से उभर कर आया है और मुझे तो यह कहते हुए खुशी भी हो रही है और मुझे लगता है कि यह पूरा सदन इस बात के लिये समर्थन भी करेगा कि जिस ब्रिटेन ने भारत के ऊपर वर्षों तक अपना राज करने का काम किया है उस ब्रिटेन को भी पीछे छोड़कर आज भारत उससे ज्यादा बड़ी इकोनॉमी बनकर पूरे विश्व के सामने उभरा है, यह भी हम सब लोगों के लिये गर्व की बात है.
अध्यक्ष महोदय, आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि आने वाले समय में हम यदि वर्ष 2018 की बात करें तो हम सातवें स्थान पर थे, अब हम पांचवें स्थान पर हैं. अब आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने आगामी समय का संकल्प लिया है कि हम देश की तीसरी अर्थव्यवस्था के रूप से इस पूरे विश्व के सामने उभरकर आने वाले हैं. बहुत सारे ऐसे देश हैं जो 3 प्रतिशत से ज्यादा विकास दर पाने के लिये परेशान हो रहे हैं, लेकिन हम पिछले 3 वर्षों से लगातार 7 प्रतिशत से अधिक विकास दर के रूप से काम कर रहे हैं. अध्यक्ष महोदय, मैं आज इस सदन के माध्यम से आदरणीय मुख्यमंत्री जी के प्रति भी आभार प्रकट करता हूं कि जिस दिन राम मंदिर का भव्य पूजन हो रहा था, भगवान रामलला विराजमान हो रहे थे उस दिन मध्यप्रदेश की सरकार ने भी ड्रायडे मनाकर पूरे मध्यप्रदेश को ड्रायडे के रूप से मनाकर और भगवान श्री राम का स्वागत करने का काम किया है. हम सिंचाई सुविधा को इस अभिभाषण के अंदर पढ़ रहे थे, सिंचाई सुविधा के माध्यम से कृषि को आज लाभ का धंधा बनाने का काम मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है. हमने सुना था कि साढ़े सात लाख हेक्टेयर चाहे वह नवाब हों, चाहे पुराने राजा हों, चाहे पूरी कांग्रेस ने मिलकर साढ़े सात लाख हेक्टेयर सिंचाई की भूमि दी थी, लेकिन आज मध्यप्रदेश में सिंचाई की भूमि जिस तरह से बढ़ रही है उससे मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो रही है और आगामी समय में कृषि लाभ का धन्धा भी बन रही है, उस दृष्टि से भी मध्यप्रदेश की सरकार ने जो काम किया है उसके लिये भी हम सब लोग बधाई देते हैं. रोड कनेक्टिविटी के विषय में भी इस पूरे अभिभाषण के अंदर बात कही गई है. 24 नई सड़कें मध्यप्रदेश के अंदर मिल रही हैं और आज मुझे कहते हुये खुशी है कि देश के हमारे रोड के जो मंत्री हैं आदरणीय नितिन गडकरी साहब उन्होंने लगातार देश के अंदर हम अपने रोड कनेक्टिविटी के नाम पर मध्यप्रदेश सहित पूरे देश के अंदर उन्होंने यह काम किया है जिसमें मध्यप्रदेश की रोड कनेक्टिविटी के बारे में यदि बात कही जाये तो मध्यप्रदेश के अंदर भी नई सड़कें निर्माण हो रही हैं और मुझे लगता है कि यहां बैठे हुये सभी सदस्यगण मिलकर यदि इस बात को सोचेंगे तो मध्यप्रदेश आज सड़क कनेक्टिविटी के नाम पर भी बहुत तेजी से विकास कर रहा है. जॉन ग्रेनेडी एक बात कहते थे, उन्होंने कहा कि अमेरिका सम्पन्न है इसीलिये वहां की सड़कें अच्छी हैं, ऐसा नहीं है, अमेरिका के अंदर सड़कें अच्छी हैं इसलिये अमेरिका आज तरक्की की ओर अग्रसर हो रहा है. मुझे लगता है कि देश के प्रधान मंत्री जी के नेतृत्व में उनके कुशल मार्गदर्शन में जितनी भी इस बात की सराहना की जाये वह कम है. गरीबी हटाने को लेकर भी काम देश की सरकार कर रही है. साथ ही हर घर नल, हर घर जल देने का काम कर रहे हैं. मैं बहुत सामान्य और छोटे परिवार से आता हूं, मुझे ध्यान है जब हम गांव में रहते थे तब साइकिल से जाते थे और साइकिल में बाल्टी टांगकर और डब्बों को टांगकर पानी लेकर आते थे, लेकिन अभी बीच में जब मैं अपने गांव गया तब मैंने देखा कि उस गांव में उस घर के अंदर भी नल की टोटी से पानी आने का काम भी हो रहा है, ऐसे गरीबों के उत्थान और उस गरीब के घर तक पानी पहुंचाने