मध्यप्रदेश विधान सभा
की
कार्यवाही
(अधिकृत विवरण)
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पंचदश विधान सभा तृतीय सत्र
जुलाई, 2019 सत्र
बुधवार, दिनांक 10 जुलाई, 2019
(19 आषाढ़, शक संवत् 1941)
[खण्ड- 3 ] [अंक- 3 ]
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मध्यप्रदेश विधान सभा
बुधवार, दिनांक 10 जुलाई, 2019
(19 आषाढ़, शक संवत् 1941)
विधान सभा पूर्वाह्न 11:03 बजे समवेत हुई.
{अध्यक्ष महोदय (श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.) पीठासीन हुए.}
डॉ. नरोत्तम मिश्र-- उनको प्रणाम करेंगे तो संकट में रहेंगे. आपको कितने संकट हैं. संकट में ही रहेंगे. (श्री आरिफ अकील को अध्यक्ष महोदय द्वारा अभिवादन करने पर)
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री (श्री आरिफ अकील)-- आपको प्रणाम कर लिया करें संकट से बचे रहेंगे.
डॉ. नरोत्तम मिश्र-- आप मेरे बड़े भाई हो. मैं तो हमेशा आपको प्रणाम करता हूं. मुझे मालूम है मैं कितने संकट में हूं.
अध्यक्ष महोदय-- बड़ी मुश्किल से तो मैंने एक प्रतियोगिता रखी थी कि कोई आरिफ भाई को हंसता हुआ देख ले और वह आज हंस दिए हैं.
डॉ. नरोत्तम मिश्र-- मैंने उन्हें हंसाया, मैं प्रतियोगिता जीत गया.
अध्यक्ष महोदय-- वर्ष 2019-2010 के आय-व्ययक का उपस्थापन.
11:04 बजे औचित्य के प्रश्न पर अध्यक्षीय व्यवस्था
बजट सत्र की अधिसूचना जारी होने के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा सदन के बाहर नए करारोपण लगाने की घोषणा की जाना
नेता प्रतिपक्ष (श्री गोपाल भार्गव)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, 7 जून, 2019 से माननीय राज्यपाल महोदया के आदेश से विधान सभा सत्र की अधिसूचना जारी हुई है.
अध्यक्ष महोदय, चूंकि यह बजट सत्र है और इसमें बजट प्रस्तुत हो रहा है. सामान्य परंपरा और मान्यता यह है कि चाहे संसद में हो या विधान मंडलों में हो, जब बजट सत्र की अधिसूचना जारी हो जाती है तो उस समय यदि कोई टैक्सेशन होता है तो वह आपत्तिजनक है. इस बीच अधिसूचना के द्वारा पेट्रोल और डीज़ल के दाम बढ़ाये गए, स्टाम्प ड्यूटी के बारे में भी फैसला हुआ. मैं केवल यह जानना चाहता हूं कि यह परंपराओं का उल्लंघन है कि नहीं ? (शेम-शेम की आवाज)
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री (श्री जितू पटवारी)- मोदी जी, ने टैक्स बढ़ाया है हमने नहीं बढ़ाया है.
(...व्यवधान...)
श्री गोपाल भार्गव- माननीय अध्यक्ष महोदय, आसंदी से यह व्यवस्था आनी चाहिए क्योंकि मैं यह मानता हूं कि यह एक प्रकार से विधायिका का विशेषाधिकार है. इस बारे में जानने का पहला अधिकार विधायिका का है. इसके बाद आप बाहर मैदान में, सड़कों पर या कहीं भी घोषणा करें. यदि यह कार्य अधिसूचना के माध्यम से हुआ है तो क्या अधिसूचनाओं को पटल पर रखा गया है ? मैं माननीय वित्त मंत्री महोदय से यह जानना चाहता हूं, कृपया बतायें. इसके बाद ही बजट भाषण शुरू करें.
(...व्यवधान...)
अध्यक्ष महोदय- कृपया आप सभी शांत रहें.
श्री गोपाल भार्गव- माननीय अध्यक्ष महोदय, संवैधानिक संस्थाओं के साथ जो भी खिलवाड़ हो रहा है, हमारी परंपराओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है तो हम जैसे लोग इसे नहीं देख सकते हैं. मैं केवल यह चाहता हूं कि भविष्य में ऐसा न हो, आपकी तरफ से ऐसी व्यवस्था आ जाये. चाहें तो मुख्यमंत्री जी इस संबंध में जानकारी दे दें.
अध्यक्ष महोदय- भार्गव जी, आपने बात संज्ञान में ला दी, आपका धन्यवाद.