का काम हमारी सरकार लगभग 12 हजार घरों के अंदर यह काम कर रही है. महिला सशक्तिकरण में हम काम करते हैं, पिछड़े एवं अल्पसंख्यकों को भी आगे बढ़ाने का अभिभाषण में उल्लेख किया गया है, उसके लिये भी हमारी मध्यप्रदेश की सरकार को मैं इस बात के लिये भी बधाई देता हूं. आदरणीय अध्यक्ष महोदय, हम शहीदों के आदरणीय शिक्षा मंत्री जी और बाकी हमारे जो शिक्षा विभाग के अंदर जो हमारे ऐसे शहीद हुये चाहे वह रानी अवंतिबाई हो, चाहे रानी दुर्गावती जी हों, इन सारे विषयों को यदि स्कूल के अंदर शामिल किया गया है तो इस बात के लिये भी मैं धन्यवाद देता हूं. क्योंकि किसी ने कहा है कि वह देश कभी तरक्की नहीं कर सकता जिस देश में रहने वाले युवाओं में अतीत का गौरव, वर्तमान की चिंता और भविष्य के सपने जिनकी आंखों में नहीं होते, वह देश कभी तरक्की नहीं कर सकता, लेकिन इस प्रकार के महामनाओं के विचार और उनकी बातों को यदि शिक्षा नीति में शामिल किया गया है, उसके लिये भी मैं सरकार को धन्यवाद और बधाई देता हूं. ऐसे ही आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में युवा भारत संगठन बनाया गया है, उसमें अभी तक लगभग 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, मुझे लगता है यह युवा भारत संगठन आने वाले भविष्य की दृष्टि से एक मील का पत्थर साबित होगा और इस देश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा.
अध्यक्ष महोदय-- अभिलाष जी समाप्त करिये.
डॉ. अभिलाष पाण्डेय-- बस थोड़ी सी बात करके अपने विषय को समाप्त करूंगा. आदरणीय अध्यक्ष महोदय, रोजगार की दृष्टि से भी मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी के विषय में जो बात कही गई है, सरकार के विषय में जो कहा गया है.
आपके मार्गदर्शन में मैंने मध्यप्रदेश में भारतीय जनता युवा मोर्चे का नेतृत्व करने का भी काम किया है. मैं जब देखता था कि रोजगार की जब बात होती थी आज मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की इस सरकार ने एक दिन में 7 लाख से ज्यादा स्वरोजगार प्रदान करके युवाओं को नयी दिशा में काम करने का प्रयास किया है और मैं जब युवा मोर्चे में काम करता था तब मैं जब युवाओं से मिलता था और हमने लगभग 50 लाख नौजवानों को जोड़ा था तब नौजवान इस बात की अपेक्षा के साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार की तरफ देखते थे कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार वह सरकार है जो युवाओं को आने वाले समय में भविष्य की दिशा भी देगी और आने वाले समय में उनको स्वरोजगार के माध्यम भी उपलब्ध कराएगी. इस विषय को भी इसमें समाहित किया गया है. मैं जब आदरणीय राज्यपाल महोदय का अभिभाषण चल रहा था चूंकि हम नये सदस्य हैं तो हम सीखने के लिए आए हैं तो मैं देख रहा था कि उनके अभिभाषण के दौरान जब सदन में हमारे विपक्ष के सभी वरिष्ठजन और युवा साथियों ने जब वाकआउट किया तो मुझे लगा कि शायद इस प्रदेश और देश के विकास की रफ्तार जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है जो नरेन्द्र मोदी और डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है मुझे लगता है कि उसकी विकास की रफ्तार शायद आप सबको पसंद नहीं आई है इसीलिये आपने वाकआउट किया हो. मैं आपके माध्यम से हमारे विपक्षी सदस्यगणों से निवेदन करना चाहता हूं कि " यशस्वी सूर्य अंबर चढ़ रहा है आपको सूचित हो, विजय का पथ सुपथ पर बढ़ रहा है आपको सूचित हो, मेरे अवांछित पत्र जो आपने अब तक नहीं खोले लेकिन अब समूचा विश्व उसको पढ़ रहा है आपको सूचित हो और पूरे विश्व के सामने भारत का मान बढ़ रहा है इसलिये भी मैं इसका समर्थन करते हुए आपके प्रति आभार व्यक्त करता हूं. बहुत-बहुत धन्यवाद.
श्रीमती झूमा डॉ.ध्यानसिंह सोलंकी(भीकनगांव) - माननीय अध्यक्ष महोदय, राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर अपनी बात मैं रख रही हूं. अनुपूरक के संबंध में हमने काफी कुछ अपनी बात रखी है किन्तु जो महामहिम के द्वारा भी हमेशा काम किया जाता है जो प्रदेश भर में हम देख रहे हैं. सिकल सेल एनीमिया, जिसकी बात इसमें कही गई है पर उसके संबंध में मैं विस्तृत रूप से कहना चाहूंगी क्योंकि यह बीमारी बहुत बड़ी है और ज्यादातर यह आदिवासी क्षेत्रों में होती है. इसकी जांचें होती हैं. ईलाज होता है किन्तु उसकी भी पूरी सुविधा उन तक नहीं पहुंच पाती है तो मेरा विचार है कि उनके लिये महाराष्ट्र की तर्ज पर महाराष्ट्र में इसके अलग-अलग अस्पताल खोले गये हैं. वहां पर उनकी समूची व्यवस्थाएं,उनकी जांच भी होती है. दवाएं भी दी जाती हैं और पूरी उम्र उनको दवाएं लेते रहना पड़ती है तो इस तरह के अस्पताल पूरे मध्यप्रदेश में नहीं तो कम से कम 89 ब्लाक के जितने जिले आते हैं वहां पर खोले जाएं जिससे इसकी सुविधाएं उनको मिल जाएं और इसी तरह से जो प्रधानमंत्री जी की जनमन योजना,जो केन्द्र की योजना है. बहुत अच्छी बात है कि अति पिछड़ी जनजाति वर्ग के लिये यह योजना है और उनके समुचित विकास के लिये राशि आएगी और उन क्षेत्रों का विकास भी होगा किन्तु इसमें एक लाईन और जोड़ना चाहूंगी कि अति पिछड़ी जनजाति, जो अन्य आदिवासी क्षेत्र बचे हुए हैं उनको भी इसमें शामिल किया जाए क्योंकि वहां भी का फी पिछड़पन है तो उनका भी विकास हो सकेगा तो यह योजना में वह भी सम्मिलित रहें तो ज्यादा अच्छा रहेगा और अर्द्धघुमक्कड़ समुदाय के लोग पूरे मध्यप्रदेश में विभिन्न जिलों में यह हैं. मेरे भी विधान सभा क्षेत्र में हैं.उनके छात्रावास खोले तो गये हैं लेकिन उनके भवन आज तक नहीं बने हैं तो बच्चों को इधर उधर शिफ्ट करके यह संचालित हो रहे हैं. इस कमी को भी दूर किया जाए और मध्यप्रदेश में जहां-जहां अर्द्धघुमक्कड़ जाति के लोग रहते हैं उनके बच्चों को पढ़ाने के लिये उनके भवन भी दिये जाएं.मेरे विधान सभा क्षेत्र में पिछली बार मैंने छात्रावास तो खुलवाया था किन्तु उनके रहने की व्यवस्था नहीं है तो वहां भवन जरूर दिया जाए और इसी तरह से एक जो बड़ी योजना महिलाओं से संबंधित है प्रसव सहायता योजना,क्योंकि उसमें जिक्र भी है कि बहनों को काफी उसमें मदद देते हैं. जननी की गाड़ी भी देते हैं और प्रसव सहायता योजना का भी लाभ देते हैं तो मैं आपसे कहना चाह रही हूं कि महिलाओं को प्रसव के तुरंत बाद इस योजना का लाभ मिलना चाहिये. वह एक-एक,दो-दो साल बाद राशि आती है तो उस राशि का उपयोग वे जिस समय अतिआवश्यक है वह नहीं कर पाती है वह राशि उनको तुरंत मिले ऐसी व्यवस्था हो. खरगौन जिले में आदिवासी क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय खोला गया है, इसके लिए मैं बहुत-बहुत धन्यवाद भी करती हूँ कि हमारे पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में यूनिवर्सिटी खुलेगी तो निश्चित ही उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को इधर-उधर न जाते हुए वहीं स्थानीय शिक्षा मिलेगी, उसके लिए मैं बहुत-बहुत धन्यवाद भी कर रही हूँ.