मुख्यमंत्री (श्री कमलनाथ)- माननीय अध्यक्ष महोदय, भार्गव जी ने जिक्र किया है कि संसद की क्या परंपरा रही है. मुझे भी इसका कुछ अनुभव है. इस बार क्योंकि केंद्रीय बजट 5 जुलाई को आ रहा था और हमारा बजट 10 जुलाई को आ रहा है. इस प्रकार की व्यवस्था इस बार ही बनी है. पहले बजट 28 फरवरी को आता था और हमारा बजट बहुत बाद में आता था जिससे हमें पूरी जानकारी होती थी. केंद्र के इस बजट में 2700 करोड़ रूपये मध्यप्रदेश के घटाये गए हैं. बजट में पेट्रोल-डीज़ल के भाव बढ़ाये गए हैं. केंद्र सरकार के बजट के आधार पर हमें समायोजन करना पड़ता है और वह 5 तारीख के बाद ही होगा इसलिए यह 5 तारीख के बाद हुआ है. (मेजों की थपथपाहट)
(...व्यवधान...)
श्री जितू पटवारी- माननीय अध्यक्ष महोदय, बजट भाषण के पहले इस प्रकार के तर्क-कुतर्क और बहस की भी कोई परंपरा नहीं है.
डॉ.नरोत्तम मिश्र- माननीय अध्यक्ष महोदय, यह विषयांतर हो रहा है. कृपया मुझे एक मिनट सुन लें. मेरा यह निवेदन है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष जी ने बहुत ही नीतिगत बात सदन में रखी है कि जब सत्र आहूत हो गया, अधिसूचना जारी हो गई तो कोई भी टैक्सेशन हम सदन के बाहर नहीं कर सकते हैं. ये लोग केंद्र सरकार का हवाला दे रहे हैं, केंद्र सरकार ने लोकसभा के अंदर यह घोषणा बजट के अंदर की है.
अध्यक्ष महोदय- नरोत्तम जी, पहले तो हम सभी मिलकर यह तय कर लें कि अगर नेता प्रतिपक्ष खड़े हैं तो क्या विपक्ष से सबको खड़ा होना चाहिए और यदि सदन के नेता खड़े हैं तो क्या सत्तापक्ष के साथियों को खड़ा होना चाहिए ? क्योंकि ये मान्य परंपरायें हैं कि जब सदन का नेता या नेता प्रतिपक्ष खड़े होते हैं तो उनको सहयोग करने की जरूरत नहीं है वे अपने आप में विद्वान हैं. भार्गव जी, आप आसंदी के संज्ञान में कोई बात लाए हैं निश्चित रूप से बात मेरे संज्ञान में आ गई है.
श्री गोपाल भार्गव- माननीय अध्यक्ष महोदय, आप व्यवस्था दे दीजिए कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. आप हमारे हितों के संरक्षक हैं. विधायिका को सर्वप्रथम यह जानने का अधिकार है कि कौन-सा टैक्सेशन होगा और कौन-सा नहीं होगा. जब बजट सत्र आहूत हो गया तो उसके बीच में इस प्रकार की अधिसूचनायें जारी करना या करारोपण करना परंपराओं के विरूद्ध है. आपको तो पर्याप्त जानकारी है, आप तो इतने समय संसद में रहे, लेकिन बाहर इस तरह की कोई घोषणा नहीं होती है. माननीय मुख्यमंत्री जी, आप बहुत अनुभवी हैं, आपको भी जानकारी है, केन्द्र ने भी ऐसी बाहर कभी भी घोषणा नहीं की है, आप एक उदाहरण बता दें.
अध्यक्ष महोदय:- भार्गव जी, यह होता ही नहीं है, जो हो रहा है. अब आप लोग शांत रहिये. (श्री कमल पटेल के खड़े होने पर,उनकी तरफ देखते हुए) यह होता ही नहीं है कमल जी, जो मैंने परमीशन दे दी, इसका आप लोग अन-ड्यू एडवांटेज नहीं उठाईये. प्लीज बैठ जाईये, यह बजट में होता ही नहीं है. मैंने कृपापूर्वक बजट में नेता प्रतिपक्ष की बात सुनी.
श्री कमल पटेल:- इतनी आर्थिक स्थिति खराब हो गयी कि आपको बजट के पहले, कर बढ़ाना पड़ा. अध्यक्ष महोदय, बतायें न आपकी क्या स्थिति हो गयी थी ?
(व्यवधान)
श्री गोपाल भार्गव:- अध्यक्ष महोदय, मेरा आपसे निवेदन है कि आप अपनी इस पर व्यवस्था दे दें, इस पर आपकी व्यवस्था आ जाये. ताकि भविष्य में ऐसा न हो.