अध्यक्ष महोदय, एक और, आयुष्मान कार्ड, चूँकि हेल्थ से संबंधित यह भी है, बहुत अच्छी बात है कि गरीब लोगों को इसकी सुविधा तो मिलती है, किंतु बड़े अस्पताल इसकी सुविधा देने से नकार देते हैं. वजह है उनको समय पर राशि न मिलना. चूँकि आयुष्मान कार्ड से 5 लाख रुपये तक की सहायता से बड़ी बीमारियों का इलाज होता है. हम भी तत्पर रहते हैं और हम भी हर अस्पताल को चिट्ठियां लिखते हैं कि इनको सुविधा दें. किंतु कई बड़े अस्पताल सुविधा देने से मना करने लगे हैं. वजह यही है कि राशि नहीं मिलती है तो इस ओर भी विशेष तौर से ध्यान रखा जाए और उनको समय पर राशि दी जाए ताकि आमजन को इसकी सुविधा मिल सके.
अध्यक्ष महोदय, मेरा आधा क्षेत्र वन ग्रामों में है. वहां पर सिंचाई का भी अभाव है. सिंचाई के लिए यदि तालाब बनते हैं तो उनको लाभ होगा और निश्चित ही उनके परिवार पालन में बहुत मदद होगी. बगैर पानी के लोग पलायन कर जाते हैं और अन्य राज्यों में रोजगार के लिए भटकते रहते हैं. पट्टेधारी भी हैं जो कई सालों से जमीन पर काबिज तो हैं, किंतु उनको आज तक पट्टे नहीं दिए गए हैं, जो छूटे हैं, उनको पट्टे दिए जाएं ताकि उस पट्टे के आधार पर सोसाइटियों से और अन्य संस्थाओं से ऋण लेकर वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें. इसलिए पट्टे जो छूटे हुए हैं, उनको पट्टे दिए जाएं और सिंचाई के साधन भी उपलब्ध हों, ये बातें अभिभाषण में नहीं आ पाईं, राज्यपाल महोदय ने कई बातें कहीं, पर ये बातें जो जरूरी थीं, जो अभिभाषण में छूटी हुई हैं, उनको भी शामिल किया जाए तो निश्चित ही आमजन का विकास होगा. पिछड़े लोगों को आगे आने का अवसर मिलेगा. आपने मेरी बात सुनी, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.
डॉ. योगेश पंडाग्रे (आमला) -- धन्यवाद अध्यक्ष महोदय, आपने मुझे राज्यपाल के अभिभाषण के समर्थन में बोलने का अवसर दिया. महोदय जी, मैं सभी देशवासियों को, सभी प्रदेशवासियों को धन्यवाद और बधाई देना चाहूँगा कि हमारे आस्था के प्रतीक भगवान राम के मंदिर का भव्य निर्माण हुआ. ये पूरे देशवासियों के लिए आस्था और गर्व की बात है और मैं समझता हूँ कि यह देश के लिए ऐतिहासिक घटना है और पूरा सदन इसका समर्थन करता है. चाहे इस ओर के सदस्य हों, चाहे उस ओर के सदस्य हों, सभी सदस्य इस ऐतिहासिक घटना पर और भव्य राम मंदिर के निर्माण पर खुश हैं.
महोदय जी, सरकार के पक्ष और विपक्ष में काफी कुछ इस सदन में कहा गया, लेकिन मैं एक वाकये से अपनी बात चालू करना चाहूँगा.
01.13 बजे {सभापति महोदय (डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह) पीठासीन हुए.}
माननीय सभापति महोदय, यह लगभग वर्ष 2001 या 2002 के आसपास की बात होगी. बैतूल, चूँकि भोपाल और नागपुर के बीच में स्थित है, एक ट्रक से कोई कंटेनर जा रहा था, कंटेनर भोपाल से आया हुआ था, बारिश का मौसम था, ड्राईवर ने मुझसे पूछा कि यहां से नागपुर लगभग कितना दूर है. मैंने उसे बताया कि लगभग 180 किलोमीटर है, जितना कि यहां से भोपाल है. तो वह लगभग रुआंसा सा हो गया. कहता है कि मुझे भोपाल से आने में लगभग 10 घण्टे लगे हैं और कितना समय लगने वाला है. मैंने कहा कि यहां से फिर शायद 8 से 10 घण्टे लगने वाले हैं. एक वह स्थिति थी और मैं समझता हूँ कि कई बार इतिहास के पन्नों को पलटना भी आवश्यक है और हमको पीछे देखना भी आवश्यक होता है. क्योंकि जब तक हम दो बिंदुओं का तुलनात्मक अध्ययन नहीं करें, हमें ये समझ नहीं आएगा कि हमने कहां से चालू किया था और हम कहां पहुँचे हैं. कई बार तुलनात्मक अध्ययन भी होता है. पर आज की स्थिति ऐसी है कि भोपाल से नागपुर की दूरी जो तब 17 से 18 घण्टे थी, वर्ष 2002-03 में आज वह दूरी घटकर लगभग 5-6 घण्टे रह चुकी है. आज पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बिछा हुआ है और लगभग 10,000 करोड़ रुपये की, 724 किलोमीटर की 24 सड़कों की अभिस्वीकृति हमारे माननीय केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी के द्वारा दी गई है. अभी 2-3 दिन पहले मेरे मित्र अपने उद्बोधन में कह रहे थे कि लगभग इस प्रदेश में 50 हजार किलोमीटर सड़कों की और आवश्ययकता है, बिल्कुल मैं समझता हूँ कि कई काम करने अभी बाकी हैं. लेकिन काम जिस तेज गति से अभी चल रहे हैं. निश्चित रूप से यह कार्य पूरे होंगे. लेकिन एक चीज को जरूर याद करना चाहूँगा कि पूर्व में जब कोई मुख्यमंत्री थे, उन्होंने कहा था कि चुनाव विकास से नहीं, मैनेजमेंट से जीते जाते हैं. आज मेरे मित्र जिन कमियों की बात कर थे, अगर चुनाव उस वक्त मैनेजमेंट से नहीं, अगर विकास से जीते जाते तो हो सकता है कि आज उतनी कमियां नहीं होती, जो वह गिना रहे थे.
सभापति महोदय, आज किसी भी प्रदेश की उन्नति के लिए यह आवश्यक है कि वहां पर भरपूर ऊर्जा की उपलब्धता हो. आज प्रदेश सरकार, प्रदेश में लगभग 25,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रही है, जो सन् 2003 में लगभग 4,500 मेगावाट था. आज हम लोग रिन्यूएबल एनर्जी पर भी लगभग 3,000 मेगावाट का उत्पादन कर रहे हैं और लक्ष्य है कि प्रतिवर्ष 1,300 मेगावाट बिजली का उत्पादन बढ़ाते हुए, इस प्रदेश को जिस ऊर्जा की आवश्यकता है, उसको हम पूरी करें. मैं हमारी सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ और माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी को, जिन्होंने साढ़ेछेद्र की भी, जो मेरी विधान सभा में आता है. उसकी चिन्ता करते हुए वहां पर एक 660 मेगावाट यूनिट का भूमिपूजन किया और इससे ऊर्जा की उपलब्धता तो बढ़ेगी, साथ ही मेरे क्षेत्र में रोजगार की नई संभावनाएं भी उपलब्ध होंगी, उसके लिए मैं सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूँ.
सभापति महोदय - अब आप कन्क्लूड करें.
डॉ. योगेश पंडाग्रे - सभापति महोदय, मुझे 5 मिनट और दीजिये.
सभापति महोदय - यह समय ज्यादा हो जाएगा, आप केवल 2 मिनट में समाप्त करें.
डॉ. योगेश पंडाग्रे - सभापति महोदय, मैं समझता हूँ कि किसी देश और प्रदेश के उत्पादों को ब्रांडिंग का काम भी किसी सरकार का होता है, लेकिन पूर्व में अगर हम बात करें तो किसी प्रोडक्ट पर अगर 'मेड इन इंडिया' या 'मेड इन देहली' लिखा जाता था तो हम लोग उस प्रोडक्ट को कई बार हीन भावना से देखते थे, लेकिन मैं धन्यवाद देता हूँ मोदी सरकार को, जिन्होंने आज देश में स्वदेशी की भावना का संचार किया और आज हमारे देश में तेजस जैसे विमान, मिसाइलें तथा बड़े-बड़े उत्पाद बन रहे हैं. हम हमारे देश में बने हुए उत्पादों को सम्मान की दृष्टि से देख रहे हैं, इस पर भी मैं समझता हूँ कि हमारी सरकार और हमारे प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी का बहुत बड़ा योगदान है. सभापति महोदय, हम स्वच्छता के क्षेत्र में भी देश को लगातार आगे ले जा रहे हैं एवं मध्यप्रदेश उसके साथ कदम से कदम मिलाते हुए, आज देश में स्वच्छता के क्रम में दूसरे नम्बर पर है और हमारा इन्दौर शहर लगातार सातवीं बार स्वच्छता के क्षेत्र में प्रथम प्राप्त कर एक इतिहास रच चुका है.
सभापति महोदय, हमारे युवाओं को बेहतर रोजगार मिल सके, इसलिए उनमें फ्यूचर जॉब स्किल्स डेवलपमेंट करके एआई जैसी टेक्नोलॉजी का उनको कम्प्यूटर प्रशिक्षण देकर, हम आगे के रोजगार की संभावनाओं पर भी कार्य कर रहे हैं.
सभापति महोदय - अब आप समाप्त करें.