अध्यक्ष महोदय:- बजट पर सामान्य चर्चा के समय आपको अवसर मिलेगा और वित्त विभाग का जवाब आयेगा.
श्री गोपाल भार्गव:- आपकी व्यवस्था आ जाये, ताकि भविष्य में ऐसा नहीं हो.
अध्यक्ष महोदय:- बजट प्रस्तुत के पूर्व चर्चा नहीं होती है, यह परम्परा है. कमल जी अब आप बैठ जाइये. नहीं, यह तरीका गलत है. (व्यवधान)
डॉ. सीतासरन शर्मा:- अध्यक्ष महोदय, नेता प्रतिपक्ष के पाईंट ऑफ आर्डर पर आप व्यवस्था क्यों नहीं देंगे. (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय:- अब मैं, किसी माननीय सदस्य को अनुमति नहीं दे रहा हूं. बजट पर चर्चा के समय सभी को अवसर मिलेगा. माननीय वित्त मंत्री जी, बजट प्रस्तुत करें.
11.14 बजे
वर्ष 2019-2020 के आय-व्ययक का उपस्थापन
वित्त मंत्री (श्री तरूण भनोत):-
श्री तरुण भनोत -
अध्यक्ष महोदय मैं, राज्यपाल महोदय के निर्देशानुसार वर्ष 2019-2020 के आय-व्ययक के उपस्थापन के साथ-साथ मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत यथा-अपेक्षित राजकोषीय नीति का विवरण वर्ष 2019-2020 सदन के समक्ष रखता हॅूं.
अध्यक्ष महोदय -- मैं, आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा के लिये दिनांक 11 एवं 12 जुलाई, 2019 नियत करता हॅूं.
आय-व्ययक में सम्मिलित मांगों पर प्रस्तुत किये जाने वाले कटौती प्रस्तावों की सूचनाएं निर्धारित प्रपत्र में आज दिनांक 10 जुलाई, 2019 को सायंकाल 5.00 बजे तक विधान सभा सचिवालय में दी जा सकती है...
नेता प्रतिपक्ष (श्री गोपाल भार्गव) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, कटौती प्रस्तावों का समय कल दोपहर तक बढ़ा दें.
गृह मंत्री (श्री बाला बच्चन) -- अध्यक्ष महोदय, ऐसा कभी नहीं हुआ है. आपकी सरकार में समय कभी नहीं बढ़ा है.
श्री गोपाल भार्गव -- ऐसा हमेशा हुआ है.
श्री बाला बच्चन -- पिछले 10 साल से हमने कटौती प्रस्ताव दिए हैं, लेकिन कभी समय नहीं बढ़ा है.
श्री गोपाल भार्गव -- (डॉ.गोविन्द सिंह की तरफ देखकर) डॉ.साहब, आप बताइए, कभी समय बढ़ा है कि नहीं बढ़ा है.
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ.गोविन्द सिंह) -- अभी 15 साल में तो नहीं बढ़ा है. (हंसी)
श्री बाला बच्चन -- हमको एक-एक बात का ध्यान है. आपको बिल्कुल भी ध्यान नहीं है क्योंकि आप उस समय सरकार में थे.
अध्यक्ष महोदय -- कृपया करके सीधी-सीधी बात न करें. बीच में भी एक प्रहरी खड़ा है.(हंसी)
श्री विश्वास सारंग -- आप मालिक हो, आप प्रहरी नहीं हो..(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय -- मैं खड़ा हॅूं...(व्यवधान)..
डॉ.गोविन्द सिंह -- स्वीकार कर लो. अध्यक्ष जी, विचार कर सकते हैं.
अध्यक्ष महोदय -- प्रस्तावों की सूचनाएं निर्धारित प्रपत्र में आज दिनांक 10 जुलाई, 2019 को शाम 8.00 बजे तक विधानसभा सचिवालय में प्रस्तुत की जा सकती हैं. ठीक है, आज शाम 8.00 बजे तक कर दी है.
श्री गोपाल भार्गव -- अध्यक्ष जी, इससे क्या फर्क पड़ना है.
अध्यक्ष महोदय -- विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार, दिनांक 11 जुलाई, 2019 को प्रात: 11.00 बजे तक के लिए स्थगित.
अपराह्न 12.05 बजे विधान सभा की कार्यवाही गुरुवार दिनांक 11 जुलाई, 2019 (आषाढ़ 20, 1941) के प्रात: 11.00 बजे तक के लिये स्थगित की गई.
भोपाल : अवधेश प्रताप सिंह
दिनांक : 10 जुलाई, 2019 प्रमुख सचिव,
मध्यप्रदेश विधान सभा