डॉ. योगेश पंडाग्रे - केवल दो मिनट दीजिये.
सभापति महोदय - आपको दो मिनट ही तो दिया था.
डॉ. योगेश पंडाग्रे - आप मुझे केवल दो मिनट और दीजिये.
सभापति महोदय - नहीं, दो मिनट नहीं मिलेंगे. अब आप समाप्त कीजिये. बहुत सारे माननीय सदस्यों को बोलना है.
डॉ. योगेश पंडाग्रे - सभापति महोदय, जी जिस तरह से सरकार कार्य कर रही है. चाहे वह महिलाओं के लिए हो, चाहे किसान भाइयों के लिए हो, युवाओं के स्वरोजगार के लिए बात हो, सरकार हर क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही है. मैं राज्यपाल महोदय के अभिभाषण का पुरजोर समर्थन करता हूँ. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.
सभापति महोदय - धन्यवाद, डॉक्टर साहब.
श्री प्रताप ग्रेवाल (सरदारपुर)- माननीय सभापति महोदय, मुझे इस सत्र में पहली बार बोलने का मौका मिल रहा है. राज्यपाल महोदय का अभिभाषण सुना, पढ़ा और लगातार ढूंढने की कोशिश भी की कि जनजातीय युवा कल्याण के लिए क्या लिखा गया है, पिछड़ा वर्ग के साथियों के लिए क्या लिखा गया है, हमारे बेरोजगार युवा साथियों के लिए क्या लिखा गया है. परंतु जब मैंने 16 पढ़ा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं कि 1 करोड़ 39 लाख रुपये से अधिक डिजिटल हस्ताक्षरित रंगीन फोटोयुक्त प्रमाण-पत्र दे दिये गए हैं.
माननीय सभापति महोदय, छात्रवृत्ति का उल्लेख है शिष्यवृत्ति का उल्लेख है, यह तो संवैधानिक अधिकार है. आप यह बतायें कि जो अनुसूचित जनजातीय युवा वर्ग के बैकलॉग पद हैं, डेढ़ लाख- दो लाख पद हैं, वे अब तक क्यों नहीं भरे गये. आज सरकार बड़े-बड़े उद्योगों को तो छूट देती है, उन्हें बिजली की छूट मिलती है, अन्य छूटें मिलती है लेकिन आज एक तरह से सरकार मजाक उड़ा रही है. 6 लाख ओबीसी के पोस्टमैट्रिक छात्रों की करीब 4 सौ 82 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति रोक दी गई है. अभी तक उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिली है.
माननीय सभापति महोदय, राज्यपाल महोदय के अभिभाषण के पैरा 31 में "मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना" जिसमें 22 हजार 500 से अधिक अनुबंध किये जा चुके हैं लेकिन 8 फरवरी, 2024 को मेरे प्रश्न क्रमांक 457 में, विकास और रोजगार के प्रश्न पर जवाब दिया गया कि- जानकारी एकत्रित की जा रही है, राज्यपाल महोदय से भी अभिभाषण पढ़वा दिया गया. 20 वर्षों से प्रदेश के युवाओं के साथ एक के बाद, एक भर्ती घोटाले करके बेरोजगार युवाओं की जिंदगी को बेरंग कर दिया गया है.
माननीय सभापति महोदय, हमेशा से सरकार कमजोर वर्ग के कल्याण की बात करती है लेकिन 3 फरवरी, 2024 को आदिवासी उपयोजना का जो पैसा, 207 करोड़ रुपये था. उसे अन्य योजनाओं पर, सामान्य श्रेणी में खर्च करने की अनुमति दे दी गई. साथियों जब भी किसी प्रदेश के अंदर, देश के अंदर विकास की बात होती है तो सबसे पहले कुर्बानी हमेशा हमारे आदिवासियों भाईयों की होती है. चाहे सड़क की बात हो, बड़े तालाब-डैम की बात हो या किसी भी विकास योजना की बात हो, सरकार अभी हमारे धार जिले के भैंसोला में पीएम मित्र पार्क की बात कर रही है. सरकार ने कारखाने खोलने के लिए, हमारे आदिवासी भाईयों के गांव के गांव तो ले लिये.
सभापति महोदय- माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि वे कृपया सदन के भीतर बातचीत थोड़ा धीमे स्वर में करें, सदन में व्यवधान होता है.
श्री प्रताप ग्रेवाल- माननीय सभापति महोदय, धार के भैंसोला में करीब 2000 गरीब आदिवासी लोग प्रभावित होंगे. आज कंपनी के लोग जेसीबी और पोकलेन लेकर उनके घर, मकान और खेतों में से रास्ता निकालने के लिए पहुंच जाते हैं. पुनर्वास के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश हैं. पहले उन्हें बसाओ तो सही उनका पुनर्वास तो करें. सभापति महोदय, आदिवासी विकास के नाम पर सरकार बड़े-बड़े ढोल पीटती है, लेकिन 20 सालों के अंदर 30 हजार हेक्टेयर से भी अधिक जमीन औने-पौने दामों पर बेचने की अनुमति दे दी गई है. यह अनुमति सिर्फ कलेक्टर को होती है, लेकिन एसडीएम महोदय के द्वारा अनुमति दे दी गई. आज हालत यह है कि जो गरीब आदिवासी किसान है वह खेतिहर मजदूर बनता जा रहा है और पलायन के लिए मजबूर होता जा रहा है. संबल योजना की बात कही गई. सभापति महोदय, संबल योजना में 5 लाख 25 हजार से अधिक हितग्राहियों को लाभ वितरित किया गया, लेकिन मेरे विधान सभा क्षेत्र में 278 संबल योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है साथ ही साथ पूरे धार जिले में भी 1 हजार 670 लोगों को संबल योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. यह वर्ष 2022 की स्थिति है. ऊर्जा क्षमता की बात की जा रही है और सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है. मेरे विधान सभा क्षेत्र में 24 घंटे बिजली देने की बात की जा रही है, लेकिन मेरे विधान सभा क्षेत्र में 112 मजरे टोलों में 24 घंटे विद्युत वितरण व्यवस्था की आज भी कोई सुविधा नहीं है. किसानों की आय दोगुना करने बात कही जाती है, उसे वाजिब दाम देने की बात की जाती है, गेंहू का भाव 2700 रुपए प्रति क्विंटल की उपज से देने की बात की जा रही थी, लेकिन अभी गेहूं की उपज का जो भाव 2275 रूपए किसानों को दिया जा रहा है यहीं आज मेरे मालवा, निमाड़ क्षेत्र में विशेषकर की धार, रतलाम, बड़वानी, मंदसौर जिले में भी किसान नीलगाय से काफी परेशान हैं. यही नहीं नीलगाय के साथ-साथ रात को जो लोग जाते हैं सड़क दुर्घटना से जनहानि भी चुकी है.
सभापति महोदय, सरकार द्वारा तीर्थ स्थान विकसित किये जा रहे हैं. निश्चित प्रभु श्री राम और श्री कृष्ण के कदम जहां-जहां भी पड़े उन तीर्थ क्षेत्रों का विकास किया जाएगा. निश्चित तौर पर मेरे विधान सभा क्षेत्र अमझेरा में भी प्रभु श्री राम के चरण पड़े हैं तो अमझेरा का विकास तो होगा ही, लेकिन मेरे ही विधान सभा क्षेत्र अमझेरा में सन् 1857 की लड़ाई में अपना अहम योगदान देने वाले 28 वीर योद्धाओं के साथ में महाराजा राणा वक्तावर सिंह जी ने जो अपनी शहादत दी है उस महल का भी जीर्णोद्धार हो, उस शहीद की गैलरी के रूप में उसका विकास किया जाए. साथ ही साथ जो लालगढ़ किला है उसका भी जीर्णोद्धार किया जाए. आपने मुझे बोलने का समय दिया बहुत-बहुत धन्यवाद.
श्री प्रेम शंकर कुंजीलाल वर्मा (सिवनी मालवा) -- माननीय सभापति महोदय, मैं राज्यपाल महोदय के अभिभाषण का समर्थन करते हुए कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ.
सभापति महोदय, आजादी के अमृतकाल और गणतंत्र-स्वतंत्र के अमृतकाल में हमारे प्रदेश में जो विकास हो रहा है, प्रदेश जिस गति से आगे बढ़ रहा है वह हमारे राज्यपाल महोदय के अभिभाषण से परिलक्षित होता है. राज्यपाल महोदय के अभिभाषण में राममंदिर का उल्लेख किया गया है. हमारे कांग्रेस के मित्र बार-बार इस बात को कहते हैं कि यह मध्यप्रदेश की विधान सभा और यहां पर प्रधानमंत्री जी का जिक्र करना क्या उचित है. मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि आखिर में नरेन्द्र मोदी जी इस देश के प्रधानमंत्री हैं और ऐसी कौन सी योजना है जो केन्द्र के पैसे के बगैर, केन्द्र की योजनाओं के बगैर मध्यप्रदेश या अन्य राज्यों में संचालित की जाती है. ऐसी अनेकों योजनाएं जो देश में गरीबों का जीवन स्तर सुधारने के लिए उन्होंने पूरे देश के लिए बनाई हैं. राम मंदिर की बात भी बहुत जरुरी है. राम मंदिर का यह संघर्ष, राम जन्म भूमि अयोध्या में प्रभु श्रीराम जी का मंदिर बने, यह भारत के करोड़ों लोगों की अभिलाषा थी, उनकी इच्छा थी, उनकी मनोकामना थी. दिनांक 22 जनवरी, 2024 को जब अयोध्या रामजन्म भूमि पर प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का अवसर आया तो सचमुच में वह दृश्य पूरे भारत में देखने लायक था. जब प्रभु श्रीराम लंका विजय करके अयोध्या आए थे, यह त्रेता युग की बात है. वह दृश्य हमने अपनी आँखों से नहीं देखा कि किस प्रकार का हर्षोल्लास, दीपोत्सव उस समय मनाया गया था. लेकिन सचमुच हम 22 जनवरी, 2024 का वह दृश्य देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि हिन्दुस्तान के इतिहास में वह दिन कैसा दिन रहा होगा, कैसी खुशियों का दिन रहा होगा. एक-एक घर में दीपोत्सव मनाया गया. एक एक मंदिर को सीरीज और रोशनी से सजाया गया, एक एक मंदिर में भजन कीर्तन का आयोजन किया गया. यह अवसर हमारे नरेन्द्र मोदी जी पूरे देश के लिए लाए हैं. नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा यह महान काम किया गया है. कुछ पंक्तियों में मैं यह बात बयां करता हूँ. अयोध्या में राम जी का मंदिर न बनता, गर मोदी न होते, गर मोदी न होते. कश्मीर से धारा 370 न हटती, गर मोदी न होते, गर मोदी न होते. राम राज्य भारत में फिर से न आता, गर मोदी न होते, गर मोदी न होते.
सभापति महोदय -- यह मूल रचना आप की है क्या.
श्री प्रेम शंकर कुंजीलाल वर्मा -- सभापति महोदय, मैंने तो कांग्रेस के जो आचार्य हैं, संत हैं उन्होंने इंटरव्यू में यह बातें कही हैं. उन्होंने इंटरव्यू में यह बातें कहीं हैं कि यह काम तो सिर्फ मोदी जी ही कर सकते थे किसी दूसरे के वश की बात नहीं है. देश की आजादी के बाद, 50-60 साल बाद तक कांग्रेस कभी प्रदेश में..
सभापति महोदय -- आऊट सोर्स्ड है आपकी रचना नहीं है.
श्री दिनेश गुर्जर -- सभापति जी, कांग्रेस के कार्यकाल में राजीव जी ने उसके द्वार खोले थे और मोदी जी ने कोई अहसान नहीं किया है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया है और देश की जनता के चंदे से मंदिर बना है. मोदी जी ने अपना घर बेचकर नहीं बनाया है.
श्री मनोज नारायण चौधरी -- आपकी सरकार इतने समय तक रही तब तो कुछ नहीं हुआ था ना.
श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा -- सभापति जी, अच्छा हुआ कि मैंने गाकर नहीं सुनाया. इस सदन में ऐसी बातें भी होती हैं जिनको विलोपित करना पडता है लेकिन लोगों की इच्छा है तो दो लाइन गाना चाहूंगा.
सभापति महोदय -- इसमें भाषण की परम्परा है गाने की तो नहीं रही है.
श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा -- सभापति जी, क्या शेर ओ शायरी की परम्परा है ?
सभापति महोदय -- जी हां है. कविता की है, शेर ओ शायरी की है.
श्री बालकृष्ण पाटीदार -- कवितात्मक अंदाज में तो कहा जा सकता है.
श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा -- उसी अंदाज में मैं अपनी दो लाइन गाता हूं ''अयोध्या में रामजी का मंदिर न बनता, गर मोदी न होते, मोदी न होते. कश्मीर से धारा 370 न हटती, गर मोदी न होते, मोदी न होते.''
श्री दिनेश गुर्जर -- इन्होंने वहां जाकर जम्मू कश्मीर में प्लाट खरीद लिया है, जम्मू कश्मीर में 370 खत्म होने के बाद माननीय सदस्य ने शायद वहां प्लाट खरीद लिया है, वहां अब फैक्ट्री खुल रही है.
सभापति महोदय -- आप जारी रखें अपना भाषण. आप कितना समय लेंगे ? भाषण समाप्त करें.
श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा -- ज्यादा नहीं, जो समय मुझे मिला है उसी में अपनी बात करूंगा. ऐसे जो मध्यप्रदेश में विकास हो रहा है, राज्यपाल जी के अभिभाषण में सारी चीजें हैं,